मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2016 सत्र
मंगलवार, दिनांक 06 दिसम्बर, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
कृषक
अनुदान योजना
अन्तर्गत स्थापित
ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
1. ( *क्र. 458 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 में दमोह जिले के हटा, पटेरा विकासखण्ड में कृषक अनुदान योजना के अन्तर्गत कितने ट्रांसफार्मर रखे गये? कृषक का नाम पतावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में क्या उल्लेखित योजना अन्तर्गत लगाये गये वितरण ट्रांसफार्मर संबंधी ए.ई. हटा एवं जे.ई. पटेरा की लेनदेन संबंधी शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय मंत्री को की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायत की जांच व ए.ई. हटा जे.ई. पटेरा पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? छायाप्रति उपलब्ध करायें एवं कार्यवाही नहीं हुई तो कब तक होगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दमोह जिले में कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत हटा विकासखण्ड में वर्ष 2014-15 में 64 व वर्ष 2015-16 में 34 ट्रांसफार्मर रखे गये एवं पटेरा विकासखण्ड में वर्ष 2014-15 में 11 तथा वर्ष 2015-16 में 12 ट्रांसफार्मर रखे गये। वर्षवार, विकासखण्डवार, कृषक का नाम एवं पते सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1', 'अ-2', 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शिकायत की जांच कार्यपालन अभियंता, उत्तर संभाग, दमोह द्वारा की गई एवं जांच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक 330 दिनांक 18.11.2016 के माध्यम से अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.) वृत्त दमोह को प्रेषित किया गया है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। उक्त जांच में श्री सुनील कुमार साहू, सहायक अभियंता हटा को प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर मुख्य अभियंता, सागर के आदेश क्रमांक 4296-97, दिनांक 25.11.2016 द्वारा उन्हें कार्यालय अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.) दमोह में स्थानान्तरित कर दिया गया है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा की गई शिकायत दिनांक 11.08.2016 की जांच में श्री संजय कुमार जैन, कनिष्ठ अभियंता-पटेरा के विरूद्ध कोई अनियमितता नहीं पाई गई तथापि शिकायत को दृष्टिगत रखते हुए एवं श्री संजय कुमार जैन, कनिष्ठ अभियंता के तीन वर्ष से पटेरा वितरण केन्द्र में पदस्थ रहने के कारण उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था होने पर स्थानान्तरित कर दिया जायेगा।
अविद्युतीकृत टोले/मजरों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
2. ( *क्र. 1520 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत विकासखण्ड मझौली, कुसमी एवं देवसर के अविद्युतीकृत ग्रामों के टोले-मजरों में कब तक विद्युतीकरण किया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जो ग्राम पूर्व से विद्युतीकृत हैं एवं वोल्टेज की समस्या है? ऐसे ग्राम सिरौला जमुआ नं. 01 गिजवार, सिलवार, सदनिहा, नेबूहा, खड़ौरा, छोही, करमाई, नौढ़िया, गंगेई देवई, चोरवा, ताला, मेड़रा, बंजारी, जोवा, दादर, मड़वास, अमहिया, परासी, डालापीपल, दरिया, सिकरा एवं दांगी एवं सिरौली में अतिरिक्त ट्रंसफार्मर लगाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संजय नेशनल पार्क के अंतर्गत 31 ग्राम जो अविद्युतीकृत हैं, उनमें विद्युतीकरण किये जाने के लिये माननीय मुख्य मंत्री जी के द्वारा घोषणा की गयी थी? यदि हाँ, तो विद्युतीकरण कब तक कर दिया जावेगा? (घ) क्या ग्राम मड़वास में 132 के.व्ही. के सब स्टेशन निर्माण किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं निर्माण कार्य कब शुरू किया जायेगा एवं कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अन्तर्गत विकासखण्ड मझौली, कुसमी एवं देवसर के सभी ग्राम, परम्परागत एवं गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युतीकृत हैं। विकासखण्ड मझौली में 204 विद्युतीकृत ग्रामों के, विकासखण्ड कुसमी में 134 विद्युतीकृत ग्रामों के एवं विकासखण्ड देवसर में 222 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरे-टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। शेष कार्य योग्य अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरे-टोलों में सघन विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल है। उक्त योजना अंतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) समय-समय पर परीक्षण कर तकनीकी दृष्टि से साध्य पाये जाने पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार विद्यमान वितरण ट्रासंफार्मरों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने के कार्य किये जाते हैं। वर्तमान में प्रश्नांश 'ख' में वर्णित ग्रामों में लो-वोल्टेज संबंधी समस्या परिलक्षित नहीं हुई है। स्थान विशेष से शिकायत प्राप्त होने तथा परीक्षण करने के उपरांत तकनीकी दृष्टि से साध्य पाये जाने पर कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कुसमी विकासखण्ड में संजय नेशनल पार्क के अंतर्गत 31 ग्राम जो गैर-परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युतीकृत हैं, उनका पारम्परिक रूप से लाईन विस्तार कर विद्युतीकरण किये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा के अनुसार प्राक्कलन अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.), सीधी द्वारा सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास सीधी की ओर प्रेषित किया गया है एवं कलेक्टर, सीधी के पत्र क्रमांक 3339, दिनाँक 10.05.2016 के द्वारा स्वीकृत प्राक्कलन के विरूद्ध राशि प्रदाय हेतु प्रकरण संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएँ म.प्र. भोपाल, को भेजा गया है। उक्त राशि अभी तक अप्राप्त है, राशि प्राप्त होने के उपरान्त विद्युतीकरण की कार्यवाही की जावेगी। (घ) मड़वास 132 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण जायका-II योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्राप्त कर किया जावेगा। मड़वास उपकेन्द्र की अनुमानित लागत रूपये 13.28 करोड़ है। इसके निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है एवं इसे माह नवम्बर 2019 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है।
मा. सांसद एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
3. ( *क्र. 1087 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन माननीय विधायकगण एवं क्षेत्रीय सांसद द्वारा कलेक्टर भिण्ड को किस-किस संबंध में कब-कब पत्र लिखे गए एवं म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार क्या प्राप्त सभी पत्रों की अभिस्वीकृति दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या माननीय विधायक एवं सांसदों के पत्रों को पंजीयन रजिस्टर में इन्द्राज किया जाता है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता के परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या 162 (क्र. 3081), दिनांक 18.07.2016 के उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गए पत्रों में की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराने की जानकारी दी गई थी? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के पत्रों को अवगत कराये जाने हेतु भेजे गए पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, माननीय विधायक एवं क्षेत्रीय सांसद द्वारा लिखे गये सभी पत्रों की अभिस्वीकृति दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
चीलर बांध का पर्यटन स्थल के रूप में विकास
[पर्यटन]
4. ( *क्र. 630 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन की पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु क्या कार्य योजना प्रस्तावित है? (ख) क्या जिला शाजापुर मुख्यालय पर पर्यटन स्थल चीलर बांध को विकसित करने हेतु कोई कार्ययोजना लंबित है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के अनुसार लंबित है तो पर्यटन विभाग द्वारा चीलर बांध को पर्यटन स्थल के रूप में कब तक विकसित किया जावेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु पर्यटन नीति 2016 के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए अधिकारियों के विरूद कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
5. ( *क्र. 861 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए अधिकारियों के विरूद्ध निलंबन/बर्खास्तगी के बारे में क्या नियम/निर्देश हैं? क्या यह नियम म.प्र. के सभी शासकीय विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रकरणों में लागू होते हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित नियम/निर्देश वाणिज्यिक कर विभाग पर लागू नहीं होते हैं? (ग) क्या पुलिस विभाग में पदस्थ कतिपय अधिकारियों/कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने पर तत्काल बर्खास्त किया गया है, जबकि वाणिज्यिक कर विभाग में 3 लाख एवं 40 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए सागर एवं इंदौर के अधिकारियों को निलंबित तक नहीं किया गया, ऐसा क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने पर आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों को प्रथमत: तीन कार्य दिवस के भीतर अन्यत्र स्थानांतर किये जाने के निर्देश हैं। जांच एजेन्सी की विवेचना उपरांत आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन द्वारा अभियोजन स्वीकृति के उपरांत माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये जाने पर आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों को निलंबित किये जाने के निर्देश हैं। माननीय न्यायालय द्वारा दोषसिद्धि उपरांत आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों को सेवा से पदच्युत अथवा पेंशन रोके जाने के निर्देश हैं। जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिदपुर में बिना टिन नंबर एवं अन्य फर्मों द्वारा कर चोरी
[वाणिज्यिक कर]
6. ( *क्र. 1583 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 186 (क्रमांक 3230), दिनांक 26.07.2016 के प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन फर्मों पर कार्यवाही संस्थापित बतायी गयी, उन पर 10.11.2016 तक क्या कार्यवाही की गई है? फर्मवार पृथक-पृथक विवरण देवें। (ख) इन फर्मों पर कितनी पेनल्टी आरोपित की गई एवं कितनी राशि वसूली गई? पृथक-पृथक बतावें। अगर पेनल्टी वसूली नहीं हुई है तो कब तक वसूली की जावेगी? (ग) प्र.क्र. 1135, दिनांक 19.07.2016 के अनुसार सुबोध एंटरप्राईजेस ने वर्ष 2013-14 में केवल दो त्रैमास विवरण प्रस्तुत किए शेष विवरण विभाग ने इस प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं लिए? कारण बतावें। कब तक ले लिए जायेंगे? (घ) प्र.क्र. 1135, दिनांक 19.07.2016 के प्रश्न में उल्लेखित फर्मों की परचेस लिस्ट एवं बिल बुक नहीं दी गई? कब तक उपलब्ध करायी जाएगी।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्न संख्या 186 (क्रमांक 3230), दिनांक 26.07.2016 के 'ख' अनुसार मे. न्यू स्टैंडर्ड शू पैलेस गांधीमार्ग महिदपुर द्वारा दिनांक 27.07.2016 को टिन 23419191577, मे. रंगरेज शू पेलेस, सुबायत कॉम्पलेक्स महिदपुर द्वारा दिनांक 26.07.2016 को टिन-23299191589 तथा मे. श्री कृषि सेवा केंद्र नगर पालिका कॉम्पलेक्स महिदपुर द्वारा दिनांक 02.09.2016 को टिन 23089195012 प्राप्त कर लिया है। पंजीयन दिनांक तक उक्त तीनों फर्मों की बिक्री कर-दायित्व सीमा से कम है। मे. मनीष मावा भण्डार भीमा खेड़ा रोड महिदपुर एवं मे. रातड़िया स्टील फर्नीचर, शासकीय अस्पताल के सामने महिदपुर के प्रकरणों में कर-दायित्व निश्चित करने की कार्यवाही दिनांक 22-07-2016 को संस्थापित की गई। (ख) जिन फर्मों द्वारा पंजीयन लिया गया है, उन पर पेनल्टी की कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। मे. मनीष मावा भण्डार भीमा खेड़ा रोड महिदपुर एवं मे. रातड़िया स्टील फर्नीचर, शासकीय अस्पताल के सामने महिदपुर पर कर-दायित्व निश्चित करने की कार्यवाही दिनांक 22-07-2016 को संस्थापित की गयी है। प्रावधान अनुसार कर-दायित्व एवं कर निर्धारण के पश्चात ही शास्ति आरोपण संभावित है। (ग) व्यवसाई मेसर्स सुबोध इंटरप्राईजेस द्वारा वर्ष 2013-14 के दो त्रैमासिक विवरण-पत्र प्रस्तुत नहीं किए गए हैं, किन्तु इस अवधि का कर निर्धारण किया गया है। (घ) प्रश्न क्रमांक 1135, दिनांक 19-07-2016 के प्रश्न में उल्लेखित फर्मों के विवरण पत्रों की छायाप्रतियां पूर्व में प्रेषित की गई हैं। विवरण पत्रों में पर्चेस की जानकारी उल्लेखित है। विभाग में व्यवसाईयों के खरीदी बिलों की छायाप्रतियां संधारित नहीं की जाती है।
वनग्राम टेकापार का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
7. ( *क्र. 1570 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आजादी के 70 वर्ष बाद भी विकासखण्ड बिछुआ जिला छिन्दवाड़ा के एक गांव वनग्राम टेकापार के अंधेरे में होने की जानकारी शासन को है? क्या उक्त शीर्षक से छिन्दवाड़ा जिले के स्थानीय समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित होने का मामला प्रकाश में आया था? (ख) क्या प्रश्नकर्ता भी वर्ष 2004 से वनग्राम टेकापार के विद्युतीकरण के संबंध में लगातार ऊर्जा विभाग के और आदिवासी विकास विभाग के स्थानीय और शासन में बैठे अधिकारियों को पत्र प्रेषित करते चले आ रहे हैं? क्या इस वर्ष भी प्रश्नकर्ता ने उक्त के संबंध में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को एवं पत्र क्रमांक 105, दिनांक 26.09.2016 माननीय ऊर्जा मंत्री म.प्र. शासन को पत्र प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो अब तक ग्राम टेकापार को विद्युतीकरण नहीं करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या अधीक्षण यंत्री छिंदवाड़ा के द्वारा उनके कार्यालयीन पत्र क्रमांक 729, दिनांक 03.05.2016 के द्वारा वन विभाग से आवश्यक अनुमति प्राप्त कर वृहद सर्वे करवाकर विद्युत उपकेन्द्र खमारपानी से निर्गमित चिकलापार फीडर को ग्राम जामलापानी से विस्तारित किया जाकर ग्राम टेकापार को विद्युतीकरण किये जाने का लेख किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर कब तक अमल कर ग्राम टेकापार को विद्युतीकृत कर दिया जावेगा? क्या शासन आजादी के 70 साल बाद भी वनग्राम टेकापार के अविद्युतीकृत रहने की बात को संज्ञान में लेकर प्राथमिकता के तौर पर एक समय-सीमा में विद्युतीकरण कराने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ, प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र प्राप्त हुआ है। ग्राम टेकापार वन ग्राम है तथा इस ग्राम को पूर्व में गैर परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत से दिनांक 20.02.1994 को विद्युतीकृत किया गया था। वर्तमान में सोलर पैनल प्रणाली खराब है तथा इस ग्राम को पुन: गैर-परंपरागत ऊर्जा से विद्युतीकृत करने हेतु कार्यवाही नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा की जा रही है। उक्त ग्राम के विद्युतीकरण का कार्य पारंपरिक रूप से लाईन विस्तार कर विद्युतीकृत करने हेतु किसी योजना में सम्मिलित नहीं है। (ग) जी हाँ, किन्तु उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन ग्राम का कार्य गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से किया जाना प्रस्तावित है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वन ग्राम टेकापार को गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोत से विद्युतीकृत करने की कार्यवाही नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत ऊर्जा विकास निगम द्वारा की जा रही है, तथापि वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गंधवानी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 957 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधान सभा क्षेत्र के गंधवानी, बाग एवं तिरला ब्लॉक के अंतर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना (आर.जी.जी.व्ही.वाय.) 12वां चरण अंतर्गत कितने ग्रामों में कार्य प्रस्तावित है तथा कितने ग्रामों में कार्य पूर्ण हो चुका है? ब्लॉकवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त योजना अंतर्गत किये गये पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रस्तावित ग्रामवार एवं मजरे-टोलेवार कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त योजना अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों का सर्वे कार्य कब किया गया है? किये गये सर्वे की जानकारी उपलबध करायें। (घ) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त योजना का कार्य किस एजेन्सी के द्वारा किया जा रहा है तथा अनुबंध अनुसार संबंधित एजेन्सी को कार्य कब पूर्ण किया जाना था? अगर गंधवानी विधानसभा में कार्य प्रारंभ नहीं किया गया या अपूर्ण है, तो उसका कारण बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में गंधवानी, बाग एवं तिरला विकासखण्डों के अंतर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (12 वाँ प्लान) में कुल 155 ग्रामों में योजना के प्रावधानों के अनुसार 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरे-टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रस्तावित है, जिसमें गंधवानी विकासखण्ड के 99, बाग विकासखण्ड के 49 एवं तिरला विकासखण्ड के 7 ग्राम सम्मिलित हैं। उक्त में से गंधवानी विकासखण्ड के 2 तथा बाग विकासखण्ड के 4 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (12 वाँ प्लान) में सम्मिलित प्रश्नाधीन सभी कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति के पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) उक्त योजना में किये जाने वाले कार्यों का सर्वे माह मार्च-2015 से अप्रैल-2015 तक किया गया था। सर्वे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश "क" अनुसार उक्त योजना का कार्य मेसर्स यूबीटेक प्रा.लि. फरीदाबाद द्वारा किया जा रहा है। अनुबंध के अनुसार ठेकेदार एजेन्सी द्वारा उक्त कार्य दिनांक 23/02/2017 तक पूर्ण किया जाना है। गंधवानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उत्तरांश "क" में दर्शाए अनुसार कार्य प्रारंभ कर दिया गया है एवं 10 ग्रामों का कार्य प्रगति पर है, ठेकेदार एजेंसी द्वारा अनुबंध की शर्तों अनुसार कार्य किया जा रहा है, जिसे पूर्ण करने की समय-सीमा उक्तानुसार दिनांक 23/02/2017 तक है।
नवीन विद्युत ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
9. ( *क्र. 321 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्राम संवासी (नरसिंहगढ़) एवं ग्राम आगर सहित आसपास के लगभग 20 ग्राम विद्युत निम्न दाब के गंभीर संकट में होने से सिंचाई कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्रमांक 5827, दिनांक 18 मार्च, 2016 में उक्त क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में लो-वोल्टेज की समस्या नहीं होना बताया गया था, जबकि गत वर्षों अनुसार इस वर्ष भी सभी प्रभावित ग्राम पूर्ण वोल्टेज के अभाव में विद्युत पंप संचालित नहीं होने से सिंचाई सुविधा का पूर्ण लाभ नहीं ले पा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या शासन किसानों की इस विकराल समस्या पर गंभीरता से विचार करते हुए उक्त दोनों स्थानों पर नवीन विद्युत ग्रिड स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्र में ऐसी कोई समस्या नहीं है। (ख) विगत बजट सत्र में तारांकित प्रश्न क्रमांक 5827, दिनांक 18 मार्च 2016 के संदर्भ में प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत पर्याप्त वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय किये जाने एवं संबद्ध भार के अनुरूप अधोसंरचना उपलब्ध होने की जानकारी दी गई थी। इस वर्ष भी विगत वर्ष की भांति निर्धारित प्रावधानों के अनुसार पर्याप्त विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा किसानों को पर्याप्त वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय उपलब्ध करवाकर उन्हें सिंचाई सुविधा का पूर्ण लाभ दिया जा रहा है। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सागर जिले में अवैध शराब बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
10. ( *क्र. 1592 ) श्री हर्ष यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवैध शराब का विक्रय रोकने हेतु शासन की क्या नीति, नियम, निर्देश हैं? क्या इन नियम-नीतियों का पालन सागर जिले में किया जा रहा है? नहीं तो क्यों? संपूर्ण जिले में गांव-गांव अवैध शराब बिक्री हेतु कौन उत्तरदायी है? (ख) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक सागर जिले में कहां-कहां अवैध शराब विक्रय, भण्डारण और आबकारी एक्ट अंतर्गत कितने प्रकरण दर्ज किये गए हैं? प्रकरणवार जानकारी दें। इन मामलों को कब माननीय न्यायालयों में प्रस्तुत किया गया और किन-किन प्रकरणों का निराकरण कराया गया? (ग) संपूर्ण सागर जिले में गांव-गांव में बिक रही अवैध शराब, अवैध भण्डारण आदि के संबंध में क्या विभाग विशेष निर्देश देकर अभियान चलाकर समुचित कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) दो वर्षों में जनता, जनप्रतिनिधियों ने किन-किन दुकानों को हटाने की मांग की है? उन पर अब तक विभाग ने क्या कार्यवाही की है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत अवैध शराब का विक्रय, भण्डारण, परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण रखे जाने हेतु अधिनियम की धारा 34 (1) (2) धारा 36, धारा 54 एवं धारा 49 में प्रावधानित है। सागर जिलान्तर्गत इन प्रावधानों का पालन किया जा रहा है। जिलान्तर्गत अनियमितता पाये जाने पर एवं प्राप्त सूचनाओं के आधार पर त्वरित कार्यवाही की जाकर प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) सागर जिलान्तर्गत अवैध शराब विक्रय, भण्डारण और आबकारी एक्ट के अन्तर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 2326 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। पंजीबद्ध प्रकरणों में माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने एवं माननीय न्यायालयों से उनका निराकरण किये जाने संबंधी कायम/निराकृत प्रकरणों की प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सागर जिलान्तर्गत गांव-गांव में अवैध शराब विक्रय, भण्डारण पर प्रभावी नियंत्रण रखे जाने के उद्देश्य से माह अगस्त 2016 में दिनांक 15.08.2016 तक विशेष अभियान चलाया गया। तदंतर प्रतिमाह 10 दिवस अभियान चलाया जा रहा है। (घ) विगत दो वर्षों में जनप्रतिनिधियों एवं जनता द्वारा जिला सागर के सागर नगर स्थित देशी शराब दुकान काकागंज, तिली, विदेशी मदिरा दुकान मधुकरशाह वार्ड, देवरी क्षेत्रान्तर्गत देशी शराब दुकान गौरझामर, देशी शराब दुकान टडा एवं विदेशी मदिरा दुकान बीना खुरई रोड, बीना को हटाये जाने की मांग की गई। देशी मदिरा दुकान काकागंज एवं तिलीगांव का स्थान परिवर्तन किया गया है। उक्त के अतिरिक्त बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शाला अध्ययन केन्द्र के समीप स्थापित देशी मदिरा दुकान बिनायका को हटाये जाने संबंधी माननीय विधायक महोदय के पत्र प्राप्त हुये थे, जिनमें जांच के दौरान संचालित देशी मदिरा दुकान, बिनायका निर्धारित अवस्थिति में होने एवं उक्त मदिरा दुकान प्रश्नाधीन शाला से 125 मीटर दूरी पर संचालित होने तथा इसी तारतम्य में ग्राम सरपंच श्रीमती दमयंती बाई एवं श्री मोहन सिंह गौड़ प्रधान अध्यापक, शासकीय प्राथमिक शाला बिनायका द्वारा आगामी वर्ष 2017-18 में नवीन स्थल पर दुकान स्थानांतरित किये जाने की लिखित सहमति दिये जाने से वर्ष की शेष अवधि हेतु यथा स्थान पर ही देशी मदिरा दुकान बिनायका वर्तमान में संचालित है। शेष प्राप्त आवेदन/शिकायतों की जांच उपरांत उक्त मदिरा दुकानें मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 अन्तर्गत बने सामान्य प्रयोग के नियम 1 अनुसार दुकानों के अवस्थापन संबंधी नियमों का पालन करते हुये निर्धारित अवस्थिति में संचालित होना पाया गया।
परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक के स्वीकृत/रिक्त पद
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( *क्र. 155 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने पद परियोजना अधिकारी एवं कितने पद पर्यवेक्षक के स्वीकृत हैं, जिसमें कितने पद भरे हुए हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? क्या रिक्त पदों के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में कठिनाई नहीं हो रही है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी? (ख) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जिसमें कितनों के पास अपने स्वयं के भवन हैं तथा कितने भवन विहीन हैं? भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में भवन की व्यवस्था कब तक कर दी जाएगी? (ग) विगत वर्ष 2014-15 में नरसिंहपुर जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हुए थे? क्या स्वीकृत सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों को एक ही ब्लाक चावरपाठा में आवंटित कर दिया गया था? यह किस नियम के तहत किये गये हैं? इसके लिये कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या इसकी जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक के स्वीकृत भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
पदनाम |
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त |
1. |
परियोजना अधिकारी |
02 |
00 |
02 |
2. |
पर्यवेक्षक |
11 |
09 |
02 |
रिक्त पदों का प्रभार अन्य अधिकारियों को सौंप कर कार्य सुचारु रुप से कराया जा रहा है। पदों की रिक्ति एवं पूर्ति निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में कुल 272 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिसमें से 65 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के विभागीय भवनों में, 142 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में तथा 65 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये पर (भवनविहीन) संचालित हैं। विधानसभा क्षेत्र गाडरवारा में भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये विभाग द्वारा मनरेगा योजना के अभिसरण से वर्तमान तक 71 आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति दी जा चुकी है। जिले से प्राप्त प्रस्ताव एवं उपलब्ध आवंटन के अनुरुप शेष भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण की स्वीकृति मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण योजना अंतर्गत दी जाना विचाराधीन है। (ग) वित्तीय वर्ष 2014-15 में नरसिंहपुर जिले के लिये कोई भी नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं किया गया है। अत: शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 1351 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवम्बर 2016 की स्थिति में रायसेन जिले के अविद्युतीकृत ग्रामों की सूची दें, उनके विद्युतीकरण हेतु विगत एक वर्ष में माननीय मंत्री जी को किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई ? (ख) रायसेन जिले में फीडर सेपरेशन तथा राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) क्या उक्त कार्य करने वाली एजेंसियों ने रायसेन जिले में संबंधित विभाग की बिना अनुमति के सड़क किनारे विद्युत पोल खड़े कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) 10 नवम्बर 2016 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन ग्रामों की विद्युत सप्लाई क्यों बंद कर दी गई है? किन-किन ग्रामों के ट्रांसफार्मर जले एवं खराब हैं, उनको कब तक बदला जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माह नवम्बर-2016 की स्थिति में रायसेन जिले में 4 वन बाधित अविद्युतीकृत ग्राम हैं जो कि गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युतीकृत करने हेतु प्रस्तावित हैं। इन ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विगत एक वर्ष में रायसेन जिले में विद्युतीकरण कार्य हेतु श्री रामपाल सिंह जी माननीय मंत्री, लोक निर्माण, विधि एवं विधायी कार्य, मध्य प्रदेश शासन का पत्र क्रमांक 604/2016 दिनांक 24.10.2016 प्राप्त हुआ है, जिसमें 19 ग्रामों/मजरे-टोलों के विद्युतीकरण बावत् लेख किया गया है। उक्त 19 ग्रामों/ मजरे-टोलों में से 07 ग्राम पूर्व से सौर ऊर्जा से तथा 8 ग्राम परम्परागत रूप से लाईन विस्तार कर विद्युतीकृत हैं एवं 2 अविद्युतीकृत ग्रामों को सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत करने हेतु नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत म.प्र. ऊर्जा विकास निगम को प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है, शेष 02 अविद्युतीकृत मजरे-टोलों के विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) में प्रस्तावित है। उक्त 19 ग्रामों/मजरे-टोलों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में ग्रामों/मजरे-टोलों में बी.पी.एल. कनेक्शन देने का कार्य कर रही ठेकेदार एजेंसी मेसर्स इरा इन्फ्रा द्वारा कार्य में अत्यधिक विलंब करने के कारण मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र क्रमांक प्र.स./म.क्षे./प्रोजेक्ट/आर.जी.जी.व्ही.व्हाय./72, दिनांक 15.04.2015 से कांट्रेक्ट निरस्त करने के कारण कार्य अपूर्ण हैं। उक्त कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया के द्वारा ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ड्रैक एंड स्कल वॉटर एनर्जी इंडिया लिमिटेड को अवार्ड क्रमांक प्र.स./म.क्षे./प्रोजेक्ट/आर.जी.जी.व्ही.व्हाय./11वां प्लान/ एल.ओ.ए. रायसेन/587, दिनांक 01.07.2015 जारी कर, शेष कार्य करवाया जा रहा है। यह कार्य उक्त ठेकेदार एजेंसी के माध्यम से मार्च-2017 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। योजनान्तर्गत शेष/प्रारंभ कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स-1 अनुसार है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकण योजना में रायसेन जिले के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरे-टोलों में बी.पी.एल. हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन दिये जाने के कार्य हेतु मेसर्स सेनफील्ड इंडिया लिमिटेड, भोपाल को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक प्र.स./म.क्षे./प्रोजेक्ट/ आर.जी.जी.व्ही.व्हाय./12वां प्लान/ एल.ओ.ए. रायसेन/620 दिनांक 10.09.2014 के द्वारा अवार्ड जारी किया गया है। उक्त ठेकेदार एजेन्सी के माध्यम से इन कार्यों को मार्च-2017 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। योजनान्तर्गत शेष कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स-2 अनुसार है। (ग) उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा तृतीय पक्ष निरीक्षण इकाई से समन्वय कर भौतिक निरीक्षण के उपरान्त ही विद्युत पोल खड़े करने का कार्य नियमानुसार किया जा रहा है। सिलवानी-बटेरा, सियरमउ-सुल्तानगंज एवं सिलवानी-गैरतगंज-उदयपुरा मार्ग पर जहां सड़क निर्माण विभाग द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई है, वहां पर संबंधित ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स ड्रैक एंड स्कल वॉटर एनर्जी इंडिया लिमिटेड को विद्युत पोल हटाये जाने के समुचित निर्देश दिये गये हैं। (घ) 10 नवम्बर, 2016 की स्थिति में रायसेन जिले में किसी भी ग्राम की विद्युत सप्लाई बंद नहीं की गई है। तथापि 45 ग्रामों के 76 फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं कराए जाने के कारण इन ट्रांसफार्मरों को बदला नहीं जा सका है। उक्त ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। नियमानुसार संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का न्यूनतम 40 प्रतिशत भुगतान करने या 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा राशि जमा करने पर उक्त ट्रांसफार्मर बदले जा सकेंगे, अत: इन्हें बदले जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कार्य योजनान्तर्गत प्रस्तावों की स्वीकृतियाँ
[नर्मदा घाटी विकास]
13. ( *क्र. 1010 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक खरगोन जिले से किस-किस योजनान्तर्गत, कौन-कौन सी कार्य योजना का प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गए? माह अक्टूबर 2016 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गए? कौन-कौन से लंबित हैं एवं क्यों? स्वीकृत राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें। कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात् अभी तक किस कारण से अप्रारंभ हैं? (ख) प्रश्नांकित (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा शासन एवं विभागीय स्तर पर नर्मदा घाटी विभाग को किस-किस कार्य एवं निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण हैं? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन हैं? कौन-कौन से स्वीकृत हैं? कार्य योजनान्तर्गत कार्यवार नाम सहित बतावें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ओ.वाई.टी./कृषक अनुदान योजना का संचालन
[ऊर्जा]
14. ( *क्र. 1271 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल द्वारा कृषकों के सिंचाई पम्प संचालन बाबत् स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाई.टी.) व कृषक अनुदान योजना कब से संचालित की जा रही है? वर्ष, दिनांक सहित जानकारी दी जावे। वर्तमान 2016 की क्या स्थिति है? (ख) स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाई.टी.) व कृषक अनुदान योजना में स्थापित विद्युत ट्रांसफार्मरों के जलने, फेल होने पर ट्रांसफार्मर बदलने की नियम, प्रक्रिया क्या है, पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) क्या कृषक अनुदान योजना में कृषक उपभोक्ताओं द्वारा स्थापित कराये गये विद्युत ट्रांसफार्मर के फेल होने पर ट्रांसफार्मर बदलने का काम विद्युत वितरण कंपनी स्वयं करती है, जबकि स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाई.टी.) में स्थापित विद्युत ट्रांसफार्मरों के फेल होने पर कृषक उपभोक्ताओं को स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर बदलवाना होता है? (घ) यदि हाँ, तो स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना वाले कृषक उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखकर विद्युत वितरण कंपनी फेल ट्रांसफार्मर बदलने का काम कृषक उपभोक्ताओं से न कराते हुये स्वयं करेगी और इस विसंगति पूर्ण, दोष पूर्ण व्यवस्था को कब तक समाप्त करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. भोपाल द्वारा कृषकों के सिंचाई पंप संचालन बाबत् ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' (ओ.वाई.टी.) दिनांक 04.05.2011 एवं ''कृषक अनुदान योजना'' दिनांक 06.05.2011 से संचालित की जा रही है। दिनांक 30.09.2016 तक कृषक अनुदान योजना लागू थी। वर्तमान में ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि कंप कनेक्शन योजना'' लागू है, जिसमें ''कृषक अनुदान योजना'' समाहित कर दी गई है। ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' वर्तमान में यथावत् लागू है। (ख) ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' (ओ.वाई.टी.) में दिये गये प्रावधानानुसार ट्रांसफार्मर आवेदक द्वारा स्वंय के व्यय पर स्थापित किया जाता है। फेल/खराब होने की स्थिति में उसे बदलने की जिम्मेदारी स्वयं आवेदक की है। कृषक अनुदान योजना में स्थापित ट्रांसफार्मर फेल होने की स्थिति में वितरण कंपनी द्वारा ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है, परन्तु इस हेतु ट्रांसफार्मर से जुड़े उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि होने की स्थिति में बकाया राशि का 40 प्रतिशत या 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर ही नियमानुसार फेल ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। (ग) जी हाँ। (घ) ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' (ओ.वाई.टी.) में स्थापित ट्रांसफार्मर आवेदक की स्वयं की मांग पर स्वयं के व्यय पर स्थापित किया जाता है। योजना के प्रावधानानुसार फेल/खराब होने की स्थिति में उसे बदलने की जिम्मेदारी स्वयं आवेदक की होती है। अत: प्रश्न ही नहीं उठता।
निर्मित/निर्माणाधीन नहरों से सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
15. ( *क्र. 1590 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर तहसील में सिंचाई सुविधा हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा क्रमांक बी 1192 के परिपालन में नर्मदा घाटी विकास विभाग की नहरों से झुकेही से मैहर तक के ग्रामों के किसानों की कृषि भूमि को सिंचित करने के लिये अब तक क्या योजना बनाई गई है? इस घोषणा की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही पत्राचार आदि किया गया है? विवरण उपलब्ध करावें। (ख) विभाग की नहरों से मैहर तहसील के किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचित की जा सकेगी? यह कार्य कब तक पूर्ण हो सकेगा? योजना का विस्तृत सर्वेक्षण कब तक करा लिया जाएगा? (ग) माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा क्र. बी 0986 में मैहर देवीधाम में हरि की पौंड़ी जैसी संरचना बनाए जाने की योजना को लेकर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कार्य प्रगति पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। पूर्ण करने का लक्ष्य वर्ष 2019 तक है। सर्वेक्षण पूर्ण किया जा चुका है। (ग) राशि रूपये 4.81 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। वर्ष 2019 तक पूर्ण करना लक्षित है।
तहसील छतरपुर अन्तर्गत भूमि पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाना
[सामान्य प्रशासन]
16. ( *क्र. 815 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर जिला छतरपुर के पत्र आदेश क्रमांक/357/एस.टी./1991/ दिनांक 10.06.1991 में से किस संबंध में पत्र जारी किया गया था? कारण सहित बतायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त आदेश प्रश्न दिनांक तक प्रचलन में है अथवा नहीं, उल्लेख करें। यदि नहीं, तो क्यों, कारण सहित बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : जी हाँ, तत्कालीन कलेक्टर द्वारा पत्र क्रमांक 357/एस.टी./ 1991 दिनांक 10 जून 1991 में उप पंजीयक छतरपुर को जारी किया गया था। जो पत्र क्रमांक 24/आर/कम्प्लेन्ट/68, दिनांक 13-03-1968 द्वारा तहसील छतरपुर अन्तर्गत ग्राम बगौता के मजरा नरसिंहगढ़ पुरवा की भूमियों पर लगे प्रतिबंध से शासकीय भूमियों को छोड़कर शेष भूमियों को मुक्त किये जाने के संबंध में जारी किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना अतंर्गत पीपरी तक विद्युत लाईन की स्थिति
[नर्मदा घाटी विकास]
17. ( *क्र. 1107 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना के प्रथम व द्वितीय चरण में कुल कितने हेक्टेयर जमीन सिंचित होनी थी और कितनी हुई? इससे वर्षवार कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ख) इंदिरा सागर परियोजना अतंर्गत आने वाली मुख्य नहरों, माइनर तथा सबमाईनर नहर बनाने वाली निर्माणकर्ता कंपनियों पर वर्ष 2005 से 2010 तक समय-समय पर कितना अर्थदण्ड लगाया गया है तथा कितना-कितना वसूल किया गया है और कितना वसूली योग्य शेष है? कंपनीवार बतायें। (ग) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना अतंर्गत बी.आर. 3 में पीपरी तक विद्युत लाईन की स्थिति क्या है, विदयुत लाईन में किस कारण से देरी हो रही है? इसके लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देवें। (घ) नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा वर्ष 2005 से 2010 तक कब-कब कितनी राशि अन्य विभागों को किन-किन कार्यों हेतु प्रदान की गई? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) इंदिरा सागर परियोजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण में 44,628 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होना प्रस्तावित था, जिसके विरूद्ध 41,085 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हुई। वर्ष 2008-09 से 2015-16 तक राजस्व प्राप्ति की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना बी.आर. 3 पीपरी तक विदयुत लाईन डाले जाने का कार्य अनुबंध में प्रावधानित है। ठेकेदार द्वारा 81 प्रतिशत भौतिक और 81 प्रतिशत वित्तीय प्रगति प्राप्त की जा चुकी है तथा इससे प्रथम चरण में 9,387 तथा द्वितीय चरण में 11,202 हेक्टेयर में सिंचाई प्रारंभ की गई है। कुल लक्षित सिंचाई 20,889 हेक्टेयर जिसमें से बी.आर.1 क्षेत्र में 9,300 हेक्टेयर तथा बी.आर.2 क्षेत्र में 7,200 हेक्टेयर में सिंचाई वैकल्पिक स्त्रोत से विदयुत व्यवस्था कर उपलब्ध कराई जा रही है। ठेकेदार पर कार्य समय पर पूर्ण नहीं होने से 55.08 करोड़ की पेनल्टी भी लगाई जा चुकी है। (घ) कोई राशि प्रदान नहीं की गयी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर नगर/मकरोनिया क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
18. ( *क्र. 1485 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर/मकरोनिया नगरीय क्षेत्र में अवैध रूप से शराब की बिक्री के कारण असामाजिक तत्वों द्वारा आमजन के साथ गुण्डागर्दी एवं हत्या जैसी घटनायें हो रही हैं? कितने स्थानों पर अवैध शराब की बिक्री पकड़ी गयी है तथा उन पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या शासन अवैध शराब बिक्री रोकने के लिए लंबे समय तक चलने वाली सख्त एवं विशेष मुहिम चलाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सागर नगर में कुछ स्थानों पर शराब की दुकानें नियम विरूद्ध स्थानों पर आवंटित/खुल गयी हैं? क्या सागर नगर में नियम विरूद्ध खुली शराब दुकानों को जनप्रतिनिधियों ने जनता के साथ धरना/प्रदर्शन करके दुकानें हटाने की शासन से मांग की थी? नियम विरूद्ध स्थानों पर खुली शराब दुकानों को जनहित में कब तक हटा दिया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सागर नगर/मकरोनिया नगरीय क्षेत्र अंतर्गत अवैध शराब विक्रय के आबकारी विभाग द्वारा 87 प्रकरण एवं पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार 193 प्रकरण कुल 280 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। पुलिस विभाग सागर से प्राप्त जानकारी अनुसार अवैध रूप से शराब विक्रय के कारण आमजन के साथ गुण्डागर्दी एवं हत्या जैसी कोई घटना वित्तीय वर्ष 2016-17 दौरान होना परिलक्षित नहीं हुयी है। (ख) सागर जिले अंतर्गत अवैध शराब विक्रय भण्डारण पर प्रभावी नियंत्रण रखे जाने के उदेश्य से कलेक्टर जिला सागर द्वारा आदेश क्रमांक 1965, दिनांक 02.08.2016 अनुसार माह अगस्त 2016 में दिनांक 15.08.2016 तक विशेष अभियान चलाया गया। तदंतर आदेश दिनांक 20.10.2016 द्वारा प्रतिमाह 10 दिवस विशेष अभियान अवैध शराब की बिक्री पर विराम लगाये जाने के उदेद्श्य से सागर नगर/मकरोनिया नगरीय क्षेत्र अंतर्गत आगामी आदेश पर्यन्त रात्रि 08.00 बजे से रात्रि 12.00 बजे तक विशेष अभियान चलाये जाने हेतु जारी किया गया है। (ग) जी नहीं। जिला सागर में कतिपय शराब दुकानों को हटाये जाने की मांग जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई थी, जिसके अनुक्रम में देशी मदिरा दुकान काकागंज एवं तिलीगांव का स्थान परिवर्तन किया गया है। शेष दुकान वर्ष 2016-17 में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 में बनाये गये सामान्य प्रयोग के नियमों के नियम-1 के अंतर्गत संचालित हैं।
सांसदों/विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
19. ( *क्र. 994 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के विभागीय आदेश अनुसार माननीय सांसदों/विधायकों द्वारा विभागों को प्रेषित किये जाने वाले पत्रों की अभिस्वीकृति व पत्रों का जवाब विभाग द्वारा दिया जाना निर्धारित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो हरदा जिले में जल संसाधन विभाग को छोड़कर राजस्व विभाग सहित अन्य सभी विभागों द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश का पालन नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर हरदा को 01 अप्रैल, 2014 से 31 अक्टूबर, 2016 तक लिखे गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई। लिखे गये पत्रों में से किन-किन पत्रों की अभिस्वीकृति किस-किस पत्र क्रमांक व दिनांक से प्रश्नकर्ता को प्रेषित की गयी है, कितने पत्रों का निराकरण कर दिया गया व किन-किन विषयांकित पत्रों पर कार्यवाही होना शेष है? (घ) क्या हरदा जिले में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार प्रश्नकर्ता को प्रेषित पत्रों की अभिस्वीकृति व पत्रों का प्रतिउत्तर समय-सीमा में दिये जाने हेतु पुन: निर्देशित किया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री हेल्प लाईन पर प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
20. ( *क्र. 1409 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आई.सी.डी.एस. शहरी परियोजना नागदा की 2011 से आज तक मुख्यमंत्री हेल्प लाईन पर कितनी शिकायतें की गयीं एवं विभाग द्वारा इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) परियोजना में वर्ष 2011 से 2013 तक किन-किन मदों में कितनी राशि की गड़बड़ी हुई? (ग) क्या तत्कालीन आहरण अधिकारी द्वारा नरेन्द्र केरोल (तत्कालीन बाबू) के पुत्र कपिल के खाते में लगभग रूपये 7.50 लाख की शासकीय राशि जमा की गयी थी, जिस बाबत् नरेन्द्र केरोल बाबू को दण्डित कर भृत्य बना दिया गया था? (घ) यदि हाँ, तो जब उक्त समस्त भुगतान तत्कालीन आहरण वितरण अधिकारी के द्वारा किया गया था, तो उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? संबंधित अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी एवं इनसे शासकीय राशि की वसूली कर कब तक संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को भुगतान कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास परियोजना नागदा (शहर) अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में मुख्यमंत्री हेल्पलाईन पर कुल 24 शिकायतें प्राप्त हुईं। इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एकीकृत बाल विकास परियोजना नागदा (शहर) अंतर्गत वर्ष 2011 एवं वर्ष 2012 में राशि की गड़बड़ी संबंधी जानकारी निरंक है। वर्ष 2013 एवं वर्ष 2014 की अवधि में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के मानदेय, आंगनवाड़ी भवन किराया, फलेक्सीफंड, सामग्री तथा स्टेशनरी क्रय, दूरभाष देयक, उषा किरण योजना, कार्यालय व्यय, लाड़ली लक्ष्मी योजना, पोषण आहार परिवहन, वाहन किराया, मजदूरी आदि मदों में कुल राशि रु. 634285/- की अनियमितता (गड़बड़ी) होना पाया गया है। (ग) नरेन्द्र केरोल के पुत्र कपिल के खाते में राशि रु. 258618/- जमा होना पाया गया। उपरोक्त अनियमितता पायी जाने पर श्री नरेन्द्र केरोल सहायक श्रेणी-3 को निलंबित किया जाकर विभागीय जांच संस्थित की गई, जिसमें उनको पदावनत किया गया है। (घ) वर्ष 2013 एवं 2014 की अवधि से संबंधित तत्कालीन आहरण वितरण अधिकारी श्री मृदुल मालवीय, बाल विकास परियोजना अधिकारी नागदा के विरुद्ध भी विभागीय जांच संस्थित किये जाने हेतु संयुक्त आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के द्वारा उनके पत्र क्रं. 5211/एफ 01-44/16/वि-2, दिनांक 17.08.2016 द्वारा विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है, जिस पर कार्यवाही विचाराधीन है।
गढ़पेहरा पर्यटन क्षेत्र का विकास
[पर्यटन]
21. ( *क्र. 1446 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नरयावली में स्थित सिद्ध धाम क्षेत्र गढ़पेहरा जिला सागर में पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष अप्रैल 2009 से प्रश्न दिनांक तक कितने विकास एवं निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) स्वीकृत विकास कार्यों का निर्माण कार्य विभाग द्वारा किन-किन कार्य एजेंसियों से कराया गया एवं निर्माण कार्य की लागत, निर्माण की कार्य अवधि की जानकारी देवें? (ग) क्या स्वीकृत निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण हो गये हैं तो विभाग द्वारा इन भवनों/स्थल को सार्वजनिक उपयोग हेतु कब तक हस्तांतरित किये जायेंगे?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) वर्ष 2012-13 में बुन्देलखण्ड मेगा सर्किट की स्वीकृत योजना के अंतर्गत गढ़पेहरा जिला सागर में पार्किंग, पाथवे, स्टेप्स, पब्लिक एमेनिटीज, डे-शेल्टर एवं विद्युतीकरण के विकास कार्य स्वीकृत किये गये। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। हस्तांतरण किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
लोक कल्याण शिविरों का आयोजन
[सामान्य प्रशासन]
22. ( *क्र. 917 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक कल्याण शिविरों का आयोजन किन उद्देश्यों को लेकर किया जाता है? क्या शासन स्तर पर इन शिविरों की कोई पूर्व से ही तिथि घोषित कर दी गई है अथवा स्थानीय स्तर पर तय करते हैं? (ख) शिविरों को आयोजित करने का समय, स्थान किसके परामर्श से नियत किया जाता है? क्या इनमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जाता है? (ग) जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविरों में किस स्तर के अधिकारियों की उपस्थिति होनी चाहिये? विगत पांच माह पूर्व बड़ागांव (धसान) में आयोजित लोक कल्याण शिविर में कौन-कौन जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे? पद, नाम सहित बतायें। (घ) बड़ागांव (धसान) में आयोजित उक्त शिविर में कितनी समस्याएं किन जनपदों से प्राप्त हुईं तथा किन-किन का त्वरित निराकरण हुआ? अलग-अलग जनपदवार, विभागवार हितग्राहियों के नाम, पता सहित अवगत करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) लोक कल्याण शिविर आयोजित करने का उद्देश्य जनता की शिकायतों का त्वरित एवं सकारात्मक समाधान को सुनिश्चित करना एवं जनहितग्राही मूलक योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना है। जी नहीं। लोक कल्याण शिविर का आयोजन प्रत्येक विकासखण्ड में माह में एक बार निश्चित दिन पर किये जाने के निर्देश हैं। तद्नुसार तिथि एवं दिन का निर्धारण कलेक्टर द्वारा रोस्टर तैयार कर निर्धारित किया जाता है। (ख) समय व स्थान का निर्धारण कलेक्टर द्वारा रोस्टर/वार्षिक कलेण्डर से कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जाता है। (ग) जिला स्तरीय लोक कल्याण शिविर में समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित होते हैं। विगत पाँच माह पूर्व बड़ागांव (धसान) में लोक कल्याण शिविर आयोजित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुपोषण पर श्वेत पत्र जारी किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( *क्र. 700 ) श्री रामनिवास रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांक 24-02-2009 एवं दिनांक 05-09-2012 अनुसार प्रदेश में पोषण आहार व्यवस्था लागू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्रों में क्या निर्देश दिये गए थे? क्या दिए गए निर्देशों का अक्षरश: पालन किया गया है? यदि नहीं, तो एम.पी. एग्रो एवं ठेकेदारों के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाकर पोषण आहार सप्लाई किस आधार पर किया जा रहा है? (ग) क्या वर्ष 2016 में पोषण आहार प्रदायकर्ता ठेकेदारों/कंपनी संचालकों के ठिकानों पर डाले गए छापों में करोड़ों रूपये की काली कमाई उजागर हुई थी? यदि हाँ, तो छापे की कार्यवाही के बाद किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त कार्यवाही के बाद पोषण आहार प्रदाय करने वाले ठेकेदारों को कितनी राशि का भुगतान किन नियमों के तहत कब कब किया गया? (घ) क्या मान. मुख्यमंत्री जी ने कुपोषण पर श्वेत पत्र जारी करने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो श्वेत पत्र की प्रति पटलित करें? यदि नहीं, तो श्वेत पत्र जारी नहीं करने के क्या कारण हैं? कब तक श्वेत पत्र जारी कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उक्त निर्देशों में 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चों को राशि रू. 6/-, गर्भवती/धात्री माताओं को राशि रू. 7/- एवं अतिकम वजन के बच्चों को राशि रू. 9/- प्रतिदिवस के मान से निर्धारित प्रोटीन/कैलोरी युक्त पूरक पोषण आहार दिए जाने के निर्देश हैं। भारत सरकार महिला बाल विकास विभाग के निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, भारत सरकार महिला बाल विकास के निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जा रहा है। भारत सरकार महिला बाल विकास के निर्देशों के अनुरूप ही पोषण आहार का वितरण कराया जा रहा है। (ग) इस आशय की कोई भी जानकारी आयकर विभाग द्वारा विभाग को उपलब्ध नहीं कराई गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्वालियर संभाग अंतर्गत कुपोषण से मृत्यु
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( *क्र. 5 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले सहित ग्वालियर संभाग में विगत तीन वर्षों में किन-किन जिलों में कुपोषण से कितने बच्चों/व्यक्तियों की आकस्मिक मृत्यु हुई? जिलेवार स्थान सहित संख्या बताई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में शासन द्वारा संभाग में किन-किन जिलों में कुपोषण की जांच करवाई गई? संभाग के किन-किन जिलों में कितने कुपोषित बच्चे पाए गए? जिलेवार स्थान सहित संख्या बताई जाये। (ग) शासन द्वारा कुपोषण से हुई मृत्यु पर जिम्मेदार किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार श्योपुर जिले सहित ग्वालियर संभाग में विगत 3 वर्षों में एच.एम.आई.एस. में प्रतिवेदित विभिन्न कारणों एवं आयु में हुई मृत्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, जिससे कुपोषण से कोई मृत्यु प्रतिवेदित नहीं है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिए गए वज़न के आधार पर वर्गीकृत पोषण स्तर की विभागीय एम.आई.एस. पर संधारित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कुपोषण से कोई मृत्यु प्रतिवेदित नहीं हुई अतः अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 1536 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत दो वर्षों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति विद्युतीकरण योजना के तहत किन-किन ग्रामों एवं मजरा टोलों में कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्यों में से किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया है? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार उक्त योजना को किस एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है, कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? समयावधि पूर्ण होने पर पुन: निविदाएँ आमंत्रित की जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उक्त योजना के तहत अभी तक कितने मजरे टोले जोड़े जाने हेतु शेष हैं? कब तक जोड़े जाने की संभावना है? अनियमितता संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतों की जाँच किस अधिकारी के द्वारा की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत विदिशा जिले हेतु आर.ई.सी. लिमिटेड नई दिल्ली द्वारा रू. 36.25 करोड़ की राशि की योजना स्वीकृत की गई है, जिसमें सिरोंज विधानसभा क्षेत्र के 33 ग्रामों के 36 मजरे-टोलों के कार्य शामिल हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त योजनान्तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रकियाधीन है अत: राशि के भुगतान एवं कार्य पूर्ण/अपूर्ण होने का प्रश्न नहीं उठता। सिरोंज विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 2 वर्ष में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में समाहित) अंतर्गत ठेकेदार एजेंसी मेसर्स श्याम इण्डस पॉवर शॉलूशन प्रा. लिमिटेड द्वारा किये कार्यों में से फीडरवार अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार एवं पूर्ण किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य पूर्णता की समय-सीमा जुलाई, 2017 है। विधानसभा सिरोंज क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत ठेकेदार एजेंसी मेसर्स पी.के.आई.प्रा. लिमिटेड द्वारा सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में प्रश्नाधीन अवधि में कुल रू. 2.79 करोड़ एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कुल रू. 1.26 करोड़ की राशि का भुगतान ग्रामीण विद्युतीकरण/बी.पी.एल. कनेक्शन के कार्यों हेतु किया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। (ख) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत चयनित ठेकेदार एजेन्सी को कार्य आवंटित किया जावेगा। 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत पूर्व में ठेकेदार एजेंसी मेसर्स जी.एन.जी. लिमिटेड, गुड़गांव को दिनांक 23.02.2012 को अवार्ड जारी किया गया था तथा जिसे ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध के अनुसार 22.02.2014 को पूर्ण किया जाना था, किन्तु कार्य संतोषजनक नहीं होने एवं अत्यधिक विलंब के कारण उक्त ठेकेदार एजेंसी का अनुबंध दिनांक 08.06.2015 को निरस्त कर दिया गया था एवं उक्त शेष कार्य हेतु पुन: निविदा प्रक्रिया उपरांत ठेकेदार एजेंसी मेसर्स श्याम इण्डस पॉवर शॉलूशन प्रा.लिमिटेड, नई दिल्ली को दिनांक 29.12.2015 को अवार्ड जारी किया गया है। उक्त शेष कार्य जुलाई 2017 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत ठेकेदार मेसर्स पी.के.आई.प्रा. लिमिटेड, भोपाल द्वारा सिरोंज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रस्तावित सभी कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं अत: अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) उत्तारांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कार्य किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत शेष कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उक्त कार्य जुलाई 2017 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विद्युत
बिलों की राशि
में
अनियमितता
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 1 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर रतलाम नीमच जिलों में 1 जनवरी 2015 के पश्चात् कितने बिलों की राशि में अनियमितता को लेकर कितने व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ शिकायत की? इनमें कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? कितनी राशि का संशोधन कितने बिलों में किया गया? (ख) क्या उक्त जिलों में विद्युत कम्पनी द्वारा उपभोक्ताओं को जानबूझकर मीटर खपत एवं आंकलित खपत की रीडिंग समान देकर दुगनी राशि वसूली जा रही है, जिनकी संख्या हजारों में है? इस तरह की कितनी शिकायतें उक्त अवधि में विभाग को मिली तथा कितने बिलों में मीटर खपत एवं आंकलित खपत के बिलों में संशोधन कर बिलों को आधा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित जिन उपभोक्ताओं की मीटर खपत एव आंकलित खपत दोनों समान बताकर बिलों को दुगना दिया गया है तथा इन उपभोक्ताओं ने दुगनी राशि भर भी दी है, क्या इनकी राशि अगले बिल में समायोजित कर ली जायेगी? (घ) क्या उक्त अनियमितता की जाँच के लिए कोई कमेटी बनाई गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मंदसौर, रतलाम एवं नीमच जिलों में 01 जनवरी 2015 के पश्चात् कुल 15884 बिलों की राशि में त्रुटि संबंधी कुल 15884 शिकायतें पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित वितरण केन्द्र कार्यालयों में प्राप्त हुई। इनमें से सभी 15884 शिकायतों का निराकरण करते हुए 12668 बिलों की राशि में कुल रू. 40.73 लाख का संशोधन किया गया। प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी का जिलेवार एवं वितरण केन्द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2 एवं अ-3 में दर्शाए अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रश्नाधीन जिलों में उपभोक्ताओं को जानबूझकर मीटर खपत के समान आंकलित खपत जोड़कर दोगुनी राशि के बिल जारी नहीं किये जा रहे हैं। प्रश्नाधीन अवधि में इस प्रकार की कोई भी शिकायत विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त नहीं हुई है, अत: बिलों को संशोधित किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
हताईखेड़ा एवं सरयू सरोवर में पर्यटन सुविधा
[पर्यटन]
2. ( क्र. 6 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र में हताईखेड़ा एवं अयोध्या नगर के सरयू सरोवर के विकास, निर्माण, सौन्दर्यीकरण में किस-किस विभाग द्वारा किस-किस मद में कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई? (ख) उक्त स्थलों के विकास में सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट, वृक्षारोपण सहित क्या-क्या निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य किये गए? पृथक-पृथक बताया जाए। (ग) क्या नगर पालिक निगम द्वारा उक्त पर्यटन स्थलों को अपने आधिपत्य में लिया गया है? (घ) उक्त पर्यटन स्थलों को आम जनता के लिये कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) 13 वें वित्त आयोग के अंतर्गत ईको टूरिज्म एडवेंचर विकास मद के अंतर्गत हथाईखेड़ा जिला भोपाल में राशि रूपये 55.00 लाख एवं हेरिटेज पर्यटन विकास मद में राशि रूपये 80.07 लाख इस प्रकार कुल राशि रूपये 135.07 लाख स्वीकृत हैं तथा भारत शासन, पर्यटन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा मेगा परिपथ भोपाल के अंतर्गत सरयू सरोवर में राशि रूपये 81.00 लाख तथा राज्य शासन के अंतर्गत राशि रूपये 18.00 लाख स्वीकृत हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) हथाईखेड़ा भोपाल का अधिपत्य दिनांक 21.07.2016 को नगर निगम भोपाल को सौंपा गया है एवं सरयू सरोवर जिला भोपाल में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा सम्पन्न किये गये कार्यों का अधिपत्य नगर निगम भोपाल को सौंपने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ई-रजिस्ट्री की शिकायतों का निराकरण
[वाणिज्यिक कर]
3. ( क्र. 19 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर के रजिस्ट्रार कार्यालय में नागरिकों द्वारा ई-रजिस्ट्री के संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कितनी शिकायते दर्ज कराई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है, व शेष रही शिकायतों का निराकरण कब तक कर लिया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी शिकायतों का निराकरण दर्ज होने के तीन दिन की समय-सीमा के भीतर किया जाना लक्षित है, जिसके अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।
पत्रों के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
4. ( क्र. 30 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 19 जुलाई 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 5 (क्र. 64) के संदर्भ में तथा खण्ड-7 प्रश्नों के पूर्ण उत्तर दिनांक 1 अप्रैल 2016 के तारांकित प्रश्न संख्या 2 (क्र. 6602) के संदर्भ में बताए कि 30 अक्टूबर तक प्रश्नकर्ता के पत्रों व श्री बाबूलाल यादव के शासकीय भूमि पर कब्जों व अन्य शिकायत पर कार्यवाही प्रचलन में है, बताया था तो उसमें जाँच में क्या प्रगति हुई? (ख) पत्रों व शिकायतों का विवरण देते हुये प्रत्येक प्रकरण में प्रचलन में कार्यवाही में क्या प्रगति हुई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को भेजे गये पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
5. ( क्र. 31 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 19 जुलाई 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 5 (क्र. 64) के संदर्भ में मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को प्रश्न दिनांक तक सदन में पूछे गये प्रश्न एवं लिखे गये पत्रों का विवरण देते हुए बताएं कि प्रश्नों व उत्तरों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नवार, पत्रवार पृथक-पृथक विवरण देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बाल भिक्षावृत्ति
[महिला एवं बाल विकास]
6. ( क्र. 43 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बाल भिक्षावृत्ति रोकने की दिशा में महिला सशक्तीकरण विभाग/महिला एवं बाल विकास विभाग ने अब तक क्या-क्या योजनाएँ क्रियान्वित की हैं? तत्संबंधी ब्यौरा एवं जिलेवार दो वर्षों में चलाये गये अभियानों व कार्यवाही का ब्यौरा क्या है? (ख) बाल भिक्षावृत्ति चलाने वाले संरक्षकों पर रोकथाम हेतु किन-किन जिलों में क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के जीवन सुधार हेतु उठाये गये कदमों का ब्यौरा क्या है? (ग) क्या सरकार ने प्रदेश में बाल भिक्षुकों का सर्वे कराया है? यदि हाँ, तो जिलेवार संख्या व बाल भिक्षा के कारणों की जानकारी दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) 2015 विधि विवादित तथा देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बालकों को संरक्षण प्रदान करता है। भिक्षावृत्ति करने वाले बालक देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बालकों की श्रेणी में आते है। भिक्षावृत्ति में लिप्त बालकों को शिक्षा एवं समाज की मुख्य धारा से जोड़ने तथा भिक्षावृत्ति से पृथक करने हेतु पिछले 02 वर्षों में चलाये गये अभियान का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–2 पर है। (ग) भिक्षावृत्ति करने वाले, सड़क पर कचरा बीनने वाले, नशे में लिप्त एवं सड़क पर निवास करने वाले बालकों को संरक्षण प्रदान करने एवं समाज की मुख्य धारा में जोड़ने हेतु भिक्षावृत्ति निवारण अभियान के नाम से विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में समयबद्ध कार्ययोजना तैयार कर सभी जिलों को प्रेषित की गई थी। कार्ययोजना का एक बिंदु इन बालकों का सर्वे था। भिक्षुक बालकों का अनन्य (एक्सक्लूसिव) सर्वे नहीं कराया गया है। अभियान के अन्तर्गत कराए गए सर्वे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 1 अनुसार है। बालकों द्वारा भिक्षावृत्ति करने के मुख्य कारण गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, माता-पिता द्वारा बच्चों के देखरेख न करना, माता-पिता द्वारा बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाना एवं परम्परागत भिक्षावृत्ति आदि है।
पर्यटन व्यवसाय
[पर्यटन]
7. ( क्र. 45 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार ने मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्टेट के विभिन्न अवार्डों से नवाजा है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) मालवा क्षेत्र विशेषकर उज्जैन संभाग में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने अब तक क्या-क्या योजनाएँ बनाई? क्या-क्या कार्य किये? क्या-क्या भावी कार्यक्रम निर्धारित किये है? (ग) उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, जिलों में पर्यटन होटल व्यवसाय बढ़ाने की दिशा में क्या शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें एवं नहीं तो सिंहस्थ, गांधीसागर बांध, अभ्यारण्य, रमणीक, धार्मिक, स्थलों के उपरांत भी इन क्षेत्रों में इस दिशा में कोई योजना क्यों नहीं है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) उज्जैन संभाग में विभिन्न योजनाओ के अन्तर्गत पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से किये गये विकास/निर्माण कार्य एवं प्रस्तावित कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में उल्लेखित है। (ग) उज्जैन, रतलाम एवं मंदसौर जिले में पर्यटन विकास संबंधी कराये गये कार्यों एवं प्रस्तावित कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफार्मरों में सुरक्षा व्यवस्था
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 71 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगे ट्रांसफार्मर से आमजन एवं जानवरों को सुरक्षा प्रदाय करने हेतु विभाग के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में छतरपुर जिले में ऐसे कितने एवं कहाँ-कहाँ वितरण ट्रांसफार्मर विद्यमान हैं, जो मुख्य मार्गों, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों एवं अन्य क्षेत्रों में लगे हैं जिनमें विभागीय सुरक्षा नियम के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था प्रश्न दिनांक तक पूरी नहीं हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में उपरोक्त ट्रांसफार्मरों में सुरक्षा कब तक सुनिश्चित कर ली जायेगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (विद्युत आपूर्ति एवं सुरक्षा संबंधित उपाय) विनियम, 2010 के प्रावधानों के अनुसार ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाते हैं। आमजन एवं जानवरों की सुरक्षा हेतु सामान्यत: ट्रांसफार्मर डी.पी.स्ट्रक्चर पर सुरक्षा मापदण्डों के अनुरूप निर्धारित ऊंचाई पर स्थापित किया जाता है ताकि कोई व्यक्ति या जानवर ट्रांसफार्मर तक न पहुंच सके। ट्रांसफार्मर पर डी.ओ.फ्यूज लगाया जाता है ताकि आकस्मिक स्थिति में डी.ओ.फ्यूज गिरकर विद्युत प्रवाह अवरूद्ध कर सके। सुरक्षा हेतु प्रत्येक ट्रांसफार्मर की अर्थिंग की जाती है ताकि लीकेज होने पर भी करेण्ट से कोई घातक दुर्घटना न हो। विद्युत निरीक्षक द्वारा ट्रांसफार्मरों के निरीक्षण/परीक्षण का प्रावधान है। वितरण कंपनी द्वारा वर्ष में दो बार, वर्षा पूर्व वर्षा उपरान्त सभी ट्रांसफार्मरों का निरीक्षण, परीक्षण एवं सुधार व संधारण करने का नियम है। (ख) छतरपुर जिले में कुल 6233 वितरण ट्रांसफार्मर हैं, जिसमें से शहरी क्षेत्र, मुख्य मार्ग, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में लगभग 342 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है। उक्त सभी ट्रांसफार्मरों पर सुरक्षा व्यवस्था उत्तरांश (क) में उल्लेखित विनियम के अनुसार पूर्ण की हुई है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सिंचाई एवं घरेलू बिजली प्रदाय
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 103 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिजली विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई एवं घरेलू बिजली प्रदाय हेतु अलग-अलग समय सीमा निर्धारित की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितने- कितने घंटे बिजली की आपूर्ति की जाती हैं? (ग) क्या अनेक स्थानों पर जैसे मटामर, रिठौरी, मझगवां, तिलगवां में सिंचाई हेतु थोड़े-थोड़े अंतराल पर मात्र 06 घंटे एवं घरेलू बिजली 20 घंटे दी जा रही हैं? (घ) क्या सिंचाई हेतु एक ही शिफ्ट में बिजली की आपूर्ति की जा सकती हैं? यदि हाँ, तो तत्काल आदेश जारी कराये जायें, ताकि किसानों की सिंचाई निर्बाध हो सके। यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) अपरिहार्य कारणों से हुए विद्युत व्यवधानों की स्थिति को छोड़कर सामान्यत: 11 के.व्ही. कृषि फीडरों पर 10 घण्टे एवं गैर कृषि फीडरों पर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जाता है। (ग) जी नहीं। अपितु प्रश्नाधीन ग्रामों को 11 के.व्ही. घरेलू फीडर पर अक्टूबर 2016 में औसतन 22 घण्टे 41 मिनट एवं नवम्बर 2016 में 23 घण्टे 05 मिनट तथा 11 के.व्ही. कृषि फीडर पर अक्टूबर 2016 में औसतन 8 घण्टे 32 मिनट एवं नवम्बर 2016 में 9 घण्टे 15 मिनट विद्युत प्रदाय किया गया है। (घ) तकनीकी दृष्टि से एक ही शिफ्ट में कृषि फीडरों पर विद्युत प्रदाय किया जाना वर्तमान में साध्य नहीं है।
ट्रांसफार्मर डिपो की स्थापना
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 104 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखंड पनागर में लगभग 1400 ट्रांसफार्मर लगे हैं? (ख) क्या हर दिन एक ट्रांसफार्मर खराब होता है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अधीन पनागर विधानसभा में ट्रांसफार्मर डिपो स्थापित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि नहीं तो क्या ऐसी व्यवस्था की जा सकती हैं, ताकि अवकाश के दिनों में भी ट्रांसफार्मर उपलब्ध हो सके?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विकासखण्ड पनागर में 1673 वितरण ट्रांसफार्मर लगे हैं। (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का क्षेत्रीय भंडार नयागाँव, जबलपुर में है तथा संचा-संधा. उप-संभाग आधारताल स्तर पर आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर भंडारण किया जाता है, जिससे आवश्यकता के अनुरूप ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराये जाते हैं, अत: पनागर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में ट्रांसफार्मर भंडारण की आवश्यकता नहीं है। (घ) वर्तमान व्यवस्था अनुसार संचा/संधा. उप संभाग आधारताल स्तर पर ट्रांसफार्मर का भंडारण किया जाता है, जिनमें से आवश्यकता पड़ने पर अवकाश के दिनों में भी प्रश्नाधीन क्षेत्र में ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराए जाते हैं।
अनुदान प्राप्त बाल संरक्षण संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( क्र. 120 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत कितने बाल संरक्षण गृह संचालित हैं, जिन्हें शासन से वित्तीय अनुदान प्राप्त है? बाल संरक्षण गृहों का नाम एवं पता तथा वर्तमान में दर्ज बच्चों की संख्या बताएं? वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक शासन/जिला स्तर से कितनी-कितनी वित्तीय सहायता राशि प्रदाय की गई? बाल संरक्षण गृहवार एवं वर्षवार राशि का ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला अंतर्गत ऐसी कितनी संस्थाएं हैं, जहां उनके स्वयं के नाम से न तो भवन है और न ही बच्चों को रहने की व्यवस्था है? मात्र कागजी खानापूर्ति करके घरों में संस्था पंजीकृत हो कर चल रहीं हैं? शासन से संस्था के मालिकों द्वारा अनुदान प्राप्त किया जाकर राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? विभागीय अधिकारियों द्वारा कब-कब ऐसी संस्थाओं का निरीक्षण किया गया? निरीक्षण करने वाले अधिकारी का नाम, निरीक्षण दिनांक एवं कितने-कितने बच्चे उपस्थित पाये गये? (ग) क्या विभाग ऐसी संस्थाओं जो कागजी खानापूर्ति से चल रही हैं एवं शासन का लाखों रूपये अनुदान के रूप में प्राप्त कर रहे हैं, उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? समय-सीमा से अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कारण बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राजगढ़ जिले में अशासकीय संस्था गोपाल महिला मंडल द्वारा विशेषज्ञ दत्तकग्रहण एजेंसी (शिशु गृह) का संचालन किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिले में बाल संरक्षण हेतु शिशु गृह संचालित करने वाली एक मात्र संस्था गोपाल महिला मंडल है, जिसका किराए का भवन खुजनेर रोड राजगढ़ पर स्थित है। जिसमें नियम अनुसार 10 बच्चों को रखने की पूरी व्यवस्था है। संस्था भौतिक रूप से संचालित है, जिसकी पुष्टि विभिन्न अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण से होती है। संस्था को शासन द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कोई अनुदान नहीं दिया गया है। अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण एवं उपस्थित बच्चों की संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
फीडर सेपरेशन का कार्य
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 121 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत विगत तीन वर्षों से प्रश्न दिनांक तक फीडर सेपरेशन कार्य किया जा रहा है, परंतु अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? कार्य अपूर्ण होने की स्थिति में वर्तमान में किस-किस फीडर पर औसतन कितने घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है ? फीडरवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण होने की दशा में रबी के सीजन में किसानों को कृषि कार्य हेतु मोटर पम्प चलाने हेतु 10 घण्टे एवं घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे विद्युत नहीं मिलने के लिये कौन-कौन दोषी है? यदि दोषियों पर कार्यवाही नहीं की जावेगी तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या शासन आज पर्यन्त तक ग्रामीण क्षेत्र में फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण रहने की स्थिति में दोषी अधिकारियों/ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? फीडर सेपरेशन का कार्य ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने पर किन-किन ठेकेदारों के ऑर्डर निरस्त किये जाकर कितनी-कितनी जमा राशि राजसात की गई? क्या ठेकेदारों को शासन ने ब्लैक लिस्टेड किया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, पूर्व में कार्यरत ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य में विलंब किये जाने के कारण उसे जारी अवार्ड निरस्त कर सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र सहित राजगढ़ जिले के प्रश्नाधीन शेष कार्यों हेतु मेसर्स श्याम इण्डस पॉवर सोल्यूशन, दिल्ली को दिनांक 16.03.2016 को अवार्ड जारी किया गया है। सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के जिन फीडरों पर वर्तमान में फीडर विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण है ऐसे 31 मिश्रित फीडरों पर, माह अक्टूबर 2016 में औसतन प्रतिदिन किये गये विद्युत प्रदाय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार फीडर विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण होने की स्थिति में भी रबी सीजन के दौरान कृषि फीडरों पर औसतन 9 घण्टे 37 मिनिट एवं घरेलू फीडरों पर औसतन 22 घंटे 40 मिनिट विद्युत प्रदाय किया गया है। कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से आए विद्युत व्यवधानों को छोड़कर वर्तमान में नियमानुसार कृषि फीडरों पर 10 घण्टे एवं गैर-कृषि फीडरों पर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र सहित राजगढ़ जिले में फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत कार्य में विलंब के लिये दोषी ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुम्बई का अनुबंध दिनांक 08.06.2015 को निरस्त कर राशि रू. 10.95 करोड़ की बैंक गारंटी राजसात कर ली गई है एवं उक्त ठेकेदार एजेंसी को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 04.07.2015 के द्वारा ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।
अनुविभागीय अधिकारी पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
13. ( क्र. 141 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी श्री डी.के. जैन एवं तहसीलदार श्री वीरेन्द्र कटारे जो पूर्व में गुना में पदस्थ थे, के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण-पत्र बनाकर सामान्य वर्ग को लाभांवित किया गया? बाद में ऐसे जाति प्रमाण-पत्र न्यायालय द्वारा निरस्त किये जाते हैं, परंतु उक्त द्वय अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई व शासन द्वारा ऐसे अधिकारियों की पदोन्नति भी कर दी गई? उनके खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या गुना कलेक्टर द्वारा 28.05.2016 के आदेश का, जो न्यायालय के आदेश के उपरांत जारी किया गया था, उसका पालन अनुविभागीय अधिकारी, गुना श्री दिनेश शुक्ला द्वारा पालन न करना न्यायालय और वरिष्ठ अधिकारियों का अपमान है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक प्रस्तावित करेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी श्री डी.के. जैन एवं तहसीलदार श्री वीरेन्द्र कटारे जो पूर्व में गुना में पदस्थ थे, के द्वारा श्री राजेन्द्र सिंह सलूजा को सांसी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया था, जिसे राज्य स्तरीय अनुसूचित जाति प्रमाण पत्रों की छानबीन समिति द्वारा प्रकरण क्रमांक 247/2009 में पारित आदेश दिनांक 10/08/2011 के द्वारा निरस्त किया गया है। उक्त दोनों अधिकारियों के विरूद्ध आयुक्त, ग्वालियर संभाग, ग्वालियर एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त, भोपाल द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई थी, जिसे माननीय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, खण्डपीठ ग्वालियर की याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 4497/2013 में पारित आदेश दिनांक 06/03/2014 के आधार पर समाप्त किया गया है। (ख) कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, गुना के पत्र क्रमांक निर्वा/एस.सी. 2/11-24/08/2007/253-254, दिनांक 28/05/2016 के द्वारा महाधिवक्ता, माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर के अभिमत उपरांत श्री राजेन्द्र सिंह सलूजा एवं संबंधित के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने हेतु श्री दिनेश चन्द्र शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी, गुना को निर्देशित किया गया था। माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा एम.सी.आर.सी. 5897/2014 एवं 6319/2014 में पारित आदेश दिनांक 28/06/2016 में यह निर्देशित किया था कि ''श्री राजेन्द्र सिंह सलूजा एवं अन्य के विरूद्ध जाति प्रमाण पत्र के संबंध में दर्ज आपराधिक प्रकरण निरस्त किया जाता है तथा न्यायालय में प्रचलित प्रोसीडिंग भी निरस्त की जाती है'' उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में संबंधित के विरूद्ध प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया। इस प्रकार श्री दिनेश चन्द्र शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी, गुना द्वारा माननीय न्यायालय और वरिष्ठ अधिकारियों का अपमान करना नहीं पाया जाता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की प्रक्रिया
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 175 ) श्री अंचल सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के क्या नियम है? कितनी जनसंख्या एवं दूरी पर आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने का प्रावधान है? नियम सहित बतावें। (ख) क्या शासन द्वारा 5 माह पूर्व समस्त क्षेत्रीय विधायकों से क्षेत्र में मिनी आंगनवाड़ी एवं आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के प्रस्ताव मंगाये गये थे? यदि हाँ, तो मंगाये गये प्रस्तावों पर क्या प्रगति हुई एवं कब तक आंगनवाड़ी केन्द्रों को खोल दिया जावेगा? यदि नहीं हुई तो क्यों कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तावित आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी खोलने की स्वीकृति यदि शासन द्वारा दी जा चुकी है तो क्या शासन द्वारा शासकीय भवनों को चिन्हित कर लिया गया है अथवा किराये के भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्रों को संचालित किया जावेगा? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना चिटनिस
) : (क)
भारत सरकार
द्वारा
आंगनवाड़ी
केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी
केन्द्र
स्वीकृत करने
हेतु जनसंख्या
के
निम्नानुसार मापदण्ड
निर्धारित
किये गये है:-
(अ)
आंगनवाड़ी
केन्द्रः-1.1 ग्रामीण
एवं शहरी
क्षेत्र हेतु
:- 400-800 (एक
केन्द्र)
- 800-1600 (दो
केन्द्र)
- 1600- 2400 (तीन
केन्द्र)
(इसके
पश्चात्
प्रति 800 की
जनसंख्या पर
एक केन्द्र)
1.2
आदिवासी
क्षेत्र हेतु
:- 300-800 (एक
केन्द्र)
(ब)
मिनी
आंगनवाड़ी
केन्द्र:- 1.1 ग्रामीण
एवं शहरी
क्षेत्र
हेतु:-150-400 (एक
मिनी केन्द्र)
1.2
आदिवासी
क्षेत्र हेतु
:-150-300 (एक
मिनी केन्द्र
(ख) जी हाँ। नवीन स्वीकृत आंगनवाड़ी /मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। समय सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। नवीन स्वीकृत आंगनवाड़ी /मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्थल चयन हेतु सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है। प्राथमिकता के आधार पर शासकीय भवनों में संचालित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के विधानसभा क्षेत्र में निम्नानुसार आंगनवाड़ी /मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये गये हैः-
परियोजना का नाम |
वार्ड का नाम |
स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या |
स्वीकृत आंगनवाड़ी मिनी केन्द्रों की संख्या |
एकीकृत बाल विकास परियोजना जबलपुर शहरी क्रमांक 05 |
ठक्कर
ग्राम |
02 |
निरंक |
एकीकृत बाल विकास परियोजना जबलपुर शहरी क्रमांक 06 |
सिद्ध बाबा वार्ड |
01 |
निरंक |
एकीकृत बाल विकास परियोजना जबलपुर शहरी क्रमांक 04 |
महर्षि महेश योगी वार्ड खेरमाई वार्ड |
02 |
निरंक |
विधान
सभा क्षेत्र
गोटेगांव
अंतर्गत
नहरों का
निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
15. ( क्र. 183 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव क्र 118 अंतर्गत वित्तवर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में क्या नहरों के मरम्मत का कार्य किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी नहरों में क्या-क्या मरम्मत कार्य किये गये सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार मरम्मत कार्य हेतु कितनी कितनी राशि किस-किस मद से किसे जारी की गई की सूची उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत डी.पी का कार्य
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 188 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत विद्युत विभाग में कितने लाइनमेन कार्यरत हैं एवं प्रत्येक लाइनमेन के पास कितने कितने ग्राम हैं, की सूची उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत विभाग के पास पर्याप्त जूनियर इंजीनियर है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र में किस-किस जूनियर इंजीनियर को कौन-कौन सा क्षेत्र दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने ट्रांसफार्मर बदले गये एवं वर्तमान में ऐसे कितने स्थान हैं जहां आज दिनांक तक विभाग द्वारा जिन किसानों की नई डी.पी. रखने हेतु आवेदन स्वीकार किये गये उनकी संख्या कितनी है सूची उपलब्ध करावें। (घ) विभाग द्वारा स्वीकार किये गये आवेदनों की डी.पी. कब तक रख दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत 40 लाइन कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनकी मुख्यालयवार, ग्रामों की संख्या सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र में पदस्थ जूनियर इंजीनियरों की कार्य क्षेत्र सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2015-16 में 491 एवं वर्ष 2016-17 में 465 फेल ट्रांसफार्मर बदले गये। वर्ष 2015-16 में 83 किसानों के आवेदन एवं वर्ष 2016-17 में नवम्बर-2016 की स्थिति में 34 किसानों के आवेदन स्वीकृत किये गये जिनकी वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) आवेदकों द्वारा औपचारिकता पूर्ण करने के उपरान्त आर.ओ.डब्लू. उपलब्ध होने पर 150 दिवस के अन्दर कार्य पूर्ण कराये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2015-16 में 83 स्वीकृत किये गये किसानों के आवेदन में से 34 कृषकों द्वारा औपचारिकतायें पूर्ण की गई, जिनमें से 33 कृषकों के कार्य पूर्ण कर दिये गये 01 किसान द्वारा औपचारिकतायें पूर्ण विलम्ब से किये जाने के कारण दिनांक 19.11.2016 को कार्यादेश जारी हुआ है। वर्ष 2016-17 में 34 किसानों के आवेदन स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 11 किसानों द्वारा औपचारिकतायें पूर्ण की गई। इन सभी 11 किसानों के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं। शेष 23 कृषकों द्वारा औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरान्त वरीयता क्रम में निर्धारित समय-सीमा में 150 दिवस के अन्दर कार्य पूर्ण कर दिए जावेंगे।
कर्मचारियों का स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
17. ( क्र. 210 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 2015 एवं 2016 में प्रश्नकर्ता की अनुशंसा पर प्रभारी मंत्री दतिया के यहां से कर्मचारियों के स्थानांतरण पत्र कलेक्टर दतिया को पत्र भेजे गये? यदि हाँ, तो पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाए? (ख) उपरोक्त स्थानांतरण पत्रों के परिपालन में कितने कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किये गए और कितने कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेश जारी नहीं हुए? जानकारी विधानसभावार, कर्मचारीवार दी जाऐ? (ग) प्रभारी मंत्री के अनुमोदन स्थानांतरण पत्रों के परिपालन में यदि स्थानांतरण नहीं किए गये तो क्यों नहीं किये गये? स्थानांतरण पत्रों में उल्लेखित कर्मचारियों के स्थानांतरण न करने का कारण सहित जानकारी दी जाये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। भेजे गये पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार प्राप्त स्थानांतरण पत्रों में से किसी भी कर्मचारी के स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति अनुसार माननीय प्रभारी मंत्री से प्राप्त पत्रों की समीक्षा एवं चर्चा उपरांत वर्ष 2015 में श्री दिनेश चौरसिया, दतिया से टीकमगढ़ एवं श्री प्रकाश कौशिक टीकमगढ़ से दतिया, श्री देवेन्द्र सिंह दांगी, श्री धमेन्द्र प्रजापति, डॉ. बी.एम. शर्मा के स्थानांतरण प्रस्ताव शासन स्तर के होने से जिले द्वारा नहीं किये गये। शेष आवेदनों पर जिला स्थानांतरण बोर्ड में चर्चा उपरांत स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किये गये। श्री हरनारायण साहू, श्री कप्तान सिंह कौरव, श्रीमती मंजू अहिरवार, श्री अरूण कुमार दूर्वार का जिला स्थानांतरण बोर्ड में चर्चा उपरांत स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किये गये। इसी प्रकार वर्ष 2016 में 02 कर्मचारी श्री आलोक कुमार खरकया एवं ओमप्रकाश जोशी शिक्षक पट्टी के स्थानांतरण करने संबंधी नाम मान. प्रभारी मंत्रीजी की सूची में प्राप्त हुए थे जिन पर संबंधित विभाग से अभिमत चाहा गया था। स्थानांतरण नीति वर्ष 2016-17 में 1 अगस्त, 2016 से 16 अगस्त, 2016 तक स्थानांतरण पर प्रतिबंध शिथिल किया गया था। नियत अवधि में स्थानांतरण प्रस्ताव नियत प्रारूप पर प्राप्त न होने से स्थानांतरण नहीं किये।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
18. ( क्र. 211 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2014 से अक्टूबर 2016 तक दतिया जिले के विधायकों ने कलेक्टर दतिया को पत्र लिखे? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में लिखे गये पत्रों की जानकारी सूची सहित उपलब्ध करायें? (ख) उपरोक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई उसकी विस्तृत जानकारी विधायकवार उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या उपरोक्त पत्रों के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित विधायक को अवगत कराया गया? यदि हाँ, तो उन पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाये? यदि अवगत नहीं कराया तो क्यों नहीं कराया गया? (घ) जनप्रतिनिधियों के पत्रों के संबंध में कृत कार्यवाही से अवगत न कराने के लिए कौन जिम्मेदार है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डबरा विधान सभा क्षेत्र में नवीन विद्युत ट्रांसफॉर्मरों की स्थापना
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 234 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा विधान सभा क्षेत्र में विद्युत विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में कितने-कितने विद्युत ट्रांसफार्मर स्वीकृत कर किस-किस स्थान पर एवं किस-किस योजना से लगाये गये हैं। कितने स्थानों पर लगाना शेष हैं। ग्राम का नाम व स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) ग्वालियर जिले की डबरा विधान सभा क्षेत्र में विद्युत विभाग द्वारा कितने कृषक हितग्राहियों को विद्युत ट्रांसफार्मर लगाकर किस योजना में लाभांवित किया गया। तथा आवेदन अनुसार कितनों को किया जाना शेष है। क्या हितग्राहियों को लाभांवित करने की सूचना समय-समय पर स्थानीय विधायक को दी जाना उचित था? यदि हाँ, तो क्यों नहीं दी गई। इसमें कौन दोषी है क्या उस पर कोई कार्यवाही की जावेगी हां, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ग्वालियर जिले की डबरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत, स्थापित किये गये एवं स्थापित किये जाने हेतु शेष वितरण ट्रांसफार्मरों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
योजना |
स्वीकृत ट्रांसफार्मर |
स्थापित ट्रांसफार्मर |
स्थापना हेतु शेष |
रिमार्क |
1 |
2015-16 |
कृषक अनुदान योजना |
198 |
197 |
0 |
राशि जमा नहीं होने के कारण 1 प्रकरण निरस्त |
2 |
स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना |
14 |
12 |
0 |
राशि जमा नहीं होने के कारण 2 प्रकरण निरस्त |
|
3 |
सुपरविजन योजना |
5 |
5 |
0 |
- |
|
4 |
पूर्ण जमा योजना |
10 |
6 |
0 |
राशि जमा न होने के कारण 4 प्रकरण निरस्त |
|
1 |
2016-17 (प्रश्न दिनांक तक) |
कृषक अनुदान योजना |
305 |
138 |
165 |
राशि जमा नहीं होने के कारण 2 प्रकरण निरस्त |
2 |
स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना |
4 |
0 |
0 |
राशि जमा नहीं होने के कारण सभी 4 हितग्राहियों के प्रकरण निरस्त |
|
कुल योग |
536 |
358 |
165 |
राशि जमा नहीं होने के कारण 13 प्रकरण निरस्त |
उक्त स्वीकृत/स्थापित/शेष वितरण ट्रांसफार्मरों की योजनावार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन कृषकवार, ग्रामवार/ स्थानवार, योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले की डबरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कुल 573 हितग्राहियों हेतु विभिन्न योजना अंतर्गत कुल 536 ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये जिनमें से 384 कृषकों हेतु कुल 358 ट्रांसफार्मर स्थापित कर कृषकों को लाभान्वित किया गया। 174 कृषकों हेतु कुल 165 ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना शेष है, जिन्हें स्थापित करने का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। समय-समय पर जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर आयोजित समीक्षा बैठकों में माननीय स्थानीय विधायक महोदय अथवा उनके प्रतिनिधि व अन्य जनप्रतिनिधियों को हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी से अवगत कराया जाता है। साथ ही मांगे जाने पर सूची भी उपलब्ध करायी जाती है। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
आबकारी इंस्पेक्टर के विरूद्ध जाँच
[वाणिज्यिक कर]
20. ( क्र. 269 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के आबकारी विभाग में कितने इंस्पेक्टर कब से कार्यरत हैं? नाम, पदस्थापना दिनांक सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या राजेश कुमार तिवारी आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा जिला सतना में वर्ष 2011 से पदस्थ होकर अवैध गाँजा-शराब विक्रय कराकर भारी मात्रा में अवैध संपत्ति अर्जित की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिनांक 05.11.16 को समक्ष में माननीय वित्त एवं आबकारी मंत्री को लिखित में उक्त के विरूद्ध बिंदुवार शिकायत की है। उक्त शिकायत की जाँच क्या संबंधितों को हटाकर की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सतना जिले में आबकारी उप निरीक्षक के 10 पद स्वीकृत है, जिनके विरूद्ध 05 आबकारी उप निरीक्षक वृत्तों में पदस्थ हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। इस प्रकार के कोई तथ्य जानकारी में नहीं हैं। वर्ष 2011 से जिला सतना में पदस्थापना के दौरान विभिन्न वृत्तों में पदस्थ रहते हुये श्री राजेश तिवारी द्वारा अवैध गांजा एवं शराब विक्रय के विरूद्ध 629 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त शिकायत की जाँच उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
सतना एवं कटनी जिले के अंतर्गत नहर का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
21. ( क्र. 270 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं कटनी जिले के अंतर्गत बरगी नहर जो निर्माणाधीन है, उक्त नहर कितने किलोमीटर कितनी लागत से किस ठेकेदार द्वारा किस स्थान से किस स्थान तक निर्मित की गई है तथा कितनी शेष है? शेष नहर के निर्माण की क्या निविदाएं स्वीकृत कर दी गई हैं या स्वीकृत किया जाना शेष है? यदि स्वीकृत हो गई हैं तो किस ठेकेदार द्वारा निर्मित किया जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) की निर्मित नहरों की गुणवत्ता ठीक न होने के कारण जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, दरारें पड़ चुकी हैं, धसक रहीं हैं। क्या शासन खराब नहरों की गुणवत्ता की जाँच कराकर दोषी ठेकेदार एवं तकनीकी अमला के विरूद्ध जाँच कराकर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) कटनी जिले के स्लिम्निबाद में अण्डर ग्राउण्ड टनल का निर्माण किन कारणों से रूका है? (घ) प्रश्नांश (ग) की टनल निर्माण में निर्माण एजेन्सी द्वारा अपने किन-किन कर्मचारियों/मजदूरों का किस-किस माह का वेतन भुगतान किया जाना शेष है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) यह सही नहीं है कि निर्मित नहरों की गुणवत्ता ठीक न होने के कारण जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी है एवं दरारें पड़ चुकी हैं। चल रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच विभागीय गुणवत्ता नियंत्रण अमले द्वारा नियमित की जाती है। यदि कोई भी निर्माण कार्य गुणवत्ताविहीन पाया जाता है तो उसे अनुबंध में निहित प्रावधानानुसार तुड़वाकर पुन: एजेन्सी से बनवाया जाता है। निर्माण कार्य ठेकेदार के डिफेक्ट लाइबिलिटी की समय सीमा में है। इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण कुछ स्थानों पर वर्षा के पानी से नहर क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनमें अनुबंध के प्रावधानों के अनुरूप निर्माण एजेन्सी से सुधार कार्य कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में कार्य चालू है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) डाउन स्ट्रीम के कार्य में सितम्बर 2015 तक का भुगतान कर दिया गया है। अप स्ट्रीम में माह सितम्बर 2016 व अक्टूबर 2016 का भुगतान किया जाना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है।
पुनर्वास स्थल पर मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता
[नर्मदा घाटी विकास]
22. ( क्र. 285 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदार सरोवर परियोजना के बेक वाटर लेबल से प्रभावित धरमपुरी नगर के कितने परिवारों को पुनर्वास स्थल पर भू-खण्ड कब-कब आवंटित किये गये हैं, तिथिवार जानकारी उपलब्ध करावें? क्या पुनर्वास नीति अनुसार 10 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् आवंटित भू-खण्डों का पंजीयन (रजिस्ट्री) होना थी? यदि हाँ, तो कितने भू-खण्डों का पंजीयन (रजिस्ट्री) की गई है, व कितनों की नहीं? शेष भू-खण्डों का पंजीयन (रिजस्ट्री) नहीं किये जाने का कारण स्पष्ट करें? आवंटित भू-खण्डों की रजिस्ट्री कब तक करा दी जावेगी, स्पष्ट समयावधि बतावें? (ख) क्या पुनर्वास नीति अनुसार पुनर्वास स्थल पर निवास करने वाले नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं यथा पेयजल, विद्युत एवं सड़क आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है? यदि हाँ, तो किस विभाग द्वारा उक्त सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कराई जा रही है, कारण बतावें? (ग) क्या पुनर्वास स्थल का संचालन व संधारण संबंधित कार्य वर्तमान में किसी भी विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है? यदि किया जा रहा है तो, किस विभाग द्वारा किया जा रहा है? विभाग का नाम एवं पुनर्वास स्थल हस्तांतरित होने संबंधी दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) सरदार सरोवर परियोजना के पुनरीक्षित बेक वाटर लेवल 143.43 मीटर पर 208 विस्थापित परिवार (वयस्क पुत्रों सहित) डूब से प्रभावित हो रहे है। इनमें 183 को आवासीय भू-खण्ड तथा 25 को भू-खण्ड के बदले नगद राशि का भुगतान वर्ष 2005 में किया जा चुका है। नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। सरदार सरोवर परियोजना के पुनरीक्षण पूर्व बेक वाटर लेवल 148.35 मीटर के अनुसार धरमपुरी के 2687 प्रभावित विस्थापित परिवारों को वर्ष 2005 से 2007 की अवधि के मध्य आवासीय भू-खण्ड आवंटित किये गये हैं। लेकिन बेक वाटर पुनरीक्षण के कारण अब प्रभावित परिवारों की संख्या सिर्फ 208 ही है। बेक वाटर लेवल में 4.92 मीटर का जल स्तर कम होने से अधिकांश अर्जित मकान डूब से बाहर हो गये है। पुनर्वास नीति में 10 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् आवंटित भू-खण्डों के पंयीजन किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। पुनर्बसाहट स्थल धरमपुरी में NWDT अवार्ड एवं पुनर्वास नीति के प्रावधान अनुसार मूलभूत नागरिक सुविधाएं यथा पेयजल विदयुत एवं सड़क आदि सुविधाएं नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई गई है। उपरोक्त सुविधाओं के अतिरिक्त नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा पुनर्वास स्थल पर 2 प्राथमिक शाला, 30 बिस्तरों वाला अस्पताल भवन, डामरीकृत आंतरिक मार्ग एवं पुलिया आदि की सुविधाएं निर्मित की गई है। (ग) पुनर्बसाहट स्थल पर विकसित की गई नागरिक सुविधाओं यथा पेयजल, विदयुत एवं सड़क आदि का संचालन एवं संधारण निम्नानुसार किया जा रहा है:- (1) जल प्रदाय योजना-नगर पंचायत धरमपुरी द्वारा किया जा रहा है। हस्तांतरण दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (2) विदयुत व्यवस्था-मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी द्वारा किया जा रहा है। हस्तांतरण दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। (3) सड़क-नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। (4) 30 बिस्तरों वाला अस्पताल-विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी धामनोद द्वारा किया जा रहा है। हस्तांतरण दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’द’’ अनुसार है।
विद्युत विहीन ग्रामों में बिजली की उपलब्धता
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 301 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के विधानसभा क्षेत्र चितरंगी के अंतर्गत ग्राम पिड़रिया सिधार माचीकला, खैरहनी गौगई सिधरी भोष में आजादी के बाद से अभी तक बिजली नहीं है? क्या इन गांवों में आदिवासी एवं अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वर्ग के निवासी आज भी बिजली से वंचित हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त गांवों में कब तक बिजली पहुंचा दी जावेगी और अब तक नहीं पहुंचाने के लिये कौन उत्तरदायी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिंगरौली जिले के विधानसभा क्षेत्र चितरंगी के अंतर्गत ग्राम पिड़रिया, सिधार,माचीकला, खैरहनी, गौगई, सिधरी, भोष का पूर्व में ही विद्युतीकरण किया जा चुका है। जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित है। योजना के प्रावधानों के अनुसार विद्युतीकरण के कार्य टर्न-की आधार पर पूर्ण कराये जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्य पूर्ण हो जाने के पश्चात् प्रश्नाधीन ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ करना संभव हो सकेगा, अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के उत्तरदायी होने का प्रश्न नहीं उठता।
पोषण आहार की सप्लाई
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( क्र.
313 ) श्रीमती
नीना विक्रम
वर्मा :
क्या महिला
एवं बाल विकास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क)
प्रदेश में
आंगनवाड़ियों
के माध्यम से
बच्चों एवं
गर्भवती
महिलाओं को
प्रदाय किये
जाने वाला
पोषण आहार
किन-किन
एजेंसी/फर्म
द्वारा सप्लाय
किया जा रहा
है? (ख)
क्या शासकीय
एजेंसी एम.पी.
एग्रो भी
प्रदेश में पोषण
आहार सप्लाय
करती है? यदि
हाँ,
तो वर्ष 2005-06 से
लेकर वर्ष 2015-16
की स्थिति में
कितना पोषण
आहार वर्षवार
किस-किस
एजेंसी/फर्म
द्वारा कितना
व कितनी
धनराशि का सप्लाय
किया गया? (ग)
वर्ष 2005-06 से वित्तीय
वर्ष 2015-16 की
स्थिति में
प्रदेश में
कुपोषण में
कितने प्रतिशत
की कमी आयी? (घ)
क्या माननीय
सर्वोच्च न्यायालय
द्वारा पोषण
आहार सप्लाय
की व्यवस्था
स्व-सहायता
समूह के माध्यम
से किये जाने
के संबंध में
डायरेक्शन/निर्देश
दिये थे? यदि
हाँ,
तो तत्कालीन
समय में
निर्देशों के
पालन में क्या
समस्या आ रही
थी तथा क्या
अब शासन इस
संबंध में कोई
योजना बना रहा
है?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना चिटनिस
) : (क)
राज्य शासन के
निर्देशानुसार
वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक
के बच्चों, गर्भवती
धात्री
माताओं एवं
किशोरी
बालिकाओं को
टेकहोम राशन
के रूप में
पूरक पोषण
आहार की
व्यवस्था
एम.पी.एग्रो
के माध्यम से
तथा 03
वर्ष से 06
वर्ष तक के
बच्चों को
पूरक पोषण
आहार की व्यवस्था
ग्रामीण
क्षेत्रों
में सांझा
चूल्हा
कार्यक्रम के
तहत्
मध्यान्ह
भोजन कार्यक्रम
अंतर्गत
कार्यरत स्व-सहायता
समूहों के
माध्यम से तथा
शहरी
क्षेत्रों
में स्व-सहायता
समूह एवं
महिला मण्डल
के माध्यम से
निर्धारित
मेनू अनुसार
प्रदाय किया
जाता है। (ख)
जी हाँ। वर्ष 2005-2006 से वर्ष 2015-16 तक एम.पी.एग्रो.
द्वारा
प्रदाय
टेकहोम राशन
की प्रदाय
आदेशवार
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार है।
(ग) वर्ष 2005-06
में
एन.एफ.एस.एच.-3 सर्वे
प्रदेश में
सामान्य से कम
वज़न वाले
बच्चों का
प्रतिशत 60 था,
जो
वर्ष 2015-16 के
एन.एफ.एस.एच.-4 सर्वे
में घटकर 42.8 प्रतिशत
पाया गया है।
इस प्रकार
प्रदेश में
वर्णित अवधि
में कुल 28.67
प्रतिशत की कमी
परिलक्षित
हुई है। (घ) जी
हाँ। माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय एवं
भारत सरकार महिला
बाल विकास
विभाग के फरवरी
2009 के
निर्देशानुसार
में 06
माह से 03
वर्ष तक के
बच्चों,
गर्भवती
/धात्री माताओं
को टेकहोम
राशन के रूप
में माइक्रोन्यूट्रिएट
फोर्टीफाईड
फूड पूरक पोषण
आहार के रूप
में प्रदाय
किए जाने का
प्रावधान किया
गया था। भारत
सरकार महिला बाल
विकास के
निर्देश
दिनांक 24.2.2009 की
प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 अनुसार
है। उक्त नार्मस
के आधार पर
तथा
हितग्राहियों
को माइक्रोन्यूट्रिएट
फोर्टीफाईड
फूड प्रदाय
करने के
उद्देश्य से
राज्य परिषद्
द्वारा लिए
निर्णय
अनुसार 06
माह से 03
वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती
धात्री
माताओं एवं
किशोरी
बालिकाओं को
टेकहोम राशन
के रूप में पूरक
पोषण आहार की
व्यवस्था
एम.पी.एग्रो
के माध्यम से
तथा 03
वर्ष से 06
वर्ष तक के
बच्चों को
पूरक पोषण
आहार की
व्यवस्था ग्रामीण
क्षेत्रों
में सांझा
चूल्हा
कार्यक्रम तहत्
मध्यान्ह
भोजन
कार्यक्रम
अंतर्गत कार्यरत
स्व-सहायता
समूहों के
माध्यम से तथा
शहरी
क्षेत्रों
में स्व-सहायता
समूह एवं
महिला मण्डल
के माध्यम से
जिला स्तर से संचालित
की जा रही
हैं।
निर्देशों के
पालन में किसी
प्रकार की
समस्या नहीं आ
रही है।
माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय के
निर्देशों के
अनुरूप ही
प्रदेश में
पूरक पोषण
आहार व्यवस्था
संचालित की जा
रही है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
25. ( क्र. 326 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के ता.प्रश्न संख्या-21 (क्रमांक 518) दिनांक 20 जुलाई 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में माननीय विभागीय मंत्री महोदय द्वारा बताया गया था कि प्रदेश में वर्ष 2016-17 के लिये मनरेगा योजना के अभिसरण से निर्मित होने वाले आंगनवाड़ी भवनों के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा से 93 आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु स्थल चयन/खसरे, नक्शा की जानकारी प्राप्त हुई, तो क्या प्रश्न दिनांक तक आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी कर दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं तो उक्त संबंध में कार्यवाही किन कारणों से लंबित है? (ख) क्या शासन उपरोक्तानुसार आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु इसी वित्तीय वर्ष में स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक ? यदि नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत 93 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु प्राप्त प्रस्ताव में से वर्तमान तक 69 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा ब्यावरा अंतर्गत 93 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण में से 69 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति उपरांत शेष रही 24 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति, वित्त विभाग से मनरेगा योजना के अभिसरण अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण मद में राशि प्राप्त होने पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से दी जाना विचाराधीन है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होता है। अत: समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
सांवेर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सौन्दर्यीकरण
[पर्यटन]
26. ( क्र. 346 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सांवेर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत घाट सौन्दर्यीकरण कराये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को कोई पत्र प्रेषित किये गये थे ? (ख) यदि हाँ, तो क्या पिछले बजट में मध्यप्रदेश शासन पर्यटन विभाग के पत्र क्र. 2051/1998/2015 तृतीय दिनांक 20.11.2015 अनुसार उक्त योजना को बजट अभाव के कारण शामिल नहीं किया जा सका? यदि हाँ, तो क्या इस आगामी वित्तीय बजट वर्ष में उक्त सौन्दर्यीकरण को शामिल किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र में विभाग द्वारा जो योजना तैयार की गई थी? क्या उसे चरणबद्ध शामिल किया जाकर सौन्दर्यीकरण कराया जा सकता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कब तक उक्त योजनाओं पर अमल किया जायेगा व कब तक कार्य को प्रारंभ कराया जा सकेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) वर्तमान में कोई योजना तैयार नहीं की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जले हुये ट्रांसफार्मरों को बदलना
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 372 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिरमौर विधानसभा अन्तर्गत ग्राम पड़री वार्ड नं. 1 टिकुरी, पड़री पश्चिम टोला, कोचरी सदहना आदिवासी बस्तियों में पिछले दो माह से ट्रांसफार्मर जले हुये है? विभाग को बार-बार सूचित करने पर भी उक्त ट्रांसफार्मरों को बदलने में विलंब का क्या कारण है? (ख) क्या विभाग सम्बंधित अधिकारियों पर कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? शिकायत निराकरण की समय-सीमा विभाग द्वारा क्या निर्धारित की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उल्लेखित ट्रांसफार्मरों को कब तक बदला जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, सिरमौर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पड़री वार्ड नं.1 टिकुडी, पड़री पश्चिम टोला एवं कोचरी सदहना आदिवासी बस्तियों में पिछले दो माह से जले/खराब ट्रांसफार्मरों में से ग्राम पड़री पश्चिम टोला का ट्रांसफार्मर नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा होने के उपरांत दिनांक 02.11.2016 को बदल दिया गया है। ग्राम पड़री वार्ड क्र.1 टिकुडी एवं कोचरी सदहना आदिवासी बस्तियों के ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं किये जाने के कारण उन्हें अभी तक नहीं बदला जा सका है। (ख) वर्तमान में लागू नियमों के अनुसार जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने के उपरांत इन जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को बदला जाता है। प्रश्नाधीन बदलने हेतु शेष दोनों वितरण ट्रांसफार्मर उक्त नियमों के अंतर्गत बदलने हेतु पात्रता की श्रेणी में नहीं आते हैं, अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। प्रचलित नियमों के अंतर्गत पात्र होने पर ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे मौसम में 3 दिन व वर्षा ऋतु (जुलाई से सितम्बर) में 7 दिन में जले/खराब ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु समय-सीमा निर्धारित है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित अनुसार संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने पर प्रश्नाधीन शेष जले/खराब ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा, अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
28. ( क्र. 373 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्राम पंचायत गहनउआ के टोला भड़रा में निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवन का कार्य अधूरा होने के क्या कारण हैं? (ख) उक्त आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कब तक पूरा हो सकेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरमौर के पत्र क्रमांक 13032, दिनांक 23/11/2016 में लेख किया गया है कि आंगनवाड़ी भवन भेडरहा का कार्य वर्ष 2013-14 में बी.आर.जी.एफ. कंवजेंस मनरेगा योजनान्तर्गत तकनीकी स्वीकृति 7.69 (बी.आर.जी.एफ. 4 लाख + 3.69 लाख) अनुसार तत्कालीन सरपंच श्री छोटेलाल प्रजापति एवं सचिव श्री रामशरण विश्वकर्मा के कार्यकाल में प्रारंभ किया गया। सरपंच सचिव द्वारा छत स्तर तक कार्य कराया गया, जिसमें बी.आर.जी.एफ. मद से 3.02 लाख एवं मनरेगा 1.58 लाख आहरित किये गये। तत्कालीन उपयंत्री श्री राजेश पाण्डेय एवं सचिव श्री रामशरण विश्वकर्मा के स्थानांतरण हो जाने के कारण कार्य बंद कर दिया गया है। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरमौर के द्वारा वर्तमान उपयंत्री श्री सत्यनारायण चतुर्वेदी को 03 दिवस के अंदर मूल्यांकन करने हेतु निर्देशित किया गया है तथा वर्तमान सरपंच श्री लक्ष्मी कोल सचिव श्री संजीव शुक्ला को तीन माह के अंदर भवन पूर्ण कराने हेतु आदेशित किया गया।
मजरा/टोला/हरिजन एवं आदिवासी बस्तियों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 407 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 31 अक्टूबर 2016 की स्थिति में कौन-कौन से ग्राम, विद्युतविहीन हैं? इनमें प्रकाश एवं पंखे हेतु विद्युत उपलब्ध नहीं है? इनमें से किन-किन का विद्युतीकरण/प्रकाश एवं पंखे की सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? शासन की इस संबंध में क्या योजना है? (ख) उक्त ग्रामों में से राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत किन ग्रामों के कार्य अपूर्ण हैं? क्या-क्या शेष कार्य कराकर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जावेगा? शासन द्वारा अपूर्ण कार्य करने वाले ठेकेदार के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की है ? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित में से कई आगामी दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल नहीं है? यदि हाँ, तो इन्हें कब तक शामिल किया जावेगा ? (घ) क्या कोलारस ग्रामीण के ग्राम बसई, बेहरावदा, ईश्वरपुरा आदिवासी बस्ती ग्राम पाड़ोदा, कूड़ाटपरा आदिवासी बस्ती में वर्तमान में विद्युत प्रदाय नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो इनमें विद्युत प्रदाय कब तक सुचारू कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दिनांक 31 अक्टूबर, 2016 की स्थिति में विद्युतीकरण उपरान्त ग्रामों में तार चोरी होने तथा पोल चोरी/क्षतिग्रस्त होने के कारण 8 ग्राम डी-इलेक्ट्रिफाइड हो गए हैं, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन ग्रामों को वित्तीय उपलब्धता के अनुसार दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित कर विद्युतीकृत करने की कार्यवाही की जावेगी। अत: वर्तमान में उक्त कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित ग्रामों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत् कोई कार्य नहीं किया गया है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार वित्तीय उपलब्धता के आधार पर प्रश्नाधीन ग्रामों को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित कर विद्युतीकृत करने की कार्यवाही की जावेगी। (घ) कोलारस ग्रामीण वितरण केन्द्र के अन्तर्गत ग्राम बसई, बेहरावदा एवं ईश्वरपुरा की आदिवासी बस्ती में विद्युत प्रदाय उपलब्ध नहीं है तथा ग्राम पाडोदा एवं कूडाटपरा की आदिवासी बस्ती में वर्तमान में विद्युत प्रदाय चालू है। ग्राम बसई, बेहरावदा एवं ईश्वरपुरा की आदिवासी बस्ती को वित्तीय उपलब्धता अनुसार दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना में शामिल कर विद्युतीकरण कार्य कराया जावेगा। अत: वर्तमान में कार्यपूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोलारस ग्रामीण वितरण केन्द्र में पदस्थ कनिष्ठ यंत्री का स्थानांतरण
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 408 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस ग्रामीण वितरण केन्द्र में पदस्थ कनिष्ठ यंत्री श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव के संबंध में अप्रैल 2015 से अक्टूबर 2016 तक कोई शिकायतें प्रश्नकर्ता एवं अन्य के द्वारा प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन शिकायतों पर किन-किन के द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। (ख) क्या उक्त कनिष्ठ यंत्री के विरूद्ध कार्य के प्रति बेहद लापरवाही बरतने की शिकायतें प्राप्त होने एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा भी इन्हें स्थानांतरण किए जाने हेतु मुख्य महाप्रबंधक ग्वालियर को महाप्रबंधक शिवपुरी द्वारा कोई प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव पर क्या-क्या कार्यवाही हुई एवं कार्यवाही नहीं हुई तो क्यों? (ग) उक्त कनिष्ठ यंत्री का स्थानांतरण जनहित-शासन हित एवं विभाग हित में कब तक कर दिया जावेगा एवं उक्त कनिष्ठ यंत्री का अभी तक स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव, सहायक प्रबंधक, कोलारस ग्रामीण वितरण केन्द्र की कार्य प्रणाली के संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र क्रमांक 133 दिनांक 10.10.2016 के माध्यम से महाप्रबंधक (सं./सं.), शिवपुरी के कार्यालय में शिकायत प्राप्त हुई है, जिसमें उक्त सहायक प्रबंधक की लापरवाही पूर्ण कार्यप्रणाली का उल्लेख कर उनके स्थानान्तरण की मांग की गई है। श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव, सहायक प्रबंधक का स्थानान्तरण कोलारस ग्रामीण वितरण केन्द्र से बी.आई.सेल.संचा/संधा., शिवपुरी के लिये प्रबंध संचालक, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक प्रं.सं./म.क्षे./01/स्था./एम.-मा.सं-III/9553-9554 दिनांक 11.11.2016 द्वारा किया जा चुका है। (ख) जी हाँ, महाप्रबंधक (सं./सं.), शिवपुरी के पत्र क्रमांक: महा.प्रबं./सं.सं./वरि.स्टेनों./शिव./2016/166, दिनांक 20.05.2016 के द्वारा उक्त सहायक प्रबंधक, कोलारस ग्रामीण वितरण केन्द्र का स्थानान्तरण संबंधी प्रस्ताव मुख्य महाप्रबंधक, ग्वालियर को प्रेषित किया गया था। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार स्थानान्तरण की कार्यवाही की जा चुकी है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सहायिकाओं को मानदेय भुगतान
[महिला एवं बाल विकास]
31. ( क्र. 426 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विदिशा जिले की महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना कार्यालय ग्यारसपुर में 12 सहायिकाओं का मानदेय भुगतान व अन्य योजना से संबंधित राशि आदि वित्तीय अनियमितता का प्रकरण प्रकाश में आया था या नहीं? यदि हाँ, तो विवरण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनियमितता के लिए क्या विभाग द्वारा जाँच की गई? जाँच में किस अधिकारी व कर्मचारी को दोषी माना? दोषी अधिकारी व कर्मचारी के विरूद्ध वित्तीय अनियमितता के क्रम में वसूली की कार्यवाही की गई है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 12 सहायिकाओं में से कितनी सहायिकाओं का मानदेय एवं मिलने वाली अन्य योजनाओं की राशि का भुगतान कर दिया गया है, कितनी शेष है, शेष का कारण बताते हुये, कब तक मानदेय भुगतान किया जावेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) परियोजना कार्यालय ग्यारसपुर में आंगनवाड़ी सहायिकाओं का मानदेय का भुगतान व अन्य योजना से संबंधित राशि आदि वित्तीय अनियमितता का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में (ख) की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में (ग) की जानकारी निरंक है।
प्रेषित पत्र के क्रम में स्पष्टीकरण
[वित्त]
32. ( क्र. 427 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव कार्यालय को प्रेषित पत्र क्रमांक 2804 दिनांक 05.01.2016 एवं स्मरण पत्र दिनांक 28.10.2016 प्रमुख सचिव वित्त को किस दिनांक को किस विषय में लिखा गया पत्र कब प्राप्त हुआ, इस पत्र पर प्रमुख सचिव कार्यालय ने किस दिनांक को किस अधिकारी को क्या निर्देश दिए? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विषय में स्पष्टीकरण जारी करने का अनुरोध किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हां है तो क्या पत्र में उल्लेखित विषय पर स्पष्टीकरण जारी कर, इसकी सूचना मुख्य सचिव एवं प्रश्नकर्ता को दी गई? यदि नहीं तो कब तक स्पष्टीकरण जारी किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) माननीय विधायक का मुख्य सचिव को प्रेषित पत्र दिनांक 05-01-2016 वित्त विभाग में प्राप्त होना नहीं पाया जाता अपितु पत्र दिनांक 28-10-2016 वित्त विभाग में दिनांक 22-11-2016 को प्राप्त हुआ। (ख) जी हाँ। (ग) स्पष्टीकरण जारी करने की कार्यवाही की जा रही है।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत जाति प्रमाण बनाने की योजना
[सामान्य प्रशासन]
33. ( क्र. 430 ) श्री
निशंक कुमार
जैन : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लोक
सेवा गारंटी
अधिनियम, 2010
के अंतर्गत
सामान्य
प्रशासन
विभाग की
अधिसूचित
सेवा क्रमांक 6.4 जाति
प्रमाण पत्र
प्रदाय को
वर्ष 2014 से
लोक सेवा केन्द्रों
के माध्यम से
प्रदेश भर के
स्कूलों के
छात्र-छात्राओं
को जाति
प्रमाण पत्र
प्रदान करने
संबंधी
अभियान का
सफलतापूर्वक
क्रियान्वयन
किया गया है
या नहीं?
(ख)
प्रश्नांश
(क) यदि हाँ, तो उक्त
अभियान के
अंतर्गत
भोपाल संभाग
अंतर्गत लोक
सेवा केन्द्रों
पर वर्ष 2012,
2013, 2014, 2015
में स्कूलों
के माध्यम से
कितने
छात्र-छात्राओं
के जाति
प्रमाण पत्र
किस तिथि को
प्राप्त
हुये, कितने
जाति प्रमाण
पत्र बनाकर
प्रदाय किये गये
एवं कितने शेष
रहे हैं?
(ग) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
बासोदा अंतर्गत
लोक सेवा केन्द्रों
पर किस-किस स्कूल
के कितने
छात्रों के
जाति प्रमाण
पत्र कब से
लंबित पड़े
हैं, जानकारी
स्कूलवार
उपलब्ध
करावें?
लंबित
रहने का कारण, इसके लिए
कौन दोषी है।
लंबित आवेदन
पत्रों का निराकरण
कब तक कर दिया
जावेगा?
(घ) शासन
द्वारा स्कूली
छात्रों के
जाति प्रमाण
पत्र बनाने
हेतु अंतिम
तिथि क्या
निर्धारित की
गई है?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) से (घ)
जानकारी एकत्रित
की जा रही है।
विद्युत उत्पादन लागत एवं विक्रय की दरें
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 441 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल की विद्युत उत्पादन कंपनियों के अंतर्गत विभिन्न ताप विद्युत संयंत्रों में वर्तमान में प्रति यूनिट विद्युत उत्पादन लागत क्या है और उपभोक्ताओं को दी जाने वाली विद्युत का प्रति यूनिट मूल्य क्या है? (ख) राज्य में विद्युत वितरण में क्षति, विद्युत चोरी आदि के संबंध में विद्युत कंपनियों ने क्या अध्ययन किया है और इसे रोकने के लिये क्या उपाय किये हैं? (ग) राज्य में किसानों पर बिजली शुल्क का कितना बकाया है और बकाया वसूली के लिये किन-किन जिलों में कितने किसानों पर न्यायालयों में मुकदमें चल रहे हैं, जिलेवार संख्या दीजिये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती कंपनी मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 हेतु ताप विद्युत गृहों की विद्युत गृहवार प्रति यूनिट उत्पादन लागत इस प्रकार है - (1) चचाई ताप विद्युत गृह-रू. 3.15 प्रति यूनिट (2) सारणी ताप विद्युत गृह रू. 4.81 प्रति यूनिट (3) बिरसिंहपुर ताप विद्युत गृह-रू. 3.69 प्रति यूनिट (4) श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह- रू. 6.58 प्रति यूनिट एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर आदेश के अनुसार प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को प्रदाय की जाने वाली विद्युत का प्रति यूनिट औसत मूल्य रू. 5.83 है। इसके अतिरिक्त 'ईंधन प्रभार समायोजन' चार्ज भी लागू रहता है, जिसका समय-समय पर पुनरीक्षण किया जाता है। (ख) प्रदेश में विद्युत चोरी एवं विद्युत हानि आदि के संबंध में मैदानी अधिकारियों द्वारा समय-समय पर अध्ययन किये जाते हैं जिनमें वितरण ट्रांसफार्मरों एवं 11 के.व्ही. फीडरों तथा 33 के.व्ही. औद्योगिक फीडरों पर हो रही क्षति का आंकलन/अध्ययन करना भी शामिल है। तकनीकी क्षति में कमी लाने हेतु प्रणाली सुदृढी़करण के कार्य किये जा रहे हैं जिसमें कृषि फीडरों का विभक्तिकरण भी शामिल है। वाणिज्यिक हानियों को कम करने हेतु लाइनों में खुले तार के स्थान पर केबल स्थापित करना, उन्नत गुणवत्ता वाले मीटर लगाना एवं समय-समय पर सघन चेकिंग अभियान चलाने की कार्यवाही की जा रही है। विद्युत चोरी की रोकथाम हेतु विद्युत वितरण कंपनी में सतर्कता इकाई का गठन किया गया है जो मैदानी क्षेत्रों विशेष कर अधिक चोरी वाले क्षेत्रों में निरंतर जाँच कर विद्युत चोरी करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करती है, जिस हेतु आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षा बलों की भी सहायता ली जाती है। (ग) राज्य में किसानों पर विद्युत शुल्क नहीं अपितु सिंचाई पंप कनेक्शन के विद्युत देयक की रू. 875 करोड़ की राशि सितम्बर, 2016 की स्थिति में बकाया है। कृषि पम्पों के प्रकरणों में से संबंधित विद्युत बिल की बकाया राशि की वसूली के लिए प्रदेश में किसी भी किसान पर न्यायालय में मुकदमे वितरण कंपनियों द्वारा दायर नहीं किये गये हैं।
पवई क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्रों पर निर्माण कार्य
[पर्यटन]
35. ( क्र. 442 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत है तथा कौन-कौन से कार्य चल रहे है कौन-कौन से कार्य बंद है कार्यवार बतायें? (ख) क्या पवई विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर कार्य बंद पड़े है यदि हाँ, तो कारण बतायें? (ग) एक ओर भारत सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये प्रचार-प्रसार कर रही है दूसरी ओर कार्य अधूरे एवं बंद पड़े है, कारण सहित बतावें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) वर्तमान में कोई कार्य स्वीकृत नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अनु. जाति बस्तियों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 462 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में अनु. जाति तथा आदिवासी बस्तियों में आदिवासी उपयोजना एवं विशेष घटक योजना अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में कार्य करवाये गये? सूची एवं खर्च की गई राशि का विवरण देवें? (ख) राजनगर विधानसभा क्षेत्र के लवकुशनगर एवं राजनगर क्षेत्र के कितने ग्राम ऐसे हैं, जहां पर अनु. जाति बस्तियों में कार्य होना शेष है? (ग) क्या छतरपुर जिले में वर्ष 2016-17 में किसानों के खेती करने हेतु बिजली नहीं दी जा रही, जिससे किसान बोनी करने से वंचित हो रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्यों कारण सहित बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) छतरपुर जिले के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं आदिवासी बस्तियों में आदिवासी उपयोजना एवं विशेष घटक योजनान्तर्गत जिला क्रय समिति द्वारा करवायें गयें कार्यों की ग्रामवार सूची एवं खर्च की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र के लवकुशनगर क्षेत्रान्तर्गत कोई कार्य शेष नहीं है तथा राजनगर क्षेत्रान्तर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति बस्तियों में शेष कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) छतरपुर जिले में वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में कृषि फीडर पर सामान्यत: 10 घण्टे तीन फेज पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा हैं। स्थान विशेष में कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से विद्युत प्रदाय अवरूद्ध होता है, जिसे शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक सुधार कर पुन: प्रारंभ कर दिया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
प्रतिनियुक्तियों के संबंध में कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
37. ( क्र. 463 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के तहत प्रतिनियुक्ति पर 03 वर्ष से अधिक समय तक कार्य कर रहे सागर संभाग में कितने अधिकारी/कर्मचारी,परिवहन विभाग, जनपद पंचायत, महिला एवं बाल विकास तथा सर्व-शिक्षा अभियान में कार्य कर रहे है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग के (मूल विभाग) से सहमति ली गई? (ग) क्या कई अधिकारी/कर्मचारी 10 वर्ष से भी अधिक समय से कार्य कर रहे और मूल विभाग द्वारा मांग भी की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष छतरपुर एवं पन्ना जिले की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) 04 कर्मचारी कार्यरत हैं किसी मूल विभाग द्वारा वापसी हेतु मांग नहीं की गई है। शेष छतरपुर एवं पन्ना जिले की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खरगापुर विधान सभा में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 486 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के कितने अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना से वंचित है? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराये? (ख) क्या कई ग्रामों के 100 से अधिक आबादी वाले स्वीकृत मजरों टोलों में बिजली की लाइनें खड़ी हो गई है परन्तु केबिल या तार नहीं डाले गये है कहीं-कहीं ट्रांसफार्मर नहीं रखे हैं? कहीं-कहीं पर खम्बें लगाकर केबिल तार लगा दिये गये हैं परन्तु विद्युत लाइन से नहीं जोड़ा गया और बिजली के बिल देना प्रारंभ कर दिया हैं? इस प्रकार के अधूरे कार्य विभाग के ठेकेदारों द्वारा क्यों छोड़े गये है? कारण स्पष्ट करें एवं उक्त कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जायेंगे? (ग) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के गुल्लौर का खेरा (वरियाखेरा) सूरज तथा सौरयानां मुहल्ला खजरार, चकमाधौ सिंह बुपरा खिरक तक, धुवंयांत मुहल्ला कुड़ीला, आदिवासी मुहल्ला, खुड़न, रमपुरा भानपुरा का बंदियन, रजक मुहल्ला, ढीमर मुहल्ला बुदौरा, ढीमर मुहल्ला गणेशपुरा, आदि दर्जनों भर स्थानों पर राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली लगाये जाने का कार्य कब तक प्रारंभ करके पूर्ण करा दिया जावेगा तथा अभी तक विभाग द्वारा इन मजरों टोलों को वंचित क्यों रखा गया तथा राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में पदस्थ अधिकारी शेष मजरों टोलों की सही मौके पर जाँच कर शेष ग्रामों मजरों टोलों में विद्युत व्यवस्था कब तक करा देगें? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सभी अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत शामिल सभी ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में गुल्लौर का खेरा (वरियाखेरा) विद्युतीकृत है। शेष सूरज तथा सौरयानां मुहल्ला खजरार, चकमाधौसिंह बुपरा खिरक तक, धुवंयांत मुहल्ला कुड़ीला, आदिवासी मुहल्ला, खुड़न, रमपुरा भानपुरा का बंदियन, रजक मुहल्ला, ढीमर मुहल्ला बुदौरा, ढीमर मुहल्ला गणेशपुरा, आदि स्थान/मजरें/टोले 100 एवं 100 से कम आबादी होने के कारण योजना के प्रावधानों के अनुसार राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत् शामिल नहीं थे, अत: इन स्थानों/मजरों/टोलों में विद्युतीकरण नहीं किया गया है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्रों में विद्युतीकरण हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत वसूली निरस्त किया जाना
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 488 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष टीकमगढ़ जिले सहित खरगापुर विधान सभा क्षेत्र में सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिसमें किसानों की हालत दयनीय हो गई थी और सूखा राहत राशि भी शासन ने किसानों को कम दर पर दी थी और कई ग्रामों से बिजली विभाग ट्रांसफार्मर उठा रहा है? कई ग्रामों में 2-2 महीनों से लाईट नहीं दी जा रही और बिजली के बिलों की वसूली कुर्की करके की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या ऐसी स्थिति में किसानों के बिल माफ करेंगे? यदि हाँ, तो आदेश कब तक जारी कर दिये जावेंगे? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें? साथ ही क्या उक्त वसूली को अप्रैल-मई तक स्थगित करेंगे? यदि हाँ, तो आदेश जारी कब तक करेंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या किसानों के साथ यह भी किया जा रहा है कि पूरे क्षेत्र में जब सूखा पड़ा था, पानी नहीं तो बिजली के पम्प किसानों द्वारा नहीं चलाये गये हैं फिर भी भारी भरकम बिल दिये जा रहे हैं? क्या ऐसे बिलों को माफ करेंगे? साथ ही क्या यह व्यवस्था की जाएगी कि एक समय-सीमा तय करके कि इतने समय से इतने समय तक जब बिजली का उपयोग पम्पों के चलाने पर नहीं किया गया तो बिल स्वत: ही निरस्त हो जाए? क्या बिल निरस्त कर माफ किये जाने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार सूखे से हुई फसल क्षति के लिये प्रभावित किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के निर्धारित मानदण्ड के अनुसार ही किया जाता है। टीकमगढ़ जिले सहित खरगापुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत बिजली विभाग द्वारा वे ही ट्रांसफार्मर उठाये गये है जिनसे सम्बद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि जमा करने हेतु शेष है। नियमानुसार बकाया राशि जमा करने के उपरान्त ट्रांसफार्मर बदले जाने की कार्यवाही की जा रही है। जिन ग्रामों में शत्-प्रतिशत उपभोक्ता बकायादार हैं, उन ग्रामों का विद्युत प्रदाय बन्द किया जाता है। शेष ग्रामों को नियमानुसार निर्धारित अवधि हेतु विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। बिजली बिलों की वसूली विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है। तदुपरांत भी बकाया राशि जमा नहीं होने पर बकाया राशि की वसूली भू-राजस्व संहिता में निहित प्रावधानों के तहत् वितरण कंपनी के अधिकारियों को दिये गये तहसीलदार के समकक्ष अधिकारों का प्रयोग करते हुए ड्यूज रिकवरी एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है, जिसमें चल-अचल संपत्ति की कुर्की का भी प्रावधान है। (ख) सूखा पड़ने के कारण प्रभावित किसानों को अक्टूबर, 2015 में जारी छ: माही बिलों की वसूली तथा 30 सितम्बर, 2015 की स्थिति में बकाया राशि की वसूली 6 माह के लिए आस्थगित (deferred) रखते हुए 31 मार्च 2016 तक उन्हें बिजली बिल भुगतान से छूट दी गई थी। प्रभावित किसानों को 01 अक्टूबर, 2015 से 31 मार्च, 2016 तक की अवधि का सरचार्ज भी देय नहीं था। उक्त के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार की छूट/बिल माफी का अन्य कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) किसानों को म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश एवं शासन द्वारा निर्धारित देय सब्सिडी के प्रावधान अनुसार ही बिल जारी किये जा रहे हैं। वर्तमान में किसानों को रू. 700 प्रति हा.पा. प्रति छ: माह की राशि देय है। सूखे के कारण उत्तरांश 'ख' में दर्शाए अनुसार किसानों को लाभ दिया गया है। इसके अतिरिक्त प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य कोई छूट संबंधी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
विद्युत मण्डल द्वारा जले ट्रांसफार्मर बदले जाना
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 507 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत मण्डल के जले हुए ट्रांसफार्मर बदले जाने के विभाग के क्या नियम हैं? (ख) क्या जले हुए ट्रांसफार्मरों को तब तक नहीं बदला जायेगा जब तक ट्रांसफार्मर में उपभोक्ता 50 प्रतिशत राशि जमा न हो? यदि 40 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने अपने बिल की राशि जमा कर दी हो तो उन्हें विद्युत सप्लाई रोकना क्या उनके साथ अन्याय नहीं है? (ग) क्या विभाग प्रश्नांश (ख) के संबंध में कोई ऐसी व्यवस्था करेगा जिसमें बिल जमा करने वाले उपभोक्ता को बिजली बिना गतिवरोध के उपलब्ध हो सकें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने के उपरान्त इन जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जाना है। इन दोनों शर्तों में से किसी भी एक शर्त की पूर्ति होने पर जले/खराब ट्रांसफार्मर को तत्काल बदलने के प्रावधान हैं। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार जले व खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने अथवा 75 प्रतिशत संख्या में उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाता है। यदि 40 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा जमा की गई राशि कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत है तो जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को बदला जाता है। वस्तुत: उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित प्रावधान सामूहिक दायित्व के सिद्धान्त पर आधारित है, ताकि एक वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ता समूह विद्युत देयक की राशि जमा करने की जिम्मेदारी को समझ कर सामूहिक रूप से उत्तरदायित्व का वहन करें। तथापि ऐसे उपभोक्ता जिन्होंने विद्युत देयक राशि जमा कर दी है एवं जो उपरोक्त नियम के अन्तर्गत नहीं आ पाते है, उनके लिये वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था के प्रयास किये जाते हैं। (ग) जले व खराब हुये वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ता द्वारा अपना विद्युत देयक जमा करने पर, यदि तकनीकी रूप से अन्य किसी लाइन से विद्युत प्रदाय संभव हो, तो राशि जमा करने वाले उपभोक्ता का विद्युत प्रदाय बहाल करने के प्रयास किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त बिल जमा करने वाले घरेलू एवं गैर घरेलू श्रेणी के ग्रामीण उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' भी लागू की गई है जिसके अंतर्गत उपभोक्ता योजना की शर्तो के अनुरूप स्वयं का ट्रांसफार्मर स्थापित कर सकते है।
132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र पचीपुरा का निर्माण
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 514 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र पचीपुरा-बैराढ़ वर्ष 2013 में स्वीकृत हुआ था व उसके निर्माण हेतु 24 माह की समय सीमा निर्धारित की गयी थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या-8 (क्र. 70) दिनांक 25.2.2016 के उत्तर में उक्त कार्य अगस्त 2016 तक पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया था? तो क्या उक्त कार्य पूर्ण कर लिया गया है? निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के संदर्भ में 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र पचीपुरा का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रश्नकर्ता के पूर्व में दिये गये तारांकित प्रश्न क्रमांक 70 के उत्तर में उक्त उपकेन्द्र के निर्माण कार्य को अगस्त 2016 तक पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जाने का उल्लेख किया गया था। इस संबंध में निर्माण एजेंसी को उक्त उपकेन्द्र का निर्माण कार्य नियत समयावधि में पूर्ण किये जाने हेतु बार-बार हिदायत भी दी गई थी, परन्तु फर्म द्वारा उक्त कार्य नियत समयावधि में पूर्ण नहीं किये जाने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। उपकेन्द्र के कन्ट्रोल रूम का निर्माण कार्य लगभग 51 प्रतिशत और स्ट्रक्चर फाउंन्डेशन का कार्य लगभग 72 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। उपकेन्द्र के निर्माण की औसत प्रगति लगभग 31 प्रतिशत है। (ग) निर्माण एजेंसी मेसर्स आइसोलक्स द्वारा उपकेन्द्र एवं लाइन के निर्माण हेतु नियत समयावधि में कार्य पूर्ण न करने के कारण, उन्हें उक्त उपकेन्द्र के कार्य से पृथक करते हुए, उनकी रिस्क एण्ड कास्ट पर उपकेन्द्र का शेष निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने हेतु कार्यादेश जारी कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। संबंधित 132 के.व्ही. लाइन का कार्य मेसर्स आइसोलक्स की रिस्क एवं कास्ट पर पूर्ण करने हेतु निविदा जारी कर दी गई है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने पर, कार्यादेश माह जनवरी, 2017 में जारी किया जाना संभावित है। तदनुसार उपकेन्द्र एवं संबंधित लाइन के निर्माण कार्य को यथाशीघ्र पूर्ण कर उपकेन्द्र को अक्टूबर, 2017 तक ऊर्जीकृत करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
उज्जैन जिले की घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में विद्युत की आपूर्ति
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 553 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में विद्युत आपूर्ति बिजली का बिल बकाया होने या ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण कब से बंद हैं? ग्रामों की सूची, उपभोक्ता का नाम, बकाया राशि सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त ग्रामों में जिन उपभोक्ताओं/कृषकों के बिजली बिल की राशि बकाया नहीं हैं उनको विद्युत आपूर्ति की क्या व्यवस्था की गई है? (ग) किसान अनुदान योजना में उज्जैन जिले में ट्रांसफार्मर लाइन सहित लगाने के कितने स्वीकृत प्रकरण लंबित हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें और उन्हें कब तक लगा दिया जावेगा? क्या इस रबी की फसल में किसानों को लाभ मिल जावेगा? समय सीमा बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन जिले के घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के 10 ग्रामों में वितरण ट्रांसफार्मर से सम्बद्ध शत्-प्रतिशत उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की राशि बकाया होने के कारण एवं 3 ग्रामों में ट्रांसफार्मर खराब होने तथा उनसे सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण विद्युत प्रदाय बंद है। उक्त ग्रामों के नाम एवं विद्युत प्रदाय बंद होने की दिनांक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं इन ट्रांसफार्मरों से संबंधित उपभोक्ताओं के नाम एवं बकाया राशि सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) उक्त ग्रामों में जिन उपभोक्ताओं/कृषकों के बिजली बिल की राशि बकाया नहीं है, उन्हें यथासंभव निकट के अन्य ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय की वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है। (ग) कृषक अनुदान योजना/ मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में उज्जैन जिले में कुल 971 सिंचाई पम्पों के आवेदन लंबित है जिनमें कुल 846 ट्रांसफार्मर लगाये जाने है। ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त समस्त प्रकरण 6 माह से कम अवधि से लंबित है। इन लंबित सिंचाई पम्प कनेक्शनों हेतु लाइन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य, योजना में निर्धारित समय-सीमा (राशि जमा होने के उपरान्त राईट ऑफ-वे की उपलब्धतानुसार कृषक अनुदान योजना में 150 दिन एवं मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना में 270 दिन) में पूर्ण करने के प्रयास किये जावेंगे। जी हाँ, जिन कृषकों के पम्पों हेतु लाइन विस्तार कार्य रबी मौसम के दौरान पूर्ण हो जावेंगे उन कृषकों को इसका लाभ मिल पाएगा।
उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
43. ( क्र. 554 ) श्री सतीश मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले की घटि्टया विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र, उपकेन्द्र स्वीकृत हैं, कितने केन्द्रों पर भवन स्वीकृत हो चुके हैं, कितने भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है और कितने भवनों के निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? कितने केन्द्र भवन विहीन हैं? (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में कौन-कौन से स्व-सहायता समूह सांझा चूल्हा कार्यक्रम से अनुबंधित है? केन्द्रों में 2014-15, 2015-16 में सांझा चूल्हा कार्यक्रम हेतु कितनी राशि व कितना-कितना खाद्यान दिया गया? केन्द्रवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जो कि आकस्मिक निरीक्षण में अनियमितता के कारण बंद किये गये हैं एवं कर्मचारी पर कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में 285 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 42 उप आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है। इन केन्द्रों में से 176 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण स्वीकृत किये जा चुके है, जिनमें से 101 आंगनवाड़ी भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं 75 आंगनवाड़ी केन्द्र निर्माणाधीन है। वर्तमान में उप-आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण का प्रावधान नहीं है। विधानसभा क्षेत्र घट्टिया अंतर्गत 109 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन (किरायेके भवनों में संचालित) है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सांझा-चूल्हा कार्यक्रम में अनुबंधित स्व–सहायता समूह की जानकारी एवं वर्ष 2014-15, 2015-16 में इन समूहों द्वारा प्रदायित खाद्यान्न तथा राशि की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आकस्मिक निरीक्षण के दौरान अनियमितता के कारण कोई भी आंगनवाड़ी बंद नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
औंकारेश्वर सिंचाई परियोजना से विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के ग्रामों में सिंचाई
[नर्मदा घाटी विकास]
44. ( क्र. 592 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के ग्रामों से होकर औंकारेश्वर नहर सिंचाई परियोजना, नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना एवं नर्मदा गंभीर लिंक परियोजनाएं निकलकर जा रही है? यदि हाँ, तो महेश्वर विधानसभा क्षेत्र के कई बड़े-बड़े ग्राम अभी भी सिंचाई परियोजना के लाभ से वंछित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्राम है एवं इस संबंध में कितने ग्रामों के किसानों के आवेदन प्राप्त हुये है? (ख) क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अनुसूचित जाति जनजाति बाहुल्य ग्रामों के ग्राम बडकी चौकी, निमसर, कवाणा, घटयाबैडी, रामदढ़, बलसगांव, आशाखो, प्रेमपुरा, पाडल्याखुर्द, पाडल्याबुजुर्ग, करोंदिया, हाथीदग्गढ़, जिरात, रोश्याबारी आदि ग्रामों के किसानों द्वारा नर्मदा नदी से सिंचाई सुविधा परियोजना स्वीकृति हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो तद्संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र के किसानों को नर्मदा नदी की महत्वाकांक्षी औंकारेश्वर सिंचाई परियोजना से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के किसानों को नर्मदा नदी से सिंचाई परियोजना की स्वीकृति प्रदान कर सिंचाई परियोजना का लाभ दिया जावेगा? ताकि कृषि को लाभ का धंधा बनाया जा सके?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (घ) केवल औंकारेश्वर परियोजना की नहर तथा बलवाडा माइक्रो सिंचाई परियोजना से ही महेश्वर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों के कृषक लाभान्वित होंगे। महेश्वर विधानसभा क्षेत्र के जो ग्राम औंकारेश्वर परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र से बाहर है, उन ग्रामों में औंकारेश्वर परियोजना की नहरों से सिंचाई का लाभ प्रदाय किया जाना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। जिन ग्रामों से सिंचाई हेतु मांग की जा रही है उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तथापि महेश्वर विधानसभा के औंकारेश्वर परियोजना से 232 ग्रामों की 44729 हेक्टेयर तथा बलवाडा माइक्रो सिंचाई योजना से 19 ग्रामों की 5000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। लेकिन भाग- (ख) में उल्लेखित ग्रामों में बलवाडा माइक्रो सिंचाई परियोजना से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना संभव नहीं है, क्योंकि इस योजना में उपलब्ध जल की मात्रा से 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। इस प्रकार विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के 251 ग्रामों की 49729 हेक्टेयर भूमि पर औंकारेश्वर नहर परियोजना एवं बलवाडा माइक्रो सिंचाई योजना से सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
विदेशी शराब एवं बियर का उत्पादन, खपत एवं उससे होने वाली आय
[वाणिज्यिक कर]
45. ( क्र. 593 ) श्री राजकुमार मेव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में वर्तमान में किस-किस जिले में देशी, विदेशी शराब एवं बियर का कितना-कितना उत्पादन किया जा रहा है? इससे शासन को कितनी आय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक हुई? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित जिलेवार कितनी देशी शराब की दुकान कितनी विदेशी शराब की दुकान एवं कितनी बार लाईसेंस कार्यरत है? इनमें से फीस एवं विभिन्न प्रकार के टैक्स के रूप में 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक शासन की कुल कितनी आय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में खरगोन जिले में देशी, विदेशी शराब एवं बियर का कहाँ-कहाँ, कितना-कितना उत्पादन किया जा रहा है? इससे शासन को वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी आय हुई? क्या इसके उत्पादन से पर्यावरण प्रदूषित नहीं हो रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए क्या उपाय किये गये?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में खरगोन जिले में स्थित आसवानियों में वर्ष 2013-14 से माह अक्टूबर 2016 तक देशी मदिरा का 58281014.5 पी.एल. तथा विदेशी मदिरा का 17070768.8 पी.एल. उत्पादन हुआ है। जिसके परिणाम स्वरुप वर्ष 2013-14 से माह अक्टूबर 2016 तक कुल रुपये 368673102/- की आय प्राप्त हुयी है। जिले में स्थित देशी/विदेशी मदिरा की कुल 89 मदिरा दुकानों एवं एफ.एल.-3 होटलबार लाइसेंसों से वर्ष 2013-14 से माह अक्टूबर 2016 तक की अवधि में रुपये 4662609197/- की आय प्राप्त हुयी है। इकाइयों से पर्यावरण प्रदूषित न होने के संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
वरिष्ठता प्रदान करने संबंधी नियम
[सामान्य प्रशासन]
46. ( क्र. 610 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय सेवा में आने के बाद कर्मचारी को किसी संवर्ग में प्रथम उपस्थिति देने एवं कार्यभार ग्रहण करने के दिनांक से उन्हें उसी संवर्ग में वरिष्ठता प्रदान करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो शासकीय सेवा में प्रथम उपस्थिति दिनांक से वरिष्ठता देने संबंधी शासकीय नियमों की आदेश की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि शासकीय सेवा में कोई शासकीय कर्मचारी किसी संवर्ग में पदोन्नति के उपरांत पदोन्नत पद पर प्रथम उपस्थिति पहले देता है और उसी संवर्ग में अन्य अशासकीय संस्था से शासकीय सेवा में संविलियन किये गया कोई व्यक्ति संविलियन उपरांत अपनी प्रथम उपस्थिति बाद में देता है तो दोनों में से उस संवर्ग में वरिष्ठता का निर्धारण किस आधार पर किया जावेगा? अर्थात् उन दोनों में से उस संवर्ग में कौन वरिष्ठ होगा? नियम की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रथम उपस्थिति के संबंध में वरिष्ठता निर्धारित नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है।
योजनाओं के क्रियान्वयन एवं बजट
[महिला एवं बाल विकास]
47. ( क्र. 611 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभागीय योजनाएं कितनी होकर कौन-कौन सी योजनाएं जिले में विभागीय एवं अन्य माध्यमों से क्रियान्वित की जा रही हैं? विकासखण्डवार एवं नगरीय क्षेत्र अनुसार जानकारी दें। (ख) जिले में क्रियान्वित योजनाओं की वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक योजनानुसार उपरोक्तानुसार कुल बजट कितना स्वीकृत होकर जिले को प्राप्त हुआ, उसका व्यय किस प्रकार किया गया। (ग) क्या जिले में बांधडा एवं बेडिया समुदाय के काफी परिवार निवास करते हैं? यदि हाँ, तो उन समुदायों के उत्थान हेतु किन-किन स्थानों पर क्या-क्या कार्य किये गये? उपरोक्त वर्षानुसार किये गये क्रियान्वयन के कार्य, प्राप्त बजट एवं सत्यापित किये गये भुगतान सहित बताएं। (घ) उपरोक्त वित्तीय तीन वर्षों में जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही कितने आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत होकर कितने पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण हैं एवं शेष शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कितने भवनों की आवश्यकता है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा रतलाम जिले में केंद्र /राज्य प्रवर्तित 05 योजनाओं का संचालन समस्त विकासखंड एवं नगरीय क्षेत्र में किया जा रहा हैI योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है I (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है I (ग) जी हाँ I जानकारी निरंक है I (घ) उपरोक्त वित्तीय तीन वर्षों में जिले में योजनाओं के साथ ही 398 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हो कर 135 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण, 190 आंगनवाड़ी भवन अपूर्ण तथा 73 आंगनवाड़ी भवन अप्रारंभ है। शहरी क्षेत्रों में 329 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 528 इस प्रकार कुल 857 आंगनवाड़ी भवनों की आवश्यकता हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार है।
विद्युत ग्रिड, क्षमता वृद्धि एवं फीडर विभक्तीकरण
[ऊर्जा]
48. ( क्र. 612 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर, पिपलौदा एवं जावरा तहसील के अंतर्गत आवश्यकतानुसार नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत ग्रिड की स्थापना, अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं क्षमता वृद्धि के कार्य निरंतर किये जा रहे है ? क्या इन क्षेत्रों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है ? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से लेकर दिनांक 31.10.2016 तक उक्त स्थानों के अन्तर्गत किन-किन स्थानों पर नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कार्य स्वीकृत किये गये एवं उनमें से कितने कार्य पूर्ण किये गये? स्वीकृत कार्यों में से कौन से कार्य 31.10.2016 की स्थिति में अपूर्ण हैं तथा कब तक पूर्ण होंगे ? फीडर विभक्तिकरण योजना का कितना कार्य उक्त स्थानों के अन्तर्गत पूर्ण होना शेष है एवं कब तक पूर्ण होगा ? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों की स्वीकृति के उपरान्त भी क्या अनेक स्थानों पर पॉवर ट्रांसफार्मरों पर क्षमता से अधिक भार है एवं कई स्थानों पर लो वोल्टेज की समस्या भी सामने आई है? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्वीकृत कार्यों के अतिरिक्त और कितने नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर एवं पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कितने प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन है ? कब तक स्वीकृत होंगे ? स्वीकृत उपरान्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे लंबित प्रस्तावों की स्थानवार विकासखण्डवार जानकारी देवें एवं संभावित व्यय भी बतावें ?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र में आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विकास एवं प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य निरन्तर किये जा रहे हैं। जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्रों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) वर्ष 2012-13 से दिनांक 31.10.2016 तक की अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्रों के अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना, अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के स्वीकृत, पूर्ण किये गये एवं अपूर्ण कार्यों का कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि सहित स्थानवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्रों के अन्तर्गत फीडर विभक्तिकरण का समस्त कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ग) उत्तरांश ''ख'' में उल्लेखित कार्यों की स्वीकृति के पश्चात् वर्तमान में कोई भी 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र अतिभारित नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्रों में वर्तमान में लो वोल्टेज की समस्या नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ख'' में उल्लेखित स्वीकृत कार्यों के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्रों में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र, अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर एवं पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कार्य हेतु अन्य कोई भी प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
वाहन किराये के भुगतान में अनियमितता
[सामान्य प्रशासन]
49. ( क्र. 651 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक लोकसभा/विधानसभा/ पंचायती राज के निर्वाचन प्रक्रिया में कौन से निजी वाहनों का किस विभाग द्वारा किस आदेश से अनुलग्न किया गया? कितने दिन वाहन अनुलग्न रहा? कितना भुगतान किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत निर्वाचन प्रक्रिया में अनुलग्न वाहन के फर्जी भुगतान का प्रकरण न्यायालय में दायर किया गया, किसको उत्तरदायी ठहराया गया? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या वाहन किराये के फर्जी भुगतान के प्रकरण में शासकीय अभिभाषक से राय चाही गई? यदि हाँ, तो क्या राय/सलाह दी गई उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) रक्षित निरीक्षक पुलिस लाइन भिण्ड न्यायालय द्वारा वाहन किराये के फर्जी भुगतान में दोषी मानने के उपरान्त प्रश्नांश तक कार्यवाही न करने के क्या कारण है? क्या न्यायालयीन आदेश की अवहेलना की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। कोई भी प्रकरण माननीय न्यायालय में दायर नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं अपितु वाहन किराए के फर्जी भुगतान प्रकरण में थाना सिटी कोतवाली भिण्ड में फरियादी श्री अरविन्द दांगी रक्षित निरीक्षक पुलिस लाइन भिण्ड की रिपोर्ट पर आरोपी गोविन्द पाण्डे व पंकज दुबे के विरूद्ध पंजीबद्ध अप. क्र. 209/14 धारा 420, 467, 468, 471 भा.द.वि. में अनुसंधान के दौरान विवेचक द्वारा अभियोजन अधिकारी से अभिमत प्राप्त किया गया था जिसमें सुझाए गए तथ्यों पर अनुसंधान जारी है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रो में भवन की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
50. ( क्र. 671 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन स्थानों पर आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, इनमें कितने भवनविहीन हैं। सूची उपलब्ध करावें। (ख) शासन द्वारा नवीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के क्या नियम है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या आगामी वर्ष में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र भवन सहित खोला जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर और कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘, ‘ब‘ एवं ‘स‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द‘ अनुसार है। (ग) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों का भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के प्रस्ताव
[महिला एवं बाल विकास]
51. ( क्र. 707 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन के निर्णयानुसार विभागीय मंत्री द्वारा सभी विधानसभा क्षेत्रों में आने वाली परियोजना हेतु पाँच केन्द्र एवं दो मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र निर्धारित जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार खोलने के प्रस्ताव मांगे गये? (ख) उक्त संदर्भ में मंडला जिले की निवास विधान सभा क्षेत्र में पाँच परियोजनाएं आती हैं? मंडला, निवास, मोहगांव, नारायणगंज, विजायडाडी, क्या सभी परियोजना अधिकारियों ने प्रस्ताव बुलाते हुए केन्द्र प्रारंभ करने की कार्यवाही कर ली है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) फरवरी, 2016 में सदन की घोषणानुसार सभी विधानसभा क्षेत्रों में जितनी परियोजना आती हैं शासन की मंशानुरूप क्या सभी कार्यवाही कर ली है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। वर्तमान में नवीन आंगनवाड़ी तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है।
सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किए गए कार्य
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 738 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितने किलोमीटर 33 के.व्ही. लाइन 11 के.व्ही. लाइन एवं निम्नदाब लाइन का निर्माण किया, कितने नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बनाये गये, कितने अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर लगाये गये एवं पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की गई ? कार्यवार व्यय का विवरण देवे? किये गये कार्यों से लगभग कितने उपभोक्ता लाभान्वित हुए? (ख) फीडर विभक्तिकरण योजना के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये? उक्त विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से राजस्व ग्रामों में 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? विधानसभा क्षेत्र के शेष ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य कब तक पूर्ण किया जाकर 24 घंटे विद्युत प्रदाय की उपलब्धता सुनिश्चित की जावेगी? (ग) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने कृषकों द्वारा सिंचाई हेतु स्थाई विद्युत पम्प कनेक्शन के लिए आवेदन देकर औपचारिकताएं पूर्ण की गई एवं इनमें से कितने कृषकों को स्थाई विद्युत सिंचाई पम्प कनेक्शन प्रदाय किये गये ग्रामवार दिये गये सिंचाई पम्प कनेक्शनों की संख्या बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कृषकों में से जिन्हें आवेदन या मांग उपरांत भी स्थाई कनेक्शन नहीं प्रदान किए गए व किस कारण से? ग्रामवार, कृषकों की संख्या व कारण सहित सूची उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 में 19 कि.मी. 33 के.व्ही.लाइन, 698.42 कि.मी. 11 के.व्ही. लाइन एवं 32.6 कि.मी. निम्नदाब लाइन का निर्माण किया गया तथा एक 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण, 3 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसाफार्मरों की स्थापना एवं 5 पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई। वर्षवार एवं कार्यवार उपरोक्त निर्माण कार्य एवं व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। उपरोक्त कार्यों से लगभग 16000 उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। (ख) फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत वर्ष 2014-15 में 31 एवं 2015-16 में 46 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये। उक्त विधानसभा क्षेत्र के सभी 204 राजस्व ग्रामों में 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इन ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। इनमे से 7 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जाना हैतथापि इन समस्त राजस्व ग्रामों में विद्यमान अधोसंरचना से 24 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। इन 7 राजस्व ग्रामों में से 4 राजस्व ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण के कार्य पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर करवाये जा रहे है तथा शेष 3 राजस्व ग्रामों का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (पूर्ववर्ती राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना) में प्रस्तावित है। इन 7 राजस्व ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य दिसम्बर-2016 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। (ग) वित्तीय वर्ष 2014-15 में 650 कृषकों द्वारा तथा वर्ष 2015-16 में 269 कृषकों द्वारा स्थायी विद्युत पंप कनेक्शन के आवेदन देकर औपचारिकताएं पूर्ण की गई। इस प्रकार प्रश्नाधीन अवधि में कुल 919 कृषकों द्वारा आवेदन देकर औपचारिकताएं पूर्ण की गई। इस अवधि में प्राप्त सभी 919 आवेदनकर्ता कृषकों को स्थायी पंप कनेक्शन प्रदान किये जा चुके है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में ग्रामवार दिये गये कनेक्शनों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' एवं 'द' में दर्शाए अनुसार है। (घ) उत्तरांश “ग” के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
पूर्व विधायक के द्वारा अपने लेटरहेड पर गलत जानकारी देना
[सामान्य प्रशासन]
53. ( क्र. 741 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री राधेश्याम पाटीदार द्वारा जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री जी एवं प्रभारी मंत्री को कितने कार्यों हेतु अपने लेटरहेड पर पत्र भेजे गये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पूर्व विधायक द्वारा भेजे गये उपर्युक्त पत्रों में लेटरहेड पर पूर्व विधायक अथवा समितियों के पूर्व सदस्य होने का उल्लेख किया गया था अथवा वर्तमान विधायक और विभिन्न समितियों के वर्तमान सदस्य की गलत हैसियत दर्शाई जाकर लेटरहेड का दुरूपयोग किया गया? पूर्व विधायक श्री पाटीदार द्वारा अपने लेटरहेड पर माननीय मुख्यमंत्री एवं प्रभारी मंत्री को भेजे गये पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रभारी मंत्री द्वारा पूर्व विधायक के लेटरहेड पर सुवासरा विधानसभा क्षेत्र एवं जिले में कितने स्थानान्तरण किये गये? (घ) क्षेत्र में से हुए स्थानान्तरण में से कितने पुनः निरस्त किये गये है? नाम बतावें एवं स्थानान्तरण का कारण एवं पुनः निरस्त का कारण स्पष्ट बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पाटन विधानसभा की विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 743 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत वर्ष 2016-17 में माह नवम्बर, 2016 तक वितरण ट्रांसफार्मर किन-किन कारणों से खराब हुये है कितनों को दुरूस्त किया गया एवं किन-किन कारणों से निर्धारित समयावधि में नहीं बदले गये एवं कितने वितरण ट्रांसफार्मर बदलने योग्य शेष है।ग्रामवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में वर्तमान समय में कितने घंटे ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं तथा कितने घंटे कृषि कार्य हेतु बिजली प्रदाय की जा रही है वर्तमान समय में अंधाधुध विद्युत कटौत्री के क्या कारण है? (ग) वर्तमान समय में कृषकों एवं ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के पिछले बकाया विद्युत देयकों की वसूली के क्या नियम है बतलावें? क्या कृषकों एवं ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के पुराने विद्युत देयकों की वसूली हेतु विद्युत कपंनी द्वारा कुर्की की कार्यवाही की जा रही है? (घ) यदि हाँ, विद्युत कंपनी द्वारा प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिले के कौन-कौन से बकाया दारों की कितनी राशि के विरूद्ध कुर्की की गई? क्या शासन कृषकों को आतंकित कर की जा रही वसूली को स्थगित कर सम्मानजनक तरीके से वसूली का कोई रास्ता निकालेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक 617 वितरण ट्रांसफार्मर खराब हुए तथा उक्त में से 519 वितरण ट्रांसफार्मर प्रश्न दिनांक तक बदल दिए गए हैं जिनकी विलंब से बदले जाने के कारण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। शेष 98 वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने, खेतों में फसल खड़ी होने आदि कारणों से पहुँच मार्ग सुलभ नहीं होने के कारण नहीं बदले जा सके हैं, जिनका विवरण भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाया गया है। ट्रांसफार्मर फेल होने का मुख्य कारण असामाजिक तत्वों द्वारा विद्युत लाइन से छेड़छाड़ तथा बिजली का अवैधानिक उपयोग एवं ट्रांसफार्मर में तकनीकी खराबी है। (ख) पाटन विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में घोषित शेड्यूल अनुसार कृषि फीडरों पर 10 घण्टे एवं गैर कृषि फीडरों पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत सिहोरा तथा पाटन (संचा./संधा.) संभाग में वर्तमान में माह नवम्बर (01.11.2016 से 17.11.2016 तक) में 11 के.व्ही. कृषि फीडरों पर औसतन क्रमश: 9 घंटे 42 मिनिट एवं 9 घंटे 58 मिनिट तथा गैर कृषि फीडरों पर क्रमश: औसतन 23 घंटे 32 मिनिट एवं 23 घंटे 50 मिनिट विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। किसी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। तथापि रख-रखाव कार्यों हेतु अल्प अवधि के लिए शट-डाउन लिया जाता है तथा स्थान विशेष में फाल्ट आने पर विद्युत प्रवाह अवरूद्ध होता है जिसमें शीघ्रातिशीघ्र सुधार कार्य कर विद्युत प्रवाह पुन: चालू कर दिया जाता है। (ग) जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिजली के बिल का समय पर भुगतान नहीं किया जाता है, उन पर विलंब सरचार्ज लगाने, विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 9.13 से 9.15 के प्रावधान अनुसार संयोजन विच्छेदन करने तथा उपभोक्ता से संपर्क एवं अन्य प्रयासों के बाद भी बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर ड्यूज रिकव्हरी एक्ट 1961 एवं मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जाती है, जिसमें कुर्की की कार्यवाही भी सम्मिलित है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में बकायादारों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। कृषकों से नियमानुसार ही बकाया राशि वसूली की कार्यवाही की जा रही है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
वाणिज्यिक कर चौकियों से प्राप्त राजस्व
[वाणिज्यिक कर]
55. ( क्र. 752 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत डोंगरगांव के निकट स्थापित वाणिज्यिक कर चौकी के माध्यम से संचालन दिनांक से आज दिनांक तक शासन को कितना राजस्व प्राप्त हुआ हैं? वित्तीय वर्षवार जानकारी देवें? मध्यप्रदेश में किन-किन स्थानों पर उक्तानुसार एकीकृत वाणिज्यिक कर जाँच चौकी स्थापित हैं एवं इनसे शासन को कितना राजस्व प्राप्त हो रहा हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3031 दिनांक 03.03.2016 के उत्तरांश (घ) में पिड़ावा की ओर से बायपास राजस्थान की ओर कर बचाकर जाने वाले वाहनों की मध्यप्रदेश वेट अधिनियम के तहत् मोबाइल जाँच के निर्देश दिए जाने का उल्लेख था? क्या जाँच करवाई गई? यदि हाँ, तो जाँच में क्या तथ्य प्रकाश में आए एवं क्या कार्यवाही की गई? (ग) डोंगरगांव वाणिज्यिक कर चौकी पर वर्तमान तक ओव्हरलोडिंग के कितने प्रकरण संज्ञान में आए हैं एवं इन प्रकरणों में कितनी शास्ति अधिरोपित की जाकर कार्यवाही की गई हैं? (घ) डोंगरगांव वाणिज्यिक कर चौकी के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक वसूले गये राजस्व की विभागवार जानकारी उपलब्ध करावें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वाणिज्यिक कर जाँच चौकी डोंगरगांव में संचालन दिनांक 18.04.2015 से 31.03.2016 तक रूपये 47.50 लाख एवं चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में दिनांक 17.11.2016 तक रूपये 22.04 लाख राजस्व प्राप्ति हुई है। मध्यप्रदेश में स्थापित एकीकृत वाणिज्यिक कर जाँच चौकी एवं उनसे प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 03.03.2016 के पश्चात् समय-समय पर उज्जैन संभाग में पदस्थ कुछ अधिकारियों को उज्जैन संभाग के संपूर्ण क्षेत्र में धारा 57 (5) के अंतर्गत कार्यवाही करने के अधिकार दिए गए‚ इस अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत पिड़ावा बायपास मार्ग भी आता है। अत: उपरोक्त अधिकार के आधार पर उल्लेखित क्षेत्र में कार्यवाही की गई।
(राशि लाख में)
क्रमांक |
मार्ग |
दिनांक |
वाहन क्रमांक जिस पर कार्यवाही की गई |
धारा 57 (5) के अंतर्गत वसूल शास्ति |
1 |
बायपास पिडवा मार्ग |
26.03.16 |
RJ14GB7375 |
0.97 |
2 |
16.10.16 |
RJ17GA3077 |
0.52 |
|
3 |
16.10.16 |
RJ17GA4693 |
0.52 |
|
योग |
2.01 |
(ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) एकीकृत वाणिज्यिक कर जाँच चौकी डोंगरगांव पर वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 रूपये 70.36 लाख‚ वर्ष 2015-16 में 49.24 लाख एवं वर्ष 2016-17 में दिनांक 17.11.2016 तक रूपये 22.04 लाख की वसूल किये गये हैं। वाणिज्यिक कर विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों द्वारा (परिवहन‚ किसान कल्याण तथा कृषि विकास‚ वन एवं खनिज साधन विभाग) वसूले गये राजस्व की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 754 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम झिरिया, गोपालपुर तथा जयसिंहनगर जनपद पंचायत के ग्राम दतारी, छकता, अमझोर, मोहनी ग्रामों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत विद्युतीकरण किया जाना था। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो उक्त योजना के नियमानुसार उक्त ग्रामों में से कितनें ग्रामों का विद्युतीकरण किया जा चुका है और विद्युतीकृत ग्रामों का कार्य कब पूरा किया गया है। प्रत्येक ग्रामों में योजना के तहत कितने हितग्राहियों के घर में विद्युतीकरण किया गया है और किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित ग्रामों में से किस ग्राम का विद्युतीकरण योजना के तहत पूर्ण नहीं किया गया है। पूर्ण न होने का कारण तथा पूर्ण किये जाने का तरीका और समय बताया जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित समस्त विद्युतीकृत ग्रामों में 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना था। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित सभी ग्रामों में प्रश्नाधीन योजना के अंतर्गत स्वीकृत सघन विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं। उक्त ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किये जाने की दिनांक तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को प्रदान किये गये नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शनों की संख्या संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार है। उक्त सभी ग्रामों के कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र क्षेत्र के संबंधित अधीक्षण यंत्री द्वारा जारी किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
बाँयी तट नहरों का रख-रखाव एवं टेल तक पानी नहीं पहुंचाने बाबत्
[नर्मदा घाटी विकास]
57. ( क्र. 760 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली रा.अ.वा.सा. बांयी तट नहर संभाग क्र. 2 बरगी हिल्स की मुख्य एवं माईनर नहरों के रख-रखाव, सिल्ट सफाई आदि के विगत दो वर्षों में नहरवार क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के किन-किन फर्मों से कराये गये? वर्षवार, नहरवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्त संभाग क्र. 2 के अंतर्गत आने वाली माईनर नहरों में से किन-किन नहरों में अंतिम सिरे (टेल) तक सिंचाई हेतु पानी नहीं पहुंच पाया है एवं क्यों? नहरवार जानकारी दें। उक्त माईनर नहरों में अंतिम छोर तक पानी कब तक पहुंचाया जा सकेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है।
बालाघाट जिले में विद्युत उपभोक्ता
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 770 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा वितरण केन्द्रवार कुल कितने-कितने घरेलू एवं व्यवसायिक उपभोक्ता हैं, कितने घरेलू उपभोक्ताओं के घरों में मीटर उपलब्ध करा दिए गये है एवं कुल कितने शेष उपभोक्ताओं के घरों में मीटर नहीं लगाया गया है? (ख) जिन शेष उपभोक्ताओं के यहाँ मीटर कनेक्शन नहीं लगाये गये हैं उनके विद्युत देयक किस आधार पर प्रदाय किये जा रहे है और कब तक इन उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगा दिया जायेगा? (ग) विद्युत मीटर रीडिंग हेतु क्या मीटर वाचक द्वारा मीटर से विद्युत खपत की रीडिंग ली जा रही है? मीटरवाचक की सूची कार्यक्षेत्रवार उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बालाघाट जिले के बैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दिनांक 31.10.2016 की स्थिति में वितरण केन्द्रवार घरेलू एवं व्यावसायिक उपभोक्ताओं की संख्या तथा इन उपभोक्ताओं के मीटरीकरण की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
वितरण केन्द्र का नाम |
कुल घरेलू एवं व्यवसायिक उपभोक्ता |
मीटरयुक्त उपभोक्ता |
अनमीटर्ड उपभोक्ता |
|||
घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या |
व्यवसायिक उपभोक्ताओं की संख्या |
घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या |
व्यवसायिक उपभोक्ताओं की संख्या |
घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या |
व्यवसायिक उपभोक्ताओं की संख्या |
||
1 |
बैहर |
16332 |
1104 |
15482 |
1104 |
850 |
0 |
2 |
मोहगांव |
17896 |
1013 |
13361 |
1013 |
4535 |
0 |
कुल |
34228 |
2117 |
28843 |
2117 |
5385 |
0 |
(ख) जिन शेष उपभोक्ताओं के यहां मीटर नहीं लगाये गये हैं उनके विद्युत देयक म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2016-17 हेतु जारी टैरिफ आदेश दिनांक 5 अप्रैल 2016 एवं राज्य शासन द्वारा जारी सब्सिडी आदेश दिनांक 09 अगस्त 2016 में निहित प्रावधानों के अनुसार जारी किये जा रहे हैं। शेष अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाने का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत किया जाना प्रस्तावित है, जिस हेतु वर्तमान में निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्तमान में समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत मीटर वाचकों को सौंपे गए कार्य की कार्य क्षेत्रवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्वीकृत/रिक्त पदों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
59. ( क्र. 773 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले के सभी विभागों में कुल कितने पद किस किस श्रेणी के स्वीकृत हैं स्वीकृत पद में से कितने भरे हैं एवं कितने रिक्त हैं विभागवार जानकारी बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पद कब से रिक्त हैं पदों की पूर्ति क्यों नहीं हुई, शासन ने रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या-क्या प्रयास किया, रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जायेगी ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण की जानकारी
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 774 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत कितने ग्रामों की विद्युतीकरण का प्राक्कलन तैयार किया गया। (ख) तैयार प्राक्कलन के अनुसार विद्युतीकरण हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई, विद्युतीकरण हेतु विभाग ने निविदा कब आमंत्रित की? (ग) कौन-कौन से ठेकेदारों ने क्या-क्या दर से निविदा भरी तथा किस ठेकेदार की निविदा स्वीकृत हुई और कार्य कब प्रारंभ हुआ (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अन्तर्गत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण किया गया कितने ग्राम शेष है कितने उपभोक्ताओं को बी.पी.एल. कनेक्शन दिया गया? कितनी राशि व्यय की गई योजनावार बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) डिण्डौरी जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (पूर्ववर्ती राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना) में 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत कार्य योग्य 844 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में कार्य योग्य 39 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण तथा 694 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण के कार्यों हेतु तैयार की गई डी.पी.आर. (प्राक्कलन नहीं) की स्वीकृति आर.ई.सी. लिमिटेड से प्राप्त हुई है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित तैयार डी.पी.आर. (प्राक्कलन नहीं) अनुसार 11वीं पंचवर्षीय योजना हेतु रू. 39.92 करोड़ एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना हेतु रू. 56.69 करोड़ की राशि आर.ई.सी.लिमिटेड द्वारा स्वीकृत की गई। विद्युतीकरण के कार्यों हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना हेतु निविदा दिनांक 11.06.2009 को एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना हेतु निविदा दिनांक 04.06.2014 को आमंत्रित की गई। (ग) उक्त योजनान्तर्गत विद्युतीकरण के कार्यों हेतु ठेकेदारों द्वारा निविदा भरने एवं उनके द्वारा उद्घृत दरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त निविदा दरों के आधार पर 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत चयनित ठेकेदार मेसर्स रोहणी इलेक्ट्रिकल्स द्वारा दिनांक 26.12.2009 एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत चयनित ठेकेदार मेसर्स वोल्टास द्वारा दिनांक 16.02.2015 से कार्य प्रारंभ किया गया। (घ) प्रश्नाधीन योजना के अन्तर्गत विद्युतीकृत किये गये ग्रामों, विद्युतीकरण हेतु शेष ग्रामों एवं बी.पी.एल. हितग्राहियों को दिये गये कनेक्शनों की जानकारी एवं योजनावार व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
61. ( क्र. 781 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न विभागों यथा-लोकनिर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, प्रधानमंत्री सड़क योजना, ऊर्जा विभाग, शिक्षा विभाग आदि विभागों द्वारा नवीन निर्माण या संयत्रों की स्थापना की गई नामवार बतावें? (ख) क्या किसी भी नवीन निर्माण किये जाने पर जनप्रतिनिधियों द्वारा शिलान्यास किये जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो कितने नवीन निर्माण कार्यों के शिलान्यास में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया? (ग) क्या अधिकारियों की मनमानी के कारण शासन के निर्देशों के बावजूद भी नवीन निर्माण कार्यों के शिलान्यास कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया जाता है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? (घ) क्या शिलान्यास कार्यक्रम के लिये प्राक्कलन में राशि का प्रावधान किया जाता है? यदि हाँ, तो किस निर्माण कार्य में शिलान्यास हेतु कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) शासकीय कार्यक्रमों सार्वजनिक समारोह शिलान्यास उद्घाटन के आयोजित कार्यक्रमों में सांसद/विधायकों को आमंत्रित किये जाने के निर्देश है। 08 निर्माण कार्यों का शिलान्यास जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत रूपये 5000/- का प्रावधान किया जाता है। प्रश्न में पूछे गए शेष कार्यों के लिये शिलान्यास हेतु राशि का प्रावधान नहीं है।
पर्यटन विभाग में स्थानों को शामिल किया जाना
[पर्यटन]
62. ( क्र. 782 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पन्ना के कौन-कौन से स्थान पर्यटन विभाग के अंतर्गत शामिल किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या पन्ना जिले के अनेक ऐसे स्थान हैं जिन्हें पर्यटन विभाग द्वारा सूची में शामिल नहीं किया गया है? (ग) क्या पर्यटन विभाग द्वारा पन्ना जिले की विभिन्न ऐतिहासिक धरोहरों का सर्वेक्षण करवाकर पर्यटन विभाग में शामिल किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, संस्कृति
( श्री
सुरेन्द्र
पटवा ) : (क) पर्यटन
विभाग द्वारा
पर्यटन स्थलों
की सूची
संधारित नहीं
की जाती है।
अपितु पन्ना
जिले में
पर्यटन विभाग
द्वारा कराए
गए कार्यों की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट पर
है। (ख) प्रश्नांश
''क''
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) वर्तमान
में ऐसी कोई
योजना विभाग
में विचाराधीन
नहीं है।
परिशिष्ट-
''अठारह
''
आंगनवाड़ी के दलित वर्ग के बच्चों को भोजन का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
63. ( क्र. 797 ) श्री तरूण भनोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले के ग्राम ठेमी स्थित आंगनवाड़ी केन्द्रों में दलित वर्ग के बच्चों के साथ भोजन वितरण में भेदभाव एवं छुआछूत किया जाता है? (ख) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों के इन्हीं दलित वर्ग के बच्चों को भोजन दिया जाता है जो घर से अपने बर्तन लाते है? क्या बर्तन न लाने पर उन्हें भोजन नहीं दिया जाता है व बच्चों को भूखे पेट ही पढ़ाई करनी पड़ती है? (ग) वर्णित (क), (ख) की जाँच जिला प्रशासन के किस अधिकारी द्वारा करवाई गई? जाँच रिपोर्ट क्या थी? संबंधित दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। नरसिंहपुर जिले के ग्राम ठेमी स्थित आंगनवाड़ी केन्द्रों में किसी भी वर्ग के बच्चों के साथ भोजन वितरण में भेदभाव एवं छुआछूत नहीं किया जाता है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों के सभी वर्ग के बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों के बर्तनों (थालियों) में ही भोजन दिया जाता है। बर्तन लाने या ना लाने का प्रश्न ही नहीं है। (ग) जिला प्रशासन द्वारा तहसीलदार, नायब तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गोटेगांव की टीम से जाँच करवाई गई, जाँच रिपोर्ट की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम ठेमी में 02 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है जिसमें दोनो केन्द्रों की कार्यकर्ता एवं सहायिका को आपस में परिवर्तित कर दिया गया है।
अधिकारी द्वारा शासनादेश का पालन न किया जाना
[वाणिज्यिक कर]
64. ( क्र. 864 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोकायुक्त सागर द्वारा माह नवम्बर में वाणिज्यिकर कर विभाग सागर में पदस्थ सहायक आयुक्त श्री जलज रावत व संभागीय उपायुक्त श्री एच.एस.ठाकुर को रूपये तीन लाख की रिश्वत लेते हुये लोकायुक्त सागर द्वारा रंगे हाथ पकड़ा गया? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के प्रकाश में इन दोनों अधिकारियों को सागर से अन्य स्थान पर क्रमश इंदौर एवं भोपाल में पदस्थ किया गया है? (ग) क्या जलज रावत सहायक आयुक्त वाणिज्यिकर कर सागर द्वारा इंदौर में माह जुलाई 2016 तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है? (घ) यदि हाँ, तो इस अधिकारी के विरूद्ध शासनादेश का पालन न करने के कारण निलंबन/बर्खास्तगी की कार्यवाही आज दिनांक तक किन कारणों से नहीं की गयी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) श्री जलज रावत, सहायक आयुक्त वाणिज्यिक कर द्वारा विधि प्रकोष्ठ इंदौर जोन 1 में माह जुलाई 2016 तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया। श्री जलज रावत द्वारा दिनांक 09.11.2016 को विधि प्रकोष्ठ इंदौर जोन 1 में कार्यभार ग्रहण किया गया है। (घ) श्री जलज रावत द्वारा दिनांक 09.11.2016 को विधि प्रकोष्ठ इंदौर जोन 1 में कार्यभार ग्रहण करने की सूचना प्राप्त होने पर उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त किया जा रहा है।
खरीदी एवं भुगतान
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 868 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत ग्रामीण विद्युतीकरण एवं फीडर सेपरेशन/अन्य योजना एवं केन्द्रीयकृत खरीदी का कार्य करती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण विद्युतीकरण फीडर सेपरेशन आर.ए.पी.डी.आर.पी.एवं ए.डी.बी. योजनान्तर्गत कौन-कौन सी कम्पनी ठेकेदार/फर्म को कितनी-कितनी राशि के कार्य कौन-कौन से जिले में दिये गये हैं? कितनी राशि का उक्त अवधि में भुगतान कर दिया गया है? योजनावार जिलेवार बतायें? (ग) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक वितरण ट्रांसफार्मर केबल कण्डक्टर तथा मीटर हेतु केन्द्रीयकृत खरीदी द्वारा किन-किन फर्म/कम्पनी/ठेकेदार को खरीदी हेतु आदेश दिया गया कितनी राशि एवं सामान की मात्रा तथा भुगतान की गई राशि का विवरण बतावें? (घ) सामग्री/उपकरण खरीदी हेतु शासन/विभाग कम्पनी के क्या नियम/निर्देश है उसकी प्रति उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण विद्युतीकरण एवं ए.डी.बी. योजनान्तर्गत कोई कार्यादेश जारी नहीं किये गये हैं। फीडर विभक्तिकरण एवं आर.ए.पी.डी.आर.पी. पार्ट-ए एवं पार्ट-बी योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक ठेकेदार कंपनी/फर्म को जिलेवार दिये गये कार्य की राशि एवं उक्त अवधि में भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक वितरण ट्रांसफार्मर, केबिल, कण्डक्टर एवं मीटर क्रय हेतु की गई केन्द्रीयकृत खरीदी के अंतर्गत फर्म/कम्पनी/ठेकेदारों की जानकारी आदेश की राशि एवं सामान की मात्रा तथा भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' एवं 'ई' है। (घ) सामग्री/उपकरण खरीदी हेतु मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सर्कुलर क्रमांक सी.ई./क्रय/ई.जे./सर्कुलर/प्रो.मैनुअल/1811 दिनांक 14.08.2012 का पालन किया जाता है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है।
दोषी अधि./कर्म. के विरूद्ध कार्यवाही
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 872 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 76 (क्र. 1060), दिनांक 19 जुलाई, 2016 के परिप्रेक्ष्य में क्या अनावेदक परिवादी को पुनरीक्षित बिल प्रदान नहीं किये गये बल्कि पूर्ववत 19 जुलाई, 2016 के ही बिल जोड़कर जारी किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो संदर्भित पत्र में पूर्व में दिये गये आश्वासन में प्रथम दृष्टया दोषी अधिकारी के विरूद्ध बिल पुनरीक्षित न करने पर दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों कारण स्पष्ट करें? की जायेगी तो क्या एवं समय-सीमा बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पुनरीक्षित बिल अक्टूबर, 2016 में जारी कर दिया गया है। (ख) प्रकरण में दोषी अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए, मुख्य अभियंता (रीवा क्षेत्र), म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक 8147 दिनांक 19.11.2016 द्वारा उनकी एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से बंद की जा चुकी है।
गलत विद्युत देयक जारी करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 873 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक क्यू दिनांक 17.09.2016 को म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. के जूनियर इंजीनियर हनुमना, जिला रीवा को पत्र लिखकर यह अवगत कराया था कि ग्राम पंचायत तिलया के ग्राम अमिलिहा में दिनांक 17.09.2016 को दो माह पूर्व से ट्रांसफार्मर जले हुये थे? यदि हाँ, तो इन दो माह में नियमानुसार बिजली का उपयोग न होने के बाद भी बिजली के बिल इन माहों का लिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में श्री बसंत लाल तेली ग्राम अमिलिहा सर्विस क्रमांक 534703-70-36'64476 ग्राम अमिलिहा का बी.पी.एल. कनेक्शन प्राप्त हितग्राही द्वारा दिनांक 17.08.2016 को 2600 रूपये बिजली का बिल जमा किया गया था और दिनांक 19 सितम्बर, 2016 को 10000 रूपये का बिजली का बिल पुन: जारी किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो बिजली का बिल जारी करने के लिये कौन दोषी है? दोषी को चिन्हित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें? कार्यवाही की समय-सीमा बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या जले हुये ट्रांसफार्मर की अवधि के दिये गये बिजली के बिल की समीक्षा की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र प्राप्त हुआ था। जाँच करने पर ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं का विद्युत प्रदाय चालू पाया गया। उपभोक्ताओं के मीटरों में खपत दर्ज हुई है एवं नियमानुसार बिल जारी किये गये हैं। (ख) जी हाँ, प्रश्नाधीन उपभोक्ता द्वारा अगस्त, 2016 में रू. 2600 का बिजली का बिल जमा किया गया था और त्रुटिवश सितम्बर, 2016 में रू. 10029 का बिल जारी हुआ। (ग) तकनीकी त्रुटिवश समाधान योजना अन्तर्गत दी गई छूट की राशि माह सितम्बर, 2016 के बिल में जुड़कर आने से उक्त विसंगति हुई है। विसंगति का निराकरण कर राशि रूपये 1371 का संशोधित बिल जारी कर दिया गया है। अत: किसी के दोषी होने/कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अस्थायी विद्युत कनेक्शनों को स्थायी करने के संबंध में
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 892 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. भोपाल द्वारा वर्ष 2016-17 के दौरान माह अप्रैल व मई में अस्थायी कृषि विद्युत कनेक्शनों को स्थायी करने के नाम से किसी प्रकार की राशि जमा कराई गई है? यदि हाँ, तो प्रति हार्स पावर कितनी राशि जमा कराई गई है? (ख) क्या कंपनी द्वारा भोपाल संभाग के किसानों से राशि जमा कराई गई है? यदि हाँ, तो जिलेवार, डिवीजनवार किसानों की संख्या व जमा कराई गई राशि का ब्यौरा दें? (ग) क्या अस्थायी विद्युत कनेक्शनों को स्थायी किया जा चुका है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में कितने कनेक्शन स्थायी किए गए जिलेवार डिवीजनवार ब्यौरा दें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार नहीं किया गया है तो कब तक इस योजना को पूर्ण कर लिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत वर्ष 2016-17 के दौरान 'मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प योजना' के अन्तर्गत अस्थाई विद्युत पंप कनेक्शनों को स्थाई करने के लिए राशि जमा करायी गई है। राज्य शासन के आदेश दिनांक 6.9.16 के अनुसार प्रति हार्स पावर जमा कराई जा रही राशि का विवरण निम्नानुसार है-
वर्ष |
2 हेक्टेयर से कम भूमि धारक |
2 हेक्टेयर तथा अधिक भूमि धारक |
|
2016-17 |
अनु. जाति/जनजाति |
अन्य |
|
5000/- प्रति हार्स पावर |
7000/- प्रति हार्स पावर |
11000/- प्रति हार्स पावर |
(ख) जी हाँ, भोपाल संभाग के अंतर्गत भोपाल, सीहोर, रायसेन एवं विदिशा जिलों के 307 किसानों से रूपये 14,63,375/- की राशि जमा करायी गई है, जिसकी जिलेवार एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के डिविजनवार (संचा/संधा संभागवार) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में 307 में से 304 अस्थायी विद्युत कनेक्शनों को स्थाई किया गया है, जिनकी जिलेवार एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के डिविजनवार (संचा/संधा. संभागवार) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ग' में दर्शाए अनुसार अस्थाई से स्थाई किये जाने हेतु विदिशा जिले में 2 तथा सीहोर जिले में एक प्रकरण लंबित है, जिनके कार्य दिसंबर 2016 तक पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार पर कर्ज की स्थिति
[वित्त]
69. ( क्र. 893 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश सरकार पर कितना कर्ज है? किन-किन वित्तीय संस्थाओं का कर्ज बकाया है संस्थावार ब्यौरा दें? (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 में सरकार द्वारा किन-किन वित्तीय संस्थाओं से कर्ज प्राप्त किया और किन-किन प्रयोजनों के लिए कर्ज लिया पूर्ण ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या कर्ज के लिए शासन द्वारा गारंटी गई है यदि हाँ, तो संस्थावार कर्ज की राशि व गारंटी का ब्यौरा दें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार लिए गए कर्ज की ब्याज दरें व कर्ज की समयावधि का ब्यौरा दें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2014-15 के वित्त लेखों के अनुसार रूपये 94979.16 करोड़ का कर्ज है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे वर्ष 2014-15 के वित्त लेखो में विवरण संख्या-6 पर उपलब्ध है। मध्यप्रदेश सरकार पर वर्तमान में वास्तविक कर्ज का ब्यौरा वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 का वित्त लेखा भारत के महालेखा नियंत्रक से प्राप्त न होने से दिया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश "क'' अनुसार। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश "ख'' अनुसार।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
70. ( क्र. 918 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत एवं संचालित हैं? शहरी एवं ग्रामीण केन्द्रों के अलग-अलग नाम सहित अवगत करायें? (ख) क्या सभी केन्द्रों के स्वयं के भवन निर्मित किये जा चुके हैं? यदि नहीं तो ऐसे भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के नाम, पता सहित अवगत करायें? (ग) ऐसे भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों को कहाँ संचालित किया जा रहा है? उनकी सूची पता सहित बतायें? (घ) उक्त भवनविहीन केन्द्रों के भवन निर्माण कब तक करा लिये जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 274 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 51 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत एवं संचालित हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित कुल 274 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 170 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये विभागीय भवन निर्मित किये जा चुके हैं, 11 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है तथा 93 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये के भवनों में संचालित ) है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) भवनविहीन (किराये के भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जिन 104 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये विभागीय भवन उपलब्ध नहीं है, विधानसभा क्षेत्र टीकमगढ़ में 05 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवनों की स्वीकृति मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण अंतर्गत दी जाना हैं। वर्तमान तक जिले से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 05 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवनों की स्वीकृति दी जानी है। इनमें से 02 भवनों की स्वीकृति विभाग द्वारा जारी की जा चुकी हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होता हैं। अतः समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं।
विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र में संचालित शराब की दुकानों के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
71. ( क्र. 927 ) श्री महेश राय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के नगर पालिका सीमा के अंतर्गत कितनी देशी/अँग्रेजी शराब की दुकानें संचालित हैं? लायसेंसधारी का नाम सहित बतायें। (ख) शराब की दुकानें किन-किन स्थानों के लिये आवंटित की गयी हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या खुरई रोड पर अंग्रेजी/देशी शराब की दुकान आवंटित हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन की नीति के अनुरूप शासकीय चिकित्सालय, कृषि उपज मंडी, शासकीय बैंक, पेट्रोल पंप एवं रेल्वे फाटक से 100 मीटर की दूरी से भी कम पर स्थित है? यह क्या शासन के नियमों के अनुरूप है? (घ) यदि नहीं तो इस दुकान को हटाने का क्या प्रावधान है एवं उक्त जानकारी को छिपाने वाले आबकारी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना नगर-पालिका सीमा क्षेत्र अन्तर्गत देशी मदिरा की 02 एवं विदेशी मदिरा की 03 दुकानें जो वर्ष 2016-17 हेतु 02 एकल समूहों में क्रमश: मेसर्स टीकाराम कोरी एण्ड कंपनी एवं मेसर्स गुलमोहर ट्रेडर्स भोपाल के पक्ष में निष्पादित होकर संचालित है। (ख) वर्ष 2016-17 हेतु आबकारी वृत्त बीना क्षेत्र अन्तर्गत 05 एवं ग्राम पंचायत क्षेत्र अंतर्गत 05 इस प्रकार कुल 10 देशी/विदेशी मदिरा दुकानें आवंटित की गयी हे। स्थानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ बीना खुरई रोड पर विदेशी मदिरा दुकान बीना खुरई रोड बीना आवंटित है। जो सामान्य प्रयोग के नियम-1 (ख) अनुसार निर्धारित 50 मीटर की दूरी से अधिक दूरी पर स्थित है। कृषि उपज मंडी, शासकीय बैंक, पेट्रोल पंप एवं रेल्वे फाटक दुकानों के अवस्थापन संबंधी नियमों में शामिल नहीं है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जाना अपेक्षित नहीं है।
उप पंजीयक कार्यालय में सूची क्रमांक 02 के संबंध में प्राप्त शिकायतें
[वाणिज्यिक कर]
72. ( क्र. 984 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कार्यरत उप पंजीयक कार्यालय में सूची क्रमांक 02 के कटे-फटे एवं छिन्न-भिन्न एवं अपठनीय स्थिति में होने के संबंध में 1 जनवरी 2006 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई शिकायतों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) अमित सेठी अभिभाषक द्वारा जिला पंजीयक कार्यालय एवं कलेक्टर कार्यालय में उज्जैन जिले के उप पंजीयक कार्यालयों के सूची क्रमांक 02 कटे-फटे एवं छिन्न-भिन्न एवं अपठनीय स्थिति में होने तथा अपूर्ण होने के संबंध में दिये गये आवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? उक्त आवेदन के प्रकाश में आवेदक की उपस्थिति में अभिलेखों का निरीक्षण कर बनाये गये पंचनामें एवं प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) गंभीर शिकायत प्राप्त होने के पश्चात् भी संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने के पीछे क्या कारण रहा है? यदि कार्यवाही की गई है तो कार्यवाही में दोषी पाये गये अधिकारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जिले में कुल 05 शिकायतें प्राप्त हुई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला पंजीयक उज्जैन एवं कलेक्टर उज्जैन को संबोधित श्री अमित सेठी अभिभाषक के आवेदन की छायाप्रतियाँ संलग्न है। उक्त शिकायत संबंधित उप पंजीयक को प्रतिवेदन हेतु भेजी गई है। जिला पंजीयक से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार शासकीय अभिलेख का पंचनामा नहीं बनाया गया है। अत: उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं हैं। (ग) उप पंजीयक कार्यालय में दस्तावेज के पंजीयन के साथ ही इन्डेक्स-02 तैयार किया जाता है। इन्डेक्स-02 के सभी पृष्ठों को प्रतिवर्ष बाइंड कराकर पक्षकार एवं अधिवक्ता के अवलोकन हेतु रखा जाता है। पक्षकार एवं अधिवक्ता द्वारा निरीक्षण किये जाने के दौरान बार-बार पेज पलटने व मुडने से इन्डेक्स-02 क्षतिग्रस्त हुये है। इसमें किसी अधिकारी का दोष नहीं है। वर्ष 2013-14 में सूची क्रमांक-02 के डिजिटाईजेशन की योजना के चलते क्षतिग्रस्त इन्डेक्स पृथक से दोबारा तैयार नहीं कराये जा सकें। जिला पंजीयक उज्जैन, द्वारा जिले के सभी उप पंजीयक को पत्र दिनांक 22-11-2016 से लंबित सूची क्रमांक-02 तथा क्षतिग्रस्त हुये पेजों को अद्यतन कराने के निर्देश दिये गये है।
ई-पंजीयन योजना का क्रियान्वयन
[वाणिज्यिक कर]
73. ( क्र. 985 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में ई-पंजीयन योजना कब से लागू की गई? उप पंजीयक कार्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार ई-पंजीयन योजना लागू होने के पश्चात् की अवधि में हुये क्रय-विक्रय के संबंध में बैंक द्वारा अधिकृत अभिभाषकों सर्च (खोज) के किये जाने के क्या प्रावधान है? प्रावधानों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्या ई-पंजीयन योजना लागू होने के पश्चात् की अवधि के संबंध में बैंक द्वारा अधिकृत अभिभाषकों द्वारा खोज किये जाने का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है? यदि हाँ तो इस संबंध में साफ्टवेयर में कब तक संशोधन कर दिया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उज्जैन जिले के उप पंजीयक कार्यालय, उज्जैन में ई-पंजीयन योजना दिनांक 15-12-2014 से लागू की गई है। उज्जैन जिले के अन्य उप पंजीयक कार्यालयों में दिनांक 01-07-2015 से ई-पंजीयन योजना लागू की गई थी जिसे दिनांक 01-08-2015 से अनिवार्य किया गया है। (ख) ई-पंजीयन योजना लागू होने की पश्चात् की अवधि में हुए क्रय-विक्रय के दस्तावेजों की सर्च किए जाने के संबंध में सर्च का मॉड्यूल क्रियाशील है। बैंक द्वारा अधिकृत अभिभाषक भी उक्त मॉड्यूल के ज़रिए सर्च कर सकते हैं। पंजीयन विभाग के पोर्टल WWW.mpigr.gov.in पर उक्तानुसार सर्च की सुविधा उपलब्ध है। तत्संबंधी मेन्युअल के संगत भाग की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रावधान रखा गया है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विदिशा जिले में विद्युत ट्रांसफार्मर की उपलब्धता
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 1001 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिला अंतर्गत विदिशा विधान सभा क्षेत्र में किसानों को कृषक अनुदान में विद्युत ट्रांसफार्मर रखे जाने की कार्यवाही विचाराधीन है? साथ ही क्या जले हुये विद्युत ट्रांसफार्मर बदले जाने की कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या कृषक अनुदान में विद्युत ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराये जाने हैं, प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र विदिशा में कितने प्रकरण विचाराधीन है? (ग) क्या कृषक अनुदान के विद्युत ट्रांसफार्मर एवं जले हुये ट्रांसफार्मर बदले जाने हैं? यदि विद्युत ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं कराये गये तो कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही आरोपित की गई, नहीं तो क्यों? कब तक की जावेगी। (घ) क्या विद्युत ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराये जाने की समय-सीमा निर्धारित की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विदिशा जिले में विदिशा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत किसानों को कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना सहित स्थायी कृषि पंप कनेक्शन देने की कार्यवाही दिनांक 30.09.16 तक संचालित थी। वर्तमान में दिनांक 01.10.2016 से कृषकों को स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' संचालित है, जिसमें कृषक अनुदान योजना समाहित है तथा इस योजना के अंतर्गत कृषक अनुदान योजना के शेष कार्यों को पूर्ण करने की कार्यवाही की जा रही है। जी हाँ, जले/खराब हुए विद्युत ट्रांसफार्मर बदले जाने की कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। (ख) जी हाँ। विदिशा विधान सभा क्षेत्र में कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत 107 प्रकरण लंबित है, जिनके कार्य ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' के तहत पूर्ण किये जाने हैं। (ग) विदिशा विधान सभा क्षेत्र में कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत कुल 3 ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए थे, जिन्हें बदल दिया गया है एवं वर्तमान में कोई भी ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) कृषक अनुदान योजना सहित फेल ट्रांसफार्मरों को नियमानुसार 40 प्रतिशत बकाया राशि या 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि का भुगतान करने पर बदला जा रहा है। विदिशा विधान सभा क्षेत्र में 9 जले/खराब ट्रांसफार्मर, संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष है, जिन्हें नियमानुसार बकाया राशि जमा होने पर निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया जायेगा। वर्तमान में नियमानुसार (पात्र होने पर) शहरी क्षेत्र में अधिकतम 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्र में शुष्क मौसम में 3 दिन तथा वर्षा ऋतु (जुलाई से सितम्बर तक) में 7 दिन में फेल ट्रांसफार्मर बदले जाने के निर्देश हैं। कृषक अनुदान योजना में राशि जमा होने के उपरांत 'राईट ऑफ वे' की उपलब्धतानुसार 150 दिन तथा ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप योजना'' में 270 दिन में ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराने/पंप कनेक्शन दिये जाने के निर्देश हैं।
विदिशा जिला अंतर्गत कुपोषित बच्चों का बचाव
[महिला एवं बाल विकास]
75. ( क्र. 1002 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विदिशा जिला में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों का संरक्षण किया जा रहा है? विभाग में ऐसे कितने ग्रामों में कुपोषित बच्चों के बचाव में क्या कदम उठाये गये हैं? (ख) महिला बाल विकास विभाग में कुपोषित बच्चों के बचाव में यदि कार्यवाही की है तो विवरण उपलब्ध करावें? नहीं की गई तो जिम्मेदार कर्मचारी पर क्या कार्यवाही सुनिश्चित की? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषित बच्चों की जानकारी उपलब्ध है और बचाव में क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? हाँ तो कब की गई? (घ) क्या महिला बाल विकास द्वारा कुपोषित बच्चों के बचाव में कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ तो क्या?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालनालय, एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु विभिन्न कार्यक्रम/योजना संचालित किये जा रहे हैं। वृद्धि निगरानी के माध्यम से कम वज़न एवं अतिकम वज़न वाले बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है तथा चिन्हांकित गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण प्रबंधन हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्र में संदर्भित किया जाता है। विदिशा जिले के कुल 754 ग्रामों/शहरी वार्डों में कुल 1999 बच्चें अतिकम वज़न के है, इन बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार हेतु एकीकृत बाल विकास सेवा योजना अंतर्गत नियमित पूरक पोषण आहार प्रदाय एवं थर्डमील उपलब्ध कराया जाता है। स्नेह सरोकार कार्यक्रम में स्थानीय प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा देखभाल की जिम्मेदारी ली जाकर, उनके माता-पिता को नियमित पोषण परामर्श दिया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार कुपोषण के बचाव की कार्यवाही की गई। शेष का प्रश्न नहीं। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कुपोषण के बचाव की नियमित कार्यवाही की गई। शेष का प्रश्न नहीं। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कुपोषण के बचाव की नियमित कार्यवाही की गई।
कुपोषण योजनाओं में राशि आवंटन
[महिला एवं बाल विकास]
76. ( क्र. 1011 ) श्री सचिन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में कुषोषण दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है और इन योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2008 से 2016 में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई उनमें से खर्च एवं शेष राशि की जानकारी जिलेवार दें और इनमें कितनी राशि केन्द्र सरकार से प्राप्त हुई? (ख) जनजातियों की प्रगति रिपोर्ट प्रतिवर्ष राज्य सरकार को महामहिम राष्ट्रपति को कब-कब, किस-किस दिनांक को भेजी गई है, विगत दस वर्ष की जानकारी दें, नहीं तो कारणों का उल्लेख कर इस लापरवाही में कौन-कौन जिम्मेदार है? पदनाम सहित जानकारी दें? आदिवासी मंत्रणा परिषद् की बैठक बुलाने के नियम क्या है? क्या इन नियमों का पालन किया गया है यदि हाँ, तो विगत पाँच वर्षों में बुलाई गई बैठक की दिनांकवार जानकारी दें? (ग) मध्यप्रदेश में किस-किस जिले में कुपोषण से कितने-कितने बच्चों की मृत्यु हुई और उसके पीछे क्या कारण/विसंगतियां हुईं तथा सरकार ने उस पर क्या कार्यवाही की जिलेवार प्रतिवेदन से अवगत करावें? प्रदेश में कुपोषण से हुई मृत्यु पर केन्द्रीय जाँच दल ने रिपोर्ट में राज्य सरकार को क्या दिशा-निर्देश दिये? जाँच रिपोर्ट सहित निर्देशों की जानकारी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु एकीकृत बाल विकास सेवा, पूरक पोषण आहार प्रदाय, अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है, इनमें विभिन्न गतिविधियाँ क्रियान्वित की जा रही है। जिलेवार देय बजट एवं व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं केन्द्र सरकार से प्राप्त अनुदान राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में प्रश्नांश अवधि में जिलेवार आवंटित व्यय राशि, शेष राशि एवं केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (अ) अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) मध्यप्रदेश में एच. एम.आई.एस. पोर्टल में उपलब्ध जानकारी अनुसार कुपोषण से बच्चों की मृत्यु की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। केन्द्रीय जाँच दल द्वारा भ्रमण प्रतिवेदित नहीं अतः शेष का प्रश्न ही नहीं।
स्वकर निर्धारण प्रकरणों की सूचना
[वाणिज्यिक कर]
77. ( क्र. 1025 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 102 (क्रमांक 4779), दिनांक 11.03.16 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्ष 2014-15 में 141 व्यवसायियों द्वारा पूर्ण टैक्स जमा करने, प्रश्नांश (ख) में ऐसे प्रकरण स्वनिर्धारण प्रक्रिया अंतर्गत आने, प्रश्नांश (ग) में व्यवसायियों के स्वकर निर्धारण प्रकरण निर्धारित समय-सीमा में किये जाकर सूचना व्यवसायियों को भेजी जाती है, इन तथ्यों को स्वीकारा है, तो बतावें कि उक्त सूचना संबंधित व्यवसायियों को किस-किस दिनांक को किस-किस माध्यम से भेजी? इस हेतु अभिलेखीय प्रमाण देवें। (ख) क्या व्यवसायियों को उक्त सूचना प्रश्न दिनांक तक वास्तव में भेजी ही नहीं गई? इसके क्या कारण हैं? उक्त सूचना के अभाव में व्यवसायियों को व्यवसाय से संबंधित अन्य अग्रिम कार्यवाहियों में समस्याओं का सामना करना पड़ता है? (ग) क्या शासन उक्त सूचना संबंधित कार्यालय द्वारा व्यवसायियों को भेजी अथवा नहीं इसकी जाँच कराकर इस हेतु उत्तरदायियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वाणिज्यिक कर अधिकारी शिवपुरी वृत्त की नस्ती पर श्योपुर जिले के पंजीकृत व्यवसायियों से संबंधित वर्ष 2014-15 के लंबित कर निर्धारण प्रकरणों में से कुल 141 व्यवसायी, म.प्र. वेट अधिनियम की धारा 20 ए के अधीन स्वकर निर्धारण हेतु पात्र पाये गये, जिनमें से नियमानुसार 5 व्यवसायी विस्तृत कर निर्धारण हेतु चयनित किये गये, शेष 136 व्यवसायियों को स्वकर निर्धारित होने विषयक सूचना उनके कर सलाहकारों को ई-मेल द्वारा भेजी गई, व्यक्तिश: रूप से पृथक-पृथक व्यवसायीवार सूचना फर्म के संचालक, प्रोप्रायटर, भागीदार/प्राधिकृत प्रतिनिधि/कर सलाहकारों के माध्यम से तामील कराई गई है। (ख) सभी पात्र व्यवसायियों को स्वकर निर्धारित होने की सूचना भेजी गई है। जिन व्यवसायियों को स्वकर निर्धारित कर दिया गया है, उन्हें विस्तृत कर निर्धारण हेतु लेखा पुस्तकों सहित कार्यालय में आहूत नहीं किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार स्वकर निर्धारण हेतु सभी पात्र व्यवसायियों को, तत्संबंधी सूचना प्रेषित की जा चुकी है तथा कोई कार्यवाही शेष नहीं है।
नवीन वाणिज्यिक कर कार्यालय प्रारंभ कराना
[वाणिज्यिक कर]
78. ( क्र. 1026 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चालू वित्त वर्ष के वार्षिक/अनुपूरक बजट में श्योपुर जिले में नवीन वाणिज्यिक कर कार्यालय की स्थापना हेतु प्रावधान किया गया था? (ख) यदि हाँ तो उक्त कार्यालय की स्थापना हेतु वर्तमान तक नियमानुसार क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली है? क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण करना शेष है? इन्हें कब तक पूर्ण करके श्योपुर जिले में उक्त कार्यालय प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) क्या जिले में उक्त कार्यालय प्रारंभ न होने के कारण जिले के व्यवसायियों की अब भी शिवपुरी जिले में संचालित वाणिज्यिक कर कार्यालय पर निर्भरता यथावत बनी हुई है? (घ) यदि हाँ तो श्योपुर जिले में उक्त कार्यालय प्रारंभ करने से संबंधित सभी विधिमान्य प्रक्रियाओं को यथाशीघ्र पूर्ण करके श्योपुर में वाणिज्यिक कर कार्यालय कब तक प्रारंभ करवाएंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) हाँ (ख) श्योपुर में नवीन वृत्त कार्यालय की स्थापना हेतु उपयुक्त शासकीय भवन अनुपलब्ध होने से, किराये पर लिया जाने वाला भवन चिन्हित किया जाकर कलेक्टर एवं भाड़ा नियंत्रक प्राधिकारी श्योपुर से किराया निर्धारण हेतु दिनांक 03.09.2016 को अनुरोध किया गया है। राजस्व संग्रहण की स्थिति एवं कितने व्यवसायी श्योपुर जिले में होंगे यह भी चिन्हित कर लिया गया है। वृत्त कार्यालय के लिये अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। अधिसूचना जारी होने पर कार्यालय प्रारंभ कर दिया जावेगा। (ग) पंजीयन ऑन-लाईन जारी किए जाते हैं। कर का भुगतान ऑन-लाईन एवं चेक के माध्यम से होता है। विवरण पत्र ऑन-लाईन प्रस्तुत किए जाते हैं। स्वकर निर्धारण एवं डीम्ड कर निर्धारण के प्रावधान हैं। उक्त कार्य के लिए करदाता वृत्त कार्यालय शिवपुरी पर निर्भर नहीं हैं। करदाताओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए कर निर्धारण का कार्य श्योपुर में कैम्प लगाकर किया जाता है। इस प्रकार वृत्त कार्यालय शिवपुरी पर श्योपुर जिले के करदाओं की आंशिक निर्भरता रहती है। (घ) श्योपुर जिले के करदाताओं की शिवपुरी वृत्त कार्यालय पर आंशिक निर्भरता है। अत: बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुक्रम में अधिसूचना जारी होने पर विधिवत कार्यालय प्रारंभ कर दिया जाएगा।
एम.पी.आर. में दर्ज हितग्राहियों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
79. ( क्र. 1046 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) संपूर्ण छिन्दवाड़ा जिले के नगरीय क्षेत्र की आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज हितग्राहियों (03 से 06 वर्ष) एवं मंगल दिवस के दिन 06 माह से 03 वर्ष गर्भवती महिला, धात्री महिला की जानकारी जो एम.पी.आर. में दर्ज है? जिसकी जानकारी माह अप्रैल वर्ष 2012 से माह अक्टूबर वर्ष 2016 तक अलग-अलग विधान सभा क्षेत्रवार, प्रत्येक नगरों के आधार पर आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के नियमानुसार परियोजना अधिकारी परासिया द्वारा नगरीय क्षेत्रों में कार्यरत समूहों के देयक बिलों पर पर्यवेक्षक के सत्यापन उपरांत परियोजना अधिकारी परासिया के द्वारा देयक बिलों का सत्यापन कर, देयक बिलों को भुगतान हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत किया जाता है? अगर हाँ, तो परियोजना कार्यालय परासिया के नगरिय क्षेत्र चांदामेटा, परासिया, बड़कुही व न्यूटन के देयक बिलों की सत्यापित प्रति अप्रैल 2014 से जुलाई 2016 तक की जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या संपूर्ण छिन्दवाड़ा जिले में कार्यरत परियोजना अधिकारी के द्वारा पोषण निगरानी समिति की बैठक प्रतिमाह आयोजित की जा रही है अगर हाँ, तो विगत एक वर्ष में कब-कब बैठक आयोजित की गई है? अलग-अलग विधान सभावार जानकारी उपलब्ध करायें। अगर परियोजना अधिकारियों द्वारा बैठक आयोजित नहीं की जा रही है तो इसका क्या कारण है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार पर्यवेक्षक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मासिक बैठक में प्रतिदिन वितरण होने वाला पोषण आहार पत्रक प्राप्त कर उसे संकलित कर परियोजना अधिकारी को सत्यापित कर प्रस्तुत करती है। पर्यवेक्षक द्वारा प्रस्तुत पत्रक के अनुसार परियोजना अधिकारी देयक तैयार कर भुगतान की अनुशंसा सहित अपने हस्ताक्षरयुक्त देयक जिला कार्यक्रम अधिकारी को भुगतान हेतु प्रस्तुत करता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सिविल कार्य के देयकों का भुगतान
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 1088 ) डॉ.
गोविन्द सिंह
:
क्या ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमि. सिविल संभाग
ग्वालियर
द्वारा वर्ष 2015-16 में संजय
कंस्ट्रक्शन्स
(सिविल एजेन्सी)
सेवड़ा जिला
दतिया को
सिविल कार्य
हेतु कितनी-कितनी
राशि के
कार्यादेश
दिए गए? उनमें
से कितने
कार्य सिविल एजेन्सी
द्वारा पूर्ण
किए गए एवं कितने
शेष हैं?
(ख) संजय
कंस्ट्रक्शन्स
( सिविल एजेन्सी
) द्वारा
पूर्ण किए गए
कार्यों में
से कितने कार्यों
का भुगतान
किया गया एवं
कितने का
भुगतान किन
कारणों से शेष
हैं? (ग) क्या
सिविल एजेंसी
द्वारा सिविल
कार्यों के उक्त
लंबित भुगतान
हेतु माननीय मंत्री
जी, अपर
मुख्य सचिव, प्रबंध
संचालक मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी, महाप्रबंधक
ग्वालियर
क्षेत्र एवं
महाप्रबंधक
सिविल को आवेदन
पत्र दिए गए
थे? यदि
हाँ, तो
उक्त आवेदन
पत्रों पर क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं तो क्यों
तथा लंबित
देयकों का
भुगतान कब तक
कर दिया जाएगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड के सिविल
संभाग ग्वालियर
द्वारा वर्ष 2015-16 में
मेसर्स संजय
कंस्ट्रक्शन
(सिविल एजेन्सी)
सेंवढ़ा, जिला
दतिया को राशि
रूपये 1,91,24,468/-
के
53
कार्यादेश
जारी किये गये
थे, जिनमें
से उक्त
एजेंसी
द्वारा 41
कार्य
संपादित किये
गये हैं तथा
शेष 12
कार्य
प्रशासनिक स्वीकृति, बजट
आवंटन एवं
कार्य
प्रारम्भ
नहीं होने के
कारण निरस्त
कर दिये गये
हैं। मेसर्स
संजय कंस्ट्रक्शन, दतिया को
जारी कार्योदेशों
तथा उनमें से
पूर्ण किये
गये कार्यों
एवं निरस्त
किये गये
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ',
'ब' एवं 'स'
अनुसार
है। (ख) मेसर्स
संजय कंस्ट्रक्शन
(सिविल एजेन्सी)
सेंवढ़ा जिला
दतिया द्वारा
संपादित किये
गये 41
कार्यों में
से 13 कार्यों
का भुगतान
किया जा चुका
है तथा शेष 28 कार्यों
का भुगतान
नहीं किया गया
है, जो
कि नियम
विरूद्ध बिना
प्रशासनिक स्वीकृति
एवं बजट आवंटन
के संपादित
होना पाये गये
हैं। (ग) जी
हाँ। प्राप्त
आवेदनों पर
कार्यवाही
करते हुये
प्रकरण में
बिना
प्रशासनिक स्वीकृति
एवं बजट आवंटन
के जारी किए
गये
कार्यादेशों
हेतु संबंधित
तत्कालीन उप
महाप्रबंधक (सिविल)
के विरूद्ध
मुख्य
महाप्रबंधक, ग्वालियर
द्वारा पत्र
क्र.सी.जी.एम./ जी.एम./02-ए/16/1763-64
दिनांक 08.06.2016 से
आरोप पत्र
जारी कर
विभागीय जाँच
संस्थित की गई
है। वर्तमान में
जाँच
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। जाँच निष्कर्ष
उपरान्त
प्रकरण में
अग्रिम
कार्यवाही की
जावेगी।
कमिश्नर कार्यालय में जाँच प्रतिवेदनों की भरमार
[सामान्य प्रशासन]
81. ( क्र. 1108 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर कमिश्नर कार्यालय में अपने अंतर्गत आने वाले जिला कलेक्टर कार्यालयों से प्राप्त कितने जाँच प्रकरण विगत 5 वर्षों में प्राप्त हुए, कितने प्रकरणों पर क्या निर्णय हुए तथा कितने प्रकरण कितने समय से निर्णय हेतु किस स्तर पर लंबित है, कारण सहित प्रकरणवार नाम, दिनांकवार सूची देवें? (ख) जिला कार्यालयों से प्राप्त जाँच प्रकरणों पर निर्णय की समय-सीमा क्या है? जाँच प्रकरणों में आरोपी अधिकारियों के पत्रों के जबाव देने में अधिक विलंब पर शासन की क्या नीति है? जवाब की समय-सीमा क्या है? 6 माह से अधिक समय से लंबित जबाव वाले अधिकारियों की सूची नाम, पद सहित देवें? (ग) विगत 5 वर्षों में कितने विभागीय जाँच प्रकरणों पर इंदौर कमिश्नर कार्यालय द्वारा अधीनस्थ जिला कार्यालयों को कितने अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है? नामवार कार्यवाही सहित सूची देवें? (घ) विगत 5 वर्षों में लोकायुक्त द्वारा कितने अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु इंदौर कमिश्नर कार्यालय को निर्देशित या सूचित किया गया है? नामवार पद सहित सूची देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिवनी जिले के प्रमुख स्थलों को पर्यटन विभाग में जोड़ना
[पर्यटन]
82. ( क्र. 1128 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अत्यंत प्राचीन, ऐतिहासिक, रमणीय व प्राकृतिक स्थल 1. नागा बाबा घंसौर जैन मंदिर 2. आष्टा बरघाट का काली मंदिर 3. रिछाडि़या लखनादौन का विष्णु मंदिर 4. बैनगंगा छपारा के समीप गढ़ी 5. काल भैरव मंदिर किला आदेगांव लखनादौन एवं पर्यटक स्थल 1. सिद्धघाट केवलारी 2. अमोदागढ़ कान्हीवाड़ा को पर्यटन विभाग में सम्मिलित किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो इसको कब तक सम्मिलित किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त स्थलों के रख-रखाव, सौन्दर्यीकरण के लिये पूर्व में कोई राशि स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो किस-किस स्थल के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ग) उक्त स्थलों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और दर्शक आते हैं तथा मेलों एवं भण्डारों का आयोजन होता है? क्या शासन उक्त श्रद्धालुओं की सुविधा एवं विभाग को आय हो सके इसके लिये पर्यटन विभाग में सम्मिलित कर उक्त स्थानों पर उनके सौन्दर्यीकरण हेतु विभिन्न निर्माण कार्य जैसे धर्मशाला, पेयजल व्यवस्था और पार्क आदि निर्माण कराये जायेंगे यदि हाँ, तो कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये जावेंगे और कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी पर्यटन स्थल को पर्यटन विभाग में शामिल करने की नीति नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफार्मरों की स्थिति
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 1129 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला स्टोर में मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में वर्तमान में कितने ट्रांसफार्मर 200, 100, 63, 25 के.व्ही.ए. रखे हुये हैं? उनकी संख्या सहित नवम्बर 2016 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या ट्रांसफार्मर के लाट एरिया स्टोर में प्राप्त होने की दिनांक से गारंटी पीरियड निकल जाने के बाद तक उन्हें उपयोग के लिये फील्ड में प्रदाय ही नहीं किया जाता, यदि हाँ,तो क्यों? 01 वर्ष 2015-16 में विभिन्न योजनान्तर्गत प्रदान किए गए कितने ट्रांसफार्मरों की जिला मुख्यालय स्टोर में आवक है एवं विकासखंडो (डिवीजन) को कितने ट्रांसफार्मर जारी किये गये हैं, संख्या बतायें? (ग) सिवनी जिला के अंतर्गत केवलारी विधान सभा क्षेत्र में किसानों द्वारा कितने ट्रांसफार्मरों की विगत वर्षों 2015-16 में मांग की गई है? मांग अनुसार कितने ट्रांसफार्मरों को स्थापित किया गया है के.व्ही. सहित स्थल का नाम बतायें। (घ) केवलारी विधान सभा के अंतर्गत वर्तमान में कितने ट्रांसफार्मर बदलने हेतु प्रस्तावित है? विगत वर्षों में विधान सभा क्षेत्र केवलारी में कितने ट्रांसफार्मर खराब हुये है उनकी संख्या सहित स्थल का नाम बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिवनी जिले में भंडार पृथक से नहीं है अपितु क्षेत्रीय भंडार छिन्दवाड़ा से सिवनी जिले हेतु ट्रांसफार्मर प्रदाय किये जाते है। दिनांक 21.11.16 की स्थिति में छिन्दवाड़ा क्षेत्रीय भंडार में क्षमतावार उपलब्ध ट्रांसफार्मरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कंपनी क्षेत्रांतर्गत विद्यमान एरिया स्टोर द्वारा गांरटी अवधि के अन्दर आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर फील्ड में प्रदाय किये जाते है। वर्ष 2015-16 के दौरान एरिया स्टोर, छिंदवाडा को प्राप्त एवं प्रदाय किये गये ट्रांसफार्मरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्ष 2015-16 के दौरान एरिया स्टोर छिन्दवाड़ा से संचा-संधा. संभाग सिवनी को 501 एवं लखनादौन को 383 इस प्रकार सिवनी जिले को कुल 884 नग विभिन्न क्षमता के ट्रांसफार्मर प्रदाय किये गये। (ग) सिवनी जिला के अंतर्गत केवलारी विधान सभा क्षेत्र में किसानों द्वारा वर्ष 2015-16 में कृषक अनुदान योजना के पम्प कार्यों हेतु 112 ट्रांसफार्मरों की मांग की गई। मांग अनुसार प्रश्न दिनांक तक 100 ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिये गये हैं जिनकी क्षमता (के.व्ही.ए.में) सहित स्थापना स्थल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत फेल हुये समस्त ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है। विगत एक वर्ष में विधान सभा क्षेत्र केवलारी में 226 वितरण ट्रांसफार्मर खराब हुये है, जिन्हें समयावधि में बदल दिया गया है। स्थल के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
आई.ए.एस. अधिकारियों को आयकर विभाग से मिले नोटिस की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
84. ( क्र. 1149 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयकर विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के किन-किन अधिकारियों को आयकर के नोटिस जारी करने संबंधी जानकारी विभाग के पास है? अधिकारियों के नाम, राशि तथा नोटिस की छायाप्रति उपलब्ध कराएं? (ख) क्या विभाग द्वारा आयकर विभाग से इन अधिकारियों के संबंध में कोई जानकारी मांगी गयी है यदि हाँ, तो आयकर विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारियां उपलब्ध कराएं? (ग) क्या नगरीय प्रशासन के प्रमुख सचिव के रूप में अपने पद का दुरूपयोग करते हुए एक वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी की विभिन्न स्त्रोतों से आयकर विभाग को जानकारी मिलने के बाद उस अधिकारी पर आयकर विभाग ने करोड़ों रूपये के इनकम टैक्स का नोटिस जारी किया था? GAD ने आयकर विभाग से इन नोटिस के स्त्रोतों की क्या जानकारी प्राप्त कर ली है? (घ) उक्त अधिकारी को आयकर का नोटिस जारी होने के बावजूद मुख्यमंत्री सचिवालय का प्रमुख सचिव तथा उसके बाद वाणिज्यिक कर विभाग जहां प्रमुख सचिव के हाथों में करोड़ों रूपये के टैक्स निर्धारण के अधिकार होते हैं जैसे महत्वपूर्ण विभाग सौंपने के पीछे क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आयकर विभाग से विगत 03 वर्षों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के किसी अधिकारी को नोटिस जारी किए जाने के बारे में कोई अधिकृत जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग को प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘क’ के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को आयकर विभाग के स्तर से कोई नोटिस जारी किये जाने के बारे में कोई जानकारी आयकर विभाग से सामान्य प्रशासन विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) किसी अधिकारी को आयकर विभाग से नोटिस जारी होने के बारे में कोई विवरण आयकर विभाग से प्राप्त नहीं हुआ है, अतः इस प्रश्नांश में अंकित पदस्थापनाओं के कारण दर्शित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैतूल जिले में आदर्श आंगनवाडियों हेतु की गयी खरीदी
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 1150 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में आदर्श आंगनवाडि़यों में सामग्री खरीदने के लिए जो राशि उपलब्ध करायी गयी उस राशि से आंगनवाड़ी अनुसार सामग्री क्रय न करके पूरे जिले के लिए डी.पी.ओ. बैतूल द्वारा इटारसी की शिव ट्रेडिंग कंपनी तथा रवि ट्रेडर्स के नाम बिना टैण्डर के सप्लाई आदेश जारी किये गये हैं? क्या इस संबंध में शिकायत प्राप्त होने के बाद संयुक्त संचालक से इसकी जाँच करायी गयी यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट का विवरण तथा दोषियों पर की गयी कार्यवाही के संबंध में जानकारी दें? (ग) विगत बजट सत्र के विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा आदर्श आंगनवाड़ियों में दी गयी राशि के दुरूपयोग के संबंध में सचेत करने के बावजूद विभाग ने इन राशियों के उपयोग पर निगरानी क्यों नहीं रखी? (घ) बैतूल जैसी प्रक्रिया अन्य जिलों में तो नहीं अपनाई जा रही है क्या विभाग इसकी भी जाँच कराएगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। जिला कार्यक्रम अधिकारी बैतूल द्वारा इटारसी की शिव ट्रेडिंग कंपनी तथा रवि ट्रेडर्स के नाम कोई सप्लाई ऑडर जारी नहीं किये गये। आदर्श आंगनवाडि़यों की स्थापना के संबंध में प्राप्त शिकायत की जाँच संयुक्त संचालक नर्मदापुरम द्वारा की जा रही है। रिपोर्ट अप्राप्त है। (ग) संचालनालय स्तर से आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु प्रदाय राशि के उपयोग से संबंधित समय-समय पर निर्देश जारी किये गये है तथा समय-समय पर आयोजित बैठक/काँफ्रेंस में भी राशि उपयोग की समीक्षा एवं संचालनालय अधिकारियों के भ्रमण के दौरान इसकी नियमित निगरानी कराई गई है। (घ) विभाग द्वारा आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु राशि का व्यय जिला कलेक्टर द्वारा चयनित एजेंसी के माध्यम से किये जाने के निर्देश दिये गये है, तदानुसार अन्य जिलों के द्वारा जिला कलेक्टर के अनुमोदन उपरांत विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना संबंधी कार्यवाही की गई है। इस संबंध में अन्य जिलों से कोई शिकायत प्राप्त न होने से जाँच का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
अधिकृत ठेकेदारों द्वारा की जा रही मनमानी
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 1179 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. संभाग मुरैना में कार्यरत मैसर्स बजाज कंपनी लिमिटेड, इन्फोटेक कंपनी लिमिटेड द्वारा विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी में कार्यरत राजीव गांधी विद्युतीकरण एवं फीडर सेपरेशन कार्यों में शासन के नियमों की अनदेखी करते हुए हितग्राहियों से अवैध लाभ लेकर नियम विरूद्ध कार्य किये जा रहे हैं जिसकी शिकायत हितग्राहियों द्वारा सर्किल व संभाग कार्या. मुरैना में की जा चुकी है? (ख) उपरोक्त (क) में उल्लेखित शिकायतों को लेकर अभी तक प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक शासन व प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या म.प्र. शासन (क) में वर्णित शिकायती पत्रों को लेकर उच्च स्तरीय जाँच प्रश्नकर्ता व उपभोक्ता के समक्ष करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के कार्य मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, मुम्बई एवं फीडर सेपरेशन योजना के कार्य मेसर्स टेक्नोफेब इंजीनियरिंग लिमिटेड, दिल्ली द्वारा किये जा रहे हैं। मेसर्स इन्फोटेक कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में कार्य नहीं किया जा रहा है। उक्त टर्न-की ठेकेदार एजेंसियों द्वारा कार्य नियमानुसार किये जा रहे हैं। ग्राम दलजीत का पुरा मौजा आरोली के ब्राम्हण मोहल्लावासियों द्वारा दिनांक 10.08.16 को महाप्रबंधक (संचा/संधा) वृत कार्यालय मुरैना को उक्त कार्यों के संबंध में शिकायत की गई थी। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित शिकायत प्राप्त होने पर उप महा-प्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड अम्बाह के द्वारा सहायक यंत्री म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड अम्बाह से जाँच करवाई गई। जाँच में पाया गया कि दलजीत का पुरा में लगभग 65 आवास अवस्थित हैं तथा विद्युतीकरण कार्य के प्रावधानानुसार दलजीत का पुरा में 25 के.व्ही.ए. के 2 ट्रांसफार्मर लगाना प्रस्तावित थे किंतु आवासों की संख्या को देखते हुये 2 की जगह 3 ट्रांसफार्मर लगाकर ग्राम दलजीत का पुरा में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। शिकायत में उल्लेखित ब्राम्हण मोहल्ला में आवागमन का रास्ता सकरा होने के कारण उक्त मोहल्ले में 11 के.व्ही. लाईन का निर्माण कार्य संभव नहीं था, अत: 25 के.व्ही.ए. क्षमता का एक ट्रांसफार्मर ब्राम्हण मोहल्ले के समीप लगाकर एवं एल.टी.लाईन का विस्तार कर शिकायत में वर्णित स्थल का भी विद्युतीकरण किया जा चुका है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार शिकायत में उल्लेखित स्थल का विद्युतीकरण कार्य किया जा चुका है। अत: उक्त संबंध में अन्य किसी प्रकार की जाँच कराया जाना आवश्यक नहीं है।
शिवपुरी में संचालित शराब दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
87. ( क्र. 1197 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक/162/एमएलए/2016 दिनांक 18.10.2016 के द्वारा जिला आबकारी अधिकारी शिवपुरी को तहसील नरवर व करैरा में संचालित अवैध शराब दुकानों को बंद कराने हेतु प्रस्तुत किया गया था? यदि हाँ तो क्या प्रस्तुत पत्र की प्रश्न दिनांक तक पत्र की प्राप्ती व की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराया गया, जबकि सामान्य प्रशासन विभाग के बार-बार स्पष्ट आदेश-निर्देश हैं कि माननीय सांसद व विधायकगणों के प्रस्तुत पत्रों की प्राप्ती एवं की गई कार्यवाही से अतिशीघ्र अवगत कराया जावे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जवाबदार हैं? उनके नाम व पद सहित जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र पर खुली जाँच जनसमुदाय व प्रश्नकर्ता के समक्ष वरिष्ठ अधिकारियों से कब तक जाँच कराई जाकर अवैध दुकानों के संचालन को बंद कर दिया जायेगा व अवैध संचालित दुकानों में सहयोग करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) माननीय विधायक श्रीमती शकुंतला खटीक (प्रश्नकर्ता) का आवेदन पत्र क्रमांक/162/एमएलए/2016 दिनांक 18.10.2016 तहसील नरवर व करैरा में संचालित अवैध शराब दुकानों को बंद कराने हेतु, जिला आबकारी कार्यालय में प्राप्त हुआ था। उक्त पत्र द्वारा चाही गई जानकारी जिला आबकारी कार्यालय के पत्र क्रमांक/आब./अप./ 2016/2461 दिनांक 27.10.2016 को माननीय विधायक महोदय को स्पीड पोस्ट क्रमांक RI254189129IN से प्रेषित किया गया था, जो दिनांक 01.11.2016 को उन्हें प्राप्त हो गया है। स्पीड पोस्ट ट्रेक रिपोर्ट की छायाप्रति एवं जिला आबकारी कार्यालय द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक/आब./अप./2016/2461 दिनांक 27.10.2016 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 52 एवं 54 के अनुसार जाँच का कार्य विभाग के आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा नियमित रूप से किया जाता है। जनसमुदाय व प्रश्नकर्ता के समक्ष जाँच का कोई प्रावधान नहीं है। जाँच में अवैध मदिरा का विक्रय/परिवहन किए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अभी तक किसी भी जाँच में अवैध मदिरा के विक्रय/परिवहन में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी का सहयोग नहीं पाया गया, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आबकारी निरीक्षक द्वारा अनियमितता
[वाणिज्यिक कर]
88. ( क्र. 1198 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आबकारी कार्यालय करैरा जिला शिवपुरी में पदस्थ आबकारी निरीक्षक कार्यालय में अधिकांश समय अनुपस्थित रहते हैं और अवैध संचालित दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण कर दुकान संचालकों से बेजा लाभ लेकर उनका सहयोग भी करते हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित आबकारी निरीक्षक के पास करैरा के अतिरिक्त अन्य प्रभार भी है? यदि हाँ, तो क्या जनहित में व शासकीय कार्य समय पर हो इन से करैरा का प्रभार हटाया जा कर दूसरे आबकारी निरीक्षक की पदस्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) आबकारी कार्यालय, करैरा में उप निरीक्षक, श्री अशोक शर्मा पदस्थ है, जिनके पास देशी मदिरा मद्यभण्डागार, करैरा का भी अतिरिक्त प्रभार रहने एवं वृत्त उप निरीक्षक का कार्य मैदानी क्षेत्रों में अधिक होने के कारण वे पूरे समय कार्यालय पर उपस्थित नहीं रह सकते हैं। उप निरीक्षक, श्री अशोक शर्मा कभी भी अवैध संचालित दुकानों का सहयोग करते नहीं पाये गये हैं। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में वर्णित उप निरीक्षक के पास वृत्त करैरा के अतिरिक्त मद्यभण्डागार, करैरा का भी प्रभार है, इसके अतिरिक्त जनहित व शासकीय कार्य के संपादन हेतु जिले के अन्य वृत्तों में होने वाले संयुक्त अभियान में भी सतत् रूप से भाग लेते हैं। शिवपुरी जिले में आबकारी उप निरीक्षक के 09 पद स्वीकृत पदों के विरूद्ध जिले में 04 आबकारी उप निरीक्षक पदस्थ हैं। आबकारी उप निरीक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र किये जाने के उपरांत आबकारी कार्यालय, करैरा, जिला शिवपुरी में स्वतंत्र उप निरीक्षक पदस्थ किया जायेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
[आनन्द]
89. ( क्र. 1213 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रस्तावित हेप्पीनेस मंत्रालय के अंतर्गत सागर जिला स्थित बुन्देलखण्ड मेडीकल कालेज की स्वास्थ्य सेवाओं को संचालित किये जाने की योजना बनायी गयी है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक सर्वहारा वर्ग के लोग यहां उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्रसन्न मन से ले पायेंगे? (ग) यदि नहीं तो उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं में मूल विभाग द्वारा कोई सुधार किये जाने की योजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या और कब तक सुधार संभव है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी, नहीं। इस विषय पर आनंद विभाग द्वारा कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार किया जा रहा है।
लाईन लॉस की भरपाई
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 1220 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने ट्रांसफार्मरों/डी.पी. और विद्युत पोलों पर अर्थिंग का कार्य हुआ है? कितने ट्रांसफार्मर/डी.पी. और विद्युत पोल अर्थिंग के लिये शेष है? संख्यात्मक जानकारी दी जाये? (ख) क्या यह सही है कि ट्रांसफार्मरों/डी.पी. और विद्युत पोलों पर अर्थिंग न डाले जाने से लाईन लॉस होता है? यदि हाँ तो क्या लाईन लॉस की भरपाई उपभोक्ताओं से की जा रही है अथवा विभाग द्वारा लापरवाहीपूर्वक कार्य कर शासन को करोड़ों रूपये की क्षति पहुँचायी जा रही है? कितनी यूनिट प्रतिदिन का लाईन लॉस प्रश्नांश (क) क्षेत्रान्तर्गत हो रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में ट्रांसफारमरों/डी.पी. और विद्युत पोलों पर अर्थिंग और लाईन लॉस की जाँच के लिये क्षेत्रीय विधायकों को समिति में लिया जाकर क्या जाँच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 967 वितरण ट्रांसफार्मरों, 980 डी.पी. स्ट्रक्चर एवं 18543 विद्युत पोलों पर अर्थिंग का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में अर्थिंग का कोई कार्य शेष नहीं है। (ख) जी नहीं। अपितु सुरक्षा की दृष्टि से ट्रांसफार्मर डी.पी. स्ट्रक्चर और विद्युत पोलों के धात्विक अवयवों व तडि़त चालक को अर्थ से संयोजित किया जाता है, जिससे कि दुर्घटनावश विद्युत प्रवाह के सम्पर्क में आने पर वह भू-प्रवाहित हो जावे व मानव/पशु जीवन को हानि न हो। सामान्य स्थिति में अर्थिंग के माध्यम से विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है जिससे कि ऊर्जा हानि की संभावना नहीं होती है, अत: अर्थिंग न होने से प्रतिदिन लाईन लॉस होने, आर्थिक क्षति होने अथवा उपभोक्ताओं से भरपाई किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संबंध में किसी प्रकार की जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है।
खंडवा जिले में कुपोषण की स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
91. ( क्र. 1227 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास खंडवा में विगत तीन वर्षों में जिले में कुपोषण मिटाने के लिये क्या प्रयास किये? कुल कितनी राशि का पोषण आहार वितरित किया गया? वर्षवार जानकारी देवें? (ख) विगत तीन वर्षों में पोषण आहार का प्रदाय किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? पोषण आहार की क्वालिटी की जाँच कब-कब किससे कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके वितरण की जिम्मेदारी किन अधिकारियों की है? क्या इन अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही तरीके से किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो पिछले दिनों जिले में कुपोषण से हुई बच्चों की मौतों एवं गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार समय पर नहीं मिलने के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) कुपोषण से होने वाली मौतों के समय वर्षों से जमे ऐसे जिला अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों का कब-कब निरीक्षण किया, क्या निर्देश दिये तथा क्या इनकी रोकथाम के उपाय किये गये थे? यदि हाँ, तो तत्पश्चात् ऐसी परिस्थितियों क्यों उत्पन्न हुई? (ड.) क्या जिला अधिकारियों की गंभीर लापरवाही के कारण जिले में कुपोषण से हुई मौतों के कारण देशभर में प्रदेश की छवि खराब हुई है? (च) यदि हाँ, तो महिला एवं बाल विकास विभाग के ऐसे अकर्मण्य जिला अधिकारियों पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) महिला एवं बाल विकास खण्डवा में विगत तीन वर्षों में कुपोषण मिटाने के लिये निम्नानुसार प्रयास किये गये है:- (1) अति कम वजन श्रेणी के कुपोषित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से प्रतिदिन दिये जाने वाले नाश्ते व भोजन के साथ ही साथ अतिरिक्त पौष्टिक आहार के रूप में थर्ड मील का प्रदाय किया गया। (2) समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों पर न्यूट्री कार्नर की स्थापना (3) आदिवासी विकासखण्ड खालवा तथा पन्धाना अन्तर्गत चलित कुपोषण रथ का संचालन। (4) कुपोषित बच्चों को सोया आटा युक्त बिस्किट का प्रदाय। (5) कुपोषित बच्चों के लिये सुपोषण अभियान अन्तर्गत स्नेह शिविरों का आयोजन। (6) चिन्हित कुपोषित बच्चो को समुचित उपचार हेतु निकटस्थ बाल शक्ति केन्द्रों में भर्ती कराना। (7) सर्वाधिक कुपोषण ग्रस्त आंगनवाडि़यों में डे-केयर सेन्टर का संचालन करना। (8) स्नेह सरोकार अन्तर्गत कुपोषित बच्चों को गोद देते हुए उन्हें कुपोषण की श्रेणी से मुक्त कराना। (9) मंगल दिवस कार्यक्रम अन्तर्गत गोद भराई, अन्नप्राशन, जन्म दिवस एवं किशोरी बालिका दिवस का आयोजन करना। (10) स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का आयोजन। खण्डवा जिले में विगत तीन वर्षों में पूरक पोषण आहार वितरण पर कुल 2776.11 लाख रूपये की राशि का व्यय किया गया, जिसका वर्षवार विवरण निम्नानुसार हैः -
क्र. वित्तीय वर्ष व्यय राशि (लाख रूपये में)
1 2013-14 663.02 लाख
2 2014-15 885.69 लाख
3 2015-16 1227.40 लाख
(ख) विभागीय पत्र क्रमांक एफ-3-21/07/50-2, भोपाल, दिनांक 27-03-2008 द्वारा जारी निर्देशानुसार विगत तीन वर्षों से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पूरक पोषण आहार का प्रदाय एम.पी. एग्रो इण्डस्ट्रीज एवं स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कराया जा रहा है। इसका शासन स्तर से टेस्टिंग कराया जाता है तथा स्थानीय ग्राम स्तर पर गठित ग्राम तदर्थ समिति, हितग्राही के अभिभावक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा वितरण के पूर्व भोजन चखकर पंचनामा बनाया जाता है, क्वालिटी की संतुष्टि होने पर पोषण आहार वितरण किया जाता है। प्रश्नांश में शेष जानकारी निरंक है। (ग) खण्डवा जिले में पिछले दिनों में वर्षाकाल में भौगोलिक वातावरण बदलने से मौसमी बीमारी आदि होती है जिससे तात्कालिक रूप से बच्चों के पोषण स्तर में गिरावट आती है एवं बच्चों का स्वास्थ्य कमजोर पड़ता है, कमजोरी के कारण बच्चो की असामायिक मृत्यु होना संभावित होती है। आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से समस्त बच्चों सहित गर्भवती एवं धात्री माताओं को नियमित रूप से पोषण आहार दिया जा रहा है, अनियमित पोषण आहार वितरण की स्थिति/शिकायत प्रकाश में नहीं आयी है इस संबंध में लोक सेवा गांरटी, सी.एम. हेल्प लाईन में भी कोई विशेष शिकायत प्रकाश में नहीं आई है। प्रश्नांश की शेष जानकारी उपरोक्त कारण से निरंक है। (घ) जिला अधिकारियों के भ्रमण सम्बन्धी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिले में विगत 3 वर्षों में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी आई है, जिनका वर्षवार विवरण निम्नानुसार है:-
वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 वर्ष 2015-16
2530 2350 2201
शेष का प्रश्न ही नहीं है। (ड.) वर्षाकाल में भौगोलिक वातावरण बदलने से मौसमी बीमारी आदि होती है जो मुख्यतः स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण उक्त प्रकार की स्थिति निर्मित होती है परन्तु उक्त परिस्थिति को तत्काल नियंत्रित की गयी। उक्त स्थिति से निपटने के लिये ग्राम स्तर पर डे-केयर संचालन, विशेष वजन मेला अभियान के माध्यम से सेवायें दी जाकर जन समुदाय में जन जागरूकता लायी जा रही है। (च) जिले में पदस्थ अधिकारी द्वारा अपने स्तर से यथासंभव प्रयास कर शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है। शेष का प्रश्न ही नहीं।
विद्युत मीटर रीडिंग की समस्या
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 1228 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खंडवा जिले में विद्युत उपभोक्ताओं के घरेलू एवं व्यावसायिक मीटरों की रीडिंग का कार्य फोटो रीडिंग पद्धति से कराया जा रहा है? यदि हाँ तो कब से? (ख) क्या मीटर रीडिंग करने वाले कर्मचारियों को कंपनी द्वारा कैमरायुक्त मोबाईल फोन अथवा कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं? नहीं तो क्यों? (ग) क्या पावर कनेक्शन वाले मीटरों को फोटो रीडिंग पद्धति से मुक्त रखा गया है? यदि हाँ तो क्यों? क्या यह निर्णय कंपनी के हित में है? (घ) यदि नहीं तो पावर कनेक्शन की फोटोयुक्त मीटर रीडिंग लेने एवं अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों को विभाग द्वारा कैमरायुक्त मोबाईल फोन/कैमरे दिये जाने पर विचार किया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, खण्डवा जिले के अंतर्गत खण्डवा शहर में माह जुलाई-2015 से तथा ओंकारेश्वर, पंधाना, हरसूद एवं मूंदी में माह जून-2016 से घरेलू एवं गैर घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के मीटरों की रीडिंग का कार्य फोटो मीटर रीडिंग पद्धति से कराया जा रहा है। (ख) जी नहीं। आउट सोर्सिंग पर लगाये गये कर्मियों के कैमरा युक्त मोबाईल फोन से ही रीडिंग कराये जाने के कारण पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कैमरायुक्त मोबाईल फोन/कैमरे उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। (ग) जी हाँ। 10 किलोवॉट एवं उससे अधिक भार वाले समस्त उपभोक्ताओं के संयोजनों पर अपेक्षाकृत उन्नत तकनीक का प्रयोग कर एवं सिम स्थापित करके रिमोट मीटर रीडिंग ली जाती है। जी हाँ, उक्त प्रक्रिया कंपनी के हित में है। (घ) जी नहीं। आउट सोर्सिंग के कर्मचारियों को विद्युत कंपनी द्वारा कैमरायुक्त मोबाइल फोन/कैमरा दिए जाने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में 10 किलोवाट एवं उससे अधिक भार वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन की फोटो मीटर रीडिंग लेने की आवश्यकता नहीं है।
पर्यटन हब का निर्माण
[पर्यटन]
93. ( क्र. 1249 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के पर्यटन हब बनाने के लिए टूरिस्ट मेगा सर्किट प्रोजेक्ट को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय नई दिल्ली ने कब-कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी तथा इसके लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम भोपाल को कब कितनी राशि आवंटित की गई? मूल योजना और इनकी निर्माणाधीन अवधि क्या है? (ख) प्रश्नांकित प्रोजेक्ट के तहत जबलपुर जिले के चिन्हित किन-किन दर्शनीय स्थलों में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास कार्य कराना स्वीकृत है एवं कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास कार्य कब कहाँ-कहाँ पर किस एजेन्सी से कराये गये हैं? कौन-कौन से विकास कार्य नहीं कराये गये हैं एवं क्यों वर्ष 2016-17 तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांकित प्रोजेक्ट के तहत किन-किन जिलों के प्रस्तावित दर्शनीय स्थलों में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास कार्य करना स्वीकृत हैं एवं अभी तक कितनी राशि के विकास कार्य कराये गये है तथा शेष कार्य कब तक पूर्ण कराये जावेंगे ? वर्तमान में इन शेष कार्यों की क्या स्थिति है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत की आपूर्ति
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 1250 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर के तहत जबलपुर जिले में विद्युत की मांग और आपूर्ति की क्या स्थिति है ? शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मांग के अनुरूप कितनी-कितनी विद्युत की आपूर्ति की जा रही है ? जबलपुर शहरीय क्षेत्र में विद्युत कटौती की समस्या के निदान हेतु क्या प्रयास किये गये हैं ? जबलपुर शहरी क्षेत्र में जनवरी,2016 से नवम्बर, 2016 तक की विद्युत आपूर्ति की माहवार जानकारी दें ? (ख) जबलपुर शहर क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 से 2016-17 में अक्टूबर, 2016 तक कितने वितरण ट्रांसफार्मर जले एवं खराब हुए उनमें से कितने बदले गये ? कितने शेष हैं? क्षमतावार फेल/खराब होने का कारण सहित बतायें ? (ग) प्रश्नांश (ख) में कितने वितरण ट्रांसफार्मर में सुधार कार्य हेतु किस फर्म को दिए गए एवं कितनी राशि व्यय की गई ? इनके सुधार कार्य हेतु क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई हैं ?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जबलपुर के तहत जबलपुर जिले में विद्युत की औसत मांग जनवरी-16 से नवम्बर-16 तक की अवधि में 186.63 मेगावाट प्रतिदिन थी तथा मांग के अनुरूप विद्युत की आपूर्ति की गई है। जबलपुर जिले में माह जनवरी-16 से नवम्बर-16 तक की अवधि में 11 के.व्ही. गैर कृषि फीडरों से संबद्ध उपभोक्ताओं को प्रतिदिन औसतन 23 घंटे 45 मिनिट तथा 11 के.व्ही.कृषि फीडरों से संबद्ध उपभोक्ताओं को प्रतिदिन औसतन 9 घंटे 53 मिनिट विद्युत प्रदाय किया गया है जिसकी माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'-1 अनुसार है। वर्तमान में किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्वक सतत् विद्युत आपूर्ति हेतु लाईनों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों का निरंतर मेंटेनेन्स कार्य किया जाता है। तथापि आवश्यक रख-रखाव कार्य हेतु शट-डाउन लिये जाते हैं, जिसकी सूचना दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से पूर्व में ही प्रकाशित की जाती है। कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से अचानक फाल्ट आने पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसे शीघ्रातिशीघ्र सुधार कार्य पूर्ण कर सामान्य कर दिया जाता है। जबलपुर शहरी क्षेत्र में जनवरी-16 से नवम्बर-16 तक की विद्युत आपूर्ति की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ'-2 अनुसार है। (ख) जबलपुर शहर क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2015-16 में विभिन्न क्षमता के कुल 32 वितरण ट्रांसफार्मर एवं वर्ष 2016-17 में माह अक्टूबर तक विभिन्न क्षमता के कुल 31 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं। उक्त सभी ट्रांसफार्मर समय-सीमा में बदल दिए गए हैं। क्षमतावार फेल/खराब उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की फेल होने के कारण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब'-1 एवं 'ब'-2 अनुसार है। वर्तमान में जबलपुर शहरी क्षेत्र में बदलने हेतु कोई ट्रांसफार्मर शेष नहीं है। (ग) सभी क्षेत्र के फेल/खराब ट्रांसफार्मर मैदानी अधिकारियों द्वारा संबंधित क्षेत्रीय भंडार को वापस किये जाते हैं। क्षेत्रीय भंडार से 200 के.व्ही.ए. क्षमता तक के ट्रांसफार्मर रेट कॉन्ट्रेक्ट के तहत सुधारकर्ता फर्मों को उनकी क्षमता के अनुसार रेट कॉन्ट्रेक्ट के तहत सुधार कार्य हेतु आवंटित किये जाते हैं अत: किस क्षेत्र का फेल हुआ ट्रांसफार्मर किस फर्म को दिया गया, यह जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। तथापि क्षेत्रीय भंडार से फेल ट्रांसफार्मरों का सुधार कार्य मेसर्स बंसाला इंजी. जबलपुर, कैलाश ट्रांसफार्मर जबलपुर, पारस इले. जबलपुर, राजधानी जयपुर, आर.बाय.बी. सागर, सिंगनल एण्ड टेलीकॉम जबलपुर, टॉपटेक जबलपुर से कराया जाता है। 200 के.व्ही.ए. से अधिक क्षमता वाले ट्रांसफार्मरों का सुधार कार्य पूर्व क्षेत्र कंपनी की स्वयं स्थापित एम.टी.आर.यू. इकाई में किया जाता है। वितरण ट्रांसफार्मर सुधार हेतु राशि का एकजाई भुगतान सुधारकर्ता फर्मों को किया जाता है तथापि औसत व्यय प्रति ट्रांसफार्मर के अनुसार वर्ष 2015-16 में 32 ट्रांसफार्मरों के सुधार हेतु रूपये 15,42,813/- तथा वर्ष 2016-17 में 31 ट्रांसफार्मरों के सुधार हेतु रूपये 9,76,344/- की राशि व्यय की गई है।
खराब ट्रांसफार्मर की बदली
[ऊर्जा]
95. ( क्र. 1269 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने ट्रांसफार्मर है जो खराब है। उन्हें विभाग क्यों नहीं बदल रहा हैं। (ख) खराब ट्रांसफार्मर के कारण कभी कम, कभी ज्यादा वाल्टेज आने से क्षेत्रवासियों के उपकरण जल रहे है उसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) विधान सभा क्षेत्र सोनकच्छ के सभी खराब ट्रांसफार्मर कब तक बदल दिए जाएंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 17.11.2016 की स्थिति में कुल 35 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष थे। उक्त ट्रांसफार्मरों में से 33 ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले जाने हेतु शेष है तथा 2 ट्रांसफार्मर दिनांक 19.11.2016 को बदल दिये गये है। (ख) प्रश्नाधीन उल्लेखित कोई शिकायत पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) नियमानुसार फेल ट्रांसफार्मर से संबद्ध 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान किये जाने पर अथवा फेल होने की दिनांक को ट्रांसफार्मर पर कुल बकाया राशि की 40 प्रतिशत राशि संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा जमा करने पर ट्रांसफार्मर बदले जा सकेगें, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुरैना जिले में पंजीकृत खाद्य तेल निर्माता एवं तेल रिफाइनरी
[वाणिज्यिक कर]
96. ( क्र. 1272 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्तमान में खाद्य तेलों के निर्माता एवं कितनी तेल रिफाइनरी पंजीकृत हैं, उनके नाम, पते सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ख) उक्त तेल कारोबारियों के व्यापारिक संस्थानों के नाम, व्यापारिक स्थानों के सही पतों की पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) उक्त संस्थाओं द्वारा काडला, गुजरात एवं अन्य स्थानों से वर्ष 2012 से 2016 तक कितना खाद्य तेल मंगाया गया? संस्थानवार वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मुरैना जिले में वर्तमान में वाणिज्यिक कर के अंतर्गत खाद्य तेल के 40 निर्माता व रिफाइनरीज पंजीकृत है, जिनके नाम एवं पते की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वांछित जानकारी युक्त सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) में उल्लेखित पंजीकृत खाद्य तेल निर्माता/रिफाइनरीज के द्वारा वर्षवार आयातित खाद्य तेल की जानकारीयुक्त सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कलेक्टर गाईड लाईन का निर्धारण
[वाणिज्यिक कर]
97. ( क्र. 1288 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूमि की शासकीय दर निर्धारण हेतु कलेक्टर गाईड लाईन तय करने की व्यवस्था पिछले कितने वर्षों से प्रचलन में है? (ख) भोपाल जिले में उक्त अवधि में प्रतिवर्ष कलेक्टर गाईड लाईन में क्या परिवर्तन किया गया है ? वर्षवार बताएं। (ग) भूमि की शासकीय दर निर्धारित करने हेतु क्या उच्चतम न्यायालय द्वारा कोई गाईड लाईन या निर्देश जारी किया गया है? यदि हाँ तो यह निर्देश क्या है और क्या इसका पालन किया जा रहा है? (घ) कलेक्टर गाईड लाईन में प्रतिवर्ष भूमि की दरें बढ़ा दिए जाने से कृषि भूमि, ग्रीन बेल्ट की भूमि की दरें भी बहुत बढ़ती जा रही हैं जिसकी वजह से भूमि क्रय, कम आय वर्ग या मध्यम वर्ग की पहुंच से बाहर हो रहा है, इसे रोकने के कुछ उपाय किए जाएंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना एवं उनका पुनरीक्षण नियम 2000 को अधिसूचना क्रमांक (60) बी-4-4-2000, वा.कर.-पाँच दिनांक 31-07-2000 से स्थापित किया गया है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी नहीं। (घ) यह सही नहीं है। कलेक्टर द्वारा प्रतिवर्ष उप जिला मूल्यांकन समिति के माध्यम से प्रत्येक तहसील के लिये, ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्रों में प्रचलित वास्तविक दरों के आधार पर गाईड लाईन के प्रस्ताव प्राप्त किये जाते है जो कि वास्तविक क्रय-विक्रय राजस्व एवं स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिवेदन जानकारी अनुसार तैयार किये जाते है।
ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ठेका
[ऊर्जा]
98. ( क्र. 1289 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड ने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी से सेनोस्फियर निकालने के ठेके में असफलता पर मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स को ब्लैक लिस्टेड किया था? यदि हाँ तो इस फर्म को काली सूची से कैसे बाहर किया गया? क्या इस हेतु नियमों में हेराफेरी कर फर्म को अनुचित लाभ दिया गया है? (ख) उक्त ठेका अन्नपूर्णा ट्रेडर्स को कब, किस दर पर दिया गया था? इस ठेके में फर्म को कितनी राशि कंपनी में जमा करवानी थी? कितनी राशि जमा करवाई गई? क्या इस ठेके में उक्त फर्म पर कोई कार्यवाही की गई थी? (ग) क्या इस मामले की जाँच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाएगी? (घ) अन्नपूर्णा ट्रेडर्स के पास वर्तमान में म.प्र.पा.जे.कं.लि. के विभिन्न पावर हाउस में कितने ठेके हैं? कार्य का नाम, लागत के उल्लेख सहित सूची उपलब्ध करवाएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी से सिनोस्फियर निकालने के ठेके में असफलता पर मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स को ब्लैक लिस्टेड नहीं किया गया है। अत: फर्म को काली सूची से बाहर करने एवं इस हेतु नियमों में हेराफेरी एवं फर्म को किसी प्रकार का अनुचित लाभ दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स, सारनी, को उक्त ठेका दिनांक 05.01.2013 को रू. 79,200 प्रति मैट्रिक टन की दर से दिया गया। इस ठेका कार्य में सुरक्षा निधि रू. 47,52,000 एवं एक वर्ष की निविदा अवधि में प्रति माह अग्रिम किश्त राशि रू. 41,58,000 जमा की जानी थी। इस हेतु मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स सारनी द्वारा सुरक्षा निधि रू. 47,52,000 एवं दो मासिक किश्तों में रू. 83,16,000 इस प्रकार कुल राशि रू. 1,30,68,000 जमा की गई। शेष किश्त राशि मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स, सारनी, द्वारा जमा न करने के कारण दिनांक 31.07.2013 को ठेका निरस्त किया गया। मुख्य अभियंता (उत्पादन) सारनी द्वारा म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को हुए नुकसान के आंकलन एवं क्षतिपूर्ति हेतु एक समिति का गठन किया गया। समिति द्वारा रू. 35,64,000 की दंड राशि निरूपित की गई थी जो मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स सारनी से वसूल कर ली गई है। (ग) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित अनुसार म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को हुऐ नुकसान के आंकलन एवं क्षतिपूर्ति हेतु गठित समिति द्वारा निरूपित अर्थदंड मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स, सारनी, से वसूल किया जा चुका है। अत: इस मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जाँच की आवश्यकता नहीं है। (घ) मेसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडर्स सारनी के पास वर्तमान में म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्न विद्युत गृहों में 15 ठेके हैं। कार्यों के नाम और लागत की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जले ट्रांसफार्मरों को बदलना
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 1295 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में शासन ने कटनी एवं सतना जिले को सूखग्रस्त घोषित किया था? (ख) विगत तीन वर्षों में प्रश्नांकित जिलों में कितने नए वितरण ट्रांसफार्मर कहाँ-कहाँ लगाए? वितरण केन्द्रवार विवरण दें कि कितने नए कितने पुराने ट्रांसफार्मर जले, उक्त जले ट्रांसफार्मर किस अवधि तक जले रहें? क्या जले ट्रांसफार्मर के कारण विद्युत सप्लाई अवरूद्ध रही? यदि हाँ तो उक्त अवधि के बिजली के बिल संबंधित 3 एच.पी., 5 एच.पी. के एवं अन्य उपभोक्ताओं द्वारा कितनी राशि के दिए गए? उस अवधि में कितनी राशि जमा की गई? क्या उपभोक्ताओं से वसूल की गई उक्त राशि वापस की जाएगी या आगे के बिलों में समायोजन किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या वर्ष 2015-16 में सूखा, होने कारण किसान एवं बी.पी.एल. कार्डधारी एवं अति गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले बिजली के जिन उपभोक्ताओं के बिल प्रदेश में बाकी है? क्या शासन उनके बिजली के बिल माफ करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बताएं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) विगत तीन वर्षों में कटनी जिले में कुल 990 नये वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गये जिनका वितरण केन्द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ-1” अनुसार है। विगत तीन वर्षों में कटनी जिले में कुल 810 नये एवं 1175 पुराने ट्रांसफार्मर, इस प्रकार कुल 1985 वितरण ट्रांसफार्मर जले जिनका वितरण केन्द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ”ब-1” अनुसार है। विगत तीन वर्षों में सतना जिले में कुल 2822 नये वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गये जिनका वितरण केन्द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'-2 अनुसार है। विगत तीन वर्षों में सतना जिले में कुल 943 नये एवं 3961 पुराने ट्रांसफार्मर कुल 4904 वितरण ट्रांसफार्मर जले जिनके वितरण केन्द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब-2” अनुसार है। वितरण ट्रांसफार्मर से सबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में जिन ट्रांसफार्मरों पर बकाया राशि नहीं थी, उन्हें सूखे मौसम में तीन दिवस तथा वर्षा काल (जुलाई से अक्टूबर) में सात दिवस के अन्दर बदल दिया गया है अथवा सम्बद्ध उपभोक्ताओं को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अन्य ट्रांसफार्मर से विद्युत प्रदाय किया गया है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार कृषि उपभोक्ताओं को छ: माही एवं अन्य उपभोक्ताओं को मासिक अवधि के आधार पर विद्युत देयक जारी किये गये हैं। ट्रांसफार्मर जलने से विद्युत सप्लाई अवरूद्ध होने की अवधि हेतु पृथक से देयक गणना संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्नाधीन चाही गई राशि जमा करने/वापिस करने अथवा जमा राशि समायोजित किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं वर्ष 2015-16 में सूखा पड़ने के कारण 50 प्रतिशत से अधिक क्षति वाले प्रभावित किसानों से अक्टूबर 2015 में जारी छ: माही बिलों की वसूली तथा 30 सितम्बर 2015 की स्थिति में बकाया राशि की वसूली 6 माह के लिए आस्थगित (deferred) रखते हुए 31 मार्च 2016 तक उन्हें बिजली बिल भुगतान से छूट दी गई थी। प्रभावित किसानों से 01 अक्टूबर 2015 से 31 मार्च 2016 तक की अवधि का सरचार्ज भी देय नहीं था। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के बकाया देयकों के निराकरण के लिए बकाया राशि समाधान योजना लागू की गई जिसमें बी.पी.एल तथा शहरी क्षेत्रों में अधिसूचित झुग्गी–झोपड़ी-बस्तियों में निवास करने वाले उपभोक्ताओं के विरूद्ध दिसम्बर, 2015 की स्थिति में बकाया राशि में शामिल मूल राशि पर 50 प्रतिशत माफी तथा सरचार्ज में शत्-प्रतिशत तक माफी तथा घरेलू श्रेणी के अन्य उपभोक्ताओं को सरचार्ज में शत्-प्रतिशत तक माफी का प्रावधान था। योजना की अवधि 25 फरवरी 2016 से 31 मई 2016 थी। पुन: बकाया राशि समाधान योजना दिनांक 14.09.16 से लागू की गई है, जिसकी अवधि 30.11.16 तक है। उक्तानुसार की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में अन्य कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
स्लीमनाबाद कैरियर कैनाल के कार्य में अनियमितता
[नर्मदा घाटी विकास]
100. ( क्र. 1296 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 26/07/2016 में मुद्रित प्रश्न संख्या 147 (क्रमांक 2743) के प्रश्नांश (क) का उत्तर मुख्य अभियंता अपर नर्मदा जोन जबलपुर द्वारा जाँच की जा चुकी है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो उक्त प्रश्न में यह पूछा गया था कि क्या शिकायकर्ता को सुना जाकर जाँच की जावेगी? शिकायकर्ता को बिना सुने जाँच क्यों की गई? जाँचकर्ता अधिकारी के विरूद्ध शासन कार्यवाही करते हुए पुन: निष्पक्ष जाँच किसी दूसरे अधिकारी से कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक बताएं। (ग) प्रश्नोत्तरी दिनांक 19/07/2016 में मुद्रित प्रश्न संख्या 11 (क्रमांक 148) के प्रश्नांश (ग) का उत्तर ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत कर्मचारियों एवं मजदूरों के बकाया का भुगतान एवं पी.एफ. कटौती का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, दिया गया है। यदि हाँ तो बकाया में से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि वसूल कर ली गई है, बताएं। यदि नहीं तो इसके लिए कौन उत्तरदयी है। क्या कोस्टल प्रोजेक्ट द्वारा अप्रैल 15 से मार्च 16 तक राशि 6,41,264 एवं मार्च 14 से सितम्बर 2015 की अवधि में 78,93,235 पी.एफ. काटा है और जमा नहीं किया गया। उक्त फर्म के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावेगा। यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच प्रश्नोत्तरी के पूर्व ही की जा चुकी थी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। ठेकेदार मेसर्स पटेल-एस.ई.डब्ल्यू. (संयुक्त उपक्रम) हैदराबाद के सब कांट्रेक्टर मेसर्स कोस्टल प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा रूपये 78,93,235 /- की पी.एफ. की राशि जमा नहीं की गई है। पी.एफ. की राशि सब कांट्रेक्टर द्वारा जमा नहीं करने के कारण उनके विरूद्ध संबंधित अधिनियम में कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पद पर नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
101. ( क्र. 1305 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना जिले में जुलाई २०१३ में सतना नगर निगम अंतर्गत वार्ड क्र. 02 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पद पर अवैध तरीके से सरोज पाण्डेय पत्नी सुजीत पाण्डेय निवासी उमरी की नियुक्ति की गई है? (ख) क्या परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा सतना शहरी जिला सतना द्वारा जारी अनंतिम सूची में स.क्र.2 में रशीदा खातून पिता वारिश अली का नाम था जिनका चयन न कर स. क्र. 4 में सरोज पाण्डेय पत्नी सुजीत पाण्डेय को नियुक्ति दे दी गई? क्यों? कारण सहित बताएं। (ग) क्या रशीदा खातून पिता वारिश अली निवासी गढ़िया टोला जो अविवाहित है को सतना नगर निगम द्वारा विवाहित का प्रमाण पत्र दे दिए जाने एवं इनके पिता के गरीबी रेखा में नाम होते हुए भी अंक नहीं दिए जाने से नियुक्ति से वंचित कर दिया गया? क्यों? कारण सहित बताएँ? (घ) क्या उक्त सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच करते हुए अवैध तरीके से नियुक्त सरोज पाण्डेय को पद से पृथक कर पात्रतानुसार रशीदा खातून पिता वारिश अली निवासी गढ़िया टोला को नियुक्ति दी जावेगी, यदि हाँ तो समय सीमा बताएं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। विभागीय पत्र क्रमांक एफ 3-2/06/50-2 भोपाल दिनांक 10.07.2007 द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के चयन एवं नियुक्ति के संशोधित निर्देशों के तहत निहित नियुक्ति प्रक्रिया का पालन हुये श्रीमती सरोज पाण्डये पत्नी सुजीत पाण्डेय निवासी उमरी की वार्ड क्रमांक 02 के केन्द्र क्रमांक 15 पर आंगनवाडी़ कार्यकर्ता पद पर नियुक्ति नियमानुसार दी गई है। (ख) जी हाँ। श्रीमती सरोज पत्नी सुजीत पाण्डेय की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पद पर नियुक्ति जिला स्तरीय समिति के निर्णय अनुसार की गई है। (ग) कार्यालय नगर निगम सतना के पत्र क्रमांक 277/यो.शा./न.पा.नि./13 सतना, दिनांक 09.09.2013 द्वारा प्राप्त जाँच प्रतिवेदन अनुसार रशीदा खातून पिता वारिश अली का नाम बी.पी.एल. सूची में दर्ज नहीं होने के कारण इन्हें बी.पी.एल. के अंक नहीं दिये गये। (घ) रशीदा खातून पिता वारिश अली द्वारा नियुक्ति के संबंध में जिला स्तरीय समिति के निर्णय के विरूद्ध माननीय न्यायालय कलेक्टर सतना में अपील की गई जिसे अमान्य कर दिया गया। इसके पश्चात् रशीदा खातून द्वारा माननीय न्यायालय अपर आयुक्त रीवा संभाग रीवा के समक्ष अपील की गई। माननीय न्यायालय अपर आयुक्त द्वारा श्रीमती रशीदा खातून के पक्ष में निर्णय पारित किया गया। जिसके विरूद्ध श्रीमती सरोज पाण्डेय पत्नी सुजीत पाण्डेय द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका प्रस्तुत की गई। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 3388/15 दिनांक 11.03.2015 द्वारा यथा स्थिति बनाए रखने के निर्देश दिये गये। अतः माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा प्रकरण में जो आगामी आदेश दिये जावेंगे तदानुसार कार्यवाही की जावेगी।
स्वयं के व्यय पर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाना
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 1316 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वयं के व्यय पर एक या एक से अधिक किसानों द्वारा संयुक्त रूप से 63 या 100 के.वी.ए. का ट्रांसफार्मर स्था़पित किये जाने हेतु शासन के क्या नियम व दिशा निर्देश हैं? (ख) वर्तमान में होशंगाबाद जिले में एक या एक से अधिक किसानों द्वारा संयुक्त् रूप से स्वयं के व्यय पर 63 या 100 के.वी.ए. का ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के संबंध में होशंगाबाद वृत्त अन्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015- 16 में कितने आवेदन प्राप्त हुये तथा इन आवेदन पत्रों पर किस-किस दिनांक में क्या क्या कार्यवाही, किस किस कार्यालय द्वारा की गई? (ग) कितने किसानों द्वारा होशंगाबाद जिले अन्तर्गत विगत 01 वर्ष में 63 या 100 के.वी.ए. का ट्रांसफार्मर रखे जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये तथा कितने प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की गई, ग्रामवार जानकारी प्रदान की जावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राज्य शासन के आदेश क्र. 3970/2586/11/13 दिनांक 04.05.2011 एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्र. अ.प्र.स./म.क्षे./कार्य./208 दिनांक 13.05.2011 के माध्यम से सिंचाई पंप कनेक्शन के लिये कृषकों द्वारा स्वयं का ट्रांसफार्मर लगाये जाने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये थे। राज्य शासन के आदेश क्र. 11058/2014/13 दिनांक 27.11.2015 अनुसार ”स्वयं का व्यय ट्रांसफार्मर योजना” अंतर्गत एक किसान द्वारा अधिकतम 63 के.व्ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाये जाने का प्रावधान है। प्रश्नाधीन योजना से संबंधित उक्त आदेशों/निर्देशों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2 एवं अ-3 अनुसार है। (ख) होशंगाबाद जिले के होशंगाबाद वृत्त के अंतर्गत एक या अधिक किसानों द्वारा संयुक्त रूप से स्वयं के व्यय पर अधिकतम 63 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने हेतु वर्ष 2014-15 में 285 आवेदन प्राप्त हुये जिनमें से 02 आवेदन निरस्त होने के बाद शेष 283 आवेदनों की स्वीकृति उपरांत 1267 कृषकों के कार्य पूर्ण हुये हैं। उक्तानुसार वर्ष 2015-16 में प्राप्त 151 आवेदनों में से 02 आवेदन निरस्त होने के बाद शेष 149 आवेदनों की स्वीकृति उपरांत 666 कृषकों के कार्य पूर्ण हुये हैं। प्रश्नाधीन चाही गई वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) होशंगाबाद जिले में किसानों से प्रश्न दिनांक से विगत 01 वर्ष में ”स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना” के अंतर्गत 823 कृषकों के 173 आवेदन प्राप्त हुए एवं प्राप्त सभी आवेदन स्वीकृत किये गये। इनमें से 135 आवेदनों के विरूद्ध 627 कृषकों के कार्य पूर्ण हुये हैं। 01 आवेदन पर 04 कृषकों द्वारा औपचारिकतायें पूर्ण नहीं की गई है एवं 37 आवेदनों के विरूद्ध 192 कृषकों के कार्य स्वयं के व्यय पर आवेदकों द्वारा कराये जा रहें हैं। प्रश्नाधीन पूर्ण हुए कार्यों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
देशी एवं अंग्रेजी मदिरा शराब की संचालित संचालित दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
103. ( क्र. 1322 ) श्री हरवंश राठौर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बंडा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी देशी एवं अंग्रेजी मदिरा दुकानें कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं संचालित स्थल के पूर्ण पता सहित सूची उपलब्ध कराई जाए एवं संचालित दुकान राज्यमार्ग मुख्य सड़क से कितनी दूरी पर स्थित है। दूरी एवं दुकानदार सहित सूची दी जाए। (ख) विगत तीन वर्षों में प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित दुकानों के आस-पास शाला अध्ययन केंद्र होने के फलस्वरूप इन्हें अन्यत्र स्थानांतरित करने की शासन स्तर पर कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई है एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है। (ग) मदिरा दुकान संचालन के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन कराने के लिए कौन-कौन जवाबदार है तथा कब तक निर्देशों का पालन कराया जावेगा।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बण्डा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत नगर पंचायत क्षेत्र में देशी मदिरा की 02 दुकानें क्रमश: बण्डा, शाहगढ़ एवं विदेशी मदिरा की 02 दुकानें बण्डा, शाहगढ़ तथा ग्रामीण क्षेत्र में देशी मदिरा की 11 दुकानें क्रमश: जमुनिया, सेसई, मगरधा, हीरापुर, बरायठा, बरा, दलपतपुर, बहरौल, बिनायका, बरेठी, भडराना इस तरह कुल 15 देशी/विदेशी मदिरा दुकानें संचालित है। संचालित दुकान स्थल, राजमार्ग मुख्य सड़क से दूरी एवं लायसेंसी के नाम सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बण्डा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत शाला अध्ययन केन्द्र के समीप स्थापित मदिरा दुकानों को हटाये जाने के संबंध में माननीय विधायक महोदय से देशी मदिरा दुकान बिनायका को हटाये जाने संबंधी पत्र प्राप्त हुये थे, जिनमें जाँच दौरान संचालित देशी मदिरा दुकान बिनायका निर्धारित अवस्थिति में होने एवं शाला से उसकी दूरी 125 मीटर होने तथा इसी तारतम्य में ग्राम सरपंच श्रीमती दमयंतीबाई एवं श्री मोहनसिंह गोड़ प्रधान अध्यापक शासकीय प्राथमिक शाला बिनायका द्वारा आगामी वर्ष 2017-18 में नवीन स्थल पर दुकान स्थानांतरित किये जाने की लिखित सहमति दिये जाने से वर्ष की शेष अवधि हेतु यथा स्थान पर ही संचालित है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक बी-1/05/2015/2/पाँच/5 दिनांक 06.02.2015 से प्रकाशित अधिसूचना अनुसार बण्डा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानें निर्धारित अवस्थिति में स्थापित होने एवं माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों का समुचित पालन किये जाने से प्रश्नांश की शेष जानकारी निरंक है।
नरसिहंपुर जिले में हवाई पट्टी निर्माण
[विमानन]
104. ( क्र. 1329 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बजट सत्र 2016-17 में विमानन विभाग की अनुदान मांगों में सामान्य प्रशासन एवं विमानन मंत्री द्वारा नरसिंहपुर जिले में हवाई पट्टी निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध होने पर निर्माण का आश्वासन दिया था? (ख) जमीन उपलब्धता हेतु प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा क्या कलेक्टर नरसिंहपुर को पत्र लिखा गया था? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) नरसिंहपुर जिले में हवाई पट्टी का निर्माण कब तक किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। भूमि चयन की कार्यवाही प्रचलन में हैं। (ग) योजना स्वीकृत न होने से समय-सीमा निर्धारित की जाना संभव नहीं हैं।
महिला बाल विकास विभाग गुना में चल रही अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
105. ( क्र. 1332 ) श्रीमती ममता मीना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले में वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक विकासखण्डवार कितने-कितने कुपोषित बच्चे चिन्हांकित किये गये हैं तथा इन चिन्हांकित बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिये क्या कलेक्टर गुना से कार्य योजना अनुमोदित कराई है तथा इन कार्य योजना अनुसार माहवार तथा विकासखण्डवार एन.आर.सी. में कितने कितने बच्चे भर्ती कराये गये है तथा वर्तमान में इन चिन्हित बच्चों का कुपोषण दूर कर दिया है अथवा नहीं? अन्य जिलों में भी क्या यही स्थिति है? विकासखण्डवार स्थिति बताएं? (ख) कितने जिलों में जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं महिला बाल विकास अधिकारियों के पदों पर जूनियर सहायक संचालक पदस्थ हैं वरिष्ठता के आधार पर इन पदों पर सहायक संचालकों को क्यों पदस्थ नहीं किया गया ? अन्य ऐसी कौन सी मजबूरी रही है कि वरिष्ठ को उपेक्षित कर कनिष्ठ अधिकारियों को जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं महिला बाल विकास अधिकारी बनाया गया है? (ग) गुना जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका के कितने-कितने पद किस दिनांक से रिक्त हैं तथा इनकी पूर्ति कब तक कर ली जावेगी। आगामी तारीख सहित बताएं। (घ) उक्त विसंगति/मापदण्ड के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उसे हटाकर उसके विरूद्ध विभागीय जाँच कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी तथा उक्त विसंगति को कब तक दूर कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गुना जिले में वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक विकासखण्ड गुना 1729, बमौरी में 967, आरौन में 353, राघवगढ़ में 658 तथा चाचौड़ा में 478 इस प्रकार कुल 4185 कुपोषित बच्चे चिन्हांकित किये गए है। जी हाँ, अटल बाल मिशन की कार्ययोजना अनुमोदित कराई गई है। 2015-16 से 2016-17 तक गुना जिले में एन.आर.सी. में कुल 2420 पात्र बच्चे भर्ती कराये गए हैं। विकासखण्डवार एवं माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्तमान में चिन्हित बच्चों में से 1369 बच्चों का कुपोषण दूर किया गया है। अन्य जिलों में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में उपचारित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जिला कार्यक्रम अधिकारी, उप संचालक संवर्ग का पद है। उप संचालक संवर्ग में अधिकारियों की कमी के कारण प्रदेश में कुल 14 जिलों में सहायक संचालक, प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी के रूप में रिक्त पदों पर पदस्थ है। यह एक अस्थाई व्यवस्था है। जिला कार्यक्रम अधिकारी की पदस्थापना होने पर सहायक संचालक मूल पद पर पुनः कार्य करने लगते हैं। प्रशासकीय आवश्यकताओं को दृष्टिगत् रखते हुए अधिकारियों की पदस्थापना का निर्णय लिया जाता है। (ग) गुना जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 116, सहायिका के 113 एवं मिनी कार्यकर्ता के 42 पद रिक्त है, जिनकी पूर्ति हेतु दिनांक 06.10.2016 को विज्ञप्ति जारी की जाकर पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। समय सीमा दी जाना संभव नहीं है। रिक्त पदों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) गुना जिले में रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में कोई विसंगति नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है।
म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. की स्थानांतरण नीति
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 1333 ) श्रीमती ममता मीना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रीमति अमिता तिवारी जी.एम. म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. गुना ने अपना सेवाकाल किस स्थान से तथा किस दिनांक से किस पद से गुना में प्रारंभ किया है तथा यह गुना में लगातार कितने वर्षों से किन-किन पदों पर पदस्थ रही है।? (ख) श्रीमती अमिता तिवारी जी.एम. गुना के अलावा किसी अन्य स्थान पर भी स्थानान्तरण होकर गई हैं अथवा नहीं ? यदि नहीं गई तो क्यों ? एक ही स्थान गुना में पदस्थ रखने का कारण बतावें ? (ग) क्या विद्युत कम्पनी में लगातार 20 वर्षों तक एक ही स्थान पर किसी कर्मचारी/अधिकारी को रखने का प्रावधान है ? यदि नहीं तो इन्हें गुना में लंबे समय तक क्यों रखा गया ? कारण स्पष्ट बतावें ? कंपनी में 20 वर्षों तक एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम बतावें ? (घ) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के कर्मचारियों/अधिकारियों के संबंध में स्थानांतरण नीति क्या 20 वर्षों तक एक ही स्थान पर कम्पनी में रहने का प्रावधान है? यदि नहीं है तो इन्हें क्यों गुना में ही रखा गया है? जबकि अधिकतर कर्मचारियों के स्थानांतरण किये जा चुके हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) श्रीमती अमिता तिवारी, महाप्रबंधक, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, गुना ने तत्कालीन म.प्र.विद्युत मण्डल के जबलपुर मुख्यालय पर सहायक यंत्री के पद पर दिनांक 18.09.1998 को कार्यभार ग्रहण किया था। इस प्रकार श्रीमती अमिता तिवारी का कुल सेवाकाल अभी 18 वर्ष का हुआ है। श्रीमती तिवारी अपने पूरे सेवाकाल में जिन पदस्थापनाओं पर कार्यरत रही हैं उनका विवरण निम्नानुसार है :-
अवधि |
पद |
पदस्थापना |
|
दिनांक से |
दिनांक तक |
||
18.9.1998 |
22.12.1998 |
सहायक यंत्री |
म.प्र.विद्युत मण्डल मुख्यालय, जबलपुर |
23.12.1998 |
06.08.2006 |
सहायक यंत्री |
अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय, गुना |
अवधि |
पद |
पदस्थापना |
|
दिनांक से |
दिनांक तक |
||
07.08.2006 |
06.02.2011 |
उप महाप्रबंधक (कार्या.) |
संचा.संधा., वृत्त गुना |
07.02.2011 |
22.05.2014 |
महाप्रबंधक (कार्या.) |
संचा.संधा., वृत्त गुना |
23.05.2014 |
27.01.2016 |
महाप्रबंधक |
क्षेत्रीय भण्डार गुना |
28.01.2016 |
निरन्तर |
महाप्रबंधक |
संचा.संधा., वृत्त गुना |
उक्तानुसार श्रीमती अमिता तिवारी की पदस्थापना पूर्ववर्ती म.प्र.विद्युत मंडल एवं वर्तमान में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत प्रशासनिक आवश्यकतानुसार की गई है। (ग) जी नहीं। प्रशासनिक आवश्यकतानुसार श्रीमती अमिता तिवारी, महाप्रबंधक की गुना में पदस्थापना उत्तरांश ''क'' अनुसार की गई है। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड दिनांक 01.06.2005 से अस्तित्व में आई है, अत: कम्पनी क्षेत्रान्तर्गत 20 वर्षों तक एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी निरंक है। (घ) जी नहीं। प्रशासनिक आवश्यकतानुसार श्रीमती अमिता तिवारी, महाप्रबंधक की गुना में पदस्थापना उत्तरांश ''क'' में दर्शाए अनुसार की गई है।
निर्वाचन पर्यवेक्षक जिला निर्वाचन कार्यालय गुना को भार मुक्त करना
[सामान्य प्रशासन]
107. ( क्र. 1334 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 582 सत्र जुलाई, 2016 के अनुक्रम में वर्तमान में पदस्थ निर्वाचन पर्यवेक्षक की प्रतिनियुक्ति सेवाएं राजस्व विभाग भोपाल द्वारा आदेश क्र. एफ-3-11/11/सात/4-ए, दिनांक 08-09-2016 से समाप्त की जाकर मूल विभाग हेतु वापिस की गई? यदि नहीं, तो शासन आदेश की अवहेलना क्यों की जा रही है? (ख) क्या श्री वाहिद अली लेव टेक्नीशियन पशु चिकित्सा सेवाएं जिला अशोकनगर की प्रतिनियुक्ति अवधि 01 नवम्बर, 2014 से शासन द्वारा नहीं बढ़ाई गई है, तो श्री वाहिद अली के स्थान पर म.प्र. राजपत्र दिनांक 07 नवम्बर, 2013 को प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार राजस्व विभाग के पात्र सहायक ग्रेड-2/लेखापाल की नियुक्ति निर्वाचन पर्यवेक्षक के पद पर नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कार्यवाही नहीं की गई है तो श्री वाहिद लैब टेक्नीशियन पशु चिकित्सा सेवाएं को निर्वाचन पर्यवेक्षक के उच्चतर पद का वेतन अनाधिकृत रूप से अधिक वेतन भुगतान क्यों किया गया? क्या इनसे उच्चतर पद के वेतन की वसूली की जावेगी और कब तक की जावेगी? (घ) क्या म.प्र. राज्य पत्र दिनांक 07 नवम्बर, 2013 में विधि एवं विधायी कार्य विभाग भोपाल की प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार निर्वाचन पर्यवेक्षक की सेवा भर्ती नियमों के अनुसार गुना जिले में पात्र निर्वाचन पर्यवेक्षक की नियुक्ति किस दिनांक तक की जावेगी? नवम्बर, 2013 से आज दिनांक तक राजपत्र के अनुसार कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) (1) जी हाँ। (2) वर्तमान में दिनांक 1/1/2017 के आधार पर विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण -2017 का कार्य प्रचलित है। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 434/1/2016/ईआरएस/ दिनांक 26/8/2016 के द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार नामावली के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य से लगाए गए अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किये जाने के निर्देश दिये गए है। (3) इसी क्रम में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी म.प्र. भोपाल ने अपने पृ.पत्र क्रमांक 25/2017/3/10907 दिनांक 22/11/2016 एवं पत्र क्रमांक 411/1/स्था/ 1993/10122 दिनांक 22/11/2016 के द्वारा श्री एस वाहिद अली निर्वाचन पर्यवेक्षक को भारमुक्त न किये जाने के निर्देश दिये गए हैं, जिसके पालन में श्री वाहिद अली को भारमुक्त नहीं किया जा सका है, इस प्रकार शासन के आदेश की किसी प्रकार अवहेलना नहीं की गयी है। (ख) (1) श्री वाहिद अली लैब टेक्नीशियन पशु चिकित्सा सेवाएं जिला गुना की निर्वाचन पर्यवेक्षक के पद हेतु प्रतिनियुक्ति अवधि नहीं बढ़ाई गयी है। आयोग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। (2) म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 7/11/13 पर्यवेक्षक सेवा (तृतीय श्रेणी) भर्ती तथा सेवा की शर्तें नियम 2013 के अनुसार निर्वाचन पर्यवेक्षक पद की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ग) वर्तमान में निर्वाचन पर्यवेक्षक के पद पर पदस्थ श्री एस. वाहिद लैब टेक्नीशियन पशु चिकित्सा सेवाए का वेतनमान निर्वाचन पर्यवेक्षक के पद के समान होने से कोई उच्चतर वेतनमान भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) (2) अनुसार। निर्वाचन पर्यवेक्षक के राजपत्र दिनांक 7 नवंबर 2013 में अन्य विभाग से निर्वाचन पर्यवेक्षक लेने का नियम है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी विधान सभा में ज्यादा एच.पी. के विद्युत बिलों की वसूली
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 1345 ) श्री दिनेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी विधान सभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों के किसानों को 3 एच.पी. की स्वीकृत क्षमता होने के बाद भी 5 एच.पी. के बिल एवं इसी तरह 5 एच.पी. की जगह 8 एच.पी. के बिल दिये जा रहे हैं? इसका मापदण्ड व आधार क्या है? (ख) यदि उक्त बिल अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान अनियमितता के कारण दिये गये हैं, तो क्या निरीक्षण पंचनामा किसानों की उपस्थिति में हस्ताक्षर लेकर बनाये जाते हैं? यदि नहीं, तो किस हिसाब से ये बिल दिये जा रहे हैं? (ग) क्या पानी की मोटरपंप पर 3 एच.पी. लिखे होने के बाद भी निरीक्षण मशीन द्वारा 5 एच.पी. एवं 5 एच.पी. की मोटरपंप को 7 एवं 8 एच.पी. बताया जाता है? (घ) क्या निरीक्षण मशीन की गुणवत्ता परीक्षण केन्द्रों से कराई जाती है? यदि हाँ, तो कब-कब कराई गई थी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषि उपभोक्ताओं को स्वीकृत/अनुबंधित भार के अनुसार ही बिल दिये जा रहे हैं। तथापि नियमानुसार उपभोक्ता परिसर के निरीक्षण के समय यदि संबद्ध भार, उपभोक्ता के स्वीकृत/अनुबंधित भार से भिन्न पाया जाता है तो तद्नुसार बिल जारी किया जाता है। (ख) जी हाँ। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। (घ) निर्माता कंपनी के लैब में टेस्टिंग कराकर टाँगटेस्टर (निरीक्षण मशीन) पर टेस्टिंग की स्लिप चिपकायी जाती है, जिसका पृथक से रिकार्ड संधारित नहीं किया जाता।
बिजली बिल समझौता की योजना
[ऊर्जा]
109. ( क्र. 1352 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजली बिल के साथ उपभोक्ताओं से कौन-कौन सी कितनी राशि के प्रभार वसूल किये जाते है? बी.पी.एल परिवारों से एक बत्ती कनेक्शन धारियों को प्रतिमाह किस दर से विद्युत बिल दिये जाते हैं? (ख) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में क्या सभी एक बत्ती कनेक्शन धारी बी.पी.एल. परिवारों के यहां विद्युत मीटर लगे हुए हैं? यदि नहीं तो क्यों कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के उपभोक्ताओं को किस आधार पर बिजली के बिल दिये जा रहे हैं? नवम्बर 16 की स्थिति में समझौता की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं तथा उसमें क्या-क्या शर्तें हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बिजली के बिलों में प्रश्नाधीन उल्लेखित श्रेणी के उपभोक्ताओं से म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निहित दरों यथा ऊर्जा प्रभार, नियत प्रभार, ईंधन समायोजन प्रभार, मीटर प्रभार, के साथ-साथ राज्य शासन के द्वारा जारी विभिन्न श्रेणियों हेतु प्रायोज्य विद्युत शुल्क वसूल किया जाता है। इन प्रभारों में राज्य शासन द्वारा विभिन्न श्रेणियों को दी जाने वाली सब्सिडी एवं जमा सुरक्षा निधि पर देय ब्याज की राशि का समायोजन किया जाता है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा एक बत्ती कनेक्शन संबंधी कोई श्रेणी, दर आदेश में पृथक से नहीं बनाई है। ऐसे उपभोक्ता घरेलू श्रेणी में समाहित हैं। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के घरेलू उपभोक्ताओं को 25 यूनिट प्रतिमाह तक की खपत पर 290 पैसे प्रति यूनिट की दर से राज्य शासन द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है। वर्ष 2016-17 में घरेलू उपभोक्ताओं को प्रायोज्य विद्युत दरें, विद्युत शुल्क, सब्सिडी एवं ईंधन समायोजन प्रभार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में बी.पी.एल. परिवारों के घरेलू उपभोक्ताओं के कुल 49532 में से 25630 परिसरों में मीटर लगे हुये हैं एवं शेष 23902 उपभोक्ताओं के यहां बिना मीटर के कनेक्शन हैं। इन उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर, मीटर की उपलब्धता के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर स्थापित किये जा रहे हैं। नरसिंहपुर जिले में बी.पी.एल. परिवारों के घरेलू उपभोक्ताओं के कुल 48824 में से 39180 परिसरों में मीटर लगे हुये है एवं शेष 9644 उपभोक्ताओं के यहां बिना मीटर के कनेक्शन हैं। इन उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर, मीटर की उपलब्धता के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर स्थापित किये जा रहे हैं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश की श्रेणी एल.व्ही.-1 में मीटरीकृत एवं अमीटरीकृत श्रेणी हेतु निर्धारित यूनिट एवं दर के आधार पर बिल दिए जा रहे है। अगस्त 2016 की स्थिति में निम्नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत देयकों की बकाया राशि के निराकरण हेतु ''बकाया राशि समाधान योजना'' लागू है। इस योजना की अवधि 30/11/16 तक रहेगी। उक्त योजना का निहित शर्तों सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है।
किसानों को कम समयावधि के लिए सिंचाई हेतु विदयुत कनेक्शन
[ऊर्जा]
110. ( क्र. 1384 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत म.प्र.प.क्षे.वि.वि.क. द्वारा सिंचाई हेतु अस्थाई कनेक्शन की न्यूनतम 04 माह की समयावधि के लिए ही कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं? ऐसी परिस्थितियों में जिन किसानों के पास पानी की उपलब्धता 02 माह की है वह कैसे सिंचाई करेंगे? (ख) क्या उन्हें भी 04 माह का कनेक्शन लेने हेतु बाध्यता रहेगी या विकल्प स्वरूप उसे 02 माह का अस्थाई कनेक्शन प्रदाय किया जावेगा? क्या इस प्रकार के किसानों के लिये कोई निर्देश हैं? हाँ तो कृपया उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) क्या म.प्र.प.क्षे.वि.वि.क. द्वारा बी.पी.एल. लघु सीमांत कृषकों को निःशुल्क सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने के निर्देश हैं? हाँ तो इस सम्बंध में शासन के दिशा-निर्देश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (घ) क्या भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत समस्त लघु सीमांत बी.पी.एल. कृषकों को चिन्हित कर निःशुल्क सिंचाई हेतु कनेक्शन प्रदाय किऐ गये हैं? यदि नहीं तो क्या कारण हैं तथा कितने कनेक्शन प्रदाय कराना शेष हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, प्रचलित टैरिफ आदेश वर्ष 2016-17 के टैरिफ शेड्यूल एल.वी. 5 की कंडिका 1.4 के प्रावधानों के अनुसार अस्थाई सिंचाई पम्प कनेक्शनों हेतु न्यूनतम तीन माह की अग्रिम राशि जमा करवाकर अस्थाई सिंचाई पम्प कनेक्शन जारी किये जा रहे है तथा कृषकों की माँग पर तीन माह से अधिक अवधि के अस्थाई सिंचाई पम्प कनेक्शन भी प्रदान किये जा रहे है। जिन किसानों के पास पानी की उपलब्धता दो माह की है उनके द्वारा आवश्यकतानुसार संयोजन विच्छेदित करवाया जा सकता है तथा उन्हें अग्रिम राशि में से उपयोग के अनुसार राशि काटकर शेष राशि वापस कर दी जावेगी। (ख) जी नहीं, चार माह के अस्थाई सिंचाई पम्प कनेक्शन लेने की कोई बाध्यता नहीं है। अपितु उपरोक्त (क) में दर्शाए अनुसार न्यूनतम तीन माह के उपयोग की अग्रिम राशि जमा करना आवश्यक है तथा तीन माह से पूर्व उपयोग समाप्त हो जाने पर कनेक्शन विच्छेदन उपरान्त उपभोक्ता को शेष राशि नियमानुसार वापस कर दी जावेगी। दो माह के अस्थाई पम्प कनेक्शन हेतु पृथक से कोई निर्देश नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 1395 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधान सभा के ग्रामीण क्षेत्रों के राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनातर्गत कितने मजरे टोले विद्युतीकरण हेतु शामिल किए गए और प्रश्न दिनांक तक कितने मजरे टोलों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और कितने मजरे टोलों में कार्य अपूर्ण हैं? मजरा टोलोंवार जानकारी दी जा सकेगी? (ख) क्या ठेकेदार एजेन्सी मै. बजाज इलेक्ट्रीकल्स लि. मुम्बई द्वारा योजनान्तर्गत लिए गए मजरा टोलों में विद्युतीकरण कार्य अपूर्ण है यदि हाँ तो उन्हें कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ग) बजाज इले.लि. मुम्बई के अलावा जिले में और कौन कौन सी ठेकेदार कम्पनियां कार्य कर रही हैं और उन्हें विधान सभा जौरा क्षेत्र के कौन-कौन से मजरा टोले विद्युतीकरण हेतु आवंटित किए गए हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जौरा विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में 273 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित किया गया है, जिनमें से प्रश्न दिनांक तक 270 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 3 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है, जिसकी मजरा/टोलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स बजाज इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड, मुम्बई द्वारा प्रश्नाधीन योजनान्तर्गत जौरा विधान सभा क्षेत्र के 3 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य अपूर्ण हैं, जिसे आगामी तीन माह में पूर्ण कराने के प्रयास किये जायेंगे। (ग) मेसर्स बजाज इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड, मुम्बई के अतिरिक्त, मुरैना जिले में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य किसी भी अन्य ठेकेदार एजेंसी को नहीं दिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विधायकों के पत्र पर कार्यवाही बाबत्
[सामान्य प्रशासन]
112. ( क्र. 1399 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के दिनांक 11/3/2016 के तारांकित प्रश्न संख्या 12 क्रमांक 1769 पर सदन में चर्चा के दौरान कार्यालय प्रमुखों द्वारा जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों की मासिक समीक्षा एवं आवक जावक की पृथक से पंजी संधारित करने के सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का क्रियान्वयन नहीं होने के संबंध में जिले के कलेक्टर को आदेश जारी करने हेतु आश्वस्त किया था। तो आदेश कब और क्या जारी हुए? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिनांक 1/4/16 से 9/11/2016 तक कटनी के शासकीय कार्यालयों/विभागों में किस-किस दिनांक को पत्र प्रेषित किये गये एवं अभीस्वीकृति प्रदाय तथा निराकरण से किस दिनांक को अवगत कराया गया। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के अन्तर्गत लिखे गये पत्रों का किस-किस कार्यालय/विभाग ने आवक जावक की पृथक से पंजी संधारण एवं मासिक समीक्षा की गई। कार्यालय/ विभागवार जानकारी प्रदान करें एवं किस-किस दिनांक को मासिक समीक्षा की गई एवं समीक्षा विवरण भी उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जाति प्रमाण के आवेदनों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
113. ( क्र. 1400 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न क्रमांक-5235 दिनांक 11-03-2016 के संदर्भ में बताएं कि क्या विभागीय पत्र दिनांक-13-01-2014 एवं 11-08-2016 के द्वारा निवास की पुष्टि के लिये, मौके पर जाकर जाँच करने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो यह निर्देश क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी जिले में जनवरी-2015 से किन-किन आवेदकों के आवेदन निवास संबंधी दस्तावेजों के अभाव में निरस्त किये गये, तहसीलदार/अनुविभागवार बतायें और क्या इन आवेदनों की जाँच मौके पर जाकर की गई थी? यदि हाँ, तो जाँच किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा की गई, यदि नहीं तो क्यों? आवेदनवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत आवेदनों को मनमर्जी से निरस्त करने और वास्तविक तौर पर मौके पर जाकर जाँच परीक्षण न कर स्पष्ट तौर पर शासनादेशों का उल्लंघन करने का क्या संज्ञान लेते हुये, जिम्मेदारों पर कार्यवाही के निर्देश प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कपिलधारा योजना अंतर्गत कूपों पर बिजली व्यवस्था
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 1401 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में विगत तीन वर्षों में शासन की कपिल धारा योजना अंतर्गत खोदे गए कूपों में पर्याप्त पानी होने एवं पूर्णता प्रमाण पत्र विभाग द्वारा जारी होने के बाद कितने प्रकरण विद्युत कनेक्शन हेतु विभाग में लंबित हैं? (ख) क्या हितग्राहियों के कुओं में पर्याप्त पानी होने के बावजूद बिजली नहीं होने के कारण उनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है? (ग) क्या विभाग की कोई ऐसी योजना है, जिससे बिजली की व्यवस्था हो सके? कब तक विभाग पानसेमल विधान सभा के हितग्राहियों के खेतों तक बिजली पहुंचा देगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बड़वानी जिले में विगत् तीन वर्षों में कपिल धारा योजनांतर्गत खनन किये गये कूपों पर विद्युत कनेक्शन हेतु कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) हितग्राहियों के खोदे गए ऐसे सभी कुओं में विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं, जिसके लिए म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर में आवेदन देकर औपचारिकाताएं पूर्ण की गई थी, अत: विद्युत कनेक्शन नहीं दिये जाने से कुंओं के पानी का उपयोग न हो पाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ। जिन हितग्राहियों के कुंए एल.टी- नेटवर्क से 150 फीट तक की दूरी पर स्थित है उन्हें तुरंत कनेक्शन प्रदान कर दिया जाता है एवं जिनके कुंए एल.टी-नेटवर्क से 150 फीट से अधिक दूरी पर स्थित है उनके लिए एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना सलाहकार मण्डल द्वारा चयन किए जाने पर वितरण कंपनी द्वारा तत्काल सर्वे करवाकर प्राक्कलन स्वीकृत किया जाता है तथा स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार आवेदक विभाग द्वारा 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज एवं लागू सर्विस टैक्स का भुगतान विद्युत कंपनी को किया जाता है। लाईन विस्तार का कार्य सहायक आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा “ए”-श्रेणी के विद्युत ठेकेदारों के माध्यम से विद्युत कंपनी के सुपरविजन में संपादित करवाया जाता है। लाईन विस्तार कार्य पूर्ण होने पर त्वरित रूप से विद्युत कंपनी द्वारा सिंचाई पंप कनेक्शन प्रदान कर दिये जाते हैं। वर्तमान में पानसेमल विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कपिल धारा में स्वीकृत हितग्राहियों के कोई भी प्रकरण कनेक्शन देने हेतु लंबित नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
115. ( क्र. 1402 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले में कुल कितनी आंगनवाडि़यां कहाँ-कहाँ संचालित हैं ? वर्तमान में इन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों कि भौतिक स्थिति क्या है? (ख) पानसेमल विधान सभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्रों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ–कहाँ संचालित किये जा रहे हैं? क्या आंगनवाड़ी केन्द्र के भवन हैं? यदि नहीं तो फिर इनका संचालन कहाँ किया जा रहा है? क्या विभाग इनके भवन निर्मित करेगा? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बड़वानी जिला अंतर्गत कुल संचालित 1637 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं इन केन्द्रों के भवनों की भौतिक स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) पानसेमल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत खेतिया शहरी क्षेत्र में 15 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं पानसेमल शहरी क्षेत्र में 15 इस प्रकार कुल 30 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित किये जा रहे हैं। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की योजना विचाराधीन है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होता है। अत: समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
अटल ज्योति योजना के तहत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 1413 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में विभिन्न मजरे टोलों एवं ग्राम पंचायतों में विद्युतीकरण हेतु अधीक्षण यंत्री म.प्र.पू.वि.वि. कं.लि.नरसिंहपुर को पत्र क्रं. JSP/1129 दिनांक 11/06/15, पत्र क्रं. JSP/2016/1691 दिनांक 26/05/16, JSP/2015/1319 दिनांक 20/09/15, पत्र क्रं.JSP/2016/1727, 02/06/16 एवं पत्र क्रं. JSP/2015/1351 दिनांक 04/10/15 द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कार्यवाही हेतु कहा गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि नहीं तो क्यों कारणों का संपूर्ण विवरण देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र क्रमांक जेएसपी/2016/1727, दिनांक 02.06.2016 को छोड़कर शेष सभी पत्र अधीक्षण यंत्री, नरसिंहपुर को प्राप्त हुए हैं। (ख) पत्र क्रमांक 1691, दिनांक 26.5.16 पर कार्यवाही करते हुए दिनांक 20.09.2016 को ग्राम नयानगर के टोला बंधी एवं पत्र क्रमांक 1319, दिनांक 20.09.15 पर कार्यवाही करते हुए दिनांक 16.09.16 को ग्राम सांकल के पटेल टोला में ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। पत्र क्रमांक 1351, दिनांक 4.10.15 के परिप्रेक्ष्य में लेख है कि ग्राम पंचायत खैरी के लाला टोला में लगभग 8-10 हितग्राही खेतों में निवास कर रहे है, जिन्हें कृषि फीडर से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। उक्त टोले को घरेलू फीडर से विद्युत प्रदाय करने हेतु वर्तमान में कोई योजना नहीं है। उक्त टोले के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार भविष्य में किया जाना संभव हो सकेगा। पत्र क्र. 1129, दिनांक 11.06.15 में उल्लेखित 34 ग्रामों के मजरों/टोलो का विद्युतीकरण कराने हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत, सर्वे कार्य के दौरान, उक्त मजरों/टोलों को नियमानुसार योजना में शामिल कर विद्युतीकरण करवाया जायेगा। उक्तानुसार की गई कार्यवाही से अधीक्षण अभियंता (संचा/संधा) नरसिंहपुर द्वारा माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया जा चुका है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार अधीक्षण अभियंता म.प्र.पू.वि.वि.कं.लि., नरसिंहपुर कार्यालय को प्राप्त पत्रों पर उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की गई है। पत्र क्र. जे.एस.पी./2016/1727 दिनांक 02.06.2016 अधीक्षण अभियंता म.प्र.पू.वि. वि.कं.लि., नरसिंहपुर कार्यालय में प्राप्त नहीं होने के कारण उपरोक्त पत्र पर कोई कार्यवाही किया जा पाना संभव नहीं हो सका है।
सांझा चूल्हा योजना में खाद्यान्न सप्लाई
[महिला एवं बाल विकास]
117. ( क्र. 1418 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सांझा चूल्हा योजनान्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र पर अलीराजपुर जिले में किस संस्था द्वारा खाद्यान्न सप्लाई किया जा रहा है एवं सप्लाई का रेट क्या है? (ख) क्या सप्लाईकर्ता संस्था द्वारा खण्ड स्तरीय कार्यालय तक ही खाद्यान्न भेजा जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि हाँ तो क्या खण्ड स्तरीय कार्यालय से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं खाद्यान्न प्राप्त कर केन्द्र तक परिवहन कर ले जाती हैं? क्या उन्हें परिवहन व्यय दिया जाता है? यदि नहीं तो क्यों? (घ) यदि हाँ तो वर्ष 2012-13 से अब तक किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्र को कितना कितना परिवहन व्यय दिया गया। (ड.) खण्ड स्तरीय कार्यालय से आंगनवाड़ी केन्द्रों तक खाद्यान्न परिवहन का कार्य किसके द्वारा किया जाता है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सांझा चूल्हा योजनांतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर अलीराजपुर जिले में स्व-सहायता समूह के माध्यम से 03 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों को नाश्ता/भोजन प्रतिदिन राशि रू.6/- प्रति बच्चा प्रति दिवस की दर से प्रदाय किया जाता हैं। (ख) सांझा चूल्हा योजनांतर्गत प्रदायकर्ता स्व-सहायता समूह द्वारा 03 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों हेतु नाश्ता/भोजन का प्रदाय प्रतिदिन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किया जाता हैं। 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों तथा गर्भवती/धात्री महिलाओं हेतु एम.पी.एग्रो के माध्यम से टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार का प्रदाय किया जाता हैं। एम. पी.एग्रो द्वारा टेकहोम राशन का प्रदाय परियोजना स्तर तक किया जाता है। परियोजना स्तर से आंगनवाड़ी केन्द्र तक टेकहोम राशन का प्रदाय परियोजना अधिकारी द्वारा कराया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार सांझा चूल्हा योजनांतर्गत स्व-सहायता समूह के माध्यम से 03 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों को नाश्ता/भोजन का प्रदाय प्रतिदिन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किया जाता हैं। टेकहोम राशन (पूरक पोषण आहार) का परिवहन कार्य परियोजना स्तर से आंगनवाड़ी केंद्रों तक अलीराजपुर एवं कट्ठीवाडा परियोजनाओं में परिवहनकर्ता श्री अजयकुमार रामचंद्र बेडिया अलीराजपुर संस्था द्वारा किया जा रहा हैं। शेष परियोजना में परिवहनकर्ता द्वारा कार्य नहीं करने से जोबट, उदयगढ़, भाबरा एवं सोण्डवा परियोजनाओं में टेकहोम राशन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं अपने स्तर से परिवहन कर आंगनवाड़ी केंद्र तक ले जाती हैं, जिसका परिवहन व्यय राज्य शासन द्वारा पूर्व में निर्धारित दर राशि रू. 50/- प्रति क्विंटल प्रतिमाह प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र की दर से माह अप्रैल- 2016 तक एवं मई-2016 से राज्य शासन द्वारा निर्धारित दर राशि रू. 100/-प्रति क्विंटल प्रतिमाह प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र के मान से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के खातों में ई-पेमेन्ट के माध्यम से किया जाता हैं। (घ) वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक शासन द्वारा निर्धारित परिवहन दर राशि रू. 50/- प्रति क्विंटल प्रतिमाह प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र के मान से अप्रैल 2016 तक एवं मई-2016 से वर्तमान में राशि रू.100/- प्रति क्विंटल प्रतिमाह प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र के मान से 1382 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 750 मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ई-पेमेन्ट के माध्यम से उनके खाते में राशि जमा की गई है। वर्षवार व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) एम.पी.एग्रो द्वारा प्रदायित टेकहोम राशन (पूरक पोषण आहार) परियोजना कार्यालय से आंगनवाड़ी केंद्रों तक अलीराजपुर एवं कट्ठीवाडा परियोजना में परिवहनकर्ता श्री अजयकुमार रामचंद्र बेडिया 288 महात्मा गांधी मार्ग अलीराजपुर द्वारा किया जा रहा है। शेष परियोजना में परिवहनकर्ता द्वारा कार्य नहीं करने से जोबट, उदयगढ़, भाबरा एवं सोण्डवा परियोजना में खाद्यान्न आंगनवाड़ी कार्यकर्ताए अपने स्तर से परिवहन कर आंगनवाड़ी केंद्र तक ले जाती है।
नर्मदा वनवासी लिंक परियोजना को प्रारम्भ करना
[नर्मदा घाटी विकास]
118. ( क्र. 1419 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा अलीराजपुर जिले में माँ नर्मदा, झण्डाना (सोण्डवा) से सेजावाड़ा (चन्द्रशेखर आजाद नगर) वनवासी लिंक परियोजना रु. 2280 करोड़ की घोषणा की गई थी। (ख) यदि हाँ तो क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा लिंक योजना का प्रथम चरण रु. 422 करोड़ का झण्डाना (सोण्डवा विकासखण्ड) में भूमि पूजन भी किया गया था। (ग) यदि हाँ तो आज दिनांक तक प्रथम चरण का कार्य क्यों प्रारम्भ नहीं किया गया है। कार्य कब तक प्रारम्भ किया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा दिनांक 12/01/2014 को नर्मदा नदी का पानी लिफ्ट करके अलीराजपुर जिले में सिंचाई हेतु लाने के लिए रूपये 700 करोड़ की योजना एवं डाबडी उद्वहन सिंचाई योजना के तकनीकी परीक्षण कराये जाने की घोषणा की गई थी। उक्त घोषणा के तारतम्य में विभाग द्वारा अलीराजपुर जिले की सोंडवा, अलीराजपुर, जोबट तहसीलों के 46 ग्रामों में 35000 हेक्टेयर में प्रेशराइज्ड माइक्रो इरिगेशन की माँ नर्मदा लिंक अलीराजपुर उद्वहन सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई है जिसका भूमि पूजन दिनांक 13 अगस्त 2015 को झंडाना तहसील सोंडवा जिला अलीराजपुर में किया गया था। इस योजना की रूपये 833.35 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी जाकर निविदा बुलाकर एजेंसी निर्धारण की कार्यवाही की जा रही है। कार्य यथाशीध्र आरंभ होगा।
वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करना
[महिला एवं बाल विकास]
119. ( क्र. 1432 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 27 जुलाई, 2016 के अतारांकित प्रश्न क्र. 83 (क्र. 2780) के उत्तर का बालिकाओं के जन्म का पृथक से सर्वे कराये जाने का प्रावधान नहीं है बालक/बालिकाओं का पंजीयन किया जाता है? रीवा जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत वर्ष 2012-13 से कुल 83824 बालिकाओं का जन्म हुआ एवं 37253 बालिकाओं का लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभान्वित किया गया, कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है? (ख) वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक 17971 बालिकाएं कुपोषित पायी गई, जिनमें से 4242 बालिकाओं का उपचार किया गया। 1647 बालिकाओं को कुपोषण से मुक्त कराया गया है किसी बालिका की मृत्यु प्रतिवेदित नहीं है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो 83624 बालिकाओं के जन्म होने के बाद सिर्फ 37253 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत लाभान्वित किया जाना बताया गया, प्रकरण लंबित न होना भी बताया गया तो शेष बची बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना से क्यों लाभान्वित नहीं किया गया बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक में 17971 बालिकाओं को कुपोषित बताया गया, इसमें बालकों की जानकारी नहीं दी गई? जिले की बालक एवं बालिकाओं की कुपोषित संख्या प्रश्नांश तक की जनपदवार देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार कुपोषण से मुक्ति बाबत् प्रश्नांश दिनांक तक में किस-किस तरह की कार्यवाही की गई? कार्यवाही उपरान्त कितने बालक बालिकाओं का कुपोषण से मुक्त कराया गया, जनपदवार बतावें? कुपोषण से मुक्ति बाबत् किये गए प्रयासों में कितनी राशि किस-किस मद में खर्च की गई, का विवरण देते हुए बतावें कि दवाई में प्रति बालक/बालिका कितनी राशि खर्च की गई? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार अगर कुपोषण से मुक्ति बाबत् सार्थक प्रयास न किये जाकर शासन द्वारा प्रदत्त राशि का दुरूपयोग किया गया तो इसके लिए संबंधितों से राशि की वसूली के साथ फर्जी बिल वाउचर पर राशि खर्च करने के लिए दोषी मानते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रावधान एवं शर्तों के अनुरूप नियमानुसार पात्रता न होने के कारण शेष बालिकाओं को लाभान्वित नहीं किया गया है। (ग) जिले में बाल विकास परियोजनावार कुपोषित बालक/बालिकाओं की संख्या प्रश्नांश तक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ अनुसार है। (घ) बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु जिले में पूरक पोषण आहार प्रदाय, एकीकृत बाल विकास सेवा, स्नेह शिविरों का आयोजन, स्नेह सरोकार कार्यक्रम आदि संचालित किये जा रहे हैं। पोषण स्तर में सुधार हेतु किये जा रहे प्रयासों के तत्कालिक परिणाम प्राप्त नहीं होते है। प्रश्नांश अवधि में श्रेणी परिवर्तित हुए बालक/बालिकाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो’’ अनुसार है। वर्णित अवधि में व्यय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘तीन’’ अनुसार है। दवाई हेतु विभाग द्वारा पृथक से कोई राशि व्यय नहीं की जाती है। (ड.) जिले में बच्चों में व्याप्त कुपोषण से मुक्ति हेतु सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। राशि के दुरूपयोग की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष का प्रश्न ही नहीं।
मकरोनिया नगर पालिका में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
120. ( क्र. 1447 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मकरोनिया बुजुर्ग नगर पालिका के 18 वार्डों में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं? वार्डवार जानकारी देवें। (ख) क्या शासन की नीति अनुसार नगर पालिका क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में जनसंख्या के मान से आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित करने का प्रावधान है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (ग) यदि हाँ तो नगर पालिका के 18 वार्डों में पृथक-पृथक जनसंख्या के मान से कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित/खोले जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मकरोनिया बुजुर्ग नगर पालिक क्षेत्र अन्तर्गत कुल वार्डों में बाल विकास परियोजना सागर ग्रामीण एवं बाल विकास परियोजना सागर ग्रामीण-2 के 26 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत करने हेतु जनसंख्या के निम्नानुसार मापदण्ड निर्धारित किये गये है:-
(अ)
आंगनवाड़ी
केन्द्र:-1.1
ग्रामीण एवं
शहरी क्षेत्र
हेतु:- 400-800 (एक
केन्द्र)
- 800-1600 (दो
केन्द्र)
- 1600- 2400 (तीन
केन्द्र)
(इसके
पश्चात्
प्रति 800 की
जनसंख्या पर
एक केन्द्र)
1.2
आदिवासी
क्षेत्र हेतु
:- 300-800 (एक
केन्द्र)
(ग) नगर पालिका मकरोनिया के 18 वार्डों में 26 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
श्वेत पत्र जारी करने के बाद भी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाना
[महिला एवं बाल विकास]
121. ( क्र. 1482 ) श्री आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पोषण आहार वितरण में पाई गई अनियमितताओं पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन द्वारा श्वेत पत्र जारी करने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश के किस-किस जिले में कितनी-कितनी राशि की अनियमितता के मामले उजागर हुए जिलेवार वर्षवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दोषी पाया गया उनके विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक स्थिति में क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पोषण आहार वितरण में पाई गई अनियमितताओं पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से श्वेत पत्र जारी करने की घोषणा नहीं की गई है बल्कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में व्याप्त कुपोषण की वास्तविक स्थिति प्रदर्शित करने हेतु श्वेत पत्र जारी करने की घोषणा की गई है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर नगर में विद्युत वितरण
[ऊर्जा]
122. ( क्र. 1486 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. सागर से जब एस्सेल कंपनी (फ्रेन्चाईजी संस्था) ने कार्यभार सम्भाला था उस समय उपभोक्ताओं की कितनी संख्या थी तथा कर्मचारियों की संख्या कितनी थी? एस्सेल कंपनी (फ्रेन्चाईजी संस्था) द्वारा म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. सागर को कार्यभार सौंपते समय उपभोक्ताओं की कितनी संख्या थी तथा कितने कर्मचारी कार्यरत थे? (ख) क्या विगत वर्षों की तुलना में वर्तमान में विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ी है इसके विपरीत कर्मचारियों की संख्या घटी है? (ग) क्या शासन उपभोक्ताओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हेतु विचार करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सागर नगर में एस्सेल कंपनी (फ्रेंचायजी संस्था) ने दिनांक 01-12-2012 से कार्यभार संभाला था तथा तत्समय उपभोक्ताओं की संख्या 57829 एवं कर्मचारियों की संख्या 211 थी। उक्त फ्रेंचायजी कंपनी द्वारा म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. को कार्यभार सौंपते समय उपभोक्ताओं की संख्या 68189 एवं कर्मचारियों की संख्या 239 थी। (ख) जी हाँ, विगत वर्षों की तुलना में वर्तमान में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ी है, नियमित कर्मचारियों की संख्या घटी है किन्तु कुल कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है। (ग) उपभोक्ताओं की संख्या एवं अधोसंरचना के आधार पर कंपनी की संगठनात्मक संरचना का पुनरीक्षण वर्तमान में विचाराधीन है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय सीमा बता पाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी भवनों की मरम्मत
[महिला एवं बाल विकास]
123. ( क्र. 1504 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले में किन–किन आंगनवाड़ी भवनों के मरम्मतीकरण हेतु कितनी–कितनी राशि प्रदाय की गई है? उन स्थानों के नाम एवं राशि बतावें? (ख) क्या भवन मरम्मतीकरण राशि का दुरूपयोग किया गया है? इसके जिम्मेदार कौन-कौन है, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला बड़वानी में आंगनवाड़ी भवन मरम्मतीकरण हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में राशि रुपये 2,10,000/- प्रदाय हुई है। स्थानवार नाम व राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला बड़वानी में आंगनवाड़ी भवन मरम्मतीकरण के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विदिशा जिलान्तर्गत रजिस्ट्री (पंजीयन)
[वाणिज्यिक कर]
124. ( क्र. 1537 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज में जनवरी 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक उप पंजीयक कार्यालय सिरोंज में किसके नाम से स्लाट बुक हुआ व रजिस्ट्री (पंजीयन) किसके नाम हुआ व बुक किए गए स्लाटों के नाम व पंजीयन दस्तावेजों के नाम की सूचियां उपलब्ध करावें? यह कि जानकारी नामजद दी जावें जिससे बुक किए स्लाट पर नाम व पंजीयन दस्तावेज के नाम का स्पष्ट उल्लेख हो? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिरोंज के उप पंजीयक कार्यालय में ऐसी सूचनाएं प्राप्त हुई हैं जिसमें संपत्ति के पंजीयन में भारी धांधली की जा रही है, संपत्ति (भूमि-भवन आदि) के पंजीयन हेतु पहले स्टॉप के लिए ऑन लाईन स्लाट बुक किए जाते हैं व इसके बाद उसी व्यक्ति के नाम पंजीयन होता है जिसने स्लाट बुक किया है पर यहाँ स्लाट किसी के नाम बुक किया जाता है व पंजीयन किसी के नाम ऐसा क्यों किया जाता है क्या इसकी जाँच की जाएगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिंरोज उप पंजीयक कार्यालय में संपत्ति के पंजीयन में भारी धांधली की कोई सूचनाऐं प्राप्त नहीं हुई हैं। जिन पक्षकारों के लिए ऑन लाईन स्लॉट बुक किए जाते हैं उन्हीं के दस्तावेज का पंजीयन किया जाता है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग के आरक्षण
[सामान्य प्रशासन]
125. ( क्र. 1554 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए शासन स्तर से क्या क्या प्रयास किए गए? (ख) इस संबंध में विभिन्न न्यायालय में चल रही याचिकाओं का विवरण दीजिए, यह किस स्तर पर है ? (ग) प्रदेश में वर्तमान में मात्र 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है कई परीक्षाओं में ओ.बी.सी. का Cut Off प्रतिशत सामान्य से भी ज्यादा रहा? ऐसे में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का क्या फायदा है, जिसमें 300 से ज्यादा पिछड़ी जातियों को 14 प्रतिशत जबकि 10 प्रतिशत सवर्ण जातियों को 50 प्रतिशत का आरक्षण प्राप्त हो रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प दिनांक 30 जून, 2003 द्वारा राज्य शासन ने, राज्य के अधीन सिविल पदों तथा सेवाओं में प्रारंभिक सीधी भर्ती में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के प्रतिशत में वृद्धि करते हुए 14 प्रतिशत से 27 प्रतिशत किया गया। दिनांक 19 अगस्त, 2003 द्वारा समस्त विभागों को निर्देश जारी किये गये। किन्तु माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश दिनांक 13 अक्टूबर, 2014 द्वारा संकल्प को निरस्त किया गया है। (ख) माननीय उच्चतम न्यायालय में निम्नलिखित याचिकायें प्रचलित हैः- 1. याचिका क्रमांक-604/2014 (सिविल) श्री वैभव सिंह ठाकुर, भारत सरकार एवं अन्य। 2. याचिका क्रमांक-345/2014 (सिविल) श्री रामेश्वर सिंह, भारत सरकार एवं अन्य। 3. प्रकरण क्रमांक-21195/2015 जया ठाकुर विरूद्ध म.प्र.शासन एवं अन्य। (ग) मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम-1994 की धारा-4 (4) के प्रावधान अनुसार आरक्षित वर्ग से संबंधित कोई व्यक्ति सामान्य अभ्यर्थियों के साथ खुली प्रतियोगिता में योग्यता के आधार पर चयनित हो जाता है तो उसे आरक्षित रिक्तियों के प्रति समायोजित नहीं किया जाएगा। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा इंदिरा साहनी प्रकरण में आदेश दिए हैं कि आरक्षण का प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। अतः प्रदेश में अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 20 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत के आरक्षण का वैधानिक प्रावधान है। जो 50 प्रतिशत की सीमा में है।
पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की नीति, नियम, निर्देश
[पर्यटन]
126. ( क्र. 1561 ) श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यटन विकास निगम द्वारा धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण, जंगलों में रमणीक स्थल और सामाजिक दृष्टि से प्रतिवर्ष लगने वाले मेले वाले स्थानों को पर्यटन स्थल घोषित करने, विकसित करने हेतु तीन वर्षों में क्या-क्या कार्यवाही की, कौन से स्थान पर्यटन स्थल घोषित विकसित किये। (ख) पिछले तीन वर्षों से कितनी राशि, कौन-कौन से कार्यों में प्रावधानित की तथा व्यय की गई, योजना, कार्य का नाम, स्थान राशि बतायें। (ग) बालाघाट जिले के अन्तर्गत सावरझोडी धार्मिक स्थल, देवडोगरी, नरसिंगा, हट्टा बावनी, इत्यादि धार्मिक तथा प्राकृतिक रूप से सुन्दर एवं महत्वपूर्ण स्थानों को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई योजना है? यदि नहीं तो सर्वेक्षण कर, विचार किया जावेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आनंद मंत्रालय हेतु आवंटित बजट एवं उसका उपयोग
[आनन्द]
127. ( क्र. 1566 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आनंद मंत्रालय के लिये चालू बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ख) आनंद मंत्रालय के लिये स्वीकृत बजट में से कितनी राशि का उपयोग इस वित्त वर्ष में कर लिया गया है? (ग) आनन्द मंत्रालय की स्थापना के बाद प्रदेश के नागरिकों के आनन्द (प्रसन्नता एवं संतुष्टि) के लिये सरकार ने कौन-कौन से कदम उठाये हैं? (घ) जनता के आनंद के स्तर को जानने के लिये सरकार का पैमाना क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. सरकार द्वारा आनंद मंत्रालय हेतु वर्ष 2016-17 में प्रथम अनुपूरक बजट में रू. 2.00 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। (ख) स्वीकृत बजट में से अभी तक कोई राशि का व्यय नहीं किया गया है। (ग) (1) आनंद विभाग के अन्तर्गत राज्य आनंद संस्थान का गठन किया गया है। (2) राज्य आनंद संस्थान की वेबसाईट दिनांक 08.11.2016 को आरंभ की गई। (3) ग्राम पंचायत स्तर पर आनंद उत्सव के रूप में खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम दिनांक 14 जनवरी से 21 जनवरी, 2017 तक किये जाने के निर्देश प्रसारित किए गए हैं। (4) भारतीय वैज्ञानिक शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, भोपाल में 'आनंद का विज्ञान' विषय पर शोधपीठ का गठन किया जा रहा है। (5) विद्यार्थियों को जीवन कौशल में प्रशिक्षित करने के लिए शालाओं/महाविद्यालयों में आनंद सभाओं का आयोजन करने की योजना बनाई जा रही है। (घ) जनता के आनंद के स्तर को जानने के लिये पैमाना विकसित करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
किसानों के विद्युत पंप कनेक्शन
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 1567 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को सिंचाई हेतु विद्युत पंप का 3 एच.पी. का कनेक्शन अस्थाई रूप से देने पर उनेस 5 एच.पी. का कनेक्शन चार्ज एवं बिल दिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या 3 एच.पी. पंप का उपयोग करने वाले किसानों को 5 एच.पी. का बिल देना उचित है? (ग) यदि नहीं तो क्या सरकार किसानों से 3 एच.पी. के पंप के लिये 5 एच.पी. का भुगतान लिया जाना बंद करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, जिन किसानों को सिंचाई हेतु 3 हार्सपॉवर का अस्थाई पम्प कनेक्शन दिया गया है, उनसें 3 हार्सपॉवर के लिए देय अग्रिम राशि ही जमा कराई जा रही है एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ आदेश के अनुसार बिल दिया जा रहा है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
बैतूल जिले में आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
129. ( क्र. 1575 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं विधान सभा क्षेत्रवार संख्या बतावें? (ख) विधान सभा क्षेत्र बैतूल के अंतर्गत ऐसे कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जिनके भवन नहीं हैं? कितने आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे हैं जिनके भवन हैं, किन्तु अभी भी आंगनवाड़ी किराए के भवनों में संचालित की जा रही है? (ग) अभी भी कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन न होने से किराए के मकान में लग रहे हैं? (घ) क्या आंगनवाड़ी केन्द्र के भवन निर्माण किए जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बैतूल जिले में कुल 2220 आंगनवाड़ी केन्द्र, 65 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र बैतूल अंतर्गत कुल 365 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें से 241 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 53 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में एवं 71 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन (किराये के भवनों में संचालित) है। इस प्रकार बैतूल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 124 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये स्वयं के विभागीय भवन नहीं है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विधान सभा क्षेत्र बैतूल की परियोजना आठनेर अंतर्गत 01 आंगनवाड़ी केन्द्र जूनावानी, का भवन उपलब्ध होने के उपरांत भी किराये के भवन में संचालित है। (ग) विधान सभा क्षेत्र बैतूल अंतर्गत 71 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय/अन्य शासकीय भवन उपलब्ध नहीं होने के कारण भवन विहीन (किराये के भवनों में संचालित) है। (घ) बैतूल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 52 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये जिले से प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। जिनमें से 18 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति मनरेगा योजना के अभिसरण से निर्मित होने वाले आंगनवाड़ी भवनों के अंतर्गत दी जाकर राशि संबंधित ग्राम पंचायत के खाते में जमा की जा चुकी है। शेष आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवनों के निर्माण हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियों, जिले के प्रस्ताव एवं उपलब्ध आवंटन अनुरुप दी जा रही है तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की योजना विचाराधीन है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होता है। अत: समय-सीमा दी जाना संभव नहीं।
बैतूल में सामग्री का क्रय
[महिला एवं बाल विकास]
130. ( क्र. 1576 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में विगत दो वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक खरीदी की गई है? (ख) यदि हाँ तो कौन-कौन सी सामग्री, कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी मात्रा में एवं किस दर पर खरीदी की गई है? वर्षवार बतावें। (ग) क्रय की गई कौन-कौन सी सामग्री किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्र पर कब-कब पहुंचाई गई की सूची देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बैतूल जिले में सिर्फ वर्ष 2015-16 में आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु सामग्री क्रय की गई है। वर्ष 2016-17 में कोई भी सामग्री क्रय नहीं की गई है। (ख) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
अस्थाई विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 1580 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष 2015-16 में शासन द्वारा अस्थाई विद्युत कनेक्शन की न्यूनतम समय सीमा 2 माह निर्धारित की गई थी? यदि हाँ तो आदेश की छायाप्रति देवें। (ख) क्या शासन इस वर्ष भी किसान हित में उपरोक्त आदेश जारी करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) विगत वर्ष इस अस्थायी कनेक्शन की क्या दर थी व इस वर्ष क्या रहेगी? धार जिले में कितने कृषकों को विगत वर्ष ये कनेक्शन दिया गया? विधान सभा क्षेत्रवार बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निम्नदाब टैरिफ शेड्यूल एल.वी.5 के पैरा 1.4 को संशोधित कर न्यूनतम दो माह की अग्रिम राशि जमा करवाकर अस्थाई सिंचाई पंप कनेक्शन देने बाबत् आदेश दिनांक 17.11.2015 को जारी किया गया था। आदेश की प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गत वर्ष अल्प वर्षा की परिस्थितियों के कारण उक्त आदेश जारी किए गए थे किन्तु इस वर्ष सामान्य वर्षा के दृष्टिगत उपरोक्तानुसार आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं है। (ग) विगत वर्ष दो माह की अवधि हेतु अस्थायी सिंचाई पम्प कनेक्शन की दर 3 हार्सपॉवर के कनेक्शन हेतु रू. 4291/- एवं 5 हार्सपॉवर के कनेक्शन हेतु रू. 7015/- थी। वर्तमान वर्ष 2016-17 में दो माह की अग्रिम राशि जमा करवाकर अस्थायी सिंचाई पम्प कनेक्शन नहीं दिये जा रहे हैं। अपितु टैरिफ आदेश वर्ष 2016-17 के निम्नदाब टैरिफ शेड्यूल एल.वी.5 के पैरा 1.4 के प्रावधानों के अनुसार न्यूनतम तीन माह की अग्रिम राशि अथवा कृषकों द्वारा चाहे जाने पर अधिक समयावधि की अग्रिम राशि जमा करवाकर अस्थायी सिंचाई पम्प कनेक्शन जारी किये जा रहे हैं। उक्तानुसार तीन माह के लिये 3 हार्सपॉवर के कनेक्शन हेतु राशि रू. 6928/- एवं 5 हार्सपॉवर के कनेक्शन हेतु राशि रू. 11411/- है। विगत वर्ष धार जिले में दिये गये ऐसे अस्थायी सिंचाई पम्प कनेक्शनों, जिनके लिए दो माह की अग्रिम राशि जमा करवाई गयी थी, की विधान सभा क्षेत्रवार संख्या निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
विधान सभा क्षेत्र का नाम |
दिये गये कनेक्शनों की संख्या |
1 |
धार |
1054 |
2 |
धरमपुरी |
507 |
3 |
बदनावर |
1326 |
4 |
सरदारपुर |
1184 |
5 |
कुक्षी |
1551 |
6 |
मनावर |
480 |
7 |
गंधवानी |
745 |
विधान सभा क्षेत्र महिदपुर में स्थापित ट्रांसफार्मर
[ऊर्जा]
132. ( क्र. 1584 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र महिदपुर में प्रश्न दिनांक तक 25 के.वी.ए, 63 के.वी.ए, 100 के.वी.ए, के कितने ट्रांसफार्मर ओव्हरलोड हैं, की जानकारी ग्रामवार, क्षमतावार उपलब्ध करावें? (ख) उपरोक्त ओव्हरलोड ट्रांसफार्मर शासन कब तक अंडरलोड कर देगा? (ग) मुख्यमंत्री स्थायी सिंचाई कनेक्शन योजना की संपूर्ण जानकारी देवें? इस योजना के तहत महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन ग्रामवार आये? (घ) इसके तहत अभी तक कितने कनेक्शन दिए गए?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में 25 के.वी.ए. के 47, 63 के.वी.ए. के 47 एवं 100 के.वी.ए. के 111 इस प्रकार कुल 205 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित है। ग्रामवार एवं क्षमतावार अतिभारित ट्रांसफार्मरों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अतिभारित ट्रांसफार्मरों का भार कम करने हेतु क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार क्रमश: किये जाते हैं, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है, अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की निश्चित समय सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' की विस्तृत जानकारी सहित तत्संबंधी आदेश दिनांक 18.5.2016 की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। इस योजना में महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत 108 कृषकों के आवेदन प्राप्त हुए है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) उक्त योजना के तहत प्रश्न दिनांक तक कोई भी कनेक्शन नहीं दिया गया है।
पोषण आहार घोटाले पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
133. ( क्र. 1586 ) श्री बाला बच्चन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 12 वर्षों से जारी प्रदेश की आंगनवाडि़यों में पोषण आहार (टेक होम राशन) वितरण की केंद्रीयकृत व्यवस्था में एम.पी. एग्रो, शासन व अन्य कंपनियों की हिस्सेदारी में कब-कब परिवर्तन हुआ? दिनांक, प्रतिशत सहित बतावें। (ख) विगत 12 वर्षों में इस व्यवस्था के तहत कितना बजट आवंटन किया गया? कितना पोषण आहार सप्लाई किया गया, की जानकारी भुगतान राशि सहित वर्षवार बतावें। (ग) मार्च-अप्रैल 2008 में तत्कालीन मंत्री ने बिना मंत्री परिषद् में प्रस्तुत किए सप्लाई व्यवस्था को बदल कैसे दिया, जबकि यह व्यवस्था केबिनेट से अनुमोदित थी? कारण बतावें। (घ) I.C.D.S. ने वर्ष 2008 जिलों से पोषण आहार वितरण की समीक्षा करने की नोटशीट पर शासन को भेजी तो शासन ने उसकी समीक्षा क्यों नहीं की? इस घोटाले के दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि की है तो विवरण देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन (पोषण आहार) व्यवस्था अगस्त 2009 से प्रारंभ हुई है, एम.पी.एग्रो. द्वारा टेकहोम राशन का प्रदाय परियोजना स्तर तक किया जाता है। एम.पी.एग्रो द्वारा संयुक्त क्षेत्र उपक्रम की फर्मों में दिनांक 16.11.2006 एवं 30.12. 2006 से निगम का चुकता अंशपूंजी में 11 प्रतिशत अंशदान किया था, जिसे दिनांक 13.02. 2013 को बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है। (ख) एम.पी.एग्रो को भुगतान की गई राशि की वर्षवार एवं प्रदाय आदेशवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) माह अप्रैल 2008 में तत्कालीन मान. मंत्री जी महिला बाल विकास विभाग ने केबिनेट अनुमोदित पोषण आहार सप्लाई व्यवस्था को बदलने की कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। (घ) आई.सी. डी.एस. ने वर्ष 2008 में पोषण आहार वितरण की समीक्षा करने संबंधी कोई नोटशीट शासन को नहीं भेजी है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं भारत सरकार महिला बाल विकास विभाग के निर्देश दिनांक 24.02.2009 के तहत प्रदेश में पूरक पोषण आहार व्यवस्था की समीक्षा कर आंगनवाड़ी केन्द्रों में नवीन पोषण आहार व्यवस्था लागू की गई, जिसके तहत राज्य शासन द्वारा 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से जिला स्तर से संचालित की जाती हैं। किसी प्रकार का घोटाला नहीं हुआ है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंहस्थ में बिना टिन नंबर एवं फर्जी सप्लाई फर्मों पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
134. ( क्र. 1587 ) श्री बाला बच्चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा तारांकित प्रश्न संख्या 24 (क्र. 803) दिनांक 19.07.2016 के अनुसार उज्जैन सिंहस्थ 2016 में सप्लाई करने वाली फर्मों आदित्य ट्रेडिंग 33बी सुविधि नगर, इंदौर, परम पैसा सिक्योरिटीज प्रा.लि. 6-बी सेंट्रल मॉल इंदौर, अखण्ड ज्योति किराना भण्डार महेश्वर बिना टिन नंबर के कारोबार कर रही है, इसके लिये दोषी सर्किल अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ख) इन फर्मों पर एवं ऐसी अन्य फर्मों व इनकी निगरानी के उत्तरदायी अधिकारियों पर कब तक शासन कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? (ग) सिंहस्थ उज्जैन 2016 में सप्लाई करने वाली फर्मों साईं मेडिकल एजेंसी उज्जैन एवं स्टील पैलेस लक्ष्मीबाई मार्ग लाल मस्जिद उज्जैन में 01.09.14 से 30.04.16 तक समस्त खरीदी बिलों की छायाप्रति देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित फर्मों के 2015-16 एवं 2016 के प्रश्न दिनांक तक विभाग को प्रस्तुत विवरणी पत्रों की छायाप्रति देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मेसर्स आदित्य ट्रेडिंग 33-बी सुविधि नगर इंदौर संभाग 01 के वृत्त-02 में दिनांक 04-03-2009 से पंजीयत है। जिसका टिन न. 23760203878 है। मेसर्स अखण्ड ज्योति किराना भण्डार, महेश्वर, खण्डवा संभाग के खरगोन वृत्त में दिनांक 29-09-2010 से पंजीयत है जिसका टिन न. 23489005427 है। मेसर्स परम पैसा सिक्योरिटीज प्रा.लि. 6-बी सेंट्रल मॉल इंदौर, इंदौर के किसी भी वृत्त कार्यालय में पंजीयत नहीं है। (ख) व्यवसायी पंजीयत है। व्यवसायी द्वारा नियमित विवरण पत्र प्रस्तुत किये जा रहे हैं। (ग) मेसर्स साई मेडिकल एजेंसी, उज्जैन पंजीकृत नहीं है। मेसर्स स्टील पैलेस, लक्ष्मीबाई मार्ग, लाल मस्जिद, उज्जैन टिन 23662801108 उज्जैन वृत्त-03 में पंजीयत है। कार्यालय में व्यवसायियों के खरीदी बिलों की छायाप्रतियां संधारित नहीं की जाती है। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित फर्मों में से मेसर्स साई मेडिकल के एजेंसी, उज्जैन संभाग के किसी भी वृत्त में पंजीयत नहीं है। मेसर्स स्टील पैलेस द्वारा वेट एवं प्रवेशकर की वर्ष 2015-16 से संबंधित चारों तिमाहियों के विवरण पत्र एवं 2016-17 के दोनों तिमाहियों के विवरण पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मैहर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना
[पर्यटन]
135. ( क्र. 1591 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के मैहर नगर में माँ शारदा देवी मंदिर, नीलकंठ आश्रम, ग्राम मढ़ई व मनौरा में ऐतिहासिक स्थल व आल्हा ऊदल की तपोस्थली होने से इसे पर्यटन नगरी के रूप में विकसित किये जाने की अपार संभावनायें है? (ख) प्रश्नांश 'क' के संबंध में क्या अब तक कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ तो वह क्या है? यदि नहीं तो क्या विस्तृत योजना बनाई जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? (ग) क्या विभाग मैहर में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार व यात्री सुविधाओं की बढ़ोत्तरी हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्या और कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा गंतव्य विकास योजना नागोद-मैहर पार्ट-2 (सतना) हेतु राशि रूपये 492.59 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई। जिसके अंतर्गत आल्हा तालाब मैहर में जन सुविधा, दिवस बसेरा, चेनलिंग, फेंसिंग, पार्किंग एवं अन्य कार्य तथा रामपुर मैहर में जन सुविधा, डे-शेल्टर, पार्किंग, चेनलिंग, फेंसिंग एवं अन्य कार्य कराये गये। मैहर नगर में पर्यटन विकास निगम का पर्यटन सुविधाओं हेतु एक होटल संचालित है तथा मैहर कटनी के बीच में एक मार्ग सुविधा केन्द्र का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। (ग) वर्तमान में कोई नई योजना विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फीडर विभक्तिकरण योजना, विद्युत आपूर्ति एवं ट्रांसफार्मर बदलने में गड़बड़ी
[ऊर्जा]
136. ( क्र. 1593 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधान सभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के कार्यों की पूर्णता-अपूर्णता की वर्तमान स्थिति क्या है? क्षेत्र में लगाई गई निम्नदाब केबिल लाईन के बार-बार जलने/खराब होने के क्या कारण हैं? क्या इसकी गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाएगी? (ख) देवरी विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने ग्रामों की विद्युत आपूर्ति बाधित है और क्यों? ग्रामवार कारण बतावें? गत एक वर्ष में क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर फेल हुए और उन्हें कितने दिन बाद बदला गया? (ग) देवरी विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में औसतन कितने घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है? क्षेत्र में चल रही अघोषित विद्युत कटौती का क्या किसी वरिष्ठ अधिकारी से परीक्षण कराया जाएगा? (घ) क्षेत्र में निम्नदाब उपभोक्ताओं हेतु विद्युत देयक समाधान योजना में हुई गड़बड़ी, उपभोक्ताओं को लाभ न मिल पाने व पुन: वसूली के लिए कौन उत्तरदायी है? क्या क्षेत्र के संबंध में इस योजना के क्रियान्वयन की जाँच कराई जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) देवरी विधान सभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना में विभक्तिकरण हेतु 11 के.व्ही. के 28 फीडर शामिल हैं, जिनमें से 15 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं 13 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य प्रगति पर है। कार्य की स्थिति सहित उक्त फीडरों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। क्षेत्र में लगायी गई निम्नदाब केबिल लाईन के बार-बार जलने/खराब होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। निम्नदाब, केबिल, वितरण ट्रांसफार्मर से सम्बद्ध भार के अनुरूप लगायी जाती है तथा योजनान्तर्गत प्रदाय की जाने वाली निम्नदाब केबिल की गुणवत्ता की जाँच एन.ए.बी.एल. लैब द्वारा की जाती है। इसलिए पुन: इसकी गुणवत्ता की उच्चस्तरीय जाँच कराया जाना आवश्यक नहीं है। (ख) देवरी विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में 1 ग्राम निरंदपुर में स्थापित ट्रांसफार्मर से जुडे़ सभी 20 उपभोक्ताओं पर रू. 111,310/- बकाया राशि होने के कारण विद्युत आपूर्ति नहीं की जा रही है। गत 1 वर्ष में देवरी विधान सभा क्षेत्र में 245 ट्रांसफार्मर फेल हुए जिनमें से 226 ट्रांसफार्मर 7 दिवस के अंदर बदल दिये गये तथा शेष 19 ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले जाने हेतु शेष है। (ग) रेहली संचा. संधा संभाग अंतर्गत देवरी विधान सभा क्षेत्र सहित दिनांक 01.11.16 से 17.11.16 तक की अवधि में 11 के.व्ही. कृषि फीडरों पर औसतन 9 घंटे 37 मिनिट एवं गैर कृषि फीडरों पर औसतन 22 घंटे 41 मिनिट विद्युत प्रदाय किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही हैं तथापि कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों को छोड़कर घोषित शेड्यूल अनुसार विद्युत की आपूर्ति की जा रही है, अत: तत्संबंध में किसी प्रकार का परीक्षण कराए जाने की आवश्यकता नहीं है। (घ) देवरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत निम्नदाब उपभोक्ताओं की बकाया राशि के निराकरण हेतु ''बकाया राशि-समाधान योजना'' व्यापक प्रचार-प्रसार कर लागू की गई थी एवं योजना में शामिल हुए पात्र उपभोक्ताओं को योजना के प्रावधानानुसार लाभ दिया गया था। किसी भी उपभोक्ता से पुन: वसूली नहीं की गई तथापि एकमुश्त बकाया राशि जमा करने वाले कुछ उपभोक्ताओं के बिलों में तकनीकी त्रुटि के कारण छूट की राशि पुन: जुड़कर आने की शिकायत प्राप्त होने पर इसका त्वरित निराकरण करते हुए योजना की शर्त अनुसार पात्र 1371 उपभोक्ताओं को छूट की राशि का समायोजन कर तद्नुसार विद्युत देयक जारी कर दिये गये हैं। उक्त योजना के क्रियान्वयन में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है और पात्र उपभोक्ताओं को योजना का लाभ दिया गया है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी प्रकार की जाँच कराए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
मान. विधायकगणों के अधीनस्थ कार्यरत शासकीय कर्मचारी
[सामान्य प्रशासन]
137. ( क्र. 1598 ) श्री विष्णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायकगणों के कार्यालयों में कार्यालयीन कार्यों के सुचारू संपादन के उद्देश्य से शासकीय सेवारत कर्मचारी को कार्यालय सहायक/कार्यालय लिपिक/निज सहायक नियुक्त/संलग्न किये जाने की व्यवस्था शासनादेश अनुसार है? यदि हाँ तो तत्संबंधी शासनादेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में नियुक्त/संलग्न किये गये शासकीय सेवारत् कर्मचारी को कार्यालय सहायक/कार्यालय लिपिक/निज सहायक को विधायकगणों के साथ दौरे पर जाने की पात्रता है अथवा नहीं है? (ग) वर्तमान समयानुसार कार्य की अधिकता को देखते हुये एवं विभिन्न कार्यों का संपादन कम्प्यूटर आदि के माध्यम से होने के कारण उपरोक्तानुसार नियुक्त/संलग्न किये गये शासकीय सेवारत् कर्मचारी को राज्य के भीतर एवं राज्य के बाहर दौरे पर जाने के संबंध में विभाग नियमों में संशोधन पर विचार कर रहा है अथवा नहीं? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं है तो ऐसे संलग्न/नियुक्त शासकीय सेवक को यात्रा भत्ता किस तरह देय होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधायकगणों के साथ नियुक्त/संलग्न शासकीय सेवारत कर्मचारियों को राज्य के भीतर एवं राज्य के बाहर दौरे पर जाने के संबंध में मध्यप्रदेश यात्रा भत्ता नियमों के प्रावधान अनुसार शासकीय सेवक द्वारा शासकीय कर्तव्यों के निष्पादन हेतु सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त कर दौरा की पात्रता रहती है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यालय में साफ-सफाई के टेण्डर, ठेके
[सामान्य प्रशासन]
138. ( क्र. 1599 ) श्री सुदेश राय ( डॉ. रामकिशोर दोगने ) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रशासन अकादमी भोपाल में वर्ष 2016 में छात्रावास और कार्यालय की साफ सफाई, हाऊस कीपिंग और सिक्युरिटी के लिये किन-किन फर्मों को ठेके दिये गये? (ख) क्या प्रश्नांकित ठेकों के लिये टेण्डर बुलाये गये थे यदि हाँ तो किन-किन फर्मों ने टेण्डर प्रस्तुत किये तथा किस फर्म को किस कार्य के लिये किन शर्तों पर टेण्डर दिया गया? (ग) क्या मेसर्स आई.पी.एस. गार्ड प्रा.लि. और मेसर्स ईशा प्रोटेक्शंस सिक्युरिटी गार्ड प्रा.लि. ने झूठा नोटराईज शपथ पत्र देकर दोनों फर्मों को एक ही फर्म बताने का आपराधिक कृत्य किया है? (घ) क्या प्रश्नांश 'ग' फर्मों के शपथ पत्र की जाँच में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शपथ पत्र झूठे होने एवं फर्मों की जाँच कर इन्हें ब्लैक लिस्टेड किये जाने हेतु प्रशासन अकादमी को लिखा गया है? रजिस्टार फर्मस सोसायटी में संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन नं. अलग-अलग हैं? क्या मेसर्स आई.पी.एस. गार्ड प्रा.लि. को कई वर्षों से प्रशासन अकादमी में ठेके दिये जा रहे हैं तथा इनके द्वारा पी.एफ.ई.एस.आई. के चालान गलत तरीके से लगाये जाकर अभी भी भुगतान लिया जा रहा है? (ड.) क्या विभाग कार्यवाही कर उक्त संस्थाओं को ब्लैक लिस्टेड करेगा? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छात्रावास/वी.आई.पी. गेस्ट हाउस की साफ-सफाई एवं हाउस कीपिंग का कार्य मैसर्स आई.पी.एस.गार्ड.प्रा.लि. भोपाल एवं सुरक्षा व्यवस्था का कार्य मैसर्स के.बी.एस. सिक्युरिटी एजेन्सी भोपाल को दिया गया है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार निविदाकारों द्वारा टेण्डर प्रस्तुत किये गये थे। इन निविदाकारों में से किसी भी संस्था के योग्य एवं निविदा की शर्तों की पूर्ति न करने के कारण किसी भी संस्था को कार्य आंवटित नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। संबंधित कम्पनी, रजिस्ट्रार फर्म्स में पंजीकृत नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार । निविदा की शर्तों के अंतर्गत संबंधित संस्था को भुगतान किया जा रहा है। (ड.) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
नर्मदा घाटी योजनाओं से सिंचाई
[नर्मदा घाटी विकास]
139. ( क्र. 1601 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा घाटी योजनाओं से बड़े क्षेत्र में सिंचाई हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2004 से 2016 तक वर्षवार कितनी सिंचाई हुई?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अन्य राज्यों को बेची गई बिजली
[ऊर्जा]
140. ( क्र. 1602 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश पॉवर सरप्लस स्टेट बन गया है और दूसरे राज्यों को बिजली बेच रहा है? (ख) यदि हाँ, तो 2008 से 2016 तक वर्षवार कितने राज्यों को कितनी मात्रा में बिजली बेची गयी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) 2008 से 2016 तक वर्षवार राज्यों को बेची गई विद्युत का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवन के मटेरियल एवं मजदूरी का भुगतान
[महिला एवं बाल विकास]
141. ( क्र. 1777 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालनालय महिला बाल विकास के आदेश क्र. 2899, दिनांक 07.01.2014 तथा कलेक्टर भिण्ड के तकनीकी एवं प्रशासकीय आदेश क्रमांक 7320, दिनांक 02.11.2015 द्वारा ग्राम तेजपुरा में दान की भूमि (खसरा क्रमांक 232 पर स्वीकृत होकर भवन का कार्य प्लेंथ लेबल तक हो चुका है? यदि हाँ, तो उसकी मजदूरी एवं मटेरियल का भुगतान सरपंच द्वारा अभी तक क्यों नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कब तक भुगतान करा देंगे? (ख) जुलाई 2016 सत्र के दौरान मेरी ध्यानाकर्षण/शून्यकाल सूचना क्र. 29 में पश्चात् उक्त निर्माणाधीन भवन के कार्य में लापरवाही बरतने एवं मजदूरी न करने पर निर्माण एजेंसी सरपंच को जनपद के सी.ई.ओ. ने पद से हटाने के लिये धारा-40 की कार्यवाही की थी? यदि हाँ, तो आगे की कार्यवाही एस.डी.एम. मेहगांव द्वारा अभी तक क्यों नहीं की, कब तक कार्यवाही करेंगे? (ग) क्या ग्राम की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सरपंच के मोहल्ले में यह भवन स्वीकृत न हो पाने के कारण वर्तमान में निर्माणाधीन कार्य को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सरपंच के राजनैतिक दबाव के कारण जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं कलेक्टर ने उक्त निर्माणाधीन भवन पर विवाद का हवाला देकर कार्य कभी रोक देते हैं? कभी पुन: चालू करने के निर्देश देते हैं? यदि हाँ, तो प्रशासन की क्या मजबूरी है कि स्वयं के द्वारा ही नियमानुसार स्वीकृत कार्य को वर्तमान निर्माण एजेंसी से हटाकर अन्य एजेंसी से कार्य पूर्ण कराने के बजाय भवन को ही निरस्त कर दिया है, क्या यह उचित है? (घ) क्या यह सही है कि गांव में भवन के स्थल को लेकर विवाद होने का हवाला देकर सी.ई.ओ. जि.पं. एवं महिला बाल विकास ने आदेश क्र. 3717, दिनांक 13.10.16 द्वारा उक्त स्वीकृत एवं निर्माणाधीन भवन निरस्त कर दिया है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या दानदाता की बेशकीमती भूमि का शासन ने 3 वर्ष से अधिपत्य में लेकर उस पर पिलर खड़े करके अपर्याप्त कारण होने पर कार्य निरस्त कर शासन एवं दानदाता को हानि पहुंचाई गई है? इसका हर्जाना क्या सरपंच से वसूला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो अन्य एजेंसी से पुन: उक्त निर्माण कार्य को प्रारंभ कराने के निर्देश दिये जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। ग्राम तेजपुरा में ग्राम की भूमि खसरा क्रं. 232 पर आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत होकर भवन निर्माण का कार्य प्लिंथ लेवल तक हो चुका है। तत्कालीन सरपंच ने अपने ही परिवार की जमीन दान में लेकर आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया था। जिस पर वर्तमान सरपंच द्वारा निर्माण स्थल के संबंध में आम सहमति के अभाव के कारण विवाद होने से कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। मजदूरी एवं मटेरियल के भुगतान संबंधित कोई शिकायत नहीं है। वर्तमान में प्रकरण उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के डब्ल्यू.पी.क्रं. 2241/16 पर पंजीबद्ध है। अत: इस संबंध में मान. उच्च न्यायालय से प्राप्त निराकरण के आधार पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मेहगांव के प्रतिवेदन पर ग्राम पंचायत तेजपुरा के सरपंच को एस.डी.एम. द्वारा धारा-40 का नोटिस जारी किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड को आदेश क्रं./जि.पं/आ.बा.भ./2016/8801 भिण्ड, दिनांक 24.11.2016 द्वारा तेजपुरा का आंगनवाड़ी भवन निरस्त कर सरपंच को 3.00 लाख रुपये सी.ई.ओ. जिला पंचायत मद में जमा करने का आदेश दिया गया। सरपंच द्वारा सी.ई.ओ. जिला पंचायत के खाते में उक्त राशि दि. 23.11.2016 को जमा कर दी गई है, अब वर्तमान में अनियमितता न होने से इसी स्तर पर धारा-40 का नोटिस निरस्त कर प्रकरण समाप्त किया गया है। (ग) जी नहीं। तत्कालीन सरपंच द्वारा अपने ही परिवार की भूमि दान में लेकर भवन निर्माण प्रारंभ किया गया था। जिस पर ग्रामीणों में विवाद के कारण जाँच कराई गई जाँच प्रतिवेदन के आधार एवं कानून व्यवस्था की स्थिति पर निर्माण कार्य निरस्त किया गया है। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) यह सत्य नहीं है कि ग्रामीणों से चर्चा व नक्शा के आधार पर प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के अनुसार निर्माण स्थल पर सहमति न होने के कारण तथा निर्माण के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति होने के कारण वर्तमान में निर्माण कार्य निरस्त कर दिया गया है। (ड.) निर्माण कार्य ग्रामीणों की एक जगह सहमति न होने के कारण व निर्माण प्रारंभ करने पर कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने के कारण बंद कर दिया गया है। पूर्व सरपंच के परिवार के ही दानदाता द्वारा स्वयं अपनी सहमति से भूमि दी गई है। जिसमें हानि का प्रश्न ही नहीं है। दान देते समय ऐसी कोई शर्त नहीं थी कि दान की राशि पर यदि निर्माण नहीं होगा तो हर्जाना दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री सहायता कोष
[सामान्य प्रशासन]
142. ( क्र. 1860 ) श्री जतन उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2015-16, 2016-17 में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से आर्थिक सहायता एवं बीमारी के उपचार हेतु कितने आवेदन पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को स्वीकृति हेतु प्राप्त हुए हैं? (ख) मुख्यमंत्री स्वेच्छानुसार मद से कितने आवेदकों को कितनी-कितनी राशि दी गई है तथा कितने आवेदकों का उपचार कराया गया है? (ग) कितने आवेदन पत्र वर्तमान में लंबित हैं? वर्षवार विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2015-16 में 419 एवं 2016-17 में दिनांक 23.11.2016 तक 329 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। (ख) वर्ष 2015-16 में 110 आवेदकों को राशि रूपये 47,63,000/- एवं वर्ष 2016-17 में 103 आवेदकों को राशि रूपये 49,50,000/- की स्वीकृति प्रदान की गई। वर्ष 2015-16 में 98 आवेदकों का एवं वर्ष 2016-17 में 94 आवेदकों का उपचार कराया गया। (ग) वर्तमान में कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
बुजर्ग व्यक्ति के घर जाकर वसीयत रजिस्ट्री बाबत्
[वाणिज्यिक कर]
143. ( क्र. 1861 ) श्री जतन उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी बुजर्ग व्यक्ति की वसीयत रजिस्ट्री उप पंजीयन द्वारा यात्रा शुल्क शासन के खाते में जमा कर उसके घर जाकर रजिस्ट्री की गई है? यदि हाँ, तो व्यक्तियों तथा तहसीलवार सूची उपलब्ध कराये? (ख) क्या वर्तमान में ई. रजिस्ट्री चालू होने के कारण इसे बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस बंद की सुविधा के लिये क्या व्यवस्था की गई है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ई-रजिस्ट्री लागू होने के उपरांत विजिट की प्रक्रिया लागू है। मध्यप्रदेश के समस्त जिलों में लेपटॉप के माध्यम से बुजुर्ग व्यक्ति अथवा चलने फिरने में असमर्थ व्यक्तियों हेतु पंजीयन कार्यवाही निर्धारित शुल्क रूपये 1000/- जमा करने पर उनके घर जाकर संपादित की जाती है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
उच्च
न्यायालय के
आदेश की
अवमानना
[सामान्य प्रशासन]
1. ( क्र. 3 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2015 के पश्चात् सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय इंदौर के आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना के कितने प्रकरण लंबित है? विभागवार जानकारी देवें। (ख) इन मुकदमों में कौन-कौन अधिकारी संलिप्त हैं? नाम सहित जानकारी देवें। क्या इन अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना के केस दर्ज कराये गये हैं? (ग) क्या विभाग अवमानना के मामलों में समयबद्ध निस्तारण हेतु कोई पुख्ता व्यवस्था लागू करने का विचार कर रही है? यदि हां तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दुर्घटनाओं में शिकार श्रमिकों को मुआवजा
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 46 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत कार्यरत श्रमिकों में पिछले तीन वर्षों में हुई दुर्घटनाओं में कितने एवं किस-किस श्रमिक की मृत्यु, अंग भंग हुए वर्षवार, घटनावार, ब्यौरा दें तथा उन्हें क्षतिपूर्ति/मुआवजा राशि कितनी-कितनी व किस प्रकार दी? (ख) दुर्घटनाओं के शिकार कितने श्रमिकों के परिवारों को अब तक क्षतिपूर्ति अथवा मुआवजा नहीं मिल सका एवं किस कारण से श्रमिकवार ब्यौरा दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अंतर्गत श्रमिक का कोई नियमित पद स्वीकृत नहीं है अत: कोई नियमित श्रमिक कार्यरत नहीं है। तथापि विद्युत कंपनी में अनुषांगिक कार्यों के लिए सेवा प्रदाता एजेन्सी के माध्यम से श्रमिकों की सेवाएं ली जाती है। ऐसे 21 श्रमिकों के साथ विगत तीन वित्तीय वर्षों यथा 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में घातक दुर्घटनाएँ घटित हुई है तथा 05 श्रमिकों के साथ अघातक दुर्घटनाएँ हुई है, जिनके कारण श्रमिकों को शारीरिक अपंगता हुई है। इन घातक दुर्घटनाओं का वर्षवार, घटनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाए अनुसार है एवं अघातक दुर्घटनाओं जिन में श्रमिकों को शारीरिक अपंगता हुई है उनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' में दर्शाए अनुसार है। घटनावार क्षतिपूर्ति/मुआवजे की राशि एवं राशि देने के प्रकार इत्यादि की जानकारी भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं प्रपत्र 'ब' में समाहित है। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित दुर्घटनाग्रस्त श्रमिकों में से अब तक 14 श्रमिको के प्रकरण विभिन्न न्यायालयओं में लंबित होने से उनके परिवारों को क्षतिपूर्ति/मुआवजा नहीं मिल सका है जिसका घटनावार कारण सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं ब अनुसार है।
कर्मचारियों के पदों की स्वीकृती
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 47 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कुल कितने पद स्वीकृत हैं और पद विरूद्ध स्थाई, अस्थाई श्रमिक, कितने आउटसोर्स, संविदा, मीटर वाचक कार्यरत है? (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित श्रमिकों के वेतनमान एवं सामाजिक सुरक्षा की स्थिति का ब्यौरा क्या है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कुल 16345 पद स्वीकृत है जिनमें से 8649 पद स्थायी, 2532 पद संविदा के एवं 5164 पद आउटसोर्सिंग के हैं एवं इन स्वीकृत पदों के विरूद्ध स्थायी, अस्थायी श्रमिक, आउटसोर्स, संविदा एवं मीटरवाचक श्रेणी के कार्यरत कार्मिकों की संख्या निम्नानुसार है:-
क्रं. |
श्रेणी |
स्वीकृत पद |
कार्यरत संख्या |
रिमार्क |
1 |
स्थायी अधिकारी/कर्मचारी |
8649 |
9096 |
- |
2 |
अस्थायी श्रमिक |
0 |
0 |
- |
3 |
संविदा अधिकारी/कर्मचारी |
2532 |
1098 |
- |
4 |
आउटसोर्स |
5164 |
9290 |
कार्यरत संख्या में कुल 2332 संख्या उन आउटसोर्स कर्मचारियों की भी सम्मिलित है जो वर्ष 2016-17 में मीटर रीडिंग एवं बिल डिस्ट्रीब्यूशन के लिये लगाये गये है। |
|
कुल योग |
16345 |
19484 |
|
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
में वर्तमान
में नियमित
मीटर वाचक के 74 पद स्वीकृत
है, जिनके
विरूद्ध कोई
कर्मचारी
कार्यरत नहीं
है। उक्त पद
संख्या
उपरोक्तानुसार
क्रमांक 1 में
दर्शित स्थायी
अधिकारी/कर्मचारी
की पद संख्या
में सम्मिलित
है। (ख) उत्तराशं
(क) में अंकित
श्रमिकों को
आउटसोर्सिंग
एजेंसियों द्वारा
नियमानुसार
शासन द्वारा
स्वीकृत
कलेक्टर
दरों पर
भुगतान किया
जाता है एवं
उन्हें
सामाजिक
सुरक्षा के
तहत ई.पी.एफ.
एवं ई.एस.आई.सी.
की सुविधाए भी
संबंधित
आउटसोर्स
एजेंसी द्वारा
प्रावधानों
के तहत प्रदान
की जाती है।
अधिकृत कम्पनी विक्रेताओं द्वारा कर चोरी
[वाणिज्यिक कर]
4. ( क्र. 52 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में हिन्दुस्तान लीवर लिमिटेड, आई.टी.सी इण्डिया लिमिटेड,कोलगेट इण्डिया लिमिटेड, जॉन्सन & जॉन्सन,केविन केयर, नेस्ले, P&T, पारले प्रोडक्ट लिमिटेड, गोदरेज सोप & DET, ब्रिटेनिया इण्डिया लिमिटेड, आल आउट, ओसवाल आइल सोप, डाबर इण्डिया लिमिटेड, निरमा DET लिमिटेड आदि कम्पनियों के कुछ अधिकृत विक्रेताओं दवारा, सरकार द्वारा अधिकृत फर्मों के अतिरिक्त अन्य पंजीकृत फर्मों/व्यापारियों को भी अधिकारियों की मिलीभगत से माल विक्रय किया जाता है? यदि हां, तो किस नियम के तहत? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (ख) क्या उक्त विभिन्न कम्पनियों के कुछ अधिकृत विक्रेताओं द्वारा अपने विक्रय प्रोग्राम्स में ऐसी व्यवस्था की गई है की अपंजीकृत फार्मा/व्यापारियों को फर्जी नाम से माल का विक्रय किया जाता है? यदि हां, तो विभाग दवारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त विभिन्न कम्पनियों के अधिकृत विक्रेताओं द्वारा उक्त प्रकार की फर्जी फर्मा के नाम से मॉल बेचने से राज्य सरकार को हो रही वेट कर की हानि की रोकथाम के लिए विभाग के अधिकारियों ने विगत तीन वर्षों में कब-कब ऐसी फर्मों पर छापे मारे? की गई कार्यवाही सहित विवरण देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड, आई.टी.सी इण्डिया लिमिटेड, कोलगेट इण्डिया लिमिटेड, जॉन्सन एण्ड जॉन्सन, केविन केयर, नेस्ले, P&T. पारले प्रोडक्ट लिमिटेड, गोदरेज सोप &DET, ब्रिटेनिया इण्डिया लिमिटेड, आल आउट ओसवाल आईल सोप, डाबर इण्डिया लिमिटेड, निरमा DET लिमिटेड आदि कम्पनियों के अधिकृत विक्रेताओं की जानकारी विभाग में रखे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। विभाग द्वारा किसी फर्म को उक्त कंपनियों के व्यवसाय हेतु अधिकृत नहीं किया जाता है। अत: अधिकारियों के किसी प्रकार मिलीभगत की कोई स्थिति नहीं रहती है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभिन्न कम्पनियों के अधिकृत विक्रेताओं की जानकारी विभाग में संधारित नहीं होने से प्रश्नांश (ख) की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभिन्न कम्पनियों तथा उनके अधिकृत विक्रेताओं की जानकारी विभाग में संधारित नहीं होने से प्रश्नांश (ग) की जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/उपकेन्द्र भवनों की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
5. ( क्र. 58 ) श्री हरवंश राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/उपकेन्द्र स्वीकृत किए गए हैं? (ख) क्षेत्र में कितने केन्द्र भवन विहीन हैं तथा कितने केन्द्र विभाग के भवनों में संचालित हो रहे हैं? (ग) क्षेत्र में वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 में कितने भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई हैं तथा कितने भवनों का निर्माण पूर्ण हो गया है कितने निर्माणाधीन हैं तथा कितने भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ निर्माण शुरू नहीं होने का क्या कारण है, कब तक पूर्ण हो जावेंगे? (घ) वर्ष 2016-17 में नवीन भवनों की स्वीकृति, प्रदाय राशि एवं प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति उपलब्ध कराई जाए?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा में वर्ष 2015-16 हेतु कोई आंगनवाड़ी केन्द्र/उपकेन्द्र स्वीकृत नहीं किये गये है। वर्ष 2016-17 में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 14 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 03 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत कुल 358 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें से 111 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में तथा 128 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन (किराये पर) एवं 119 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत वर्ष 2015-16 में 16 एवं वर्ष 2016-।7 में 23 आंगनवाड़ी भवनों की इस प्रकार कुल 39 आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति दी गई है। भारत सरकार से मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु राशि प्राप्त होने के उपरांत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से इन 39 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु राशि उपलब्ध कराई गई है। जिसके आधार पर जिला स्तर से इन भवनों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होता है। अत: समय-सीमा दी जाना संभव नहीं। (घ) विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत वर्ष 2016-17 में ही उत्तरांश 'ग' अनुरुप उल्लेखित कुल 39 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है। स्वीकृति आदेश एवं प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप योजना
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 62 ) श्री हरवंश राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में दि. 1/4/2016 के पूर्व कितने पात्रताधारी कृषकों को अस्थाई पंप कनेक्शन दिए गए हैं तथा कितने कृषकों के 1/4/2016 के बाद स्थाई कर दिए गए हैं? शेष कनेक्शनों को कब तक स्थाई कर दिया जावेगा? (ख) दिनांक 1/4/2016 से कनेक्शन हेतु अधोसंरचना का निर्माण के लिए सभी वर्ग के लघु एवं सीमांत कृषकों को प्रति हार्स पावर राशि जमा कराने में भिन्नता क्यों है? (ग) क्या अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के अलावा अन्य वर्ग जाति के लघु एवं सीमांत कृषक गरीबों की श्रेणी में नहीं आते हैं? यदि हां, तो क्या कनेक्शन के लिए राशि में समानता करने के लिए नियमों में संशोधन नहीं किया जा सकता?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा जिला सागर में वर्ष 2013-14 में 4798, वर्ष 2014-15 में 3192 एवं वर्ष 2015-16 में 2829 कृषकों को अस्थायी पम्प कनेक्शन दिए गए थे। अस्थाई कनेक्शन एक निर्धारित अवधि के लिये कृषकों को उनकी आवश्यकता अनुसार दिये जाते थे। अस्थाई कनेक्शन की अवधि समाप्त होने के पूर्व यदि कृषक चाहे तो अस्थाई कनेक्शन की अवधि बढ़ाने हेतु आवेदन करके अवधि बढ़वा सकता है। अवधि समाप्त होने के पश्चात् कृषक को अस्थाई कनेक्शन पुन: प्राप्त करने हेतु नियमानुसार पुन: आवेदन करने का प्रावधान है। दिनांक 01.04.2016 को 23 औपचारिकता पूर्ण स्थाई पम्प कनेक्शन के प्रकरण लंबित थे। दिनांक 01.04.16 के बाद 263 उपभोक्ताओं के द्वारा स्थाई पम्प कनेक्शन हेतु औपचारिकताऐं पूर्ण की गई, इस प्रकार कुल 286 औपचारिकता पूर्ण प्रकरणों में से दिनांक 01.04.16 के पश्चात् 188 कृषकों को स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान कर दिये गये है एवं शेष 98 आवेदकों के कार्य किया जाना शेष है। उक्त शेष कार्य निर्धारित समयावधि 150 दिन में पूर्ण करने के प्रयास हैं। (ख) शासन की मंशा अनुसार खेती को लाभ का धंधा बनाने के उद्देश्य से लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिक से अधिक संख्या में लाभान्वित किये जाने हेतु तथा शासन की नीति के अनुसार अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के कृषकों को विशेष रियायत देने के उद्देश्य से उक्त वर्ग के हितग्राहियों हेतु प्रति हार्स पॉवर की राशि अन्य वर्ग से कम रखी गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में लागू नियमों में संशोधन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
देशी एवं विदेशी मदिरा की फूटकर बिक्री की दुकानों / एकल समूह के टेण्डर
[वाणिज्यिक कर]
7. ( क्र. 78 ) श्री संजय उइके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों/ एकल समूह की शर्तों एवं प्रक्रिया के अधीन आरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाकर संबंधित जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला समिति द्वारा प्रथमत: नवीनीकरण द्वारा एवं नवीनीकरण के अभाव में अथवा नवीनीकरण के पश्चात् शेष बची मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों / एकलसमूहों पर टेण्डर आमंत्रित कर पृथक-पृथक/एकल समूहों में निष्पादन किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक जबलपुर एवं इंदौर संभाग के मदिरा दुकानों/एकल समूहों का किन-किन फुटकर दुकानों/एकलसमूहों का कब-कब, किस-किस दर से कितनी-कितनी राशि का नवीनीकरण किया गया? (ग) नवीनीकरण के उपरान्त शेष बची किन-किन फुटकर दुकानों/एकल समूहों का कितना-कितना आरक्षित मूल्य निर्धारित कर टेण्डर आमंत्रण कब-कब किया गया उच्चतम टेण्डर किस-किस ठेकेदार/फर्म/एकलसमूह का कितनी-कितनी राशि का प्राप्त ऑफर स्वीकार किया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा प्रति वर्ष पृथक से आबकारी नीति बनाई जाती है। शासन नीति निर्धारण अनुसार ही मदिरा दुकानों का निष्पादन किया जाता है। (ख) वर्ष 2015-16 में शासन नीति अनुसार, नवीनीकरण की नीति न होने से, जबलपुर एवं इन्दौर संभाग के किसी भी जिले की मदिरा दुकानों/एकल समूहों का नवीनीकरण नहीं किया गया हैं। वर्ष 2015-16 में सभी मदिरा दुकानों का निष्पादन टेण्डर के माध्यम से किया गया है। वर्ष 2016-17 हेतु जबलपुर संभाग के छिंदवाड़ा जिले की 62 देशी एवं 23 विदेशी मदिरा दुकानों के कुल 26 समूहों के वर्ष 2015-16 के वार्षिक मूल्य में 15 प्रतिशत् की वृद्धि कर 26 एकल समूहों का वर्ष 2016-17 के लिए आरक्षित मूल्य निर्धारित कर, राशि रूपये 1,41,27,16,228/- में नवीनीकरण किया गया है। नवीनीकरण द्वारा निष्पादित मदिरा दुकानों/एकल समूहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। नवीनीकरण से शेष मदिरा दुकानों/एकल समूहों का टेण्डर के माध्यम से निष्पादन किया गया है। जबलपुर संभाग के शेष जिला नरसिंहपुर, जबलपुर, कटनी, मण्डला, डिण्डोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी एवं बालाघाट की सम्पूर्ण मदिरा दुकानों/एकल समूहों का निष्पादन, वर्ष 2016-17 के लिए टेण्डर के माध्यम से किया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2016-17 के लिये इन्दौर संभाग के इन्दौर जिले के मात्र 46 देशी/विदेशी मदिरा एकल समूहों के वर्ष 2015-16 के वार्षिक मूल्य में 15 प्रतिशत वृद्धि कर, वर्ष 2016-17 के लिए आरक्षित मूल्य निर्धारित कर, राशि रूपये 5,17,71,15,284/- में नवीनीकरण किया गया है। नवीनीकरण द्वारा निष्पादित मदिरा दुकानों/एकल समूहों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। नवीनीकरण से शेष मदिरा दुकानों/एकल समूहों का टेण्डर के माध्यम से निष्पादन किया गया है। इन्दौर संभाग के शेष जिला धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगौन, बडवानी, खण्डवा एवं बुरहानपुर की सम्पूर्ण मदिरा दुकानों/एकल समूहों का निष्पादन वर्ष 2016-17 हेतु टेण्डर के माध्यम से किया गया है। (ग) वर्ष 2015-16 के लिये जबलपुर संभाग के समस्त जिलों की सम्पूर्ण मदिरा दुकानों/एकल समूहों का निष्पादन, शासन नीति अनुसार टेण्डर के माध्यम से विभिन्न दिनांको में किया गया है। मदिरा दुकानों/एकल समूहों का टेण्डर द्वारा निष्पादन विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। इसी प्रकार वर्ष 2016-17 में छिंदवाड़ा जिले की नवीनीकरण से शेष मदिरा दुकानें एवं संभाग के अन्य जिलों की समस्त मदिरा दुकानों का निष्पादन टेण्डर आमंत्रित कर किया गया है। मदिरा दुकानो/एकल समूहों का टेण्डर द्वारा निष्पादन विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। वर्ष 2016-17 में इन्दौर जिले की नवीनीकरण से शेष मदिरा दुकानं एवं संभाग के अन्य जिलों की समस्त मदिरा दुकानों का निष्पादन विभिन्न दिनांकों में टेण्डर आमंत्रित कर किया गया है। मदिरा दुकानों/एकल समूहों का टेण्डर द्वारा निष्पदन विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( क्र. 90 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग दवारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वावलंबन योजना का संचालन कब से किया जा रहा है? महिलाओं को स्वावलंबन बनाने की दृष्टि से कितने समूह का गठन किया गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा बनाए गए समूह में महिलायें आत्मनिर्भर बनती जा रही हैं? यदि हां, तो किस किस ट्रेंड में क्या-क्या कार्य कर रही हैं? उज्जैन संभाग अंतर्गत समूह एवं जिलेवार विवरण देवें? (ग) सरकार द्वारा बनाए गये स्व-सहायता समूह में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय ग्रेडिंग पर कितना-कितना ऋण उपलब्ध कराया जाता है? मंदसौर जिले में उपलब्ध कराये गये ऋण से अब तक कितनी महिलाओं के समूह स्वावलंबन बन चुके है? (घ) क्या उक्त संभाग में समूह को ऋण देने के मामलो में भारी अनियमितता बरती जा रही है? 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् ऐसी कितनी शिकायतें विभाग के पास लंबित हैं? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) म.प्र. महिला वित्त एवं विकास निगम द्वारा स्वावलंबन 'योजना' संचालित नहीं की जाती हैI अतः जानकारी निरंक हैI (ख) से (घ) "क" के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक हैI
विद्युत मीटरों की जाँच
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 105 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपभोक्ताओं द्वारा आवेदन देने एवं निर्धारित फीस जमा करने पर मीटर की जाँच की जाती हैं? (ख) यदि हाँ तो कितनी समय-सीमा में जाँच की जाती हैं? पनागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत यदि जाँच नहीं की गई हैं तो क्यों? (ग) क्या मीटर में फाल्ट पाया जाता है, तो उपभोक्ताओं को राहत दी जाती हैं? (घ) यदि हाँ तो ऐसे उपभोक्ताओं की सूची उपलब्ध करायें जिन्हें विगत एक वर्ष में राहत उपलब्ध कराई गई है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.17 के अनुसार- ''कोई भी उपभोक्ता मापयंत्र (मीटर) की परिशुद्धता के बारे में शंका होने पर अनुज्ञप्तिधारी को मापयंत्र का परीक्षण करने के लिये आवश्यक परीक्षण शुल्क के भुगतान द्वारा अनुरोध कर सकता है। आवेदन प्राप्त होने के 15 दिवस के भीतर अनुज्ञप्तिधारी मापयंत्र के परीक्षण की व्यवस्था करेगा। इलेक्ट्रानिक्स मापयंत्रों की प्राथमिक जाँच उपभोक्ताओं के परिसर में इलेक्ट्रानिक परीक्षण उपकरण के माध्यम से की जा सकेगी। '' पनागर विधान सभा क्षेत्र से ऐसा कोई भी उपभोक्ता नहीं है जिसके द्वारा राशि जमा करने के उपरांत मीटर की जाँच ना की गई हो। (ग) जी हाँ, मीटर में परीक्षण उपरांत यदि फाल्ट पाया जाता है, तो उपभोक्ता को नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है। (घ) विगत 1 वर्ष यथा-अक्टूबर 2015 से अक्टूबर 2016 तक जाँच उपरांत 4 उपभोक्ताओं को विद्युत बिल में छूट प्रदान की गई है, जिनका विवरण निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
वितरण केन्द्र का नाम |
उपभोक्ता का नाम |
सर्विस क्रमांक |
1 |
माढ़ोताल ग्रामीण |
सुनील चौधरी |
2-48-344023 |
2 |
माढ़ोताल ग्रामीण |
अरविन्द शिवहरे |
73-10-78282 |
3 |
माढ़ोताल ग्रामीण |
मल्लू समैया |
3-27-46467 |
4 |
पनागर ग्रामीण |
श्री राजेश यादव |
90-1-453493 |
ट्रांसफार्मर, पोल, विद्युत लाइन की स्थापना
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 106 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. द्वारा ट्रांसफार्मर, विद्युत पोल एवं विद्युत लाइनें किसी भी व्यक्ति के खाली पड़े प्लॉट के सामने स्थापित कर दी जाती? (ख) यदि हाँ तो ऐसे व्यक्तियों से प्लॉट एवं मकान निर्माण के समय ट्रांसफार्मर खंभे एवं लाइन हटाने का व्यय क्यों लिया जाता हैं? क्या यह अनुचित नहीं हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अधीन ट्रांसफार्मर, लाइनें आवेदक के व्यय पर पुन: दूसरी जगह खाली प्लॉटों/मकानों के सामने स्थापित कर दी जाती हैं? यदि हाँ तो क्यों? (घ) क्या शासकीय या अनुपयोगी स्थानों पर ट्रांसफार्मर/खंभे लाईन शिफ्ट नहीं की जा सकती हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, अपितु आवश्यकतानुसार तकनीकी दृष्टि से साध्य स्थल पर उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, कृषि भूमि मेंढ़ अथवा सड़क के किनारे सार्वजनिक भूमि पर ट्रांसफार्मर, विद्युत पोल एवं विद्युत लाईनें स्थापित की जाती हैं। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय करने हेतु यथा संभव तकनीकी साध्यता अनुसार उपयुक्त स्थल पर ट्रांसफार्मर, विद्युत पोल एवं विद्युत लाईनें स्थापित कर कनेक्शन प्रदाय किए जाते हैं। कालान्तर में रहवासियों द्वारा नवीन निर्माण कार्य करवाने पर, विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के तहत, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिनांक 20.9.2010 को अधिसूचित सुरक्षा संबंधी विनियमों के प्रावधानों के अनुसार विद्युत अधोसंरचना की शिफ्टिंग हेतु आवेदक द्वारा आवश्यक व्यय वहन करने पर, शिफ्टिंग का कार्य किया जाता है। उक्त कार्य रहवासी की सुविधा एवं सुरक्षा के दृष्टिगत वैधानिक प्रावधानों के अनुरूप किया जाता है, अत: इसे अनुचित नहीं कहा जा सकता। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में ट्रांसफार्मर, विद्युत पोल एवं विद्युत लाईनें नियमानुसार आवेदक के व्यय पर तकनीकी साध्यता अनुसार सड़क के किनारे या सार्वजनिक भूमि पर परीक्षण उपरांत शिफ्ट की जाती हैं। (घ) जी हाँ। सामान्यत: तकनीकी दृष्टि से साध्य शासकीय या सार्वजनिक या अनुपयोगी स्थानों पर, सुरक्षा नियमों को सुनिश्चित करते हुए ट्रांसफार्मर, विद्युत पोल एवं विद्युत लाईनें शिफ्ट किये जाते हैं।
बकायादारों से राशि वसूली
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 129 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अंतर्गत किन-किन विद्युत वितरण केन्द्रों पर उद्योगों/कृषकों/घरेलू कनेक्शनों पर रू. 10,000/- या रू. 10,000/- से ज्यादा राशि बकाया है? वितरण केन्द्रवार संख्या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बकायादारों से वसूली हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? विगत एक वर्ष में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वसूली हेतु किन-किन स्थानों पर वसूली कैम्प लगाकर वसूली हेतु कार्यवाही की गई? क्या विभाग द्वारा किसी ट्रांसफार्मर पर कृषकों की राशि बकाया होने पर ट्रांसफार्मर हटाये गये हैं? यदि हां, तो जिन उपभोक्ताओं की राशि जमा है, उन लोगों के साथ विभाग द्वारा अन्याय नहीं किया जा रहा है? ऐसे दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अंतर्गत आने वाले 07 वितरण केन्द्रों में उद्योगो, कृषकों एवं घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शनों पर रू. 10,000/- या रू. 10,000/- से ज्यादा राशि वाले बकायादार उपभोक्ताओं की वितरण केन्द्रवार संख्या निम्नानुसार है :-
(राशि रू. लाख में)
क्र. |
वितरण केन्द्र का नाम |
ग्रामों की संख्या |
बकायादार उपभोक्ताओं का विवरण |
|||||
औद्योगिक |
कृषि |
घरेलू |
||||||
संख्या |
राशि |
संख्या |
राशि |
संख्या |
राशि |
|||
1 |
मऊ |
76 |
27 |
10.30 |
695 |
171.27 |
1710 |
311.94 |
2 |
पाड़ल्यामाता |
47 |
1 |
0.11 |
62 |
6.70 |
468 |
50.41 |
3 |
सारंगपुर |
26 |
17 |
18.51 |
14 |
1.48 |
2108 |
632.38 |
4 |
तलेन |
4 |
0 |
0.00 |
132 |
30.12 |
63 |
11.47 |
5 |
छापीहेड़ा |
42 |
13 |
7.78 |
936 |
352.92 |
380 |
117.02 |
6 |
खुजनेर |
16 |
7 |
2.26 |
561 |
138.62 |
260 |
49.52 |
7 |
पचोर (ग्रा.) |
7 |
2 |
0.26 |
94 |
21.52 |
67 |
17.45 |
योग |
218 |
67 |
39.22 |
2494 |
722.63 |
5056 |
1190.19 |
(ख) बड़े बकायादार उपभोक्ताओं से वसूली हेतु बकायादारों द्वारा राशि जमा नहीं करने पर संबंधित उपभोक्ताओं को नोटिस जारी कर नियमानुसार कनेक्शन विच्छेदित करने की कार्यवाही की जाती है। विद्युत कनेक्शन विच्छेदित करने के पश्चात् भी यदि बकाया राशि का भुगतान प्राप्त नहीं होता है, तो वितरण कंपनी में पदस्थ पदेन तहसीलदार द्वारा बकाया राशि की वसूली की कार्यवाही ड्यूज रिकवरी एक्ट अनुसार की जाती है। विगत एक वर्ष (अक्टूबर 2015 से अक्टूबर 2016) में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अंतर्गत वसूली हेतु लगाये गये कैम्पों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, शत्-प्रतिशत् बकाया राशि होने पर ट्रांसफार्मर हटाकर विद्युत प्रदाय बंद किया गया है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत सेपरेशन के संबंध में
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 189 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ विद्युत सेपरेशन का कार्य शुरू हो चुका है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में उक्त कार्य पूर्ण हो चुका है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सेपरेशन कार्य विभाग द्वारा कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? उक्त कार्य विभाग द्वारा किन मानदण्डों के आधार पर किया जा रहा है उसकी प्रति उपलब्ध करावें एवं कार्य पूर्ण किये जाने की समय-सीमा है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत कुल 274 ग्रामों में से 47 ग्रामों हेतु फीडर विभक्तिकरण का कार्य प्रारंभ हो गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' में दर्शाए अनुसार विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत 11 के.व्ही. के 14 फीडरों से संबद्ध 47 ग्रामों हेतु फीडर विभक्तिकरण का कार्य प्रगति पर है तथा शेष 55 फीडरों जिनसे 227 ग्राम संबद्ध हैं का कार्य प्रारंभ किया जाना है। अद्यतन स्थिति में कार्य प्रगति पर है, पूर्ण नहीं हुए हैं। (ग) प्रश्नाधीन कार्य अवार्ड क्रमांक एम.डी./ ईजेड/एफएस/एफ-11/लॉट-15आर/आदे/497, दिनांक 04.03.2016 के टेण्डर दस्तावेज एफ-11 के प्रावधानों एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप किया जा रहा है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। ठेके की शर्तों के अनुसार कार्य पूर्ण किये जाने की समय-सीमा प्रभावी दिनांक 20 अप्रैल, 2016 से 18 माह निर्धारित की गई है। उक्त सभी कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया जाना संभावित है।
विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत नहरों का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
13. ( क्र. 190 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी नहरों की निविदायें निकाली गई? उसकी सूची एवं कार्य विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या इन नहरों का कार्य वर्तमान में अपने समय-सीमा में चल रहा है? कितने ऐसे कार्य हैं जो बंद हैं? उनका बंद होने का कारण एवं किस अधिकारी के मार्गदर्शन में कार्य हो रहा है, सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ऐसे अधिकारियों के खिलाफ विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी जिसके मार्गदर्शन में कार्य समय-सीमा में नहीं हो पा रहे है। (घ) इन नहरों का सिचांई का रकबा क्या है? इस से कितने हेक्टर जमीन की सिचाई की योजना है एवं कितने ग्रामों को इसका लाभ प्राप्त होगा।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ‘’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) इन नहरों का सिंचाई का रकबा 2182 हेक्टेयर है। 41 ग्रामों को इसका लाभ प्राप्त होगा।
श्री रामचरण वंशकार के ईलाज हेतु आर्थिक सहायता
[सामान्य प्रशासन]
14. ( क्र. 226 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रामचरण वंशकार ग्राम परासरी जिला दतिया ने अपनी बीमारी के ईलाज के लिए अपना आवेदन दिनांक 30.6.2011 मय सिविल सर्जन दतिया के प्रमाणीकरण, प्राक्कलन, गरीबी रेखा का प्रमाणीकरण, प्राक्कलन, गरीबी रेखा का प्रमाण पत्र, अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र एवं माननीय मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अनुशंसा सहित कलेक्टर दतिया के यहा जमा किया गया था? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी के पत्र क्रमांक 2689 दिनांक 7 मई 2012 द्वारा कलेक्टर दतिया से आवश्यक जानकारी चाही गई थी? (ग) क्या विधायक भाण्डेर द्वारा श्री रामचरण वंशकार के आवेदन मय सहपत्रों की छायाप्रतियाँ लगाकर दिनांक 17.8.2015 को कलेक्टर दतिया को पत्र लिखकर गंभीर बीमार श्री रामचरण वंशकार के ईलाज हेतु आर्थिक मदद की कार्यवाही हेतु निवेदन किया गया था? (घ) यदि प्रश्न क, ख, ग का उत्तर हां में है तो उपरोक्त प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही से विधायक भाण्डेर को अवगत कराया गया अथवा नहीं? इस लंबित प्रकरण के लिए कौन दोषी है, क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण में सी.एम.एच.ओ. कार्यालय जिला दतिया का पत्र क्रमांक /राबीसानि/2015/6438/42 दतिया दिनांक 21.08.2015 द्वारा संबंधित मरीज को जयारोग्य मेडिकल कॉलेज ग्वालियर में उपस्थित होकर बीमारी की जाँच/परीक्षण कराकर संबंधित रोग चिकित्सक से इलाज हेतु स्टीमेट तैयार कराकर सी.एम.एच.ओ. कार्यालय दतिया में जमा करने हेतु लेख किया गया था, परंतु संबंधित हितग्राही द्वारा आज दिनांक तक उक्त चिकित्सालय का स्टीमेट कलेक्टर दतिया के कार्यालय में जमा नहीं किया गया। कलेक्टर द्वारा दिनांक 21.08.2015 को माननीय विधायक महोदय भाण्डेर को भी पत्र लिखकर अवगत कराया गया है।
भाण्डेर में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 227 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर में 132 के.व्ही. सब स्टेशन बनकर तैयार हो गया है? (ख) क्या उक्त सब स्टेशन से नगर में बिजली सप्लाई नहीं हो रही है? (ग) क्या 132 के.व्ही. सब स्टेशन प्रांरभ करने हेतु विधायक भाण्डेर ने कई बार पत्र लिखे है? (घ) यदि प्रश्न क, ख, ग का उत्तर हां तो अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई है इसके लिए कौन जिम्मेदार है, कब तक सब स्टेशन आंरभ हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) 132 के.व्ही. उप केन्द्र भांडेर दिनांक 28.06.2016 को ऊर्जीकृत हो गया है। इस उप केन्द्र से नए 33 के.व्ही. फीडर का निर्माण कर भांडेर शहर को विद्युत प्रदाय किया जाना है। परन्तु 33 के.व्ही. लाइन के निर्माण के कार्य में प्रभावित व्यक्तियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, ग्वालियर में दायर याचिका पर स्थगन प्राप्त होने के कारण कार्य रूका होने से इस उप केन्द्र से नगर की सप्लाई प्रारंभ नहीं की जा सकी है। अत: इस हेतु कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। न्यायालयीन प्रकरण होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्टाम्प एवं न्यायालयीन टिकटों की कालाबाजारी
[वाणिज्यिक कर]
16. ( क्र. 275 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के अनुविभागीय अधिकारी तहसील न्यायालय एवं अन्य न्यायालयों में स्टाम्प एवं न्यायालयीन छोटी टिकटों का भारी मात्रा में उपयोग होता है, जिसकी निरन्तर कमी बनी रहती है, जिसके कारण वेण्डरों द्वारा छोटी टिकटों एवं स्टाम्पों की काला बाजारी खुलेआम की जाती है, जिसकी प्रदेश के हर जिलों में कलेक्टरों एवं शासन स्तर पर शिकायतें समय-समय पर अधिवक्ताओं एवं जन प्रतिनिधियों द्वारा की जाती है? (ख) यदि हां, तो शासन द्वारा छोटी टिकटों एवं स्टाम्पों को प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराने हेतु क्या प्रयास किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में सतना जिलान्तर्गत विगत एक वर्ष में जो शिकायतें शासन एवं कलेक्टरों को प्राप्त हुई है? उनके निराकरण हेतु क्या कार्यवाही की गई शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) यह बात सही है कि प्रदेश के अनुविभागीय अधिकारी, तहसील-न्यायालय एवं अन्य न्यायालयों में स्टाम्प एवं न्यायालयीन छोटी टिकटों का उपयोग होता है। किन्तु यह सही नहीं है कि स्टाम्पों एवं न्यायालयीन छोटी टिकटों की कमी बनी रहती है। वर्तमान कलेक्टर एवं शासन स्तर से कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। (ख) प्रदेश में पांच नोडल स्टाम्प डिपो यथा इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर एवं भोपाल से छ: माही मांग पत्र प्राप्त कर संकलित मांग पत्र नासिक/हैदराबाद प्रेस को भेजा जाता है तथा प्रेस से सीधे स्टाम्प नोडल डिपो को प्रदाय किये जाते है। (ग) विगत वर्षों में सतना जिला कलेक्टर द्वारा अपने अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 782 दिनांक 13-10-2016 से स्टाम्पों की कमी से महानिरीक्षक पंजीयन को अवगत कराया गया था जिसमें निराकरण हेतु महानिरीक्षक पंजीयन के पत्र क्रमांक- 4772/स्टाम्प/2016 दिनांक 02-11-2016 से सतना को वांछित स्टाम्प प्रदाय करने हेतु आवश्यक निर्देश नोडल बिन्दु जबलपुर को जारी कर दिये गये है।
जले हुए ट्रांसफार्मरों की मरम्मत
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 276 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में विगत 6 माह से प्रश्न दिनांक तक कितने क्षमतावार वितरण ट्रांसफार्मर जले, कितने क्षमतावार वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समयावधि में नहीं बदले गये? निर्धारित समयावधि में न बदले जाने का कारण तथा कब तक बदल दिये जावेगें? (ख) विगत 6 माहों से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन वितरण ट्रांसफार्मर कितने के.व्ही.ए. के जिले में कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये हैं ग्रामवार जानकारी दें? (ग) सतना जिला अन्तर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना अन्तर्गत कितने फीडरों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, कितने फीडरों में शेष है? क्यों शेष हैं कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? अब तक न करने के क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सतना जिले में विगत 6 माह से दिनांक 16.11.16 तक कुल 699 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए, जिनमें से बदले गये सभी 547 ट्रांसफार्मर निर्धारित समय-सीमा में बदले गए हैं। 110 जले/खराब ट्रांसफार्मर नियमानुसार बकाया राशि होने के कारण नहीं बदले गए, 42 जले/खराब ट्रांसफार्मर जो बदलने योग्य है उनमें से 39 ट्रांसफार्मर विगत कुछ दिनों में बदलने हेतु प्राप्त हुए है, जिन्हें वरीयता क्रम से समयावधि में बदला जा रहा है तथा शेष 3 फेल ट्रांसफार्मरों हेतु वर्तमान में पहुंच मार्ग उपलब्ध नहीं है, अत: इन्हें बदलने की निश्चित समय-सीमा वर्तमान में बता पाना संभव नहीं है। प्रश्नाधीन चाही गई वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु विगत 6 माह में 87 वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गए हैं। जिनकी ग्रामवार व क्षमतावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) सतना जिले के अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना में कुल 135 फीडरों में से 54 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो गया है तथा 81 फीडरों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य शेष है। पूर्व में सतना जिले में फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु अवार्ड मेसर्स इरा.इंफ्रा. नोयडा को दिया गया था। उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं करने के कारण कार्य में विलंब हुआ तथा विलंब के दृष्टिगत अवार्ड दिनांक 17.06.2016 को निरस्त कर दिया गया है। सतना जिले के सतना (संचा/संधा) संभाग के अंतर्गत शेष कार्य का कार्यादेश मेसर्स विंध्या टैली लिंकस लिमि. नई दिल्ली तथा मैहर (संचा/संधा) संभाग के अंतर्गत शेष कार्य का कार्यादेश मेसर्स कॉन्टीनेन्टल पेट्रोलियम लिमि, जयपुर को दिनांक 29.10.2016 को किया गया है। उक्त शेष कार्य पूर्ण करने की समयावधि 18 माह निर्धारित की गयी है, जिसके अनुसार अप्रैल-2018 तक कार्य पूर्ण किया जाना है।
नदियों को जोड़कर सिंचाई हेतु पानी की आपूर्ति
[नर्मदा घाटी विकास]
18. ( क्र. 314 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मालवा क्षेत्र के इंदौर, उज्जैन संभाग में पिछले दस वर्षों में भू-जल स्तर में गिरावट परिलक्षित हुई है? (ख) यदि हां तो मालवा के उपजाऊ इंदौर, उज्जैन संभाग में सिंचाई हेतु क्षेत्र की प्रमुख नदियां चम्बल, माही, शिवना, शिक्षा व नर्मदा को जोड़ने की कोई वृहद परियोजना शासन द्वारा भारत सरकार के इंटर लिंकिंग आफ रिवरर्स प्रोग्राम आदि में प्रस्ताव प्रेषित किये गये अथवा प्रेषित किये जाने वाले है? (ग) यदि हां तो प्रस्ताव के संबंध में संक्षेप में जानकारी देवे। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं तो मालवा क्षेत्र के इंदौर, उज्जैन संभाग में गिरते भू-जल स्तर व उपजाऊ क्षेत्र में सिंचाई तथा बढ़ती जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए पेयजल आपूर्ति हेतु शासन भविष्य की क्या योजनाएं बना रहा है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा भारत सरकार के इंटर लिंकिंग आफ रिवरर्स प्रोग्राम के तहत कोई प्रस्ताव प्रेषित नहीं किये गये है तथापि नर्मदा क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना का निर्माण किया जाकर नर्मदा का जल क्षिप्रा में प्रवाहित किया जा रहा है तथा नर्मदा मालवा गंभीर लिंक योजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। (ग) उत्तरांश ‘’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘’ख’’ अनुसार। पेयजल आपूर्ति हेतु कोई योजना वर्तमान में विभाग द्वारा नहीं बनाई जा रही है।
पर्यटक स्थल का विकास
[पर्यटन]
19. ( क्र. 332 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-41 (क्रमांक 531) दिनांक 19 जुलाई 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि ब्यावरा नगर के धार्मिक पर्यटक स्थल अंजनीलाल मंदिर के विकास के संबंध में सीमित बजट प्रावधान के कारण कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है? तो क्या उक्त कार्य की स्वीकृति हेतु द्वितीय अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है अथवा नहीं? (ख) क्या शासन उपरोक्त पर्यटक स्थल के विकास हेतु आवश्यक राशि का प्रावधान कर स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हां, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) सीमित बजट प्रावधान के कारण स्वीकृति दी जाना संभव नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आबकारी विभाग द्वारा की जा रही अनियमितता
[वाणिज्यिक कर]
20. ( क्र. 355 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिला अंतर्गत कितनी देशी/विदेशी शराब की दुकानें संचालित हो रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में फैक्ट्री से निर्मित शराब व दुकानों द्वारा बेची जा रही शराब के बैंचों की जाँच विगत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कब-कब हुई? क्या आबकारी विभाग द्वारा आकस्मिक निरीक्षण की कार्यवाही की गई? यदि हां तो आकस्मिक निरीक्षण की लॉकबुक आदि मेन्टेन की जाती है? यदि हां तो क्षेत्रवार जानकारी प्रदान कराये। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या कही पर फैक्ट्री व दुकानों पर बेची जा रही शराब के बैचो में भिन्नता पाई गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में शराब व्यवसाय से इंदौर जिले को कितना राजस्व की प्राप्ति होती है व वित्तीय वर्ष में संपूर्ण राजस्व की प्राप्ति की जा चुकी है? कितनी राशि प्राप्त हुई? बतायें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) इन्दौर जिले में वर्ष 2016-17 में देशी मदिरा की 108 दुकानें एवं विदेशी मदिरा की 69 दुकानें इस प्रकार कुल 177 दुकानें संचालित की जा रही है। (ख) फैक्ट्री में निर्मित शराब की दुकानों द्वारा बेची जा रही शराब के बैंचों की जाँच विगत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में आबकारी विभाग द्वारा आकस्मिक निरीक्षण की कार्यवाही कर, आकस्मिक निरीक्षणों की निरीक्षण पुस्तिका मदिरा दुकानों पर संधारित की जा रही है। किये गये आकस्मिक निरीक्षणों की क्षेत्रवार (वृत्तवार) मदिरा दुकानवार एवं दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) फैक्ट्री व दुकानों पर बेची जा रही शराब के बैंचों में कोई भिन्नता नहीं पाई गई। (घ) इन्दौर जिले में वर्षवार शराब व्यवसाय से निम्नानुसार आबकारी आय प्राप्त हुई :- (1) वर्ष 2014-15 में रूपये 5,48,07,88,027/- (2) वर्ष 2015-16 में रूपये 6,31,13,64,987/- (3) वर्ष 2016-17 में माह अक्टूबर 2016 तक रूपये 3,79,42,08,992/- की आय प्राप्त हुई। माह अप्रैल 2016 से माह अक्टूबर 2016 तक की मदिरा दुकानों हेतु निर्धारित मांग अनुसार राशि प्रश्न दिनांक तक प्राप्त की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2016-17 की शेष अवधि की मदिरा दुकानों हेतु निर्धारित मांग अनुसार सम्पूर्ण राशि दिनांक 31.03.2017 तक प्राप्त की जावेगी।
झाबुआ जिले में कुपोषण के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( क्र. 400 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2014 एवं 2015 में 0-6 एवं 6-12 वर्ष के कितने बच्चे कुपोषित हैं? कुपोषित बच्चों का वर्षवार, श्रेणीवार (अतिकुपोषित, कम कुपोषित, सामान्य कुपोषित) विवरण दें? कुपोषण के मामले में प्रदेश की तुलना में झाबुआ की क्या स्थिति है? (ख) झाबुआ जिले में कुपोषण दूर करने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की गई है? इनमें कितना बजट प्रावधान किया गया हैं? कितनी राशि अब तक व्यय की गई है? (ग) झाबुआ जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्रों का संचालन कहाँ-कहाँ, किस-कस संस्था द्वारा किया जा रहा है एवं वर्तमान तक कितनी राशि व्यय की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) एकीकृत बाल विकास सेवा अंतर्गत 0-6 वर्ष तक के बच्चों को सेवाए प्रदान की जाती है। इससे अधिक आयु वर्ग के बच्चें आंगनवाड़ी केन्द्र के हितग्राहियों में सम्मिलित नहीं है। झाबुआ जिले में मार्च 2014 में 2774 बच्चे तथा मार्च 2015 में 3149 बच्चें अतिकम वजन की श्रेणी में थे। वर्णित वर्ष में बच्चों के पोषण स्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2015-16 एन.एफ.एच.एस.-4 के सर्वे के परिणामों में सामान्य से कम वज़न वाले बच्चों का राज्य प्रतिशत 42.8 है, जिसमें झाबुआ जिले का प्रतिशत 43.6 है। (ख) कुपोषण के निवारण हेतु एकीकृत बाल विकास सेवा, पूरक पोषण आहार प्रदाय, अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है, इनमें विभिन्न गतिविधियॉ क्रियान्वित की जा रही है। देय बजट एवं व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। वर्तमान तक व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
पोषण आहरण का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 402 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले में पोषण आहार वितरण किस-किस संस्था द्वारा किया जा रहा है? संस्थाओं की सदस्य कार्यकारणी सूची सहित समस्त जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में कार्यरत, पोषण आहार वितरण संस्था को माहवार 2015 एवं अक्टूबर 2016 तक कितना भुगतान किया गया है अथवा लंबित है? (ग) झाबुआ जिले में कितनी संस्था पोषण आहार वितरण कर रही है एवं कितने समय से कार्यरत है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला झाबुआ में वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूहों के माध्यम से संचालित की जाती हैं। स्व-सहायता समूहों की कार्यकारिणी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ अनुसार है। (ख) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में कार्यरत पोषण आहार प्रदायकर्ता स्व-सहायता समूहों को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ अनुसार है। (ग) झाबुआ जिले में सांझा चूल्हा कार्यक्रम के अंतर्गत 949 स्व-सहायता समूहों के द्वारा वर्ष 2009 से ताजा पका नाश्ता एवं भोजन आंगनवाड़ियों में प्रदाय किया जा रहा है।
मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
23. ( क्र. 403 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं? उक्त केन्द्रों पर पूरक पोषण आहार दिया जाता है? यदि हां, तो किस-किस समूह द्वारा वर्ष 2014 एवं 2015 में कितने-कितने बच्चों को पूरक पोषण आहार दिया गया? इसका कितना-कितना भुगतान समूह को किया गया? (ख) क्या झाबुआ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों में मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है? यदि हां, तो वर्ष 2014 एवं 2015 में किन-किन ने कब-कब, कहाँ-कहाँ मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार दिया गया अथवा नहीं यह चैक किया? (ग) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों के सतत् निरीक्षण हेतु पर्यवेक्षक नियुक्त है? यदि हां, तो कौन-कौन से सुपरवाईजर के अधीन कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र आते हैं? इन सुपरवाईजर के द्वारा वर्ष 2014 एवं 2015 में कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्रों का कब-कब निरीक्षण किया गया? (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों का सुपरवाईजर द्वारा निरीक्षण किया गया तो जिला अधिकारी द्वारा कहाँ-कहाँ पर स्वयं जाकर निरीक्षण किया गया? अगर निरीक्षण किया गया तो वर्ष 2014 एवं 2015 की निरीक्षण डायरी से अवगत करावें, की कहाँ पर मीनू अनुसार पोषण आहार नहीं दिया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) झाबुआ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 461 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 279 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र इस प्रकार कुल 740 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। जी हाँ। इन केन्द्रों में वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/ धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से दिया जाता है। वर्ष 2014 एवं 2015 में बच्चों को प्रदाय पूरक पोषण आहार एवं स्व-सहायता समूहों को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। झाबुआ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों में मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार सांझा चुल्हा कार्यक्रम के अंतर्गत स्व-सहायता समूह के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा है। जी हाँ। वर्ष 2014 एवं 2015 में मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार दिया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों के द्वारा मीनु अनुसार पूरक पोषण आहार दिया गया, यह चेक किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों के सतत् निरीक्षण हेतु पर्यवेक्षक नियुक्त है। सुपरवाईजरों के अधीन कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र आते है, की जानकारी एवं इन सुपरवाईजरों के द्वारा वर्ष 2014 एवं 2015 में कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्रों का कब-कब निरीक्षण किया गया है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार है। (घ) सुपरवाईजरों के द्वारा वर्ष 2014 एवं 2015 में आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया गया है। जिला अधिकारी द्वारा किये गये निरीक्षण किया गया मीनु अनुसार पोषण आहार दिया गया है निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’इ’’अनुसार है।
झाबुआ जिले में आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( क्र. 404 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला झाबुआ अंतर्गत जनवरी, 2014 से अक्टूबर, 2016 तक कितने आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें? कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन है? (ख) उक्त स्वीकृत आंगनवाड़ी भवन में कितने पूर्ण एवं कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण भवन कब तक पूर्ण हो जावेंगे? (ग) वर्तमान में कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य भवन में संचालित हैं? (घ) क्या उक्त आंगनवाड़ी जो अन्य भवन में संचालित हैं, के लिए शासन नये आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति कब तक जारी करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) झाबुआ जिला अंतर्गत जनवरी, 2014 से अक्टूबर 2016 तक 77 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई, विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिले में 192 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये के भवनों में संचालित) है। (ख) प्रश्नांश ’क’ अनुरूप अवधि में स्वीकृत 77 आंगनवाड़ी भवनों में से 15 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं 62 आंगनवाड़ी भवन अपूर्ण/निर्माणाधीन है। अपूर्ण/निर्माणाधीन भवनों के निर्माण शीघ्रता से पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे है। (ग) वर्तमान में कुल 156 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में एवं 192 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। (घ) जिले में भवनविहीन (किराये के भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवनों की स्वीकृति के उपरांत अन्य भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण की स्वीकृति दी जाना विचाराधीन है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
अनुकंपा नियुक्ति के लंबित आवेदन पत्रों की संख्या
[सामान्य प्रशासन]
25. ( क्र. 417 ) श्री रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में अक्टूबर-2016 की स्थिति में अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन लंबित है? यदि हां तो किस-किस विभाग में किस कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके किस वारिस ने अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था? आवेदक का नाम, पिता का नाम, शैक्षणिक योग्यता एवं पता सहित जानकारी दें। (ख) अनुकम्पा नियुक्ति हेतु अक्टूबर-2016 की स्थिति में कौन से नियम/निर्देश/आदेश लागू है? प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि इन नियम/निर्देश/आदेश के तहत समय-सीमा में किन-किन को किन-किन कारणों से अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई? समय-सीमा में अनुकम्पा नियुक्ति न दिए जाने के लिए शासन किन-किन विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही करेगा? (ग) शिवपुरी जिले में जनवरी-2012 से अगस्त-2016 तक किन-किन को किस-किस पद पर किस शैक्षणिक योग्यता के आधार पर किस-किस विभाग में कब-कब किस आदेश से अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है? (घ) क्या शिवपुरी जिले में जनवरी-2012 से अगस्त-2016 की अवधि में किसी अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन निरस्त किए हैं? यदि हां तो किस-किस के अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन पत्र किस आधार पर निरस्त किए हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक कल्याण शिविरों का आयोजन
[सामान्य प्रशासन]
26. ( क्र. 434 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा शासन की कार्यप्रणाली को अधिक विकासोन्मुखी जनकल्याणकारी, संवेदनशील भेदभाव रहित एवं भ्रष्टाचार से मुक्त करने हेतु लोक कल्याण शिविरों का आयोजन प्रत्येक विकासखण्ड में माह में एक बार निश्चित दिन पर आयोजित किये जाने के निर्देश हैं? (ख) यदि हां तो भोपाल संभाग में अंतर्गत आने वाले जिलों के किस-किस विकासखंडों में वर्ष 2010 से वर्ष 2015 तक कहाँ-कहाँ लोक कल्याण शिविरों का आयोजन किया गया है? इस शिविरों में कितनी शिकायतें शिविर दिनांक को प्राप्त हुई थीं, कितनी निराकृत हुई थीं, कितनी शेष थीं? शेष शिकायतों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) क्या 1 जनवरी 2009 के बाद आयोजित लोक कल्याण शिविरों में प्राप्त होने वाले आवेदनों को कम्प्यूटराईज्ड किये जाने के संबंध में 26 फरवरी 2009 को निर्देश जारी किये गये थे? यदि हां तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सभी शिकायतों का कम्प्यूटराईज्ड किया गया है या नहीं? यदि हां तो सूची उपलब्ध करावे? यदि नहीं तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत वर्ष 2016 में लोक कल्याण शिविर प्रत्येक माह आयोजित किये गये हैं? यदि हां तो माहवार एवं शिविर आयोजित तिथि सहित, शिविर में प्राप्त शिकायतों की जानकारी एवं शिकायतों का कम्प्यूटराईज्ड किया गया है या नहीं सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) भोपाल संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों के विकासखण्डों में वर्ष 2010 से 2015 तक आयोजित लोक कल्याण शिविरों की जानकारी तथा इन शिविरों में प्राप्त निराकृत एवं शेष शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष शिकायतों के निराकरण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। अत: सूची उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। शिकायतों को कम्प्यूटराईज्ड नहीं करने के लिए राजगढ जिलें के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। शेष जिलों को भी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने लिखा गया है। (घ) विधानसभा क्षेत्र बासौदा के अंतर्गत वर्ष 2016 में कोई भी लोक कल्याण शिविर आयोजित नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों के खेत पर ट्रांसफार्मर स्थापित कराने
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 435 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत कितने कृषक अनुदान योजना अंतर्गत किसानों को स्वयं का ट्रांसफार्मर स्थापित करने संबंधी कितने प्रकरण वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किस-किस दिनांक को प्राप्त हुए प्राप्त हुए प्रकरणों में से किस-किस प्रकरणों में ट्रांसफार्मर किस दिनांक को स्थापित कर दिये गये हैं, कितने प्रकरण किस दिनांक से किस कारण से लंबित हैं, प्रकरणवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) विदिशा जिले के अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा के अनुसूचित जाति, जनजाति के कृषकों के खेत पर ट्रांसफार्मर स्थापित करने संबंधी कितने प्रकरण आदिम जाति कल्याण विभाग विदिशा से एवं सीधे कृषक के माध्यम से प्रश्नांश दिनांक तक दिनांक प्राप्त हुये हैं, प्राप्त प्रकरणों में से किस-किस प्रकरण का निराकरण किस दिनांक को कर दिया गया है, कितने शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित प्रकरणों का निराकरण वरीयता क्रम में किये जाने के निर्देश हैं या नहीं एवं लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बासौदा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ''कृषक अनुदान योजना'' के तहत् ट्रांसफार्मर स्थापित करने सहित पंप कनेक्शन प्रदान करने (स्वयं का ट्रांसफार्मर नहीं) हेतु वर्षवार प्राप्त आवेदनों का विवरण निम्नानुसार है :-
वर्ष |
अनुदान योजना के आवेदनों की संख्या |
कार्यपूर्ण कृषकों की संख्या |
निरस्त आवेदनों की संख्या |
कार्यपूर्णता हेतु शेष रहे आवेदनों की संख्या |
अनुदान योजना के अंतर्गत स्थापित ट्रांसफार्मरों की संख्या |
2014-15 |
58 |
57 |
1 |
निरंक |
55 |
2015-16 |
78 |
72 |
6 |
निरंक |
63 |
2016-17 |
127 |
13 |
4 |
110 |
13 |
कार्यपूर्णता हेतु शेष वर्ष 2016-17 के 110 पंप ऊर्जीकरण के प्रकरणों का कार्य, कार्य पूर्णता हेतु 150 दिन की योजना की समय-सीमा के अंतर्गत है। वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में ''कृषक अनुदान योजना'' के तहत प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 131 ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं, जिनकी आवेदन प्राप्त होने की दिनांक एवं ट्रांसफार्मर स्थापना/कार्य पूर्णता की दिनांक एवं लंबित प्रकरणों की प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) बासौदा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों के खेत पर ट्रांसफार्मर स्थापित करने संबंधी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग विदिशा से प्राप्त आवेदनों की संख्या 21 है तथा संभागीय कार्यालय गंजबासौदा में कृषकों से प्राप्त आवेदनों की संख्या 6 है। इस प्रकार प्राप्त कुल आवेदनों की संख्या 27 है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग विदिशा द्वारा प्रेषित अनुसूचित जाति एवं जन जाति वर्ग के कृषकों के आवेदनों के सिंचाई पंपों के विद्युतीकरण हेतु लाईन विस्तार के कार्य वर्तमान में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला क्रय समिति के माध्यम से 'ए'-श्रेणी के ठेकेदार से वितरण कंपनी के सुपरविजन में करवाए जाने है, जिस हेतु वितरण कंपनी को नियमानुसार सुपरविजन चार्ज देय है। सीधे कृषकों से प्राप्त आवेदनों में संबंधित आवेदक द्वारा मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना में निर्धारित अंशदान जमा करवाए जाने पर, नियमानुसार वितरण कंपनी द्वारा पंप कनेक्शन का कार्य कराए जाने का प्रावधान है। (ग) उत्तरांश 'क' में लंबित 110 पंप ऊर्जीकरण का कार्य वरीयता क्रम के अनुसार आवेदक औपचारिकता पूर्ण करने के उपरान्त राईट ऑफ-वे की उपलब्धता अनुसार 150 दिन की समय-सीमा में पूर्ण करने के प्रयास किये जावेंगे। उत्तरांश 'ख' में लंबित 27 आवेदनों में उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार कार्य किये जा सकेंगे, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत कनेक्शन की जानकारी
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 446 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पवई जिला पन्ना अन्तर्गत वर्ष 2011 से दिसम्बर 2015 तक कुल कितने दो एच.पी. एवं तीन एच.पी. टि.सी. एवं परमानेंट विद्युत कनेक्शन किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कितने टी.सी.एवं परमानेंट कनेक्शन पदाय किए गए है? संख्या वितरण केन्द्रवार बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पवई, जिला पन्ना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2011-12 से दिसम्बर 2015 तक दो एच.पी. एवं तीन एच.पी.के कुल 8618 अस्थाई एवं 1311 स्थाई विद्युत कनेक्शन किये गये है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अस्थाई एवं स्थाई कनेक्शनों की वितरण केन्द्रवार संख्या निम्नानुसार है:-
क्र. |
वितरण केन्द्र का नाम |
वित्तीय वर्ष 2011-12 से दिसम्बर 2015 तक दो एचपी एवं तीन एचपी के कुल विद्युत कनेक्शनों की संख्या |
|
अस्थाई |
स्थाई |
||
1 |
पवई |
2963 |
428 |
2 |
सिमरिया |
2725 |
458 |
3 |
शाहनगर |
1834 |
128 |
4 |
रैपुरा |
1096 |
297 |
योग |
8618 |
1311 |
जिला कार्यकम की जानकारी उपलब्ध कराने
[महिला एवं बाल विकास]
29. ( क्र. 447 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास पन्ना द्वारा पन्ना जिले में पदस्थापना से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कहाँ दौरा किया द्वारा परियोजनावार जानकारी देवें। (ख) परियोजना अधिकारियों की बैठक महीने में कितनी बार कब-कब होती है? बैठक का एजेंडा सहित बैठकों की दिनांक सहित बतावें। (ग) शाहनगर एवं पवई परियोजना अधिकारियों की बैठक कब-कब ली गई? दिनांकवार, बैठकवार एजेंडा सहित जानकारी बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) एवं (ग) परियोजना अधिकारियों की जिला स्तर पर माह में लगभग 4 से 5 बार बैठक आयोजित की जाती है। विगत तीन माहों में दिनांकवार बैठक का एजेण्डा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
अधीक्षण यंत्री के खिलाफ शिकायत पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
30. ( क्र. 448 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री भरत पोरवाल, उपाध्यक्ष जिला पंचायत उज्जैन ने उज्जैन सिंहस्थ 2016, में श्री एन.सी. गुप्ता अधीक्षण यंत्री म.प्र. पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत वितरण कंपनी लि. द्वारा निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के संबंध में दिनांक 05.05.2016 को उज्जैन के आर्थिक अपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ के पुलिस अधीक्षक को पत्र क्रमांक 303 द्वारा की गई विस्तृत शिकायतों पर अब तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) श्री भरत पोरवाल की शिकायतों की जाँच किस जाँच एजेंसी अथवा अधिकारी ने की और जाँच के क्या परिणाम निकले तथा जाँच के आधार पर संबंधी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शिकायत आवेदन पत्र प्रकोष्ठ मुख्यालय में प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत शिकायत क्रमांक 147/16 दिनांक 30/06/2016 को पंजीबद्ध कर जाँच में लिया गया है। प्रकरण जाँचाधीन है। (ख) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की उज्जैन इकाई द्वारा शिकायत की जाँच की जा रही है। जाँच में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
लोकायुक्त में शिकायत
[सामान्य प्रशासन]
31. ( क्र. 449 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश लोकायुक्त में वर्ष 2013 में श्री सरदार सिंह, प्रहलाद लोधी और श्री योगेन्द्र कुमार चौबे तथा प्रश्नकर्ता ने दिनांक 19.03.2013 और 12.02.2014 को शिकायतें की थी, जिन पर जाँच प्रकरण क्रमांक 36/14 पंजीबद्ध किया गया है, इस प्रकरण की जाँच कहाँ तक हुई और जाँच कार्यवाही अब किस स्तर पर है? (ख) यदि जाँच पूरी हो गई है, तो आगे क्या कार्यवाही की जा रही है और यदि जाँच पूरी होने के बाद प्रकरण निरस्त किये गये हो तो समुचित कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जाँच प्रकरण जांचोपरांत दिनांक 12/05/2016 को नस्तीबद्ध किया गया है।
पालन पोषण योजना में किये गये व्यय का भौतिक सत्यापन
[महिला एवं बाल विकास]
32. ( क्र. 474 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में पालन पोषण देख-रेख योजना के तहत निराश्रित बेसहारा, परित्यक्त बच्चों के संबंध में शासन का वर्ष 2013-14 से 2016 तक कितना व्यय वर्षवार किया विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि जो व्यय की गई उसकी मॉनीटरिंग छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ जिले के विकासखण्ड अधिकारियों ने किन-किन तिथियों में की टूर प्रोग्राम बनाये गये थे? (ग) छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ में पालन पोषण देख-रेख पर कितने समूहों को एवं व्यक्तियों को भुगतान किया गया छतरपुर जिले की जानकारी का व्यक्तियों की संख्या, राशि, समूह का नाम सहित विवरण उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित भुगतान का भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी कौन रहे, उनके पद सहित विवरण उपलब्ध करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “1” अनुसार है। (ख) छतरपुर, पन्ना एवं टीकमगढ़ जिले में विकासखंड अधिकारियों द्वारा व्यय राशि की मॉनीटरिंग नहीं की गयी है, शेष का पश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “2” अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “3” अनुसार है।
विशेष पोषण आहार की राशि के देयकों में गंभीर अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
33. ( क्र. 475 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में वर्ष 15-16 एवं 16-17 में विशेष पोषण आहार योजना में वर्षवार शासन की कितनी राशि का व्यय किया गया? (ख) विशेष पोषण आहार की मॉनीटरिंग का परीक्षण एवं देयकों का सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है? (ग) क्या छतरपुर जिले के विकासखण्ड छतरपुर, नौगांव, बिजावर, गोरिहा, में सत्यापित बिलों में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया जिससे गंभीर अनियमितताएं प्रकाश में आई? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित विकासखण्डों में लाखों रूपयों के देयकों का परीक्षण न करते हुए भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया? यदि किया गया तो इस आशय का प्रमाण पत्र दे कि भंडार क्रय नियम का पालन किया गया है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में पूरक पोषण आहार योजना में व्यय की गई राशि की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है।
क्रमांक वर्ष व्यय की गई राशि
1 2015-16 रू. 116302.08 लाख
2 2016-17 रू. 59094.44 लाख
(माह सित.16 तक)
(ख) पोषण आहार व्यवस्था की मॉनीटरिंग परीक्षण समय-समय पर जिला कार्यक्रम अधिकारी,परियोजना अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षकों तथा ग्राम स्तर पर ग्राम स्वास्थ्य तदर्थ समिति तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जाता है। जिला स्तर पर देयकों का भुगतान जिला कार्यक्रम अधिकारी/ परियोजना अधिकारी के सत्यापन उपरान्त सक्षम अधिकारी की स्वीकृति पश्चात् जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया जाता है। (ग) छतरपुर जिले के विकासखण्ड छतरपुर, नौगांव, बिजावर, गौरीहार में बिलों का भुगतान भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुये किया गया है। किसी प्रकार की अनियमितता प्रकाश में नहीं आयी। (घ) विकासखण्ड छतरपुर, नौगांव, बिजावर, गौरीहार में परियोजना अधिकारियों के सत्यापन उपरान्त भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुये किया गया है। भण्डार क्रय नियमों के पालन के संबंध में संबंधित परियोजना अधिकारियों के प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बिजली के टूटे तारों व बिजली की व्यवस्था
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 483 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के ग्राम सगरा वार्ड क्रमांक-16 में विगत कितने वर्षों से बिजली के टूटे तारों व खम्बों की मरम्मत नहीं की जा रही है? कारण सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र में आदिवासी बस्ती, नवीन हायर सेकण्डरी स्कूल व सभी किसानों को बिजली सप्लाई के लिये ट्रांसफार्मर स्कूल के समीप लगाने की व्यवस्था सब स्टेशन बनने के उपरांत भी नहीं की जा रही है, क्यों व कब तक की जायेगी? (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र के उपभोक्ताओं के घर तक बिजली सप्लाई की व्यवस्था नहीं की जा रही है, क्यों व कब तक कर दी जायेगी? (घ) प्रश्नांकित क्षेत्र में अवैध तार से विद्युत पंप व चक्की का संचालन करने वाले लोगों व शिकायतों की अनदेखी करने वाले दोषी अधिकारियों व लाईनमैन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा जिले के प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में बिजली के तार व खम्भों की आवश्यकतानुसार मरमम्त की जा रही हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) ग्राम सगरा वार्ड क्रमांक 16 की आदिवासी बस्ती में 25 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित था, जिससे संबद्ध सभी 45 उपभोक्ताओं पर राशि रूपये 1.01 लाख की विद्युत बिल की राशि बकाया होने के कारण दिनांक 28.12.2014 को उक्त ट्रांसफार्मर निकाल लिया गया था। बकायादार उपभोक्ताओं से सतत् सम्पर्क के उपरान्त भी राशि जमा नहीं होने के कारण उक्त ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया था तथा दिनांक 30.07.2016, 06.08.2016 एवं दिनांक 18.11.2016 को कैम्प आयोजित कर बकाया राशि जमा कराने का प्रयास किया गया, जिसमें कुल 29 उपभोक्ताओं द्वारा रूपए 40161/- जमा कराने के उपरान्त नियमानुसार ट्रांसफार्मर बदलने की पात्रता होने पर दिनांक 19.11.2016 को उक्त ट्रांसफार्मर पुन: स्थापित कर दिया गया है। (ग) ग्राम सगरा में विद्युत बिल का भुगतान करने वाले सभी उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति चालू है। साथ ही ग्राम में किसी नये विद्युतीकरण कार्य की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है। (घ) विभागीय अमले द्वारा समय-समय पर ग्राम सगरा में जाँच कार्यवाही की जाती रही है। विभागीय सतर्कता टीम एवं संचा./संधा. की टीम द्वारा उक्त ग्राम में दिनांक 13.02.2015 से दिनांक 17.10.2016 के दौरान विद्युत का अवैधानिक उपयोग पाए जाने पर 53 प्रकरण राशि रू. 10.53 लाख के तैयार किये गए हैं। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
परियोजना अधिकारी द्वारा की जा रही अनियमितताए
[महिला एवं बाल विकास]
35. ( क्र. 487 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या टीकमगढ़ जिलान्तर्गत ब्लॉक परियोजना जतारा में पदस्थ परियोजना अधिकारी द्वारा समय पर महिला बाल विकास समिति की बैठक नहीं बुलाई जाती है और महिला बाल विकास समिति की अध्यक्ष को किसी प्रकार कोई जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई जाती तथा ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी आंगनवाड़ी में बच्चों को नाश्ता भी नहीं दिया जाता है, जिसकी जाँच या मॉनीटरिंग परियोजना अधिकारी द्वारा समय पर नहीं जाती? (ख) विगत एक वर्ष में कब-कब, किस-किस दिनांकों को परियोजना अधिकारी जतारा द्वारा भ्रमण कार्य महिला बाल विकास समिति अध्यक्ष को या जनपद अध्यक्ष को लेकर किया यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या ग्राम पंचायत सिमरिया जनपद पंचायत जतारा में आंगनवाड़ी कछयाना खिरक सहायिका का एक पद रिक्त दर्शाकर विज्ञापन जारी किया गया? परंतु महिला उम्मीदवारों के आवेदन पत्र परियोजना अधिकारी ने लेने से मना करके मौखिक रूप से सूची में सिमरिया का नाम नहीं होने और बदलकर दूसरे स्थान पर पद रिक्त होना बताया। क्या परियोजना अधिकारी ने सांठ-गांठ कर भ्रष्टाचार करके स्थान परिवर्तन करा दिया उक्त विज्ञापन पहले क्यों निकाला गया? फिर क्यों बदला गया? संपूर्ण जानकारी से अवगत करायेंगे? क्या इस प्रकार आम जनता को गुमराह किये जाने पर इसकी जाँच करायेंगे? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जनपद पंचायत द्वारा स्थाई समितियों का गठन किया जाकर समिति सचिवों की नियुक्ति की जाती है। महिला एवं बाल विकास समिति की बैठक आहूत नहीं की गई। महिला एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष द्वारा समय-समय पर जो भी मौखिक जानकारियां चाही गई है वे उन्हे उपलब्ध कराई गई है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को नाश्ता दिया जाता है। जिसकी मानिटरिंग परियोजना अधिकारी, क्षेत्रीय पर्यवेक्षक एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा भ्रमण के दौरान नियमित रूप से की जाती है। (ख) परियोजना अधिकारी एवं अध्यक्ष, महिला बाल विकास समिति के संयुक्त भ्रमण के निर्देश न होने से संयुक्त भ्रमण नहीं किया गया। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम पंचायत सिमरिया जनपद पंचायत जतारा के आंगनवाड़ी केन्द्र कछयाना खिरक में आंगनवाड़ी सहायिका का पद रिक्त न होने से उक्त रिक्तता की विज्ञप्ति जारी नहीं की गई। अतः शेष का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा संचालित परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
36. ( क्र. 509 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवाडा विधान सभा क्षेत्र में अभी तक नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा कोई सिंचाई परियोजना संचालित की जा रही है या प्रस्तावित है? (ख) यदि हां, तो कौन-कौन सी परियोजना विचाराधीन है और कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ, प्रस्तावित है। (ख) शक्कर वृहद परियोजना विचाराधीन है। परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) केन्द्रीय जल आयोग, भारत सरकार को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत है। केन्द्रीय जल आयोग से अनुमोदन एवं पर्यावरण व वन मंत्रालय, भारत सरकार से स्वीकृति पश्चात् निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो सकेगी। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्ट्रीट लाईटे 24 घंटे चालू की जाना
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 544 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि इन्दौर शहरी क्षेत्र की विधानसभा क्षेत्र क्र.1 में मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विगत सात वर्षों में नवीन विद्युत खम्बे व इन विद्युत खम्बों पर व अन्य पुराने विद्युत खम्बों पर ए.बी. केबल डाली गई है? (ख) यदि हाँ तो क्या इन विद्युत खम्बों पर डाली गई ए.बी. केबल में स्ट्रीट लाईटों के लिये सर्विस लाईन डाली गई है? (ग) यदि हाँ तो सर्विस लाईन के पश्चात् भी 24 घंटे क्यों स्ट्रीट लाईटे चालू रहती है और यदि सर्विस लाईन नहीं डली होने के कारण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाईटे 24 घंटे चालू रहती है तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है, व विभाग सर्विस लाईन डालने के लिये क्या कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। इन विद्युत खंबो पर डाली गई ए.बी. केबल में स्ट्रीट लाईटों के लिए सर्विस लाईन की पृथक से व्यवस्था हैं। (ग) ए.बी. केबल में स्ट्रीट लाईट का वायर होने के बावजूद भी कतिपय क्षेत्रों में टाईमर खराब होने के कारण स्ट्रीट लाईट 24 घंटे चालू रहती है जिसका सुधार कार्य नगर निगम के कार्यक्षेत्र में आता है। इसके अलावा ऐसे विद्युत खम्बे जिन पर अल्युमिनियम कन्डक्टर (तार) एवं पी.वी.सी. केबल डली हुई है, वहाँ पर स्ट्रीट लाईट का पृथक तार नहीं होने के कारण नगर निगम द्वारा स्ट्रीट लाईट को उपभोक्ता फेस से जोड़कर अस्थाई स्विच लगा कर स्ट्रीट लाईट चालू-बन्द करने की व्यवस्था की गई है। इन बिन्दुओं पर नगर निगम द्वारा स्वीच को बंद चालू करने की पुख्ता व्यवस्था नहीं करने से भी ये स्ट्रीट लाईट चालू रह सकती है। इसके अतिरिक्त भी तकनीकी कारणों जैसे स्ट्रीट लाईट का फेस कन्जूमर फेस से जुड जाने से एवं मेन स्विच में फॉल्ट होने से कभी-कभी स्ट्रीट लाईट दिन में भी चालू रहती है, जिसे जानकारी मिलने पर नगर निगम, इन्दौर द्वारा संचालित कन्ट्रोल रूम के माध्यम से कर्मचारी भेजकर शीघ्र ही दुरस्त कर दिया जाता है। पृथक से स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था हेतु चिन्हित स्थानों हेतु पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्राक्कलन तैयार कर नगर निगम, इन्दौर को सूचित किया गया है। अत: इसके लिये पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है।
म.प.क्षे.वि. वितरण कं. लि. के झोनवार कार्यालय सहा./तकनीकी कर्मचारियों की संख्या
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 545 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के झोन वार उपभोक्ता की संख्या क्या है? क्या इन विद्युत झोनों पर कार्य करने हेतु कर्मचारियों का कम्पनी ने नार्म्स का निर्धारण किया है? यदि हाँ तो उसकी प्रति उपलब्ध कराई जावे? (ख) प्रश्न ‘क’ अनुसार कम्पनी के नार्म्स के परिपालन में इन विद्युत झोनो पर दिनांक 01.11.2016 को पदस्थ नियमित कार्यालय सहायक/तकनीकी कर्मचारियों की संख्या व रिक्त पदों की संख्या बतावें? (ग) यह इन रिक्त पदो के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा रिक्त पदों की भर्ती हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है, स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत इन्दौर शहर वृत्त में कुल 28 झोनों में माह सितम्बर-2016 की स्थिति में कुल 5,92,275 उपभोक्ता हैं, जिनकी झोनवार संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, जी हाँ, नार्म्स का निर्धारण किया गया है। कंपनी के आर्गेनाईजेशन स्ट्रक्चर के परिपत्र क्रमांक 14263 दिनांक 08/05/2012 के, प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी से संबंधित अंश, की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) शहर वृत्त, इन्दौर के अन्तर्गत 28 झोनों पर दिनांक 01.11.2016 की स्थिति में कार्यालय सहायक एवं तकनीकी कर्मचारियों के स्वीकृत, पदस्थ (भरे हुए) एवं रिक्त पदों की संख्या निम्नानुसार है :-
कार्यालय सहायक |
तकनीकी कर्मचारी |
|||||||||
स्वीकृत पद |
कार्यरत् |
रिक्त |
स्वीकृत पद |
कार्यरत् |
रिक्त |
|||||
नियमित |
आउटसोर्स डाटाइण्ट्री ऑपरेटर |
कुल कार्यरत् |
नियमित |
संविदा |
आउटसोर्स |
कुल कार्यरत् |
||||
252 |
103 |
59 |
162 |
90 |
1204 |
390 |
79 |
1304 |
1773 |
निरंक |
उल्लेखनीय है कि कार्यालय सहायक के स्वीकृत 252 पदों में से 201 पद नियमित एवं 51 पद आऊटसोर्सिंग के आधार पर स्वीकृत हैं तथा तकनीकी कर्मचारियों के स्वीकृत 1204 पदों में से 482 पद नियमित, 361 पद संविदा एवं 361 पद आऊटसोर्सिंग के आधार पर स्वीकृत हैं। (ग) कार्यालय सहायक के पदों के विरूद्ध रिक्तियों को दृष्टिगत रखते हुए पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभिन्न तकनीकी प्रोद्यौगिकी उपाय अपनाये गये हैं। ''ऊर्जस'' प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ता बारह प्रकार की सेवाओं के लिए ऑनलाईन आवेदन दे सकते हैं, जिनका निराकरण समय-सीमा में किया जाता है। इसी प्रकार इन्दौर शहर में विद्युत प्रदाय बन्द होने संबंधी शिकायतों के लिए ''त्वरित'' प्रणाली लागू की गई है जिसके तहत् दूरभाष क्रमांक 1912 पर शिकायत दर्ज करने पर दो घंटे की समय-सीमा में शिकायत का निराकरण किया जा रहा है। कंपनी द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों के द्वारा कार्य का सुचारू संपादन हो रहा है तथा उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं हो रही है। वर्तमान में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संविदा लाईन परिचारकों की भर्ती की प्रक्रिया की जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों के जले हुए ट्रांसफार्मर किसान एवं जनता परेशान
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 586 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ के विधानसभा क्षेत्र जतारा के ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राम अनुसूचित जाति एवं जनजाति बस्ती रतवास, बस्ती परा, अनुसूचित जाति हुरियाना खिरक आदिवासी बस्ती मुहारा, अनुसूचित जाति आदिवासी बस्ती गोटेट, अनुसूचित जाति बस्ती भदरई, गांव कंजना, प्रेमपुरा, टीला-नरैनी, कनेरा, अनुसूचित जाति बस्ती मवई, अनुसूचित जाति इटायली, जेवरकुशवाहा बस्ती बाबई, खराब ट्रांसफार्मर कब बदले जायेंगे। (ख) क्या बिजली बिल के पैसा वसूली के नाम पर किसानों और जनता की कुर्की की जा रही है? क्या 2-3 साल से बुन्देलखंड क्षेत्र में सूखा पड़ रहा है? बिजली बिल सरकार द्वारा किसानों के क्यों माफ नहीं किये जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसूचित जाति बस्ती हुरियाना खिरक एवं भदरई में विद्युत प्रदाय चालू है तथा अनुसूचित जनजाति बस्ती रतवास में आंशिक रूप से विद्युत प्रदाय चालू है। प्रश्नाधीन शेष बस्तियों/ग्रामों में उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण फेल ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा सके है, अत: इन्हें बदलने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। बस्ती/ग्रामवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु जिन किसानों पर बिजली के बिलों की राशि बकाया है, उनके द्वारा बकाया राशि का नियत अवधि में भुगतान नहीं करने पर म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 9.14 एवं 7.27 में निहित प्रावधानों अनुसार कनेक्शन विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है। उपभोक्ता से संपर्क एवं सूचना इत्यादि के माध्यम से बकाया राशि वसूली का प्रयास किया जाता है। तत्पश्चात् भी उपभोक्ता द्वारा बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर डयूज रिकव्हरी एक्ट 1961 एवं मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है, जिसमें चल-अचल संपत्ति की कुर्की करने का प्रावधान है। वर्ष 2015-16 में नवम्बर 15 में कलेक्टर जिला टीकमगढ़ द्वारा आदेश दिनांक 07 नवम्बर 15 के माध्यम से जिला टीकमगढ़ की तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था। सूखे के कारण राज्य शासन के आदेश दिनांक 22 दिसम्बर 15 के अंतर्गत प्रभावित किसानों से अक्टूबर 2015 में जारी छ: माही बिलों की वसूली तथा 30 सितम्बर 2015 की स्थिति में बकाया राशि की वसूली 6 माह के लिए आस्थगित (deferred) रखते हुए 31 मार्च 2016 तक उन्हें बिजली बिल भुगतान से छूट दी गई थी। प्रभावित किसानो को 1 अक्टूबर 2015 से 31 मार्च 2016 तक की अवधि का सरचार्ज भी देय नहीं था। राज्य शासन द्वारा आदेश दिनांक 9 अगस्त 16 के माध्यम से कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं को संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार सब्सिडी प्रदान की जा रही है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
खरगोन जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
40. ( क्र. 602 ) श्री राजकुमार मेव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने केन्द्र भवन विहिन व किराये के भवनों में संचालित हैं? भवनों का निर्माण कराने की क्या योजना है? परियोजनावार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) शासन ने प्रश्नांकित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए किस-किस योजना मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई एवं किस-किस योजना मद की कितनी-कितनी राशि आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रदाय की गई वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक परियोजनावार जानकारी देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के तहत संचालित कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में शासन की गाईड लाईन के तहत कौन-कौन सी बुनियादी सुविधाएं नहीं है एवं क्यों? इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों का निर्माण कराना स्वीकृत/प्रस्तावित है? मूल कार्य योजना क्या है? इसके लिए कितनी राशि का प्रावधान किया गया है वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र, मीनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले गये है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) खरगोन जिले में कुल 1857 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें से 1082 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में तथा 254 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये पर एवं 521 अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। भवनविहीन (किराये के भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवनों के निर्माण हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियाँ, जिले के प्रस्ताव एवं उपलब्ध आवंटन अनुरुप दी जा रही है तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजन मद से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की योजना विचाराधीन है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु विभिन्न मदों में उपलब्ध कराई गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर अंतर्गत कुल 322 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें शासन द्वारा निर्धारित बुनियादी सुविधाओं में से 52 आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय एवं 208 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बिजली की बुनियादी सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिला प्रशासन द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता हेतु जिला योजना की वार्षिक कार्ययोजना में प्रावधान किया गया है। (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में मनरेगा योजना के अभिसरण से 26 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण स्वीकृति/प्रस्तावित है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवनों के निर्माण हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियाँ, जिले के प्रस्ताव एवं उपलब्ध आवंटन अनुरुप दी जा रही है तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की योजना विचाराधीन है। विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में वर्ष 2015-16 में कोई भी आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत नहीं किया गया है। वर्ष 2016-।7 में विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में 11 आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र की स्वीकृति दी गई है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों का इलाज
[महिला एवं बाल विकास]
41. ( क्र. 603 ) श्री राजकुमार मेव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिले एवं तहसीलवार कितने कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया गया है? एन.आर.सी. केन्द्रों में कितने बच्चों का ईलाज किया गया एवं कितने बच्चे ईलाज किये जाने हेतु शेष हैं? (ख) विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों के ईलाज हेतु क्या कार्ययोजना बनाई है एवं उसके क्रियान्वयन हेतु क्या व्यवस्था की गई है? (ग) खरगोन जिले में तहसीलवार एवं ग्रामवार कितने-कितने कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया गया कितनों का एन.आर.सी. केन्द्रों में इलाज किया गया एवं कितने बच्चों को ईलाज कराया जाना शेष है? (घ) क्या विभाग द्वारा परियोजना क्षेत्रों के बड़े-बड़े ग्रामों में सेक्टर बनाये जाकर दो-दो, तीन-तीन ग्रामों के बच्चों को एक जगह उपयुक्त स्थान पर इकट्ठा किया जाकर कुपोषित, अतिकुपोषित बीमारी का ईलाज किये जाने हेतु कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हां तो इसका क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा, ताकि कुपोषित बीमारी से बच्चों को मुक्त कराया जा सके?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा परियोजनावार जानकारी संधारित की जाती हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में उपचारित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों से बच्चों को संदंर्भित किये जाने एवं पोषण पुनर्वास केन्द्रों की निर्धारित बेड संख्या के अनुसार बच्चों का पोषण प्रबंधन एक निरंतर प्रक्रिया है। शेष का प्रश्न ही नहीं। (ख) विभाग द्वारा एकीकृत बाल विकास सेवा योजना, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, अटल बिहारी बाल आरोग्य पोषण मिशन, सुपोषण अभियान, स्नेह सरोकार कार्यक्रम आदि का क्रियान्वयन आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है। अतिकुपोषित बच्चों में से 11.5 से.मी. से कम भुजा माप वाले बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदंर्भित किया जाता है। (ग) खरगौन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। खरगौन जिले में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में उपचारित बच्चों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) प्राथमिकता के आधार पर अतिकम वज़न वाले बच्चों के चिन्ह्ति ग्रामों में सुपोषण अभियान अंतर्गत स्नेह शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें चरणबद्ध तरीके से कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित है। समय-सीमा दिया जाना संभंव नहीं है।
सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाएं
[संस्कृति]
42. ( क्र. 619 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में प्रारंभ से ही साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों एवं आयोजनों में महत्ती एवं महत्वपूर्ण भूमिका होकर कई ख्यातनाम संगीत, कला, अभिनय एवं साहित्य के क्षेत्र में कई प्रमुख हस्तियों के साथ ही संस्थाएं भी विख्यात रही हैं? (ख) यदि हां तो रतलाम जिले में विभिन्न विधाओं में मूर्धन्य रहे कलाकारों एवं संस्थाओं की प्रारंभ से लेकर अब तक की जानकारी क्या जिला प्रशासन एवं विभाग के पास सूचीबद्ध होकर उपलब्ध हैं? (ग) यदि हां तो जिले भर में रहे अपनी-अपनी प्रतिभाओं में पारंगत तब से लेकर अब तक के कलाकारों के नाम एवं इस प्रकार की गतिविधियां संचालित करने वाली पंजीकृत एवं अपंजीकृत संस्थाओं के नाम भी संधारित हैं? (घ) यदि हां तो विगत 3 वर्ष से लेकर अब तक शासन/विभाग द्वारा शासकीय/विभागीय व्यवस्थाओं के माध्यम से इन कलाओं कलाकारों एवं संस्थाओं हेतु कितना प्रोत्साहन, कितनी प्रोत्साहन राशि, कितनी विधाओं संबंधी सुविधाओं के साथ ही किन-किन संस्थाओं को आयोजनों हेतु अनुदान इत्यादि दिये गये, किये गये?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) प्रश्नांश ‘क’ की जानकारी अभिलिखित नहीं है लेकिन यह असंदिग्ध है. (ख) जी नहीं. (ग) जी नहीं. (घ) अशासकीय संस्थाओं को सांस्कृतिक कार्यक्रम हेतु अनुदान योजनांतर्गत रतलाम जिले की संघोष सामाजिक सेवा समिति, रतलाम को वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में क्रमश: राशि रूपये 1,00,000/- एवं 50,000/- तथा वर्ष 2015-16 में डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन, स्मृति शोध संस्थान, रतलाम को राशि रूपये 25,000/- अनुदान दिया गया.
पर्यटकों को प्रदत्त सुविधाएं
[पर्यटन]
43. ( क्र. 620 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील पिपलौदा अंतर्गत ग्राम सुजापुर मामरखेड़ा पिंगराला, नवाबगंज एवं अंगेठी तथा जावरा नगर में स्वामी जी की कुटिया, जैन दादाबाड़ी, हुसैन टेकरी के साथ ही जावरा तहसील में मिण्डा जी त्रिवेणी स्थान, कांकरवा बालाजी, सात सहेली मगरा रिंगनोद एवं नंदावता मगरा इत्यादि अत्यंत प्राचीन पुरातात्विक एवं धार्मिक महत्व के स्थान है? (ख) यदि हां, तो उपरोक्त स्थानों के अंतर्गत आने वाले अत्यंत महत्वपूर्ण उल्लेखित स्थानों पर वर्ष भर में हजारों लाखों की संख्या में पर्यटकों का आवागमन बना रहता है और इन स्थानों पर होने वाले आयोजनों की व्यवस्था हेतु संभागीय, जिला एवं स्थानीय प्रशासन लगा रहता है? (ग) क्या शासन के साथ ही विभिन्न संस्थाओं एवं दान दाताओं द्वारा हजारों, लाखों आए पर्यटकों हेतु विभिन्न व्यवस्थाओं एवं पर्यटकों की आवश्यकताओं में सहयोग किया जाता है? (घ) यदि हां, तो उपरोक्त प्रसिद्ध स्थानों पर सड़क, नाली विद्युतीकरण पेयजल, धर्मशालाएं (ठहरने का स्थान), जन सुविधाघर के साथ ही क्षतिग्रस्त स्थानों के जीर्णोद्धार हेतु जिला एवं स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्य योजना सुविधाओं हेतु बनाई हैं? यदि हां, तो कहाँ-कहाँ की किन-किन स्थानों की?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) उक्त स्थल पुरातात्विक राज्य संरक्षित स्मारक घोषित नहीं है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) पर्यटन विभाग द्वारा कोई योजना नहीं बनाई गई है।
जिला मुख्यालय शाजापुर में हवाई पट्टी का निर्माण
[विमानन]
44. ( क्र. 640 ) श्री अरूण भीमावद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुख्यालयों पर म.प्र. शासन द्वारा हवाई पट्टी निर्माण हेतु कोई कार्य योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हां, तो जिला मुख्यालय पर हवाई पट्टी निर्माण हेतु प्राकृतिक भौतिक संरचना पर्याप्त रूप से उपलब्ध है? (ग) हवाई पट्टी निर्माण हेतु आवश्यक संरचना के आधार पर जिला मुख्यालय पर निर्माण कार्य की कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। प्रत्येक जिले में हवाई पट्टी निर्माण का एक सैद्धान्तिक निर्णय है। (ख) शाजापुर जिले में हवाई पट्टी हेतु भूमि कलेक्टर, शाजापुर द्वारा आरक्षित की गई है। (ग) वर्तमान में हवाई पट्टी निर्माण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 659 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परिवर्तित तारांकित प्रश्न संख्या 13 क्रमांक 1008 दिनांक 27/07/2016 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में प्रस्तुत निरीक्षण प्रतिवेदन में दर्शायी गई कमियों पर दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अंकित निरीक्षण प्रतिवेदन पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) में कोई कार्यवाही की गई है तो उसकी छायाप्रति सहित जानकारी दें। (घ) सांझा चूल्हा आगनबाड़ी केन्द्र मिनी आगनबाड़ी केन्द्र कुपोषण पुनर्वास केन्द्र का जनवरी 16 से प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर भिण्ड द्वारा कहाँ पर निरीक्षण किया गया? क्या कमियां पाई? क्या सुधार किया गया? क्या निर्देश दिए गए विवरण देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) परिवर्तित ताराकिंत प्रश्न 13 क्रमांक 1008 दिनांक 27.07.2016 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में प्रस्तुत निरीक्षण प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही का विवरण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अंकित निरीक्षण प्रतिवेदन पर कार्यवाही होने से प्रश्न ‘‘ख’’ उत्पन्न ही नहीं होता है। (ग) छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है।
ग्राम सवासंडा, किला अमरगढ़ एवं झंझाड़पुर में नवीन ग्रिड
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 672 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के अन्तर्गत ऊर्जा विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर ग्रिड एवं विद्युत सब स्टेशन लगाये गये हैं? ग्राम का नाम व स्थान सहित बतावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत ऊर्जा विभाग द्वारा आने वाला ग्रामीण क्षेत्र सवासंडा, किला अमरगढ़ एवं झंझाड़पुर में ग्रामीणों/किसानों को पर्याप्त मात्रा में विद्युत सप्लाई नहीं मिल पा रही है? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत ऊर्जा विभाग द्वारा आने वाला ग्रामीण क्षेत्र सवासंडा, किला अमरगढ़ एवं झंझाड़पुर में नवीन विद्युत स्टेशन/ग्रिड स्थापित किया जाना प्रस्तावित है? यदि हां तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत अति उच्च दाब 220 के.व्ही. का एक उपकेन्द्र राजगढ़ में स्थापित है। 33 के.व्ही. के तेरह उपकेन्द्र स्थापित है, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्र सवासंडा, किला अमरगढ़ एवं झंझाड़पुर में, नियमानुसार, कृषि फीडरों पर औसतन 10 घण्टे, घरेलू फीडरों पर औसतन 24 घण्टे एवं मिश्रित फीडरों पर औसतन 10 घण्टे 3 फेस और 14 घण्टे सिंगल फेस पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी हाँ, विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्र किला अमरगढ़ एवं झंझाड़पुर में नवीन 33 के.व्ही. उपकेन्द्र, एस एस टी डी योजना वर्ष 2017-18 में प्रस्तावित है, जिसके लिये वित्तीय उपलब्ध्ता के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। ग्राम किला अमरगढ़ से ग्राम सवासंडा की दूरी लगभग 7 कि.मी. है। अत: किला अमरगढ़ में 33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित हो जाने से ग्राम सवासंडा में नए 33 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य नहीं होगी।
अटल ज्योति एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 673 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में अटल ज्योति योजना एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना कब से प्रारम्भ की गई है। उक्त दोनों योजनान्तर्गत क्या-क्या कार्य कराये जाने थे? (ख) यदि हां तो राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के किन-किन ग्रामों में अटल ज्योति योजना एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना स्वीकृत की गई थी? योजनावार एवं ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) क्या उक्त दोनों योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को लाभ हुआ है? यदि हां तो पूर्ण जानकारी देवें। क्या उक्त कार्यों हेतु निविदा जारी की गई थी? यदि हां तो क्या ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण कर दिया गया है? कार्य एवं स्थान का नाम, ठेकेदार का नाम और स्वीकृति दिनांक एवं राशि सहित बतावें। (घ) यदि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो इसके लिये कौन दोषी है? क्या ठेकेदार को पूर्ण भुगतान किया गया है? यदि नहीं तो कितना भुगतान किया गया है और कितना रोका गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित "अटल ज्योति योजना", योजना न होकर एक अभियान है जिसे सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जून, 2013 से प्रभावी किया गया था। दसवीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना वर्ष 2005 से लागू की गई थी, जिसमें अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण, विद्युतीकृत ग्रामों का सघन विद्युतीकरण एवं बीपीएल आवासों को निशुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदान करने संबंधी कार्य प्रस्तावित थे। (ख) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 233 ग्रामों के कार्य स्वीकृत किये गये। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। अटल ज्योति अभियान की जानकारी उत्तरांश "क" अनुसार है। (ग) जी हाँ। राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कृषि उपभोक्ताओं को औसतन लगभग 9:35 घंटे एवं घरेलू उपभोक्ताओं को औसतन लगभग 22:25 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। फलस्वरूप क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की अवधि एवं गुणवत्ता में सुधार हुआ है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत निविदा आमंत्रित कर मेसर्स सिम्पलेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लि. केसीपीएल (जे.व्ही) कोलकाता को दिनांक 27.01.12 को कार्यादेश जारी किया गया था। ये कार्य सितम्बर, 2016 में पूर्ण कर दिये गये हैं। कार्य स्थान, ठेकेदार का नाम और स्वीकृति दिनांक व राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (घ) कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: प्रश्न नहीं उठता। कार्यादेश की राशि रू. 85.87 करोड़ के विरूध्द ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत किए गए रूपये 79.32 करोड़ के बिलों में से रू. 9.73 लाख की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनॉल्टी स्वरूप काटी गई है। ठेकेदार द्वारा शेष बिल प्रस्तुत किए जाने पर नियमानुसार विलम्ब के लिए पेनॉल्टी काटी जाएगी।
समान कार्य समान वेतन
[वित्त]
48. ( क्र. 692 ) श्री गोपाल परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन में ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिन्हें समान कार्य समान वेतनमान का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है? विभागवार जानकारी बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या शासन द्वारा समान कार्य प्राप्त नहीं करने वाले कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन देने की योजना बनाई जा रही है? (ग) यदि हां, तो कब तक प्रदेश में यह नीति को लागू कर दी जाएगी। यदि नहीं तो कारण स्प्ष्ट करे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) राज्य शासन के नियमित शासकीय सेवकों के वेतनमान पदनाम पर आधारित है एवं योग्यता, अनुभव तथा भरती प्रक्रिया समान होने पर सामान्यत: समान कार्य के लिये समान वेतनमान का सिद्वान्त रखा जाता है। (ख) एवं (ग) ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भ्रष्टाचार के पंजीबद्ध प्रकरणों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
49. ( क्र. 702 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में भ्रष्टाचार के कुल कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गए? अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पद, विभाग सहित जानकारी दें? इनमें से कितनो में जाँच पूर्ण की गई है? कितने प्रकरण अभियोजन स्वीकृति हेतु राज्य शासन को भेजे गए? कितने नहीं? कारण बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों में कितनी राशि जप्त की गई? साथ ही प्रश्नांश (क) के प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में किन-किन विभागों के किन किन अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की गई कितनों की नहीं? (ग) प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन के पास किस-किस श्रेणी के कितने-कितने अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति के प्रकरण लंबित हैं? कृपया अधिकारी/कर्मचारी के नाम, पद व विभाग सहित बतावें एवं अभियोजन की स्वीकृति में विलम्ब के कारण सहित बतावें व कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (घ) प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में प्रदेश के कितने आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. अधिकारियों के विरूद्ध किन-किन मामलों में लोकायुक्त/आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में जाँच प्रक्रियाधीन है? अधिकारी का नाम, पद एवं वर्तमान पदस्थापना सहित बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत विद्युतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 703 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र विजयपुर में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण, फीडर सेपरेशन एवं दीनदयाल योजनान्तर्गत किन-किन ग्रामों में क्या-क्या कार्य किये जाना है? प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य किये जा चुके हैं? कहाँ-कहाँ, क्या-क्या कार्य किया जाना शेष है? सूची सहित जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा महाप्रबंधक म.प्र. विद्यत वितरण कंपनी श्योपुर को पत्र लिखकर खैरुआ का डेरा सुबकारा, आदिवासी बस्ती झिरन्या, आदिवासी बस्ती भूरवाडा, धावा सहराना, दानू बंजारे का पुरा, गंगानगर आदि ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ तो कब तक पत्रों में उल्लेखानुसार ग्रामों सहित उक्त योजनाओं के तहत प्रस्तावित ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण करा दिये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत कराये गए कार्यों में से किन-किन ग्रामों में ट्रांसफामर्स फुंके होने, विद्युत लाइन टूट जाने से किन-किन ग्रामों की विद्युत सप्लाई कब से बंद है? कब तक इन ग्रामों के फुके ट्रांसफार्मर बदलकर एवं विद्युत लाइन जोड़कर विद्युत सप्लाई प्रारंभ कर दी जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों में विद्युत सप्लाई किस कारण से कब से बंद है? सूची उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र विजयपुर में ठेकेदार एजेंसी को दिये गये अवार्ड अनुसार राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं फीडर सेपरेशन योजनान्तर्गत ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण एवं 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण हेतु किये जाने वाले एवं पूर्ण किये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्तमान में उपरोक्तानुसार जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा लिखित में नहीं अपितु दूरभाष पर एवं कार्यालय में मौखिक रूप से खैरूआ का डेरा सुबकारा, आदिवासी बस्ती झिरन्या, आदिवासी बस्ती भूरवाड़ा, धावा सहराना, दानू बंजारे का पुरा, गंगानगर आदि मजरों/टोलों/आदिवासी बस्तियों में विद्युतीकरण के कार्य कराये जाने हेतु अवगत कराया गया था। इन कार्यों को वित्तीय उपलब्धता के आधार पर दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल किया जावेगा। वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही उपरांत ठेकेदार एजेन्सी निर्धारित होने पर उक्तानुसार कार्य कराए जा सकेगे। जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। उत्तरांश क में उल्लेखित राजीव गांधी ग्रामीण योजनान्तर्गत मार्च-2017 तक एवं फीडर सेपरेशन योजनान्तर्गत अगस्त-2017 तक कार्य पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे है। (ग) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में कराये गये कार्यों में से वर्तमान में ट्रांसफार्मर जले होने व विद्युत लाईन टूट जाने से किसी भी ग्राम की विद्युत सप्लाई बाधित नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में जिन ग्रामों में विद्युत सप्लाई बंद है ग्रामवार, कारणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
51. ( क्र. 710 ) श्री गोपाल परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर जिले के अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केंद्र कब से संचालित हैं एवं इन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वर्तमान में कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका कब से पदस्थ हैं आगनवाड़ीवार पदस्थ कर्मचारियों की सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नियुक्ति नियुक्तियों के संबंध में शासन के नियमों का पालन किया गया है एवं शासन के नियमों का पालन नहीं करने पर कितनी शिकायतें (सी.एम. हेल्पलाइन/ जनसुनवाई/ कार्यालय) कब-कब प्राप्त हुई, प्राप्त शिकायतों का विवरण देते हुए बताएं कि शिकायतों का क्या निराकरण किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार की गई नियुक्ति के संबंध में विज्ञप्ति एवं वरिष्ठता क्रम की सूची देवें क्या शासन नियम विरुद्ध की गई नियुक्तियों की जाँच कराकर कार्यवाही करेगा तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आगर जिले अन्तर्गत 598 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘तीन‘ अनुसार है। शासन के नियम विरूद्ध कोई नियुक्ति नहीं की गई है, अतः शेष जानकारी का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
52. ( क्र. 719 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन हैं? कितने केन्द्रों के भवन हैं? सूची उपलब्ध करावे। (ख) भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रो के भवन निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक भवन बनेंगे? क्या मनरेगा के माध्यम से भवन बनवाये जायेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी में कुल 310 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें से 188 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय/अन्य शासकीय भवनों में एवं 122 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में (भवनविहीन) संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी अंतर्गत भवनविहीन (किराये के भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवनों के निर्माण हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियां, जिले के प्रस्ताव एवं उपलब्ध आवंटन अनुस्प दी जा रही है तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की योजना विचाराधीन है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होता है। अत: समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
बिना लोकार्पण तथा भूमिपूजन के कार्य प्रारंभ होना
[सामान्य प्रशासन]
53. ( क्र. 740 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में जनवरी २०१४ से प्रश्न दिनांक तक कितनी शासकीय भवन, सडकों एवं तालाबों (स्टॉप डेम) का निर्माण किया गया है? विभागवार स्थान बतावें। (ख) उपरोक्त बताये गये स्थानों में से किन-किन स्थानों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण के कार्यक्रम कराये गये एवं कितने स्थानों के, बिना भूमिपूजन एवं लोकार्पण के कार्य प्रारम्भ हो चुके हैं? (ग) मन्दसौर जिले के कितने स्थानों पर अशासकीय सदस्य को शासकीय कार्यक्रमों में अतिथि बनाया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किसके आदेश से शासकीय कार्यक्रमों में अशासकीय सदस्यों का अतिथि होना अनिवार्य है। उक्त आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लिपकीय वर्ग को समयमान वेतनमान
[वित्त]
54. ( क्र. 746 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अतंर्गत 15 अक्टूबर, 2016 तक 10 वर्ष, 20 वर्ष एवं 30 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके लिपिक संवर्ग के कितने कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया है? कार्यालयवार सूची उपलब्ध कराई जावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संबंधितों को समयमान वेतनमान का लाभ कब तक दे दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संबंधितों को समयमान वेतनमान के लाभ से वंचित रखे जाने हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है तथा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं तो क्यों नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डोडाचुरा जलाने की जाँच
[वाणिज्यिक कर]
55. ( क्र. 751 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अफीम की फसल किन-किन जिलों में पैदा की जाती है? (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितने वर्षों से डोडाचुरा खरीदी बन्द कर दी गई है? खरीदी बन्द करने का कारण स्पष्ट करें तथा किसानों की सुविधा हेतु डोडाचुरा खरीदी कब से प्रारम्भ कर दी जावेगी? (ग) मन्दसौर जिले में शासन द्वारा डोडाचुरा स्टाक जलाने की प्रक्रिया संदेह पूर्ण होने से सत्ताधारी विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा सी.बी.आई. जाँच की मांग की गई थी, उसके उपरान्त भी जाँच नहीं होने का क्या कारण है? (घ) मन्दसौर जिले में डोडाचुरा को गलत तरीके से जलाने की जाँच कब तक करवाई जाएगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) केन्द्रीय नारकोटिक्स विभाग द्वारा जारी पट्टे (लायसेंस) के अनुसार मध्यप्रदेश में अफीम की फसल जिला मंदसौर नीमच एवं रतलाम में पैदा की जाती है। (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 01.04.2016 से डोडाचूरा खरीदी का प्रावधान बंद कर दिया गया है। भारत सरकार वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग, नार्थ ब्लॉक, नई दिल्ली द्वारा नारकोटिक्स ड्रग्स एण्ड साईकोट्रोपिक सब्सटेंसेस अधिनियम 1985 की धारा 74-ए के अन्तर्गत जारी आदेश क्रमांक-2 एफ क्रमांक एन.-616/01/2003/एन.सी.आई. दिनांक 01.03.2015 सहपठित आदेश क्रमांक-03 एफ क्रमांक एन. 616/01/2003/एन.सी.आई. दिनांक 19.02.2015 अनुसार आगामी वर्ष 2016 में उत्पादित होने वाले पॉपीस्ट्रा को वापस खेतों में ही जला कर अथवा उसे कृषि क्षेत्र में ही प्लाउ बैंक कर नष्ट कर दिया जायेगा के तारतम्य में मध्यप्रदेश शासन वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 11.07.2016 द्वारा स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (1985 का 61) की धारा 8 तथा 10 सहपठित धारा 78 द्वारा स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (मध्यप्रदेश) नियम, 1985 के नियम 37 (क) के अधीन बनाये गये ‘’पोस्ता भूसा (पॉपीस्ट्रा) नियम’’ को निरसित किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला प्रशासन से प्राप्त प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में नहीं करायी गई। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राप्त प्रस्तावों पर कार्यवाही
[पर्यटन]
56. ( क्र. 753 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य किए गए? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में विभाग को किन-किन कार्यों की मांग प्राप्त हुई हैं या प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्ताव या मांगों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या स्वप्रेरणा से नवीन प्रस्ताव बुलवाये जाकर कार्यवाही की जावेगी? (घ) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पिपल्याखेड़ा बालाजी मंदिर में निर्माण कार्य संबंधी कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ या मांग प्राप्त हुई? यदि हां, तो कब तक स्वीकृति दी जाकर कार्य प्रारम्भ होगा? यदि नहीं तो क्या स्वप्रेरणा से परीक्षण करवाया जाकर कार्य किए जाने की कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत ग्राम पिपल्याखेड़ा (सोयतकला) तहसील सुसनेर के अति प्राचीन बालाजी मंदिर के सौन्दर्यीकरण एवं निर्माण तथा सुसनेर जिला आगर मालवा में स्थित ग्राम श्योपुर में श्री कालका बालाजी मंदिर का जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। (ग) सीमित बजट होने से स्वीकृति नहीं दी गई है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरबटी सिंचाई उद्वहन योजना का निर्माण कार्य में विलंब
[नर्मदा घाटी विकास]
57. ( क्र. 762 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अतंर्गत निर्माणाधीन बरबटी सिंचाई उद्वहन योजना के निर्माण कार्य की समयावधि क्या थी? प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना का कितना कार्य हुआ है? कितना निर्माण कार्य शेष है? शेष निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) उक्त बरबटी सिंचाई उद्वहन योजना का निर्माण कार्य समय पर पूर्ण नहीं होने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) 18 माह वर्षाकाल सहित। ठेकेदार द्वारा उक्त योजना का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। निर्माण कार्य होना शेष है। शेष निर्माण कार्य दिनांक 07/11/2017 तक पूर्ण करने हेतु ठेकेदार द्वारा समयावृद्धि आवेदन दिया गया। (ख) कार्य में बांध के एक ओर स्थित पहाडी में वन होने एवं पहाडी में लगभग 800 मी. लंबी सुरंग बनाने का कठिन कार्य होने से डिजाईन में कठिनाई से देरी हुई है। तकनीकी कठिनाई के कारण कोई दोषी नहीं है।
नर्मदा घाटी विकास अंतर्गत माईनर का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
58. ( क्र. 763 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई सागर परियोजना बॉयी तट नहर की बेलखेड़ी माइनर के निर्माण की स्वीकृति कब प्रदान की गई थी? प्रश्न दिनांक तक उक्त निर्माण कार्य की प्रगति क्या है? (ख) क्या शासन इस क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु उपरोक्त बेलखेड़ी माइनर का विस्तार ग्राम मेरे गांव तक करने की स्वीकृति प्रदान करेगा? हो तो कब तक?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) वर्ष 2003 में। बेलखेड़ी माइनर एवं इसकी 11 सबमाइनरों का निर्माण ठेकेदार द्वारा कुछ भागों में अपूर्ण छोड़ दिया गया था, जिसको पूर्ण करने हेतु 13 बार निविदाओं का आमंत्रण किया जा चुका है। वर्तमान में पुन: निविदा का आमंत्रण किया गया है। (ख) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन में वृद्धि करने विकास कार्य
[पर्यटन]
59. ( क्र. 764 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पर्यटन विकास निगम के जबलपुर क्षेत्रीय कार्यों के अंतर्गत पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य विगत दो वर्षों में पर्यटन स्थलवार क्या-क्या निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये? पर्यटन स्थलवार, विवरण ठेकेदार के नाम सहित दें? (ख) जबलपुर जिले के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भेड़ाघाट में नौकाविहार को सुरक्षित, आकर्षित बनाने हेतु क्या पर्यटन विकास निगम घाट की की नावों को अधिग्रहीत कर आधुनिक नौकाओं का संचालन करेगा? हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में ऐसी कोई योजना विभाग में विचाराधीन नहीं है।
कोषालयों में पदपूर्ति एवं भवन की उपलब्धता
[वित्त]
60. ( क्र. 768 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कोषालय एवं उपकोषालयों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं, इनमें से कितने पद भरे एवं कितने रिक्त हैं जिलेवार जानकारी देवें? (ख) म.प्र. में कितने उपकोषालयों के स्वयं के भवन हैं एवं कितने उपकोषालय भवनविहीन हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत उपकोषालय सुसनेर एवं नलखेड़ा में पद पूर्ति एवं भवन उपलब्धता की क्या स्थिति हैं? (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ में उल्लेखित उपकोषालयों में पदपूर्ति एवं उचित भवन उपलब्धता हेतु क्या कोई कार्यवाही की जावेगी, यदि हॉ तो क्या व कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश में कुल 157 उप कोषालयों में से 44 उपकोषालय स्वयं के भवन में, 112 उपकोषालय तहसील कार्यालय के भवनों में एवं 01 उपकोषालय जनपद कार्यालय के भवन में संचालित है। (ग) उपकोषालय सुसनेर एवं नलखेड़ा में लिपिक वर्ग के 04 एवं चतुर्थ वर्ग के 02 पद स्वीकृत है तथा उपरोक्त सभी पद रिक्त है। दोनों उपकोषालय शासकीय भवन में संचालित है। (घ) उत्तरांश "ग''' के परिप्रेक्ष्य में पदों की पूर्ति हेतु प्रोफेशनल एग्नामिनेशन बोर्ड से परिणाम/मेरिट सूची प्राप्त होने के पश्चात् कार्यवाही की जावेगी।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 789 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में विगत 05 वर्षों में गुनौर विधान सभा क्षेत्र अतंर्गत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण किया गया है एवं उक्त योजना अतंर्गत कितने ग्रामों के लिऐ विद्युतीकरण की स्वीकृति दी गई है? ग्रामवार बतावें? (ख) क्या उक्त योजना से जिले के जिन ग्रामों का विद्युतीकरण किया गया है उनमें आधा अधूरा कार्य किया गया है? क्या उक्त योजना के अतंर्गत विद्युतीकरण के लिये ग्रामीणों से राशि की मांग की जाती है राशि न देने पर कार्य अधूरा ही छोड़ दिया जाता है? (ग) क्या राजीव गांधी योजना अतंर्गत अधिकारियों द्वारा बिना देखे मनमानी तरीके से प्राक्कलन तैयार किया जाता है मौके में जाकर सर्वे नहीं किया जाता है जिससे आधा गांव विद्युतीकरण से छूट जाता है? क्या फिर से उन ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य कराया जावेगा? यदि हां तो कब तक? (घ) क्या राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का कार्य कराने वाले ठेकेदारो द्वारा बिजली का सामान चोरी से बेंच दिया जाता है तथा सही गुणवत्ता का कार्य न होने से बिजली के तार झुकने के कारण जानमाल की हानि की संभावना बनी रहती है? क्या प्रश्नकर्ता उपस्थिति में समिति गठित कर जाँच कराई जावेगी? यदि हां तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में विगत 5 वर्षों में गुनौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत 01 अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण तथा 163 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/ टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। उक्त योजना में 12वीं पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत स्वीकृत 93 विद्युतीकृत ग्रामों में से, कार्य योग्य 76 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण के कार्य में से 67 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में सघन विद्युतीकरण हेतु सम्मिलित ग्रामों की कार्यपूर्णता की स्थिति सहित ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु योजना के प्रावधान एवं स्वीकृत प्राक्कलनों के अनुसार ही कार्य पूर्ण किया गया है। जी नहीं, ऐसी कोई शिकायत/प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) योजनान्तर्गत सर्वेक्षण कर योजना के प्रावधानों के अनुसार प्राक्कलन स्वीकृत किये जाते हैं ताकि अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/ टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य नियमानुसार पूर्ण किया जा सके। चूंकि विद्युतीकरण के कार्य, योजना के प्रावधानों के अनुसार पूर्ण करवाये जा रहे है अत: फिर से ग्रामों का विद्युतीकरण करवाये जाने एवं समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कान्ट्रेक्टर से टर्न की आधार पर कार्य पूर्ण कराया जा रहा है। टर्न की कान्ट्रेक्ट में ठेकेदार द्वारा ही सम्पूर्ण विद्युत सामग्री क्रय कर योजनान्तर्गत उपयोग की जाती है, अत: योजनान्तर्गत कार्य कराने वाले ठेकेदारों द्वारा बिजली का सामान चोरी से बेचे जाने का प्रश्न नहीं उठता। कान्ट्रेक्टर से थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी एवं विभागीयनोडल अधिकारी की देख-रेख में निर्धारित मानकों/मापदण्डों के अनुरूप कार्य पूर्ण कराया जाता है तथा निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों/त्रुटियों के निराकरण उपरान्त ही ठेकेदार को देयकों का भुगतान किया जाता है, अत: समिति गठित कर जाँच कराए जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की व्यवस्था
[महिला एवं बाल विकास]
62. ( क्र. 790 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी केन्द्र खोले गये हैं? नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के क्या प्रावधान है प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) पन्ना जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस आंगनवाड़ी केन्द्र में कितनी बच्चों की संख्या दर्ज थी आंगनवाड़ी केन्द्रवार बतावें? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान यह पाया गया कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की संख्या दर्ज बच्चों की संख्या की तुलना में नगण्य रहती है इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या अधिकारियों की मिली भगत से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण आहार न बाटने का संरक्षण प्राप्त है? यदि नहीं तो जिले के प्रशानिक अधिकारियों एवं प्रश्नकर्ता के भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्र न खुलने व बच्चों की उपस्थिति संख्या न्यून होने का क्या कारण है स्पष्ट करें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पन्ना जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक 68 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये गये है। इन नवीन स्वीकृत 68 आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन की कार्यवाही प्रचलन में है। भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु जनसंख्या के निम्नानुसार मापदण्ड निर्धारित किये गये है :- (अ) आंगनवाड़ी केन्द्र :- 1.1 ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु :- 400-800 (एक केन्द्र) - 800-1600 (दो केन्द्र) - 1600- 2400 (तीन केन्द्र) इसके पश्चात् प्रति 800 की जनसंख्या पर एक केन्द्र) 1.2 आदिवासी क्षेत्र हेतु :- 300-800 (एक केन्द्र) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने क संबंध में भारत सरकार के निर्देश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 6 माह से 03 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में एक दिन टी.एच.आर. उपलबध कराये जाने का प्रावधान है। इस आयु वर्ग के हितग्राहियों को प्रतिदिन आंगनवाड़ी केन्द्र में उपस्थित होने का प्रावधान नहीं है। 3 वर्ष से 6 वर्ष के आयु समूह के बच्चे प्रतिदिन आंगनवाड़ी में उपस्थित होते है। आंगनवाड़ी केन्द्र में हितग्राहियों की उपस्थिति बढ़ाने हेतु आंगनवाड़ी चलो अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिससे समुदाय को आंगनवाड़ी से जोड़ा जा सके। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं। (घ) जी नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्र न खुलने तथा सेवाओं के प्रदाय न करने की शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। समुदाय को आंगनवाड़ी केन्द्र की सेवाओं से जोड़ने हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे है।
मीसा बंदियों की सम्मान निधि
[सामान्य प्रशासन]
63. ( क्र. 816 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर में श्रीमती गांधी अग्रवाल द्वारा कार्यालय कलेक्ट्रेड में राजनैतिक मीसाबंदी लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि के लये आवेदन लगाया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हां तो क्या उक्त आवेदन के संबंध में कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला छतरपुर के पत्र क्रमांक /पु.अ./छतर./जि.वि.शा./च.सं. 12-9 (105) दिनांक 20.09.2012 को उक्त आवेदन के अनुसार राजनैतिक मीसा बंदी के संबंध में जिला जेल भेजे जाने की पुष्टि पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हां तो क्यों शासन द्वारा अधिकृत कमेटी द्वारा नोटशीट पर आवेदक का नाम मीसा रजिस्टर में दर्ज होना नहीं पाया जाता है एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई टीप प्रेषित नहीं की गई है लेख किया गया था? कारण सहित बतायें? (घ) क्या शासन विधि सम्वत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेंगा? यदि हां तो कब तक समय-सीमा बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ (ख) पुलिस अधीक्षक छतरपुर ने अपने प्रतिवेदन में दिनांक 20/09/2012 में श्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल पुत्र श्री स्व. रामवरन अग्रवाल निवासी छतरपुर को राजनैतिक मीसाबंदी के संबंध में धारा 151 जा,फौ, के अंतर्गत दिनांक 12/08/1975 को गिरफ्तार किया जाकर जेल भेजा गया था तथा दिनांक 18/08/1975 को जेल से रिहा किया गया था। (ग) अधीक्षक जिला जेल छतरपुर के पत्र क्रमांक 1499/वारण्ट/12 छतरपुर दिनांक 06/06/12 के अनुसार श्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल को अपर कलेक्टर महोदय के आदेशानुसार दिनांक 12/08/1975 को जेल में दाखिल किया गया था एवं दिनांक 18/08/1975 को जेल में दाखिल किया गया था। एवं अधीक्षक जिला जेल छतरपुर के पत्र क्रमांक 8778/वारण्ट/2016 दिनांक 23/11/2016 के अनुसार मीसाबंदी रजिस्टर में उक्त व्यक्ति का नाम दिनांक 12/08/1975 को दर्ज होना नहीं पाया जाता है। दिनांक 25/05/2013 के अनुसार शासन द्वारा गठित समिति द्वारा आवेदक का आवेदन पत्र लोक नायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि–2008 के अंतर्गत यथा संशोधित नियमों के मापदण्डों के अनुकूल न होने से तथा सम्मान निधि की पात्रता नहीं रखने से आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र अमान्य किया गया था। (घ) प्रश्नांश ‘’ ग’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंजीयक द्वारा रजिस्टर्ड विक्रय पत्र स्वीकार किया जाना
[वाणिज्यिक कर]
64. ( क्र. 823 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर में विक्रय पत्र दिनांक 28.08.1989 श्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल द्वारा उक्त भवन को विक्रय किया गया था? यदि हां, तो रजिस्ट्रार द्वारा उक्त भवन को किस आधार पर विक्रय पत्र स्वीकृत किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त भवन दिनांक 28/08/1989 को नगर पालिका छतरपुर अभिलेख में उक्त भवन श्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल का नाम दखलकार के रूप में नगर पालिका की संबंधित पंजी में दर्ज था या नहीं? यदि हां, तो प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों रजिस्ट्रार द्वारा उक्त भवन के विक्रय पत्र को स्वीकृत किया गया था? (घ) क्या शासन विधि सम्वत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हां, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। दस्तावेज का पंजीयन, पंजीयन अधिनियम के प्रावधान अनुसार निष्पादक की स्वीकारोक्ति कथन के आधार पर किया गया है। (ख) प्रश्नांश (ख) की जानकारी नगर पालिका छतरपुर से प्राप्त की गई, जो संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) पंजीयन अधिनियम की धारा 34 एवं 35 के अनुसार पंजीयन अधिकारी द्वारा पंजीयन से पूर्व निर्धारित जाँच की जाती है। पंजीयन अधिनियम में उप पंजीयक को संपत्ति के स्वत्व की जाँच करने का प्रावधान नहीं है। (घ) उपरोक्तानुसार दस्तावेज का पंजीयन पंजीयन अधिनियम के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत किया गया है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही निर्मित नहीं होता है।
बली सरपरस्त द्वारा की गई रजिस्ट्री अधिकार
[वाणिज्यिक कर]
65. ( क्र. 824 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर में हल्का मौजा बगौता की कृषि भूमि खसरा नंबर 1833 एवं 1834 के नाबालिग संरक्षक भाई द्वारा दिनांक 15.02.1982 को विक्रय की गयी थी? यदि हां, तो किस आधार पर विक्रेता द्वारा नाबालिग को संरक्षक कहा गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त कृषि भूमि को नबालिग का संरक्षक भाई बेच सकता है या नहीं? यदि हां, तो शासन के किस नियम और निर्देशों के तहत बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं तो क्यों रजिस्ट्रार द्वारा उक्त विक्रय पत्र को स्वीकृत किया गया था? कारण सहित बतायें? (घ) क्या शासन विधि सम्वत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हां, तो कब तक समय-सीमा बतायें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, दस्तावेज में अंकित भू-अधिकार पुस्तिका (राजस्व अभिलेख) अनुसार विक्रेता नाबालिग का संरक्षक वर्णित है। (ख) उप पंजीयक को संपत्ति पर निष्पादक के हक की विधि मान्यता के संबंध में जाँच का अधिकार नहीं है। दस्तावेज में अंकित पक्षकारों के विवरण अनुसार रजिस्ट्रीकरण अधिनियम की धारा 34 अनुसार उप पंजीयक को मात्र यह जाँच करनी होती है कि दस्तावेज में जिनके द्वारा निष्पादन किया जाना तात्पर्यित है, उन्हीं के द्वारा दस्तावेज निष्पादित किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायकों के निज सचिवों का तैनाती
[सामान्य प्रशासन]
66. ( क्र. 827 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सदस्यों को कर्तव्य निर्वहन के लिये शासन द्वारा तमाम प्रकार की सुविधायें दी जाती है। यदि हां तो निज सचिव के तौर पर कितने कर्मचारी किस-किस विभाग से किन-किन पदों पर तैनात को दिये जाने का प्रावधान है? (ख) निज सचिव प्रावधान अतंर्गत क्या शिक्षा विभाग के कर्मचारी को रखने का प्रावधान लागू है किन-किन विधायकों को शिक्षा विभाग से कर्मचारी दिये गये हैं? क्या अन्य विधायकों को भी शिक्षा विभाग से कर्मचारी उपलब्ध कराये जा सकते हैं यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 19.05.1995 द्वारा विधान सभा सदस्यों को कर्तव्य निर्वहन के लिए सुविधा प्रदान करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। (ख) निज सचिव के तौर पर किसी भी शासकीय विभागों के लिपिकीय तृतीय श्रेणी कर्मचारी की सेवाएं माननीय विधायक को दिये जाने का प्रावधान है। जानकारी एकत्रित की जा रही है। माननीय विधायकों द्वारा मांग किये जाने पर शिक्षा विभाग के लिपिकीय तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की सेवाएं दी जा सकती है।
गढ़ कुण्डार महोत्सव का आयोजन
[पर्यटन]
67. ( क्र. 836 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अतंर्गत मध्यप्रदेश शासन द्वारा गढ़ कुण्डार महोत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष 27 से 29 दिसम्बर तक किया जाता है और क्या इस महोत्सव में कई प्रदेशों के नागरिकों द्वारा सपरिवार भाग लिया जाता है यदि हां तो इन प्रदेशों के नाम तथा अनुमानित संख्या बतायी जावें? (ख) शासन द्वारा उक्त आयोजन में किन-किन मदों के लिये वित्तीय सहायता व्यय की जाती है? मदवार जानकारी देवें तथा तीन दिवसीय आयोजन में विभिन्न प्रदेशों के सपरिवार आगुन्तकों की प्रतिकूल मौसम में ठहरने की कठिनाईयों को देखते हुये शासन द्वारा की जाने वाली व्यवस्था क्या पर्याप्त है? यदि नहीं तो शासन इस हेतु क्या-क्या प्लानिंग करने जा रहा है ? (ग) गढ़-कुण्डार को पर्यटन के नक्शें पर लाने के लिये शासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किये जा रहे है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 846 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायत अंतर्गत लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो उक्त योजना के क्रियान्वयन दिनांक से वर्षवार कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। वर्षवार एवं हितग्राही की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायी जावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ (ख) प्रश्नांश (ख) के सम्बन्ध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
महिला एवं बाल विकास योजना का संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
69. ( क्र. 848 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले में संचालित महिला एवं बाल विकास योजना के तहत संचालन हेतु विभाग द्वारा राशि आवंटित की जाती है। (ख) यदि हां तो शहडोल जिले के प्रत्येक परियोजना को वर्ष २०१४-१५ एवं १५-१६ के लिये कितनी राशि उक्त जिले के लिये आवंटित की गई है। (ग) उक्त राशि का व्यय किन कार्यों के लिये किया गया है। कार्यवार विवरण उपलब्ध कराया जावे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) शहडोल जिले में संचालनालय महिला सशक्तिकरण द्वारा ''महिला एवं बाल विकास योजना'' के संचालन हेतु राशि आवंटित नहीं की जाती है।. (ख) एवं (ग) 'क' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
अधिकारियों के प्रकरण में न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने में विलम्ब
[सामान्य प्रशासन]
70. ( क्र. 862 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह जनवरी १५ में इंदौर के एंटी इंवेजन ब्यूरो में पदस्थ एक सहायक आयुक्त एवं एक कराधान सहायक को ४० हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ लोकायुक्त द्वारा पकड़ा गया? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में क्रमश: दो वर्ष एवं एक वर्ष निकल जाने के बाबजूद भी लोकायुक्त पुलिस द्वारा इन अधिकारियों के विरूद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत क्यों नहीं किया गया है एवं विलंब के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित प्रकरणों में न्यायालय में चालान कब तक प्रस्तुत किये जावेगें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) श्री उमेश तिवारी, सहायक आयुक्त, वाणिज्यिक कर इंदौर के विरूद्ध पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरण में प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित नहीं पाये जाने के कारण माननीय विशेष न्यायालय के समक्ष अंतिम प्रतिवेदन दिनांक 15/07/2016 को प्रस्तुत किया गया है।
ट्रेप प्रकरण को लोकायुक्त इंदौर में ट्रान्सफर किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
71. ( क्र. 863 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर के वाणिज्यिकर कर विभाग में पदस्थ संभागीय उपायुक्त श्री एच.एस. ठाकुर एवं सहायक आयुक्त श्री जलज रावत को माह नवम्बर २०१५ में लोकायुक्त सागर द्वारा रूपये तीन लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया? (ख) क्या लोकायुक्त सागर के ट्रेप प्रकरण को उक्त दोनों अधिकारी प्रभावित न कर सके इस कारण इन दोनों अधिकारियों को सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के अनुक्रम में अन्य स्थान पर क्रमश: भोपाल एवं इंदौर में पदस्थ किया गया? (ग) क्या लोकायुक्त सागर का यह टेप प्रकरण जाँच हेतु लोकायुक्त इंदौर को हस्तांतरित किया गया है? यह प्रकरण क्यों हस्तान्तरित किया गया? क्या यह प्रकरण वहीं हस्तांतरित किया गया जहां प्रकरण में संलिप्त एक अधिकारी श्री जलज रावत सहायक आयुक्त वाणिज्यिकर कर पदस्थ है (घ) क्या इस ट्रेप प्रकरण के हस्तांतरण के कारण न्यायालय में चालान प्रस्तुतीकरण में विलम्ब नहीं हो रहा है? एक वर्ष व्यतीत होने के बाद भी चालान प्रस्तुत क्यों नहीं हुआ है? क्या प्रकरण में संलिप्त अधिकारी जो इंदौर में ही पदस्थ है लोकायुक्त इंदौर के माध्यम से साक्ष्य को प्रभावित नहीं कर रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उक्त ट्रेप प्रकरण वर्तमान में विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त संगठन, सागर संभाग सागर में ही विवेचनाधीन है। (घ) उत्तरांश 'ग' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जानकारी प्रदाय करने
[महिला एवं बाल विकास]
72. ( क्र. 881 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालनालय एकीकृत बालविकास सेवा मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा क्र/ए.बा.वि.से./निर्माण/2016/1162 दिनांक 18.03.2016 द्वारा आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड / स्निप जिलों में वर्ष 2015-16 के लिये 5000 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की सहमति मनरेगा योजना के अभिसरण से निर्मित करने की लागत लगभग 7.80 लाख नियत की गई है? (ख) यदि हां, तो क्या रीवा जिले के विकासखण्ड हनुमना में 30 आंगनवाड़ी भवन का निर्माण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था? यदि हां, तो रीवा जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला रीवा द्वारा आई.पी.पी.ई. के अंतर्गत जनपद हनुमना के चयनित आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची जिनकी संख्या 30 है कि दो पृथक-पृथक 30 भवनों की सूची संचालनालय एकीकृत बालविकास सेवा को भेजी गई थी? सूचियों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बालविकास सेवा जिला रीवा द्वारा भेजी गयी सूची में से प्रथम या द्वितीय किस सूची से नौ आंगनवाड़ी केन्द्रों को राशि उपलब्ध करायी गयी है? सूची उपलब्ध करावें? क्या प्रथम या द्वितीय सूची से स्वीकृत नौ आंगनवाड़ी भवनों के शेष 21 भवनों को अगले किस्त में राशि प्रदान की जायेगी इसकी प्रमाणित सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में संचालनालय द्वारा दो पृथक-पृथक सूचियां मंगाई गई थी यदि हां, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें? यदि नहीं तो दो पृथक-पृथक सूची भेजने के लिये जिम्मेदार कौन है? उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं की जावेगी तो क्यो कारण स्पष्ट करें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आई.पी.पी.ई. विकासखंड हनुमना ई-मेल के माध्यम से 02 सूचियाँ संचालनालय को उपलब्ध कराई गई थी, प्रथम सूची में 30 एवं द्वितीय सूची में 24 आंगनवाड़ी केन्द्रों के नाम भवन निर्माण हेतु प्रस्तावित किये गये थे। जिले से प्राप्त प्रस्ताव की प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आई.पी.पी.ई. विकासखंड हनुमना अंतर्गत मनरेगा योजना के अभिसरण से वर्ष 2015-16 हेतु निर्मित होने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भारत सरकार से उपलब्ध राशि एवं जिलों द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रस्ताव अनुरुप द्वितीय सूची से वर्तमान तक कुल 15 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु राशि पंचायत राज संचालनालय से समन्वय कर जारी की गई है। शेष आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण के लिये स्वीकृति की कार्यवाही वित्त विभाग से मनरेगा योजना के अभिसरण अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण मद में राशि प्राप्त होने पर दी जाना विचाराधीन है। (घ) भारत सरकार द्वारा प्रदेश में वर्ष 2015-।6 हेतु प्रथमत: आई.पी.पी.ई. विकासखंडों/स्निप जिलों में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति जारी करने संबंधी निर्देश प्राप्त हुए, तत्पश्चात् वर्ष 2016-।7 हेतु आई.पी.पी.ई. विकासखंडों सहित गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंडों में भी मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति जारी करने संबंधी निर्देश प्राप्त हुए। भारत सरकार के इन निर्देशों के अनुक्रम में वास्तविक रुप से कार्यवाही वर्ष 2016-17 में ही प्रारंभ हुई है, इस कारण विभाग द्वारा समानांतरण रुप से आई.पी.पी.ई. विकासखंडों/स्निप जिलों एवं आई.पी.पी.ई. विकासखंडों सहित गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंडों में भी मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवन निर्माण के लिये जिलों से प्रस्ताव चाहे गये थे। संभवत: इसी भ्रांति के कारण रीवा जिले द्वारा आंगनवाड़ी भवन निर्माण के लिये एक से अधिक सूचियाँ संचालनालय को प्रेषित की गई। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कुपोषण से मृत्यु के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
73. ( क्र. 901 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में कुपोषण से बच्चों की मौत हुई है यदि हां, तो भोपाल व होशंगाबाद संभाग में प्रश्न दिनांक से विगत 3 वर्ष के दौरान हुई शिशुओं व बच्चों की मृत्यु का विवरण जिलावार, ब्लाकवार ब्यौरा दें? (ख) क्या शिशु मृत्यु को लेकर रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया ने कोई सर्वे रिपोर्ट दी है यदि हां, तो रिपोर्ट का ब्यौरा दें? (ग) प्रदेश में नवजात (जन्म से एक माह में) शिशुओं की मौत के संबंध में प्रश्न दिनांक से विगत 3 वर्ष का जिलावार, ब्लाकवार ब्यौरा दें? (घ) क्या कुपोषण रोकथाम के लिए शासन द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है यदि हां, तो विगत 3 वर्ष के दौरान चलाए गए अभियानों व उस पर किए गए व्यय का ब्यौरा दें?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना
चिटनिस ) : (क) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हाँ। रिपोर्ट
का ब्यौरा पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है।
(घ) बच्चों के
पोषण स्तर
हेतु एकीकृत
बाल विकास
सेवा, पूरक
पोषण आहार
प्रदाय,
अटल
बिहारी बाल
आरोग्य एवं
पोषण मिशन का
क्रियान्वयन
किया जा रहा
है, इनमें
विभिन्न
गतिविधियॉ
क्रियान्वित
की जा रही है।
देय बजट एवं
व्यय राशि का
विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 अनुसार है।
कर सर्वे की कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
74. ( क्र. 902 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा भोपाल संभाग में कर सर्वे की (छापेमार) कार्यवाही की है? यदि हां, तो प्रश्न दिनांक से पिछले 2 वर्षों का ब्यौरा दें? (1) क्या व्यवसायिक संस्थाओं से कर चोरी पकड़ी गई है? यदि हां, तो राशि व संस्थावार ब्यौरा दें? (ख) क्या कर चोरी मामले में दोषी फर्म के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है? यदि हां, तो प्रश्न दिनांक से पिछले 2 वर्ष में कितने प्रकरण दर्ज कराए गए?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भोपाल संभाग में 16 व्यवसायिक फर्मों पर सर्वे एवं 152 व्यवसायिक संस्थानों पर छापे की कार्यवाही की गई। इनमें से जिन व्यवसायिक संस्थाओं में कर चोरी पकड़ी गई उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” एवं “ब” अनुसार है। (ख) कर अपवंचन पाये जाने पर वेट अधिनियम की धारा-55-ए के तहत करारोपण की कार्यवाही की जाती है तथा धारा 52 के तहत नियमानुसार प्रकरण संस्थापित किया जाकर शास्ति आरोपण की कार्यवाही की जाती है। प्रश्नांश दिनांक से पिछले दो वर्ष में सर्वे के 16 प्रकरण एवं छापे की कार्यवाही के 152 प्रकरण दर्ज किये गये है इनमें से जिन व्यवसायिक संस्थाओं में कर चोरी पकड़ी गई उनकी राशिवार व संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” एवं “ब” अनुसार है।
टीकमगढ़ जिले के पर्यटन स्थलों का विकास
[पर्यटन]
75. ( क्र. 921 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में पर्यटन की दृष्टि से किन-किन स्थलों को चिन्हित कर उन्हें विकसित किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्या पर्यटन की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुये कोई योजना विचाराधीन है? नाम सहित अवगत करायें? (ख) जिले में स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित कौन-कौन से ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित किया जा रहा है? उनके विकास की क्या योजना है? नाम सहित अवगत कराये? (ग) पुरातात्विक दृष्टि से जिले में कौन-कौन से स्थल हैं तथा उनके विकास की क्या योजना संचालित है? उनके लिये कितना बजट का प्रावधान किया गया है? अलग-अलग स्थलवार नाम सहित जानकारी से अवगत करायें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन विभाग द्वारा कराए/प्रस्तावित कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ख) वर्तमान तक कोई स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित स्मारक संरक्षित नहीं। इस कारण कोई कार्य योजना नहीं है। (ग) राज्य संरक्षित स्मारकों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। बजट का प्रावधान नहीं है।
राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
76. ( क्र. 922 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में राज्य प्रशासनिक सेवा के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पदों पर पदस्थापना की गई? अद्यतन जानकारी से अवगत करायें। (ख) जिले में तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद भरे हुये हैं? अलग-अलग अद्यतन जानकारी से अवगत करायें? (ग) क्या शासन उक्त पदों की पूर्ति हेतु गंभीरता से विचार कर रहा है? यदि हां, तो कब तक पदों की पूर्ति कर दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) टीकमगढ़ जिले में राज्य प्रशासनिक सेवा के 08 पद (अपर कलेक्टर, संयुक्त/ डिप्टी कलेक्टर) स्वीकृत है। उक्त 08 पदों में से 06 पदों पर पदस्थापना की गई है एवं 02 पद रिक्त है। (ख) जिले में तहसीलदारों के 14 पद स्वीकृत है। जिसके विरूद्ध 05 पद भरे है एवं 09 पद रिक्त है। नायब तहसीलदारों के 15 पद स्वीकृत है, जिसके विरूद्ध 5 पद भरे एवं 10 पद रिक्त हैं। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
गणकुन्हार महोत्सव का आयोजन
[संस्कृति]
77. ( क्र. 929 ) श्री महेश राय : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में गणकुन्हार महोत्सव का आयोजन किया जाता है? (ख) यदि हां, तो किस स्तर पर आयोजन किया जाता है? उक्त आयोजन में संस्कृति विभाग की जवाबदेही क्या निर्धारित है? (ग) क्या शासन के पास गणकुन्हार महोत्सव हेतु आगामी योजना है? यदि हां, तो क्या? (घ) क्या उक्त महोत्सव को राष्ट्रीय महोत्सव घोषित करने का प्रावधान है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. (ख) जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित होता है. जिसमें संस्कृति विभाग द्वारा कलाकारों की भागीदारी का समन्वय किया जाता है. (ग) स्थानीय स्तर पर प्रस्ताव प्राप्ति पश्चात् विचार किया जा सकेगा. (घ) राज्य शासन का विषय नहीं है.
निर्माण कार्य की जानकारी एवं आहार गुणवत्ता की शिकायत विषयक
[महिला एवं बाल विकास]
78. ( क्र. 975 ) श्री मधु भगत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पोषण आहार की गुणवत्ता संबंधित क्या कोई प्रावधान है? यदि है तो विवरण प्रदाय करें? (ख) क्या बहुत से पोषण आहार वितरण में अनियमितता कि शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) आंगनवाड़ी किचन शेड निर्माण कार्य कितने शेष हैं तथा कितने प्रस्तावित हैं? क्या असामाजिक तत्वों की गतिविधियों की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है? तत्संबंध में सुरक्षा की दृष्टिकोण से शासन की ओर से क्या योजना प्रस्तावित है? (घ) मांग के अनुरूप / शासन के नियमानुसार प्रश्नकर्ता के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रस्तावित है एवं इस लक्ष्य को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत पूरक पोषण आहार राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के तहत गुणवत्तापूर्ण स्थानीय स्तर पर तैयार किए गये मीनू अनुसार वितरण किए जाने का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में जिले में प्रचलित मीनू की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। बालाघाट जिले के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में पूरक पोषण आहार वितरण में अनियमितता संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 55 किचन शेड निर्माण कार्य शेष है तथा प्रस्तावित किचन शेड की संख्या निरंक है। जी नहीं। असामाजिक तत्वों की शिकायत संबंधी जानकारी निरंक है। (घ) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत 18 आंगनवाड़ी केन्द्र प्रस्तावित है। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रो की स्वीकृति भारत सरकार महिला बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा दी जाती है, इसलिए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अवैध शराब वितरण की धाधंली की शिकायत
[वाणिज्यिक कर]
79. ( क्र. 976 ) श्री मधु भगत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने देशी/विदेशी, शराब शासकीय दुकानें संचालित है तथा बहुत से ग्रामों में जहां पर निर्धारित शासकीय दुकानें नहीं है वहां पर संबंधित ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से देशी/विदेशी शराब शासकीय दुकानें संचालित की जा रही है? तत्संबंध में विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) शासकीय देशी/विदेशी शराब दुकानों का संचालन/निर्धारण/नियम क्या है तथा क्या निर्धारित समय अवधि से अधिक समय तक दुकानों का संचालन किया जा रहा है तथा स्टाक से अधिक सामग्री रखकर नियमों का उल्लघंन किय जा रहा है तत्संबंध में कब-कब, क्या-क्या, किस प्रकार की कार्यवाही की गई या की जाना प्रस्तावित है? (ग) शासकीय शराब दुकानों में प्रदाय की जाने वाली शराब की गुणवत्ता के संबंध में क्या निर्देश है तथा तत्संबंध में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बालाघाट जिले की परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत देशी मदिरा की 12 दुकानें एवं विदेशी मदिरा की 05 दुकानें अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा संचालित की जा रही है। अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन संबंधित निर्धारित क्षेत्रान्तर्गत ही किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्ष 2016-17 में देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 73 दिनांक 05.02.2016 अनुसार घोषित आबकारी नीति अनुसार किया जा रहा है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। मदिरा दुकानों का निर्धारित समयावधि से अधिक समय तक दुकानों का संचालन किये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। दुकानों पर स्टॉक रखने की सीमा निर्धारित नहीं है। जिसकी विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर जाँच की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। तदनुसार समय-समय पर विभागीय अधिकारियों द्वारा दुकानों के निरीक्षण के दौरान परीक्षण किया जाता है। वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक मदिरा दुकानों पर गुणवत्ताहीन शराब पाये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
न्यायालय में अपराधिक प्रकरण लंबित रहने पर शासकीय सेवा में नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
80. ( क्र. 979 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यदि किसी उम्मीदवार के विरूद्ध आई.पी.सी. की धारा 324 के तहत प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है और वह जमानत/मुचलका पर रिहा है? लोक सेवा आयोग द्वारा चयन कर नियुक्ति हेतु अनुशंसा की गई है और उम्मीदवार द्वारा चरित्र सत्यापन के अनुप्रमाणन फार्म में प्रकरण का स्पष्ट विवरण नहीं है? तब क्या नियुक्ति हेतु अनुशंसा की जावेगी? किस प्रकार प्रतिवेदित किया जावेगा? (ख) यदि हां, तो किस नियम के तहत? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मामला छुपाकर सेवा में नियुक्ति प्राप्त करने का प्रकाश में आता है तो क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। यदि अनुप्रमाणन फार्म में लंबित न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी दी है तो यह जानकारी अनुशंसा के साथ संबंधित विभाग को दी जाती है। यदि अनुप्रमाणन फार्म में विवरण नहीं है तो अनुशंसा पत्र के साथ जानकारी नहीं दी जाती है। (ख) जी हाँ। विज्ञापन की शर्तों के अनुसार ऐसे आवेदक को साक्षात्कार में शामिल किया जाता है। (ग) यदि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मामला छुपाकर सेवा में नियुक्ति प्राप्त करने संबंधी मामले पर नियुक्तिकर्ता विभाग द्वारा नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाती है।
न्यायालय में अपराधिक प्रकारण लंबित रहने पर शासकीय सेवा में नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
81. ( क्र. 980 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यदि किसी उम्मीदवार के विरूद्ध आई.पी.सी. की धारा 324 के तहत प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है और वह जमानत/मुचलका पर रिहा है। तब उसे लोक सेवा आयोग द्वारा साक्षात्कार के लिए बुलाया जायेगा? यदि हां, तो किस नियम के तहत और यदि नहीं, तो क्यों? (ख) यदि हॉ, तो क्या आयोग ऐसे उम्मीदवार का चयन करेगा? (ग) क्या आयोग ऐसे उम्मीदवार की नियुक्ति हेतु स्पष्ट अनुशंसा विभाग को भेजेगा? यदि हाँ तो किस नियम के तहत और नहीं तो क्यों? (घ) क्या आयोग द्वारा इस प्रकार के उम्मीदवार का चयन कर किसी विभाग को नियुक्ति हेतु अनुशंसा भेजी गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आयोग द्वारा जारी विज्ञापनों में मध्यप्रदेश सिविल सेवाएं (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के अंतर्गत अर्नहता का स्पष्ट विवरण दिया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। विज्ञापन में अर्नहता की स्पष्ट जानकारी विज्ञापित की जाती है। (घ) जी हाँ।
न्यायालय में अपराधिक प्रकरण लंबित रहने पर शासकीय सेवा में नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
82. ( क्र. 981 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यदि किसी उम्मीदवार के विरूद्ध आई.पी.सी. की धारा 324 के तहत प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है और वह जमानत/मुचलका पर रिहा है? लोक सेवा आयोग द्वारा चयन कर नियुक्ति हेतु अनुशंसा की गई है और उम्मीदवार द्वारा चरित्र सत्यापन के अनुप्रमाणन फॉर्म में प्रकरण का स्पष्ट विवरण नहीं है? तब क्या नियुक्ति हेतु अनुशंसा की जावेगी? किस प्रकार प्रतिवेदित किया जावेगा? (ख) यदि हां, तो किस नियम के तहत? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की स्थिति है ऐसा कोई प्रकरण अनुशंसित किया है यदि हां, तो बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। यदि अनुप्रमाणन फार्म में लंबित न्यायलयीन प्रकरणों की जानकारी दी है तो लंबित न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी अनुशंसा पत्र के साथ विभाग को दी जाती है। यदि अनुप्रमाणन फार्म में विवरण नहीं है तो अनुशंसा पत्र के साथ जानकारी नहीं दी जा सकेगी। नियुक्ति हेतु अनुशंसा की जायेगी। (ख) विज्ञापन की शर्तों के अनुसार। (ग) आवेदक द्वारा अनुप्रमाणन फार्म के कॉलम 12 (क) व (ख) के संबंध में दी गई जानकारी के परिणाम स्वरूप न्यायालयीन प्रकरण के दस्तावेज सहित संबंधित विभाग को अनुशंसा पत्र के साथ आगामी कार्यवाही हेतु भिजवा दिये जाते हैं। उदाहरण स्वरूप राज्य सेवा परीक्षा 2013 के एक आवेदक रविकांत शर्मा, बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर चयनित है। आवेदक द्वारा अनु्प्रमाणन फार्म के कॉलम 12 (क) व (ख) में आईपीसी की धारा 324 के तहत प्रकरण की जानकारी दी थी, जो विभाग को भेजी गई है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र
[महिला एवं बाल विकास]
83. ( क्र. 990 ) डॉ. मोहन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-5-1/2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर, 2016 के पालन में उज्जैन जिले में कार्यरत महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालयों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार संबंधित कार्यालय द्वारा शासन के महत्वपूर्ण परिपत्र एवं आदेश का पालन नहीं करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? जिन कार्यालय द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया है? उन कार्यालय द्वारा कब तक आदेश का पालन कर लिया जावेगा? आदेश का पालन नहीं करने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग के अधीनस्थ संचालनालय, एकीकृत बाल विकास सेवा के अंतर्गत एकीकृत बाल विकास सेवा, जिला उज्जैन अंतर्गत कार्यरत 03 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी के रूप में विनियमित करने संबंधी बैठक दिनांक 15/11/2016 को आयोजित की गई है। विभागीय समिति के द्वारा किये गये परीक्षण कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संचालनालय, महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी, उज्जैन के पत्र क्रमांक 2792 दिनांक 01/11/2016 द्वारा उज्जैन जिले में महिला सशक्तिकरण के कार्यालयों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने हेतु पत्रक में जानकारी चाही गई है। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग द्वारा जारी परिपत्र का पालन
[सामान्य प्रशासन]
84. ( क्र. 991 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-5-1/2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर 2016 के पालन में उज्जैन जिले में कार्यरत समस्त विभागों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार यदि संबंधित कार्यालय द्वारा शासन के महत्वपूर्ण परिपत्र एवं आदेश का पालन नहीं किया गया हो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? (ग) जिन कार्यालय द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया है उन कार्यालयों द्वारा कब तक आदेश का पालन कर लिया जावेगा? आदेश का पालन नहीं करने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उज्जैन विकास प्राधिकरण, उज्जैन एवं वरिष्ठ भू-जलविद, संभागीय भू-जल सर्वेक्षण इकाई क्रमांक-1, कार्यालय में पालन किया गया है। उज्जैन जिले में शेष कार्यालयों में कार्यावाही प्रचलित है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था के बारे में
[वित्त]
85. ( क्र. 1012 ) श्री सचिन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार से कितनी-कितनी राशि कब-कब, किस-किस कार्य योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त हुई विगत पाँच वर्ष की अलग-अलग जानकारी प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में दें? (ख) विगत पाँच वर्षों में मध्यप्रदेश सरकार ने कितना-कितना कर्ज कब-कब, कहाँ-कहाँ से लिया और क्यों? कारणों का अलग-अलग उल्लेख करते हुए जानकारी दें तथा वर्तमान में कितना कर्ज मध्यप्रदेश सरकार पर है? (ग) प्रश्नांश 'ख' में दर्शित कर्ज को राज्य सरकार किस प्रकार चुकायेगी और किन-किन संसाधनों के माध्यम से प्रक्रिया सहित जानकारी दें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) म.प्र.शासन को केन्द्र शासन से वर्ष 2011-12 में रूपये 9928.77 करोड़, 2012-13 में रूपये 12040.20 करोड़, 2013-14 में रूपये 11776.82 करोड़ एवं 2014-15 में रूपये 17591.44 करोड़ विभिन्न विभागों को राशि प्राप्त हुई है। मदवार स्थिति वित्त लेखे के विवरण संख्या 14 पर विधानसभा पुस्तकालय में अवलोकनीय है। वर्ष 2015-16 के वित्त लेखे अप्राप्त होने से जानकारी दी जानी संभव नहीं है। (ख) प्रदेश की विकासात्मक गतिविधियों हेतु कर्ज लिया जाता है। वर्षवार वर्ष 2011-12 रूपये 61532.00 करोड़, 2012-13 में रूपये 67197.84 करोड़, 2013-14 में रूपये 71478.10 करोड़ एवं 2014-15 में रूपये 94979.16 करोड़ की कर्ज की स्थिति मध्यप्रदेश सरकार के वित्त लेखों में विवरण संख्या-06 पर दी गई है, जो विधानसभा पुस्तकालय में अवलोकनीय है। वर्ष 2015-16 के वित्त लेखे महालेखाकार से अप्राप्त होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। उक्त कर्ज मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार सकल राज्य घरेलू उत्पाद के निर्धारित प्रतिशत (3 से 3.5 प्रतिशत) के अनुसार लिया जाता है। (ग) प्राप्त किये गये कर्ज को यथा समय चुकाया जाता है, जो वित्त लेखों में दर्ज होता है।
संग्रहालयों के निर्माण कार्यों की जानकारी
[संस्कृति]
86. ( क्र. 1019 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के संग्रहायल में विगत कई वर्षों से आवश्यकता अनुसार कोई भी रिपेरिंग व निर्माण कार्य नहीं किये जाने के क्या कारण है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा स्थल निरीक्षण के दौरान पत्र लिखे गये है हाँ तो पत्र में उल्लेखित कार्यों को समय रहते पूर्ण नहीं करने व किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं किये जाने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) के पत्र में उल्लेखित निर्माण कार्यों व मूलभूत अति आवश्यक सुविधाओं के कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिये जायेगें? समय सीमा बतायें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) विभाग द्वारा विधानसभ क्षेत्र कसरावद के संग्रहालय में विगत कई वर्षों में निम्नानुसार कार्य कराये गये :- वर्ष 2010-11 संग्रहालय का सामान्य मरम्मत एवं पाथ पीठों के मरम्मत का कार्य राशि रूपये 3,74,650/- से कराया गया है. संग्रहालय के मूर्तियों का रसायनिकरण कार्य राशि रूपये 1,41,209/- से कराया गया. संग्रहालय भवन की सुरक्षा हेतु दीमक विनिष्टीकरण का कार्य राशि रूपये 1,16,819/- से कराया गया. वर्ष 2010-11 राशि रूपये 4,71,496/- का संग्रहालय की आंतरिक पुताई मरम्मतिकरण एवं उद्यान विकास एवं पेयजल की सुविधा के लिए वाटर कूलर, बैठने के लिए सोफा एवं एअर कूलर लगाने के कार्य कराये गये. (ख) जी हाँ. पत्र में उल्लेखित कार्य पहुंच मार्ग में स्ट्रीट लाइट एवं संग्रहालय में विद्युत व्यवस्था इत्यादी के लिये विभाग द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, खरगोन को पत्र लिखा है, पत्र में उल्लेखित अन्य कार्यों के लिए मेजरमेंट लिये जा चुके हैं. अनुमानिक तैयार किया जा रहा है. (ग) कार्यवाही प्रचलन में है. समय सीमा बताया जाना संभव नहीं.
नवीन 33/11 विद्युत सब स्टेशनों की स्वीकृति
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 1034 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि प्रधान श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रतिवर्ष कृषि सीजन में दर्जनों ग्रामों में विद्युत भार/मांग अधिक रहने के कारण सुचारू विद्युत/वोल्टेज की गंभीर समस्या व्याप्त रहती है? (ख) उक्त समस्या के हल हेतु विभागीय मंत्री को श्योपुर प्रवास के दौरान पत्र सौंपकर प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 21.09.2016 को ग्राम ढोंढपुर, ग्राम आवनी-जवासा के मध्य, ग्राम पहाड़ली-राजपुरा के मध्य नवीन 33/11 विद्युत सबस्टेशन स्वीकृत करने तथा ग्राम रामवाड़ी में पूर्व से स्वीकृत नवीन सब स्टेशन का कार्य शीघ्र प्रारंभ कराने की मांग की थी? (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र के क्रम में मंत्री जी के पत्र क्रमांक 1184 दिनांक 27.09.2016 द्वारा प्रबंध संचालक म.क्षे.वि.वि. कंपनी भोपाल को उक्त प्रस्तावों का तकनीकी परीक्षण कर योजना में शामिल कर अवगत कराने हेतु निर्देशित किया था? यदि हाँ, तो निर्देशानुसार प्रबंध संचालक द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन/विद्युत कंपनी जन हित में उक्त प्रस्तावों को चालू वित्त वर्ष की कार्य योजना में ही शामिल करके इनका बजट में प्रावधान कर इनका स्वीकृति आदेश जारी करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रतिवर्ष कृषि सीजन में ग्राम ढोंढपुर ग्राम पहाडली-राजपुरा एवं ग्राम रामबाड़ी सहित आसपास के क्षेत्रों में विद्युत भार/मांग अधिक होने के कारण कतिपय अवसरों पर सुचारू विद्युत प्रदाय/लो वोल्टेज की समस्या आती है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र क्रमांक 1184 दिनांक 27.09.2016 में लेख किए गए चार ग्रामों में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित किये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही/वस्तुस्थिति निम्नानुसार है:-1. ग्राम पहाडली एवं राजपुरा के मध्य 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य एस.एस.टी.डी.योजना में प्रस्तावित है। फण्ड की उपलब्धता अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 2. ग्राम रामबाडी में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत स्वीकृत है। वर्तमान में योजनांतर्गत निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 3. ग्राम ढोढपुर में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य एस.एस.टी.डी. योजना में प्रस्तावित है। फण्ड की उपलब्धता अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 4. ग्राम आवनी तथा जवासा के मध्य संबद्ध भार के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध है। अत: तकनीकी रूप से वर्तमान में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना की आवश्यकता नहीं है।
पुरानी विद्युत लाईनों के तारों को बदलना
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 1039 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 164 (क्रमांक 2889) दिनांक 26.07.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया हैं, कि ग्राम अडूसा से दॉंतरदा, ललितपुरा से पहाड़ली, भोगिका से दाँतरदा, बिचपुरी से तलावदा, जवासा से टोंगनी तक पुरानी विद्युत लाईनों के तार माह सितम्बर 2016 तक बदल दिये जावेंगे? तो उक्त लाईनों के तार वर्तमान तक न बदले जाने के क्या कारण हैं इसमें विलंब का कारण व कब तक बदले जावेंगे? (ख) क्या उक्त लाईनों के तार ज़र्जर स्थिति में है इस कारण इनके बार-बार टूटने से विद्युत सप्लाई बाधित तो होती ही हैं साथ ही जनधन की हानि की सम्भावना हर समय बनी रहती है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त लाईनों के तार बदले जाने में विलंब के लिये उत्तरदायितों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए क्या शासन अविलंब उक्त पुरानी लाईनों के तार एक समय सीमा में बदलवाने हेतु विद्युत कंपनी को निर्देशित करेगा, यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बिचुपरी से तलावदा, जवासा से टोंगनी एवं ललितपुरा से पहाडली तक पुरानी विद्युत लाईनों के तार वर्तमान में बदल दिये गये है एवं ग्राम अडूसा से दांतरदा एवं भोगिका से दांतरदा तक पुरानी विद्युत लाईनों के तार बदलने का कार्य प्रगति पर है। ग्रामों में धान की फसल खड़ी होने के कारण पहुंच मार्ग सुलभ नहीं होने से तार बदलने में विलम्ब हुआ है। उक्त शेष कार्य दिसम्बर, 2016 तक पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन कार्य क्रमश: पूर्ण किया जा रहा है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार पुराने तार बदलने की कार्यवाही क्रमश: की जा रही है, जिसे दिसम्बर, 2016 तक पूर्ण करने के प्रयास हैं, अत: उक्त शेष कार्य हेतु पृथक से निर्देश जारी करने तथा उत्तरांश (क) में उल्लेखित कारण से कार्य में हुए विलंब के लिये किसी के उत्तरदायी होने का प्रश्न नहीं उठता।
पर्यटन स्थलों का विकास करना
[पर्यटन]
89. ( क्र. 1040 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक जिले में पर्यटन विभाग/पर्यटन विकास निगम द्वारा पर्यटन स्थलों के विकास हेतु कितनी राशि दी इससे कौन-कौन से कार्य कहां-कहां कराये इनमें कितनी राशि व्यय की। (ख) उक्त अवधि में जिले के पर्यटन स्थलों के विकास हेतु क्या कोई कार्य योजना तैयार की हैं यदि नहीं तो क्यों यदि की गई हैं तो उसमें क्या श्योपुर जिले/ क्षेत्रान्तर्गत ग्राम नागदा में सिद्धेश्वर, नागेश्वर, भूतेश्वर क्षेत्र, मोतीडूंगरी, रामेश्वर त्रिवेणी संगम, आवदा बांध क्षेत्र सहित बड़ौदा के चन्द्रर तालाब व कूनो रेस्ट हाडस को सर्व सुविधायुक्त पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर के कार्य को शामिल किया गया है। (ग) यदि नहीं तो क्या उक्त स्थलों को शामिल करके इन्हें सर्व सुविधायुक्त पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जावेगा व कब तक यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। बजट के अभाव में। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। बजट के अभाव में।
पर्यटन स्थलों में निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[पर्यटन]
90. ( क्र. 1056 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्र के तीन पर्यटन स्थल 01. माँ खेड़ापति मंदिर चांदामेटा 02. देवरानी दाई मंदिर, सेमरताल एवं 03. जिल्हेरी घाट, इटावा में निर्माण कार्यों के लिए राशि की स्वीकृति हेतु, माननीय मंत्री जी एवं विभाग को अनेको प्रेषित किए गये हैं? जिन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र के उपरोक्त तीनों पर्यटन स्थलों में निर्माण कार्यों को किए जाने हेतु विभाग द्वारा अभी तक राशि स्वीकृत नहीं की गई है, जिसका क्या कारण है? उपरोक्त तीनों पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की सुविधा हेतु निर्माण कार्यों को किए जाने के लिए कब तक राशि स्वीकृत कर दी जायेगी? (ग) पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन स्थलों को विकसित किए जाने हेतु कौन-कौन सी योजनायें शासन द्वारा संचालित की जा रही हैं?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। पूर्व में ही भारत शासन पर्यटन मंत्रालय द्वारा छिंदवाडा सर्किट की स्वीकृति योजना के अंतर्गत मॉ खेड़ापति मंदिर चांदामेटा में विकसित कार्य कराये गये है एवं 12वें वित्त आयोग के अंतर्गत देवरानी दाई सेमरताल एवं जिलहेरी घाट, इटावा के कार्यों हेतु राशि वन विभाग को पर्यटन विभाग द्वारा प्रदान की गई। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के उपरोक्त तीनों पर्यटन स्थलों में निर्माण कार्यों को किये जाने हेतु पूर्व में ही विभिन्न मदों में राशि विभाग को प्राप्त हो चुकी थी। पुन: राशि स्वीकृति संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु पर्यटन नीति 2016 के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
खेतों में विद्यूतीकरण
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 1072 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनु. जाति/जन जाति वर्ग के किसानों के खेत में विद्युतीकरण की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला जबलपुर के विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम में किन-किन ग्रामों में प्रश्नांश (क) वर्ग के किसानों के खेतों में जनवरी 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक विद्युतीकरण का कार्य किया गया? ग्रामवार विवरण उपलब्ध करायें। वर्ष 2016-17 में कितने किसानों को इस सुविधा का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) वर्ग के किसानों के खेतों विद्युतीकरण के प्रस्ताव प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रश्नांश (ख) अवधि में भेजे गये हैं? प्रस्ताव अनुसार कब तक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के किसानों के खेत में सिंचाई पंपों के विद्युतीकरण हेतु म.प्र. शासन की ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप योजना'' लागू है जिसके तहत उक्त वर्ग के कृषकों को नलकूप/पंप तक लाईन विस्तार कार्य की राशि का आंशिक भुगतान करना होगा तथा शेष राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जायेगी। वर्ष 2016-17 में उक्त वर्ग के दो हेक्टेयर से कम के भू-धारकों को प्रति अश्व शक्ति रू. 5000 तथा दो हेक्टेयर एवं अधिक के भू-धारकों को प्रति अश्व शक्ति रू. 11000 का अंशदान जमा करना होगा। (ख) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिले के विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम में अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों को दिये गए पंप कनेक्शनों का ग्रामवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। वर्ष 2016-17 में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ग के किसानों के प्रस्तावित पम्प कनेक्शन के कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। उक्त कृषकों द्वारा नियमानुसार राशि जमा कर निर्धारित औपचारिकता पूर्ण करने पर कार्य कराया जावेगा। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रश्नांश (क) वर्ग के कृषकों के प्रश्नाधीन अवधि में भेजे गए कुल छ: प्रस्तावों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। इन कृषकों की नियमानुसार आवश्यक अंश राशि जमा होने एवं निर्धारित औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत कार्यादेश जारी कर पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु कार्यवाही की जाना संभव होगा, वर्तमान में निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के आयोजन पर व्यय
[संस्कृति]
92. ( क्र. 1097 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 नवम्बर, 2016 को म.प्र. स्थापना दिवस का आयोजन प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित जिला मुख्यालयों एवं विकासखण्ड मुख्यालयों पर किया गया था? (ख) राजधानी भोपाल में उक्त आयोजित कार्यक्रम के लिए कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई? इन कार्यक्रमों के आयोजन का दायित्व किस-किस इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को किन नियम प्रक्रियाओं के तहत कितनी-कितनी राशि का दिया गया था? (ग) जिला मुख्यालय भिण्ड पर स्थापना दिवस के कार्यक्रम के आयोजन पर आमंत्रण हेतु किस-किस प्रकार के आमंत्रण कार्ड कितनी-कितनी संख्या में कहाँ-कहाँ से छपवाए गए थे? इन आमंत्रण कार्डों के मुद्रण पर कुल कितनी राशि व्यय हुई? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में आमंत्रण कार्ड के अतिरिक्त किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. (ख) अद्यतन तक राशि रूपये 60,90,000/-. कलाकारों को भुगतान राशि रूपये 55,05,000/-. लाल परेड ग्राउण्ड आरक्षण राशि रूपये 3,85,000/- अस्थायी विद्युत व्यवस्था राशि रूपये 2,00,000/- कलाकारों के आमंत्रण का दायित्व एक्सीलेंसी टाइम इंटरटेनमेंट प्रा.लि. को निविदा की न्यूनतम दर के आधार पर सौंपा गया था. इवेंट कंपनी को राशि रूपये 53,90,000/- का भुगतान किया गया. (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
पदोन्नति में आरक्षण के प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[सामान्य प्रशासन]
93. ( क्र. 1102 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ''पदोन्नति में आरक्षण'' प्रकरण में हाईकोर्ट में कितनी तारीखें कब-कब लगी? इनमें शासन की ओर से जो वकील नियुक्त किए गए उनके नाम, बतावें। इन तारीखों पर कौन-कौन वकील उपस्थित, अनुपस्थित रहें? (ख) क्या शासन ने हाईकोर्ट के लिए प्राईवेट वकील नियुक्त किए? यदि हाँ तो उनकी उपस्थिति/अनुपस्थिति भी बतावें। इनको किए गए भुगतान की जानकारी भी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार जानकारी सुप्रीम कोर्ट के संबंध में भी देवें। यह भी बतावें कि प्राईवेट वकील प्रति पेशी कितनी फीस ले रहे हैं? नाम, राशि सहित बतावें। (घ) सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण की उद्यतन स्थिति बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) डब्ल्यू. पी. क्रमांक 1942/2011 - आर.बी. राय एवं अन्य वि. शासन सुनवाई तिथियों एवं उपस्थित विधि अधिकारी/शास. अधिवक्ता की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। जिन विधि अधिकारियों/ शासकीय अधिवक्ताओं को सुनवाई तिथियों पर प्रकरण सौंपे गये, वे सभी माननीय उच्च न्यायालय में उपस्थित रहे। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (घ) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत एस.एल.पी. में प्रतिवादियों द्वारा प्रस्तुत किये गये काउन्टर एफिडेविट के विरूद्ध राज्य शासन की ओर से रिजॉइन्डर फाईल किये गये हैं।
ठेकेदारों पर लगाया अर्थदण्ड
[नर्मदा घाटी विकास]
94. ( क्र. 1121 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना में प्रोजेक्टेड कितने हेक्टर कृषि भूमि सिंचित दर्शाई गई है। इस परियोजना का कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण होकर कितने हेक्टर कृषि भूमि वर्तमान में सिंचित हो रही है। इससे कितना राजस्व प्राप्त हो रहा है। वर्तमान की प्राप्ति, प्रोजेक्टेड प्राप्ति से कितनी भिन्न है, कारण बताये। (ख) इंदिरा सागर परियोजना अंतर्गत आने वाली मुख्य नहरों, माईनर तथा सबमाईनर नहर बनाने वाली निर्माणकर्ता कम्पनियों पर वर्ष 2010 से 2015 तक समय-समय पर कितना अर्थदण्ड लगाया गया है तथा कितना-कितना वसूल किया गया है और कितना वसूली योग्य शेष है, कम्पनीवार बताये। (ग) नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा वर्ष 2010 से 2015 तक कब-कब कितनी राशि अन्य विभागों को किन-किन कार्यों हेतु प्रदान की गई। इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है। (घ) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना में खरगोन कुंदा नदी पर बनने वाले स्टॉपडेम की वर्तमान स्थित क्या है, स्टॉपडेम नहीं बनने का कारण क्या है।
राज्यमंत्री, नर्मदा
घाटी विकास (
श्री लालसिंह
आर्य ) : (क)
इंदिरा सागर
परियोजना की
रूपांकित
सिंचाई क्षमता
1,23,000
हेक्टेयर, वार्षिक
सिंचाई
क्षमता 1,69,000
हेक्टेयर
है। परियोजना
का लगभग 80
प्रतिशत
कार्य पूर्ण
हो चुका है।
वर्ष 2015-16
में 1,39,922
हेक्टेयर
में सिंचाई की
गई है। मार्च 2016 तक 63.09
लाख रूपये
राजस्व
वसूली की जा
चुकी है।
वर्तमान में
नहर प्रणाली
निर्माणाधीन
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र– ‘’अ’’
एवं
‘’ब’’ अनुसार
है। (ग)
नर्मदा घाटी
विकास विभाग
द्वारा
इंदिरा सागर परियोजना
के अंतर्गत
वर्ष 2014-15
में इंदिरा
सागर कॉलोनी
सनावद में
सीवर लाईन निर्माण
कार्य हेतु
नगर पालिका
सनावद को रूपये
दस लाख राशि
प्रदाय की गई
है। 80
प्रतिशत
कार्य पूर्ण
हो चुका है। (घ)
ले-आउट दिया
जा चुका है।
स्थानीय स्तर
पर बार-बार व्यवधान
उत्पन्न
करने के कारण
कार्य बंद है।
परिशिष्ट-
''सत्रह''
बी.आर. 2 पीपलई का कार्य
[नर्मदा घाटी विकास]
95. ( क्र. 1122 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना अंतर्गत आने वाली मुख्य नहरों, माईनर तथा सब माईनर नहर बनाने वाली निर्माणकर्ता कंपनियों पर वर्ष 2000 से 2005 तक समय-समय पर कितना अर्थदण्ड लगाया गया है तथा कितना-कितना वसूल किया गया है और कितना वसूली योग्य शेष है? कंपनीवार बतायें? (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा वर्ष 2000 से 2005 तक कब-कब कितनी राशि अन्य विभागों को किन-किन कार्यों हेतु प्रदान की गई? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना में बनने वाले बी.आर.2 पीपलई का कार्य पूर्णता दिनांक क्या है? यह कार्य आज दिनांक तक पूर्ण क्यों नहीं किया गया है? कारण एवं प्रयासों की जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) वर्ष 2000 से 2005 तक निर्माणकर्ता कंपनियों पर किसी प्रकार का अर्थदण्ड अधिरोपित नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2000 से 2005 तक निर्माण कार्य से संबंधित कोई भी राशि अन्य विभाग को प्रदाय नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना को पूर्ण करने का समय दिनांक 30/06/2017 तक स्वीकृत है, जिसमें बी.आर.-2 पीपलई का कार्य भी शामिल है। निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध विभाग द्वारा अनुबंध अनुसार कार्यवाही की गयी है तथा 55.08 करोड़ का अर्थदण्ड लगाया गया है।
विद्युत कनेक्शन के नियम
[ऊर्जा]
96. ( क्र. 1134 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विदयुतीकरण योजना के तहत विधान सभा क्षेत्र केवलारी में योजनांतर्गत कितने कार्य स्वीकृत किये गये है? संख्यावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत कार्यों में से नवम्बर 2016 तक कितने कार्य पूर्ण होकर विद्युत की सप्लाई की जा रही है वर्तमान में कितने कार्य अप्रांरभ एवं अपूर्ण है कारण बतावें तथा उन्हें कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत नवम्बर 2016 की स्थिति कितने ग्रामों की विद्युत सप्लाई बंद है तथा क्यों कारण बतावें? (घ) किसानों, मजदूरों, एस.सी.एस.टी. आदि वर्ग के उपभोक्ताओं की बकाया राशि वसूलने एवं विद्युत के अस्थाई कनेक्शन को स्थाई कनेक्शन देने के संबंध में क्या-क्या निर्देश/नियम है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 10वीं पंचवर्षीय योजनांतर्गत रा.गाँ.ग्रा.वि.योजना में केवलारी विधानसभा क्षेत्र में 369 विद्युतीकृत ग्रामों के 300 एवं 300 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण एवं सभी श्रेणी के गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले 11069 हितग्राहियों को बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान करने के कार्य स्वीकृत किये गये। इसके अतिरिक्त दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र के 8 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण, 369 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण तथा सभी श्रेणी के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 8163 हितग्राहियों को बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान करने के कार्य स्वीकृत है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 10वीं पंचवर्षीय योजना में प्रश्नाधीन स्वीकृत सभी कार्य मार्च 2014 में पूर्ण कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 8 अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण विभागीय स्तर पर किया गया है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत स्वीकृत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवम्बर 2016 की स्थिति में किसी भी ग्राम का विद्युत प्रदाय बंद नहीं है। (घ) किसानों, मजदूरों, एस.सी.-एस.टी. आदि वर्ग के उपभोक्ता जो विद्युत बिल की राशि का समय पर भुगतान नहीं करते हैं उन्हें मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 9.14 के तहत् 15 दिवस का नोटिस देकर अस्थाई तौर पर विच्छेदित कर दिया जाता है, तत्पश्चात इसी संहिता की कंडिका 7.27 के अनुसार यदि उपभोक्ता की सप्लाई 60 दिन तक भुगतान नहीं किये जाने के कारण विच्छेदित रहती है तो उसे 15 दिन का नोटिस दिया जाता है। नोटिस अवधि में उपभोक्ता द्वारा प्रभावी कदम नहीं उठाये जाने पर कनेक्शन स्थाई रूप से विच्छेदित कर उसका एग्रीमेन्ट निरस्त कर दिया जाता है। बकाया राशि वसूली हेतु बकाया राशि वसूली अधिनियम के तहत् कार्यवाही की जाती है जिसमें नोटिस देकर कुर्की जैसी कार्यवाही का प्रावधान है। कृषि पंपों हेतु विद्युत के अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई कनेक्शन में परिवर्तित करने का प्रावधान ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना'' में सम्मिलित है। उक्त संबंध में जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आगंनवाड़ी केन्द्रों में सामग्री का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
97. ( क्र. 1141 ) श्री रजनीश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिला अंतर्गत केवलारी विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक आंगनवाड़ी केन्द्रों के रख-रखाव हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या सामग्री उपलब्ध कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्रों के रख-रखाव हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन मदों में आवंटित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्रों के रख-रखाव हेतु आवंटन उपलब्ध होने पर किन-किन फर्मों के द्वारा क्या-क्या सामग्री खरीदी गई व कहाँ-कहाँ पर वितरित की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सिवनी जिला के केवलारी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक आंगनवाड़ी केन्द्रों के रख-रखाव हेतु विभाग द्वारा कोई सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 270000/-, वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 178200/- एवं वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 34000/- आंगनवाड़ी केन्द्रों के रख-रखाव हेतु क्रमश: अनुरक्षण मद में उपलब्ध कराई गई। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उत्तरांश (ख) अनुरूप जिले को उपलब्ध कराई गई राशि से अनुरक्षण का कार्य ग्राम पंचायत के द्वारा कराया गया। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं की जानकारी
[वित्त]
98. ( क्र. 1157 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 14 वें वित्त आयोग द्वारा अप्रत्यक्ष करों में राज्यों का अंश 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने के निर्णय से म.प्र. को कितनी राशि ज्यादा मिली? इससे पूर्व यह राशि कितनी थी तथा अब कितनी है? (ख) 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा में राज्यों का अंश बढ़ाने से पूर्व केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में केन्द्र तथा राज्यों के अंश कितने थे योजना अनुसार जानकारी दें? अंश बढ़ने के बाद क्या केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्यों के अंश को बढ़ा दिया गया है वर्तमान में योजनाओं के नाम सहित केन्द्र तथा राज्यों के अंश की जानकारी दें? (ग) केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्यों का अंश बढ़ाने के बाद सरकार को पूरे वित्तीय वर्ष में कितनी अतिरिक्त राशि लगने का अनुमान है? (घ) क्या केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्यों का अंश बढ़ जाने के कारण ही अप्रत्यक्ष करों में 10 प्रतिशत वृद्धि के बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था पर इसका असर नहीं दिखाई दे रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 14वें वित्त आयोग द्वारा केन्द्रीय करों में राज्यों का अंश 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत् कर दिया गया है। वर्ष 2014-15 में प्राप्त राशि रूपये 24106.80 करोड़ थी। वर्ष 2015-16 के लेखे भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक से प्राप्त नहीं हुये हैं। अत: वर्ष 2015-16 में केन्द्रीय करों में राज्य के अंश की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 के वित्त लेखे अभी भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक से प्राप्त नहीं हुए हैं अत: अतिरिक्त राशि का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। (घ) राज्य के वित्तीय संसाधनों की संरचना का राज्य की अर्थव्यवस्था से सीधा संबंध नहीं होता है।
गोंड, गोवारी जाति को जाति प्रमाण-पत्र न जारी करना
[सामान्य प्रशासन]
99. ( क्र. 1162 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोवारी जाति को अनुसूचित जन जाति का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद गोवारी जाति के लोगों को बालाघाट सहित पूरे प्रदेश में अनु.जनजाति के प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिये जा रहे हैं? (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र क्र. एफ. 7-7-2007/आ.प्र./एक भोपाल, दिनांक 21.06.2016 का पालन कलेक्टर क्यों नहीं कर रहे हैं? पत्र में गोंड तथा गोवारी दोनों अलग-अलग जाति होने का जिक्र है? (ग) क्या कम्प्यूटर के पोर्टल में दोनों जातियों के अलग-अलग न होने के कारण गोवारी जाति को लाभ नहीं मिल रहा है? (घ) इसके लिये दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा ?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य के लिये घोषित अनुसूचित जनजाति की सूची के सरल क्रमांक 16 पर गोंड, गोवारी जाति बालाघाट सहित पूरे मध्यप्रदेश में अनुसूचित जनजाति मान्य है। जिला बालाघाट अंतर्गत समस्त अनुभाग में गोवारी जाति के आवेदन पत्र अनुसूचित जनजाति अंतर्गत प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु प्राप्त हुए थे। प्राप्त आवेदनों में नियमानुसार कोई भी आवेदक अनुसूचित जनजाति अंतर्गत नहीं पाये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक एफ 7-7/2007/आ.प्र./एक, दिनांक 17.06.2016 के पालन में नियमानुसार जाँच कर जाति प्रमाण पत्र प्रमाण पत्रों का निराकरण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) पोर्टल में दोनों जाति अलग-अलग दर्ज है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला एवं बाल विकास परियोजनाओं में रिक्त पदों की पूर्ति
[महिला एवं बाल विकास]
100. ( क्र. 1169 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना ब्यावरा एवं सुठालिया में स्वीकृत पद संरचना के विरूद्ध कौन-कौन से पद कब से किन कारणों से रिक्त हैं तथा प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कोई ठोस कार्यवाही की है? यदि हाँ तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त परियोजनाओं में रिक्त पदों की पूर्ति नहीं होने से विभागीय कामकाज, आंगनवाडि़यों का निरीक्षण व अन्य शासन आदेशों का पालन करना आदि कार्य बाधित हो रहे हैं? (ग) यदि हाँ तो क्या शासन उक्त परियोजनाओं के रिक्त पदों की पूर्ति करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राजगढ़ जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना ब्यावरा एवं सुठालिया में स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों का विवरण तथा रिक्तियों के कारण का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) परियोजना ब्यावरा में कोई भी पद रिक्त नहीं हैं एवं परियोजना का कार्य सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा हैं। परियोजना सुठालिया में रिक्त पदों का प्रभार अन्य अधिकारियों को अतिरिक्त रूप से सौपकर कार्य सुचारू रूप से कराया जा रहा हैं। (ग) सेवानिवृत्ति, त्याग-पत्र एवं स्थानांतरण से पद रिक्त होना एक निरंतर प्रक्रिया हैं। पदों की रिक्ति एवं पूर्ति निरंतर प्रक्रिया होने से समय सीमा दी जाना संभव नहीं हैं।
हितग्राही योजनाओं का क्रियान्वयन
[वित्त]
101. ( क्र. 1189 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन वित्त विभाग द्वारा विभिन्न विभाग की जनहितकारी एवं लाभकारी योजनाओं को ऋण/अनुदान देने में वित्त विभाग का दायित्व है व इस हेतु क्या कोई मापदण्ड नियम प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या 'क' में वर्णित योजनाएं स्वीकृत होकर बैंक में प्रस्तुत करने के उपरांत अधिकांश योजनाएं बैंक प्रबंधन द्वारा वित्तीय संकट बताकर, अस्वीकृत कर दिये जाते हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्त विभाग द्वारा जनहितकारी एवं लाभकारी योजनाओं को सीधे ऋण अनुदान देने संबंधी कार्यवाही नहीं की जाती है। अन्य विभिन्न विभागों द्वारा कार्यवाही की जाती है। (ख) उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थ कर्मचारियों को सुविधाएं
[वित्त]
102. ( क्र. 1194 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में पदस्थ कर्मचारियों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध प्रदाय हेतु प्रावधान हैं? यदि हाँ तो नियम निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सुविधाएं अजा. वर्ग के कर्मचारियों को अनुसूचित क्षेत्रों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में पदस्थ शास. सेवकों को उक्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं? यदि हाँ तो क्या यह भेदभाव की श्रेणी में आता है? (ग) यदि हाँ तो (क) में वर्णित सुविधाएं अनुसूचित क्षेत्रों के अतिरिक्त अन्य स्थानों के पदस्थ अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारियों को यह सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी व कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी, हाँ। परिपत्र क्रमांक एफ 4-6/ 2002/नियम/ चार, दिनांक 22-9-2003 द्वारा स्वीकृत अनुसूची क्षेत्र विभिन्न भत्ते की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' पर है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। इस आदेश के अंतर्गत देय अनुसूचित क्षेत्र भत्ता संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार वर्गीकत विकासखण्डों में देय होगा। अत: भेदभाव की श्रेणी में नहीं आता है।
करैरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित आंगनवाडि़यों की अनियमितताएं
[महिला एवं बाल विकास]
103. ( क्र. 1208 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 161/एम.एल.ए./2016 दिनांक 18.10.2016 के माध्यम से जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला शिवपुरी को विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा में संचालित आंगनवाडि़यों में विभिन्न अनियमितताओं को लेकर किस-किस अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा आंगनवाडि़यों की आकस्मिक निरीक्षण संबंधी जानकारी चाही गई थी? (ख) उल्लेखित पत्र प्राप्ति की सूचना एवं की गई कार्यवाही से प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं अवगत कराया गया? क्या यह कृत्य सामान्य प्रशासन विभाग के दिये गये निर्देशों की उल्लंघन नहीं है? यदि हाँ तो उल्लंघन करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र से संबंधित जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा संदर्भित पत्र से जनवरी 2015 से सितम्बर 2016 तक किये गये आकस्मिक निरीक्षणों की जानकारी चाही गई थी। इसमें किसी विशेष अधिकारी/कर्मचारी का उल्लेख नहीं था। (ख) परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास सेवा नरवर के पत्र क्रमांक-714, दिनांक 20/11/2016 एवं परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास सेवा करैरा के पत्र क्रमांक 692, दिनांक 18/11/2016 द्वारा कार्यवाही से अवगत कराया गया है। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ख' में वर्णित विवरण अनुसार।
शिकायतों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
104. ( क्र. 1225 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 4432 दिनांक 18 मार्च 2016 में पुस्तकालय परिशिष्ट में 57 शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलन में होने की सूची उपलब्ध करायी थी? (ख) प्रश्नांश कंडिका (क) अनुसार यदि सभी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है तो सभी शिकायतों के मूल आवेदन पत्र एवं किये गये निराकरण की सूची कब तक सक्षम अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करा दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
शास. सेवकों को सातवां वेतनमान का प्रदाय
[वित्त]
105. ( क्र. 1240 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासकीय सेवकों को सातवें वेतनमान का लाभ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या सातवें वेतनमान के पूर्व दिये गये वेतनमान की स्वीकृति के पत्रकों पर कोष एवं लेखा का अनुमोदन आवश्यक है? (ग) यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश के सभी विभागों द्वारा अपने अधिकारी/कर्मचारियों के वेतन पत्रक का अनुमोदन कोष एवं लेखा से करा लिया गया है? (घ) यदि नहीं तो क्या सातवें वेतनमान दिये जाने के पूर्व विगत सभी वेतनमानों के निर्धारण पत्रकों की जाँच कोष एवं लेखा से कराए जाने के आदेश शासन द्वारा जारी किये जाएंगे यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या सेवानिवृत्ति के समय शासकीय सेवकों की सेवापुस्तिका कोष एवं लेखा जाँच हेतु भेजने से उनके पेंशन प्रकरणों के निराकरण में विलंब होता है? यदि हाँ, तो क्या शासन ऐसे प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए शास. कर्मचारी हित में सकारात्मक आदेश जारी करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश की वित्तीय स्थिति के परिप्रेक्ष्य में यथासमय निर्णय लिया जायेगा। (ख) जी हाँ। (ग) वेतनमान पत्रक का अनुमोदन सतत् रूप से जारी रहता है। किसी भी शासकीय सेवक के वेतन पत्रक का अनुमोदन कोष एवं लेखा द्वारा किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में आवश्यक नहीं है। (ड.) जी नहीं। पेंशन निर्धारण के प्रकरणों का निराकरण तत्परता से किये जाने हेतु प्रत्येक जिले में पेंशन कार्यालय संचालित है।
नागदा-खाचरौद क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण हेतु प्रतिनिधि मंडल का ज्ञापन सौंपना
[सामान्य प्रशासन]
106. ( क्र. 1242 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 20 से 23 जुलाई 2016 के मध्य विधायक दिलीप सिंह शेखावत के नेतृत्व में नागदा-खाचरौद की समस्याओं के निराकरण हेतु प्रतिनिधि मंडल द्वारा ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के निराकरण की मांग की गई थी? (ख) यदि हाँ तो सौंपे गये ज्ञापन, मांगपत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए समस्या के निराकरण हेतु क्या कार्यवाही करने के निर्देश दिए? पृथक-पृथक विवरण दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पर्यटन स्थल
[नर्मदा घाटी विकास]
107. ( क्र. 1251 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध जबलपुर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने व पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु कब क्या योजना बनाई है। बांध के अलावा यहां पर देखने लायक कौन-कौन से ब्यूटी स्पाट, पर्यटन स्थलों को विकसित कराने की क्या योजना है? इसके लिए कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में बरगी बांध संभाग बरगी को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई? सड़कों का निर्माण, संधारण रखरखाव व मरम्मत कार्य पर कितनी राशि व्यय हुई वर्तमान में बरगी बांध पहुंच मार्ग व बांध के चारों तरफ की सड़कों की स्थिति क्या है। वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में बरगी बांध की सुरक्षा व्यवस्था क्या है। इसके संधारण रखरखाव, सुधार व मरम्मत कार्य पर कितनी राशि व्यय हुई। बरगी बांध की गैलरी की सफाई कब-कब, किस एजेन्सी से कितनी राशि में करायी है? इसकी जाँच कब-कब कितने की है? (घ) प्रश्नांश 'ख' में कौन-कौन से निर्माण कार्य कब किस ऐजेन्सी से कितनी राशि में कराये गये हैं। इस कार्यों हेतु कब कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति दी गई? सामग्री आदि की खरीदी पर कितनी राशि व्यय हुई?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना (बरगी बांध) जबलपुर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु विभाग की पृथक से कोई योजना नहीं है। साथ ही अन्य किसी स्थल को पर्यटन हेतु विकसित करने की भी वर्तमान में विभाग की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बांध संभाग बरगी नगर को वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक ‘’बांध एवं कालोनी के मेंटीनेंस कार्य’’ हेतु आवंटित राशि का वर्षवार विवरण नीचे दर्शित है:-
वित्तीय वर्ष |
मांग संख्या |
आवंटन राशि (रूपये लाख में) |
व्यय राशि (रूपये लाख में) |
2013-14 |
48-4700-51-800-2428-64-0101 |
75.60 |
42.29 |
2014-15 |
291.45 |
55.17 |
|
2015-16 |
766.72 |
336.18 |
|
2016-17 04/2016 से 09/2016 |
257.67 |
237.08 |
|
2016-17 10/2016 से 11/2016 |
48-4700-51-001-2428-33-9999-V-001 |
20.00 |
9.92 |
बरगी बांध संभाग के अंतर्गत सड़कों के निर्माण, संधारण, रखरखाव, सुधार व मरम्मत कार्यों पर वर्षवार निम्नानुसार राशि व्यय की गई है:-
वित्तीय वर्ष |
व्यय राशि (रूपये लाख में ) |
2013-14 |
25.46 |
2014-15 |
12.08 |
2015-16 |
312.76 |
2016-17 |
226.01 |
वर्तमान में बरगी बांध पहुंच मार्ग की स्थिति बहुत अच्छी है। बांध के डाउन स्ट्रीम में दांयें तरफ मेकल रिसोर्ट तक की सड़क के निर्माण हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रिया में है। बांध के डाउन स्ट्रीम में बांयी तरफ पायली सड़क के निर्माण हेतु कार्यवाही की जा रही है। (ग) बरगी बांध की सुरक्षा व्यवस्था हेतु एक सुरक्षा अधिकारी (उप पुलिस अधीक्षक) एवं 11 आरक्षक के पद स्वीकृत हैं। सुरक्षा अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण विभाग के सहायक यंत्री को वर्तमान में यह दायित्व सौंपा गया है। एस.ए.एफ. के 10 जवानों तथा 38 विभागीय दैनिक वेतन भोगी एवं कार्यभारित कर्मचारियों से बांध की सुरक्षा व्यवस्था संचालित की जा रही है। बांध के संधारण, रख रखाव, सुधार व मरम्मत कार्य पर वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक रूपये 17.66 लाख की राशि व्यय हुई है। बरगी बांध की गैलरी की सफाई किसी भी एजेंसी से नहीं कराई गई, अपितु नियमित रूप से विभागीय श्रमिकों से ही गैलरी की सफाई कराई जाती है। मानसून पश्चात् मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण यंत्री द्वारा बांध की गैलरी का निरीक्षण किया गया है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नहरों का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
108. ( क्र. 1257 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य अभियंता रानी अवंती बाई लोधी सागर परि. बरगी हिल्स जबलपुर के तहत कार्यपालन यंत्री संभाग बरगी हिल्स व बायीं तट नहर वितरण संभाग पाटन को नहरों का निर्माण संधारण मरम्मत व सुधार कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति कब किस स्तर पर दी गई एवं इन कार्यों से संबंधित कितनी-कितनी राशि के साख पत्र कब-कब प्रदाय किये गये? किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कब किस एजेन्सी/ठेकेदार से कराये गये तथा इन कार्यों से संबंधित कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में किस-किस एजेंसी/ठेकेदार से निविदा की स्वीकृत शर्तों के तहत ठेकेदार व सुरक्षा निधि की कितनी-कितनी राशि कब जमा कराई गई? किन-किन एजेंसी/ठेकेदार ने निर्धारित समयावधि में कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य पूर्ण नहीं कराया गया है एवं क्यों? किन-किन एजेन्सी/ठेकेदारों से किन-किन कार्यों से संबंधित कितनी-कितनी राशि की कटौती कब की गई है तथा किस-किस से कब से कितनी-कितनी राशि वसूल करना बकाया है एवं क्यों?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति विभाग स्तर से जारी की गई है। साख पत्र दिये जाने की प्रक्रिया अस्तित्व में नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार है।
म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. मुरैना वृत्त द्वारा जारी विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
109. ( क्र. 1273 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के मुरैना वृत्त के अंतर्गत आने वाले विभिन्न वितरण केन्द्रों पर विद्युत वितरण कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारियों के मौखिक दिशा निर्देश पर वर्ष 2008 से नवम्बर 2014 तक कितने घरेलू विद्युत कनेक्शन जारी किये गये थे। अधिकारी का नाम, कनेक्शनों की संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्या वर्ष 2008 से नवम्बर 2014 तक जारी किये गये घरेलू विद्युत कनेक्शनों के लिये उपभोक्ताओं से आवेदन पत्र, अनुबंध पत्र, राशन कार्ड, वोटरकार्ड की स्व-प्रमाणित छायाप्रति एवं ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत के सरपंच का प्रमाणीकरण एवं नये घरेलू कनेक्शन हेतु राशि जमा कराई गई थी। यदि हाँ, तो कनेक्शन हेतु जारी आर. वन नम्बर व दिनांक, आर.टू. नंबर व दिनांक एवं जमा राशि की रसीद क्रमांक, दिनांक सहित जानकारी दी जावें। (ग) उक्त औपचारिकताएं किये बगैर जारी किये गये घरेलू विद्युत कनेक्शनों में हुई अनियमितताओं के लिये दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी तथा जारी किये गये नियम विरूद्ध कनेक्शनों को रद्द कर उनका बिल भुगतान समाप्त किया जावेगा? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत मुरैना वृत्त में आने वाले वितरण केन्द्रों/जोनों पर विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के प्रावधानों के अनुसार ही घरेलू विद्युत कनेक्शन जारी किये गये है। अत: प्रश्न का शेष भाग आवश्यक नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 में नवीन घरेलू विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने के लिए निर्धारित दस्तावेज प्राप्त कर नवीन घरेलू कनेक्शनों हेतु राशि जमा कराई गई। प्रश्नाधीन अवधि में दिये गये घरेलू कनेक्शनों की संख्या हजारो में होने के कारण प्रश्नानुसार चाही गई प्रकरणवार जानकारी का स्वरूप अत्यंत वृहद होने के कारण अल्प समय में संकलित कर पाना संभव नहीं है। प्रश्नानुसार चाही गई जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में निर्धारित औपचारिकताएं पूर्ण किये बिना कनेक्शन जारी नहीं किये गये है। अत: प्रश्नाधीन कनेक्शन निरस्त करने, किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
मुरैना जिले में लोक कल्याण शिविरों का आयोजन
[सामान्य प्रशासन]
110. ( क्र. 1282 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2016 में कितने लोक कल्याण शिविरों का आयोजन कब-कब एवं किस-किस विकासखण्ड में किया गया? दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त आयोजनों पर कितनी राशि किस-किस विकासखण्ड में खर्च की गई राशि, मद सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) उक्त शिविरों में कितने प्रकरणों का निपटारा किया गया? संख्या सहित विकास खण्डवार जानकारी दी जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 2016 में प्रश्न दिनांक तक 70 लोक कल्याण शिविर का आयोजन किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) उक्त आयोजनों पर जिला पंचायत एवं विकासखण्ड में शासकीय मद से राशि खर्च करने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त शिविरों में 2154 प्रकरणों का निपटारा किया गया। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
बकायादारों पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
111. ( क्र. 1298 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वाणिज्यिक कर विभाग में प्रश्न दिनांक तक किस-किस फर्म पर कितना कर कब से बकाया है? राशिवार फर्मवार विवरण दें। (ख) क्या फर्म पर राशि बकाया होते हुए पंजीयन जीवित हो सकता है? हाँ तो प्रावधान की प्रति दें। यदि नहीं तो बकायादारों के पंजीयन क्यों निरस्त नहीं किए गए। कारण बताएं? इसके लिए कौन उत्तरदायी है। (ग) दिनांक 01/04/2016 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले की किन-किन फर्मों पर छापा डाला गया। छापे में क्या अनियमितताएं पाई गई, उसके पश्चात् उन फर्मों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) कटनी जिले में महुआ पर कितना कर विगत 05 वर्षों में किन-किन फर्मों द्वारा किस दर से भुगतान किया गया है। फर्मवार वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) कटनी जिले में वाणिज्यिक कर विभाग में प्रश्न दिनांक तक फर्मवार‚ अवधिवार‚ राशिवार‚ बकाया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बकायादारों से बकाया राशि की वसूली हेतु उनके पंजीयन प्रमाण पत्र निरस्त किए जा सकते हैं‚ किन्तु ऐसा करना वैधानिक अनिवार्यता नहीं है। (ग) दिनांक 01-04-2016 से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले में 4 सहयोगी फर्मों सहित कुल 9 फर्मों पर छापें की कार्यवाही की गई। डाले गये छापों में पाई गई अनियमितताओं से संबंधित जप्त हिसाबात में स्क्रूटनी की कार्यवाही की जा रही है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) महुआ का क्रय-विक्रय करने वाले व्यवसाई कटनी जिले में पंजीयत नहीं है। अत: विगत 05 वर्षों में कोई कर जमा नहीं हुआ है।
मध्य प्रदेश शासन के विभिन्न विभागों में आरक्षित वर्ग के रिक्त पदों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
112. ( क्र. 1306 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन के अधीन विभिन्न विभागों में अ.जा./अ.ज.जा. एवं पिछड़े वर्ग के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने कितने रिक्त पद हैं? विभागवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कब-कब अभियान चलाकर विज्ञापन प्रकाशित किये गए हैं, तिथिवार, वर्षवार जानकारी देवें? (ग) क्या आरक्षित वर्ग के बैकलाग के पदों की पूर्ति हेतु शासन द्वारा ऐसी योग्यताएं अनिवार्य कर शर्त रख दी जाती है जिस कारण संबंधित डिप्लोमा/योग्यताओं के अभाव में उम्मीदवार न मिलने से पद रिक्त रह जाते हैं, फिर वही पद सामान्य वर्ग से भर लिए जाते हैं? ऐसा क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या मध्य प्रदेश शासन के ऐसे प्रावधान हैं कि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार न मिलने पर उक्त पदों पर किसी अन्य वर्गों से न भरे जाए, रिक्त रखे जाए एवं पुनः विज्ञापन निकालकर पदों को भरे जाने की कार्यवाही की जाय? (ड.) यदि हाँ तो शासन द्वारा कब-कब नियमो के विरुद्ध जा कर आरक्षित वर्गों के पदों पर सामान्य वर्ग से भरे जाने के निर्देश दिए गए हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ई - भुगतान प्रणाली
[वित्त]
113. ( क्र. 1307 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा विधायक स्वेच्छानुदान मद को भी ई- भुगतान प्रणाली के माध्यम से भुगतान किये जाने के निर्देश जारी किये गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो क्या उक्त आदेश से जरूरतमंद हितग्राहियों को तत्काल आर्थिक सहायता दिया जाना संभव है? (ग) यदि नहीं तो क्या उपरोक्त आदेश को निरस्त कर चेक के माध्यम से विधायक स्वेच्छानुदान की राशि दिए जाने के आदेश जारी किये जाएंगे, ताकि हितग्राहियों को त्वरित सहायता राशि प्राप्त हो सके? (घ) क्या तारांकित प्रश्न क्र. ३५३३ दिनांक ०१/०४/२०१६ को प्रश्नकर्ता सदस्य श्री देवेन्द वर्मा द्वारा पूछे गए प्रश्न के बिन्दु (घ) के उत्तर में विचार कर शीघ्र कार्यवाही किये जाने के दिए गए आश्वासन पर आदेश प्रसारित किये गये या नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 16-9-2010 द्वारा शासकीय देयकों का ई-भुगतान प्रणाली से भुगतान किये जाने के निर्देश जारी किये गये है। (ख) से (घ) विधायक एवं मंत्री स्वेच्छानुदान मद की राशि के भुगतान को ई-भुगतान प्रणाली से मुक्त करने के निर्देश वित्त विभाग के परिपत्र एफ 1-2/2016/नियम/चार दिनांक 5-5-2016 जारी किये गये है।
ऊर्जा विभाग द्वारा निर्धारित प्रति यूनिट दरों की जानकारी
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 1308 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन ऊर्जा विभाग द्वारा घरेलू विद्युत उपभोगताओं के लिए प्रति यूनिट निर्धारित दरों की जानकारी देवें एवं शासन के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या अ.जा. / अ.ज.जा. के बी.पी.एल. हितग्राहियों को सामान्य उपभोक्ताओं की अपेक्षा शासन द्वारा छूट दी गई है? यदि हाँ तो प्रति यूनिट कितनी दर है तथा कुल कितनी यूनिट बिजली खपत तक छूट प्रदान की गई है? (ग) क्या मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सतना द्वारा एवरेज बिल तैयार कर मनमानी तरीके से बिजली के बिल भेजे जाते हैं जिस कारण उपभोक्ताओं को भारी भरकम बिजली बिल भेजे जाने से समय पर भुगतान नहीं हो पाने की स्थिति में जेल भेजने की कार्यवाही की जाती है ? ऐसा क्यों? वास्तविक बिल मीटर रीडिंग के आधार पर न दिए जाने के क्या कारण हैं? (घ) क्या पीड़ित उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए वास्तविक बिल मीटर रीडिंग के आधार पर भेजने हेतु विभाग को कड़े निर्देश जारी किये जावेंगे, ताकि निरपराध उपभोक्ताओं को समस्या से निजात मिल सके?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत दरों का निर्धारण मध्य प्रदेश शासन द्वारा नहीं अपितु मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित विद्युत दरों पर आवश्यकतानुसार सब्सिडी म.प्र.शासन द्वारा दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिये घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरें संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु राज्य शासन द्वारा जारी सब्सिडी आदेश दिनांक 9 अगस्त 2016 की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर एवं राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के आधार पर ही घरेलू उपभोक्ताओं को बिल प्रेषित किया जाता है। (ख) राज्य शासन द्वारा अ.जा./अ.ज.जा. के बी.पी.एल हितग्राहियों को उनके घरेलू विद्युत कनेक्शन में प्रति माह 25 यूनिट तक के बिजली उपभोग पर ऊर्जा प्रभार में रूपये 2.90 प्रति यूनिट की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। (ग) जी नहीं। सामान्यत: मीटर में दर्ज वास्तविक खपत के आधार पर ही बिल तैयार किये जाते हैं, परन्तु मीटर बंद/खराब होने की स्थिति में विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.35 में निहित प्रावधान अनुसार आंकलित खपत के आधार पर बिल प्रेषित किये जाते है। भुगतान नहीं होने पर विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 9.14 एवं 7.27 में निहित प्रावधान अनुसार कनेक्शन विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है। समय पर भुगतान नहीं हो पाने की स्थिति में जेल भेजे जाने जैसी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। मीटर बंद/खराब होने की स्थिति में वास्तविक बिल मीटर रीडिंग के आधार पर देने संभव नहीं होता है। (घ) मीटर की कार्यप्रणाली सही होने की स्थिति में मीटर में दर्ज खपत के आधार पर ही बिल जारी किये जाने के निर्देश पूर्व से ही विद्यमान हैं। बिलिंग में यदि उपभोक्ता को आपत्ति होती है तो बिलिंग की एवं मीटर की कार्यप्रणाली की जाँच की जाती है तथा उपभोक्ता के असंतुष्ट रहने पर विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम में सुनवाई का प्रावधान भी उपलब्ध है।
गांधीसागर बॉंध क्षेत्र में निवासरत परिवारों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना
[ऊर्जा]
115. ( क्र. 1309 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधीसागर बाँध क्षेत्र अन्तर्गत निवासरत लगभग 5000 जनसंख्या एवं 2100 के लगभग परिवार को मूलभूत सुविधा बिजली, सड़क, पानी (पेजयल), आदि का संचालन एवं संधारण किसके द्वारा किया जा रहा हैं यहाँ निवासरत लोगों को समस्त मूलभूत सुविधाएं मिल रही है? यदि नहीं तो इसका कौन जिम्मेदार है? (ख) म.प्र.पावर जनरेटिंग कं. गांधीसागर जिसके पास पेयजल एवं विधुत कार्य की जिम्मेदारी है, जिसका अनुबंध हुआ है, क्या अनुबंध अनुसार कं. द्वारा कार्य किया जा रहा है ? यदि नहीं तो क्या अनुबंध की शर्तो के अनुसार शासन इनके खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा? (ग) क्या शासन ने गांधीसागर पर निवासरत परिवारों को नवीन पेयजल कनेक्शन देने हेतु प्रतिबंध लगा रखा है? यदि नहीं तो जिम्मेदार संस्था द्वारा पेयजल हेतु कनेक्शन क्यों नहीं दिये जा रहे हैं? कितने परिवार हैं जिन्होने पेयजल हेतु आवेदन दे रखे हैं और किस दिनांक से? इनको कब तक कनेक्शन दिये जायेंगे? (घ) जल संसाधन विभाग जिसके पास सड़क एवं मरम्मत कार्य की जिम्मेदारी है विभाग द्वारा वहा कोई कार्य करवाया जा रहा है? यदि नहीं तो कौन करायेगा और कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गाँधी सागर बाँध क्षेत्र अन्तर्गत बिजली की सुविधा म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी एवं जल संसाधन विभाग द्वारा अपनी-अपनी कॉलोनी के लिये तथा अन्य क्षेत्र हेतु पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण द्वारा प्रदाय की जाती है। सड़क संधारण जल संसाधन विभाग द्वारा तथा पेयजल व्यवस्था का संचालन एवं संधारण म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा किया जाता है। यहाँ निवासरत लोगों को उक्त मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हो रही है, अत: जवावदेही निर्धारण का प्रश्न नहीं उठता। (ख) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के पास पेयजल एवं विद्युत कार्य से संबंधित कोई अनुबंध उपलब्ध नहीं है तथापि पूर्ववर्ती म.प्र.विद्युत मंडल एवं अन्य शासकीय विभागों के मध्य में हुई बैठक दिनांक 02.12.1964 एवं 03.12.1964 के कार्यवाही विवरण के अंतर्गत पूर्ववर्ती म.प्र.विद्युत मंडल को जल प्रदाय एवं स्ट्रीट लाईट का कार्य आवंटित किया गया था। आवंटन के अनुसार उक्त कार्य किये जा रहे हैं। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है। (ग) गाँधी सागर में निवासरत परिवारों को पेयजल कनेक्शन देने हेतु कोई प्रतिबंध नहीं है। म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा पेयजल कनेक्शन दिए जाने में कुछ व्यवहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जैसे पेयजल संयत्र का पुराना होना तथा सीमित क्षमता एवं प्रत्येक क्षेत्र में सप्लाई लाईन की क्षमता से अधिक कनेक्शन दिए जाने या कुछ क्षेत्र कॉलोनी से अत्यधिक दूरी पर स्थित होना व पाइप लाईन का न होना। इन कारणों से आवेदकों को जल आपूर्ति हेतु नए कनेक्शन देने में देरी होती है। वर्तमान में पेयजल हेतु कुल 06 आवेदन लंबित हैं जो कि दिनांक 01.09.2015 से 05.11.2016 की समयावधि के हैं। आवेदकों को जल प्रदाय कनेक्शन देने के प्रयास किये जा रहे हैं, जिसकी समय-सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। (घ) सड़क के मरम्मत के कार्य की जिम्मेदारी जलसंसाधन विभाग की है। जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में क्षेत्र की किसी भी सड़क का विशेष मरम्मत कार्य नहीं करवाया जा रहा है। सड़कों की मरम्मत हेतु रू. 47.08 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया है एवं राज्य शासन से स्वीकृति उपरान्त कार्य कराया जाएगा। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ट्रांसफार्मर वितरण व्यवस्था
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 1310 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने ट्रांसफार्मर हैं जो जल जाने एवं अन्य कारणों से खराब पड़े हैं? इनमें से कितने को बदला गया तथा कितने बदले जाने शेष हैं? यदि शेष हैं तो इन्हे बदलने में देरी का कारण बतावें तथा कब तक बदल दिये जायेंगे। (ख) क्या रबी को सीजन में कृषकों को फसल की बुआई के बाद तत्काल विद्युत व्यवस्था हेतु ट्रांसफार्मरों की आवश्यकता होती है यदि हाँ, तो उनकी पूर्ति किस प्रकार की जावेगी? ट्रांसफार्मर प्राप्त हो सके इस हेतु विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ तो कब तक लाभ मिल पायेगा? (ग) अनुदान योजना अंतर्गत गरोठ विधानसभा अंतर्गत कितने किसानों द्वारा आवेदन किये जाकर राशि जमा की जा चुकी है और उनको प्रश्न दिनांक तक ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं कराये गये हैं इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग ऐसी कार्य एजेसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दिनांक 20.11.2016 की स्थिति में 78 जले/खराब ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष थे। इनमें से 34 ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा किए जाने के उपरांत 20 ट्रांसफार्मर बदल दिए गए है तथा शेष 14 ट्रांसफार्मर निर्धारित समय-सीमा में बदले जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है। शेष 44 ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओ द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं की गई है, अतः इन्हें बदले जाने की अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। इस हेतु रबी मौसम प्रारंभ होने के पूर्व स्थापित ट्रांसफार्मरों का रखरखाव किया जाता है। आवश्यकता अनुसार नवीन ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराने तथा खराब ट्रांसफार्मर को बदले जाने हेतु नवीन ट्रांसफार्मर क्रय करने के साथ-साथ पुराने ट्रांसफार्मर को रिपेयर भी कराया जाता है, ताकि रबी मौसम में वितरण ट्रांसफार्मरों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहे। गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचा. एवं संधा. संभाग में 20 वितरण ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराये गये है। इस प्रकार की गई व्यवस्था के फलस्वरूप जले/खराब ट्रांसफार्मर बदलने में किसी तरह की कठिनाई नहीं है, जिसका लाभ कृषकों को मिल रहा है। (ग) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनुदान योजना में वर्ष 2016-17 में 175 किसानों द्वारा आवेदन किया जाकर राशि जमा कराई गई है। प्रश्न दिनांक तक 43 कृषकों के पंपों के कार्य पूर्ण कर दिए गए है। शेष 132 कार्यों के प्राक्कलन भी स्वीकृत किए जाकर कार्यादेश जारी किए जा चुके है। वरीयता क्रम के अनुसार उक्त कार्य समयावधि में पूर्ण किए जाएंगे। अतः उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र माँग संख्या 41 में प्राप्त राशि
[संस्कृति]
117. ( क्र. 1313 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र मॉंग संख्या 41 में विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हॉं, तो वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं प्राप्त राशि जिलेवार व्यय हेतु कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (ग) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र मॉंग संख्या 41 की राशि क्या आदिवासी समुदाय के देवस्थल/सामाजिक धरोहर/स्थलों/किला के रख-रखाव हेतु व्यय की जा सकती है या नहीं?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ. (ख) जी हाँ. जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार. (ग) जी हाँ. रानी दुर्गावती समाधि स्थल, जबलपुर के रख-रखाव का कार्य किया जाता है.
मातृत्व अवकाश/मदर केयर चाईल्ड लीव की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
118. ( क्र. 1317 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अवर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र क्रमांक 697/आर पिपरिया दिनांक 16/8/2016 द्वारा मदर केयर चाईल्ड लीव/मातृत्व अवकाश/महिलाओं को प्राप्त होने वाले अवकाश से संबंधित शासन के नियम एवं दिशा निर्देश की जानकारी चाही गयी थी? (ख) क्या स्वयं सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. भोपाल के स्पष्ट आदेश हैं कि माननीय सांसदों एवं माननीय विधायकों के पत्रों का जवाब समय-सीमा में प्रदान किये जाने के आदेश हैं? यदि हाँ तो जानकारी आज दिनांक तक प्रदान न करने के लिये कौन उत्तरदायी हैं? क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? (ग) कंडिका (क) में वर्णित जानकारी क्या प्रदान की जावेगी? उत्तर नहीं में हैं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत मीटर लगे होने के उपरांत आंकलित खपत प्रदान करना
[ऊर्जा]
119. ( क्र. 1318 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के अन्तर्गत ऐसे कितने विद्युत उपभोक्ता है जिनके विद्युत मीटर लगे हुये है एवं कार्य कर रहे हैं किन्तु उन्हें उनकों आंकलित खपत के बिल प्रदान किये गये है? यदि हाँ तो उनकी संख्या नाम सहित बतायें? (ख) यदि प्रश्नांश 'क' का उत्तर हाँ में है तो बतायें कि किस नियम/आदेश के तहत? आदेश व नियम की सत्य प्रति देवें। (ग) क्या ऐसा कोई नियम/प्रावधान नहीं है कि जिन उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगा हैं तथा सुचारू रूप से कार्य कर रहा हैं, वहां आंकलित खपत नहीं दी जावेगी? यदि हाँ तो कंडिका (क) में वर्णित कार्यवाही के लिये कौन उत्तरदायी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में पिपरिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसा कोई भी उपभोक्ता नहीं है जिसके परिसर में लगा मीटर सुचारू रूप से कार्य करने के बावजूद उसे आंकलित खपत का बिल दिया गया हो। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अध्याय 8 ''विद्युत मापन तथा बिलिंग'' के अंतर्गत उपभोक्ताओं को वास्तविक मीटर खपत के आधार पर विद्युत देयक दिये जाने तथा मीटर खराब होने पर आंकलित खपत के बिल दिये जाने का प्रावधान है। उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
जी.एम.म.प्र.म.क्षे.वि.क.लि. मण्डल गुना द्वारा पूर्व जी.एम. के फैसलों को बदलना
[ऊर्जा]
120. ( क्र. 1340 ) श्रीमती ममता मीना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. गुना की जी.एम. श्रीमती अमिता तिवारी ने गुना वृत्त की जी.एम. बनने के पश्चात् गुना के ही कितने कर्मचारियों का स्थानांतरण/ पोस्टिंग की है। सूची उपलब्ध कराये? (ख) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल की कर्मचारियों /अधिकारियों की स्थानांतरण नीति क्या है? सरक्युलर उपलब्ध करावें। (ग) गुना वृत्त के पूर्व जी.एम. श्री आर.सी विसौरिया ने विद्युत कम्पनी से एम.डी. के निर्देशानुसार एक ही स्थान पर 5 वर्षों से अधिक समय तक पदस्थ कर्मचारियों के स्थानांतरण किये थे। उनके स्थानांतरण पश्चात् श्रीमती तिवारी ने उन सभी कर्मचारियों का स्थानांतरण अपने पूर्ववत स्थान पर कर दिये है, क्यों ? (घ) क्या श्रीमती तिवारी को तत्काल गुना से हटाकर इनके द्वारा नियम विरूद्ध किये गये स्थानांतरणों को निरस्त कर इनके विरूद्ध विभागीय जाँच कब तक संस्थित की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्रीमती अमिता तिवारी, महाप्रबंधक (संचा./संधा.), गुना वृत्त द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद 212 कर्मचारियों के स्थानान्तरण किये गये हैं जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अन्तर्गत कर्मचारियों/अधिकारियों की स्थानान्तरण नीति से संबंधित परिपत्र क्रमांक प्रसं./म.क्षे./ स्था./एन.पी.एस.-05/15329 दिनांक 16.02.2015 जारी किया गया है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) गुना वृत्त के पूर्व महाप्रबंधक श्री आर.पी.बिसारिया ने कम्पनी नीति निर्देशानुसार विभिन्न 551 कर्मचारियों के स्थानान्तरण किये थे। इनमें से 55 कर्मचारियों को श्रीमती अमिता तिवारी, महाप्रबंधक (संचा./संधा.), गुना वृत्त द्वारा पूर्ववत स्थान पर स्थानान्तरित किया गया है। उक्त स्थानान्तरण प्रशासनिक आधार पर एवं कंपनी हित में, कार्य की आवश्यकता अनुसार किये गये हैं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. मण्डल गुना में निविदा कार्यों की नीति
[ऊर्जा]
121. ( क्र. 1341 ) श्रीमती ममता मीना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत वितरण कंपनी में बिना निविदाओं के आधार पर कार्य कराने की नीति है? (ख) यदि नहीं तो गुना जिले में महाप्रबंधक द्वारा बिना निविदाओं के क्यों और कौन-कौन से कार्य संपादित कराये हैं? विगत दो वर्षों में स्वीकृत कार्यों के नाम, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, कार्य की अद्यतन स्थित तथा कार्यवार निविदा का क्रमांक, दिनांक सहित सूची दी जावें? (ग) क्या एस.टी.सी. के माध्यम से संपादित कार्यों के लिये लेबर की निविदायें अर्थात विद्युत सामग्री स्थापना के लिये अन्य कार्यों के संपादन के लिए क्या नीति है? क्या इसके लिये कोई नीतिगत प्रक्रिया अपनाई गई ह? (घ) यदि नहीं तो जवाबदेह अधिकारी को निलंबित कर कब तक विभागीय जाँच प्रारंभ की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अन्तर्गत वर्क्स मेन्युअल एवं अधिकार प्रत्योजन पुस्तिका (डी.ओ.पी.) के अनुसार 3 लाख रूपये तक के लेबर कॉन्ट्रेक्ट के कार्य इन्क्वायरी/लेबर अवार्ड के माध्यम से एवं 3 लाख रूपये से अधिक के कार्य निविदा प्रक्रिया के माध्यम से कंपनी में पंजीकृत ठेकेदार द्वारा कराये जाने का प्रावधान है। (ख) महाप्रबंधक (संचा./संधा.) वृत्त, गुना के द्वारा बिना निविदाओं के कोई भी कार्य नहीं कराये गये हैं। विगत दो वर्षों में प्रश्नांश ''ख'' अनुसार चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अन्तर्गत उपपारेषण निर्माण (एस.टी.सी.) संभाग द्वारा भी उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार लेबर कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर कार्य सम्पादन हेतु वर्क्स मेन्युअल एवं अधिकार प्रत्योजन पुस्तिका (डी.ओ.पी.) के अनुसार 3 लाख रूपये तक के लेबर कॉन्ट्रेक्ट के कार्य इन्क्वायरी/लेबर अवार्ड के माध्यम से एवं 3 लाख रूपये से अधिक के कार्य निविदा प्रक्रिया के माध्यम से, कंपनी में पंजीकृत ठेकेदार द्वारा कराये जाने का प्रावधान है। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अपरवेदा डेम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना
[पर्यटन]
122. ( क्र. 1385 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोई पर्यटन स्थल नहीं हैं तथा खरगोन जिले अन्तर्गत भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन हेतु अपरवेदा डेम स्थल को विकसित किया जा सकता है जिससे क्षेत्रवासियों को रोजगार एवं पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा। (ख) क्या इसके लिए कोई योजना जिला प्रशासन या अन्य एजेंसी द्वारा बनाई जा रही है? नहीं तो क्या भविष्य में प्राथमिकता पूर्वक अपरवेदा डेम स्थल को पर्यटन क्षेत्र विकसित करने हेतु योजना बनाई जावेगी? हाँ तो समयावधि बताएं?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) अपरवेदा डेम को विकसित करने की कोई योजना नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय कार्यों /कार्यक्रमों का बाह्य मूल्याकंन
[सामान्य प्रशासन]
123. ( क्र. 1397 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा विभागीय समीक्षा बैठक दिनांक १९-०९-२०१५ में योजनाओं/कार्यक्रमों का तृतीय पक्ष से मूल्याकंन कराये जाने के निर्देश और विभाग द्वारा ०४ फरवरी २०१६ को इसी विषयक पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो जनसंकल्प २०१३ का बिन्दु क्रमांक-१९ माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश एवं विभाग का पत्र क्या है? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी जिले में उपरोक्त निर्देश कब प्राप्त हुये और इन निर्देशों पर कब-कब एवं क्या-क्या कार्यवाही की गई? विभाग/कार्यालयवार बतायें। (ग) कटनी जिले के समस्त शासकीय विभागों में इन निर्देशों के पालन में विभागीय कार्यों, योजनाओं एवं कार्यक्रमों का बाह्य मूल्यांकन कब-कब कराया गया तथा इसके क्या-क्या परिणाम प्राप्त हुये और निर्देशानुसार सामान्य प्रशासन को कब-कब, क्या अवगत कराया गया? विभागवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में बाह्य मूल्याकंन कार्य ना होने के क्या कारण रहे? क्या विभागीय निर्देशों के स्पष्ट उल्लंघन के जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऐतिहासिक, पुरातत्व एवं धार्मिक स्थलों पर विकास कार्य
[संस्कृति]
124. ( क्र. 1398 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के अतारांकित प्रश्न संख्या 103 (क्रमांक-1775), दिनांक-25-02-2016 के प्रश्नांश (क) एवं परिशिष्ट (द) के विवरण पत्रकों में उल्लेखित कार्यों का मूल्याकंन एवं भौतिक सत्यापन किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया तथा क्या-क्या निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गये? (ख) कटनी जिले में ऐतिहासिक, पुरातत्व एवं धार्मिक महत्व के स्थलों में संरक्षण एवं विकास के और कौन-कौन से कार्य कराया जाना प्रस्तावित एवं स्वीकृत है? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कटनी जिले में स्थित स्थलों में संरक्षण एवं विकास के कराये गये कार्यों में गंभीर अनियमितताएं की गई है? कुछ कार्य कराये ही नहीं गये है तथा कुछ कराये गये कार्य अनुपयोगी होकर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं? यदि हाँ, तो क्या इस पर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्या प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में स्थलों पर किये गये कार्यों की गुणवत्ता की जाँच करायी जावेगी? निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
नवीन एवं जले ट्रांसफार्मर की संख्या
[ऊर्जा]
125. ( क्र. 1405 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में विगत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में दिनांक 31.10.2016 तक कितने अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर कहाँ-कहाँ लगाये गये? (ख) अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाने के लिये लोकेशन का चयन किन मापदण्डों के आधार पर किया गया? (ग) क्या जले हुये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को ग्रामीण क्षेत्रों में तीन दिवस तथा शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे में बदलने का नियम हैवर्ष 2014-15,2015-16 एवं 2016-17 में दिनांक 31.10.2016 तक बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 25 के.व्ही.ए. के कुल कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुये थे एवं इनमें से कितनों को निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया गया संख्या बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में वर्ष 2014-15 में 85, वर्ष 2015-16 में 48 एवं वर्ष 2016-17 में दिनांक 31.10.2016 तक 74 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'अ-1', प्रपत्र 'अ-2' एवं प्रपत्र 'अ-3' अनुसार है। (ख) अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाने के लिए लोकेशन के चयन का मापदण्ड, वर्तमान में अवस्थित ट्रांसफार्मर की क्षमता से, संयोजित भार (स्थाई एवं अस्थाई का मिलाकर) का अधिक होना है। साथ ही निम्नदाब लाईन के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित सीमा से अधिक होने पर भी अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने पर विचार किया जाता है। लोकेशन के चयन के उपरान्त वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए स्वीकृति प्रदान की जाती है। उक्त मापदण्डों/प्रक्रिया के अनुसार ही प्रश्नाधीन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। (ग) जी हाँ, जले/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों को पात्र होने (ट्रांसफार्मर से जुड़े 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने) पर बारिश के मौसम (जुलाई से सितम्बर) को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में तीन दिवस में तथा शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे में बदलने का नियम है। बड़नगर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 25 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने तथा उन्हें बदले जाने संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
वर्ष |
25 के.व्ही.ए. के फेल ट्रांसफार्मरों की संख्या |
निर्धारित समय-सीमा में बदले गये ट्रांसफार्मरों की संख्या |
1 |
2014-15 |
117 |
117 |
2 |
2015-16 |
194 |
194 |
3 |
2016-17 (31.10.2016 तक) |
142 |
142 |
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से प्रदत्त राशि
[सामान्य प्रशासन]
126. ( क्र. 1406 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र से अत्यंत गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिये वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान के लिये कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? (ख) उपरोक्त प्रकरणों में कितनी राशि प्रदान की गई वर्षवार जानकारी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 78 प्रकरण स्वीकृत किये गये। (ख) वर्ष 2014-15 में 40 प्रकरणों में रूपये 35,75,000/-, वर्ष 2015-16 में 19 प्रकरणों में 16,75,000/- तथा वर्ष 2016-17 में 19 प्रकरणों में 9,50,000/-।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
[महिला एवं बाल विकास]
127. ( क्र. 1407 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रारंभ होने से सत्र 2014-2015 तक कितने आवेदन प्राप्त हुए? उनमें कितनी लड़कियों को पात्र माना गया और कितने को अपात्र माना गया वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) अपात्र किये जाने का क्या कारण है? (ग) क्या नियमानुसार सभी प्राप्त लाड़ली लक्ष्मी को उम्र के हिसाब से योजना के अनुसार लाभ प्रदान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अभी तक कितने रूपये की एन एस सी हितग्राहियों को प्रदान की जा चुकी है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रारंभ होने से सत्र 2014-2015 तक 8370 आवेदन प्राप्त हुए। जिनमें से 8329 आवेदन पात्र पाये गये तथा 41 अपात्र पाये गये। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में अपात्र किये जाने का कारण प्रथम बालिका का जन्म एक अप्रैल 2008 के पूर्व होने से एवं परिवार नियोजन, परिवार द्वारा द्वितीय संतान के दो वर्ष के पश्चात् अपनाने के कारण रहा है (ग) जी हाँ, योजना प्रारम्भ से वर्ष 2013-14 तक हितग्राहियों को 11,59,95,000/- रुपये की एन.एस.सी. प्रदाय की गई। वर्ष 2014-15 से योजना अंतर्गत हितग्राहियों को, मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी योजना निधि में राशि अंतरित करते हुए एनएससी के स्थान पर राशि रुपये 1,18,000/- का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।
पर्यटन विकास के कार्य
[पर्यटन]
128. ( क्र. 1408 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक पर्यटन विकास निगम द्वारा किन-किन स्थानों पर क्या क्या विकास कार्य और निर्माण कार्य किये गये हैं (ख) उपरोक्त कार्यों में कितनी लागत का कार्य किया गया? क्या विभाग द्वारा स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं या अभी भी कोई कार्य अपूर्ण हैं? (ग) अगामी वर्षों में विभाग द्वारा बड़नगर विधानसभा क्षेत्र को लेकर कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई योजना विभाग में विचाराधीन नहीं है।
आंगनवाड़ी भवन का किराया
[महिला एवं बाल विकास]
129. ( क्र. 1410 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आंगनवाड़ी भवन के किराये हेतु नागदा एवं उज्जैन को शहरी क्षेत्र माना गया है? क्या उज्जैन के लिये 1500/- रूपये एवं नागदा के लिये 750/- रूपये प्रतिमाह भवन किराये के रूप में दिये जा रहे हैं? यह अन्तर क्यों है? साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में 200/- रूपये भवन किराये के रूप में दिये जा रहे हैं, जो कि अव्यवहारिक है। उक्त किराया कब तक बढाया जावेगा? (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एव सहायिकाओं को माह में करीब 4-5 बार मासिक बैठकों के लिये विकासखण्ड मुख्यालय बुलाया जाता है, जबकि इन्हें टी.ए. डी.ए. नहीं दिया जाता है। इन्हें कब तक टी.ए. डी.ए. या निश्चित किराया भत्ता दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। संचालनालय एबाविसे भोपाल के पत्र क्रं. 2497 दिनांक 21.01.2014 द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में 1 जनवरी 14 से किराया का नवीन मापदण्ड 750/- रुपये प्रतिमाह किया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्र के आंगनवाड़ी भवन किराये के समानुपातिक कमी के आधार पर अधिकतम 750/- रुपये प्रतिमाह अंतर्गत किराया निर्धारण प्रक्रिया अनुसार कर किराया भुगतान की कार्यवाही की जाती है। (ख) संचालनालय मबावि भोपाल के पत्र क्रं. 1155 दिनांक 17.02.2005 के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को उनके द्वारा प्रस्तुत यात्रा देयक के आधार पर कार्यकर्ता को निम्नश्रेणी लिपिक को देय भत्ते के अनुसार राशि देय होती है तथा सहायिका को चतुर्थ श्रेणी को देय भत्ता अनुसार देय होता है। यदि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को ऐसे स्थान पर बुलाया जाता है तो नगरीय सीमा के अंदर है तो उसे किसी भी प्रकार के दैनिक भत्ते की पात्रता नहीं होगी। यदि बैठक स्थान/प्रशिक्षण स्थल नगरीय निकाय सीमा से बाहर है तब दैनिक भत्ते की पात्रता ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका द्वारा बैठकों/प्रशिक्षण में सम्मिलित होने पर प्रस्तुत यात्रा भत्ता देयक अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जाती है।
अप्रशिक्षित ठेका श्रमीकों को हितलाभ
[ऊर्जा]
130. ( क्र. 1411 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. विद्युत मण्डल में स्वीकृत हजारों स्थायी पदों के विरूद्ध वर्तमान में अप्रशिक्षित ठेका श्रमिकों से कार्य करवाया जा रहा है? इन अप्रशिक्षित ठेका श्रमीकों का वेतन चैक या बैंक के माध्यम से भुगतान न होते हुए नगद भुगतान किया जा रहा है, जिसके कारण न्युनतम वेतन भी इन ठेका श्रमिकों को नहीं मिल पा रहा है, साथ ही अप्रशिक्षित श्रमीक होने के कारण सम्पूर्ण म.प्र. में इनके साथ कार्य के दौरान दुर्घटनाएं घट रही हैं, इस कारण कई श्रमिकों की असामयिक मृत्यु भी हुई हैं तथा मृत्यु उपरान्त वर्तमान में इन ठेका श्रमिकों के परिवार को किसी भी प्रकार का हितलाभ या पारिवारिक सहायता संबंधित ठेकेदार या शासन के द्वारा नहीं दी जा रही है। (ख) क्या शासन की इन अप्रशिक्षित ठेका श्रमिकों को हितलाभ देने की कोई योजना है? यदि है तो कब तक लागू कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, म.प्र.विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती कंपनियों में स्वीकृत स्थायी पदों के विरूद्ध अप्रशिक्षित ठेका श्रमिकों से कार्य नहीं करवाया जा रहा है। तथापि ऐसे अनुषांगिक कार्य जिनमें सेवाप्रदाता एजेंसी के माध्यम से प्रदाय किये गये श्रमिकों से कार्य कराये जा रहे है, उनमें कुशल/अर्द्धकुशल/अकुशल श्रमिकों की सेवाएं ली जा रही है। ठेकेदारों के द्वारा नियोजित श्रमिकों को कलेक्टर द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन का भुगतान उनके बैंक खातों के माध्यम से ही कराया जाता है। श्रमिकों के साथ कार्य के दौरान दुर्घटनाएं मुख्यतः सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन नहीं करने से एवं असावधानी के कारण घटित हुई है। सेवाप्रदाता ठेकेदार द्वारा श्रमिकों के दुर्घटना बीमा का कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ई.एस.आई.सी.) के माध्यम से एवं जिन जिलों में ई.एस.आई.सी लागू नहीं है उन जिलों में सामुदायिक बीमा के माध्यम से प्रावधान किया जाता है। इसके अतिरिक्त श्रमिकों का बीमा, प्रधानमंत्री बीमा योजना में भी कराने के निर्देश है। कार्य के दौरान ऐसे ठेका श्रमिकों के साथ दुर्घटना होने पर संबंधित बीमा संस्थान द्वारा हितलाभ प्रदाय किया जाता है। कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर वर्कमेन कम्पन्सेशन एक्ट के तहत मुआवजा राशि का भुगतान नियमानुसार करवाया जाता है। (ख) विद्युत कंपनी के अनुषांगिक कार्यों हेतु सेवा प्रदाता एजेंसियों के माध्यम से श्रमिकों की आउटसोर्सिंग की जाती है। आउटसोर्सिंग एजेंसियों से विद्युत कंपनी द्वारा किये गये अनुबंध में श्रमिकों के हितों के संरक्षण हितलाभ देने के लिये निम्नलिखित प्रावधान किये गये है जो कि वर्तमान में लागू हैं - (1) न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत जिले के कलेक्टर द्वारा घोषित दरों पर भुगतान। (2) प्रत्येक माह के वेतन का भुगतान माह की समाप्ति पर एक सप्ताह की अवधि में करना। (3) श्रमिकों के भविष्य निधि खाते (ई.पी.एफ.) खुलवाकर प्रतिमाह श्रमिक एवं नियोक्ता का अंशदान श्रमिक के भविष्य निधि खातें (ई.पी.एफ.) में जमा कराना। (4) ई.एस.आई.सी. के तहत श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन करवाना एवं प्रतिमाह अंशदान जमा करना तथा जहाँ ई.एस.आई.सी. की सुविधा नहीं है वहाँ श्रमिकों का दुर्घटना बीमा करवाना। (5) कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर वर्कमेन कम्पन्सेशन एक्ट के तहत मुआवजा राशि दिया जाना। उक्त प्रावधानों के पालन संबंधी दस्तावेजों के प्रस्तुत करने पर ही आउटसोर्सिंग एजेंसी को देयकों का भुगतान किये जाने संबंधी दिशा निर्देश जारी किये गये है।
हाई टेन्शन लाइन से विस्थापन हेतु मुआवजा
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 1412 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन ऊर्जा मंत्री को प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिनांक 11/05/16 को पत्र क्रं. JSP/2016/1672 द्वारा नरसिंहपुर तहसील अंतर्गत ग्राम मुराछ एवं ग्राम मानकवारा में हाईटेन्शन लाइनों के नीचे बसे किसानों द्वारा विस्थापन हेतु ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के दौरान मुआवजे की मांग के संबंध में सूचित किया था? (ख) यदि हाँ तो इस पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) उक्त तरह के मुआवजे हेतु क्या नियम है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र पूर्व में प्राप्त होना नहीं पाया गया तथापि दिनांक 22.11.2016 को माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के कार्यालय से प्रश्नाधीन पत्र प्राप्त किया गया है। (ख) विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अन्तर्गत, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी विनियमों के अनुसार पूर्व से विद्यमान उक्त लाईनों को शिफ्ट करने हेतु, लाईन शिफ्टिंग के व्यय को वहन करने की सहमति सहित संबंधितों से आवेदन प्राप्त होने पर, तकनीकी साध्यता अनुसार लाईन शिफ्टिंग का कार्य किया जा सकता है। (ग) विद्यमान विद्युत लाईनों के नीचे/आस-पास निर्मित आवासों/निर्माण/नलकुपों के दृष्टिगत लाईन शिफ्टिंग का कार्य उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार किये जाने का नियम है, इस हेतु किसी प्रकार का मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है। तथापि किसी निर्माणाधीन अति उच्च दाब पारेषण लाईन के निर्माण के समय मात्र खड़ी फसल एवं वृक्षों को हुए नुकसान का मुआवजा नियमानुसार लाईन निर्माणकर्ता द्वारा देने का प्रावधान है।
बिल्डर द्वारा वेटकर की ज्यादा राशि वसूल की जाना
[वाणिज्यिक कर]
132. ( क्र. 1416 ) श्री दिनेश राय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में बार-बार निर्माण समूह बदलकर एक ही नाम के डायरेक्टर बिल्डर शंकर मंछानी के विरूद्व वेट की रकम न जमा करने की शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक नहीं की गई है? (ख) प्रश्न दिनांक तक बिल्डर शंकर मंछानी के कितने प्रोजेक्ट पर वेट की कितनी राशि बकाया है और उसके द्वारा ग्राहकों से वसूली गई राशि को जमा न करने से कितने राजस्व का नुकसान शासन को उठाना पड़ रहा है? (ग) बिल्डर शंकर मंछानी द्वारा ग्राहकों से वेट के रूप में ज्यादा राशि वसूल कर शासन को कम राशि जमा करने की कितनी शिकायतें वाणिज्य कर विभाग जबलपुर को प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई और उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) यह सही नहीं है कि बार-बार निर्माण समूह बदलकर एक ही नाम के डायरेक्टर, बिल्डर शंकर मंछानी के विरूद्ध वेट की रकम न जमा करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है, क्योंकि शिकायत के पूर्व से ही तीन कंपनियों इस संभाग के अंतर्गत पंजीयत/नामांकित हैं। इस संबंध में विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) बिल्डर श्री शंकर मंछानी की तीन कंपनियां विभाग में पंजीयत/नामांकित हैं। इन तीनों कंपनियों का कर निर्धारण कर अतिरिक्त मांग निकाली गई है, अत: राजस्व नुकसान की स्थिति नहीं है। इन कंपनियों पर देय वेट, शास्ति तथा उनसे वसूल की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। (ग) ग्राहकों से वेट के रूप में ज्यादा राशि वसूल कर शासन को कम राशि जमा करने संबंधी कोई शिकायत विभाग को प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित एक मात्र शिकायत प्राप्त हुई है, जिसका विवरण प्रश्नांश (क) के उत्तर के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दिया गया है।
म.प्र. शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी संगठनों की सूची
[सामान्य प्रशासन]
133. ( क्र. 1417 ) श्री दिनेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी के मान्यता प्राप्त संगठनों की सूची एवं उनके पदाधिकारियों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) उपरोक्त पदाधिकारियों में से किन-किन पदाधिकारियों को स्थानांतरण में छूट का प्रावधान है? (ग) उपरोक्त के संदर्भ में सिवनी जिले में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है जिन्हें स्थानांतरण में छूट की पात्रता आती है उनके नाम पद और संगठन के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत इस वर्ष इस नियम के तहत कितने लोगों ने स्थानांतरण से छूट प्राप्त की हैं? वे पदाधिकारी निर्वाचित या मनोनीत है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पत्रों पर कार्यवाही न करने वालों के विरूद्ध विधि संगत कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
134. ( क्र. 1438 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा एवं कलेक्टर रीवा को समय-समय पर जन-समस्याओं के निराकरण एवं अनियमितताओं के दोषियों पर कार्यवाही बाबत् पत्र लिखे गये? (ख) यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस पत्र पर कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रति देते हुए बतावें कि किन-किन पत्रों पर किस-किस तरह की कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में अगर पत्रों का निराकरण उचित कार्यवाही समय पर नहीं की गई, तो इसके लिये किन-किन को जिम्मेदार मानते हुए किस-किस तरह की कार्यवाही कब तक प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तेल ईंधन की खपत निर्धारित मात्रा में अधिक के लिए दोषियों से वसूली
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 1439 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संजय ताप विद्युत गृह 1,2,3 में उत्पादन केन्द्र इकाई को चालू करने में सहायता तथा भट्टी/अग्नि के स्थात्वि प्राप्त करने हेतु ईंधन तेल (भारी ईंधन तेल व हल्का डीजल तेल) का प्रयोग किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो म.प्र. विद्युत न्यायिक आयोग ने वर्ष 2010-11 से 2014-15 की अवधि के लिये विद्युत गृह 1 हेतु 1.15 मि.ली. प्रति के.डब्ल्यू.एच. का ईंधन तेल खपत का लक्ष्य क्या निर्धारित किया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विद्युत ग्रह इकाई 1 ने 2010-11 से 2014-15 की अवधि में म.प्र. विद्युत न्यायिक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्य से 494.050 कि.ली. से 3512.580 कि.ली. अधिक ईंधन तेल का उपयोग किया। क्या इस ईंधन की ज्यादा खपत कोयला मिलों के खराब बनकर पोषण, भट्टी अस्थिरता बहुधा बाहें कारी आउटेज हार्ट के कारण हुआ था? क्या उच्च गुणवत्तापूर्ण कोयला न होने के कारण भी यह स्थित निर्मित हुई? क्या संजय ताप विद्युत ग्रह की इकाई 2 एवं 3 ने भी ईंधन तेल का अपव्यय हुआ वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 तक का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ ने सरकार ने विद्युत ग्रह 1 में ईंधन का ज्यादा खपत इकाई पुरानी होने एवं वित्तीय कमी के कारण हुआ। म.प्र. न्यायिक आयोग द्वारा निर्धारित मानकों को इसी कारण प्राप्त नहीं किया जा सका। (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के संदर्भ में भट्टी के अस्थिरता के कारण ग्रह क्रं. 1 में 41.63 करोड़ मूल्य के 957349 कि.ली. तेल की अधिक खपत हुई। इस तेल की अधिक खपत के कारण जो नुकसान हुआ इसके लिये कौन-कौन जवाबदार है? जवाबदार लोगों से क्या अधिक व्यय हुये? तेल की कीमत अनुसार वसूली की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, अपितु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा संजय गांधी ताप विद्युत गृह क्रमांक एक हेतु ईंधन तेल खपत का वर्ष 2010-11, 2011-12 एवं 2012-13 की अवधि के लिये 1 मि.ली. प्रति इकाई एवं वर्ष 2013-14 व 2014-15 बावत् 1.30 मि.ली. प्रति इकाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। (ग) संजय गांधी ताप विद्युत गृह क्रमांक एक में ईंधन खपत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों से ज्यादा होने के मुख्य कारण पुरानी इकाई होने से तकनीकी कारणों जैसे टयूब लीकेज, इलेक्ट्रिकल फाल्ट, संयंत्र सहायक उपकरणों में खराबी आदि के कारण बंद होना, वर्ष 2010-11 एवं 2011-12 में ताप विद्युत गृह में कोयले की कमी के कारण तथा वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2014-15 में प्रदेश में विद्युत मांग में कमी के कारण इकाइयों को आंशिक भार पर चलाया जाना है। साथ ही विद्युत मांग में कमी के कारण इकाइयों को रिजर्व शटडाउन में बंद कर पुन: चालू करने के कारण भी तेल की खपत बढ़ी है। अत: मात्र कोयले की गुणवत्ता के कारण तेल खपत प्रभावित नहीं हुई है। संजय गांधी ताप विद्युत गृह क्रमांक दो (इकाई 2 नहीं) में भी तेल खपत उपरोक्त वर्षों में नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मानकों से अधिक हुई है। यह तकनीकी कारणों से हुई है, अत: यह अपव्यय नहीं है। संजय गांधी ताप विद्युत गृह क्रमांक तीन (इकाई 3 नहीं) में उपरोक्त वर्षों में तेल खपत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित मानकों से कम हुई है। संजय गांधी ताप विद्युत गृह हेतु वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक की अवधि में नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्य, वास्तविक तेल खपत एवं लक्ष्य से अधिक हुई तेल खपत का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संजय गांधी ताप विद्युत गृह क्रमांक एक में तेल खपत अधिक होने का कारण इकाईयों का पुराना होना है, न की वित्तीय कमी। खपत अधिक होने के तकनीकी कारणों का विवरण उत्तरांश-ग के अनुसार है। (ड.) संजय गांधी ताप विद्युत गृह, क्रमांक-1 में निर्धारित लक्ष्य से हुई अधिक तेल खपत के कारण उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार है, जिससे यह स्पष्ट है कि तेल खपत केवल भट्टी में अस्थिरता के कारण अधिक नहीं हुई है। अधिक तेल खपत तकनीकी कारणों से हुई है, अत: किसी की जवाबदारी एवं वसूली का प्रश्न नहीं उठता है।
विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
136. ( क्र. 1457 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत 01 वर्ष 2015-16 में कृषक अनुदान योजना के अन्तर्गत विभाग के पास कितने नवीन ट्रांसफार्मर स्थापित करने की राशि जमा है उनमें से कितने ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिए गए हैं तथा स्थापित ट्रांसफार्मरों में से कितने ट्रांसफार्मर खराब हैं कितने ट्रांसफार्मर विभाग द्वारा सुधार कार्य पूर्ण कर दिए गए है एवं अन्य कारणों से विभाग ने अपने पास रखे हुये है? प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनान्तर्गत ट्रांसफार्मर स्थापित करने हेतु जमा की गई राशि के उपरान्त कितने समय में ट्रांसफार्मर स्थापित करने का प्रावधान है? (ग) विधानसभा क्षेत्र में लंबित ट्रांसफार्मर स्थापित करने की कार्यवाही कब तक पूर्ण की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सागर जिले के नरयावली विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में ''कृषक अनुदान योजनांतर्गत'' 104 नवीन वितरण ट्रासंफार्मर स्थापित करने सहित स्थाई पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु राशि जमा है, जिनमें से प्रश्न दिनांक तक 81 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिए गए हैं तथा वर्तमान में उक्त स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से किसी भी ट्रांसफार्मर के खराब होने की सूचना नहीं है (ख) कृषक अनुदान योजनान्तर्गत आवेदकों द्वारा औपचारिकता पूर्ण करने के उपरांत 150 दिवस के अन्दर राईट ऑफ वे उपलब्ध होने पर लाईन विस्तार के कार्य पूर्ण किये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नाधीन शेष 23 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य राईट ऑफ वे उपलब्ध होने पर 150 दिवस के अंदर पूर्ण कर दिया जावेगा।
विधायकों को प्रदान शासकीय कर्मचारियों को दिये जाने वाले भत्ता
[सामान्य प्रशासन]
137. ( क्र. 1458 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के विधायकों को दी जाने वाली लिपिकीय सुविधा के लिये शासकीय कर्मचारी को शासन द्वारा नियत यात्रा भत्ता राशि 200 रू. प्रदाय करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. में सभी विधायकों को दिये गये शासकीय कर्मचारियों को नियत यात्रा भत्ता प्रदान किया जा रहा है? (ग) किन-किन विधायकों के साथ संलग्न शासकीय कर्मचारियों को नियत यात्रा भत्ता नहीं दिया जा रहा है? सूची कारण सहित उपलब्ध करायें? (घ) क्या भविष्य में विधायक के साथ संलग्न शासकीय कर्मचारी को मिलने वाले नियत यात्रा भत्ता की राशि में बढ़ोत्तरी की शासन की कोई नीति है? यदि हाँ, तो कब तक बढ़ोत्तरी की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय विधायकों को उपलब्ध कराए गए शासकीय कर्मचारियों द्वारा मांग किये जाने पर नियत यात्रा भत्ता दिया जाता है। (ग) माननीय विधायकों को उपलब्ध कराए गए शासकीय कर्मचारियों को यात्रा भत्ता न दिये जाने के संबंध में किसी भी संलग्न कर्मचारी से कोई शिकायत/ जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाँच आयोग की रिपोर्ट के अनुसार कार्यवाही नहीं की जाना
[सामान्य प्रशासन]
138. ( क्र. 1481 ) श्री आरिफ अकील, श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2004 से प्रश्न दिनांक की स्थित में समय-समय पर विभिन्न प्रकार के गंभीर अपराध/घटना घटित होने पर शासन द्वारा जाँच आयोग गठित किए गए है? यदि हाँ, तो किन-किन अपराध एवं घटनाओं को कब-कब किस-किसकी अध्यक्षता में जाँच आयोग गठित किए गए बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन से अपराध/घटना घटित हुए जिनके शासन द्वारा जाँच आयोग गठित किए और आयोग द्वारा शासन के समक्ष कब-कब क्या-क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की गई? आयोगवार अपराध/घटनवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या कुछ आयोग द्वारा शासन के समक्ष जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद भी कार्यवाही नहीं हो सकी? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से अपराध/घटना है, आयोग के अध्यक्ष का नाम सहित यह अवगत करावें कि जाँच पूर्ण करने में शासन की कितनी-कितनी राशि व्यय हुई और संबंधितों के विरूद्ध यानि रिपोर्ट के अनुसार कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण है इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मध्यप्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को प्रदेश शासन द्वारा प्राथमिकता दिये जाना
[सामान्य प्रशासन]
139. ( क्र. 1484 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों में भर्ती परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले आवेदकों को यह बंधन नहीं होता है कि वह मध्यप्रदेश का मूल निवासी है या अन्य किसी प्रदेश के यानि हिन्दुस्तान के किसी भी प्रदेश के आवेदक मध्यप्रदेश शासन के विभागों में नियुक्ति हेतु आवेदन कर सकते हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या अन्य प्रदेशों की भांति मध्य प्रदेश में भी शासन की नियुक्तियों हेतु मध्यप्रदेश के मूल निवासियों के ही आवेदन स्वीकार किए जाए व उन्हें ही प्राथमिकता दी जावे, अन्य प्रदेशों के आवेदकों के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाने के निर्देश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी 3-11/2012/1/3 दिनांक 13.01.2016 द्वारा मध्यप्रदेश के मूल निवासियों के लिए राज्य शासन की सेवाओं में भर्ती हेतु आयु सीमा 40 वर्ष तथा म.प्र. राज्य के बाहर के आवेदकों की आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित कर राज्य के मूल निवासियों को वरीयता दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला बाल विकास विभाग की संचालित योजनाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
140. ( क्र. 1512 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान में महिला एवं बाल विकास विभाग के अतंर्गत कौन-कौन सी योजनायें महिलाओं एवं बालकों के हितार्थ संचालित है इनमें से कौन-कौन सी योजनायें मण्डला जिले में संचालित है योजनावार पृथक-पृथक जानकारी दें? (ख) मण्डला जिले में संचालित योजनाओं हेतु वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 से वर्तमान तक की अवधि में कितना आवंटन, किस किस रूप में विभाग को प्राप्त हुआ इसमें से कितनी राशि/सामग्री व्यय की गई योजनावार, वर्षवार, आवंटन के व्यय की जानकारी देवें? (ग) मण्डला जिले में वर्तमान स्थिति में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं और नवीन आंगनवाड़ी खोलने के लिये क्या मापदण्ड हैं क्या ज्यादा जनसंख्या वाले क्षेत्र में नवीन आंगनवाड़ी खोलने की क्या योजना है? (घ) मण्डला जिले में कितने आंगनवाड़ी भवनविहीन हैं और भवन युक्त बनाने के लिये क्या योजना है किस किस योजना से आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये जाते हैं? जिले में एक भी आंगनवाड़ी भवनविहीन न रहे इसके लिये शासन स्तर से क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) संचालनालय महिला सशक्तिकरण/आई.सी.डी.एस., द्वारा महिलाओं एवं बालकों के हितार्थ संचालित योजनाएं निम्नलिखित है- लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाडो अभियान, बेटी बचाओ अभियान, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, उषा किरण योजना, समेकित बाल संरक्षण योजना पोषण आहार योजना मंगल दिवस एवं अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन योजनाएं संचालित है। (ख) मंडला जिले में संचालित योजनाओं हेतु वर्ष 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 (प्रश्नावधि काल तक) प्राप्त आवंटन, व्यय की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. |
योजना का नाम |
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015- 16 |
वर्ष 2016-17 |
|||
आवंटन |
व्यय |
आवंटन |
व्यय |
आवंटन |
व्यय |
||
1. |
पोषण आहार योजना |
919.14 |
764.46 |
827.23 |
735.97 |
623.01 |
57.38 |
2. |
मंगल दिवस |
39.32 |
39.26 |
39..32 |
39.32 |
29.49 |
19.63 |
3. |
अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन |
18.44 |
17.56 |
26.38 |
26.38 |
22.15 |
05.38 |
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मंडला जिले में 1821 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। परियोजनावार संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
परियोजना |
संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र |
क्र. |
परियोजना |
संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र |
1. |
बीजाडांडी |
157 |
6. |
नैनपुर |
255 |
2. |
घुघरी |
181 |
7. |
निवास |
148 |
3. |
मवई |
219 |
8. |
नारायणगंज |
147 |
4. |
मोहगॉव |
154 |
9. |
बिछिया |
269 |
5. |
मंडला |
291 |
|
|
|
भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत करने हेतु जनसंख्या के निम्नानुसार मापदण्ड निर्धारित किये गये है:-
(अ) आंगनवाड़ी केन्द्र:-1.1 ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु :- 400-800 (एक केन्द्र)
- 800-1600 (दो केन्द्र)
- 1600- 2400 (तीन केन्द्र)
(इसके पश्चात् प्रति 800 की जनसंख्या पर एक केन्द्र)
1.2 आदिवासी क्षेत्र हेतु :- 300-800 (एक केन्द्र)
नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) मंडला जिले में 233 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये पर संचालित) है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवनों के निर्माण हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियाँ जिले के प्रस्ताव एवं उपलब्ध आवंटन अनुरूप दी जा रही है एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की योजना विचाराधीन है। इसके अतिरिक्त टी.एस.पी. योजना अन्तर्गत भी मंडला जिले में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
141. ( क्र. 1513 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना मंडला जिले में कब से प्रारंभ हुई तथा इसमें जिले के कितने ग्रामों को चयनित किया गया? कितने ग्रामों को कितनी लागत से विद्युतीकरण प्रस्तावित है तथा विद्युतीकरण पूर्ण किये जाने की क्या समय-सीमा है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना से विधान सभा क्षेत्र मण्डला में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया तथा कितने ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है इसमें कितनी राशि का भुगतान/व्यय की गयी? कार्य एजेन्सी कौन है तकनीकी प्रतिवेदन अनुसार क्या कार्य प्रस्तावित है कितने समय में कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? धीमी गति से कार्य करने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्यों का किस-किस अधिकारी के द्वारा कब-कब, कहाँ-कहाँ निरीक्षण किया गया? (घ) उजाला योजना भारत सरकार द्वारा संचालित है म.प्र. में इसकी कार्य एजेन्सी कौन-कौन है इस योजना के क्या नियम निर्देश है योजना की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें वर्तमान तक मंडला जिलान्तर्गत कितने एल.ई.डी. बल्ब बांट दिये गये और कितने बांटे जाना है लक्ष्य बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला मंडला में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के प्रारंभ होने, योजनान्तर्गत सम्मिलित ग्रामों की संख्या, योजना की लागत एवं कार्यपूर्ण किये जाने की समय-सीमा की जानकारी संलग्न-परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र मण्डला में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया, जिन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया, उक्त कार्य हेतु भुगतान/व्यय राशि, ठेकेदार एजेन्सी का नाम, तकनीकी प्रतिवेदन अनुसार प्रस्तावित कार्य एवं उक्त कार्य की कार्यपूर्णता की अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना के स्वीकृत प्रश्नाधीन सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत कार्य ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध अनुसार फरवरी 2017 तक पूर्ण किये जाने हैं। 12वीं पंचवर्षीय योजना के कार्यों के धीमी गति से पूर्ण होने के मुख्य कारण अत्यधिक वर्षा के कारण पहुँच मार्ग उपलब्ध नहीं होना एवं ग्रामीण क्षेत्र में ठेकेदार एजेंसी के पास उक्त कार्य हेतु पर्याप्त कुशल श्रमिकों का उपलब्ध नहीं होना है। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित 11वीं पंचवर्षीय योजनान्तर्गत विद्युतीकरण के कार्यों का शत प्रतिशत निरीक्षण मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी द्वारा योजना क्रियान्वयन अवधि में सतत् रूप से किया गया है। 12वीं पंचवर्षीय योजनान्तर्गत विद्युतीकरण के कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु शत प्रतिशत निरीक्षण का कार्य थर्ड पार्टी एजेंसी मेसर्स एरडा द्वारा योजना क्रियान्वयन क्षेत्र में सतत् रूप से किया जा रहा है। योजनान्तर्गत जिले के कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं निरीक्षण हेतु जिला स्तर पर डी.आर.सी. सेल की भी स्थापना की गई है। इसके साथ ही आर.ई.सी. लिमिटेड एवं विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसियों द्वारा भी कार्य का निरीक्षण समय-समय पर किया जाता है। (घ) उजाला योजना के अन्तर्गत प्रदेश में म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा जिला कार्यालयों, अक्षय ऊर्जा शॉपस, सहकारी संस्थाओं की उचित मूल्य की दुकानों, एनर्जी इफीशियेंसी सर्विसेस लिमिटेड (ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार का संयुक्त उपक्रम) की वितरक एजेंसीज, पोस्ट ऑफिस आदि के माध्यम से एल.ई.डी. उत्पाद वितरण का कार्य किया जा रहा है। ऊर्जा विकास निगम द्वारा एनर्जी इफीशियेंसी सर्विसेस लिमिटेड से अनुबंध करने के पश्चात् उनके खाते में ऑनलाईन राशि जमा कराने पर एल.ई.डी. बल्ब, एल.ई.डी. ट्यूबलाईट व पंखे का वितरण क्रमश: रू. 85/-, रू. 230/- व रू. 1150/- पर किया जाता है। बल्ब व ट्यूबलाईट पर तीन वर्ष व पंखे पर ढाई वर्ष की रिप्लेसमेंट वारंटी है। जिला मण्डला में अब तक 70,055 एल.ई.डी. बल्ब का वितरण किया जा चुका है। जिलेवार लक्ष्य निर्धारित नहीं है, लेकिन पहचान पत्र के आधार पर कोई भी व्यक्ति/संस्था आदि अपनी आवश्यकता के अनुसार बल्ब क्रय कर सकता है।
परिशिष्ट- ''तीस''
अंग्रेजी एवं देशी शराब के ठेके
[वाणिज्यिक कर]
142. ( क्र. 1538 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में शासन द्वारा आबकारी विभाग को इस वित्तीय वर्ष 2016-17 में किन-किन स्थानों पर अंग्रेजी एवं देशी शराब की दुकान खोले जाने की अनुमति प्रदान की गई? उन स्थानों का नाम बतावें। क्या ठेकेदारों द्वारा नियमों को धता बताकर उच्च दामों पर शराब का विक्रय किया जा रहा है? जो नियम विरूद्ध है? लेकिन आबकारी विभाग द्वारा उन पर क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिरोंज क्षेत्र के ग्राम चितावर, छापू, भौरिया, गरेठा आदि ग्राम में बिना अनुमति के देशी शराब किस नियम के तहत विक्रय किया जा रहा है, जिस पर आबकारी विभाग द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? आबकारी विभाग द्वारा कितनी बार शराब विक्रय की दरों की जाँच की व कितने अवैध शराब विक्रय के प्रकरण बनाये? अनुविभागीय अधिकारी पुलिस को प्रस्तुत शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी के अन्तर्गत निम्नानुसार देशी/विदेशी मदिरा दुकानें संचालित है :- (1) विदेशी मदिरा दुकान सिरोंज, लटेरी, आनंदपुर (2) देशी मदिरा दुकान, हाजीपुर, कागदीपुर, रूसिया, लटेरी, क्षूकरजोगी, चंदेरी, उनारसी कलां, भगवंतपुर, मुगलसराय। शासन द्वारा निर्धारित दरों पर ही ठेकेदारों द्वारा शराब विक्रय किया जा रहा है। शासन द्वारा निर्धारित दरों पर शराब विक्रय हो इस हेतु आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर मदिरा दुकानों का निरीक्षण किया जाता हैं। (ख) सिरौंज क्षेत्र के ग्राम चितावर, छापू, भौरिया, गरेठा आदि ग्राम में आबकारी विभाग द्वारा देशी मदिरा के विक्रय संबंधी कोई अनुमति नहीं दी गई है। इन ग्रामों में अवैध मदिरा का विक्रय करने वाले व्यक्तियों की सूचना प्राप्त होने पर आबकारी अधिनियम-1915के अन्तर्गत बने नियमों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में दिनांक 19.11.2016 तक वृत सिरौंज के अन्तर्गत संचालित मदिरा दुकानों पर शराब विक्रय की दरों की जाँच निरीक्षण के दौरान वृत के अन्तर्गत आने वाले ग्रामों में अवैध मदिरा का विक्रय करने वाले 95 आरोंपियों के विरूद्ध आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत प्रकरण कायम किये गये है। ग्राम गरेठा एवं छापू में 03 आरोपियों के विरूद्ध सूचना प्राप्त होने पर प्रकरण कायम किये गये है। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस को प्रस्तुत शिकायतों के संबंध में पुलिस अधीक्षक जिला विदिशा से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अटल ज्योति विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
143. ( क्र. 1545 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत दो वर्षों में अटल ज्योति विद्युतीकरण योजना के तहत किन-किन ग्रामों एवं मजरा टोलों में कितने कार्य स्वीकृत किये गये है? स्वीकृत कार्यों में से किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया है? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने अपूर्ण है? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कार्य को किस एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा एवं शेष रहे मजरा टोलों को कब तक जोड़े जाने की संभावना है? समयावधि पूर्ण होने पर पुन: निविदाऐं आमंत्रित की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उक्त कार्य में अनियमितता संबंधी शिकायते कब-कब प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो शिकायतों की जाँच किस अधिकारी के द्वारा की जा रही है? कब तक जाँच की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ''अटल ज्योति'' विद्युतीकरण योजना न होकर एक अभियान है जिसका उद्देश्य कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे तथा घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराना है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
आई.ए.एस. अवार्ड अनुशासंनिक सेवा
[सामान्य प्रशासन]
144. ( क्र. 1557 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 में आई.ए.एस. अवार्ड के लिये गैर राज्य प्रशासनिक सेवा की भेजी गयी अनुशंसित सूची उपलब्ध करावे तथा बतावें कि जिन अधिकारियों के नाम सूची में थे क्या उनके पद राज्य प्रशासनिक सेवा के बराबर है? (ख) वर्ष 2015 की प्रेषित सूची में जिन अधिकारियों के नाम थे उन पर अगर किसी प्रकार की जाँच/अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित थी तो उनका नाम बतावें तथा लंबित कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) वर्तमान में कार्यरत् आई.ए.एस. अवार्ड प्राप्त गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के नाम, वर्तमान पद, अवार्ड, प्राप्ति की दिनांक सहित सूची देवें तथा बतावें कि किस किस अधिकारी को आई.ए.एस. अवार्ड देने के निर्णय के खिलाफ न्यायालय में वाद प्रचलन में है? प्रकरण सहित जानकारी देवे? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यवाही/सूची के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की सूची देवे तथा उन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2015 में चयन वर्ष 2014-ए के लिए अनुशंसित सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। जी हाँ। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (घ) सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार।
पोषण आहार प्रदाता कंपनियों पर कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
145. ( क्र. 1568 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. में पोषण आहार उपलब्ध कराने वाली कुछ कंपनियों/फर्मों/संस्थाओं पर आयकर विभाग द्वारा छापे की कार्यवाही की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो वे कंपनियां/फर्म कौन-कौन सी है तथा इनमें से कौन-कौन सी कंपनियों अभी भी पोषण आहार प्रदाय कर रही है? (ग) वित्तीय अनियमितता करने वाली इन कंपनियों को क्या शासन द्वारा ब्लेक लिस्ट किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्यमंत्री परिषद द्वारा लिए निर्णय अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं सबला योजनांतर्गत किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार का प्रदाय एम.पी.एग्रो के स्वयं के बाडी संयंत्र एवं 03 संयुक्त क्षेत्र उपक्रम 1.एम.पी.एग्रो टानिक्स लिमिटेड मण्डीदीप जिला-रायसेन, 2.एम.पी.एग्रो फूड लिमिटेड मण्डीदीप जिला-रायसेन, 3.एम.पी.एग्रो न्यूट्रीफूड लिमिटेड जिला-इन्दौर के माध्यम से किया जाता है। एम.पी.एग्रो. द्वारा वर्तमान में निरन्तर पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। (ग) आयकर विभाग द्वारा कोई सूचना अथवा अनियमितताओं से संबंधित कोई रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध नहीं करायी गयी है अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ी केन्द्र के भवनों की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
146. ( क्र. 1569 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये नये भवन स्वीकृत किये गये? (ख) उक्त अवधि में स्वीकृत भवनों में से कितने भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है कितने निर्माणाधीन हैं? प्रदेश में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में चलाये जा रहे हैं? (ग) मध्यप्रदेश में कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों में बाउण्ड्री वाल का निर्माण नहीं हुआ हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में 13 वें वित्त अन्तर्गत 769 तथा मनरेगा योजना के अभिसरण से 2500 आंगनवाड़ी भवन एवं वर्ष 2016-17 में मनरेगा योजना के अभिसरण से 3500 आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश ‘क’ अनुरूप वर्ष 2015-16 में 13 वें वित्त अन्तर्गत स्वीकृत 769 आंगनवाड़ी भवनों में से 47 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका हैं। भारत सरकार से मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु राशि प्राप्त होने के उपरांत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु राशि उपलब्ध कराई गई हैं। जिसके आधार पर जिला स्तर से इन भवनों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा रही हैं। प्रदेश में 21,976 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं। (ग) प्रदेश में 4493 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों में बाउंड्रीवॉल का निर्माण नहीं हुआ है।
अनियमित विद्युत देयक से उपभोक्ताओं को आर्थिक क्षति और कठिनाई
[ऊर्जा]
147. ( क्र. 1572 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत माहों में छिन्दवाड़ा जिले में मीटर वाचकों की लापरवाही के कारण समय पर मीटर रीडिंग नहीं करने, 4-5 माह की मीटर रीडिंग एक साथ करने अथवा कम विद्युत खपत किन्तु मीटर रीडिंग अधिक करने का मामला प्रकाश में आया है? यदि हाँ तो इन मामलों पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या कुछ उक्त प्रकार की शिकायतें प्रश्नकर्ता को प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने दिनांक 12.10.2016 को पत्र क्रमांक 1564 एवं 29.10.2016 को पत्र क्रमांक 1636 अधीक्षण यंत्री, म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. छिन्दवाड़ा को पत्र क्रमांक 1637 संभागीय यंत्री अमरवाड़ा एवं सहायक यंत्री चौरई को पत्र क्रमांक 1506 दिनांक 03.10.2016 पत्र क्रमांक 1397 दिनांक 09.09.2016 सहायक यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. चौराई को प्रस्तुत किया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त पत्रों में किन-किन बिन्दुओं पर शिकायत है? इन शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पत्रवार जानकारी दें? क्या समयावधि में जबाव दिया गया है यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या शासन उक्त शिकायत की जाँच करवाकर मीटर वाचकों की लापरवाही से एक साथ मीटर रीडिंग करने तथा विद्युत खपत से अधिक मीटर रीडिंग करने से विद्युत दर में हुई वृद्धि से उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने का आदेश देगा यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, छिन्दवाड़ा जिले में विशेष रूप से अमरवाड़ा संभाग के अंतर्गत चौरई क्षेत्र के मीटर रीडरों द्वारा मीटर रीडिंग में गड़बड़ी की शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायतों की जाँच कर वास्तविक रीडिंग के आधार पर विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। कार्यपालन अभियंता, अमरवाड़ा द्वारा मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने वाले मीटर रीडरों का अनुबंध निरस्त कर दिया गया है एवं उनके स्थान पर नये मीटर रीडरों को कार्य पर रखा गया है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नाधीन चाही गई बिन्दुवार शिकायत एवं ततसंबंध में की गई कार्यवाही की पत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त सभी पत्रों का उत्तर माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को दिया गया है, जिसका विवरण भी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। (घ) ऐसे उपभोक्ता जिन्हें त्रुटिपूर्ण रीडिंग के कारण अधिक रीडिंग के बिल जारी हुए थे उन्हें वास्तविक रीडिंग के बिल जारी कर दिये गए है एवं टैरिफ अनुसार अंतर की राशि का समायोजन कर उपभोक्ताओं को राहत प्रदान कर दी गई है।
विद्युत उपकेन्द्रों को आम विद्युत उपभोक्ताओं के उपयोग हेतु प्रारंभ कराया जाना
[ऊर्जा]
148. ( क्र. 1573 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन ने किन्हीं निर्माण कार्यों को जनप्रतिनिधियों अथवा संबंधित क्षेत्र के निर्वाचित विधान सभा सदस्यों से भूमि पूजन/लोकापर्ण कराये जाने अथवा उनसे योजनाओं का विस्तार अथवा प्रारंभ कराने अथवा इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित किये जाने के संबंध में कोई आदेश/निर्देश प्रसारित किया है? यदि हाँ तो संलग्न करें। (ख) क्या उक्त आदेश ऊर्जा विभाग के अंतर्गत म.प्र.पू.क्षेत्र वि.वि.कं. के द्वारा स्थनीय तौर पर कराये जा रहे निर्माण कार्य अथवा आम नागरिकों के उपयोग के लिए दिये जाने वाले सौगातों अर्थात स्थानीय जनप्रतिनिधियों माननीय विधान सभा सदस्यों से भूमि पूजन/लोकापर्ण कराने हेतु लागू है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) यदि लागू है तो छिंदवाड़ा जिले के विद्युत उपकेन्द्र बीझावाड़ा और बेलखेड़ा का भूमि पूजन कब और किससे कराया गया? क्या विधान सभा सदस्य होने के नाते प्रश्नकर्ता को इस कार्यक्रम में आहूत किया गया? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या उक्त दोनों विद्युत उपकेन्द्र लम्बे समय से निर्माणाधीन हैं? विद्युत विभाग के अधिकारियों के लापरवाही के चलते यह उपकेन्द्र गुणवत्ताहीन निर्माण होने से अभी तक चार्ज नहीं हो पाया तथा आम विद्युत उपभोक्ताओं के उपयोग हेतु लोकार्पित नहीं किया जा सका है? क्या शासन प्रश्नकर्ता के उपस्थिति में जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही और उपकेन्द्र का गुणवत्तायुक्त निर्माण कराकर प्रश्नकर्ता से शीघ्र लोकार्पित कराने का आदेश देगा? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, लागू हैं। (ग) प्रश्नांश 'ग' में उल्लेखित नवीन उपकेन्द्रों के भूमि पूजन संबंधी कोई आयोजन नहीं किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी नहीं। अपितु ग्राम बीझावाड़ा में विद्युत उपकेन्द्र का कार्य पूर्ण कर दिनांक 22.05.2016 को चार्ज कर दिया गया है तथा ग्राम बेलखेड़ा में विद्युत उपकेन्द्र का कार्य पूर्ण कर दिनांक 04.02.2016 को चार्ज कर दिया गया है। उक्त दोनों उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण किये गये हैं एवं दोनों उपकेन्द्रों को उपरोक्तानुसार दर्शायी दिनांक में चार्ज कर विद्युत आपूर्ति चालू कर दी गई है, अत: वर्तमान में किसी प्रकार की जाँच कराए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
बैतूल जिले में मीटर लगाये जाना
[ऊर्जा]
149. ( क्र. 1577 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कितने विद्युत उपभोक्ता हैं? ग्राम एवं नगरवार संख्या बतावें? (ख) क्या सभी विद्युत उपभोक्ताओं के यहां मीटर लग चुके हैं? यदि नहीं, तो कितने उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाया जाना बाकी है? (ग) मीटर कब तक लगा दिए जाएंगे? निश्चित समय-सीमा बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बैतूल जिले में कुल विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या 2,61,920 है जिनकी ग्रामवार एवं नगरवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। बैतूल जिले के अन्तर्गत दिनांक 31.10.2016 की स्थिति में घरेलू श्रेणी के 17,770 एवं बी.पी.एल. श्रेणी के 31,047, इस प्रकार कुल 48,817 उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर लगाना शेष है। (ग) मार्च-2017 तक मीटर स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रोटोकॉल का पालन
[सामान्य प्रशासन]
150. ( क्र. 1578 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्री सांसदों विधायकों के लिए प्रोटोकॉल के संबंध में दिशा निर्देश राजपत्र में प्रकाशन हुआ है? (ख) क्या राजपत्र में प्रकाशित सूची में 24वें अनुक्रमांक पर सांसद के बाद विधायक एवं उसके बाद राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त को रखा गया है? यदि हाँ तो इसके अनुसार विधायकों का स्थान राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त से ऊपर है? (ग) क्या उपरोक्तानुसार प्राटोकॉल का पालन प्रदेश के जिलों में किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्योंतथा क्या सरकार इस संबंध में कड़े दिशा-निर्देश जारी करेगी तथा कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ।दिनांक 23.12.2011 को राजपत्र में प्रकाशित हुआ है। (ख) जी हाँ।क्रमांक 24 पर संसद सदस्य, विधायक एवं राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त को क्रमश: रखा गया है। (ग) प्रोटोकाल का पालन जिलों में किया जा रहा है। इस संबंध में पुन: निर्देश दिनांक 26.09.2016 को जारी किये जा चुके हैं।
फर्मों की विवरणी
[वाणिज्यिक कर]
151. ( क्र. 1581 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्वालिटी एंटरप्राइजेस गंज बाजार खण्डवा, परख परिधान खंडवा, मेसर्स शेल्टर बिल्डर्स एंड डेक्लपर्स इंदौर, में. एस.एस. कंसल्टेंट एंड बिल्डर्स देवास द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत विवरणी पत्रों की छायाप्रति देवें? इन फर्मों द्वारा अविध दिनांक 01.01.15 से 30.04.16 तक के समस्त खरीदी बिलों का विविरण देवें? (ख) बुरहानी बिल्डिंग मटेरियल पानसेमल, तिरूपति ट्रेडर्स सेंधवा बोरसे मार्बल्स सेंधवा, स्वास्तिक ट्रेडर्स सेंधवा द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 व 2016-17 प्रश्न दिनांक तक दिए विवरणी पत्रों की छायाप्रति देवें? इन फर्मों द्वारा वन विभाग को की गई सप्लाई में वेट क्यों नहीं चुकाया गया? (ग) नर्मदा कंस्ट्रक्शन ओंकारेश्वर, डी.पी. इलेक्ट्रानिक्स इंदौर द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत विवरण पत्रों की छायाप्रति देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) क्वालिटी एंटरप्राइजेस गंज बाजार खण्डवा, परख परिधान खंडवा, मेसर्स शेल्टर बिल्डर्स एंड डेवलपर्स इंदौर द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत विवरणियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ए'' अनुसार है। इन फर्मों द्वारा अवधि दिनांक 01.01.15 से 30.04.16 तक के खरीदी बिलों का विवरण, विवरण-पत्रों में प्रदर्शित है। प्रश्नांश में वर्णित में. एस.एस. कंसल्टेंट एंड बिल्डर्स देवास, उज्जैन संभाग के देवास वृत्त के अभिलेखों के अनुसार पंजीयत नहीं हैं। (ख) बुरहानी बिल्डिंग मटेरियल पानसमेल, तिरूपति ट्रेडर्स सेंधवा, बोरसे मार्बल, सेंधवा एवं स्वास्तिक ट्रेडर्स सेंधवा द्वारा प्रस्तुत विवरण पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ए'' अनुसार है। वन विभाग को की गई सप्लाई पर टी.डी.एस. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''बी'' अनुसार है। (ग) नर्मदा कंस्ट्रक्शन ओंकारेश्वर के वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत विवरण पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ए'' अनुसार है। डी.पी. इलेक्ट्रॉनिक्स इंदौर के किसी भी वृत्त कार्यालय में पंजीयत नहीं है।
आनलाईन खरीदी टैक्स की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
152. ( क्र. 1582 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनलाईन टैक्स की अधिसूचना की छायाप्रति देवें? क्या यह सभी वस्तुओं पर 6% रहेगा या इसका कोई स्लेव है? (ख) इसके लिए प्रश्न दिनांक तक कितनी फर्मों/कूरियर कंपनियों व अन्य में पंजीयन कराया? इनकी सूची देवें? (ग) क्या शासन ने पोस्ट आफिसों से इसके लिए अनुबंध किया है? क्योंकि आनलाईन सामग्री पोस्ट आफिसों के माध्यम से भी आती है? यदि हाँ, तो अनुबंध की छायाप्रति देवें? यदि नहीं तो क्यों? (घ) शासन इसमें पुस्तकों, खेल सामग्री पर क्या छूट प्रदान करेगा? यदि नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दिनांक 01.10.2016 को अधिसूचना क्रमांक एफ-ए-46-2016-1-पाच (41) दिनांक 28.09.2016 जारी करते हुए ऑनलाईन/ई-कामर्स के माध्यम से प्रवेशकर अधिनियम की अनुसूची-2 के समस्त वस्तुओं पर प्रवेश कर लगाने हेतु अधिसूचित किया गया है। इन समस्त वस्तुओं पर अधिसूचना क्रमांक एफ-ए-46-2016-1-पाच (42) दिनांक 28.09.2016 से प्रवेशकर की दर 6% रखी गयी है। अधिसूचनाओं की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक 19 फर्मों द्वारा पंजीयन कराया गया है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिसूचनाओं के अनुसार अनुबंध का प्रावधान नहीं है। (घ) पुस्तक कर मुक्त है। खेल सामग्री पर छूट का कोई प्रस्ताव नहीं है। करारोपण राज्यहित में शासकीय राजस्व की आवश्यकता के आधार पर किया जाता है।
उदिता योजना का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
153. ( क्र. 1585 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के आदेश क्र. 1184/1035/2016/50-2 दि. 12-05-16 द्वारा संपूर्ण प्रदेश में उदिता योजना को विस्तारित करने के तहत विधान सभा क्षेत्र महिदपुर के कितने ग्रामों में कितने उदिता कार्नर स्थापित किए गए हैं? सूची देवें। (ख) इसके तहत कितनी सामग्री प्रश्न दिनांक तक प्रदाय की गई है? (ग) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के शेष बचे ग्रामों में उदिता कार्नर कब तक स्थापित कर दिए जाएंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर अंतर्गत उज्जैन जिले के 244 ग्रामों में से 242 ग्रामों में उदिता कार्नर स्थापित किए गए है। परियोजनावार एवं ग्रामवार स्थापित उदिता कार्नर की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा कोई सामग्री प्रश्न दिनांक तक प्रदाय नहीं की गई है। अतः जानकारी निरंक है। (ग) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर अंतर्गत शेष 02 ग्राम-खरडिया मानपुर एवं तोल्याखेड़ी में उदिता कार्नर स्थापित किया जाना शेष है। उक्त ग्रामों में 31.12.2016 तक उदिता कार्नर स्थापित कर दिए जाएंगे।
पुनर्वास स्थलों के घटिया निर्माण व संधारण
[नर्मदा घाटी विकास]
154. ( क्र. 1588 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार एवं बड़वानी जिले के पुनर्वास स्थलों पर मैंटेनेंस (संधारण) के कितने कार्य, कितनी लागत के कब-कब स्वीकृत किए गये? कार्य का नाम, लागत, निर्माणकर्ता फर्म, स्वीकृति दिनांक, पूर्णता दिनांक सहित विगत 05 वर्षों की जानकारी देवें? (ख) बड़वानी जिले के राजपुर विधानसभा क्षेत्र में गुणवत्ताहीन कार्यों की जाँच शासन कब तक करायेगा? क्योंकि संधारण के कुछ ही समय पश्चात् कार्य जर्जर अवस्था में आ गए? (ग) इससे संबंधित अधिकारियों की शासन कब तक जवाब देही तय कर उन पर कार्यवाही करेगा? प्रश्नांश 'क' अनुसार जानकारी समस्त स्वीकृत निर्माण कार्यों के संबंध में भी देवें। इसकी भौतिक सत्यापन रिपोर्ट देवें। (घ) घटिया निर्माण कार्य व घटिया संधारण करने वाली फर्मों व इसकी अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 21/08/2008 को डब्ल्यू.पी. 14765/2007 नर्मदा बचाओ आंदोलन विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य में सरदार सरोवर परियोजना के पुनर्वास कार्यों एवं पुनर्वास स्थलों पर किये गये व्यय की तुलना में गुणवत्ता की जाँच हेतु उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री एस.एस.झा की अध्यक्षता में न्यायिक जाँच करने के आदेश दिये गये थे। जाँच आयोग की रिपोर्ट में उल्लेख अनुसार पुनर्बसाहट स्थलों का निरीक्षण कर रख-रखाव/मरम्मत/उन्नयन संबंधी कार्य हेतु समिति गठित की गई है। उक्त समिति द्वारा उपयुक्त पाये गये पुनर्बसाहट स्थलों के रख-रखाव/मरम्मत/उन्नयन स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) एवं (घ) जाँच आयोग की रिपोर्ट अनुसार तत्समय पदस्थ 40 इंजीनियरों को कार्यों की निम्नतर गुणवत्ता हेतु उत्तरदायी माना गया। 40 में से 38 इंजीनियरों को शासकीय सेवा से पृथक किया गया। एक इंजीनियर का स्वर्गवास हो चुका है तथा 01 इंजीनियर के सेवानिवृत्त हो जाने से उसकी 100 प्रतिशत पेंशन रोकी गई है।
फर्मों द्वारा प्रस्तुत विवरणी पत्रों की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
155. ( क्र. 1589 ) श्री बाला बच्चन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुशी एंटरप्राईजेस उज्जैन, नीलकंठ इंटरप्राईजेस सुदामा नगर इंदौर, नेमीनाथ ट्यूब इंडस्ट्रीज क्लाथ मार्केट इंदौर, ग्लोब द आडियो विजुअल शॉप 8, मलिक मार्केट हमीदिया रोड, भोपाल द्वारा दिनांक 01-01-15 से 30-04-16 के समस्त खरीदी बिलों की छायाप्रति देवें। इन फर्मों के वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक विभाग को प्रस्तुत विवरणी पत्रों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि की जानकारी (खरीदी बिलों एवं प्रस्तुत विवरणी पत्रों) मेक कंस्ट्रक्शन उज्जैन, धरमदास तीरथदास इंदौर, अशोक कुमार जैन उज्जैन, गजानंद कंस्ट्रक्शन उज्जैन, शुभम खंडेलवाल उज्जैन, महेन्द्र जैन उज्जैन, संहिता कंस्ट्रक्शन इंदौर के संदर्भ में भी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि की जानकारी सुधीर सोगानी इंदौर, सतीश कंस्ट्रक्शन इंदौर, आर.एस. कंस्ट्रक्शन इंदौर, अर्जुन कंस्ट्रक्शन इंदौर, कनिष्का सप्लायर्स उज्जैन, शुभम इलेक्ट्रिकल्स इंदौर के संदर्भ में देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) खुशी इंटरप्राइजेस उज्जैन संभाग के उज्जैन वृत्त-01 में‚ नीलकंठ इंटरप्राईजेस, सुदामा नगर, इंदौर टिन 23250103618 इंदौर संभाग-01 के वृत्त-01 में, नेमीनाथ ट्यूब इंडस्ट्रीज क्लाथ मार्केट इंदौर संभाग-02 के वृत्त-03 में एवं ग्लोब द ऑडियो विजुअल शॉप 8, मलिक मार्केट हमीदिया रोड, भोपाल संभाग-01 के वृत्त-02 में पंजीयत है। कार्यालय में व्यवसाइयों के खरीदी बिलों की छायाप्रतियां संधारित नहीं की जाती है। इन व्यवसाइयों के वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक विभाग को प्रस्तुत विवरण पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ए अनुसार है। (ख) मेसर्स धरमदास तीरथदास इंदौर संभाग-02 के वृत्त-03 में एवं शुभम खण्डेवाल उज्जैन, उज्जैन संभाग के वृत्त-03 में पंजीयत है। कार्यालय में व्यवसाइयों के खरीदी बिलों की छायाप्रतियां संधारित नहीं की जाती है। विवरण पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-बी अनुसार है। मेसर्स मेक कंस्ट्रक्शन उज्जैन, अशोक कुमार जैन उज्जैन, महेंद्र जैन उज्जैन के नाम से उज्जैन संभाग में स्थित वृत्त कार्यालयों में कोई भी फर्म पंजीकृत नहीं है। संहिता कंस्ट्रक्शन इंदौर, इंदौर स्थित किसी भी वृत्त कार्यालय में पंजीयत नहीं है। मेसर्स गजानंद कंस्ट्रक्शन उज्जैन का पंजीयन दिनांक 01-04-2015 से निरस्त हैं। (ग) मेसर्स शुभम इलेक्ट्रिकल्स, इंदौर टिन 23259033968 इंदौर संभाग-01 के वृत्त-01 में, सुधीर सोगानी इंदौर, सतीश कंस्ट्रक्शन इंदौर, इंदौर संभाग-02 के वृत्त-03 एवं आर एस कंस्ट्रक्शन इंदौर संभाग-02 के वृत्त-11 में पंजीयत है। शुभम इलेक्ट्रिकल्स नाम से एक अन्य व्यवसायी जिनका टिन 23171204903 है, इंदौर संभाग-03 के वृत्त-12 में पंजीयत है। कार्यालय में व्यवसाइयों के खरीदी बिलों की छायाप्रतियां संधारित नहीं की जाती है। मेसर्स कनिष्का सप्लायर्स उज्जैन का पंजीयन दिनांक 01-04-2015 से निरस्त है। अर्जुन कंस्ट्रक्शन इंदौर, इंदौर स्थित किसी भी वृत्त कार्यालय में पंजीयत नहीं है। विवरण पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सी अनुसार है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर विभाग द्वारा कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
156. ( क्र. 1594 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय मुख्य सचिव, विभागीय प्रमुख सचिवों, विभाग प्रमुखों व विभागीय मंत्रियों को कब-कब मांग पत्र/पत्र देवरी विधानसभा क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं के निराकरण, विकास कार्यों, योजनाओं के क्रियान्वयन व जन समस्याओं के निराकरण हेतु लेख किये? उक्त पत्रों पर किस-किस स्तर से क्या-क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें व कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या शासन स्तर से माननीय विधायकों के पत्रों पर समुचित कार्यवाही करने उन्हें कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश है? यदि हाँ तो क्या प्रश्नांश (क) वर्णित पत्रों के संबंध में उक्त निर्देशों का पालन किया गया है? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित पत्रों में उल्लेखित कार्यों/मांगो के निराकरण मांगवार कब तक किया जावेगा इस हेतु की गई कार्यवाही का विवरण देवे निराकरण की स्थिति बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
157. ( क्र. 1595 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र में लाड़ली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन की क्या स्थिति है? ग्रामवार कितने आवेदन प्राप्त हुये व कितने प्रकरण स्वीकृत हुए? क्या सभी पात्र कन्याओं को योजना में सम्मिलित किया गया है? नहीं तो क्यों? (ख) देवरी विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ के आंगनबाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र भवनविहीन है? इनके भवन बनाये जाने की क्या योजना है वर्तमान में कितने व कौन-कौन से केन्द्रों में शैचालयों की व्यवस्था नहीं है? इस हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) देवरी विधानसभा क्षेत्र में विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी क्या-क्या शिकायतें विगत दो वर्षों में शासन/विभाग कलेक्टर सागर को प्राप्त हुई? शिकायतवार निराकरण की स्थिति बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र में लाड़ली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरुप किया जा रहा है। योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कुल 10986 आवेदनों को पंजीकृत कर स्वीकृत किया गया है। ग्रामवार प्राप्त आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। (ख) देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 191 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये के भवनों में संचालित) है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियाँ, जिले के प्रस्ताव एवं उपलब्ध आवंटन अनुरुप दी जा रही है तथा शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद से आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की योजना विचाराधीन है। देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 146 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र में शौचालय सुविधा उपलब्ध नहीं है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शौचालय सुविधाविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय का निर्माण स्थानीय स्तर पर विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से करने के लिये जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया है। (ग) देवरी विधानसभा क्षेत्र में लाड़ली लक्ष्मी योजना से संबंधित विगत दो वर्षों में 55 शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायतवार निराकरण की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मैहर विधानसभा क्षेत्र में विद्युतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
158. ( क्र. 1596 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में मैहर विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ, विद्युतीकरण के कार्य कुल कितनी लागत राशि के किए गए हैं? विद्युतीकरण के कितने कार्य वर्तमान में अपूर्ण है? इनकों पूर्ण किये जाने की क्या योजना है? (ख) मैहर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कौन-कौन से गांव अविद्युतीकृत है? इनके विद्युतीकरण की क्या योजना है? (ग) मैहर विधानसभा क्षेत्र में निम्मदाब घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत देयकों के निराकरण हेतु बकाया राशि समाधान योजना के क्रियान्वयन में उत्पन्न विभिन्न विसंगतियों, गड़बड़ी, छूट समाप्त होने एवं भारी भरकम वसूली की जाँच/ परीक्षण क्या किसी वरिष्ठ अधिकारी से कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में माह अक्टूबर-16 तक पूर्ण किए गए विद्युतीकरण के कार्य एवं लागत राशि की ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। मैहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विधुद्यतीकरण योजना के अन्तर्गत 119 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्तावित है, जिसे फरवरी, 2017 तक पूर्ण किया जाना है। (ख) मैहर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) मैहर विधानसभा क्षेत्र में निम्नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत देयकों के निराकरण हेतु बकाया राशि समाधान योजना लागू की जाकर पात्र उपभोक्ताओं को योजना के प्रावधान अनुसार छूट प्रदान की गई थी। तकनीकी त्रुटि के कारण बकाया राशि का एक मुश्त भुगतान वाले कुछ उपभोक्ताओं के बिलों में छूट दी गई राशि पुन: जुडकर आई। जानकारी में आने पर उक्त विसंगति का निराकरण कर लिया गया है एवं माह सितम्बर, 2016 के विद्युत देयकों में सुधार कर देयक जारी किये गये हैं। योजनान्तर्गत गड़बड़ी एवं छूट समाप्त होने जैसी स्थिति नहीं है, योजना के प्रावधान अनुसार ही देय राशि की वसूली की गई है। अत: जाँच/परीक्षण कराये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
159. ( क्र. 1597 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत दो वर्षों में मैहर विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों, योजनाओं के क्रियान्वयन, घोषणाओं की पूर्ति, जनसमस्याओं के निराकरण हेतु कब-कब मुख्यमंत्री कार्यालय एवं विभिन्न विभागों से पत्राचार किया? उक्त पत्रों पर विभाग प्रमुखों/विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की है? (ख) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा अग्रेषित पत्रों/टीपों पर विभिन्न विभागों द्वारा की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी व अद्यतन स्थिति प्रश्नकर्ता के पत्रों के संबंध में उपलब्ध करावें? कार्यवाही का विवरण पत्रवार दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) वर्णित मांगपत्र/पत्रों पर कार्यवार वर्तमान स्थिति क्या है? क्या विभागों को शीघ्र कार्यवाही कर निराकरण हेतु निर्देश दिये जावेंगे? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्ज लेने की अनुमति
[वित्त]
160. ( क्र. 1604 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को राहत राशि बांटने के लिए सरकार ने विधान सभा का विशेष सत्र बुलाकर कर्ज लेने की अनुमति ली थी? (ख) यदि हाँ, तो किस संस्था से कितनी ब्याज दर पर कितने समय के लिए ऋण लिया गया?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नागत संदर्भ में राज्य शासन द्वारा कर्ज की अनुमति हेतु विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
उपभोक्ताओं से लिये जाने वाला विद्युत प्रभात
[ऊर्जा]
161. ( क्र. 1607 ) श्री प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2003 में विद्युत भार प्रति यूनिट की दर क्या थी? घरेलू, कृषि एवं व्यवसायिक उपभोक्ताओं से लिया जाने वाला विद्युत भार प्रति यूनिट के मान से अलग-अलग बतलावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शायी अवधि से प्रश्न दिनांक तक घरेलू, कृषि एवं व्यवसायिक उपभोक्ताओं से लिये जाने वाले विद्युत प्रभार में प्रति यूनिट की दर में कितनी-कितनी वृद्धि कब-कब की गई है? क्या उपभोक्ताओं से लिये जाने वाले विद्युत प्रभार में कोई कमी की गई है, यदि की गई है, तो कब-कब बतलावें? (ग) क्या प्रदेश में विद्युत उत्पादन में वृद्धि हुई है, यदि हाँ, तो कितनी? क्या अतिरिक्त विद्युत उत्पादन होने से किसी अन्य राज्य को विक्रय किया जाता है, यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? उससे कितना राजस्व प्राप्त होता है? (घ) प्रदेश के कृषकों के लिए विद्युत प्रभार प्रति यूनिट दर में कमी/रियायत/छूट दिये जाने हेतु सरकार की कोई योजना है, यदि हाँ, तो बतलावें? रबी मौसम में कृषकों को कृषि कार्य हेतु विद्युत प्रदाय किये जाने एवं जले हुए ट्रांसफार्मरों के बदलने के लिए कोई समय चक्र बनाया गया है, यदि हाँ, तो बतलावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार वित्तीय वर्ष 2002-03 में लागू विद्युत की प्रति यूनिट औसत दर घरेलू श्रेणी के लिये रू. 2.90, कृषि श्रेणी के लिये रू. 2.40 तथा गैर घरेलू श्रेणी के लिये रू. 6.17 थी। (ख) वर्ष 2003 से वर्तमान तक घरेलू, कृषि एवं गैर घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं हेतु लागू प्रति यूनिट औसत दर तथा दरों में कमी अथवा वृद्धि से संबंधित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रदेश में विद्युत उपलब्धता वर्ष 2003 में 4773 मेगावाट थी जो बढ़कर वर्तमान में 17402 मेगावाट हो गई है। उपलब्धता के अनुरूप मांग में कमी होने से अन्य राज्यों, ट्रेडर्स तथा पावर एक्सचेंज के माध्यम से अतिरिक्त उपलब्ध विद्युत विक्रय की जाती है। पावर एक्सचेंज में विक्रित विद्युत में क्रेता का उल्लेख नहीं रहता है। एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा सन् 2008-09 से संकलित की जा रही जानकारी के आधार पर अन्य राज्यों को विक्रित विद्युत से प्राप्त राजस्व संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ, कृषि कार्य हेतु उपभोक्ताओं को विद्युत दरों में राज्य शासन द्वारा सब्सिडी प्रदान की जा रही है। जिसकी प्रति परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। रबी मौसम में कृषकों को कृषि कार्य हेतु 10 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने तथा जले/खराब ट्रासंफार्मरों को ग्रामीण क्षेत्र में वर्षा ऋतु (जुलाई से सितम्बर) में 7 दिन तथा शुष्क मौसम में 3 दिन में बदले जाने के निर्देश है। इस हेतु समय चक्र की जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
जनसुनवाई से प्राप्त शिकायतों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
162. ( क्र. 1641 ) श्री दिनेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान कितनी शिकायतें लंबित हैं? उनमें ऐसी कितनी शिकायतें हैं जिन पर निर्धारित समयावधि में कार्यवाही नहीं की तथा क्यों उनके खिलाफ विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? विभागवार व जनपद पंचायतवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) लंबित शिकायतों में से मनरेगा व अन्य मदों की राशि भुगतान न होने से संबंधित कितनी शिकायतें हैं तथा संबंधित हितग्राहियों/व्यक्तियों को राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा हैं? कब तक भुगतान करेगें? (ग) क्या लोक सेवा प्रबंधन कार्यालय सिवनी की लापरवाही के कारण अनेकों शिकायतें, संबंधित विभागों/कार्यालयों से संतोषप्रद जबाब प्राप्त होने के बावजूद तथा समय-सीमा समाप्त होने के बाद भी अनावश्यक रूप से ऑनलाईन पर लंबित है? कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) में ऐसी कौन-कौन सी शिकायतें है जिनमें समस्या/ शिकायत का समाधान प्रश्न दिनांक तक किया जा चुका हैं, परन्तु लोक सेवा प्रबंधन सिवनी द्वारा शिकायतों को क्लोज नहीं किया गया हैं? विभागवार, शिकायतवार जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 3365 शिकायतें लंबित है। सभी शिकायतों पर संबंधित विभाग द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्यवाही की जा रही है, जिसकी समीक्षा प्रत्येक समय-सीमा बैठक में की जाती है। (ख) जनसुनवाई के दौरान लंबित शिकायतों में से मनरेगा योजनान्तर्गत शिकायत लंबित नहीं है। जिले में एफ.टी.ओ. के माध्यम से भी जनसुनवाई अंतर्गत प्रकरणों में भुगतान किया जा चुका है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित चालानों की स्थिति
[सामान्य प्रशासन]
163. ( क्र. 1821 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं विभागान्तर्गत मैदानी पदों पर पदस्थ अन्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों पर कदाचार, भ्रष्टाचार अनियमितता एवं गबन आदि के पंजीबद्ध प्रकरणों में किन-किन में मान. न्यायालयों में चालान प्रस्तुत किया जाना शेष है? दिनांक, प्रकरण का संक्षिप्त विवरण, आरोपी-अधिकारी-कर्मचारी का नाम, पदनाम व वर्तमान पदस्थापना का विवरण दें? (ख) लंबे समय से लंबित इन प्रकरणों में जाँच पूरी न हो पाने व चालान प्रस्तुत न होने के क्या कारण है? इस हेतु प्रकरणवार कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) विभाग द्वारा लंबित प्रकरणों के समय-सीमा में निराकरण हेतु क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी? क्या इस हेतु पुलिस, ई.ओ.डब्ल्यू., लोकायुक्त पुलिस स्थापना को कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम बामन्दी जिला खरगोन में अस्पताल के पास संचालित शराब दुकान
[वाणिज्यिक कर]
164. ( क्र. 2018 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ठेकेदार को आवंटित हो चुकी किसी शासकीय शराब दुकान को शासकीय भूमि पर संचालित करने के संबंध में शासन की कोई नियम/प्रक्रिया प्रचलित हो तो उसका दस्तावेजों के साथ पूर्ण विवरण देवें? (ख) ठेकेदार को आवंटित कसरावद तहसील के ग्राम बामंदी में संचालित शराब दुकान शासकीय भूमि खसरा नंबर 353 पर अतिक्रमण करके कब से संचालित हो रही है और क्यों बताएं? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है और उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में बताएं कि क्या उक्त शराब दुकान के अतिक्रमण का 08 जुलाई, 2016 को हल्का पटवारी व राजस्व निरीक्षक ने सीमांकन कर मौका पंचनामा बनाया था? क्या यह मौका पंचनामा प्रतिवेदन के साथ 12 जुलाई, 2016 को नायब तहसीलदार कसराबद को प्रस्तुत कर दिया था? (घ) यदि हाँ, तो फिर नियमानुसार क्या कार्यवाही राजस्व प्रशासन के किस अधिकारी/कर्मचारी को करनी चाहिए थी और क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक इस मामलें में की गयी है? राजस्व प्रशासन द्वारा धारा 248 में क्या कार्यवाही की गई है, कितना आर्थिक दण्ड दिया गया है? क्या मौके से अतिक्रमण पूरी तरह से हटाया गया है? (ड.) यदि हटाया गया है तो राजस्व अधिकारी द्वारा मौके पर अतिक्रमण हटाने संबंधी पंचनामें की प्रति दी जावे? यदि नहीं, तो जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) आबकारी विभाग द्वारा शराब दुकान जिस क्षेत्र विशेष, के लिये आवंटन किया गया है, उसे आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत बनाये सामान्य प्रयोग नियमों के तहत आपत्ति रहित स्थान पर स्थापित करने का दायित्व संबंधित लायसेंसी का होता है। (ख) देशी मदिरा बामंदी नवीन स्थल पर वित्तीय वर्ष 2016-17 में सरपंच एवं ग्रामवासियों की सहमति से लायसेंसी श्रीमती रीना पति राकेश जायसवाल द्वारा भवन/भूमि स्वामी के अनुबंध पत्र के आधार पर संचालित की जा रही है। (ग) जी हाँ। (घ) नायब तहसीलदार द्वारा धारा 248 के तहत राजस्व प्रकरण क्रमांक 14-अ-68/2014-15 पंजीबद्ध किया जाकर आदेश क्रमांक 10.10.2016 अनुसार रूपये 10000/- (दस हजार) अर्थदण्ड आरोपित किया जाकर बेदखल किया जाने का आदेश पारित किया गया। तत्पश्चात दिनांक 25.11.2016 को मौके पर से देशी मदिरा दुकान अतिक्रमण पूर्ण रूप से हटाया गया है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ग्राम बामन्दी जिला खरगोन में स्कूल के पास संचालित शराब दुकान
[वाणिज्यिक कर]
165. ( क्र. 2019 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन की तहसील कसरावद के ग्राम बामंदी में संचालित शासकीय देशी शराब दुकान के संबंध में विगत दो वित्तीय वर्षों के दौरान जिला प्रशासन खरगोन को किस माध्यम से किस आवेदक की क्या-क्या शिकायत मिली है? प्राप्त हुई प्रत्येक शिकायत का शिकायतवार विवरण देते हुए बताएं कि शासन नियमानुसार निर्धारित समयावधि में किस जवाब देह अधिकारी/कर्मचारी द्वारा इनका निराकरण/जाँच/कार्यवाही प्रस्तुत की गई है? जो शिकायतें अब तक भी लंबित है उनकी शिकायतवार वजह बताते हुए उनका निराकरण किस दिनांक तक कर दिया जायेगा? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) के संबंध में शिकायतवार बताएं कि जो निराकरण/जाँच/कार्यवाही संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा प्रस्तुत की गई है उससे उनके वरिष्ठ विभागीय अधिकारी पूर्णत: सहमत हुए है? यदि हाँ तो फिर शिकायतकर्ताओं की शिकायत व मांग अनुसार पूर्ण कार्यवाही अब तक मौके पर किन-किन वजहों से क्यों नहीं की गई? यदि नहीं की गई तो कब तक की जावेगी उसकी समय सीमा बताई जावें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्राप्त शिकायतों एवं उनकी जाँच कराये जाने से संबंधित जानकारी सलंग्न परिशिष्ट अनुसार है। शिकायतों की जाँच करायी गई। समस्त शिकायतों की जाँच प्रतिवेदन प्राप्त कर निराकरण किया गया है। शासकीय भूमि से देशी मदिरा दुकान बामंदी का अतिक्रमण पूर्ण रूप से हटा दिया गया है। प्रस्तुत शिकायतों का निराकरण पालन प्रतिवेदन तहसीलदार कसरावद के पत्र क्रमांक 3137 दिनांक 11.02.2016 से प्रेषित किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा जाँच में यह पाया गया कि, बामंदी देशी मदिरा दुकान मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत सामान्य प्रयुक्ति नियमों के तहत पराम्परागत श्रेणी की दुकान थी। वित्तीय वर्ष 2015-16 में तत्काल रूप से स्थान परिवर्तन संभव नहीं था। परन्तु नवीन लायसेंसी द्वारा सरपंच एवं ग्रामवासियों की सहमति से देशी मदिरा दुकान बामंदी अपने उत्तरदायित्व पर सामान्य प्रयुक्ति नियमों के तहत आपत्ति रहित स्थान पर स्थापित की गई थी तथा लायसेंसी द्वारा उपरोक्त नवीन स्थान में दुकान की स्थापना के लिये भवन स्वामी/भूस्वामी से अनुबंध पत्र की छायाप्रति भी प्रस्तुत की गई है। श्री रामेश्वर यादव निवासी ग्राम बामंदी द्वारा प्रभारी मंत्री को की गयी एक शिकायत जो जिला आबकारी कार्यालय को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कसरावद जिला खरगोन के माध्यम से दिनांक 09.11.2016 को प्राप्त हुयी। उक्त शिकायत आबकारी उपनिरीक्षक वृत्त कसरावद से जाँच कराई गई है। जाँचकर्ता अधिकारी के प्रतिवेदन अनुसार राजस्व निरीक्षक, तहसील कसरावद द्वारा अपनी जाँच रिपोर्ट में उक्त स्थल पर देशी मदिरा दुकान का हल्का भाग 13 बाय 23 फिट खसरा नम्बर 353 मद शासकीय भूमि में स्थित है तथा शेष दुकान का खुला भाग 18 बाय 23 फिट में से पेडी भाग 15 बाय 9 फिट खसरा नम्बर 354/1 निजी भूमि में स्थित है। शासकीय भूमि से देशी मदिरा दुकान का अतिक्रमण दिनांक 25.11.2016 को पूर्णरूप से हटा दिया गया है।