मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
गुरूवार, दिनांक 18 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मुरैना
जिलांतर्गत सड़क
निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
1. ( *क्र. 1880 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना से पोरसा एवं पोरसा से अटेर तक सड़क निर्माण कार्य निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्य किस कंपनी/ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है? कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है एवं रोड की मोटाई एवं साइज क्या है? ठेकेदार/कंपनी के नाम, पते की जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित रोडों का निर्माण घटिया किस्म का होने एवं पूर्व से बने डामरीकरण रोड पर ही उक्त नवीन रोड डाला जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या पक्के रोड के ऊपर बिना खुदाई किए नवीन रोड डाला जाना स्टीमेट में प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो स्टीमेट की कॉपी प्रदाय की जावे। यदि नहीं, तो ऐसा क्यों? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित घटिया रोड निर्माण की जाँच उच्च स्तरीय समिति से कराने एवं तत्काल प्रभाव से उक्त घटिया निर्माण को रोके जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, कार्य उचित गुणवत्ता एवं मानक मापदण्डों के अनुसार किया जा रहा है, केवल कुछ आबादी क्षेत्रों में भारतीय सड़क कांग्रेस के मापदण्डों के अनुसार विद्यमान डामरीकृत सतह के ऊपर 200 एम.एम. मोटाई का कांक्रीट ओवरले का कार्य किया जा रहा है। शेष मार्ग में डामरीकृत सतह हटाकर पुनर्निर्माण किया जा रहा है। प्राक्कलन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बिजावर स्थित शास. महा. में स्नातकोत्तर की कक्षा प्रारंभ की जाना
[उच्च शिक्षा]
2. ( *क्र. 2097 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्र में उच्च शिक्षा के अध्ययन हेतु कितने शासकीय महाविद्यालय हैं? उक्त महाविद्यालय में प्रश्न दिनांक तक कौन सी संकाय संचालित होती है? विभागीय कैलेण्डर अनुसार कितने छात्र प्रवेश लेते हैं? कितने पद स्वीकृत हैं? कितने कार्यरत हैं? (ख) क्या सहज, सुलभ उच्च शिक्षा प्रदाय करवाना शासन की मंशा होती है? यदि हाँ, तो बिजावर स्थित शासकीय महाविद्यालय में अन्य संकाय खोले जा सकते हैं? क्या स्नातकोत्तर की कक्षा शुरू की जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्र में एक शासकीय महाविद्यालय है, जिसमें कला संकाय संचालित है तथा सत्र 2018-19 में प्रवेशित छात्र संख्या 446 है। महाविद्यालय में राजपत्रित श्रेणी के स्वीकृत 08 पदों में 01 पद पर सहायक प्राध्यापक कार्यरत हैं तथा अराजपत्रित श्रेणी के स्वीकृत 15 पदों में से 07 पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। नवीन संकाय/ स्नातकोत्तर कक्षा प्रारंभ करने की कार्यवाही की जावेगी। किन्तु समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालयीन छात्रों को स्मार्ट फोन का वितरण
[उच्च शिक्षा]
3. ( *क्र. 2804 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम में पिछले तीन सत्रों से (17-18, 18-19 और 19-20) कॉलेज छात्रों को स्मार्ट फोन का वितरण नहीं हो पा रहा है? सभी तीन सत्रों के स्मार्ट फोन छात्रों को कब तक वितरित कर दिये जायेंगे? क्या इस संबंध में प्राचार्यों को शीघ्र निर्देश देने की कार्यवाही करेंगे? (ख) क्या वितरित स्मार्ट फोनों की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हुये हैं तथा फोन ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, यदि हाँ, तो क्या स्मार्ट फोनों की गुणवत्ता की जाँच कराई गई है? यदि हां, तो जाँच रिपोर्ट के निष्कर्ष क्या हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ, पूरे प्रदेश में ही प्रश्नांकित वर्षों के लिए स्मार्टफोन का वितरण नहीं हुआ है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) गुणवत्ता के संबंध में मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेव्हलपमेंट कार्पोंरेशन (MPSEDC) लिमिटेड को शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जाँच MPSEDC द्वारा कराई गई। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा इस विषय को स्वत: संज्ञान में लेते हुए जाँच कराई जा रही है।
सतपुड़ा जलाशय सारणी में जलकुम्भी/चायनिज़ झालर की समस्या
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 2230 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतपुड़ा जलाशय सारणी से चायनीज़ झालर एवं जलकुंभी निकालने का कार्य क्या किसी शोध के बाद ठेके पर दिया गया है अथवा बिना किसी कार्ययोजना के ठेका दे दिया गया? (ख) क्या ठेकेदार द्वारा प्रतिदिन निकाली जाने वाली चायनीज़ झालर एवं जलकुंभी की तुलना में जलकुंभी एवं चायनीज़ झालर के फैलने का प्रतिशत ज्यादा होने के कारण प्रतिदिन हजारों क्विंटल चायनीज़ झालर निकाले जाने के बावजूद समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो जलकुंभी एवं चायनीज़ झालर के निपटान के लिये सुनियोजित कार्ययोजना न बनाई जाकर ताप विद्युत गृह द्वारा इस कार्य हेतु किये गए भुगतान के लिये कौन जिम्मेदार है तथा जिम्मेदारों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा सतपुड़ा जलाशय, सारणी से चायनीज़ झालर एवं जलकुंभी निकालने का कार्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर, जो कि इस कार्य के लिये भारत का एकमात्र विशेषज्ञ संस्थान है, के शोध के पश्चात् एवं उनकी सलाह पर तैयार की गयी कार्य योजना के पश्चात् ही ठेके पर दिया गया है। (ख) जिन क्षेत्रों से ठेकेदार द्वारा जलकुंभी एवं चायनीज़ झालर निकाली जा चुकी है, इन क्षेत्रों में उनकी पुन: उत्पत्ति नगण्य है। अत: समस्या का निराकरण न होने संबंधी कथन सही नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी की जिम्मेदारी अथवा किसी पर कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
आउटसोर्स पर रखे गये कर्मचारियों की संख्या
[ऊर्जा]
5. ( *क्र. 1593 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इन्दौर में शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन संधारण वृत्त इंदौर में विगत 2 वर्षों, वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में कितने 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों, कितने 33 के.व्ही. लाइन, 11 के.व्ही. लाइन एवं कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों का रख-रखाव कार्य किया गया? संख्यात्मक जानकारी देवें। उक्त रख-रखाव पर कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर में शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन संधारण वृत्त इंदौर में विद्युत लाइनों के रख-रखाव (मेंटेनेंस) कार्य हेतु कितने कर्मियों को विगत दो वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में आउटसोर्स के माध्यम से मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध कराया गया? कर्मियों की संख्यावार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर में शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन संधारण वृत्त इंदौर में विद्युत लाइनों के रख-रखाव (मेंटेनेंस) कार्य में क्या-क्या कार्य संपादित करवाए गए एवं इस हेतु मेनपावर प्रदाता कंपनी को विगत दो वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर में शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन संधारण वृत्त इंदौर में विगत दो वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में विद्युत लाइनों के रख-रखाव (मेंटेनेंस) कार्य में मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये गये कर्मियों का प्रमाणीकरण किस स्तर के अधिकारी (पद श्रेणी) द्वारा किया गया तथा इन कर्मियों द्वारा किये गये रख-रखाव कार्यों की समीक्षा भी किस स्तर के अधिकारी (पद श्रेणी) द्वारा की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन-संधारण वृत्त इंदौर में विगत 2 वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में किये गये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों, 33 के.व्ही. लाइन, 11 के.व्ही. लाइन एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव के कार्य की वित्तीय वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। उक्त रख-रखाव कार्य पर शहर वृत्त, इन्दौर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में राशि रू. 169.22 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रू. 218.51 लाख तथा संचालन-संधारण वृत्त इन्दौर के अंतर्गत रख-रखाव कार्य पर वित्तीय वर्ष 2017-18 में राशि रू. 639.25 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रू. 760.61 लाख व्यय की गई है। (ख) शहर वृत्त इन्दौर के अंतर्गत विद्युत लाइनों के रख-रखाव कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में आउटसोर्स के माध्यम से मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा क्रमशः 532 एवं 479 कार्मिक उपलब्ध कराये गये। संचालन-संधारण वृत्त इंदौर में विद्युत लाइनों के रख-रखाव कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में आउटसोर्स के माध्यम से मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा क्रमशः 337 एवं 368 कार्मिक उपलब्ध कराये गये। (ग) शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन-संधारण वृत्त इन्दौर के अंतर्गत विद्युत लाइनों के रख-रखाव कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में आउटसोर्स के माध्यम से मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये गये कार्मिकों से विद्युत लाइनों के रख-रखाव कार्यों के अतिरिक्त विद्युत शिकायतों का निराकरण, विद्युत संयोजनों को काटना एवं जोड़ना इत्यादि कार्य भी सम्पादित कराये गये जिस हेतु वर्षवार क्रमशः शहर वृत्त इन्दौर हेतु राशि रुपये 4.54 करोड़ एवं राशि रुपये 4.09 करोड़ एवं संचालन-संधारण वृत्त इन्दौर हेतु राशि रू. 4.62 करोड़ एवं राशि रू. 4.88 करोड़ का भुगतान मेनपावर प्रदाता कंपनी क्रमश: मेसर्स एटूझेड इन्फ्रा सर्विसेस लिमिटेड गुडगाँव एवं मेसर्स बी.व्ही.जी. इंडिया लिमिटेड, पुणे को किया गया। (घ) शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन संधारण वृत्त इंदौर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में विद्युत लाइनों के रख-रखाव कार्य में मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध करवाये गये कार्मिकों के प्रमाणीकरण का कार्य कार्यपालन अभियंता स्तर एवं कार्मिकों द्वारा किये गये रख-रखाव कार्य की समीक्षा सहायक यंत्री स्तर के अधिकारी द्वारा की गई है।
ग्वालियर जिलांतर्गत विद्युत विहीन मजरे/टोले
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 1675 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के ऐसे कितने मजरे टोले हैं जो विद्युत विहीन हैं? (ख) क्या इस जिले में सौभाग्य योजना संचालित है? यदि हाँ, तो इनके अंतर्गत कौन-कौन से मजरे/टोले शामिल किये गये हैं? विधानसभावार बतावें। (ग) ग्वालियर ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मुफ्त बिजली कनेक्शन योजना का लाभ किन-किन ग्राम/मजरे/टोले को वर्तमान में मिल रहा है? (घ) जो ग्राम मजरे-टोले में शामिल नहीं हैं उन्हें शामिल किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले के अंतर्गत वर्तमान में कोई भी मजरा/टोला विद्युत विहीन नहीं है। (ख) ग्वालियर जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत घरों के विद्युतीकरण एवं विद्युत अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण के शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण कर मे.आर.ई.सी.लिमिटेड को क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की कार्यवाही म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा की जा रही है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत ग्वालियर जिले में जिन मजरों/टोलों में घरों के विद्युतीकरण एवं विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के कार्य किये गये हैं उनकी विधान सभा क्षेत्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्वालियर ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में नि:शुल्क बिजली कनेक्शन देने की कोई भी योजना संचालित नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
7. ( *क्र. 1136 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल स्टेडियम निर्माण की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो जिला विदिशा के विधान सभा क्षेत्र शमशाबाद के तहत कितने स्टेडियम बनाये गये हैं और वर्तमान में इनकी स्थिति क्या है? (ग) क्या यह खेल स्टेडियम विभाग को सौंप दिये गये और यदि नहीं, तो क्यों नहीं सौंपे गये हैं? इन्हें कब तक खेलों के लिये उपयोग में लाया जा सकेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में खेल स्टेडियम निर्माण की कोई योजना नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गोविन्दपुरा क्षेत्र में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 771 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष माह अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से नवीन मार्ग स्वीकृत किये गये हैं? मार्गों के निर्माण की स्वीकृति, कार्य प्रारंभ करने का दिनांक एवं कार्य करने का दिनांक राशि सहित बतायी जाए? (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा गोविन्दपुरा विधान सभा की किन-किन नवीन सड़कों का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों को कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में वर्तमान में कोई सड़क का निर्माण प्रस्तावित नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योगों द्वारा एन.ओ.सी. का दुरूपयोग
[पर्यावरण]
9. ( *क्र. 1131 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जे.पी. एसोसिएट्स प्रा.लिमि. एवं अल्ट्राटेक सीमेंट प्रा.लिमि. कंपनियों द्वारा उद्योग लगाने हेतु पर्यावरण विभाग से एन.ओ.सी. (अनुमति) किन शर्तों पर ली गई है? शर्त/एग्रीमेंट की सत्यापित छायाप्रति पृथक-पृथक देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इन उद्योगों द्वारा पर्यावरण विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार पौधारोपण कराया गया है? यदि हाँ, तो कितने रकबे में एवं कहाँ पर? उक्त स्थल का खसरा क्रमांक एवं रकबे के विवरण के साथ स्थल की छायाप्रति की सत्यापित प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में पर्यावरण विभाग द्वारा 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक एस.पी.एम. (सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) एवं आर.एस.पी.एम. की क्या-क्या मात्रा माहवार/वर्षवार पाई गई? ऑफिशियल रिपोर्ट की एक प्रति माहवार/वर्षवार/स्थानवार किस समय ली गई एवं किसके द्वारा ली गई के हस्ताक्षरवार उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संदर्भ में एन.ओ.सी. का दुरूपयोग करने वाले उपरोक्त उद्योगों पर विभाग/सरकार क्या कार्यवाही करेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। मेसर्स जे.पी. एसोसियेट्स लिमिटेड के जे.पी. रीवा सीमेंट प्लांट द्वारा 42.5 हेक्टेयर रकबे पर ग्राम गढ़वा तथा 38.41 हेक्टेयर रकबे पर ग्राम नौबस्ता में तथा मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड के बेला सीमेंट वर्क्स द्वारा 101.61 हेक्टेयर रकबे पर सीमेंट प्लांट, टाउनशिप एरिया व माइनिंग एरिया में वृक्षारोपण किया गया है। खसरा क्रमांक एवं रकबे का विवरण सहित स्थल नक्शे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधान सभा क्षेत्र सिंगरौली के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 2686 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या विधान सभा क्षेत्र सिंगरौली के ग्रामीण क्षेत्र में न तो राजीव गांधी न ही पंडित दीनदयाल विद्युतीकरण न ही सौभाग्य योजना के कार्य चल रहे हैं और न ही फीडर सेपरेशन हुआ? टोले-मजरों में कब तक विद्युतीकरण करा लिया जायेगा? साथ ही उपभोक्ताओं का आधा बिल माफ करने की घोषणा हुई थी तो किस तरह से उपभोक्ताओं का बिल माफ करेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : विधान सभा क्षेत्र सिंगरौली के ग्रामीण क्षेत्रों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित), दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) एवं फीडर विभक्तिकरण योजना के तहत विद्युतीकरण के विभिन्न कार्य हुए हैं वर्तमान में उक्त सभी योजनाओं के कार्य प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्ण किये जा चुके हैं। ग्रामीण विद्युतीकरण की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत निहित प्रावधानों के अनुसार समस्त मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी मजरा/टोला विद्युतीकरण हेतु शेष नही है, अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। वर्तमान में राज्य शासन की दो योजनाएं यथा - इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना के माध्यम से हितग्राहियों को विद्युत खपत के अनुपात में कम विद्युत देयक दिया जा रहा है। ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' के अन्तर्गत 1000 वॉट तक संयोजित भार वाले पंजीकृत श्रमिकों एवं संनिर्माण कर्मकारों को सम्मिलित किया गया है। इस योजनान्तर्गत घरेलू उपयोग के लिए 100 यूनिट तक खपत करने वाले हितग्राहियों को अधिकतम रू. 100/- का देयक दिये जाने का प्रावधान किया गया है। 100 यूनिट से अधिक खपत होने पर प्रथम 100 यूनिट के लिए रू. 100/- एवं शेष विद्युत खपत के लिए लागू टैरिफ अनुसार विद्युत देयक की राशि उपभोक्ता द्वारा देय है। इस योजना में 100/- रू. से कम बिल होने पर वास्तविक बिल की राशि ही उपभोक्ता द्वारा देय है। राज्य शासन द्वारा समाज के कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को लाभान्वित करने के उदे्दश्य से इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू की गई है, जिसमें 100 यूनिट तक की मासिक खपत वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितग्राही लाभान्वित हुए हैं तथा 100 यूनिट तक की खपत पर पूर्व में उपभोक्ता को दिये जा रहे 200 रूपये प्रतिमाह के बिल की राशि आधी कर दी गई है। ''इंदिरा किसान ज्योति योजना'' के अंतर्गत 10 हार्स पॉवर तक के स्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों को पूर्व में देय राशि रू. 1400 के स्थान पर रू. 700 प्रति हार्सपॉवर प्रति वर्ष फ्लैट रेट की दर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 10 हार्सपावर तक के मीटर युक्त स्थायी कृषि पम्प उपभोक्ताओं को वर्तमान में देय ऊर्जा प्रभार की दरों में 50 प्रतिशत की रियायत दी गई है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के 1 हेक्टेयर तक की भूमि वाले एवं 5 हार्स पॉवर तक के कृषि उपभोक्ताओं को निःशुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
सेंधवा से वरला तक सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 2338 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेंधवा से वरला तक रोड निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग कर गुणवत्ताविहीन कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच करवाई जायगी? (ख) क्या यह सड़क आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में निर्माणाधीन है। पुलिया का निर्माण चालू है किन्तु परिवर्तित मार्ग में पाइप नहीं डाले गये हैं, जिससे बारिश में मार्ग बाधित होगा? क्या परिवर्तित मार्ग सही बनाये जायेंगे? (ग) यदि नहीं, तो क्या लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी सेंधवा के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी नहीं। पुलियाओं के परिवर्तित मार्ग पर आवश्यकतानुसार ह्यूम पाइप डाले गये हैं। बारिश में मार्ग बाधित नहीं होगा। परिवर्तित मार्ग भी सही बनाये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लेबड जावरा तथा जावरा नयागांव पर टोल वसूली
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 3036 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड जावरा तथा जावरा नयागांव पर टोल वसूलना किस दिनांक से प्रारंभ हुआ तथा 31 मई, 2019 तक दोनों रोड पर कुल कितनी-कितनी राशि टोल में प्राप्त कर ली गई है। DPR में टोल वसूली की अवधि कितने वर्ष थी वह किस दिनांक को समाप्त होगी, क्या टोल अवधि बढ़ाई गई? यदि हाँ, तो बढ़ाई गई अवधि, कारण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) की फोरलेन पर टोल कितने-कितने कि.मी के कितने टोल बूथ अनुसार प्रारंभिक दिनांक से 31 मई, 2019 तक ले रहे हैं वर्षवार टोल बूथ अनुसार राशि बतावें। अनुबंध अनुसार टोल वृद्धि का नियम बतावें तथा बतावें कि फोरलेन पर प्रति कि.मी. पर कितने-कितने जीवित पेड़ दोनों ओर हैं। प्रत्येक कि.मी. की सत्यापित सूची बनाकर देवें तथा बतावें कि पेड़ का सत्यापन किस दिनांक को किस अधिकारी द्वारा किया गया। (ग) रतलाम बाजना कुशलगढ़ रोड पर बाजना बस स्टैण्ड से बरोठ माता मंदिर तक फोरलेन बनाने की क्या दो DPR बनाई गई है। यदि हाँ, तो कारण बतावें तथा RTI में अजय चत्तर को दिनांक 15.01.18 को दी गई DPR की प्रति दवें तथा बतावें कि क्या रेल्वे ओव्हर ब्रिज की ड्राइंग प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो प्रति देवें। (घ) रतलाम बाजना फोरलेन के दोनों ओर 70 मकानों को किस संस्था द्वारा क्यों तोड़ा गया? अभी तक फोरलेन और तीनों पुलिया क्यों नहीं बनी, नालियां बनना कब प्रारंभ होगा तथा विलंब हेतु ठेकेदार से कितनी पेनाल्टी वसूली गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वार्षिक बजट में सिंचाई हेतु राशि का प्रावधान
[जल संसाधन]
13. ( *क्र. 1976 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा विगत पाँच वर्षों में वार्षिक बजट में सिंचाई हेतु कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? जिलेवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि में से मुरैना जिले को कितनी राशि दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में राशि से क्या-क्या कार्य कराये गये? स्वीकृत प्रक्रियाधीन एवं प्रस्तावित कार्य की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में स्वीकृत कौन-कौन से निर्माण कार्य किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी राशि से किये जा रहे हैं, की जानकारी मांग संख्या, लेखा शीर्ष, उपशीर्ष, स्वीकृत दिनांक, कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण दिनांक, क्रियान्वयन एजेंसी आदि सहित दी जावे। (ड.) स्वीकृत कार्यों के अतिरिक्त कितने कार्य प्रक्रियाधीन एवं प्रस्तावित हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विगत 05 वर्षों की वार्षिक बजट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में मुरैना जिले को निर्माण कार्य हेतु रू. 170.24 करोड़ एवं अनुरक्षण कार्यों के लिए रू. 11.65 करोड़ प्रदान की गई। (ग) से (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र बागली में कार्य हेतु स्वीकृत राशि
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 2012 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बागली अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा पिछले 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई किस-किस मद से कहां-कहां कार्य कराये गये? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधान सभा क्षेत्र बागली में जल संसाधन विभाग द्वारा आगामी वर्षों में क्या-क्या योजना बनाई गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) विधान सभा क्षेत्र बागली के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में राशि रू. 261.11 लाख की लागत से खेड़खेड़ा बैराज का निर्माण लघु सिंचाई मद के अंतर्गत कराया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनूपपुर जिले में स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 3048 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल, 17 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में लोक निर्माण विभाग के बजट, अनूपुरक बजट तथा अन्य योजनाओं में कहाँ-कहाँ सड़क, पुल, भवन स्वीकृत किये गये? उनमें से किन-किन कार्यों की निविदायें अभी तक क्यों आमंत्रित नहीं की गईं हैं? कब तक निविदायें आमंत्रित कर दी जायेंगी? (ख) उक्त अवधि एवं उक्त जिले में स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? अनुबंध के अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिन कार्यों में वन व्यवधान, भू-अर्जन सीमांकन आदि की आवश्यकता है? इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? अनूपपुर जिले में वर्तमान में किन मुख्य जिला मार्गों पर क्या-क्या कार्य, किस-किस योजना में कराया जाना प्रस्तावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। कोई निविदा आमंत्रण संबंधी कार्यवाही शेष नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''ब-1'' अनुसार है।
नवीन महाविद्यालयों में विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था
[उच्च शिक्षा]
16. ( *क्र. 1205 ) श्री संजय शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा नवीन महाविद्यालयों के भवन निर्माण की स्वीकृत राशि में विद्युत व्यवस्था एवं पेयजल व्यवस्था की राशि सम्मिलित रहती है? (ख) यदि नहीं, तो नये महाविद्यालय के भवनों में विद्युत व्यवस्था एवं पेयजल व्यवस्था हेतु राशि की स्वीकृति कहाँ से होगी? (ग) नवीन उपाधि महाविद्यालय तेंदूखेड़ा में विद्युत ट्रांसफार्मर एवं पेयजल व्यवस्था की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) नरसिंहपुर द्वारा प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार शासकीय महाविद्यालय, तेंदूखेड़ा में पेयजल व्यवस्था हेतु ट्यूबवेल खोदा गया, किन्तु जगह पथरीली होने के कारण ट्यूबवेल फेल हो गया। नवनिर्मित भवन में पावर हाउस अत्यंत दूरी पर है तथा विद्युत पोल भी स्थापित नहीं है, इस कारण विद्युत सप्लाई हेतु नवीन ट्रांसफार्मर लगाने की आवश्यकता है। विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उर्मिल नदी पर स्वीकृत परियोजना
[जल संसाधन]
17. ( *क्र. 2083 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत उर्मिल नदी से गोरा तालाब को भरने हेतु गोरा फीडर अथवा अन्य नाम से कोई परियोजना स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो योजना की जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या प्रश्न दिनांक तक योजना पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? योजना की भौतिक स्थिति क्या है? (ग) इस योजना में कितना एवं कौन-कौन सा कार्य किया जा चुका है? उक्त कार्य में कितना व्यय हो चुका है? कितना कार्य शेष है? शेष कार्य को पूर्ण करवाने में कितना व्यय होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। गोरा फीडर परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 10.01.1978 को रू. 24.92 लाख की तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 24.06.2003 को रू. 247.63 लाख की प्रदान की गई। (ख) जी हाँ। परियोजना भौतिक रूप से पूर्ण होना प्रतिवेदित है। (ग) परियोजना के अंतर्गत वियर का निर्माण, नहर की खुदाई कार्य, सर्विस रोड का निर्माण एवं 09 नग स्ट्रक्चरों का निर्माण कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना में रू. 248.54 लाख व्यय किया गया तथा कोई कार्य शेष नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
वेतन निर्धारण में विसंगति
[जल संसाधन]
18. ( *क्र. 1374 ) श्री गिरीश गौतम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री लाइट मशीनरी एवं विद्युत यांत्रिकी संभाग रीवा को पत्र क्रमांक 85/एम.एल.ए./देवतालाब/2019 दिनांक 5.3.19 को दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के लिए स्थायी कर्मियों को विनियमित करने की योजना के तहत वेतन निर्धारण में विसंगति के संबंध में पत्र लिखकर म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक/एफ-5-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 07.10.2018 के तहत उक्त डिवीजन में कर्मचारियों का वेतन घटा दिया गया है जिसमें समुचित कार्यवाही किये जाने बाबत् लिखा गया था, जिसके जवाब में कार्यपालन यंत्री के पत्र क्रमांक 594/स्था.कर्मी./18-19 दिनांक 18.3.19 द्वारा बताया गया कि म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय पत्र क्रमांक सी-5-1-2013, भोपाल दिनांक 23.11.2017 द्वारा जारी निर्देश के पालन में वेतन निर्धारण किया गया तथा अन्य डिवीजन के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है? (ख) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय क्रमांक सी-5-1-2013-1-3 भोपाल दिनांक 23 नवम्बर, 2017 केवल लाइट मशीनरी एवं विद्युत यांत्रिकी संभाग रीवा म.प्र. के लिए ही जारी किया गया है ओर अन्य डिवीजनों में लागू नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो अन्य डिवीजनों में इस पत्र के संदर्भ में क्या निर्णय लिया गया? (ग) क्या पत्र क्रमांक 3326100/1/2008/1520 कार्यालय प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग तुलसी नगर भोपाल द्वारा सितम्बर 2018 में समस्त मुख्य अभियंता को पत्र लिखा गया कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वर्गीकरण के संबंध में श्रम विभाग की अधिसूचना दिनांक 29.05.2014 को कण्डिका 4 के अनुसार किसी कर्मचारी का वेतन कम न हो को सुनिश्चित किया जाये? क्या कार्यपालन यंत्री लाइट मशीनरी एवं विद्युत यांत्रिकी रीवा द्वारा इस आदेश का उल्लंघन कर कर्मचारियों को प्राप्त हो रहे वेतन को कम कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त विसंगति को दूर कर श्रम विभाग के उक्त आदेश के परिपालन में अन्य डिवीजनों के अनुरूप ही वेतन निर्धारण कब तक किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। अन्य डिवीजनों द्वारा भी सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 23 नवम्बर, 2017 के अनुसार ही वेतन निर्धारण किया गया है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
विधि कॉलेज बीना में विधि की कक्षाएं प्रारंभ की जाना
[उच्च शिक्षा]
19. ( *क्र. 1840 ) श्री महेश राय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बीना के ग्राम खिमलासा में शासकीय महाविद्यालय विगत वर्ष से संचालित है, लेकिन आज दिनांक तक महाविद्यालय का भवन स्वीकृत नहीं हुआ है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों और कब तक भवन स्वीकृत हो जायेगा? (ग) विधान सभा क्षेत्र बीना में लॉ कॉलेज स्वीकृत हो गया, लेकिन आज दिनांक तक विभाग द्वारा कक्षायें प्रारंभ करने की स्वीकृति क्यों जारी नहीं की गयी? शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बीना के पास पर्याप्त जगह है इसके उपरांत भी कक्षायें संचालित नहीं हो रही हैं, विभाग कब तक कक्षायें प्रारंभ करने की स्वीकृति जारी करेगा? (घ) शासकीय लॉ कॉलेज बीना के निर्माण हेतु शासकीय भूमि आवंटित हो गयी है इसके उपरांत भी भवन स्वीकृत नहीं हुआ है, भवन स्वीकृति कब तक जारी कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) शासकीय महाविद्यालय, बीना में विधि की कक्षायें वर्ष 1983-84 से 2010-11 तक संचालित थीं, किंतु बी.सी.आई. से मान्यता प्राप्त न होने से वर्ष 2013-14 से विधि कक्षायें बंद हो गईं हैं। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीना में पर्याप्त स्थान होने के साथ, विधि की कक्षायें प्रारंभ करने के लिये, बी.सी.आई. से मान्यता मिलना भी आवश्यक है। विधि की पुनः कक्षायें प्रारंभ किए जाने हेतु बी.सी.आई. में निरीक्षण शुल्क जमा कर दिया गया है। बी.सी.आई. की मान्यता उपरांत ही प्रवेश एवं कक्षायें प्रारंभ की जा सकेंगी। (घ) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
ग्राम सौंरई में भूमिगत जल के प्रदूषित होने की रोकथाम
[पर्यावरण]
20. ( *क्र. 2510 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत बण्डा तहसील के सौंरई ग्राम में मध्यभारत एग्रो लिमिटेड कंपनी द्वारा उत्पादन के दौरान उत्सर्जित द्रव अपशिष्ट पदार्थों का रिसाव फैक्ट्री से लगी हुई ग्रामों की भूमि में हो रहा है, इसके लिये उत्तरदायी कौन है एवं इसे रोकने के लिये कंपनी एवं प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या फैक्ट्री से उत्सर्जित द्रव अपशिष्ट का लगातार ग्राम की भूमि में रिसाव होने से प्रश्न दिनांक तक फैक्ट्री के चारों ओर लगभग 2 किलोमीटर दूर तक स्थित समस्त प्रकार के जल स्रोतों का पानी विषाक्त हो चुका है, कुओं का पानी हरा हो गया है, केमिकल की पर्त जम चुकी है? यदि हाँ, तो इसकी रोकथाम के लिये फैक्ट्री एवं प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है एवं क्या इसके लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) फैक्ट्री के द्रव अपशिष्ट के कारण हुये भूमिगत जल को पेयजल हेतु उपयुक्त बनाये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? फैक्ट्री से प्रभावित सम्पूर्ण क्षेत्र के जल स्रोतों का जल पूर्ण रूप से कब तक पेयजल हेतु उपयुक्त कर दिया जावेगा? भविष्य में फैक्ट्री द्वारा इस प्रकार उत्सर्जित द्रव अपशिष्ट प्रबंधन के लिये क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता है।
महाकौशल कॉलेज जबलपुर में मनोविज्ञान विषय में प्रवेश
[उच्च शिक्षा]
21. ( *क्र. 1474 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत महाकौशल कॉलेज जबलपुर में मनोविज्ञान विषय में प्रवेश दिया जा रहा है अथवा नहीं? क्या कॉलेज प्रबंधन द्वारा मनोविज्ञान विषय में प्रवेश बंद किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (ख) क्या महाकौशल कॉलेज जबलपुर में अधिकांश रुप से पुरुष छात्रों द्वारा मनोविज्ञान विषय में प्रवेश हेतु आवेदन किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या उक्त विषय में प्रवेश को बंद करने से छात्रों को कठिनाई होगी? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा उक्त संकाय में प्रवेश चालू रखने हेतु समुचित दिशा-निर्देश कॉलेज प्रबंधन को दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? क्या मनोविज्ञान विषय में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए कॉलेज प्रबंधन द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) मनोविज्ञान विषय में स्नातक स्तर पर प्रवेश दिया जा रहा है परन्तु महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा मनोविज्ञान स्ववित्तीय पाठ्यक्रम (स्नातकोत्तर स्तर पर) में प्रवेश, ऑडिट आपत्ति एवं आवश्यक धन राशि उपलब्ध न होने के कारण बंद किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रवेशित पुरूष छात्रों एवं छात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सौर ऊर्जा कंपनियों को आवंटित भूमि
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
22. ( *क्र. 2860 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में ऊर्जा उत्पादन हेतु कौन-कौन सी कंपनियों (पवन, सौर ऊर्जा) द्वारा कार्य किया जा रहा है? (ख) शासन द्वारा सौर ऊर्जा कंपनियों को किन-किन ग्रामों में प्लान्ट स्थापित करने हेतु भूमि उपलब्ध कराई गई है? सर्वे नं. भूमि हेक्टेयर, गांव का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या शासन द्वारा सौर ऊर्जा कंपनियों को उपलब्ध (अलाट) की गई भूमि के विरोध या आपत्ति में जनता द्वारा आंदोलन या न्यायालय का सहारा लिया गया था? यदि हाँ, तो न्यायालय द्वारा निर्माण कार्य रोकने हेतु स्टे एवं अन्य आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) उपरोक्त प्लान्टों को ऊर्जा उत्पादन हेतु दी गई भूमि छोटी पतलासी सुर्खाखेडा एवं समस्त अन्य स्थानों पर क्या पूर्व में कोई पुराना तालाब एवं तालाबों में पानी की आवक, चारागह भूमि, खेल मैदान, वृक्षारोपण, खेतों पर जाने का आम रास्ता, शमशान, अनुसूचित जाति वर्ग की भूमि स्थापित थी या नहीं?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में पवन एवं सौर ऊर्जा कम्पनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ख) शासन द्वारा सौर ऊर्जा कम्पनियों को आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार हैं। (ग) संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार हैं। (घ) संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार हैं।
बिजली बिल आधा किये जाने की घोषणा का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
23. ( *क्र. 1624 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा 10 हार्सपावर तक के स्थाई व अस्थाई कृषि पंप कनेक्शन वाले किसानों का बिजली बिल आधा किए जाने की घोषणा की गई थी? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार यदि हाँ, तो योजना कब प्रारंभ की गई और प्रदेश के किस-किस जिले के कितने किसानों को इसका लाभ प्रदान कर लाभान्वित किया गया? जिलेवार संख्या बतावें? (ग) प्रश्नांक (क), (ख) अनुसार योजना से सरकार के ऊपर कितने वित्तीय भार का अनुमान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्य शासन द्वारा ''इंदिरा किसान ज्योति योजना'' 01 अप्रैल, 2019 से लागू की गई है। उक्त योजना के अन्तर्गत प्रदेश के लाभान्वित किसानों की जिलेवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन योजना से वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य शासन पर लगभग रू. 700.84 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आने का अनुमान है।
सामग्री क्रय हेतु निविदा का आमंत्रण
[खेल और युवा कल्याण]
24. ( *क्र. 1314 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेल विभाग द्वारा विगत 04 वर्षों में क्रय की कार्यवाही संबंधी जारी निविदा जमा करने वाली फर्म से परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी लेने की शर्त रखी गई थी? (ख) क्या विगत 05 वर्षों में विभाग द्वारा प्राप्त किये गये टेण्डर में सभी फर्मों से परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी ली गई है और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी नहीं लेना सी.व्ही.सी. की गाइड लाइन के विरुद्ध है? यदि हां, तो यह गंभीर अनियमितता करने वाले अधिकारी के विरुद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। जिन निविदाओं में आवश्यक था वहाँ परफारमेन्स बैंक ग्यारन्टी लेने की शर्त रखी गई थी तथा जिन निविदाओं में आवश्यकता नहीं थी वहाँ परफारमेन्स बैंक ग्यारन्टी की शर्त नहीं रखी गई है। (ख) जी नहीं। जिन निविदा प्रपत्रों में परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी लेने का उल्लेख था, उन निविदा प्रपत्रों में परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी प्राप्त की गई तथा जिन निविदा प्रपत्रों में परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी लेने का उल्लेख नहीं किया गया था, उन निविदाओं में परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी नहीं ली गई, इस प्रकार की निविदाओं में सुरक्षानिधि के रुप में बैंक ड्राफ्ट/सावधि जमा रसीद ली गई है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सौभाग्य योजना अंतर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 689 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर के ग्रामीण अंचलों के अंतर्गत सौभाग्य योजनांतर्गत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है? ग्राम के नाम सहित बतावें। (ख) कितने ग्रामों में योजनांतर्गत सर्वे का कार्य पूर्ण कराकर कार्य प्रारंभ करा दिये गये हैं? ग्रामों के नाम सहित बतावें। (ग) कितने कार्य प्रस्तावित हैं जिनका सर्वें किया जाना है तथा सर्वे कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? ग्रामों के नाम सहित बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सौभाग्य योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार शत-प्रतिशत घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना था। इस योजनान्तर्गत ग्रामों के विद्युतीकरण का प्रावधान नहीं था, अपितु लास्ट माईल कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विकास/लाइन विस्तार के कार्य किये जाने थे। सीहोर विधान सभा क्षेत्र में 141 ग्रामों में विद्यमान विद्युत अधोसंरचना का उपयोग करते हुए एवं 24 ग्रामों में आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विकास/लाइन विस्तार के कार्य करते हुए निवासरत परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं, जिनकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) सौभाग्य योजना अन्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगरीय
निकायों में
संबल कार्ड
[श्रम]
1. ( क्र. 13 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के नगरीय निकायों में दिसम्बर 2018 से जून 2019 तक संबल कार्ड बनाये जाने हेतु कितने आवेदन आये? माहवार जानकारी दें। (ख) इस अवधि में कितने हितग्राहियों के संबल कार्ड बनाये गये? (ग) दिसम्बर 2016 से जून 2019 की अवधि में संबल कार्डधारियों को किस-किस योजना में कितना-कितना लाभ दिया गया? (घ) क्या नये संबल कार्ड बनाया जाना एवं पुराने कार्डों पर योजना का लाभ देना सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? इसे कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) दिसम्बर 2018 से जून 2019 के मध्य पंजीयन हेतु कोई आवेदन प्राप्त नही हुआ है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) होशंगाबाद जिले में जून 2019 तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित कार्डधारी श्रमिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। पूर्व में जारी पंजीयन को आधार कार्ड/मोबाईल से लिंक नहीं किया गया था। अत: पंजीयन को आधार एवं मोबाईल नम्बर से लिंक किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
महू-घाटाबिल्लोद फोर-लेन हाईवे का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 36 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के औद्योगिक क्षेत्र से गुजरने वाले महू-घाटाबिल्लोद फोर-लेन हाईवे का निर्माण किस वर्ष में पूर्ण होकर उस पर किस वर्ष से टोल टैक्स प्रारंभ हुआ है? (ख) टोल टैक्स वसूली किये जाने वाले फोर-लेन हाईवे पर कितने अंतराल पर मरम्मत किये जाने का प्रावधान है तथा कितने अंतराल पर चरणबद्ध रूप से सम्पूर्ण मार्ग पर नवीन डामरीकरण किये जाने का प्रावधान है? (ग) क्या टोल टैक्स प्रारंभ होने की दिनांक से आज दिनांक तक इस मार्ग का वार्षिक रख-रखाव हुआ है? यदि हाँ, तो किस-किस वर्ष में किस-किस भाग पर क्या-क्या काम/डामरीकरण हुआ है? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इस सम्पूर्ण मार्ग पर चरणबद्ध रूप से डामरीकरण कब-कब कितने कितने किलो मीटर पर किया गया है? (ङ) यदि नहीं, तो क्या विभाग इस हेतु पहल कर मार्ग के रख-रखाव के क्रम में डामरीकरण संबंधित कंपनी से करवाने हेतु प्रयास करेगा तथा बस स्टॉप आदि जो टूट-फूट चुके हैं की मरम्मत हेतु कार्रवाई करेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 30.12.2012 को। (ख) schedule K अनुसार मार्ग मरम्मत हेतु निर्धारित है कि रफनेस Value यदि 3000mm प्रति कि.मी. (As measured by standardized roughometer/bump integrator) से अधिक होने पर 180 दिवस में इस त्रुटि का सुधार करना है। यह सुधार उक्त रफनेस स्ट्रेच पर रिनुवल कर किया जा सकता है। अनुबंध के schedule D सेक्शन IRC:SP:84-2009 अनुसार प्रारंभिक बिटुमिनस सरफेसिंग की न्यूनतम डिजाईन अवधि 10 वर्ष है अर्थात निवेशक को मूल बिटुमिनस कार्य पूर्ण होने के 10 वर्ष पश्चात आवश्यकता होने पर नवीनीकरण का कार्य किया जाना है। (ग) हाँ, टोल टैक्स प्रांरभ होने की दिनांक 30.12.2012 से आज दिनांक तक निवेशकर्ता द्वारा मार्ग पर सामान्य वार्षिक रख-रखाव किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मार्ग पर नवीनीकरण का कोई कार्य कंसेशनायर द्वारा नहीं किया गया है। (घ) कंसेशनायर द्वारा महू घाटाबिल्लौद मार्ग पर चरणबद्ध रूप से नवीन डामरीकरण का कार्य नहीं किया गया है। (ड.) संधारण सतत् प्रक्रिया है। कंसेशनायर से मार्ग का संधारण कार्य अनुबंध में वर्णित प्रावधानानुसार करवाया जावेगा।
बरेला क्षेत्र के तालाबों का मेंटेनेंस
[जल संसाधन]
3. ( क्र. 81 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत बरेला क्षेत्र के तालाब सिलपुरी, सरौरा, खैरी, बैरागी, खम्हेरिया, हिनौतिया भौई गहरीकरण एवं मेंटेनेंस न होने के कारण सूखते जा रहे हैं? (ख) क्या जलस्तर नीचे चले जाने से दिन प्रतिदिन पानी की समस्या बढ़ती जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इन तालाबों का गहरीकरण एवं मेंटेनेंस किया जायेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत बरेला क्षेत्र के प्रश्नांश में उल्लेखित तालाब जल संसाधन विभाग के अधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
परियट एवं नर्मदा नदी में प्रदूषण से रोकथाम
[पर्यावरण]
4. ( क्र. 82 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिलान्तर्गत परियट नदी के आसपास स्थित डेयरियों से निकलने वाला गोबर, मूत्र विगत कई वर्षों से परियट नदी में बहाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या परियट नदी का जल प्रदूषण की खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है? (ग) क्या नर्मदा नदी में शहर के गंदे नालों एवं परियट का गोबरयुक्त पानी जाने से दूषित हो रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन जल प्रदूषण रोकने हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शहर से निकलने वाला ओमती नाला परियट नदी में मिलता है तथा परियट नदी ग्राम गनियारी के पास हिरन नदी में मिलती है। हिरन नदी लगभग 100 कि.मी. बहाव पश्चात् ग्राम साकलघाट के पास नर्मदा नदी में मिलती है। अतः पर्याप्त तनुकरण होने के कारण नर्मदा नदी का जल प्रदूषित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा डेयरियों से होने वाले प्रदूषण के नियंत्रण हेतु जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियिम, 1974 की धारा 33 ‘क‘ के तहत 122 डेयरियों को उत्पादन बन्द करने के नोटिस एवं निर्देश जारी किये गये थे। बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन करने के कारण 122 डेयरियों के विरूद्ध न्यायलयीन वाद दायर किये गये है। कार्यपालिक अधिकारी म.प्र. पशुधन एवं कु.वि. निगम जबलपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार पशुपालन विभाग की डेयरी स्टेट परियोजना नगर पंचायत बरेला अंतर्गत ग्राम खम्हरिया में निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसमें नदियों के किनारे स्थापित इच्छुक डेयरी व्यवसायियों भी डेयरी विस्थापन हेतु भूखंड प्राप्त कर डेयरी विस्थापन कर सकते है। परियोजना अंतर्गत निर्माण कार्य प्रदूषण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे है। जिसके अंतर्गत बायोगैस संयंत्र, दूषित जल उपचार संयंत्र, ड्रेनेज निर्माण आदि सम्मिलित है जिनके लगभग 01 वर्ष में पूर्ण होने की संभावना है।
श्रमिकों को योजनाओं का लाभ
[श्रम]
5. ( क्र. 386 ) श्री रामपाल सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून-19 की स्थिति में रायसेन जिले में कर्मकार मंडल (संबल योजना) मुख्यमंत्री जन कल्याण में कितने श्रमिक पंजीकृत है ग्राम पंचायतवार/शहरी क्षेत्र में वार्डवार संख्या बताये पंजीकृत श्रमिकों को क्या-क्या सुविधायें मिलती है? (ख) फरवरी 18 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में कितने श्रमिकों को किस-किस योजना में क्या-क्या लाभ मिला? किन-किनके आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) श्रमिकों को उक्त योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है तथा इस संबंध में किस-किस अधिकारी की क्या-क्या भूमिका है? (घ) श्रमिकों के पंजीयन के कितने आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है पंजीयन हेतु श्रमिकों को क्या-क्या करना पड़ता है इस हेतु किस-किस अधिकारी की क्या-क्या भूमिका है?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जून-19 की स्थिति में रायसेन में कुल 3,34,992 श्रमिक पंजीबद्ध है। ग्राम पंचायतवार/शहरी क्षेत्र में वार्डवार पंजीकृत श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पंजीकृत श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। दिनांक 15 जून 2019 तक पोर्टल पर स्वीकृत समस्त प्रकरणों में स्वीकृत राशि संबंधित सी.ई.ओ. एवं सी.एम.ओ. को आवंटित की स्थिति में कोई भी स्वीकृत प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) नगरीय क्षेत्र में सी.एम.ओ. नगरीय निकाय तथा ग्रामीण क्षेत्र में सी.ई.ओ. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत की पदाभिहित अधिकारी नियुक्त किया गया है। पदाभिहित अधिकारी को योजना की स्वीकृति के अधिकार हैं। (घ) पंजीयन हेतु असंगठित श्रमिक द्वारा निर्धारित प्रारूप में स्व घोषणा के आधार पर यथा स्थिति ग्राम पंचायत अथवा नगरीय निकाय में आवेदन किये जाने पर, पंजीयन अधिकारी द्वारा सत्यापन के पश्चात् पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत एवं शहरी क्षेत्र में सी.एम.ओ. एवं नगरीय निकाय को पंजीयन के अधिकार हैं। सत्यापन एवं पंजीयन हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
बांध, बैराज, स्टॉप डेम, नहरों का निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 401 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज सिलवानी तथा उदयपुरा में दिनांक 01.04.2014 से 30.06.2019 तक की अवधि में किन-किन बांध, बैराज, स्टॉप डेम का निर्माण कब-कब करवाया गया उनमें से कौन-कौन से कब से क्षतिग्रस्त है उनकी मरम्मत हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) वर्तमान में किन-किन बांधों में नहर निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है उनमें से किन-किन स्थानों पर नहरें टूट गई हैं किन-किन नहरों में पानी नहीं पहुंच रहा है किन-किन नहरों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है क्यों, कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यों में मुआवजा राशि भुगतान हेतु किन-किन विधायकों के पत्र मान. मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए उन पर क्या क्या कार्यवाही की? (घ) जून, 2019 की स्थिति में किन-किन किसानों के मुआवजा राशि भुगतान के प्रकरण किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है मुआवजा राशि का भुगतान कब तक होगा विलम्ब के लिये कौन-कौन जवाबदार है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सभी निर्मित परियोजनाएं अच्छी स्थिति में होना प्रतिवेदित होने से मरम्मत कराने की आवश्यकता नहीं है। (ख) नगपुरा नगझिरी परियोजना की नहर लाईनिंग का कार्य प्रगति पर है वर्ष 2018 में सेमरी बांध एवं सेमराखास बांध की नहरें अत्यधिक वर्षा होने के कारण क्षतिग्रस्त हुई, जिसका सुधार कार्य करा लिया गया है। सभी परियोजनाओं से कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। मुआवजा राशि का भुगतान भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किए जाने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। विलंब के लिए किसी अधिकारी पर जवाबदेही नियत करने की स्थिति नहीं है।
स्थानांतरण की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
7. ( क्र. 436 ) श्री राहुल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत दमोह जिले अन्तर्गत समस्त महाविद्यालयों में ऐसे कितने अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं जिनका स्थानांतरण एक ही महाविद्यालय से पिछले 20 वर्षों में नहीं हुआ है। (ख) महाविद्यालयों के अधिकारी कर्मचारियों को एक ही स्थान पर लगातार पदस्थ रहने के लिए क्या कोई विशेष प्रावधान है यदि नहीं, तो ऐसे अधिकारी कर्मचारी जो लगातार एक ही महाविद्यालय में पिछले 10-15 वर्षों से पदस्थ हैं उनके स्थानांतरण क्यों नहीं किए गए?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) दमोह जिले के अंतर्गत एक ही महाविद्यालय में पिछले 20 वर्षों से पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। स्थानांतरण सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बनाई गई नीति अनुसार तथा स्वेच्छा से प्राप्त आवेदन एवं शिकायतों के आधार पर किये जाते हैं।
प्रयोगशाला परिचारकों की पदोन्नति
[उच्च शिक्षा]
8. ( क्र. 437 ) श्री राहुल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला परिचारक की पदोन्नति की क्या प्रक्रिया है? (ख) क्या प्रदेश के महाविद्यालयों में ऐसे प्रयोगशाला परिचारक कार्यरत हैं जिन्हें 20 वर्षों की सेवा अवधि में एक भी पदोन्नति का लाभ नहीं मिला है? (ग) क्या प्रदेश के महाविद्यालयों में ऐसे प्रयोगशाला परिचारक कार्यरत हैं जिन्होंने पदोन्नति की सभी अहर्ताएं प्राप्त की हुई है फिर भी पदोन्नति से वंचित हैं यदि हाँ, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) प्रयोगशाला परिचारक की पदोन्नति हेतु प्राचार्य द्वारा पात्रतानुसार प्रकरण तैयार कर संबंधित क्षेत्रिय अतिरिक्त संचालकों को प्रेषित किया जाता है। क्षेत्रिय अतिरिक्त संचालक द्वारा पदोन्नति से भरे जाने हेतु निर्धारित पदों की संख्या के अनुरूप प्रकरण का परीक्षण कर पदोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन रहा तथा वर्तमान में समुचित कार्यवाही करने हेतु मार्गदर्शन प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
राष्ट्रीय पदक विजेताओं को खेलवृत्ति प्रदान करना
[खेल और युवा कल्याण]
9. ( क्र. 455 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा जनवरी 2019 में मध्यप्रदेश स्टेट क्रॉस कन्ट्री चैपियनशिप 2019 कराई गई थी? इनमें कटनी जिले के कितने खिलाड़ी कौन-कौन से इवेंट में चयनित किये गये? नाम एवं इवेंट सहित विवरण दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) चयनित खिलाड़ियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये? यदि हाँ, तो किन-किन खिलाड़ियों को? (ग) क्या यह सही है कि राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ी, प्रोत्साहन एवं पुरस्कार नियम 2019 के नियम क्रमांक 8 के अंतर्गत, निर्धारित प्रपत्र जिससे खेलवृत्ति मिलनी थी, का आवेदन पत्र प्रमाण पत्र के अभाव में भरने से वंचित रह गये? इस अनियमितता हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं तथा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या विभाग द्वारा विभागीय पत्र के माध्यम से राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को प्रश्नांश (ग) नियम के अंतर्गत राशि दिये जाने हेतु जिले के कलेक्टरों को निर्देशित किया जायेगा? नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भीषण गर्मी का प्रकोप
[पर्यावरण]
10. ( क्र. 1148 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में इस वर्ष भीषण गर्मी का प्रकोप रहा? जिसके कारण प्रदेश के कई जिलों में तापमान 44 डिग्री से भी अधिक रहा? क्या यह ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में पर्यावरण विभाग द्वारा तापमान को नियंत्रित करने के क्या-क्या मानव प्रयास किये जा रहे हैं? जिला स्तर पर इनके क्रियान्वयन की क्या योजनाएँ हैं तथा यह किस विभाग के माध्यम से क्रियान्वित होगीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ वर्तमान में यह ग्लोबल वार्मिंग नहीं बल्कि Climate Variability के लक्षण है। इस संबंध में वैज्ञानिक अध्ययन यह बताते है कि वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों की सान्द्रता बढ़ने से प्रदेश में औसत तापमान बढ़ रहा है। (ख) विभाग द्वारा जलवायु परिवर्तन विषय पर प्रशिक्षण, क्षमता विकास की गतिविधियां क्रियान्वित की जा रही है। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत विभिन्न परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, जिनमें कृषि वानिकी, ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने तथा फसल अवशेष को जलाने से रोकने की गतिविधियां है।
जल संरचनाओं का निर्माण
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 1149 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में विगत पाँच वर्षों में जल संसाधन विभाग द्वारा कितनी जल संरचनाओं का निर्माण किया गया वर्षवार उनकी संख्या एवं उनमें हुए व्यय की जानकारी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कितने बड़े तालाब, स्टाप डेम, नहरों का निर्माण किया गया? विगत 5 वर्षों की प्रगति से अवगत करायें। (ग) विभाग द्वारा कितनी हितग्राही मूलक जल संरचनाओं का निर्माण कराया गया? विधानसभा क्षेत्रवार बताएँ। (घ) क्या विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में जिला अधिकारी द्वारा उदासीनता बरतने के कारण अपेक्षित परिणाम नही मिल पा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन स्तर से विभागीय कार्यों में इसके निर्देश प्रसारित होंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
ग्रामों को नहर योजना से जोड़ा जाना
[जल संसाधन]
12. ( क्र. 1164 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विकासखण्ड अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जो कि नहर योजना से वंचित हैं? क्या ऐसे ग्रामों को नहर योजना से जोड़ा जा सकेगा? (ख) यदि हाँ, तो कब तक ऐसे छूटे हुए ग्रामों को सिंचित करने हेतु नहर योजना से जोड़ा जा सकेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) सिरमौर विकासखण्ड अंतर्गत 83 ग्राम। प्रश्नाधीन ग्रामों को नहर योजना से जोड़े जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
स्वीकृत मार्गों के निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 1165 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा कितने मार्गों का निर्माण कार्य विगत 05 वर्षों में स्वीकृत किया गया था? क्या ऐसे सभी मार्गों के निर्माण हेतु टेण्डर प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि स्वीकृत मार्गों के निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं किया जा रहा है? ऐसे सभी मार्गों के निर्माण की क्या समय-सीमा सुनिश्चित की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
कुण्ड़ालिया वृहद परियोजना अंतर्गत डूब क्षेत्र
[जल संसाधन]
14. ( क्र. 1185 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत कुण्ड़ालिया वृहद परियोजना अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर की योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों के कितने भूस्वामियों की भूमि, भवन, आवासीय भूमि, व्यवसायी भूमि आदि का डूब क्षेत्र में भू-अर्जन कर मुआवजा राशि देना शेष है? भूस्वामियों को उनकी राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ख) अनुविभागिय अधिकारी (राजस्व) अनुविभाग सारंगपुर द्वारा वित्तिय वर्ष 2017-18,18-19 एवं 2019-20 में प्रश्न दिनाँक तक किन-किन ग्रामों के कितने भूस्वामियों की कृषि, आवासीय, व्यवसायी एवं आवासीय भूमि को डूब क्षेत्र में आने पर कुल कितनी मुआवजा राशि प्रदाय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ऐसे कितने भूस्वामी है जिन्होंने कि कम मुआवजा राशि मिलने पर असंतुष्ट होकर आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल को अपील की थी, आयुक्त द्वारा आपील के संदर्भ में दिये आदेशों, पर अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर ने क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मुआवजा भुगतान की कार्यवाही भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किए जाने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सारंगपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार असंतुष्ट भू-स्वामियों द्वारा आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल को अपील किए जाने के संबंध में कोई सूचना उनके कार्यालय को प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पचोर बायपास मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 1191 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत पचोर बायपास मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर है? यदि हाँ, तो लिंक रोड निर्माण के कार्यादेश की तिथि एवं कार्य प्रारम्भ करने की दिनांक तथा कार्य पूर्ण करने की दिनांक से अवगत करावें। कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य निर्धारित तिथि में पूर्ण हो जावेगा? यदि नहीं, तो कार्य में विलम्ब होने के क्या कारण हैं? कार्यों की समयानुसार अनुपातिक भौतिक प्रगति न होने के कारण ठेकेदार के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माणाधीन मार्ग को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
कबूलपुर परियोजना का निर्माण
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 1192 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालीसिन्ध नदी पर शाजापुर जिले के ग्राम कबूलपुर के पास कबूलपुर मध्यम परियोजना स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो उक्त योजना से कितने हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रस्तावित है? उक्त योजना से शाजापुर तहसील के कितने ग्रामों की कितनी हेक्टेयर एवं सारंगपुर तहसील के कितने ग्रामों के कितने हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी? तहसीलवार ग्रामवार सिंचाई के रकबे की जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या कालीसिंध नदी सारंगपुर तहसील से निकलती है? यदि हाँ, तो सारंगपुर तहसील के ग्रामों को सिंचाई के लाभ से वंचित रखने का क्या कारण है? (ग) क्या कालीसिंध नदी में बाढ़ आने पर उसमें किनारे बसे ग्रामीणों को उसका नुकसान उन्हें नहीं उठाना पड़ेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बाघिन नदी पर पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 1221 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बाघिन नदी पर खोरा गांव से भदईयां के बीच पुल न होने के कारण आमजन व बच्चों को शिक्षा एवं बाजार हेतु भदईया गावं से खोरा जाने में बरसात के समय काफी परेशनियों का सामना करना पड़ता है, आये दिन पानी में डूबने/बहने का खतरा बना रहता है (ख) यदि हाँ, तो इस नदी पर पुल निर्मित करवायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) उक्त मार्ग कच्चा है एवं लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका में नहीं है वर्तमान में बजट में शामिल न होने एवं सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नहरों पर अतिक्रमण से जल समस्या
[जल संसाधन]
18. ( क्र. 1222 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में धर्मसागर एवं लोकपाल सागर में जो पुरानी नहरे जुड़ी थी जिनके द्वारा दोनों तालाबों में पानी की आवक होती थी वर्तमान में बंद जीर्ण-शीर्ण हो गयी है एवं अतिक्रमण हो गया है यदि हाँ, तो जल समस्या को देखते हुए कब तक वहां से अतिक्रमण हटवाकर चालू एवं ठीक कराया जावेगा? (ख) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बिलखुरा बांध जिसकी नहर अहिरगुंवा कैम्प से होकर नहीं गुजर रही है, जिससे वहां के रहवासियों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है क्या इसके लिये अलग से कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या योजना बनाई गई है और नहर कब तक निर्मित की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। धर्मसागर एवं फीडर नहर शहरी क्षेत्र में होने तथा आबादी की बसाहट के कारण अतिक्रमित एवं जीर्णशीर्ण होकर पूर्णत: समाप्त होना प्रतिवेदित है। लोकपाल सागर तालाब स्टेट समय का निर्मित होकर जल संसाधन विभाग के आधिपत्य में तथा धर्मसागर तालाब नगरपालिका परिषद पन्ना के आधिपत्य में है। जिला प्रशासन की सहायता से अतिक्रमण हटाने हेतु प्रयास किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) बिलखुरा बांध की दाईं तट नहर अहिरगवां ग्राम से निकल रही है। जी नहीं। नहर का कार्य प्रगतिरत है एवं इससे अहिरगवां ग्राम की 200 हे. क्षेत्र में सिंचाई लाभ प्राप्त होगा। जी नहीं। नहर कार्य दिसम्बर 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
कार्ड मुद्रण पर नियम विरूद्ध भुगतान
[श्रम]
19. ( क्र. 1229 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत सिवनी में संबल योजना अंतर्गत किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने कार्ड की मांग की गई थी तथा किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने कार्ड किस-किस तिथि में उपलब्ध कराये गये? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) क्या यह सही है कि संबल योजना अंतर्गत जिला पंचायत सिवनी के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा शासन के भण्डार क्रय नियमों का पालन न करते हुये बिना ई-टेंडरिंग के शहर के स्थानीय संचालक को ठेका देकर मनमर्जी से कार्ड छपवाकर 17 लाख 17 हजार 254 रूपये का भुगतान कर दिया गया है जबकि म.प्र. राजपत्र दिनांक 31 जुलाई 2015 के अनुसार भण्डार क्रय नियम में टेंडर हेतु कंडिका क्रमांक 11.2.2 के अनुसार पोर्टल में विज्ञापन के अलावा कम से कम दो राज्य स्तरीय समाचार तथा एक स्थानीय समाचार पत्र में निविदा प्रकाशित कराया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो, जिला पंचायत सिवनी में संबल योजना के कार्ड मुद्रण में इसका पालन क्यों नहीं किया गया? स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या जाँच कराई गई, जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। (घ) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भुगतान संबंधित संस्था को कलेक्टर सिवनी के अनुमोदन के बिना किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) विकासखण्ड एवं नगर पंचायतों तिथिवार उपलब्ध कराये गये कार्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार ई- टेंडरिंग नहीं की गई और न ही टेंडरिंग हेतु कोई विज्ञापन प्रकाशित किया गया, भण्डार क्रय नियमों के पालन किये बिना 17 लाख 17 हजार 254 का भुगतान कर दिया गया है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) के संबंध में विधानसभा निर्वाचन से शिकायतें प्राप्त हुई थी। तत्संबंध में 24 घंटों के भीतर शिकायत का निराकरण किया जाना था। तत्संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा शिकायत की प्रथम दृष्टया जाँच की गई। जाँच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। यह सही है कि भुगतान संबंधित संस्था को कलेक्टर सिवनी के अनुमोदन के बिना किया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग-7 का अपूर्ण निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 1231 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा लखनादौन से सिवनी सड़क निर्माण कार्य के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत कर आपत्ति दी थी अथवा जानकारी मांगी थी? यदि हाँ, तो क्या आपत्ति थी? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता विधायक को सामान्य प्रशासन विभाग के विधायक के पत्रों के उत्तर देने के नियम के अनुसार जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो कब?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के अधीन नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भोपाल से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
जिले में स्वीकृत घोघरी डेम योजना
[जल संसाधन]
21. ( क्र. 1275 ) श्री निलय डागा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में घोघरी डेम प्रस्तावित/ स्वीकृत है? यदि स्वीकृत है तो स्वीकृति लागत एवं कितने हेक्टेयर में एवं कितने ग्राम/ जनसंख्या को विस्थापित किये जाने का प्रावधान हैं? (ख) इनमें से कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की जाना प्रस्तावित है एवं कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई हैं एवं कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की जाना शेष हैं? आदिवासी एवं गैर आदिवासी कृषकों का उल्लेख करें। (ग) घोघरी डेम से प्रभावित कृषकों को मुआवजा दिया जाने का क्या प्रावधान है एवं राशि आवंटित करने का नियम/ प्रावधान बताएं। (घ) अधिग्रहित किये गये किसानों में से किस-किस कृषक को मुआवजा वितरित किया जा चुका हैं एवं किस-किस कृषक को मुआवजा दिया जाना शेष हैं? (ड.) जिन किसानों को मुआवजा आवंटित किया गया है, या आवंटित किया जाना है उन प्रकरणों में क्या शासन के नियमों का पूर्ण रूपेण पालन किया गया है, यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। घोघरी मध्यम सिंचाई परियोजना की लागत रू. 318.86 करोड़ तथा सिंचाई क्षमता 9990 हे. है। परियोजना में कोई ग्राम विस्थापित नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रभावित कृषकों को भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधान अनुसार। प्रचलित कलेक्टर गाईड लाइन के अनुसार। कलेक्टर द्वारा राशि की मांग करने पर राशि उपलब्ध करायी जाती है। (घ) एवं (ड.) जी नहीं। अवार्ड पारित होना शेष होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
विद्युत् का प्री-मानसून मेंटेनेंस
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 1296 ) श्री विनय सक्सेना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल द्वारा विद्युत का प्री-मानसून मेंटेनेंस (अनुरक्षण एवं रख-रखाव) किया जाता है? (ख) उपरोक्त (क) के अनुसार मानसून मेंटेनेंस कब कब किया जाता है? (ग) विगत वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 (प्रश्न दिनांक तक) में मेंटेनेंस कब-कब किया गया? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (घ) क्या वर्ष 2018 में यह मानसून मेंटेनेंस किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा प्रत्येक वर्ष मानसून के पूर्व (प्री-मानसून) 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों, 33 के.व्ही. लाईनों, 11 के.व्ही. लाईनों, निम्नदाब लाईनों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों सहित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य किया जाता है। (ग) प्रदेश में उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में विद्युत अधोसंरचना के प्री-मानसून (माह अप्रैल से माह जून अथवा मानसून आने तक) रख-रखाव का कार्य आवश्यकता के अनुसार संपादित किया गया था वर्ष 2019-20 में भी विद्युत अधोसंरचना के प्री-मानसून (माह मई अंत से माह जून अथवा मानसून आने तक) रख-रखाव का कार्य आवश्यकता के अनुसार किया गया/किया जा रहा है। (घ) जी हाँ वर्ष 2018 में प्री-मानसून मेंटेनेंस का कार्य आवश्यकता के अनुसार किया गया था। अत: प्रश्न नहीं उठता।
दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 1297 ) श्री विनय सक्सेना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल द्वारा विद्युत् के प्री-मानसून मेंटेनेंस वर्ष 2018 में किया जाना सुनिश्चित था? यदि हाँ, तो क्या मेंटेनेंस कार्य किया गया था? (ख) उपरोक्त (क) अनुसार यदि मेंटेनेंस नही किया था तो क्यों? (ग) प्री-मानसून मेंटेनेंस न करने वाले दोषी अधिकारियों की पदनाम सहित जानकारी देवें तथा इन दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा प्रत्येक वर्ष मानसून के पूर्व (प्री-मानसून) 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों, 33 के.व्ही. लाईनों, 11 के.व्ही. लाईनों, निम्नदाब लाईनों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों सहित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य किया जाता है एवं तदनुसार विगत वर्ष 2018 में भी विद्युत अधोसंरचना के प्री-मानसून मेंटेनेंस का कार्य किया जाना सुनिश्चित था जो कि माह अप्रैल से माह जून/मानसून आने के पूर्व तक आवश्यकता के अनुसार किया गया था। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार आवश्यकता के अनुसार प्री-मानसून मेंटेनेंस का कार्य किये जाने के कारण कोई अधिकारी दोषी नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत विहीन ग्रामों में बिजली उपलब्ध कराना
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 1306 ) श्री जसमंत जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में एवं करैरा विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं जो आज दिनांक तक विद्युत विहीन है सूची उपलब्ध कराई जावे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उन ग्रामों में कंपनी/विभाग कब तक विद्युत सप्लाई का कार्य करा देगी? (ग) विद्युत विहीन ग्रामों में विद्युत पहुँचाने की क्या-क्या कार्ययोजना है और उस कार्ययोजना पर कब तक अमल होगा ब्यौरा देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) शिवपुरी जिले में कुल 1274 ग्राम हैं, जिनमें से 203 ग्राम करैरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। करैरा विधानसभा क्षेत्र सहित शिवपुरी जिले के सभी ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: वर्तमान में शिवपुरी जिले एवं करैरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी ग्राम विद्युत विहीन नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
हवाई जहाज से यात्रा की पात्रता
[खेल और युवा कल्याण]
25. ( क्र. 1315 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हवाई जहाज में यात्रा करने की पात्रता किस ग्रेड-पे तक के अधिकारियों को है। (ख) क्या खेल विभाग में प्रभारी संयुक्त संचालक रु. 6600 /- में नियुक्त होने के बाद भी कई वर्षों से लगातार नियम विरुद्ध हवाई यात्राएं कर यात्रा बिल का भुगतान प्राप्त कर रहे है? क्या इन्हें हवाई यात्रा करने की पात्रता है? (ग) इन्होंने विगत पाँच वर्षों में कितनी हवाई यात्राएं की है? यदि पात्रता नहीं है तो क्या यह आर्थिक अपराध की श्रेणी में नहीं आता? (घ) विभाग इस प्रकरण में क्या कार्यवाही करेगा।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्टेडियम का ट्रेक निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
26. ( क्र. 1317 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टी.टी.नगर स्टेडियम के नव-निर्मित ट्रैक के निर्माण हेतु लगभग 5 करोड़ की राशि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की गयी थी? (ख) क्या भारत सरकार की यह शर्त थी कि ट्रैक का निर्माण उनकी अनुमोदित फर्म से ही करवाया जावे। (ग) क्या भारत सरकार द्वारा जारी स्वीकृत शर्त के विपरीत खेल विभाग द्वारा अपना टेंडर कर ट्रैक का निर्माण कराया है? (घ) क्या भारत सरकार की शर्त के विपरीत खेल विभाग द्वारा ट्रैक का निर्माण किया गया इस कारण भारत सरकार द्वारा जारी स्वीकृत राशि देने से मना कर दिया है? (ड.) क्या जो राशि भारत सरकार द्वारा भुगतान किया जाना था, परन्तु शर्त के विपरीत कार्य कराने के कारण अब वह जिम्मेदारी राज्य शासन की हो गई है? (च) क्या प्रकरण की जाँच की जावेगी और दोषी के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी और यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (च) जानकारी संकलित की जा रही है।
बांध निर्माण में हो रहे सीपेज की जाँच
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 1357 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उमरिया जिले के ग्राम सजनिया, पंचायत ठूंठा कुदरी में स्थित बांध में निरंतर सीपेज हो रहा हैं? (ख) बांध में हो रहे सीपेज के संबंध में क्षेत्र के निवासियों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री, कलेक्टर उमरिया को दिनांक 01.01.2017 से 31.12.2018 तक क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों का पूर्ण विवरण देवें। क्या शिकायतों की जाँच की गई? यदि हो तो जाँच में क्या पाया गया? (ग) अगर जाँच नहीं हुई तो क्यों नही हुई? जाँच में विलंब क्यों किया जा रहा हैं और जाँच कब तक पूर्ण करा ली जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) क्षेत्रीय निवासियों से प्राप्त शिकायतों का संधारण शासन स्तर पर नहीं किया जाता है। मैदानी कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार कोई शिकायत नहीं प्राप्त होना प्रतिवेदित है। सीपेज नहीं होने से जाँच कराने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
शासकीय महाविद्यालय में पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
28. ( क्र. 1358 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां महाविद्यालय कब से संचालित हैं और उनमें किन-किन विषयों का अध्ययन कार्य होता हैं? (ख) क्या चंदिया, मानपुर, नौरोजाबाद तथा आदर्श महाविद्यालय उमरिया में प्राचार्य के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो कब से? स्थाई रूप से प्राचार्य की नियुक्ति कब तक कर दी जायेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के महाविद्यालय नौरोजाबाद व उमरिया में भौतिक शास्त्र, प्राणीशास्त्र, गणित, वनस्पतिशास्त्र के सहायक प्राध्यापक भी नहीं हैं? क्या उमरिया महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी एवं वाणिज्य के भी सहायक प्राध्यापक के पद रिक्त हैं? (घ) शासकीय महाविद्यालय उमरिया में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय, उमरिया, शासकीय आदर्श महाविद्यालय, उमरिया, शासकीय महाविद्यालय, नौरोजाबाद एवं शासकीय महाविद्यालय, चंदिया संचालित हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, चंदिया में दिनांक 05.08.2013, शासकीय महाविद्यालय, मानपुर में दिनांक 05.08.2013, शासकीय महाविद्यालय, नौरोजाबाद में दिनांक 09.09.2016 एवं शासकीय आदर्श महाविद्यालय, उमरिया में दिनांक 14.09.2017 से पद रिक्त हैं। पद पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) शासकीय महाविद्यालय, उमरिया में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 06 पद रिक्त हैं। पद पूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लाइन मेन एवं निचले स्तर के कर्मचारियों की नियुक्ति
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 1375 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में वर्तमान में कुल कितने लाइन मेन एवं तकनीकी कर्मचारी नियुक्त है पद एवं संख्या बताये। इसमें से 55 वर्ष के ऊपर के नियमित कितने कर्मचारी हैं, पद सहित संख्या बतावें। (ख) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में तकनीकी आउटसोर्स के कर्मचारी से कार्य कराया जा रहा है यदि हाँ, तो इनकी कुल संख्या क्या हैं? क्या कम्पनी द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि आउटसोर्स के कर्मचारी बिजली सुधार हेतु बिजली के खम्भे में नहीं चढ़ सकते हैं यदि हाँ, तो बिजली फाल्ट की शिकायत को समय से कैसे सुधारा जाता है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में कितने स्काडा सेन्टर संचालित है? बिजली फाल्ट तलाशने के लिए पूर्व सिस्टम से परमिट कितने समय में मिल जाता था और अब स्काडा सेन्टर में कितना समय लगता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में वर्तमान में कुल 5587 लाईनमेन एवं अन्य तकनीकी कर्मचारी (नियमित कार्मिक) पदस्थ है जिनमें से 2951 ऐसे है जिनकी आयु 55 वर्ष के ऊपर है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत पदस्थ उक्त नियमित कर्मचारियों की पदवार संख्या एवं इनमें से 55 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों की पदवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत 10057 तकनीकी आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत है। जी हाँ, तकनीकी आउटसोर्स कर्मचरियों के खम्भे पर नहीं चढ़ने के निर्देश हैं। नियमित कर्मचारियों द्वारा फाल्ट की शिकायत प्राप्त होने पर उसका निराकरण यथासंभव निर्धारित अवधि में किया जाता है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत एक स्काडा सेंटर जबलपुर शहर में संचालित है। तकनीकी रूप से पूर्व सिस्टम की तुलना में स्काडा सिस्टम से परमिट लेने के समय में कमी आना अपेक्षित नहीं है तथापि स्काडा सिस्टम में फीडर का फाल्ट वाला सेक्शन प्रदर्शित हो जाता है जिससे मेन्टेनेंस गैंग द्वारा स्थल पर पहुंचकर सुधार कार्य कर फीडर को पुनः ऊर्जीकृत करने में कम समय लगता है। स्काडा सिस्टम लग जाने के पश्चात फाल्ट दुरूस्त कर लाईने ऊर्जीकृत करने में औसतन 30 मिनट प्रति अवरोध समय की कमी परिलक्षित हुई है।
बायपास मार्ग के अधूरे निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 1421 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 973 दिनांक 29.02.2016 अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3931 दिनांक 09.03.2017 अतारांकित प्रश्न क्र. 1107 दिनांक 04.12.2017 तथा अतारांकित प्रश्न क्र. 361 दिनांक 27.02.2018 तथा तारांकित प्रश्न क्र. 680 दिनांक 21.02.2019 के उत्तरांश में बताया गया था कि एकरेखण में परिवर्तन एवं लागत में बढ़ोत्तरी के कारण एकरेखण परिवर्तन सैद्धांतिक स्वीकृति की नये सिरे से कार्यवाही की जायेगी एवं उत्तरांश (ख) में बताया गया था कि अत्यधिक लागत आने के कारण एकरेखण परिवर्तन की सैद्धांतिक स्वीकृति का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। सैद्धांतिक स्वीकृति जारी होने के उपरान्त कार्यवाही की जायेगी, तो क्या एकरेखण में परिवर्तन की सैद्धांतिक स्वीकृति जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब और कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन पूर्व में स्वीकृति उपरान्त बायपास के अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण कराये जाने हेतु एवं शहर में बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुये एकरेखण में परिवर्तन एवं लागत में बढ़ोत्तरी कर स्वीकृति प्रदान करेगा और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) भारी यातायात एवं स्थानीय यातायात हेतु एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा निर्मित वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध है। अत: एकरेखण में भू-अर्जन की राशि मार्ग निर्माण की राशि की तुलना में लगभग 5 गुना अधिक होने से स्वीकृति प्रदान नहीं की गई।
कूड़ो खेल को खेलों की सूची में शामिल कराये जाना
[खेल और युवा कल्याण]
31. ( क्र. 1422 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कूडो का खेल युवाओं में काफी लोकप्रिय है एवं विगत वर्षों में कूडो की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगितायें मध्यप्रदेश के सागर शहर में आयोजित हो चुकी है जिसमें मध्यप्रदेश ओवरऑल चैम्पियन बना था, यदि हाँ, तो इतने लोकप्रिय खेल को खेल विभाग द्वारा अभी तक अधिकारिक रूप से खेल की सूची में शामिल न किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन खेल विभाग कूडो जैसे लोकप्रिय खेल को अधिकारिक रूप से खेलों की सूची में शामिल कराने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) कूडो की प्रतियोगिता स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित की गई है, जिसका खेल और युवा कल्याण विभाग से कोई संबंध नहीं है। ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित खेलों की प्रतियोगितायें विभाग द्वारा आयोजित की जाती है। कूडो खेल ओलम्पिक/एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित नहीं होने से आधिकारिक खेलों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ, विचार किया जाएगा।
टोल टैक्स की वसूली
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 1518 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में मनगवां से हनुमना फोर-लेन सड़क का निर्माण किस दिनांक को शुरू किया गया था। उक्त सड़क बनाने के पूर्व मनगवां से हनुमना तक सड़क के दोनों ओर कुल कितनी-कितनी हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के लिये 3ए का प्रकाशन प्रश्न तिथि तक किन-किन दिनांकों को किस-किस ग्राम की किस-किस नाम के व्यक्ति की भूमि के लिये किया गया। ग्रामवार/भूमिस्वामी के नामवार एवं कितनी भूमि का अधिग्रहण किस दर से किया गया की जानकारी उसे दिये गये मुआवजे की रकम सहित दे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मनगवां हनुमना फोर लेन में प्रश्नतिथि तक 3ए के प्रकाशन के बाद 3डी का कब-कब प्रकाशन हुआ? क्या 3ए के प्रकाशन के एक वर्ष बाद 3डी का प्रकाशन होना आवश्यक है? कितनी बार एक भूमि का 3ए का प्रकाशन हुआ? भू-अर्जन की प्रक्रिया और मुआवजे में देरी का दोषी कौन है? नाम/पदनाम दें। 1500 से ज्यादा लोगों को प्रश्नतिथि तक मुआवजा नहीं मिला है। मुआवजा नहीं बांटे जाने के बाद भी क्या उक्त सड़क पर टोल नाके शुरू हैं। क्या टोल टैक्स वसूला जा रहा है? (ग) क्या इस रोड पर टोल टैक्स लेना शुरू हैं? क्या मनगवां से हनुमना मार्ग के दोनों ओर साईड रोड एवं अण्डर ब्रिज अधूरे पड़े हैं? दोनों ओर रहने वाले ग्रामीणों को अण्डर ब्रिज अधूरे होने व साईड रोड के न बनने पर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है सड़क चौड़ीकरण के समय जो हैण्डपंप उखाड़े गये उन्हें प्रश्नतिथि तक क्यों नहीं लगाया है? कितने हैण्डपंप उखाड़े गये? कितने वापस बोर कर नये शुरू किये हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में उल्लेखित मुआवजा नहीं बंटने, साईडें व अण्डरब्रिज अधूरे होने, हैण्डपंपों सहित अन्य कार्य नहीं होने के बाद टोल टैक्स वसूला जाना अवैध है? तत्काल टोल टैक्स वसूला जाना बंद करवाकर संबधित अधिकारियों को तत्काल निलंबित किये जाने की राज्य शासन कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 20.02.2013 को था। उक्त सड़क बनाने के पूर्व मनगवां से हनुमना तक सड़क के दोनों ओर अधिग्रहण हेतु 348.998 हे. भूमि के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा 3ए की अधिसूचना का प्रकाशन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार प्रश्न तिथि तक किया गया था। शेष जानकारी हेतु उक्त अधिसूचना की प्रति तथा संबंधित अधिनिर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रीवा-हनुमना फोर-लेन में प्रश्न तिथि तक राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3ए की अधिसूचना के प्रकाशन के बाद धारा 3डी की अधिसूचना के प्रकाशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शायी गई है। जी नहीं। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के अनुसार धारा 3ए की अधिसूचना के प्रकाशन के एक वर्ष के अन्दर धारा 3डी की अधिसूचना का प्रकाशन हो जाना अनिवार्य है। एक खसरे नंबर की भूमि के अधिनिर्णित भाग का राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा 3ए की अधिसूचना का प्रकाशन एक बार ही किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3 (ए) के प्रावधान अनुसार भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उक्त मार्ग के भू-अर्जन हेतु सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है। भू-अर्जन, मुआवजा निर्धारण तथा मुआवजे के वितरण का अधिकारी उन्हें सौंपा गया है। भू-अर्जन की प्रक्रिया नियमानुसार निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पूर्ण की गई है। छूटी हुई भूमि का अर्जन प्रक्रियाधीन है, अत: देरी हेतु किसी के दोषी होने का प्रश्न ही नहीं है। मुआवजा वितरण संबंधित सक्षम प्राधिकारी के अधिकार क्षेत्र में है, अत: मुआवजे के वितरण में किसी भी प्रकार के विलंब संबंधित सक्षम प्राधिकारी हनुमना, मऊगंज, मनगंवा, रायपुर कर्चुलियान एवं हुजूर से संबंधित है। जी नहीं। कुछ लोगों का मुआवजा वितरण प्रश्न तिथि तक शेष है। जी हाँ। उक्त सड़क पर टोल का संग्रहण संबंधित कंशेसन अनुबंध के अनुसार किया जा रहा है। (ग) जी हाँ इस रोड पर संबंधित कंशेसन अनुबंध के प्रावधान अनुसार टोल टैक्स लिया जा रहा है। जी नहीं। अण्डर ब्रिज का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा साईड रोड का कुछ कार्य शेष है जिस हेतु अर्जन की कार्यवाही प्रगतिरत है। अर्जन उपरांत शीघ्र ही उन स्थानों पर साईड रोड के शेष भाग का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा। जी नहीं। सड़क चौड़ीकरण के समय प्रभावित 151 नग हैण्डपंपों को उचित स्थान पर विस्थापित कर दिया गया है, कोई भी हैण्डपंप लगाना शेष नहीं है। (घ) जी नहीं। संबंधित कंसेशन अनुबंध के प्रावधान अनुसार टोल टैक्स का संग्रहण किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बांधों की खराब स्थिति
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 1519 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की विधान सभा क्षेत्र मऊगंज में लघु/मध्यम/वृहद् कुल कितने, किस स्थान पर कितने हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता वाले बांध किस-किस दिनांक को बनाये गये हैं। इन बांधों में पानी की भराव क्षमता क्या है। बांधवार दें। बतायें कि इन बांधों की माईनर नहर कितनी–कितनी लंबी (किलोमीटर में) हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित बांधों का कैचमेंट एरिया कितना-कितना हैं? बांधवार/स्थानवार/एरियावार अलग-अलग जानकारी दें? इन बांधों के लिये प्रश्न तिथि तक अधिग्रहित की गई किस-किस ग्राम की कितने-कितने हेक्टेयर भूमियों का मुआवजा बांटा जा चुका है? कहां-कहां का कितना-कितना मुआवजा किस-किस ग्राम के कितने व्यक्तियों का कब से किन कारणों से बाकी है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन बांधों के दरवाजों (सुलुस) कब से खराब हैं? पानी का रिसाव लगातार होने से बांधों में ग्रीष्म ऋतु में पानी कम क्यों हो जाता है? सीपेज रोकने की प्रत्येक बांध में क्या-क्या व्यवस्था की गई है? बांधवार जानकारी दें। इन बांधों की रिपेयरिंग का टेण्डर प्रश्नकर्ता के द्वारा दिये गये धरने के बाद लगाया है। अगर नहीं तो टेण्डर किस दिनांक को जारी हुआ? प्रश्नकर्ता ने धरना एवं ज्ञापन किस दिनांक को दिया? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित बांधों की मुख्य एवं माईनर नहरों में पानी के बहाव एवं पानी छोड़ने की क्या स्थिति है? क्या मुख्य एवं माईनर नहरें टूटी-फूटी नहीं है? स्केप एवं फाल हर बांध में आधे अधूरे बने हैं। उक्त बांधों का घटिया निर्माण के लिये किस नाम पदनाम का अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? राज्य शासन उन पर कब व क्या कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) पीताम्बरगढ़ तालाब का स्लूस वर्ष 2015 से खराब होना प्रतिवेदित है। जी हाँ, सीपेज होने से। सीपेज रोकने के लिए वार्षिक मरम्मत के अंतर्गत प्राक्कलन स्वीकृत कर निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। मान. सदस्य द्वारा दिनांक 08.06.2019 को धरना एवं ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मऊगंज को दिया जाना प्रतिवेदित है। (घ) वर्तमान में बांधों से नहरों में पानी छोड़ने की स्थिति नहीं है। प्रश्नाधीन बांधों की मुख्य एवं माइनर नहरें टूटी-फूटी होना प्रतिवेदित नहीं है। आवश्यकता होने पर वर्षाऋतु उपरांत जल उपभोक्ता संथाओं से साधारण मरम्मत के कार्य करवा कर रबी सिंचाई की जाती है। जी नहीं। बांध का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण कराए गए होने से किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बड़नगर-केसुर मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 1543 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के बड़नगर-केसुर मार्ग कब स्वीकृत किया गया था एवं उक्त निर्माण की स्वीकृत राशि कितनी है?, कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक खर्च की जा चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कार्य कौन सी कम्पनी कर रही है एवं कार्य प्रारंभ कब किया गया है एवं निविदा की शर्तों के अनुसार कितने समय में सड़क निर्माण पूर्ण होना है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सड़क निर्माण कार्य की गति धीमी रहने के क्या कारण है एवं विभाग द्वारा निर्माण एजेन्सी पर कार्य प्रारम्भ नहीं होने पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? निर्माण एजेन्सी द्वारा सड़क निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
100 बिस्तर अस्पताल निर्माण
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 1557 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा के अंतर्गत बड़नगर में 100 बिस्तरीय अस्पताल का निर्माण कब स्वीकृत किया गया? किस एजेन्सी को इसका वर्कआर्डर किस दिनांक एवं वर्ष को जारी किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में निर्माण एजेन्सी को अनुबंध अनुसार उक्त अस्पताल कितने समय में पूर्ण करना था? समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? पत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) निर्माण एजेन्सी को प्रश्न दिनांक तक कितना भुगतान किया गया एवं मौके पर कितना कार्य पूर्ण हुआ है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 17.07.2013 को। मेसर्स सी.एम.एम. इन्फ्रा. प्रोजेक्ट लिमिटेड इन्दौर को वर्ष 2015-16 में दिनांक 10.04.2015 को वर्क आर्डर जारी किया गया है। (ख) कार्यादेश दिनांक से 21 माह। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रू. 362.28 लाख। अस्पताल भवन के ब्लॉक ए एवं सी का भूतल स्लेब कार्य पूर्ण। ब्लॉक डी का प्लिंथ कार्य पूर्ण।
खेल प्रोत्साहन के लिए शासन स्तर से सुविधाएं
[खेल और युवा कल्याण]
36. ( क्र. 1562 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीण युवाओं को खेल प्रोत्साहन के लिए शासन स्तर से क्या सुविधा दी जाना है? सुविधा का खेलवार सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) ग्रामीण क्षेत्र में कबड्डी व कुश्ती प्रतियोगिता के लिए आधुनिक तरीके से खेलने के लिए मेट-गद्दे के लिए क्या मापदंड है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।
बिजली कटौती
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 1643 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में बिजली कम्पनी द्वारा जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि रख-रखाव पर व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या रख-रखाव के नाम से सिर्फ खाना पूर्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो प्रतिदिन सामान्य स्थिति में भी बिजली कटौती क्यों की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) नीमच जिले में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा माह जनवरी-2019 से 15 जून-2019 तक विद्युत अद्योसंरचना के रख-रखाव कार्य पर रू. 8 लाख की राशि व्यय की गई है। (ख) जी नहीं। नीमच जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में कहीं भी विद्युत कटौती नहीं की जा रही है तथापि कतिपय अवसरों पर प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों तथा समय-समय पर आवश्यकतानुसार विद्युत अद्योसंरचना का मेन्टेनेंस कार्य आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य परिस्थितियों में विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसे शीघ्रातिशीघ्र सुधार कार्य पूर्ण कर चालू कर दिया जाता है।
बापचा डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
38. ( क्र. 1655 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर-मालवा जिले में सिंचाई विभाग द्वारा ग्राम पंचायत बापचा के समीप बापचा डेम निर्माण हेतु कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बापचा डेम निर्माण हेतु यदि कोई योजना तैयार नहीं हुई, तो क्या भविष्य में योजना बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) आगर विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई हेतु वर्तमान में विभाग द्वारा कौन-कौन सी परियोजना प्रस्तावित है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। जी हाँ वर्तमान में कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
तेन्दूखेड़ा अमाना मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 1662 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संभाग तेन्दूखेड़ा में तेन्दूखेड़ा-अमाना मार्ग विगत 1 वर्ष से पूर्णत: क्षतिग्रस्त है? प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही है, कई लोगों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन आज दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? इसका क्या कारण है? किस निर्माण एजेंसी को उक्त रोड के निर्माण कार्य का आदेश प्राप्त हुआ है? कब तक इस मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जायेगा? कब तक रोड निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा? (ख) पूर्व में एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा दमोह-कटंगी-जबलपुर मार्ग का निर्माण किया गया था, जिसमें ग्राम नोहटा के आबादी क्षेत्र में डिवाईडर का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया था, जो वर्तमान में पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो चुका है तथा मार्ग भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है? डिवाईडर का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कराया जायेगा तथा क्षतिग्रस्त मार्ग कब तक आरंभ किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं, आंशिक क्षतिग्रस्त है। मार्ग पर प्रतिदिन दुर्घटना एवं मौत होने सम्बंधी जानकारी निगम के संज्ञान में नहीं है खनिज एवं वन विभाग से वांछित अनुमति प्राप्त न होने के कारण कार्य समय पर प्रारंभ नहीं हुआ। मे. प्रकाश अश्फल्टिंग एंड टोल हाईवेज इंडिया लिमिटेड महू वन विभाग से अनुमति प्राप्त हो चुकी है कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जावेगा। दिनांक 30.06.2020 तक पूर्ण होना संभावित। (ख) जी हाँ। डिवाईडर के निर्माण/मरम्मत कार्य एवं क्षतिग्रस्त मार्ग के मरम्मत कार्य हेतु निवेशक को निर्देशित किया जा चुका है एवं शीघ्र कार्य प्रारंभ किये जाने की संभावना है।
अक्षय ऊर्जा के लाभान्वित एवं वंचित ग्रामों की जानकारी
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 1667 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्राम विद्युतीकरण से वंचित हैं तथा कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है? वंचित ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) अक्षय (सौर) ऊर्जा के तहत किन-किन ग्रामों को लाभान्वित किया गया है एवं कितने ग्रामों में स्वीकृत है तथा कितने ग्रामों में प्रस्तावित हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) जबेरा विधानसभा क्षेत्र सहित दमोह जिले के अंतर्गत 17 ग्रामों के घरों को सोलर फोटोवोल्टिक पैनल के माध्यम से विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया गया है, जिनकी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य अन्यत्र कहीं भी स्वीकृत/प्रस्तावित नहीं है।
फोर-लेन रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 1691 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर क्षेत्र के उतावली पुल से ताप्ती पुल तक फोर-लेन रोड एवं डिवाइडर संबंधी क्या कोई योजना बनाई गई है, यदि हाँ, तो इस योजना का नाम एवं लागत क्या है। (ख) यदि उक्त प्रकार की योजना नहीं बनाई गई है तो क्या उक्त रोड पर दुर्घटना के आंकड़े एवं यातायात दबाव को देखते हुये कोई योजना भविष्य में बनाने का विचार है यदि हाँ, तो कृपया जानकारी प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांश भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित। परियोजना निदेशक, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इन्दौर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित। परियोजना निदेशक, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इन्दौर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
इन्दौर से ईच्छापुर रोड का फोर-लेन निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 1696 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर से ईच्छापुर रोड के फोर-लेन निर्माण संबंधी क्या योजना बनाई गई है, इसकी योजना का नाम, लागत क्या है। उक्त योजना में बुरहानपुर बायपास फोर-लेन रोड भी सम्मिलित किया गया है। (ख) क्या उक्त कार्य का सर्वे पूर्ण होकर डी.पी.आर. तैयार हो गई है एवं उक्त योजना कब तक प्रारंभ होकर कब तक पूर्ण होगी। (ग) क्या इन्दौर-ईच्छापुर फोर-लेन रोड के अलावा इन्दौर-खण्डवा फोर-लेन रोड की योजना बनाई गई है यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (घ) उक्त योजना में पुल-पुलियां एवं फ्लाई ओवर भी सम्मिलित किये गये है, यदि हाँ, तो सूची प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
दोषी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करना
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 1766 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जे.पी.एसोसिएट रीवा द्वारा अपने फैक्ट्री के उपयोग हेतु पावर प्लांट लगाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी क्षमता का एवं इसका उपयोग कहाँ किया जाता है? (ग) क्या इस पावर प्लांट से फैक्ट्री के बाहर भी विद्युत कनेक्शन देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति देवें एवं फैक्ट्री के बाहर किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं को कनेक्शन दिया गया है, कनेक्शनवार विवरण सहित जानकारी देवें एवं इनसे कितना विद्युत अधिभार लिया जा रहा है देयक की प्रति के साथ जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार क्या फैक्ट्री द्वारा ऊर्जा विभाग से अनुमति प्राप्त कर विद्युत कनेक्शन दिया गया है? यदि नहीं, तो बिना अनुमति प्राप्त किए अवैध कनेक्शन देकर वसूली करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, मेसर्स जे.पी.एसोसिएट, रीवा द्वारा स्वयं के उपयोग हेतु कैप्टिव पावर प्लांट लगाया गया है। (ख) मेसर्स जे.पी. एसोसिएट, रीवा द्वारा स्थापित कैप्टिव पावर प्लांट में 2 विद्युत उत्पादन यूनिट है, जिनकी क्षमता क्रमश: 38.5 मेगावाट एवं 2.25 मेगावाट है। इस कैप्टिव पावर प्लांट से उत्पादित विद्युत का उपयोग मेसर्स जे.पी. एसोसिएट, रीवा द्वारा स्वयं के सीमेंट प्लांट, कैप्टिव माइन्स एवं फैक्ट्री की कालोनी में किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। उक्त कैप्टिव पावर प्लांट से फैक्ट्री के बाहर किसी भी व्यक्ति/संस्था को कनेक्शन नहीं दिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
इन्दौर जिले के तालाबों पर अतिक्रमण
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 1817 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले के समस्त गाँवों में निर्मित सरकारी तालाबों के मूल रकबे पर अतिक्रमित क्षेत्र कितना है? (ख) अतिक्रमणकर्ताओं को कब-कब नोटिस जारी किये गए? अतिक्रमण के संज्ञान में आने पर विधान अनुसार कब-कब कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की तो क्यों नहीं की?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) इंदौर जिले में जल संसाधन विभाग अंतर्गत निर्मित 58 तालाबों के मूल रकबे में कोई अतिक्रमण नहीं होना प्रतिवेदित होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा प्रशिक्षण
[श्रम]
45. ( क्र. 1818 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा इन्दौर शहर में आई.टी.आर.सी. संस्थान को दिनांक 1 अप्रैल 2017 से 30 सितम्बर 2018 तक कुल कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण हेतु कार्यादेश दिया गया? (ख) समस्त प्रशिक्षण बैच के कार्यादेश की कॉपी, आई.टी.आर.सी. संस्थान को किए गए भुगतान की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) समस्त प्रशिक्षणार्थियों की बैचवार जानकारी, उनका नाम, पता उपलब्ध करावें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल द्वारा इंदौर जिले में आई.टी.आर.सी. संस्थान को दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से 30 सितम्बर, 2018 तक कुल 400 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण हेतु कार्यादेश दिया गया है। (ख) समस्त प्रशिक्षण बैच के कार्यादेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इंदौर जिले में आई.टी.आर.सी. संस्थान को कौशल प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत सहायक श्रमायुक्त, इंदौर द्वारा किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) समस्त प्रशिक्षणार्थियों की बैचवार, नामवार एवं पतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय का भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
46. ( क्र. 1832 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शा. कालिदास कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय उज्जैन के भवन निर्माण की भूमि का पूजन कब हुआ था? भवन निर्माण का ठेका कब हुआ तथा ठेका शर्तों में कब तक निर्माण कार्य पूरा किया जाना था? (ख) वर्तमान में महाविद्यालय भवन निर्माण की स्थिति क्या है और कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ग) अगर शा. कालिदास कन्या महाविद्यालय उज्जैन नवीन भवन में स्थानांतरित नहीं होता है और वर्तमान किराये का भवन जो जर्जर है, में कोई हादसा हो जाता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शासकीय कालीदास कन्या महाविद्यालय, उज्जैन के भवन निर्माण हेतु भूमिपूजन दिनांक 29 जून, 2010 को हुआ था। भवन निर्माण का ठेका दिनांक 24.09.2013 को हुआ था, ठेका शर्तों के अनुसार भवन का निर्माण कार्य 18 माह की अवधि में पूर्ण होना था। (ख) वर्तमान में महाविद्यालय के नवीन भवन के भूतल का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। अद्यतन समीक्षानुसार निर्माण एजेंसी द्वारा प्रथम तल का निर्माण दिनांक 15.07.2019 तक तथा संपूर्ण भवन निर्माण दिनांक 30.09.2019 तक पूर्ण होना है। (ग) शासकीय कालिदास कन्या महाविद्यालय, उज्जैन के नवीन भवन के भूतल का कार्य पूर्ण हो चुका है जिसमें महाविद्यालय को स्थानांतरित किये जाने की कार्यवाही चल रही है वर्तमान सत्र का शैक्षणिक एवं प्रवेश कार्य नवीन भवन में ही संचालित किया जा रहा हैं। महाविद्यालय का कार्यालय भी इंटरनेट कनेक्शन प्राप्त होते ही नये भवन में शीघ्र स्थानांतरित किया जायेगा। अतः शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
हलाली बांध की नहरों का मरम्मत कार्य
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 1843 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत हलाली बांध की नहरों का मरम्मत कार्य किस वर्ष में कराया गया था? क्या वर्तमान में नहरों का मरम्मत कार्य किया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो हलाली बांध की नहरों के मरम्मत कार्य हेतु निविदा जारी की गई है? यदि हाँ, तो निविदा किस दर पर कितनी राशि की, जारी की गयी है। यदि नहीं, तो विभाग की क्या योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) हलाली बांध की नहरों का प्रतिवर्ष आवश्यकता अनुसार वार्षिक मरम्मत के अंतर्गत सुधार कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है वर्षाकाल पश्चात रबी सिंचाई के पूर्व आवश्यकता होने पर सुधार कार्य कराए जाते हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पुल निर्माण की उच्च स्तरीय जाँच
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 1881 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. को उ.प्र. से जोड़ने वाला उसैदघाट पुल जो कि अम्बाह विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, का निर्माण कार्य चल रहा है? यदि हाँ, तो कब से किस ठेकेदार/कंपनी द्वारा कराया जा रहा है, उस कंपनी/ठेकेदार का नाम, पता व क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पुल के घटिया निर्माण होने के संबंध में जनता की शिकायत के आधार पर प्रश्नकर्ता द्वारा मौके पर निरीक्षण किया जाकर घटिया निर्माण होने की शिकायत शासन को की गई थी एवं उक्त प्रकरण मीडिया में भी छाया रहा? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत की जाँच कराई गई या नहीं? यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट प्रदाय करावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या शासन द्वारा इस अति महत्वपूर्ण लोक हित के पुल के संबंध में विधान सभा की उच्च स्तरीय समिति से जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। दिनांक 04-04-2018 से ठेकेदार मेसर्स विनोद कुमार शुक्ला कन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. पता- एम.आई.जी.-149, ई-7 अरेरा कॉलोनी भोपाल द्वारा किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, उक्त पुल के निर्माण में उपयोग की जा रही रेत की गुणवत्ता के संबंध में माननीय विधायक द्वारा मौके पर निरीक्षण उपरांत कलेक्टर जिला मुरैना को शिकायत की गई थी। उक्त कार्य के संबंध में कलेक्टर जिला मुरैना द्वारा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जाँच कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग मुरैना के माध्यम से कराई गई। जाँच अधिकारी द्वारा स्थल से निर्माण में उपयोग में की जा रही रेत के नमूने एकत्रित कर लो.नि.वि. की अनुसंधान प्रयोगशाला ग्वालियर में परीक्षण कराया गया। परीक्षण परिणामों के आधार पर जाँच अधिकारी द्वारा कार्य में उपयोग की गई निर्माण सामग्री (रेत) मानक अनुरूप पाये जाने संबंधित प्रतिवेदन दिनांक 11-02-2019 को कलेक्टर मुरैना को प्रेषित किया गया। (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है) (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन राज्य शासन का सर्तकता संगठन अर्थात मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा दिनांक 09-04-2019 को निर्माण स्थल का औचक निरीक्षण किया गया। मौके पर मुख्य तकनीकी परीक्षक महोदय एवं उनके दल द्वारा प्रगतिरत कार्य का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया तथा निर्माण कार्य के उपयोग में लाई जा रही निर्माण सामग्री जैसे लोहा, ओ.पी.सी., सीमेंट, गिट्टी, रेत तथा कॉन्क्रीट की स्ट्रेंथ स्थल पर स्थापित प्रयोगशाला में जाँच की गई तथा जाँच दल द्वारा उपयोग में लाई गई निर्माण सामग्री एवं निर्माण कार्य को मानक एवं मापदण्डानुसार पाया गया। अत: पुन: जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नही होता है।
टावर लगाने की अनुमति
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 1893 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर शहर वृत्त अंतर्गत रिलायन्स जियो इन्फो.कं. के कितने मोबाइल टावरों के लिये विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाने हेतु दिये गये, आवेदन स्वीकृत किये गये? जिनमें 15 जून, 2019 तक कितने विद्युत कनेक्शन दिये गये? उपरोक्त में से कितने प्रकरणों में कंपनी द्वारा स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर नहीं लगाये गये हैं? (ख) जियो कंपनी ने बिजली पोल में फायबर केबल डालने के लिये कितनी राशि जमा कराई गई? क्या पोल पर डी.बी. लगाने की अनुमति दी गई है? यदि हाँ, उसके आदेश/अनुबंध की छायाप्रति देवें। ग्वालियर शहर के चार फीडर सुरेशनगर, मालरोड मुरार, पडाव गांधी नगर गोलपहाड़िया पर भी क्या अनुमति दी गई है। (ग) क्या फायबर केबल (डी.बी.बॉक्स) के साथ केबल ट्रांसफार्मर के साथ बांधी गई है। जिससे स्पॉर्क होने की दशा में करेंट से जनहानि, पशुहानि की घटनाये घट रही हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) ग्वालियर शहर वृत्त के अंतर्गत मेसर्स जियो डिजिटल फायबर लिमिटेड को मोबाईल टावरों के लिये विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाने हेतु 191 आवेदन स्वीकृत किये गये, जिनमें से 15 जून 2019 तक की स्थिति में सभी 191 विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये गये है। उपरोक्त में से 182 प्रकरणों में मेसर्स जियो डिजिटल फायबर लिमिटेड द्वारा स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर नहीं लगाये है। (ख) मेसर्स जियो डिजिटल फायबर लिमिटेड द्वारा बिजली पोल पर फायबर केबल डालने हेतु राशि रू. 79.98 लाख जमा करायी गई है। पोलों पर डी.बी. लगाने का भी प्रावधान किया गया है। विद्युत पोलों पर आप्टीकल फायबर केबिल डालने के संबंध में अनुबंध करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मेसर्स जियो डिजिटल फायबर लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रस्ताव में ग्वालियर शहर के चार फीडर सुरेश नगर, मालरोड मुरार, पडाव गांधी नगर एवं गोलपहाड़िया फीडर के आंशिक पोलों का प्रस्ताव भी सम्मिलित है। (ग) फायबर केबिल एवं डी.बी. बॉक्स ट्रांसफार्मर केबिल के साथ नहीं बांधी गई है, अपितु ट्रांसफार्मर स्ट्रक्चर से बांधी गई है, जो कि सुरक्षित है एवं जिससे आज दिनांक तक जनहानि/पशु हानि की कोई घटना घटित नही हुई है।
विद्युत पोलों पर डी.बी. लगाना
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 1894 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जियो इन्फो कॉम लि. को प्रदेश में 15 जून 2019 तक कुल कितने विद्युत कनेक्शन प्रदान किये? क्या संयोजित कनेक्शन को उपभोक्ता ने स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर लगाकर प्राप्त किया? (ख) शहर वृत्त ग्वालियर में बिजली के पोलों पर फायबर केबल एवं डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स लगाने की अवैध अनुमति किसने दी? कुल कितने पोलों पर लीज रेंट लिया गया? (ग) क्या शहर ग्वालियर में अति उच्च दाब विद्युत वितरण प्रभावी वाले 4 फीडर पड़ाव, मालरोड, गोलपहाड़िया, सुरेश नगर पर संयोजित ट्रांसफार्मर के स्ट्रक्चर से केवल बांधी गई हैं? यदि हाँ, तो इससे होने वाली दुर्घटना को नजर अंदाज क्यों किया गया? (घ) फायबर केबल डी.बी. को हटाकर पोल पर डेंजर बोर्ड कब तक लगा दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मेसर्स जियो डिजीटल फायबर लिमिटेड को प्रदेश में 15 जून 2019 तक कुल 7297 विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, जिनमें से कुल 5891 कनेक्शन उपभोक्ता ने स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर लगाकर प्राप्त किये हैं। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु शहर वृत्त ग्वालियर में बिजली के पोलों पर फायबर केबल एवं डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स लगाने की अनुमति दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त कंपनी में वर्ष 2019-20 हेतु कुल 7000 पोलों का उपयोग करने के लिये अनुमति के नवीनीकरण का आवेदन दिया है, जिस हेतु अनुमति देने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथापि मेसर्स जियो डिजीटल फायबर लिमिटेड द्वारा ग्वालियर शहर वृत्त में 7000 पोलों पर फायबर केबल डालने की अनुमति हेतु लीज रेंट/ आवश्यक राशि रू. 79.98 लाख जमा कराई गई है। (ग) शहर वृत्त ग्वालियर के अन्तर्गत आने वाले 4 फीडर यथा-पडाव, मालरोड, गोलपहाड़िया एवं सुरेश नगर अति उच्चदाब फीडर नहीं, अपितु उच्चदाब फीडर है। उक्त फीडरों में स्थापित ट्रांसफार्मरों के स्ट्रक्चर से बांधी गई फाइबर केबिल सुरक्षा मापदण्डों के अनुरूप स्थापित है एवं इससे कोई दुर्घटना घटित नहीं हुई हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन फायबर केबल/डी.बी. की विद्युत पोलों पर सुरक्षित रूप से स्थापित होने के कारण इन्हें हटाने की आवश्यकता नहीं हैं। विद्युत पोलों पर डेंजर बोर्ड लगे हुये है एवं जहाँ पर नहीं है वहाँ लगाये जा रहे है।
रोड निर्माण में भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जाँच
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 1934 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम-बाजना-कुशलगढ़ रोड की DPR में प्रारंभिक बिन्दु बाजना बस स्टैण्ड से बरोठ माता तक 3.6 कि.मी. में से मात्र 3 कि.मी. टू-लेन निर्माण का प्राक्कलन था तो शेष 0.6 कि.मी. कहाँ से कहाँ तक है? क्यों छोड़ा गया है तथा किसके निर्देश पर इसे छोड़ने का निर्णय लिया गया, इस संदर्भ में दस्तावेज देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के मार्ग में कितने-कितने कि.मी. पर पुलिया के निर्माण का प्रावधान है और कितनी चौड़ाई तथा गहराई की नाली के निर्माण का प्रावधान है? उक्त मार्ग में अनुबंध के अनुसार कौन-कौन से कार्य हो गये हैं तथा कौन-कौन से कार्य शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (क) की अधूरी रोड बनाना, 12 फीट चौड़ी रेल्वे पुलिया के चौड़ीकरण का प्रस्ताव रेल्वे द्वारा अनुमोदित न होने पर भी अधूरी सड़क का निर्माण करना, क्या राज्य धन की बर्बादी नहीं है तथा उस उच्च अधिकारी का नाम बतावें जिसने इस सड़क निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की एवं इसको अनुमोदित किया? (घ) प्रश्नांश (क) के मार्ग हेतु 18 करोड़ तथा 10 करोड़ की दो DPR बनाकर करोड़ों के भ्रष्टाचार का प्रयास करना, अधूरी सड़क निर्माण कर राज्य धन की बर्बादी करने की उच्च स्तरीय जाँच की जायेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। बाजना बस स्टैण्ड से बरोठ माता मंदिर तक रतलाम बाजना मार्ग का ही भाग है, इस भाग की कुल लंबाई 3.60 कि.मी. है। मार्ग के कि.मी. 1/6 (चैनेज 580) पर रेल्वे ओवर ब्रिज स्थित है उक्त भाग के उन्नयन हेतु तैयार की गई डी.पी.आर. में भविष्य में रेल्वे ओवर ब्रिज के उन्नयन के दृष्टिगत रतलाम की ओर 200 मीटर एवं बाजना की ओर 400 मीटर आर.ई.वॉल/रिटेरिंग वॉल हेतु लंबाई का भाग डी.पी.आर. में सम्मिलित नहीं किया गया। भविष्य में संभावित ओवर ब्रिज के उन्नयन के कारण, पृथक से निर्देशों की आवश्यकता नहीं थी। (ख) कि.मी. 2/2, 3/2 एवं 3/4 में पुलिया का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भाग में 60 से.मी. चौड़ी एवं 85 से.मी. गहरी नाली निर्माण का प्रावधान है। अनुबंध अंतर्गत पूर्ण किये गये कार्य एवं शेष कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित मार्ग की कुल 3 कि.मी. लंबाई में चैनेज 1120 से 2210 मीटर में दोनों साईड 3.50 मीटर चौड़ाई में निर्माण कार्य पेड़ एवं इलेक्ट्रिक पोल शिफ्टिंग न होने के कारण शेष है। साथ ही 600 मीटर लंबाई में रेल्वे ओवर ब्रिज के उन्नयन के दृष्टिगत कार्य शेष है। उक्त भाग में निर्माण हेतु शासन द्वारा दिनांक 30.06.2018 द्वारा रू. 2357.38 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। सड़क निर्माण हेतु स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। मार्ग निर्माण कार्य प्रगति पर है। अत: राज्य धन की बर्बादी एवं उच्च स्तरीय जाँच की आवश्यकता नहीं है।
शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 1966 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि शा. कालीदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय उज्जैन के भवन निर्माण की अद्यतन स्थिति में संबंधित तारा. 3558 दिनांक 08.03.2013 से संबंधित क्या कार्यवाही हुई? अगर नहीं हुई हो तो जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : शासकीय कालीदास कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उज्जैन के भवन निर्माण के संबंध में, तारांकित प्रश्न क्रमांक 3558 दिनांक 08.03.2013 के संदर्भ में कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। परिशिष्ट अनुसार दी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों को देयक सुविधाओं से संबंधित
[श्रम]
53. ( क्र. 1977 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा श्रमिकों को क्या-क्या सुविधायें देने के प्रावधान है व इस हेतु क्या-क्या नियम प्रक्रिया प्रचलन में है? (ख) श्रम विभाग द्वारा किस-किस वर्ग के श्रमिक शासकीय योजनाओं के लाभ के हकदार हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विगत 5 वर्ष में वि.स. क्षेत्र क्रमांक 7 दिमनी जिला मुरैना तथा जनपद पंचायत अम्बाह एवं मुरैना में किस-किस वर्ग के कितने श्रमिकों को क्या-क्या लाभ दिये गये?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, श्रम विभाग द्वारा असंगठित श्रमिकों को देय सुविधायें एवं नियम प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। म.प्र. शासन श्रम विभाग द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिए गठित म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण, मण्डल द्वारा श्रमिकों को देय सुविधाओं एवं नियम प्रक्रियाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। संगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के लिये गठित मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल द्वारा संचालित योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है एवं स्लेट पेंसिल उद्योग में कार्यरत श्रमिकों के लिये गठित मध्यप्रदेश स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा देय सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ख) पंजीकृत असंगठित श्रमिकों, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों, संगठित क्षेत्र (उद्योगिक नियोजनों) में कार्यरत एवं स्लेट पेंसिल उद्योग में कार्यरत श्रमिक, योजनाओं के लाभ के हकदार हैं। (ग) श्रमिकों को योजनावार देय लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच, छ: एवं सात अनुसार है।
पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पचीपुरा तालाब निर्माण
[जल संसाधन]
54. ( क्र. 2020 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 'पचीपुरा तालाब' निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो तालाब निर्माण की प्रशासकीय, तकनीकी स्वीकृति की जानकारी दें कि किस एजेंसी द्वारा उक्त तालाब निर्माण का कार्य कब पूर्ण किया गया? उसका कुल सिंचित, असिंचित, पड़त व शासकीय भूमि का रकबा कितना है? (ख) क्या 'पचीपुरा तालाब' निर्माण हेतु किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। यदि हाँ, तो किन-किन किसानों की कितनी-कितनी भूमि अधिग्रहित की गई? क्या इन किसानों को भूमि अधिग्रहण कर राशि प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि दी गई और शेष किसानों को राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी। (ग) क्या 'पचीपुरा तालाब' की पार में से पानी रिसाव हो रहा है? नहर भी टूटी-फूटी होने के कारण किसानों को नहर के अंतिम छोर पर पानी नहीं मिल रहा है उसमें सुधार कब तक किया जायेगा? (घ) क्या पार व नहर से पानी रिसाव की प्राप्त शिकायतों पर कोई जाँच या कार्यवाही नही की गई है। यदि हाँ, तो क्यों नहीं? क्या इसके स्तरहीन घटिया निर्माण की जाँच की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? क्या अनाधिकृत रूप से किसानों की जमीन इसके डूब क्षेत्र में आ रही है। यदि हाँ, तो जानकारी दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। परियोजना की प्रशासकीय एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 एवं 2 अनुसार तथा तकनीकी स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3, 4 एवं 5 अनुसार है। परियोजना का बांध निर्माण कार्य मेसर्स भगवत प्रसाद शर्मा ग्वालियर द्वारा दिसम्बर 2016 तथा नहर कार्य मिश्रा एसोसिएट कंपनी द्वारा मार्च 2018 को पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना में सिंचित भूमि 123.21 हेक्टर, असिंचित भूमि 119.615 हेक्टर, पड़त भूमि 48.15 हेक्टर एवं शासकीय भूमि 158.22 हेक्टर प्रभावित हुई है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। किसी भी किसान को राशि भुगतान हेतु शेष नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। आवश्यकता होने पर नहर का अनुरक्षण कार्य संबंधित संस्था के माध्यम से कराया जाता है। (घ) पार व नहर से पानी रिसाव होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है। परियोजना में अनाधिकृत रूप से किसी भी कृषक की भूमि डूब में नहीं आती है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बहिरावद से कन्नौद मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 2035 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कन्नौद तहसील के अंतर्गत निर्माणाधीन सड़क बहिरावद से कन्नौद का निर्माण कार्य लगभग 8 माह से बंद पड़ा है जिसके कारण हजारों नागरिकों को असुविधा के साथ-साथ विद्यार्थियों/किसानों ओर मरीजों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ख) क्या ठेकेदार द्वारा प्रश्नांश दिनांक तक कार्य प्रांरभ नही किया गया है जिसके कारण आये दिन दुर्घटनायें हो रही है एवं विभाग द्वारा संतोषपूर्ण जवाब नहीं दिया जा रहा है? (ग) क्या बारिश के मौसम से पूर्व इस मार्ग का निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है? क्या वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण कार्य बंद पड़ा है? (घ) यदि नहीं, तो फिर उक्त कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं वर्तमान में नाली निर्माण का कार्य प्रगति पर है। कन्नौद बहिरावद मार्ग की कुल लंबाई 4.20 कि.मी. है। मार्ग के चैनेज 0 से 1100 तक 1.10 कि.मी. मजबूतीकरण मद में स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है। शेष लंबाई 3.10 कि.मी. का मार्ग संधारण अंतर्गत अच्छी स्थिति में है। जिससे आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। (ख) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जी नहीं। विभाग द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्य प्रगति पर है। जी नहीं। (घ) उक्त कार्य दिनांक 31.12.2019 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
शासकीय आवासों में रख-रखाव कार्य
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 2166 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संभाग क्रमांक-1 तुलसी नगर, भोपाल को शासकीय क्वार्टरों के मेंटेनेंस के लिये वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ? (ख) उक्त आवंटन के विरूद्ध प्रश्नांश (क) अवधि में तुलसी नगर स्थित एच.92 के कितने शासकीय आवासों में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी अनुशंसा से कब-कब कराये गये? कार्यवार मदवार दिनांकवार जानकारी दें। आज की स्थिति में कितना बजट शेष है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) क्वार्टरों में कतिपय आवासों में काफी कार्य करवाये जा रहे हैं एवं कुछ आवासों में बार-बार आवेदन देने के बाद भी जो कार्य अत्यावश्यक है वह भी नहीं करवाये जा रहे हैं? (घ) एच 92/44 तुलसी नगर में कार्यों के लिये दिनांक 01.07.2018, 31.07.2018 एवं 30.03.2019 को दिये गये आवेदन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा जिन आवासों में वाटर प्रूफिंग को 3 वर्ष से अधिक हो गये हैं उनमें उक्त कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो किन-किन आवासों में? (ड.) क्या इस संभाग में जिन आवासधारियों की पहुंच है उनके कार्य हो जाते हैं एवं शेष आवासों में कोई कार्य नहीं कराए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इस मनमानी के लिये इस संभाग में पदस्थ कर्मियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? कार्य कराये जाने के क्या मापदण्ड हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार वर्तमान स्थिति में मुख्य अभियंता (राज. परिक्षेत्र) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत नया भोपाल संभाग में इस मद में कोई बजट शेष नहीं है। (ग) जी नहीं, आवेदन प्राप्त होने पर कार्य का स्वरूप विशेष मरम्मत का होने पर प्राक्कलन तैयार कर सक्षम अधिकारी की ओर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रेषित कर, स्वीकृति प्राप्त होने एवं विभागीय प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य कराया जाता है। (घ) एच-92/44, तुलसी नगर में प्रश्नांकित दिनांक के आवेदन में कार्य विशेष मरम्मत का है। जिसकी स्वीकृति मुख्य अभियंता (राज.परिक्षेत्र) लोक निर्माण विभाग के आदेश क्रमांक 709/कार्य/वि.म./नया भोपाल संभाग/रा.प./2019-2020 भोपाल, दिनांक 3.7.2019 द्वारा रू. 71,153/- की स्वीकृति प्रदान की गई। वाटरप्रूफिंग कराये जाने के पाँच वर्ष पश्चात् ही पुनः उक्त आवास में वाटरप्रूफिंग का कार्य कराया जा सकता है, क्योंकि वाटरप्रूफिंग कार्य की परफारमेंस गारंटी पाँच वर्ष रहती है। यदि वाटरप्रूफिंग करने के बाद भी कहीं लीकेज आदि की शिकायत आती है तो संबंधित ठेकेदार/एजेन्सी से ही उसकी मरम्मत कराई जाती है। आवास क्रमांक-एच-92/12 एवं एच-92/14 के आवेदन प्राप्त होने पर उक्त आवासों में वाटरप्रूफिंग का कार्य कराया जा रहा है। (ड.) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। आवास धारियों के आवेदन पर पदस्थ कर्मियों के द्वारा कार्यवाही की जाती है। आवश्यक स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्य किया जाता है, इस हेतु कोई निर्धारित मापदण्ड नहीं।
कोलारस में खेल स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
57. ( क्र. 2203 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 06.1.2018 को कोलारस में खेल स्टेडियम का निर्माण कराऐ जाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो क्या कोलारस में खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधित विभाग द्वारा खेल स्टेडियम के निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है? दस्तावेज सहित की गई कार्यवाही का विवरण दें? क्या उक्त खेल स्टेडियम के निर्माण में कोई बाधा है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक कोलारस में खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। कोलारस में इंडोर स्टेडियम निर्माण कार्य पी.आई.यू. के माध्यम से कराया जा रहा है, इंडोर स्टेडियम निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। (ख) इंडोर स्टेडियम का निर्माण कार्य हेतु दिनांक 23.02.2018 को राशि रू. 105.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई, जो जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस स्वीकृति के आधार पर पी.आई.यू. द्वारा एजेंसी का निर्धारण कर एजेंसी को कार्यादेश प्रदान किया गया है, कार्य प्रगतिरत है। जी नहीं। स्टेडियम के निर्माण कार्य पूर्ण करने की निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
बिना कार्यस्थल पर कार्य किये भुगतान
[जल संसाधन]
58. ( क्र. 2221 ) श्री जसमंत जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले एवं करेरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम पंचायत में कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य कराये गये है वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ख) उक्त विकास कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण कर लिये गये है तथा कितने कार्य अपूर्ण पड़े हुये है तथा कितने ऐसे कार्य है जो आज दिनांक तक अप्रांरभ है पूर्ण हुये कार्यों में फायनल मूल्यांकन सत्यापित अधिकारी कौन है तथा कितने कार्यों की सीसी/यूसी जारी की गई है तथा प्रगतिरत कार्यों में अद्यतन कितना-कितना मूल्यांकन किया गया है वर्षवार ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश अनुसार विकास कार्यों के अलावा बरह निर्माण कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृत राशि के अनुपात में राशि फर्जी तरीके से व्यय कर दी गई है किस किस ग्राम पंचायत में कितने कितने बरह निर्माण कार्य किये गये हैं वर्षवार सूची उपलब्ध करावे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) महुअर मध्यम परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र में कराए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पेड़ों की कटाई से पर्यावरण का नुकसान
[पर्यावरण]
59. ( क्र. 2236 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में शासकीय निर्माण कार्यों के लिये विभिन्न विभागों द्वारा भवन एवं सड़क निर्माण के लिये विगत वर्ष 2017-18 एवं 18-19 में कितने पेड़ों को काटने की अनुमति संबंधित विभागों से प्राप्त की गई विभागवार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या यह अनुमति इस शर्त के साथ दी जाती है कि जितने पेड़ इस निर्माण कार्य के लिये काटे जायेंगे उतने पुन: संबंधित विभाग द्वारा लगाये जायेंगे? (ग) यदि हाँ, तो किन-किन प्रोजेक्टों में इस नियम का पूर्णत: पालन किया जाकर वृक्ष लगाये गये है? भौतिक सत्यापन के पश्चात की जानकारी प्रदान करें। (घ) जिन प्रोजेक्टों में इस शर्त का पालन नहीं किया गया उन पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) प्रश्नाधीन जानकारी पर्यावरण विभाग द्वारा संधारित नही की जाती है। जानकारी विभिन्न विभागों से संबंधित होने से संकलित की जा रही है।
मार्ग का पुनर्निर्माण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 2259 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद हरदा खण्डवा मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. के तहत हुआ था? यदि हाँ, तो इसका निर्माण कब हुआ? (ख) क्या उपरोक्त मार्ग की बी.ओ.टी. समयावधि समाप्त हो गई? यदि हाँ, तो कब? (ग) क्या होशंगाबाद हरदा खण्डवा मार्ग का पुनर्निर्माण किया जाना अति आवश्यक है? यदि हाँ, तो इस मार्ग का अभी तक पुनर्निर्माण क्यों नहीं किया गया? (घ) होशंगाबाद हरदा खण्डवा मार्ग के पुनर्निर्माण की क्या योजना बनाई गई कब तक इस मार्ग का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। दिनांक 05.04.2008 को। (ख) जी हाँ। दिनांक 12.02.2018 को। (ग) होशंगाबाद-हरदा-खण्डवा मार्ग को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है वर्तमान में इस मार्ग के निर्माण कार्य हेतु डी.पी.आर. बनाने का कार्य किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार।
हरदा जिले में सेन्ट्रल स्कूल का निर्माण
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 2260 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा हरदा में सेन्ट्रल स्कूल का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो सेन्ट्रल स्कूल के निर्माण की निविदा कब किस-किस अखबार में प्रकाशित की गई? किस एजेन्सी को निविदा किस दर पर प्राप्त हुई? (ग) सेन्ट्रल स्कूल के निर्माण का कार्य किस एजेन्सी द्वारा कराया जा रहा है? कब तक निर्माण कार्य पूर्ण होना था? आज की स्थिति में कितना निर्माण कार्य हुआ? (घ) क्या यह सही है कि आज दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण एवं वृक्षारोपण
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 2292 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड-गोपालपुरा वाया मिहोना मार्ग का निर्माण कब हुआ एवं मार्ग की लागत क्या थी तथा मार्ग निर्माण के बाद मार्ग के मरम्मत कार्य पर कब-कब, कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ख) क्या मार्ग निर्माण कंपनी द्वारा मार्ग के दोनों ओर वृक्षारोपण एवं वृक्षों की सुरक्षा हेतु जाली निर्माण किया गया था? यदि हाँ, तो कितने क्षेत्र में कितने वृक्ष रोपे गये थे? (ग) वर्तमान में मार्ग के दोनों ओर कितने-कितने वृक्ष जीवित हैं? क्या विभाग/कंपनी द्वारा खाली भूमि पर पुन: वृक्षारोपण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 27.06.2011 को, लागत राशि रू. 82.89 करोड़ थी, उक्त मार्ग के मरम्मत एवं टोल ऑपरेशन कार्य में कंशेसनायर द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर वर्षवार व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पौधारोपण कार्य किया गया था, परन्तु कंशेसनायर द्वारा रोपित वृक्षों की सुरक्षा हेतु जाली निर्माण कार्य नहीं किया गया। भिण्ड से गोपालपुरा म.प्र./उ.प्र. सीमा क्षेत्र तक कुल 2890 नग पौधारोपण का कार्य किया गया है। (ग) 514 नग। जी हाँ। कंशेसनायर द्वारा इस वर्षा ऋतु में 500 नग नवीन पौधारोपण का कार्य किया जावेगा तथा शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सौभाग्य योजना एवं दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के कार्य
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 2294 ) श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड वृत्त में सौभाग्य योजना एवं दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना कब से संचालित है? दोनों योजनाओं में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि के कितने प्राक्कलन स्वीकृत किये गये? योजनावार पृथक-पृथक बतावें। (ख) क्या दोनों योजनाओं के कार्यों हेतु ई-निविदा आमंत्रित की गयी थी? यदि हाँ, तो कब-कब एवं कितने-कितने ठेकेदारों द्वारा निविदा प्रक्रिया में भाग लिया गया था? निविदावार जानकारी देवें। यदि ई-निविदा आमंत्रित नहीं की गई तो क्यों? (ग) क्या एक योजना में स्वीकृत प्राक्कलन एवं राशि दूसरी योजना में परिवर्तित की जा सकती है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देते हुये बतावें। प्राक्कलन एवं राशि परिव&