मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2016 सत्र
गुरूवार, दिनांक 28 जुलाई, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
( वर्ग
4 : लोक
निर्माण, वाणिज्य,
उद्योग
एवं रोजगार,
खेल
एवं युवा
कल्याण, धार्मिक
न्यास एवं
धर्मस्व, वन, तकनीकी
शिक्षा एवं
कौशल विकास,
उच्च
शिक्षा )
सीहोर
जिले में
संचालित विश्वविद्यालय
1. ( क्र. 3363 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले में कोई सत्यसाईं विश्वविद्यालय संचालित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विश्वविद्यालय संचालन समिति व संचालक आदि का ब्यौरा दें। उक्त विश्वविद्यालय की स्थापना कब व किन नियमों के तहत की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सत्यसाईं विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश भर में कितने कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं? क्या उक्त विश्वविद्यालय को मेडिकल कॉलेज या विद्यालय संचालन की पात्रता है, यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त विश्वविद्यालय में पढ़ाए जा रहे कोर्स की फीस किन मापदण्डों पर नियत की गई है? क्या विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों से प्रतिवर्ष जनभागीदारी अशासकीय शुल्क एवं विश्वविद्यालय शुल्क वसूला जा रहा है? यदि हाँ, तो कक्षावार ब्यौरा दें। (घ) क्या उक्त विश्वविद्यालय द्वारा सीहोर स्थित कैंपस में एक से अधिक कॉलेज यथा बी.एड., नर्सिंग, इंजीनियरिंग आदि संचालित किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुसार सही है? यदि नहीं, तो शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। विश्वविद्यालय संचालन समिति व संचालक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। विश्वविद्यालय की स्थापना दिनांक 19.09.2013 को म.प्र. निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम, 2007 के प्रावधान के तहत की गई है। (ख) विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय के परिसर में स्थापित संगठक इकाइयों के अतिरिक्त परिसर के बाहर अन्यत्र कोई भी कॉलेज संचालित नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वर्तमान में विश्वविद्यालय को मेडिकल कॉलेज संचालन की पात्रता नहीं है। (ग) विश्वविद्यालय में पढ़ाये जा रहे कोर्स की फीस शिक्षा के मानक स्तरों के आधार पर शिक्षा की लागत के आंकलन की समीक्षा कर म.प्र. निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा शुल्क नियत किया जाता है। जी नहीं। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों से जनभागीदारी अशासकीय शुल्क या विश्वविद्यालय शुल्क वसूल नहीं किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। विश्वविद्यालय परिसर सीहोर में म.प्र. निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा घोषित संगठक इकाई जिसमें बी.एड., बी.पी.एड., इंजीनियरिंग, फार्मेसी, मैनेजमेंट, पैरामेडिकल कॉलेज संचालित है। सभी संगठक इकाइयों में चलाये जा रहे पाठ्यक्रमों का संबंधित नियामक निकायों से अनुमोदन प्राप्त है, जो नियमानुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उमरियापान में महाविद्यालय की स्थापना
2. ( *क्र. 2955 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा का क्षेत्रफल कितने कि.मी. का है और उसके किन-किन ग्रामों में बालक व कन्या उ.मा.वि. हैं और उनमें कक्षा 12 वीं की छात्र संख्या कितनी है और तहसील क्षेत्र में कितनी हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 09.02.2009, 07.02.2011, 27.03.2011, 07.05.2015, 24.12.2015 द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी एवं मा. विभागीय मंत्री को उमरियापान में महाविद्यालय की स्थापना हेतु लेख किया है? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में उमरियापान में कब तक महाविद्यालय खोल दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) प्रस्ताव तैयार कर स्थाई परियोजना परीक्षण समिति के विचारार्थ प्रस्तुति हेतु प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट - ''दो''
अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण
3. ( *क्र. 3199 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग के महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों को कितने वेतन/मानदेय पर नियुक्त किया गया है? (ख) म.प्र. शासन द्वारा कुशल/अकुशल श्रमिकों को किस दर पर वेतन भुगतान किया जाता है? (ग) क्या विभाग द्वारा नियुक्त अतिथि विद्वान योग्यता में कुशल श्रमिक से निम्न श्रेणी के हैं? यदि नहीं, तो इतने अल्प मानदेय पर नियुक्ति का क्या कारण है? (घ) क्या विभाग उच्च शिक्षा का स्तर सुधारने हेतु अतिथि विद्वानों को योग्यतानुसार मानदेय दे रहा है? (ड.) वर्षों से अतिथि विद्वान का कार्य संपादित कर रहे सहायक प्राध्यापकों को कब तक संविदा नियुक्ति/नियमित किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1-13/2016/38-1 दिनांक 21.04.16 द्वारा नेट या 2009 यू.जी.सी. रेग्यूलेशन के अनुसार पी.एच.डी. योग्यता धारित अतिथि विद्वानों को मानदेय रूपये 275/- प्रति कालखण्ड, अधिकतम रूपये 825/- प्रति कार्यदिवस तथा उल्लेखित योग्यता नहीं रखने वाले शेष अतिथि विद्वानों को रू. 200/- प्रतिकालखण्ड व अधिकतम रू. 600/- प्रति कार्यदिवस की दर से भुगतान किया जा रहा है। (ख) श्रमायुक्त कार्यालय, म.प्र.शासन, इन्दौर के आदेश क्रमांक 6/11/अन्वेषण/पाँच/2015/12301-500 इन्दौर दिनांक 01.04.16 में स्पष्टीकरण के बिंदु-3 में लेख है कि राज्य शासन द्वारा दिनांक 15.05.15 को जारी एवं म.प्र. राजपत्र दिनांक 22.05.15 में प्रकाशित अकुशल श्रमिकों हेतु मजदूरी की पुनरीक्षित न्यनतम दरें 01.06.15 से प्रभावशील की गई हैं। उक्त परिपत्र की अनुसूची-क में श्रमायुक्त इन्दौर के अनुसार कुशल श्रमिकों को अधिकतम रूपये 9,085/- प्रतिमाह एवं अकुशल श्रमिकों को समान रूप से रूपये 6,850/- प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जाता है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। (ड.) अतिथि विद्वान सहायक प्राध्यापक नहीं है तथा उन्हें लोक सेवक नहीं माना गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हिरन नदी के पुल के एप्रोच मार्ग का निर्माण
4. ( *क्र. 2016 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत हिरन नदी पर बने पुल के दोनों ओर एप्रोच मार्ग निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को कब-कब लिखा गया? उपरोक्त भैरोघाट पुल के दोनों ओर एप्रोच मार्ग का निर्माण कब तक कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : प्रश्नकर्ता का पत्र दिनांक 19.07.2015 एवं 30.05.2016 को प्राप्त हुआ। रूपये 66.72 लाख कार्य का प्राक्कलन तैयार किया गया है जो परीक्षणाधीन है। उपलब्ध वित्तीय संसाधन अनुसार स्वीकृति हेतु विचार किया जा सकेगा वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधान सभा क्षेत्र गोटेगाँव अंतर्गत स्वीकृत राशि
5. ( *क्र. 1357 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगाँव अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में वन विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना में स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत राशि किस क्षेत्र में कितनी उपयोग में लाई गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत कार्यों में कितने कार्य पूर्ण हो चुके एवं कितने अपूर्ण हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार अपूर्ण कार्य होने का स्पष्ट कारण एवं कार्य पूर्ण न हो पाने के कारण संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इस वित्तीय वर्ष 2016-17 के कार्य प्रचलित। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंधाना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्टेडियमों का निर्माण
6. ( *क्र. 3434 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने इन्डोर व आउटडोर स्टेडियम स्वीकृत हुए हैं? यह कब बनेंगे? (ख) पंधाना नगर पंचायत में बनने वाले इंडोर स्टेडियम की क्या स्थिति है, वह क्यों नहीं बन रहा है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफार्मेंस ग्रान्ट से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 01 आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर के निर्माण की योजनान्तर्गत पंधाना विधानसभा क्षेत्र के छैःगाव माखन में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। निर्माण कार्य प्रगतिरत् है। (ख) इण्डोर स्टेडियम का निर्माण राजीव गांधी खेल अभियान योजनान्तर्गत किये जाने की पूर्व में योजना थी, परन्तु भारत सरकार ने उक्त योजना को भारत सरकार के पत्र क्र. 1-1/MYAS/SD/2016/1258 दिनांक 29/04/2016 द्वारा स्थगित कर दिया गया हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल-ब्यावरा रोड का निर्माण
7. ( *क्र. 2252 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल-ब्यावरा रोड का ठेका किस कंपनी को कब दिया गया था, कितनी लागत थी एवं काम कब पूर्ण किया जावेगा? (ख) कंपनी द्वारा समय पर काम पूरा किया गया या नहीं? यदि नहीं, तो कंपनी के विरूद्ध विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) कंपनी को किस बैंक द्वारा कितना फाइनेन्स किया गया एवं विभाग द्वारा ठेकेदार को कितना भुगतान किया गया? कुल कितना भुगतान (विभाग+बैंक) द्वारा ठेकेदार को दिया जा चुका है एवं कितना कार्य मौके पर किया जा चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। दिनांक 10.05.2016 को अनुबंध निरस्त किया जाकर बैंक गारंटी राजसात कर ली गई। (ग) कन्सेशनायर को वित्तीय प्रबंधन हेतु संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार धनराशि देने हेतु वित्तीय संस्थानों द्वारा सहमति दी गई है। कन्सेशनायर को एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया है, क्योंकि परियोजना में कन्सेशनायर द्वारा प्रीमियम देय है। ठेका निरस्त होने से पहले कन्सेशनायर द्वारा लगभग 20 प्रतिशत कार्य किया गया है।
परिशिष्ट - ''तीन''
केवलारी विधानसभा क्षेत्र में पुल निर्माण
8. ( *क्र. 1782 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र में निर्माण हेतु कितने बड़े व छोटे पुल स्वीकृत हैं एवं कितने निर्माणाधीन हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चकरघटा घाट गुवरिया एवं चमरया नाला छपारा में उच्चस्तरीय पुल निर्माण हेतु विधानसभा प्रश्न के माध्यम से निरंतर मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं, कारण स्पष्ट करें? (ग) इसी प्रकार ब्रिटिश शासन काल में निर्मित पलारी कहानी मार्ग के अंतर्गत ग्राम मझगंवा में बैनगंगा नदी पर स्थित पुल जीर्ण-शीर्ण हो गया है जिस पर विगत कुछ माह पहले आवागमन अवरूद्ध हो गया था? क्या विभाग के पास उक्त स्थान पर नवीन उच्चस्तरीय पुल निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक इसे कार्य रूप में परिणित कर लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) यदि उक्त पुल निर्माण नहीं होने से कोई दुर्घटना होती है तो इसका जवाबदार कौन होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, चकरघटा गुवरिया मार्ग पंचायत मार्ग होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई है एवं चमरया नाला पुल निर्माण हेतु दिनांक 16.03.2016 को स्थायी वित्तीय समिति से अनुमोदित। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पुल निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''चार''
सिरोंज विधानसभा क्षेत्रांतर्गत खेल स्टेडियम का निर्माण
9. ( *क्र. 2897 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिरोंज विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राजीव गांधी खेल अभियान के अंतर्गत खेल स्टेडियम स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है? किस ग्राम में कितने हेक्टेयर क्षेत्र में भूमि का आवंटन किया गया है? यदि हाँ, तो स्वीकृति के समय कितनी लागत निर्धारित की गई थी? अभी तक कितना निर्माण कार्य हुआ है? अब तक उक्त कार्य में कितनी राशि व्यय की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राजीव गांधी खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य किस एजेंसी के द्वारा किया जा रहा है? उक्त कार्य को पूर्ण किये जाने की समयावधि क्या थी? समयावधि में कार्य पूर्ण न करने के लिए जिम्मेदार कौन है? यह कब तक पूर्ण होकर ग्राम पंचायत को हस्तांतरित किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। अपितु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफार्मेन्स ग्रान्ट से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 01 आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर निर्माण कराये जाने की योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र सिरोंज के ग्राम ओखलीखेड़ा में 2.262 हेक्टेयर भूमि का आवंटन ग्रामीण खेल परिसर निर्माण के लिये हुआ है। वर्तमान में खेल परिसर निर्माण की स्वीकृति ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा जारी नहीं की गई है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पंचायत राज विभाग द्वारा निर्माण की लागत राशि रू. 80.00 लाख निर्धारित है। निर्माण की स्वीकृति जारी नहीं होने से निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नोत्तर (क) अनुसार राजीव गांधी खेल अभियान योजनान्तर्गत कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है। ग्रामीण खेल परिसर निर्माण कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किया जाना है। वर्तमान में स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति ही जारी नहीं हुई है, इसलिये शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी निर्वाचन की शिकायत की जाँच
10. ( *क्र. 2453 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) असिस्टेंट रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएं भोपाल नर्मदापुरम संभाग के जावक क्रमांक 3485, दिनांक 03 नवंबर, 2015 द्वारा किस संस्था की कार्यकारिणी मान्य की गई? (ख) असिस्टेंट रजिस्ट्रार को वर्ष 2016 में उक्त कार्यकारिणी के निर्वाचन दिनांक 05 जुलाई, 2015 फर्जी होने के संबंध में किस-किस की ओर से शिकायत प्राप्त हुई है? (ग) संज्ञान में आये तथ्यों अनुसार उक्त निर्वाचन प्रक्रिया में कितने व्यक्ति उपस्थित रहे? किस शासकीय स्थल और स्थान पर निर्वाचन हुए? निर्वाचन में उपस्थित व्यक्तियों के स्पष्ट नाम, शासकीय पद एवं उनके कार्यालय की स्पष्ट और पठनीय सूची उपलब्ध करावें? (घ) निर्वाचन में उपस्थित भोपाल के बाहर पदस्थ व्यक्तियों द्वारा शासकीय मुख्यालय छोड़ने की अनुमति संबंधी आवेदनों की प्रति उपलब्ध करावें। प्रथम दृष्टया निर्वाचन फर्जी पाये जाने पर मान्यता अब तक निरस्त क्यों नहीं की गई? कब तक की जायेगी? प्रश्नाधीन मामले का जाँच प्रतिवेदन दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जावक क्रमांक 3485 दिनांक 03 नवम्बर, 2015 द्वारा कार्यकारिणी मान्य करने की कार्यवाही नहीं की गई है, अपितु म.प्र. तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, भोपाल द्वारा प्रस्तुत धारा 27 की जानकारी की नकल जारी की गई है। (ख) श्री अरूण द्विवेदी एवं डॉ. सुरेश गर्ग दवारा शिकायत प्रस्तुत की गई है। (ग) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के तहत प्रश्नांकित जानकारी का संधारण रजिस्ट्रार कार्यालय में अपेक्षित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्तानुसार। मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 में मान्यता दिये जाने संबंधी प्रावधान नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हरियाली महोत्सव के अंतर्गत पौध रोपण
11. ( *क्र. 1925 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिला नरसिंहपुर में हरियाली महोत्सव के अंतर्गत रोपण कार्यों में कितनी राशि शासन द्वारा आवंटित की गई? (ख) रोपण कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ग) जिले में कितने पौधों का रोपण किन-किन स्थानों पर किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (घ) इन रोपित पौधों की विधानसभा क्षेत्रवार वर्तमान स्थिति क्या है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिला नरसिंहपुर में हरियाली महोत्सव के अंतर्गत रोपण कार्य हेतु 36560000/- रूपये राशि शासन द्वारा आवंटित की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
ग्वारीघाट फोर लेन सड़क का निर्माण
12. ( *क्र. 1422 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटंगा से ग्वारीघाट जबलपुर 6.2 कि.मी. फोरलेन सड़क के निर्माण की मूल योजना क्या है? इसकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है तथा इसका जून 2016 तक कितना कार्य पूर्ण/अपूर्ण व कौन-कौन सा कार्य कब से निर्माणाधीन है? इस पर कुल कितनी राशि व्यय हुई है? (ख) क्या प्रश्नांकित सड़क का निर्माण मूल योजना के तहत निर्धारित चौड़ाई के तहत कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसका निर्माण कहाँ से कहाँ तक कितने फीट तक निर्धारित चौड़ाई के तहत नहीं कराये जाने का कारण क्या है? सड़क निर्माण में बाधक चिन्हित कहाँ-कहाँ के अतिक्रमणों को समयावधि में नहीं हटाया गया है एवं क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांकित सड़क के निर्माण कार्य में सड़क के किनारे लगे हुये किस-किस प्रजाति के कितने-कितने वृक्षों को किसके आदेश से किसने कटवाया है तथा इसकी कितनी मात्रा में कटी लकड़ी का संग्रहण कहाँ-कहाँ पर किया गया है? पर्यावरण संरक्षण के लिए कितने क्षेत्रफल में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का रोपण कार्य कब किसने कराया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांकित सड़क के निर्माण कार्य में बाधक पानी की पुरानी पाईप लाईन को शिफ्ट नहीं करने से इसके लीकेज से सड़क में गारंटी पीरियड में ही जगह-जगह छोटे-बड़े गड्ढे हो गये हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इस लापरवाही व गुणवत्ताविहीन कार्य कराने के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। कोई दोषी नहीं। (ग) प्रस्तावित सड़क के निर्माण हेतु सड़क के किनारे लगे हुये आम, पीपल, नीम आदि प्रजाति के कुल 109 वृक्ष की कटाई हेतु नगर पालिका निगम उद्यान विभाग द्वारा पत्र क्रं. 224/दिनांक 24.08.2012 के द्वारा अनुमति प्रदान की गई तदुपरांत 23 वृक्षों की कटाई लोक निर्माण विभाग के अनुबंधित ठेकेदार से कराई जाकर 67.265 घन मीटर मात्रा में लकड़ी का संग्रहण उपसंभागीय स्टोर में किया गया। नगर पालिका निगम जबलपुर के ज्ञापन क्रमांक 281/दिनांक 18.09.2012 को माननीय उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका क्रमांक 436/2009 का उल्लेख कर अनुमति निरस्त की गई। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा डब्लू.पी. 436/09 में पारित आदेश दिनांक 05.02.2013 के तहत कुल 50 वृक्ष काटने की अनुमति प्रदान की गई जिसके तहत समय समय पर कुल 09 वृक्ष नगर निगम जबलपुर द्वारा काटे गये एवं लकड़ी का उपयोग संग्रहण नगर निगम द्वारा किया गया। शेष पेड़ों को नहीं काटा गया है। पौधरोपण नहीं कराया गया। सघन बसाहट होने के कारण। (घ) जी नहीं। पाईप लाईन लीकेज के कारण मामूली पेंच निर्मित हुये थे, जिन्हें ठेकेदार द्वारा सुधार दिया गया है, प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''छ:''
कौशल विकास केन्द्र के बर्खास्त कर्मियों की सेवा में वापसी
13. ( *क्र. 2465 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना ब्लॉक व तहसीलों पर कब से किस आदेश से एवं किन-किन अवधारणाओं को ध्यान में रखकर की गई थी? (ख) क्या उक्त कौशल विकास केन्द्रों में कार्यरत अमले को उन्हें सुनने का अवसर न देते हुए, एक पक्षीय कार्यवाही कर 16.05.2016 से तुगलकी फरमान जारी कर सेवा से पृथक कर दिया गया है, जिसके कारण उनका परिवार पलायन की स्थिति में आ गया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों किया गया है? (ग) क्या मा. विधायक श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक द्वारा विधान सभा में पूछे गये प्रश्न के जवाब में मा. तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता जी ने कहा था कि कौशल विकास केन्द्र के कर्मचारी/अधिकारी की वेतन वृद्धि एवं नई नीति बनाने की कार्यवाही जारी है? यदि हाँ, तो उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ तो नहीं दिया गया, बल्कि सेवा से ही पृथक करने का औचित्य क्या रहा? (घ) शासन प्रश्नांश (ख) में वर्णित कर्मचारी/अधिकारी को पुन: सेवा में रखने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कौशल विकास केन्द्रों में कार्यरत अमले को उनकी संविदा अवधि पूर्ण होने पर सेवा से पृथक किया गया है। (ग) माननीय विधायक श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक के द्वारा पूछे गए प्रश्न क्रमाक 6312 माह मार्च 2016 के जवाब में माननीय उमाशंकर गुप्ता जी, मंत्री, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने कहा था कि संविदा आधार पर नियुक्त कर्मचारियों/अधिकारियों के मानदेय बढ़ाने की कार्यवाही प्रचलन में है। सेवा से पृथक करने का औचित्य प्रश्नांश (ख) अनुसार। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
औद्योगिक क्षेत्रों के लिए कृषि भूमि का अर्जन
14. ( *क्र. 3582 ) श्री हर्ष यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कहाँ-कहाँ औद्योगिक विकास निगम द्वारा विगत 05 वर्षों में कृषि भूमि का अर्जन कर उद्योगों, लघु उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि आरक्षित कर उन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की है? कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी भूमि पर ऐसे क्षेत्र बनाये गये हैं? (ख) क्या उक्त आरक्षित भूमि/क्षेत्र में उद्योग समूहों/कंपनी/फर्मों को आवंटित भूमि पर सही जगह उत्पादन किया जा रहा है? ऐसे कौन-कौन से क्षेत्र हैं, जहां भूमि आवंटन के बाद भी प्रश्न दिनांक तक कोई औद्योगिक गतिविधियां आंरभ नहीं हो सकी हैं? (ग) क्या विभाग/शासन ऐसी अर्जित भूमियों को जो कि औद्योगिक गतिविधियां आरंभ न होने से रिक्त हैं, को पुन: भू-स्वामियों को लौटाने पर विचार करेगा, ताकि वहां पूर्ववत् कृषि गतिविधियां जारी रह सके और भूमि का सार्थक उपयोग हो सकें? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश में औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों द्वारा विगत 05 वर्षों में उद्योगों, लघु उद्योगों की स्थापना हेतु कोई कृषि भूमि अर्जित नहीं की गई है। अपितु राज्य शासन के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिये संलग्न परिशिष्ट अनुसार निगमों हेतु भूमि अर्जित की गई है। (ख) उक्त भूमि इकाइयों/उद्योगों को आवंटित नहीं की गई है अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त भूमि औद्योगिक विकास के लिये अर्जित की गई है। अत: रिक्त भूमि भू-स्वामियों को लौटाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''आठ''
शास. नवीन महाविद्यालय सेमरिया का भवन निर्माण
15. ( *क्र. 318 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय नवीन महाविद्यालय सेमरिया के भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि का आवंटन किया जा चुका है एवं क्या भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत कर जारी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक राशि जारी कर दी जावेगी? (ख) क्या उपरोक्त महाविद्यालय के 40 कि.मी. की परिधि में कोई दूसरा शा. महाविद्यालय नहीं है? यदि नहीं, तो क्या इस क्षेत्र के लोग कला (स्नातक) के अलावा अन्य संकाय हेतु बाहर जाते हैं या उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते हैं? (ग) क्या उपरोक्त महाविद्यालय में नवीन कक्षायें प्रारंभ करने हेतु तैयारियां चल रही हैं? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत नहीं हुई है। आवंटित भूमि पर श्री मार्तण्ड सिंह का कब्जा होने के कारण न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 13663/16 में दिनांक 29.06.2016 को स्थगन आदेश होने के कारण सीमांकन स्थगित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। अशासकीय यमुना प्रसाद शास्त्री महाविद्यालय, सेमरिया संचालित है, जहाँ विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। (ग) जी हाँ। महाविद्यालय में विज्ञान संकाय एवं स्नातकोत्तर (कला संकाय) की कक्षायें प्रारंभ करने हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार प्रकरण का परीक्षण किये जाने की कार्यवाही प्रकियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय जीरापुर में कॉमर्स संकाय की स्वीकृति
16. ( *क्र. 1036 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय जीरापुर में कौन-कौन से संकाय संचालित हैं? क्या उक्त महाविद्यालय में कॉमर्स संकाय के संचालन की शासन स्तर से कॉलेज प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कोई व्यवस्था नहीं है? यदि हाँ, तो क्या कॉमर्स संकाय का संचालन कॉलेज की जनभागीदारी समिति के माध्यम से किया जा रहा है, जिससे कॉलेज की जनभागीदारी समिति पर अनावश्यक वित्तीय भार आ रहा है तथा अन्य विकास कार्य बाधित हो रहे हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त कॉलेज में कॉमर्स संकाय के संचालन की शासन स्तर से स्वीकृति हेतु अनेकों बार माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय उच्च शिक्षा मंत्री जी, प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा एवं आयुक्त उच्च शिक्षा को निवेदन पत्र प्रेषित किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त कॉलेज में कॉमर्स संकाय के संचालन की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय जीरापुर में कला एवं विज्ञान संकाय संचालित है। जी हाँ। जी हाँ। पाठयक्रम स्ववित्तीय होने से अनावश्यक वित्तीय भार का प्रश्न नहीं उठता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी नहीं। कैचमेंट एरिया में वाणिज्य के पर्याप्त विद्यार्थी-संख्या नहीं होने के कारण विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं हो रही है, जिससे शासकीय महाविद्यालय जीरापुर में वाणिज्य संकाय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है।
नागदा में एम.ए. एवं एम.एससी. की कक्षाएं प्रारंभ की जाना
17. ( *क्र. 331 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के नागदा शहर में स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय पूर्व से संचालित है, किन्तु वहां पर एम.ए. एवं एम.एससी. की कक्षाएं संचालित नहीं होने से बच्चों को आगे की पढ़ाई हेतु बाहर गांव उज्जैन या अन्य शहर जाना पड़ता है या पढ़ाई छोड़ना पड़ती है? क्या इस बाबत् प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में भी निवेदन किया था? (ख) नागदा में एम.ए. एवं एम.एससी. की कक्षाएं कब से प्रारंभ हो जावेंगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं। जी हाँ। (ख) परीक्षण पश्चात आगामी कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पुल-पुलियाओं का निर्माण
18. ( *क्र. 1985 ) श्री
देवेन्द्र
वर्मा : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खंडवा
विधानसभा
क्षेत्र के ग्रामीण
क्षेत्रों
में ऐसे
कौन-कौन से
मार्ग हैं जिन
पर पुल-पुलिया
एवं रपटों का
निर्माण नहीं
होने से अत्यधिक
वर्षा के समय
आवागमन
अवरूद्ध हो
जाता है?
(ख) ग्रामीण
क्षेत्रों
में प्रश्नांश
(क) के क्रम में
पुल पुलिया
एवं रपटा
निर्माण किये
जाने के क्या
प्रावधान हैं? क्या
जिला स्तर पर
ऐसे सर्वे
किये जाने एवं
कार्य स्वीकृत
किये जाने का
प्रावधान है? (ग) ग्रामीणों
के आवागमन को
अवरूद्ध करने
वाले ऐसे सभी
मार्गों पर
ऐसे निर्माण
कार्यों को कब
तक पूर्ण करा
लिया जाएगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
पुल-पुलियों
एवं रपटों का
निर्माण
कार्य सामान्यत:
मार्ग
निर्माण के
साथ प्रावधान
कर किया जाता
है। जी नहीं। (ग)
वर्तमान में न
तो स्वीकृत
है, न ही
प्रस्तावित
है। अत: समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
परिशिष्ट - ''नौ''
सड़क सीमा पर 11 के.वी. लाईन के पोल लगाने के नियम
19. ( क्र. 1897 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी भी विद्युत कंपनी को सड़क की सीमा पर 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के विद्युत पोल लगाने की अनुमति प्रदान की जा सकती है या नहीं? अगर हाँ तो तय दूरी कितनी होनी चाहिए। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के शामगढ़ तहसील में पवन ऊर्जा कंपनी द्वारा लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों पर जो विद्युत पोल लगाए गए हैं, वह किसकी अनुमति से लगाए गए हैं? (ग) विभाग की सड़कों पर क्या सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा कंपनी के द्वारा सड़क की सीमा में 1 फिट से 10 फिट की दूरी के भीतर 11 के.व्ही. तथा 33 के.व्ही. की विद्युत लाईन निकाली गई है? अगर भविष्य में कोई घटना घटती है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। आई.आर.सी. 32-1969 के प्रावधान अनुसार (शहरी क्षेत्र को छोड़कर ) रोडवे के अंतिम किनारे से 10.00 मीटर है। (ख) लोक निर्माण विभाग के मार्गों पर पोल लगाने की अनुमति विभाग से नहीं ली गई। (ग) जी हाँ। संबंधित पवन ऊर्जा कंपनी।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की जमीन का नामांतरण
20. ( क्र. 3512 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आर.जी.पी.वी.) भोपाल में श्री धर्मेन्द्र शुक्ला, उप परीक्षा नियंत्रक एवं श्री पंकज जैन, असिस्टेंट प्रोफेसर (सहायक प्राध्यापक) की नियुक्ति एवं पदोन्नति एवं अन्य मामले में लोकल फंड ऑडिट द्वारा गंभीर आपत्ति लिये जाने के पश्चात् अपर सचिव, म.प्र. शासन, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा जाँच करने हेतु रजिस्ट्रार, आर.जी.पी.वी. को निर्देशित कर 15 दिवस के अंदर जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश माह जून 2016 में दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या जाँच पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो जाँच निष्कर्ष के आधार पर संबंधित आरोपियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या आर.जी.पी.वी. की करोड़ों रूपये की बेशकीमती भूमि आर.जी.पी.वी. के अधिकारियों/कर्मचारियों ने अपने निकटतम परिजनों के नाम पर नामांतरण कराये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों की जाँच में आर.जी.पी.वी. के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी लिप्त पाये गये हैं तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि शिकायत प्राप्त नहीं हुई है तो क्या इस संबंध में दिनांक 27 जून, 2016 को राजधानी भोपाल के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों को शासन द्वारा संज्ञान में लेकर जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो जाँच के क्या निष्कर्ष रहे? यदि नहीं, तो कब तक जाँच कराई जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। जाँच करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। जाँच प्रचलित है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तवा नदी पर पुल एवं एप्रोच रोड का निर्माण
21. ( *क्र. 2717 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग के सेतु निगम द्वारा बान्द्राभान एवं सांगाखेड़ा कला के मध्य तवा नदी पर पुल एवं एप्रोच रोड का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या पुल एवं एप्रोच रोड का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत दो वर्षों में एप्रोच रोड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब तथा प्रश्नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त एप्रोच रोड का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्मेदार हैं? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुए क्या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या तथा एप्रोच रोड का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अपितु तत्कालीन मंत्री जी की नोटशीट दिनांक 08.04.2010 को प्राप्त हुई थी। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। एप्रोच रोड का निर्माण वर्षाकाल के उपरांत पूर्ण कर लिया जायेगा।
परिशिष्ट - ''दस''
छिन्दवाड़ा जिले में शासकीय स्कूल भवनों का निर्माण
22. ( *क्र. 3541 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले की परियोजना क्रियान्वयन ईकाई-12 द्वारा वर्ष 2013 से वर्ष 2016 में शासकीय स्कूल भवनों के निर्माण कार्य हेतु किन-किन एजेन्सियों को कार्य दिया गया था? क्या ये सभी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं या अभी भी कार्य अधूरा है? अगर कार्य अपूर्ण हैं तो उन निर्माण कार्यों को कब तक पूरा कर दिया जायेगा? (ख) क्या विभाग द्वारा इन निर्माण कार्य एजेन्सियों से निर्माण कार्य हेतु अमानत राशि, सुरक्षा निधि व अन्य राशि जमा कराई जाती है? अगर हाँ, तो किन-किन एजेन्सियों से निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी अमानत राशि, सुरक्षा निधि व अन्य राशि जमा कराई गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा इन निर्माण कार्य एजेन्सियों को निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत अमानत राशि, सुरक्षा निधि व अन्य राशि को वापिस करने का प्रावधान है? अगर हाँ, तो छिन्दवाड़ा जिले की परियोजना क्रियान्वयन इकाई-12 द्वारा वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक के किन-किन निर्माण कार्य एजेन्सियों को कितनी राशि वापिस की जा चुकी है? अगर राशि वापिस नहीं की गई है तो कब तक कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
बालिका छात्रावास में संसाधनों की पूर्ति
23. ( *क्र. 2146 ) श्री अनिल जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी स्थित महाविद्यालय में एक बालिका छात्रावास का निर्माण पूर्ण होकर महाविद्यालय को सौंपा जा चुका है? यदि हाँ, तो इसमें निर्धारित सीटों की संख्या बतायी जावे? (ख) प्रश्नगत बालिका छात्रावास में आवासीय सुविधा प्रारंभ किये जाने हेतु क्या-क्या औपचारिकतायें आवश्यक हैं? इनमें से किन-किन को पूरा कर लिया गया है और कौन-कौन सी शेष रह गई हैं और इन्हें शासन द्वारा कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) उक्त बालिका छात्रावास कब तक प्रारंभ हो सकेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जिसमें 40 सीट निर्धारित हैं। (ख) बालिका छात्रावास में आवासीय सुविधा प्रारंभ किये जाने हेतु आवश्यक औपचारिकताओं में पदों की पूर्ति, पानी की व्यवस्था, फर्नीचर आदि आवश्यक हैं। होस्टल मैनेजर, भृत्य, स्वीपर, चौकीदार के पद स्वीकृत किये गये हैं। स्वीकृत पदों को भरने हेतु पदोन्नति/सीधी भर्ती/आऊट सोर्स के अंतर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पेयजल व्यवस्था जनभागीदारी निधि से किये जाने का प्रावधान किया गया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) छात्रावास संचालन हेतु आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण होने पर छात्रावास प्रारंभ किया जावेगा, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शाजापुर अंतर्गत कन्या छात्रावास का निर्माण
24. ( *क्र. 3499 ) श्री अरूण भीमावद : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शास.बा.कृ. शर्मा न. महाविद्यालय शाजापुर का कन्या छात्रावास का निर्माण किस योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुआ था? (ख) इसकी लागत मूल्य राशि क्या थी तथा इसको किस अवधि तक पूर्ण हो जाना था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार विगत 10-12 वर्ष तक निर्माण कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ है? (घ) उक्त कन्या छात्रावास कब तक पूर्ण होगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) यू.जी.सी. मद के अंतर्गत स्वीकृत। (ख) कन्या छात्रावास भवन की लागत मूल्य राशि रु. 69.01 लाख थी। अनुबंधानुसार दिनांक 27/04/2010 तक पूर्ण किया जाना था। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यू.जी.सी. से स्वीकृत राशि रु. 69.01 लाख के विरूद्ध दिनांक 14/02/2013 को राशि रु. 40.99 लाख कन्या छात्रावास के निर्माण हेतु प्राप्त हुई है, शेष राशि रु. 28.02 लाख राशि यू.जी.सी. से प्राप्त न होने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। (घ) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
बालाघाट जिले में सड़कों का निर्माण
25. ( *क्र. 3121 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय लोक निर्माण मंत्री जी ने दिनांक 07/06/2016 को बालाघाट जिले के कोचेवाही प्रवास के समय कटोरी से मोहगांव घाट एवं कटोरी से कचेखनी मार्ग निर्माण करने की घोषणा की है? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग इन मार्गों के निर्माण हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राक्कलन परीक्षणाधीन है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शासकीय
मंदिर ग्राम
मुहारा की
भूमि पर अतिक्रमण
1. ( क्र. 131 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्राम मुहारा के मंदिर की भूमि खसरा क्र. 1398/1 रकबा 0, 113 हे. भूमि श्री राम चन्द्र महाराज के स्वामित्व की भूमि है और उक्त मंदिर के प्रबंधक कलेक्टर टीकमगढ़ है? उक्त भूमि पर ग्राम मुहारा के कुछ अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्तियों द्वारा कब्जा कर अवैध निर्माण कर लिया है, जिसके संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा एक माह में अतिक्रमण हटाये जाने के आदेश जारी किये गये थे, परन्तु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जतारा द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं गई है? क्या कारण है? (ख) क्या उक्त मंदिर की बेशकीमती भूमि पर अवैध निर्माण कार्य करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही कर उक्त भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या आज दिनांक तक अनुविभागीय अधिकारी जतारा द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो ऐसे अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चंबल नदी पर पुलिया निर्माण
2. ( *क्र. 227 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर से सुवासरा, शामगढ़, गरोठ, भानपुरा, भैसोदामण्डी की अलग-अलग दूरी बतावें। (ख) मुख्यमंत्री जी द्वारा विधानसभा क्षेत्र सुवासरा में जन-दर्शन यात्रा के समय मंदसौर गरोठ, भानपुर, की दूरी कम करने एवं धर्मराजेश्वर प्राचीन मंदिर पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु चंबल नदी पर एक पुल की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कब तक पूरी हो जावेगी? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में चंबल नदी पर बनने वाले पुल हेतु किलकारी पंचायत के ग्राम आवरा एवं बाजखेड़ी पंचायत के ग्राम आवरी की दूरी एवं गरोठ विधानसभा क्षेत्र मोलाखेड़ी खुर्द, विधानसभा क्षेत्र के ग्राम टीड़वास तक की दूरी, दोनों के बीच की दूरी एवं अनुमानित लागत राशि बतावें? (घ) आवरा तथा आवरी के बीच पुल बनता है तो मंदसौर से गरोठ, भानपुर, भैसोदामण्डी की कितनी दूरी कम होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :- मंदसौर से सुवासरा- दूरी 69.00 कि.मी., मंदसौर से शामगढ़-दूरी 81.00 कि.मी., मंदसौर से गरोठ-दूरी 105.00 कि.मी., मंदसौर से भानपुरा-दूरी 130.00 कि.मी., मंदसौर से भैसौदा-दूरी 143.00 कि.मी. (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) आवरा से आवरी ग्राम की दूरी लगभग 4.00 कि.मी. है। गरोठ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मोलाखेडी खुर्द एवं विधानसभा क्षेत्र मल्हारगढ़ के ग्राम टिडवास की दूरी लगभग 7.00 कि.मी. है। संजीत से टिडवास एवं मोरडी के मध्य चंबल नदी पर 4310 मीटर लंबा तथा रू. 438 करोड़ की अनुमानित लागत का प्राथमिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। (घ) आवरा तथा आवरी के बीच पुल बनता है तो मंदसौर से गरोठ भानपुरा, भैसोदामण्डी की दूरी लगभग 30.00 कि.मी. कम होगी।
नवीन आई.टी.आई. भवन की स्वीकृति
3. ( क्र. 332 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा खाचरौद में दिनांक 10.1.16 के नागदा शहर में आई.टी.आई. नवीन भवन एवं कक्षा प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी? (ख) नागदा में आई.टी.आई. कक्षाएं एवं भवन कब तक स्वीकृत किया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) नागदा नगर में सत्र अगस्त 2016 से आई.टी.आई. प्रारंभ की जा रही है। शेष समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजगढ़ जिले में संचालित महाविद्यालयों की स्थिति
4. ( क्र. 350 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत कितने महाविद्यालय कब से कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? (ख) राजगढ़ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कुल कितने पद किस-किस श्रेणी व किस-किस संकाय के स्वीकृत हैं, उनमें से कितने पद किस कारण से कब से रिक्त हैं? उक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) उक्त महाविद्यालय में वर्ष 2016-17 में कौन-कौन से संकाय की कौन-कौन सी कक्षाएं संचालित की जा रही हैं? उनमें वर्तमान में कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं? (घ) क्या माननीय मंत्री जी की पूर्व विधान सभा बजट सत्र, 2016 में की गई घोषणा के अनुक्रम में राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ के नगर राजगढ़ में पहले से बन्द कन्या महाविद्यालय को प्रारंभ किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत दो शासकीय महाविद्यालय हैं। 1. स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजगढ़ वर्ष 1962 से संचालित हैं। 2. शासकीय विधि महाविद्यालय राजगढ़ वर्ष 2013 से प्रारंभ है, परन्तु संकाय के रूप में संचालित है। (ख) शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक संवर्ग की श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' पर है। शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग से दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी हो चुका है। पद पूर्ति की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' पर है। (घ) प्रकरण में प्रस्ताव तैयार कर परियोजना परीक्षण समिति के विचारार्थ प्रस्तुति प्रक्रियाधीन है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
नगरीय क्षेत्रों में बायपास मार्ग का निर्माण
5. ( क्र. 367 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल के पलसूद खेतिया और निवाली में सुगम आवागमन की दृष्टि से बायपास मार्ग निर्माण का कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो क्या है और नहीं तो क्या उक्त शहरों में हो रही आवागमन की असुविधा को दूर करने का विभाग के पास क्या आधार है? (ख) क्या क्षेत्रीय विधायक द्वारा कोई प्रस्ताव विभाग को दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता ने कब-कब कहाँ पत्र लिखे हैं तथा इन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई? की गई कार्यवाही का विवरण बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सेंधवा-खेतिया राजमार्ग क्रं. 36 एवं राजपुर-निवाली मार्गों का निर्माण कार्य ई.पी.सी. एवं ए.डी.बी. पद्धति में किया जाकर प्रगतिरत है। उक्त दोनों कार्यों के अंतर्गत पलसुद, खेतिया एवं निवाली में बायपास बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उक्त नगरीय क्षेत्रों में यातायात आवागमन में असुविधा न हो इस हेतु विभाग द्वारा 10.00 मीटर चौड़ाई, मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। जिसके फलस्वरूप आवागमन में असुविधा नहीं होगी। (ख) माननीय विधायक महोदय श्री दीवान सिंह पटेल द्वारा उनके पत्र दिनांक 18/01/2016 द्वारा खेतिया एवं पलसुद में बायपास हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा गया है, जिसके संबंध में म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा पत्र दिनांक 11/03/2016 को अभिमत भेजा गया है। नगरीय क्षेत्रों में यातायात आवागमन में असुविधा न हो इस हेतु विभाग द्वारा 10.00 मीटर चौड़ाई, मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। जिसके फलस्वरूप आवागमन में असुविधा नहीं होगी।
विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में विभिन्न मार्गों पर पुल निर्माण
6. ( क्र. 368 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में सुसरी नदी पर बंधारा खुर्द, आमदा, दोंदवाड़ा, नांदयाबड़ और तकलबारा में ग्रामों के पहुंच मार्ग हेतु नदियों पर पुलों के कोई प्रस्ताव हैं? (ख) क्या उक्त स्थलों पर पुल निर्माण हेतु क्षेत्रीय विधायक द्वारा कोई प्रस्ताव विभाग को दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब तथा मेरे द्वारा दिये गये प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही हुई है? (ग) क्या उक्त स्थलों पर पुल नहीं होने के कारण जनता को आवागमन में असुविधा होती है? यदि हाँ, तो सुगम आवागमन हेतु क्या इन स्थानों पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''ग्यारह''
वेतनमान की स्वीकृति
7. ( क्र. 503 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेजों में कार्यरत ग्रंथपाल/सहायक संचालक शारीरिक शिक्षा (पूर्व पदनाम पी.टी.आई.) को वरिष्ठ वेतनमान कब-कब स्वीकृत किया गया है? (ख) वरिष्ठ वेतनमान स्वीकृति के पश्चात शासन के निर्देशानुसार क्या प्रत्येक वर्ग वरिष्ठ प्रवर्ग श्रेणी वेतनमान स्वीकृत करने बैठकें हुई है या नहीं हुई है? यदि नहीं, हुई तो क्यों? (ग) प्रदेश के कितने ग्रंथपाल सहायक संचालक शारीरिक शिक्षा (पूर्व पदनाम पी.टी.आई.) प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत किया गया है? (घ) यदि किसी भी ग्रंथपाल/पी.टी.आई. को प्रवर्ग श्रेणी वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया है तो इसका कारण बतावें। वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत करने आगामी बैठक कब आयोजित की जानी है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) वरिष्ठ वेतनमान क्रमश: 24 जून, 2011 एवं दिनांक 21 जून, 2011 द्वारा स्वीकृत किये गये है। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) छानबीन समिति की बैठक दिनांक 07.07.2015 में पी.एच.डी. से संबंधित अर्हता में छूट का आधार स्पष्ट न होने के कारण तद्समय प्रवर श्रेणी वेतनमान पर निर्णय नहीं लिया जा सका। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बड़ौदा स्टेडियम की स्वीकृति
8. ( क्र. 611 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा क्रमांक ए-3129 दिनांक 21.04.2013 द्वारा बड़ौदा जिला श्योपुर में स्डेडियम निर्माण कराया जावेगा की घोषणा के पालन में प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 2 (क्रमांक 333) दिनांक 17.12.2015 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया है कि घोषणा के संबंध में एल.यू.एन. से प्राप्त 70 लाख का प्राक्कलन परियोजना परीक्षण समिति के अनुमोदनार्थ प्रक्रियाधीन है तो बतावें कि अनुमोदन की कार्यवाही को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) क्या शासन क्षेत्रीय खिलाड़ी/खेल प्रेमियों की मांग अनुसार प्राक्कलन का अनुमोदन उक्त समिति के अविलम्ब करवाकर माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पालन में स्टेडियम निर्माण कार्य को स्वीकृत करेगा तथा स्वीकृत राशि का प्रावधान आगामी अनुपूरक बजट में करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) परियोजना परीक्षण समिति द्वारा दिनांक 30/03/2016 को अनुमोदन प्रदान किया जा चुका है। इस अनुमोदन पर मंत्री परिषद् की स्वीकृति अपेक्षित है, जिसकी निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पालन में मंत्री परिषद् के अनुमोदन उपरांत स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति व बजट प्रावधान की कार्यवाही की जावेगी।
प्रेमसर-मूंढला मार्ग का सीमेंटीकरण
9. ( क्र. 612 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम प्रेमसर-मूंढ़ला मार्ग मुख्य जिला मार्ग श्रेणी का महत्वपूर्ण मार्ग है इसकी दशा वर्तमान में अत्यन्त खराब है जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो रहे हैं इस मार्ग पर दर्जनों विद्यमान नागरिकों को आवागमन हर समय बना रहता है इस कारण उन्हें आवागमन में कठिनाई होती है? (ख) क्या उक्त मार्ग काली मिट्टी क्षेत्र व चंबल कमाण्ड एरीये से होकर गुजरता है नतीजन मार्ग की सतह बार-बार क्षतिग्रस्त होती रहती है इसी कारण उक्त मार्ग को सीमेन्टीकृत किये जाने की आवश्यकता है मार्ग की परर्फोमेंस गांरटी भी जून 2016 में समाप्त हो चुकी है? (ग) यदि हाँ, तो वर्तमान में विभाग में मुख्य जिला मार्गों को सीमेन्टीकृत की जाने की कार्य योजना प्रस्तावित भी है, क्या शासन जनहित के मद्देनजर प्रस्तावित कार्य योजना में उक्त मार्ग को शामिल करके डी.पी.आर. तैयार करवारक इसे स्वीकृति प्रदान करेगा व बजट में शामिल करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं, जी नहीं, जी नहीं। (ख) जी नहीं, जी हाँ। (ग) जी हाँ, प्राथमिकतानुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्रयोग शाला तकनीशियन के विरूद्ध कार्यवाही
10. ( क्र. 633 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या 42 (क्रमांक 6800) दिनांक 29.3.2016 को जिस प्रयोग शाला तकनीशियन श्री संतोष सक्सेना को सदन में निलंबित बताया गया वह आज दिनांक तक कार्यरत है? क्यों? (ख) उक्त अतारांकित प्रश्न क्र. 6800 के संबंध में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे? ताकि उक्त घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सकें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। कलेक्टर, गुना द्वारा श्री संतोष सक्सेना, प्रयोगशाला तकनीशियन, शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, मुरैना को दिनांक 24.06.2016 को निलंबित किया गया है। (ख) लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये जा रहे हैं।
युवा कल्याण कार्यक्रम
11. ( क्र. 885 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले में खेल एवं युवा कल्याण का कार्यक्रम संचालित किया जाता है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त कार्य उक्त जिले के किन-किन स्थानों पर संचालित हैं तथा इसके तहत कौन-कौन से कार्य किये जाते हैं? (ग) खेल एवं युवा कल्याण कार्यक्रम के लिए वर्ष 2014-15 एवं 15-16 में शहडोल जिले को शासन से कितनी राशि प्रदाय की गई है और प्राप्त राशि का व्यय किन कार्यों के लिये खर्च किया गया है? कार्यवार एवं भुगतान प्राप्तकर्तावार राशियों की जानकारी उपलब्ध करायी जावें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सोनकच्छ नगर में नदी पर बने पुराने पुल की मरम्मत
12. ( क्र. 916 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष वर्षा काल में सोनकच्छ नगर की कालीसिंध नदी पर बना पुराना पुल क्षतिग्रस्त हुआ था? हाँ या नहीं? (ख) यदि क्षतिग्रस्त हुआ था तो क्या विभाग द्वारा उक्त पुल की मरम्मत कराई जा चुकी? यदि हाँ, तो किस प्रकार करायी गयी है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) वर्तमान में पुल की स्थाई रूप से मरम्मत नहीं होने से इस वर्ष नदी में बाढ़ आने से पुल पूर्णत: खत्म हो सकता है? यदि ऐसा हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। स्थाई रूप से। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) स्थाई रूप से पुल की मरम्मत की गई है, अतिवृष्टि होने से पुल के क्षतिग्रस्त होने की संभावना हो सकती है। कोई दोषी नहीं है।
वारासिवनी के विश्रामगृह में अवैध कब्जा
13. ( क्र. 944 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के कितने विश्रामगृह है? उक्त विश्रामगृहों में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं, नाम, पदनाम एवं पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी देवें? (ख) वारासिवनी शहर में स्थित विश्रामगृह में कितने कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यरत हैं? क्या विभाग अन्य कर्मचारियों से सेवाकाल से मुक्त होने के बाद भी दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्य करा सकता हैं? नियम बतावें। (ग) क्या उपसंभाग वारासिवनी में किसी व्यक्ति विशेष द्वारा विश्रामगृह में अपने निजी स्वार्थ के लिए कब्जा जमाये बैठा हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त कब्जा जमाये व्यक्ति को उक्त विश्रामगृह से कब तक हटा लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वारासिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के 03 विश्राम गृह है। विश्रामगृहों में कार्यरत कर्मचारी संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) 02 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नवीन निर्माण कार्य
14. ( क्र. 975 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विगत तीन वर्षों में सागर संभाग में कौन-कौन सी एम.डी.आर. सड़कें, राज्य मार्ग सड़कें एवं नेशनल हाईवे सड़कों का नवीन निर्माण कार्य कराया गया है, उनका किलोमीटर सहित एवं सड़क का नाम और उस पर व्यय हुई राशि की जानकारी दें। (ख) केन्द्र सरकार के द्वारा सी.आर.एस. सहायता के द्वारा विभाग को विगत तीन वर्षों में कौन-कौन सी नवीन सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि राज्य सरकार को आवंटित की गई, वर्षवार बतलावें? (ग) विभाग द्वारा सागर संभाग में बजट प्लान के अंतर्गत तीन वर्षों में कौन-कौन सी नई सड़कों एवं पुलों का निर्माण कराया गया है तथा उस पर कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई एवं व्यय की गई है वर्तमान में निर्माण कार्य की स्थिति क्या है? (घ) राज्य सरकार द्वारा नाबार्ड एवं ए.डी.बी. से कर्ज लेकर पिछले तीन वर्षों में सागर संभाग में कौन-कौन सी नवीन सड़कों एवं पुलों का निर्माण कराया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं अ-1 अनुसार है। (ख) विभाग में सी.आर.एस. योजना प्रचलन में नहीं है। अपितु सी.आर. एफ. योजना प्रचलन में है। प्रश्नांकित योजना के अतंर्गत कोई भी प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित नहीं किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ब-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ एवं स-1 अनुसार है।
वन भूमि पर निर्माण कार्य एवं वृक्षारोपण
15. ( क्र. 1100 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्रों में वन विभाग की कितनी वनभूमियां होकर उन पर शासन विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में क्या-क्या कार्य किये गये हैं? (ख) क्या वन विभाग की उपरोक्त स्थलों पर भूमियां शासन विभाग के संरक्षण में होकर सुरक्षित हैं ? इन भूमियों पर किसी प्रकार का अतिक्रमण भी है? तो अतिक्रमण रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (ग) पिछले तीन वर्षों में उक्त वन भूमि पर भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्य कराये गये है तो किस-किस प्रकार के कार्य किन-किन स्थानों पर किये गये? (घ) वर्ष 2010-11 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वनक्षेत्रों में कार्यों के लिए प्राप्त शासन/विभागीय बजट की राशि व्यय की जानकारी देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत 396124.616 हेक्टेयर वन भूमि है। उक्त वन भूमि में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कराये गये वन वर्धनिक वृक्षारोपण एवं अधोसंरचना के कार्य कराये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। छिन्दवाड़ा जिले के वनमंडलों के वनभूमि पर अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अतिक्रमण रोकने हेतु वन अमले द्वारा सतत् निगरानी की जाती है, जिसके तहत बीट गश्ती, बीट सुरक्षा, मानसून गश्ती, रात्रि गश्ती, विशेष दल एवं उड़नदस्ता दल से अतिक्रमण रोकने संबंधी कार्य कराया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
महाविद्यालयों के पदों की पूर्ति
16. ( क्र. 1101 ) श्री जतन उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में कितने शासकीय/अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? सूची देते हुए इन महाविद्यालयों में वर्तमान में कितने-कितने पद स्वीकृत है? कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि पद रिक्त हैं तो क्या इन रिक्त पदों से महाविद्यालय में पढ़ाई प्रभावित हो रही है? यदि हाँ, तो इन नियमित प्राध्यापकों/कर्मचारियों से रिक्त पदों की पूर्ति शासन कब तक करेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन भर्ती करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नवीन भर्ती से पदों की पूर्ति की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) छिंदवाडा जिले के अंतर्गत 15 शासकीय, 20 गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय एवं 04 अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। अशासकीय महाविद्यालयों में महाविद्यालयों के शासी निकाय द्वारा विषय के अध्यापन हेतु शैक्षणिक तथा शैक्षणेत्तर पद सृजित किये जाते हैं। (ख) जी नहीं। शासकीय महाविद्यालयों में पद पूर्ति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। शासकीय महाविद्यालयों के शैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी हो चुका है तथा चयन की प्रक्रिया जारी है, शेष अन्य पदों की पूर्ति भी प्रक्रियाधीन है। वर्तमान व्यवस्था अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य सुचारू रखने हेतु आवश्यकतानुसार विषय विशेषज्ञों को मानदेय पर अतिथि विद्वान के रूप में आमंत्रित किया जाता है। अशासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन द्वारा भर्ती किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
महाविद्यालयों में समस्त संकाय प्रारंभ करना
17. ( क्र. 1177 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक छात्रों को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मान्य समस्त संकायों की शिक्षा प्राप्त करने की उचित सुविधा उपलब्ध कराना शासन की जवाबदारी है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित धामनोद एवं धरमपुरी महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को संस्था प्रारंभ से ही मात्र कला एवं वाणिज्य संकाय की सुविधा ही क्यों दी जा रही है? (ग) विज्ञान एवं गणित संकाय आदि की उच्च शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने की निरंतर मांग करने के बावजूद अब तक उक्त सुविधा से वंचित रखे जाने का कारण बतावें। (घ) आगामी शिक्षा सत्र 2016-17 से उक्त संस्थाओं में विज्ञान एवं गणित आदि उच्च शिक्षा की सुविधा उपलबध करा दी जावेगी अथवा नहीं बतावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ, सीमित संसाधनों एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। (ख) आवश्यकतानुसार महाविद्यालय में कला एवं वाणिज्य संकाय प्रारम्भ किये गये है। (ग) सीमित संसाधनों के कारण उक्त सुविधा अभी तक नहीं दी जा सकी। (घ) संसाधनों में उपलब्धता के आधार पर आगामी कार्यवाही की जावेगी।
टोल प्लाजाओं पर व्यवस्था
18. ( क्र. 1178 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्गों पर स्थित टोल प्लाजाओं पर वरिष्ठ नागरिकों एवं एम्बुलेंस आदि वाहनों की निकासी हेतु पृथक से सुविधा प्रदान की जाना प्रावधानित है अथवा नहीं? प्राय: खलघाट, मानपुर इंदौर, देवास आदि मार्गों से निकलने वाले वरिष्टजनों एवं एम्बुलेंस में अन्यत्र ले जाये जा रहे मरीजों को परेशान होना पड़ता है, साथ ही टोल कर्मचारियों के द्वारा आये दिन वरिष्ठों से अभद्र व्यवहार किया जाता है? शासन मरीजों के स्वास्थ्य एवं वरिष्ठजनों के सम्मान हेतु उपरोक्त टोल प्लाजा संचालकों को वरिष्ठजनों व एम्बुलेंस को विशिष्ठ सुविधा देने हेतु कब तक निर्देशित करेगा, समयावधि बतावें? (ख) क्या रोड निर्माता कम्पनियों से शासन/विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ के पूर्व अनुबंध किया जाता है कि पूर्णता उपरांत उक्त मार्ग का उपभोक्ता शुल्क वसूल करने के पूर्व निर्माता कम्पनियों को रोड पर दुर्घटना की स्थिति में दुर्घटनाग्रास्त वाहन को हटाने के लिये क्रेन सुविधा एवं दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचाने के लिये एम्बुलेंस की सुविधा भी शुल्क प्लाजा पर सदैव उपलब्ध रखी जाना होगी? (ग) यदि हाँ, तो प्रदेश के उक्त मार्गों के किन-किन उपभोक्ता शुल्क प्लाजाओं पर उक्त सुविधाएं दी जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार के फी नोटिफिकेशन नियम 2008 के अनुसार टोल प्लाजा पर वरिष्ठ नागरिकों के निर्वाध आवागमन हेतु पृथक से कोई नियम नहीं है। लेकिन टोल प्लाजाओं पर एम्बूलेंस वाहनों की निर्वाध निकासी हेतु पृथक से लेन की व्यवस्था है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। (ग) लेबड़-मानपुर मार्ग पर मानपुर के नजदीक स्थित टोल प्लाजा एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3 के टोल प्लाजाओं (1) मांगलिया टोल प्लाजा के कि.मी. 591+775 (2) खलघाट टोल प्लाजा के कि.मी. 75+500 (3) सेंधवा टोल प्लाजा के कि.मी. 141+850 पर सुविधा दी जा रही है।
सिंहस्थ 2016 हेतु विभाग द्वारा किये गये कार्य
19. ( क्र. 1292 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा किस-किस मद में किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? उक्त कार्य किस दिनांक तक पूर्ण होना थे? इनमें से कितने कार्य नियत समयावधि में पूर्ण हुये एवं कितने कार्य नियत समयावधि में पूर्ण नहीं हो पाये एवं कितने कार्य अभी भी चल रहे हैं? कारण सहित पृथक-पृथक कार्य की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार नियत समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ, अ-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा महामृत्युजंय द्वार से त्रिवेणी तक सर्विस रोड निर्माण कार्य 1.4 कि.मी. निर्धारित समयविधि के बाद परन्तु सिहंस्थ 2016 प्रारंभ के पूर्व निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है, जिसका कारण सिहंस्थ 2016 के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिक उज्जैन द्वारा पेयजल पाइप लाइन डालने हेतु कार्य रोकने से कार्य प्रभावित हुआ था एवं तीन स्थानों पर लगभ्ग 200 मीटर लंबाई में भूमि विवाद के कारण मार्ग निर्माण के लिये आवश्यक भूमि नहीं मिलने के कारण उक्त स्थानो पर निर्माण कार्य नहीं किया जा सका है।
पुल-पुलियाओं की मरम्मत
20. ( क्र. 1314 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र के बड़वाहा सिद्ववरकुट मार्ग के चौड़ापाट ग्राम नवलपुरा की पुलिया मरम्मत, उसके रिटर्निंग वाल, ग्राम खनगाँव खेड़ी से टोल नाके पर सड़क निर्माण के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन को कितनी बार पत्र जारी किया गया है? इन प्राप्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। (ख) क्या बड़वाहा-सिद्ववरकुट मार्ग के चौड़ापाट नामक स्थान पर पुलिया क्षतिग्रस्त होने के कारण यह मार्ग वर्षाकाल में क्षतिग्रस्त होने की संभावना है। जिससे प्रसिद्ध सिद्ववरकुट पॉवर प्लांट का आवागमन बाधित हो सकता है। उक्त कार्य के बारे में बार-बार पत्र स्मरण पत्र जारी करने के उपरांत भी कार्य प्रारंभ न किये जाने के क्या कारण रहे हैं? (ग) क्या उक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित मरम्मत कार्य वर्षा पूर्व पूर्ण हो जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कब तक इसकी समय-सीमा बताई जावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
प्राप्त आवंटन एवं व्यय
21. ( क्र. 1376 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में छतरपुर जिले को 15-16 एवं 16-17 में वनों के विकास हेतु कितनी राशि राज्य सरकार द्वारा दी गई और वर्षवार कौन-कौन से कार्य वनों के विकास हेतु लिये गये? आय-व्यय का विवरण स्पष्ट रूप से कार्यवार दिया जावे? (ख) वन क्षेत्र में आने वाले गाँवों में शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत् उक्त वर्षों में कितने लोगों को लाभान्वित किया गया? (ग) क्या पानी की व्यवस्था हेतु जंगली जानवरों के लिए पानी की उपलब्धता हेतु कोई राशि व्यय कर कोई व्यवस्था विभाग द्वारा की गई? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नालियों एवं पुलियों का निर्माण
22. ( क्र. 1570 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत देहरदा-ईसागढ़ मार्ग (एस.एच. 10) के ग्राम पीरोंठ, खतौरा एवं पचावली में सड़क के दोनों ओर नालियों एवं पुलियों का निर्माण किया जाना शेष है? यदि हाँ, तो उक्त ग्रामों में सड़क के दोनों ओर नालियों एवं पुलियों का निर्माण कब तक करा दिया जाएगा? निश्चित समयावधि बताएं। (ख) क्या देहरदा-ईसागढ़ मार्ग एस.एस. 10 का ग्राम पीरोंठ, खतौरा एवं पचावली में निर्माण होने से मार्ग की ऊंचाई अधिक हो जाने के कारण उक्त ग्रामों में बरसात का पानी घरों में भर जाता है? यदि हाँ, तो उक्त ग्रामों में नालियों एवं पुलियों का निर्माण अभी तक क्यों नहीं कराया गया? उक्त निर्माण कब तक करा दिया जाएगा? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने तारांकित प्रश्न संख्या 40 (क्रमांक 4837) उत्तर दिनांक 15.03.2016 के माध्यम से ग्राम पीरोंठ, खतौरा एवं पचावली में पुलियों एवं नालियों का निर्माण कराए जाने हेतु शासन का ध्यान दिलाया था? यदि हाँ, तो इस पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) क्या देहरदा-ईसागढ़ मार्ग एस.एच. 10 पर देहरदा पचावली के बीच में एवं ग्राम तरावली के पास टोल का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त मार्ग के नालियों, पुलियों एवं मार्ग का संपूर्ण कार्य पूर्ण किए बगैर टोल-टैक्स वसूलने की अनुमति देगा? यदि हाँ, तो अपूर्ण कार्य के बावजूद टोल-टैक्स वसूलने की अनुमति क्यों दी जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंध में प्रावधानित पुलियाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। पानी की निकासी हेतु अतिरिक्त पुलिया निर्माण का कार्य चेंज ऑफ स्कोप में स्वीकृत कर कराया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में कुछ स्थानों पर वर्षा का पानी भरने का कारण सड़क की ऊँचाई नहीं है वरन अतिक्रमण एवं पानी के उचित निकास का अभाव है। नाली निर्माण का कार्य ग्राम खतौरा में प्रारंभ कर दिया है। शीघ्र ही नाली निर्माण का कार्य पूर्ण किया जावेगा। पानी की निकासी हेतु आवश्यक अतिरिक्त पुलियाओं का निर्माण कार्य चेंज ऑफ स्कोप अंतर्गत स्वीकृत कर कराया जावेगा। कार्य पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। विधानसभा प्रश्न क्रं. 4837 में ग्राम पीरोंठ, खातौरा एवं पचावली में पुलियों एवं नालियों का निर्माण कराये जाने के संबंध में उल्लेख नहीं था। अपितु विधानसभा प्रश्न क्रमांक 4823 एवं 297 में इस विषय का उल्लेख किया गया था। वर्तमान में नाली निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है। पानी की निकासी हेतु आवश्यक अतिरिक्त पुलियाओं का निर्माण कार्य चेंज ऑफ स्कोप अंतर्गत स्वीकृत कर कराया जावेगा। (घ) जी हाँ। कंसेशन अनुबंध क्लॉज 14.3.2 के अनुसार सड़क की 75 प्रतिशत लंबाई पूर्ण होने पर प्रोविजनल कम्पलीशन प्रमाण-पत्र स्वतंत्र इन्जीनियर द्वारा जारी किया जाता है। प्रोविजनल कम्पलीशन प्रमाण-पत्र जारी होने के पश्चात अनुबंध के क्लॉज-15.1 के अनुसार टोल वसूली प्रारंभ की जा सकती है। अतः 75 प्रतिशत सड़क कार्य पूर्ण होने की दशा में शेष कार्य को पंचलिस्ट में डालकर स्वतंत्र इन्जीनियर प्रोविज़नल कम्पलीशन प्रमाण पत्र जारी कर सकता है। वर्तमान में प्रोविजनल कम्पलीशन प्रमाण-पत्र जारी नहीं हुआ है। टोल टैक्स वसूली की अनुमति हेतु अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
अधिग्रहीत भूमियों के मुआवजे का वितरण
23. ( क्र. 1583 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न 2556, दिनांक 29.02.2016 के प्रश्न भाग (ग) एवं (घ) के उत्तर में बताया गया है कि सड़क निर्माण का सीमांकन करने एवं मुआवज़ा प्रकरण तैयार करने हेतु तहसील बिछुआ को कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा पत्र प्रेषित किया गया है? सीमांकन होने पश्चात कार्यवाही संभव होगा? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त प्रश्न और पत्र का संदर्भ देते हुए पत्र क्रमांक 666, दिनांक 19.05.2016 कलेक्टर छिंदवाड़ा, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग एवं तहसीलदार बिछुआ को प्रेषित कर सामरबोह-डोकलीकला-करेर-जमुनिया-लोहारबतरी-नवलगांव सड़क निर्माण का सीमांकन कर यदि सड़क निर्माण में निजी भूमि प्रभावित हुई है तो भूमिस्वामियों को मुआवज़ा भुगतान के संबंध में अनुरोध किया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या उक्त सड़क का सीमांकन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधान सभा प्रश्न एवं पत्र पर कार्यवाही नहीं करने वाले अधिकारी/कर्मचारी की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही तथा उक्त सड़क का सीमांकन कर सड़क निर्माण में प्रभावित निजी भूमियों के भूमिस्वामियों को मुआवज़ा शीघ्र भुगतान किये जाने का आदेश देगा? यदि हाँ, तो सीमांकन की समय-सीमा तथा मुआवज़ा भुगतान की समय-सीमा नियत करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। राजस्व विभाग द्वारा सड़क के आंशिक भाग का सीमांकन किया गया है एवं सड़क के शेष भाग निर्माण में आने वाली निजी भूमि का सीमांकन कार्य किया जाना है। (घ) राजस्व विभाग द्वारा मार्ग का सीमांकन कर मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है तद्नुसार मुआवजा प्रकरण प्राप्त होते ही स्वीकृति की कार्यवाही की जाकर, निजी भूमियों के भू-स्वामियों को मुआवजा शीघ्र ही भुगतान किया जावेगा। किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गलत स्थान पर निर्मित हो रहे फ्लाई ओवर का आमजन के द्वारा विरोध किया जाना
24. ( क्र. 1651 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना शहर के अंदर एक फ्लाईओवर के निर्माण का आमजन मानस के द्वारा विरोध किया जा रहा है? क्या उक्त फ्लाई ओवर के निर्माण को रोके जाने सिटीजन फोरम एवं अन्य संस्थाओं ने कलेक्टर सतना को ज्ञापन भी सौंपा है? किन-किन जन प्रतिनिधियों ने अपना विरोध लिखित एवं मौखिक रूप से विभाग के अधिकारियों के समक्ष दर्ज कराया है? (ख) क्या पन्ना नाका से सतना मैहर बायपास तक रोड के दोनों ओर फोरलेन निर्माण कार्य होने पर यातायात का दबाव कम हो सकता है? क्या रिंगरोड एवं बायपास जो पूर्व में स्वीकृत है निर्माणाधीन भी है का कार्य यदि अतिशीघ्र पूरा किया जाये तो शहर के अंदर ट्रैफिक का दबाव कम हो सकता है? अगर हाँ, तो बिन्दुवार विवरण दें। (ग) क्या सतना शहर के अंदर बने मुख्य बस स्टैण्ड को शहर के बाहर तीन या चार स्थानों पर सब बस स्टैण्ड के रूप में विकसित कर दिया जाये तो क्या शहर के अंदर यातायात का दबाव कम हो सकता है? क्या फ्लाई ओवर के निर्माण के पूर्व ट्रैफिक सर्वें में क्या इस विकल्प को ध्यान में रखा गया? टेक्निकल रूप से पूर्णतया त्रुटिपूर्ण फ्लाई ओवर का कार्य शासन को आम जनमानस की भावनायें देखते हुए तत्काल बंद कराना अत्यावश्यक है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। सतना जिले के बहुजन समाज पार्टी की विधानसभा इकाइयों के अध्यक्षों एवं जिला कांग्रेस कमेटी (शहर) सतना ने लिखित ज्ञापन दिया है। (ख) जी नहीं। सतना पन्ना रोड पर सोहावल से सतना मैहर रोड तक रिंग रोड एवं बायपास विद्यमान है। सड़क विकास निगम द्वारा सतना-बेला मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-75) बायपास निर्माणाधीन है। उक्त बायपास का निर्माण शहर के अंदर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-75 के ट्रैफिक के दबाव कम करने हेतु किया जा रहा है। सतना बेला मार्ग चारलेन में बी.ओ.टी. आधार पर विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना में 22.58 कि.मी. सतना बायपास निर्माणाधीन है। (ग) जी नहीं। जी हाँ, जी नहीं।
पदोन्नत में अनियमितता
25. ( क्र. 1691 ) श्री जितू पटवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा आदेश दिनांक 04.02.2012 से इंदौर, उज्जैन संभाग के दो सह प्राध्यापक के पदोन्नत में अनियमितता की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई उसकी सूची दें तथा बतावें कि उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण के समस्त बिन्दुओं की जाँच/पुनरीक्षण करने हेतु किसी अधिकारी/कमेटी को निर्देश दिया गया है यदि हाँ, जाँचकर्ता/कमेटी के सदस्यों के नाम बतावें तथा बतावें कि कमेटी तथा उसके सदस्यों के नाम किसकी अनुशंसा पर तय किये गये? (ग) कमेटी ने प्रकरण के किन-किन बिन्दुओं की जाँच की है उसकी सूची प्रस्तुत करें? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कमेटी की बैठक कब-कब हुई तथा अंतिम निष्कर्ष/रिपोर्ट कब प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के बिन्दुओं से अवगत करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग में सह प्राध्यापक का कोई पद निर्मित नहीं होने के कारण पदोन्नति में अनियमितता का प्रश्न नहीं उठता है। (ख, ग एवं घ) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. प्रशिक्षण केन्द्र
26. ( क्र. 1783 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी के अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने शासकीय एवं अशासकीय आई.टी.आई. प्रशिक्षण केन्द्र संचालित हैं? सूची उपलब्ध कराये? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत और भी आई.टी.आई. प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव शासन के पास लंबित है? यदि हाँ, तो किस-किस जगह पर कब तक खोले जायेगे? (ग) क्या आदिवासी विकासखण्ड धनौरा में आई.टी.आई प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने हेतु कोई प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में निम्नानुसार शासकीय आई.टी.आई., प्राईवेट आई.टी.आई. तथा कौशल विकास केन्द्र संचालित है।
स.क्रं. |
आई.टी.आई./कौशल विकास केन्द्र |
पता |
1 |
शासकीय आई.टी.आई., केवलारी |
पलारी तिराहा, केवलारी जिला सिवनी |
2 |
आर्दश प्राईवेट आई.टी.आई. |
पलारी, केवलारी जिला सिवनी |
3 |
विवेकानन्द प्राईवेट आई.टी.आई. |
ग्राम खुरसुरा (ईमलीटोला), थाना-उगली, तह. केवलारी, जिला सिवनी |
4 |
कौशल विकास केन्द्र |
धनौरी, तह. केवलारी, जिला सिवनी |
(ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं।
शास. इंजीनियरिंग कॉलेज सागर के शिक्षकीय स्टॉफ
27. ( क्र. 1841 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 24 (क्रमांक 2698) दिनांक 26.06.2014 (क) के उत्तरांश में बताया गया था कि इंदिरा गांधी शास. इंजीनियरिंग कॉलेज सागर में शिक्षकों के स्वीकृत पद 62 में से 21 पदों पर स्थायी पदस्थापना है तथा (ग) के उत्तरांश में बताया गया था कि नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में हैं। प्रश्नांश दिनांक तक उक्त परिप्रेक्ष्य में की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्थायी नियुक्त शिक्षक अन्यत्र जगहों पर प्रतिनियुक्ति/आसंजित है? यदि हाँ, तो क्या शासन छात्रों के हित में ऐसे शिक्षकों को अपने मूल विभाग में वापिस करने पर विचार करेगा तथा कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) माह जून, 2016 में इंदिरा गांधी शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, सागर में 08 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई हैं, जिनमें से प्रश्नांश दिनांक तक 07 सहायक प्राध्यापकों ने पदभार ग्रहण कर लिया है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
घाटीगांव क्षेत्र में तेंदुआ द्वारा घायल व्यक्तियों को मुआवजा
28. ( क्र. 1855 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जंगली जानवर, तेंदुआ, बाघ, रीछ या अन्य जंगली जानवरों द्वारा इन्सानों या पालतू जानवरों जैसे गाय, भैंस, बकरी, बैल इत्यादि पर हमला करने पर शासन की तरफ से घायल या मृत व्यक्ति या जानवर के लिये मालिक को शासन की तरफ से क्या सुविधायें/मुआवजा (राहत राशि) दी जाती है? (ख) ग्वालियर जिले के भितरवार विधान सभा क्षेत्र के घाटीगांव (बरई) विकासखण्ड में माह मई 2016 में तेंदुआ द्वारा किस-किस व्यक्ति को उनका नाम, पिता/पति का नाम, ग्राम, ग्राम पंचायत, जाति बतावें तथा कितने जानवरों को घायल या मारा गया? उनके नाम, ग्राम तथा उक्त दिवस से प्रश्न दिनांक तक शासन नियमानुसार उन प्रभावित व्यक्तियों तथा पशुओं के मालिकों को क्या-क्या लाभ/मुआवजा (राहत राशि) दिया गया है? (ग) यदि नहीं, दिया गया तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? उन दोषियों के प्रति क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। अब प्रभावित कृषकों को कब तक मुआवजा (राहत राशि) दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। वन्य प्राणियों द्वारा जन-हानि, जन घायल, पशु हानि एवं पशु घायल किये जाने पर क्षतिपूर्ति राशि प्रभावित व्यक्ति/उत्तराधिकारी को दिये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वनमंडल/जिला ग्वालियर के अंतर्गत भिरतवार विधान सभा क्षेत्र के घाटीगांव (बरई) विकासखंड में माह मई, 2016 में तेंदुआ द्वारा घायल किये गये व्यक्तियों को भुगतान किये गये मुआवजा (राहत राशि) का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर एवं मृत/घायल जानवरों (पालतू पशुओं) का विवरण तथा पशुओं के मालिकों को भुगतान किये गये मुआवजा (राहत राशि) का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) तेन्दुए द्वारा घायल मात्र दो व्यक्ति श्री देवेन्द्र सिंह पुत्र सोवरन सिंह गुर्जर निवासी-तिलावनी एवं श्री कप्तान सिंह पुत्र लालराम सिंह गुर्जर निवासी-निरपतपुरा को उनकी चिकित्सा पर हुए व्यय की राशि का भुगतान, उनके द्वारा दवाइयों के बिल एवं अस्पताल का डिस्चार्ज टिकिट उपलब्ध नहीं कराये जाने से अभी नहीं हुआ है। इसके लिये कोई कर्मचारी/अधिकारी दोषी नहीं है। अत: दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मार्गों का निर्माण
29. ( क्र. 1868 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने मार्ग स्वीकृत किए गए एवं कितने प्रस्तावित हैं? मार्ग कहाँ से कहाँ तक स्वीकृत हैं तथा कार्य प्रारंभ एवं कार्य पूर्ण करने की क्या अवधि है? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित मार्गों के लिये कितनी राशि स्वीकृत है? किस मार्ग का ठेका किस ठेकेदार को दिया गया है? मार्गवार बतावें। (ग) क्या निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण न करने पर ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर ठेके निरस्त किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण है जिनमें समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किया जाने पर कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) स्वीकृत कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रस्तावित कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश अवधि में ऐसा कोई प्रकरण नहीं है।
खेलों को प्रोत्साहन
30. ( क्र. 1869 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने व युवाओं के कल्याण हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं? क्या उक्त योजनाओं में ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की भागीदारी के शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो बतावें। (ख) प्रश्न (क) के अनुसार यदि हाँ, तो वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी खेल एवं युवा कल्याण गतिविधियां पन्ना जिले में कहाँ-कहाँ आयोजित की गई? किस गतिविधि के आयोजन में कितनी राशि व्यय की गई तथा कितने प्रतिभागियों ने भाग लिया एवं किस जनप्रतिनिधि को आमंत्रित किया गया? (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त आयोजित गतिविधियों में फर्जी करण की मंशा से जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया जाता है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। निर्देशों की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) पन्ना जिले में आयोजित खेल गतिविधियों, आयोजन स्थल, आयोजन में व्यय राशि, भाग लेने वाले प्रतिभागियों एवं आमंत्रित जनप्रतिनिधियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। पन्ना जिले में विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है।
सड़कों की जानकारी
31. ( क्र. 1926 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से नवीन मार्गों की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) क्या बरमान से तेंदूखेड़ा मार्ग का डी.पी.आर. (मजबूतीकरण) विभाग को प्रेषित किया जा चुका है? (ग) यदि हाँ, तो बरमान से तेंदूखेड़ा मार्ग निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) गाड़रवारा तेंदूखेड़ा मार्ग से मनकापुर तक लं. 1.40 कि.मी. लागत रू. 110.05 लाख की स्वीकृति दिनांक 02.04.2016 को प्रदान की जा चुकी है। अन्य मार्गों की स्वीकृतियों के बारे में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। उपलब्ध योजना सीमा के अनुपात में कार्यों की स्वीकृति पूर्व में ही दी जा चुकी है।
देव स्थानों का जीर्णोद्धार
32. ( क्र. 1958 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देपालपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत पाँच वर्षों में किन-किन देव स्थानों का जीर्णोद्धार किया गया? (ख) उपरोक्त में से कितने देव स्थानों पर कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई और उस राशि का कितना उपयोग जीर्णोद्धार में किया गया? (ग) कितने देव स्थानों में कार्य पूर्ण हो गया है और कितनों में समयावधि बीत जाने के बाद भी कार्य शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे? (घ) ऐसे कितने देव स्थान हैं जिनके जीर्णोद्धार की राशि स्वीकृत होने के पश्चात् भी कार्य नहीं किया गया या अधूरा है इसके लिए कौन उत्तरदायी है और उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
देपालपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्माणाधीन कार्य
33. ( क्र. 1959 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देपालपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में पुल-पुलियाओं एवं सड़कों का निर्माण किया गया तथा कितनी निर्माणाधीन है? (ख) उक्त निर्माणाधीन पुल-पुलियाओं एवं सड़कों का कार्य समयावधि बीत जाने के बाद भी शेष या अधूरा है तथा यह कब तक पूर्ण हो जावेगा? कार्य में विलंब होने का कारण स्पष्ट करें? (ग) उक्त कार्यों का गुणत्ता परीक्षण निरीक्षण के क्या नियम या मानक है? क्या मानक अनुसार गुणवत्ता का निरीक्षण परीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब और किनके द्वारा? (घ) कितनी पुल-पुलियाओं एवं सड़कों के निर्माण प्रस्तावित है? सूची उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) सड़क कार्यों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं पुल कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ग) एम.ओ.आर.टी. एण्ड एच के निर्धारित मापदण्डानुसार परीक्षण निश्चित आवृत्ति में करने के नियम है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रदेश के महाविद्यालयों की जनभागीदारी समिति में अध्यक्षों की नियुक्ति विषयक
34. ( क्र. 1988 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के विभिन्न महाविद्यालयों में गठित जनभागीदारी समिति में अध्यक्षों के नाम विधानसभा अनुसार तथा महाविद्यालयों के नाम अनुसार बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित में से ऐसे कितने महाविद्यालय है जहां स्थानीय विधायकों को विषयांकित समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है? (ग) क्या भाजपा पार्टी से चुने गये विधायकों को ही विषयांकित समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है तथा अन्य पार्टियों से जीते विधायकों अथवा निर्दलीय विधायकों को अध्यक्ष नहीं बनाया गया? (घ) क्या शासन विषयांकित समितियों में स्थानीय विधायकों को ही अध्यक्ष बनाए जाने संबंधी आदेश पर विचार करेगा ताकि शासन के निर्णय को आम जनता में उचित ठहराया जा सके?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार सभी 29 महाविद्यालयों में स्थानीय विधायकों को अध्यक्ष मनोनीत किया गया। (ग) माननीय विधायकगणों को मनोनीत किया गया है। (घ) स्थानीय विधायकों को ही अध्यक्ष बनाए जाने संबंधी कोई आदेश नहीं है। अन्य गणमान नागरिकों को भी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
तहसील नईसरांय में महाविद्यालय की स्वीकृति
35. ( क्र. 1997 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के तहसील नईसराय में क्या महाविद्यालय खोला जायेगा? (ख) क्या तहसील नईसराय में महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित है? यदि खोला जायेगा तो कब तक खोला जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं, उत्तरांश ''क'' अनुसार निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति न होने के कारण नईसराय में महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनकेड़ी-कुसली-नवीन चरगंवा मार्ग निर्माण
36. ( क्र. 2017 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बरगी वि.स. क्षेत्र के शहपुरा वि.ख. के अंतर्गत ग्राम मनकेड़ी से कुसली नवीन चरगंवा मार्ग निर्माण कब प्रारंभ हुआ? अब तक उक्त मार्ग निर्माण का कितना कार्य हो चुका है? कार्य हेतु आयटमवार कितना-कितना भुगतान किया गया? कितना निर्माण कार्य शेष है? शेष निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सागर जिले के एम.ओ.यू. साईन
37. ( क्र. 2104 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में म.प्र. सरकार द्वारा उद्योगों की स्थापना हेतु कितने एम.ओ.यू. साईन किये गये? (ख) कितने एम.ओ.यू. साईन होने के उपरांत म.प्र. सरकार द्वारा उद्योगों की स्थापना हेतु जमीन आरक्षित की गई? (ग) कितने एम.ओ.यू. साईन होने के उपरांत उद्योग स्थापित किये जा चुके हैं/किये जाने हैं? (घ) यदि एम.ओ.यू. साईन एवं जमीन उपलब्धता आदि संपूर्ण कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत भी विभाग द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किये गये हैं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विगत 05 वर्षों में मध्यप्रदेश ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन कार्पोरेशन लि.एवं म.प्र. आद्यौगिक केन्द्र विकास निगम (म.प्र.शासन के उपक्रम) दवारा सागर जिले के लिए 5 एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए है। (ख) उद्योगों की स्थापना हेतु जमीन आरक्षित करना एक सतत्/ निरंतर प्रक्रिया हैं। (ग) सागर जिले के लिए हस्ताक्षरित 05 एम.ओ.यू. में से 2 एम.ओ.यू. परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हो चुका हैं तथा 3 एम.ओ.यू. परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न स्तरों पर प्रक्रियाधीन हैं। (घ) निवेशक/उद्यमियों दवारा उद्योग स्थापित किए जाते हैं। राज्य शासन उद्योगों की स्थापना में फेसिलिटेटर का कार्य करता हैं। चूंकि विभाग द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किए जाते हैं। अत: शेष प्रश्नांश के उत्तर देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
शासकीय पॉलिटेक्निक माहविद्यालय सागर में नियमित प्राचार्य की नियुक्ति विषयक
38. ( क्र. 2105 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत कितने वर्षों से शास. पॉलिटेक्निक महाविहद्यालय सागर में प्रभारी प्राचार्य पदस्थ हैं? प्रभारी प्राचार्य हेतु निर्धारित योग्यता की जानकारी देवें? (ख) यदि शास. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सागर में नियमित प्राचार्य नहीं हैं तो क्या कार्यरत प्रभारी प्राचार्य अखिल भारतीय तकनीकी परिषद् नई दिल्ली द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता व अनुभव रखता है? क्या वह संबंधित संस्था में वरिष्ठतम प्राध्यापक हैं? यदि नहीं, तो किन परिस्थितियों में यह निर्णय लेते हुए उन्हें प्रभारी प्राचार्य का पद सौंपा। (ग) यदि वर्तमान में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य वरिष्ठतम प्राध्यापक एवं तकनीकी प्राध्यापक/उच्च वेतनमान की योग्यता नहीं रखते हैं तो विभाग द्वारा प्रभारी प्राचार्य का दायित्व सौंपने का क्या कारण है? (घ) कितनी समयावधि तक उक्त प्रभारी प्राचार्य इस पद पर बने रहेंगे? क्या वरिष्ठतम प्राध्यापक को प्रभारी प्राचार्य बनाया जावेगा? यदि बनाया जावेगा तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) विगत 06 वर्षों से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् द्वारा प्रभारी प्राचार्य हेतु अलग से योग्यता निर्धारित नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। महाविद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षक ने पारिवारिक कारणों से प्राचार्य का प्रभार लेने में असमर्थता को दृष्टिगत रखते हुये प्रभार सौंपा गया है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराना
39. ( क्र. 2119 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा वर्ष 2012 - 2013 से आज दिनांक तक में कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है? कितने प्रशिक्षण उपरांत योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने पर कितने प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है वर्गवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितने प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार मूलक ऋण उपलब्ध कराया गया है वर्गवार, बैंकवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) कौशल विकास योजना अंतर्गत शासन द्वारा प्रशिक्षण के लिए वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक में वर्षवार कितनी राशि खर्च की गयी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत संचालित कौशल विकास केन्द्र, चितरंगी में वर्ष 2012-13 से आज दिनांक तक प्रवेशित एवं उर्त्तीण प्रशिक्षणार्थियों की वर्गवार तथा जितने प्रशिक्षाणार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है एवं जिनके ऋण स्वीकृत किये गये है कि जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्षवार व्यय राशि का विवरण निम्नानुसार है :-
व्यय राशि का विवरण- |
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वर्ष 2012-13 |
वर्ष 2013-14 |
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
वर्ष 2016-17 |
136000 |
1350000 |
280000 |
410000 |
75000 |
128000 |
830000 |
480000 |
280000 |
67500 |
144000 |
30000 |
144912 |
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प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति
40. ( क्र. 2147 ) श्री अनिल जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय निवाड़ी में संकायवार प्राध्यापकों की अत्यधिक कमी है? जिस कारण महाविद्यालय में अतिथि विद्वानों के माध्यम से सेवायें ली जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो संकायवार स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी देवें तथा रिक्त पड़े संकायवार पदों को कब तक भर लिया जायेगा? ताकि स्नात्कोत्तर कक्षाओं में पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रखा जा सके? (ग) यदि हाँ, तो संकायवार स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी देवें तथा रिक्त पड़े संकायवार पदों को कब तक भर लिया जायेगा? ताकि स्नात्कोत्तर कक्षाओं में पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रखा जा सके?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) संकायवार स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.16 को विज्ञापन जारी हो चुका है, पूर्ति की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार रिक्त पदों के विरूद्ध विषय विशेषज्ञों के अतिथि विद्वानों को आवश्यकतानुसार आमंत्रित कर अध्यापन कार्य सुचारू रूप से किया जाता है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
मंदिरों एवं धार्मिक स्थल की भूमि पर अतिक्रमण
41. ( क्र. 2268 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में माफी औकाफ विभाग के अंतर्गत कुल कितने मंदिर एवं धार्मिक स्थल है तथा उनके नाम से कितनी भूमि राजस्व रिकार्ड में अंकित है? मंदिर एवं धार्मिक स्थल की भूमिवार पृथक-पृथक नामवार जानकारी दी जावें? (ख) क्या भिण्ड जिले की मेंहगाँव तहसील में स्थित जगन्नाथ जी का मंदिर मेघपुरा, राम-जानकी मंदिर सोनी एवं अन्य मंदिरों एवं धार्मिक स्थल की भूमि पर अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों के द्वारा कितनी-कितनी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, उनकी जानकारी नामवार उपलब्ध कराएं। (ग) क्या विभाग उन अतिक्रामक व्यक्तियों से उक्त भूमि को मुक्त करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बद्री विशाल मंदिर ट्रस्ट मनासा जिला नीमच की अनियमिताएं
42. ( क्र. 2314 ) श्री कैलाश चावला : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बद्री विशाल मंदिर ट्रस्ट मनासा जिला नीमच का गठन किस वर्ष में किया गया था? (ख) ट्रस्ट के ट्रस्टी कौन-कौन हैं? नाम एवं पता सहित जानकारी दें। यदि ट्रस्टियों में परिवर्तन किया गया है, तो परिवर्तन दिनांक सहित ट्रस्टियों की जानकारी देवें। (ग) ट्रस्ट डीड के अनुसार ट्रस्ट की बैठक कितनी अवधि में होना अनिवार्य हैं। क्या उक्त निर्धारित अवधि में ट्रस्ट की बैठक आयोजित की गई है? यदि नहीं, तो उसके क्या कारण हैं। (घ) ट्रस्ट की चल अचल संपत्ति का ब्यौरा एवं उससे प्राप्त होने वाली वार्षिक आय और व्यय की विगत 05 वर्षों की जानकारी प्रदान करें। (ड.) क्या नियमानुसार ट्रस्ट का वर्षवार ऑडिट कराया गया है एवं ट्रस्ट की होने वाली आय को जमा किए जाने हेतु बैंक का खाता खोला गया हैवर्तमान में बैंक खाते में कितनी राशि जमा है? ट्रस्ट की आय की कितनी राशि ट्रस्टियों द्वारा बैंक में जमा न कर अपने पास रखी हुई है? क्या विभाग ट्रस्ट की अनियमिताओं की जाँच करवा कर नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश देगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बारहावड़ा से चावरपानी तक सड़क निर्माण
43. ( क्र. 2336 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा वि.स. के बारहावड़ा से छिन्दवाड़ा जिले के चावरपानी तक क्या कोई सड़क स्वीकृत है वह सड़क कहाँ से कहाँ तक एवं कितनी लंबाई की स्वीकृत है, इसके निर्माण में क्या कठनाई आ रही है? यदि हाँ, तो इसका निराकरण करके जनहित में इस महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण कब तक शुरू कर दिया जायेगा? (ख) क्या इस सड़क का प्राक्कलन बना हुआ है तथा कितने किलो मीटर लंबाई और कितनी राशि से सड़क निर्माण किया जाना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। सड़क निर्माण हेतु केन्द्रीय सड़क निधि के अंतर्गत प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विभाग से अन्य विभागों में प्रतिनियुक्तियां
44. ( क्र. 2348 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा निर्धारित प्रतिनियुक्ति के नियम की प्रति प्रस्तुत करें? तकनीकी शिक्षा विभाग से अन्य विभागों में कौन-कौन व्यक्ति प्रतिनियुक्ति पर है और अन्य विभाग से तकनीकी शिक्षा में कौन-कौन प्रतिनियुक्ति पर है? (1) नाम व पद, (2) मूल विभाग, (3) जहां प्रतिनियुक्ति है वह स्थान व पद, (4) प्रथम बार से लगातार प्रतिनियुक्ति पर हैं प्रथम बार का दिनांक, (5) कब-कब अवधि बढ़ाई गई और संबंधित विभाग की अनुमति की प्रति प्रस्तुत करें? क्या प्रतिनियुक्ति के कारण विभाग के अन्य कर्मचारियों की पदोन्नति प्रभावित नहीं होती? (ख) क्या उच्च शिक्षा में प्रत्येक विषय में सहायक प्राध्यापक और प्राध्यापक के पद रिक्त हैं? विषयवार संख्या बतायें, रिक्त पदों वाले विषयों के कितने-कितने सहायक अध्यापक, अध्यापक अन्यत्र प्रतिनियुक्ति पर हैं? (ग) क्या एक प्राध्यापक उच्च शिक्षा से करीब दस वर्ष से अन्यत्र प्रतिनियुक्ति पर है और वर्तमान में स्कूल शिक्षा में संयुक्त संचालक के पद पर है? उसको वापस बुलाने हेतु कितनी बार पत्र लिखा? सभी की प्रतियां देवें। क्या एक बार सन् 2007 में प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी थी उसने न्यायालय से स्थगन लिया था और समय अवधि पूर्ण होने पर पुन: उसे वहां पर प्रतिनियुक्ति दे दी? पहले हटाने का और फिर पुन: प्रतिनियुक्ति करने का कारण स्पष्ट करें? जबकि यह निलंबित भी हो चुका है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
आरोपियों के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं किया जाना
45. ( क्र. 2361 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न संख्या 24 (क्र. 533), दिनांक 29.02.2016 के उत्तर में माननीय मंत्री जी ने भाग (क) के संबंध में अवगत कराया गया है कि उल्लेखित अधिकारी/कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है शेष का प्रश्न नहीं? तो क्या शेष कर्मचारी (तत्समय भण्डारी तथा लेखापाल) औ.प्र.सं. मुरैना में किये गये भ्रष्टाचार में संलिप्त नहीं रहे हैं, जबकि कलेक्टर मुरैना ने पत्र क्र. 10425 दिनांक 15.12.2014 के संलग्न जाँच प्रतिवेदन क्र. 1003 दिनांक 27.09.2014 एवं संयुक्त संचालक ग्वालियर के जाँच प्रतिवेदन क्र./क्षे.का./स्था./गोप./शिका./जाँच प्रति./2015/09 दिनांक 14.02.2015 में भण्डारी लिपिक (रविशंकर आर्य, रामज्ञान प्रजापति) तथा लेखापाल (प्रबल शर्मा) को दोषी ठहराया है? (ख) यदि दोषी ठहराया गया है तो क्या ये कर्मचारी दोषी होने पर भी निलंबित क्यों नहीं होगे? क्या औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था मुरैना की जाँच को शिकायती बिंदुओं पर ही केन्द्रित कर जाँच की गई है, जबकि शिकायतकर्ताओं ने अपने शिकायती आवेदनों में श्री पवन कुमार ओरिया के औ.प्र.सं. मुरैना के समस्त कार्यकाल अवधि नवंबर 2011 से फरवरी 2015 तक औ.प्र.सं. मुरैना हेतु समस्त क्रय की गई सामग्री, औजार उपकरण, कच्चा माल, स्टेशनरी छात्रों को मिलने वाले घटिया भोजन आदि की निष्पक्ष विस्तृत जाँच कराने का अनुरोध बार-बार किया गया लेकिन जाँच के बिन्दुओं को सीमित कर अल्प जाँच की गई है? (ग) क्या औ.प्र.सं. मुरैना की समस्त क्रय की जाँच आज दिनांक तक किसी भी जाँच अधिकारी द्वारा नहीं की गई है क्यों कारण सहित बताएं? (घ) क्या समस्त क्रय की विस्तृत जाँच कराई जाएगी एवं लापरवाह जाँच अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक बताएं?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। प्रवल शर्मा, रविशंकर आर्य एवं श्री रामज्ञान प्रजापति को दोषी नहीं पाया गया है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जाँच प्रक्रियाधीन है। (ग) जाँच प्रक्रियाधीन है। (घ) जाँच प्रक्रियाधीन है। जाँच पूर्ण होने पर यथा निर्णय लिया जाएगा। समयावधि बताना संभव नहीं है।
महाविद्यालयों कम्प्यूटर आपरेटरों की अवैध नियुक्ति
46. ( क्र. 2365 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत समस्त महाविद्यालयों में कम्प्यूटर ऑपरेटरों के कितने पद स्वीकृत हैं, महाविद्यालयवार बताएं? (ख) क्या म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक 347/आ.उ.शि./नि.क./08 भोपाल दिनांक 22.10.2008 को आदेश प्रसारित किये गये थे कि कोई भी प्राचार्य कम्प्यूटर ऑपरेटर नहीं रख सकते, अगर रखता है तो उस ऑपरेटर के मानदेय का भुगतान अपने स्वयं के वेतन से करेंगे? (ग) क्या रीवा एवं सागर संभाग के महाविद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा कम्प्यूटर ऑपरेटर जनभागीदारी से अपनी मर्जी से रख लिए गये हैं एवं उसी मद से भुगतान किया जा रहा है? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर हां, है तो क्या प्राचार्यों द्वारा अपनी मर्जी से इन ऑपरेटरों को किये गये भुगतान की वसूली संबधित प्राचार्यों से कब तक की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत समस्त महाविद्यालयों में कम्प्यूटर ऑपरेटरों के कोई भी पद स्वीकृत नहीं हैं। (ख) जी हाँ। प्राचार्यों द्वारा कम्प्यूटर ऑपरेटर रखने पर उनको किये जाने वाले भुगतान प्राचार्यों के वेतन से किये जाने का उक्त पत्र में कोई उल्लेख नहीं है। (ग) रीवा एवं सागर संभाग में जनभागीदारी समिति द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर जनभागीदारी मद से कम्प्यूटर ऑपरेटर रखे गये। (घ) सम्बन्धित महाविद्यालयों के प्राचार्यों से स्थिति स्पष्ट कराई जाकर यथा योग्य कार्यवाही की जावेगी।
पुल निर्माण
47. ( क्र. 2416 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र की जनता की पुरजोर मांग पर घोषणा क्र. ए. 3093 द्वारा सिंहपुरा-तैड़ोत के मध्य पहूज नदी पर पुल निर्माण की घोषण की थी? (ख) क्या इस पुल के निर्माण से भाण्डेर इन्दरगढ़ की दूरी बहुत कम होकर इस क्षेत्र के निवासियों को काफी राहत मिलेगी और भाण्डेर एवं सेवढ़ा विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए आवागमन सुलभ और सस्ता होगा? (ग) क्या पुल निर्माण का सर्वे कार्य, प्राक्कलन आदि समस्त औपचारिकतायें पूर्ण होकर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु लंबित है? (घ) यदि हाँ, तो मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्र. ए.3093 के क्रियान्वयन हेतु पुल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी हो जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) विभाग में लंबित नहीं। (घ) प्रस्तावित पुल के दोनों ओर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत मार्ग से जुड़े होने से विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की जाना है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़कों का निर्माण
48. ( क्र. 2417 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र की उड़ीना तालगांव, आलमपुर रोड, भाण्डेर से रामगढ़ रोड, भाण्डेर से कामद रोड, भाण्डेर से सरसई रोड, कामद से इन्दरगढ़ रोड, अकोला प्रधानमंत्री रोड से राव सुफेटा रोड जीर्ण शीर्ण अवस्था में है? (ख) क्या सरसई भाण्डेर के निर्माण का कार्य धीमी गति से चल रहा है? (ग) क्या इन मार्गों की खस्ता हालत के कारण आवागमन बाधित हो रहा है? (घ) क्या इन मार्गों के निर्माण हेतु कोई कार्ययोजना है? यदि नहीं, तो इन मार्गों का निर्माण कब तक कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। अकोला प्रधानमंत्री रोड से राव सुफेटा रोड लोक निर्माण विभाग के अधीन नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सामाजिक संस्थाओं की फाईलिंग फीस
49. ( क्र. 2435 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में सामाजिक संस्थाओं द्वारा धारा 27 एवं 28 की जानकारी सम्मिलित करने हेतु फाईलिंग फीस 200/- रूपये से बढ़ाकर एक-एक हजार कर दी गई है तथा विलंब शुल्क भी दुगुना कर दिया गया है? साथ ही इसका चालान एम.पी. ऑनलाइन से जमा करने की अनिवार्यता रखी गई है, जिसके कारण एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क संचालक द्वारा प्रति चालान 150 से 200/- रूपयों तक की राशि वसूली जा रही है, जबकि यही चालान भारतीय स्टेट बैंक से बनवाये जाने पर नि:शुल्क चालान बनाया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या भारतीय स्टेट बैंक से चालान द्वारा फाईलिंग फीस जमा करने हेतु सुविधा संस्थाओं को दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो स्पष्ट विवरण देवें। (ग) भोपाल जिले के अंतर्गत धारा 27 की प्रमाणित सूची दिये जाने हेतु वर्ष 2016 में कितने संस्थाओं द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं, जिन्हें अभी तक प्रमाणित सूची नहीं दी गई है? सूची निश्चित समय-सीमा में नहीं देने के कारण उत्तरदायी दोषी अधिकारी/ कर्मचारी कौन है? इनके विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में आवेदक संस्था को आवेदन से कितने दिनों के अंदर सूची दिये जाने का प्रावधान है? यदि कोई निश्चित समय-सीमा का प्रावधान है तो इसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। धारा 27 एवं 28 की फीस 200/ रूपये से बढ़ा कर 1000/- रूपये की गई है। विलम्ब होने पर दुगना शुल्क संबंधी प्रावधान पूर्व से ही है। म.प्र. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के तहत प्राप्त होने वाले शुल्क का चालान एमपी ऑनलाइन से जमा करने की अनिवार्यता नहीं है। इसलिये शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) साइबर ट्रेजरी के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक से ऑनलाइन चालान जमा करने की सुविधा लागू है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भोपाल जिले के अंतर्गत धारा 27 की प्रमाणित सूची हेतु वर्ष 2016 में प्राप्त 326 आवेदन में से 67 आवेदनों पर कार्यवाही विचाराधीन होने से प्रमाणित सूची नहीं दी गई है। म.प्र. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 में समय-सीमा निश्चित न होने से शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी प्रश्नांश (ग) में दिये गये अनुसार है।
क्षतिग्रस्त सड़कों का सुधार
50. ( क्र. 2436 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में वर्तमान में कौन-कौन सी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं? (ख) क्षतिग्रस्त सड़कों का कितनी-कितनी राशि का प्राक्कलन तैयार किया गया है? (ग) क्षतिग्रस्त सड़कों का कब तक सुधार किया जावेगा ताकि आम जनता को आवागमन में सुविधा हो सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त सड़क विकास निगम के अंतर्गत (1) हीरापुर बमनौरा मार्ग जिसका 10.00 कि.मी. भाग (2) हीरापुरा-दमोह मार्ग का 3.80 कि.मी. भाग एवं (3) टीकमगढ़ शाहगढ़ मार्ग का 5.90 कि.मी. भाग में तीनो मार्ग वर्तमान संतोषजनक स्थिति में है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार इसके अतिरिक्त बण्डा शाहपुर परसोदिया मार्ग लंबाई 33.00 कि.मी. का विस्तृत डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रगतिरत है अत: अभी प्राक्कलन की राशि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
पांदा से गुर्जर गुराडीया तक सड़क निर्माण
51. ( क्र. 2458 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पांदा से ग्राम गुर्जरा गुराडीया तहसील सोनकच्छ तक सड़क स्वीकृत है? यदि है तो किस योजना में है? (ख) यदि स्वीकृत है तो कब तक निर्माण कार्य शुरू होगा? यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ग) यदि कार्यवाही प्रचलित है तो जानकारी स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग इस विभाग के अन्तर्गत नहीं है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित मार्ग इस विभाग के अन्तर्गत नहीं है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित मार्ग इस विभाग के अन्तर्गत नहीं है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
छात्रवृत्ति का भुगतान
52. ( क्र. 2467 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के ऐसे कितने जिले हैं जहां पर प्राइवेट (मान्यता प्राप्त) B.ed कॉलेजों द्वारा अनेक कॉलेजों में अध्ययनरत अनु.जाति के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भुगतान नहीं की गई है? विगत 3 वर्ष की जानकारी प्रदाय कराई जावे तथा ऐसे कॉलेजों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही संभव हो सकेगी? (ख) क्या नीलकण्ठ शिक्षा महाविद्यालय भिण्ड द्वारा B.ed सत्र 2011-12 में अध्ययनरत छात्रों को आरक्षित वर्ग की छात्रवृत्ति का भुगतान आज तक नहीं किया है, ऐसा क्यों? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कॉलेज को आरक्षित वर्ग B.ed के छात्रों को उनकी छात्रवृत्ति दिलाने हेतु निर्देशित करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मध्यप्रदेश में 12 जिले हैं जहाँ पर प्राईवेट (मान्यता प्राप्त) बी.एड. कॉलेजों द्वारा अनेक कॉलेजों में अध्ययनरत अनु.जाति के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भुगतान नहीं की गई है। विगत 03 वर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) भिण्ड जिले के नीलकण्ठ शिक्षा महाविद्यालय में बी.एड. वर्ष 2011-12 में अध्ययनरत छात्रों को छात्रवृत्ति के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
हरदा छीपानेर रोड में निर्माण
53. ( क्र. 2497 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनवाया गया हरदा से छीपानेर रोड की कुल लम्बाई व चौड़ाई कितनी है व कितनी लम्बाई व चौड़ाई रोड पर डामरीकरण किया गया है? (ख) अमूमन रोडों का ढलान बीच से दोनों तरफ होता है, परन्तु उक्त रोड का ढलान एक ओर होने से वह तकनीकी रूप से ठीक नहीं है जिससे उक्त रोड पर अभी तक विभिन्न दुर्घटनाओं में लगातार 24 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है तो क्या उक्त रोड का वरिष्ठ अधिकारियों से तकनीकी परिक्षण कराया गया है। यदि हाँ, तो जाँच रिर्पोट उपलब्ध करावें? (ग) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है व कब तक तकनीकी परिक्षण करा लिया जावेगा? (घ) उक्त रोड पर ग्राम अबगाँव खुर्द के पास बना पुल टूटने से भी एक व्यक्ति की मौत ठेकेदार की लापरवाही से हो गई थी, उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो उसका क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) हरदा-छीपानेर मार्ग की कुल लंबाई 29.30 कि.मी. है एवं चौड़ाई 5.50 मी.+ 2.25 मी. दोनों ओर हार्ड शोल्डर कुल चौड़ाई 10 मी. है। 29.30 कि.मी. लंबाई एवं 5.50 मी. चौड़ाई में डामरीकरण कार्य किया गया है। (ख) आई.आर.सी. के मापदण्ड अनुसार डामरीकृत सतह पर सड़क के मध्य से दोनों ओर शोल्डर (पटरी) की ओर ढलान 2.5 प्रतिशत (केम्बर) रखा गया है। जहां-जहां पर कर्व पोर्शन है वहां सड़क का ढलान एक तरफ (अंदर की साइड) रखा जाता है। केम्बर के कारण किसी भी दुर्घटना या मृत्यु की जानकारी इस विभाग को नहीं हैं। तकनीकी परीक्षण की आवश्यकता नहीं हैं। जाँच रिपोर्ट का प्रश्न ही नहीं हैं। (ग) निर्माण कार्य आई.आर.सी. के मापदण्ड अनुसार कराया गया है। तकनीकी परीक्षण की आवश्यकता नहीं हैं। (घ) दिनांक 27.06.2015 को पुल सुधार हेतु लाये गये बोल्डरों को अनलोड करते समय डंपर के पलट जाने से पुल की रिटेनिंग वाल का कुछ हिस्सा टूट गया और एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी। विभाग एवं ठेकेदार की गलती नहीं थी। आसामयिक दुर्घटना घटित हुई। अतः कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
समस्याओं के निराकरण पर विचार
54. ( क्र. 2513 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में उच्च शिक्षा/तकनीकी शिक्षा हेतु कक्षा 12 वीं के गणित विषय के विद्यार्थी द्वारा आई.आई.टी. की परीक्षा के अतिरिक्त अन्य परीक्षा एवं अन्य विषय कृषि, जीव विज्ञान की परीक्षा उत्तीर्ण कर पी.ए.टी. की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर कृषि महाविद्यालय में प्रवेश ले लेते हैं? यदि हाँ, तो बतायें? नहीं तो कारण बतावें? (ख) क्या प्रदेश उच्च शिक्षा/तकनीकी शिक्षा हेतु कक्षा 12 वी कृषि, जीव विज्ञान विषय के विद्यार्थी शासकीय/अर्द्ध अशासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु मात्र पी.ए.टी. की परीक्षा उत्तीर्ण कर, कृषि एवं मेडीकल महाविद्यालय में से प्रवेश लेते हैं? (ग) क्या कक्षा 12 वीं के कृषि विषय के विद्यार्थियों के साथ न्याय नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो न्यायोचित प्रक्रिया पर शासन विचार कर कृषि विषय के विद्यार्थी ही पी.ए.टी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर कृषि महाविद्यालय में प्रवेश कर शिक्षा प्राप्त करें एवं अन्य विषय वाले नहीं? क्या ऐसे नियमों में परिवर्तन करेंगे एवं कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (घ) क्या म.प्र. में पी.ए.टी. की लगभग महाविद्यालयों में 700 सीटें उपलब्ध रहती हैं, जिसमें से लगभग 400 सीटें गणित एवं जीव विज्ञान विषय के विद्यार्थी भी प्राप्त कर लेते हैं? जिससे कृषि संकाय विषय के विद्यार्थी उच्च शिक्षा से लाभ प्राप्त कर पाते हैं जबकि वे कृषि संकाय का ही अध्ययन करते हैं? यदि हाँ, तो इस नीति एवं मापदण्डों में परिवर्तन किया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। पी.ए.टी. परीक्षा हेतु प्रवेश नियम पुस्तिका की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार विद्यार्थी परीक्षा में बैठ सकते है। (घ) पी.ए.टी. परीक्षा में उक्त परिशिष्ट अनुसार विद्यार्थी परीक्षा में बैठने के पात्र हैं। गणित एवं जीव विज्ञान के आधार पर वर्गीकरण एवं सीटों की सीमा निर्धारित नहीं की जाती है। प्रवीण्यता सूची के आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। कक्षा 12वीं के विषय में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को बी.टेक (कृषि अभियांत्रिकी) प्रवेश की पात्रता होती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खेल सामग्री का वितरण
55. ( क्र. 2514 ) श्री राजकुमार मेव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में विधानसभा क्षेत्रवार कौन-कौन सी खेल सामग्री किस-किस विद्यालय, संस्था, एन.जी.ओ. आदि को दी गई? (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में जो खेल सामग्री विद्यालय, संस्था, एन.जी.ओ. आदि को उपलब्ध कराई गई थी? क्या वह सामग्री वर्तमान में उपलब्ध है अथवा नहीं अथवा नष्ट हो जाने अथवा गुम हो जाने की स्थिति में सत्यापित सूची उपलब्ध करावें? (ग) विभाग द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में बच्चों, युवाओं हेतु कौन-कौन सी योजनाएं, खेल गतिविधियां संचालित की गई हैं? क्या क्रिकेट, कबड्डी को खेलों की गतिविधियों में सम्मिलित किया जावेगा? (घ) विभाग द्वारा जिले में कहाँ-कहाँ खेल मैदान तैयार किये जाने के प्रस्ताव हैं? क्या प्रगति है, कितने स्वीकृति, कितने कार्य पूर्ण, कितने अप्रारंभ हैं? अप्रारंभ रहने का कारण बतावें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार खेल सामग्री का वितरण नहीं किया जाता हैं। वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में विकासखण्डवार पायका क्रीड़ा केन्द्रों को उपलब्ध कराई गई खेल सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। कबड्डी खेल को विभागीय गतिविधियों में सम्मिलित किया गया हैं। (घ) विभाग द्वारा वर्तमान में खरगोन जिले में खेल मैदान तैयार किये जाने के कोई भी प्रस्ताव नहीं हैं। अपितु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर निर्माण हेतु विधानसभा क्षेत्र भीकनगांव एवं भगवानपुरा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया हैं तथा विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई हैं। शेष विधानसभा क्षेत्रों में ग्रामीण खेल परिसर निर्माण के लिये भूमि का आवंटन न होने से निर्माण की कार्यवाही नहीं की गई है।
वि.खं. रतलाम अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की सड़कें
56. ( क्र. 2522 ) श्री मथुरालाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम विकासखण्ड में वर्तमान में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत चिन्हित मार्गों जिसमें डामरीकृत ग्रेवल, कच्चे मार्ग इत्यादि समाहित हैं एवं जो कि लोक निर्माण विभाग की बुक पर इन्द्राज है की जानकारी जिसमें मार्ग का नाम, किमी, मार्ग की अद्यतन स्थिति हो, अवगत करावें? वि.खं. रतलाम में उक्त योजनांतर्गत विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में किन-किन सड़कों की मरम्मत कितनी राशि से किस-किस एजेंसी से करवाई गई है? (ख) क्या विभाग अंतर्गत निर्मित की गई सड़कों के रख-रखाव हेतु कोई निश्चित राशि विभाग द्वारा संबंधित जिले को प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो किन मापदण्डों के तहत् प्रदाय राशि का उपयोग किस प्रकार किया जाता है? यदि नहीं, तो मरम्मत/रख-रखाव में किया गया व्यय किस प्रकार किया गया है? (ग) क्या सड़कों के रख-रखाव/मरम्मत के बदले किये गये मेंटेनेंस कार्यों का भुगतान संबंधित विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन उपरांत किया जाता है? किन मापदण्डों के तहत् किस उत्तरदायी अधिकारी के द्वारा कार्य का भौतिक सत्यापन किया जाकर संबंधित एजेंसी को भुगतान किया गया है? क्या किये गये कार्य का सत्यापन अथवा गुणवत्ता सिर्फ विभागीय अधिकारी अथवा विभाग द्वारा नियुक्त कर्मचारी की रिपोर्ट के आधार पर ही कर दिया जाता है? क्या उक्त मार्ग के निर्माण/मरम्मत हेतु क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि को तदानुसार सूचित किये जाने का कोई प्रावधान विभाग द्वारा नहीं किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अ-1 एवं ‘ब’ अनुसार म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा वि.ख. रतलाम में विगत तीन वर्षों अन्तर्गत रतलाम-सैलाना –बासवाडा मार्ग का मरम्मत कार्य वर्ष 2013-14 में अनुबंध क्रमांक 45/2013 ठेकेदार जगदीश प्रसाद शर्मा से किया जाकर मरम्मत कार्य पर किया गया व्यय राशि एवं दिनांक का विवरण निम्नानुसार है :- (1) दिनांक 01.11.2013 राशि रू. 17,48,224 (2) दिनांक 21.02.2014 राशि रू. 7,97,169 कुल राशि रू. 25,45,393 (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वार्षिक मरम्मत मद अंतर्गत। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश कार्य विभाग मेन्युअल में निहित प्रावधान अनुसार। जी हाँ। जी नहीं। ऐसा कोई प्रावधान नहीं होने से।
पाटन विधान सभा अंतर्गत मार्ग एवं पुलों का निर्माण
57. ( क्र. 2544 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों पुल एवं सड़कों के निर्माण का सर्वे कराकर कितनी-कितनी लागत की डी.पी.आर. तैयार कराई गई? (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार किन-किन पुलों एवं सड़क मार्गों की डी.पी.आर. तैयार होने के पश्चात किन-किन के निर्माण की स्वीकृति किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है? उक्त निर्माण कार्य कौन-कौन सी योजना से बनाया जाना प्रस्तावित है? इनमें से किन-किन पुलों एवं सड़क मार्गों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति कब जारी की गई है? (ग) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण एवं एम.पी.आर.डी.सी. विभाग अंतर्गत वर्तमान समय में कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से निर्माण कार्य किस निर्माण एजेंसी से करवाये जा रहे हैं? अनुबंध की शर्तों के अनुरूप उपरोक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होने थे? निर्माण में विलंब के कारण सहित जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश ''ग'' में उल्लेखित निर्माण कार्यों का निरीक्षण/परीक्षण कब-कब किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं निरीक्षण रिपोर्ट क्या थी? उपरोक्त निर्माण कार्यों के घटिया एवं गुणवत्ताविहीन निर्माण की कब-कब किसके द्वारा कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई एवं इन प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। शिकायत से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
नियम विरूद्ध संचालित महाविद्यालय की मान्यता समाप्त करना
58. ( क्र. 2560 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेशनल बी.एड़ कॉलेज रीवा रतहरा जिस भूमि भवन एवं परिसर में संचालित है क्या उसी भूमि,भवन परिसर में इंजीनियरिंग कॉलेज (जे.एन.सीटी) एवं अन्य कोर्स की कक्षाएं संचालित है कि जानकारी संकायवार, समय चक्र की प्रति देते हुए देवें? (ख) एक ही भवन भूमि परिसर में कितने संकायों के कॉलेज संचालित करने के शासन/विभाग के क्या नियम आदेश है कि जानकारी आदेश प्रति के साथ देवें तथा यह बताएं कि उक्त महाविद्यालयों में कॉलेज कोड 28 के तहत कितने शिक्षकीय एवं गैर शिक्षकीय प्राध्यापक, सहा.प्राध्यापक एवं अन्य कर्मचारी नियुक्त है कि जानकारी पदवार वर्गवार, नाम,पद, योग्यता प्रशिक्षित अप्रशिक्षित नियुक्ति दिनांक देय वेतन वेतनमान के साथ सूची देवें? (ग) (क) (ख) के अनुसार महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकीय/गैर शिक्षकीय कर्मचारियों का वेतन नकद दिया जाता है अथवा बैंक से? (घ) यदि (क) (ख) (ग) के कॉलेजों को एक ही भवन, भूमि, परिसर में अलग-अलग पाठयक्रम के महाविद्यालय संचालित करने का नियम नहीं है तथा कॉलेज कोड 28 के तहत शिक्षकीय गैर शिक्षकीय स्टॉफों की नियुक्ति नहीं है तो क्या उक्त नियम विरूद्ध संचालित कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर संचालन समिति एवं प्राचार्य के ऊपर अपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। नेशनल बी.एड. कॉलेज, जे.एन.सी.टी. इंजीनियरिंग कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज एक ही परिसर के अलग अलग भवनों में संचालित हैं। संकायवार समय चक्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) अशासकीय महाविद्यालय संचालित करने संबंधी मार्गदर्शिका एवं संयुक्त संस्थान संबंधी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एन.सी.टी.ई.) के रेगुलेशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं 'स' पर है। कॉलेज कोड 28 के तहत नियुक्त शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक एवं अन्य कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' पर है। (ग) इंजीनियरिंग, नर्सिंग महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकीय, गैर शिक्षकीय कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में 'ई-भुगतान' द्वारा जमा कराया जाता है। बी.एड के अधिकारी, कर्मचारियों का वेतन नगद दिया जाता है। (घ) प्रश्नांश (क),(ख),(ग) में संचालित पाठ्यक्रमों की मान्यता उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नहीं दी जाती है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नियम़ विरूद्ध निर्माण कार्य की जाँच
59. ( क्र. 2561 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत सतना, जदुआ अतरैला, चौखण्डी रामबाग होते हुए चाकघाट पाहुंच मार्ग की चौड़ाई अतरैला तिराहा एवं रामबाग चौराहा में कितनी है उक्त स्थनों में कैसी रोड का निर्माण कराया जा रहा है कि जानकारी रोड का स्टीमेट टी.एस.एस. नक्शा की प्रति उपलब्ध कराते हुए देवें ? (ख) उक्त रोड का निर्माण नक्शा एवं स्टीमेट में अंकित तथ्यों के आधार पर नहीं कराया जा रहा है तथा ठेकेदार द्वारा अतरैला तिराहा एवं रामबाग चौराहा तथा जवा बाजार, ग्राम बमहना देवरकर में रोड की चौड़ाई घटाई गयी है साथ ही जहां पी.सी.सी. का निर्माण होना था वहां डामरीकरण का कार्य कराया जा रहा है वही दूसरी और हरदुआ से अतरैला तक अत्यंत घटिया कार्य कराया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के बिन्दुओं की जाँच कमिशनर रीवा अथवा कलेक्टर रीवा के साथ जाँच दल गठित कर प्रश्नकर्ता सदस्य के समक्ष करायेंगे यदि हाँ,तो कब तक समय-सीमा बताएं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के कार्य का अभी तक कुल कितना भुगतान हुआ है तथा (ग) की जाँच न होने तक क्या उक्त नियम विरूद्ध कार्य का भुगतान रोकेंगे यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अतरैला तिराहा में मार्ग की चौड़ाई 7.00 मीटर एवं रामबाग चौराहा में 7.00 मीटर है। उक्त दोनो स्थानों में कांक्रीट रोड का निर्माण किया जा रहा है। शेष पर डामरीकृत मार्ग का निर्माण 5.5 मीटर चौड़ाई में किया जा रहा है। रोड का स्टीमेट टी.एस.एस. संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। (ग) कार्य मापदण्ड अनुसार किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होत। (घ) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग की भूमि पर अवैध निर्माण
60. ( क्र. 2609 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 2 (क्र. 620) दिनांक 29.03.2016 तारांकित के जवाब में ग्राम बड़ा बागडदा के खसरा क्र. 717/1,717/2, 717/3 नजूल भूमि वन विभाग भूमि एवं अन्य भूमि के बीच वन विभाग द्वारा सीमांकन किया गया है? क्या उक्त खसरों के मध्य में कतिपय कॉलोनीनाइजरों द्वारा उक्त खसरों नंबर के मध्य पेयजल लाइन पर रोड निर्माण की स्वीकृति किस विभाग से ली गई? क्या पेयजल लाइन (यशवंत सागर) से रोड निर्माण किया जा सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या वन विभाग राजस्व विभाग व नजूल एवं अन्य द्वारा उक्त खसरों का सीमांकन कराया गया है? सड़क निर्माण किस विभाग की भूमि पर से निर्मित किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या लाइन डाले जाते समय पेयजल वितरण लाइन के मेंटनेंस हेतु उक्त मार्ग को लाइन मेंटनेंस हेतु आरक्षित किया गया था? यदि हाँ, तो कॉलोनीनाइजरों द्वारा उक्त लाइन पर पक्की सड़क किस नियम व किस विभागीय अधिकारी की स्वीकृति से बनाई गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या उक्त पेयजल लाइन निर्माण किया जाना सही है? यदि नहीं, तो पेयजल लाइन पर एवं आस-पास आरक्षित भूमि के मध्य अवैध सड़क निर्माण करने वाले कॉलोनीनाइजरों एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं बल्कि आरक्षित वनखण्ड रमणा बिजासन कक्ष क्रमांक 58 का वन राजस्व का संयुक्त सीमांकन कराया गया। पेयजल लाइन (यशवंत सागर) के मध्य पूर्व से सर्विस रोड है, जिस पर मुरूम रोड निर्माण की अनुमति जोनल अधिकारी, जोन-16, नगर पालिका निगम इन्दौर द्वारा दी गई है। (ख) जी नहीं। मुरूम रोड संधारण नगर निगम इन्दौर की भूमि पर किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। पेयजल लाइन (यशवंत सागर) के मध्य पूर्व से सर्विस रोड है, जिस पर मुरूम रोड निर्माण की अनुमति जोनल अधिकारी, जोन-16, नगर पालिका निगम इन्दौर द्वारा दी गई है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुना शहर में नवीन स्टेडियम की प्रशासकीय स्वीकृति
61. ( क्र. 2627 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले शहर में नवीन स्टेडियम निर्माण हेतु शासकीय भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो किस स्थान पर कितनी भूमि अवगत करावें? (ख) क्या उक्त स्टेडियम निर्माण हेतु राशि प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि कहाँ-कहाँ से तथा किस मद से प्राप्त हो चुकी है? (ग) क्या उक्त स्टेडियम निर्माण की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होकर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) गुना शहर में नवीन स्टेडियम निर्माण हेतु ग्राम जगनपुर में शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 33 मिन रकबा 17.159 हेक्टेयर में से रकबा 6.000 हेक्टेयर भूमि खेल एवं युवा कल्याण विभाग गुना को स्टेडियम निर्माण हेतु आवंटित की गई है। (ख) जी हाँ। जिला योजना कार्यालय गुना को सांसद महोदय द्वारा 2.32 करोड़ रूपये एवं श्रीमती शोभना भरतिया राज्यसभा सदस्य द्वारा 2.50 करोड़ रूपये सांसद निधि से प्राप्त हुए है। (ग) जी नहीं। कलेक्टर, गुना द्वारा पुनरीक्षित प्रस्ताव भेजा गया है, जिसके औचित्य का परीक्षण किया जा रहा है। अतः प्रशासकीय स्वीकृति व कार्य प्रारंभ होने की निश्चित अवधि बताई जाना संभव नहीं है।
विभागीय निर्माण कार्य
62. ( क्र. 2656 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में विभागीय निर्माण कार्यों हेतु सामग्री लोहा, सीमेंट एवं गौण खनिज हेतु निविदा आमंत्रित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में निविदा आमंत्रण का दिनांक, सफल निविदाकार का नाम, दर निविदाकर से खरीदी की गई सामग्री की मात्रा और आपूर्तिकर्ता को भुगतान की गयी राशि की जानकारी उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय कॉलेज खोलने हेतु
63. ( क्र. 2690 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव के नवेगांव में शासकीय कॉलेज खोलने हेतु प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा माननीय मंत्री जी को दिनांक 30/01/2015 को पत्र दिया गया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस पत्र में क्या कार्यवाही की गई और प्रश्नकर्ता विधायक को इसकी सूचना प्रदाय की गई? (ख) यदि नहीं, तो क्योंऔर कब तक प्रश्नांश (क) के अनुसार कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उल्लेखित पत्र प्राप्त नहीं हुआ। तथापि माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यालय से 120/सी.एम.एस./एस.एस.आर./2016 दिनांक 25.01.2016 (ए+) में प्रकरण प्राप्त हुआ है। इसके पालन में नवेगाँव में शासकीय कॉलेज खोले जाने संबंधी प्रस्ताव तैयार कर परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुति हेतु प्रक्रियाधीन है। इस संबंध में प्रश्नकर्ता को आयुक्त उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 804/आउशि/योजना/2016 भोपाल दिनांक 04.07.2016 द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। (ख) माननीय विधायक को सूचना प्रेषित की गई है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालय की घोषणा
64. ( क्र. 2703 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्य मंत्री जी द्वारा दिनांक 10 जनवरी 2016 आलोट नगर आगमन पर महाविद्यालय आलोट हेतु विज्ञान संकाय प्रारंभ किये जाने संबंधी घोषणा की गई थी। (ख) यदि हाँ, तो उक्त घोषणा के पालन के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की? पूर्ण ब्यौरा दें और घोषणा के पालन में कब से आलोट महाविद्यालय में विज्ञान संकाय कक्षा प्रारम्भ की जावेगी? (ग) ताल, तहसील आलोट महाविद्यालय के भवन निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं भवन के निर्माण के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक स्वीकृत होगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महाविद्यालय आलोट में विज्ञान संकाय प्रारंभ करने हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाकर परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुति की प्रक्रिया में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) तहसील आलोट के शासकीय महाविद्यालय ताल के भवन निर्माण हेतु कलेक्टर रतलाम के आदेश दिनांक 26.02.2016 द्वारा 04 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई है। क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा उज्जैन के माध्यम से पत्र दिनांक 06.06.2016 द्वारा निर्माण ऐजेन्सी, लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. रतलाम का प्राक्कलन के साथ प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिसे नियमानुसार स्थायी वित्तीय समिति की सूची में शामिल कर लिया गया है भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृत नहीं की गई है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
खेल सुविधाएं
65. ( क्र. 2704 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार द्वारा विगत दो वर्षों में क्या-क्या कदम उठाये? पूर्ण ब्यौरा दें? (ख) प्रदेश के कितने जिलों में खेल स्टेडियम अब तक स्वीकृत अथवा निर्मित नहीं हुए? अथवा अधूरे हैं? जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ग) क्या सरकार ने बड़ी नदियों/तालाबों के समीप बसें जिलों में वाटर स्पोर्टस प्रारंभ करने संबंधी कोई योजना बनाई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल प्रतिभाओं को खेल के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में विभाग द्वारा संचालित विगत दो वर्षों की गतिविधियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश के समस्त जिलों में खेल स्टेडियम निर्मित है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालयों में प्राध्यापकों के रिक्त पद
66. ( क्र. 2726 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजुरी जिला अनूपपुर में शासकीय महाविद्यालय कब से संचालित है? (ख) उक्त महाविद्यालय में कितने प्राध्यापकों के पद रिक्त हैं? (ग) वर्तमान में कितने प्राध्यापक कार्यरत हैं? (घ) क्या छात्र छात्राओं के बैठने हेतु फर्नीचर उपलब्ध है? यदि नहीं, तो कब तक फर्नीचर की व्यवस्था होगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय बिजुरी जिला अनूपपुर दिनांक 01.07.2014 से संचालित है। (ख) शासकीय महाविद्यालय बिजुरी में सहायक प्राध्यापक के 05 पद रिक्त है। (ग) शासकीय महाविद्यालय बिजुरी में वर्तमान में 01 नियमित सहायक प्राध्यापक कार्यरत है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय
67. ( क्र. 2727 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा में शासकीय महाविद्यालय कब से संचालित है? (ख) कुल छात्र संख्या विभिन्न संकायों में कितनी है? (ग) क्या विज्ञान संकाय संचालित है? यदि हाँ, तो क्या विज्ञापन की शिक्षा हेतु प्रयोगशाला का उपयोग होता है, यदि नहीं, तो कब तक प्रयोगशाला विज्ञान की शिक्षा हेतु उपलब्ध हो जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) दिनांक 01/04/1987 से शासकीय महाविद्यालय कोतमा संचालित है। (ख) महाविद्यालय में कला संकाय में 519, वाणिज्य संकाय में 336 एवं विज्ञान संकाय में 242 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। (ग) जी हाँ। विज्ञान की शिक्षा हेतु महाविद्यालय में प्रयोगशाला का उपयोग प्रायोगिक कार्य के लिए किया जाता है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सामान्य वनमण्डल में किए गए कार्य
68. ( क्र. 2738 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं कटनी जिले के सामान्य वन मण्डल क्षेत्रान्तर्गत 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र एवं राज्य आधारित योजनाओं में कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में किस-किस कार्य हेतु स्वीकृति हेतु दी गई, पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) को स्वीकृत राशि में से किस-किस खसरा नम्बरों के किस कक्ष क्रमांक में कितनी राशि के क्या-क्या कार्य कराए गये? (ग) प्रशनांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में की गई अनियमितताओं एवं गुणवत्ता खराब होने के संबंध में प्रश्नांकित अवधि में किन-किन के द्वारा कब-कब शिकायतें की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जाँच में दोषी पाये गये अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई विवरण देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
झाबुआ जिले में वन क्षेत्र में नवीन तालाब निर्माण कार्य किया जाना
69. ( क्र. 2753 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिला अंतर्गत वन विभाग की भूमि पर कहाँ-कहाँ तालाब बनाये जाने हेतु उपयुक्त स्थान उपलब्ध है वर्तमान में विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ तालाब निर्माण कार्य किया जाना प्रस्तावित किया गया है? स्थल सहित अवगत करावें? (ख) झाबुआ जिला अंतर्गत वन भूमि पर बीहड़ भूमि में क्या-क्या कार्य किये गये हैं। कार्य का नाम/स्थल का नाम व्यय की गई राशि का वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक विवरण देवें? (ग) झाबुआ जिले अंतर्गत बीहड़ भूमि/वन भूमि में क्या-क्या कार्य प्रस्तावित किये जा रहे है एवं वनों में हो रही अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई व वन भूमि में कितने पौधे रोपे गये वर्ष 2013 से 2016 तक विवरण देवें? (घ) झाबुआ जिले में स्थित वन रोपणी/पौध रोपणी को अधिक विकसित करने तथा आधुनिकीकरण करने व नवीन किस्मों की प्रजाति के पौधे उपलब्ध करने की दिशा में क्या-क्या योजना है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) झाबुआ जिला अंतर्गत वन विभाग की भूमि पर तालाब बनाये जाने हेतु उपयुक्त स्थल के संबंध में सर्वेक्षण कार्य नहीं करवाया गया है। अत: यह बता पाना संभव नहीं है कि तालाब बनाने के लिये उपयुक्त स्थल कहाँ-कहाँ उपलब्ध है। वर्तमान में विभाग द्वारा तालाब निर्माण कार्य हेतु कोई प्रस्ताव नहीं बनाया गया है। अत: स्थल की जानकारी दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वनमंडल झाबुआ अंतर्गत कार्य आयोजना अनुसार बिगड़े वनों का सुधार, जलाऊ एवं चारागाह विकास एवं वृक्षारोपण कार्य प्रस्तावित है। वनक्षेत्र में वन अमले सतत् वन गश्ती, रात्रि गश्त, उड़नदस्ता चेंकिग, टास्क फोर्स, मुखबिरों तथा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के सदस्यों की सहयोग प्राप्त कर अवैध कटाई पर अंकुश लगाने के सतत् प्रयास किये जोते हैं। वर्ष 2016 के रोपण कार्य प्रचलन में है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वन रोपणी को विकसित करने एवं आधुनिकीकरण करने एवं नवीन किस्मों के पौधे उपलब्ध कराने हेतु निम्नानुसार कार्यों को सम्पादित किया जाता है :- 1. पौधा सिंचाई हेतु ओवर हेड वाटर टेंक निर्माण, ट्यूवबेल खनन कार्य। 2. पॉली हाऊस निर्माण तथा पौधों को कड़ी धूप से बचाने हेतु ग्रिन शेड का निर्माण। 3. नर्सरी बेड़ों के उन्नयन का कार्य। 4. बीज स्टोर निर्माण तथा बीज उपचार प्लेटफार्म निर्माण। 5. रोपणियों की आंतरित मार्ग का उन्नयन।
सेमदा-बरखेड़ा मार्ग तथा बदनावर चौपाटी से बैजनाथ महादेव मंदिर मार्ग निर्माण
70. ( क्र. 2764 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेमदा-बरखेड़ा मार्ग कार्य प्रगति पर है, कानवन-बिडवाल के मध्य डामरीकृत मार्ग विगत् वर्षाकाल में ही उखड़ चुका था पुन: पेचवर्क किया गया मार्ग निर्माण मानकहीन एवं गुणवत्ताहीन हैं, निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? मार्ग निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) सेमदा-बरखेड़ा मार्ग के प्राक्कलन एवं मूल्यांकन की जानकारी देवें? (ग) बदनावर चौपाटी से बैजनाथ महादेव मंदिर फोरलेन मार्ग में घट्टिया निर्माण में अधिकारी, कर्मचारी एवं ठेकेदार से कितनी वसूली होना थी, कितनी वसूली हुई, संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई, क्या विभाग द्वारा जनहित में उल्लेखित मार्ग का पुन: निर्माण किया जावेगा? (घ) विधान सभा क्षेत्र के बदनावर एवं नागदा विश्राम गृह जीर्ण क्षीर्ण होकर Dismantle योग्य है, क्या नवीन आधुनिक विश्राम गृह तैयार किए जाने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कानवन बिडवाल मार्ग के मध्य डामरीकृत मार्ग वि̈गत वर्षा काल में कानवन क्षेत्र में अधिक वृष्टि होने से मार्ग के उपर पानी भरा रहने से मार्ग कुछ स्थान पर खराब हुआ था वहाँ पर ठेकेदार द्वारा मापदण्डानुसार मार्ग पुन: ठीक कर दिया गया है, निर्माण एजेन्सी का पंजीयन 1 वर्ष हेतु दिनांक 10.09.15 को निलंबित किया गया। कार्य दिनांक 30.11.16 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) मार्ग की स्वीकृति लागत रू. 1344.67 लाख है एवं अभी तक किए गए कार्य का मूल्याकंन रू. 1176.80 लाख है। (ग) बदनावर चौपाटी से बैजनाथ मंदिर तक मार्ग में घटिया निर्माण के कारण तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, अनुवि̈भागीय अधिकारी एवं उपयंत्री प्रत्येक से राशि रू. 3759145.00 एवं ठेकेदार से रू. 2,27,96,235/- की वसूली होनी थी। कार्यपालन यंत्री से रू. 20285.00एवं उपयंत्री से रू. 77600.00 वसूली की गई है। ठेकेदार की रू. 4324097/- राशि वि̈भाग के पास जमा है। कार्यपालन यंत्री, अनुवि̈भागीय अधिकारी एवं उपयंत्री की 2-2 वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकी गई तथा ठेकेदार का पंजीयन दिनांक 22.04.15 को 2 वर्ष हेतु निलंबित किया गया। पुन: निर्माण का प्रस्ताव परीक्षण उपरांत तैयार किया जावेगा। (घ) जी नहीं। अतएव प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों के विरूद्ध वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराना
71. ( क्र. 2768 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 29.03.2016 में मुद्रित परि.ता. प्रश्न संख्या 18 (क्रमांक 7014) के उत्तर (ग) एवं (घ) में कंसेसनायर में पाथ ओरियंटल हाइवे को ही कंसेसनायर अनुबंधानुसार वृक्षारोपण करना था तो क्या वृक्षारोपण का कार्य अनुबंध की शर्तों अनुसार कराया गया, तो मौके पर किस-किस प्रजाति के पौधे कितनी संख्या में जीवित हैं? अनुबंध में वृक्षारोपण हेतु कितनी राशि समाहित की गई थी, का पूर्ण विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा को रतहरा से चोरहटा बाईपास के वृक्षारोपण न किये जाने की जाँच बाबत् प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 501/गुढ़-75/2016 दिनांक 30.04.2016 को लिखा गया, जिस पर कार्यवाही हेतु कलेक्टर रीवा को लेखा गया। कलेक्टर रीवा द्वारा वन मण्डल अधिकारी रीवा को जाँच हेतु अधिकृत किया गया। तो जाँच की प्रति देते हुए बतावें कि क्या वृक्षारोपण का कार्य अनुबंध के शर्तों के अनुसार किया गया? अगर नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? क्या दोषियों की पहचान कर संबंधितों से वसूली के साथ उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध में वृक्षारोपण हेतु अलग से कोई राशि बी.ओ.टी. योजना के अनुबंध में प्रावधानित नहीं है। मात्र अनुबंध में यह प्रावधान वर्णित है कि मार्ग की पूर्ण लंबाई में दोनों ओर दो कतार में वृक्षारोपण किया जावें। (ख) प्रश्नांधीन पत्र दिनांक 30.04.2016 के संदर्भ में आयुक्त रीवा संभाग रीवा द्वारा कलेक्टर रीवा को जाँच करने हेतु निर्देशित किया गया है एवं कलेक्टर रीवा द्वारा पृ. दिनांक 12.05.2016 एवं 19.07.2016 को वन मंडल अधिकारी वन मंडल रीवा को जाँच हेतु निर्देशित किया गया है। वन मंडल रीवा से जाँच रिपोर्ट अपेक्षित है। प्रश्नांश के शेष भाग जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने तक कोई कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।
दोषियों के विरूद्ध वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराना
72. ( क्र. 2769 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रबंधक संचालक जिला वनोपज सहकारी यूनि. मर्या. रीवा द्वारा विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 5598 दिनांक 15 मार्च 2016 के तारतम्य में पत्र क्र. 1500 दिनांक 03.12.2015 के माध्यम से तेंदूपत्ता विकास मद से निर्मित अंतरैला डांड़ी से जरैहा रोड एवं रपटा की जाँच बाबत् कार्यपालन यंत्री ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग रीवा को जाँच हेतु लिखा गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हो तो क्या जाँच कार्यपालन यंत्री द्वारा स्वत: न कर सहायक यंत्री मनरेगा जनपद जवा एवं श्री वैभव प्रसाद मिश्र से जाँच उपरांत प्रतिवेदन कार्यपालन यंत्री द्वारा चाहा गया था, लेकिन संबंधित द्वारा कार्यपालन यंत्री से बगैर परीक्षण करवाये दोषी से सांठ-गांठ कर प्रतिवेदन नियम विरूद्ध तरीके से वनमण्डलाधिकारी रीवा को भेज दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में आयुक्त रीवा संभाग रीवा राजस्व को की गई त्रुटिपूर्ण जाँच किये जाने के संबंध में दिनांक 28.04.2016 को प्रश्नकर्ता द्वारा विधिसंगत एवं निष्पक्ष जाँच बावत् लिखा गया था, जिस पर आयुक्त रीवा द्वारा कलेक्टर रीवा को पत्र क्र. 176/शिका./सत./2016 दिनांक 24.05.2016 के माध्यम से जाँच हेतु लिखा, जिस पर कलेक्टर रीवा द्वारा समिति बनाकर जाँच करने हेतु ग्रामीण यांत्रिकी के कार्यपालन यंत्री सहित अन्य को लिखा? प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र./544/गुढ़-75/2016 दिनांक 28.05.16 के माध्यम से सूचित किया था कि कार्यपालन यंत्री को पत्र लिखकर 3332128.00 रूपये के नगद भुगतान रेंजर अतरैला को किया गया, जबकि मजदूरों का भुगतान ई-माध्यम से किये जाने की पद्धति लागू थी? (घ) प्रश्नांश (ग) की जाँच विधि प्रक्रिया एवं शासन के जारी दिशा निर्देशों के तहत् पूर्ण कर ली गई हो तो जाँच का विवरण देते हुए बतावें की कौन-कौन दोषी हैं? क्या दोषियों से वसूली के साथ नियम से हटकर किये गये भुगतान पर धोखा-धड़ी का अपराध दर्ज करायेंगे? अगर जाँच पूरी नहीं की गई तो जाँच समिति के सदस्यों के विरूद्ध समय पर जाँच न करने के लिए दोषी मानकर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे एवं पूर्व जाँचकर्ताओं के विरूद्ध गलत जाँच के लिए दोषी मानकर कार्यवाही करेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। उक्त जाँच कार्यपालन यंत्री ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग, रीवा संभाग-1 द्वारा कराई गई। जाँच प्रतिवेदन वनमण्डलाधिकारी/प्रबंध संचालक जिला यूनियन रीवा को प्राप्त हुई है। (ग) जी हाँ। आयुक्त रीवा संभाग के निर्देश पर कलेक्टर रीवा ने अपने पत्र क्रमांक 176 दिनांक 24-05-2016 द्वारा जिला योजना अधिकारी, जिला योजना मण्डल रीवा एवं कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, रीवा म.प्र. को जाँच हेतु निर्देशित किया गया है। परिक्षेत्र अधिकारी अतरैला को निम्नानुसार धनादेश जारी कर दिनांक 25-03-2015 से 14-08-2015 की अवधि में नगद भुगतान करने की प्रथा प्रचलन में होने से ई-भुगतान नहीं किया गया। उक्त राशि का भुगतान नियमानुसार परिक्षेत्र अधिकारी अतरैला को किया गया।
अ.क्र. |
धनादेश क्रमांक |
दिनांक |
राशि |
1. |
131881 |
25.03.2015 |
7,00,000 |
2. |
134736 |
24.05.2015 |
9,00,000 |
3. |
134737 |
25.05.2015 |
4,00,000 |
4. |
134791 |
14.08.2015 |
13,32,000 |
योग |
33,32,000 |
(घ) जाँच की कार्यवाही अभी जारी है, अत: दोषी के बारे में बताया जाना संभव नहीं है। भुगतान की गई अवधि में नगद भुगतान करने की प्रथा प्रचलन में थी। अत: नियम से हटकर भुगतान नहीं हुआ है। जाँच कार्यवाही प्रचलित होने से जाँच अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वित्तीय अनियमितता के दोषी के विरूद्ध त्वरित दण्डात्मक कार्यवाही
73. ( क्र. 2792 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता एवं अन्य के ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 788 द्वारा सतना जिले के मुकुन्दपुर स्थित चिडि़याघर एवं प्राणी सह-उपचार केन्द्र के निर्माण की अनियमितताएं पर माननीय वनमंत्री द्वारा 1 अप्रैल 2016 को वक्तव्य दिया गया था? यदि हाँ, तो स्वीकार किया गया था कि निर्माण कार्य में शासन के नियमों एवं प्रक्रियाओं तथा साम्रगी क्रय में वित्तीय शक्तियों का पूर्ण अनुसरण नहीं किया था? क्या तत्कालीन वन संरक्षक सतना एवं तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक रीवा के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो आरोप पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जो कार्य वर्ष 2012-13 में कराये गये उसमें से दो व्यक्तियों को अधिक भुगतान किया गया है? कुछ कार्यों हेतु मुख्य वन संरक्षक को प्राप्त वित्तीय अधिकार के अंतर्गत कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो कौन सी परिस्थितियां थीं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में क्या वित्तीय अनियमितता एवं प्रक्रियात्मक शिथिलता के कारण आरोप पत्र जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या प्रगति हुई है? नहीं हुई तो क्यों कारण स्पष्ट करें? उक्त आरोप पर कार्यवाही के क्या नियम हैं? इस प्रकरण का निराकरण कब-तक किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। तत्कालीन वन संरक्षक, सतना, के विरूद्ध शासन के पत्र दिनांक 27.05.15 से एवं तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक, रीवा, के विरूद्ध शासन के पत्र दिनांक 26.02.16 से आरोप पत्र जारी किया गया है। आरोप पत्रों की छायाप्रतियां क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार। (ख) जी हाँ। चिडि़याघर एवं वनप्राणी सह उपचार केन्द्र के निर्माण में कुछ कार्यों हेतु मुख्य वन संरक्षक रीवा, के द्वारा विशेष दरें स्वीकृति की गई थीं। प्रश्नांश के शेष भाग के विषय में प्रश्नांश (क) में दर्शित आरोप पत्रों पर कार्यवाही पूर्ण होने पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में जारी आरोप पत्रों के संबंधित अधिकारियों से प्राप्त प्रतिवाद उत्तरों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त प्रकरणों में कार्यवाही अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियम 1969 के तहत प्रचलित है। यह एक अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया है, अत: निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
नेशनल हाइवे 12-ए का उन्नयन
74. ( क्र. 2867 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के नेशनल हाइवे 12-ए का उन्नयन एम.पी.आर.डी.सी. के अंतर्गत किया जा रहा है 89.4 किलोमीटर से 192.81 कि.मी. तक का ठेका दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड कंपनी के नाम स्वीकृत है। बतायें कि दिलीप बिल्डकॉन को कार्यादेश कब दिया गया? यदि नहीं, तो बगैर कार्यादेश के कंपनी द्वारा कैसे कार्य किया जा रहा है? (ख) दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड द्वारा मुरम, बोल्डर एवं गिट्टी की खदानों की स्वीकृति दी गयी है, तो कितनी राशि रॉयल्टी की जमा की गयी तथा उक्त खदानों की पर्यावरण स्वीकृति ली गयी है? यदि नहीं, तो कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक? (ग) यह मण्डला जिला अधिसूचित क्षेत्र है। बगैर ग्राम सभा की अनुमति के खदान स्वीकृत नहीं की जा सकती है । क्या दिलीप बिल्डकॉन के द्वारा संबंधित ग्रामों की ग्राम से स्वीकृति ली गयी? यदि नहीं, तो शासन कब तक कंपनी के विरूद्ध अवैध उत्खनन की कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड कार्य दिनांक 11.08.2015 (एग्रीमेंट दिनांक) को कार्य आदि किया गया। अत: ठेकेदार द्वारा अनुबंध के प्रावधान के अतंर्गत ही कार्य किया जा रहा है। (ख) दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड को जिले में कोई भी खदान बोल्डर एवं मिट्टी हेतु स्वीकृत नहीं की गयी है। कंपनी को खनिज भण्डारण हेतु ग्राम गुडली एवं ग्राम बरखेड़ा में मध्यप्रदेश खनिज (आर्वधन उत्खन्न परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियम 2006 के प्रावधानों के तहत खनिज व्यापारिक भण्डारण अनुज्ञप्ति प्रदान की गई गयी है। कंपनी द्वारा खनिज बोल्डर हेतु रॉयल्टी रूप में कुल रूपये 35,00,000 की राशि जमा की गई है। चूँकि खनिज व्यापारिक अनुज्ञप्ति बाबत् प्रशासकीय स्वीकृति अपेक्षित नहीं है। अत: कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्ताव निरंक है। दिलीप बिल्डकॉन कंपनी द्वारा स्थानीय प्रशासकीय स्वीकृति से मुक्त जलीय संरचना समतलीकरण इत्यादि से निकले खनिज हेतु रॉयल्टी जमा की गयी है। (ग) खदान स्वीकृति बाबत् समस्त वांछित अनिवार्यताओं के उपरांत ही स्वीकृति प्रदान की जाती है।
रिक्त पदों की पूर्ति
75. ( क्र. 2898 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के शासकीय महाविद्यालयों में विभिन्न रिक्त पदों के विरूद्ध कार्यरत अतिथि विद्वानों का विस्तृत ब्यौरा क्या है? अतिथि विद्वानों के मानदेय को समय-समय पर कन्ज्यूमर प्राईस इन्डेक्स से लिंक करके भुगतान करने के आदेश दिये गये हैं? सन् 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2015-16 में कन्ज्यूमर प्राईस इन्डेक्स के आधार पर कितना रेट प्रति कालखण्ड/कार्य दिवस अतिथि विद्वान सहायक प्राध्यापक/ ग्रंथपाल/क्रीड़ा अधिकारी का बनता है? (ग) 22 फरवरी 2012 के आदेश में 155 रू. प्रति कालखण्ड के आधार पर अधिकतम चार कालखण्ड के 620 रू. प्रति दिन मानदेय अतिथि विद्वान सहायक अध्यापकों को प्राप्त होता था? परन्तु सत्र 2014-15 से अधिकतम 600 रू. प्रति कार्य दिवस व ग्रंथपालों को 580 रू. प्रति कार्य दिवस मानदेय भुगतान निश्चित कर दिया गया है? मंहगाई बढ़ने के बावजूद अतिथि विद्वानों की आय कम हो गई क्या यह विसंगति नहीं है? यदि हाँ, तो क्या सरकार इस विसंगति को दूर करेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) विस्तृत ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं ''स'' पर है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। दिनांक 21.04.2016 एवं दिनांक 18.07.2016 को जारी आदेशों द्वारा अतिथि विद्वानों का मानदेय रूपये 275/— प्रति कालखण्ड तथा अधिकतम रूपये 825/— प्रतिदिवस निर्धारित किया गया है। अत: विसंगति का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
पी.डब्ल्यू.डी. के मार्गों की जाँच
76. ( क्र. 2918 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जीगनी से बालाजी मंदिर पहुँच मार्ग एवं खेरा से माता बसैया मार्ग जो लोक निर्माण विभाग संभाग मुरैना के उप-संभाग मुरैना से संबंधित मार्ग है? उक्त मार्गों में पूर्व से कोई गड्ढे नहीं थे, फिर भी पोट हॉल्स गड्ढे भराई का फर्जी भुगतान किया गया है? (ख) क्या सड़क पर जो डम्बर मिश्रित गिट्टी डाली गई है वह मानकों के अनुसार नहीं है। मिश्रण में गिट्टी के खाका का इस्तेमाल हुआ है? डम्बर की मात्रा न के बराबर है? (ग) क्या सड़क डालने में पेबर मशीन का इस्तेमाल नहीं किया है जिसके कारण सड़क का सरफेस भी सपाट नहीं है? (घ) क्या उपरोक्त (ख) से (ग) तक के बिन्दुओं की जाँच तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नकर्ता के समक्ष की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) एवं (ग) जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जी हाँ, जाँच कार्यवाही मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा प्रक्रियाधीन है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
77. ( क्र. 2919 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. क्यू/वि.दि./शिकायत/2016 दिनांक 11.05.2016 को जीगनी से बालाजी मंदिर पहुँच मार्ग एवं खेरा से माता बसैया मार्ग पर बी.टी. रिन्युअल कार्य में भ्रष्टाचार की जाँच कराये जाने बाबत् प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग, ग्वालियर एवं प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग 27,28 निर्माण भवन भोपाल एवं अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग, चंबल संभाग ग्वालियर (म.प्र) को स्पीड पोस्ट द्वारा शिकायत भेजी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायतों पर अभी तक क्या-क्या जाँच किन-किन के द्वारा की गई। जाँच प्रतिवेदन से अवगत करावें। (ग) क्या सामान्य प्रशासन के बार-बार निर्देशानुसार माननीय सांसद व माननीय विधायकों के पत्रों की प्राप्ति एवं कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या (क) में वर्णित प्रश्न में पत्र की प्राप्ति व प्रतिवेदन नहीं भेजा गया है न भेजने के क्या कारण हैं व उनके खिलाफ शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) की जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायत की जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ब्यावरा सिटी पोर्शन में सीसीकरण कार्य की स्वीकृति
78. ( क्र. 2929 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 7468 दिनांक 29 मार्च 2016 के उत्तर में बताया गया था कि ब्यावरा नगर के सिटी पोर्शन (पुराना ए.बी.रोड) में सीसीकरण, नाली निर्माण, डिवाईडर सहित निर्माण कार्य का प्राक्कलन परीक्षणाधीन है? यदि हाँ, तो परीक्षणाधीन प्राक्कन में सीसीकरण कार्य सम्मिलित है अथवा डामरीकरण कार्य? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री जी के दिनांक 19.10.2015 को ब्यावरा नगर प्रवास के दौरान उक्त मार्ग पर सीसीकरण कार्य की मांग की गई थी, जिसमें मंत्री जी द्वारा सीसीकरण कार्य की मौखिक सहमति व्यक्त की गई थी तथा दिनांक 11 जून, 2016 को पत्र के माध्यम से ब्यावरा सिटी पोर्शन में सीसीकरण, नाली निर्माण डिवाईडर सहित निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान करने की मांग की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक प्रश्नकर्ता की मांग अनुसार क्या विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या ब्यावरा नगर के अत्यंत महत्वपूर्ण सिटी पोर्शन में सीसीकरण, नाली निर्माण, डिवाईडर सहित निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा प्रथम अनुपूरक बजट में प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, प्राक्कलन में डामरीकरण कार्य प्रावधानित। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित मार्ग दिनांक 11 जून 2016 के पत्र में उल्लेखित नहीं है इसलिए शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। चूंकि वर्तमान मार्ग फ्लेक्सिबल पेवमेंट है और वह अच्छी हालत में है, इसलिए फ्लेक्सिबल पेवमेंट का चौड़ीकरण तकनीकी रूप से उचित होने के कारण फ्लेक्सिबल पेवमेंट से ही किया गया है। मार्ग के उन्नयन एवं चौड़ीकरण हेतु, डामरीकरण का प्रावधान किया गया है तथा स्थायी वित्त समिति की 140वीं बैठक में बजट में सम्मिलित होने पर रू. 886.98 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की गई है। (ग) स्थायी वित्त समिति की 140वीं बैठक में बजट में सम्मिलित होने पर रू. 886.98 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की गई है।
नवीन पुल निर्माण की स्वीकृति
79. ( क्र. 2930 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 91 (क्रमांक 7469) दिनांक 29 मार्च 2016 के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि सुठालिया उकावद मार्ग पर पार्वती नदी पर नवीन पुल निर्माण हेतु विस्तृत सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इसके उपरांत डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही की जावेगी? तो क्या उक्त पुल निर्माण हेतु विस्तृत सर्वेक्षण कराया जाकर डी.पीअ.आर. तैयार करा ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक डी.पी.आर. तैयार कराई जावेगी? (ख) क्या उक्त मार्ग पर पार्वती नदी पर वर्तमान में एक रपटा निर्मित है जो वर्षाकाल में लगभग 2-3 फिट डूबा रहने से आवागमन पूर्णत: अवरूद्ध हो जाएगा तथा वर्तमान में उक्त रपटा अत्यंत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होकर उससे होकर आवागमन दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है? यदि हाँ, तो क्या शासन यथाशीघ्र उक्त मार्ग पर पार्वती नदी पर नवीन पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। विस्तृत सर्वेक्षण पूर्ण किया जाकर सामान्य संरचना मानचित्र का कार्य प्रगतिरत् है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में रपटे पर से यातायात चल रहा है तथा इसके कारण दुर्घटना की संभावना प्रतीत नहीं होती है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार स्वीकृति हेतु कार्यवाही की जावेगी।
जंगली जानवरों का शिकार
80. ( क्र. 3061 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के दक्षिण वन मंडल अंतर्गत जैसीनगर एवं राहतगढ़ क्षेत्र में जंगली जानवरों के शिकार संबंधी कितनी घटनायें दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक दर्ज हुई है? कितने प्रकरणों में कितने लोगों के विरूद्ध कब-कब मामले दर्ज किये गये? (ख) क्या शिकारियों को फायदा पहुँचाने के लिये गलत धाराओं में मामले दर्ज कराये जाते हैं, जिससे शिकारियों द्वारा जंगली जानवरों के शिकार करने पर रोक नहीं लग पाती है और वे जंगली जानवरों का शिकार करते रहते हैं? क्या सी.सी.एस. स्तर की टीम बनाकर सभी मामलों की समीक्षा की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। यह सही नहीं है कि शिकारियों को फायदा पहुँचाने के लिये गलत धाराओं में मामले दर्ज कराये जाते हैं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जर्जर सड़कों की मरम्मत
81. ( क्र. 3093 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गंजबासौदा-ग्यारसपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कें कहाँ-कहाँ हैं? उनकी वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) क्या गंजबासौदा तहसील की कुछ सड़कों की स्थिति जर्जर अवस्था में पहुँच गयी है? ऐसी सड़कों के पुन: निर्माण के लिए शासन की क्या योजना है? जर्जर सड़कों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) लोक निर्माण विभाग, गंजबासौदा में जर्जर सड़कों की मरम्मत/पुन: निर्माण हेतु विगत 2 वर्षों में कितनी राशि प्राप्त है, उक्त राशि में से कहाँ-कहाँ मरम्मत/पुन: निर्माण किया गया है? (घ) क्या गंजबासौदा से सिरोंज मार्ग, बसौदा में राजेन्द्रनगर चौराह से गुरोद बाय-पास मार्ग, बेहलोट बाय-पास मार्ग, जयस्तम्भ से राजेन्दगर बाय सिरोंज चौराहा, बरेठ रोड धर्मकांटे से त्यौंदा रोड रेल्वे फाटक तक मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण सड़कों पर वाहनों के आवागमन में असुविधा हो रही है, यदि हाँ, तो उक्त असुविधा से राहगीरों को निजात कब तक मिलेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) बासौदा विधान सभा क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई जर्जर सड़क नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वर्किंग प्लान में दर्ज भूमि
82. ( क्र. 3094 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल एवं विदिशा जिले के किन वनमण्डल के वर्किंग प्लान में भारतीय वन अधिनिमय 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित कितनी भूमि वर्तमान में दर्ज है? इसमें से कितनी भूमि राजस्व अभिलेख, पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज भूमि है? (ख) बैतूल एवं विदिशा जिले में जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार कितने राजस्व ग्रामों के पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज कितनी भूमियों के कितने वन अधिकार पत्रों पर प्रश्नांकित दिनांक तक संबंधित वनमण्डलाधिकारी के द्वारा हस्ताक्षर किए गए? (ग) पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज किन-किन भूमियों को किस-किस कानून की किस-किस धारा के अनुसार किस श्रेणी की वन भूमि परिभाषित या आदेशित किया गया है? (घ) पटवारी मानचित्र, अधिकार अभिलेख एवं निस्तार पत्रक में दर्ज कितने ग्रामों की समस्त वन भूमि को वन विभाग ने राजपत्र में डीनोटीफाईड किया इनमें से कितने ग्रामों में वन अधिकार समिति जनवरी 2008 के बाद बनाई गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित भूमियां राजस्व अभिलेखों में शासकीय मद के बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल, चरनोई, जंगल, पहाड़, चट्टान, पठार, गोचर, कदीम आदि नाम से दर्ज हैं। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा (घ) के अंतर्गत वनभूमि को निम्नानुसार परिभाषित किया है :- ''वनभूमि'' से किसी वनक्षेत्र के अंतर्गत आने वाली किसी प्रकार की भूमि अभिप्रेत है और उसके अंतर्गत अवर्गीकृत वन, असीमांकित विद्यमान वन या समझे गये वन, संरक्षित वन, आरक्षित वन, अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान भी हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वि.वि.ध याचिका क्रमांक 202/95 श्री गोदावर्मन विरूद्ध भारत शासन एवं अन्य में दिनांक 12.12.1996 को पारित अंतरिम आदेश में वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के सन्दर्भ में ''वन'' को निम्नानुसार परिभाषित किया गया है :- 1. ''वन'' का तात्पर्य शब्दकोष में दिये गये अर्थ से लिया जाना हैं। 2. ''वनभूमि'' का तात्पर्य ऐसी समस्त भूमि से हैं, जो कि शब्दकोषीय अर्थ के अनुसार 'वन' हैं। 3. उपरोक्त में ऐसी भूमि भी शामिल होगी जो कि शासकीय अभिलेख में वन के रूप में दर्ज हो, चाहे उसका स्वामित्व किसी प्रकार का भी हो। (घ) विदिशा जिले के 903 ग्राम तथा बैतूल जिले के 829 ग्रामों की समस्त संरक्षित वनभूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 (अ) के तहत डीनोटीफाईड की गई। विदिशा जिले में वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम, 2006 एवं नियम 2008 में दिये गये प्रावधान के अनुसार वन अधिकार समितियों का गठन नहीं किया गया हैं जबकि बैतूल जिले में 618 ग्रामों में वन अधिकार समितियों का गठन किया गया हैं।
विधान सभा क्षेत्र कटंगी अंतर्गत मार्ग निर्माण
83. ( क्र. 3122 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में कटोरी-लीलामा लोक निर्माण मार्ग लं.1.8 कि.मी., भौरगढ़-तेमरी मार्ग लं. 2.2 कि.मी. एवं कटोरी-फुलचुर शंकर पिपरिया मार्ग लं. 2.7 कि.मी. का मजबूतीकरण के साथ डामरीकरण करना अत्यन्त आवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग इन तीनों खस्ताहाल मार्ग को डामरीकरण तथा मजबूतीकरण हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
व्यक्ति/कम्पनी/ठेकेदार/फर्म का नाम काली सूची में दर्ज करना
84. ( क्र. 3131 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विगत 5 वर्षों में कौन-कौन व्यक्ति/कम्पनी/ठेकेदार/ फर्म को विभाग द्वारा उसका नाम काली सूची में दर्ज किया गया है? नामवार एवं कारण एवं क्या कार्यवाही की जाती है व कितने समय के लिए की जाती है? बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) में व्यक्ति/कम्पनी/ठेकेदार/फर्म आदि का नाम किसी एक विभाग की काली सूची में दर्ज होने के बाद अन्य सभी विभागों में उनकी जानकारी जाती है? क्या यदि हाँ, तो दिनांकवार विवरण उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी एम.पी. ऑन-लाइन के पोर्टल पर अपलोड की जाती है।
उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत पी.आई.यू. के तहत निर्माण कार्य
85. ( क्र. 3137 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा में पी.आई.यू. के तहत कुल कितने निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के किए जा रहे हैं? कार्यवार 1 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें। (ख) उपरोक्त में से कौन-कौन से कार्य में कितना-कितना विलंब हुआ है एवं उसके कारण लागत में कितनी-कितनी वृद्धि हुई है? (ग) क्या उपरोक्त कार्यों के गुणवत्ताहीन होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? हाँ, तो उनका भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं क्या-क्या कमियां पाईं गईं? (घ) उक्त निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी के माध्यम से कराए जा रहे हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क निर्माण अंतर्गत अधूरे कार्य
86. ( क्र. 3173 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 4848 बैठक दिनांक 08 मार्च 2016 के उत्तर में मनसाया-सेमलिया-बड़बेली मार्ग, कालापीपल-कुरावर मार्ग से चाकरोद, साल्या-देवली मार्ग, पोलायकलां से रनायल मार्ग में अधूरे पुलिया एवं सड़क कार्य अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. मण्डल उज्जैन में परीक्षणाधीन होना बताया गया है तो इनका परीक्षण कब तक होगा? (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित मार्गों पर अधूरे रहे सड़क निर्माण एवं पुल/पुलिया निर्माण के कार्यों की स्वीकृति नहीं होने से उक्त मार्गों का नागरिकों के लिए क्या उपयोग है? इन सड़कों के अधूरे कार्य तथा पुल/पुलिया निर्माण के कार्यों में विलम्ब के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित सड़कों के निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आंशिक रूप से उपयोगी कोई नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मंदिरों का जीर्णोद्धार
87. ( क्र. 3174 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शाजापुर जिले के ग्राम पोचानेर के ओंकारनाथ मंदिर, ग्राम रानीबड़ौद के ईलाही माता मंदिर तथा पोलायकलॉ के गोपाल मंदिर के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो मंदिरवार कितनी राशि के? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंदिरों की स्थिति अत्यंत जर्जर है, क्या जीर्णोद्धार हेतु राशि आवंटित की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महाविद्यालयों में संगीत एवं चित्रकला विषय
88. ( क्र. 3204 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के कितने एवं किन-किन महाविद्यालयों में संगीत एवं चित्रकला विषय पढ़ाये जाते हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा इन विषयों के रिक्त पद भरने हेतु सहायक प्राध्यापक की भर्ती परीक्षा म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से आयोजित की गई? यदि नहीं, तो इन विषयों की उपेक्षा का क्या कारण है? (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त विषयों के सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पद म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश के 24 शासकीय महाविद्यालयों में संगीत एवं 12 शासकीय महाविद्यालयों में चित्रकला विषय पढ़ाये जाते हैं। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) दिनांक 19.02.2016 को संगीत विषय के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से विज्ञापन जारी किया गया है। छात्र संख्या कम होने के कारण चित्रकला विषय के रिक्त पदों हेतु विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
परिशिष्ट - ''तैतीस''
धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार व विकास
89. ( क्र. 3208 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से धार्मिक स्थल म.प्र. शासन के अधीन है? स्थान का नाम/ग्राम का नाम सहित जानकारी दें? 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक नरसिंहगढ़ क्षेत्र के धार्मिक स्थलों/मंदिरों के जीर्णोद्धार, मरम्मत/विकास कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि किस मंदिर/धार्मिक स्थलों के लिए आवंटित हुई? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्धता जानकारी अनुसार प्राप्त आवंटित राशि से किस-किस धार्मिक स्थलों/मंदिरों में क्या-क्या कार्य/किन-किन संस्थाओं/निकायों/एजेंसियों के माध्यम से कराये गये हैं? इनके प्राक्कलन किनके द्वारा तैयार किये गये हैं? राशि की उपयोगिता प्रमाण-पत्र व कार्य की पूर्णता के प्रमाण-पत्र कब-कब किन-किन अधिकारियों द्वारा जारी किये गये? (ग) उक्त अवधि में उपरोक्त जीर्णोद्धार कार्य हेतु धार्मिक स्थल के चयन, राशि की स्वीकृति व कार्य एजेंसी के निर्धारण हेतु क्या-क्या मापदण्ड अपनाये गये?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अलीराजपुर जिले में टू-लेन मार्ग निर्माण
90. ( क्र. 3252 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले की जोबट विधान सभा क्षेत्र से जुड़े मुख्य मार्ग 1. सेजावाड़ा से आम्बुआ 2. मालपुर से बरझर गुजरात सीमा तक 3. जोबट से खट्टाली नानपुर मुख्य मार्ग टू-लेन निर्माण प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्गों का सर्वे करवाकर तकनीकी प्राक्कलन तैयार करवाया गया है? (ग) यदि हाँ, तो मार्गवार तकनीकी प्राक्कलन राशि कितनी है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति निर्माण कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) टू-लेन नहीं, अपितु इंटरमीडियेट लेन हेतु, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अलीराजपुर जिले में वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण
91. ( क्र. 3253 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में वन विभाग द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितने-कितने पौधों के वृक्षारोपण का लक्ष्य था? इसके विरूद्ध कितने पौधों का वृक्षारोपण किया गया वर्षवार बताएं। किस-किस प्रजाति के पौधे लगाये गये? पौधों की खरीदी कहाँ से की गई? इस पर कितना व्यय हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्षवार कितना-कितना बजट आवंटित किया गया? इसके विरूद्ध किन-किन कार्यों पर कितना-कितना व्यय किया गया? (ग) उक्त वर्षों से अब तक कितने पौधे जीवित हैं? पौधों की संख्या एवं रोपित स्थान का नाम बताएं।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जिला वनोपज यूनियन
92. ( क्र. 3259 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला वनोपज यूनियन छतरपुर में तेन्दूपत्ता वर्ष 2016 में किस अवधि में शाखकर्तन का कार्य कराया गया तथा उक्त कार्य हेतु जिला यूनियन को कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) क्या तेन्दूपत्ता शाखकर्तन का भुगतान पत्ता संग्राहकों को प्रश्न दिनांक तक कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का भुगतान कितने संग्राहकों को किया जा चुका है और कितने का भुगतान शेष है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शाखकर्तन का कार्य फंड से संलग्न संग्राहकों द्वारा ही किया जाता है? यदि हाँ, तो जिला यूनियन के समस्त फंडों के शाखकर्तन करने वो संग्राहकों की फंडवार सूची बैंक खाता क्रमांक, भुगतान राशि एवं संग्रहण कार्ड क्रमांक सहित सूची प्रदाय करें? (घ) क्या जिले की तेन्दूपत्ता शाखकर्तन का भुगतान वास्तविक संग्राहकों को न कर अपात्रों को कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इस हेतु कौन जिम्मेदार है? दोषी व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जिला यूनियन छतरपुर में वर्ष 2016 में दिनांक 11.03.2016 से दिनांक 03.04.2016 तक शाखकर्तन का कार्य कराया गया। शाखकर्तन कार्य से जिला यूनियन को राशि रू. 24,27,000/- प्राप्त हुई। (ख) जी हाँ। शाखकर्तन कार्य में लगे समस्त 1357 संग्राहकों को राशि रू. 23,46,847/- का भुगतान किया जा चुका है। किसी भी संग्राहक को, शाखकर्तन कार्य की राशि का भुगतान होना शेष नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शाखकर्तन का कार्य फड़ से संबंधित क्षेत्र के ग्राम एवं आस-पास के ग्रामों में उपलब्ध संग्राहकों द्वारा भी किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
युक्तियुक्तकरण के तहत महाविद्यालयों में विषय बंद करना
93. ( क्र. 3271 ) डॉ. मोहन यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में युक्तियुक्तकरण के तहत कुछ महाविद्यालयों से भूगोल/चित्रकला जैसे विषय बंद करने का निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त युक्तियुक्तकरण किस आधार पर किया गया है तथा इसमें तकनीकी कारणों से पाठ्यक्रमों से वंचित रह जाने वाले विद्यार्थियों के लिये क्या प्रावधान किये गये हैं? (ख) क्या इन विषयों को इन महाविद्यालयों से बंद करने पर विश्वविद्यालयों के मान्य विषय समूहों को संज्ञान में लाया गया था अथवा नहीं? (ग) क्या कन्या महाविद्यालयों से छात्राओं के विषय बंद किये जाने से उन्हें को-एज्यूकेशन के लिये बाध्य होना नहीं पड़ेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। संबंधित विषयों में निरंतर सत्रवार संख्या में कमी के कारण युक्तियुक्तकरण किये जाने का निर्णय लिया गया। एक ही शहर में अध्यापन की व्यवस्था की गई। (ख) कतिपय प्रकरणों में शिकायतें संज्ञान में आयी हैं। (ग) जी हाँ।
उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सड़कों का नवीनीकरण
94. ( क्र. 3301 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्ष में लोक निर्माण विभाग द्वारा उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन सी पुरानी सड़कों का नवीनीकरण एवं डामरीकरण किया गया है एवं कौन-कौन सी सड़कें शेष हैं? (ख) विभाग द्वारा विगत 02 वर्षों में उदयपुरा वि.स.क्षेत्र के लिये कौन-कौन सी नवीन सड़क निर्माण के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं, उनकी स्थिति बतायें? (ग) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 02 वर्षों में पुरानी सड़कों के नवीनीकरण पर व्यय की गई राशि की जानकारी सड़क के नाम सहित उपलब्ध करावें? (घ) विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा में किस-किस स्थान में रोड के निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या योजना बनाई गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2', अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है।
सड़क एवं भवन निर्माण
95. ( क्र. 3315 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा निर्मित सड़क एवं भवन निर्माण का कार्यवार मय लागत एवं सड़क की लम्बाई-चौड़ाई का ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किये गये निर्माण कार्यों की वर्तमान भौतिक एवं वित्तीय प्रगति क्या है? (ग) उपरोक्तानुसार निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार अनियमितता तथा लापवारवाही संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सड़क कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार व भवन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) जानकारी उत्तरांश 'क' अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतवार पौधारोपण
96. ( क्र. 3316 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र के सैलाना एवं बाजना विकासखण्ड में विभाग का ग्राम पंचायतवार पौधारोपण का क्या लक्ष्य है प्रश्न दिनांक तक कितने लक्ष्य की पूर्ति की गई? क्या रोपित पौधों की पर्याप्त सुरक्षा की गई है यदि नहीं, तो क्यों? इस संबंध में क्या नियम हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए किसानों को नि:शुल्क पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने किसानों को पौधे वितरीत करने का लक्ष्य है तथा कितने किसानों को पौधे वितरित कर दिये गये? इस संबंध में जारी शासन निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पौधे वितरण का शत्-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं तथा इसकी समय-सीमा क्या है? यदि लक्ष्य अनुसार पौधों वितरित नहीं हो पाये तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार होगें तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। वृक्षारोपण की सुरक्षा हेतु क्षेत्र को चेनलिंक फेंसिंग के माध्यम से सुरक्षित किया गया है एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का सहयोग लेकर सुरक्षा हेतु श्रमिक रखा जाकर क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। रोपण कार्य शासन के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। सैलाना विधान सभा के सैलाना एवं बाजना विकासखण्ड के अंतर्गत 130 किसानों की भूमि पर 33450 बांस पौधों का रोपण बांस मिशन योजनान्तर्गत किसानों द्वारा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उक्त बांस के पौधे किसानों को रोपण हेतु विभाग द्वारा नि:शुल्क प्रदाय किये जा रहे हैं, जिसके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक 75 किसानों को पौधा वितरित किये गये एवं उनके द्वारा उनकी भूमि पर 18200 बांस पौधे रोपित किये जा चुके हैं, बांस पौधों का रोपण कार्य प्रगति पर है। इस संबंध में शासन के मानदण्ड की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) चिन्हित किये गये कृषकों से निरन्तर सम्पर्क कर चालू वर्षा ऋतु में शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है इसके लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग म.प्र. के कम्प्यूटर ऑपरेटरों का नियमितीकरण
97. ( क्र. 3338 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग म. प्र. में वर्तमान में कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर, कब से कार्यरत हैं? वर्तमान में विभाग द्वारा इन ऑपरेटरों को किस दर से अर्थात् संविदा, घण्टा, पेज, मासिक अथवा दैनिक दर से भुगतान किया जा रहा है? (ख) क्या वन विभाग द्वारा इन ऑपरेटरों को श्रम विभाग के परिपत्र 01.010.2014 के अनुसार भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? क्या वर्तमान में कार्यरत् सभी कम्प्यूटर ऑपरेटरों को समान वेतन दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) क्या मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुरूप विभाग में 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत् कम्प्यूटर ऑपरेटरों को नियमित या पदानुसार समाहितीकरण से नियमित किये जाने की कोई योजना है? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा और कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग म. प्र. में वर्तमान में 946 कम्प्यूटर ऑपरेटर जॉब दर पर कार्यरत हैं। इन सभी कम्प्यूटर ऑपरेटरों की कार्य अवधि एक माह से 16 वर्ष के मध्य है। वन विभाग में जॉब दर पर रखे जाने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटरों के लिए अधिकतम 208 घंटे (26 दिवस 8 घंट प्रतिदिन) कार्य अवधि के अनुसार (माह में निर्धारित अधिकतम 8810/- पारिश्रमिक किया गया है, जो 01.10.2015 से प्रचलित श्रमायुक्त द्वारा निर्धारित अधिकतम मासिक पारिश्रमिक के समान है। (ख) श्रमायुक्त, इन्दौर, म. प्र. द्वारा कुशल श्रमिक हेतु निर्धारित अधिकतम मासिक पारिश्रमिक को आधार मानकर जॉब दर का निर्धारण किया गया है। उन्हें निर्धारित जॉब दर प्रतिघंटे के आधार पर, किये गये कार्य अनुसार भुगतान किया जाता है। अत: अर्जित पारिश्रमिक की राशि फिक्स न होने के कारण निश्चित राशि प्रतिमाह बताया जाना व्यवहारिक नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छतरपुर-सागर मार्ग निर्माण कार्य
98. ( क्र. 3341 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर-सागर मार्ग में सड़क के चौड़ीकरण एवं पुल-पुलिया का निर्माण कार्य किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है, तो उपरोक्त मार्ग में किस प्रकार का निर्माण कार्य किया जा रहा है? निर्माण कार्य की लागत कितनी है? उपरोक्त कार्य कौन-कौन कर रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
गाडरवारा नगर में स्टेडियम निर्माण किया जाना
99. ( क्र. 3350 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत गाडरवारा नगर में क्या कोई खेल मैदान को स्टेडियम में विकसित किये जाने का कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो अभी तक विभाग ने उस पर क्या कार्यवाही की है? (ख) इस स्टेडियम निर्माण हेतु विभाग कब तक कार्य प्रारंभ करने की योजना बना रहा है। इसमें कितनी राशि खर्च होगी एवं कब तक कार्य पूर्ण होगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। गाडरवारा स्टेडियम हेतु वास्तुविद से विस्तृत प्राक्कलन व डिजाइन तैयार कराये जा रहे है, तदुपरान्त परीक्षण कर निर्माण किए जाने पर निर्णय लिया जावेगा। (ख) वास्तुविद द्वारा स्थल निरीक्षण के पश्चात् विस्तृत प्राक्कलन एवं डिजाइन तैयार किए जाने के पश्चात् सक्षम समिति से स्वीकृति उपरांत ही स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति व कार्य आरंभ करने का निर्णय लिया जा सकेगा। वास्तुविद द्वारा स्थल निरीक्षण के उपरांत प्राक्कलन प्राप्त होने पर ही राशि का आंकलन हो सकेगा। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन विभाग की अनापत्ति समाप्त करना
100. ( क्र. 3356 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चम्बल अभ्यारण्य मुरैना से सटी किसानों की भूमि से वर्ष 2013, 2014, 2015 में रेत निकालने पर वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किये गये थे? कितने प्रकरणों में विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किए नाम, स्थान, संख्या, तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य की सीमा से सटी किसानों के स्वामित्व की भूमि पर भी रेत पायी जाती है? जहाँ घडि़यालों के न तो अण्डे मिलते हैं न ही घडि़यालों की उपस्थिति रहती है। उसके बाद भी किसानों को रेत निकालने पर अभ्यारण्य अधिनियम के तहत कार्यवाही क्यों की जाती है? (ग) उक्त अवधि में रेत निकालने पर अनापत्ति प्रमाण-पत्र बाद में क्यों बंद कर दिये कारण सहित पूर्ण जानकारी दी जावे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य की सीमा से सटी अधिसूचित क्षेत्र से बाहर किसानों के स्वामित्व की भूमि पर रेत पाये जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य के अधिसूचित क्षेत्र के बाहर किसानों के स्वामित्व की भूमि पर घडि़याल की उपस्थिति के कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं। राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य के अधिसूचित क्षेत्र से रेत निकालने पर ही वन विभाग द्वारा विधिसम्मत् कार्यवाही की जाती है। (ग) वन विभाग द्वारा कोई अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं दिये गये हैं। अत: बंद करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संरक्षित वन भूमि
101. ( *क्र. 3362 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले की सीहोर तहसील के ग्राम पंचायत आंवलीखेड़ा के ग्राम कठोतिया (राबियाबाद) एवं इछावर तहसील के ग्राम पंचायत कुड़ी के ग्राम बिछौली की कितनी भूमि को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धार 29 के अनुसार संरक्षित वन भूमि अधिसूचित किया है? (ख) संरक्षित वन सर्वे के दौरान किस खसरा नंबर का कितना रकबा वनखण्ड में शामिल किया, कितना रकबा वनखण्ड के बाहर छोड़ा, कितना रकबा किस पत्र क्रमांक से राजस्व विभाग को अंतरित किया गया, कितना रकबा सामूहिक कृषि सहकारी समिति को आवंटित किया गया है? (ग) कठोतिया (राबियाबाद) को किस अधिसूचना या आदेश से वन ग्राम घोषित कर वन ग्राम का कितना रकबा निर्धारित किया उस पर कितने काबिजों को कितनी भूमि के कितने पट्टे वन ग्राम नियम 1977 के अनुसार दिए गये? (घ) वन अधिकार कानून 2006 में वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने के क्या प्रावधान हैं? कठोतिया वन ग्राम को प्रश्न दिनांक तक भी राजस्व ग्राम न बनाए जाने का क्या कारण हैं? कब तक कठोतिया को राजस्व ग्राम बना दिया जाएगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित ग्रामों की किसी भी भूमि को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 के अंतर्गत संरक्षित वन भूमि अधिसूचित नहीं किया गया है, अपितु वनग्राम कठोतिया (राबियाबाद) एवं बिछोली का वनक्षेत्र भोपाल रियासत की अधिसूचना ऐलान नम्बर 3 दिनांक 12.01.1916 से घोषित आरक्षित वन हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वनग्राम कठोतिया (राबियाबाद) एवं वनग्राम बिछोली में से केवल वनग्राम बिछोली को मध्यप्रदेश शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक/3263-x-62 दिनांक 26.04.1962 से आरक्षित कर प्रबंधन हेतु राजस्व विभाग को सौंपने हेतु अधिसूचित किया गया, उक्त अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। विषयांकित अधिसूचना के परिप्रेक्ष्य में वनग्राम बिछोली का अधिवासित क्षेत्र रकबा 72.035 हेक्टेयर बिना निर्वनीकरण किये दिनांक 18.05.1964 को राजस्व विभाग को अंतरित किया गया। उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार सामूहिक कृषि सहकारी समिति को कोई वनक्षेत्र आवंटित किया जाना नहीं पाया गया। (ग) वन संरक्षक भोपाल के पत्र क्रमांक/डी.एम./12559 दिनांक 10.11.1966 से वनग्राम कठोतिया (राबियाबाद) के स्थापना की स्वीकृति दी गई, तत्समय इस वनग्राम का 260 एकड़ रकबा निर्धारित किया गया। समस्त विद्यमान वनग्रामों की स्थापना नियम 1977 की धारा 3 के अंतर्गत इन नियमों के अधिसूचित किये जाने की दिनांक से नियमों के अधीन वनग्राम माना गया हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वनग्राम नियम 1977 के तहत वनग्राम कठोतिया (राबियाबाद) का क्षेत्रफल एवं वितरित पट्टों की जानकारी निम्नानुसार है :-
वनग्राम का कुल क्षेत्रफल (हेक्टेयर)
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वितरित 15 वर्षीय पट्टों का विवरण |
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संख्या |
रकबा (हेक्टेयर) |
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108.944 |
14 |
33.876 |
(घ) वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा 3 (1) (ज) में वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने का प्रावधान है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित किये जाने के संबंध में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत कार्यवाही प्रचलित होने से समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
उद्योग स्थापना में नौकरी की अनिवार्यता
102. ( क्र. 3372 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन की नीति अनुसार वृहद उद्योगों द्वारा किसानों एवं शासकीय भूमि की भूमि लिए जाने पर उन्हें उस कारखानें में नौकरी दिया जाना अनिवार्य बताया गया है? यदि हाँ, तो शासन के उक्त आदेश-निर्देश की प्रति दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में विगत 7 वर्षों में स्थापित कारखानों द्वारा किन-किन किसानों से कितनी-कितनी भूमि अधिग्रहित की गई अथवा उनके परिवार के सदस्यों को किन-किन स्थानों पर नौकरी दी गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित कारखानों द्वारा भूमि अधिग्रहित परिवार के सदस्यों को योग्यतानुसार कारखानों द्वारा नौकरी नहीं दी गई? क्या शासन द्वारा पृथक से जाँच कराई जाकर नियमों का उल्लंघन करने वाले इन संस्थानों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) राज्य शासन की उदयोग संवर्धन नीति 2014 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं। (ख) वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा कटनी जिले में विगत 07 वर्षों में किसी कारखाने हेतु भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं की गई हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
भू-अर्जन में अनियमितता
103. ( क्र. 3373 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिलांतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 07 के छपरा, स्लीमनाबाद, तेवरी एवं अन्य ग्रामों निर्माण व विस्तार हेतु किन-किन भू-स्वामियों की कुल कितनी-कितनी भूमि/सम्पत्ति अर्जित की गई है? कितना-कितना मुआवजा प्रश्न दिनांक तक उन्हें भुगतान कर दिया गया है? कितना मुआवजा दिया जाना शेष है? (ख) उक्त भू-अर्जन में अनियमितता, मूल्यांकन में गड़बड़ी आदि की क्या-क्या शिकायतें किन-किन के द्वारा किस-किस स्तर पर की गई हैं? उनके निराकरण की क्या स्थिति है? क्या सभी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है? (ग) उक्त भू-अर्जन कार्य में हुई अनियमितताओं के प्रकाश में व भू-स्वामियों की शिकायतों के चलते क्या विभाग संपूर्ण भू-अर्जन प्रक्रिया का पुनर्परीक्षण पुनर्मूल्यांकन करायेगा, ताकि सभी के साथ न्याय हो सके? यदि हाँ, तो कब तक नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कटनी जिले के अनुविभाग बहोरीबंद अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 7 हेतु कुल 8 ग्राम-नैगवां, तेवरी, लिगरी, भेड़ा, हरदुआ, स्लीमनाबाद, सिहुडी, छपरा की कुल 59.51 हे. भूमि अर्जित की गई है। ग्रामवार एवं भूमि स्वामीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार, प्रश्न दिनांक तक कुल रू. 4,62,26,594/- की मुआवजा राशि किसानों को वितरित की जा चुकी है तथा रू. 79,96,336/- मुआवजा वितरण हेतु शेष है। (ख) भू-अर्जन में अनियमितता, मूल्यांकन में गड़बड़ी की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। निराकरण लंबित होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) भू-अर्जन कार्य में किसी प्रकार की अनियमिततायें प्रकाश में नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के अनुसार ही भू-अर्जन किया गया है। हितग्राही के असंतुष्ट होने पर आर्बीट्रेटर के यहाँ आर्बीट्रेशन जाने का प्रावधान है।
कूनो पालपुर अभ्यारण में गुजरात के एशियाई शेरों को बसाया जाना
104. ( क्र. 3441 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुजरात के गिरि अभ्यारण्य के एशियाई शेरों के वैकल्पिक निवास हेतु श्योपुर जिले में कूनो पालपुर अभ्यारण्य का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो इस पर अभी तक कितनी राशि व्यय की गई है? उक्त अभ्यारण्य के कितने विस्थापितों को कितनी मुआवजा राशि भुगतान किया जाना शेष है? कब तक भुगतान करा दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कूनो-पालपुर अभ्यारण्य में गुजरात के एशियाई शेरों को बसाने हेतु मान. उच्चतम न्यायालय के निर्देश में गठित समिति द्वारा कब-कब दौरा/मीटिंग कर क्या-क्या अनुशंसायें की हैं? क्या प्रदेश सरकार उक्त अभ्यारण्य में एशियाई शेरों को बसाने के प्रति गंभीर नहीं है? प्रदेश सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में क्या-क्या प्रयास किये है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। वर्ष 1996-97 से 2015-16 तक निम्नानुसार राशि व्यय की गई है :-
केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि से व्यय लाख में |
राज्य सरकार से प्राप्त राशि से व्यय लाख में |
2406.29 |
3531.61 |
20 विस्थापितों को रू. 2,88,081/- की राशि का भुगतान शेष है। भुगतान की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), विजयपुर द्वारा की जा सकेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कूनो पालपुर अभ्यारण्य में गुजरात के एशियाई शेरों को बसाने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 15.04.13 के अनुसार एशियाई सिंहों के पुर्नस्थापन हेतु भारत शासन द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा दिनांक 29.07.2013, 19.08.2013, 28.04.2014, 11.02.2015 एवं 13.05.2016 को बैठकों का आयोजन किया जाकर की गई अनुशंसायें संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में किये गये प्रयासों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
चम्बल नदी पर पुल निर्माण
105. ( क्र. 3442 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के अटार घाट पर चम्बल नदी पर टोल एवं एन्युटी योजनान्तर्गत पुल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी? यदि हाँ, तो कब एवं कितनी राशि की? उक्त स्वीकृति के बाद विभाग द्वारा पुल निर्माण प्रारंभ करने के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही से अवगत करावें? उक्त पुल के निर्माण हेतु कौन-कौन सी अनापत्तियां कहाँ-कहाँ से लिया जाना शेष है? यदि नहीं, तो किस योजनान्तर्गत पुल निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है? कब तक कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा? (ख) क्या सबलगढ़ से चम्बल नदी के अटार घाट तक का सड़क मार्ग जो कि म.प्र. को राजस्थान से जोड़ता है, अत्यंत जीर्ण-शीर्ण एवं बड़े बड़े गड्ढे होने से आवागमन योग्य नहीं है, का पुनर्निर्माण कराने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो किस योजना के तहत प्रस्तावित है व कब तक उक्त अंतर्राज्यीय महत्व के मार्ग का निर्माण प्रारंभ करा दिया जावेगा? (ग) क्या मुरैना जिले की कैलारस तहसील अंतर्गत सेवर घाट पर चम्बल नदी पर निर्माणाधीन पुल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है? यदि हाँ, तो किस कारण से? उक्त पुल का निर्माण कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राज्य शासन द्वारा बी.ओ.टी. (टोल+एन्युटी) पर मुरैना जिले के सबलगढ़-करौली (राज्यमार्ग क्रं. 02) (राजस्थान सीमा तक) मार्ग लंबाई 12.00 कि.मी. की प्रशासकीय स्वीकृति रू. 81.91 करोड़ की दिनांक 22.11.2012 को जारी की गई थी, जिसमें सबलगढ़ तहसील के अटार घाट पर चंबल नदी का पुल शामिल था बी.ओ.टी. (टोल+एन्युटी) योजना में मार्ग निर्माण हेतु वित्तीय निविदाएं दो बार आमंत्रित की गई, जिसमें निविदाकार द्वारा अधिक एन्युटी मांग के कारण टेण्डर कमेटी द्वारा निविदा अस्वीकृत की गई। पुल निर्माण का कार्य म.प्र. लोक निर्माण विभाग द्वारा ब्रिक्स योजना में प्रस्तावित है। योजना की स्वीकृति भारत सरकार से अपेक्षित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। सबलगढ़ से चंबल नदी अटार घाट तक का सड़क मार्ग के उन्नयन एवं चौड़ीकरण का कार्य मय पुल-पुलियाओं के मुरैना-सबलगढ़ मार्ग के अनुबंध दिनांक 01.11.2015 में चैंज ऑफ स्कोप के अंतर्गत स्वीकृत किया गया है। मार्ग का निर्माण शीघ्र प्रारंभ करने हेतु ठेकेदार मेसर्स राज श्याम कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. गाजियाबाद को निर्देशित किया जा रहा है। (ग) मुरैना जिले की कैलारस तहसील अंतर्गत सेवर घाट पर चंबल नदी पर पुल निर्माण का कार्य राजस्थान सरकार द्वारा किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. - 7 का फोर-लेन कार्य
106. ( क्र. 3446 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कंपनी एवं शासन की उदासीनता के कारण राष्टीय राजमार्ग-7 का फोर-लेन का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है? विलंब का कारण एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या सिवनी जिले के अंतर्गत बंजारी माँ घाटी वाली पुलिया व सड़क अत्यंत सकरी है और सदैव सड़क दुर्घटना होती रहती हैं और घंटों जाम लग जाता है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों में उक्त स्थल पर कितनी दुर्घटनाएं हुईं? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अपूर्ण फोर-लेन निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) स्थल पर हो रही लगातार दुर्घनाओं को रोकने के लिये शासन व विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या प्रयास किये गये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 जो कि रीवा हनुमान एम.पी./यू.पी. बार्डर लंबाई 89.3 कि.मी. फोर-लेन का कार्य डी.बी.एफ.ओ.टी. पद्धति से दिनांक 28.03.2016 को प्रोविजनल सी.ओ.डी. जारी की जाकर कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्य पूर्ण पंच लिस्ट के कार्य प्रगति पर है शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विभाग के अंतर्गत मार्ग पर दुर्घटनाएं रोकने हेतु फोर-लेन मार्ग में व्हीकुलर अण्डर पास बोर्ड इत्यादि का प्रावधान किया गया है। फोर-लेन बनने के बाद सड़क पर दुर्घटनाओं की कोई सूचना नहीं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन विभाग की जमीनों पर अतिक्रमण
107. ( क्र. 3447 ) श्री दिनेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वन विभाग की कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि किस-किस तहसील में है? (ख) क्या समस्त भूमि विभाग के कब्जे या उस भूमि पर अतिक्रमण कर खेती एवं मकान बनाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो किन-किन वन कक्षों में कितने व्यक्तियों का अतिक्रमण हैं? परिक्षेत्रवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) से संदर्भित अतिक्रमण को दूर करने के 01 जनवरी,2014 के पश्चात् क्या-क्या प्रयास किये गये? (घ) क्या वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से भू-माफिया लोग भूमि पर खेती व अन्य अतिक्रमण करवा रहे हैं? यदि नहीं, तो अतिक्रमण हटाने में क्या बाधा उत्पन्न हो रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सिवनी जिले के 3617.100 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –ब, स एवं द अनुसार है। (ग) ऐसे अतिक्रामक जो कि दिनांक 24.10.1980 के पूर्व के हैं अथवा जिन्हें अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत पात्र पाये गये हैं, को छोड़कर शेष अतिक्रामकों के विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत वन अपराध प्रकरण दर्ज कर धारा 80 (अ) अनुसार बेदखली की कार्यवाही की जा रही हैं। (घ) जी नहीं। अतिक्रमण के प्रकरण संज्ञान में आते ही नियमानुसार विधिवत् कार्यवाही करते हुये वन अमले द्वारा अतिक्रमण को हटाने/रिक्त कराने बाबत् कार्यवाही की जाती है।
खेलकूद सामग्री की खरीदी, वितरण एवं अनुदान विवरण
108. ( क्र. 3449 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कटनी जिले में किस-किस खेल सामग्री एवं उपकरण का कितनी-कितनी संख्या में वितरण किया गया है? वर्षवार विवरण प्रदान करें। (ख) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा किस-किस खेल एवं उपकरण हेतु कितनी-कितनी सामग्री कहाँ-कहाँ से क्रय की गई है? क्रय हेतु अपनाई गई प्रक्रिया एवं जिन नियमों के तहत प्रक्रिया अपनाई गई है, का विवरण प्रदान करें। क्या प्रत्येक खेल सामग्री की गुणवत्ता के कोई मापदण्ड तय किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या-क्या, बतायें. यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। (ग) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कटनी जिले के किस-किस खेल संघ को कितनी-कितनी राशि किस-किस प्रयोजन हेतु कब-कब प्रदान की गई है? राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र किस-किस खेल संघ द्वारा दिया गया है एवं यदि नहीं, दिया गया है तो क्यों? कारण बतायें एवं कब तक प्राप्त किया जावेगा? (घ) क्या प्रदान की गई खेल सामग्री अत्यंत निम्न स्तरीय होने के कारण जल्द खराब हो रही है और खिलाड़ी उसका उपयोग नहीं कर पा रहे है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच कराई जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में वितरित खेल सामग्री/उपकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘क‘‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में सामग्री/उपकरण हेतु अपनाई गई प्रक्रिया नियम, गुणवत्ता के मापदण्ड एवं जहाँ से सामग्री क्रय की गई उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख‘‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में कटनी जिले के खेल संघों को जिस प्रयोजन हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई। उससे संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ग‘‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि भूमि पर वन्य प्राणियों द्वारा किए जाने वाले नुकसान
109. ( क्र. 3457 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि भूमि पर कृषकों की फसलों को वन्य प्राणियों द्वारा किए जाने वाले नुकसान से बचाने के लिए क्या प्रावधान/योजना हैं? नुकसान उपरांत कृषकों को क्षतिपूर्ति हेतु क्या प्रावधान हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने क्षेत्रफल में वनक्षेत्र हैं? इसमें से कितना विकसित वनक्षेत्र हैं एवं कितना अविकसित? क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में बंदर एवं नीलगाय अधिक संख्या में हैं? यदि हाँ, तो इनके द्वारा फसलों को नुकसान न पहुँचाया जाये, इस हेतु क्या व्यवस्था बनी हुई हैं? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत दोपहर के समय बंदर एवं रात्रि के समय नीलगाय कृषकों के खेतों में घुसकर फसलों में नुकसान पहुँचाते हैं, इसकी जानकारी विभाग को है? यदि हाँ, तो क्या इस ओर ध्यान दिया जाकर प्रभावी सुधारात्मक कार्यवाही की जावेगी? (घ) विभाग द्वारा वृक्षों की कटाई रोकने एवं वन्य प्राणियों द्वारा फसलों के नुकसान से बचाने हेतु क्या कार्यवाही की जाती हैं? विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में की गई कार्यवाही का विवरण देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) शासन द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत् सेवा क्रमांक 4.6 में राजस्व विभाग द्वारा वन्यप्राणियों से फसल हानि किये जाने पर 30 कार्य दिवस में क्षतिपूर्ति राशि प्रभावित कृषकों को दिये जाने का प्रावधान है। नुकसान उपरांत राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड 6 क्रमांक 4 में वन्यप्राणियों से फसल हानि हेतु वर्तमान में प्रचलित दरों के अनुसार प्रभावित कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि दिये जाने का प्रावधान है। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 3219.121 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनक्षेत्र है, इसमें से 790.726 हे. आरक्षित एवं 2428.395 हे. संरक्षित वनक्षेत्र है। कार्य आयोजना अनुसार उपरोक्त संपूर्ण क्षेत्र वन विहीन क्षेत्र है। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में बंदर एवं नीलगाय अधिक संख्या में नहीं है। बंदरों द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुँचाये जाने के कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं। नीलगायों से फसलों के नुकसान हेतु कुछ शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनमें फसल नुकसानी का मुआवजा लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत् राजस्व विभाग द्वारा दिये जाने का प्रावधान है। (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत बंदरों द्वारा दोपहर के समय कृषकों की फसलों को नुकसान पहुँचाये जाने की कोई सूचना प्रकाश में नहीं आई है। नीलगायों से फसलों के नुकसान हेतु कुछ शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें फसल नुकसानी का मुआवजा लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत् राजस्व विभाग द्वारा दिये जाने का प्रावधान है। (घ) विभाग द्वारा वन सुरक्षा हेतु गश्त की जाती है। वन्यप्राणियों से फसलों के नुकसान को रोकने हेतु इस समस्या से प्रभावित क्षेत्रों में पशु अवरोधक खंती/पत्थर की दीवार/फेंसिंग/सोलर फेंसिंग की गई है। शिविरों के माध्यम से ग्राम पंचायत एवं वन समिति स्तर पर फसल नुकसानी पर शासन की क्षतिपूर्ति योजना के प्रचार-प्रसार की कार्यवाही भी की गई है। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में वन्यप्राणियों के रहवास को विकसित करने के लिये 747 हे. क्षेत्र में जलाऊ एवं चारागाह विकास उपचार कार्य एवं 160 हे. क्षेत्र में रोपण कार्य किया गया है। रोपण कार्य के अंतर्गत 18600 पौधे रोपित किए गये हैं। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में की गई कार्यवाही विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना
110. ( क्र. 3458 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत विभाग को किन-किन स्थानों पर उद्योग स्थापना हेतु भूमि आरक्षित की गई हैं? आरक्षित भूमि पर उद्योग प्रारम्भ किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम लालूखेड़ी के निकट 84 हेक्टेयर भूमि उद्योग स्थापना हेतु आरक्षित/आवंटित की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या उद्योग विकास निगम/नगर एवं ग्राम निवेश देवास द्वारा भूमि पर प्रावधान अनुसार विकास कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि हाँ, तो उद्योग कब तक प्रारम्भ होंगे? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण किये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ अनुसार आरक्षित भूमि पर उद्योग संचालन हेतु किन-किन फर्मों द्वारा रूचि दिखाई गई हैं? विवरण देवें? (घ) क्या स्व-प्रेरणा से प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ में उल्लेखित भूमि पर शीघ्र उद्योग प्रारम्भ करने हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) आगर जिला अंतर्गत उद्योग स्थापना हेतु आरक्षित की गई भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन स्थानों पर उद्योग स्थापना हेतु इच्छुक उद्यमियों/निवेशकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। (ख) लालूखेड़ी के निकट की भूमि 82.260 हेक्टेयर का आधिपत्य मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम उज्जैन को प्राप्त हुआ है। औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। (ग) वर्तमान स्थिति में उद्योग संचालन हेतु फर्मों से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) उद्योग की स्थापना हेतु इच्छुक उद्यमी को नियमानुसार सतत् रूप से फेसिलिटेट कराया जाता है।
जावरा नगर की पुलियाओं का निर्माण
111. ( क्र. 3464 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर की जनसंख्या एवं क्षेत्रफल में लगातार वृद्धि होती जाकर चार पहिया एवं दुपहिया वाहनों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि होती जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या पुराना शहर एवं बस्ती होने के कारण काफी संकरी सड़कें होने से यातायात सुगमता से संभव नहीं हो पाता है? (ग) यदि हाँ, तो जवाहर पथ से सीधे हाथीखाना होकर ताल नाका तथा रपट रोड की रपट पर पुलिया एवं हाथीखाना में नरसिंगपुरा से लगी पुलिया बनाए जाने की अत्यंत आवश्यकता महसूस की जाती है? (घ) यदि हाँ, तो शहर की महती एवं महत्वपूर्ण जन आवश्यकता की इस जटिल समस्या के निदान हेतु शासन/विभाग उक्त स्थानों पर पुलियाएं बनाए जाने हेतु विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ जवाहर पथ से हाथीखाना तक पूर्व निर्मित पुल पर यातायात अवरूद्ध होने एवं रपट रोड तथा हाथीखाना में नरसिंगपुरा पर 3 से 4 घण्टे वर्षा ऋतु में यातायात बाधित होने से। (घ) जी हाँ। जवाहर पथ से हाथीखाना एवं रपट रोड पर पूर्व निर्मित पुल लोक निर्माण विभाग के अधीन है। परीक्षण उपरांत कार्यवाही संभव है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। हाथीखाना से नरसिंगपुरा का मार्ग नगर परिषद् जावरा के अधीन होने से नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कार्यवाही की जावेगी।
मनासा नीमच मार्ग
112. ( क्र. 3465 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा मनासा से नीमच तक सीमेट कान्क्रीट मार्ग बनाने का कार्य शुरू किया गया है। इसकी प्राक्कलन राशि क्या है मार्ग की लम्बाई कितनी है एवं इसके निविदा किस दर पर स्वीकृत की गई है। (ख) क्या उक्त मार्ग नीमच-झलावाड़ अन्तर्राज्यीय मार्ग का हिस्सा है, तथा इस निर्माण योजना में मनासा नगर से गुजने वाले मार्ग को छोड़ दिया गया है। (ग) क्या छोड़े गए मार्ग का एक हिस्सा पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो चुका है तथा इस वर्षा काल में नगरीय क्षेत्र का पूर्ण हिस्सा क्षतिग्रस्त होने की पूर्ण संभावना है। (घ) क्या विधायक मनासा द्वारा इस मार्ग को उक्त निर्माण योजना में सम्मिलित किए जाने हेतु कलेक्टर नीमच, प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम एवं मंत्री लोक निर्माण विभाग को पत्र लिख कर सम्मिलित किए जाने का अनुरोध किया गया था। उक्त प्रश्न के प्रकाश में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग की प्राक्कलन राशि (प्रशासकीय स्वीकृति) रू. 104.521 करोड़ है। मार्ग की लंबाई 29.06 कि.मी. है। निविदा राशि रू. 90.41 करोड़ के विरूद्ध ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत वित्तीय प्रस्ताव राशि रू. 74.55 करोड़ स्वीकृत की गई। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। वर्तमान में मनासा नगर के हिस्से की स्थिति अच्छी होने के कारण इसके क्षतिग्रस्त होने की संभावना नहीं है। (घ) जी हाँ। मुख्य अभियंता (बी.ओ.टी.) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम भोपाल द्वारा नीमच-मनासा मार्ग का निरीक्षण दिनांक 28.01.2016 को किया गया था एवं पाया गया कि मनासा शहर का नगर परिषद् मनासा द्वारा बनाया गया मार्ग का उक्त भाग लंबाई 1.60 कि.मी. अच्छी स्थिति में है, जिसकी सूचना माननीय विधायक को दिनांक 05.04.2016 को दी गई। वर्षाकाल 2016 उपरांत मार्ग पुन: निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी।
निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में अनैतिक शुल्क वसूली
113. ( क्र. 3469 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन संभाग में निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालय में अनैतिक शुल्क शासन के नियमों के विपरीत लिया जा रहा है यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2013 के पश्चात् किन किन महाविद्यालयों की कितनी शिकायत विभाग के पास लंबित है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या उक्त महाविद्यालयों द्वारा प्रायोगिक एवं सत्रांक के अंकों के नाम पर छात्रों से अवैध वसूली की जाती है? यदि हाँ, तो विश्विद्यालय के बोर्ड ऑफ इन्सपेक्शन दवारा महाविद्यालय का वार्षिक निरीक्षण कब कब किया? उनमें क्या कमियाँ पाई गई? (ग) क्या विभाग दवारा तकनीकी विश्वविद्यालय में "अधिष्ठाता विद्यार्थी कल्याण प्रकोष्ठ" गठित किया गया है या प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रदेश के अधिकतर महाविद्यालय शासन के निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं करते? यदि हाँ, तो सूची दें? क्या उक्त संभाग के महाविद्यालयों में विद्यार्थी या विद्यार्थियों के अभिभावक की बैगर सहमति के ही अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति महाविद्यालय की फीस के एवज में अधिकारियों की मिली भगत से अवैध रूप से प्राप्त कर ली जाती है? ऐसी कितनी शिकायत विभाग को उक्त अवधि में प्राप्त हुई?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। अनुसूचित जाति विकास विभाग के द्वारा वर्तमान में छात्रवृत्ति की फीस सहित सम्पूर्ण राशि विद्यार्थियों के बैंक खातों में ही भुगतान की जाती हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
वन विभाग द्वारा "लेपर्ड कंजर्वशन" एरिया का आरक्षण
114. ( क्र. 3470 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कुछ क्षेत्र को "लेपर्ड कंजर्वेशन" एरिया घोषित किया है या प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कहाँ कहाँ पर? (ख) क्या इस प्रकार के क्षेत्र निर्धारण से पूर्व सम्बन्धित ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना आवश्यक है? यदि हाँ, तो इस प्रकार का क्षेत्र आरक्षण निर्धारण में क्या क्या औपचारिकता पूरी करना होती है? (ग) क्या उक्त क्षेत्र में वन्य जीवों द्वारा अनेक लोग मौत के शिकार हुए हैं? यदि हाँ, तो क्षेत्र निर्धारण के पूर्व नागरिकों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं या किये जा चुके हैं? (घ) क्या वन्य जीव की तुलना में मानव जीवन अधिक महत्वपूर्ण है? यदि है तो क्या वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम 1972 की धारा 11 (1) (ए) व ११ (1) बी में उस वन्य प्राणी को मारने का प्रावधान है? वन्य जीवों दवारा मानव वध होने पर मृतक के परिवारों को कितनी राशि देने का प्रावधान है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश में ''लेपर्ड कंजर्वेशन'' एरिया घोषित नहीं किया गया है और न ही प्रस्तावित है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) लेपर्ड कंजर्वेशन एरिया घोषित न होने के कारण प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियत, 1972 की धारा 11 (1) (ए) व 11 (1) बी में वन्यप्राणी यदि मानव जीवन के लिये खतरनाक हो गया हो तो वन्यप्राणी को मारने का प्रावधान है। वन्यप्राणियों द्वारा जन-हानि, जन-घायल, पशु-हानि एवं पशु-घायल करने पर शासन द्वारा दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
घाट निर्माण में वन विभाग की आपत्ति
115. ( क्र. 3472 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जवा विकासखंड के जनकहाई ग्राम को विकासखंड गंगेव के ग्राम सरई-रोझौही-पनियारी घाट होते हुए मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत एवं प्रस्तावित है, जिसके प्रथम चरण का कार्य लालगांव से रोझौही तक पूर्ण हो गया है किन्तु विभाग की आपत्ति के कारण पिछले एक वर्ष से कार्य बाधित है, जिसके पूर्ण हो जाने से विकास खंड जवा एवं अन्य सुदूर अंचल के ग्रामों की जिला मुख्यालय से सड़क मार्ग की दूरी लगभग 35 किलोमीटर कम हो जाएगी, किन्तु क्या कारण है कि विभाग द्वारा पिछले एक वर्ष से अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जा सका है? जिस कारण विकास के कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में उक्त मार्ग के निर्माण में वन विभाग द्वारा आ रही आपत्ति का निराकरण कब तक किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं, जी नहीं, अपितु इस मार्ग के आगे पनियारी-घाट मार्ग के बन जाने पर प्रश्नांश में वर्णित दूरी कम होगी वन विभाग से अनुमति नहीं मिलने के कारण। जी हाँ। (ख) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
देवस्थानों का निर्माण/जीर्णोद्धार
116. ( क्र. 3474 ) श्री मथुरालाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा वि.ख. रतलाम अन्तर्गत शासकीय देवस्थानों के निर्माण/जीर्णोद्धार के कार्यों की समुचित प्रशासकीय स्वीकृतियां प्रदान की है? यदि हाँ, तो कृपया विगत तीन वर्षों में वि.ख. रतलाम अन्तर्गत धार्मिक स्थानों की स्वीकृतियों की कार्यवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत निर्माण कार्यों में किन-किन निर्माण कार्यों के लिये कितना-कितना आवंटन/ पुर्नआवंटन कब-कब प्रदान किया गया है? कार्य की पूर्णता दिनांक एवं व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें? यदि कार्य स्वीकृति उपरान्त अप्रारम्भ अथवा अपूर्ण है तो क्यों? कारण सहित अवगत करावें? (ग) क्या कई देवस्थानों के स्वीकृत कार्य आवंटन/पुर्नआवंटन के अभाव में आज दिनांक तक अप्रारम्भ अथवा अपूर्ण हैं? यदि हाँ, तो आवंटन के अभाव में अप्रारम्भ एवं अपूर्ण कार्यों की कार्यवार जानकारी प्रदान करें? यदि उक्तावधि के स्वीकृत कार्य हेतु आवंटन अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है तो क्या शासन उक्त स्वीकृत कार्य के विरूद्ध पुनः आवंटन उपलब्ध करावेगा? हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों (घ) स्वीकृति उपरान्त संबंधित कार्य का आवंटन/पुर्नआवंटन उपलब्ध नहीं कराने अथवा विलम्ब से उपलब्ध कराने वाले सर्वसंबंधितों पर शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत निर्माण कार्य
117. ( क्र. 3476 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई 2015 से अब तक गरोठ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग द्वारा कितने एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किए? कितने प्रस्तावित हैं? कार्यवार, राशिवार ब्यौरा दें। (ख) वर्ष 2015 में स्वीकृत अथवा प्रस्तावित एवं जनप्रतिनिधि द्वारा मांग आधार पर स्वीकृति हेतु प्रस्ताव कब से एवं किस कारण लंबित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। इसके अतिरिक्त गरोठ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा दो कार्य स्वीकृत किये गये हैं। (1) भानपुरा शहर में सीमेंट कांक्रीट फोर-लेन निर्माण लंबाई 2.00 कि.मी. जिसकी निविदा राशि रू. 811.1 लाख है। उक्त कार्य पूर्ण हो गया है। (2) मनासा-रामपुरा-भानपुरा मार्ग पर बी.टी. रिन्यूअल कार्य लंबाई 25.6 कि.मी. जिसकी निविदा राशि रू. 338.59 लाख है, जिसका कार्यादेश दिनांक 16.06.2016 में तीन माह वर्षा ऋतु को छोड़कर कार्य पूर्ण किया जाना है। कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है। प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
उद्योग स्थापना हेतु अनुबंध
118. ( क्र. 3477 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में वर्ष 2014 से अब तक कितने निवेशकों ने उद्योग स्थापना हेतु कितनी-कितनी राशि के अनुबंध किए? (ख) उद्योग स्थापना हेतु मंदसौर जिले में लैण्ड बैंक हेतु किन-किन स्थानों का चयन किया गया है? तहसीलवार ब्यौरा दें? क्या गरोठ तहसील को लैण्ड बैंक में सम्मिलित किया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) गरोठ तहसील में उद्योग स्थापना हेतु पर्याप्त सम्भावना, संसाधन, पर्याप्त जल, भूमि एवं समस्त सुविधाएं होने के उपरांत भी यहाँ निवेशकों से उद्योग स्थापना हेतु शासन स्वीकृत क्यों नहीं प्रदान कर रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उद्योग स्थापना के लिए अनुबंध किया जाना आवश्यक नहीं है। अत: प्रश्नांश का उत्तर दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) मंदसौर तहसील के ग्राम डिंवमाली में 25 हेक्टेयर, पानपुर में 15 हेक्टेयर तथा माल्याखेरखेड़ा में 10 हेक्टेयर कुल 50 हेक्टेयर भूमि लैंड बैंक में सम्मलित हैं। जी नहीं, क्योंकि गरोठ तहसील में एक औद्योगिक क्षेत्र विद्यमान हैं, जिसमें 189 भू-खण्ड, क्षेत्रफल 219740 वर्गमीटर भूमि आवंटन हेतु रिक्त हैं। (ग) गरोठ तहसील में उद्योगों की स्थापना हेतु शासन द्वारा एक औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया हैं। निवेशकों को उद्योग स्थापित करने के लिये पर्याप्त रिक्त भूमि इस औद्योगिक क्षेत्र में उपलब्ध हैं। उद्योग स्थापना हेतु शासन स्वीकृति का कोई प्रकरण लम्बित नहीं हैं।
निर्माण कार्यों की जानकारी
119. ( क्र. 3483 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में विभिन्न वर्षों से कौन-कौन निर्माण कार्य चल रहा है व पूर्ण हुआ है कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, तकनीकी स्वीकृति दिनांक, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सभी निर्माण कार्य समय पर पूर्ण हुआ है व चल रहा है अगर नहीं तो? कौन-कौन से निर्माण कार्य समय पर निर्मित नहीं हुए, उसके लिए कौन जिम्मेदार है? रूसा बरनई पकरी सोढ़ा मार्ग का निर्माण क्यों अधूरा है। कब तक पूर्ण किया जायेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
वानिकी कार्य
120. ( क्र. 3484 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 में डिण्डौरी जिले के सभी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत वानिकी कार्य के तहत कौन-कौन से कार्य कराये गये? (ख) कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, व्यय राशि वर्तमान में कार्य की स्थिति, कार्य स्थल का नाम (कम्पात क्रम) कार्य कराने वाले अधिकारी कर्मचारी का नाम, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्ण दिनांक कार्यवार वन परिक्षेत्रवार बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार का निर्माण
121. ( क्र. 3489 ) श्री सचिन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्न संख्या 6 (क्रमांक 6294) दिनांक 15 मार्च, 2016 के तारतम्य में क्या ग्राम पानवा माता मंदिर, ग्राम कठोरा में श्रीराम मंदिर और ग्राम सगूर भगूर में इन तीनों प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार के निर्माण कार्यों के इस्टीमेट बनाकर प्रस्ताव स्वीकृत कर दिये गये हैं? हाँ, तो बतायें नहीं तो क्यों? विलंब के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए क्या शासन से निर्देश प्राप्त हुए थे? हाँ, तो क्या समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण नहीं करने वाले संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही की जायेगी नहीं तो क्यों कारण दें? (ग) क्या उक्त प्रस्तावों की स्वीकृति आदेश जारी कर प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिये जायेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहा. प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि
122. ( क्र. 3490 ) श्री सचिन यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2004-05 में उच्च शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा लोक सेवा आयोग की चयन प्रक्रिया से बैकलॉग भर्ती के अंतर्गत सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई थी? हाँ, तो उक्त सहायक प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि पी.एच.डी. उपाधि पूर्ण करने के उपरांत भी समाप्त क्यों नहीं की गई? (ख) क्या संबंधित विभाग द्वारा दो वर्ष के भीतर पी.एच.डी., नेट, स्लेट उपाधि पूर्ण करने की शर्त रखी गई थी? हाँ, तो क्या कोई भी विश्वविद्यालय दो वर्ष में पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान कर सकता है? हाँ, तो बतायें, नहीं तो फिर इस आधार पर बैकलॉग सहायक प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि को लंबित क्यों किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित सहायक प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि समाप्त कब तक कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जिन सहायक प्राध्यापकों द्वारा नियुक्ति आदेशों की शर्तों की पूर्ति की गई, उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त करने संबंधी आदेश जारी किये गये हैं। नियुक्ति शर्तों के अनुसार जिन सहायक प्राध्यापकों द्वारा दी गई समयावधि के पश्चात् शर्तों की पूर्ति की गई, उनके प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं। (ख) नियुक्ति आदेश में 02 वर्षों की शर्त के बाद 01 वर्ष की वृद्धि की गई थी। शेष प्रश्नांश नियमानुसार कार्यवाही हेतु प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रकरण प्रक्रियाधीन है। नियत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बेरहा से नलखेड़ा मार्ग निर्माण
123. ( क्र. 3500 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधान सभा क्षेत्र में बेरहा व्हाया शाजापुर-दुपाड़ा-काबड से नलखेड़ा मार्ग का निर्माण कितने किलोमीटर का है तथा इसकी कुल लागत मूल्य क्या है? (ख) क्या उक्त मार्ग का निर्माण विभाग द्वारा दिये गये निर्देशों एवं प्राक्कलनों के अनुरूप हो रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या आमजनों एवं समाचारों पत्रों के माध्यम से घटिया निर्माण एवं निर्देशों का पालन नहीं होने की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं ? (घ) यदि हाँ, तो क्या विभाग कार्य निर्माण एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) शाजापुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शाजापुर-दुपाड़ा-कानड-पचलाना-पिलवास-नलखेड़ा मार्ग, (एमडीआर-11-13) मार्ग की लंबाई 53.99 कि.मी. है एवं प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 85.97 करोड़ है एवं निविदा राशि पैकेज ''ओ'' के तहत देवास-नेवरी मार्ग, महिदपुर-पानविहार-जीवाजीनगर मार्ग एवं शाजापुर-बैरछा मार्ग के साथ सम्मिलित होकर कुल राशि रू. 183,20,10,932/- है। (ख) जी हाँ। (ग) मार्ग का निर्माण सलाहकार (कन्सलटेन्ट) मेसर्स इण्डियन टेक्नोक्रेट लि. भोपाल की देख-रेख में स्वीकृत ड्राईंग एवं तकनीकी मापदण्ड अनुसार निर्माण कार्य किया जा रहा है। निर्माण कार्य के गुणवत्ता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टोल टैक्स वसूली
124. ( क्र. 3503 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के राजगढ़ जिले में राजगढ़-ब्यावरा के बीच टू-लेन नवीन सड़क तथा नेवज नदी पर नवीन पुल का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो कार्य की लागत, एजेंसी का नाम, कार्य पूर्ण होने की अवधि आदि बतावें? (ख) क्या उक्त सड़क मार्ग तथा नवीन पुल का कार्य पूर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो कितना कार्य शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) क्या उक्त सड़क मार्ग पर राजगढ़-ब्यावरा के बीच टोल टैक्स प्रारंभ किया गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से प्रारंभ किया गया है और कब तक टोल टैक्स लिया जावेगा? क्या इस हेतु कोई टेण्डर प्रक्रिय अपनाई गई थी? यदि हाँ, तो टेण्डर किस एजेंसी का हुआ? आदेश की तिथि उपलब्ध करावें? टोल टैक्स लेने की क्या दरें निर्धारित हैं? सूची सहित बतावें। (घ) क्या सड़क निर्माण तथा नवीन पुल का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पहले भी टोल टैक्स वसूला जा सकता है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें और नहीं तो फिर अवैध टोल टैक्स वसूलने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में 21.64 प्रतिशत कार्य शेष है। कंसेशन अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कार्य पूर्णता दिनांक 24.05.2016 से 90 दिवस की अवधि में पूर्ण किया जाना है। (ग) जी हाँ। दिनांक 24.05.2016 से कंसेशन अवधि समाप्ति दिनांक 01.08.2040 तक। जी हाँ, कार्य बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत है जिसके मूल अनुबंध में टोल टैक्स वसूली निवेशकर्ता एजेन्सी द्वारा किए जाने का प्रावधान है। कार्य का टेण्डर मेसर्स एग्रोह-ब्यावरा टोलवेज प्रा.लि. महू (म.प्र.) का हुआ था। अनुबंध दिनांक 26.07.2013 को निष्पादित किया गया है। टोल टैक्स की दरें की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी हाँ। कंसेशन अनुबंध के क्लॉज 14.3.2 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। टोल टैक्स वसूली कंसेशन अनुबंध के अनुसार की जा रही है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
राजगढ़ महाविद्यालय में पदों की पूर्ति
125. ( क्र. 3504 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कौन-कौन सी कक्षाओं में कौन-कौन से संकाय संचालित हैं? संकायवार, कक्षावार छात्र संख्या सहित जानकारी देवें? (ख) क्या उक्त महाविद्यालय की सभी कक्षाओं में संकायवार प्राध्यापक उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो कार्यरत प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापकों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) यदि नहीं, तो महाविद्यालय में कौन-कौन सी कक्षाओं में कौन-कौन से संकाय के प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापकों के पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की सूची संकायवार एवं कक्षावार उपलब्ध करावें? (घ) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) राजगढ़ जिले में स्थापित 03 शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कक्षा/संकाय/छात्र संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जी नहीं। सभी संकायों में अधिकांशत: नियमित प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक कार्यरत हैं, तथा रिक्त पदों के विरूद्ध वर्तमान व्यवस्थांतर्गत आवश्यकतानुसार विषय विशेषज्ञों के अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्ययन कार्य सुचारू रूप से जारी है। महाविद्यालयवार संकायवार नियमित रूप से कार्यरत प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) प्रश्नांश अनुसार महाविद्यालयवार संकायवार रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी हो चुका है। चयन प्रक्रिया जारी होने से रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
भिण्ड जिले की शासकीय महाविद्यालय आलमपुर के भवन का निर्माण
126. ( *क्र. 3511 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय आलमपुर जिला भिण्ड के नवीन भवन में निर्माण हेतु विगत 5 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई तथा भवन को पूर्ण होने की समय-सीमा बतायें? (ख) क्या भवन का निर्माण निम्न गुणवत्ता का होने से जर्जर हो गया है। यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्य गुणवत्ताविहीन की जाने की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासकीय महाविद्यालय लहार (भिण्ड) के भवन की उपरी मंजिल का निर्माण न होने से छोत्रों को पढ़ाई करने में असुविधा हो रही है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्य कब तक कराया जावेगा? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड जिले के शासकीय महाविद्यालय लहार, शासकीय महाविद्यालय बालाजी मिहोना तथा शासकीय महाविद्यालय आलमपुर में स्वीकृत पदों में कौन-कौन से पद कब-कब से रिक्त हैं। पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ड.) क्या उपरोक्त विद्यालयों में पिछले 03 वर्ष में अतिथि शिक्षक नियुक्त के बाद भी शिक्षक अध्ययन नहीं कराकर अनुपस्थित रहते हैं। यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 में अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति का विवरण दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) महाविद्यालय हेतु वर्ष 1997-98 में निर्मित भवन क्षतिग्रस्त हुआ, जिसकी तकनीकी समिति द्वारा जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन अनुसार कोई दोषी नहीं होने के कारण प्रकरण समाप्त किया गया। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। भवन की ऊपरी मंजिल पर एक सभागार तथा एक कक्ष निर्मित है, जिसका उपयोग छात्र प्रायोगिक कार्य हेतु करते हैं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) महाविद्यालयवार, विषयवार स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की सूची तिथिवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19/02/2016 को विज्ञापन जारी हो चुका है। पद पूर्ति की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। (ड.) महाविद्यालयों में पिछले तीन वर्ष में कोई अतिथि विद्वान अनाधिकृत रूप से अनुस्थित नहीं रहा। अतिथि विद्वान शिक्षक आवंटित कालखण्ड के अनुसार अध्यापन कार्य कर रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
मार्ग का नवीनीकरण
127. ( क्र. 3515 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अंतर्गत अनूपपुर से वेंकटनगर तक मार्ग नवीनीकरण हेतु प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृत जारी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो स्वीकृत दिनांक, कार्य की लागत तथा कार्य पूर्ण किये जाने की अवधि बतायें? (ग) प्रश्नांकित निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। नवीनीकरण हेतु नहीं अपितु उन्नतिकरण हेतु। (ख) दिनांक 19.08.2015, स्वीकृत राशि रूपये 5744.18 लाख, 24 माह। (ग) दिनांक 21.11.2015 से कार्य प्रारंभ है।
सीधी भर्ती व पदोन्नत प्राध्यापकों की संख्या
128. ( क्र. 3521 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग भर्ती नियम 2015 में कितने प्राध्यापकों के कितने पद हैं? इनमें से सीधी भर्ती एवं पदोन्नत प्राध्यापकों के कितने हैं? वर्तमान समयानुसार अलग-अलग जानकारी संख्या सहित दी जावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये पदों पर कितने पदोन्नत एवं सीधी भर्ती के प्राध्यापक कार्यरत हैं? (ग) क्या विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन में भर्ती नियमों के विरूद्ध केवल सीधी भर्ती के प्राध्यापकों को दर्शाया गया है? पदोन्नत प्राध्यापकों को नहीं दर्शाने क्या कारण है? (घ) क्या प्रदेश स्तर पर उच्च शिक्षा विभाग में शिकातयें प्राप्त हुई थीं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग भर्ती नियम (2015) में प्राध्यापकों के 704 पद हैं। इनमें से अनुसूची क्रमांक 02 अनुसार (25 प्रतिशत) 176 पद सीधी भर्ती एवं (75 प्रतिशत) 528 पद पदोन्नति के हैं। (ख) प्रश्नांश 'क' में दर्शाये 704 पदों के विरूद्ध सीधी भर्ती के 230 प्राध्यापक कार्यरत हैं। इन पदों के विरूद्ध पदोन्नत प्राध्यापक कोई भी कार्यरत नहीं है। (ग) जी नहीं। इन पदों पर वर्तमान में कोई पदोन्नति नहीं होने के कारण पदोन्नत प्राध्यापकों की संख्या निरंक है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
इंदौर, बैतूल, छिंदवाड़ा के निजी I.T.I
129. ( क्र. 3525 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, बैतूल, छिंदवाड़ा जिलों में विगत 5 वर्षों में कितने I.T.I स्वीकृत किए गए? निजी I.T.I के संदर्भ में बतावें। इनकी स्वीकृति दिनांक, स्थापना दिनांक, कोर्सवाईज विद्यार्थी संख्या सहित जिलावार सूची देवें? (ख) इनके स्वीकृति पत्रों की जानकारी प्रत्येक निजी I.T.I के विषय में छायाप्रति सहित प्रत्येक I.T.I का देवें। प्रत्येक I.T.I में स्वीकृत संख्या के समक्ष कितने छात्र अध्ययन कर चुके हैं/कर रहे हैं? सूची देवें। (ग) उपरोक्त जिलों (क-अनुसार) में फर्जी I.T.I एवं अनियमितताओं के संदर्भ में विगत 5 वर्षों में कब-कब कार्यवाही हुई? (घ) इन स्थानों पर कौशल विकास से संबंधित क्या-क्या कोर्स करवाये जा रहे हैं? प्रत्येक निजी I.T.I के संदर्भ में कोर्सवाइज, छात्र संख्या सहित बतावें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) इंदौर, बैतूल एवं छिन्दवाड़ा जिले में विगत 05 वर्षों में 75 निजी आई.टी.आई. स्वीकृत किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रत्येक निजी आई.टी.आई. की स्वीकृति आदेशों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। प्रत्येक आई.टी.आई. में स्वीकृति संख्या के समक्ष अध्ययन कर चुके/कर रहे प्रशिक्षणार्थियों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) इन्दौर तथा छिन्दवाड़ा जिले में संचालित निजी आई.टी.आई. अथवा फर्जी आई.टी.आई. पर अनियमितताओं के संदर्भ में कोई भी शिकायत प्राप्त न होने के कारण कार्यवाही नहीं की गई। बैतूल जिले की 03 निजी आई.टी.आई. क्रमश: राधाकृष्ण आई.टी.आई., चैतन्य आई.टी.आई. एवं श्री राधाकृष्ण आई.टी.आई., घोड़ाडोंगरी में वर्ष 2016 में अनियमितता के संबंध में प्राप्त शिकायत की जाँच उपरांत संचालनालय द्वारा डी-एफिलियेशन प्रस्ताव (डी.जी.टी.) महानिदेशालय प्रशिक्षण कौशल विकास और उद्यमिता, नई दिल्ली को भेजा गया है। (घ) जानकारी ''क'' अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है।
बैतूल में डिपो से लकड़ी विक्रय
130. ( क्र. 3527 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल के शासकीय डिपो में शासकीय स्तर पर लाई गई लकड़ी एवं निजी किसानों के खेतों की लकड़ी की दरों में भारी अंतर है? (ख) यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में किस-किस माप/नाम की लकड़ी में कितना-कितना अंतर रहा है? इस अंतर का क्या कारण है? (ग) निजी किसानों के खेत से विक्रय हेतु डिपो में लाई गई लकड़ी का मूल्य शासकीय लकड़ी (कूप से कटाई की लकड़ी) से कम किए जाने के आदेश, निर्देश क्या शासन में दिए गए हैं? (घ) शासकीय जंगलों से आई लकड़ी एवं निजी किसानों की लकड़ी के मूल्य बराबर आंके जाने के संबंध में विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। दोनों दरों में अंतर है। इन दरों का निर्धारण अलग-अलग अवधि के औसत दरों के आधार पर किया जाता है। शासकीय काष्ठ हेतु दरों का निर्धारण वित्तीय वर्ष हेतु एवं भूमि स्वामी काष्ठ क्रय हेतु दरों का निर्धारण कैलेण्डर वर्ष के लिए किया जाता है। विगत तीन वर्षों के अंतर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ‘‘, ’’ब‘‘ एवं ’’स‘‘अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमरवाड़ा वि.स. क्षेत्र के विभागीय कार्य
131. ( क्र. 3530 ) श्री कमलेश शाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा वि.स. क्षेत्र के विकासखण्ड अमरवाड़ा एवं हर्रई में दि. 01-04-13 से 30-06-16 तक विभाग द्वारा किन योजनाओं में कितने कार्य स्वीकृत किए गए? इनकी लागत तथा व्यय राशि भी बतावें? (ख) इन कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण स्थिति बतावें? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) बिगड़े वनों की सुधार की क्या योजना है? इस पर प्रश्न (क) समयावधि अनुसार जानकारी देवें। वृक्षारोपण कार्यों की जानकारी भी प्रश्नांश (क) अनुसार देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अपूर्ण कार्य इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण होंगे। (ग) बिगड़े वनों के सुधार योजना अन्तर्गत लेण्टाना उन्मूलन, सी.बी.ओ. वृक्षारोपण, रूटशूट रोपण, बीज बुआई, भू-जल संरक्षण कार्य, बांस भिर्रो की सफाई के कार्य किये जाते हैं। तथा रख-रखाव कार्य अंन्तर्गत सुरक्षा कार्य किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
महिदपुर वि.स. के मंदिरों का जीर्णोद्धार
132. ( क्र. 3534 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के बाबा रामदेव मंदिर ग्राम पाथाखेड़ी एवं झरावदेश्वर मंदिर ग्राम-झरावदा मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए शासन ने विगत 2 वर्षों में क्या कार्यवाही की है? (ख) इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 2 वर्षों में दिए पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) इनके लिए राशि कब तक स्वीकृत कर इनका जीर्णोद्धार किया जायेगा? समय-सीमा बतावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
धार, खरगोन, बड़वानी जिले के लंबित कार्य
133. ( क्र. 3537 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2016 तक धार जिले में सड़क निर्माण के करोड़ रू. से अधिक लागत के कितने कार्य स्वीकृत होकर ठेकेदार को आवंटित कर अनुबंधित हुए? वर्षवार विवरण देवें। स्वीकृत दिनांक, कार्य पूर्णता तय दिनांक एवं कार्य कब पूर्ण हुए की जानकारी देवें। (ख) जो कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं हुए उनमें समय-समय पर भुगतान करने पर कब-कब और कितनी राशि पेनाल्टी के रूप में काटी जाकर रोकी गई? कार्यवार बतावें। (ग) कितने प्रकरणों में ठेकेदार के बिल से 6% राशि रोकी गई थी एवं थोड़ी समयावधि के बाद वापस कर दी गई? प्रकरणवार, जिलावार कारण सहित देवें। जब यह राशि वापस कर दी गई तो 6% के प्रावधान का उल्लंघन नहीं था, क्यों? (घ) क्या शासन निर्माण कार्य की अवधि बढ़ाते हुए 6% की राशि रोकने एवे वापसी के नियमों में संशोधन करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं अ-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं ब-1 अनुसार है। (ग) इस प्रकार का ऐसा कोई प्रकरण नहीं है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) नये निविदा प्रपत्र में संशोधित प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
विदेश के धार्मिक स्थल भ्रमण का अनुदान
134. ( क्र. 3538 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदेश के धार्मिक तीर्थ स्थलों की यात्रा करने पर शासन द्वारा अनुदान देने के क्या नियम हैं? इनकी छायाप्रति देवें। इनमें चयन के क्या मापदण्ड हैं? पूरी प्रक्रिया सहित बतावें। (ख) दि. 01-01-14 से 30-06-16 तक कितने व्यक्तियों, समूहों, संस्थाओं एवं अन्य का चयन हेतु किया गया की जानकारी वर्षवार देवें? चयनित व्यक्तियों के नाम, समूह-संस्थाओं में जो लोग गए, उनके नाम, पता, विदेश-स्थान का नाम, कुल यात्रा व्यय, दी गई अनुदान राशि प्रत्येक प्रकरण के संदर्भ में देवें। (ग) उपरोक्तानुसार चयन किस प्रकार किया गया?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियुक्तियों में अनियमितता
135. ( क्र. 3547 ) श्री आरिफ अकील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना प्रदेश के होनहारों के लिए मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट सहित तमाम प्रोफेशनल कोर्सेस का हिन्दी में पाठ्यक्रम तैयार करना था लेकिन अपने मूल उद्देश्य से भटक कर अतिथि विद्वानों एवं योग सहित अन्य विभागों में नियुक्तियों पर ज्यादा कार्यवाही की जा रही है ? (ख) यदि नहीं, तो अवगत करावें कि विश्वविद्यालय की स्थापना से अभी तक उपरोक्तानुसार कितने पाठ्यक्रम तैयार किए गए तथा इसके अतिरिक्त संविदा आधार पर अतिथि विद्वानों सहित नियमित किन-किन लोगों की नियुक्तियां की गई तथा उनकी योग्यता, अनुभव क्या-क्या है और यू.जी.सी. की गाईड लाईन/नियम के अनुसार क्या-क्या योग्यता एवं अनुभव निर्धारित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिन लोगों की नियुक्तियां की गई है क्या उनकी समस्त योग्यताएं यू.जी.सी. गाईड लाईन/नियम के अनुसार है? यदि नहीं, तो क्या शासन कार्यवाही कर नियुक्तियों को निरस्त कर नियम विरूद्ध नियुक्ति करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) 221 पाठ्यक्रम तैयार किये गये हैं। संविदा आधार पर अतिथि विद्वानों सहित किसी की भी नियमित नियुक्तियां नहीं की गई है, परंतु राज्य शासन के नियमानुसार अतिथि व्याख्यान हेतु शिक्षकों को आमंत्रित किया गया है। यू.जी.सी. की गाईड लाईन/नियम के अनुसार योग्यतायें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र—'अ' पर है। आमंत्रित शिक्षकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र—'ब' पर है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यू.जी. तथा पी.जी. की आयोजित परीक्षा में परीक्षार्थी
136. ( क्र. 3551 ) श्री जितू पटवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय विश्वविद्यालयों द्वारा पिछले तीन वर्ष में चिकित्सा शिक्षा के यू.जी. तथा पी.जी. की आयोजित परीक्षा में कितने-कितने परीक्षार्थी शामिल हुये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित में से कितने विषयों में उर्त्तीण हुये तथा कितने एक अथवा दो विषयों में अनुत्तीर्ण हुये उर्त्तीण विद्यार्थियों में आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों का प्रतिशत कितना है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विश्वविद्यालयों को परीक्षार्थियों द्वारा पुन: गणना अथवा पुन: मूल्यांकन के पिछले तीन वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त हुये विश्वविद्यालय अनुसार वर्ष अनुसार बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदनों में से कितने प्रतिशत आवेदन में अंकों में वृद्धि हुई वर्ष अनुसार विश्वविद्यालय अनुसार बतावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
तारांकित प्रश्न (क्र. 5284) दिनांक 08.03.2016 के संदर्भ में
137. ( क्र. 3552 ) श्री जितू पटवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न क्र. 5284 दिनांक 08.03.2016 के (ग) उत्तर में बताया गया कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के संबंधित कॉलेजों के परीक्षा परिणाम के पुनर्मूल्यांकन (वर्ष 2014) की जानकारी एस.टी.एफ.भोपाल को दी गई? ये जानकारी प्रश्नकर्ता को भी उपलब्ध कराई जाए? (ख) एस.टी.एफ. भोपाल में जानकारी प्राप्त होने के बाद देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को जितने पत्र भेजे व उसके जवाब में विश्वविद्यालय द्वारा जो पत्र एस.टी.एफ. को भेजे गए उनका विवरण उपलब्ध करावें? (ग) इसके दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही न करने का कारण भी बतावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एस.टी.एफ. भोपाल को पुनर्मूल्यांकन की जानकारी प्राप्त होने के पश्चात् उनके द्वारा विश्वविद्यालय से कोई पत्र व्यवहार नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में एस.टी.एफ. भोपाल में जानकारी प्राप्त होने के पश्चात् ज्ञात हुआ कि उक्त विषय में ही थाना भंवरकुआ जिला इंदौर में अपराध क्रमांक 846/14/धारा—380, 420, 467, 468, 471 भा.द.वि. पंजीबद्ध है। जिस कारण से इस कार्यालय के पत्र क्रमांक समनि—01/एसटीएफ/पीए/सी—167/2014 दिनांक 19.11.2014 द्वारा प्राप्त जानकारी एस.टी.एफ. को प्राप्त शिकायत सहित उक्त प्रकरण की विवेचना में शामिल करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जिला इंदौर को भेजी गई थी। उक्त प्रकरण में थाना भंवरकुआ द्वारा विवेचना की गई तथा विवेचना में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपीगणों के विरूद्ध चालान क्रमांक 43/15 दिनांक 11.02.2015 एवं पूरक चालान दिनांक 03.09.2015 को तैयार कर मा.ए.सी.जे.एम. न्यायालय इंदौर में प्रस्तुत किया गया है जो एस.टी. नंबर 262/15 पर न्यायालय में विचाराधीन है।
धार्मिक न्यास एवं शास. मंदिरों की सम्पत्ति पर अतिक्रमण/नियंत्रण
138. ( क्र. 3560 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर जिले में कितने शास. मंदिरों की सम्पत्ति पर अतिक्रमण है? सूची देवें। अतिक्रमण हटाने की क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) इंदौर के कितने धार्मिक न्यास पर शास. नियंत्रक नियुक्त हैं तथा इन धार्मिक न्यास के आय व्यय का अंकेक्षण कब तक का हो चुका है? यदि अंकेक्षण नहीं हुआ तो इसके लिये कौन जवाबदार है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिशेष प्राध्यापक/सहा. प्राध्यापक का पदांकन
139. ( क्र. 3562 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले के महाविद्यालयों में विषयवार छात्र संख्या अनुसार प्राध्यापक/सहा. प्राध्यापक नियमानुसार कितने पदस्थ हैं तथा कितने अतिशेष है? (ख) क्या इंदौर जिले में सेल्फ फायनेंस विषयों में छात्रों की प्रवेश संख्या नियमित विषयों के प्रवेश अनुसार अधिक है अथवा कम? क्या नियमित विषयों के अध्ययन में छात्र-छात्राओं की रूचि कम होने से छात्र संख्या कम हो गई है और उस अनुपात में प्राध्यापक/सहा. प्राध्यापकों की संख्या अधिक होकर अतिशेष हो गए हैं? यदि हाँ, तो अतिशेष प्राध्यापक/सहा. प्राध्यापक को सेल्फ फायनेंस विषयों का हेड बनाकर पदस्थ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) इंदौर जिला अन्तर्गत 11 शासकीय महाविद्यालयों में छात्र संख्या अनुसार कुल 419 प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक पदस्थ हैं। जिनमें से 04 सहायक प्राध्यापक अतिशेष हैं। (ख) इंदौर जिला के 03 महाविद्यालयों में सेल्फ फायनेंस विषयों में छात्रों की प्रवेश संख्या नियमित विषयों में प्रवेश से अधिक है तथा 05 महाविद्यालयों में कम है। (महाविद्यालयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। जी नहीं। अतिशेष नियमित सहायक प्राध्यापकों को सेल्फ फायनेंस विषयों का हेड बनाने का नियमों में प्रावधान न होने से हेड नहीं बनाया जा सकेगा। उक्त के प्रकाश में शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनों के अवैध दोहन में अधिकारी की लापरवाही
140. ( क्र. 3563 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट, सिवनी, मंडला, डिण्डौरी जिले के अंतर्गत रेंजर से लेकर वरिष्ठतम आई.एफ.एस. (IFS) अधिकारी कौन-कौन, कहाँ-कहाँ कब से पदस्थ हैं? क्या इनके उत्तरदायित्वों, फील्ड, जंगल इत्यादि के दौरे करने का प्रावधान है? क्या इसके कोई मापदण्ड है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उपरोक्त अधिकारियों ने वित्तीय वर्ष 2014-15 और 2015-16 में उनके अधीनस्थ कार्यक्षेत्र के अंतर्गत जंगलों की सुरक्षा, लकड़ी की चोरी, सड़क निर्माण में काटे गये वृक्षों पर निगरानी, इत्यादि हेतु दौरे किये? यदि हाँ, तो माह में कितने दिवस दौरा किया गया? अधिकारीवार अलग-अलग विवरण दें ? (ग) यह जंगलों में अवैध कटाई, अवैध खनन, अवैध निर्माण, अवैध परिवहन इत्यादि का एक कारण यह भी है कि सक्षम अधिकारियों द्वारा निरंतर, अचानक दौरे नहीं किये जाते? यदि हाँ, तो दोषियों को दंडित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बालाघाट, सिवनी, मण्डला, डिण्डौरी जिलों के वनमण्डलों के अंतर्गत वर्तमान में पदस्थ रेंजर से लेकर वरिष्ठतम आई.एफ.एस. अधिकारियों की पदस्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार। जी हाँ। इनके उत्तरदायित्वों में वन क्षेत्रों के दौरे करने का प्रावधान है। म.प्र. शासन वन विभाग, मंत्रालय, भोपाल के पत्र क्र. 1585/2002/10-2/2403 दि. 29.08.02 के अनुसार प्रतिमाह दौरे करने के मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं। (ख) जी हाँ। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। किये गये दौरों की अधिकारीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन'' 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार। (घ) निगरानी हेतु अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निर्धारित मापदण्ड के अतिरिक्त भी वन क्षेत्रों में दौरे किये जाते हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत की रॉयल्टी में घोटाला
141. ( क्र. 3564 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न संख्या-20 (क्र. 5247) दि. 08.03.16 का उत्तर सही दिया गया था? यदि तो बतायें कि ठेकेदार द्वारा 14482.62 घन मीटर रेत का उपयोग होना बताने के साथ-साथ उसे विनोद शर्मा मेवाड़ा से खरीदा जाना बताया गया है तथा रॉयल्टी का भुगतान रूपये 6,41458/- किया जाना बताया है क्या यह सही है तथा अभिलेखों पर आधारित है? यदि हाँ, उक्त रेत श्री विनोद शर्मा मेवाड़ा ने कहाँ से खरीदी? उक्त फर्म का नाम, पता, खरीदने की तिथि मात्रा बतायें और यदि वह स्वयं खनिज विभाग में रेत का पंजीकृत टेण्डरधारी/प्रदायकर्ता पट्टाधारी है तो उसने कितनी रॉयल्टी कब-कब जमा की? (ख) उत्तर में जो आकड़े दिये गये हैं, क्या वह एम.बी. पर तथा बिल पर और इस्टीमेट, डी.पी.आर. पर आधारित है? यदि हाँ, तो इसकी सत्यता की पुष्टि किस प्राधिकारी ने की नाम, पद तिथि बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। यह सही है एवं कलेक्टर खनिज बालाघाट द्वारा प्रदत्त जानकारी पर आधारित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ एवं ’2’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। ये आकड़े खनिज विभाग द्वारा प्रदत्त जानकारी पर आधारित है जो संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ एवं ’2’’ अनुसार है और उनकी पुष्टि कलेक्टर (खनिज शाखा) द्वारा की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में उद्योगों की स्थापना
142. ( क्र. 3567 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में उद्योगों की स्थापना हेतु कितने निवेशक सम्मेलन आयोजित किये गये? आयोजन की तिथि एवं स्थान सहित बताएं इन सम्मेलनों में भाग लेने के लिये उद्योगपतियों की पात्रता की शर्तें क्या थी एवं कितने उद्योगपतियों ने भाग लिया? (ख) निवेशक सम्मेलनों की व्यवस्था करने हेतु कार्य किन-किन संस्थाओं/कम्पनियों को दिया गया तथा इस हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? इन कार्यों का टेन्डर दिये जाने का आधार क्या रखा गया था? (ग) प्रदेश में विगत 3 वर्षों में आयोजित निवेशक सम्मेलनों में उद्योगों की स्थापना हेतु कितने एम.ओ.यू. किये गये? उद्योगपतियों का नाम, एम.ओ.यू. की राशि तथा उद्योग स्थापना के लिये निर्धारित तिथि सहित बताया जाए? (घ) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत किये गये एम.ओ.यू. में से कितने एम.ओ.यू. अंतर्गत आज दिनांक तक भूमि का आवंटन किया गया है एवं कितने एम.ओ.यू. के अंतर्गत उद्योग लगाकर उत्पादन शुरू हो गया? उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि सहित बताएं? (ड.) कितने उद्योगपतियों ने एम.ओ.यू. हस्ताक्षर करने के उपरांत किसी प्रकार की कोई रूचि उद्योग स्थापना में नहीं दिखाई है, जैसे भूमि आवंटन के लिये आवेदन प्रस्तुत करना/उद्योग की विस्तृत डी.पी.आर. आदि प्रस्तुत करना?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विगत 3 वर्षों में प्रदेश में वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार विभाग दवारा दिनांक 8-10 अक्टूबर 2014 को इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2014 आयोजित किया गया था। प्रदेश में निवेश हेतु आशय रखने वाले उद्यमि/निवेशक एवं मध्यप्रदेश ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन कार्पोरेशन लि. की वेबसाईट पर पंजीयन के आधार पर आमंत्रित 3500 से अधिक डेलिगेट्स द्वारा इस समिट में भाग लिया गया। (ख) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2014 की व्यवस्था हेतु निम्न संस्थाओं को दायित्व देते हुए अग्रानुसार राशि व्यय की गई :- 1. नेशनल पार्टनर- भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) रूपये 16.91 करोड़ 2. डिजाईन पार्टनर- जे.डब्ल्यू. टी. रूपये 2.37 करोड़ 3. नॉलेज पार्टनर-अन्सर्ट एण्ड यंग (ई. एण्ड वाय.) रूपये 2.25 करोड़ नेशनल पार्टनर-भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) का चयन मंत्री-परिषद् की स्वीकृति उपरांत किया गया तथा अन्य संस्थाओं-जे.डब्ल्यू.टी. एवं अन्सर्ट एण्ड यंग का चयन आमंत्रित खुली निविदा के आधार पर किया गया। 4. मध्यप्रदेश माध्यम (मध्यप्रदेश शासन का उपक्रम) को मीडिया संबंधित कार्य सौंपा गया था एवं विभाग दवारा इस कार्य हेतु मध्यप्रदेश माध्यम को राशि रूपये 1.00 करोड़ का भुगतान किया गया। (ग) विगत 03 वर्षों में आयोजित निवेश सम्मेलनों में एम.ओ.यू. नहीं किए गए हैं। अत: शेष प्रश्नांश की जानकारी देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उत्तर दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उत्तर दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर संभाग अंतर्गत घटिया सड़क निर्माण
143. ( क्र. 3571 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत पनागर-सिंगलदीप-मझौली 12 कि.मी. बनखेड़ी-पोनिया-ककरहटा 3.50 कि.मी., सिहोरा-मझौली 3 कि.मी. एवं इंद्राना गमियानी मुरई 1.40 मि.मी. का नवीनीकरण कार्य कब प्रारंभ हुआ एवं कब पूर्ण हुआ? (ख) उक्त कार्यों की लागत कितनी-कितनी है, कार्यवार बतायें? (ग) क्या उक्त कार्य गुणवत्तापूर्ण न होने के कारण उखड़ने की स्थिति में हैं? (घ) क्या इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है, यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या शासन इन कार्यों की जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। मार्ग का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण कराया गया है एवं मार्ग अच्छी स्थिति में है। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्न ही नहीं उठता। (ड.) प्रश्नांश 'घ' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता।
खेल विभाग में खरीदी के भ्रष्टाचार/अधिकारियों की अनियमितता
144. ( क्र. 3572 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल एवं युवक कल्याण में जबलपुर संभाग अंतर्गत विगत पाँच वर्षों में खरीदी व निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के कितने मामले लोकायुक्त अथवा अन्य स्तर पर दर्ज किए गए हैं अथवा शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) उन प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई है। (ग) विभाग में प्रतिनियुक्ति पर कितने अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत हैं उनमें से कितनों का संविलियन हो चुका है, किनका नहीं किया गया है। (घ) क्या विभाग में संविलियन हेतु पदों का सृजन किया गया है, यदि हाँ, तो कितने पदों का?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल एवं युवक कल्याण में जबलपुर संभाग अंतर्गत विगत पाँच वर्षों में खरीदी व निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के कोई भी मामले लोकायुक्त अथवा अन्य स्तर पर दर्ज नहीं किए गए हैं न ही विभाग में शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग में प्रतिनियुक्ति पर 01 अधिकारी व 03 कर्मचारी कार्यरत है। इनमें से किसी का भी संविलियन नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) हाँ। एक पद का सृजन किया गया है।
चन्दला विधान सभा में आई.टी.आई. संस्थान की स्थापना
145. ( क्र. 3574 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कितनी आई.टी.आई. शासकीय एवं निजी क्षेत्र में चल रही हैं? (ख) चन्दला विधान सभा क्षेत्र में कितने प्राइवेट संस्थाएं संचालित हो रही है? (ग) क्या चन्दला विधान सभा में जनसंख्या के अनुपात में आई.टी.आई. संस्थानों की संख्या कम नहीं है यदि हाँ, तो इसकी प्रतिपूर्ति कब तक की जावेगी? (घ) उक्त आई.टी.आई. कालेजों में फीस किस-किस दर से वसूली जाती है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) छतरपुर जिले में 02 शासकीय आई.टी.आई. तथा 14 प्राइवेट आई.टी.आई. संचालित है। (ख) चन्दला विधान सभा क्षेत्र में कोई भी प्राइवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं है। (ग) जी हाँ। चन्दला जिला छतरपुर में सत्र अगस्त 2016 से नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ की जा रही है। (घ) शासकीय आई.टी.आई. में प्रशिक्षण शुल्क राशि रूपये 2000/- प्रतिवर्ष निर्धारित है। निजी क्षेत्र के आई.टी.आई. में प्रशिक्षण शुल्क शासन द्वारा निर्धारित नहीं किया जाता है।
बी.एड. व डी.एड. कॉलेजों की मान्यता के मापदण्ड
146. ( क्र. 3575 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी बी.एड. व डी.एड. निजी कालेजों की संख्या है एवं इनमें प्रवेश के नियम एवं प्रवेश शुल्क शासन द्वारा क्या-क्या निर्धारित की गयी है? (ख) निजी कॉलेज खोलने के लिये क्या प्रक्रिया है एवं क्या-क्या शर्तें हैं? (ग) क्या इन कालेजों में प्रशिक्षित शिक्षकों की अनिवार्यता हैं? यदि हाँ, तो इस शर्त के उल्लंघन में कितने कालेजों की मान्यता निरस्त की गयी? (घ) क्या एक ही बिल्डिंग/भवन में कई शिक्षण संस्था चालू की जा सकती है तथा क्या आवासी क्षेत्र में इन संस्थाओं के संचालन में किसी नियम का उल्लंघन होता है यदि हाँ, तो क्या?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश में 619 बी.एड. एवं 641 डी.एड. निजी कॉलेज हैं। प्रवेश नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा बी.एड. पाठ्यक्रम का प्रवेश शुल्क तथा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा डी.एड. पाठ्यक्रम का प्रवेश शुल्क निर्धारित किया जाता है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ख) विभाग से उक्त पाठ्यक्रमों के निजी महाविद्यालयों को खोलने की अनुमति प्रदान नहीं की जाती है। केन्द्रीय परिषद्, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एन.सी.टी.ई.) द्वारा उक्त महाविद्यालयों को मान्यता प्रदान की जाती है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के रेग्युलेशन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण
147. ( क्र. 3578 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी से सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य विगत दो वर्षों से प्रारंभ होकर प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हो पाया हैं, क्यों? (ख) प्रश्नांश ''क'' की स्वीकृत समय-सीमा क्या है? इसके पूर्ण होने में और कितना समय लगेगा, बताएं? (ग) यदि समय-सीमा समाप्त हो चुकी है, तो संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) निवेशक के वित्तीय प्रबंधन में देरी के कारण मार्ग निर्माण में विलंब हुआ। (ख) अनुबंधानुसार कार्य की कंसेशन अवधि नियुक्ति दिनांक 19.09.2013 से 30 वर्ष है, जिसमें 2 वर्ष निर्माण अवधि शामिल है। निवेशक के पुनरीक्षित कार्यक्रमानुसार मार्च-2017 तक कार्य पूर्ण होने की संभावना है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार कंसेशन अवधि समाप्त नहीं हुई है, निर्माण में विलंब है, जिसका निराकरण का कार्य पूर्ण होने के उपरांत कंसेशन अनुबंध के प्रावधानों के अंतर्गत गुण दोष के आधार पर किया जावेगा।
महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन
148. ( क्र. 3583 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों के गठन हेतु क्या नियम, मापदण्ड निर्देश हैं? प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? क्षेत्रीय विधायक, जनप्रतिनिधियों, समाज-सेवियों आदि को समिति में रखने के क्या नियम निर्देश हैं? (ख) क्या वर्ष 2016-17 में प्रदेश के किन महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों का गठन किया गया हैं? यदि हाँ, तो कहा-कहाँ? किन-किन को समिति अध्यक्ष व पदाधिकारी बनाया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? क्या उक्त आदेश द्वारा मनोनीत अध्यक्षों के मामले में शासन के समिति गठन के नियम, निर्देश, मापदण्डों का पालन होता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) शेष महाविद्यालयों में उक्त समिति का गठन कब तक किया जाएगा? क्या सभी विधान सभा सदस्यों को उनके क्षेत्रांतर्गत आने वाले महाविद्यालयों की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष मनोनीत किया जाएगा? यदि नहीं, तो दोहरे मापदण्ड के क्या कारण हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, अध्यक्ष के अतिरिक्त अन्य दो पदाधिकारी उपाध्यक्ष तथा सचिव के पदेन होने से अन्य पदाधिकारियों के नियुक्ति संबंधी आदेश की प्रति का प्रश्न नहीं उठता है। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। नियमों में ऐसा आवश्यक नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी
149. ( क्र. 3589 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल की सत्र 2015-16 (दिसम्बर) 7th (सेवन्थ) सेमेस्टर की परीक्षा में कुल कितने विद्यार्थी फेल हुए? ई.सी. ब्रांच पेपर कोड 703 की कॉपियों का मूल्यांकन कहाँ हुआ था? (ख) क्या यह सही है कि प्रदेश के अधिकांश महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं की कॉपियों का सही मूल्यांकन नहीं होने से प्रश्नांकित परीक्षा में छात्र-छात्राओं को फेल कर दिया गया जिससे छात्र-छात्राओं का भविष्य खराब हुआ? इसकी कितनी शिकायतें R.G.P.V. को प्राप्त हुई? (ग) क्या यह भी सही है कि एल.एन.सी.टी. कॉलेज भोपाल के उपर्युक्त प्रश्नांकित परीक्षा में त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन के कारण छात्र-छात्राओं को फेल कर दिया गया है, कितने छात्र फेल हुए जानकारी दें? (घ) क्या आंसर-शीट में अंकों की गणना में त्रुटि, लिखे गये उत्तर में बिना नंबर दिये काट दिये जाना, आंसर-शीट में प्रथम पेज के मूल्यांकन व अंदर के पेजों के नंबरों की गणना में त्रुटि आदि मूल्यांकन में त्रुटि की जाँच विभाग पुन: करायेगा, यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो कारण दें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) सत्र 2015-16 दिसम्बर की 7वीं सेमेस्टर की परीक्षा में 8581 विद्यार्थी फेल हुये। मूल्यांकन का कार्य गोपनीय होने के कारण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। (ख) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लघु मूल कार्यों की शिकायतों का निराकरण
150. ( क्र. 3590 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शिवाजी नगर के शासकीय आवासों जी-1 से जी-107/2बी के निवासियों के वर्ष 2014 से 2016 के मध्य कौन-कौन से कितने लघु मूल व एस.आर. के कार्य स्वीकृत हुए, आवासवार विवरण दें? (ख) क्या प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नांकित आवासों में किसी-किसी में आवश्यकता से अधिक कार्य कराये गये एवं किसी-किसी में न्यूनतम कार्य कराये गये? क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांकित रहवासियों में से किस-किस आवासीय रहवासियों की वर्ष 2014 से 2016 के मध्य शिकायतें प्राप्त हुई परन्तु शेड, फेंसिंग आदि कार्य आज दिनांक तक स्वीकृत नहीं हुए? भेदभाव का कारण बतायें? (घ) प्रश्नांकित रहवासियों के कितने आवेदन अनुविभाग से प्राप्त हुए? आवासवार बतायें, कब तक इनके कार्य कराये जा सकेंगे? वर्ष 2014 से 2016 प्रश्न दिवस तक कार्यों में जानबूझकर विलम्ब करने वाले दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग, नया भोपाल संभाग भोपाल के अंतर्गत आने वाले शिवाजी नगर क्षेत्र के प्रश्नांकित शासकीय आवास जी-1 से जी-107/2 बी के क्रमांक नहीं आते हैं। अत: शेष प्रश्न का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
पब्लिक
ट्रस्टों का
पंजीयन
1. ( क्र. 96 ) श्री हरवंश राठौर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पब्लिक ट्रस्ट रजिस्ट्रार कार्यालय सागर में कितने पब्लिक ट्रस्टों के पंजीयन हैं? (ख) उक्त पब्लिक ट्रस्ट रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्टर्ड पब्लिक ट्रस्टों द्वारा पिछले 10 वर्षों का आय-व्यय किन-किन पब्लिक ट्रस्टों ने प्रस्तुत किया है। (ग) उक्त जिन पब्लिक ट्रस्टों ने रजिस्ट्रार कार्यालय में आय-व्यय प्रस्तुत नहीं किया तो उन पर रजिस्ट्रार द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाचरौद में इनडोर स्टेडियम की स्वीकृति
2. ( क्र. 342 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के खाचरौद शहर तहसील मुख्यालय पर पूर्व में विभाग को यहां इंडोर स्टेडियम निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजा गया था? (ख) इंडोर खेल स्टेडियम अभी किस स्तर पर प्रक्रिया में है? यह कब तक स्वीकृत हो जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत सरकार द्वारा इंडोर स्टेडियम का निर्माण पायका ’’पंचायत युवा क्रीड़ा एवं खेल अभियान’’ योजना के तहत किये जाने का प्रावधान था। भारत सरकार द्वारा यह योजना समाप्त कर दी गई है। अतः स्वीकृति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनमण्डल राजगढ़ के निर्माण कार्य की स्थिति
3. ( क्र. 352 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वन विभाग के माध्यम से भवनों एवं मार्ग का निर्माण करवाये जाने के निर्देश हैं? हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वनमण्डल राजगढ़ द्वारा कितने भवनों का निर्माण किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किया गया है? भवन पूर्ण है अथवा अपूर्ण जानकारी देवें। (ग) वनमण्डल राजगढ़ के अंतर्गत दिनांक 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने किलोमीटर के वन मार्ग बनाये गये हैं? दिनांक व राशि सहित बतावें। (घ) क्या दिनांक 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है अथवा अधूरे हैं? पूर्ण जानकारी देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
कन्या महाविद्यालय की स्वीकृति
4. ( क्र. 627 ) श्री
दुर्गालाल
विजय : क्या
उच्च शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
श्योपुर
जिला मुख्यालय
पर कन्या
महाविद्यालय
की स्वीकृति
के संबंध में
प्रश्न संख्या
20 (क्रमांक
1537) दिनांक
08.03.2016 के
प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
में बताया है
कि प्रकरण पर
परीक्षण की
कार्यवाही
प्रचलन में है
तो बतावें कि
प्रचलित कार्यवाही
कब तक पूर्ण
हो जावेगी? (ख) क्या
उक्त
परीक्षण
कार्य में
विलंब के कारण
जिले में उक्त
महाविद्यालय
की स्वीकृति
संभव नहीं हो
पा रही है इसी
कारण अधिकांश
माता-पिता इण्टर
पास आउट होने
उपरांत
सामाजिक एवं
अन्य कारणों
से सहशिक्षा
से सहमत न
होने के कारण अपनी
बेटियों की
पढ़ाई छुड़वा
देते हैं? (ग) क्या
जिले में
प्रतिवर्ष दो
ढ़ाई हजार
छात्राएं इण्टर
परीक्षा से
पास आउट होती
है में से 500 से 1000
छात्राएं ही
स्थानीय
पी.जी. कॉलेज
में प्रवेश
लेती हैं? नतीजन
छात्राओं क
शिक्षा का
ग्राफ जिले
में निरंतर
गिरता जा रहा
है? (घ)
यदि हाँ,
तो
क्या शासन
उक्त गिरते
ग्राफ में
वृद्धि हेतु
जिले में कन्या
महाविद्यालय
की स्वीकृति
के प्रकरण में
समस्त
वैधानिक
औपचारिकताएं
शीघ्र पूर्ण
करवाकर उक्त
महाविद्यालय की स्वीकृति
आदेश शीघ्र
जारी कर इस
कार्य को
आगामी अनुपूरक
बजट में शामिल
करेगा यदि
नहीं, तो
क्यों?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
जयभान सिंह
पवैया ) : (क) जी
हाँ। श्योपुर
में कन्या
महाविद्यालय
खोले जाने
हेतु
प्रस्ताव
तैयार कर स्थायी
परियोजना
परीक्षण
समिति के
समक्ष विचारार्थ
प्रस्तुति
हेतु
प्रक्रियाधीन
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं। (ख)
उत्तरांश ''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। जी नहीं, अन्य
महाविद्यालयों
में प्रवेश ले
सकती हैं। (घ)
उत्तरांश ''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सहायक प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि
5. ( क्र. 634 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा 2005 में चयनित जिन सहायक प्राध्यापकों ने वांछित योग्यता हासिल कर ली है, के उपरांत भी उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं की गई है, क्यों? (ख) म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा 2011-12 में चयनित जिन सहायक प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि 2013-14 में पूर्ण कर ली है जिन्होंने वांछित योग्यता नियुक्ति दिनांक के पूर्व ही पूर्ण कर ली थी, के बावजूद भी आज दिनांक तक उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त क्यों नहीं की गई? जबकि इससे शासन पर कोई वित्तीय भार नहीं आयेगा? ऐसी परिवीक्षा अवधि कब तक समाप्त की जावेगी ?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्ष 2005 में चयनित जिन सहायक प्राध्यापकों ने वांछित योग्यता हासिल कर ली है, किन्तु जिनकी परिवीक्षा समाप्त नहीं की गई है, उनकी परिवीक्षा समाप्ति हेतु प्रकरण प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में नियुक्त सहायक प्राध्यापकों की परिवीक्षा समाप्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, संबंधितों के गोपनीय प्रतिवेदन, मूल्यांकन पत्रक प्राप्त किये जा रहे हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेस्ट हाउस की शासकीय भूमि पर कब्जा
6. ( क्र. 635 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील बमौरी पटवारी हल्का नंबर 16 जिला गुना बमौरी विधान सभा में रेस्ट हाउस की शासकीय भूमि पर किसके द्वारा कब से कब्जा किया गया है? (ख) उक्त ''क'' में वर्णित कब्जा कब तक हटवा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील बमौरी पटवारी हल्का नंबर 16 स्थित विश्राम गृह सर्वे नंबर 553 रकबा 0.836 हेक्टेयर ब्लाक विकासखण्ड कार्यालय के नाम पटवारी रिकार्ड में दर्ज है। इसी नंबर में विश्राम गृह बना हुआ है। उक्त भूमि अतिक्रमण से मुक्त है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी उपयोजना मद की राशि
7. ( क्र. 902 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में आदिवासी उपयोजना क्षेत्रों में विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु आदिवासी उपयोजना मद में राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो शहडोल जिलान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14, 14-15 एवं 15-16 में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों पर व्यय की गयी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
वृक्षारोपण कार्य
8. ( क्र. 977 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में स्थित वन परिक्षेत्रवार कहाँ-कहाँ पर तथा कितनी-कितनी भूमि पर वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक तक वृक्षारोपण कराया गया है तथा कितने वृक्ष लगाए गए हैं उनमें से कितने वृक्ष जीवित है एवं कितने नष्ट हो गए है? वृक्षारोपण में कितनी राशि व्यय हुई? जानकरी स्थलवार दी जावें? (ख) दमोह जिले में बिगड़े वन क्षेत्रों में वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक किये गये रोपणों के रोपित पौधे जीवित पौधे एवं रोपणवार व्यय की जानकारी दी जावें? (ग) जिले के वन परिक्षेत्रों में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि के दौरान रेत, गिट्टी, मुरम, फर्शी एवं अन्य खनिज कहाँ-कहाँ, किस-किस नाम से कितने रकबे एवं किस-किस सर्वे नम्बर की एन.ओ.सी. जारी की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मिनी स्टेडियम का निर्माण
9. ( क्र. 983 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिले में युवाओं के लिए खेल गतिविधियों को प्रोत्साहन देने की योजना के तहत मिनी स्टेडियम का निर्माण कहाँ-कहाँ किया गया है? (ख) क्या इन निर्मित मिनी स्टेडियम में खेल गतिविधियां क्रियान्वित की जा रही हैं? यदि हाँ, तो प्रत्येक स्टेडियम में वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक क्या-क्या खेलकूद गतिविधियां आयोजित की गई? स्टेडियमवार बतलावें? (ग) क्या जिले के तेंदुखेड़ा के वार्ड क्रमांक 9 भटरिया में मिनी स्टेडियम का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो मिनी स्टेडियम भवन एवं खेलकूद मैदान कब पूर्ण हो चुका है? क्या स्टेडियम का उद्घाटन हो चुका है, यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? विलंब के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या वर्तमान में निर्मित खेल मैदान, खेलकूद गतिविधियों के लिये उपयुक्त है अथवा नहीं? स्टेडियम में खेलकूद गतिविधियां कब प्रारंभ की जावेगी?
खेल
और युवा
कल्याण
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क)
दमोह जिले में
खेल
गतिविधियों
को प्रोत्साहन
के अंतर्गत
निम्न
स्थानों पर
मिनी स्टेडियम
का निर्माण
किया गया है- 1-खेल
प्रशिक्षण
केन्द्र दमोह, 2-मिनी
स्टेडियम हटा, 3-मिनी
स्टेडियम
बटियागढ़, 4-मिनी
स्टेडियम
तेन्दुखेड़ा।
(ख) मिनी
स्टेडियम
तेन्दुखेड़ा
का मैदान
समतलीकरण
नहीं होने एवं
विभाग के
आधिपत्य में
नहीं होने के
कारण यहाँ खेल
गतिविधियाँ आरंभ
नहीं की गई
है। शेष-3
मिनी
स्टेडियम में
खेल
गतिविधियाँ
संचालित की जा
रही है।
स्टेडियमवार
आयोजित
गतिविधियाँ
की जानकारी
निम्नवत् हैः-
1
खेल
प्रशिक्षण
केन्द्र दमोह
वर्ष 2015-16
में
मुख्यमंत्री
कप, महिला
खेलकूद
प्रतियोगिता, मासिक
प्रतियोगिता
एवं
ग्रीष्मकालीन
खेल
प्रशिक्षण
शिविर का
आयोजन। 2
मिनी
स्टेडियम हटा
वर्ष 2013-14
में मासिक
प्रतियोगिता
एवं
ग्रीष्मकालीन
खेल
प्रशिक्षण
शिविर का
आयोजन। 3
मिनी
स्टेडियम
बटियागढ़ः-
वर्ष 2015-16
में
ग्रीष्मकालीन
खेल
प्रशिक्षण
शिविर का आयोजन।
(ग) जी हाँ।
तेन्दुखेड़ा
के भटरिया में
क्रियान्वयन
एजेंसी
पी.आई.यू. दमोह
द्वारा
स्टेडियम का
निर्माण किया
जा रहा है जो
पूर्णता की ओर
है। मैदान
समतलीकरण व
पेयजल की व्यवस्था
नहीं होने तथा
मैदान विभाग
के आधिपत्य में
न आने के कारण
अभी मैदान का
उद्घाटन नहीं
हुआ है, जिसके
लिए किसी को
जिम्मेदार बताया
जाना संभव नहीं है। मैदान समतलीकरण व
मैदान पर
पेयजल
व्यवस्था
उपलब्ध हो
जाने पर ही
गतिविधियाँ
प्रारंभ की
जाना संभव है, जिसकी
कोई निश्चित
बताई जाना
संभव नहीं है।
वन अभ्यारण्य के अंतर्गत ग्रामों को हटाया जाना
10. ( क्र. 988 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अभ्यारण्य नौरादेही से दमोह जिले के कितने बसे हुए ग्रामों को हटाया जा रहा है, उनकी सूची उपलब्ध करावें। (ख) अभ्यारण के अंतर्गत बसे हुए ग्रामों के निवासियों को प्रति सदस्य के मान से अथवा प्रति परिवार के मान से कितनी मुआवजा राशि शासन द्वारा भुगतान की जा रही है? मुआवजा राशि भुगतान किये जाने का क्या मापदण्ड है? (ग) क्या अभ्यारण्य के अंतर्गत बसे हुए ग्रामवासियों को अन्यत्र व्यवस्थापना किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? इस संबंध में शासन द्वारा कोई कार्ययोजना तैयार की गई है अथवा नहीं? (घ) क्या व्यवस्थापन किये जा रहे परिवारों को मकान के बदले मकान तथा जमीन के बदले जमीन आवंटित किये जाने पर शासन विचार कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नौरादेही (वन्यप्राणी) वनमंडल के अंतर्गत दमोह जिले में बसे 24 ग्रामों में से 11 ग्रामों को ग्रामीणों की सहमति प्राप्त होने पर विस्थापित किया जाता है। जिसमें से कुसमी एवं लगरा ग्राम को विस्थापित किया जा चुका है तथा शेष 09 ग्राम विस्थापन हेतु प्रस्तावित है, जिनके नाम निम्नानुसार हैं:- 1. तिंदनी 2. दुधिया 3. सिंगपुरा (जामुनझिरी) 4. खापा 5. रमपुरा 6. महका 7. उन्हारीखेड़ा 8. ऊकरपार 9. जामुन (ख) अभ्यारण्य के अंतर्गत बसे हुये ग्रामों के निवासियों को उनकी सहमति एवं बजट की उपलब्धता के आधार पर मध्यप्रदेश शासन वन विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक/एफ-3-8/07/10-2/2129 भोपाल, दिनांक 30 अक्टूबर, 2008 में निर्धारित मापदण्ड व प्रक्रिया अनुसार भुगतान किया जा सकेगा। राज्य शासन का आदेश संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) अभ्यारण्य के अंतर्गत बसे हुये ग्रामवासी राज्य शासन द्वारा निर्धारित पैकेज पर अन्यत्र पुनर्स्थापन हेतु सहमत हैं व इस हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध हो तो ग्रामवासियों को अन्यत्र पुनर्स्थापित किया जा सकता है। यह कार्य उनकी सहमति पर आधारित है। अत: इस संबंध में कोई अग्रिम कार्य योजना नहीं बनायी गयी है। ग्रामीणों की सहमति प्राप्त होने पर तदानुसार वित्तीय संसाधनों का प्रबंध किया जाता है। (घ) जी नहीं। संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों के पुनर्स्थापन का कार्य राज्य शासन द्वारा संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित आदेश के अनुरूप किया जाता है।
अनुविभागीय अधिकारियों की पदस्थापना
11. ( क्र. 998 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के अंतर्गत कितने जिलों में भवन/सड़क उपसंभागों में प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पदस्थ हैं? (ख) लोक निर्माण विभाग भवन/सड़क उपसंभाग सागर जिले के अंतर्गत कितने उपसंभागों में प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी कब से कार्यरत हैं? (ग) लोक निर्माण विभाग के भवन/सड़क उपसंभाग में यदि प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पदस्थ हैं तो क्या विभाग के पास अनुविभागीय अधिकारियों की कमी है? (घ) यदि कमी नहीं है तो भवन/सड़क उपसंभाग में वरिष्ठ उपयंत्री/उपयंत्री डिग्री होल्डर को पदस्थ करने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 2 जिलों में। (ख) 1 उपसंभाग खुरई में दिनांक 01/02/2016 से। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासियों को पट्टे प्रदान किए जाना
12. ( क्र. 1000 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र के वनभूमि में काबिज आदिवासियों को पट्टे प्रदान किये गये हैं? (ख) क्या आदिवासियों द्वारा भूमि के लिये आवेदन दिये है? अगर दिये है तो क्या आवेदन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) आदिवासियों को वनभूमि के पट्टे प्रदान करने की क्या नीति है? (घ) आदिवासियों की जो वनभूमि के पट्टे दिये गये हैं क्या उन सभी पट्टेधारियों को उनका कब्जा दिलाया गया है? यदि हाँ, तो सुनवानी, उड़ला, रैगुवां, रामनगर, गढ़ीकरईया एवं शाहनगर एवं रैपुरा तह. में आदिवासियों को दिये गये पट्टों का आज दिनांक सीमांकन कर कब्जा क्यों नहीं दिलाया गया? ये कब्जा कब तक दिलाया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं, अपितु वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत विगत 5 वर्षों में पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र के वनभूमि में काबिज आदिवासियों को, अधिकार पत्र प्रदाय किये गये हैं। (ख) आदिवासियों द्वारा वनभूमि के लिये वन अधिकार पत्र हेतु आवेदन दिये गये हैं। उन आवेदनों पर अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 में दिये प्रावधानों के तहत विनिश्चयन कर मान्य दावेदारों को वनभूमि के अधिकार पत्र दिये गये हैं। (ग) वर्तमान में वनभूमि के पट्टे प्रदाय करने की कोई नीति नहीं है, अपितु अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 में दिये प्रावधानों के अन्तर्गत वनभूमि पर काबिज आदिवासियों के दावों पर ग्राम सभा स्तरीय समिति उपखण्ड स्तरीय समिति द्वारा परीक्षण उपरांत, जिला स्तरीय समिति द्वारा विनिश्चियन कर मान्य दावेदार को वनभूमि पर अधिकार पत्र दिये जाते है। (घ) वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत दिनांक 13 दिसम्बर, 2005 से पूर्व के वनभूमि पर काबिजों को ही वनाधिकार पत्र दिये गये हैं। ग्राम सुनवानी, उडला, रैगुवा, रामनगर एवं गढीकरहिया में कोई वनाधिकार पत्रधारक नहीं हैं। शाहनगर एवं रैपुरा तहसील के वनभूमि पर काबिज पात्र आदिवासियों को ही वनाधिकार पत्र दिये गये हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत एवं रिक्त पद
13. ( क्र. 1001 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के पवई विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने वन परिक्षेत्र हैं? इनमें वन परिक्षेत्र पवई में विभिन्न पद स्वीकृत हैं व कहाँ-कहाँ कब से रिक्त हैं? (ख) वन परिक्षेत्र से रैपुरा जून-जुलाई 2015 में कितने वनरक्षक वनपाल, उप वनक्षेत्रपाल के स्थानांतरण किये गये? क्या यह शासन की निर्धारित ट्रांसफार्मर नीति के अंतर्गत किये गये? एक साथ अधिक संख्या में इन क्षेत्रों से स्थानांतरण किये जाने का क्या कारण था? (ग) प्रश्नांकित वन परिक्षेत्र तीन जिलों की सीमाओं से संलग्न है? इसके उपरांत भी अधिक संख्या में स्थानांतरण से विभाग में अस्थिरता व वन परिक्षेत्र की सीमा की सुरक्षा का संकट उत्पन्न नहीं होगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) पन्ना जिले के पवई विधान सभा क्षेत्र में 05 वन परिक्षेत्र हैं। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) वन परिक्षेत्र रैपुरा से जून-जुलाई 2015 में केवल 02 वनरक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी, हां। उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर छापीहेड़ा में महाविद्यालय की स्वीकृति
14. ( क्र. 1037 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत नगर पंचायत क्षेत्र छापीहेड़ा की वर्तमान जनसंख्या 15 हजार होकर वर्तमान में तीव्र गति से बढ़ रही है। लेकिन नगर पंचायत क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय नहीं होने से छात्र-छात्राओं को 15 कि.मी. दूर जीरापुर तथा 22 कि.मी. दूर खिलचीपुर स्थित महाविद्यालयों में अध्ययन हेतु जाना पड़ता है। जिससे निर्धन एवं कमजोर वर्ग के छात्र विशेषकर छात्राएं अपना अध्यापन कार्य मध्य में छोड़ने को विवश हैं? यदि हाँ, तो नगर छापीहेड़ा के छात्र-छात्राओं को महाविद्यालयीन शिक्षा उनके ही नगर में उपलब्ध कराये जाने हेतु शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन नगर परिषद छापीहेड़ा अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, प्रश्नांकित छापीहेड़ा (राजगढ़) से 15 कि.मी. की दूरी के संचालित महाविद्यालय में अध्ययन हेतु सुविधा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। कैचमेंट एरिया में विद्यार्थी संख्या कम होने से विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण छापीहेड़ा (राजगढ़) में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने में कठिनाई है।
पांढुर्णा में खेल स्टेडियम निर्माण
15. ( क्र. 1107 ) श्री जतन उईके : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में खेल स्टेडियम स्वीकृत हुए हैं? (ख) क्या इन खेल स्टेडियमों हेतु जमीन चिंहित कर ली गई है? (ग) क्या इन स्टेडियमों हेतु 80-80 लाख रूपये निर्माण हेतु स्वीकृत हुए हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर हां में है तो अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हुआ और यह निर्माण कार्य कब तक आरंभ कर दिया जावेगा? विलंब के लिये कौन जिम्मेदार है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) पंचायत राज विभाग द्वारा प्रत्येक विधान सभा में राशि रू. 80.00 लाख की लागत से 01 ग्रामीण खेल परिसर विकसित किये जाने की योजना है। (घ) माननीय स्थानीय विधायक की अनुशंसा के पश्चात् जिला कलेक्टर द्वारा भूमि का आवंटन किया जाता है, तदोपरांत विधिवत् प्रस्ताव के परीक्षण कर योग्य पाये जाने पर तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति पंचायत राज विभाग एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा जारी की जाती हैं। चूंकि अभी भूमि का आवंटन ही नहीं हुआ हैं इसलिये निर्माण की कार्यवाही नहीं की जा सकती हैं। ग्रामीण खेल परिसर का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा किया जाना हैं इसलिये खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा निर्माण कार्य कब प्रारंभ होगा, की जानकरी दी जाना संभव नहीं हैं। ग्रामीण खेल परिसर हेतु भूमि का आवंटन ही नहीं हुआ हैं इसलिये विलंब के लिये कोई भी जिम्मेदार नहीं हैं।
छिन्दवाड़ा जिला अंतर्गत कराये गये निर्माण कार्य
16. ( क्र. 1108 ) श्री जतन उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अंतर्गत आने वाले लोक निर्माण विभाग के सभी संभागों में 01 जनवरी, 2013 से प्रश्न तिथि तक 02 लाख रूपये से कम कार्यादेश किस-किस स्थान के किस-किस निर्माण कार्य के आदेश हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार मेन्टेनेंस के कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? किस-किस ठेकेदार को कितना-कितना भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में किए गये कार्यों में से किस-किस कार्यों की शिकायतें अधीक्षण यंत्री/मुख्य अभियंता/ प्रमुख अभियंता/राज्य शासन को प्राप्त हुई? किस आदेश क्रमांक एवं दिनांक से उक्त समक्ष कार्यालयों द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई? (घ) छिन्दवाड़ा जिले में स्थित लोक निर्माण विभाग के कार्यालयों को 01 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस कार्य हेतु बजट से प्राप्त हुई? कितनी राशि व्यय की गई? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
शास. महाविद्यालयों को आवंटित राशि
17. ( क्र. 1208 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में स्थित शासकीय महाविद्यालय धामनोद, धरमपुरी, जिला धार को राज्य स्तर से वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि का आवंटन जारी किया गया है, तथा आवंटित राशि का उपयोग किन कार्यों पर किया गया है? (ख) योजना/कार्य का नाम वर्ष जारी/ उपयोग की गई राशि सहित जानकारी संस्थावार, वर्षवार देवें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में स्थित शासकीय महाविद्यालय, धामनोद, धरमपुरी जिला धार को वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में विभिन्न मदों में आवंटित राशि एवं उसके उपयोग का विवरण महाविद्यालयवार एवं मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब पर है। (ख) जानकारी/विवरण वर्षवार एवं संस्थावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब पर है।
विचाराधीन प्रकरण पर कार्यवाही
18. ( क्र. 1485 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़ा राम मंदिर झारड़ा विकासखण्ड महिदपुर के चल रहे प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। क्या प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। (ख) क्या कारण है कि वर्ष 2009 से 2016 तक प्रकरण में कोई तारीख सुप्रीम कोर्ट में नहीं ली गई? इसके लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रकरण में विगत 3 तारीखों में कौन-कौन वकील उपस्थित हुए ?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के झारझा ग्राम में स्थित राम मंदिर के संबंध में वादी के द्वारा तृतीय अपील प्रकरण क्रमांक 7936/2002 माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के समक्ष प्रस्तुत की गई है। प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। (ख) प्रकरण में सुनवाई का दिनांक नियत किया जाना माननीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आता है। कोई भी अधिकारी कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) प्रकरण में विगत तीन पेशीयों क्रमश: 20.08.2004 को श्री सतीष अग्निहोत्री अभिभाषक तथा 15.05.2009 एवं 17.07.2009 श्रीमती विभा दत्ता माखीजा अभिभाषक द्वारा उपस्थिति दी गई है।
नवीन उद्योग स्थापित किए जाने हेतु कार्यवाही
19. ( क्र. 1577 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में नवीन उद्योग स्थापित किए जाने के लिये शासन द्वारा अप्रैल 2014 से जून 2016 तक प्रदेश, देश एवं विदेश में सेमिनार या ग्लोबल इन्वेस्टर समिट आयोजित हुए थे? यदि हाँ, तो कब-कब कहाँ-कहाँ पर आयोजित हुए? उक्त सेमिनार एवं ग्लोबल इन्वेस्टर समिट पर प्रत्येक पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ख) क्या उक्त ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत कोई एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किए गए? यदि हाँ, तो किन-किन के बीच कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सा उद्योग स्थापित किए जाने हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किए गए? (ग) क्या उक्त सेमिनार एवं ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के फलस्वरूप प्रदेश में कोई उद्योग स्थापित किए जाने का कार्य प्रारंभ हुआ है? यदि हाँ, तो कौन सा उद्योग कहाँ पर किस के द्वारा स्थापित किए जाने का कार्य प्रारंभ हुआ है? (घ) क्या प्रदेश में अप्रैल 2014 से जून 2016 तक सेमिनार या ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के फलस्वरूप कोई नया बड़ा उद्योग स्थापित किए जाने हेतु भूमि आवंटन की गई है? यदि हाँ, तो किसे एवं किस उद्योग के लिये कितनी भूमि कितनी राशि में कब आवंटित की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में नवीन उदयोग स्थापित किए जाने के लिये वाणिज्य, उदयोग एवं रोजगार विभाग दवारा अप्रैल 2014 से जून 2016 तक प्रदेश, देश एवं विदेश में सेमिनार, इवेंट व ग्लोबल इन्वेस्टर समिट आयोजन की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर है। (ख) जी नहीं, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2014 में एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित नहीं किये गये थे अत: शेष प्रश्नांश की जानकारी दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। औदयोगिक केन्द्र विकास निगमों के कार्य क्षेत्रों में स्थापना हेतु कार्य प्रारंभ करने वाले 433 उदयोगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर हैं। (घ) जी हाँ। 21 वृहद श्रेणी के उदयोग स्थापित किए जाने हेतु औदयोगिक केन्द्र विकास निगमों दवारा भूमि आवंटित की गई हैं। वांछित बिन्दुवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर हैं।
पी.आई.यू. के निर्माण कार्यों की जानकारी
20. ( क्र. 1595 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग अंतर्गत पी.आई.यू. एजेंसी के खरगोन जिले में कितने कार्य पूर्ण, प्रगतिरत, अप्रारम्भ, सी.सी. जारी है? इन निर्माण कार्यों का निरिक्षण कब-कब, किन अधिकारियों द्वारा किया गया। निर्माणवार, स्थान एवं राशि सहित कार्यों की सूची देवें? (ख) उक्त कार्यों की प्रशासनीक स्वीकृति दिनांक एवं कार्यपूर्णता की संभावित दिनांक क्या है? कितने कार्य अपनी पूर्णता दिनांक में भी अधूरे रहे। इस देरी के कारण सहित जानकारी देवें। (ग) उक्त कार्यों में से कितने कार्यों में देरी या अन्य किसी कारण से संबंधित ठेकेदारों पर कितनी पेनाल्टी कब-कब लगाई गई। कितनी पेनल्टी वसूली गई। (घ) भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र में कितने कार्यों में विद्युतीरकण, पेयजल, सेनेटरी संबंधी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? इनमें से कितने कार्यों का लोकार्पण हो चुका है। अपूर्ण विद्युतीकरण, पेयजल संबंधी कार्यों की सूची देवें। इनके पूर्णता की संभावित दिनांक बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
संविदा प्रोग्रामर एवं ऑपरेटरों का नियमितीकरण
21. ( क्र. 1597 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वन विभाग में कितने सॉफ्टवेयर संचालित हैं? (ख) विभाग द्वारा चलाये जा रहे सॉफ्टवेयर को संचालित कराने के लिए क्या विभाग द्वारा संविदा प्रोग्रामर, आपरेटरों की नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो सिवनी जिलें में नियुक्त संविदा प्रोग्रामर एवं ऑपरेटर के नाम एवं उनकी नियुक्ति दिनाँक तथा दिए जाने वाले मानदेय की सूची उपलब्ध करावें. (ग) उपरोक्त संविदा प्रोग्रामर एवं आपरेटरों को नियमित किए जाने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? उन्हें कब तक नियमित किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सिवनी जिले में वन विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे सॉफ्टवेयर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) सिवनी जिले में चलाये जा रहे सॉफ्टवेयर को संचालित कराने के लिये विभाग द्वारा सॉफ्टवेयरों पर कम्प्यूटर कार्य बाहरी व्यक्तियों से जॉब दर पर कराया जा रहा है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माणाधीन आई.टी.आई भवन
22. ( क्र. 1598 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के लखनादौन विकासखण्ड में आई.टी.आई. भवन निर्माण स्वीकृत है वर्तमान में आई.टी.आई. में कितने विषय संचालित हैं? (ख) भवन निर्माण के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई तथा भवन निर्माण के लिए अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई, निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) आई.टी.आई. भवन तक आने-जाने के लिए रोड निर्माण हेतु कितनी भूमि आरक्षित की गई तथा रोड निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में आई.टी.आई. लखनादौन में तीन ट्रेड क्रमश: इलेक्ट्रिशियन, वेल्डर एवं कप्म्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग अस्सिटेंट विषय संचालित है। (ख) आई.टी.आई. लखनादौन के भवन निर्माण के लिये रूपये 497.47 लाख (चार करोड़ सन्तानवे लाख सैंतालीस हजार मात्र) की राशि स्वीकृत की गई है जिसमें भू-तल तथा प्रथम तल दो तलीय प्री-फेब पद्धति से भवन निर्माण स्वीकृत है। भवन निर्माण कार्य में अब तक ग्रांउड फलोर का सीमेंट कांक्रीट बेस तथा लाईट गेज स्टील फ्रेम का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रथम तल का कार्य प्रगति पर है। निर्माण एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार माह अप्रैल-2017 तक निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ग) आई.टी.आई. लखनादौन के नवनिर्मित भवन तक जाने के लिये 0.05 हैक्टेयर भूमि (10 फीट चौड़ी) रोड निर्माण के लिये आरक्षित की गई है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
नयागाँव लेबड़ फोरलेन निर्माण में कुल खर्च
23. ( क्र. 1695 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम परवलिया व माननखेड़ा के यात्री प्रतीक्षालय व शहीद पार्क माननखेड़ा की दीवाल बाउण्ड्रीवॉल के मुआवजे निर्धारण की मांग भू-अर्जन अधिकारी जावरा से प्राप्त हो चुका है या नहीं व उक्त निर्माण कब तक हो जाएगा? (ख) नयागाँव लेबड़ फोरलेन निर्माण में कुल कितना खर्च हुआ तथा प्रति वर्ष सभी टोल पर अभी तक कितनी आमदनी सड़क निर्माण के बाद हो चुकी है तथा सड़क के दोनों ओर व बीच में वृक्ष लगाने का क्या लक्ष्य दिया था तथा कितने वृक्ष लग चुके हैं व कितने बाकी है? (ग) नयागाँव लेबड़ फोरलेन से ग्राम लुहारी से जावरा उज्जैन टोल रोड को जोड़ने हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है व इसकी कितनी लागत होगी व कब तक कार्य प्रारंभ हो जायेगा? (घ) प्रश्न संख्या 115 (क्रमांक 4844) दिनांक 8 मार्च 2016 में दुर्घटनायें रोकने हेतु क्या प्रयास फोरलेन पर किये गये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) शहीद पार्क की भूमि पर दीवार एवं मेन गेट हटाये गये थे। कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग रतलाम को प्रस्तुत प्राक्कलन अनुसार राशि रू. 31.85 लाख दी गई है, जिसका निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा पूर्ण कर दिया गया है। ग्राम परवलिया व माननखेड़ा के यात्री प्रतीक्षालय संरचना 52 फीट की सड़क सीमा के अन्दर होने तथा निर्माण कार्य में बाधित होने से हटाई गई, जिसका मुआवजा निर्धारण मांग पत्र भू-अर्जन अधिकारी, जावरा से अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। निर्माण की तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) मेसर्स वेस्टर्न एम.पी. इंफ्रास्ट्रक्चर टोलवेज प्रा. लि., मुंबई द्वारा निर्मित लेबड़-जावरा फोरलेन मार्ग की अनुमानित लागत रू. 605.45 करोड़ एवं मेसर्स जावरा-नयांगांव टोलरोड कंपनी प्रा. लि., इंदौर द्वारा निर्मित जावरा-नयांगांव फोरलेन मार्ग की अनुमानित लागत 450.47 करोड़ है। निवेशकर्ता कंपनियों से प्राप्त जानकारी अनुसार इन मार्गों के निर्माण पर क्रमशः रूपये 900.97 करोड़ एवं 907 करोड़ खर्च किये गये एवं अभी तक कुल टोल राशि क्रमशः रूपये 652.65 करोड़ एवं 663.28 करोड़ प्राप्त हो चुके है। लेबड़-जावरा फोरलेन पर सड़क के दोनों ओर व बीच में कुल 50,094 वृक्ष लगाने का लक्ष्य दिया था, जिसे निर्माण कम्पनी द्वारा लगभग 53,000 पौधे लगाये गये एवं कन्सेशनायर से प्राप्त जानकारी अनुसार 4500 पौधे जीवित है एवं कम्पनी द्वारा तीन वर्ष के लिये म.प्र. राज्य वन विकास निगम को रख-रखाव एवं पौधे रोपण के लिये करार किया गया है, जिसके अन्तर्गत 12000 पौधे को बड़ा करने का लक्ष्य रखा गया है। जावरा-नयागाँव फोरलेन पर सड़क के दोनों ओर व बीच में 88040 वृक्ष लगाने का लक्ष्य दिया था, जिसे निर्माण के समय पूर्ण कर लिया गया था। वृक्षों के रख-रखाव का पूरा ध्यान रखा जाता है एवं मृत पौधों के स्थान पर नये पौधे निरन्तर लगाये जा रहे है। (ग) नयागांव लेबड फोरलेन से ग्राम लोहारी से जावरा उज्जैन टोल रोड को जोडने वाला कोई मार्ग प्रस्तावित नहीं है। अत: शेष प्रश्न का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) आमजन की सुरक्षा हेतु स्टील क्रेश बेरियर लगाये गये है। साईन बोर्ड, गति संकेतक रोड मार्किग, स्र्टडस आदि लगाया गया है। मार्ग पर वाहन दुर्घटनाओं का कारण वाहन चालको द्वारा नशे में/तेज गाड़ी चलाना, आमजन में यातायात के नियमों की जागरूकता की कमी के चलते पालन नहीं करने से अक्सर दुर्घटनाओं की संभावना होती है। लेबड़-नयागांव फोरलेन मार्ग पर सर्वाधिक दुर्घटनाओं के स्थल नियत नहीं है। मार्ग के मेजर जंक्शन एवं माईनर जंक्शन पर सुरक्षा के संभावित पूरे प्रयास किए गए है।
मेडिकल कॉलेजों में प्रवेशित विद्यार्थियों की जानकारी
24. ( क्र. 1821 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में एन.आर.आई. कोटा के तहत प्रवेश के नियमों की जानकारी दें? प्रवेशित विद्यार्थियों का चयन नियमानुसार हुआ है, इसका परीक्षण किस संस्था/व्यक्ति द्वारा किया जाता है? साथ ही बताएं कि चिकित्सा महाविद्यालयों में एन.आर.आई. कोटा के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों के दस्तावेज क्या शासन को प्राप्त होते है? (ख) वर्ष 2015 में एन.आर.आई. कोटा के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों के चयन का मूल्यांकन किसके द्वारा किस दिनांक को किया गया ? (ग) चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल में वर्ष 2015 में एन.आर.आई. कोटा के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों के दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करावें व किस आधार पर एन.आर.आई. कोटा से प्रवेश दिया गया?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
महाविद्यालयों के निर्माण एवं व्यवस्थाओं
25. ( क्र. 1876 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाविद्यालयों के सर्वांगीण विकास के लिए महाविद्यालयों में भवन निर्माण, पहुंच मार्ग एवं संकाय शुरू करने की म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र गुन्नौर अंतर्गत आने वाले महाविद्यालय देवेन्द्रनगर, गुन्नौर एवं अमानगंज में जो भवन अधूरे हैं उन्हें पूर्ण कराना एवं जहां पहुंच मार्ग नहीं है वहां मार्ग बनवाना तथा जिस महाविद्यालय में जो संकाय नहीं है वह संकाय प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत महाविद्यालयों के अधूरे पड़े निर्माण कार्य को पूर्ण न करने के लिये कौन दोषी है? महाविद्यालयवार बतावें। क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, ता कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) शासकीय महाविद्यालय, गुन्नौर-शासकीय महाविद्यालय, गुन्नौर के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित की जा चुकी है। भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव 05/05/2016 को प्राप्त हुआ। जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शासकीय महाविद्यालय देवेन्द्रनगर-शासकीय महाविद्यालय, देवेन्द्रनगर के भवन निर्माण का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। प्रसाधन कक्ष, विद्युतीकरण, जल व्यवस्था के शेष कार्य एवं पहुँच मार्ग के प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शासकीय महाविद्यालय, अमानगंज-शासकीय महाविद्यालय, अमानगंज भवन के प्रथम तल हेतु जारी प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार राशि आवंटित की जा चुकी है। कार्यपालन यंत्री, म.प्र. गृह निर्माण मण्डल, सतना द्वारा पुनरीक्षित प्राक्क्लन प्रस्तुत किया गया है। जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पहुँच मार्ग तैयार हो चुका है। शेष प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय, देवेन्द्रनगर का निर्माण कार्य निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग एवं शासकीय महाविद्यालय, अमानगंज का निर्माण कार्य म.प्र. गृह निर्माण मण्डल द्वारा किया जा रहा है। जिन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, कोई दोषी नहीं, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन सुरक्षा समिति एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का गठन
26. ( क्र. 1877 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन ग्रामों व वन सीमा से लगे राजस्व ग्रामों में वन सुरक्षा समिति या संयुक्त वन प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है? क्या कुछ ग्रामों में अध्यक्ष के पद को वर्ग विशेष अनु. जाति व अनु. जनजाति अथवा महिला वर्ग के लिए आरक्षित किये जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो बतावें? (ख) अप्रैल, 14 की स्थिति में प्रश्नांश (क) में दर्शित समितियों का गठन गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में कब और किसके द्वारा किया गया तथा किस समिति में कौन अध्यक्ष एवं कौन-कौन सदस्य हैं? नामवार, ग्रामवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित समितियों के माध्यम से विभाग द्वारा गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये हैं? किस कार्य की क्या लागत है? समितिवार, ग्रामवार बतायें? (घ) क्या वन विभाग द्वारा गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत समितियों का गठन कर कराये गये निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता की गयी है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) म.प्र. शासन संकल्प दिनांक 22 दिनांक, 2001 की कंडिका-4 के अनुसार पाँच कि.मी. की परिधि में आने वाले राजस्व ग्रामों में वन सुरक्षा समिति/ग्राम वन समिति का गठन किया गया है। म.प्र. शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ 16-14/1991/10-2 दिनांक 15.01.2008 अनुसार ''समितियों में अध्यक्ष/उपाध्यक्ष में से एक पद पर महिला का होना अनिवार्य होगा तथा अध्यक्ष पद के एक तिहायी पद महिलाओं हेतु आरक्षित किये जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) वन विभाग द्वारा गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत समितियों के माध्यम से कराए गए निर्माण कार्य में भारी अनियमितता किए जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।
मालीखेड़ी रोड का निर्माण
27. ( क्र. 1883 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मालीखेड़ी रोड के संबंध में मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के उपरान्त 2 वर्षों बाद भी विभाग द्वारा अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं करवाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई तथा इस विलंब के लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) यदि नहीं, तो कब तक इस सड़क का कार्य प्रारंभ हो जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्राम मालीखेड़ी रोड वन क्षेत्र से नहीं गुजरता है, न तो इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कोई घोषणा की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक ट्रॉफी का आयोजन
28. ( क्र. 1884 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में विधायक ट्रॉफी का आयोजन किये जाने का निर्णय लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक आष्टा विधान सभा क्षेत्र में विधायक ट्रॉफी का आयोजन क्यों नहीं किया गया है तथा कौन सा विभाग इस आयोजन को करेगा? (ग) इस आयोजन हेतु क्या विभाग द्वारा बजट निर्धारित किया गया है या नहीं? (घ) कब तक इस वित्तीय वर्ष में आयोजन हो जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) आष्टा विधान सभा क्षेत्र में खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा विधायक कप का आयोजन दिनांक 19 से 20 फरवरी, 2016 तक किया जा चुका है। (ग) जी हाँ। (घ) इस वित्तीय वर्ष में आयोजन की समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है।
नवीन मंदिरों को विभाग में शामिल करने
29. ( क्र. 1898 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासकीय सूची में मंदसौर जिले के पुराने तथा नवीन मंदिरों को विभाग द्वारा किस नियम एवं शर्तों पर सूची में शामिल किया गया है एवं किया जाता है? (ख) विभाग की सूची में जिन पुराने मंदिरों को शासन के शासकीय मंदिरों की सूची में सम्मिलित नहीं किया गया था, उन्हें सूची में शामिल करने हेतु क्या प्रक्रिया है? (ग) शासन के सर्वे के अनुसार सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कौन से पुराने एवं नए मंदिर हैं जो शासकीय मंदिर की सूची में आ सकते हैं? (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में पुराने शासकीय मंदिरों को जीर्णोद्धार करने हेतु क्या नीति या योजना बनाई गई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों
30. ( क्र. 1899 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले के शासकीय महाविद्यालयों में वर्तमान समय में पदों की संख्या कितनी है? उनमें से कितने पद रिक्त हैं तथा कितने पदों की पूर्ति कर ली गई है? (ख) वर्तमान सत्र में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या तैयारी की जा रही है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के शासकीय महाविद्यालयों सीतामऊ, शामगढ़ तथा सुवासरा में कब तक नवीन भवन एवं फर्नीचर की सुविधा उपलब्ध हो जावेगी? (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के शासकीय महाविद्यालयों में वाणिज्य संकाय कब तक प्रारंभ हो जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मंदसौर जिले के शासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक पदों की संख्या 171 एवं अशैक्षणिक पदों की संख्या 66 है। महाविद्यालयों में शैक्षणिक पद 114 एवं अशैक्षणिक पद 40 रिक्त है। (ख) जी हाँ। दिनांक 19.2.2016 को सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से विज्ञापन जारी किया गया है। शेष पदों की पूर्ति प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) शासकीय महाविद्यालय सीतामऊ, शामगढ़ तथा सुवासरा के महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु संबंधित महाविद्यालयों के प्राचार्यों के माध्यम से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये तथा उक्त महाविद्यालयों में फर्नीचर की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) प्रश्नांकित क्षेत्र के किसी शासकीय महाविद्यालय से वाणिज्य संकाय प्रारम्भ करने संबंधी प्रस्ताव प्राप्त होने पर निर्धारित मापदण्ड के आधार पर परीक्षण की कार्यवाही की जावेगी।
शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिये जाने
31. ( क्र. 1900 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के माध्यम से कौन-कौन सी शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं? (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में कितने केन्द्र की स्थापना की गई है? स्थान एवं दी जा रही शिक्षा एवं प्रशिक्षण की जानकारी देवें। (ग) शामगढ़ में आई.टी.आई. का नवीन भवन कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? शासन द्वारा कहाँ तक एवं किस-किस विषय की शिक्षा उपलब्ध कराई जावेगी? (घ) विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा नवीन आई.टी.आई. खोलने हेतु किन-किन स्थानों का चयन किया गया है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) संचालक तकनीकी शिक्षा के माध्यम से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित डिप्लोमा, स्नातक एवं स्नातकोत्तर एवं पाठ्यक्रमों में प्रवेश की कार्यवाही की जाती है एवं संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा शैक्षणिक गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं। तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रमों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आई.टी.आई. के माध्यम से एक एवं दो वर्षीय व्यवसायों में प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है। कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से अल्पअवधि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में दो शासकीय आई.टी.आई. क्रमश: सीतामऊ एवं शामगढ़ में तथा 09 प्राइवेट आई.टी.आई. में निम्न विवरण अनुसार प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है।
स.क्रं. |
शासकीय/प्राईवेट आई.टी.आई. |
संचालित व्यवसायों का नाम |
1 |
शासकीय आई.टी.आई., सीतामउ |
कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, विद्युतकार, फिटर सत्र अगस्त 2016 से वेल्डर व्यवसाय प्रारंभ किया गया है। |
2 |
शासकीय आई.टी.आई., शामगढ़ |
कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, फिटर सत्र अगस्त 2016 से 04 व्यवसाय क्रमश: वेल्डर, इलेक्ट्रीशियन, डीजल मैकेनिक तथा वेब डिजाईनिंग एण्ड कम्प्यूटर ग्राफिक्स प्रारंभ किये गये है। |
3 |
एलिट प्राईवेट आई.टी.आई., सुवासरा |
इलेक्ट्रीशियन, फिटर |
4 |
दशपुर प्राईवेट आई.टी.आई., सीतामउ |
इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर |
5 |
संकल्प प्राईवेट आई.टी.आई., शामगढ़ |
इलेक्ट्रीशियन |
6 |
श्रद्धा प्राईवेट आई.टी.आई., शामगढ़ |
इलेक्ट्रीशियन |
7 |
एकलव्य प्राईवेट आई.टी.आई., सुवासरा |
इलेक्ट्रीशियन |
8 |
श्री नंदकुंवर बा प्राईवेट आई.टी.आई., सीतामउ |
इलेक्ट्रीशियन |
9 |
श्री राम प्राईवेट आई.टी.आई., शामगढ़ |
इलेक्ट्रीशियन |
10 |
सफल प्राईवेट आई.टी.आई., सुवासरा |
इलेक्ट्रीशियन |
11 |
संस्कृति प्राईवेट आई.टी.आई., सीतामऊ |
इलेक्ट्रीशियन |
(ग) आई.टी.आई. शामगढ़ के नवीन भवन का निर्माण कार्य पूर्णत: पर है। अगस्त 2016 से 04 नवीन व्यवसाय क्रमश: वेल्डर, इलेक्ट्रीशियन, डीजल मैकेनिक तथा वेब डिजाईनिंग एण्ड कम्प्यूटर ग्राफिक्स प्रारंभ किये जावेगे। (घ) विधान सभा क्षेत्र सुवासरा में वर्तमान में नवीन आई.टी.आई. खोलने की योजना नहीं है।
मंदसौर-भानपुरा की दूरी कम एवं चंबल नदी पर नवीन पुल
32. ( क्र. 1907 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर से सुवासरा, शामगढ़, गरोठ, भानपुरा, भैसोदामण्डी, की अलग-अलग दूरी बतावें। (ख) मुख्यमंत्री जी द्वारा विधान सभा क्षेत्र सुवासरा में जन दर्शन यात्रा के समय मंदसौर, गरोठ, भानपुरा, की दूरी कम करने हेत एवं धर्मराजेश्वर प्राचीन मंदिर पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु चंबल नदी पर एक पुल की घोषणा की गई थी कब तक पूरी हो जावेगी? (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में चंबल नदी पर बनने वाले पुल हेतु किलगारी पंचायत के ग्राम आवरा एवं बाजखेड़ी पंचायत के ग्राम आवरी की दूरी एवं गरोठ विधान सभा क्षेत्र मालाखेड़ी खुर्द, विधान सभा क्षेत्र मल्हारगढ़ के ग्राम टीड़वास तक की दूरी, दोनों के बीच की दूरी एवं अनुमानित लागत राशि बतावें? (घ) आवरा तथा आवरी के बीच चंबल नदी पर पुल बनता है तो मंदसौर से गरोठ, भानपुरा भैसोदामण्डी, की कितनी दूरी कम होगी बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मंदसौर से सुवासरा दूरी 69.00 कि.मी., मंदसौर से शामगढ़-दूरी 81.00 कि.मी., मंदसौर से गरोठ-दूरी 105.00 कि.मी., मंदसौर से भानपुरा-दूरी 130.00 कि.मी., मंदसौर से भैसोदा-दूरी 143.00 कि.मी.। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) आवरा से आवरी ग्राम की दूरी लगभग 4.00 कि.मी. है। गरोठ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मोलाखेड़ी खुर्द एवं विधान सभा क्षेत्र मल्हारगढ़ के ग्राम टिडवास की दूरी लगभग 7.00 कि.मी. है। संजीत से टिडवास एवं मोरडी के मध्य चंबल नदी पर 4310 मीटर लंबा तथा रू. 438 करोड़ की अनुमानित लागत का प्राथमिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। (घ) आवरा तथा आवरी के बीच पुल बनता है तो मंदसौर से गरोठ भानपुरा, भैसोदामण्डी की दूरी लगभग 30.00 कि.मी. कम होगी।
स्टॉप डेमों का निर्माण
33. ( क्र. 1924 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा वनमण्डल अधिकारी नरसिंहपुर को तेंदूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पांडाझिर एव बरांझ नदियों पर स्टॉप डेम बनाने हेतु पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या तेंदूपत्ता की लाभांश राशि से स्टॉप डेमों की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता से प्राप्त पत्र के अनुसरण में वनमण्डलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक, जिला यूनियन नरसिंहपुर ने, अपने पत्र क्रमांक. 676 दिनांक 23.05.2016 एवं क्रमांक.678 दिनांक 23.05.2016 से तेंदूखेंड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पांडाझिर एवं बरांझ नदियों पर स्टॉप डेम बनाने हेतु प्राक्क्लन सहित प्रस्ताव मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन महाप्रबंधक कार्यालय सिवनी को प्रेषित किया। उन्होंने अपनी अनुशंसा सहित सक्षम स्तर से तकनीकि स्वीकृति जारी करने हेतु दिनांक 06.06.2016 से प्रस्ताव म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ, भोपाल को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये। (ख) एवं (ग) प्राप्त प्रस्ताव म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ, भोपाल के मुख्यालय स्तर पर गठित छानबीन समिति के परीक्षणाधीन है। परीक्षणोपरांत ही स्टॉप डेम निर्माण की स्वीकृति पर विचार किया जावेगा। यह सतत् प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
सड़क एवं भवनों के रख-रखाव हेतु आवंटित राशि
34. ( क्र. 1927 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सड़क एवं भवनों के रख-रखाव, मरम्मत आदि पर विगत 3 वर्षों में कितनी राशि आवंटित की गई है वर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ख) किन-किन सड़कों की मरम्मत हेतु कितनी राशि, कौन ठेकेदार को भुगतान की गई? (ग) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक सड़कों एवं ठेकेदारों के नाम सहित जानकारी प्रदान करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राशि का आवंटन विधान सभावार प्रदाय नहीं किया जाता। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
महाविद्यालय में स्वीकृत पद
35. ( क्र. 1965 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर स्थित श्री गोविंदराम सक्सेरिया तकनीकी महाविद्यालय में कुल कितना स्टॉफ स्वीकृत है विभागवार एवं वर्गवार जानकारी दी जाय? प्रयोगशाला तकनीशियनों की भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता के मापदण्ड क्या हैं? (ख) संस्था में रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है तथा विगत 5 वर्षों में किन-किन पदों पर किस-किस विभाग में कितने कर्मचारियों की नियुक्ति की गई इनकी सूची उपलब्ध करायें? (ग) प्रयोगशाला तकनीशियनों की भर्ती के लिए कितनी बार विज्ञापन प्रकाशित किये गये और कब-कब? उसके फलस्वरूप कितने आवेदन प्राप्त हुए? उनमें से कितने का चयन कर नियुक्ति प्रदान की गई? (घ) प्रयोगशाला तकनीशियनों के कितने पद वर्तमान में संस्था में रिक्त है? इन रिक्त पदों पर कब तक नियुक्तियों कर दी जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक एवं दो अनुसार। (ख) संस्था में रिक्त पदों पर सीधी भर्ती द्वारा नियुक्तियाँ की जाती हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। (ग) संस्था द्वारा वर्ष 2012 में केवल एक बार विज्ञापन क्र. 1120 दिनांक 28.09.2012 जारी किया गया। कुल आवेदन 49 प्राप्त हुये। जिनके विरूद्ध 06 उम्मीदवारों का चयन कर नियुक्ति प्रदान की गई। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
वनों की अवैध कटाई
36. ( क्र. 1966 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के वन क्षेत्रों को अवैध कटाई से बचाने हेतु उनकी सुरक्षा के क्या उपाय किये जा रहे है? (ख) विगत तीन वर्षों में प्राप्त वनोपज के संबंध में जानकारी उपलब्ध करावें वनोपज से कितनी आय प्राप्त हुई? (ग) वन क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर क्या-क्या प्रबंध किये गये हैं तथा इन पर कितना व्यय किया गया है? क्या इससे अवैध कटाई पर कितनी रोक लगी है? (घ) वन क्षेत्रों के सघनीकरण एवं नये वन क्षेत्रों के विकास की क्या योजनाएं शासन द्वारा चलाई जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश के वनक्षेत्रों को अवैध कटाई से बचाने हेतु सुरक्षा के उपाय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) वन सुरक्षा व्यवस्था पर किये जा रहे प्रबंधन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। वन सुरक्षा पर वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 38.20 करोड़ का व्यय किया गया है। जी हाँ, इससे अवैध कटाई में गत वर्ष 7 प्रतिशत् की कमी आई है। (घ) वन क्षेत्रों के सघनीकरण एवं नये वनक्षेत्रों के विकास हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।
रिक्त पदों की पूर्ति
37. ( क्र. 2004 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर के तहसील चन्देरी एवं ईसागढ़ एवं ईसागढ़ के शासकीय महाविद्यालयों में कितने शैक्षणिक एवं लिपिकीय वर्ग के पद स्वीकृत हैं? (ख) इनमें से कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) शासकीय महाविद्यालय ईसागढ़ लगभग 5 वर्षों से चल रहा है चूंकि अब तक इसको स्वयं का भवन प्राप्त नहीं हुआ है? यह कब तक हो जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार। सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों की पूर्ती हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से विज्ञापन जारी कर चयन की प्रक्रिया जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। महाविद्यालय पुरानी कचहरी स्थित माध्यमिक विद्यालय ईसागढ़ में संचालित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
चंदेरी में राष्ट्रीय स्तर का महाविद्यालय खोलने
38. ( क्र. 2006 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर जिले के विकासखण्ड चन्देरी में चन्देरी साड़ी व्यवसाय एक टेक्सटाईल उद्योग हैं लेकिन इससे संबंधित राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर का महाविद्यालय प्रश्नकर्ता के क्षेत्र में स्थापित नहीं है? (ख) क्या इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हैंडलूम टेक्नोलॉजी (आई.आई.एच.टी.) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी या नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाईन जैसे महाविद्यालयों की स्थापना का प्रस्ताव चन्देरी हेतु राज्य शासन ने तैयार किया है? यदि नहीं, तो राज्य शासन कब तक प्रस्ताव तैयार करेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्ताव विभाग स्तर पर लंबित नहीं है।
भेड़ाघाट मार्ग के बैन गंगा पुल का निर्माण कार्य पूर्ण कराने
39. ( क्र. 2024 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बरगी वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भेड़ाघाट मार्ग पर बैन गंगा पुल के निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है? उपरोक्त पुल का निर्माण कार्य कितना हो चुका है? कितना शेष है? निर्माण कार्य पूर्ण कब तक होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : कार्य प्रगति पर है। एक अबटमेंट एवं 2 स्लेब को छोड़कर शेष कार्य पूर्ण। लगभग 77 प्रतिशत् पूर्ण एवं 33 प्रतिशत् कार्य शेष। मार्च 2017 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
सिहोरा में अतिरिक्त विषय का संचालन
40. ( क्र. 2057 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 498, दिनांक 20.03.2016 के द्वारा शासकीय एस.एस.ए. महाविद्यालय सिहोरा में ग्रेजुएट के लिये BCA एवं पोस्ट ग्रेजुएशन के लिये एम.कॉम सहित अन्य विषयों के संबंध में आयुक्त उच्च शिक्षा द्वारा अपने पत्र दिनांक 17.06.2016 द्वारा प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया था कि कार्यवाही की जा रही है? (ख) शैक्षणिक सत्र आरंभ होने जा रहा है और प्रश्नांश (क) अनुसार अभी तक पाठ्यक्रम आरंभ नहीं किये गये, जिसमें मजबूर होकर छात्र-छात्राओं को बाहर जाना पड़ेगा? (ग) कब तक प्रश्नांश (क) विषय की कक्षायें आरंभ कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) आयुक्त उच्च शिक्षा के प्रश्नांकित पत्र दिनांक 17.06.2016 के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से ऐसे प्रकरण के अंतर्गत प्राप्त प्रस्ताव से संबंधित जानकारी से अवगत कराया गया है। प्रकरण में परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। अन्य उपलब्ध पाठ्यक्रमों में विद्यार्थी प्रवेश ले सकते हैं। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सड़कों की स्वीकृति एवं नाली निर्माण
41. ( क्र. 2067 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में मुंगावली पिपरई जारोली बुजुर्ग बरखेड़ा, कुम्हरा, मतमली सड़क जो कि सेन्ट्रल रोड फंड से स्वीकृत हुई है का कब तक कार्य प्रारंभ हो जायेगा तथा इसे अशोकनगर से बजाय मतावली कुम्हरा से प्रारंभ करने पर विचार करेंगे, क्यों कि वहां कच्ची सड़क है बाकी जगह पक्की? (ख) मुंगावली डाक बंगले के विस्तार चंदेरी रोड से बुहादुरपुर रोड बायपास तथा अन्य कौन-कौन सी सड़कों की स्वीकृति हो चुकी है व कितनी व कौन-कौन सी सड़कों की स्वीकृति लंबित है व कब तक स्वीकृत होगी? (ग) क्या मध्यप्रदेश रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा पिछोर से घाटबमुरिया रोड के बीच मुंगावली शहर में बस स्टैण्ड के पास से पिपरई रोड तिराहा में नालियां ठीक व गहरी नहीं बनने से पानी मुंगावली के घरों में में आ रहा है? कब तक नालियां गहरी कर सुधार हो जायेगा ताकि घरों में बारिश में पानी नहीं घुस पाये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृति होने की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। (ग) जी नहीं अपितु भारी वर्षा के कारण सड़क के किनारे निचले क्षेत्रों में पानी भरने से एवं अतिक्रमण के कारण पानी के निकास का अवरूद्ध होने के कारण कुछ स्थानों पर घरों में पानी भर गया था। निर्मित नालियों की गहराई सड़क के पानी निकास हेतु पर्याप्त है अत: इनकी गहराई और बढ़ाये जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।
खेल सामग्री के वितरण के संदर्भ में
42. ( क्र. 2096 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में केवलारी विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन सी खेल सामग्री प्रदान की गई है? विद्यालय एवं सामग्री का नाम बतावें? (ख) विभाग द्वारा सन् 2010 से 2015 तक जो खेल सामग्री विद्यालय में उपलब्ध करायी गई थी? क्या वह सामग्री विद्यालयों में उपलब्ध है या नहीं अथवा नष्ट हो जाने या गुम जाने की स्थिति में सत्यापित लिस्ट उपलब्ध करावें? (ग) विभाग द्वारा बच्चों एवं युवाओं हेतु कौन-कौन सी योजना चलाई गई? (घ) केवलारी विधान सभा क्षेत्र में कितने खेल मैदान है एवं कितने प्रस्तावित और कितने स्वीकृत किये गये हैं? नाम सहित बतायें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्र जिला सिवनी के विद्यालयों एवं उन्हें प्रदाय की गई खेल सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) वर्ष 2010 से 2015-16 तक जिन विद्यालयों को जो खेल सामग्री उपलब्ध कराई गई वह उपलब्ध है अथवा नष्ट हो गई है, इससे संबंधित सत्यापित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स‘‘ अनुसार है। (घ) एक विधान सभा क्षेत्र में एक ही खेल मैदान निर्मित हो सकता है, जिसके तहत सिवनी जिले के विधान सभा क्षेत्र केवलारी के ग्राम डोकररांजी में खेल मैदान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफॉरमेंस ग्रांट योजनान्तर्गत स्वीकृत है, जिसका कार्य प्रगति पर है।
निर्माण कार्य की जानकारी
43. ( क्र. 2100 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग जिला सिवनी द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक केवलारी विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत में कराये गये हैं एवं कौन-कौन से कार्य वर्तमान में कराये जा रहे हैं व उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? कार्यवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई थी? समय अवधि में कितने कार्य पूर्ण किये गये व ऐसे कौन-कौन से कार्य है जो समय अवधि पूर्ण होने के पश्चात् भी पूर्ण नहीं किये गये हैं व इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मार्ग एवं पुल कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। भवन कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) मार्ग एवं पुल कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। भवन कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास नीति 2012
44. ( क्र. 2132 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा निर्मित कौशल विकास नीति 2012 में कौशल विकास हेतु जनहित में नीति के क्या-क्या उद्देश्य आदि हैं? (ख) क्या महामहिम् राज्यपाल के अभिभाषण माननीय वित्तीमंत्री जी के बजट भाषण एवं माननीय मुख्यमंत्री जी की बार-बार घोषणाओं में कौशल विकास को बढ़ावा देने हेतु जोर दिया जाता रहा है? (ग) यदि हाँ, तो अभी तक मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला शिवपुरी में उपरोक्त नीति के तहत कितने स्थानों पर कौशल विकास केन्द्र, किन-किन ट्रेडों के स्वीकृत कर प्रारंभ किये गये? जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार दी जावें? (घ) जिला शिवपुरी के विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा में कहाँ-कहाँ, किन-किन स्थानों पर कौशल विकास केन्द्र ट्रेड वाइज जानकारी दें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शिवपुरी में रिक्त पदों की पूर्ति
45. ( क्र. 2133 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या 156 (क्र. 2897) दिनांक 28 जुलाई, 2015 एवं प्रश्न क्रमांक 1888 तारांकित दिनांक 17 दिसम्बर, 2015 के माध्यम से शासकीय स्नातक महाविद्यालय करैरा, जिला शिवपुरी के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु उत्तर में संविदा/आउटसोर्स के पदों की पूर्ति हेतु नीति निर्धारित हो चुकी है? पदों की शीघ्र पूर्ति की जावेगी? उत्तर दिये गये थे? तो क्या उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या पदों की पूर्ति हो चुकी है एवं पदों की पूर्ति हेतु जो नीति निर्धारित की है, उसकी प्रति भी उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक पदों की पूर्ति नहीं की गई है? जो शासन के नियमों का उल्लंघन होकर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ अन्याय भी है, पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? निश्चित तिथि बतावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। एकल निविदा प्राप्त होने के कारण पद पूर्ति नहीं की जा सकी। दिनांक 4.12.15 को जारी नीति निर्धारण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। नीति निर्धारण में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से पदों की पूर्ति नहीं की जा सकी पद पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अतः शासन के नियमों का उल्लंघन एवं छात्र छात्राओं के साथ अन्याय होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जामनी नदी पर पुल निर्माण
46. ( क्र. 2152 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत ओरछा-पृथ्वीपुर मार्ग पर जामनी एवं बेतवा नदी पर पुलों के निर्माण हेतु विभाग के पास क्या कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो इन पुलों की डी.पी.आर. किस एजेंसी के द्वारा तैयार करायी गयी हैं तथा स्वीकृति की अद्यतन स्थिति बतायी जावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पुलों की स्वीकृति में विलंब के कारण बताये जावें तथा पुलों का निर्माण कार्य कब तक शुरू हो सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ इन पुलों के डी.पी.आर. एल.एन. मालवीय जे.व्ही. इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन संयुक्त कंसलटेन्सी द्वारा तैयार कराई गई है। इन पुलों की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। एकरेखण एवं वनक्षेत्र अनुमति इत्यादि में विलंब हुआ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मंदिरो को शासन द्वारा सुविधाएं
47. ( क्र. 2281 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले के शासन के अधिन/ अनुदान प्राप्त धार्मिक स्थानों को कब-कब कितनी राशि किन कार्यों हेतु प्रदान की गई। मंदिरवार सूची देवें। (ख) शासन अधिन मंदिर करने/लेने संबंधी नीति, निर्देश की प्रति देवें। (ग) खरगोन जिले में कितने विवादित मंदिर है जिसके प्रकरण विभिन्न न्यायालय में लंबित है। (घ) वन ग्राम के मंदिरो को शासन अधीन करने हेतु प्रक्रिया की जानकारी देवें। शासन अधिकृत मंदिरो को शासन द्वारा क्या सुविधाएं प्रदान की जाती है।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले के शासन के अधीन अनुदान प्राप्त धार्मिक स्थानों को निम्नानुसार राशि प्रदान की गई है। (1) श्री राम राज मंदिर सनावद वर्ष 2013-14 जीर्णोद्धार हेतु 2.8 लाख (दो लाख आठ हजार)। (2) संत सिंगाजी मंदिर बलखड तहसील कसरावद वर्ष 2015-16 जीर्णोद्धार हेतु 2.6 लाख (दो लाख छ: हजार)। (3) संत सिंगाजी मंदिर बलखड तहसील कसरावद वर्ष 2015-16 धर्मशाला निर्माण हेतु 9.87 लाख (नौ लाख सत्तयासी हजार)। (4) आनंदेश्वर महादेव मंदिर ग्राम बलखड तहसील कसरावद वर्ष 2015-16 धर्मशाला निर्माण हेतु 3.23 लाख (तीन लाख तेईस हजार)। (ख) ऐसे मंदिर जिनके शासकीय अभिलेखों में कलेक्टर व्यस्थापक (प्रबंधक) के रूप में दर्ज है शासकीय माने जाते है। (ग) जिला खरगोन की गोगावां तहसील का एक प्रकरण श्रीराम मंदिर गोगावां माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (घ) वर्तमान में ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं है। शासन अधिकृत मंदिरों के जीर्ण-शीर्ण होने की अवस्था में धर्मशाला निर्माण/जीर्णोद्धार हेतु तकनीकी प्रस्ताव संभागायुक्त/कलेक्टर से प्राप्त कर उपलब्ध बजट के आधार पर निर्माण कार्य जाता है।
खरगोन जिले में कितने कार्य
48. ( क्र. 2282 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले में कितने मूल कार्य प्रारम्भ, अप्रारम्भ, अपूर्ण, पूर्ण स्तर पर है, नाम स्थान सहित सूची देवें। (ख) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत वर्तमान में खरगोन जिले में कितने कार्य मेंटेनेंस अवधि में कब तक है। नाम स्थान सहित सूची देवें। (ग) खरगोन जिले में मेन्टेनेंस अवधि समाप्त नहीं होने के बाद भी इसी कार्य की निविदा पुनः प्रदान की गई है, ऐसे कार्यों की सूची देवें। (घ) विभाग अंतर्गत खरगोन जिले में कितनी विद्युतीकरण कार्य विभाग के माध्यम से नहीं करा कर अन्य एजेंसी से कराये गये, ऐसे कार्यों की सूची नाम, स्थान, कार्य की राशि, अन्य एजेंसी का नाम सहित सूची देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) लोक निर्माण विभाग खरगोन के अंतर्गत ऐसे कोई कार्य नहीं है जिनमें मेन्टेनेन्स अवधि समाप्त नहीं होने के बाद भी निविदा पुन: प्रदान की गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) लोक निर्माण विभाग खरगोन के अंतर्गत विद्युतिकरण के कार्य विभाग के माध्यम से ही कराये गये है। किसी अन्य एजेन्सी से विद्युतिकरण कार्य नहीं कराये गये है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
धूलकोट में निर्मित पुलिया
49. ( क्र. 2283 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के भगवानपुरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत धूलकोट में निर्मित पुलिया का स्टीमेट, प्रशासकीय स्वीकृति तथा तकनीकी स्वीकृति की प्रति देवें। क्या इस पुलिया में नाला गहरीकरण भी प्रस्तावित था, यदि हाँ, तो कितना गहरीकरण किया गया। (ख) उक्त पुलिया को किस निविदाकर्ता द्वारा किन शर्तों पर किया गया, प्रति देवें। इस पुलिया का निरीक्षण कब-कब, किस अधिकारी द्वारा किया गया, नाम पद सहित दिनांकवार सूची देवें। (ग) उक्त पुलिया अपने स्टीमेट से कितने प्रतिशत् भिन्न है तथा इन भिन्नता का कारण बताये। (घ) क्या भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत धूलकोट तथा बरूड पुलिया की सीसी जारी हो गई है, यदि सी.सी. जारी नहीं की गई तो कारण बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 अनुसार है। जी नहीं प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) कार्य में 14 प्रतिशत् की बचत (भिन्नता) हुई। भिन्न्ता का कारण स्थल की आवश्यकता है। (घ) जी हाँ, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों की जानकारी
50. ( क्र. 2298 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वन विभाग में ऐसे कितने कर्मचारी है जो 7 वर्षों से अधिक समय से उज्जैन में पदस्थ हैं व उनके द्वारा उज्जैन में रहकर ही अनेक पदोन्नतियाँ प्राप्त की गई है? (ख) वन विभाग में किस नियम के आधार पर एक ही स्थान पर एक से अधिक पदोन्नतियाँ प्राप्त करने वाला व्यक्ति एक ही स्थान पर रह सकता है? (ग) पद स्थापना से प्रश्न दिनांक तक बताये कि ऐसे कितने अधिकारी एवं कर्मचारी हैं जिन्होने एक ही स्थान पर एक से अधिक पदोन्नतियाँ प्राप्त की हैं तथा वर्तमान में किस पद पर एवं किस कार्यालय में पदस्थ है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) उज्जैन जिले में वन विभाग में 7 वर्षों से अधिक समय से 10 शासकीय सेवक हैं, जो उज्जैन में पदस्थ है व उनके द्वारा उज्जैन में रहकर ही अनेक पदोन्नतियाँ प्राप्त की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) वन विभाग में ऐसा कोई नियम नहीं है, पद रिक्त होने पर पदोन्नति उपरान्त पदस्थिति की जाती है। (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वारासिवनी के छात्रावास का हस्तांतरण
51. ( क्र. 2303 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के वारासिवनी नगर में शा. महाविद्यालय परिसर में निर्मित ५० शैय्या कन्या छात्रावास पूर्ण कर कितने वर्षों से महाविद्यालय को हस्तांतरित किया गया है? (ख) क्या उक्त छात्रावास पूर्ण होने पर भी कर्मचारियों की पदस्थापना नहीं होने का क्या कारण हैं? (ग) क्या उक्त छात्रावास में ५० शैय्या (बिस्तर) कब तक उपलब्ध करवाकर उक्त छात्रावास का लाभ छात्रों को कब तक प्रदान करा दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) कन्या छात्रावास का कार्य दिनांक 31.03.2013 को पूर्ण कर दिनांक 10.08.2013 को महाविद्यालय को हस्तांतरित किया गया। (ख) स्टॉफ की कमी होने के कारण पदस्थापना नहीं की जा सकी। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) 50 शैय्या छात्रावास में (बिस्तर) महाविद्यालय की जनभागीदारी मद से क्रय की प्रक्रिया की जा रही हैं। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
रेत का परिवहन कर रहे ट्रकों पर पथकर वसूली
52. ( क्र. 2306 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रेत का परिवहन कर रहे ट्रकों का केवल एक तरफ से ही पथकर वसूल किया जाता हैं? (ख) 1 फरवरी, 2015 से 01 मई, 2016 तक एच.एस. 22 होशंगाबाद स्थित टोल पर रेत का परिवहन करने वाले कितने ट्रक इस अवधि में टोल से गुजरे तथा उनसे पथकर वसूल किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) टोल टैक्स संग्रहण के दौरान वाहन द्वारा क्या सामान ले जाया जा रहा है, ऐसी जानकारी पृथक से संग्रहित नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमित भुगतान पर दण्डात्मक कार्यवाही
53. ( क्र. 2310 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा सत्र फरवरी-अप्रैल 2016 के अता.प्रश्न संख्या 36 (क्रं. 6634), दिनांक 29-03-2016 के उत्तरांश (ख) में संबंधित अधिकारी को नियम विरूद्ध भुगतान का दोषी पाया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारी के द्वारा किए गए अनियमित कार्यों पर आयुक्त ग्वालियर द्वारा निर्णय लिया जा चुका है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. महाविद्यालय की स्वीकृति
54. ( क्र. 2321 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के चितरंगी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 115 ग्राम पंचायतें और 312 गांव हैं तथा सभी विभागों का मुख्यालय चितरंगी में हैं, यहां आई.टी.आई. के एक भी महाविद्यालय समीप नहीं हैं? क्या चितरंगी में आई.टी.आई. महाविद्यालय खुलवाये जाने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत उक्त विधान सभा क्षेत्र में आई.टी.आई. महाविद्यालय आगामी वित्तीय वर्ष में खुलवा दिये जायेंगे? (ग) क्या उक्त महाविद्यालय स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर कार्यवाही चल रही है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत किया जाएगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) चितरंगी विधान सभा जिला सिंगरौली में कोई भी आई.टी.आई. संचालित नहीं है। चितरंगी में आई.टी.आई. खोलने का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) चितरंगी जिला सिंगरौली में शासकीय आई.टी.आई. खोलने की कोई योजना नहीं है। (ग) प्रश्न उपस्थ्ति नहीं होता।
तीर्थ दर्शन योजना
55. ( क्र. 2330 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा चलाई जा रही तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत योजना की शुरूआत से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले में कुल कितने तीर्थ यात्री यात्रा का लाभ ले चुके हैं? यात्रा का नाम/यात्रा की दिनांक/यात्री का नाम/सहायक का नाम/निवासी/विकासखण्डवार सूची सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ख) जानकारी उपलब्ध कराये कि तीर्थदर्शन में जाने वाले यात्रियों का कोटा जिला स्तर से ही तय कर लिया जाता है या फिर विकासखण्डवार तय किया जाता है? यदि विकासखण्डवार तय होता है तो प्रत्येक यात्रा का विकासखण्डवार विवरण दें कि कौन से विकासखण्ड से कितने लोग यात्रा पर गये? (ग) तीर्थ दर्शन यात्रा के संबंध में स्थानीय विधायक की कोई भूमिका रहती है या नहीं, अर्थात जब यात्रा जाती है या फार्म भरे जाते है तब स्थानीय विधायक को उसकी जानकारी पत्र के माध्यम से देना आवश्यक है या नह? यदि हाँ, तो जिले द्वारा अभी तक यात्राओं के संबंध में क्या स्थानीय विधायकों को जानकारी दी? यदि नहीं, तो इस व्यवस्था में सुधार कर स्थानीय विधायकों की सहभागिता शामिल की जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दैनिक वेतन कर्मचारी
56. ( क्र. 2334 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में वन विभाग द्वारा कितने कर्मचारी दैनिक वेतन पर रखे हुये है? कर्मचारियों के नाम/निवासी/देय पारिश्रमिक/नियुक्ति दिनांक/नियुक्तिकर्ता अधिकारी का नाम/पद सहित विकासखण्डवार सूची उपलब्ध कराई जावें? (ख) वन विभाग में दैनिक वेतन पर कर्मचारी रखे जाने बाबत् शासन के क्या नियम हैं, नियम सहित जानकारी दें कि क्या इनकी नियुक्तियां नियमानुसार हुई है? (ग) जिन लोगों को दैनिक वेतन पर रखा गया है उनमें से कितने कार्यालय में, कितने फील्ड में तथा कितने अधिकारियों के निवास या उनके व्यक्तिगत कार्यों में लगे हैं उनके कार्य विवरण सहित सूची उपलब्ध करायें? (घ) क्या इनकी भर्ती में कोई पारदर्शी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो प्रकरण की जाँच करा ली जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) दतिया जिले में वन विभाग द्वारा स्वीकृत पदों के विरूद्ध किसी भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नहीं रखा गया है। वानिकी कार्यों में आवश्यकता अनुसार कार्य के लिए वनरक्षकों द्वारा मस्टररोल/टी.59 पर 53 श्रमिकों को रखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक सी.5-1-2013-3-एक दिनांक 30.05.2013 के अनुसार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी (सेवा की शर्ते) नियम 2013 प्रभावशील है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) दतिया जिले में दैनिक वेतन पर भर्ती नहीं की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जोधपुर नेशनल विश्वविद्यालय (प्राइवेट) से फर्जी पी.एच.डी.
57. ( क्र. 2353 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में सेवारत कितने प्राध्यापक/सहायक अध्यापक/अतिथि विद्वान पी.एच.डी. धारक हैं जिन्होंने जोधपुर विश्वविद्यालय राजस्थान से पी.एच.डी. की है? उनके नाम, पता व प्राप्त पी.एच.डी. उपाधि दिनांक की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या उपरोक्त विश्वविद्यालय की 25009 डिग्रियां फर्जी पाई गई? तो क्या उक्त डिग्री धारकों की जाँच करवायेंगे? (ग) यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जिन प्राचार्यों ने उक्त डिग्री की सत्यता की जाँच कराये बिना आर्थिक लाभ दिया है, राज्य शासन ऐसे अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेगा? क्या इन्हें सेवा से बर्खास्त करते हुए शासकीय सेवा में रहते शासन से प्राप्त राशि की भरपाई कर आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) निरंक। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बी.ओ.टी. योजना अंतर्गत मार्ग निर्माण
58. ( क्र. 2355 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में राज्य शासन द्वारा कितने सड़क मार्ग बनाये गये इन मार्गों के कितनी-कितनी किलोमीटर की दूरी है? इन मार्गों के क्रम बतायें, कहाँ-कहाँ तक मार्ग बनाये गये? (ख) इन बने हुए मार्गों में राज्य शासन के द्वारा संबंधित बी.ओ.टी. कंपनी (ठेका कंपनी) को कुल सड़क लागत के कितने प्रतिशत् राज्य सरकार द्वारा राशि दी गई है? क्या यह राशि ठेका कंपनी द्वारा राज्य सरकार को वापस की गई या उन्हीं सड़कों पर खर्च कर दी गई है? (ग) प्रस्तावित बी.ओ.टी. परियोजना वर्तमान में कितने प्रतिशत् राशि ठेका कंपनी को राज्य सरकार देगी और यह राशि क्या ठेका कंपनी वापस करेगी, अथवा रोड पर ही खर्च कर दी जावेगी, प्रस्तावित मार्गों के नाम और दूरी बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सतना बेला राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 75 का निर्माण
59. ( क्र. 2367 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना बेला मार्ग का टेन्डर एम.पी. टॉपवर्थ प्रा.लि. के पास था जिसकी पेटी कान्ट्रेक्टर कंपनी दिलीप विल्डिकॉन थी? (ख) यदि हाँ, तो लगभग डेढ़ वर्ष काम बंद रहने के बाद पुन: कुछ दिनों के लिए चालू कराया गया था, लेकिन दोनों कंपनियों में वित्तीय लेन-देन को लेकर पुन: विवाद शुरू हो गया? क्या पेटी कान्ट्रेक्टर दिलीप विल्डिकॉन ने एम.पी. टॉपवर्थ के ऊपर काम का भुगतान न किये जाने का आरोप लगाते हुए काम रोक दिया है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ, तो उक्त मार्ग के निर्माण में देरी होने एवं आये दिन घटित हो रही दुर्घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या सड़कों पर गहरे गड्ढे हो जाने से आये दिन दुर्घटना में लोग मारे जा रहे हैं? (घ) क्या विभाग इन कंपनियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा एवं बरसात के पूर्व कब तक उक्त मार्ग का काम पूर्ण कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 25.11.2014 से 01.09.2015 तक निर्माण कार्य बंद रहने के उपरांत पुन: चालू कराया गया। डी.बी.एफ.ओ.टी. पद्धति से कार्य अनुबंधित होने के कारण विवाद अथवा भुगतान विषयक जानकारी निवेशकर्ता द्वारा एम.पी.आर.डी.सी. को अनुबंध अनुसार प्रदाय नहीं की जाती है, अतः यह जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) मार्ग निर्माण कार्य में देरी हुई है वर्तमान में निवेशकर्ता मे. टापवर्थ टोलवे प्रा.लि. द्वारा मार्ग को मोटरेबल रखा जा रहा है। निर्माण में देरी के कारण कोई दुर्घटना नहीं घटित हुई अतः कोई जिम्मेदार नहीं है। जी नहीं। (घ) अनुबंधानुसार उचित कार्यवाही की जावेगी। वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगति पर है। समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
जमोडी से रेहली तक सड़क निर्माण
60. ( क्र. 2459 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम जमोडी जिला देवास से ग्राम रेहली जिला शाजापुर तक सड़क स्वीकृत है? यदि है तो किस योजना में है? (ख) यदि स्वीकृत है तो कब तक निर्माण कार्य शुरू होगा? यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ग) क्या क्षेत्रवासियों की मांग को ध्यान में रखते हुए आगामी समय में उक्त सड़क स्वीकृत की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। कोई कार्य योजना भी प्रचलन में नहीं। (ग) कोई योजना में सम्मिलित न होने से वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
गांगला से हण्डिया एवं हण्डिया से गुल्लास रोड निर्माण
61. ( क्र. 2498 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले में गांगला से हण्डिया एवं हण्डिया से गुल्लास सड़क विभाग द्वारा कब स्वीकृत किये गये हैं? उक्त सड़कों के निर्माण पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई व सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है। ठेकेदार से किये गये अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) उक्त सड़कों के समय पर कार्य न हाने के लिए कौन-कौन दोषी हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही हुई है? यदि सड़कों के निर्माण में ठेकेदार की गलती है तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त सड़कों का कितना-कितना कार्य हो गया है एवं कितना बाकी है पुल पुलिया सहित स्पष्ट करें? (घ) विगत 5 वर्षों में हरदा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत ऐसे कितने रोड हैं जिनका कार्य प्रारंभ प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है एवं कार्य अपूर्ण हैं। कारण सहित सूची उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 23.09.2015 को जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। अनुबंध की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
भंडार क्रय नियमों का पालन
62. ( क्र. 2531 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 78 (क्र. 4085) दिनांक 8.3.2016 में शा एम जे एस महाविद्यालय भिण्ड में वर्ष 12-13 में बेटरी दो नग 19730.00 वर्ष 13-14 में बेटरी दो नग 31950.00 वर्ष 15-16 में बेटरी 5 नग 55450.00 में क्रय की गई यदि हाँ, तो बेटरी क्रय करते समय मापदण्डों का पालन किया गया है यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं विवरण सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में कम्प्यूटर 11-12 में 5 नग 120000.00 नग 23 रू. 552000.00 वर्ष 12-13 में 4 नग 151400.00 यू जी सी मद से और शासन से आवंटन मद से 15-16 में 11 नग 386925.00 में एसेसरीज सामान 94445.00 क्रय किया गया प्रश्नांश दिनांक तक महाविद्यालय में कितने कम्प्यूटर व प्रिंटर हैं जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में 11-12 में लेजर प्रिंटर 4 राशि 44800.00 12-13 में प्रिंटर 23 रू. 487910.00 प्रिंटर 14-15 में 12400.00 नग एक जनभागीदारी मद से क्रय किया गया कितने प्रिंटरों की आवश्यकता है प्रश्नांश दिनांक तक प्रिंटर कितने कार्य कर रहे हैं? क्या आवश्यकता से अधिक प्रिंटर क्रय किये गये हैं यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है, क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश ''क'' ''ख'' और ''ग'' में गंभीर अनियमितता की गई हैं शासन के निर्धारित नियमों को पालन नहीं किया गया है राशि का दुरूपयोग किया गया है यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जनभागीदारी समिति अध्यक्ष की अनुमति ली गई है, परन्तु म.प्र. भण्डार क्रय नियम का पालन नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। महाविद्यालय में 43 कम्प्यूटर एवं 28 प्रिंटर क्रियाशील अवस्था में है। (ग) समस्त प्रिंटर महाविद्यालय की आवश्यकतानुसार क्रय किये गये हैं एवं सभी प्रिंटर क्रियाशील अवस्था में हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रथमत: दृष्टि में अनियमितता पाये जाने के कारण जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच में दोषी पाये जाने पर नियमानुसार संबधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
वन विभाग के कार्यों की जानकारी
63. ( क्र. 2547 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा जबलपुर जिले के अंतर्गत वित्त वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से किस-किस स्थान पर किये गये और कौन-कौन से कार्य वर्तमान में प्रस्तावित एवं संचालित है? लागत सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पूर्ण किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन कार्य किया गया है? यदि हाँ,तो कब किसके द्वारा किये गया पद/नाम सहित जानकारी दें? यदि नहीं, किया गया तो उक्त सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन कब तक कर लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों में कितनी-कितनी अनियिमतता होने संबंधी कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस प्रकार की कब-कब प्राप्त हुई और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' में दर्शित कार्यों में अनियमितता होने संबंधी किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शेष राशि की वसूली किए जाने
64. ( क्र. 2565 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न क्रमांक 5206 के प्रश्नांश (क) का उत्तर अतरैला, घूमन रोड से बसरेही, बरांह डभौरा रोड से किरहाई एवं पटेहरा लटियार रोड से बरहुआ सीगों टोला सड़क निर्माण का कार्य अनुबंध वंदना कान्स्टेक्शन कंपनी से कराया गया तथा उक्त एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण न करने के कारण ठेका निरस्त तथा वर्तमान में अपूर्ण सड़कों के निर्माण हेतु पूर्व एजेन्सी का ठेका निरस्त करने एवं नवीन एजेन्सी के निर्माण निर्धारण हेतु निविदा आमंत्रित करने की जानकारी दी थी तो एजेन्सी हेतु कब निविदा आमंत्रित कराई गई तथा उक्त निविदा में कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा उक्त कार्य किस एजेंसी को दिया गया किन-किन समाचार पत्रों आदि में विज्ञापन दिया तथा प्राप्त निविदाओं की संख्या बताते हुए वर्तमान में कार्यों की स्थति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के पैरा (ग) के उत्तर में ठेका निरस्त होने से पूर्व ठेकेदार के विरूद्ध शेष वसूली हेतु कार्यवाही की जा रही है का उत्तर दिया गया है? तो जमा कराई गई राशि की रसीद/ड्राफ्ट/चालान की प्रति देते हुए बताएं कि शेष कुल कितनी राशि जमा करानी थी तथा उक्त राशि जमा हुई की नहीं यदि जमा करा ली गई है तो रसीद प्रति के साथ जानकारी दें तथा उक्त सड़कों का जो कार्य चल रहा है वह किस एजेन्सी द्वारा किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से संबंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से संबंधित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वृक्षारोपण
65. ( क्र. 2616 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा इंदौर जिले में कहाँ-कहाँ पर पिछले 02 वर्षों में वृक्षारोपण किया गया? प्रश्न दिनांक तक कितने पौधे जीवित हैं एवं कितने नष्ट हो गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पौधों को खराब होने के क्या कारण रहे है एवं वृक्षारोपण पर कितनी राशि कहाँ-कहाँ पर व्यय की गईएवं संधारण पर कितनी राशि व्यय की जा रही है? संधारण हेतु किन-किन कर्मचारियों की कहाँ-कहाँ पर नियुक्ति की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उद्योग विभाग में अनुबंधित वाहन की जानकारी
66. ( क्र. 2640 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्योग विभाग में ग्वालियर संभाग में जिलेवार वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्राइवेट वाहन टैक्सी के अनुबंध किये गये हैं। क्या अनुबंधित वाहन की शासन के निर्देशानुसार टेण्डर प्रक्रिया अपनाई गई है। यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो टेण्डर प्रक्रिया का कार्य विवरण वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 तक की सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या अनुबंधित वाहन की लॉक बुक भरी जाती है। यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 तक की छाया प्रतियां पटल पर रख उपलब्ध करावें? (घ) अनुबंधित वाहन का भुगतान वाहन मालिक को किया जाता है या अन्य को भुगतान किया जाता है। प्रदेश में जिलेवार कितनी टैक्सी परमिट वाहन है? क्या वाहन मालिक द्वारा टैक्स जमा किया जाता है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभाग दवारा ग्वालियर संभाग में कोई भी प्रायवेट वाहन टैक्सी का अनुबंध नहीं किया गया है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में अनुबंधित वाहन का भुगतान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जहां तक जिलेवार टैक्सी परमीट दिये जाने का प्रश्न है, जिलेवार परमीट वाहनों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वाहन मालिक द्वारा टैक्स जमा किये जाने की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है।
पी.आई.यू. के संबंध में
67. ( क्र. 2666 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. में निर्माण हेतु भूमि प्राप्ति के पूर्व क्या निविदा आमंत्रित कर अनुबंध पारित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) पी.आई.यू. की भोपाल एवं जबलपुर परिक्षेत्रों में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने अनुबंध बिना भूमि प्राप्ति किए पारित किए आज तक की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) भूमि प्राप्ति में विलंब के कारण निर्माणों में हुए विलंब को सक्षम अधिकारी द्वारा विभागीय विलंब मानते हुए कितने प्रकरणों में प्रतिकर से छूट प्रदान की गई तथा इससे शासन को हुई राजस्व की हानि के लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) इस प्रकार राजस्व की हानि के लिए जिम्मेदार अधिकारी जिसमें भूमि उपलब्ध कराए हुए निविदा आमंत्रित की है उसके विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु क्या प्रावधान है? शासनादेश की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाने पर समय की बचत हेतु कार्य विशेष की आवश्यकता के अनुरूप कार्यवाही की जाती है। कोई लिखित आदेश नहीं है अत: आदेश की प्रति उपलब्ध कराना संभव नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (घ) शासन को राजस्व हानि निरंक।
कन्सलटेंसी/एजेंसी के संबंध में
68. ( क्र. 2667 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय/राज्य सरकार की योजनाओं हेतु डी.पी.आर बनाने और मॉनिटरिंग/बिल/माप कार्य के लिए कन्सलटेंसी/एजेंसी विभाग द्वारा निविदा के माध्यम से नियुक्त किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग के क्षेत्रान्तर्गत किन-किन एजेंसी/कन्सलटेंसी को कब-कब, किन-किन दर पर किन-किन कार्यों हेतु नियुक्त किया गया? (ग) कन्सलटेंसी/एजेंसी को प्रत्येक कार्य का कितना-कितना भुगतान, कब-कब किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, अ-1, अ-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, अ-2, ब, ब-1 अनुसार है।
प्रदेश में मंदिरों की प्रशासनिक व्यवस्था
69. ( क्र. 2677 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदिरों की देख-रेख, प्रशासनिक व्यवस्था हेतु सागर संभाग के अंदर कौन-कौन से मंदिरों के ट्रस्ट शासन के संज्ञान में हैं? शासन ने इन्हें कब-कब बनाया या मान्यता दी है? (ख) मंदिरों के ट्रस्ट बनाने के संबंध में नियम एवं उनके मापदण्ड क्या हैं ? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या ओरछा जिला टीकमगढ़ के मंदिरों के प्रशासन व्यवस्था हेतु कोई ट्रस्ट बनाये जाने की योजना प्रक्रियाधीन है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी संस्था द्वारा उत्पादन एवं क्रय व विक्रय
70. ( क्र. 2679 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य वनोपज सहकारी संघ भोपाल के द्वारा किस-किस आयुर्वेदिक औषधि एवं हर्बल प्रोडेक्ट का किस-किस स्थान पर उत्पादन किया जाकर किस-किस स्थान पर उसकी बिक्री की जा रही है, किस-किस को उसके थोक विक्रय की एजेन्सी दी गई है? (ख) औषधी एवं प्रोडेक्ट के लिए कच्चा माल क्रय किए जाने की संघ के द्वारा क्या नीति बनाई जाकर किस प्रक्रिया के अनुसार कच्चा माल वर्तमान में क्रय किया जा रहा है? (ग) मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कच्चा माल क्रय करने पर कितनी राशि खर्च की, उत्पादन किए जाने पर कितनी राशि खर्च की, उसे विक्रय से कितनी राशि प्राप्त हुई, शुद्ध रूप से कितनी हानि या कितना लाभ उपरोक्त अविध में संघ को उत्पादन एवं विक्रय से हुआ? (घ) औषधि एवं हर्बल प्रोटेक्ट के उत्पादन, विक्रय, लाभ एवं हानि से संबंधित यदि मध्यप्रदेश लघु वनोपज सहकारी संघ से पृथक से जानकारी का यदि संधारण नहीं किया हो तो उसका कारण भी बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल द्वारा संचालित (1) एम.एफ.पी.पार्क, बरखेड़ा पठानी, भोपाल (2) औषधीय प्रसंस्करण केन्द्र, बरमान (नरसिंहपुर) (3) औषधीय प्रसंस्करण केन्द्र, रेहटी (सीहोर) में किये जा रहे आयुर्वेदिक एवं हर्बल उत्पादों की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उपरोक्त स्थलों पर, उत्पादित उत्पादों का 29 संजीवनी आयुर्वेदिक केन्द्रों पर तथा वितरकों, फ्रेन्चायजी के माध्यम से किये जा रहे विक्रय की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) कच्चा माल निविदा आमंत्रित कर/सार्वजनिक क्रेता–विक्रेता सम्मेलन आयोजित कर/संग्राहकों/प्राथमिक लघु वनोपज संघ सहकारी समितियों तथा निजी उत्पादनकर्ताओं/व्यापारियों के माध्यम से, एम.ओ.यू./अनुबंध निष्पादन कर/न्यूनतम समर्थन मूल्य या उससे अधिक मूल्य पर/ स्वीकार्य बाजार मूल्य पर क्रय किया जाता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'क' के प्रसंस्करणों से संबंधित जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सी.आर.
71. ( क्र. 2680 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के किस-किस श्रेणी के अधिकारी एवं कर्मचारी की सी.आर. लिखी जाने का किसे अधिकारी है, विपरीत सी.आर. की प्रथम एवं द्वितीय अपील सुने जाने का किसे अधिकार है? (ख) वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन, भोपाल के प्रशासन एक एवं प्रशासन दो में पदस्थ किस अधिकारी को, प्रधान मुख्य वन संरक्षक की विपरीत सी.आर. की टीप को किस आधार पर विलोपित किए जाने के क्या-क्या अधिकार प्राप्त हैं? (ग) वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल को किस वनवृत्त के किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध लिखी गई विपरीत सी.आर. की अपील या आवेदन गत तीन वर्षों में प्राप्त हुआ उसमें से किसके विरूद्ध की गई विपरीत सी.आर. को किसके आदेश से विलोपित किया, किसका प्रकरण वर्तमान में लंबित है? (घ) विपरीत सी.आर. टीप लिखी जाने वाले किस-किस अधिकारी के विरूद्ध विपरीत टीप लिखी जाने पर वन मुख्यालय ने क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, की गई तो कारण बतावें, कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों की सी.आर. लिखे जाने हेतु म.प्र. शासनवन विभाग के पत्र दिनांक 21.12.2000 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (अ) द्वारा चैनल का निर्धारण किया गया है। वर्तमान में भा.व.से. अधिकारियों के लिये म.प्र. शासन के पत्र दिनांक 24.05.2016 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (ब) से चैनल का निर्धारण आगामी वर्षों के लिये किया गया है। अखिल भारतीय सेवायें (निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट) नियम, 2007 के अनुसार भा.व.से. अधिकारियों से प्राप्त अभ्यावेदन पर निर्णय लिये जाने का अधिकार स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी- प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख म.प्र. को है। अधिकारी द्वारा ऐसे निराकरण पर पुन: अभ्यावेदन ''परामर्श (रैफरल) बोर्ड'' के समक्ष करने का प्रावधान है। राज्य सेवा के अधिकारियों के विपरीत सी.आर. के विरूद्ध अभ्यावेदन पर निर्णय लिये जाने का अधिकार म.प्र. शासन के परिपत्र क्रमांक 1180/का.प्र.सू./1/78 दिनांक 04.01.79 एवं म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 28.04.15 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (स) के अनुसार सक्षम अधिकारी-स्वीकृतकर्ता अधिकारी को है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक म.प्र. भोपाल सक्षम अधिकारी हैं। वन विभाग के वनक्षेत्रपाल के कार्य पर गोपनीय प्रतिवेदन लिखने की प्रणाली का निर्धारण म.प्र. शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-2-52/97/10-1 दिनांक 30.09.1999 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (द) द्वारा किया गया है। शेष कर्मचारी के गोपनीय प्रतिवेदन लिखने की चैनल का निर्धारण वन महानिदेशक म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/स्था./स.व.सं./गो.प्र./86/21790 दिनांक 5.9.86 (परिशिष्ट-1 (इ) ) द्वारा किया गया है। वनक्षेत्रपाल (द्वितीय श्रेणी) से संबंधित प्रतिकूल टीकाओं का निराकरण प्रधान मुख्य वन संरक्षक के अनुमोदन से किया जाता है, किन्तु विलोपित करने का अंतिम निर्णय विभाग के प्रभारी मंत्री से अनुमोदन प्राप्त कर निराकृत करने का प्रावधान है। तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के बारे में जो अधिकारी उनकी गोपनीय चरित्रावली में अंतिम मत अंकित करता है, उससे तत्काल वरिष्ठ अधिकारी प्रतिकूल टिप्पणीयों के विरूद्ध प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण करने के लिए सक्षम है। द्वितीय अपील अभ्यावेदन नैसर्गिग न्याय के अनुसार प्रथम अपील अभ्यावेदन का निराकरण करने वाले अधिकारी से एक वरिष्ठ स्तर के अधिकारी द्वारा किया जाता है। (ख) किसी को नहीं। (ग) भा.व.से एवं रा.व.से. अधिकारियों के वर्षान्त 3/2014,3/2015 एवं 3/2016 के अभ्यावेदनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (अ) एवं (ब) अनुसार। वनक्षेत्रपाल एवं अन्य कार्यपालिक/ अकार्यपालिक कर्मचारियों के विपरीत सी.आर. के विरूद्ध प्राप्त अभ्यावेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 (स) अनुसार। (घ) नियमों के विरूद्ध विपरीत सी.आर. लिखे जाने पर, श्री आजाद सिंह डबास, तत्का. मुख्य वन सरंक्षक अनुसंधान विस्तार वृत्त सागर को कारण बताओं सूचना पत्र एवं श्री डी.एस. कनेश, तत्का. व.म.अ. अनूपपुर को स्पष्टीकरण सूचना पत्र जारी किया गया। श्री कनेश को जारी स्पष्टीकरण सूचना पत्र पर निर्णय लिया जाकर उन्हें सचेत किया गया।
एम.डी.आर. की स्वीकृति
72. ( क्र. 2683 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुल कितने एम.डी.आर. हैं उनकी संख्या एवं लम्बाई बतायें। (ख) उपरोक्त विषय में से कितनी लम्बाई के कौन-कौन से लोक निर्माण विभाग बना रहा है? (ग) आज दिनांक तक कितने राशि के निविदा स्वीकृत हो चुकी है एवं कितनी स्वीकृत की जाना शेष है? (घ) शेष मांगों की निविदा कब तक संबंधित कार्यवाही कब तक पूर्ण की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 832 एम.डी.आर. है, जिनकी लंबाई 19429 कि.मी. है। (ख) लंबाई 3603.19 कि.मी. में निर्माण कार्य किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आज दिनांक तक 396539.32 लाख की निविदा स्वीकृत हो चुकी है, तथा रू. 15985.18 लाख की निविदा स्वीकृति होना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय राजमार्गों का रख-रखाव
73. ( क्र. 2713 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में राष्ट्रीय राजमार्गों का ब्यौरा क्या है? कुल लंबाई एवं उनके रख-रखाव, चौड़ीकरण, मरम्मत, कार्यों पर हुए विगत दो वर्षों का ब्यौरा क्या है? (ख) बी.ओ.टी. एवं ई.पी.सी. पद्धति में कितने किलामीटर राष्ट्रीय राजमार्ग विकसित किये गए? उनके सड़कवार व्यय का ब्यौरा क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत कितने राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण एवं विकास कार्यों में घटिया स्तर निर्माण की शिकयतें विगत तीन वर्षों में प्राप्त हुई? उन पर की गई कार्यवाही का ब्यौरा क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा बी.ओ.टी. एवं ई.पी.सी. पद्धति से 18 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाए विकसित किये जा रहे है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-1 एवं अ-2 अनुसार, एन.एच.ए.आई. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
मंदिरों का जीर्णोद्धार
74. ( क्र. 2714 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन संभाग में कितने एवं कौन-कौन से मंदिर शासन संधारित हैं? जिलेवार, तहसीलवार ब्यौरा क्या है? (ख) वर्ष 2013 से अब तक कितने एवं कौन-कौन से मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए एवं शासन ने कितने व कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत कर अपेक्षित कार्य कितनी राशि व्यय कर किये? (ग) रतलाम जिले के उपरोक्त अनुसार कितने एवं कौन-कौन से प्रस्ताव शासन के पास स्वीकृति हेतु लंबित एवं किस कारण से?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों से राशि की वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने
75. ( क्र. 2777 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तर दिनांक 29 फरवरी, 2016 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 54 (क्रमांक 1387) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में आयुक्त रीवा संभाग राजस्व के आदेश क्रमांक 361 दिनांक 20.02.2016 में स्पष्ट वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का संबंधितों के विरूद्ध उल्लेख किया गया था, फिर कलेक्टर रीवा को जाँच दल गठित कर जाँच कराने की क्या आवश्यकता थी? अगर गठित जाँच दल द्वारा जाँच कर ली गई हो तो जाँच की प्रति देते हुए बतावें कि कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के पद एवं नाम की जानकारी देवें? अगर जाँच गठित दल द्वारा पूरी न की गई हो तो जाँच समिति की विरूद्ध समय पर जाँच पर पूर्ण न करने के लिए क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जाँच पूरी हो चुकी हो तो दोषियों से ब्याज सहित राशि वसूली करते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वास्तविक रूप से पत्र दिनांक 20.02.2016 के स्थान पर दिनांक 20.01.2016 है, किन्तु माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 400 दिनांक 28.12.2015 में लोक निर्माण विभाग के कार्यों की जाँच वरिष्ठ अधिकारियों से कराये जाने की अपेक्षा की गयी थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा के पत्र दिनांक 02.02.2016 के अनुक्रम में आयुक्त रीवा संभाग रीवा के पत्र एवं शिकायत के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही के स्वरूप पर निर्णय लेने के पूर्व माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य की प्रेक्षानुसार शिकायत की जाँच हेतु मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग रीवा परिक्षेत्र रीवा के पत्र दिनांक 18.02.2016 के प्रस्ताव अनुसार कलेक्टर रीवा द्वारा आदेश दिनांक 18.02.2016 द्वारा जाँच दल का गठन किया गया। जाँच अधिकारियों द्वारा जाँच कार्य पूर्ण कर प्रतिवेदन पत्र दिनांक 04.05.2016 द्वारा कलेक्टर रीवा को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। कलेक्टर कार्याल्य स्तर पर परीक्षण कार्यवाही प्रक्रियारत् है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार प्रतिवेदन परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियारत् है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वैकल्पिक वृक्षारोपरण
76. ( क्र. 2805 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के वन विभाग में वित्तीय वर्ष 2015-16 अंतर्गत वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिये कितने-कितने क्षेत्र में जुलाई 2016 में रोपण हेतु क्षेत्र तैयारी कार्य कराया गया था? कराये गये कार्य में स्थलवार रोपित किये जाने वाले पौधों हेतु खोदे गये गड्ढ़ों की संख्या का विवरण एवं व्यय की गई राशि का विवरण वनमडलवार दिया जावें ? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कार्यों का भुगतान रेंजरों के माध्यम सेवन समितियों के माध्यम से अथवा, ई-पेमेंट के माध्यम से किया गया? विवरण स्थलवार वनमंडलवार एवं भुगतान की राशि की जानकारी उपलब्ध करावें? ? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में क्या कार्यों के शेष भुगतान की जानकारी स्थलवार वनमण्डलवार उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में कार्यों के भुगतान में मजदूरों के कार्य को आंशिक ही दर्ज किया जाकर शेष भुगतान अन्य मजदूरों को किया गया है क्या इस संबंध में उच्च स्तरीय टीम गठित कर जाँच कराई जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' में दर्शाए गए कार्यों का भुगतान परिक्षेत्र अधिकारियों वन समितियों तथा ई-पेमेन्ट के माध्यम से किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क', 'ख' में दर्शाए कार्यों के शेष भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'क', 'ख', 'ग' में दर्शाए कार्यों हेतु मजदूरों का कार्य आंशिक दर्ज करने एवं शेष भुगतान अन्य मजदूरों को किए जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: इस संबंध में जाँच कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पथकर वसूली
77. ( क्र. 2806 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा से हनुमना फोरलेन सड़क निर्माण कंपनी द्वारा जोगिनिहाई (रायपुर कर्चु.) एवं मसुरिहा (हनुमना) में टोल प्लाजा लगाकर पथकर वसूला जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उपरोक्त कंपनी द्वारा इस पथ पर कितने वर्ष तक पथकर वसूल किया जाने का अनुबंध है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में इस पथ पर चलने वाले विभिन्न प्रकार के वाहनों, खाली भरे हुये एवं ओवरलोड से पथकर वसूली से संबंधित अनुबंध पथ कर नियम एवं पथ रख-रखाव आदि से संबंधित नियमावली की हिन्दी प्रति की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मार्ग के प्रथम होमोजिनियस सेक्शन में घोषित वाणिज्यिक प्रचलन तिथि (सी.ओ.डी.) 07/02/15 से एवं मार्ग के वित्तीय होमोजिनयस सेक्शन-2 के घोषित वाणिज्यिक प्रचलन तिथि 28/03/16 से मार्ग की कन्सेशन अवधि समापन तिथि 19/02/2033 तक। (ग) पथकर वसूली वास्ते भारत सरकार का राजपत्र दिनांक 30/12/14 को प्रकाशित सूचना एवं रख-रखाव हेतु अनुबंध की कंडिका 17 हिन्दी की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
सड़क निर्माण का कार्य
78. ( क्र. 2818 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के एम.पी.आर.डी.सी. के अंतर्गत परासिया-रामपुर बैतूल मार्ग में दमुआ रामपुर के बीच सड़क बनाने के लिये कब स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो इस सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जायेगा? (ग) क्या उक्त सड़क में निजी भू-स्वामियों की भूमि अधिग्रहित की गई है? यदि हाँ, तो नाम, पता सहित बताएं तथा इनका मुआवजा कब तक दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 23.03.2013 को। दमुआ से रामपुर के बीच सड़क बनाने की स्वीकृति उक्त मार्ग में सम्मिलित है। (ख) परासिया-रामपुर बैतूल मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। दमुआ से रामपुर के बीच चैनेज 75+500 से 80+280 के बीच लंबाई 4.78 कि.मी. में सतपुड़ा पेच टाईगर कोरिडोर होने के कारण तथा भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति के अभाव में कार्य नहीं किया जा सका। भारत सरकार से अनुमति उपरांत कार्य कराया जायेगा। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वनोपज सहकारी यूनियन में पदस्थ कर्मचारी
79. ( क्र. 2876 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में राज्य शासन द्वारा किस-किस जिला वनोपज सहकारी यूनियन कार्यालय में मूल विभाग से कितने कर्मचारी, कब से प्रतिनियुक्ति पर रखे गये हैं? नाम, पदनाम तथा प्रतिनियुक्ति का वर्ष बतायें? (ख) राज्य शासन द्वारा प्रतिनियुक्ति की कितनी अवधि निर्धारित की गयी है? प्रतिनियुक्ति संबंधी नियम निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) जिला वनोपज सहकारी यूनियन पश्चिम सामान्य वनमण्डल मण्डला में कितने कर्मचारी किस-किस विभाग के प्रतिनियुक्ति पर रखे गये हैं? इनकी अवधि नियमानुसार कब समाप्त हो गयी इन्हें कब तक मूल विभाग वापस कर दिया जायेगा? (घ) नियमों की अनदेखी कर अपने निजी लाभ के लिए एक ही कर्मचारी को लगातार प्रतिनियुक्ति पर रखने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं उन पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक/सी 3- 14/06/3/एक दिनांक 29.02.2008 द्वारा प्रतिनियुक्ति के संबंध में जारी मार्गदर्शी सिद्धांत के अंतर्गत प्रतिनियुक्ति की अवधि कम से कम 02 वर्ष निर्धारित की गई है। अधिकतम अवधि का कोई उल्लेख नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग का निर्देश संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांक 29.02.2008 में प्रतिनियुक्ति की अधिकतम अवधि का उल्लेख नहीं है। अत: नियमों को अनदेखी नहीं किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये गये कार्य
80. ( क्र. 2877 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में लोक निर्माण विभाग मण्डला में मद 67-2059 एवं 67-2216 से गैर आवासीय एवं आवासीय भवनों का मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य किन-किन भवनों में कितनी-कितनी राशि से क्या-कया कार्य कराये गये वर्षवार बतायें? (ख) कराये गये कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करायें तथा उक्त कार्यों का मापन मूल्यांकन एवं सत्यापन किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया नाम, पदनाम सहित बतायें? (ग) खम्हरिया रामनगर मार्ग मद 42-5054 राशि 247.95 लाख से स्वीकृत हुआ इसकी तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करायें एवं आज दिनांक कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) क्या इसका पुनरीक्षण प्राक्कलन भी बनाया गया है यदि हाँ, तो कितनी राशि का और उक्त मार्ग कितनी राशि से पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। विभाग में भवनों की मरम्मत हेतु एकजाई आवंटन होने के कारण राशि व्यय का भवनवार लेखा संधारित नहीं किया जाता है। (ख) तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार, विभाग में भवनों के मरम्मत कार्य हेतु कार्यवार प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं होती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। राशि रू. 472.27 लाख का भुगतान किया गया। (घ) जी हाँ, राशि रू. 496.64 लाख का कार्य पूर्ण अद्यतन व्यय राशि रू. 472.27 लाख एवं अंतिम देयक का निराकरण शेष है।
रोड के दोनों ओर नाली निर्माण
81. ( क्र. 2890 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत निर्मित श्योपुर-बड़ौदा-कुहांजापुर अंतर्राज्यीय मार्ग के दोनों ओर मार्ग निर्माण के समय नाले का निर्माण न करने से वर्षाकाल में पानी की निकासी की समस्या पैदा हुई है? (ख) क्या उक्त मार्ग की सतह की ऊंचाई अधिक होने से तथा मार्ग के दोनों और विद्यमान दर्जनों खेतों, बस्तीवासियों के घर लगभग तीन-चार फिट नीचे होने के कारण प्रतिवर्ष वर्षाकाल में बारिश का पानी एकत्र होकर खेतों व घरों में भर जाता है? नतीजतन ग्रामीणों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। (ग) यदि हाँ, तो उक्त समस्या के हल हेतु उक्त मार्ग के दोनों नाले का निर्माण कराने उपरांत इसके एकत्र पानी को मार्ग पर स्थित बारहमासी बहने वाले बड़े नालों में प्रवाहित किये जाने की आवश्यकता है? (घ) क्या शासन उक्त मार्ग के दोनों ओर नाले के निर्माण कार्य का प्रस्ताव तैयार करवाकर उसे स्वीकृति प्रदान कर मार्ग के दोनों और पानी निकासी हेतु नाले का निर्माण शीघ्र करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) सड़कों को खेतों के लेबल पर नहीं बनाया जाता है। तकनीकी दृष्टि से मार्ग का आस-पास के खेतों में लेवल से 3 से 4 फीट ऊँचा होना आवश्यक है एवं मार्ग को जहां भी वर्षाकाल के पानी को क्रास करने की आवश्यकता थी वहाँ वहाँ पुल/पुलियाओं का निर्माण कार्य किया गया है। मार्ग के समानांतर कच्ची नाली एवं पाइप नाली का निर्माण आवश्यकतानुसार कुछ स्थानों को छोड़कर (जैसे चंद्रपुरा ग्रामीण आंशिक भाग, अजापुरा ग्रामीण आंशिक भाग, फिलोजपुरा ग्रामीण आंशिक भाग) किया गया है। जहाँ-जहाँ जमीन उपलब्ध न होने से नाली निर्माण संभव नहीं हो सका उसका कारण स्वयं सड़क के किनारे निवासरत् ग्रामीणवासी अथवा सड़क के किनारे खेत मालिक जो कि अन्य खेत का सड़क के किनारे नाली के माध्यम से दूसरी ओर जाने में अवरोध पैदा किया गया है। परिणाम स्वरूप किसी न किसी के खेत अथवा घर में रूका हुआ पानी भर जाना स्वभाविक है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। परन्तु चूंकि मार्ग का निर्माण दिनांक 15.07.2015 को ही पूर्ण हो चुका है। अत: उक्त समस्या के हल हेतु उक्त मार्ग के दोनों ओर विद्यमान ग्रामों की पानी निकासी समस्या संबंधित ग्राम पंचायतों के माध्यम से नाली निर्माण कराया जाकर हल किया जाना उपयुक्त एवं संभव है। (घ) चूंकि ग्राम में पीने के पानी की व्यवस्था करना एवं गंदे पानी की निकासी एवं उसकी डिस्पोजल की व्यवस्था का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का होता है। अत: यह कार्य पंचायतों के माध्यम से संभव है। सड़क निर्माण के दौरान कंसेशनायर के माध्यम से नाली निर्माण की कोशिश की गई थी, लेकिन ग्रामीणों द्वारा रूकावट डालने एवं निर्माणकर्ताओं के साथ मारपीट किये जाने के कारण उक्त स्थानों पर नाली निर्माण पूर्ण किया जाना संभव नहीं हो सका।
एन.आर.आई. कोटे से प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या
82. ( क्र. 2911 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011 से 2015 तक निजी चिकित्सा महा. में एन.आर.आई कोटे से एम.बी.बी.एस प्रथम वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थी नियमानुसार एन.आर.आई है, इसकी जाँच/विवेचना किस अधिकारी द्वारा किन दस्तावेजों के आधार पर की गई, जानकारी वर्ष अनुसार महाविद्यालय अनुसार दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची में से कितने प्रतिशत् विद्यार्थी मध्यप्रदेश राज्य के मूल निवास हैं तथा शासन गुजरात राज्य की तरह एन.आर.आई कोटा समाप्त करने की सोच रहा है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
07 दिमनी जिला मुरैना आई.टी.आई. की स्वीकृति
83. ( क्र. 2923 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न सरल क्र. 142 (क्र. 5308) दिनांक 08.03.2016 के उत्तर (क) पत्र प्राप्त हुआ है? जी हाँ। (ख) मुरैना जिले में आई.टी.आई. संचालित है? (ग) जी हाँ। विभागीय नीति के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। उत्तर दिया है। (ख) उपरोक्त उत्तर हां में है तो उत्तर (ख) में मुरैना जिला में आई.टी.आई. संचालित है। मुरैना जिले के आई.टी.आई. से विधान सभा क्षेत्र दिमनी क्षेत्र के लोगों को कोई लाभ नहीं है। व उत्तर (ग) में विभागीय नीति क्या है? अवगत करावें। (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री की बार-बार घोषणा के अनुसार शिक्षित बेरोजगारों को कौशल विकास प्रदान करने हेतु हर विधान सभा क्षेत्र में आई.टी.आई. प्रारंभ किये जायेगें? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में आई.टी.आई. की अति आवश्यकता को देखते हुये आई.टी.आई. की स्वीकृति कब तक दी जावेगी? निश्चित समय-सीमा बतावें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला मुरैना के अंतर्गत 07 विकासखण्ड क्रमश: मुरैना, अम्बाह, पोरसा, जौरा, पहाडगंज, सबलगढ़ एवं कैलारस है। इस सभी विकासखण्डों में शासकीय अथवा प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित है। समग्र रूप से मुरैना जिले में 02 शासकीय आई.टी.आई. तथा 41 निजी आई.टी.आई. संचालित है। जिनमें दिमनी क्षेत्र के युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास नीति-2012 की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वि.स. क्षेत्र दिमनी में महाविद्यालय की स्वीकृति
84. ( क्र. 2924 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या सरल 144 (क्र. 5301) दिनांक 08.03.2016 तारांकित के उत्तर (ख) में वर्तमान में नये महाविद्यालय प्रारंभ करने में कठिनाई हैं बताया है? तो स्पष्ट करें कि शासन को विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी में महाविद्यालय खोलने में क्या कठिनाईयां हैं? जबकि माननीय मुख्यमंत्री जी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु कटिबद्ध हैं? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रश्न के उत्तरांश (ग) में जी नहीं है? जानकारी संलग्न परिशिष्ट क्र. 48 में जो दी गई है उसके अनुसार शासकीय महाविद्यालय अशासकीय महाविद्यालय का उल्लेख है। उन विद्यालयों में शासकीय विद्यालय क्षेत्र से दूरी के कारण अनुपयोगी है। केवल अशासकीय महाविद्यालय सी.पी.एस. कागजों में चल रहा है? (ग) क्या छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा अध्ययन एवं भविष्य को देखते हुए म.प्र. शासन विधान सभा दिमनी क्षेत्र में नवीन महाविद्यालय प्रांरभ करने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। कैचमेंट एरिया में विद्यार्थी संख्या कम होने से निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने के कारण। (ख) जी हाँ, जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
100 सीटर कन्या छात्रावास की स्वीकृति
85. ( क्र. 2943 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. संख्या 114 (क्रमांक 3324) दिनांक 29 फरवरी, 2016 के उत्तर में बताया गया था कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस शासकीय स्नातकोत्तकर महाविद्यालय ब्यावरा जिला राजगढ़ में 100 सीटर कन्या छात्रावास निर्माण हेतु राशि रूपये 234.28 लाख का लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) राजगढ़ का विभाग को प्राप्त प्रस्ताव में आगामी कार्यवाही हेतु प्रस्ताव स्थायी वित्त समिति के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या स्थायी वित्त समिति द्वारा उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या शासन ब्यावरा विधान सभा क्षेत्र की कमजोर वर्ग एवं सामान्य निर्धन वर्ग की छात्राओं को आवासीय सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से प्रथम अनुपूरक बजट में प्रश्नांश (क) वर्णित प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) ब्यावरा नगर में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित 50 सीटर कन्या छात्रावास में महाविद्यालय की छात्राओं को भी प्रवेश दिया जाकर लाभांवित किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
शा.महाविद्यालय ब्यावरा परिसर की बाउण्ड्रीवॉल की स्वीकृति
86. ( क्र. 2944 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 97 (क्रमांक 7470) दिनांक 29 मार्च, 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा द्वारा कॉलेज परिसर की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य हेतु पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग राजगढ़ से तैयार कराये गये विस्तृत प्राक्कलन अनुसार स्वीकृति के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? तो प्रश्न दिनांक तक उक्त बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त महाविद्यालय में शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने जा रहा है एवं कॉलेज परिसर की सुरक्षा, असामाजिक तत्वों एवं आवारा पशुओं की रोकथाम आदि की दृष्टि से यथाशीघ्र बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य कराया जाना अति आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या शासन महाविद्यालय परिसर की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांक (क) के उत्तर अनुसार।
प्रचलित अपूर्ण वनमार्गों की पूर्णता
87. ( क्र. 2961 ) श्री मोती कश्यप : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में वि.स.क्षे. बड़वारा में मनरेगा के अंतर्गत वि.खं. बड़वारा, कटनी एवं ढ़ीमरखेड़ा में किन प्रचलित वनमार्गों के कार्य स्वीकृत हुए और उनका निर्माण हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों में किन्हें निर्माण एजेंसी बनाया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में से कौन-कौन से मार्ग पूर्ण हो चुके हैं और कौन से आज दिनांक तक अपूर्ण है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विगत तीन वर्षों में विधान सभा क्षेत्र बड़वारा में मनरेगा के अंतर्गत विकासखण्ड बड़वारा, कटनी एवं ढ़ीमरखेड़ा में प्रचलित किसी भी वनमार्गों के कार्य स्वीकृत नहीं हुए, न ही निर्माण हुआ है। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति
88. ( क्र. 2993 ) श्री बाला बच्चन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग के कितने महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद पर प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त हैं? जिलावार जानकारी देवें। कितने विधायक इन समिति के अध्यक्ष हैं? विधायक का नाम, महाविद्यालय नाम सहित देवें। (ख) क्या कारण है कि सभी स्थानों पर विधायक इन समितियों के अध्यक्ष नहीं है? इनके अध्यक्ष पद पर स्थानीय विधायक कब तक बना दिए जाएंगे? (ग) राजपुर, अंजड, सारणी, जावरा के वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक समस्त सामग्री क्रय एवं निर्माण कार्यों की जानकारी जो जनभागीदारी समिति ने किए हो वर्षवार महाविद्यालय का नाम सहित देवें। (घ) उपरोक्त समयावधि में (ग) अनुसार इन महाविद्यालयों में कराए ''युवा उत्सव'' एवं अन्य गतिविधियों में कितना व्यय किया गया की जानकारी देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) नियमानुसार विधायक को ही अध्यक्ष नियुक्त किया जाना अनिवार्य नहीं है। नियमानुसार नियुक्ति शासन द्वारा की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
औद्योगिक संरचनाओं में नवीन प्रसंस्करण इकाई स्थापित करना
89. ( क्र. 3006 ) श्रीमती ममता मीना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले एवं चांचौड़ा विधान सभा के कुंभराज क्षेत्र में नवीन उद्योगों को विभाग द्वारा कोई भूमि आवंटन की है? यदि हाँ, तो गत 3 वर्षों में कितने उद्योगों को आवंटित की है? (ख) क्या गुना जिले एवं कुंभराज क्षेत्र में सबसे अधिक धनिया उत्पादन होता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग इन क्षेत्रों में धनिया प्रसंस्करण एवं एसेन्स बनाने की इकाई या उद्योग स्थापित करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों के अनुसार विभाग क्षेत्रीय उद्यमियों या बड़े उद्योगपतियों की मीट गुना में बुलाकर उद्योग स्थापित करायेगा एवं कब तक? (घ) क्या विभाग द्वारा नवीन प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने वाले हितग्राहियों को कौन-कौन सी सहायता उपलब्ध कराता है? क्या अनुदान देता है? भूमि आवंटन में क्या राहत देता है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) गुना जिले एवं चांचौड़ा विधान सभा के कुंभराज क्षेत्र में नवीन उद्योगों को कोई भूमि आवंटित नहीं की है। (ख) गुना जिले में धनिया के वृहद उत्पादन के दृष्टिगत गुना जिले के कुंभ राज में स्पाईस क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। इस क्लस्टर में अधोसंरचना विकसित होने के पश्चात् धनिया प्रसंस्करण एवं इससे संबंधित अन्य उद्योग निवेशकों द्वारा स्थापित किये जा सकेगें। (ग) गुना जिले के स्थानीय उद्योपतियों एवं व्यापार संघों से निरंतर सम्पर्क किया जा रहा है। भविष्य में स्थानीय उद्योपतियों एवं व्यापार संघों के साथ बैठक की जाकर उनसे चर्चा कर मांग अनुसार भू-खण्ड आवंटन करने हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) विभाग द्वारा नवीन प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने वाले हितग्राहियों को उद्योग संवर्धन नीति एवं मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के प्रावधानों अनुरूप सहायता अनुदान एवं भूमि आवंटन में रियायत इकाई की पात्रता अनुसार प्रदान की जाती है।
उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षण के नवीन केन्द्र स्थापित करना
90. ( क्र. 3007 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में एवं मकसूदनगढ़ में तथा चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र में उच्च शिक्षा हेतु नवीन कॉलेज खोलने की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो बतायें? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ख) क्या गुना जिले के चांचौड़ा क्षेत्र में यदि कोई तकनीकी एवं कौशल विकास केन्द्र नहीं है तो क्या विभाग नवीन संस्थान स्थापित करायेगा एवं कब तक? (ग) क्या गुना जिले के चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र में युवाओं को तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु विभाग के पास कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि नहीं, तो क्या विभाग विचार कर उसे स्थापित करायेगा? (घ) यदि प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों के लिये विभाग द्वारा नवीन उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा के केन्द्र स्थापित करने हेतु क्या-क्या आवश्यकताएं होती हैं? विभाग उनके अनुसार जाँच कर भविष्य में नवीन संस्थान स्थापित करायेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। गुना जिले के मकसूदनगढ़ में नवीन महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव तैयार कर परियोजना परीक्षण समिति के विचारार्थ हेतु प्रक्रियाधीन है। (ख) गुना जिले के चाचौड़ा क्षेत्र में 02 शासकीय आई.टी.आई. क्रमश: चाचौड़ा तथा कुभराज संचालित है। कौशल विकास केन्द्र खोले जाने की कोई योजना नहीं है। (ग) जी नहीं। कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। (घ) उच्च शिक्षा के नवीन महाविद्यालय की स्थापना हेतु पद निर्माण, भवन, भूमि, पुस्तकालय, प्रयोगशाला आदि की आवश्यकता होती है। चाचौड़ा क्षेत्र में 02 शासकीय आई.टी.आई. संचालित है। अतएव पृथक से अन्य शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने का औचित्य नहीं है।
वनाधिकार पट्टेधारियों को पट्टे का वितरण
91. ( क्र. 3008 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले एवं चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में वनाधिकार अधिनियम के तहत पट्टे वितरण किये जाने थे? यदि हाँ, तो क्या उन्हें खरीफ 2015-16 की फसल नष्ट होने की राहत राशि प्रत्येक पट्टेधारी को राजस्व की तरह उपलब्ध करायी है। यदि नहीं, तो कब तक करायेंगे? (ख) क्या गुना जिलें एवं चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र में वन अतिक्रमणधारी शेष लोगों से पुन: दावे आपत्ति लेकर उन्हें पट्टे देने की कार्यवाही की जा रही है? क्या जाँच करायेंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों में यदि कोई अनियमितता हुई है तो क्या विभाग जाँच कराकर कार्यवाही करेगा एवं कब तक? (घ) क्या विभाग गुना जिले में अनु. जाति एवं जनजाति के अलावा अ.पि.वर्ग एवं सामान्य वर्ग के वन अतिक्रमणधारी पात्र लोगों का सर्वे करायेगा? क्या उन्हें सर्वे उपरांत वनाधिकार पट्टे देने की योजना है? यदि नहीं, तो क्या वनाधिकार अधिनियम में सामान्य और पि. वर्ग के लिये वनाधिकार पट्टे नहीं देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विभाग संशोधन करायेगा, कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में अधिकार पत्र धारकों की फसल नष्ट होने पर वन विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण उपरांत नुकसानी का आंकलन कर, सूची संबंधित तहसीलदार को उपलब्ध कराई गई, तथा तहसीलदार द्वारा पात्रतानुसार राजस्व भूमि की तरह ही राहत राशि वितरित की गई हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत वनभूमि के काबिज दावेदारों के अमान्य प्रकरणों का पुन: परीक्षण एवं दावा प्रस्तुत करने से वंचित दावेदारों से, नवीन दावे प्राप्त करने एवं प्राप्त दावों के जाँच की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के दावेदारों के प्रकरणों का सर्वे कराया गया है। वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-2 की उपधारा- (ण) में ''अन्य परम्परागत वन निवासी'' को 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व कम से कम तीन पीढ़ियों (75 वर्ष) तक प्राथमिक रूप से वन या वनभूमि पर निवास करता रहा है और जो जीविका की वास्तविक आवश्यकताओं के लिए उन पर निर्भर है, का प्रावधान है। उक्त प्रावधान के अंतर्गत पात्र दावेदारों को वनभूमि के अधिकार पत्र दिये जा रहे है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुना जिले में खेल सुविधाएं
92. ( क्र. 3009 ) श्रीमती ममता मीना : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा म.प्र. के अन्य जिलों की तुलना में गुना जिले के शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाएं कम दी जा रही है? यदि हाँ, तो क्या कारण हैं? (ख) क्या गुना जिले के शहरों में एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन स्टेडियम निर्माण के कोई प्रकरण पेंडिंग है? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक स्वीकृति मिलेगी एवं क्या चांचौड़ा विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन स्टेडियम के घटिया निर्माण की तकनीकी टीम से जाँच करायेंगे एवं कब तक? (ग) क्या गुना जिले में प्रत्येक गांव में खेल गतिविधियों के लिये विभाग द्वारा भूमि आवंटन कराने की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्या विभाग खेल मैदान निर्मित कराने की कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों पर विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? क्या शासन चांचौड़ा विधान सभा के कुंभराज और मकसूदनगढ़ में नवीन स्टेडियम स्वीकृत करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) गुना जिले के शहरी क्षेत्र में स्टेडियम निर्माण के तहत कलेक्टर गुना द्वारा स्टेडियम निर्माण का पुनरीक्षित प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। इस प्रस्ताव के औचित्य का परीक्षण किया जा रहा है, जिसकी स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में स्टेडियम निर्माण के तहत चाचैड़ा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम महेशपुर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफारमेंस ग्रांट से निर्माणाधीन स्टेडियम के संबंध में घटिया निर्माण की शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं होने से जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नोत्तर (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं।
धार्मिक पवित्र नगर घोषित स्थलों का विकास
93. ( क्र. 3019 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने जीवन दायिनी माँ नर्मदा नदी के पवित्र नदी व ग्वारीघाट (जबलपुर) को पवित्र क्षेत्र कब घोषित किया है तथा नर्मदा नदी के शुद्धिकरण, सौंदर्यीकरण, पर्यावरण संरक्षण व घाटों के विकास की क्या-क्या कार्ययोजना बनाई है, इसके लिए कब कितनी राशि का प्रावधान किया गया है एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई है? बतलावें। वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में शासन ने नगर निगम जबलपुर को किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि के कब कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? कितनी राशि की कार्य योजना क्या बनाई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में नगर निगम जबलपुर में जे.एन.एन.यू.आर.एम. एवं प्रोजेक्ट उदय के तहत कब-कब कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कराये हैं एवं कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से स्वीकृत कार्य नहीं कराये है एवं क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) 1. मध्य प्रदेश राजपत्र में प्रकाशित पत्र क्र. 24 दिनांक 14 जून 2013 के अनुसार ग्वारीघाट को पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया हे। 2. ग्वारीघाट में दरोगाघाट का घाट निर्माण वर्ष 2014-15 में किया गया था, जिसकी लागत रूपये 1916572/- (उन्नीस लाख सोलह हजार पाँच सौ बहत्तर) है। 3. वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कोई कार्य नहीं हुआ है। (ख) जबलपुर जिले में नगरीय सीमान्तर्गत नर्मदा नदी ग्वारीघाट में घाटों के सौन्दर्यीकरण, शुद्धिकरण, पर्यावरण संरक्षण हेतु निगम द्वारा निम्नलिखित कार्यवाही की गई है :- 1. नगर निगम जबलपुर द्वारा नर्मदा नदी के किनारे दगोरा घाट में 150 KLD (केएलडी) क्षमता का सीवरेज प्लांट अप्रैल 2012 में स्थापित किया गया था जो लगातार कार्यरत है। इसी स्थल पर 400 KLD (केएलडी) क्षमता का STP स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त नगर निगम क्षेत्रांतर्गत नर्मदा नदी में मिलने वाले नालों के सीवेज ट्रीटमेंट के लिए रू. 450.79 लाख की डी.पी.आर. तैयार कराई गई है। इसका क्रियान्वयन शीघ्र कराया जावेगा। 2. ग्वारीघाट के नाले में नगर निगम जबलपुर द्वारा 150 KLD (केएलडी) का पूर्व में मल-जल शोधन संयंत्र लगाया गया है। वर्तमान में इस पर 400 KLD (केएलडी) का अतिरिक्त मलजल शोधन संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। ललपुर फिल्टर प्लांट से जो बैकवॉश निकलता है। इससे सीधे नदी में मिलने से रोकने हेतु राशि रू. 22.78 करोड़ की कार्ययोजना तैयार कर संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की ओर प्रेषित की गई है। 3. ग्वारीघाट में प्रवाहित होने वाली गंदे पानी की बड़ी नाली के पानी को नर्मदा नदी में सीधे प्रवाहित होने से रोकने हेतु निगम द्वारा पृथक से नर्मदा गार्डन में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट बनाया गया है, जिसमे गंदा पानी उपचारित होने के बाद छोड़ा जाता है। 4. नदी में विसर्जन सामग्री प्रवाहित होने से रोकने हेतु 30 नग विसर्जन पात्र (जालिया), विभिन्न घाटों में रखी गई है, जिसमें श्रृद्धालुओं द्वारा विसर्जन सामग्री, पन्नी, प्लास्टिक, अन्य सामग्री डाली जाती है। 5. ग्वारीघाट में प्लास्टिक, पॉलीथीन, थर्माकोल, आदि बेचना, उपयोग करना, नदी में प्रवाहित करना प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिस पर प्रदूषण बोर्ड एवं नगर निगम के सामूहिक टीम के द्वारा के कार्यवाही समय-समय पर की जाती है। 6. घाटों की सफाई व्यवस्था ठेका प्रणाली से की गई है जिसमें प्रातः एवं रात्रिकालीन शिफ्ट में लगातार सफाई कराई जाती है एवं कचरा परिवहन हेतु 4 नग 4.5 क्यूविक मीटर के क्लाज कंटेनर रखे गये है। 7. नदी में मूर्तियों के विसर्जन को प्रतिबंधित किया गया है जिसके नियंत्रण हेतु पृथक मूर्ति विसर्जन कुण्ड भटौली गांव में निर्मित कराया गया है, जिसमें प्रतिवर्ष मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। 8. घाटों में विभिन्न स्थानों पर सूचना पटल लगाये गये है जिसमें नागरिकों को नदी में होने वाले प्रदूषण को रोकने हेतु अपील की गई है। (ग) जी नहीं।
इको टूरिज्म हब की स्थापना
94. ( क्र. 3023 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जबलपुर जिले को इको टूरिज्म हब बनाने हेतु कब क्या योजना बनाई है? इसके लिये किन-किन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है और उनका विकसित करने की क्या-क्या योजना है? (ख) प्रश्नांकित इको टूरिज्म हब हेतु वन विभाग, पर्यटन विभाग की क्या-क्या योजनाएं है एवं कौन-कौन सी योजना बनाकर स्वीकृति हेतु कब भेजी गई है? इन योजनाओं के संबंध में शासन ने क्या कार्यवाही की है। वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ग) वन विभाग जबलपुर में मदन महल की पहाडि़यों के बीच स्थित ठाकुरताल को विकसित करने व सौदर्यीकरण करने की क्या योजना बनाई है? इसे स्वीकृति हेतु कब भेजी गई है तथा वर्तमान में योजना किस स्तर पर लंबित है एवं क्यों इसकी स्वीकृति हेतु जिला प्रशासन व शासन ने क्या प्रयास किये हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में किन-किन योजनाओं को कब स्वीकृति दी गई एवं इसके लिए शासन ने कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? योजनाओं की लागत व अवधि बतलावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अगरदा नदी के पुल का रख-रखाव
95. ( क्र. 3030 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत अजनास से खातेगांव मार्ग के बीच अगरदा नदी के पुल का निर्माण किस एजेंसी द्वारा किया गया? निर्माण एजेंसी का नाम बतावें। (ख) अगरदा नदी के पुल का रख-रखाव हेतु निर्माण एजेंसी से कितने वर्षों का अनुबंध किया गया था? निर्माण का वर्ष एवं अनुबंध अवधि का वर्ष बतावें। (ग) क्या अगरदा नदी के पुल के दोनों तरफ (साइड) जो रेलिंग लगाई थी वह टूट कर जमीन पर पड़ी है जिसके कारण दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है? विभाग अथवा निर्माण एजेंसी द्वारा दुरूस्त करवाने की समयावधि बतावें। (घ) उक्त पुल निर्माण के पश्चात् पुल के रख-रखाव हेतु विभाग अथवा पुल निर्माण एजेंसी द्वारा प्रश्नांश दिनांक तक किसी भी प्रकार के रख-रखाव संबंधी उपाय नहीं किये जा रहे हैं? कारण बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अजनास से खातेगांव मार्ग के बीच अगरदा नदी नहीं पड़ती है अपितु अगरदा ग्राम के पास बागदी नदी के पुल एवं पहुंच मार्ग का निर्माण मेसर्स पुनीत चढ्ढा भोपाल तथा पहुंच मार्ग के प्रोटेक्शन का कार्य मेसर्स के.जी. गुप्ता, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड इन्दौर द्वारा किया गया है। (ख) पुल एवं पहुंच मार्ग का निर्माण दिनांक 31.12.2010 को पूर्ण हुआ एजेन्सी को 3 वर्ष अर्थात दिनांक 31.12.2013 तक रख रखाव करना था। पहुंच मार्ग के प्रोटेक्शन का कार्य दिनांक 15.03.2013 को पूर्ण हुआ। इसके रख-रखाव की अवधि दिनांक 15.03.2016 तक थी। (ग) जी नहीं। पुल की रेलिंग नहीं टूटी है। पहुंच मार्ग से रेलिंग आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई है विभाग द्वारा इसे 2 माह में पूर्ण कर लिया जायेगा। (घ) रख-रखाव की अवधि में संबंधित एजेन्सी से आवश्यकतानुसार समय-समय पर सुधार कार्य करवाया है। रख-रखाव की अवधि के बाद सुधार कार्य विभाग द्वारा करवाया जा रहा है।
बिजवाड से दीपगॉव तक जर्जर मार्ग
96. ( क्र. 3031 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के ग्राम बिजवाड से व्हाया इरणगांव होकर दीपगांव तक के मार्ग की लागत क्या है एवं उक्त मार्ग निर्माण किस एजेंसी द्वारा किया गया? नाम बतावें। (ख) बिजवाड से दीपगॉव तक का मार्ग कई स्थानों पर उखड़ चुका है डामर पूर्णत: गायब है जिसके कारण आये दिन दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है? घटिया मार्ग निर्माण के लिए कौन जवाबदार है? (ग) क्या उक्त मार्ग के रख-रखाव हेतु निर्माण एजेंसी से अनुबंध किया गया है तो कितने वर्षों का बतावें। (घ) उक्त मार्ग निर्माण के रख-रखाव की अनुबंध अवधि पूर्ण नहीं हुई है तो विभाग संबंधित निर्माण एजेंसी से मार्ग को कब तक दुरूस्त करवायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बी.ओ.टी. (एन्यूटी) योजना के अंतर्गत निर्मित बिजवाड़-कुसमानिया-हारन-दीपगांव मार्ग लंबाई 75.62 कि.मी. हेतु रूपये 109.08 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति है। मार्ग निर्माण का कार्य निवेशकर्ता एजेन्सी मेसर्स जी.व्ही.आर. बिजवाड़ कुसमानिया टोलवेज प्रा.लि. चैन्नई द्वारा किया गया है। (ख) जी नहीं। कुछ स्थानों पर अतिवृष्टि के कारण गड्ढे हुए है जिसके कारण दुर्घटनाएं होने की जानकारी नहीं है। निर्माण कार्य निर्धारित गुणवत्ता के अनुसार है। अत: कोई जवाबदार नहीं है। (ग) जी हाँ। मार्ग का निर्माण कार्य बी.ओ.टी. (एन्यूटी) योजना के अंतर्गत किया गया है, जिसमें मार्ग की डिजाइन, निर्माण, वित्तीय व्यवस्था एवं संचालन तथा संधारण का कार्य अनुबंधानुसार निवेशकर्ता एजेन्सी का होता है। एजेन्सी से 15 वर्षों हेतु अनुबंध किया गया है, जिसमें 2 वर्ष की निर्माण अवधि शामिल है। (घ) जी हाँ। निर्माण के रख-रखाव की अवधि पूर्ण नहीं हुई है। निवेशकर्ता एजेन्सी से कंसेशन अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार मार्ग शीघ्र दुरूस्त कराया जावेगा।
बायपास मार्ग के संबंध में
97. ( क्र. 3034 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कन्नौद एन.एच. 59 A से पुनासा निर्माणाधीन मार्ग की लंबाई चौड़ाई एवं निर्माण कार्य की लागत बतावें। (ख) कन्नौद की नगर पालिका पुनासा मार्ग चौराहे पर स्थित है, यही से एन.एच. 59 A मार्ग से पुनासा मार्ग जाता है तो क्या शासन/विभाग द्वारा उक्त नगर पालिका चौराहे को डेवलप (बड़ा) कराने की कोई कार्ययोजना बना रहा है? (ग) नगर पालिका चौराह कन्नौद से होकर निर्माणाधीन पुनासा मार्ग बनने से परिवहन का दबाव बढ़ने की पूरी संभावना है? ऐसे में शासन द्वारा क्या विकल्प खोजा जावेगा? (घ) क्या शासन एन.एच. 59 A से पुनासा मार्ग हेतु कोई बायपास मार्ग का निर्माण करेगा? अगर हाँ, तो कब तक समयावधि बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कन्नौद-सतवास-पुनासा मार्ग राजमार्ग क्रं. 41 के कुल 77.300 कि.मी. का कार्य ई.पी.सी. पद्धति के अंतर्गत स्वीकृत हो कर दिनांक 26/12/2015 को कार्यादेश जारी किये गये हैं, जिसकी चौड़ाई निम्नानुसार है :- 1. रूरल एवं ओपन कन्ट्री (कुल 70.870 कि.मी.) में कुल चौड़ाई 12 मी., जिसमें 7 मी. कैरियजवे एवं 2.50 मी. के हार्ड शोल्डर का निर्माण किया जाना है। 2. बिल्ट-अप एरिया (4.45 कि.मी.) में कुल चौड़ाई 12 मी. जिसमें 7 मी. कैरियजवे एवं 2.50 मी. के सी.सी. पेव्ड शोल्डर का निर्माण किया जाना है। 3. वन क्षेत्र में (कुल 2.0 कि.मी.) में कुल चौड़ाई जिसमें 7 मी. कैरियजवे एवं 2.50 मी. के हार्ड शोल्डर एवं एक तरफ रिटेनिंग वाल का निर्माण किया जाना है। 4. जंक्शन के डेवलपमेंट हेतु लगभग 24 मी. चौड़ाई पर उपलब्ध जमीन अनुसार कार्य किया जाना है। इस कार्य की कुल लागत रू. 239.01 करोड़ है। (ख) कन्नौद-सतवास-पुनासा मार्ग राजमार्ग क्रं. 41 का कार्य प्रगति पर है, अनुबंधानुसार चैनेज 0+000 पर उक्त मार्ग एवं एन.एच 59 ए के जंक्शन पर लगभग 24 मी. चौड़ाई उपलब्ध भूमि के अनुसार डेवलप का कार्य किया जावेगा। (ग) नगर पालिका चौराहा कन्नौद से निर्माणाधीन पुनासा मार्ग पर अनुबंधानुसार चैनेज 0+000 पर उक्त मार्ग एवं एन.एच 59 ए के जंक्शन पर लगभग 24 मीटर चौड़ाई पर जंक्शन डेवलप किये जाने का कार्य प्रस्तावित है। यह कार्य होने पर एन.एच-59 ए का यातायात इस मार्ग की तरफ भी मोड़ने से दबाव कम होगा। (घ) एन.एच-59-ए मार्ग से पुनासा मार्ग हेतु बायपास वर्तमान में एन.एच. लोक निर्माण विभाग के अधीन है। शेष हेतु प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है।
वन विकास निगम द्वारा पौधा रोपण
98. ( क्र. 3038 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग से वन विकास निगम को पौधा रोपण हेतु कितनी-कितनी भूमि किस वन क्षेत्र में आवंटित की गई? वन क्षेत्र का नाम बतावें। (ख) खातेगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन वन क्षेत्रों में वन विकास निगम के अंतर्गत पौधा रोपण का कार्य चल रहा है? वन क्षेत्र का नाम बतावें। (ग) विगत वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के लिए पौधा रोपण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? वन क्षेत्रवार एवं वर्षवार राशि बतावें। (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में वन विकास निगम द्वारा किया गया पौधा रोपण की वर्तमान में स्थिति क्या हैं? पौधे जीवित है या मर गये? यथास्थिति बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत वन विभाग से वन विकास निगम को कुल 17 कक्ष 4277.010 हे. वनक्षेत्र पौधा रोपण हेतु आवंटित की गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वन विकास निगम के खंडवा परियोजना मंडल द्वारा खातेगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में 2 कक्षों में कुल 142 हे. क्षेत्र में पौधा रोपण का कार्य किया जा रहा है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के लिये पौधा रोपण कार्य हेतु विगत वर्ष 2013-14 में रूपये 194.14 लाख एवं 2014-15 में 135.04 लाख की राशि व्यय की गई। वन क्षेत्रवार एवं वर्षवार विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में वन विकास निगम द्वारा किये गये पौधारोपणों में वर्तमान स्थिति में 85.05 प्रतिशत पौधे जीवित हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
क्षतिग्रस्त मार्गों का निर्माण
99. ( क्र. 3067 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत मसुरयाई-तोड़ा मार्ग, पड़रई-बांसा-महुआखेड़ा-करहद मार्ग एवं सुरखी-विदवांस मार्ग निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृति की गयी थी? निर्माण कार्य एजेन्सी का नाम, समयावधि एवं परफार्मेंस गारंटी की अवधि बतावें? (ख) उक्त मार्ग विभाग के द्वारा किस दिनांक को पूर्ण किये गये थे एवं कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया? (ग) क्या उक्त मार्ग परफार्मेंस गारंटी अवधि के पूर्व ही क्षतिग्रस्त हो गये हैं? यदि हाँ, तो क्या इन मार्गों के संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन ठीक तरह से नहीं किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो क्या विभाग दोषी शासकीय सेवकों एवं कार्य एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। एक मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है। विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन ठीक तरह से किया गया है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शासकीय सेवकों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। ठेकेदार की सुरक्षा निधि राजसात की कार्यवाही की जा चुकी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेतु निर्माण का प्रस्ताव
100. ( क्र. 3068 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग (सेतु निर्माण) के द्वारा सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पड़रई-बांसा-सिंगारचौरी-ढकरई मार्ग के कि.मी. 2/6 में धसान नदी पर पुल निर्माण का प्रस्ताव वर्ष 2014-15 में तैयार किया जाकर कार्ययोजना में सम्मिलित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभागीय अधिकारियों की लापरवाही एवं उदासीनता के कारण विभाग की मुख्य सड़क मार्ग का हिस्सा होते हुये भी उक्त पुल निर्माण नहीं किया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश कंडिका (ख) में वर्णित तथ्य सही है तो क्या विभाग प्रकरण में अनावश्यक रूप से विलंब और कार्य के प्रति उदासीनता हेतु संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश कंडिका (क) में दर्शित पुल का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
जनभागीदारी समिति
101. ( क्र. 3105 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष बनाने के क्या नियम हैं? (ख) क्या विदिशा जिले में प्रत्येक शासकीय महाविद्यालयों में समिति का गठन हुआ है तथा किन-किन महाविद्यालयों में जनभागीदारी का गठन होना शेष है? समिति का गठन अभी तक न होने के क्या कारण है? (ग) विगत 2 वर्षों में जनभागीदारी समिति में कुल कितनी राशि जमा की गई तथा इस राशि का उपयोग किस-किस प्रयोजना के लिये किया गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- दो अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार।
इंदौर जिले में नमकीन कलस्टर की स्थापना
102. ( क्र. 3110 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जिले में नमकीन कलस्टर बनाने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो किस स्थान पर? (ख) क्या उन स्थान पर किसी प्रकार की भूमि पूजन या अन्य कार्यक्रम किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? इस कलस्टर में निजी उद्योगों के जमीन आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो किस आधार पर की गई? प्रक्रिया की जानकारी उपलबध करावें? (ग) किन-किन उद्योगों को जमीन आवंटित की गई है? किसे कितनी आवंटित हुई उसकी सूची उपलब्ध करावें? जिसमें दर भी उल्लेखित की गई हो?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, औद्योगिक क्षेत्र, सावेर रोड, इंदौर में। (ख) जी हाँ, मान. मुख्यमंत्रीजी दवारा 25 अक्टूबर 2012 को उक्त स्थान पर, भूमि पूजन किया गया हैं। जी हाँ, म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के आधार पर आवंटित की गई हैं। प्रक्रिया अंतर्गत आवेदकों से ऑनलाईन आवेदन प्राप्त कर 'प्रथम आओ-प्रथम पाओ' सिद्धान्त पर भूमि आवंटन किया गया हैं। (ग) आवंटन प्राप्त उद्योगों के नाम, आवंटित भूमि एवं दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं।
इन्दौर-भोपाल राजमार्ग
103. ( क्र. 3113 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर-भोपाल राजमार्ग पर देवास बायपास का फोर-लेन या सिक्स-लेन होना प्रस्तावित है। यदि हाँ, तो अभी तक इसके संबंध में हुई सम्पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या इस मार्ग का चौड़ीकरण आवश्यक नहीं है? (ख) देवास बायपास पर विगत पाँच वर्षों (जनवरी 2011 से प्रश्न दिनांक) में कितनी दुर्घटना हुई है, संख्या बतावें। इन दुर्घटनाओं में कितने लोगों की कब-कब असामयिक मृत्यु हुई है, संख्या बतावें। (ग) क्या इन्दौर-भोपाल राजमार्ग पर दुर्घटना स्थलों का चयन किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। इन दुर्घटना स्थलों के पहले किसी प्रकार का संकेतक लगाया गया है? यदि नहीं, तो कब तक लगा दिये जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा बी.ओ.टी. आधार पर देवास बायपास के चौड़ीकरण एवं उन्नयनीकरण कार्य हेतु फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की गई जिससे कि.मी. 0 से 7 कि.मी. तक 4 लेन एवं कि.मी. 7 से कि.मी. 19.8 तक 6 लेन कुल लंबाई 19.8 कि.मी. में सीमेंट कांक्रीट निर्माण कार्य प्रस्तावित किया जाकर उक्त कार्य की निविदा प्रक्रिया प्रचलित है। (ख) देवास बायपास पर पुलिस अधीक्षक जिला देवास से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार विगत पाँच वर्षों (जनवरी 11 से प्रश्न दिनांक) तक कुल 1,316 दुर्घटनाएं घटित हुई है। उक्त दुर्घटनाओं में 110 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ, पुलिस विभाग द्वारा मार्ग के इस भाग में स्थिति दुर्घटना स्थलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ, प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रहटगांव में महाविद्यालय भवन हेतु
104. ( क्र. 3129 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टिमरनी विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत रहटगांव में शासकीय महाविद्यालय हेतु भवन एवं मूलभुत सुविधाएं एवं व्यवस्थाओं को योजना में सम्मिलित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए शासन कि तरफ से कोई योजना हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का भवन पूर्ण कराये जाने कि समय-सीमा क्या थी? समय-सीमा में कार्य नहीं करने का क्या कारण है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) टिमरनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत रहटगांव में शासकीय महाविद्यालय संचालित नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन ग्राम में जल संकट
105. ( क्र. 3130 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के वन ग्राम में कहाँ-कहाँ पानी का सकंट है और भविष्य में जलसकंट से निपटने के लिए शासन द्वरा क्या योजना बनाई है? यदि वनाई गई है तो योजना कि प्रतिलिपी उपलब्ध करावें। (ख) हरदा जिले में हिरण वन्य प्राणी शहरी क्षेत्र में आ रहे हैं, इन्हें रोकने के लिए वन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही कि जाएगी? यदि कि गई तो कब-कब और क्या क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) हरदा जिले में 4 वनग्राम क्रमश: मन्नासा, बोरी, लोधीढाना, मालगांव में ग्रीष्मकाल में पेयजल का संकट होता है। भविष्य में जल संकट के स्थायी समाधान हेतु 05 वनग्राम क्रमश: इन्द्रपुरा, बोरी, कायदा, लोधीढाना, झिरना में प्राय: थ्री-फेस विद्युत नहीं मिलने से सोलर पम्प आधारित कुल 06 लघु नल-जल योजनाएं लागत रूपये 38.34 लाख की, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग हरदा को भेजी गयी है एवं अन्य 07 वनग्रामों क्रमश: मन्नासा, बापचा, मालगांव, गांगराढाना, झिरना, कायदा एवं डोमरा की योजना तैयार की गई है। योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हरदा जिले में हिरण वन्यप्राणी के शहरी क्षेत्र में आने की कोई घटना प्रकाश में नहीं आयी है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र/छात्राएं
106. ( क्र. 3138 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत निजी महाविद्यालय में विषयवार स्नातक/स्नातकोत्तर उपाधि हेतु वर्तमान सत्र में कितने छात्र/छात्राओं को प्रवेश दिया गया है? (ख) क्या उक्त महाविद्यालय में डी.एड./बी.एड. की भी डिग्री दी जाती है? यदि हाँ, तो कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने छात्र/छात्राओं द्वारा प्रवेश लिया गया है? (ग) क्या उक्त महाविद्यालय में नियमित कक्षाएं संचालित नहीं होती हैं? सिर्फ एडमीशन देकर भारी भरकम राशि वसूली जाती है? परीक्षा के समय छात्र/छात्राएं परीक्षा देने आते हैं, इसके अलावा कभी कक्षा संचालन नहीं होते हैं? क्या इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से भौतिक सत्यापन कराकर दोषी पाये जाने पर संस्था की मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। वर्तमान में ''ऑन—लाईन'' प्रवेश प्रक्रिया जारी है। (ख) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित कुल 06 निजी महाविद्यालयों में से प्रिस्टन कॉलेज बरेली में बी.एड. एवं डी.एड. तथा आर्यभट्ट कॉलेज ऑफ टेक्नॉलाजी एण्ड साईंस, उदयपुरा में डी.एड. पाठ्यक्रम संचालित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जी नहीं, नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन किया जाता है तथा निर्धारित फीस ली जाती है। प्रश्नांश में उल्लेखित विषय से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उदयपुरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत खेल स्टेडियम की स्वीकृति
107. ( क्र. 3139 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत विधायक की अनुशंसा पर इंडोर एवं आउटडोर स्टेडियम स्वीकृत किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो स्थानवार जानकारी देवें एवं उपरोक्त नगरों एवं ब्लॉको में इंडोर एवं आउटडोर स्टेडियम निर्माण हेतु कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर जिले को कितनी राशि प्रदान कब की गई है? (ग) क्या स्टेडियम निर्माण हेतु स्थलों का चयन कर भूमि प्राप्त करने की प्रशासनिक कार्यवाही चल रही है या पूर्ण हो गई है? (घ) यदि हाँ, तो पर्याप्त बजट कब प्राप्त होकर भूमि प्राप्त करने संबंधी कार्यवाहियों इत्यादि कब पूर्ण होकर स्टेडियम निर्माण कार्य कब प्रारंभ किये जाएंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) माननीय विधायक की अनुशंसा पर वर्तमान में आउटडोर स्टेडियम की स्वीकृति ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा जारी की गई हैं। (ख) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफार्मेंस ग्रान्ट से प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 01 आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर के निर्माण की वर्तमान में योजना हैं। उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम देवरी में राशि रू. 80.00 लाख की स्वीकृति पंचायत राज विभाग द्वारा निर्माण एजेन्सी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को जारी की गई है। इण्डोर स्टेडियम का निर्माण राजीव गांधी खेल अभियान योजनान्तर्गत पूर्व में किये जाने की योजना थी, भारत सरकार ने उक्त योजना को पत्र क्र 1-1/MYAS/SD/2016/1258, दिनांक 29/04/2016 द्वारा स्थगित कर दिया गया है। (ग) स्टेडियम निर्माण हेतु चयन की कार्यवाही पूर्ण हो गयी है। (घ) आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर का निर्माण कार्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा कराया जा रहा हैं, जिसके द्वारा तृतीय निविदा आमंत्रित की गई हैं चूंकि निर्माण कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा किया जाना हैं, इसलिये खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं।
बालक बालिकाओं के 60-60 सीटर छात्रावास की स्वीकृति
108. ( क्र. 3141 ) श्री
लोकेन्द्र
सिंह तोमर :
क्या राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
खंडवा जिले के
अंतर्गत
आई.टी.आई.
मुंदी एवं
आई.टी.आई.
भगवानपुरा
में 60-60
सीटर बालक और
बालिकाओं के
लिए
छात्रावास की
स्वीकृति
हेतु प्रश्नकर्ता
द्वारा
तकनिकी
शिक्षा एवं
कौशल विकास
विभाग को पत्र
दिया गया है? (ख)
क्या
प्रश्नांश (क)
का उत्तर हाँ, है तो आई.टी.आई.
भगवानपुरा और
मुंदी में
बालक- बालिकाओं
के लिए 60-60
सीटर
छात्रावास कब
तक स्वीकृत कर
दिए जायेंगे?
राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा ( श्री
दीपक जोशी ) : (क) जी
हाँ। (ख)
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं।
खेल एवं युवा कल्याण की योजनाएं
109. ( क्र. 3148 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना संचालित की जा रही हैं? (ख) उज्जैन जिले में विभाग की कौन-कौन सी योजना संचालित की जा रही हैं? (ग) विधान सभा बड़नगर में विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना का लाभ खिलाडि़यों को और युवाओं को प्रदान किया गया है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ख) विधान सभा बड़नगर में जिन योजनाओं का लाभ खिलाडि़यों/युवाओं को प्राप्त हुआ से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है।
सेमलिया-बड़बेली मार्ग पर पुलिया निर्माण
110. ( क्र. 3178 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के मनसाया-सेमलिया-बड़बेली मार्ग का निर्माण कार्य दिनांक 31.05.12 को पूर्ण हो चुका था, परन्तु सेमलिया से बड़बेली के मध्य नाले पर पुल/पुलिया निर्माण अभी तक नहीं किया गया है? क्या इस मार्ग पर वर्षाकाल में आवागमन के लिए विभाग द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो नागरिकों का आवागमन कैसे होता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग पर पुल/पुलिया का निर्माण सड़क निर्माण के 04 वर्ष बाद भी क्यों नहीं किया गया? यदि इस मार्ग पर पुल/पुलिया निर्माण की आवश्यकता नहीं है तो इस मार्ग का नागरिकों को कोई लाभ नहीं है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग पर पुल/पुलिया का निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं। पुराने बने हुए रपट पर से। (ख) स्वीकृति में शामिल न होने से। जी नहीं, सड़क निर्माण से लाभ प्राप्त हो रहा है। (ग) परीक्षण किया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार कार्यवाही की जावेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अपूर्ण मार्ग निर्माण
111. ( क्र. 3205 ) श्री
अनिल
फिरोजिया :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
विगत तीन
वर्षों में
उज्जैन-कानीपुरा-तराना-गोलवा
मार्ग पर किन-किन
आंतरिक
मार्गों पर
सीमेंट
कांक्रीट कार्य
किया गया? क्या
उक्त मार्ग
के प्राक्कलन
में नाली
निर्माण का
प्रावधान रखा
गया? यदि
हाँ, तो
क्या नाली
निर्माण
कराया गया? यदि
नहीं, तो
क्यों?
(ख)
उक्त मार्ग
के प्राक्कलन
अनुसार कितने
पुल/पुलिया का
निर्माण कहाँ-कहाँ
किया जाना था? क्या
सभी
पुल/पुलिया का
निर्माण करा
दिया गया? यदि
नहीं, तो
क्यों?
(ग) क्या
नाली एवं
पुल/पुलिया
निर्माण नहीं
करने के कारण
ठेकेदार फर्म
का भुगतान
रोका गया है? यदि हाँ, तो
कितना? यदि
नहीं, तो
क्यों?
(घ)
उक्त मार्ग
पर आवश्यक
नाली एवं
पुल/पुलिया
निर्माण कब तक
करा लिया
जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
जी हाँ। जी
नहीं। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ के
कॉलम-9
अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ग)
जी नहीं। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ के
कॉलम-10
एवं पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब के
कॉलम-12
अनुसार है। (घ)
शेष आवश्यक
कार्य के
प्राक्कलन
तैयार कर
कार्य की स्वीकृति
प्राप्त
होने पर कार्य
कराया जा
सकेगा, फिलहाल
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं
होगा।
विभागीय सड़के
112. ( क्र. 3261 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत विभाग की कितनी रोड है वह कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं? (ख) किसी नए मार्ग को लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत लाने हेतु विभाग के क्या नियम है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत एक मार्ग अमानगंज-मलहेरा मार्ग जो विधान सभा क्षेत्र बिजावर के ग्राम बिहरवारा, झरकुवां, किशनगढ़, रैयपुरा, देवरा, लहार, बरिया चौकी (धर्मपुरा), बिजावर, भरतपुरा, पठारीखुर्द एवं रामपुरा पर स्थित है। (ख) सड़क को संबंधित विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के मानकों के अनुसार संधारित/सुधार कर अथवा इस हेतु आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराये जाने की शर्त पर शासन की अनुमति से नया मार्ग गुण दोष के आधार पर विभाग के अंतर्गत लिये जाते है।
वन विभाग की जानकारी एवं अनियमितता
113. ( क्र. 3263 ) श्रीमती
शीला त्यागी
:
क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वन मण्डल
ग्वालियर
में वर्ष 2014 जनवरी
से प्रश्न
दिनांक तक
कहाँ-कहाँ
कितनी लागत के
निर्माण एवं
विकास कार्य
कराये गये
प्राक्कलन
एवं कार्य की
स्थिति
वर्तमान में
क्या है? (ख) क्या
वार्ड क्र. 13 की जिला
पंचायत की
सदस्य मुन्नी
बाई बघेल वन
समिति की अध्यक्ष
हैं? यदि
हाँ, तो
उनका क्या
अधिकार
क्षेत्र है? क्या
उन्हें
विकास
कार्यों को
लेकर विभागीय
मीटिंग आयोजित
करने के
अधिकार नहीं
थे? (ग)
यदि हाँ,
तो
क्या पत्र
क्र. 114/15
मीटिंग 31/7/1
123-15
मीटिंग दि. 19/9/15 पत्र
क्र. 119/15
मीटिंग दि. 15/8/15 एवं 126/15 मीटिंग
दिनांक 28/12/15 इन
दिनांकों
मीटिंग
बुलाने पर D.F.O. ग्वालियर
ने कोई मीटिंग
नहीं की? (घ)
प्रश्नांश
(क), (ख), (ग) के
संदर्भ में वन
मण्डल,
ग्वालियर
में व्याप्त
भारी अनियमितताओं
की जाँच
लोकायुक्त
या विधान सभा
से विधायकों
की समिति
बनाकर की
जावेगी?
यदि
हाँ, तो
कब तक नहीं, तो क्यों?
वन
मंत्री ( डॉ.
गौरीशंकर
शेजवार ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी
हाँ। म.प्र.
जनपद पंचायत
तथा जिला
पंचायत स्थाई
समितियां (सदस्यों
का निर्वाचन
उनकी
शक्तियां और
कृत्य तथा
सदस्यों का
कार्यकाल और
कामकाज के
संचालन की
प्रक्रिया)
नियम 1994
में इनके
अधिकार
वर्णित है। वन
स्थाई समिति
की बैठकें
आयोजित करने
का अधिकार है
वन समिति के
अध्यक्ष को
है। (ग) प्रश्नांश
'ग'
में
दर्शित पत्र
दिनांक 31.01.2015,
19.09.2015, 15.08.2015 वन मंडल
अधिकारी, ग्वालियर
कार्यालय को
प्राप्त
नहीं हुये
हैं। अत:
संबंधित
दिनांकों को
कोई बैठक नहीं
बुलाई गई।
माननीय अध्यक्ष
महोदया वन स्थाई
समिति
श्रीमती मुन्नी
बघेल ने अपने
पत्र क्रमांक
निरंक दिनांक 28.12.2015 द्वारा
दिनांक 20.01.2016 को
वनमंडलाधिकारी, ग्वालियर
को वन स्थाई
समिति की बैठक
रखने का लेख
किया गया था, किन्तु
विभागीय आवश्यक
कार्य होने के
कारण
वनमंडलाधिकारी, ग्वालियर
के
कार्यालयीन
पत्र
क्रमांक/स्टेनो/2, दिनांक 18.01.2016 द्वारा 20.01.2016 की बैठक
नहीं हो सकी।
तदानुसार
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत,
ग्वालियर
को पत्र
क्रमांक/स्टेनो/567, दिनांक 27.01.2016 से अवगत
कराया गया।
माननीय अध्यक्ष
महोदया की
अनुमति से
दिनांक 04.05.2016 को
बैठक आयोजित
की गई जिसमें
माननीय अध्यक्ष
महोदया
उपस्थित रही, लेकिन
बैठक का कोरम
पूरा न होने
से बैठक की
कार्यवाही
नहीं हो सकी। (घ)
प्रश्नांश 'क', 'ख' एवं 'ग' की
अवधि के
अंतर्गत
कराये गये
विकास/निर्माण
कार्यों का
वनमंडल ग्वालियर
के अंतर्गत
कोई
अनियमितता व्याप्त
होना प्रकाश
में नहीं आया।
अत: लोकायुक्त
या विधान सभा
से विधायकों
की समिति
बनाकर जाँच कराने
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
विभाग द्वारा बनाये गये इनर रिंग के संबंध में
114. ( क्र. 3272 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर में सिंहस्थ 2016 हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाये गये इन रिंग रोड के निर्माण हेतु किन-किन भूमि स्वामियों की कुल कितनी-कितनी भूमि अर्जित की गई तथा उसका कितना-कितना मुआवजा प्रश्न दिनांक तक उन्हें भुगतान कर दिया गया है तथा कितना मुआवजा देना शेष है? (ख) उक्त भू-अर्जन में अनियमितता, मूल्यांकन में गड़बड़ी आदि की क्या-क्या शिकायतें किन-किन के द्वारा की गई हैं, उनके निराकरण की क्या स्थिति है? क्या सभी शिकायतकर्ताओं की शिकायत का निराकरण कर दिया गया है? (ग) उक्त भू-अर्जन कार्य में हुई अनियमितताओं आदि के संबंध में क्या विभाग द्वारा संपूर्ण भू-अर्जन प्रक्रिया का पुन: परीक्षण/पुनर्मूल्यांकन कराया जाएगा अथवा नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) इनर रिंग रोड़ के नाम से भू-अर्जन की कार्यवाही नहीं की गई परंतु सिंहस्थ 2016 हेतु मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा उज्जैन पश्चिम सिंहस्थ बायपास का निर्माण किया गया उक्त मार्ग निर्माण हेतु अर्जित भूमि दिये गये मुआवजे तथा शेष मुआवजे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन पश्चिम सिंहस्थ बायपास मार्ग में भू-अर्जन में अनियमितता, मूल्यांकन की कोई शिकायत मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम स्तर पर लंबित नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उज्जैन पश्चिम सिंहस्थ बायपास मार्ग में भू-अर्जन कार्य में कोई अनियमितताएं मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम स्तर में नहीं है। अतः पुनः परीक्षण/पुनर्मूल्ययांकन का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन संभाग के वन मंडलों में सड़क निर्माण
115. ( क्र. 3278 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के किन-किन वन मंडलों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्वीकृत किन-किन सड़कों के निर्माण में वन विभाग की अनुमति के आवेदन पत्र जुलाई 16 की स्थिति में लम्बित हैं तथा क्यों? सड़कवार कारण बतायें? (ख) उक्त लम्बित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? (ग) डी.एफ.ओ. को कितनी चौड़ाई तक की अनुमति का अधिकार है, इससे ज्यादा चौड़ाई की अनुमति का किसको अधिकार है? (घ) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों को चौड़ाई के मापदण्ड अनुसार डी.एफ.ओ. अनुमति क्यों नहीं दे रहे है? इस सम्बन्ध में शासन क्या कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवेदक संस्थान द्वारा आपत्तियों का निराकरण करने पर ही प्रकरण का निराकरण हो सकेगा। अतः समय-सीमा बतायी जाना सम्भव नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के परिपत्र क्रमांक/5/6/2005/10-3 दिनांक 17.05.2005 के अनुसार मार्ग की विद्यमान चौड़ाई R.O.W. (Right of way) में मार्ग उन्नयन कार्य की स्वीकृति के अधिकार प्रदान किये गए हैं। विद्यमान चौड़ाई से अधिक चौड़ाई में मार्ग निर्माण की अनुमति का अधिकार वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत भारत सरकार को है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में विद्यमान चौड़ाई में अनुमति दी जारही है। अतः पृथक से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल मैदान निर्माण
116. ( क्र. 3313 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 01 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस मद से कितने खेल मैदान स्वीकृत हुए है? मय लागत वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में स्वीकत खेल मेदान की वर्तमान भौतिक एवं वित्तीय स्थिति क्या है? अपूर्ण खेल मैदान किन कारणो से पूर्ण नहीं हो पाये? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? अपूर्ण खेल मैदान के कार्य कब तक पूर्ण हो जायेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा कोई खेल मैदान स्वीकृत नहीं किया गया हैं अपितु पंचायत राज विभाग द्वारा परफॉर्मेन्स ग्रान्ट से प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में राशि रू. 80.00 लाख की लागत से 01 ग्रामीण खेल परिसर निर्माण की योजनान्तर्गत सैलाना विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत बाजना में ग्रामीण खेल परिसर के निर्माण की स्वीकृति ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 में जारी की गई हैं। (ख) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा बाजना में ग्रामीण खेल परिसर के निर्माण का कार्य प्रगतिरत् हैं। निर्माण कार्य प्रगतिरत् हैं इसलिये अपूर्ण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। कोई अधिकारी कर्मचारी दोषी नहीं हैं। अतः दोषी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित होता है। चूंकि ग्रामीण खेल परिसर का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा किया जा रहा हैं इसलिये खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नवीन महाविद्यालय व संकाय प्रारंभ किया जाना
117. ( क्र. 3314 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सैलाना महाविद्यालय में नवीन संकाय की कक्षाएं प्रारंभ करने एवं रावटी तथा बाजना में नवीन महाविद्यालय खोले जाने की क्या स्थिति है? क्या इनकी स्वीकृति प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो क्या इसी सत्र से नवीन संकाय की कक्षाएं प्रारंभ हो जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक इसकी स्वीकृति प्राप्त होगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या रावटी एवं बाजना में नवीन महाविद्यालय के भवन हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई हैं तथा इसके प्रस्ताव शासन को भेज दिये गये हैं? यदि नहीं, तो कब तक भूमि चिन्हित कर निर्माण संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजे जावेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) महाविद्यालय सैलाना में नवीन विषय एवं रावटी में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने संबंधी प्रस्ताव तैयार कर स्थायी परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुति हेतु प्रक्रियाधीन है। म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 21—1/2015/38—2 दिनांक 04/09/2015 द्वारा बाजना में महाविद्यालय खोलने की अनुमति प्रदान की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) रावटी में महाविद्यालय में संचालित नहीं है, अत: इससे संबंधित शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शासकीय महाविद्यालय बाजना के भवन निर्माण हेतु कलेक्टर, रतलाम द्वारा भूमि चिन्हित कर दी गई है। भवन निर्माण संबंधी प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति के विचारार्थ प्रस्तुत करने हेतु प्रक्रियाधीन है।
वन सुरक्षा हेतु रेंज में लगाए गए वाहन
118. ( क्र. 3318 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वन सुरक्षा हेतु कुल कितने वाहन लगाए गए हैं? ये वाहन कब से लगाए गए हैं? विगत 3 वित्तीय वर्षों में वाहनों पर होने वाले खर्च का वर्षवार ब्यौरा दें? (ख) वन वृत भोपाल, जबलपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा तथा बालाघाट में विषयांकित वाहनों द्वारा पकड़े गए वन अपराध वन्य प्राणी अपराध वन क्षेत्रों में अवैध उत्खनन तथा वन क्षेत्रों में अतिक्रमण के कितने मामलों में प्रकरण पंजीबद्ध किये गए वन मण्डल अनुसार जानकारी दें? (ग) वन सुरक्षा हेतु वाहन लगाने से क्या वन अपराधों में क्या कमी आई है? (घ) परिणामों की समीक्षा करने के पश्चात् यदि सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते हैं तो क्या इन वाहनों को बंद कर विभाग अनावश्यक होने वाले खर्च पर पूरे प्रदेश में अंकुश लगाएगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2015-16 में वन सुरक्षा हेतु 257 शासकीय वाहन एवं 396 किराये पर अनुबंधित वाहन लगाये गये है। वन सुरक्षा हेतु वर्ष 2001-02 से विभिन्न चरणों में शासकीय वाहन तथा वर्ष 2012-13 से अनुबंधित वाहन लगाये गये है। विगत तीन वर्षों में वाहनों पर हुये खर्च का ब्यौरा निम्न तालिका में दिया गया है :-
वित्तीय वर्ष
|
2013-14
|
2014-15
|
2015-16
|
व्यय (रू. करोड़ में)
|
12.17
|
14.82
|
13.92
|
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधीक्षण यंत्री के विरुद्ध चल रही जाँच
119. ( क्र. 3319 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री पी.के. मैडमवार अधीक्षण यंत्री के विरुद्ध लोकायुक्त तथा विभागीय कौन-कौन सी जाँच चल रही है? (ख) क्या विषयांकित के विरुद्ध जबलपुर परिक्षेत्र से संबंधित विभागीय जाँच चल रही है? यदि हाँ, तो जाँच की अद्यतन स्थिति तथा उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है बताएं? (ग) जबलपुर परिक्षेत्र से संबंधित विभागीय जाँच लंबित होने के बावजूद श्री पी.के. मैडमवार को मुख्य अभियंता का प्रभार किसके आदेश पर तथा किस नियम के तहत दिया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित नाम से कोई भी अधिकारी विभाग में कार्यरत नहीं है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय बड़नगर में चल रहे निर्माण कार्य
120. ( क्र. 3342 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय बड़नगर में कितने निर्माण कार्य चल रहे है तथा वह किस किस योजना के माध्यम से किये जा रहे है। निर्माण कार्य हेतु अधिकृत ठेकेदार और एजेंसी कौन-कौन सी है निर्माण कार्य की लागत क्या है? कार्य एजेंसी को कितना भुगतान किया गया है तथा कितना भुगतान करना शेष है? (ख) निविदा के आधार पर ठेकेदार को कितने समय में कार्य पूर्ण करना था और वर्तमान में कार्य की स्थिति क्या है? (ग) कार्य के समय पर पूर्ण न होने का कारण क्या है और इसके लिये जिम्मेदार कौन है? इस संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? शासकीय महाविद्यालय बड़नगर में चल रहे निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जायेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र—अ पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र—ब पर है। (ग) ठेकेदार द्वारा कार्य समय पर पूर्ण नहीं किए गये इसके लिए ठेकेदार जिम्मेदार है। निर्धारित समय में कार्य पूर्ण न करने के कारण अनुबंधन धारा—3 सी के अंतर्गत ठेकेदार को काली सूची में डालने का प्रस्ताव कार्यपालन यंत्री, उज्जैन के पत्र दिनांक 09/07/2016 द्वारा मुख्य अभियंता उज्जैन को भेजा गया है। प्राचार्य द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने के संबंध में समय—समय पर निर्माण एजेंसी को पत्र लिखे गये हैं। 04 नग क्लास रूम एवं 02 नग प्रयोगशाला का शेष निर्माण कार्य नवीन अनुबंध होने के तीन माह में पूर्ण करा लिया जावेगा तथा महाविद्यालय में चल रहे शेष कार्य शीघ्र पूर्ण होना संभावित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गाडरवारा तहसील की दुधी नदी पर पुल निर्माण
121. ( क्र. 3354 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के साईखेड़ा एवं जिला होशंगावाद के बनखेड़ी के बीच दुधी नदी पर क्या कोई पुल निर्माण किया जाना प्रस्तावित है यदि हाँ, तो इसका कार्य कब तक प्रारंभ होगा एवं कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) उक्त पुल निर्माण हेतु आगामी बजट में कितनी राशि का बजट/व्यय का प्राक्कलन रखा जाएगा तथा कितनी समयावधि में पुल निर्माण का कार्य पूर्ण किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डमरूघाटी शिवमंदिर का ट्रस्ट गठित किए जाना
122. ( क्र. 3355 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले की तहसील गाडरवारा के पास डमरूघाटी नाम से क्या कोई शिवमंदिर स्थापित है? (ख) क्या इस स्थान पर समय-समय पर मेला एवं उत्सवों का आयोजन होता है? यदि हाँ, तो कब-कब स्पष्ट करें? (ग) अभी तक इस धार्मिक स्थल के रख-रखाव एवं देखरेख हेतु क्या कोई समिति काम कर रही है क्या यह समिति विधिवत सरकारी नियमों के अनुसार गठित है तथा इसमें कौन पदाधिकारी है? नाम पते सहित विस्तृत बतायें। (घ) क्या भविष्य में प्रशासन विधिवत समिति गठित कर कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में इस धार्मिक महत्व के स्थल की देखरेख एवं विकास हेतु एवं मेला उत्सव आदि के आयोजन की व्यवस्था करेगा? (ड.) क्या समय-समय पर जनता के द्वारा या अन्य संगठनों द्वारा कोई आवेदन या सुझाव जिला प्रशासन या तहसील प्रशासन को प्राप्त हुए हैं जिसमें ट्रस्ट गठित कर उसका संचालन कार्य किया जाए? प्रशासन की ओर से उक्त आवेदन/सुझाव पर क्या पहल की गई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चम्बल संभाग के राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण में घडि़यालों की संख्या
123. ( क्र. 3358 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग मुरैना के राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण के क्षेत्रफल की क्या सीमाएं हैं? उसकी लम्बाई व चौड़ाई क्या है? प्रारम्भ के अंतिम स्थान के नाम सहित जानकारी पते सहित दी जावे? (ख) उक्त अभ्यारण में किन-किन स्थानों पर प्रमुख रूप से घडि़यालों की उपस्थिति पाई जाती हैवर्ष 2013 से जून 2016 तक कितने अण्डे प्राप्त हुए, कितने नष्ट मिले उनकी संख्या, स्थान, संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) उक्त अवधि में अण्डों से कितने बच्चे निकले उनको कहाँ संरक्षित कर नदी में छोड़ा गया स्थान, संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (घ) उक्त अवधि में कितने अण्डे नष्ट हुये कितने बच्चे, घडि़यालों की मृत्यु हुई? नष्ट होने एवं मृत्यु के क्या कारण रहे? विभाग को कब जानकारी मिली? दस्तावेजों में घटना कब अंकित की गई, स्थान दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य श्योपुर जिले के बड़ौदिया बिन्दी से लेकर भिण्ड जिले के ग्राम बिण्डवा तक चंबल नदी की 435 कि.मी. लंबाई में नदी के मध्य 1-1 कि.मी. चौड़ाई में फैला हुआ है। (ख) राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य में वगदिया सांठ देवपुरवरोली, नदीगांववरोठा, दिनपुरा, मगेरा, लखनौदी, चिलोंगा, समन्ना, ज्ञानपुरा, सांकरी, रायडीवनवारा, भर्रा, डावरपुरा, गुढा, चंबल, जैतपुर, टिगरी, रिठौरा, ऐसाह (भवे वरी), कुथियाना (वावूसिंह का घेर), रछेड़, उसैद, खुर्द, साहसपुरा, कच्छपुरा, खेराड़, अटेर आदि स्थानों पर प्रमुख रूप से घडि़यालों की उपस्थिति पाई जाती है। वर्ष 2013 से जून 2016 तक कुल 15,785 अण्डे चंबल नदी के प्राकृतिक परिवेश में पाये गये। इसके अतिरिक्त कुल 920 अण्डे नष्ट पाये गये। (ग) उक्त अवधि में 15,785 अण्डों में से 800 अण्डे केन्द्र देवरी पर लाये गये। इनसे कुल 735 बच्चे निकले। इन्हें अभी नदी में नहीं छोड़ा गया है। लगभग 04 वर्ष की आयु में 1.20 मीटर से अधिक लंबाई होने के उपरांत ही जीवित बच्चों को चम्बल, केन एवं सोन नदी के प्राकृतिक रहवास में छोड़ा जा सकेगा। अन्य राज्यों से भी मांग आने पर राज्य शासन की अनुमति से उन्हें घडि़याल उपलब्ध कराये जा सकते हैं। शेष 14,985 अण्डों की उनके प्राकृतिक परिवेश में सुरक्षा की गई। इनमें से निकले बच्चे स्वयं ही चंबल नदी के प्राकृतिक परिवेश में चले गये। (घ) उक्त अवधि में 920 अण्डे नदी में ही नष्ट पाये गये। देवरी केन्द्र पर लाये गये 800 अण्डों में से 65 अण्डों में से प्राकृतिक कारणों से बच्चे नहीं निकले एवं 735 बच्चों में से 217 बच्चों की प्राकृतिक मृत्यु हुई। सभी प्रकरणों में मृत्यु का अभिलेख देवरी केन्द्र पर रखा गया है तथा समस्त प्रकरणों में पशु चिकित्सकों से पोस्टमार्टम भी कराया गया है। अधिकांश प्रकरणों में प्रथम वर्ष के आयु में वर्षा ऋतु के बाद वायरल बीमारी के कारण मृत्यु हुई है। नदी के प्राकृतिक परिवेश में बच्चे अथवा घडि़यालों की मृत्यु के संबंध में प्रकरणवार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। प्राकृतिक परिवेश में सामान्यत: एक से दो प्रतिशत तक ही बच्चे जीवित रह पाते हैं।
बैतूल जिले की संरक्षित वनभूमि के संबंध में
124. ( क्र. 3367 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी ब्लाक के किस ग्राम की कितनी भूमि संरक्षित व सर्वे डिमार्केशन में शामिल की गई है? कितनी भूमि भारतीय वन अधि. 1927 की धारा 4 (1) के तहत अधिसूचित की गई। कितनी भूमि धारा 34 (अ) के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को अधिसूचित की गई है? (ख) घोड़ाडोंगरी ब्लाक के किस ग्राम की कितनी भूमि के वन अधिकार पत्र मान्य किए गये? किस ग्राम की कितनी भूमि के कितने वन अधिकार पत्र अमान्य किए गए। कितने अधिकार पत्रों का पुन:परीक्षण किया जा रहा है? (ग) धारा 34 (ख) के अनुसार राजपत्र में नोटिफाइड की गई वनभूमि के वन अधिकार दावों को मान्य व अमान्य किए जाने के बिन्दुओं का ब्यौरा दें? (घ) घोड़ाडोंगरी ब्लाक के किस ग्राम की कितनी भूमियों की धारा 34 (अ) के अनुसार किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक की राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन नहीं किया गया? अधिसूचना का प्रकाशन कब तक किया जाएगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 27 ग्रामों की 1431.476 हेक्टेयर वन भूमि के अधिकार पत्र मान्य किये गये एवं 71 ग्रामों के 3590.476 हेक्टेयर भूमि के दावे अमान्य किये गये। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। 1847 अमान्य किये गये दावों का पुन: परीक्षण किया जा रहा है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-34 (अ) के तहत निर्वनीकृत वनभूमि का वैधानिक स्वरूप राजस्व भूमि हो जाता है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-2 (घ) में ''वनभूमि'' की उल्लेखित परिभाषा के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक-2-4/2014/सात-6 दिनांक 05.08.2014 के द्वारा राजस्व वन भूमि के वनों में भी अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासियों के वन अधिकार को मान्यता दिये जाने के निर्देश हैं। वन अधिकार दावों को साक्ष्य/अभिलेखों के आधार पर मान्य एवं अमान्य किया जाता है। (घ) उत्तरांश ''क'' में अंतरित भूमियाँ जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक के कॉलम 10 से 13 में दर्शित हैं, को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 13.11.2000 द्वारा निर्वनीकरण पर रोक लगाई जाने के कारण निर्वनीकरण की अधिसूचना का प्रकाशन नहीं किया जा सका हैं। अत: समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
अशासकीय महाविद्यालयों के संबंध में
125. ( क्र. 3376 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाविद्यालयों से संबंधित यू.जी.सी./विश्वविद्यालय की गाईड लाईन अनुसार कोड-28 क्या है, इसके तहत क्या कार्यवाही की जाती है? इसके क्या मापदण्ड हैं? विस्तृत जानकारी दें तथा कोड-28 की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) कटनी जिले के अंतर्गत कितने अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? इनको संचालित करने वाली संस्था कौन है? उसके सदस्यों सहित तथा संचालित कोर्स सहित एवं कोर्सवार विश्वविद्यालय की निर्धारित फीस एवं महाविद्यालयों द्वारा ली जाने वाली फीस सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संचालित कॉलेजों में संचालित कोर्सों में शिक्षण कार्य करने हेतु यू.जी.सी. व अन्य के क्या निर्देश हैं? जानकारी दें। क्या इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार संचालित कालेजों के कोर्स/प्रोग्राम में शिक्षक कार्य करने वाले शिक्षकों को कितना क्या सैलरी कोड-28 के तहत दी जाती है? क्या इनके ई.पी.एफ. या जी.पी.एफ. या एन.पी.एस. के तहत कटौत्रा किया जाता है? (ड.) प्रश्नांश (ख) अनुसार कालेजों में यदि कोड-28 का पालन नहीं किया जा रहा है तो इसके लिए दोषी कौन है, उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) अशासकीय महाविद्यालय से संबंधित मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 35 के अंतर्गत शैक्षणिक नियुक्ति हेतु परिनियम 28 (कॉलेज कोड) प्रावधानित है। परिनियम 28 के तहत की जाने वाली कार्यवाही एवं मापदण्ड की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) कटनी जिले के अन्तर्गत 13 अशासकीय महाविद्यालय संचालित है। महाविद्यालयों को संचालित करने वाली संस्था एवं उसके सदस्यों से संबंधित प्रपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है एवं महाविद्यालयों द्वारा संचालित कोर्स की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' पर तथा कोर्सवार विश्वविद्यालयों की निर्धारित फीस संबंधी अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' पर है। महाविद्यालयों द्वारा ली जाने वाली फीस सामान्य पाठ्यक्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' पर दी गई है। इसके अतिरिक्त निजी महाविद्यालयों द्वारा व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिये ली जाने वाली फीस का निर्धारण शुल्क विनियामक आयोग मध्यप्रदेश द्वारा किया जाता है। (ग) प्रश्नांश 'ख' अनुसार संचालित कालेजों में शिक्षण कार्य करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' पर है। जी हाँ, पालन किया जा रहा है। (घ) जी हाँ, 05 महाविद्यालयों के द्वारा शासन के नियमानुसार वेतन भुगतान एवं ई.पी.एफ./जी.पी.एफ./एन.पी.एस. का कटौत्रा किया जाता है। शेष 08 महाविद्यालयों द्वारा नहीं किया जा रहा है। (ड.) कालेज कोड 28 का पालन न करने वाले महाविद्यालयों के संबंध में निरीक्षण समिति से प्राप्त प्रतिवेदन पश्चात् विद्या परिषद् की स्थायी समिति की अनुशंसा एवं कार्यपरिषद् के निर्णय अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा कार्यवाही की जाती है।
जंगली जानवारों से पीडि़त परिवारों को सहायता
126. ( क्र. 3377 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक जंगली जानवरों से पीडि़त कितने परिवारों के किन-किन वन परिक्षेत्र से संबंधित आवेदन प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में कितने आवेदन पात्र एवं कितने आवेदन अपात्र पाये गये? अपात्रता के कारण सहित वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने हितग्राही को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई वर्षवार वन परिक्षेत्रवार बतायें? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा वन मण्डलाधिकारी, सामान्य वन मंडल कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 3072 दिनांक 15.02.2016 एवं 185 दिनांक 26.04.2016 के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या इस योजनांतर्गत क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों द्वारा कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो किस स्तर के जनप्रतिनिधियों एवं किस ग्राम के नागरिकों द्वारा पत्र प्रेषित किये गये हैं? उन पत्रों पर विभाग/कार्यालय द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाहीवार, विवरण दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) माननीय विधायक बहोरीबंद का पत्र क्रमांक/3072, दिनांक 15.02.2016 वन मंडल कार्यालय कटनी के आवक पंजी में दर्ज होना नहीं पाया गया। पत्र क्रमांक/185, दिनांक 26.04.2016 पर वनमंडलाधिकारी, कटनी द्वारा जाँच हेतु परिक्षेत्र अधिकारी, बहोरीबंद को लेख किया गया। परिक्षेत्र अधिकारी बहोरीबंद के पत्र क्रमांक 720, दिनांक 10.07.2016 से अवगत कराया गया कि संबंधित द्वारा जो दवाई बिल प्रस्तुत किया गया था, चिकित्सा व्यय की राशि 3,000 थी, जिसे आवेदक द्वारा 23,000 लिखा गया था। उक्त प्रकरण की जाँच उपरान्त परिक्षेत्र अधिकारी, बहोरीबंद के आदेश क्रमांक-50, दिनांक 28.06.2016 से प्रकरण खारिज किया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शासकीय आवास गृहों परिसरों में अवैध कब्जा
127. ( क्र. 3416 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजधानी भोपाल में शासकीय आवास गृहों में देखरेख एवं रख-रखाव लोक निर्माण विभाग के द्वारा किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो शासकीय आवास आवंटन की शर्तें/अनुबंध के अनुसार शासकीय आवास गृहों के परिसर अथवा दिवारों के सहारे झुग्गियां/मकान बनाया जाना प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी है? यदि हाँ, तो साउथ टी.टी. नगर भोपाल के जी एवं एच टाईप के शासकीय आवास गृहों के बीच में बरसात के पानी के निकासी हेतु गलियों में शासकीय आवास गृहों की दिवारों पर अतिक्रमण करते हुये झुग्गियां बनाई गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये लोक निर्माण विभाग के संबंधित जिम्मेदार किन-किन उपयंत्री/अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग के विरूद्ध संपदा संचालनालय द्वारा की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कार्रवाई की जाकर उक्त झुग्गियों को हटाया जायेगा? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में साउथ टी.टी. नगर में जी टाईप के किन-किन नंबरों के रिक्त शासकीय आवास गृहों पर अवैध कब्जा किया गया है अथवा किराये पर संचालित है? अनुभागवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय आवास गृह के परिसरों व मार्गों के आस-पास भारी वाहन/बसे आदि खड़ी की जाती है, जिससे आवागमन अवरूद्ध होता है तथा दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है? क्या भारी वाहनों/बसों को खड़े रहने पर रोक लगाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) यदि आवंटिती द्वारा अतिक्रमण किया जाता है तो आवास आवंटन की शर्तों के अनुरूप कार्यवाही की जा सकती है। जाँच कराई जा रही है। (ग) जाँच कराई जा रही है। (घ) समय-समय पर भारी वाहनों के शहर में प्रवेश को नियंत्रित किया जाता है। किंतु बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाना संभव नहीं है। जहां कहीं अवैध पार्किंग पाई जाती है वहां नियमानुसार कार्यवाही नियमित रूप से की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गठित समिति के सदस्यों द्वारा जाँच
128. ( क्र. 3443 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 7593 दिनांक 29-03-16 के उत्तरांश (क) अनुसार बतावें कि समिति के सदस्य कौन-कौन हैं तथा उनकी जाँच का विषय बिंदु क्या-क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जाँच समिति द्वारा किस-किस दिनांक को मीटिंग आयोजित की गई? क्या समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार समिति का गठन, सदस्यों को नामित करने का कार्य किसके आदेश से किया गया? आदेश की प्रति दें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में समिति की बैठक आयोजित की जा रही है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समिति का गठन, सदस्यों को नामांकित करने का कार्य शासन द्वारा किया गया है। आदेश की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा प्रबंधित मंदिर
129. ( क्र. 3444 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में कुल कितने मंदिर है, जो धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा प्रबंधित है? इन मंदिरों की कितनी-कितनी भूमि कहाँ-कहाँ स्थित है? मंदिर के नाम, स्थान, भूमि का रकवा एवं स्थान सहित तहसीलवार जानकारी दें? वर्तमान में उक्त भूमियों में से कितनी-कितनी भूमि पर कहाँ-कहाँ पर किस-किस का अतिक्रमण है? वर्ष 2014-15, 2015-16 में उक्त मंदिरों को कितनी-कितनी आय हुई? (ख) क्या वर्ष 2015-16 में धार्मिक एवं धर्मस्व विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्र विजयपुर के मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि आवंटित की गई? यदि हाँ, तो किस-किस मंदिर हेतु कितनी-कितनी राशि? क्या उक्त राशि से कार्य न कर पाने के कारण राशि लेप्स हो गई? यदि हाँ, तो क्या इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित राशि इस वर्ष पुन आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो उक्त राशि के कार्य कब तक प्रारंभ करा दिए जावेंगे? (घ) श्योपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विभाग की क्या योजना है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिवनी जिलान्तर्गत वृक्षारोपण
130. ( क्र. 3445 ) श्री दिनेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में पौध रोपण (वृक्षारोपण) के लिये वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक की अवधि में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से तथा अन्य मद से कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा जिले में कहाँ-कहाँ वृक्षारोपण किया गया, ग्राम का नाम, पंचायत का नाम, रकबा खसरा नं. तथा पौधों की संख्या सहित विकासखण्डवार, वर्षवार, बतायें? (ख) उक्त वृक्षारोपण की जीवितता बनाये रखने के लिये देखरेख के लिये कितनी राशि का प्रावधान रहता है और विभाग के द्वारा क्या किया जाता है? प्रश्नांश (क) की अवधि में कितनी राशि व्यय की गयी विकासखण्डवार, वर्षवार बतायें? (ग) वर्तमान समय में उक्त पौधरोपण की क्या स्थिति है? कितने जीवित हैं, कितने नष्ट हो गये? नष्ट होने के क्या कारण हैं? (घ) जहाँ पर पौध रोपण किया गया था वहां वर्तमान में 10 प्रतिशत ही जीवित एवं तकनीकी रूप से महत्वाकांछी योजना में पौधों की जीवितता बनाये रखने के लिये कुशल एवं तकनीकी रूप से सक्षम जिला अधिकारियों के द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। समस्त वृक्षारोपण क्षेत्र वर्षा आधारित क्षेत्र हैं, पौधे नष्ट होने का कारण भीषण गर्मी एवं अल्प वर्षा का होना है। (घ) जी नहीं। रोपण क्षेत्रों में वर्तमान में 10 प्रतिशत से अधिक पौधे जीवित हैं। विभाग के अधिकारियों द्वारा रोपण क्षेत्रों की सफलता बनाये रखने के लिये तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप रोपण करना, रोपण क्षेत्रों का सतत् निरीक्षण किया जाना है, क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एवं रख-रखाव का कार्य संपादन किया जाता है।
भारत गैस एजेन्सी बायपास से ग्राम राघादेही तक मार्ग का निर्माण
131. ( क्र. 3448 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के ज्ञान में है कि सिवनी जिले की सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मानेगांव के पास स्थित भारत गैस एजेन्सी बायपास से ग्राम राघादेही तक का निर्माण कार्य अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है? क्यों? (ख) मार्ग का निर्माण समय पर पूरा नहीं होने पर ठेकेदार और अधिकारियों के विरूद् क्या कार्यवाही की गई? निर्माण में देरी होने से इसकी लागत नहीं बढ़ जायेगी? उसका जिम्मेदार कौन है? (ग) क्या इस मार्ग के नहीं बनाने से जनता काफी परेशान है? क्या इसका निर्माण काफी दिनों से बंद है, यदि हाँ, तो इसको शुरू कराने में कितना समय लगेगा? क्या ठेकेदार का ज्यादा पेमेंट कर दिया गया है? (घ) इस मार्ग का कितना काम बाकी रह गया है और कब तक पूर्ण हो सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-1 सिवनी से संबंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-1 सिवनी से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-1 सिवनी से संबंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-1 सिवनी से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-1 सिवनी से संबंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-1 सिवनी से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-1 सिवनी से संबंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-1 सिवनी से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन मंडल कटनी में कार्यों की जानकारी
132. ( क्र. 3451 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा वनसरंक्षक कटनी को पत्र क्रमांक 1459/36/2016-17 दिनांक 09-04-2016 के द्वारा संलग्न पत्र पर जाँच एवं कार्यवाही हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो नियमानुसार पत्र की पावती प्रश्नकर्ता को मुझे कब प्रदाय की गई एवं पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? बतायें। (ख) प्रश्नांश ''क'' के तहत कराये गये कार्यों की स्वीकृति, कार्यों का निरीक्षण, भौतिक सत्यापन एवं कार्य का मुल्यांकन किन-किन शासकीय सेवकों/अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया, इनके द्वारा क्या प्रतिवेदन दिये गये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। प्राप्त पत्र की पावती दिनांक 12.04.2016 को माननीय विधायक को प्रदाय की गई। माननीय विधायक से प्राप्त पत्र के संदर्भ में वृक्षारोपणों में जीवित पौधों की विसंगति के संबंध में उप वनमंडलाधिकारी पूर्व कटनी से जाँच कराई जाकर माननीय विधायक मुडवारा कटनी को वनमंडलाधिकारी कटनी के पत्र क्रमांक 4778 दिनांक 08.07.2016 द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
वनों के रख-रखाव एवं जल संवर्धन कार्य
133. ( क्र. 3452 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य वनमण्डल कटनी के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक वनों के रख-रखाव, जल संवर्धन एवं वन प्राणियों हेतु पेयजल की उपलब्धता हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में, कब-कब प्राप्त हुई और कितना-कितना व्यय किन स्थानों पर क्या-क्या कार्य हेतु किया गया? (ख) वर्ष 2016-17 में सार्वजनिक स्थलों, शैक्षणिक संस्थाओं एवं अन्य स्थानों पर वृक्षारोपण की क्या कार्ययोजना है? मुडवारा विधान सभा क्षेत्र में वृक्षारोपण के कार्य किन-किन स्थानों में किया जाना प्रस्तावित है और प्रभावी कार्ययोजना की प्रश्न दिनांक तक प्रगति से अवगत करायें? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत वनों के रोपण, रख-रखाव एवं जल संवर्धन हेतु क्या-क्या सामग्री, किस-किस विक्रेता फर्म से कब-कब किस दर पर क्रय की गई? (घ) क्या वनों के रख-रखाव के समुचित कार्य न होने से रोपित पौधों एवं वनों के रकबे में कमी आई है और वन्य प्राणियों को पेयजल की उपलब्धता न होने के चलते वन प्राणियों के बस्ती क्षेत्रों में आने की घटना सामने आयी है? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ, है तो इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो कैसे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्नांश ''घ'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल मैदान/स्टेडियम की स्वीकृति
134. ( क्र. 3459 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) युवाओं को खेल के क्षेत्र में प्रोत्साहन देने हेतु खेल मैदान/खेल स्टेडियम स्वीकृत किए जाने संबंधी क्या मापदण्ड व प्रक्रिया हैं? (ख) विगत 03 वर्षों में म.प्र. में कितने खेल मैदान/खेल स्टेडियम स्वीकृत किए गए हैं? (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में खेल मैदान/खेल स्टेडियम स्वीकृति संबंधी कोई प्रस्ताव या मांग प्राप्त होकर प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही हैं एवं कब तक स्वीकृत होगी? (घ) क्या स्व-प्रेरणा से विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में खेलों को बढ़ावा देने हेतु खेल मैदान/खेल स्टेडियम स्वीकृति हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक व क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल स्टेडियम निर्माण हेतु उपयुक्त/निःशुल्क समतल भूमि 5 से 7 एकड़ खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज कर हस्तांतरित होना अनिवार्य है तथा खेल मैदान निर्माण हेतु वर्तमान में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफारर्मेंस ग्रान्ट से 5 से 8 एकड़ भूमि उपलब्ध होने पर भूमि का चयन कर जिला कलेक्टर द्वारा आवंटन करने के पश्चात् प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 01 आउटडोर ग्रामीण खेल परिसर निर्माण कराये जाने की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजना है। (ख) विगत 3 वर्षों में मध्यप्रदेश में 13 खेल स्टेडियम स्वीकृत किये गये है। खेल मैदानों का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर के ग्राम आमलानाका में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफार्मेंस ग्रान्ट से खेल मैदान निर्मित किये जाने हेतु संचालनालय के पत्र क्र. 484, दिनांक 10.06.2016 द्वारा प्रमुख अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, विकास आयुक्त कार्यालय, भोपाल को प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका था, परंतु न्यायालय कलेक्टर जिला आगर मालवा के पत्र क्र. 3/अ-59/2014-15 दिनांक 08.06.2016 द्वारा पूर्व में आरक्षित की गई भूमि का रकवा क्रमांक में परिवर्तित कर खेल परिसर निर्माण हेतु भूमि आरक्षित की गई है। उक्त आदेश की प्रति प्रमुख अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, विकास आयुक्त कार्यालय, भोपाल को प्रेषित की जा चुकी है। ग्रामीण खेल परिसर निर्माण की कार्यवाही ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा की जाना है। अतः आगामी कार्यवाही करने एवं कब तक स्वीकृति होने से संबंधित जानकारी बताई जाना संभव नहीं है। (घ) विभाग में अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान प्रारंभ किया जाना
135. ( क्र. 3460 ) श्री
मुरलीधर
पाटीदार :
क्या राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नवीन
पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय
प्रारम्भ किए
जाने संबंधी
क्या मापदण्ड
व प्रक्रिया
हैं ? (ख)
विगत 04
वर्षों में
म.प्र. में
कितने नवीन
पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय
प्रारम्भ किए
गए हैं? (ग)
प्रश्नकर्ता
के विधान सभा
क्षेत्र
सुसनेर
अंतर्गत
संचालित
औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्थानों में
नवीन ट्रेड
प्रारम्भ
किये जाने
संबंधी कोई
प्रस्ताव
प्रक्रियाधीन
हैं? यदि
हाँ, तो
नवीन ट्रेड कब
तक प्रारम्भ
किये जावेंगे
वर्तमान में
औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्थानों से
क्षेत्र के
कितने
विद्यार्थी
लाभान्वित हो
रहे हैं?
संस्थानवार
जानकारी
देवें? (घ)
प्रश्नकर्ता
द्वारा विधान
सभा क्षेत्र
सुसनेर
अंतर्गत नवीन
पॉलिटेक्निक महाविद्यालय
प्रारम्भ
किये जाने
संबंधी कोई
प्रस्ताव या
मांग की गई थी? यदि हाँ, तो क्या
कार्यवाही की
जा रही हैं? यदि
नहीं, तो
क्या
स्व-प्रेरणा
से विधान सभा
क्षेत्र सुसनेर
में तकनीकि
शिक्षा को
बढ़ावा देने
हेतु नवीन
पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय
खोलने की कोई प्रभावी
कार्यवाही की
जावेगी?
यदि
हाँ, तो
कब तक व क्या?
राज्यमंत्री, तकनीकी
शिक्षा ( श्री
दीपक जोशी ) : (क)
नवीन
पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय
प्रारंभ किए
जाने के संबंध
में
ए.आई.सी.टी.ई.
द्वारा मापदंड
निर्धारित
किए गए हैं जो
ए.आई.सी.टी.ई. की
वेबसाईट पर
उपलब्ध हैं।
आनलाईन
प्रक्रिया के
माध्यम से
आवेदन
आमंत्रित किए
जाते हैं। (ख)
शासकीय
क्षेत्र में
कोई भी
पॉलिटेक्निक
नहीं खोला गया
है। निजी
क्षेत्र में 75
पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय
आरंभ हुए
हैं। (ग)
विधान सभा
क्षेत्र
सुसनेर में 01 शासकीय
एवं 02
निजी
औद्योगिक
प्रशिक्षण
संस्था
संचालित है।
शासकीय
औद्योगिक
प्रशिक्षण संस्था, सुसनेर
का
निर्माणाधीन
भवन का कार्य
पूर्ण होने के
उपरांत नवीन
व्यवसाय
प्रारंभ करना
संभव होगा।
समयावधि बताया
जाना संभव
नहीं है।
वर्तमान में
शासकीय आई.टी.आई.
सुसनेर में 03 व्यवसाय
वेल्डर, फिटर
एवं विद्युतकार
संचालित है।
संस्था से 03 व्यवसायों
में
प्रतिवर्ष 84
प्रशिक्षाणार्थी
लाभांवित हो
रहे है। रेवा प्राईवेट
आई.टी.आई. में
इलेक्ट्रीशियन
व्यवसाय
संचालित है
जिसमें 63
प्रशिक्षणार्थियों
को वर्ष 2015
में प्रवेश
दिया गया है।
शुभम श्री
बालाजी प्राईवेट
आई.टी.आई. में
इलेक्ट्रिशियन
व्यवसाय
एस.सी.व्ही.टी.
के अन्तर्गत
केवल एक वर्ष
हेतु अनुमति
दी गई है। जिसमें
126
प्रशिक्षणार्थियों
को वर्ष 2015
में प्रवेश
दिया गया है। (घ)
जी हाँ।
वर्तमान में
सुसनेर में
पॉलिटेक्निक
खोलने की कोई
योजना नहीं।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
खेल सामग्री का वितरण
136. ( क्र. 3461 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2008-09 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/ विभाग द्वारा रतलाम जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में विकासखंडवार खेल गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने हेतु खेल सामग्री प्रदान की गयी है? (ख) यदि हाँ, तो खेल सामग्री वितरण हेतु स्कूल शिक्षा विभाग अथवा पंचायत को माध्यम बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में विकासखंडवार/स्कूलवार इसे वितरित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में जिले में कुल किस-किस प्रकार की, कितनी-कितनी खेल सामग्री वितरित कब की गयी? (घ) उपरोक्त माध्यमों के द्वारा वितरित सामग्री प्राप्तकर्ता एवं प्रदायकर्ता कौन होकर इनका भौतिक सत्यापन कब, किस प्रकार किया गया?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) रतलाम जिले में अपेक्षित अवधि में से वर्ष 2008-09, 2009-10 एवं 2010-11 में सामग्री वितरित की गई जिसकी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक कोई सामग्री वितरित नहीं की गई है, इसलिये इस अवधि की जानकारी निरंक है। (घ) उपरोक्त सामग्री के प्रदायकर्ता जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी रतलाम तथा प्राप्तकर्ता अधिकारी के नाम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वितरित सामग्री का भौतिक सत्यापन संबंधित प्रदायकर्ता एवं प्राप्तकर्ता अधिकारियों द्वारा सामग्री वितरण के समय ही किया गया है।
प्रदेश में घटित वन अपराधों के विभिन्न प्रकरण
137. ( क्र. 3471 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभिन्न प्रकार के वन अपराधों के किस-किस प्रकार के कितने प्रकरण वर्तमान में दर्ज हैं? संख्या बतायें उज्जैन संभाग में 1 जनवरी,2014 के पश्चात् वन भूमि पर अतिक्रमण, अवैध कटान, अवैध खनन, वन्य जीव अपराध के कितने प्रकरण कैलेण्डर वर्षवार कितने व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किये गये? (ख) उक्त प्रकरण में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, कितने व्यक्तियों से कितना राजस्व वसूला? क्या सरकार अभियान चलाकर वन भूमि अतिक्रमित क्षेत्र को मुक्त करने हेतु कोई योजना/नीति बना रही है? (ग) गैर वानिकी कार्य हेतु प्रत्यावर्तित वन भूमि के बदले में प्राप्त क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, दंडात्मक वृक्षारोपण तथा नेट प्रजेंट वेल्यु आदि से प्राप्त राशि दवारा भारत सरकार द्वारा गठित केम्पा फंड से वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक सरकार को कितनी राशि स्टेट कम्पाउंड फंड में प्राप्त हुई और विभाग द्वारा कैम्पा कार्य में कितनी राशी व्यय की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) उक्त प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। उज्जैन संभाग में 851 व्यक्तियों से रूपये 4461322/- राजस्व प्रतिकर के रूप में वसूल किया गया। अतिक्रमित वन भूमि को मुक्त कराने हेतु पुर्व से नीति बनी हुई है। अत: नई नीति बनाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
गांधी सागर अभ्यारण का वन क्षेत्र
138. ( क्र. 3481 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिला स्थित गरोठ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत गांधीनगर अभ्यारण वन क्षेत्र में किस-किस प्रजाति के वन पाये जाते हैं? विगत दो वर्षों में कितने वृक्ष काटे गए एवं वृक्षों तथा वनोपज से प्राप्त आय का ब्यौरा क्या? (ख) वन क्षेत्र में विगत दो वर्षों में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे कितनी-कितनी राशि व्यय कर रोपित किए गए वर्षवार, राशिवार ब्यौरा दें? साथ ही इनके रख-रखाब पर किए गए व्यय का ब्यौरा दें? (ग) बांस की उपज बढ़ाने की दिशा में सन्दर्भित क्षेत्र एवं गरोठ विधान सभा क्षेत्र में किए गए कार्यों का दो वर्ष का ब्यौरा दें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सामान्य वनमण्डल मंदसौर के अंतर्गत गांधीनगर अभ्यारण्य (संरक्षित क्षेत्र) में चैम्पियन एवं सेठ द्वारा पुनरीक्षित वन वर्नीकरण के आधार पर वन प्रकार 5A/C3, 5A/DS4 दक्षिणी उष्ण कटीबंधीय शुल्क वन, पर्णपाती मिश्रित वन व दक्षिणी उष्ण कटीबंधीय शुष्क घास वन है। जिसमें मुख्य प्रजातियां धावडा, सलई, मोयन, तेन्दू, रोहन, खैर, करधई पाई जाती है। अभ्यारण्य गांधीसागर (संरक्षित क्षेत्र) में विगत दो वर्षों में वृक्षों को विदोहन नहीं किया गया है। अत: वनोपज की ब्रिकी से आय प्राप्त होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) गांधीसागर अभ्यारण्य क्षेत्र में विगत दो वर्षों में कोई रोपण नहीं किया गया। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। किन्तु गरोठ विधान सभा क्षेत्र में अभ्यारण्य क्षेत्र के बाहर परिक्षेत्र गरोठ एवं भानपुरा में विगत दो वर्षों में वर्षवार, बांस एवं अन्य रोपित पौधों की संख्या एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) विगत दो वर्षों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। वर्ष 2016-17 में मध्यप्रदेश राज्य बांस मिशन के अंतर्गत प्रश्नांकित क्षेत्र में गांधीसागर अभ्यारण्य के बाहर परिक्षेत्र गरोठ एवं भानपुरा में क्रमश: 22470 एवं 16000 बांस के पौधे कृषकों के खेतों में लगाने के लिये उन्हें प्रेरित किया गया है।
शासकीय मंदिरों का जीर्णोद्धार
139. ( क्र. 3482 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर जिले में कितने-कितने एवं कौन-कौन से मंदिर एवं धार्मिक स्थल शासन द्वारा अधिग्रहित अथवा शासकीय श्रेणी में आते हैं? तहसीलवार ब्यौरा दें? (ख) उपरोक्त धार्मिक स्थलों के रख-रखाव, जीर्णोद्धार, रख-रखाव के प्रस्ताव विगत दो वर्षों से शासन के पास लंबित हैं एवं कितने मंदिरों के प्रस्ताव जुलाई 2015 से अब तक शासन को प्राप्त हुए हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) गरोठ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने मंदिरों के जीर्णोद्धार, रख-रखाव के प्रस्ताव विगत दो वर्षों से शासन के पास लंबित हैं एवं कितने मंदिरों के प्रस्ताव जुलाई 2015 से अब तक शासन को प्राप्त हुए हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निविदा अनुबंध में अनियमितता
140. ( क्र. 3488 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन लो.नि.वि. मंत्रालय भोपाल द्वारा बिना वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के निविदा आमंत्रण सूचना में विशेष शर्त जोड़ने से प्रतिबंधित किया गया है और आदेश में ऐसा उल्लेख है कि बिना अनुमति के निविदा में विशेष शर्त जोड़ने पर निविदा आमंत्रित एवं अनुमोदित करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी? (ख) क्या श्री सुरेश चन्द्र वर्मा कार्यपालन यंत्री (वि./यां.) संभाग ग्वालियर द्वारा निविदा क्र.-5/2016-07 के समस्त टेण्डरों की विशेष शर्तों के बिन्दु 14 (ii) में कार्य के स्थान परिवर्तन की विशेष शर्त बिना वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लिये शामिल कर दी गई हैं? (ग) क्या लो.नि.वि. (वि/यां) संभाग ग्वालियर के अनुबंध क्र. 18/2016-17 दि. 27.06.2016 लो.नि.वि. (वि./यां.) उप संभाग श्योपुर के अंतर्गत विद्युतीकरण कार्य हेतु किया गया है जिसकी दर SOR से 19.19% कम है एवं इसी संभाग का अनुबंध क्र. 14/2016-17 दि. 23.06.2016 को लो.नि.वि. (वि/यां) उप संभाग ग्वालियर के अंतर्गत विद्युतीकरण कार्य हेतु किया गया है जिसकी दर 30.15% कम है? (घ) उपरोक्त वर्णित अनुबंधों में से अधिक दर वाले एवं अन्यत्र स्थान वाले अनुबंध में ग्वालियर का कार्य कराने हेतु आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो यह नियम विरूद्ध होकर शासन को आर्थिक हानि हुई है? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी द्वारा उप संभाग भिण्ड में भी ऐसे आदेश पारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ-52/1/10/यो/19/53 भोपाल, दिनांक 03.01.11 द्वारा निविदा प्रपत्र में विशेष शर्त लगाये जाने वाली शर्तों का अनुमोदन केवल शासन/प्रमुख अभियंता से प्राप्त करना होगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ-53/16/2012/19/यो-1811 भोपाल दिनांक 19.05.14 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, के द्वारा दिनांक 01.01.14 से जारी नवीन निविदा प्रपत्र में विशेष शर्तों से संबंधित समस्त जारी आदेश निरस्त किया जाना प्रस्तावित किया गया है। निविदा प्रपत्र 2.10 में कंडीशन आफ कान्ट्रेक्ट, (एस.सी.सी.) सेक्शन 3, के पार्ट-2 में विशेष शर्त लगाने हेतु प्रावधान निहित है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। जी नहीं, जारी किए गए आदेश निरस्त कर दिए गए है, जिससे शासन को किसी प्रकार की आर्थिक हानि का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3, एवं 4 अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
राजगढ़ विधान सभा में धर्मस्व विभाग में दर्ज
141. ( क्र. 3506 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले में धर्मस्व विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से मंदिर, मस्जिद, दरगाह, गिरजाघर व गुरूद्वारा दर्ज हैं? विधान सभावार जानकारी देवें? (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत धर्मस्व विभाग के अंतर्गत दर्ज मंदिर, मस्जिद, दरगाह, गिरजाघर व गुरूद्वारा का संचालन किसके द्वारा किया जा रहा है? (ग) क्या उक्त संचालन हेतु कोई मानदेय भी शासन द्वारा दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितना मानदेय किस-किस को दिया जाता है? नाम, स्थान व राशि सहित बतावें? (घ) क्या वर्तमान में राजगढ़ विधान सभा की होड़ामाताजी, जालपा माताजी, बटेरी माताजी एवं वेजनाथ खोयरी महादेव मंदिर राजगढ़ को धर्मस्व विभाग में जोड़ा जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आर.जी.पी.वी. द्वारा बेरोजगारों से ठगी किया जाना
142. ( क्र. 3514 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आर.जी.पी.वी.) भोपाल द्वारा किस-किस पद की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी कर तथा अन्य माध्यमों से आवेदन ऑनलाईन व अन्य माध्यम से प्राप्त किये जाकर कितने आवेदनकर्ताओं से कितनी राशि प्राप्त की गई? (ख) उक्त किन-किन भर्तियों की परीक्षाएं किन-किन कारणों से स्थगित की गई एवं परीक्षाएं आज दिनांक तक नहीं कराई गई है तथा उन आवेदनकर्ताओं द्वारा जमा कराई गई राशि प्रश्न दिनांक तक वापस किन कारणों से नहीं की गई? इसके लिये कौन दोषी है व उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या आर.जी.पी.वी. द्वारा बेरोजगारों को रोजगार दिये जाने के नाम पर ठगी की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिए संबंधित जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) वर्ष 2014 में विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदो हेतु जारी विज्ञापन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। वर्ष 2014 में शैक्षणिक पदों हेतु कुल राशि रूपये 18,71,000/- एवं गैर शैक्षणिक पदों हेतु राशि रूपये 9,50,050/- आवेदन शुल्क प्राप्त हुआ हैं। (ख) वर्ष 2014 में जारी शैक्षणिक विज्ञापन की वैद्यता अवधि 01 वर्ष की थी, जिसके समाप्त हो जाने के कारण वर्ष 2015-16 में शैक्षणिक पदों की पूर्ति हेतु पुन: विज्ञापन करने के लिये विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद् की 85वीं बैठक में दिनांक 19.01.2016 को अनुमोदन किया गया हैं। विश्वविद्यालय द्वारा पुन: विज्ञापन जारी किये जाने पर पूर्व में जिन आवेदकों ने आवेदन किया हैं, उन्हें पुन: आवेदन करने पर आवेदन शुल्क देने की आवश्यकता नहीं हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में प्राध्यापकों की वेतन विसंगति
143. ( क्र. 3519 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के भर्ती नियम 2015 में प्राध्यापकों को ग्रेड पे दस हजार किया गया है यदि हाँ, तो प्रदेश के सभी प्राध्यापकों को उक्त वेतनमान दिया जा रहा है यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ जबलपुर के स्थगन आदेश के आधार पर सीधी भर्ती के प्राध्यापकों को दस हजार ग्रेड पे नहीं दिया जा रहा है? (ग) प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में वेतन निर्धारण में हो रही विसंगतियों का क्या कारण है उक्त विसंगतियों को कब तक समाप्त किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शैक्षणिक सेवा भरती नियम 1990 में किया गया संशोधन दिनांक 27.08.15 भूतलक्षी प्रभाव से लागू नहीं है। अत: सभी प्राध्यापकों को नियमानुसार वेतनमान दिये जाने का प्रकरण प्रक्रियाधीन है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय के अन्तरिम आदेश के अनुसार सीधी भरती के प्राध्यापकों को 10,000/— ग्रेड—पे दिया जा रहा है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बैतूल वन वृत्त में नियम विरूद्ध पदोन्नति
144. ( क्र. 3522 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी की वरीयता सूची के आधार पर वन रक्षकों को वनपाल के पद पर पदोन्नति दिए जाने के नियम है? (ख) क्या बैतूल वनवृत्त में वर्ष 2016 में वनरक्षकों की वनपाल के पद पर पदोन्नति के लिए दैनिक वेतन पर नियुक्ति की तिथि की वरीयता को आधार मानकर वनरक्षकों की वनपाल के पद पर पदोन्नति की गई है? (ग) यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध की गई पदोन्नति के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी, नहीं। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल में वनरक्षकों की वनपाल पद पदोन्नति
145. ( क्र. 3523 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में अप्रैल, 2016 में आदेश जारी किए है? आदेश/निर्देश क्या है? (ख) आदेश दिनांक के पूर्व हुई पदोन्नति समिति की बैठकों में प्रतीक्षा सूची में दर्ज कर्मचारियों के पदोन्नति आदेश जारी किए जाने के संबंध में शासन के क्या निर्देश है? निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) क्या वर्ष 2016 में वन विभाग बैतूल में वनरक्षकों की वनपाल के पद पर पदोन्नति के आदेश जारी किए गए है? यदि हाँ, तो पदोन्नति आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं? (घ) क्या उपरोक्त पदोन्नति आदेश में प्रतीक्षा सूची में दर्ज वनरक्षकों की वनपाल पद पर पदोन्नति के आदेश जारी होना है? यदि हाँ, तो कब तक आदेश जारी कर दिए जाएगे? आदेश जारी न किए जाने के क्या कारण है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी, हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) आदेश दिनांक के पूर्व हुई पदोन्नति समिति की बैठकों में प्रतीक्षा सूची में दर्ज कर्मचारियों के पदोन्नति आदेश जार किये जाने के संबंध में शासन के कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। (ग) जी, हाँ। वर्ष 2016 में वन विभाग बैतूल में वनरक्षकों की वनपाल के पद पर पदोन्नति के आदेश क्रमांक/स्था./108 एवं 109 दिनांक 01.04.2016 जारी किये गये है। पदोन्नति आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार। (घ) जी, हाँ। प्रकरण प्रक्रियाधीन है। तिथि बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण के संबंध में
146. ( क्र. 3524 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरेठा घोड़ाडोंगरी मार्ग निर्माण का कार्य म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा बनाया जा रहा है? बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र के संदर्भ में बतावें? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस मार्ग के निर्माण में किसानों की निजी भूमि आ रही है? (ग) क्या किसानों को उनकी भूमि का मुआवजा दे दिया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस किसान ग्रामीण की कितनी-कितनी भूमि आई तथा उन्हें कितना मुआवजा दिया गया सूची देवें? (घ) क्या किसानों को भूमि का मुआवजा दिए बगैर मार्ग निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। कुछ किसानों को मुआवजा दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) लो.नि.वि. द्वारा हस्तांतरित मार्ग के एक रेखण एवं सड़क सीमा में उन्नयन कार्य प्रारंभ किया गया है।
विभाग द्वारा खनिज विभाग को गौण खनिज रायल्टी
147. ( क्र. 3528 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के द्वारा किए जाने वाले निर्माण कार्यों में गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 में क्या प्रावधान दिए गए हैं? इस संबंध में खनिज साधन विभाग द्वारा क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? (ख) बैतूल जिले में विगत तीन वर्षों में कौन-कौन से गौण खनिज किस-किस मूल्य पर क्रय की गई? इसके बदले में कितनी रायल्टी खनिज विभाग को एवं कितना वेट टैक्स वाणिज्यिक कर विभाग को भुगतान किया गया है? (ग) वन विभाग बैतूल द्वारा वेट कर एवं रायल्टी का भुगतान किन-किन निर्माण कार्यों में नहीं किया गया है? कारण बतावें। (घ) क्या गौण खनिज उपयोग की अनुमति खनिज विभाग से ली गई है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के निर्दिष्ट नियमों के परिप्रेक्ष्य में खनिज साधन विभाग द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया वन विभाग की परिधि में नहीं आती। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वन वृत्त बैतूल के अन्तर्गत आने वाले वनमण्डलों में समस्त निर्माण कार्यों में वेट कर की राशि वसूल की जाकर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार वाणिज्यिक कर विभाग को भुगतान की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वन विभाग द्वारा गौण खनिज उपयोग की अनुमति खनिज साधन विभाग से लेने की आवश्यकता नहीं होती है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों के प्राक्कलन, नक्शे इत्यादि बनाना
148. ( क्र. 3529 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग किस विभाग के C.S.R. एवं कार्य विभाग मेन्यूअल के आधार पर विभागीय निर्माण कार्य के प्राक्कलन बनाने एवं निर्माण करवाये जाने के कार्य कर रहे हैं? (ख) बैतूल जिले में विगत तीन वर्षों में वन विभाग ने कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किए हैं? इन निर्माण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति किस-किस अधिकारी द्वारा दी गई है? इन कार्यों के प्राक्कलन तथा नक्शे किसके द्वारा बनाये गये हैं? (ग) विभाग के C.S.R. एवं कार्य विभाग मेन्यूअल में प्राक्कलन बनाने, नक्शा बनाए जाने, ले-आउट दिए जाने एवं निर्माण कार्य के बिलों/देयकों पर सत्यापन किए जाने का अधिकार किस तकनीकी अधिकारी को है? (घ) वन विभाग द्वारा किस तकनीकी अधिकारी से उपरोक्त कार्य करवाये गये हैं? इसके पहले उसे कार्यवार कितना-कितना भुगतान किया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के C.S.R. के आधार पर विभागीय निर्माण कार्य के प्राक्कलन बनाने एवं निर्माण करवाये जाने के कार्य कर रहे है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन विभाग के वित्तीय नियम एवं मेन्यूअल में प्राक्कलन बनाने, नक्शा बनाये जाने, ले-आउट दिये जाने के अधिकार वन क्षेत्रपाल एवं उच्च वन अधिकारियों को अधिकार प्राप्त है। निर्माण कार्य के बिलों/देयकों पर सत्यापन किये जाने का अधिकार उप वनमण्डला अधिकारी को हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क निर्माण की स्वीकृति
149. ( क्र. 3531 ) श्री कमलेश शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा विधान सभा क्षेत्र की जुंगावानी से धनौरा सड़क निर्माण की स्वीकृति दिनांक, लागत एवं कार्य पूर्णता दिनांक बतावें? (ख) 1 वर्ष से भी कम समय में उपरोक्त निर्माण जर्जर होने के क्या कारण है? इसके वर्तमान भौतिक अवलोकन कर जाँच कब तक की जावेगी? इसके दोषी ठेकेदार एवं अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) अमरवाड़ा विधान सभा क्षेत्र की हर्रई से बटका होते हुए बिजौरी रोड सड़क के गुणवत्ताहीन, घटिया निर्माण की जाँच कब तक की जाकर इसे सुधारा जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, मार्ग में कुछ स्थानों पर पॉट होल्स हो गये थे, जिन्हें विभागीय स्थाई श्रमिकों द्वारा ठीक कराया गया है। मार्ग की स्थिति अच्छी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) हर्रई से बटका होते हुए बिजोरी मार्ग के क्षतिग्रस्त भागों में नवीनीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य गुणवत्तापूर्वक किया जा रहा है। अत: जाँच एवं सुधारे जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालय प्रारंभ करवाने व दर्जा बढ़वाने बाबत्
150. ( क्र. 3532 ) श्री कमलेश शाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के अमरवाड़ा महाविद्यालय में प्रोफेसर एवं अन्य स्टाफ के कितने पद स्वीकृत हैं? कितने रिक्त हैं? (ख) रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी? (ग) इसे स्नातकोत्तर का दर्जा कब तक दिया जायेगा? (घ) अमरवाड़ा विधान सभा क्षेत्र के सिंगौड़ी, बटकाखापा, सुरलाखापा में महाविद्यालय प्रारंभ करने की अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से विज्ञापन जारी किया गया है तथा चयन प्रक्रिया जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शासकीय महाविद्यालय अमरवाड़ा में स्नातक स्तर पर तीन संकाय तथा स्नातकोत्तर पर केवल एक ही संकाय कला संचालित है। अतः वर्तमान में स्नातकोत्तर दर्जा का प्रकरण विचारणीय नहीं है। (घ) विधान सभा में पढ़ी गई सूचना क्रमांक 229 (फरवरी—मार्च 2013) तथा अन्य प्रस्ताव पर विचारोपरांत सिंगौड़ी में महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई व्यक्त की गई है। सुरलाखापा एवं बटकाखापा संबंधी कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है।
बहादुर सिंह चौहान विश्राम गृह स्वीकृति
151. ( क्र. 3535 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के कस्बा झारड़ा में विश्राम गृह के निर्माण के लिए अब तक क्या कार्यवही की गई है? (ख) इसकी स्वीकृत कब तक दी जाकर निर्माण प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मुख्य वास्तुविद म.प्र. लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्यपालन यंत्री, लो.नि.वि. संभाग उज्जैन से विस्तृत सर्वे एवं अन्य जानकारी चाही थी जो भेजी जाना शेष है। (ख) वित्तीय संसाधनों के अभाव में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पदों की पूर्ति व नये कोर्स प्रारंभ करने के लिए स्वीकृति
152. ( क्र. 3536 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर कॉलेज जिला उज्जैन में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने रिक्त हैं? पदवार बतावें। (ख) वर्तमान में कितने कोर्स संचालित हैं? उनके विषय विशेषज्ञों के कितने पद रिक्त हैं? कितने अतिथि विद्वान किन कोर्स को पढ़ा रहे हैं? (ग) उपरोक्त पद कब तक भरे जायेंगे? (घ) नये कार्स बढ़ाने व इनके लिए फैकल्टी नियुक्त करने के लिए शासन ने वर्तमान सत्र के लिए क्या कार्यवाही की है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय महिदपुर जिला उज्जैन में कुल शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक संवर्ग में 36 पद स्वीकृत हैं वर्तमान में 17 पद रिक्त हैं। पदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय महिदपुर में बी.ए., बी.काम., बी.एस-सी. तथा एम.ए.अर्थशास्त्र, एम.ए. भूगोल तथा एम.कॉम. संचालित हैं। विषय विशेषज्ञों के कुल 07 पद रिक्त हैं। कुल 07 अतिथि विद्वान विषय विशेषज्ञों क्रमशः हिंदी-02, समाजशास्त्र-01, अर्थशास्त्र-02, प्राणिकी-01 तथा गणित-01 विषय पढ़ा रहे हैं। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से विज्ञापन दिनांक 19.2.16 को जारी हो चुका है, कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) वर्तमान सत्र में नये कोर्स बढ़ाने के लिये कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं है।
विभागीय घोषणाओं का क्रियान्वयन
153. ( क्र. 3539 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01.01.2014 से 30.06.2016 तक प्रदेश में हुए लोकसभा एवं विधान सभा उपचुनावों के निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव की तिथि से 6 माह पूर्व से लेकर आचार संहिता लगने तक मान. मुख्यमंत्री तत्कालीन विभागीय मंत्रियों द्वारा की गई घोषणाओं की सूची देवें। उपचुनाव क्षेत्रवार, वर्षवार जानकारी देवें। (ख) इन घोषणाओं के तारतम्य में कितनी राशि के कितने निर्माण कार्य संबंधित क्षेत्रों में स्वीकृत किए गए, पूरी जानकारी क्षेत्रवार अद्यतन स्थिति सहित बतावें। जिन घोषणाओं के कार्य स्वीकृत नहीं किए उनकी सूची क्षेत्रवार कारण सहित देवें। (ग) अभी तक स्वीकृत जिन कार्यों को नहीं मिली वे कब तक स्वीकृत होंगे? (घ) जो स्वीकृत कार्य अधूरे हैं वे कब तक पूरे होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं 1 अनुसार है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं 1 अनुसार है।
उद्यागों की स्थापना
154. ( क्र. 3543 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में अभी तक छिन्दवाड़ा जिले में वाणिज्य उद्योग विभाग द्वारा किन-किन उद्योगों की स्थापना की गई है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध कराये। क्या विभाग द्वारा छिन्दवाड़ा जिले में उद्योग स्थापित किए जाने की शासन की कोई योजना है? अगर हाँ, तो ये उद्योग कब तक स्थापित किए जायेंगे? समय-सीमा बतायें? (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्र में अभी तक उद्योग स्थापित नहीं किए जाने का क्या कारण है? क्या आगामी समय में परासिया विधान सभा क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने की शासन की कोई योजना है? (ग) क्या आगामी बजट में परासिया विधान सभा क्षेत्र में उद्योग स्थापित किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है? (घ) क्या छिन्दवाड़ा जिले के ग्राम सौंसर एवं पाण्ढुर्णा क्षेत्र में (सेज) के लिए जो जमीन आरक्षित की गई थी, क्या इन स्थानों में उद्योग स्थापित किए जा सकते है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग द्वारा प्रदेश में उद्योगों की स्थापना नहीं की जाती है। अपितु औद्योगिक क्षेत्रों का विकास विभाग के अधिनस्थ म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों के माध्यम से किया जाकर उद्योगों की स्थापना हेतु भूखण्ड उपलब्ध कराये जाते हैं। इसी क्रम में म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम जबलपुर दवारा छिंदवाड़ा जिले में विकासखण्ड सौंसर में औद्योगिक विकास केन्द्र बोरगॉव एवं फूडपार्क बोरगॉव औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की गई है। इसी तारतम्य में म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत छिंदवाड़ा जिले में स्थापित उद्योगों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग दवारा प्रदेश में उद्योगों की स्थापना नहीं की जाती है। अपितु औद्योगिक क्षेत्रों का विकास विभाग के अधीनस्थ म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों के माध्यम से किया जाकर उद्योगों की स्थापना हेतु भूखण्ड उपलब्ध कराये जाते हैं। अत: विभाग दवारा उद्योग स्थापित किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी, नहीं। (घ) मेसर्स छिंदवाड़ा प्लस डेव्हलपर्स लि. दवारा ग्राम सतनूर, दुधालाखुर्द कोडाडोंगरी-माल, कोडाडोंगरी-दवामी, कोडाडोंगरी बी-1, कोडाडोंगरी बी-2, खापाकरीमवार, संवागा, पलोरा, गोंदी बढ़ोना, तहसील सौंसर, जिला छिंदवाड़ा में लगभग 1320 हेक्टेयर भूमि पर रूपये 2500 करोड़ के पूंजी निवेश से मल्टीप्रोडक्ट स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) प्रस्तावित किया गया है। प्रस्तावित एसईजेड के विकास के पश्चात् एसईजेड के प्रोसेसिंग एरिया में उद्योग स्थापित किये जा सकेंगे।
जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष बनाया जाना
155. ( क्र. 3544 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्रीय विधायक को जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष बनाया जा सकता है अगर हाँ, तो परासिया विधान सभा क्षेत्र में दो शासकीय महाविद्यालय 01. श्री श्री लक्ष्मीनारायण शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया एवं 02. शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज, खिरसाडोह है। जिसमें महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं दूसरे महाविद्यालय में जिला पंचायत सदस्य को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है? जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष बनाये जाने की क्या नियमावली है उपलब्ध करायें? (ख) छिन्दवाड़ा जिले की अन्य विधान सभा क्षेत्रों में किन नियमों के तहत सभी शासकीय महाविद्यालयों में क्षेत्रीय विधायक को ही जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है? जबकि परासिया विधान सभा क्षेत्र में नहीं बनाया गया है? क्या प्रश्नकर्ता को जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष नहीं बनाये जाने का क्या कारण है? शासन ने किसी में आकर जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। नियमानुसार विधायक को ही अध्यक्ष नियुक्त किया जाना अनिवार्य नहीं है। जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष बनाने की नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार नियुक्ति की गयी है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों/कर्मचारियों के कारण वनों की क्षति
156. ( क्र. 3549 ) श्री आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वनों की सुरक्षा हेतु वन विभाग द्वारा निगरानी रखी जाती है? यदि हाँ, तो वन विभाग के अतिरिक्त और कौन-कौन सी एजेंसियों से वनों की कटाई की निगरानी रखी जाती है तथा वन विभाग में एक जिले में प्रथम श्रेणी से चतुर्थ श्रेणी के कितने पदों पर कितने लोगों का अमला कार्यरत रहता है और उन्हें प्रति माह कुल कितनी राशि का वेतन शासन द्वारा दिया जाता है? (ख) क्या विगत दो वर्षों में सीहोर जिला अंतर्गत वन/जंगलों की कटाई का मामला प्रकाश में आया है? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों के द्वारा सीहोर के किस-किस परिक्षेत्रवार, बीटवार वनों की अवैध कटाई की जाने की शिकायतें प्राप्त हुई और उनके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई और समय रहते वैधानिक कार्यवाही नहीं करने के लिये कौन-कौन लापरवाह अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? शासन द्वारा उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें। (ग) सीहोर जिलान्तर्गत वनों की कटाई के मामले में किन-किन वन माफियाओं के विरूद्ध वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है तथा उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? सूची उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा भी वनों की अवैध कटाई की निगरानी में सहयोग किया जाता है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार।
यू.जी.सी. गाईड लाईन के विपरीत छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
157. ( क्र. 3550 ) श्री आरिफ अकील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा यू.जी.सी. की गाईड लाईन, मापदण्ड एवं प्रक्रिया के अनुसर पीएचडी. एवं एमफील. करने वाले छात्र-छात्राओं से आवेदन भारी शुल्क लेकर जमा कराए गए हैं? यदि नहीं, तो क्या वर्ष 2014 में आयोजित पीएचडी. डी-लिट एवं एमफील. की परीक्षा उपरांत रिजल्ट जारी किए गए है और उसका कोई विवाद प्रकाश में आया है? यदि हाँ, तो क्या बतावें। क्या छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले संबंधित विश्वविद्यालय प्रबंधन के विरूद्ध शासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें। (ख) क्या विश्वविद्यालय में अधिनियम 2005 का पालन नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं, तो अवगत करावें कि जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन आर.टी.आई. आवेदकों ने अतिथि विद्यानों, भर्ती प्रक्रिया, पीएचडी. परीक्षा, अतिथि गृह का रिकार्ड, दिल्ली में मनाए गए स्थापना दिवस, पाठ्यक्रमों, मुद्रण कार्य आदि की जानकारी चाही थी? यदि हाँ, तो किन-किन आवेदकों ने कब-कब आवेदन किए? (ग) क्या कतिपय व्यक्तियों द्वारा विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में शुल्क का भुगतान किए बगैर निवास कर रहे तथा निवास कर चले जाने वालों का मामला प्रकाश में आया है? यदि नहीं, तो अतिथि गृह निर्मित होने के पश्चात् प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन लोगों ने निवास किया और कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया तथा किन-किन लोगों ने किन-किन कारणों से भुगतान नहीं किया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। पीएच.डी./एम.फिल. 2014 के परिणाम घोषित किये गये हैं। उक्त परीक्षा का आयोजन विश्वविद्यालय के अध्यादेश '8' के प्रावधान अंतर्गत किया गया था, जिसमें प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को शोध निदेशक नियमानुसार बनाया गया था, परंतु यू.जी.सी. के पत्र क्र. एफ—10—6/2011 (पीएस) मिस. दिनांक 06.07.2015 द्वारा प्राप्त निर्देशों के अंतर्गत अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को गाईड बनाने की पात्रता नहीं है। अत: विश्वविद्यालय ने उक्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में प्रक्रिया स्थगित कर दी है। इस संबंध में छात्रों से प्राप्त शिकायत का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत निर्णय लिया जायेगा। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) जी हाँ।
छात्रों को स्मार्ट फोन देने की योजना
158. ( क्र. 3553 ) श्री जितू पटवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के महाविद्यालय छात्रों को स्मार्ट फोन देने की योजना की अद्यतन स्थिति बतावें? क्या इस संबंध में कंपनी/फर्म का चयन हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो कंपनी/फर्म का नाम, उसके द्वारा प्रस्तुत दर, स्मार्ट फोन की निर्माता कंपनी नाम सहित बतावें? जिस प्रक्रिया से कंपनी/फर्म चयिनत की गई पूरी प्रक्रिया का विवरण देवें? (ग) कंपनी/फर्म द्वारा इन स्मार्ट फोन की वारंटी कितने समय की है? इनके सर्विस सेंटर प्रदेश के किन-किन स्थानों पर हैं कि सूची संलग्न करें? (घ) इनका वितरण कब तक कर दिया जायेगा? जो छात्र-छात्राएं वर्ष 2015-16, 2014-15 में पढ़ाई कर चुके हैं उन्हें कैसे वितरित किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सत्र 2014—15 स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेशित पात्र विद्यार्थियों हेतु मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड, भोपाल मध्यप्रदेश द्वारा निविदा आमंत्रित कर कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। जी हाँ। (ख) कंपनी का नाम है 'लावा इंटरनेशनल लिमिटेड', दर रूपये 2499/— (रूपये दो हजार चार सौ निन्यानवे), निर्माता कंपनी 'लावा इंटरनेशनल लिमिटेड', उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड, भोपाल को स्मार्टफोन क्रय करने हेतु अधिकृत किया गया है। मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड, द्वारा खुली निविदा (ई—प्रोक्योरमेन्ट पोर्टल एवं राष्ट्रीय समाचार पत्रों) के माध्यम से निविदा शर्तों अनुसार क्रय प्रक्रिया पूर्ण की गई। (ग) एक वर्ष की। कंपनी के मध्यप्रदेश में अधिकृत सर्विस सेन्टर की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) सत्र 2014-15 के पात्र विद्यार्थियों को इनका वितरण किया जावेगा। सत्र 2014—15 में प्रवेशित विद्यार्थी वर्तमान में महाविद्यालय में तृतीय वर्ष में अध्ययनरत है। पात्र विद्यर्थियों को स्मार्टफोन प्रदाय किया जा सकता है।
राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की बी.ई. की परीक्षा
159. ( क्र. 3554 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय की बी.ई. की परीक्षा में वर्ष 2013 से जून 2016 तक प्रत्येक सेमिस्टर में कुल कितने-कितने विद्यार्थी शामिल हुये तथा इनमें कितने सारे विषय में उत्तीर्ण हुये? (ख) वर्ष 2013 से जून 2016 तक कितने परीक्षार्थियों ने पुनर्गणना पुनर्मूल्यांकन तथा चेलेंज हेतु आवेदन प्रस्तुत किया तथा उससे कुल कितनी राशि प्रति वर्ष प्राप्त हुई? (ग) पिछले तीन वर्षों में मूल्यांकन में गड़बड़ी/अनियमितता/लापरवाही के कितने प्रकरण विश्वविद्यालय के संज्ञान में आये उनकी सूची जिम्मेदार मूल्यांकनकर्ता सहित प्रस्तुत करें तथा बतावें कि क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) पिछले तीन वर्षों में सेमिस्टर अनुसार प्राप्त कुल परीक्षा शुल्क की राशि परीक्षा सामग्री यथा पेपर, कॉपी इत्यादि पर खर्च की गई राशि, मूल्यांकन हेतु भुगतान किये गये मानदेय की राशि की जानकारी दें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
प्रदेश में ओषधि पौधों का संरक्षण
160. ( क्र. 3558 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश स्टेट मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड दवारा 1 जनवरी 2013 के पश्चात् औषधि पौधा संरक्षण हेतु प्रमोशनल प्रोजेक्ट नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड नई दिल्ली को प्रेषित कर कितने प्रमोशनल प्रोजेक्ट स्वीकृत कराये तथा गूगल संरक्षण परियोजना अन्तर्गत कितने हेक्टेयर में काम कराया गया? (ख) प्रदेश में उक्त योजना अन्तर्गत कितने पौधे उक्त अवधि में तैयार कर वितरित किये? उज्जैन संभाग में कहाँ-कहाँ कितने औषधि पौधों का रोपण कर हर्बल गार्डन विकसित किये गए स्थान सहित संख्यात्मक जानकारी दें? (ग) क्या विभागीय वृक्षारोपण में स्थानीय जलवायु के अनुरूप औषधि पौधों का रोपण व बीजारोपण भी किया जाता है प्रदेश में कौन से स्थल की जलवायु औषधि पौधों के लिये सर्वाधिक उपयुक्त है? (घ) क्या इस क्षेत्र में विभाग के प्रयास से कोई अन्य नीति बन रही है यदि हाँ, तो अवगत कराये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जनवरी, 2013 के पश्चात् औषधीय पौधों के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड नई दिल्ली से In-Situ & Ex-Situ Conservation of medicinal Plants in the Forests of Madhya Pradesh नामक प्रोजेक्ट स्वीकृत है। जिसकी लागत रूपये 959.97 लाख है। गूगल संरक्षण परियोजना अंतर्गत मुरैना एवं भिण्ड जिले में 88.28 हेक्टेयर में काम कराया गया। (ख) उत्तरांश ‘क’ में उल्लेखित परियोजना जनवरी, 2016 में स्वीकृत है। जिसमें पौधे तैयार कर वितरण करने का प्रावधान नहीं है। उज्जैन संभाग में औषधी पौधों का रोपण कर, कोई हर्बल गार्डन विकसित नहीं किया गया। (ग) जी हाँ। हर स्थल के हिसाब से अलग-अलग औषधी पौधे उपयुक्त है। प्रदेश में अमरकंटक जलवायु के हिसाब से औषधी पौधों के लिए उत्तम स्थल है। (घ) जी नहीं।
संस्थाओं को मापदण्ड के विरूद्ध अनुमति
161. ( क्र. 3565 ) श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वे कौन-कौन सी शासकीय प्राइवेट संस्थाएं, स्कूल, कॉलेज कार्यालय है, जिन पर नियंत्रण, अनुमति, मान्यता का संबंध विभाग से है? (ख) उक्त प्रशिक्षण/अध्यापन देने वाली संस्थाएं कहाँ-कहाँ पर किस के स्वामित्व में है तथा उन्हें किस आदेश/पत्र से अनुमति मान्यता, रिन्यूअल/अनापत्ति दी गई, उसकी प्रति बतायें? (ग) उक्त संस्थाओं को चलाने के मापदण्ड, नियम, शर्तें, औपचारिकताएं क्या-क्या है? उनकी प्रति बताते हुए यह भी बतायें कि क्या ये नियम शर्तें, मापदण्ड, अनापत्ति इत्यादि को पूर्ण कर संस्थाएं संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो इसका भौतिक तथा ऑडिट कब-कब 2015-16 में किस प्राधिकारी ने किया? (घ) क्या उक्त संस्थाओं में किसी के विरूद्ध फर्जी छात्रवृत्ति वितरण से संबंधित मामले विभाग के संज्ञान में आये, यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। बालाघाट जिले में स्थापित पॉलिटेक्निक संस्थाओं को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली की अनुमति एवं मान्यता प्राप्त है तथा आई.टी.आई., कौशल विकास केन्द्र की मान्यता राष्ट्रीय व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद् (महानिदेशालय प्रशिक्षण, नई दिल्ली भारत सरकार) से है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) पॉलिटेक्निक संस्थाओं के संचालन हेतु अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली द्वारा मापदण्ड निर्धारित किये जाते है। आई.टी.आई., कौशल विकास केन्द्र से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जी हाँ। पॉलिटेक्निक संस्था का जनवरी 2016 तक का ऑडिट हो चुका है। भौतिक सत्यापन संबंधित संस्था के प्राचार्य द्वारा कराया जाता है। वर्ष 2015-16 में आई.टी.आई. का ऑडिट किसी भी प्राधिकारी द्वारा नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग की योजनाएं, कार्यक्रम
162. ( क्र. 3566 ) श्री मधु भगत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग की क्या-क्या योजनाएं, कार्यक्रम तथा इनके क्रियान्वयन के लिये क्या-क्या उत्तरदायित्व है तथा इनके निर्वहन हेतु केन्द्र तथा प्रदेश सरकार से वर्ष 2015-16 के साथ-साथ पूर्ण के 3 वित्तीय वर्ष में कितना-कितना फंड मिला? (ख) प्रश्नांश (क) में पूछे गये, कुल फंड (बजट) में से कुल कितनी राशि बालाघाट जिले को उक्त अवधि में दी गई तथा उसका क्या-क्या उपयोग कहाँ-कहाँ किया गया? यह राशि, कितने प्रतिशत प्रदेश के फंड की होती है? (ग) लामता विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग के दृष्टिकोण से कौन-कौन सी योजनाएं, कार्यक्रम, कार्य, विकास, प्रशिक्षण कर सकता है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनायें/कार्यक्रम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। शासन के दिशा-निर्देशानुसार/विभागीय नियमों के तहत क्रियान्वयन/ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया जाता है, इस हेतु केन्द्र तथा प्रदेश सरकार से वर्ष 2015-16 एवं पूर्व के 3-वित्तीय वर्ष में प्राप्त फण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ख) प्रश्नांश-(क) के संबंध में कुल फण्ड में से जिला बालाघाट को उपलब्ध कराई गई राशि एवं उसके उपयोग संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। प्रदेश को प्राप्त फण्ड के अनुपात में बालाघाट जिले को आवंटित राशि एवं प्रतिशत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) विभाग की योजनायें विधान सभा क्षेत्रवार न संचालित होकर, जिला स्तर से संचालित की जाती है। अतएव जिले में संचालित योजनाओं के तहत जो भी विधान सभा क्षेत्र इसमें शामिल होते है उन्हें विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत निर्माण कार्य की जानकारी
163. ( क्र. 3568 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग भोपाल जिले में विगत 3 वर्षों में कितने-कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? निर्माण कार्य का नाम एवं राशि एवं स्वीकृत करने का दिनांक एवं निर्माण कार्य पूर्ण करने की तिथि सहित बताया जाए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये गये? (ग) निर्माण कार्यों के समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने पर विभाग द्वारा किन-किन अधिकारियों/ठेकेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, अ-1, अ-2, 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
बेरोजगारों एवं उद्योग स्थापना
164. ( क्र. 3576 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में छतरपुर जिले में उद्योग विभाग द्वारा बेरोजगार युवकों हेतु कौन-कौन सी योजनायें लागू की गयी हैं? वर्गवार जानकारी देवें? (ख) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक उद्योग स्थापित करने के लिये कितने हितग्राहियों को किस-किस कार्य हेतु भूमि का आवंटन कहा-कहाँ किया गया? (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्होंने उद्योग स्थापित नहीं किये? (घ) यदि उद्योग स्थापित नहीं किये गये तो उनकी अनुमतियां निरस्त कर कब तक शासन कब्जा प्राप्त करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्तमान में छतरपुर जिले में उद्योग विभाग दवारा बेरोजगारों युवकों हेतु सभी वर्गों के लिये निम्न स्व-रोजगार योजनाएं लागू की गई हैं :- 1. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 2. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 3. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम 4. कैरियर काउंसलिंग योजना 5. जॉब फेयर योजना (ख) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक उद्योग स्थापित करने के लिये उक्त योजनाओं में लाभान्वित 3 हितग्राहियों को भूमि आवंटित की गई है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर हैं। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार उक्त सभी हितग्राहियों ने उद्योग स्थापित कर लिये हैं। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
विभाग द्वारा निर्माण कार्य का निरीक्षण
165. ( क्र. 3577 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले से गुजरने वाले नेशनल हाईवे क्रमांक 75 एवं 86 में पिछले दो वर्ष से कितने रपटों एवं पुलियों का निर्माण किया गया था, कितने शेष हैं? (ख) नदी, रपटों एवं पुलियों पर वर्षाकाल में लगाये जाने वाले कितने बैरियर स्थापित किये गये हैं एवं कितने शेष हैं? यदि शेष है तो कब तक लगा दिये जावेंगे? (ग) चन्दला विधान सभा क्षेत्र से वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कों, पुलियों, रपटों का निर्माण कराया गया, कितने शेष हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण हो जायेंगे? (घ) क्या विभाग के अधिकारी द्वारा निरंतर उक्त कार्यों का परीवेक्षण एवं निरीक्षण किये जाते हैं, तो निरीक्षण के क्या मापदण्ड हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले में कुल 22 बैरियर स्थापित किये गये है एवं कोई शेष नहीं है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ आवश्यकतानुसार।
कौशल उन्नयन केन्द्र
166. ( क्र. 3580 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि कौशल उन्नयन केन्द्र का संचालन बजट के अभाव में बंद है? (ख) वर्ष 2012 से 2016 तक केन्द्र से कितनी राशि मिली?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2016-17 में केन्द्र से टारगेट एवं बजट प्राप्त न होने से वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाईडर (व्ही.टी.पी.) का संचालन अभी स्थगित किया गया है। (ख) वित्तीय वर्ष 2012 से 2016 तक केन्द्र से प्राप्त राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बाघों का शिकार
167. ( क्र. 3581 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या यह सच है कि 2011 से 2016 तक बाघों की शिकार से मौत हुई है, यदि हाँ, तो कितनी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : जी हाँ, विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
शिकार की घटना का संक्षिप्त विवरण |
प्रकरणों की संख्या |
मृत वन्यप्राणी की संख्या |
1 |
शिकार द्वारा |
07 |
08 |
2 |
बिजली के करंट से |
07 |
07 |
3 |
जहर देकर |
02 |
04 |
4 |
ट्रेप/फंदा से |
02 |
02 |
भ्रष्टाचार, अनियमितता संबंधी शिकायतों का निराकरण
168. ( क्र. 3584 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में सागर जिले के अन्तर्गत पदस्थ ऐसे कौन-कौन से सहायक वन संरक्षक वन परिक्षेत्र अधिकारी एवं लेखापाल है जिनके विरूद्ध तीन वर्षों की अवधि में भ्रष्टाचार, कदाचार, अनियमितता, पद के दुरूपयोग आदि की शिकायतें विभाग शासन या संबंधित जिले के कलेक्टर को की गई है? इन शिकायतों का शिकायतवार विवरण दें व जाँच व निराकरण की वर्तमान स्थिति बतावें? (ख) प्रश्नांश ''क'' की कौन-कौन सी शिकायतें प्राथमिक रूप से सही पाई गई हैं? इनमें किन-किन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जाँच कराई गई? निष्कर्ष व की गई कार्यवाही का विवरण दें? (ग) विभाग द्वारा दोषी आरोपी कर्मचारियों/अधिकारियों के मामलों में त्वरित दण्डात्मक कार्यवाही न किये जाने व वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अनावश्यक संरक्षण दिये जाने के क्या कारण हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जाँच के परिणाम के आधार पर कार्यवाही की जाती है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अनावश्यक संरक्षण नहीं दिया जाता है।
मध्य प्रदेश शासन द्वारा इन्वेस्टर समिट का आयोजन
169. ( क्र. 3587 ) श्री कैलाश चावला : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से 2016 तक कितनी इन्वेस्टर समिति का आयोजन उद्योग विभाग द्वारा म.प्र. व म.प्र. से बाहर किया गया, दिनांकवार, स्थान, कितने उद्योगपतियों ने भाग लिया? (ख) उक्त समिति में कितने उद्योगपतियों द्वारा कितनी धनराशि के निवेश हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए। कितनी राशि व इकाई हेतु समिटवार बतावें? (ग) उक्त समिट्स में हस्ताक्षरित एम.ओ.यू. में से किस-किस इकाइयों को भूमि आवंटित कर दी गई है, किस-किस का कार्य प्रारंभ हो चुका है, किस-किस इकाई द्वारा उत्पादन कर दिया गया है। समिटवार बतावें? (घ) उक्त समिट्स में शासन की कितनी राशि का व्यय हुआ है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्ष 2013 से 2016 के बीच दिनांक 8-10 अक्टूबर, 2014 को इंदौर शहर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2014 का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम में लगभग 3500 से अधिक डेलीगेट्स ने भाग लिया। (ख) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2014 के कार्यक्रम में एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित नहीं किए गए थे। अत: शेष प्रश्नांश का उत्तर दिए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में इस प्रश्नांश का उत्तर दिए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उक्त समिट में रूपये 14.28 करोड़ का व्यय हुआ है।
वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण
170. ( क्र. 3588 ) श्री कैलाश चावला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में मनासा विधान सभा क्षेत्र में चम्बलेश्वर सिंचाई योजना, पड़ीयार सिंचाई योजना एवं गोपालपुर सिंचाई योजना में वन विभाग को शासन अथवा सिंचाई विभाग से कितनी धन राशि वृक्षारोपण हेतु प्राप्त हुई है? (ख) इस राशि में से कितनी धन राशि वर्षवार खर्च की गई एवं किन-किन स्थानों पर वृक्षारोपण किया गया एवं उसमें से कितने पौधे जीवित हैं एवं कितनी धन राशि विभाग के पास शेष है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विगत तीन वर्षों में इन सिंचाई योजनाओं में वृक्षारोपण हेतु वन विभाग को शासन अथवा सिंचाई विभाग से कोई धन राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अवैध झुग्गियों का निर्माण किया जाना
171. ( क्र. 3591 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजधानी भोपाल के शासकीय आवास गृहों की देख-रेख एवं रख-रखाव का कार्य विभाग द्वारा किया जाता है। (ख) यदि हाँ, तो क्या साउथ टी.टी. नगर (228 क्वार्टर) भोपाल के अनुभाग (सेक्शन) के अंतर्गत जी एवं आई टाईप आवास गृहों की लाईन के बीच में निस्तार/वर्षा ऋतु के पानी के निवासी हेतु खुली जगहों पर शासकीय आवास गृहों की दीवार के सहारे झुग्गियां बनाकर अवैध कब्जा किया गया है। (ग) यदि हाँ, तो किन-किन आवास गृहों के बगल में अवैध झुग्गियां बनाई गई है तथा इस संबंध में उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा क्या कार्रवाई की गई? यदि कार्रवाई नहीं की गई तो क्या दोषी उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। (घ) उपरोक्त सेक्शन के अंतर्गत फेंसिंग कार्य हेतु किस-किस टाईप के आवास गृहों के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत कर फेंसिंग के कार्य किस आधार पर कराये गये हैं? क्या रहवासी द्वारा इस संबंध में लिखित में प्रस्ताव दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध कराए। यदि बिना प्रस्ताव के फेंसिंग कार्य स्वीकृत किये गये हैं तो फर्जी प्राक्कलन बनाने वाले संबंधित उपयंत्री के विरूद्ध क्या कार्रवाई की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, विगत कई वर्षों से अवैध झुग्गियां बनाकर अवैध कब्जा किया गया है। (ग) शासकीय आवास क्रमांक-एस.बी.आई. 62, 63, 78 एवं 81 के बगल में विगत कई वर्षों से अवैध झुग्गियां बनी हुई है। इस संबंध में उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा अवैध झुग्गियां हटाने हेतु समय-समय पर नोटिस जारी किये गये है, जिसकी प्रतिलिपि संबंधित नजूल विभाग, कलेक्टर कार्यालय एवं संपदा कार्यालय को दी गई है। शेष प्रश्न का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ, आवासी द्वारा लिखित प्रस्ताव दिये गये थे। प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रोड का घटिया निर्माण कार्य
172. ( क्र. 3655 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र जिला शिवपुरी के सीहोर रोड से नकटेरा पटेरी रोड जो पी.एम.जी.एस.वाय. द्वारा निर्माण कराया गया है की स्वीकृति कब की गई? स्वीकृति दिनांक, प्राक्कलन, टेण्डर प्रति, कार्यादेश, कार्य अवधि दिनांक, ठेकेदार का नाम व पता आदि से अवगत करावें। (ख) क्या (क) में वर्णित रोड निर्माण कार्य में प्राक्कलन से हटकर रॉ मटेरियल का उपयोग किया जाकर कार्य पूर्णत: घटिया किस्म का है? यदि हाँ, तो क्या शासन तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष जाँच कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं इस विभाग द्वारा कराया गया है, (करैरा भितरवार से ठाठी व्हाया खरदेडा मार्ग लं. 7.20 कि.मी. मूल नाम) स्वीकृति दिनांक 23.07.2012 को प्रदान की गई। प्रशासकीय स्वीकृति पत्र दिनांक 23.07.2012 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 प्राक्कलन राशि रू. 447.22 लाख की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 टेण्डर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। कार्य अवधि 13 माह, ठेकेदार मे. अचल एसोसिएट्स ए-28 अर्जुन नगर, बलवंत नगर गांधी रोड, ग्वालियर मध्यप्रदेश। (ख) जी नहीं। कार्य स्वीकृत मापदण्ड अनुसार कराया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।