मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र
गुरूवार, दिनांक 18 जुलाई, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मुरैना
जिलांतर्गत सड़क
निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
1. ( *क्र. 1880 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना से पोरसा एवं पोरसा से अटेर तक सड़क निर्माण कार्य निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्य किस कंपनी/ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है? कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है एवं रोड की मोटाई एवं साइज क्या है? ठेकेदार/कंपनी के नाम, पते की जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित रोडों का निर्माण घटिया किस्म का होने एवं पूर्व से बने डामरीकरण रोड पर ही उक्त नवीन रोड डाला जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या पक्के रोड के ऊपर बिना खुदाई किए नवीन रोड डाला जाना स्टीमेट में प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो स्टीमेट की कॉपी प्रदाय की जावे। यदि नहीं, तो ऐसा क्यों? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित घटिया रोड निर्माण की जाँच उच्च स्तरीय समिति से कराने एवं तत्काल प्रभाव से उक्त घटिया निर्माण को रोके जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, कार्य उचित गुणवत्ता एवं मानक मापदण्डों के अनुसार किया जा रहा है, केवल कुछ आबादी क्षेत्रों में भारतीय सड़क कांग्रेस के मापदण्डों के अनुसार विद्यमान डामरीकृत सतह के ऊपर 200 एम.एम. मोटाई का कांक्रीट ओवरले का कार्य किया जा रहा है। शेष मार्ग में डामरीकृत सतह हटाकर पुनर्निर्माण किया जा रहा है। प्राक्कलन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बिजावर स्थित शास. महा. में स्नातकोत्तर की कक्षा प्रारंभ की जाना
[उच्च शिक्षा]
2. ( *क्र. 2097 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्र में उच्च शिक्षा के अध्ययन हेतु कितने शासकीय महाविद्यालय हैं? उक्त महाविद्यालय में प्रश्न दिनांक तक कौन सी संकाय संचालित होती है? विभागीय कैलेण्डर अनुसार कितने छात्र प्रवेश लेते हैं? कितने पद स्वीकृत हैं? कितने कार्यरत हैं? (ख) क्या सहज, सुलभ उच्च शिक्षा प्रदाय करवाना शासन की मंशा होती है? यदि हाँ, तो बिजावर स्थित शासकीय महाविद्यालय में अन्य संकाय खोले जा सकते हैं? क्या स्नातकोत्तर की कक्षा शुरू की जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्र में एक शासकीय महाविद्यालय है, जिसमें कला संकाय संचालित है तथा सत्र 2018-19 में प्रवेशित छात्र संख्या 446 है। महाविद्यालय में राजपत्रित श्रेणी के स्वीकृत 08 पदों में 01 पद पर सहायक प्राध्यापक कार्यरत हैं तथा अराजपत्रित श्रेणी के स्वीकृत 15 पदों में से 07 पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं। (ख) जी हाँ। जी हाँ। नवीन संकाय/ स्नातकोत्तर कक्षा प्रारंभ करने की कार्यवाही की जावेगी। किन्तु समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालयीन छात्रों को स्मार्ट फोन का वितरण
[उच्च शिक्षा]
3. ( *क्र. 2804 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम में पिछले तीन सत्रों से (17-18, 18-19 और 19-20) कॉलेज छात्रों को स्मार्ट फोन का वितरण नहीं हो पा रहा है? सभी तीन सत्रों के स्मार्ट फोन छात्रों को कब तक वितरित कर दिये जायेंगे? क्या इस संबंध में प्राचार्यों को शीघ्र निर्देश देने की कार्यवाही करेंगे? (ख) क्या वितरित स्मार्ट फोनों की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हुये हैं तथा फोन ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, यदि हाँ, तो क्या स्मार्ट फोनों की गुणवत्ता की जाँच कराई गई है? यदि हां, तो जाँच रिपोर्ट के निष्कर्ष क्या हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ, पूरे प्रदेश में ही प्रश्नांकित वर्षों के लिए स्मार्टफोन का वितरण नहीं हुआ है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) गुणवत्ता के संबंध में मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेव्हलपमेंट कार्पोंरेशन (MPSEDC) लिमिटेड को शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जाँच MPSEDC द्वारा कराई गई। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा इस विषय को स्वत: संज्ञान में लेते हुए जाँच कराई जा रही है।
सतपुड़ा जलाशय सारणी में जलकुम्भी/चायनिज़ झालर की समस्या
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 2230 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतपुड़ा जलाशय सारणी से चायनीज़ झालर एवं जलकुंभी निकालने का कार्य क्या किसी शोध के बाद ठेके पर दिया गया है अथवा बिना किसी कार्ययोजना के ठेका दे दिया गया? (ख) क्या ठेकेदार द्वारा प्रतिदिन निकाली जाने वाली चायनीज़ झालर एवं जलकुंभी की तुलना में जलकुंभी एवं चायनीज़ झालर के फैलने का प्रतिशत ज्यादा होने के कारण प्रतिदिन हजारों क्विंटल चायनीज़ झालर निकाले जाने के बावजूद समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो जलकुंभी एवं चायनीज़ झालर के निपटान के लिये सुनियोजित कार्ययोजना न बनाई जाकर ताप विद्युत गृह द्वारा इस कार्य हेतु किये गए भुगतान के लिये कौन जिम्मेदार है तथा जिम्मेदारों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा सतपुड़ा जलाशय, सारणी से चायनीज़ झालर एवं जलकुंभी निकालने का कार्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर, जो कि इस कार्य के लिये भारत का एकमात्र विशेषज्ञ संस्थान है, के शोध के पश्चात् एवं उनकी सलाह पर तैयार की गयी कार्य योजना के पश्चात् ही ठेके पर दिया गया है। (ख) जिन क्षेत्रों से ठेकेदार द्वारा जलकुंभी एवं चायनीज़ झालर निकाली जा चुकी है, इन क्षेत्रों में उनकी पुन: उत्पत्ति नगण्य है। अत: समस्या का निराकरण न होने संबंधी कथन सही नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी की जिम्मेदारी अथवा किसी पर कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
आउटसोर्स पर रखे गये कर्मचारियों की संख्या
[ऊर्जा]
5. ( *क्र. 1593 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इन्दौर में शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन संधारण वृत्त इंदौर में विगत 2 वर्षों, वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में कितने 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों, कितने 33 के.व्ही. लाइन, 11 के.व्ही. लाइन एवं कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों का रख-रखाव कार्य किया गया? संख्यात्मक जानकारी देवें। उक्त रख-रखाव पर कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर में शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन संधारण वृत्त इंदौर में विद्युत लाइनों के रख-रखाव (मेंटेनेंस) कार्य हेतु कितने कर्मियों को विगत दो वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में आउटसोर्स के माध्यम से मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध कराया गया? कर्मियों की संख्यावार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर में शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन संधारण वृत्त इंदौर में विद्युत लाइनों के रख-रखाव (मेंटेनेंस) कार्य में क्या-क्या कार्य संपादित करवाए गए एवं इस हेतु मेनपावर प्रदाता कंपनी को विगत दो वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर में शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन संधारण वृत्त इंदौर में विगत दो वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में विद्युत लाइनों के रख-रखाव (मेंटेनेंस) कार्य में मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये गये कर्मियों का प्रमाणीकरण किस स्तर के अधिकारी (पद श्रेणी) द्वारा किया गया तथा इन कर्मियों द्वारा किये गये रख-रखाव कार्यों की समीक्षा भी किस स्तर के अधिकारी (पद श्रेणी) द्वारा की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन-संधारण वृत्त इंदौर में विगत 2 वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में किये गये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों, 33 के.व्ही. लाइन, 11 के.व्ही. लाइन एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव के कार्य की वित्तीय वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। उक्त रख-रखाव कार्य पर शहर वृत्त, इन्दौर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में राशि रू. 169.22 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रू. 218.51 लाख तथा संचालन-संधारण वृत्त इन्दौर के अंतर्गत रख-रखाव कार्य पर वित्तीय वर्ष 2017-18 में राशि रू. 639.25 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रू. 760.61 लाख व्यय की गई है। (ख) शहर वृत्त इन्दौर के अंतर्गत विद्युत लाइनों के रख-रखाव कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में आउटसोर्स के माध्यम से मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा क्रमशः 532 एवं 479 कार्मिक उपलब्ध कराये गये। संचालन-संधारण वृत्त इंदौर में विद्युत लाइनों के रख-रखाव कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में आउटसोर्स के माध्यम से मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा क्रमशः 337 एवं 368 कार्मिक उपलब्ध कराये गये। (ग) शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन-संधारण वृत्त इन्दौर के अंतर्गत विद्युत लाइनों के रख-रखाव कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में आउटसोर्स के माध्यम से मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये गये कार्मिकों से विद्युत लाइनों के रख-रखाव कार्यों के अतिरिक्त विद्युत शिकायतों का निराकरण, विद्युत संयोजनों को काटना एवं जोड़ना इत्यादि कार्य भी सम्पादित कराये गये जिस हेतु वर्षवार क्रमशः शहर वृत्त इन्दौर हेतु राशि रुपये 4.54 करोड़ एवं राशि रुपये 4.09 करोड़ एवं संचालन-संधारण वृत्त इन्दौर हेतु राशि रू. 4.62 करोड़ एवं राशि रू. 4.88 करोड़ का भुगतान मेनपावर प्रदाता कंपनी क्रमश: मेसर्स एटूझेड इन्फ्रा सर्विसेस लिमिटेड गुडगाँव एवं मेसर्स बी.व्ही.जी. इंडिया लिमिटेड, पुणे को किया गया। (घ) शहर वृत्त इंदौर एवं संचालन संधारण वृत्त इंदौर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में विद्युत लाइनों के रख-रखाव कार्य में मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध करवाये गये कार्मिकों के प्रमाणीकरण का कार्य कार्यपालन अभियंता स्तर एवं कार्मिकों द्वारा किये गये रख-रखाव कार्य की समीक्षा सहायक यंत्री स्तर के अधिकारी द्वारा की गई है।
ग्वालियर जिलांतर्गत विद्युत विहीन मजरे/टोले
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 1675 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के ऐसे कितने मजरे टोले हैं जो विद्युत विहीन हैं? (ख) क्या इस जिले में सौभाग्य योजना संचालित है? यदि हाँ, तो इनके अंतर्गत कौन-कौन से मजरे/टोले शामिल किये गये हैं? विधानसभावार बतावें। (ग) ग्वालियर ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मुफ्त बिजली कनेक्शन योजना का लाभ किन-किन ग्राम/मजरे/टोले को वर्तमान में मिल रहा है? (घ) जो ग्राम मजरे-टोले में शामिल नहीं हैं उन्हें शामिल किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले के अंतर्गत वर्तमान में कोई भी मजरा/टोला विद्युत विहीन नहीं है। (ख) ग्वालियर जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत घरों के विद्युतीकरण एवं विद्युत अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण के शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण कर मे.आर.ई.सी.लिमिटेड को क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की कार्यवाही म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा की जा रही है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत ग्वालियर जिले में जिन मजरों/टोलों में घरों के विद्युतीकरण एवं विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के कार्य किये गये हैं उनकी विधान सभा क्षेत्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्वालियर ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में नि:शुल्क बिजली कनेक्शन देने की कोई भी योजना संचालित नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
7. ( *क्र. 1136 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल स्टेडियम निर्माण की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो जिला विदिशा के विधान सभा क्षेत्र शमशाबाद के तहत कितने स्टेडियम बनाये गये हैं और वर्तमान में इनकी स्थिति क्या है? (ग) क्या यह खेल स्टेडियम विभाग को सौंप दिये गये और यदि नहीं, तो क्यों नहीं सौंपे गये हैं? इन्हें कब तक खेलों के लिये उपयोग में लाया जा सकेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में खेल स्टेडियम निर्माण की कोई योजना नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गोविन्दपुरा क्षेत्र में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 771 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष माह अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से नवीन मार्ग स्वीकृत किये गये हैं? मार्गों के निर्माण की स्वीकृति, कार्य प्रारंभ करने का दिनांक एवं कार्य करने का दिनांक राशि सहित बतायी जाए? (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा गोविन्दपुरा विधान सभा की किन-किन नवीन सड़कों का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों को कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में वर्तमान में कोई सड़क का निर्माण प्रस्तावित नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योगों द्वारा एन.ओ.सी. का दुरूपयोग
[पर्यावरण]
9. ( *क्र. 1131 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जे.पी. एसोसिएट्स प्रा.लिमि. एवं अल्ट्राटेक सीमेंट प्रा.लिमि. कंपनियों द्वारा उद्योग लगाने हेतु पर्यावरण विभाग से एन.ओ.सी. (अनुमति) किन शर्तों पर ली गई है? शर्त/एग्रीमेंट की सत्यापित छायाप्रति पृथक-पृथक देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इन उद्योगों द्वारा पर्यावरण विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार पौधारोपण कराया गया है? यदि हाँ, तो कितने रकबे में एवं कहाँ पर? उक्त स्थल का खसरा क्रमांक एवं रकबे के विवरण के साथ स्थल की छायाप्रति की सत्यापित प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में पर्यावरण विभाग द्वारा 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक एस.पी.एम. (सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) एवं आर.एस.पी.एम. की क्या-क्या मात्रा माहवार/वर्षवार पाई गई? ऑफिशियल रिपोर्ट की एक प्रति माहवार/वर्षवार/स्थानवार किस समय ली गई एवं किसके द्वारा ली गई के हस्ताक्षरवार उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संदर्भ में एन.ओ.सी. का दुरूपयोग करने वाले उपरोक्त उद्योगों पर विभाग/सरकार क्या कार्यवाही करेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। मेसर्स जे.पी. एसोसियेट्स लिमिटेड के जे.पी. रीवा सीमेंट प्लांट द्वारा 42.5 हेक्टेयर रकबे पर ग्राम गढ़वा तथा 38.41 हेक्टेयर रकबे पर ग्राम नौबस्ता में तथा मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड के बेला सीमेंट वर्क्स द्वारा 101.61 हेक्टेयर रकबे पर सीमेंट प्लांट, टाउनशिप एरिया व माइनिंग एरिया में वृक्षारोपण किया गया है। खसरा क्रमांक एवं रकबे का विवरण सहित स्थल नक्शे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधान सभा क्षेत्र सिंगरौली के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 2686 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या विधान सभा क्षेत्र सिंगरौली के ग्रामीण क्षेत्र में न तो राजीव गांधी न ही पंडित दीनदयाल विद्युतीकरण न ही सौभाग्य योजना के कार्य चल रहे हैं और न ही फीडर सेपरेशन हुआ? टोले-मजरों में कब तक विद्युतीकरण करा लिया जायेगा? साथ ही उपभोक्ताओं का आधा बिल माफ करने की घोषणा हुई थी तो किस तरह से उपभोक्ताओं का बिल माफ करेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : विधान सभा क्षेत्र सिंगरौली के ग्रामीण क्षेत्रों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित), दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) एवं फीडर विभक्तिकरण योजना के तहत विद्युतीकरण के विभिन्न कार्य हुए हैं वर्तमान में उक्त सभी योजनाओं के कार्य प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्ण किये जा चुके हैं। ग्रामीण विद्युतीकरण की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत निहित प्रावधानों के अनुसार समस्त मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी मजरा/टोला विद्युतीकरण हेतु शेष नही है, अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। वर्तमान में राज्य शासन की दो योजनाएं यथा - इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना के माध्यम से हितग्राहियों को विद्युत खपत के अनुपात में कम विद्युत देयक दिया जा रहा है। ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' के अन्तर्गत 1000 वॉट तक संयोजित भार वाले पंजीकृत श्रमिकों एवं संनिर्माण कर्मकारों को सम्मिलित किया गया है। इस योजनान्तर्गत घरेलू उपयोग के लिए 100 यूनिट तक खपत करने वाले हितग्राहियों को अधिकतम रू. 100/- का देयक दिये जाने का प्रावधान किया गया है। 100 यूनिट से अधिक खपत होने पर प्रथम 100 यूनिट के लिए रू. 100/- एवं शेष विद्युत खपत के लिए लागू टैरिफ अनुसार विद्युत देयक की राशि उपभोक्ता द्वारा देय है। इस योजना में 100/- रू. से कम बिल होने पर वास्तविक बिल की राशि ही उपभोक्ता द्वारा देय है। राज्य शासन द्वारा समाज के कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को लाभान्वित करने के उदे्दश्य से इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू की गई है, जिसमें 100 यूनिट तक की मासिक खपत वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितग्राही लाभान्वित हुए हैं तथा 100 यूनिट तक की खपत पर पूर्व में उपभोक्ता को दिये जा रहे 200 रूपये प्रतिमाह के बिल की राशि आधी कर दी गई है। ''इंदिरा किसान ज्योति योजना'' के अंतर्गत 10 हार्स पॉवर तक के स्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों को पूर्व में देय राशि रू. 1400 के स्थान पर रू. 700 प्रति हार्सपॉवर प्रति वर्ष फ्लैट रेट की दर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 10 हार्सपावर तक के मीटर युक्त स्थायी कृषि पम्प उपभोक्ताओं को वर्तमान में देय ऊर्जा प्रभार की दरों में 50 प्रतिशत की रियायत दी गई है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के 1 हेक्टेयर तक की भूमि वाले एवं 5 हार्स पॉवर तक के कृषि उपभोक्ताओं को निःशुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
सेंधवा से वरला तक सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 2338 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेंधवा से वरला तक रोड निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग कर गुणवत्ताविहीन कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच करवाई जायगी? (ख) क्या यह सड़क आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में निर्माणाधीन है। पुलिया का निर्माण चालू है किन्तु परिवर्तित मार्ग में पाइप नहीं डाले गये हैं, जिससे बारिश में मार्ग बाधित होगा? क्या परिवर्तित मार्ग सही बनाये जायेंगे? (ग) यदि नहीं, तो क्या लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी सेंधवा के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी नहीं। पुलियाओं के परिवर्तित मार्ग पर आवश्यकतानुसार ह्यूम पाइप डाले गये हैं। बारिश में मार्ग बाधित नहीं होगा। परिवर्तित मार्ग भी सही बनाये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लेबड जावरा तथा जावरा नयागांव पर टोल वसूली
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 3036 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड जावरा तथा जावरा नयागांव पर टोल वसूलना किस दिनांक से प्रारंभ हुआ तथा 31 मई, 2019 तक दोनों रोड पर कुल कितनी-कितनी राशि टोल में प्राप्त कर ली गई है। DPR में टोल वसूली की अवधि कितने वर्ष थी वह किस दिनांक को समाप्त होगी, क्या टोल अवधि बढ़ाई गई? यदि हाँ, तो बढ़ाई गई अवधि, कारण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) की फोरलेन पर टोल कितने-कितने कि.मी के कितने टोल बूथ अनुसार प्रारंभिक दिनांक से 31 मई, 2019 तक ले रहे हैं वर्षवार टोल बूथ अनुसार राशि बतावें। अनुबंध अनुसार टोल वृद्धि का नियम बतावें तथा बतावें कि फोरलेन पर प्रति कि.मी. पर कितने-कितने जीवित पेड़ दोनों ओर हैं। प्रत्येक कि.मी. की सत्यापित सूची बनाकर देवें तथा बतावें कि पेड़ का सत्यापन किस दिनांक को किस अधिकारी द्वारा किया गया। (ग) रतलाम बाजना कुशलगढ़ रोड पर बाजना बस स्टैण्ड से बरोठ माता मंदिर तक फोरलेन बनाने की क्या दो DPR बनाई गई है। यदि हाँ, तो कारण बतावें तथा RTI में अजय चत्तर को दिनांक 15.01.18 को दी गई DPR की प्रति दवें तथा बतावें कि क्या रेल्वे ओव्हर ब्रिज की ड्राइंग प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो प्रति देवें। (घ) रतलाम बाजना फोरलेन के दोनों ओर 70 मकानों को किस संस्था द्वारा क्यों तोड़ा गया? अभी तक फोरलेन और तीनों पुलिया क्यों नहीं बनी, नालियां बनना कब प्रारंभ होगा तथा विलंब हेतु ठेकेदार से कितनी पेनाल्टी वसूली गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वार्षिक बजट में सिंचाई हेतु राशि का प्रावधान
[जल संसाधन]
13. ( *क्र. 1976 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा विगत पाँच वर्षों में वार्षिक बजट में सिंचाई हेतु कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? जिलेवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि में से मुरैना जिले को कितनी राशि दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में राशि से क्या-क्या कार्य कराये गये? स्वीकृत प्रक्रियाधीन एवं प्रस्तावित कार्य की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में स्वीकृत कौन-कौन से निर्माण कार्य किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी राशि से किये जा रहे हैं, की जानकारी मांग संख्या, लेखा शीर्ष, उपशीर्ष, स्वीकृत दिनांक, कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण दिनांक, क्रियान्वयन एजेंसी आदि सहित दी जावे। (ड.) स्वीकृत कार्यों के अतिरिक्त कितने कार्य प्रक्रियाधीन एवं प्रस्तावित हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विगत 05 वर्षों की वार्षिक बजट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में मुरैना जिले को निर्माण कार्य हेतु रू. 170.24 करोड़ एवं अनुरक्षण कार्यों के लिए रू. 11.65 करोड़ प्रदान की गई। (ग) से (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र बागली में कार्य हेतु स्वीकृत राशि
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 2012 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बागली अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा पिछले 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई किस-किस मद से कहां-कहां कार्य कराये गये? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधान सभा क्षेत्र बागली में जल संसाधन विभाग द्वारा आगामी वर्षों में क्या-क्या योजना बनाई गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) विधान सभा क्षेत्र बागली के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में राशि रू. 261.11 लाख की लागत से खेड़खेड़ा बैराज का निर्माण लघु सिंचाई मद के अंतर्गत कराया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनूपपुर जिले में स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 3048 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल, 17 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में लोक निर्माण विभाग के बजट, अनूपुरक बजट तथा अन्य योजनाओं में कहाँ-कहाँ सड़क, पुल, भवन स्वीकृत किये गये? उनमें से किन-किन कार्यों की निविदायें अभी तक क्यों आमंत्रित नहीं की गईं हैं? कब तक निविदायें आमंत्रित कर दी जायेंगी? (ख) उक्त अवधि एवं उक्त जिले में स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? अनुबंध के अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिन कार्यों में वन व्यवधान, भू-अर्जन सीमांकन आदि की आवश्यकता है? इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? अनूपपुर जिले में वर्तमान में किन मुख्य जिला मार्गों पर क्या-क्या कार्य, किस-किस योजना में कराया जाना प्रस्तावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। कोई निविदा आमंत्रण संबंधी कार्यवाही शेष नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''ब-1'' अनुसार है।
नवीन महाविद्यालयों में विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था
[उच्च शिक्षा]
16. ( *क्र. 1205 ) श्री संजय शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा नवीन महाविद्यालयों के भवन निर्माण की स्वीकृत राशि में विद्युत व्यवस्था एवं पेयजल व्यवस्था की राशि सम्मिलित रहती है? (ख) यदि नहीं, तो नये महाविद्यालय के भवनों में विद्युत व्यवस्था एवं पेयजल व्यवस्था हेतु राशि की स्वीकृति कहाँ से होगी? (ग) नवीन उपाधि महाविद्यालय तेंदूखेड़ा में विद्युत ट्रांसफार्मर एवं पेयजल व्यवस्था की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) नरसिंहपुर द्वारा प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार शासकीय महाविद्यालय, तेंदूखेड़ा में पेयजल व्यवस्था हेतु ट्यूबवेल खोदा गया, किन्तु जगह पथरीली होने के कारण ट्यूबवेल फेल हो गया। नवनिर्मित भवन में पावर हाउस अत्यंत दूरी पर है तथा विद्युत पोल भी स्थापित नहीं है, इस कारण विद्युत सप्लाई हेतु नवीन ट्रांसफार्मर लगाने की आवश्यकता है। विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उर्मिल नदी पर स्वीकृत परियोजना
[जल संसाधन]
17. ( *क्र. 2083 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत उर्मिल नदी से गोरा तालाब को भरने हेतु गोरा फीडर अथवा अन्य नाम से कोई परियोजना स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो योजना की जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या प्रश्न दिनांक तक योजना पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? योजना की भौतिक स्थिति क्या है? (ग) इस योजना में कितना एवं कौन-कौन सा कार्य किया जा चुका है? उक्त कार्य में कितना व्यय हो चुका है? कितना कार्य शेष है? शेष कार्य को पूर्ण करवाने में कितना व्यय होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। गोरा फीडर परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 10.01.1978 को रू. 24.92 लाख की तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 24.06.2003 को रू. 247.63 लाख की प्रदान की गई। (ख) जी हाँ। परियोजना भौतिक रूप से पूर्ण होना प्रतिवेदित है। (ग) परियोजना के अंतर्गत वियर का निर्माण, नहर की खुदाई कार्य, सर्विस रोड का निर्माण एवं 09 नग स्ट्रक्चरों का निर्माण कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना में रू. 248.54 लाख व्यय किया गया तथा कोई कार्य शेष नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
वेतन निर्धारण में विसंगति
[जल संसाधन]
18. ( *क्र. 1374 ) श्री गिरीश गौतम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री लाइट मशीनरी एवं विद्युत यांत्रिकी संभाग रीवा को पत्र क्रमांक 85/एम.एल.ए./देवतालाब/2019 दिनांक 5.3.19 को दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के लिए स्थायी कर्मियों को विनियमित करने की योजना के तहत वेतन निर्धारण में विसंगति के संबंध में पत्र लिखकर म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक/एफ-5-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 07.10.2018 के तहत उक्त डिवीजन में कर्मचारियों का वेतन घटा दिया गया है जिसमें समुचित कार्यवाही किये जाने बाबत् लिखा गया था, जिसके जवाब में कार्यपालन यंत्री के पत्र क्रमांक 594/स्था.कर्मी./18-19 दिनांक 18.3.19 द्वारा बताया गया कि म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय पत्र क्रमांक सी-5-1-2013, भोपाल दिनांक 23.11.2017 द्वारा जारी निर्देश के पालन में वेतन निर्धारण किया गया तथा अन्य डिवीजन के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है? (ख) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय क्रमांक सी-5-1-2013-1-3 भोपाल दिनांक 23 नवम्बर, 2017 केवल लाइट मशीनरी एवं विद्युत यांत्रिकी संभाग रीवा म.प्र. के लिए ही जारी किया गया है ओर अन्य डिवीजनों में लागू नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो अन्य डिवीजनों में इस पत्र के संदर्भ में क्या निर्णय लिया गया? (ग) क्या पत्र क्रमांक 3326100/1/2008/1520 कार्यालय प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग तुलसी नगर भोपाल द्वारा सितम्बर 2018 में समस्त मुख्य अभियंता को पत्र लिखा गया कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वर्गीकरण के संबंध में श्रम विभाग की अधिसूचना दिनांक 29.05.2014 को कण्डिका 4 के अनुसार किसी कर्मचारी का वेतन कम न हो को सुनिश्चित किया जाये? क्या कार्यपालन यंत्री लाइट मशीनरी एवं विद्युत यांत्रिकी रीवा द्वारा इस आदेश का उल्लंघन कर कर्मचारियों को प्राप्त हो रहे वेतन को कम कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त विसंगति को दूर कर श्रम विभाग के उक्त आदेश के परिपालन में अन्य डिवीजनों के अनुरूप ही वेतन निर्धारण कब तक किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। अन्य डिवीजनों द्वारा भी सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 23 नवम्बर, 2017 के अनुसार ही वेतन निर्धारण किया गया है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
विधि कॉलेज बीना में विधि की कक्षाएं प्रारंभ की जाना
[उच्च शिक्षा]
19. ( *क्र. 1840 ) श्री महेश राय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बीना के ग्राम खिमलासा में शासकीय महाविद्यालय विगत वर्ष से संचालित है, लेकिन आज दिनांक तक महाविद्यालय का भवन स्वीकृत नहीं हुआ है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों और कब तक भवन स्वीकृत हो जायेगा? (ग) विधान सभा क्षेत्र बीना में लॉ कॉलेज स्वीकृत हो गया, लेकिन आज दिनांक तक विभाग द्वारा कक्षायें प्रारंभ करने की स्वीकृति क्यों जारी नहीं की गयी? शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बीना के पास पर्याप्त जगह है इसके उपरांत भी कक्षायें संचालित नहीं हो रही हैं, विभाग कब तक कक्षायें प्रारंभ करने की स्वीकृति जारी करेगा? (घ) शासकीय लॉ कॉलेज बीना के निर्माण हेतु शासकीय भूमि आवंटित हो गयी है इसके उपरांत भी भवन स्वीकृत नहीं हुआ है, भवन स्वीकृति कब तक जारी कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) शासकीय महाविद्यालय, बीना में विधि की कक्षायें वर्ष 1983-84 से 2010-11 तक संचालित थीं, किंतु बी.सी.आई. से मान्यता प्राप्त न होने से वर्ष 2013-14 से विधि कक्षायें बंद हो गईं हैं। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीना में पर्याप्त स्थान होने के साथ, विधि की कक्षायें प्रारंभ करने के लिये, बी.सी.आई. से मान्यता मिलना भी आवश्यक है। विधि की पुनः कक्षायें प्रारंभ किए जाने हेतु बी.सी.आई. में निरीक्षण शुल्क जमा कर दिया गया है। बी.सी.आई. की मान्यता उपरांत ही प्रवेश एवं कक्षायें प्रारंभ की जा सकेंगी। (घ) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
ग्राम सौंरई में भूमिगत जल के प्रदूषित होने की रोकथाम
[पर्यावरण]
20. ( *क्र. 2510 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत बण्डा तहसील के सौंरई ग्राम में मध्यभारत एग्रो लिमिटेड कंपनी द्वारा उत्पादन के दौरान उत्सर्जित द्रव अपशिष्ट पदार्थों का रिसाव फैक्ट्री से लगी हुई ग्रामों की भूमि में हो रहा है, इसके लिये उत्तरदायी कौन है एवं इसे रोकने के लिये कंपनी एवं प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या फैक्ट्री से उत्सर्जित द्रव अपशिष्ट का लगातार ग्राम की भूमि में रिसाव होने से प्रश्न दिनांक तक फैक्ट्री के चारों ओर लगभग 2 किलोमीटर दूर तक स्थित समस्त प्रकार के जल स्रोतों का पानी विषाक्त हो चुका है, कुओं का पानी हरा हो गया है, केमिकल की पर्त जम चुकी है? यदि हाँ, तो इसकी रोकथाम के लिये फैक्ट्री एवं प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है एवं क्या इसके लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) फैक्ट्री के द्रव अपशिष्ट के कारण हुये भूमिगत जल को पेयजल हेतु उपयुक्त बनाये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? फैक्ट्री से प्रभावित सम्पूर्ण क्षेत्र के जल स्रोतों का जल पूर्ण रूप से कब तक पेयजल हेतु उपयुक्त कर दिया जावेगा? भविष्य में फैक्ट्री द्वारा इस प्रकार उत्सर्जित द्रव अपशिष्ट प्रबंधन के लिये क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता है।
महाकौशल कॉलेज जबलपुर में मनोविज्ञान विषय में प्रवेश
[उच्च शिक्षा]
21. ( *क्र. 1474 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत महाकौशल कॉलेज जबलपुर में मनोविज्ञान विषय में प्रवेश दिया जा रहा है अथवा नहीं? क्या कॉलेज प्रबंधन द्वारा मनोविज्ञान विषय में प्रवेश बंद किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (ख) क्या महाकौशल कॉलेज जबलपुर में अधिकांश रुप से पुरुष छात्रों द्वारा मनोविज्ञान विषय में प्रवेश हेतु आवेदन किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या उक्त विषय में प्रवेश को बंद करने से छात्रों को कठिनाई होगी? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा उक्त संकाय में प्रवेश चालू रखने हेतु समुचित दिशा-निर्देश कॉलेज प्रबंधन को दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? क्या मनोविज्ञान विषय में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए कॉलेज प्रबंधन द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) मनोविज्ञान विषय में स्नातक स्तर पर प्रवेश दिया जा रहा है परन्तु महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा मनोविज्ञान स्ववित्तीय पाठ्यक्रम (स्नातकोत्तर स्तर पर) में प्रवेश, ऑडिट आपत्ति एवं आवश्यक धन राशि उपलब्ध न होने के कारण बंद किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रवेशित पुरूष छात्रों एवं छात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सौर ऊर्जा कंपनियों को आवंटित भूमि
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
22. ( *क्र. 2860 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में ऊर्जा उत्पादन हेतु कौन-कौन सी कंपनियों (पवन, सौर ऊर्जा) द्वारा कार्य किया जा रहा है? (ख) शासन द्वारा सौर ऊर्जा कंपनियों को किन-किन ग्रामों में प्लान्ट स्थापित करने हेतु भूमि उपलब्ध कराई गई है? सर्वे नं. भूमि हेक्टेयर, गांव का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या शासन द्वारा सौर ऊर्जा कंपनियों को उपलब्ध (अलाट) की गई भूमि के विरोध या आपत्ति में जनता द्वारा आंदोलन या न्यायालय का सहारा लिया गया था? यदि हाँ, तो न्यायालय द्वारा निर्माण कार्य रोकने हेतु स्टे एवं अन्य आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) उपरोक्त प्लान्टों को ऊर्जा उत्पादन हेतु दी गई भूमि छोटी पतलासी सुर्खाखेडा एवं समस्त अन्य स्थानों पर क्या पूर्व में कोई पुराना तालाब एवं तालाबों में पानी की आवक, चारागह भूमि, खेल मैदान, वृक्षारोपण, खेतों पर जाने का आम रास्ता, शमशान, अनुसूचित जाति वर्ग की भूमि स्थापित थी या नहीं?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में पवन एवं सौर ऊर्जा कम्पनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार हैं। (ख) शासन द्वारा सौर ऊर्जा कम्पनियों को आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार हैं। (ग) संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार हैं। (घ) संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार हैं।
बिजली बिल आधा किये जाने की घोषणा का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
23. ( *क्र. 1624 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा 10 हार्सपावर तक के स्थाई व अस्थाई कृषि पंप कनेक्शन वाले किसानों का बिजली बिल आधा किए जाने की घोषणा की गई थी? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार यदि हाँ, तो योजना कब प्रारंभ की गई और प्रदेश के किस-किस जिले के कितने किसानों को इसका लाभ प्रदान कर लाभान्वित किया गया? जिलेवार संख्या बतावें? (ग) प्रश्नांक (क), (ख) अनुसार योजना से सरकार के ऊपर कितने वित्तीय भार का अनुमान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्य शासन द्वारा ''इंदिरा किसान ज्योति योजना'' 01 अप्रैल, 2019 से लागू की गई है। उक्त योजना के अन्तर्गत प्रदेश के लाभान्वित किसानों की जिलेवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन योजना से वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य शासन पर लगभग रू. 700.84 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आने का अनुमान है।
सामग्री क्रय हेतु निविदा का आमंत्रण
[खेल और युवा कल्याण]
24. ( *क्र. 1314 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेल विभाग द्वारा विगत 04 वर्षों में क्रय की कार्यवाही संबंधी जारी निविदा जमा करने वाली फर्म से परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी लेने की शर्त रखी गई थी? (ख) क्या विगत 05 वर्षों में विभाग द्वारा प्राप्त किये गये टेण्डर में सभी फर्मों से परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी ली गई है और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी नहीं लेना सी.व्ही.सी. की गाइड लाइन के विरुद्ध है? यदि हां, तो यह गंभीर अनियमितता करने वाले अधिकारी के विरुद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। जिन निविदाओं में आवश्यक था वहाँ परफारमेन्स बैंक ग्यारन्टी लेने की शर्त रखी गई थी तथा जिन निविदाओं में आवश्यकता नहीं थी वहाँ परफारमेन्स बैंक ग्यारन्टी की शर्त नहीं रखी गई है। (ख) जी नहीं। जिन निविदा प्रपत्रों में परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी लेने का उल्लेख था, उन निविदा प्रपत्रों में परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी प्राप्त की गई तथा जिन निविदा प्रपत्रों में परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी लेने का उल्लेख नहीं किया गया था, उन निविदाओं में परफारमेंस बैंक ग्यारन्टी नहीं ली गई, इस प्रकार की निविदाओं में सुरक्षानिधि के रुप में बैंक ड्राफ्ट/सावधि जमा रसीद ली गई है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सौभाग्य योजना अंतर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 689 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर के ग्रामीण अंचलों के अंतर्गत सौभाग्य योजनांतर्गत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है? ग्राम के नाम सहित बतावें। (ख) कितने ग्रामों में योजनांतर्गत सर्वे का कार्य पूर्ण कराकर कार्य प्रारंभ करा दिये गये हैं? ग्रामों के नाम सहित बतावें। (ग) कितने कार्य प्रस्तावित हैं जिनका सर्वें किया जाना है तथा सर्वे कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? ग्रामों के नाम सहित बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सौभाग्य योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार शत-प्रतिशत घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना था। इस योजनान्तर्गत ग्रामों के विद्युतीकरण का प्रावधान नहीं था, अपितु लास्ट माईल कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विकास/लाइन विस्तार के कार्य किये जाने थे। सीहोर विधान सभा क्षेत्र में 141 ग्रामों में विद्यमान विद्युत अधोसंरचना का उपयोग करते हुए एवं 24 ग्रामों में आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विकास/लाइन विस्तार के कार्य करते हुए निवासरत परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं, जिनकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) सौभाग्य योजना अन्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगरीय
निकायों में
संबल कार्ड
[श्रम]
1. ( क्र. 13 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के नगरीय निकायों में दिसम्बर 2018 से जून 2019 तक संबल कार्ड बनाये जाने हेतु कितने आवेदन आये? माहवार जानकारी दें। (ख) इस अवधि में कितने हितग्राहियों के संबल कार्ड बनाये गये? (ग) दिसम्बर 2016 से जून 2019 की अवधि में संबल कार्डधारियों को किस-किस योजना में कितना-कितना लाभ दिया गया? (घ) क्या नये संबल कार्ड बनाया जाना एवं पुराने कार्डों पर योजना का लाभ देना सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? इसे कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) दिसम्बर 2018 से जून 2019 के मध्य पंजीयन हेतु कोई आवेदन प्राप्त नही हुआ है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) होशंगाबाद जिले में जून 2019 तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित कार्डधारी श्रमिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। पूर्व में जारी पंजीयन को आधार कार्ड/मोबाईल से लिंक नहीं किया गया था। अत: पंजीयन को आधार एवं मोबाईल नम्बर से लिंक किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
महू-घाटाबिल्लोद फोर-लेन हाईवे का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 36 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के औद्योगिक क्षेत्र से गुजरने वाले महू-घाटाबिल्लोद फोर-लेन हाईवे का निर्माण किस वर्ष में पूर्ण होकर उस पर किस वर्ष से टोल टैक्स प्रारंभ हुआ है? (ख) टोल टैक्स वसूली किये जाने वाले फोर-लेन हाईवे पर कितने अंतराल पर मरम्मत किये जाने का प्रावधान है तथा कितने अंतराल पर चरणबद्ध रूप से सम्पूर्ण मार्ग पर नवीन डामरीकरण किये जाने का प्रावधान है? (ग) क्या टोल टैक्स प्रारंभ होने की दिनांक से आज दिनांक तक इस मार्ग का वार्षिक रख-रखाव हुआ है? यदि हाँ, तो किस-किस वर्ष में किस-किस भाग पर क्या-क्या काम/डामरीकरण हुआ है? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में इस सम्पूर्ण मार्ग पर चरणबद्ध रूप से डामरीकरण कब-कब कितने कितने किलो मीटर पर किया गया है? (ङ) यदि नहीं, तो क्या विभाग इस हेतु पहल कर मार्ग के रख-रखाव के क्रम में डामरीकरण संबंधित कंपनी से करवाने हेतु प्रयास करेगा तथा बस स्टॉप आदि जो टूट-फूट चुके हैं की मरम्मत हेतु कार्रवाई करेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 30.12.2012 को। (ख) schedule K अनुसार मार्ग मरम्मत हेतु निर्धारित है कि रफनेस Value यदि 3000mm प्रति कि.मी. (As measured by standardized roughometer/bump integrator) से अधिक होने पर 180 दिवस में इस त्रुटि का सुधार करना है। यह सुधार उक्त रफनेस स्ट्रेच पर रिनुवल कर किया जा सकता है। अनुबंध के schedule D सेक्शन IRC:SP:84-2009 अनुसार प्रारंभिक बिटुमिनस सरफेसिंग की न्यूनतम डिजाईन अवधि 10 वर्ष है अर्थात निवेशक को मूल बिटुमिनस कार्य पूर्ण होने के 10 वर्ष पश्चात आवश्यकता होने पर नवीनीकरण का कार्य किया जाना है। (ग) हाँ, टोल टैक्स प्रांरभ होने की दिनांक 30.12.2012 से आज दिनांक तक निवेशकर्ता द्वारा मार्ग पर सामान्य वार्षिक रख-रखाव किया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मार्ग पर नवीनीकरण का कोई कार्य कंसेशनायर द्वारा नहीं किया गया है। (घ) कंसेशनायर द्वारा महू घाटाबिल्लौद मार्ग पर चरणबद्ध रूप से नवीन डामरीकरण का कार्य नहीं किया गया है। (ड.) संधारण सतत् प्रक्रिया है। कंसेशनायर से मार्ग का संधारण कार्य अनुबंध में वर्णित प्रावधानानुसार करवाया जावेगा।
बरेला क्षेत्र के तालाबों का मेंटेनेंस
[जल संसाधन]
3. ( क्र. 81 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत बरेला क्षेत्र के तालाब सिलपुरी, सरौरा, खैरी, बैरागी, खम्हेरिया, हिनौतिया भौई गहरीकरण एवं मेंटेनेंस न होने के कारण सूखते जा रहे हैं? (ख) क्या जलस्तर नीचे चले जाने से दिन प्रतिदिन पानी की समस्या बढ़ती जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इन तालाबों का गहरीकरण एवं मेंटेनेंस किया जायेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत बरेला क्षेत्र के प्रश्नांश में उल्लेखित तालाब जल संसाधन विभाग के अधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
परियट एवं नर्मदा नदी में प्रदूषण से रोकथाम
[पर्यावरण]
4. ( क्र. 82 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिलान्तर्गत परियट नदी के आसपास स्थित डेयरियों से निकलने वाला गोबर, मूत्र विगत कई वर्षों से परियट नदी में बहाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या परियट नदी का जल प्रदूषण की खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है? (ग) क्या नर्मदा नदी में शहर के गंदे नालों एवं परियट का गोबरयुक्त पानी जाने से दूषित हो रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन जल प्रदूषण रोकने हेतु कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शहर से निकलने वाला ओमती नाला परियट नदी में मिलता है तथा परियट नदी ग्राम गनियारी के पास हिरन नदी में मिलती है। हिरन नदी लगभग 100 कि.मी. बहाव पश्चात् ग्राम साकलघाट के पास नर्मदा नदी में मिलती है। अतः पर्याप्त तनुकरण होने के कारण नर्मदा नदी का जल प्रदूषित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा डेयरियों से होने वाले प्रदूषण के नियंत्रण हेतु जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियिम, 1974 की धारा 33 ‘क‘ के तहत 122 डेयरियों को उत्पादन बन्द करने के नोटिस एवं निर्देश जारी किये गये थे। बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन करने के कारण 122 डेयरियों के विरूद्ध न्यायलयीन वाद दायर किये गये है। कार्यपालिक अधिकारी म.प्र. पशुधन एवं कु.वि. निगम जबलपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार पशुपालन विभाग की डेयरी स्टेट परियोजना नगर पंचायत बरेला अंतर्गत ग्राम खम्हरिया में निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसमें नदियों के किनारे स्थापित इच्छुक डेयरी व्यवसायियों भी डेयरी विस्थापन हेतु भूखंड प्राप्त कर डेयरी विस्थापन कर सकते है। परियोजना अंतर्गत निर्माण कार्य प्रदूषण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे है। जिसके अंतर्गत बायोगैस संयंत्र, दूषित जल उपचार संयंत्र, ड्रेनेज निर्माण आदि सम्मिलित है जिनके लगभग 01 वर्ष में पूर्ण होने की संभावना है।
श्रमिकों को योजनाओं का लाभ
[श्रम]
5. ( क्र. 386 ) श्री रामपाल सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून-19 की स्थिति में रायसेन जिले में कर्मकार मंडल (संबल योजना) मुख्यमंत्री जन कल्याण में कितने श्रमिक पंजीकृत है ग्राम पंचायतवार/शहरी क्षेत्र में वार्डवार संख्या बताये पंजीकृत श्रमिकों को क्या-क्या सुविधायें मिलती है? (ख) फरवरी 18 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में कितने श्रमिकों को किस-किस योजना में क्या-क्या लाभ मिला? किन-किनके आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) श्रमिकों को उक्त योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है तथा इस संबंध में किस-किस अधिकारी की क्या-क्या भूमिका है? (घ) श्रमिकों के पंजीयन के कितने आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है पंजीयन हेतु श्रमिकों को क्या-क्या करना पड़ता है इस हेतु किस-किस अधिकारी की क्या-क्या भूमिका है?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जून-19 की स्थिति में रायसेन में कुल 3,34,992 श्रमिक पंजीबद्ध है। ग्राम पंचायतवार/शहरी क्षेत्र में वार्डवार पंजीकृत श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पंजीकृत श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। दिनांक 15 जून 2019 तक पोर्टल पर स्वीकृत समस्त प्रकरणों में स्वीकृत राशि संबंधित सी.ई.ओ. एवं सी.एम.ओ. को आवंटित की स्थिति में कोई भी स्वीकृत प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) नगरीय क्षेत्र में सी.एम.ओ. नगरीय निकाय तथा ग्रामीण क्षेत्र में सी.ई.ओ. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत की पदाभिहित अधिकारी नियुक्त किया गया है। पदाभिहित अधिकारी को योजना की स्वीकृति के अधिकार हैं। (घ) पंजीयन हेतु असंगठित श्रमिक द्वारा निर्धारित प्रारूप में स्व घोषणा के आधार पर यथा स्थिति ग्राम पंचायत अथवा नगरीय निकाय में आवेदन किये जाने पर, पंजीयन अधिकारी द्वारा सत्यापन के पश्चात् पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत एवं शहरी क्षेत्र में सी.एम.ओ. एवं नगरीय निकाय को पंजीयन के अधिकार हैं। सत्यापन एवं पंजीयन हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
बांध, बैराज, स्टॉप डेम, नहरों का निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 401 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज सिलवानी तथा उदयपुरा में दिनांक 01.04.2014 से 30.06.2019 तक की अवधि में किन-किन बांध, बैराज, स्टॉप डेम का निर्माण कब-कब करवाया गया उनमें से कौन-कौन से कब से क्षतिग्रस्त है उनकी मरम्मत हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) वर्तमान में किन-किन बांधों में नहर निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है उनमें से किन-किन स्थानों पर नहरें टूट गई हैं किन-किन नहरों में पानी नहीं पहुंच रहा है किन-किन नहरों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है क्यों, कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्यों में मुआवजा राशि भुगतान हेतु किन-किन विधायकों के पत्र मान. मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए उन पर क्या क्या कार्यवाही की? (घ) जून, 2019 की स्थिति में किन-किन किसानों के मुआवजा राशि भुगतान के प्रकरण किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है मुआवजा राशि का भुगतान कब तक होगा विलम्ब के लिये कौन-कौन जवाबदार है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सभी निर्मित परियोजनाएं अच्छी स्थिति में होना प्रतिवेदित होने से मरम्मत कराने की आवश्यकता नहीं है। (ख) नगपुरा नगझिरी परियोजना की नहर लाईनिंग का कार्य प्रगति पर है वर्ष 2018 में सेमरी बांध एवं सेमराखास बांध की नहरें अत्यधिक वर्षा होने के कारण क्षतिग्रस्त हुई, जिसका सुधार कार्य करा लिया गया है। सभी परियोजनाओं से कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। मुआवजा राशि का भुगतान भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किए जाने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। विलंब के लिए किसी अधिकारी पर जवाबदेही नियत करने की स्थिति नहीं है।
स्थानांतरण की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
7. ( क्र. 436 ) श्री राहुल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत दमोह जिले अन्तर्गत समस्त महाविद्यालयों में ऐसे कितने अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं जिनका स्थानांतरण एक ही महाविद्यालय से पिछले 20 वर्षों में नहीं हुआ है। (ख) महाविद्यालयों के अधिकारी कर्मचारियों को एक ही स्थान पर लगातार पदस्थ रहने के लिए क्या कोई विशेष प्रावधान है यदि नहीं, तो ऐसे अधिकारी कर्मचारी जो लगातार एक ही महाविद्यालय में पिछले 10-15 वर्षों से पदस्थ हैं उनके स्थानांतरण क्यों नहीं किए गए?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) दमोह जिले के अंतर्गत एक ही महाविद्यालय में पिछले 20 वर्षों से पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। स्थानांतरण सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बनाई गई नीति अनुसार तथा स्वेच्छा से प्राप्त आवेदन एवं शिकायतों के आधार पर किये जाते हैं।
प्रयोगशाला परिचारकों की पदोन्नति
[उच्च शिक्षा]
8. ( क्र. 437 ) श्री राहुल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला परिचारक की पदोन्नति की क्या प्रक्रिया है? (ख) क्या प्रदेश के महाविद्यालयों में ऐसे प्रयोगशाला परिचारक कार्यरत हैं जिन्हें 20 वर्षों की सेवा अवधि में एक भी पदोन्नति का लाभ नहीं मिला है? (ग) क्या प्रदेश के महाविद्यालयों में ऐसे प्रयोगशाला परिचारक कार्यरत हैं जिन्होंने पदोन्नति की सभी अहर्ताएं प्राप्त की हुई है फिर भी पदोन्नति से वंचित हैं यदि हाँ, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) प्रयोगशाला परिचारक की पदोन्नति हेतु प्राचार्य द्वारा पात्रतानुसार प्रकरण तैयार कर संबंधित क्षेत्रिय अतिरिक्त संचालकों को प्रेषित किया जाता है। क्षेत्रिय अतिरिक्त संचालक द्वारा पदोन्नति से भरे जाने हेतु निर्धारित पदों की संख्या के अनुरूप प्रकरण का परीक्षण कर पदोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित कर निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन रहा तथा वर्तमान में समुचित कार्यवाही करने हेतु मार्गदर्शन प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
राष्ट्रीय पदक विजेताओं को खेलवृत्ति प्रदान करना
[खेल और युवा कल्याण]
9. ( क्र. 455 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा जनवरी 2019 में मध्यप्रदेश स्टेट क्रॉस कन्ट्री चैपियनशिप 2019 कराई गई थी? इनमें कटनी जिले के कितने खिलाड़ी कौन-कौन से इवेंट में चयनित किये गये? नाम एवं इवेंट सहित विवरण दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) चयनित खिलाड़ियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये? यदि हाँ, तो किन-किन खिलाड़ियों को? (ग) क्या यह सही है कि राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ी, प्रोत्साहन एवं पुरस्कार नियम 2019 के नियम क्रमांक 8 के अंतर्गत, निर्धारित प्रपत्र जिससे खेलवृत्ति मिलनी थी, का आवेदन पत्र प्रमाण पत्र के अभाव में भरने से वंचित रह गये? इस अनियमितता हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं तथा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या विभाग द्वारा विभागीय पत्र के माध्यम से राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को प्रश्नांश (ग) नियम के अंतर्गत राशि दिये जाने हेतु जिले के कलेक्टरों को निर्देशित किया जायेगा? नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भीषण गर्मी का प्रकोप
[पर्यावरण]
10. ( क्र. 1148 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में इस वर्ष भीषण गर्मी का प्रकोप रहा? जिसके कारण प्रदेश के कई जिलों में तापमान 44 डिग्री से भी अधिक रहा? क्या यह ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में पर्यावरण विभाग द्वारा तापमान को नियंत्रित करने के क्या-क्या मानव प्रयास किये जा रहे हैं? जिला स्तर पर इनके क्रियान्वयन की क्या योजनाएँ हैं तथा यह किस विभाग के माध्यम से क्रियान्वित होगीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ वर्तमान में यह ग्लोबल वार्मिंग नहीं बल्कि Climate Variability के लक्षण है। इस संबंध में वैज्ञानिक अध्ययन यह बताते है कि वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों की सान्द्रता बढ़ने से प्रदेश में औसत तापमान बढ़ रहा है। (ख) विभाग द्वारा जलवायु परिवर्तन विषय पर प्रशिक्षण, क्षमता विकास की गतिविधियां क्रियान्वित की जा रही है। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत विभिन्न परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, जिनमें कृषि वानिकी, ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने तथा फसल अवशेष को जलाने से रोकने की गतिविधियां है।
जल संरचनाओं का निर्माण
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 1149 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में विगत पाँच वर्षों में जल संसाधन विभाग द्वारा कितनी जल संरचनाओं का निर्माण किया गया वर्षवार उनकी संख्या एवं उनमें हुए व्यय की जानकारी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में कितने बड़े तालाब, स्टाप डेम, नहरों का निर्माण किया गया? विगत 5 वर्षों की प्रगति से अवगत करायें। (ग) विभाग द्वारा कितनी हितग्राही मूलक जल संरचनाओं का निर्माण कराया गया? विधानसभा क्षेत्रवार बताएँ। (घ) क्या विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में जिला अधिकारी द्वारा उदासीनता बरतने के कारण अपेक्षित परिणाम नही मिल पा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन स्तर से विभागीय कार्यों में इसके निर्देश प्रसारित होंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
ग्रामों को नहर योजना से जोड़ा जाना
[जल संसाधन]
12. ( क्र. 1164 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विकासखण्ड अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जो कि नहर योजना से वंचित हैं? क्या ऐसे ग्रामों को नहर योजना से जोड़ा जा सकेगा? (ख) यदि हाँ, तो कब तक ऐसे छूटे हुए ग्रामों को सिंचित करने हेतु नहर योजना से जोड़ा जा सकेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) सिरमौर विकासखण्ड अंतर्गत 83 ग्राम। प्रश्नाधीन ग्रामों को नहर योजना से जोड़े जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
स्वीकृत मार्गों के निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 1165 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरमौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा कितने मार्गों का निर्माण कार्य विगत 05 वर्षों में स्वीकृत किया गया था? क्या ऐसे सभी मार्गों के निर्माण हेतु टेण्डर प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि स्वीकृत मार्गों के निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं किया जा रहा है? ऐसे सभी मार्गों के निर्माण की क्या समय-सीमा सुनिश्चित की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
कुण्ड़ालिया वृहद परियोजना अंतर्गत डूब क्षेत्र
[जल संसाधन]
14. ( क्र. 1185 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत कुण्ड़ालिया वृहद परियोजना अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर की योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों के कितने भूस्वामियों की भूमि, भवन, आवासीय भूमि, व्यवसायी भूमि आदि का डूब क्षेत्र में भू-अर्जन कर मुआवजा राशि देना शेष है? भूस्वामियों को उनकी राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ख) अनुविभागिय अधिकारी (राजस्व) अनुविभाग सारंगपुर द्वारा वित्तिय वर्ष 2017-18,18-19 एवं 2019-20 में प्रश्न दिनाँक तक किन-किन ग्रामों के कितने भूस्वामियों की कृषि, आवासीय, व्यवसायी एवं आवासीय भूमि को डूब क्षेत्र में आने पर कुल कितनी मुआवजा राशि प्रदाय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ऐसे कितने भूस्वामी है जिन्होंने कि कम मुआवजा राशि मिलने पर असंतुष्ट होकर आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल को अपील की थी, आयुक्त द्वारा आपील के संदर्भ में दिये आदेशों, पर अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर ने क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मुआवजा भुगतान की कार्यवाही भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किए जाने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सारंगपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार असंतुष्ट भू-स्वामियों द्वारा आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल को अपील किए जाने के संबंध में कोई सूचना उनके कार्यालय को प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पचोर बायपास मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 1191 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत पचोर बायपास मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर है? यदि हाँ, तो लिंक रोड निर्माण के कार्यादेश की तिथि एवं कार्य प्रारम्भ करने की दिनांक तथा कार्य पूर्ण करने की दिनांक से अवगत करावें। कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य निर्धारित तिथि में पूर्ण हो जावेगा? यदि नहीं, तो कार्य में विलम्ब होने के क्या कारण हैं? कार्यों की समयानुसार अनुपातिक भौतिक प्रगति न होने के कारण ठेकेदार के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माणाधीन मार्ग को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
कबूलपुर परियोजना का निर्माण
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 1192 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालीसिन्ध नदी पर शाजापुर जिले के ग्राम कबूलपुर के पास कबूलपुर मध्यम परियोजना स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो उक्त योजना से कितने हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रस्तावित है? उक्त योजना से शाजापुर तहसील के कितने ग्रामों की कितनी हेक्टेयर एवं सारंगपुर तहसील के कितने ग्रामों के कितने हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी? तहसीलवार ग्रामवार सिंचाई के रकबे की जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या कालीसिंध नदी सारंगपुर तहसील से निकलती है? यदि हाँ, तो सारंगपुर तहसील के ग्रामों को सिंचाई के लाभ से वंचित रखने का क्या कारण है? (ग) क्या कालीसिंध नदी में बाढ़ आने पर उसमें किनारे बसे ग्रामीणों को उसका नुकसान उन्हें नहीं उठाना पड़ेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बाघिन नदी पर पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 1221 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बाघिन नदी पर खोरा गांव से भदईयां के बीच पुल न होने के कारण आमजन व बच्चों को शिक्षा एवं बाजार हेतु भदईया गावं से खोरा जाने में बरसात के समय काफी परेशनियों का सामना करना पड़ता है, आये दिन पानी में डूबने/बहने का खतरा बना रहता है (ख) यदि हाँ, तो इस नदी पर पुल निर्मित करवायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) उक्त मार्ग कच्चा है एवं लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका में नहीं है वर्तमान में बजट में शामिल न होने एवं सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नहरों पर अतिक्रमण से जल समस्या
[जल संसाधन]
18. ( क्र. 1222 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में धर्मसागर एवं लोकपाल सागर में जो पुरानी नहरे जुड़ी थी जिनके द्वारा दोनों तालाबों में पानी की आवक होती थी वर्तमान में बंद जीर्ण-शीर्ण हो गयी है एवं अतिक्रमण हो गया है यदि हाँ, तो जल समस्या को देखते हुए कब तक वहां से अतिक्रमण हटवाकर चालू एवं ठीक कराया जावेगा? (ख) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बिलखुरा बांध जिसकी नहर अहिरगुंवा कैम्प से होकर नहीं गुजर रही है, जिससे वहां के रहवासियों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है क्या इसके लिये अलग से कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या योजना बनाई गई है और नहर कब तक निर्मित की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। धर्मसागर एवं फीडर नहर शहरी क्षेत्र में होने तथा आबादी की बसाहट के कारण अतिक्रमित एवं जीर्णशीर्ण होकर पूर्णत: समाप्त होना प्रतिवेदित है। लोकपाल सागर तालाब स्टेट समय का निर्मित होकर जल संसाधन विभाग के आधिपत्य में तथा धर्मसागर तालाब नगरपालिका परिषद पन्ना के आधिपत्य में है। जिला प्रशासन की सहायता से अतिक्रमण हटाने हेतु प्रयास किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) बिलखुरा बांध की दाईं तट नहर अहिरगवां ग्राम से निकल रही है। जी नहीं। नहर का कार्य प्रगतिरत है एवं इससे अहिरगवां ग्राम की 200 हे. क्षेत्र में सिंचाई लाभ प्राप्त होगा। जी नहीं। नहर कार्य दिसम्बर 2019 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
कार्ड मुद्रण पर नियम विरूद्ध भुगतान
[श्रम]
19. ( क्र. 1229 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत सिवनी में संबल योजना अंतर्गत किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने कार्ड की मांग की गई थी तथा किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने कार्ड किस-किस तिथि में उपलब्ध कराये गये? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) क्या यह सही है कि संबल योजना अंतर्गत जिला पंचायत सिवनी के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा शासन के भण्डार क्रय नियमों का पालन न करते हुये बिना ई-टेंडरिंग के शहर के स्थानीय संचालक को ठेका देकर मनमर्जी से कार्ड छपवाकर 17 लाख 17 हजार 254 रूपये का भुगतान कर दिया गया है जबकि म.प्र. राजपत्र दिनांक 31 जुलाई 2015 के अनुसार भण्डार क्रय नियम में टेंडर हेतु कंडिका क्रमांक 11.2.2 के अनुसार पोर्टल में विज्ञापन के अलावा कम से कम दो राज्य स्तरीय समाचार तथा एक स्थानीय समाचार पत्र में निविदा प्रकाशित कराया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो, जिला पंचायत सिवनी में संबल योजना के कार्ड मुद्रण में इसका पालन क्यों नहीं किया गया? स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या जाँच कराई गई, जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। (घ) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भुगतान संबंधित संस्था को कलेक्टर सिवनी के अनुमोदन के बिना किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) विकासखण्ड एवं नगर पंचायतों तिथिवार उपलब्ध कराये गये कार्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार ई- टेंडरिंग नहीं की गई और न ही टेंडरिंग हेतु कोई विज्ञापन प्रकाशित किया गया, भण्डार क्रय नियमों के पालन किये बिना 17 लाख 17 हजार 254 का भुगतान कर दिया गया है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) के संबंध में विधानसभा निर्वाचन से शिकायतें प्राप्त हुई थी। तत्संबंध में 24 घंटों के भीतर शिकायत का निराकरण किया जाना था। तत्संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा शिकायत की प्रथम दृष्टया जाँच की गई। जाँच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। यह सही है कि भुगतान संबंधित संस्था को कलेक्टर सिवनी के अनुमोदन के बिना किया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग-7 का अपूर्ण निर्माण
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 1231 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा लखनादौन से सिवनी सड़क निर्माण कार्य के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत कर आपत्ति दी थी अथवा जानकारी मांगी थी? यदि हाँ, तो क्या आपत्ति थी? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता विधायक को सामान्य प्रशासन विभाग के विधायक के पत्रों के उत्तर देने के नियम के अनुसार जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो कब?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के अधीन नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भोपाल से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
जिले में स्वीकृत घोघरी डेम योजना
[जल संसाधन]
21. ( क्र. 1275 ) श्री निलय डागा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में घोघरी डेम प्रस्तावित/ स्वीकृत है? यदि स्वीकृत है तो स्वीकृति लागत एवं कितने हेक्टेयर में एवं कितने ग्राम/ जनसंख्या को विस्थापित किये जाने का प्रावधान हैं? (ख) इनमें से कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की जाना प्रस्तावित है एवं कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई हैं एवं कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की जाना शेष हैं? आदिवासी एवं गैर आदिवासी कृषकों का उल्लेख करें। (ग) घोघरी डेम से प्रभावित कृषकों को मुआवजा दिया जाने का क्या प्रावधान है एवं राशि आवंटित करने का नियम/ प्रावधान बताएं। (घ) अधिग्रहित किये गये किसानों में से किस-किस कृषक को मुआवजा वितरित किया जा चुका हैं एवं किस-किस कृषक को मुआवजा दिया जाना शेष हैं? (ड.) जिन किसानों को मुआवजा आवंटित किया गया है, या आवंटित किया जाना है उन प्रकरणों में क्या शासन के नियमों का पूर्ण रूपेण पालन किया गया है, यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। घोघरी मध्यम सिंचाई परियोजना की लागत रू. 318.86 करोड़ तथा सिंचाई क्षमता 9990 हे. है। परियोजना में कोई ग्राम विस्थापित नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रभावित कृषकों को भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधान अनुसार। प्रचलित कलेक्टर गाईड लाइन के अनुसार। कलेक्टर द्वारा राशि की मांग करने पर राशि उपलब्ध करायी जाती है। (घ) एवं (ड.) जी नहीं। अवार्ड पारित होना शेष होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
विद्युत् का प्री-मानसून मेंटेनेंस
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 1296 ) श्री विनय सक्सेना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल द्वारा विद्युत का प्री-मानसून मेंटेनेंस (अनुरक्षण एवं रख-रखाव) किया जाता है? (ख) उपरोक्त (क) के अनुसार मानसून मेंटेनेंस कब कब किया जाता है? (ग) विगत वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 (प्रश्न दिनांक तक) में मेंटेनेंस कब-कब किया गया? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (घ) क्या वर्ष 2018 में यह मानसून मेंटेनेंस किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा प्रत्येक वर्ष मानसून के पूर्व (प्री-मानसून) 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों, 33 के.व्ही. लाईनों, 11 के.व्ही. लाईनों, निम्नदाब लाईनों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों सहित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य किया जाता है। (ग) प्रदेश में उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में विद्युत अधोसंरचना के प्री-मानसून (माह अप्रैल से माह जून अथवा मानसून आने तक) रख-रखाव का कार्य आवश्यकता के अनुसार संपादित किया गया था वर्ष 2019-20 में भी विद्युत अधोसंरचना के प्री-मानसून (माह मई अंत से माह जून अथवा मानसून आने तक) रख-रखाव का कार्य आवश्यकता के अनुसार किया गया/किया जा रहा है। (घ) जी हाँ वर्ष 2018 में प्री-मानसून मेंटेनेंस का कार्य आवश्यकता के अनुसार किया गया था। अत: प्रश्न नहीं उठता।
दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 1297 ) श्री विनय सक्सेना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल द्वारा विद्युत् के प्री-मानसून मेंटेनेंस वर्ष 2018 में किया जाना सुनिश्चित था? यदि हाँ, तो क्या मेंटेनेंस कार्य किया गया था? (ख) उपरोक्त (क) अनुसार यदि मेंटेनेंस नही किया था तो क्यों? (ग) प्री-मानसून मेंटेनेंस न करने वाले दोषी अधिकारियों की पदनाम सहित जानकारी देवें तथा इन दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा प्रत्येक वर्ष मानसून के पूर्व (प्री-मानसून) 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों, 33 के.व्ही. लाईनों, 11 के.व्ही. लाईनों, निम्नदाब लाईनों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों सहित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य किया जाता है एवं तदनुसार विगत वर्ष 2018 में भी विद्युत अधोसंरचना के प्री-मानसून मेंटेनेंस का कार्य किया जाना सुनिश्चित था जो कि माह अप्रैल से माह जून/मानसून आने के पूर्व तक आवश्यकता के अनुसार किया गया था। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार आवश्यकता के अनुसार प्री-मानसून मेंटेनेंस का कार्य किये जाने के कारण कोई अधिकारी दोषी नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत विहीन ग्रामों में बिजली उपलब्ध कराना
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 1306 ) श्री जसमंत जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में एवं करैरा विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं जो आज दिनांक तक विद्युत विहीन है सूची उपलब्ध कराई जावे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उन ग्रामों में कंपनी/विभाग कब तक विद्युत सप्लाई का कार्य करा देगी? (ग) विद्युत विहीन ग्रामों में विद्युत पहुँचाने की क्या-क्या कार्ययोजना है और उस कार्ययोजना पर कब तक अमल होगा ब्यौरा देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) शिवपुरी जिले में कुल 1274 ग्राम हैं, जिनमें से 203 ग्राम करैरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। करैरा विधानसभा क्षेत्र सहित शिवपुरी जिले के सभी ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: वर्तमान में शिवपुरी जिले एवं करैरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी ग्राम विद्युत विहीन नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
हवाई जहाज से यात्रा की पात्रता
[खेल और युवा कल्याण]
25. ( क्र. 1315 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हवाई जहाज में यात्रा करने की पात्रता किस ग्रेड-पे तक के अधिकारियों को है। (ख) क्या खेल विभाग में प्रभारी संयुक्त संचालक रु. 6600 /- में नियुक्त होने के बाद भी कई वर्षों से लगातार नियम विरुद्ध हवाई यात्राएं कर यात्रा बिल का भुगतान प्राप्त कर रहे है? क्या इन्हें हवाई यात्रा करने की पात्रता है? (ग) इन्होंने विगत पाँच वर्षों में कितनी हवाई यात्राएं की है? यदि पात्रता नहीं है तो क्या यह आर्थिक अपराध की श्रेणी में नहीं आता? (घ) विभाग इस प्रकरण में क्या कार्यवाही करेगा।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्टेडियम का ट्रेक निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
26. ( क्र. 1317 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टी.टी.नगर स्टेडियम के नव-निर्मित ट्रैक के निर्माण हेतु लगभग 5 करोड़ की राशि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की गयी थी? (ख) क्या भारत सरकार की यह शर्त थी कि ट्रैक का निर्माण उनकी अनुमोदित फर्म से ही करवाया जावे। (ग) क्या भारत सरकार द्वारा जारी स्वीकृत शर्त के विपरीत खेल विभाग द्वारा अपना टेंडर कर ट्रैक का निर्माण कराया है? (घ) क्या भारत सरकार की शर्त के विपरीत खेल विभाग द्वारा ट्रैक का निर्माण किया गया इस कारण भारत सरकार द्वारा जारी स्वीकृत राशि देने से मना कर दिया है? (ड.) क्या जो राशि भारत सरकार द्वारा भुगतान किया जाना था, परन्तु शर्त के विपरीत कार्य कराने के कारण अब वह जिम्मेदारी राज्य शासन की हो गई है? (च) क्या प्रकरण की जाँच की जावेगी और दोषी के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी और यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (च) जानकारी संकलित की जा रही है।
बांध निर्माण में हो रहे सीपेज की जाँच
[जल संसाधन]
27. ( क्र. 1357 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उमरिया जिले के ग्राम सजनिया, पंचायत ठूंठा कुदरी में स्थित बांध में निरंतर सीपेज हो रहा हैं? (ख) बांध में हो रहे सीपेज के संबंध में क्षेत्र के निवासियों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री, कलेक्टर उमरिया को दिनांक 01.01.2017 से 31.12.2018 तक क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों का पूर्ण विवरण देवें। क्या शिकायतों की जाँच की गई? यदि हो तो जाँच में क्या पाया गया? (ग) अगर जाँच नहीं हुई तो क्यों नही हुई? जाँच में विलंब क्यों किया जा रहा हैं और जाँच कब तक पूर्ण करा ली जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) क्षेत्रीय निवासियों से प्राप्त शिकायतों का संधारण शासन स्तर पर नहीं किया जाता है। मैदानी कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार कोई शिकायत नहीं प्राप्त होना प्रतिवेदित है। सीपेज नहीं होने से जाँच कराने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
शासकीय महाविद्यालय में पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
28. ( क्र. 1358 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां महाविद्यालय कब से संचालित हैं और उनमें किन-किन विषयों का अध्ययन कार्य होता हैं? (ख) क्या चंदिया, मानपुर, नौरोजाबाद तथा आदर्श महाविद्यालय उमरिया में प्राचार्य के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो कब से? स्थाई रूप से प्राचार्य की नियुक्ति कब तक कर दी जायेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के महाविद्यालय नौरोजाबाद व उमरिया में भौतिक शास्त्र, प्राणीशास्त्र, गणित, वनस्पतिशास्त्र के सहायक प्राध्यापक भी नहीं हैं? क्या उमरिया महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी एवं वाणिज्य के भी सहायक प्राध्यापक के पद रिक्त हैं? (घ) शासकीय महाविद्यालय उमरिया में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय, उमरिया, शासकीय आदर्श महाविद्यालय, उमरिया, शासकीय महाविद्यालय, नौरोजाबाद एवं शासकीय महाविद्यालय, चंदिया संचालित हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, चंदिया में दिनांक 05.08.2013, शासकीय महाविद्यालय, मानपुर में दिनांक 05.08.2013, शासकीय महाविद्यालय, नौरोजाबाद में दिनांक 09.09.2016 एवं शासकीय आदर्श महाविद्यालय, उमरिया में दिनांक 14.09.2017 से पद रिक्त हैं। पद पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) शासकीय महाविद्यालय, उमरिया में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 06 पद रिक्त हैं। पद पूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लाइन मेन एवं निचले स्तर के कर्मचारियों की नियुक्ति
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 1375 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में वर्तमान में कुल कितने लाइन मेन एवं तकनीकी कर्मचारी नियुक्त है पद एवं संख्या बताये। इसमें से 55 वर्ष के ऊपर के नियमित कितने कर्मचारी हैं, पद सहित संख्या बतावें। (ख) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में तकनीकी आउटसोर्स के कर्मचारी से कार्य कराया जा रहा है यदि हाँ, तो इनकी कुल संख्या क्या हैं? क्या कम्पनी द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि आउटसोर्स के कर्मचारी बिजली सुधार हेतु बिजली के खम्भे में नहीं चढ़ सकते हैं यदि हाँ, तो बिजली फाल्ट की शिकायत को समय से कैसे सुधारा जाता है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में कितने स्काडा सेन्टर संचालित है? बिजली फाल्ट तलाशने के लिए पूर्व सिस्टम से परमिट कितने समय में मिल जाता था और अब स्काडा सेन्टर में कितना समय लगता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में वर्तमान में कुल 5587 लाईनमेन एवं अन्य तकनीकी कर्मचारी (नियमित कार्मिक) पदस्थ है जिनमें से 2951 ऐसे है जिनकी आयु 55 वर्ष के ऊपर है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत पदस्थ उक्त नियमित कर्मचारियों की पदवार संख्या एवं इनमें से 55 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों की पदवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत 10057 तकनीकी आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत है। जी हाँ, तकनीकी आउटसोर्स कर्मचरियों के खम्भे पर नहीं चढ़ने के निर्देश हैं। नियमित कर्मचारियों द्वारा फाल्ट की शिकायत प्राप्त होने पर उसका निराकरण यथासंभव निर्धारित अवधि में किया जाता है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत एक स्काडा सेंटर जबलपुर शहर में संचालित है। तकनीकी रूप से पूर्व सिस्टम की तुलना में स्काडा सिस्टम से परमिट लेने के समय में कमी आना अपेक्षित नहीं है तथापि स्काडा सिस्टम में फीडर का फाल्ट वाला सेक्शन प्रदर्शित हो जाता है जिससे मेन्टेनेंस गैंग द्वारा स्थल पर पहुंचकर सुधार कार्य कर फीडर को पुनः ऊर्जीकृत करने में कम समय लगता है। स्काडा सिस्टम लग जाने के पश्चात फाल्ट दुरूस्त कर लाईने ऊर्जीकृत करने में औसतन 30 मिनट प्रति अवरोध समय की कमी परिलक्षित हुई है।
बायपास मार्ग के अधूरे निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 1421 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 973 दिनांक 29.02.2016 अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3931 दिनांक 09.03.2017 अतारांकित प्रश्न क्र. 1107 दिनांक 04.12.2017 तथा अतारांकित प्रश्न क्र. 361 दिनांक 27.02.2018 तथा तारांकित प्रश्न क्र. 680 दिनांक 21.02.2019 के उत्तरांश में बताया गया था कि एकरेखण में परिवर्तन एवं लागत में बढ़ोत्तरी के कारण एकरेखण परिवर्तन सैद्धांतिक स्वीकृति की नये सिरे से कार्यवाही की जायेगी एवं उत्तरांश (ख) में बताया गया था कि अत्यधिक लागत आने के कारण एकरेखण परिवर्तन की सैद्धांतिक स्वीकृति का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। सैद्धांतिक स्वीकृति जारी होने के उपरान्त कार्यवाही की जायेगी, तो क्या एकरेखण में परिवर्तन की सैद्धांतिक स्वीकृति जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब और कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन पूर्व में स्वीकृति उपरान्त बायपास के अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण कराये जाने हेतु एवं शहर में बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुये एकरेखण में परिवर्तन एवं लागत में बढ़ोत्तरी कर स्वीकृति प्रदान करेगा और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) भारी यातायात एवं स्थानीय यातायात हेतु एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा निर्मित वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध है। अत: एकरेखण में भू-अर्जन की राशि मार्ग निर्माण की राशि की तुलना में लगभग 5 गुना अधिक होने से स्वीकृति प्रदान नहीं की गई।
कूड़ो खेल को खेलों की सूची में शामिल कराये जाना
[खेल और युवा कल्याण]
31. ( क्र. 1422 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कूडो का खेल युवाओं में काफी लोकप्रिय है एवं विगत वर्षों में कूडो की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगितायें मध्यप्रदेश के सागर शहर में आयोजित हो चुकी है जिसमें मध्यप्रदेश ओवरऑल चैम्पियन बना था, यदि हाँ, तो इतने लोकप्रिय खेल को खेल विभाग द्वारा अभी तक अधिकारिक रूप से खेल की सूची में शामिल न किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन खेल विभाग कूडो जैसे लोकप्रिय खेल को अधिकारिक रूप से खेलों की सूची में शामिल कराने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) कूडो की प्रतियोगिता स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित की गई है, जिसका खेल और युवा कल्याण विभाग से कोई संबंध नहीं है। ओलम्पिक, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित खेलों की प्रतियोगितायें विभाग द्वारा आयोजित की जाती है। कूडो खेल ओलम्पिक/एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित नहीं होने से आधिकारिक खेलों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ, विचार किया जाएगा।
टोल टैक्स की वसूली
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 1518 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में मनगवां से हनुमना फोर-लेन सड़क का निर्माण किस दिनांक को शुरू किया गया था। उक्त सड़क बनाने के पूर्व मनगवां से हनुमना तक सड़क के दोनों ओर कुल कितनी-कितनी हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के लिये 3ए का प्रकाशन प्रश्न तिथि तक किन-किन दिनांकों को किस-किस ग्राम की किस-किस नाम के व्यक्ति की भूमि के लिये किया गया। ग्रामवार/भूमिस्वामी के नामवार एवं कितनी भूमि का अधिग्रहण किस दर से किया गया की जानकारी उसे दिये गये मुआवजे की रकम सहित दे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मनगवां हनुमना फोर लेन में प्रश्नतिथि तक 3ए के प्रकाशन के बाद 3डी का कब-कब प्रकाशन हुआ? क्या 3ए के प्रकाशन के एक वर्ष बाद 3डी का प्रकाशन होना आवश्यक है? कितनी बार एक भूमि का 3ए का प्रकाशन हुआ? भू-अर्जन की प्रक्रिया और मुआवजे में देरी का दोषी कौन है? नाम/पदनाम दें। 1500 से ज्यादा लोगों को प्रश्नतिथि तक मुआवजा नहीं मिला है। मुआवजा नहीं बांटे जाने के बाद भी क्या उक्त सड़क पर टोल नाके शुरू हैं। क्या टोल टैक्स वसूला जा रहा है? (ग) क्या इस रोड पर टोल टैक्स लेना शुरू हैं? क्या मनगवां से हनुमना मार्ग के दोनों ओर साईड रोड एवं अण्डर ब्रिज अधूरे पड़े हैं? दोनों ओर रहने वाले ग्रामीणों को अण्डर ब्रिज अधूरे होने व साईड रोड के न बनने पर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है सड़क चौड़ीकरण के समय जो हैण्डपंप उखाड़े गये उन्हें प्रश्नतिथि तक क्यों नहीं लगाया है? कितने हैण्डपंप उखाड़े गये? कितने वापस बोर कर नये शुरू किये हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में उल्लेखित मुआवजा नहीं बंटने, साईडें व अण्डरब्रिज अधूरे होने, हैण्डपंपों सहित अन्य कार्य नहीं होने के बाद टोल टैक्स वसूला जाना अवैध है? तत्काल टोल टैक्स वसूला जाना बंद करवाकर संबधित अधिकारियों को तत्काल निलंबित किये जाने की राज्य शासन कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 20.02.2013 को था। उक्त सड़क बनाने के पूर्व मनगवां से हनुमना तक सड़क के दोनों ओर अधिग्रहण हेतु 348.998 हे. भूमि के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा 3ए की अधिसूचना का प्रकाशन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार प्रश्न तिथि तक किया गया था। शेष जानकारी हेतु उक्त अधिसूचना की प्रति तथा संबंधित अधिनिर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रीवा-हनुमना फोर-लेन में प्रश्न तिथि तक राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3ए की अधिसूचना के प्रकाशन के बाद धारा 3डी की अधिसूचना के प्रकाशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शायी गई है। जी नहीं। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के अनुसार धारा 3ए की अधिसूचना के प्रकाशन के एक वर्ष के अन्दर धारा 3डी की अधिसूचना का प्रकाशन हो जाना अनिवार्य है। एक खसरे नंबर की भूमि के अधिनिर्णित भाग का राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा 3ए की अधिसूचना का प्रकाशन एक बार ही किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3 (ए) के प्रावधान अनुसार भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उक्त मार्ग के भू-अर्जन हेतु सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है। भू-अर्जन, मुआवजा निर्धारण तथा मुआवजे के वितरण का अधिकारी उन्हें सौंपा गया है। भू-अर्जन की प्रक्रिया नियमानुसार निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पूर्ण की गई है। छूटी हुई भूमि का अर्जन प्रक्रियाधीन है, अत: देरी हेतु किसी के दोषी होने का प्रश्न ही नहीं है। मुआवजा वितरण संबंधित सक्षम प्राधिकारी के अधिकार क्षेत्र में है, अत: मुआवजे के वितरण में किसी भी प्रकार के विलंब संबंधित सक्षम प्राधिकारी हनुमना, मऊगंज, मनगंवा, रायपुर कर्चुलियान एवं हुजूर से संबंधित है। जी नहीं। कुछ लोगों का मुआवजा वितरण प्रश्न तिथि तक शेष है। जी हाँ। उक्त सड़क पर टोल का संग्रहण संबंधित कंशेसन अनुबंध के अनुसार किया जा रहा है। (ग) जी हाँ इस रोड पर संबंधित कंशेसन अनुबंध के प्रावधान अनुसार टोल टैक्स लिया जा रहा है। जी नहीं। अण्डर ब्रिज का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा साईड रोड का कुछ कार्य शेष है जिस हेतु अर्जन की कार्यवाही प्रगतिरत है। अर्जन उपरांत शीघ्र ही उन स्थानों पर साईड रोड के शेष भाग का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा। जी नहीं। सड़क चौड़ीकरण के समय प्रभावित 151 नग हैण्डपंपों को उचित स्थान पर विस्थापित कर दिया गया है, कोई भी हैण्डपंप लगाना शेष नहीं है। (घ) जी नहीं। संबंधित कंसेशन अनुबंध के प्रावधान अनुसार टोल टैक्स का संग्रहण किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बांधों की खराब स्थिति
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 1519 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की विधान सभा क्षेत्र मऊगंज में लघु/मध्यम/वृहद् कुल कितने, किस स्थान पर कितने हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता वाले बांध किस-किस दिनांक को बनाये गये हैं। इन बांधों में पानी की भराव क्षमता क्या है। बांधवार दें। बतायें कि इन बांधों की माईनर नहर कितनी–कितनी लंबी (किलोमीटर में) हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित बांधों का कैचमेंट एरिया कितना-कितना हैं? बांधवार/स्थानवार/एरियावार अलग-अलग जानकारी दें? इन बांधों के लिये प्रश्न तिथि तक अधिग्रहित की गई किस-किस ग्राम की कितने-कितने हेक्टेयर भूमियों का मुआवजा बांटा जा चुका है? कहां-कहां का कितना-कितना मुआवजा किस-किस ग्राम के कितने व्यक्तियों का कब से किन कारणों से बाकी है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन बांधों के दरवाजों (सुलुस) कब से खराब हैं? पानी का रिसाव लगातार होने से बांधों में ग्रीष्म ऋतु में पानी कम क्यों हो जाता है? सीपेज रोकने की प्रत्येक बांध में क्या-क्या व्यवस्था की गई है? बांधवार जानकारी दें। इन बांधों की रिपेयरिंग का टेण्डर प्रश्नकर्ता के द्वारा दिये गये धरने के बाद लगाया है। अगर नहीं तो टेण्डर किस दिनांक को जारी हुआ? प्रश्नकर्ता ने धरना एवं ज्ञापन किस दिनांक को दिया? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित बांधों की मुख्य एवं माईनर नहरों में पानी के बहाव एवं पानी छोड़ने की क्या स्थिति है? क्या मुख्य एवं माईनर नहरें टूटी-फूटी नहीं है? स्केप एवं फाल हर बांध में आधे अधूरे बने हैं। उक्त बांधों का घटिया निर्माण के लिये किस नाम पदनाम का अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? राज्य शासन उन पर कब व क्या कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) पीताम्बरगढ़ तालाब का स्लूस वर्ष 2015 से खराब होना प्रतिवेदित है। जी हाँ, सीपेज होने से। सीपेज रोकने के लिए वार्षिक मरम्मत के अंतर्गत प्राक्कलन स्वीकृत कर निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। मान. सदस्य द्वारा दिनांक 08.06.2019 को धरना एवं ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मऊगंज को दिया जाना प्रतिवेदित है। (घ) वर्तमान में बांधों से नहरों में पानी छोड़ने की स्थिति नहीं है। प्रश्नाधीन बांधों की मुख्य एवं माइनर नहरें टूटी-फूटी होना प्रतिवेदित नहीं है। आवश्यकता होने पर वर्षाऋतु उपरांत जल उपभोक्ता संथाओं से साधारण मरम्मत के कार्य करवा कर रबी सिंचाई की जाती है। जी नहीं। बांध का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण कराए गए होने से किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बड़नगर-केसुर मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 1543 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के बड़नगर-केसुर मार्ग कब स्वीकृत किया गया था एवं उक्त निर्माण की स्वीकृत राशि कितनी है?, कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक खर्च की जा चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कार्य कौन सी कम्पनी कर रही है एवं कार्य प्रारंभ कब किया गया है एवं निविदा की शर्तों के अनुसार कितने समय में सड़क निर्माण पूर्ण होना है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सड़क निर्माण कार्य की गति धीमी रहने के क्या कारण है एवं विभाग द्वारा निर्माण एजेन्सी पर कार्य प्रारम्भ नहीं होने पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? निर्माण एजेन्सी द्वारा सड़क निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
100 बिस्तर अस्पताल निर्माण
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 1557 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा के अंतर्गत बड़नगर में 100 बिस्तरीय अस्पताल का निर्माण कब स्वीकृत किया गया? किस एजेन्सी को इसका वर्कआर्डर किस दिनांक एवं वर्ष को जारी किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में निर्माण एजेन्सी को अनुबंध अनुसार उक्त अस्पताल कितने समय में पूर्ण करना था? समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? पत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) निर्माण एजेन्सी को प्रश्न दिनांक तक कितना भुगतान किया गया एवं मौके पर कितना कार्य पूर्ण हुआ है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 17.07.2013 को। मेसर्स सी.एम.एम. इन्फ्रा. प्रोजेक्ट लिमिटेड इन्दौर को वर्ष 2015-16 में दिनांक 10.04.2015 को वर्क आर्डर जारी किया गया है। (ख) कार्यादेश दिनांक से 21 माह। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रू. 362.28 लाख। अस्पताल भवन के ब्लॉक ए एवं सी का भूतल स्लेब कार्य पूर्ण। ब्लॉक डी का प्लिंथ कार्य पूर्ण।
खेल प्रोत्साहन के लिए शासन स्तर से सुविधाएं
[खेल और युवा कल्याण]
36. ( क्र. 1562 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीण युवाओं को खेल प्रोत्साहन के लिए शासन स्तर से क्या सुविधा दी जाना है? सुविधा का खेलवार सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) ग्रामीण क्षेत्र में कबड्डी व कुश्ती प्रतियोगिता के लिए आधुनिक तरीके से खेलने के लिए मेट-गद्दे के लिए क्या मापदंड है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।
बिजली कटौती
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 1643 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में बिजली कम्पनी द्वारा जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि रख-रखाव पर व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या रख-रखाव के नाम से सिर्फ खाना पूर्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो प्रतिदिन सामान्य स्थिति में भी बिजली कटौती क्यों की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) नीमच जिले में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा माह जनवरी-2019 से 15 जून-2019 तक विद्युत अद्योसंरचना के रख-रखाव कार्य पर रू. 8 लाख की राशि व्यय की गई है। (ख) जी नहीं। नीमच जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में कहीं भी विद्युत कटौती नहीं की जा रही है तथापि कतिपय अवसरों पर प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों तथा समय-समय पर आवश्यकतानुसार विद्युत अद्योसंरचना का मेन्टेनेंस कार्य आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य परिस्थितियों में विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसे शीघ्रातिशीघ्र सुधार कार्य पूर्ण कर चालू कर दिया जाता है।
बापचा डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
38. ( क्र. 1655 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर-मालवा जिले में सिंचाई विभाग द्वारा ग्राम पंचायत बापचा के समीप बापचा डेम निर्माण हेतु कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बापचा डेम निर्माण हेतु यदि कोई योजना तैयार नहीं हुई, तो क्या भविष्य में योजना बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) आगर विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई हेतु वर्तमान में विभाग द्वारा कौन-कौन सी परियोजना प्रस्तावित है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। जी हाँ वर्तमान में कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
तेन्दूखेड़ा अमाना मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 1662 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संभाग तेन्दूखेड़ा में तेन्दूखेड़ा-अमाना मार्ग विगत 1 वर्ष से पूर्णत: क्षतिग्रस्त है? प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही है, कई लोगों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन आज दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? इसका क्या कारण है? किस निर्माण एजेंसी को उक्त रोड के निर्माण कार्य का आदेश प्राप्त हुआ है? कब तक इस मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जायेगा? कब तक रोड निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा? (ख) पूर्व में एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा दमोह-कटंगी-जबलपुर मार्ग का निर्माण किया गया था, जिसमें ग्राम नोहटा के आबादी क्षेत्र में डिवाईडर का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया था, जो वर्तमान में पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो चुका है तथा मार्ग भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है? डिवाईडर का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कराया जायेगा तथा क्षतिग्रस्त मार्ग कब तक आरंभ किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं, आंशिक क्षतिग्रस्त है। मार्ग पर प्रतिदिन दुर्घटना एवं मौत होने सम्बंधी जानकारी निगम के संज्ञान में नहीं है खनिज एवं वन विभाग से वांछित अनुमति प्राप्त न होने के कारण कार्य समय पर प्रारंभ नहीं हुआ। मे. प्रकाश अश्फल्टिंग एंड टोल हाईवेज इंडिया लिमिटेड महू वन विभाग से अनुमति प्राप्त हो चुकी है कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जावेगा। दिनांक 30.06.2020 तक पूर्ण होना संभावित। (ख) जी हाँ। डिवाईडर के निर्माण/मरम्मत कार्य एवं क्षतिग्रस्त मार्ग के मरम्मत कार्य हेतु निवेशक को निर्देशित किया जा चुका है एवं शीघ्र कार्य प्रारंभ किये जाने की संभावना है।
अक्षय ऊर्जा के लाभान्वित एवं वंचित ग्रामों की जानकारी
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 1667 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्राम विद्युतीकरण से वंचित हैं तथा कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है? वंचित ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) अक्षय (सौर) ऊर्जा के तहत किन-किन ग्रामों को लाभान्वित किया गया है एवं कितने ग्रामों में स्वीकृत है तथा कितने ग्रामों में प्रस्तावित हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) जबेरा विधानसभा क्षेत्र सहित दमोह जिले के अंतर्गत 17 ग्रामों के घरों को सोलर फोटोवोल्टिक पैनल के माध्यम से विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया गया है, जिनकी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य अन्यत्र कहीं भी स्वीकृत/प्रस्तावित नहीं है।
फोर-लेन रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 1691 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर क्षेत्र के उतावली पुल से ताप्ती पुल तक फोर-लेन रोड एवं डिवाइडर संबंधी क्या कोई योजना बनाई गई है, यदि हाँ, तो इस योजना का नाम एवं लागत क्या है। (ख) यदि उक्त प्रकार की योजना नहीं बनाई गई है तो क्या उक्त रोड पर दुर्घटना के आंकड़े एवं यातायात दबाव को देखते हुये कोई योजना भविष्य में बनाने का विचार है यदि हाँ, तो कृपया जानकारी प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांश भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित। परियोजना निदेशक, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इन्दौर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित। परियोजना निदेशक, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इन्दौर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
इन्दौर से ईच्छापुर रोड का फोर-लेन निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 1696 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर से ईच्छापुर रोड के फोर-लेन निर्माण संबंधी क्या योजना बनाई गई है, इसकी योजना का नाम, लागत क्या है। उक्त योजना में बुरहानपुर बायपास फोर-लेन रोड भी सम्मिलित किया गया है। (ख) क्या उक्त कार्य का सर्वे पूर्ण होकर डी.पी.आर. तैयार हो गई है एवं उक्त योजना कब तक प्रारंभ होकर कब तक पूर्ण होगी। (ग) क्या इन्दौर-ईच्छापुर फोर-लेन रोड के अलावा इन्दौर-खण्डवा फोर-लेन रोड की योजना बनाई गई है यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (घ) उक्त योजना में पुल-पुलियां एवं फ्लाई ओवर भी सम्मिलित किये गये है, यदि हाँ, तो सूची प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
दोषी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करना
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 1766 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जे.पी.एसोसिएट रीवा द्वारा अपने फैक्ट्री के उपयोग हेतु पावर प्लांट लगाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी क्षमता का एवं इसका उपयोग कहाँ किया जाता है? (ग) क्या इस पावर प्लांट से फैक्ट्री के बाहर भी विद्युत कनेक्शन देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति देवें एवं फैक्ट्री के बाहर किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं को कनेक्शन दिया गया है, कनेक्शनवार विवरण सहित जानकारी देवें एवं इनसे कितना विद्युत अधिभार लिया जा रहा है देयक की प्रति के साथ जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार क्या फैक्ट्री द्वारा ऊर्जा विभाग से अनुमति प्राप्त कर विद्युत कनेक्शन दिया गया है? यदि नहीं, तो बिना अनुमति प्राप्त किए अवैध कनेक्शन देकर वसूली करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, मेसर्स जे.पी.एसोसिएट, रीवा द्वारा स्वयं के उपयोग हेतु कैप्टिव पावर प्लांट लगाया गया है। (ख) मेसर्स जे.पी. एसोसिएट, रीवा द्वारा स्थापित कैप्टिव पावर प्लांट में 2 विद्युत उत्पादन यूनिट है, जिनकी क्षमता क्रमश: 38.5 मेगावाट एवं 2.25 मेगावाट है। इस कैप्टिव पावर प्लांट से उत्पादित विद्युत का उपयोग मेसर्स जे.पी. एसोसिएट, रीवा द्वारा स्वयं के सीमेंट प्लांट, कैप्टिव माइन्स एवं फैक्ट्री की कालोनी में किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। उक्त कैप्टिव पावर प्लांट से फैक्ट्री के बाहर किसी भी व्यक्ति/संस्था को कनेक्शन नहीं दिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
इन्दौर जिले के तालाबों पर अतिक्रमण
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 1817 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले के समस्त गाँवों में निर्मित सरकारी तालाबों के मूल रकबे पर अतिक्रमित क्षेत्र कितना है? (ख) अतिक्रमणकर्ताओं को कब-कब नोटिस जारी किये गए? अतिक्रमण के संज्ञान में आने पर विधान अनुसार कब-कब कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की तो क्यों नहीं की?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) इंदौर जिले में जल संसाधन विभाग अंतर्गत निर्मित 58 तालाबों के मूल रकबे में कोई अतिक्रमण नहीं होना प्रतिवेदित होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा प्रशिक्षण
[श्रम]
45. ( क्र. 1818 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा इन्दौर शहर में आई.टी.आर.सी. संस्थान को दिनांक 1 अप्रैल 2017 से 30 सितम्बर 2018 तक कुल कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण हेतु कार्यादेश दिया गया? (ख) समस्त प्रशिक्षण बैच के कार्यादेश की कॉपी, आई.टी.आर.सी. संस्थान को किए गए भुगतान की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) समस्त प्रशिक्षणार्थियों की बैचवार जानकारी, उनका नाम, पता उपलब्ध करावें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल द्वारा इंदौर जिले में आई.टी.आर.सी. संस्थान को दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से 30 सितम्बर, 2018 तक कुल 400 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण हेतु कार्यादेश दिया गया है। (ख) समस्त प्रशिक्षण बैच के कार्यादेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इंदौर जिले में आई.टी.आर.सी. संस्थान को कौशल प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत सहायक श्रमायुक्त, इंदौर द्वारा किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) समस्त प्रशिक्षणार्थियों की बैचवार, नामवार एवं पतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय का भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
46. ( क्र. 1832 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शा. कालिदास कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय उज्जैन के भवन निर्माण की भूमि का पूजन कब हुआ था? भवन निर्माण का ठेका कब हुआ तथा ठेका शर्तों में कब तक निर्माण कार्य पूरा किया जाना था? (ख) वर्तमान में महाविद्यालय भवन निर्माण की स्थिति क्या है और कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ग) अगर शा. कालिदास कन्या महाविद्यालय उज्जैन नवीन भवन में स्थानांतरित नहीं होता है और वर्तमान किराये का भवन जो जर्जर है, में कोई हादसा हो जाता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शासकीय कालीदास कन्या महाविद्यालय, उज्जैन के भवन निर्माण हेतु भूमिपूजन दिनांक 29 जून, 2010 को हुआ था। भवन निर्माण का ठेका दिनांक 24.09.2013 को हुआ था, ठेका शर्तों के अनुसार भवन का निर्माण कार्य 18 माह की अवधि में पूर्ण होना था। (ख) वर्तमान में महाविद्यालय के नवीन भवन के भूतल का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। अद्यतन समीक्षानुसार निर्माण एजेंसी द्वारा प्रथम तल का निर्माण दिनांक 15.07.2019 तक तथा संपूर्ण भवन निर्माण दिनांक 30.09.2019 तक पूर्ण होना है। (ग) शासकीय कालिदास कन्या महाविद्यालय, उज्जैन के नवीन भवन के भूतल का कार्य पूर्ण हो चुका है जिसमें महाविद्यालय को स्थानांतरित किये जाने की कार्यवाही चल रही है वर्तमान सत्र का शैक्षणिक एवं प्रवेश कार्य नवीन भवन में ही संचालित किया जा रहा हैं। महाविद्यालय का कार्यालय भी इंटरनेट कनेक्शन प्राप्त होते ही नये भवन में शीघ्र स्थानांतरित किया जायेगा। अतः शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
हलाली बांध की नहरों का मरम्मत कार्य
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 1843 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत हलाली बांध की नहरों का मरम्मत कार्य किस वर्ष में कराया गया था? क्या वर्तमान में नहरों का मरम्मत कार्य किया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो हलाली बांध की नहरों के मरम्मत कार्य हेतु निविदा जारी की गई है? यदि हाँ, तो निविदा किस दर पर कितनी राशि की, जारी की गयी है। यदि नहीं, तो विभाग की क्या योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) हलाली बांध की नहरों का प्रतिवर्ष आवश्यकता अनुसार वार्षिक मरम्मत के अंतर्गत सुधार कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है वर्षाकाल पश्चात रबी सिंचाई के पूर्व आवश्यकता होने पर सुधार कार्य कराए जाते हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पुल निर्माण की उच्च स्तरीय जाँच
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 1881 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. को उ.प्र. से जोड़ने वाला उसैदघाट पुल जो कि अम्बाह विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, का निर्माण कार्य चल रहा है? यदि हाँ, तो कब से किस ठेकेदार/कंपनी द्वारा कराया जा रहा है, उस कंपनी/ठेकेदार का नाम, पता व क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पुल के घटिया निर्माण होने के संबंध में जनता की शिकायत के आधार पर प्रश्नकर्ता द्वारा मौके पर निरीक्षण किया जाकर घटिया निर्माण होने की शिकायत शासन को की गई थी एवं उक्त प्रकरण मीडिया में भी छाया रहा? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत की जाँच कराई गई या नहीं? यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट प्रदाय करावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या शासन द्वारा इस अति महत्वपूर्ण लोक हित के पुल के संबंध में विधान सभा की उच्च स्तरीय समिति से जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। दिनांक 04-04-2018 से ठेकेदार मेसर्स विनोद कुमार शुक्ला कन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. पता- एम.आई.जी.-149, ई-7 अरेरा कॉलोनी भोपाल द्वारा किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, उक्त पुल के निर्माण में उपयोग की जा रही रेत की गुणवत्ता के संबंध में माननीय विधायक द्वारा मौके पर निरीक्षण उपरांत कलेक्टर जिला मुरैना को शिकायत की गई थी। उक्त कार्य के संबंध में कलेक्टर जिला मुरैना द्वारा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जाँच कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग मुरैना के माध्यम से कराई गई। जाँच अधिकारी द्वारा स्थल से निर्माण में उपयोग में की जा रही रेत के नमूने एकत्रित कर लो.नि.वि. की अनुसंधान प्रयोगशाला ग्वालियर में परीक्षण कराया गया। परीक्षण परिणामों के आधार पर जाँच अधिकारी द्वारा कार्य में उपयोग की गई निर्माण सामग्री (रेत) मानक अनुरूप पाये जाने संबंधित प्रतिवेदन दिनांक 11-02-2019 को कलेक्टर मुरैना को प्रेषित किया गया। (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है) (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन राज्य शासन का सर्तकता संगठन अर्थात मुख्य तकनीकी परीक्षक द्वारा दिनांक 09-04-2019 को निर्माण स्थल का औचक निरीक्षण किया गया। मौके पर मुख्य तकनीकी परीक्षक महोदय एवं उनके दल द्वारा प्रगतिरत कार्य का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया तथा निर्माण कार्य के उपयोग में लाई जा रही निर्माण सामग्री जैसे लोहा, ओ.पी.सी., सीमेंट, गिट्टी, रेत तथा कॉन्क्रीट की स्ट्रेंथ स्थल पर स्थापित प्रयोगशाला में जाँच की गई तथा जाँच दल द्वारा उपयोग में लाई गई निर्माण सामग्री एवं निर्माण कार्य को मानक एवं मापदण्डानुसार पाया गया। अत: पुन: जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नही होता है।
टावर लगाने की अनुमति
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 1893 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर शहर वृत्त अंतर्गत रिलायन्स जियो इन्फो.कं. के कितने मोबाइल टावरों के लिये विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाने हेतु दिये गये, आवेदन स्वीकृत किये गये? जिनमें 15 जून, 2019 तक कितने विद्युत कनेक्शन दिये गये? उपरोक्त में से कितने प्रकरणों में कंपनी द्वारा स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर नहीं लगाये गये हैं? (ख) जियो कंपनी ने बिजली पोल में फायबर केबल डालने के लिये कितनी राशि जमा कराई गई? क्या पोल पर डी.बी. लगाने की अनुमति दी गई है? यदि हाँ, उसके आदेश/अनुबंध की छायाप्रति देवें। ग्वालियर शहर के चार फीडर सुरेशनगर, मालरोड मुरार, पडाव गांधी नगर गोलपहाड़िया पर भी क्या अनुमति दी गई है। (ग) क्या फायबर केबल (डी.बी.बॉक्स) के साथ केबल ट्रांसफार्मर के साथ बांधी गई है। जिससे स्पॉर्क होने की दशा में करेंट से जनहानि, पशुहानि की घटनाये घट रही हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) ग्वालियर शहर वृत्त के अंतर्गत मेसर्स जियो डिजिटल फायबर लिमिटेड को मोबाईल टावरों के लिये विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाने हेतु 191 आवेदन स्वीकृत किये गये, जिनमें से 15 जून 2019 तक की स्थिति में सभी 191 विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये गये है। उपरोक्त में से 182 प्रकरणों में मेसर्स जियो डिजिटल फायबर लिमिटेड द्वारा स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर नहीं लगाये है। (ख) मेसर्स जियो डिजिटल फायबर लिमिटेड द्वारा बिजली पोल पर फायबर केबल डालने हेतु राशि रू. 79.98 लाख जमा करायी गई है। पोलों पर डी.बी. लगाने का भी प्रावधान किया गया है। विद्युत पोलों पर आप्टीकल फायबर केबिल डालने के संबंध में अनुबंध करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मेसर्स जियो डिजिटल फायबर लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रस्ताव में ग्वालियर शहर के चार फीडर सुरेश नगर, मालरोड मुरार, पडाव गांधी नगर एवं गोलपहाड़िया फीडर के आंशिक पोलों का प्रस्ताव भी सम्मिलित है। (ग) फायबर केबिल एवं डी.बी. बॉक्स ट्रांसफार्मर केबिल के साथ नहीं बांधी गई है, अपितु ट्रांसफार्मर स्ट्रक्चर से बांधी गई है, जो कि सुरक्षित है एवं जिससे आज दिनांक तक जनहानि/पशु हानि की कोई घटना घटित नही हुई है।
विद्युत पोलों पर डी.बी. लगाना
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 1894 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जियो इन्फो कॉम लि. को प्रदेश में 15 जून 2019 तक कुल कितने विद्युत कनेक्शन प्रदान किये? क्या संयोजित कनेक्शन को उपभोक्ता ने स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर लगाकर प्राप्त किया? (ख) शहर वृत्त ग्वालियर में बिजली के पोलों पर फायबर केबल एवं डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स लगाने की अवैध अनुमति किसने दी? कुल कितने पोलों पर लीज रेंट लिया गया? (ग) क्या शहर ग्वालियर में अति उच्च दाब विद्युत वितरण प्रभावी वाले 4 फीडर पड़ाव, मालरोड, गोलपहाड़िया, सुरेश नगर पर संयोजित ट्रांसफार्मर के स्ट्रक्चर से केवल बांधी गई हैं? यदि हाँ, तो इससे होने वाली दुर्घटना को नजर अंदाज क्यों किया गया? (घ) फायबर केबल डी.बी. को हटाकर पोल पर डेंजर बोर्ड कब तक लगा दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मेसर्स जियो डिजीटल फायबर लिमिटेड को प्रदेश में 15 जून 2019 तक कुल 7297 विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, जिनमें से कुल 5891 कनेक्शन उपभोक्ता ने स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर लगाकर प्राप्त किये हैं। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु शहर वृत्त ग्वालियर में बिजली के पोलों पर फायबर केबल एवं डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स लगाने की अनुमति दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त कंपनी में वर्ष 2019-20 हेतु कुल 7000 पोलों का उपयोग करने के लिये अनुमति के नवीनीकरण का आवेदन दिया है, जिस हेतु अनुमति देने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथापि मेसर्स जियो डिजीटल फायबर लिमिटेड द्वारा ग्वालियर शहर वृत्त में 7000 पोलों पर फायबर केबल डालने की अनुमति हेतु लीज रेंट/ आवश्यक राशि रू. 79.98 लाख जमा कराई गई है। (ग) शहर वृत्त ग्वालियर के अन्तर्गत आने वाले 4 फीडर यथा-पडाव, मालरोड, गोलपहाड़िया एवं सुरेश नगर अति उच्चदाब फीडर नहीं, अपितु उच्चदाब फीडर है। उक्त फीडरों में स्थापित ट्रांसफार्मरों के स्ट्रक्चर से बांधी गई फाइबर केबिल सुरक्षा मापदण्डों के अनुरूप स्थापित है एवं इससे कोई दुर्घटना घटित नहीं हुई हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन फायबर केबल/डी.बी. की विद्युत पोलों पर सुरक्षित रूप से स्थापित होने के कारण इन्हें हटाने की आवश्यकता नहीं हैं। विद्युत पोलों पर डेंजर बोर्ड लगे हुये है एवं जहाँ पर नहीं है वहाँ लगाये जा रहे है।
रोड निर्माण में भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जाँच
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 1934 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम-बाजना-कुशलगढ़ रोड की DPR में प्रारंभिक बिन्दु बाजना बस स्टैण्ड से बरोठ माता तक 3.6 कि.मी. में से मात्र 3 कि.मी. टू-लेन निर्माण का प्राक्कलन था तो शेष 0.6 कि.मी. कहाँ से कहाँ तक है? क्यों छोड़ा गया है तथा किसके निर्देश पर इसे छोड़ने का निर्णय लिया गया, इस संदर्भ में दस्तावेज देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के मार्ग में कितने-कितने कि.मी. पर पुलिया के निर्माण का प्रावधान है और कितनी चौड़ाई तथा गहराई की नाली के निर्माण का प्रावधान है? उक्त मार्ग में अनुबंध के अनुसार कौन-कौन से कार्य हो गये हैं तथा कौन-कौन से कार्य शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (क) की अधूरी रोड बनाना, 12 फीट चौड़ी रेल्वे पुलिया के चौड़ीकरण का प्रस्ताव रेल्वे द्वारा अनुमोदित न होने पर भी अधूरी सड़क का निर्माण करना, क्या राज्य धन की बर्बादी नहीं है तथा उस उच्च अधिकारी का नाम बतावें जिसने इस सड़क निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की एवं इसको अनुमोदित किया? (घ) प्रश्नांश (क) के मार्ग हेतु 18 करोड़ तथा 10 करोड़ की दो DPR बनाकर करोड़ों के भ्रष्टाचार का प्रयास करना, अधूरी सड़क निर्माण कर राज्य धन की बर्बादी करने की उच्च स्तरीय जाँच की जायेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। बाजना बस स्टैण्ड से बरोठ माता मंदिर तक रतलाम बाजना मार्ग का ही भाग है, इस भाग की कुल लंबाई 3.60 कि.मी. है। मार्ग के कि.मी. 1/6 (चैनेज 580) पर रेल्वे ओवर ब्रिज स्थित है उक्त भाग के उन्नयन हेतु तैयार की गई डी.पी.आर. में भविष्य में रेल्वे ओवर ब्रिज के उन्नयन के दृष्टिगत रतलाम की ओर 200 मीटर एवं बाजना की ओर 400 मीटर आर.ई.वॉल/रिटेरिंग वॉल हेतु लंबाई का भाग डी.पी.आर. में सम्मिलित नहीं किया गया। भविष्य में संभावित ओवर ब्रिज के उन्नयन के कारण, पृथक से निर्देशों की आवश्यकता नहीं थी। (ख) कि.मी. 2/2, 3/2 एवं 3/4 में पुलिया का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भाग में 60 से.मी. चौड़ी एवं 85 से.मी. गहरी नाली निर्माण का प्रावधान है। अनुबंध अंतर्गत पूर्ण किये गये कार्य एवं शेष कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित मार्ग की कुल 3 कि.मी. लंबाई में चैनेज 1120 से 2210 मीटर में दोनों साईड 3.50 मीटर चौड़ाई में निर्माण कार्य पेड़ एवं इलेक्ट्रिक पोल शिफ्टिंग न होने के कारण शेष है। साथ ही 600 मीटर लंबाई में रेल्वे ओवर ब्रिज के उन्नयन के दृष्टिगत कार्य शेष है। उक्त भाग में निर्माण हेतु शासन द्वारा दिनांक 30.06.2018 द्वारा रू. 2357.38 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। सड़क निर्माण हेतु स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। मार्ग निर्माण कार्य प्रगति पर है। अत: राज्य धन की बर्बादी एवं उच्च स्तरीय जाँच की आवश्यकता नहीं है।
शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 1966 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि शा. कालीदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय उज्जैन के भवन निर्माण की अद्यतन स्थिति में संबंधित तारा. 3558 दिनांक 08.03.2013 से संबंधित क्या कार्यवाही हुई? अगर नहीं हुई हो तो जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : शासकीय कालीदास कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उज्जैन के भवन निर्माण के संबंध में, तारांकित प्रश्न क्रमांक 3558 दिनांक 08.03.2013 के संदर्भ में कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। परिशिष्ट अनुसार दी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिकों को देयक सुविधाओं से संबंधित
[श्रम]
53. ( क्र. 1977 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा श्रमिकों को क्या-क्या सुविधायें देने के प्रावधान है व इस हेतु क्या-क्या नियम प्रक्रिया प्रचलन में है? (ख) श्रम विभाग द्वारा किस-किस वर्ग के श्रमिक शासकीय योजनाओं के लाभ के हकदार हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विगत 5 वर्ष में वि.स. क्षेत्र क्रमांक 7 दिमनी जिला मुरैना तथा जनपद पंचायत अम्बाह एवं मुरैना में किस-किस वर्ग के कितने श्रमिकों को क्या-क्या लाभ दिये गये?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, श्रम विभाग द्वारा असंगठित श्रमिकों को देय सुविधायें एवं नियम प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। म.प्र. शासन श्रम विभाग द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिए गठित म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण, मण्डल द्वारा श्रमिकों को देय सुविधाओं एवं नियम प्रक्रियाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। संगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के लिये गठित मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल द्वारा संचालित योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है एवं स्लेट पेंसिल उद्योग में कार्यरत श्रमिकों के लिये गठित मध्यप्रदेश स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा देय सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ख) पंजीकृत असंगठित श्रमिकों, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों, संगठित क्षेत्र (उद्योगिक नियोजनों) में कार्यरत एवं स्लेट पेंसिल उद्योग में कार्यरत श्रमिक, योजनाओं के लाभ के हकदार हैं। (ग) श्रमिकों को योजनावार देय लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच, छ: एवं सात अनुसार है।
पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पचीपुरा तालाब निर्माण
[जल संसाधन]
54. ( क्र. 2020 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 'पचीपुरा तालाब' निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो तालाब निर्माण की प्रशासकीय, तकनीकी स्वीकृति की जानकारी दें कि किस एजेंसी द्वारा उक्त तालाब निर्माण का कार्य कब पूर्ण किया गया? उसका कुल सिंचित, असिंचित, पड़त व शासकीय भूमि का रकबा कितना है? (ख) क्या 'पचीपुरा तालाब' निर्माण हेतु किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। यदि हाँ, तो किन-किन किसानों की कितनी-कितनी भूमि अधिग्रहित की गई? क्या इन किसानों को भूमि अधिग्रहण कर राशि प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि दी गई और शेष किसानों को राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी। (ग) क्या 'पचीपुरा तालाब' की पार में से पानी रिसाव हो रहा है? नहर भी टूटी-फूटी होने के कारण किसानों को नहर के अंतिम छोर पर पानी नहीं मिल रहा है उसमें सुधार कब तक किया जायेगा? (घ) क्या पार व नहर से पानी रिसाव की प्राप्त शिकायतों पर कोई जाँच या कार्यवाही नही की गई है। यदि हाँ, तो क्यों नहीं? क्या इसके स्तरहीन घटिया निर्माण की जाँच की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? क्या अनाधिकृत रूप से किसानों की जमीन इसके डूब क्षेत्र में आ रही है। यदि हाँ, तो जानकारी दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। परियोजना की प्रशासकीय एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 एवं 2 अनुसार तथा तकनीकी स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3, 4 एवं 5 अनुसार है। परियोजना का बांध निर्माण कार्य मेसर्स भगवत प्रसाद शर्मा ग्वालियर द्वारा दिसम्बर 2016 तथा नहर कार्य मिश्रा एसोसिएट कंपनी द्वारा मार्च 2018 को पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना में सिंचित भूमि 123.21 हेक्टर, असिंचित भूमि 119.615 हेक्टर, पड़त भूमि 48.15 हेक्टर एवं शासकीय भूमि 158.22 हेक्टर प्रभावित हुई है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। किसी भी किसान को राशि भुगतान हेतु शेष नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। आवश्यकता होने पर नहर का अनुरक्षण कार्य संबंधित संस्था के माध्यम से कराया जाता है। (घ) पार व नहर से पानी रिसाव होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है। परियोजना में अनाधिकृत रूप से किसी भी कृषक की भूमि डूब में नहीं आती है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बहिरावद से कन्नौद मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 2035 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कन्नौद तहसील के अंतर्गत निर्माणाधीन सड़क बहिरावद से कन्नौद का निर्माण कार्य लगभग 8 माह से बंद पड़ा है जिसके कारण हजारों नागरिकों को असुविधा के साथ-साथ विद्यार्थियों/किसानों ओर मरीजों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ख) क्या ठेकेदार द्वारा प्रश्नांश दिनांक तक कार्य प्रांरभ नही किया गया है जिसके कारण आये दिन दुर्घटनायें हो रही है एवं विभाग द्वारा संतोषपूर्ण जवाब नहीं दिया जा रहा है? (ग) क्या बारिश के मौसम से पूर्व इस मार्ग का निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है? क्या वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण कार्य बंद पड़ा है? (घ) यदि नहीं, तो फिर उक्त कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं वर्तमान में नाली निर्माण का कार्य प्रगति पर है। कन्नौद बहिरावद मार्ग की कुल लंबाई 4.20 कि.मी. है। मार्ग के चैनेज 0 से 1100 तक 1.10 कि.मी. मजबूतीकरण मद में स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है। शेष लंबाई 3.10 कि.मी. का मार्ग संधारण अंतर्गत अच्छी स्थिति में है। जिससे आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। (ख) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जी नहीं। विभाग द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्य प्रगति पर है। जी नहीं। (घ) उक्त कार्य दिनांक 31.12.2019 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
शासकीय आवासों में रख-रखाव कार्य
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 2166 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संभाग क्रमांक-1 तुलसी नगर, भोपाल को शासकीय क्वार्टरों के मेंटेनेंस के लिये वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ? (ख) उक्त आवंटन के विरूद्ध प्रश्नांश (क) अवधि में तुलसी नगर स्थित एच.92 के कितने शासकीय आवासों में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी अनुशंसा से कब-कब कराये गये? कार्यवार मदवार दिनांकवार जानकारी दें। आज की स्थिति में कितना बजट शेष है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) क्वार्टरों में कतिपय आवासों में काफी कार्य करवाये जा रहे हैं एवं कुछ आवासों में बार-बार आवेदन देने के बाद भी जो कार्य अत्यावश्यक है वह भी नहीं करवाये जा रहे हैं? (घ) एच 92/44 तुलसी नगर में कार्यों के लिये दिनांक 01.07.2018, 31.07.2018 एवं 30.03.2019 को दिये गये आवेदन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा जिन आवासों में वाटर प्रूफिंग को 3 वर्ष से अधिक हो गये हैं उनमें उक्त कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो किन-किन आवासों में? (ड.) क्या इस संभाग में जिन आवासधारियों की पहुंच है उनके कार्य हो जाते हैं एवं शेष आवासों में कोई कार्य नहीं कराए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इस मनमानी के लिये इस संभाग में पदस्थ कर्मियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? कार्य कराये जाने के क्या मापदण्ड हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार वर्तमान स्थिति में मुख्य अभियंता (राज. परिक्षेत्र) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत नया भोपाल संभाग में इस मद में कोई बजट शेष नहीं है। (ग) जी नहीं, आवेदन प्राप्त होने पर कार्य का स्वरूप विशेष मरम्मत का होने पर प्राक्कलन तैयार कर सक्षम अधिकारी की ओर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रेषित कर, स्वीकृति प्राप्त होने एवं विभागीय प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य कराया जाता है। (घ) एच-92/44, तुलसी नगर में प्रश्नांकित दिनांक के आवेदन में कार्य विशेष मरम्मत का है। जिसकी स्वीकृति मुख्य अभियंता (राज.परिक्षेत्र) लोक निर्माण विभाग के आदेश क्रमांक 709/कार्य/वि.म./नया भोपाल संभाग/रा.प./2019-2020 भोपाल, दिनांक 3.7.2019 द्वारा रू. 71,153/- की स्वीकृति प्रदान की गई। वाटरप्रूफिंग कराये जाने के पाँच वर्ष पश्चात् ही पुनः उक्त आवास में वाटरप्रूफिंग का कार्य कराया जा सकता है, क्योंकि वाटरप्रूफिंग कार्य की परफारमेंस गारंटी पाँच वर्ष रहती है। यदि वाटरप्रूफिंग करने के बाद भी कहीं लीकेज आदि की शिकायत आती है तो संबंधित ठेकेदार/एजेन्सी से ही उसकी मरम्मत कराई जाती है। आवास क्रमांक-एच-92/12 एवं एच-92/14 के आवेदन प्राप्त होने पर उक्त आवासों में वाटरप्रूफिंग का कार्य कराया जा रहा है। (ड.) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। आवास धारियों के आवेदन पर पदस्थ कर्मियों के द्वारा कार्यवाही की जाती है। आवश्यक स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्य किया जाता है, इस हेतु कोई निर्धारित मापदण्ड नहीं।
कोलारस में खेल स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
57. ( क्र. 2203 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा क्षेत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 06.1.2018 को कोलारस में खेल स्टेडियम का निर्माण कराऐ जाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो क्या कोलारस में खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधित विभाग द्वारा खेल स्टेडियम के निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है? दस्तावेज सहित की गई कार्यवाही का विवरण दें? क्या उक्त खेल स्टेडियम के निर्माण में कोई बाधा है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक कोलारस में खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। कोलारस में इंडोर स्टेडियम निर्माण कार्य पी.आई.यू. के माध्यम से कराया जा रहा है, इंडोर स्टेडियम निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। (ख) इंडोर स्टेडियम का निर्माण कार्य हेतु दिनांक 23.02.2018 को राशि रू. 105.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई, जो जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस स्वीकृति के आधार पर पी.आई.यू. द्वारा एजेंसी का निर्धारण कर एजेंसी को कार्यादेश प्रदान किया गया है, कार्य प्रगतिरत है। जी नहीं। स्टेडियम के निर्माण कार्य पूर्ण करने की निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
बिना कार्यस्थल पर कार्य किये भुगतान
[जल संसाधन]
58. ( क्र. 2221 ) श्री जसमंत जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले एवं करेरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम पंचायत में कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य कराये गये है वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ख) उक्त विकास कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण कर लिये गये है तथा कितने कार्य अपूर्ण पड़े हुये है तथा कितने ऐसे कार्य है जो आज दिनांक तक अप्रांरभ है पूर्ण हुये कार्यों में फायनल मूल्यांकन सत्यापित अधिकारी कौन है तथा कितने कार्यों की सीसी/यूसी जारी की गई है तथा प्रगतिरत कार्यों में अद्यतन कितना-कितना मूल्यांकन किया गया है वर्षवार ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश अनुसार विकास कार्यों के अलावा बरह निर्माण कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृत राशि के अनुपात में राशि फर्जी तरीके से व्यय कर दी गई है किस किस ग्राम पंचायत में कितने कितने बरह निर्माण कार्य किये गये हैं वर्षवार सूची उपलब्ध करावे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) महुअर मध्यम परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र में कराए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पेड़ों की कटाई से पर्यावरण का नुकसान
[पर्यावरण]
59. ( क्र. 2236 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में शासकीय निर्माण कार्यों के लिये विभिन्न विभागों द्वारा भवन एवं सड़क निर्माण के लिये विगत वर्ष 2017-18 एवं 18-19 में कितने पेड़ों को काटने की अनुमति संबंधित विभागों से प्राप्त की गई विभागवार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या यह अनुमति इस शर्त के साथ दी जाती है कि जितने पेड़ इस निर्माण कार्य के लिये काटे जायेंगे उतने पुन: संबंधित विभाग द्वारा लगाये जायेंगे? (ग) यदि हाँ, तो किन-किन प्रोजेक्टों में इस नियम का पूर्णत: पालन किया जाकर वृक्ष लगाये गये है? भौतिक सत्यापन के पश्चात की जानकारी प्रदान करें। (घ) जिन प्रोजेक्टों में इस शर्त का पालन नहीं किया गया उन पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) प्रश्नाधीन जानकारी पर्यावरण विभाग द्वारा संधारित नही की जाती है। जानकारी विभिन्न विभागों से संबंधित होने से संकलित की जा रही है।
मार्ग का पुनर्निर्माण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 2259 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद हरदा खण्डवा मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. के तहत हुआ था? यदि हाँ, तो इसका निर्माण कब हुआ? (ख) क्या उपरोक्त मार्ग की बी.ओ.टी. समयावधि समाप्त हो गई? यदि हाँ, तो कब? (ग) क्या होशंगाबाद हरदा खण्डवा मार्ग का पुनर्निर्माण किया जाना अति आवश्यक है? यदि हाँ, तो इस मार्ग का अभी तक पुनर्निर्माण क्यों नहीं किया गया? (घ) होशंगाबाद हरदा खण्डवा मार्ग के पुनर्निर्माण की क्या योजना बनाई गई कब तक इस मार्ग का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। दिनांक 05.04.2008 को। (ख) जी हाँ। दिनांक 12.02.2018 को। (ग) होशंगाबाद-हरदा-खण्डवा मार्ग को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है वर्तमान में इस मार्ग के निर्माण कार्य हेतु डी.पी.आर. बनाने का कार्य किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार।
हरदा जिले में सेन्ट्रल स्कूल का निर्माण
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 2260 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा हरदा में सेन्ट्रल स्कूल का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो सेन्ट्रल स्कूल के निर्माण की निविदा कब किस-किस अखबार में प्रकाशित की गई? किस एजेन्सी को निविदा किस दर पर प्राप्त हुई? (ग) सेन्ट्रल स्कूल के निर्माण का कार्य किस एजेन्सी द्वारा कराया जा रहा है? कब तक निर्माण कार्य पूर्ण होना था? आज की स्थिति में कितना निर्माण कार्य हुआ? (घ) क्या यह सही है कि आज दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण एवं वृक्षारोपण
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 2292 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड-गोपालपुरा वाया मिहोना मार्ग का निर्माण कब हुआ एवं मार्ग की लागत क्या थी तथा मार्ग निर्माण के बाद मार्ग के मरम्मत कार्य पर कब-कब, कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ख) क्या मार्ग निर्माण कंपनी द्वारा मार्ग के दोनों ओर वृक्षारोपण एवं वृक्षों की सुरक्षा हेतु जाली निर्माण किया गया था? यदि हाँ, तो कितने क्षेत्र में कितने वृक्ष रोपे गये थे? (ग) वर्तमान में मार्ग के दोनों ओर कितने-कितने वृक्ष जीवित हैं? क्या विभाग/कंपनी द्वारा खाली भूमि पर पुन: वृक्षारोपण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 27.06.2011 को, लागत राशि रू. 82.89 करोड़ थी, उक्त मार्ग के मरम्मत एवं टोल ऑपरेशन कार्य में कंशेसनायर द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर वर्षवार व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पौधारोपण कार्य किया गया था, परन्तु कंशेसनायर द्वारा रोपित वृक्षों की सुरक्षा हेतु जाली निर्माण कार्य नहीं किया गया। भिण्ड से गोपालपुरा म.प्र./उ.प्र. सीमा क्षेत्र तक कुल 2890 नग पौधारोपण का कार्य किया गया है। (ग) 514 नग। जी हाँ। कंशेसनायर द्वारा इस वर्षा ऋतु में 500 नग नवीन पौधारोपण का कार्य किया जावेगा तथा शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सौभाग्य योजना एवं दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के कार्य
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 2294 ) श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड वृत्त में सौभाग्य योजना एवं दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना कब से संचालित है? दोनों योजनाओं में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि के कितने प्राक्कलन स्वीकृत किये गये? योजनावार पृथक-पृथक बतावें। (ख) क्या दोनों योजनाओं के कार्यों हेतु ई-निविदा आमंत्रित की गयी थी? यदि हाँ, तो कब-कब एवं कितने-कितने ठेकेदारों द्वारा निविदा प्रक्रिया में भाग लिया गया था? निविदावार जानकारी देवें। यदि ई-निविदा आमंत्रित नहीं की गई तो क्यों? (ग) क्या एक योजना में स्वीकृत प्राक्कलन एवं राशि दूसरी योजना में परिवर्तित की जा सकती है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देते हुये बतावें। प्राक्कलन एवं राशि परिवर्तित करने का अधिकार किस स्तर के अधिकारी को है तथा कितने कार्यों के प्राक्कलन एवं राशि दोनों योजनाओं में परिवर्तित की गयी? (घ) क्या योजनाओं के कार्यों के बिलों का भुगतान करने से पूर्व कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया था? यदि हाँ, तो सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें किस-किस कार्य का भौतिक सत्यापन किया गया? किस-किस का नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन माह अक्टूबर 2017 से एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का क्रियान्वयन माह दिसम्बर, 2017 से प्रारम्भ किया गया है। योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक सौभाग्य योजना के तहत भिण्ड जिले में कुल 557 प्राक्कलन राशि रु. 4752.02 लाख तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत कुल 241 प्राक्कलन राशि रु. 5753.58 लाख के स्वीकृत किये गये। (ख) भिण्ड वृत में सौभाग्य योजनान्तर्गत कार्यों के लिए पृथक से कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। इस योजना के कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर रेट कान्ट्रेक्ट के तहत पंजीकृत किये गये ठेकेदारों से कराये गये है। भिण्ड जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत जारी की गई ई-निविदाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त निविदाओं में पैकेज-01 (सब-स्टेशन एवं एच.टी.लाईन के कार्य) को छोड़कर किसी अन्य कार्य हेतु उचित दरें प्राप्त न होने के कारण उक्त कार्यों को आर.ई.सी. लिमिटेड, नई दिल्ली की स्वीकृति उपरान्त विभागीय स्तर पर कराये गये/कराये जा रहे हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा इस योजना के अन्तर्गत भी सौभाग्य योजना के अनुसार ही रेट कान्ट्रेक्ट के तहत पंजीकृत ठेकेदारों से कार्य कराये गये/कराये जा रहे हैं। (ग) उक्त योजनायें भारत सरकार द्वारा संचालित की गई, जिनमें ग्राम पृथक से वर्गीकृत नही थे एवं सौभाग्य योजना के अंतर्गत विद्युत अधोसंरचना विकास के कार्यों को निर्धारित समय-सीमा मार्च-2019 में पूर्ण करना था। तद्नुसार उक्त योजनाओं अंतर्गत स्वीकृत प्राक्कलनों को उप महाप्रबंधक (एस.टी.सी.) की अनुशंसा पर उप महाप्रबंधक (सं./सं.) द्वारा परिवर्तित कर स्वीकृत किया गया था। उक्त परिवर्तित किये गये प्राक्कलनों में केवल योजना को परिवर्तित किया गया है, राशि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उपरोक्त दोनों योजनाओं में 32 प्राक्कलन सौभाग्य योजना से दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में एवं 37 प्राक्कलन दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना से सौभाग्य योजना में परिवर्तित किये गये थे। उक्त संबंध में पृथक से कोई आदेश/अधिकार प्रदत्त नहीं है तथापि सौभाग्य योजना हेतु निर्धारित समय-सीमा के दृष्टिगत उपरोक्त कार्यवाही की गई है। (घ) जी हाँ, योजना के अंतर्गत कार्यों के बिलों का भुगतान करने से पूर्व शत्-प्रतिशत कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया। प्रश्न दिनांक तक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत 32 एवं सौभाग्य योजना के अन्तर्गत 46 कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है जिसकी सत्यापनकर्ता अधिकारी के नाम एवं पदनाम सहित कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘ब-1’ एवं प्रपत्र- ‘ब-2’ अनुसार है।
विद्युत उत्पादन के संबंध में
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 2364 ) श्री रामलाल मालवीय, श्री मनोज चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीमच में देश का सबसे बड़ा 135 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया है? यदि हाँ, तो इसकी मालिक कंपनी कौन सी है? क्या इससे उत्पादित ऊर्जा प्रदेश को मिल रही है? (ख) क्या मध्यप्रदेश ऊर्जा सरप्लस राज्य है? यदि हाँ, तो 31.05.2019 की स्थिति में अनुबंधित क्रियाशील क्षमता कितनी है एवं 31.05.2019 तक की स्थिति में उच्चतम मांग कितनी रही है? (ग) क्या मध्यप्रदेश की सरप्लस ऊर्जा अन्य प्रदेशों को ऊर्जा बेची जा रही है। (घ) क्या प्रदेश में पिछले 15 वर्षों में विद्युत क्षमता वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से 2018-19 की अवधि में एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड हेतु उक्त वर्षों के अंत क्रियाशील विद्युत क्षमता की वर्षवार जानकारी मेगावाट में देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) नीमच जिले में 135 मेगावाट नहीं बल्कि 130 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना 2012 में की गयी थी, जो वर्तमान में देश का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट नहीं है। उक्त प्लांट मेसर्स वेलस्पन सोलर मध्यप्रदेश प्रा.लि. द्वारा स्थापित किया गया था, जो कि वर्तमान में मेसर्स वाल्वाहन सोलर एम.पी लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित किया गया है। उक्त प्लांट से उत्पादित सम्पूर्ण ऊर्जा प्रदेश को प्राप्त हो रही है। (ख) जी हाँ, दिनांक 31.05.2019 की स्थिति में अनुबंधित क्रियाशील क्षमता 20342 मेगावाट है तथा 31.05.2019 तक उच्चतम मांग 14089 मेगावाट रही है। (ग) जी हाँ, मध्यप्रदेश ऊर्जा सरप्लस राज्य है। अन्य प्रदेशों को सीधे ऊर्जा नहीं बेची जा रहीं है, अपितु वर्तमान में प्रदेश के उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने के बाद अतिशेष विद्युत को पावर एक्सचेंज के माध्यम से विक्रय किया जाता है। (घ) जी हाँ, प्रदेश में पिछले 15 वर्षों में विद्युत उत्पादन बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक के वर्षवार उत्पादन क्षमता का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 2370 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फाल्यों के विद्युतीकरण हेतु कब स्वीकृति प्रदाय की गई थी तथा ठेकेदार को कार्य पूर्ण करने हेत क्या समयावधि निर्धारित की गई थी? क्या उक्त समयावधि में ठेकेदार द्वारा संतोषजनक कार्य किया गया है? (ख) उक्त योजनान्तर्गत कितने फाल्यों में विद्युतीकरण कार्य किया जाना था तथा प्रश्न दिनांक तक कितने फाल्यों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर विद्युत सप्लाई चालू की गई हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त ठेकेदार द्वारा समयावधि में कार्य नहीं किया गया है तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा भी रूचि न लेने से आज भी कई फाल्ये विद्युत विहीन हैं? क्या इन पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी तथा कार्य कब तक शतप्रतिशत पूर्ण होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फाल्यों के विद्युतीकरण हेतु पृथक से कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है अपितु सम्पूर्ण खरगोन जिला, जिसमें भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र सहित 6 विधानसभा क्षेत्र आते है, हेतु फीडरों के विभक्तिकरण, विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण, राजस्व ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं मीटरीकरण कार्यों की स्वीकृति दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत दिनांक 13.05.2016 में प्रदान की गई थी। उक्त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 14.12.2016 को ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स वोल्टास लिमिटेड मुंबई को कार्यादेश जारी किया गया था। ठेकेदार एजेन्सी से किये गये अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कार्यादेश दिनांक 14.12.2016 से 24 माह की अवधि में किया जाना निर्धारित था। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा जो कार्य संपादित किये गये है, वो संतोषजनक है किन्तु उक्त समयावधि में ठेकेदार द्वारा कार्यादेश अनुसार सभी कार्य पूर्ण नहीं किए गए। अत: अवार्ड की शर्तों के अनुसार कार्य में विलंब के लिए उक्त ठेकेदार एजेन्सी के विरूद्ध लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी की राशि अधिरोपित की गई है तथा ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत देयकों से रू. 6.48 करोड़ की राशि पेनाल्टी स्वरूप काटी जा चुकी है। (ख) उक्त योजनान्तर्गत 724 फाल्यों/बसाहटों को सघन विद्युतीकण हेतु चिन्हित किया गया था, जिनमें से प्रश्न दिनांक तक 540 फाल्यों/बसाहटों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है उक्त कार्यपूर्ण फाल्यों/बसाहटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, ठेकेदार एजेन्सी द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं किया गया है तथापि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित अधिकारियों द्वारा योजना में प्रावधानित कार्यों को ठेकेदार एजेन्सी से निर्धारित समयावधि (24 माह) में शत-प्रतिशत पूर्ण कराने के हर संभव प्रयास किये गए है। अत: पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है तथा ठेकेदार एजेन्सी के विरूद्ध उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कार्य में विलंब के लिये लिक्विडेटेड डैमेज के रूप से पेनाल्टी स्वरूप रू. 6.48 करोड़ की राशि ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत देयकों से काटी जा चुकी है। शेष 184 फाल्यों/बसाहटों में से 131 फाल्यों/बसाहटों में सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है, जिसे माह सितम्बर-2019 तक पूर्ण किया जाना संभावित है तथा 53 फाल्यों/बसाहटों में सघन विद्युतीकरण कार्य हेतु वन विभाग से स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है वन विभाग की स्वीकृति उपरांत इन मजरों/टोलों के सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना संभव हो सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भीकनगांव झिरन्या में महाविद्यालय खोलना
[उच्च शिक्षा]
66. ( क्र. 2371 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 8 जून 2019 को जिला योजना समिति में विकासखण्ड झिरन्या में इसी सत्र से महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उसकी स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदाय की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) झिरन्या के आस-पास के स्कूलों की 12वीं कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या कम होने के कारण एवं वर्तमान में सीमित संसाधनों को दृष्टिगत कर झिरन्या में महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
निर्माण में भ्रष्टाचार
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 2388 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा शासकीय महाविद्यालय में वित्तीय वर्ष 2018-19 में भवन मरम्मत/अनुरक्षण, प्लिंथ प्रोटेक्शन एवं 3 अध्यापक कक्षों के निर्माण हेतु तकनीकी प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई थी? क्या भवन मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को बजट आवंटन जारी कर शीघ्रता से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए थे? क्या कार्य पूर्ण कर भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की उच्च शिक्षा विभाग भोपाल को अवगत करा दिया गया हे? यदि हाँ, तो कब अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या महाविद्यालय जनभागीदारी समिति द्वारा डी.डी. क्र.470793 दिनांक 20.03.2018 को भवन मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य हेतु प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति के अनुसार रूपये 9,03,500/- का डी.डी. प्रदान किया गया है वहीं शासन द्वारा इसी मरम्मत के लिए ही 17.69 लाख तथा महाविद्यालय के चारों और प्लिंथ प्रोटेक्शन हेतु 2.66 लाख व महाविद्यालयीन 3 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कार्य हेतु 19.69 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2015 में प्रदान की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त दी गई राशि अनुसार विद्यालयीन भवन मरम्मत व अन्य कार्य पूर्ण क्यों नहीं किये गये? पूर्ण नहीं किए जाने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी इस विभाग से नहीं मांगी गई है। इसलिए प्रगति की जानकारी नहीं भेजी गई। (ख) जी हाँ। जी नहीं, जी हाँ वर्ष 2018 में। उपरोक्त चार कार्यों में से 1 कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं 3 कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। महाविद्यालय के सभी कक्षों में निरंतर अध्ययन अध्यापन एवं परीक्षा के चलते उपरोक्त स्वीकृति अनुसार कार्य करने हेतु भवन कार्यालयीन समय में खाली नहीं मिलने के कारण कार्य की गति धीमी है। इस कारण पूर्ण नहीं हुए है।
जलाशय के संबंध में
[जल संसाधन]
68. ( क्र. 2392 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में आज दिनांक तक कितने स्वीकृत जलाशयों के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं? (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र में कितने जलाशयों की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा कितने जलाशयों की प्रशासकीय स्वीकृति लंबित है? (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र में प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त जलाशयों के कार्य कब प्रारंभ होंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वित्तीय संसाधन की उपलब्धता पर निर्भर होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। दो परियोजनाओं के डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग कटनी अंतर्गत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 2520 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग कटनी अंतर्गत वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मार्गों एवं भवनों के निर्माण संधारण मरम्मत व विस्तारीकरण हेतु कितनी राशि की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई तथा कार्यादेश जारी किये गये तथा इनकी निर्माण अवधि क्या थी तथा प्रश्न दिनांक तक इनमें कितने प्रतिशत कार्य हुआ एवं कितनी राशि किन कार्यों पर व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों में से पूर्णता पश्चात कितनी राशि के मरम्मत के कार्य कराये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रगतिरत निर्माण कार्यों का निरीक्षण परीक्षण किसके द्वारा किया गया तथा क्या कमियां पाई गईं विवरण देवें। उक्त निर्माणों में घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई, क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्तमान समय में प्रगतिरत मार्गों के अव्यवस्थित अपूर्ण निर्माण की वजह से वर्षा ऋतु में आवागमन अवरूद्ध हो रहा है या होगा इस हेतु विभाग द्वारा निर्माण एजेंसियों के विरुद्ध कब क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। प्रश्नाधीन मार्ग के निर्माण में गुणवत्ता विहीन निर्माण सामग्री उपयोग करने संबंधी शासन/प्रमुख अभियंता के माध्यम से एक शिकायत प्राप्त हुई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
70. ( क्र. 2534 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में 35 गांवों के कृषकों की भूमि की सिंचाई हेतु अत्यन्त महत्वकांक्षी चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रश्नांश दिनांक तक भौतिक एवं वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परियोजना से श्योपुर क्षेत्र के किन-किन ग्रामों के कृषकों की भूमि सिंचित होने का लाभ मिलेगा ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या कार्य एजेंसी व विभागीय अमले की लापरवाही के चलते इस महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना के कार्य प्रारंभ में अनावश्यक विलंब किया जाकर 35 गांवों के किसानों के हितों की अनदेखी की जा रही है? यदि हाँ, तो कार्य में विलंब के लिए कौन-कौन दोषी है? यदि नहीं, तो कार्य में विलंब की स्थिति से अवगत करायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि तक एजेंसी द्वारा परियोजना का 01 प्रतिशत कार्य किया जाना प्रतिवेदित है जिसमें रू.139.57 लाख भुगतान किया गया। (ख) ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। परियोजना का निर्माण कार्य निर्धारित निर्माण कार्यक्रम अनुसार प्रगतिरत होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 2541 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2018-19 तक संचालन-संधारण संभाग जावरा के अन्तर्गत नवीन 33/11 के.व्ही उपकेन्द्रों पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईन इत्यादि हेतु कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जानकारी देवें? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2018-19 तक संचालन-संधारण संभाग जावरा के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों में से कौन से कार्य पूर्ण हुए, कौन से कार्य अपूर्ण हैं एवं कौन से कार्य अप्रारंभ है? कार्य की स्वीकृत राशि बतावें? (ग) जानकारी दें कि ग्रीन एनर्जी कारीडोर के अंतर्गत 220 के.वी. उपकेन्द्र माताजी बडायला (पिपलौदा), 132 के.वी. जावरा का 220 के.वी. उपकेन्द्र में उन्नयन तथा पारेषण लाईन एवं कालूखेड़ा नई आबादी हाईटेंशन लाईन एक्सटेंशन, ग्राम नवेली पेयजल व्यवस्था 24 घंटे दिये जाने हेतु कनेक्शन संयोजन एवं नवेली में हनुमान मंदिर के पास नवीन ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्यों की क्या स्थिति है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यों को किस एजेंसी (विभागीय तौर पर अथवा निविदाकारों के माध्यम से) से करवाया जा रहा है? उक्त कार्य की स्वीकृत राशि की जानकारी देवें? उपरोक्त उल्लेखित कार्यों में प्रयुक्त सामग्री किस माध्यम से क्रय की गई है? की जानकारी बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक संचालन-संधारण संभाग जावरा के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में से कौन से कार्य पूर्ण हुए, कौन से कार्य अपूर्ण हैं एवं अप्रारंभ कार्य तथा स्वीकृत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर योजना के अंतर्गत 220 के.व्ही. उपकेंद्र सैलाना (बडायला माताजी) तहसील पिपलौदा एवं 132/33 के.व्ही. जावरा का 220 के.व्ही. उपकेंद्र में उन्नयन तथा संबंधित पारेषण लाईन का कार्य पूर्णता की ओर है तथा सितम्बर-2019 तक पूर्ण होने की संभावना है। प्रश्नांश में उल्लेखित कालूखेड़ा वितरण केन्द्र अंतर्गत नई आबादी की 11 के.व्ही. लाईन एक्सटेंशन, ग्राम नवेली नल-जल कनेक्शन को 24 घंटे विद्युत सप्लाई दिये जाने हेतु (जिसमें हनुमान मंदिर के पास नवीन ट्रांसफार्मर का कार्य शामिल है) (कालूखेड़ा सिंचाई फीडर विस्तार सहित) जमा योजना में रू. 5.78 लाख के प्राक्कलन स्वीकृत किये गये, जिसके लिये राशि जमा करवाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित ग्रीन एनर्जी कारीडोर के अंतर्गत 220 के.व्ही. उपकेन्द्र सैलाना (माताजी बडायला, पिपलौदा), 132 के.व्ही. उपकेन्द्र जावरा का 220 के.व्ही. उपकेन्द्र में उन्नयन तथा पारेषण लाईन कार्यों हेतु नियत एजेंसी, स्वीकृत राशि एवं सामग्री क्रय से संबंधित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
पुल-पुलिया एवं सड़क कार्यों के संबंध में
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 2542 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्षों में शासन/विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2018-19 तक की अवधि में फ्लाई ओवर ब्रिज बड़ी-छोटी पुल-पुलिया एवं नवीन सड़क निर्माण कार्य तथा मरम्मत मूलक संधारण इत्यादि प्रकार के कार्य जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत अनेक स्थानों पर स्वीकृत होकर किये जा रहे है, अप्रारंभ है? (ख) यदि हाँ, तो बरगढ़ फंटे से व्हाया बरगढ़-हरियाखेड़ा-मामरखेड़ा के पास से अरनिया पीथा मंडी पहुँच बायपास मार्ग एवं जावरा नगर मध्य स्थित रेल्वे फाटक पर फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण कार्यों की स्वीकृति एवं टेण्डर प्रक्रिया के पश्चात की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। (ग) जावरा नगर में जवाहर पथ से हाथीबाना पहुँच ब्रिज, मालीपुरा रपट रोड ब्रिज तथा सुखेड़ा (पिपलौदा) ब्रिज निर्माण कार्यों पर कितनी बजट राशि स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ, कितना कार्य पूर्ण हुआ, अपूर्ण रहा? (घ) कलालिया फंटे से रिंनोद मार्ग (जावरा तहसील), पॉलेटेक्निक कॉलेज पहुंच मार्ग (जावरा नगर) तथा सुखेडा से पंचे वा फंटा मार्ग (तहसील पिपलौदा) इत्यादि एवं अन्य स्वीकृत सड़कों एवं फ्लाई ओवर ब्रिज सहित अन्य ब्रिज, पुल-पुलियों की कार्य स्वीकृति दिनांक के पश्चात स्वीकृत बजट राशि के व्यय एवं शेष राशि के साथ ही उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में में किये गये तो कितने पूर्ण हुये? समस्त कार्यों की स्थिति स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। योजना अंतर्गत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं मरम्मत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 2576 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा भोपाल संभाग में किन-किन सड़कों-पुलों का निर्माण कार्य किन-किन एजेंसियों द्वारा किन-किन शर्तों पर करवाया जा रहा हैं? अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) जून-19 की स्थिति में भोपाल राजस्व संभाग की लोक निर्माण विभाग अंतर्गत किन-किन सड़कों के टेण्डर स्वीकृति हेतु किस स्तर पर कब से लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) जून-19 की स्थिति में भोपाल राजस्व संभाग अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की किन-किन सड़कों के टेण्डर कब कब आमंत्रित किये गये हैं, उनकी टेण्डर की अंतिम तिथि क्या है? (घ) भोपाल राजस्व संभाग के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग के किन-किन मुख्य जिला मार्गों के टेण्डर आमंत्रण की क्या-क्या प्रक्रिया चल रही है? कब तक टेण्डर आमंत्रित होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
पुल निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 2577 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं विदिशा जिले में वर्ष 2014-15 से जून 19 तक की अवधि में कहाँ- कहाँ पर पुल कब स्वीकृत किये? किन-किन के टेण्डर क्यों आमंत्रित नहीं किये पुलवार कारण बतायें। (ख) उक्त जिलों के किन-किन पुलों के टेण्डर स्वीकृति हेतु किस स्तर पर कब से लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) उक्त जिलों में स्वीकृत किन-किन पुलों के टेण्डर आमंत्रण की क्या-क्या प्रक्रिया चल रही है? (घ) जून 19 की स्थिति में उक्त जिलों में किन-किन पुलों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? प्रकरणवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
पंप कनेक्शन लेने पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 2582 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुदान योजनान्तर्गत पात्र किसानों को पंप कनेक्शन देने की योजना पूर्व से संचालित है? यदि हाँ, तो योजना से संबंधित गाईड लाइन की छायाप्रति देवें। (ख) क्या जुलवानिया वितरण केन्द्र अंतर्गत ग्राम औझर जिला बड़वानी निवासी श्रीमती मैदाबाई ऊर्फ मधुबाई-घीसालाल द्वारा खसरा नं. 26/3 हेतु विद्युत विभाग को गुमराह करते हुये छलपूर्वक पंप कनेक्शन प्राप्त किया? उक्त आवेदन की छायाप्रति देवें? (ग) क्या कनिष्ठ यंत्री म.प्र. प.क्षे.वि.वि.क.लि. जुलवानिया द्वारा पत्र क्र. 207 दिनांक 9-11-18 एवं पत्र क्र. 248 दिनांक 02-1-19 द्वारा श्रीमती मैदाबाई को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये जिसमें उल्लेखित था कि उत्तर प्राप्त न होने/संतोषजनक प्राप्त न होने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जायेगा? (घ) क्या विभाग के उक्त दोनों पत्रों का संबंधित द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया? यदि हाँ, तो प्रकरण को लंबित रखने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) कृषकों को स्थाई विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु अनुदान योजना राज्य शासन द्वारा आदेश क्रमांक 4079/13/2011 भोपाल दिनांक 06/05/2011, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, से लागू की गई थी। उक्त योजना को मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में राज्य शासन के आदेश क्रमांक 7244/2016/ तेरह भोपाल दिनांक 06/09/2016, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है, में समाहित कर लिया गया था। उक्त योजना की अवधि जून-2019 तक थी वर्तमान में इस योजना को नए रूप में लागू किये जाने हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) जी नहीं, अपितु प्रश्नाधीन प्रकरण में आवेदक द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुरूप नियमानुसार आवेदन देकर 05 अश्व शक्ति भार हेतु स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन के लिए वर्ष-2011 में आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर एवं अंशदान राशि जमा करवाकर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करवाया था, जिसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं थी। प्रश्नाधीन आवेदन वर्ष-2011 में किया गया था वर्तमान में उक्त आवेदन संबंधित कार्यालयों के अभिलेखों में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पत्रों का प्रति उत्तर श्रीमती मैदाबाई उर्फ मधुबाई-घीसालाल द्वारा दिनांक 17.05.2019 को दिया गया था, जिसमें यह अवगत कराया गया था कि उन्होंने वर्ष 2012 में अनुदान योजना के अंतर्गत स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन प्राप्त किया है। प्रश्नाधीन प्रकरण को लंबित नहीं रखा गया है, अपितु संबंधित अधिकारी द्वारा संतोषजनक उत्तर पाये जाने पर प्रकरण में किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
विद्युतीकरण के कार्य में गंभीर अनियमितता
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 2595 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दीनदयाल योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में विद्युतीकरण के कार्य में गंभीर अनियमितता हुई है ऐसे गांव जहां 100 घरों की बस्ती है वहा पर मात्र 25 H.P. का ट्रांसफार्मर लगाया गया है तथा विद्युत कनेक्शन के केबल की गुणवत्ता अत्यन्त खराब है। क्या इस गंभीर अनियमितता की जाँच करवाई जायेगी? अगर हाँ तो कब तक? (ख) दीनदयाल योजना अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में I.P.D.S. (एकीकृत बिजली विकास योजना ) टाउन का कार्य घटिया किस्म का किया जा रहा है व कार्य की गति धीमी है, क्या घटिया निर्माण कार्य की जाँच करवाकर निर्माण कार्य में तेजी लाई जायेगी? अगर हाँ तो कब तक? (ग) ग्राम मोड़ी में वितरण केन्द्र की स्थापना की स्वीकृति का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव किस स्तर पर प्रक्रियाधीन है? क्या शीघ्र स्वीकृति प्रदान की जायेगी? साथ ही तहसील सुसनेर के ग्राम मैना में 33 के.वि.का उपकेन्द्र खोले जाने की आवश्यकता है, इस हेतु कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है? (घ) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में योजना में सोयत व बड़ागाँव में कार्य चालू ही नहीं किया गया है, जबकि कार्य पूर्ण की अवधि 30 जून 2019 है। संबंधित पर क्या कार्यवाही की जायेगी? कार्य शीघ्र प्रारम्भ कब तक किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत विद्युतीकरण के कार्यों में कोई अनियमितता नहीं हुई है, अपितु योजना के तहत विद्युत भार एवं निर्धारित मापदण्डों व प्रावधानों के अनुसार 25 के.व्ही.ए., 63 के.व्ही.ए. एवं 100 के.व्ही.ए. क्षमता के विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये है। विद्युत कनेक्शनों हेतु जो केबिल लगाई गई है, उसकी गुणवत्ता का परीक्षण मान्यता प्राप्त टेस्टिंग संस्थानों से कराने के उपरांत ही, उसका उपयोग किया गया है। उक्त योजनान्तर्गत हुए कार्य का निरीक्षण तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में तृतीय पक्ष एजेन्सी से भी कराया गया है। अतः जाँच कराये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ख) जी नहीं। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रान्तर्गत चिन्हित नगरीय क्षेत्रों में आई.पी.डी.एस. योजना के तहत विद्युत अद्योसंरचना के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। उक्त कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी से किये गये निविदा अनुबंध की शर्तानुसार निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया जा रहा है। योजनान्तर्गत गुणवत्ताहीन कार्य किये जाने संबंधी कोई भी शिकायत तीनों वितरण कंपनियों में प्राप्त नहीं हुई है। योजनान्तर्गत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के समस्त कार्य पूर्ण हो चुके हैं। पश्चिम एवं पूर्व क्षेत्र कंपनी के अन्तर्गत सतत् रूप से कार्य की समीक्षा कर कार्य में तीव्र गति लाई जा रही है। उक्त वितरण कंपनियों में योजनान्तर्गत कार्य क्रमश: माह सितम्बर, 2019 एवं माह दिसंबर, 2019 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। उक्त योजना के तहत किये जा रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु वितरण कंपनियों के द्वारा स्वतंत्र प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी की नियुक्ति की गई है, जिसके द्वारा कार्य के दौरान ही निरीक्षण कर पाई गई कमियों/त्रुटियों को चिन्हित कर टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी से तत्काल सुधार करवा लिया जाता है। इसके अतिरिक्त विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पॉवर फाइनेंस कार्पोरेशन (पी.एफ.सी.) के माध्यम से थर्ड पार्टी कॉन्करेंट इवैल्यूएशन एजेंसी (टी.पी.सी.ई.ए.) की नियुक्ति की गई है, जिसके द्वारा कार्य की प्रगति के आधार पर तीन चरणों में (चरण-। :- 25% कार्य होने पर, चरण-।। :- 60% कार्य होने पर तथा चरण-।।। :- 100% कार्य होने पर) कार्य की गुणवत्ता की जाँच की जा रही है। टी.पी.सी.ई.ए. द्वारा जाँच के दौरान किये जा रहे कार्यों अथवा पूर्ण किये गए कार्यों में कोई कमी अथवा कार्य मानक के अनुसार नहीं पाये जाने पर चिन्हित कमियों/त्रुटियों को संबंधित ठेका फर्म से तत्काल सुधरवा लिया जाता है। उक्त कार्य निर्धारित मापदण्डों एवं प्रावधानों के अनुसार ही किया जा रहा है, अतः जाँच कराये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ग) जी हाँ, ग्राम मोड़ी में वितरण केन्द्र कार्यालय की स्थापना की स्वीकृति का प्रस्ताव म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय उज्जैन में प्रक्रियाधीन है। प्रस्ताव तकनीकी एवं प्रशासकीय रुप से साध्य पाये जाने पर उचित कार्यवाही की जावेगी। सुसनेर तहसील के ग्राम मैना में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना से संबंधित प्रस्ताव वर्तमान में क्षेत्रीय कार्यालय उज्जैन में प्रक्रियाधीन है। प्रस्ताव तकनीकी रुप से साध्य पाये जाने पर, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होने एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी जा सकेगी वर्तमान में ग्राम मैना को 33/11 के.व्ही.विद्युत उपकेन्द्र कीटखेड़ी से निर्गमित 11 के.व्ही. कीटखेडी घरेलू फीडर से एवं सिंचाई प्रयोजन हेतु 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र सुसनेर से निर्गमित 11 के.व्ही. मैना सिंचाई फीडर से सुचारु रुप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर क्षेत्रान्तर्गत नगरीय क्षेत्रों में आई.पी.डी.एस. योजना के तहत बड़ागाँव में शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं सोयत में कार्य प्रगति पर है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी से किये गये निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त कार्य को पूर्ण करने की अंतिम तिथि 13/06/2019 थी। उक्त कार्य निर्धारित समय अवधि में पूरा नहीं होने पर संबंधित टर्न-की एजेंसी से निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार दिनांक 28/06/2019 तक राशि रु. 29.99 लाख की राशि पेनल्टी स्वरूप वसूल की जा चुकी है।
फोर-लेन निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 2596 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-नयागाँव फोर-लेन के निर्माण की कुल लागत कितनी थी, टोल प्रारम्भ से प्रश्न-दिनाकं तक कुल कितनी राशि विभिन्न टोल से वसूली गयी, टोल नियमावली में टोल प्रारम्भ से किस-किस वर्ष कितनी-कितनी टोल राशि की वृद्धि, किस-किस नियम के तहत की गयी, टोल राशि वृद्धि के एग्रीमेंट की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये? (ख) टोल प्रारम्भ से प्रश्न दिनाकं तक कुल कितने-कितने वृक्ष लगाए गये? इनमें कुल कितने बचे रहे एवं कितने नष्ट हुवे? इसका भौतिक सत्यापन कब-कब किस सक्षम अधिकारी ने किया? लेबड़ जावरा तथा जावरा से नयागाँव तक प्रति 5-5 किलोमीटर चल रहे वृक्षों की संख्या बतायें? (ग) उक्त फोर-लेन में एग्रीमेंट अनुसार कुल कितने ले-बाय कहाँ-कहाँ स्थापित किये गये, इनमें एग्रीमेंट अनुसार क्या-क्या सुविधाएं प्रस्तावित थी क्या सभी ले-बाय पर एग्रीमेंट अनुसार समस्त सुविधाएं दी जा रही है यदि हाँ, तो क्या-क्या, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत सभी ले-बाय पर शौचालय एवं वाहन वाशिंग हेतु पानी की क्या व्यवस्था है? प्रतिदिन इन ले-बाय पर कितने वाहन वाशिंग होते है यदि एक भी नहीं, तो एग्रीमेंट अनुसार सुविधाओं की कमी के क्या कारण है? टोल प्रारम्भ होने से लेकर प्रश्न-दिनांक तक कुल कितने सेफ्टी ऑडिट कब-कब किये गये? इन ऑडिट में किन-किन कमियों को पूरा कराया गया? समूर्ण ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नदी के कटाव से प्रभावित ग्राम
[जल संसाधन]
78. ( क्र. 2619 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले की होशंगाबाद तहसील में नर्मदा/तवा नदी के कटाव से कौन-कौन से ग्राम प्रभावित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रभावित ग्रामों में कटाव को रोकने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं कब-कब बनायी गयी? प्रत्येक की जानकारी देते हुए बतावें कि इनमें से कौन सी योजना केन्द्र सरकार के पास स्वीकृति हेतु कब भेजी गयी। (ग) कौन-कौन सी योजनाएं प्रदेश स्तर पर स्वीकृत की जाना है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) कलेक्टर जिला होशंगाबाद से प्राप्त जानकारी अनुसार कटाव की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रभावित ग्रामों में कटाव को रोकने हेतु योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कार्यपालन यंत्री द्वारा कलेक्टर जिला होशंगाबाद को प्रेषित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। विभाग द्वारा कोई योजना केन्द्र सरकार को प्रेषित नहीं की है। (ग) शासन स्तर पर कोई योजना स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है।
पुल निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 2635 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं सीहोर जिले में वर्ष 2013-14 से जून 2019 तक की अवधि में कहां-कहां पर पुल निर्माण का कार्य किन-किन एजेंसियों द्वारा किन-किन शर्तों पर किया जा रहा है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे। (ख) 15 जून 2019 की स्थिति में किन-किन पुलों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है एवं क्यों? कार्यवार कारण बतावें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) किन-किन पुल निर्माण में भू-अर्जन की आवश्यकता है? उनमें किन-किन किसानों की कितनी भूमि का भू-अर्जन होना है वर्तमान में उक्त प्रकरणों की क्या स्थिति है? (घ) प्रश्नांश (ग) के किसानों को किस दर पर किस नियम के अन्तर्गत कितनी मुआवजा राशि के प्रकरण बनाये गये है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
नागदा स्थित क्लीयरेंट केमकिल्स के संबंध में
[पर्यावरण]
80. ( क्र. 2642 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित क्लीयरेंट केमिकल्स (Clariant Chemicals) को शासन द्वारा किन-किन रसायनों के उत्पादन की अनुमति किन-किन शर्तों के साथ प्रदान की गई है? (ख) शासन द्वारा क्लीयरेंट केमिकल्स को किन-किन रसायनों की कितनी-कितनी मात्रा में भण्डार की अनुमति प्रदान की गई है? क्या उद्योग में उक्त रसायनों के भण्डारण की समुचित व्यवस्था है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो लायसेंस किस आधार पर प्रदान किया गया? (ग) क्या उद्योग में हजारडस्ट रसायनों का उत्पादन भी होता है? यदि हाँ, तो हजारडस्ट रसायनों के उत्पादन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाव हेतु क्या-क्या प्रबंध किए गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों? पर्यावरण दूषित होने पर उद्योग पर क्या कार्यवाई की गई? (घ) क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा 1 जनवरी 2017 से 31 मई 2019 तक क्लीयरेंट उद्योग का कब-कब निरीक्षण किया? जाँच दल में कौन-कौन से अधिकारी शामिल थे? जाँच प्रतिवेदन के विवरण सहित जानकारी देवें। (ड.) क्या उद्योग में रसायनों के उत्पादन में कार्बन का भी उत्सर्जन होता है? यदि हाँ, तो कार्बन के उत्सर्जन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाव हेतु क्या-क्या प्रबंध किए गए हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) उद्योग को पिगमेंट ब्लैक-3300 टन/वर्ष, पिगमेंट ब्लू-100 टन/वर्ष, पिगमेंट रेड-100 टन/वर्ष, पिगमेंट येलो-100 टन/वर्ष के उत्पादन की अनुमति दी गई है। उद्योग को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत प्रदत्त सम्मति व शर्त की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है (ख) रसायनों के भंडारण संबंधी अनुमति पृथक से नहीं दी जाती है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीधी एवं सिंगरौली जिले के ग्रामों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 2655 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत सौभाग्य योजना के तहत समस्त ग्रामों के शत्-प्रतिशत घरों में विद्युतीकरण किये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो कितने घरों में आज दिनांक तक विद्युतीकरण किया जा चुका है? कितने घर शेष हैं? शेष घरों में कब तक विद्युतीकरण किया जायेगा? विद्युतीकृत/अविद्युतीकृत घरों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में साढ़े चार हजार घरों में विद्युतीकरण किये बिना कनेक्शन जारी किये जा चुक हैं व विद्युत बिल भी दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? जिन घरों में बिजली कनेक्शन नहीं होने के बावजूद बिजली के बिल जारी किये जा रहे हैं, क्या उनकी जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? दोषी अधिकारी व कर्मचारी एवं संविदाकार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? ऐसे घर जिनमें बिजली के बिल जारी किये जा रहे हैं उनके घरों तक बिजली कब तक पहुँचाई जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे घरों में जहां आज तक विद्युतीकरण नहीं किया गया है, उन घरों में कब तक विद्युतीकरण कर बिजली कनेक्शन कर दिया जायेगा? (घ) सौर ऊर्जा के द्वारा ग्राम पंचायत अमरोला, मझिगंवा, रूंदा और भदौरा, गांजर नौढिया, ठाढीपाठर (धरमदुआरी), कुसमी (खरसौती) एवं हर्दी (ताल) के समस्त ग्रामों के समस्त घरों में ऊर्जीकरण कर विद्युत प्रदाय किये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो आज तक कितने घरों में विद्युतीकरण किया जा चुका है? कितने घर शेष हैं? शेष घरों में कब तक विद्युतीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, जिला सीधी एवं सिंगरौली में सौभाग्य योजना के अंतर्गत योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देश के अनुसार समस्त ग्रामों के अविद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण किया जाना था, जिसके अंतर्गत जिला सीधी में 47878 एवं जिला सिंगरौली में 46730 अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया है तथापि जनप्रतिनिधियों एवं जनमानस से प्राप्त शिकायतों/प्राप्त आवेदनों के आधार पर जिला सीधी में 617 एवं जिला सिंगरौली में 345 घरों में विद्युतीकरण का कार्य शेष है, जिनके प्राक्कलन स्वीकृत कर कार्य आदेश जारी कर दिये गये हैं तथा उक्त कार्य हेतु लाईन विस्तार के कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर दिनांक 31.7.19 तक पूर्ण किये जाने संभावित हैं। (ख) सीधी जिले में सौभाग्य योजना के तहत 2397 एवं सिंगरौली जिले में 1960 घरों में विद्युतीकरण किये बिना कनेक्शन जारी किये जाने एवं उनके विरुद्ध बिल जारी किये जाने के प्रकरण प्रकाश में आए हैं। उक्त स्थिति के संज्ञान में आने पर ज्ञात हुआ कि विद्युत कनेक्शन हेतु मोबाइल एप सर्वे जिसमें एन.एस.सी. एवं लाईन विस्तार का अलग-अलग ऑप्शन होने के बावजूद सर्वे करने वाले सर्वेकर्ता द्वारा तकनीकी दृष्टिकोण से पूर्ण जानकारी के अभाव में ऐसे घर जो विद्युत विहीन थे, उनको भी बिल जारी हो गये थे, जिन्हें तत्काल आवश्यक जाँच कराकर बिल जारी किया जाना बंद करा दिया गया है तथा इन प्रकरणों में विद्युत कनेक्शन हेतु आवश्यक अधोसंरचना का विस्तार कार्य पूर्ण कर विद्युत कनेक्शन प्रदाय कर दिये गये हैं। वर्तमान में किसी भी घर/हितग्राही को बिजली कनेक्शन नहीं होने के बावजूद बिजली के बिल जारी नहीं किये जा रहे हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में तकनीकी त्रुटि के कारण जारी बिलों में किसी अधिकारी/कर्मचारी/संविदाकार के दोषी होने तथा उनके विरुद्ध कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार दिनांक 31.07.2019 तक कार्य पूर्ण कर कनेक्शन दे दिया जायेगा। (घ) सौर ऊर्जा के द्वारा ग्राम पंचायत अमरोला, मझिगंवा, रुंदा, भदौरा, कुसमी (खरसौती) एवं हर्दी (ताल) के ग्रामों के समस्त अविद्युतीकृत घरों को विद्युतीकृत किया गया है एवं गाजर नौढिया, ठाडीपाठर (धरमदुआरी) में परम्परागत स्त्रोतों के माध्यम से लाईन विस्तार कर विद्युतीकरण का कार्य कर समस्त घरों को विद्युतीकृत किया गया है। विद्युतीकृत किये गये घरों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सीमेंट फैक्ट्रियों में श्रमिकों का नियोजन
[श्रम]
82. ( क्र. 2673 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला अंतर्गत कितनी सीमेंट फैक्ट्रियां स्थापित हैं? सीमेंट फैक्ट्रियों में कितने-कितने नियमित श्रमिकों की आवश्यकता है? कुशल-अकुशल श्रमिकों की आवश्यक संख्या, कार्य कर रहे श्रमिकों की संख्या एवं अंतर की संख्या की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या फैक्ट्रियों के प्रबंधन द्वारा श्रमिकों का फैक्ट्री परिसर में मानसिक, शारीरिक शोषण किया जाता है? श्रमिकों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जाता है? यदि नहीं, तो श्रमिकों की मूलभूत सुविधाओं हेतु क्या-क्या प्रबंध किये गये हैं? श्रमिकों द्वारा फैक्ट्री प्रबंधन के विरूद्ध कब-कब आंदोलन या आवाज उठाई है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आवश्यकता से कम संख्या में श्रमिकों को रखे जाने का क्या कारण है? श्रमिकों को रखे जाने की क्या प्रक्रिया है? आवश्यकता से कम संख्या में श्रमिकों को रखे जाने से क्या फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा अधिक श्रमिकों का कार्य कम श्रमिकों से लेकर उनका शोषण नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके बदले में श्रमिकों को अतिरिक्त रूप से क्या लाभ दिया जाता है? (घ) फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा आवश्यकतानुसार पूरे श्रमिकों को कब तक रखा जायेगा? श्रमिकों का शोषण न हो इसके लिये शासन द्वारा क्या फैक्ट्रियों में कार्य कर रहे श्रमिकों की मूलभूत सुविधाओं, उनके शोषण एवं हो रहे अत्याचार की जाँच हेतु जाँच कमेटी गठित कर जाँच करायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) सतना जिले में 9 सीमेंट फैक्ट्रियां स्थापित हैं। इनमें कार्यरत विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। किसी भी श्रम कानून में श्रमिकों की आवश्यक संख्या निर्धारित करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। श्रमिकों को विभिन्न श्रम कानूनों में प्रावधानित लाभ प्रदान किया जाना सुनिश्चित कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में श्रमिकों की आवश्यक संख्या निर्धारित होने संबंधी प्रश्न उपस्थित नहीं होता है तथापि प्राप्त जानकारी के अनुसार सीमेंट फैक्ट्रियों में पर्याप्त श्रमिक नियोजित हैं। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रबंधन द्वारा श्रमिकों को वांछित पात्रता एवं योग्यता के आधार पर नियोजित किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फैक्ट्री के प्रदूषण से हो रहा नुकसान
[पर्यावरण]
83. ( क्र. 2674 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना नगर निगम सीमा में बिरला सीमेंट फैक्ट्री स्थापित है? यदि हाँ, तो फैक्ट्री कब स्थापित की गई एवं फैक्ट्री द्वारा नगर निगम के पर्यावरण प्रदूषण हेतु क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ख) क्या फैक्ट्री से निकले अवशिष्ट पदार्थ जैसे - गंदे पानी, धुआं, डस्ट, अनियंत्रित शोर से शहरवासियों के जन-जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है? इनके ओव्हर-लोड वाहनों से शासन के राजस्व को क्षति पहुंचती है। व्यापार प्रभावित हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शहर विकास के लिये बनाई गई सड़कें, डिवाईडर, वृक्षारोपण आदि नष्ट होते हैं? दुर्घटनायें होती हैं? शहरवासी प्रदूषण से गंभीर बीमारी अस्थमा, दमा आदि के शिकार हो रहे हैं? हाँ/नहीं? (ग) वर्ष 2015 से अब तक शहर के अंदर एक्सीडेंटल कितनी दुर्घटनायें हुई हैं? जिनमें आम जनता को गंभीर चोटें आई हैं एवं जानमाल का नुकसान उठाना पड़ता है? फैक्ट्री द्वारा माईनिंग की भूमि पर अथवा पर्यावरण के संरक्षण हेतु कब-कब वृक्षारोपण कराया गया? कहाँ-कहाँ उनमें कितने वृक्ष सुरक्षित हैं? पर्यावरण के संरक्षण हेतु फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा क्या कदम उठाये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो शहर के वातावरण को स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त बनाये जाने हेतु कब तक बिरला सीमेंट प्लांट को शहर के बाहर शिफ्ट करा दिया जायेगा? सतना शहर की नगर निगम सीमा को ग्रीन जोन बनाये जाने हेतु शासन क्या और कब तक ठोस कदम उठायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : ( (क) जी हाँ। उद्योग वर्ष 1959 से स्थापित है। उद्योग द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु 07 ई.एस.पी., 13 बैग हाउस, 109 बी.डी.सी. तथा 45 पॉकेट फिल्टर स्थापित किये गये हैं। उद्योग में उपयोग होने वाले कच्चे माल एवं उत्पाद के भंडारण हेतु कव्हर्ड शेड का निर्माण भी किया गया है। जल प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था के अंतर्गत 1080 घनमीटर प्रतिदिन क्षमता का एस.टी.पी. स्थापित किया गया है। पर्यावरण संतुलन बनाये रखने हेतु उद्योग परिसर एवं आस-पास के क्षेत्र में 2,71,000 वृक्षारोपण किया गया है, जिसमें 80 प्रतिशत सुरक्षित है। (ख) जी नहीं। (ग) वर्ष 2015 से दिनांक 30/06/2019 की स्थिति में कुल 996 एक्सीडेंट प्रकरण हुए हैं। शेष विवरण उत्तरांश (क) अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीमेंट फैक्ट्री प्रतिस्थापन से प्रदूषण एवं बीमारी
[पर्यावरण]
84. ( क्र. 2675 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना नगर निगम सीमा में बिरला सीमेंट फैक्ट्री स्थापित है? फैक्ट्री से निकला धुंआ, गंदा पानी, शोर-शराबा एवं भारी भरकम सीमेंट से ओवर-लोड वाहनों के द्वारा शहरवासियों का जन-जीवन प्रभावित हो रहा है? (ख) क्या फैक्ट्री से निकले अवशिष्ट पदार्थ जैसे गंदा पानी, धुंआ, डस्ट अनियंत्रित शोर से शहरवासियों के स्वास्थ पर गंभीर असर पड़ रहा है एवं लोग अस्थमा, दमा, बहरापन आदि बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं? (ग) क्या फैक्ट्री द्वारा शहरवासियों के लिए लगाए गए फिल्टर प्लांट के पानी का उपयोग अपने निजी हितों के लिए कर रहा है, जिसके कारण शहरवासी पर्याप्त पेयजल की सुविधा से वंचित हो रहे हैं? (घ) फैक्ट्री के शहर के अंदर होने से सभी प्रकार के वायु, ध्वनि, पर्यावरण प्रदूषण हो रहे हैं, जिसके कारण आम जनता के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग) हाँ तो शहर के अंदर स्थापित सीमेंट फैक्ट्री को कब तक हटा दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। फैक्ट्री द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु आवश्यक उपकरण स्थापित किये गये हैं, जिससे जल, वायु एवं ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण में है। परिवहन विभाग द्वारा अवैध रूप से संचालित एवं ओव्हर-लोड भारवाही वाहनों की निरंतर चैकिंग की जाती है। अवैध रूप से ओव्हर-लोड वाहनों के विरूद्ध मध्यप्रदेश मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महाविद्यालयों का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
85. ( क्र. 2687 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली अंतर्गत शासकीय कन्या महाविद्यालय सिंगरौली एवं शासकीय महाविद्यालय रजमिलान के लिये शासन से पिछले वित्तीय वर्ष में 3 करोड़ 81 लाख रूपये प्रत्येक महाविद्यालय के निर्माण हेतु स्वीकृत है? (ख) क्या विधान सभा चुनाव के मद्देनजर निविदा रोक दी गई थी, तो निविदा निर्माण कराने की जानकारी देंवे।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ (ख) जी नहीं, आवंटित भूमि पर पूर्व से अतिक्रमण था, जिसे हटवाने के पश्चात् क्रमशः शासकीय कन्या महाविद्यालय, सिंगरौली में दिनांक 25.05.2019 को एवं शासकीय महाविद्यालय, रजमिलान में दिनांक 30.05.2019 को सीमांकन की कार्यवाही पूर्ण की गई। तत्पश्चात् लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू., रीवा द्वारा दोनों महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है।
बिजली खरीदी में अनियमितता
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 2728 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सन् 2005 से 2007 के बीच प्रदेश में अडानी ग्रुप से बिजली खरीदी की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है, तो क्या उक्त खरीदी में अनियमितता के आरोप लगे थे? यदि हाँ, तो क्या आरोपों की जाँच म.प्र. नियामक आयोग द्वारा की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में उक्त जाँच रिपोर्ट से क्या निष्कर्ष निकले? जाँच रिपोर्ट के आधार पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में लघु अवधि विद्युत क्रय (जिसमें अडानी ग्रुप से बिजली खरीद शामिल थी) पर आरोप लगे थे। जाँच मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा नहीं, अपितु लोकायुक्त संगठन मध्यप्रदेश द्वारा की गई थी। (ग) लोकायुक्त संगठन द्वारा परीक्षण उपरांत जाँच प्रकरण क्रमांक 133/09, दिनांक 16.02.2012 को समाप्त कर दिया गया। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना
[श्रम]
87. ( क्र. 2762 ) श्री विश्वास सारंग : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना-2018 को बंद कर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत यदि नहीं, तो इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ और सुविधायें कार्डधारियों को क्यों नहीं मिल रही हैं? कब से मिलने लगेंगी? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत यदि योजना को बंद कर दिया है, तो कारण दें। नियम बतायें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं। (ख) योजना का लाभ सभी पात्र कार्डधारियों को प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय में संकाय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
88. ( क्र. 2788 ) श्री विक्रम सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुर बाघेलान विधान सभा क्षेत्रांतर्गत नगर परिषद् क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना कब हुई? कौन-कौन से संकाय संचालित हैं? कौन-कौन से संकाय प्रस्तावित हैं? क्या विज्ञान एवं वाणिज्य की स्नातक कक्षायें भी संचालित हैं? यदि हाँ, तो किस स्थिति में? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक संचालित की जावेगी? (ख) क्या उक्त महाविद्यालय में कुल छात्र संख्या में 80 प्रतिशत छात्राएं अध्ययनरत् हैं? महिला शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु स्नातकोत्तर कक्षाएं कब तक संचालित की जावेंगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) रामपुर बाघेलान विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शासकीय महाविद्यालय रामपुर बाघेलान की स्थापना शासनादेश क्रमांक एफ 10-2/2010/38-2 दिनांक 14.05.2010 द्वारा हुई थी। वर्तमान में उक्त महाविद्यालय में केवल कला संकाय संचालित है। जी नहीं। सीमित संसाधनों के कारण नवीन संकाय एवं नवीन विषय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) जी नहीं। शासकीय महाविद्यालय रामपुर बाघेलान में वर्ष 2018-19 में छात्र-104 एवं छात्रायें-201 अध्ययनरत् थी, छात्राओं का प्रतिशत वर्तमान में लगभग 66 प्रतिशत है। शेष उत्तरांश (क) अनुसार।
ग्रामों का भू-अर्जन
[जल संसाधन]
89. ( क्र. 2789 ) श्री विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाण सागर की बहुती नहर से ग्राम बांधा, झूंसी पेपखार, झूंसी मुडवार, बढौरा एवं इटमा का कितना रकबा सिंचित होगा? गाँववार हेक्टेयर सहित ले-आउट प्लान के साथ जानकारी देवें। (ख) बहुती नहर से उक्त ग्रामों को सिंचाई की सुविधा कब तक प्राप्त हो जावेगी? उक्त नहर का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) उक्त नहर में भू-अर्जन का कार्य किन-किन ग्रामों का पूर्ण हो चुका है? कितने ग्रामों का शेष है? शेष ग्रामों का भू-अर्जन का कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? (घ) क्या कारण है कि आज दिनांक तक भू-अर्जन का कार्य नहीं हो पाया है? क्या विभागीय अधिकारियों की लापरवाही है? दोषी कौन है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) बाण सागर परियोजना की बहुती नहर से ग्राम बांधा 479 हेक्टर, झूंसी (पेपखार एवं मुडवार) 32 हेक्टर तथा इटमा की 376 हेक्टर सहित कुल 887 हेक्टर सिंचाई प्रस्तावित है। ले-आउट प्लान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। ग्राम बढौरा बहुती नहर के सैंच्य क्षेत्र में नहीं है। (ख) नहर निर्माण मार्च 2020 लक्षित है, तत्पश्चात ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना संभव होगा। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 45 ग्रामों का अवार्ड पारित होना शेष है। अवार्ड पारित करने की कार्यवाही भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किए जाने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) भू-अर्जन की कार्यवाही राजस्व अधिकारियों द्वारा की जाने से विभागीय अधिकारियों के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
स्थानांतरण नीति
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 2800 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 की कंडिका 11.25 में आपराधिक प्रकरण लंबित/विभागीय जाँच लंबित की पदस्थापना कार्यपालिक पदों पर नहीं की जाए, उल्लेखित है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इसके विरूद्ध कितनी पद स्थापनाएं की गयी हैं? विवरण दें। नियम विरूद्ध पदस्थापनाओं को कब तक हटाया जावेगा? (ख) क्या कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. या संभाग ग्वालियर के पद पर प्रभारी श्री डी.पी. साहू व अन्य के विरूद्ध म.प्र. राज्य आपराधिक प्रकोष्ठ, भोपाल प्राथमिकी दर्ज संख्या 85/2012 व अन्य विभागीय जाँच लंबित हैं? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध इनकी पदस्थापना से इनको कब तक हटाया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा आपराधिक प्रकरण लंबित किसी अधिकारी की पदस्थापना कार्यपालिक पदों पर नहीं की गई है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। श्री डी.पी. साहू, सहायक यंत्री की मूल पदस्थापना कार्यालय कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग वि/यां संभाग ग्वालियर में है तथा लोक निर्माण विभाग वि/यां संभाग, ग्वालियर में कार्यपालन यंत्री का पद रिक्त होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कार्यपालन यंत्री के रिक्त पद का प्रभार सौंपा गया है।
जल संसाधन विभाग द्वारा नाली एवं नहर निर्माण
[जल संसाधन]
91. ( क्र. 2802 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की विधान सभा क्षेत्र चंदला के अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने नाली निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत किये गये कार्यों की जानकारी मद, राशि वर्ष एवं संथावार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत किये गये कार्यों को क्या डी.पी.आर. के अनुसार किया गया है? यदि हाँ, तो मूल्यांकन की प्रति एवं किस तकनीकी अधिकारी द्वारा मूल्यांकन किया गया है? नाम, पद तथा पदस्थापना सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। उक्त कार्यों को जल उपभोक्ता संथाओं द्वारा कब तक पूर्ण किया जावेगा? (घ) क्या उक्त नाली एवं नहरों के घटिया निर्माण होने से हितग्राहियों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है? इस घटिया निर्माण कार्य को कराने वाले ठेकेदार, समिति पदाधिकारी तथा मूल्यांकन अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। उक्त कार्यवाही को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। मूल्यांकन की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। मूल्यांकनकर्ता अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) कार्य जून 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (घ) हितग्राहियों को सिंचाई का लाभ प्राप्त हो रहा है। नाली एवं नहरों का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण किया जाना प्रतिवेदित होने से ठेकेदार अथवा अधिकारियों पर कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं।
सेंट्रल लाईटिंग नगर निगम को हस्तांतरित करना
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 2805 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महू रोड फोर-लेन पर सालाखेड़ी से पवारा चौक तक निर्मित सेन्ट्रल लाईटिंग को रतलाम नगर निगम को कब तक हस्तांतरित किया जायेगा? (ख) क्या सेन्ट्रल लाईटिंग की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं? क्या यह ठीक से काम नहीं कर रही है? लागों को आवागमन में परेशानी हो रही है? यदि हाँ, तो इस समस्या का समाधान कब तक कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विभाग द्वारा निर्मित सेन्ट्रल लाईटिंग को नगर निगम को हस्तांतरित करने हेतु कार्यवाही की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है परन्तु नगर निगम द्वारा अभी तक आधिपत्य में नहीं लिया गया है। (ख) जी नहीं, जी नहीं, ठीक से काम कर रही है। सेन्ट्रल लाईटिंग में उपयोग में लाई गई विद्युत के देयक का भुगतान विद्युत वितरण कम्पनी को नहीं होने के कारण विद्युत प्रदाय अवरूद्ध होने से, लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। नगरपालिका निगम रतलाम द्वारा आधिपत्य में लेने के उपरांत संचालन एवं संधारण करने से समस्या का समाधान होगा, वर्तमान में निश्चित अवधि बताना संभव नहीं है।
म.प्र. की सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
93. ( क्र. 2822 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 2014 से रीवा जिला में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं संचालित हैं एवं उनमें से कौन-कौन सी पूर्ण हो गयी हैं? इन परियोजनाओं की निविदा किन-किन कम्पनियों/फर्मों ने ली थीं? इनकी निविदा लागत एवं पूर्णता अवधि क्या थी? अब तक कौन-कौन सी परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं? यदि नहीं, तो उसका विवरण दें। (ख) म.प्र. में उक्त परियोजनाओं में मन्टेना कन्सट्रक्शन कम्पनी द्वारा किन-किन परियोजनाओं की निविदा हासिल की गयी थी एवं उनमें से समयावधि में कितनी परियोजनएं पूर्ण हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो निविदा मूल्य से कितनी ज्यादा लागत में उक्त परियोजना पूर्ण हुई हैं? (ग) सीधी जिले की महान परियोजना बहरी केनाल की निविदा कब लगाई गयी एवं किन-किन कम्पनियों/फर्मों ने इसमें सहभागिता की? किस कम्पनी/फर्म की यह निविदा किस दर एवं कार्य पूर्णता की किस समयावधि की शर्त के साथ प्राप्त हुई? अनुबंध दिनांक से आज तक की कार्य प्रगति एवं लागत का विवरण देवें। कार्य के दौरान निविदा की शर्तों में हुए परिवर्तनों का ब्यौरा दें एवं यह कब किसके आदेश से एवं क्यों हुआ? (घ) क्या म.प्र. शासन द्वारा मन्टेना कन्सट्रक्शन कम्पनी द्वारा हासिल एक परियोजना की निविदा समाप्त (Terminate) की गयी थी? बर्खास्तगी का कारण स्पष्ट दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मन्टेना कन्स्ट्रक्शन कंपनी द्वारा कोई निविदा हासिल नहीं की जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शासन स्तर से निविदा को समाप्त (Terminate) करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
सौभाग्य योजना योजनांतर्गत ग्रामों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 2824 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र विद्युत मण्डल सीधी द्वारा चुरहट विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितने गाँवों में सौभाग्य योजना के तहत विद्युत पहुंचाने का कार्य हुआ है? ग्रामवार विवरण दें। (ख) सीधी जिले में सौभाग्य योजना में किन-किन ग्रामों में कितनी निविदा राशि का कार्य प्रस्तावित था? अब तक कितना कार्य हुआ है एवं कितनी राशि का भुगतान अब तक हुआ है? (ग) सौभाग्य योजना अन्तर्गत कार्य की गुणवत्ता मापने का क्या तरीका है एवं कब-कब इसकी माप की गई है? निम्न स्तर का कार्य पाये जाने पर क्या और कब-कब कार्यवाही की गयी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सौभाग्य योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार शत्-प्रतिशत घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना था। इस योजनांतर्गत ग्रामों के विद्युतीकरण का प्रावधान नहीं था, अपितु लास्ट माईल कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विकास/लाईन विस्तार के कार्य किये जाने थे। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सीधी जिले की चुरहट विधान सभा क्षेत्र में सौभाग्य योजनांतर्गत कुल 228 ग्रामों में से 87 ग्रामों में विद्यमान विद्युत अधोसंरचना का उपयोग करते हुए एवं 141 ग्रामों में आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विकास/लाईन विस्तार का कार्य कर कुल 11350 विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गए हैं, जिसकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में जिन 141 ग्रामों में विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया है उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) सीधी जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत प्रस्तावित/स्वीकृत कार्यों, पूर्ण किये गये कार्यों, निविदा राशि एवं भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) सौभाग्य योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यों के सतत् निरीक्षण एवं सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु टर्न-की ठेकेदार/वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर से कराये गये कार्यों में प्रयुक्त सामग्री का निर्माणकर्ता फर्म के परिसर में ही वितरण कंपनी के अधिकारियों/थर्ड पार्टी एजेन्सी द्वारा प्री-डिलेवरी इंस्पेक्शन कराया जाता है, जिसके अंतर्गत निविदा की शर्तों/निर्धारित मानकों के अनुसार सामग्री का परीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त सामग्री क्षेत्रीय भण्डार गृह में प्राप्त होने उपरांत रेण्डम सैंपलिंग कर इसका परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला से कराया जाता है तथा परीक्षण में भारतीय मानकों के अनुसार उचित गुणवत्ता पाए जाने पर ही सामग्री स्वीकार कर उपयोग में लाई जाती है। योजनान्तर्गत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर नियुक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कार्य के दौरान ही निरीक्षण किया गया एवं पाई गई त्रुटियों का तत्काल स्थल पर ही निराकरण करवाकर गुणवत्ता पूर्ण कार्य सुनिश्चित करवाया गया है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार के उपक्रम आर.ई.सी. लिमिटेड, नई दिल्ली द्वारा भी योजनान्तर्गत समय-समय पर चयनित ग्रामों का निरीक्षण कर कार्यों की गुणवत्ता की जाँच की गई है। कार्य के दौरान ही नियमित रूप से कार्यों की माप एवं गुणवत्ता सुनिश्चित की गई है।
यू.जी.सी. ग्रान्ट राशि से स्टेडियम निर्माण
[उच्च शिक्षा]
95. ( क्र. 2832 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में यू.जी.सी. ग्रान्ट एवं जनभागीदारी समितियों से कितनी राशि किस कॉलेज को प्रदाय की गई? वर्ष 2015 से अप्रैल 2019 तक जानकारी उपलब्ध करावें। क्या रीवा जिले के शासकीय महाविद्यालय गुढ़ को यू.जी.सी. ग्रान्ट मद से स्टेडियम निर्माण हेतु राशि प्रदाय की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि किस निविदाकार को कार्य हेतु कार्य आदेश प्राप्त हुआ था और कितना कार्य हुआ? (ख) गुढ़ में स्टेडियम का निर्माण विगत कई वर्षों पूर्व लघु उद्योग निगम के ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारम्भ किया था, उस कार्य में कितनी राशि खर्च की गई? क्या उक्त स्टेडियम का निर्माण कार्य लाखों रूपये खर्च करने के बाबजूद भी अधूरा पड़ा है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब तक पूर्ण कराया जायेगा? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? समयावधि बतावें। (ग) रीवा जिले में किस कालेज में कितनी राशि यू.जी.सी. मद से एवं जनभीगीदारी समितियों से वर्ष 2015 से अप्रैल 2019 तक प्राप्त हुई और कितनी किस-किस कार्य में खर्च की गई? क्या उक्त राशि का दुरूपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो उसका जिम्मेदार कौन है? उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासकीय महाविद्यालय, गुढ़ के स्टेडियम निर्माण हेतु यू.जी.सी. से कोई राशि प्रदान नहीं की गई। शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। रूपये 152.43 लाख की राशि व्यय हुई। निर्माण कार्य अपूर्ण है। निर्माण कार्य की अनियमितताओं की जाँच कार्यालय मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) विभाग से कराये जाने का निर्णय लिया गया, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। राशि के व्यय में कोई दुरूपयोग होना नहीं पाया गया है। अतः शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी
[जल संसाधन]
96. ( क्र. 2833 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल सांसधन विभाग में कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों पर एक पद नीचे के पद धारियों को क्या अतिरिक्त प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो मुख्य अभियंता गंगा कछार रीवा अंतर्गत ऐसे कितने कार्यालय हैं जहां एक पद नीचे पदधारी अधिकारी पदस्थ हैं? उनके नाम, पद सहित सूची उपलब्ध करायें। इस सबंध में शासन की गाइड-लाइन देवें। (ख) क्या भ्रष्टाचार के आरोपों एवं विभागीय जाँच के प्रचलन में होने पर भी उच्च पद का अतिरिक्त प्रभार देने का शासन का नियम है? यदि हाँ, तो शासन आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो श्री आर.एन. गर्ग उपयंत्री को अनुविभागीय अधिकारी/सहायक यंत्री का प्रभार कब से प्रदाय किया गया है? क्या इनके ऊपर आर्थिक अपराध शाखा, लोकायुक्त से लेकर कई विभागीय जाँच प्रचलन में है? (ग) क्या गंगा कछार रीवा अंतर्गत क्योंटि नहर संभाग रीवा अधीनस्थ जल उपभोक्ता संस्था रिमारी के फील्ड चैनल निर्माण गुणवत्ता विहीन होने की जाँच काडा परियोजना के अधिकारी श्री सी.एल. आरख के द्वारा की गई थी, जिसमें चार करोड़ सतहत्तर लाख की वसूली का प्रस्ताव मुख्य अभियंता को भेजा गया था? उस पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) कार्यपालन यंत्री के 223 पद, सहायक यंत्री के 1024 पद, उपयंत्री के 2324 पद स्वीकृत हैं। रिक्त पदों की संख्या क्रमश: 73, 349, 462 है। जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। गाइड-लाइन संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार। है। (ख) जी नहीं। श्री आर.एन. गर्ग, उपयंत्री को अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार दिनांक 28.02.2017 से दिया गया है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पॉवर हाउस की राख का सड़क निर्माण में उपयोग
[पर्यावरण]
97. ( क्र. 2844 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस दिनांक की अधिसूचना के अनुसार पॉवर हाउस से कितने किलोमीटर की दूरी तक बनाई जाने वाली सड़कों के इम्बेंकमेट एवं बेचिंग प्लांट में पॉवर हाउस की राख के उपयोग के संबंध में क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? (ख) सड़क निर्माण कार्य करवाने वाले विभाग, निगम, प्राधिकरण एवं सड़क निर्माण करने वाले अनुबंधकर्ताओं द्वारा मार्ग निर्माण की डी.पी.आर. एवं डिजाइन में पॉवर हाउस की राख के उपयोग का प्रावधान नहीं करने एवं प्रावधान करने के बाद भी उपयोग नहीं करने पर किस कानून की किस धारा के तहत न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत करने का प्रावधान प्रचलित है? (ग) मध्यप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भोपाल एवं उसके क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल को गत एक वर्ष में किस-किस सड़क के इम्बेंकमेट एवं बेचिंग प्लांट में राख का उपयोग नहीं किए जाने की लिखित शिकायत, आवेदन या सूचना पत्र किस दिनांक को प्राप्त हुआ है? (घ) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संचालक मंडल, बोर्ड के मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय ने सड़क निर्माण में राख का उपयोग नहीं करने पर किस-किस के विरूद्ध प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करने का किस दिनांक को निर्णय लिया? कब तक प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली की फ्लाई एश अधिसूचना दिनांक 14/9/1999 (यथा संशोधित) की कंडिका 1 (5) के अनुसार कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र से 300 कि.मी. की त्रिज्या में सड़क निर्माण या फ्लाई ओव्हर इम्बेंकमेट का निर्माण और डिजाइन अनुमोदन करने हेतु विद्युत संयंत्रों से उत्पन्न राखड़ का उपयोग इंडियन रोड कांग्रेस के स्पेसीफिकेशन क्रमांक एसपीः58:2001 यथा संशोधित में उल्लेखित स्पेसीफिकेशन्स/गाइड लाइंस के अनुसार सुनिश्चित करने के निर्देश हैं। तकनीकी कारणों से एजेन्सी के संबंधित मुख्य अभियंता (डिजाइन) अथवा प्रमुख अभियंता के अनुमोदन से स्पेसीफिकेशन अथवा ताप विद्युत संयंत्र द्वारा फ्लाई एश उपलब्ध न होने के प्रमाण पत्र दिये जाने पर इन निर्देशों से विचलन किया जा सकता है। सड़क निर्माण हेतु स्थापित बेचिंग प्लांट में फ्लाई एश के उपयोग हेतु अधिसूचना में अलग से कोई प्रावधान नहीं है। (ख) अधिसूचना के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 15 के अन्तर्गत संबंधित के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान है। (ग) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं इसके क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल को विगत एक वर्ष में निम्न सड़क परियोजनाओं में राख का उपयोग नहीं किये जाने की लिखित शिकायत/सूचना पत्र प्राप्त हुये हैं:- क्रमांक, सड़क का नाम शिकायत/सूचना पत्र प्राप्ति दिनांक (1) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 69 का औबेदुल्लागंज-बुधनी खण्ड 27/03/2019 (2) भौरा-फोफल्या मार्ग एवं भैसदेही-नांदा-भीमपुर मार्ग 27/03/2019 (3) बैतूल-आमला-नागदेव मंदिर रोड 27/03/2019 (4) मुलताई-आठनेर-गुदगाँव-भैसदेही मार्ग 27/03/2019 (5) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-69 27/03/2019 (घ) सड़क निर्माण में राख का उपयोग नहीं करने पर अभी तक किसी सड़क निर्माण एजेन्सी/विभाग के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत करने का निर्णय पारित नहीं किया है तथापि बोर्ड द्वारा सतपुड़ा ताप विद्युत संयंत्र, सारणी, जिला बैतूल के विरूद्ध अधिसूचना के प्रावधानों के अनुरूप सड़क निर्माण एजेन्सियों को राखड़ प्रदान न किये जाने के कारणों से बैतूल जिला न्यायालय में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा-15 एवं 16 के अन्तर्गत दिनांक 01/06/2019 को प्रकरण दर्ज किया गया है।
सड़क विकास निगम का गठन
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 2845 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम भोपाल का गठन कब किया गया है? इस निगम द्वारा वर्ष 2018 तक इन्दौर संभाग में किस जिले में कितनी लंबाई एवं कितनी लागत की सड़क निर्माण का कार्य किस अवधि में किया? इसमें से कितनी सड़कों का निर्माण पूरा हो गया है? (ख) निगम द्वारा हाथ में ली गई किस सड़क निर्माण में लगने वाले गौण खनिज की रॉयल्टी ठेकेदार के बिल काटकर खनिज विभाग में जमा की गई? (ग) सड़क निर्माण कार्यों में लगने वाले खनिज, रॉयल्टी की कटौती एवं रॉयल्टी क्लिरेन्स के संबंध में खनिज विभाग म.प्र. शासन ने जनवरी 2006 में क्या-क्या निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी किया, उसका पालन नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थानों में वर्तमान में निर्माणाधीन सड़कों में प्रश्नांकित दिनांक तक उपयोग किये गए खनिज की कितनी रायल्टी काट कर खनिज विभाग में निगम ने जमा करवाई है? कितनी राशि काट कर जमा नहीं करवाई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 23.06.2004 से। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। निर्देशों एवं परिपत्रों का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. सड़क विकास निगम के इन्दौर संभाग के कार्यालय में प्रश्नांश (क) एवं वर्तमान में निर्माणाधीन सड़कों एवं प्रश्न दिनांक तक ठेकेदार के बिल से कोई रॉयल्टी काटकर खजिन विभाग में जमा नहीं करवाई गई है।
पवन चक्की स्थापित कर विद्युत उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
99. ( क्र. 2852 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर विधान सभा क्षेत्र में किस-किस गाँव में, किस-किस सर्वे नंबर पर कितने रकबे में किस नियम के अंतर्गत किस आधार पर, किस-किस कम्पनी ने, किस तारीख से पवन चक्की स्थापित करके विद्युत उत्पादन प्रारम्भ किया? (ख) पवन ऊर्जा संयत्र या पवन चक्की स्थापित करने के लिए भारत सरकार और मध्यप्रदेश शासन के क्या-क्या नियम और प्रावधान हैं? समस्त पॉलिसी की प्रतिलिपि के साथ संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त सम्बंधित कम्पनियों को किन नियम और शर्तों पर पॉवर परचेस एग्रीमेंट कितनी अवधि के लिए किये गए? (घ) धार जिले में लगे पवन ऊर्जा खम्बों, यंत्रों और प्लांट में कौन-कौन व्यक्ति किस-किस कंपनी में मालिकाना हक़ रखते हैं और क्या ये सभी सम्बंधित लोग मध्यप्रदेश सरकार के नियमों के अनुसार स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार दे रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। म.प्र. में निजी इकाईयों द्वारा पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति 2012 के प्रावधानों के अन्तर्गत की गयी है। (ख) पवन ऊर्जा स्थापना हेतु शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति 2012 एवं भारत शासन की पवन ऊर्जा नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड व विकासक/निवेशक के मध्य 25 वर्ष हेतु विद्युत विक्रय अनुबंध किया गया है। नियम एवं शर्तों के अवलोकन हेतु विद्युत विक्रय अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) धार जिले में लगी पवन ऊर्जा परियोजनाओं में मालिकाना हक (निवेशक) रखने वाली कम्पनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। उक्त परियोजनाएं वर्ष 2015-16 के दौरान स्थापित की गयी हैं, तत्समय लागू शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति 2012 एवं उसकी परिधि में उल्लेखित शासन की उद्योग संवर्धन नीति में स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार दिये जाने की अनिवार्यता प्रावधानित नहीं थी, इस संदर्भ में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता तथापि आवश्यकतानुसार परियोजनाओं की स्थापना और संचालन के दौरान स्थानीय रोजगार उपलब्ध करावाया गया है।
गैर परंपरागत स्तोत्र से बिजली उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
100. ( क्र. 2853 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में राज्य में कहाँ-कहाँ, किस-किस पवन एवं सौर ऊर्जा कम्पनी ने अपने उद्योग एवं उत्पादन के यंत्र कब से स्थापित कर रखे हैं और उनकी स्थापना से लेकर 20 जून 2019 तक उन्होंने कितने मेगावाट बिजली का उत्पादन कर के किस रेट पर कितनी बिजली शासन को कब-कब बेची? (ख) उक्त पवन और सौर ऊर्जा कम्पनियों ने उनकी स्थापना से लेकर 20 जून 2019 तक सी.एस.आर. मद से कब-कब कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु खर्च की? जानकारी राशि सहित दिनांकवार, कार्यवार, ग्रामवार बतावें।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कम्पनी अधिनियम-2013 की धारा-135 के अन्तर्गत कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सी.एस.आर.) के प्रावधान उन कम्पनियों पर लागू होते हैं, जिनमें नेट वर्थ रू. 500 करोड़ या उससे अधिक हो, अथवा टर्न ओवर रू. 1000 करोड़ या उससे अधिक हो, या नेट लाभ रू. 5 करोड़ या उससे अधिक हो। उक्त कम्पनी अधिनियम के अन्तर्गत आने वाली कम्पनियों द्वारा एवं अन्य कम्पनियों द्वारा स्वेच्छा से क्षेत्र में किए गए कार्यों की प्रस्तुत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 2861 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अजयपुर, असावती कुरावन रोड स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत राशि एवं लम्बाई की जानकारी देवें। निर्माण पूर्ण होने की समय-सीमा बतावें। (ख) विभाग द्वारा उपरोक्त सड़क निर्माण का कार्य प्रारम्भ किस ठेकेदार से कराया गया था? (ग) वर्तमान में निर्माणाधीन सड़क का कार्य चलते हुये कितना समय हो गया है एवं वर्तमान की स्थिति क्या है एवं कितना कार्य बाकी है? (घ) वर्तमान में किस ठेकेदार द्वारा उपरोक्त सड़क का कार्य किया जा रहा है? कितना भुगतान ठेकेदार को किया गया? विभाग द्वारा निर्माण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? सड़क निर्माण कब तक पूर्ण हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) अजयपुर, असावती, कुरावन मार्ग लंबाई 12.70 कि.मी. निर्माण हेतु राशि रू. 1480.52 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 01.09.2015 को जारी की गई थी। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण होने की तिथि 27.03.2017 थी। (ख) मेसर्स राजटेक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. अरनोद, जिला प्रतापगढ़ (राजस्थान) के द्वारा प्रारंभ किया गया था। (ग) 3 वर्ष 9 माह वर्तमान में डामर कार्य लंबाई 8910 मीटर तथा सी.सी. कार्य लंबाई 940 मीटर कुल 9850 मीटर एवं 24 नग पुलियाओं का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। डामर कार्य लंबाई 910 मीटर, सी.सी. कार्य लंबाई 1150 मीटर में एवं 1 पुलिया तथा 1 स्लेब कलवर्ट का कार्य शेष है, जो प्रगतिरत है। (घ) वर्तमान में मेसर्स राजटेक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. अरनोद द्वारा ही कार्य किया जा रहा है। उक्त कार्य पर ठेकेदार को राशि रू. 665.84 लाख का भुगतान किया जा चुका है। ठेकेदार द्वारा कार्य निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने के कारण समय-समय पर अनुबंधानुसार नोटिस दिये गये हैं। ठेकेदार का पंजीयन दिनांक 25.06.2019 को ब्लैक लिस्ट भी किया जा चुका है। उक्त कार्य दिनांक 31.12.2019 तक पूर्ण होने की संभावना है।
औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण
[पर्यावरण]
102. ( क्र. 2868 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी स्थित किन-किन उद्योगों का मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण के दौरान किन-किन उद्योगों के विरूद्ध क्या-क्या अनिमितताएं एवं कमियां पाई गईं तथा प्रश्न दिनांक तक उनमें क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या ओसवाल कंपनी एवं जिलेटिन कंपनी द्वारा प्रवाहित केमिकल युक्त गंदा पानी समीपस्थ ग्राम गीलाखेड़ी के कृषकों की कृषि भूमि एवं कुंओं में मिल जाने से ग्रामीणजन गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं तथा उनके पेयजल स्त्रोत विषैले होकर निरंतर फसलें बर्बाद हो रही हैं? इस संबंध में ग्रामीणजनों द्वारा बोर्ड के अधिकारियों, स्थानीय व जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को अनेकों बार आवेदन किये जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त उद्योगों के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? (ग) उपरोक्तानुसार क्या निर्माणाधीन पार्वती रेसई परियोजना पर उक्त उद्योगों से होने वाले प्रदूषण के प्रभाव का बोर्ड द्वारा अध्ययन कर कोई रिपोर्ट/प्रतिवेदन तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त परियोजना/पार्वती नदी पर होने वाले प्रभावों का उल्लेख करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांकित उद्योग मेसर्स भोपाल ग्लू एण्ड केमिकल्स प्रा.लि., पीलूखेड़ी में प्रदूषण नियंत्रण की सक्षम व्यवस्था न पाये जाने के कारण दिनांक 27/06/2017 को जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकार, नरसिंहगढ़ में न्यायालयीन वाद दायर किया गया है। साथ ही उद्योग द्वारा जमा बैंक गारंटी रू. 10.0 लाख को जप्त करने की कार्यवाही की गई है। मेसर्स ओसवाल कम्पनी उद्योग से भी कभी प्रदूषण की स्थिति पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 2869 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर नरसिंहगढ़ अंतर्गत सागपुर से छत्री चौराहे होते हुए हनुमान गढ़ी पुलिस चौकी तक मार्ग विभाग के स्वामित्व में होकर नगर का आवागमन हेतु एकमात्र मुख्य मार्ग है? यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्ग अत्यंत संकीर्ण होने से निरंतर आवागमन बाधित रहने की समस्या बनी रहती है? साथ ही वर्तमान में उक्त मार्ग जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होकर सड़क में जगह-जगह गड्ढे निर्मित हो गये हैं तथा उक्त मार्ग की वर्तमान स्थिति के कारण दुर्घटनाओं में व्यक्तियों की मृत्यु भी हो चुकी है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा उक्त मार्ग पर सड़क निर्माण हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगर के नागरिकों द्वारा लंबे समय से उक्त मार्ग का चौड़ीकरण कर पोल शिफ्टिंग डिवाईडर युक्त सी.सी.करण सड़क निर्माण की पुरजोर मांग की जा रही है तथा विभाग द्वारा आस-पास के अन्य नगरीय क्षेत्रों में भी आवागमन बाधित होने की समस्या के निराकरण हेतु डिवाईडर युक्त सी.सी.करण सड़क निर्माण कराये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन नगर नरसिंहगढ़ के उक्त मुख्य मार्ग (लंबाई 4 कि.मी.) पर पोल शिफ्टिंग कर डिवाईडर युक्त सी.सी.करण सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं तथा जी हाँ, वर्तमान में किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 2876 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र में म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा चाका से जुहला-जुहली तक सड़क, ओवर पास, साइड रोड और ओवर ब्रिज का निर्माण किस ठेकेदार कंपनी द्वारा किन शर्तों के अध्यधीन और किस तकनीकी अधिकारी के पर्यवेक्षण में कराया गया तथा वर्तमान में सड़क, ओवर पास, साइड रोड और ओवर ब्रिज में क्या खराबी पायी गयी और क्या-क्या मरम्मत की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत क्या सड़क, ओवर पास, साइड रोड और ओवर ब्रिज में मरम्मत के नाम पर डामर का लेप और कुछ स्थान पर डामरीकरण किया जाना नियत मापदंड के अनुसार हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो इस प्रकार किए गये मरम्मत कार्य किस आदेश से किए गये एवं जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या जूहला ओवर पास के नीचे की पुरानी खराब सड़क को बनाकर देने की जवाबदारी ठेकेदार म.प्र. सड़क विकास निगम की थी परंतु खराब सड़क ही लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है? यदि हाँ, तो ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? नहीं तो गड्ढों में बदल चुकी सड़क की बारिश के पूर्व मरम्मत एवं नव निर्माण कब तक करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नाधीन भाग कटनी-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 78 (नया क्रं. 43) के कटनी-उमरिया मार्ग खण्ड के कि.मी. 1 से 8 तक का अंश भाग है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी हाँ, आई.आर.सी.एस.पी. 83-2008 के क्लॉज 5.4 के सबक्लॉज के प्रावधानों के अनुसार सड़क, ओवर पास, साईड रोड एवं ओवर ब्रिज में प्राधिकृत अभियंता की देखरेख में मरम्मत कार्य किया गया है। अत: शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी नहीं, जी नहीं अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। यातायात चालू रखने हेतु मार्ग में डब्ल्यू.बी.एम. के पेंच बनाये गये हैं, वर्तमान में मार्ग के इस भाग का नवनिर्माण किसी योजना में स्वीकृत नहीं है, अत: निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
खेल गतिविधियाँ, प्रशिक्षण एवं निर्माण कार्य की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
105. ( क्र. 2878 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ खेल मैदान और परिसर कब-कब निर्मित किए गए? इन स्थानों पर कौन-कौन सी खेल गतिविधियां की जा सकती हैं और किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन खेल मैदान और परिसर का निर्माण कब से स्वीकृत हैं? स्वीकृत खेल मैदान/परिसरों का निर्माण कार्य कब प्रारम्भ किया जायेगा? फॉरेस्टर खेल मैदान कटनी में स्वीकृत खेल परिसर के निर्माण के कार्य की प्रश्न दिनांक तक क्या स्थिति हैं? (ख) कटनी जिले में वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में किन-किन खेलों की गतिविधियों और प्रशिक्षण हेतु क्या-क्या कार्यक्रम कब-कब और कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये? इन कार्यक्रम हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई और किस-किस मद में क्या-क्या सामग्री क्रय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) खेल गतिविधियों/प्रशिक्षण कार्य में कितनी राशि व्यय की गई और कितनी राशि शेष रही? मदवार बताएं। (घ) प्रश्नांश (ख) खेल गतिविधियों और प्रशिक्षण में किन-किन और कितने प्रतिभागियों द्वारा सहभागिता की गई और किन-किन प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया? (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या खेल गतिविधियों/प्रशिक्षण कार्यों का आयोजन शासनादेशों/विभागीय निर्देशों के अनुरूप किया गया और इन आयोजनों से खिलाड़ियों की क्षमता में वृद्धि होना ज्ञात हुआ? यदि हाँ, तो कैसे? विवरण बताएं। यदि नहीं, तो क्या सुधार की कार्यवाही की जाएगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
अवैध निर्माण पर की गई कार्यवाही
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 2885 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में सलसलाई से बोलाई मार्ग पर बोलाई से 3 किमी गुलाना की ओर सड़क पर क्या दरगाह निर्माण की अनुमति दी गई है? यदि नहीं, तो अवैध दरगाह को तोड़ने की क्या-क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवैध निर्माण को तोड़ने हेतु 1 माह तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या विभाग अवैध निर्माण को हटाना नहीं चाहता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। उक्त दरगाह को तोड़ने के लिये प्रशासन को लिखा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त निर्माण की सूचना निवेशकर्ता से विलंब से प्राप्त होने से। जी नहीं।
महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
107. ( क्र. 2886 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन परिक्षेत्र के शासकीय महाविद्यालयों में प्राध्यापक/सह-प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापकों के कितने पद स्वीकृत हैं तथा वर्तमान में कितने पद भरे हुए हैं व कितने पद रिक्त हैं? पदवार, जिलेवार महाविद्यालयों के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति के लिए क्या कोई प्रक्रिया प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक रिक्त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन परिक्षेत्र के शासकीय महाविद्यालयों में प्राध्यापक/सह-प्राध्यापक/सहायक-प्राध्यापकों के स्वीकृत पदों वर्तमान में भरे पदों एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संबंध में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
युवा संधि अनुदान योजनांतर्गत गतिविधियों का संचालन
[खेल और युवा कल्याण]
108. ( क्र. 2895 ) श्री महेश परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के अंतर्गत वर्ष 2016 से 2018 की अवधि में युवा संधि अनुदान योजना के अंतर्गत कुल कितनी गतिविधियां कहाँ संचालित की गयी? कितनी राशि उन गतिविधियों पर खर्च की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में खेल प्राधिकरण द्वारा उज्जैन संभाग में युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कितने कार्यक्रम कब, किन के द्वारा कहाँ संचालित किये? (ग) क्या ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए वित्तीय वर्ष 2016 से 2018 तक राज्य शासन ने उज्जैन संभाग को बजट स्वीकृत किया था? यदि हाँ, तो बजट प्रावधान में दी गयी राशि का उपयोग किस मद में, किस उद्देश्य के लिए किया गया? कुल कितने गाँव लाभान्वित हुए? कितने युवाओं को प्रोत्साहित करने में कुल कितनी प्रतियोगिताओं का योगदान रहा? (घ) उज्जैन संभाग के अंतर्गत कुल कितने जिला खेल और युवक कल्याण अधिकारी पदस्थ हैं? उनके निर्धारित कर्त्तव्य क्या हैं? वर्ष 2015 से 2018 तक जिला स्तरीय खेल प्रतिभा खोज स्पर्धा, प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन एवं अनुदान जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं के लिए खेलों का गठन आदि कुल कितनी गतिविधियों का संचालन किया गया? प्रत्येक गतिविधि पर कितनी राशि खर्च की गयी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सोलर पम्प एवं रूफटॉप सोलर परियोजनाओं की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
109. ( क्र. 2896 ) श्री महेश परमार : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में सोलर पम्प स्थापना एवं रूफटॉप सोलर परियोजनाओं की स्थापना करने वाली कुल कितनी फर्म कार्य कर रही हैं? इन फर्मों का चयन किस माध्यम से, किस प्रकार, किस प्रक्रिया के द्वारा किया गया है? इन फर्मों से किन निविदा की शर्तों के तहत एवं किन-किन निर्धारित मापदंडों के अनुसार कार्य कराया जा रहा है? संबंधित आदेश, निर्देश, अधिनियम परिपत्र एवं अनुबंधित शर्तों के नियमावली उपलब्ध कराते हुए जवाब प्रस्तुत करें। (ख) उज्जैन संभाग के अंतर्गत कौन सी निजी फर्मों को मार्किट मोड में सौर परियोजनाओं के संयत्र स्थापना की स्वतंत्रता दी गयी है? उन फर्मों की सूची एवं उनके द्वारा किस शर्तों के अधीन कौन सी सेवाएं प्रदत्त की जा रही हैं? (ग) क्या ऊर्जा विकास निगम में उज्जैन ज़िले के अंतर्गत कुल कितने हितग्राहियों को आवेदन करने पर अनुदान से मुक्त किया गया है? उन सभी पात्र संस्थाओं की सूची उपलब्ध करायें। साथ ही निजी एजेंसियों द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किये गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत करें।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) उज्जैन संभाग में सोलर पम्प स्थापना का कार्य कुल 7 फर्मों एवं रूफटॉप सोलर परियोजनाओं की स्थापना का कार्य कुल 8 फर्मों द्वारा किया गया है/जा रहा है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इन फर्मों का चयन ऑनलाईन ई-निविदा के माध्यम से किया गया है। राज्य की सोलर पम्प की निविदा में कुल 23 फर्मों ने हिस्सेदारी की और रूफटॉप सोलर परियोजना में कुल 30 फर्मों ने हिस्सेदारी की। रूफटॉप सोलर परियोजना की आर.एफ.पी. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। निगम की सोलर पम्प की आर.एफ.पी. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है, जो कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के Standard Bidding Document (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार) के अनुरूप तैयार की गई। प्रक्रिया का पालन करते हुये इकाईयों का चयन किया गया एवं निविदा की शर्तों एवं मापदण्डों के अनुसार कार्य कराया गया। रूफटॉप सोलर परियोजना से संबद्ध म.प्र. विद्युत नियामक आयोग (ग्रिड संयोजित शुद्ध मापन) विनियमन 2015 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। सोलर पम्प हेतु भारत सरकार द्वारा जारी तकनीकी मानक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है। (ख) सोलर परियोजनाओं के अन्तर्गत सोलर रूफटॉप संयंत्रों की आवासीय एवं संस्थागत क्षेत्र के भवनों में स्थापना हेतु मार्केट मोड आधारित क्रियान्वयन की प्रक्रिया सम्पूर्ण प्रदेश में लागू की गई है। मार्केट मोड के अन्तर्गत संयंत्रों की स्थापना करने हेतु सभी इकाइयों को पात्र माना गया है, बशर्ते कि वे संयंत्रों की स्थापना, निगम की निविदा में निर्धारित मापदण्डों एवं शर्तों के अनुरूप करें। प्रदेश में अब तक मार्केट मोड आधारित क्रियान्वयन अन्तर्गत कुल लगभग 1000 किलो वॉट क्षमता के सौर संयंत्रों की स्थापना की जा चुकी है, जबकि उज्जैन संभाग में प्रगति निरंक है। वर्तमान में मार्केट मोड में सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना कर रही फर्मों की सूची व मार्केट मोड की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ज अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
खेल एवं युवा कल्याण की बैठक, खेल परिसर एवं व्यायाम सामग्री की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
110. ( क्र. 2911 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा परसवाड़ा विधान सभा में खेल परिसर स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्य पूर्ण हो चुका? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) 2016 से अब तक पंचायतवार स्कूलवार बालाघाट जिले में कितने ग्राम पंचायत में एवं कितने स्कूलों में व्यायाम सामग्री दी गयी हैं? जानकारी देवें। (ग) बालाघाट जिले में खेल एवं युवा कल्याण की बैठक कब-कब हुई 2016 से अब तक प्रस्ताव की जानकारी सहित देवें। (घ) बालाघाट जिले में खेल एवं युवा कल्याण विभाग से 2016 से अब तक कितना बजट आया है? कहाँ-कहाँ व्यय किया गया?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्वीमिंग पूल का संचालन एवं स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
111. ( क्र. 2916 ) डॉ. मोहन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन नगर में उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित महानंदा नगर स्थित स्वीमिंग पूल एवं नानाखेड़ा स्थित राजमाता सिंधिया स्टेडियम में तैराकी एवं अन्य खेल गतिविधियां शुरू किये जाने के संबंध में विभाग कि कोई कार्ययोजना है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्वीमिंग पूल का संचालन विगत दो वर्षों से किस आदेश से क्यों बंद है तथा इस संबंध में विभागीय स्तर पर क्या कार्यालयीन कार्यवाही की गयी है? आदेश, नोटशीट, पत्र आदि का विवरण उपलब्ध कराते हुए इस संबंध में दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्टेडियम का निर्माण तथा स्वीमिंग पूल का संचालन कब तक शुरू कर दिया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) महानंदा नगर स्वीमिंग पूल के सुदृढ़ीकरण हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 1089 दिनांक 24.06.2019 द्वारा म.प्र. पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम भोपाल को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। सुदृढ़ीकरण का कार्य पूर्ण होने पर स्वीमिंग पूल का संचालन आरंभ किया जावेगा। नानाखेड़ा स्थित राजमाता सिंधिया स्टेडियम का स्वामित्व खेल और युवा कल्याण विभाग का नहीं होने से यहां खेल गतिविधियां शुरू की जाना संभव नहीं है। (ख) स्वीमिंग पूल विभाग को दिनांक 24-04-2018 को हस्तांतरित हुआ। हस्तांतरण के समय स्वीमिंग पूल बंद एवं जर्जर अवस्था में था, इस कारण संचालन किया जाना संभव नहीं था। स्वीमिंग पूल के सुदृढ़ीकरण हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 1089 दिनांक 24.06.2019 द्वारा राशि 27, 92, 000- की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र. पुलिस हाउसिंग एवं अधोसंरचना विकास निगम के पक्ष दी गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तदानुसार स्वीमिंग पूल के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जावेगा। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्माण एजेंसी द्वारा स्वीमिंग पूल का सुदृढ़ीकरण का कार्य पूर्ण करने पश्चात ही स्वीमिंग पूल का संचालन किया जावेगा। राजमाता सिंधिया स्टेडियम के संबंध में प्रश्नोत्तर (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पी.आई.यू. अंतर्गत भवनों का निर्माण
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 2917 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन तहसील में पी.आई.यू. अन्तर्गत कौन-कौन से भवनों का निर्माण कार्य वर्तमान में प्रचलित है? उसकी लागत क्या है? भवनों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा तथा कौन-कौन से भवनों का निर्माण कार्य स्वीकृति एवं राशि आवंटन के बाद भी शुरू नहीं हो पाये और क्यों? (ख) शासकीय संभागीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय लालपुर में निमार्णाधीन भवन की निर्माण एजेन्सी, निजी फर्म से किये गये कार्य अनुबंध की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए उक्त कार्य की लागत कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? क्या उक्त कार्य की स्वीकृति होने के उपरांत उसकी ड्राईंग, डिजाईन एवं कार्य के स्वरूप में कोई परिवर्तन किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्यों और किस आदेश से? आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुए इस संबंध में दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही कि जायेगी अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कौन से भवनों का निर्माण भूमि विवाद के कारण प्रारम्भ नहीं हो पाया है तथा ऐसे भवनों का निर्माण कब तक शुरू कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कोई दोषी नहीं, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
महाविद्यालय की भूमि का सीमांकन
[उच्च शिक्षा]
113. ( क्र. 2929 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासकीय महाविद्यालय की भूमि के सीमांकन को लेकर क्या-क्या निर्देश कब-कब जारी किये गये? 1 जनवरी 2015 के पश्चात दिये गये निर्देशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। क्या विभाग की सीमांकन की लापरवाही के चलते शासकीय महाविद्यालयों की भूमि पर अन्य विभागों ने कब्ज़ा कर लिया है, जिससे शासकीय महाविद्यालयों को अपने खेल मैदान में नवीन कक्षों का निर्माण करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग में ऐसे कितने शासकीय महाविद्यालय हैं, जिनकी भूमि पर अन्य विभागों के निर्माण कार्य हो गये हैं? इन निर्माण कार्यों की अनुमति किस सक्षम अधिकारी ने अन्य विभागों को कब-कब दी तथा कब-कब महाविद्यालय प्रबंधन ने इस पर आपत्ति दर्ज की? क्या शासकीय महाविद्यालयों की भूमि का अन्य विभाग द्वारा उपयोग करने पर उसे उच्च शिक्षा विभाग की अनुमति आवश्यक है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण विभाग के समक्ष आये? (ख) प्रदेश में कितने शासकीय महाविद्यालयों की भूमि का सीमांकन विभाग द्वारा करवा लिया गया है तथा कितने का शेष है? (ग) उज्जैन संभाग के शासकीय महाविद्यालयों में विभिन्न मदों में कुल कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक जमा है? प्रति विद्यार्थियों से प्राप्त की जाने वाली कुल राशि की जानकारी देवें तथा प्रति वर्ष उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कितनी कितनी राशि उक्त अवधि में शासकीय महाविद्यालयों को प्राप्त हुई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों को भूमि आवंटन एवं सीमांकन संबंधी कार्यवाही संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा की जाती है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किये जाते हैं। शासकीय महाविद्यालयों की भूमि पर अन्य विभागों के कब्जे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दी गई जानकारी अनुसार शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स अनुसार है।
जलाशय की नहरों का निर्माण
[जल संसाधन]
114. ( क्र. 2931 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद जलाशय के अंदर पूर्व में एवं वर्तमान समय में कितना अधिकतम जल भंडारण होता रहा है? उपरोक्त दोनों स्थितियों में भंडारण क्षमता में अंतर कारण सहित बतलावें। (ख) जलाशय की नहरों का निर्माण कहाँ से कहाँ तक कब कराया गया? पूर्व में इसकी दोनों नहरों का पानी अंतिम छोर के किन-किन ग्रामों तक पहुँचता था एवं अब कहाँ तक पहुँच रहा है? (ग) प्रश्नांक (ख) में उल्लेखित नहरें वर्तमान समय में किस स्थिति में हैं? ये कहाँ-कहाँ से क्षतिग्रस्त हैं? उल्लेखित नहरों में चिन्हित वे कौन-कौन से स्थल हैं जो पूरे वेग से सिंचाई जल प्रभावित करने पर क्षतिग्रस्त हो जाते है? इनके सुधार हेतु कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य एवं सुधार कार्य होना आवश्यक है? (घ) क्या? प्रश्नांक (ग) में उल्लेखित सुधार कार्य विभाग द्वारा कराया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) बहोरीबंध जलाशय की पूर्व एवं वर्तमान स्थिति में जीवित जल भण्डारण क्षमता 34.52 मि.घ.मी. है। जल भण्डारण क्षमता में कोई अंतर नहीं आना प्रतिवेदित है। (ख) जलाशय के नहरों का निर्माण कार्य सन् 1927 में पूर्ण कराया गया। दांयी तट नहर अंतर्गत 13 ग्रामों में से अब अंतिम छोर के 03 ग्राम क्रमश: हथियागढ़, कठाई एवं कूड़ाखुर्द एवं बांयी तट नहर के अंतर्गत 18 ग्रामों में से अब अंतिम छोर के 06 ग्राम क्रमश: ककरेहटा, बचैया, नादघाट, तलाड़, पटुरिया एवं बंधनवारा में कम मात्रा में पानी पहुंचना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) नहरों की वर्तमान स्थिति संलग्न परिशिष्ट में उल्लेख अनुसार है। वर्तमान में शासन स्तर पर सुधार प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
लघु एवं मध्यम स्तर की सिंचाई परियोजनाएं
[जल संसाधन]
115. ( क्र. 2934 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में लघु एवं मध्यम स्तर की कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं संचालित हैं एवं कौन सी नवीन योजनाएं निर्माण हेतु प्रस्तावित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या दौलतपुरा, बरखेड़ा घोषी, तिलौनी, फिरोजपुर, कोलुआ पठार, तिगरा-झण्डवा, चितावर तालाब, तरवरिया तालाब, नैनवास कलां तालाब, सेमरखेड़ी (अलीगढ़ कोटरा) सिंचाई योजनाएं विभाग के पास प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है? यदि प्रस्तावित नहीं है तो क्या विभाग इस प्रश्न को प्रस्ताव मानकर स्वीकृति की कार्यवाही कर बजट उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में लटेरी तहसील के समेरखेड़ी (अलीगढ़ कोटरा) जलाशय योजना किस वर्ष स्वीकृत की गई थी? तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। उक्त जलाशय के निर्माण पर शासन द्वारा कितना व्यय कर दिया गया था? कितना निर्माण कार्य हो चुका था? क्या जलाशय की योजना बनकर तैयार हो गई है? उसमें कितनी भूमि को सिंचित किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इस गंभीर लापरवाही के लिए दोषी कौन-कौन हैं? दोषियों पर कार्यवाही कर उक्त जलाशय एवं नहर का निर्माण कार्य कब तक पूरा किया जाकर सिंचाई प्रारंभ करा दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शासन स्तर पर कोई परियोजना विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) सेमरखेड़ी (अलीगढ़ कोटरा) जलाशय वर्ष 2003 में स्वीकृत की गई। प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार एवं तकनीकी स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। निर्माण पर रू. 141.51 लाख व्यय किया गया है। फ्लेंक में मिट्टी कार्य लगभग पूर्ण तथा नाला क्लोजर एवं स्पिल का कार्य शेष होना प्रतिवेदित है। परियोजना अपूर्ण होने के कारण सिंचाई किए जाने की स्थिति नहीं है वन व्यपवर्तन की स्वीकृति वन विभाग से अपेक्षित होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। अत: अधिकारियों के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
मुख्यमंत्री स्थाई पम्प कनेक्शन योजनांतर्गत कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 2936 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) योजना प्रारंभ से मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना अन्तर्गत विदिशा जिले में कितने कृषकों के कुएं एवं ट्यूबवेलों के लिये लाईन विस्तार कार्य एवं ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये हैं एवं कितने शेष हैं? संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 17 दिसम्बर 2018 से 25 जून 2019 तक कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए? क्या मुख्यमंत्री स्थाई पम्प कनेक्शन योजना को बंद किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। उनके अनुसार कितने आवेदनों पर कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में यदि उपभोक्ताओं के ट्रांसफॉर्मर नहीं रखे गये हैं तो क्या कारण है? आवेदन क्र. 1401002789454 कृषक का नाम भगवान सिंह एवं आवेदन क्र. 1401005834601 की क्या स्थिति है? अभी तक ट्रांसफॉर्मर न रखे जाने के पीछे क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) के संदर्भ में क्या मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना अंतर्गत कनेक्शन प्रदाय हेतु कोई वरीयता सूची विभाग द्वारा बनाई जाती है? 31 मार्च, 2019 की स्थिति में पंजीकृत उपभोक्ताओं की संख्या बतावें। क्या वरीयता तोड़कर प्रभावशाली लोगों/अधिकारियों के कहने पर पम्प कनेक्शन प्रदाय किए गए हैं? यदि हाँ, तो किन-किन के कहने पर और किन-किन को कनेक्शन दिए गए हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत विदिशा जिले में योजना अवधि में कुल 9066 कृषकों के स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन कार्य हेतु आवश्यकतानुसार विद्युत लाईन विस्तार एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य स्वीकृत किया गया है, जिसमें से वर्तमान में 800 कृषकों के कार्य कराया जाना शेष हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त योजना के अंतर्गत 17 दिसम्बर 2018 से 25 जून 2019 तक स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन हेतु कुल 1579 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 779 आवेदनों पर कार्यवाही कर कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं। उक्त योजना मार्च-2019 तक लागू थी, जिसे नए स्वरुप में लागू करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। (ग) योजनांतर्गत प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए वरीयता के आधार पर योजना के प्रावधान अनुसार निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने की कार्यवाही की जा रही है वर्तमान स्थिति में शेष 800 आवेदकों के कार्ययोजना के प्रावधान अनुसार निर्धारित समय-सीमा 06 माह की अवधि में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उपरोक्त योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदन क्रं. 1401002789454 श्री भगवान सिंह से संबंधित नहीं है अपितु ग्राम वीरपुर के आवेदक श्री शुभम सिंह दांगी आत्मज वीर सिंह दांगी को कनेक्शन प्रदान किये जाने के संबंध में है। उक्त आवेदक का कार्य दिनांक 17.10.18 को पूर्ण कर दिनांक 18.10.18 को कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है, जिसका सर्विस क्रमांक 99-4-3800142325 है। आवेदन क्रं. 1401005834601 के अंतर्गत आवेदक श्रीमती अनार बाई द्वारा दिनांक 27.03.19 को अंश राशि रू. 43505 जमा की गई है। उक्त कार्ययोजना के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) जी हाँ। मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत कनेक्शन प्रदान करने हेतु वरीयता सूची वितरण कंपनी द्वारा बनाई जाती है। दिनांक 31.03.19 की स्थिति में ऐसे पंजीकृत उपभोक्ताओं की संख्या 9066 है। जी नहीं वरीयता अनुसार ही प्रश्नाधीन कार्य किये गये हैं। अतः प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
117. ( क्र. 2948 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संबल योजना के अंतर्गत आने वाली बिजली बिल 200 रूपये (दो सौ रूपये) प्रतिमाह वाली पूर्व सरकार की योजना को बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों और कब बंद किया गया? (ख) माह जनवरी से प्रश्न दिनांक तक संबल योजना से लाभान्वित हितग्राहियों की ऐसी कितनी शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है, जिससे 200 रूपये अधिक बिल दिया? शासन द्वारा उनका क्या निराकरण किया गया? (ग) क्या सरकार द्वारा इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सभी परिवारों को 100 यूनिट पर 100 रूपये प्रतिमाह बिजली देने का शासन/प्रशासन स्तर पर कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो इस योजना से कितनी हितग्राही लाभान्वित होंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) 01 जुलाई, 2018 से लागू ''सरल बिजली बिल योजना'' को समाहित कर दिनांक 25.02.2019 से इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू की गई है। पूर्व योजना में पात्र हितग्राहियों को 100 यूनिट प्रतिमाह के विद्युत उपयोग पर 200 रूपये का बिल देय था। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितग्राहियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू की गई है, जिसमें 100 यूनिट प्रतिमाह का विद्युत उपयोग करने वाले हितग्राही को 200 रूपये के स्थान पर मात्र 100 रूपये प्रतिमाह का बिल देय होगा। (ख) माह जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक संबल योजना से लाभान्वित हितग्राहियों की राशि रूपये 200/- से अधिक बिल आने संबंधी तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में कुल 901 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनका निराकरण किया जा चुका है। निराकृत शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ग) वर्तमान में सभी विकल्प विचाराधीन हैं।
बिजली क्रय समझौतों की जानकारी
[ऊर्जा]
118. ( क्र. 2949 ) श्री प्रवीण पाठक, श्री संजय यादव, श्री मनोज चावला, श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत पाँच वर्षों के दौरान कितने नये बिजली प्लांटों (कैप्टिव एवं गैर-परंपरागत स्त्रोतों को छोड़कर) से बिजली के समझौते किये गये? इन बिजली समझौतों में फिक्सड कॉस्ट (स्थाई लागत) क्या-क्या तय की गई है? सभी की अलग-अलग जानकारी दें व सभी की टैरिफ की जानकारी भी उपलब्ध करावें। (ख) पिछले पाँच वर्षों में बिना बिजली खरीदे स्थाई लागत के रूप में किन-किन बिजली कंपनियों को राशि पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा दी गई है? प्लांटवार अलग-अलग जानकारी देवें। (ग) उल्लेखित अवधि में प्रत्येक पॉवर प्लांट (कैप्टिव एवं गैर-परंपरागत स्त्रोतों को छोड़कर) को प्रति यूनिट बिजली आपूर्ति हेतु कितनी राशि का भुगतान किया गया? यदि बिजली की आवश्यकता नहीं थी तो पॉवर परचेज एग्रीमेंट को निरस्त करने की क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश में विगत पाँच वर्षों में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा परंपरागत विद्युत उत्पादन प्लांटों से कोई भी बिजली खरीदी के समझौते नहीं किये गये हैं। अत: शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ख) विगत पाँच वर्षों में बिना बिजली यूनिट खरीदे क्षमता आधारित स्थाई लागत, जो कि क्रय अनुबंध के अनुसार देय है, के रूप में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा कंपनीवार भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' (वर्षवार) तथा प्रपत्र 'अ-1', 'अ-2', 'अ-3, 'अ-4' एवं 'अ-5' (प्लांटवार) अनुसार है। (ग) विगत पाँच वर्षों में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रत्येक पॉवर प्लांट (कैप्टिव एवं गैर परंपरागत स्त्रोतों को छोड़कर) बिजली आपूर्ति हेतु प्रति यूनिट की गई बिजली आपूर्ति की क्रय दर एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब', 'ब-1', 'ब-2', 'ब-3 एवं 'ब-4' अनुसार है। समीक्षा उपरांत एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा जिन परंपरागत विद्युत उत्पादन संयंत्रों के पॉवर परचेस एग्रीमेंट निरस्त किये गये हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
घटिया किस्म के विद्युत उपकरणों की खरीदी
[ऊर्जा]
119. ( क्र. 2951 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल में विद्युत आपूर्ति में व्यवधान हेतु उपकेन्द्रों एवं विद्युत लाइनों में उपयोग की जा रही घटिया किस्म की सामग्री मुख्य कारण है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों (01 अप्रैल 2016 से) में किस-किस सामग्री आपूर्तिकर्ता एवं किस-किस अधिकारी को दोषी पाया गया है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों में खरीदी एवं खरीदे गये उपकरणों की सैंपलिंग जाँच के नियम समान है? यदि हाँ, तो क्या है? क्या मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विद्युत ट्रांसफार्मरों, 33 K.V. इन्सुलेटरों एवं डिस्कों की खरीदी एवं सैंपलिंग जाँच में अनियमितता संज्ञान में आई है? यदि हाँ, तो इस अनियमितता के कारण कंपनी को कितनी आर्थिक हानि हुई एवं दोषी अधिकारियों व दोषी आपूर्तिकर्ता कंपनी/फर्म के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत विद्युत उपकेन्द्रों एवं विद्युत लाईनों में उपयोग की जा रही मुख्य सामग्री की गुणवत्ता भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित मानकों के अनुरुप है। गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु सामग्री की निर्माणकर्ता फर्म के परिसर में ही वितरण कंपनी के अधिकारियों/थर्ड पार्टी एजेन्सी द्वारा प्री-डिलेवरी इंस्पेक्शन कराया जाता है, जिसके अंतर्गत निविदा की शर्तों के अनुसार सामग्री का परीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त सामग्री क्षेत्रीय भण्डार गृह में प्राप्त होने उपरांत रेण्डम सैंपलिंग कर इसका परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला से कराया जाता है तथा परीक्षण में भारतीय मानकों के अनुसार उचित गुणवत्ता पाए जाने पर ही सामग्री स्वीकार कर उपयोग में लाई जाती है। प्रश्नाधीन अवधि में क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर आपूर्तिकर्ता के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा प्रकरण में नियमानुसार समुचित कार्यवाही की गई है, अतः इस हेतु कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (ख) जी हाँ, प्रदेश में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में खरीदी एवं खरीदे गये उपकरणों के सेम्पलों की जाँच के नियम समान है। मुख्य सामग्री की खरीदी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है तथा सामग्री/उपकरणों की गुणवत्ता मापने के लिये भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्थापित निर्देशों का पालन करते हुए जाँच कार्यवाही की जाती है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत विद्युत ट्रांसफार्मरों, 33 के.व्ही. इन्सुलेटरों एवं डिस्कों की खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता संज्ञान में नहीं आई है तथापि क्षेत्रीय भंडार ग्वालियर के अंतर्गत कार्यालय स्तर पर कूटरचना कर सेम्पल ट्रांसफार्मरों के सरल क्रमांक बदले जाने संबंधी अनियमितता संज्ञान में आई है। इस अनियमितता के कारण कंपनी को हुई क्षति के आंकलन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। ट्रांसफार्मर सप्लाई करने वाली फर्मों के विरूद्ध जाँच निष्कर्ष उपरांत कार्यवाही की जावेगी।
लोक सुनवाई की जानकारी
[पर्यावरण]
120. ( क्र. 2956 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रामपुर बाघेलान के अंतर्गत ग्राम सतरी में मेसर्स श्रवण कुमार पाठक, लाईन स्टोन माइन रकबा 38.129 हे. उत्खनन क्षमता 5,00,00 टी.पी.ए. हेतु लोक सुनवाई माइन स्थल पर दिनांक 07.03.2019 को सम्पन्न हुई, जिसमें उपस्थित ग्राम के लोगों ने लीज धारक के लीज का विरोध किया है? उनके कथन भी लिये गये थे तथा सी.डी. भी बनाई गयी थी तथा उसकी जानकारी भी क्षेत्रीय अधिकारी सतना ने म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल को भेजी थी? उक्त संबंध में छत्रपाल सिंह छत्तू दिनांक 21.06.2019 को सदस्य सचिव म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल को शिकायत की है? उसकी भी एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) सही है तो क्या अपर कलेक्टर सतना की अध्यक्षता में लोक सुनवाई हुई? उनके सामने सतरी ग्राम के लोगों ने अपनी समस्या बताई जिला प्रशासन ने भी उस सुनवाई के दौरान ग्रामीणों की पीड़ा को सही माना था और ग्रामीणों को आश्वस्त किया था कि ग्रामीणों की बात को अक्षरश: भोपाल तक भिजवायेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) सही है तो म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल जनहित शासन हित में उक्त लीज को निरस्त करने का प्रस्ताव खनिज विभाग के प्रमुख सचिव को भेजेंगे? नहीं भेजेंगे तो क्यों? कारण सहित बिन्दुवार जानकारी से प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करायें तथा लीजधारी की लीज को तत्काल निरस्त कराया जायेगा की नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। श्री छत्रसाल सिंह छल्लू द्वारा प्रस्तुत शिकायत पत्र दिनांक 19/6/2019 संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लोक सुनवाई का विवरण मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण (एम.पी. सिया) को भेजा गया है। खदान की पर्यावरणीय स्वीकृति संबंधी प्रकरण प्राधिकरण के समक्ष विचाराधीन है।
सिंचाई योजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
121. ( क्र. 2964 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की विधान सभा क्षेत्र रहली में कौन-कौन सर्वेक्षित सिंचाई योजना स्वीकृति की प्रत्याशा में जिला स्तर तथा शासन स्तर पर कब से लंबित हैं? उक्त योजनाओं की कब तक स्वीकृति की जायेगी? दिनांक सहित जानकारी बतावें। (ख) क्या जल संसाधन संभाग सागर अंतर्गत मिडवासा-रानगिर मध्यम परियोजना तथा कोपरा मध्यम परियोजना एवं खतौला-खतौली बांध की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा भूमि पूजन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या निविदा आमंत्रित की गई है? यदि नहीं, तो टेंडर प्रक्रिया कब तक संपन्न करा ली जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विधान सभा क्षेत्र रेहली के अंतर्गत भैंसानाला वियर एवं लुहागर वियर की डी.पी.आर. मैदानी कार्यालयों में परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. शासन स्तर पर लंबित नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। (ख) जी हाँ। कोपरा मध्यम परियोजना एवं खतौला जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमश: दिनांक 04.10.2018 एवं दिनांक 24.03.2017 द्वारा प्रदान की गई। तत्कालीन मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा मात्र कोपरा मध्यम परियोजना की भूमि पूजन की जाना प्रतिवेदित है। मिडवासा-रानगिर मध्यम सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त दोनों परियोजनाओं में वन प्रकरण की प्रथम चरण की स्वीकृति वन विभाग से प्राप्त होने के पश्चात निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
संबल योजनांतर्गत संचालित योजनाएं तथा हितलाभ की जानकारी
[श्रम]
122. ( क्र. 2965 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संबल योजना अंतर्गत श्रमिकों को राज्य शासन किन-किन जन-हितैषी योजनाओं के तहत कौन-कौन सी सुविधायें उपलब्ध करा रहा है? दिनांक 11 दिसम्बर 2018 से 20 जून 2019 तक हितग्राहियों को कुल कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नाधीन योजना के तहत शुभारंभ दिनांक से 20 जून 2019 तक कितने श्रमिकों के पंजीयन कार्ड बनाये गए? विकासखण्ड रहली सागर की सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नाधीन संबल योजना का नाम परिवर्तित कर नया सबेरा रखा जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो योजना का नाम परिवर्तित करने से क्या अभिप्राय है?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) संबल योजना के अंतर्गत संचालित योजनाएं तथा हितलाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। । 01 दिसम्बर, 2018 से 20 जून, 2019 तक योजनावार स्वीकृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) योजना के प्रारंभ से 20 जून, 2019 तक प्रदेश में कुल 2 करोड़ 20 लाख श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। विकासखण्ड रहली में 60408 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। पूर्व में जारी पंजीयन को आधार कार्ड/मोबाईल से लिंक नहीं किया गया था। नया सबेरा के अंतर्गत पंजीयन को आधार एवं मोबाईल नम्बर से लिंक किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
ब्याज रहित किश्तों पर दोपहिया वाहन का वितरण
[उच्च शिक्षा]
123. ( क्र. 2976 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने अपने वचन-पत्र में छात्राओं को ब्याज रहित किश्तों पर दोपहिया वाहन उपलब्ध कराने का लेख किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में कितनी छात्राओं को अब तक दोपहिया वाहन के लिये ब्याज रहित ऋण प्राप्त हुआ? (ग) यदि नहीं, तो कब तक छात्राओं को लाभ मिलेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं वचन पत्र में छात्राओं को ब्याज रहित किश्तों पर दोपहिया वाहन उपलब्ध कराने का लेख नहीं है। वचन-पत्र में उल्लेख है कि "महाविद्यालय जाने के लिए कन्याओं को रियायती ब्याज दर पर दोपहिये वाहन हेतु ऋण उपलब्ध कराएंगे''। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कपड़ा मिलों के मजदूरों का बकाया भुगतान
[श्रम]
124. ( क्र. 2977 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने अपने वचन-पत्र में कपड़ा मिलों के मजदूरों के बकाया भुगतान का वचन दिया था? (ख) यदि हाँ, तो इंदौर के हुकुमचंद मिल एवं अन्य कपड़ा मिलों के कितने मजदूरों के बकाया का भुगतान किया गया? (ग) यदि नहीं, तो कब तक? आपके वचन पत्र का लाभ कपड़ा मिल के मजदूरों को मिलेगा?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) ऑफिशियल लिक्विडेटर मा. उच्च न्यायालय म.प्र. इंदौर से प्राप्त जानकारी के अनुसार मा. उच्च न्यायालय म.प्र के आदेश के परिपालन में हुकुमचंद मिल इन्दौर के लगभग 4765 श्रमिकों को पूर्व में रू. 10.13 करोड़ तथा पश्चात में रू. 40.85 करोड़ के बकाया का भुगतान किया जा चुका है। राजकुमार मिल इंदौर के लगभग 750 श्रमिकों/कर्मचारियों द्वारा दावे शासकीय समापक के कार्यालय में प्रस्तुत किये गये हैं जिनकी जाँच मा. उच्च न्यायालय द्वारा गठित जाँच समिति के समक्ष लंबित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में जानकारी दी गयी है।
कन्या महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
125. ( क्र. 2982 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधान सभा क्षेत्र परासिया में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा आदरणीय मुख्यमंत्री एवं विभाग को पत्र प्रेषित किये गये हैं। पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। प्रकरण पर कार्यालयीन कार्यवाही की गई है वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण परासिया में कन्या महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
सिंचाई योजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
126. ( क्र. 2983 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें जलाशयों के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? ऐसी सभी सिंचाई योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांक (क) के अनुसार विभाग द्वार भेजे गये प्रस्तावों में से शासन द्वारा अभी तक कितनी प्रस्तावित सिंचाई योजना जलाशयों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और कितनी सिंचाई योजना जलाशयों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किया जाना अभी बाकी है? ऐसी सभी सिंचाई योजनाओं जलाशयों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के लिए शासन द्वारा जिन सिंचाई योजना जलाशयों के प्रस्तावों की स्वीकृति अभी तक प्रदान नहीं की गई है, वह कौन-कौन सी है और उनकी स्वीकृति प्रदान नहीं किए जाने का क्या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) परासिया विधान सभा क्षेत्र में किन सिंचाई योजनाओं (जलाशय) के सर्वे किये जाने के टेन्डर लगाये गये हैं? इनकी निविदाओं की खुलने की दिनांक से अवगत करायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। परियोजनाओं की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। स्वीकृति के लिए समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सी.सी. सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 2988 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी शहर के बायपास फतेहपुर रोड से पिपरसमा मार्ग में सी.सी. सड़क कब एवं कितनी लागत की व किस फर्म द्वारा बनाई गई है? (ख) क्या सड़क की कोई गांरटी अवधि है? यदि हाँ, तो कब से कब तक? (ग) क्या सड़क बनने की कुछ माह बाद ही सड़क में दरार आयी है? (घ) यदि हाँ, तो दरार वाले हिस्से की सड़क को पुन: बनाया जायेगा या सड़क में पेच वर्क किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 20.03.2018 को एवं राशि रू. 1748.87 लाख, मेसर्स कन्हैयालाला चौधरी राजस्थान द्वारा बनाई गई है। (ख) जी हाँ। दिनांक 20.03.2018 से 19.03.2023 तक। (ग) जी हाँ। कुछ माह बाद मार्ग के कुछ पैनल में माइनर क्रेक आये है। (घ) कुछ पैनल की मरम्मत करा दी गई है। कुछ में विस्तृत परीक्षण/जाँच कर निर्णय लिया जावेगा।
सड़क निर्माण हेतु मॉनिटरिंग कमेटी
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 2989 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी विधान सभा के अंतर्गत आने वाली पिछोर से ए.बी. रोड पडोरा बाया खोड़ गौराटीला सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त सड़क का ठेका किस एजेन्सी को दिया गया है? उक्त एजेन्सी द्वारा सड़क का कार्य कब तक पूर्ण करना है? (ग) कार्य की गुणवत्ता सही हो, इसके लिए क्या तकनीकी अधिकारी की मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। यह मार्ग गोरा-पडोरा-पिछोर नाम से स्वीकृत है। (ख) ठेका तीन अन्य सड़कों के साथ पैकेज-4 में मेसर्स गेनन डंकरले एण्ड कंपनी लि. मुम्बई को दिया गया है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 17.05.2019 है, परन्तु समय पर कार्य पूर्ण न होने पर एजेन्सी द्वारा दिनांक 31.03.2020 तक की समयावधि चाही गई है, जो विचाराधीन है। (ग) जी नहीं। मार्ग की सतत् निगरानी एवं गुणवत्ता नियंत्रण हेतु मेसर्स एल.एन. मालवीय इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स प्रा.लि. भोपाल को सुपरविजन कंसल्टेंट इंजीनियर नियुक्त किया गया है।
एम.डी.आर. रोड की जानकारी
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 3003 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत दिनांक 01/01/2017 से 31/05/2019 तक महिदपुर वि.स. क्षेत्र में कितने एम.डी.आर. रोड स्वीकृत हुए हैं? माहवार-वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्तानुसार लागत, स्वीकृति दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, कार्य की अद्यतन स्थिति बतावें। प्रत्येक कार्य के लिए चयनित/नियुक्ति कंसलटेन्सी फर्म नाम, प्रोप्राईटर नाम, चयन नियुक्ति प्रक्रिया सहित देवें। (ग) उपरोक्तानुसार कार्यों के लिए कंसलटेन्सी को किए भुगतान की जानकारी भी कार्यवार देवें। क्या कंसलटेन्सी को डिजाईन परिवर्तन का अधिकार है? यदि नहीं, तो किस आधार पर प्रश्न (क) अनुसार कुछ कार्यों में डिजाईन परिवर्तन किए गए? (घ) इसके लिए संबंधित एजेन्सी व निगरानीकर्ता अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) 03 एम.डी.आर. स्वीकृत हुए है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कंसलटेन्सी फर्म का नाम मेसर्स एल.एन. मालवीय इन्फ्रा. प्रोजेक्ट प्रा.लि. भोपाल है, जिसके प्रोप्राईटर का नाम एल.एन. मालवीय है, चयन नियुक्ति खुली निविदा आमंत्रित कर की गई है। (ग) अनुबंधानुसार कंसलटेन्सी को मार्गवार भुगतान किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। जी हाँ, अनुबंधानुसार कंसलटेन्सी के टीम लीडर इंजीनियर होने के कारण डिजाईन में परिवर्तन करने का अधिकार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नागदा जं. स्थित उद्योगों की जानकारी
[पर्यावरण]
130. ( क्र. 3005 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2223 दिनांक 07/03/2018 के (ग) उत्तर में वर्णित दिनांक 4/12/2017 एवं 23/12/2017 के नोटिस एवं उसके जवाब की छायाप्रति देवें। इस पर की गई कार्यवाही की जानकारी भी दवें। (ख) दिनांक 01/03/2018 से 10/06/2019 तक नागदा ज. स्थित उद्योगों की विभाग द्वारा जल, वायु एवं अन्य कितनी जाँच की गई? उद्योगवार जानकारी जाँच दिनांक सहित देवें। (ग) प्रत्येक जाँच की निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति भी देवें। यह भी बतावें कि कमियां एवं प्रदूषण पाये जाने पर विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? इस ओर ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नानुसार जारी नोटिस की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं उद्योग से प्राप्त जवाब क्रमश: पत्र दिनांक 05.01.2018 व दिनांक 08.01.2018 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उद्योग को जारी नोटिस के पालन में उद्योग द्वारा समयबद्ध कार्ययोजना प्रस्तुत कर तद्नुसार कार्यवाही की गई। बोर्ड द्वारा उद्योग के विरूद्ध जल अधिनियम-1974 की धारा-44 के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी महोदय उज्जैन के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक-4903/2017 द्वारा न्यायालयीन कार्यवाही भी की गई, जो कि वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। (ख) जानकारी दिनांक सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) उद्योगों की जाँच रिपोर्ट की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। नागदा स्थित उद्योगों के विरूद्ध वैधानिक प्रकरण माननीय न्यायालय में दायर किए गए जिसमें जल अधिनियम-1974 के तहत प्रदत्त सम्मति शर्तों के उल्लंघनकर्ता मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. (एस.एफ.डी.) नागदा के विरूद्ध प्रकरण क्र. 11088/2014 व प्रकरण क्र. 9700/2017 तथा वायु अधिनियम 1981 के तहत सम्मति शर्तों के उल्लंघन के कारण प्रकरण क्र. 8174/2015, मेसर्स लैंन्सेस (इंडिया) लि. नागदा के विरूद्ध सम्मति शर्तों के उल्लंघन के कारण जल अधिनियम 1974 के तहत प्रकरण क्र. 4077/2011 व प्रकरण क्र 9699/2017 तथा मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमि. (केमिकल डिवीजन) के विरूद्ध सम्मति शर्तों के उल्लंघन के कारण जल अधिनियम 1974 के तहत प्रकरण क्र. 9690/2017 दायर किये गये हैं जो न्यायालय में विचाराधीन हैं। चम्बल नदी में निस्त्राव को रोकने हेतु मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. (एस.एफ.डी.) दूषित जल उपचार व्यवस्था उन्नयन का एक्षन प्लान रू. 106 करोड़ का प्रस्तुत किया गया है, जिसके तहत माह जनवरी-2021 तक उपचारित जल का निस्त्राव बन्द कर दिया जावेगा। इस कार्ययोजना के समयबद्ध क्रियान्वयन हेतु उद्योग द्वारा रू. 26.5 करोड़ की बैंक गारंटी बोर्ड में प्रस्तुत की गई है। दिनांक 01/03/2018 से 10/06/2019 की जाँच रिपोर्टों में मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड (एस.एफ.डी.) के परिणामों में डिजाल्वड सॉलिड्स एवं टी.डी.एस. अधिक पाये गये हैं जो पूर्व से ही अधिक पाये जाते रहे हैं, जिसके कारण बोर्ड द्वारा उद्योग के विरूद्ध पूर्व से ही प्रकरण दायर किये गये हैं जो न्यायालय में विचाराधीन है तथा वर्तमान में उद्योग की कार्ययोजना की प्रगति की समीक्षा समय-समय पर की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोलर प्लांट की स्थापना
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 3009 ) श्री संजय यादव, श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीमच में देश का सबसे बड़ा 135 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया है? यदि हाँ, तो इसकी मालिक कंपनी कौन सी है? क्या इससे उत्पादित ऊर्जा प्रदेश को मिल रही है? (ख) क्या मध्यप्रदेश ऊर्जा सरप्लस राज्य है? यदि हाँ, तो 31.05.2019 की स्थिति में अनुबंधित क्रियाशील क्षमता कितनी है एवं 31.05.2019 तक की स्थिति में उच्चतम मांग कितनी रही है? (ग) क्या मध्यप्रदेश ऊर्जा सरप्लस राज्य है और अन्य प्रदेशों को ऊर्जा बेची जा रही है? (घ) क्या प्रदेश में पिछले 15 वर्षों में विद्युत क्षमता वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से 2018-19 की अवधि में एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड हेतु उक्त वर्षों के अंत में क्रियाशील विद्युत क्षमता की वर्षवार जानकारी मेगावाट में देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) नीमच जिले में 135 मेगावाट नहीं बल्कि 130 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना 2012 में की गयी थी, जो वर्तमान में देश का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट नहीं है। उक्त प्लांट मेसर्स वेलस्पन सोलर मध्यप्रदेश प्रा.लि. द्वारा स्थापित किया गया था, जो कि वर्तमान में मेसर्स वाल्वाहन सोलर एम.पी लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित किया गया है। उक्त प्लांट से उत्पादित सम्पूर्ण ऊर्जा प्रदेश को प्राप्त हो रही है। (ख) जी हाँ, दिनांक 31.05.2019 की स्थिति में अनुबंधित क्रियाशील क्षमता 20342 मेगावाट है तथा 31.05.2019 तक उच्चतम मांग 14089 मेगावाट रही है। (ग) जी हाँ, मध्यप्रदेश ऊर्जा सरप्लस राज्य है। अन्य प्रदेशों को सीधे ऊर्जा नहीं बेची जा रहीं है, अपितु वर्तमान में प्रदेश के उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने के बाद अतिशेष विद्युत को पॉवर एक्सचेंज के माध्यम से विक्रय किया जाता है। (घ) जी हाँ, प्रदेश में पिछले 15 वर्षों में विद्युत उत्पादन बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक के वर्षवार उत्पादन क्षमता का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सड़क का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
132. ( क्र. 3011 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र में बम्होरी बीका तिराहा से गढ़पहरा तक निर्माणाधीन सड़क मार्ग का अनुबंध कार्य एजेंसी द्वारा कब किया गया था? इसके कार्य की समय अवधि, लागत, कार्य पूर्ण करने का समय, कार्य एजेंसी का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) निर्माणाधीन सड़क मार्ग का कार्य प्रश्न दिनांक तक कितना पूर्ण हुआ है? कितना शेष कार्य बाकी है तथा कितना भुगतान कार्य एजेंसी को किया जा चुका है? कितना कार्य होने के बाद भुगतान शेष है/कितनी कुल शेष राशि बाकी है? (ग) क्या कार्य एजेंसी द्वारा मकरोनिया चौराहा से पुलिस थाना की ओर तथा अयप्पा मंदिर से 28 नं. रेल्वे क्रासिंग की ओर सड़क मार्ग में डी.एल.सी. कार्य करने के उपरांत लगभग 4 माह तक कार्य बंद कर दिया गया था, जबकि डी.एल.सी. पर आवागमन निरंतर चलता रहा? यदि हाँ, तो क्या कार्य एजेंसी द्वारा उसी डी.एल.सी. पर पी.क्यू.सी. कार्य 4 माह बाद कर दिया गया है? (घ) क्या 4 माह पूर्व हुई डी.एल.सी. पर कार्य एजेंसी द्वारा पी.क्यू.सी. कार्य करने से डी.एल.सी. की गुणवत्ता प्रभावित नहीं हुई? क्या सनराइज स्कूल के सामने स्थित ओपन पुलिया/सी.सी. पुलिया निर्माण कार्य को विभाग द्वारा पाईप पुलिया से निर्मित कर दिया गया है, जबकि प्राक्कलन में डिजाइन एवं एस्टीमेट सी.सी. पुलिया का था? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। डी.एल.सी. में आवश्यक सुधार कार्य कर परीक्षण उपरांत ही पी.क्यू.सी का कार्य किया गया। (घ) जी नहीं। डी.एल.सी. को सुधार कर परीक्षण उपरांत पी.क्यू.सी. का कार्य किया गया। जी हाँ। जी हाँ। मार्ग पर 2 मी. सिंगल स्पान की स्लैब कलवर्ट पूर्व से विद्यमान थी, उसी के आधार पर प्राक्कलन में बाक्स कलवर्ट का प्रावधान किया गया था। किन्तु वास्तुविक कैचमेंट एरिया कार्य स्थल की आवश्यकता एवं डिजाईन के अनुसार ह्यूम पाईप कलवर्ट का निर्माण कराया गया।
बांध परियोजना की जानकारी
[जल संसाधन]
133. ( क्र. 3012 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन कढ़ान सतगढ़ परियोजना में कांक्रीट बांध का भी निर्माण किया जाना है। यदि हाँ, तो इसकी लंबाई क्या है? इसमें पिलर की खुदाई किस स्तर तक की जानी है? इसको डिजाइन लेवल से अवगत करायें। किस सक्षम अधिकारी को स्वीकृत करना है? पद व नाम बतावें। क्या इसकी डिजाइन सी.डब्ल्यू.सी. कार्यालय दिल्ली से स्वीकृत कराई गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति पत्र उपलब्ध करावें। (ख) फाउंडेशन/नींव का स्टेटा सही है या नहीं? इसकी मैपिंग/परीक्षण क्या भूगर्भ विभाग से कराया गया है? यदि हाँ, तो मैपिंग रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यदि नहीं, तो क्यों? स्पष्टीकरण देवें। (ग) क्या बांध/परियोजना कार्य में सी.ओ.टी. की खुदाई स्वीकृत डिजाइन अनुसार कराई जा रही है? किस स्तर/लेवल तक की जानी है? किस लेवल/स्तर तक पूर्ण हो गई है? सी.ओ.टी. की भराई के पूर्व किस सक्षम अधिकारी द्वारा परीक्षण किया गया? पद, नाम सहित जानकारी देवें। (घ) क्या सी.ओ.टी. कार्य उपरांत बांध/परियोजना कार्य में उपयोग की जा रही काली मिट्टी का परीक्षण विभाग द्वारा कराया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ से? परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध करावें तथा उपयोग उपरांत क्या इसका Permeability/भेद्यता परीक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो रिपोर्ट प्रस्तुत करें तथा क्या परीक्षण उपरांत ग्राउंडिंग कार्य की सलाह दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या ग्राउंडिंग उपरांत इसका परीक्षण कराया गया है? परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध करायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। निर्माण एजेंसी द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत कांक्रीट बांध की डिजाईन एवं ड्राइंग प्रस्तुत की गई है। विशेषज्ञ कार्यालय बोधी द्वारा अंतिम निर्णय लेने के उपरांत ही निर्माण कार्य की जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव होगा। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) जी नहीं। मुख्य अभियंता बोधी द्वारा स्वीकृति उपरांत ही कांक्रीट बांध के फाउंडेशन/नींव के स्ट्रेटा निर्धारण हेतु आवश्यक मैपिंग कराया जाना संभव होगा। (ग) जी हाँ, मिट्टी बांध। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी हाँ, विभागीय अनुसंधान प्रयोगशाला हथाईखेड़ा भोपाल से। परीक्षण रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ। परमीबिलिटी रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पुल/पुलियों का निर्माण
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 3020 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से आज दिनांक तक सीधी एवं सिंगरौली जिले के विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के द्वारा कितने पुल/पुलियों की स्वीकृति जारी की गई है? पुल/पुलियों का नाम स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने स्वीकृत पुल/पुलियों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? कितने अपूर्ण एवं कितने कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं? अपूर्ण कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? जिन पुल/पुलियों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है उन्हें कब तक प्रारंभ किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त पुल/पुलियों को पूर्ण करने की समयावधि क्या है? समय-सीमा के अंदर कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? दोषी अधिकारी-कर्मचारी एवं संविदाकार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या गुणवत्तापूर्ण पुल/पुलियों का निर्माण किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जिन पुल/पुलियों का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है, उसका क्या कारण है? समय-सीमा के अंदर कार्यों को पूर्ण कराने के लिये आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। ठेकेदार द्वारा धीमी प्रगति। कोई अधिकारी दोषी नहीं, दण्ड स्वरूप संविदाकार की क्षतिपूर्ति हेतु राशि रोकी गई है। (घ) कोई कार्य अप्रारंभ नहीं है, प्रश्न ही नहीं उठता। कार्य की प्रगति बढ़ाने हेतु समय-समय पर ठेकेदार को अनुबंधानुसार नोटिस जारी किये गये हैं एवं विलंब हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा अनुबंधानुसार गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाता है।
जहरीले कचरे का निष्पादन
[पर्यावरण]
135. ( क्र. 3028 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में बंद फैक्ट्रियों का 20 साल से पड़ा 30 हजार टन जहरीला कचरा आज तक क्यों नहीं उठाया गया? इस लापरवाही के लिये कौन जिम्मेदार है तथा इससे जल, कृषि, मानव स्वास्थ्य, पशुधन, वायुमंडल, कृषि भूमि में क्या-क्या हानि हुई? उसका अध्ययन 20 साल में कब-कब किया गया? किसके द्वारा किया गया उसकी रिपोर्ट देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के जहरीले कचरे की जिम्मेदार उद्योगों के मालिक पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रकरण किस दिनांक को दर्ज कर किस दिनांक को गिरफ्तार किया गया तथा उक्त जहरीले कचरे के निष्पादन करने भूमिगत जल स्त्रोत को ठीक करने, कृषि भूमि का उपचार करने आदि में कितना खर्च आयेगा एवं वह किस-किस उद्योग से कितना वसूला जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जहरीले कचरे में कौन-कौन से रसायन हैं? बरसात में यह रसायन पानी में घुलकर तथा हवा की नमी में मिलकर कितनी हानि स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की कर रहे हैं? उसके अध्ययन की रिपोर्ट देवें। (घ) प्रश्नांश (क) का जहरीला कचरा कब तक उठा लिया जायेगा, भूगर्भ जल स्त्रोत कब तक ठीक करेगें तथा क्या प्रभावित जनता को भोपाल गैस दुर्घटना की तरह मुआवजा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) रतलाम के बंद उद्योगों में 20 साल से पड़ा कचरा परिसंकटमय अपशिष्ट है न कि जहरीला कचरा। रतलाम जिले के डोसीगाँव औद्योगिक क्षेत्र में दो बंद उद्योगों मेसर्स सज्जन केमिकल्स एंड इनवेस्टमेंट प्रा.लि. का कुल 22316.6 मे.टन तथा मेसर्स जयंत विटामिन्स लि. के परिसर में लगभग 0.4 मे.टन परिसंकटमय अपशिष्ट वर्तमान में संग्रहीत है। मेसर्स सज्जन केमीकल एंड इनवेस्टमेंट प्रा.लि. रतलाम के आधिपत्य के प्लांट नम्बर-61 बी. में भंडारित 789.45 मे.टन अपशिष्ट का सुरक्षित अपवहन पीथमपुर स्थित कॉमन ट्रीटमेंट सिक्योर्ड डिस्पोजल फेसिलिटी में वर्ष 2018 में हो गया है। अपशिष्ट के निपटान न करने के कारण जिम्मेदार उद्योगों के विरूद्ध वैधानिक प्रकरण दायर किये गये हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य संस्थाओं द्वारा स्थल पर भण्डारित परिसंकटमय अपशिष्टों की जाँच, आंकलन आदि की दिशा में किये गये प्रयासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय व केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा देष के इस प्रकार के प्रदूषित क्षेत्रों के अपशिष्टों के निपटान एवं स्थल के रिमेडियेशन हेतु कन्सलटेंट के माध्यम से अध्ययन कर योजना की डी.पी.आर. तैयार की जा रही है एवं अध्ययन रिपोर्ट प्राप्ति उपरांत ही पर्यावरण के विभिन्न घटकों जल, कृषि, मानव स्वास्थ्य आदि पर दुष्प्रभाव ज्ञात हो सकेगा तथा पर्यावरण क्षति के संबंध में बताया जाना संभव होगा। (ख) बोर्ड द्वारा प्राधिकार शर्तों के उल्लंघन व भण्डारित परिसंकटमय अपशिष्ट के डिस्पोजल नहीं करने के कारण मेसर्स सज्जन केमिकल्स एंड इनवेस्टमेंट प्रा.लि., रतलाम के विरूद्ध दिनांक 02/11/2001 को प्रकरण क्र. 535/2002 व दिनांक 05.03.2013 को प्रकरण क्र. 460/2013 व मेसर्स जयंत विटामिन्स लि. रतलाम के विरूद्ध दिनांक 10/04/2012 को प्रकरण क्र. 247/2012 पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम-1986 के अन्तर्गत न्यायालय में वाद दायर किये गये हैं, जो कि मा. न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं। शेष विवरण उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिसंकटमय अपशिष्टों में प्रमुख रूप से आयरन आक्साइड, जिप्सम स्लज व ई.टी.पी. स्लज हैं। शेष विवरण उत्तरांश (क) अनुसार है। (घ) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। डी.पी.आर. तैयार होने के उपरांत तकनीकी अनुशंसाओं के अनुसार आगे की कार्यवाही सुनिश्चित हो सकेगी।
बांध हेतु भूमि का अधिग्रहण
[जल संसाधन]
136. ( क्र. 3037 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लाबरिया बांध का निर्माण कब शुरू हुआ तथा कब पूरा हुआ? क्या कुछ आदिवासियों की जमीन का अधिग्रहण बांध के लिये किया था, उस पर बांध न बनाते हुये अन्य क्षेत्र में बनाया? यदि हाँ, तो बतावें कि ऐसी कितनी जमीन है जिनका अधिग्रहण हुआ लेकिन वह बांध क्षेत्र में नहीं हैं? गाँव का नाम, खसरा नं., रकबा, कृषक/आदिवासी का नाम सहित सूची देवें। (ख) क्या अभी भी कई आदिवासियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो उनकी सूची देवें तथा बांध निर्माण तथा डूब क्षेत्र इत्यादि मिलाकर कितने हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई तथा कितने हेक्टेयर जमीन का मुआवजा विवरित किया जा चुका है? (ग) लाबरिया बांध से सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र की कितने हक्टेयर जमीन सिंचित हुई? गाँव अनुसार जानकारी दें तथा बतावें कि इस बांध से कितने गाँव में पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है तथा रतलाम जिले को इस बांध से कितना पानी उद्योगों तथा पेयजल के लिये दिया जाना है? (घ) लाबरिया बांध पर वर्ष 2018 में हुये कर्मचारी-अधिकारी के वेतन, रख-रखाव, सामग्री खरीदी, निर्माण आदि विविध खर्च मिलाकर कुल कितनी राशि खर्च हुई तथा बांध में मछली उत्पादन की प्रक्रिया क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) लाबरिया बांध (माही मुख्य बांध) का निर्माण कार्य वर्ष 1990 से प्रारंभ होकर वर्ष 2011-12 में पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। जी हाँ। जी हाँ। 45.127 हेक्टर भूमि। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। बांध तथा डूब क्षेत्र अंतर्गत कुल 712.371 हेक्टर भूमि का अधिग्रहण किया जाना था जिसमें से 668.162 हेक्टर भूमि का अधिग्रहण किया जाकर अवार्ड अनुसार पूर्ण मुआवजा वितरित कर दिया जाना प्रतिवेदित है। शेष 44.209 हेक्टर भूमि का अर्जन एवं मुआवजा वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) लाबरिया बांध से सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र की कोई भी भूमि सिंचित नहीं होना प्रतिवेदित है। 40 ग्राम। परियोजना से धार एवं रतलाम जिले की राजौद एवं रिंगनोद समूह नल-जल योजना हेतु क्रमश: 5.09 मि.घ.मी. 3.70 मि.घ.मी. वार्षिक जल आवंटित करने का प्रावधान है। रतलाम जिले को उद्योग हेतु पानी दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। मछली उत्पादन संबंधी कार्यवाही मत्स्य महासंघ, भोपाल द्वारा की जाना प्रतिवेदित है।
स्वीकृत जलाशय का निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
137. ( क्र. 3049 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत पिपरिया जलाशय निर्माण का कार्य स्वीकृत है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य का प्राक्कलन, प्रशासकीय स्वीकृति आदेश, केनाल निर्माण का नक्शा, मुआवजा वितरण की सूची सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) पिपरिया जलाशय का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा तथा कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित किये जाने का लक्ष्य है? (ग) उपरोक्त जलाशय के कैनाल निर्माण कार्य का विस्तार किया जायेगा? क्या कैनाल का कार्य चपनिहाटोला (बुढ़ानपुर) तक विस्तार किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कैनाल निर्माण चपनिहाटोला की ओर विस्तार किये जाने हेतु प्राक्कलन तैयार कर निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। पिपरिया जलाशय का प्राक्क्लन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार, प्रशासकीय स्वीकृति आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार एवं केनाल निर्माण नक्शा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। मुआवजा वितरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) परियोजना की सिंचाई क्षमता 840 हेक्टर होकर जून-2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जलाशय के कमाण्ड क्षेत्र में ग्राम बेलियावड़ी, देवगंवा, चटहाटोला, धुम्मा, जोगीटोला, पिपरिया एवं सकोला आते हैं। चपनिहाटोला (बुढ़ानपुर) ऊंचाई में स्थित होने एवं नहर द्वारा पानी पहुंचाया जाना संभव नहीं होने से प्रश्नाधीन क्षेत्र में नहर विस्तार किए जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
लोक निर्माण के विभागीय कार्य
[लोक निर्माण]
138. ( क्र. 3050 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग के कितने विभागीय कार्य किस-किस मद से चल रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने निर्माण कार्य बंद हैं? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) कितने नवीन कार्य प्रस्तावित हैं? जिन कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति हो चुकी है? उसमें से कितने कार्य प्रारंभ हो चुके हैं? ऐसे कितने कार्य हैं जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क) विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने शासकीय भवन लोक निर्माण विभाग के पास हैं? प्रश्नांश (क) अवधि में इन भवनों में मरम्मत हेतु क्या-क्या कार्य किये गये? कितना व्यय किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' 'अ-2', 'ब' एवं 'स-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
पुष्पराजगढ़ में मार्ग निर्माण हेतु आवंटित राशि
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 3051 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में लोक निर्माण विभाग के मार्ग के निर्माण, संधारण मरम्मत व विस्तारीकरण हेतु जनवरी 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई तथा कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन मार्गों पर निर्माण करने हेतु कब, कितनी राशि की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई? इनके निर्माण की अवधि क्या है? किस एजेंसी को कार्य आदेश जारी किया गया? कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ एवं कितनी राशि व्यय हुई? (ग) उक्त विधान सभा क्षेत्र में नानघाटी (नोनघटी) से दमहड़ी-लीला टोला मार्ग का विभाग के किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण अथवा परीक्षण करने के दौरान अनियमितताएं पाई गई थी तथा उनको दूर करने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' अनुसार है।
मार्ग निर्माण हेतु विभाग द्वारा घोषणा की पूर्ति
[लोक निर्माण]
140. ( क्र. 3061 ) श्री सीताराम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले के विजयपुर नगर हेतु बायपास मार्ग निर्माण हेतु माननीय पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मार्ग निर्माण हेतु विभाग द्वारा घोषणा की पूर्ति हेतु विगत वर्ष के बजट में मार्ग को सम्मिलित करने की कार्यवाही पूर्ण की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो क्या विजयपुर बायपास मार्ग निर्माण की स्वीकृति जारी कर दी गई है? (घ) यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कब तक जारी कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जी नहीं। (घ) बजट में शामिल। प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्ग का सीमांकन एवं निविदा की जानकारी
[लोक निर्माण]
141. ( क्र. 3062 ) श्री सीताराम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विजयपुर विधान सभा में P.W.D. रोड टेंटरा से धोवरी तक 50 कि.मी. है। उसका सीमांकन एवं निविदा (Tender) प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत भी कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हुआ? यदि टेंडर नहीं हुआ, तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ख) उक्त सड़क श्योपुर जिले का मुख्य सड़क मार्ग है, जो मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी एवं ग्वालियर को जोड़ता है, जिस पर सैंकड़ों वाहन हर रोज निकलते हैं। (ग) उक्त मार्ग यदि स्वीकृत हुआ है, तो कब? यदि नहीं, हुआ तो कब तक स्वीकृत हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं 49.00 कि.मी. है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खराब विद्युत ट्रांसफार्मरों की अद्यतन स्थिति
[ऊर्जा]
142. ( क्र. 3064 ) श्री राकेश गिरि : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग अन्तर्गत आने वाले जिलों में वर्ष 2017-18 से दिनांक 30.05.2019 तक स्थापित विद्युत ट्रांसफार्मरों में से खराब ट्रांसफार्मरों की संख्या एवं वर्षवार असफलता का प्रतिशत बतायें। (ख) उपरोक्त समयावधि में सागर संभाग के किन-किन जिलों में ट्रांसफार्मरों की असफलता की दर, ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानक दर से वर्षवार कितनी अधिक है? वर्षवार जानकारी दें। (ग) यदि ट्रांसफार्मरों के असफलता की दर का प्रतिशत, ऊर्जा विभाग के निर्धारित न्यूनतम मापदण्डों से अधिक है, तब दोषियों के विरूद्ध शासन/विद्युत विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? प्रश्न दिनांक तक टीकमगढ़ जिले में कितने खराब ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं एवं उन्हें अभी तक क्यों नहीं बदला गया? बदले जाने की समय-सीमा बतायें। (घ) वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक खराब जले ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में नहीं बदले जाने की स्थिति में उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय अप्राप्त रहने पर नियमानुसार उक्त अवधि के उनके विद्युत बिल माफ किए गए? यदि हाँ, तो उपभोक्ताओं की सूची उपलब्ध कराये? यदि नहीं, तो क्या शासन ऐसे उपभोक्ताओं के विद्युत आपूर्ति ना होने की अवधि के बिल माफ करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सागर संभाग अंतर्गत वर्ष 2017-18 से दिनांक 30.05.19 तक स्थापित एवं उनमें से खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या तथा प्रतिशत का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ट्रांसफार्मर असफलता (खराब होने) की दर कई कारणों एवं तकनीकी परिस्थितियों पर निर्भर होती है, अतः संपूर्ण क्षेत्र के लिए असफलता की न्यूनतम मानक दर निर्धारित किया जाना व्यावहारिक नहीं है तथापि प्रयास किये जाते हैं कि असफलता की दर कम से कम हो। ऊर्जा विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर की असफलता का न्यूनतम मानक निर्धारित नहीं किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में जिलेवार ट्रांसफार्मर असफलता की दर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए वितरण ट्रांसफार्मरों के असफल होने की दर के न्यूनतम मानक निर्धारित नहीं किये गये हैं तथापि दर अधिक होने का मुख्य कारण प्राकृतिक आपदा यथा तेज आंधी तूफान, आकाशीय बिजली का गिरना, तकनीकी खराबी आना आदि कारण है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। उक्त अपरिहार्य स्थितियों के उपरांत भी समस्त संबंधित अधिकारियों को वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने की दर में कमी लाने हेतु सख्त निर्देश दिए गए हैं। टीकमगढ़ जिले में वर्तमान में कोई भी फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। अतः समय-सीमा बताने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) असफल वितरण ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण ट्रांसफार्मर नहीं बदला जाता एवं इस अवधि के बिल माफ किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने पर वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में बदल दिये जाते हैं। अतः प्रश्नाधीन उल्लेखित अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
रोड निर्माण में अनुबंध की शर्तों का पालन
[लोक निर्माण]
143. ( क्र. 3069 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नेशनल हाइवे क्र. 92 बी.ओ.टी. रोड है? यदि हाँ, तो इस रोड की अनुबंध की क्या-क्या शर्ते हैं? निर्माण में अनुबंध की शर्तों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो ग्वालियर से बरही तक कितने बस-बे/बस शेल्टर बनाये गये हैं? संख्या दें। यदि नहीं, तो क्या अनुबंधकर्ता से इसकी लागत राशि वसूली जावेगी? (ख) प्रश्नांश वर्णित रोड में टू-लेन मैन्युअल के अनुसार क्रेन, एम्बुलेंस, रूट पेट्रोलिंग एवं अन्य उपकरणों की व्यवस्था की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों, अनुबंधकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? कार्यवाही संबंधी दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित रोड में क्या टोल नाकों पर ओव्हर लोडिंग वाहनों का अतिरिक्त चार्ज वसूला जाता है या ओव्हर लोड वाहन से अतिरिक्त भार वाहन से निकाला जाता है? यदि निकाला गया है, तो टोल प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक वाहन नं. व वाहन स्वामी का नाम तथा राशि सहित जानकारी बतावें तथा टोल नाके पर डब्ल्यू.आई.एम. लगाये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं लगाये गये? (घ) अनुबंध की शर्तों किन-किन का पालन कार्य एजेंसी द्वारा नहीं किया गया है? उनका विवरण बताते हुये बतावें कि अनुबंधकर्ता के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? दस्तावेज उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। अनुबंध की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। ग्वालियर से बरही तक कुल 12 बस-बे/बस शेल्टर बनाये गये हैं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। टोल प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक ओव्हर लोड वाहन का वाहन नंबर व अतिरिक्त वसूली गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, वाहन स्वामियों के नाम बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) अनुबंध की शर्तों का पालन कार्य एजेन्सी कंशेसनायर मेसर्स एम.पी. हाईवेज प्रा.लि. द्वारा किया गया है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
डिवाइडर निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
144. ( क्र. 3081 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा जिला टीकमगढ के जतारा-नौगाँव मार्ग पर नगर पलेरा की सीमा पर जो डिवाईडर विभाग द्वारा बनवाया गया है? उस पर नगर परिषद् पलेरा द्वारा पेड़ लगाए जा सकते हैं या नहीं? अगर हाँ तो कौन-कौन से? (ख) प्रश्नांश (क) के ही आधार पर बताएं कि नगर पलेरा से खरगापुर मार्ग पर नगर पलेरा की सीमा में डिवाईडर नहीं हैं। अगर नगर परिषद् पलेरा द्वारा डिवाईडर बनाया जाता है एवं हरे पेड़ बीच में लगाए जाते हैं, तो नगर परिषद् पलेरा को विभाग अनुमति देगा तो कैसे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि लोक निर्माण विभाग नगर परिषद् पलेरा को उपरोक्त कार्य कराने की कब तक अनुमति देगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) टीकमगढ़ के जतारा-नौगाँव मार्ग पर पलेरा की सीमा पर जो डिवाईडर विभाग द्वारा बनाया गया है, वह सीमेंट कांक्रीट से पक्का है। पक्का होने के कारण डिवाईडर पर पेड़ नहीं लगाये जा सकते हैं। (ख) यातायात एवं जनसुरक्षा की दृष्टि से मार्ग को आवश्यक अतिरिक्त चौड़ीकृत कर भारतीय मानक आई.आर.सी. एस.पी: 84-2014 तथा आई.आर.सी. एसपी: 21-2009 के अनुरूप मीडियन बनाकर मानक में दर्शाये गये पौधे लगाये जा सकते हैं। मुख्य नगर परिषद् पलेरा म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड को आवेदन कर सकता है। प्रस्तावित चौड़ीकरण की डिजाइन म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड से स्वीकृत कराकर कार्य कर सकता है। (ग) प्रस्ताव प्रस्तुत करने के उपरांत गुण/दोष पर अनुमति पर निर्णय लिया जावेगा। अत: तिथि बताई जाना संभव नहीं।
बंद एवं स्वीकृत कार्यों को प्रारंभ किया जाना
[जल संसाधन]
145. ( क्र. 3082 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 21 फरवरी 2019 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 562 प्रश्नकर्ता द्वारा लगाया गया था। प्रश्नांश (ग) एवं (घ) में बताया गया था कि ग्राम दिगौड़ा के आवासीय क्षेत्र एवं 10 ग्रामों 56 हेक्टेयर व्यवसायिक भूमि प्रभावित होने के कारण प्रस्ताव का स्थानीय स्तर पर विरोध करने से कार्य बंद है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि हरपुरा सिंचाई एवं नदी, तालाब परियोजना द्वारा 12.02.2013 को 3,318 लाख की जो प्रशासकीय स्वीकृति बराना एवं दिगौड़ा तालाब को भरने की, की गई थी। उसमें प्रश्न दिनांक तक जिस-जिस की आपत्ति आयी हो, नहर से पानी नहीं भेजा जावेगा। उन सभी की छायाप्रतियां प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपरोक्त इस नहर के बंद एवं स्वीकृत कार्यों को पुन: चालू कराने में क्यों रूचि नहीं ले रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बंद पड़ा यह स्वीकृत कार्य शीघ्र प्रारंभ कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। लिखित आपत्ति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) स्थानीय लोगों के विरोध के कारण तथा नया प्रस्ताव असाध्य होने की स्थिति में कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। जी नहीं। कार्य प्रारंभ करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
बी.पी.एड.
की मान्यता
निरस्त होना
[उच्च शिक्षा]
1. ( क्र. 83 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.सी.ई.टी. (राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद) ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में संचालित बी.पी.एड. की मान्यता निरस्त करते हुये प्रवेश पर रोक लगा दी है? (ख) क्या शिक्षा के विस्तार हेतु शासन को बी.पी.एड. की सीटें बढ़ाना चाहिए थी परन्तु वर्तमान 100 सीटों के प्रवेश पर रोक लगाते हुये मान्यता ही रद्द कर दी है? (ग) यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) सीटों का निर्धारण एन.सी.टी.ई. द्वारा किया जाता है न कि शासन द्वारा। जी हाँ, मान्यता रद्द की गई है। (ग) नियमित नियुक्ति न होने के कारण मान्यता रद्द की गई है। इसके लिए कोई दोषी नहीं है।
काउंसिलिंग के दौरान च्वाईस बदलने की शिकायतों पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
2. ( क्र. 84 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाकौशल एवं होमसाइंस कॉलेज जबलपुर में 1 मई 2019 से बी.एड. एम.एड. के दूसरे चरण की काउंसिलिंग प्रारंभ होने पर एम.पी. ऑनलाइन के कियोस्क एवं हेल्प सेंटर की कॉलेजों के साथ मिली भगत से आवेदकों के आवेदनों में च्वाईस बदली गई हैं? (ख) क्या इस संबंध में विभाग को शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या ऐसे छात्र जिनकी च्वाईस बदली गई है उन्हें न्याय मिलेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी, नहीं। हेल्प सेन्टर पर ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन एवं च्वाइस बदलने की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी, हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) शिकायत की जाँच अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, सागर संभाग, सागर से करायी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जाँच उपरान्त शिकायत प्रमाणित नहीं पायी गई है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
मार्ग का कार्य प्रारंभ कराना
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 174 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा विधान सभा क्षेत्र की हटा-रनेह-नकटी विहर मार्ग कितनी राशि से स्वीकृत किया गया? स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) 3-4 वर्ष बीत जाने के बाद उक्त मार्ग का कार्य आज दिनांक तक क्यों प्रारंभ नहीं हुआ? कब तक प्रारंभ होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) राशि रू. 386.46 लाख। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 28.12.2017 को जारी उपरांत निविदा के प्रथम द्वितीय आमंत्रण में कोई निविदाकार द्वारा भाग नहीं लिया, तृतीय आमंत्रण में निविदा प्रक्रिया दूषित होने एवं चतुर्थ एवं पंचम आमंत्रण में निविदा की दर अधिक प्राप्त होने से प्रमुख अभियंता द्वारा निरस्त किया गया। विधान सभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावशील होने एवं नवीन निविदा पोर्टल प्रारंभ होने के पश्चात कार्य की छठवें आमंत्रण की निविदा में प्राप्त निविदा स्वीकृत होने उपरांत दिनांक 08.03.2019 को (एल.ओ.ए.) जारी की गई। मार्ग पर निर्माण एजेन्सी द्वारा वर्तमान में निर्माण सामग्री एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है।
जामनी व बेतवा नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 349 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी ओरछा-पृथ्वीपुर मार्ग पर जामनी व बेतवा नदी पर प्रस्तावित पुल निर्माण की वित्तीय स्वीकृति शासन के द्वारा प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उक्त पुलों पर पुल निर्माण की प्रक्रिया कब तक प्रारंभ की जावेगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत स्थान पर पुल निर्माण हेतु शासन द्वारा तकनीकी स्वीकृति दी जा चुकी है? यदि हां, तो तकनीकी स्वीकृति आदेश एवं लागत राशि पुलवार बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। दो बार निविदा आमंत्रित की गई, एक बार अधिक दर के कारण निरस्त, दूसरी बार चुनाव आचार संहिता के कारण नहीं खोली जा सकी। राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने के कारण दमोह से उत्तरप्रदेश की सीमा तक मार्ग के उन्नयन हेतु लंबाई 231.00 कि.मी. के डी.पी.आर. बनाने हेतु प्राक्कलन स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किये गये है। मार्ग के इसी भाग पर बेतवा एवं जामनी नदी पड़ती है जिन पर पुल निर्माण हेतु डी.पी.आर. बनाने की स्वीकृति मिलने पर सड़क के उन्नयन के साथ ही दोनों पुलों का डी.पी.आर. भी बनाया जावेगा। इस कारण इन पुलों का निर्माण बजट में शामिल होने के बाद भी नहीं हो पाया है। (ख) जी हाँ। जामनी नदी पर प्रस्तावित पुल की तकनीकी स्वीकृति राशि रू. 2939.61 लाख एवं बेतवा नदी पर प्रस्तावित पुल की तकनीकी स्वीकृति राशि रू.1803.60 लाख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
जिला सर्किट हाउस की स्थापना
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 351 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गत 01 अक्टूबर 2018 को नवीन सृजित जिला निवाड़ी में जिला सर्किट हाउस की स्थापना किया जाना अत्यंत आवश्यक है। यदि हाँ, तो जिला सर्किट हाउस के निर्माण हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिला सर्किट हाउस निर्माण हेतु भूमि का चयन कर लिया गया है, यदि नहीं, तो कब तक भूमि का चयन कर निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, प्रस्ताव आने पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) जी नहीं, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माणाधीन सड़क निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 374 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी.आर.डी.सी. के अंतर्गत खिमलासा से भानगढ़ तक निर्माणाधीन सी.सी. रोड का निर्माण पूर्ण नही हो पाया है तथा पीछे से उखड़ रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जाँच म.प्र. शासन की लैब में करायी जावेगी? (ग) यदि शासकीय लैब में सड़क निर्माण गुणवत्ता में कमी पायी जाती है तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही कब तक प्रस्तावित होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ खिमलासा से भानगढ़ तक का कार्य प्रगतिरत तथा पीछे से उखड़ने जैसी कोई स्थिति नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आवश्यकता नहीं। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ए.डी.बी. की मदद से स्वीकृत सड़क
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 668 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 03 वर्षों में एशियन डेव्हलपमेंट बैंक (ए.डी.बी) की वित्तीय मदद से कौन-कौन सी सड़कें कितनी लागत की कब-कब स्वीकृत की गई? (ख) उक्त स्वीकृत सड़कों में से किन-किन सड़कों की एजेन्सी तय हो गई? किन-किनके टेण्डर कब आमंत्रित किये? शेष सड़कों की क्या स्थिति है? (ग) उक्त स्वीकृत सड़कों का कार्य कब तक प्रारंभ होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निश्चित अवधि बताना संभव नहीं।
करंट से मृत्यु के संबंध में
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 669 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल राजस्व संभाग के जिलों में वर्ष 2014-15 से 30 जून 2019 तक की अवधि में कितने-कितने विद्युत कम्पनी के कर्मचारी, ठेका श्रमिक एवं नागरिकों की विद्युत करंट लगने से मृत्यु हुई कितने घायल हुये वर्षवार नाम, पता सहित सूची दें? (ख) किन-किन को मुआवजा-सहायता राशि, कितनी-कितनी दी तथा किन-किनको सहायता मुआवजा राशि क्यों नहीं दी? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में असुरक्षित विद्युत तार हटाने के लिये कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने प्रकरणों में लाईन हटाई तथा कितने में नहीं हटाई तथा क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में विभाग की क्या नीति है? क्या बजट/राशि के अभाव में तार नहीं हटाये गये? क्या इस हेतु अलग से राशि का प्रावधान किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रश्नांश अवधि में भोपाल राजस्व संभाग के अंतर्गत 10 वितरण कंपनी के कर्मचारियों, 11 ठेका श्रमिकों एवं 414 नागरिकों की विद्युत करंट लगने से मृत्यु हुई एवं 43 वितरण कंपनी कर्मचारी, 17 ठेका श्रमिक एवं 77 नागरिक घायल हुये। प्रश्नाधीन अवधि में हुई विद्युत दुर्घटनाओं में मृत/घायल व्यक्तियों की वर्षवार नाम एवं पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाये गये वितरण कंपनी के कर्मचारियों/ठेका श्रमिकों/नागरिकों को दिये गये मुआवजे/सहायता राशि का विवरण एवं जिन्हें मुआवजा/सहायता राशि नहीं दी गई उसका कारण सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश अवधि में कुल 48 दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को कुल मुआवजा राशि रू.1.53 करोड़ दी गई है। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में असुरक्षित विद्युत तार हटाने के लिये 126 प्राप्त आवेदनों में से 124 आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए विद्युत लाईन हटाई गई। शेष 2 प्रकरणों में आवेदकों द्वारा औपचारिकताएं पूर्ण नहीं करने के कारण कार्य लंबित है। (घ) विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय के लिये केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित विनियमों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति ओवरहेड लाईन में फेरबदल कराना चाहता है तो उस फेरबदल हेतु व्यय उस व्यक्ति को वहन करना होगा। तद्नुसार पूर्व से स्थापित लाईनों के नीचे अवैधानिक रूप से आवासों/संरचनाओं का निर्माण करने पर वितरण कंपनी द्वारा नोटिस दिया जाता है। आवास/परिसर के मालिक/ आवेदनकर्ता की सहमति पर लाइनों/स्थल का संयुक्त निरीक्षण किये जाने के उपरांत 5 प्रतिशत सुपरविजन योजनान्तर्गत कार्य को स्वीकृत कर आवेदक स्वयं के व्यय पर पंजीकृत विद्युत ठेकेदार से कार्य करा सकते है। आवेदक की सहमति पर पूर्ण जमा योजना में भी विद्युत लाईन हटाने की स्वीकृति की जा सकती है। विद्युत लाईन हटाने के लिए वर्तमान में अलग से राशि उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान नहीं है।
कन्या महाविद्यालय के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
9. ( क्र. 994 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या खेल
और युवा कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासन/विभाग से
विगत कई
वर्षों से
जावरा नगर में
शासकीय कन्या
महाविद्यालय
प्रारंभ किये
जाने की मांग
हजारों
पालकों एवं
छात्राओं
द्वारा
लगातार की जा
रही है? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या यह भी
सही है कि इस
कारण से जावरा
नगर एवं उससे
लगी तहसील
पिपलौदा तथा
तहसील जावरा
अंतर्गत
शासकीय एवं
अशासकीय हायर सेकेण्डरी
उत्तीर्ण
होने वाली
सैकड़ों
छात्राएं
प्रवेश से
वंचित रह जाती
है तथा जावरा
नगर में
एकमात्र
स्थित शहीद
भगतसिंह
महाविद्यालय
में छात्र-छात्राओं
की क्षेत्रीय
उत्तीर्ण
होने की संख्या
अधिक होने से
सभी को प्रवेश
भी नहीं मिल
पाता है?
(ग)
यदि
हाँ, तो
जावरा नगर में
कन्या
महाविद्यालय
कब से प्रारंभ
किया जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं, जनप्रतिनिधियों के मांगपत्र अवश्य प्राप्त हुए हैं। (ख) जी नहीं। जावरा में एक शासकीय महाविद्यालय संचालित है एवं जावरा से 15 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, कालूखेड़ा, 20 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, पिपलौदा तथा 30 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, ताल संचालित हैं, जहां पर छात्राएं अध्ययन कर सकती हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जाना
[श्रम]
10. ( क्र. 1118 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक टीकमगढ़ जिले के असंगठित मजदूरों के कितने पंजीयन हुए? नगरीय निकाय एवं जनपद पंचायतवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि श्रमिकों को इस योजना से मिलने वाले लाभ क्या-क्या हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि, कितने श्रमिकों को या उनके परिजन को इस योजना से कितनी धन राशि जनपद पंचायत, जतारा एवं जनपद पंचायत पलेरा एवं नगर परिषद लिधौरा खास, जतारा एवं पलेरा के माध्यम से प्राप्त हुई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक इस योजना से लाभ प्राप्त करने वाले हितग्राहियों, जिनको पात्रता होने के बावजूद उनके केस लंबित रखे हैं, तो ऐसे पात्र हितग्राहियों को या उनके परिजनों को लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? और नहीं तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) टीकमगढ़ जिले में कुल 430412 असंगठित श्रमिकों के पंजीयन हुए हैं, नगरीय निकाय एवं जनपद पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) योजना अंतर्गत मिलने वाले लाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित जनपद पंचायतों एवं नगरीय निकायों के माध्यम से वितरित हितलाभों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) दिनांक 15 जून 2019 तक पोर्टल पर स्वीकृत समस्त प्रकरणों में स्वीकृत राशि संबंधित पदाभिहित अधिकारियों को आवंटित की जा चुकी है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इंदौर-इच्छापुर 4 लेन के संबंध में
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 1150 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर बी.ओ.टी. के तहत सड़क निर्माण कितने कि.मी. किस वर्ष में किया गया था? इसका पथकर किस दिनांक को समाप्त हो गया है? (ख) क्या इस मार्ग पर रख-रखाव एवं मरम्मत कार्य बंद होने से सैकड़ों गड्ढों के कारण वाहन क्षतिग्रस्त एवं दुर्घटना ग्रस्त हो गये है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) इस राज्य मार्ग को राष्ट्रीय राज्य मार्ग में स्वीकृत कराने की प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित हैं तथा इसे स्वीकृत कराने के लिए किस स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र को जोड़ने वाले राज्य मार्ग का चौड़ीकरण एवं नवीनीकरण कब तक किया जावेगा? क्या इस मार्ग पर दुर्घटना का कारण बन रहे ए.बी. रोड (आगरा– मुम्बई) मार्ग के परिवर्तित ट्रेफिक (भारी वाहन) को बंद करने के आदेश दिये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लम्बाई 201 कि.मी. का कार्य वर्ष 2003 में पूर्ण किया गया। पथकर दिनांक 18.02.2017 को समाप्त हो गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) इन्दौर-इच्छापुर मार्ग को भारत सरकार के भूतल एवं सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जा चुका है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) इन्दौर इच्छापुर-राष्ट्रीय राजमार्ग के फोरलेन में चौड़ीकरण हेतु भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। अत: समय-सीमा बताना वर्तमान में संभव नहीं है एवं नवीनीकरण का कार्य प्रगतिरत दिसम्बर 2019 तक पूर्ण होना संभावित है। इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है, अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत डोल पहुंच मार्ग का कार्य
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 1171 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायत डोल पहुंच मार्ग का कार्य किस वित्तीय सत्र में प्रारंभ किया गया था? इस मार्ग के निर्माण कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई थी तथा विभाग द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई थी? (ख) उक्त मार्ग के निर्माण हेतु किस निर्माण एजेंसी का चयन किया गया था? क्या कारण है कि लगभग 05 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी उक्त मार्ग का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका? (ग) उक्त मार्ग के निर्माण में लापरवाही करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों एवं निर्माण एजेंसी के विरुद्ध विभाग द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उक्त मार्ग का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) वित्तीय सत्र 2015-16 में। रू. 337.13 लाख तथा कार्यादेश दिनांक से 8 माह वर्षाकाल छोड़कर दिनांक 18.06.2016 तक निर्माण सीमा निर्धारित थी। (ख) श्री संजय द्विवेदी, संविदाकार रीवा को निर्माण स्थल के अधिकतम भू-भाग में, निजी भूमि तथा भू-अर्जन नहीं हो पाने के कारण मार्ग का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। (ग) भू-अर्जन न होने से विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों एवं निर्माण एजेन्सी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भू-अर्जन की राशि अत्यधिक होने से कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त करने का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है, जिसे गुण-दोष के आधार पर निर्णय किया जा सकेगा।
मनमाने तरीके से टोल प्लाजा पर राशि वसूली
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 1198 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 03 देवास ब्यावरा मार्ग एवं ब्यावरा गुना मार्ग पर कितनी-कितनी दूरी पर टोल टैक्स नाका निर्माण करने का नियम है? मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर ही टोल राशि वसूलने के नियम हैं अथवा अपूर्ण मार्ग होने पर भी टोल राशि वसूलने के नियम हैं? नियम की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 03 देवास-ब्यावरा मार्ग का कितने प्रतिशत कार्य शेष है? क्या अपूर्ण कार्य होने पर भी टोल राशि वसूलने के नियम हैं अथवा शासन नियम का उल्लंघन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि अनुबंध अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 03 देवास-ब्यावरा मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने पर एवं शासन द्वारा निर्धारित दूरी से कम दूरी पर टोल नाका स्थापित कर टोल राशि वसूली जाती है तो दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? अवगत करावें। (घ) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं.03 देवास-ब्यावरा मार्ग पर छापरा टोल प्लाजा पर टोल वसूली करने पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिजली की समस्या के संबंध में
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 1223 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पन्ना अन्तर्गत अजयगढ़ तहसील में प्रस्तावित 132 के.व्ही. का पावर स्टेशन कब तक स्थापित किया जावेगा? (ख) पन्ना जिले में आये दिन अघोषित बिजली की कटौती की जा रही है जिससे आमजन परेशान है क्या बिजली आपूर्ति की कमी है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ति की जावेगी यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पन्ना अंतर्गत अजयगढ़ में 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य प्रस्तावित है, जिसका तकनीकी परीक्षण कर आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने की कार्यवाही म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रक्रियाधीन है। तत्पश्चात वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने की कार्यवाही कर निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत कार्यादेश प्रसारित किया जा सकेगा। कार्यादेश जारी होने की तिथि से उक्त प्रस्तावित विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य को पूर्ण करने में लगभग 24 माह की समयावधि लगनी संभावित है। अत: वर्तमान में उक्त विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) पन्ना जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में कहीं भी अघोषित विद्युत कटौती नहीं की जा रही है तथापि कतिपय अवसरों पर प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों तथा मेन्टेनेंस कार्य आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों में विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसे शीघ्रातिशीघ्र सुधार कार्य पूर्ण कर चालू कर दिया जाता है वर्तमान में प्रदेश में विद्युत की पर्याप्त उपलब्धता है जिससे विद्युत मांग की पूर्ति में कोई कठिनाई नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
महाविद्यालय खोला जाना
[उच्च शिक्षा]
15. ( क्र. 1228 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना विधान सभा क्षेत्र के नगर अजयगढ़ में स्थित एक मात्र शासकीय महाविद्यालय की दूरी तहसील अजयगढ़ की सीमाओं से 50-55 कि.मी. होने के बावजूद उच्च शिक्षा के लिये शासकीय महाविद्यालय अजयगढ़ में प्रवेश लेना छात्रों की मजबूरी है? (ख) क्या अजयगढ़ तहसील के दूरदराज के जिन ग्रामों से छात्र महाविद्यालय में आते हैं, पहले उन्हें मुख्य सड़क तक पैदल या साईकिल से आना पड़ता है इसके बाद उन्हें बस आदि मिल पाती है जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तहसील अजयगढ़ का दूरदराज का क्षेत्र अभी भी पिछड़ा हुआ है? (ग) क्या तहसील अजयगढ़ के धरमपुर क्षेत्र में महाविद्यालय न होने से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बालिका शिक्षा प्रभावित है? महाविद्यालय अजयगढ़ की दूरी उ.प्र. के महाविद्यालय से अधिक होने के कारण इस क्षेत्र के छात्रों को उ.प्र. के महाविद्यालय में प्रवेश लेने के लिये मजबूर होना पड़ता है और म.प्र. की योजना का लाभ नहीं मिल पाता है? (घ) क्या तहसील अजयगढ़ के ग्राम धरमपुर में महाविद्यालय खोले जाने के विषय को गंभीरता से लेते हुए शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्या उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इस इलाके को पिछड़ा ही रखा जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ, इच्छुक विद्यार्थी शासकीय महाविद्यालय, अजयगढ़ में प्रवेश लेते हैं। (ख) जी नहीं, उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग कर हरदी, खोरा, धरमपुर, मकरी, नरदहा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थी शासकीय महाविद्यालय, अजयगढ़ में उच्च शिक्षा के अध्ययन हेतु प्रवेश लेते हैं। अजयगढ़ तहसील के समीप पन्ना में दो शासकीय एवं दो अशासकीय महाविद्यालय भी उपलब्ध हैं, जहां विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। अत: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अजयगढ़ तहसील के पिछड़ा होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, धरमपुर क्षेत्र की छात्राएं शासकीय महाविद्यालय, अजयगढ़ में प्रवेश लेकर शासन की योजनाओं का लाभ ले रही हैं। (घ) जी नहीं वर्तमान में धरमपुर में महाविद्यालय खोले जाने की कोई योजना नहीं है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत विहीन गांव के संबंध में
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 1247 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कौन-कौन से गांव है जो प्रश्न दिनांक तक विद्युत विहीन हैं, उक्त गांव में विद्युत प्रदाय करने हेतु क्या दिक्कत आ रही है? उक्त गांव में कब तक विद्युत प्रदाय कर दी जावेगी? (ख) छतरपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने हेतु प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन कब से लंबित हैं? लंबित होने के क्या कारण हैं? कब तक विद्युत कनेक्शन प्रदाय कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) छतरपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कोई भी ग्राम विद्युत विहीन नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) छतरपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 30.06.19 की स्थिति में विद्युत कनेक्शन हेतु 159 आवेदन लंबित है, जिनमें से घरेलू कनेक्शन हेतु 130 आवेदन औपचारिकता पूर्ण नहीं होने के कारण तथा 29 आवेदन स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन हेतु लाईन विस्तार का कार्य प्रगति पर होने से लंबित है। उक्त 29 स्थाई कृषि पम्पों के लाईन विस्तार का कार्य अगस्त 2019 तक पूर्ण कर कनेक्शन प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। उक्त घरेलू कनेक्शनों के लंबित 130 आवेदनों में आवेदक द्वारा औपचारिकता पूर्ण करने पर ही कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। अत: वर्तमान में कनेक्शन दिये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय वारासिवनी में प्रभारी प्राचार्य
[उच्च शिक्षा]
17. ( क्र. 1293 ) श्री
रामकिशोर
कावरे : क्या
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विषयांकित
शासकीय
महाविद्यालय
में पदस्थ
प्रभारी
प्राचार्य डॉ.
सरीता कोल्हेटकर
द्वारा कार्य
के प्रति
अनियमितता
बरतने संबंधी शिकायतें
प्राप्त हुई
है? यदि
हाँ, तो
क्या जाँच
कराएंगे? (ख) आवेदक अजय
बांगरे सांसद
प्रतिनिधी
द्वारा अतिरिक्त
संचालय उच्च
शिक्षा विभाग
जबलपुर को
दिनांक 29.09.2018
को
की गई शिकायत
के संबंध में
क्या
कार्यवाही की गई
यदि नहीं, की गई तो
क्यों?
(ग)
क्या
जाँच में
प्रभारी
प्राचार्य
दोषी पाई गई थी
यदि हाँ, तो
अवगत करावें?
खेल
और युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ।
शिकायत की
जाँच हेतु
कार्यालय
आयुक्त,
उच्च
शिक्षा के
पत्र क्रमांक 785/507/शिका/18
दिनांक 30.10.2018 के
द्वारा
क्षेत्रीय
अतिरिक्त
संचालक,
उच्च
शिक्षा,
जबलपुर
को जाँच हेतु
निर्देशित
किया गया है। (ख) प्रश्नांश
(क)
एवं
(ख)
के
शिकायती
पत्रों में
समानार्थी
आरोप होने के
कारण जानकारी
उत्तरांश (क) अनुसार
है। (ग) जाँच
प्रकियाधीन
है।
अधिकृत भूमि का मुआवजा राशि
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 1333 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग ने गरोठ विधान सभा क्षेत्र में भानपुरा बायपास स्वीकृत किया था? (ख) यदि हाँ, तो इसे कब प्रारंभ किया वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) इस बायपास निर्माण के लिए कितने किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी और उनका कितना मुआवजा था क्या उक्त मुआवजा वितरित हो गया है? (घ) इस बायपास का कार्य अभी तक अधूरा क्यों है इसके पूर्ण होने की समय-सीमा क्या थी, अगर समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुआ तो दोषी अधिकारी व दोषी ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्यवाही की साथ ही मुआवजा वितरण में विलंब क्यों हुआ व कब तक मुआवजा राशि वितरित होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 28.09.2015 को निजी भूमि का भू-अर्जन प्रक्रियाधीन होने के कारण मार्ग निर्माण बंद है। (ग) बायपास मार्ग निर्माण में 61 कृषकों की भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की गई है। मुआवजा निर्धारण हेतु अवार्ड पारित करने की प्रक्रिया भू-अर्जन अधिकारी गरोठ में प्रचलन में है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) बायपास मार्ग पर लंबाई 1.26 कि.मी. में डामरीकरण का कार्य किया जा चुका है। मार्ग की शेष लंबाई में आने वाली निजी भूमि का भू-अर्जन प्रक्रियाधीन होने के कारण मार्ग निर्माण बंद होकर कार्य अधूरा है। कार्य को अनुबंधानुसार पूर्ण करने की समय-सीमा दिनांक 27.09.2016 तक थी। निजी भूमि का भू-अर्जन प्रक्रियाधीन होने के कारण कार्य बंद है। सम्बंधित ठेकेदार एवं अधिकारी का दोष नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होता। मुआवजा निर्धारण हेतु अवार्ड पारित करने की प्रक्रिया भू-अर्जन अधिकारी उपखण्ड गरोठ कार्यालय में प्रचलन में है। अवार्ड पारित होने के बाद मुआवजा भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विद्युत सुविधा बहाल किया जाना
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 1376 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा 22.3.19 को पत्र क्रमांक 116/एम.एल.ए./देवतालाब/2019 कार्यपालन यंत्री संभाग मऊगंज एवं प्रतिलिपि सहायक यंत्री को इस आशय का पत्र दिया गया था कि वितरण केन्द्र मऊगंज अंतर्गत ग्राम पथरिहा (पन्नी) अनु.जाति/अनु.जनजाति बस्ती के 100 घरों के लिए घटिया केबिल डाले जाने के कारण जल गयी है कई बार शिकायत करने पर भी केबिल नहीं बदली गयी और पूरी बस्ती अधेंरे में है? पत्रों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र प्राप्त होने के बावजूद भी क्या प्रश्न दिनांक तक केबिल नहीं बदली गयी और न ही पत्र का कोई उत्तर ही विभाग द्वारा दिया गया? क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश है, कि विधायकों एवं सांसदों के पत्रों का जवाब विभाग द्वारा कार्यवाही के संबंध में दिया जाये। (ग) यदि केबिल नहीं बदली गयी तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी तथा केबिल कब तक बदल दी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पत्र क्रमांक 116/एम.एल.ए./देवतालाब/2019, दिनांक 16.05.19 के माध्यम से वितरण केन्द्र मऊगंज-1 के अन्तर्गत ग्राम पथरिहा (पन्नी) की अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बस्ती में जली हुई केबिल को बदले जाने हेतु लेख किया गया था तथा माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का उक्त पत्र दिनांक 20.05.19 को संचालन-संधारण संभाग मऊगंज के आवक क्रमांक-259 दिनांक 20.05.19 से पत्र वाहक के माध्यम से प्राप्त हुआ था। ग्राम पथरिहा (पन्नी) की अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बस्ती में केबिल गुणवत्ताहीन होने के कारण नहीं अपितु शार्ट सर्किट होने के कारण डैमेज हुई थी, जिसे आवश्यकतानुसार बदलकर/सुधार कार्य कर विद्युत सप्लाई दिनांक 20.06.19 को ही चालू कर दी गई थी वर्तमान में प्रश्नाधीन बस्ती में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नाधीन पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नाधीन पत्र के तारतम्य में तत्काल कार्यवाही कर दिनांक 20.06.19 को आवश्यकतानुसार केबिल बदलकर/सुधारकर प्रश्नाधीन बस्ती का विद्युत प्रदाय चालू कर दिया गया था। जी हाँ, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश अनुसार माननीय सांसदों/विधायकों के पत्रों का उत्तर दिया जाना आवश्यक है एवं तद्नुसार प्रश्नाधीन प्रकरण में की गई कार्यवाही के संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को कार्यपालन अभियंता संचालन-संधारण संभाग मऊगंज के पत्र क्रमांक 185 दिनांक 21.06.19 के माध्यम से अवगत करा दिया गया है, पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
रीवा अन्तर्गत कार्यरत संभागों में मेन्टेनेन्स
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 1377 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अधीक्षण यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. रीवा अंतर्गत कुल कितने विद्युत संभाग कार्यरत है तथा संभाग के अन्तर्गत कितने विद्युत वितरण केन्द्र है? (ख) रीवा में कार्यरत सभी संभागों में वर्ष जनवरी 2016 से मार्च 2019 तक वि़द्युत मेन्टेनेन्स के लिए कुल कितनी राशि किस-किस मद में खर्च की गयी? विद्युत वितरण केन्द्रवार बतावें। (ग) उक्त प्रश्नांश (ख) वर्णित मेन्टेनेन्स का ऑडिट किसके द्वारा और कब-कब कराया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) अधीक्षण यंत्री, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, रीवा वृत्त के अंतर्गत 4 संचारण-संधारण संभागीय कार्यालय एवं 1 शहर संभाग का कार्यालय कार्यरत हैं तथा इन संभागीय कार्यालयों के अंतर्गत कुल 27 विद्युत वितरण केन्द्र एवं 3 जोन है, जिसकी संभागवार संख्या निम्नानुसार है :-
क्र. |
संभाग का नाम |
जोन एवं वितरण केन्द्रों की संख्या |
1 |
शहर संभाग |
3 जोन |
2 |
पूर्व संभाग |
7 वितरण केन्द्र |
3 |
पश्चिम संभाग |
7 वितरण केन्द्र |
4 |
मऊगंज संभाग |
6 वितरण केन्द्र |
5 |
त्योंथर संभाग |
7 वितरण केन्द्र |
(ख) मेंटेनेंस के कार्यों का लेखा-जोखा वितरण केन्द्रवार नहीं अपितु संभागवार संधारित किया जाता है। रीवा वृत्त के अंतर्गत वर्ष जनवरी, 2016 से मार्च 2019 तक संभागवार मेंटेनेंस में हुए व्यय का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रीवा वृत्त का वित्तीय वर्ष 2017-18 का ऑडिट ए.जी. ऑडिट टीम ग्वालियर द्वारा दिनांक 28.08.2017 को सम्पादित किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के पश्चात ए.जी.ऑडिट टीम का कार्यक्रम निर्धारित होने के पश्चात आगामी वर्षों का ऑडिट संपादित किया जावेगा।
विद्युत यांत्रियों की पदस्थापना
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 1475 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिकी संभाग जबलपुर में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी के रुप में कितने उपयंत्री कब से कहां-कहां पर एवं किसके आदेश से कार्यरत हैं? क्या इनके स्थान पर नियमित सहायक यंत्री की पदस्थापना के आदेश राज्य शासन द्वारा कब तक जारी किये जायेंगे? (ख) जबलपुर विद्युत यांत्रिकी संभाग लोक निर्माण विभाग में पदस्थ श्री एन.एच. सिद्दीकी, प्रभारी कार्यपालन यंत्री के रुप में कब से व किसके आदेशों के तहत कार्यरत हैं? क्या श्री सिद्दीकी जबलपुर में विगत 20 वर्षों से उपयंत्री/सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत एक ही जिले में इतने वर्षों से पदस्थ रखा गया है? (ग) श्री सिद्दीकी, प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिकी विभाग जबलपुर के विरुद्ध विभाग में कितनी शिकायत लंबित हैं? प्राप्त शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। जी हाँ। प्रशासनिक आधार पर। (ग) कोई शिकायत लंबित नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अदवा नदी पर जनहित में डेम बनाया जाना
[जल संसाधन]
22. ( क्र. 1521 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाणसागर परियोजना की उ.प्र. की ओर जाने वाली नहर देवलोंद से रीवा-सीधी की अदवा नदी तक पहाड़ काटकर नहर बनी हुई है? क्या उक्त नहर से उ.प्र. के हिस्से का पानी इस नहर के माध्यम से जाता है। विधान सभा क्षेत्र मऊगंज के हनुमना से क्या उक्त नहर का पानी सीधी जिले के बार्डर पर अदवा नदी में छोड़ा जाना है? (ख) क्या अदवा नदी के माध्यम से पानी उ.प्र. ले जाया जा रहा है? क्या उ.प्र. ने म.प्र. की नदी का उपयोग कर अपनी बनने वाली नहर की रकम बचा ली है? (ग) क्या मऊगंज विधान सभा क्षेत्र में पानी का संकट ग्रीष्म ऋतु में भयावह हो जाता है? क्या शासन अदवा नदी में एक डेम बनाकर उक्त पानी के संकट को दूर कर सकता है। क्या डेम में पानी को रोककर सिंचाई भी की जा सकती है। साथ ही डेम के फुल हो जाने पर उ.प्र. को उसके हिस्से का पानी भी आसानी से दिया जा सकता है? क्या शासन इस हेतु योजना तैयार कर इसे बजट 2019-2020 में अमल में लायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। नहर का पानी अदवा नाला में ही आता है। (ख) जी हाँ। अदवा नाला म.प्र. राज्य से उ.प्र. राज्य में प्रवेश करता है जिसका उपयोग उ.प्र. पानी ले जाने में उपयोग करता है, इसमें रकम बचाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में ग्रीष्मकाल में पानी का संकट होना प्रतिवेदित नहीं है। अदवा नाले पर बांध बनाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जल संसाधन विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य
[जल संसाधन]
23. ( क्र. 1544 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक से विगत 01 वर्ष में कितने तालाब एवं कितने बैराज स्वीकृत हुए हैं? वर्तमान में किस एजेन्सी को कार्य करने हेतु वर्क आर्डर जारी किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्माण एजेन्सी द्वारा तालाब/बैराज का निर्माण कब तक प्रारम्भ किया जावेगा एवं कितने समय में पूर्ण होगा? (ग) चंबल नदी पर धुरेरी और सरसाना ग्राम के मध्य के बैराज का प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है? शासन द्वारा उक्त बैराज को कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) 01 तालाब भाण्ड-तलावली एवं 01 बैराज सुखलाना बैराज की स्वीकृति दी गई। किसी एजेंसी को कार्य करने हेतु वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया गया है। (ख) दोनों परियोजनाओं की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रिया में होने से कार्य प्रारंभ तथा पूर्णता की तिथि बतलाया जाना संभव नहीं है। (ग) धुरेरी बैराज की साध्यता प्रदान की गई है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से परियोजना की स्वीकृति की समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
अस्थाई कनेक्शन के संबंध में
[ऊर्जा]
24. ( क्र.
1550 ) श्री
मुरली मोरवाल
: क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) वर्ष 2018- 19 में
बड़नगर विधान
सभा क्षेत्र
में कुल कितने
अस्थाई
कनेक्शन
प्रदान किये
गये वितरण
केन्द्रवार, ग्रामवार
कृषक संख्या
सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में नवीन
ट्रांसफार्मर
लगा कर कब तक इन्हें
स्थाई कर दिया
जायेगा। (ग) बड़नगर
विधान सभा क्षेत्र
में कितने
मजरे/टोले में
24
घंटे बिजली
आपूर्ति नही
हो पा रही है
संख्या बतावें, शासन
द्वारा इन
मजरों/टोलों
को 24
घंटे बिजली
सप्लाई
प्रदाय किये
जाने की क्या योजना
है? (घ) विभाग
द्वारा जले
हुए
ट्रांसफार्मर
बदलने की क्या
प्रक्रिया है
इस हेतु
निर्धारित
राशि क्या है? क्या
अपेक्षित
राशि जमा नही
कराने पर
ट्रांसफार्मर
नहीं बदले
जाते है? निर्धारित
शुल्क जमा
कराने पर
कितने दिन बदले
जाने का नियम
है? (ड़)
क्या किसानों
को
ट्रांसफार्मर
बदलने के लिए लाने/ले
जाने के लिए
कोई राशि
निर्धारित की
गई है? यदि हाँ, तो
बड़नगर विधान
सभा क्षेत्र
में किसानों
को विगत 4 माह में
किस-किस किसान
को कितनी राशि
उपलब्ध करवाई गई
किसानवार, ग्रामवार
जानकारी
उपलब्ध
कराये।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रियव्रत
सिंह ) : (क) बड़नगर
विधान सभा
क्षेत्र में
वित्तीय
वर्ष 2018-19 में कुल 2101
अस्थाई कृषि
पम्प कनेक्शन
प्रदान किये
गये, जिनका
वितरण केन्द्रवार
एवं ग्रामवार
संख्या पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
(ख) उत्तरांश
(क) में उल्लेखित
2101
अस्थायी
कृषि पम्प
कनेक्शनों
में से मात्र 3
कनेक्शनों
को उपभोक्ताओं
द्वारा आवश्यक
औपचारिकताएं
पूर्ण करने पर
मुख्यमंत्री
स्थाई कृषि
पम्प कनेक्शन
योजना के
अंतर्गत स्थाई
कनेक्शन में
परिवर्तित
किया गया है।
शेष प्रकरणों में
योजना उपलब्ध
होने एवं
संबंधितों
द्वारा आवेदन
करने पर स्थाई
कृषि पम्प
कनेक्शन
प्रदान करने
की कार्यवाही
की जावेगी, जिस
हेतु निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) बड़नगर
विधान सभा
क्षेत्र में
सभी विद्युतीकृत
मजरों/टोलों
को गैर-कृषि
फीडरों के
माध्यम से
प्राकृतिक
आपदा/तकनीकी
कारणों से
निर्मित
अपरिहार्य
परिस्थितियों
को छोड़कर प्रतिदिन
औसतन 24 घंटे
विद्युत
प्रदाय किया
जा रहा है। अत:
प्रश्न नहीं
उठता। (घ) वर्तमान
में विभाग के
अंतर्गत
कार्यरत विद्युत
वितरण
कंपनियों में
खराब/जले
विद्युत वितरण
ट्रांसफार्मरों
से संबद्ध 50
प्रतिशत
उपभोक्ताओं
द्वारा
भुगतान करने
पर अथवा कुल
बकाया राशि का
10
प्रतिशत जमा
होने के
उपरांत जले/खराब
विद्युत
वितरण
ट्रांसफार्मरों
को बदले जाने
का प्रावधान
है। उक्तानुसार
बकाया राशि
जमा होने पर
जले/खराब वितरण
ट्रांसफार्मरों
को ग्रामीण
क्षेत्र में शुष्क
मौसम में 3
दिवस में एवं
मानसून के
दौरान (जुलाई
से सितम्बर
माह) 7
दिवस में तथा
शहरी क्षेत्र
में अधिकतम 24
घंटे में बदले
जाने का
प्रावधान है। (ड.)
जी हाँ।
बड़नगर विधान
सभा
क्षेत्रान्तर्गत
विगत 04 माहों
(फरवरी, मार्च, अप्रैल
एवं मई-2019) में
किसानों को
जले/खराब
विद्युत
वितरण ट्रांसफार्मर
को बदलने हेतु
वाहन उपलब्ध
करवाने पर
परिवहन खर्चे
की
प्रतिपूर्ति
हेतु भुगतान
की गई राशि की
किसान के
नामवार/ग्रामवार/माहवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
इगल हन्टर प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी से संबंधित जानकारी
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 1585 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ईगल हन्टर प्राईवेट लिमिटेड द्वारा विद्युत विभाग म.प्र. में क्या-क्या कार्य कब से किये जा रहे हैं? क्या कंपनी द्वारा निविदा के शर्तों का पालन किया जा रहा यदि हाँ, तो शर्तों की जानकारी देवें? (ख) ईगल हन्टर प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी द्वारा कितने करोड़ रूपये का कार्य किया है? कार्य के प्रकार, किये गये व्यय की जानकारी देवें। (ग) ईगल हन्टर प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी में कितने कर्मचारी पदस्थ है, उनको किस-किस नियम से किन-किन शर्तों पर नियुक्त किया है, कम्पनी में कार्य करते हुए कितने कर्मचारियों की मृत्यु हुई दिनांक/माह/वर्षवार जानकारी एवं मुआवजा कितने को दिया गया है। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा विद्युत विभाग को विगत दो वर्ष में कितने पत्र लिखे गए उन पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सी मे. ईगल हन्टर सोल्यूशंस लिमिटेड द्वारा पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के जबलपुर क्षेत्र के अंतर्गत कम्प्यूटर ऑपरेटर, सब-स्टेशन ऑपरेटर एवं लाईनहेल्पर के कार्यों के लिए अप्रैल 2018 से कार्मिक नियोजित किए गए हैं। जी हाँ, उक्त कंपनी द्वारा निविदा की शर्तों का पालन किया जा रहा है। निविदा की शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार मे. ईगल हन्टर सोल्यूशंस लिमिटेड कंपनी द्वारा कम्प्यूटर ऑपरेटर, सब-स्टेशन ऑपरेटर एवं लाईन हेल्पर के कार्य हेतु बाह्य स्त्रोत से कार्मिकों के नियोजन का कार्य किया गया है, जिस हेतु उक्त कंपनी को पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा राशि रूपये 28.95 करोड़ का भुगतान किया गया है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर क्षेत्र में मे. ईगल हन्टर सोल्यूशंस लिमिटेड कंपनी के 1965 कार्मिक पदस्थ हैं, जिन्हें कंपनी से जारी एल.ओ.ए. के नियमों एवं शर्तों के तहत नियुक्त किया गया है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है। मे.ईगल हन्टर सोल्यूशंस लिमिटेड के 7 कर्मचारियों की मृत्यु कार्य करते हुए हुई, जिसकी दिनाँक/माह/वर्षवार जानकारी एवं इन प्रकरणों में मुआवजा दिये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स‘ अनुसार है। (घ) मे. ईगल हन्टर सोल्यूशंस लिमिटेड कंपनी के संदर्भ में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा लिखा कोई भी पत्र विगत 2 वर्ष में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय को प्राप्त नही हुआ है।
सिंचाई के संसाधनों के संबंध में
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 1614 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितनी कृषि भूमि है? इनमें से कितनी सिंचित है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त भूमि में सिंचाई के क्या-क्या साधन हैं? सिंचाई के उक्त साधनों से अलग-अलग कितनी भूमि सिंचित होती है? (ग) विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत सिंचाई हेतु कितनी परियोजनाएं हैं? उक्त से कितनी भूमि सिंचित होती है? (घ) विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत विभाग की कौन-कौन सी परियोजनाएं निर्माणाधीन लंबित एवं प्रस्तावित है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) कुल 72916 हेक्टर कृषि भूमि है जिसमें से 39876 हेक्टर भूमि सिंचिंत है। (ख) सिंचाई के साधन कुआं, तालाब, नहर, नाला, नदी, नलकूप एवं शासकीय बांध की नहरों से सिंचाई के साधन हैं, जिनसे क्रमशः 19505, 749, 798, 1284, 822, 9075 एवं 7634 हेक्टर भूमि सिंचिंत होती है। (ग) 29 परियोजनाएं है जिनसे 7634 हेक्टर भूमि सिंचिंत होती है। (घ) तरपेड़ बांध परियोजना निर्माणाधीन, एन.टी.पी.सी. की बरेठा थर्मल पावर परियोजना के लिए विभाग द्वारा वर्ष 2012 में डिपोजि़ट मद में स्वीकृत श्यामारी मध्यम बहुउद्देशीय परियोजना की नींव का तल 60 से 100 मीटर नीचे उपलब्ध होने तथा बरेठा थर्मल पावर परियोजना की पर्यावरण स्वीकृति भारत-सरकार से नहीं मिलने के कारण एन.टी.पी.सी. द्वारा परियोजना लंबित तथा पिपरिया तालाब परियोजना प्रस्तावित है जिसके निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की गई है।
मरम्मत एवं नवीनीकरण योग्य मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 1631 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग जिला सागर अंतर्गत ऐसे कितने जिला मार्ग एवं ग्रामीण मार्ग है जो वर्तमान में मरम्मत एवं नवीनीकरण योग्य है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जनवरी 2019 से वर्तमान तक इनमें से किन-किन मार्ग की मरम्मत, कितनी-कितनी राशि व्यय कर कराई गई एवं किन-किन मार्गों के नवीनीकरण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) क्या विभाग द्वारा वर्षाकाल पूर्व मरम्मत योग्य मार्गों पर पिछले वर्षों की तरह मरम्मत का कार्य इस वर्ष नहीं कराया गया है? यदि हां, तो इससे आवागमन एवं ऐसे मार्गों को होने वाली अत्यधिक क्षति के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ऊर्जा विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित हितग्राही मूलक योजनाएं
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 1632 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में ऊर्जा विभाग अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में दिसम्बर, 2018 तक विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं हेतु कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित की जा रही थी तथा जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं हेतु कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं के माध्यम से योजनावार, किस-किस श्रेणी के उपभोक्ताओं को, क्या-क्या सुविधा प्रदाय की जा रही थी? (ग) प्रश्नांक (क, ख) अनुसार खुरई विधान सभा क्षेत्र में योजनावार लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या वितरण केन्द्रवार बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश में विभाग अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में दिसम्बर-2018 तथा जनवरी-2019 से दिनांक 30.06.2019 तक संचालित हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं के माध्यम से योजनावार, लाभान्वित विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रदाय सुविधा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार विधान सभा खुरई क्षेत्र में योजनावार लाभान्वित हितग्राहियों की वितरण केन्द्रवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों का स्थानांतरण
[खेल और युवा कल्याण]
29. ( क्र. 1636 ) श्री संजय शुक्ला : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेल एवं युवा कल्याण विभाग व मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत अन्य विभागों में राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों को नौकरी देने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो पिछले 08 वर्षों में किन-किन विभागों में राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय, एकलव्य, द्रोणाचार्य व अन्य पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों को नौकरियां दी गई व कितने खिलाड़ियों को नौकरियां नही दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय व उत्कृष्ट खिलाड़ियों को खेल कोटे से प्राप्त नौकरियों में कुछ विभागों में एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इनसे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर प्रभाव नही पड़ेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या शासन खेल विभाग राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय उत्कृष्ट खिलाड़ियों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण ना करते हुए इन्हें उसी जिले में पदस्थ रखकर खेल गतिविधियों को प्रभावित होने से बचायेगा? क्या कुछ विभागों में हुए स्थानांतरण आदेशों को भी निरस्त किया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) खेल एवं युवा कल्याण विभाग में ऐसे पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों को नौकरी दिये जाने का प्रावधान नहीं है। विभाग द्वारा विक्रम पुरस्कार प्राप्त होने पर उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया जाता है। उत्कृष्ट खिलाड़ियों को शासकीय नौकरी देने का प्रावधान है। (ख) प्रश्नोत्तर (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नोत्तर (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हाई टेंशन लाईन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 1657 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत खेलागांव, टोलक्याखेड़ी, तह.-नलखेड़ा जिला आगर-मालवा को हाई टेंशन लाईन से ग्राम मोयाखेड़ा से जोड़ने हेतु शासन द्वारा स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो इस हेतु शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? इस हाई टेंशन लाईन की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) क्या हाईटेंशन लाईन द्वारा संबंधित स्वीकृत ग्रामों को इस लाईन के माध्यम से विद्युत उपलब्ध कराई जा रही है अथवा नहीं, यदि विद्युत उपलब्ध नहीं कराई जा रही है तो कब से? स्वीकृत हाई टेंशन लाईन के माध्यम से विद्युत सप्लाई कब तक कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) यदि स्वीकृत हाईटेंशन लाईन को पुन: चालू करने में शासन को कोई परेशानी आ रही है तो ऐसी स्थिति में उक्त दोनों गांव खेलागांव, टोलक्याखेड़ी तह.-नलखेड़ा, जिला आगर-मालवा को अन्य स्वतंत्र हाई टेंशन लाईन से जोड़ने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, आगर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम खेलागांव एवं टोलक्याखेड़ी, तहसील नलखेड़ा को ग्राम मोयाखेडा स्थित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. लाईन से संबद्ध करने हेतु कुल लागत राशि रू.49.60 लाख के कार्य की स्वीकृति दिनांक 04.06.2008 को प्रदान की गई थी वर्ष 2010-11 में अत्यधिक वर्षा एवं आँधी-तूफान के कारण उक्त 11 के.व्ही. लाईन क्षतिग्रस्त हो गई थी तथा ग्रामीणों के आपसी विवाद के कारण इस लाईन को पुन: स्थापित नहीं किया जा सका। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार उक्त लाईन के क्षतिग्रस्त होने एवं ग्रामीणों के आपसी विवाद के कारण लाईन पुन: स्थापित नहीं किये जा सकने के कारण वर्ष 2010-11 से इस लाईन से विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है तथापि इस क्षतिग्रस्त लाईन से प्रभावित सभी ग्रामों को पूर्व में 11 के.व्ही. नलखेड़ा-पिलवास फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा था एवं तदुपरांत दिनांक 6.1.18 से क्षतिग्रस्त लाईन के प्रभावित ग्रामों का ग्राम पचलाना में निर्मित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. गैर-कृषि पिलवास फीडर से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: क्षतिग्रस्त लाईन का पुनर्निर्माण किये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षतिग्रस्त 11 के.व्ही. लाईन के पुनर्निर्माण की आवश्यकता नहीं है तथा प्रश्नाधीन दोनों ग्रामों यथा-खेलागांव एवं टोलक्याखेड़ी का विद्युत प्रदाय दिनांक 6.1.18 से ग्राम पचलाना में निर्मित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित पृथक 11 के.व्ही. फीडर से कर दिया गया है।
खेल मैदान का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
31. ( क्र. 1673 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिन ग्रामों एवं नगरीय निकायों में खेल मैदान, स्टेडियम निर्माण हेतु राजस्व भूमि नहीं है, तो क्या वनभूमि पर खेल मैदान अथवा स्टेडियम निर्माण हेतु कोई प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस नियम के तहत निर्माण किया जा सकता है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नोत्तर (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रमौआ बांध के संबंध में
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 1678 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में निर्मित रमौआ बांध का कैचमेन्ट ऐरिया कितने हेक्टर का है? किन-किन वर्षों में भरा गया? (ख) रमौआ बांध विगत दो वर्षों में कब भरा गया है? बांध का निर्माण कब किस वर्ष हुआ था? इस बांध के निर्माण का क्या उद्देश्य था? क्या वर्तमान में उस उद्देश्य के लिए उपयोग हो रहा है। (ग) वर्तमान में कितना जल स्तर है या सूखा पड़ा है? यदि सूखा पड़ा है तो क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) 75.18 वर्ग कि.मी. वर्षवार भराव विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण वर्ष 1956, उद्देश्य रबी 2,677 हेक्टर तथा खरीफ 440 हेक्टर कुल 3,117 हे. क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्रदान कराना। जी हाँ, आंशिक, विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सूखा पड़ा है। जल उपलब्ध न होने के कारण।
विद्युत आपूर्ति के संबंध में
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 1680 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 (30 जून तक) स्थिति ग्वालियर शहर एवं ग्रामीण की विद्युत वितरण की तुलनात्मक स्थिति बतावें। (ख) क्या माह अप्रैल, मई 2019 में नगर निगम क्षेत्र ग्वालियर में अनाधिकृत रूप से बिना कार्य किसी पूर्व सूचना के 4 से 5 घण्टे विद्युत कटौती एवं ग्रामीण क्षेत्र में मात्र 6 से 8 घण्टे विद्युत प्रदाय की गई है? (ग) क्या विद्युत प्रदाय वर्ष 2018 में एक सामान होने के उपरांत भी कटौती के लिए शासन की वितरण संचालन नीति दोषपूर्ण एवं शासकीय अमलों की लापरवाही (उत्तरदायी) है? यदि हाँ, तो शासन अपनी नीति परिवर्तन एवं लापरवाही के लिए कठोर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रशासन द्वारा विद्युत वितरण एवं अघोषित कटौती कब तक दुरूस्त कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 (30 जून 2018 तक) में ग्वालियर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में किये गये विद्युत प्रदाय (विद्युत वितरण) की तुलनात्मक स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, कतिपय अवसरों पर प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधान तथा मेंटेनेंस कार्य हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर प्रश्नाधीन क्षेत्र में सतत् विद्युत प्रदाय किया गया है। मेंटेनेंस हेतु विद्युत प्रदाय बन्द रहने की सूचना सर्वसंबंधितों को दी गई है। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर शहरी क्षेत्र में माह अप्रैल 2019 एवं मई 2019 में क्रमश: 23:45 घंटे एवं 23: 50 घंटे औसतन प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया गया है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में माह अप्रैल-2019 में गैर कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 23:18 घंटे एवं कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 09:59 घंटे तथा माह मई-2019 में गैर कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 23:36 घंटे एवं कृषि फीडरों पर प्रतिदिन औसतन 09:58 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया है। (ग) वर्ष 2018 में लागू विनियमनों के अनुसार ही वर्तमान में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथापि उत्तरांश (क) में दर्शाए गए अपरिहार्य कारणों से प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत प्रदाय बाधित हुआ है, जिसे शीघ्रातिशीघ्र सुधार कार्य पूर्ण कर चालू कर दिया गया है। विद्युत वितरण व्यवस्था नियमानुसार सुचारू रूप से संचालित की जा रही है। किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही तथापि वितरण कंपनियों के फील्ड में पदस्थ अमले को और अधिक सजगता बरतने हेतु समय-समय पर आवश्यकतानुसार निर्देशित कर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) ग्वालियर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत वितरण लागू विनियमनों के अनुसार किया जा रहा है तथा किसी भी प्रकार की अघोषित विद्युत कटौती नहीं की जा रही है।
विद्युत वितरण कंपनी के संबंध में जानकारी
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 1739 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र वि.वि.कं.लि. के अन्तर्गत विगत तीन वर्षों (01 अप्रैल, 2016 से) में किन-किन बाहरी सेवा प्रदाता एजेन्सियों से ठेका श्रमिकों की सेवायें ली गई है? इसके एवज में उन एजेन्सियों को प्रतिवर्ष कितनी-कितनी धनराशि का भुगतान किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में कार्यरत बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सी का नाम-पता तथा एजेन्सी मालिक/निदेशक का नाम बतावे? (ग) उक्त बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सी में से किन-किन एजेन्सियों को किस कारणवश कब ब्लेक लिस्टेड किया गया तथा किन एजेन्सियों ने अब तक ठेका कर्मचारियों की सिक्योरिटी मनी ठेका समाप्त होने पर भी नहीं लौटाई है एवं किन एजेन्सियों ने E.P.F. राशि ठेका कर्मियों के खाते में जमा नहीं की है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक की अवधि में जिन बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सियों से ठेका श्रमिकों की सेवाएं ली गई उनकी नामवार सूची एवं उन्हें वित्तीय वर्षवार किये गए भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में जिन बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सियों से ठेका श्रमिकों की सेवाएं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ली गई, उनकी एजेन्सी के मालिक/निदेशक के नाम सहित, नाम/पतेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शायी गयी बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सियों में से वितरण कंपनी द्वारा किसी भी एजेन्सी को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया है। बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सी से किये गये अनुबंध में ठेका कर्मचारियों से सिक्योरिटी मनी लिये जाने का प्रावधान नहीं है। बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सी द्वारा उपलब्ध कराये गये ठेका कर्मियों के खाते में जमा की जाने वाली ई.पी.एफ. राशि प्रत्येक माह बिल के माध्यम से सेवा प्रदाता द्वारा क्लेम की जाती है एवं वितरण कंपनी द्वारा सेवा प्रदाता को इसका भुगतान किया जाता है। बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सी द्वारा ई.पी.एफ. राशि ठेका कर्मियों के खाते में जमा की जाती है एवं ई.पी.एफ. राशि कर्मचारी के खाते में जमा नहीं होने की कोई शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सी को वितरण कंपनी द्वारा आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया जाता है।
विद्युत वितरण कंपनी के संबंध में जानकारी
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 1740 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र वि.वि.कं.लि. में ठेका प्रथा कब से प्रारंभ हुई एवं कितने-कितने आउटसोर्स (ठेका) श्रमिक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, सबस्टेशन ऑपरेटर लाईन हेल्पर मीटर रीडर, सर्वेयर, ड्रायवर, चपरासी, पद पर ठेकाकर्मी के रूप में वर्तमान में कार्यरत हैं? वृत्तवार एवं संभागवार पृथक-पृथक कुल संख्या बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित विद्युत कंपनियों में कार्य करने वाले आउटसोर्स (ठेका) श्रमिकों की समस्याओं के निराकरण के लिये समिति गठित कर इस समिति में म.प्र. बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ग्वालियर के कर्मचारी प्रतिनिधियों को शामिल कर समस्याओं के निराकरण की दिशा में पहल की जाना प्रस्तावित है। यदि हाँ, तो कब तक कितनी समयावधि में समस्याओं का निराकरण कर दिया जायेगा।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सियों के माध्यम से ठेका श्रमिकों/कार्मिकों को वर्ष 2009 से प्रश्नांश में उल्लेखित कार्यों हेतु रखा जाना आरंभ किया गया। दिनांक 20.06.2019 की स्थिति में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत कार्यरत उक्त कार्मिकों की वितरण कंपनी के संभागवार एवं वृत्तवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्य करने वाले आउटसोर्स (ठेका) श्रमिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा समिति का गठन किया गया है, जिसमें सभी छ: विद्युत कंपनियों के अधिकारी प्रतिनिधि के रूप में नामित किये गये हैं तथा इस समिति के पुनर्गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उक्त समिति द्वारा आउटसोर्स (ठेका) श्रमिकों की समस्याओं के वैधानिक परिधि में निराकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा रही है, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विज्ञान संकाय खोले जाने के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
36. ( क्र. 1753 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय बल्देवगढ़ में विज्ञान संकाय को प्रारम्भ करने की कोई योजना है अथवा नहीं? (ख) यदि है तो कब तक प्रारम्भ होगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नया बसेरा योजना के पंजीकृत हितग्राहियों की जानकारी
[श्रम]
37. ( क्र. 1767 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में पूर्व जनकल्याणकारी योजना संबल योजना का नाम बदलकर नया सबेरा योजना किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इस योजना के रीवा जिला अंतर्गत विकासखण्ड रीवा, सिरमौर एवं रायपुर (कर्चु.) में कितने प्रस्ताव ब्लाक एवं पंचायत स्तर पर लंबित हैं? कितने की स्वीकृत कर राशि प्रदाय की जा चुकी है? ब्लाक सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायत रंगौली के अनिल विश्वकर्मा/ रामवती बढ़ई को इस योजना का लाभ क्यों नहीं दिया गया। (ग) नया सबेरा योजना में दिनांक 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायपुर, रीवा एवं सिरमौर में कुल कितने लोगों का पंजीकरण हुआ? इनमें कितने लोगों का प्रकरण निराकृत हुआ कितने लंबित है?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) इस योजना में रीवा जिले के अंतर्गत विकासखण्ड रीवा, सिरमौर एवं रायपुर (कर्चु.) में कोई प्रस्ताव ब्लॉक एवं पंचायत स्तर लंबित नहीं है। विकासखण्ड रीवा में 67 प्रकरण, विकासखण्ड सिरमौर में 39 प्रकरण तथा रायपुर कर्चुलियान में 114 प्रकरण स्वीकृत कर राशि प्रदाय की जा चुकी है। ग्राम पंचायत रंगौली के श्री अनिल विश्वकर्मा की मृत्यु 13.06.2018 को हुई है, मृत्यु के पश्चात दिनांक 16.06.2018 को मृतक श्री अनिल विश्वकर्मा का पंजीयन हुआ है। मृत्यु के पश्चात पंजीयन होने के कारण प्रकरण अस्वीकृत कर योजना का लाभ नहीं दिया गया। (ग) उक्त अवधि में कोई पंजीयन नहीं किया गया है।
विद्युतीकरण की जानकारी
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 1769 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संपूर्ण ग्रामों में विद्युतीकरण किए जाने हेतु सौभाग्य घर योजना लागू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत किन-किन ग्रामों के कितने घरों तक उक्त योजना से विद्युतीकरण कार्य कराया गया है? ग्रामवार हितग्राही की संख्यात्मक विवरण के साथ जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार शेष बचे ग्रामों एवं घरों में कब तक संपूर्ण विद्युतीकरण करा दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सौभाग्य योजना दिनांक 11.10.2017 से लागू हुई थी, जिसका उद्देश्य योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना के सुदृढ़ीकरण का कार्य कर शत-प्रतिशत घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराना था। (ख) सौभाग्य योजनांतर्गत रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया के 266 ग्रामों के 2988 घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई ग्रामवार/ संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त योजनांतर्गत रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया में 266 ग्रामों के 2988 घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराते हुए योजनांतर्गत शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
नई विद्युत केबल, खंबे आदि लगाकर विद्युत निर्बाध प्रदाय
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 1772 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के मनगवां विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम तिवनी के वार्ड क्रमांक 11 में विभाग की उदासीनता के कारण कई वर्षों से बिजली की सप्लाई निरंतर नहीं हो रही हैं तथा कटे-फटे तार लगे होने से आए दिन विद्युत तारों में शार्ट-सर्किट होने से घरों में आग लग जाती हैं, जिससे आए दिन रहवासियों को बिजली नहीं मिल पाती हैं तथा अंधेरे में रहना पड़ता हैं? (ख) क्या गांव में कुछ उपभोक्ताओं के यहां बिजली के मीटर लगे हैं व अधिकांश उपभोक्ता सीधे तार खींच कर बिजली जला रहे हैं, जिससे आए दिन बिजली गुल होती रहती हैं? (ग) यदि हां, तो क्या विभाग विद्युत उपभोक्ताओं के हित में शीघ्र ही नवीन विद्युत खम्बे, केबल बिछाकर बारिश के पूर्व बिजली के नये ट्रांसफार्मर लगाये जाने की व्यवस्था करेगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) रीवा जिले के मनगवां विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम तिवनी के वार्ड क्रमांक 11 में कतिपय अवसरों पर प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों तथा मेन्टेनेंस कार्य हेतु अत्यावश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। आकस्मिक विद्युत व्यवधानों की स्थिति में शीघ्रातिशीघ्र सुधार कार्य पूर्ण कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जाता है तथा पूर्व नियोजित मेन्टेनेंस कार्य सर्वसंबंधितों को सूचित कर निर्धारित अवधि में पूर्ण किये जाते हैं वर्तमान में वार्ड क्रमांक 11 में 100 के.व्ही.ए. क्षमता का 1 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है, जिससे निम्नदाब लाईन के 2 सर्किट के माध्यम से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त क्षेत्र में कटे-फटे तार होने से शार्ट सर्किट के कारण घरों में आग लगने की किसी भी घटना की जानकारी/शिकायत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है तथा प्रश्नाधीन क्षेत्र में निरंतर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन ग्राम तिवनी में वर्तमान में कुल 630 घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता विद्यमान हैं, जिनमें से 506 उपभोक्ताओं के परिसर में विद्युत मीटर स्थापित है एवं 124 उपभोक्ताओं के परिसर में विद्युत मीटर नहीं लगे हैं तथापि उन्हें नियमानुसार कनेक्शन प्रदान किया गया है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से चालू है। (ग) वर्तमान में ग्राम तिवनी में विद्युत खम्बे लगाने, नये वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने आदि का प्रश्नाधीन उल्लेखित कार्य तकनीकी रूप से आवश्यक नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
निर्माणाधीन सतनवाड़ा-नरवर का कार्य पूर्ण कराया जाना
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 1781 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पोहरी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ए.बी. रोड सतनवाड़ा से नरवर तक म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा निर्माणाधीन सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? क्या इस सड़क पर नरवर नगर के प्रारंभ में अधूरे पड़े निर्माण कार्य को पूर्ण कर लिया गया है तथा मार्ग में पड़ने वाले सभी पुल, रपटे इत्यादि का निर्माण कार्य भी पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो कौन-कौन सा कार्य कितना-कितना शेष है तथा कब तक उक्त कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निविदा की शर्तों के अनुसार इस निर्माण कार्य के पूर्ण होने की समय-सीमा क्या निर्धारित की गई थी? इस कार्य की कुल कितनी लंबाई तथा कितनी लागत निर्धारित थी? प्रश्न दिनांक तक निर्माण ऐजेन्सी को कुल कितना भुगतान किया जा चुका है? इस मार्ग के किन-किन स्थानों के कितने-कितने हिस्से में वन सीमा आती है? उक्त वन सीमा में सड़क निर्माण की अनुमति प्राप्त कर ली गई है अथवा नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
पोहरी में बड़े पुल का निर्माण किए जाने संबंधी
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 1783 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिवपुरी अंतर्गत पोहरी विकासखण्ड में शिवपुरी-श्योपुर रोड पर पोहरी नगर के पास स्थित नदी पर बड़े पुल नामक स्थित पुल के निर्माण की स्वीकृति हो चुकी है? हां, तो कितनी लागत के निर्माण कार्य की स्वीकृति हुई है? (ख) क्या इस हेतु निविदा आमंत्रित की जा चुकी है तथा कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं? (ग) यदि हाँ, तो इसके निर्माण हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है तथा कब तक बड़े पुल का निर्माण पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। पुल निर्माण हेतु स्वीकृत राशि रूपये 251.64 लाख है। (ख) जी हाँ, जी नहीं। (ग) जी हाँ। निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
बल्देवगढ़ बायपास मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 1811 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत बल्देवगढ़ नगर परिषद में बायपास मार्ग का पूर्व में सर्वेक्षण कराया गया है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो बल्देवगढ़ बायपास मार्ग निर्माण हेतु शासन स्तर पर वर्तमान में प्रक्रिया की क्या स्थिति है? (ग) शासन द्वारा बल्देवगढ़ बायपास का निर्माण कार्य पूरा करने की योजना कब तक है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) बल्देवगढ़ बायपास मार्ग निर्माण हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) का कार्य प्रचलन में है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलाशयों के रखरखाव, उचित प्रबंधन, सुरक्षा एवं दुरुस्तीकरण
[जल संसाधन]
43. ( क्र. 1833 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को गरोठ विधान सभा क्षेत्र के जलाशयों, तालाबों के बारे में जानकारी है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा जलाशयों को बारिश में क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए क्या उपाय एवं तैयारी की गई है? (ग) जलाशयों के रख रखाव, उचित प्रबंधन, सुरक्षा एवं मजबूती हेतु कोई राशि स्वीकृत की गई है यदि हाँ, तो कितनी व अभी तक कितना कार्य हुआ है व शेष कार्य कब तक पूर्ण होगा? (घ) जलाशयों व तालाबों को सुधारने के लिए कोई उचित आदेश जारी किए हैं यदि हाँ, तो दुरुस्तीकरण कब तक किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) आवश्यकतानुसार उपाय, निगरानी एवं रखरखाव कार्य किए गये। (ग) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। दुरूस्तीकरण प्रतिवर्ष विभागीय मापदण्ड अनुसार कराया जाता है।
जलाश्यों के सुधार कार्य एवं स्वीकृति कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 1870 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत लालपानी जलाशय में जलाशय निर्माण से आज तक भराव नहीं हुआ है, जिससे किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल रहा है क्या विभाग द्वारा उक्त जलाशय का सर्वे या जाँच कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जलाशय की वर्तमान स्थिति क्या है क्या इसमें सुधार कार्य की आवश्यकता है अथवा नहीं। अगर है तो क्या कार्य कराया गया है? अगर नहीं तो सुधार कार्य कब तक किया जायेगा? क्या सुधार कार्य हेतु कोई प्राक्कलन या प्रस्ताव तैयार किया गया है या स्वीकृत है। (ग) पारना जलाशय का निर्माण कार्य अभी तक क्यों प्रारंभ नहीं किया गया है यह कब तक प्रारंभ किया जायेगा इसके निर्माण में विलम्ब के क्या कारण है? क्या निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है अथवा नहीं तो कब तक पूर्ण कर ली जायेगी। (घ) प्रश्नांश (क) विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जल उपभोक्ता संस्थाओं द्वारा जलाशयों के रख-रखाव हेतु कौन-कौन से कार्य कराये गये है एवं किस जलाशय में कितनी धन राशि व्यय की गई है। संस्था एवं मदवार बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं। परियोजना निर्माण उपरांत प्रत्येक वर्ष जल भराव हुआ है। जिससे कृषकों को सिंचाई का लाभ प्राप्त हुआ। जी नहीं। (ख) परियोजनाओं में सुधार कराया जाना एक निरंतर प्रकिया है। कोई सुधार कार्य नहीं कराया गया है। कोई प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किए जाने से समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (ग) निविदा अनुबंध नहीं होने के कारण। निविदा अंतिम नहीं होने से समयावधि बतलाया जाना संभव नहीं है। विलंब का कोई कारण नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आदिवासी विश्वविद्यालय खोला जाना
[उच्च शिक्षा]
45. ( क्र. 1935 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक, स्नातकोत्तर में अध्ययनरत विद्यार्थियों की वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक की संख्या वर्षवार बतावें। इसमें आदिवासी विद्यार्थियों की संख्या कितनी-कितनी है? (ख) क्या शासन के पास निजी महाविद्यालयों की संख्या की जानकारी है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार निजी महाविद्यालयों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन सैलाना विधान सभा क्षेत्र में आदिवासी विश्वविद्यालय खोलने की योजना पर विचार करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत वर्ष 2014 से 2018 में कितने आदिवासी युवाओं को उच्च अध्ययन हेतु शासन द्वारा विदेश भेजा गया वर्षवार बतावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में देवास जिले से कुल 01 विद्यार्थी को वर्ष 2016-17 में उच्च अध्ययन हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विदेश भेजा गया।
आदिवासी खिलाड़ियों के उत्थान हेतु कार्य योजना
[खेल और युवा कल्याण]
46. ( क्र. 1936 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी युवाओं में खिलाड़ी की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षित करने संबंधी कोई योजना है? यदि हाँ, तो बतावें कि इस क्षेत्र में उपलब्धि क्या है? (ख) विभाग में वर्ष 2018 में किस-किस खेल में कितने खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया गया? उसमें आदिवासी खिलाड़ियों का प्रतिशत क्या है? आदिवासी क्षेत्र में वर्ष 2018 में आयोजित की गई गतिविधि बतावें तथा 2019 में सरकार आदिवासी क्षेत्रों में खेलों के विकास हेतु क्या-क्या कार्य करेगी? (ग) प्रदेश के किस-किस खेल में प्रदेश की टीम में कितने खिलाड़ी है तथा उनमें आदिवासी खिलाड़ियों की खेल अनुसार संख्या क्या है? (घ) आदिवासी युवकों के कल्याण हेतु अगले पाँच वर्षों का केलेन्डर तथा लक्ष्य क्या है? इस हेतु कौन-कौन सी योजनाओं के क्रियान्वयन पर कार्य चल रहा है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं, आदिवासी युवाओं के लिये पृथक से कोई योजना नहीं है। विभाग द्वारा युवाओं को चिन्हित कर प्रशिक्षित करने हेतु भोपाल में वाटर स्पोर्ट्स (क्याकिंग-कैनोईंग, सेलिंग, रोईंग), पुरूष हॉकी, मार्शल आर्ट - (बॉक्सिंग, फैंसिंग, जूडो, कराते, ताईक्वांडो, कुश्ती), शूटिंग, घुड़सवारी, ग्वालियर में महिला हॉकी, बैडमिंटन, जबलपुर में तीरंदाजी, होशंगाबाद में तैराकी अकादमी तथा तीरंदाजी फीडर सेंटर मण्डला, झाबुआ, भोपाल, हॉकी मल्लखंब, बॉक्सिंग, फुटबॉल प्रशिक्षण केन्द्र संचालित हैं, इन अकादमी एवं फीडर सेंटर व प्रशिक्षण केन्द्र में सभी वर्ग के 830 प्रतिभावान युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इनमें 38 आदिवासी युवा भी सम्मिलित हैं। चयनित आदिवासी युवाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभागिता की गई है एवं पदक भी अर्जित किए गए हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’‘ अनुसार है वर्ष 2018 में आयोजित की गई गतिविधियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’‘ अनुसार है वर्ष 2019 में भी वर्ष 2018 की भांति गतिविधियों का आयोजन करना प्रस्तावित है। (ग) प्रदेश में किसी भी खेल की टीम पूर्व से निर्धारित नहीं है। राष्ट्रीय महासंघों द्वारा राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन के पूर्व राज्य स्तरीय खेल संघों द्वारा अपने-अपने खेल की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन कर प्रदेश के दल का चयन किया जाता है, इसलिये वर्तमान में प्रदेश के खिलाड़ियों की संख्या एवं आदिवासी खिलाड़ियों की संख्या बताई जाना संभव नहीं है। (घ) आदिवासी युवकों के कल्याण हेतु विभाग में पृथक से कोई कैलेण्डर नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पैरवासा नहर परियोजना को पूर्ण कराया जाना
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 1946 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा के तहसील त्यौंदा अंतर्गत दानमढ़ी सिंचाई योजना संचालित हैं? क्या इस योजना में नहर सुधार कार्य तथा उप नहर क्र. 06 का कार्य अपूर्ण रह गया है? यदि हाँ, तो कार्य अपूर्ण क्यों है? (ख) क्या विभाग द्वारा आदेश क्र. एफ-22/1/2017-18/ल.सि./31/1331 दिनांक 19/07/2017 को पैरवासा नहर परियोजना डेम द्वारा विधान सभा क्षेत्र बासौदा जिला विदिशा में 170 हे. के लिये रू. 173.26 लाख परियोजना के विस्तृत सर्वेक्षण, अनुसंधान एवं परियोजना प्रस्ताव की स्वीकृति प्रदान की है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त संबंध में अभी तक क्या प्रगति हुयी? यदि नहीं, तो स्पष्ट कारण बतावें। (घ) क्या विभाग उपरोक्त संबंध में कार्य प्रारंभ करेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। नहर कार्य पूर्ण है, उप नहर क्रमांक-6 इस योजना में शामिल नहीं होने कार्य अपूर्ण रहने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रश्न में उल्लेखित विभागीय आदेश द्वारा परियोजना के विस्तृत सर्वेक्षण अनुसंधान हेतु रू. 0.50 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई। (ग) एवं (घ) सर्वेक्षण पश्चात परियोजना की लागत निर्धारित मापदण्ड से अधिक होने से असाध्य होने के कारण शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
विकास कार्यों हेतु राशि प्राप्त होना
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 1956 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को म.प्र. शासन की बजट पुस्तिका के खण्ड-9 में जो अनुसूचित जन जाति क्षेत्र में आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु प्रावधान किये गये है? उस अनुसार विकास कार्यों हेतु राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि का जिलों में कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु जारी की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) लोक निर्माण विभाग से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार एवं परियोजना संचालक, क्रियान्वयन इकाई लोक निर्माण विभाग से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार।
तालाबों की जानकारी
[जल संसाधन]
49. ( क्र. 1986 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में तालाबों की कितनी संख्या है? ग्राम का नाम, तालाब कब से निर्मित होकर कितने क्षेत्र में है सहित जानकारी दी जावें। (ख) क्या सभी तालाबों द्वारा सिंचाई हो रही है, यदि हाँ, तो किस-किस तालाब से किस-किस गांव में कितनी-कितनी सिंचाई हो रही है, ग्राम का नाम, सिंचाई रकवा आदि सहित जानकारी दी जावें। (ग) क्या उपरोक्त उल्लेखित तालाबों में से कुछ तालाब जीर्ण-क्षीर्ण हो चुके हैं, यदि हाँ, तो उनकी मरम्मत हेतु अभी तक क्या कार्य किये गए है? की गई कार्यवाही से संबंधित पत्रों की प्रति भी उपलब्ध करावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) विधान सभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत स्टेट काल में निर्मित सिंहौनिया तालाब एक निम्मजित तालाब है, जिससे सिंचाई नहीं होना प्रतिवेदित है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में अन्य तालाब निर्मित नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
माननीय वित्त मंत्री के बजट भाषण 2018 से संबंधित
[श्रम]
50. ( क्र. 1987 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय वित्त मंत्री महोदय के बजट भाषण दिनांक 28.02.2018 के बिन्दु क्रमांक 116 में राज्य सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने का विनिश्चय किया गया है, इस हेतु वर्ष 2018-19 में रुपये 100 करोड़ का प्रावधान है। श्रम कल्याण की गतिविधियों को संचालित करने हेतु रुपये 321 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। (ख) यदि हाँ, तो प्रावधानिक बजट से प्रदेश के किन-किन जिलों में राशि दी गई, जिला व राशिवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना अर्थात् जनपद पंचायत अम्बाह एवं मुरैना जिला मुरैना के कर्मकारों को सुरक्षा उपलब्ध कराने में कौन-कौन से कार्य शामिल होकर क्या-क्या कार्य कराये गये व कार्य क्रियान्वन हेतु क्या नीति निर्मित है।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ, श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं हेतु वर्ष 2018-19 में श्रम विभाग को कुल 800 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया था। (ख) प्रावधानित बजट से जिलेवार प्रदाय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना के जनपद पंचायत अम्बाह एवं जनपद पंचायत मुरैना के कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु संचालित योजनाएं तथा योजनान्तर्गत हितलाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जे.के.टायर फैक्ट्री एवं बीयर फैक्ट्री को अन्यत्र स्थापित कराना
[पर्यावरण]
51. ( क्र. 2021 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जे.के.टायर फैक्ट्री नूराबाद जिला-मुरैना एवं बीयर फैक्ट्री रायरू जिला-ग्वालियर मेन हाईवे मुरैना ग्वालियर रोड पर स्थित होने से आम नागरिकों का उस रोड पर गुजरना दूभर हो रहा है एवं उनसे निकलने वाली जहरीली धुंआ एवं दुर्गन्ध से सैकड़ों नागरिकों एवं हजारों पशु पक्षी, असमय ही काल के गाल में समा चुके है। (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन पर्यावरण को प्रदूषित होने से एवं प्रदूषण से होने वाली अकाल मौतों को रोके जाने हेतु कोई ठोस कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक निर्माण विभाग की प्रस्तावित सड़क
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 2043 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की खातेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018-19 में कितनी सड़कों का प्राक्कलन तैयार करवाकर विभाग द्वारा बजट में शामिल करने हेतु दिया गया है? (ख) क्या प्रधानमंत्री सड़क से नवाड़ा, ग्राम बिच्छाखेड़ी पहुंच मार्ग एवं नर्सरी से रामटेक, बड़ीकराड़ होकर बाबड़ीखेड़ा मार्ग निर्माण का विभाग के द्वारा सर्वे करवाया गया है? (ग) क्या सड़कों की गंभीर समस्या को देखते हुए इस मार्गों के निर्माण की स्वीकृति शीघ्र प्राप्त हो सकती है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक कार्य स्वीकृति हो सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) 4 सड़कों की। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सीधी जिले में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
53. ( क्र. 2076 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी विधान सभा क्षेत्र में कितने गांव में पूर्ण विद्युतीकरण हो गया है? अभी कितने ग्राम में बकाया है? किन कारणों से नहीं हुआ? शेष गांवों में कब तक विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) सीधी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य किया गया है तथा कितने ग्रामों में विद्युतीकरण किया जाना शेष है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सीधी के अंतर्गत समस्त 260 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) विधान सभा क्षेत्र सीधी के अंतर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) में 237 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है वर्तमान में उक्त योजना के सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं योजनान्तर्गत कोई भी ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है।
पेयजल उपलब्ध कराने हेतु
[जल संसाधन]
54. ( क्र. 2096 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में निर्मित बांधों में एकत्रित पानी में से कितना प्रतिशत पानी सिंचाई एवं पेयजल हेतु सुरक्षित करने का प्रावधान है। (ख) विधान सभा क्षेत्र बिजावर में कितने सिंचाई बांध निर्मित हैं? उनकी जल भण्डारण क्षमता कितनी है? उक्त बांध से कौन-कौन सी पेयजल परियोजना संचालित है? कितने क्षेत्र को पेयजल उपलब्ध होता है? (ग) बिजावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत निर्मित हो रहे तरपेड बांध की जल धारण क्षमता कितनी है? इसमें से कितने प्रतिशत जल पेयजल हेतु आरक्षित है? उक्त बांध से पेयजल उपलब्ध कराने हेतु शासन ने क्या कार्ययोजना बनाई है? यदि नहीं, बनाई है तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) बांध में एकत्रित पानी शत-प्रतिशत सिंचाई हेतु उपयोग किया जाता है। पेयजल हेतु मांग की स्थिति में जल की उपलब्धतानुसार जल आवंटित किया जाता है। (ख) निर्मित 28 सिंचाई बांधों की जल भण्डारण क्षमता 29.731 मि.घ.मी. है। इनमें से किसी भी बांध से पेयजल परियोजना संचालित नहीं है। (ग) 42.09 मि.घ.मी.। 31.33 प्रतिशत। विभाग द्वारा पेय जल हेतु परियोजना नहीं बनाये जाने से प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ताप्ती सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
55. ( क्र. 2104 ) श्री
देवेन्द्र
वर्मा : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खण्डवा
जिले के
किसानों की
भूमि को
सिंचित करने
के लिये ताप्ती
नदी पर कौन सा
मेजर
प्रोजेक्ट
स्वीकृति हेतु
शासन स्तर पर
लंबित है? परियोजना
की अनुमानित
लागत क्या है? (ख) इस
परियोजना
अंतर्गत कुल
कितने
हेक्टयर कृषि
भूमि सिंचित
होने का
अनुमान है एवं
कितने हेक्टेयर
भूमि डूब
प्रभावित
होगी? (ग) परियोजना
से कितने गाँव
एवं कितनी
जनसंख्या प्रभावित
अथवा
विस्थापित
होगी? क्या
प्रभावित
गाँव/जनसंख्या
की अपेक्षा लाभान्वित
गाँव एवं
किसानों की
संख्या अधिक
है? (घ) क्या
परियोजना में
लगभग 85
हजार हेक्टयर
भूमि सिंचित
होगी जिसके
विरुद्ध
मात्र 2785
हेक्टयर भूमि
ही डूब
प्रभावित
होगी? यदि
हाँ, तो
क्या यह
प्रदेश के
किसानों के
हित में है? (ड.) क्या
ताप्ती नदी के
जल बंटवारे
नियमों का पालन
करने एवं
प्रदेश में
असिंचित भूमि
के बड़े रकबे
को सिंचित
करने एवं
किसानों के
जीवन स्तर को
उठाने के लिये
इस परियोजना
को स्वीकृति
दी जाना चाहिए? यदि हाँ, तो प्रदेश
सरकार इस
परियोजना को
कब तक स्वीकृति
प्रदान करेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ड.) खण्डवा जिले के किसानों की भूमि को सिंचित करने के लिए ताप्ती नदी पर कोई भी मेजर प्रोजेक्ट स्वीकृति हेतु लंबित नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर बढ़ती दुर्घटनाएँ
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 2106 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर टोल टैक्स बंद होने के कारण इंदौर मुम्बई राष्ट्रीय राज्य मार्ग का भारी परिवहन इस मार्ग पर परिवर्तित हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विगत 20 सालों में इस मार्ग पर जितनी दुर्घटना एवं जनहानि हुई है, उतनी दुर्घटना एवं जनहानि मात्र 1 - 2 वर्ष में हो गई है? (ग) क्या प्रदेश परिवहन विभाग के पास दुर्घटना एवं जनहानि रोकने की कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) क्या इंदौर-इच्छापुर राज्य मार्ग को राष्ट्रीय राज्यमार्ग बनने तक ऐसे सभी मालवाहक भारी वाहनों को प्रतिबंधित किया जाकर पूर्ववत मुम्बई-आगरा राष्ट्रीय राज्यमार्ग (फोर-लेन) पर आरंभ किया जायेगा? य़दि हाँ तो कब तक? (ङ) क्या इस मार्ग पर स्थित बड़वाह, सनावद, चौरल, बलवाड़ा, सिमरौल के नागरिक इस परिवहन व्यवस्था से त्रस्त हो चुके है? (च) क्या ए.बी. रोड के भारी मालवाहकों का इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर डायवर्ट होने से प्रतिदिन 6 से 8 घंटों तक जाम लग रहा है? क्या प्रतिदिन हजारों यात्री एवं इंदौर रेफर होने वाले मरीजो का जीवन संकट में है? यदि हाँ, तो विभाग कब इस पर कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) इन्दौर-इच्छापुर मार्ग का वर्तमान में संधारण कार्य म.प्र. सड़क विकास निगम के अधीन है। पुलिस मुख्यालय, भोपाल से वर्ष 2018 में मार्ग पर चिन्हित ब्लैक स्पॉट की सूची अनुसार 20 बलैक स्पॉट चिन्हित है। जिसमें से 14 ब्लैक स्पॉट के शार्ट टर्म परिशोधन माननीय सुप्रीम कोर्ट कमेटी आन रोड सेफ्टी की गाईड लाईन अनुसार पूर्ण कर दिये गये है, शेष 6 ब्लैक स्पॉट के शार्ट टर्म परिशोधन की कार्यवाही सड़क विकास निगम द्वारा प्रगतिरत है। मार्ग के फोरलेन निर्माण हेतु एन.एच.ए.आई. नई दिल्ली द्वारा कार्यवाही प्रचलित है। (घ) निगम द्वारा ऐसी कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) इस तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं। (च) जी नहीं, घाट सेक्शन में कभी-कभी जाम की स्थिति निर्मित होती है। इस तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालित सिंचाई योजनाएं
[जल संसाधन]
57. ( क्र. 2122 ) श्री मनोज चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलोट विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन सी नदियां बहती हैं तथा किस-किस नदी पर कहां-कहां स्टॉप डेम एवं बांध का निर्माण किया गया है क्या नदियों के पानी का समुचित दोहन हेतु उद्वहन सिंचाई योजनाएं चालू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कहां-कहां पर तथा योजना से कौन-कौन से गांव की कितनी-कितनी कृषि भूमि सिंचित होकर कुल कितने किसान लाभान्वित हो रहे हैं? (ग) क्या शासन की सिंचित रकबा बढ़ाने की आगे और भी योजना है यदि हाँ, तो उस योजना का लाभ किस-किस गांव के कितने-कितने काश्तकारों को कितना मिलेगा? (घ) क्या आदर्श ग्राम कनाडिया के पास स्थित शिप्रा नदी में पूर्व में सिंचाई योजना चालू की गई थी लेकिन उचित रखरखाव व देखरेख के अभाव में उसका लाभ न के बराबर हो गया है? (ड.) यदि हाँ, तो संबंधित जिम्मेदार विभाग के अधिकारी ने इस बारे में अब तक क्या कार्यवाही की और नहीं की तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) चंबल, क्षिप्रा, मलैनी एवं लोनी नदी बहती है। प्रश्नाधीन विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। क्षेत्र में कोई उद्वहन सिंचाई योजना चालू नहीं की गई है। (ग) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। (घ) एवं (ड.) जी हाँ वर्ष 1993 में कनाडिया उद्वहन सिंचाई योजना चालू की गई थी किंतु पर्याप्त विद्युत आपुर्ति नही होने, जल की उपलब्धता कम होने, विद्युत देयकों की राशि अत्याधिक होने एवं विद्युत देयकों का भुगतान जल उपभोक्ता संथा द्वारा निरंतर नहीं कर पाने के कारण परियोजना वर्ष 1999 से प्रचालन में नहीं है। विभाग का कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। अत: किसी कार्रवाई का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
जावरा से आगर टूलेन सड़क निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 2123 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा से आगर तक टू लेन सड़क मार्ग का निर्माण किया गया है यदि हाँ, तो इसका निर्माण कौन से मद से किस ठेकेदार अथवा कंपनी द्वारा कब पूर्ण किया गया तथा इस मार्ग की कुल लंबाई लागत कितनी है तथा निर्माण कार्य गारंटी नीति के तहत किया गया है (ख) क्या सड़क मार्ग निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा शासकीय भूमि से खुदाई कर बोल्डर मुरम आदि का उपयोग किया गया है यदि हाँ, तो कितनी मात्रा में तथा ठेकेदार द्वारा इसकी रॉयल्टी राशि जमा करवाई गई है यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि? (ग) क्या निर्माण पूर्ण होने के बाद इस मार्ग का मरम्मत कार्य कराया गया यदि हाँ, तो कब और कितनी राशि व्यय की गई है तथा किस ठेकेदार द्वारा किस अधिकारी की देखरेख में कार्य किया गया है उनके नाम पते सहित जानकारी देवें? (घ) क्या वर्तमान में इस सड़क मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे बनने लगे हैं और मार्ग में बने पुल का निर्माण भी गुणवत्तापूर्ण नहीं किया गया है ? (ड.) क्या शासन द्वारा सड़क मार्ग निर्माण तथा मरम्मत कार्य के संपूर्ण मामलों की जाँच कराई जाएगी और क्या संबंधित जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को भी इस दायरे में लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त मार्ग का निर्माण वर्ष 2013 में पूर्ण हुआ। मरम्मत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। (ड.) सम्पूर्ण मार्ग की स्थिति संतोषप्रद है। जाँच की कोई आवश्यकता नहीं है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी को दिए गये टेंडरों की जाँच
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 2185 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में जे.पी. स्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी को कौन-कौन से शासकीय टेंडर प्रदाय किये गये? सूची देवें। (ख) क्या उक्त कम्पनी के विरुद्ध विभाग को टेंडरों में गड़बड़ी की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उक्त में क्या-क्या कार्यवाही की गयी। (ग) क्या उक्त कंपनी द्वारा टेंडर प्राप्त करने हेतु फर्जी सर्टिफिकेट्स/दस्तावेजों का उपयोग किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त मामले में क्या कम्पनी पर आज दिनांक तक कोई वैधानिक कार्यवाही की गयी है? (घ) विभाग के कितने टेंडरों की जाँच वर्तमान में चल रही है तथा उनकी वर्तमान स्थिति क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ, की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4, 5, 6 एवं 7 अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) चार टेण्डरों की जाँच चल रही है जो कि प्रगति पर है।
सड़क के किनारे नाली निर्माण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 2237 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) MPRDC द्वारा देवास जिले के बिजवाड़ से खातेगांव के 56 कि.मी. के निर्माणाधीन मार्ग में ग्रामीण क्षेत्र में कितनी चौड़ाई की सड़क का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था एवं वर्तमान स्थिति में कितनी चौड़ाई की कितने कि.मी. सड़क बनाई जा चुकी है? (ख) इस टेंडर में सड़क के दोनों ओर कितनी फीट की नाली बनाये जाने का प्रावधान अनुबंध में दिया गया है एवं इसके परिपालन में किन-किन गांवों में नाली निर्माण किया जा चुका है? (ग) क्या ग्राम अजनास में एवं अगरदा फाटे पर अभी तक नाली निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है? (घ) इन दो गांवों में कब तक नाली निर्माण का कार्य करवा दिया जावेगा?
लोक निर्माण
मंत्री ( श्री
सज्जन सिंह
वर्मा ) : (क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) ग्राम
अजनास से नाली
का निर्माण प्रारंभ
किया जाकर 900
मीटर लंबाई
में नाली
निर्माण
पूर्ण हो चुका
है। मुख्य
बाजार एवं बस
स्टेण्ड
क्षेत्र में
पुरानी नाली
बनी हुई है
तथा सड़कों के
सामने मकान
एवं दुकानें
बनी हुई है।
मौके पर
पर्याप्त
चौड़ाई उपलब्ध
नहीं होने के
कारण शेष भाग
में नाली नहीं
बनाई जा सकी
है। अगरदा
फाटे पर
प्राकृतिक
रूप से जल
निकासी होने
के कारण पक्की
नाली बनाने का
प्रस्ताव
योजना में
सम्मिलित
नहीं है। अत:
अगरदा फाटे
में नाली
निर्माण नहीं
किया गया है। (घ) जानकारी
उत्तरांश (ग) अनुसार।
परिशिष्ट
- ‘‘अड़सठ''
आवंटित राशि के उपयोग के संबंध में
[खेल और युवा कल्याण]
61. ( क्र. 2265 ) श्री कमल पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2014 से दिनांक 20/6/2019 तक शासन/विभाग द्वारा हरदा जिले में कब-कब, कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में उपलब्ध कराई गई? (ख) उपरोक्त उपलब्ध राशि का उपयोग कब-कब, किस-किस मद में किया गया वर्षवार जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग द्वारा उपलब्ध राशि लैप्स भी हुई? यदि हां, तो कब-कब, कितनी-कितनी राशि लैप्स हुई एवं इसके क्या कारण हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हरदा जिले में विद्युत विहिन ग्रामों की जानकारी
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 2266 ) श्री कमल पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में कितने ग्राम, मजरे, टोले है जहां आज दिनांक तक विद्युत व्यवस्था नहीं हो पायी? (ख) उपरोक्त ग्रामों, मजरों, टोलों में अभी तक विद्युत व्यवस्था नहीं होने के क्या कारण है? (ग) क्या विद्युत विहिन ग्रामों, मजरों, टोलों में विद्युत व्यवस्था हेतु विभाग/शासन द्वारा कोई कार्य योजना बनाई है? यदि हाँ, तो क्या एवं यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त विद्युत विहिन ग्रामों, मजरों, टोलों में कब तक विद्युत व्यवस्था कर दी जाएगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वर्तमान में हरदा जिले में कोई भी ग्राम एवं मजरा-टोला विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
कुटिर एवं ग्रामोद्योग योजनाओं की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
63. ( क्र. 2288 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले के अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की कौन-कौन सी योजनायें वर्तमान में संचालित है? इन योजनाओं के तहत वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कितने आवेदन ऋण स्वीकृति हेतु प्राप्त हुये हैं? हितग्राहियों के नाम एवं योजनावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत अशोक नगर जिले में कितने हितग्राहियों को ऋण स्वीकृति बाबत् कितने प्रकरण किन-किन बैंकों को भेजे गये हैं? कितने बैंकों द्वारा भेजे गये प्रकरणों में लक्ष्य की पूर्ति कर ऋण स्वीकृत किये गये हैं एवं कितने प्रकरणों में ऋण स्वीकृत नहीं किये गये हैं? ऋण स्वीकृति के भेजे गये इन प्रकरणों में हितग्राहियों को बैंकों द्वारा ऋण प्रदाय नहीं किया गया? इसमें कौन-कौन दोषी है? इन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) अशोकनगर जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना संचालित है। उक्त योजनाओं में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में ऋण स्वीकृति हेतु कुल 312 आवेदन प्राप्त हुए है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कुल 312 आवेदन ऋण स्वीकृति हेतु बैकों को प्रेषित किये गये। बैंक द्वारा 116 प्रकरण में स्वीकृति दी गई। शेष 196 प्रकरण बैकों द्वारा अस्वीकृत/स्वीकृति हेतु लंबित है। बैकों द्वारा उनके नियम प्रक्रिया एवं नियत लक्ष्य अनुरूप गुण/दोष के आधार पर प्रकरण में स्वीकृति दी जाती है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद अकोड़ा में महाविद्यालय खोलना
[उच्च शिक्षा]
64. ( क्र. 2304 ) श्री
संजीव सिंह : क्या खेल
और युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
भिण्ड जिले
के नगर परिषद, अकोड़ा
में शासन
द्वारा
महाविद्यालय
खोलना प्रस्तावित
है? यदि
हाँ, तो
क्या
महाविद्यालय
हेतु भूमि
आरक्षित की गई? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) क्या
महाविद्यालय
के निर्माण
हेतु राशि स्वीकृत
कर दी गई है? हाँ तो
कितनी तथा
महाविद्यालय
में कौन-कौन
से संकायों की
स्वीकृति
प्रदान की गई
है? (ग) महावि़द्यालय
का निर्माण
कार्य कब तक
प्रारंभ कर
दिया जावेगा? महाविद्यालय
हेतु कितना स्टॉफ
की स्वीकृति
दी गई?
खेल
और युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
जितू पटवारी ) : (क) भिण्ड
जिले के नगर
परिषद्,
अकोड़ा
में शासनादेश
क्रमांक एफ 21-4/2012/38-2 दिनांक 10.05.2013 के द्वारा
महाविद्यालय
खोला जा चुका
है। जी हाँ, महाविद्यालय
हेतु 4.181
हेक्टेयर
भूमि आरक्षित
की गई है। (ख) जी नहीं।
महाविद्यालय
में कला संकाय
की स्वीकृति
प्रदान की गई
है। (ग) निर्माण
कार्य हेतु
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
महाविद्यालय
हेतु
शैक्षणिक-09 तथा गैर
शैक्षणिक
नियमित-04 एवं
गैर शैक्षणिक
आउटसोर्स-06 पदों की
स्वीकृति दी
गई है।
विशेष बाल श्रम विद्यालयों के संबंध में
[श्रम]
65. ( क्र. 2340 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने बाल श्रम विद्यालय संचालित है तथा इन्हें वर्ष 2018-19 में कितनी राशि स्वीकृत की गई है तथा कितने बच्चे लाभान्वित किये गये? (ख) बड़वानी जिले में परियोजना निर्देशक बाल श्रम परियोजना के पद का प्रभार किसे दिया गया तथा संबंधित अधिकारी के पास कितने विभागों का प्रभार है? (ग) विशेष बाल श्रम विद्यालय में पदस्थ कर्मचारियों (शिक्षक, लेखा क्लर्क) की विद्यालयवार सूची उपलब्ध कराएं। (घ) बड़वानी जिले के परियोजना निदेशक के द्वारा वर्ष 18-19 में कितने विद्यालयों के निरीक्षण किये गये?
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्य के चयनित जिलों में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना का संचालन किया जाता है। परियोजनाओं को बजट भी भारत सरकार द्वारा सीधे प्रदान किया जाता है वर्ष 2018-19 में जबलपुर में रू. 71,09,900, रीवा में रू. 98,45,880, राजगढ़ में रू. 28,29,600 बड़वानी में रू. 90,56,066 एवं दमोह में रू. 60,71,850 बजट प्रदान किया गया है। म.प्र. में 224 बाल श्रम विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में अध्ययनरत 8483 बच्चों को मुख्यधारा में लाया जाकर लाभान्वित किया गया। (ख) बड़वानी जिले में परियोजना निदेशक के पद का प्रभार श्री विवेक पाण्डेय, सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग बड़वानी को दिया है वर्तमान में इनके पास स्वयं जनजातीय कार्य विभाग का प्रभार है। (ग) राज्य के 07 जिलों बड़वानी, रीवा, राजगढ़, कटनी, जबलपुर, ग्वालियर एवं मन्दसौर में विशेष बाल श्रम विद्यालय में पदस्थ कर्मचारियों (शिक्षक, लेखा क्लर्क) की विद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बड़वानी जिले के परियोजना निदेशक के द्वारा वर्ष 2018-19 में 10 विद्यालयों के निरीक्षण किये गये हैं।
प्रदूषण से जन स्वास्थ्य प्रभावित होना
[पर्यावरण]
66. ( क्र. 2406 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम सतना क्षेत्रान्तर्गत सीमेंट प्लांट स्थापित हैं? यदि हाँ, तो संख्या बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सतना शहर एवं आसपास के गांवों के रहवासियों, मवेशियों व कृषि पर सीमेंट प्लांट से निकलने वाले धुएं व सीमेंट कणों का स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है? यदि हाँ, तो वर्तमान में शासन या उक्त सीमेंट प्लांट द्वारा क्या-क्या उपचार की व्यवस्थाएं की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपचारार्थ व्यवस्थाओं के बावजूद मानव स्वास्थ्य पर सुधार नहीं परिलक्षित होने पर कब तक प्लांट को शहर से बाहर हटा दिया जावेगा या बंद कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। 01 सीमेंट प्लांट स्थापित है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नही होता है।
किसानों से धोखाधड़ी
[पर्यावरण]
67. ( क्र. 2407 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों की जमीनें खरीदकर शासन से अनुमति प्राप्त सीमेंट फैक्ट्रियों द्वारा किसानों को पूर्ण मुआवजे एवं नौकरी की शर्तें रखे जाने का निश्चित प्रावधान है? यदि हों, तो क्या अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री मझगंवा सीधी शासन द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुसार किसानों को मुआवजे एवं रोजगार देने में धोखाधड़ी कर रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किसान बेरोजगारी के कारण क्षेत्र में अपराध बढ़ रहे हैं तथा किसानों के परिवार भूखे मरने के लिए मजबूर हो गए है? इनके समुचित मुआवजे तथा शर्तों के अनुसार रोजगार शासन कब तक दिला देगा? (ग) फैक्ट्री द्वारा निकलने वाले धुएं एवं सीमेंट कणों का बिखराव क्षेत्र के बड़े इलाके में होने से रहवासियों एवं जानवरों के स्वास्थ्य तथा कृषि पर अत्यंत विपरीत प्रभाव को रोकने के लिए कब तक समुचित प्रयास किये जाएंगे? (घ) क्या कैमोर पहाड़ एवं आसपास के क्षेत्र में कम्पनी द्वारा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई है जिससे क्षेत्रीय पर्यावरण अत्यंत प्रभावित हुआ है? यदि हां, तो पहाड़ के जंगली जानवरों के संरक्षण संवर्धन के लिए क्या उपाय किये गए हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) सीमेंट फैक्ट्रियों द्वारा खनन कार्य करने हेतु मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत 247 (4) में विधिवत भूमि कलेक्टर द्वारा मुआवजा भुगतान कर कलेक्टर द्वारा प्रदान किया जाता है एवं विकल्पानुसार प्रत्यक्ष रूप से कंपनियां सीधे भूमि किसानों से भी क्रय करती है। अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड सीधी द्वारा विधिपूर्वक जे.पी. एसोसियेट्स से बंधवार सीमेंट को खरीद लिया है जो कि प्रचलन अवस्था में है। जमीन से संबंधित ऐसा कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं है जो भी क्रय/आवंटन/अवार्ड भूमि पूर्व संस्थान के समय ही संपन्न हुआ है। (ग) उद्योग द्वारा आवश्यक प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्थायें की गई है, जिससे प्रदूषण नियंत्रण में है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, अतःशेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन पुल/ब्रिज निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 2411 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र केवलारी के विकासखंड छपारा की ग्राम व पंचायत छपारा बस स्टेण्ड से बाजार चौक के मध्य मार्ग से गुजरने वाले चमरहया नाला में स्थित जर्जर एवं पुराने पुल/ब्रिज में पूरे छपारा नगर एवं ग्रामीणजनों का निरंतर आवागमन बना रहता है, जिसमें जर्जर पल के कारण भविष्य में गंभीर दुर्घटना संभावित है। उक्त स्थान पर नवीन पुल/ब्रिज निर्माण हेतु शासन/विभाग स्तर पर कोई राशि स्वीकृत की गई है या इस हेतु निविदा प्रक्रिया आमंत्रित की गई है, यदि हाँ, तो पुल का निर्माण कब तक किया जावेगा। यदि नहीं, तो पुल के निर्माण हेतु शासन/विभाग स्तर पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) विधान सभा क्षेत्र केवलारी के विकासखण्ड केवलारी मुख्यालय से गुजरने वाला मुख्य मार्ग (सिवनी से मण्डला) के अधिकतम भाग का प्रथम पृष्ठ, मार्ग के शोल्डर एवं मार्ग के दोनों ओर निर्मित आर.सी.सी. नाली क्षतिग्रस्त हो गई है तथा मार्ग के कुछ हिस्सों में दरारे आ गई हैं, केवलारी मुख्यालय के सी.सी.मार्ग का अधिकतर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया क्या उक्त मार्ग के सुदृढ़/व्यवस्थित करने हेतु शासन/विभाग स्तर पर कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ग) विधान सभा क्षेत्र केवलारी के विकासखण्ड केवलारी मुख्यालय से गुजरने वाला मुख्य मार्ग (सिवनी से मण्डला) लगभग चार कि.मी. मण्डला रोड पर गुजरने वाली बैनगंगा नदी में स्थित वर्षों पुराना जर्जर पुल के कारण भविष्य में गंभीर दुर्घटना संभावित है। उक्त स्थान पर नवीन पुल/ब्रिज निर्माण हेतु शासन/ विभग स्तर पर कोई राशि स्वीकृत की गई है या इस हेतु निविदा प्रक्रिया आमंत्रित की गई है, यदि हाँ, तो पुल का निर्माण कब किया जावेगा? यदि नहीं, तो पुल के निर्माण हेतु शासन/विभाग स्तर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या विकासखण्ड सिवनी की ग्राम पंचायत, कान्हीवाडा व बम्हनी के मध्य गुजरने वाली सागर नदी में स्थित वर्षों पुराना जर्जर पुल निर्मित है, जिसके पुनर्निर्माण हेतु शासन/विभाग में कोई प्रस्ताव लंबित है, यदि हाँ, तो इसमें कब तक स्वीकृति मिल पायेगी यदि नहीं, तो इसे स्वीकृत प्रदान करने की कार्यवाही की जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) उक्त पुल की स्थिति अच्छी है पुल की ओवरऑल चौड़ाई 4.00 मीटर है अधिक सकरा होने के कारण आवागमन में बाधा आती है वर्तमान में यातायात पुल से जारी है। शासन द्वारा दिनांक 30.07.2016 को राशि रूपये 121.87 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। निविदा की कार्यवाही पश्चात ठेकेदार से दिनांक 04.11.2016 को अनुबंध निष्पादित किया गया, अनुबंधानुसार कार्य दिनांक 03.11.2017 को पूर्ण होना था विभिन्न कारणों से ठेकेदार को दिनांक 31.03.2019 तक कार्य करने की समयवृद्धि दी गई किन्तु ठेकेदार द्वारा उक्त अवधि तक कोई कार्य नहीं किया गया, जिसके कारण ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंधानुसार कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। आंशिक रूप से कुछ भाग क्षतिग्रस्त हुआ है, मार्ग के मरम्मत कार्य हेतु वर्ष 2019-20 के लिए जोनल कान्ट्रेक्ट की निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। जोनल एजेन्सी निर्धारित होते ही मार्ग का मरम्मत कार्य कराया जावेगा। (ग) जी हाँ। नवीन पुल निर्माण हेतु शासन द्वारा एन.डी.बी. योजना अंतर्गत दिनांक 12.08.2018 को रूपये 1065.35 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। जी हाँ, अनुबंधानुसार कार्य दिनांक 03.10.2020 तक पूर्ण होना नियत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। रपटा है जो आवागमन योग्य है वर्तमान में पुल के नव निर्माण हेतु कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है वर्तमानमें बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्य
व माईनर नहरों
के लाईनिंग का
कार्य
प्रारंभ करना
[जल संसाधन]
69. ( क्र. 2412 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में विधान सभा क्षेत्र केवलारी में भीमगढ़ जलाशय की मुख्य व माईनर नहरों के लाईनिंग कार्य हेतु शासन/विभाग के पास कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उक्त सम्पूर्ण नहरों केलाईनिंग का कार्य कब तक हो पायेगा। यदि नहीं, तो शासन/विभाग स्तर पर इस हेतु राशि स्वीकृत कर कार्य कराने हेतु कब तक प्रावधान किये जावेंगे? (ख) सिवनी जिले में विधान सभा क्षेत्र केवलारी में आज दिनांक तक स्थानीयजनों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा नवीन जलाशय/बांध एवं पुराने बाधों के सुदृढ़ीकरण हेतु शासन/विभाग के पास कोई प्रस्ताव लंबित है, जानकारी देवें। यदि हाँ, तो उन पर शासन/विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है, यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) सिवनी जिले के विधान सभा क्षेत्र केवलारी में भीमगढ़ जलाशय की मुख्य नहर एवं माईनर नहरों के लाईनिंग कार्य के प्रस्ताव विभाग के पास विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश का उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। कोई प्रस्ताव लंबित नहीं होने से समयावधि बतलाएं जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
आर.ओ.बी, एफ.ओ.बी. एवं पुल की जानकारी
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 2426 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, ग्वालियर जिलों में 5540 करोड़ रूपये से 55 आर.ओ.बी., 17 एफ.ओ.बी.,400 पुल बनाएं जाने की प्रक्रिया कब आरम्भ की गयी थी? (ख) 5540 करोड़ की इस राशि में राज्यांश एवं केन्द्रांश कितना-कितना है? (ग) उक्त निर्माण कार्यों के प्रस्ताव की एक प्रति जो केंद्र सरकार को भेजी गयी है उसे भी उपलब्ध कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) आगामी पाँच वर्षों के लिए कार्य योजना बनायी जाकर क्रियान्वयन की कार्यवाही की जा रही है। (ख) वर्तमान में एन.डी.बी. से ऋण प्राप्त करना रूपये 2000.00 करोड़, केन्द्रीय सड़क निधि से रूपये 1255.00 करोड़ एवं विभागीय बजट से रूपये 2285.00 करोड़ इस प्रकार कुल राशि रूपये 5540.00 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है। (ग) वर्तमान में केन्द्र सरकार को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संत हिरदाराम नगर में प्रस्तावित एफ.ओ.बी. के संबंध में
[लोक निर्माण]
71. ( क्र. 2427 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लालघाटी से संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) होते हुए भैसाखेड़ी जोड़ तक प्रस्तावित फ्लाई ओवर निर्माण में राज्यांश एवं केन्द्रांश कितना-कितना है? उक्त फ्लाई ओवर निर्माण हेतु केंद्र सरकार द्वारा कब सैद्धान्तिक सहमति दे दी गयी थी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांकित फ्लाई ओवर विभाग के द्वारा प्रस्तावित नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जलाशय निर्माण के संबंध में
[जल संसाधन]
72. ( क्र. 2433 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड कुण्डम अंतर्गत 1 जनवरी 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन जलाशयों की स्वीकृति प्रदान की गई है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) जलाशयों का निर्माण कब से आरंभ किया गया? किन-किन लोगों की भूमि को अधिग्रहण किया गया? इनको मुआवजा राशि का भुगतान कब-कब किया गया? सूची उपलब्ध करायें तथा किन-किन किसानों को मुआवजा दिया जाना शेष है? कब तक भुगतान कर दिया जावेगा तथा जलाशय निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) प्रश्नाधीन अविध में 03 जलाशयों एवं 01 नहर परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गई। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। अधिग्रहित भूमि के कृषकों को किए गये भुगतान की राशि, शेष राशि संबंधी विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2, 2 (अ), 2 (ब) एवं 2 (ब-1) अनुसार है। मुआवजा भुगतान की समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। जलाशयों के निर्माण की पूर्णता अवधि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दर्शित है।
अपूर्ण कार्य एवं घटिया सामग्री का उपयोग
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 2463 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की विधान सभा सारंगपुर अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण, अन्य योजनांतर्गत कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? कार्यादेश से दिनांक 15.06.19 तक कितनी-कितनी राशि के कार्य पूर्ण किये गये? ऐजेन्सी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? योजनावार एजेन्सीवार, भुगतान की स्थिति से अवगत करावें? लगाई गई कैबिल लाईन के बार-बार जलनें, खराब होने के क्या कारण है? इसकी गुणवत्ता की जाँच कराई जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कितने गांव, बस्ती मजरे, टोले है जहाँ विद्युत लाईन नहीं पहुंची हैं? छूटे परिवारों को विद्युतीकरण करने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्य किये जा रहे है? क्या शासन को छूटे हुये गांव, मजरे, टोल, बस्ती में विद्युतीकरण करने हेतु अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है? इसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्या जिला अंतर्गत कृषि हेतु 3 एच.पी. के कनेक्शन पर 5 एच.पी. का विद्युतभार, कर राशि वसूली जाती हैं तथा कहाँ कहाँ पर ऐसे ट्राँसफार्मर है जहाँ ए.व्ही.स्वीच नही लगे हैं, जिसके कारण पूरे फीडर की लाईन बन्द करना पड़ता है? जिससे राजस्व का भारी नुकसान होता है? नाम एवं स्थान बताएं? (घ) राजगढ़ जिले में 1.00 लाख से अधिक राशि विद्युत बिल बकाया होने के बाद भी विद्युत प्रदाय की जा रही है? ऐसे कनेक्शनधारियों के नाम पते एवं बकाया राशि की जानकारी से अवगत करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जिला राजगढ़ के विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में फीडर विभक्तिकरण एवं अन्य योजनांतर्गत किये गये कार्यों की योजनावार वर्तमान स्थिति एवं क्रियान्वयन एजेंसीवार किये गये भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। उक्त योजनाओं के अंतर्गत प्रयुक्त की गई केबिल के बार-बार जलने/खराब होने के मुख्य कारण उपभोक्ताओं द्वारा अधिक भार के उपकरणों जैसे-हीटर, इंडक्शन चूल्हा एवं मोटर पम्प इत्यादि का उपयोग करना है। केबिल की गुणवत्ता मानक स्तर की है एवं एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में रेण्डम सेंपलिंग के आधार पर जाँच कराने के उपरांत उचित गुणवत्ता पाये जाने पर ही क्रय कर उपयोग में लाई गई हैं। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ख) जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में सभी राजस्व ग्रामों तथा मजरों/टोलों एवं चिन्हित बस्तियों को विद्युतीकृत कर दिया गया है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, अपितु निरीक्षण के दौरान संबद्ध भार स्वीकृत भार से भिन्न पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा जाती है। वितरण कंपनी की नीति अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण ट्रांसफार्मरों पर ए.बी. स्विच लगाने का प्रावधान नहीं है। विद्युत प्रवाह बाधित होने की स्थिति में संबंधित ट्रांसफार्मर के डी.ओ.फ्यूज खोलकर उसे पृथक कर दिया जाता है जिससे पूरे फीडर की लाईन बंद नहीं करनी पड़ती है एवं राजस्व नुकसान नहीं होता। अतः प्रश्न नहीं उठता। (घ) राजगढ़ जिले में रू. 1.00 लाख से अधिक विद्युत बिल की बकाया राशि वाले 2986 उपभोक्ता हैं, जिन पर कुल बकाया राशि रू. 41.63 करोड़ है। उक्त उपभोक्ताओं के नाम, पते एवं बकाया राशि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है।
परीक्षण सहायकों के पदों पर की गयी नियुक्तियां
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 2473 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परीक्षण सहायकों के नियमित पदों पर भर्ती के लिए दिनांक 01/02/2013 को विज्ञापन प्रसारित किया जाकर विज्ञापन अनुसार दिनांक 17/03/2013 को लिखित परीक्षा आयोजित की जाकर परीक्षा के परिणाम उपरान्त दिनांक 13/04/2013 को साक्षात्कार लेकर परीक्षण सहायकों के पदों पर नियुक्ति की गई थी। (ख) यदि हाँ, तो कितने परीक्षण सहायकों को नियमित तथा कितनों को संविदा पर नियुक्ति प्रदान की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) के अनुसार विभागीय परीक्षा एवं साक्षात्कार के आधार पर चयनित सभी संविदा परीक्षण सहायकों को विज्ञापन में उल्लेखित नियम एवं शर्त अनुसार नियमित नियुक्ति आदेश प्रदान किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों हेतु परीक्षण सहायकों के नियमित पदों की भर्ती संयुक्त रूप से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा की गई थी। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में क्रमश: 621, 433 एवं 236 नियमित परीक्षण सहायकों की नियुक्ति की गई। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को कंपनी की संगठनात्मक संरचना में स्वीकृत परीक्षण सहायक के 2522 आउटसोर्स पदों में से 747 पद समर्पित करते हुए 385 पद नियमित नियुक्ति से तथा शेष 1775 पदों को संविदा नियुक्ति से भरे जाने की अनुमति दी गई थी। तदानुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा भर्ती विज्ञापन दिनांक 1.2.2013 के विरूद्ध आयोजित की गई परीक्षा की प्रवीण्यता सूची में से मेरिट के आधार पर परीक्षण सहायकों के नियमित पदों को भरने के उपरांत शेष सफल उम्मीदवारों में से परीक्षण सहायक के संविदा पदों को भरे जाने का निर्णय लिया गया। तद्नुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा उक्त भर्ती विज्ञापन के विरूद्ध आयोजित की गई लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर बनाई गई प्रावीण्यता सूची में से मेरिट के आधार पर पूर्व, पश्चिम तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों के क्रमश: 621, 433 एवं 236 परीक्षण सहायकों के नियमित पदों को भरने के उपरांत शेष उम्मीदवारों में से योग्यता के आधार पर 1535 उम्मीदवारों को दिनांक 30.5.2013 को परीक्षण सहायक (संविदा) के पद पर नियुक्ति हेतु ऑफर लेटर दिया गया, जिसे स्वीकार करने एवं दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत सफल 1155 उम्मीदवारों को परीक्षण सहायक (संविदा) के पद पर नियुक्ति दी गयी। (ग) जी नहीं। उक्त भर्ती विज्ञापन परीक्षण सहायक के नियमित पदों को भरे जाने हेतु जारी किया गया था। चूँकि नियमित पद भरने के बाद मेरिट के आधार पर शेष उम्मीदवारों को परीक्षण सहायक (संविदा) के पद पर नियुक्ति का अवसर दिया गया एवं परीक्षण सहायक की संविदा पर नियुक्ति हेतु मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा चयनित उम्मीदवारों को दिये गये ऑफर लेटर में नियमित किए जाने संबंधी किसी शर्त/नियम का प्रावधान नहीं है। अत: तत्संबंध में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
डोकरीखेड़ा जलाशय में जल भराव के संबंध में
[जल संसाधन]
75. ( क्र. 2475 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डोकरीखेडा जलाशय में जल भराब तथा माइक्रो लिफ्ट सिंचाई हेतु सर्वे कराया जाकर अभियंता जल संसाधन विभाग होशंगाबाद द्वारा प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु मुख्य अभियंता (बोधी) जल संसाधन विभाग भोपाल को भेजा गया है? यदि हाँ, तो कब? (ख) वर्तमान में स्वीकृति की क्या स्थिति है, प्रकरण किस स्तर पर लंबित है, लंबित रहने का क्या कारण है, कार्य कब तक स्वीकृत हो जावेगा।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। दिनांक 19.09.2018 को। (ख) परीक्षण उपरांत परियोजना तकनीकी रूप से व्यवहारिक/साध्य नहीं होने के कारण स्वीकृत किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
विद्युत आपूर्ति में व्यवधान
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 2503 ) श्री राहुल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में जनवरी 2019 से बिजली संकट की स्थिति है? हाँ तो क्यों, विद्युत विभाग के विद्युत उपकरण जैसे विद्युत केबिल, ट्रांसफार्मर, सीमेंट के खंबे, की गुणवत्ता को मापने का क्या पैमाना है? (ख) प्रदेश में पिछले छः माह से हो रही लगातार विद्युत अवरोध के लिए कौन-कौन से उपकरण जिम्मेदार है, जिनकी गुणवत्ता निर्धारित पैमाने पर उच्च स्तर की नहीं है? (ग) प्रदेश में माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक औसत प्रतिदिन गैर कृषि फीडर एवं कृषि फीडर में कितना विद्युत प्रदाय किया गया? माहवार जानकारी देवें। क्या जानबूझ कर असमाजिक तत्वों के द्वारा विद्युत अवरोध किया गया है? यदि हाँ, तो उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रदेश में मांग के अनुरूप पर्याप्त विद्युत उपलब्धता है। राज्य शासन की मंशानुसार, अपरिहार्य स्थितियों यथा-प्राकृतिक आपदा एवं अन्य तकनीकी कारणों से उत्पन्न आकस्मिक अवरोधों के कारण हुए विद्युत व्यवधानों एवं सुनियोजित ढंग से शटडाउन लेकर किये जा रहे मेन्टेनेंस कार्यों को छोड़कर गैर कृषि उपभोक्ताओं को औसतन 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को औसतन 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति की जा रही है। प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा केबिल एवं ट्रांसर्फामर की गुणवत्ता की जाँच के लिये सामग्री निर्माणकर्ता फर्म के परिसर में ही कंपनी अधिकारी/थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा प्री-डिलेवरी इंस्पेक्शन कराया जाता है, जिसके अंतर्गत निविदा की शर्तानुसार सामग्री का परीक्षण किया जाता है। विद्युत ट्रांसफार्मर में यह परीक्षण दो बार कराया जाता है। प्रथम चरण में ट्रांसफार्मर के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता की जाँच हेतु ट्रांसफार्मर बनने के दौरान उसका कोर, ट्रांसफार्मर बॉडी इत्यादि की जाँच की जाती है। द्वितीय चरण में जब ट्रांसफार्मर बन जाता है तब निविदा की शर्तानुसार आवश्यक परीक्षण कराये जाते हैं। भंडार गृह में उक्त सामग्री प्राप्त होने पर स्वीकार करने से पूर्व सक्षम अधिकारियों द्वारा सामग्री (केबिल)/उपकरण (ट्रांसफार्मर) का भौतिक निरीक्षण किया जाता है। इसके उपरांत प्राप्त सामग्री का कम्प्यूटरीकृत ई.आर.पी. के माध्यम से सेम्पल चुना जाता है, जिसका एन.ए.बी.एल. मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में भारतीय मानकों के आधार पर परीक्षण कराया जाता है। परीक्षण में सफल होने पर ही उक्त सामग्री स्वीकार कर उपयोग में लायी जाती है। सीमेंट के खंबे की गुणवत्ता वितरण कंपनी के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जांची जाती है, जिसमें मुख्य रूप से सीमेंट के पोल की सीमेंट कांक्रीट ग्रेड, पोल की पूर्ण लम्बाई, पोल की कार्यभारित क्षमता (वर्किंग सेफ बियरिंग लोड), लम्बाई की दिशा में परम चलन क्षमता (बियरिंग लोड), अधिकतम पुनरावर्ती तनाव (मेक्सिमम सेफ लोड) तथा पोल में उपयोग की जाने वाली तार मानक क्षमता की है अथवा नहीं की सम्पूर्ण जाँच के उपरान्त सेम्पल उपरोक्त मानकों पर खरा उतरने के पश्चात् ही पोल विद्युत लाईन हेतु उपयोग में लाये जाते हैं। (ख) प्रदेश में प्रश्नाधीन अवधि में प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों से हुए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों एवं मेन्टेनेंस कार्य हेतु अत्यावश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर सतत् रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वितरण कंपनियों द्वारा सभी क्रय किए गए विद्युत उपकरणों की गुणवत्ता निर्धारित पैमाने/मानदण्डों अनुसार है। सभी उपकरण/सामग्री उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार आवश्यक परीक्षण के उपरांत ही क्रय कर उपयोग में लाई जाती है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रदेश में माह जनवरी, 2019 से 15 जून, 2019 तक औसत प्रतिदिन गैर कृषि फीडरों व कृषि फीडरों में किये गये विद्युत प्रदाय की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, असमाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर विद्युत अवरोध किये जाने की 153 घटना घटित हुई है, जिनमें से दमोह में 8 विद्युत अवरोध की घटनाओं के लिये असामाजिक तत्वों के विरूद्ध 1 तथा अन्य प्रकरणों में कुल 145 प्रथम सूचना रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई है।
इंदौर, उज्जैन संभाग में संचालित नवीन महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
77. ( क्र. 2507 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में 01 जनवरी 17 के बाद कहाँ-कहाँ नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये गये वर्तमान में इन नवीन महाविद्यालयों में कितने विद्यार्थी किस-किस संकाय के अध्ययनरत हैं? (ख) उक्त नवीन महाविद्यालयों में कितने कर्मचारी एवं प्रोफेसरों के पदों का सर्जन किया गया है, इनमे वर्तमान में कितने कर्मचारी एवं प्रोफेसर कार्यरत हैं, स्थायी एवं अस्थायी कर्मचारी एवं प्रोफेसर की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) उक्त नवीन महाविद्यालयों में कहाँ-कहाँ नवीन भवन की स्वीकृतियां प्राप्त होकर भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है तथा कहाँ-कहाँ भवन निर्माण की स्वीकृतियां शेष है। (घ) क्या मंदसौर के दलौदा में नवीन महाविद्यालय हेतु भवन एवं प्रोफेसरो की नियुक्ति हेतु कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो इसे कब तक पूर्ण किया जायेगा? क्या मंदसौर के दलौदा में नवीन भवन हेतु भूमि का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ? यदि नहीं, तो कब तक भूमि का चयन कर लिया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) उज्जैन संभाग में 01.01.2017 के बाद उज्जैन जिले में झारड़ा, उन्हेल, कायथा, मंदसौर जिले में दलौदा, आगर मालवा जिले में बड़ौद, सोयतकला, नीमच जिले में जीरन, देवास जिले में पीपलरांवा, शाजापुर जिले में गुलाना तथा रतलाम जिले में पिपलौदा में महाविद्यालय प्रारंभ किये गये हैं। शेष उत्तरांश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त नवीन महाविद्यालयों में प्रोफेसर के पदों का सृजन नहीं किया गया है, कर्मचारी के नियमित 30 पद तथा आउटसोर्स के 150 पद सृजित किये गये हैं। उक्त महाविद्यालयों में एक अस्थाई प्राध्यापक एवं 04 स्थाई कर्मचारी कार्यरत हैं। (ग) गुलाना, जीरन, दलौदा के शासकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित हो चुकी है, उनके भवन निर्माण स्वीकृति हेतु प्रकरण स्थायी वित्तीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष 07 नवीन शासकीय महाविद्यालयों को भूमि आवंटित नहीं हुई है। 10 महाविद्यालयों में से किसी भी महाविद्यालय के भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। (घ) भवन निर्माण संबंधी जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है। सहायक-प्राध्यापकों की नियुक्ति संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शासकीय महाविद्यालय दलौदा में नवीन भवन हेतु भूमि का चयन ग्राम फतेहगढ़ हल्के में स्टील फैक्ट्री के पास 3.818 हेक्टेयर भूमि कलेक्टर द्वारा आवंटित की गई है।
श्योपुर महाविद्यालय में एल.एल.बी. की कक्षायें प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
78. ( क्र. 2535 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर महाविद्यालय में एल.एल.बी. की कक्षायें प्रारंभ होने में विलंब का कारण क्या बी.सी.आई. नई दिल्ली से अनुमति प्राप्त न हो पाना है? यदि हाँ, तो मार्च, 18 से प्रश्न दिनांक तक अनुमति प्राप्त करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) श्योपुर महाविद्यालय में प्रोफेसर एवं अन्य विषय विशेषज्ञों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? वर्तमान में कितने पदस्थ हैं एवं रिक्त पदों पर विभाग कब तक पदस्थापना करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। मार्च 2018 के उपरांत शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, श्योपुर के पत्र क्रमांक 35/विधि महा./2018, दिनांक 19.04.2018 पत्र क्रमांक 891/विधि महा./2018, दिनांक 31.12.2018 तथा पत्र क्रमांक 409/विधि महा./2019, दिनांक 29.04.2019 के द्वारा सचिव, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली को पत्र लिखकर शासकीय विधि महाविद्यालय, श्योपुर में विधि कक्षाएं प्रारंभ करने के लिए शीघ्र निरीक्षण करवाने का अनुरोध किया गया है। (ख) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, श्योपुर में प्रोफेसर एवं अन्य विषय विशेषज्ञों के कुल 34 पद स्वीकृत हैं। 09 पदों पर सहायक-प्राध्यापक कार्यरत हैं। शासकीय विधि महाविद्यालय, श्योपुर में 05 सहायक-प्राध्यापक के पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं। शासकीय आदर्श कन्या महाविद्यालय, श्योपुर में सहायक-प्राध्यापक के 45 पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं। रिक्त पदों पर पदस्थापना के लिए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत विभाग की मनमानी
[ऊर्जा]
79. ( क्र. 2536 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में म.प्र.वि.वि.क.लिमि. श्योपुर के अधिकारियों द्वारा कृषि विद्युत पम्प उपभोक्ताओं के लोड की जाँच किए बिना क्षमता वृद्धि की गयी है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी के निर्देशानुसार किस नियम के तहत की गयी? क्षमतावृद्धि की जाँच के दौरान कृषक उपभोक्ता की उपस्थिति में उनकी सहमति या किसान द्वारा अनुबंध पत्र भरवाया गया है? यदि नहीं, तो किस आधार पर क्षमता वृद्धि की गयी है? (ख) क्या नियम विरूद्ध क्षमता वृद्धि से श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के 10,000 (दस हजार) से अधिक कृषक उपभोक्ताओं को शासन की मंशानुसार 10 HP तक के कृषि उपभोक्ताओं के विद्युत बिल हाफ करने की योजनाओं से वंचित किया गया है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध की गयी क्षमता वृद्धि के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत कनेक्शनों की जाँच कार्यवाही उपरांत, उपभोक्ता के विद्युत कनेक्शन का संबद्ध भार स्वीकृत भार से अधिक पाये जाने पर ही उपभोक्ता का संयोजित भार बढ़ाया गया है। उक्त जाँच संबंधित कृषि उपभोक्ता अथवा उसके प्रतिनिधि के समक्ष की गई है एवं उनकी सहमति उपरांत ही भार बढ़ाया गया है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार जाँचोपरांत उपभोक्ता का संबद्ध भार, स्वीकृत भार से अधिक पाए जाने पर ही उपभोक्ता का संयोजित भार बढ़ाया गया है तथा प्रश्नाधीन क्षेत्र के सभी पात्र कृषक हितग्राहियों को इंदिरा किसान ज्योति योजना के प्रावधानों के अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है। अतः प्रश्न नहीं उठता।
पिपलौदा आउटडोर स्टेडियम के संबंध में
[खेल और युवा कल्याण]
80. ( क्र. 2557 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपलौदा मुख्यालय पर जन मुख्यालय होकर 52 ग्राम पंचायतों के लगभग 90 से 100 गांव सम्मिलित होते हैं तथा यही नगर परिषद होकर उसका भी मुख्यालय है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि क्षेत्र की बड़ी तहसील का ग्रामीण क्षेत्र का बड़ा भाग एवं अर्द्ध शहरी नगर पिपलौदा का क्षेत्र अर्थात संपूर्ण शहरी एवं ग्रामीण एवं बड़ी तहसील तीनों प्रकार से एक बहुत बड़े क्षेत्र के मुख्यालय का केन्द्र स्थान है? (ग) यदि हाँ, तो विगत कई वर्षों से शहरी एवं ग्रामीण दोनो क्षेत्रों का मुख्यालय होने के बावजूद पिपलौदा मुख्यालय पर आउटडोर स्टेडियम स्वीकृत किये जाने की क्षेत्रीय मांग अब तक लंबित है? (घ) यदि हाँ, तो विगत कई वर्षों से शासन/विभाग को प्रश्नकर्ता द्वारा एवं क्षेत्र के नागरिकों के द्वारा भी क्षेत्रीय आवश्यकता की स्वीकृति दिये जाने की मांग लगातार की जा रही है तथा प्रश्नकर्ता द्वारा विगत कई वर्षों से सदन में प्रश्नों के माध्यम से एवं संबंधित अधिकारियो के पत्रों के माध्यम से ध्यान आकृष्ट किया है तो आउटडोर स्टेडियम की स्वीकृति कब तक दी जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
विभागीय कार्यों एवं प्रक्रिया के संबंध में
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 2558 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 03 वर्षों वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक संचालन-संधारण संभाग जावरा के अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों, पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही लाईन इत्यादि हेतु कार्य स्वीकृत किये गये हैं? जानकारी देवें। (ख) क्या विगत 03 वर्षों वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक जिला रतलाम के अंतर्गत प्रश्नांश (क) में संपादित किये जाने वाले विभागीय कार्यों में उपयोग होने वाली मुख्य विद्युत सामग्री जैसे विद्युत पोल, विद्युत ट्रांसफार्मर इत्यादि सामग्री किस माध्यम से क्रय की गई है? (ग) क्या विगत 03 वर्षों वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 में रतलाम जिले हेतु स्वीकृत कार्यों को विभागीय तौर पर संपादित कराये जाने वाले हेतु विद्युत सामग्री किस प्रक्रिया के तहत क्रय की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक की अवधि में संचालन-संधारण संभाग जावरा के अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों, पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईन, इत्यादि कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक जिला रतलाम के अंतर्गत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सम्पादित किये जाने वाले विभागीय कार्यों में उपयोग होने वाली मुख्य विद्युत सामग्री जैसे-विद्युत पोल, विद्युत ट्रांसफार्मर इत्यादि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी मुख्यालय स्तर पर निविदा प्रक्रिया के माध्यम से क्रय प्रक्रिया का पालन करते हुए क्रय की गई है। (ग) वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक रतलाम जिले हेतु स्वीकृत कार्यों को म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर सम्पादित कराये जाने हेतु अन्य विद्युत सामग्री भी वितरण कंपनी मुख्यालय स्तर पर निविदा प्रक्रिया के माध्यम से क्रय प्रक्रिया का पालन करते हुए क्रय की गई है।
रामपुरा नहर परियोजना की वर्तमान स्थिति
[जल संसाधन]
82. ( क्र. 2571 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुरा नहर तह. आष्टा, जिला सीहोर की कार्य-स्थिति क्या है? कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) इसका उपयोग आम लोगों द्वारा किया जा सकेगा? नहर की प्रोजेक्ट लागत कितनी है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) परियोजना का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सीहोर जिलांतर्गत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 2572 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले की तहसील आष्टा अंतर्गत धुराड़ा, सिद्दीकंगन व खाचरोद रोड स्वीकृत है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो इसका टेण्डर कब होगा और हो या गया है तो कब तक कार्य शुरू होगा एवं कितने समय में इसका कार्य पूर्ण होगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) निविदा दिनांक 27.02.2019 को आमंत्रित की गई। निविदा कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण अनुबंध न होने से कार्य शुरू होने तथा पूर्ण होने की तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु अधिग्रहित भूमि
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 2626 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या औबेदुल्लागंज-बैतूल खण्ड राष्ट्रीय राजमार्ग 69 में होशंगाबाद जिले की होशंगाबाद तहसील के ग्राम निटाया निवासी प्रेमनारायण पटेल की भूमि अधिग्रहित की गई थी? यदि हाँ, तो खसरा क्रमांक एवं रकबा की जानकारी दें। (ख) क्या यह सच है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सह परियोजना निदेशक बी.एल. मीना द्वारा अपने पत्र क्रमांक 6866, दिनांक 12.08.2015 से प्रेमनारायण पटेल की भूमि अधिग्रहण संबंधी समस्या का निराकरण करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पत्र लिखा गया था? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समस्या का निराकरण हो गया है? यदि नहीं, तो निराकरण न होने के क्या कारण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदा नदी पर स्वीकृत नवीन पुल
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 2627 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्ववर्ती शासन में होशंगाबाद से भोपाल (व्हाया बुदनी) को जोड़ने हेतु नर्मदा नदी पर पुल हेतु राशि स्वीकृत की गयी थी? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) नर्मदा नदी पर उक्त पुल का निर्माण कब तक प्रारंभ हो सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। राशि रूपये 5817.44 लाख। (ख) वर्तमान में निविदा की कार्यवाही प्रचलन में होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सीहोर जिलांतर्गत संचालित सिंचाई योजनायें
[जल संसाधन]
86. ( क्र. 2639 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 15 जून, 2019 की स्थिति में सीहोर जिले की कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें स्वीकृति हेतु किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? उनको कब तक स्वीकृत किया जायेगा? (ख) वर्ष 2014-15 से 15 जून, 2019 तक की अवधि में उक्त जिले की कौन-कौन सी सिंचाई योजनायें कब-कब स्वीकृत की गई? स्वीकृति दिनांक तथा राशि, सिंचित रकबा बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) की किन-किन योजनाओं का कार्य प्रारंभ हो गया? किन-किन योजनाओं का कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (घ) प्रश्नांश (ग) की योजनाओं का कार्य प्रारंभ न होने का क्या-क्या कारण है? योजनावार विवरण दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) कोई परियोजना स्वीकृति हेतु लंबित नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) प्रश्नाधीन परियोजनाओं का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब''अनुसार है।
नदी में रसायन फेंका जाना
[पर्यावरण]
87. ( क्र. 2643 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2014 से 31 मई, 2019 तक नागदा, खाचरौद, उज्जैन, इन्दौर, रतलाम, धार, बड़नगर एवं आस-पास के क्षेत्रों में खतरनाक रसायनों को टैंकरों के माध्यम से नदी, नालों एवं अन्य स्थानों पर फेंके जाने की कितनी घटनाएं हुई हैं? खतरनाक रसायन नदी, नालों, भूमि पर ढोले जाने से क्या-क्या नुकसान हुआ है? दिनांकवार, क्षेत्रवार संपूर्ण विवरण दें। (ख) उक्त समयावधि में खतरनाक रसायनों (हजारडस्ट वेस्ट) का शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के नदी, नालों, खेतों आदि में फेंके जाने से क्या उक्त स्थल प्रदूषित हुए हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार का प्रदूषण फैला है? (ग) खतरनाक रसायन ढोलने-फेंकने के संबंध में क्षेत्रीय प्रदूषण कार्यालय, स्थानीय प्रशासन को कब-कब शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उन पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या खतरनाक रसायनों को नदी नालों एवं भूमि पर ढोलने फेंकने वालों के विरूद्ध हजारडस्ट वेस्ट मैनेजमेंट एवं हेंडलिंग नियम के तहत कोई कार्यवाही की गई है? इसमें कौन-कौन व्यक्ति तथा अधिकारी दोषी हैं? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों, व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो क्यों तथा इनके विरूद्ध क्या एवं कब तक कार्यवाही की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पर्यावरण से प्रभावित लोगों को सुविधा उपलब्ध कराना
[पर्यावरण]
88. ( क्र. 2689 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली, देवसर एवं चितरंगी में पर्यावरण कितने प्रतिशत प्रभावित रहता है और वहां के लिये NGT के फैसले के बाद भी शुद्ध पेयजल हेतु RO, नल-जल के माध्यम से आम लोगों को पानी उपलब्ध कराना, कोयला खदानों में लगे डम्फरों की धुलाई पर रोक लगाने के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा में सुधार हेतु क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (ख) क्या कोयले के रॉयल्टी के माध्यम से आस-पास के गावों का विकास न कर दूर के क्षेत्रों में जिला माइनिंग फण्ड दिया जा रहा है? (ग) कोयला परियोजना या औद्योगिक परियोजना में आस-पास के विस्थापितों के गांव, नगरीय निकाय सिंगरौली के आस-पास के गांव में रह रहे नागारिकों की सुविधा पर शासन और जिला प्रशासन द्वारा कितना व्यय किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2010 में सिंगरौली क्षेत्र के 06 स्थानों विन्ध्याचल नगर, जयंत, निगाही, दूधिचुआ, अमलोरी एवं झिंगुरदा टाउनशिप क्षेत्र को सी.ई.पी.आई. (कॉम्प्रेहेन्सिव एनवायर्नमेंटल पॉल्यूशन इंडेक्स) स्कोर 70 से अधिक होने के कारण क्रिटिकल पॉल्यूटेड एरिया घोषित किया गया है। माननीय एन.जी.टी. द्वारा प्रकरण क्रमांक 276/2013 में पारित आदेशानुसार सिंगरौली क्षेत्र में आर.ओ. प्लांट के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया था, जिसके परिपालन में क्षेत्र की एन.सी.एल. की कोयला खदानों एवं विन्ध्याचल सुपर ताप विद्युत परियोजना के माध्यम से 13 स्थानों पर आर.ओ. प्लांट स्थापित कर पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है। कार्यालय नगर निगम सिंगरौली से प्राप्त पेयजल संबंधी अन्य विवरण अनुसार मोरवा जल प्रदाय योजना क्षमता 16.67 एम.एल.डी. का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस योजना के अंतर्गत निर्मित 08 ओव्हर हैड टैंकों में से 07 ओव्हर हैड टैंकों के माध्यम से जल आपूर्ति की जा रही है। 01 ओव्हर हैंड टैंक को पाईप लाईन से जोड़े जाने की कार्यवाही प्रगति पर है। निगम द्वारा उक्त योजना में 36.60 कि.मी. डिस्ट्रीब्यूशन पाईप लाईन डाली गई है, जिसमें अभी तक 2500 आवासों में नल कनेक्शन प्रदाय किया जा चुका है। बैढन जल प्रदाय योजना का कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, आगामी 2-3 माह में जल प्रदाय प्रारंभ हो जायेगा। (ख) कार्यालय जिला खनिज प्रतिष्ठान, सिंगरौली (म.प्र.) से प्राप्त जानकारी अनुसार मध्य प्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 की कण्डिका 12 में दिये गये प्रावधानों अनुसार जिला खनिज प्रतिष्ठान, सिंगरौली के न्यास मंडल की बैठक दिनांक 24/08/2017 में संपूर्ण जिला सिंगरौली को प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है। अतएव संपूर्ण जिला सिंगरौली में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना एवं मध्य प्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में निहित प्रावधानों अनुसार जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि से जिले में निवासरत नागरिकों के उत्थान हेतु निर्माण/विकास कार्य संपादित किये जाते हैं। (ग) कार्यालय जिला खनिज प्रतिष्ठान, सिंगरौली (म.प्र.) से प्राप्त जानकारी अनुसार जिला खनिज प्रतिष्ठान, सिंगरौली की निधि से कोयला परियोजनाओं या औद्योगिक परियोजना से विस्थापितों के गांव, नगरीय निकाय सिंगरौली के आसपास के गांव में निवासरत नागरिकों की सुविधा हेतु निम्नानुसार व्यय किया गया है :-
(राशि रू करोड़ में)
क्र. वित्तीय वर्ष स्वीकृत राशि अद्यतन व्यय राशि
1 2016-17 164.41 118.28
2 2017-18 174.31 98.10
3 2018-19 96.02 49.19
4 2019-20 . .
योग 434.74 265.57
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 2691 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली अंतर्गत वर्ष 2017-18 से दो मार्गों (1) अमहरा से सेमरिया मार्ग एवं (2) चाचर से खमरिया (ओखरावल) की DPR स्वीकृत हेतु लंबित है? (ख) क्या इस वित्तीय वर्ष में इनकी स्वीकृति देते हुये निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाकर कब तक में पूरा करायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में वित्तीय संसाधन की उपलब्धता अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहायक प्राध्यापकों की सीधी भर्ती
[उच्च शिक्षा]
90. ( क्र. 2729 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2009-10 में महाविद्यालयों हेतु सहायक प्राध्यापकों की सीधी भर्ती लोक सेवा आयोग द्वारा की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो उक्त भर्ती में अनियमितताओं के आरोप लगे थे? यदि हाँ, तो क्या उच्च शिक्षा विभाग ने उक्त आरोपों की जाँच कराई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में जाँच रिपोर्ट प्रदाय करें। जाँच रिपोर्ट के आधार पर क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत विहीन गांवों के सम्बन्ध में
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 2731 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने गांव विद्युत विहीन हैं? सूची प्रदाय करें। विद्युत प्रदाय करने में क्या दिक्कत आ रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त गांव में कब तक विद्युत कनेक्शन प्रदाय कर दिया जावेगा? (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत प्रश्न दिनाँक तक कितने ऐसे आवेदक हैं, जिनको विद्युत कनेक्शन प्रदाय नहीं किया जा सका है? आवेदन लंबित होने के क्या कारण हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोई भी ग्राम विद्युत विहीन नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 30.06.2019 की स्थिति में विद्युत कनेक्शन हेतु 97 आवेदन लंबित है, जिनमें से घरेलू कनेक्शन हेतु 77 आवेदन औपचारिकता पूर्ण नहीं होने के कारण तथा 20 आवेदन स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन हेतु लाईन विस्तार का कार्य प्रगति पर होने से लंबित है। उक्त 20 स्थाई कृषि पम्पों के लाईन विस्तार का कार्य अगस्त 2019 तक पूर्ण कर कनेक्शन प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। उक्त घरेलू कनेक्शनों के 77 आवेदनों में आवेदक द्वारा औपचारिकता पूर्ण करने पर ही कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा, अत: वर्तमान में कनेक्शन दिये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 2734 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने लोक निर्माण के विश्राम ग्रह किस-किस श्रेणी के हैं? गूगल मेप अनुसार इनका कुल क्षेत्रफल कितना है? (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में इन विश्राम गृह के रख-रखाव पर कुल कितना व्यय आया? वर्तमान में इन रेस्ट हाउस में कुल कितने कर्मचारी किस-किस श्रेणी के कार्यरत हैं? (ग) क्या विभाग इन विश्राम गृहों का निजीकरण करने का विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो क्या विभाग इन विश्राम गृह को पर्यटन केन्द्रों पर अतिआधुनिक सुविधाओं के साथ स:शुल्क आमजन के उपयोग के लिय दिए जाने का विचार कर रहा है? (घ) प्रदेश में 01 जनवरी, 2010 के पश्चात् लोक निर्माण विभाग द्वारा धार्मिक स्थलों एवं पर्यटन क्षेत्रों में कितनी लागत के नवीन विश्राम गृहों का निर्माण कराया गया? क्या मंदसौर में विश्वप्रसिद्ध भगवान् पशुपतिनाथ मंदिर के दृष्टिगत मंदसौर विश्राम गृह के कक्षों का विस्तार या नवीन विश्राम गृह का निर्माण विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1 से अ-7' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1 से अ-7' के कॉलम 5 एवं 6 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सर्किट हाउस मंदसौर का सिर्फ विस्तार कार्य के अंतर्गत 02 नग अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कार्य राशि लागत रू. 99.47 लाख से कराया जा रहा है, जिसे दिनांक 31.12.2019 तक पूर्ण करने का प्रयास किया जावेगा।
नरसिंहपुर जिलांतर्गत बांध एवं जल आवर्धन योजनाएं
[जल संसाधन]
93. ( क्र. 2740 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने बांध, जल आवर्धन योजनाएं सिंचाई हेतु प्रक्रियाधीन एवं स्वीकृत हैं? नामवार जानकारी प्रदान करें। (ख) उक्त जिलों में कितने (तालाब) में सर्वे का काम चल रहा है, कितने बांधों का डी.पी.आर. बन चुका है या प्रक्रिया में है, कितने बांधों के टेन्डर लग चुके हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) नरसिंहपुर जिले में आलौद जलाशय परियोजना निर्माणाधीन है एवं शेर नदी बैराज, खैरीमाता (बुढेना) वियर, काचरकोना वियर एवं खैरूआ (मदनपुर) वियर साध्यता प्राप्त परियोजनाएं हैं। (ख) शेर नदी बैराज, खैरीमाता (बुढेना) वियर एवं काचरकोना वियर परियोजनाओं का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण डी.पी.आर. संबंधी कार्य तथा खैरूआ (मदनपुर) वियर परियोजना का सर्वेक्षण कार्य प्रचलन में है। चारों परियोजनाओं के डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुए हैं। अत: टेण्डर लगाये जाने की स्थिति नहीं है।
सड़कों का पेंचवर्क व मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 2765 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में किन-किन सड़कों का पेंचवर्क/मरम्मत कार्य 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक ठेकेदारों और विभाग द्वारा किया गया है? वर्कवार, सड़क नामवार, ठेकेदार के नामवार, व्यय राशि वार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या विभाग ने परफारमेंस गारंटी वाली सड़कों का भी पेंचवर्क/मरम्मत कार्य किया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़कों का? कारण सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या उक्त कार्य नियम विरूद्ध किए गए हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए किस पदनाम/नाम के अधिकारी जिम्मेदार हैं? क्या उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ए.आर., एस.आर. व अनुरक्षण वर्क में हुए व्यय की जानकारी
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 2766 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के भोपाल जिले में स्थित संभागों/उपसंभागों में 01 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक के दौरान एनुअल रिपेयरिंग/एस.आर./अनुरक्षण वर्क/ 2 लाख रूपये या उससे कम की लागत से किस स्थान पर कितनी राशि व्यय कर करवाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत संभागों एवं उपसंभागों द्वारा कितनी एजेंसी/फर्म/ठेकेदारों को कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया? बिन्दुवार विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्तीय वर्षों एवं जिले के संभागों एवं उप संभागों में ए.आर. व एस.आर. के कार्य किस नाम पते वाले ठेकेदारों/फर्मों/एजेंसी/अन्य के द्वारा किए गए? इनको कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में कराये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन कब-कब किया गया? कार्यवार, दिनांकवार, जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
ओवर ब्रिज से अतिक्रमण हटाने के संबंध में
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 2799 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना शहर के मध्य में स्थित ओवर ब्रिज के दोनों ओर चौड़ाई कितनी-कितनी स्वीकृत है तथा वर्तमान में कितनी भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित ब्रिज के दोनों साइडों में अतिक्रमण हो जाने से आम रहागीरों को आवागमन में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है एवं पुल की मरम्मत आदि कराने में भी शासन को परेशानी होती है? (ग) शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित ब्रिज का सीमांकन कब तक कराकर अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मुरैना शहर के मध्य में स्थित रेल्वे ओवर ब्रिज के मुरैना तरफ भूमि की चौड़ाई 24.39 मीटर तथा मेहगांव की तरफ 36.59 मीटर है। केवल नगर पालिका द्वारा पुल के दोनों ओर आमने-सामने दुकानों का निर्माण किया गया है, अन्य कोई अतिक्रमण नहीं है। (ख) जी हाँ। नगर पालिका की दुकानों के निर्माण के कारण यातायात में असुविधा होती है। किन्तु पुल की मरम्मत कराने में कोई असुविधा नहीं होती है। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
हॉकी ट्रेनिंग सेंटर के लिये कोच की नियुक्ति
[खेल और युवा कल्याण]
97. ( क्र. 2806 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में हॉकी ट्रेनिंग सेंटर के लिये कोच की नियुक्ति कब तक कर दी जायेगी? अब तक नियुक्ति क्यों नहीं की गई? (ख) क्या ट्रेनिंग सेंटर के लिये सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा दी गई है परंतु कोच नहीं होने से यह सेंटर प्रारंभ नहीं हो पाया है? इस ट्रेनिंग सेंटर का सुचारू संचालन कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) हॉकी ट्रेनिंग सेन्टर रतलाम के लिये कोच का नियमति पद स्वीकृत नहीं है, इस कारण नियुक्ति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। ट्रेनिंग सेन्टर के सुचारू संचालन की कार्यवाही प्रचलन में है, जिसकी निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
लाभान्वित हितग्राही की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
98. ( क्र. 2807 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के विधानसभा क्षेत्र चंदला के अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? हितग्राहियों के नामवार, ग्राम तथा कितनी राशि का लाभ दिया गया है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र चंदला के अंतर्गत गरीबी रेखा एवं अति गरीबी रेखा वाले हितग्राहियों को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग छतरपुर द्वारा लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? उक्त हितग्राहियों को कब तक लाभ दिया जावेगा?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) छतरपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र चंदला के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में 27 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। हितग्राही का नाम, ग्राम एवं राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। गरीब एवं अतिगरीब रेखा वाले 02 हितग्राहियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला छतरपुर विधानसभा चंदला अंतर्गत वृक्षारोपण
[पर्यावरण]
99. ( क्र. 2810 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर विधानसभा चंदला के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या-क्या उपाय किये गये हैं? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार क्या विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण किया गया था? यदि हाँ, तो किस अवधि में कब-कब कहाँ-कहाँ पर वृक्षारोपण किया गया है? ग्रामवार लगाये गये वृक्षों की सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार के उक्त विभाग द्वारा जो वृक्षरोपण किया गया है। उक्त वृक्षारोपण में से कितने वृक्ष जीवित हैं। ग्राम वार सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त विभाग द्वारा सभी वृक्षारोपण पर शासन के नियम और निर्देशों के अनुसार देखभाल की जा रही है? यदि नहीं, कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जिला छतरपुर विधानसभा चंदला के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग (म/स) संभाग छतरपुर द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिये वृक्षारोपण कार्य किया गया। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चंदला अंतर्गत गौरीहार, चंदला, लवकुश नगर तहसीलों में संचालित ग्रेनाईट व पत्थर बोल्डर खदानों तथा स्टोन क्रेशर्स में प्रदूषण नियंत्रण के उपाय कराये गये, जिसमें ओवर बर्डन डंप पर वृक्षारोपण, गारलैंड ड्रेन का निर्माण, परिसर एवं आसपास वृक्षारोपण, परिवहन मार्गों पर जल छिड़काव व्यवस्था करवाकर धूल का शमन, क्रेशर्स के वायब्रेटरी स्क्रीन को ढकवाया जाना, जल स्प्रिंकलर्स की व्यवस्था, बाउड्रीवाल का निर्माण आदि पर्यावरण संरक्षण कार्य कराये गये। (ख) जी हाँ, वर्षाकाल में चंदला रेस्ट हाउस परिसर में वृक्षारोपण किया गया है। ग्रामवार वृक्षारोपण नहीं किया गया है। (ग) चंदला रेस्ट हाउस परिसर में कुल 149 वृक्ष लगाये गये हैं, जो जीवित हैं। (घ) जी हाँ। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
100. ( क्र. 2816 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित कुल कितने शासकीय महाविद्यालय/अर्द्धशासकीय/अशासकीय महाविद्यालय कब से स्थापित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में स्थित उक्त महाविद्यालयों में कितने शिक्षकों/कर्मचारियों के पदों की आवश्यकता है? वर्तमान में उक्त पदों के विरूद्ध कितने स्थायी, कितने संविदा तथा अन्य श्रेणी के कर्मचारी कार्यरत हैं? क्या स्टाफ की कमी है? यदि हाँ, तो उसकी पूर्ति कब तक कर दी जावेगी। क्या प्राचार्य के पदों पर प्रभारी एवं पूर्व कालिक प्राचार्य पदस्थ है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में कौन-कौन से विषयों के लिए कक्षाओं की अनुमति है? उसके विरूद्ध कितनी कक्षायें संचालित हैं? स्वीकृति के अनुसार कितनी कक्षायें संचालित नहीं हो सकी है? महाविद्यालयवार जानकारी दें। (घ) विदिशा जिले के शासकीय महाविद्यालयों में संचालित कक्षाओं में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत है तथा ऐसी कौन सी कक्षायें हैं? जो विद्यार्थियों/शिक्षकों के अभाव में संचालित नहीं हो सकी? क्या महाविद्यालय भवन छात्र संख्या एवं स्वीकृति की अपेक्षा के मान से पर्याप्त है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) विदिशा जिले में 10 शासकीय, 02 अनुदान प्राप्त अशासकीय एवं 18 गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। अर्द्धशासकीय महाविद्यालय जैसी कोई व्यवस्था प्रदेश में नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 से प्रपत्र-20 अनुसार है। रिक्त पदों पर पद पूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शासकीय महाविद्यालयों में जहाँ नियमित प्राचार्य नहीं हैं, वहां प्रभारी प्राचार्य हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-21 से प्रपत्र-37 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-38 से प्रपत्र-56 अनुसार है।
सीधी में विधि महाविद्यालय शुरू करने की घोषणा
[उच्च शिक्षा]
101. ( क्र. 2825 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में विधि की पढ़ाई करने की क्या कोई व्यवस्था है? (ख) सीधी में पिछली सरकार द्वारा नवीन विधि महाविद्यालय की घोषणा की गयी थी, जिस हेतु 17 प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों के पद भी स्वीकृत किए गये थे, सरकार इनकी नियुक्ति कब तक कर रही है? (ग) क्या बार कौसिंल ऑफ इंडिया ने प्राध्यापकों की कमी के कारण इसे मान्यता देने से इंकार किया है? यदि हाँ, तो क्या सरकार प्राध्यापक नियुक्त कर सीधी में विधि की पढ़ाई इस सत्र में शुरू करेगी।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। उप सचिव, म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 21-1/2013/38-2 भोपाल, दिनांक 05.08.2013 द्वारा सीधी जिले के शासकीय विधि महाविद्यालय में निम्नानुसार पद स्वीकृत किये गये हैं :- प्राचार्य-1, प्राध्यापक-1, सहायक-प्राध्यापक-5, ग्रंथपाल-1, क्रीड़ा अधिकारी-1, मुख्यलिपिक-1, लेखापाल-1, सहायक वर्ग दो-1, सहायक वर्ग तीन-1, बुक लिफ्टर-1, भृत्य-1, स्वीपर-1, चौकीदार-1। नियुक्ति संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण होने एवं बी.सी.आई. से अनुमति प्राप्त होने पर शैक्षणिक कार्य प्रारंभ किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रीवा जिलांतर्गत योजना सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 2834 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौभाग्य योजना कब से प्रारंभ की गई है तथा इसका मूल उद्देश्य क्या है? रीवा जिले में दिनांक 29-01-2018 तक उक्त योजना से कितने कनेक्शन एवं ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये? क्या जिन उपभोक्ताओं के घरों में कनेक्शन किया जाना था, उनमें केबिल, तार, बोर्ड, स्विच, होल्डर, बल्ब, अर्थिंग आदि लगाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो जिन घरों में उपरोक्त सामग्री लगाई गई है, गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामवार उपभोक्ताओं की संख्या देवें? (ख) रीवा जिले में योजना लागू दिनांक से मई 2019 तक सौभाग्य योजना के तहत जिन ठेकेदार द्वारा कार्य किया गया है, उनके दिये गये कार्य आदेश एवं किये गये, आदेश की जानकारी उपब्लध करावें। (ग) इस योजना के तहत किस क्षमता के कितने ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं तथा ठेकेदारवार किये गये भुगतान की जानकारी देवें। (घ) क्या उक्त के संबंध में मुख्य अभियंता रीवा को जाँच हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? की जायेगी तो कब तक? जले हुऐ ट्रांसफार्मर को बदलने के क्या मापदण्ड हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सौभाग्य योजना केन्द्र सरकार द्वारा दिनांक 25.09.2017 से आरंभ की गई एवं प्रदेश में इस योजना का क्रियान्वयन दिनांक 11.10.2017 से प्रारम्भ किया गया था। इस योजना का उद्देश्य योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार लास्ट माईल कनेक्टिविटी प्रदान करते हुए शत-प्रतिशत घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना था। रीवा जिले में दिनांक 29.01.2018 तक उक्त योजना में 17528 विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये एवं 40 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। जी हाँ, योजनांतर्गत उपभोक्ताओं के घरों में विद्युत कनेक्शन किये जाने हेतु सर्विस केबिल, जी.आई. तार, मीटर बोर्ड, स्विच-होल्डर बोर्ड, एल.ई.डी. बल्ब आदि लगाए जाने का प्रावधान है। गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नाधीन चाही गई ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) रीवा जिले में योजना क्रियान्वयन दिनांक से प्रश्नाधीन अवधि तक सौभाग्य योजना अंतर्गत ठेकेदारों को जारी कार्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) उक्त योजना के तहत रीवा जिले में 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 378 ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में किये गये कार्यों के विरूद्ध ठेकेदारवार किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। (घ) जी हाँ, उक्त के संबंध में मुख्य अभियंता, रीवा क्षेत्र, को जाँच हेतु माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पत्र क्रमांक 318 एवं 319, दिनांक 14.06.2019 के माध्यम से लेख किया गया था, जो कार्यालय मुख्य अभियंता, रीवा क्षेत्र में दिनांक 21.06.2019 को प्राप्त हुआ था। पत्र पर कार्यवाही करते हुए दिनांक 01.07.2019 को जाँच हेतु जाँच दल का गठन किया गया है। जाँच निष्कर्ष प्राप्त होने के पश्चात् तद्नुसार कार्यवाही की जाएगी, वर्तमान में विभाग के अंतर्गत कार्यरत विद्युत वितरण कंपनियों में खराब/जले विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरांत जले/खराब विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को बदले जाने का प्रावधान है। उक्तानुसार बकाया राशि जमा होने पर जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को ग्रामीण क्षेत्र में शुष्क मौसम में 3 दिवस में एवं मानसून के दौरान (जुलाई से सितम्बर माह) 7 दिवस में तथा शहरी क्षेत्र में अधिकतम 24 घंटे में बदले जाने का प्रावधान है।
हथकरघा एवं बुनकर सहकारी समितियों की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
103. ( क्र. 2835 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हथकरघा क्षेत्र में कार्यरत बुनकर सहकारी समितियों स्व-सहायता समूहों उद्यमियों व्यक्तिगत बुनकरों एवं अशासकीय संस्थाओं के बनुकरों को आत्म निर्भर बनाने के लिये क्या-क्या सहायता दी जाती है? रीवा, सीधी, सतना जिले को वर्ष 2015 से 2019 तक में संबंधित बुनियादी प्रशिक्षण, कौशल उन्नयन, रंगाई प्रशिक्षण, डिजाईन प्रशिक्षण डेवलपमेंट करघा एवं सहायक उपकरण विपणन प्रोत्साहन सहायता किन-किन समूहों/हितग्राहियों को कहाँ पर किसके द्वारा प्रशिक्षण दिया गया? प्रशिक्षणकर्ता का नाम, हितग्राही के नाम, पता एवं प्रशिक्षण में खर्च की गई राशि के साथ साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले हितग्राही किस स्व-रोजगार में लगे हैं? स्व-रोजगार हेतु कितना अनुदान दिया गया? (ख) हथकरघा एवं सहायक उपकरण क्या बुनकरों द्वारा क्रय किया जाता है या शासन स्तर से खरीदी कर दी जाती है? क्या इसमें 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो किसको किस माध्यम से कितना अनुदान दिया गया? (ग) हथकरघा केन्द्र रीवा सीधी सतना में कहाँ-कहाँ स्थापित हैं? बुनकरों के नाम पते की जानकारी के साथ-साथ उत्पाद संस्थाओं की जानाकरी देवें? वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विपणन प्रोत्साहन में कब कब कितनी प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) हथकरघा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। वर्ष 2015 से 2019 तक दिये गये प्रशिक्षण/करघा एवं उपकरणों से संबंधित हितग्राही का नाम, पता, प्रशिक्षण पर व्यय एवं स्व-रोजगार आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) हथकरघा एवं उपकरण बुनकरों द्वारा क्रय किये जाते हैं, शासन द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) रीवा, सीधी एवं सतना में संचालित हथकरघा एवं बुनकरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में विपणन प्रोत्साहन में लिये कोई राशि स्वीकृत नहीं है।
पर्यावरण संरक्षण योजना
[पर्यावरण]
104. ( क्र. 2850 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु क्या-क्या योजनाएं हैं एवं किन प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु कोई योजना नहीं है? (ख) क्या शासन-प्रशासन वायु की गुणवत्ता सुधारने और वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने में असफल रहा है? यदि हाँ, तो कारण बताएं? यदि नहीं, तो 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न-दिनांक तक प्रदेश की वर्षवार, जिलेवार वायु गुणवत्ता सूचकांक की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कारखानों और मोटर-गाड़ियों से निकलने वाले धुएं और गंदगी के स्तर को निर्धारित करने के लिए वर्तमान में क्या-क्या कदम उठा रहा है? (घ) 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न-दिनांक तक इन्दौर संभाग में कितनी परियोजनाओं, कारखानों, संयत्रों, कंपनियों को पर्यावरण मंजूरी दी गई? जिलेवार उक्त परियोजनाओं, कारखानों, संयंत्रों, कंपनियों के नाम तथा कंपनियों की पर्यावरण मंजूरी के लिए उपलब्ध करायी गई सूचनाओं की जाँच करने वाले अधिकारी के नाम की जानकारी उपलब्ध कराएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) (1) राज्य भोजवेट लैंड प्राधिकरण एवं सलाहकारिता प्रकोष्ठ में जल संसाधन के संरक्षण हेतु केंद्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत नदी/तालाब/वेटलैंड संरक्षण परियोजनाएं संचालित हैं :- (क) राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजनांतर्गत-बीहर नदी, रीवा, मंदाकिनी नदी, चित्रकूट। (ख) राष्ट्रीय तालाब संरक्षण योजनांतर्गत-शिवपुरी तालाब शिवपुरी, सिंध सागर तालाब, ईसागढ़ जिला अशोकनगर। (ग) राष्ट्रीय वनभूमि संरक्षण योजनांतर्गत-सिरपुर तालाब, इंदौर। एप्को द्वारा प्रदेश में जल संरक्षण के लिए निम्नलिखित 2 परियोजनाएं क्रियान्वित है। दोनों परियोजना क्रियान्वयन हेतु आवश्यक आर्थिक सहायता केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रदान की जा रही है। इंदौर शहर के पारंपरिक जल स्त्रोतों कुएं एवं बावड़ियों के संरक्षण तथा जीर्णोद्धार की परियोजना जिसमें शहर के 330 परंपरागत कुओं एवं बावड़ियों के संरक्षण तथा जीर्णोद्धार हेतु नगर पालिक निगम इंदौर के सहयोग से क्रियान्वित है। बुरहानपुर शहर के पारंपरिक जल स्त्रोतों कुण्डी भंडारा, कुएं एवं बावड़ियों के संरक्षण तथा जीर्णोद्धार की परियोजना, जिसमें शहर के 71 परंपरागत कुओं एवं बावड़ियों के संरक्षण तथा जीर्णोद्धार, शहर में स्थित शासकीय भवनों में रूफटाप वर्षा जल संचयन पद्वति का क्रियान्वयन, कुण्डी भंडारा की साफ-सफाई एवं कैचमेंट क्षेत्र में वृक्षारोपण तथा ईको रेस्टोरेशन के कार्य हेतु परियोजना नगर पालिक निगम एवं वन विभाग बुरहानपुर के सहायोग से क्रियान्वित है। (2) पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के मानव एवं बायोस्फियर रिजर्व कार्यक्रम के अंतर्गत देश के जैव विविधता से सम्पन्न क्षेत्रों की पहचान कर एप्को के प्रयास से भारत सरकार द्वारा प्रदेश में जैव विविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण निम्नानुसार तीन बायोस्फियर रिजर्व चिन्हित किये गये है :-
क- पचमढ़ी बायोस्फियर रिजर्व,
ख- अचानकमार- अमरकंटक बायोस्फियर रिजर्व,
ग- पन्ना बायोस्फियर रिजर्व
उक्त तीनों बायोस्फियर रिजर्व के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु प्राकृतिक वनस्पतियों तंत्र के भूदृष्यों का पुनर्वास परिस्थितकीय पर्यटन का विकास, भू-जल संवर्धन, जन जागरूकता कार्यक्रम एवं पर्यावरणीय शोध शिक्षण एवं प्रशिक्षण आदि गतिविधियों का क्रियान्वयन संबंधित जिला कलेक्टर एवं क्रियान्वयन संस्थाओं के माध्यम से किया जाता है। (3) राज्य योजना मद से प्रदेश के विभिन्न अंचलों के शहरी तालाबों के संरक्षण की योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। (4) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदेश के 06 शहरों भोपाल, इंदौर, सागर, ग्वालियर देवास एवं उज्जैन में प्रचालक पी.एम. 10 निर्धारित मानकों से अधिक पाये जाने के कारण शहरों की परिवेशीय वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु विभिन्न विभागों के समन्वय से कार्ययोजना बनाई जाकर एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमोदन प्राप्त कर क्रियान्वयन किया जा रहा है। (5) प्रदेश की 22 नदी खंड को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषित घोषित किया गया है। इन नदियों के प्रदूषित खंडों के पुनरूद्धार हेतु कार्ययोजना विभिन्न विभागों के समन्वय से बनाई गई है, जिस पर क्रियान्यन किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। प्रदेश के 15 शहरों में राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन कार्यक्रम के अंतर्गत परिवेशीय गुणवत्ता मापन का कार्य किया जाता है वर्ष 2014 से 2019 तक का वायु गुणवत्ता सूचकांक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’अनुसार है, वर्ष 2018 से मध्यप्रदेश के समस्त जिलों में वायु गुणवत्ता मापन का कार्य प्रारंभ किया गया है, जिसकी वर्ष 2018 एवं 2019 की वायु गुणवत्ता सूचकांक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कारखानों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 के अंतर्गत सशर्त सम्मति प्रदान की जाती है, जिसमें उद्योगों में मापदंडो के अनुसार प्रदूषण स्तर मानक सीमा तक रखने हेतु व्यवस्थाएं करायी जाती है। वाहनों से निकलने वाले धुएं पर नियंत्रण के संबंध में बोर्ड द्वारा जन जागरण की दृष्टि से वाहनों के उत्सर्जन की जाँच समय-समय पर की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। कंपनियों की पर्यावरण मंजूरी के लिए उपलब्ध कराई गई सूचनाओं की जाँच के लिए क्षेत्रीय कार्यालय, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार भोपाल कार्यालय एवं म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकृत संस्था है।
अनुसूचित क्षेत्रों में खेलकूद को बढ़ावा दिया जाना
[खेल और युवा कल्याण]
105. ( क्र. 2851 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? समस्त योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस से प्रश्न-दिनांक तक मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में कितने एवं कहाँ-कहाँ शासकीय एवं निजी खेल परिसर खोले गए? उक्त परिसरों में किन-किन खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है तथा उक्त परिसरों में वर्तमान में कितने प्रशिक्षु अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं, कितने अनुसूचित जनजाति वर्ग से? परिसरवार संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध कराएं। (ग) मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में शासकीय एवं निजी खेल परिसर खोले जाने के संबंध में कितने प्रस्ताव मध्यप्रदेश शासन एवं खेल एवं युवक कल्याण विभाग के समक्ष विचाराधीन है? उक्त समस्त प्रस्तावों की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध कराएं। (घ) क्या अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों में खेलकूद को बढ़ावा देने को दृष्टिगत रखते हुए जिला धार के मनावर विधानसभा क्षेत्र में शासकीय खेल परिसर खोले जाने के संबंध में कोई कार्ययोजना तैयार कराए जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
बदनावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित योजनाएं
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 2854 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बदनावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत इन्दिरा गृह ज्योति योजना घरेलू उपभोक्ताओं हेतु एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना कृषि उपभोक्ताओं हेतु लागू हैं? क्या इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना के अन्तर्गत विद्युत देयकों को आधा कर दिया गया है? उक्त दोनों योजना में पात्र उपभोक्ताओं की संख्या की जानकारी वितरण केन्द्रवार देवें? प्रश्नांकित क्षेत्र में कितने उपभोक्ताओं इन्दिरा गृह ज्योति योजना में एवं इन्दिरा किसान ज्योति योजना के अन्तर्गत किस कारण से लाभ से वंचित है? वितरण केन्द्रवार उपभोक्ताओं की संख्या की जानकारी देवें? (ख) उनको इस योजना का लाभ कब तक दे दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, बदनावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत इंदिरा गृह ज्योति योजना घरेलू उपभोक्ताओं हेतु एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना कृषि उपभोक्ताओं हेतु लागू है। इंदिरा किसान ज्योति योजना के अंतर्गत 10 एच.पी. तक के क्षमता वाले अस्थाई एवं स्थाई कृषि प्रयोजनों के कनेक्शनों के विद्युत देयको को दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से आधा कर दिया गया है। इंदिरा गृह ज्योति योजना के प्रावधान अनुसार योजना के पात्र हितग्राहियों को 100 यूनिट तक की खपत पर रूपये 200 के स्थान पर अधिकतम रुपये 100/- का बिल दिया जावेगा तथापि प्रचलित टैरिफ एवं विद्युत शुल्क जोड़कर रुपये 100/- से कम बिल होने पर ऐसी वास्तविक राशि ही देय होगी। पात्र हितग्राही द्वारा किसी माह में 100 यूनिट से अधिक की खपत की जाती है तो अधिक खपत पर लागू होने वाले ऊर्जा प्रभार, नियत प्रभार में वृद्धि के अंतर की राशि एवं अन्य शुल्क आदि का भुगतान उपभोक्ता द्वारा स्वयं करने का प्रावधान है। उक्त दोनों योजनाओं में पात्र उपभोक्ताओं की संख्या की वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बदनावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उपरोक्त उल्लेखित दोनों योजनाओं में कोई भी पात्र उपभोक्ता योजना के लाभ से वंचित नहीं है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
बदनावर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित जल समितियाँ
[जल संसाधन]
107. ( क्र. 2857 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी जल समितियाँ कहाँ-कहाँ कार्य कर रही हैं? (ख) उक्त जल समितियों में वर्ष 2013 से 20 जून, 2019 तक कब-कब, किस-किस मद से कितनी राशि आयी और उससे क्या-क्या कार्य कब कब किये गए? समस्त आय व्यय की जानकारी बिल वाऊचर के विवरण सहित उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) 05 जल उपभोक्ता संथाएं, पांज, पिपलीपाडा, आसराकुण्ड, बागेड़ी एवं शेरगढ़ कार्य कर रहीं हैं। (ख) प्रश्नाधीन अवधि का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बसई अरनिया एवं नाहरगढ़ बिल्लौद रोड की जानकारी
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 2862 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बसई अरनिया रोड कौन से वर्ष में बनाई गई थी? निर्माण करने वाले ठेकेदार का नाम, कितने वर्षों की गारंटी थी? गारंटी पूर्ण होने की दिनांक वर्ष की जानकारी देवें। (ख) विगत 5 वर्षों में इस रोड की कितनी बार मरम्मत की गई थी तथा वर्तमान में किस स्थिति में है? (ग) इस रोड की जनप्रतिनिधियों द्वारा कितनी बार जाँच हेतु मांग की गई? जाँच पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) बसई अरनिया एवं नाहरगढ़ बिल्लौद रोड की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें तथा निर्माण हेतु विभागीय कार्यवाही से अवगत करावें। कब तक निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत 5 वर्षों में आवश्यकतानुसार समय-समय पर मरम्मत कार्य करवाया गया वर्तमान में मार्ग की स्थिति संतोषजनक है। (ग) दो बार जाँच की मांग की गई। पूर्व माननीय मंत्री, लोक निर्माण विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित गुणवत्ता नियत्रंण दल के प्रभारी श्री डी.के. शुक्ला, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता एवं श्री रवि शुक्ला, सहायक यंत्री द्वारा मार्ग निर्माण की जाँच की जाकर, जाँच प्रतिवेदन तत्कालीन माननीय मंत्री, लोक निर्माण विभाग मध्यप्रदेश शासन को दी गई थी। तत्कालीन माननीय मंत्री द्वारा उस जाँच प्रतिवेदन पर कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुये। (घ) बसई अरनिया मार्ग विभागीय संधारण में हैं तथा वर्तमान स्थिति संतोषजनक है। नाहरगढ़ बिल्लौद मार्ग वर्तमान में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत है। बसई अरनिया मार्ग निर्माण विभाग की किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय के पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
109. ( क्र. 2863 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने शासकीय महाविद्यालय हैं? इन महाविद्यालयों के स्वीकृति दिनांक के वर्ष की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) उक्त महाविद्यालयों में कौन-कौन से विषय या संकाय पढ़ाये जा रहे हैं। (ग) प्राचार्य सहित उक्त महाविद्यालयों में कितने पद स्वीकृत हैं? महाविद्यालयवार जानकारी देवें। (घ) क्या वर्तमान में उक्त महाविद्यालयों में प्राचार्य एवं समस्त पद की पूर्ति है? यदि नहीं, तो रिक्त पदों के नाम, विषयवार तथा महाविद्यालयवार देवें तथा कब तक इन पदों की पूर्ति की जावेगी
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में 03 शासकीय महाविद्यालय है। शासकीय महाविद्यालय, सुवासरा एवं शासकीय महाविद्यालय, श्यामगढ़ का स्वीकृति दिनांक 01.10.2014 एवं शासकीय महाविद्यालय, सीतामऊ का स्वीकृति दिनांक 02.06.2012 है। (ख) शासकीय महाविद्यालय, सुवासरा एवं शासकीय महाविद्यालय, श्यामगढ़ में कला संकाय तथा शासकीय महाविद्यालय, सीतामऊ में कला एवं विज्ञान संकाय संचालित हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) पद पूर्ति एवं रिक्त पदों की जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है। पद पूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
क्षतिग्रस्त पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 2870 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के नगर पचोर अंतर्गत पुराना ए.बी. रोड स्थित नेवज नदी पर निर्मित पुल का निर्माण कब हुआ था तथा वर्तमान में उक्त पुल की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त नदी पर निर्मित पुल वर्तमान में अत्यंत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होकर पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो चुका है तथा उक्त पुल पर रेलिंग नहीं होने से विगत वर्षों में दुर्घटनाओं में जन-धन हानि होने की घटनाएं घटित हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक उक्त पुल पर रेलिंग लगाने एवं डामरीकरण कराये जाने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त जीर्ण-शीर्ण पुल पर रेलिंग एवं मरम्मत तथा उक्त मार्ग पर डामरीकरण कार्य करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) राजगढ़ जिले के नगर पचोर अंतर्गत पुराना ए.बी. रोड स्थित नेवज नदी पर निर्मित पुल स्टेट समय का बना हुआ है, वर्तमान में पुल से आवागमन संचालित है। (ख) जी नहीं। वाहनों की अनियंत्रित गति के कारण दुर्घटनाएं होती हैं। पुल स्टेट समय का बने होने से रेलिंग नहीं है। पुल पर रेलिंग लगाने हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है एवं डामरीकरण के अंतर्गत बी.टी. रिन्यूवल कार्य की निविदा दिनांक 18.05.2019 को छठवी बार आमंत्रित की गई थी। किसी भी संविदाकार द्वारा निविदा में भाग नहीं लिया गया था। पुन: दिनांक 01.07.2019 को बी.टी. नवीनीकरण की निविदा सातवी बार आमंत्रित की गई है। जो दिनांक 23.07.2019 को खोली जावेगी। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
जीर्ण-शीर्ण मार्गों का सुदृढ़ीकरण
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 2871 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत नगर बोड़ा से ऊमरी रोड, ग्राम मवासा से झाड़ला रोड, ओल्ड एन.एच. 12 से झाड़ला, भीलखेड़ी जोड़ से कुंवर कोटरी होते हुए ढाबला एवं तलेन से बमोरी मार्ग वर्तमान में अत्यंत जीर्ण-शीर्ण होकर जगह-जगह गड्डे निर्मित होने से उक्त मार्गों पर आवागमन निरंतर बाधित हो रहा है तथा आगामी वर्षाकाल में उक्त मार्गों पर यातायात लगभग असंभव हो जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्गों के सुदृढ़ीकरण हेतु कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कटनी जिले में किए गये विभागीय कार्य
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 2881 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग के आदेश पत्र क्रमांक/2139/प्र./स./ लो.नि.वि।/15, दिनांक 22/04/2015 का पालन कटनी जिले में किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या? कटनी जिले में विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय कार्यों के किए निरीक्षण के प्रतिवेदन और टूर डायरियाँ (दौरा-कार्यक्रम) प्रस्तुत किए गये? (ख) कटनी जिले में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक लो.नि.वि. की सड़कों की विशेष, वार्षिक मरम्मत एवं पेंचवर्क तथा निर्माण के कार्य और शासकीय भवनों की विशेष, वार्षिक मरम्मत एवं निर्माण के कितने, कौन-कौन से कार्य, कुल कितनी लागत से कराये गये और कौन-कौन से कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) कार्यों की स्वीकृति किस प्रस्ताव अथवा मांग के आधार पर किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रदान की गयी? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) कार्यों का भौतिक-सत्यापन किया गया और कार्यों का ठेकेदार कंपनी को कुल कितना भुगतान किया गया? (ङ) प्रश्नांश (ग) क्या किसी ठेकेदार कंपनी को नियम विरुद्ध भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो क्या इन अनियमितताओं पर कार्यवाही की जायेंगी? यदि नहीं, तो क्या ऐसा ना होना सत्यापित किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'ब' एवं प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। प्रश्न ही नहीं उठता।
सोलर पम्प अनुदान योजना का क्रियान्वयन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
113. ( क्र. 2887 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ऊर्जा विकास निगम के माध्यम से सोलर पम्प अनुदान योजना अंतर्गत योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों के कितने सोलर पम्प स्थापित किए जा चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में उज्जैन संभाग में अभी तक जिन किसानों द्वारा अपने अंश की पूंजी लगाई गई है, ऐसे कितने किसानों के कितने सोलर पम्प लगाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शेष रहे किसानों के यहां सोलर पम्प कब तक स्थापित कर दिए जावेंगे? यदि नहीं, तो क्या इन किसानों को उनके अंश की ब्याज सहित राशि लोटाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) म.प्र. में ऊर्जा विकास निगम के माध्यम से मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना प्रारंभ होने (15 अप्रैल, 2017) से प्रश्न दिनांक तक 14000 किसानों के 14000 सोलर पम्प स्थापित किये जा चुके हैं। (ख) उज्जैन संभाग में मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजनान्तर्गत जिन किसानों द्वारा अपने अंश की पूंजी (अर्थात पूर्ण हितग्राही अंश राशि) लगाई गई है, ऐसे सभी किसानों के सोलर पम्प स्थापित हो चुके हैं। अत: जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
ग्राम आबादी क्षेत्र पौचानेर में 600 मी. का सी.सी. कार्य
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 2888 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शाजापुर के अंतर्गत अरनिया कलां से कौठरी मार्ग पर ग्राम आबादी क्षेत्र पौचानेर में 600 मी. का सी.सी. कार्य मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण के तहत स्वीकृत किया गया था, सड़क के उक्त भाग की निर्माण एजेंसी कौन है? इसका अनुबंध एवं कार्यादेश कब हुआ था तथा कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक क्यों प्रारंभ नहीं किया गया? निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? सड़क का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, मेसर्स मधुर ट्रेडर्स इन्फ्रा. प्रा. सीहोर। अनुबंध एवं कार्यादेश दिनांक 20.04.2018 को हुआ। छ: माह। (ख) अनुबंध अंतर्गत दो कार्यों में से एक कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा दूसरा कार्य (प्रश्नांश 'क' में वर्णित) वर्षाकाल के बाद प्रारंभ किया जाकर पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। कोई कार्यवाही नहीं की गई। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। कार्य पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं।
रीवा में स्थापित सोलर प्लांट
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
115. ( क्र. 2892 ) श्री मनोज चावला : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा में विश्व का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट स्थापित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इससे उत्पन्न हो रही बिजली राज्य को मिल रही है? यदि नहीं, तो उत्पादित बिजली का उपभोक्ता कौन है? (ग) इस सोलर पॉवर प्लांट की कुल लागत कितनी है तथा यह किसके सहयोग से बनाया गया है?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) रीवा सौर परियोजना की कुल क्षमता 750 मेगावाट है, जिसमें से अभी तक 640 मेगावाट का कमीशन हो चुका है। इससे उत्पादित बिजली उत्पादन के प्रारंभ, यथा 6 जुलाई 2018, से ही राज्य की विद्युत वितरण कम्पनियों को मिल रही हैं, जिसके लिए म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड से अनुबंध निष्पादित है। कुल 750 मेगावाट ओपन एक्सेस के विरूद्ध 651 मेगावाट क्षमता से म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड को और 99 मेगावाट के विरूद्ध दिल्ली मेट्रो को विद्युत प्रदाय की व्यवस्था है। (ग) रीवा सोलर प्लांट की कुल अनुमानित लागत रू. 4250 करोड़ है। रीवा सौर परियोजना के आधारभूत ढांचे का विकास कार्य, परियोजना हेतु केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित नोडल एजेंसी रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा किया गया है, जो कि म.प्र. शासन के उपक्रम म.प्र. ऊर्जा विकास निगम व भारत सरकार के उपक्रम सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का संयुक्त उपक्रम है। परियोजना में तीन विकासक इकाईयां क्रमश: (1) महिन्द्रा रिन्युबल प्रा. लि. 250 मेगावाट (2) एक्मे जयपुर सोलर प्रा. लि. 250 मेगावाट (3) एरिन्सन क्लीन एनर्जी प्रा. लि. 250 मेगावाट द्वारा सौर परियोजना विकसित की गई है। इन विकासकों का चयन खुली प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया से किया गया है, जिसमें रू. 2.97 प्रति यूनिट की दर प्राप्त हुई। इसके अतिरिक्त बाहृय विद्युत निकास के लिए 400 KV सब-स्टेशन का निर्माण पॉवर ग्रिड द्वारा अपने स्त्रोतो से किया गया है। आंतरिक विद्युत निकास के लिए 220 KV सब-स्टेशन का निर्माण रीवा अल्ट्रा मेगा सौर लिमिटेड द्वारा विश्व बैंक से सस्ता ऋण प्राप्त कर लिया गया है।
महाविद्यालयीन संचालित गतिविधियां
[उच्च शिक्षा]
116. ( क्र. 2898 ) श्री महेश परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्या मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षण शुल्क से छूट दी गयी है? यदि हाँ, वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में कुल कितने विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं? (ख) क्या अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के समस्त विद्यार्थियों को नि:शुल्क स्टेशनरी पुस्तकें प्रदान किये जाने का प्रावधान है? यदि है तो वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जिले में कुल कितने विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं? (ग) क्या विश्वविद्यालय समन्वय समिति के द्वारा अकादमिक कैलेंडर प्रतिवर्ष बनाया जाता है? यदि हाँ, तो कैलेंडर अनुसार कौन से समय में शैक्षणिक किस समय में शैक्षणेत्तर किस समय में सांस्कृतिक गतिविधियां निर्धारित की जाती है? उज्जैन जिले में प्रत्येक गतिविधियों में कैलेंडर के अनुसार कुल कितनी गतिविधियां वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक संचालित की गयी? (घ) वर्तमान में आदिवासी उपयोजना एवं विशेष घटक योजना के क्षेत्र में उच्च शिक्षा का विस्तार और विकास का कौन सा मॉडल तैयार हुआ है? (ङ) क्या उच्च शिक्षा विभाग द्वारा रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं? यदि कोई मॉडल या कार्ययोजना इस प्रकार की तैयार हुई हो तो जानकारी प्रस्तुत करें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। प्रवेश के समय विद्यार्थी द्वारा शिक्षण शुल्क जमा किया जाता है। तदोपरांत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों द्वारा संबंधित विभाग में आवेदन कर छात्रवृत्ति के रूप में शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति नियमानुसार की जाती है। (ख) जी हाँ, वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 25664 विद्यार्थी लाभांवित हुए। (ग) जी हाँ। शैक्षणिक, शैक्षणेत्तर एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की समय-सारणी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। उज्जैन संभाग में कुल 472 गतिविधियाँ संचालित की गई हैं। (घ) कोई विशेष मॉडल उच्च शिक्षा विभाग में नहीं है। आदिवासी उपयोजना एवं विशेष घटक योजना के क्षेत्र में भी नीतिगत निर्णयों के अनुरूप विकास कार्य किये जाते है। (ड.) जी हाँ। स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजनांतर्गत अल्पावधि रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण, कॅरियर अवसर मेले एवं नियमित प्लेसमेंट गतिविधियों के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परियोजना का क्रियान्वयन
[लोक निर्माण]
117. ( क्र. 2901 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में महाराष्ट्र सीमा से लखनादौन तक बनने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लागत कितनी है तथा प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग के अनुबंध के अनुसार कितने प्रतिशत कार्य करने के बाद ठेकेदार/फर्म टोल टैक्स वसूल कर सकती है? अनुबंध के अनुसार सड़क निर्माण कार्य करने वाली एजेन्सी टोल टैक्स वसूल करना प्रांरभ करने के बाद शेष बचा हुआ कार्य कितने समय में पूर्ण करना चाहिए? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा लखनादौन से निकलने वाले बंजारी से छपारा के मध्य फोरलेन सड़क निर्माण कार्य के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत कर आपत्ति दी है अथवा जानकारी मांगी है? यदि हाँ, तो क्या आपत्ति दी थी? यदि विभाग द्वारा विधायक को जानकारी प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध नहीं कराई गई तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु मार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परियोजना इकाई छिन्दवाड़ा के अधीन है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परियोजना इकाई-छिन्दवाड़ा से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
कोर एनर्जी ग्रुप के द्वारा किये गये कार्यों की जाँच
[ऊर्जा]
118. ( क्र. 2912 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पत्र क्रमांक/1123/2019, दिनांक 23-02-2019 को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव ऊर्जा विभाग को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (ख) पत्र क्रमांक/ 1583/2019/ तेरह/5, दिनांक 26.02.2019 जाँच हेतु पत्र क्रमांक/1492, दिनांक 25.02.2019 को प्रबंध संचालक एम.पी. पॉवर मेनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड जबलपुर को प्रेषित किया था? उस पर क्या क्या कार्यवाही हुई कार्यवाही दिनांक सहित प्रतिवेदन का विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) पत्र क्रमांक/383/पी.सी.सी. पोल/2019, दिनांक 10.06.2019 एवं पत्र क्रमांक/316/जाँच/2019, दिनांक 01.06.2019 को प्रमुख सचिव ऊर्जा मध्यप्रदेश शासन को पुन: प्रेषित किया गया, क्या कोई कार्यवाही प्रस्तावित की या कार्यवाही की? यदि हाँ, तो तो जानकारी देवें? (घ) म.प्र. में कोर एनर्जी सिस्टम प्राईवेट लिमिटेड द्वारा कितना कार्य कब से किया गया? निविदा सहित प्राक्कलन सहित अब तक की जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र दिनांक 23.02.2019 द्वारा नहीं अपितु पत्र क्रमांक 221/जाँच/2019, दिनांक 22.02.2019 के द्वारा विभाग को लेख किया गया था। उक्त पत्र में उल्लेखित तथ्यों/बिन्दुओं के परीक्षण हेतु एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को निर्देश दिये गये हैं। (ख) जी हाँ, विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 1586/2019/तेरह/5, दिनांक 26-02-2019 से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को उनके द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 221, दिनांक 22.02.2019 के विभाग में प्राप्त होने की सूचना देने हेतु नियमानुसार प्रेषित किया गया था एवं विभाग के पत्र क्र. 1492, दिनांक 25-02-2019 के माध्यम से प्रबंध संचालक, एम.पी. पॉवर मेनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड जबलपुर को माननीय प्रश्नकर्ता महोदय के उक्त पत्र में उल्लेखित तथ्यों/बिन्दुओं का परीक्षण कर प्रतिवेदन विभाग को उपलब्ध कराने हेतु लेख किया गया था। तत्पश्चात् एम.पी. पॉवर मेनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा प्रकरण की जाँच अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी द्वारा शीघ्र करवाये जाने हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को लेख किया गया। उक्त पत्र में उल्लेखित तथ्यों/बिन्दुओं के परीक्षण से संबंधित जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं परीक्षण उपरांत जाँच प्रतिवेदन से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को अवगत कराया जाएगा। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा सचिव, ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन को प्रेषित पत्र क्रमांक/383/पी.सी.सी. पोल/2019, दिनांक 10-06-2019 के परिप्रेक्ष्य में विभाग के पत्र दिनांक 19.06.2019 के द्वारा एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को परीक्षण हेतु निर्देश दिये गए हैं। प्रश्नांश में उल्लेखित माननीय विधायक महोदय का पत्र दिनांक 01.06.2019 विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार को संबोधित है जो कि पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को आर.ई.सी. लिमिटेड के माध्यम से प्राप्त हुआ है। उक्त तारतम्य में अधीक्षण अभियंता (संचा.-संधा.) बालाघाट को जाँच हेतु निर्देशित किया गया है। जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत मात्र म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर क्षेत्रांतर्गत जिला बालाघाट में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत एवं जिला कटनी और जिला दमोह में आई.पी.डी.एस. योजनांतर्गत मेसर्स कोर एनर्जी सिस्टम प्राईवेट लिमिटेड को टर्न की आधार पर कार्यादेश जारी किये गये हैं। ठेकेदार द्वारा किये गये कार्य की योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उज्जैन नगर में टोल रोडों का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 2918 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर और उसके चारों और स्थित टोल रोडों पर पृथक-पृथक वाहनवार, कितने-कितने अंतराल पर कितनी-कितनी राशि वसूली जा रही है? टोलवार दूरी और राशि का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार टोल रोडों के रख-रखाव के संबंध में प्रश्न दिनांक से विगत दो वर्षों में निरीक्षण के दौरान क्या-क्या अनियमितता पायी गयी तथा उसके संबंध में संबंधित निजी टोल कंपनी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी। (ग) क्या टोल नाकों के 5 कि.मी. की परिधि में आने वाले शहर एवं ग्रामवासियों के वाहनों के लिए टोल अदायगी में राहत दिये जाने का कोई प्रावधान है अथवा नहीं? यदि है, तो ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही कि जायेगी तथा कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) उज्जैन नगर के चारों ओर वर्तमान में (1) उज्जैन-नागदा-जावरा मार्ग (2) उज्जैन-इन्दौर मार्ग (3) सिंहस्थ बायपास टोल रोड बी.ओ.टी. योजनान्तर्गत प्रचलित है। मार्ग पर टोल प्लाजा क्रॉस करने पर होमोजिनियश सेक्शन का टोल लिया जाता है। टोलवार मार्गवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। (ख) निरीक्षण के दौरान ऐसी कोई अनियमितता नहीं हुई, जिससे कोई कार्यवाही की जाये। रख-रखाव एक सतत प्रक्रिया है। कन्सेशनायर द्वारा आवश्यक रख-रखाव किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। प्रत्येक अनुबन्ध में स्थानीय रहवासियों के लिये निर्धारित राशि जमा कर मासिक पास का प्रावधान है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
क्षिप्रा नदी के किनारों पर घाटों का निर्माण
[जल संसाधन]
120. ( क्र. 2919 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में उज्जैन तहसील में विभाग की कौन-कौन सी योजनाओं का कार्य चल रहा है तथा कार्य किस स्तर पर है और उन्हें कब तक पूरा कर लिया जायेगा तथा ऐसे कार्य जो स्वीकृति के बाद राशि के आभाव में रूके हों तथा ऐसे कार्य जो स्वीकृति उपरांत अन्य कारणों से रूके हों की जानकारी प्रदान करें। (ख) उज्जैन नगर में सिंहस्थ 2016 और उसके पूर्व शिप्रा नदी के दोनों किनारों पर कुल कितने घाटों का निर्माण किया जाना स्वीकृत किया गया था तथा उसमें से कितने घाटों का निर्माण किया गया तथा कितने घाटों का निर्माण शेष है? शेष रहे घाटों का निर्माण किया जायेगा अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) वर्तमान में किसी परियोजना का कार्य नहीं चल रहा है और न ही कोई कार्य स्वीकृत है। (ख) कुल 39 घाटों का निर्माण किया जाना स्वीकृत किया गया। सभी कार्य पूर्ण होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सिरमौर एवं जवा विकासखण्ड अंतर्गत स्टॉप डेम निर्माण
[जल संसाधन]
121. ( क्र. 2921 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि कृपया माननीय मंत्री महोदय यह बताने का कष्ट करेंगे कि (क) सिरमौर एवं जवा विकासखण्ड अंतर्गत विभाग द्वारा कुल कितने स्टॉप डेम का निर्माण कराया गया है तथा वह किन-किन स्थानों पर निर्मित हैं? (ख) क्या कई स्टॉप डेम में जल संग्रहण का कार्य नहीं कराया जा रहा है? कितने ऐसे स्टॉप डेम हैं, जिनमें जल संग्रहण नहीं हो रहा है? (ग) क्या कारण है कि काफी लागत से निर्मित किये गए ऐसे जल संग्रहण केन्द्रों का उपयोग विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा? क्या कई स्टॉप डेम वर्तमान में जर्जर अवस्था में हैं? यदि हाँ, तो ऐसे जल संग्रहण केन्द्रों को पुनः जल संग्रहण हेतु कब तक तैयार कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विभाग द्वारा विभागीय मद से सिरमौर एवं जवा विकासखण्ड में स्टॉप डेमों का निर्माण नहीं किया गया है। यद्यपि दूसरे विभाग से प्राप्त डिपॉजिट मद राशि से निर्मित कराये गये 40 स्टॉप डेमों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (ग) निर्माण पश्चात् स्टॉप डेमों का तत्समय हस्तांतरण संबंधित ग्राम पंचायतों को कर दिया जाता है। अत: जल संग्रहण होने या न होने उपयोग में आने या न आने एवं जर्जर स्थिति में होने या न होने की जानकारी विभाग विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। डिपॉजिट मद में निर्मित किये गये समस्त स्टॉप डेम विभाग के स्वामित्व में नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
विदिशा जिलांतर्गत मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 2935 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में ग्रामीण मार्ग, जिला मार्ग, राज्य मार्ग एवं राष्ट्रीय राजमार्ग कौन-कौन से हैं? पृथक-पृथक सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सिरोंज से इमलानी होते हुए गिरोद मार्ग, लटेरी से महानीम चौराहा मार्ग, लटेरी से दपकन-नजीराबाद मार्ग जिला मार्ग घोषित है? यदि हाँ, तो उक्त मार्गों के पुनः निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? उक्त मार्गों के निर्माण का कार्य विभाग की कौन सी एजेंसी कर रही है? कार्य कब तक प्रारंभ होगा? निर्माण की जानकारी दें। (ग) क्या लटेरी-महानीम चौराहा मार्ग जिला मार्ग घोषित है? यदि हाँ, तो इसके निर्माण की क्या योजनाएं हैं? यदि नहीं, तो जिला मार्ग घोषित कर लटेरी से महानीम चौराहा तक सीमेंट-कांक्रीट रोड टू-लेन पुल/पुलियाओं सहित विभाग बनावेगा, क्योंकि यहां कि भूमि डामरीकृत मार्ग के लिए उपयुक्त नहीं है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विदिशा जिले में ग्रामीण मार्ग, जिला मार्ग रा.रा. मार्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। लटेरी से महानीम चौराहा मार्ग के निर्माण का कार्य ए.डी.बी. 6/7 योजना अंतर्गत स्वीकृत वर्तमान में निविदा कार्यवाही एवं अनुबंध न होने से कार्य प्रारंभ की तिथि बताई जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। लटेरी से महानीम चौराहा मार्ग के निर्माण का कार्य ए.डी.बी. 6/7 योजना अंतर्गत स्वीकृत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में खेलों को बढ़ावा दिया जाना
[खेल और युवा कल्याण]
123. ( क्र. 2938 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के ग्रामीण क्षेत्र में खेल को बढ़ावा देने के लिये म.प्र. शासन की कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही है? (ख) क्या खेल शिक्षकों की कमी पूरे म.प्र. में है? जिले के उत्कृष्ट विद्यालयों को छोड़कर गांव के विद्यालयों में पद स्वीकृत नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्या ग्रामीण अंचल के विद्यालयों में खेल शिक्षक रखे जाने की सरकार की कोई योजना है? (ग) क्या जिला संभाग एवं राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में ग्रमीण अंचल के विद्यालयों के विद्यार्थियों की भागीदारी बहुत कम रहती है? यदि हाँ, तो इसके पीछे क्या कारण हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
अपर ककेटो बांध के डूब क्षेत्र की आबादी का विस्थापन
[जल संसाधन]
124. ( क्र. 2939 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर शिवपुरी द्वारा तहसील बैराड के ग्राम बूढदा में वर्ष 2018 में अपर ककेटो बांध से जलभराव होने के कारण ग्राम की आबादी के विस्थापन हेतु अपर मुख्य सचिव जल संसाधन विभाग भोपाल को अपने पत्र क्रमांक 181/भू-अर्जन/2018 शिवपुरी, दिनांक 10.9.2018 द्वारा जल संसाधन विभाग शिवपुरी एवं अनुविभागीय अधिकारी पोहरी के स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन संलग्न कर अनुरोध किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या अनुविभागीय अधिकारी पोहरी ने अपने स्थल निरीक्षण प्रतिदन में ग्राम बूढदा की आबादी को तीन तरफ से पानी से घिरा होने के कारण ग्राम में आवागमन प्रभावित होने, पीने के पानी के स्त्रोत कुआ, हैण्डपम्प, नलकूप का पानी प्रदूषित होने, ग्राम में विद्युतीकरण न होने तथा ग्राम के डूब क्षेत्र में होने के कारण विकास कार्य स्वीकृत न होने संबंधी परेशानियों का भी उल्लेख किया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि हाँ, तो कलेक्टर शिवपुरी के पत्र पर विभाग द्वारा पत्र प्राप्ति के उपरांत प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? उक्त ग्राम में चालू वर्ष में बरसात होने पर यदि पुनः जलभराव हुआ तो इस हेतु कौन जिम्मेदार होगा? कब तक ग्राम बूढदा की शेष आबादी के विस्थापन की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) म.प्र. शासन, जल संसाधन विभाग की पुनर्वास नीति अनुसार बांध की एम.डब्ल्यू.एल. लाईन के बाहर के परिवार पुनर्वास नीति के अंतर्गत पात्र नहीं होने से लाभ की उन्हें पात्रता नहीं है। इस वर्ष भी जल भराव होने पर किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
रीवा में स्थापित सोलर प्लांट
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
125. ( क्र. 2942 ) श्री विनय सक्सेना : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या रीवा में विश्व का सबसे बड़ा सोलर प्लांट स्थापित है? यदि हाँ, तो क्या इससे उत्पन्न हो रही बिजली राज्य को मिल रही है? यदि नहीं, तो उत्पादित बिजली का उपभोक्ता कौन है?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : जी नहीं। रीवा सौर परियोजना की कुल क्षमता 750 मेगावाट है, जिसमें से अभी तक 640 मेगावाट का कमीशन हो चुका है। इससे उत्पादित बिजली उत्पादन के प्रारंभ, यथा 6 जुलाई, 2018 से ही राज्य की विद्युत वितरण कम्पनियों को मिल रही है, जिसके लिए म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड से अनुबंध निष्पादित है। कुल 750 मेगावाट ओपन एक्सेस के विरूद्ध 651 मेगावाट क्षमता से म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड को और 99 मेगावाट के विरूद्ध दिल्ली मेट्रो को विद्युत प्रदाय की व्यवस्था है।
विदयुत अधोसंरचना विकास के संबंध में
[ऊर्जा]
126. ( क्र. 2953 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर एवं चंबल राजस्व संभाग में किस-किस जिले में विद्युत अंधोसंरचना विकास हेतु 140 k.g. के सीमेंट पोलों की कितनी-कितनी आपूर्ति की गई और किस-किस दर पर? पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित राजस्व संभागों में म.क्षे.वि.वि.कं. में इमरजेंसी में सीमेंट पोलों की आपूर्ति काफी बढ़ी दरों पर की गई? यदि हाँ, तो अंतर क्या था और खरीदी की आपूर्ति कितने समय के लिए प्रभावशील थी? (ग) क्या निश्चित समय-सीमा के बाद भी किसी अधिकारी द्वारा आपूर्ति की डी.आई. की समय-सीमा बढ़ाई गई? यदि हाँ, तो इससे कंपनी को कितनी आर्थिक हानि हुई? अब तक दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक (30.06.2019 तक) तक ग्वालियर एवं चंबल राजस्व संभागों में विद्युत अधोसंरचना विकास के कार्यों हेतु 140 कि.ग्रा. के सीमेंट पोलों की आपूर्ति एवं दर संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत ग्वालियर एवं चंबल राजस्व संभागों में सौभाग्य योजनान्तर्गत निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने हेतु इमरजेंसी में सीमेंट पोलों की आपूर्ति बढ़ी दरों पर की गई। प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु इमरजेंसी में क्रय किये सीमेंट पोलों के विरूद्ध प्राप्त बढ़ी दरों एवं प्रभावशील समयावधि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) ग्वालियर क्षेत्रान्तर्गत निश्चित समय-सीमा के बाद एक प्रकरण में आपूर्ति की डी.आई. की समय-सीमा बढ़ाई गई। इस प्रकरण में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को हुई आर्थिक हानि की जाँच प्रक्रियाधीन है, जिसमें श्री विनोद कटारे, महाप्रबंधक चालू प्रभार (संचा./संधा.) वृत्त ग्वालियर को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है।
एन.जी.टी. एवं प्रदूषण बोर्ड के विरूद्ध कार्य
[पर्यावरण]
127. ( क्र. 2970 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले के नरसिंहगढ़ एवं इमलाई गांव में स्थापित माईसेम सीमेन्ट प्रायवेट लिमिटेड इकाई द्वारा एन.जी.टी. एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड के विरूद्ध कार्य कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो पर्यावरण विभाग द्वारा प्रबंधन के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या माईसेम सीमेंट फैक्ट्री की सूखा सतपारा खदान का पर्यावरण विभाग एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा वित्तीय वर्ष 2019 में निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो निरीक्षण दिनांक बताईये? यदि नहीं, तो पर्यावरण को संरक्षित करने हेतु उक्त खदान को बंद किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। दिनांक 08/06/2019 को निरीक्षण किया गया, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सागर जिले में सड़क मार्ग संबंधी
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 2971 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या सागर जिले के लोक निर्माण उप संभाग रहली के अंतर्गत चनौआ-जामघाट-रानगिर-ज्वाप मार्ग को मुख्य जिला मार्ग घोषित कर मार्ग निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गई थी तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्ग की टेंडर प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है? यदि नहीं, तो निविदा कब तक आमंत्रित की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संबल योजना का क्रियान्वयन
[श्रम]
129. ( क्र. 2978 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व सरकार द्वारा असंगठित शहरी एवं ग्रामीण श्रमिकों एवं कर्मकारों के लिये शुरू की गयी संबल योजना का संचालन वर्तमान सरकार द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो जनवरी 2019 से 10 जून, 2019 तक संबल की अंत्येष्टि सहायता, अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्य एवं दुर्घटना मृत्यु), सरल बिजली बिल योजना, प्रसव पूर्व जाँच (ए.एन.सी.), प्रोत्साहन योजना, प्रसव उपरान्त सहायता योजना, महाविद्यालय शिक्षा प्रोत्साहन योजना तथा समाधान बिजली बिल योजना के तहत पूरे प्रदेश में कुल कितने हितग्राहियों को सहायता दी गयी? (ग) उपरोक्त योजनाओं के तहत इन्दौर जिले में जनवरी, 2019 से जून, 2019 तक हितग्राहियों की संख्या एवं दी गयी कुल सहायता राशि का विवरण प्रदान करें।
श्रम मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। योजना का संचालन पूर्ववत किया जा रहा है। (ख) 01 जनवरी, 2019 से 10 जून, 2019 के मध्य हितग्राहियों की संख्या एवं सहायता राशि का वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) 01 जनवरी, 2019 से 10 जून, 2019 के मध्य हितग्राहियों की संख्या एवं सहायता राशि का वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
कन्हान कॉम्पलेक्स सिंचाई योजना की जानकारी
[जल संसाधन]
130. ( क्र. 2987 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छिन्दवाड़ा के लिए जो कन्हान कॉम्पलेक्स सिंचाई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो योजना के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कन्हान कॉम्पलेक्स सिंचाई योजना की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) कन्हान कॉम्पलेक्स सिंचाई योजना के अंतर्गत परासिया विधानसभा क्षेत्र की कितनी भूमि को सिंचित किया जायेगा और योजना से कौन-कौन से ग्राम लाभान्वित होंगे? (ग) क्या कन्हान कॉम्पलेक्स सिंचाई योजना का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? अगर नहीं किया गया है तो इसका क्या कारण है? कब तक सिंचाई योजना का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। निविदा आमंत्रित कर निविदा स्वीकृत की गई है। परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) 2,000 हे. भूमि को सिंचित किया जाना प्रस्तावित है। लाभांवित ग्रामों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अनुबंध निष्पादन नहीं होने से। अनुबंध निष्पादन के उपरांत।
प्रस्तावित/स्वीकृत नवीन विद्युत सब-स्टेशन
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 2992 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ नए विद्युत सब-स्टेशन बनाना प्रस्तावित/स्वीकृत है? (ख) क्या शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड पिछोर के ग्राम रूपेपुर में विद्युत सब स्टेशन बनाने की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई है? (ग) यदि हाँ, तो यह विद्युत सब स्टेशन कब तक स्वीकृत किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में किसी भी नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य प्रस्तावित/स्वीकृत नहीं है तथापि उल्लेखनीय है कि शिवपुरी जिले में तकनीकी साध्यता के अनुरूप विगत 2 वर्षों में 33/11 के.व्ही. के 3 नवीन विद्युत उपकेन्द्रों यथा सुरवायागढ़ी (पाटखेड़ा), विलोकता एवं बीरा के निर्माण का कार्य किया गया है। (ख) जी हाँ, शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड पिछोर के ग्राम रूपेपुर में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने की मांग-ग्रामीणों द्वारा माह जनवरी 2017 में की गई थी। सर्वे उपरांत उक्त विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
झारड़ा महाविद्यालय के किराये भुगतान संबंधी जानकारी
[उच्च शिक्षा]
132. ( क्र. 3006 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के झारड़ा महाविद्यालय का कितना किराया भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है? (ख) इसके भवन की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, झारड़ा वर्तमान में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, झारड़ा के 04 कक्षों में संचालित किया जा रहा है। अतः प्रतिमाह महाविद्यालय के किराया भुगतान किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शासकीय महाविद्यालय, झारड़ा के भवन निर्माण हेतु अभी भूमि आवंटित नहीं हुई है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
उज्जैन संभाग में स्थापित पवन/सौर ऊर्जा संयंत्र
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
133. ( क्र. 3007 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विगत 05 वर्षों में पवन व सौर ऊर्जा के संयंत्र कहाँ-कहाँ कब से स्थापित हैं? जिलेवार, विधानासभावार बतावें। (ख) प्रत्येक संयंत्र के अनुबंध की प्रमाणित जानकारी देवें। शासन को विदयुत विक्रय करने संबंधी नियम व अनुबंध की प्रति संयंत्रवार पृथक से देवें। (ग) संयंत्र प्रारंभ होने से 31-05-2019 तक उत्पादित विदयुत की जानकारी भी संयंत्रवार माहवार देवें। इनमें शासन को विक्रय विदयुत एवं भुगतान की जानकारी भी महावार देवें? (घ) इनके द्वारा निजी क्षेत्र को विक्रय की गई विदयुत की जानकारी भी संयंत्रवार, माहवार वर्षवार देवें।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) उज्जैन संभाग में विगत 05 वर्षों में पवन व सौर ऊर्जा संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शासन को विद्युत विक्रय करने संबंधी नियम व अनुबंध के संदर्भ में ईकाई एवं राज्य की संस्था म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के मध्य संपादित विद्युत विक्रय अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
सागर में पदस्थ कार्यपालन यंत्री/अनुविभागीय अधिकारी/उपयंत्री
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 3016 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. संभाग सागर में पदस्थ कार्यपालन यंत्री/अनुविभागीय अधिकारी/उपयंत्री जो तीन वर्ष से अधिक एक ही स्थान पर/प्रभार पर पदस्थ हैं? उनकी नामवार/पदनामवार/स्थानवार/गृह जिला/पदस्थ होने की दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में पदस्थ अधिकारी यदि तीन वर्ष से अधिक तथा एक ही स्थान पर गृह जिले में पदस्थापना संबंधी सभी औपचारिकतायें पूर्ण नहीं करते हैं तो उनकी पदस्थापना क्यों की गई है? (ग) क्या विभाग द्वारा तीन वर्ष से अधिक गृह जिले में पदस्थापना को देखते हुये क्या इन अधिकारियों के पदस्थापना अन्यत्र करने हेतु विभाग कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रशासनिक दृष्टिकोण से। (ग) स्थानांतरण नीति 2019-20 की कंडिका-11.4 में निहित प्रावधान अनुसार ‘‘यह अनिवार्य नहीं है, कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे।’’
लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
135. ( क्र. 3042 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कुल कितने किलो मीटर सी.सी. रोड, डामर रोड, गिट्टी रोड तथा कच्ची सड़कें हैं? पिछले 5 वर्ष में किस-किस प्रकार की कितने कि.मी. सड़क बनाई गई तथा कितने कि.मी. कार्य अभी प्रचलन में हैं। (ख) प्रश्नांश (क) की सड़कों के नाम (गांव सहित) लंबाई, सड़क का प्रकार सहित सूची देवें तथा बतावें कि पिछले 5 वर्षों में आदिवासी उपयोजना की कितनी राशि किस-किस मार्ग के निर्माण में लगाई गई तथा वर्षवार कितनी राशि लगी? (ग) सरदापुर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 03 वर्षों में पेंच वर्क और मरम्मत के नाम पर किस-किस सड़क पर कितनी राशि का कार्य किस-किस ठेकेदार द्वारा किया गया कौन-कौन सी सड़क ग्यांरटी अवधि में है, लेकिन टूट-फूट गयी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है। परफारमेंस गारन्टी अंतर्गत कोई सड़क टूटी नहीं है।
इन्दौर संभाग अंतर्गत महाविद्यालयों संबंधी जानकारी
[उच्च शिक्षा]
136. ( क्र. 3043 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2018 तक इन्दौर संभाग के अन्तर्गत शा. महाविद्यालयों में अध्ययनरत कुल विद्यार्थियों की संख्या तथा इस हेतु खर्च की गई कुल राशि की वर्षवार जानकारी दें तथा बतावें कि उक्त अवधि में एक विद्यार्थी पर प्रतिवर्ष अनुसार कितना-कितना खर्च हुआ। (ख) जून 2019 की स्थिति में इन्दौर संभाग अन्तर्गत महाविद्यालयों में अध्यापकों की संख्या, अतिथि विद्वानों की संख्या देवें एवं बतावें कि 2014 की तुलना में विद्यार्थियों की संख्या में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? यदि कमी हुई तो कारण बतावें। (ग) क्या पिछले वर्षों में जो स्मार्ट फोन वितरित किये गये थे वे घटिया गुणवत्ता के थे तथा उनकी खरीदी में नियमों के विपरीत प्रक्रिया की गई तथा उसमें 100 करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार हुआ? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि तथा रोजगार मूलक शिक्षा के लिये क्या क्या नवाचार किया जा रहा है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) स्मार्ट फोन संबंधी क्रय प्रक्रिया मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेव्हलपमेंट कार्पोशन लिमिटेड, भोपाल द्वारा सम्पादित की गई थी। निगम की निविदा उपरांत चयनित एजेन्सी के माध्यम से अनुमोदित Specifications के स्मार्ट फोन का वितरण किया गया था। विभाग द्वारा स्मार्ट फोन की क्रय प्रक्रिया एवं गुणवत्ता की जाँच कराई जा रही है। (घ) रूसा एवं MPHEQIP परियोजना के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार परियोजना संचालित है, जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हेतु विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों का नैक एक्रेडिटेशन कराया गया है, नवीन आदर्श महाविद्यालयों की स्थापना की गई है, डिग्री महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालयों के रूप में उन्नयित किया गया है, स्वायत्त महाविद्यालयों को उन्नयित कर विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है, भवन विहीन महाविद्यालयों के भवन निर्माण की प्रक्रिया जारी है, प्रयोगशालाओं का उन्नयन एवं उच्च गुणवत्ता युक्त प्रयोगशालाओं एवं पुस्तकालयों का निर्माण तथा ई-लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान की जा रही है।
स्वीकृत/मजबूतीकरण कार्य/नवीन सड़क मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
137. ( क्र. 3056 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2016-17, 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़क मार्गों की स्वीकृति/मजबूतीकरण कार्य/नवीन सड़क मार्ग की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई थी? सड़क मार्ग का नाम, लागत एवं स्वीकृति दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कितने सड़क मार्गों के कार्य का अनुबंध विभाग द्वारा कर दिया गया है एवं कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण कर लिये गये हैं, निर्माणाधीन हैं, कार्य प्रारंभ होना शेष हैं? (ग) क्या एजेंसी द्वारा वर्तमान में निर्माणाधीन सड़क मार्गों का कार्य रोक दिया गया है या धीमी गति से हो रहा है? जानकारी कारण सहित देवें। (घ) निर्माणाधीन सड़क मार्गों के कार्य रोकने/धीमी गति से होने के कारण उन मार्गों पर रहने वाले दुकानदार/निवासियों/राहगीरों को हो रही असुविधा के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग द्वारा इस संबंध में कार्य एजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन के अंतर्गत कार्यों की आवश्यकतानुसार वनक्षेत्र में वांछित चौड़ाई में कार्य करने हेतु आवश्यक अनुमति में विलंब होने के कारण। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना का क्रियान्वयन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
138. ( क्र. 3057 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के अंतर्गत सोलर ऊर्जा पर आधारित पम्प संयंत्र स्थापना हेतु जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सोलर पम्प पंजीयन हेतु निर्धारित शुल्क के साथ कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? आवेदकों की नामवार, ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना के अंतर्गत प्रकरणों को कितने दिवस की समय-सीमा में स्वीकृत किये जाने का नियम है? (ग) प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? कितने प्रकरण किन कारणों से अस्वीकृत किये गये एवं कितने प्रकरण स्वीकृति हेतु अभी भी लंबित हैं? स्वीकृत प्रकरणों की प्राप्ति का दिनांक एवं स्वीकृति दिनांक प्रकरणवार देवें। लंबित प्रकरणों की सूची नामवार एवं ग्रामवार देवें। प्रकरण लंबित रहने के क्या कारण हैं एवं लंबित प्रकरण कब तक स्वीकृत हो जायेंगे?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) "मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना" के अन्तर्गत सोलर ऊर्जा पर आधारित पम्प संयंत्र स्थापना हेतु जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत निर्धारित शुल्क के साथ सोलर पम्प के स्थापना हेतु 13 आवेदन प्राप्त हुए। आवेदकों की नामवार, ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना अन्तर्गत किसान द्वारा पूर्ण हितग्राही अंश जमा करा देने की दिनांक से लगभग 120 दिवस में सोलर पम्पों की स्थापना का कार्य पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा निर्धारित है। (ग) मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के प्रांरभ (15 अप्रैल, 2017) से प्रश्न दिनांक तक पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में 77 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से माह नवम्बर 2017 तक कुल प्राप्त 64 आवेदन/प्रकरणों को स्वीकृत किया गया है। स्वीकृत प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। लंबित प्रकरणों की नामवार एवं ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
विद्युतीकरण की संचालित योजनाएं
[ऊर्जा]
139. ( क्र. 3058 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत कंपनी द्वारा विद्युतविहीन ग्रामों, मजरा, टोला आदि के विदयुतीकरण की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों का विदयुतीकरण का कार्य नहीं हुआ है और यदि नहीं, तो कब तक होगा? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में उक्त विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर ट्रांसफार्मर कब से खराब हैं? उनके न बदलने के क्या कारण हैं तथा कब तक खराब अथवा जले हुए ट्रांसफार्मर बदल दिये जायेंगे? (ग) मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में उक्त विधान सभा क्षेत्र में कितने किसानों के ट्रांसफार्मर रखवाये जाना शेष हैं एवं इनको कब तक रखवा (स्थापित कर) दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विद्युतीकरण की कोई भी योजना संचालित नहीं है। अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कोई भी ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में उक्त विधानसभा क्षेत्र में कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर खराब नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 4 किसानों के स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन कार्य हेतु वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने शेष हैं, जिन्हें वरीयता अनुसार अगस्त-19 तक स्थापित कर कार्य-पूर्ण करने के प्रयास हैं।
विजयपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत चेटीखेड़ा बांध निर्माण
[जल संसाधन]
140. ( क्र. 3063 ) श्री सीताराम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विजयपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत चेटीखेड़ा बांध पूर्व से स्वीकृत हैं तथा म.प्र. शासन की स्वीकृति के बाद भी कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हुआ है? क्या इससे कई गांवों की जमीन को सिंचाई का लाभ होगा तथा पेयजल की भी पूर्ति होगी। (ख) यदि हाँ, तो कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा और यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। परियोजना की स्वीकृति नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
राजेन्द्र सागर तालाब में अवैध कब्जा
[जल संसाधन]
141. ( क्र. 3065 ) श्री राकेश गिरि : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ तहसील क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक मण्डल समर्रा स्थित राजेन्द्र सागर तालाब का जल गृहण (जल भराव) क्षेत्र कितना है? (ख) क्या राजेन्द्र सागर तालाब का जल भराव क्षेत्र जब खाली होता है तो उस पर अवैध कब्जाधारियों द्वारा अनाधिकृत रूप से कब्जा कर खेती की जाती है? यदि हाँ, तो कितने वर्षों से उनके द्वारा कब्जा किया जाकर खेती की जा रही है? रकवा सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो अनाधिकृत रूप से कब्जा कर खेती करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कब तक राजेन्द्र सागर तालाब के जलोढ़ क्षेत्र से अवैध कब्जा हटा दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जल ग्रहण क्षेत्र 62.72 वर्ग कि.मी., जल भराव क्षेत्र 678.14 हे. है। (ख) जी हाँ वर्ष 1998-99 से। 240 से 266 हे.। (ग) निर्धारित दाण्डिक राशि रू. 1182/- प्रति एकड़ लघु कृषकों एवं रू. 1253/- प्रति हे. सीमांत कृषकों पर अधिरोपित की जाती है। अनाधिकृत खेती उन कृषकों द्वारा की जाती है, जिनकी जमीन तालाब निर्माण के समय अधिग्रहित की गई थी। जल भराव के उपरांत अनाधिकृत कब्जा स्वत: समाप्त हो जाता है।
‘सरल बिल’ योजनांतर्गत से माफ किये बिल
[ऊर्जा]
142. ( क्र. 3071 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ‘सरल बिल’ योजनांतर्गत भिण्ड एवं अटेर विधान सभा क्षेत्र में कितने उपभोक्ताओं के कितनी उपभोक्ताओं के कितनी राशि के बिल माफ किये गये हैं? संख्यात्मक विवरण दें। (ख) भिण्ड अटेर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ऐसे कितने व्यवसायिक उपभोक्ताओं को घरेलू उपभोक्ताओं में परिवर्तित कर के सरल बिल माफी योजना का लाभ पहुंचाया गया है? उपभोक्ता का नाम, पता एवं राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या सरल बिल योजनांतर्गत अपात्र उपभोक्ताओं को भी अनाधिकृत रूप से लाभ पहुंचाया गया है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही और कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) ''मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम, 2018'' के अंतर्गत भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में 29618 उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों की कुल रू. 144.34 करोड़ तथा अटेर विधानसभा क्षेत्र में 23866 उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों की कुल रू. 43.75 करोड़ की बकाया राशि माफ की गई है। (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में 1 व्यवसायिक श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता श्री जहार सिंह, निवासी लश्कर रोड भिण्ड उपभोक्ता सर्विस क्रमांक 3372232000 के कनेक्शन को घरेलू श्रेणी में परिवर्तित कर ''मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम, 2018'' के अंतर्गत राशि रू. 1,52,853/- का लाभ दिया गया है। इस अनियमितता के प्रकरण की जाँच कर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। अटेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किसी भी व्यवसायिक श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता कनेक्शन को घरेलू श्रेणी में परिवर्तित नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ, मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम, 2018 के अंतर्गत भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में 46 अपात्र उपभोक्ताओं को 10 अधिकारियों की आई.डी. का दुरूपयोग कर लाभ पहुँचाया गया था। उक्त अधिकारियों के विरूद्ध की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सौभाग्य एवं दीनदयाल ग्रामीण योजना
[ऊर्जा]
143. ( क्र. 3073 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में सौभाग्य योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना किस वर्ष से प्रारंभ की गयी है? योजना प्रारंभ दिनांक से वितरण कंपनी के संभागवार कितने-कितने प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं? दोनों योजनाओं के पृथक-पृथक स्वीकृत प्राक्कलनों की संख्या व प्राक्कलन राशि का संख्यात्मक विवरण वितरण कंपनी के संभागवार/योजनावार दी जाये? (ख) क्या दोनों योजनाओं में स्वीकृति प्राक्कलनों का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों और किन स्वीकृति प्राक्कलनों का भुगतान नहीं किया गया? संख्यात्मक विवरण दें। (ग) सौभाग्य योजनाओं एवं दीनदयाल योजनान्तर्गत किये गए कार्यों एवं बिलों के भुगतान से पहले भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया है? क्या स्वीकृत प्राक्कलनों के अनुसार कार्य किया गया था? (घ) सौभाग्य योजना से दीनदयाल योजना में तथा दीनदयाल योजना से सौभाग्य योजना में कौन-कौन से प्राक्कलन परिवर्तित किये गये हैं? यदि हाँ, तो वरिष्ठ अधिकारियों से स्वीकृति प्राप्त की गयी थी? परिवर्तित प्राक्कलनों की कार्य योजनावार पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन माह अक्टूबर 2017 से एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का क्रियान्वयन माह दिसम्बर, 2017 से प्रारम्भ किया गया है। योजना प्रारंभ दिनांक से सौभाग्य योजना के तहत भिण्ड जिले में कुल 557 प्राक्कलन राशि रु. 4752.02 लाख तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत कुल 241 प्राक्कलन राशि रु. 5753.58 लाख के स्वीकृत किये गये जिनका संभागवार एवं योजनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नही, उक्त योजनाओं में स्वीकृत सभी प्राक्कलनों का भुगतान नहीं हुआ है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का कार्य वर्तमान में संचालित है एवं सौभाग्य योजना में किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। सौभाग्य योजना में सत्यापन उपरांत कार्य में कमी प्राप्त होने पर स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कार्य को पूर्ण कराया जा रहा है, जिसके उपरांत बिलों का भुगतान किया जावेगा वर्तमान में भुगतान हेतु लंबित प्राक्कलनों का विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
योजना का नाम |
स्वीकृत प्राक्कलनों की संख्या |
भुगतान हेतु लंबित प्राक्कलनों की संख्या |
1 |
सौभाग्य योजना |
557 |
511 |
2 |
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्याति योजना |
241 |
209 |
(ग) सौभाग्य एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत किये गये कार्यों एवं बिलों के भुगतान से पहले भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारियों का विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारी का नाम |
पद |
1 |
श्री राकेश सिंह |
सहायक यंत्री |
2 |
श्री अंकित त्रिपाठी |
कनिष्ठ यंत्री |
3 |
श्री रणवीर सिंह राजपूत |
कनिष्ठ यंत्री |
उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार स्वीकृत प्राक्कलनों के प्रावधान अनुसार ही सौभाग्य एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत कार्यों का क्रियान्वयन किया गया है/किया जा रहा है तथापि भौतिक सत्यापन उपरांत स्वीकृत प्राक्कलन से कम कार्य पाए जाने पर स्वीकृति अनुसार कार्य पूर्ण कराया जा रहा है। (घ) उक्त योजनायें भारत सरकार द्वारा संचालित की गई, जिनमें ग्राम पृथक से वर्गीकृत नहीं थे एवं सौभाग्य योजना के अंतर्गत विद्युत अधोसंरचना विकास के कार्यों को निर्धारित समय-सीमा मार्च-2019 में पूर्ण करना था। तदनुसार उक्त योजनाओं अंतर्गत स्वीकृत प्राक्कलनों को उप महाप्रबंधक (एस.टी.सी.) की अनुशंसा पर उप महाप्रबंधक (सं./सं.) द्वारा परिवर्तित कर स्वीकृत किया गया था। उक्त परिवर्तित किये गये प्राक्कलनों में केवल योजना को परिवर्तित किया गया है, राशि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उपरोक्त दोनों योजनाओं में 32 प्राक्कलन सौभाग्य योजना से दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में एवं 37 प्राक्कलन दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना से सौभाग्य योजना में परिवर्तित किये गये थे। प्रश्नाधीन चाही गई योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 एवं अ-2 अनुसार है।
जतारा विधान सभा अंतर्गत खेल प्रतियोगिताओं की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
144. ( क्र. 3085 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में विभाग द्वारा जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक के मध्य कब कब कितनी-कितनी राशि, खेलों को बढ़ावा देने केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा भेजी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि कहाँ-कहाँ से कब तक, कौन-कौन से खेलों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिले को प्रश्न दिनांक तक अभी और कितनी राशि की आवश्यकता है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि म.प्र. के खिलाड़ियों का कौन सा खेल टीकमगढ़ जिले के नगर जतारा में इस वर्ष होने जा रहा है? नगर जतारा, पलेरा एवं लिधौराखास के खेल के मैदान स्टेडियम हेतु कौन-कौन से खसरा नम्बर के कितने रकबा की भूमि शासन द्वारा कब से आवंटित है? प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि स्टेडियम बनाने हेतु स्वीकृत की गयी है? राशि कब तक स्वीकृत होगी और यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिलों को अभी तक कोई राशि की आवश्यकता नहीं है। (घ) म.प्र. के खिलाड़ियों का नगर जतारा में कोई भी खेल प्रतियोगिता वर्तमान में होना प्रस्तावित नहीं है। पलेरा एवं लिधौराखास में खेल एवं युवा कल्याण, टीकमगढ़ के नाम कोई भूमि आवंटित नहीं है। नगर जतारा में शास.उ.मा. विद्यालय के पास भूमि खसरा नम्बर 2087, रकबा 0.486 हे., ख.न. 2126 रकबा 0.125 हे. एवं ख.न. 2127 रकबा 0.275 कुल रकबा 0.886 हे. भूमि आदेश दिनांक 03/12/2012 द्वारा आवंटित की गई है। जतारा में स्टेडियम निर्माण स्वीकृत नहीं होने से राशि स्वीकृत नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पराई नदी पर परेवा बांध का निर्माण
[जल संसाधन]
145. ( क्र. 3086 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में पराई नदी, परेवा बांध कब स्वीकृत किया गया था, वह कितनी लागत से, किस-किस ग्राम के किसानों को, कितनी कुल हेक्टेयर भूमि सिंचित करने का प्रावधान था? प्रश्न दिनांक तक किस जनप्रतिनिधि एवं किस-किस की आपत्ति के कारण यह बंद कर दिया गया था? ऐसे सभी आदेशों की छायाप्रतियां प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि इस योजना की स्वीकृति उपरांत किस दर पर, किस ठेकेदार को यह काम दिया गया था? कार्य आदेश देने एवं बंद कराने एवं अन्य सभी आदेशों की छायाप्रति प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर यह भी बताएं कि पूर्व में लागत क्या थी और अब पुनरीक्षित योजना कितनी-कितनी राशि की है? पूर्व में यहा कार्य कहाँ पर स्वीकृत था? अब पुनरीक्षित योजना में कहाँ करवाया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि स्वीकृत पराई नदी के परेवा बांध कार्य पुन: कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) पराई नदी पर परेवा बांध की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से प्रश्नाधीन विवरण दिए जाना संभव नहीं है।