मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2020 सत्र
बुधवार, दिनांक 30 दिसम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खनिज
प्रकरण के
वाहनों को सक्षम
आदेश के बिना मुक्त
कराया जाना
[खनिज साधन]
1. ( *क्र. 308 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में खनिज विभाग में तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी द्वारा खनिज विभाग भिण्ड का औचक निरीक्षण किया गया था, जिसमें खनिज सर्वेश विजय चक्रवती, खनिज निरीक्षक संदेश पिपलोदिया के द्वारा 141 खनिज वाहनों के प्रकरण में बिना कलेक्टर के आदेश के वाहनों को मुक्त किया जाना पाया गया था? दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या भ्रष्ट कर्मचारी आज दिनांक तक उसी शाखा में उसी पद पर कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कर्मचारियों से कार्य क्यों कराया जा रहा है? (ग) भ्रष्ट कर्मचारी पर की गई कार्यवाही से अवगत करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। श्री विजय कुमार चक्रवर्ती, सर्वेयर को तत्कालीन प्रभाव से कार्यालयीन आदेश क्रमांक 5037, दिनांक 02.06.2017 से निलंबित कर दिया गया तथा दिनांक 30.05.2018 से बहाली उपरांत श्री विजय कुमार चक्रवर्ती एवं तत्कालीन खनि निरीक्षक, श्री संदेश पिपलोदिया के विरूद्ध जांच संस्थित की गई। विभागीय जांच वर्तमान में प्रचलन में है। (ख) उपरोक्त दोनों कर्मचारियों में से श्री संदेश पिपलोदिया का स्थानांतरण हो चुका है। श्री विजय कुमार चक्रवर्ती, सर्वेयर का स्थानांतरण नहीं होने से वर्तमान में खनिज शाखा में पदस्थ हैं। श्री विजय कुमार चक्रवर्ती से सर्वेयर का कार्य लिया जा रहा है। (ग) दोनों कर्मचारियों पर वर्तमान में विभागीय जांच प्रचलन में है। की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( *क्र. 913 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 10 दिसम्बर, 2020 तक प्रदेश में कोरोना पॉजीटिव कुल कितने मरीज पाये गये? उनमें से कितने मृत हुये? मृत मरीजों की औसत आयु क्या है तथा पुरूष महिला का प्रतिशत कितना-कितना है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मृतकों में से कितनों की मृत्यु शासकीय चिकित्सालयों में, कितनों की अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में तथा कितनों की मृत्यु स्वयं के स्तर पर इलाज कराते हुये निजी चिकित्सालयों में हुई? तीनों मृत्यु की संख्या का वहां उपचारित मरीजों से प्रतिशत क्या है? (ग) कोरोना प्रकोप के दौरान शासकीय चिकित्सालयों में कॉन्ट्रेक्ट के माध्यम से किस-किस पद पर किस दिनांक से रखा गया था तथा उन सभी को किस दिनांक से कार्य से क्यों हटा दिया गया? (घ) क्या सरकार कोरोना प्रकोप में जान जोखिम में डालकर कार्य करने वालों को संविदा कर्मचारी के रूप में किसी निश्चित वेतनमान पर कार्य पर रखेगी? यदि नहीं, तो क्या प्रत्येक को इस परिस्थिति में कार्य करने पर एक लाख का मुआवजा देगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) दिनांक 10 दिसम्बर, 2020 तक प्रदेश में कुल 224239 कोरोना पॉजीटिव मरीज पाये गये। इसमें से 3382 की मृत्यु हुई। मृत मरीजों की औसत आयु 62 वर्ष है तथा पुरूष मरीजों का 71.9 प्रतिशत एवं महिला मरीजों का 27.9 प्रतिशत है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मृतकों में से शासकीय चिकित्सालयों में 2032, अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में 432 तथा स्वयं के स्तर पर इलाज कराते हुये निजी चिकित्सालयों में 898 मरीजों की मृत्यु हुई। तीनों मृत्यु की संख्या का वहां उपचारित मरीजों से प्रतिशत क्रमश: 2.3, 1.7 एवं 4.8 है। (ग) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के पत्र क्रमांक/आई.डी.एस.पी./2020/288, भोपाल दिनांक 25.03.2020 के द्वारा कोविड-19 महामारी रोकथाम हेतु जिला कलेक्टर को आवश्यक मानव संसाधन सुनिश्चित करने हेतु शक्ति के प्रत्यायोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये थे, के अनुसार जिलों द्वारा पत्र में उल्लेखित कर्मचारियों की नियुक्ति अस्थाई कर्मचारी के रूप में की गई थी। सभी कर्मचारियों को हटाया नहीं गया, अपितु पत्र क्रमांक/एन.एच.एम./एच.आर./सेल-01/2020/15339, भोपाल दिनांक 25.03.2020 के द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु अस्थाई मानव संसाधन को दिनांक 01.12.2020 से 31.12.2020 तक पत्र में उल्लेखित मापदण्डों के आधार पर निरंतर रखने की अनुमति प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जीं नहीं। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के पत्र क्रमांक/आई.डी.एस.पी./2020/288, भोपाल दिनांक 25.03.2020 के बिन्दु क्रमांक 4-ए में उल्लेख अनुसार संविदा/नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं होने से नियमितीकरण करना संभव नहीं है। वर्तमान में ऐसे कोई निर्देश नहीं हैं।
पन्ना जिलांतर्गत विस्थापितों को ऋण पुस्तिका का प्रदाय
[वन]
3. ( *क्र. 611 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना टाईगर रिजर्व पन्ना के ग्रामों की भूमि के डी-नोटिफिकेशन की कार्यवाही प्रचलन में थी? क्या वह पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही पूर्ण की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के विलम्ब हेतु जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? नहीं तो क्यों। (ग) क्या पन्ना राष्ट्रीय उद्यान्न पन्ना के विस्थापितों को जिस भूमि, कृषि भूमि पर काबिज कराया गया था, का वर्तमान स्वरूप राजस्व भूमि में परिवर्तित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो भूमि स्वामियों को भूमि ऋण पुस्तिका एवं भूमि का स्वामित्व प्रदान करा दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक प्रदान कराया जाएगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) पन्ना टाइगर रिजर्व के विस्थापित ग्रामों के बसाहट स्थल की वनभूमि के डि-नोटिफिकेशन की कार्यवाही, भारत सरकार की अधिरोपित शर्त कि रिक्त कराई गई भूमि को आरक्षित/संरक्षित वन घोषित किया जावेगा का पालन न होने के कारण, पूर्ण नहीं हुई है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसमें कोई दोषी नहीं है। (ग) भारत सरकार के पत्र दिनांक 20.05.2019 से वनभूमि का वैधानिक स्वरूप राजस्व भूमि में परिवर्तित किया गया है, किन्तु उत्तरांश (क) अनुसार वनभूमि का डि-नोटिफिकेशन होना शेष है। डि-नोटिफिकेशन के उपरांत भूमि स्वामित्व एवं ऋण पुस्तिका उपलब्ध कराई जा सकेगी।
विद्युत चोरी के प्रकरण पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 43 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर विदिशा अंतर्गत दिनांक 11.09.2019 को पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी के नेतृत्व में घंटानाद कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम संचालन हेतु बने मंच पर अवैध रूप से चोरी कर बिजली का उपयोग किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या जिलाध्यक्ष भा.ज.पा. विदिशा के खिलाफ विद्युत चोरी का प्रकरण कायम किया गया एवं उक्त संबंध में किन-किन धाराओं में प्रकरण कायम कर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन कार्यक्रम के दौरान विद्युत का अवैध रूप से उपयोग संज्ञान में आया था। (ख) विद्युत का अवैध रूप से उपयोग संज्ञान में आने पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत प्रथम दृष्टया विद्युत चोरी का प्रकरण कायम किया गया। तत्संबंध में बनाये गये पंचनामा क्रमांक 2011/23 में कार्यक्रम के आयोजक श्री राकेश जादौन के नाम का उल्लेख है। पंचनामें में भा.ज.पा. जिलाध्यक्ष विदिशा के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। प्रकरण में कुल विद्युत क्षति राशि रू. 3203/- एवं शमन राशि रू. 7000/- सहित कुल राशि रू. 10203/- का अनंतिम देयक दिनांक 02.11.2019 को जारी किया गया। श्री राकेश जादौन से दिनांक 05.03.2020 को प्राप्त आपत्ति का निराकरण करते हुये प्रकरण से संबंधित एजेंसी मेसर्स राजेन्द्र साउन्ड एण्ड लाईट को विद्युत देयक जारी किया गया तथा उक्त एजेंसी द्वारा उक्त देयक के विरूद्ध ब्याज सहित संपूर्ण राशि रू. 10,459 जमा करा दी गई है।
बैगा जनजाति हेतु कल्याणकारी योजनाओं का संचालन
[आदिमजाति कल्याण]
5. ( *क्र. 792 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की जनसंख्या कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन के द्वारा विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के कल्याण हेतु क्या कोई योजना संचालित है? यदि है, तो जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सीधी एवं सिंगरौली जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के लिये बैगा विकास प्राधिकरण के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक बैगा विकास प्राधिकरण में शामिल कर योजनाओं का लाभ दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति को एक हजार रूपये प्रतिमाह पोषण आहर के लिये दिये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, है तो कब तक प्रावधानित कर एक हजार रूपये प्रतिमाह दिया जायेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार सीधी जिले में बैगा जनजाति की जनसंख्या 26302 एवं सिंगरौली जिले में 45142 है। सीधी एवं सिंगरौली जिले में निवासरत बैगा जनजाति, विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिगड़े वन क्षेत्रों का निजी निवेशकों द्वारा विकास
[वन]
6. ( *क्र. 531 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक, भोपाल द्वारा जारी पत्र दिनांक 20.10.2020, क्रमांक/एफ-2/3620 के माध्यम से 37420 वर्ग किलोमीटर बिगड़े वन क्षेत्रों को निजी निवेशकों को देने की सहमति का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो यह सहमति व निर्णय प्रदेश मंत्रि-मण्डल की किस बैठक में लिए गए हैं? (ख) क्या भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 5 से 19 तक लंबित जांच बाबत् जारी आदेश-निर्देश, वन खण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल कर ली गई निजी भूमियों से संबंधित जारी आदेश-निर्देश की उपेक्षा कर उन्हें अमान्य कर बिगड़े वनों को निजी निवेशक हेतु प्रदाय बाबत् उपरोक्त पत्र जारी किया गया है? (ग) क्या बिगड़े वन क्षेत्र से संबंधित संविधान में किए गए पहले एवं 73 वें संशोधन, 11 वीं अनुसूची, भू-राजस्व संहिता 1959 में किए गए पहले संशोधन, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 के प्रावधानों को अमान्य कर उनकी उपेक्षा की गई है? (घ) क्या वन मुख्यालय ने अतिरिक्त प्रमुख सचिव वन विभाग, मध्यप्रदेश शासन की अध्यक्षता में गठित नारंगी भूमि टास्क फोर्स कमेटी की दिनांक 06 फरवरी, 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट में की गई सिफारिशों एवं दिये गये सुझावों की उपेक्षा कर उपरोक्त पत्र जारी किया गया है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन पत्र प्रदेश में स्थित 37420 वर्ग किलोमीटर बिगड़े वन क्षेत्र के विकास में निजी निवेश की संभावना को तलाशने के लिये प्रारंभिक रूप से क्षेत्र चिन्हांकन हेतु लिखा गया है। बिगड़े वनों में निजी निवेश आकर्षित करने हेतु अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। (ख) से (घ) जी नहीं।
रीवा-शहडोल एवं रीवा-रामपुर नैकिन मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 840 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा शहडोल वाया बघवार मार्ग लंबे समय से खराब है तथा विधानसभा में इसके सुधार के आश्वासन के बाद भी अभी तक कार्य शुरू क्यों नहीं हुआ है? इसे कब तक प्रारम्भ किया जाएगा? (ख) क्या इसी मार्ग में नकटा के पास बन रहे रेल्वे ब्रिज के पास मार्ग अत्यन्त खराब है एवं कार्य स्थल के दोनों ओर बने मार्ग पर ठेकेदार द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसे कब तक नियमानुसार ठीक कर लिया जाएगा? (ग) रीवा से रामपुर नैकिन वाया गड्डी मार्ग का कार्य कब तक पूरा हो जाएगा? इस कार्य में विलंब का क्या कारण है? (घ) चुरहट नगर पंचायत की रोड कब तक ठीक कर ली जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रीवा शहडोल मार्ग के मरम्मत का कार्य स्वीकृत है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा नियमों का पालन किया गया है वर्तमान में क्षतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत करा दी गई है। (ग) अनुबंधानुसार प्रदत्त द्वितीय समयावृद्धि दिनांक 31.03.2021 तक पूर्ण होने का लक्ष्य निर्धारित है। समय पर अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त न होना एवं मुख्य जिला मार्ग की श्रेणी से राज्य मार्ग की श्रेणी में परिवर्तित मापदण्डों के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ। (घ) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है। भारत सरकार के उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 389 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेल्वे गेट क्र. 30 मकरोनिया पर रेल्वे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य लो.नि. विभाग द्वारा कब स्वीकृत किया गया था? कार्य एजेंसी से कब अनुबंध किया गया था? कब तक कार्य पूर्ण करना था? विभाग का क्या वर्क प्लान था? समय पर कार्य पूर्ण न होने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्य समय पर पूर्ण न होने पर कार्य एजेंसी पर कार्यवाही/दण्ड का क्या प्रावधान है? (ख) कार्य एजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य किया गया? कितना कार्य शेष है? कितने कार्य का कब-कब कार्य एजेंसी को भुगतान किया गया? (ग) विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्यों की किन-किन लेबों से कब-कब जांच कराई गई? (घ) कार्य निर्माण की धीमी गति के चलने के कारण एवं कार्य एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य के समय यातायात हेतु पर्याप्त सावधानियां न होने के कारण दुर्घटनाओं एवं यातायात में आ रही परेशानियों के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) लेबों में जाँच का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम-9 अनुसार है।
रायसेन जिले की फैक्ट्रियों से उपकर की वसूली
[श्रम]
9. ( *क्र. 744 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा मध्यप्रदेश के समस्त निर्माण कार्यों पर 01 (एक) प्रतिशत उपकर राशि लिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम सहित संपूर्ण विवरण उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) परिप्रेक्ष्य में रायसेन जिले में ग्राम जमुनिया, पोस्ट जमुनिया, जिला रायसेन के इण्डस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्रियों का कब से निर्माण प्रारंभ हुआ एवं निर्माण प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कुल कितना उपकर प्राप्त हुआ? फैक्ट्री वाइज संपूर्ण विवरण दें। यदि उपकर नहीं प्राप्त हुआ तो कारण बताया जाये? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त फैक्ट्रियों के निर्माण से आज दिनांक तक किस-किस श्रम विभाग अधिकारी से निरीक्षण कर उपकर वसूली की? कब-कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या वहां पर बनी फैक्ट्रियों के कुल क्षेत्रफल के निर्माण लागत से कम उपकर राशि वसूली हुई? यदि हाँ, तो कितनी? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध शासन/विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 की धारा 3 (1) एवं उसके अंतर्गत जारी अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में ग्राम जमुनिया, पोस्ट जमुनिया, जिला रायसेन के इण्डस्ट्रियल एरिया में केवल एक फैक्ट्री वेल्सपन कॉर्प निर्माणाधीन है जिसका निर्माण कार्य 01 जुलाई, 2018 से प्रारंभ हुआ और निरंतरित है। निर्माण कार्य प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक वेल्सपन कॉर्प द्वारा उपकर राशि रूपये 18,18,000/- पेमेंट गेटवे (आर.टी.जी.एस.) के माध्यम से दिनांक 15.03.2019 को मण्डल के खाते में अंतरित की गई। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री संदीप कुमार पाण्डेय, श्रम निरीक्षक, कार्यालय श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप जिला रायसेन द्वारा दिनांक 18-12-2019 को वेल्सपन कॉर्प का पोर्टल जनरेटेड निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में की गई कार्यवाही अनुसार कारखाना वेल्सपन कॉर्प के निर्माण कार्य का भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 की धारा 7 के अंतर्गत स्थापना का पंजीयन कराया गया तथा उक्त निर्माण कार्य का उपकर निर्धारण हेतु प्रकरण उपकर निर्धारण अधिकारी द्वारा पंजीकृत किया गया। (घ) कारखाना वेल्सपन कॉर्प का निर्माण कार्य निरंतरित है। उक्त निर्माण कार्य हेतु उपकर निर्धारण का प्रकरण उपकर निर्धारण अधिकारी के समक्ष पंजीबद्ध होकर उपकर निर्धारण की प्रक्रिया प्रचलित है। प्रकरण में उपकर निर्धारण अधिकारी द्वारा अभी उपकर निर्धारण आदेश जारी नहीं किया गया है। उपकर निर्धारण आदेश जारी होने पर यह निर्धारित हो सकेगा कि कारखाना के कुल क्षेत्रफल अनुसार निर्माण लागत के अनुरूप उपकर राशि जमा की गई है अथवा नहीं। उपकर निर्धारण अधिकारी द्वारा उपकर निर्धारण आदेश जारी करने के उपरांत जारी उपकर निर्धारण आदेश अनुसार शेष उपकर राशि वसूली की कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय कृषक अनुदान योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 523 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत संचालित है? यदि नहीं, तो इसे कब से बंद किया गया है? (ख) जबलपुर संभाग में जिलेवार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के अन्तर्गत प्रारंभ से दिनांक 31.03.2019 तक ऐसे कितने किसान हैं, जिन्होंने डिमाण्ड की राशि जमा कर दी है, उसके बाद भी उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है? जमा की गई राशि के दिनांक सहित जानकारी दें। (ग) क्या फण्ड की कमी के कारण इस योजना का काम रूका हुआ है? (घ) कृषि के स्थायी कनेक्शन हेतु वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कृषकों को स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' लागू की गई थी जिसकी अवधि दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर उक्त योजना बंद हुई है। (ख) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत, जबलपुर संभाग में जिला जबलपुर में 2430, कटनी में 1779, मंडला में 665, सिवनी में 2470, नरसिंहपुर में 3550, छिन्दवाड़ा में 2942, डिण्डौरी में 154 एवं जिला बालाघाट में 1965 कृषकों द्वारा स्थाई पंप कनेक्शन हेतु राशि जमा की गई है। उपरोक्त कृषकों में से केवल जिला मंडला के 16 कृषकों का कार्य पूर्ण नहीं हुआ जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त 16 कृषकों द्वारा योजना के प्रावधान अनुसार अन्य कृषकों के साथ समूह बनाकर सामूहिक आवेदन किये गये थे। समूह के अन्य सदस्यों द्वारा राशि जमा नहीं कराने के कारण इन कृषकों के कार्य भी नहीं कराये जा सके। (ग) जी नहीं। उक्त योजना निर्धारित अवधि दिनांक 31.03.2019 से बंद हो गई है। (घ) वर्तमान में कृषकों द्वारा शत प्रतिशत राशि जमाकर अथवा सहमति पत्र देकर 3 प्रतिशत सुपरवीजन राशि जमा कर ''अ'' क्लास ठेकेदार द्वारा लाईन विस्तार का कार्य कराने के बाद कनेक्शन प्राप्त किया जा सकता है। ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' की अवधि पूर्ण होने के उपरांत राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश में ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' आरम्भ की गई है, जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है।
करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अवैध उत्खनन की जांच
[खनिज साधन]
11. ( *क्र. 604 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा क्षेत्र में उत्खनन के लिए कहां-कहां शासन द्वारा लीज़ पर जमीनें आवंटन की गई हैं? उनकी सूचीवार जानकारी दें। क्या लीज़ की जमीन पर ही उत्खनन जारी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अवैध उत्खनन के संबंध में जैसे दबरासानी, विजौर, चितारी भाषणा, बगदेरी, अस्वल झण्डा चन्दपठा, अन्दोरा आदि क्या इन सब जगहों पर अवैध उत्खनन जारी है? अगर यहां अवैध उत्खनन हो रहा है तो इसको बंद कराने की शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है अथवा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) लीज़ की खदानों से रॉयल्टी के रूप में शासन का दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? (घ) ओवर लोडिंग डम्परों को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई है एवं दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने ओवर लोडिंग डम्परों पर कार्यवाही की गयी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) प्रश्न में उल्लेखित क्षेत्रों में कोई लीज़ स्वीकृत नहीं है। अवैध उत्खनन पर वन, राजस्व, पुलिस एवं खनिज विभाग द्वारा संयुक्त एवं पृथक-पृथक स्थल निरीक्षण कर सतत निगरानी रखी जा रही है। प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) शिवपुरी जिले में प्रश्नाधीन अवधि में नवंबर 2020 तक कुल 18,46,49,135/- रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग मंत्रालय, भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-7/2017/12/1, दिनांक 09.06.2017 से मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में संशोधन अनुसार अवैध परिवहन के प्रकरणों में यदि, ई.टी.पी. में बताई गई मात्रा से अधिक मात्रा में खनिज का परिवहन प्रमाणित होने की स्थिति में परिवहन की जा रही खनिज की संपूर्ण मात्रा का परिवहन अवैध मान्य किया जाये एवं संपूर्ण मात्रा के आधार पर नियम 53 (6) के तहत दण्ड अधिरोपित किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 20 (2) में वैध अभिवहन पारपत्र सहित परिवहन परंतु अंकित मात्रा से अधिक मात्रा का परिवहन किये जाने पर प्रशमन शुल्क एवं शास्ति की राशि अधिरोपित किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 58 ओवर लोडिंग वाहनों पर कार्यवाही की गई है।
शास. आयुर्वेद कॉलेज जबलपुर में प्रोफेसर की नियुक्ति की जाँच
[आयुष]
12. ( *क्र. 749 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डॉ रविकांत श्रीवास्तव प्रोफेसर क्रिया शारीरिक शासकीय आयुर्वेद कॉलेज, जबलपुर द्वारा नियुक्ति हेतु (विज्ञापन अनुसार) क्रिया शरीर विषय का 10 वर्ष का अनुभव प्रणाम पत्र दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस विषय के प्रोफेसर हेतु किसी अन्य विषय का अनुभव भी (विज्ञापन अनुसार) मान्य था? (ग) क्या पूर्व में एस.बी.एम.एन. कॉलेज अस्थल बोहर जिला रोहतक हरियाणा द्वारा वर्ष 2005, 2007, 2008 में सी.सी.आई.एम. में प्रेषित जानकारी में डॉ. रविकांत श्रीवास्तव वर्तमान में प्रोफेसर क्रिया शरीर जबलपुर को स्वस्थवृत विषय में शिक्षक दर्शाया गया? (घ) यदि हाँ, तो क्या स्वस्थवृत विषय का अनुभव भी विज्ञापन अनुसार प्रोफेसर क्रिया शरीर के लिया मान्य था? यदि नहीं, तो क्या इनके द्वारा गलत अनुभव प्रमाण पत्र से म.प्र. शासन में प्रोफेसर की नियुक्ति प्राप्त की गई है? (ड.) यदि हाँ, तो इनको संबंधित विज्ञापन अनुसार विषय का अनुभव नहीं होने पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जाएगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
त्योंथर मुख्यालय में 100 बिस्तरीय अस्पताल के लिए बजट आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( *क्र. 748 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकासखण्ड त्योंथर में उपरोक्त शासनादेश से 100 बिस्तरा सिविल अस्पताल का उन्नयन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित पूर्व से स्वीकृत 100 बिस्तरीय अस्पताल भवन के निर्माण कार्य के लिए वर्ष 2007 से अद्यतन बजट की स्वीकृत न होने का प्रमुख कारण क्या है? क्या बजट आवंटन के अभाव में लोक महत्व का विषय विलंबित होने से आम जन मानस में जनाक्रोश का प्रमुख कारण नहीं बन रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अति लोक महत्व पर आधारित है, ऐसी स्थिति में विभाग का आगामी लक्ष्य स्वीकृत सिविल अस्पताल भवन के निर्माण के प्रति क्या है? (घ) क्या लोक महत्व के इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर त्वरित/अनपूरक बजट में आवश्यक धनराशि का आवंटन सुनिश्चित किया जाएगा? यदि हाँ, तो अनुमानित स्वीकृत बजट की स्पष्ट जानकारी प्रदान की जाय?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, वर्तमान में 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल त्योंथर स्वीकृत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय आदेश क्र. एफ 1-15/07/सत्रह/मेडि-3, दिनांक 09.09.2008 द्वारा संस्था स्वीकृति उपरांत भूमि चिन्हित न होने के कारण भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं हो सकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 02.06.2020 की स्थाई वित्त समिति के निर्णय अनुसार दिनांक 17.11.2020 को त्योंथर अस्पताल की आई.पी.डी./ओ.पी.डी. की जानकारी प्राप्त हो चुकी है। आगामी स्थाई वित्त समिति में भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु पुनः प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्न भाग की जानकारी प्रश्न (ग) के उत्तर में समाहित है।
ग्राम पंचायत को रेत उपलब्ध करवाना
[खनिज साधन]
14. ( *क्र. 269 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राजपत्र में दिनांक 30 अगस्त, 2019 को प्रकाशित रेत नियम की कण्डिका (4) में ग्राम पंचायतों एवं ग्राम उल्लेखित है? गरीबों से संबंधित रेत को लेकर दिये गए छूट के अनुसार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी आदेश, निर्देश, पत्र परिपत्र जारी नहीं किया? (ख) नियम (4) की किस किस कण्डिका में रेत के संबंध में किस-किस को क्या-क्या छूट दी गई है? उस छूट के संबंध में राज्य मंत्रालय भोपाल ने किस-किस दिनांक को पत्र, परिपत्र, आदेश या निर्देश जारी किया है? यदि नहीं, किया है तो कारण बतावें। (ग) नियम में रेत से संबंधित दी गई छूट का लाभ उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय क्या कार्यवाही कर रहा है अथवा कब तक करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 4 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 4 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। यह नियम अधिसूचित नियम है। खनिज साधन विभाग से प्रश्नानुसार नियम अधिसूचित होने के कारण पृथक से कोई निर्देश जारी नहीं किये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार।
जिला अस्पताल छतरपुर में पदस्थ अमले के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( *क्र. 877 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के जिला अस्पताल में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य हेतु किस-किस योजना की राशि प्राप्त हुई है? (ख) उक्त जिला अस्पताल में वर्ष 2010 से प्रश्र दिनांक तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कौन कौन पदस्थ रहा है? मूल पद एवं नाम बताएं। उक्त किन-किन चिकित्सा अधिकारियों द्वारा कितनी चल अचल संपत्ति कब-कब खरीदी गई है? क्या विभाग को जानकारी दी गयी थी? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? वर्ष 2010 से प्रश्र दिनांक तक जिला अस्पताल में किन-किन पदस्थ कर्मचारियों एवं अधिकारियों की कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उक्त शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई है? उल्लेख करें। (ग) जिला अस्पताल में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक सम परीक्षक ऑडिट रिपोर्ट में ऑडिटर द्वारा क्या-क्या आपत्तियां लगाई गई हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या उक्त आपत्तियों का वर्षवार निराकरण किया गया है? यदि हाँ, निराकरण की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। चिकित्सा अधिकारियों द्वारा कब-कब कितनी चल-अचल संपत्ति खरीदी गई जिसकी सूचना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नहीं है। संचालनालय की विज्ञप्त शाखा में उपलब्ध अभिलेख के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छतरपुर के पद पर वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक पदस्थ अधिकारियों की चल अचल संपत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''भ'' अनुसार है। जिला चिकित्सालय छतरपुर में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी की शिकायत एवं कार्यवाही का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) प्राप्त कंडिकाओं में से कुछ कंडिकाओं का निराकरण किया जा चुका है, शेष कंडिकाओं की नियमानुसार निराकरण की कार्यवाही प्रचलित है, कंडिकाओं के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''य'' अनुसार है।
सहकारी संस्थाओं के प्रस्ताव की स्वीकृति
[वन]
16. ( *क्र. 140 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत एक वर्ष में म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल एवं उसके पदेन महाप्रबंधकों के समक्ष किस समिति द्वारा कितनी लागत के किस-किस कार्य का प्रस्ताव किस दिनांक को प्राप्त हुआ? इसमें से किस-किस प्रस्ताव को किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी स्वीकृति प्रदान नहीं की गई, कौन सा प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है? (ख) म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल एवं उसके पदेन महाप्रबंधकों को प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों द्वारा ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की राशि से स्वीकृति किन-किन कार्यों पर कौन-कौन सी आपत्तियां लिए जाने, प्रस्ताव निरस्त किए जाने का अधिकार कानून, नियम एवं उपविधि की किस कंडिका या धारा में दिया है? (ग) प्राथमिक सहकारी समितियों के कार्यक्षेत्र से बाहर ग्रामीण विकास एवं वन विकास के कार्य स्वीकृत करने का सहकारी संघ एवं पदेन महाप्रबंधक को क्या-क्या अधिकार है, संस्था के कार्य क्षेत्र से बाहर स्वीकृत कार्यों के लिए सरचार्ज का प्रकरण किस-किस के विरूद्ध बनाया जाना चाहिए?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ-26-01/2007/10-3 दिनांक 10 फरवरी 2012 द्वारा ग्रामों की अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास एवं वन एवं क्षमता विकास के कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं, आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उक्त आदेश के अंतर्गत लघु वनोपज संघ के संचालक मण्डल के द्वारा समय-समय पर कराये जाने वाले कार्यों का निर्धारण किया गया है। शासन के उक्त आदेश एवं संचालक मण्डल के द्वारा कार्यों के संबंध में लिए गये निर्णय एवं सहकारिता की प्रक्रिया के परिप्रेक्ष्य में संघ के प्रबंध संचालक एवं पदेन महाप्रबंधकों द्वारा जिला यूनियनों से प्राप्त प्रस्तावों का प्रशासनिक एवं तकनीकी दृष्टि से परीक्षण किया जाकर प्रस्ताव के अनुमोदन बाबत निर्णय लिया जाता है। (ग) ग्रामों की अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास एवं वन विकास/क्षमता विकास के कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शासनादेश के अनुसार ही समितियों से प्राप्त एवं जिला यूनियन के संचालक मण्डल द्वारा अनुशंसित प्रस्तावों की स्वीकृति प्रबंध संचालक, लघु वनोपज संघ द्वारा दी जाती है। इसके अतिरिक्त शासन के उक्त आदेशानुसार ग्रामों की अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास के अंतर्गत संघ के संचालक मण्डल एवं माननीय अध्यक्ष के विवेकानुसार स्वीकृत किये जाते हैं। अत: संस्था के कार्य क्षेत्र के बाहर स्वीकृत कार्यों के लिए सरचार्ज का प्रकरण बनाये जाने का प्रश्न उपस्थति नहीं होता।
अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
17. ( *क्र. 151 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक एवं सहायक अध्यापकों का शिक्षक संवर्ग में संविलियन नहीं हुआ तथा क्यों तथा कब तक संविलियन होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) रायसेन जिले में शिक्षक संवर्ग में संविलियन किये गये अध्यापक संवर्ग को क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जा रहीं हैं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार, संविलियन नहीं अपितु अध्यापक संवर्ग को नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' के कॉलम-8 में अंकित कारणों के निराकरण उपरान्त नवीन संवर्ग में नियुक्ति की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में तथ्यात्मक जानकारी से माननीय विधायकों को दिनांक 22.12.2020 को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।
चंबल संभाग में सड़कों का निर्माण एवं मरम्मत
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 598 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग में लोक निर्माण के अंतर्गत कौन-कौन सी सड़कें कहां से कहां तक डामरीकृत रूप से किस वर्ष में प्रथम बार निर्मित की गई एवं उक्त सड़कों की निर्माण लागत प्रथम बार कितनी थी? सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक सड़कवार देवें। उक्त सड़कों की विगत 03 वर्षों में मरम्मत एवं पेंचवर्क की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। जिन स्वीकृत लोक निर्माण सड़कों का डामरीकरण उनके निर्माण होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक नहीं हुआ उसकी सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक देवें। (ख) चंबल संभाग में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत सड़कों के निर्माण एवं अन्य निर्माण हेतु मरम्मत हेतु वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल कितना बजट किस-किस कार्य हेतु प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग से चंबल संभाग के विभिन्न लोक निर्माण विभाग के कार्यालयों में भेजा गया, उसकी पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें एवं दिमनी विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत एवं आवंटित लोक निर्माण विभाग के बजट की जानकारी देवें। (ग) क्या माननीय मंत्री महोदय, दिमनी एवं अम्बाह विधान सभा क्षेत्र में जो लोक निर्माण विभाग की सड़कें बनी हुई है, जिनमें एक बार भी डामरीकरण नहीं हुआ है, उनमें प्राथमिकता से डामरीकरण कार्य हेतु आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या दिमनी एवं अम्बाह विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की समस्त सड़कें जो कि क्षतिग्रस्त हो गई हैं एवं जिनका डामर उखड़ गया है एवं सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुये हैं, उक्त सड़कों की मरम्मत हेतु एवं भौतिक रूप से सर्वेक्षण हेतु प्रश्नकर्ता विधायक के साथ जांच टीम का गठन करेंगे? यदि हाँ, तो निश्चित समय अवधि बतावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पूर्व से निर्मित मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं निर्माणाधीन मार्गों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं ब-1 अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विभाग में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संधारण एवं मरम्मत का कार्य उपलब्ध वित्तीय संसाधनों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लि.नागदा जं. द्वारा फ्लाय एश का निष्पादन
[पर्यावरण]
19. ( *क्र. 676 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 712, दिनांक 23.09.2020 के (ख) उत्तर के संदर्भ में बतावें कि ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लि. नागदा जं. द्वारा फ्लाय एश के परिवहनकर्ताओं को दिनांक 01.01.2018 से 30.11.2020 तक कितनी राशि, किन-किन परिवहनकर्ताओं को प्रदान की? वाहन नंबर, वाहन स्वामी का नाम, खाता नंबर, वाहन प्रकार सहित माहवार जानकारी देवें। (ख) यदि यह राशि नहीं दी गई है तो इसके लिये उद्योग पर जिले व प्रदेश के अधिकारियों ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्र.क्र. 712 दिनांक 23.09.20 से (घ) उत्तर अनुसार ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लिमिटेड नागदा जं. द्वारा व्यवसायिक गोपनीयता को आधार बताकर जानकारी उपलब्ध न कराना म.प्र. विधान सभा की अवमानना की श्रेणी में आता है, इसकी आड़ में कंपनी द्वारा नियमों के उल्लंघन को प्रश्रय देकर विधानसभा की अवमानना करने वाले उत्तर को स्वीकार करने वाले अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) उपरोक्तानुसार इच्छित जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिकित्सालयों हेतु उपकरण एवं दवाओं का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( *क्र. 738 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के शासकीय चिकित्सालयों में उपचार हेतु चिकित्सीय तथा सर्जिकल उपकरण/दवायें एवं हितग्राहियों को प्रदाय किये जाने वाले आदानों के लिये शासन द्वारा बजट आवंटित किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक वर्षवार प्रदत्त राशि का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) प्राप्त बजट के विरूद्ध सी.एम.एच.ओ. टीकमगढ़ द्वारा क्या अपने स्तर से सर्जीकल उपकरण, दवायें एवं अन्य आदान, नियमानुसार टेण्डर प्रक्रिया से क्रय किये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार स्वीकृत टेण्डरों की सूची एवं सप्लाई आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। क्या किसी एक ही फर्म को कई वर्षों में सप्लाई आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण बतायें और इसके लिये कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (ख), क्या क्रय/सप्लाई में प्राप्त उपकरणों आदि की मात्रा एवं गुणवत्ता परखी गई है? यदि हाँ, तो सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम बतायें। सप्लाई की गई सामग्री के भुगतान प्रमाणक/देयक की प्रतियाँ एवं सामग्री किन-किन ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दी गई, उनकी वितरण रसीदों की अभिस्वीकृतियॉ तथा वर्षवार शेष स्टॉक सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या औषधि व उपकरण सही मात्रा में सप्लाई/वितरण किये गये हैं? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। टेण्डर प्रकिया में एल-1 आने वाली फर्मों को ही क्रय आदेश जारी किये जाते हैं, किसी एक ही फर्म को आदेश जारी नहीं किये जाते। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कार्यालय द्वारा नियुक्त भण्डार अधिकारी डॉ. डी.एस. भदौरिया चिकित्सा अधिकारी एवं डॉ. विकास जैन, चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्राप्त उपकरणों आदि की मात्रा एवं गुणवत्ता परखी जाती है एवं सत्यापन किया जाता है। सप्लाई की गई सामग्री के भुगतान प्रमाणक/देयक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है एवं ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दी गई वितरण रसीदों की अभिस्वीकृतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ध'' अनुसार है। जिले के समस्त ब्लाकों में स्वास्थ्य संस्थाओं को उनकी मांग के अनुसार उपकरण प्रदाय किये जाते हैं। जिस कारण वर्ष के अंत में शेष स्टॉक शून्य रहता है। दिये गये उपकरणों आदि की पावती पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ध'' अनुसार है। उपकरणों आदि की सप्लाई म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन लि. भोपाल द्वारा सीधे स्वास्थ्य संस्थाओं पर प्रदाय किया जाता है। जिला कार्यालय की भण्डार शाखा में शेष स्टॉक नहीं रहता है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थ्ति नहीं होता।
उज्जैन जिले में कोरोना महामारी के पीड़ितों की जांच/उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( *क्र. 176 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 23 फरवरी, 2020 से कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में लॉक डाउन किया गया था? कोरोना महामारी के कारण कब से इसकी जाँच प्रारंभ की गई थी? उज्जैन जिले में कितनी जाँच की गई और इसमें कितने लोग ग्रसित (पॉजिटिव) हुये तथा कितने लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई है? जानकारी विधानसभावार, प्रतिदिनवार देवें। (ख) कोरोना से पॉजिटिव मृतकों को शासन द्वारा कितनी सहायता राशि का प्रावधान है? किस-किस को, कितनी-कितनी सहायता राशि का भुगतान किया गया है? म.प्र. शासन द्वारा कोरोना महामारी से बचाव हेतु क्या-क्या प्रयास किये तथा समय-समय पर क्या-क्या निर्देश/आदेश दिये गये? इसके बचाव व उपचार के लिए कहां-कहां पर कितनी-कितनी राशि स्वीकृत कर जारी की गई है? (ग) आर्डी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन के द्वारा कोरोना के उपचाररत मरीजों को किस प्रकार का भोजन दिया गया है और उसका प्रति व्यक्ति के मान से कितना और किसको भुगतान किया गया है? किस नियम निर्देशों का पालन हुआ है। भुगतान के लिए शासन के क्या निर्देश थे? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा कोरोना के संबंध में कलेक्टर उज्जैन के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी म.प्र. शासन को प्रेषित पत्र क्र. 386, 387 दि. 20.4.20/389 दि.22.4.20/393 दि. 26.4.20/414 दि. 28.5.20/तथा कलेक्टर उज्जैन को प्रेषित पत्र क्र.398 दि.5.4.20 पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। दिनांक 20 मार्च, 2020 से इसकी जांच प्रारंभ की गई। उज्जैन जिले में कुल 143827 जांच की गई और इसमें 4478 ग्रसित (पॉजिटिव) हुये तथा 99 लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। इस संबंध में विभाग द्वारा आर्थिक सहायता देने का कोई प्रावधान नहीं है। म.प्र. शासन द्वारा कोरोना महामारी से बचाव हेतु कोविड केयर सेंटर, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर एवं जिला कोविड सेंटर्स की स्थापना की गई है। साथ ही कुछ निजी चिकित्सालयों एवं लेबोरेटरीज को भी अधिकृत किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों के बचाव व उपचार हेतु म.प्र. शासन द्वारा जिलेवार जारी की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है तथा अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को भुगतान हेतु राशि रूपये 141.24 करोड़ स्वीकृत कर जारी किये गये। (ग) आर्डी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन के द्वारा कोरोना के उपचाररत मरीजों को संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक/कोविड-19 नियंत्रण/ आई.डी.एस.पी./2020/926, भोपाल दिनांक 24.06.2020 में दर्शित तालिका अनुसार भोजन दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। आयुष्मान भारत ''निरामयम्'' म.प्र. के स्वीकृत दरों में भोजन की राशि सम्मिलित है, जिसका भुगतान आर्डी गार्डी मेडिकल कॉलेज, उज्जैन को किया गया है। (घ) संचालक, चिकित्सा शिक्षा, मध्यप्रदेश, भोपाल के पत्र क्रमांक/177/संचिशि/विविध/मॉ-बी/एफ-09/2020 दिनांक 24.07.2020 के माध्यम से माननीय श्री रामलालजी मालवीय, विधायक, विधानसभा क्षेत्र 215 घट्टिया, जिला उज्जैन का पत्र क्रमांक 389 दिनांक 24.04.2020 प्राप्त हुआ था। जिसकी जांच हेतु कार्यालयीन आदेश क्रमांक/शिकायत/2020/10300, दिनांक 03.09.2020 द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। उक्त आदेश में संशोधन कर पुनः संशोधित आदेश क्रमांक/शिकायत/2020/12134, दिनांक 13.10.2020 के द्वारा नवीन जांच दल का गठन किया गया जिसमें डॉ. एच.पी. सोनानीया, चिकित्सा विशेषज्ञ को अध्यक्ष, डॉ. के.सी. परमार, जिला टीकाकरण अधिकारी, सदस्य एवं श्री दिलीप सिंह सिरोहिया, एम.ई.आई.ओ. सदस्य हैं। वर्तमान में कार्यवाही प्रचलन में है।
छतरपुर जिलांतर्गत विधायक व सांसद निधि से निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 943 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में लोक निर्माण विभाग को विधायक निधि व सांसद निधि से निर्माण कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई? विवरण दें। क्या उक्त कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? नहीं तो क्यों? (ख) वर्ष 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र 48 महाराजपुर की विधायक निधि से स्वीकृत कार्य डिग्री कॉलेज हरपालपुर में पवेलियन निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) वर्ष 2018-19 में 48 महाराजपुर क्षेत्र की विधायक निधि से स्वीकृत स्कूल प्रांगण हरपालपुर में पवेलियन/सीढ़ी निर्माण कार्य की भौतिक स्थिति क्या है? क्या कार्य पूर्ण कर लिया गया है? इसी तरह वर्ष 2017-18 में स्वीकृत आलीपुरा स्टेडियम में सिटिंग व्यवस्था हेतु सीढ़ी निर्माण कार्य की क्या स्थिति है? कार्य पूर्ण न होने के कारण बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
23. ( *क्र. 623 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शाहगढ़ तहसील के विद्युत वितरण केन्द्र के लिए प्रस्तावित 132 के.व्ही. सब-स्टेशन कब तक बन जायेगा? (ख) शाहगढ़ विद्युत वितरण केन्द्र के 105 ग्रामों हेतु विद्युत उपसंभाग कार्यालय की स्थापना कब तक हो जावेगी और बण्डा विधानसभा क्षेत्र के सभी वितरण केन्द्र में कब तक पूर्णकालिक प्रभारी अधिकारियों की पदस्थापना कर दी जावेगी? (ग) अधिकारियों के पद कब से रिक्त हैं? रिक्त पदों का विवरण दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शाहगढ़ तहसील में वर्तमान में नवीन 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित करने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत शाहगढ़ में नवीन उपसंभाग कार्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव परीक्षण में सृजन-साधित नहीं पाया गया। बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 9 वितरण केन्द्रों में से 6 वितरण केन्द्रों में वर्तमान में पूर्णकालिक प्रभारी अधिकारी कार्यरत हैं। 3 वितरण केन्द्रों में अधिकारियों की कमी के कारण निकटवर्ती वितरण केन्द्रों के कनिष्ठ अभियंता/वरिष्ठ परीक्षण सहायक को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में कनिष्ठ अभियंता के 44 पद रिक्त हैं। उक्त रिक्त पदों की पूर्ति उपरांत पूर्ण कालिक प्रभारी अधिकारियों की पदस्थापना की जा सकेगी। (ग) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वितरण केन्द्र बण्डा ग्रामीण में कनिष्ठ अभियंता का पद दिनांक 14.09.2020 से, वितरण केन्द्र कंदवा में कनिष्ठ अभियंता का पद दिनांक 04.08.2020 से एवं वितरण केन्द्र कर्रापुर में कनिष्ठ अभियंता का पद दिनांक 22.12.2018 से रिक्त है।
उच्च माध्य. शिक्षकों के क्रमोन्नति एवं समयमान के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[स्कूल शिक्षा]
24. ( *क्र. 720 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 2006 से नियुक्त उच्च माध्यमिक शिक्षक हेतु क्रमोन्नति एवं समयमान हेतु क्या प्रावधान है? (ख) जिला आगर मालवा अंतर्गत कितने उच्च माध्यमिक शिक्षक को क्रमोन्नति एवं समयमान के प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में लंबित प्रकरण पर क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण विवरण देवें। यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जाएगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) उच्च माध्यमिक शिक्षक की नियुक्ति 2006 से नहीं हुई, अपितु मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा, शैक्षणिक संवर्ग (सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम) 2018 के अनुसार स्थानीय निकायों में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापकों की उच्च माध्यमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति दिनांक 01.07.2018 से की गई है। नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त लोक सेवकों को क्रमोन्नत वेतनमान के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जिला आगर मालवा में उच्च माध्यमिक शिक्षक के प्रथम क्रमोन्नति के 11 प्रकरण लंबित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त लोक सेवकों को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किये जाने के संबंध में निर्देश/प्रक्रिया जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियागत है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय शालेय प्रतियोगिता हेतु बजट का आवंटन
[स्कूल शिक्षा]
25. ( *क्र. 34 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूली शिक्षा विभाग में 64 वीं, 65 वीं राष्ट्रीय शालेय प्रतियोगिताओं में इन्दौर जिले के व्यायाम शिक्षकों/अध्यापकों को दल प्रबंधक नियुक्त किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन को दल प्रबंधक नियुक्त किया गया था तथा नियुक्त दल प्रबंधकों को लोक शिक्षण संचालनालय से कितनी कितनी राशि का आवंटन प्रदान किया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार 64 वीं, 65 वीं राष्ट्रीय शालेय प्रतियोगिताओं के प्री-नेशनल कोचिंग केम्प व प्रतियोगिता में दल प्रबंधकों द्वारा कितनी-कितनी राशि के व्यय प्रतिवेदन लोक शिक्षण संचालनालय को प्राप्त हुए तथा संचालनालय से कितनी राशि का आवंटन जारी किया तथा दल प्रबंधकों को कितनी राशि प्राप्त हुई, यदि आवंटन जारी नहीं किया तो उसका क्या कारण है? यदि दल प्रबंधकों को राशि दी जाना है तो कब तक कितनी दी जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, 11 प्रतियोगिताओं हेतु बजट शीर्ष में राशि उपलब्ध न होने के कारण आवंटन जारी नहीं किया जा सका है। बजट प्राप्त होने पर राशि उपलब्ध करा दी जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधानसभा
क्षेत्र
पनागर के
अंतर्गत
औद्योगिक
क्षेत्र
रिछाई के
निर्माणाधीन
ओव्हरब्रिज
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 10 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन लोक निर्माण सेतु निर्माण संभाग जबलपुर के द्वारा ओव्हरब्रिज निर्माण हेतु 17 मई 2017 को भूमि पूजन किया था? (ख) क्या पुल निर्माण हेतु समयावधि 18 माह वर्षाकाल सहित नियत की गई थी जो बीत चुकी है एवं अनुबंध दिनांक 15-09-2016 से 3 वर्ष का समय व्यतीत हो चुका है? (ग) क्या आज की स्थिति में अधूरा ब्रिज निर्माण होने के कारण रिछाई के औद्योगिक क्षेत्र संचालकों को अपना उत्पादन लाने ले जाने हेतु अत्यंत कठिनाई हो रही है? जिसके कारण इकाईयों की उत्पादन क्षमता बाधित हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो समय-सीमा में ओव्हरब्रिज का निर्माण न होने के लिये कौन दोषी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) रेल्वे ओवर ब्रिज के पूर्ण होने में हुए विलम्ब के कारण संभावित उपयोगकर्ताओं द्वारा वैकल्पिक मार्ग का उपयोग किया जा रहा है। (घ) रेलवे विभाग द्वारा रेल्वे पोर्शन की ड्राईंग के अनुमोदन में विलंब, यूटिलिटी शिफ्टिंग में आंशिक विलंब एवं रेल्वे भाग के निर्माण में विलंब के कारण अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण नहीं हो सका। विलंब हेतु कोई दोषी नहीं है।
क्षेत्र अंतर्गत बहुउपयोगी मार्गों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 47 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर को जिले से जोड़ने वाले कौन-कौन से मार्गों को एमडीआर घोषित किया गया है? उनके नाम एवं एमडीआर अंतर्गत घोषित की गई दिनांक से अवगत करावे? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित सड़कों पर एमडीआर घोषित होने की दिनांक पश्चात, कब-कब उन सड़कों पर मरम्मत कार्य करवाया गया है? सड़कवार, वर्षवार, जानकारी देवें? (ग) क्या खासपुरा-कडलावद मार्ग, खुजनेर-गुलावता मार्ग एवं मऊ-तलेन मार्ग जो काफी जीर्णशीर्ण अवस्था में है, उन पर कब तक बीटी रिन्यूअल का कार्य कराया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
क्षेत्र अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 49 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग संभाग राजगढ़ द्वारा वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कों के मरम्मत एवं निर्माण कार्यादेश जारी किए गए हैं? सड़कवार, (कार्य का नाम) कार्य की राशि, ठेकेदार का नाम एवं कार्य पूर्ण करने की अनुबंधित समयावधि की जानकारी से अवगत करावे? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों की भौतिक प्रगति एवं वित्तीय प्रगति से अवगत करावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित कार्यों को कार्य पूर्ण करने की अनुबंधित समयावधि में कार्य पूर्ण न करने एवं कार्य प्रारंभ न करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शित कार्यों को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करा लिए जावेंगे? क्या अनुबंधित कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण न कराए जाने अथवा प्रारंभ ना करवाने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मरम्मत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं प्रपत्र 'ब' के काँलम 8 एवं 9 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं प्रपत्र 'ब' के कॉलम-10 अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अनुबंधित कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराये जाने अथवा प्रांरभ न करवाने हेतु कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय जबलपुर का 500 बिस्तर में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( क्र. 62 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री द्वारा जबलपुर स्थित जिला चिकित्सालय को 500 बिस्तर के लिए उन्नयन किये जाने की घोषणा की गई थी तथा इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया था? यदि हां, तो पूर्ण विवरण प्रस्तुत किया जाये। (ख) जिला चिकित्सालय, जबलपुर के उन्नयन के लिए अभी तक कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है तथा इसमें हो रहे विलम्ब के लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) चिकित्सालय के उन्नयन में हुए विलम्ब के लिए क्या राज्य शासन जांच करवायेगा तथा दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, 16.02.2019 को 50 करोड़ की लागत से 500 बिस्तरीय अस्पताल के रूप में उन्नयन किये जाने की घोषणा की गई थी। वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट प्रावधान में योजना-अस्पताल एवं औषधालय के भवन निर्माण अंतर्गत जिला चिकित्सालय जबलपुर का 500 बिस्तरीय अस्पताल के रूप में उन्नयन को नवीन मद के रूप में शामिल किया गया। (ख) जिला चिकित्सालय जबलपुर के भवन को 275 से 500 बिस्तर में उन्नयन की कार्यवाही चरणबद्ध रूप से निंरतर प्रक्रियाधीन है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर में रेल्वे ओवर ब्रिज (शास्त्री ब्रिज) का निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 63 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में रेल्वे ओवर ब्रिज (शास्त्री ब्रिज) के पुनर्निर्माण के लिए बजट में प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो इस पुल के निर्माण के बारे में अभी तक क्या कार्यवाही की है? (ख) बजट में प्रावधान होने के बावजूद प्रश्नांश (क) में वर्णित रेल्वे ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए धरातल पर कोई कार्यवाही नहीं होने का क्या कारण है? (ग) जबलपुर शहर के इस महत्वपूर्ण पुल निर्माण में विलंब की क्या राज्य शासन जांच करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मुख्य बजट 2019-20 में अपरिक्षित मद में प्रतीक प्रावधान राशि रू. 100.00 के साथ प्रस्तावित है। कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति सक्षम वित्तीय समिति के अनुमोदन के अभाव में जारी नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि सड़क की अनुमति
[वन]
6. ( क्र. 70 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में वन भूमि पर सड़क निर्माण तथा विद्युतीकरण कार्य की अनुमति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? (ख) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोकनिर्माण विभाग से स्वीकृत सड़कों तथा ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु कौन-कौन से प्रस्ताव किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं उनका निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में रायसेन जिले के मान.मंत्री तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ पत्रवार कारण बतायें कब तक निराकरण होगा पूर्ण विवरण दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) में लंबित प्रकरणों का निराकरण आवेदक संस्थाओं द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में दर्शाई गई कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संबल योजना में पंजीयन
[श्रम]
7. ( क्र. 71 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में रायसेन जिले में जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि में कितने पंजीकृत हितग्राहियों के नाम काटे गये तथा क्यों काटे गये। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मान.मंत्री जी को अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि तक प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्यों कारण बतायें तथा कब तक निराकरण होगा? (ग) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में पात्र हितग्राहियों का नवीन पंजीयन क्यों नहीं हो रहा है? (घ) दिसम्बर 2020 की स्थिति में संबल योजना में स्वीकृत किन-किन प्रकरणों में राशि का भुगतान नहीं हुआ? कब तक राशि का भुगतान होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत रायसेन जिले में जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि में सत्यापन के दौरान 20484 अपात्र श्रमिकों के नाम पदाभिहीत अधिकारी द्वारा काटे गये। श्रमिकों के भौतिक सत्यापन के दौरान अपात्र होने के कारण उनके नाम काटे गये। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मान. मंत्री जी को अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि तक दो पत्र प्राप्त हुये हैं। राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत भौतिक सत्यापन में अपात्र चिन्हांकित किये गये व्यक्तियों के संबंध में स्थानीय स्तर पर अपील के अधिकार जिला कलेक्टर/उनके द्वारा नामांकित अपर कलेक्टर को आदेश क्रमांक 1062/1581/2020/ए-16 दिनांक 28.11.2020 द्वारा प्रदान किये गये हैं। इसी प्रकार केवल मृत्यु के कारण अपात्र चिन्हांकित किये गये हिताधिकारियों के भी पुर्नसत्यापन किये जाने के निर्देश क्रमांक 583/2020 दिनांक 16.07.2020 जारी किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त जारी आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य शासन के निर्देशानुसार पंजीयन अभियान के रूप में किया गया था। सतत् पंजीयन संबंधी राज्य शासन के निर्देश नहीं है। (घ) संबल योजना में स्वीकृत पात्र उन प्रकरणों का भुगतान लंबित है जिनमें बजट अपेक्षित है। पर्याप्त बजट प्राप्ति पर समस्त स्वीकृत पात्र प्रकरणों में भुगतान किया जायेगा।
चित्रकूट क्षेत्र की जर्जर सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 82 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट क्षेत्र के लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत की विभिन्न प्रमुख सड़के जर्जर हालात में हैं, जो दुर्घटना एवं अनहोनी को आमंत्रण दे रही हैं? इन सड़कों की मरम्मत एवं नवीनीकरण की शासन की मंशा को स्पष्ट करें, साथ ही यह भी बतायें कि इन्हें कब तक सुधारा जायेगा। (ख) क्या पवित्र नगरी चित्रकूट नगर की लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत की प्रमुख सड़कें जर्जर हैं जो चलने योग्य नहीं हैं? इसे कब तक सुधारा जायेगा? क्या इसके चौड़ीकरण की योजना भी है? यदि हाँ, तो कब तक योजना पर कार्य शुरू होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। चित्रकूट नगर की सड़कों के चौड़ीकरण की कोई योजना वर्तमान में विभाग में प्रचलन में नहीं है। अत: चौड़ीकरण कार्य की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चित्रकूट के गौण खनिज मद के संदर्भ में
[खनिज साधन]
9. ( क्र. 83 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में संचालित खदानों से गौण खनिज मद में 2010 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि जमा हुई? (ख) गौण खनिज मद से चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के तहत कौन-कौन से विकास/निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किए गए। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए एवं कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? पृथक-पृथक विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) गौण खनिज की रायल्टी विधानसभावार एकत्रित किये जाने का प्रावधान नहीं है। जिला स्तर पर जमा रायल्टी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम 1957 में दिनांक 12.01.2015 को संशोधन उपरांत मुख्य खनिज के खनिपट्टों में जिला खनिज प्रतिष्ठान में राशि देय होने का प्रावधान किया गया है। इस संशोधन उपरांत मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 लागू किये गये हैं। जिसमें गौण खनिज से जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में वर्तमान में दरें प्रावधानित नहीं है। रेत खनिज के मामले में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 में जिला खनिज प्रतिष्ठान में राशि देय होने का प्रावधान किया गया है। सतना जिले में रेत खनिज की कोई घोषित खदान नहीं है। अत: प्रश्नानुसार कोई राशि गौण खनिज से कोई राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में प्राप्त न होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अत्यंत घटिया स्तर की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 95 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप संभाग सतना के अंतर्गत जो रोडे बनाई गयी है वह 6 माह के अंतर्गत 50 से 60 प्रतिशत मार्ग का भाग ध्वस्त हो चुका है उक्त मार्गों का निरीक्षण तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी ने 18.09.2020, 25.09.2020, 28.09.2020 एवं 29.09.2020 को किया तथा उक्त मार्गों की कार्यवाही के संबंध में क्रमश: पत्र क्रमांक 449 दिनांक 21.09.2020 पत्र क्रमांक 480 दिनांक 25.09.2020 पत्र क्रमांक 485 दिनांक 28.09.2020 पत्र क्रमांक 492 दिनांक 29.09.2020 के जरिये कार्यपालन यंत्री सतना को लिखा था? (ख) उपसंभाग सतना के अंतर्गत खाना, खजाना कारगिल ढाबा, ट्रासपोर्ट नगर नई बस्ती भल्ला डेरी फार्म से गहरवार पेट्रोल पंप मार्ग कुल लंबाई 5.25 कि.मी. प्लान वर्क अंतर्गत लागत 679.29 लाख है उक्त मार्ग का नवीनीकरण जून 2020 में पूर्ण किया गया है जिसमें लगभग 2.00 करोड़ रूपये खर्च किये गये है अब उक्त मार्ग का प्राक्कलन बनाकर शासन को भ्रमित करते हुए प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कर निविदा की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है नवीनीकरण की सतह मजबूत है और उसमें किसी भी प्रकार का कार्य करने की आवश्यकता नहीं है उक्त प्राक्कलन उपयंत्री ए.के. निगम के द्वारा तैयार किया गया है? (ग) जूनियर उपयंत्री ए.के. निगम के प्रभारी एस.डी.ओ. नागौद बनाया गया है तथा उप संभाग सतना का उपयंत्री भी बनाया गया है उक्त दोनों पदों में विगत डेढ़ वर्षों से पदस्थ है? अभी हाल में उपसंभाग सतना से हटाया गया है हटाये जाने के बाद भी वह हवाई पट्टी में प्रतिदिन बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य के काम को देखता है? उक्त अधिकारी के कार्यकाल के दोनों संभागों में जो निर्माण कार्य कराये गये है उसकी जॉच राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर कराना चाहिए नहीं करायेगे तो क्यों कारण सहित बताये उक्त प्रभारी एस.डी.ओ. को जिले से हटाने के लिए मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, संभागीय प्रभारी मंत्री एवं स्थानीय मंत्री ने लिखा था लेकिन आज दिनांक तक नहीं हटाया क्यों कारण सहित बतायें? (घ) (क), (ख), (ग), सही है तो उक्त निर्माण कार्य के बिल तैयार करने वाले उपयंत्री सत्यापन करने वाले एस.डी.ओ. बिल में पास आर्डर एवं चेक काटने वाले कार्यपालन यंत्री को कब तक निलंबित कर दिया जायेगा? शासन की राशि का जो बंदरबाट करने वाले अधिकारियों से वसूली कब तक कर ली जायेगी? (ख) में उल्लेखित मार्ग का स्टीमेट बनाने वाले उपयंत्री सत्यापन करने वाली एस.डी.ओ. तथा उक्त स्टीमेट का बिना परीक्षण तथा मौके का निरीक्षण किये वरिष्ठ कार्यालय भेजने वाले कार्यपालन यंत्री को कब तक निलंबित कर दिया जायेगा? नहीं किया जायेगा तो क्यों कारण सहित बताये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं अपितु उक्त स्वीकृति में खाना खजाना, कारगिल ढावा तक मार्ग का भाग सम्मिलित नहीं है। केवल इसी हिस्से में नवीनीकरण कार्य किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मुख्य अभियंता के जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुये श्री ए.के. निगम उपयंत्री को प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. के आदेश क्र. 1232 दिनांक 22.12.2020 द्वारा निलंबित किया जा कर सागर परिक्षेत्र में अटैच में किया जा चुका है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के अनुरूप उपयंत्री का निलंबन किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी सतना को कारण बताओ सूचना पत्र जारी एवं कार्यपालन यंत्री को कारण बताओ सचूना पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उत्तरांश (ख) के अनुसार कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
आदिम जाति कल्याण विभाग में अवैध नियुक्तियाँ
[आदिमजाति कल्याण]
11. ( क्र. 96 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति, जन-जाति कल्याण विभाग को तत्कालीन कलेक्टर बड़वानी द्वारा पत्र क्रमांक 5493/आदिम/सामा.स्था./2017 बड़वानी दिनांक 20.07.2017 द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की अनियमित नियुक्ति के संबंध में अवगत कराया था? यदि हाँ, तो पत्र की एक प्रतिलिपि देते बताये कि प्रमुख सचिव आदिमजाति के द्वारा किन-किन पत्र क्रमांकों एवं दिनांकों से कब व क्या कार्यवाही की गई? उक्त सभी पत्रों की एक-एक प्रतिलिपि दें? (ख) क्या सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण गणेश भावर एवं अन्य का नाम अवैध नियुक्ति कर्ता मानकर तत्कालीन बड़वानी कलेक्टर एवं अन्य जिला कलेक्टरों सहित आदिम जाति कल्याण विभाग के किन-किन वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा शासन के आदिम जाति कल्याण एवं अन्य किन-किन कार्यालयों को पत्र दिये गये/जानकारी दे दी गई? सूची उपलब्ध कराये? पत्रों की एक-एक प्रति दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अवैध नियुक्ति प्रकरण में प्रश्न तिथि तक क्या-क्या जांच किस नाम, पदनाम, पदस्थापना वाले अधिकारियों द्वारा की जा रहीं है? अगर नहीं की जा रही हैं तो क्यों? कारण दें?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डाटा एण्ट्री को नियमित पदों के वेतन का 90 प्रतिशत देना
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 108 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किए जाने हेतु नीति निर्देश पत्र क्रमांक/सी-5-2/2018/1/3 दिनांक 05 जून 2018 से शासन के समस्त विभागों को दिए जाकर प्रतिलिपि अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा मण्डल को भी दी गई थी। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो माध्यमिक शिक्षा मंडल मुख्यालय एवं संभागीय कार्यालयों में पदस्थ डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को उसका लाभ दिया गया था या नहीं? कौन-कौन डाटा एन्ट्री के पद पर कब कार्यरत है, उनके नाम एवं शैक्षणिक योग्यता क्या है। उन्हें कितना-कितना वेतन कैसे दिया जाता है तथा कब से वेतन नहीं बढ़ाया पृथक-पृथक बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) के पत्र के बिन्दु क्रमांक 1.14.1 से 1.14.6 के बिन्दुओं का क्या पालन सुनिश्चित किया गया, यदि नहीं तो क्यों और कब तक किया जायेगा। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 771 दिनांक 14.10.2020 जो सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल को लिखा गया था, पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं तो कब तक की जावेगी।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) मण्डल मुख्यालय में नियमित पदों के विरूद्ध केवल 04 संविदा डाटा एन्ट्री आपरेटर (सिस्टम आपरेटर) कार्यरत है। जिन्हें माध्यमिक शिक्षा मण्डल के आदेश क्रमांक/प्रशा/स्था/ए-2/4168/2019 दिनांक 06/03/2019 द्वारा लाभ दिया गया है। आदेश एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार इसके अलावा अन्य डाटा एन्ट्री आपरेटर जो मण्डल एवं अन्य संभागीय कार्यालय में पदस्थ है। के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। मण्डल एवं अन्य संभागीय कार्यालयों में कार्यरत डाटा एन्ट्री आपरेटर को माध्यमिक शिक्षा मण्डल के आदेश क्रमांक प्रशासन/स्था/ए-2/4412/2020 भोपाल दिनांक 16/12/2020 द्वारा वेतनमान 5200 ग्रेड पे 2800=8000 के आधार पर मंहगाई भत्ता 154 प्रतिशत दिया गया है तथा राज्य शासन द्वारा समय-समय पर देय मंहगाई भत्ते का भुगतान भविष्य में किया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार। (ग) नियमित पद के विरूद्ध मण्डल में कार्यरत 4 संविदा डाटा एन्ट्री आपरेटरों हेतु पत्र के बिंदु क्रमांक 1.14.1 से 1.14.6 तक पालन किया जा रहा है। (घ) माननीय सदस्य के पत्र क्रमांक 771 दिनांक 14/10/2020 के संदर्भ में संभागीय कार्यालय रीवा में कार्यरत प्रतिभा द्विवेदी को नियमित पद के विरूद्ध संविदा पर कार्यरत नहीं होने के कारण मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक//सी-5-2/2018/1/3 दिनांक 05 जून 2018 के अंतर्गत पात्रता नहीं आती। इससे माननीय विधायक को मण्डल द्वारा पत्र क्रमांक प्रशा/स्था/ए-2/4301/2020 भोपाल दिनांक 08/12/2020 द्वारा अवगत कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार।
इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 119 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में वर्तमान में इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना लागू है? यदि नहीं तो कब किस दिनांक को बंद की गई है? उक्त योजना को बंद करने का कारण एवं औचित्य स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रदेश सरकार द्वारा इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना के स्थान पर अन्य कोई योजना प्रांरभ की गई है? यदि हां, तो योजना का नाम व योजना किस दिनांक से प्रारंभ की गई है? (ग) क्या वर्ष 2018 में संचालित संबल योजना में राजगढ़ जिले में अपात्र लोगों को सम्मिलित करने की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हां, तो राजगढ़ जिले में कितने अपात्र हितग्राही पाये गये व इनको कितनी धनराशि का लाभ प्रदान किया गया? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) राजगढ़ जिले में वर्ष 2019 में सितम्बर से दिसम्बर माह में इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना के लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या, धनराशि एवं प्रतिशत बतावें। (ड.) वर्ष 2018 में जुलाई से दिसम्बर में संबल योजना में राजगढ़ जिले में कितने हितग्राही लाभान्वित हुये थे? उनकी संख्या, धनराशि एवं प्रतिशत बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) संबल योजना में हितग्राहियों का चयन श्रम विभाग, म.प्र. शासन द्वारा किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2018 में संचालित संबल योजना में राजगढ़ जिले में अपात्र लोगों को सम्मिलित करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) राजगढ़ जिले में वर्ष 2019 में माह सितम्बर से माह दिसम्बर तक इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना के अंतर्गत लाभांवित हितग्राहियों की संख्या, धनराशि एवं प्रतिशत से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ड.) राजगढ़ जिले के अंतर्गत राज्य शासन की मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना-2018 के तहत् पंजीकृत श्रमिकों को विभाग द्वारा लागू सरल बिजली बिल स्कीम एवं मुख्यमंत्री बकाया माफी स्कीम में राजगढ़ जिले में वर्ष 2018 में माह जुलाई से माह दिसम्बर तक लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या, धनराशि एवं प्रतिशत की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है।
सौभाग्य योजना के अंतर्गत भ्रष्टाचार की जांच
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 120 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्य़त वितरण कंपनी के अन्तर्गत सौभाग्य योजना में किये गये कार्यों में भ्रष्टाचार किये जाने संबंधी जांच की गई है अथवा की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त जांच किन-किन जिलों में की जा रही है? जांच प्रांरभ किये जाने के दिनांक एवं यदि जांच पूर्ण हो गई हो तो समाप्त होने के दिनांक से अवगत करावे। (ख) उपरोक्त जांच में कितने अधिकारी एवं ठेकेदार दोषी पाये गये एवं अधिकारियों तथा ठेकेदारों के नाम तथा उनके विरूद्ध की गयी कार्यवाही से अवगत करायें। क्या दोषी पाये गये अधिकारियों में से किसी अधिकारी को वरिष्ठ पद का प्रभार दिया गया है? (ग) जांच के दौरान अधूरे पाये गये कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में सौभाग्य योजना अंतर्गत किये गये कार्यों में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है तथापि गुना, अशोकनगर, भिण्ड एवं मुरैना जिलों में विभिन्न माध्यमों से उक्त योजना अंतर्गत किये गये कार्यों में कथित रूप से अनियमितता की जानकारी संज्ञान में आने पर इसकी जांच की जा रही है। गुना एवं अशोकनगर जिलों के कार्यों की जांच दिनांक 14.02.2020 से तथा भिण्ड एवं मुरैना जिलों की जाँच दिनांक 01.02.2020 से आरंभ हुई है। (ख) एवं (ग) जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र दिनांक 18.12.2020 से जाँच कमेटियों को दिनांक 24.12.2020 तक जाँच पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं। जाँचोपरांत प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी दी जा सकेगी।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 152 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल एवं भवनों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना था? उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने के लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये गये? (ख) रायसेन जिले की किन-किन सड़कों/पुल निर्माण में वन भूमि का व्यवधान, विद्युत तार एवं पोल हटवाने की कार्यवाही अथवा भू-अर्जन की आवश्यकता है? उक्त प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित है? इनके निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल तथा शाला भवनों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित नहीं हुई तथा क्यों? कब तक निविदा आमंत्रित होगी? (घ) रायसेन जिले में सड़क/पुल स्वीकृति तथा अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक मान. मुख्यमंत्री जी, मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स', 'स-1' एवं 'स-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' एवं 'द-1' अनुसार है।
अध्यापक संवर्ग को छठवां तथा सातवां वेतनमान का प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
16. ( क्र. 159 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में सभी संवर्ग के सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक, जिनका अभी तक स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन होने से वंचित हुये हैं उनका संविलियन कब तक किया जायेगा तथा अध्यापकों के द्वारा विकल्प देने के पश्चात भी अभी तक छठवां एवं सातवां वेतनमान का लाभ क्यों प्राप्त नहीं हुआ है? उनको कब तक लाभ प्रदान किया जायेगा? (ख) सिवनी जिले में कितने सहायक अध्यापक कार्यरत थे, जिन्हें 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने के पश्चात भी प्रथम समयमान वेतनमान के लाभ से वंचित किया गया है? वंचित अध्यापकों को कब तक प्रथम समयमान वेतनमान का लाभ दिया जायेगा? (ग) स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन से वंचित सहायक एवं वरिष्ठ अध्यापकों का कब तक संविलियन किया जायेगा? (घ) म.प्र. शासन एवं आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा बिन्दु क्र. (क), (ख), (ग) के संबंध में कब तक कार्यवाही की जायेगी? हां तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सिवनी जिले में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत 03 सहायक अध्यापक, 06 अध्यापक एवं 06 वरिष्ठ अध्यापक के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण/विभागीय जांच लंबित होने के कारण इन्हे नवीन संवर्ग में नियुक्ति नहीं दी जा सकी है। न्यायालयीन प्रकरण एवं जांच के निराकरण उपरांत इनकी नवीन संवर्ग में नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण की जावेगी। अध्यापकों के द्वारा विकल्प देने के पश्चात उन्हें छठवां वेतनमान का लाभ प्रदान कर एरियर्स की प्रथम एवं द्वितीय किश्त का भुगतान कर दिया गया है, तृतीय किश्त के भुगतान के आदेश दिनांक 11 दिसम्बर 2020 को जारी किये जा चुके है। नवीन संवर्ग में नियुक्त लोक सेवकों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) सहायक अध्यापकों को 10 वर्ष की सेवापूर्ण करने के पश्चात प्रथम समयमान-वेतनमान देने का प्रावधान नहीं है, अपितु 12 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ प्रदान करने का प्रावधान है। सिवनी जिले में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत पात्रताधारी सभी सहायक अध्यापकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
विद्यालयों में सीधी भर्ती से प्राचार्यों की नियुक्ति/पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 160 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के कितने मॉडल, एक्सीलेन्स, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय प्राचार्य विहीन हैं तथा कब तक इन संस्थाओं में पूर्णकालिक प्राचार्यों की नियुक्ति एवं पदस्थापना की जायेगी? (ख) स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्यों के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती के होने के कारण विगत वर्षों में प्राचार्यों की सीधी भर्ती क्यों नहीं की गई? मॉडल, एक्सीलेन्स, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कब तक 50 प्रतिशत पदों पर प्राचार्यों की सीधी भर्ती की जावेगी? (ग) म.प्र. के सभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में तथा ब्लॉक स्तर पर सहायक संचालक के पद स्वीकृत किये गये हैं? किन्तु अभी तक सीधी भर्ती के 50 प्रतिशत पद क्यों नहीं भरे गए हैं? पदोन्नति से भरे गये सहायक संचालक तथा सीधी भर्ती से भरे जाने वाले सहायक संचालकों की योग्यता में दोहरा मापदण्ड क्यों है? सीधी भर्ती के 50 प्रतिशत सहायक संचालकों की नियुक्ति में बी.एड. एवं अध्यापन अनुभव की योग्यता का समायोजन कर सीधी भर्ती पर सहायक संचालकों की नियुक्ति की जायेगी? (घ) शासन द्वारा इस संबंध में कब तक कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत 4345 मॉडल, एक्सीलेंस, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय प्राचार्य विहीन है। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। सीधी भर्ती का प्रावधान नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति नियम में उल्लेखित शैक्षणिक योग्यता एवं व्यावसायिक योग्यता के आधार पर नियुक्ति दी जाना है पदोन्नति प्राचार्य उ.मा.वि. के पद पर वरिष्ठता एवं अनुभव के आधार पर की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सीधी भर्ती की कार्यवाही नियमों में उल्लेखित प्रावधान अनुसार ही की जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम निर्णय के संदर्भ में पदोन्नति की कार्यवाही बाधित है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासनाधीन किये गये विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं विद्यार्थी
[स्कूल शिक्षा]
18. ( क्र. 177 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 21 एवं 22 मार्च 2002 को म.प्र. शासन द्वारा 54 अशासकीय विद्यालयों को शासनाधीन करते हुये प्रशासकीय नियंत्रण में लिया गया है? क्या शासनाधीन किये गये उक्त 54 विद्यालयों के प्राचार्य, शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को शासन नियमानुसार नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो इनका क्या वेतनमान निर्धारित किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? क्या इन कर्मचारियों को वर्ष 2002 से ही नियमित माना गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विद्यालयों को माध्य.शिक्षा मण्डल का शासकीय कोड आवंटित किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? इन्हें उक्त कोड कब तक जारी कर दिया जावेगा? क्या उक्त कोड के अभाव में शिक्षारत विद्यार्थी अनेकों कठिनाईयों जैसे- गणवेश, पाठ्य पुस्तक, साईकिल, मध्यान्ह भोजन आदि सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रहे है? (ग) प्रश्नांश (क) के विद्यालयों के कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन कटोत्रा का लाभ इन्हें दिया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। स्थानीय निकायों के अधीन प्रशासकीय नियंत्रण में लिया गया है। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त कर्मचारियों को वर्ष 2002 से संविदा पद मान्य किया गया। (ख) जी नहीं। निकायधीन होने से शासकीय कोड जारी नहीं किया गया। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। 06 विद्यालयों में दिया जा रहा है। शेष प्रक्रिया में है।
शासन को भ्रमित कर पुन: प्राक्कलन तैयार कर कार्य करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 179 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपसंभाग सतना अंतर्गत निर्मित रोडे छ: माह में 50-60 प्रतिशत ध्वस्त हो चुकी हैं, जिनका निरीक्षण तत्कालीन एसडीओ ने दिनांक 18.09.2020, 25.09.2020, 28.09.2020, 29.09.2020 को किया एवं कार्यवाही हेतु क्रमांक 449 दिनांक 21.09.2020, क्र. 480 दिनांक 25.09.2020, क्र.485 दिनांक 28.09.2020, क्र. 492 दिनांक 29.09.2020 कार्यपालन यंत्री सतना को लिखा? हाँ/नहीं, पत्रों की प्रति सहित पूर्ण जानकारी दें? (ख) उपसंभाग सतना अंतर्गत खाना-खजाना, कारगिलढाबा, ट्रांसपोर्टनगर, नई बस्ती, भल्ला डेरीफार्म-गहरवार पेट्रोल पंप मार्ग कुल लंबाई 5.25 कि.मी. प्लानवर्क लागत 679.29 लाख, रूपये जिसका नवीनीकरण जून-2020 में लागत लगभग दो करोड़ व्यय हुये, जिसका पुन: प्राक्कलन उपयंत्री/प्रभारी एसडीओ श्री ए.के.निगम ने बनाकर शासन को भ्रमित कर प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कर निविदा कार्यवाही पूर्ण की गई है, जबकि नवीनीकरण कार्य की सतह मजबूत है, किसी प्रकार का कार्य करने की आवश्यकता नहीं है। (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 492 दिनांक 23/09/2020 में कार्यवाही न होने, प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच दल गठित न करने गठित न करने, बावजूद उपंयत्री ए.के. निगम को प्रभारी एस.डी.ओ. नागौद, उप संभाग सतना का उपयंत्री का दायित्व प्रदान करने का कारण स्पष्ट करें? उक्त प्रभारी एस.डी.ओ. का जिले से अन्यत्र स्थानान्तरण हेतु मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, स्थानीय मंत्री को लेख के बाद भी आज दिनांक तक क्यों नहीं हटाया गया? (घ) (क), (ख), (ग) सही है तो बिना परीक्षण, मौका निरीक्षण के उक्त निर्माण कार्य के स्टीमेट, बिल तैयार करने वाले उपयंत्री, एसडीओ, पास आर्डर एवं चेक काटने वाले कार्यपालन यंत्री को कब तक निलंबित कर शासन की राशि बंदरबाट करने वाले अधिकारियों से वसूली कब तक कर ली जायेगी? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं अपितु उक्त स्वीकृति में खाना खजाना, कारगिल ढाबा तक मार्ग का भाग सम्मिलित नहीं है। केवल इसी हिस्से में नवीनीकरण कार्य किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता (ग) त्रुटिपूर्ण कार्य को सुधारा जा चुका है। सुधार उपरांत पूर्ण कार्य का निरिक्षण तकनीकी अधिकारी/ATC द्वारा किया जा कर कार्य को अच्छा पाया गया। सम्बंधित उपयंत्री श्री ए.के. निगम (प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी) को प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. के आदेश क्र. 1232 दिनांक 22.12.2020 द्वारा निलंबित किया जा कर सागर परिक्षेत्र में अटैच में किया जा चुका है। (घ) उपयंत्री का निलंबन किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी सतना को कारण बताओ सूचना पत्र जारी एवं कार्यपालन यंत्री को कारण बताओ सचूना पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सतना हवाई पट्टी निर्माण में अनियमितता पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 180 ) श्री जुगुल किशोर बागरी, श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना हवाई पट्टी का उन्नयन/नवीनीकरण ल.1828.60 मी., स्वी.राशि-537.47 लाख रू.,जो गुणवत्ता विहीन है, जिसके संबंध में तत्कालीन एस.डी.ओ. ने 25.09.2020 को निरीक्षण कर पत्र क्र.478 द्वारा कार्यपालन यंत्री को पत्र लिखा, जिस हेतु 75.63 लाख का अनुपूरक शेड्यूल स्वीकृत किया गया? कार्यपालन यंत्री के पत्र क्र. 9192 दिनांक 29.08.2020 एवं मुख्य अभियंता रीवा के निरीक्षण दिनांक 24.06.2020,पत्र क्र.788 दिनांक 01.07.2020 की निरीक्षण टीप अनुसार कम्पेसन, ग्रेडिंग में डामर की मात्रा संतोषप्रद नहीं पायी गयी? (ख) क्या सतना सांसद के पत्र दिनांक 10.08.2020 पर मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 08.09.2020 को सचिव को कार्यवाही हेतु लिखा एवं उप सचिव के पत्र क्र. 2190 दिनांक 15.09.2020, तथा प्रमुख अभियंता के पत्र क्र.950 दिनांक 29.09.2020 द्वारा मुख्य अभियंता को कार्यवाही हेतु लिखा? यदि हां, तो प्रकरण की अद्यतन जानकारी, जाँच प्रतिवेदन की प्रति सहित उपलब्ध करायें। (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) सही है तो मुख्य अभियंता के निरीक्षण टीप बिन्दु क्र.5, कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी के निरीक्षण उपरांत लिखे गये पत्रों से स्पष्ट है कि उक्त कार्य गुणवत्ताविहीन है? (घ) यदि (क), (ख), (ग) सही है तो उक्त निर्माण कार्य का बिल तैयार करने वाले उपयंत्री सत्यापन करने वाले अनुविभागीय अधिकारी एवं पास आर्डर लगाने वाले कार्यपालन यंत्री को कब तक निलंबित कर दिया जायेगा? जाँच पूर्ण होने तक इन्हें सागर अथवा ग्वालियर संभाग में अटैच कब तक कर दिया जायेगा? यदि नहीं किया जायेगा तो कारण सहित बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। प्रकरण की अद्यतन जानकारी जाँच प्रतिवेदन दिनांक 21.11.2020 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्य अभियंता के निरीक्षण के परिपालन में निरीक्षण उपरांत संविदाकार से आवश्यक सुधार कराया गया है। (घ) त्रुटिपूर्ण कार्य संविदाकार द्वारा सुधारा जा चुका है। संबंधित उपयंत्री को निलंबित किया जाकर मुख्य अभियंता सागर परिक्षेत्र में अटैच किया जा चुका है। अनुविभागीय अधिकारी सतना को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है एवं कार्यपालन यंत्री सतना के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 के महामारी बजट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( क्र. 206 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. कोरोना संक्रमण महामारी का प्रभाव किस माह से हुआ था? इसकी रोकथाम के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) क्या यह सही है, कि विश्व महामारी कोविड-19 के मरीजों के जीवन रक्षक के लिए अस्थाई नियुक्ति जैसे आयुष चिकित्सक/नर्सिंग स्टॉफ/फार्मासिस्ट/पैरामेडिकल/लैबटेक्निशियन/ए.एन.एम. एवं वार्डवाय की नियुक्ति की गई थी क्या यह ही है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म.प्र. का पत्र क्रं.N.H.M./H.R./सेल-1 2020/15339, दिनांक 25.11.2020 के तहत प्रश्नांश (ख) अनुशंसा 50 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाए समाप्त करने का आदेश जारी किया जा चुका है, यदि हो तो कारण बताये। (ग) यह सही है कि कोविड-19 के संक्रमण के कारण सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी जान को जोखिम में डाल कर कर्तव्य निष्ठा के साथ अपनी सेवा प्रदान की है फिर इनकी सेवा समाप्त न कर इन्हें संविदा अथवा नियमितिकरण हेतु विभाग कब तक आदेश जारी कर देगी। यदि नहीं तो क्यों।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कोरोना संक्रमण महामारी का प्रभाव मार्च, 2020 से हुआ था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु जिला कलेक्टर को आवश्यक मानव संसाधन सुनिश्चित करने हेतु अधिकारी प्रत्योजित किये गये थे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी नहीं, किन्तु उक्त पत्र के माध्यम से कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुये आवश्यकतानुसार स्टॉफ को निरंतर रखने की स्वीकृत प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) यह सही है कि कोविड-19 के संक्रमण के कारण सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी जान को जोखिम में डाल कर कर्त्तव्य निष्ठा के साथ अपनी सेवा प्रदान की है। विभाग के पत्र क्रमांक/आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के बिन्दु क्रमांक 4-A में उल्लेखित अनुसार संविदा/नियमितिकरण का कोई प्रावधान नहीं होने से नियमितिकरण करना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
ताप बिजली संबंधित
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 207 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को, श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. जेनको के अमरकंटक, संजय गांधी, सतपुड़ा एवं श्री सिंगाजी चारों ताप बिजली घरों में RCR (रोड कम रेल) मोड एवं सड़क परिवहन से विभिन्न कोयला खदानों से कोयले का परिवहन किया गया, यदि हाँ, तो 01 अप्रैल 2017 से 30 नवम्बर 2020 तक बिन्दुवार सम्पूर्ण जानकारी बताई जायें। (ख) प्रत्येक ताप बिजली घर की म.प्र. जेनको की पृथक-पृथक सम्पूर्ण निविदाएं, कार्यादेश नम्बर दिनांक कोयला खदानों के नाम/सड़क परिवहन की वास्तविक दूरी किलोमीटर, दर प्रति मेट्रिक टन ठेकेदार/मेसर्स कम्पनी का पूरा नाम/पता, कुल मात्रा, कुल राशि जिसको ठेका दिया गया, ठेका वाइज कराए गए कार्यादेश की प्रतियों सहित उपलब्ध करायी जाय। (ग) यह है कि उपरोक्तानुसार प्रत्येक कार्यादेश में निविदा प्रपत्र बनाने/आमंत्रण से निविदा के मंजूर करने तक किन-किन म.प्र. जेनको के अधिकारियों ने निविदा/ठेकों के अनुमोदन हेतु अपनी सहमति प्रदान की उन सब के नाम, पदनाम, कार्यालयों का नाम और दिनांक सहित समस्त जानकारी बिन्दुवार अलग-अलग दी जाय।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्न ताप विद्युत गृहों में प्रश्नावधि में अमरकंटक एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह हेतु केवल सड़क परिवहन (रोड मोड) से कोयला परिवहन किया गया है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह में केवल RCR. (रोड कम रेल) मोड से कोल परिवहन किया गया है। संजय गांधी ताप विद्युत गृह हेतु रोड मोड एवं RCR. (रोड कम रेल) मोड से कोयले के परिवहन हेतु कार्यादेश जारी किये गये हैं। कार्यादेशों की बिन्दुवार संपूर्ण जानकारी ताप विद्युत गृहवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के चारों ताप विद्युत गृहों हेतु कोयला परिवहन के लिये प्रश्नावधि में जारी पृथक-पृथक संपूर्ण निविदाओं से संबंधित जानकारी ताप विद्युत गृहवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त सभी निविदाओं के कार्यादेश की प्रति के संबंध में उल्लेखनीय है कि एक ही खदान से कोयला परिवहन हेतु जारी निविदा के मंजूर होने के पश्चात एक से अधिक प्रतिभागी होने पर एक से अधिक प्रतिभागियों को पृथक-पृथक मात्रा में समान दर एवं सेवा शर्तों पर कार्यादेश जारी किये जाते हैं। अत: निविदाओं की एक समान कार्य की प्रकृति होने के फलस्वरूप प्रत्येक निविदा हेतु कार्यादेश की एक प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-1' से 'स-42' अनुसार है। (ग) निविदा प्रपत्र बनाने से अनुमोदन प्रदान करने वाले अधिकारियों से संबंधित जानकारी ताप विद्युत गृहवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बिजली बिल का विसंगतिपूर्ण वितरण
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 216 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, होशंगाबाद अन्तर्गत बाबई, सोहागपुर, केसला, होशंगाबाद (ग्रामीण) वितरण केन्द्रों में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कृषि पंप हेतु कितने किसानों को कितने-कितने एचपी के स्थायी कनेक्शन प्रदान किये गये वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश, अवधि में जिन किसानों का 2 एचपी कनेक्शनधारी है उन्हें 5 एच.पी., 5 एचपी कनेक्शनधारी वालों को 8 एच.पी. एवं 8 एचपी कनेक्शधारी को 13 एचपी कनेक्शन का विसंगतिपूर्ण बिल दिया जा रहा है? यदि हां, तो इसके लिये कौन कौन अधिकारी/ कर्मचारी जिम्मेदार है? कनेक्शन नियमों की प्रति देते हुये बतायें कि जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये विसंगतिपूर्ण बिलों को कब तक दुरूस्त कर सही बिल प्रदान किये जायेगें एवं जिन किसानों द्वारा विसंगतिपूर्ण बिलों का भुगतान कर दिया गया है, उनकी राशि को कब तक समायोजित कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) होशंगाबाद जिला क्षेत्रान्तर्गत विद्युत वितरण केन्द्र बाबई, सोहागपुर (शहर), सोहागपुर (ग्रामीण), केसला एवं होशंगाबाद (ग्रामीण) में प्रश्नाधीन अवधि में कृषि पंप हेतु प्रदाय किये विद्युत कनेक्शनों की वितरण केन्द्रवार चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नांश अवधि में कृषकों को विद्युत पंप कनेक्शनों के संबद्ध भार के अनुरूप नियमानुसार बिल जारी किये गये हैं, तथापि म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 7.26 के अनुसार उपभोक्ता को स्वीकृत तथा संयोजित भार से अधिक विद्युत की खपत करते पाए जाने पर ऐसे उपभोक्ता से टैरिफ आदेश में दर्शाई गई विस्तृत प्रक्रिया के अनुसार बिलिंग कर वसूली करने का प्रावधान है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। सिंचाई पंप कनेक्शन दिये जाने संबंधी नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषकों को विद्युत पंप कनेक्शनों के संबद्ध भार के अनुरूप ही नियमानुसार बिल जारी किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद के वन ग्रामों का विस्थापन
[वन]
24. ( क्र. 217 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद जिले के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद द्वारा वर्ष 2013 से आज दिनांक तक जिन वन ग्रामों का विस्थापन किया गया है उनमें अभी तक विस्थापितों को मूलभूत सुविधायें (बिजली, बोरबेल पानी, सड़क, जमीन समतलीकरण, ठूंठ कटाई, सीमांकन) क्यों प्राप्त नहीं हो पा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में किन-किन ग्रामों का विस्थापन होना शेष है इनके अभी तक विस्थापन का लाभ क्यों नहीं दिया गया हैं तथा पूर्व में जो विस्थापन हुआ हैं उनके भी कुछ लोग पात्रता सूची में विस्थापन लाभ से वंचित हो गये हैं, इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं? साथ ही पात्रता सूची में छोड़े गये शेष लोगों को भी शामिल कब तक कर दिया जावेगा? (ग) शेष रहे विस्थापन वाले ग्रामों के लोगों ने किन-किन वन कक्ष में जाने हेतु अपनी सहमति विभाग को दी गई है, उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? शेष रहे विस्थापन वाले लोगों को कब तक उनकी इच्छानुसार वन कक्ष में विस्थापित कर दिया जायेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) होशंगाबाद जिले के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद के विस्थापित ग्रामों में दिशा-निर्देशों के अनुसार मूलभूत सुविधायें संसाधनों की उपलब्धता एवं जिला स्तर पर संचालित विभिन्न योजनाओं के convergence के द्वारा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। तीन ग्रामों के विस्थापन हेतु वनभूमि का व्यपवर्तन न होने के कारण भूमि समतलीकरण नहीं हो सका है। (ख) खामदा (भाग) एवं सुपलई के विस्थापन की कार्यवाही शेष है। उक्त ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा विस्थापन की सहमति दी गई है। भारत सरकार से बसाहट स्थल की वनभूमि के व्यपवर्तन की कार्यवाही शेष होने के कारण विस्थापन नहीं किया गया है। पूर्व में विस्थापित वनग्राम साकोट के पात्रता सूची में विस्थापन के लाभ से वंचित 11 व्यक्तियों द्वारा कलेक्टर, जिला-होशंगाबाद को अपील आवेदन दिया गया है, जिसके निराकरण उपरांत विधि सम्मत कार्यवाही संभव है। (ग) ग्राम खामदा (भाग) एवं सुपलई विस्थापन हेतु शेष है। ग्राम खामदा के ग्रामीणों द्वारा वनमण्डल (सामान्य) होशंगाबाद के अंतर्गत वन परिक्षेत्र इटारसी के वन कक्ष क्रमांक पी-180, 181 में तथा ग्राम सुपलई के ग्रामीणों द्वारा वन परिक्षेत्र इटारसी के वन कक्ष क्रमांक पी-174, 179 एवं 144 में विस्थापन हेतु सहमति दी है, जिस पर विभाग द्वारा संज्ञान लेकर भारत सरकार से उक्त वन कक्षों के वन भूमि के व्यपवर्तन हेतु कार्यवाही प्रारम्भ की है। भारत सरकार से वनभूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही विस्थापन संभव है, इस कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बालक छात्रावास एण्डोरी जिला भिण्ड के अधीक्षक
[अनुसूचित जाति कल्याण]
25. ( क्र. 247 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालक छात्रावास एण्डोरी जिला भिण्ड के अधीक्षक श्री अशोक चौरसिया को नाबालिक छात्र के यौन शोषण के आरोप में थाना एण्डोरी में धारा 377, 7, 8 में दिनांक 14.07.2017 में गिरफ्तार किया था? यदि हाँ, तो उक्त दिनांक के उपरांत अन्य धारायें भी जोड़ी गई है? (ख) क्या वर्ष 2017 में छात्रावास बैंक खाते से नियम विरूद्ध राशि का आहरण कर श्री अशोक चौरसिया ने गबन किया था? यदि हां, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? गबन की अभी तक कितनी राशि जमा कराई गई एवं कितनी राशि शेष है तथा शेष राशि कब तक जमा करा ली जायेगी? (ग) आयुक्त जनजातीय कार्य विकास म.प्र. भोपाल ने दिनांक 25.06.2018 के द्वारा जिले में एक अधीक्षक को एक ही छात्रावास में पदस्थ करने का आदेश दिया था? यदि हां, तो श्री चौरसिया कब से कब तक से किन-किन छात्रावासों में अधीक्षक के पद पर पदस्थ रहे हैं? (घ) जिला पंचायत भिण्ड ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर तथा जिला पंचायत अध्यक्ष ने आयुक्त भोपाल एवं कलेक्टर जिला भिण्ड को श्री अशोक चौरसिया को अधीक्षक पद से हटाने हेतु कब-कब पत्र लिखे दिनांक सहित विवरण दें। (ड.) श्री चौरसिया को नियम विरूद्ध अधीक्षक के पद पर पदस्थ करने एवं जिला पंचायत भिण्ड के प्रस्ताव एवं जिला पंचायत अध्यक्ष भिण्ड के आदेश की अव्हेलना के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध जांच कराकर दण्डित किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। बालक छात्रावास एण्डोरी जिला भिण्ड के अधीक्षक श्री अशोक चौरसिया को नाबालिग छात्र के यौन शोषण के आरोप में थाना एण्डोरी में धारा 377,7,8 में दिनांक 14.07.2017 में गिरफ्तार किया था। पुलिस अधीक्षक जिला भिण्ड से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार उक्त दिनांक के उपरांत प्रकरण में 5/6 पॉस्को एक्ट का इजाफा किया गया था। पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। श्री अशोक चौरसिया की छात्रावास में पदस्थ अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) जिले में विभागीय शिक्षकों की कमी होने के कारण विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी गोहद की अनुशंसा पर श्री चौरसिया को कार्य सुविधा की दृष्टि से अधीक्षक का प्रभार दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोडों के पेचवर्क के कार्य
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 258 ) श्री
बैजनाथ
कुशवाह : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
वर्ष 2018-19 या 2019-20 में
सबलगढ़ उप
संभाग के अन्तर्गत
रोडों के
पेचवर्क का
कार्य
विभागीय स्तर
पर किया गया
या वर्क
ऑर्डर/टेन्डर
प्रक्रिया से? (ख) यह
वर्क ऑडर किस
ठेकेदार को
कितनी राशि का
दिया गया? यदि हां, तो
विभागीय
मजदूरों से
कार्य लिया
गया? (ग) सबलगढ़
उपसंभाग के
अन्तर्गत किन-किन
रोडों पर
पेचवर्क
कार्य हुआ है? (घ) उक्त
अवधि में नवीन
स्वीकृत/प्रस्तावित
मार्ग कौन-कौन
से लिये गये
हैं? उनकी
अब तक स्थिति
क्या है? (ड.) ए.बी.सी.
कैनाल सुनहरा
रोड किलोमीटर 01 से
ए.बी.रोड
किलोमीटर 69 तक सी.सी.
रोड किस वर्ष
में स्वीकृति
होकर किस वर्ष
पूर्ण किया
गया? क्या
उक्त रोड समय
अवधि गारंटी
में है? यदि
हां, तो
उक्त रोड
क्षतिग्रस्त
होकर जगह-जगह
गहरे गड्ढों
में तब्दील हो
गया? यदि
हां, तो
इसके लिये
कौन-कौन
अधिकारी व
कर्मचारी जिम्मेदार
है एवं उनके
विरूद्ध क्या-क्या
कार्यवाही कब
तक की जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) वर्ष
2018-19 एवं 2019-20 सबलगढ़
उपसंभाग के
अंतर्गत
रोडों पर पेंच
रिपेयर का
कार्य मार्ग
की स्थिति अनुसार
विभागीय तौर
पर एवं वर्क
आर्डर/टेंडर
प्रक्रिया
दोनों पद्धति
से कराये गये
थे (ख) ठेकेदार
पद्धति से किये
गये पेंच
रिपेयर की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ'
अनुसार
है। जी हाँ, कार्य
की आवश्यकता
अनुसार
विभागीय
श्रमिक भी
कार्य में लिये
गये। ठेकेदार
से वर्क आर्डर
के माध्यम से
डामरीकृत
पेंच बनाये
गये, जिसका
ठेकेदार को पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ'
अनुसार
भुगतान किया
गया है। साथ
ही विभागीय
मजदूरों से
वर्षाकाल एवं
वर्षाकाल
उपरान्त
मार्गों पर
डब्ल्यू.बी.एम.
पेंच बनाये
गये जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब'
अनुसार
है। (ग) सबलगढ़
उपसंभाग के
अन्तर्गत
कैलारस पहाड़गढ़
मार्ग, सेमई
विजयपुर
मार्ग, विजयपुर
सबलगढ़ मार्ग, गुलालई
पहुँच मार्ग, खेरला
गुरैमा मार्ग, सालई
सेमना मार्ग
रामपहाड़ी
जाबरौल मार्ग, रामगढ़
खेरा डिगवार
मार्ग, पंचमुखी
से गुदाया
मार्ग, जौरा
निदान मार्ग, चचिहा
पहुँच मार्ग
एवं कुर्रौली
पहुँच मार्ग
पर पेंच
रिपेयर किया
गया है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स'
एवं
'स-1' अनुसार
है। (ड़) ए.बी.
केनाल मार्ग
(सुनेहरा रोड
कि.मी. 01 से
ए.बी. रोड कि.मी. 69 तक) कुल
लम्बाई 69.18
कि.मी. वर्ष 2015 में
स्वीकृत हुआ
था, जो
वर्ष 2020
में पूर्ण
किया गया है।
जी हाँ, मार्ग
गारंटी अवधि
में है। जी
नहीं, मार्ग
की स्थिति
सामान्य है
एवं अनुबंध के
अनुसार
संधारण किया
गया है। प्रश्नांश
के शेष भाग का
प्रश्न ही
उत्पन्न नहीं
होता है।
अनुदान प्राप्त शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 259 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में अनुदान प्राप्त शालाऐं संचालित है? (ख) यदि हां, तो कितनी एवं कहाँ-कहाँ संचालित है? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी अनुदान प्राप्त शालाएं बंद की गई है एवं बंद शालाओं के अभाव में छात्र-छात्राओं के अध्ययन हेतु क्या व्यवस्था की गई है।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) 140 शालायें संचालित हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। वर्ष 2013 से कुल 173 शालायें बन्द हुई है, वैकल्पिक व्यवस्था निकटतम शाला में की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब अनुसार।
संबल योजना का क्रियान्वयन
[श्रम]
28. ( क्र. 276 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व सरकार द्वारा असंगठित शहरी एवं ग्रामीण श्रमिकों एवं कर्मचारी के लिये शुरू की गई संबल योजना का संचालन वर्तमान सरकार द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक अंत्येष्टि सहायता, अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु व दुर्घटना मृत्यु) प्रसव पूर्व जाँच प्रोत्साहन योजना, प्रसव उपरांत सहायता योजना, महाविद्यालय शिक्षा प्रोत्साहन योजना (शिक्षा के क्षेत्र में) के तहत जिला सिवनी में कितने-कितने हितग्राहियों को सहायता दी गई? वर्षवार, ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय क्षेत्रवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) योजनान्तर्गत जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों का पंजीयन हुआ है, कितनों को सहायता राशि प्रदाय की जा चुकी है और कितनों को भुगतान होना लंबित है? कारण सहित वर्षवार, ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय क्षेत्रवार सूची देवें। (घ) प्रश्नकर्ता के तांराकित प्रश्नांश क्रमांक 23 दिनांक 20 दिसम्बर 2019 को प्रश्न के जवाब में संबल योजना अंतर्गत जिला पंचायत सिवनी ने कार्ड मुद्रण में ई-टेंडरिंग नहीं होने पर विस्तृत जाँच होना बताया गया था तो क्या प्रकरण की विस्तृत जाँच कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या, कार्यवाही हुई? जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये अवगत करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में योजनावार स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्षवार, ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय क्षेत्रवार हितग्राहियों की संख्या संबंधी सूची तैयार की जा रही है। (ग) योजनांतर्गत जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक 3530 प्रकरणों का पंजीयन हुआ है 2415 को सहायता राशि प्रदाय की जा चुकी है। 1115 प्रकरणों में भुगतान लंबित है लंबित प्रकरणों में शासन स्तर से भुगतान की प्रक्रिया जारी है। वर्षवार, ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय क्षेत्रवार सूची तैयार की जा रही है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी से संबंधित होने के कारण जानकारी प्राप्त की जा रही है।
रोजगार प्रशिक्षण
[आदिमजाति कल्याण]
29. ( क्र. 282 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा जनजातीय समुदाय के शिक्षित एवं कम पढ़े लिखे बेरोजगारों के लिये शासन योजनानुसार विभिन्न कोर्सों में नि:शुल्क आवासीय रोजगार मूलक प्रशिक्षण का संचालन प्रतिष्ठित उद्योगों/शासकीय संस्थाओं/पंजीकृत संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षण कराया जाकर रोजगार/स्वरोजगार प्राप्ति के अवसर प्रदान किया जा रहा है? (ख) यदि हां, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन उद्योगों/शासकीय संस्थाओं/पंजीकृत संस्थाओं में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है? बालाघाट जिले अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवक/युवतियों के नाम, पिता का नाम, पता, जनपद, जिले का नाम, कोर्स/विधा का नाम, अवधि, कहाँ-कहाँ रोजगार प्राप्त कराया गया एवं संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई, की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में परिषद को जो आवंटन प्राप्त हुआ था वह पूरा व्यय नहीं किया जा सका, उसके बावजूद दूसरे वित्तीय वर्ष में पुन: करोड़ों का बजट आवंटन किन करणों से जारी किया गया बतावें? (घ) परिषद को वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस विभाग से प्राप्त हुई एवं कितना-कितना व्यय किया गया बतावें?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) 1. वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली संस्थाओं की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 2. बालाघाट जिले में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 3. रोजगार प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। 4. उक्त अवधि में संस्थाओं को भुगतान की गई राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) परिषद एवं प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के मध्य अनुबंध का निष्पादन किया जाता है एवं निर्धारित मापदण्ड अनुसार तीन चरणों में भुगतान किया जाता है। यह प्रक्रिया सतत् चलती रहती है। इस तरह वर्ष विशेष में प्राप्त राशि का व्यय आगामी वर्षों में भी किया जाता है। (घ) परिषद को वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त विभागवार राशि एवं व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
अनियमितताओं की जांच
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 326 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत विकासखण्ड हटा में मडियादो-बर्धा मार्ग पर कितने पुलों का निर्माण पीआईयू के माध्यम से किस कार्य एजेंसी से कराया जा रहा है एवं कितनी-कितनी राशि से कार्य प्रारंभ है? सम्पूर्ण प्रोजेक्ट रिपोर्ट एवं प्रशासनिक स्वीकृति की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) पी.आई.यू. द्वारा हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-से कार्य कराये जा रहे हैं। राशिवार स्थलवार कार्य एजेंसी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। क्या क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत कार्यों में अनियमितताओं के संबंध में जांच करायी जाकर समय-सीमा सहित कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला दमोह अंतर्गत विकास खण्ड हटा में पुलों का निर्माण पी.आई.यू. के माध्यम से नहीं अपितु लोक निर्माण विभाग सेतु परिक्षेत्र के माध्यम से किया जा रहा है। विकास खण्ड हटा में मडियादों-वर्धा मार्ग पर एन.डी.बी. योजना से 04 पुलों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
भवन विहीन शालाओं की संख्या
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 334 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
राज्य मंत्री,स्कूल
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) जावरा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
कितने ऐसे स्थान
हैं जहां
प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल
एवं हायर
सेकेण्डरी
स्कूल
शासन/विभाग के
होकर भवन
विहीन होने से
अन्यत्र स्थान
पर संचालित
किये जा रहे
हैं? (ख) उपरोक्तानुसार
शालाओं की स्वीकृति
किन-किन
वर्षों में दी
जाकर
शासन/विभाग
द्वारा किस
वर्ष से इन्हें
संचालित किया
जा रहा है? (ग) उपरोक्त
शालाओं में
कितने
छात्र-छात्राओं
द्वारा प्रतिवर्ष
प्रवेश लिया
जाता है?
स्कूलवार
कुल छात्र
संख्या
बताएं तथा शैक्षणिक
स्वीकृत
पदों के
विरूद्ध
पदपूर्ति भी
दर्शाएं। (घ) भवन
विहीन शालाओं
के भवनों की
स्वीकृति
हेतु विगत कई
वर्षों से
मांग की जा
रही है तो
शालाओं को स्वयं
के भवन की स्वीकृति
कब दी जा
सकेगी?
राज्य
मंत्री, स्कूल
शिक्षा ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) शासकीय
प्राथमिक
शाला
पिपलियाजोधा
का नवीन भवन
निर्माण हेतु 2019-20 में स्वीकृति
प्रदान की जा
चुकी है। भवन
निर्माण की स्वीकृति
बजट की उपलब्धता
पर निर्भर
करती है।
निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना संभव
नहीं है।
रिंग रोड (बायपास)
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 335 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत कई वर्षों से बरगढ़ (फोरलेन सड़क मार्ग) से भूतेड़ा (उज्जैन-नागदा टू लेन मार्ग) रिंग रोड की मांग लगातार की जा रही है? (ख) बताएं कि क्या शासन/विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में बरगढ-भूतेडा पहुंच रिंग रोड बनाए जाने हेतु कार्य योजना बनाई जाकर इसका सर्वे का कार्य भी समय-समय पर किया गया? (ग) यदि हां, तो प्रश्नांश (ख) वर्णित अवधि में किस-किस सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में उक्त सर्वे कार्य एवं कार्ययोजना बनाई जाकर शासन/विभाग को अग्रेषित की गई? (घ) साथ ही अवगत कराएं कि उक्त अत्यावश्यक रिंग रोड की स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा कब तक दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वर्ष 2017-18 में कार्यपालन यंत्री के दिशा निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री के द्वारा सर्वे कार्य पूर्ण कर प्राक्कलन तैयार किया गया। (घ) वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभाग को बजट का आवंटन
[आदिमजाति कल्याण]
33. ( क्र. 379 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राज्य सरकार के बजट से एकीकृत विकास परियोजना, लघु, माडा, कलस्टर परियोजना हेतु विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हां, तो वित्तिय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओ में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई, कितनी–कितनी राशियों का व्यय किया गया एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन विभागों को जारी की गई?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। आईटीडीपी/माडा पॉकेट/क्लस्टर में स्थानीय विकास कार्यक्रम हेतु सामग्री एवं पूर्तियां मद-5211 अन्तर्गत (राज्य आयोजना) में राशि परियोजना/माडा/लघु अंचलों को जारी की जाती है, विभागों को नहीं।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कुओं तक लाईन विस्तार
[आदिमजाति कल्याण]
34. ( क्र. 390 ) इन्जी.
प्रदीप
लारिया : क्या
आदिमजाति कल्याण
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) आदिम
जाति
अनुसूचित
जाति कल्याण
विभाग सागर
संभाग में
वर्ष 2018-19 से
प्रश्न
दिनांक तक
अनुसूचित
जाति एवं जन
जाति विद्युतीकरण
योजना
अंतर्गत कुओं
तक लाईन विस्तार
के तहत
हितग्राहीवार
कितनी राशि की
प्रशासकीय स्वीकृति
जारी की गई? कार्य
पूर्ण/अपूर्ण
की जानकारी
सहित बतायें। (ख) क्या
इस योजना का
लाभ गरीबी
रेखा के नीचे
जीवन यापन
करने वाले
परिवार के
सदस्य को
मिलता है? (ग) यदि
हां, तो प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
हितग्राहियों
को आय के आधार
पर किस-किस
जिले में कितनी-कितनी
आय वाले
हितग्राही को
राशि स्वीकृत
की गई तथा
योजना का लाभ
हितग्राही को
समय पर नहीं
मिला एवं
कार्य अपूर्ण
है? (घ) प्रश्नांश
(ग) में
वर्णित
स्थिति के लिए
कौन-कौन जिम्मेदार
है? विभाग
द्वारा उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
आदिमजाति
कल्याण
मंत्री (
सुश्री मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) आदिमजाति
कल्याण
विभाग सागर
संभाग में
वर्ष 2018-19 से
प्रश्न
दिनांक तक
अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास योजना
अंतर्गत लाईन
विस्तार के
तहत
हितग्राहीवार
स्वीकृत
राशि की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृत
कार्यों के
पूर्ण/अपूर्ण
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी
नहीं। अनुसूचित
जनजाति कृषक
जिनके पास
अधिकतम 10 हेक्टेयर
भूमि है,
उक्त
योजना का लाभ
ले सकते हैं। (ग) प्रश्नांश
(ख)
के
उत्तर
अनुसार प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
(ख)
के
उत्तर
अनुसार प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रश्नकर्ता विधायक की शिकायत के संबंध में
[खनिज साधन]
35. ( क्र. 400 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने चौण्डापुरा डूंगरी तहसील राजगढ़ में अवैध खनन के संबंध में समाचार पत्र की छायाप्रति तथा पैन ड्राइव सहित शिकायत कलेक्टर महोदय, राजगढ़ को की थी? यदि हां, तो प्रश्न दिनांक तक जिला प्रशासन द्वारा किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही म.प्र. गौण खनिज नियम में अवैध उत्खनन के संबंध में बनाये गये नियम के अन्तर्गत कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार जिस प्रसाशन द्वारा किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की जानकारी दिनांक अनुसार उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर राजगढ द्वारा आदेश दिनांक 03/12/2020 से इसकी जांच हेतु संयुक्त जांच दल का गठन किया गया है। संयुक्त जांच दल द्वारा 08/12/2020 को ग्राम चौण्डापुरा तहसील खुजनेर में मुरम खनिज के अवैध उत्खनन स्थल की जांच की गई। मौके पर दो डम्पर मुरम खनिज के अवैध उत्खनन करते पाये गये। उन्हें जप्त कर थाना खुजनेर की अभिरक्षा में सौंपा गया है। वर्तमान में शिकायत की जांच की कार्यवाही सतत् है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार।
ढोंचरा-गोपालपुरा मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 467 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ढोंचरा गोपालपुरा मार्ग निर्माण हेतु निविदा कब जारी की गई एवं मार्ग निर्माण हेतु कार्यादेश किस दिनांक को जारी किया गया? कार्यावधि एवं लागत सहित बताएं? (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में मार्ग एवं कार्य की क्या स्थिति है? क्या निर्माण कार्य चालू है या कार्य पूर्ण हो चुका है? (ग) क्या निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण किया गया है? यदि नहीं तो समयावधि समाप्त होने पर संबंधित कार्य एजेंसी के विरूद्ध पैनल्टी अधिरोपित की गई? यदि नहीं तो क्यों? यदि हां, तो कितनी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) समयावधि समाप्त नहीं हुई है अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कोविड-19 महामारी हेतु चिकित्सालयों में आईसीयू वार्ड की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
37. ( क्र. 483 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोविड-19 की महामारी को देखते हुए शासन ने समस्त चिकित्सालय के आईसीयू को आधुनिक बनाने का निर्णय लिया है? (ख) अगर हां, तो प्रदेश में कितने जिलों में इस योजना का शुभारंभ किया गया है? जिलों में आईसीयू का आधुनिकीकरण किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं, केवल चिन्हित चिकित्सालयों में नवीन कोविड आई.सी.यू. का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। (ख) प्रदेश के कुल 20 जिलों में नवीन कोविड आई.सी.यू. का शुभारंभ किया गया। उत्तरांश (क) के अनुसार है।
वन्य प्राणी बाघों का संरक्षण
[वन]
38. ( क्र. 484 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में बाघों की मृत्यु दर उनके जन्म दर से अधिक है? (ख) अगर हां, तो मृत्यु दर घटाने के लिए शासन क्या कार्रवाई कर रहा है? (ग) मध्यप्रदेश में वन्य संरक्षण हेतु कितने नए कंजर्वेशन रिजर्व बनाने की योजना है? (घ) राघोगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व जो शासन के पास लंबित है उसकी कब तक शासन से स्वीकृति मिलना है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश में वन्यजीव संरक्षण हेतु नए कंजर्वेशन रिजर्व बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। (घ) राघोगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का प्रस्ताव मापदण्डों के अनुरूप नहीं होने से स्वीकृत नहीं किया गया। इस संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य को विभागीय पत्र दिनांक 19.08.2020 से सूचित कर दिया गया है।
जी.आर.एम.सी.कॉलेज एवं जे.ए.एच. हॉस्पीटल में खराब मशीनों संबंधित जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
39. ( क्र. 490 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गजराजा चिकित्सा महाविद्यालय के जयारोग्य चिकित्सालय में वेन्टीलेटर, एक्स-रे मशीन, कैंसर सिकाई, अल्ट्रासाउण्ड, इनक्यूवेटर, सी.टी. स्केन लम्बे समय से खराब पड़ी है, दिनांक 30.11.2020 तक की जानकारी दी जावे। (ख) क्या जनप्रतिनिधियों द्वारा उक्त समस्या के बारे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री, आयुक्त ग्वालियर को पत्र लिख कर अवगत कराया था? उस पर क्या कार्यवाही की गई? दिनांक 30.11.2020 तक की जानकारी दी जावे। (ग) उक्त मशीनों के खराब होने, धीमीगति से कार्य करने से अस्पताल में भर्ती मरीज को महंगे दामों पर बाहर से जांच करानी पड़ रही है, उक्त मशीनों को कब तक ठीक करा लिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 08/2020, दिनांक 27/11/2020 संभागायुक्त ग्वालियर को प्राप्त हुआ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क) के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में उल्लेखित खराब मशीनों को ठीक कराने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय अस्पताल मुरार में प्रस्तावित कोविड-19, आई.सी.यू.वार्ड के निर्माण में विलम्ब
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
40. ( क्र. 493 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के शासकीय अस्पताल मुरार में प्रस्तावित कोविड-19, आई.सी.यू. वार्ड के निर्माण में विलम्ब होने के क्या कारण है? तथ्यों सहित दिनांक 30.11.2020 के अनुसार जानकारी दी जावें। (ख) उक्त वार्ड निर्माण स्थल का चयन कब किया गया? निर्माण पर कितनी राशि खर्च होने का अनुमान है? निर्माण प्रक्रिया किस स्थिति में है? पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) क्या उक्त कोविड-19, के आई.सी.यू. के निर्माण में विलम्ब होने से क्षेत्र के अनेक पीड़ित लोगों को निजी अस्पतालों में भर्ती होकर क्षमता से अधिक राशि खर्च करना पड़ रही है? शासन उस समस्या के समाधान हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय अस्पताल मुरार में 20 बिस्तरीय कोविड-19 आई.सी.यू. वार्ड निर्माण हेतु उपयुक्त स्थल उपलब्ध नहीं होने के कारण कार्य नहीं हुआ है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्य हेतु राशि रूपये 155.78 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। तदानुसार कार्य पर व्यय अनुमानित है। कार्य उपयुक्त स्थल के अभाव में स्थगित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शासकीय मेडिकल कॉलेज ग्वालियर में पूर्व से ही पर्याप्त क्षमता का आई.सी.यू. संचालित किया जा रहा है। अत: पीड़ित मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता है।
कोरोना महामारी पर व्यय राशि में अनियमितताएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 495 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में कोरोना कोविड-19 महामारी की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु किन-किन दानदाताओं/समाजसेवियों द्वारा कितनी-कितनी राशि दान दी गई एवं शासन से कितना आवंटन धनराशि एवं खाद्यान्न प्राप्त हुआ? सम्पूर्ण का विस्तृत विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त धनराशि किन-किन सुविधाओं/कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई है? पृथक-पृथक विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें। (ग) क्या श्योपुर विधानसभा में कोविड-19 लॉकडाउन 25 मार्च से 1 जून की अवधि में 1.70 करोड़ रू. खर्च किये गये है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस सुविधा पर व्यय की गई? विस्तृत ब्यौरा दें। (घ) क्या विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर के अनुसार श्योपुर विधानसभा में समाजसेवियों द्वारा तैयार किये गये भोजन पैकेटों को शासकीय कर्मचारियों द्वारा बांटे गये हैं? यदि हां, तो क्यों? क्या बांटे गये भोजन पैकेटों को सरकारी खर्चे में जोड़कर लाखों रूपये के फर्जी बिल तैयार कर लाखो रूपयों का फर्जी भुगतान किया गया है? यदि हां? तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा जांच करायी जावेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण सहित अवगत करायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) श्योपुर जिले में कोरोना कोविड-19 महामारी की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु दानदाताओं/समाजसेवियों द्वारा कोई धनराशि दान नहीं की गई है। जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वास्थ्य विभाग की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऊर्जा विभाग के संबंध में
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 500 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को प्रेषित पत्र क्र. 45 दिनांक 17.01.2019 पर क्या कार्यवाही की गयी है? यदि हां, तो विस्तृत जानकारी देवें। यदि नहीं तो कारण बतावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा प्रश्न क्र. 1705 (ख) के द्वारा पूछे गये प्रश्न के जवाब में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री द्वारा यह स्वीकार किया गया कि विदयुत प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजनांतर्गत वर्ष 2020-2021 में श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मेवाड़ा एवं बोरदादेव में 33/11 केव्ही उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य प्रस्तावित है? यदि हां, तो उक्त दोनों प्रस्तावित 33/11 केव्ही विदयुत उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ करा दिये जावेंगे? यदि नहीं तो कारण बतावें। (ग) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में बिजली विभाग द्वारा कृषि पंपों/ट्यूबवेलों की मोटरों की बिना जांच किये बिजली बिलों में मोटर हॉर्सपावर विदयुत क्षमता बढ़ाकर राशि के बढ़े हुये विदयुत बिल के भुगतान हेतु वितरित किये गये? यदि हां, तो कारण बतावें एवं किन अधिकारियों के आदेश पर? उक्त नियमविरूद्ध किये गये कार्य के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेंगी? यदि हां तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र में 07 स्थानों क्रमश: गोहेडा, सोई, मेवाड़ा, बेहरवदा, बिजरपुर, बोरदादेव एवं दलारना कलॉ में बिजली की पर्याप्त एवं सुचारू व्यवस्था हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना की मांग की गई थी। तत्समय प्राप्त प्रस्तावों के परीक्षणोंपरान्त 5 स्थानों क्रमश: गोहेडा, सोई, बिजरपुर, बेहरवदा एवं दलारना कलॉ में नवीन उपकेन्द्र की स्थापना किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया, जबकि शेष 2 स्थानों क्रमश: मेवाड़ा एवं बोरदादेव में नवीन उपकेन्द्र की स्थापना किया जाना तकनीकी रूप से साध्य पाया गया था। (ख) जी हाँ। उक्त दोनों उपकेन्द्रों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति वित्तीय संसाधानों की उपलब्धता एवं इस प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए प्रदान की जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में बोरदादेव के समीप स्थित मकरावदा उपकेन्द्र में 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता का अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया है जिसके कारण बोरदादेव क्षेत्र में सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इसी प्रकार मेवाड़ा क्षेत्र के निकट स्थित जैनी उपकेन्द्र पर वर्तमान में 5.00 एम.व्ही.ए. क्षमता के तीन पॉवर ट्रांसफार्मर एवं वोल्टेज सुधार हेतु 2 कैपेसिटर बैंक स्थापित हैं। जैनी उपकेन्द्र से वर्तमान में मेवाड़ा क्षेत्र को सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इस प्रकार बोरदादेव एवं मेवाड़ा क्षेत्र में नवीन उपकेन्द्र की स्थापना की जगह उपरोक्त वैकल्पिक व्यवस्था के तहत वर्तमान में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। कृषि उपभोक्ताओं को उनके द्वारा दिये गये आवेदन के साथ प्रस्तुत टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर स्वीकृत संयोजित भार के अनुसार बिल जारी किये जाते हैं। म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 7.26 के अनुसार उपभोक्ता को स्वीकृत संयोजित भार से अधिक विद्युत खपत पाये जाने पर ऐसे उपभोक्ताओं से टैरिफ आदेश में दर्शाई गई विस्तृत प्रक्रिया के अनुसार बिलिंग द्वारा वसूली का प्रावधान है। तदानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्रों में स्वीकृत संयोजित भार के अनुसार अथवा निरीक्षण के उपरान्त पाये गये वास्तविक संबद्ध भार के अनुसार नियमानुसार बिल दिये गये हैं। अत: कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं है।
आउटसोर्स माध्यम से भर्ती किए गए कम्प्यूटर ऑपरेटरों के लंबित मानदेय भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
43. ( क्र. 503 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के किन-किन विकासखण्डों में विगत वर्षों में हाईस्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में आउटसोर्स के माध्यम से कम्प्यूटर ऑपरेटरों की भर्ती की गई थी? किन-किन विकासखण्डों में भर्ती किए गए कम्प्यूटर ऑपरेटरों का कितने-कितने माह का मानदेय भुगतान किया जा चुका है तथा किन-किन विकासखण्डों के किन-किन स्कूलों में भुगतान किया जाना किन-किन कारणों से लंबित है व क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नियुक्त किए गए कम्प्यूटर ऑपरेटरों को मानदेय भुगतान हेतु शासन से वर्तमान में बजट प्राप्त हो चुका है? यदि हां, तो बजट प्राप्त होने के उपरांत भी भुगतान क्यों नहीं किया गया? विकासखण्डवार, स्कूलवार कम्प्यूटर ऑपरेटरों के लंबित भुगतान की जानकारी दें व स्पष्ट करें कि कम्प्यूटर ऑपरेटरों का मानदेय भुगतान किस कारण से लंबित है? लंबित भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? निश्चित मानदेय भुगतान के विलंब हेतु उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनांतर्गत स्थापित बंद/खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 504 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल की विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत ग्रामों में स्थापित किए गए ट्रांसफार्मर में से क्रियान्वयन एजेन्सी के दिनांक 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक की गारंटी अवधि के कितने ट्रांसफार्मर बंद/खराब हुए योजनावार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त अवधि में किन-किन कंपनियों द्वारा कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये योजना वार जानकारी उपलब्ध करावें तथा इस हेतु किये गये अनुबंध की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभिन्न परियोजनांतर्गत स्थापित किए गए ट्रांसफार्मर के गारंटी अवधि में खराब होने पर शासन के नियमानुसार कितनी समयावधि के अंदर खराब हुए ट्रांसफार्मर को बदलने का नियम है? क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उक्त बंद/खराब ट्रांसफार्मर को निर्धारित समयावधि में बदला गया है अथवा नहीं? यदि हां, तो प्रश्नांश (क) में दर्शायी गई अवधि में कितने ट्रांसफार्मर खराब हुए उनमें से कितनों को बदला गया? यदि नहीं तो क्यों नहीं बदला गया तथा अनुबंध की शर्तों के अनुसार इस लापरवाही हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं? यदि वर्तमान में जो ट्रांसफार्मर बंद/खराब हैं ऐसे ट्रांसफार्मर को कब तक बदल दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं में प्रश्नाधीन अवधि में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से गारंटी अवधि में कुल 74 वितरण ट्रांसफार्मर बंद/खराब हुए हैं। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों के बंद/खराब होने की दिनांक एवं बदले जाने की दिनांक सहित योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। उक्त अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में मैसर्स केट स्किल इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड, पुणे द्वारा कुल 186 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं, जिसमें से 55 दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत एवं 131 राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण (11वाँ प्लान) योजनांतर्गत स्थापित किये गये। ठेकेदार एजेन्सी के साथ किये गये अनुबंधों की प्रमाणित प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से गारंटी अवधि में बंद/खराब हुए ट्रांसफार्मरों को निविदा प्रपत्र के प्रावधान अनुसार क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा 15 दिन की समयावधि में बदलने का नियम है तथा राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (11वाँ प्लान) में स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से गारंटी अवधि में बंद/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों को निविदा प्रपत्र के प्रावधान अनुसार क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा तीन दिवस एवं मानसून सीजन (जुलाई से सितम्बर) में सात दिवस की समयावधि में बदलने का प्रावधान है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित सभी बंद/खराब ट्रांसफार्मरों को क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा उक्त निर्धारित समयावधि में ब