मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2024 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 19 जुलाई, 2024
भाग-1
स्थायी
आदेश 13-क के अनुसरण में
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
ब्लैक
लिस्टेड
फर्मों की
जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 527 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्लैक लिस्ट की गई फर्मों के प्रोपराइटर्स के द्वारा अन्य फर्मों के नाम से निविदायें डाली गई हैं? (ख) यदि हाँ तो गत 2 वर्षों में ऐसी डाली गई निविदाओं की फर्म एवं प्रोपराइटर्स की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या निविदाये स्वीकृत की गई हैं? यदि हाँ तो सूची देवे? (घ) क्या सेल टैक्स, पेन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता का मिलान कर ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों की फर्मों की जांच की जाती है? यदि नहीं तो ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों की पहचान करने का क्या मापदण्ड हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों की सूची लोक निर्माण विभाग के केन्द्रीय कृत पोर्टल पर देखकर पहचान की जाती है।
सड़कों के निर्माण कार्य की जांच
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 614 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट विधानसभा अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मार्गों का निर्माण कितनी-कितनी लागत से कराया गया है? (ख) चित्रकूट विधानसभा अंतर्गत प्रश्नांश (क) की समयावधि अनुसार किन-किन मार्गों में पैच वर्क या अन्य कार्य कितनी-कितनी लागत के कराये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन मार्गों का निर्माण कार्य कराया गया है उनकी वर्तमान स्थितियां क्या है, क्या तत्समय गुणवत्तापूर्ण कार्य न कराये जाने का परिणाम यह नहीं है कि आज सड़कों में जगह-जगह गड्ढे हैं, सडकें चलने लायक नहीं हैं, सड़कों के निर्माण में व्यापक भ्रष्टाचार के लिये क्या संबंधित पदस्थ एस.डी.ओ. उत्तरदायी नहीं है? हाँ/नहीं? (घ) चित्रकूट विधानसभा में शेष बची हुई सड़कें कहाँ-कहाँ की हैं इनका निर्माण कब तक पूर्ण कराया जायेगा साथ ही प्रश्नांश (क) समयावधि में निर्मित हुई सड़कों के निर्माण की जाँच कराकर दोषियों के विरुद्ध कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी? क्या उक्त सड़कों के निर्माण में भयानक भ्रष्टाचार नहीं हुआ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। वर्तमान में मार्ग की स्थिति अच्छी है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) शेष सड़कों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। सड़कों का निर्माण मापदण्डानुसार हुआ अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध प्लाटिंग रोकी जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 615 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चित्रकूट नगरीय क्षेत्रों में किन-किन स्थानों में प्लाटिंग चल रही है? किन-किन के द्वारा प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है? क्या प्लाटिंग करने वाले पंजीकृत हैं या नहीं? पंजीकरण की पूर्ण जानकारी देवें एवं यह भी बतावें कि बिना अनुमति/पंजीयन के जमीनों की प्लाटिंग के क्या नियम हैं? नियमों की प्रतियां देवें। (ख) प्रश्नांश "क" के अनुसार चित्रकूट विधानसभा में किन-किन स्थानों में प्लाटिंग की अनुमति किस प्राधिकारी से ली गई है? अनुमति की प्रतियां दें। (ग) अभी तक वर्ष 2014 से 2024 के बीच कितनी कॉलोनियां वैध रूप से निर्मित हो गई हैं तथा उनमें प्लाटों/भवनों की संख्या पृथक-पृथक कितनी है? (घ) कितनी कॉलोनियां अवैध हैं और क्रमशः 1. कितने प्लाटों की रजिस्ट्रियां हुई? 2. कितने में भवन निर्मित हुये हैं? 3. कितनी कृषि भूमि पर प्लाटिंग की कार्यवाही चल रही है? 4. प्रत्येक प्लानिंग की जानकारी दें कि किस आधार पर चल रही है? 5. कृषि भूमि को प्लाटिंग के पूर्व क्या डायवर्सन कराया गया था? 6. प्लाटिंग से पूर्व क्या नगर पंचायत/परिषद् चित्रकूट से अनुमति ली गई हैं? 7. यदि बिन्दु क्रमांक 1 से 6 तक प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई तो दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाहियां की गई? कौन-कौन इसके लिये जिम्मेदार हैं? उन पर क्या और कब तक कार्यवाहियां की जायेगी? (ड.) नगरीय क्षेत्र में नवीन कॉलोनी विकसित करने के लिये क्या रेरा विभाग का पंजीयन आवश्यक है? यदि हाँ तो कितने कालोनाईजरों ने पंजीयन कराया है? प्लाटिंग की अनुमति ली है? कृपया पूर्ण जानकारी अभिलेखों सहित देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माण कार्यों की स्वीकृति की जानकारी
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 633 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में PIU विभाग द्वारा वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्यों की स्वीकृतियां जारी की गई तथा कार्यों की कितनी समयावधि है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विभाग द्वारा कब-कब फर्मों/ठेकेदारों को किस-किस दिनांक की भुगतान किया गया जिससे कई गंभीर अनियमितताएं की गई है? कब-कब नोटिस जारी किये गये प्रतियां दें। (ग) बड़ा मलहरा क्षेत्र में निर्माण कार्यों का घटिया स्तर का किया जा रहा है बालू, सीमेन्ट, कांक्रीट, दरवाजे, इत्यादि सामग्री गुणवत्ता पूर्ण नहीं है जिससे शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? (घ) यदि नहीं तो क्या राज्य स्तरीय जांच कमेटी गठित कर कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई में भी गंभीर अनियमितताएं नहीं है अतः नोटिस जारी करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घटिया निर्माण कार्य की जांच
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 634 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा क्षेत्र में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक सड़कों के निर्माण तथा PLU द्वारा भवनों का निर्माण किया गया जिसमें ठेकेदारों द्वारा जो घटिया कार्य किये गये वो जांच की परिधि में है? (ख) क्या निर्धारित मात्रा में फ्रिक्वेन्सी वाई टेस्ट कराये गये यदि हाँ तो प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांकित बड़ा मलहरा क्षेत्र में क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान जो रोड तथा भवन बनाये गये उनकी स्थिति प्राक्कलन के आधार पर सही नहीं है और शासन की राशि का दुरूपयोग किया गया? (घ) क्या विभाग राज्य स्तर पर कमेटी गठित कर जांच कराकर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) जी हॉं, जी नहीं। (ख) जी हाँ। निर्धारित मात्रा में किये गये फ्रिक्वेन्सी वाईज टेस्ट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा जो रोड एवं भवन बनाये गये है वे प्राक्कलन के आधार पर ही बनाये गये है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''क', 'ख', 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घोटी से पिपरधरी के लिये सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 799 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा सौंसर विधानसभा क्षेत्र में घोटी से पिपरधरी के लिये सड़क निर्माण की स्वीकृति दी गई थी? (ख) यदि हाँ तो कब स्वीकृति दी गई थी? (ग) क्या उपरोक्त सड़क निर्माण कार्य तीन वर्ष बाद भी अपूर्ण है? (घ) यदि हाँ तो सड़क निर्माण कार्य किस तारीख तक पूरा होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नगर निगमों में पदस्थ स्वास्थ्य अधिकारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 972 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम मैन्युअल के अनुसार स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर चिकित्सा अधिकारी के समतुल्य अधिकारी/एमबीबीएस पदस्थ करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ तो क्या स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर चिकित्सा अधिकारी के समतुल्य अधिकारी/एमबीबीएस पदस्थ हैं? नगर निगमवार जानकारी देवें। (ग) यदि नहीं तो किस योग्यता के अधिकारी पदस्थ हैं? नगर निगमवार जानकारी उपलब्ध करावे? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या नगर निगम मैन्युअल के अनुसार स्वास्थ्य अधिकारी की पदस्थापना की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
11 के.व्ही. लाइनों को मकानों के ऊपर से हटाया जाना
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 1356 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर की विधान सभा 15 ग्वालियर के वार्ड क्रमांक 01 की गुप्तेश्वर कॉलोनी तिघरा रोड साडा बायपास एवं जिला मुरैना की विधान सभा 08 अम्बाह की नगर पालिका परिषद् अम्बाह के वार्ड क्र.10 व 11 के स्थानीय निवासियों के द्वारा 11 के.व्ही. विद्युत लाइन अपने मकानों के ऊपर से हटाने के लिये ज्ञापन/पत्र पूर्व में दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में दिये गये ज्ञापन/पत्रों से पूर्व उक्त लाइन के टूटने से किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में दिये गये ज्ञापन/पत्रों पर क्या कार्यवाही कर लाइन को हटा दिया गया है यदि नहीं तो उस लाइन को कब हटाया जायेगा समय-सीमा सहित पूर्ण जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालयीन अभिलेखों के अनुसार जिला ग्वालियर की विधानसभा क्षेत्र क्रमांक- 15 ग्वालियर के वार्ड क्रमांक-01 की गुप्तेश्वर कॉलोनी, तिघरा रोड साडा बायपास एवं जिला मुरैना की विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-08 अम्बाह की नगर पालिका परिषद् अम्बाह के वार्ड क्रमांक-10 एवं 11 के स्थानीय निवासियों के द्वारा 11 के.व्ही. विद्युत लाइनों को अन्यत्र शिफ्ट किये जाने के लिये दिनांक 1 अप्रैल 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ग्वालियर क्षेत्रीय कार्यालय एवं संबंधित संचालन-संधारण वृत्त/संभाग/जोन पर ज्ञापन/पत्र नहीं दिया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित क्षेत्रों में 11 के.व्ही. विद्युत लाइन के टूटने से विगत तीन वर्षों में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है। उक्त अवधि में 11 के.व्ही. लाइन से घातक विद्युत दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने संबंधी कोई मर्ग संबंधित क्षेत्रों के थाने में भी कायम नहीं हुआ है, जिसकी पुष्टि संबंधित पुलिस थाने से भी की गयी है। (ग) उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में विद्युत अधोसंरचना की स्थापना निर्धारित मानकों के अनुरूप की जाती है। तथापि विद्युत अधोसंरचना के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों/भवनों का निर्माण/विस्तार किया जाता है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबधी उपाय) विनियम-2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियमों के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। विद्युत अधोसंरचना में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक/अन्य संबंधित संस्थाओं द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाइन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं (अ) श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाइनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएँ पूर्ण करने पर उक्त विद्युत लाइन के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बस स्टैण्ड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 1358 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा अम्बाह की नगर पालिका परिषद् अम्बाह एवं नगर परिषद् पोरसा में यात्रियों की सुविधा के लिये बस संचालन हेतु बस स्टैण्ड नहीं है? यदि हाँ तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (ख) विधान सभा अम्बाह की नगर पालिका परिषद् अम्बाह एवं नगर परिषद् द्वारा नवीन बस स्टैण्ड निर्माण की कोई योजना है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नवीन बस स्टैण्ड का निर्माण कब तक शुरू कराया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद् अम्बाह एवं पोरसा में भूमि उपलब्ध न होने से बस संचालन हेतु बस स्टैण्ड नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) भूमि उपलब्धता उपरांत योजना तैयार की जा सकेगी।
फायर ब्रिगेड के संचालन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 1622 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर शहर में कितनी फायर ब्रिगेड है, कितनी नई है एवं कितनी जर्जर अवस्था में है? इन वाहनों के संचालन के लिए कितना स्टाफ कार्यरत है? यदि स्टाफ कम है तो शासन नई नियुक्तियों पर विचार करेगा तथा कब तक? (ख) शहर का विस्तार बढ़ गया है, जबकि औसत जनसंख्या के अनुपात से शहर में गंभीर आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिये फायर ब्रिगेड की संख्या कम है? क्या शासन सागर शहर में फायर ब्रिगेड की संख्या बढ़ाने पर विचार करेगी? यदि हाँ तो कब तक? (ग) सागर नगर पालिक निगम अंतर्गत शहर में फायर स्टेशन का कार्य कब तक पूर्ण किया जाना था? यदि कार्य में विलंब से चल रहा तो, इसका क्या कारण है और यह फायर स्टेशन कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम, सागर के पास वर्तमान में 10 नग बड़े एवं 04 नग टू-व्हीलर फायर वाहन हैं। 10 बड़े फायर वाहन में से 05 वाहन नये एवं 05 वाहन पुराने हैं, जिनमें से 03 वाहन जर्जर अवस्था में है। फायर वाहनों के संचालन के लिए 35 कर्मचारियों का स्टॉफ कार्यरत हैं। नगर निगम में स्वीकृत पद के अनुसार स्टॉफ की कमी नगर निगम स्तर पर दूर की जा सकती है। (ख) नगर निगम द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि जनसंख्या के आधार पर पर्याप्त फायर वाहन उपलब्ध हैं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) फॉयर स्टेशन बिल्डिंग का कार्य स्मार्ट सिटी द्वारा कराया जा रहा है एवं अनुबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा दिनांक 12.03.2023 तक निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना था। 03 बार समयावधि बढ़ाये जाने के बावजूद निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया गया। स्मार्ट सिटी द्वारा अनुबंधित एजेंसी का कार्य दिनांक 19.02.2024 को टर्मिनेट कर फॉयर बिल्डिंग के शेष कार्य हेतु नवीन निविदा जारी की गई है एवं निविदा प्रक्रिया उपरांत दिनांक 12.06.2024 को नई एजेंसी को एलओए जारी कर दिया गया है। नई एजेंसी से अनुबंध उपरांत 02 माह में फॉयर स्टेशन बिल्डिंग का कार्य पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है।
रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना अंतिम बिलों का भुगतान
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 1702 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन खनिज साधन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 14-10/20/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 में दिए गए रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना ही लोक निर्माण विभाग हरदा, बैतूल एवं होशंगाबाद जिले में सड़कों एवं भवनों के निर्माणकर्ताओं को अंतिम बिलों का भुगतान किया है? (ख) आदेश क्रमांक 15/3/2018 में रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र का क्या प्रारूप दिया है इस प्रारूप में रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त किये बिना 15/03/2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस मार्ग के अंतिम बिल का किस ठेकेदार/अनुबन्धकर्ता को किस दिनांक को किस अधिकारी ने भुगतान किया है? (ग) शासन की रॉयल्टी के चुकता किए प्रमाण पत्र प्रदान बिना अंतिम बिल का भुगतान कर शासन को रॉयल्टी की हानि पहुँचाने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हॉं, अपितु सड़क निर्माण कार्यों में लोक निर्माण विभाग संभाग हरदा, बैतूल एवं नर्मदापुरम के अंतर्गत निर्माणकर्ता द्वारा रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किये जाने पर उक्त आदेश की कण्डिका 4 (ii) में दिये गये प्रावधानुसार रॉयल्टी राशि का समायोजन किया जाता है। (ख) आदेश दिनांक 15.03.2018 में रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र का प्रारूप दिया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है तथा प्रश्न के शेष भाग हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों के मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 1703 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा की तहसील सिराली से जिला मुख्यालय हरदा के मुख्य मार्ग पर पड़ने वाली पुल/पुलिया के क्षतिग्रस्त हो जाने पर भी मरम्मत कर तहसील से जिले का सड़क सम्पर्क बनाए रखने बाबत् विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी समुचित कार्यवाही नहीं की गयी? (ख) सिराली से हरदा मार्ग के किस किलोमीटर की पुल/पुलिया कब-कब क्षतिग्रस्त हुई, उस पर विभाग ने कितनी राशि खर्च की, वर्तमान में कौन सी पुल/पुलिया आवागमन के लिए बन्द कर दी गई है। (ग) वर्षाकाल में सिराली से हरदा आवागमन के लिए क्षतिग्रस्त पुलिया से आवागमन की क्या-क्या वैकल्पिक व्यवस्था विभाग ने की है यदि कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की हो तो कारण बतावे। (घ) वर्षाकाल में आवागमन के लिए क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है, कब की जावेगी, समय-सीमा सहित बतावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रस्तावित स्थल से 400 मीटर अपस्ट्रीम पर 130 मीटर लंबाई का वेन्टेड कॉजवे का निर्माण किया गया है, हल्के वाहन का यातायात चालू रहेगा। (ख) कि.मी. 11/4 में माचक नदी पर पुल दिनांक 04.08.2015 एवं 22.02.2024 को क्षतिग्रस्त हुआ। राशि रूपये 152.56 लाख का व्यय किया गया। हरदा से सिराली मार्ग के कि.मी. 11/4 में स्थित पुल पर से आवागमन बंद है। (ग) एवं (घ) जी हाँ, डायवर्सन मार्ग बनाया जा चुका है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वक्फ बोर्ड द्वारा संचालित मस्जिदों को अनुदान/संचालन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
13. ( क्र. 1858 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. में वक्फ बोर्ड द्वारा मस्जिदों का संचालन/नियंत्रण किया जाता है? यदि हाँ तो किस नियम से किया जाता है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में वक्फ बोर्ड द्वारा संचालित/नियंत्रित मस्जिदें कितनी हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वक्फ बोर्ड के निर्माणाधीन मस्जिदों को कहाँ-कहाँ से अनुदान प्राप्त होता है? विगत 2018 से 2023 में प्राप्त अनुदान की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में शासन द्वारा दिए गए अनुदान का ऑडिट किया जाता है? यदि हाँ तो वर्ष 2018-2023 में कब-कब ऑडिट किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। म.प्र. वक्फ एक्ट 1995 की धारा 18 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वक्फ बोर्ड द्वारा संचालित/नियंत्रित वक्फ आराजी बराए तामिर मस्जिद ग्राम काला पीपल तहसील काला पीपल जिला शाजापुर में है। (ग) वक्फ बोर्ड के निर्माणधीन मस्जिद में शासन से अनुदान प्राप्त नहीं होता है। अनुदान प्राप्त नहीं होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार शासन द्वारा अनुदान नहीं दिया जाता है। इस कारण ऑडिट कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केंट विधानसभा की सीवर लाइन की प्रगति
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 2070 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधानसभा में सीवर लाइन कार्य की क्या प्रगति है, कृपया बताएं? (ख) कौन-कौन से वार्डों में कार्य पूर्ण हो चुका है, कृपया जानकारी दें। (ग) जिन वार्डों में कार्य पूर्ण हुआ है क्या वहां के कार्य गुणवत्तापूर्ण है, कृपया जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। गुणवत्ता नियंत्रण हेतु शासन द्वारा नियुक्त परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्शदाता (पी.डी.एम.सी.) एवं निकाय के इंजीनियर्स द्वारा कार्यों का निरीक्षण किया जाता है। साथ ही समय-समय पर शासकीय/ एन.ए.बी.एल. लैब से भी गुणवत्ता का परीक्षण कराया जाता है।
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 2071 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने का कार्य किस कम्पनी का है? (ख) क्या कम्पनी का कार्य संतोषजनक है, नहीं है तो क्या कार्य नहीं किया गया है एवं कंपनी पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) केंट विधानसभा के अंतर्गत कितनी गाड़ी डोर टू डोर कचरा संग्रहण कर रही है, कृपया वार्डवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जबलपुर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने का कार्य जबलपुर वेस्ट कलेक्शन एण्ड ट्रांसपोर्टशन जबलपुर को सौंपा गया है। (ख) जी नहीं। कंपनी को लगातार नोटिस दिये जाने की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही कंपनी के मासिक देयक से अर्थदण्ड कटौती की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अमरावती रेल्वे मार्ग पर ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 2129 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला-पांढुर्ना मुख्यालय में अमरावती रेल्वे मार्ग पर उपरगामी मार्ग/ओवर ब्रिज निर्माण हेतु शासन/विभाग द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? यदि हाँ तो कब, इसकी प्रशासकीय स्वीकृति अभी तक न दिए जाने के क्या कारण है और कब तक इसकी प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ किया जावेगा? क्या रेल्वे विभाग भारत-सरकार से भी इस बाबत अनुमति/स्वीकृति लेना शेष है? यदि हाँ तो यह स्वीकृति प्रदेश सरकार द्वारा कब तक ले ली जावेंगी? (ख) क्या जिला-पांढुर्ना में लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग, भवन, पुल-पुलिया, ब्रिज अन्य निर्माण कार्य हेतु विभाग में कोई प्रस्ताव/घोषणा लंबित है? यदि हाँ तो वे क्या है और उनकी प्रशासकीय व तकनीकी स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। तकनीकी स्वीकृति दिनांक 28.06.2023, प्रशासकीय स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्िचत तिथि बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बगैर अनुबंध के कार्यादेश जारी करने के साथ राशि वसूली नहीं की जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 2341 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा 38 प्रश्न क्रमांक 848 उत्तर दिनांक 13-02-2024 के बिन्दु (क) में कार्यादेश जारी करने की जानकारी दी गई लेकिन अनुबंध की प्रति न होना बताया गया व बिन्दु (ख) में 1026776/- रूपये संविदाकार से जमा नहीं किये जाने की जानकारी दी गई एवं बिन्दु (घ) में संयुक्त संचालक नगरीय विकास रीवा को संचालनालय के पत्र क्रमांक 02/2024 दिनांक 03-02-2024 के माध्यम से कार्यवाही बावत् लेख किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो कार्यादेश जारी करने के पूर्व संविदाकार से अनुबंध नहीं कराया गया अथवा अनुबंध की प्रति छुपाकर सही तथ्य को छिपाने का प्रयास किया गया एवं नियम विरूद्ध बगैर अनुबंध के कार्यादेश जारी कर धोखाधड़ी की गई, संविदाकार से 1026776/- रूपये की वसूली संबंधितों द्वारा व्यक्तिगत हितपूर्ति कर नहीं की गई ब्याज सहित राशि वसूली व अनुबंध के बगैर कार्यादेश जारी करने के लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर, किस-किस तरह की कार्यवाही, किन-किन पर प्रस्तावित करेंगे बतावें। कूटरचित दस्तावेज तैयार करने पर धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध करावेंगे तो कब तक बतावें। अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालनालय के पत्र क्रमांक 02 दिनांक 03-12-2024 पर की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावें कि किन जिम्मेदारों पर किस तरह की कार्यवाही कब-कब प्रस्तावित की गई अगर नहीं की गई तो क्यों? कब तक करावेंगे बतावें। जबकि प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल को पत्र क्रमांक 210 दिनांक 19-02-2024 के माध्यम से दिनांक 21-02-2024 को पत्र देकर कार्यवाही का लेख किया गया था, पत्र पर की गई कार्यवाही की भी जानकारी देवें, पत्र अनुसार अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार दी गई जानकारी के आधार पर प्रश्नांश (ख) अनुसार बगैर अनुबंध के कार्यादेश जारी कर शासन के जारी आदेशों एवं निर्देशों की अवहेलना कर व्यक्तिगत हितपूर्ति करने, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, पत्र पर समय पर कार्यवाही न करने, संविदाकार से ब्याज सहित वसूली न करने के लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) 1. संचालनालय के पत्र क्रमांक/शा.02/वि.स./2024/2289 दिनांक 03.02.2024 के द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक रीवा को जांच हेतु निर्देशित किया गया। 2. उपरोक्तानुसार प्रकरण में जांच की कार्यवाही प्रचलित होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनियमित ढ़ंग से भूमियों के हस्तांनान्तरण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 2342 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार द्वारा पुनर्घनत्वीकरण योजना बावत् क्या निर्देश एवं मापदण्ड तय की गई है की प्रति देते हुये बतावें कि कलेक्टर द्वारा भूमियों के क्रय हेतु क्या निर्देश है प्रति देते हुये बतावें नगर निगम क्षेत्र रीवा में जमीनों को उपरोक्त योजना के नाम पर बिल्डरों को बेची/अनुबंध की किन शर्तों पर दी गई का विवरण देवें, इन बिल्डरों को दी गई, कीमत की वास्तविक बाजारी कीमत क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बिल्डरों को दी गई भूमियों से प्राप्त राशि का विवरण नगर निगम रीवा के क्षेत्रवार रीवा का पृथक-पृथक देते हुये बतावें भूमियों को देने बावत् अनुबंध की क्या शर्तें निर्धारित की गई, की प्रति के साथ बतावें। (ग) क्या रीवा नगर निगम क्षेत्र के तानसेन कॉम्प्लेक्स सहित अन्य भूमियों को बिल्डरों/ठेकेदारों को कौड़ियों के दाम पर शासन के जारी निर्देशों से हटकर देकर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचायी गई, इन अनियमितता के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है जिम्मेदारों पर कूटरचित आधारों पर शासन को क्षति पहुँचाने पर धोखाधड़ी व राशि वसूलने बावत् निर्देश देंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) शहरी क्षेत्रों में स्थित शासकीय भवन परिसरों के लिए पुनर्घनत्वीकरण की योजना के संबंध में मार्गदर्शी निर्देश, 2005 एवं नीति, 2016 एवं 2022 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। नीति के बिन्दु क्रमांक-10.11 में भूमि के लिये निविदा आमंत्रित करने हेतु आरक्षित मूल्य (अपसेट मूल्य) की प्रक्रिया निर्धारित है। निर्धारित अपसेट मूल्य पर बीडर द्वारा बीड डाली जाती है। नीति की कंडिका क्रमांक-11 में विहित प्रावधान अनुसार चयनित एजेन्सी के साथ त्रिपक्षीय अनुबंध किया जाता है। शासकीय भूमियों की वास्तविक बाजारी किमत का निर्धारण प्रचलित कलेक्टर गाईड लाइन के आधार पर किया जाता है। वास्तविक बाजारी किमत बताया जाना सम्भव नहीं है। (ख) रीवा नगर निगम अंतर्गत पुनर्घनत्वीकरण योजनाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। भूमियों को देने बाबत अनुबंध की निर्धारित शर्तों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) पुनर्घनत्वीकरण नीति में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही भूमियों का निर्वर्तन किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत लाइसेंस नवीनीकरण की ऑनलाइन प्रक्रिया
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 2508 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा विभाग छिंदवाड़ा के अंतर्गत सभी श्रेणी के विद्युत ठेकेदारों को प्रत्येक 3 वर्ष पश्चात लाइसेंस नवीनीकरण करना अनिवार्य है? हाँ या नहीं? (ख) क्या अभी लाइसेंस के नवीनीकरण शुल्क एवं केलिवेशन रिपोर्ट उक्त कार्यालय में प्रस्तुत करने के कितने दिनों बाद लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया जाता है? समय अवधि बतायें। (ग) क्या मध्यप्रदेश विद्युत सुरक्षा विभाग की विभागीय वेबसाईट के माध्यम से लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया आनलाइन करने का प्रावधान किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश विद्युत निरीक्षकालय के अन्तर्गत सभी श्रेणी के विद्युत ठेकेदारों को लायसेंस चालू रखने के लिये प्रत्येक 03 वर्ष पश्चात लायसेंस नवीनीकरण करवाना अनिवार्य है। ''अ'' श्रेणी विद्युत ठेकेदार के लायसेंस का नवीनीकरण सचिव, म.प्र. अनुज्ञापन मण्डल (विद्युत) भोपाल द्वारा तथा ''ब'' श्रेणी विद्युत ठेकेदार के लायसेंस का नवीनीकरण विद्युत निरीक्षकालय के संबंधित संभागीय कार्यालयों से किया जाता है। उक्तानुसार छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत भी कार्यवाही की जाती है। (ख) लायसेंस नवीनीकरण के आवेदन की नियमानुसार समस्त औपचारिकताएं पूर्ण होने के पश्चात नवीनीकरण की समय-सीमा 07 दिवस है। (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश विद्युत निरीक्षकालय में ''अ'' एवं ''ब'' श्रेणी के लायसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया ऑफ लाइन है। इस संबंध में कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
मंडला में सीवर लाइन का कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 2685 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला नगर पालिका क्षेत्र में सीवर लाइन डालने का कुल कितना कार्य प्रस्तावित था? कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? कितने क्षेत्र में लाइन डल चुकी है? कितने में अधूरी है एवं कितने क्षेत्र में अभी कार्य अप्रारंभ है? प्रारम्भ में कार्य की कुल लागत कितनी थी और वर्तमान में कितनी है? लागत बढ़ने के क्या कारण हैं? (ख) कार्य योजना एवं निविदा अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण किया जाना था एवं कब तक संपूर्ण हो सकेगा, समय-सीमा बताएं? समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किए जाने पर ठेकेदार पर कितना जुर्माना वसूला गया? यदि नहीं तो क्यों? (ग) मंडला नगर पालिका क्षेत्र के अनेक स्थानों में पानी निकासी की उचित व्यवस्था क्यों नहीं है? ऐसे कितने स्थान चिन्हित हैं जहाँ बारिश में जल भराव की समस्या रहती है? उनके लिए अब तक क्या प्रयास किये गए? (घ) क्या सीवर लाइन डालने के लिए सड़कों को खोदकर पुनः सड़क निर्माण/सुधार किये जाने का प्रावधान कार्य में सम्मिलित था? यदि हाँ तो अब तक कितनी सड़कों को खोदकर पुनः बनाया जा चुका है? क्या यह सही है कि नगर के विभिन्न वार्डों में सड़कों को खोदकर ऐसे ही छोड़ दिया गया है और उनसे अनेक दुर्घटना हो रही हैं? यदि हाँ तो उन सड़कों का निर्माण/सुधार कब तक कर दिया जायेगा? क्या इस हेतु नगर पालिका मंडला द्वारा संबंधित फर्म से कोई वसूली की गई? यदि हाँ तो कितनी, यदि नहीं तो क्या कोई वसूली की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मण्डला नगर पालिका क्षेत्र में सीवरेज योजना निर्माण हेतु संविदाकार के साथ निष्पादित अनुबंध अनुसार नगर पालिका क्षेत्र में कुल 115.5 किमी सीवर कलेक्शन नेटवर्क प्रस्तावित था। कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में नगर पालिका क्षेत्र में 111 कि.मी. नेटवर्क डाला जा चुका है। नगर पालिका के क्षेत्र में 4 कि.मी. पाईप लाइन का कार्य शेष है। अनुबंधानुसार निर्माण कार्य की कुल लागत रू.90.94 करोड थी तथा वर्तमान में रू 101.72 करोड है। लागत में वृद्धि का मुख्य कारण स्थल की आवश्यकता स्थल परिवर्तन के कारण अतिरिक्त कार्य तथा डिजाईन के अनुसार पाईप के व्यास में अंतर है। (ख) कार्य योजना एवं अनुबंध अनुसार कार्य 25-06-2023 तक पूर्ण किया जाना था तथा अप्रैल 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने के कारण ठेकेदार से अभी तक रू. 5, 00, 000 लिक्विडेटड डैमेज़ हेतु राशि रोकी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मण्डला नगर पालिका क्षेत्र में पानी निकासी की व्यवस्था है किन्तु नगर की भौगोलिक संरचना के कारण वर्षा ऋतु के दौरान अत्याधिक वर्षा की अवस्था में नर्मदा नदी के किनारे स्थित निचले क्षेत्रों में कुछ समय के लिये जल भराव की स्थिति निर्मित हो जाती है जो कि वर्षा रूकने के साथ ही समाप्त हो जाती है। ऐसे कुल 12 स्थान चिन्हित है। स्वामी सीताराम वार्ड, लाल बहादुर शास्त्री वार्ड, चूरावन घाट, धर्मशाला घाट, महात्मा गांधी वार्ड, रंजरेज घाट, उर्दू घाट, किला घाट, बुधवारी बाजार, राज राजेश्वरी वार्ड, जेल घाट एवं नाव घाट, जवाहर वार्ड। जल निकासी हेतु इन क्षेत्रों में स्थित नाले-नालियों की समय-समय पर सफाई की जाती है तथा वर्षा ऋतु के दौरान सफाई की बारम्बार बढा दी जाती है ताकि वर्षा के पानी की त्वरित निकासी हो सके। (घ) जी हाँ। अभी तक 109.5 किमी लम्बाई में पाइप-लाइन डालकर सड़कों के क्षतिग्रस्त भाग को पुनः बनाया जा चुका है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। संबंधित फर्म को कार्य के आधार पर भुगतान किया जाता है अतः वसूली का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध 125 पदों पर भर्ती
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 2702 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर जिले के अंतर्गत नगर परिषद् रामनगर में तत्कालीन अध्यक्ष राम सुशील पटेल द्वारा परिषद् में प्रस्ताव पारित कर 125 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की भर्ती की गई? भर्ती प्रक्रिया का पालन न कर मनमाने ढ़ंग से कर्मचारियों की भर्ती की गई तो क्या प्रक्रिया अपनाई गई का बिन्दुवार विवरण प्रत्येक कर्मचारीवार दें। (ख) क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 17339 दिनांक 06-10-1995 के द्वारा दैनिक वेतन पर कर्मचारियों की भर्ती पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है? अगर हाँ तो उक्त आदेश की एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में की गई भर्ती को राज्य शासन वैध मानता है या अवैध? अगर अवैध मानता है तो कब तक कितनी-कितनी राशि की वसूली तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद् रामनगर से की जायेगी? (घ) राज्य शासन उक्त नियम विरूद्ध कार्य करने, अमानत में खयानत करने वाले नगर परिषद् के पूर्व अध्यक्ष एवं नगर पालिका अधिकारी एवं अन्यों के विरूद्ध कब तक स्थानीय थाने में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नही। मैहर जिले की नगर परिषद् न्यूरामनगर में परिषद्/पी.आई.सी. के स्वीकृति अनुसार मस्टर श्रमिक रखे गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। म.प्र. नगर पालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 के नियम 83 अनुसार मस्टर रोल में श्रमिक रखे जाने का प्रावधान है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। नगर परिषद् न्यूरामनगर जिला मैहर में कार्यरत मस्टर श्रमिक की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। (ख) जी हाँ। संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के परिपत्र क्रमांक/6/136/95/एक/17339 भोपाल दिनांक 06.10.95 द्वारा दैनिक भोगी कर्मचारियों की भर्ती पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है।
बिजली कंपनियों से बिजली क्रय का अनुबंध
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 2868 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-04-2020 से 31-03-24 तक प्रदेश सरकार के स्वामित्व की कंपनी म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के पावर प्लांटों द्वारा कितनी बिजली उत्पादन (मिलियन यूनिट) की गई? पॉवर प्लांट नाम, उत्पादित बिजली की जानकारी माहवार देवें। इस अवधि में प्रदेश में विद्युत खपत की जानकारी भी माहवार वर्षवार (मिलियन यूनिट) देवें। (ख) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विभिन्न निजी कंपनियों से कितनी अवधि के बिजली क्रय अनुबंध वर्तमान में प्रचलन में है? प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में यथा दिनांक 01.04.2020 से 31.03.2024 तक वर्षवार कितनी मात्रा में बिजली क्रय की गई, पूर्ण भुगतान राशि वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में बिना बिजली खरीदे निजी कंपनियों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? भुगतान राशि फर्म का G.S.T. नंबर, फर्म का नाम, भुगतान वर्षवार विवरण सहित देवें। (घ) बिना बिजली खरीदे राशि भुगतान अनुबंधकर्ता अधिकारियों के नाम, पदनाम देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दिनांक 01.04.2020 से 31.03.2024 तक म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के जल एवं ताप विद्युत गृहों द्वारा उत्पादित बिजली (मिलियन यूनिट में) की विद्युत उत्पादन गृह के नामवार एवं माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त अवधि में प्रदेश में विद्युत खपत (मिलियन यूनिट में) की माहवार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा निजी कंपनियों से ली जा रही विद्युत के संबंध में किये गये विद्युत क्रय अनुबंधों की अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि (01.04.2020 से 31.03.2024 तक) में वर्षवार क्रय की गई विद्युत की मात्रा एवं भगुतान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में बिना बिजली खरीदे निजी कंपनियों को फिक्स चार्जेस के मद में भुगतान हेतु स्वीकृत राशि एवं फर्म की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन अनुबंधकर्ता अधिकारियों के नाम एवं पदनाम निम्नानुसार है:-
निजी विद्युत उत्पादक का नाम |
तत्कालीन अनुबंधकर्ता अधिकारियों के नाम |
तत्कालीन अनुबंधकर्ता अधिकारियों के पदनाम |
टोरंट (पी.टी.सी.) |
श्री पी.के.वैश्य |
तत्कालीन प्रबंध संचालक, एम.पी.पी.एम.सी.एल., जबलपुर |
बी.एल.ए.पावर |
श्री ए.बी.बाजपेयी |
तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक (वाणिज्य), एम.पी.पी.एम.सी.एल., जबलपुर |
मेसर्स आर्या एनर्जी पूर्व में नाम मेसर्स (ऑरियंट ग्रीन पॉवर कंपनी लिमिटेड) |
श्री मकरंद पी. चिंचोलकर |
तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक (वाणिज्य) |
मेसर्स बायो बिजली ग्रीन पॉवर लिमिटेड |
इंदौर, भोपाल, उज्जैन
के E.W.S.
आवास
आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 2869 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-07-2020 से 31-05-2024 तक इंदौर, भोपाल एवं उज्जैन जिले में प्रायवेट कालोनाईजर्स, संबंधित विकास प्राधिकरणों, हाउसिंग बोर्ड को कितने आवास निर्मित करने की अनुमति प्रदान की गई पृथक-पृथक, जिलावार, वर्षवार, स्थान नाम, निर्माता संस्था नाम सहित देवें। (ख) इन निर्माणकर्ताओं द्वारा E.W.S. के तहत कितने आवास आवंटित किए गए? संस्थावार, स्थान नाम, संख्या सहित जिलावार देवें। (ग) कितने प्रकरण E.W.S. आवास के उपरोक्तानुसार आवंटन हेतु प्रश्न दिनांक की स्थिति में लंबित है? संस्थावार, स्थान नाम, संख्या सहित जिलावार देवें। कब तक यह आवंटन होगा? (घ) इस विलंब के उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम, जिलावार देवें। इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा राजा भोज, गोदरमउ चरण-2 योजना भोपाल में 272 ई.डब्ल्यू.एस. प्रकोष्ठ निर्मित किये गये हैं। इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा आवासों का निर्माण अपनी योजनाओं में नहीं किया गया है। उज्जैन विकास प्राधिकरण को आवास निर्मित करने की कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई है। म.प्र. गृह निर्माण मण्डल की शिवांगी परिसर गोयलाखुर्द उज्जैन में 138 (एम.आई.जी.ए-63, एम.आई.जी. बी1-20, एम.आई.जी. बी2 26, एल.आई. जी.-07 ई.डब्ल्यू.एस.-22) प्रकोष्ठ निर्मित किया जाना प्रस्तावित है। मण्डल द्वारा भोपाल में लव-कुश हाईटस योजना में 72 प्रकोष्ठ (36) एम.आई.जी. एवं 36 एच.आई.जी.) निर्मित किया जाना प्रस्तावित है। मण्डल की इन्दौर से संबंधित जानकारी निरंक है। (ख) भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा राजा भोज गोदरमउ चरण-2 योजना में कुल 272 ई.डब्ल्यू.एस. प्रकोष्ठों में से 12 ई.डब्ल्यू.एस. प्रकोष्ठों का आवंटन किया गया है। उत्तरांश (क) के आधार पर इंदौर विकास प्राधिकरण एवं उज्जैन विकास प्राधिकरण की जानकारी "निरंक" है। मण्डल की इन्दौर, भोपाल, उज्जैन से संबंधित जानकारी निरंक है। (ग) भोपाल विकास प्राधिकरण में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कोई प्रकरण आवंटन हेतु लंबित नहीं है। उत्तरांश (क) के आधार पर इंदौर विकास प्राधिकरण एवं उज्जैन विकास प्राधिकरण की जानकारी "निरंक" है। मण्डल की इन्दौर, भोपाल, उज्जैन से संबंधित जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश (क) के आधार पर कोई दोषी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भू-उपयोग परिवर्तन पर स्थाई रोक हेतु प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 2974 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेरे द्वारा पूर्व में लगाए प्रश्न क्रमांक 967/13.07.2023, 1018/12/08/2021 का रिकॉर्ड देते हुए बताइए क्या वर्तमान में प्रदेश सरकार की सिंहस्थ भूमि के भू-उपयोग परिवर्तन की मंशा है? यदि है तो प्रत्येक सिंहस्थ की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिसूचित भूमि बड़ाने के स्थान पर कम क्यों करना चाहती है? स्पष्ट करें। (ख) 2004 और 2016 के सिंहस्थ में कितनी जनसंख्या वृद्धि हुई? वर्तमान 2028 के सिंहस्थ में कितनी जनसंख्या वृद्धि का अनुमान है? आगामी सिंहस्थ में जनसंख्या वृद्धि देखते हुए सिंहस्थ भूमि का विस्तारीकरण की क्या योजना प्रस्तावित हैं? (ग) क्या सिंहस्थ की सेटेलाइट टाउन की रिजर्व 148 हेक्टे. भूमि को पूर्व में आवासीय में बदला गया था? क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री ने आवासीय को कृषि भूमि में यथावत रखने के आदेश दिए? यदि हाँ तो प्रति देवें। (घ) क्या 01/04/2022 को विभाग ने 30 दिवस में इस संबंध में आपत्ति जनसाधारण से मांगी थी? यदि हाँ तो, 442 दिनांक 08/05/2022 को प्रश्नकर्ता के पत्र द्वारा ली गई आपत्ति पर क्या कार्यवाही हुई? रिकॉर्ड देवें। (ड.) उपसचिव नगरीय निकाय के आपत्ति के लिए जारी विज्ञापन पर कितनी आपत्तियां प्राप्त हुई? प्रतियां देवें। (च) क्या भूमाफियाओं से राज्य सरकार सिंहस्थ अधिसूचित भूमि को सुरक्षित करते हुए भविष्य में भू-उपयोग परिवर्तन से रोकने का प्रावधान करेगी? यदि हां, तो आगामी योजनाओं के रिकॉर्ड प्रस्तुत करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्य भारत सिंहस्थ मेला अधिनियम 1955 के तहत सिंहस्थ की आवश्यकताओं को देखते हुए मेला क्षेत्र अधिसूचित किया गया है। सिंहस्थ 2028 के लिये मेला क्षेत्र अधिसूचित नहीं किया गया है। उज्जैन विकास योजना 2035 में सिंहस्थ क्षेत्र का क्षेत्रफल पूर्व प्रचलित उज्जैन विकास योजना 2021 में सिंहस्थ क्षेत्र से घटाया नहीं गया है। सरकार की वर्तमान में अधिसूचित भूमि कम करने की कोई मंशा नहीं है। (ख) वर्ष 2004 के सिंहस्थ में लगभग 1.1 करोड़ जनसंख्या अनुमानित की गई थी और 2016 के सिंहस्थ में लगभग 7 करोड़ जनसंख्या अनुमानित की गई थी। वर्ष 2016 के सिंहस्थ में वृद्धि के मान से आगामी सिंहस्थ वर्ष 2028 में 8 करोड़ जनसंख्या (कुल 15 करोड़ जनसंख्या) वृद्धि का अनुमान है। आगामी सिंहस्थ में जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए पड़ाव स्थल की 3061 हेक्टेयर भूमि को पूर्ववत पार्किंग, सेटेलाईट टाउन एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए सिंहस्थ 2016 के अधिसूचित क्षेत्र से 1002 हेक्टेयर भूमि अतिरिक्त वृद्धि, अस्थाई रूप से सिंहस्थ के उपयोग हेतु विस्तारीकरण के लिए योजना प्रस्तावित है। (ग) जी हाँ। जी नहीं अपितु तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा उज्जैन के नए मास्टर प्लान से सिंहस्थ 2028 के आयोजन में कोई असुविधा उत्पन्न नहीं होने तथा यदि आवश्यक हो तो मास्टर प्लान में परिवर्तन किए जाने के निर्देश दिए गए थे। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (च) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर.डी.एस.एस. योजना
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 3145 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत बड़वानी संचालन-संधारण वृत्त में प्रचलित आर.डी.एस.एस. योजना कब प्रारंभ की गई? योजनान्तर्गत जिला बड़वानी संचालन-संधारण वृत्त में कितनी राशि आवंटित की गयी एवं कितनी राशि व्यय की गयी? संचालन-संधारण संभाग बड़वानी अंतर्गत कितने कार्य आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत स्वीकृत हुए तथा कितने कार्य पूर्ण हुए तथा शेष अपूर्ण कार्यों की सूची प्रदान करें तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण होने की जानकारी वित्तीय वर्षवार बतावें। (ख) म.प्र. कम्पनी क्षेत्रान्तर्गत बड़वानी संचालन-संधारण संभाग में आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत प्रस्तावित, स्वीकृत एवं शेष कार्यों की सूची प्रदान करें। (ग) म.प्र.वि.वि.क.लि. क्षेत्रान्तर्गत बड़वानी संचालन-संधारण संभाग में प्रचलित आर.डी.एस.एस. योजना में कितने अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाए गए (घरेलू एवं सिंचाई) की सूची वितरण केन्द्रवार, ग्रामवार एवं स्थानवार प्रदान करें? (घ) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के बड़वानी संचालन-संधारण संभाग अंतर्गत कितने घरेलू एवं सिंचाई श्रेणी के विद्युत वितरण ट्रांसफॉर्मर अतिभारित (ओवरलोड) हैं? इनमें से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफॉर्मर की क्षमता वृद्धि के प्रस्ताव आर.डी.एस.एस. योजना में स्वीकृत किए जा चुके हैं एवं कितने शेष हैं स्थानवार जानकारी वितरण केन्द्रवार देवें। विद्युत वितरण ट्रांसफॉर्मर अतिभारित (ओवर लोड) होने के पश्चात भी उनकी क्षमता में वृद्धि नहीं हो पाने का क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत संचालन-संधारण वृत्त बड़वानी में आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण लॉस रिडक्शन अंतर्गत कार्यों के प्रारंभ होने की दिनांक एवं आवंटित एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। संचालन/संधारण वृत्त बड़वानी में आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य, पूर्ण कार्य एवं अपूर्ण कार्य तथा अपूर्ण कार्य की पूर्ण होने की संभावित दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' से 'अ-11' अनुसार है। (ख) संचालन/संधारण संभाग बड़वानी में आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण लॉस-रिडक्शन अंतर्गत स्वीकृत एवं शेष (अपूर्ण) कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' से 'ब-11' अनुसार है। आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण मॉर्डनाईजेशन अन्तर्गत प्रस्तावित कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स', 'स-1' एवं 'स-2' अनुसार है। (ग) संचालन/संधारण संभाग बड़वानी में आर.डी.एस.एस. योजना अन्तर्गत लगाये गये अतिरिक्त 72 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों (घरेलू श्रेणी के 05 एवं सिंचाई के 67) की वितरण केन्द्रवार, ग्रामवार एवं स्थानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (घ) संचालन/संधारण संभाग बड़वानी अंतर्गत 453 घरेलू श्रेणी के एवं 279 सिंचाई श्रेणी के इस प्रकार कुल 732 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं। इनमें से घरेलू श्रेणी के 72 एवं सिंचाई श्रेणी के 90 वितरण ट्रांसफार्मर आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण में स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-8' अनुसार है। शेष 570 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों (घरेलू श्रेणी के 381 एवं सिंचाई के 189 ) की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है। उक्त 570 अतिभारित वितरण ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण में प्रस्तावित किये गए हैं। वितरण ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य संचालित योजना के अंतर्गत वित्तीय उपलब्धता तथा इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के वरीयता क्रम के आधार पर किया जाता है।
सीवरेज प्रोजेक्ट के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 3148 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वानी सीवरेज प्रोजेक्टक के कार्य में HDPE पाईप को जोड़ने हेतु PVC पाईप के टुकड़ों का उपयोग किया गया है? क्या पाइपों को जोड़ने का कार्य निविदा/DPR/अनुबंध अनुसार किया जा रहा है? अगर नहीं तो इसका जिम्मेदार दोषी कौन होगा और उस पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) योजना के हाइड्रो टेंस्टिग का कार्य शुरू करने की अनुबंध अनुसार क्या प्रक्रिया है? अभी तक हाइड्रो टेंस्टिग कार्य की प्रोग्रेस रिपोर्ट क्या हैं और हाइड्रो टेंस्टिग अगर हुई है तो टेस्ट रिपोर्ट की छायाप्रतियां देवें। (ग) योजनान्तर्गत बन रहे सीवर मेन होल का निर्माण इंडियन स्टैण्डर्ड-2212, इंडियन स्टैण्डार्ड-2250 तथा इंडियन स्टैण्डर्ड-4111 अनुसार किया जा रहा हैं? अगर नहीं तो दोषीयों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? डी.पी.आर. तथा अनुबंध पत्र अनुसार सीवर मेन होल के निर्माण की सिविल तथा तकनीकि विशेषताओं की सत्यापित छायाप्रतिया देवें। (घ) क्या मध्यप्रदेश अर्बन सेनिटेशन तथा इन्वायरनमेंटल प्रोग्राम के मिनिट्स कांन्ट्रेक्टरस रिव्यू मिंटिग दिनांक 3 जनवरी 2022 के डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर एमपीयुडीसी भोपाल के निर्देश अनुसार पाइप-लाइन डालने के पश्चात टेम्प्रेरी रिस्टोरेशन 48 घंटे तथा परमानेंट रिस्टोरेशन 7 दिन में पूर्ण होना चाहिए। अगर हाँ तो बड़वानी नगर में सिवरेज कार्य के दौरान खराब हुई सड़कों जैसे रायदास मार्ग का निर्माण आज 6 माह बाद भी क्यों नहीं हुआ हैं। इसके लिए दोषी निर्माण एजेंसी तथा एजेंसी के इंजीनियर पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ अनुसार है। कुल 27.72 किमी डाली गई पाइप लाइन में से 5.28 कि.मी. हाइड्रोटेस्ट किया गया है। टेस्ट रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- स अनुसार है। (घ) जी हाँ। बड़वानी नगर में सीवरेज योजना निर्माण कार्य के लिये पूर्व में मै. तहाल कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्रा. लि. संविदाकार थे उनके द्वारा नगर में लगभग 27.72 कि. मी. मार्गों में पाइप-लाइन डालने के पश्चात मार्ग को परमानेन्ट रिस्टोर नहीं किया गया जिसमें रामदास मार्ग का 700 मी. में से 200 मी. भाग भी सम्मिलित है। मै. तहाल द्वारा मैनहोल व हाउस कनेक्शन का कार्य नहीं किया गया अतः इस भाग में परमानेन्ट रेस्टोरेशन नहीं किया जा सका। दोषी निर्माण एजेंसी मै. तहाल के साथ अनुबंध 11 जुलाई 2022 को निरस्त किया जाकर उनकी परफॉरमेंस सीक्योरिटी तथा रिटेन्शन राशि जब्त की जा चुकी है। निर्माण कार्य के लिये नवीन संविदाकार (मै. आर.बी.एल. जे. व्ही. मै. एस.आर.सी.सी.) के साथ दिनांक 15.09.2023 को अनुबंध किया गया है जिनके द्वारा पूर्व में मै. तहाल द्वारा डाली गई पाइप लाइन के कारण क्षतिग्रस्त मार्गों के रिस्टोरेशन का कार्य भी किया जा रहा है। नवीन संविदाकार ने रामदास मार्ग शेष 500 मी में भी सीवर लाइन डाली जा चुकी है व मेनहोल निर्माण का कार्य भी किया जा चुका है। वर्तमान में मार्ग को टेम्परेरी रिस्टोर किया गया है। ताकि आम-जन को असुविधा न हो। दोषी निर्माण एजेंसी मै. तहाल के साथ अनुबंध 11.7.22 को निरस्त किया जाकर उनकी परफार्मेन्स प्रतिभूति व रिटेन्शन राशि जब्त की जा चुकी है।
सड़क चौड़ीकरण तथा डिवाइडर निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 3167 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर नगर में निर्माणाधीन कुमार साइकिल स्टोर सिविल लाइन से वार्ड नंबर 13 टोला की ओर की सड़क के चौड़ीकरण तथा डिवाइडर निर्माण के प्रस्ताव में संकल्प विद्या मंदिर सौंसर से कुमार साइकिल स्टोर की ओर तथा संकल्प स्कूल से टोला की ओर जाने वाले रोड दोनों पर डिवाइडर बनाये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ तो क्या कारण है कि संकल्प स्कूल से टोला की ओर जाने वाले रोड पर डिवाइडर नहीं बनाया जा रहा है? (ग) क्या तद्नुसार सुधार कर संकल्प स्कूल से टोला की ओर जाने वाले रोड पर भी डिवाइडर बनाया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। राशि की उपलब्धता अनुसार कार्य कराया जा सकेगा।
वाटर ट्रीटमेंट एवं रीसाईकिलिंग प्लांट की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 3194 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना नगर से निकलने वाली किलकिला नदी जो कि प्रणामी संप्रदाय की पवित्र नदी है में शहर के सभी नालों का पानी आकर मिलता है? यदि हाँ तो क्या इस नदी की सफाई हेतु कोई वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट लगाया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें। (ख) क्या वर्तमान में नगर से निकलने वाला कचड़ा फेंकने हेतु शहर के बाहर कोई चिन्हित स्थान न होने के कारण शहर के आसपास फेंका जा रहा है। जिससे वहाँ के रहवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ तो इस समस्या के निराकरण हेतु कोई स्थान चिन्हित कर रिसाइकिल प्लांट निर्मित कराया जायेगा। यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) पन्ना नगर स्थित श्री जुगल किशोर मंदिर जन-जन की आस्था का केन्द्र है। क्या इस मंदिर में श्रद्धालुओं के आवागमन के कारण अक्सर मंदिर के आस पास के इलाके में पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने के कारण जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है? क्या यातायात को सुगम बनाने हेतु मदिर परिसर के पास पार्किंग की समुचित व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
तालाब निर्माण कार्यों में की गई अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 3196 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर शहरी विकास जिला धार दिनांक 29-01-2020 क्र. 4229/डूडा/2020 द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन विकास विभाग भोपाल मध्यप्रदेश को तत्कालीन नगर पालिका अधिकारी मांडव के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु पत्राचार किया गया था? यदि हाँ तो बतावे कि क्या कारण था? (ख) प्रश्नांकित (क) में उल्लेखित शिकायत/कार्यवाही पत्र अनुसार कौन से कार्य की निविदा प्रक्रिया में किस प्रकार अनियमितता बरती गई थी? कार्यवार, तिथिवार प्रथम प्रोसेसिंग कार्य से लेकर निविदा की कार्यवाही और राशि भुगतान का विवरण सहित बिल की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावे? (ग) तत्कालीन नगर पालिका अधिकारी के विरुद्ध किस जाँच कमेटी ने किस प्रकार का आरोप सिद्ध किया तथा विभाग ने क्या दंडात्मक कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो किस कारण? जानकारी दें। (घ) क्या अपूर्ण कार्य होते हुए भी कार्य से अधिक भुगतान किया गया? क्या बाकी राशि की वसूली शासन द्वारा की गई? अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावे? यदि नहीं तो किस कारण?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद् माण्डव के एक थम्बा एवं टिपकिया तालाब गहरीकरण कार्यों में की गई अनियमितता के संबंध में विभागीय कार्यवाही किये जाने हेतु पत्राचार किया गया था। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'द' अनुसार है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट में विलम्ब
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 3212 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट कब मंजूर हुआ था? यह प्रोजेक्ट कितने वर्षों में पूरा होना था? (ख) प्रोजेक्ट की मंजूरी के समय इसकी कितनी लागत अनुमानित थी? (ग) क्या प्रोजेक्ट में विलम्ब हो रहा है? यदि हाँ तो इसका क्या कारण है? (घ) वर्तमान स्थिति में भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के कब तक पूरा होने का अनुमान है? प्रोजेक्ट में हो रहे विलम्ब के कारण इसकी लागत में कितनी बढ़ोत्तरी हो रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिजली उत्पादन इकाई को सिंगरौली स्थानांतरित किया जाना
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 3213 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अदानी ग्रुप द्वारा पेंच में लगाई जाने वाली बिजली उत्पादन इकाई को सिंगरौली स्थानांतरित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो स्थान परिवर्तन किये जाने का क्या कारण है? (ग) सिंगरौली में कितने मेगावाट की इकाई लगाया जाना प्रस्तावित है? (घ) क्या उपरोक्त स्थान परिवर्तन के लिए वित्त विभाग से सहमति ली गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) अदानी ग्रुप द्वारा पेंच में लगायी जाने वाली विद्युत उत्पादन इकाई को सिंगरौली स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है, अपितु अदानी ग्रुप द्वारा मध्य प्रदेश की भावी बिजली की आवश्यकताओं की पूर्ति करने हेतु नवीन विद्युत उत्पादन इकाई की स्थापना सिंगरौली में किया जाना प्रस्तावित है। अदानी ग्रुप द्वारा पेंच एवं सिंगरौली में प्रस्तावित विद्युत उत्पादन इकाईयां अलग-अलग ताप विद्युत परियोजनाएँ हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) मेसर्स महान इनर्जन (अदानी ग्रुप कंपनी) द्वारा सिंगरौली में 1320 मेगावॉट (2x660 मेगावॉट) क्षमता के ताप विद्युत गृह की स्थापना हेतु दिनांक 12.03.2020 को एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के साथ विद्युत आपूर्ति अनुबंध निष्पादित किया गया था। तत्पश्चात मेसर्स महान इनर्जन द्वारा किये गये अनुरोध को स्वीकार कर, राज्य शासन द्वारा 1320 मेगावॉट (2x660 मेगावॉट) के स्थान पर 1600 मेगावॉट (2X800 मेगावॉट) विद्युत उत्पादन इकाई की स्थापना हेतु सशर्त अनुमति प्रदान की गई है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
एवरेज बिल से संबंधित शिकायतें
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 3230 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा उपभोक्ताओं को औसत बिल भेजने का प्रमुख आधार एवं इनका समाधान करने का आधार क्या है। जबलपुर (शहर) वृत्त अन्तर्गत एवरेज बिल से संबंधित कितनी शिकायतें मिली हैं, इसमें सी.एम. हेल्प लाइन से प्राप्त कितनी शिकायतों एवं अन्य शिकायतों का समाधान किया गया? कितनी शिकायतों का कोई संतोषजनक समाधान/निराकरण नहीं किया गया? कितनी लम्बित है? वर्ष 2022-23 से 2023-24 जून 2024 तक की संभागवार वर्षवार संख्यात्मकवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले बी.पी.एल. विद्युत उपभोक्ताओं, विद्युत मीटर बंद होने, रीडिंग पंच न होने, मीटर बदलवाने, बिलों में सुधार करवाने से संबंधित कितनी-कितनी शिकायतें मिली हैं और कितनी-कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया है? (ग) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के कितने उपभोक्ताजनों की शिकायतें मिली हैं। कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? कितने उपभोक्ताओं के बिलों में सुधार किया गया। कितने उपभोक्ताओं से बिजली बिल की पूरी राशि जमा कराई गई? कितनी शिकायतें लंबित हैं? (घ) क्या शासन अनाप-शनाप बिल भेजने, एवरेज बिल के नाम पर आम उपभोक्ताओं को परेशान करने, उनकी शिकायतों का निराकरण न करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021'' की कंडिका-8.44 के अनुसार मीटर खराब होने की स्थिति में विद्युत उपभोक्ताओं को पूर्व तीन माहों की औसत खपत के आधार पर विद्युत खपत का आंकलन कर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। तथापि उपभोक्ता यदि ऐसे निर्धारण से संतुष्ट नहीं हो, तो वह उपसंभाग के प्रभारी अधिकारी को अपील प्रस्तुत कर सकता है। औसत विद्युत देयक के समाधान हेतु उपभोक्ताओं के बंद/खराब मीटरों को यथाशीघ्र बदलकर, उन्हें आगामी माह में वास्तविक खपत के विद्युत देयक जारी किये जाते है। शहर वृत्त जबलपुर अंतर्गत औसत खपत के देयकों से संबंधित प्राप्त कुल शिकायतें, सी.एम. हेल्प लाइन से प्राप्त शिकायतें एवं अन्य माध्यम से प्राप्त शिकायतों एवं उनके वित्तीय वर्ष-2022-23 से माह जून, 2024 तक की अवधि में निराकरण से संबंधित संभागवार एवं वर्षवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त सभी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले विद्युत उपभोक्ताओं, विद्युत मीटर बंद होने, रीडिंग पंच नहीं होने, मीटर बदलवाने एवं बिलों में सुधार करवाने से संबंधित प्राप्त शिकायतों एवं उनके निराकरण की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में विधानसभा जबलपुर-पूर्व क्षेत्रांतर्गत विद्युत देयकों से संबंधित प्राप्त शिकायतों एवं उनमें से निराकृत शिकायतों तथा निराकरण हेतु बिलों में किये गये सुधार के प्रकरणों एवं निराकरण उपरांत विद्युत देयक की राशि जमा करने वाले उपभोक्ताओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त सभी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ता के परिसर में स्थापित मीटर में दर्ज खपत के आधार पर एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ दरों के अनुरूप विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। प्रश्न दिनांक की स्थिति में औसत खपत के देयकों के नाम पर उपभोक्ताओं को परेशान करने संबंधी कोई भी शिकायत शहर वृत्त जबलपुर अन्तर्गत मैदानी कार्यालयों में प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
घमापुर रांझी स्मार्ट सड़क का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 3231 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जबलपुर के तहत घमापुर से रांझी कितने कि.मी. स्मार्ट सड़क का निर्माण कितनी राशि में कराया गया? स्वीकृत मूल योजना के तहत कौन-कौन सा कार्य कब से नहीं कराया गया, कौन-कौन सा अपूर्ण/निर्माणधीन हैं। कहाँ से कहाँ तक की निर्धारित चौड़ाई से कितनी फीट चौड़ी सड़क का निर्माण कराया गया एवं क्यों? कहाँ-कहाँ के निर्मित ब्लैक स्पॉटों में क्या सुधार कार्य कराया गया? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में ठेकेदार निर्माता कं. को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं कितनी-कितनी राशि रोकी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में सड़क के दोनों ओर फुटपाथ पाथवें, अन्डर ग्राउण्ड ड्रेनेज, सेंट्रल लाइटिंग, दोनों ओर हरियाली से संबंधित कार्यों को न कराने का क्या कारण है। इसे कब तक कराया जावेगा? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित स्मार्ट सड़क के निर्माण में राशि का अपव्यय भ्रष्टाचार, घटिया अपूर्ण निर्माण कार्य की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) स्मार्ट सिटी योजना के तहत घमापुर से रांझी सड़क निर्माण कार्य में घमापुर से चुंगी चौकी 2 कि.मी. एवं गोकलपुर से रांझी 2.6 कि.मी. सड़क का निर्माण राशि रू. 27.24 करोड से कराया गया है। स्वीकृत योजना के तहत कार्य प्रारंभ होने के उपरांत ऐसे स्थल जहाँ वैधानिक व्यवधानों के कारण एवं न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से निर्माण हेतु स्थान उपलब्ध नहीं था वहां पर नाली एवं फुटपाथ निर्माण का कार्य नहीं किया जा सका है। घमापुर क्षेत्रांतर्गत पुलिया चौड़ीकरण के कार्य अंतर्गत उक्त स्थल से संलग्न स्थान पर न्यायालय में विचाराधीन याचिका क्र.- WP 28228 में स्थगन के कारण दिनांक 03.03.2022 से नहीं किया जा सका है। घमापुर से चुंगी चौकी एवं गोकलपुर से रांझी में निर्धारित चौड़ाई 24 मीटर में व्याप्त अतिक्रमण को हटाकर जो भूमि उपलब्ध हुयी उस पर लगभग 9.3 मी. तक दोनों ओर सड़क निर्माण, बीच में 1.2 मीटर का सेन्ट्रल वर्ज एवं निर्मित सड़क के दोनों ओर 0.9 मीटर की ड्रेन का कार्य किया गया है। निर्मित सड़क से किसी भी प्रकार के ब्लैक स्पॉट उत्पन्न होना चिन्हित नहीं है, शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) निर्माण एजेंसी को राशि रू. 27.24 करोड का भुगतान किया गया है एवं सिक्योरिटी डिपोजिट (SD) की राशि रु. 1.23 करोड रोकी गयी है। (ग) सड़क के दोनों ओर अंडरग्राउण्ड ड्रेनेज, सेंट्रल लाईटिंग के कार्य कराये गये है। निर्धारित सड़क चौड़ाई के दोनों ओर आवासीय भवन, निजी भूमि होने तथा आवश्यक भूमि उपलब्ध न होने के कारण फुटपाथ/हरियाली कार्य किया जाना संभव नहीं है, शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) घमापुर रांझी सड़क निर्माण अंतर्गत पूर्व में उपलब्ध सकरी सड़क का चौड़ीकरण कर फोरलेन सड़क में उन्नयन किया गया है, राशि का अपव्यय नहीं हुआ है। अनुबंध एवं नियमानुसार निर्माण एजेंसी को भुगतान किया गया है। निर्मित सड़क विगत 4 वर्ष से निर्माण उपरांत वाहनों के भारी दबाव को वहन करते हुये संतोषप्रद रूप से संचालित है, कार्य को निर्धारित गुणवत्ता एवं मापदंड के आधार पर कराया गया है। अत: शेषांश उपस्थित नहीं होता है।
विभाग की संरचना, विकास एवं निर्माण कार्यों पर व्यय
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 3266 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार 01 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन निर्माण/विकास एवं अन्य कार्य हेतु विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा, कार्यादेश सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष हैं तथा शेष राशि का भुगतान कब तक दिया जावेगा? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम सहित जानकारी देवें एवं छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य, अनियमितता, लापरवाही एवं विकास कार्यों तथा कार्य एजेन्सियों, ठेकेदारों, फर्मों को किये गये भुगतान में अनियमितता के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो शिकायतों का विवरण दें तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों में जांच उपरांत कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार/निर्माण एजेन्सी दोषी पाये गये? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? अभी तक कितनी जांचे लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? निर्माण/विकास कार्य, योजना, कार्य के नाम, स्थान, तहसीलवार, जिलावार विभाग अनुसार संपूर्ण जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खेतों व घरेलू विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 3331 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार द्वारा किसानों एवं आम उपभोक्ताओ के खेतों व घरों में विद्युत आपूर्ति बाबत् कौन-कौन सी योजनायें वर्तमान में संचालित कराई जा रही का विवरण योजनावार देते हुये बतावें शहडोल जिले में इन योजनाओं के माध्यम से क्या-क्या किन-किन संविदाकारों द्वारा से अनुबंध के किन शर्तों पर कार्य कराये जा रहे है विस्तृत विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं के कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है। इनमें कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु व्यय की जा चुकी है, जानकारी योजना संचालन के क्षेत्रवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में पूर्व में संचालित सौभाग्य योजना के तहत प्रश्नांश (क) जिले में क्या-क्या, कितनी-कितनी के लागत, किन-किन संविदाकारों से किन शर्तों पर कार्य कराये गये थे जानकारी देते हुये बतावें की इन योजना के कार्य पूर्ण नहीं है। जहां बिजली के पोल गड़े है वहां केबल नहीं लगाई गई, जहां केबल लगाई गई थी वहां गुणवत्ता विहीन होने से जल चुकी है। इनके बदलने व योजना के अधूरे कार्य को पूरा कराने बाबत् क्या निर्देश देगें एवं अनियमित रूप से बिना कार्य कराये संविदाकारों को राशि का भुगतान करने के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है। उनके पद नाम व उन पर कार्यवाही का स्वरूप बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बिजली कनेक्शन उपभोक्ताओं को अनवरत दिये जा रहे है। जिससे ट्रान्सफार्मरों में लोड बढ़ रहा है जिसके परिणाम स्वरूप ट्रान्सफार्मरों के जलने की शिकायतें मिल रही है। इस तरह की अनियमितता के सुधार के साथ ज्यादा क्षमता के ट्रान्सफार्मर लगाने बावत् क्या निर्देश देगें। नहीं देगें तो क्यों। (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं का सही ढ़ंग से क्रियान्वयन न करने व प्रश्नांश (ख) अनुसार संचालित योजनाओं के द्वारा प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित आधारों पर कार्य कराये जाने का निर्देश देगें। अगर नहीं देगें तो क्यों साथ ही कार्य न कर राशि आहरित करने वालों पर कार्यवाही के निर्देश देगें? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कृषकों को कृषि कार्य हेतु स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा अनुदान आधारित 'मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना' वर्तमान में प्रचलन में है। घरों में लाइन विस्तार कार्य कर विद्युत आपूर्ति किये जाने हेतु राज्य शासन की कोई योजना पृथक से वर्तमान में प्रचलन में नहीं है। तथापि जिन स्थानों पर नियमानुसार लाइन विस्तार कार्य की आवश्यकता नहीं है, वहां आवेदन प्राप्त होने पर ऑनलाइन कनेक्शन प्रदान कर विद्युत आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के तहत शहडोल जिले में वर्तमान तक 16 आवेदन प्राप्त हुये हैं, परन्तु उक्त आवेदन योजना अंतर्गत पात्रता की श्रेणी में नहीं आते हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। उक्त के अतिरिक्त अनुदान आधारित ''प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना'' एवं ''कुसुम-बी योजना'' संचालित है, जिनका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शहडोल जिले में प्राप्त आवेदन पात्रता की श्रेणी में नहीं आने से कार्य नहीं किया जा सका है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) पूर्व में संचालित सौभाग्य योजना के तहत शहडोल जिले में संविदाकारों से कराये गये कार्यों की संविदाकारवार लागत राशि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार एवं शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। योजनांर्गत प्रस्तावित कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। वर्तमान में कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। तथापि स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अवैध रूप से कुछ स्थानों पर स्वयं खम्बे खड़े कर लिये जाने के कारण उत्पन्न स्थिति में ऐसे अधूरे कार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु निर्देश दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता है। केबिल गुणवत्ताविहीन होने से नहीं, अपितु विभिन्न कारणों यथा पानी जमा अवैध रूप विद्युत का उपयोग अतिभारित होने तथा प्राकृतिक एवं अन्य तकनीकी कारणों से जल जाती है। समय-समय पर केबिल जलने की शिकायत प्राप्त होने पर आवश्यक सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सुचारू किया जाता है तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार कार्य योजना/प्रचलित योजनाओं में बदलने या क्षमता वृद्धि की कार्यवाही की जाती है। अत: उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में अधूरे कार्यों हेतु संविदाकारों को राशि का भुगतान करने एवं किसी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) वितरण ट्रांसफार्मरों को ओव्हर लोडिंग से फेल होने से बचाने के लिये उच्चदाब एवं निम्नदाब परिपथ में नियत क्षमता के फ्यूज वायर एवं एम.सी.व्ही. लगाकर सुरक्षित किया जाता है। इसके अतिरिक्त भार वृद्धि के कारण ओव्हर लोडेड ट्रांसफार्मर को चिन्हित कर कार्य योजना/प्रचलित योजनाओं में क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये जाने के कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। दिनांक 01.04.2022 से दिनांक 15.06.2024 तक शहडोल जिले में 60 अतिरिक्त ट्रांसफार्मर एवं 67 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य किये गये हैं। उक्त के अतिरिक्त 311 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर एवं 509 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण मॉर्डनाईजेशन अंतर्गत प्रस्तावित कर कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी. को प्रेषित की गई है, जिसकी स्वीकृति वर्तमान में लंबित है। (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन नियमानुसार किया जा रहा है एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार समस्त प्रस्तावित कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
स्वच्छता सामग्री खरीदी की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 3372 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा वर्ष 2023 में डस्टबिन खरीदी हेतु ऑनलाइन निविदा जारी कर छिंदवाड़ा के सप्लायर के माध्यम से खरीदी की गई थी? हाँ या नहीं? यदि हाँ तो मय दस्तावेज सहित जानकारी देवें। (ख) क्या वर्ष 2023 में ही नगर पालिका परिषद् द्वारा पुन: कोटेशन के माध्यम से डस्टबिन की खरीदी की गई? हाँ या नहीं? यदि हाँ तो ई-निविदा के माध्यम से डस्टबिन की खरीदी करने के बाद भी कोटेशन के माध्यम से पुन: खरीदी क्यों करनी पड़ी? (ग) क्या उक्त खरीदी में मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 का पालन किया गया? यदि नहीं तो क्या संबंधितों पर शासन द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही कर जांच करवाई जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। पुन: कोटेशन के माध्यम से डस्टबिन की खरीदी नहीं की गई। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा खरीदी में मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकाय में नामान्तरण के लंबित प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 3390 ) श्री राजकुमार मेव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय निकाय क्षेत्र में आवासीय भूखण्ड एवं मकानों की नामांतरण करने की प्रक्रिया की अवधि तय है? (ख) यदि हाँ तो विगत 03 वर्षों में महेश्वर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत के कितने भूखण्ड/मकानों का नामांतरण निर्धारित अवधि में किया गया है और कितने प्रकरण लंबित है? (ग) कृपया लंबित प्रकरणों की जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगरीय निकायों द्वारा अधिनियम के प्रावधान अनुसार सम्पत्ति कर रिकार्ड में नाम अन्तरित किया जाता है। सिटीजन चार्टर में 60 दिवस सीमा निर्धारित है। (ख) विगत तीन वर्षों में महेश्वर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत नगरीय निकायों क्रमश: महेश्वर में 466, मंडलेश्वर में 314 एवं करही पाडल्या में 145 भूखण्ड/मकानों का नामान्तरण किया गया। उक्त निकायों में नगर परिषद् मंडलेश्वर एवं करही पाडल्या में लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। नगर परिषद् महेश्वर में 30 प्रकरण लंबित है। (ग) नगर परिषद् महेश्वर में लंबित प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध रूप से संचालित फैक्ट्री पर शास्ति
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 3396 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संभागीय अभियंता, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र वि.वि. कंपनी, इटारसी को अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, इटारसी द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2014 दिनांक 05-06-2024 से ग्राम चांदौन में अवैध रूप से संचालित ट्रांसफार्मर फैक्ट्री को बंद करने हेतु कार्यवाही करने हेतु लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के संदर्भ में कौन सी कार्यवाही, कब की गयी? (ग) क्या उक्त फैक्ट्री रहवासी क्षेत्र में बिना सुरक्षा उपयोग एवं बिना अनुमति के संचालित की जा रही थी? (घ) उक्त अवैध/बिना अनुमति प्राप्त फैक्ट्री संचालन का उत्तरदायी कौन है। इस संबंध में किन कर्मचारियों के खिलाफ जवाबदेही सुनिश्चित की गयी? (ड.) क्या अवैध/बिना अनुमति फैक्ट्री चला रहे व्यक्ति पर आर्थिक जुर्माना लगाया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के पत्र दिनांक 05.06.2024 के पूर्व ही प्रश्न में उल्लेखित फैक्ट्री से सबंधित फर्म द्वारा दिये गये आवेदन पर संचालन/संधारण संभाग, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, इटारसी द्वारा फैक्ट्री का विद्युत संयोजन क्रमांक N2071016512 दिनांक 28.05.2024 को ही स्थाई रूप से विच्छेदित किया जा चुका था। (ग) से (ड.) प्रश्नांश में उल्लेखित फैक्ट्री के संचालन की अनुमति से संबंधित जानकारी म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत संधारित नहीं की जाती है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगर पालिका परिषद् द्वारा निर्मित दुकानों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 3406 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ नगर पालिका परिषद् में कुल कितनी दुकानें है? उनका निर्माण कब-कब, किसके द्वारा किस अध्यक्ष के कार्यकाल में, किस प्रकार ठेका था या विभागीय कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित दुकानों के निर्माण उपरांत किस प्रकार विक्रय किया गया, वर्गवार सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अनु.जाति, अनु. जनजाति, किन-किन को, कितनी-कितनी दुकानें विक्रय की गई हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित दुकानों के विक्रय में भारी भ्रष्टाचार किया गया यदि नहीं तो एक-एक व्यक्ति को दस-दस दुकानें कैसे विक्रय की गई, क्रेता का पता क्यों नहीं लिखा गया, यदि लिखा गया तो क्रेताओं के नाम सहित वर्गवार पता बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित विक्रीत दुकानें वर्तमान में किस-किस के नाम है और विक्रेता से किस आधार पर कब क्रय कर नाम परिवर्तन किये गये, सम्पूर्ण का विस्तृत विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
बैंकों में व्याप्त अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 3408 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा टीकमगढ़ से विगत 18 वर्ष में नगर पालिका परिषद् टीकमगढ़ में कर्मचारियों के खाते किस-किस प्रकार में (बचत, चालू सावधि ) खाता खोले गये खातेदारों के नाम एवं पता सहित बतायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित बैंक अधिकारी और नगर पालिका टीकमगढ़ में पदस्थ बड़े अधिकारियों द्वारा सांठ-गांठ कर फर्जी खाते संधारण कर शासकीय राशि का गबन कर फर्जी हस्ताक्षरों से राशि हड़पी गई यदि नहीं तो प्रत्येक खाताधारी का अंगूठा एवं के.वाई.सी. का सत्यापन कराया जाए। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित खाता धारकों के खातें के ए.टी.एम. जारी कर किसी एक व्यक्ति को देकर ए.टी.एम. के कोड बताये गए, जिससे एक ही व्यक्ति खातों से आहरण करता रहा, जिसकी जानकारी खाता धारियों को नहीं रही? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की जांच कब तक करा ली जायेगी और यदि ए.टी.एम. में कैमरे होते हैं तो उनकी जानकारी कर करोड़ों रूपये के गबन का भण्डाफोड़ किया जा सकता है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) निकाय में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा स्वयं के स्तर से बैंक खाते खोले गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। बैंक द्वारा संधारित खातों की जानकारी संबंधित कर्मचारी द्वारा ही दिये जाने के आधार पर वेतन आहरण किया जाता है, जिसका सत्यापन बैंक द्वारा किया जाता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर परिषद् में शासकीय राशि का गबन
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 3410 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् बडागांव में दुकानों के निर्माण गुणवत्ताहीन सामग्री लगाई जा रही है और बिना मूल्यांकन करीब 70 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया गया है, ऐसा क्यों, इसके लिए कौन दोषी है। (ख) यदि नहीं तो वार्ड क्रमांक 15 में मिथलाखेरा स्थित खेल स्टेडियम की 11 दुकानों के निर्माण के समय ही दुकानों के रैक नीचे की ओर झुक गये हैं और दरारें पड़ गई हैं, जिसकी शिकायत के बाद काम बंद कर दिया गया है, ऐसा क्यों? (ग) क्या दुकानों की कुल लागत 70 लाख रूपये है जिसमें 50 लाख रूपये राशि का भुगतान बिना निर्माण पूर्व सी.एम.ओ. द्वारा किया जा चुका है। इसकी जांच कर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में वर्णित मामले की जानकारी कलेक्टर महोदय टीकमगढ़ को है, फिर भी कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। मूल्यांकन अनुसार राशि का भुगतान किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। यह सही है कि निर्माणाधीन दुकानों के रैक नीचे की ओर झुक गये है और दरारें आ गई है, ठेकेदार द्वारा समय से पूर्व सेंट्रिंग खोलने के कारण दरारें आ गई है। क्षतिग्रस्त रैक को तोड़कर पुन: सुधार करने हेतु ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है। (ग) जी नहीं। दुकानों की लागत 76.70 लाख तथा 18 प्रतिशत जी.एस.टी. सहित 90.51 लाख है। ठेकेदार को 58.99 लाख का निर्माण कार्य के मूल्यांकन अनुसार भुगतान किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। संज्ञान में है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी बडागांव को गुणवत्तापूर्ण कार्य कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
अशोका कम्पनी द्वारा किये जा रहे विद्युत फीडर पृथक करण कार्य
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 3426 ) श्री सिद्धार्थ तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा, मऊगंज एवं सतना जिले में अशोका कंपनी द्वारा विद्युत फीडर पृथककरण के कार्य में क्या सर्वे कार्य सही तरीके से किया गया है? यदि हाँ तो क्या अब कोई गॉंव फीडर पृथककरण से शेष नहीं है? यदि नहीं तो शेष गॉंवों को सर्वे सूची में छोड़ने का क्या कारण है? (ख) यदि सर्वे कार्य त्रुटिपूर्ण है तो विभाग जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये सही सर्वे कार्य करायेगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) आर.डी.एस.एस. योजना के तहत जिला रीवा, मऊगंज एवं सतना में फीडर विभक्तिकरण कार्यों का सर्वे विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर से पूर्ण किया गया है तथा योजनांतर्गत निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत मेसर्स अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड, नासिक को उक्त कार्य हेतु कार्यादेश जारी किया गया। कार्यादेशानुसार मेसर्स अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड द्वारा उक्त सर्वे का पुन: सत्यापन नियमानुसार किया गया है। सत्यापन के दौरान आर.ओ.डब्ल्यू. अथवा अन्य कारणों से सर्वे में प्रस्तावित कार्यों में परिवर्तन/सुधार होने पर संबंधित अधीक्षण अभियंता द्वारा परिवर्तन/सुधार के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की जाती है। योजनांतर्गत फीडर विभक्तिकरण कार्य में ग्रामों को नहीं अपितु मिश्रित फीडरों को कृषि एवं गैर कृषि फीडर में विभक्त किया जाना है तथा फीडर पर 30 प्रतिशत से अधिक कृषि लोड होने पर विभक्तिकरण कार्य प्रस्तावित किया जाना है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु सर्वे संबंधित कार्य क्षेत्रों के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा सही तरीके से किया गया है। मेसर्स अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड, नासिक को जारी कार्यादेश में निहित प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनी द्वारा किए गए सर्वे कार्य का पुन: सत्यापन नियमानुसार किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
राष्ट्रीय राज मार्ग क्रमांक 30 का निर्माण
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 3427 ) श्री सिद्धार्थ तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 मनगवां से चाकघाट में सड़क निर्माण में क्या उचित मानक का पालन किया गया है? यदि हाँ तो सड़क की स्थिति खराब प्रतीत क्यों होती है? यदि नहीं तो क्या सड़क की उच्च स्तरीय जॉंच करा कर निर्माण एजेंसी/अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक बतावें। (ख) क्या शासन के मंशानुसार राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के समय काटे गये वृक्षों के स्थान पर नये पौधे लगाये गये हैं? यदि हाँ तो काटे गये वृक्षों की संख्या एवं वर्तमान में जीवित पौधों की संख्या बतावें। यदि नहीं तो क्या इस दिशा में विभाग कोई ठोस कदम उठा रहा है? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों? (घ) रीवा जिले के सोहागी पहाड़ पर उचित सुरक्षा मानक न होने के कारण आये दिन भीषण दुर्घटना हो रही है, यदि दुर्घटना विभाग द्वारा गलत संरचना (डिजाइन फाल्ट) के कारण हो रही है, क्या विभाग इसकी जॉंच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा एवं इस गलत संरचना को ठीक किया जायेगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.30 के खण्ड मनगवां से चाकघाट 4 लेन मार्ग का उन्नयन डीबीएफओटी (बीओटी) योजनान्तर्गत किया गया है। मार्ग निर्माण के दौरान भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मार्गों की गुणवत्ता इत्यादि की जांच हेतु स्वतंत्र इंजीनियर मेसर्स एम.सी. कंसल्टिंग इंजीनियरिंग को नियुक्त किया गया था जिनकी सतत निगरानी में निरंतर गुणवत्ता की जांच की जाती रही है। इसके साथ-साथ निगम में पदस्थ अधिकारियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी समय-समय पर गुणवत्ता की जांच की जाती रही है। उक्त योजनान्तर्गत मार्ग निवेशकर्ता को संपूर्ण टोल अवधि तक मार्ग का रख-रखाव स्वयं के व्यय से करना होता है। मार्ग निवेशकर्ता द्वारा किये जा रहे मरम्मत के कार्य एवं मार्ग की स्थिति की सतत जांच एवं निगरानी हेतु निगम द्वारा पृथक से स्वतंत्र इंजीनियर मेसर्स योंगमा इंजीनियरिंग कंपनी को नियुक्त किया गया है। मार्ग की स्थिति संतोषजनक है। अत: जांच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। काटे गये वृक्षों एवं लगाये गये जीवित पौधों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। रीवा जिले के सोहागी घाट (पहाड़) पर निर्मित राष्ट्रीय राजमार्ग पर उचित सुरक्षा मानकों जैसे कि ट्रैफिक साइन बोर्ड, कासनरी बोर्ड, सेवरान बोर्ड, रिफ्लेक्टर, ब्लिंकर्स इत्यादि लगाये गये है एवं इनके क्षतिग्रस्त होने पर निवेशकर्ता द्वारा पुनः लगाये जाते है। सोहागी घाट पर यदा कदा होने वाली दुर्घटनायें मुख्यतः वाहन चालकों की लापरवाही/वाहनों के ब्रेकफेल इत्यादि के कारण होती है। सोहागी घाट में मार्ग की अधिकतम डिजाइन स्पीड 50 किमी प्रति घंटा है एवं सूचना पटल भी लगा हुआ है किन्तु कुछ वाहनों द्वारा प्रतिबंधित स्पीड से अधिक स्पीड से वाहन चलाया जाता है जिससे कि दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। मार्ग का निर्माण स्वतंत्र सलाहकार मेसर्स एम.सी. कंसल्टिंग इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों द्वारा अनुमोदित ड्राइंग/प्लान प्रोफाईल के आधार पर ही कराया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि फीडर सेप्रेशन के लिए आवंटित राशि
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 3439 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विद्युत वितरण केन्द्र मझौली एवं मड़वास जिला-सीधी (म.प्र) अन्तर्गत वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023- 2024 में किन-किन योजनाओं के द्वारा विद्युतीकरण तथा कृषि फीडर सेप्रेशन के लिए राशि आवंटित की गई है? वर्षवार/मदवार स्वीकृत राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मझौली से बोदारी एवं मझौली से जोबा के लिए कृषि फीडर हेतु विद्युतीकरण का कार्य वर्ष 2019-2020 एवं 2020-2021 में किया गया था? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करावें। कितने किसानों को कृषि सिंचाई पम्प हेतु विद्युत कनेक्शन दिया गया? हितग्राहीवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कृषि फीडर सेप्रेशन का कार्य जहॉं पूर्व में फीडर सेप्रेशन का कार्य किया जा चुका है, उसी के समानान्तर सड़क के किनारे के पुन: फीडर सप्रेशन का कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ तो क्यों? कितने किसानों के सिंचाई पम्पों तक विद्युत कनेक्शन दिया गया है? हितग्राहीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युतीकरण एवं कृषि फीडर सेप्रेशन के कार्य में भारी अनियमितता तथा शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया है। क्या इसकी उच्च स्तरीय जॉंच करायी जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत विद्युत वितरण केन्द्र मझौली एवं मडवास सहित जिला सीधी अंतर्गत वर्ष 2018-2019 में सौभाग्य योजना अंतर्गत विद्युतीकरण के कार्यों हेतु राशि रू. 110 करोड़ के कार्य पूर्ण किये गए हैं एवं वर्ष 2023-2024 में भारत सरकार द्वारा संचालित पी.एम.जनमन योजना अंतर्गत बैगा, सहरिया, भारिया जनजातियों की बसाहटों/घरों के विद्युतीकरण हेतु रू.8.73 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत वर्ष 2022-23 में फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु जिला सीधी एवं सिंगरौली के लिए संयुक्त रूप से राशि रू. 129 करोड़ का कार्यादेश दिनांक 26.12.2022 को जारी किया गया है। प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य वर्षों में विद्युतीकरण एवं कृषि फीडर सेप्रेशन के कार्यों हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र में राशि आवंटित नहीं की गयी है। (ख) वर्ष 2019-2020 एवं वर्ष 2020-2021 की अवधि में फीडर विभक्तिकरण हेतु कोई योजना संचालित नहीं थी। उक्त अवधि में मझौली से बोदारी एवं मझौली से जोबा के लिए कृषि फीडर हेतु विद्युतीकरण/विभक्तिकरण का कोई कार्य नहीं किया गया। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में पुन: फीडर विभक्तिकरण का कार्य नहीं कराया जा रहा है, अपितु कार्य की साध्यता अनुसार स्थल पर खम्बे खडे़ कर फीडर विभक्तिकरण के कार्य किये जा रहे हैं। मझौली वितरण केन्द्र के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 390 एवं वर्ष 2020-21 में 685 तथा मड़वास वितरण केन्द्र अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 717 एवं वर्ष 2020-21 में 356 कृषकों को सिंचाई पम्प हेतु नवीन विद्युत कनेक्शन दिये गए, जिसकी हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के संदर्भ में सीधी जिले के मझौली एवं मड़वास विद्युत वितरण केन्द्रों में सौभाग्य योजनांतर्गत विद्युतीकरण कार्य में अनियमितता पाये जाने पर जांचोपरान्त संबंधित कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई हैं। मझौली विद्युत वितरण केन्द्र संबंधित कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता एवं कार्यपालन अभियंता तथा मड़वास विद्युत वितरण केन्द्र हेतु संबंधित सहायक अभियंता एवं कार्यपाल अभियंता के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित जांच परिणामों के आधार पर उन्हें दण्डित किया जा चुका है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषि फीडर सेप्रेशन के कार्य से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
लापरवाही करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 3452 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के फूप कस्बे में नगर निगम के कर्मचारियों की लापरवाही से घरों में दूषित पानी सप्लाई हो रहा है, जिसकी जानकारी अफसरों को थी, यदि हाँ तो जिम्मेदार अफसरों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई, जानकारी से अवगत करावें। (ख) जिले के कस्बे में पानी की सप्लाई से हुई मौतों के लिये जिम्मेदार कौन हैं। क्या मृतक के पोस्टमार्टम कराये गये है तो पोस्टमार्टम की छायाप्रति उपलब्ध करावें। अगर नहीं कराया गया तो क्यों तथा क्या दूषित पानी की जांच की गई? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) नगर निगम द्वारा प्रश्न दिनांक तक मृतक घरवालों के लिये क्या सहायता राशि उपलब्ध कराई यदि हाँ तो कितनी? यदि नहीं तो कब तक दी जायेगी। कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, कृत कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) नगर निगम द्वारा ऐसी लापरवाही दुबारा न हो उसके लिये क्या सख्त कदम उठायेगी, यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। नगरीय निकाय फूपकलां, जिला भिंड में घरों में स्वच्छ पेयजल प्रदाय किया जा रहा है, अतः जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) फूपकलां नगरीय निकाय में पानी की सप्लाई से कोई मौत नहीं हुई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिंड ने पत्र क्रमांक 10137 दिनांक 02.07.2024 द्वारा अवगत कराया है कि दिनांक 10.06.2024 को फूपकलां में उल्टी दस्त के मरीज आना आरंभ हुये, उसके पश्चात बैजनाथ पुत्र निरंजन निवासी फूप दिनांक 10.06.2024 की रात्रि 11:43 बजे पर जिला चिकित्सालय भिंड में भर्ती हुये थे। उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, डायग्नोसिस एडीआई विथ सीओडी विथ न्यूमोनाइटिस बीमारी से पीड़ित था, इलाज किया गया। इलाज में सुधार नहीं होने के कारण दिनांक 11.06.2024 समय पूर्वान्ह 11:00 बजे जयारोग्य चिकित्सालय के लिये भेजा गया। रास्ते में गोहद में मृत्यु हो गयी। परिजनों द्वारा लिखित आवेदन के आधार पर सीएचसी गोहद में पोस्टमार्टम कराये जाने से मना कर दिया गया, अतः पोस्टमार्टम नहीं कराये जाने से शेष प्रश्न निरंक है। नगरीय निकाय में प्रदाय किये जा रहे जल की जांच नियमित रूप से करायी जाती है, जल परीक्षण रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मृतक के घरवालों को कोई सहायता राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है। जलप्रदाय का संचालन एवं संधारण कर रहे संविदाकार के विरुद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) नगर परिषद् फूपकलां द्वारा निकाय क्षेत्रान्तर्गत समस्त बड़े नाले/नालियों में कीट नाशक दवाइयों का छिड़काव कराया गया। सघन अभियान चलाकर, टूटी पाइप-लाइनों की मरम्मत करायी गयी एवं खराब पड़े हैंडपंपों को दुरस्त कराया गया तथा ग्रासित इलाकों में स्वच्छ जल पानी के टैंकरों के माध्यम से जल आपूर्ति करायी गयी। प्रतिदिन जल की गुणवत्ता जांच करने के पश्चात् जलप्रदाय किये जाने हेतु निकाय में पदस्थ उपयंत्री को प्रति सप्ताह प्रदाय किये जा रहे जल की म.प्र. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की जिला प्रयोगशाला से जांच कराने हेतु बंधनकारी किया गया है। जलप्रदाय सुचारू रूप से एवं गुणवत्ता पूर्वक हो सके इस हेतु अधिकारियों/कर्मचारियों तथा जलप्रदाय संचालन एवं संधारण के संविदाकार को निर्देशित किया गया है।
प्रभारी लेखापाल के विरूद्ध शिकायत की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 3454 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रभारी लेखापाल नगर परिषद् भांडेर के विरूद्ध नगर परिषद् भांडेर के पार्षद एवं स्थानीय ठेकेदारों द्वारा की जा रही अनियमितताओं के संबंध में माननीय संचालक/उपसंचालक नगरीय प्रशासन एवं कलेक्टर महोदय दतिया को कई शिकायतें की गई, जिसकी जांच लंबित है, साथ ही की गई अनियमितताओं के संबंध में कई बार शिकायतें की गई। (ख) क्या अनियमितताओं की जांच शासन द्वारा कब तक कराई जावेगी? साथ ही शासन के आदेश है कि कर्मचारी की जांच लंबित है तो उसे उक्त पद से मुक्त किया जाकर अन्य प्रभार दिया जाता है अथवा अन्यत्र स्थानान्तरण किया जाता है? (ग) क्या पद पर रहते हुये जांच प्रभावित कर रही है एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच हेतु चाहे गये अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये जा रहे है, कृपया इन्हें प्रभारी लेखापाल के पद से पृथक कर कब तक जांच पूर्ण कराई जावेगी? कृपया समय-सीमा बताने का कष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। अपर कलेक्टर, जिला-दतिया द्वारा पत्र दिनांक 18.09.2023 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी, अनुभाग भांडेर, जिला दतिया को उक्त प्रकरण की बिन्दुवार जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। (ख) जांच प्रचलित है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। निकाय द्वारा जांच अधिकारी को आवश्यक अभिलेख उपलब्ध करा दिए गए हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क एवं पुल निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 3470 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा अंतर्गत ऐसी कितनी स्वीकृत सड़कें है जो वन विभाग की एनओसी न मिलने के कारण निर्माण हेतु लंबित है? उक्त सड़कों पर एनओसी प्राप्त करने के लिये विभाग द्वारा कब कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है विवरण देवें। (ख) कब तक कार्यवाही पूर्ण कर निर्माण कार्य पूर्ण किया जावेगा? (ग) पन्ना विधानसभा अंतर्गत कितने पुल निर्माण कार्य स्वीकृत है? उनमें से कितने पुलों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है एवं कितने अप्रारंभ है? प्रारंभ हो चुके कार्य किस स्तर तक पहुँच चुके है एवं कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? अप्रारंभ कार्य कब से शुरू किये जावेंगे एवं कार्य प्रारंभ न होने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) कुल 04 सड़कें स्वीकृत, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वन विभाग से एन.ओ.सी. प्राप्त होने पर, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) कुल 04 पुल कार्य स्वीकृत, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सड़क मार्ग के निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 3504 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले अंतर्गत ग्राम नांदरा से ग्राम गोयत एवं ग्राम मोरगढी-खिरकिया रोड से जटपुरा होते हुए अजंरूदमाल सड़क मार्ग कब स्वीकृत किए गए है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़क मार्गों का कार्य क्यों व किसकी लापरवाही के कारण रूका हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त विकास कार्यों को रोकने के जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) उक्त सड़क मार्गों का कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं अपितु उक्त मार्ग म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई हरदा से संबंधित है, उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार।
जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रारंभ किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 3539 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिला अंतर्गत नगर परिषद् भौंरासा में वार्ड क्र.02 संजय नगर के रहवासी नगर परिषद् भौंरासा के लिए मतदान करते है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वार्ड क्रमांक 02 संजय नगर के रहवासियों को नगर परिषद् भौंरासा द्वारा कराये जाने वाले विकास कार्य एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करना कब से प्रारंभ कर दिया जावेगा एवं इसके लिये क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है यदि नहीं तो क्यों? विस्तृत जानकारी देने का आग्रह है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। चूंकि संजय नगर के रहवासी, पूर्व में वार्ड क्र. 02 भौंरासा में निवास करते थे तथा वर्तमान में संजय नगर में निवास करते हैं। उनके नाम वार्ड क्र. 02 नगर परिषद्, भौंरासा की मतदाता सूची में होने से वार्ड क्र.02 संजय नगर के रहवासी नगर परिषद्, भौंरासा के लिए मतदान करते हैं। (ख) संजय नगर वर्तमान में नगरीय निकाय सीमा में शामिल नहीं है। नगरीय सीमा में शामिल करने हेतु परिषद् संकल्प क्र. 22 दिनांक 24.03.2005 एवं पुनः प्रस्ताव क्र. 12 दिनांक 28.03.2018 पारित किये गये हैं। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 5 एवं 5 (क) अंतर्गत विधिवत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नये क्षेत्र के नगरीय सीमा में शामिल होने पर ही, विकास कार्य कराये जाना संभव हो सकेगा। रहवासियों को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी तभी दिया जा सकता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण एजेंसियों द्वारा सड़कों का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
50. ( क्र. 3542 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला देवास में विधानसभा सोनकच्छ अंतर्गत कितनी सड़कों का रख-रखाव निर्माण एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है? रख-रखाव की अनुबंध की शर्तें क्या-क्या होती है, विगत 03 वर्षों में निर्माणाधीन सड़कों के अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध कराने का आग्रह है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सड़कों के रख-रखाव की मॉनीटरिंग किस अधिकारी द्वारा की जाती है एवं वर्तमान में किये जा रहे रख-रखाव में कितनी सड़कों के मटेरियल में निम्न गुणवत्ता पायी गई। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ तो सड़कों के रख-रखाव में गुणवत्ताविहिन मटेरियल पाये जाने पर किस-किस एजेंसी पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? सूची उपलब्ध करावे। (घ) क्या नई सड़क के निर्माण के 15 दिनों बाद ही उसका डामर उखड़ कर गड्ढे हो जाते है? यदि नहीं तो सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सेकली से अमोना पहुंच मार्ग कब (किस दिनांक को) निर्मित किया गया है एवं इसके मटेरियल की गुणवत्ता की जांच किस अधिकारी द्वारा की गयी है एवं गुणवत्ता में क्या कमी पायी गई, यदि कुछ कमी पायी गयी तो संबंधित अधिकारी द्वारा एजेंसी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) देवास जिले में सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत योजना मद की 44 नग, मजबूतीकरण मद की 19 एवं नवीनीकरण मद की 12 सड़कों का रख-रखाव परफारमेंस गारंटी अंतर्गत एजेंसियो के द्वारा किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अनुबंध में एजेंसी द्वारा परफारमेंस गारंटी के तहत रख-रखाव किये जाने हेतु अनुबंध एवं कान्ट्रेक्ट डाटा शीट के क्लाज 18 में प्रावधान/शर्तें रखी गई है। अनुबंध की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं सड़कों के रख-रखाव की मॉनीटरिंग समय-समय पर कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं संबंधित उपयंत्री द्वारा की जाती है। किसी भी सड़क के निर्माण में निम्न गुणवत्ता नहीं पाई गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सेकली से अमोना पहुंच मार्ग लम्बाई 5.00 कि.मी में से 3.00 कि.मी का निर्माण कार्य विशेष मरम्मत मद के अंतर्गत दिनांक 27.04.2024 को करवाया जाकर कार्य प्रगति पर ठेकेदार द्वारा कार्य में प्रयुक्त मटेरियल की जांच प्राचार्य, पॉलिटेक्निक कॉलेज, उज्जैन प्रयोगशाला में करवाई गई है। कार्य की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं पाई गई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिरोंज मुख्य मार्ग का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 3571 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल- बैरसिया-सिरोंज मुख्य मार्ग पर मरम्मत का कार्य किस एजेंसी के द्वारा किया जा रहा हैं? (ख) क्या विभाग के अधिकारी इस मरम्मत कार्य से संतुष्ट हैं? क्या यह कार्य मानक स्तर का है? क्या उक्त कार्य का अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया है, यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या ग्राम भैंसोदा, सोनकच्छ, ईटखेडी सड़क, दुपाडि़या ग्रामों के समीप प्रश्न दिनांक तक क्षतिग्रस्त मार्ग का मरम्मत कार्य किया गया है? यदि नहीं तो उक्त मरम्मत का कार्य विभाग द्वारा कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? यदि हाँ तो मरम्मत पश्चात् भी गड्ढे होने के कारण आम जनता को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा हैं तथा दुर्घटना भी हो रही हैं? इस ओर विभाग की क्या कार्य योजना हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत मार्ग पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 24 कि.मी. की लंबाई में बी.टी. नवीनीकरण का कार्य ठेकेदार मेसर्स युवराज इन्फ्रा, ब्यावरा द्वारा किया गया है। मार्ग के इस भाग की डी.एल.पी. दिनांक 22.03.2027 तक है, जिसमें संधारण का दायित्व संबंधित ठेकेदार का है। मार्ग की शेष लंबाई निगम के संधारण अधीन है, जिसके मरम्मत एवं संधारण का दायित्व निगम का है। (ख) जी हाँ। किया गया कार्य मानक स्तर का है। विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर बी.टी. नवीनीकरण कार्य का निरीक्षण किया गया। निरीक्षणकर्ता अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मार्ग पर संधारण का कार्य एक सतत प्रक्रिया है। आवश्यकता अनुसार विभाग के द्वारा मरम्मत कार्य किया जाता है। वर्तमान में ग्राम भैंसोदा, सोनकच्छ एवं दुपाडिया ग्रामों के समीप आंशिक सरफेस पैचेंस है जिनकी मरम्म्त का कार्य संबंधित ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में मार्ग की सरफेस के कारण दुर्घटना जैसी स्थिति नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत सब-स्टेशनों का निर्माण
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 3572 ) श्री विष्णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत विभाग द्वारा ग्राम गढ़ाकलां, सेमरा, बसई, खुकरिया, इजगिरी एवं परेवाखेड़ा में विद्युत सब-स्टेशन निर्माण का कार्य कब से, किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है एवं कब तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है, स्पष्ट करें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित विद्युत सब-स्टेशनों का कार्य मानक स्तर का हैं एवं विभागीय जिम्मेदार अधिकारी इन कार्यों से संतुष्ट है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत टी.के.सी. (टर्नकी कान्ट्रेक्टर) के माध्यम से 33/11 के.व्ही. के नवीन विद्युत उपकेन्द्रों यथा गढ़ाकला, बौरासा (सेमरा), बसई, इजगिरी एवं परेवाखेडा तथा एस.एस.टी.डी. योजना के तहत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र खुकरिया का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उक्त नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के कार्यों की प्रारंभ दिनांक, क्रियान्वयन एजेंसी एवं कार्यों को पूर्ण किये जाने से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित आर.डी.एस.एस. योजना के तहत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के प्रगतिरत कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्िचत किए जाने हेतु योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मेसर्स वॉयन्ट्स सॉल्यूशन प्रा. लिमि. को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेन्सी (पी. एम.ए.) नियुक्त किया गया है। मैदानी अधिकारियों तथा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेन्सी द्वारा म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत गुणवत्ता कंट्रोल हेतु निर्मित क्यू.सी. पोर्टल तथा मोबाइल एप के माध्यम से योजनांतर्गत किये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता हेतु सतत निगरानी की जा रही है। एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत निर्माण किये जा रहे 33/11 के.व्ही. नवीन विद्युत उपकेन्द्र खुकरियाका कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। उक्त कार्य को मानक स्तर के अनुरूप पूर्ण किये जाने हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित अधिकारियों द्वारा सतत रूप से पर्यवेक्षण किया जा रहा है।
24 घंटे बिजली सुविधा उपलब्ध कराया जाना
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 3587 ) श्री श्याम बरडे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधान सभा 189 पानसेमल अंतर्गत बहुत से गाँव 24 घंटे बिजली सुविधा से वंचित है। शेष बचे गाँवों में 24 घंटे बिजली सुविधा कब तक उपलब्ध हो पायेगी। (ख) वर्तमान में नवीन स्मार्ट मीटर लगाने से बिजली बिल अधिक क्यों आ रहा है इसकी तकनीकी जाँच की जाए।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल (189) के समस्त 165 राजस्व ग्रामों में अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर कृषि प्रयोजन हेतु 10 घंटे एवं गैर-कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) विद्युत उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित स्मार्ट मीटर में दर्ज वास्तविक विद्युत खपत एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार ही उपभोक्ताओं को विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। वर्तमान में केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत स्मार्ट मीटर स्थापित किये जाने का कार्य किया जा रहा है। स्मार्ट मीटरों को स्थापित किये जाने के पूर्व शत्-प्रतिशत मीटरों की अधिकृत लेब में जाँच कराने के उपरान्त जांच रिपोर्ट सही पाए जाने पर ही विद्युत उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर स्थापित किया जा रहा है। तथापि म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटरों में अधिक खपत दर्ज होने संबंधी प्राप्त शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में इंदौर शहर, मंदसौर, बड़वानी, झाबुआ, नीमच एवं देवास के 1240 स्थानों पर उपभोक्ताओं की संतुष्टि हेतु जांच के लिए स्मार्ट मीटर की सीरीज में, चेक मीटर लगाये गये है तथा प्राप्त परिणामों के अनुसार दोनों मीटरों (स्मार्ट मीटर एवं चेक मीटर) की खपत में कोई अंतर परिलक्षित नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
सड़क मार्ग के संबंध में
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 3594 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण सागर द्वारा वि.वि. से पथरिया जाट-बम्होरी तिराहा-ढाना-रहली सड़क मार्ग का कार्य निर्माणाधीन है यदि हाँ तो? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क मार्ग वि.वि. से पथरिया जाट-बम्होरी तिराहा तक सड़क मार्ग की कितनी चौड़ाई का निर्माण किया जा रहा है? उक्त मार्ग पर आवागमन अधिक है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क मार्ग चौड़ीकरण/फोरलाइन सड़क निर्माण किये जाने के संबंध में विभाग को जनप्रतिनिधि/आमजनता द्वारा मांग की गई थी? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हां, तो चौड़ीकरण/फोरलाइन सड़क के संबंध में विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो क्या तथा विभाग क्या सड़क चौड़ीकरण/फोरलाइन सड़क के संबंध कोई कार्यवाही करेगा यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, सड़क निर्माण कार्य पूर्ण है केवल रोड फर्नीचर एवं प्रोटेक्शन कार्य प्रगतिरत है। (ख) वि.वि. से पथरिया जाट तक 10 मीटर चौड़ाई में डामरीकृत मार्ग एवं दोनों ओर 1-1 मीटर चौड़े हार्डशोल्डर्स एवं पथरिया जाट शहरी क्षेत्र में 12 मीटर चौड़ाई में कांक्रीट मार्ग एवं औसतन 1.50 मीटर में दोनों ओर पेव्हर ब्लॉक शोल्डर निर्मित है। जी नहीं, मार्ग पर यातायात का आवागमन किये गये आंकलन के अनुरूप है। (ग) जी हाँ। माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा (1) चांदपुर से गांधी चौक तक फोरलेन में उन्नयन (2) रहली (चांदपुर तिगड्डा से बायपास तक) पटना बुजुर्ग तथा ढाना में फोरलेन डिवाइडर, नाली एवं स्ट्रीट लाईट का कार्य (3) सिविल लाइन से ढाना तक फोरलेन सड़क तथा (4) ग्राम पथरिया जाट बम्होरीबीका, बन्नाद ग्राम में फोरलेन सड़क मार्ग एवं दोनों ओर नाली निर्माण कार्य डिवाइडर सहित कराये जाने की मांग की गई थी। (घ) जी हाँ। माननीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर मार्ग में राईट ऑफ वे की उपलब्धता एवं एशियन विकास बैंक के मापदण्डों के अनुकूल स्वीकृति पश्चात विभाग द्वारा रहली, पटना बुजुर्ग एवं ढाना में फोरलेन सड़क का निर्माण एवं स्ट्रीट लाईट का कार्य किया जा चुका है। शेष कार्यों के संबंध में प्राप्त प्रस्ताव का नियमानुसार परीक्षण किया जा रहा है। वर्तमान में निश्िचत समयावधि बताना संभव नहीं है।
न.पा. द्वारा व्यावसायिक भवन की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 3595 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नपा मकरोनिया अंतर्गत वर्ष-2022-23, 2023-24, 2024 से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यावसायिक भवन अनुमति प्रदान की गई? नाम सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यावसायिक भवन अनुमति में विभाग द्वारा एफ.ए.आर./पार्किंग/अन्य शर्तों का पूर्णतः पालन किया गया है? यदि नहीं तो अनुमति प्रदान क्यों की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यावसायिक भवन अनुमति में विभाग को कोई आपत्तियां दर्ज की गई थी। यदि हाँ तो विभाग द्वारा आपत्तियों पर कोई कार्यवाही की गई? (घ) यदि विभाग में एफ.ए.आर./पार्किंग तथा अन्य वर्णित शर्तों का पालन न करते हुए अनुमति प्रदान की गई है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या विभाग कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, वर्णित व्यावसायिक भवन अनुमति में विभाग द्वारा एफ.ए.आर. पार्किंग अन्य शर्तों का पूर्णतः पालन किया गया हैं एवं ऑटोमेटेड ऑनलाइन भवन अनुज्ञा प्रक्रिया में स्क्रूटिनी सॉफ्टवेयर द्वारा एफ.ए.आर. एवं अन्य शर्तों का पूर्णतः पालन करने के उपरांत ही अनुमति जारी की जाती है। (ग) वर्णित व्यावसायिक भवन अनुमति में विभाग को कोई आपत्तियां दर्ज नहीं की गई थी। (घ) उत्तरांश (ख) के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरसात के पानी की निकासी व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 3620 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के विधानसभा क्षेत्र हुजूर कोलार अंतर्गत वार्ड क्रमांक 83, जोन क्रमांक 18, फाइन एवेन्यू फेस-1, नयापुरा कोलार रोड कॉलोनी, मकान नं. 50 से 57 एवं 58 से 63 के सामने बरसात के पानी की निकासी की क्या व्यवस्था है? क्या पानी की निकासी की व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं होने से रहवासी परेशान हैं? (ख) यदि हाँ तो इस व्यवस्था को कब तक ठीक कर दिया जायेगा समय-सीमा बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में नगर निगम द्वारा कॉलोनी के मध्य मेन सड़क की ऊंचाई उक्त सड़क से अधिक बना देने से इस उत्पन्न समस्या का तत्काल निदान किया जायेगा? (घ) क्या यह भी सही है कि उक्त दोनों सड़कों की ऊंचाई में अंतर होने से कॉलोनी में पानी की निकासी नहीं हो पा रही है, कब तक निदान किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्नांकित स्थल की गली में वर्षा की निकासी सीसी सड़क के लेवल एवं सड़क के किनारे बनी कच्ची नाली से होती है। संपूर्ण कॉलोनी में सड़क के किनारे नाली न होने से अतिवर्षा के समय उक्त गली की सड़क पर आंशिक रूप से जल भराव होने लगता है जिसका निराकरण तत्काल किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्षा जल की निकासी हेतु कॉलोनी में नाली निर्माण हेतु राशि रूपये 48.5 लाख का प्रस्ताव तैयार किया गया है। सक्षम स्वीकृति एवं बजट उपलब्धता उपरांत नाली निर्माण कार्य किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कॉलोनी की मुख्य सड़क का निर्माण पूर्व में लेवल अनुसार किया गया है। वर्षा जल की निकासी हेतु नाली निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। (घ) जी नहीं, कॉलोनी की दोनों सड़क के किनारे नाली नहीं होने से अतिवृष्टि के समय जल निकासी आंशिक रूप से प्रभावित होती है। नाली निर्माण उपरांत कॉलोनी में पानी की निकासी का निदान संभव है।
घरेलू एवं सिंचाई हेतु विद्युत उपलब्धता
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 3634 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में विगत वर्ष अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक घरेलू एवं सिंचाई के प्रयोजनार्थ कितने ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए हैं? स्थानवार, ग्राम की सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्थापित किए गए या किए जाने वाले सिंचाई ट्रांसफार्मरों की स्थापना के स्थान का चयन किस आधार पर किया गया है। क्या इस हेतु कोई दिशा निर्देश जारी किए गए है यदि हाँ तो वह उपलब्ध करावें। सिंचाई ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाने के पूर्व एवं स्थापित किए जाने के बाद विद्युत लोड की स्थिति की जानकारी ग्रामवार, ट्रांसफार्मरवार उपलब्ध करावें। (ग) क्या अनेक स्थानों पर निर्धारित मांग के प्रतिशत के अनुपात से अधिक क्षमता के सिंचाई ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं? यदि हाँ तो ऐसे स्थानों की सूची उपलब्ध करावें, जहां आवश्यकता से अधिक क्षमता के सिंचाई ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए है? (घ) आवश्यकता से अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर किसकी अनुशंसा पर, किस प्रक्रिया का पालन कर स्थापित किए गए हैं, तत्समय पदस्थ विभागीय अधिकारियों के नाम की सूची उपलब्ध करावें। क्या क्षमता से अधिक ट्रांसफार्मर स्थापित कराने के दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माह अप्रैल, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में घरेलू एवं सिंचाई प्रयोजन हेतु क्रमश: 4 एवं 13 इस प्रकार कुल 17 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिसकी वित्तीय वर्षवार, स्थानवार एवं ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सिंचाई प्रयोजन हेतु वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के स्थान का चयन उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि, वॉल्टेज की कमी, वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं के भार में वृद्धि एवं तकनीकी आवश्यकता के आधार पर किया जाता है। उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय हेतु विद्युत अधोसंरचना विस्तारीकरण/सुदृढ़ीकरण के तहत नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की जाती है, जिस हेतु पृथक से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये जाते हैं। उत्तरांश (क) में उल्लेखित सिंचाई प्रयोजन हेतु वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाने के पूर्व स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर पर विद्युत भार एवं नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने के बाद विद्युत भार की ग्रामवार, वितरण ट्रांसफार्मरवार स्थिति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 3645 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिंहावल अन्तर्गत विधायक निधि वर्ष 2008 से वर्ष 2013 के मध्य लोक निर्माण विभाग को कार्य एजेन्सी तय कर कुल स्वीकृत यात्री प्रतीक्षालय निर्माण कार्य में कितने प्रतीक्षालय पूर्ण हैं एवं कितने अपूर्ण हैं, जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) प्रश्नांश (क) में अभी तक यात्री प्रतीक्षालय न बनने का क्या कारण है? (ग) यात्री प्रतीक्षालय में अभी तक न बनने में क्या विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण है तो ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) में यदि हाँ तो कब तक कार्यवाही की जायेगी एवं यात्री प्रतीक्षालयों का निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों के संबंध में लेख है कि संविदाकार द्वारा सामग्री की दरों में वृद्धि होने के कारण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। जिस संबंध में संविदाकार के विरूद्ध कार्यवाही कर जमा अमानत राशि राजसात कर ली गई है और पुनरीक्षित स्वीकृति की आवश्यकता के कारण प्राप्त राशि में कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सका। (ग) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों हेतु कोई भी विभागीय अधिकारी ने लापरवाही नहीं बरती है। अत: विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों हेतु पुनरीक्षित स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा।
जबलपुर से अमरकंटक मार्ग पर अवैध कटाई
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 3661 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी के अन्तर्गत जबलपुर से अमरकंटक मार्ग निर्माण में करंजिया बायपास हेतु क्या मांग की गई है? क्या इस पर विचार किया जा रहा है? (ख) इस NH निर्माण में ग्राम गीधा, बिजोरी सुनियामार, हर्रा, खरगहना के पास निर्माण में अधिक मोड़ आ रहा है? इसकी जांच जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में करायेंगे? (ग) जबलपुर से शहपुरा तक NH मार्ग निर्माण में एवं मण्डला से डिण्डौरी मार्ग निर्माण में कितने किस-किस प्रजाति के वृक्ष काटे गये, कितने K.M. एवं कितने हेक्टेयर में कितने किस-किस प्रजाति के वृक्ष काटने का परमिशन किस से लिया गया। (घ) उपरोक्त काटे गये वृक्षों की कीमत एवं वृक्षारोपण प्लान क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) मार्ग निर्माण का कार्य प्रगति पर है एवं मार्ग निर्माण की आवश्यकतानुसार संबंधित जिले कलेक्टर से अनुमति प्राप्त करने के उपरांत दी गई शर्तों के अनुसार वन विभाग के मार्ग दर्शन में वृक्षों की कटाई कर निकट के वन डिपों में कटाई से प्राप्त लकड़ी जमा की जा रही है जिसे वन विभाग द्वारा नीलाम किया जावेगा एवं राशि शासन मद में जमा की जावेगी। वृक्षारोपण प्लानः- निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर प्रति कि.मी. कम से कम 200 वृक्षों का वृक्षारोपण वन विभाग से परामर्श लेकर किया जावेगा।
नई बस सुविधाएं शुरू की जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 3668 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना रेलवे स्टेशन से रीवा बस स्टैंड तक सूत्र सेवा बस संचालित हो रही है? प्रदेश में किन-किन जिलों में यह बस सुविधा संचालित की जा रही है? सीधी जिले में रेल सुविधा का अभाव होने के कारण सीधी के आमजन रेलवे सुविधा हेतु रीवा पर निर्भर हैं, इसलिए सीधी बस स्टैंड से रीवा रेलवे स्टेशन तक सूत्र सेवा बस सेवा अत्यधिक आवश्यक है इस योजना को सीधी में प्रारंभ करने की सरकार की क्या योजना है? इस सेवा को जल्द से जल्द प्रारंभ करने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी? (ख) क्या सीधी जिले की सीमा अन्य प्रदेशों जैसे उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ से लगी होने के कारण यात्रियों के आवागमन की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए आई.एस.बी.टी की सुविधाओं का विस्तार किए जाने की योजना शासन स्तर पर विचाराधीन है यदि हाँ तो कब तक में प्रारंभ कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। सतना रेलवे स्टेशन रोड स्थित मार्तण्ड कॉम्प्लेक्स परिसर से रीवा न्यू बस स्टैंड तक सूत्र सेवा बस संचालित की जा रही है। अमृत 1.0 योजनांतर्गत शहरी परिवहन घटक में सीधी सम्मिलित नहीं है। अत: उक्त योजनांतर्गत सीधी से बस प्रारंभ करने की सरकार की कोई योजना नहीं है। (ख) आई.एस.बी.टी की सुविधाओं का विस्तार किये जाने हेतु कोई योजना शासन स्तर पर विचारधीन नहीं है।
आवासीय कॉलोनी बनाने हेतु शासकीय दिशा-निर्देश
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 3669 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी नगर पालिका क्षेत्र में लगातार प्लाटिंग के माध्यम से नई कॉलोनियां अस्तित्व में आ रही हैं? नगर पालिका क्षेत्र में कुल कितनी वैध और कितनी अवैध कॉलोनियां हैं? साथ ही नगर पालिका क्षेत्र में आवासीय कॉलोनियां बनाने हेतु किन-किन कॉलोनाइजर ने शासकीय नियमों व मापदंडों का पालन किया है? नई कॉलोनी बनाने हेतु शासकीय नियमावली की छायाप्रति उपलब्ध कराएं? (ख) क्या सीधी नगर पालिका क्षेत्र में स्थित कॉलोनियाँ रेरा के अंतर्गत रजिस्टर्ड है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान कराएं? (ग) क्या सभी कॉलोनियों में शासकीय नियमानुसार सुविधाएं जैसे सड़क, नाली, पार्क, सीवरेज सिस्टम बाउंड्रीवॉल सुरक्षा व्यवस्था विद्युत सप्लाई के कार्य न करते हुए प्लाट काट कर बेचे गए हैं? यदि हाँ तो उन पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या सीधी मिनी स्मार्ट सिटी हेतु द्वितीय चरण के बजट की मांग की गई थी? यदि हाँ तो इस बजट के जारी होने की क्या स्थिति है व सीधी में बजट बढ़ाने व इसके उपलब्ध कराने की क्या योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। सीधी नगर पालिका क्षेत्र में 03 वैध कॉलोनियों हैं एवं वर्तमान में 05 अनधिकृत कॉलोनियाँ चिन्हित की गई हैं। 03 वैध कॉलोनियों में से 02 कॉलोनियों म.प्र. गृह निर्माण मण्डल एवं 01 कॉलोनी नगर पालिका द्वारा स्वयं विकसित की गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। इन कॉलोनियों में शासकीय नियमों एवं मापदण्डों का पालन किया गया है। म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार वैध कॉलोनियों रेरा अधिनियम लागू होने के पूर्व से निर्मित होने से रेरा में पंजीयन नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, वैध कॉलोनियों में नियमानुसार आंतरिक विकास कार्य किए गए हैं, परन्तु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार अनधिकृत रूप से विकसित कॉलोनियों में विकासकर्ताओं द्वारा पूर्ण विकास कार्य न करते हुए प्लाट काटकर बेचे गए हैं एवं इन 05 अनधिकृत कॉलोनियों में म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के अन्तर्गत नागरिक अधोसंरचना एवं भवन निर्माण अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया सक्षम प्राधिकारी, जिला कलेक्टर, सीधी द्वारा पूर्ण कर ली गई है। अनधिकृत कॉलोनियों के विकासकर्ताओं के विरूद्ध नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 339 ग के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही हेतु पुलिस थाने को सूचित किया गया है। (घ) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (द्वितीय चरण) के अन्तर्गत नगर पालिका सीधी को मिनी स्मार्ट सिटी घटक के रूप में स्वीकृत किया गया था, जिसका कार्य म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के माध्यम से पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (द्वितीय चरण) की अवधि समाप्त हो जाने से सीधी की मिनी स्मार्ट सिटी के द्वितीय चरण के लिए बजट स्वीकृति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नगर पालिका सीधी के लिए बजट बढ़ाने के सम्बन्ध में वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा सड़क निर्माण की मांग
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 3671 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिला मुख्यालय के समीप जमोडी कला से जोगीपुर तक उत्तरी बाईपास स्वीकृत करने की कोई योजना है? यदि हाँ तो कब तक स्वीकृत की जावेगी व इसकी लागत क्या है? (ख) क्या उत्तरप्रदेश से छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली सड़क प्रयागराज से कटरा-मऊगंज-पटपरा-सीधी- टिकरी हरचोका होते हुए मनेंद्रगढ़ (छ.ग.) तक हाईवे स्वीकृत करने की सरकार की कोई योजना है? इस संबंध में सरकार द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं? (ग) प्रदेश के हाईवे, स्टेट हाईवे में जो भी टोल रोड है वहां अक्सर देखा जाता है की बड़ी संख्या में मवेशी सड़क में बैठे रहते हैं जिससे आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं इन मवेशियों को सड़क से हटाने के लिए सरकार की क्या योजना है? क्या टोल मार्गों में दुर्घटना से मृत मवेशी कई दिनों तक सड़कों में पड़े रहते है इनको हटाने की कोई व्यवस्था है? यदि हाँ तो इसका क्रियान्वयन क्यों नहीं हो पा रहा है? (घ) इस वित्तीय वर्ष में प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अलावा सीधी विधानसभा अंतर्गत कौन-कौन सी सड़क स्वीकृत की जानी है, विभाग से प्राप्त प्रस्ताव व जन प्रतिनिधियों द्वारा की गई सड़क निर्माण संबंधी मांगों में कौन सी सड़क स्वीकृत की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत कोई योजना प्रस्तावित नहीं। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्ट्रीय राजमार्गों के टोलों का संचालन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। ऐसे राज्य राजमार्ग जो बीओटी परियोजना अंतर्गत है, उन मार्गों पर सुगम एवं अबाधित यातायात सुनिश्चित करना संबंधित निवेशकर्ता का दायित्व होता है। समस्त टोल परियोजनाओं में निवेशकर्ता द्वारा पेट्रोलिंग वाहन का संचालन किया जाता है एवं राज्य राजमार्गों पर मवेशियों को समय-समय पर हटाया जाता है। (घ) वित्तीय वर्ष 2024-25 के मुख्य बजट में सीधी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई कार्य सम्मिलित नहीं है।
आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत किए गए कार्यों की जांच
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 3767 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत किन-किन ग्राम पंचायतों के विद्युतीकरण कार्यों को शामिल किया गया है और फीडर सेपरेशन के तहत किन-किन फीडरों को शामिल किया गया है? जी.आई.एस. सर्वे सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। जी.आई.एस. सर्वे के विपरीत जरूरतमंद उपभोक्ता को उक्त योजना का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? क्या इसकी जांच की जाएगी? (ख) सतना विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायतों में आर.डी.एस.एस. योजना के तहत कृषि फीडर का कार्य किसानों के यहां नहीं किया जा रहा है, क्यों? यदि किया जाएगा तो कब तक? (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में किस वर्ग के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पद कब तक भरे जाएंगे? क्या बिजली कंपनी में संविदा नीति 2023 लागू है? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक लागू की जाएगी? स्पष्ट करें। (घ) संविदा कर्मी अधिकारी/कर्मचारी लगभग 12 वर्षों से सभी शैक्षणिक योग्यता रखते हुए नियमित पद के अनुरूप कार्य कर रहे हैं, तो उक्त रिक्त पदों पर संविदा कर्मियों को नियमित क्यों नहीं किया जा रहा है, जबकि कार्य और जिम्मेदारी बराबर है? क्या संविदा कर्मियों को खाली नियमित पदों पर रखा जाएगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? क्या विद्युत संविदा कर्मियों के सुरक्षित भविष्य और अन्य लाभों के लिए विभाग की कोई कार्ययोजना है? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सतना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत ग्राम/ग्राम पंचायत/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य शामिल नहीं किया गया है, अपितु विद्यमान अधोसंरचना को सुदृढ़ कर वितरण हानियों को कम करने हेतु वर्तमान में योजनांतर्गत कार्यादेश जारी किये गये हैं। उक्त योजनांतर्गत फीडर विभक्तिकरण हेतु प्रस्तावित कार्यों की जी.आई.एस. सर्वे सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त कार्य जी.आई.एस. सर्वें के अनुसार ही किये जा रहे हैं एवं सर्वे अनुसार आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्यों को पूर्ण कर, विद्युत अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण कर लिया जावेगा, जिससे प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत फीडर विभक्तिकरण का कार्य, आर.डी.एस.एस. योजना में निहित प्रावधान अनुसार पूर्ण कर, संबंधित फीडर से संबद्ध कृषि एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं को पृथक-पृथक फीडरों से गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जाना है। इस प्रकार इस कार्य से कृषक उपभोक्ता भी लाभान्वित होंगे। उक्त कार्य के क्रियान्वयन हेतु जारी कार्यादेश अनुसार फीडर विभक्तिकरण का कार्य माह दिसम्बर, 2024 तक पूर्ण किया जाना है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत रिक्त पदों की वर्गवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के रिक्त पद पदोन्नति एवं सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पदोन्नति के संबंध में मा. सर्वोच्च न्यायालय के यथास्थिति बनाये रखने हेतु जारी निर्देश के परिप्रेक्ष्य में पदोन्नति की कार्यवाही स्थगित है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी स्तर पर सीधी भर्ती के माध्यम से रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युतवितरण कंपनी अंतर्गत वर्ष 2024-25 में सीधी भर्ती हेतु प्रस्तावित रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। राज्य शासन के पत्र दिनांक 27.06.2024 द्वारा विद्युत कंपनियों में वर्तमान में लागू ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम, 2018'' को म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन दिनांक 22.07.2023 में संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में दिये गये विस्तृत दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में यथा आवश्यक संशोधन उपरान्त ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' विद्युत कंपनियों में लागू किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' में संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का प्रावधान नहीं है। तथापि नियम की कंडिका 14.1.1 के अनुसार विद्युत कंपनियों के सीधी भर्ती के नियमित पद के समकक्ष संविदा पदों पर 5 वर्ष की निरंतर सेवा पूर्ण करने वाले संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की कुल संख्या के 50 प्रतिशत पद अथवा विद्युत कंपनी में सीधी भर्ती के रिक्त पद के 50 प्रतिशत तक के पद (दोनों में से जो कम हो), संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। उक्त के अतिरिक्त ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' में विद्युत संविदा कर्मियों के सुरक्षित भविष्य हेतु एन.पी.एस., उपादान, अनुकंपा नियुक्ति, नए सिरे से अनुबंध निष्पादित किए जाने की आवश्यकता से राहत, पितृत्व अवकाश की पात्रता, आदि लाभ सम्मिलित हैं।
विद्युत वितरण एवं ट्रांसमिशन कंपनी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 3795 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना में विद्युत वितरण कंपनी एवं ट्रांसमिशन कंपनी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी विगत 1 वर्ष में कितने दुर्घटना ग्रस्त हुए हैं? क्या इन कर्मचारियों को शासन व कंपनी द्वारा कोई लाभ प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो कितना और नहीं तो क्यों? (ख) क्या मुरैना एवं ग्वालियर की ट्रांसमिशन कंपनी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के ई.पी.एफ. एवं ई.एस.आई.सी. खाते में ठेकेदारों द्वारा मोबाइल नंबर लिंक किए गए हैं? अगर नहीं तो ठेकेदारों पर मोबाइल नंबर लिंक कराने के लिए क्या कार्यवाही की गई? कृपया प्रति उपलब्ध करावें। (ग) मुरैना एवं ग्वालियर ट्रांसमिशन कंपनी में विगत नए ठेके होने पर कितने आउटसोर्स कर्मियों को निकाला गया और क्यों? निकाले गए आउटसोर्स कर्मियों के नाम एवं मोबाइल नंबर की लिस्ट उपलब्ध करावें। निकालने से पूर्व संबंधित अधिकारी से सहमति ली गई? यदि नहीं तो जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) ट्रांसमिशन कंपनी में कुछ ठेकेदार द्वारा आदेश में वर्णित नियमों के विरुद्ध शपथ-पत्र भरवाए जाते हैं, क्या ऐसे ठेकेदारों पर कंपनी द्वारा कार्यवाही की जाती है? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) विगत वर्ष शासन द्वारा विद्युत विभाग के लाइनमैन आउटसोर्स कर्मियों के लिए 1000 रुपए जोखिम भत्ता चालू किया गया था? क्या ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा यह जोखिम भत्ता दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मुरैना जिले में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में कार्यरत आउटसोर्स कार्मिकों की विगत एक वर्ष में 2 अघातक विद्युत दुर्घटनाएं घटित हुई हैं। उक्त दोनों अघातक विद्युत दुर्घटनाओं में दुर्घटनाग्रस्त कार्मिकों का बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ई.एस.आई.सी) के माध्यम से चिकित्सालय में नि:शुल्क इलाज कराया गया है। मुरैना जिले में म.प्र. पावर ट्रासंमिशन कंपनी लिमिटेड में कार्यरत आउटसोर्स कार्मिकों की प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी विद्युत दुर्घटना घटित नहीं हुई है। (ख) जी हाँ, म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत मुरैना एवं ग्वालियर जिलों में कार्यरत समस्त आउटसोर्स कार्मिकों के ई.पी.एफ. एवं ई.एस.आई.सी. खाते ठेकेदारों द्वारा मोबाइल नंबर से लिंक कराए गये हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत मुरैना एवं ग्वालियर जिलों में नये ठेके होने पर किसी भी आउटसोर्स कार्मिक को कार्य से पृथक नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। (ड.) मंत्रि-परिषद् के आदेश दिनांक 25.04.2023 के द्वारा म.प्र. शासन, ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत समस्त विद्युत कंपनियों में नहीं, अपितु केवल तीनों विद्युत वितरण कंपनियों, यथा म.प्र. मध्य क्षेत्र/पश्चिम क्षेत्र/पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, में आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित आई.टी.आई. उत्तीर्ण लाइनमैन हेतु श्रम आयुक्त म.प्र. द्वारा कुशल वर्ग के श्रमिकों हेतु लागू प्रतिमाह वेतन के अतिरिक्त रूपये 1000/- का जोखिम भत्ता स्वीकृत किया गया है। वर्तमान में म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अंतर्गत श्रम शक्ति नियोजन की आंमत्रित निविदाओं में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाताओं को जोखिम भत्ता भुगतान करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है।
दोषियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 3856 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत वर्षों से पिपलोदा नगर परिषद् में व्याप्त भ्रष्टाचार, नियम विरुद्ध एवं गुणवत्ता विहीन कार्य किए जाने एवं अनियमितताओं के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय प्रमुख सचिव महोदय, माननीय आयुक्त महोदय को पत्रों एवं सदन में प्रश्नों के माध्यम से अनेक बार ध्यान आकृष्ट किया? (ख) यदि हाँ तो क्या वर्तमान नगर परिषद् अध्यक्ष एवं तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष पति-पत्नी होकर वर्तमान परिषद् का कार्य संचालन अब तक कर रहे हैं? (ग) यदि हाँ तो विगत जांचों में जांच के दौरान सक्षम अधिकारियों एवं शासन/विभाग द्वारा इन्हें दोषी पाया गया एवं तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष को चुनाव से 6 वर्ष तक लड़ने से निरर्हित किया गया, तब भी वह वर्तमान में सदन के पार्षद हैं, तो किन कारणों से? (घ) वर्तमान अध्यक्ष एवं तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष द्वारा अपने सगे भाई एवं परिवारजनों को नियम विरुद्ध दुकानें आवंटित की, जिसमें भी वे दोषी पाए गए तो दोनों पति-पत्नी किस आधार पर नियम विरुद्ध कार्य करने के दोषी पाए जाने की स्थिति में भी कार्यरत हैं, तो इन्हें कब तक हटाया जाएगा? जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नगर परिषद् पिपलोदा के निर्वाचन दिनांक 13.07.2022 (बुधवार) को संपन्न हुए तथा निर्वाचन परिणाम दिनांक 18.07.2022 (सोमवार) को घोषित किए गए, जिसमें श्री श्याम बिहारी पटेल वार्ड क्रमांक 11 से पार्षद के रूप में निर्वाचित घोषित किए गए। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्रमांक-1828/190/2021/18-3 दिनांक 28.04.2023 द्वारा विहित प्राधिकारी तथा कलेक्टर जिला रतलाम को मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 35 (जजज) (ट) के साथ सहपठित धारा 38 (2) के तहत कार्यवाही कर विभाग को अवगत कराने के निर्देश दिये गये। कलेक्टर द्वारा कार्यवाही प्रारंभ की गयी। इस दौरान श्री श्याम बिहारी पटेल द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में याचिका क्रमांक-8129/2023 प्रस्तुत की गई। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 18.04.2023 में आदेशित किया गया है कि '' In the meanwhile, it is clarified that the election, if any, of the petitioner already made prior to the passing of the impugned order shall not be effected by the same'' उपरोक्तानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण श्री श्याम बिहारी पटेल वर्तमान में पार्षद के रूप में कार्यरत है। (घ) विभागीय आदेश क्रमांक एफ 4-17/2020/18-3 दिनांक 30.08.2022 द्वारा श्रीमती उपमा श्याम बिहारी पटेल तत्कालीन अध्यक्ष, नगर परिषद् पिपलोदा को भविष्य के लिए सचेत करते हुए उनके विरूद्ध जारी कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 16.12.2020 वापस लेकर प्रकरण निराकृत किया गया। इसी प्रकार श्री श्याम बिहारी पटेल के निर्वाचन के संबंध में स्थिति उत्तरांश (ग) के अनुसार है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फ्लाई-ओवर एवं अन्य ब्रिज निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 3857 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बरगढ़ से भैसाना (अरनिया पीथा मंडी पहुंच मार्ग) बायपास के मध्य भैसाना स्थित रेल्वे फाटक के स्थान पर फ्लाई-ओवर ब्रिज बनाये जाने की लगातार मांग की जा रही है? (ख) क्या ग्राम उणी से मिंडा जी पहुंच मार्ग को जोड़े जाने हेतु भी एक ब्रिज को बनाए जाने की लगातार मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ तो क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) उल्लेखित दोनों क्षेत्रीय मार्ग अत्यधिक एवं आवागमन की दृष्टि से आवश्यक होकर ग्रामीणजनों हेतु एवं यातायात सुविधा हेतु अत्यंत ही आवश्यक है? (घ) यदि हाँ तो बताएं कि शासन/विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय मंत्री जी एवं माननीय प्रमुख सचिव महोदय के साथ सदन में प्रश्नों के माध्यम से उक्त कार्य को बजट में सम्मिलित किए जाने हेतु निरंतर आग्रह किया तो विभाग द्वारा इन्हें बजट में कब सम्मिलित कर स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नकर्ता ने विधानसभा याचिका के माध्यम से मांग की गई है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार, बजट में सम्मिलित करने की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सातवां वेतनमान के न्यूनतम का लाभ
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 3892 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सातवां वेतनमान के न्यूनतम का लाभ दिए जाने के विभाग के निर्देश है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ख) बालाघाट जिले में वर्ष 1978 से प्रश्न दिनांक तक विभाग अंतर्गत कार्यरत/सेवानिवृत्त/मृत दैनिक वेतन भोगी/स्थाई कर्मी ने कार्य किया है, सूची उपलब्ध करायी जावे। प्रश्नांश (क) अनुसार उन्हें लाभ कब मिलेगा? समय-सीमा बताएं। (ग) विभाग द्वारा दैनिक वेतन भोगी को वर्गीकृत करने के शासन के निर्देश है किंतु जबलपुर संभाग के किसी भी दैनिक वेतन भोगी को वर्गीकृत नहीं किया गया है, जिससे यह सभी लाभ से वंचित हैं। प्रकरण की जांच कर वर्गीकरण की कार्यवाही तत्काल की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार जबलपुर संभाग अंतर्गत विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वर्गीकरण करने के कार्य को नहीं करने वाले जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावे एवं समय-सीमा बताएं। कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपिस्थत नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 3908 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा कितने प्रकार की सड़कों का निर्माण किया जाता है? (ख) इन सड़कों में प्रत्येक सड़क की प्रति किलोमीटर (3.750 मीटर X 1000 मीटर अथवा प्रति 3750 स्क्वायर मीटर) कितनी लागत आती है? (ग) क्या विभाग की सड़क बनाने वाली कंपनी/एजेंसी/ठेकेदार द्वारा इन सड़कों का कार्य पूर्ण होने के बाद निर्माणकर्ता/ठेकेदार/एजेंसी द्वारा कितने वर्ष की रख-रखाव हेतु गारंटी दी जाती है? यदि हाँ तो किस तरह की सड़क की कितनी गारंटी दी जाती है? (घ) क्या सीमेंट कंक्रीट रोड पर डामरीकरण का कार्य टेण्डर पर किया जाता है? यदि हाँ तो किन परिस्थितियों में और किन आधिकारियों के आदेश से? पूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ड.) लोक निर्माण विभाग द्वारा सीमेंट कंक्रीट रोड पर डामरीकरण का कार्य कराने में कोई व्यय आता है? यदि हाँ तो उक्त व्यय को किसके द्वारा वहन किया जाता है? (च) क्या वर्ष 2020 से 2023 के मध्य भोपाल व इंदौर संभाग (राजस्व संभाग) में लोक निर्माण विभाग के विभिन्न संभागों द्वारा कितने स्थानों पर सीमेंट कंक्रीट रोड पर डामरीकरण का कार्य कराया गया? यदि हाँ तो किन-किन अधिकारियों के कार्यकाल में कितनी सीमेंट कंक्रीट रोड पर डामरीकरण का कार्य किया गया है? इस हेतु कितना-कितना व्यय हुआ? पृथक-पृथक प्रत्येक सड़क की पूर्ण जानकारी सड़कों की सूची सहित उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत पुल-पुलियाओं सहित डामरीकृत एवं सीमेंट कंक्रीट सड़क का निर्माण किया जाता है। (ख) डामरीकृत सड़क की न्यूनतम प्रति किलोमीटर 3.750 मीटर x 1000 मीटर की सामान्यतः ओपन ग्रेडेड प्रीमिक्स कारपेट व सीलकोट सहित लागत राशि रू. 90 लाख एवं सीमेंट कंक्रीट सड़क की सामान्यतः प्रति किलोमीटर लागत रू. 120 लाख प्राप्त हो रही है। प्रावधानों में भौगोलिक स्थिति एवं पुल पुलियों की संख्या एवं यातायात घनत्व के अनुसार बदलाव होने से लागत में वृद्धि होती है। (ग) समस्त प्रकार की नवीन सड़कों के निर्माण पश्चात रख-रखाव हेतु सड़क बनाने वाले ठेकेदार की परफॉरमेंस गारंटी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी हाँ। मार्ग की मजबूतीकरण की आवश्यकता होने पर, शासन से प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने पर। (ड.) जी हाँ। शासन द्वारा। (च) राजस्व संभाग भोपाल एवं इंदौर द्वारा कराये गये कार्यों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
कच्चे सड़क मार्गों को पक्की सड़क बनाने की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 3929 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग के ऐसे कितने सड़क मार्ग हैं जो आज तक कच्चे अथवा डब्लू.बी.एम. से बने हुए हैं? इनके नाम एवं सूची देवें। इन कच्चे मार्गों, रास्तों पर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत चिन्हित किया गया है या नहीं? सड़क मार्ग के नाम सहित बतावें। (ख) लोक निर्माण विभागान्तर्गत उपरोक्त सभी कच्चे मार्गों पर डामरीकृत कार्य स्वीकृति के प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग शासन स्तर पर प्राप्त हैं तो उनके नाम बतावें और यदि प्रस्ताव नहीं हैं तो कच्चे सड़क मार्गों को पक्का करने के लिये शासन क्या करेगा? (ग) लोक निर्माण विभाग अशोक नगर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र अशोक नगर में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में बजट स्वीकृत होने वाले सड़क मार्गों के नाम एवं स्वीकृत बजट राशि सहित जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश लोक निर्माण विभाग ग्वालियर परिक्षेत्र से संबंधित नहीं है। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा माननीय विधायकों/सांसदों की प्राथमिकता के आधार पर मार्गों को बजट में सम्मिलित करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रिंग रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 3932 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर शहर में आबादी का अत्यंत दबाव होने से आये दिन ट्राफिक जाम हो जाता है, आए दिन दुर्घटनायें हो रही हैं, जिले का मुख्यालय होने से आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। इन सब के बावजूद अशोक नगर का बायपास मार्ग अशोक नगर की संपूर्ण आबादी के बीच में से होकर गुजरता है। क्या इस बायपास मार्ग को अशोक नगर के बाहर से आबादी से दूर करने की शासन की कोई योजना है, तो बतावें। यदि नहीं तो कारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के समस्या समाधान हेतु शासन के पास शहर के बाहर से रिंग रोड निर्माण का कोई प्रस्ताव/डी.पी.आर. तैयार की गई है, तो जानकारी देवें। इस रिंग रोड की स्वीकृति एवं निर्माण में कोई अवरोध हो तो बतावें। प्रस्तावित रिंग रोड कितने किलोमीटर का है तथा किन-किन ग्रामों, रास्तों से होकर निकलेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण के लिये शासन के द्वारा भू-अर्जन की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है या नहीं? बतावें। रिंग रोड का रोड-मैप तैयार किया गया है अथवा नहीं? बतावें। इस रिंग रोड के लिये शासन कितना बजट स्वीकृत कर रहा है? रिंग रोड का निर्माण कब तक कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) अशोकनगर बायपास मार्ग वर्तमान में शासन की किसी भी योजना में प्रस्तावित/स्वीकृत नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। जी नहीं। उत्तरांश (क) अनुसार। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 3984 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विद्युत विभाग के कितने सब-स्टेशन संचालित हैं एवं आगामी वर्ष में कितने का प्रावधान है? (ख) विद्युतीकरण लाइन विस्तार की योजना क्या है? जहां अधिक बिजली खपत होती है वहां उच्च भार वाले ट्रांसफार्मर लगाने के क्या प्रावधान हैं? कब तक लगाये जायेंगे? (ग) इस वर्ष कृषि पम्पों हेतु कितने ट्रांसफार्मर लगाने का प्रावधान है? वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर लगाये गये? स्थानवार जानकारी देवें। (घ) विभाग अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर में कब से कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत हैं? तीन वर्ष से अधिक समय से कार्यरत शासकीय सेवकों की पदवार, पदस्थापना स्थान सहित जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) छतरपुर जिला अन्तर्गत महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में 132 के.व्ही. (अति उच्च दाब) का 01 विद्युत उपकेन्द्र नौगांव एवं 33/11 के.व्ही. के 14 विद्युत उपकेन्द्र संचालित हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत नवीन विद्युत उपकेन्द्र निर्माण कार्य हेतु आगामी वर्ष में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा अति उच्चदाब लाइन विस्तार के तहत 132 के.व्ही. डी.सी.डी.एस. जतारा 220 के.व्ही.-132 के.व्ही. से नौगांव लाइन एवं 132 के.व्ही. डी.सी.डी.एस. छतरपुर 220 के.व्ही.- से नौगांव 132 के.व्ही. लाइन के द्वितीय सर्किट के निर्माण की योजना है। 132 के.व्ही. उपकेन्द्र नौगांव में 100 एम.व्ही.ए (50 एम.व्ही.ए के 2) पावर ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनकी क्षमता वर्तमान विद्युत खपत के आधार पर पर्याप्त है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विद्युतीकरण के लिये लाइन विस्तार, अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कार्य तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार वितरण कंपनियों की कार्ययोजना तथा समय-समय पर केन्द्र/राज्य शासन द्वारा वित्त पोषित योजनाओं अंतर्गत किये जाते हैं। वर्तमान में प्रचलित आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत जिला छतरपुर के महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत लाइनों के विस्तार कार्यों हेतु कार्योदेश जारी किये गये हैं, जिसमें 33 के. व्ही. लाइनों के 13.34 कि.मी. के कार्य माह दिसम्बर, 2024 तक पूर्ण किया जाना है। उक्त के अतिरिक्त 11 के.व्ही. लाइनों के 118.21 कि.मी. एवं निम्न दाब लाइनों के 13.34 कि.मी. के कार्यों को माह अप्रैल, 2025 तक पूर्ण किया जाना है। जिला छतरपुर के महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध भार एवं भविष्य की संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत 12 अतिरिक्त नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों एवं 169 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण सिस्टम मॉर्डनाईजेशन अंतर्गत प्रस्तावित कर, कार्ययोजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। (ग) वित्तीय वर्ष 2024-25 में कृषि पंपों हेतु 36 आवेदनों में ट्रांसफार्मर सहित आवश्यक विद्युत अधोसंरचना हेतु प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 14 नंबर कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं 22 के कार्य प्रगति पर हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में 73 वितरण ट्रांसफार्मर लगाए जा चुके हैं, जिसकी स्थानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) छतरपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर के अंतर्गत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है एवं 3 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की पदवार, पदस्थापना स्थान सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी के 132 के.व्ही. उपकेन्द्र नौगांव में दिनांक 10 मई, 2022 से श्री राजेश यादव, कनिष्ठ यंत्री (संविदा) कार्यरत हैं एवं 3 वर्ष से अधिक समय से कोई भी कार्मिक कार्यरत नहीं है।
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किए गए कार्य
[ऊर्जा]
72. ( क्र. 4005 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के अंतर्गत विगत दो वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक विद्युत लाइनों एवं उपकेन्द्रों के शिफ्टिंग के कितने कार्य स्वीकृत किये गये थे की कार्यवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्य से संबंधित कितनी-कितनी सामग्री किस-किसी भण्डार में जमा की गई की जानकारी देवें। शिफ्टिंग के दौरान पुरानी निकाली गई सामग्री की मात्रा एवं जो भण्डार में जमा की गई सामग्री की मात्रा में कितना अंतर है? यदि सामग्री कम मात्रा में जमा की गई थी तो क्या उसमें अधीक्षण यंत्री/संचालन संधारण उज्जैन की जवाबदेही थी, यदि हाँ तो विभाग द्वारा संबंधित अधीक्षण यंत्री के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (ग) देवास-उज्जैन एवं उज्जैन-बदनावर वाया बड़नगर फोरलेन निर्माण में 33000 वॉट, 11000 वॉट निम्नदाब लाइन एवं वितरण ट्रांसफार्मर जो शिफ्टिंग की गई है, उक्त लाइनों की सामग्री गुणवत्ता एवं निर्माण गुणवत्ता की जांच में क्या-क्या कमियां पाई गई हैं? निर्माण के दौरान उपयोग में लाई सामग्री का परीक्षण कराया गया है अथवा नहीं? यदि कराया गया है तो उक्त अधिकारी का नाम एवं परीक्षण की रिपोर्ट उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, इंदौर क्षेत्रांतर्गत विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में विगत दो वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विद्युत लाइनों के शिफ्टिंग के स्वीकृत किए गए कार्यों की कार्यवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत उपकेन्द्रों की शिफ्टिंग के कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 106 स्वीकृत प्राक्कलनों में से 31 प्राक्कलनों के अन्तर्गत निकाली गई विद्युत लाइनों से आयरन स्क्रेप 37, 319 किलोग्राम एवं एल्युमिनियम स्क्रेप 8, 240 किलोग्राम, इस प्रकार कुल 45, 559 किलोग्राम सामग्री क्षेत्रीय भण्डार गृह, उज्जैन में जमा की गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त 31 प्राक्कलनों के अंतर्गत शिफ्टिंग के दौरान पुरानी निकाली गई सामग्री एवं भण्डार में जमा की गई सामग्री में कोई अंतर नहीं है। शेष 75 स्वीकृत प्राक्कलनों में निकाली गई सामग्री को पुनः उपयोग में लेने के कारण सामग्री वापसी का कोई प्रावधान नहीं किया गया था, तदानुसार उक्त प्राक्कलनों में कोई भी सामग्री क्षेत्रीय भण्डार में जमा नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) देवास-उज्जैन फोरलेन सड़क, ग्राम नागुखेड़ी से बांगर तक संचालन-संधारण, वृत्त देवास के अंतर्गत एवं ग्राम चन्देसरी से तपोभूमि तक संचालन-संधारण, वृत्त उज्जैन के अंतर्गत आती है। इसी प्रकार उज्जैन-बदनावर वाया बडनगर फोरलेन सड़क, संचालन-संधारण वृत्त, उज्जैन एवं संचालन-संधारण वृत्त धार के अंतर्गत आती है। उपरोक्त दोनों फोरलेन सडकों के निर्माण में संचालन-संधारण, वृत्त देवास एवं संचालन-संधारण वृत्त, उज्जैन क्षेत्रांतर्गत 33 के.व्ही. लाइन, 11 के.व्ही. लाइन, निम्नदाब लाइन एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की शिफ्टिंग की गई है। लाइन निर्माण की गुणवत्ता के संबंध में भौतिक निरीक्षण के उपरांत पाई गई कमियों एवं उनके निराकृत किये जाने की वृत्तवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त लाइनों की सामग्री गुणवत्ता में कोई कमियां नहीं पाई गई है। कार्य में निर्माण के दौरान उपयोग में लाई सामग्री का परीक्षण, अधिकृत परीक्षण लेब में कराया गया है, अत: परीक्षण लेब अधिकारी का नाम दिया जाना संभव नहीं हैं। जांच किये गये परीक्षण की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। संचालन-संधारण वृत्त, धार के संचालन-संधारण, संभाग बदनावर अंतर्गत उज्जैन-बदनावर वाया बड़नगर फोरलेन निर्माण में 33 के.व्ही., 11 के.व्ही., निम्नदाब लाइन एवं वितरण ट्रांसफार्मर की शिफ्टिंग की गई है। लाइन निर्माण की गुणवत्ता के संबंध में भौतिक निरीक्षण के उपरांत पाई गई कमियों एवं उनके निराकृत किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। उक्त लाइनों की सामग्री की गुणवत्ता में कमियां नहीं पाई गई। मौका स्थल पर भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारी का नाम श्री संदीप पटेल सहायक यंत्री (करंट चार्ज) है। शिफ्टिंग कार्य में उपयोग किये गये सामान की परीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है।
शासकीय विभागों के आसपास लगे ट्रांसफार्मर हटाया जाना
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 4006 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के अन्तर्गत विगत दो वित्तीय वर्षों में आने वाली विभिन्न ग्रामों के शासकीय विद्यालय/ महाविद्यालय/आंगनवाड़ी केन्द्र/सार्वजनिक खेलकूद के मैदान एवं सार्वजनिक बगीचों के अन्दर एवं उसके आसपास स्थापित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर से संभावित दुर्घटना (जनहानि/धनहानि) के लिए संबंधित विभाग द्वारा विद्युत वितरण कम्पनी को अवगत कराये गये चिन्हित स्थान की ग्रामवार एवं स्थानवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र घट्टिया के अंतर्गत विगत दो वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा कितने चिन्हित विद्युत वितरण ट्रान्सफार्मरों को दुर्घटना संभावित मानते हुए हटाये गये एवं उक्त ट्रान्सफार्मरों के शिफ्टिंग में होने वाले व्यय किसके द्वारा वहन किया गया? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या यह सही है कि उक्त स्थापित ट्रांसफार्मर को शिफ्ट करने/हटाने हेतु अन्य संबंधित शासकीय विभाग के पास कोई बजट उपलब्ध नहीं होता है तथा विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा ट्रांसफार्मर हटाने एवं शिफ्टिंग की राशि की मांग अन्य विभाग से की जाती है? क्या विभाग ऐसी कोई नीति बनाएगा जिससे कि सार्वजनिक स्थानों पर लगे ट्रान्सफार्मरों जिस पर जनहानि की संभावना है, उन्हें विभाग द्वारा स्वयं हटा लिया/शिफ्ट कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विगत दो वित्तीय वर्षों में प्रश्नांश में उल्लेखित स्थानों यथा - शासकीय विद्यालय/महाविद्यालय/आंगनवाड़ी केन्द्र/सार्वजनिक खेल-कूद के मैदान/सार्वजनिक बगीचों के अंदर में से मात्र दो स्थानों, यथा ग्राम पंचायत गोयलाबुजुर्ग के अंतर्गत आंगनवाड़ी के सामने स्थित एवं शासकीय प्रायमरी/माध्यमिक विद्यालय ग्राम गौन्सा के बगल में खाली मैदान में स्थित वितरण ट्रांसफार्मरों को अन्यत्र स्थल पर स्थानान्तरण किये जाने हेतु आवेदन संबंधित ग्राम पंचायत/विद्यालय से प्राप्त हुए थे। उल्लेखनीय है कि उक्त दोनों स्थानों का भौतिक निरीक्षण कर यह पाया गया है कि दोनों चिन्हित वितरण ट्रांसफार्मर, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार से अधिसूचित केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) 2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किए गए विनियम के अंतर्गत निहित प्रावधानों में स्थापित हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में विद्युत अधोसंरचना की स्थापना निर्धारित मानकों के अनुरूप की जाती है। तथापि विद्युत अधोसंरचना के नीचे/निकट कालांतर में अनधिकृत तौर पर घरों/भवनों का निर्माण/विस्तार किया जाता है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबधी उपाय) विनियम-2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। उक्त विनियमों के प्रावधानों के अनुसार विद्युत अधोसंरचना में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक/अन्य संबंधित संस्थाओं (सड़क निर्माण/विस्तारीकरण से संबंधित संस्थाएं तथा नगरीय निकाय) द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाइन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाइनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने पर उक्त विद्युत लाइन/अधोसंरचना के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है। तद्नुसार उत्तरांश (क) में उल्लेखित वितरण ट्रांसफार्मरों को अन्यत्र शिफ्ट किये जाने के 2 प्रकरणों में संबंधित ग्राम पंचायत/विद्यालय से 5 प्रतिशत सुपरविजन अथवा जमा योजना में कार्य करने हेतु सहमति चाही गयी थी, किंतु संबंधित ग्राम पंचायत/विद्यालय से सहमति अप्राप्त है। उपरोक्त विनियमों के दृष्टिगत पूर्व से स्थापित विद्युत अधोसंरचना को अन्यत्र शिफ्ट किये जाने से संबंधित कार्यों हेतु वर्तमान में अन्य कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
सड़क निर्माण पर कराये गये वृक्षारोपण की जानकारी
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 4011 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक विभाग के अंतर्गत रोड, ब्रिज, भवन आदि के निर्माण कार्यों में वृक्षों की क्षति हुई है? उसके एवज में क्या वृक्षारोपण किया गया है? यदि हाँ तो, कहाँ-कहाँ पर कब-कब, किस-किस स्थान पर कितना-कितना कौन-कौन से वृक्षों का वृक्षारोपण किया गया है? यदि हाँ तो उसकी पृथक-पृथक परियोजना के हिसाब से जानकारी दें कि कब, कहाँ, कितनी-कितनी राशि का व्यय वृक्षारोपण पर हुआ? इसके बिल व्हाउचर की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में किये गये वृक्षारोपण में मई 2024 की स्थिति में कितने वृक्ष जीवित थे? परियोजनावार संख्या बतायें। यदि वृक्ष रोपित स्थान पर नहीं है तो उसके लिए कौन दोषी है? विभाग दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेगा? (ग) क्या पोहरी विधानसभा में विगत 03 वित्त वर्षों में रोड, ब्रिज, भवन निर्माण कार्य हुए हैं? यदि हाँ तो, उक्त कार्यों की पृथक-पृथक परियोजनावार (वर्क ऑर्डर, ड्राइंग, क्रॉस सेक्शन बोरो एरिया, वृक्षारोपण, ओ.जी.एल., माइनिंग विवरण) सहित जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
गुणवत्ता विहीन कार्यों की जांच एवं कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 4023 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम सतना अन्तर्गत सीवर लाइन कार्य बेहद अव्यवस्थित ढंग से किया जा रहा है। सीवर लाइन डालने के बाद गड्ढे महीनों तक रेस्टोरेशन के लिए पड़े रहते हैं जिससे कई बार छोटे-बड़े वाहन फंस जाते हैं। रेस्टोरेशन कार्य बेहद खराब और गुणवत्ता विहीन हुआ है। रेस्टोरेशन की गुणवत्ता की जांच की जाए और शेष स्थानों पर शीघ्र गुणवत्तापूर्ण रेस्टोरेशन कार्य किया जाए? सीवर लाइन का कार्य कब तक पूर्ण होगा? समयावधि बताएं। उक्त संबंध में आवागमन को सुगम और व्यवस्थित करने के लिए नगर निगम की क्या कार्ययोजना है? (ख) नगर पालिक निगम सतना अंतर्गत स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे निर्माण कार्य जैसे नेक्टर झील, तालाब निर्माण व सौंदर्यीकरण एवं तालाब स्विमिंग पूल की तर्ज पर विकसित किये जा रहे हैं, जिससे आमजन एवं पशु-पक्षी के उपयोग से दूर हो जाएगा, तालाबों का मूल अस्तित्व समाप्त हो जाएगा तो फिर तालाब का निर्माण एवं सौंदर्यीकरण किस उद्देश्य के लिए किया जा रहा है? यह सभी कार्य गुणवत्ता विहीन किये जा रहे हैं। क्या उक्त कार्यों के गुणवत्ता की जांच उच्च स्तरीय जांच कमेटी द्वारा की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) सतना नगर निगम अंतर्गत व्यंकटेश लोक में जो निर्माण कार्य किया गया है, वह बेहद गुणवत्ता विहीन किया गया है। थोड़ी हवा-पानी में मूर्तियां गिर जाती हैं और जगह-जगह पर जल भराव होता है। क्या उक्त निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम, सतना एवं परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्शदाता (पी.डी.एम.सी.) के पर्यवेक्षण में अमृत मिशन अंतर्गत सीवर परियोजना का कार्य अनुबंधानुसार निर्धारित कार्ययोजना के क्रम में किया जा रहा है। सीवर लाइन बिछाये जाने हेतु खोदी गई सड़क को सीवर लाइन बिछाये जाने के उपरांत पुनः बैकफिलिंग कर, कॉम्पैक्शन कर रोड का रेस्टोरेशन कर दिया जाता है, इस प्रकार खोदी गई सड़क पर गड्ढे महीनों तक रेस्टोरेशन के लिये पड़े रहने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। रोड रेस्टोरेशन अनुबंधानुसार निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप किया जा रहा है। वर्तमान में दोनों परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। निगम द्वारा कार्य स्थल पर, दृष्टिगोचर स्थानों पर सांकेतिक बोर्ड एवं बैरीकेड व्यवस्था एवं स्थानीय यातायात पुलिस के सहयोग से वैकल्पिक रास्तों के माध्यम से आवागमन सुगम बनाये रखने की व्यवस्था की जाती है। (ख) उल्लेखित तालाबों को संरक्षित करने हेतु विकास के कार्य एवं लोगों को तालाब के किनारे मनोरंजन/आमोद-प्रमोद की व्यवस्था की गयी है, साथ ही वृहद वृक्षारोपण कर पशु पक्षियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। नेक्टर झील पूर्व में खाली खदान के रूप में थी, जिसे सौन्दर्यीकरण कर आमजन के आमोद-प्रमोद के लिए, प्रकृति संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन एवं पशु-पक्षियों के सुलभ विचरण के उद्देश्य से विकसित किया गया है। सभी कार्य मानक गुणवत्ता अनुसार कराये गये है, जिनका समय-समय पर एन.ए.बी.एल. द्वारा मान्यता प्राप्त लैब से परीक्षण कराया जाता है। साथ ही कार्य स्थल पर प्राथमिक लैब की व्यवस्था है, जिसमें निर्माण में प्रयुक्त सामग्री का परीक्षण एवं निर्माण उपरांत आवश्यक परीक्षण कराया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) व्यंकटेश लोक एवं परिसर का निर्माण वर्तमान में प्रगतिरत है। सभी कार्य मानक गुणवत्ता अनुसार कराये गये है, जिनका समय-समय पर एन.ए.बी.एल. द्वारा मान्यता प्राप्त लैब से परीक्षण कराया जाता है। अभी तक कभी भी और किसी भी स्थिति में व्यंकटेश लोक में लगायी हुई मूर्तियों के गिरने की घटना नहीं हुई है। चूँकि कार्य प्रगतिरत है, इसलिए मरम्मत एवं सुधार कार्य निरंतर कराये जा रहे है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कसरावद जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 4044 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. अर्बन सर्विस इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम अंतर्गत नगर परिषद् कसरावद जल प्रदाय योजना का कार्य किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। निविदा विज्ञप्ति व अनुबन्ध अनुसार कार्य पूर्ण किये जाने की समयावधी क्या थी? कितनी बार समयावधि बढाई गई? नियत समयावधि में भौतिक एवं वित्तीय रूप से कुल कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) निविदा विज्ञप्ति/निविदा अनुबन्ध में नियत समयावधि में कार्य पूर्ण न किये जाने पर कोई दण्ड का प्रावधान है? यदि हाँ तो कितना? क्या नियमों में बिना दण्ड के समयावधि में वृद्धि का कोई प्रावधान है? यदि हाँ तो कुल कितने बार व कितने समय की वृद्धि की जा सकती है? (ग) म.प्र. में कुल कितनी निकायों में जल प्रदाय योजनाओं में निविदा विज्ञप्ति व अनुबन्ध में नियम समयावधि में काम न किये जाने के चलते समयावधि की वृद्धि की गई है? क्या समयावधि में कार्य पूर्ण न करने पर कोई दण्ड का प्रावधान है? अगर हाँ तो कितनी राशि वसूली गई? विवरण दें। (घ) जल प्रदाय योजना नियत समय पर पूर्ण नहीं किये जाने से क्या निकायों में नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाये जाने हेतु कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद् कसरावद जल प्रदाय योजना का कार्य संविदाकार मेसर्स रियान वॉटर टेक प्रा.लि. ज्वाइंट वेंचर मेसर्स पी.सी. स्नेहल कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। अनुबन्ध अनुसार कार्य पूर्ण किये जाने की समयावृधि दिनांक 05.08.2019 तक थी। आठ बार समयावृधि बढ़ायी गयी। वर्तमान में नियत समयावृधि में भौतिक प्रगति 92 प्रतिशत एवं वित्तीय प्रगति 79 प्रतिशत निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका था। (ख) जी हाँ। विलंब की क्षतिपूर्ति हेतु अनुबंध अनुसार दस प्रतिशत राशि तक का दंड का प्रावधान है। विभागीय विलम्बता होने की दशा पर संविदाकार को निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु बिना दण्ड आरोपित करते हुये समयावृधि प्रदान की जाती है। (ग) मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा निष्पादित की जा रही कुल 101 जल प्रदाय योजनाओं में समयावृधि की वृद्धि की गयी है। जी हाँ। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा निष्पादित की जा रही जल प्रदाय योजनाओं में संविदाकारों से विलंब की क्षतिपूर्ति हेतु कुल राशि रू. 41, 35, 50, 939/- देयकों से रोकी गयी है। कर ही कसरावद, राजपुर, पानसेमल (पैकेज-2बी) अंतर्गत राशि रू. 1, 94, 43, 132/- लाख की क्षतिपूर्ति राशि के रूप में रोकी गई है। (घ) जल प्रदाय योजना नियत समय पर पूर्ण नहीं किये जाने से निकाय की पूर्व से संचालित जल प्रदाय व्यवस्था से नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया जाता है।
एम.डी.आर. मार्ग घोषित करने के मापदंड
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 4045 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.डी.आर. मार्ग घोषित करने के क्या मापदंड है। खरगोन जिले में कितने एम.डी.आर मार्ग है? क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद के भटट्याण खुर्द (पिपलगोन) से बारवॉमिल (खरगोन खण्डवा मार्ग) लगभग 50 कि.मी. को एम.डी.आर. मार्ग घोषित कर निर्माण कराया जा सकता है? अगर हाँ तो कब तक स्वीकृति दी जाएगी? (ख) खरगोन जिले में लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत एक मार्ग को दूसरे मार्ग से जोड़ने वाली छूटी हुई सड़कें (मिसिंग मार्ग) हैं? अगर हाँ तो विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। इन मार्गों का निर्माण कब तक होगा? समय-सीमा बतावें। (ग) कसरावद से खरगोन मार्ग के कि.मी. 6/10 से 7/2 वेदा नदी पर पुल निर्माण स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ तो तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृती की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या कार्य एजेंसी निर्धारित हो चुकी है? अगर हाँ तो कार्य एजेन्सी और कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा? (घ) कसरावद विधानसभा के ग्राम पिपलगोन से बैडिया मार्ग, पिपलगोन गांव से बीड एवं अवरक्छ मार्ग कुन्दा नदी पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण की कोई योजना है? अगर हाँ तो कब स्वीकृति दी जाएगी? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) शासन के पत्र दिनांक 30-10-2004 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। खरगोन जिले में मुख्य जिला मार्ग की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी नहीं। निविदा निराकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: कार्य प्रारंभ करने की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (घ) सेतु निर्माण परिक्षेत्र अंतर्गत कोई योजना नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों की प्रावधानित वित्तीय व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 4052 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के समस्त नगरीय निकाय कौन-कौन से अधिनियम नियम से प्रशासित होते हैं? (ख) प्रशासित अधिनियमों नियमों के अनुसार नगरीय निकायों में वार्षिक लेखे तथा प्रशासनिक रिपोर्ट के संबंध में कौन-कौन से नियम वर्तमान में प्रचलित होकर प्रभावशील एवं क्रियाशील हैं? उनकी कॉपी देवें। (ग) उज्जैन जिले के नगरीय निकायों में प्रशासित अधिनियम नियमों में वित्तीय लेखा और प्रशासनिक रिपोर्ट के लिए कितने प्रारूप निर्धारित किए हैं? (घ) विगत 5 वर्षों में प्रशासित अधिनियमों, नियमों में निर्धारित प्रारूप में उज्जैन जिले के नगरीय निकायों द्वारा प्रावधानित कितने प्रारूपों में रिकॉर्ड संधारित किए गए हैं? उनकी प्रति देवें। (ड.) उज्जैन जिले के नगरीय निकायों में निकायों की निधि एवं खर्च उपयोग को प्रशासित अधिनियमों नियमों के प्रारूपों में प्रेसिडेंट इन काउंसिल के समक्ष कब-कब पूर्व अनुमोदन हेतु रखे गए? रिकॉर्ड की कॉपी देवें। (च) उज्जैन जिले के प्रत्येक नगरीय निकायों में वर्ष 2019-2020, 2020-2021, 2021-2022, 2022-2023, 2023-24 में प्रेसिडेंट इन काउंसिल (पी.आई.सी.) के निर्णय क्या-क्या हुए? उनके विगत 5 वर्षों के रिकॉर्ड, कार्यवाही विवरण, निर्णय की अनुसूची, एजेंडा एवं संक्षेपिका समस्त प्रारूपों में देवें। (छ) उज्जैन जिले के प्रत्येक नगरीय निकाय में पी.आई.सी. के निर्णय अनुसार विगत 5 वर्षों (वर्ष 2019 से लगायत 2024) तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा कितनी वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई? उनकी कॉपी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश के समस्त नगरीय निकाय मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1965 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 में वर्णित प्रावधानों तथा उनके अंतर्गत बने नियमों से प्रशासित होता है। उज्जैन जिले के नगरीय निकायों के लिए पृथक से कोई अधिनियम नहीं है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) म.प्र. नगर पालिक निगम (वित्त एवं लेखा) नियम, 2018 के अंर्तगत 47 प्रारूप तथा म.प्र. (वित्त एवं लेखा) नियम, 2018 में 48 प्रारूप निर्धारित किए गए है। प्रशासनिक रिपोर्ट के लिये प्रारूपों की संख्या निर्धारित नहीं है। (घ) से (छ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में विशेष शर्त
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 4104 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में लागू ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में टेंडर डॉक्यूमेंट में स्पेशल शर्त जोड़ने के क्या प्रावधान हैं तथा इसके लिये कौन सक्षम है? (ख) वर्ष 2023-24 में ग्वालियर परिक्षेत्र (भवन/पथ) के अंतर्गत लगाये गये टेंडर में विशेष शर्त जोड़ी गई है। यदि हाँ तो कौन-कौन सी शर्त जोड़ी गई तथा किस सक्षम अधिकारी की स्वीकृति से जोड़ी गई? (ग) क्या ग्वालियर परिक्षेत्र में मुख्य अभियंता श्री पी.सी. वर्मा द्वारा अपने स्तर से परिक्षेत्र स्तर के टेंडर में विशेष शर्त को जोड़ा गया है? यदि हाँ तो कौन-सी शर्त जोड़ी गई और क्या उसे सक्षम अधिकारी से स्वीकृत किया गया है? यदि नहीं तो कार्यपालन यंत्री ग्वालियर संभाग क्रमांक द्वारा वर्ष 2023-24 में लगाये गये टेंडर में किस अधिकार से शर्त को जोड़ा गया? (घ) क्या मुख्य अभियंता द्वारा विशेष शर्त जोड़ने से ठेकेदार को अनुबंध कर शपथ-पत्र जमा कराने की शर्त रखने से शासन को कितनी राशि की हानि हुई? क्या भ्रष्टाचार की जाँच करायी जायेगी तथा संबंधित मुख्य अभियंता का निलंबन कर इस टेंडर घोटाले की जाँच करायी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र.-एफ-52/1/10/यो/19/53 दिनांक 03.01.2011 अनुसार शासन/प्रमुख अभियंता से विशिष्ट रूप से निर्देशित विशेष शर्तों को निविदा आमंत्रण सूचना में लगाये जाने का प्रावधान है तथा इसके अनुमोदन हेतु केवल शासन/प्रमुख अभियंता सक्षम है। परिपत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2023-24 में ग्वालियर परिक्षेत्र के अंतर्गत किसी भी संभाग द्वारा लगाये गये टेण्डरों में कोई भी विशेष शर्त नहीं जोड़ी गई। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। कोई विशेष शर्त नहीं जोड़ी गई। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्ष 2023-24 में ग्वालियर संभाग द्वारा लगाये गये टेण्डरों में किसी भी विशेष शर्त को नहीं जोड़ा गया। (घ) कोई विशेष शर्त नहीं जोड़ी गई। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमिहीन एवं आवासहीनों को पट्टे का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 4114 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा भूमिहीन एवं आवासहीनों के लिये भूखण्ड के पट्टे दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो क्या इस संबंध में नियम-निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ तो क्या उक्त योजना में धारणाधिकार योजना भी सम्मिलित है? यदि हाँ तो कृपया नियम-निर्देशों की प्रतिया उपलब्ध करायें। क्या शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु धारणाधिकार योजना अंतर्गत पट्टे दिये जा रहे हैं? यदि हाँ तो दतिया जिले में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कितने-कितने भूखण्ड पट्टे दिये गये हैं? कृपया ग्रामवार/शहरीक्षेत्र के वार्डवार सूचियां प्रदान करें। (ख) क्या दतिया जिले में ग्राम रामनगर में अनुसूचित जाति, गोविंदनगर में आदिवासी, भवानीपुर में अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों द्वारा कृषि सहकारी समितियां बनाई गई थीं? यदि हाँ तो कब बनाई गई थीं? क्या उक्त सोसायटियों के सभी सदस्य एवं उनकी मृत्यु के उपरांत उनके वारिसानों द्वारा निरंतर रूप से 70 से 80 वर्षों से कृषि कार्य करते आ रहे हैं? क्या शासन द्वारा कब्जे के आधार पर सभी सदस्यों के वारिसानों को कृषि भूमि पट्टे प्रदान करेगा? यदि नहीं तो क्यों? कृपया कारण सहित बतायें और यदि हाँ तो कब तक पट्टे दिये जायेंगे? (ग) क्या दतिया शहर में निवासरत वार्ड क्र. 34 होमगार्ड ऑफिस के सामने आदिवासी/मोगिया मोहल्ला, सेंवढा चुंगी, भाण्डेंरी फाटक, लक्षमणताल, झांसी रोड, भाण्डेर रोड, नवनिर्मित जेल के पास वार्ड क्र. 34 मम्माजू के बाग के पास, सपा पहाड़ एवं अन्य वार्डों में अनुसूचित जनजाति एवं गरीब व्यक्तियों के परिवार वर्षों से निवासरत हैं? क्या शासन धारणाधिकार एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत उक्त सभी व्यक्तियों को भूखण्ड के पट्टे प्रदान करेंगे जिससे उक्त आवासहीनों व्यक्तियों को पी.एम. आवास योजना का लाभ प्राप्त होगा? यदि हाँ तो कब तक? कृपया संपूर्ण जानकारी दें। (घ) क्या भवानीपुर में कृषि साख समिति द्वारा माननीय हाईकोर्ट में प्रकरण दायर किया गया? यदि हाँ तो माननीय हाईकोर्ट के निर्देशानुसार कलेक्टर द्वारा प्रकरण के निराकरण के संबंध में सुनवाई की जा रही? यदि हाँ तो क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार (30 वर्ष से कब्जे के आधार पर स्वत्व, स्वामित्व और अधिपत्य) मानते हुये विधि अनुसार पट्टे प्रदान करने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कृपया कारण सहित बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 4136 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग अंतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में बाह्य स्त्रोत (आउटसोर्स) से कर्मचारियों को रखने की प्रक्रिया कब से प्रारंभ की गई है? बाह्य स्त्रोत (आउटसोर्स) से कर्मचारी रखने के शासन के क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं, की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कंपनी द्वारा कौन-कौन सी श्रेणी के बाह्य स्त्रोत (आउटसोर्स) कर्मचारी रखे जाने का प्रावधान हैं? श्रेणीवार म.प्र. मध्य क्षेत्र कंपनी अंतर्गत विदिशा जिले की जानकारी देवें। उनके वेतन के क्या मापदण्ड हैं? उन्हें क्या-क्या सुविधा दी जाती हैं? समस्त नियमों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बाह्य स्त्रोत (आउटसोर्स) कर्मचारियों को नियमित शासकीय अधिकारी/कर्मचारी बनाये जाने पर शासन का विचार है? यदि हाँ, तो बतावें। यदि नहीं, तो क्या इन्हें अतिथि शिक्षक की तर्ज पर पात्रता परीक्षा आदि में आरक्षण दिया जावेगा तथा क्या इनकी सेवाएं संविदा पर ली जाएंगी? यदि हाँ तो कब तक? बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विदिशा जिले अंतर्गत कार्यरत बाह्य स्त्रोत (आउटसोर्स) कर्मचारियों के गबन, भ्रष्टाचार, अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायत सहित जानकारी देवें तथा कितने बाह्य स्त्रोत (आउटसोर्स) कर्मचारियों को विगत 01 अप्रैल 2023 से सेवा से पृथक किया गया? बतावें। (ङ) विदिशा जिले में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्रश्न दिनांक की स्थिति में आउटसोर्स से किस-किस श्रेणी के कितने कर्मचारियों को एजेन्सी द्वारा रखा गया? संख्यात्मक जानकारी देवें। श्रेणीवार, पदवार, मासिक वेतन, योग्यता, तकनीकी योग्यता, कार्यानुभव सहित जानकारी उपलब्ध करावें। क्या उक्त कर्मचारियों की कम्पनी/एजेन्सी द्वारा लेन-देन रिश्वत लेकर नियम विरूद्ध नियुक्ति करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है? विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? बतावें। (च) प्रश्नांश (ड.) के संदर्भ में कार्यरत कुशल कर्मचारियों के तकनीकी प्रमाण-पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में बाह्य स्त्रोत (आउटसोर्स) से कर्मचारी को रखने की विधिवत प्रक्रिया वर्ष-2009 से प्रारंभ की गई है। संचालक मंडल की 34वीं बैठक दिनांक 28.02.2009 में लिए गए निर्णय की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में उच्च कुशल, कुशल, अर्द्धकुशल तथा अकुशल इन चार श्रेणियों में बाह्य स्त्रोत (आउटसोर्स) कर्मचारी रखे जाने का प्रावधान है। विदिशा जिले में आउटसोर्स कर्मियों की श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। बाह्य स्त्रोत कार्मिकों को श्रमायुक्त द्वारा निर्धारित दरों पर सेवा प्रदाता द्वारा नियमानुसार वेतन का भुगतान किया जाता है। बाह्य स्त्रोत कार्मिकों को निविदा में उल्लेखित नियम व शर्तों अनुसार ई.पी.एफ./ई.एस.आई.सी./एल.डब्ल्यू.एफ. (लेबर वेलफेयर फंड) की सुविधा प्रदान की जाती है। साथ ही, कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर पात्र कार्मिकों/आश्रितों को कंपनी के नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाती है एवं निविदा की शर्तों अनुसार तकनीकी श्रेणी के कर्मचारियों की कार्य के दौरान मृत्यु होने पर दुर्घटना बीमा की राशि प्रदान की जाती है। समस्त नियम विदिशा जिले की निविदा में उल्लिखित है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) बाह्य स्त्रोत (आउटसोर्स) कार्मिक मूलत: बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के कर्मचारी हैं। अत: इनका वितरण कंपनी में नियमितीकरण किया जाना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) दिनांक 1 अप्रैल, 2023 से म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विदिशा जिले अंतर्गत कार्यरत बाह्य स्त्रोत (आउटसोर्स) कार्मिकों के गबन, भ्रष्टाचार, अनियमितता की कुल 15 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें से गबन, भ्रष्टाचार की 3 एवं अनियमितता की 12 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। सभी 15 बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया जा चुका है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' एवं 'द-1' अनुसार है। (ड.) विदिशा जिले में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्रश्न दिनांक की स्थिति में आउटसोर्स एजेन्सी द्वारा रखे गए कार्मिकों का श्रेणीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त कार्मिकों की कंपनी/एजेंसी द्वारा लेन-देन रिश्वत लेकर नियम विरूद्ध नियुक्ति करने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (च) प्रश्नांश (ड.) के संदर्भ में विदिशा जिले में कार्यरत कुशल कर्मचारियों के तकनीकी प्रमाण-पत्र की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
वक्फ बोर्ड की भूमियों की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
82. ( क्र. 4137 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग अंतर्गत भोपाल, उज्जैन, इंदौर संभाग में वक्फ बोर्ड की कृषि, भवन, मस्जिद, कब्रिस्तान आदि विभिन्न दृष्टिकोण से कितनी-कितनी, कहाँ-कहाँ भूमि एवं संपत्ति हैं? सर्वे क्रमांक, खसरा, खतोनी, अक्स सहित जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रकाशित राजपत्र (गजट) में वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर शासन एवं वक्फ बोर्ड द्वारा दावा-आपत्ति लिये गये थे? यदि हाँ, तो कितने दावा-आपत्ति प्राप्त हुए तथा किस-किस ने कौन-कौन सी भूमि पर तथा कौन-कौन से शासकीय विभागों ने पेश किये? क्या सक्षम अधिकारियों जैसे कलेक्टर आदि जिला, संभाग एवं प्रदेश स्तर के अधिकारियों द्वारा दावा-आपत्तियों का निराकरण किया गया? यदि हाँ, तो दावा-आपत्ति तथा उनके निराकरण के निर्णय सहित जानकारी उपलब्ध करावें। यदि निराकरण नहीं किया गया, तो कब तक किया जावेगा? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी शासकीय/अर्द्धशासकीय कौन-कौन से विभागों की भूमियों और संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड के कब्जे हैं? पटवारी हल्कावार, तहसीलवार, नगरीय निकायवार, जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वक्फ बोर्ड द्वारा राजपत्र में प्रकाशित वक्त बोर्ड की भूमि एवं उस पर दावा-आपत्तियों के निराकरण के उपरांत वक्त बोर्ड की भूमि का पुनर्प्रकाशन कब हुआ? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा? (ड.) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में राजस्व, वन, नगरीय निकाय एवं अन्य विभागों की भूमियों पर वक्त बोर्ड का अवैध अतिक्रमण है? सर्वे नंबर, पटवारी हल्कावार, तहसीलवार, नगरीय निकायवार, जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें तथा कितनी राजस्व, वन, नगरीय निकाय एवं अन्य विभाग की भूमियों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा पाया गया? बतावें। (च) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वक्फ बोर्ड द्वारा घोषित संपत्ति का वर्ष 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक कब-कब, किस-किस दिनांक को, किस अधिकारी के समक्ष सीमांकन हुआ है? बतावें तथा यदि नहीं हुआ तो क्यों? इसके लिए दोषी कौन है तथा कब तक सीमांकन करा लिया जावेगा?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) भोपाल, उज्जैन, इन्दौर संभाग में वक्फ बोर्ड की कृषि, भवन, मस्जिद, कब्रिस्तान आदि विभिन्न दृष्टिकोण से भूमि एवं सम्पत्ति तथा सर्वे क्रमांक सहित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। (ख) प्रकाशित राजपत्र (गजट) में वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति पर शासन एवं वक्फ बोर्ड द्वारा दावा आपत्ति नहीं लिये जाने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार वक्फ बोर्ड का किसी शासकीय/अर्द्धशासकीय विभागों की भूमियों और सम्पत्तियों पर कब्जा नहीं होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वक्फ बोर्ड की भूमि का पुनर्प्रकाशन नहीं हुआ। वक्फ बोर्ड की भूमि का पुनर्प्रकाशन वक्फ एक्ट 1995 की धारा 4 की उपधारा 6 के अनुसार किया जावेगा, नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ड.) उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार राजस्व, वन, नगरीय, निकाय एवं अन्य विभागों की भूमियों पर वक्फ बोर्ड का अवैध अतिक्रमण नहीं होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) इन्दौर संभाग अंतर्गत खण्डवा तहसील में वक्फ बोर्ड द्वारा घोषित सम्पत्ति ब्लॉक नं. 51 प्लाट नं. 47 का सीमांकन दिनांक 12/08/2022 को तहसीलदार के समक्ष हुआ है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 4141 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंदर आउटसोर्स के नाम पर कुल कितने कर्मचारी कितने वेतन पर कहाँ-कहाँ किस पद पर पदस्थ हैं? उनकी उपस्थिति के क्या नियम हैं? इनका वेतन का भुगतान ई-पेमेंट से किया जाता है या नगद भुगतान किया जाता है? कर्मचारियों की सूची सहित विकासखंडवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) आउटसोर्स पर किस एजेंसी के माध्यम से कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है? एजेंसी का नाम, पता, मोबाइल नंबर तथा कंपनी के साथ एजेंसी के कराये गये अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या कंपनी के जो कार्य आउटसोर्स कर्मचारियों से संपन्न कराये जा रहे हैं, वह कर्मचारी मनमाने ढंग से नियम विरुद्ध तरीके से कार्य कर रहे हैं, जिससे शासन की छवि खराब हो रही है? यदि नहीं तो क्या जांच कराई जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत दतिया जिले में बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से नियोजित 479 आउटसोर्स कार्मिकों के नाम, पदनाम/श्रेणी, कार्यस्थल का नाम एवं वेतन की प्रश्नाधीन चाही गयी विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी नियमानुसार ई-अटेंडेंस प्रणाली के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों की उपस्थिति दर्ज की जाती है एवं आउटसोर्स कार्मिकों को वेतन का भुगतान ऑनलाइन (NEFT) के माध्यम से संबंधित बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के द्वारा किया जाता है। (ख) संचालन-संधारण वृत्त दतिया के अंतर्गत बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी मेसर्स टी. एण्ड एम. सर्विसेस कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड मुंबई के माध्यम से आउटसोर्स कार्मिकों को नियोजित किया गया है। उक्त बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी की प्रश्नाधीन चाही गयी नाम, पता एवं मोबाईल नंबर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है तथा एजेंसी के साथ किये गये अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) संचालन-संधारण वृत्त दतिया के अंतर्गत बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से नियोजित कार्मिकों द्वारा निविदा में उल्लेखित नियम एवं शर्तों के अनुरूप ही कार्यों को सम्पादित किया जा रहा है। बाह्य स्त्रोत कार्मिकों द्वारा नियम विरुद्ध कार्य किये जाने पर निविदा में उल्लेखित नियम एवं शर्तों अनुसार बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा आउटसोर्स कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। उक्त परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई जांच कराया जाना अपेक्षित नहीं है।
आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत कार्यों की गुणवत्ता की जांच
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 4142 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.डी.एस.एस. योजना के तहत दतिया जिले में किस एजेंसी द्वारा कार्य कराया जा रहा है? एजेंसी का नाम, पता, कार्य की लागत राशि, कार्य पूर्ण होने की तिथि एवं क्या-क्या कार्य इस योजना के तहत कराए जाने हैं, टेंडर दस्तावेज की छायाप्रति के साथ विधान सभावार जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (ख) जो कार्य इस योजना के तहत कराये जा रहे हैं वह कार्य उक्त एजेंसी द्वारा स्वयं किये जा रहे हैं या किसी अन्य को ठेके पर देकर कम राशि में कराया जा रहा है? (ग) क्या कार्य को समय-सीमा में न करते हुए विलंब से किया जा रहा है? यदि नहीं तो इसकी भोपाल से टीम बनाकर जांच कराई जावे। यदि हाँ तो विभाग द्वारा एजेंसी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? (घ) क्या मटेरियल जिस गुणवत्ता का लगाया जाना था वह नहीं लगाया जा रहा है और जिस मानक से पोल आदि गाड़े जाने थे, वह नहीं गाड़े जा रहे हैं? क्या उक्त सारे कार्यों की जांच कराने की कृपा करेंगे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दतिया जिलांतर्गत आर.डी.एस.एस योजना के प्रथम चरण लॉस-रिडक्शन के तहत स्वीकृत विभिन्न कार्यों में भिन्न-भिन्न एजेंसियों के माध्यम से कार्य संपादित कराया जा रहा है, जिसमें कार्यवार चयनित एजेंसी का नाम, पता, कार्य की लागत राशि, कार्य पूर्ण होने की तिथि एवं योजना में प्रावधानित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र 'अ-1' से -'अ-5' अनुसार है तथा योजना के तहत कराये जा रहे विभिन्न कार्यों के टेण्डर दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' से प्रपत्र-'ब-3' (कैपेसिटर बैंक), प्रपत्र 'स-1' से प्रपत्र-'स-4' (अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर एवं पावर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि), प्रपत्र-'द-1' से प्रपत्र-'द-4' (33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्र के निर्माण), प्रपत्र-'इ-1' से प्रपत्र-'इ-4' (33 के.व्ही. इंटरकनेक्शन, बायफरकेशन, क्षमता वृद्धि) एवं प्रपत्र-'फ-1' से प्रपत्र-'फ-6' (11 के.व्ही. नवीन लाइन इंटरकनेक्शन, बायफरकेशन, क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर, निम्नदाब केबल क्षमता वृद्धि) अनुसार है। (ख) योजना के तहत चयनित एजेंसियों द्वारा ही कार्य कराये जा रहे हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। वर्तमान में कार्य निर्धारित समय-सीमा के अनुरूप करने का लक्ष्य रखा गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) योजनांतर्गत कार्यों में निर्धारित गुणवत्ता का मटेरियल उपयोग किया जा रहा है। सामग्री की गुणवत्ता की जांच निर्धारित मानकों के अनुरूप करने पर उचित गुणवत्ता पाये जाने के उपरांत ही हुए सामग्री का उपयोग किया जा रहा है तथा सभी पोल मानक अनुसार स्थापित किये जा रहे हैं। इन कार्यों की जाँच हेतु पृथक से प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एजेंसी मेसर्स वोयांटस सोल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड नियुक्त की गई है, जिसके द्वारा प्रत्येक कार्य की निर्धारित मानकों के अनुरूप जाँच कार्यवाही की जा रही है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 4143 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् पोहरी में जनवरी 2019 से मार्च 2024 तक मिट्टी, मुरम की निविदायें बुलाई गई थी? यदि हाँ तो, उक्त निविदा एवं तुलना पत्रक व स्वीकृति पत्र की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि उक्त मिट्टी, मुरम किन-किन स्थानों पर डाली गई एवं उसका कितना भुगतान किस-किस को कितना-कितना कब-कब किया गया? बिल भुगतान की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें। (ख) क्या नगर परिषद् पोहरी में वॉटर कूलर, ट्रेक्टर एवं अन्य मशीनरी क्रय की गई है? यदि हाँ तो, कौन-कौन सी मशीनरी कितनी-कितनी राशि की कहाँ-कहाँ से किस माध्यम से कब-कब खरीदी गई है? जनवरी 2019 से मार्च 2024 तक क्रय की गई उक्त मशीनरी के बिल व्हाउचर की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें। (ग) क्या नगर परिषद् पोहरी के क्षेत्रान्तर्गत श्योपुर रोड रेंज के सामने तालाब जो बनाया जा रहा है उसके चारों ओर बिना रोलिंग किये पार बना दी गई है। इसलिए उसमें पानी कहाँ से आयेगा? अगर ये तालाब वर्षा जल से भरता है तो तालाब फूटने की पूरी सम्भावना रहेगी, इसे रोकने की क्या व्यवस्था होगी? जानकारी दें। (घ) नगर परिषद् के पोहरी चकराना में मंदिर तक सी.सी. रोड एवं पावर हाउस से अमरईया मंडी तक जो डामर रोड बनाई गई है, वह गुणवत्ता विहीन व अमानक स्तर की बनाई गई है। इसकी जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जाएंगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) तालाब के जल भरण क्षमता को बढ़ाने के लिये पार का निर्माण कार्य मानक अनुसार किया गया है। तालाब के भरने हेतु पानी बारिश एवं कैचमेंट एरिया से आता है। तालाब भरने के उपरांत इसके पानी निकासी हेतु आउटलेट पूर्व से निर्मित है। पार की रोलिंग वायब्रेटर के द्वारा रोलिंग किया गया है। तालाब के चारों तरफ कॉलम के साथ बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य किया गया है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, सी.सी. रोड एवं डामरीकरण रोड का निर्माण कार्य मानक एवं गुणवत्ता अनुसार किया गया है। स्टेट क्वालिटी मॉनिटर द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट संतोषजनक पायी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नदी के सफाई पर हुये व्यय की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 4145 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर पूर्व विधान सभा क्षेत्र में मुरार नदी का सफाई कार्य कब प्रारम्भ किया गया? नगर निगम द्वारा सफाई एवं सड़क निर्माण, नदी की दोनों ओर कितने किलोमीटर किया गया है? उक्त पर कितना व्यय वर्ष 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक किया गया? जानकारी दें। (ख) मुरार नदी की डी.पी.आर. की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा कब व कितनी राशि की दी गई? (ग) मुरार नदी योजना के अन्तर्गत निजी सम्पत्ति भूमि के अधिग्रहण हेतु निगम मद/योजना में कितना-कितना प्रावधान रखा है? अब तक कितनी सम्पत्ति/निजी भूमि भू-स्वामियों से कब-कब अधिग्रहित की गई? दिनांकवार विवरण की जानकारी दी जावे। (घ) मुरार नदी में से वर्ष 2016 से मई 2024 तक कितनी सिल्ट निकाली गई? उसका विवरण माप पुस्तिका के आधार पर वर्षवार व क्षेत्रवार बताया जावे। क्या यह सही है कि योजना स्वीकृति के पूर्व बिना निविदा के कार्य कराये गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दिनांक 23/07/2019 से निगम द्वारा विभागीय रूप से मशीनरी किराये पर लेकर मुरार नदी की सफाई एवं लगभग 1.5 कि.मी. सड़क का निर्माण कराया गया है जिस पर कुल राशि रु. 3175446/- का व्यय हुआ है। (ख) नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजना Rejuvenation and Development of Murar River, Gwalior को वर्ष 2023 में लागत राशि रू. 39.24 करोड़ की क्लीन गंगा फण्ड के मद से 100 प्रतिशत केन्द्रीय मद से स्वीकृत की गई। (ग) मुरार नदी योजना के अंतर्गत निजी संपत्ति भूमि के अधिग्रहण हेतु निगम मद/योजना में प्रावधान नहीं किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्ष 2016 से मई 2024 तक उपरोक्त कार्य निगम द्वारा निविदा प्रक्रिया के तहत कार्य न करने से माप पुस्तिका संधारित नहीं है। जी हाँ स्थानीय नागरिकों की मांग अनुसार निगम द्वारा मशीनरी किराये पर लेकर विभागीय रूप से सक्षम स्वीकृति उपरांत कार्य कराया गया है।
नगरीय निकायों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 4147 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् में कार्यरत समस्त अधिकारियों/ कर्मचारियों की ट्रांसफर अवधि क्या है? उज्जैन जिले अंतर्गत नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् में कार्यरत कितने अधिकारी/कर्मचारी कब से कहाँ-कहाँ पदस्थ है? नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद्वार किस पद पर कार्यरत हैं? सूची देंवे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या अधिकारी/कर्मचारी एक नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् में कम से कम कितनी अवधि तक कार्यरत रह सकते हैं? बताएं कि उज्जैन जिले के अंतर्गत महिदपुर नगर पालिका में ऐसे कितने कर्मचारी/अधिकारी हैं जो पांच वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हैं? क्या विभाग द्वारा उनका तबादला किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक किया जायेगा? (ग) क्या नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी अपने गृह जिले में कार्य कर सकते हैं? बताएं कि उज्जैन जिले के अंतर्गत कितने अधिकारी/कर्मचारी अपने गृह जिले में कब से कार्यरत हैं? नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद्वार पद सहित सूची देवें। क्या विभाग द्वारा उनके अन्य स्थान पर तबादले के लिए कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के ट्रांसफर की कोई अवधि निर्धारित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश "क" में उल्लेख अनुसार नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् में अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्यरत रहने की अवधि निर्धारित नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा स्थानांतरण प्रशासनिक कार्य सुविधा एवं अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने पर स्थानांतरण किये जाते हैं। (ग) नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद् के कार्यरत अधिकारियों के गृह जिले में कार्य करने में नियमों में कोई रोक नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। गृह जिले में कार्य करने में कोई रोक न होने से उनके तबादले की कार्यवाही नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 4148 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, आगर-मालवा जिले के अंतर्गत नगर पालिका एवं नगर परिषदों में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी कब से कार्यरत हैं? नगर पालिका एवं नगर परिषद्वार दैनिक वेतन भोगियों के नाम, नियुक्ति दिनांक सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने दैनिक वेतन भोगी हैं जिन्हें 10 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं? क्या उक्त दैनिक वेतन भोगियों को विभाग द्वारा नियमित या विनियमित किया गया है? ऐसे कितने दैनिक वेतन भोगी कार्यरत हैं जो विनियमितीकरण की प्राथमिकता रखते हैं? नगर पालिकावार सूची उपलब्ध करावें। (ग) नगर पालिका एवं नगर परिषद् में कितने दैनिक वेतन भोगियों की सैलरी के साथ पी.एफ. काटा जा रहा है एवं नियम अनुसार पी.एफ. जमा किया जा रहा है? यदि नहीं तो पी.एफ. जमा नहीं करने के क्या कारण हैं? (घ) मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के किस आदेश द्वारा 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले दैनिक वेतन भोगियों को नियमितीकरण के आदेश दिए हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। उक्त आदेश का पालन किन-किन निकायों द्वारा किया गया? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" एवं "ब" अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग वल्लभ भवन भोपाल मंत्रालय के परिपत्र कमांक एफ 5-3/2006/1/3 दिनांक 16 मई 2007 की कंडिका 5.1 के अनुसार जिन कर्मचारियों को 10.04.2006 को 10 वर्ष पूर्ण हो गये हैं, उनका विनियमितीकरण किया जा सकता है।
अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 4149 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में वर्ष 2003 से 2024 (प्रश्न पूछे गए दिनांक तक) तक कार्यपालक अभियंता से लेकर सहायक अभियंता/उप अभियंता तक जिस स्थानांतरण नीति के तहत स्थानांतरण किए गए, उसकी एक प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार भोपाल एवं मुरैना जिले में कार्यपालक अभियंता से लेकर सहायक अभियंता/उप अभियंता तक ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं जो एक ही पद पर रहते हुए एक ही स्थान पर 15 वर्षों से ज्यादा अवधि तक पदस्थ हैं? जिलेवार, पदवार, कार्यालयवार उनकी सूची उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत शासकीय स्थानांतरण नीति के तहत इन अधिकारी/कर्मचारी का स्थानांतरण किया जाना चाहिए या नहीं? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) भोपाल जिले में विगत 15 वर्षों से अधिक पदस्थ अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार। मुरैना जिले में पदस्थ अधिकारियों की जानकारी निरंक है। (ग) स्थानांतरण नीति अनुसार शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानांतरण गंभीर शिकायत/प्रशासकीय दृष्टि से किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 4150 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल कितने 33/11 के.व्ही. के विद्युत सब-स्टेशन कब से स्थापित हैं? विधानसभा क्षेत्र के कितने ऐसे गांव हैं, जहां क्षमता से कम के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिससे वोल्टेज की कमी, ट्रांसफार्मर जल जाने आदि की समस्या से ग्रामीणों को घरेलू बिजली तथा खेतों में सिंचाई का कार्य प्रभावित हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में विगत 03 माह से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर जले, कितनों को पुन: स्थापित किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कंपनी द्वारा धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां क्षमता से कम के ट्रांसफार्मर हैं, उन ग्रामों का सर्वे कर क्षमता वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? क्या यह सही कि तारापुर व आसपास के ग्रामो में वोल्टेज की कमी होने से 33/11 के.व्ही. के विद्युत सब-स्टेशन स्थापित किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो कारण बतावें। (घ) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी के समस्त ग्रामों, मजरा, टोला बस्तियों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? वंचित ग्रामों का विवरण एवं इन गांवों में कब तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 33/11 के.व्ही. के कुल 17 विद्युत उपकेन्द्र स्थापित हैं, जिनकी स्थापना संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के 45 ग्रामों में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों के अतिभारित होने से प्रश्नांश में उल्लेखित समस्या परिलक्षित हो रही हैं। उक्त अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों पर भार उनकी क्षमता के अनुरूप करने हेतु वर्तमान में संचालित केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत 124 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य स्वीकृत किया गया है, जिससे प्रश्नाधीन क्षेत्र के घरेलू एवं सिंचाई विद्युत उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा सकेगा। साथ ही, विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन की कुसुम-''ए'' एवं कुसुम-''सी'' योजना के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निम्नदाब स्तर पर विद्युत प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है, जिससे अतिभारित उच्चदाब विद्युत प्रणाली का भार कम होगा। इसके कारण अधोसंरचना विस्तार की आवश्यकता नहीं होगी एवं वोल्टेज समस्या का भी निराकरण हो सकेगा। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में 28 ग्रामों में कुल 48 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए एवं उक्त सभी 48 वितरण ट्रांसफार्मरों को निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया गया है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र के 45 ग्रामों के अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध भार उनकी क्षमता के अनुरूप करने हेतु वर्तमान में संचालित केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के तहत 124 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गए हैं, जिनमें से अद्यतन स्थिति में 28 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है तथा शेष 96 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्यों के क्रियान्वयन को एजेंसी द्वारा कार्यादेश की शर्तों के अनुसार माह फरवरी-2025 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। जी नहीं। तारापुर से लगभग 6 कि.मी. की दूरी पर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सेमलदा स्थापित है, जिससे तारापुर एवं आस-पास के क्षेत्र को नियमानुसार उचित गुणवत्ता का विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: तारापुर में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की आवश्यकता वर्तमान में नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों एवं संसूचित मजरों/टोलों/बस्तियों में आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के 111 मजरे/टोले/बस्तियां, जो कि मुख्य आबादी से दूर खेतों में छोटे-छोटे समूहों में बसे हुए हैं, उन्हें निकटस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा सिंचाई फीडरों से संयोजित कर आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाइनों/अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों को नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
ई-नगर पालिका पोर्टल बनवाने में अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 4152 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ई-नगर पालिका पोर्टल कब बनवाया गया था? इस पोर्टल का कार्य किस कंपनी को कितनी राशि का ठेका देकर करवाया गया था एवं कंपनी को अब तक कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया? (ख) क्या उक्त पोर्टल को बनवाते समय इसके हैक न होने जैसी व्यवस्था करने का प्रावधान नहीं किया गया था? यदि हाँ तो क्यों? स्पष्ट करें। (ग) क्या उक्त पोर्टल के हैक होने के लिए पोर्टल बनाने वाली कंपनी की कोई जवाबदारी है या नहीं? स्पष्ट करें। कंपनी का नाम, उसके संचालक का नाम व पता बतायें। (घ) उक्त पोर्टल हैक हो जाने और उसका सारा डाटा चले जाने पर कंपनी की कोई जिम्मेदारी है या नहीं? स्पष्ट करें। (ड.) उक्त पोर्टल बनाने वाली कंपनी के साथ विभाग द्वारा क्या अनुबंध किया गया था? यदि हाँ तो अनुबंध की शर्तें क्या-क्या थी और क्या कंपनी शर्तों के अनुसार कार्य कर रही है? यदि नहीं तो शर्तों का उल्लंघन करने पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) ई-नगर पालिका पोर्टल बनाये जाने हेतु दिनांक 26.02.2015 को अनुबंध हस्तक्षरित किया गया था और इसे 01.04.2017 को चालू किया गया था। इस पोर्टल का कार्य फर्म मेसर्स यू.एस. टेक्नोलॉजी इंटरनेशनल प्रायवेट लिमिटेड, तिरुवनंतपुरम, मेसर्स ए.बी.एम. नॉलेजवेयर लिमिटेड, मुंबई एवं मेसर्स माइंडटेक इंटरनेशनल को राशि रूपये 225/- करोड़ का अनुबंध कर प्रदाय किया गया था। पोर्टल हेतु अभी तक कुल राशि रूपये 1, 36, 41, 38, 025/- का भुगतान किया गया है। (ख) जी नहीं, पोर्टल की सुरक्षा के प्रावधान अनुबंध में वर्णित हैं। (ग) जी हाँ, कंपनी की जवाबदारी है। कंपनी का नाम मेसर्स यू.एस. टेक्नोलॉजीज इंटरनेशनल प्रायवेट लिमिटेड, संचालक श्री पारस चंदरिया, 721, नीलाटेक्नोपार्क, तिरुवनंतपुरम एवं मेसर्स ए.बी.एम. नॉलेजवेयर लिमिटेड, संचालक श्री प्रकाश राणे, प्लॉट नंबर 268, लिंकिंग रोड, बांद्रा (पश्चिम), मुंबई हैं। (घ) जी हाँ, कंपनी की जवाबदारी है। (ड.) प्रश्नांश अंतर्गत चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध में वर्णित शर्तों के उल्लंघन पर पेनल्टी लगाये जाने का प्रावधान है। फर्म के विरूद्ध विभाग द्वारा राशि रूपये 28, 76, 85, 628/- की पेनल्टी अधिरोपित की गयी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व उप निरीक्षक द्वारा की गई अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 4157 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री प्रमोद कुमार बरूआ, राजस्व उप निरीक्षक को नगर परिषद् फूप जिला भिण्ड से 120 कि.मी. दूर नगर परिषद् आलमपुर एवं नगर परिषद् दबोह के मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार देने का कारण बतायें। (ख) क्या दबोह नगर परिषद् के प्रभारी CMO श्री प्रमोद कुमार बरूआ द्वारा बिना परिषद् की स्वीकृति के नियम विपरीत 06 वॉटर कूलर बाजार भाव से अधिक दर पर खरीदे गये हैं? यदि हाँ तो श्री प्रमोद कुमार बरूआ के विरूद्ध जांच कराकर दंडित किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) 07 बाहरी व्यक्तियों को दैनिक वेतन पर नियुक्ति का आश्वासन देकर विगत 06 माह से श्री बरूआ ने बिना नगर परिषद् की स्वीकृति के परिषद् के महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी किस नियम के तहत ली? स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद्, आलमपुर तथा दबोह में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद रिक्त होने से श्री प्रमोद बरूआ राजस्व उप निरीक्षक नगर परिषद्, फूप जिला भिण्ड में मूल पद पर पदस्थ होने तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी के फीडर कैडर में होने से प्रशासनिक दृष्टि से प्रभार दिया गया है। (ख) श्री बरूआ द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी दबोह पदस्थ रहते हुये वॉटर कूलर क्रय नहीं किये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री बरूआ द्वारा कोई भी व्यक्ति नियोजित नहीं किये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण एवं शहरी आबादी में विद्युत आपूर्ति
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 4181 ) श्री सुनील उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इस वर्ष रबी सीजन में जुन्नारदेव विधानसभा में विद्युत सब-स्टेशनों की क्षमता कम हो जाने एवं ट्रांसफार्मर फेल हो जाने के कारण किसानों के साथ नगर वासियों को भी बार-बार लाइन बंद होने की समस्या का सामना करना पड़ा एवं फसल का बहुत नुकसान हुआ? क्या विद्युत क्षमता बढ़ाने एवं नवीन ट्रांसफार्मर लगाने हेतु विभाग वर्तमान बजट सत्र में प्रावधान करेंगे? (ख) जुन्नारदेव विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा बिल की राशि वसूलने के दौरान पूरे गांव की विद्युत सप्लाई बंद कर दी जाती है। यह किस नियम के तहत की जाती है? जानकारी से अवगत करायें। (ग) विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में ग्रामीण किसानों को दी जाने वाली विद्युत सप्लाई मात्र 10 घंटे दी जाती है, विद्युत सप्लाई में होने वाली समय की कमी को अतिरिक्त विद्युत सप्लाई चला के पूर्ण करने पर विभाग विचार करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (घ) तामिया ब्लाक के ग्राम चावलपानी क्षेत्र में विद्युत सप्लाई हेतु जो नया फीडर चालू किया गया है उसमें सिर्फ आधा गांव जोड़ा गया है। अतः इस क्षेत्र में नए फीडर से पूरे गांव को जोड़ा जाने हेतु विभाग विचार करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत मांग के दृष्टिगत, स्थापित विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता पर्याप्त है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित विद्युत अधोसंरचना से आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार कृषकों को सिंचाई हेतु 10 घंटे एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाइनों/अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विगत रबी सीजन (माह अक्टूबर, 2023) से प्रश्न तक की अवधि में कुल 123 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए हैं, जिन्हें नियमानुसार पात्र होने पर निर्धारित समयावधि में बदलने की कार्यवाही की गई है। वर्तमान स्थिति में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र की भविष्य की विद्युत मांग एवं संभावित भार वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अन्तर्गत 33/11 के.व्ही. के 2 नवीन विद्युत उपकेन्द्र चोरडोंगरी एवं सांगाखेड़ा का निर्माण कार्य तथा 8 कैपेसिटर बैंक की स्थापना का कार्य प्रगतिरत है। उक्त के अतिरिक्त, प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत 145 नवीन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 534 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण-सिस्टम मॉर्डनाईजेशन अन्तर्गत प्रस्तावित कर कार्ययोजना, नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। उक्त योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में प्रावधान किया गया है। साथ ही, विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन की कुसुम-''ए'' एवं कुसुम-''सी'' योजना के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निम्नदाब स्तर पर विद्युत प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है, जिससे अतिभारित उच्चदाब विद्युत प्रणाली का भार कम होगा। इसके कारण अधोसंरचना विस्तार की आवश्यकता नहीं होगी एवं वोल्टेज समस्या का भी निराकरण हो सकेगा। (ख) जी नहीं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विद्युत उपभोक्ताओं से विद्युत बिलों की वसूली के संबंध में वर्तमान में ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2021'' के अध्याय-9 ''भुगतान एवं संयोजन विच्छेदन'' में दिये प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश हैं। विद्युत उपभोक्ताओं को प्रत्येक माह जारी विद्युत देयक की राशि जमा करने हेतु नियत दिनांक तक विद्युत देयक का भुगतान करना आवश्यक है। ऐसे उपभोक्ता जिनके द्वारा नियत दिनांक तक देयक का भुगतान नहीं किया जाता है, उन्हें ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021'' की कण्डिका-9.15 के अनुसार इन उपभोक्ता को संयोजन के अस्थाई विच्छेदन हेतु 15 दिवसीय नोटिस जारी करने का प्रावधान है। नोटिस अवधि समाप्ति पर भी यदि देयक का भुगतान उपभोक्ता द्वारा नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में संयोजन को अस्थाई रूप से विच्छेदित किये जाने का प्रावधान है। (ग) राज्य शासन के निर्णय अनुसार प्रदेश में कृषकों को सिंचाई हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना है। तद्नुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत प्रणाली की सुरक्षा एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए विद्युत की उपलब्धता, विद्युत प्रणाली की क्षमता और विद्युत भार के बीच सामंजस्य बनाये रखने के दृष्टिगत कृषि फीडरों में निर्धारित सप्लाई शेड्यूल के दौरान विद्युत व्यवधान आने पर विद्युत प्रदाय में होने वाली अवरोध की अवधि को अतिरिक्त विद्युत प्रदाय देकर पूर्ण करने की वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) तामिया ब्लॉक के ग्राम चावलपानी क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र जमुनिया से निर्गमित 11 के.व्ही. चावलपानी नवीन मिक्स फीडर से विद्युत आपूर्ति की जाती है। उक्त नवीन फीडर पर ग्राम चावलपानी के 03 वितरण ट्रांसफार्मर वर्तमान में 11 के.व्ही. चावलपानी पुराना मिक्स फीडर से संबद्ध हैं। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों को 11 के.व्ही. नवीन चावलपानी मिक्स फीडर से जोड़ने का कार्य वर्ष 2024-25 की कार्ययोजना में सम्मिलित कर पूर्ण किया जायेगा। वर्तमान में उक्त 03 वितरण ट्रांसफार्मरों से नियमानुसार विद्युत आपूर्ति की जा रही है।
आर.डी.एस.एस. योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 4182 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.डी.एस.एस. योजना का उद्देश्य क्या है? सतना जिला अंतर्गत इस योजना के तहत किन-किन स्थानों पर क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? (ख) उक्त कार्य की कार्ययोजना का सर्वे किस एजेंसी द्वारा किया गया? कार्ययोजना की लागत समय एवं संधारण का समय क्या है? (ग) ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली दाब बढ़ाने के क्या नियम है? क्या घरेलू उपभोक्ताओं के उपयोग की मांग के लिए मीटर लगाये गये हैं? घरेलू उपभोक्ताओं से बिजली खपत किस आधार पर ली जाती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना का मुख्य उद्देश्य ए.टी. एण्ड सी. हानियों में कमी लाना एवं नवीन तकनीक का उपयोग करते हुए ए.सी.एस- ए.आर.आर. अंतर में भी निरंतर कमी लाते हुए विद्युत वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार करना है। इस हेतु विद्युत प्रणाली के सुदृढ़ीकरण एवं विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु तकनीकी आवश्यकताओं को मुख्य बिन्दु मानते हुए योजनान्तर्गत कार्य प्रस्तावित किये गए हैं। सतना जिला अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत किये जा रहे कार्यों का स्थान सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त सतना जिले में आर.डी.एस.एस. योजना के तहत स्मार्ट मीटरिंग संबंधी किये जा रहे कार्यों की फीडरवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ-1' अनुसार है। (ख) आर.डी.एस.एस. योजना के तहत कार्ययोजना हेतु सर्वे का कार्य म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित क्षेत्रों के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया गया है। उक्त योजना के कार्यों की लागत एवं समय-सीमा से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त कार्यों का संधारण, कार्य पूर्णता एवं ऑपरेशनल एक्सेप्टेन्स उपरांत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जाना है। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्मार्ट मीटर संबंधी कार्य हेतु नामित नोडल एजेंसी द्वारा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी हेतु प्रोजेक्ट लागत राशि रूपये 3387.33 करोड़ अनुमोदित किया गया हैं, जिसे मार्च-2025 तक पूर्ण किया जाना हैं। उक्त अनुमोदन अनुसार सतना जिले हेतु कुल 385604 स्मार्ट मीटर (372754 उपभोक्ता मीटर व 12850 वितरण ट्रांसफार्मर पर मीटर) स्थापित किये जाने का प्रावधान है, जिनकी कुल स्वीकृत राशि रूपये 253.21 करोड़ है। आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत जारी विड डॉक्यूमेंट अनुसार उपरोक्त स्मार्ट मीटरिंग संबंधी इंस्टॉलेशन व कमिशनिंग कार्य प्रथम 27 माह में पूर्ण हो जाने के पश्चात अनुबंध अनुसार क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा ही इनका संधारण कार्य आगामी 93 महीनों की समय अवधि हेतु किया जाना है। (ग) ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शनों के भार में वृद्धि मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के अध्याय-7 में निहित प्रावधानों के अनुसार की जाती है, जिससे संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। जी हाँ। घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली खपत मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2021 के अध्याय-8 विद्युत मापन तथा बिलिंग के प्रावधानों के अनुरूप दर्ज की जानी है, जिससे संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
गंदे पानी के निकासी की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 4183 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिला अंतर्गत नगर परिषद् उचेहरा में नगर वासियों के गंदे पानी एवं बरसाती पानी के निकासी की समुचित व्यवस्था है? यदि हाँ तो क्या? जानकारी दें। (ख) क्या नगर परिषद् उचेहरा अंतर्गत नालों में अतिक्रमण है? यदि है तो नालों को कब तक अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा? (ग) क्या नगर परिषद् उचेहरा अंतर्गत बरूआ नदी के पुनर्जीवित करने की कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ तो आज दिनांक तक क्या-क्या कार्य किया गया? यदि नहीं तो बरूआ नदी को पुनर्जीवित करने की कार्ययोजना कब तक बनाई जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। पानी की निकासी हेतु 11500 मीटर की पक्की नालियां निर्मित हैं एवं मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के प्रथम चरण में 3 पक्के नालों का निर्माण कराया जा चुका है जिनकी कुल लंम्बाई 3.2 कि.मी. है स्वच्छ भारत मिशन 2.0 अंतर्गत लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना में STP निर्माण कार्य राशि रू. 5.11 करोड़ प्रस्तावित है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में इस प्रकार का कोई प्रस्ताव नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रस्तावों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 4184 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लो.नि.वि. दतिया संभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 1778/2024 दिनांक 12/06/2024 के संदर्भ में प्रस्तावित नवीन सड़कों की प्रस्ताव/प्राक्कलन तैयार किये गये है? यदि हाँ तो क्या उक्त प्रस्ताव ई.एन.सी./प्रमुख सचिव को प्रेषित किये गये है? यदि हाँ तो उक्त प्रस्ताव वर्ष 2024-25 के बजट में शामिल कर स्वीकृत किये जायेंगे? यदि हाँ तो कब तक? (ख) मुख्यमंत्री द्वारा ग्वालियर चंबल संभाग के विधायकों/सांसदों की बैठक में दिये गये निर्देशानुसार अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं कलेक्टर दतिया को पत्र 1582, 1584, 1585 दिनांक 27/01/2024 को प्रश्नकर्ता द्वारा दतिया विधानसभा क्षेत्र के विकास प्रस्ताव प्रस्तुत किये? यदि हाँ तो विभाग द्वारा उक्त प्रस्तावों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या विभाग द्वारा प्रस्ताव/प्राक्कलन तैयार कर लिये गये है? यदि हाँ तो क्या विभाग उक्त प्रस्तावों को वर्ष 2024-25 के बजट में स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ करायेगा? यदि हाँ तो कब तक? कृपया जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। जी नहीं। वर्ष 2024-25 के मुख्य बजट में उक्त मार्ग सम्मिलित नहीं है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन विद्युत सब-स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
97. ( क्र. 4186 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन विद्युत सब-स्टेशन लगाये जाने की क्या प्रक्रिया एवं गाइड-लाइन है? कृपया विवरण दें। कृपया उक्त गाइड-लाइन एवं प्रक्रिया के अंतर्गत म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लि. संभाग दतिया द्वारा आर.डी.एस.एस. अंतर्गत कितने नवीन सब-स्टेशन मांग अनुसार स्थापित किये जाना है? कृपया नवीन प्रस्ताव प्रदाय करें। (ख) क्या उक्त प्रस्ताव में हिनौतिया, एरई, बसई, गोराघाट, बड़ौनी, उदगुवां, उनाव के अंतर्गत नवीन विद्युत सब-स्टेशन मांग अनुसार प्रस्तावित किये गये है? यदि हाँ तो सूची प्रदाय करें। (ग) क्या विभाग द्वारा मजरे, टोले, एस.सी./एस.टी. बस्तियों में विद्युतीकरण करने की योजना है? यदि हाँ तो कृपया विस्तृत जानकारी देते हुये बतायें कि दतिया जिला अंतर्गत कंचनपुरा मोगिया डेरा पलोथर, दफाई डेरा बड़ौनकला, कोटरा डेरा स्टेशन के पास, मम्मू का बाग मोहल्ला, सपा पहाड़ बस्ती, अशोक सम्राट बस्ती भारतीय स्कूल के पीछे दतिया, नवीन पानी फिल्टर के पीछे हरिजन मोहल्ला अम्बेडकर पार्क के पास दतिया, भाण्डेर रोड स्थित एस.सी./एस.टी. मोहल्ला दतिया में विद्युतीकरण कब तक किया जायेगा तथा वहां के रहवासियों को नियमानुसार कनेक्शन देने की प्रक्रिया की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? (घ) क्या आई.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत ग्राम हिडोरा, भदूमरा, पचोखरा, बरगांय, खदरावनी, बड़ौनकला, रावरी, मल्कपहाड़ी, हिनौतिया एवं अन्य ग्रामों में विद्युत सप्लाई चालू क्यों नहीं की जा रही है? कृपया कारण सहित बतायें तथा ग्राम रिछारी, मुरेरा की टूटी हुई केबल लाइन कंपनी द्वारा ठीक कर दी जायेगी? कृपया बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रांतर्गत प्रतिवर्ष विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों एवं उनसे निर्गमित 11 के.व्ही. फीडरों पर दर्ज भार की समीक्षा की जाती है, जिसमें संबंधित क्षेत्र की विद्यमान एवं आगामी भार वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए विद्यमान उपकेन्द्रों एवं फीडरों की भार वहन क्षमता अनुसार फीडर तथा उपकेन्द्रों के पूर्णभारित/अतिभारित होने पर तकनीकी साध्यता के आधार पर नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र लगाये जाने के प्रस्ताव संचालन/संधारण वृत्त कार्यालय द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से सक्षम स्वीकृति हेतु वितरण कंपनी के मुख्यालय को प्रेषित किये जाते हैं। कंपनी मुख्यालय द्वारा प्राप्त प्रस्तावों की साध्यता के परीक्षणोपरांत, अधोसंरचना विकास की प्रचलित योजनाओं में उपलब्ध वित्तीय प्रावधानों के आधार पर स्वीकृति दी जाती है। उक्त प्रक्रिया के अनुसरण उपरांत ही म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संचालन/संधारण संभाग दतिया के द्वारा केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के प्रस्ताव भार-समीक्षा के आधार पर वरीयता क्रम में प्रस्तावित किये गये हैं। प्रचलित आर.डी.एस.एस. योजना का क्रियान्वयन क्रमश: दो चरणों यथा लॉस रिडक्शन एवं मॉडर्नाइजेशन में किया जाना है। योजना के प्रथम चरण लॉस रिडक्शन में संचालन/संधारण संभाग दतिया के क्षेत्रांतर्गत 01 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र उन्नाव रोड, दतिया स्वीकृत किया गया है, जिसका कार्य प्रगतिरत है। योजना के द्वितीय चरण मॉडर्नाइजेशन में 13 नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र क्रमश: बसई, जिगना, सोनागिर, टकाछता, ग्वालियर रोड, झॉसी रोड, उपरांय, दुर्गापुर, कुम्हेडी, जुझारपुर, अकोला, चरवरा एवं राजापुर प्रस्तावित किये गये हैं, जिसकी स्वीकृति केन्द्र सरकार से अपेक्षित है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) में उल्लेखित आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत सम्मिलित प्रस्तावों में हिनौतिया, एरई, गोराघाट, बड़ौनी, उदगवां एवं उन्नाव में नवीन 33/11 केव्ही विद्युत उपकेन्द्र स्थापना के प्रस्ताव शामिल नहीं किये गये है। अपितु इन क्षेत्रों के नजदीक, क्षेत्र के भार केन्द्र पर तकनीकी साध्यता के आधार पर, योजना अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापना के प्रस्ताव एवं प्रश्नांश में उल्लेखित बसई हेतु नवीन उपकेन्द्र का प्रस्ताव योजना के द्वितीय चरण में प्रेषित किया गया हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से असुरक्षित जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पी.एम.-जनमन) की शुरूआत की गई है। अभियान का उद्देश्य विशेष रूप से असुरक्षित जनजातीय समूहों (पी.वी.टी.जी.) को उनके मूलभूत अधिकारों और बस्तियों को पूरी तरह से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उक्त अभियान के अंतर्गत अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के साथ पी.वी.टी.जी. समूहों की बस्तियों/घरों का विद्युतीकरण भी सम्मिलित है। प्रदेश की 3 जनजातियां, यथा - भारिया, बैगा एवं सहरिया, को पी.वी.टी.जी. समूह में शामिल किया गया है। उक्त अभियान के अंतर्गत संचालन/संधारण संभाग दतिया की 27 बस्तियों को चयनित किया गया है, जिसमें से 11 के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं एवं शेष 16 कार्य प्रगति पर है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। दतिया जिले के अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित कुछ बस्तियों एवं अन्य बस्तियों के विद्युतीकरण हेतु वांछित राशि मुख्य महाप्रबंधक (कार्य एवं योजना) भोपाल के पत्र क्रमांक प्रस/मक्षे/कार्य एवं योजना/552 दिनांक 22.09.2023 से आवंटित करते हुए कार्य स्वीकृति एवं निविदा जारी कर कार्य क्रियान्वयन हेतु निर्देशित किया गया था, जिसके अनुक्रम में प्राक्कलन स्वीकृत किये जा चुके है एवं इन बस्तियों के विद्युतीकरण कार्य प्रक्रियाधीन है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो जाने के पश्चात इन बस्तियों के रहवासियों को नियमानुसार विद्युत कनेक्शन देने की कार्यवाही की जा सकेगी। प्रश्नांश में उल्लेखित शेष बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य तकनीकी साध्यता के अनुरूप एवं वित्तीय उपलब्धता के अनुसार किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) यह कहना उचित नहीं है कि प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में विद्युत सप्लाई चालू नहीं की जा रही है, अपितु इन समस्त ग्रामों में आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। ग्राम रिछारी एवं मुरेरा की रेल्वे क्रॉसिंग की केबल क्षतिग्रस्त हो गई है, जिस हेतु प्राक्कलन स्वीकृत कर कार्यादेश जारी कर दिया गया है। कार्य के क्रियान्वयन में रेल्वे विभाग से वांछित अनुमति प्राप्त होने के उपरांत कार्य को पूर्ण कर दिया जायेगा।
धार्मिक स्थलों की सड़क कनेक्टिविटी
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 4188 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार ने प्रदेश भर में धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए सड़क संपर्क/कनेक्टिविटी में वृद्धि के लिए क्या कदम उठाए है? (ख) तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) बुंदेलखंड के धार्मिक स्थल ओरछा, कुंडेश्वर, जटाशंकर, कुंडलपुर, बागेश्वर धाम जैसे धार्मिक स्थल में पहुंच मार्ग/कनेक्टिविटी के लिए किए गए प्रयासों का ब्योरा क्या है? (घ) इन धार्मिक स्थल में और अधिक अच्छी सड़कों और बेहतरीन कनेक्टिविटी के लिये क्या योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) ओरछा के लिये ओरछा मडोर मार्ग द्वितीय अनुपूरक बजट वर्ष 2023-24 में सम्मिलित होकर प्राक्क्लन स्वीकृति हेतु विचाराधीन है। बागेश्वर धाम के लिये द्वितीय अनुपूरक बजट में मार्ग 6.30 कि.मी. लागत 923.11 लाख की स्वीकृति प्राप्त होकर मार्ग निर्माण लगभग पूर्ण हो गया है, शेष कुंडेश्वर जटाशंकर एवं कुंडलपुर के लिये वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) कोई विशेष योजना नहीं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
शहरी क्षेत्र का विस्तार
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 4189 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को इस बात का संज्ञान है कि छतरपुर जिले के शहरी क्षेत्र का विस्तार नगरीय सीमा के आगे जाकर समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार हो रहा है? (ख) यदि हाँ तो इन क्षेत्रों में बनने वाली कॉलोनियों, मकानों एवं विक्रय होते प्लाटों में मूलभूत सुविधाएं जैसे चौड़ी सड़कें, नाली, बिजली खंबे, पार्क आदि सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था उपलब्ध हो इस हेतु सरकार की क्या योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। परंतु यह नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत छतरपुर जिले के नगरीय क्षेत्रों का वैधानिक विस्तार नहीं है अपितु नगरीय सीमा क्षेत्र के बाहर एवं समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में बनाई जा रही कॉलोनियों अथवा अन्य माध्यमों से विकास हो रहा है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुगम यातायात की व्यापक योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 4192 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत WP-15623/2013 में कार्यालय नगर पालिक निगम, कटनी के अधिवक्ता द्वारा दिनांक 20/09/2014 को क्या कोई अभिवचन दिया गया था? यदि हाँ, तो यह अभिवचन क्या था और अभिवचन अनुसार प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत कराइए। (ख) प्रश्नांश (क) क्या नगर पालिक निगम द्वारा सुमग यातायात हेतु व्यापक गतिशीलता योजना तैयार की गई? यदि हाँ, तो योजना क्या है? यदि नहीं तो वर्ष 2014 में माननीय उच्च न्यायालय में दिये गए अभिवचन के लगभग 10 वर्ष बाद भी गतिशीलता योजना तैयार करने में असफल/असमर्थ रहने का कारण बताइये। (ग) कटनी नगर के मुख्य बाजार क्षेत्र की सड़कों की सड़कवार कहाँ से कहाँ तक चौड़ाई कितनी-कितनी हैं? क्या सड़क/मार्गों की चौड़ाई म.प्र. भूमि विकास नियम एवं नगर विकास योजना के अनुरूप हैं? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं तो क्या कार्यवाही की जाएगी? बाजार क्षेत्र में वाहन पार्किंग की क्या सुविधा है? (घ) क्या गोल बाजार में वाहन पार्किंग सुविधा एवं ऑडिटोरियम निर्माण हेतु म.प्र. शासन द्वारा राशि प्रदाय की है? यदि हाँ, तो कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु कब प्रदाय की गई? उपरोक्त कार्य अब तक पूर्ण न होने का कारण एवं कार्य पूर्ति के लिए क्या कार्यवाही की जायेगी? बताइये। (ङ) क्या कटनी नगर में सुगम यातायात की व्यापक गतिशीलता योजना विकसित करने की संभावना और बाजार क्षेत्रों में वाहन पार्किंग सुविधा के लिए कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर में प्रस्तुत WP-15623/2013 में नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा दिनांक 20/09/2014 को अभिवचन नहीं दिया गया, किन्तु उक्त WP-15623/2013 में नगर पालिक निगम, कटनी के अधिवक्ता की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है। उक्त रिट पिटीशन में पारित आदेश दिनांक 16.09.2021 का पालन किया गया। (ख) शहरी सुगम यातायात व्यवस्था हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, भोपाल द्वारा अमृत योजनांतर्गत वित्तीय सहायता हेतु डी.पी.आर. तैयार कराई गई है। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश, भोपाल के पत्र क्रमांक/123/शा.-11/परिवहन/2018/11092, भोपाल, दिनांक 12.06.2024 द्वारा शहरी परिवहन अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों में अध्ययन कराये जाने हेतु 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदाय की जा रही है। उक्त योजना की कालावधि 31 मार्च 2026 तक है। उक्त आदेश के क्रम में शहरी परिवहन से संबंधित अध्ययन कराये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कराने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) कटनी नगर के मुख्य बाजार क्षेत्र की सड़कों की सड़कवार चौड़ाई का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। कटनी नगर में कटनी विकास योजना 2021 तक प्रभावशील है, वर्तमान में कटनी नगर की बाजार क्षेत्र की सड़कों की चौड़ाई-नगर विकास योजना में प्रस्तावित सड़कों की चौड़ाई अनुरूप नहीं है। कटनी नगर विकास योजना के प्रावधानों के तहत आवश्यकतानुसार सड़क चौड़ीकरण की कार्यवाही बजट उपलब्धता के आधार पर की जा सकेगी। बाजार क्षेत्र में गोल बाजार रामलीला मैदान, घण्टाघर रामलीला मैदान, कटनी रेल्वे स्टेशन, कटनी-मुड़वारा स्टेशन में वाहन पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। (घ) जी हाँ। गोल बाजार रामलीला मैदान में पार्किंग सुविधा एवं ऑडिटोरियम निर्माण कार्य हेतु दिनांक 30.01.2023 को राशि रूपये 50.00 लाख एवं दिनांक 01.03.2023 को राशि रूपये 149.00 लाख, इस प्रकार कुल राशि रूपये 199.00 लाख प्रदाय की गई है। उक्त कार्य की निविदायें आमंत्रित की जाकर स्वीकृत निविदाकार से अनुबंध निष्पादित किया जा चुका है। उक्त निर्माण स्थल के संबंध में गोल बाजार रामलीला कमेटी कटनी द्वारा प्रथम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड कटनी के न्यायालय के द्वितीय अतिक्ति न्यायाधीश कटनी के समक्ष गोल बाजार रामलीला मैदान में पार्किंग एवं ऑडिटोरियम निर्माण पर रोक लगाने बाबत् प्रकरण क्रमांक आर.सी.एस.ए. 134/2023 में पारित आदेश दिनांक 18.03.2024 के विरूद्ध संबंधित द्वारा प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कटनी के समक्ष अपील क्रमांक एम.सी.ए. 31/2024 प्रस्तुत की गई है, जो विचाराधीन है। प्रकरण न्यायालयीन कार्यवाही में होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। (ड.) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 123/शा.-11/ परिवहन/2028/11092 भोपाल दिनांक 12.06.2024 में दिये गये निर्देशानुसार शहरी परिवहन से संबंधित अध्ययन कराये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार करने की कार्यवाही जा रही है। म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल, कटनी के माध्यम से तैयार कराई गई रीडेन्सीफिकेशन योजना में मल्टीलेवल पार्किंग का प्रावधान किया गया है।
आउटसोर्स से सेवा प्राप्त की जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 4194 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय निकायों द्वारा किन नियमों के तहत एवं किस प्रकार सामग्री/वाहन क्रय एवं सेवा प्राप्त की जाती है? सामग्री/वाहन क्रय एवं सेवा प्राप्त करने का प्रस्ताव और प्रस्तावों की स्वीकृति किस-किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा किस प्रकार प्रदाय की जाती हैं? (ख) कार्यालय नगर पालिका निगम कटनी द्वारा विगत-03 वर्षों में किस-किस हेतु कितने-कितने मूल्य की क्या-क्या सामग्री एवं कौन-कौन से वाहन किस मांग एवं आवश्यकता के चलते किस नाम/पदनाम के सक्षम प्राधिकारियों के क्या प्रस्तावों एवं स्वीकृति से किस प्रक्रिया से कब-कब क्रय की गई? सामग्री/वाहनवार किस-किस को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) क्या सामग्री/वाहन क्रय एवं प्राप्त/भंडारित करने और उपयोग करने में म.प्र. भंडार क्रय नियम 2005 एवं म.प्र. नगर पालिका निगम (लेखा एवं वित्त) नियम-2018 के प्रावधानों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं तों क्यों? क्या सड़कों पर विगत-02 वर्ष में लगाए गए डिवाइडर और स्टॉपर अल्प अवधि में खराब/टूट गये? हाँ, तो इन अनियमितताओं और सामग्रियों की उपयोगिता और गुणवत्ता की जांच की जायेगी? (घ) कार्यालय नगर पालिका निगम कटनी द्वारा म.प्र. भंडार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम-2005 एवं म.प्र. नगर पालिका निगम (लेखा एवं वित्त) नियम-2018 के किन-किन नियमों/प्रावधानों का पालन कर विगत-02 वर्षों में क्या-क्या कार्य हेतु कब से कब तक की अवधि के लिए कितने और किन-किन आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति किन-किन सक्षम प्राधिकारी के क्या-क्या प्रस्तावों पर किन-किन नगर पालिका प्राधिकारियों के क्या-क्या आदेशों से कब-कब की गई और म.प्र. नगर पालिका निगम (लेखा एवं वित्त) नियम-2018 के नियम-71 (2) (3) के पालनार्थ क्या कार्यवाही/प्रयास किए गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम कटनी द्वारा म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956, म.प्र. नगर पालिका (मेयर-इन-कांउसिल/प्रेसीडेंट-इन-काउंसिल के कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियों एवं कर्त्तव्य) नियम 1998, म.प्र. भंडार क्रय नियम 2015 (संशोधित नियम 2022) एवं सेवा उपार्जन नियम 2005 तथा म.प्र. नगर पालिक निगम (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 के प्रावधानों के तहत सामग्री/वाहन क्रय एवं सेवा प्राप्त करने की स्वीकृति प्राप्त की जाती है। (ख) नगर पालिक निगम कटनी द्वारा विगत 03 वर्षों में क्रय की गई सामग्री/वाहन आदि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर पालिक निगम कटनी द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित प्रावधानों का पालन करते हुए सामग्री/वाहन क्रय एवं प्राप्त करने की कार्यवाही की गई है। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक दिनांक 07.07.2024 के बिंदु कमांक 02 में रेल्वे स्टेशन से सुभाष चौक तक सड़क में सेंट्रल पार्किंग व्यवस्था समाप्त करने का निर्णय लिया गया। उक्त निर्णय के पालन में नगर निगम द्वारा गुणवत्ता युक्त डिवाइडर लगाये गये। नगर पालिक निगम कटनी द्वारा विगत 02 वर्ष में सड़कों पर गुणवत्ता युक्त डिवाइडर एवं स्टॉपर लगाये गये थे, जिसमें कुछ स्थानों पर दुकानदारों, असामाजिक तत्वों द्वारा अपनी सुविधा के लिए डिवाइडर तोड़ दिये गये हैं, जिनके स्थान पर गुणवत्ता युक्त नवीन डिवाइडर लगाये जाने हेतु संबंधित एजेंसी को निर्देशित किया गया है। (घ) विगत-02 वर्षों में नगर पालिक निगम कटनी में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति म.प्र. भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियम 2005 के तहत न की जाकर आउटसोर्स कर्मचारियों का नियोजन सी.एल.सी. की मार्गदर्शिका अनुसार ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से बाह्य संस्था का चयन कर किया गया है। सी.एल.सी. गाइड-लाइन (मार्गदर्शिका) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। म.प्र. भण्डार क्रय एवं सेवा उर्पाजन नियम 2005 एवं म.प्र. नगर पालिका निगम (लेख एवं वित्त) नियम 2018 के नियम-71 (2) (3) के पालन में आउटसोर्स कर्मचारियों के नियोजन के लिए नगर पालिका निगम कटनी द्वारा नवीन निविदायें जारी की गई हैं, जिसमें निविदा संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है।
स्थाई कृषि पंप कनेक्शन का प्रदाय
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 4196 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 में कुल कितने विद्युत उपकेंद्र संचालित किये जा रहे हैं? विकासखंडवार बताने की कृपा करें। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 सिवनी मालवा में कितने स्थाई कृषि पंप कनेक्शन किसानों को दिए गए हैं एवं वर्ष 2023 - 24 में कितने स्थाई पंप कनेक्शन किसानों को दिए गए? (ग) क्या कृषकों को वर्ष में तीनों फसल रबी, खरीफ एवं ग्रीष्म में सिंचाई हेतु 10 घंटे बिजली प्रदान की जा रही है एवं घरों में 24 घंटे बिजली प्रदान की जाती है? (घ) क्या किसानों को कृषि कार्य हेतु 10 घंटे बिजली प्रदान करने के लिए पर्याप्त संख्या में विद्युत उपकेंद्र 132 के.व्ही. आवश्यक ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं? यदि नहीं तो किस-किस विकासखंड में केंद्र खोलना बाकी है? विकासखंडवार बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अति उच्चदाब के 02 विद्युत उपकेन्द्र एवं 33/11 के.व्ही. के 21 विद्युत उपकेन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कृषि प्रयोजन हेतु कुल 28428 स्थाई पंप कनेक्शन दिए गए हैं, जिनमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में दिये गये कुल 849 स्थाई कृषि पंप कनेक्शन सम्मिलित हैं। (ग) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र में आकस्मिक अवरोधों के कारण आए व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाइनों/अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। (घ) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र अन्तर्गत स्थापित अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्रों के स्थापित पावर ट्रांसफार्मरों से उत्तरांश (ग) में उल्लेखानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। तथापि भविष्य की विद्युत मांग के अनुरूप संभावित विद्युत भार की वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए तथा और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत विकासखंड सिवनी-मालवा के ग्राम बिसोनीकलॉ में अति उच्चदाब (220/132/33 के.व्ही.) विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य टी.बी.सी.बी. योजना में स्वीकृत है, जिसकी प्रस्तावित क्षमता 40 एम.व्ही.ए. है।
नर्मदा एक्सप्रेसवे परियोजना का क्रियान्वयन
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 4197 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य किस शहर से प्रारंभ होकर किन-किन मुख्य शहरों को जोड़ते हुए कहाँ तक पहुंचाया जाएगा? (ख) इस सड़क की कुल लंबाई कितने किलोमीटर है एवं चौड़ाई कितने मीटर है? (ग) इस एक्सप्रेसवे सड़क की कुल निर्माण लागत क्या है एवं सड़क कब तक पूर्ण की जा सकेगी? (घ) क्या नर्मदापुरम से टिमरनी हरदा सड़क नर्मदा एक्सप्रेसवे के अंतर्गत फोरलेन सड़क बनाई जावेगी? यदि नहीं तो किस योजना के तहत नर्मदापुरम से टिमरनी हरदा तक फोरलेन सड़क बनाई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) नर्मदा एक्सप्रेसवे कबीर चबूतरा (अमरकंटक) से प्रारंभ होकर डिण्डोरी – जबलपुर - औबेदुल्लागंज – बुदनी - नसरूल्लागंज – संदलपुर – करनावद – इंदौर– धार – सरदारपुर – झाबुआ (म.प्र./गुजरात सीमा) तक प्रस्तावित है। (ख) नर्मदा एक्सप्रेसवे की लम्बाई 906 कि.मी. है तथा फोर लेन प्रस्तावित है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस एक्सप्रेसवे परियोजना की लागत का आंकलन अभी नहीं किया गया है। पूर्ण किये जाने की तिथि बाताया जाना संभव नहीं है। (घ) नर्मदापुरम से टिमरनी हरदा मार्ग वर्तमान में किसी योजना में स्वीकृत नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका एवं नगर परिषदों में विशेष निधि का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 4200 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा नगर पालिका एवं नगर परिषदों को विशेष निधि दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या विशेष निधि को अन्य मदों में परिवर्तित कर निकायों को राशि स्वीकृत की गई है? यदि हाँ तो किस-किस नगर पालिका हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) क्या शासन द्वारा राजगढ़ जिले की नगर पालिका एवं नगर परिषदों को वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में विशेष निधि की राशि स्वीकत की गई है? यदि हाँ तो किस निकाय को कितनी-कितनी विशेष निधि कब-कब स्वीकृत की गई है? जानकारी दें। (घ) यदि उक्त अवधि में विशेष निधि नहीं दी गई है तो राजगढ़ जिले की निकायों को विशेष निधि कब तक दी जावेगी? समय-सीमा बतावें और यदि नहीं दी जावेगी तो क्यों नहीं? कारण सहित जानकारी तथा जो अन्य मदों में विशेष निधि परिवर्तित की गई है उसकी राशि कब तक निकायों को दी जावेगी? जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम एवं मजरे-टोलों में बिजली कनेक्शन का प्रदाय
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 4201 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अटल ज्योति बिजली योजना चालू है? (ख) यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के सभी ग्रामों में बिजली कनेक्शन दिये जा चुके हैं? जानकारी दें। (ग) क्या राजगढ़ विधानसभा के कई ग्राम एवं मजरे-टोले आज भी बिजली कनेक्शन नहीं होने से बिजली से वंचित होकर अंधेरे में रह रहे हैं? यदि हाँ तो कौन-कौन से ग्राम एवं मजरे-टोले हैं जिनमें बिजली कनेक्शन नहीं है? उनके नाम की जानकारी दें। (घ) उक्त बिजली विहीन ग्रामों एवं मजरे-टोलों में कब तक बिजली कनेक्शन दे दिये जावेंगे और नहीं दिये जावेगें तो क्यों नहीं? जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में कृषि एवं गैर-कृषि फीडरों का विभक्तिकरण कर घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय हेतु अटल ज्योति बिजली योजना नहीं, अपितु अटल ज्योति अभियान लागू किया गया था, जिसके अंतर्गत समस्त कार्य वर्ष 2013 में पूर्ण कर लिये गये थे। वर्तमान में अटल ज्योति अभियान चालू नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में समस्त राजस्व ग्रामों को वर्ष 2017 के पूर्व ही विद्युतीकरण किया जा चुका है तथा वर्ष 2017-18 में प्रचलित सौभाग्य योजना में योजना के प्रावधानों के अनुसार समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके संसूचित मजरों/टोलों के शत्-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22.10.2018 को पूर्ण हो चुका है किंतु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। नये घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है, जिनसे संबंधित जानकारी संधारित नहीं की जाती। पूर्ववर्ती विद्युतीकरण योजनाओं के क्लोज हो जाने के उपरांत निर्मित मजरों/टोलों/घरों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप किया जा सकेगा। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सी.एम.ओ. और प्रशासक द्वारा राशि का आहरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 4204 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना दिनांक 18/12/2022 से लागू आचार संहिता के बाद नगर परिषद् धामनोद में नियुक्त प्रशासक का नाम बतावें एवं प्रशासक के पास कौन-कौन से अधिकार एवं शक्तियां होती हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) दिनांक 28/12/2022 से दिनांक 11/02/2023 तक नगर परिषद् धामनोद के एस.बी.आई. के दोनों बैंक अकाउंट खाता क्रमांक 53038430380 एवं खाता क्रमांक 38621419765 का स्टेटमेंट, कैश बुक, लेजर, बिल, वाउचर, नोटशीट, भंडार शाखा का रिकॉर्ड देवें एवं जानकारी दें कि कुल कितनी राशि का आहरण धामनोद के सी.एम.ओ. और प्रशासक के द्वारा किया गया है? कितने वाउचर पर प्रशासक के एवं कितने वाउचर पर निवृत्तमान अध्यक्ष श्री दिनेश शर्मा के हस्ताक्षर है? समस्त वाउचर की प्रतियां देवें। (ग) आदर्श आचार संहिता में कितनी राशि के वाउचरों पर श्री दिनेश शर्मा के हस्ताक्षर हैं एवं शासन के किस निर्देश के तहत सी.एम.ओ. के द्वारा श्री दिनेश शर्मा के हस्ताक्षर वित्तीय अभिलेखों पर लिए गए हैं? नियमों की प्रति देवें। (घ) आदर्श आचार संहिता लागू होने के पश्चात सी.एम.ओ. के द्वारा वित्तीय लेन-देन में भ्रष्टाचार के इस मामले पर क्या शासन जांच कर कोई कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रशासक की नियुक्ति नहीं हुई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आदर्श आचार संहिता में राशि रूपये 21, 17, 421/- के वेतन वाउचर, रूपये 17, 68, 342/- के स्वच्छता शाखा वाउचर 33, 53, 066/- के निर्माण शाखा वाउचर 4, 23, 355/- के निर्वाचन कार्य के वाउचर 9, 76, 856/- के जल प्रदाय शाखा के वाउचर, 4, 97, 998/-के विद्युत शाखा एवं 3, 52, 072/- के अन्य कार्यालयीन कार्यों के वाउचरों पर श्री दिनेश शर्मा के हस्ताक्षर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग में पदस्थ अधिकारियों की जानकारी
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 4206 ) श्री प्रताप ग्रेवाल [श्री आरिफ मसूद] : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में कितने अधिकारी हैं? उपयंत्री से प्रमुख अभियंता तक जो एक ही जिले में तीन वर्ष से ज्यादा पदस्थ हैं, विस्तृत जानकारी दें। (ख) कितने ऐसे इंजीनियर हैं जिन्हें वरिष्ठ पद का प्रभार दिया गया है? किस-किस अधिकारी को कौन-कौन सा प्रभार दिया गया है तथा कितने वर्ष से दिया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में अधिकारियों को वरिष्ठ पद का दिए गए, प्रभार नियम अनुसार दिये गये तो नियम की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं तो उन्हें कब पद से हटाया जाएगा? (घ) ग्वालियर परिक्षेत्र में ब्रिज बनाने हेतु वरिष्ठ अधिकारी को हटाकर जूनियर को प्रभार दिया गया? यदि हाँ तो क्यों तथा उन्हें कब प्रभार के पद पर हटाया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। लोक निर्माण विभाग में वैकल्पिक प्रभार विभाग के परिपत्र दिनांक 22.07.2004 के अनुसार प्रदाय किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिक निगम द्वारा संचालित पार्किंग
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 4210 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल नगर निगम द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे एम.पी. नगर, आई.एस.बी.टी., न्यू मार्केट, इब्राहिमपुरा सहित अन्य स्थानों में भी पेड पार्किंग के माध्यम से पार्किंग का संचालन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो विभाग द्वारा भोपाल शहर के किन-किन क्षेत्रों में तथा कब-कब से पेड पार्किंग संचालित की जा रही है एवं किन-किन पार्किंग स्थलों में कितने-कितने कर्मचारी कार्य कर रहे हैं? प्रत्येक की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगर निगम द्वारा पार्किंग संचालन में कार्यरत कर्मचारियों को आई-कार्ड एवं वर्दी दी जाती है? यदि नहीं तो क्यों? क्या विभाग कर्मचारियों के स्थान पर अन्य व्यक्तियों या संस्थाओं के माध्यम से पार्किंग का संचालन कराता है? यदि हाँ तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अ'' एवं ब'' अनुसार है। (ग) 1. नगर निगम द्वारा संचालित पार्किंग पर कार्यरत कर्मचारियों को संबंधित जोनल अधिकारी द्वारा आई-कार्ड प्रदाय किये गये हैं। वर्दी प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है। 2. जी हाँ। निगम के पास पर्याप्त मानव संसाधन न होने के कारण कुछ पार्किंग स्थलों का संचालन ठेकेदारों के माध्यम से करवाया जाता है।
विधायक निधि से खनित ट्यूबवेलों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 4211 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा भोपाल शहर में विभिन्न मदों में विभिन्न क्षेत्रों में कराये गए ट्यूबवेलों को बंद करने की कार्रवाई की जा रही है? यदि हाँ तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ तो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में विगत 30 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि द्वारा कराये गए ट्यूबवेल खनन में व्यय की गई राशि से की गई खनित ट्यूबवेल की मोटर, पाइप, अन्य सामग्रियों का क्या उपयोग किया जाएगा? क्या उक्त सामग्रियों को विभाग के स्टोर रूम में रखा जाएगा अथवा विक्रय किया जाएगा? यदि विक्रय किया जायेगा तो उक्त सामग्री विक्रय करने से मिलने वाली राशि किस कार्य में उपयोग की जाएगी? (ग) उपरोक्त ट्यूबवेलों से निकलने वाली सामग्री के विक्रय उपरांत राशि के प्रयोग संबंधी जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्टेडियम का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 4213 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर स्थित कालाखेत मैदान में युवाओं और बच्चों के खेलने हेतु स्टेडियम निर्माण किया जाना प्रस्तावित था? यदि हाँ तो बताएं कि उक्त स्टेडियम निर्माण कार्य कितनी लागत का होना था? इसकी डी.पी.आर. की प्रति देवें और बताएं कि इस हेतु कौन सी निर्माण एजेंसी को तय किया गया है। (ख) स्टेडियम निर्माण कार्य स्वीकृत होने के पश्चात अभी तक शुरू क्यों नहीं हुआ है? निर्माण कार्य शुरू नहीं होने के क्या कारण रहे हैं? निर्माण कार्य शुरू करने के लिए विभाग द्वारा व जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाहियां की गई है? (ग) क्या मंदसौर स्थित कालाखेत मैदान पर साठिया समुदाय के परिवारजनों द्वारा अवैध अतिक्रमण कर रखा है? यदि हाँ तो बताएं कि शासन द्वारा उक्त अतिक्रमण इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद भी क्यों नहीं हटाया गया है? (घ) पूरे प्रदेश में सरकार द्वारा शासकीय संपत्तियों से अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने की मुहिम चल रही है तो फिर मंदसौर स्थित कालाखेत मैदान से अवैध अतिक्रमण को क्यों नहीं हटाया जा रहा है। (ड.) क्या मंदसौर के समाचार पत्रों में पत्रकारों द्वारा भी इस विषय को प्रमुखता से उठाया गया है? बताएं कि कालाखेत स्थित स्टेडियम निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। राशि रू. 618.75 लाख। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कलेक्टर मंदसौर के आदेश क्र. 116/खे.यु.क./ मंदसौर दिनांक 22/11/2011 द्वारा नगर पालिका परिषद्, मंदसौर को कार्य एजेंसी नियुक्त किया गया है। निविदा कार्यवाही नहीं होने से निर्माण एजेंसी नियुक्त नहीं हुई है। (ख) जी हाँ। कार्य की निविदा न होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। बालागंज, शिक्षा समिति, मंदसौर के कार्यवाही विवरण दिनांक 29/12/2006 से, न.पा. मंदसौर को द्वितीय चरण के प्रस्तावित निर्माण हेतु भूमि का सर्वे तथा प्लानिंग कर, ग्राम निवेश कार्यालय, नीमच से अनुमोदन प्राप्त कर समिति को प्रस्तुत करने का निर्णय किया गया था। नगर तथा ग्राम निवेश, नीमच द्वारा पत्र क्र. 105 दिनांक 27/01/2007 से अभिन्यास अनुमोदित हुआ। अपर सचिव, म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल के पत्र क्र. एफ-25/11/2012/बीस-बीस-3 दिनांक 19/04/2012 अनुसार, शा. उच्च. मा. विद्यालय, बालागंज मंदसौर के परिसर पर खेल कॉम्प्लेक्स एवं वाणिज्यिक उपयोग हेतु, द्वितीय चरण के निर्माण के लिए, पुनर्घनत्वीकरण योजना के क्रियान्वयन हेतु, न.पा. मंदसौर को पर्यवेक्षण एजेंसी बनाने की अनुमति दी गई थी एवं प्रकरण आवास एवं पर्यावरण विभाग के माध्यम से साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय किया गया था। निर्णय पालन में न.पा. मंदसौर द्वारा, प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास को पत्र क्र. 2143 दिनांक 14/06/2012 से प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। साधिकार समिति से परियोजना स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ, अपितु जिला प्रशासन एवं नगर पालिका द्वारा संयुक्त रूप से समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है। (घ) जिला प्रशासन एवं नगर पालिका द्वारा संयुक्त रूप से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है, परन्तु अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा पुन: अतिक्रमण कर लिया जाता है। समय-समय पर मुहिम चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही निरंतर की जा सकेगी। (ड.) जी हाँ। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर पालिका का नगर निगम में उन्नयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
111. ( क्र. 4215 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा बीते समय आवश्यकता अनुसार जनप्रतिनिधियों की मांग पर सुविधाओं के विस्तार हेतु वृहद पंचायतों को नगर परिषद्, नगर पालिकाओं को उन्नत कर नगर निगम का गठन किया जाता रहा है? नगर निगम बनाए जाने हेतु शासन की क्या प्रक्रिया/ नियमावली है? विवरण एवं नियमावली की प्रति देवें। (ख) क्या मंदसौर नगर पालिका के बढ़ते विस्तार को देखते हुए इससे लगने वाली पंचायतों को नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित कर मंदसौर को नगर निगम बनाए जाने हेतु प्रस्ताव तैयार किया गया है या इस हेतु कोई योजना विचारणीय है। (ग) क्या वृहद रूप ले चुकी मंदसौर नगर पालिका को नगर निगम बनाये जाने हेतु जिला स्तर से प्रतिवेदन/प्रस्ताव के माध्यम से पत्राचार कर मांग की गई है? विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। माननीय विधायक श्री विपिन जैन द्वारा विधानसभा सत्र फरवरी 2024 में शून्यकाल सूचना क्रमांक 29 से मंदसौर नगर पालिका को नगर निगम बनाये जाने की मांग की गई थी किंतु नगर पालिका मंदसौर को नगर निगम बनाये जाने हेतु म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 तथा नगरीय निकायों के गठन की अधिसूचना दिनांक 27 दिसबंर 2011 के मापदंडों की पूर्ति होने पर मंदसौर नगर पालिका को नगर निगम के रूप में गठन किया जा सकता है संबंधी उत्तर सदन में दिया गया था, साथ ही मंदसौर नगर पालिका के उन्नयन का प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 4216 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच शहर में मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना अंतर्गत खेल स्टेडियम निर्माण एवं नाला निर्माण हेतु कुल कितनी राशि राज्य शासन से नगर पालिका नीमच को कब-कब प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित निर्माण कार्य हेतु कब-कब टेंडर जारी किए गए, निर्माण कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या थी? क्या निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण हो गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने पर विभाग द्वारा ठेकेदार को कब-कब नोटिस या अन्य कार्यवाही की? नोटिस की प्रतियां सहित समस्त दस्तावेज देंवे। (घ) प्रश्नांश (ग) सम्बंधित ठेकेदार द्वारा समयावधि एवं नोटिस के बाद भी कार्य पूर्ण न करने की स्थिति में क्या ठेकेदार का टेंडर निरस्त कर अन्य पुनः निविदा जारी की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? क्या ठेकेदार को रिवोक दिया गया है? यदि हाँ तो रिवोक करने की प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना अंतर्गत नगर पालिका परिषद् नीमच को खेल स्टेडियम निर्माण कार्य हेतु कुल स्वीकृत राशि रू. 3.00 करोड़ के विरूद्ध राशि रू. 0.90 करोड़ दिनांक 01.03.2023 से एवं राशि रू. 2.10 करोड़ दिनांक 31.03.2023 को प्राप्त हुई तथा सावरिया जी मंदिर के पास नाले की सफाई, सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य हेतु कुल स्वीकृत राशि रू. 3.50 करोड़ के विरूद्ध राशि रू. 1.00 करोड़ दिनांक 31.01.2023 से एवं रू. 2.50 करोड़, दिनांक 01.03.2023 को प्राप्त हुई। (ख) नगर पालिका परिषद् नीमच द्वारा सावरिया जी मंदिर के पास नाले की सफाई, सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य हेतु ई-निविदा दिनांक 30.05.2022 को जारी की गई, जिसमें कार्य पूर्ण करने की अवधि 11 माह थी। निर्माण स्थल पर शासकीय भूमि अधिग्रहण, कार्य की स्ट्रक्चरल डिजाइन का शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से अनुमोदन तथा अनुमोदन अनुसार पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के कारण कार्य समय अवधि में पूर्ण नहीं हुआ। खेल स्टेडियम हेतु प्रथम ई-निविदा दिनांक 30.05.2022, द्वितीय ई-निविदा दिनांक 04.08.2022, तृतीय ई-निविदा दिनांक 04.11.2022 एवं चतुर्थ ई-निविदा दिनांक 04.02.2023 को जारी की गई। चतुर्थ निविदा उपरांत ठेकेदार को कार्यादेश दिनांक 01.06.2023 को जारी किया गया, जिसमें कार्य करने की अवधि 11 माह थी। खेल स्टेडियम के स्वीकृत प्लान पर जनप्रतिनिधियों से चर्चा उपरांत सर्वसुविधायुक्त इंडोर स्टेडियम तैयार करने हेतु नवीन प्लान तैयार किया गया। नवीन प्लान अनुसार कार्य की स्ट्रक्चरल डिजाइन एवं पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर सक्षम स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। (ग) सावरिया जी मंदिर के पास नाले की सफाई, सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य के संबंध में ठेकेदार को जारी सूचना पत्र दिनांक 26.06.2024 जानकारी संलग्न परिशिष्टि अनुसार है। स्टेडियम निर्माण में नोटिस नहीं दिया गया। (घ) सावरिया जी मंदिर के पास नाले की सफाई, सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य हेतु प्राप्त पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति अनुसार कार्य प्रचलित है। समयावधि बढ़ाने हेतु प्रकरण पी.आई.सी. की बैठक में रखा जाना है। समय वृद्धि की उपरांत यदि अनुबंध अनुसार ठेकेदार द्वारा कार्यपूर्ण नहीं किया जाता है तो ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। खेल स्टेडियम निर्माण के लिए स्ट्रक्चरल डिजाइन अनुसार पुनरीक्षित प्राक्कलन पर सक्षम स्वीकृति उपरांत ठेकेदार कार्य प्रारंभ करेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टोल रोड के टेंडर की जानकारी
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 4219 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा-नयागांव टोल रोड के पहले निकले टेंडर तथा बाद में निकले टेंडर में स्वीकृत लागत क्या रही? दोनों टेंडर में बनाई गई डी.पी.आर. तथा अनुबंध की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पहले ठेकेदार ने कार्य किस दिनांक से प्रारंभ किया, किस दिनांक को पूर्ण किया, उस पर क्या कार्रवाई की तथा टेंडरों के निर्माण कार्य में क्या अंतर किया गया व अनुबंध व फिजिबिलिटी रिपोर्ट में क्या-क्या परिवर्तन है? (ग) जावरा-नयागांव टोल रोड पर शासन को किस सूत्र से प्रतिवर्ष कितना राजस्व मिला तथा आने वाले समय में राजस्व किस सूत्र से मिलेगा? क्या टेंडर की प्रारंभिक शर्त में वी.जी.एफ. का उल्लेख था, यदि हाँ तो बाद में वी.जी.एफ. क्यों नहीं दिया गया? (घ) दोनों टोल रोड की लागत कितनी है तथा किस-किस दिनांक को दोनों के अनुबंध हुए, टेंडर निकाले व टेंडर स्वीकृत हुए? दोनों अनुबंध क्या केंद्र सरकार के मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट के अनुसार है? यदि नहीं तो क्यों? यदि है तो अनुबंध में किस चैप्टर की किस-किस धारा में क्या-क्या परिवर्तन है और क्यों है? (ड.) दोनों टोल रोड पर अनुबंध की शर्तों में मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट में परिवर्तन करने की अधिकारिता किस अधिकारी की थी तथा परिवर्तन क्या, क्यों व किसके कहने से किया गया? दोनों अनुबंध के संदर्भ में बनाई गई नोटशीट की छायाप्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र–अ एवं परिशिष्ट -1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र–अ अनुसार। अनुबंध व फिजिबिलिटी रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–2 एवं 1 अनुसार। टेंडर की शर्त में प्रीमियम अथवा ग्रांट का उल्लेख था। निविदाकार द्वारा अनुबंध की शर्त अनुसार प्रीमियम देय है। वी.जी.एफ. अनुबंध की शर्त अनुसार नहीं दिया गया है। (घ) जावरा-नयागांव मार्ग की आमंत्रित आर.एफ.पी. में दोनों बार लागत समान थी। अनुबंध द्वितीय आमंत्रण में किया गया। इस मार्ग का अनुबंध दिनांक 20.09.2007 को हुआ, जबकि मॉडल कंसेशन अनुबंध योजना आयोग द्वारा वर्ष 2009 में जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट -1 अनुसार। (ड.) जावरा-नयागांव मार्ग एक ही टोल मार्ग परियोजना है। इस परियोजना में उपयोग किये गये कंसेशन अनुबंध की सक्षम स्वीकृति विभाग द्वारा दी गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 एवं 3 अनुसार।
कॉलोनियों में बंधक भूखण्डों के एवज में मूलभूत सुविधा
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 4224 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इटारसी एवं नर्मदापुरम तहसील में कौन-सी निजी वैध एवं अवैध कॉलोनियां हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनियों में किस-किस कॉलोनी के कितने वर्ग फुट के कितने भूखण्ड शासकीय नियमानुसार या मूलभूत सुविधाओं की दृष्टि से कब-कब बंधक बनाये गये थे? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भूखण्डों में से किस-किस कॉलोनी के कौन-कौन से भूखण्ड, कब-कब नगर पालिका द्वारा छोड़ दिये गये? (घ) शासन के अनुसार कॉलोनियों में किस-किस मापदंड की कौन-कौन मूलभूत सुविधाएं जैसे-कितनी चौड़ी सड़कें, नालियां, विद्युत पोल, पार्क आदि होनी चाहिए? (ड.) क्या जिन कॉलोनियों के बंधक भूखण्ड छोड़ दिये हैं उनमें उक्त मापदंडों अनुसार काम हो गये हैं? यदि नहीं तो ऐसी कॉलोनियों के भूखण्ड कब, किसने एवं क्यों छोड़े? (च) उक्त कॉलोनियों में मूलभूत सुविधा,a उपलब्ध कराने हेतु नगरपालिका/जिला प्रशासन को विगत तीन वर्षों में कब-कब आवेदन आये? उस पर क्या कार्यवाही की गयी? (छ) उक्त कॉलोनाइजरों के खिलाफ क्या वसूली की कार्यवाही की गयी? जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (छ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 4225 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर नगर निगम में स्वास्थ्य विभाग की स्थापना शाखा में कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न संबंधी प्राप्त शिकायत की जाँच के लिए विशाखा कमेटी बनाई गई थी? यदि हाँ तो इस कमेटी के सदस्य कौन-कौन थे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त जांच कमेटी के समक्ष जाँच में उक्त शिकायत की सत्यता की पुष्टि किन-किन कर्मचारियों के द्वारा अपने बयान में की गई थी? (ग) क्या उक्त कमेटी द्वारा जांच प्रतिवेदन दे दिया गया है? यदि हाँ तो कब और जांच निष्कर्ष के आधार पर किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं किन-किन कर्मचारियों का कब-कब कहाँ पर स्थानांतरण किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम, इंदौर में महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों की जांच के लिये समिति का गठन किया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की धारा 16 में वर्णित प्रावधान के अंतर्गत उक्त शिकायत और जांच कार्यवाही की सामग्री को प्रकाशित करने या ज्ञात करने पर प्रतिबंध है। (ग) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन दिनांक 13.02.2024 को प्रस्तुत किया गया है। जांच निष्कर्ष के आधार पर एक विनियमित कर्मचारी को स्थानांतरित किया गया है तथा प्रभारी सहायक आयुक्त को स्वास्थ्य स्थापना के दायित्व से मुक्त करते हुये उनके विरूद्ध एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी जाने का दण्ड अधिरोपित किया गया है।
बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 4226 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अधीन कटनी जिले की कौन-कौन सी सड़कें आती हैं? सड़कवार सड़कों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराइए और बताइये कि सड़कों में कितनी-कितनी लागत/राशि से निर्माण/मरम्मत के क्या-क्या कार्य विगत 03 वर्षों में कब-कब किए गये? (ख) बड़वारा विधानसभा अंतर्गत विभागीय कौन-कौन सी सड़कें कहाँ से कहाँ तक निर्मित हैं? इनकी कुल लंबाई कितनी हैं और किन-किन नदियों/नालों पर कहाँ-कहाँ पुल/पुलिया निर्मित हैं? सड़कों/पुलों के रखरखाव/ मरम्मत/निर्माण के लिए किस नाम/पदनाम के कौन-कौन शासकीय सेवक कार्यरत हैं? (ग) प्रश्नांश ''ख'' सड़कों/पुलों के रखरखाव/मरम्मत/निर्माण की क्या कार्ययोजना हैं? क्या किन्हीं सड़कों/पुलों के पुन: निर्माण/मरम्मत की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो किन-किन की? क्या सड़कों/पुलों की मरम्मत/निर्माण के प्रस्ताव निर्मित और स्वीकृत किए गये? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र की सड़कों के निर्माण/मरम्मत के लिए जनवरी 2023 से माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र प्रेषित किए गये हैं? हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक पत्रवार निराकरण हेतु क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गयी? पत्रानुसार सड़कों का निर्माण/मरम्मत कार्य कब तक कराया जायेगा? (ङ) बड़वारा विधानसभा के राजमार्गों के किन-किन बड़े ग्रामों में बायपास सड़क निर्मित हैं? किन-किन में नहीं? क्या ग्राम बछरवारा से पठरा तक एवं पानउमरिया और ढ़ीमरखेड़ा में बायपास सड़क का निर्माण किए जाने हेतु कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो क्या और क्या इन ग्रामों में बायपास सड़क का निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जनवरी 2023 से वर्तमान तक माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित पत्र विभाग में अप्राप्त है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) बड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी राजमार्ग नहीं आता है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जी.एस.टी. के भुगतान की जानकारी
[लोक निर्माण]
117. ( क्र. 4228 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय दर की अनुसूची (SOR) अन्य किन-किन शासकीय विभागों में लागू हैं? एस.ओ.आर. में कितने प्रतिशत माल एवं सेवाकर (GST) का प्रावधान हैं? जी.एस.टी. की राशि किसे देय होती है और संविदाकार पर क्या-क्या शर्ते लागू होती है? (ख) निर्माण सामग्रीवार कितने प्रतिशत जी.एस.टी. का भुगतान देय हैं? यदि जी.एस.टी. राशि का कम भुगतान होता है तो संविदाकारों को 18% जी.एस.टी. भुगतान का कारण और औचित्य बताइये? क्या ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य सामग्री पर दिये गए जी.एस.टी. के सापेक्ष जी.एस.टी. का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए? (ग) क्या स्थानीय निकायों में विभागीय एस.ओ.आर. लागू हैं? हाँ, तो विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्यों का निरीक्षण/पर्यवेक्षण एवं कार्य का सत्यापन किस प्रकार किया जाना चाहिए? इसके लिए किस-किस स्तर के तकनीकी अधिकारी दायित्ववान होते हैं और माप पुस्तिका में प्रविष्टि किस प्रकार और कब की जानी चाहिए? (घ) प्रश्नांश ''ग'' कटनी जिले के स्थानीय निकायों में विगत-01 वर्ष में लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत निर्माण के क्या-क्या कार्य कब-कब एवं कहाँ-कहाँ किए गये? कार्यवार प्रयुक्त निर्माण सामग्री में जी.एस.टी. का सामग्रीवार कितना-कितना भुगतान किया गया? संविदाकार को जी.एस.टी. का कितना भुगतान किया गया? कार्यों का किस नाम/पदनाम के तकनीकी अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण/पर्यवेक्षण किया गया? क्या प्रतिवेदन दिये गये? (ङ) प्रश्नांश ''क'' से ''घ'' अनुसार क्या जी.एस.टी. राशि का अधिक भुगतान होने और तकनीकी अधिकारियों द्वारा कार्यों के नियमानुसार निरीक्षण/पर्यवेक्षन न करने का संज्ञान लिया जाकर कार्यवाही की जायेगी? हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विभाग के अतिरिक्त अन्य शासकीय विभागों में लागू किये जाने का शासन का कोई विशेष आदेश नहीं है। विभागीय एस.ओ.आर. में जी.एस.टी. का प्रावधान नहीं है। जी.एस.टी. की राशि ठेकेदार को देय होती है। संविदाकार पर अनुबंध की शर्तें लागू होती है। (ख) शासन के निर्देशानुसार 18% जी.एस.टी. का भुगतान संविदाकार को निर्माण कार्यों पर किया जाता है। शासन आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार। (घ) प्रश्नांश कटनी जिले के स्थानीय निकायों से संबंधित है। इस संबंध में आयुक्त नगरपालिक निगम कटनी से प्राप्त उत्तर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ड.) शासन के निर्देशानुसार जी.एस.टी. का भुगतान किया जाता है तथा तकनीकी अधिकारियों द्वारा नियमानुसार निरीक्षण/पर्यवेक्षन किया जाता है। प्रश्न ही नहीं उठता।
जल भराव की समस्या का निवारण
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 4230 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका क्षेत्र बालाघाट अंतर्गत प्राकृतिक आपदा बारिश से जल भराव के कौन-कौन से क्षेत्र चिन्हित है? (ख) नगरपालिका परिषद् बालाघाट द्वारा जल भराव की समस्या के निवारण हेतु क्या योजना बनाई गई है या मध्यप्रदेश शासन के संज्ञान में लाया गया है? यदि हाँ तो योजना से संबन्धित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विगत 5 वर्षों में नगरपालिका बालाघाट द्वारा शासन/निकाय निधि/अनुदान/ऋण/गौण खनिज से स्वीकृत कार्य कौन-कौन से हैं? कितनी राशि के कार्य कराए गए हैं या कराये जाना है? सूचीबद्ध जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) नगर पालिका क्षेत्र के हनुमान चौक में जल भराव की स्थिति से निपटने के लिए नगरपालिका बालाघाट द्वारा कोई कार्ययोजना/निर्माण कराया गया है? यदि कराया गया है तो कितनी राशि का कार्य किया गया? कार्य करने उपरांत समस्या का निराकरण क्यों नहीं हो पाया? वर्तमान स्थिति बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। इस निकाय द्वारा जल भराव की समस्या के निवारण हेतु वर्षा ऋतु पूर्व शहर के बडे नालों की सफाई करवाकर आवश्यक संसाधन का भण्डारण कर गोताखोर एवं श्रमिकों को जल भराव क्षेत्रों से निपटने हेतु कार्य में संलग्न किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं अपितु कार्ययोजना तैयार की गयी जिसकी प्राक्कलन लागत राशि रूपये 6, 27, 83, 267.00 है कोई निर्माण नहीं कराया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों के रिनोवेशन कार्य की जांच
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 4233 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर जिला आगर-मालवा अंतर्गत कितनी सड़कों का रिनोवेशन कार्य चल रहा है तथा उक्त कार्य किस ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है? सड़कवार ठेकेदार के नाम, अनुबंध की छायाप्रति सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 1. सोयत से मोडी रोड, 2. मोडी से नलखेडा, 3. मोडी से बिकपुरा बाला मंदिर तक, उक्त सड़कों का रिनोवशन किस ठेकेदार द्वारा किया गया? जानकारी देवें तथा उक्त कार्य की मॉनिटरिंग किस-किस अधिकारियों द्वारा की जा रही है? निरीक्षण रिपोर्ट देवें। उक्त सड़कों के रिनोवेशन पर कितनी राशि व्यय हुई? जानकरी दस्तावेज सहित देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार सड़कों की मरम्मत का कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं किये जाने से क्या उक्त सड़कों के रिनोवशन कार्य की जांच उच्च स्तर पर कमेटी गठित कर की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (घ) उपरोक्त सड़कों के घटिया निर्माण कार्य हेतु दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्य की मॉनिटरिंग कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग आगर-मालवा, अनुविभागीय अधिकारी लो.नि.वि उपसंभाग सुसनेर एवं उपयंत्री द्वारा समय-समय पर की गई निरीक्षण रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) कार्य की गुणवत्ता संबंधी की जांच हेतु म.प्र, शासन लो.नि.वि के पत्र पृ.क्र. 1568/क्यू.सी/2023/19/यो भोपाल दिनांक 23.04.2024 द्वारा उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। (घ) उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जा सकेगा।
नवीन एवं नवकरणीय विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
120. ( क्र. 4234 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर-मालवा में नवीन एवं नवकरणीय विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी कार्य योजनाएं संचालित हैं? इन योजनाओं में सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि का अनुदान दिया जाता है? योजनावार जानकारी देवें। (ख) जिला आगर-मालवा में नवीन एवं नवकरणीय विभाग द्वारा स्थापित सोलर प्लांट एवं संयत्रों पर कितने स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया गया? (ग) जिला आगर-मालवा में सौर ऊर्जा प्लांट तथा विभाग के बड़े प्रोजेक्ट जहॉ स्थापित हैं उन्होनें सामुदायिक दायित्व विकास अंतर्गत कितनी राशि किस-किस क्षेत्र में स्थानीय विकास एवं अन्य सुविधाओं पर खर्च की गई? जानकारी दस्तावेज सहित देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जिला आगर-मालवा सहित संपूर्ण प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाएं एवं सरकार द्वारा देय अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जिला आगर-मालवा में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत विकासक द्वारा स्थापित अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क परियोजना के तहत उनसे प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार तहसील सुसनेर में 192 स्थानीय लोगों को एवं तहसील आगर में 157 स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिला आगर-मालवा में सौर परियोजना की कंपनी मेसर्स अवादा फाउंडेशन द्वारा ग्राम कसाई देहरिया में सिलाई सेंटर का शुभारंभ कर 10 सिलाई मशीन सामुदायिक दायित्व विकास हेतु ग्रामीण महिलाओं को उपलब्ध करायी गई एवं आगर में पांच सरकारी स्कूलों में छात्रों को खेल सामग्री वितरित की गई। विकासक से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार स्थानीय विकास एवं अन्य सुविधाओं को रू.17 लाख खर्च किये गये, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
ओव्हर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
121. ( क्र. 4244 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर के राहतगढ़ बस स्टैंड ओव्हर ब्रिज पर यातायात की समस्या को हल करने के उद्देश्य से तीसरी भुजा भगवानगंज की ओर निकाले जाने की कोई योजना शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ तो अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है और यदि नहीं तो इसका क्या कारण है? (ख) दिनांक 13 फरवरी 2024 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 954 ''ग'' के उत्तरांश में बताया गया था कि, पीली कोठी से नगर पालिक निगम कार्यालय सागर तक के ओव्हर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति अपेक्षित है, तो क्या इसकी स्वीकृति को लेकर शासन के समक्ष कोई प्रक्रिया चल रही है? यदि हाँ तो वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता, वर्तमान में न तो स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है। (ख) पीली कोठी से नगर पालिका निगम कार्यालय सागर तक के ओव्हर ब्रिज निर्माण हेतु प्रस्ताव, स्वीकृति हेतु दिनांक 05/08/2022 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री महोदय म.प्र. शासन द्वारा भी अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 926 दिनांक 29/07/2022 के माध्यम से उक्त कार्य सहित कुल 20 कार्यों की स्वीकृति हेतु सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली को लेख किया गया था। वर्तमान में स्वीकृति अपेक्षित है।
लो.नि.वि. द्वारा टीकमगढ़ में कराये गये निमार्ण कार्य
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 4245 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग संभाग टीकमगढ़ में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कराये गये? उक्त कार्यों की सूची एवं माहवार लेखा जो ए.जी.एम.पी. को भेजा जाता है, उपलब्ध करावें। (ख) निर्माण कार्यों के अलावा कितनी राशि की सामग्री क्रय की गयी एवं कहाँ-कहाँ खर्च की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार किस स्तर के अधिकारी को वर्ष भर में कितनी राशि की सामग्री के क्रय आदेश जारी करने के शासनदेश हैं? उनकी प्रति दें। क्या शासनादेश के विरूद्ध सामग्री क्रय की गयी? यदि हाँ तो विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कितनी राशि की पूरक स्वीकृतियां किस स्तर के अधिकारी ने जारी की? स्वीकृतियों में डिवाइन इन्फ्रास्ट्रचर टीकमगढ़ के नाम से कितनी है और वह किस कार्य के अनुबंध पर किस कार्य हेतु प्रदान की गई? मूल कार्य से हटकर अन्य कार्य हेतु पूरक स्वीकृति जारी करने के शासनदेश हैं? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) अनुसार पूरक स्वीकृतियों एवं क्रय आदेश जिस कार्यालय से जारी किये गये उसी कार्यालय से सत्यापित कराकर एवं मासिक लेखा उपलब्ध कराया जावे। शासन आर्थिक अनियमितताओं, भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच करायेगा, जिससे दोषियों को दण्डित किया जा सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार एवं लोक निर्माण विभाग (भवन) संभाग टीकमगढ़ के अंतर्गत कार्यालय उपयोग हेतु स्टेशनरी, इन्वटर, अलमारी, टेबल कुर्सी क्रय की गई जिस पर वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कुल राशि रू. 493970.00 का व्यय किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स एवं 'द' अनुसार है। जिला टीकमगढ़ में म.प्र. भवन विकास निगम एवं डिवाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर के मध्य कुल 04 कार्यों हेतु अनुबंध निष्पादित किये गये है :- 1. सी.एम. राइज स्कूल जतारा 2. सी.एम. राइज स्कूल खरगापुर 3. सी.एच.सी. जतारा 4. सी.सी.एच.बी. टीकमगढ़ उक्त कार्यों हेतु आज दिनांक तक पूरक स्वीकृति जारी नहीं की गई है। अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
मुरार नदी में हुए कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 4246 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरार नदी (वसली) कहाँ से कहाँ तक कितने क्षेत्र में बहती है? क्या नदी के बहाव क्षेत्र का कार्य प्रारंभ पूर्व सीमांकन संपत्ति मालिकों के समक्ष किया गया था? यदि हाँ तो निजी संपत्ति मालिकों की कितनी-कितनी भूमि/संपत्ति अधिग्रहण कर मुआवजा कितना-कितना, किस-किस को दिया गया? विवरण देवें। (ख) वर्ष 2016 में मुरार नदी में सफाई एवं सड़क निर्माण हेतु कितनी राशि का प्राक्कलन व टेंडर स्वीकृति की प्रति पटल पर रखे तथा वर्ष 2016 से 2019 तक योजना स्वीकृति पूर्व कितना व्यय किया गया है? (ग) वर्ष 2016 से वर्ष 2019 तक माप पुस्तिका के आधार पर कितनी सिल्ट नदी से निकाली गई? इस हेतु किस ठेकेदार को कितना भुगतान किस मद से किया गया? विभागीय सामग्री डीजल/मशीन का व्यय पृथक से बताएं। (घ) यदि योजना टेंडर स्वीकृति बिना, अनियमित भुगतान के लिए कौन दोषी है? पद एवं नाम बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मुरार नदी भदावना झरना से शुरू होकर ग्वालियर गोहद होते हुए भिण्ड जिले में भारौली गांव में सिंध नदी में विलय होती है। जी हां, नदी बहाव क्षेत्र का कार्य प्रारंभ करने के दौरान कुछ स्थानों पर सीमांकन सम्पत्ति मालिकों के समक्ष किया गया था, शेष स्थानों पर किया जा रहा है। निजी सम्पति मालिकों की भूमि/सम्पत्ति अधिग्रहण नहीं किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्ष 2016 में मुरार नदी में सफाई एवं सड़क निर्माण कार्य हेतु प्राक्कलन बनाकर टेण्डर आमंत्रित नहीं किये गये। विभागीय रूप से सफाई कार्य जे.सी.बी., पोकलेन मशीन, डम्पर, रोड रोलर आदि किराये पर लेकर विभागीय रूप से कराया गया है। नदी किनारे कच्चे मार्ग को कुछ स्थानों पर मुरम/गिट्टी बिछाकर वर्षा में आवागमन के योग्य बनाया गया है। उक्त पर माह जुलाई 2019 से चार माह की समयावधि में राशि रू. 31, 75, 446/- व्यय किया गया। (ग) जी नहीं, उपरोक्त कार्य निगम द्वारा निविदा प्रक्रिया के तहत न करने से माप पुस्तिका संधारित नहीं की गई है। विभागीय रूप से कार्य कराने में राशि रू.31, 75, 446/- व्यय हुआ है। (घ) टेण्डर आमंत्रण नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर सुधार न्यास के गठन का नोटिफिकेशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 4249 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र में नगर सुधार अधिनियम 1960 के तहत अधिसूचित नगर सुधार स्कीम के तहत सम्मिलित भूमि के प्रकाशन संबंधी समस्त गजट नोटिफिकेशन जो विभाग एवं सक्षम अधिकारी के पास उपलब्ध हो, उसकी छायाप्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर सुधार स्कीम के तहत सम्मिलित भूमि जिसका गजट नोटिफिकेशन हो चुका था, उक्त भूमि में से कितनी भूमि किस सक्षम अधिकारी के आदेश से नगर सुधार स्कीम से मुक्त की गई? पृथक-पृथक जिलेवार बतावें एवं कुल कितनी भूमि पर अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण वर्तमान में मौजूद है? उसकी संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 17/06/2024 को अपनी ई-मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन की ई-मेल आई.डी. cm@mp.nic.in पर अपने पत्र क.641/vip/2024 भेजा जाकर नगर सुधार न्यास स्कीम में 50000 करोड़ रूपये मूल्य की भूमि के क्रय विक्रय एवं अतिक्रमण तथा अवैध निर्माण की उच्च स्तरीय जाँच हेतु म.प्र शासन की मंत्री मण्डल उप समिति का गठन किये जाने के आदेश हेतु लिखा गया था, यदि हाँ तो उक्त पत्र पर सदन में उत्तर देने की दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? बतावें। (घ) क्या म.प्र. में नगर सुधार अधिनियम 1960 के अंतर्गत सम्मिलित नगर सुधार स्कीम में शामिल भूमि के अवैध क्रय-विक्रय, अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण की उच्च स्तरीय जाँच कराते हुए सम्पूर्ण भूमि का भौतिक सत्यापन कराएंगे? यदि हाँ तो कब तक? निश्श्चित समय अवधि बतावें! यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्विमिंग पुल निर्माण संबंधी निविदा
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 4254 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद् लहार, जिला भिण्ड अंतर्गत स्विमिंग पुल निर्माण संबंधी निविदा आई.डी. क्र. 2022_UAD_203192_1 विड क्र. 590330 द्वारा ठेकेदार सीमा सिंह की निविदा को स्वीकार किया गया है? यदि हाँ तो निविदा से संबंधित सभी दस्तावेज नोटशीट की छायाप्रतियां उपलब्ध करायी जाए। (ख) क्या उक्त निविदा प्रक्रिया में ठेकेदार सीमा सिंह द्वारा प्रस्तुत अनुभव प्रमाण-पत्र फर्जी होकर निविदा में उल्लेखित शर्तों के अनुरुप नहीं है? यदि हाँ तो तत्काल निविदा निरस्त कर संपादित की गई टेण्डर प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच कराकर स्वीकृतकर्ता अधिकारी सहित सभी संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बताई जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मूल दस्तावेज/अनुभव प्रमाण के सत्यापन के अभाव में अनुबंध संपादित नहीं हुआ है। दस्तावेज/नोटशीट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ठेकेदार सीमा सिंह द्वारा प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्र के सत्यापन हेतु म.प्र. स्टेट टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल को पत्र प्रेषित किये गये है। सत्यापन उपरान्त गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निविदा प्रक्रिया में अनियमितता
[ऊर्जा]
126. ( क्र. 4257 ) श्री हेमंत कटारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. जबलपुर वृत्त में विविध कार्य संपादन के लिये आउटसोर्स कर्मियों की उपलब्धता हेतु आमंत्रित किये टेण्डर आई.डी. : 2023_PKVVC_241714_1 में भाग लेने वाली कंपनी उर्मिला इंटरनेशनल प्रा.लि. पटना को अपात्र होते हुये भी म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. जबलपुर एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. इंदौर द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से पात्र कर टेण्डर स्वीकार किया गया? उक्त टेण्डर से संबंधित समस्त सपोर्टिंग दस्तावेज सहित टेण्डर प्रक्रिया की सभी नोटशीट की छायाप्रतियां उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. इंदौर के अंतर्गत आने वाले खंडवा वृत्त में हुए टेण्डर आई.डी. : 2023_MPPKV_255020 की टेण्डर समिति ने उर्मिला इंटरनेशनल प्रा.लि. पटना का सी.ए. सर्टिफिकेट गलत पाते हुए कंपनी द्वारा खरीददार को गुमराह करने की कोशिश करने संबंधी टिप्पणी की गई थी? यदि हाँ तो उक्त कंपनी पर प्रतिबंध लगाने के बजाय कंपनी की बोली स्वीकार करने का आधार क्या है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या मूल्यांकन समिति के सदस्यों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? बताएं। (ग) क्या अपात्र कंपनी उर्मिला इंटरनेशनल प्रा.लि. पटना का टेण्डर स्वीकृत कर किये गये भ्रष्टाचार की जांच हेतु मा. ऊर्जा मंत्री, सचिव, उर्जा विभाग, प्रबंध संचालक, म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को शिकायतें की गई थी? यदि हाँ तो शिकायत की प्रतियां उपलब्ध कराते हुये शिकायतों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? पूर्ण जानकारी प्रदान की जाये? कार्यवाही कब तक की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर द्वारा जारी टेण्डर से संबंधित दस्तावेज सहित टेण्डर प्रक्रिया की नोटशीट की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) टेण्डर आई.डी. क्रमांक 2023_MPPKV_ 255020 संचालन-संधारण वृत्त खंडवा से जारी किया गया था। तत्संबंध में मेसर्स उर्मिला इंटरनेशनल प्रा.लि. पटना द्वारा निविदा प्रपत्रों के साथ प्रस्तुत सी.ए. सर्टिफिकेट, निविदा प्रपत्र मूल्यांकन समिति के द्वारा त्रुटिपूर्ण पाया गया एवं पूर्ण टर्न ओवर राशि में से केवल भागीदार फर्म मेसर्स उर्मिला इंटरनेशनल प्रा.लि. का ही टर्न ओवर मान्य किया गया। इस आधार पर संबंधित फर्म की बोली स्वीकार करने के उपरांत औसत टर्न ओवर आधार पर वरीयता में फर्म तृतीय स्थान पर निर्धारित की गई। चूंकि टेण्डर की शर्त अनुसार तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली फर्म को अवार्ड जारी नहीं किया जाता, अत: मूल्यांकन समिति के सदस्यों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) उर्मिला इंटरनेशनल प्रा.लिमिटेड के टेण्डर संबंधी अनियमितता के संबंध में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त शिकायतों एवं शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए प्रेषित किये गये जवाब/उत्तर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विद्युत मांग के अनुरूप डी.टी.आर. की स्थापना
[ऊर्जा]
127. ( क्र. 4258 ) श्री हेमंत कटारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्वाचन क्षेत्र अटेर में ग्रामीण सेपरेशन संबंधी कराये गये कार्य में विद्युत मांग की आवश्यकतानुसार कुल कितने डी.टी.आर. किस-किस क्षमता के कहाँ-कहाँ लगाये जाना थे? वर्तमान में कितने डी.टी.आर. कहाँ-कहाँ किस किस क्षमता के लगाये जा चुके एवं कितने डी.टी.आर. कहाँ-कहाँ लगाये जाना शेष है? ग्रामवार पूर्ण जानकारी दी जाये। क्या फसल का सीजन समाप्त होने पर विभाग द्वारा लगाये डी.टी.आर. को हटाने के नियम है? यदि नहीं तो कई गांवों से डी.टी.आर. क्यों हटाये गये? जानकारी दें व इसके लिये कौन उत्तरदायी है (ख) निर्वाचन क्षेत्र अटेर में ग्रामीण सेपरेशन संबंधी कराये गये विद्युत कार्य के रिकार्ड में दो-तीन-चार अनुपात में 25 KV। के TR दर्ज होना उल्लेखित है जबकि मौके पर किसी-किसी स्थान पर मात्र दो ही डी.टी.आर. लगे हुये हैं? ऐसा क्यों? क्षेत्र के ग्राम जंजारीपुरा में अभिलेख अनुसार तीन डी.टी.आर. दर्ज होना दर्ज है जबकि मौके पर दो ही है, ग्राम ऐंतहार में पांच डी.टी.आर. दर्ज है जबकि मौके पर चार ही हैं, ग्राम विजयगढ़ में तीन डी.टी.आर. दर्ज हैं जबकि आधे गांव में एक भी डी.टी.आर. नहीं है। इसी प्रकार ग्राम महेवा में 25 KV। का एक भी डी.टी.आर. नहीं है? क्या इस संबंध में जाँच कराकर ग्रामीण सेपरेशन हेतु निर्धारित अनुपात अनुसार 25 KV। के डी.टी.आर. लगाये जाएंगे? यदि हाँ तो कब तक समय-सीमा बताई जाये। (ग) निर्वाचन क्षेत्र के मजरा व गांवों में सेपरेशन की लाइन की व्यवस्था करने हेतु क्या क्षेत्रीय विधायक की ओर से लिखा गया था? यदि हाँ तो कब तक सेपरेशन की लाइन की व्यवस्था करायी जायेगी? समय-सीमा बताएं क्या क्षेत्र में सिंचाई पंपों को 10 घण्टे विद्युत आपूर्ति नहीं होने से वह सेपरेशन लाइन से चलाये जा रहे? इस समस्या का भी कब तक निराकरण किया जायेगा। समय-सीमा बताएं। (घ) क्या भिण्ड शहर के अटेर रोड पर संचालित मैरिज गार्डन/स्विमिंग पूल में लोड के हिसाब से विद्युत कनेक्शन नहीं होने के बावजूद भी विद्युत विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से विद्युत की चोरी कर संचालित किये जा रहे हैं? इनसे उचित विद्युत शुल्क नहीं किया जाकर 20 शादियां होने पर मात्र 05 कार्यक्रमों का शुल्क लेकर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचायी जा रही है? क्या इस संबंध में जाँच कराकर लोड के अनुरूप विद्युत कनेक्शन दिये जाएंगे? इस संबंध में दोषी उपभोक्ता/विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र अटेर में ग्रामीण सेपरेशन नहीं, अपितु फीडर विभक्तिकरण (सेपरेशन) के कार्यों हेतु समय-समय पर प्रचलित विभिन्न योजनाओं यथा - फीडर सेपरेशन योजना आर.जी.जी.व्ही.वाय. योजना के अंतर्गत विद्युत भार की आवश्यकतानुसार प्रावधानित वितरण ट्रांसफार्मर (डी.टी.आर.) के कार्यों के विरूद्ध स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। इन समस्त योजनाओं को क्रियान्वयन उपरांत क्लोज कर दिया गया है। तदनुसार इन योजनाओं में प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रावधानित/स्वीकृत कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु शेष नहीं है। वर्तमान में अटेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत 11 के.व्ही. के 9 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। इन फीडरों में से भार अनुसार आवश्यक 6 फीडरों पर प्रस्तावित ग्रामवार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इस योजना के तहत कार्य कराये जाने के लिए क्रियान्वयन एजेंसी के चयन हेतु कंपनी मुख्यालय स्तर पर टेण्डरिंग की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। चयनित टी.के.सी. को अवार्ड होने के उपरांत अवार्ड में उल्लेखित समयावधि के अंतर्गत प्रावधानित वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य किया जाना संभव हो सकेगा। जी नहीं, फसल का सीजन समाप्त होने के बाद स्थापित किसी भी वितरण ट्रांसफार्मर को हटाये जाने का नियम नहीं है एवं न ही किसी गाँव में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर को हटाया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी नहीं, यह कहना उचित नहीं है कि विधानसभा क्षेत्र अटेर अन्तर्गत फीडर विभक्तिकरण संबंधी कार्यों में रिकॉर्ड अनुसार प्रावधानित वितरण ट्रांसफार्मरों एवं स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार संख्या में अंतर है, अपितु उपरोक्त उल्लेखित योजनाओं जिनमें कार्य पूर्ण हो चुके हैं, ग्रामवार स्वीकृत वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या अनुसार ही वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। कार्यालयीन अभिलेख एवं मौका स्थिति के अनुसार ग्राम जंजारीपुरा में 03 वितरण ट्रांसफार्मर एवं ग्राम ऐतहार में 08 वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत थे तथा वर्तमान में इसी अनुसार स्थापित हैं। ग्राम विजयगढ में 06 वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत थे, जो वर्तमान में सभी स्थापित हैं। ग्राम महेवा में फीडर विभक्तिकरण कार्यों के तहत कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर लगाया जाना स्वीकृत नहीं था। इस गाँव में पूर्व से ही भार अनुसार 63 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है। कंपनी के क्षेत्रांतर्गत समय-समय पर स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों पर स्वीकृत भार की समीक्षा कर तकनीकी साध्यता अनुसार वितरण ट्रांसफार्मर क्षमतावृद्धि एवं अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य कराये जाते हैं, जो एक नियमित प्रक्रिया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, कार्यालयीन अभिलेख अनुसार मा. प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के निर्वाचन क्षेत्र के मजरा/टोला एवं ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु कोई पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया है। तथापि अटेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत के.एफ.डब्ल्यू. फंडिंग में 9 मिश्रित फीडरों के विभक्तिकरण कार्यों हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उक्त कार्य पूर्ण होने पर पृथक किये गये कृषि फीडरों पर 10 घंटे एवं गैर-कृषि फीडर पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराकर माननीय विधायक महोदय की मंशा के अनुरूप कार्यवाही पूर्ण कर ली जायेगी। (घ) जी नहीं, यह कहना उचित नहीं है कि भिण्ड शहर के अटेर रोड पर संचालित मैरिज गार्डन/स्विमिंग पूल में लोड के हिसाब से विद्युत कनेक्शन नहीं होने के बावजूद भी विद्युत कंपनी के अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से विद्युत चोरी कराई जा रही है, अपितु उल्लेखित क्षेत्र में कुल 16 मैरिज गार्डन/स्विमिंग पूल संचालित हैं, जिनमें से 7 प्रतिष्ठानों में स्थाई विद्युत कनेक्शन हैं। शेष मैरिज गार्डनों में समारोह के दौरान नियमानुसार निर्धारित शुल्क जमा कराने के उपरांत अस्थाई कनेक्शन जारी किये जाते हैं एवं ऐसे कनेक्शनों में वास्तविक खपत एवं भार अनुसार बिलिंग कर देयक जारी किये जाते हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन में अनियमिततायें
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 4261 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य अंतर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार रायसेन जिले में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये थे? सभी कार्यों व उनके घटकों की संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजना के क्या सभी कार्य मापदण्डों के अनुसार व गुणवत्तापूर्ण रूप से समय-सीमा में पूर्ण कराये गये हैं? नहीं तो क्यों? किये गये कार्यों का गुणवत्ता नियंत्रण, भौतिक सत्यापन व मूल्यांकन किन अधिकारियों द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) उल्लेखित कार्यों के गुणवत्ताहीन होने, बिना कार्य के भुगतान होने, समय-सीमा में कार्य न होने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? उन पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं को लेकर विभाग/शासन ने अब तक कौन-कौन सी जांचें कराई है? जांच निष्कर्षों व प्राप्त शिकायतों पर अब तक ठोस कार्यवाही न किये जाने के क्या कारण है? योजना के शेष रहे कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) का प्रारंभ प्रदेश में माह अक्टूबर, 2017 में हुआ था। रायसेन जिले में योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 42.37 कि.मी. 11 के.व्ही. लाइन का निर्माण कार्य, 9 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 27.63 कि.मी. निम्नदाब लाइन का निर्माण कार्य एवं 22634 विद्युत कनेक्शनों के, कुल लागत राशि रूपये 9.67 करोड़ के कार्य स्वीकृत कर पूर्ण किये गये हैं। इसी प्रकार, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 164.57 कि.मी. 11 के.व्ही. लाइन का निर्माण कार्य, 69 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 187.51 कि.मी. निम्नदाब लाइन का निर्माण कार्य एवं 24543 विद्युत कनेक्शनों के, कुल लागत राशि रूपये 20.16 करोड़ के कार्य स्वीकृत कर पूर्ण किये गये हैं। योजना अंतर्गत कार्यों का क्रियान्वयन माह मार्च, 2019 तक किया गया था। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजना के सभी स्वीकृत कार्य, योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों/मापदण्डों के अनुसार एवं गुणवत्तापूर्ण रूप से निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये गये है। उक्त कार्यों का गुणवत्ता नियंत्रण, भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन तत्कालीन पदस्थ श्री आदित्य प्रताप सिंह (सहायक प्रबंधक), श्री नवीन जैन (सहायक प्रबंधक), श्री मनीष अहिरवार (सहायक प्रबंधक), श्री पंकज सिंह (प्रबंधक) एवं श्री राहुल अग्निहोत्री (प्रबंधक) द्वारा किया गया था। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित समस्त कार्यों का संपादन गुणवत्तापूर्ण रूप से तथा योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों/मापदण्डों के अनुसार समय-सीमा में किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
स्वीकृत नक्शे के विपरीत व्यवसायिक निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 4262 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका निगम इंदौर के जोन क्रमांक 19, वार्ड नंबर 50 अंतर्गत स्कीम नं. 140 सेक्टर-ई के प्लाट नंबर 09 में नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा स्वीकृत नक्शे व दी गई अनुज्ञाओं पर निर्माण कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो किस तल पर कितना-कितना क्षेत्र व्यवसायिक व रहवासी स्वीकृत किया गया है? सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या यह सही है कि उक्त प्लाट पर देवकान प्राइवेट लि. द्वारा स्वीकृत नक्शे व दी गई अनुमतियों के विपरीत व्यावसायिक निर्माण कार्य (आफिस इत्यादि) किया जा रहा है? क्या किसी अधिकारी ने नक्शे के विपरीत हो रहे निर्माण कार्य को लेकर जांच या भौतिक सत्यापन किया है? यदि हाँ तो कब एवं नहीं तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में नियम विरुद्ध निर्माण करने वाले बिल्डर एवं इसकी अनदेखी करने वाले व मापदंडों के विपरीत कार्य को समर्थन देने वाले निगम के अधिकारियों पर कब तक क्या कार्यवाही की जाएगी? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) संबंधित जोन के भवन अधिकारी एवं भवन निरीक्षक द्वारा मौका निरीक्षण किया जाकर प्रतिवेदन किया गया कि, स्वीकृत नक्शा बेसमेंट 1+ बेसमेंट 2+ भूतल + मेजेनाईन तल + सर्विस तल + टेरेस फ्लोर + प्रथम तल + द्वितीय तल + तृतीय तल + चतुर्थ तल + पंचम तल + षष्टम तल + सप्तम तल + अष्टम तल के स्वीकृत नक्शे व दी गई अनुज्ञाओं पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। (ख) ग्राउण्ड फ्लोर (मेजेनाईन फ्लोर सहित) वाणिज्यिक उपयोग हेतु एवं उपरी तलो में आवासीय उपयोग हेतु (25 प्रतिशत वाणिज्यिक) स्वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। भवन निर्माणाधीन होने से अभी उसका उपयोग नहीं बताया जा सकता हैं। समय समय पर निरीक्षण किया जाता हैं, प्रावधान अनुसार प्लींथ तक का कार्य पूर्ण होने पर भौतिक सत्यापन के आधार पर प्लींथ प्रमाण पत्र क्रमांक दिनांक 03/10/2022 को जारी किया गया हैं। इसी प्रकार स्ट्रक्चर का कार्य पूर्ण होने पर एवं निरीक्षण उपरान्त सही पाये जाने पर दिनांक 03/11/2023 को सर्विस प्रमाण पत्र जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र एवं अधिभोग प्रमाण पत्र के आवेदन प्राप्ती उपरांत नियमानुसार परीक्षण कर म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 एवं म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 301 के प्रावधानों के अंतर्गत जारी किये जाने संबंधी कार्यवाही की जावेगी।
बी.डी.ए. द्वारा किए गए सड़क निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 4265 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.डी.ए. की योजना क्र. 201/2020, मिसरोद से बरई मास्टर प्लान रोड 45 मीटर चौड़ाई की 5.8 कि.मी. की है? इस सड़क को मास्टर प्लान में लाने हेतु विभाग का क्या उद्देश्य है? इस हेतु विभाग ने कब-कब और क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की? राजपत्रों की प्रति, आदेशों की प्रति, विज्ञापनों की जानकारी सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ख) सड़क के निर्माण से कितने ग्रामों के कौन-कौन से खसरों के कुल कितनी-कितनी भूमि के कृषकों को इसका लाभ प्राप्त होगा? ग्राम व पंचायत का नाम, खसरा नं., कृषक का नाम सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) बी.डी.ए. स्वयं निर्माणाधीन एजेन्सी है, तो सड़क निर्माण हेतु क्या अनिवार्य अनुमति ली जाती है और कौन सी अनुमति प्राप्त हो गई है? कब-कब इस हेतु किस-किस कार्यालय में क्या-क्या कार्यवाही विभाग ने की तथा कितना शुल्क जमा कर अनुमतियां प्राप्त की है? ठेकेदारी लायसेन्स, पेन/जी.एस.टी. नं., बैंक खातों में जमा पूंजी, कितने प्लाट किस दर पर किस नियम, प्रक्रिया के अन्तर्गत विक्रय किये गये सहित पृथक-पृथक बतायें। (घ) इस सड़क की अनुमानित लागत कितनी है? विभाग से किस वित्तीय वर्ष में स्वीकृति/प्राप्त हुई है? सड़क निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ड.) सड़क निर्माण का कार्य बंद होने के क्या कारण हैं? कृषक सड़क निर्माण का क्यों एवं किन शर्तों के उल्लंघन से विरोध कर रहे हैं? सड़क मिसरोद से बरई तक बनाना है तो बीच-बीच में बनाने के क्या नियम हैं? किस एजेन्सी से किस दर पर सड़क निर्माण का ठेका दिया गया है? मास्टर प्लान की कॉपी सहित बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। प्रस्तावित मिसरोद से बर्रई मास्टर प्लान 45 मीटर सड़क की योजनान्तर्गत कुल लम्बाई लगभग 3.45 किलोमीटर है। यह सड़क भोपाल विकास योजना 2005 के प्रावधानों को क्रियान्वित करने हेतु बनाई जा रही है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से योजना का अनुमोदन दिनांक 09/05/2022 को प्राप्त किया गया है। प्राधिकरण द्वारा स्टेट एन्वायरमेंट इम्पेक्ट एसेसमेंट अथार्टी से पर्यावरणीय स्वीकृति दिनांक 25/06/2024 को प्राप्त की गई है। उपरोक्त स्वीकृति प्राप्त करने हेतु प्राधिकरण द्वारा राशि रू. 65.00 लाख (रूपये पैंसठ लाख) जमा की गई है। प्राधिकरण का GSTIN23AAALB0040KIZT है। प्राधिकरण द्वारा भूखण्डों का विक्रय व्ययन नियम 2018 के अनुरूप किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) योजना की कुल प्रशासकीय स्वीकृति रू. 381.18 करोड़ है। सड़क निर्माण हेतु शासन से कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। मास्टर प्लान सड़क का लगभग 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। वर्तमान में किसानों द्वारा विरोध करने के कारण निर्माण कार्य बंद है। (ड.) सड़क निर्माण कार्य बंद होने का मूल कारण कृषकों द्वारा अपनी मांगें पूर्ण न होने के कारण कार्य बंद कराना है। किसानों का मांग पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। उक्त सड़क मिसरोद से बर्रई तक ही बनाई जा रही है। प्राधिकरण द्वारा उक्त सड़क के निर्माण हेतु 3 पृथक-पृथक एजेंसियां नियुक्त की गई हैं, प्रत्येक एजेंसी द्वारा अपने-अपने कार्य क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। उक्त कार्य निम्न एजेंसियों से कराये जा रहे हैं- 1- मेसर्स ए.के. शिवहरे (सेक्टर-1) 4.11 प्रतिशत कम दर 2- मेसर्स ए.के. शिवहरे (सेक्टर-2) 4.11 प्रतिशत कम दर 3- मेसर्स तान्या कन्स्ट्रक्शन कं. (सेक्टर-3) 4.21 प्रतिशत कम दर मानचित्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार है।
कृषकों को प्रताड़ित करने से उत्पन्न स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 4266 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.डी.ए. द्वारा निर्मित योजना क्र. 201/2020 किसानों की ली जा रही जमीन में से 50 प्रतिशत जमीन किसानों को लौटाई जा रही है? मध्यप्रदेश राजपत्र 20 दिसम्बर 2019 के पृष्ठ क्र. 11 उद्देश्यों एवं कारणों के पैरा क्र. 04 में क्या वर्णित है? स्पष्ट करें। (ख) सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं एयरोसिटी सहित अन्य किन-किन योजनाओं में विकास शुल्क, इन्क्रीमेन्टल शुल्क, वेटरमेन्ट शुल्क अन्य शासकीय शुल्क लिया गया है? यदि नहीं तो प्रश्नांश (क) में किस आधार पर किन नियमों के अन्तर्गत शुल्क लिया जा सकता है? नियमों सहित बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में अनिवार्य अनुमतियों के नाम पर क्या किसान अब किसानी छोड़ संपूर्ण शासकीय अनुमतियां एवं बिल्डर बनाने की योजना बी.डी.ए. की है? यदि नहीं तो पूर्व प्रोजेक्टों की भांति संपूर्ण अनुमति बी.डी.ए. स्वयं क्यों नहीं ले रहा है? कारण सहित स्पष्ट करें। (घ) बी.डी.ए. प्रत्येक भूखण्ड तक पूर्ण विकसित करके कृषकों को जमीन दे रहा है? यदि नहीं तो पूर्व के प्रोजेक्टों को क्यों इसी प्रक्रिया में अपनाया गया था? यदि नहीं तो अद्यतन स्थिति में कृषक स्वयं की भूमि पर अवैध/ भू-माफिया/अवैध कॉलोनाईजर की श्रेणी में आयेंगे? (ड.) धारा 50 (3) में बी.डी.ए. ने आपत्ति दर्ज कराने हेतु कृषकों को अवसर दिये थे? कितने कृषकों की उपस्थिति के साथ कितनी आपत्ति दर्ज की गई? कितनी आपत्ति निराकृत की गई, बतायें। कितने कृषकों ने योजना में सहमति और कितनों ने असहमति प्रस्तुत की? कृषक के नाम, पते सहित दस्तावेज दें। प्रश्नांश (ख) में वर्णित कितनी योजनाएँ पूर्ण हैं? उनके कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र की प्रति दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राजपत्र दिनांक 20.12.2019 के पृष्ठ क्रमांक 11 के पैरा 4 में निम्नानुसार लेख हैः- ''नगर विकास स्कीमों के क्रियान्वयन में होने वाली परेशानी के कारण देश के कई राज्यों ने अपने अधिनियमों में ऐसे उपबंध किये हैं जिसके अनुसार भू-समवेत तकनीक (जैसे कि संग्रहण, एकीकरण) के माध्यम से स्कीम विकसित की गई है और तदानुसार भूमि के स्वामियों को अन्य पूर्ण विकसित अधोसंरचना के साथ पुनर्गठित भूखण्डों के 50-60 प्रतिशत वापिस किये गये हैं।'' (ख) जी हाँ। प्राधिकरण की योजनाएं सरदार वल्लभ भाई पटेल, एयरोसिटी आदि जो कि मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन) अधिनियम, 2019 के पूर्व तैयार की गई थीं, उन स्कीमों में विकास शुल्क पूर्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार राशि अथवा भूमि के स्वरुप में लिया गया है। प्राधिकरण की नवीन स्कीम 201/2020, 205/2020 एवं 206/2020 में प्रावधानों के अनुसार इंक्रीमेंटल फेक्टर लगाया गया है। दिनांक 28 सितम्बर 2020 को राजपत्र में प्रकाशित मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश नियम 2012 के नियम 19 में संशोधन किये गये हैं। अधिनियम की धारा 50 (4) (छ) के स्पष्टीकरण के अंतर्गत नियमों में संशोधन के अनुसार नियम 19 (12) में इंक्रीमेंटल फेक्टर का प्रावधान रखा गया है। (ग) जी नहीं। विकास योजना क्रियांवयन करने के लिये स्कीम के अंतर्गत 50 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत किया गया है। यदि किसान पुनर्गठित भूखण्ड का यथा स्वरुप उपयोग करता है तो उसे आवश्यक अनुमतियां प्राप्त नहीं करना होंगी। यदि किसान पुनर्गठित भूखण्ड का स्वरुप परिवर्तित करता है तो उसे आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करना होंगी। पूर्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार स्कीम में शामिल भूमि का अधिग्रहण कर कृषक से विकास शुल्क लिया जाता था अथवा विकास शुल्क के बराबर भूखण्ड प्राधिकरण अपने पक्ष में कर शेष विकसित भूखण्ड भूस्वामी को दिये जाते थे। तैयार किये गये प्रोजेक्टों के प्रावधान वर्तमान संशोधित अधिनियम में विलोपित किये गये हैं। इन कारणों से प्राधिकरण पूर्व के प्रावधानों पर नवीन नगर विकास स्कीम तैयार करने हेतु अधिकृत नहीं है। (घ) जी नहीं। बी.डी.ए. पुनर्गठित भूखण्ड तक नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 49 की उपधारा (3) (ढ) के प्रावधानों के अनुसार प्राधिकरण समस्त मूल अधोसंरचना उपलब्ध करा रहा है। पूर्व में तैयार किये गये प्रोजेक्टों के प्रावधान वर्तमान संशोधित अधिनियम में विलोपित किये गये हैं। इन कारणों से प्राधिकरण पूर्व के प्रावधानों पर नवीन नगर विकास स्कीम तैयार करने हेतु अधिकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। कुल 62 आपत्तियां दर्ज की गईं। सभी आपत्तिकर्ताओं को अधिनियम की धारा 50 (9) में गठित समिति के समक्ष आपत्ति सुनवाई का अवसर दिया गया एवं सभी आपत्तियां समिति की अनुशंसा के आधार पर निराकृत की गईं। प्रश्नांश (ख) में वर्णित सभी योजनाएं प्रगति पर हैं। पूर्ण होते ही शीघ्र ही कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त किया जायेगा।
टोल रोड पर टोल शुल्क की जानकारी
[लोक निर्माण]
132. ( क्र. 4269 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल से देवास तथा रतलाम से इंदौर फोरलेन टोल रोड पर आने जाने में कितने-कितने किलोमीटर राज्य राजमार्ग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग की टोल रोड पर चलना होगा तथा किस-किस टोल प्लाजा पर कितना-कितना टोल लगेगा? 20 जून 2024 के अनुसार वाहन की कैटेगरी अनुसार बतावें तथा बतावें की प्रति किलोमीटर टोल रोड पर शुल्क का औसत क्या रहेगा? इन दोनों मार्ग पर वर्ष 2020 से 2023 तक 20 जून की स्थिति में किस-किस कैटेगरी के वाहन के लिए शुल्क कितना देना होता था तथा प्रति किलोमीटर औसत शुल्क क्या था? (ख) भोपाल देवास, लेबड जावरा, जावरा-नयागांव फोरलेन टोल रोड परियोजना लागत तथा 20 जून 2024 तक टोल कलेक्शन कितना है तथा वह परियोजना लागत का कितने प्रतिशत है तथा कन्सेशनर के चार्टड अकाउंट के द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र तथा फिजिकल रिपोर्ट के अनुसार इन तीनों रोड पर मार्च 2023 तक किस-किस मद में कितना खर्च है? उससे संबंधित दस्तावेज भी देंवे। (ग) भोपाल देवास रोड पर प्रारंभ से 20 जून 2024 तक प्रत्येक टोल प्लाजा से किस-किस कैटेगरी के कितने वाहन गुजरे तथा उनसे कितना टोल कलेक्शन प्राप्त हुआ? प्रत्येक वर्ष के माह अनुसार जानकारी दें। बतायें कि फिजिकल रिपोर्ट अनुसार जून 24 तक किस-किस कैटेगरी के कितने वाहन गुजरने थे तथा कितना टोल कलेक्शन होना था? (घ) भोपाल देवास रोड का अनुबंध किस दिनांक को हुआ तथा उसमें राज्य को मिलने वाले राजस्व का सूत्र क्या है? जून 24 तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ होना है तथा अनुबंध केंद्र द्वारा अनुशंसित मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट अनुसार है या उसमें परिवर्तन है? किस-किस चेप्टर में क्या-क्या परिवर्तन क्यों है? (ड.) भोपाल देवास तथा जावरा-नयागांव मार्ग पर यातायात की वास्तविक संख्या अनुसार टोल अवधि बढ़ाने तथा घटाने की अनुबंध में कोई शर्त लेबड जावरा की तरह है या नहीं है? यदि नहीं है तो क्यों नहीं है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र–अ एवं परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र–ब एवं परिशिष्ट-2 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र – स एवं परिशिष्ट-3 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र – स एवं परिशिष्ट-2 एवं 4 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र – स एवं परिशिष्ट-6 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र – स एवं परिशिष्ट-5 एवं 6 अनुसार। (ड.) भोपाल देवास तथा जावरा-नयागांव मार्ग के कंसेशन अनुबंध में टोल अवधि बढाने तथा घटाने की शर्त नहीं है कंसेशन अनुबंध के प्रावधान अनुसार।
अत्यधिक बिजली कटौती बंद की जाना
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 4270 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में कितने सब-स्टेशन एवं बिजली विभाग के केंद्र है किस-किस सब-स्टेशनों की कितनी क्षमता है एवं कितनी बिजली आपूर्ति की जाती है? (ख) क्या विधानसभा जौरा कैलारस एवं पहाड़गढ़ क्षेत्र में अत्यधिक बिजली कटौती की जाती है? उक्त के क्या कारण है बिजली कटौती कब तक रुकेगी? बरसात के मौसम से पूर्व क्या-क्या तैयारिया की गई है? (ग) क्या जौरा में डिवीज़न स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ तो उक्त के संबंध में कब तक कार्यवाही की? समय-सीमा निर्धारित करें। नहीं तो क्यों नहीं की जाएगी? विलम्ब होने की स्थिति में कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मुरैना जिले के अंतर्गत अति उच्च दाब (220/132 के.व्ही.व/132/33 के.व्ही.) के 09 विद्युत उपकेन्द्र एवं 33/11 के.व्ही. के 102 विद्युत उपकेन्द्र तथा 29 विद्युत वितरण केन्द्र है। उक्त स्थापित विद्युत उपकेन्द्रों की प्रश्नाधीन चाही गई क्षमता एवं विद्युत आपूर्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में आकस्मिक अवरोधों के कारण आए व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाइनों/अद्योसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। विधानसभा क्षेत्रों यथा- जौरा, कैलारस एवं पहाड़गढ़ में विगत 3 माहों में, 11 के.व्ही. घरेलू फीडरों पर औसतन प्रतिदिन 21:11 घंटे, 11 के.व्ही. कृषि फीडरों पर औसतन प्रतिदिन 08:03 घंटे एवं मिश्रित फीडरों पर औसतन प्रतिदिन 20:35 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया है। विद्युत अद्योसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जाता है। बरसात के मौसम के पूर्व विधानसभा जौरा, कैलारस एवं पहाड़गढ़ के अंतर्गत 11 के.व्ही. के 49 फीडरों एवं संबंधित विद्युत अधोसंरचना का मानसून पूर्व रखरखाव कार्य किया गया है। (ग) जी नहीं, जौरा में डिवीजन कार्यालय स्वीकृत नहीं किया गया है। वर्तमान में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की संगठनात्मक संरचना को पुनरीक्षित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: नवीन डिवीजन कार्यालय स्वीकृत किये जाने की कार्यवाही वितरण कंपनी की नवीन संगठनात्मक संरचना की स्वीकृति के उपरांत ही किया जाना संभव होगा, जिस हेतु निर्धारित समय-सीमा बतया जाना संभव नहीं है।
दुकानों की नीलामी
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 4273 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका कुक्षी में पुरानी सब्जी मंडी को तोड़कर नवीन कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया? उक्त कॉम्प्लेक्स किन के द्वारा व कब बनाया गया? उसकी लागत क्या थी? जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या नवीन कॉम्प्लेक्स की दुकानें नीलाम कर दी गई? उसके क्या नियम थे? किन प्रस्तावों के आधार पर नीलामी की गई? समस्त छायाप्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करें एवं उक्त दुकान किन-किन को दी गई? सूची उपलब्ध करें। (ग) क्या उक्त नीलामी भेदभावपूर्ण तरीके से की गई? यदि नहीं तो क्या इसकी शासन द्वारा उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी? क्योंकि पूर्व में काबिज दुकानदारों को नवीन कॉम्प्लेक्स में स्थान क्यों नहीं दिया गया? (घ) क्या नीलामी प्रक्रिया में गड़बड़ी कर अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत कर अपने परिचितों को नवीन कॉम्प्लेक्स की दुकानें आवंटित की गई हैं? यदि हाँ तो कारण बताएं और यदि नहीं तो क्या शासन स्तर पर इसकी जांच की जाएगी ताकि वास्तविकता सामने आए और उन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी एवं जो पूर्व में दुकानदार काबिज थे उनका, उनको अधिकार मिलेगा? जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। कॉम्प्लेक्स का निर्माण फर्म-मुद्रा कॉर्पोरेशन इन्दौर द्वारा वर्ष 2021-22 से 2022-23 में किया गया। कॉम्प्लेक्स निर्माण कार्य की लागत रूपये 3, 26, 65, 438/- (तीन करोड़ छब्बीस लाख पैसठ हजार चार सौ अड़तीस रूपये) थी। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। कलेक्टर जिला धार के आदेश क्रं. 1716/डूडा/2022 दिनांक 01.11.2022 से पूर्व में काबिज दुकानदारों को व्यवस्थापन में दुकान आवंटन की पात्रता नहीं होने से नवीन कॉम्प्लेक्स में स्थान नहीं दिया गया। जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद् कुक्षी में कराये गये निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
135. ( क्र. 4274 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा कुक्षी के अंतर्गत आने वाली नगर पालिका कुक्षी एवं नगर परिषद् डही में पिछले 5 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य के लिए कितनी कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई? मदवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार परिषद् एवं पालिका द्वारा पिछले 5 वर्षों में कौन-कौन से कार्य किस-किस मद में करवाए गए राशि/मद/समय सीमा/ठेकेदार सहित गुणवत्ता सर्टिफिकेट की छायाप्रति उपलब्ध करवाएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार पिछले 5 वर्षों में किए जाने वाले कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कौन-कौन से प्रगतिरत है? जानकारी प्रदान करें एवं किस अधिकारी द्वारा किन-किन काम का पूर्णता सर्टिफिकेट जारी किया गया है? उनकी छायाप्रति उपलब्ध करवाएं। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के अनुसार किए गए कार्यों में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है? क्या शासन स्तर पर इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। गुणवत्ता सर्टिफिकेट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। कार्यपूर्णता सर्टिफिकेट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्गों की स्वीकृति की स्थिति
[लोक निर्माण]
136. ( क्र. 4277 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की नवीन सड़कों के नवनिर्माण, पुरानी सड़कों के संधारण व उन्नयन कार्यों के कितने व कौन-कौन से प्रस्ताव कितनी-कितनी लागत के तैयार कर कब-कब वरिष्ठ कार्यालयों को भेजे गए? विगत पांच वर्षों की बिन्दुवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये जाकर उनका कार्य आरंभ/पूर्ण करा लिया गया है? कौन-कौन से कार्य शेष हैं? इनके प्रस्ताव स्वीकृति हेतु कब से किस स्तर पर लंबित हैं? इनकी स्वीकृति में क्या बाधा है? इन बाधाओं को दूर करने व कमियों की पूर्ति हेतु क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित स्वीकृत कार्यों को क्या गुणवत्तापूर्ण रूप से पूर्ण कराया गया है? नहीं तो क्यों? सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण हों, इस हेतु विभाग क्या प्रयास कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सभी मार्गों के गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने हेतु विभाग द्वारा सतत निगरानी की जा रही है।
भूमि का अवैध रूप से विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 4278 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले की ग्वालियर तहसील अन्तर्गत दामोदर बाग के सर्वे क्रमांक 1 से 7 एवं 9 से 11 तक रकबा 25.898 हेक्टर भूमि पर ग्वालियर विकास प्राधिकरण का आधिपत्य है? (ख) यदि हाँ तो ग्वालियर गृह निर्माण सहकारी समिति एवं अशोक गृह निर्माण समिति ग्वालियर विकास प्राधिकरण को कुल कितनी जमीन दी थी? उन जमीनों के अनुबंध एवं भूखण्ड आवंटन से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) क्या उक्त दोनों गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा सरकारी जमीन के भूखण्ड आवंटन/विक्रय किये गये हैं? यदि हाँ तो उक्त भूखण्ड किस-किस साइज के किन-किन को कितनी-कितनी राशि में बेचे गये है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या ग्वालियर विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक के निर्णय अनुसार उक्त समिति की भूमि के क्रय-विक्रय पर रोक लगायी थी? यदि हाँ तो क्या उसके बावजूद समिति के द्वारा भूखण्ड क्रय-विक्रय किया जा रहा है? (ड.) यदि हाँ तो क्या यह भी सही है कि बोर्ड की बैठक में अनुबंध निरस्त करने के बाद भी आज तक वसूली की राशि की गणना नहीं की गई है? यदि हाँ तो क्यों और कब तक गणना की जाकर राशि वसूल की जाएगी? (च) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिजली विभाग के कार्यों का समय-सीमा में पूर्ण न होना
[ऊर्जा]
138. ( क्र. 4281 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में आर.डी.एस.एस. योजना व सौभाग्य योजना के क्या-क्या कार्य शेष है? उक्त योजनाओं के कार्यों का निर्माण समय-सीमा में पूर्ण न हो पाने के क्या कारण हैं? क्या वरिष्ठ अधिकारी विस्तृत समीक्षा कर शेष कार्यों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से समय-सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश देंगे? यदि हाँ तो कब तक कार्य पूर्ण करा लिये जायेंगे? (ख) पूर्ण क्षेत्र वि.वि.कं. के अधीन जिलों में सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन में क्या-क्या अनियमिततायें व भ्रष्टाचार के मामले विभाग के संज्ञान में आये हैं? इनमें अब तक क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीन जिलों में सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन व अनियमितताओं को लेकर क्या-क्या जांच कराई गई है? प्रत्येक जांच कमेटी की जानकारी दें एवं बतावें कि किस मामले में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? विभाग द्वारा अनियमितता करने वालों पर ठोस कार्यवाही न करने व उन्हें संरक्षण देने के क्या कारण हैं? कब तक दोषियों को दण्डित किया जावेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) पन्ना
जिले में
आर.डी.एस.एस.
योजनान्तर्गत
शेष कार्यों
एवं इन्हें
पूर्ण किये
जाने हेतु
निर्धारित
समय-सीमा का विवरण
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत
उक्त समस्त
कार्य
निर्धारित
समय-सीमा के
भीतर के हैं।
सौभाग्य
योजनान्तर्गत
प्रस्तावित
समस्त कार्य
योजना के
प्रावधानुसार
समय-सीमा में पूर्ण
किये जा चुके
हैं एवं
वर्तमान में
उक्त योजना
संचालित नहीं
है।
आर.डी.एस.एस.
योजनांतर्गत
कार्यों को
निर्धारित
समय-सीमा में
पूर्ण करने
हेतु समय-समय
पर संबंधित
अधिकारियों/क्रियान्वयन
एजेंसियों के
साथ बैठकें
आयोजित कर
प्रगति की
समीक्षा की गई
है तथा शेष
कार्यों को
समयबद्ध
तरीके से
समय-सीमा में
पूर्ण करने
हेतु
निर्देशित किया
गया है।
योजनांतर्गत
शेष कार्यों
को संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-'अ' में दर्शाई गई
समय-सीमा पूर्ण
कराये जाने के
प्रयास किये
जा रहे है। (ख) एवं (ग)
म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड
क्षेत्रांतर्गत
विभिन्न
जिलों में
सौभाग्य
योजना के
क्रियान्वयन
में नये
सर्विस कनेक्शन/लाइन
विस्तार के
कार्यों से
संबंधित
अनियमितताओं
के मामले
संज्ञान में
आये थे, जिनमें
कंपनी के
कार्मिकों
संलिप्तता
की जांच म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी द्वारा
करवाई गयी है।
सौभाग्य
योजना
अंतर्गत
विद्युतीकरण
कार्यों में पाई
गई
अनियमितताओं
की जांच हेतु
गठित की गई
समितियों का
जिलेवार विवरण
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-'ब'अनुसार
है।
जांच अनुसार 102 कार्मिक
प्रथम दृष्टया
दोषी पाये गये
हैं, जिनके
विरूद्ध
विभागीय जांच
प्रारंभ की
गई। वर्तमान
तक 67
कार्मिकों के
विरूद्ध दण्डात्मक
कार्यवाही की
जा चुकी है
एवं 04
प्रकरण
माननीय उच्च
न्यायालय
में लंबित है
तथा शेष 31 प्रकरणों
में विभागीय
जांच
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। शेष
विभागीय
जांचों में
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
होने के कारण
संबंधित कार्मिकों
के विरूद्ध
दण्डात्मक
कार्यवाही
किये जाने की
निश्चित समय-सीमा
वर्तमान में
दिया जाना
संभव नहीं है।
किसी भी
अनियमितता करने
वाले कार्मिक
को संरक्षण
नहीं दिया गया
है।
परिशिष्ट
- "सत्ताईस"
सरकारी
नाले पर आवास
एवं प्लॉटों
का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
139. ( क्र. 4284 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की तहसील टीकमगढ़ अंतर्गत ग्राम अनंतपुरा तखा में दो कालोनी महावीर रेसीडेंसी एवं महावीर सिटी में आवासों का निर्माण एवं प्लाटिंग काटकर बेचे जा रहे हैं तो प्रश्न दिनांक तक किस-किस ने किस दर पर क्रय किया है? कृपया संपूर्ण जानकारी प्रदाय कर यह भी बताएं कि क्या दोनों आवासीय कॉलोनी के कॉलोनाईजर द्वारा रैरा एवं टाउन एण्ड कन्ट्री प्लान का पालन कराया गया है? क्या यह दोनों कॉलोनियों का इनमें पंजीयन है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि यह किस-किस खसरा नंबर में कितने-कितने रकबा पर बेचने का कार्य चालू है? क्या यह सही है कि दोनों आवासीय कॉलोनी के बीच में या किनारे शासकीय नाला है तो वह किस-किस खसरा नंबर के कितने-कितने रकबा पर है और उपरोक्त सरकारी नाले की भी रजिस्ट्री कर करके आवास एवं प्लॉट विक्रय किए जा रहे हैं तो प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कॉलोनाईजर द्वारा लेकर यह कृत्य किया जा रहा है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि दोनों आवासीय कॉलोनियों के क्रेता एवं विक्रेता कौन-कौन है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी दें कि अभी तक किसको कितने-कितने की रजिस्ट्री कर अभी तक कितने आवास एवं प्लॉटिंग कर विक्रय का कार्य किया जा चुका है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर स्पष्ट बताएं कि तहसील टीकमगढ़ से अनंतपुरा तखा की दूरी कितने कि.मी. है? तहसीलदार, आर.आई. पटवारी द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही न किए जाने पर इन तीनों को हटाकर जांच कब तक करवाकर विभाग द्वारा एवं जिला प्रशासन द्वारा इन दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक और अवैध रूप से संचालित आवासीय कॉलोनियों के संचालकों पर प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही न होने के क्या-क्या कारण हैं? कृपया सभी के ऊपर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्नाधीन कॉलोनियों में आवासों का निर्माण एवं प्लाटिंग निजी भूस्वामी से संबंधित होने के कारण जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। कॉलोनाईजर द्वारा म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-30 के अधीन विकास अनुज्ञा प्राप्त नहीं की गई है, अत: रेरा में पंजीयन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के आधार पर जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। (घ) टीकमगढ़ तहसील कार्यालय ग्राम अनंतपुरा में स्थित है। तहसील कार्यालय टीकमगढ़ से ग्राम-तखा की दूरी लगभग 0.5 किलोमीटर है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायत चंदेरा को नगर परिषद् बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 4285 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन ने नवीन नगरीय निकायों का गठन किए जाने हेतु वर्तमान में क्या-क्या नियम बनाए हैं? ऐसे नियमों/आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ एवं कब-कब नवीन नगरीय निकायों को क्या-क्या मापदण्डों एवं किस-किस कारणों के आधार पर नगर पालिका निगम, नगर पालिका परिषद् या नगर परिषदों का गठन कर बनाई गई हैं? ऐसे नवीन नगरीय निकाय का गठन के समय जनसंख्या क्या थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि सागर संभाग की सबसे बड़ी 10 जनसंख्या की ग्राम पंचायतें कौन-कौन सी हैं? कृपया सभी के नाम, जनसंख्या सहित बताते हुए यह भी बताएं कि टीकमगढ़ जिले की जतारा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत चंदेरा की जनता द्वारा जनसंख्या के मापदण्ड के आधार पर क्या वर्षों से नगर परिषद् चंदेरा बनाए जाने की मांग की जा रही है? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब विधानसभा में कौन-कौन से प्रश्न क्रमांक के माध्यम से शासन का ध्यान आकर्षित कराया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर स्पष्ट बताएं कि टीकमगढ़ जिले की जतारा जनपद की ग्राम पंचायत चंदेरा को नगर परिषद् कब तक बना दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 44 जतारा जिला टीकमगढ़ द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित अभ्यावेदन द्वारा ग्राम पंचायत चंदेरा को नगर परिषद् बनाये जाने की मांग किये जाने के उपरांत कलेक्टर जिला सागर से संचालनालय पत्र क्रमांक 8341 दिनांक 28.04.2028, पत्र क्रमांक 21440 दिनांक 09.12.2022 एवं पत्र क्रमांक 5676 दिनांक 26.04.2023 से गठन के संबंध में विधिवत प्रस्ताव चाहे गये है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-2
स्थायी
आदेश 13-क के अनुसरण
मॆं
अतारांकित प्रश्नोत्तर
सब
स्टेशन एवं
ट्रांसफार्मर
की जानकारी
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 388 ) श्रीमती
प्रियंका
पैंची : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) चाचौड़ा
विधानसभा
क्षेत्र
अन्तर्गत कुल
कितने 33/11
के.व्ही. के
विद्युत सब
स्टेशन कब से
स्थापित हैं? विधानसभा
क्षेत्र के
कितने ऐसे
गांव हैं, जहां
क्षमता से कम
के वितरण
ट्रांसफार्मर
स्थापित हैं, जिससे
वोल्टेज की
कमी, ट्रांसफार्मर
जल जाना आदि
की समस्या से
ग्रामीणों को
घरेलू बिजली
तथा खेतों में
सिंचाई का
कार्य
प्रभावित हो
रहा है? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में विधानसभा
क्षेत्र के
कितने ग्रामों
में विगत 05 माह से
लेकर प्रश्न
दिनांक तक
कितने
ट्रांसफार्मर
जले, कितनों
को पुनः
स्थापित किया
गया तथा कितने
आवेदन क्षमता
वृद्धि के
प्राप्त हुए? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
कंपनी द्वारा
चाचौड़ा
विधानसभा
क्षेत्र के
ग्रामीण
क्षेत्रों
में जहां
क्षमता से कम
के ट्रांसफार्मर
हैं, उन
ग्रामों का
सर्वे कर
क्षमता
वृद्धि की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) विधानसभा
क्षेत्र
चाचौड़ा के
समस्त ग्रामों, मजरा, टोला
बस्तियों में 24 घंटे
विद्युत
आपूर्ति की जा
रही है? यदि
नहीं, तो
क्यों? वंचित
ग्रामों का
विवरण एवं इन
गांवों में कब
तक विद्युत
आपूर्ति
सुनिश्चित की
जायेगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) चाचौड़ा
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
वर्तमान में 33/11 के.व्ही.
के 18
विद्युत
उपकेन्द्र स्थापित
हैं, जिनकी
प्रश्नाधीन
चाही गई स्थापना
संबंधी जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
प्रश्नाधीन
क्षेत्रांतर्गत
27
ग्रामों में 29 वितरण
ट्रांसफार्मर
अतिभारित
पाये जाने पर, म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा तकनीकी
स्वीकृति
उपरांत उक्त
वितरण
ट्रांसफार्मरों
की
क्षमतावृद्धि
का कार्य
पूर्ण किया जा
चुका है, जिसकी जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार
है। प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
आकस्मिक
अवरोधों के
कारण आए व्यवधानों
को छोड़कर
नियमानुसार
कृषि प्रयोजन
हेतु
प्रतिदिन 10 घंटे एवं
गैर कृषि
प्रयोजन हेतु
प्रतिदिन 24 घंटे
गुणवत्तापूर्ण
विद्युत
प्रदाय किया
जा रहा है। अत:
शेष प्रश्न
नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन
क्षेत्रांतर्गत
प्रश्नाधीन
अवधि में 83 ग्रामों
में 131
वितरण
ट्रांसफार्मर
जले/खराब हुए
हैं एवं उक्त
सभी 131
जले/खराब वितरण
ट्रांसफार्मरों
को
नियमानुसार
बदल दिया गया
है। उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में वितरण
ट्रांसफार्मर
की
क्षमतावृद्धि
हेतु कोई भी
आवेदन प्राप्त
नहीं हुआ है। तथापि
उत्तरांश (क) में
उल्लेखानुसार
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में 29 वितरण
ट्रांसफार्मरों
की क्षमतावृद्धि
का कार्य किया
गया है। (ग) उल्लेखनीय
है कि म.प्र.
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा स्थापित
वितरण
ट्रांसफार्मरों
से संबद्ध भार
की समय-समय पर समीक्षा
करते हुए
क्षमतावृद्धि
के प्रस्ताव
सक्षम स्वीकृति
हेतु प्रेषित
किये जाते है, जो एक सतत
प्रक्रिया है।
तथापि उत्तरांश
(क) में उल्लेखानुसार
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
आवश्यकतानुसार
29
वितरण
ट्रांसफार्मरों
की
क्षमतावृद्धि
का कार्य किया
गया है। (घ) प्रश्नाधीन
क्षेत्रांतर्गत
सभी राजस्व
ग्रामों एवं
संसूचित
मजरों/टोलों
तथा बस्तियों
में आकस्मिक
अवरोधों के
कारण आए व्यवधानों
को छोड़कर
नियमानुसार
कृषि प्रयोजन
हेतु
प्रतिदिन 10 घंटे एवं
गैर कृषि
प्रयोजन हेतु
प्रतिदिन 24 घंटे
गुणवत्तापूर्ण
विद्युत
प्रदाय किया
जा रहा है। उल्लेखनीय
है कि विद्युत
लाईनों/अद्योसंरचना
के रख-रखाव
हेतु पूर्व
निर्धारित
शट-डाउन लेने
तथा तकनीकी
कारणों/प्राकृतिक
आपदा से आये
आकस्मिक व्यवधानों
जैसी
अपरिहार्य
स्थिति के
कारण कतिपय
अवसरों पर
विद्युत
प्रदाय बाधित
होता है, जिसमें
आवश्यक
रख-रखाव/सुधार
कार्य कर
विद्युत
प्रदाय शीघ्र
ही सुचारू कर
दिया जाता है।
अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता।
विद्युत विहीन गांवों, मजरों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 389 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा चाचौड़ा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत विहीन कितने टोले, मंजरे शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युत विहीन टोले-मंजरे में विद्युतीकरण का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? कार्य योजना की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जले हुये ट्रांसफार्मरों को कब तक बदल दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ट्रांसफार्मरों की उपलब्धता के लिये क्षेत्र में स्टोर बनाने के लिये शासन स्तर पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? कब तक स्टोर स्थापित कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कोई भी संसूचित मजरा/टोला विद्युत विहीन नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर जला/खराब नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत वितरण ट्रांसफार्मरों की उपलब्धता के लिये अलग से स्टोर बनाने की कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। अपितु वर्तमान में गुना, अशोकनगर, शिवपुरी एवं श्योपुर के लिये सामग्री की आपूर्ति क्षेत्रीय भण्डार गुना से की जाती है, जो कि संबंधित क्षेत्र के लिये पर्याप्त है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नदियों पर पुलों का निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 390 ) श्रीमती प्रियंका पैंची : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र चाचौड़ा के अंतर्गत ग्राम बांसाहेड़ा में बालाजी स्थान के पास अंडेर नदी पर, ग्राम रामपुर के पास पार्वती नदी पर, ग्राम रीरा का पुरा के पास घोड़ापछाड़ (पार्वती) नदी पर, ग्राम वीरपुर के पास भंडेर नदी पर, ग्राम गुंजारी के पास टेम नदी पर पुल नहीं बनने से करीब 50 ग्रामों के रहवासियों को करीब 10-15 कि.मी. चक्कर लगाकर जाना पड़ता है? (ख) क्या वर्तमान में रहवासियों को आवागमन में असुविधा हो रही है एवं करीब 10-15 कि.मी. का चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में दिए गए गांवों में नदी पर पुल निर्माण कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, नवीन पुल निर्माण की स्वीकृति हेतु बजटीय प्रक्रिया का पूर्ण होना आवश्यक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आउटसोर्स कर्मियों से विद्युत लाईन पर कार्य कराया जाना
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 528 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व और पश्चिम एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों में 40 हजार से अधिक नियमित पद रिक्त हैं? यदि हाँ तो कारण बतावे? (ख) क्या पिछले 10 वर्षों से नियमित भर्ती नहीं हुई है? (ग) यदि हाँ तो क्या यही कारण है कि ऑउटसोर्स कर्मियों द्वारा विद्युत लाईन पर जोखिम भरा काम करवाया जा रहा है? (घ) क्या आउटसोर्स कर्मी विद्युत कार्य करने के लिये अधिकृत है? नियम की जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु 12083 नियमित पद रिक्त है। विद्युत वितरण कंपनियों में रिक्त नियमित पद, पदोन्नति एवं सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाते है, परन्तु पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के यथास्थिति बनाये रखने के निर्देशों के तारतम्य में पदोन्नति से भरे जाने वाले पद रिक्त हैं तथापि कंपनियों के स्तर पर सीधी भर्ती के माध्यम से पद भरे जा रहे है। (ख) विगत 10 वर्षों में सभी विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत विभिन्न पदों पर भर्ती की गई है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसियों के माध्यम से नियोजित आउटसोर्स कार्मिकों से निविदा में उल्लेखित नियम एवं शर्तों के अनुरूप कार्य लिया जाता है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उल्लेखनीय है कि आऊटसोर्स कार्मिक शिरोपरि तार मिस्त्री का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के उपरांत ही विद्युत लाईन में कार्य करने के लिये अधिकृत होते हैं। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 1109 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, देवास, बड़वानी जिले की नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कार्यरत समस्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सूची, नियुक्ति आदेश, नियुक्ति के संबंध में पीआईसी/परिषद के द्वारा की गई कार्यवाही से संबंधित समस्त अभिलेख देवें। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निकायों में आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्त किए गए समस्त कर्मचारियों की सूची एजेंसीवार/निकायवार देवें? एवं वर्ष 2020 से लेकर आज दिनांक तक आउटसोर्स पर कितना व्यय किया गया है एजेंसीवार/निकायवार जानकारी देवें? (ग) वर्ष 2006 से लेकर प्रश्न दिनांक की अवधि में विभाग के द्वारा जारी किए गए समस्त नीति, नियम, निर्देशों की प्रमाणित छायाप्रति देवे एवं क्या यह सही है कि वर्ष 2006 के पश्चात दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्ति शासन के स्वीकृति से ही किया जाना प्रावधानित किया गया है? (घ) वर्ष 2006 के पश्चात राज्य शासन के द्वारा बड़वानी देवास और उज्जैन जिलों के किन-किन निकायों में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है उसकी प्रमाणित छायाप्रति देवें? यदि बिना राज्य शासन के स्वीकृति के प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है, तो क्या नियुक्ति करता सी.एम.ओ. को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सेतु निगम के ब्रिज का 7 वर्षों से अधूरा निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 1391 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आलोट विधानसभा के माधोपुर और असावती के बीच चंबल नदी पर सेतु निगम का ब्रिज 7 साल से अधूरा है? (ख) इस ब्रिज का काम क्यों रुका हुआ है? (ग) यह ब्रिज कब तक बनकर पूर्ण हो जाएगा? (घ) इस ब्रिज पर अब तक कितना रूपया खर्च किया जा चुका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, माधोपुर और असावती मार्ग के मध्य चंबल नदी पर आने वाले ब्रिज कार्य एन.डी.बी. पैकेज क्रमांक 8ए में समाहित है, उक्त निर्माण कार्य हेतु मेसर्स ज्योति इन्फ्राटेक कंपनी अहमदाबाद, गुजरात को अनुबंध क्रमांक 32/NDB/Bridge/2018 दिनांक 21.12.2018 को कार्यादेश जारी किया गया। (ख) जी हाँ, ठेकेदार के द्वारा कार्य में रूचि न लेने से ठेकेदार का अनुबंध डायरेक्टर एन.डी.बी. लोक निर्माण विभाग भोपाल द्वारा दिनांक 06.06.2023 को निरस्त कर दिया गया था। वर्तमान में बैलेंस कार्य की निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) शेष कार्य हेतु 6 बार निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। 7वीं निविदा की कार्यवाही प्रगतिरत है। संविदाकार का चयन होते ही कार्य शीघ्र प्रारम्भ कर दिया जायेगा, वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) माधोपुर और असावती के बीच चंबल नदी पर अब तक कुल रू. 282.29 लाख का व्यय किया गया है।
शिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 1392 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिप्रा नदी में इंदौर और उज्जैन शहर का पूरा सीवरेज मिल कर आगे बढ़ते हुए आलोट विधानसभा क्षेत्र के ग्राम ईसामपुर, जोयन, गुराडिया, लक्षमीपुरा, भावगढ़, भोजाखेड़ी, पालनगरा, ताजली, माल्याआलोट-किशनगढ़, धतुरिया, मजनपुर, मिट्ठनगढ़, रलायता तथा सिपावरा में मिलता है? (ख) क्या आलोट विधान सभा में 39 किलोमीटर शिप्रा पर 16 ग्राम शिप्रा नदी के किनारे बसे हैं इनमें से आलोट नगर भी पेय जल के लिए शिप्रा नदी पर ही आश्रित हैं? (ग) पिछले 10 वर्षों में शिप्रा स्वच्छता के लिए कितनी राशि खर्च की गई? (घ) शिप्रा नदी को कब तक प्रदूषण से मुक्त करने की योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों के जल स्त्रोत सीवरेज से प्रभावित नहीं हैं। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में जलप्रदाय नलकूप/हैण्डपम्प के माध्यम से होता है, जबकि आलोट नगर की पेयजल व्यवस्था क्षिप्रा नदी तट पर ग्राम गुराड़िया के पास बने बैराज से होती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नदियों को प्रदूषण मुक्त किया जाना एक सतत प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अम्बाह एवं पोरसा में सीवेज लाइन की समस्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 1529 ) श्री
देवेन्द्र
रामनारायन
सखवार : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
अम्बाह की
नगर पालिका
परिषद अम्बाह
एवं नगर परिषद
पोरसा
क्षेत्र में
सीवेज लाईन न
होने से गंदा
पानी क्षेत्र
में भर जाता
है जिनके
समाधान हेतु
कोई योजना
बनाई गई है
जिससे सीवेज
का गंदा पानी
सुनियोजित
तरीके से
निकासी हो सके।
(ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में यदि योजना
बनाई गई है तो
उसका विवरण
देवें? अगर
नहीं बनाई गई
है तो क्यों
कारण सहित
बतायें? सीवेज के
पानी की
निकासी के
लिये कब तक
योजना बनाई
जावेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। जी नहीं।
(ख) निकायों
में गंदे पानी
को ट्रीटमेंट
करने हेतु
एस.टी.पी. प्लांट
के लिए भूमि
उपलब्ध न
होने से
उपयोगिता जल
प्रबंधन की
डी.पी.आर.
तैयार नहीं
कराई गई है। भूमि
उपलब्ध होने
पर स्वच्छ
भारत मिशन 2.0 के
अंतर्गत उपयोगिता
जल प्रबंधन की
डी.पी.आर.
तैयार कराई
जावेगी जिससे
गंदे पानी को
उपचारित कर
कृषि एवं
पार्क में
उपयोग किया जा
सकेगा। दोनों
निकायों
द्वारा भूमि
उपलब्ध
कराने हेतु
प्रस्ताव
जिला कलेक्टर
को भेजा गया
है।
बिजली बिल टैरिफ की जानकारी
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 1657 ) श्री आरिफ मसूद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा भोपाल शहर में घरेलू एवं व्यवसायिक उपभोक्ताओं से किस टेरिफ के अंतर्गत बिजली बिल वसूला जा रहा है जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल में एक किलोवाट से अधिक के लोड पर बिजली बिल का टेरिफ बदल जाता है? यदि हाँ तो किलोवाट के हिसाब से टेरिफ की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में घरेलू उपभोक्ता के स्वीकृत भार से अतिरिक्त लोड पाया जाता है तो उससे सामान्य दर से दोगुना फिक्स चार्ज की एक साल की बिलिंग की जाती है? यदि हाँ तो इस संबंध में विद्युत विभाग/आयोग द्वारा जारी आदेश सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में यदि घरेलू उपभोक्ताओं को अपने स्वीकृत भार से अतिरिक्त लोड बढ़वाना है तो उसके लिए कम्पनी कौन-कौन से शुल्क लगाती है शुल्क सहित समस्त जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा शहर वृत्त भोपाल सहित समस्त कंपनी क्षेत्रान्तर्गत सभी घरेलू एवं व्यवसायिक उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार निम्नदाब घरेलू उपभोक्ताओं हेतु एल.व्ही.-1 एवं व्यवसायिक उपभोक्ताओं हेतु एल.व्ही.-2 श्रेणी के अनुसार बिलिंग की जाती है। टैरिफ आदेश के संबंधित पृष्ठों की प्रति पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विद्युत उपभोक्ताओं से विद्युत बिलों की वसूली के संबंध में वर्तमान में ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2021'' के अध्याय-9 ''भुगतान एवं संयोजन विच्छेदन'' में दिये प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। संबंधित पृष्ठों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। निम्नदाब घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में वर्णित स्लेब के अनुसार बिलिंग की जाती है। टैरिफ आदेश के संबंधित पृष्ठों की प्रति पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं, ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) घरेलू उपभोक्ताओं से, स्वीकृत भार से अतिरिक्त लोड बढ़वाने हेतु विभिन्न मदों में लिए जाने वाले शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
कार्यालय सहायक श्रेणी-3 का उच्च वेतनमान
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 1674 ) श्री अरूण भीमावद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर द्वारा वर्ष 2011-12 व 2013 में भर्ती किये गये पद कार्यालय सहायक श्रेणी-3 की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता प्रथम श्रेणी स्नातक व कम्प्यूटर अनुप्रयोगों में उत्तीर्ण होना निर्धारित की गई थी? यदि हाँ तो क्या इन्हें कनिष्ठ यंत्री पद के नियंत्रणाधीन पदस्थ किया गया है? (ख) यदि हाँ तो क्या स्नातकधारी कार्यालय सहायकों के भविष्य में सेवा अवसर अत्यधिक सीमित है एवं उच्च वेतनमान प्राप्त होने पर यह अंतर और अधिक हो जाता है? (ग) क्या कंपनी द्वारा जारी उच्च शिक्षा नीति 2020 में पॉलिटेक्निक डिप्लोमा को उच्च शिक्षा के रूप में परिभाषित किया गया है? (घ) यदि उक्त प्रश्नांशों का उत्तर हाँ है तो उक्त प्रावधान कार्यालय सहायकों के साथ औचित्यपूर्ण है? यदि हाँ तो इसका निराकरण कब तक किया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। कनिष्ठ यंत्री एवं कार्यालय सहायक श्रेणी-तीन क्रमश: तकनीकी एवं गैर तकनीकी वर्ग में आते हैं तथा इनकी कार्य प्रकृति एवं उत्तरदायित्व अलग-अलग होते हैं, इसलिए इनकी शैक्षणिक योग्यता, कार्य की आवश्यकतानुसार पृथक-पृथक रखी जाती है तथा इनके वेतनमान भी पृथक-पृथक होते है। (ख) जी नहीं, स्नातक उपाधि धारक कार्यालय सहायक श्रेणी-3 को म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नियमानुसार क्रमोन्नति एवं पदोन्नति के अवसर उपलब्ध हैं। प्रश्नांश में उल्लेखित दोनों पद पृथक-पृथक संवर्गों के होने से इनके वेतनमान अलग-अलग होने के परिप्रेक्ष्य में इन पदों पर प्राप्त होने वाले उच्च वेतनमानों की तुलना करना औचित्यपूर्ण नहीं है। (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी ''उच्च शिक्षा नीति-2020'' के अनुसार कार्मिक द्वारा भर्ती के समय अर्जित शिक्षा से उच्चतर शिक्षा अर्जित करना अथवा कार्मिक द्वारा भर्ती के पदों पर वांछनीय न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता से उच्च शैक्षणिक योग्यता, डिप्लोमा/डिग्री/पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इत्यादि अर्जित करना उच्च शिक्षा माना जाएगा। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
फोरलेन निर्माण का कार्य
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 1678 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बेरछा-बर्डियासोन रेल्वे स्टेशन- पलसावद-लालूपुरा-हनोती-झोंलर से जलालपुरा ए.बी. रोड एन.एच.54 तक फोरलेन एवं एम.डी.आर. प्रस्ताव की स्वीकृति है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आगामी सिंहस्थ 2028 एवं अत्यन्त व्यस्त मार्ग होने के कारण मुख्य जिला मार्ग की श्रेणी में घोषित करने हेतु क्या प्रस्ताव जिला कलेक्टर शाजापुर के माध्यम से प्राप्त हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त मार्ग की प्रशासनिक स्वीकृति कब तक प्राप्त होगी? (घ) यदि हाँ तो स्वीकृति प्रदाय कर उक्त मार्ग का उन्नयन किया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव विचाराधीन है। (ग) वर्तमान में प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग के बजट में सम्मिलित नहीं है। अतः समय अवधि बताया जाना संभव नहीं। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चौमा से बिजाना मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 1679 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौमा से बिजाना-शाजापुर मार्ग निर्माण की स्वीकृति कब से हुई एवं लागत राशि तथा वर्तमान में इस मार्ग की क्या प्रगति है एवं कब तक पूर्ण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि कार्य पूर्ण होने की स्थिति है तो क्या उक्त मार्ग का उन्नयन किया जावेगा? (ग) यदि हाँ तो कब तक स्वीकृति प्रदाय कर उक्त मार्ग का उन्नयन कार्य किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
हरदा एवं बैतूल जिले के राजस्व ग्राम
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 1716 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के किस-किस नगरीय निकाय में कौन-कौन से राजस्व ग्राम शामिल है, कौन से राजस्व ग्राम का आंशिक हिस्सा शामिल है किस ग्राम में कितनी शासकीय भूमि एवं कितनी निजी भूमि दर्ज है। (ख) नगरीय निकाय में शामिल राजस्व ग्रामों की बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज जमीन एवं वन विभाग द्वारा वर्किंग प्लान में दर्ज आरक्षित वन, संरक्षित वन भूमि पर जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार किस-किस दिनांक को मोहल्ला समिति का गठन किया गया। (ग) किस मोहल्ला समिति ने व्यक्तिगत वन अधिकार एवं सामुदायिक वन अधिकार के दावे आमंत्रित करने के संबंध में किस नगरीय निकाय ने किस-किस दिनांक को क्या कार्यवाही की है किस समिति के पास प्रश्नांकित दिनांक तक कितने भूमि के कितने दावे प्राप्त हुए। (घ) नगरीय निकाय मोहल्ला समिति का गठन कर कब तक दावे आमंत्रित करेंगे समय-सीमा सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मास्टर प्लान में दिए गए प्रावधानों में परिवर्तन
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 1717 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कन्ट्री एण्ड टाउन प्लानिंग विभाग के द्वारा शहरों के बनाए गए मास्टर प्लान में दर्शाई गई भूमियों के प्रयोजनों में बदलाव किए जाने की वर्तमान में क्या-क्या व्यवस्था किस-किस स्तर पर प्रचलित है इस बाबत् विभाग के क्या-क्या आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र हैं? छायाप्रति सहित बतावें। (ख) आवास विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल को गत पांच वर्षों में किस प्रयोजन के लिए मास्टर प्लान में निर्धारित भूमि के प्रयोजन बदलने का प्रस्ताव एवं आवेदन प्राप्त हुआ, उसमें से किस प्रस्ताव या आवेदन पर किस आदेश दिनांक से प्रयोजन में बदलाव किया गया? (ग) राजस्व ग्रामों की भूस्वामी हक में दर्ज निजी कृषि भूमि पर विभाग कौन-कौन सा प्रयोजन किसान की अनुमति या सहमति के निर्धारित करने की कार्यवाही कर सकता है, उस निर्धारित प्रयोजन बाबत् किसान की अनुमति या सहमति नहीं लिए जाने का क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-23-क के अंतर्गत (धारा 23-क (1) (ख), धारा 23-क (1) (ख) ) के अंतर्गत आवेदन प्राप्त होने पर विहित प्रक्रिया के अनुरूप म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-23 उपधारा- (2) में उपांतरण किया जाता है तथा म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश नियम, 2012 के नियम-15 में भी प्रावधान है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 में किसानों की अनुमति/सहमति लिया जाना प्रावधानित नहीं है।
ग्रिड की मांग को पूरा करना
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 2077 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र थांदला 194 के अंतर्गत मेघनगर तहसील के रंभापुर क्षेत्र में ग्रिड की मांग काफी लम्बे समय से क्षेत्र के लोगों द्वारा की जा रही है। ग्रिड नहीं होने से 50 गांवों के ग्रामीण भाइयों को वोल्टेज की काफी समस्या निर्मित हो रही है। आये दिन अंधकार का वातावरण निर्मित रहता है। (ख) क्या मेघनगर ग्रिड से 30 कि.मी. ग्राम सातफेरा, दीमारा क्षेत्र रंभापुर क्षेत्र पीपलफूटा क्षेत्र के निवासियों को ग्रिड के अभाव में बिजली नहीं मिल पा रही है तथा किसान भी आये दिन काफी परेशान रहते है? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित जनहित के इस मांग को विभाग स्वीकार कर ग्रीड की मांग पूरी की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक, समयावधि बताने की कृपा करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के क्षेत्रांतर्गत विधानसभा क्षेत्र थांदला-194 के मेघनगर तहसील के रंभापुर क्षेत्र में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की मांग क्षेत्र के लोगों द्वारा की जा रही है। उक्त क्षेत्र में वर्तमान में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र मेघनगर से नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। किंतु उक्त क्षेत्र को विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्ही. फीडरों की लम्बाई अधिक होने से फीडर के अंतिम छोर पर रबी सीजन में लोड बढ़ने के कारण कतिपय अवसरों पर वोल्टेज की समस्या आती है। उक्त मांग अनुसार एवं प्रश्नाधीन क्षेत्र में वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत ग्राम रंभापुर (पीपलखुटा) में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है। साथ ही, विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा उत्पादन की कुसुम-''ए'' एवं कुसुम-''सी'' योजना के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निम्नदाब स्तर पर विद्युत प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है, जिससे अतिभारित उच्चदाब विद्युत प्रणाली का भार कम होगा। इसके कारण अधोसंरचना विस्तार की आवश्यकता नहीं होगी एवं वोल्टेज समस्या का भी निराकरण हो सकेगा। (ख) 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र मेघनगर से लगभग 30 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम सातसेरा (सातफेरा नहीं), दीमारा क्षेत्र, रंभापुर क्षेत्र, पीपलखुटा (पीपलफूटा नहीं) क्षेत्र के समस्त विद्युत उपभोक्ताओं को वर्तमान में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र मेघनगर से निर्गमित 11 के.व्ही. रंभापुर फीडर (मिक्स फीडर) से आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार कृषि कार्य हेतु 10 घंटे एवं गैर-कृषि हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में वर्णित मांग को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम रंभापुर (पीपलखुटा) में उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत स्वीकृत किया गया है। उक्त कार्य हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 16.02.2023 को कार्यादेश जारी किया गया है। कार्यादेश की शर्तों के अनुसार उक्त कार्य माह फरवरी-2025 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
ट्रांसफार्मर/खम्बों को लगाया जाना
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 2105 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक वितरण केन्द्रवार कितने नवीन ट्रांसफार्मर लगाये गये क्षेत्रीय लोगों की मांग के तहत कार्यवाही न करने के क्या कारण है? (ख) बड़ा मलहरा विधान सभा क्षेत्र में 11 के.व्ही. एवं निम्नदाब लाईन के किन-किन स्थानों के प्राक्कलन स्वीकृत किये गये उनका विवरण दें? (ग) नगरीय प्रशासन के प्रस्ताव पर किन-किन स्थानों पर खम्बे/ट्रांसफार्मर लगाये गये, यदि नहीं तो कारण बतायें। दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बताये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) छतरपुर जिलांतर्गत वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में 537 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। क्षेत्रीय लोगों की मांग के तहत आवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार तकनीकी साध्यता के अनुरूप प्राक्कलन तैयार कर नियमानुसार भुगतान हेतु मांग पत्र जारी किया जाता है एवं मांग पत्र की राशि का भुगतान प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार विद्युत अद्योसंरचना के कार्य करने सहित आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ख) बड़ामलहरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 11 के.व्ही. लाईनों एवं निम्न दाब लाईनों के स्वीकृत कार्यों/प्राक्कलनों का स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) संचालन/संधारण, वृत्त छतरपुर के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में नगरीय निकायों के प्रस्ताव पर 08 प्राक्कलन बनाये गये हैं। उक्त प्राक्कलित कार्यों हेतु संबंधित नगरीय निकायों द्वारा राशि जमा नहीं किये जाने के कारण कार्य अप्रारंभ हैं। उक्त कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त परिप्रेक्ष्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के किसी अधिकारी/ कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। संबंधित नगरीय निकायों से मांग पत्र अनुरूप राशि जमा होने के उपरांत लाईन विस्तार की कार्यवाही की जा सकेगी। जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 2180 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रीवा
से जबलपुर तक
राष्ट्रीय
राजमार्ग (फोर
लाइन) का
निर्माण
कार्य कराया
गया है? यदि
हां, तो
क्या इस
मार्ग के
निर्माण की
कार्य योजना
में सर्विस
लाइन का भी
प्रावधान
किया गया था? यदि हां, तो
सर्विस लाइन
का निर्माण
कार्य, क्या
रूप-रूपेण
किया जा चुका
है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार इस
मार्ग
निर्माण में
रीवा से
जबलपुर तक
कितने वृक्ष
काटे गये, उन काटे
गये वृक्षों
के अनुपात में
कितने वृक्ष
कहां-कहां
लगाये गये, वृक्षों
की भौतिक
स्थिति
वर्तमान में
क्या है।
(ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
काटे गये
वृक्षों की
नीलामी किसके
द्वारा की गयी
ऐसी नीलामी में
कितनी राशि
प्राप्त
हुयी, वह
राशि कहां जमा
की गयी और उस
राशि का
कहां-कहां
उपयोग किया
गया।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित
कार्य लोक
निर्माण
विभाग के
कार्य क्षेत्र अंतर्गत
नहीं है। अपितु
भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण के अधीन
है। भारतीय
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण से
प्राप्त उत्तर
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर
अनुसार।
बायपास मार्ग के निर्माण कार्य की जांच
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 2264 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला-मुख्यालय पांढुर्ना के समीप ग्राम पंचायत-तिंगाव-बड़चिचोली से गुजरने वाले बायपास मार्ग का अधिकतर ऊपरी पृष्ठ, किनारा व सोल्डर, निर्माण अवधि के कुछ माह उपरांत ही उखड़ने लगे है जिसकी लिखित/मौखिक शिकायत स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा शासन/विभाग को की गई है? यदि हाँ तो क्या इसकी सूक्ष्म जांच सी.टी.ई. म.प्र. भोपाल से कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (ख) क्या प्रदेश के जिला-पांढुर्ना व सिवनी में म.प्र.स.वि.प्रा.नि.लि.,लोक निर्माण विभाग व इससे सम्बद्ध अन्य विभागों द्वारा निर्मित/निर्माणाधीन मार्ग, भवन, मेडिकल कालेज व ब्रिज में गुणवत्ता संबंधी अनियमितता, निर्माण कार्य में अमानक स्तर की निर्माण सामग्री का प्रयोग/ निर्माण स्थल में मजदूरों को मिलने वाली सुविधा के अभाव की सूक्ष्म जांच के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व मजदूर संघ द्वारा कोई शिकायत/पत्र शासन/विभाग की दिए गए है? यदि हाँ तो इसकी जानकारी देवे व इसमें आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी? क्या पत्र में लिखे बिंदु अनुसार जांच की गई? यदि नहीं तो क्या उक्त जांच पत्र में लिखे अनुसार अन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में की जावेगी और कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं नये ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 2272 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ट्रांसफार्मर के बार-बार फेल होने के कारण दो-तीन हफ्तों तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहती है? (ख) क्या विद्युत लाईनें जर्जर होने एवं प्रतिवर्ष भार वृद्धि के कारण ट्रांसफार्मर ओवर लोड होने पर फेल हो जाते हैं? (ग) यदि हाँ तो ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं नई विद्युत लाईन डालने तथा नये ट्रांसफार्मर लगाने में क्या समस्या हैं? बतावें? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत नये ट्रांसफार्मर स्थापित करने हेतु मंगेला, महगवां परियट, सोनपुर, सुंदरपुर एवं अन्य के आवेदन गत 2 वर्षों से लंबित हैं? कारण बतावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। उक्त प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। (ख) निम्नदाब विद्युत लाईनें जर्जर/खराब होने के कारण संभावित फाल्ट की स्थिति से वितरण ट्रांसफार्मरों को सुरक्षित रखने के लिये वितरण ट्रांसफार्मर के प्रोटेक्शन/ वितरण बॉक्स में एमसीबी एवं फ्यूज की व्यवस्था की गई है। ऐसी पुरानी लाईनों का सर्वे कार्य कराकर विभिन्न योजनाओं के तहत तार बदलने अथवा तार के स्थान पर केबल लगाने की कार्यवाही की जाती है। वितरण ट्रांसफार्मरों को ओव्हरलोडिंग (अतिभारित) होने के कारण जलने/ खराब होने से बचाने के लिये उच्चदाब एवं निम्नदाब परिपथ में नियत क्षमता के फ्यूज वायर अथवा एमसीबी लगाकर सुरक्षित किया जाता है। उक्त के अतिरिक्त भार वृद्धि के कारण ओव्हरलोड हुए वितरण ट्रांसफार्मरों को चिन्हित कर आगामी कार्ययोजना/प्रचलित योजनाओं में क्षमता वृद्धि हेतु प्रस्तावित किया जाता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन उल्लेखित स्थानों सहित पनागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण मॉर्डर्नाइजेशन के तहत 575 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, 129 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों एवं 03 अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य प्रस्तावित कर कार्य योजना तैयार कर नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी. को प्रेषित की गई है, जिसकी स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध भार दृष्टिगत एवं वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप नये वितरण ट्रांसफार्मर लगाने अथवा ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य एक सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत किये जाते है।
अवैध कालोनी बसाई जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 2431 ) श्री
आतिफ आरिफ
अकील : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रदेश के
भोपाल जिले
में सैंकड़ों
की संख्या में
अवैध
कालोनियां
बसा दी है? (ख) यदि हाँ तो
भोपाल नगर
निगम सीमा व
उसके आसपास के
क्षेत्र में
कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी
अवैध कॉलोनियों
को बसाया गया
है? क्या
उक्त अवैध
कॉलोनी में
बिजली, पानी, सीवेज की
पर्याप्त
सुविधा
उपलब्ध है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में यदि नहीं
तो अवैध कॉलोनी
को बसाने में
कौन-कौन दोषी
हैं? प्रश्न
दिनांक तक
किन-किन पर
क्या-क्या
कार्रवाई की गई?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जी
हाँ। (ख) भोपाल
जिले के नगर
निगम भोपाल
सीमा क्षेत्र एवं
नगर पालिका
परिषद
बैरसिया में
चिन्हित अनधिकृत
कॉलोनियों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नगर
निगम भोपाल
क्षेत्र की
अनधिकृत
कॉलोनियों
में बिजली, पानी, सीवेज की
पर्याप्त
सुविधा की
जानकारी नगर
निगम भोपाल
द्वारा संकलित
की जा रही है
एवं नगर
पालिका परिषद
बैरसिया
क्षेत्र की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनधिकृत
रूप से कॉलोनी
विकसित करने
के लिए कॉलोनी
की भूमि के
भू-स्वामी
एवं सभी
सहयुक्त व्यक्ति
दोषी हैं। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार क्रमांक
1 से 320 तक अंकित
अनधिकृत
कॉलोनियों के
निर्माताओं के
विरूद्ध नगर
निगम भोपाल
द्वारा कोई
कार्यवाही न
किया जाना
प्रतिवेदित
है एवं
क्रमांक 321 से 575
में अंकित
अनधिकृत
कॉलोनियों के
भू-स्वामी के
विरूद्ध
संबंधित थाने
में एफ.आई.आर.
दर्ज कराने की
कार्यवाही की
गई है। नगर
पालिका
बैरसिया की प्रश्नांकित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
कॉलम नंबर 11 अनुसार है।
अतिक्रमण हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 2683 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेमरिया-सुन्दरा स्टेट हाइवे 52 में बिरसिंहपुर नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत का कितना हिस्सा पड़ता है? उनमें कहाँ-कहाँ अतिक्रमण है, यदि जानकारी में नहीं है तो क्या कृपया जांच परख कर अतिक्रमण मुक्त कब तक करायेंगे? (ख) बिरसिंहपुर नगर पंचायत क्षेत्र में शहर के अंदर कहाँ-कहाँ भू-खंडों में अतिक्रमण है, चिन्हित करें? इन्हें कब तक अतिक्रमण मुक्त करायेंगे? (ग) बिरसिंहपुर नगर पंचायत में स्टेट हाईवे 52 के अलावा अन्य सड़कों एवं शहर से जुड़ी अंदर, बाहर की कौन-कौन सी सड़कों में अतिक्रमण है, इसे कब तक अतिक्रमण मुक्त करायेंगे? क्या सभी सड़कों की सीमाएं DPR के अनुसार निर्धारण करायेंगे, यदि हाँ तो कब तक? (घ) बिरसिंहपुर नगर पंचायत के अंतर्गत कौन-कौन सी सार्वजनिक हित की संस्थायें है, कौन-कौन अतिक्रमण में है, कब तक अतिक्रमण मुक्त कराये जायेंगे?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र.
सड़क विकास
निगम लि.
संभाग रीवा
अंतर्गत
सुंदरा-सिंहपुर-कोठी-जैतवारा-बिरसिंहपुर-सेमरिया
मार्ग (सुंदर
स्टेट हाईवे-52) का
रख-रखाव किया
जाता है। उक्त
मार्ग का बिरसिंहपुर
नगर पंचायत
क्षेत्र
अंतर्गत लगभग 5 कि.मी.
हिस्सा
निर्मित है। एम.पी.आर.डी.सी.
से प्राप्त
जानकारी
अनुसार नगरीय
सीमा क्षेत्र
में स्थित उक्त
सड़क पर कोई
अतिक्रमण
नहीं है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) बिरसिंहपुर
नगर पंचायत
क्षेत्रान्तर्गत
लगभग 41
आराजी नम्बर
है जो अधिकांश
चेक आबादी
हेतु
सुरक्षित है। इन्हीं
भू-खण्डों पर
रोड, नाली, तालाब, मरघट, रिहायसी
मकान इत्यादि
है एवं अंश भाग
वर्तमान में
रिक्त है। शहर
के अंदर
शासकीय भू-खण्डों
में कोई भी
अतिक्रमण
नहीं है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) बिरसिंहपुर
नगर पंचायत
में स्टेट
हाइवे 52
के अलावा लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
निर्मित बिरसिंहपुर-चकरा
पहुंच मार्ग
म.प्र.
ग्रामीण सड़क विकास
प्राधिकरण
द्वारा
निर्मित
बिरसिंहपुर-हरसेंड
पहुंच मार्ग, बिरसिंहपुर
पटनाकला पहुंचमार्ग, बिरसिंगपुर-कोटर
पहुंच मार्ग, बिरसिंगपुर
पिपरी टोला
पहुंच मार्ग
है जिनमें
मात्र
बिरसिंहपुर-हरसेंड
पहुंच मार्ग
पर 0.6
कि.मी. नगरीय
क्षेत्रान्तर्गत
के कुछ स्थानों
पर अतिक्रमण
होने का उल्लेख
म.प्र.
ग्रामीण सड़क विकास
प्राधिकरण
द्वारा किया
गया है, जिसे
नियमानुसार
हटाने की
कार्यवाही
जिला प्रशासन, म.प्र.
ग्रामीण सड़क विकास
प्राधिकरण के
सहयोग से की
जा रही है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) बिरसिंहपुर
नगर पंचायत
अंतर्गत
सार्वजनिक हित
की संस्थाओं
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। सार्वजनिक
हित की संस्थाएं
अतिक्रमण में
नहीं है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- "इकतीस"
P.I.U. के कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 2870 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-07-2020 से 15-06-2024 तक राजपुर विधानसभा क्षेत्र में विभाग के एवं P.I.U. के कितने कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किए गए हैं? कार्य का नाम, लागत, कार्य पूर्ण/अपूर्ण, आहरण राशि, आहरण दिनांक, निर्माणकर्ता फर्म का नाम, G.S.T. नंबर सहित पृथक-पृथक देवें। (ख) क्या कारण है कि P.I.U. के कार्यों में दो या अधिक कार्य जोड़कर टेंडर निकाले गये? प्रश्नांश (क) अवधि के ऐसे समस्त कार्यों की जानकारी कारण सहित देवें। ऐसा जिस नियम/आदेश के तहत किया गया, की प्रमाणित प्रति भी देवें। यदि इसके बिना किया गया तो इसके उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम, प्रकरणवार देवें एवं इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में इन कार्यों के भूमि पूजन एवं लोकार्पण में आमंत्रितों की सूची नाम, पदनाम सहित कार्यवार देवें। जिन कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया उसके जिम्मेदार अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग (भ/प) संभाग बड़वानी अंतर्गत दिनांक 01.07.2020 से 15.06.2024 तक राजपुर विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत सड़क कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''क'' अवधि में लोक निर्माण विभाग (भ/प) संभाग बड़वानी द्वारा भूमि पूजन एवं लोकार्पण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'ब-1' एवं 3 अनुसार है। भूमि पूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
24 घंटे विद्युत का प्रदाय
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 2871 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-01-2024 से उत्तर दिनांक बड़वानी जिले में खनिज मद से विद्युतीकरण/24 घंटे बिजली प्रदाय के लिए कितनी राशि आवंटित की गई है? (ख) इस राशि से राजपूर विधान सभा क्षेत्र में 24 घंटे विद्युत प्रदाय के कार्य कब तक प्रारंभ किए जायेंगे? समय-सीमा देवें। ऐसे ग्रामों/फल्यों की सूची भी देवें जिनमें 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं हो रहा है? (ग) इस कार्य में विलंब के उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर इसका कारण भी बतावें। इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत बड़वानी जिले में दिनांक 01.01.2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में संचालन-संधारण वृत्त बड़वानी को खनिज मद से विद्युतीकरण/24 घंटे बिजली प्रदाय कराने के कार्यों हेतु कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सरकारी जमीन पर बनाई गई झुग्गियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 2909 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर में सरकारी जमींन पर झुग्गियां बनाई गई है? यदि हाँ तो निगम प्रशासन द्वारा सड़क, बिजली, पानी की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है? क्या यह सही है? (ख) भोपाल शहर के पत्रकार भवन के आस-पास पहाड़ियों पर बनी झुग्गियां बनाने की अनुमति किसके द्वारा दी गई है जानकारी एवं स्थापित करने की नियमावली उपलब्ध करावें। (ग) भोपाल शहर में प्रश्न दिनांक तक कितनी झुग्गी बस्तियां बन गई है और शासन द्वारा कितनी बस्तियों में बिजली, पानी, सड़क की सुविधाएं दी जा रही है, कितनी बस्तियों को वैध एवं कितनी बस्तियों को अवैध घोषित किया गया है, सूची उपलब्ध करावें। (घ) शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट के बाद कहां-कहां की झुग्गियां हटाई गई और भदभदा बस्ती के लोगों को कहां आवास आवंटन किया गया है सूचीवार जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गरोठ उज्जैन फोरलेन मार्ग से ग्राम पंचायत ढाबला को जोड़ा जाना
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 3031 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा अंतर्गत निर्माणाधीन गरोठ उज्जैन फोरलेन मार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत ढाबला गुर्जर चुकी सीमावर्ती क्षेत्र राजस्थान से लगी हुई ग्राम पंचायत है, और लगभग 100 से अधिक गांव इस पंचायत से कनेक्टिविटी से जुड़े हुये है? क्या उक्त फोरलेन मार्ग से ग्राम पंचायत ढाबला गुर्जर को जोड़ने पर विभाग विचार करेगा जिससे क्षेत्रवासियों को इसका लाभ होगा। (ख) क्या विभाग उक्त पंचायत को गरोठ उज्जैन फोरलेन मार्ग जोड़ेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित कार्य लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत है, उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
नियमों के विरुद्ध बिल का निर्धारण
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 3146 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विजलेंस म.प्र.प.क्षेत्र वि.वि.कं.लि. इंदौर के कार्यपालन यंत्री श्री डी.एस. राजपूत की पदस्थापना संबंधी संपूर्ण जानकारी देवे एवं उनके विरुद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिला झाबुआ एवं बुरहानपुर में प्रचलित विभागीय जांच की क्या स्थिति है एवं विभागीय जांच क्यों स्थगित की गई है? स्पष्ट प्रतिवेदन देवें? (ख) टैरिफ चेंज होने की स्थिति में टैरिफ डिफरेंट से लिए जाने के क्या नियम बनाए गए हैं बनाए गए नियमों की कॉपी देवें? (ग) दिनांक 22/02/2024 को श्री डी.एस. राजपूत के द्वारा बड़वानी में बनाया गया पंचनामा आई.डी. 163391 की प्रति देवें एवं प्रति देखकर कर बताए कि क्या म.प्र.प.क्षेत्र वि.वि.कं.लि.इंदौर का निर्धारण आदेश 163391 का निर्धारण उपभोक्ता को चोर मानते हुये डबल रेट से किया गया है यदि हाँ तो क्या यह प्रश्नांश (ख) में दिए गए नियमों के अनुसार है या नहीं? (घ) जिला खरगोन एवं बड़वानी में अपने पदस्थापना के दौरान श्री डी.एस. राजपूत के द्वारा ऐसे नियम विरुद्ध कुल कितने प्रकरण बनाए गए हैं क्या शासन ऐसे प्रकरण की जांच के आदेश जारी करेगा या नहीं? (ड.) जांच प्रभावित नहीं हो इस हेतु क्या शासन संबंधित भ्रष्ट अधिकारी को जांच पूर्ण होने तक निलंबित करेगा या नहीं यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर अंतर्गत कार्यरत कार्यपालन यंत्री, श्री डी.एस. राजपूत की पदस्थापना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इनके विरुद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में झाबुआ जिले से संबंधित कोई जांच संस्थित नहीं की गई है तथा इनके बुरहानपुर कार्यकाल में प्रचलित विभागीय जांच कार्यवाही, वर्तमान में पूर्ण हो चुकी है एवं जांचकर्ता अधिकारी की ओर से जांच निष्कर्ष प्रतिवेदन अपेक्षित है। प्रकरण में विभागीय जांच कार्यवाही की प्रक्रिया कभी स्थगित नहीं की गई। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 अनुसार टैरिफ चेंज होने की स्थिति में निर्धारण, उपधारा (5) में विनिर्दिष्ट सेवा के सुसंगत प्रवर्ग के लिये लागू टैरिफ दरों के (दुगने) के बराबर किये जाने का नियम है, जिससे संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) दिनांक 04.01.2024 (दिनांक 22/02/2024 नहीं) को श्री डी.एस. राजपूत के द्वारा बड़वानी में बनाया गया पंचनामा आई.डी. 163391 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त पंचनामा आई.डी. 163391 के विरुद्ध निर्धारण आदेश दिनांक 22.02.2024 उपभोक्ता को चोर मानते हुए नहीं, बल्कि विद्युत का अनाधिकृत उपयोग स्वीकृत टैरिफ श्रेणी औद्योगिक से इतर गैर-घरेलू श्रेणी में विद्युत का उपयोग करते हुए पाये जाने पर उत्तरांश (ख) में दर्शित नियमों के अनुसार ही किया गया है। (घ) जिला खरगोन एवं बड़वानी में अपनी पदस्थापना के दौरान श्री डी.एस. राजपूत के द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से कोई प्रकरण नहीं बनाया गया है, अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ड.) बुरहानपुर से संबंधित प्रचलित विभागीय जांच कार्यवाही वर्तमान में पूर्ण हो चुकी है एवं जांचकर्ता अधिकारी की ओर से निष्कर्ष प्रतिवेदन अपेक्षित है। जांच निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। अत: अन्य कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
नगरपालिका बड़वानी की विविध जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 3147 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुशलसिंह डोडवे मुख्य नगरपालिका अधिकारी बड़वानी नगरपालिका बड़वानी के स्थानान्तरण तथा पदस्थी के प्रत्येक समय के आदेशों की छायाप्रतियां तथा कुशलसिंह डोडवे द्वारा घोषित वर्ष 2012-13 से वर्ष 2022-23 तक अचल सम्पत्ति विषय दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। (ख) 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक नगरपालिका परिषद् बैठक एजेंडा तथा प्रेसिडेंट इन काउंसिल के प्रस्ताव तथा प्रस्ताव के आधार पर किए गए कार्यवाही/कार्यों का विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) 01 जनवरी 2022 से अब तक विद्युत शाखा, उद्यान शाखा तथा स्वच्छता शाखा द्वारा किए गए कार्य तथा क्रय की गई सामग्रियों की प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, निविदा, प्राप्त निविदाओं के साथ संलग्न दस्तावेज, तुलनात्मक पत्रक परिषद से दर स्वीकृत कराने विषयक दस्तावेज, कार्य अनुबंध, उक्त कार्यादेश, इनडेंट, भुगतान वाऊचर की छायाप्रतियां। (घ) नगरपालिका के भण्डार पंजियां तथा जारी की गई सामग्री संबंधी दस्तावेज तथा उपयोग में लाई गई सामग्री को लगाने का स्थान विषयक दस्तावेजों की छायाप्रतियां।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "क" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ख" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ग" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''घ'' अनुसार है।
सौंसर नगर पालिका का विस्तारीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 3168 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत जाम के ग्राम बेलगांव और ग्राम पंचायत कढैया के ग्राम गूजरखेड़ी को नगर पालिका सौंसर में सम्मिलित करने हेतु दिनांक 3 फरवरी 2017 को राजपत्र में प्रकाशन किया गया था? (ख) यदि हाँ तो क्या कारण है कि सौंसर नगर पालिका चुनाव के 2017 और 2022 के चुनावों में उपरोक्त ग्रामों को शामिल नहीं किया गया? (ग) क्या अभी तक इन ग्रामों को ग्राम पंचायतों में ही सम्मिलित माना जा रहा है और यहां के निवासियों को नगर पालिका सौंसर से कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है? (घ) यदि हाँ तो इसका क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) सीमा वृद्धि के अंतिम प्रकाशन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अंतिम प्रकाशन न होने के कारण नगरपालिका चुनाव में ग्रामों को शामिल नहीं किया गया। (ग) एवं (घ) जी नही। उपरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदापुरम से निकलने वाले कचरे का निष्पादन
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 3222 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका नर्मदापुरम से प्रतिदिन निकलने वाले कचरे को किस जगह निष्पादित किया जा रहा है? प्रतिदिन कितना कचरा निकलता है? कचरे का प्रेसिंग कर कौन-कौन से उपयोग किए जा सकते है? (ख) नगर पालिका के ट्रिचिंग ग्राउंड हेतु प्रशासन द्वारा किये गये उपायों की जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका नर्मदापुरम से प्रतिदिन निकलने वाले कचरे को वार्ड नंबर 32 खोजनपुर में निष्पादित किया जाता है। शहर से लगभग 25 टन प्रतिदिन सूखा एवं गीला कचरा उत्सर्जित होता है, जिसमें लगभग 13 टन सूखा कचरा एवं 12 टन गीला कचरा उत्सर्जित होता है। सूखे कचरे की प्रोसेसिंग वार्ड नंबर 32 खोजनपुर में एम.आर.एफ. केन्द्र एवं गीले कचरे की पोसेसिंग वार्ड नंबर 10 बांद्रा बांध रोड मालाखेडी में कंपोस्टिंग प्लांट के माध्यम से किया जाता है। सूखे कचरे से निकलने वाले पॉलिथीन से रोड निर्माण एवं प्लास्टिक के अन्य उपयोगी वस्तु जैसे गमले, बेंच इत्यादि का निर्माण किया जाता है। प्लास्टिक बोतल एवं कांच की बोतल से सौंदर्यीकरण के लिए कार्य किया जाता है। गीले कचरे का प्रसंस्करण कर जैविक खाद का निर्माण किया जाता है, साथ ही मंदिर घाटों से निकलने वाले गीले कचरे फूल माला से अगरबत्ती धूपबत्ती अन्य वस्तु का निर्माण किया जाता है। (ख) ट्रेचिंग ग्राउण्ड में पड़े लीगेसी वेस्ट का वैज्ञानिक तरीके से उपचार हेतु निविदा प्रक्रिया के माध्यम से संस्था एस.आर.मेप टेक्नोलाजी ग्वालियर से अनुबंध कर वर्क ऑर्डर जारी किया जा चुका है। डंप साइट रेमिडिएशन की कार्यवाही प्रचलित है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 3232 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जबलपुर के तहत केन्द्रीय शासन एवं राज्य शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इसमें कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से प्रोजेक्ट पूर्ण है। कौन-कौन से अपूर्ण/निर्माणाधीन, अप्रारंभ हैं एवं क्यों? इनकी निर्माणाधीन अवधि एवं लागत क्या है और इन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2024-25 तक की वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में शहर विकास से संबंधित विशेष महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय कौन-कौन से प्रोजेक्ट पूर्ण हो चुके है। इन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से प्रोजेक्ट असफल, अनुपयोगी एवं दिखावा मात्र सिद्ध हुये हैं एवं क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में आर.एफ.आई.डी. चिप कटंगा से गौरीघाट तक लगभग 5 कि.मी. एन.एम.टी. (नानमोट राइज्ड्र ट्रेक) स्मार्ट सड़के, मल्टीलेवल पार्किंग, सोलर डस्टबिन कल्चरल स्ट्रीट आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। वर्तमान में इन प्रोजेक्ट की क्या स्थिति हैं? बतलावें? (घ) क्या शासन अधिकारियों की अदूरदर्शिता से शासकीय राशि की बर्बादी, दुरूपयोग करने एवं भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जबलपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत केन्द्रीय शासन से राशि रूपये 490 करोड़ एवं राज्य शासन से राशि 500 करोड़ रूपये आवंटित की गई है, जिसमें से केन्द्रीय शासन की राशि रूपये 490 करोड़ एवं राज्य शासन की 490.15 करोड़ रूपये का व्यय हुआ है। पूर्ण किये गये प्रोजेक्ट एवं लागत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की अवधि, लागत, व्यय, राशि की वर्षवार जानकारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय प्रोजेक्ट की सूची एवं व्यय हुई राशि की जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा किये गये समस्त कार्य स्मार्ट सिटी प्रस्ताव एवं संचालक मंडल से स्वीकृत कर क्रियान्वित किये गये हैं जिनकी समय-समय पर केन्द्र/ राज्य द्वारा एवं शहर स्तर पर परामर्श समिति के माध्यम से समीक्षा की जाती है। इनमें से कोई भी परियोजना असफल एवं अनुपयोगी नहीं है, शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा आर.एफ.आई.डी. चिप, कटंगा से गौरी घाट तक लगभग 5 कि.मी., एन.एम.टी. (नॉनमोटराइज्डट्रेक), स्मार्ट सड़के, मल्टीलेवल पार्किंग आदि पूर्ण प्रोजेक्ट, व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा सोलर डस्टबिन पर कोई भी राशि व्यय नहीं की गई है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा कल्चरल स्ट्रीट का निर्माण नहीं किया गया है। वर्तमान में इन प्रोजेक्ट की स्थिति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा स्मार्ट सिटीज मिशन गाइडलाइन एवं तत्कालीन परिस्थिति अनुरूप नियोजित कार्य सक्षम स्वीकृति उपरांत क्रियान्वित किये गए है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पौधारोपण की जानकारी
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 3238 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर-भोपाल एन.एच.-12 जबलपुर से नरसिंहपुर सीमा तक लगभग 60 कि.मी. फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य हेतु सड़क के दोनों ओर लगे कितने पेड़ों की कटाई किस कम्पनी/एजेन्सी से किन शर्तों पर कितनी राशि में कराई गई है? (ख) ठेका एजेंसी/कम्पनी ने शर्तों के तहत भेड़ाघाट बायपास से शहपुरा बेलखेड़ा होकर हिरन नदी (नरसिंहपुर) सीमा तक किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का रोपण कराया गया है? इनकी सुरक्षा, देखभाल सिंचाई आदि की क्या व्यवस्था की गई? ठेका एजेंसी/कम्पनी को कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) वर्तमान में रोपित कितने प्रतिशत पौधे जीवित है। इन पौधों की क्या स्थिति है? इसकी जांच कब किसने की है? क्या शासन पेड़ों की कटाई व पौधा रोपण में भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी एजेंसी व अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। बाधक वृक्षों को काटने की अनुमति एवं शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वर्तमान में रोपित कुल पौधों में से लगभग 2 प्रतिशत पौधे जीवित है। जीवित पौधों की स्थिति अच्छी है। परियोजना प्रबंधक द्वारा दिनांक 05.07.2024 को निरिक्षण किया गया है। मार्ग वर्तमान में संविदाकार के गुण-दोष दायित्व के अंतर्गत है, संविदाकार को पुनः स्वीकृति के आधार पर मृत पौधों के स्थान पर नवीन पौधा रोपण करने हेतु निर्देशित किया गया है, पेड़ों की कटाई एवं पौधा रोपण में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, अतः किसी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध राशि व्यय करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 3338 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के नगर पालिक निगम शहडोल सहित अन्य नगर पंचायतों के राज्य शासन द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि किन मदों में व्यय बाबत् प्राप्त हुई का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि कितनी निर्माण कार्यों बाबत् प्राप्त हुई एवं कितनी अन्य कार्यों हेतु का विवरण पृथक से देते हुये बतावें कि क्या राशियों का उपयोग मदवार किया गया अथवा नहीं इसका सत्यापन कराने के निर्देश देंगे। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में निजी साधनों द्वारा कितना राजस्व किन-किन माध्यमों से, कितना प्राप्त हुआ का विवरण वर्षवार देते हुये बतावें कि उपरोक्त राशि का व्यय कब-कब, कहां, किन-किन कार्य हेतु किया गया का विवरण वर्षवार देवें। यह भी बतावें कि राशि का व्यय शासन के मापदण्डों का पालन कर किया गया अथवा नहीं। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि का प्रश्नांश (ख) अनुसार न करने दूसरों मदों में शासन के निर्देशों से हटकर किया गया इसकी जांच बाबत् क्या निर्देश देंगे साथ ही प्रश्नांश (ग) की राशियों का भी मनमानी उपयोग कर गबन किया गया निर्माण कार्य हेतु प्राप्त राशियों का निर्माण कार्यों में व्यय की स्थिति का विवरण एवं कार्यों का भौतिक स्थितियां बतावें। इस अनियमितता के लिये जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं निर्माण कार्य समय पर पूरा न कराने वालों पर क्या निर्देश देंगे यह भी बतावें। अगर नहीं तो क्यों।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) कार्यालय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल संभाग शहडोल के आदेश क्रमांक 1114 दिनांक 10.07.2024 से जांच कमेठी का गठन किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युत सामग्री खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 3373 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद वारासिवनी द्वारा वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक 100, 150 एवं 200 वॉट के कितने-कितने फ्लड लाईटों की खरीदी, किस-किस माध्यम से, कितनी-कितनी राशि की, की गई और उक्त फ्लड लाईट नगर में किन-किन स्थानों पर लगाई गई है? जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त खरीदी में मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 का पालन किया गया? यदि नहीं तो क्या शासन द्वारा संबंधितों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर जांच करवाई जावेगी? (ग) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने सी.एफ.एल. बल्बों की खरीदी किस-किस माध्यम से कब-कब, कितनी-कितनी संख्या में और कितनी-कितनी राशि की, की गई? मय दस्तावेज सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक सीएफएल बल्बों की खरीदी नहीं की गयी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 7 वें वेतनमान का लाभ
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 3374 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के न्यूनतम का लाभ दिये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) बालाघाट जिले में वर्ष 1978 से प्रश्न दिनांक तक विभाग अंतर्गत कार्यरत/सेवानिवृत्त/ मृत दैनिक वेतनभोगी/ स्थायी कर्मी की सूची उपलब्ध कराएं। (ग) क्या विभाग द्वारा दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को वर्गीकृत करने के निर्देश हैं? यदि हाँ तो जबलपुर संभाग के किसी भी कर्मी को वर्गीकृत क्यों नहीं किया गया है? क्या प्रकरण की जांच कर वर्गीकरण की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (घ) क्या दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के वर्गीकरण करने के कार्य में लापरवाही बरतने के जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपिस्थत नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
20 हाऊस होल्ड योजना
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 3398 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में 20 मकानों से अधिक के समूहों को विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु P.V.G.T. योजना प्रारम्भ की गई है? (ख) यदि हाँ तो बैतूल विधानसभा में कितने समूह चयनित किये गये हैं? चयनित समूह में से कितने समूह को उक्त योजना का लाभ दिया गया है? (ग) क्या सभी चयनित समूहों को लाभ दिया जायेगा एवं कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से असुरक्षित जनजातीय समूहों की सामाजिक आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पी.एम. जनमन) की शुरूआत की गई है। अभियान का उद्देश्य विशेष रूप से असुरक्षित जनजातीय समूहों (पी.वी.टी.जी.) को उनके मूलभूत अधिकारों और बस्तियों को पूरी तरह से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उक्त अभियान के अंतर्गत अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के साथ पी.वी.टी.जी. समूहों की बस्तियों/घरों का विद्युतीकरण भी सम्मिलित है, जिसमें बस्ती/समूह में विद्यमान घरों की संख्या का कोई प्रतिबंध नहीं है। प्रदेश की 3 जनजातियां, यथा-भारिया, बैगा एवं सहरिया, को पी.वी.टी.जी. समूह में शामिल किया गया है। (ख) वर्तमान में पी.वी.टी.जी. योजनांतर्गत बैतूल विधानसभा क्षेत्र में कोई समूह विद्युतीकरण हेतु चयनित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर अतिक्रमण
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 3411 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में स्थानीय मार्ग/राजमार्ग हो सभी मार्गों पर उनकी भूमि पर तारों की बाढ़ लगाकर या बागड़ लगाकर अतिक्रमण किया गया है? (ख) क्या बम्हौरी से मोहनगढ़ मार्ग पर लगातार या तो नालियां बनाकर अतिक्रमण किया गया है या बागड़ लगाकर या कटीले तार लगाकर डामरीकरण कर दोनों ओर पटरियों पर अतिक्रमण है? यदि नहीं तो मौके की जांच कराकर सत्यापन करें। (ग) कब तक प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अतिक्रमण की जांच करवाकर अतिक्रमणकर्ताओं की सूची प्रस्तुत की जावेगी और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी, विस्तृत विवरण दें? (घ) ग्राम पंचायत बिंदारी एवं ग्राम पंचायत बरेठी में सड़क की पटरियों पर पंचायत के विकास की राशि लगाकर नालियों का निर्माण कर दिया, शिकायतों के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की, ऐसा क्यों? कब तक दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। कुछ मार्गों में किए अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अतिक्रमणकर्ताओं की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार रा.रा. अंतर्गत अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। जी नही। अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग टीकमगढ़ द्वारा अतिक्रमणकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विगत 5 वर्ष में जिले में कार्यपालन यंत्री न होना
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 3412 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में विगत 5 वर्ष में योग्यताधारी कार्यपालन यंत्री पदस्थ नहीं रहा है वरन उनके विरूद्ध सहायक यंत्रियों को प्रभार रहा है। जिन्होंने अनेको कार्य नियम विरूद्ध किये है? (ख) विगत 10 वर्ष के पदस्थ कार्यपालन यंत्रियों के नाम योग्यता सहित बतावें? यह भी बतावें कि इनके द्वारा कुल कितने कार्य टेण्डरों और कितने कार्यों के वर्क ऑर्डर देकर किनसे कब कराये गये, टेण्डरधारी एवं वर्कऑडरधारी व्यक्ति का नाम व पता व एक ही व्यक्ति द्वारा कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन कार्य कराये गये विस्तृत जानकारी दें? (ग) क्या श्री आर.के विश्वकर्मा कार्यपालन यंत्री के पद पर अयोग्य होने के बाद भी पदस्थ रहे और इन्होंने अनेको करोड़ रूपये भ्रष्टाचार द्वारा अपने चहेतो को शासकीय वर्क देकर कागजी खानापूर्ति कर हड़प लिए, यदि नहीं तो इनके संपूर्ण कार्यकाल के कार्यों का सत्यापन कराया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित सत्यापन कब तक कराकर अयोग्यताधारी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी, समय-सीमा बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले में विगत 05 वर्षों से योग्यताधारी प्रभारी कार्यपालन यंत्री पदस्थ हैं। जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यालय हेतु नवीन भवन निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 3469 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या नगर पालिका पन्ना व नगर परिषद अजयगढ़ का कार्यालय वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण हो चुके कई साल पुराने भवनों में संचालित हो रहा है? यदि हाँ तो इन जीर्ण-शीर्ण पुराने भवनों में दुर्घटना से बचने हेतु कार्यालयों को नवीन भवनों में संचालित किया जावेगा। यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : नगर पालिका पन्ना का कार्यालय भवन लगभग 75 वर्ष पुराना है, साथ ही पर्याप्त नहीं है। नवीन कार्यालय भवन के लिए भूमि चयन की कार्यवाही प्रचलित है। नगर परिषद अजयगढ़ का कार्यालय नवीन भवन में संचालित है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड जबलपुर द्वारा नगर विकास के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 3500 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी लिमिटेड जबलपुर द्वारा स्थापना से अब तक कितने प्रोजेक्ट स्वीकृत किये गये? उनकी प्रारंभिक लागत राशि/अवधि कितनी निर्धारित थी? कितने प्रोजेक्ट निर्धारित अवधि में बिना एक्सटेंशन के पूर्ण किये गये? कौन-कौन से किन-किन कार्यों/प्रोजेक्टों में कितनी-कितनी समय वृद्धि दी गयी? कितनी-कितनी राशि के पुनरीक्षित राशि के प्राक्कलन स्वीकार किये गये? कार्य/प्रोजेक्टवार जून 2024 की स्थिति में जानकारी दें? (ख) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के नेताजी सुभाष चंद्र बोस कन्वेन्सन सेंटर की निविदा कब एवं कितनी अवधि के लिये कितनी राशि की स्वीकृत की गई थी? अब तक उक्त कार्य हेतु कितनी बार कितनी-कितनी राशि के पुनरीक्षित प्राक्कलन स्वीकृत किये गये? आयटमवार, मात्रावार राशि सहित प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें? उक्त निर्माण कार्य पर अब तक कितना व्यय भुगतान किया जा चुका है? कितना निर्माण कार्य एवं भुगतान लम्बित है? उक्त निर्माण कार्य में विलंब एवं निर्माण राशि बढ़ने के लिये दोषी हैं? (ग) उपरोक्त कन्वेंशन सेंटर के निर्माण में Non SOR के किन-किन आयटमों पर कितनी मात्रा के लिये कितना-कितना भुगतान अब तक किया जा चुका है? कितना लम्बित है? आयटमवार प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) स्मार्ट सिटी लिमिटेड जबलपुर द्वारा स्थापना से अब तक 116 प्रोजेक्ट स्वीकृत किये गये। उनकी प्रारंभिक निर्धारित लागत राशि एवं अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। 33 प्रोजेक्ट निर्धारित अवधि में बिना एक्सटेंशन के पूर्ण किये गये। प्रोजेक्टवार समय वृद्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। प्रोजेक्टवार पुनरीक्षित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ख) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के नेताजी सुभाष चंद्र बोस कल्चर एवं इनफार्मेशन सेंटर की निविदा क्रमांक JSCL/2017/885/ADM/75 दिनांक 30/12/2017 को आमंत्रित की गयी। इस कार्य के लिए 18 माह की समयावधि के साथ राशि रूपये 58,76,00.000 (जीएसटी रहित) को स्वीकृत किया गया। उक्त कार्य हेतु प्रथम पुनरीक्षित प्राक्कलन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक दिनांक 09/03/2021 में राशि रूपये 68,28,64,776.00 (जीएसटी रहित) का स्वीकृत किया गया। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक दिनांक 05/01/2023 में द्वितीय पुनरीक्षित प्राक्कलन की स्वीकृति आयटमवार, मात्रावार राशि सहित स्वीकृति प्राप्त कर की गई। द्वितीय पुनरीक्षित प्राक्कलन में परियोजना की कुल लागत में कोई भी वृद्धि नहीं हुई। आयटमवार, मात्रावार चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– ''द" अनुसार है। उक्त निर्माण कार्य में आज दिनांक तक किया गया कुल भुगतान राशि रु. 67,21,46,601.00 (जीएसटी रहित) है एवं लंबित भुगतान राशि रुपये 1,07,18,175.00 (जीएसटी रहित) है। इस परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उक्त निर्माण कार्य में मौके पर नगर निगम के कार्यालय, दुकानें, शासकीय भवन, शाला आदि स्थित थे जिससे निर्माण हेतु साईट क्लीयरेंस में विलम्ब, आवश्यकता अनुसार सिविल स्ट्रक्चरलरी डिजाइन, कोविड महामारी के कारण कुशल श्रमिक की अनुपलब्धता, वर्षा ऋतु आदि कारण से विलम्ब हुआ, उससे निर्माण कार्य की राशि में बढ़ोत्तरी हुई, जिसके सम्बन्ध में समय-समय पर नियमानुसार सक्षम स्वीकृतियां ली गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नेताजी सुभाष चंद्र बोस कल्चर एवं इनफार्मेशन सेंटर के निर्माण में NonSOR के आयटमों की मात्रा, किया गया भुगतान, लम्बित मात्रा एवं भुगतान की आयटमवार प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ई" अनुसार है।
उपभोक्ताओं को दुगने-चारगुने विद्युत देयक भेजे जाना
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 3501 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बरगी विधानसभा क्षेत्र के वितरण केन्द्रवार कितने उपभोक्ताओं का सामान्य एवं एवरेज बिजली बिल 1000 से अधिक के विद्युत देयक विगत 3 माह से प्रतिमाह भेजे जा रहे हैं? वितरण केन्द्रवार जानकारी दें? क्या उपरोक्त में से अधिकांश उपभोक्ताओं के घरों में 2 ट्यूबलाइट एवं एक-दो पंखे/ कूलर चलते हैं? उपरोक्त उपभोक्ताओं में से 4 माह पूर्व तक रू. 400-500 के विद्युत बिल आते थे? घरेलू विद्युत बिल दुगने या चारगुने होने के क्या कारण हैं? क्या उपभोक्ताओं को सही विद्युत देयक विद्युत भार के अनुरूप भेजे जावेंगे? ताकि ग्रामीणों को बिजली बिल सुधरवाने विभागीय कार्यालयों के चक्कर न लगाना पड़े।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत बरगी विधानसभा क्षेत्र के वितरण केन्द्रों के अंतर्गत विगत तीन माह की अवधि में 3669 उपभोक्ताओं को उनकी वास्तविक विद्युत खपत (सामान्य) के आधार पर राशि रूपये 1000/- से अधिक के विद्युत देयक प्रतिमाह दिये गये हैं एवं 968 उपभोक्ताओं को औसत (एवरेज) खपत के आधार पर राशि रूपये 1000/- से अधिक के विद्युत देयक प्रतिमाह दिये गये हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में उपयोग में आने वाले विद्युत उपकरणों की जानकारी वितरण कंपनी द्वारा संधारित नहीं की जाती। उल्लेखनीय है कि सर्दी के मौसम में सामान्यतः विद्युत का उपयोग कम होने से काफी संख्या में घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के बिल 150 यूनिट से कम आने के कारण उन्हें अटल गृह ज्योति योजना अंतर्गत अनुदान प्राप्त होने के कारण कम राशि के विद्युत देयक देय होते हैं। विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा सर्दी के मौसम की तुलना में गर्मियों के मौसम में सामान्यतः विद्युत का अधिक उपयोग किया जाता है, जो अक्सर 150 यूनिट से अधिक हो जाता है जिससे विद्युत उपभोक्ता अटल गृह ज्योति योजना अंतर्गत पात्र नहीं रहते व उन्हें अधिक राशि के विद्युत देयक देय होते है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विद्युत उपभोक्ताओं को उनके परिसर में स्थापित विद्युत मीटर में दर्ज विद्युत की वास्तविक खपत एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के तहत ही विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। कतिपय प्रकरणों में किसी कारणवश त्रुटिपूर्ण विद्युत देयक जारी हो जाने पर विद्युत उपभोक्ता वितरण कंपनी के कॉल सेंटर नम्बर 1912 पर विद्युत बिल संबंधी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिसका निराकरण निर्धारित समयावधि में किया जाता है एवं उपभोक्ता को उनके रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर बिल सुधार संबंधी सूचना दी जाती है। उपभोक्ता को वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है।
सड़क निर्माण में गौण खनिज का उपयोग
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 3509 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल से हरदा एवं बैतूल से नर्मदापुरम के बीच में बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग में प्रश्नांकित दिनांक तक कितना-कितना गौण खनिज का उपयोग किया गया है। सड़क निर्माण के अनुबंधकर्ता द्वारा कितने गौण खनिज के उपयोग की जानकारी खनिज विभाग को प्रश्नांकित दिनांक तक उपलब्ध करवाई गई है। (ख) सड़क निर्माण में गौण खनिज के उपयोग, गौण खनिज की रायल्टी भुगतान के संबंध में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को किस अवधि में कौन सी जानकारी जिला खनिज कार्यालय में प्रस्तुत करनी चाहिए, हरदा एवं होशंगाबाद के राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में कितने खनिज के उपयोग एवं कितनी रायल्टी भुगतान की जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक एन.एच.आई. के द्वारा दी गई है। (ग) मार्ग निर्माण में उपयोग कर लिए गौण खनिज की रायल्टी से संबंधित जानकारी संकलित कर रायल्टी वसूली की कार्यवाही कब तक की जावेगी समय-सीमा सहित बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित राष्ट्रीय राजमार्ग प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 3520 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिला अंतर्गत कलेक्टर ऑफिस चौराहे से पीलियाखाल होते हुए नर्मदापुरम मुख्य मार्ग तक नगर पालिका हरदा द्वारा सड़क मार्ग निर्माण कार्य किया जा रहा है। यह किस योजना अंतर्गत किया जा रहा है एवं इसके लिए कुल कितना बजट प्राप्त हुआ है। (ख) यह किस-किस विभाग द्वारा कितने-कितने कि.मी. बनाया जा रहा है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक/410-411/विधायक हरदा/21/2024 हरदा दिनांक 23/05/2024 के माध्यम से उक्त सड़क मार्ग कार्य में भ्रष्टाचार एवं पत्र क्रमांक/414-415/विधायक हरदा/21/2024 हरदा दिनांक 23/05/2024 के माध्यम से हरदा नगर में जे.सी.बी. द्वारा कराये गए कार्यों में भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत की गई थी। उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई सम्पूर्ण कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, उक्त सड़क मार्ग निर्माण कार्य मंडी बोर्ड अंतर्गत किसान सड़क निधि मद से डिपाजिट वर्क के रूप में राशि रूपये 334.54 लाख का स्वीकृत है जिसकी निर्माण एजेंसी म.प्र. लोक निर्माण विभाग तथा नगर पालिका निधि से राशि रूपये 37.02 लाख का कार्य किया जा चुका है। (ख) लोक निर्माण विभाग, हरदा द्वारा 1.50 कि.मी. एवं नगर पालिका हरदा द्वारा 600 मीटर सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांकित पत्रों पर कलेक्टर कार्यालय जिला-हरदा द्वारा कार्यवाही प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 3522 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिला अंतर्गत वितरण कंपनी में शासन की अधोसंरचना की क्या-क्या योजना चल रही है। विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार हरदा जिले में कितने 33/11 के.व्ही. सब स्टेशन स्वीकृत है और कब से है, इनकी वर्तमान स्थिति क्या है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या समस्त 33/11 के.व्ही. सब स्टेशन का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। यदि नहीं तो समय पर पूर्ण नहीं होने के क्या कारण है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार 33/11 के.व्ही. सब स्टेशन का कार्य समय पर पूर्ण नहीं होने के क्या कारण है एवं दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की गई है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) हरदा जिला अंतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में वर्तमान में विद्युत अधोसंरचना निर्माण कार्यों से संबंधित राज्य शासन की वित्त पोषित एस.टी.डी.डी. योजना एवं केन्द्र शासन की वित्त पोषित आर.डी.एस.एस. योजना संचालित है, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में हरदा जिले में एस.एस.टी.डी. योजना अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के 4 नवीन विद्युत उपकेन्द्र एवं आर.डी.एस.एस. (लॉस रिडक्शन) योजना अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के 3 नवीन विद्युत उपकेन्द्र, इस प्रकार 33/11 के.व्ही. के कुल 7 नवीन विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत है। उक्त नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्वीकृति दिनांक एवं वर्तमान स्थिति का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृत 33/11 के.व्ही. के 3 विद्युत उपकेंद्रों में से 2 उपकेंद्रों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं 1 उपकेन्द्र का कार्य प्रगति पर है। एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत स्वीकृत 33/11 के.व्ही. के 4 विद्युत उपकेंद्रों के निर्माण कार्य, वर्तमान में भूमि आवंटन की कार्यवाही लंबित/प्रक्रियाधीन होने के कारण, प्रारंभ नहीं किये जा सके हैं। तथापि शेष रहे विद्युत उपकेन्द्रों के कार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु निर्धारित समयावधि शेष है। उक्त नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि एवं कार्य की वर्तमान स्थिति का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र –ब अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
स्वीकृत एवं निर्माणाधीन सड़कों की जानकरी
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 3544 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला देवास अंतर्गत सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी सड़के स्वीकृत हुई है एवं कुल कितनी सड़के निर्माणाधीन है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन सड़कों की सूची उपलब्ध करवायें निर्माणाधीन सड़कों का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन सड़कों की एजेंसियां कौन-कौन है एवं एजेंसियों के नाम की सूची भी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड द्वारा भी सड़क का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ तो सड़कों का नाम, लंबाई एवं लागत की जानकारी प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) कुल 64 सड़के स्वीकृत। 05 सड़के निर्माणाधीन है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत प्रदाय एवं टेरिफ की जानकारी
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 3545 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले में अ.जा./अ.ज.जा. श्रेणी के एक हेक्टेयर तक जोत सीमा वाले किसानों के सिंचाई पम्पों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जाता है? (ख) देवास जिले की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित श्रेणी के कृषकों को सिंचाई हेतु कितने विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं? हितग्राहियों की संख्या बतावें। (ग) इनमें से कितने किसानों को सिंचाई कनेक्शन के बिल दिये जा रहे हैं तथा उन पर कितनी राशि बकाया है? (घ) जिला देवास अंतर्गत विद्युत विभाग द्वारा भेजे जाने वाले देयकों (बिजली बिल) में घरेलु विद्युत कनेक्शन एवं व्यवसायिक विद्युत कनेक्शन का टेरिफ क्या है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा देवास जिला सहित सम्पूर्ण प्रदेश में 1 हेक्टेयर तक भूमि एवं 5 हार्सपॉवर तक के कृषि पंप वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कृषकों को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) देवास जिले की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसूचित जाति श्रेणी के कृषकों को कुल 4813 विद्युत कनेक्शन तथा अनुसूचित जनजाति श्रेणी के कृषकों को कुल 5552 विद्युत कनेक्शन, इस प्रकार कुल 10365 विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में नि:शुल्क विद्युत प्रदाय श्रेणी के कृषकों को सिंचाई प्रयोजन के देयक जारी नहीं किये जा रहे हैं। नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन होने के कारण बकाया राशि होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) देवास जिले सहित सम्पूर्ण प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा, घरेलू एवं व्यवसायिक विद्युत कनेक्शनों हेतु, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश अनुसार विद्युत देयक दिये जा रहे हैं, जिससे संबंधित पृष्ठों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अटल आश्रय योजनांतर्गत आवासीय परिसर का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 3560 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस एवं बदरवास नगरों में अटल आश्रय योजनांतर्गत आवासीय परिसरों के निर्माण हेतु हाउसिंग बोर्ड के नाम पर भूमि का आवंटन हो चुका है, यदि हाँ तो भूमि आवंटन होने के उपरांत से उक्त दोनों नगरों में नवीन आवासीय भवनों एवं परिसरों के निर्माण की स्वीकृति हेतु वर्तमान में क्या कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि है तो सम्पूर्ण विवरण सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कोलारस एवं बदरवास में अटल आश्रय योजनांतर्गत हाउसिंग बोर्ड द्वारा आवासीय भवनों एवं परिसरों के निर्माण की स्वीकृति हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? अब तक की गई कार्यवाही के समस्त दस्तावेज विस्तृत विवरण सहित उपलब्ध करावें तथा स्पष्ट जानकारी दें कि कोलारस एवं बदरवास में अटल आश्रय योजनांतर्गत आवासीय भवन एवं परिसर के निर्माण की स्वीकृति कब तक कर दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. शासन, राजस्व विभाग द्वारा पूर्व में प्रभावशील परिपत्र/निर्देश को अधिक्रमित करते हुए दिनाक 27.09.2020 को "म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020" जारी किये गये हैं। अतः अटल आश्रय योजनांतर्गत ई.डब्ल्यू.एस. एवं कमजोर आय वर्ग के लिए शासकीय भूमि रियायती दर पर राजस्व विभाग से प्राप्त होने के पश्चात ही आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका नरसुल्लागंज जिला सीहोर में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 3590 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय निकाय द्वारा नगर पालिका नसरूल्लागंज जिला सीहोर के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कौन-कौन सी योजना स्वीकृत की गई है तथा किस योजना का कार्य कब प्रारंभ हुआ तथा किस दिनांक को समाप्त हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ठेकेदार का नाम संबंधित नगर पालिका अधिकारी का नाम जिसके अधीनस्थ काम किया गया हो कार्य की कुल राशि तथा भुगतान की गई राशि सहित बताये। नगरीय निकाय द्वारा स्वीकृत कार्य में से नगर पालिका द्वारा क्या कार्य किया गया? (ग) नसरूल्लागंज जिला सीहोर में पिछले 03 वर्षों में कितने कार्य पूर्ण हो चुके तथा कितने शेष है कुल भुगतान की गई राशि की जानकारी देवें। (घ) नसरूल्लागंज जिला सीहोर नगर पालिका में पिछले 03 वर्षों में ऑडिट में कितने प्रकरण में अधिक भुगतान किया गया कितने प्रकरण में वसूली कम की गई तथा अन्य किस-किस प्रकार की अनियमितता पाई गई उसकी सूची तथा निराकरण की जानकारी देवें। कौन-कौन सी योजना के तहत कितने काम है उसकी डिजाईन और ड्राईंग के साथ कितना क्या काम हो रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ'अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) विगत 03 वर्षों में निकाय का ऑडिट नहीं होने से जानकारी निरंक है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' में उल्लेखित समस्त कार्य स्वीकृत ड्राईंग डिजाईन अनुसार किये जा रहे है।
ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
48. ( क्र. 3635 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में विगत 04 वित्तीय वर्षों में सिंचाई हेतु 5% अथवा 3% सुपरविजन योजनान्तर्गत कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गये है? वृत्तवार, संभागवार, वितरण केंद्रवार एवं वित्तीय वर्षवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थापनाओं में प्रयुक्त सामग्री प्राक्कलन अनुसार उचित गुणवत्ता की लगायी गयी है अथवा नहीं? इसकी जांच किस अधिकारी द्वारा कब की गयी? अधिकारी का नाम सहित जानकारी दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें? उक्त अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट एवं उनके अभिमत के दस्तावेज देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में की गयी स्थापनाओं की क्रॉस चेकिंग वृत्त कार्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय के किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब की गयी? अधिकारियों के नाम एवं दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें? साथ ही उक्त अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट तथा उनके द्वारा दिए अभिमत की रिपोर्ट भी उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित अधिकारियों के द्वारा जांच ठीक प्रकार से की गयी है? क्या विगत 04 वित्तीय वर्षों में प्रश्नांकित योजना के संबंध में विभाग के पास अनियमितता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या विभाग स्वत: संज्ञान लेकर उक्त संबंध में अनियमितताओं की जांच करेगा तथा दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा, यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रान्तर्गत कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में विगत 04 वित्तीय वर्षों में सिंचाई हेतु 5% अथवा 3% सुपरविजन योजनांतर्गत कुल 547 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी वृत्तवार, संभागवार, वितरण केंद्रवार एवं वित्तीय वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्यों में प्रयुक्त सामग्री संबंधित विद्युत ठेकेदार द्वारा स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार ही उचित गुणवत्ता की लगायी गई है। संबंधित वितरण केंद्र पर तत्समय पदस्थ वितरण केंद्र प्रभारी द्वारा उक्त कार्यों के क्रियान्वयन के समय मौका निरीक्षण कर, प्राक्कलन के अनुसार विद्युत सामग्री उपयोग होने तथा गुणवत्ता की जांच की गई है, जो कि स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार तथा उचित मानक स्तर एवं गुणवत्ता की पाई जाने के कारण किसी प्रकार की पृथक से जांच रिपोर्ट का निर्माण नहीं किया गया। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किये गये कार्यों के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: उच्च कार्यालय (वृत्त कार्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय) के अधिकारियों द्वारा जांच (क्रॉस चेकिंग) नहीं की गयी है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 3639 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कालापीपल के नगरीय क्षेत्र पोलायकलां में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल द्वारा योजना का टेन्डर कब निकाला गया, टेन्डर किस ठेकेदार को हुआ, ठेकेदार द्वारा अनुबंध कब किया गया तथा ठेकेदार द्वारा योजना का कार्य पूर्ण करने समयावधि कब तक की थी तथा ठेकेदार द्वारा किए गए कार्यों के सत्यापन हेतु किस विभाग को एजेंसी बनाया था? जानकारी देवें। (ख) क्या नगर परिषद पोलायकलां मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्तर्गत कौन-कौन से कार्य होना प्रस्तावित है, घटकवार लागत राशि सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक कुल कार्य पूर्ण हो चुके है, कितने अधूरे है? कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? ठेकेदार को कुल कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार नगरीय क्षेत्र पोलायकलां में पेयजल योजनान्तर्गत ठेकेदार द्वारा अनुबंध अनुसार समयावधि कार्य पूर्ण नहीं करने पर तथा योजना के कार्यों में धीमी प्रगति एवं लापरवाही से कार्य पर मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें। (ड.) शासन की महत्वपूर्ण योजनाएं जैसे कायाकल्प अभियान, विशेष निधि एवं मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना चतुर्थ चरण अंतर्गत होने वाले निर्माण ठेकेदार द्वारा पाईप लाईन नहीं डालने के कारण रूके होने के संबंध में लगातार नगर परिषद पोलायकलां द्वारा मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को किये गये पत्राचार के विरूद्ध विभाग द्वारा ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पोलायकलां नगर परिषद क्षेत्र में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है अपितु पोलायकलां नगर में म.प्र. शहरी सेवा उन्नयन परियोजना (MPUSIP) स्वीकृत की गई तथा योजना का टेंडर दिनांक 04.06.2018 को निकाला गया तथा उक्त जलप्रदाय योजना का कार्य मेसर्स तापी प्रीस्ट्रेस्ड प्रोडक्ट लिमिटेड एंड मेसर्स जैन इंजीनीयरिंग वर्क्स (जोवि) को अवार्ड किया तथा अनुबंध दिनांक 05/03/2021 को निष्पादित किया गया। अनुबंधानुसार योजना का कार्य दिनांक 24.07.2023 तक पूर्ण किया जाना था तथा कार्यों का क्रियान्वयन हेतु म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड को एजेंसी बनाया गया है। (ख) पोलायकलां जलप्रदाय योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) पोलायकलां जलप्रदाय योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कार्य प्रगति व संबंधित ठेकेदार को किये गये भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के आदेश क्र. PMU/ENGG/3C/2024/423, भोपाल दिनांक 16/01/2024 अनुसार संविदाकार को प्रथम समय वृद्धि दिनांक 31.12.2024 तक प्रदान की गई है तद्नुसार योजना को पूर्ण किए जाने हेतु दिनांक 30/06/2024 से 184 दिन शेष है तथा संविदाकार द्वारा धीमी कार्य प्रगति के कारण कार्यालयीन पत्र PIU/UJN/3C/2023/974 दिनांक 25/07/2023 को "Notice to correct" मुख्यालय के पत्र क्रमांक PMU/ENGG/3C/2023/8499 भोपाल दिनांक 10/10/2023 द्वारा ठेका समाप्ति नोटिस जारी किया गया है यदि संविदाकार द्वारा उक्त समयावधि में शेष कार्य पूर्ण नहीं किया जाता है तो अनुबंधानुसार संविदाकार पर पेनाल्टी एवं ठेका समाप्ति/काली सूची में डाली जाने इत्यादि कार्यवाही की जावेगी। (ड.) शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं कायाकल्प अभियान विशेष निधि, मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना अंतर्गत स्वीकृत सड़कों पर जलप्रदाय संबंधित समस्त कार्यों में विलंब हेतु संविदाकार को कार्यालयीन पत्र क्रमांक PIU/UJN/3C/ 2023/1353 दिनांक 03/11/2023, क्रमांक PIU/UJN/3C/2023/1326 दिनांक 30/10/2023, PIU/UJN/ 3C/2023/1236 दिनांक 03/10/2023, PIU/UJN/3C/2023/1199 दिनांक 18/09/2023 व PIU/UJN/3C/ 2023/1170 दिनांक 15/09/2023 के माध्यम से शीघ्र कार्य पूर्ण किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है तथा 1 लाख की पेनल्टी भी अधिरोपित की गई है।
सीधी में बहरी नगर पंचायत का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 3648 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सिहावल अन्तर्गत सीधी जिले में बहरी, अमिलिया एवं सिहावल तथा सिंगरौली जिले में देवसर में नगर पंचायत गठन की कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) यदि हाँ तो नगर पंचायतों के लिये सीमा क्षेत्र निर्धारण का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) कब तक नगर पंचायत गठन की कार्यवाही पूर्ण कर नगर पंचायत की स्वीकृति प्रदान की जावेगी, समय-सीमा बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत सुविधाओं की मांग
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 3670 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी विधानसभा अंतर्गत प्रत्येक घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है? यदि नहीं तो ग्राम पंचायतवार ऐसे परिवारों की जानकारी दें, जहां बिजली कनेक्शन नहीं हो पाया है या अन्य कारणों से विद्युत प्रदाय नहीं हो पा रहा है? (ख) क्या सीधी विधान सभा में आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं हो पा रहे है? यदि नहीं तो क्यों एवं जिन स्थानों में विद्युत लोड बढ़ गया है वहां ट्रांसफार्मर बदल कर अधिक क्षमता वाले ट्रांसफार्मर कब तक उपलब्ध हो जायेंगे? (ग) क्या सीधी विधानसभा अंतर्गत विद्युत वितरण केन्द्र खाम्ह एवं विद्युत वितरण केन्द्र कुचवाही अंतर्गत नए सब स्टेशन स्वीकृत करने की मांग की गई है? सीधी विधान सभा की विद्युत प्रदाय व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए ये दोनों अति आवश्यक सब स्टेशन कब तक स्वीकृत कर दिए जाएंगे? इसकी स्वीकृति में विलंब का क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सीधी विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में पूर्व में प्रचलित सौभाग्य योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य दिनांक 22.10.2018 को पूर्ण कर लिया गया था किंतु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अव्यवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया। नये घरों/मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है। पूर्ववर्ती विद्युतीकरण योजनाओं के क्लोज हो जाने के उपरांत निर्मित मजरों/टोलों/घरों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि ऐसे घरों, जिनमें विद्युत कनेक्शन नहीं है, की पृथक से कोई जानकारी संधारित नहीं की जाती, अपितु विद्युत कनेक्शन हेतु आवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ख) सीधी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर संबंधित एरिया स्टोर में उपलब्ध हैं एवं प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित सीधी जिले के अंतर्गत भार वृद्धि के दृष्टिगत वितरण कंपनी की वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में, 76 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 17 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य स्वीकृत कर पूर्ण किये जा चुके हैं। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण (सिस्टम मॉर्डर्नाइजेशन) अंतर्गत 118 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 933 वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कार्य प्रस्तावित कर, कार्य योजना तैयार कर निर्धारित नोडल एजेंसी मेसर्स पी.एफ.सी., नई दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। (ग) जी हाँ। पूर्व में ग्राम कुचवाही एवं आस-पास के क्षेत्र को 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कुबरी से निर्गमित 11 के.व्ही. अमरपुर मिक्स फीडर द्वारा विद्युत प्रदाय किया जा रहा था। उक्त फीडर की लम्बाई 96.02 कि.मी. एवं अधिकतम भार 206 एम्पियर तथा वोल्टेज रेग्यूलेशन 20.04 प्रतिशत था। उक्त फीडर के विभक्तिकरण के उपरांत ग्राम कुचवाही एवं आस-पास के क्षेत्र को 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र खोचीपुर से निर्गमित 11 के.व्ही. छुहिया फीडर से गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 11 के.व्ही. छुहिया फीडर की लम्बाई लगभग 8 कि.मी. एवं वर्तमान में फीडर पर अधिकतम भार 120 एम्पियर है तथा वोल्टेज रेगुलेशन 4.46 प्रतिशत है, जो कि निर्धारित मानको के अनुरूप है। अत: वर्तमान में विद्युत वितरण केन्द्र कुचवाही अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। ग्राम खाम्ह में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण के प्रस्ताव का तकनीकी परीक्षण किये जाने के उपरान्त पाया गया कि ग्राम खाम्ह एवं आस-पास के क्षेत्र को 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बरमबाबा से निर्गमित 11 के.व्ही. डोल मिक्स फीडर द्वारा विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 11 के.व्ही. डोल मिक्स फीडर की लम्बाई 85.46 कि.मी., अधिकतम भार 135 एम्पियर एवं वोल्टेज रेग्युलेशन 15.49 प्रतिशत है, जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं है। अत: ग्राम खाम्ह एवं आस-पास के क्षेत्र को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु उक्त फीडर के विभक्तिकरण का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत शामिल किया गया है। विभक्तिकरण के कार्य के उपरान्त उक्त फीडर का वोल्टेज रेगुलेशन मानक स्तर पर आ जावेगा, अत: विद्युत वितरण केन्द्र खाम्ह अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है।
यूनिपोलों की स्थापना की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 3735 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम की सीमा में यूनिपोल स्थापित करने के नागरिक सुरक्षा, परिवहन सुरक्षा, संबंधी नियम क्या-क्या हैं? सड़क की बाह्य सीमा से रहवासी, व्यवसायिक भवनों, से कितनी दूरी पर नियमानुसार यूनिपोल स्थापित करने की अनुमति किस स्तर के अधिकारी द्वारा दी जा सकती है? यूनिपोलों की लम्बाई गुणा चौड़ाई भूतल से ऊँचाई किस आधार पर निर्धारित की जाती है? (ख) नगर निगम जबलपुर की सीमा में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने यूनिपोल किस-किस आकार के कहाँ-कहाँ कब से स्थापित है? उक्त यूनिपोलों की स्थापना की अनुमति कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा दी गई? कितनी-कितनी अवधि के लिये? यूनिपोलों को कब-कब किस अधिकारी के द्वारा समय वद्धि दी गई? अनुमति देने वाले अधिकारी का नाम पद सहित यूनिपोलवार, संचालकवार जानकारी दें? (ग) नगर निगम जबलपुर की सीमा में स्थापित यूनिपोलों की गुणवत्ता, आकार, स्ट्रेक्चरल डिजाइन, सुरक्षा नियमों की जांच विगत 3 वर्षों में कब-कब, किन-किन अधिकारी द्वारा दी गई? कितने एवं कौन-कौन से यूनिपोल नियम विरूद्ध स्थापित हैं? उसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? उस पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम सीमा में मध्यप्रदेश आउटडोर मीडिया विज्ञापन नियम 2017 के प्रावधानुसार यूनिपोल स्थापित किये जाते है। नियम 2017 के नियम 28 के खण्ड (घ), (ङ), (च) के अनुसार सड़क/फुटपाथ/सेवा रोड से 3 मीटर के दायरे में यूनिपोल स्थापना की अनुमति नहीं दी जावेगी किन्तु आयुक्त, नगरपालिक निगम नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपरांत खण्ड (घ), (ङ), (च) में छूट प्रदान कर सकता है। यूनिपोलो की लंबाई, चौड़ाई एवं ऊंचाई का निर्धारण नियम 2017 के नियम 13, 26, 27, 28 के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। नियम 2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब एवं स'' अनुसार है। समय वृद्धि प्रदान नहीं की गई। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश आउटडोर मीडिया नियम 2017 के नियम 30 (च) में वर्णित प्रावधान अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' के कॉलम 9 अनुसार की गयी। यूनिपोल नियम विरुद्ध स्थापित नहीं किये गये। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.सी. रोड का गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 3736 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर अन्तर्गत एम-30 एवं एम-40 गुणवत्ता की कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण विगत 05 वर्षों में कितनी-कितनी राशि से कराया गया? उनकी गुणवत्ता, मात्रा एवं मापन सत्यापन किस-किस उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री द्वारा किया गया? नाम पद सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांकित एम-30, एम-40 सी.सी.सड़कों की अवधि कितनी-कितनी निर्धारित हैं? कितनी अवधि के पश्चात उक्त सड़कों की मिट्टियां उधड़नी चाहिये? जबलपुर नगर निगम सीमा के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में स्थानवार, कितनी सड़कें खराब हुई? (ग) उपरोक्त 5 वर्षों में बनायी गईं एम-30, एम-40 गुणवत्ता की कौन-कौन सी सड़कें निर्माण के एक वर्ष की अवधि में ही टूट गईं? किन-किन सड़कों पर बाद में सीमेंट घोल डालकर सुधार किया गया? किन-किन सी.सी.सड़कों का डामरीकरण कब-कब गुणवत्ता छुपाने के लिये किया गया? सड़के गुणवत्ताहीन बनने के लिये कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एम-30 एम 40 सी.सी. सड़कों की अवधि यातायात के दवाब पर निर्भर होती है। सीमेंट सड़क Rigid pavement निर्मित सड़कें होती है। इन सड़कों की गिटि्टयां नहीं उधड़ती है। (ग) उपरोक्त 5 वर्ष में बनाई गई एम- 30 एम 40 गुणवत्ता की कोई भी सड़क एक वर्ष की अवधि में नहीं टूटी है। वर्तमान में इन सड़को पर यातायात सुचारू रूप से चल रहा है उक्त में से किसी भी सड़क पर बाद में सीमेंट घोल डालकर सुधार कार्य नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नपा मकरोनिया क्षेत्र में विद्युत ट्रांसफार्मर की क्षमता
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 3747 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नपा मकरोनिया क्षेत्र के सभी 18 वार्डों में कहां-कहां, कितने ट्रांसफार्मर स्थापित हैं? वार्डवार/ट्रांसफार्मर क्षमता सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ट्रांसफार्मर की क्षमता अनुसार क्या उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं? (ग) क्या ट्रांसफार्मर पर कहीं-कहीं उपभोक्ताओं की संख्या ट्रांसफार्मर की मानक क्षमता से अधिक है यदि हाँ तो उन स्थानों पर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के संबंध में विभाग ने कार्यवाही की है? (घ) क्या ट्रांसफार्मर एवं विद्युत रख-रखाव के लिए नपा मकरोनिया क्षेत्र में विभाग की कितनी मेंटेनेंस टीमें गठित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत नगर पालिका मकरोनिया क्षेत्र में कुल 292 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनकी स्थापना के स्थान सहित क्षमतावार एवं वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध विद्युत उपभोक्ताओं का कुल भार वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता के अनुरूप है। तथापि भविष्य की विद्युत मांग एवं संभावित आगामी भार वृद्धि के दृष्टिगत केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण मॉर्डनाईजेशन के अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में 10 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों एवं 31 विद्यमान वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि का कार्य प्रस्तावित किया गया है। (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की प्रश्नाधीन क्षेत्र में रख-रखाव कार्यों हेतु कुल 2 मेन्टेनेंस टीमें कार्यरत हैं।
मकरोनिया की आय-व्यय की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 3749 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद मकरोनिया को वर्ष-2022-23, 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों से कितनी राशि प्राप्त हुई/शासन से प्राप्त हुई? वर्षवार विस्तृत जानकारी देवें। (ख) नपा परिषद मकरोनिया ने वर्ष-2022-23, 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों से कितनी राशि व्यय/खर्च की गई? वर्षवार/मदवार व्यय राशि की विस्तृत जानकारी देवें। (ग) नपा परिषद मकरोनिया में कितना राजस्व अमला/अधिकारी/कर्मचारी/आउटसोर्स कर्मचारी पदस्थ है? नाम/पद सहित विस्तृत जानकारी देवें। (घ) नपा परिषद मकरोनिया में राजस्व विभाग द्वारा वर्ष-2022-23, 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि की वसूली/आय की गई तथा यदि राजस्व अमले द्वारा वसूली टारगेट/लक्ष्य से कम की गई है तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) नगर पालिका परिषद मकरोनिया में राजस्व विभाग द्वारा वर्ष 2022-23 में राजस्व एवं गैर राजस्व वसूली रूपये 2,88,11,817.94/- एवं वर्ष 2023-24 में राजस्व एवं गैर राजस्व वसूली रूपये 1,27,21,239/- की गई तथा राजस्व अमले द्वारा वसूली टारगेट/लक्ष्य से कम वसूली के निम्न कारण है:- 1. जी.आई.एस. सर्वे ठीक से नहीं होने के कारण। 2. स्टॉफ की कमी के कारण। 3. ई-नगर पालिका पोर्टल बंद होने के कारण।
रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 3781 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार एवं बैतूल जिले की नगरीय निकायों ने निर्माण कार्यों में लगाए गए गौण खनिज की रायल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्त किए बिना ही अनुबन्धकर्ता के अंतिम बिलों का भुगतान कर राज्य मंत्रालय खनिज साधन विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 14/10/2018/12/1 दिनांक 15/3/2018 का उल्लंघन कर शासन को आर्थिक हानि पहुचाई है? (ख) आदेश दिनांक 15/3/2018 में गौण खनिज की रायल्टी बाबत् क्या-क्या प्रावधान दिया जाकर रायल्टी चुकता प्रमाण-पत्र बाबत् किस प्रारूप में किस-किस जानकारी के निर्देश दिए है? (ग) अप्रैल 2018 से मार्च 2024 तक धार एवं बैतूल जिले की किस-किस नगरीय निकायों ने कितने अनुबन्धकर्ताओं के अंतिम बिलों का भुगतान किया है? उनमें से कितने अनुबन्धकर्ताओं से कितने खनिज की रायल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्त किए है? (घ) रायल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं करने पर शासन किस अधिकारी पर क्या कार्यवाही कर रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ'अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब'अनुसार है। (ग) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ'अनुसार है। (घ) शासन निर्देश दिनांक 15/03/2018 की कंडिका 04 (II) के तहत ''ठेकेदार अब चूंकि रायॅल्टी चुकता प्रमाण-पत्र ठेकेदार द्वारा ऑनलाईन/स्वयं प्राप्त किया जा रहा है अत: इस उददे्श्य की पूर्ति के लिये निर्माण विभाग प्रत्येक रनिंग बिल के साथ रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं या तकनीकी स्वीकृति में निर्धारित मात्रा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक बिल से एक निश्चित राशि काट कर रख सकते हैं और अंतिम बिल भुगतान के पूर्व रॉयल्टी का समायोजन कर सकते हैं''। धार जिले की संबंधित निकायों में से नगरीय निकाय धरमपुरी, कुक्षी, डही में गौण खनिज की रॉयल्टी राशि जमा कराये बिना किये गये बिल भुगतान की जांच कराई जा रही है।
नगर पालिका गोहद में भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 3783 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजेन्द्रसिंह परिहार जिला सचिव कांग्रेस कमेटी भिंड ने नगर पालिका अधिकारी गोहद द्वारा डीजल खरीदी एवं ऑफ लाइन फाइलों में भ्रष्टाचार के संबंध में एसडीएम गोहद को दिनांक 03.08.2022, कलेक्टर भिंड को दिनांक 01.09.2022 एवं 10.10.2022, कमिश्नर चंबल संभाग ग्वालियर को 28.04.2023 को जो शिकायत की गई, उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ख) तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष माननीय गोविन्द सिंह द्वारा दिनांक 19.05.2023 को आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल को पत्र लिखकर कार्यवाही करने की मांग की गई थी, उसमें क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों? (ग) गोहद नगर पालिका में जुलाई 2021 से प्रश्न-दिनांक तक डीजल खरीदी, ऑफ लाइन फाइलों, एक ही समाचार पत्र को लाखों रुपए का भुगतान करने, गौशाला निर्माण एवं उसके संचालन पर किए गए व्यय आदि कार्यों पर लाखों-करोड़ों रुपए के फर्जी भुगतान कर भ्रष्टाचार किया गया है, क्या जांच समिति गठित कर उपरोक्त की जांच की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। उपरोक्त शिकायतों के दृष्टिगत नगरपालिका परिषद्, गोहद द्वारा उपरोक्त शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए नगर परिषद्, गोहद द्वारा आदेश दिनांक 13.02.2024 द्वारा जल प्रदाय शाखा में फिल्टर प्लांट संचालन के लिए डीजल प्राप्त करने वाले प्रभारी श्री अवधेश यादव को हटाया गया है। इसी प्रकार पत्र दिनांक 14.02.2024 द्वारा श्री अवधेश यादव एवं श्री अजय प्रताप सिंह प्रभारी जल प्रदाय शाखा को एवं पत्र दिनांक 15.02.2024 द्वारा श्री हरिओम एवं श्री रामसेवक सफाई दरोगा को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किए गए हैं। उक्त कारण बताओं सूचना पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। उपरोक्त के अतिरिक्त निकाय द्वारा आदेश दिनांक 04.03.2024 के माध्यम से तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी के कार्यकाल में डीजल, बिजली एवं अन्य सामग्री क्रय किए जाने में की गई अनियमितताओं के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच किए जाने के लिए जांच समिति का गठन किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग-चंबल को जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। (ग) जी नहीं। नगरपालिका परिषद, गोहद में जुलाई-2021 से प्रश्न दिनांक तक डीजल का क्रय नियमानुसार एवं निकाय के वाहन संचालन की आवश्यकतानुसार किया गया है, जिसका भुगतान वाहनों की लागबुक एवं प्राप्त देयकों के मिलान के उपरांत किया गया है। प्राक्कलन राशि रूपये 1.00 लाख से कम होने पर मध्यप्रदेश नगरपालिका (लेखा एवं वित्त) नियम, 2018 में वर्णिंत प्रावधानों के अनुसार सहायक यंत्री से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर विधिवत् ऑफलाईन निविदा जारी कर दरें आमंत्रित की गई हैं, जिसमें सफल निविदाकार को कार्यादेश जारी कर कार्य कराया जाकर भुगतान किया गया है। निकाय द्वारा रोस्टर के अनुसार विज्ञप्ति प्रकाशन के आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित कराई जाती है, जिनके देयक प्राप्त होने पर भुगतान किया गया है। गौशाला निर्माण संबंधी प्राक्कलन तैयार कराया जाकर तकनीकी, प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त की जाकर कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग-चंबल से देयक अनुमोदन के उपरांत भुगतान किए गए हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत विभाग द्वारा केबलीकरण कार्य की जानकारी
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 3792 ) श्री मोहन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ 160 में विभाग द्वारा उचित मापदण्डों पर केबलीकरण का कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो विभाग द्वारा किस एजेन्सी से विद्युत केबल एवं पोल शिफ्टिंग का कार्य किया जा रहा है, कार्य कि अवधि एवं कार्य कि गुणवत्ता कि जानकारी देवें। (ग) क्या क्षेत्र में वर्तमान में हवा, पानी से टूटे विद्युत तार एवं पोल को ठेकेदारों द्वारा ठीक किया जायेगा, यदि हाँ तो कितने समय में किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत निर्धारित मापदण्डों के अनुसार निम्नदाब (एल.टी.) लाईन का कंडक्टर से केबिल में प्रतिस्थापन एवं निम्नदाब (एल.टी.) केबिल क्षमतावृद्धि का कार्य किया जा रहा है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा राजगढ़ जिले में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत निम्नदाब (एल.टी.) लाईन का कंडक्टर से केबिल में प्रतिस्थापन एवं आवश्यक पोल स्थापना सहित निम्नदाब (एल.टी.) केबिल की क्षमता वृद्धि का कार्य ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ऑफश्योर इंण्डिया प्राईवेट लिमिटेड, मुंबई से कराया जा रहा है। उक्त कार्यों को पूर्ण करने की निर्धारित समय अवधि कार्यादेश दिनांक 09.03.2023 से 2 वर्ष यथा-माह मार्च, 2025 है। उक्त कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है तथा निरीक्षण में पाई गई त्रुटियों का क्रियान्वयन एजेंसी के माध्यम से निराकरण कराया जाता है। साथ ही उक्त कार्यों के गुणवत्तापूर्ण निष्पादन हेतु प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एजेन्सी मेसर्स वॉयन्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को नियुक्त किया गया है, जिसके द्वारा योजना का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन कराया जा रहा है। (ग) जी हाँ, विगत दिवसों में प्रश्नाधीन क्षेत्र में टूटे पोल एवं विद्युत तारों को ठेकेदारों से ठीक कराया गया है एवं समय-समय पर ऐसे प्रकरण संज्ञान में आने पर तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।
पी.आई.यू. के जिलांतर्गत कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 3858 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन/विभाग द्वारा पी.आई.यू. के माध्यम से वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार के कार्यों को किए जाने हेतु बजट राशि स्वीकृत कर कार्य प्रदान किये? (ख) जिला अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों के कार्य किस-किस दिनांक को प्रारंभ होकर कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे तो किन कारणों से? कितने कार्य अप्रारंभ है तो किन कारणों से? जानकारी दें। (ग) जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं तो उनका पूर्णता के प्रमाण-पत्र कब प्राप्त कर संबंधित विभागों को हस्तांतरित किए गए दिनांकवार जानकारी दें? (घ) कार्यों की गुणवत्ता एवं उनका मूल्यांकन समय-समय पर किसी सक्षम अधिकारी के द्वारा किसकी उपस्थिति में किया जाकर गुणवत्ताविहीन एवं लापरवाही पूर्ण किए गए कार्यों की जांच किसके द्वारा की गई? विकासखण्डवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) रतलाम जिले के अन्तर्गत समस्त निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक किये जा रहे है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 3859 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बन्नाखेड़ा की भूमि सर्वे क्रमांक 224 एवं 226/1 का आधिपत्य रकबा 1.050 हेक्टेयर एवं 2.036 हेक्टेयर कुल रकबा 3.066 हेक्टेयर बस स्टैण्ड के विस्तारीकरण एवं सार्वजनिक उपयोग हेतु शॉपिंग काम्प्लेक्स के व्यावसायिक उपयोग हेतु नगर पालिका परिषद जावरा द्वारा आधिपत्य प्रदान करने की मांग की जाती रही है? (ख) यदि हाँ तो क्या नगर पालिका परिषद जावरा के संकल्प क्रमांक 442 दिनांक 29/05/2013 द्वारा संकल्प पारित कर शासन/विभाग से आधिपत्य चाहा गया है? (ग) यदि हाँ तो क्या इस संबंध में वर्ष 2013-14 की गाइड लाइन अनुसार 3 करोड़ 40 लाख 20 हजार रुपए की मूल्यांकन रिपोर्ट अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जावरा के माध्यम से प्राप्त हुई है? (घ) जनहित के जन उपयोगी कार्यों एवं बस स्टैंड के विस्तारीकरण हेतु अत्यंत जनहित के उपयोगी संकल्प की पूर्ति हेतु शासन/विभाग द्वारा कब तक स्वीकृति दी जाकर भूमि नगर पालिका परिषद को प्राप्त हो सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
यात्री प्रतीक्षालयों का निर्माण
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 3895 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र के लिये, विधायक निधि से 1.1.2015 से 15.8. 2018 तक कितने यात्री प्रतीक्षालय विभाग द्वारा बनवाये गये, ग्रामवार सूची देने का कष्ट करें? (ख) ग्राम दमोतीपुरा और जसगुआ के लिये किस भूमि पर यात्री प्रतीक्षालयों का निर्माण कराया गया था, उनके पटवारी हल्का, खसरा नम्बर एवं उपयोग में लिये गये रकबे की एवं भूस्वामी की सहमति या अनापत्ति प्रमाण-पत्र की जानकारी दी जाये। प्रत्येक की लागत कितनी थी, कब कार्य पूर्ण हुआ था एवं कितने दिन तक उसके सही अस्तित्व की गारंटी होती है? जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में आये दोनों यात्री प्रतीक्षालय वर्तमान में किसकी देखरेख में कार्यरत हैं, जानकारी दें। यदि दोनों इमारतों का कोई दुरुपयोग या अस्तित्व का प्रश्न आता है तो क्या ठेकेदार व उपयोगकर्ता पर दंडात्मक व न्यायिक कार्यवाही के लिये पी.डब्ल्यू.डी. क्या कदम उठाएगी, अवगत कराया जाये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) लोक निर्माण विभाग की देखरेख में है। जी हां, दुरूपयोग संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी।
राशि वसूली के साथ दण्डात्मक कार्यवाही
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 3921 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन 2023 प्रतिवेदन क्र. 3 भाग (3) में वृहद पुलों के निर्माण में भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, रीवा व उज्जैन में गैर परीक्षित और अभिप्रमाणित इलास्टोमेटिक बेयरिंग का उपयोग एक्सप्लोरेटरी बोरिंग की अप्राप्त संख्या का कार्यान्वयन के साथ मूल उत्पादकों से स्टील का क्रय न करना पाया गया एवं प्रतिवेदन क्र. 3.2.1. के अनुसार 63 लाख रूपये की रायल्टी वसूल नहीं की गई तो क्यों? यदि हाँ तो वसूली एवं दोषी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्णित प्रतिवेदन 2023 के प्रतिवेदन क्रमांक 3.4.1 के अनुसार ठेकेदार को रूपये दो करोड़ आठ लाख का अधिक भुगतान किया गया एवं 3.4.2 के अनुसार 277 स्थानों की जगह सिर्फ 98 स्थानों पर एक्स प्लोरेटरी बोरिंग का कार्य किया जाकर अनुबंध का उल्लंघन करते हुए करोड़ो रूपये का लाभ अर्जित किया गया एवं 3.4.3 के अनुसार विभाग के अनुमोदित विक्रेताओं से हट कर स्थानीय स्तर पर घटिया स्टील क्रय किया जाकर उपयोग किया गया एवं पैरा 3.5 के निष्कर्ष अनुरूप एक दर की विलम्ब से स्वीकृति प्रदान करने के कारण रूपये 02 करोड़ चौवन लाख के अतिरिक्त व्यय हेतु कौन दौषी है एवं दोषी अधिकारी/ठेकेदार से वसूली एवं दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की गई क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के पालन में प्रश्नांश (ख) अनुसार कराये गये कार्यों में की गई अनियमितता पर कार्यालय मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग रीवा परिक्षेत्र रीवा के पृष्ठांकन क्र. 4296 दिनांक 07.10.2023 जिसमें विभागीय अधिकारियों के द्वारा पदीय दायित्व के निर्वहन पर घोर लापरवाही की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई, इसी तरह मुख्य अभियन्ता का पत्र परिक्षेत्र रीवा पृष्ठांकन क्र.4279 दिनांक 06.10.2023 कार्यालय अधीक्षण यंत्री मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 1770 दिनांक 04.09.2023 पत्र क्र. 375 दिनांक 04.06.2024 पत्र क्र. 92 दिनांक 30.04.2023 पर की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये दोषियों के पद नाम बतावे एवं इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रतिवेदन के परिपालन में प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार निर्माण नहीं कराया गया एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार लिखे गये पत्रों के प्रतिवेदन अनुसार कायर्वाही के साथ प्रश्नांश (ग) अनुरूप लंबित आवेदनों पत्रों पर कब तक जांच कराकर कार्यवाही करेंगे बतावें? प्रश्नांश (ग) के अन्तर्गत कराये गये किन-किन कार्यों में परफार्मेन्स अवधि सीमा के अन्दर ही पुन: निविदा आमंत्रित कर कांक्रीट मार्ग के ऊपर बिटुमिन मार्ग का कार्य कराया गया है, जबकि यह कार्य प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग के पत्र क्रमांक 344/स्टेनों/लो.नि.वि./2015 दिनांक 17.01.2018 में लिये गये निर्णय/आदेश के अनुरूप रवलिंग सरफेस होने पर ठेकेदार के स्वयं के हर्जे खर्च पर 30mm BC. का कार्य कराया जाना था। ऐसा कृत्य करने वाले अधिकारी/ठेकेदार के विरूद्ध दण्डात्मक/वसूली की क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। किंतु वर्तमान में रायल्टी की वसूली सतत् जारी है एवं केवल रूपये 41.56 लाख वसूल किया जाना शेष है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा स्वीकृत अनुबंधानुसार ही भुगतान किया गया। जी नहीं। अनुबंध का उल्लंघन नहीं किया। भुगतान अनुबंध अनुसार किया गया है। जी नहीं। पुल निर्माण में स्टील का उपयोग NABL से संबंध लैब से परीक्षण कराकर कार्य में प्रयुक्त किया जाता है। कोई अतिरिक्त व्यय नहीं किया गया है। शासन द्वारा स्वीकृत राशि एवं अनुबंध अनुसार भुगतान किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) के पालन में प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। परफार्मेंस अवधि सीमा के अन्दर किसी भी मार्ग में निविदा आमंत्रित कर कांक्रीट के ऊपर बिटुमिन का कार्य नहीं कराया गया है एवं प्रश्न में उल्लेखित प्रमुख अभियंता के द्वारा जारी पत्र में संविदाकार के स्वयं हर्जे खर्चे पर 30 MM BC का कार्य कराये जाने का उल्लेख नहीं है, जबकि विभाग द्वारा संविदाकार से ही मार्ग में रवलिंग सरफेस होने पर 30 MM BC का कार्य कराया गया है। अतः शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाढ़ौरा नगर परिषद बस स्टैण्ड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 3933 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद शाढ़ौरा जिला अशोकनगर अंतर्गत यात्रियों की सुविधा हेतु बस स्टैण्ड प्रारंभ किये जाने की कोई योजना है अथवा नहीं है तो बस स्टैण्ड निर्माण का स्थान बताने की कृपा करें। यदि नहीं तो बस स्टैण्ड का निर्माण के लिये भूमि का चयन नहीं किये जाने का कारण बतावें। (ख) शाढोरा तहसील मुख्यालय पर अनेक मार्गों से बसों का आवागमन होता है किन्तु यात्रियों को बसों की प्रतीक्षा बाबत् कोई चिन्हित स्थान नहीं है। शासन इस सुविधा प्रारंभ के लिये कोई कार्यवाही करेगा? (ग) शाढ़ौरा में बस स्टैण्ड निर्माण के लिये सर्वसम्मति से अमोदा रोड के मोड़ के पास 10 बीघा शासकीय भूमि अवस्थित पर बस स्टैण्ड निर्माण किया जा सकता है? इस दिशा में कोई निर्णय लेंगे अथवा नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में बस स्टैण्ड निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध नहीं है। (ख) यात्रियों को बसों की प्रतिक्षा के लिए यात्री प्रतिक्षालय है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में अमोदा रोड किनारे मौके पर 10 बीघा भूमि उपलब्ध नहीं है। बस स्टैण्ड के संबंध में निकाय में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है।
ग्राम सोनेरा में फीडर निर्माण
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 3934 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की तहसील शाढोरा के ग्राम सोनेरा में विद्युत प्रदाय का फीडर प्रारंभ नहीं करने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश गांव सोनेरा में से जुड़े अनेक ग्रामों को गुना जिले के आरोन सब स्टेशन से जोड़ा गया है। जिसके कारण ग्रामीण जनता बिजली कटौती से परेशान हो रही है, क्या सोनेरा ग्राम व अन्य ग्रामों को नये फीडर की कार्यवाही शासन करेगा? (ग) शासन के संज्ञान में प्रश्नांश गांव अथवा आस-पास बिजली का नवीन फीडर स्वीकृत बाबत् कोई प्रस्ताव है कि नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में अशोकनगर जिले की शाढोरा तहसील के ग्राम सोनेरा को विद्युत प्रदाय संचालन-संधारण वृत, गुना के क्षेत्रांतर्गत विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बारोद से निर्गमित 11 के.व्ही. सोनेरा कृषि फीडर एवं 11 के.व्ही. बारोद गैर-कृषि फीडर से किया जा रहा है। (ख) वर्तमान में ग्राम सोनेरा एवं आसपास के ग्राम यथा - बेरखेडी एवं सोनेरा चक का विद्युत प्रदाय आरोन तहसील के क्षेत्रांतर्गत 33/11 के.व्ही. सबस्टेशन बारोद से निर्गमित 11 के.व्ही. सोनेरा कृषि फीडर एवं 11 के.व्ही. बारोद फीडर से किया जा रहा है। प्रश्नांश में उल्लेखित क्षेत्रों में और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु ग्राम सोनेरा से लगभग 6 कि.मी. की दूरी पर ग्राम मसीदपुर में आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत एक नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के कार्य हेतु मेसर्स यूनीवर्सल एमईपी प्रोजेक्ट एवं इंजीनियरिंग सर्विस लिमिटेड को दिनांक 07.11.2022 को कार्यादेश जारी किया जा चुका है तथा उक्त नवीन उपकेन्द्र निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। उक्त उपकेन्द्र के निर्माण के पश्चात ग्राम सोनेरा का विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मसीदपुर से किया जाना संभव हो सकेगा जो कि अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आता है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार ग्राम मसीदपुर में निर्माणाधीन नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र, जो कि अशोकनगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आता है, का कार्य पूर्ण होने के उपरांत सोनेरा ग्राम एवं अन्य ग्रामों को उक्त नवीन उपकेन्द्र से निर्गमित होने वाले फीडरों से जोड़ा जावेगा।
आ.डी.एस.एस. योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्य
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 3974 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में आर.डी.एस.एस. योजना में क्या कार्य प्रस्तावित किये गये थे, योजना अन्तर्गत ट्रांसफार्मर सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने, प्रस्तावित कार्यों में कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके है तथा कौन से अधूरे है, कौन-कौन से कार्य प्रारंभ नहीं हुये है? (ख) दतिया जिले की भाण्डेर विधानसभा में कितने ट्रांसफार्मर असफल है, स्थान सहित बतायें इनमें कितने पात्र है, उन्हें कब तक बदल दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के अन्तर्गत अप्रैल, 2024 से प्रश्न दिनांक तक असफल ट्रांसफार्मर में बकाया राशि वाले कितने ट्रांसफार्मर है, ट्रांसफार्मरवार बकाया राशि की उपलब्ध कराई जाये, इन्हें कब तक बदल दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दतिया जिला अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण (लॉस रिडक्शन) के तहत ट्रांसफार्मर सहित प्रस्तावित कार्यों का नाम, कार्यों की लागत राशि एवं कार्यों की पूर्णता/अपूर्णता/अप्रारंभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'अ-1' से प्रपत्र-'अ-5' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में 20 जले/ वितरण ट्रांसफार्मर है जो कि सभी अपात्र होने के कारण नियमानुसार बदले जाने हेतु शेष है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि वितरण ट्रांसफार्मर के जले/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर, पात्र होने के उपरांत इन्हें उपरोक्तानुसार निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों बदले जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में माह अप्रैल, 2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों (अपात्र) और इन पर बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित नियमानुसार जले/ खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर, पात्र होने के उपरांत निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया जावेगा।
राशि वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 3975 ) श्री अभय कुमार मिश्रा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत के नियंत्रक महालेखाकार के प्रतिवेदन वर्ष 2023 के भाग-3 में अध्याय-3 में कार्यान्वयन में संविदा प्रबंधन के बिन्दु 3.2.1 में ठेकेदारों से चालू देयकों में 1.02 करोड़ राशि के विरूद्ध 37.02 लाख मात्र की ही कटौती की गई 63.73 लाख की रॉयल्टी कम वसूली गई? अदेयता प्रमाण-पत्र प्राप्त किये बिना 1.96 करोड़ के लागत वाले कार्यों को अंतिम रूप दिया गया। इसी तरह कण्डिका 3.2.2 में 36.91 करोड़ के कार्य को ठेकेदार द्वारा 17.05.2018 तक पूरा किया जाना था लेकिन कम्पोजिट स्टील गार्डर, एस.ओ.आर. में उपलब्ध नहीं था, जब ठेकेदार द्वारा 1,34,285 मैट्रिक टन की दर प्रस्तुत की गई तब अधीक्षण यंत्री जबलपुर द्वारा 08 माह बाद अनुमोदन किया जिसके कारण 48वें चलित देयक पर 2.54 करोड़ का अतिरिक्त व्यय का भुगतान हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) तारतम्य में मध्यप्रदेश में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग के एस.ओ.आर. दिनांक 29.08.2017 में दिनांक 04.03.2018 को आइटम क्रमांक 12.11 में संशोधन किया जाकर दिनांक 21.08.2018 को आइटम क्रमांक 12.11 के संबंध में क्लेरिफिकेशन जारी किया गया था, अधिक भुगतान का संज्ञान शासन को प्राप्त होने पर दिनांक 21-08-2018 को क्लेरिफिकेशन को निरस्त किया गया था, क्लेरिफिकेशन दिनांक 21-08-2018 से लेकर निरस्तगी दिनांक 25-01-2020 के दौरान चल रहे अनुबंधों अनुसार देयकों का भुगतान 100 करोड़ से अधिक का हो गया था। इस अनियमित भुगतान के लिये कौन-कौन अधिकारी/ठेकेदार जवाबदार है बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, रीवा एवं उज्जैन संभाग में निर्मित किये गये पुलों व रोड़ों के निर्माण में शासन के जारी निर्देशों का पालन नहीं किया गया, एस.ओ.आर. से ज्यादा का भुगतान किया गया। शासन को पहुंचायी गई क्षति की राशि 63.73 लाख एवं 2.54 करोड़ की वसूली के निर्देश के साथ दण्डात्मक कार्यवाही बावत् किन-किन अधिकारियों/ठेकेदारों के विरूद्ध निर्देश देंगे तो बतावें, अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। किंतु वर्तमान में केवल रूपये 41.56 लाख की वसूली किया जाना शेष है। वसूली की कार्यवाही सतत् है। जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। शासन द्वारा स्वीकृत अनुबंधित राशि अनुसार ही भुगतान किया गया है। (ख) सेतु परिक्षेत्र द्वारा ऐसी कोई राशि का भुगतान नहीं किया गया। अत: कोई ठेकेदार पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पुलों के निर्माण में शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जाता है। जी नहीं। वसूली की राशि 63.72 लाख में से 22.16 लाख की वसूली की जा चुकी है। शेष राशि रूपये 41.56 लाख की वसूली की जाना शेष है वसूली की कार्यवाही सतत है एवं राशि 2.54 करोड़ की राशि का अधिक भुगतान नहीं किया गया है। अत: ठेकेदार एवं अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग की योजनाओं की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
67. ( क्र. 3986 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले के महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कितनी योजनाएं स्वीकृत हैं? पूर्ण विवरण देवें। (ख) वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाओं का किस-किस को लाभ दिया गया हैं एवं कितनी राशि स्वीकृत की गई है? मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त विभाग की योजनाओं के नियम क्या हैं? पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) विभाग में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी कब से कार्यरत हैं एवं कितने मूल पदस्थापना स्थान से अन्यत्र कार्य कर रहे हैं? पदवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
म.प्र.प.क्षे.वि.वि.क. उज्जैन के अमले का स्थानांतरण
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 4007 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में वर्तमान में पदस्थ म.प्र.प.क्षे.वि.वि.क. उज्जैन के मुख्य अभियंता द्वारा किस-किस अधिकारी/कर्मचारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किए गए हैं? प्रदान किए गए कारण बताओं सूचना-पत्र में किस-किस अधिकारी/कर्मचारियों को दोषमुक्त कब-कब कर दिया गया? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मुख्य अभियंता द्वारा विगत तीन वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कितने अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण/संयोजित बिना प्रबंध निदेशक कार्यालय से अनुमोदन प्राप्त किए बगैर कर दिए गए? सम्पूर्ण अधिकारी/कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रबंध निदेशक इंदौर द्वारा उपरोक्त पाई गई अनियमितताओं पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत विगत तीन वर्ष की अवधि में, वर्तमान में पदस्थ उज्जैन क्षेत्र के मुख्य अभियंता द्वारा 142 अधिकारी/कर्मचारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त प्रदान किये गये कारण बताओं सूचना पत्रों में से 08 अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषमुक्त किया गया है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में मुख्य अभियंता उज्जैन क्षेत्र द्वारा विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में 20 कर्मचारियों के स्थानांतरण किये गये हैं। उक्त स्थानांतरण प्रशासनिक आधार, क्षेत्रीय अधिकारियों की माँग पर कंपनी हित में, कर्मचारियों की अपनी पारिवारिक समस्याओं, स्वास्थ्य कारणों, अति विशिष्ट संदर्भों के तहत प्राप्त मौखिक निर्देश इत्यादि की सभी जानकारियों को उच्च कार्यालय के संज्ञान में लाते हुए, कंपनी हित को दृष्टिगत रखते हुये स्थानांतरण किये गये कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नगर पालिका बिजुरी में व्यय व भ्रष्टाचार पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 4019 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत नगर पालिका बिजुरी में 1 जनवरी, 2023 से 15 जून, 2024 तक निर्माण कार्य, सामग्री क्रय सहित संपूर्ण भुगतान की राशि, भुगतान दिनांक, प्राप्तकर्ता फर्म या अन्य का नाम, भुगतान बिल या माप पुस्तिका का विवरण, कार्यवाही नस्ती की छायाप्रति सहित भुगतानकर्ता अधिकारी व पदाधिकारी के नाम सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अवधि में एक लाख रूपए से कम के प्रत्येक व्यय की नस्ती, स्वीकृति दिनांक, भुगतान प्राप्तकर्ता का नाम, राशि व दिनांक सहित जानकारी देते हुए बताएं कि एक माह में लेखा नियम व शासन के दिशा/निर्देश/आदेश का अक्षरशः पालन किया गया है? यदि नहीं तो विशेष जांच दल गठित कर अपव्यय व भ्रष्टाचार पर समय-सीमा में कार्यवाही जनहित में की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) बिजुरी नगर पालिका की स्वयं की एवं अन्य मद अनुसार कितनी निधि 15 जून, 2024 तक विभिन्न बैंक खातों में जमा है? पूर्ण विवरण दें। (घ) नगर पालिका बिजुरी में 1 जनवरी, 2018 से 15 जून, 2024 तक कितने प्रकरण लोकायुक्त एवं विभागीय जांच संस्थित है, प्रत्येक का पूर्ण विवरण जिसमें भ्रष्टाचार की शिकायत वह प्रत्येक जांच निष्कर्ष की प्रति उपलब्ध कराते हुए बताएं कि किन-किन पर उत्तर दिनांक तक अपराध पंजीबद्ध है तथा उच्च न्यायालय में अन्य आरोपियों का भी उल्लेख किया है? यदि हाँ तो अन्य आरोपियों पर कब तक अपराध पंजीबद्ध कराया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। म.प्र. लेखा एवं वित्त नियम, 2018 के नियम 85 (2) अंर्तगत 20000/- रूपये से अधिक एवं 01 लाख से अधिकतम 02 बार से अधिक सामग्री क्रय नहीं की जावेगी। प्रकरण की जांच हेतु संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल संभाग के पृ क्रमांक 1106 दिनांक 09.07.2024 अनुसार 03 सदस्यीय दल का गठन किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
पाइप लाइन कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 4020 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना नगर पालिक निगम अंतर्गत वार्डों में पाइप लाइन से घर-घर गैस पहुंचाने का कार्य किस-किस कंपनी को स्वीकृत किया गया है और उक्त कार्य का वर्क-आर्डर कब हुआ है और कार्य पूर्णता की समयावधि क्या है? उपभोक्ता से गैस कनेक्शन का क्या शुल्क लिया जाएगा, इसकी मासिक दर क्या होगी? गैस पाइप लाइन डालने के नियम एवं शर्ते क्या है? कृपया विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या पाइप लाइन लगाने से पहले उपभोक्ता को कनेक्शन और मासिक दर की जानकारी देकर सहमति ली जाएगी, क्योंकि इस संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हुई है कि बिना जानकारी के उपभोक्ता के यहां कंपनी द्वारा कनेक्शन किया जा रहा है? उपभोक्ता के घरों में जो पाइप लाइन डाली जा रही है, वो कौन सी कम्पनी की है, कितने ग्रेड और गेज की पाइप लाइन डालने की प्रशासनिक स्वीकृत प्रदान की गई है? कृपया विस्तृत बतायें। (ग) सतना नगर निगम अन्तर्गत कितने वार्डों के लिए गैस पाइप लाइन बिछाए जाने का कार्य स्वीकृत है? कितने वार्डों में कार्य हो चुके है एवं कितने वार्डों में कार्य शेष है एवं इसका प्लांट/इकाई कहां स्थापित की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम सतना अंतर्गत घर-घर गैस पहुँचाने का कार्य नगर निगम सतना द्वारा नहीं किया गया है। उक्त कार्य भारत पेट्रोलियम कॉपरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि भूमि पर अवैध कालोनियों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 4046 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगर-मालवा जिले की नगर पंचायत सुसनेर में कृषि भूमि पर बिना वैधानिक अनुमति के रहवासी भूखंड विक्रय कर अवैध कॉलोनियों का विकास किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो नगर पंचायत, सुसनेर में अवैध कॉलोनियों के माध्यम से शासन को करोड़ों रूपये के राजस्व की हानि हुई है? क्या राजस्व एवं नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाईजर को संरक्षण दिया जा रहा है? अगर हाँ तो सुसनेर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में काटी गयी अवैध कॉलोनियों का विवरण एवं उन पर की गयी कार्यवाही की क्या? (ग) क्या अवैध कॉलोनियों पर कार्यवाही हेतु राज्य शासन द्वारा कोई समयबद्ध कार्यक्रम तैयार किया गया है? यदि हाँ तो क्या?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) विकास अनुमति प्राप्त किए बिना अनधिकृत रूप से कॉलोनी का निर्माण करने पर शासन को राजस्व की हानि होना स्वाभाविक है परन्तु सीधे यह नहीं कहा जा सकता कि शासन को करोड़ों रूपये के राजस्व की हानि हुई है। जी नहीं, स्थानीय स्तर पर अनधिकृत रूप से कॉलोनी विकसित करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। सुसनेर नगरीय क्षेत्र में अनधिकृत कॉलोनियों की प्रश्नांकित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, अनधिकृत कॉलोनियों पर कार्यवाही हेतु राज्य सरकार द्वारा समयबद्ध कार्यक्रम तैयार नहीं किया गया है, अपितु राज्य सरकार द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों के विकासकर्ताओं के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही के लिए नगरपालिका अधिनियम में उपबंध रखे गए हैं एवं म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में इसकी प्रक्रिया भी विहित की गई है, जिसके अनुसार अनधिकृत कॉलोनी निर्माण का संज्ञान में आने पर स्थानीय स्तर पर सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जाती है।
वन क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण का मापदण्ड
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 4047 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के वन क्षेत्रों में सड़क एवं पुल निर्माण करने के मापदण्ड क्या हैं? नियम एवं दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या वन क्षेत्रों में सड़क, पुल-पुलियाएं और अन्य निर्माण के लिए केन्द्रीय और प्रदेश के विभाग (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, आदि तथा म.प्र. लोक निर्माण विभाग, म.प्र. रोड डेवलप्मेन्ट कार्पोरेशन आदि) निर्माण एजेन्सियों के मापदण्ड समान हैं? यदि हाँ तो प्रति उपलब्ध करावें। नहीं तो पृथक-पृथक होने का कारण बतायें? (ग) शासन द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से वन क्षेत्रों में सड़क या अन्य कार्यों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के पूर्व वन विभाग से अनुमति ली जाती है? अगर नहीं तो क्यों नहीं। (घ) वन क्षेत्र में सड़क, पुल पुलिया एवं अन्य निर्माण में लगने वाली सामग्री, मिट्टी, मुरम और गिट्टी, के उत्खनन के क्या नियम हैं? क्या तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति में उत्खनन की अनुमति स्वतः सम्मिलित होती है? यदि नहीं तो क्यों? इस संबंध में नियमों की प्रति उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) वनक्षेत्र में सड़क एवं पुल निर्माण करने हेतु वन (संरक्षण) अधिनियम-1980 एवं वन विभाग के नियमानुसार परिवेष वेब पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन किया जाता है तथा वन विभाग द्वारा समय-समय पर चाही गई जानकारी, नेट प्रोजेक्ट वैल्यू व वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु निर्धारित राशि जमा किये जाने पर अनुमति प्रदान करने के उपरांत मार्गों पर निर्माण कार्य किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। वन क्षेत्र में निर्माण कार्य प्रारंभ करने के पूर्व वन विभाग से अनुमति ली जाती है। (घ) वनक्षेत्र में सड़क, पुल पुलिया एवं अन्य निर्माण में लगने वाली सामग्री मिट्टी, मुरम और गिट्टी का उत्खनन वनक्षेत्र से करने की अनुमति नहीं होती है उक्त सामग्री गैर वनक्षेत्र से लिया जाकर उपयोग में लाई जाती है। तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति में उत्खनन की स्वीकृति स्वतः सम्मिलित नहीं होती है। उत्खनन हेतु पृथक से खनिज विभाग द्वारा म.प्र. गौण खनिज नियम-1996 के नियमानुसार अनुमति प्रदान की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
नगर पालिका बिजुरी में व्यय व भ्रष्टाचार पर कार्रवाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 4072 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत न.पा. बिजुरी में 1 जनवरी, 2023 से 15 जून, 2024 तक निर्माण कार्य, सामग्री क्रय सहित संपूर्ण प्रत्येक भुगतान की राशि, भुगतान दिनांक, भुगतान प्राप्तकर्ता, फॉर्म या अन्य का नाम, भुगतान बिल या माप पुस्तिका का विवरण, कार्यवाही नस्ती की छायाप्रति सहित भुगतानकर्ता अधिकारी व पदाधिकारी के नाम सहित संपूर्ण जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अवधि में 1 लाख से काम के प्रत्येक व्यक्ति, स्वीकृति दिनांक, भुगतान, प्राप्त करता का नाम, राशि व दिनांक से जानकारी देते हुए बताएं कि एक माह में लेखा नियम व शासन के दिशा-निर्देश आदेश का अक्षरश: पालन किया गया है? यदि नहीं, तो विशेष जांच दल गठित कर अपव्यय/भ्रष्टाचार पर समय-सीमा में कार्यवाही जनहित में की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) बिजुरी न.पा. की स्वयं की एवं अन्य मद अनुसार कितनी निधि 15 जून, 2024 तक विभिन्न बैंक खातों में जमा है? पूर्ण विवरण देवें। (घ) न.पा. बिजुरी में 1 जनवरी, 2018 से 15 जून, 2024 तक कितने प्रकरण लोकायुक्त एवं विभागीय जांच संस्थित हैं? प्रत्येक का पूर्ण विवरण इसमें भ्रष्टाचार की शिकायत व प्रत्येक जांच निष्कर्ष की प्रति उपलब्ध कराते हुए किन-किन पर उत्तर दिनांक तक अपराध पंजीबद्ध हैं तथा उच्च न्यायालय ने अन्य आरोपियों का भी उल्लेख किया है यदि हाँ तो उन आरोपियों पर कब तक अपराध पंजीबद्ध कराया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। म.प्र. लेखा एवं वित्त नियम, 2018 के नियम 85 (2) अंर्तगत 20000/- रूपये से अधिक एवं 01 लाख से अधिकतम 02 बार से अधिक सामग्री क्रय नहीं की जावेगी। प्रकरण की जांच हेतु संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल संभाग के पृ. क्रमांक 1106 दिनांक 09.07.2024 अनुसार 03 सदस्यीय दल का गठन किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 4085 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग व पीआईयू द्वारा कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किए गये? स्वीकृत कार्यों की लागत क्या थी? जानकारी कार्यवार, स्थानवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण किए जा चुके है व कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है व उसके क्या कारण है? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
वक्फ सम्पत्ति की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
75. ( क्र. 4086 ) श्री मधु भाऊ भगत : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बगैर किसी वाकिफ के तथा बगैर किसी वक्फ नामा अथवा वक्फ विलेख अथवा वक्फ डीड के किसी संपत्ति के वक्फ का सृजन हो सकता है? यदि हाँ तो किस विधि अथवा आदेश/निर्देश/परिपत्र के आधार पर ऐसा किया जा सकता है, ऐसी विधि, आदेश, निर्देश, परिपत्र की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) म.प्र. वक्फ बोर्ड के गजट दिनांक 25 अगस्त 1989 में सरल क्रमांक 35 पर अंकित सम्पत्ति जामा मस्जिद व मदरसा कस्बा जोबट को वक्फ सम्पत्ति के रूप में प्रथम बार किस दिनांक को दर्ज किया गया और किस आधार पर दर्ज किया गया? इससे संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति दी जाए। ऐसा करने के पूर्व किस प्रक्रिया का पालन किया गया, उसकी प्रमाणित जानकारी दी जाए। ऐसा किये जाने हेतु प्रकाशित पूर्व सूचना/विज्ञप्ति की प्रमाणित प्रति दी जाए, ऐसी प्रारंभिक सूचना/विज्ञप्ति का प्रकाशन कहां-कहां, किस रीति से किया गया, उसकी तामिली किस प्रकार की गई? इसकी सम्पूर्ण जानकारी दी जाए। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संपत्ति को वक्फ के रूप में दर्ज किए जाने के पूर्व इसके हितबद्ध व्यक्ति/व्यक्तियों को इसकी कोई सूचना दी गई थी? यदि हाँ तो ऐसी सूचना की प्रति और उसकी तामीली रिपोर्ट की प्रति देवें? यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। वक्फ एक्ट 1995 की धारा 4 एवं 5 के प्रावधानों के अंतर्गत किया जाता है नियम की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) म.प्र. वक्फ बोर्ड के गजट दिनांक 25 अगस्त 1989 में सरल क्रमांक 35 पर अंकित जामा मस्जिद व मदरसा कस्बा जोबट को वक्फ सम्पत्ति के रूप में प्रथम बार कलेक्टर जिला झाबुआ, म.प्र. वक्फ कमिशनर भोपाल की सर्वे रिपोर्ट एवं म.प्र. राजपत्र दिनांक 25.08.1989 के आधार पर दर्ज किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। वक्फ पंजीयन की प्रक्रिया से पूर्व कलेक्टर जिला झाबुआ एवं वक्फ कमिशनर म.प्र. भोपाल द्वारा सर्वे सूची में दिये गये प्रमाण-पत्र के बिन्दु क्रमांक 03 में उल्लेख किया गया है कि इस प्रपत्र में सम्मिलित सम्पत्ति के संबंध में 30 दिवस का नोटिस जारी कर आपत्तियॉ आमंत्रित कर निराकरण किया जा चुका है। शेष जानकारी की प्रवृत्ति अस्थायी रिकार्ड होने तथा 39 वर्ष पुराने होने के कारण उपलब्ध नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर परिषद बंडा एवं शाहगढ़ में रिक्त पदों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 4091 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बंडा विधानसभा अंतर्गत नगर परिषद बंडा एवं शाहगढ़ में विभिन्न कार्यों के दायित्व हेतु स्वीकृत पदों की संख्या कितनी है? (ख) प्रत्येक दायित्व हेतु कुल स्वीकृत पदों में कितने-कितने पद रिक्त है एवं प्रत्येक रिक्त पद किस दिनांक से रिक्त हैं? (ग) क्या उक्त दोनों नगर परिषदों में वर्तमान में विभिन्न दायित्यों पर कार्यरत कर्मियों की नामजद सूची प्राप्त हो पायेगी? (घ) उक्त अनुसार नियुक्त प्रत्येक कर्मी किस दिनांक से नियुक्त है? (ड.) क्या उक्त दोनों नगर परिषदों में मस्टर पर कार्यरत कर्मियों के नाम, वर्तमान-दायित्व एवं नियुक्ति-दिनांक का विवरण प्राप्त हो पायेगा? (च) क्या उक्त दोनों नगर परिषदों में कार्यरत विनियमित कर्मियों का नाम, वर्तमान-दायित्व एवं नियुक्ति-दिनांक का विवरण प्राप्त हो पायेगा? (छ) उक्त अनुसार रिक्त पदों पर नियुक्ति कब तक हो पायेगी? (ज) रिक्त पदों पर नियुक्ति में विलंब की दशा में नगर परिषद द्वारा अस्थाई नियुक्ति के लिये क्या-क्या विकल्प है? (झ) क्या वर्ष 2022-2024 की अवधि में प्रदेश के कुछ निकायों में मस्टर पर कर्मियों की नियुक्ति नगर परिषदों द्वारा की जा रही हैं? (ण) क्या तात्कालिक आवश्यकता की स्थिति में नगर परिषद मस्टर पर कर्मियों की अस्थाई नियुक्ति कर सकती है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद बंडा में 121 एवं नगर परिषद शाहगढ़ में 90 पद स्वीकृत है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ग" अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है। (छ) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रस्ताव मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल को प्रेषित किये जावेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ज) आवश्यकतानुसार समय-समय पर नियमानुसार प्रक्रिया का पालन करते हुये आउटसोर्स/मस्टर पर कर्मचारी रखे जा सकते है। (झ) जी हां। (ण) जी नहीं।
नगर पंचायतों में योजनावार व्यय की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 4107 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में नगर पंचायतो में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार कौन-कौन से कार्य पर कितना-कितना व्यय किया है? सम्पूर्ण विवरण देवें व शासन की गाइड लाइन उपलब्ध करावें? (ख) वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक नगर पंचायत में कौन-कौन से कार्य हेतु बैठक आयोजित की गई, जिसका परिषद द्वारा अनुमोदन किया गया? (ग) निर्माण कार्य गुणवत्ता हेतु विभागीय अधिकारी ने शासन की नीति के तहत कार्य किये गये है? (घ) यदि हाँ तो निर्माण कार्य जर्जर हो चुके है? वर्ष 2021 से किये गये निर्माण कार्य के पूर्णता प्रमाण-पत्र सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। शासन की गाइड लाइन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। निर्माण कार्य शासन की नीति के तहत किये गये हैं। (घ) जी नहीं। कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
विद्युत प्रवाह न होने की शिकायतों का निराकरण
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 4108 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में कई गांव में लाईट/ बिजली न होने की शिकायत प्राप्त हुई है या ट्रांसफार्मर खराब एवं समस्याओं की शिकायत प्राप्त हुई है? (ख) जले हुये ट्रांसफार्मर को बदलने की समय-सीमा क्या है? जले हुये ट्रांसफार्मर को तय समय-सीमा में बदला गया है? यदि नहीं तो किस कारण?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित होने एवं वितरण ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने से संबंधित क्रमश: कुल 258 एवं 89 शिकायतें प्राप्त हुई है। उक्त समस्त शिकायतों का तत्समय निर्धारित समय-सीमा में निराकरण कर विद्युत प्रदाय सुचारु कर दिया गया था। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति एवं वितरण ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने जैसी समस्याओं की कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। (ख) वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर, पात्र होने के उपरांत पहुँच मार्ग की उपलब्धतानुसार इन्हें निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया जाता है। जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र में जले/खराब हुए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को तय समय-सीमा में बदला गया है।
मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 4138 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विदिशा जिले में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मार्गों का निर्माण किया गया है? मार्ग के नाम सहित स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा और कार्यादेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्मित सड़कों के रख रखाव एवं मरम्मत हेतु वर्ष 2019-20 से प्रश्नांकित अवधि तक कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई? वर्षवार मार्गवार जानकारी देवें एवं किस-किस कार्य एजेन्सी द्वारा कार्य किया गया? बतावें तथा कार्य एजेन्सी को कितना-कितना भुगतान, कब-कब किया गया? उक्त कार्यों का मूल्यांकन किन-किन अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? अधिकारी का नाम, मूल्यांकन तिथि सहित बतावें। क्या कमियां पाई गई? इसके लिए दोषी कौन है? कार्य एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2019-20 से प्रश्नांकित अवधि तक विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में कौन-कौन से मार्गों के निर्माण कार्य की स्वीकृति हुई? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। मार्गों का निर्माण किस-किस एजेन्सी, ठेकेदार द्वारा किया गया? किन-किन अधिकारियों द्वारा मार्ग निर्माण का निरीक्षण किया गया? क्या कमियां पाई गई? गुणवत्ता परीक्षण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? गुणवत्ताविहीन पाये जाने पर कार्य एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई? बतावें तथा कार्य एजेन्सी द्वारा समय पर निर्माण पूर्ण न किये जाने पर कार्य एजेन्सी पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नकर्ता के विभाग को एवं विभाग की समस्त इकाइयों के सड़क निर्माण संबंधी कौन-कौन सी शिकायतें, मार्ग निर्माण हेतु मांग के पत्र प्राप्त हुए? पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पत्र पावती एवं कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया गया? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स' अनुसार है।
विभागीय संरचना एवं कार्यों की जानकारी
[संसदीय कार्य]
80. ( क्र. 4139 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश संसदीय कार्य विभाग की विभागीय संरचना क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी शासकीय, अर्द्धशासकीय, प्रशासनिक इकाइयां आदि सम्मिलित हैं? सभी के नाम और उक्त सभी संस्थाओं, इकाइयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के नाम, सेवाकाल सहित संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें तथा विभाग के कार्य क्या-क्या हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग एवं विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन-किन कार्यों हेतु विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष हैं तथा शेष राशि का भुगतान कब तक दिया जावेगा? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम सहित जानकारी देवें एवं छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या भुगतान में अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो उसके लिए दोषी कौन है? क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो इसके लिए दोषी कौन है तथा कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) संसदीय कार्य विभाग की संरचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के अंतर्गत पंजीकृत संस्था पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ, भोपाल संचालित है। विद्यापीठ में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विभाग के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।(ख) विभागान्तर्गत कोई योजना संचालित नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ग) एवं (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों एवं भवनों के संधारण और निर्माण
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 4140 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण एवं कौन-कौन सी सड़कों का मरम्मतीकरण कार्य, कितनी लागत से, किस एजेंसी द्वारा किस-किस अधिकारी के अंडर कार्य कराया गया? विकासखण्डवार, सड़कवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि शासकीय भवनों में मेंटेनेंस अथवा निर्माण के क्या-क्या कार्य किस एजेंसी द्वारा कितनी लागत से कराये गये, निरीक्षण किसके द्वारा किये गये, भुगतान किसके द्वारा किये गये, निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति के साथ जानकारी भवनवार उपलब्ध करायें? (ग) क्या भाण्डेर स्थित शाहपुरा रोड पर डामर रोड का निर्माण अमानक कराया गया, जिसमें रोड के बीच की लेयर डाली ही नहीं गई उसकी फर्जी एमबी बनाकर भुगतान किया गया है? यदि नहीं तो जांच कराई जाये यदि हाँ तो इसमें कौन-कौन दोषी है? उनके नाम, पद बताते हुये उनके खिलाफ कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या भवनों के मेंटेनेंस के नाम पर जिले के चिन्हित भवनों मात्र गिने चुने भवनों के बार-बार मेंटीनेंस के नाम पर बिल तैयार कर भुगतान हुये हैं जो शासकीय राशि का दुरूपयोग है भवनवार मेंटीनेंस लागत राशि की जानकारी बिल एवं एमबी की छायाप्रति के साथ उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। संबंधित उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा निरीक्षण के उपरांत भुगतान किया गया है। पृथक से निरीक्षण प्रतिवेदन जारी नहीं किये गये है। (ग) जी नहीं, माप-पुस्तिका में ठेकेदार द्वारा किये गये कार्य का भुगतान किया गया है। अतः फर्जी भुगतान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। भवनों के मरम्मत का कार्य उपयंत्री/सहायक यंत्री के निरीक्षण उपरांत आवश्यकता होने पर कराया जाता है। जिसमें किसी भी प्रकार की शासकीय राशि का दुरूपयोग नहीं किया गया है। बिल की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं एम.बी. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
रोड का एस्टीमेट संशोधन एवं एक्सपेंशन जॉइंट
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 4144 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पोहरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में निर्मित सड़कों का एस्टीमेट संशोधित किया गया है? यदि हाँ तो, कौन-कौन सी सड़कों का किया गया एवं संशोधन के बाद कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? जानकारी दें। (ख) क्या पोहरी विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 से 2023-24 में निर्मित सड़कों में रिटेनिंग वॉल एवं एक्सपेंशन जॉइंट बनाये गये हैं? यदि हाँ तो, कौन-कौन सी रोड में रिटेनिंग वॉल एवं एक्सपेंशन जॉइंट किन-किन सड़कों में कहां-कहां पर बनाये गये हैं और कहां-कहां नहीं बनाये गये हैं तो निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों शेष एक्सपेंशन जॉइंट कब तक बनाये जाएंगे? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र पोहरी में वर्ष 2019-20 से 2023-24 में अमरखोआ से जमुनिया, आंकुर्सी से झिरी, चिटोरा से गूगरीपुरा, पोहरी गड़रिया से उमरई, बेहरदा से कदबई, 18 बटालियन से चंदनपुरा रोड में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है और रोड की सतह घटिया सामग्री के उपयोग के कारण क्षतिग्रस्त हो गयी है? यदि हाँ तो, निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जाएंगी और क्षतिग्रस्त सड़के कब तक दुरूस्त की जाएंगी? समय-सीमा बताएं। (घ) क्या झिरीआंकुर्सी रोड के पुल के नीचे पुल की छत में सरिया दिखाई दे रहा है? यदि हाँ तो, इस कार्य को कब तक सही कराया जाऐगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मार्गों का रख-रखाव परफॉर्मेंस गारंटी में किया जाता है, जिसकी अवधि जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभिन्न संवर्गो के स्वीकृत/कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 4146 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम ग्वालियर में अप्रैल 2019 में शासन द्वारा नियमित/ विनियमित/आउटसोर्स कर्मचारी के पद स्वीकृत है, उनके विरूद्ध कौन-कौन कर्मचारी कार्यरत है तथा भरे/रिक्त पदों की जानकारी दी जावें? (ख) अप्रैल 2019 से मई 2024 तक स्वीकृत से अधिक नियमित/विनियमित/आउटसोर्स कर्मचारियों पर प्रतिवर्ष कितना व्यय किया गया? सम्पूर्ण जानकारी वर्षवार दी जावें। (ग) स्वीकृति से अधिक कर्मचारियों की स्वीकृति हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी है, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई और यदि कार्यवाही नहीं की गई तो, क्यों? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की समय-सीमा बताई जावें। (घ) क्या शासन के द्वारा स्वीकृति से अधिक कर्मचारियों के लिये पद स्वीकृति करने की योजना है, यदि हां तो कुल पद एवं पदवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम ग्वालियर अंतर्गत स्वीकृत, भरे, रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "अ" अनुसार है। विनियमित/ आउटसोर्स कर्मचारियों के पद सवीकृत नहीं है। वर्तमान स्थिति में नगर निगम ग्वालियर अंतर्गत कार्यरत नियमित, विनियमित एवं आउटसोर्स कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ख) नगर निगम ग्वालियर अंतर्गत वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक भुगतान किये गये वेतन की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है:-
स.क्र. |
वित्तीय वर्ष |
नियमित |
विनियमित |
आउटसोर्स |
1 |
2019&20 |
673289818 |
356060150 |
237097288 |
2 |
2020&21 |
695630465 |
394768254 |
304620214 |
3 |
2021&22 |
609470740 |
408655428 |
266160483 |
4 |
2022&23 |
762093385 |
475893955 |
386053052 |
5 |
2023&24 |
789657966 |
554523033 |
415097948 |
|
योग |
3530142374 |
2189900820 |
1609028985 |
(ग) नगर निगम ग्वालियर हेतु शासन द्वारा स्वीकृत नियमित पदों के विरूद्ध स्वीकृति से अधिक कर्मचारी नियुक्त न होने से कोई दोषी नहीं है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राशि का आवंटन एवं व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 4156 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल, 2024 से प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद दबोह एवं आलमपुर में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) उपरोक्त समस्त व्यय की गई राशि की स्वीकृति किस अधिकारी द्वारा दी गई? व्यय राशि का कार्यवार पूर्ण विवरण दें। (ग) आचार संहिता के समय कौन-कौन सी सामग्री खरीदी गई प्रत्येक का दिनांकवार विवरण दें। (घ) क्या मुख्य नगर पालिका अधिकारी दबोह द्वारा भू-माफियाओं से सांठगांठ कर करधन तालाब से मिट्टी का अवैध उत्खनन कराने के साथ-साथ वार्ड क्रमांक 07 में शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण कराया जा रहा है? यदि हाँ तो जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) 1 अप्रैल, 2024 से नगर परिषद दबोह जिला भिण्ड द्वारा कार्यों में व्यय की गई राशि क्रमश: सी.सी. रोड, नाली, रिटेनिंग, वॉल निर्माण कार्य- 8343383/-, खरीदी/मरम्मत कार्य- 128225/-, वेतन भत्ते/डीजल/विज्ञापन निविदा- 6140905/-1 अप्रैल 2024 से नगर परिषद आलमपुर जिला भिण्ड द्वारा कार्यों में व्यय की गई राशि क्रमश: जोनल वर्क एवं कायाकल्प सी.सी. रोड निर्माण कार्य तथा एसडीआरएफ नाला निर्माण कार्य- 2868948/-, खरीदी/मरम्मत कार्य- 491409/-, वेतन भत्ते/डीजल- 3073053/-, ऋण, बजट, विज्ञापन निविदा एवं अन्य कार्य- 496879/- (ख) निकायों द्वारा संबंधित कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृति प्राप्त कर भुगतान की कार्यवाही की गई है। (ग) निकायों द्वारा आचार संहिता के दौरान कोई भी सामग्री क्रय नहीं की गई है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोलर पंप लगाये जाने की योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
85. ( क्र. 4185 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोलर पंप लगाये जाने की क्या-क्या योजनाएं है? उक्त संबंध में विभाग के क्या-क्या नियम/निर्देश क्या-क्या है? कृपया प्रति उपलब्ध कराये। क्या उक्त योजना में हितग्राही को अनुदान राशि दी जाती है? यदि हाँ तो कितनी? कृपया प्रति सेट पंप पर कितनी लागत एवं अनुदान राशि प्राप्त होती है? कृपया विवरण दें। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक जिला दतिया में कितने कृषि सोलर पंप लगाये गये है तथा कितने किसानों के सोलर पंप हेतु रजिस्ट्रेशन है? कृपया लगे हुये एवं पंजीकृत किसानों के नाम/पता की अलग-अलग सूची प्रदाय करें तथा उक्त किसानों के सोलर पंप लगाये जायेगें। यदि हाँ तो कब तक? (ग) क्या मकानों एवं घरों पर सौर्य ऊर्जा प्लांट लगाये जाने की योजना है? यदि हाँ तो क्या शासन द्वारा अनुदान राशि दी जायेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) केन्द्र शासन की ''प्रधानमंत्री कुसुम-ब योजना'' के अंतर्गत सोलर पंपों की स्थापना हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा ''प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना'' लागू की गई है, जो प्रदेश में पूर्व से लागू ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना का विस्तारित स्वरूप है। उक्त योजना से संबंधित नियम/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हां, उक्त योजना में हितग्राही को अनुदान राशि दी जाती है। 1 से 7.5 एच.पी. क्षमता तक के प्रति सेट सोलर पंप की स्थापना हेतु केन्द्र शासन द्वारा 30% व राज्य शासन द्वारा 30% अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। कुल लागत का शेष 40% अंश राशि हितग्राही के द्वारा देय है। प्रदेश में चिन्हित विशेष रूप से असुरक्षित जनजातीय समूहों (PVTG), यथा भारिया, बैगा एवं सहरिया समुदाय, के आवेदकों से 40 प्रतिशत उपभोक्ता अंश के स्थान पर केवल 5 प्रतिशत अंश लेकर ''प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना'' की स्वीकृति दिनांक 14.03.2024 को मंत्रि-परिषद से प्राप्त हुई है। वर्तमान में सोलर पंपों की मानकीकृत (दर) लागत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले में कुल 296 कृषि सोलर पंप स्थापित किये गये हैं। दतिया जिले में कुल 521 किसानों द्वारा सोलर पंप का रजिस्ट्रेशन किया गया है, जिनमें से 296 किसानों के यहां सोलर पंपों की स्थापना की जा चुकी है एवं 225 किसानों के यहां स्थापना होना शेष है। दतिया जिले में स्थापित सोलर पंपों एवं पंजीकृत किसानों की नाम, पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्तमान में भारत शासन के निर्देशानुसार म.प्र. में सोलर पंपों की स्थापना हेतु राज्य शासन द्वारा राज्य स्तरीय निविदा की गई है, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है। निविदा की कार्यवाही पूर्ण होने पर शीघ्र ही शेष पंजीकृत कृषकों के यहां परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर नियमानुसार सोलर पंपों की स्थापना की जावेगी। (ग) जी हाँ। मकानों एवं घरो पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाये जाने की योजना है। भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना लागू की गई है, जो म.प्र. में भी लागू है। जी हां, भारत शासन द्वारा अनुदान राशि दी जायेगी।
दतिया नगर पालिका द्वारा विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 4187 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया शहर में नगर पालिका द्वारा वर्ष 2019 से 2024 तक कितने-कितने सी.सी. रोड, नाले, नालियां, नालियों पर जाल के निर्माण कार्य किये गये है? यदि हाँ तो निर्माण कार्यों की वार्डवार की जानकारी सहित स्वीकृत निर्माण कार्यों की सूची तथा भुगतान की गई राशि की वर्षवार अलग-अलग जानकारी दें। (ख) दतिया जिला अंतर्गत नगर पंचायत बड़ौनी द्वारा वर्ष 2019 से 2024 तक कितने-कितने सी.सी. रोड, नाले, नालियां, नालियों पर जाल के निर्माण कार्य किये गये है? यदि हाँ तो निर्माण कार्यों की वार्डवार की जानकारी सहित स्वीकृत निर्माण कार्यों की सूची तथा भुगतान की गई राशि की वर्षवार अलग-अलग जानकारी दें। (ग) क्या सीतासागर तालाब एवं अन्य तालाबों की जलकुंभी की सफाई के लिये चीन निर्मित मशीन क्रय की गई थी? यदि हाँ तो उससे संबंधित विज्ञप्ति, स्वीकृत टेण्डर, कार्यादेश, भुगतान राशि के बिल-व्हाउचर सहित जानकारी प्रदाय करें। दतिया नगरपालिका द्वारा नाव (वोट) एवं फुव्वारे कब-कब, कितने-कितने खरीदे गये तथा कहां-कहां उपयोग किया गया है? कृपया भुगतान एवं स्वीकृत राशि की जानकारी दें। (घ) दतिया नगरपालिका एवं बड़ौनी नगर पंचायत द्वारा वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक स्ट्रीट लाइट हेतु कितने-कितने विद्युत सामग्री कितनी-कितनी क्रय किये गये है? कृपया वर्षवार, आइटमवार जानकारी सहित स्वीकृत टेण्डर कार्यादेश एवं भुगतान के संबंध में कैशबुक, बिल-व्हाउचर प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। निकाय द्वारा विज्ञप्ति क्रमांक 2021_UAD_181357_1 दिनांक 03.02.2022 से जारी की गई जिसका कार्यादेश क्रमांक 1434 दिनांक 28.04.2024 से दिया गया। जिसका भुगतान राशि रू. 68,74,616/- हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
विद्युत की आपूर्ति
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
87. ( क्र. 4190 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने यूनिट बिजली नवीनीकरण ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पन्न हो रही है? अगले 05 वर्षों में कितनी लक्ष्य तय किया गया, तय लक्ष्य को पाने के लिए क्या कार्ययोजना है? (ख) छतरपुर जिले हेतु इस दिशा में अगले 05 वर्षों में क्या कदम उठाए जाएंगे? (ग) बिजावर विधानसभा क्षेत्र के किशनगढ़-जैतपुर मार्ग में सौर संयंत्र हेतु क्या पूर्व में कोई भूमि चिन्हित की गई थी? हाँ तो कितने हेक्टर? इस स्थान पर सयंत्र लगाने के प्रयासों की जानकारी दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा क्रय बिजली की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अगले 5 वर्षों हेतु म.प्र. नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 लागू की गई है। म.प्र. शासन द्वारा जारी राजपत्र दिनांक 20.01.2023 (म.प्र. इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन) के अनुसार Renewable Purchase Obligation (RPO) वर्ष 2022-23 से 2029-30 तक तय किये गये है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले सहित, संपूर्ण म.प्र. हेतु मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 लागू है। उक्त जिले से इस नीति के अंतर्गत परियोजनाओं के प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार आवश्यक कदम उठाये जाएगें। इसके अतिरिक्त छतरपुर जिले सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश में कृषकों को सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही शासकीय भवनों में रूफटॉप परियोजनाएं लगाई जाएंगी। (ग) जी हाँ। बिजावर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जिन ग्रामों में शासकीय भूमि नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग को आवंटित की गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। सोलर पार्क हेतु आवंटित शासकीय भूमि का विस्तृत अद्यतन किया गया, अद्यतन के दौरान यह पाया गया कि प्रस्तावित स्थल पर वयस्क घने पेड़ों की संख्या अधिक है। अत: वृक्षों की कटाई रोकने के लिए यह प्रस्ताव निरस्त किया गया।
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कचरे का निपटारा
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 4191 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में एकत्रित जैविक/अपशिष्ट/ईवेस्ट/प्लास्टिक आदि कचरे के निपटान के लिए सरकार द्वारा छतरपुर जिले को प्रदाय की गई? वित्तीय, तकनीकी सहायता का ब्यौरा क्या है? (ख) छतरपुर जिले में ग्रामीण क्षेत्र से एकत्रित कचरे का निपटान कैसे किया जाता है? ब्यौरा दें। (ग) छतरपुर जिले में कचरे/अपशिष्ट निपटान के संयंत्र कहां है? इनकी वर्तमान क्षमता क्या है? इस संयंत्रों से कैसे कचरे/अपशिष्ट का निपटान किया जाता हैं? ब्यौरा दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संयुक्त आयुक्त, राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), भोपाल के पत्र क्र. 988/22/वि.सभा./एस.बी.एम./2024 भोपाल, दिनांक 08.07.2024 अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में एकत्रित जैविक कचरे का निपटान ग्राम पंचायतों में निर्मित सामुदायिक/व्यक्तिगत नाडेपों के माध्यम से किया जाता है। अजैविक कचरे के निपटान हेतु आवश्यकतानुसार ग्राम पंचायतों में कचरा संग्रहण केन्द्र निर्मित कराये गये है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वतंत्र इंजीनियर कंपनियों के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 4193 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय नगर पालिक निगम कटनी की किन-किन परियोजना/कार्यों में कौन-कौन ठेकेदार कंपनी? स्वतंत्र इंजीनियर के तौर पर किन शर्तों और क्या अनुबंध के तहत कार्य कर रही हैं और परियोजना/कार्यवार किस नाम/पदनाम के कौन-कौन तकनीकी अधिकारी कब से वर्तमान में कार्यरत/पदस्थ हैं? (ख) परियोजनाओं/कार्यों की स्वतंत्र इंजीनियर कंपनियों को उनके कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि दी जानी हैं? अब तक किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि का कब-कब भुगतान किया गया? कितनी भुगतान किया जाना शेष हैं? क्या अनुबंध में कार्यों में न्यूनता पर शास्ति लगाए जाने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो किस-किस कंपनी पर किन कारणों से कब-कब, कितनी-कितनी शास्ति किन सक्षम आदेशों से कब-कब लगाई गयी? (ग) प्रश्नांश (क) स्वतंत्र इंजीनियर कंपनियों के तकनीकी अधिकारियों के क्या-क्या कार्य हैं? इनके द्वारा अपने कार्यों का सम्पादन किस प्रकार किया जाता हैं? क्या इनके द्वारा प्रश्नांश (क) परियोजनाओं/कार्यों के निरीक्षण/पर्यवेक्षण, निगरानी/देखरेख एवं सत्यापन और गुणवत्ता परीक्षण का कार्य अनुबंधानुसार और नियमानुसार किया गया? हाँ, तो कैसे, जबकि परियोजनाओं/कार्यों में अनियमितताओं की लगातार शिकायते और जाँचे हुई हैं? नहीं, तो क्या कार्यवाही अब तक की गयी और आगे की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में बड़ी राशि व्यय कर कार्यालय-नगर पालिक निगम-कटनी की परियोजनाओं/कार्यों में चयनित/नियुक्त की गयी स्वतंत्र इंजीनियर कंपनियों का औचित्य एवं कारण बताइये, जबकि लगभग सभी परियोजनाओं के कार्यों में गंभीर अनियमितताएं लगातार हैं और कार्य, नियम/अनुबंधानुसार नहीं हो रहे हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कार्यालय नगर पालिक निगम कटनी की एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना के अंतर्गत डोर टू डोर कचरा संग्रहण, परिवहन एवं निष्पादन के कार्य में एम.एस.डब्ल्यू. मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कार्य कर रही है। स्वतंत्र इंजीनियर के रूप में इन्फ्रा इन (इं) प्रा.लि. द्वारा जून 2020 तक कार्य किया। इन्फ्रा इनका कार्यकाल समाप्त होने पर आइ.सी.यू.सी. कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त किया गया जिसका कार्यकाल जुलाई 2020 से जुलाई 2025 तक निर्धारित है। संबंधित एजेंसियों स्वतंत्र इंजीनियर कंपनी के अनुबंध के अन्तर्गत कार्य कर रही है। परियोजना के अन्तर्गत वर्तमान में कार्यरत, पदस्थ अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) इन्फ्रा इन (इ) प्रा.लि. एवं आइ.सी.यू.सी. कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड को भुगतान किये गये राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। इन्फ्रा इन (इ) प्रा.लि.को प्रतिमाह राशि रूपये 5,20,000.00 (पांच लाख बीस हजार) भुगतान की गई। इन्फ्रा इन (इ) प्रा.लि.का रूपये 80,60,000.00 (अस्सी लाख साठ हजार) रूपये का भुगतान किया जाना शेष है जो कि मॉनिटिरिंग कमेटी के निर्णय अनुसार लंबित है। आइ.सी.यू.सी कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड को राशि रूपये 2,35,728.00 (दो लाख पैतीस हजार सात सौ अठ्ठाइस) प्रतिमाह भुगतान की जाती है। आइ.सी.यू.सी. कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड का माह जून 2024 के देयक राशि रूपये 2,35,728.00 (दो लाख पैतीस हजार सात सौ अठ्ठाइस) का भुगतान किया जाना शेष है। अनुबंध अनुसार स्वतंत्र इंजीनियर कंपनी को किये जाने वाले भुगतान की 50 प्रतिशत राशि कटनी एम.एस.डब्ल्यू. के भुगतान से समायोजित की जाती है। जी हाँ। अनुबंध में कार्य में न्यूनता पर शास्ति लगाये जाने का प्रावधान है। इन्फ्रा इन (इं) प्रा.लि. के कार्यकाल में मॉनिटरिंग कमेटी दिनांक 24.12.2019 के निर्देशानुसार कार्य में कमी पाए जाने पर माह फरवरी 2019 के भुगतान से राशि रूपये 260000 (दो लाख साठ हजार) रूपये की कटौती की गई। माह फरवरी 2016 से माह अक्टूबर 2018 एवं माह अक्टूबर 2019 से माह जनवरी 2020 तक इन्फ्रा इन (इ) प्रा.लि.को कुल राशि रूपये 18971034.00 (एक करोड़ नवासी लाख इकहत्तर हजार चैंतीस) रूपये का भुगतान किया गया तथा आई.सी.यू.सी. कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड को कुल राशि रूपये 9912734.00 (निन्यानवे लाख बारह हजार सात सौ चैतीस) रूपये का भुगतान नियमानुसार किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम कटनी एवं कटनी एम.एस.डब्ल्यू. प्राइवेट लिमिटेड के बीच संपादित अनुबंध की शर्तों के अनुसार स्वतंत्र इंजीनियर कम्पनी की नियुक्ति की गई है। स्वतंत्र इंजीनियर कम्पनी द्वारा एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना कार्यों में तकनीकी कार्य जैसे प्रसंस्करण इकाईसाईंटिफिक लैंण्डफिलडेड एनिमल इंसिनिरेटेरलिचेट ट्रीटमेंट पान्ड आदि के निर्माण एवं रखरखाव में तकनीकी सहायता प्रदान किए जाने एवं परियोजना को सुचारू रूप से संचालित किये जाने हेतु निकाय एवं कंशेशनायर को तकनीकी सहायता प्रदान करती है। इस औचित्य से स्वतंत्र इंजीनियर कम्पनी की नियुक्ति का प्रावधान कटनी एम.एस.डब्ल्यू. एवं नगर पालिक निगम कटनी के मध्य संपादित अनुबंध में रखा गया है। परियोजना कार्यों में अनियमितता पाए जाने पर मॉनिटरिंग कमेटी एवं स्वतंत्र इंजीनियर द्वारा निरंतर ठोस कार्यवाही की गई हैं।
यातायात की व्यवस्था और क्रय की गई सामग्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 4195 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर में अधिक यातायात घनत्व के प्रमुख चौराहा/तिराहा कौन-कौन हैं? किन-किन चौराहों/तिराहों पर ट्रैफिक सिंग्नल लगे हैं? शेष रहे चौराहों/तिराहों पर ट्रैफिक सिंग्नलों की स्थापना किस प्रकार और कब तक की जायेगी? (ख) कटनी में सड़क सुरक्षा समिति द्वारा विगत-03 वर्षों में क्या-क्या अनुशंसा की गयी? अनुशंसाओं का क्रियान्वयन किन-किन विभागों/ कार्यालयों को करना था? प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं। (ग) कटनी-नगर की सड़कों में यातायात की सुगमता हेतु विगत-05 वर्षों में कितनी-कितनी लागत मूल्य से सड़क चिन्हांकन कार्य एवं सड़कों/तिराहों/चौराहों पर संकेतक बोर्ड, रोड-डिवाइडर, स्टॉपर, स्पीड ब्रेकर, रोडस्टड एवं रंबलस्ट्रिप आदि सामग्री किस-किस ठेकेदार कंपनी द्वारा नगर के किन-किन स्थानों पर कब-कब लगाई गयी? कार्यवार किस-किसको? किस मद/अनुदान की राशि से कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? इन सामग्रियों की परफार्मेंस गारंटी/वारंटी क्या थी और सामग्रियों की वर्तमान स्थिति एवं उपयोगिता से अवगत कराइये। (घ) कार्यालय-नगर पालिक निगम-कटनी द्वारा विगत-05 वर्षों में जेम पोर्टल के माध्यम से किस मांग एवं आवश्यकता एवं किन-किन प्राधिकारियों के क्या-क्या प्रस्तावों पर कितनी-कितनी लागत मूल्य की क्या-क्या सामग्री क्रय करने की स्वीकृति किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब प्रदाय की गयी? किस-किस दर पर क्या-क्या सामग्री क्रय कब-कब क्रय की गयी? नियमानुसार सामग्री का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? किस मद/अनुदान की राशि से कितना-कितना भुगतान? किस हेतु? किस-किसको? कब-कब किया गया? बताइये एवं सुसंगत दस्तावेज़ प्रदाय कीजिये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कटनी नगरपालिक निगम अंतर्गत अधिक यातायात घनत्व के प्रमुख चौराहा/तिराहो माधव नगर चौक, कटायेघाट तिराहा, पन्ना तिराहा, मिशन चौक, जगन्नाथ, चौक, दुर्गा चौक है। यातायात पुलिस की मांग अनुसार शहर के प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिंग्नल लगवायें गये है शेष चौराहों/तिराहों पर ट्रैफिक सिंग्नलों की स्थापना यातायात पुलिस की मांग अनुसार की जाएगी। (ख) कटनी में सड़क सुरक्षा समिति द्वारा विगत 03 वर्षों में की गई अनुशंसा/कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। सड़क सुरक्षा समिति द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा रेल्वे स्टेशन से सुभाष चौक तक सेंट्रल पार्किंग व्यवस्था समाप्त की गई एवं प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिंग्नल का कार्य, रोड सेफ्टी अंतर्गत रोड मार्किंग, रोड स्टड, डेलीनेटर, साईनेज रंबल स्ट्रिप, स्पीड ब्रेकर इत्यादि कार्य कराये गये हैं। (ग) कटनी नगर की सड़कों में यातायात की सुगमता हेतु विगत 05 वर्षों में सड़क चिन्हांकन कार्य एवं सड़कों/तिराहों/चौराहों पर संकेतक बोर्ड, रोड डिवाईडर, स्टॉपर, स्पीड ब्रेकर, रोड स्टड, रंबल स्ट्रिप इत्यादि कार्य कराया गया है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा विगत 05 वर्षों में जेम पोर्टल से सामग्री क्रय इत्यादि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
अवैध कॉलोनियों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 4198 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 136 सिवनी मालवा के अंतर्गत कितनी अवैध कॉलोनियों का निर्माण किन-किन लोगों द्वारा किया गया? (ख) क्या इन अवैध कॉलोनी में निवासरत लोगों की मूलभूत सुविधाएं जैसे आवश्यक मापदंड की पक्की सड़क तक की नालियां ड्रेनेज सिस्टम विद्युत व्यवस्था एवं पर गार्डन जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध है? (ग) इन अवैध कॉलोनी निर्माता एवं उनकी स्वीकृति प्रदान करने वाले एवं रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है यदि नहीं तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) इन अवैध कॉलोनी कब तक वैध कॉलोनी किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) विधानसभा सिवनी मालवा के अन्तर्गत नगर पालिका सिवनी मालवा क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनधिकृत कॉलोनियों के निर्माताओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कॉलोनियॉं अनुमति प्राप्त किए बिना विकसित की गई हैं एवं इन कॉलोनियों के भूखण्डों की रजिस्ट्री पर कोई प्रतिबंध न होने से प्रश्नांकित अधिकारियों पर कोई कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) अवैध कॉलोनियों को वैध नहीं किया जाएगा अपितु म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के अन्तर्गत नगरीय क्षेत्र में निर्दिष्ट अवधि के पूर्व अस्तित्व में आईं चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन अनुज्ञा प्रदान करने की प्रक्रिया सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर द्वारा की जाती है। कलेक्टर जिला नर्मदापुरम के द्वारा नगर पालिका सिवनी मालवा के क्षेत्र अन्तर्गत 44 चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन अनुज्ञा प्रदान करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है।
अफॉर्डेबल हाउसिंग प्लान AHP की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 4199 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अफॉर्डेबल हाउसिंग प्लान AHP के अंतर्गत नगर पालिका सिवनी मालवा में कितने मकान किस दिनांक एवं किस वर्ष स्वीकृत किए गए? (ख) वर्तमान में आवास निर्माण की क्या स्थिति है एवं कब तक निर्माण होकर आवंटित किए जाने थे? (ग) निर्माण कार्य पूर्ण कर कब तक मकान हितग्राहियों को आवंटित कर दिए जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सौर ऊर्जा योजना का क्रियान्वन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
93. ( क्र. 4202 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में केन्द्र या राज्य शासन द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिये जाने हेतु कोई योजना संचालित है? (ख) यदि हाँ तो उक्त योजना के क्या प्रावधान है? जानकारी दें। (ग) क्या उक्त योजना जिला राजगढ़ में भी संचालित है? (घ) यदि हाँ तो राजगढ़ जिले में योजना प्रारम्भ से आज दिनांक तक कितने हितग्राहियों द्वारा इस योजना का लाभ लिया गया है? जानकारी दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिये जाने हेतु योजनाएं संचालित हैं। (ख) सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिये जाने हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त योजनाएं जिला राजगढ़ सहित संपूर्ण प्रदेश में संचालित हैं। (घ) राजगढ़ जिले में सौर रूफटॉप परियोजना के अन्तर्गत 30 शासकीय/निजी संस्थानों में सौर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना की गई है। इसके अतिरिक्त 320 किसानों के खेतों में सोलर पंप लगाए गए है। 21 विकासकों द्वारा 109 मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएं स्थापित की गई है।
दैनिक कर्मचारी को विनियमित किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 4203 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पूर्व से दैनिक कर्मचारी के रूप में कार्यरत कर्मचारी को विनियमित कर्मचारी बनाया गया है? यदि हां तो विनियमित किये जाने का क्या मापदण्ड था? जानकारी दें। (ख) उक्त विनियमित कर्मचारियों को वर्तमान में शासन द्वारा क्या-क्या सुविधा दी जा रही है? (ग) क्या प्रदेश की विभिन्न निकायों में कई वर्षों से कार्यरत दैनिक कर्मचारी को विनियमित किये जाने की कोई योजना है? (घ) यदि हाँ तो कई वर्षों से दैनिक कर्मचारी के रूप में कार्यरत कर्मचारी को कब तक विनियमित किया जावेगा और यदि नहीं किया जावेगा तो क्यों नहीं? जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप कमांक-एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 में विनियमित कर्मचारी बनाये जाने के मापदण्ड दिये गये है। ज्ञाप की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "क" पर है। (ख) सामान्य प्रशासन के ज्ञाप क्रमांक-एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 07 अक्टूबर 2016 के प्रावधान अनुसार सुविधाएं दी जा रही है। (ग) प्रदेश की विभिन्न नगरीय निकायों के लिये मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के परिपत्र कमांक-एफ 4-134/2017/ 18-1 दिनांक 01 अगस्त, 2017 द्वारा नगरीय निकायों के दैनिक वेतन भोगियों को विनियमित करने के लिये परिपत्र जारी किया गया है। परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ख" पर है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग के परिपत्र दिनांक 01 अगस्त 2017 के अनुसार नगरीय निकायों में कार्यरत ऐसे दैनिक वेतन भोगी, जो दिनांक 16 मई 2007 को कार्यरत थे व दिनांक 01 सितम्बर 2016 को भी कार्यरत है, को नगरीय निकायों द्वारा विनियमित करने की कार्यवाही की गयी है। दिनांक 16 मई 2007 के पश्चात के दैनिक वेतन भोगी जिनको रखने के लिये शासन की अनुमति प्राप्त की गयी है, को ही विनियमित किये जाने का प्रावधान है। शेषांश उपस्थित नहीं होता।
11 मिल से फंदा तक वेस्टर्न भोपाल बायपास प्रोजेक्ट
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 4205 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल में 11 मिल से फंडा तक वेस्टर्न भोपाल बायपास प्रोजेक्ट, भोज वेटलैंड एरिया में आता है, जो भारत की संयुक्त राज्य से रामसर संधि का हिस्सा है। यदि हाँ तो बतावें कि क्या इस प्रोजेक्ट से सात तालाब, दो नदियां, टाइगर मुवमेंट एरिया एवं वन परिक्षेत्र का बड़ा हिस्सा प्रभावित नहीं होगा? (ख) क्या कुछ वर्ष पूर्व ही सरकार ने कोकता से होकर गुजरने वाले बायपास का निर्माण किया जो दबाव मुक्त हाईवे है? जानकारी दें कि इस बायपास के होते हुए नए बायपास की आवश्यकता क्यों हो रही है? प्रश्नाधीन बायपास की आवश्यकता पर बनाई गई नोटशीट की समस्त छायाप्रतियां देवें। (ग) क्या इस परियोजना के लिए औपचारिकता कागजों में पूरी की गई? ग्रामसभा की बैठकें कागजों में की गई और टेंडर स्वीकृत करने के बाद, जारी करने के बाद, दावा आपत्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया तथा परियोजना प्रस्तावित होने के ठीक पहले उस क्षेत्र में 278 से ज्यादा रजिस्ट्री की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) भोपाल का बड़ा तालाब रामसर साईट है एवं इस पर वेटलेंड नियम-2017 प्रभावशील है। इस संबंध में म.प्र. शासन पर्यावरण विभाग द्वारा आदेश जारी किये गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रश्नांकित भोपाल बॉयपास के कार्य में इन आदेशों का पालन किया जा रहा है। इस परियोजना से सात तालाब एवं दो नदियों पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव होने की संभावना नहीं है। टाइगर मूवमेंट एरिया की जानकारी लोक निर्माण विभाग के संज्ञान में नहीं है। (ख) शहरों के सुनियोजित विस्तार हेतु रिंग रोड का निर्माण किया जाता है। भोपाल का पूर्वी बॉयपास भोपाल रिंग रोड के आधे हिस्से के रूप में कार्य करता है। प्रस्तावित पश्चिम बॉयपास के बनने से भोपाल शहर को एक रिंग रोड उपलब्ध होगी एवं जबलपुर, नागपुर, बैतूल, नर्मदापुरम की ओर से इंदौर जाने वाले वाहनों के लिये लगभग 25 कि.मी. की दूरी कम होगी। इसके अतिरिक्त शहरी क्षेत्र में भी यातायात का दबाव कम होगा। संबंधित परियोजना का अनुमोदन राज्य स्तरीय साधिकार समिति द्वारा समस्त तथ्यों पर विचार कर किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। भूमि अधिग्रहण एवं परियोजना हेतु निविदा कार्य अलग-अलग विषय है एवं दोनों ही कार्यवाहियां समानांतर रूप से नियमानुसार की गई है। रजिस्ट्री से संबंधित जानकारी लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है।
इन्दौर द्वारा अवैध निर्माण को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 4207 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन के द्वारा 10 के स्थान पर 30 अवैध निर्माण को कंपाउंडिंग कर वैध किए जाने के नियम के तहत इंदौर नगर निगम के द्वारा कितने भवनों की कंपाउंडिंग की गई? (ख) इसमें कौन-कौन से माल एवं इमारत है? (ग) इनकी कंपाउंडिंग के पूर्व क्या निगम के अधिकारी द्वारा मौका मुआयना कर यह सुनिश्चित किया गया कि इन इमारत में इस परिधि का ही अवैध निर्माण था?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी म.प्र. राजपत्र दिनांक 13 मार्च 2024 (म.प्र. नगर पालिका अनुज्ञा के बिना भवनों के संनिर्माण के अपराधों का प्रशमन शुल्क एवं शर्तें) नियम 2016 अनुसार, संशोधन दिनांक 13 मार्च, 2024 से 12 भवनों की कम्पाउंडिंग की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, निगम के भवन अधिकारी द्वारा मौका मुआयना किया गया।
नगर निगम द्वारा राजस्व वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 4208 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा अपने राजस्व वसूली टारगेट को पूरा करने के लिए हजारों की संख्या में बिना उपभोक्ताओं की अनुमति तथा बिना सर्वे स्वयं ही उनके राजस्व खातों में छेड़छाड़ कर प्लाट साइज बढ़ाकर एवं खाली प्लाट पर निर्माण बताकर संपत्ति कर बढ़ा दिया गया है? (ख) यदि हाँ तो क्या शहर में कई उपभोक्ता ऐसे भी हैं जिनके एक ही संपत्ति के दो-दो राजस्व खाते हैं? यदि हाँ तो उपभोक्ताओं के साथ विभाग द्वारा धोखाधड़ी कर राजस्व वसूली में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है तथा क्या दोषियों पर कार्रवाई की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपभोक्ताओं के पुराने नल कनेक्शन कटवाए बिना ही नर्मदा लाइन के नए कनेक्शन दे दिए गए हैं जिस कारण उपभोक्ताओं को डबल कनेक्शन की फीस निगम को भुगतान करना पड़ रही है? यदि हाँ तो ऐसा क्यों? क्या उपभोक्ताओं को संपत्ति कर तथा जलकर स्वयं निर्धारण कर भुगतान करने का नियम है? यदि हाँ तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 1. जी नहीं। संपत्तिकर स्वनिर्धारण संपत्ति स्वामी द्वारा म.प्र. नगर पालिका (भवनों एवं भूमियों के कर योग्य संपत्ति मूल्य का निर्धारण) नियम, 2020 में वर्णित प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट अनुसार है। 2. जी नहीं। जलकर स्वनिर्धारण का कोई प्रावधान नहीं है।
भदभदा बस्ती को हटाए जाने एवं मुआवजे का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 4209 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला प्रशासन द्वारा भदभदा बस्ती को हटाए जाने की कार्रवाई कर लगभग 350 घरों को बस्ती को हटा दिया गया है? (ख) यदि हाँ तो क्या प्रशासन द्वारा भदभदा बस्ती से हटाए गए परिवारजनों को प्रश्न दिनांक तक मुआवजा राशि का वितरण किया गया? यदि हाँ तो कितने परिवारों को कब-कब तथा कितनी-कितनी राशि दी गई? यदि नहीं तो क्यों? जानकारी दें। (ग) क्या भदभदा बस्ती को हटाने से पूर्व प्रशासन द्वारा उच्च स्थान पर निवासरत परिवारों को अन्यत्र स्थान पर मकान बनाकर दिए जाने का आश्वासन दिया गया था? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक किन-किन परिवारों को मकान दिए जा चुके हैं एवं कितने परिवार अभी भी इससे वंचित हैं? पृथक पृथक जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हां, माननीय एन.जी.टी. के आदेशानुसार भदभदा झुग्गी बस्ती के कुल 395 अवैध निर्माणकर्ताओं/अतिक्रमणकारियों को जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा हटाया गया है। (ख) संबंधित समस्त विस्थापितों की सहमति अनुसार जिला प्रशासन द्वारा सभी विस्थापितों को तत्समय 1-1 लाख रूपए की सहायता राशि प्रदान की गयी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संबंधित विस्थापितों को उनकी सहमति अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में ई.डब्लू.एस. (स्लम) आवास लेने का विकल्प दिया गया है। संबंधित हितग्राहियों के आवेदन/सहमति अनुसार नियमानुसार राशि जमा कराये जाने के उपरांत आवास उपलब्ध करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। उक्त विस्थापितों में से 10 विस्थापितों द्वारा कलखेडा परियोजना में आवास हेतु मार्जिन मनी (बुकिंग राशि) जमा कर दी गयी है। जबकि 02 विस्थापितों द्वारा मालीखेडी परियोजना में आवास हेतु पूर्ण राशि जमा की गयी जिसके उपरांत दोनों विस्थापितों को नगर निगम द्वारा स्थाई आवंटन आदेश जारी कर दिया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्तानुसार शेष 383 विस्थापितों को उनकी सहमति एवं नियमानुसार राशि जमा कराये जाने के पश्चात आवास उपलब्ध कराया जाना शेष है।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
99. ( क्र. 4212 ) श्री विपीन जैन : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु परिवारों के कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? विस्तृत विवरण देवें। (ख) मंदसौर जिले एवं विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्धघुमंतु परिवार निवासरत हैं ऐसे परिवारों की अनुमानित संख्या कितनी है? जानकारी देवें। उनकी गणना और संख्यात्मक जानकारी के लिए विभाग की क्या योजना है? (ग) विभाग द्वारा विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्धघुमंतु कल्याण हेतु जिला मंदसौर को 1 अप्रैल, 2014 से कितना बजट उपलब्ध कराया गया है? उपलब्ध बजट से इनके जनकल्याण हेतु कौन-कौन से कार्य किए गए हैं? वर्षवार विवरण देवें। विभाग द्वारा इनके कल्याण के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में प्रदेश सरकार द्वारा कितना बजट आवंटित किया गया है? (घ) विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्धघुमंतु विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी जातियों को सम्मिलित किया गया है और इन्हें किस वर्ग में रखा गया है? (ड.) क्या मंदसौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गाड़ी लोहार समाज जन की संख्या निवासरत है? क्या इनके द्वारा जाति प्रमाण-पत्र बनाए जाने हेतु आवेदन करने के पश्चात भी इनके प्रमाण-पत्र नहीं बनने से इस समुदाय के परिवारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (च) मंदसौर कालाखेत स्थित साठीया समाज, समुदाय क्या इसी वर्ग अंतर्गत आता है? यदि हाँ, तो उनके कल्याण और उत्थान के लिए विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या प्रयास किए गए हैं? विवरण देवें।
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) सर्वेक्षण के अभाव में उक्त समुदायों के परिवारों की ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है, योजना पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ड.) सामान्य जानकारी के आधार पर वर्तमान में गाड़ी लोहार समाज के परिवार मंदसौर में निवासरत है, सर्वेक्षण के अभाव में संख्यात्मक जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। लोक सेवा केन्द्र द्वारा नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र बनाए जा रहे है। (च) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जीण-शीर्ण, ईमारतों को गिराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 4214 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर शहर में वर्षा ऋतु में अत्यंत पुराने जर्जर, जीणशीर्ण मकानों के गिरने, जनहानि होने की घटनाओं की सूचनाएं/शिकायतें प्राप्त होती रहती है और समाचार पत्रों में भी पत्रकारों द्वारा इस विषय को गंभीरता से उठाया जाता रहा है? (ख) यदि हाँ तो जानकारी दें कि मंदसौर शहर अंतर्गत वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने जर्जर मकान/बिल्डिंग/शासकीय भवन चिन्हित किए गए हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) वर्णित समय अवधि में कितने जर्जर मकानों/बिल्डिंगो/शासकीय भवनों को जनहानि का अंदेशा होने के कारण गिराया गया है? (घ) क्या इतनी अधिक संख्या में जर्जर, जीर्ण-शीर्ण मकान होने पर भी प्रशासन द्वारा इन्हें नहीं गिराया जा रहा है? जानकारी दें। कि उक्त जर्जर मकानों को गिराए जाने हेतु विभाग द्वारा संबंधितों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाहियां की गई है? (ड.) विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से इन जर्जर मकानों को चिन्हित कर कब तक गिरा दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) वर्ष 2021 में 91, वर्ष 2022 में 53, वर्ष 2023 में 64 एवं वर्ष 2024 में 48। (ग) 86 मकान । (घ) सूचना पत्र जारी किये गये हैं। (ड.) जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण मकानों को गिराये जाने/हटाये जाने के संबंध में सूचना पत्र जारी किये गये। जिला प्रशासन के सहयोग से जीर्ण-शीर्ण भवन गिराने की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नीमच विधान सभा क्षेत्र में ट्रांसफार्मर की स्थिति
[ऊर्जा]
101. ( क्र. 4217 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच विधान सभा में वर्तमान में कुल कितने नवीन ग्रिड एवं उच्च क्षमता के नवीन ट्रांसफार्मर कहाँ-कहाँ प्रस्तावित है? सूची देवें। (ख) 1 जनवरी, 2018 के पश्चात प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा कब-कब, किस-किस कार्य हेतु म.प्र.प.क्षेत्र.वि.वि. कम्पनी के नीमच कार्यालय को पत्र लिखकर निर्देशित किया गया? कुल कितने कार्य पूर्ण हो चुके है, कितने कार्य किस कारण से पूर्व नहीं हुए, जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) संदर्भित उक्त विभाग में विधायकों के पत्रों के जवाब कितने दिन में देने के निर्देश है? क्या प्रश्नकर्ता विधायक के समस्त पत्रों के जवाब समयावधि में दिए गए है? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या नीमच विधान सभा में स्थित बामोरा उपकेंद्र में नवीन ग्रिड हेतु कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ तो कार्यवाही किस स्तर पर है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत नीमच विधानसभा क्षेत्र से संबंधित वर्तमान में 03 नवीन ग्रिड, 01 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 05 पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि के कार्य प्रस्तावित हैं, जिसकी स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। नीमच विधानसभा क्षेत्र में म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर से संबंधित पारेषण प्रणाली में वर्तमान में 220/132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब उपकेन्द्र नीमच में 01 (20 एम.व्ही.ए. से 50 एम.व्ही.ए.) पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि का कार्य प्रस्तावित है। (ख) दिनांक 01.01.2018 के पश्चात प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के नीमच कार्यालय को लिखे गए पत्रों का विवरण एवं पत्रों में उल्लेखित कार्यों की पूर्णता/प्रगतिरत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है। (ग) माननीय विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही करने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही किये जाने के निर्देश हैं। माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्रों का निराकरण हो जाने के पश्चात माननीय विधायक महोदय को नीमच वृत्त के अधिकारियों द्वारा मौखिक रूप से समय-समय पर सूचित किया गया है। कार्य की अधिकता, समय-समय पर अधिकारियों के स्थानान्तरण तथा सेवानिवृत्ति के कारण माननीय विधायक महोदय को लिखित रूप से समय पर सूचित करने में विलंब हुआ है। माननीय विधायक महोदय को उनके पत्रों के प्रति उत्तर में वर्तमान में पदस्थ कार्यपालन यंत्री (संचा./संधा.) नीमच द्वारा पत्र क्रमांक-1144 दिनांक 15.06.2024 से लिखित प्रतिवेदन प्रेषित किये गये हैं। (घ) नीमच विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बामोरा में नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र निर्माण का प्रस्ताव दिनांक 07.03.2022 को तकनीकी साध्यता परीक्षण समिति की मीटिंग में तकनीकी रुप से साध्य नहीं पाया गया है।
नगर निगम तथा नगर पालिका अधिनियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 4218 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम तथा नगर पालिका अधिनियम के अनुसार शहर में किस-किस प्रकार की स्थापना तथा निर्माण को, निर्माण की अनुमति के पहले या निर्माण की अनुमति के बाद, पर्यावरण विभाग की अनुमति लेना आवश्यक है। (ख) प्रश्नांश (क) के अधिनियम अनुसार किस स्थापना तथा निर्माण को अग्नि शमन यंत्र तथा उसका सिस्टम लगाया जाना आवश्यक है। यदि नहीं लगाया जाता है, तो उस पर क्या कार्रवाई की जा सकती है तथा किसी दुर्घटना होने पर किस धारा में उसे आरोपी बनाया जाएगा। (ग) उज्जैन संभाग में प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार ऐसी कौन-कौन सी स्थापना तथा निर्माण है जिन्होंने पर्यावरण तथा अग्नि शमन दोनों के नियम या किसी एक के नियम का पालन नहीं किया। उनकी सूची शहर का नाम, स्थापना/निर्माण का नाम, मालिक/भागीदार का नाम, निर्माण प्रक्रिया शुरू की दिनांक, उनको दिए नोटिस का नम्बर एवं दिनांक, की गई कार्रवाई सहित सूची दें। (घ) पर्यावरण परख एवं अग्नि शमन सिस्टम के इंस्पेक्शन का क्या रोस्टर है तथा कौन अधिकारी इसके लिए अधिकृत है तथा बताएं कि वर्ष 2023 से जून 2024 तक प्रश्नांश (ग) वर्णित संभाग के किस-किस शहर में किस-किस स्थापना एवं निर्माण/निर्मित का पर्यावरण तथा अग्नि शमन के बारे में इंस्पेक्शन किया गया तथा उसमें क्या पाया गया। रिपोर्ट की प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
103. ( क्र. 4220 ) श्री सुरेश राजे : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा घरेलु (भवन) उपभोक्ताओं तथा कृषकों को सोलर कृषि पंप की स्थापना हेतु कितना-कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ? उक्त वर्षों में घरेलु उपभोक्ता तथा सोलर कृषि पंप की स्थापना हेतु कितने-कितने हितग्राहियों ने पंजीयन करवाया? कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? वर्षवार संख्या सहित पूर्ण जानकारी देवें (ख) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा घरेलु उपभोक्ताओं तथा किसानों को सोलर कृषि पंप की स्थापना एवं क्रियान्वयन तथा अनुदान संबंधी नियम/आदेश की सत्यापित प्रति देवें (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में जिला ग्वालियर अंतर्गत विधानसभा भितरवार, डबरा एवं मुरार, घाटीगांव क्षेत्र में किस ग्राम के घरेलु उपभोक्ता तथा किस ग्राम के किस कृषक को सोलर कृषि पंप स्थापित करने पर कितनी-कितनी राशि किस दिनांक को अनुदान दी गई? विकासखंडवार एवं हितग्राहीवार तथा वर्षवार बतावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जिला ग्वालियर में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा घरेलु उपभोक्ताओं के यहां सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना हेतु कोई योजना क्रियान्वित नहीं की गई। इस अवधि में वर्ष 2022-23 में जिला ग्वालियर में 4 किसानों के खेतों में सोलर पंप लगाए गए। (ख) कृषकों के यहां सोलर पंपों की स्थापना हेतु म.प्र.शासन द्वारा कृषक मित्र सूर्य योजना लागू है, जो की मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना का विस्तारित स्वरूप है। उक्त के क्रियान्वयन तथा अनुदान संबंधी नियम/आदेश से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में जिला ग्वालियर अंतर्गत विधानसभा भितरवार, डबरा एवं मुरार के घरेलु कृषकों को सोलर कृषि पंप स्थापित करने पर अनुदान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में योजनाओं का क्रियान्वयन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
104. ( क्र. 4221 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों को स्वरोजगार हेतु चयन तथा जिला स्तरीय गठित समिति में शामिल अध्यक्ष तथा सदस्यों संबंधी गाइडलाइन, नियम, आदेश की सत्यापित प्रति देवें, ग्वालियर जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों को स्वरोजगार हेतु वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक कितनी-कितनी अनुदान राशि प्राप्त हुई? पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्गवार और वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त वर्षों में पिछड़ा वर्ग के किस हितग्राही को किस प्रयोजन हेतु कितनी राशि किस दिनांक को किस हितग्राही के बैंक खाता में जारी की गई? हितग्राही का नाम/पिता का नाम/पता/प्रयोजन/बैंक द्वारा स्वीकृत राशि/अनुदान राशि/प्रयोजन स्थल के भौतिक सत्यापनकर्ता का नाम एवं पद तथा सत्यापन का दिनांक सहित वर्षवार एवं वर्गवार पूर्ण जानकारी सूची सहित उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों का स्वरोजगार हेतु चयन जिला स्तरीय समिति के माध्यम से नहीं किया जाकर विभाग के पत्र क्रमांक एफ 2-1/2022/54-1 दिनांक 31.01.2023 द्वारा जारी नियम अनुसार जिला स्तर पर सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण के माध्यम से योजना का संचालन किया जाता है। योजना की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार है। ग्वालियर जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों को स्वरोजगार योजना में अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- स अनुसार है।
विमुक्त घुमंतु एवं अर्द्ध घुमंतु जाति के कल्याण योजना एवं विकास कार्य
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
105. ( क्र. 4222 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में विमुक्त घुमंतु एवं अर्द्ध घुमंतु विभाग कब से संचालित है? इसमें कौन-कौन सी जातियां शामिल की गई हैं? मध्यप्रदेश शासन द्वारा इनके उत्थान हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? इनके क्रियान्वयन संबंधी शासन आदेश/नियम की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें, क्या जिला ग्वालियर में उक्त जातियों के निवासरत होने का सर्वे करवाया गया? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो क्यों? जिला ग्वालियर शहर एवं विकास खंड भितरवार/घाटीगांव/मुरार एवं डबरा शहर में उक्त जातियों के परिवार कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी संख्या में निवासरत हैं? पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार योजना प्रारंभ से वर्ष 2023-24 तक जिला ग्वालियर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत निवासरत विमुक्त घुमंतु एवं अर्द्ध घुमंतु जाति की बस्तियों में करवाए गए विभिन्न निर्माण कार्यों तथा आवास, स्वरोजगार हेतु स्वीकृत ऋण/अनुदान की वर्षवार एवं हितग्राहीवार विस्तृत ब्यौरा देवें।
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) शासन की अधिसूचना दिनांक 22/06/2011 से विभाग संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'अ' एवं 'ब' अनुसार है। योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'स' अनुसार है। क्रियान्वयन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - 'द' अनुसार है। जी नहीं, योजना पर कार्यवाही प्रचलन में है। सर्वेक्षण के अभाव में इन जातियों के निवासरत परिवारों की संख्यात्मक जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'इ' अनुसार है।
विभागीय तकनीकी दस्तावेजों का हिन्दी भाषा में रूपान्तरण
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 4227 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में हिन्दी भाषा का उपयोग किए जाने के शासनादेश हैं, हाँ, तो किन आदेशों से और शासनादेश के पालन में लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही किस प्रकार की गयी? क्या विभाग द्वारा तकनीकी दस्तावेजों को हिन्दी भाषा में प्रकाशित करने और कार्यों में हिन्दी भाषा का उपयोग करना प्रारम्भ किया? हाँ तो विवरण दीजिए, नहीं तो क्यों? कारण बताइये। (ख) क्या मध्यप्रदेश में तकनीकी एवं चिकित्सा शिक्षा हिन्दी भाषा में दी जा रही हैं? परंतु क्या लोक निर्माण विभाग और अन्य तकनीकी कार्य करने वाले शासकीय विभागों में तकनीकी कार्य अभी भी अंग्रेजी भाषा में किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) विभाग की दर अनुसूची (एसओआर) का म.प्र.शासन के अन्य कौन-कौन विभाग पालन/उपयोग करते हैं और कार्यों के प्राक्कलन तैयार करने और इसे जाँचने और तकनीकी स्वीकृति देने की ज़िम्मेदारी किन-किन शासकीय सेवकों की होती हैं? कार्यों के प्राक्कलन में अनियमितता ज्ञात होने/पाये जाने पर क्या कार्यवाही किस-किस के विरुद्ध की जायेगी? (घ) क्या विभाग की दर-अनुसूची का उपयोग/पालन करने वाले शासकीय-विभागों द्वारा भी तकनीकी-कार्यों के प्राक्कलन बनाने एवं माप पुस्तिका में प्रविष्टि करने का कार्य अंग्रेजी भाषा में किया जाता हैं? यदि हाँ,तो क्यों? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत क्या विभाग, शासन की मंशानुसार तकनीकी कार्य करने और दस्तावेजों को बनाने का कार्य हिन्दी भाषा में करना प्रारम्भ करेंगा? हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं,तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है, जिसके तहत लो.नि.वि. में भी तकनीकी कार्यों की शब्दावली को छोड़ कर, समस्त कार्य हिन्दी भाषा में किये जा रहे है। हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने हेतु विभाग अंतर्गत समय-समय पर विभागीय स्तर पर कार्यशाला भी आयोजित की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, अंग्रेजी के साथ साथ हिन्दी भाषा में भी दी जा रही है। लो.नि.वि. में राज्य योजनाओं के अतिरिक्त बाह्य वित्तीय पोषित योजनाओं की नियमावली के अनुरूप जैसे एन.डी.बी. योजना, ए.डी.बी. योजना, नाबार्ड, सी.आर.आई.एफ. में अंग्रेजी भाषा का उपयोग किया जाता है। एम.ओ.आर.टी.एच. के दिशा निर्देश अंग्रेजी में होने तथा उनके मानक हिन्दी रूपान्तरण न होने के कारण एकरूपता बनाये रखने की दृष्टि से निविदा पत्रक एवं दर सूची अंग्रेजी भाषा में प्रचलित है। (ग) विभागीय दर अनुसूची के पालन हेतु विभाग द्वारा कोई सहमति/अनुमति नहीं दी जाती, अपितु अन्य विभाग उनके विवेकाधिकार से लोक निर्माण विभाग के दिशा-निर्देशों का अनुसरण हेतु स्वतंत्र है। प्राक्कलन तैयार करने एवं उसे जांच करने का कार्य उपयंत्री/सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री द्वारा विभिन्न स्तरों पर किये जाते है। तकनीकी स्वीकृति हेतु वित्तीय लागत संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर अनुसार। (ड.) जी हाँ, कार्य सुगमता की दृष्टि से किया जाना है। तकनीकी शिक्षा एवं पुस्तकों का मानक हिन्दी रूपांतरण एवं एकरूपता न होने से वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 4229 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका क्षेत्रांतर्गत संचालित दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित आश्रय स्थल के लिए विगत 05 वर्षों में कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई एवं वर्तमान में कौन-कौन सी सामग्री कहां-कहां पर स्थित है? वर्तमान स्थिति बातवें एवं संपूर्ण क्रय सामग्री की सूचीबद्ध जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या नगर पालिका बालाघाट के अध्यक्ष द्वारा आश्रय स्थल की सामग्री अपने निवास स्थल पर ले जाया गया है यदि हाँ तो किस नियमानुसार यह अधिकार उन्हें प्राप्त है? (ग) नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत संचालित दीनदयाल रसोई योजना वर्तमान में क्या स्थिति में है? यदि नहीं तो क्यों? शासन द्वारा गरीबों को निर्धारित राशि में उपलब्ध कराने की मंशा पर पानी कौन फेर रहा है? (घ) नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत संचालित उक्त अंतर्गत नगरी क्षेत्र में कितने समूह संचालित है और कितने पंजीकृत हैं एवं वर्तमान में क्या स्थिति में है सूचीबद्ध जानकारी बतावें? (ड.) नगर पालिका बालाघाट में मुख्य नगर पालिका प्रभार में सुश्री दिशा डेहरिया कब से कब तक रही है अपने प्रभावी कार्यकाल में दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय जीविका मिशन के अंतर्गत संचालित योजना से संबंधित राशियों का भुगतान किया गया है? यदि हाँ तो कितनी राशि का भुगतान किया गया और किस कार्य के लिए किया गया है संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद, बालाघाट द्वारा संचालित दीनदयाल अन्त्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित आश्रय के लिए विगत 05 वर्षों में क्रय की गई सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –अ अनुसार है। वर्तमान में संलग्न सूची अनुसार सामग्री आश्रय स्थल में है। (ख) नगर पालिका परिषद, बालाघाट के अध्यक्ष द्वारा आश्रय स्थल की सामग्री निवास स्थल पर नहीं ले जाया गया है। किंतु आश्रय स्थल के ऊपर स्थापित व्ही.आई.पी. रेस्ट हाउस में कार्यालय उपयोग हेतु रखी गई सामग्री जैसे सोफा, सेंटर टेबल, कुर्सी अध्यक्ष महोदय कार्यालय उपयोग हेतु प्रेसीडेट इन कौंसिल के प्रस्ताव/संकल्प क्रं-309 दिनांक-28/04/2023 के अनुक्रम में अध्यक्ष कार्यकाल समाप्ति पश्चात् वापसी की शर्तों के आधार पर दिया गया है। जिस संबंध में राज्य शासन से अनुमति प्राप्त किये जाने हेतु भी कार्यालयीन पत्र क्र.-1239, दिनांक 28/04/2023 को प्रेषित किया गया है। पारित प्रस्ताव एवं शासन को भेजे गये पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) वर्तमान में दीनदयाल रसोई केन्द्र का संचालन नगर पालिका परिषद, बालाघाट के द्वारा किया जा रहा है। (घ) नगर पालिका परिषद, बालाघाट अंतर्गत 325 समूह संचालित एवं पंजीकृत है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ड.) नगर पालिका परिषद, बालाघाट में श्रीमती दिशा डेहरिया दिनांक 11 दिसम्बर 2023 से 11 जनवरी 2024, तक प्रभार में रहे है। उनके द्वारा अपने प्रभावी कार्यकाल में दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित योजनाओं से संबंधित कुल राशि रु. 2491601.00 रूपये का भुगतान कौशल प्रशिक्षण एवं समूह गठन एवं हितग्राहियों को कंबल वितरण, रैनबसेरा खरीदी, क्रय का भुगतान किया गया हैं सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -द अनुसार है।
आवास निर्माण एवं आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 4231 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट नगरपालिका में प्रधानमंत्री आवास योजना/राजीव गांधी आवास योजना में शासन द्वारा कितनी लागत की स्वीकृति भवन निर्माण हेतु की गई है एवं इसके अंतर्गत A.H.P. एवं E.W.S. में कितने भवन निर्माण कराए जाएंगे? वर्तमान में कितने भवन का निर्माण हो चुका है और कितने भवन निर्माण होना है एवं कितने अधूरे हैं? (ख) बालाघाट नगरपालिका में प्रधानमंत्री आवास योजना/राजीव गांधी आवास योजना अंतर्गत A.H.P. एवं E.W.S. योजना में हितग्राहियों से कितनी राशि लेकर भवन आवंटित किये जा रहे हैं एवं अन्य राशि किस आधार पर हितग्राहियों से ली जाएगी? (ग) हितग्राहियों को स्वीकृत भवन किस आधार पर आवंटित किए गए हैं एवं आवंटित हितग्राहियों के पास या उनके परिवार के किसी सदस्य के पास नगरीय क्षेत्र में स्वयं का मकान है या नहीं? (घ) इस योजना में किस निविदाकार द्वारा कार्य किया गया एवं प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हुआ हैं व कितना अपूर्ण है? उक्त कार्य की स्वीकृत राशि कितनी है व समयावधि बतावें? उक्त कार्य में कितना भुगतान निविदाकार को किया जा चुका है व कितना बाकी हैं? साथ ही यह भी जानकारी दें कि समयावधि समाप्त होने के उपरांत कार्य पूर्ण न करने पर उक्त निविदाकर पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के एएचपी घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवास हेतु पात्र चिन्हित हितग्राहियों से राशि रू. 2.00 लाख प्रति आवास हितग्राही अंश निर्धारित है। राशि रू. 20 हजार जमा कराने पर हितग्राही का पंजीयन किया जाता है। शेष हितग्राही अंश की राशि हितग्राही से नगद अथवा बैंक/वित्तीय संस्थान से ऋण स्वीकृत कराकर प्राप्त की जाती है। राशि भौतिक प्रगति के आधार पर जमा कराई जाती है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के एएचपी घटक अंतर्गत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवास शासन के दिशा-निर्देशों के आधार पर पात्रता के मापदण्ड पूर्ण होने पर व हितग्राही द्वारा राशि जमा करने पर आवास आवंटित किये है। योजना के प्रावधान अनुसार पात्र हितग्राही तथा उसके परिवार के सदस्यों के नाम भारत में कहीं भी पक्का आवास नहीं होना चाहिए तथा वार्षिक आय राशि रू. 3.00 लाख तक हो। (घ) योजनांर्गत निविदाकार मेसर्स ईगल इन्फ्रा इण्डिया लिमिटेड, उल्लासनगर मुंबई द्वारा कार्य किया जा रहा है। आवासीय इकाईयों की प्रगति 60 प्रतिशत तथा अधोसंरचना कार्य की प्रगति 10 प्रतिशत पूर्ण है। प्रश्न दिनांक तक 72 ईडब्ल्यूएस, 24 एलआईजी एवं 12 एमआईजी आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं 396 ईडब्ल्यूएस, 48 एलआईजी एवं 84 एमआईजी आवासों का कार्य प्रगतिरत है। कार्य की स्वीकृत लागत राशि रू. 5621.98 लाख है। कार्य पूर्ण करने की समयावधि 30.09.2024 निर्धारित की गई है। निविदाकार को अब तक राशि रू 2499.60 लाख का भुगतान किया गया है। शेष कार्य हेतु राशि रू 3122.38 लाख का भुगतान शेष है। निविदाकार द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण न करने की दशा में अनुबंध एवं निविदा शर्तों के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 4232 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम के कर्मचारी/अधिकारियों की मिली भगत से तुलसी नगर स्थित वन भवन भोपाल के सामने बांस व्यापारियों द्वारा विगत 15 वर्षों से ग्रीन बेल्ट/फुटपाथ की जमीन पर अवैध कब्जा कर अवैध रूप से व्यापार किया जा रहा है? यदि हाँ तो शासन/प्रशासन द्वारा इस पर क्या कार्रवाई की गई यदि नहीं तो क्यों इसके लिए कौन कर्मचारी/अधिकारी जिम्मेदार है? (ख) क्या तुलसी नगर स्थित शासकीय मकान में रहने वाले रहवासियों द्वारा इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से की गई? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक प्रशासन द्वारा इस पर क्या कार्रवाई की गई विवरण दें, यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या नगर निगम के कर्मचारी/अधिकारी की मिलीभगत अवैध वसूली होने के कारण विगत 15 वर्षों से बांस व्यापारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को बार-बार शिकायत करने पर भी नहीं हटाया जाता है यदि हाँ तो इसके लिए जिम्मेदार कर्मचारियों/अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई, यदि नहीं तो क्यों? (घ) वन भवन के सामने बांस व्यापारियों द्वारा फुटपाथ/ग्रीन बेल्ट की शासकीय भूमि पर किए गए अवैध अतिक्रमण को शासन/प्रशासन द्वारा कब तक हटाया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थित अतिक्रमणों के विरूद्ध अतिक्रमण शाखा द्वारा समय-समय पर निरंतर सतत् प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, दो शिकायती पत्र प्राप्त हुये है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निगम द्वारा अपने स्तर से निरंतर मुहिम चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी। (ग) जी नहीं, अतिक्रमण शाखा को शिकायत प्राप्त होने पर निगम द्वारा अपने स्तर से निरंतर मुहिम चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निगम अपने स्तर पर बराबर फुटपाथों आदि स्थानों से मुहिम चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करता है। यह सतत् प्रक्रिया है।
तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के भर्ती नियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 4235 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नगरीय निकायों में नगर निगम/नगर पालिका/नगर परिषद में तृतीय श्रेणी कर्मचारी भर्ती नियम क्या है? नियमों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) ग्वालियर नगर निगम/नगर पालिका भितरवार/नगर परिषद आंतरी एवं मोहना में संविदा कर्मचारी/दैनिक वेतन भोगी/आउट सोर्स कर्मचारी एवं अन्य प्रकार से भरे गये कितने-कितने, कौन-कौन से पद है वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करायें। प्रश्न दिनांक को कितने पद किस-किस वर्ग के रिक्त है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या भर्ती विज्ञापन के माध्यम से की जाती है? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब विज्ञापन किस-किस श्रेणी का निकाला जाकर कितने पदों की भर्ती की गई सूची उपलब्ध करायें। (घ) ग्वालियर नगर निगम में 62 वर्ष पूर्ण करने के बाद ऐसे कितने कर्मचारी है जो सेवानिवृत्त हुए है एवं पद रिक्त है। दिनांक 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम ग्वालियर में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। न.नि. ग्वालियर द्वारा उक्त अवधि में दै.वे.भो. नियुक्त नहीं किये गये तथा आउटसोर्स पर नियुक्ति न.पा.नि. की अनुबंधित फर्म द्वारा की जाती है। रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। नगर परिषद भितरवार, आंतरी तथा मोहना द्वारा प्रश्नांकित अवधि में संविदा/दै.वे.भो./आउटसोर्स पर कोई भी नियुक्तियाँ नहीं की गई है। उक्त निकायों में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04, 05, 06 अनुसार है। (ग) जी हाँ। संबंधित निकायों द्वारा उक्त अवधि में कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया गया है, नगर निगम ग्वालियर में उक्त अवधि में नियुक्त कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (घ) नगर निगम ग्वालियर में 01 जनवरी 2023 से वर्तमान सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-07 अनुसार है।
विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तुओं हेतु आवास
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
111. ( क्र. 4236 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु विभाग द्वारा कितने परिवारों को आवास उपलब्ध कराया गया? इन आवासों की स्वीकृत राशि क्या थी? वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) ग्वालियर जिले में प्रश्नांश 'क' अनुसार कितने-कितने आवास कहां-कहां स्वीकृत किये गये, इनमें से कितने पूर्ण है एवं कितने अधूरे है नगरवार/ग्रामवार, हितग्राहियों के नाम सहित जानकारी वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक की उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार क्या इन आवासों का उपयोग हितग्राही वर्तमान में कर रहा है यदि हाँ तो अवगत करायें। यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्षतिग्रस्त पुल का पुनर्निर्माण
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 4238 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी तहसील क्षेत्र में जैतहरी से झाईताल मार्ग में तीपान नदी पर निर्मित पुल वर्ष 2023 में क्षतिग्रस्त हो गया है? यदि हाँ तो क्या पूर्व मंत्री व अनूपपुर विधायक, म.प्र.शासन के कुटीर ग्रामउद्योग राज्य मंत्री तथा पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा ने मुख्यमंत्री, आयुक्त राजस्व संभाग शहडोल तथा कलेक्टर अनूपपुर को पुल के पुन:निर्माण के लिए पत्र लिखा है? सभी पत्रों की प्रति उपलब्ध कराते हुए प्रश्न दिनांक तक पुन: पुल निर्माण की अद्यतन जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित मुल पुष्पराजगढ़ विधानसभा को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण पुल है तथा इस पुल के निर्माण से अनेक आदिवासी ग्रामों को लाभ मिलेगा? यदि हाँ तो कब तक व्यापक जनहित में पुल निर्माण कराया जाएगा। (ग) यदि हाँ तो प्रश्नांकित मार्ग में घोघरा नाला में पुल एवं तीपान नदी में पुल के पुनःनिर्माण के लिए कौन-कौन जनप्रतिनिधि ने पत्राचार किया है? (घ) क्या आदिवासी अंचल के अति महत्वपूर्ण भाग में तीपान नदी तथा घोघरा नाला निर्माण समय-सीमा में स्वीकृत किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार, वर्तमान में न तो स्वीकृत है ओर न ही प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। स्वीकृति के अभाव में निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बजट में सम्मिलित न होने के कारण निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
आर्थिक अनियमितता की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 4239 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. नगरीय निकायों के ऑडिटेड वित्तीय लेखों के तहत संचालनालय को नगरपालिका परिषद नर्मदापुरम की वर्ष 2019-20 से लेकर 2022-23 तक के सभी वित्तीय वर्षों की सौंपी गई ऑडिट रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराएं? क्या इन रिपोर्ट में करोड़ों रूपए की आर्थिक अनियमितता का उल्लेख किया गया है? क्या रिपोर्ट के अनुसार उक्त वर्षों में नगर पालिका नर्मदापुरम को कुल मिलाकर 75958524 रूपए की आर्थिक क्षति हुई है? यदि हाँ तो क्या संचालनालय को उक्त रिपोर्ट प्रति वर्ष प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो आर्थिक अनियमितता पाए जाने के बाद भी कार्यवाही नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? क्या उक्त संबंध में कोई जाँच की गई है? यदि हाँ तो जाँच संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं? (ख) उक्त मामले में संबंधित सीएमओ की क्या भूमिका रही है? क्या इस दौरान पदस्थ रहे सीएमओ, राजस्व अधिकारियों, लेखाधिकारियों, स्थानीय अंकेक्षकों द्वारा रिकवरी की कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं? यदि नहीं तो क्या इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई? आदेशों की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) क्या करों की राशि में गड़बड़ी का नगर पालिका परिषद नर्मदापुरम जैसा मामला प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों में भी सामने आये हैं? यदि हाँ तो उनके नाम व कुल हुई आर्थिक अनियमितता की राशि की जानकारी प्रदाय करें? क्या उक्त प्रकार की आर्थिक गड़बड़ी को रोकने, क्षति राशि की रिकवरी करने, संधारित की गई अभिप्रमाणित मांग-पंजी और जारी की गई मैनुअल, कंप्यूटराइज्ड और ऑनलाइन रसीदों की सूक्ष्म, गहन और मैदानी जांच करने हेतु उच्च स्तरीय निष्पक्ष एवं विशेषज्ञ दल गठित किया जायेगा? निकायों में ऐसी गड़बड़ियों को रोकने और दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही करने के लिए कौन से उच्च स्तरीय जांच संसाधन उपलब्ध हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) ऑडिट रिपोर्ट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त रिपोर्ट में करोड़ों रूपयों की आर्थिक अनियमितता का उल्लेख नहीं है। मात्र प्रक्रियात्मक त्रुटियों का उल्लेख किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
विद्युत उत्पादन की स्थिति
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 4240 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में विद्युत उत्पादन के कितने संयंत्र चालू है माह अप्रैल एवं मई 2024 में किन-किन संयंत्रों से कितना-कितना विद्युत उत्पादन हो रहा है, विद्युत गृहवार जानकारी दें। (ख) क्या बिरसिंगपुर पाली के दो विद्युत उत्पादन संयंत्र बंद पड़े हुए हैं? यदि हाँ तो कब से और क्यों? इससे उत्पादन में कितनी कमी आई है? (ग) वर्तमान में प्रदेश में हाइड्रो विद्युत उत्पादन कितना है? एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा कितने सौर ऊर्जा उत्पादकों/संयंत्रों से विद्युत क्रय अनुबंध किये गये है एवं क्रय अनुबंधों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में सौर ऊर्जा संयंत्रों से कितना विद्युत उत्पादन ह़आ है। (घ) प्रदेश में जिलेवार विद्युत मांग और आपूर्ति 01 अप्रैल 2023 से 31 मई 2024 तक कैसी स्थिति रही है? क्या मांग व आपूर्ति में अंतर अधिक हुआ है? यदि हाँ तो कारण बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कपंनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों के परिचालन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अप्रैल एवं मई, 2024 में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों के विद्युत उत्पादन का विद्युत गृहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) दिनांक 07.07.2024 की स्थिति में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर में 210 मेगावाट क्षमता की एक ताप विद्युत इकाई वार्षिक रख-रखाव के कार्यों हेतु दिनांक 10.06.2024 से बंद है। वार्षिक रख-रखाव कार्यक्रम अनुसार इकाई को दिनांक 25.07.2024 को क्रियाशील किया जाना प्रस्तावित है। संजय गॉंधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की शेष इकाईयों से आवश्यकतानुसार विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। (ग) मई-2024 में प्रदेश में जल विद्युत गृहों से 719.38 मिलियन यूनिट (मध्यप्रदेश का अंश) विद्युत उत्पादन हुआ है। एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा 177 सौर ऊर्जा उत्पादकों/संयंत्रों से 6441.76 मेगावॉट क्षमता के विद्युत क्रय अनुबंध निष्पादित किये गये हैं। उक्त सौर ऊर्जा संयंत्रों से वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5177.05 मिलियन यूनिट (मध्यप्रदेश का अंश) विद्युत का उत्पादन हुआ है। (घ) मध्यप्रदेश में जिलेवार विद्युत मांग एवं आपूर्ति (1 अप्रैल, 2023 से 31 मई, 2024 तक) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। जी नहीं, मांग अनुरूप आपूर्ति की गई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
संविदा आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को नवीन नियमों का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 4243 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के नगरीय प्रशासन निकायों में म.प्र.शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रंमाक 4316/863014/2020/18-1 भोपाल दिनांक 23.09.2022 के द्वारा म.प्र. नगर पालिका संविदा सेवा शर्ते नियम 2021 के अन्तर्गत संविदा के स्वीकृत पद क्रमश: एकाउंट एक्सपर्ट, जूनियर इंजीनियर, कार्यालय सहायक, कप्म्यूटर ऑपरेटर इत्यादि पदों पर भर्ती की गई हैं? (ख) यदि हाँ तो क्या संविदा कर्मचारियों को नवीन संविदा नियम म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक सी-5-2/2018/1/3 भोपाल दिनांक 22 जुलाई 2023 के अनुसार सुविधायें प्रदाय की जाने लगी हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित नियमानुसार भर्ती हुये संविदा कर्मचारियों के समकक्षता/लेवल का निर्धारण प्रश्नांश "ख" में वर्णित नये नियम के अनुसार विभाग द्वारा किया जा चुका है? यदि नहीं तो क्यों? किस स्तर से निर्धारित किया जावेगा? क्या नगरीय निकायों द्वारा उक्त संविदा कर्मचारियों के समकक्षता/लेवल के संबध में म.प्र.शासन से मार्गदर्शन चाहा गया है? यदि हाँ तो जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार भर्ती संविदाकर्मी को प्रश्नांश (ख) में वर्णित नये नियम का लाभ लेवल/समकक्षता आदि का निर्धारण कब तक करवा दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद सिरमौर, जिला रीवा, म.प्र में भर्ती की गयी है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा तथा योजना के संविदा कर्मियों के लिये ही आदेश जारी किये गये है। जी नहीं। (घ) उत्तरांश ''ग'' में समाहित है।
विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग के प्रकरण
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 4247 ) श्री मथुरालाल डामर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत रतलाम जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग के कितने पंचनामे बनाये गये है श्रेणीवार एवं वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें l (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विद्युत चोरी/ अनधिकृत उपयोग के कितने प्रकरण न्यायालय में चल रहे है तथा कितनो का निराकरण कर दिया गया है l कि श्रेणीवार एवं वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या प्रकरणों में उपभोक्ता को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त समय दिया गया है इन प्रकरणों में कुल कितनी राशि के पंचनामे बनाये गये है एवं उपभोक्ता से कुल कितनी राशि वसूल की गयी है कि श्रेणीवार एवं वित्तीय वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। l (घ) विद्युत चोरी/अनधिकृत उपयोग रोकने हेतु वि.वि.क. द्वारा उपभोक्ताओं को जागरूक करने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है यदि हाँ तो जानकारी देवें, नहीं तो क्यों नहीं किये जा रहे हैl
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत रतलाम जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विद्युत चोरी एवं विद्युत के अनधिकृत उपयोग के क्रमश: 6905 एवं 3224 पंचनामे बनाये गए हैं, जिनकी श्रेणीवार एवं वित्तीय वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार विद्युत चोरी एवं विद्युत के अनधिकृत उपयोग के क्रमश: 1187 एवं 8 प्रकरण न्यायालय में चल रहे हैं तथा क्रमश: 1090 एवं 03 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है, जिनकी श्रेणीवार एवं वित्तीय वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में विद्युत चोरी एवं विद्युत के अनधिकृत उपयोग के पंचनामों के विरूद्ध जारी निर्धारण आदेश की राशि क्रमश: कुल रु. 1750.41 लाख एवं रु. 600.73 लाख है। विद्युत चोरी के प्रकरणों एवं विद्युत के अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों हेतु जारी निर्धारण आदेश के विरूद्ध कुल राशि क्रमश: रु. 416.36 लाख एवं रु. 149.72 लाख विद्युत उपभोक्ताओं से वसूल की गयी, जिसकी श्रेणीवार एवं वित्तीय वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) विद्युत चोरी और विद्युत के अनधिकृत उपयोग को रोकने एवं उपभोक्ताओं को जागरूक करने हेतु विद्युत वितरण द्वारा समय-समय पर विद्युत वितरण केन्द्रों के स्थानीय क्षेत्रों में कैंप लगाये जाते हैं एवं विधिवत विद्युत कनेक्शन लेकर ही विद्युत का उपयोग करने की सलाह तथा कानूनी प्रावधानों की जानकारी उपभोक्ताओं को दी जाती है। साथ ही विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालयों के सूचना पटल पर भी उपभोक्ता जागरूकता संबंधी दिशा-निर्देश प्रदर्शित किये जाते हैं। सोशल मीडिया का प्रयोग कर भी इस संबंध में संदेश उपभोक्ताओं तक पहुंचाए जाते हैं।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
117. ( क्र. 4248 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है योजनाओं के नाम, संचालित करने हेतु नियम एवं सरकारों द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी और सुविधाओं की जानकारी देवें? (ख) विगत 3 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कितनी योजनाओं को मंजूरी दी गई है योजनाओं के नाम एवं मंजूरी के बाद कौन सी योजनाओं के कार्य पूर्ण होकर संचालित हो चुके हैं या कार्य प्रगति पर है योजना के नाम, स्थान सहित जानकारी देंवे? (ग) विभाग द्वारा रुफटॉप पर वर्तमान में क्या कार्य कर रही है एवं भविष्य में क्या-क्या कार्य करने की योजना बनाई जा रही है जानकारी देंवे? (घ) विभाग द्वारा कुसुम ए.बी.सी. पर वर्तमान में क्या कार्य किये जा रहे है एवं भविष्य में क्या-क्या कार्य करने की योजना बनाई जा रही है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) मध्यप्रदेश में राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी एवं सब्सिडी व सुविधाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विगत 3 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक योजनाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र.ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा शासकीय/ अर्द्धशासकीय संस्थानों में कैपेक्स (Capital Expenditure) एवं रेस्कों (Renewable Energy Service Company) मोड में सौर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। विभाग द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में स्थित सभी शासकीय विभागों/अर्द्धशासकीय संस्थाओं के भवनों पर सौर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना की योजना है। इस हेतु शासन द्वारा राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसके माध्यम से एक्शन प्लान प्राप्त होने पर संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। (घ) मध्यप्रदेश सरकार की नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा वर्तमान में किसानों के लिए ''प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पी.एम.कुसुम) योजना संचालित है, जिसके अंतर्गत निम्नलिखित घटक शामिल है:-कुसुम-'अ':- इस योजना के अंतर्गत कृषकों द्वारा स्वयं की भूमि पर स्वयं के व्यय पर 500 किलोवॉट से 2 मेगावॉट क्षमता तक सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की जाती है। उक्त योजना के तहत लगभग 18 मेगावॉट क्षमता की सौर संयंत्र स्थापित किए जा चुके है व लगभग 32 मेगवॉट क्षमता की सौर संयंत्र स्थापनाधीन है। कुसुम-'ब':- इस योजना के अन्तर्गत सोलर पंपों की स्थापना हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा 'प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना' लागू की गई है, जो प्रदेश में पूर्व से लागू मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना का विस्तारित स्वरूप है। उक्त योजना के अन्तर्गत किसानों की कृषि भूमि पर सोलर पंप स्थापना की जाती है। उक्त योजना के तहत राज्य शासन द्वारा 1 लाख सोलर पंप स्थापित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। कुसुम-'स':- इस योजना के अंतर्गत कृषि फीडर्स सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराईजेशन) किये जाने की योजना क्रियान्वित की जा रही है। उक्त योजनांतर्गत प्रदेश में कुल 1250 मेगावॉट क्षमता के सोलर संयंत्र स्थापित किया जाना लक्षित है। अद्यतन जारी निविदाओं के अंतर्गत कुल 29 मेगावॉट क्षमता के सोलर संयंत्रों के स्थापना की कार्यवाही विभिन्न स्तरों पर प्रचलन में है। शेष बची क्षमता 250 मेगावॉट हेतु निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
रोड निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 4255 ) श्री साहब सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा क्षेत्रान्तर्गत वार्ड क्र.-2 में जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक ब्रीजपुर में रोड निर्माण किन-किन मदों से कराया गया है? (ख) वार्ड क्र.-2 ब्रीजपुर में पार्षद निधि से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य करवाया गये? सूचीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वार्ड क्र.-2 ब्रीजपुर में रोड निर्माण एवं सौन्दर्गीकरण हेतु क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) डबरा क्षेत्रान्तर्गत वार्ड 2 बृजपुर में प्रश्नाधीन अवधि में नगर पालिका निधि से रोड निर्माण कराया गया है। (ख) नगर पालिका में पार्षद निधि का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वार्ड 2 बृजपुर में रोड निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण के कोई प्रस्ताव नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ठेकेदार द्वारा फर्जी एफ.डी.आर. जमा कराई जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 4259 ) श्री हेमंत कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका भिण्ड, में ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य का ठेका लेने हेतु प्रतिभूति राशि के रुप में फर्जी एफ.डी.आर. जमा कराया पाये जाने पर अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है? यदि हाँ तो एफ.आई.आर. किसकी ओर से एवं कब, किस थाने में किसके विरुद्ध दर्ज करायी गई? (ख) एफ.डी.आर. जमा करने के संबंधी तथ्य अधिकारियों के संज्ञान में किस दिनांक को आए? संज्ञान में आने के बाद से क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) फर्जी एफ.डी.आर. जमा करने संबंधी तथ्य संज्ञान में आने के बाद भी ठेकेदार को नगर पालिका द्वारा कार्य की राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ तो दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की तथा क्या भुगतान की गई राशि ठेकेदारों से वसूली जायेगी? समय-सीमा बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद भिण्ड द्वारा दिनांक 26.11.2022 को थाना सिटी कोतवाली भिण्ड में ठेकेदार तिरूपति एसोसिएट प्रो. अजीत सिंह भदौरिया निवासी सुभाष नगर भिण्ड के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करायी गई है। (ख) फर्जी एफ.डी.आर. की जानकारी दिनांक 17.11.2022 को संज्ञान में आई और तत्काल ही संबंधित ठेकेदार तिरूपति एसोसिएट प्रो. अजीत सिंह भदौरिया निवासी सुभाष नगर भिण्ड के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण 516/22 धारा 420, 467, 468, 471 पंजीबद्ध कराया गया है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना/मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 4260 ) श्री हेमंत कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास प्राप्त करने हेतु किस प्रकार के हितग्राही पात्र है? योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाये? (ख) भिण्ड जिले की विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामवार वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में किन-किन हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये गये? स्वीकृत हितग्राही का नाम, पता, गांव, ग्राम पंचायत, विकास खण्ड, जिला, वार्ड, शहर/नगरीय निकाय का नाम के विवरण सहित आवास हेतु भुगतान की राशि, हितग्राही का बैंक खाता संख्या, भुगतान दिनांक सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (ग) आवास हेतु पात्र हितग्राही के चयन हेतु कौन-सी प्रक्रिया अपनाई गई? बताएं। (घ) क्या आलोच्य अवधि में आवास स्वीकृति में अनियमितताएं होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई? यदि हाँ तो पूर्ण विवरण ग्राम, ग्राम पंचायत, वार्ड/शहर नगरीय निकायवार जानकारी दी जाये एवं उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में हितग्राही के पात्रता संबंधी मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। प्रश्नाधीन अवधि में मुख्यमंत्री आवास योजना स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी की विधानसभावार, निकायवार, वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के बीएलसी घटक अंतर्गत नगरीय निकायों में प्राप्त आवेदनों को संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जिला भिण्ड द्वारा गठित जांच दल द्वारा परीक्षण उपरांत तैयार पात्रता सूची का अनुमोदन कलेक्टर जिला भिण्ड द्वारा किया जाता है। अनुमोदित सूची की डीपीआर राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति (SLAC) की अनुशंसा उपरांत राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति (SLSMC) के अनुमोदन उपरांत भारत सरकार की केन्द्रीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति (CSMC) में प्रस्तुत की जाती है। जहां योजनाओं को अंतिम स्वीकृति प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत आवास हेतु हितग्राही का चयन पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। (घ) शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है।
मिनी स्मार्ट सिटी घोषित कर किये गये विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
121. ( क्र. 4263 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा प्रदेश के किन-किन नगरों को मिनी स्मार्ट सिटी घोषित किया जाकर उनके विकास की योजना बनाई गई थी? नगरवार मिनी स्मार्ट सिटी के तहत कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य कराने की योजना किस वर्ष में बनाई गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्य क्या आरंभ कर दिये गये है? यदि हाँ तो क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत के कब शुरू किये गये व कितने कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण करा लिये गये? कौन-कौन से कार्य शेष हैं? इन्हें कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित कार्यों का निर्माण गुणवत्ताहीन होने, त्रुटिपूर्ण डी. पी. आर. बनाये जाने व समय-सीमा में कार्य न कराये जाने हेतु कौन उत्तरदायी है? क्या इन कार्यों की विस्तृत जाँच कराई जाकर दोषियों को दंडित किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) राज्य शासन द्वारा प्रदेश के 13 नगरों क्रमश: मैहर, सीधी, सिंगरौली, चित्रकूट, गुना, मुंगावली, दतिया, पन्ना, ओरछा, अमरकंटक, चंदिया, गंजबासौदा एवं रतलाम को मिनी स्मार्ट सिटी घोषित कर विकास की योजना बनायी गयी थी। नगरवार मिनी स्मार्ट सिटी के तहत बनायी गयी योजना की लागत एवं वर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। स्वीकृत कार्य, लागत, प्रारंभ तिथि, पूर्णता की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक पूर्ण हुये हैं। त्रुटिपूर्ण डी.पी.आर. नहीं बनायी गयी हैं। निर्माण कार्य समय-सीमा में न कराये जाने वाले उत्तरदायियों पर कार्यवाही की गयी है। कार्य गुणवत्तापूर्वक पूर्ण होने एवं डी.पी.आर. त्रुटिहीन बनाये जाने के कारण विस्तृत जांच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधि विरूद्ध भूमि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 4264 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बावड़ियाकलां, भोपाल स्थित कृषि भूमि खसरा क्रमांक 293/10, 293/11 की 80 डेसीमल भूमि का मिसरोद चरण-1 योजना अंतर्गत समायोजन कर, समायोजन से विकसित 15,000 वर्गफीट H-1 प्लाट आवंटित किया गया था तथा 10,000 फीट अतिरिक्त भूमि कलेक्टर रेट पर 3 करोड़ रूपये जमा कर बिना नीलामी के प्रदत्त की गयी है? यदि हाँ तो क्या बिना नीलामी के प्लाट/भूमि प्रदत्त किये जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ तो उक्त प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) यदि बिना किसी प्रावधान के भूमि आवंटित की गयी है तो उक्त विधि विरूद्ध कार्य हेतु दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्रवाई की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं? कारण बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खसरा पर अतिरिक्त क्रय भूमि राशि 3 करोड़ पर पंजीयन शुल्क की वसूली की गई है? यदि हाँ तो दस्तावेज उपलब्ध करावें। क्या उक्त अतिरिक्त 10,000 वर्गफीट क्रय की सूचना पंजीयन कार्यालय को दी गई है? यदि हाँ तो कब? दस्तावेज सहित जानकारी देवें। यदि सूचना नहीं दी गई है तो क्यों? कारण बतावें। (घ) क्या बी.डी.ए. भूमि पर बंटान से संबंधित न्यायालयीन प्रकरण पंजीबद्ध रहने के बाद भी भूमि समायोजित कर सकता है? यदि हाँ तो किस नियम से? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। न्यायालयीन प्रकरण ज्ञात होने की स्थिति में बी.डी.ए. समायोजन का करार निरस्त करने के लिये कब बाध्यकारी है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अतिरिक्त भूमि संबंधी करार को निरस्त किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) अंशतः हाँ। बावड़िया कला भोपाल स्थित कृषि भूमि खसरा क्रमांक 293/10 रकबा 0.129 हेक्टेयर तथा 293/11 रकबा 0.202 हेक्टेयर कुल भूमि 0.331 हेक्टेयर अर्थात 35610.30 वर्ग फुट भूमि का प्राधिकरण द्वारा आपसी करार के तहत भू स्वामी को 15575.96 वर्ग फुट भूमि प्राप्त होनी थी। आपसी करार के तहत भू स्वामी की भूमि के अक्स बटान अनुसार योजना क्षेत्र में भू-स्वामी के भूमि पर आ रहे भूखंड क्रमांक एच -1 जिसका क्षेत्रफल 26900 वर्ग फिट है को भू-स्वामी द्वारा मांग किए जाने तथा अधिक भूमि की राशि प्राधिकरण मांग अनुसार जमा किए जाने की सहमति पर तथा अनुबंध की कंडिका ''च'' अनुसार सहमति देने पर प्राधिकरण मण्डल के निर्णय क्रमांक 2198/2020 के प्रावधान अनुसार अंतरित किया गया। अनुबंध से अधिक प्राप्त भूमि 11324.05 वर्ग फुट का प्राधिकरण मण्डल के निर्णय क्रमांक 2198/2020 के प्रावधान अनुसार तत्समय कलेक्टर दर रुपए 17500/- प्रति वर्ग मीटर (रुपए 1626.39/- प्रति वर्ग फुट) के अतिरिक्त प्राधिकरण की तत्समय नीलामी आधार दर (तथा तत्समय विक्रय दर) अनुसार रुपए 26802/- प्रति वर्ग मीटर (रुपए 2490.89/- प्रति वर्ग फिट) की दर से राशि रुपए 2,82,60,029/- प्राधिकरण में जमा कराई गई। उक्त भूखंड भू स्वामी को मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश नियम 2012 के नियम 19 के उपबंधों के अनुसार तथा प्राधिकरण मण्डल के निर्णय के प्रावधानों के तहत अंतरित किया गया है। अधिनियम के भाग एवं प्राधिकरण के निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की धारा ''56 क'' में लेख है कि रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 (1908 का 16) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी धारा 56 में उल्लेखित करार को कार्यान्वित करने के लिए किसी भूमि स्वामी और नगर तथा ग्राम विकास प्राधिकारी के बीच निष्पादित लिखत पर उक्त अधिनियम के अधीन कोई शुल्क भुगतान नहीं किया जाएगा। इसी प्रकार 56 (ख) के अनुसार भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 (1899 का 2) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, धारा 56 में उल्लेखित करार को कार्यान्वित करने के लिए किसी भूमि स्वामी और नगर तथा ग्राम विकास प्राधिकारी के बीच निष्पादित किसी लिखत पर उक्त अधिनियम के अधीन कोई शुल्क प्रभार्य नहीं होगा। (घ) भूस्वामी द्वारा आपसी करार के पूर्व भूमि पर बटान संबंधी किसी भी न्यायालयीन प्रकरण के नहीं होने संबंधी शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया था तथा प्राधिकरण में भी उक्त संबंध में किसी न्यायालयीन प्रकरण का कोई वैधानिक दस्तावेज, प्रतिबंध (स्टे)/निर्णय की प्रति प्राप्त नहीं हुई थी। किसी न्यायालयीन प्रकरण के होने पर प्राधिकरण, न्यायालय द्वारा पारित निर्णय का पालन करने के लिए बाध्य है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेरा के नियमों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 4267 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.डी.ए. द्वारा निर्मित योजना क्र. 201/2020 में रेरा अनुमति के लिये आवेदन किया है? यदि हाँ तो आवेदन पत्र की प्रति सहित रेरा पंजीयन नं. संपूर्ण जानकारी दें। (ख) उपरोक्त के संबंध में धारा 50 (1-11 एवं अन्य) प्रोजेक्ट को रेरा से पंजीयन से छूट प्रदान की गई है? यदि नहीं तो बी.डी.ए. उक्त धाराओं के अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक पंजीयन कराये बगैर किस आधार पर प्रोजेक्ट में प्लाट विक्रय कर रहा है? धारावार जानकारी पृथक-पृथक दें। (ग) वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार किसानों की जमीन किन-किन योजनाओं में अधिसूचित होने के बाद से किसानों की संपत्ति का उपभोग किसान वैधानिक तरीके से नहीं कर पा रहा है? उनके हितों के संरक्षण के लिये समस्त शासकीय विभाग एवं रेरा में क्या अधिनियम है जिससे बी.डी.ए. की मनमानी को रेरा द्वारा रोका जा सकता है? जानकारी दें। (घ) कृषकों को कानूनी कार्यवाही के नाम पर बी.डी.ए. द्वारा धमकाकर शासकीय विभागों से कार्यवाही करने की तैयारी पर म.प्र. शासन बी.डी.ए. से संज्ञान लेकर कृषकों को राहत देगा? (ड.) बी.डी.ए. की सभी योजनाओं में रेरा अनुमति में छूट के समान किसानों को भी रेरा अनुमति में छूट देगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 50 में नगर तथा ग्राम विकास प्राधिकारी को नगर विकास स्कीम तैयार करने एवं स्कीम को प्रवर्तन करने के उपबंध हैं, म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश नियम, 2012 के नियम 19 में उपबंधित अनुसार नगर विकास स्कीम को तैयार किया जाना एवं धारा 50 के अधीन प्रकाशित अंतिम नगर विकास स्कीम भू-सम्पत्ति अथवा कॉलोनाईजेशन न होकर मूल भूखण्डों के पुनर्गठन के अनुसार अधोसंरचना विकास स्कीम है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा धारा 50 के अन्तर्गत स्वीकृत नगर विकास स्कीम में बी.डी.ए. द्वारा ऐसी कोई परियोजनाएं तैयार नहीं की गई, जिनका रेरा में पंजीयन आवश्यक है, बल्कि स्वीकृत नगर विकास स्कीम में बी.डी.ए. के स्वामित्व में आई भूमि का विक्रय किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के अनुसार धारा 50 के अन्तर्गत नगर विकास स्कीम अधिसूचित होने के बाद स्कीम के अन्तर्गत किसानों की सम्पत्ति का वैधानिक तरीके से उपयोग करने में कोई रोक नहीं है। म.प्र. भू-सम्पदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 आवंटितियों के हितों के संरक्षण के लिये बनाया गया है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा कृषकों को कानूनी कार्यवाही के नाम से कोई धमकी नहीं दी जा रही है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) म.प्र. भू-सम्पदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 में बी.डी.ए. की परियोजना को रेरा पंजीयन से छूट का प्रावधान नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेवानिवृत्त उप संचालक के स्वत्वों का भुगतान नहीं करना
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
124. ( क्र. 4268 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावक क्र. 144, 146 एवं 148 दिनांक 27/07/2021 राशि रूपये 2,76,664 के भुगतान हेतु कार्यालय, विमुक्त घुमन्तु, अर्द्धघुमन्तु जनजाति कल्याण विभाग, राजीव गांधी भवन, श्यामला हिल्स भोपाल द्वारा पत्र जारी किये गये है? उक्त तीनों पत्र किस प्रयोजन से किसको संबोधित कर जारी किये एवं किन-किन को पृष्ठांकन किये गये? पत्रों, विभागीय कार्यवाही की नोटशीटों की छायाप्रति सहित बतायें। (ख) उपरोक्त के संबंध में से.नि. उप संचालक के सेवानिवृत्ति उपरांत समस्त स्वत्वों का भुगतान आपके कार्यालय द्वारा ही किया गया है? यदि हाँ तो कब-कब, कितना-कितना एवं किस प्रयोजन से? (ग) उपरोक्त के संबंध में आवेदक द्वारा शेष स्वत्वों के भुगतान के संबंध में सी.एम. हेल्प लाईन में शिकायत की है? शिकायत में किस दिनांक को क्या दर्ज कराया गया? क्या विभाग से.नि. उप संचालक को नहीं पहचानता? क्यों शिकायतकर्त्ता के आवेदन को अन्य विभाग को स्थानांतरित किया गया? कारण सहित बताये। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में विभाग में एल 1, 2, 3, 4 अधिकारी कौन है, उनका नाम, पदनाम, कब से एक ही स्थान पर पदस्थ है सहित बतायें? उनके द्वारा कब और क्या विभागीय कार्यवाही कर हेल्प लाईन में शिकायत के निवारण के प्रयास किये गये? यदि नहीं तो हेल्प लाईन में पदीय दायित्व का पालन नहीं करने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो किसके विरूद्ध कब तक निश्चित समयावधि बतायें? यदि नहीं तो क्यों? कब तक शिकायत का निराकरण कर स्वत्वों का भुगतान कर दिया जायेगा?
राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार), पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित जावक क्रमांको से राशि आहरण संबंधी आदेश जारी हुए है। छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। भुगतान मैन्यूअल पद्धति द्वारा किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सेवानिवृत्त उप संचालक प्रथम श्रेणी अधिकारी होने से उनके समस्त दस्तावेज मूल विभाग जनजातीय कार्य विभाग के द्वारा ही संधारित होने से एवं द्वितीय समयमान वेतनमान के निर्धारण पश्चात अवशेष राशि की भुगतान प्रक्रिया शासन की कम्प्यूट्रीकृत आईएफएमआईएस के माध्यम से ही किया जाना निर्धारित है। तदनुसार भुगतान हेतु कोषालय में प्रस्तुत देयकों पर ली गई आपत्ति का निराकरण उनके मूल विभाग द्वारा ही किया जा सकता है। (घ) विभाग में एल-1 सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण/विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग मध्यप्रदेश, एल-2 कलेक्टर भोपाल, एल-3 कमिश्नर भोपाल एवं एल-4 सचिव/प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग/विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग मध्यप्रदेश। पदस्थापनाएं समय-समय पर बदलती रही है, नियमानुसार शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, समस्त अधिकारियों द्वारा शिकायत के निवारण के प्रयास में कोषालय द्वारा ली गई आपत्ति के लिए संबंधितों को लेख किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता, आपत्ति के निराकरण उपरान्त भुगतान किया जा सकेगा।
किसानों को दिये जा रहे लाभ
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
125. ( क्र. 4271 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में रूफ टॉप सोलर के लिए कितने घरों को चिन्हित किया गया है और कितना लक्ष्य प्राप्त किया गया? शेष लक्ष्य कब तब पूर्ण होगा? (ख) रूफ टॉप सोलर योजना के लिए क्या-क्या मानक है इस योजना के क्या लाभ है या क्या लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? (ग) क्या इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए कोई राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ तो कितनी और जिलेवार कितनी राशि व्यय की गई है? (घ) इसमें किसानों को कितने हॉर्स पावर का पम्प फ्री दिया जा रहा है कितनी सब्सिडी दी जा रही है या नहीं दी जा रही है? नवीन एवं नवकरणीय विभाग द्वारा किसानों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) प्रदेश में घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लिए भारत शासन की प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत केन्द्र शासन के पोर्टल pmsuryaghar.gov.in के अनुसार अभी तक 38070 घरों को चिन्हित किया गया है। भारत शासन द्वारा देशभर में एक करोड़ घरों का लक्ष्य रखा गया है, मध्यप्रदेश हेतु पृथक से लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। म.प्र. में अभी तक 26794 घरों में सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना की गई है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के Office Memorandum दिनांक 07.06.2024 के अनुसार राज्य के सभी शासकीय भवनों को सोलराइज करने का लक्ष्य 2026-27 तक पूर्ण किया जाना है। (ख) रूफटॉप सोलर योजना के लिए मानक एवं लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हां, लाभ दिया जाना प्रस्तावित है। (ग) इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। (घ) उपरोक्त योजना रूफटॉप सोलर संयंत्रों के लिए है और योजना में कोई पंप नहीं दिया गया है। किसानों के लिये प्रदेश में ''प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पी.एम.कुसुम) योजना चलाई जा रही है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पी.एम.कुसुम-बी अंतर्गत सोलर पंप लगाए जाते है।
ऑफलाइन टेन्डरों की जांच एवं जानकारी
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 4272 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग मुरैना एवं कार्यालय कलेक्टर मुरैना में ऑफलाइन पद्धति से कितने टेंडर लगाएं गए हैं, मध्य प्रदेश शासन के द्वारा ऑफलाइन पद्धति से टेंडरिंग कर अपने लोगों को फायदा पहुंचाने की प्रक्रिया को कब तक बंद किया जाएगा? (ख) मध्य प्रदेश शासन के द्वारा ऑफलाइन पद्धति से टेंडर लगाने के क्या दिशा निर्देश जारी किए गए हैं एवं मुरैना जिले में पिछले दो वर्षों में कितने टेंडर ऑफलाइन पद्धति से लगाए गए हैं? (ग) क्या पहाड़गढ़ सहसराम मार्ग पर सड़क निर्माण हेतु किए गए मिट्टी के कार्य में सड़क के किनारे से ली गई मिट्टी और बड़े-बड़े पत्थर विभागीय अधिकारी के निर्देशन में भरे गए हैं, यदि नहीं तो किसके द्वारा उक्त अनुचित कार्य कराया गया है? (घ) पहाड़गढ़ सहसराम मार्ग को बनाने के लिए स्वीकृत प्लान प्रोफाइल, DPR उपलब्ध कराएं पहाड़गढ़ सहसराम मार्ग निर्माण में चेंज ऑफ स्कोप के नाम से किन-किन कार्यों को स्वीकृति दी गई एवं क्या ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए अनुचित चेंज ऑफ स्कोप विभाग के द्वारा दिया गया।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग संभाग मुरैना में विगत 02 वर्षों में शासन के आदेश दिनांक 06.11.2012 अनुसार 41 ऑफलाईन टेण्डर लगाये गये एवं कलेक्टर कार्यालय द्वारा कोई भी ऑफलाईन निविदा नहीं लगायी गई। शासन के आदेशानुसार निविदा प्रक्रिया की जाती है। अतः किसी को फायदा पहुंचाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार दिशा निर्देश जारी किये गये है। 41 टेण्डर विगत 02 वर्षों में ऑफ लाईन पद्धति से लगाये गये है। (ग) जी नहीं। स्वतंत्र इंजीनियर मेसर्स एल.एन. मालवीय इन्फ्रा प्रा.लि. भोपाल द्वारा अनुमोदित सामग्री से मिट्टी का कार्य निर्धारित मानक के अनुरूप कराया गया। किसी प्रकार का अनुचित कार्य नहीं कराया गया है। (घ) स्वीकृत प्लान प्रोफाइल पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल पर होने के कारण मार्ग निर्माण हेतु डीपीआर तैयार नहीं कराया गया है। चेंज ऑफ स्कोप में वन क्षेत्र में डामरीकृत सतह के स्थान पर सीमेंट कांक्रीट सतह में मार्ग का उन्नयन एवं अतिरिक्त पुलियों के निर्माण का कार्य शामिल है, जो मार्ग के वन क्षेत्र में होने और तकनीकी आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये स्वीकृत किया गया है।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की निविदा
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 4275 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.सी.एल.एल. की निविदा क्रमांक 13 के तहत संचालित बसों का रिफरबिशमेंट क्या बी.सी.एल.एल. को कराना था, हाँ अथवा नहीं? क्या वर्ष 2018 से 2023 के मध्य यह बसें रिफरबिशिंग हो पाई, हाँ अथवा नहीं? क्या इन बसों की खरीदी पर केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार का अंशदान था, हाँ अथवा नहीं? क्या बसों का रिफरबिशमेंट न होने से जो बसें नहीं चल पाई इसमें शासन को आर्थिक हानि हुई, हाँ अथवा नहीं? (ख) क्या उपरोक्त निविदा के तहत निविदाकार द्वारा बसें 2020 में बी.सी.एल.एल. के बोर्ड की सक्षम स्वीकृति से जॉपहॉप टेक्नोलॉजीस प्रा. लि. (चलो मोबिलिटी) को हैण्डओवर की गई, हाँ अथवा नहीं? क्या बसों को रिफरबिशमेंट भी इसी कम्पनी द्वारा किया जाना था, हाँ अथवा नहीं? क्या रिफरबिंशमेंट के लिए बसे इस कम्पनी को बी.सी.एल.एल. द्वारा दी गई, हाँ अथवा नहीं? क्या चलो मोबिलिटी कम्पनी को दोनों ही निविदाओं में डिफाल्ट के चलते टर्मिनेट किया गया, हाँ अथवा नहीं? (ग) क्या फरवरी 2020 से मार्च 2024 तक यह बसें चलो मोबिलिटी एवं बी.सी.एल.एल. के पजेशन में रहीं, हाँ अथवा नहीं? क्या जो आर.टी.जो. टैक्स मार्च 2024 में बी.सी.एल.एल. द्वारा जमा किया गया, वह इंटरसिटी टैक्स एवं स्पेयर टैक्स था, हाँ अथवा नहीं? क्या इंटरसिटी टैक्स के लिए बी.सी.एल.एल. विभाग द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में जवाब दिया गया है कि यह टैक्स आर.टी.ओ. द्वारा विभाग पर गलत अध्यारोपित किया गया है, हाँ अथवा नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार स्पेयर टैक्स की अवधि में यह बसें बी.सी.एल.एल. के पजेशन में थी, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो जो स्पेयर टैक्स आर.टी.ओ. द्वारा इन बसों पर अध्यारोपित किया गया, वह विभाग के कर्मचारी की लापरवाही से हुआ, हाँ अथवा नहीं? क्या मूल निविदाकार को इस समय अवधि में बसें रिफरबिशमेंट कराकर चलाने के लिए हैण्डओवर की गई, हाँ अथवा नहीं? (ड.) क्या अक्टूबर 2021 से सितंबर 2023 तक निविदा-13 के तहत निविदाकार को बसें चलाने के लिए विभाग द्वारा कोई पत्राचार किया गया, हाँ अथवा नहीं? क्या इसी समय अवधि में मूल निविदाकार द्वारा विभाग के साथ कोई पत्राचार किया गया, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो मूल निविदाकार द्वारा किए गए पत्राचार की छायाप्रति, पत्रों पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही, कार्यवाही अवधि, अधिकारी/कर्मचारी का नाम/पद का गौशवारा बनाकर प्रदाय करें। इसी निविदा के तहत दिनांक 01.01.2024 से प्रश्न दिनांक तक लिये गये विधिक अभिमत की छायाप्रति प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
भोपाल सिंटी लिंक लिमिटेड की बोर्ड की बैठक
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 4276 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिस कर्मचारी की जाँच के आदेश 38वीं बोर्ड बैठक के बिंदु क्रमांक 31 में दिए गए, तो क्या स्वयं जांच अधिकारी बगैर जांच किए और बगैर कोई भी स्वीकृति के उस कर्मचारी की सेवावृद्धि/संविदा बढ़ाने के आदेश कर सकते हैं, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो क्या बी.सी.एल.एल. की 20वीं बोर्ड बैठक दिनांक 11.05.2016 के बिंदु क्रमांक-15 के निर्णय अनुसार क्या कर्मचारी के जांच के प्रचलन के दौरान सेवावृद्धि दी जाने हेतु तत्कालीन बोर्ड से कोई अनुमति ली गई, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो अनुमति की छायाप्रति प्रदान करें। (ख) क्या बी.सी.एल.एल. के मैनेजर एडमिनिस्ट्रेशन उपरोक्त (क) अनुसार जिस कर्मचारी की जांच प्रचलन में है, कि सेवावृद्धि के लिये नोटशीट प्रस्तावित कर सकते है, हाँ अथवा नहीं? क्या मैनेजर एडमिनिस्ट्रेशन बोर्ड की निर्णय के विपरित कार्य कर सकते है, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो कृपया प्रक्रिया बतायें। यदि नहीं तो क्या बोर्ड मैनेजर एडमिनिस्ट्रेशन के विरूद्ध कार्यवाही करेगा, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो समय अवधि बतायें। क्या इसी कर्मचारी जिसकी जांच प्रचलन में है, के संबंध में महापौर (चेयरमेन बी.सी.एल.एल) द्वारा कोई टीप/नोटशीट आयुक्त नगर निगम, भोपाल की ओर प्रेषित की गई है, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ तो नोटशीट की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) क्या आई.टी.एम.एस. से संबंधित बी.सी.एल.एल. की 39वीं बोर्ड की बैठक दिनांक 07 मार्च 2024 की बोर्ड में निर्णय लिया गया, हाँ अथवा नहीं? क्या 39वीं बोर्ड के मिनिट्स 07 मार्च 2024 से प्रश्न दिनांक तक प्रचलन में है, हाँ अथवा नहीं? बोर्ड की कार्यवाही में हो रहे विलम्ब का कारण बताएं। बी.सी.एल.एल. द्वारा जारी Letter of Intent No. BCLL/BPL/ITMS/2024/4880 दिनांक 7 मार्च, 2024 एवं BCLL/BPL/ ITMS/ 2024/ 4916 भोपाल दिनांक 15/03/2024, क्या यह दोनों पत्र 39वीं बोर्ड बैठक के अनुमोदन उपरान्त जारी किए गए हैं, हाँ अथवा नहीं? यदि अनुमोदन के बगैर किए गए हैं तो क्या रूपये 8,46,30,803/- के टेण्डर को बोर्ड की सक्षम स्वीकृति की आवश्यकता है, हाँ अथवा नहीं? (घ) दिनांक 01/07/2023 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा विभिन्न निविदाओं के अंतर्गत यदि विधिक अभिमत/वकीलों से पत्राचार जो किया गया और उनके द्वारा दिए गए उत्तर की छायाप्रति प्रदान करें और विभिन्न निविदाकार एवं संचालनालय, नगरीय प्रशासन, द्वारा इसी समय अवधि में जो विभाग को पत्राचार/ईमेल प्राप्त हुए, की छायाप्रति प्रदाय करें। महापौर (चेयरमेन बी.सी.एल.एल.) द्वारा दिनांक 07/03/2024 से प्रश्न दिनांक तक जो नोटशीट एवं पत्राचार आयुक्त, नगर निगम एवं सी.ई.ओ. बी.सी.एल.एल. को किया गया की छायाप्रति प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
विद्युत बिलों के भुगतान की जांच एवं कार्यवाही
[ऊर्जा]
129. ( क्र. 4279 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की ग्राम पंचायतों में संचालित नल-जल योजनाओं, सड़क बत्ती कनेक्शन एवं ग्राम पंचायतों के कार्यालयों के बकाया विद्युत देयकों के भुगतान के संबंध में प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, ऊर्जा विभाग द्वारा प्रेषित अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 11089/2023/13, दिनांक 14.12.2023 के द्वारा प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों, इंदौर, भोपाल एवं जबलपुर के माह नवम्बर 2023 तक के लंबित विद्युत देयकों की राशि 367.79 करोड़ रूपये का भुगतान पंचायत राज संचालनालय द्वारा किया जा चुका है? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कुल राशि में से मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर को प्राप्त राशि का समायोजन किन-किन ग्राम पंचायतों के जल प्रदाय (नल-जल) सड़क बत्ती ग्राम पंचायत के अन्य कनेक्शनों में किया गया है? पंचायतवार समायोजन की जानकारी उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) पंचायत राज संचालनालय, भोपाल द्वारा आदेश क्र./नलजल/पं.रा./2024/3786 दिनांक 21.03.2024 के माध्यम से प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लंबित विद्युत देयकों की राशि के विरूद्ध कुल स्वीकृत राशि रू. 367.79 करोड़ में से म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर को राशि रू. 174.74 करोड़ की स्वीकृति प्रदान कर भुगतान किया गया। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी हेतु उक्त प्राप्त राशि की मदवार एवं पंचायतवार समायोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों को मूल विभाग में वापस किया जाना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
130. ( क्र. 4280 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय/ऊर्जा विकास निगम में कौन-कौन अधिकारी किस-किस पद पर कब-कब से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है? (ख) प्रश्नांश (क) परिप्रेक्ष्य में अधिकारियों की कमी है? यदि नहीं तो प्रतिनियुक्ति पर लंबे समय से अधिकारियों को किन कारणों से प्रतिनियुक्ति पर रखा गया है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में सामान्य प्रशासन, म.प्र. शासन के आदेशानुसार प्रतिनियुक्ति अवधि कितने समय तक के लिए की जाती है? विभाग में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के विरूद्ध कौन-कौन अधिकारी लंबे समय से पदस्थ है क्या उनकी सेवाएं मूल विभाग को कब तक वापस की जाएगी? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किन-किन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त हुई हैं उनमें क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय/ऊर्जा विकास निगम में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में अधिकारियों की कमी है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र.शासन के आदेशानुसार प्रतिनियुक्ति अवधि 4 वर्ष तक है। 4 वर्ष से अधिक की अवधि दोनों विभागों की सहमति के आधार पर बढ़ाई जा सकती है। विभाग में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के विरूद्ध कोई अधिकारी पदस्थ नहीं है। अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का पालन किया जा रहा है। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ एक अधिकारी श्री अवनीश शुक्ला, कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय, म.प्र.शासन के माध्यम से शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत के संबंध में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लि. (म.प्र.ऊर्जा विकास निगम लि. एवं सोलर एनर्जी कॉपोरेशन ऑफ इंडिया लि. का संयुक्त उपक्रम) द्वारा प्रमुख सचिव, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र.शासन, को प्रेषित प्रतिवेदन में शिकायत को तथ्यहीन एवं निराधार दर्शाया गया है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 4282 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मैहर जिले के अमदरा एवं धुनवारा को पन्ना जिले से जोड़ने वाली अमदरा से कल्दा पहाड़ मार्ग एवं घुनवारा से बसौरा मार्ग के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो कब? लागत व प्रशासकीय वित्तीय स्वीकृति की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त दोनों सड़कों का निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया है? नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो कार्य किस एजेंसी को दिया गया है व किस समय-सीमा में कार्य पूर्ण कराया जायेगा? (ग) उक्त मार्गों की स्वीकृति व वन विभाग से संबंधित बाधाओं को दूर करने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। मार्ग के एक रेखण में आने वाली वन भूमि पर कार्य करने की स्वीकृति वन विभाग से अपेक्षित होने के कारण। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है।
सड़क पर अतिक्रमण व ग्रीन बेल्ट में वृक्षारोपण
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 4283 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के होशंगाबाद रोड स्थित प्रधान मंडपम से लेकर ग्यारह मील बायपास की ओर जाने वाली नवनिर्मित सड़क पर किन्हीं लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ तो विभाग/निगम द्वारा उक्त सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ख) अतिक्रमण के लिये उत्तरदायी लोगों पर कब तक तथा क्या कार्यवाही की जायेगी व पुन: अतिक्रमण न हो इस हेतु क्या योजना बनाई जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित नवनिर्मित सड़क के समीप/किनारे ग्रीन बेल्ट की कितनी भूमि है? क्या निगम/विभाग/वन विभाग द्वारा इस भूमि पर पर्यावरण की दृष्टि से वृक्षारोपण का कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थित अतिक्रमणों के विरुद्ध अतिक्रमण शाखा द्वारा समय-समय पर निरंतर सतत् प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जाती है। माह जनवरी 2024 से वर्तमान तक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में अतिक्रमणों के विरुद्ध म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत अतिक्रमण शाखा द्वारा निरंतर सतत् प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जाती है, की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। क्षेत्रीय प्रभारी अतिक्रमण द्वारा निरीक्षण के दौरान अवैध अतिक्रमण पाये जाने पर हटाने की कार्यवाही की जाती है। (ग) उल्लेखित नवनिर्मित सड़क के समीप/किनारे ग्रीन बेल्ट की भूमि लगभग 4500 वर्गमीटर है। नगर निगम द्वारा इस भूमि पर पर्यावरण की दृष्टि से वृक्षारोपण कार्य हेतु वर्तमान में गड्ढे खोदने का कार्य प्रक्रियाधीन है।
जतारा बायपास रोड को चौड़ा किया जाना
[लोक निर्माण]
133. ( क्र. 4286 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की नगर जतारा बायपास रोड निर्माण कराने की शासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति एवं वित्तीय स्वीकृति कब दी गई थी? विभाग द्वारा कब-कब और कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति किस मद से कार्य कराने हेतु दी गई थी? कृपया उसकी लम्बाई-चौड़ाई बताते हुए यह भी बताएं कि किस ठेकेदार द्वारा, किस दर पर, कितनी राशि शासन की कुल व्यय करके कार्य कब प्रारंभ करवाकर कब सम्पूर्ण कार्य समाप्त कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जतारा बायपास रोड निर्माण की समाप्ति से प्रश्न दिनांक तक इस रोड पर कब-कब दिनांक, समयवार सड़क दुर्घटनाएं कौन-कौन से वाहनों से हुई हैं? कृपया सम्पूर्ण जानकारी देते हुए यह भी बताएं कि इसमें कौन-कौन घायल हुए और किस-किस की मृत्यु हो चुकी है? नाम, पति/पिता, जाति पता सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जतारा बायपास रोड पर वाहनों से दुर्घटना होने के महत्वपूर्ण कारणों में बीच से डिवाईइर रोड की पट्टी का निर्माण न होना एवं मार्ग कम चौड़ा होना है एवं रात्रि में रोड पर स्ट्रीट लाईट भी न होना है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर स्पष्ट बताएं कि जतारा बायपास रोड को 6 मीटर और चौड़ा कराने में, डिवाईडर की पट्टी बनने में एवं स्ट्रीट लाईट लगवाने में शासन की कितनी-कितनी राशि व्यय होगी? कृपया सम्पूर्ण जानकारी देते हुए बताएं कि जान-माल की क्षति को रोकने हेतु उपरोक्त राशि विभाग स्वीकृत करेगा तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जतारा बायपास रोड पर एक्सीडेंट का कारण तेज गति, लापरवाहीपूर्वक गाड़ी चलाना है। (घ) अनुमानित रू. 22.80 करोड़ की राशि व्यय होगी। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
ग्रीन मेडोज कॉलोनी की भूमि का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 4287 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र. गृह निर्माण मंडल को अरेरा हिल्स स्थित खसरा क्र. 959/1 में से रकबा 5.15 एकड़ भूमि का आवंटन (ग्रीन मेडोज कॉलोनी) हेतु विसंगति भूमि का आवंटन होने से कॉलोनी के रहवासी एक मुश्त लीज रेंट जमा नहीं कर पा रहे हैं? कृपया सम्पूर्ण भूमि आवंटन के आदेश की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) क्या यह भी सही है कि राजस्व विभाग, म.प्र. शासन अपर सचिव के पृष्ठां. क्र. एफ 6-7/2007/सात/नजूल, दिनांक 07.07.2017 द्वारा कलेक्टर जिला भोपाल को पत्र लिखा गया था? जिसमें स्पष्ट बिंदु क्र. (1) एवं (2) में उल्लेख जो था उसकी समस्त कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं कराई जा रही है? क्या-क्या कारण हैं स्पष्ट बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताए कि अरेरा हिल्स भोपाल के किस-किस खसरा नंबर में कितने-कितने रकबा में कौन-कौन से कार्यालय, भवन एवं अन्य वर्तमान की स्थिति में बने हैं एवं किस-किस का कब्जा है? उसमें से कितनी-कितनी भूमि पर प्रश्न दिनांक तक उक्त कॉलोनी का कब्जा है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (क) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताए कि प्रश्न दिनांक तक शासन के राजस्व विभाग द्वारा दिए दिनांक 07.07.2017 से लगभग 7 वर्ष में कलेक्टर, कमिश्नर भोपाल के द्वारा भूमि विसंगति का संशोधन कर निराकरण नहीं कर पाया है? क्यों? उसका निराकरण कराया जायेगा तो कब तक? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कब तक एक मुश्त लीज रेंट जमा करवाई जावेगी तो कब तक? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।