मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2020 सत्र
बुधवार, दिनांक 30 दिसम्बर, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खनिज
प्रकरण के
वाहनों को सक्षम
आदेश के बिना मुक्त
कराया जाना
[खनिज साधन]
1. ( *क्र. 308 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में खनिज विभाग में तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी द्वारा खनिज विभाग भिण्ड का औचक निरीक्षण किया गया था, जिसमें खनिज सर्वेश विजय चक्रवती, खनिज निरीक्षक संदेश पिपलोदिया के द्वारा 141 खनिज वाहनों के प्रकरण में बिना कलेक्टर के आदेश के वाहनों को मुक्त किया जाना पाया गया था? दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या भ्रष्ट कर्मचारी आज दिनांक तक उसी शाखा में उसी पद पर कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कर्मचारियों से कार्य क्यों कराया जा रहा है? (ग) भ्रष्ट कर्मचारी पर की गई कार्यवाही से अवगत करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। श्री विजय कुमार चक्रवर्ती, सर्वेयर को तत्कालीन प्रभाव से कार्यालयीन आदेश क्रमांक 5037, दिनांक 02.06.2017 से निलंबित कर दिया गया तथा दिनांक 30.05.2018 से बहाली उपरांत श्री विजय कुमार चक्रवर्ती एवं तत्कालीन खनि निरीक्षक, श्री संदेश पिपलोदिया के विरूद्ध जांच संस्थित की गई। विभागीय जांच वर्तमान में प्रचलन में है। (ख) उपरोक्त दोनों कर्मचारियों में से श्री संदेश पिपलोदिया का स्थानांतरण हो चुका है। श्री विजय कुमार चक्रवर्ती, सर्वेयर का स्थानांतरण नहीं होने से वर्तमान में खनिज शाखा में पदस्थ हैं। श्री विजय कुमार चक्रवर्ती से सर्वेयर का कार्य लिया जा रहा है। (ग) दोनों कर्मचारियों पर वर्तमान में विभागीय जांच प्रचलन में है। की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( *क्र. 913 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 10 दिसम्बर, 2020 तक प्रदेश में कोरोना पॉजीटिव कुल कितने मरीज पाये गये? उनमें से कितने मृत हुये? मृत मरीजों की औसत आयु क्या है तथा पुरूष महिला का प्रतिशत कितना-कितना है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मृतकों में से कितनों की मृत्यु शासकीय चिकित्सालयों में, कितनों की अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में तथा कितनों की मृत्यु स्वयं के स्तर पर इलाज कराते हुये निजी चिकित्सालयों में हुई? तीनों मृत्यु की संख्या का वहां उपचारित मरीजों से प्रतिशत क्या है? (ग) कोरोना प्रकोप के दौरान शासकीय चिकित्सालयों में कॉन्ट्रेक्ट के माध्यम से किस-किस पद पर किस दिनांक से रखा गया था तथा उन सभी को किस दिनांक से कार्य से क्यों हटा दिया गया? (घ) क्या सरकार कोरोना प्रकोप में जान जोखिम में डालकर कार्य करने वालों को संविदा कर्मचारी के रूप में किसी निश्चित वेतनमान पर कार्य पर रखेगी? यदि नहीं, तो क्या प्रत्येक को इस परिस्थिति में कार्य करने पर एक लाख का मुआवजा देगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) दिनांक 10 दिसम्बर, 2020 तक प्रदेश में कुल 224239 कोरोना पॉजीटिव मरीज पाये गये। इसमें से 3382 की मृत्यु हुई। मृत मरीजों की औसत आयु 62 वर्ष है तथा पुरूष मरीजों का 71.9 प्रतिशत एवं महिला मरीजों का 27.9 प्रतिशत है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मृतकों में से शासकीय चिकित्सालयों में 2032, अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में 432 तथा स्वयं के स्तर पर इलाज कराते हुये निजी चिकित्सालयों में 898 मरीजों की मृत्यु हुई। तीनों मृत्यु की संख्या का वहां उपचारित मरीजों से प्रतिशत क्रमश: 2.3, 1.7 एवं 4.8 है। (ग) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के पत्र क्रमांक/आई.डी.एस.पी./2020/288, भोपाल दिनांक 25.03.2020 के द्वारा कोविड-19 महामारी रोकथाम हेतु जिला कलेक्टर को आवश्यक मानव संसाधन सुनिश्चित करने हेतु शक्ति के प्रत्यायोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये थे, के अनुसार जिलों द्वारा पत्र में उल्लेखित कर्मचारियों की नियुक्ति अस्थाई कर्मचारी के रूप में की गई थी। सभी कर्मचारियों को हटाया नहीं गया, अपितु पत्र क्रमांक/एन.एच.एम./एच.आर./सेल-01/2020/15339, भोपाल दिनांक 25.03.2020 के द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु अस्थाई मानव संसाधन को दिनांक 01.12.2020 से 31.12.2020 तक पत्र में उल्लेखित मापदण्डों के आधार पर निरंतर रखने की अनुमति प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जीं नहीं। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के पत्र क्रमांक/आई.डी.एस.पी./2020/288, भोपाल दिनांक 25.03.2020 के बिन्दु क्रमांक 4-ए में उल्लेख अनुसार संविदा/नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं होने से नियमितीकरण करना संभव नहीं है। वर्तमान में ऐसे कोई निर्देश नहीं हैं।
पन्ना जिलांतर्गत विस्थापितों को ऋण पुस्तिका का प्रदाय
[वन]
3. ( *क्र. 611 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना टाईगर रिजर्व पन्ना के ग्रामों की भूमि के डी-नोटिफिकेशन की कार्यवाही प्रचलन में थी? क्या वह पूर्ण हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही पूर्ण की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के विलम्ब हेतु जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? नहीं तो क्यों। (ग) क्या पन्ना राष्ट्रीय उद्यान्न पन्ना के विस्थापितों को जिस भूमि, कृषि भूमि पर काबिज कराया गया था, का वर्तमान स्वरूप राजस्व भूमि में परिवर्तित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो भूमि स्वामियों को भूमि ऋण पुस्तिका एवं भूमि का स्वामित्व प्रदान करा दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक प्रदान कराया जाएगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) पन्ना टाइगर रिजर्व के विस्थापित ग्रामों के बसाहट स्थल की वनभूमि के डि-नोटिफिकेशन की कार्यवाही, भारत सरकार की अधिरोपित शर्त कि रिक्त कराई गई भूमि को आरक्षित/संरक्षित वन घोषित किया जावेगा का पालन न होने के कारण, पूर्ण नहीं हुई है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसमें कोई दोषी नहीं है। (ग) भारत सरकार के पत्र दिनांक 20.05.2019 से वनभूमि का वैधानिक स्वरूप राजस्व भूमि में परिवर्तित किया गया है, किन्तु उत्तरांश (क) अनुसार वनभूमि का डि-नोटिफिकेशन होना शेष है। डि-नोटिफिकेशन के उपरांत भूमि स्वामित्व एवं ऋण पुस्तिका उपलब्ध कराई जा सकेगी।
विद्युत चोरी के प्रकरण पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 43 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर विदिशा अंतर्गत दिनांक 11.09.2019 को पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी के नेतृत्व में घंटानाद कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम संचालन हेतु बने मंच पर अवैध रूप से चोरी कर बिजली का उपयोग किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या जिलाध्यक्ष भा.ज.पा. विदिशा के खिलाफ विद्युत चोरी का प्रकरण कायम किया गया एवं उक्त संबंध में किन-किन धाराओं में प्रकरण कायम कर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन कार्यक्रम के दौरान विद्युत का अवैध रूप से उपयोग संज्ञान में आया था। (ख) विद्युत का अवैध रूप से उपयोग संज्ञान में आने पर विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत प्रथम दृष्टया विद्युत चोरी का प्रकरण कायम किया गया। तत्संबंध में बनाये गये पंचनामा क्रमांक 2011/23 में कार्यक्रम के आयोजक श्री राकेश जादौन के नाम का उल्लेख है। पंचनामें में भा.ज.पा. जिलाध्यक्ष विदिशा के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। प्रकरण में कुल विद्युत क्षति राशि रू. 3203/- एवं शमन राशि रू. 7000/- सहित कुल राशि रू. 10203/- का अनंतिम देयक दिनांक 02.11.2019 को जारी किया गया। श्री राकेश जादौन से दिनांक 05.03.2020 को प्राप्त आपत्ति का निराकरण करते हुये प्रकरण से संबंधित एजेंसी मेसर्स राजेन्द्र साउन्ड एण्ड लाईट को विद्युत देयक जारी किया गया तथा उक्त एजेंसी द्वारा उक्त देयक के विरूद्ध ब्याज सहित संपूर्ण राशि रू. 10,459 जमा करा दी गई है।
बैगा जनजाति हेतु कल्याणकारी योजनाओं का संचालन
[आदिमजाति कल्याण]
5. ( *क्र. 792 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की जनसंख्या कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन के द्वारा विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के कल्याण हेतु क्या कोई योजना संचालित है? यदि है, तो जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सीधी एवं सिंगरौली जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के लिये बैगा विकास प्राधिकरण के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक बैगा विकास प्राधिकरण में शामिल कर योजनाओं का लाभ दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति को एक हजार रूपये प्रतिमाह पोषण आहर के लिये दिये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, है तो कब तक प्रावधानित कर एक हजार रूपये प्रतिमाह दिया जायेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार सीधी जिले में बैगा जनजाति की जनसंख्या 26302 एवं सिंगरौली जिले में 45142 है। सीधी एवं सिंगरौली जिले में निवासरत बैगा जनजाति, विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिगड़े वन क्षेत्रों का निजी निवेशकों द्वारा विकास
[वन]
6. ( *क्र. 531 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक, भोपाल द्वारा जारी पत्र दिनांक 20.10.2020, क्रमांक/एफ-2/3620 के माध्यम से 37420 वर्ग किलोमीटर बिगड़े वन क्षेत्रों को निजी निवेशकों को देने की सहमति का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो यह सहमति व निर्णय प्रदेश मंत्रि-मण्डल की किस बैठक में लिए गए हैं? (ख) क्या भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 5 से 19 तक लंबित जांच बाबत् जारी आदेश-निर्देश, वन खण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल कर ली गई निजी भूमियों से संबंधित जारी आदेश-निर्देश की उपेक्षा कर उन्हें अमान्य कर बिगड़े वनों को निजी निवेशक हेतु प्रदाय बाबत् उपरोक्त पत्र जारी किया गया है? (ग) क्या बिगड़े वन क्षेत्र से संबंधित संविधान में किए गए पहले एवं 73 वें संशोधन, 11 वीं अनुसूची, भू-राजस्व संहिता 1959 में किए गए पहले संशोधन, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 के प्रावधानों को अमान्य कर उनकी उपेक्षा की गई है? (घ) क्या वन मुख्यालय ने अतिरिक्त प्रमुख सचिव वन विभाग, मध्यप्रदेश शासन की अध्यक्षता में गठित नारंगी भूमि टास्क फोर्स कमेटी की दिनांक 06 फरवरी, 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट में की गई सिफारिशों एवं दिये गये सुझावों की उपेक्षा कर उपरोक्त पत्र जारी किया गया है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन पत्र प्रदेश में स्थित 37420 वर्ग किलोमीटर बिगड़े वन क्षेत्र के विकास में निजी निवेश की संभावना को तलाशने के लिये प्रारंभिक रूप से क्षेत्र चिन्हांकन हेतु लिखा गया है। बिगड़े वनों में निजी निवेश आकर्षित करने हेतु अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। (ख) से (घ) जी नहीं।
रीवा-शहडोल एवं रीवा-रामपुर नैकिन मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 840 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा शहडोल वाया बघवार मार्ग लंबे समय से खराब है तथा विधानसभा में इसके सुधार के आश्वासन के बाद भी अभी तक कार्य शुरू क्यों नहीं हुआ है? इसे कब तक प्रारम्भ किया जाएगा? (ख) क्या इसी मार्ग में नकटा के पास बन रहे रेल्वे ब्रिज के पास मार्ग अत्यन्त खराब है एवं कार्य स्थल के दोनों ओर बने मार्ग पर ठेकेदार द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसे कब तक नियमानुसार ठीक कर लिया जाएगा? (ग) रीवा से रामपुर नैकिन वाया गड्डी मार्ग का कार्य कब तक पूरा हो जाएगा? इस कार्य में विलंब का क्या कारण है? (घ) चुरहट नगर पंचायत की रोड कब तक ठीक कर ली जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रीवा शहडोल मार्ग के मरम्मत का कार्य स्वीकृत है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा नियमों का पालन किया गया है वर्तमान में क्षतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत करा दी गई है। (ग) अनुबंधानुसार प्रदत्त द्वितीय समयावृद्धि दिनांक 31.03.2021 तक पूर्ण होने का लक्ष्य निर्धारित है। समय पर अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त न होना एवं मुख्य जिला मार्ग की श्रेणी से राज्य मार्ग की श्रेणी में परिवर्तित मापदण्डों के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ। (घ) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है। भारत सरकार के उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 389 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेल्वे गेट क्र. 30 मकरोनिया पर रेल्वे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य लो.नि. विभाग द्वारा कब स्वीकृत किया गया था? कार्य एजेंसी से कब अनुबंध किया गया था? कब तक कार्य पूर्ण करना था? विभाग का क्या वर्क प्लान था? समय पर कार्य पूर्ण न होने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्य समय पर पूर्ण न होने पर कार्य एजेंसी पर कार्यवाही/दण्ड का क्या प्रावधान है? (ख) कार्य एजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य किया गया? कितना कार्य शेष है? कितने कार्य का कब-कब कार्य एजेंसी को भुगतान किया गया? (ग) विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक किये गये कार्यों की किन-किन लेबों से कब-कब जांच कराई गई? (घ) कार्य निर्माण की धीमी गति के चलने के कारण एवं कार्य एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य के समय यातायात हेतु पर्याप्त सावधानियां न होने के कारण दुर्घटनाओं एवं यातायात में आ रही परेशानियों के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) लेबों में जाँच का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम-9 अनुसार है।
रायसेन जिले की फैक्ट्रियों से उपकर की वसूली
[श्रम]
9. ( *क्र. 744 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा मध्यप्रदेश के समस्त निर्माण कार्यों पर 01 (एक) प्रतिशत उपकर राशि लिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम सहित संपूर्ण विवरण उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) परिप्रेक्ष्य में रायसेन जिले में ग्राम जमुनिया, पोस्ट जमुनिया, जिला रायसेन के इण्डस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्रियों का कब से निर्माण प्रारंभ हुआ एवं निर्माण प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कुल कितना उपकर प्राप्त हुआ? फैक्ट्री वाइज संपूर्ण विवरण दें। यदि उपकर नहीं प्राप्त हुआ तो कारण बताया जाये? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त फैक्ट्रियों के निर्माण से आज दिनांक तक किस-किस श्रम विभाग अधिकारी से निरीक्षण कर उपकर वसूली की? कब-कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या वहां पर बनी फैक्ट्रियों के कुल क्षेत्रफल के निर्माण लागत से कम उपकर राशि वसूली हुई? यदि हाँ, तो कितनी? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध शासन/विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 की धारा 3 (1) एवं उसके अंतर्गत जारी अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में ग्राम जमुनिया, पोस्ट जमुनिया, जिला रायसेन के इण्डस्ट्रियल एरिया में केवल एक फैक्ट्री वेल्सपन कॉर्प निर्माणाधीन है जिसका निर्माण कार्य 01 जुलाई, 2018 से प्रारंभ हुआ और निरंतरित है। निर्माण कार्य प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक वेल्सपन कॉर्प द्वारा उपकर राशि रूपये 18,18,000/- पेमेंट गेटवे (आर.टी.जी.एस.) के माध्यम से दिनांक 15.03.2019 को मण्डल के खाते में अंतरित की गई। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री संदीप कुमार पाण्डेय, श्रम निरीक्षक, कार्यालय श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप जिला रायसेन द्वारा दिनांक 18-12-2019 को वेल्सपन कॉर्प का पोर्टल जनरेटेड निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में की गई कार्यवाही अनुसार कारखाना वेल्सपन कॉर्प के निर्माण कार्य का भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 की धारा 7 के अंतर्गत स्थापना का पंजीयन कराया गया तथा उक्त निर्माण कार्य का उपकर निर्धारण हेतु प्रकरण उपकर निर्धारण अधिकारी द्वारा पंजीकृत किया गया। (घ) कारखाना वेल्सपन कॉर्प का निर्माण कार्य निरंतरित है। उक्त निर्माण कार्य हेतु उपकर निर्धारण का प्रकरण उपकर निर्धारण अधिकारी के समक्ष पंजीबद्ध होकर उपकर निर्धारण की प्रक्रिया प्रचलित है। प्रकरण में उपकर निर्धारण अधिकारी द्वारा अभी उपकर निर्धारण आदेश जारी नहीं किया गया है। उपकर निर्धारण आदेश जारी होने पर यह निर्धारित हो सकेगा कि कारखाना के कुल क्षेत्रफल अनुसार निर्माण लागत के अनुरूप उपकर राशि जमा की गई है अथवा नहीं। उपकर निर्धारण अधिकारी द्वारा उपकर निर्धारण आदेश जारी करने के उपरांत जारी उपकर निर्धारण आदेश अनुसार शेष उपकर राशि वसूली की कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय कृषक अनुदान योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 523 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत संचालित है? यदि नहीं, तो इसे कब से बंद किया गया है? (ख) जबलपुर संभाग में जिलेवार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के अन्तर्गत प्रारंभ से दिनांक 31.03.2019 तक ऐसे कितने किसान हैं, जिन्होंने डिमाण्ड की राशि जमा कर दी है, उसके बाद भी उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है? जमा की गई राशि के दिनांक सहित जानकारी दें। (ग) क्या फण्ड की कमी के कारण इस योजना का काम रूका हुआ है? (घ) कृषि के स्थायी कनेक्शन हेतु वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कृषकों को स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' लागू की गई थी जिसकी अवधि दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर उक्त योजना बंद हुई है। (ख) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत, जबलपुर संभाग में जिला जबलपुर में 2430, कटनी में 1779, मंडला में 665, सिवनी में 2470, नरसिंहपुर में 3550, छिन्दवाड़ा में 2942, डिण्डौरी में 154 एवं जिला बालाघाट में 1965 कृषकों द्वारा स्थाई पंप कनेक्शन हेतु राशि जमा की गई है। उपरोक्त कृषकों में से केवल जिला मंडला के 16 कृषकों का कार्य पूर्ण नहीं हुआ जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त 16 कृषकों द्वारा योजना के प्रावधान अनुसार अन्य कृषकों के साथ समूह बनाकर सामूहिक आवेदन किये गये थे। समूह के अन्य सदस्यों द्वारा राशि जमा नहीं कराने के कारण इन कृषकों के कार्य भी नहीं कराये जा सके। (ग) जी नहीं। उक्त योजना निर्धारित अवधि दिनांक 31.03.2019 से बंद हो गई है। (घ) वर्तमान में कृषकों द्वारा शत प्रतिशत राशि जमाकर अथवा सहमति पत्र देकर 3 प्रतिशत सुपरवीजन राशि जमा कर ''अ'' क्लास ठेकेदार द्वारा लाईन विस्तार का कार्य कराने के बाद कनेक्शन प्राप्त किया जा सकता है। ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' की अवधि पूर्ण होने के उपरांत राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश में ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' आरम्भ की गई है, जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है।
करैरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अवैध उत्खनन की जांच
[खनिज साधन]
11. ( *क्र. 604 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा क्षेत्र में उत्खनन के लिए कहां-कहां शासन द्वारा लीज़ पर जमीनें आवंटन की गई हैं? उनकी सूचीवार जानकारी दें। क्या लीज़ की जमीन पर ही उत्खनन जारी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अवैध उत्खनन के संबंध में जैसे दबरासानी, विजौर, चितारी भाषणा, बगदेरी, अस्वल झण्डा चन्दपठा, अन्दोरा आदि क्या इन सब जगहों पर अवैध उत्खनन जारी है? अगर यहां अवैध उत्खनन हो रहा है तो इसको बंद कराने की शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है अथवा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) लीज़ की खदानों से रॉयल्टी के रूप में शासन का दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? (घ) ओवर लोडिंग डम्परों को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई है एवं दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने ओवर लोडिंग डम्परों पर कार्यवाही की गयी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) प्रश्न में उल्लेखित क्षेत्रों में कोई लीज़ स्वीकृत नहीं है। अवैध उत्खनन पर वन, राजस्व, पुलिस एवं खनिज विभाग द्वारा संयुक्त एवं पृथक-पृथक स्थल निरीक्षण कर सतत निगरानी रखी जा रही है। प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) शिवपुरी जिले में प्रश्नाधीन अवधि में नवंबर 2020 तक कुल 18,46,49,135/- रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग मंत्रालय, भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-7/2017/12/1, दिनांक 09.06.2017 से मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में संशोधन अनुसार अवैध परिवहन के प्रकरणों में यदि, ई.टी.पी. में बताई गई मात्रा से अधिक मात्रा में खनिज का परिवहन प्रमाणित होने की स्थिति में परिवहन की जा रही खनिज की संपूर्ण मात्रा का परिवहन अवैध मान्य किया जाये एवं संपूर्ण मात्रा के आधार पर नियम 53 (6) के तहत दण्ड अधिरोपित किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 20 (2) में वैध अभिवहन पारपत्र सहित परिवहन परंतु अंकित मात्रा से अधिक मात्रा का परिवहन किये जाने पर प्रशमन शुल्क एवं शास्ति की राशि अधिरोपित किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 58 ओवर लोडिंग वाहनों पर कार्यवाही की गई है।
शास. आयुर्वेद कॉलेज जबलपुर में प्रोफेसर की नियुक्ति की जाँच
[आयुष]
12. ( *क्र. 749 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डॉ रविकांत श्रीवास्तव प्रोफेसर क्रिया शारीरिक शासकीय आयुर्वेद कॉलेज, जबलपुर द्वारा नियुक्ति हेतु (विज्ञापन अनुसार) क्रिया शरीर विषय का 10 वर्ष का अनुभव प्रणाम पत्र दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस विषय के प्रोफेसर हेतु किसी अन्य विषय का अनुभव भी (विज्ञापन अनुसार) मान्य था? (ग) क्या पूर्व में एस.बी.एम.एन. कॉलेज अस्थल बोहर जिला रोहतक हरियाणा द्वारा वर्ष 2005, 2007, 2008 में सी.सी.आई.एम. में प्रेषित जानकारी में डॉ. रविकांत श्रीवास्तव वर्तमान में प्रोफेसर क्रिया शरीर जबलपुर को स्वस्थवृत विषय में शिक्षक दर्शाया गया? (घ) यदि हाँ, तो क्या स्वस्थवृत विषय का अनुभव भी विज्ञापन अनुसार प्रोफेसर क्रिया शरीर के लिया मान्य था? यदि नहीं, तो क्या इनके द्वारा गलत अनुभव प्रमाण पत्र से म.प्र. शासन में प्रोफेसर की नियुक्ति प्राप्त की गई है? (ड.) यदि हाँ, तो इनको संबंधित विज्ञापन अनुसार विषय का अनुभव नहीं होने पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जाएगी?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
त्योंथर मुख्यालय में 100 बिस्तरीय अस्पताल के लिए बजट आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( *क्र. 748 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकासखण्ड त्योंथर में उपरोक्त शासनादेश से 100 बिस्तरा सिविल अस्पताल का उन्नयन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित पूर्व से स्वीकृत 100 बिस्तरीय अस्पताल भवन के निर्माण कार्य के लिए वर्ष 2007 से अद्यतन बजट की स्वीकृत न होने का प्रमुख कारण क्या है? क्या बजट आवंटन के अभाव में लोक महत्व का विषय विलंबित होने से आम जन मानस में जनाक्रोश का प्रमुख कारण नहीं बन रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अति लोक महत्व पर आधारित है, ऐसी स्थिति में विभाग का आगामी लक्ष्य स्वीकृत सिविल अस्पताल भवन के निर्माण के प्रति क्या है? (घ) क्या लोक महत्व के इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर त्वरित/अनपूरक बजट में आवश्यक धनराशि का आवंटन सुनिश्चित किया जाएगा? यदि हाँ, तो अनुमानित स्वीकृत बजट की स्पष्ट जानकारी प्रदान की जाय?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, वर्तमान में 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल त्योंथर स्वीकृत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय आदेश क्र. एफ 1-15/07/सत्रह/मेडि-3, दिनांक 09.09.2008 द्वारा संस्था स्वीकृति उपरांत भूमि चिन्हित न होने के कारण भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं हो सकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 02.06.2020 की स्थाई वित्त समिति के निर्णय अनुसार दिनांक 17.11.2020 को त्योंथर अस्पताल की आई.पी.डी./ओ.पी.डी. की जानकारी प्राप्त हो चुकी है। आगामी स्थाई वित्त समिति में भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु पुनः प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्न भाग की जानकारी प्रश्न (ग) के उत्तर में समाहित है।
ग्राम पंचायत को रेत उपलब्ध करवाना
[खनिज साधन]
14. ( *क्र. 269 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राजपत्र में दिनांक 30 अगस्त, 2019 को प्रकाशित रेत नियम की कण्डिका (4) में ग्राम पंचायतों एवं ग्राम उल्लेखित है? गरीबों से संबंधित रेत को लेकर दिये गए छूट के अनुसार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी आदेश, निर्देश, पत्र परिपत्र जारी नहीं किया? (ख) नियम (4) की किस किस कण्डिका में रेत के संबंध में किस-किस को क्या-क्या छूट दी गई है? उस छूट के संबंध में राज्य मंत्रालय भोपाल ने किस-किस दिनांक को पत्र, परिपत्र, आदेश या निर्देश जारी किया है? यदि नहीं, किया है तो कारण बतावें। (ग) नियम में रेत से संबंधित दी गई छूट का लाभ उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय क्या कार्यवाही कर रहा है अथवा कब तक करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 4 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 4 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। यह नियम अधिसूचित नियम है। खनिज साधन विभाग से प्रश्नानुसार नियम अधिसूचित होने के कारण पृथक से कोई निर्देश जारी नहीं किये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार।
जिला अस्पताल छतरपुर में पदस्थ अमले के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( *क्र. 877 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के जिला अस्पताल में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य हेतु किस-किस योजना की राशि प्राप्त हुई है? (ख) उक्त जिला अस्पताल में वर्ष 2010 से प्रश्र दिनांक तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कौन कौन पदस्थ रहा है? मूल पद एवं नाम बताएं। उक्त किन-किन चिकित्सा अधिकारियों द्वारा कितनी चल अचल संपत्ति कब-कब खरीदी गई है? क्या विभाग को जानकारी दी गयी थी? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? वर्ष 2010 से प्रश्र दिनांक तक जिला अस्पताल में किन-किन पदस्थ कर्मचारियों एवं अधिकारियों की कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उक्त शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई है? उल्लेख करें। (ग) जिला अस्पताल में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक सम परीक्षक ऑडिट रिपोर्ट में ऑडिटर द्वारा क्या-क्या आपत्तियां लगाई गई हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या उक्त आपत्तियों का वर्षवार निराकरण किया गया है? यदि हाँ, निराकरण की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। चिकित्सा अधिकारियों द्वारा कब-कब कितनी चल-अचल संपत्ति खरीदी गई जिसकी सूचना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नहीं है। संचालनालय की विज्ञप्त शाखा में उपलब्ध अभिलेख के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छतरपुर के पद पर वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक पदस्थ अधिकारियों की चल अचल संपत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''भ'' अनुसार है। जिला चिकित्सालय छतरपुर में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी की शिकायत एवं कार्यवाही का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) प्राप्त कंडिकाओं में से कुछ कंडिकाओं का निराकरण किया जा चुका है, शेष कंडिकाओं की नियमानुसार निराकरण की कार्यवाही प्रचलित है, कंडिकाओं के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''य'' अनुसार है।
सहकारी संस्थाओं के प्रस्ताव की स्वीकृति
[वन]
16. ( *क्र. 140 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत एक वर्ष में म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल एवं उसके पदेन महाप्रबंधकों के समक्ष किस समिति द्वारा कितनी लागत के किस-किस कार्य का प्रस्ताव किस दिनांक को प्राप्त हुआ? इसमें से किस-किस प्रस्ताव को किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी स्वीकृति प्रदान नहीं की गई, कौन सा प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है? (ख) म.प्र. लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल एवं उसके पदेन महाप्रबंधकों को प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों द्वारा ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की राशि से स्वीकृति किन-किन कार्यों पर कौन-कौन सी आपत्तियां लिए जाने, प्रस्ताव निरस्त किए जाने का अधिकार कानून, नियम एवं उपविधि की किस कंडिका या धारा में दिया है? (ग) प्राथमिक सहकारी समितियों के कार्यक्षेत्र से बाहर ग्रामीण विकास एवं वन विकास के कार्य स्वीकृत करने का सहकारी संघ एवं पदेन महाप्रबंधक को क्या-क्या अधिकार है, संस्था के कार्य क्षेत्र से बाहर स्वीकृत कार्यों के लिए सरचार्ज का प्रकरण किस-किस के विरूद्ध बनाया जाना चाहिए?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक/एफ-26-01/2007/10-3 दिनांक 10 फरवरी 2012 द्वारा ग्रामों की अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास एवं वन एवं क्षमता विकास के कार्य कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं, आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उक्त आदेश के अंतर्गत लघु वनोपज संघ के संचालक मण्डल के द्वारा समय-समय पर कराये जाने वाले कार्यों का निर्धारण किया गया है। शासन के उक्त आदेश एवं संचालक मण्डल के द्वारा कार्यों के संबंध में लिए गये निर्णय एवं सहकारिता की प्रक्रिया के परिप्रेक्ष्य में संघ के प्रबंध संचालक एवं पदेन महाप्रबंधकों द्वारा जिला यूनियनों से प्राप्त प्रस्तावों का प्रशासनिक एवं तकनीकी दृष्टि से परीक्षण किया जाकर प्रस्ताव के अनुमोदन बाबत निर्णय लिया जाता है। (ग) ग्रामों की अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास एवं वन विकास/क्षमता विकास के कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शासनादेश के अनुसार ही समितियों से प्राप्त एवं जिला यूनियन के संचालक मण्डल द्वारा अनुशंसित प्रस्तावों की स्वीकृति प्रबंध संचालक, लघु वनोपज संघ द्वारा दी जाती है। इसके अतिरिक्त शासन के उक्त आदेशानुसार ग्रामों की अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास के अंतर्गत संघ के संचालक मण्डल एवं माननीय अध्यक्ष के विवेकानुसार स्वीकृत किये जाते हैं। अत: संस्था के कार्य क्षेत्र के बाहर स्वीकृत कार्यों के लिए सरचार्ज का प्रकरण बनाये जाने का प्रश्न उपस्थति नहीं होता।
अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
17. ( *क्र. 151 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक एवं सहायक अध्यापकों का शिक्षक संवर्ग में संविलियन नहीं हुआ तथा क्यों तथा कब तक संविलियन होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) रायसेन जिले में शिक्षक संवर्ग में संविलियन किये गये अध्यापक संवर्ग को क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जा रहीं हैं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार, संविलियन नहीं अपितु अध्यापक संवर्ग को नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' के कॉलम-8 में अंकित कारणों के निराकरण उपरान्त नवीन संवर्ग में नियुक्ति की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में तथ्यात्मक जानकारी से माननीय विधायकों को दिनांक 22.12.2020 को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है।
चंबल संभाग में सड़कों का निर्माण एवं मरम्मत
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 598 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग में लोक निर्माण के अंतर्गत कौन-कौन सी सड़कें कहां से कहां तक डामरीकृत रूप से किस वर्ष में प्रथम बार निर्मित की गई एवं उक्त सड़कों की निर्माण लागत प्रथम बार कितनी थी? सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक सड़कवार देवें। उक्त सड़कों की विगत 03 वर्षों में मरम्मत एवं पेंचवर्क की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। जिन स्वीकृत लोक निर्माण सड़कों का डामरीकरण उनके निर्माण होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक नहीं हुआ उसकी सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक देवें। (ख) चंबल संभाग में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत सड़कों के निर्माण एवं अन्य निर्माण हेतु मरम्मत हेतु वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल कितना बजट किस-किस कार्य हेतु प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग से चंबल संभाग के विभिन्न लोक निर्माण विभाग के कार्यालयों में भेजा गया, उसकी पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें एवं दिमनी विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत एवं आवंटित लोक निर्माण विभाग के बजट की जानकारी देवें। (ग) क्या माननीय मंत्री महोदय, दिमनी एवं अम्बाह विधान सभा क्षेत्र में जो लोक निर्माण विभाग की सड़कें बनी हुई है, जिनमें एक बार भी डामरीकरण नहीं हुआ है, उनमें प्राथमिकता से डामरीकरण कार्य हेतु आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या दिमनी एवं अम्बाह विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की समस्त सड़कें जो कि क्षतिग्रस्त हो गई हैं एवं जिनका डामर उखड़ गया है एवं सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुये हैं, उक्त सड़कों की मरम्मत हेतु एवं भौतिक रूप से सर्वेक्षण हेतु प्रश्नकर्ता विधायक के साथ जांच टीम का गठन करेंगे? यदि हाँ, तो निश्चित समय अवधि बतावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पूर्व से निर्मित मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं निर्माणाधीन मार्गों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं ब-1 अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विभाग में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संधारण एवं मरम्मत का कार्य उपलब्ध वित्तीय संसाधनों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लि.नागदा जं. द्वारा फ्लाय एश का निष्पादन
[पर्यावरण]
19. ( *क्र. 676 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 712, दिनांक 23.09.2020 के (ख) उत्तर के संदर्भ में बतावें कि ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लि. नागदा जं. द्वारा फ्लाय एश के परिवहनकर्ताओं को दिनांक 01.01.2018 से 30.11.2020 तक कितनी राशि, किन-किन परिवहनकर्ताओं को प्रदान की? वाहन नंबर, वाहन स्वामी का नाम, खाता नंबर, वाहन प्रकार सहित माहवार जानकारी देवें। (ख) यदि यह राशि नहीं दी गई है तो इसके लिये उद्योग पर जिले व प्रदेश के अधिकारियों ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्र.क्र. 712 दिनांक 23.09.20 से (घ) उत्तर अनुसार ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लिमिटेड नागदा जं. द्वारा व्यवसायिक गोपनीयता को आधार बताकर जानकारी उपलब्ध न कराना म.प्र. विधान सभा की अवमानना की श्रेणी में आता है, इसकी आड़ में कंपनी द्वारा नियमों के उल्लंघन को प्रश्रय देकर विधानसभा की अवमानना करने वाले उत्तर को स्वीकार करने वाले अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) उपरोक्तानुसार इच्छित जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिकित्सालयों हेतु उपकरण एवं दवाओं का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( *क्र. 738 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के शासकीय चिकित्सालयों में उपचार हेतु चिकित्सीय तथा सर्जिकल उपकरण/दवायें एवं हितग्राहियों को प्रदाय किये जाने वाले आदानों के लिये शासन द्वारा बजट आवंटित किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक वर्षवार प्रदत्त राशि का ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) प्राप्त बजट के विरूद्ध सी.एम.एच.ओ. टीकमगढ़ द्वारा क्या अपने स्तर से सर्जीकल उपकरण, दवायें एवं अन्य आदान, नियमानुसार टेण्डर प्रक्रिया से क्रय किये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार स्वीकृत टेण्डरों की सूची एवं सप्लाई आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। क्या किसी एक ही फर्म को कई वर्षों में सप्लाई आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण बतायें और इसके लिये कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (ख), क्या क्रय/सप्लाई में प्राप्त उपकरणों आदि की मात्रा एवं गुणवत्ता परखी गई है? यदि हाँ, तो सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम बतायें। सप्लाई की गई सामग्री के भुगतान प्रमाणक/देयक की प्रतियाँ एवं सामग्री किन-किन ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दी गई, उनकी वितरण रसीदों की अभिस्वीकृतियॉ तथा वर्षवार शेष स्टॉक सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या औषधि व उपकरण सही मात्रा में सप्लाई/वितरण किये गये हैं? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। टेण्डर प्रकिया में एल-1 आने वाली फर्मों को ही क्रय आदेश जारी किये जाते हैं, किसी एक ही फर्म को आदेश जारी नहीं किये जाते। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कार्यालय द्वारा नियुक्त भण्डार अधिकारी डॉ. डी.एस. भदौरिया चिकित्सा अधिकारी एवं डॉ. विकास जैन, चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्राप्त उपकरणों आदि की मात्रा एवं गुणवत्ता परखी जाती है एवं सत्यापन किया जाता है। सप्लाई की गई सामग्री के भुगतान प्रमाणक/देयक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है एवं ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दी गई वितरण रसीदों की अभिस्वीकृतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ध'' अनुसार है। जिले के समस्त ब्लाकों में स्वास्थ्य संस्थाओं को उनकी मांग के अनुसार उपकरण प्रदाय किये जाते हैं। जिस कारण वर्ष के अंत में शेष स्टॉक शून्य रहता है। दिये गये उपकरणों आदि की पावती पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ध'' अनुसार है। उपकरणों आदि की सप्लाई म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन लि. भोपाल द्वारा सीधे स्वास्थ्य संस्थाओं पर प्रदाय किया जाता है। जिला कार्यालय की भण्डार शाखा में शेष स्टॉक नहीं रहता है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थ्ति नहीं होता।
उज्जैन जिले में कोरोना महामारी के पीड़ितों की जांच/उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( *क्र. 176 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 23 फरवरी, 2020 से कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में लॉक डाउन किया गया था? कोरोना महामारी के कारण कब से इसकी जाँच प्रारंभ की गई थी? उज्जैन जिले में कितनी जाँच की गई और इसमें कितने लोग ग्रसित (पॉजिटिव) हुये तथा कितने लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई है? जानकारी विधानसभावार, प्रतिदिनवार देवें। (ख) कोरोना से पॉजिटिव मृतकों को शासन द्वारा कितनी सहायता राशि का प्रावधान है? किस-किस को, कितनी-कितनी सहायता राशि का भुगतान किया गया है? म.प्र. शासन द्वारा कोरोना महामारी से बचाव हेतु क्या-क्या प्रयास किये तथा समय-समय पर क्या-क्या निर्देश/आदेश दिये गये? इसके बचाव व उपचार के लिए कहां-कहां पर कितनी-कितनी राशि स्वीकृत कर जारी की गई है? (ग) आर्डी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन के द्वारा कोरोना के उपचाररत मरीजों को किस प्रकार का भोजन दिया गया है और उसका प्रति व्यक्ति के मान से कितना और किसको भुगतान किया गया है? किस नियम निर्देशों का पालन हुआ है। भुगतान के लिए शासन के क्या निर्देश थे? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा कोरोना के संबंध में कलेक्टर उज्जैन के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी म.प्र. शासन को प्रेषित पत्र क्र. 386, 387 दि. 20.4.20/389 दि.22.4.20/393 दि. 26.4.20/414 दि. 28.5.20/तथा कलेक्टर उज्जैन को प्रेषित पत्र क्र.398 दि.5.4.20 पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। दिनांक 20 मार्च, 2020 से इसकी जांच प्रारंभ की गई। उज्जैन जिले में कुल 143827 जांच की गई और इसमें 4478 ग्रसित (पॉजिटिव) हुये तथा 99 लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। इस संबंध में विभाग द्वारा आर्थिक सहायता देने का कोई प्रावधान नहीं है। म.प्र. शासन द्वारा कोरोना महामारी से बचाव हेतु कोविड केयर सेंटर, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर एवं जिला कोविड सेंटर्स की स्थापना की गई है। साथ ही कुछ निजी चिकित्सालयों एवं लेबोरेटरीज को भी अधिकृत किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों के बचाव व उपचार हेतु म.प्र. शासन द्वारा जिलेवार जारी की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है तथा अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को भुगतान हेतु राशि रूपये 141.24 करोड़ स्वीकृत कर जारी किये गये। (ग) आर्डी गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन के द्वारा कोरोना के उपचाररत मरीजों को संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक/कोविड-19 नियंत्रण/ आई.डी.एस.पी./2020/926, भोपाल दिनांक 24.06.2020 में दर्शित तालिका अनुसार भोजन दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। आयुष्मान भारत ''निरामयम्'' म.प्र. के स्वीकृत दरों में भोजन की राशि सम्मिलित है, जिसका भुगतान आर्डी गार्डी मेडिकल कॉलेज, उज्जैन को किया गया है। (घ) संचालक, चिकित्सा शिक्षा, मध्यप्रदेश, भोपाल के पत्र क्रमांक/177/संचिशि/विविध/मॉ-बी/एफ-09/2020 दिनांक 24.07.2020 के माध्यम से माननीय श्री रामलालजी मालवीय, विधायक, विधानसभा क्षेत्र 215 घट्टिया, जिला उज्जैन का पत्र क्रमांक 389 दिनांक 24.04.2020 प्राप्त हुआ था। जिसकी जांच हेतु कार्यालयीन आदेश क्रमांक/शिकायत/2020/10300, दिनांक 03.09.2020 द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। उक्त आदेश में संशोधन कर पुनः संशोधित आदेश क्रमांक/शिकायत/2020/12134, दिनांक 13.10.2020 के द्वारा नवीन जांच दल का गठन किया गया जिसमें डॉ. एच.पी. सोनानीया, चिकित्सा विशेषज्ञ को अध्यक्ष, डॉ. के.सी. परमार, जिला टीकाकरण अधिकारी, सदस्य एवं श्री दिलीप सिंह सिरोहिया, एम.ई.आई.ओ. सदस्य हैं। वर्तमान में कार्यवाही प्रचलन में है।
छतरपुर जिलांतर्गत विधायक व सांसद निधि से निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 943 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में लोक निर्माण विभाग को विधायक निधि व सांसद निधि से निर्माण कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई? विवरण दें। क्या उक्त कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं? नहीं तो क्यों? (ख) वर्ष 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र 48 महाराजपुर की विधायक निधि से स्वीकृत कार्य डिग्री कॉलेज हरपालपुर में पवेलियन निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) वर्ष 2018-19 में 48 महाराजपुर क्षेत्र की विधायक निधि से स्वीकृत स्कूल प्रांगण हरपालपुर में पवेलियन/सीढ़ी निर्माण कार्य की भौतिक स्थिति क्या है? क्या कार्य पूर्ण कर लिया गया है? इसी तरह वर्ष 2017-18 में स्वीकृत आलीपुरा स्टेडियम में सिटिंग व्यवस्था हेतु सीढ़ी निर्माण कार्य की क्या स्थिति है? कार्य पूर्ण न होने के कारण बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
23. ( *क्र. 623 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शाहगढ़ तहसील के विद्युत वितरण केन्द्र के लिए प्रस्तावित 132 के.व्ही. सब-स्टेशन कब तक बन जायेगा? (ख) शाहगढ़ विद्युत वितरण केन्द्र के 105 ग्रामों हेतु विद्युत उपसंभाग कार्यालय की स्थापना कब तक हो जावेगी और बण्डा विधानसभा क्षेत्र के सभी वितरण केन्द्र में कब तक पूर्णकालिक प्रभारी अधिकारियों की पदस्थापना कर दी जावेगी? (ग) अधिकारियों के पद कब से रिक्त हैं? रिक्त पदों का विवरण दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शाहगढ़ तहसील में वर्तमान में नवीन 132 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित करने हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत शाहगढ़ में नवीन उपसंभाग कार्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव परीक्षण में सृजन-साधित नहीं पाया गया। बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 9 वितरण केन्द्रों में से 6 वितरण केन्द्रों में वर्तमान में पूर्णकालिक प्रभारी अधिकारी कार्यरत हैं। 3 वितरण केन्द्रों में अधिकारियों की कमी के कारण निकटवर्ती वितरण केन्द्रों के कनिष्ठ अभियंता/वरिष्ठ परीक्षण सहायक को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वर्तमान में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में कनिष्ठ अभियंता के 44 पद रिक्त हैं। उक्त रिक्त पदों की पूर्ति उपरांत पूर्ण कालिक प्रभारी अधिकारियों की पदस्थापना की जा सकेगी। (ग) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वितरण केन्द्र बण्डा ग्रामीण में कनिष्ठ अभियंता का पद दिनांक 14.09.2020 से, वितरण केन्द्र कंदवा में कनिष्ठ अभियंता का पद दिनांक 04.08.2020 से एवं वितरण केन्द्र कर्रापुर में कनिष्ठ अभियंता का पद दिनांक 22.12.2018 से रिक्त है।
उच्च माध्य. शिक्षकों के क्रमोन्नति एवं समयमान के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[स्कूल शिक्षा]
24. ( *क्र. 720 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 2006 से नियुक्त उच्च माध्यमिक शिक्षक हेतु क्रमोन्नति एवं समयमान हेतु क्या प्रावधान है? (ख) जिला आगर मालवा अंतर्गत कितने उच्च माध्यमिक शिक्षक को क्रमोन्नति एवं समयमान के प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में लंबित प्रकरण पर क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण विवरण देवें। यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जाएगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) उच्च माध्यमिक शिक्षक की नियुक्ति 2006 से नहीं हुई, अपितु मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा, शैक्षणिक संवर्ग (सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम) 2018 के अनुसार स्थानीय निकायों में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापकों की उच्च माध्यमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति दिनांक 01.07.2018 से की गई है। नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त लोक सेवकों को क्रमोन्नत वेतनमान के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जिला आगर मालवा में उच्च माध्यमिक शिक्षक के प्रथम क्रमोन्नति के 11 प्रकरण लंबित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त लोक सेवकों को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किये जाने के संबंध में निर्देश/प्रक्रिया जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियागत है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय शालेय प्रतियोगिता हेतु बजट का आवंटन
[स्कूल शिक्षा]
25. ( *क्र. 34 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूली शिक्षा विभाग में 64 वीं, 65 वीं राष्ट्रीय शालेय प्रतियोगिताओं में इन्दौर जिले के व्यायाम शिक्षकों/अध्यापकों को दल प्रबंधक नियुक्त किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन को दल प्रबंधक नियुक्त किया गया था तथा नियुक्त दल प्रबंधकों को लोक शिक्षण संचालनालय से कितनी कितनी राशि का आवंटन प्रदान किया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार 64 वीं, 65 वीं राष्ट्रीय शालेय प्रतियोगिताओं के प्री-नेशनल कोचिंग केम्प व प्रतियोगिता में दल प्रबंधकों द्वारा कितनी-कितनी राशि के व्यय प्रतिवेदन लोक शिक्षण संचालनालय को प्राप्त हुए तथा संचालनालय से कितनी राशि का आवंटन जारी किया तथा दल प्रबंधकों को कितनी राशि प्राप्त हुई, यदि आवंटन जारी नहीं किया तो उसका क्या कारण है? यदि दल प्रबंधकों को राशि दी जाना है तो कब तक कितनी दी जावेगी?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, 11 प्रतियोगिताओं हेतु बजट शीर्ष में राशि उपलब्ध न होने के कारण आवंटन जारी नहीं किया जा सका है। बजट प्राप्त होने पर राशि उपलब्ध करा दी जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधानसभा
क्षेत्र
पनागर के
अंतर्गत
औद्योगिक
क्षेत्र
रिछाई के
निर्माणाधीन
ओव्हरब्रिज
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 10 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन लोक निर्माण सेतु निर्माण संभाग जबलपुर के द्वारा ओव्हरब्रिज निर्माण हेतु 17 मई 2017 को भूमि पूजन किया था? (ख) क्या पुल निर्माण हेतु समयावधि 18 माह वर्षाकाल सहित नियत की गई थी जो बीत चुकी है एवं अनुबंध दिनांक 15-09-2016 से 3 वर्ष का समय व्यतीत हो चुका है? (ग) क्या आज की स्थिति में अधूरा ब्रिज निर्माण होने के कारण रिछाई के औद्योगिक क्षेत्र संचालकों को अपना उत्पादन लाने ले जाने हेतु अत्यंत कठिनाई हो रही है? जिसके कारण इकाईयों की उत्पादन क्षमता बाधित हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो समय-सीमा में ओव्हरब्रिज का निर्माण न होने के लिये कौन दोषी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) रेल्वे ओवर ब्रिज के पूर्ण होने में हुए विलम्ब के कारण संभावित उपयोगकर्ताओं द्वारा वैकल्पिक मार्ग का उपयोग किया जा रहा है। (घ) रेलवे विभाग द्वारा रेल्वे पोर्शन की ड्राईंग के अनुमोदन में विलंब, यूटिलिटी शिफ्टिंग में आंशिक विलंब एवं रेल्वे भाग के निर्माण में विलंब के कारण अनुबंध अवधि में कार्य पूर्ण नहीं हो सका। विलंब हेतु कोई दोषी नहीं है।
क्षेत्र अंतर्गत बहुउपयोगी मार्गों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 47 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर को जिले से जोड़ने वाले कौन-कौन से मार्गों को एमडीआर घोषित किया गया है? उनके नाम एवं एमडीआर अंतर्गत घोषित की गई दिनांक से अवगत करावे? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित सड़कों पर एमडीआर घोषित होने की दिनांक पश्चात, कब-कब उन सड़कों पर मरम्मत कार्य करवाया गया है? सड़कवार, वर्षवार, जानकारी देवें? (ग) क्या खासपुरा-कडलावद मार्ग, खुजनेर-गुलावता मार्ग एवं मऊ-तलेन मार्ग जो काफी जीर्णशीर्ण अवस्था में है, उन पर कब तक बीटी रिन्यूअल का कार्य कराया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
क्षेत्र अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 49 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग संभाग राजगढ़ द्वारा वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कों के मरम्मत एवं निर्माण कार्यादेश जारी किए गए हैं? सड़कवार, (कार्य का नाम) कार्य की राशि, ठेकेदार का नाम एवं कार्य पूर्ण करने की अनुबंधित समयावधि की जानकारी से अवगत करावे? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों की भौतिक प्रगति एवं वित्तीय प्रगति से अवगत करावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित कार्यों को कार्य पूर्ण करने की अनुबंधित समयावधि में कार्य पूर्ण न करने एवं कार्य प्रारंभ न करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शित कार्यों को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करा लिए जावेंगे? क्या अनुबंधित कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण न कराए जाने अथवा प्रारंभ ना करवाने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मरम्मत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं प्रपत्र 'ब' के काँलम 8 एवं 9 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं प्रपत्र 'ब' के कॉलम-10 अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अनुबंधित कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराये जाने अथवा प्रांरभ न करवाने हेतु कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय जबलपुर का 500 बिस्तर में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( क्र. 62 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री द्वारा जबलपुर स्थित जिला चिकित्सालय को 500 बिस्तर के लिए उन्नयन किये जाने की घोषणा की गई थी तथा इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया था? यदि हां, तो पूर्ण विवरण प्रस्तुत किया जाये। (ख) जिला चिकित्सालय, जबलपुर के उन्नयन के लिए अभी तक कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है तथा इसमें हो रहे विलम्ब के लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) चिकित्सालय के उन्नयन में हुए विलम्ब के लिए क्या राज्य शासन जांच करवायेगा तथा दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, 16.02.2019 को 50 करोड़ की लागत से 500 बिस्तरीय अस्पताल के रूप में उन्नयन किये जाने की घोषणा की गई थी। वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट प्रावधान में योजना-अस्पताल एवं औषधालय के भवन निर्माण अंतर्गत जिला चिकित्सालय जबलपुर का 500 बिस्तरीय अस्पताल के रूप में उन्नयन को नवीन मद के रूप में शामिल किया गया। (ख) जिला चिकित्सालय जबलपुर के भवन को 275 से 500 बिस्तर में उन्नयन की कार्यवाही चरणबद्ध रूप से निंरतर प्रक्रियाधीन है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर में रेल्वे ओवर ब्रिज (शास्त्री ब्रिज) का निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 63 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में रेल्वे ओवर ब्रिज (शास्त्री ब्रिज) के पुनर्निर्माण के लिए बजट में प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो इस पुल के निर्माण के बारे में अभी तक क्या कार्यवाही की है? (ख) बजट में प्रावधान होने के बावजूद प्रश्नांश (क) में वर्णित रेल्वे ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए धरातल पर कोई कार्यवाही नहीं होने का क्या कारण है? (ग) जबलपुर शहर के इस महत्वपूर्ण पुल निर्माण में विलंब की क्या राज्य शासन जांच करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मुख्य बजट 2019-20 में अपरिक्षित मद में प्रतीक प्रावधान राशि रू. 100.00 के साथ प्रस्तावित है। कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति सक्षम वित्तीय समिति के अनुमोदन के अभाव में जारी नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि सड़क की अनुमति
[वन]
6. ( क्र. 70 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में वन भूमि पर सड़क निर्माण तथा विद्युतीकरण कार्य की अनुमति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? (ख) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, लोकनिर्माण विभाग से स्वीकृत सड़कों तथा ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु कौन-कौन से प्रस्ताव किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं उनका निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में रायसेन जिले के मान.मंत्री तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ पत्रवार कारण बतायें कब तक निराकरण होगा पूर्ण विवरण दें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) में लंबित प्रकरणों का निराकरण आवेदक संस्थाओं द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में दर्शाई गई कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संबल योजना में पंजीयन
[श्रम]
7. ( क्र. 71 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में रायसेन जिले में जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि में कितने पंजीकृत हितग्राहियों के नाम काटे गये तथा क्यों काटे गये। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मान.मंत्री जी को अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि तक प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्यों कारण बतायें तथा कब तक निराकरण होगा? (ग) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में पात्र हितग्राहियों का नवीन पंजीयन क्यों नहीं हो रहा है? (घ) दिसम्बर 2020 की स्थिति में संबल योजना में स्वीकृत किन-किन प्रकरणों में राशि का भुगतान नहीं हुआ? कब तक राशि का भुगतान होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत रायसेन जिले में जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि में सत्यापन के दौरान 20484 अपात्र श्रमिकों के नाम पदाभिहीत अधिकारी द्वारा काटे गये। श्रमिकों के भौतिक सत्यापन के दौरान अपात्र होने के कारण उनके नाम काटे गये। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में मान. मंत्री जी को अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि तक दो पत्र प्राप्त हुये हैं। राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत भौतिक सत्यापन में अपात्र चिन्हांकित किये गये व्यक्तियों के संबंध में स्थानीय स्तर पर अपील के अधिकार जिला कलेक्टर/उनके द्वारा नामांकित अपर कलेक्टर को आदेश क्रमांक 1062/1581/2020/ए-16 दिनांक 28.11.2020 द्वारा प्रदान किये गये हैं। इसी प्रकार केवल मृत्यु के कारण अपात्र चिन्हांकित किये गये हिताधिकारियों के भी पुर्नसत्यापन किये जाने के निर्देश क्रमांक 583/2020 दिनांक 16.07.2020 जारी किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त जारी आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य शासन के निर्देशानुसार पंजीयन अभियान के रूप में किया गया था। सतत् पंजीयन संबंधी राज्य शासन के निर्देश नहीं है। (घ) संबल योजना में स्वीकृत पात्र उन प्रकरणों का भुगतान लंबित है जिनमें बजट अपेक्षित है। पर्याप्त बजट प्राप्ति पर समस्त स्वीकृत पात्र प्रकरणों में भुगतान किया जायेगा।
चित्रकूट क्षेत्र की जर्जर सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 82 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट क्षेत्र के लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत की विभिन्न प्रमुख सड़के जर्जर हालात में हैं, जो दुर्घटना एवं अनहोनी को आमंत्रण दे रही हैं? इन सड़कों की मरम्मत एवं नवीनीकरण की शासन की मंशा को स्पष्ट करें, साथ ही यह भी बतायें कि इन्हें कब तक सुधारा जायेगा। (ख) क्या पवित्र नगरी चित्रकूट नगर की लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत की प्रमुख सड़कें जर्जर हैं जो चलने योग्य नहीं हैं? इसे कब तक सुधारा जायेगा? क्या इसके चौड़ीकरण की योजना भी है? यदि हाँ, तो कब तक योजना पर कार्य शुरू होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। चित्रकूट नगर की सड़कों के चौड़ीकरण की कोई योजना वर्तमान में विभाग में प्रचलन में नहीं है। अत: चौड़ीकरण कार्य की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चित्रकूट के गौण खनिज मद के संदर्भ में
[खनिज साधन]
9. ( क्र. 83 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में संचालित खदानों से गौण खनिज मद में 2010 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि जमा हुई? (ख) गौण खनिज मद से चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के तहत कौन-कौन से विकास/निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किए गए। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए एवं कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? पृथक-पृथक विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) गौण खनिज की रायल्टी विधानसभावार एकत्रित किये जाने का प्रावधान नहीं है। जिला स्तर पर जमा रायल्टी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम 1957 में दिनांक 12.01.2015 को संशोधन उपरांत मुख्य खनिज के खनिपट्टों में जिला खनिज प्रतिष्ठान में राशि देय होने का प्रावधान किया गया है। इस संशोधन उपरांत मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 लागू किये गये हैं। जिसमें गौण खनिज से जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में वर्तमान में दरें प्रावधानित नहीं है। रेत खनिज के मामले में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 में जिला खनिज प्रतिष्ठान में राशि देय होने का प्रावधान किया गया है। सतना जिले में रेत खनिज की कोई घोषित खदान नहीं है। अत: प्रश्नानुसार कोई राशि गौण खनिज से कोई राशि जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में प्राप्त न होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अत्यंत घटिया स्तर की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 95 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप संभाग सतना के अंतर्गत जो रोडे बनाई गयी है वह 6 माह के अंतर्गत 50 से 60 प्रतिशत मार्ग का भाग ध्वस्त हो चुका है उक्त मार्गों का निरीक्षण तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी ने 18.09.2020, 25.09.2020, 28.09.2020 एवं 29.09.2020 को किया तथा उक्त मार्गों की कार्यवाही के संबंध में क्रमश: पत्र क्रमांक 449 दिनांक 21.09.2020 पत्र क्रमांक 480 दिनांक 25.09.2020 पत्र क्रमांक 485 दिनांक 28.09.2020 पत्र क्रमांक 492 दिनांक 29.09.2020 के जरिये कार्यपालन यंत्री सतना को लिखा था? (ख) उपसंभाग सतना के अंतर्गत खाना, खजाना कारगिल ढाबा, ट्रासपोर्ट नगर नई बस्ती भल्ला डेरी फार्म से गहरवार पेट्रोल पंप मार्ग कुल लंबाई 5.25 कि.मी. प्लान वर्क अंतर्गत लागत 679.29 लाख है उक्त मार्ग का नवीनीकरण जून 2020 में पूर्ण किया गया है जिसमें लगभग 2.00 करोड़ रूपये खर्च किये गये है अब उक्त मार्ग का प्राक्कलन बनाकर शासन को भ्रमित करते हुए प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कर निविदा की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है नवीनीकरण की सतह मजबूत है और उसमें किसी भी प्रकार का कार्य करने की आवश्यकता नहीं है उक्त प्राक्कलन उपयंत्री ए.के. निगम के द्वारा तैयार किया गया है? (ग) जूनियर उपयंत्री ए.के. निगम के प्रभारी एस.डी.ओ. नागौद बनाया गया है तथा उप संभाग सतना का उपयंत्री भी बनाया गया है उक्त दोनों पदों में विगत डेढ़ वर्षों से पदस्थ है? अभी हाल में उपसंभाग सतना से हटाया गया है हटाये जाने के बाद भी वह हवाई पट्टी में प्रतिदिन बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य के काम को देखता है? उक्त अधिकारी के कार्यकाल के दोनों संभागों में जो निर्माण कार्य कराये गये है उसकी जॉच राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर कराना चाहिए नहीं करायेगे तो क्यों कारण सहित बताये उक्त प्रभारी एस.डी.ओ. को जिले से हटाने के लिए मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, संभागीय प्रभारी मंत्री एवं स्थानीय मंत्री ने लिखा था लेकिन आज दिनांक तक नहीं हटाया क्यों कारण सहित बतायें? (घ) (क), (ख), (ग), सही है तो उक्त निर्माण कार्य के बिल तैयार करने वाले उपयंत्री सत्यापन करने वाले एस.डी.ओ. बिल में पास आर्डर एवं चेक काटने वाले कार्यपालन यंत्री को कब तक निलंबित कर दिया जायेगा? शासन की राशि का जो बंदरबाट करने वाले अधिकारियों से वसूली कब तक कर ली जायेगी? (ख) में उल्लेखित मार्ग का स्टीमेट बनाने वाले उपयंत्री सत्यापन करने वाली एस.डी.ओ. तथा उक्त स्टीमेट का बिना परीक्षण तथा मौके का निरीक्षण किये वरिष्ठ कार्यालय भेजने वाले कार्यपालन यंत्री को कब तक निलंबित कर दिया जायेगा? नहीं किया जायेगा तो क्यों कारण सहित बताये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं अपितु उक्त स्वीकृति में खाना खजाना, कारगिल ढावा तक मार्ग का भाग सम्मिलित नहीं है। केवल इसी हिस्से में नवीनीकरण कार्य किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मुख्य अभियंता के जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुये श्री ए.के. निगम उपयंत्री को प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. के आदेश क्र. 1232 दिनांक 22.12.2020 द्वारा निलंबित किया जा कर सागर परिक्षेत्र में अटैच में किया जा चुका है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के अनुरूप उपयंत्री का निलंबन किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी सतना को कारण बताओ सूचना पत्र जारी एवं कार्यपालन यंत्री को कारण बताओ सचूना पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उत्तरांश (ख) के अनुसार कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
आदिम जाति कल्याण विभाग में अवैध नियुक्तियाँ
[आदिमजाति कल्याण]
11. ( क्र. 96 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति, जन-जाति कल्याण विभाग को तत्कालीन कलेक्टर बड़वानी द्वारा पत्र क्रमांक 5493/आदिम/सामा.स्था./2017 बड़वानी दिनांक 20.07.2017 द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की अनियमित नियुक्ति के संबंध में अवगत कराया था? यदि हाँ, तो पत्र की एक प्रतिलिपि देते बताये कि प्रमुख सचिव आदिमजाति के द्वारा किन-किन पत्र क्रमांकों एवं दिनांकों से कब व क्या कार्यवाही की गई? उक्त सभी पत्रों की एक-एक प्रतिलिपि दें? (ख) क्या सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण गणेश भावर एवं अन्य का नाम अवैध नियुक्ति कर्ता मानकर तत्कालीन बड़वानी कलेक्टर एवं अन्य जिला कलेक्टरों सहित आदिम जाति कल्याण विभाग के किन-किन वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा शासन के आदिम जाति कल्याण एवं अन्य किन-किन कार्यालयों को पत्र दिये गये/जानकारी दे दी गई? सूची उपलब्ध कराये? पत्रों की एक-एक प्रति दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अवैध नियुक्ति प्रकरण में प्रश्न तिथि तक क्या-क्या जांच किस नाम, पदनाम, पदस्थापना वाले अधिकारियों द्वारा की जा रहीं है? अगर नहीं की जा रही हैं तो क्यों? कारण दें?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डाटा एण्ट्री को नियमित पदों के वेतन का 90 प्रतिशत देना
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 108 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किए जाने हेतु नीति निर्देश पत्र क्रमांक/सी-5-2/2018/1/3 दिनांक 05 जून 2018 से शासन के समस्त विभागों को दिए जाकर प्रतिलिपि अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा मण्डल को भी दी गई थी। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो माध्यमिक शिक्षा मंडल मुख्यालय एवं संभागीय कार्यालयों में पदस्थ डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को उसका लाभ दिया गया था या नहीं? कौन-कौन डाटा एन्ट्री के पद पर कब कार्यरत है, उनके नाम एवं शैक्षणिक योग्यता क्या है। उन्हें कितना-कितना वेतन कैसे दिया जाता है तथा कब से वेतन नहीं बढ़ाया पृथक-पृथक बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) के पत्र के बिन्दु क्रमांक 1.14.1 से 1.14.6 के बिन्दुओं का क्या पालन सुनिश्चित किया गया, यदि नहीं तो क्यों और कब तक किया जायेगा। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 771 दिनांक 14.10.2020 जो सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल को लिखा गया था, पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं तो कब तक की जावेगी।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) मण्डल मुख्यालय में नियमित पदों के विरूद्ध केवल 04 संविदा डाटा एन्ट्री आपरेटर (सिस्टम आपरेटर) कार्यरत है। जिन्हें माध्यमिक शिक्षा मण्डल के आदेश क्रमांक/प्रशा/स्था/ए-2/4168/2019 दिनांक 06/03/2019 द्वारा लाभ दिया गया है। आदेश एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार इसके अलावा अन्य डाटा एन्ट्री आपरेटर जो मण्डल एवं अन्य संभागीय कार्यालय में पदस्थ है। के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। मण्डल एवं अन्य संभागीय कार्यालयों में कार्यरत डाटा एन्ट्री आपरेटर को माध्यमिक शिक्षा मण्डल के आदेश क्रमांक प्रशासन/स्था/ए-2/4412/2020 भोपाल दिनांक 16/12/2020 द्वारा वेतनमान 5200 ग्रेड पे 2800=8000 के आधार पर मंहगाई भत्ता 154 प्रतिशत दिया गया है तथा राज्य शासन द्वारा समय-समय पर देय मंहगाई भत्ते का भुगतान भविष्य में किया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार। (ग) नियमित पद के विरूद्ध मण्डल में कार्यरत 4 संविदा डाटा एन्ट्री आपरेटरों हेतु पत्र के बिंदु क्रमांक 1.14.1 से 1.14.6 तक पालन किया जा रहा है। (घ) माननीय सदस्य के पत्र क्रमांक 771 दिनांक 14/10/2020 के संदर्भ में संभागीय कार्यालय रीवा में कार्यरत प्रतिभा द्विवेदी को नियमित पद के विरूद्ध संविदा पर कार्यरत नहीं होने के कारण मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक//सी-5-2/2018/1/3 दिनांक 05 जून 2018 के अंतर्गत पात्रता नहीं आती। इससे माननीय विधायक को मण्डल द्वारा पत्र क्रमांक प्रशा/स्था/ए-2/4301/2020 भोपाल दिनांक 08/12/2020 द्वारा अवगत कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार।
इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 119 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में वर्तमान में इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना लागू है? यदि नहीं तो कब किस दिनांक को बंद की गई है? उक्त योजना को बंद करने का कारण एवं औचित्य स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रदेश सरकार द्वारा इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना के स्थान पर अन्य कोई योजना प्रांरभ की गई है? यदि हां, तो योजना का नाम व योजना किस दिनांक से प्रारंभ की गई है? (ग) क्या वर्ष 2018 में संचालित संबल योजना में राजगढ़ जिले में अपात्र लोगों को सम्मिलित करने की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हां, तो राजगढ़ जिले में कितने अपात्र हितग्राही पाये गये व इनको कितनी धनराशि का लाभ प्रदान किया गया? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) राजगढ़ जिले में वर्ष 2019 में सितम्बर से दिसम्बर माह में इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना के लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या, धनराशि एवं प्रतिशत बतावें। (ड.) वर्ष 2018 में जुलाई से दिसम्बर में संबल योजना में राजगढ़ जिले में कितने हितग्राही लाभान्वित हुये थे? उनकी संख्या, धनराशि एवं प्रतिशत बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) संबल योजना में हितग्राहियों का चयन श्रम विभाग, म.प्र. शासन द्वारा किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2018 में संचालित संबल योजना में राजगढ़ जिले में अपात्र लोगों को सम्मिलित करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) राजगढ़ जिले में वर्ष 2019 में माह सितम्बर से माह दिसम्बर तक इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना के अंतर्गत लाभांवित हितग्राहियों की संख्या, धनराशि एवं प्रतिशत से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ड.) राजगढ़ जिले के अंतर्गत राज्य शासन की मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना-2018 के तहत् पंजीकृत श्रमिकों को विभाग द्वारा लागू सरल बिजली बिल स्कीम एवं मुख्यमंत्री बकाया माफी स्कीम में राजगढ़ जिले में वर्ष 2018 में माह जुलाई से माह दिसम्बर तक लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या, धनराशि एवं प्रतिशत की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है।
सौभाग्य योजना के अंतर्गत भ्रष्टाचार की जांच
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 120 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्य़त वितरण कंपनी के अन्तर्गत सौभाग्य योजना में किये गये कार्यों में भ्रष्टाचार किये जाने संबंधी जांच की गई है अथवा की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त जांच किन-किन जिलों में की जा रही है? जांच प्रांरभ किये जाने के दिनांक एवं यदि जांच पूर्ण हो गई हो तो समाप्त होने के दिनांक से अवगत करावे। (ख) उपरोक्त जांच में कितने अधिकारी एवं ठेकेदार दोषी पाये गये एवं अधिकारियों तथा ठेकेदारों के नाम तथा उनके विरूद्ध की गयी कार्यवाही से अवगत करायें। क्या दोषी पाये गये अधिकारियों में से किसी अधिकारी को वरिष्ठ पद का प्रभार दिया गया है? (ग) जांच के दौरान अधूरे पाये गये कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में सौभाग्य योजना अंतर्गत किये गये कार्यों में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है तथापि गुना, अशोकनगर, भिण्ड एवं मुरैना जिलों में विभिन्न माध्यमों से उक्त योजना अंतर्गत किये गये कार्यों में कथित रूप से अनियमितता की जानकारी संज्ञान में आने पर इसकी जांच की जा रही है। गुना एवं अशोकनगर जिलों के कार्यों की जांच दिनांक 14.02.2020 से तथा भिण्ड एवं मुरैना जिलों की जाँच दिनांक 01.02.2020 से आरंभ हुई है। (ख) एवं (ग) जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र दिनांक 18.12.2020 से जाँच कमेटियों को दिनांक 24.12.2020 तक जाँच पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं। जाँचोपरांत प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी दी जा सकेगी।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 152 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल एवं भवनों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना था? उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने के लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये गये? (ख) रायसेन जिले की किन-किन सड़कों/पुल निर्माण में वन भूमि का व्यवधान, विद्युत तार एवं पोल हटवाने की कार्यवाही अथवा भू-अर्जन की आवश्यकता है? उक्त प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित है? इनके निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल तथा शाला भवनों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित नहीं हुई तथा क्यों? कब तक निविदा आमंत्रित होगी? (घ) रायसेन जिले में सड़क/पुल स्वीकृति तथा अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक मान. मुख्यमंत्री जी, मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'अ-2' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स', 'स-1' एवं 'स-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' एवं 'द-1' अनुसार है।
अध्यापक संवर्ग को छठवां तथा सातवां वेतनमान का प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
16. ( क्र. 159 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में सभी संवर्ग के सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक, जिनका अभी तक स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन होने से वंचित हुये हैं उनका संविलियन कब तक किया जायेगा तथा अध्यापकों के द्वारा विकल्प देने के पश्चात भी अभी तक छठवां एवं सातवां वेतनमान का लाभ क्यों प्राप्त नहीं हुआ है? उनको कब तक लाभ प्रदान किया जायेगा? (ख) सिवनी जिले में कितने सहायक अध्यापक कार्यरत थे, जिन्हें 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने के पश्चात भी प्रथम समयमान वेतनमान के लाभ से वंचित किया गया है? वंचित अध्यापकों को कब तक प्रथम समयमान वेतनमान का लाभ दिया जायेगा? (ग) स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन से वंचित सहायक एवं वरिष्ठ अध्यापकों का कब तक संविलियन किया जायेगा? (घ) म.प्र. शासन एवं आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा बिन्दु क्र. (क), (ख), (ग) के संबंध में कब तक कार्यवाही की जायेगी? हां तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सिवनी जिले में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत 03 सहायक अध्यापक, 06 अध्यापक एवं 06 वरिष्ठ अध्यापक के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण/विभागीय जांच लंबित होने के कारण इन्हे नवीन संवर्ग में नियुक्ति नहीं दी जा सकी है। न्यायालयीन प्रकरण एवं जांच के निराकरण उपरांत इनकी नवीन संवर्ग में नियुक्ति की कार्यवाही पूर्ण की जावेगी। अध्यापकों के द्वारा विकल्प देने के पश्चात उन्हें छठवां वेतनमान का लाभ प्रदान कर एरियर्स की प्रथम एवं द्वितीय किश्त का भुगतान कर दिया गया है, तृतीय किश्त के भुगतान के आदेश दिनांक 11 दिसम्बर 2020 को जारी किये जा चुके है। नवीन संवर्ग में नियुक्त लोक सेवकों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) सहायक अध्यापकों को 10 वर्ष की सेवापूर्ण करने के पश्चात प्रथम समयमान-वेतनमान देने का प्रावधान नहीं है, अपितु 12 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ प्रदान करने का प्रावधान है। सिवनी जिले में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत पात्रताधारी सभी सहायक अध्यापकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।
विद्यालयों में सीधी भर्ती से प्राचार्यों की नियुक्ति/पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 160 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के कितने मॉडल, एक्सीलेन्स, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय प्राचार्य विहीन हैं तथा कब तक इन संस्थाओं में पूर्णकालिक प्राचार्यों की नियुक्ति एवं पदस्थापना की जायेगी? (ख) स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्यों के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती के होने के कारण विगत वर्षों में प्राचार्यों की सीधी भर्ती क्यों नहीं की गई? मॉडल, एक्सीलेन्स, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में कब तक 50 प्रतिशत पदों पर प्राचार्यों की सीधी भर्ती की जावेगी? (ग) म.प्र. के सभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में तथा ब्लॉक स्तर पर सहायक संचालक के पद स्वीकृत किये गये हैं? किन्तु अभी तक सीधी भर्ती के 50 प्रतिशत पद क्यों नहीं भरे गए हैं? पदोन्नति से भरे गये सहायक संचालक तथा सीधी भर्ती से भरे जाने वाले सहायक संचालकों की योग्यता में दोहरा मापदण्ड क्यों है? सीधी भर्ती के 50 प्रतिशत सहायक संचालकों की नियुक्ति में बी.एड. एवं अध्यापन अनुभव की योग्यता का समायोजन कर सीधी भर्ती पर सहायक संचालकों की नियुक्ति की जायेगी? (घ) शासन द्वारा इस संबंध में कब तक कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत 4345 मॉडल, एक्सीलेंस, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय प्राचार्य विहीन है। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। सीधी भर्ती का प्रावधान नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति नियम में उल्लेखित शैक्षणिक योग्यता एवं व्यावसायिक योग्यता के आधार पर नियुक्ति दी जाना है पदोन्नति प्राचार्य उ.मा.वि. के पद पर वरिष्ठता एवं अनुभव के आधार पर की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सीधी भर्ती की कार्यवाही नियमों में उल्लेखित प्रावधान अनुसार ही की जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम निर्णय के संदर्भ में पदोन्नति की कार्यवाही बाधित है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासनाधीन किये गये विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं विद्यार्थी
[स्कूल शिक्षा]
18. ( क्र. 177 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 21 एवं 22 मार्च 2002 को म.प्र. शासन द्वारा 54 अशासकीय विद्यालयों को शासनाधीन करते हुये प्रशासकीय नियंत्रण में लिया गया है? क्या शासनाधीन किये गये उक्त 54 विद्यालयों के प्राचार्य, शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को शासन नियमानुसार नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो इनका क्या वेतनमान निर्धारित किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? क्या इन कर्मचारियों को वर्ष 2002 से ही नियमित माना गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विद्यालयों को माध्य.शिक्षा मण्डल का शासकीय कोड आवंटित किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? इन्हें उक्त कोड कब तक जारी कर दिया जावेगा? क्या उक्त कोड के अभाव में शिक्षारत विद्यार्थी अनेकों कठिनाईयों जैसे- गणवेश, पाठ्य पुस्तक, साईकिल, मध्यान्ह भोजन आदि सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रहे है? (ग) प्रश्नांश (क) के विद्यालयों के कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन कटोत्रा का लाभ इन्हें दिया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। स्थानीय निकायों के अधीन प्रशासकीय नियंत्रण में लिया गया है। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त कर्मचारियों को वर्ष 2002 से संविदा पद मान्य किया गया। (ख) जी नहीं। निकायधीन होने से शासकीय कोड जारी नहीं किया गया। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। 06 विद्यालयों में दिया जा रहा है। शेष प्रक्रिया में है।
शासन को भ्रमित कर पुन: प्राक्कलन तैयार कर कार्य करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 179 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपसंभाग सतना अंतर्गत निर्मित रोडे छ: माह में 50-60 प्रतिशत ध्वस्त हो चुकी हैं, जिनका निरीक्षण तत्कालीन एसडीओ ने दिनांक 18.09.2020, 25.09.2020, 28.09.2020, 29.09.2020 को किया एवं कार्यवाही हेतु क्रमांक 449 दिनांक 21.09.2020, क्र. 480 दिनांक 25.09.2020, क्र.485 दिनांक 28.09.2020, क्र. 492 दिनांक 29.09.2020 कार्यपालन यंत्री सतना को लिखा? हाँ/नहीं, पत्रों की प्रति सहित पूर्ण जानकारी दें? (ख) उपसंभाग सतना अंतर्गत खाना-खजाना, कारगिलढाबा, ट्रांसपोर्टनगर, नई बस्ती, भल्ला डेरीफार्म-गहरवार पेट्रोल पंप मार्ग कुल लंबाई 5.25 कि.मी. प्लानवर्क लागत 679.29 लाख, रूपये जिसका नवीनीकरण जून-2020 में लागत लगभग दो करोड़ व्यय हुये, जिसका पुन: प्राक्कलन उपयंत्री/प्रभारी एसडीओ श्री ए.के.निगम ने बनाकर शासन को भ्रमित कर प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कर निविदा कार्यवाही पूर्ण की गई है, जबकि नवीनीकरण कार्य की सतह मजबूत है, किसी प्रकार का कार्य करने की आवश्यकता नहीं है। (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 492 दिनांक 23/09/2020 में कार्यवाही न होने, प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच दल गठित न करने गठित न करने, बावजूद उपंयत्री ए.के. निगम को प्रभारी एस.डी.ओ. नागौद, उप संभाग सतना का उपयंत्री का दायित्व प्रदान करने का कारण स्पष्ट करें? उक्त प्रभारी एस.डी.ओ. का जिले से अन्यत्र स्थानान्तरण हेतु मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, स्थानीय मंत्री को लेख के बाद भी आज दिनांक तक क्यों नहीं हटाया गया? (घ) (क), (ख), (ग) सही है तो बिना परीक्षण, मौका निरीक्षण के उक्त निर्माण कार्य के स्टीमेट, बिल तैयार करने वाले उपयंत्री, एसडीओ, पास आर्डर एवं चेक काटने वाले कार्यपालन यंत्री को कब तक निलंबित कर शासन की राशि बंदरबाट करने वाले अधिकारियों से वसूली कब तक कर ली जायेगी? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं अपितु उक्त स्वीकृति में खाना खजाना, कारगिल ढाबा तक मार्ग का भाग सम्मिलित नहीं है। केवल इसी हिस्से में नवीनीकरण कार्य किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता (ग) त्रुटिपूर्ण कार्य को सुधारा जा चुका है। सुधार उपरांत पूर्ण कार्य का निरिक्षण तकनीकी अधिकारी/ATC द्वारा किया जा कर कार्य को अच्छा पाया गया। सम्बंधित उपयंत्री श्री ए.के. निगम (प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी) को प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. के आदेश क्र. 1232 दिनांक 22.12.2020 द्वारा निलंबित किया जा कर सागर परिक्षेत्र में अटैच में किया जा चुका है। (घ) उपयंत्री का निलंबन किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी सतना को कारण बताओ सूचना पत्र जारी एवं कार्यपालन यंत्री को कारण बताओ सचूना पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सतना हवाई पट्टी निर्माण में अनियमितता पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 180 ) श्री जुगुल किशोर बागरी, श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना हवाई पट्टी का उन्नयन/नवीनीकरण ल.1828.60 मी., स्वी.राशि-537.47 लाख रू.,जो गुणवत्ता विहीन है, जिसके संबंध में तत्कालीन एस.डी.ओ. ने 25.09.2020 को निरीक्षण कर पत्र क्र.478 द्वारा कार्यपालन यंत्री को पत्र लिखा, जिस हेतु 75.63 लाख का अनुपूरक शेड्यूल स्वीकृत किया गया? कार्यपालन यंत्री के पत्र क्र. 9192 दिनांक 29.08.2020 एवं मुख्य अभियंता रीवा के निरीक्षण दिनांक 24.06.2020,पत्र क्र.788 दिनांक 01.07.2020 की निरीक्षण टीप अनुसार कम्पेसन, ग्रेडिंग में डामर की मात्रा संतोषप्रद नहीं पायी गयी? (ख) क्या सतना सांसद के पत्र दिनांक 10.08.2020 पर मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 08.09.2020 को सचिव को कार्यवाही हेतु लिखा एवं उप सचिव के पत्र क्र. 2190 दिनांक 15.09.2020, तथा प्रमुख अभियंता के पत्र क्र.950 दिनांक 29.09.2020 द्वारा मुख्य अभियंता को कार्यवाही हेतु लिखा? यदि हां, तो प्रकरण की अद्यतन जानकारी, जाँच प्रतिवेदन की प्रति सहित उपलब्ध करायें। (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) सही है तो मुख्य अभियंता के निरीक्षण टीप बिन्दु क्र.5, कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी के निरीक्षण उपरांत लिखे गये पत्रों से स्पष्ट है कि उक्त कार्य गुणवत्ताविहीन है? (घ) यदि (क), (ख), (ग) सही है तो उक्त निर्माण कार्य का बिल तैयार करने वाले उपयंत्री सत्यापन करने वाले अनुविभागीय अधिकारी एवं पास आर्डर लगाने वाले कार्यपालन यंत्री को कब तक निलंबित कर दिया जायेगा? जाँच पूर्ण होने तक इन्हें सागर अथवा ग्वालियर संभाग में अटैच कब तक कर दिया जायेगा? यदि नहीं किया जायेगा तो कारण सहित बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। प्रकरण की अद्यतन जानकारी जाँच प्रतिवेदन दिनांक 21.11.2020 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्य अभियंता के निरीक्षण के परिपालन में निरीक्षण उपरांत संविदाकार से आवश्यक सुधार कराया गया है। (घ) त्रुटिपूर्ण कार्य संविदाकार द्वारा सुधारा जा चुका है। संबंधित उपयंत्री को निलंबित किया जाकर मुख्य अभियंता सागर परिक्षेत्र में अटैच किया जा चुका है। अनुविभागीय अधिकारी सतना को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है एवं कार्यपालन यंत्री सतना के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 के महामारी बजट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( क्र. 206 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. कोरोना संक्रमण महामारी का प्रभाव किस माह से हुआ था? इसकी रोकथाम के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) क्या यह सही है, कि विश्व महामारी कोविड-19 के मरीजों के जीवन रक्षक के लिए अस्थाई नियुक्ति जैसे आयुष चिकित्सक/नर्सिंग स्टॉफ/फार्मासिस्ट/पैरामेडिकल/लैबटेक्निशियन/ए.एन.एम. एवं वार्डवाय की नियुक्ति की गई थी क्या यह ही है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म.प्र. का पत्र क्रं.N.H.M./H.R./सेल-1 2020/15339, दिनांक 25.11.2020 के तहत प्रश्नांश (ख) अनुशंसा 50 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाए समाप्त करने का आदेश जारी किया जा चुका है, यदि हो तो कारण बताये। (ग) यह सही है कि कोविड-19 के संक्रमण के कारण सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी जान को जोखिम में डाल कर कर्तव्य निष्ठा के साथ अपनी सेवा प्रदान की है फिर इनकी सेवा समाप्त न कर इन्हें संविदा अथवा नियमितिकरण हेतु विभाग कब तक आदेश जारी कर देगी। यदि नहीं तो क्यों।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कोरोना संक्रमण महामारी का प्रभाव मार्च, 2020 से हुआ था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु जिला कलेक्टर को आवश्यक मानव संसाधन सुनिश्चित करने हेतु अधिकारी प्रत्योजित किये गये थे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी नहीं, किन्तु उक्त पत्र के माध्यम से कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुये आवश्यकतानुसार स्टॉफ को निरंतर रखने की स्वीकृत प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) यह सही है कि कोविड-19 के संक्रमण के कारण सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी जान को जोखिम में डाल कर कर्त्तव्य निष्ठा के साथ अपनी सेवा प्रदान की है। विभाग के पत्र क्रमांक/आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के बिन्दु क्रमांक 4-A में उल्लेखित अनुसार संविदा/नियमितिकरण का कोई प्रावधान नहीं होने से नियमितिकरण करना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
ताप बिजली संबंधित
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 207 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को, श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. जेनको के अमरकंटक, संजय गांधी, सतपुड़ा एवं श्री सिंगाजी चारों ताप बिजली घरों में RCR (रोड कम रेल) मोड एवं सड़क परिवहन से विभिन्न कोयला खदानों से कोयले का परिवहन किया गया, यदि हाँ, तो 01 अप्रैल 2017 से 30 नवम्बर 2020 तक बिन्दुवार सम्पूर्ण जानकारी बताई जायें। (ख) प्रत्येक ताप बिजली घर की म.प्र. जेनको की पृथक-पृथक सम्पूर्ण निविदाएं, कार्यादेश नम्बर दिनांक कोयला खदानों के नाम/सड़क परिवहन की वास्तविक दूरी किलोमीटर, दर प्रति मेट्रिक टन ठेकेदार/मेसर्स कम्पनी का पूरा नाम/पता, कुल मात्रा, कुल राशि जिसको ठेका दिया गया, ठेका वाइज कराए गए कार्यादेश की प्रतियों सहित उपलब्ध करायी जाय। (ग) यह है कि उपरोक्तानुसार प्रत्येक कार्यादेश में निविदा प्रपत्र बनाने/आमंत्रण से निविदा के मंजूर करने तक किन-किन म.प्र. जेनको के अधिकारियों ने निविदा/ठेकों के अनुमोदन हेतु अपनी सहमति प्रदान की उन सब के नाम, पदनाम, कार्यालयों का नाम और दिनांक सहित समस्त जानकारी बिन्दुवार अलग-अलग दी जाय।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विभिन्न ताप विद्युत गृहों में प्रश्नावधि में अमरकंटक एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह हेतु केवल सड़क परिवहन (रोड मोड) से कोयला परिवहन किया गया है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह में केवल RCR. (रोड कम रेल) मोड से कोल परिवहन किया गया है। संजय गांधी ताप विद्युत गृह हेतु रोड मोड एवं RCR. (रोड कम रेल) मोड से कोयले के परिवहन हेतु कार्यादेश जारी किये गये हैं। कार्यादेशों की बिन्दुवार संपूर्ण जानकारी ताप विद्युत गृहवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के चारों ताप विद्युत गृहों हेतु कोयला परिवहन के लिये प्रश्नावधि में जारी पृथक-पृथक संपूर्ण निविदाओं से संबंधित जानकारी ताप विद्युत गृहवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त सभी निविदाओं के कार्यादेश की प्रति के संबंध में उल्लेखनीय है कि एक ही खदान से कोयला परिवहन हेतु जारी निविदा के मंजूर होने के पश्चात एक से अधिक प्रतिभागी होने पर एक से अधिक प्रतिभागियों को पृथक-पृथक मात्रा में समान दर एवं सेवा शर्तों पर कार्यादेश जारी किये जाते हैं। अत: निविदाओं की एक समान कार्य की प्रकृति होने के फलस्वरूप प्रत्येक निविदा हेतु कार्यादेश की एक प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-1' से 'स-42' अनुसार है। (ग) निविदा प्रपत्र बनाने से अनुमोदन प्रदान करने वाले अधिकारियों से संबंधित जानकारी ताप विद्युत गृहवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
बिजली बिल का विसंगतिपूर्ण वितरण
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 216 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, होशंगाबाद अन्तर्गत बाबई, सोहागपुर, केसला, होशंगाबाद (ग्रामीण) वितरण केन्द्रों में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कृषि पंप हेतु कितने किसानों को कितने-कितने एचपी के स्थायी कनेक्शन प्रदान किये गये वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश, अवधि में जिन किसानों का 2 एचपी कनेक्शनधारी है उन्हें 5 एच.पी., 5 एचपी कनेक्शनधारी वालों को 8 एच.पी. एवं 8 एचपी कनेक्शधारी को 13 एचपी कनेक्शन का विसंगतिपूर्ण बिल दिया जा रहा है? यदि हां, तो इसके लिये कौन कौन अधिकारी/ कर्मचारी जिम्मेदार है? कनेक्शन नियमों की प्रति देते हुये बतायें कि जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये विसंगतिपूर्ण बिलों को कब तक दुरूस्त कर सही बिल प्रदान किये जायेगें एवं जिन किसानों द्वारा विसंगतिपूर्ण बिलों का भुगतान कर दिया गया है, उनकी राशि को कब तक समायोजित कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) होशंगाबाद जिला क्षेत्रान्तर्गत विद्युत वितरण केन्द्र बाबई, सोहागपुर (शहर), सोहागपुर (ग्रामीण), केसला एवं होशंगाबाद (ग्रामीण) में प्रश्नाधीन अवधि में कृषि पंप हेतु प्रदाय किये विद्युत कनेक्शनों की वितरण केन्द्रवार चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नांश अवधि में कृषकों को विद्युत पंप कनेक्शनों के संबद्ध भार के अनुरूप नियमानुसार बिल जारी किये गये हैं, तथापि म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 7.26 के अनुसार उपभोक्ता को स्वीकृत तथा संयोजित भार से अधिक विद्युत की खपत करते पाए जाने पर ऐसे उपभोक्ता से टैरिफ आदेश में दर्शाई गई विस्तृत प्रक्रिया के अनुसार बिलिंग कर वसूली करने का प्रावधान है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। सिंचाई पंप कनेक्शन दिये जाने संबंधी नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषकों को विद्युत पंप कनेक्शनों के संबद्ध भार के अनुरूप ही नियमानुसार बिल जारी किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद के वन ग्रामों का विस्थापन
[वन]
24. ( क्र. 217 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद जिले के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद द्वारा वर्ष 2013 से आज दिनांक तक जिन वन ग्रामों का विस्थापन किया गया है उनमें अभी तक विस्थापितों को मूलभूत सुविधायें (बिजली, बोरबेल पानी, सड़क, जमीन समतलीकरण, ठूंठ कटाई, सीमांकन) क्यों प्राप्त नहीं हो पा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में किन-किन ग्रामों का विस्थापन होना शेष है इनके अभी तक विस्थापन का लाभ क्यों नहीं दिया गया हैं तथा पूर्व में जो विस्थापन हुआ हैं उनके भी कुछ लोग पात्रता सूची में विस्थापन लाभ से वंचित हो गये हैं, इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं? साथ ही पात्रता सूची में छोड़े गये शेष लोगों को भी शामिल कब तक कर दिया जावेगा? (ग) शेष रहे विस्थापन वाले ग्रामों के लोगों ने किन-किन वन कक्ष में जाने हेतु अपनी सहमति विभाग को दी गई है, उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? शेष रहे विस्थापन वाले लोगों को कब तक उनकी इच्छानुसार वन कक्ष में विस्थापित कर दिया जायेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) होशंगाबाद जिले के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद के विस्थापित ग्रामों में दिशा-निर्देशों के अनुसार मूलभूत सुविधायें संसाधनों की उपलब्धता एवं जिला स्तर पर संचालित विभिन्न योजनाओं के convergence के द्वारा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है। तीन ग्रामों के विस्थापन हेतु वनभूमि का व्यपवर्तन न होने के कारण भूमि समतलीकरण नहीं हो सका है। (ख) खामदा (भाग) एवं सुपलई के विस्थापन की कार्यवाही शेष है। उक्त ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा विस्थापन की सहमति दी गई है। भारत सरकार से बसाहट स्थल की वनभूमि के व्यपवर्तन की कार्यवाही शेष होने के कारण विस्थापन नहीं किया गया है। पूर्व में विस्थापित वनग्राम साकोट के पात्रता सूची में विस्थापन के लाभ से वंचित 11 व्यक्तियों द्वारा कलेक्टर, जिला-होशंगाबाद को अपील आवेदन दिया गया है, जिसके निराकरण उपरांत विधि सम्मत कार्यवाही संभव है। (ग) ग्राम खामदा (भाग) एवं सुपलई विस्थापन हेतु शेष है। ग्राम खामदा के ग्रामीणों द्वारा वनमण्डल (सामान्य) होशंगाबाद के अंतर्गत वन परिक्षेत्र इटारसी के वन कक्ष क्रमांक पी-180, 181 में तथा ग्राम सुपलई के ग्रामीणों द्वारा वन परिक्षेत्र इटारसी के वन कक्ष क्रमांक पी-174, 179 एवं 144 में विस्थापन हेतु सहमति दी है, जिस पर विभाग द्वारा संज्ञान लेकर भारत सरकार से उक्त वन कक्षों के वन भूमि के व्यपवर्तन हेतु कार्यवाही प्रारम्भ की है। भारत सरकार से वनभूमि व्यपवर्तन की अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही विस्थापन संभव है, इस कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बालक छात्रावास एण्डोरी जिला भिण्ड के अधीक्षक
[अनुसूचित जाति कल्याण]
25. ( क्र. 247 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालक छात्रावास एण्डोरी जिला भिण्ड के अधीक्षक श्री अशोक चौरसिया को नाबालिक छात्र के यौन शोषण के आरोप में थाना एण्डोरी में धारा 377, 7, 8 में दिनांक 14.07.2017 में गिरफ्तार किया था? यदि हाँ, तो उक्त दिनांक के उपरांत अन्य धारायें भी जोड़ी गई है? (ख) क्या वर्ष 2017 में छात्रावास बैंक खाते से नियम विरूद्ध राशि का आहरण कर श्री अशोक चौरसिया ने गबन किया था? यदि हां, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? गबन की अभी तक कितनी राशि जमा कराई गई एवं कितनी राशि शेष है तथा शेष राशि कब तक जमा करा ली जायेगी? (ग) आयुक्त जनजातीय कार्य विकास म.प्र. भोपाल ने दिनांक 25.06.2018 के द्वारा जिले में एक अधीक्षक को एक ही छात्रावास में पदस्थ करने का आदेश दिया था? यदि हां, तो श्री चौरसिया कब से कब तक से किन-किन छात्रावासों में अधीक्षक के पद पर पदस्थ रहे हैं? (घ) जिला पंचायत भिण्ड ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर तथा जिला पंचायत अध्यक्ष ने आयुक्त भोपाल एवं कलेक्टर जिला भिण्ड को श्री अशोक चौरसिया को अधीक्षक पद से हटाने हेतु कब-कब पत्र लिखे दिनांक सहित विवरण दें। (ड.) श्री चौरसिया को नियम विरूद्ध अधीक्षक के पद पर पदस्थ करने एवं जिला पंचायत भिण्ड के प्रस्ताव एवं जिला पंचायत अध्यक्ष भिण्ड के आदेश की अव्हेलना के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध जांच कराकर दण्डित किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। बालक छात्रावास एण्डोरी जिला भिण्ड के अधीक्षक श्री अशोक चौरसिया को नाबालिग छात्र के यौन शोषण के आरोप में थाना एण्डोरी में धारा 377,7,8 में दिनांक 14.07.2017 में गिरफ्तार किया था। पुलिस अधीक्षक जिला भिण्ड से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार उक्त दिनांक के उपरांत प्रकरण में 5/6 पॉस्को एक्ट का इजाफा किया गया था। पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। श्री अशोक चौरसिया की छात्रावास में पदस्थ अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) जिले में विभागीय शिक्षकों की कमी होने के कारण विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी गोहद की अनुशंसा पर श्री चौरसिया को कार्य सुविधा की दृष्टि से अधीक्षक का प्रभार दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोडों के पेचवर्क के कार्य
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 258 ) श्री
बैजनाथ
कुशवाह : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
वर्ष 2018-19 या 2019-20 में
सबलगढ़ उप
संभाग के अन्तर्गत
रोडों के
पेचवर्क का
कार्य
विभागीय स्तर
पर किया गया
या वर्क
ऑर्डर/टेन्डर
प्रक्रिया से? (ख) यह
वर्क ऑडर किस
ठेकेदार को
कितनी राशि का
दिया गया? यदि हां, तो
विभागीय
मजदूरों से
कार्य लिया
गया? (ग) सबलगढ़
उपसंभाग के
अन्तर्गत किन-किन
रोडों पर
पेचवर्क
कार्य हुआ है? (घ) उक्त
अवधि में नवीन
स्वीकृत/प्रस्तावित
मार्ग कौन-कौन
से लिये गये
हैं? उनकी
अब तक स्थिति
क्या है? (ड.) ए.बी.सी.
कैनाल सुनहरा
रोड किलोमीटर 01 से
ए.बी.रोड
किलोमीटर 69 तक सी.सी.
रोड किस वर्ष
में स्वीकृति
होकर किस वर्ष
पूर्ण किया
गया? क्या
उक्त रोड समय
अवधि गारंटी
में है? यदि
हां, तो
उक्त रोड
क्षतिग्रस्त
होकर जगह-जगह
गहरे गड्ढों
में तब्दील हो
गया? यदि
हां, तो
इसके लिये
कौन-कौन
अधिकारी व
कर्मचारी जिम्मेदार
है एवं उनके
विरूद्ध क्या-क्या
कार्यवाही कब
तक की जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) वर्ष
2018-19 एवं 2019-20 सबलगढ़
उपसंभाग के
अंतर्गत
रोडों पर पेंच
रिपेयर का
कार्य मार्ग
की स्थिति अनुसार
विभागीय तौर
पर एवं वर्क
आर्डर/टेंडर
प्रक्रिया
दोनों पद्धति
से कराये गये
थे (ख) ठेकेदार
पद्धति से किये
गये पेंच
रिपेयर की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ'
अनुसार
है। जी हाँ, कार्य
की आवश्यकता
अनुसार
विभागीय
श्रमिक भी
कार्य में लिये
गये। ठेकेदार
से वर्क आर्डर
के माध्यम से
डामरीकृत
पेंच बनाये
गये, जिसका
ठेकेदार को पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ'
अनुसार
भुगतान किया
गया है। साथ
ही विभागीय
मजदूरों से
वर्षाकाल एवं
वर्षाकाल
उपरान्त
मार्गों पर
डब्ल्यू.बी.एम.
पेंच बनाये
गये जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब'
अनुसार
है। (ग) सबलगढ़
उपसंभाग के
अन्तर्गत
कैलारस पहाड़गढ़
मार्ग, सेमई
विजयपुर
मार्ग, विजयपुर
सबलगढ़ मार्ग, गुलालई
पहुँच मार्ग, खेरला
गुरैमा मार्ग, सालई
सेमना मार्ग
रामपहाड़ी
जाबरौल मार्ग, रामगढ़
खेरा डिगवार
मार्ग, पंचमुखी
से गुदाया
मार्ग, जौरा
निदान मार्ग, चचिहा
पहुँच मार्ग
एवं कुर्रौली
पहुँच मार्ग
पर पेंच
रिपेयर किया
गया है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स'
एवं
'स-1' अनुसार
है। (ड़) ए.बी.
केनाल मार्ग
(सुनेहरा रोड
कि.मी. 01 से
ए.बी. रोड कि.मी. 69 तक) कुल
लम्बाई 69.18
कि.मी. वर्ष 2015 में
स्वीकृत हुआ
था, जो
वर्ष 2020
में पूर्ण
किया गया है।
जी हाँ, मार्ग
गारंटी अवधि
में है। जी
नहीं, मार्ग
की स्थिति
सामान्य है
एवं अनुबंध के
अनुसार
संधारण किया
गया है। प्रश्नांश
के शेष भाग का
प्रश्न ही
उत्पन्न नहीं
होता है।
अनुदान प्राप्त शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 259 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में अनुदान प्राप्त शालाऐं संचालित है? (ख) यदि हां, तो कितनी एवं कहाँ-कहाँ संचालित है? वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी अनुदान प्राप्त शालाएं बंद की गई है एवं बंद शालाओं के अभाव में छात्र-छात्राओं के अध्ययन हेतु क्या व्यवस्था की गई है।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) 140 शालायें संचालित हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। वर्ष 2013 से कुल 173 शालायें बन्द हुई है, वैकल्पिक व्यवस्था निकटतम शाला में की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब अनुसार।
संबल योजना का क्रियान्वयन
[श्रम]
28. ( क्र. 276 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व सरकार द्वारा असंगठित शहरी एवं ग्रामीण श्रमिकों एवं कर्मचारी के लिये शुरू की गई संबल योजना का संचालन वर्तमान सरकार द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक अंत्येष्टि सहायता, अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु व दुर्घटना मृत्यु) प्रसव पूर्व जाँच प्रोत्साहन योजना, प्रसव उपरांत सहायता योजना, महाविद्यालय शिक्षा प्रोत्साहन योजना (शिक्षा के क्षेत्र में) के तहत जिला सिवनी में कितने-कितने हितग्राहियों को सहायता दी गई? वर्षवार, ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय क्षेत्रवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) योजनान्तर्गत जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरणों का पंजीयन हुआ है, कितनों को सहायता राशि प्रदाय की जा चुकी है और कितनों को भुगतान होना लंबित है? कारण सहित वर्षवार, ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय क्षेत्रवार सूची देवें। (घ) प्रश्नकर्ता के तांराकित प्रश्नांश क्रमांक 23 दिनांक 20 दिसम्बर 2019 को प्रश्न के जवाब में संबल योजना अंतर्गत जिला पंचायत सिवनी ने कार्ड मुद्रण में ई-टेंडरिंग नहीं होने पर विस्तृत जाँच होना बताया गया था तो क्या प्रकरण की विस्तृत जाँच कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या, कार्यवाही हुई? जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये अवगत करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में योजनावार स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्षवार, ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय क्षेत्रवार हितग्राहियों की संख्या संबंधी सूची तैयार की जा रही है। (ग) योजनांतर्गत जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक 3530 प्रकरणों का पंजीयन हुआ है 2415 को सहायता राशि प्रदाय की जा चुकी है। 1115 प्रकरणों में भुगतान लंबित है लंबित प्रकरणों में शासन स्तर से भुगतान की प्रक्रिया जारी है। वर्षवार, ग्राम पंचायतवार एवं नगरीय क्षेत्रवार सूची तैयार की जा रही है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी से संबंधित होने के कारण जानकारी प्राप्त की जा रही है।
रोजगार प्रशिक्षण
[आदिमजाति कल्याण]
29. ( क्र. 282 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा जनजातीय समुदाय के शिक्षित एवं कम पढ़े लिखे बेरोजगारों के लिये शासन योजनानुसार विभिन्न कोर्सों में नि:शुल्क आवासीय रोजगार मूलक प्रशिक्षण का संचालन प्रतिष्ठित उद्योगों/शासकीय संस्थाओं/पंजीकृत संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षण कराया जाकर रोजगार/स्वरोजगार प्राप्ति के अवसर प्रदान किया जा रहा है? (ख) यदि हां, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन उद्योगों/शासकीय संस्थाओं/पंजीकृत संस्थाओं में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है? बालाघाट जिले अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवक/युवतियों के नाम, पिता का नाम, पता, जनपद, जिले का नाम, कोर्स/विधा का नाम, अवधि, कहाँ-कहाँ रोजगार प्राप्त कराया गया एवं संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई, की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में परिषद को जो आवंटन प्राप्त हुआ था वह पूरा व्यय नहीं किया जा सका, उसके बावजूद दूसरे वित्तीय वर्ष में पुन: करोड़ों का बजट आवंटन किन करणों से जारी किया गया बतावें? (घ) परिषद को वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस विभाग से प्राप्त हुई एवं कितना-कितना व्यय किया गया बतावें?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) 1. वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली संस्थाओं की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 2. बालाघाट जिले में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 3. रोजगार प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। 4. उक्त अवधि में संस्थाओं को भुगतान की गई राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) परिषद एवं प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के मध्य अनुबंध का निष्पादन किया जाता है एवं निर्धारित मापदण्ड अनुसार तीन चरणों में भुगतान किया जाता है। यह प्रक्रिया सतत् चलती रहती है। इस तरह वर्ष विशेष में प्राप्त राशि का व्यय आगामी वर्षों में भी किया जाता है। (घ) परिषद को वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त विभागवार राशि एवं व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
अनियमितताओं की जांच
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 326 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत विकासखण्ड हटा में मडियादो-बर्धा मार्ग पर कितने पुलों का निर्माण पीआईयू के माध्यम से किस कार्य एजेंसी से कराया जा रहा है एवं कितनी-कितनी राशि से कार्य प्रारंभ है? सम्पूर्ण प्रोजेक्ट रिपोर्ट एवं प्रशासनिक स्वीकृति की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) पी.आई.यू. द्वारा हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-से कार्य कराये जा रहे हैं। राशिवार स्थलवार कार्य एजेंसी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। क्या क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत कार्यों में अनियमितताओं के संबंध में जांच करायी जाकर समय-सीमा सहित कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला दमोह अंतर्गत विकास खण्ड हटा में पुलों का निर्माण पी.आई.यू. के माध्यम से नहीं अपितु लोक निर्माण विभाग सेतु परिक्षेत्र के माध्यम से किया जा रहा है। विकास खण्ड हटा में मडियादों-वर्धा मार्ग पर एन.डी.बी. योजना से 04 पुलों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
भवन विहीन शालाओं की संख्या
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 334 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
राज्य मंत्री,स्कूल
शिक्षा महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) जावरा
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
कितने ऐसे स्थान
हैं जहां
प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल
एवं हायर
सेकेण्डरी
स्कूल
शासन/विभाग के
होकर भवन
विहीन होने से
अन्यत्र स्थान
पर संचालित
किये जा रहे
हैं? (ख) उपरोक्तानुसार
शालाओं की स्वीकृति
किन-किन
वर्षों में दी
जाकर
शासन/विभाग
द्वारा किस
वर्ष से इन्हें
संचालित किया
जा रहा है? (ग) उपरोक्त
शालाओं में
कितने
छात्र-छात्राओं
द्वारा प्रतिवर्ष
प्रवेश लिया
जाता है?
स्कूलवार
कुल छात्र
संख्या
बताएं तथा शैक्षणिक
स्वीकृत
पदों के
विरूद्ध
पदपूर्ति भी
दर्शाएं। (घ) भवन
विहीन शालाओं
के भवनों की
स्वीकृति
हेतु विगत कई
वर्षों से
मांग की जा
रही है तो
शालाओं को स्वयं
के भवन की स्वीकृति
कब दी जा
सकेगी?
राज्य
मंत्री, स्कूल
शिक्षा ( श्री
इन्दर सिंह
परमार ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) शासकीय
प्राथमिक
शाला
पिपलियाजोधा
का नवीन भवन
निर्माण हेतु 2019-20 में स्वीकृति
प्रदान की जा
चुकी है। भवन
निर्माण की स्वीकृति
बजट की उपलब्धता
पर निर्भर
करती है।
निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना संभव
नहीं है।
रिंग रोड (बायपास)
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 335 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत कई वर्षों से बरगढ़ (फोरलेन सड़क मार्ग) से भूतेड़ा (उज्जैन-नागदा टू लेन मार्ग) रिंग रोड की मांग लगातार की जा रही है? (ख) बताएं कि क्या शासन/विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में बरगढ-भूतेडा पहुंच रिंग रोड बनाए जाने हेतु कार्य योजना बनाई जाकर इसका सर्वे का कार्य भी समय-समय पर किया गया? (ग) यदि हां, तो प्रश्नांश (ख) वर्णित अवधि में किस-किस सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में उक्त सर्वे कार्य एवं कार्ययोजना बनाई जाकर शासन/विभाग को अग्रेषित की गई? (घ) साथ ही अवगत कराएं कि उक्त अत्यावश्यक रिंग रोड की स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा कब तक दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वर्ष 2017-18 में कार्यपालन यंत्री के दिशा निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री के द्वारा सर्वे कार्य पूर्ण कर प्राक्कलन तैयार किया गया। (घ) वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभाग को बजट का आवंटन
[आदिमजाति कल्याण]
33. ( क्र. 379 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राज्य सरकार के बजट से एकीकृत विकास परियोजना, लघु, माडा, कलस्टर परियोजना हेतु विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हां, तो वित्तिय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओ में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई, कितनी–कितनी राशियों का व्यय किया गया एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन विभागों को जारी की गई?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। आईटीडीपी/माडा पॉकेट/क्लस्टर में स्थानीय विकास कार्यक्रम हेतु सामग्री एवं पूर्तियां मद-5211 अन्तर्गत (राज्य आयोजना) में राशि परियोजना/माडा/लघु अंचलों को जारी की जाती है, विभागों को नहीं।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कुओं तक लाईन विस्तार
[आदिमजाति कल्याण]
34. ( क्र. 390 ) इन्जी.
प्रदीप
लारिया : क्या
आदिमजाति कल्याण
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) आदिम
जाति
अनुसूचित
जाति कल्याण
विभाग सागर
संभाग में
वर्ष 2018-19 से
प्रश्न
दिनांक तक
अनुसूचित
जाति एवं जन
जाति विद्युतीकरण
योजना
अंतर्गत कुओं
तक लाईन विस्तार
के तहत
हितग्राहीवार
कितनी राशि की
प्रशासकीय स्वीकृति
जारी की गई? कार्य
पूर्ण/अपूर्ण
की जानकारी
सहित बतायें। (ख) क्या
इस योजना का
लाभ गरीबी
रेखा के नीचे
जीवन यापन
करने वाले
परिवार के
सदस्य को
मिलता है? (ग) यदि
हां, तो प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
हितग्राहियों
को आय के आधार
पर किस-किस
जिले में कितनी-कितनी
आय वाले
हितग्राही को
राशि स्वीकृत
की गई तथा
योजना का लाभ
हितग्राही को
समय पर नहीं
मिला एवं
कार्य अपूर्ण
है? (घ) प्रश्नांश
(ग) में
वर्णित
स्थिति के लिए
कौन-कौन जिम्मेदार
है? विभाग
द्वारा उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
आदिमजाति
कल्याण
मंत्री (
सुश्री मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) आदिमजाति
कल्याण
विभाग सागर
संभाग में
वर्ष 2018-19 से
प्रश्न
दिनांक तक
अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास योजना
अंतर्गत लाईन
विस्तार के
तहत
हितग्राहीवार
स्वीकृत
राशि की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृत
कार्यों के
पूर्ण/अपूर्ण
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी
नहीं। अनुसूचित
जनजाति कृषक
जिनके पास
अधिकतम 10 हेक्टेयर
भूमि है,
उक्त
योजना का लाभ
ले सकते हैं। (ग) प्रश्नांश
(ख)
के
उत्तर
अनुसार प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
(ख)
के
उत्तर
अनुसार प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रश्नकर्ता विधायक की शिकायत के संबंध में
[खनिज साधन]
35. ( क्र. 400 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने चौण्डापुरा डूंगरी तहसील राजगढ़ में अवैध खनन के संबंध में समाचार पत्र की छायाप्रति तथा पैन ड्राइव सहित शिकायत कलेक्टर महोदय, राजगढ़ को की थी? यदि हां, तो प्रश्न दिनांक तक जिला प्रशासन द्वारा किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही म.प्र. गौण खनिज नियम में अवैध उत्खनन के संबंध में बनाये गये नियम के अन्तर्गत कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार जिस प्रसाशन द्वारा किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की जानकारी दिनांक अनुसार उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर राजगढ द्वारा आदेश दिनांक 03/12/2020 से इसकी जांच हेतु संयुक्त जांच दल का गठन किया गया है। संयुक्त जांच दल द्वारा 08/12/2020 को ग्राम चौण्डापुरा तहसील खुजनेर में मुरम खनिज के अवैध उत्खनन स्थल की जांच की गई। मौके पर दो डम्पर मुरम खनिज के अवैध उत्खनन करते पाये गये। उन्हें जप्त कर थाना खुजनेर की अभिरक्षा में सौंपा गया है। वर्तमान में शिकायत की जांच की कार्यवाही सतत् है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार।
ढोंचरा-गोपालपुरा मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 467 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ढोंचरा गोपालपुरा मार्ग निर्माण हेतु निविदा कब जारी की गई एवं मार्ग निर्माण हेतु कार्यादेश किस दिनांक को जारी किया गया? कार्यावधि एवं लागत सहित बताएं? (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में मार्ग एवं कार्य की क्या स्थिति है? क्या निर्माण कार्य चालू है या कार्य पूर्ण हो चुका है? (ग) क्या निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण किया गया है? यदि नहीं तो समयावधि समाप्त होने पर संबंधित कार्य एजेंसी के विरूद्ध पैनल्टी अधिरोपित की गई? यदि नहीं तो क्यों? यदि हां, तो कितनी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) समयावधि समाप्त नहीं हुई है अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कोविड-19 महामारी हेतु चिकित्सालयों में आईसीयू वार्ड की स्थिति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
37. ( क्र. 483 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोविड-19 की महामारी को देखते हुए शासन ने समस्त चिकित्सालय के आईसीयू को आधुनिक बनाने का निर्णय लिया है? (ख) अगर हां, तो प्रदेश में कितने जिलों में इस योजना का शुभारंभ किया गया है? जिलों में आईसीयू का आधुनिकीकरण किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं, केवल चिन्हित चिकित्सालयों में नवीन कोविड आई.सी.यू. का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। (ख) प्रदेश के कुल 20 जिलों में नवीन कोविड आई.सी.यू. का शुभारंभ किया गया। उत्तरांश (क) के अनुसार है।
वन्य प्राणी बाघों का संरक्षण
[वन]
38. ( क्र. 484 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में बाघों की मृत्यु दर उनके जन्म दर से अधिक है? (ख) अगर हां, तो मृत्यु दर घटाने के लिए शासन क्या कार्रवाई कर रहा है? (ग) मध्यप्रदेश में वन्य संरक्षण हेतु कितने नए कंजर्वेशन रिजर्व बनाने की योजना है? (घ) राघोगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व जो शासन के पास लंबित है उसकी कब तक शासन से स्वीकृति मिलना है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश में वन्यजीव संरक्षण हेतु नए कंजर्वेशन रिजर्व बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। (घ) राघोगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का प्रस्ताव मापदण्डों के अनुरूप नहीं होने से स्वीकृत नहीं किया गया। इस संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य को विभागीय पत्र दिनांक 19.08.2020 से सूचित कर दिया गया है।
जी.आर.एम.सी.कॉलेज एवं जे.ए.एच. हॉस्पीटल में खराब मशीनों संबंधित जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
39. ( क्र. 490 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गजराजा चिकित्सा महाविद्यालय के जयारोग्य चिकित्सालय में वेन्टीलेटर, एक्स-रे मशीन, कैंसर सिकाई, अल्ट्रासाउण्ड, इनक्यूवेटर, सी.टी. स्केन लम्बे समय से खराब पड़ी है, दिनांक 30.11.2020 तक की जानकारी दी जावे। (ख) क्या जनप्रतिनिधियों द्वारा उक्त समस्या के बारे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री, आयुक्त ग्वालियर को पत्र लिख कर अवगत कराया था? उस पर क्या कार्यवाही की गई? दिनांक 30.11.2020 तक की जानकारी दी जावे। (ग) उक्त मशीनों के खराब होने, धीमीगति से कार्य करने से अस्पताल में भर्ती मरीज को महंगे दामों पर बाहर से जांच करानी पड़ रही है, उक्त मशीनों को कब तक ठीक करा लिया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 08/2020, दिनांक 27/11/2020 संभागायुक्त ग्वालियर को प्राप्त हुआ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क) के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में उल्लेखित खराब मशीनों को ठीक कराने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय अस्पताल मुरार में प्रस्तावित कोविड-19, आई.सी.यू.वार्ड के निर्माण में विलम्ब
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
40. ( क्र. 493 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के शासकीय अस्पताल मुरार में प्रस्तावित कोविड-19, आई.सी.यू. वार्ड के निर्माण में विलम्ब होने के क्या कारण है? तथ्यों सहित दिनांक 30.11.2020 के अनुसार जानकारी दी जावें। (ख) उक्त वार्ड निर्माण स्थल का चयन कब किया गया? निर्माण पर कितनी राशि खर्च होने का अनुमान है? निर्माण प्रक्रिया किस स्थिति में है? पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) क्या उक्त कोविड-19, के आई.सी.यू. के निर्माण में विलम्ब होने से क्षेत्र के अनेक पीड़ित लोगों को निजी अस्पतालों में भर्ती होकर क्षमता से अधिक राशि खर्च करना पड़ रही है? शासन उस समस्या के समाधान हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय अस्पताल मुरार में 20 बिस्तरीय कोविड-19 आई.सी.यू. वार्ड निर्माण हेतु उपयुक्त स्थल उपलब्ध नहीं होने के कारण कार्य नहीं हुआ है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्य हेतु राशि रूपये 155.78 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। तदानुसार कार्य पर व्यय अनुमानित है। कार्य उपयुक्त स्थल के अभाव में स्थगित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शासकीय मेडिकल कॉलेज ग्वालियर में पूर्व से ही पर्याप्त क्षमता का आई.सी.यू. संचालित किया जा रहा है। अत: पीड़ित मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता है।
कोरोना महामारी पर व्यय राशि में अनियमितताएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 495 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में कोरोना कोविड-19 महामारी की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु किन-किन दानदाताओं/समाजसेवियों द्वारा कितनी-कितनी राशि दान दी गई एवं शासन से कितना आवंटन धनराशि एवं खाद्यान्न प्राप्त हुआ? सम्पूर्ण का विस्तृत विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त धनराशि किन-किन सुविधाओं/कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई है? पृथक-पृथक विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें। (ग) क्या श्योपुर विधानसभा में कोविड-19 लॉकडाउन 25 मार्च से 1 जून की अवधि में 1.70 करोड़ रू. खर्च किये गये है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस सुविधा पर व्यय की गई? विस्तृत ब्यौरा दें। (घ) क्या विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर के अनुसार श्योपुर विधानसभा में समाजसेवियों द्वारा तैयार किये गये भोजन पैकेटों को शासकीय कर्मचारियों द्वारा बांटे गये हैं? यदि हां, तो क्यों? क्या बांटे गये भोजन पैकेटों को सरकारी खर्चे में जोड़कर लाखों रूपये के फर्जी बिल तैयार कर लाखो रूपयों का फर्जी भुगतान किया गया है? यदि हां? तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा जांच करायी जावेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण सहित अवगत करायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) श्योपुर जिले में कोरोना कोविड-19 महामारी की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु दानदाताओं/समाजसेवियों द्वारा कोई धनराशि दान नहीं की गई है। जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वास्थ्य विभाग की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऊर्जा विभाग के संबंध में
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 500 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को प्रेषित पत्र क्र. 45 दिनांक 17.01.2019 पर क्या कार्यवाही की गयी है? यदि हां, तो विस्तृत जानकारी देवें। यदि नहीं तो कारण बतावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा प्रश्न क्र. 1705 (ख) के द्वारा पूछे गये प्रश्न के जवाब में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री द्वारा यह स्वीकार किया गया कि विदयुत प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजनांतर्गत वर्ष 2020-2021 में श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मेवाड़ा एवं बोरदादेव में 33/11 केव्ही उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य प्रस्तावित है? यदि हां, तो उक्त दोनों प्रस्तावित 33/11 केव्ही विदयुत उपकेन्द्रों के निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ करा दिये जावेंगे? यदि नहीं तो कारण बतावें। (ग) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में बिजली विभाग द्वारा कृषि पंपों/ट्यूबवेलों की मोटरों की बिना जांच किये बिजली बिलों में मोटर हॉर्सपावर विदयुत क्षमता बढ़ाकर राशि के बढ़े हुये विदयुत बिल के भुगतान हेतु वितरित किये गये? यदि हां, तो कारण बतावें एवं किन अधिकारियों के आदेश पर? उक्त नियमविरूद्ध किये गये कार्य के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेंगी? यदि हां तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन उल्लेखित पत्र में 07 स्थानों क्रमश: गोहेडा, सोई, मेवाड़ा, बेहरवदा, बिजरपुर, बोरदादेव एवं दलारना कलॉ में बिजली की पर्याप्त एवं सुचारू व्यवस्था हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना की मांग की गई थी। तत्समय प्राप्त प्रस्तावों के परीक्षणोंपरान्त 5 स्थानों क्रमश: गोहेडा, सोई, बिजरपुर, बेहरवदा एवं दलारना कलॉ में नवीन उपकेन्द्र की स्थापना किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया, जबकि शेष 2 स्थानों क्रमश: मेवाड़ा एवं बोरदादेव में नवीन उपकेन्द्र की स्थापना किया जाना तकनीकी रूप से साध्य पाया गया था। (ख) जी हाँ। उक्त दोनों उपकेन्द्रों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति वित्तीय संसाधानों की उपलब्धता एवं इस प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए प्रदान की जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में बोरदादेव के समीप स्थित मकरावदा उपकेन्द्र में 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता का अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया है जिसके कारण बोरदादेव क्षेत्र में सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इसी प्रकार मेवाड़ा क्षेत्र के निकट स्थित जैनी उपकेन्द्र पर वर्तमान में 5.00 एम.व्ही.ए. क्षमता के तीन पॉवर ट्रांसफार्मर एवं वोल्टेज सुधार हेतु 2 कैपेसिटर बैंक स्थापित हैं। जैनी उपकेन्द्र से वर्तमान में मेवाड़ा क्षेत्र को सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इस प्रकार बोरदादेव एवं मेवाड़ा क्षेत्र में नवीन उपकेन्द्र की स्थापना की जगह उपरोक्त वैकल्पिक व्यवस्था के तहत वर्तमान में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। कृषि उपभोक्ताओं को उनके द्वारा दिये गये आवेदन के साथ प्रस्तुत टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर स्वीकृत संयोजित भार के अनुसार बिल जारी किये जाते हैं। म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 7.26 के अनुसार उपभोक्ता को स्वीकृत संयोजित भार से अधिक विद्युत खपत पाये जाने पर ऐसे उपभोक्ताओं से टैरिफ आदेश में दर्शाई गई विस्तृत प्रक्रिया के अनुसार बिलिंग द्वारा वसूली का प्रावधान है। तदानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्रों में स्वीकृत संयोजित भार के अनुसार अथवा निरीक्षण के उपरान्त पाये गये वास्तविक संबद्ध भार के अनुसार नियमानुसार बिल दिये गये हैं। अत: कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं है।
आउटसोर्स माध्यम से भर्ती किए गए कम्प्यूटर ऑपरेटरों के लंबित मानदेय भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
43. ( क्र. 503 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के किन-किन विकासखण्डों में विगत वर्षों में हाईस्कूल तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में आउटसोर्स के माध्यम से कम्प्यूटर ऑपरेटरों की भर्ती की गई थी? किन-किन विकासखण्डों में भर्ती किए गए कम्प्यूटर ऑपरेटरों का कितने-कितने माह का मानदेय भुगतान किया जा चुका है तथा किन-किन विकासखण्डों के किन-किन स्कूलों में भुगतान किया जाना किन-किन कारणों से लंबित है व क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नियुक्त किए गए कम्प्यूटर ऑपरेटरों को मानदेय भुगतान हेतु शासन से वर्तमान में बजट प्राप्त हो चुका है? यदि हां, तो बजट प्राप्त होने के उपरांत भी भुगतान क्यों नहीं किया गया? विकासखण्डवार, स्कूलवार कम्प्यूटर ऑपरेटरों के लंबित भुगतान की जानकारी दें व स्पष्ट करें कि कम्प्यूटर ऑपरेटरों का मानदेय भुगतान किस कारण से लंबित है? लंबित भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? निश्चित मानदेय भुगतान के विलंब हेतु उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनांतर्गत स्थापित बंद/खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 504 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल की विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत ग्रामों में स्थापित किए गए ट्रांसफार्मर में से क्रियान्वयन एजेन्सी के दिनांक 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक की गारंटी अवधि के कितने ट्रांसफार्मर बंद/खराब हुए योजनावार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त अवधि में किन-किन कंपनियों द्वारा कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये योजना वार जानकारी उपलब्ध करावें तथा इस हेतु किये गये अनुबंध की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभिन्न परियोजनांतर्गत स्थापित किए गए ट्रांसफार्मर के गारंटी अवधि में खराब होने पर शासन के नियमानुसार कितनी समयावधि के अंदर खराब हुए ट्रांसफार्मर को बदलने का नियम है? क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उक्त बंद/खराब ट्रांसफार्मर को निर्धारित समयावधि में बदला गया है अथवा नहीं? यदि हां, तो प्रश्नांश (क) में दर्शायी गई अवधि में कितने ट्रांसफार्मर खराब हुए उनमें से कितनों को बदला गया? यदि नहीं तो क्यों नहीं बदला गया तथा अनुबंध की शर्तों के अनुसार इस लापरवाही हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं? यदि वर्तमान में जो ट्रांसफार्मर बंद/खराब हैं ऐसे ट्रांसफार्मर को कब तक बदल दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं में प्रश्नाधीन अवधि में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से गारंटी अवधि में कुल 74 वितरण ट्रांसफार्मर बंद/खराब हुए हैं। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों के बंद/खराब होने की दिनांक एवं बदले जाने की दिनांक सहित योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। उक्त अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में मैसर्स केट स्किल इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड, पुणे द्वारा कुल 186 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं, जिसमें से 55 दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत एवं 131 राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण (11वाँ प्लान) योजनांतर्गत स्थापित किये गये। ठेकेदार एजेन्सी के साथ किये गये अनुबंधों की प्रमाणित प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से गारंटी अवधि में बंद/खराब हुए ट्रांसफार्मरों को निविदा प्रपत्र के प्रावधान अनुसार क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा 15 दिन की समयावधि में बदलने का नियम है तथा राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (11वाँ प्लान) में स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से गारंटी अवधि में बंद/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों को निविदा प्रपत्र के प्रावधान अनुसार क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा तीन दिवस एवं मानसून सीजन (जुलाई से सितम्बर) में सात दिवस की समयावधि में बदलने का प्रावधान है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित सभी बंद/खराब ट्रांसफार्मरों को क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा उक्त निर्धारित समयावधि में बदल दिया गया। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
कटनी जिले में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना
[स्कूल शिक्षा]
45. ( क्र. 515 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कितने केंद्रीय विद्यालय कब से स्थापित और किन श्रेणियों के विद्यार्थियों हेतु संचालित हैं? (ख) क्या कटनी जिले में सिविल सेक्टर हेतु केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की स्वीकृति प्राप्त हुई? पर विद्यालय प्रारंभ नहीं हो सका? यदि हाँ, तो कारण बतायें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर कटनी और राज्य शासन को कटनी में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना/संचालन हेतु विगत समय पत्र लिखे गए हैं? यदि हाँ, तो पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत कराएं? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में पूर्व में स्वीकृत केंद्रीय विद्यालय की, कटनी में स्थापना किये जाने अथवा नवीन केंद्रीय विद्यालय की शीघ्रता से स्थापना की राज्य-शासन स्तर से त्वरित कार्यवाही की जायेंगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जिला कटनी में 02 केन्द्रीय विद्यालय उ.मा.वि. स्तर के क्रमश: आर्डीनेंस फैक्ट्री डिफेंस सेक्टर एवं एन.के.जे. रेल्वे सेक्टर में 1981 से संचालित है। (ख) जी हाँ, विद्यालय हेतु चयनित वैकल्पिक स्थान उचित नहीं होने के कारण प्रारंभ नहीं हो सका। (ग) जी हाँ, केन्द्रीय विद्यालय संगठन मानक अनुसार नवीन केन्द्रीय विद्यालय खोलने की अनुमति हेतु विभागीय पत्र क्रमांक 849/1324/2020/20-2, दिनांक 29.08.2020 के द्वारा प्रस्ताव केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कटनी में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
46. ( क्र. 516 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की कार्यवाही शासन/विभाग/जिला स्तर पर प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो अब तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं? (ख) कटनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापना की स्वीकृति हेतु शासन/विभाग/जिलास्तर से क्या-क्या कार्यवाही किया जाना शेष हैं? पूर्ण विवरण बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतायें, कि कटनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना/स्वीकृति हेतु प्रचलित कार्यवाही को शीघ्रता से अवधि नियत कर पूर्ण करने के निर्देश दिए जायेंगे? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। भारत शासन की योजना पी.एम.एस.एस.वॉय के तृतीय चरण के अंतर्गत कटनी में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की स्वकृति प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव भारत सरकार लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत शासन से चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जर्जर रोडों का निर्माण
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 524 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुण्डे से मोहगांव, दहेगांव से देवलगांव, कुलपा से सालेकसा (महाराष्ट्र), सिवनीखुर्द से भालवा, हल्बीटोला मार्ग, कटंगी-घंसा-टेकेपार मार्ग कारंजा-बापडी-परसोडी मार्ग, लांजी-पूर्वाटोला-सलंगटोला मार्ग, कटंगी से सहेकी मार्ग कोकना से जामडी मार्ग, बोरडी से बिरनपुर मार्ग इन जर्जर विभागीय सड़कों को बनाने हेतु स्थायी वित्त समिति से अनुमोदन कब तक करा लिया जाएगा तथा क्या इसे वर्तमान सत्र में पेंश किये जाने वाले अनुपूरक बजट में सम्मिलित किया जाएगा? (ख) बजट सत्र 2019 में योजना मद से स्वीकृत मार्ग लांजी-बिसानी-बिर्सी (महाराष्ट्र) रोड का कार्य प्रगति पर है, महाराष्ट्र तथा म.प्र. के बीच सावरीकला (लांजी घाट) से गिरोला घाट के बीच बाघ नदी पर उच्च स्तरीय पुलिया निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को जो पत्र लिखा गया है उस पर कार्यवाही करते हुये क्या इस पुलिया को वर्तमान सत्र में पारित होने वाले अनुपूरक बजट में शामिल करने हेतु स्थायी वित्त समिति में अनुमोदित करा लिया गया है? यदि नहीं तो क्यों और इसे कब तक करा लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
शिक्षकों के प्रोविडेंट फण्ड व पेंशन की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
48. ( क्र. 532 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षाकर्मी/अध्यापक स्थानीय निकाय के नियमित कर्मचारी थे? यदि हां तो, क्या स्थानीय निकाय के अन्य कर्मचारियों की भांति इनकी प्रोविडेंट फंड की कटौती की गई? यदि नहीं तो क्यों? क्या मध्य प्रदेश में 1 जनवरी 2005 से नेशनल पेंशन स्कीम लागू की गई है? यदि हां, तो अध्यापक संवर्ग के लिए नेशनल पेंशन स्कीम 2005 से प्रारंभ न कर अप्रैल 2011 से क्यों लागू की गई? क्या सरकार इनसे शिक्षकों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या शिक्षाकर्मी/अध्यापक संवर्ग की प्रोविडेंट फंड की कटौती नहीं होने एवं न्यू पेंशन स्कीम विलंब से प्रारंभ होने के कारण इस संवर्ग के शिक्षकों को रिटायरमेंट पर रू.400 या 500 तक पेंशन प्राप्त हो रही है? यदि हां, तो इतनी कम पेंशन देना क्या उचित है? यदि नहीं तो इतनी कम पेंशन प्राप्त करने वाले शिक्षकों के लिए सरकार की न्यूनतम पेंशन देने की कोई योजना है? यदि हां, तो कितनी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या 1 जनवरी 2005 के पूर्व नियुक्त शिक्षाकर्मी/अध्यापक को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देकर प्रोविडेंट फंड की कटौती न होने व नेशनल पेंशन स्कीम विलंब से शुरू होने से होने वाले नुकसान की भरपाई करने की कोई योजना है? यदि हां, तो क्या योजना है? विस्तार से बताएं और नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शिक्षाकर्मी/अध्यापक संवर्ग की भर्ती हेतु स्थानीय निकाय द्वारा पृथक से भर्ती नियम तैयार कर इनकी भर्ती की गई है, इन भर्ती नियमों में प्रोविडेन्ट फण्ड कटौती का प्रावधान नहीं है। जी हाँ। अध्यापक संवर्ग का गठन दिनांक 01/04/2007 से किया गया अध्यापक संवर्ग के लिए अंशदायी पेंशन योजना दिनांक 01/04/2011 से लागू की गई है। जी नहीं, अध्यापक संवर्ग के लिए अंशदायी पेंशन योजना दिनांक 01/04/2011 से ही लागू की गई है। (ख) अध्यापक संवर्ग के लिए अंशदायी पेंशन योजना दिनांक 01/04/2011 से लागू की गई है। योजना में प्रावधान अनुसार शिक्षकों को सेवानिवृत्ति पर लाभ प्राप्त होगा। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता अध्यापक संवर्ग के लिए अंशदायी पेंशन योजना दिनांक 01/04/2011 से ही लागू की गई है।
अध्यापकों के नियम विरूद्ध स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
49. ( क्र. 539 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1787 दिनांक 19 जुलाई 2019 के संबंध में बताया गया था कि जिला पंचायत कार्यालय के स्थानांतरण से संबंधित अभिलेखों की खोजबीन की जा रही है और प्रकरण की जांच प्रचलित है? यदि हाँ, तो कार्यालय से गुम हुये सभी दस्तावेज प्राप्त हो गये हैं? यदि नहीं, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या जांच के दौरान श्री डुलेश्वर साहू, कम्प्यूटर ऑपरेटर, जिला पंचायत सिवनी द्वारा अपने कथन दिनांक 16/11/2018 में बताया है कि नियम विरूद्ध अध्यापकों के जो स्थानांतरण आदेश किये गये हैं उन्हे श्री ओमेगा पॉल इफ्राईम, परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के निर्देशानुसार डिस्पेच कराया जाकर उन्हें मूल प्रति वापस कर दी गई हैं? यदि हाँ, तो श्री ओमेगा पॉल पर उक्त कथन के आधार पर दोषी मानकर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कर्मचारी श्री डुलेश्वर साहू, कम्प्यूटर ऑपरेटर, के कथनानुसार श्री ओमेगा पॉल इफ्राईम, परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सिवनी को दोषी न मानकर तत्कालीन शाखा प्रभारी सुश्री श्रृद्धा उइके को नोटिस जारी किया गया,जो उस कार्यवाही के दौरान अवकाश अवधि में थी एवं तीन अन्य कर्मचारियों को अकारण ही निलंबन की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कारण बतावें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में जांच प्रचलन में है, सभी दस्तावेज अभी तक प्राप्त नहीं हुये है। इस प्रकरण में प्रथम दृष्यता दोषी पाये जाने पर श्री बी.पी.सनोडिया सहायक ग्रेड-1, श्री डी.के.यादव सहायक ग्रेड-1 एवं श्री तुषार सुखदेव सहायक ग्रेड-3 को निलंबित किया गया है तथा श्री बी.पी.सनोडिया सहायक ग्रेड-1, श्री तुषार सुखदेव सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है। श्री डी.के.यादव सहायक ग्रेड-1 की दिनांक 19.10.2020 को मृत्यु होने से इनके विरूद्ध प्रचलित प्रकरण समाप्त किया गया है। सुश्री श्रद्धा उईके, सहायक परियोजना अधिकारी (संविदा) को नोटिस जारी किया गया है। (ख) जी हाँ। श्री ओमेगा पाल, परियोजना अधिकारी पर नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश पत्र दिनांक 12.09.2020 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी जिला सिवनी को दिये गये है। संचालनालय लोक शिक्षण द्वारा दिनांक 17.12.2020 को कार्यवाही हेतु पुन: लिखा गया है। (ग) अध्यापक संवर्ग के स्थानान्तरण 01 जनवरी 2018 से 05 अक्टूबर 2018 की अवधि में हुये थे, जबकि सुश्री श्रद्धा उईके 28 अगस्त 2018 से 10 सितम्बर 2018 तक चिकित्सा अवकाश पर थी। अवकाश अवधि को छोड़कर शेष अवधि में सुश्री श्रद्धा उईके ही शिक्षा शाखा प्रभारी थी। इसलिये सुश्री श्रद्धा उईके को नोटिस जारी किया गया, किसी कर्मचारी के विरूद्ध अकारण कार्रवाई की स्थिति नहीं रही है।
खनिज उत्खन्न/परिवहन की प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
50. ( क्र. 542 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में विभाग द्वारा किस-किस प्रकार की खदानें, खनि पट्टे, खनन सर्वेक्षण अनुमति, खनिज परिवहन की अनुमति किसे-किसे, कब-कब राज्य शासन से, जिला स्तर से, संचालनालय से दी गई है, जो कि प्रभावशील है? (ख) उपरोक्त अनुमति धारकों/ठेकेदारों द्वारा कौन-कौन सी खनिज हेतु शासन को कितनी राशि 03 वर्षों से विभिन्न मदों, रायल्टी, जुर्माना, शुल्क इत्यादि में दी, खनिज रायल्टी के रूप में कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) पिछले तीन वर्षों में अवैध खनन, परिवहन, नियम विरूद्ध अनुमति, इत्यादि के संबंध में शासन स्तर, संचालनालय स्तर, जिला स्तर पर किस-किस के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अ, ब, स, द एवं ई अनुसार है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
वार्डनों की चयन प्रक्रिया में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
51. ( क्र. 547 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कहाँ-कहाँ बालक/बालिकाएं छात्रावास संचालित हैं? छात्रावास के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें तथा छात्रावास में पदस्थ वार्डन/कर्मचारियों की छात्रावास में पदस्थी दिनांक, वार्डन प्रभार आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ वार्डनों को बदल दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों और कब-तक बदल दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले के छात्रावासों में वार्डनों की चयन प्रक्रिया की गई है? यदि हां, तो कितने आवेदन प्राप्त हुए? नाम एवं वरिष्ठता क्रम में बतावें। चयन समिति में कौन-कौन सदस्य थे? क्या जिला जेण्डर कोर ग्रुप का भी गठन किया गया था? यदि हां, तो कौन-कौन सदस्य थे? चयन समिति की बैठक कब हुई? क्या राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशों के क्रम में वार्डन की चयन प्रक्रिया में वरिष्ठता का ध्यान रखा गया? क्या नियुक्ति से पूर्व संबंधित शाला के शिक्षकों से सहमति ली गई थी? यदि हां, तो सहमति पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें, क्या तीन वर्ष पूर्ण करने वाली वार्डन जिनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त की जाकर अन्य वार्डनों को रखने में अंकों का निर्धारण किया गया है? राज्य शिक्षा केन्द्र के क्या ऐसे कोई निर्देश हैं? यदि हां, तो निर्देश उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो किसके आदेश से चयन किया गया है? (ग) क्या वार्डनों के चयन के उपरांत दावा-आपत्ति प्राप्त की गई? यदि हां, तो जिलानियुक्ति समिति के समक्ष दावा-आपत्ति के निराकरण किस दिनांक में किये? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या विदिशा जिले में एक ही वार्डन को दो छात्रावासों का प्रभार दिया गया है? यदि हां, तो क्यों? क्या एक वार्डन को दो छात्रावासों का प्रभार दिया जा सकता है? बतावें। विदिशा जिले में वार्डनों की नियुक्तियों की शिकायत विभाग के मान. मंत्री, प्रमुख सचिव, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल, कलेक्टर विदिशा, जिला शिक्षा अधिकारी विदिशा, जिला परियोजना समन्वयक को प्रश्नकर्ता का पत्र प्राप्त हुआ है? यदि हां, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई? किससे द्वारा जांच की गई? जांच प्रतिवेदन से प्रश्नकर्ता को कब अवगत कराया गया? बतावें। (ङ) क्या विज्ञापन में दिये गये नियमों व शर्तानुसार वार्डनों की चयन प्रक्रिया अपनाई गई है? यदि हां, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर है। प्रकरण मान. उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने/समयावधि कोरोना संक्रमण काल में पूर्ण होने/आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण सभी को बदला नहीं जा सका है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 पर है। जी हाँ। चयन समिति/जिला जेण्डर कोर ग्रुप बैठक में उपस्थित सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 पर है। जी हाँ। जी हाँ। सहमति पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 पर है। जी हाँ। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने हेतु अंक निर्धारण का निर्णय जिला स्तर से लिया गया। (ग) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। वार्डन का पद रिक्त होने तथा दोनों छात्रावास एक ही परिसर में संचालित होने के कारण अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जी हाँ। प्रकरण की जाँच संयुक्त कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, विदिशा द्वारा कराई गई। जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र विदिशा के पत्र दिनांक 23.10.2020, जिला शिक्षा अधिकारी, विदिशा के पत्र दिनांक 9.10.2020 द्वारा मान. प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है। (ड.) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सालयों में पद रिक्त की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
52. ( क्र. 548 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कौन-कौनसे चिकित्सालय संचालित हो रहे हैं? चिकित्सालयों में कितने पद स्वीकृत हैं? उनके विरूद्ध कितने पद भरे हुए हैं? कितने पद रिक्त हैं? उक्त पद कब तक भर दिये जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विभाग के अपर मुख्य सचिव को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 315,316,317,318,319,321,322,323,324,325 दिनांक 25.11.2020 एवं कौन-कौनसे पत्र प्राप्त हुए हैं? पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं की गई? तो क्यों? कब तक पत्रों पर कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 अप्रैल 2017 से सिविल अस्पताल सिरोंज, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लटेरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आनंदपुर, रूसल्ली साहू, गरेंठा एवं सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड के उपस्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया है? निरीक्षण पंजी, निरीक्षण टीप सहित निरीक्षणकर्ता की टूर-डायरी का विवरण उपलब्ध करावें तथा निरीक्षण के दौरान अस्पतालों में क्या-क्या कमियाँ पाई गई? कमियों को दूर करने के क्या प्रयास किये गये? यदि नहीं, तो क्यों? अस्पतालों के निगरानी हेतु विभागीय निर्देश क्या हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में सिविल अस्पताल सिरोंज, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लटेरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आनंदपुर, रूसल्ली साहू,गरेंठा में 1 अप्रैल 2017 से कौन-कौन से मद से अस्पतालों को राशि प्राप्त हुई तथा किस-किस कार्य के लिए राशि का व्यय किस मद में किया गया तथा रोगी कल्याण समिति को कितनी राशि प्राप्त हुई तथा राशि का व्यय कहाँ किया गया? व्यय का ब्यौरा, माहवार एवं वर्षवार उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। पदपूर्ति की कार्यवाही एक निरंतर प्रक्रिया है जिसमें नियमित रूप से रिक्तता के आधार पर पदपूर्ति की कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्नांश (ख) में संदर्भित प्रेषित पत्र क्रमांकों में से संचानालय स्वास्थ्य सेवायें में केवल पत्र क्रमांक 87 दिनांक 07.07.2020 एवं पत्र क्रमांक 127 दिनांक 14.07.2020 प्राप्त हुआ है इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री मॉनिट बी संदर्भ क्रमांक 2527/सीएमएस/एमएलए/147/2020 दिनांक 24.07.2020 के माध्यम से भी प्राप्त हुआ है, जिस पर कार्यवाही की जाकर वस्तुस्थिति से शासन को पत्र क्रमांक/5/विकास/सेल-1/2020/370 दिनांक 17.09.2020 के द्वारा अवगत कराया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' में समाहित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार।
भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शिक्षकों की पदपूर्ति
[आदिमजाति कल्याण]
53. ( क्र. 559 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में प्रा.वि./मा.वि. में कुल कितने शिक्षक पदस्थ हैं? शालावार शिक्षक के नाम सहित जानकारी, पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी देवें। कुल कितनी शालाओं में शिक्षक की कमी हैं तथा इन शिक्षक की पदपूर्ति हेतु अतिथि शिक्षक कहाँ-कहाँ पर पदस्थ किये गये हैं? शालावार पदस्थ अतिथि शिक्षक के नाम, पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी देंवे। (ख) कितने शिक्षक को अपनी मूल पदस्थापना के अतिरिक्त अन्यत्र अटेचमेंट किया गया है उनके नाम सहित, मूल पदस्थापना एवं अटेचमेंट स्थान सहित विवरण देंवे। (ग) शिक्षक की कमी को दूर करने हेतु अटेचमेंट समाप्त कर मूल पदस्थापना पर पदस्थ करने हेतु आदेश जारी होंगे? यदि हां, तो समयावधि बतायें, नहीं तो क्या कारण हैं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रा.वि. में 841/मा.वि. में 159 कुल 1000 शिक्षक पदस्थ हैं। शालावार शिक्षक के नाम एवं पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रा.वि. में 357, मा.वि. में 142 कुल 499 शालायें हैं जिनमें शिक्षकों की कमी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शालावार रखे गये अतिथि शिक्षक की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) 25 शिक्षकों को शिक्षक विहीन/कमी वाली संस्थाओं में अध्यापन कार्य सुविधा की दृष्टि से व्यवस्था की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षकों की पूर्ति होने के पश्चात उक्त शिक्षकों को उनकी मूल शाखाओं में भेज दिया जावेगा।
भवन विहिन छात्रावासों को भवन उपलब्ध कराना
[आदिमजाति कल्याण]
54. ( क्र. 560 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आदिम जति कल्याण विभाग द्वारा कुल कितने छात्रावासों का संचालन किस स्थान पर किया जा रहा है? (ख) वर्तमान में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल कितने छात्रावासों में भवन नहीं हैं या कितने भवन क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं तथा भवन विहिन होने के कारण छात्रावास वर्तमान में कहां पर संचालित हो रहे हैं। (ग) भवन विहीन छात्रावासों के भवन निर्माण कब तक कराये जाएगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 08 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। जानकारी परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र भीकनगांव अंतर्गत एक जूनियर बालक छात्रावास कालदा (भीकनगांव) का भवन नहीं है। जिसका संचालन अन्य शासकीय भवन में किया जा रहा है। (ग) वित्तीय संसाधनों की सीमा में भवन विहीन छात्रावासों के निर्माण कराये जायेंगे।
विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर में डामरीकरण मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 569 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग पश्चिम परिक्षेत्र इन्दौर द्वारा प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक 1594/कार्य/मार्ग/प्रथम स्तरीय प्राक्कलन/सीएम मॉनिट-बी/अनु.क्रं. 2/2020 इन्दौर, दिनांक 16/6/2020 के अनुसार प्राक्कलन सहित विभागीय पत्र भेजकर विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर में 07 डामरीकरण मार्गों की स्वीकृति की मांग की गई थी? (ख) क्या कार्यालय मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग पश्चिम परिक्षेत्र इन्दौर द्वारा प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक 2352/कार्य/मार्ग/प्रथम स्तरीय प्राक्कलन/धार/2020 इन्दौर, दिनांक 5/8/2020 के अनुसार प्राक्कलन सहित विभागीय पत्र भेजकर विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर में पंचायत टाण्डाखेडा (दसई) में चार खम्ब से कोठडाकला तक 05 कि.मी. तक की डामरीकृत मार्ग की स्वीकृति की मांग की गई थी। (ग) क्या कार्यालय मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग पश्चिम परिक्षेत्र इन्दौर द्वारा प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग भोपाल को पत्र क्रमांक 2141/कार्य/प्र.स्त.प्राक्कलन/सीएम मॉनिट-ए/अनु.क्रं. 7/धार/2020 इन्दौर, दिनांक 15/7/2020 के अनुसार प्राक्कलन सहित विभागीय पत्र भेजकर विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर में 03 डामरीकरण मार्गों की स्वीकृति की मांग की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो उक्त तीनों विभागीय पत्रों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिगत प्राथमिकता अनुसार कार्यवाही की जाती है जो अभी सक्षम वित्तीय समिति को अप्राप्त है।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[आदिमजाति कल्याण]
56. ( क्र. 571 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 01 जनवरी 2007 तथा 01 जनवरी 2020 को विभाग में कार्यरत अतिथि शिक्षक की संख्या बतावे तथा जनवरी 2020 में अतिथि शिक्षकों को दिया गया कुल मानदेय कितना है? प्रति अतिथि शिक्षक औसत मानदेय जनवरी 2020 में कितना है? (ख) क्या उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा में अतिथि विद्वान तथा मेहमान प्रवक्ता को निरन्तर किया जाता है, फिर अतिथि शिक्षक को निरंतर क्यों नहीं किया जाता? मार्च-अप्रैल के बाद इन्हें सेवा मुक्त क्यों किया जाता है? (ग) क्या लॉकडाउन में हमेशा की तरह अतिथि शिक्षक को जुलाई में कार्य पर न रखकर अभी तक कार्य पर नहीं रखा? यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें तथा बतावें कि भारत शासन के निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया कि अस्थायी को कार्य से न हटाया जाय? (घ) सरकार अतिथि शिक्षक को नियमित/निरंतर करना चाहती है या नहीं? कारण सहित शासन की मंशा से अवगत करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अ.ज.जा. के रिक्त पद के विरुद्ध सीधी भर्ती का रोस्टर
[चिकित्सा शिक्षा]
57. ( क्र. 573 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. प्रश्न क्र. 1641 (ख), दिनांक 19 दिसम्बर 2019 का जवाब प्रश्न-दिनांक तक भी प्रस्तुत नहीं किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं। जवाब के विलंब के लिए किसकी जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की गई? (ख) कार्यालय आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा पत्र क्र. 2568/स्था/राज/2019 दिनांक 26/12/2019 में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने माना कि गां.चि.म.वि. भोपाल के पैथोलॉजी विभाग में अ.ज.जा. सह-प्राध्यापक के रिक्त पद को अनारक्षित वर्ग द्वारा भरकर त्रुटि हुई है। इस त्रुटि की सुधार कब तक की जाएगी? कब तक अजजा वर्ग को उक्त पद पर नियुक्ति दी जाएगी? यदि नहीं की जाएगी तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) अ.ज.जा. वर्ग के प्रभावित उम्मीदवार को हो रही। आर्थिक और मानसिक क्षति के लिए किसकी जवाबदेही तय कर क्या कार्यवाही की गई है? अ.ज.जा. उम्मीदवार की क्षतिपूर्ति के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं की जा रही है तो विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 672/एमपी-एमएलए/2020 दिनांक 4 नवंबर 2020, मुख्यमंत्री कार्यालय, म.प्र. पर क्या कार्यवाही की गई है? प्रति-सहित ब्यौरा दें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो विधिसम्मत कारण बताएं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1641 (ख) दिनांक 19 दिसम्बर 2019 के प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अधिष्ठाता, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति हेतु जारी विज्ञप्ति दिनांक 23/03/2018 में आरक्षण नियमों का पालन किया गया है अथवा नहीं, के संबंध में शासन स्तर से संचालक चिकित्सा शिक्षा को जांच किये जाने हेतु आदेशित किया गया है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जायेगी। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जानकारी दी जा सकेगी। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जानकारी दी जा सकेगी। (घ) प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश में वर्णित माननीय सदस्य का पत्र संचालनालय में प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी विकास के लिए आवंटित राशि
[आदिमजाति कल्याण]
58. ( क्र. 575 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्त वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में केंद्र-सरकार से कितनी राशि प्रदेश-शासन को टी.एस.पी. के तहत आवंटित हुई? उक्त में से कितनी फीसद कितनी राशि धार जिले को आवंटित की गई? उक्त कितनी राशि मनावर एवं उमरबन विकासखंड को किन-किन मदों-योजनाओं के लिए आवंटित की गई? कितनी खर्च हुई एवं कितनी शेष बची? वर्षवार, योजनावार पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ख) मनावर एवं उमरबन विकासखंड अंतर्गत ग्रामीण-सड़कें, तालाब इत्यादि विकासकार्य से संबंधित कितने पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2019 से प्रश्न-दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्री मप्र शासन, धार जिला प्रशासन को प्रेषित किए गए? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? प्रति सहित ब्यौरा दें। कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) मनावर एवं उमरबन विकासखंड अंतर्गत ग्रामीण-सड़कें किस योजना के तहत निर्मित होती हैं? प्रश्नकर्ता द्वारा राज्य एवं जिला प्रशासन को पत्र द्वारा सूचित करने के बाद भी उक्त विकासखंड अंतर्गत गांवों की सड़कें जर्जर या अनिर्मित क्यों हैं? (घ) प्रश्न-क्रमांक-97 दिनांक 21-9-2020 में प्रश्नकर्ता द्वारा बताई गई किन सड़कों को प्रशासन ने जर्जर होना नहीं पाया, किन सड़कों को मुख्यमंत्री-ग्राम-सड़क-योजना के मार्गदर्शी-सिद्धांतों के अनुरुप पाया एवं किन सड़कों को अनुरुप नहीं पाया? ग्राम-सचिव एवं ग्रामसभा की पंचनामा सहित रिपोर्ट का ब्यौरा दें। जिन सड़कों को मार्गदर्शी-सिद्धांतों के अनुरुप पाया गया, उसके लिए क्या कार्यवाही की गई?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में धार जिले को केन्द्र सरकार से आदिवासी उपयोजना अन्तर्गत विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना धार, कुक्षी एवं माडा बदनावर को निम्नानुसार राशि प्राप्त हुई है:- (राशि लाखों में)
वर्ष |
भारत सरकार से राज्य को प्राप्त राशि |
धार जिले को आवंटित राशि |
धार जिले को प्राप्त राशि का प्रतिशत |
2018-19 |
41604.27 |
1022.68 |
2.46 |
2019-20 |
58354.17 |
599.65 |
1.03 |
2020-21 |
3689.47 |
0.00 |
0.00 |
जिले को प्राप्त आवंटन में से विकासखण्ड मनावर एवं उमरबन में निम्नानुसार स्वीकृत कार्यों हेतु आवंटित राशि, व्यय राशि तथा शेष राशि की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है:-
(राशि लाखों में)
वर्ष |
कुल आवंटित राशि |
कुल स्वीकृत कार्य |
व्यय राशि |
शेष राशि |
2018-19 |
164.75 |
08 |
31.14 |
133.61 |
2019-20 |
34.50 |
04 |
0.00 |
34.50 |
2020-21 |
0.00 |
00 |
0.00 |
0.00 |
मद एवं योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा मनावर एवं उमरबन विकासखण्ड से संबंधित 05 पत्र प्रेषित किये गये। जिसमें से 02 पत्र तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा 02 पत्र लोक निर्माण विभाग से संबंधित होने से जिला कार्यालय द्वारा कार्यवाही नहीं की जा सकी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मनावर एवं उमरबन विकासखण्ड में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मनरेगा से ग्रामीण सड़कें निर्धारित मार्गदर्शिका अनुसार सड़कें निर्मित की जाती हैं। प्राप्त ग्रामीण सड़कों के प्रस्ताव मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की मार्गदर्शिका/मापदंड अनुसार योजना अन्तर्गत स्वीकृत नहीं किया जा सका है। (घ) प्रस्तावित सड़क निर्माण कार्य का परीक्षण कराया गया। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सामुदायिक क्षेत्र में 500 से कम आबादी एवं जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र में 250 से कम आबादी के राजस्व ग्रामों में जोड़े जाने हेतु कार्य संपादित किया जाता है, जबकि प्राप्त प्रस्तावित सड़कों बस्ती की आबादी अधिक होने से स्वीकृत नहीं की जा सकी है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति विकासखण्ड की अधिसूचना
[आदिमजाति कल्याण]
59. ( क्र. 578 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य में किस जिले के किस विकासखंड को अनुसूचित जनजाति विकासखंड किस दिनांक को अधिसूचित किया गया? राज्य में अनुसूचित जनजाति वर्ग में किस-किस जाति को किस-किस दिनांक को अधिसूचित किया गया? (ख) संविधान, प्रचलित कानूनों में आदिवासियों या अनुसूचित जनजातियों की क्या-क्या परिभाषा एवं व्याख्या की गई है? वनवासी शब्द का संविधान के किस अनुच्छेद या किस प्रचलित कानून में उल्लेख किया गया है? प्रति सहित बताएं। (ग) आदिवासियों या जनजातियों को राज्य में वनवासी संबोधित करने का क्या कारण है? ऐसा किस प्रावधान के अनुसार किया जा रहा है?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निलंबित चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ महावीर खंडेलवाल को नियम विरुद्ध बहाली
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
60. ( क्र. 582 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 21/09/2017 को जारी किए गए बहाली आदेश में डॉ महावीर खंडेलवाल को प्रशासकीय अनुमोदन लेकर बहाल किया गया है? यदि हाँ, तो क्या सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 06/11/2002 के पैरा 5 अनुसार प्रशासकीय अनुमोदन दिया गया था? यदि हाँ तो क्या अनुमोदन पूर्व सा.प्र.वि. के भोपाल दिनांक 26/02/2007 को जारी संसोधन को विचार में लिया गया था? यदि हाँ, तो प्रकरण संबंधी सम्पूर्ण नस्ती उपलब्ध कराएं। (ख) क्या संशोधित आदेश में शासकीय सेवक को भ्रष्टाचार या अन्य नैतिक पतन में सरकार द्वारा दांडिक अपराध की अभियोजन स्वीकृति के बाद शासकीय सेवक के विरुद्ध चालान प्रस्तुत किया गया हो, उस शासकीय सेवक को सदैव निलंबित किया जाएगा का पालन प्रशासकीय अनुमोदन देने वाले अधिकारियों ने क्यों नहीं किया? यदि नहीं किया तो परिपत्र दिनांक 06/11/2002 के पैरा 05 के पुराने आदेश के आधार पर क्या बहाली आदेश निकालना भ्रष्टाचार का प्रमाण नहीं है? (ग) क्या मध्य प्रदेश शासन उक्त आदेश में बहाली हेतु भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रशासकीय अनुमोदन देने वाले के कार्य करने वाले दोषी अधिकारियों पर षड्यंत्र और शासन के साथ की गयी धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध करेगा? उक्त सभी बिन्दुओं पर शासन द्वारा कि गयी कार्यवाही की प्रमाणित प्रतियाँ उपलब्ध कराएँ।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ग) भाग की जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
कोरेंटाइन सेंटर के लिए अधिग्रहित होटलों के देयकों का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
61. ( क्र. 583 ) श्री महेश परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन ज़िले में लागू धारा 144 के अंतर्गत लॉकडाउन/कर्फ़्यू के दौरान शासन द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उज्जैन की होटलों को कोरेंटाइन सेंटर बनाने हेतु अधिग्रहित किया गया था? यदि हाँ, तो होटलों के देयकों के भुगतान के लिए कितनी राशि किस मद से कब कब दी गयी? प्रमाणित लेखा जोखा देवें। (ख) क्या होटलों का अधिग्रहण शासन के परिपत्र, आदेश, निर्देश और नियम अनुसार किया गया था? यदि हाँ, तो संबंधित परिपत्र जिसका पालन करते हुए संबंधित विभागों और उनके प्राधिकारियों द्वारा अधिग्रहण की कार्यवाही की गयी उनकी प्रमाणित प्रतियाँ सम्पूर्ण प्रतिवेदन के साथ प्रस्तुत करें। (ग) क्या दिनांक 04 मई 2020 को नवीन कलेक्टर ज़िला उज्जैन श्री सिंह की पदस्थापना की गयी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा कितने-कितने देयकों का भुगतान कब-कब और किन होटलों के लिए किन आदेश-निर्देश के परिपत्रों के आधार पर किया? मयदस्तावेज दिनांक 04/05/2020 से प्रश्न दिनांक तक किए गए भुगतानों की संक्षेपिका उपलब्ध कराएँ। संक्षेपिका के साथ समस्त स्वीकृतियों की प्रमाणित प्रतियाँ उपलब्ध कराएँ। (घ) उपरोक्त कोविड-19 के अंतर्गत ज़िला कलेक्टर उज्जैन द्वारा की गयी समस्त वित्तीय स्वीकृतियों का दिनांक वार आय-व्यय पत्रक, मदवार प्रतिवेदन सहित उपलब्ध कराएँ।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कार्यालयीन आदेशों के माध्यम से होटलों का अधिग्रहण अथवा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 24 (च) के तहत किया गया है। आदेश की प्रमाणित प्रतियाँ संलग्न है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
त्रिकुट काढ़ा वितरण
[आयुष]
62. ( क्र. 595 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लाकडाउन अवधि से 30 नवम्बर 2020 तक प्रदेश के किस-किस जिले में कितने त्रिकुट काढ़ा के कितने-कितने पैकेट वितरित किये गये प्रदेश में कुल कितने पैकेट 30 नवम्बर 2020 तक वितरित हुए तथा 30 नवम्बर 2020 तक त्रिकुट काढ़े के बनाने में कुल कितना खर्च हुआ तथा एक पैकेट की लागत क्या है? (ख) त्रिकुट काढ़े के विज्ञापन में कोरोना से बचाव हेतु इस के उपयोग का उल्लेख किस आधार पर किया गया, सम्बंधित दस्तावेज उपलब्ध कराए तथा बतावें कि त्रिकुट काढ़े का सूत्र कहां से प्राप्त किया गया? सम्बंधित कागजात उपलब्ध कराएँ। (ग) त्रिकुट काढ़े कि ट्रायल किस-किस दिनांक को कहाँ-कहाँ कितने-कितने व्यक्तियों पर कि गई तथा केन्द्रीय आयुष मंत्रालय से अनुमति कब प्राप्त की गई उसकी अनुमति देवें तथा बतावें कि एक पैकेट त्रिकुट काढ़े में कौन-कौन सी जड़ी बूटी अथवा मसाला वस्तु कितनी-कितनी मात्रा में है? (घ) क्या यह शासन के संज्ञान में है कि त्रिकुट काढ़े के उपयोग से बबासीर, पेट में छाले, आँत में छेद, पेट में जलन आदि कई गम्भीर रोग होना समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए है? यदि हां, तो क्या त्रिकुट काढ़े के वितरण पर रोक लगाई जायगी तथा पीड़ितों को मुआवजा दिया जायेगा।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। क्रय की कुल लागत जी.एस.टी. सहित लगभग राशि रूपये 30,64,48,308- (रूपये तीस करोड़ चौसठ लाख अड़तालीस हजार तीन सौ आठ मात्र) है। 500 ग्राम के प्रति पैकेट का जी.एस.टी. सहित मूल्य रूपये 517.65 तथा 50 ग्राम के प्रति पैकेट का जी.एस.टी. सहित मूल्य रूपये 52.5 है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार। (ग) कहीं नहीं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जी हाँ। जी नहीं प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लेबड़ से नयागांव टोल फीस में अनियमितता
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 596 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत, श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़ से जावरा और जावरा से नयागांव तक 4 लेन की लागत तथा लम्बाई कितनी-कितनी है एवं अनुबन्ध के अनुसार टोल वसूली की अन्तिम दिनांक कौन-कौन सी है तथा दोनों 4 लेन पर प्रारम्भ से 30 नवम्बर 2020 तक कुल कितना-कितना टोल वसूला गया? (ख) प्रश्नाधीन दोनों 4 लेन पर वर्ष 2015 से 2020 तक प्रत्येक वर्ष के नवम्बर माह में कितना-कितना टोल वसूला गया तथा पूर्व के वर्ष से कितना अधिक है तथा बतावें कि दिसम्बर 2020 से दोनों 4 लेन पर कितने वर्ष, कितने माह और कितने दिन टोल वसूला जायेगा? (ग) प्रश्नाधीन दोनों 4 लेन पर टोल वसूली की अवधि तय करने हेतु जो प्रशासनिक लिखा पढ़ी एवं गणना की गई, नोटशीट बनाई गई, जिन दस्तावेजों को गणना में शामिल किया गया अवधि की गणना तय करने हेतु उक्त समस्त प्रक्रिया की प्रति देवें। (घ) प्रश्नाधीन दोनों 04 लेन पर प्रारम्भ से 30 नवम्बर 2020 तक लागत का कितना प्रतिशत टोल वसूला जा चुका है तथा टोल वसूली की पूर्ण अवधि तक इस अनुसार लागत का कुल कितना प्रतिशत अनुमानित टोल वसूल हो जायगा? (ड.) टोल अवधि की गणना करते वक्त क्या यह बिंदु चर्चा में रहता है कि कितनी अवधि में लागत का टोल वसूला जाए यदि हां, तो उपरोक्त दोनों फोरलेन की टोल वसूली में इस अनुसार जानकारी देवें कि पूरी टोल अवधि समाप्त होने पर लागत का कितना टोल होना चाहिए।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार। (ग) टोल वसूली की अवधि तय करने हेतु फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जाकर परियोजना की लागत के अनुरूप मार्ग पर यातायात गणना एवं भविष्य में यातायात का अनुमान के आधार पर वित्तीय व्यवहार्यता का आंकलन कर इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न्स द्वारा टोल अवधि तय की जाती है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ग-1 फिजिबिलिटी रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ग-2 मेमोरेन्डम ऑफ इम्पावर्ड इंस्टीट्यूशन एवं इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न्स। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार। (ड.) जी नहीं।
छतरपुर वन मण्डल द्वारा विभिन्न अनियमितताएं
[वन]
64. ( क्र. 612 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर वन मण्डल के अंतर्गत भा.व.अ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित 229 वनखण्डों में शामिल निजी भूमि को संरक्षित वन प्रतिवेदित कर किसानों को बेदखल करने, निजी भूमि पर कब्जा करने, किसानों को कृषि कार्य से रोके जाने, किसानों के विरूद्ध वन अपराध पंजीबद्ध करने एवं निजी भूमि पर वृक्षारोपण करने वाले किसी भी वन अधिकारी के विरूद्ध राज्य शासन ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है? यदि हां, तो क्यों? (ख) 229 वनखण्डों में कितने किसानों की कितनी निजी भूमि शामिल की गई? इनमें से कितनी निजी भूमि को वर्किंग प्लान, पी.एफ. एरिया रजिस्टर, पी.एफ. वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों में शामिल किया? इनमें से कितनी निजी भूमि पर वृक्षारोपण किया गया? (ग) 229 वनखण्डों में शामिल निजी भूमि के संबंध में छतरपुर वन मण्डल एवं वनवृत ने वर्ष 2019 तक क्या-क्या कार्यवाही की? वर्ष 2020 की प्रश्नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की? पृथक-पृथक बतावें। वन मण्डल छतरपुर वर्तमान में क्या कार्यवाही कर रहा है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वनमंडल छतरपुर अन्तर्गत भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित 229 वनखंडों में शामिल निजी भमि की जानकारी ब्लॉक हिस्ट्री उपलब्ध न होने के कारण उपलब्ध नहीं है। पूर्व एवं प्रचलित कार्य आयोजना के मानचित्र पर एवं अधिसूचित वनक्षेत्र के अनुसार ही वनक्षेत्र की सीमाओं की सुरक्षा एवं अन्य विभागीय कार्य सम्पादित किये जाते है, जिसमें वृक्षारोपण, अतिक्रमण नियंत्रण का कार्य किया जा रहा है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी भी वन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) वनमण्डल छतरपुर अन्तर्गत ब्लॉक हिस्ट्री उपलब्ध न होने एवं नियुक्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा वन व्यवस्थापन का कार्य पूर्ण नहीं किये जाने से वनखण्ड में सम्मिलित निजी भूमि की जानकारी के आंकड़ें उपलब्ध नहीं है। जिस कारण से निजी भूमि को वर्किंग प्लान, पी.एफ. एरिया रजिस्टर, पी.एफ. वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन में सम्मिलित निजी भूमि की स्थिति स्पष्ट नहीं है। अतः निजी भूमि पर दिये गये वृक्षारोपण की जानकारी प्रदाय करना संभव नहीं है। (ग) वनमण्डल छतरपुर अन्तर्गत 229 वनखण्डों में शामिल निजी भूमि के संबंध में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी से पत्राचार किया जा रहा है एवं विभागीय कर्मचारियों को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी से सम्पर्क कर वन व्यवस्थापन अधिकारी की नस्ती में उपलब्ध निजी भूमि की जानकारी संकलित करने का प्रयास जारी है। वन वृत्त छतरपुर द्वारा भी वन व्यवस्थापन की कार्यवाही पूर्ण किये जाने बाबत निरन्तर वनमण्डलों को निर्देशित किया जाता है तथा वन वृत्त छतरपुर में अधीनस्थ वनमण्डलों की प्रत्येक माह वृत्त कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में भी उक्त बिन्दु के संबंध में प्रगति चाही जाकर आवश्यक निर्देश प्रदाय किये जाते हैं। वनमण्डल छतरपुर में ब्लॉक हिस्ट्री उपलब्ध कराये जाने के प्रयास में मुख्य वन संरक्षक, रीवा से भी पत्राचार किया गया है। निजी भूमि के संबंध में वन व्यवस्थापन कार्य पूर्ण होने के उपरान्त ही वनखण्डों में शामिल निजी भूमि की अन्तिम स्थिति स्पष्ट हो सकती है।
लेबड़-नयागांव फोरलेन में अनियमितता
[लोक निर्माण]
65. ( क्र. 617 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्रं 310 दिनांक-23.09.2020 के खंड (ग) के उत्तर में बताया गया कि जावरा-नयागांव फोरलेन मार्ग पर अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री द्वारा शासन से अनुमति लेकर फोरलेन सड़क पर आरोबी का निर्माण विक्रम सीमेंट कंपनी (वर्तमान में अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्टी) द्वारा किया जाना था, प्रश्न दिनांक तक गत 12 वर्षों में आरोबी का निर्माण फैक्ट्री द्वारा नहीं किये जाने को लेकर विभाग स्तर पर कितनी बार पत्राचार कर दबाव बनाया गया? यदि नहीं तो क्यों, यदि हां, तो पत्र की प्रतिलिपियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्र 310 दिनांक - 23.09.2020 के खंड (ग) के उत्तर में बताया गया कि जावरा-नयागांव फोरलेन मार्ग पर जावद रोड पर स्थित रेल्वे क्रासिंग की अनुमति शासन स्तर पर ली गई है? अनुमति की प्रतिलिपी उपलब्ध करावें। (ग) लेबड़-नयागांव फोरलेन पर एक ही स्थल पर सर्वाधिक दुघर्टना वाले 10 स्थलों की सूची मय, दुघर्टना की संख्या, घायलों की संख्या, मृतकों की संख्या सहित उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा किये गये पत्राचार की प्रतिलिपियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) अनुमति की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) लेबड़-नयागांव फोरलेन पर एक ही स्थल पर सर्वाधिक दुर्घटना वाले 10 स्थलों की जानकारी पुलिस अधीक्षक रतलाम/मन्दसौर/नीमच से प्राप्त जानकारी अनुसार सर्वाधिक दुर्घटना वाले 10 स्थानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मंदसौर बड़ी पुलिया के समीप समानान्तर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 618 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर बडी पुलिया के समीप समानान्तर ब्रिज के निर्माण हेतु रूपये 1249.31 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर ब्रिज के टेंडर दिनांक 10.04.2018 को जारी कर कार्य पूर्ण करने की अवधि 730 दिवस थी? यदि हां, तो क्या ब्रिज का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यो? (ख) क्या उक्त कार्य प्रारंभ हेतु विभागीय कार्यालय द्वारा ठेकेदार को पत्र जारी किये गये थे? यदि हां, तो कब-कब? पत्रों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त ब्रिज निर्माण के संबंध में डायरेक्टर एन.डी.बी. भोपाल द्वारा ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है? यदि हां, तो नोटिस की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त ब्रिज निर्माण के संबंध में गत 2 वर्ष से ठेकेदार द्वारा ब्रिज का निर्माण कार्य नहीं करने के कारण ठेकेदार का ठेका निरस्त नहीं किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, इस पैकेज के अंतर्गत कुल 12 पुल का कार्य किया जाना था, जिसमें से 2 पुल का कार्य प्रगतिरत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं कुल 12 पुलों में से 2 पुल का कार्य प्रगतिरत है। विभाग द्वारा ठेकेदार को धीमीगति से कार्य करने के संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
बण्डा नगर के बायपास के निर्माण
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 624 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बण्डा नगर में बायपास के अभाव में लगातार दुर्घटनायें घटित हो रही है जिसमें बच्चें भी शामिल है, घटनाओं को रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या राष्ट्रीय राज्य मार्ग 86 सागर कानपुर के अंतर्गत बण्डा नगर में बायपास स्वीकृत किया गया है? (ख) यदि हां तो राष्ट्रीय राज्य मार्ग 86 सागर कानपुर के अंतर्गत बण्डा नगर के स्वीकृत बायपास का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ क्यों नहीं किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अंतर्गत है, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी पर खर्च
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
68. ( क्र. 629 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना मद में 30 नवंबर 2020 तक कुल कितनी राशि खर्च की गई जिलेवार खर्च की गई राशि की सूची उपलब्ध कराएं। (ख) 30 नवंबर 2020 तक प्रदेश में कोरोना के कितने मरीज पॉजिटिव पाए गये तथा उनमें से कितनों का इलाज शासकीय चिकित्सालयों में तथा अनुबंधित निजी चिकित्सालय में किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार बतावे कि किस-किस समूह में इलाज के दौरान कितने कितने मरीज मृत हुए तथा प्रदेश में 30 नवंबर 2020 तक कुल कितने मरीज की मृत्यु हुई। (घ) प्रदेश में वैक्सीन कब से उपलब्ध होने की संभावना है क्या प्रदेश की संपूर्ण जनता को कोरोना वैक्सीन का टीका शासन स्तर पर लगाया जावेगा यदि नहीं तो क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कोरोना मद में 30 नवम्बर 2020 तक कुल राशि रूपये 34532.86 लाख रूपये खर्च की गई। जिलेवार खर्च की गई राशि की सूची जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 30 नवम्बर 2020 तक प्रदेश में 220551 मरीज पॉजिटिव पाये गये तथा इनमें से 75855 का शासकीय चिकित्सालयों में एवं 24407 का अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में ईलाज किया गया। (ग) शासकीय चिकित्सालयों में 2012 एवं अनुबंधित निजी चिकित्सालय में 431 तथा प्रदेश में दिनांक 30 नवम्बर 2020 तक कुल 3341 मरीजों की मृत्यु हुई। (घ) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत शासन द्वारा प्राप्त सूचना उपरांत ही प्रदेश में कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता की जानकारी दी जाना संभव है तथा भारत शासन ऑपरेशनल गाईड लाईन अनुसार ही कोविड-19 टीकाकरण कराया जायेगा।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत सड़कें
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 636 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में मध्यप्रदेश शासन अनुदान मांग संख्या 24 में सरल क्र. 309,310,311,312,313 पर संगम चैराहा से खोब दरवाजा, कोर्ट चैराहा से नयापुरा सी.टी. पोर्शन मार्ग आर.सी.सी. रोड नुरिया खाल पुल सहित, खरसोद खुर्द से किलोली, लखेसरा से सोहड़, कोर्ट चैराहा से संगम चैराहा नयापुरा सड़कें स्वीकृत की गई थी तथा बड़नगर केसुर मार्ग का अनुबंध मेसर्स सोरठीया वल्जी रत्न एण्ड कम्पनी बड़ोदा को 04.05.2018 को दिया गया था जिसे 730 दिवस में पूर्ण करना था, ठेकेदार द्वारा घटिया किस्म की सामग्री उपयोग की जा रही है जिसे जाँच दल बना कर जाँच करायी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उक्त सड़कों के संबंध में किन-किन सड़कों के टेंडर जारी किये हैं किन-किन रोडों का कार्य प्रारंभ हो गया हैं? किन-किन रोडों पर कार्य प्रांरभ नहीं किया गया है? किन रोडों की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं हुई है? (ग) कोर्ट चैराहा से संगम चैराहा तक की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर दी जावेगी? बड़नगर केसुर मार्ग समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? इसमें विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 22.09.2018 को निष्पादित अनुबंध मेसर्स सोराठिया वेल्जी रत्ना एण्ड कम्पनी को 730 दिवस में कार्य पूर्ण करने हेतु दिया गया है, जिसमें बड़नगर-कैसूर मार्ग भी सम्मिलित है। मार्ग निर्माण में उपयोग में ली जाने वाली सामग्री की जाँच समय-समय पर कार्यस्थल पर एवं विभागीय प्रयोगशाला में कन्सलटेंस एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोर्ट चौराहा से संगम चौराहा तक सड़क उज्जैन-बड़नगर-बदनावर मार्ग एस.एच. 64 का भाग है। यह भाग बड़नगर का शहरी भाग है। वर्तमान में देवास-उज्जैन-बड़नगर-बदनावर मार्ग को उपभोक्ता शुल्क वसूली के तहत सक्षम स्वीकृति उपरांत स्वीकृत किया गया है। कोविड-19 कोरोना महामारी के कारण ठेकेदार को कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा दिनांक 29.04.2021 तक समय-सीमा दी गई है। कार्य की निर्धारित समय-सीमा शेष है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़नगर तहसील में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
70. ( क्र. 637 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिला अन्तर्गत बड़नगर तहसील में किन किन ठेकेदारों/फर्म को मुरम, गिट्टी, रेती, के ठेके दिये गये है? नामवार, स्थानवार, फार्मवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) बड़नगर तहसील में ग्राम रूनिजा में मुरम की खदानों की सीमांकन कर जाँच करने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिलाधीश महोदय जिला उज्जैन/अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर को शिकायत पत्र क्र. 1143/06.07.2020 द्वारा की गई थी उक्त शिकायत में मोके पर 4 टेक्टर 2 डम्पर पकड़े गए थे इनके बावजूद भी इन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? सम्पूर्ण जानकारी पत्रवार उपलब्ध करावें। (ग) क्या ठेकेदार को 10 बीघा जमीन आंवटन की गई थी परन्तु मोके पर 100 बीघा से अधिक जमीन की मुरम खुदाई की गई है तथा कितनी शासकीय मुरम का उत्खनन किया गया? इसमें कौन-कौन अधिकारी दोषी है, तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कब-कब आवंटित खदानों का सीमांकन किया गया है? (घ) अवैध उत्खनन से शासन को कितने राजस्व की हानि हुई? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की कई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) उज्जैन जिला अन्तर्गत बड़नगर तहसील में स्वीकृत मुरम, गिट्टी खनिज उत्खनिपट्टों की संपूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं रेत खनिज का कोई ठेका स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नानुसार शिकायत पत्र क्रमांक 1143 दिनांक 06.07.2020 को की गई कार्यवाही के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बड़नगर के पत्र क्रमांक क्यू./1011/री-1/2020/बड़नगर दिनांक 23/07/2020 के अनुसार ग्राम रूनिजा स्थित शासकीय सर्वे क्रमांक 60 रकबा 15.14 हे. नोईयत वन पहाड़ पर अवैध रूप से मुरम उत्खनन करते हुए मौके पर एक जे.सी.बी. सहित दो डम्पर क्रमांक क्रमश: एम.पी. 13 जी.ए. 3164 एवं एम.पी. 13 जी.ए. 846 तथा दो ट्रैक्टर, ट्राली वाहन क्रमांक क्रमश: एम.पी. 39 ए.बी. 9967 एवं एम.पी. 39 ए.जी. 0357 के चालकों के कथन दर्ज कर उक्त वाहनों को वाहन चालक की सुपुर्दगी में सौंपा गया। उक्त वाहनों पर अवैध उत्खनन खनिज मुरम मात्रा 4615.15 घन मीटर का प्रकरण दर्ज कर अर्थदण्ड राशि रूपये 69,23,445/- का प्रस्तावित किया जाकर अनावेदकों को प्रकरण में कारण बताओ सूचना पत्र दिया गया है। प्रकरण आगामी कार्यवाही हेतु न्यायालय में प्रचलित है। (ग) उत्खनित क्षेत्र किसी ठेकेदार को आवंटित नहीं है। मुरम मात्रा 4615.15 घन मीटर का उत्खनन किया गया है। उक्तानुसार की गई कार्यवाही के प्रकाश में शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार की गई कार्यवाही के प्रकाश में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रैगांव विधानसभा क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था में सुधार
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 640 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पू.क्षे.वि.वि.क. में फन्ड के अभाव में 33/11 केव्ही मुडहा, शिवराजपुर, ओढकी में उपकेन्द्र का निर्माण तथा रैगावं, इटमा, वसुधा, सितपुरा के पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता बढोत्तरी नहीं हो रही है। जबकि रैगांव विधानसभा में विद्युत संकट व्याप्त है? यदि नहीं तो उक्त कार्य निर्माण न होने के क्या कारण हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के कार्यों को पूर्ण कराने हेतु 44 करोड़ का फण्ड उपलब्ध कराकर विद्युत व्यवस्था सुधार में सहयोग किया जावेगा? अगर है तो कब तक, नहीं तो कारण बताएं। (ग) क्या पू.क्षे. विद्युत कम्पनी डाटा वर्ष 2020-21 के कार्य प्लान में प्रस्तावित कर्यों को पूर्ण करने हेतु लगभग 250 करोड़ की मांग पर मात्र 75 करोड़ का फण्ड आवंटित किया गया है? अगर सही है तो अवशेष फन्ड अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने, वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ोत्तरी चोरी/क्षतिग्रस्त लाइन/ट्रांसफार्मर का कार्य कराने हेतु कब तक जारी किया जावेगा? नहीं तो कारण बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में ग्राम मुडहा, शिवराजपुर एवं ओढ़की की विद्युत प्रदाय व्यवस्था में सुधार हेतु प्रस्तावित वैकल्पिक फीडरों के कार्यों के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त स्थानों पर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना आवश्यक नहीं है। इसी प्रकार 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों यथा-रैगांव, इटमा, वसुधा एवं सितपुरा पर विद्यमान पावर ट्रांसफार्मरों पर विद्युत भार उनकी क्षमता के अनुरूप होने के परिप्रेक्ष्य में इनकी क्षमता वृद्धि किया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। रैगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कृषि एवं गैर-कृषि फीडरों से सामान्यत: नियमानुसार निर्धारित अवधि हेतु सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसमें गुणात्मक सुधार हेतु उक्तानुसार वैकल्पिक 11 के.व्ही. फीडरों के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तावित वैकल्पिक फीडर के कार्यों हेतु वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं ऐसे ही अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुये निर्णय लिया जावेगा। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी क्षेत्रान्तर्गत समस्त 21 जिलों में विद्यमान विद्युत अद्योसंरचना के आवश्यकतानुसार सुदृढ़ीकरण हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में रूपये 275 करोड़ का प्रस्ताव प्रेषित किया गया था जिसके विरूद्ध रूपये 77 करोड़ का बजट प्रावधान करते हुए प्रश्न दिनांक तक रूपये 2 करोड़ की राशि विमोचित की गई है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शेष राशि के विमोचन हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिटीपोर्शन मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 648 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्र. 1707 दिनांक 20.03.2020 के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री महोदय द्वारा लोक निर्माण विभाग संभाग राजगढ़ अंतर्गत सिटीपोर्शन नरसिंहगढ़ सड़क निर्माण कार्य का प्राक्कलन परीक्षणाधीन होना बताया गया था? यदि हां, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्य की स्वीकृति प्रदान कर दी गई? यदि हां, तो बतावें यदि नहीं तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से लंबित हैं? (ख) क्या शासन सिटीपोर्शन मार्ग लम्बाई 4.40 कि.मी. की वर्तमान जीर्णशीर्ण अवस्था एवं निरंतर आवागमन की समस्या के निराकरण हेतु प्रेषित प्राक्कलन अनुरूप प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हां, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रशासकीय स्वीकृति वर्तमान में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के परिप्रेक्ष्य में जारी नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
कन्तोड़ा बायपास मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 649 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 637 दिनांक 23.09.2020 के उत्तर में राजगढ़ जिले के नगर नरसिंहगढ़ अंतर्गत कन्तोड़ा बायपास मार्ग का प्राक्कलन तैयार होने एवं वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण वर्तमान में स्वीकृति की कार्यवाही संभव नहीं होना बताया गया है? यदि हां, तो क्या उक्त बायपास मार्ग की वर्तमान दुर्दशा के कारण उक्त मार्ग पर वाहनों का आवागमन असंभव हो गया हैं, साथ ही अत्यंत क्षतिग्रस्त मार्ग होने के कारण निरंतर दुर्घटनाओं में जनहानि भी हो रही है? यदि हां तो क्या विभाग द्वारा उक्त परिस्थितियों को सामान्य कर सुगम यातायात बहाल करने हेतु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हां तो क्या? (ख) क्या शासन प्रश्नांश (क) वर्णित मार्ग की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये विशेष प्रकरण मानते हुये उक्त सड़क निर्माण कार्य की आवश्यक स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हां, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग की वित्तीय संसाधनों के उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सागर
नगर में
बायपास मार्ग
निर्माण/रिंग
रोड निर्माण
कराये जाना
[लोक निर्माण]
74. ( क्र. 655 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर के नये बायपास मार्ग/रिंग रोड निर्माण का कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो वर्तमान तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) यदि नहीं तो क्या शासन सागर नगर में भारी वाहनों के बढ़ते दवाब एवं यातायात व्यवस्था सुगम बनाये जाने हेतु भोपाल रोड से नरसिंहपुर रोड को जोड़ने वाले नये बायपास मार्ग निर्माण/रिंग रोड निर्माण कराये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रस्तावित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
व्याख्याताओं को समयमान वेतनमान
[स्कूल शिक्षा]
75. ( क्र. 656 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सीधी के व्याख्याताओं को तृतीय समयमान वेतनमान देने के आदेश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में कितने व्याख्याता लाभान्वित हुये हैं? यदि नहीं तो आदेश का क्रियान्वयन कब तक किया जाएगा? (ख) सागर जिला के 1985 की सीधी भर्ती के नियुक्त व्याख्याताओं को अभी भी 5400.00 रू. का ग्रेड पे एवं उच्च श्रेणी शिक्षकों को 6600.00 रू. का ग्रेड-पे दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस विसंगति का क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में कथित व्याख्याताओं को जो अब प्राचार्य के पद पर है, को इस प्रकार की विसंगति दूर करके ग्रेड-पे 6600.00 रू. प्रदाय किये जाने का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचराधीन है? यदि हाँ तो कब तक इस प्रस्ताव पर अमल किया जायेगा?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ख) जी हाँ। सागर जिले की जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत 1985 की सीधी भर्ती के नियुक्त व्याख्याताओं को अभी भी 5400 ग्रेड-पे का लाभ दिया जा रहा है एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सागर के 03 उच्च श्रेणी के शिक्षकों को 6600 ग्रेड-पे का लाभ दिया गया है। (ग) जी नहीं। समयमान वेतनमान में विसंगति संबंधी आवेदन प्राप्त हुए है, जो परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ख़राब ट्रांसफार्मर की मरम्मत
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 660 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने कृषि कनेक्शन एवं कितने घरेलू कनेक्शन हैं? विद्युत वितरण केन्द्रवार श्रेणीवार संख्या देवें एवं यह बतलावें की इन कनेक्शन धारियों को विद्युत प्रदाय करने हेतु कितनी क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से वर्तमान समय में कितने क्रियाशील एवं कितने जले/खराब हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिसंबर 2019 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब कहाँ-कहाँ के वितरण ट्रांसफार्मर ख़राब हुए एवं उन्हें किस दिनांक को बदला गया? कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से घरेलू एवं कृषि वितरण ट्रांसफार्मर प्रश्न दिनांक तक नहीं बदले गए? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित बदले गए वितरण ट्रांसफार्मरों में से कितने नए वितरण ट्रांसफार्मर क्रय कर बदले गए एवं कहाँ-कहाँ के कितने वितरण ट्रांसफार्मर मरम्मत कर रखे गए मरम्मत किये गए वितरण ट्रांसफार्मर कितने समय पश्चात् पुनः ख़राब हुए? (ङ) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित क्रय किये गए एवं मरम्मत किये गए वितरण ट्रांसफार्मरों में व्यय राशि का विवरण पृथक-पृथक उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि एवं घरेलू प्रयोजन हेतु क्रमश: 13418 विद्युत कनेक्शन एवं 48081 विद्युत कनेक्शन हैं। जिनकी श्रेणीवार वितरण केन्द्र वार प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। उक्त उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय करने हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित ट्रांसफार्मरों की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 3483 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं जिनमें से सूचना दिनांक तक 3470 वितरण ट्रांसफार्मर क्रियाशील हैं एवं शेष 13 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्रांतर्गत माह दिसंबर-2019 से माह नवम्बर-2020 तक खराब/जले वितरण ट्रांसफार्मर से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है तथा बदलने हेतु शेष वितरण ट्रांसफार्मरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'द' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में उल्लेखित जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर के स्थान पर 2 नये एवं 346 मरम्मत किये गये वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये है, जिनमें से कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर पुन: जला/खराब नहीं हुआ है। जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर में उल्लेखित 2 नये एवं 346 मरम्मत किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में व्यय हुई राशि कमश: रू. 1.84 लाख एवं रू. 72.5 लाख है।
श्री सिंगाजी थर्मल पावर प्लान्ट का निर्माण
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 661 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री सिंगाजी थर्मल पावर प्लान्ट में 660 मेगावाट की यूनिट क्रमांक 3 एवं 4 विस्तार इकाई का दोनों यूनिटों के निर्माण आरंभ होने की तिथि एवं लाईट अप होने की तिथि क्या है? इसके निर्माण में कितना समय और कितनी कुल राशि खर्च हुई? इन दोनों इकाइयों से विद्युत का व्यवसायिक उत्पादन किस दिनांक से आरंभ हुआ? उस तिथि से प्रत्येक महावार कितना पी.एल.एफ. नवम्बर 2020 तक रहा? हर माह की पृथक-पृथक जानकारी बतायी जाए। (ख) अगस्त 2020 से 30 नवम्बर 2020 तक श्री सिंगाजी ताप बिजली घर खण्डवा की 660 मेगावाट की 3 नम्बर यूनिट में कुल दिनों, घंटों में कितना बिजली उत्पादन निर्धारित मापदंडों के अनुसार होना चाहिए? कितने दिनों, कुल कितने घंटे चली और बिजली का उत्पादन पी.एल.एफ. क्या रहा? यदि नहीं चली तो उसके क्या कारण हैं? (ग) क्या अगस्त 2020 में 660 मेगावाट की तीन नम्बर यूनिट के टरबाइन जनरेटर की एच.पी. टरबाइन ब्लेड टूटकर क्षतिग्रस्त हो गयी है? यदि हाँ तो इसका सुधार किस कम्पनी/ठेकेदार से कराया जा रहा है? इस पर कुल कितनी राशि खर्च की जा रहा है और यूनिट कब तक सुधार कर विद्युत उत्पादन करने लगेगी? साथ ही क्या 660 मेगावाट की 4 नम्बर यूनिट भी क्या बन्द है? यदि हाँ तो बन्द होने के क्या कारण हैं? इस यूनिट में क्या फाल्ट पाया गया और सुधारने में कितना समय लगेगा और कितनी राशि रूपये खर्च होगी? (घ) सिंगाजी की 3 एवं 4 नम्बर यूनिट निर्माण में आये फाल्ट के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं और इनके विरूद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? इसमें कितने रूपयों की हुई इस हानि की भरपाई किस-किस से कितनी की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई क्रमांक 03 एवं 04 के निर्माण आरंभ होने की तिथि 31 दिसम्बर 2014 है एवं लाईट अप होने की तिथियां क्रमश: 24 जनवरी 2018 एवं 24 अक्टूबर 2018 है। इकाई क्रमांक 3 एवं 4 के निर्माण में क्रमश: लगभग तीन वर्ष एक माह एवं तीन वर्ष 10 माह का समय लगा तथा नवम्बर 2020 तक इन इकाइयों पर कुल राशि रूपये 6590 करोड़ खर्च हुई है। इकाई क्रमांक 03 एवं 04 से विद्युत् का व्यावसायिक उत्पादन क्रमश: दिनांक 18 नवम्बर 2018 एवं दिनांक 28 मार्च 2019 से प्रारंभ हुआ। व्यवसायिक उत्पादन शुरू होने की तिथि से नवम्बर 2020 तक माहवार पी.एल.एफ. का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्धारित मापदंडों के अनुसार श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की 660 मेगावाट की इकाई क्रमांक 3 से अगस्त 2020 से 30 नवम्बर 2020 तक लगभग 1642 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन होना चाहिए। माह अगस्त 2020 में यह इकाई लगभग 96 घंटे क्रियाशील रही, जिससे अगस्त माह में विद्युत उत्पादन का पी.एल.एफ. 12.65 प्रतिशत रहा। उक्त इकाई को दिनांक 05 अगस्त 2020 को 23:56 बजे टरबाइन में असामान्य ध्वनि एवं बेयरिंग में उच्च कंपन्न के कारण तात्कालिक उपाय के रूप में बंद किया गया। तत्पश्चात दिनांक 22 अगस्त 2020 से इकाई को वार्षिक संधारण हेतु लिया गया है l (ग) जी हाँ l इसका सुधार कार्य मूल निर्माण एजेंसी, मेसर्स एल. एंड टी. के द्वारा टरबाइन की मूल निर्माता कंपनी, मेसर्स एल.एम.टी.जी. से करवाया जा रहा है। मेसर्स एल. एंड टी. के प्रस्ताव अनुसार, इकाई क्रमांक 3 एवं 4 के सुधार कार्य पर राशि लगभग रुपये 112 करोड़ (एक सौ बारह करोड़) का खर्च अनुमानित है l जी हाँ, 660 मेगावाट की चार नंबर यूनिट भी बंद है। इकाई क्रमांक 03 की टरबाइन में हुई क्षति के दृष्टिगत मूल निर्माता, मेसर्स एल.एम.टी.जी. की अनुशंसा के आधार पर इकाई क्रं. 04 को भी दिनांक 22.09.2020 को संचालन की सुरक्षा के दृष्टिगत बंद किया गया है। इस यूनिट में टरबाइन ब्लेड्स में स्केल जमाव के अतिरिक्त विशेष खराबी नहीं पायी गयी है। इकाई का सुधार कार्य फरवरी 2021 तक पूर्ण होना संभावित है। इकाई क्रमांक 3 और 4 की रिकमीशनिंग क्रमश: अप्रैल 2021 एवं मार्च 2021 तक संभावित है। (घ) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की इकाई क्रमांक 3 एवं 4 में आये फाल्ट की विवेचना हेतु मूल निर्माता कंपनी (मेसर्स एल.एम.टी.जी.) द्वारा रूट कॉज़ एनालिसिस किया जा रहा है। साथ ही म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा भी जांच हेतु एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। रूट कॉज़ एनालिसिस रिपोर्ट एवं उक्त समिति के प्रतिवेदन के आधार पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। अत: वर्तमान स्थिति में हानि की गणना एवं कार्यवाही संभव नहीं है। रूट कॉज़ एनालिसिस रिपोर्ट, समिति के प्रतिवेदन तथा उक्त इकाइयों के निर्माण हेतु मेसर्स एल. एंड टी. को दिए गए मूल ठेके ( संविदा) की शर्तों के आधार पर घटना हेतु जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी एवं तद्नुसार खर्च का वहन म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं/अथवा मेसर्स एल. एंड टी. द्वारा पूर्ण/आंशिक रूप से किया जाएगा l
कटनी जिला अंतर्गत झिझरी से बड़ागाँव मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
78. ( क्र. 664 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा सन 2016 में कटनी जिला अंतर्गत राधास्वामी सत्संग भवन झिझरी के बगल से बड़ागाँव तक 4 किलोमीटर सड़क मार्ग का निर्माण कार्य 247 लाख 27 हजार रूपये से मंजूर कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कहाँ से कहाँ तक कितनी लागत से निर्माण कार्य कराया गया तथा कितनी लम्बाई का निर्माण कार्य किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक शेष है? (ग) क्या दो विभागों के मध्य सामंजस्य स्थापित न होने के कारण इस मार्ग का शेष कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन इसका समाधान कर शेष मार्ग का निर्माण शीघ्र प्रारंभ करावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नारंगी भूमि का सर्वे
[वन]
79. ( क्र. 666 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नारंगी भूमि इकाई मंडला जबलपुर एवं बैतूल ने नारंगी भूमि सर्वे एवं वनखंड में शामिल निस्तार पत्रक, खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज भूमियों के संबंध में म.प्र. शासन राजस्व विभाग वल्लभ भवन भोपाल से प्रश्नांकित दिनांक तक भी अनुमति प्राप्त नहीं की? (ख) किस नारंगी भूमि इकाई ने किस जिले के कितने ग्रामों में से कितने ग्राम के निस्तार पत्रक पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज किन-किन मदों एवं किन-किन प्रयोजनों की कितनी ज़मीनों का नारगी भूमि सर्वे एवं नारगी वनखंड में शामिल किया? इसकी अनुमति राजस्व विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल से किस दिनांक को प्राप्त की गई? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) निस्तार पत्रक, पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज जमीनों का नारगी भूमि सर्वे एवं नारगी वनखंड एवं वर्किंग प्लान में शामिल करने का अधिकार भू-राजस्व संहिता 1959, भारतीय वन अधिनियम 1927 की किस धारा एवं सर्वोच्च अदालत की या. क्र. 202/95 के किस दिनांक के आदेश में वन विभाग को दिया गया है? विस्तृत जानकारी प्रदान करें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित कार्यवाही वन एवं राजस्व विभाग के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ-5/43/90/10-3/96 दिनांक 14.05.1996 के निर्देशों के तहत की गई है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। कार्यवाही वन एवं राजस्व विभाग के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ-5/43/90/ 10-3/96 दिनांक 14.05.1996 के निर्देशों के तहत की गई है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित भूमि उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित परिपत्र एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय की केन्द्रीय साधिकार समिति के आदेश दिनांक 29.01.2002 के तहत शामिल की गई है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
कोविड-19 महामारी के दौरान भर्ती किये गये अस्थाई कर्मचारियों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
80. ( क्र. 669 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश द्वारा विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी के दौरान डॉक्टर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, पैरामैडिकल स्टॉफ, स्टॉफ नर्स, ए.एन.एम., सपोर्ट स्टॉफ एवं कम्यूटर ऑपरेटरों की 3 माह के लिए अस्थायी रूप से भर्ती की गई थी किन्तु संबंधित विभाग के आदेश क्र. 15339 दिनांक 25/11/2020 के द्वारा ए.एन.एम. के पद की स्वीकृति नहीं दी गई है एवं पूर्व में भर्ती किये गये अस्थायी कर्मचारियों के पदों के विरूद्ध पदों की संख्या घटा दी गई है। क्या पूर्व की तरह ए.एन.एम. के पद की स्वीकृति एवं कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा इन अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी/संविदा संवर्ग के पदों पर संविलियन करने की कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं, वर्तमान में बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न की जानकारी विभाग के पत्र क्रमांक/आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के बिन्दु क्रमांक 4-A में उल्लेखित अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वसूली प्रकरण का निराकरण
[खनिज साधन]
81. ( क्र. 677 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र. क्र. 526 दिनांक 22.09.2020 के (क) उत्तर में वर्णित परिशिष्ट के बिंदु 9 में दर्शायी दोनों पेशियों पर दिलीप पिता मांगीलाल जैन या उनके वकील उपस्थित हुए थे, पृथक-पृथक बतावें। (ख) दिनांक 25.09.2020 के पश्चात इस प्रकरण में कितनी तारीखें लगी? इसकी जानकारी भी प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। (ग) इस प्रकरण के निराकरण में कितना समय लगेगा? (घ) इसके निराकरण में विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा सत्र सितंबर 2020 तारांकित प्रश्न क्रमांक 526 दिनांक 22/09/2020 के (क) उत्तर में वर्णित संलग्न परिशिष्ट-अ के बिन्दु क्रमांक - 9 में दर्शाई दोनों पेशियों में दिनांक 16/07/2020 को अनावेदक दिनेश पिता मांगीलाल जैन उपस्थित हुए तथा पेशी दिनांक 25/09/2020 को पीठासीन अधिकारी महोदय अन्य प्रशासकीय कार्य में व्यस्त। प्रकरण यथावत होकर पेशी दिनांक 29/09/2020 नियत की गई, जिसमें भी अनावेदक के अभिभाषक उपस्थित हुए। (ख) उक्त प्रकरण में दिनांक 25/09/2020 के पश्चात कुल 12 बार तारीखें लगी हैं, जो इस प्रकार हैं:- दिनांक 29/09/2020, 08/10/2020, 15/10/2020, 02/11/2020, 09/11/2020, 18/11/2020, 23/11/2020, 26/11/2020, 28/11/2020, 01/12/2020, 05/12/2020 एवं दिनांक 15/12/2020 नियत की गई। पेशीवार तारीखों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रकरण गुणदोष के आधार पर निराकरण किया जायेगा। समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर अनुसार कोई दोषी नहीं है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 682 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन संभाग में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितने पुल (सेतु) के निर्माण की शासन स्वीकृति की गई है? स्वीकृत पुल (सेतु) की जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत पुल (सेतु) में से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं और कौन-कौन से निर्माण कार्य क्रियान्वयन एजेंसी के द्वारा अनुबंध किये जाने के उपरांत भी कार्य प्रारंभ किये जाना शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में किन-किन जिलों में अनुबंधित अवधि समाप्त होने के उपरांत भी कार्य प्रारंभ नहीं हो सके हैं? कारण स्पष्ट करें। (घ) नीमच विधानसभा शहरी क्षेत्र में महू नसीराबाद मार्ग पर पुल (सेतु) का निर्माण कार्य अब तक प्रारंभ नहीं हो पाने के क्या कारण हैं तथा इस के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल 58 पुलों के निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, कार्य प्रारंभ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिंग रोड की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 685 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बीना के शहर के बाहर रिंग रोड बनाने की योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ तो कब तक स्वीकृत हो जायेगी? (ग) क्या बीना शहर में यातायात बढ़ जाने के कारण आये दिन दुर्घटना हो रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
सोन चिरैया अभयारण्य की जानकारी
[वन]
84. ( क्र. 690 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी के करैरा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली सोन चिरैया अभयारण्य के आस-पास लगभग 32 गांव के किसानों की जमीनों की रजिस्ट्री कब खोली जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) सोन चिरैया अभयारण्य में सोन चिरैया आज भी देखी जाती है? यदि नहीं तो इसको बन्द करके किसानों को भू-स्वामी क्यों नहीं बनाया जा रहा है? (ग) करैरा से बनियानी तक लगभग 20 वर्षों से रोड टूटी पड़ी है, इसको अभी तक क्यों नहीं बनाया गया? इसको कब तक बनाया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 20 के प्रावधान अनुसार अभयारण्य की अधिसूचना जारी होने के पश्चात वसीयती या निर्वसीयती उत्तराधिकार के हक के अतिरिक्त अधिसूचना में विर्निदिष्ट क्षेत्र की सीमा में सम्मिलित भूमि में या उस पर कोई अधिकार नहीं अर्जित किया जाएगा। अत: सोन चिरैया अभयारण्य की ऐसी जमीनें जो अभयारण्य की अधिसूचना में शामिल हैं उनके क्रय-विक्रय हेतु रजिस्ट्री का प्रश्न निहित नहीं है। (ख) जी नहीं। करैरा अभयारण्य के सम्पूर्ण क्षेत्र के डिनोटिफिकेशन हेतु मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। अभयारण्य की अधिसूचना में शामिल किसानों की निजी भूमि का स्वामित्व कृषकों के ही पास यथावत है। अत: भूमि स्वामी बनाने का प्रश्न निहित नहीं है। (ग) करैरा से बनियानी ग्राम तक सड़क कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त है। प्रश्नाधीन मार्ग करैरा-भितरवार मार्ग का भाग है। इस मार्ग का पुनर्निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा तीन अन्य मार्गों के साथ एन.डी.बी. योजना पैकेज-4 में शामिल था। यह कार्य ठेकेदार मैसर्स गेनन डंकरले एण्ड कंपनी मुंबई द्वारा अनुबंध क्रमांक 305/2017 के तहत किया जाना था। किन्तु ठेकेदार द्वारा कार्य में बिलम्ब करने के कारण यह अनुबंध मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा दिनांक 20.03.2020 को टर्मिनेट कर दिया गया है। वर्तमान में अन्य एजेन्सी के निर्धारण की प्रक्रिया प्रारंभ है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
टेण्डर आमंत्रित किये जाने के दिशा-निर्देश
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 693 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के आदेश क्रमांक 569/बी-19/ई-टेण्डरिंग/695 भोपाल दिनांक 08.04.2010 द्वारा 10 लाख या अधिक लागत के कार्यां की निविदायें ई-टेण्डरिंग के माध्यम से आमंत्रित किये जाने के निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक विभाग के द्वारा जिला टीकमगढ़/निवाड़ी में 10 लाख रूपये की लागत से अधिक के कितनी ऑफलाईन निविदा आमंत्रित की गई है? कार्यवार, राशिवार बतावें तथा विभाग के द्वारा ऑनलाइन/ऑफलाईन निविदा आमंत्रित किये जाने के क्या दिशा निर्देश हैं? यह भी बताया जावे। (ख) कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग टीकमगढ़ संभाग टीकमगढ़ द्वारा संक्षिप्त निविदा आमंत्रण सूचना क्रमांक 12/2019-20/टे.लि. टीकमगढ़ दिनांक 01.02.2020 निविदा कार्य की लागत (एक करोड़ बत्तीस लाख रूपये) ऑफलाईन निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ तो उक्त निविदा किस नियम के तहत आमंत्रित की गई एवं ऑफलाईन निविदा आमंत्रित करने के लिये किस सक्षम अधिकारी के द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निविदा यदि शासन के निर्देशों के अंतर्गत नहीं है तो क्या अधिकारियों ने किसी विशेष व्यक्ति को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से शासन के नियमों की अवहेलना की है। यदि हाँ तो सक्षम अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। विशेष परिस्थितियों में सक्षम स्वीकृति उपरान्त इस प्रकरण विशेष में ऑफलाईन निविदाएं आमंत्रित करने हेतु स्वीकृति जारी की गई थी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) नियमानुसार ही निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मदनमहल-दमोह नाका फ्लाई ओवर का निर्माण
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 694 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में सेतु विभाग की स्थापना पुल/पुलिया/ओव्हर ब्रिज/फ्लाई ओव्हर आदि निर्माण हेतु की गयी थी? (ख) क्या जबलपुर में निर्माणाधीन मदनमहल-दमोह नाका फ्लाई ओव्हर का निर्माण सेतु विभाग के स्थान पर लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) सेतु विभाग के पृथक से होने के बावजूद लोक निर्माण से उक्त कार्य कराने का निर्णय किसके द्वारा लिया गया? दस्तावेज उपलब्ध करावें। (घ) क्या मदनमहल-दमोह नाका फ्लाई ओव्हर की ड्राइंग में बार-बार बदलाव किये जा रहे हैं? उक्त फ्लाई ओव्हर की ड्राइंग की अद्यतन प्रति अधिग्रहित की जा रही भूमि तथा मुआवजे भुगतान में आ रहे कुल व्यय की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, शासनादेश दिनांक 11/5/2018 द्वारा लो.नि.वि. सेतु संभाग, सिवनी को लो.नि.वि. रा.रा. संभाग, जबलपुर में परिवर्तित किये जाने तथा लो.नि.वि. सेतु संभाग, सिवनी के समस्त कार्य लो.नि.वि. सेतु संभाग, जबलपुर के क्षेत्राधिकार में हस्तांतरित किये जाने के कारण, लो.नि.वि. सेतु संभाग, जबलपुर के कार्यों का भार तथा कार्यक्षेत्र की सीमा में अत्यधिक वृद्धि होने के कारण तथा उक्त कार्य का निर्माण जबलपुर शहर के मध्य में किया जाना है, इसके लिए स्थानीय प्रशासन, जैसे जिला प्रशासन, स्मार्ट सिटी, नगर निगम, रेल्वे विभाग, पी.एच.ई., एम.पी.ई.बी., राजस्व विभाग इत्यादि से समन्वय स्थापित कर निर्माण स्थल पर भूमि अधिग्रहण, यूटिलिटी शिफ्टिंग, यातायात व्यवस्था एवं अतिक्रमण आदि पर समय-सीमा में कार्यवाही किये जाने की दृष्टि से किया गया। (ग) शासन स्तर से प्रशासनिक दृष्टि से निर्णय लिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (घ) जी नहीं। उक्त फ्लाई ओव्हर के ड्राइंग की अद्यतन प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। भूमि अधिग्रहण एवं भूमि मुआवजा निर्धारण की कार्यवाही प्रचलन में है अत: व्यय की जानकारी देना संभव नहीं है।
कोरोना महामारी में केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
87. ( क्र. 695 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना महामारी से निपटने के लिए 30 नवम्बर, 2020 तक प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार से कब-कब, किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ख) 30 नवम्बर, 2020 तक उपरोक्त में से किस किस मद में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई है? (ग) क्या सरकार द्वारा कोरोना उपचार हेतु भोपाल, इंदौर शहर में निजी अस्पतालों को अनुबंधित कर लोगों को उपचार निशुल्क मुहैया कराया गया है लेकिन प्रदेश के अन्य शहरों में ऐसा नहीं किया गया? नागरिकों से ऐसा भेदभाव किस कारण से किया गया? (घ) कोरोना महामारी जैसी त्रासदी के बाबजूद जबलपुर के सरकारी अस्पतालों में सी.टी. स्कैन जैसी अत्यावश्यक जांच के लिए गरीबों को 5000 रूपये क्यों देने पड़ रहे हैं? सरकार इस पर क्या कदम उठाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। इन जिलों में कोरोना संक्रमण के प्रकरण सर्वाधिक थे एवं अन्य जिलों से भी सर्वाधिक मरीज ईलाज के लिये आते थे। नागरिकों से भेदभाव की स्थिति नहीं है। (घ) जबलपुर जिले में विभाग के किसी भी शासकीय चिकित्सालय में सीटी स्केन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। गरीबों को पाँच हजार रूपये देने पड़ रहे हैं, इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
बड़वानी जिले में आयोजित कार्यक्रम पर व्यय
[आदिमजाति कल्याण]
88. ( क्र. 701 ) श्री बाला बच्चन : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 27.11.2020 को बड़वानी जिले के ग्राम ऊंची में आयोजित कार्यक्रम में कुल कितनी राशि व्यय हुई? फर्म नाम, व्यक्ति/संस्था नाम, कार्य नाम सहित पूर्ण विवरण देवें। इनके अकाउंट नंबर भी देवें। लंबित राशि भी प्रकरणवार बतावें। (ख) इसके लिए कितने वाहनों को किस दर पर किराए पर लिया गया? वाहन नंबर, वाहन प्रकार, वाहन स्वामी नाम, खाता नंबर, डीजल/पेट्रोल मात्रा सहित प्रत्येक वाहन को किए भुगतान की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार इस भुगतान में कितना T.D.S. काटा गया? प्रत्येक के संदर्भ में पृथक-पृथक जानकारी देवें। (घ) इस कार्यक्रम में जिले के विधायकों व जिला पंचायत अध्यक्ष-बड़वानी को आमंत्रण न देकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) दिनांक 27.11.2020 को आयोजित कार्यक्रम पर हुये व्यय के भुगतान संबंधित कार्यवाही प्रचलनशील है। (ख) प्रश्नांश अनुसार जिला परिवहन अधिकारी द्वारा निर्धारित दर अनुसार वाहनों को अधिग्रहित किये जाने संबंधी कार्यवाही अपर कलेक्टर एवं अपर जिला दण्डाधिकारी बड़वानी के वाहन अधिग्रहण आदेश क्र./सा.ले./20/11569 दिनांक 26.11.2020 के द्वारा 12 यात्री वाहन अधिग्रहण किये गये हैं। व्यय के भुगतान कार्यवाही प्रचलनशील है। वाहन अधिग्रहण संबंधी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' अनुसार। (घ) प्रोटोकॉल के तहत कार्यालय कलेक्टर जिला बड़वानी के पत्र क्र. 11540/प्रोटोकॉल/2020 बड़वानी दिनांक 25.11.2020 द्वारा सभी मान. अतिथियों को कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु सूचित किया गया है। पत्र की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिविल अस्पताल सिहोरा में डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
89. ( क्र. 706 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल अस्पताल सिहोरा में राज्य शासन द्वारा चिकित्सक एवं अन्य कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं? पदवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) सूची अनुसार कितने चिकित्सक व अन्य अमला पद स्वीकृत दिनांक से प्रश्नांश दिनांक तक पदस्थ हैं? स्वीकृत पदों के अनुसार कितने वर्षों से विशेषज्ञ व अन्य कर्मचारियों के सोनोग्राफी एवं एक्स-रे मशीन के ऑपरेटर के पद रिक्त हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्तमान में 01 शिशु रोग योग्यता, 01 निश्चेतना योग्यता एवं 03 एम.बी.बी.एस. योग्यता के चिकित्सक पदस्थ हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया निरंतर जारी है, वर्ष 2020 में 02 स्नातकोत्तर बंधपत्र चिकित्सकों एवं 04 एम.बी.बी.एस. बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना सि.अ. सिहोरा की गई है परंतु उक्त चिकित्सकों द्वारा कार्यग्रहण नहीं किया गया। बंधपत्र चिकित्सकों द्वारा कार्यग्रहण नहीं करने पर उन्हें अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जाता है एवं उनके मूल शैक्षणिक दस्तावेज संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय जहां से इनके द्वारा अध्ययन किया गया है, में ही जमा रहते हैं। विभाग चिकित्सक/पैरामेडिकल स्टॉफ के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। पद पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 708 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग विदिशा द्वारा कितने नवीन सड़क निर्माण कार्य वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 वर्ष के लिए स्वीकृति हेतु वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये? प्रस्तावित मार्गों की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में न्यू अरिहंत विहार कॉलोनी विदिशा से ग्राम बराखेड़ा, सौराई, ग्राम ककरूआ तक 11 कि.मी. सड़क निर्माण कार्य भी स्वीकृति हेतु प्रस्तावित किया गया है? यदि हाँ तो उक्त सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) विभाग अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र विदिशा में स्वीकृत निर्माण कार्यों के टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर कार्य कब से प्रारंभ होंगे? स्वीकृत कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या विभाग द्वारा एक जिले से दूसरे जिले को जोड़ने हेतु कोई योजना है? यदि हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों? क्या शासन इस योजना पर विचार करेगा? एक जिले के हिस्से का कार्य पूर्ण होता तो दूसरे जिले के द्वारा सड़क कार्य पूर्ण नहीं किये जाने से आम नागरिकों को सड़क निर्माण कार्य का लाभ समय पर नहीं मिलने से सरकार जिला संपर्क मार्ग तत्काल कार्यवाही करेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग की वित्तीय संसाधनों के उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं, विभाग एक जिले से दूसरे जिले को जोड़ने की कोई विशेष योजना विभाग में प्रचलन में नहीं है। सामान्यत: सभी जिले मुख्य मार्ग पर होने से पूर्व से ही आपस में जुड़े है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कर्मकार एवं संबल योजना में हितग्राहियों के निरस्त पंजीयन
[श्रम]
91. ( क्र. 709 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल भोपाल अंतर्गत कितने मजदूरों का पंजीयन किया गया था एवं संबल योजना अंतर्गत कितने पंजीयन किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में पजीकृत मजदूरों में से कितने मजदूरों के पंजीयन विगत 2 वर्ष में निरस्त किये गये? निरस्त किये जाने के कारण सहित जानकारी दें। निरस्त किये गये पंजीकृत मजदूरों में से कितने मजदूरों द्वारा पंजीयन को पुनः सत्यापित किये जाने हेतु जनपद पंचायत नगरपालिका परिषद् द्वारा प्रस्ताव भेजे गये एवं उक्त प्रस्तावों पर सत्यापन की कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों एवं मजदूरों के पंजीयनों को बड़ी संख्या में निरस्त किये जाने के लिये दोषी कौन है एवं दोषी व्यक्ति अथवा कर्मचारी के खिलाफ विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) ऐसे पंजीकृत परिवार जिनके पंजीकृत सदस्य की मृत्यु होने के उपरांत पंजीयन निरस्त होने के चलते सहायता राशि से वंचित होना पड़ा है। क्या शासन ऐसे सभी प्रभावित परिवारों का पंजीयन पुनः सत्यापन कर शासन योजना से मिलने वाली राशि का भुगतान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विदिशा जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 40,847 एवं मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत 4,47,481 मजदूरों के पंजीयन किये गये। (ख) विदिशा जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 10,438 पंजीकृत श्रमिकों के पंजीयन सत्यापन में अपात्र पाये जाने पर निरस्त किये गये थे। पुनः 225 आवेदन पत्र सत्यापन हेतु प्राप्त हुये है एवं मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत 1,52,242 मजदूरों के पंजीयन सत्यापन में अपात्र पाये जाने पर निरस्त किये गये थे। पुनः 34 आवेदन सत्यापन हेतु प्राप्त हुये हैं। पुनः प्राप्त आवेदन संबंधित निकायों को प्राप्त होकर विचाराधीन है। उक्त संपूर्ण कार्यवाही शासकीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप नियमानुसार की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विदिशा जिले में - 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत इस प्रकार के प्रकरण संज्ञान में नहीं आये हैं। 2. मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत केवल मृत्यु के कारण अपात्र चिन्हांकित किये गये श्रमिकों के संबंधों में पुन: सत्यापन अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसमें पात्र पाये गये श्रमिकों को सहायता राशि पात्रता सत्यापन उपरांत प्रदान की जा सकेगी।
अनूपपुर जिले की खदानों का आवंटन
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 714 ) श्री
सुनील सराफ : क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अनूपपुर
जिले में
कितने क्रशर
वर्तमान में
चालू हैं? विधानसभावार
नाम, पता
सहित देवें।
(ख) उपरोक्तानुसार
जो क्रेशर
चालू हैं उन्हें
आवंटन कब व
कितने रकबे का
हुआ था? नाम, रकबा
सहित समस्त
अनुमतियों की
प्रमाणित प्रतियां
देवें। (ग)
इनका
कब-कब
निरीक्षण
किया गया? निरीक्षण
अधिकारी का
नाम, टीप
की प्रमाणित
प्रति सहित
विगत 3
वर्षों के
संदर्भ में
देवें। (घ)
तय
सीमा से अधिक
खनन करने
वालों पर
विभाग ने क्या
कार्यवाही की
है? माह
दिसंबर 2020 की
भौतिक सत्यापन
की खनन स्थिति
प्रस्तुत
करें। प्रत्येक
प्रकरण की
पृथक-पृथक
जानकारी
देवें।
खनिज
साधन मंत्री (
श्री
बृजेन्द्र
प्रताप सिंह ) : (क) वस्तुस्थिति
यह है कि मध्यप्रदेश
गौण खनिज नियम, 1996 के तहत
अनूपपुर जिले
में क्रशर से
गिट्टी निर्माण
हेतु पत्थर
के स्वीकृत
उत्खनन पट्टों
तथा खनिज
भंडारण एवं व्यापार
हेतु स्वीकृत
खनिज व्यापारी
अनुज्ञप्तियों
में से जिन
उत्खनन पट्टों
एवं खनिज व्यापारी
अनुज्ञप्तियों
से संबंधित स्टोन
क्रशर स्थापित
होकर संचालित
हैं, वर्तमान
स्थिति में
उनकी संख्या 82 है। प्रश्न
अनुसार शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र - अ अनुसार है।
(ख) जिन
उत्खनि पट्टों/खनिज
व्यापारी
अनुज्ञप्ति
स्थलों पर प्रश्नांश
(क) में दिये
गये उत्तर
अनुसार स्टोन
क्रशर स्थापित
हैं, उनसे
संबंधित उत्खनन
पट्टा
धारियों/खनिज
व्यापारी
अनुज्ञप्तिधारियों
के नाम आदि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र
- अ अनुसार है। स्वीकृत
आदेशों की
प्रतियां पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र - ब पर
दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार
निरीक्षण
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र - अ तथा
निरीक्षण
प्रतिवेदनों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र - स अनुसार
है। (घ) यह
कि माह
दिसम्बर 2020 की
स्थिति में तय
सीमा से अधिक
खनन किये जाने
के संबंध में
प्रकरण
प्रकाश में
नहीं आया है, परंतु
उत्खनन पट्टा
के प्रकरणों
में से जिन
प्रकरणों में
पूर्व में
नियमानुसार
खनन योजना में
अनुमोदित
मात्रा से
अधिक खनन किये
जाने वालों को
मध्यप्रदेश
गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (26) के
प्रावधानों
के तहत कारण
बताओ सूचना
पत्र कार्यालय
द्वारा जारी
किया गया है
एवं ई.सी./सी.टी.ओ.
में
निर्धारित
मात्रा से
अधिक उत्खनन
किये जाने के
संबंध में
पट्टेदार के
विरूद्ध
अभियोजन की
कार्यवाही
किये जाने
हेतु
प्रस्ताव
क्षेत्रीय
अधिकारी मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड, जिला
शहडोल, मध्यप्रदेश
को प्रेषित
किया गया है। तय
सीमा से अधिक
खनन किये जाने
वालों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र
- द अनुसार है।
डी.एम.एफ. फंड से स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
93. ( क्र. 715 ) श्री सुनील सराफ : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनुपपुर कोतमा चिकित्सालय में D.M.F. फंड से कितने कार्य स्वीकृत किए गए हैं? स्वीकृति दिनांक, कार्य नाम, लागत सहित देवें। (ख) इन कार्यों की अद्यतन स्थिति बतावें। प्रत्येक कार्य की टेंडर प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी देवें। चयनित फर्म का नाम, कार्यवार देवें। निर्माण व क्रय की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) अभी तक किए भुगतान की जानकारी कार्यवार, फर्मवार, दिनांक सहित देवें। (घ) चयनित फर्म व अचयनित फर्मों की दरों का तुलनात्मक चार्ट कार्यवार देवें। अनुभव संबंधी जानकारी भी इसी अनुसार देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) स्वीकृति आदेश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, कार्य बिंदु क्र.3 एवं 5 पर अंकित कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं शेष कार्य प्रगति पर है। उक्त कार्य अल्प अवधि में पूर्ण किया जाना था। अतः निविदा क्र.4/2018 में स्वीकृत दरों (SOR से 22.43 प्रतिशत कम दर) पर कार्य मेसर्स धमेन्द्र चौबे अनूपपुर को आवंटित किया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन कार्य अल्प अवधि में पूर्ण किया जाना था। अतः निविदा क्र.4/2018 में खुली निविदा से चयनित फर्म मेसर्स धमेन्द्र चौबे अनूपपुर को कार्य आवंटित किया गया। पृथक से कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। अतः तुलनात्मक विवरण दिया जाना संभव नहीं है।
अंशदायी पेंशन योजना
[स्कूल शिक्षा]
94. ( क्र. 721 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले के शिक्षा विभाग में कितने लोक सेवकों को अंशदायी पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है? (ख) जिले में प्रश्नांश (क) के लोक सेवकों को कब से अंशदायी पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है? (ग) लोक सेवकों के वेतन से प्रतिमाह 10 प्रतिशत अंशदान काटा गया है लेकिन देखने में यह आया है कि काटा गया अंशदान और शासन का अंशदान लोक सेवकों के खाते में जमा नहीं हुआ है। जिले में प्रश्नांश (क) के लाभान्वित कितने लोक सेवकों की अंशदायी पेंशन योजना की अंशदान राशि कौन-कौन से माह की कितनी राशि मिसिंग हैं? नामवार, माहवार, गुमशुदा राशि सहित सूची देवें। (घ) शासन द्वारा लोक सेवकों की गुमशुदा अंशदान राशि जमा करने संबंधी क्या कार्यवाही की जा रही है? (ड.) अंशदायी पेंशन योजना में म.प्र. शासन की तरफ से लोक सेवकों को दिये जाने वाले 10% अंशदान को केन्द्र सरकार की भांति 14% कब तक किया जायेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) आगर - मालवा जिला अंतर्गत कुल 2014 लोक सेवकों को अंशदायी पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। (ख) जिला आगर - मालवा में अंशदायी पेंशन योजना अंतर्गत नियमित लिपिक एवं भृत्य को दिनांक 01.01.2005 से तथा अध्यापक संवर्ग को दिनांक 01 अप्रैल 2011 से लाभान्वित किया जा रहा है। (ग) 105 लोक सेवकों के गुमशुदा कटोत्रों संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार गुमशुदा अंशदायी राशि प्राप्त करने संबंधी कार्यवाही प्रगति पर है। (ड.) ऐसा कोई प्रस्ताव विभाग स्तर पर विचाराधीन नहीं है।
सौभाग्य योजना की जानकारी
[ऊर्जा]
95. ( क्र. 728 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिला में केन्द्र शासन/राज्य शासन द्वारा सौभाग्य योजना के तहत हितग्राहियों को नये घरेलू कनेक्शन देने हेतु चिन्हित किया गया था? यदि हाँ तो वितरण केन्द्रवार कितने हितग्राहियों को घरेलू कनेक्शन का लक्ष्य निर्धारित समय अवधि में पूर्ण किया गया? वित्तीय लक्ष्य, प्राप्त आवंटन, केन्द्रों को वितरण की राशिवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो घरेलू कनेक्शन किस वितरण केन्द्र में किस ठेकेदार द्वारा लगाये गये? किस ठेकेदार को कितने कनेक्शन की राशि के देयको का भुगतान किया गया? किस ठेकेदार का कितनी राशि का भुगतान अभी भी लंबित है? लंबित राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित समय अवधि में कटनी जिले को दिया गया लक्ष्य क्या पूर्ण कर लिया गया? क्या संबंधित अधिकारियों को सम्मान निधि की राशि प्रदाय की गई है? यदि लक्ष्य पूर्ण किये बिना असत्य जानकारी देकर शासन से सम्मान निधि प्राप्त कर ली गई है तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में चिन्हित शेष हितग्राहियों को नये कनेक्शन प्रदाय किये जावेंगे? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, कटनी जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार अविद्युतीकृत घरों को विद्युतीकृत करने हेतु चिन्हित किया गया था। योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में चिन्हित सभी अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण के कार्य को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया गया, जिसकी वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों के लिए वितरण केन्द्रवार/जिलेवार राशि का आवंटन नहीं हुआ है, अपितु प्रदेश हेतु योजनान्तर्गत घरों के विद्युतीकरण एवं अतिरिक्त विद्युत अद्योसंरचना विस्तार हेतु रू. 1871.28 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई थी, जिसमें से कटनी जिले हेतु किये गये कार्यों में रू. 25.88 करोड़ की राशि का व्यय हुआ है। (ख) कटनी जिले में सौभाग्य योजनान्तर्गत 29521 अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया था, जिसमें से 13357 घरों के विद्युतीकरण का कार्य विभागीय तौर पर एवं 16164 घरों के विद्युतीकरण का कार्य ठेकेदार एजेन्सियों के माध्यम से कराया गया था। उक्त योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में ठेकेदार एजेन्सियों के माध्यम से दिये गये कनेक्शनों एवं उक्त एजेन्सियों को किये गये भुगतान से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार, ठेकेदार एजेन्सीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक ठेकेदार एजेन्सियों से उक्त 16164 घरों के विद्युतीकरण के कार्यों के विरूद्ध 13203 घरों के विद्युतीकरण के कार्यों के देयक भुगतान हेतु पूर्व क्षेत्र कंपनी के संबंधित कार्यालय को प्राप्त हुए हैं एवं उक्त सभी देयकों का भुगतान संबंधित ठेकेदार एजेन्सियों को किया जा चुका है तथा 2961 घरों के विद्युतीकरण के कार्यों से संबंधित देयक संबंधित ठेकेदार एजेन्सियों से प्राप्त नहीं होने के कारण भुगतान हेतु लंबित नहीं अपितु शेष है। वर्तमान में जिला कटनी में योजनान्तर्गत घरों के विद्युतीकरण के कार्यों से संबंधित कोई भी देयक भुगतान हेतु लंबित नहीं है, अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र के अधिकारियों को योजना की निर्धारित समय अवधि में लक्ष्य पूर्ण करने के उपरांत ही सम्मान निधि की राशि प्रदान की गई है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार चिन्हित समस्त हितग्राहियों को योजनान्तर्गत विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जा चुके हैं, अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
इंदौर-इच्छापुर मार्ग का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 733 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर इच्छापुर मार्ग का राष्ट्रीय राजमार्ग कार्य आरंभ होने तक रख-रखाव की जिम्मेदारी किस विभाग की है? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा इस मार्ग की मरम्मत एवं रख-रखाव पर लाखों रुपये स्वीकृत किये गये हैं जिसकी कार्य ऐजेंसी एम.पी.आर.डी.सी. है? इस मार्ग की मरम्मत के लिये कार्यादेश अऩुसार कितने समय में मरम्मत कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए था जो नहीं हुआ? (ग) इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर सैकड़ों गड्ढों के कारण वाहनों की दुर्घटना में हुई मृत्यु के लिये क्या विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या लगभग 200 कि.मी. की मार्ग मरम्मत पर एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारियों की लापरवाही एवं निष्क्रियता के कारण कार्य में अत्यधिक विलंब हो रहा है जिसका खामियाजा आम जनता, यात्रियों एवं बस मालिकों को उठाना पड़ रहा है? (ङ) यदि हाँ तो मरम्मत कार्य में हो रहे विलंब के कारणों में दायित्व निर्वहन करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी? य़दि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इन्दौर-इच्छापुर मार्ग के कि.मी. 2/6 से 104 तक एन.एच.ए.आई. के अंतर्गत तथा कि.मी. 104 से कि.मी. 203.6 तक में केवल डामरीकृत सतह की जिम्मेदारी म.प्र. सड़क विकास निगम की तथा डामरीकृत सतह को छोड़कर शेष अन्य सभी रख-रखाव कार्यों की जिम्मेदारियां एन.एच.ए.आई. की है। (ख) जी हाँ। जारी कार्योदेश के अनुसार पूर्णता अवधि अलग-अलग कार्यों की अलग-अलग थी। वर्तमान में सभी कार्य पूर्ण कर लिए गए, कोई शेष नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। मार्ग पर गड्ढे होना एवं उनकी मरम्मत कराया जाना एक सतत् प्रक्रिया है, जिसे समय-सीमा में पूर्ण किया जा रहा है, क्षति एवं दुर्घटनाओं में क्षति का मूल कारण सड़क में गड्ढे न होकर भारी यातायात के दवाब के अनुसार मार्ग की चौड़ाई कम होना एवं वाहनों का अनियंत्रित गति से चलना है, अतः किसी भी अधिकारी के उत्तरदायी होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। (ङ) जी नहीं। प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना
[श्रम]
97. ( क्र. 739 ) श्री संजय शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र तेंदूखेड़ा के अंतर्गत संबल योजना के वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितने पात्र हितग्राही हैं, जिन्हें योजनानुसार राशि का भुगतान किया जाना है, लेकिन राशि का भुगतान नहीं किया गया है? उक्त हितग्राहियों की ग्रामवार नाम एवं राशि सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, पात्र हितग्राहियों को राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार, पात्र हितग्राहियों को राशि कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) नरसिंहपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र तेंदूखेड़ा के अंतर्गत संबल योजना के वर्ष 2018.19 से प्रश्न दिनांक तक 68 ऐसे पात्र हितग्राही हैं, जिन्हें योजनानुसार राशि का भुगतान किया जाना है। उक्त हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार पात्र हितग्राहियों को राशि का भुगतान पर्याप्त बजट प्राप्ति हेतु लंबित है। (ग) पर्याप्त बजट उपलब्ध होने पर सभी पात्र हितग्राहियों को हितलाभ राशि प्रदान की जावेगी।
अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान
[वन]
98. ( क्र. 740 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग में स्थाई कर्मी (जिन्हें कार्यभारित/आकस्मिकता निधि से वेतन प्राप्त होता हो) के पद पर पदस्थ कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु उपरांत सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी, 5-1/2016/1/3 भोपाल, दिनांक 21/03/2017 में दर्शित प्रावधान अनुसार उनके आश्रित परिवार के सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो वन विभाग में कार्यरत ऐसे स्थायी कर्मियों की सेवाकाल के दौरान मृत्यु उपरांत उनके आश्रित परिवार के सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान क्यों नहीं की जा रही?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। वन विभाग में कार्यभारित/आकस्मिकता निधि से वेतन प्राप्त करने वाले स्थाई कर्मी नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल में 'बी', 'सी' एवं 'डी' टाइप बंगलों का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 745 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में लोक निर्माण संभाग क्रमांक 1 (एक) संभाग क्रमांक 2 (दो) एवं नया भोपाल संभाग के अंतर्गत आने वाले बी-टाईप, सी-टाईप एवं डी-टाईप बंगलों के वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में वार्षिक मरम्मत, विशेष मरम्मत एवं लघुमूल कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई थी और उसके विरूद्ध कितना व्यय किया गया? पृथक-पृथक वर्षवार एवं मदवार बताया जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संभागों में उनके अधीन आने वाले उल्लेखित बंगलों पर कितना व्यय हुआ? मदवार बताया जाये। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित बंगलों के यदि कोई कार्य लंबित है तो उनकी जानकारी एवं मदवार राशि सहित बतायी जाये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उल्लेखित बंगलों के स्वीकृत कार्य निर्धारित समयावधि के बाहर लंबित नहीं है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मधुमेह इंसुलिन का रख-रखाव
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
100. ( क्र. 751 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मधुमेह के लिये इंसुलिन को सुरक्षित रखने के लिये कितने मानक वेयर हाउस है? सूची प्रदान की जाए। यदि नहीं तो प्रदेश में सालाना कितने करोड़ों रूपये के इंसुलिन का व्यापार होता है? (ख) क्या जन औषधि संघ को इंसुलिन वेयर हाउस की अनुमति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो सूची प्रदान करें। यदि नहीं तो संघ के आज दिनांक तक क्रय-विक्रय पत्र उपलब्ध कराया जाए। (ग) क्या संघ के इंसुलिन को एक स्थान से दूसरे स्थान के लिये परिवहन करने के लिये मानक परिवहन वाहन की अनुमति दी गई है? यदि हाँ तो सूची प्रदान करें। यदि नहीं तो इंसुलिन के परिवहन करने वाले वाहन को कितनी बार अधिकारियों द्वारा परीक्षण कर अनुमति दी है? सूची प्रदान करें। (घ) क्या संघ द्वारा नकली सेनेटरी पैड क्रय किया है? यदि हाँ तो कौन से औषधि निरीक्षक द्वारा पैड की जांच की गई थी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की नियमावली, 1945 के अंतर्गत इंसुलिन का स्टोरेज तापमान 2oc से 8oc निर्धारित है एवं यह व्यवस्था ऐसे समस्त थोक, खेरची औषधि विक्रेताओं एवं समस्त अस्पतालों, जहाँ पर इंसुलिन का संधारण किया जाता है, में रहती है। पृथक से मानक वेयर हाउस की कोई अनुमति जारी नहीं की जाती है अतः सूची संधारित नहीं है। प्रदेश में सालाना कितने करोड़ों रूपये के इंसुलिन का व्यापार होता है इस प्रकार की जानकारी से खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव, जन औषधि मार्केंटिंग फेडरेशन लिमिटेड, शॉप नं 13 ए, सेक्टर जी, इंडस्ट्रियल एरिया, जे.के.रोड, तहसील हूजूर, जिला भोपाल (म.प्र.) के नाम से उक्त एक स्थान पर थोक औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति प्रपत्र क्रमांक 20 बी एवं 21 बी पर प्रदाय की गई है थोक अनुज्ञप्ति के अन्तर्गत अन्य दवाओं के साथ उक्त संस्था इंसुलिन का भी व्यापार कर सकती है। अतः शेष जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न की जानकारी निरंक है। (घ) सेनेटरी पैड का क्रय औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की नियमावली, 1945 के अंतर्गत विनियमित (रेग्युलेट) नहीं किया जाता है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है। पूरक जानकारी 1. औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं नियमावली, 1945 के नियम 64 एवं 65 के अंतर्गत औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियाँ प्रदान की जाती हैं। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं नियमावली, 1945 के अंतर्गत औषधिवार पृथक से औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति की अनुमति प्रदान किया जाना प्रावधानित नहीं है। इंसुलिन औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं नियमावली, 1945 के अंतर्गत शेडयूल एच की औषधि है। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की नियमावली, 1945 के शेडयूल 'पी' के अंतर्गत इंसुलिन का स्टोरेज तापमान 2 से 8oC निर्धारित है एवं यह व्यवस्था, ऐसे समस्त थोक, खेरची औषधि विक्रेताओं एवं समस्त अस्पतालों में जहाँ इंसुलिन का संधारण किया जाता है, में रहती है। समस्त खेरची एवं थोक औषधि विक्रेताओं जिन्हें औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं नियमावली, 1945 के अंतर्गत औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति प्रदत्त है, जिसके तहत् उन्हें अन्य दवाओं के साथ इंसुलिन औषधि को क्रय/विक्रय/संधारित करने की पात्रता है। 2. मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव, जन औषधि मार्केंटिंग फेडरेशन लिमिटेड के नाम से मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव, जन औषधि मार्केंटिंग फेडरेशन लिमिटेड, शॉप नं/प्लॉट नं ए-7, सुरेन्द्र विहार, ऑशिमा मॉल के पास, होशंगाबाद रोड, भोपाल को औषधि अनुज्ञप्ति क्रमांक 20बी/2224/27/2019 एवं 21बी/2225/27/2019 एवं मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव, जन औषधि मार्केंटिंग फेडरेशन लिमिटेड, शॉप नं 13 ए, सेक्टर जी, इंडस्ट्रियल एरिया, जे.के. रोड, तहसील हूजूर, जिला भोपाल (म.प्र.) को औषधि अनुज्ञप्ति क्रमांक 20बी/1883/27/2019 एवं 21बी/1884/27/2019 थोक औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति जारी की गई है। 3. मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव, जन औषधि मार्केंटिंग फेडरेशन लिमिटेड, शॉप नं/प्लॉट नं ए-7, सुरेन्द्र विहार, ऑशिमा मॉल के पास, होशंगाबाद रोड, भोपाल को प्रदाय औषधि अनुज्ञप्ति क्रमांक 20बी/2224/27/2019 एवं 21बी/2225/27/2019 को आदेश क्रमांक भोपाल/2020/317 दिनांक 01.10.2020 के माध्यम से निरस्त किया गया एवं मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव, जन औषधि मार्केंटिंग फेडरेशन लिमिटेड, शॉप नं 13 ए, सेक्टर जी, इंडस्ट्रियल एरिया, जे.के.रोड, तहसील हूजूर, जिला भोपाल (म.प्र.) को औषधि अनुज्ञप्ति क्रमांक 20बी/1883/27/2019 एवं 21बी/1884/27/2019 वर्तमान में संचालित है। 4. यहाँ यह उल्लेखनीय है कि सेनेटरी पैड के निर्माण/क्रय/विक्रय औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की नियमावली, 1945 के अंतर्गत विनियमित (रेग्युलेट) नहीं किये जाते है।
इंदिरा ज्योति योजना
[ऊर्जा]
101. ( क्र. 752 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार ने पूर्व कमलनाथ सरकार के समय की योजना 100 सौ यूनिट तक 100 रूपये इंदिरा ज्योति योजना स्थगित कर दी है? यदि योजना संचालित है तो गरीब वर्ग झुग्गी झोपड़ी रहवासियों के बिल हजारों में क्यों आ रहे हैं? (ख) क्या उप चुनाव के समय मुख्यमंत्री जी ने यह राशि वसूलने पर रोक लगा दी थी? क्या यह बिल माफ कर दिए गए थे और नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, यह योजना वर्तमान में भी संचालित है एवं योजना के प्रावधान अनुसार 150 यूनिट तक की मासिक खपत वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है। अपितु 150 यूनिट से अधिक मासिक खपत वाले उपभोक्ता इस योजना का लाभ पाने के पात्र नहीं है एवं उक्त उपभोक्ताओं को मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश अनुसार विद्युत देयक दिये जा रहे है। अत: यह कहना सही नहीं है कि योजना के पात्र हितग्राहियो को हजारों रूपये के मासिक बिल जारी किये जा रहें है। (ख) जी नहीं। अपितु कोविड 19 महामारी के कारण व्याप्त विषम परिस्थितियों के कारण 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की 31 अगस्त 2020 तक की बकाया राशि की वसूली को आस्थगित रखते हुये उन्हें माह सितम्बर 2020 से केवल चालू माह की खपत के आधार पर देयक जारी किये जा रहे हैं।
भाषाई
शिक्षक के पद
पर बहाली किया
जाना
[आदिमजाति कल्याण]
102. ( क्र. 763 ) श्री
सीताराम : क्या
आदिमजाति
कल्याण
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश
की अति पिछड़ी
जाति (सहरिया)
आदिवासी
अनुसूचित
जनजाति के
पढ़े लिखे
युवाओं को
भाषाई शिक्षक
बनाये गये थे, शासन
द्वारा उन्हें
हटा दिया गया
है। इन युवाओं
को शासन
द्वारा आश्वासन
दिया गया कि
आपका जल्द ही
बहाल किया
जायेगा तथा
कुछ युवा के
पास डी.एड. की
परीक्षा पास
करने के बाद
भी शिक्षक
नहीं बनाया
गया है। इन
युवाओं की
परेशानी को
देखते हुये
उन्हें कब तक
बहाल किया
जायेगा?
(ख)
आदिम
जाति कल्याण
विभाग की
योजनाओं का
लाभ आदिवासी
समाज तक नहीं
पहुंचता है। न
ही रोजगार का
लाभ मिलता है, क्या
विभाग की
योजनाओं का
लाभ ग्वालियर
चम्बल संभाग
के गरीब
आदिवासी समाज
तक पहुंचाने हेतु
निर्देशित
करेंगे?
आदिमजाति
कल्याण
मंत्री (
सुश्री मीना
सिंह माण्डवे
) : (क) मध्यप्रदेश
के विशेष
पिछड़ी
जनजाति
समूहों के व्यक्तियों
को भाषाई
शिक्षकों की
नियुक्ति के संबंध
में उद्भूत न्यायालयीन
याचिकाओं के
परिप्रेक्ष्य
में कार्यालय
आयुक्त, आदिवासी
विकास मध्यप्रदेश
के पत्र
क्रमांक/पीवीटीजी/205/ 2017/10594, दिनांक
01/05/2019 एवं
आदेश
क्रमांक/पीवीटीजी/205/2019/29978, दिनांक
15/11/2019 जारी
कर स्थिति स्पष्ट
की गई है। शिक्षकों
की भर्ती हेतु
मध्यप्रदेश
जनजातीय एवं
अनुसूचित
जाति शिक्षण संवर्ग
(सेवा एवं
भर्ती) नियम 2018 पूर्व
से प्रभावशील
है, जिसके
अनुसार
कार्यवाही की
जाती है। पत्र, आदेश
एवं नियम की प्रति
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
अनुसार। (ख) आदिम
जाति कल्याण
विभाग की
रोजगार,
आजीविका
सहित समस्त
योजनाओं का
लाभ आदिवासी
समाज को मिल
रहा है। ग्वालियर-चम्बल
संभाग के
विशेष पिछडी
जनजाति समूह
को यह लाभ
पूर्व से मिल
रहा है। समय-समय
पर तदसंबंधी
निर्देश जारी
किये जाते है।
पत्थर खदान चालू किया जाना
[खनिज साधन]
103. ( क्र. 764 ) श्री सीताराम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग द्वारा शिवपुरी जिले में पत्थर खदान पर जो रोक लगाई गई है उसे क्यों नहीं चालू किया जा रहा है, जिससे गरीब मजदूर भाईयों का परिवार का भरण-पोषण हो सके। (ख) सहरिया आदिवासी क्षेत्र में खनिज पत्थर खदान आती है। क्या खनिज विभाग द्वारा सहरिया युवा पढ़े लिखे युवा को खदाने लीज पर दी जायेगी जिससे की उन्हें रोजगार मिलेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। पत्थर खदान पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शिवपुरी जिले में खनिज पत्थर की उपलब्धता है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अनुसार क्रशर हेतु पत्थर खदान का आवंटन आवेदन के आधार पर होता है। आवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के प्रावधान हैं। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में क्रशर हेतु पत्थर खनिज के उत्खनिपट्टा आवंटन में आदिवासी सहकारी समिति/व्यक्ति को प्राथमिकता दिये जाने का प्रावधान है। साधारण पत्थर एवं शासकीय भूमि में फर्शी पत्थर की खदानों को नीलाम किये जाने का प्रावधान है।
सिंचाई पंप चलाने हेतु सौर ऊर्जा यंत्र पर शासकीय अनुदान
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
104. ( क्र. 774 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के किसानों को सिंचाई हेतु पंप चलाने के लिए सौर ऊर्जा यंत्र आदि शासकीय अनुदान पर प्रदान करने की योजना है। (ख) यदि हाँ तो इस योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कितना बजट प्रावधान किया गया तथा प्रावधानित बजट के विरूद्ध कितनी राशि का उपयोग किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना हेतु वर्ष 2020-21 में स्वीकृत बजट पर्याप्त है? यदि हाँ तो इस वित्तीय वर्ष में जिलेवार कितने किसानों को इस योजना में लाभान्वित किया गया है तथा इसमें कितनी राशि उपयोग की गई? (घ) यदि नहीं तो क्या सरकार इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए बजट प्रावधान बढ़ाएगी। यदि हाँ तो कितनी राशि का प्रावधान किया जाएगा तथा कितने किसानों को लाभान्वित किया जाएगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के किसानों को सिंचाई हेतु पम्प चलाने के लिये सौर ऊर्जा पम्प शासकीय अनुदान पर प्रदान करने की ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' हैं। (ख) ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' अन्तर्गत, वित्तीय वर्ष 2019-20 में रू.186,85,93,000.00 (रूपये एक सौ छियासी करोड़ पिच्यासी लाख तिरान्वे हजार) व वित्तीय वर्ष 2020-21 में रू. 50,00,00,000.00 (रूपये पचास करोड़) का बजट प्रावधान किया गया तथा प्रावधानित बजट के विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2019-20 में रू. 74,70,54,312.00 (रूपये चौहत्तर करोड़ सत्तर लाख चौवन हजार तीन सौ बारह) व वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह दिसम्बर तक रू.28,51,48,000,00 (रूपये अट्ठाईस करोड़ इक्यावन लाख अड़तालीस हजार) का आहरण किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना हेतु वर्ष 2020-21 में स्वीकृत बजट पर्याप्त नहीं हैं। (घ) बजट प्रावधान बढ़ाये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रू. 221.71 करोड़ के अतिरिक्त प्रावधान हेतु अनुपूरक अनुमान के लिये प्रस्ताव प्रस्तुत किया हैं एवं उक्त राशि का प्रावधान होने पर कुल 25,000 किसानों को लाभान्वित किया जा सकेंगा।
कोरोना महामारी के उपचार हेतु राशि का निर्धारण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
105. ( क्र. 775 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना महामारी के उपचार के लिए निजी अस्पताल में भेजे गए पीडि़तों के लिए प्रति व्यक्ति आवास, भोजन और उपचार पर अलग-अलग कितनी-कितनी राशि निर्धारित की गई है? (ख) क्या किसी निजी अस्पताल द्वारा पीड़ित से निर्धारित राशि से अधिक राशि लेने की शिकायतें शासन को प्राप्त हुई है? (ग) यदि हाँ तो 30 नवम्बर 2020 तक किस-किस शिकायत पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कोरोना महामारी के उपचार के लिए निजी अस्पताल में भेजे गए पीड़ितों के लिए प्रति व्यक्ति आवास, भोजन और उपचार हेतु निर्धारित राशि संबंधित निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। संचालनालयीन शिकायत शाखा में किसी निजी अस्पताल द्वारा पीड़ित से निर्धारित राशि से अधिक राशि लेने की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डिवीजनल इंजीनियर विद्युत कार्यालय की स्थापना
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 782 ) श्री संजय यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ-साथ ही कृषि कार्य से संबंधि क्षेत्र है, जिसके अन्तर्गत आने वाली जनपद पंचायत शहपुरा भिटौनी तथा बरगी विधानसभा क्षेत्र का (डी.ई.) डिवीजनल इंजीनियर म.प्र. विद्युत मण्डल कार्यालय पाटन में होने से शहपुरा/चरगंवा से लेकर अधिकांश ग्रामीणों/कृषकों/विद्युत उपभोक्ताओं को अपने छोटे-छोटे से विद्युत विभाग के कार्य हेतु जबलपुर शहर से होकर विपरीत पाटन विधानसभा के पालन क्षेत्र में आना जाना पड़ता है, जिसके कारण क्षेत्रीय जनता को अत्यधिक आर्थिक एवं आवागमन के साधनों की कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है? उक्त स्थिति में (डी.ई.) डिवीजनल इंजीनियर म.प्र. विद्युत मण्डल कार्यालय पाटन से (डी.ई.) डिवीजनल इंजीनियर म.प्र. विद्युत मण्डल कार्यालय शहपुरा का निर्माण किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि तो क्या नहीं? (ख) उपरोक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय ऊर्जा मंत्री म.प्र. शासन को प्रेषित पत्र दिनांक 06.09.2019 में क्षेत्र के किसानों एवं आम नागरिकों की समस्या के निराकरण की दृष्टि से तहसील पाटन में संचालित अभियंता कार्यालय विद्युत विभाग को तहसील शहपुरा में स्थापित किए जाने का अनुरोध किया गया था, उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण पत्राचार प्रस्तुत करें। (ग) प्रश्नांश (क) डी.ई. कार्यालय पाटन से शहपुरा में कब तक स्थापित करवाया जावेगा? इसकी क्या योजना होगी? यदि नहीं तो क्या यहां के उपभोक्ताओं हेतु विभाग द्वारा नये (डी.ई.) कार्यालय की स्वीकृति दी जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सामान्यत: विद्युत वितरण कंपनी के संभाग कार्यालय का क्षेत्र 40 से 50 कि.मी. तक फैला होता है। उपभोक्ताओं को विद्युत संबंधी समस्त सुविधाएं स्थानीय स्तर पर स्थित विद्युत वितरण केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती हैं व उनकी विद्युत संबंधी समस्याओं का भी निराकरण स्थानीय स्तर पर स्थित विद्युत वितरण केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है। तथापि बरगी विधानसभा क्षेत्र में शहपुरा में नवीन संचालन एवं संधारण संभाग के सृजन के प्रस्ताव का परीक्षण कराया गया। उक्त प्रस्ताव परीक्षण में सृजन-साध्य नहीं पाया गया है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का पत्र दिनांक 06.09.2019 म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त नहीं हुआ। तथापि उपरोक्त संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का पत्र क्रमांक 1446 दिनांक 14.09.2019 जो कि तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित है, कंपनी को प्राप्त हुआ है। जिस पर बरगी विधानसभा क्षेत्र में शहपुरा में नवीन संचालन एवं संधारण संभाग के सृजन के प्रस्ताव का परीक्षण कराया गया। उक्त प्रस्ताव परीक्षण में सृजन-साध्य नहीं पाया गया है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संचालन एवं संधारण संभाग, पाटन कार्यालय को शहपुरा स्थानांतरित करने का नहीं अपितु शहपुरा में नया संचालन एवं संधारण संभाग सृजित करने का प्रस्ताव का परीक्षण कराया गया था, उक्त प्रस्ताव परीक्षण में सृजन-साध्य नहीं पाया गया है।
उप स्वास्थ केन्द्र का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
107. ( क्र. 783 ) श्री संजय यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले को बरगी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले चरगवां आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के आस-पास कोई स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है एवं चरगंवा उप स्वास्थ्य केन्द्र का 30 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन कर चरगंवा उप स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चरगंवा में उन्न्यन किये जाने का प्रस्ताव विभाग भोपाल में लंबित है? प्रस्ताव की वास्तविक स्थिति क्या है? इसके लिये विभाग द्वारा अब तक की गई कार्यवाही के पत्र/प्रस्ताव/नस्ती देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चरगवां उप स्वास्थ्य केन्द्र को 30 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन किये जाने के जनहितैशी, प्रस्ताव विभाग द्वारा क्यों लंबित रखा गया है? चरगंवा उप स्वास्थ्य केन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन कब तक किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जबलपुर जिले के बरगी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चरगवां, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शहपुरा स्वीकृत होकर संचालित है। जी नहीं। चरगवां पूर्व से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है। माननीय विधायक महोदय का पत्र एवं याचिका प्राप्त हुई थी जिस पर कार्यवाही की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विस्थापितों के पुनर्वास का नियम
[वन]
108. ( क्र. 793 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत संजय दुबरी टाईगर रिजर्व के अंतर्गत कितने ग्रामों का विस्थापन किया जाना प्रस्तावित है? विस्थापित परिवारों को मुआवजा की राशि एवं विस्थापन तथा पुनर्वास हेतु किस नियम के अंतर्गत किया जाना है? नियम की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विस्थापित ग्रामों में आम जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है, इसमें प्रमुख रूप से आने-जाने, सड़क निर्माण, विद्युतीकरण, किसानों को ट्यूबवेल खनन, माननीय प्रधानतंत्री स्वच्छता मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास निर्माण कार्य एवं तेंदू पत्ता संग्रहण कार्य हेतु पूर्णत: रोक लगाई गई है? यदि हाँ तो नियम व आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो मूलभूत सुविधाओं को तत्काल कब तक बहाल कर दिया जावेगा? बहाल किये जाने के संबंध में आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में संजय दुबरी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न ग्रामों के किसानों द्वारा सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा ट्यूबवेल उत्खनन के लिये अनुमति हेतु लगभग 100 आवेदन पत्र क्षेत्र संचालक संजय दुबरी टाईगर को दी गई है, लेकिन अभी तक ट्यूबवेल खनन के लिये अनुमति प्रदान क्यों नहीं की गई? टयूबवेल उत्खनन की अनुमति कब तक दी जायेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन टाईगर रिजर्व के अंतर्गत टोलों सहित 54 ग्रामों का विस्थापन प्रस्तावित है। 14 ग्रामों को पूर्ण रूप से विस्थापित किया जा चुका है, 40 ग्रामों का विस्थापन शेष है। विस्थापित परिवारों को मुआवजा एवं विस्थापन राज्य शासन के ज्ञाप दिनांक 30.10.2008 अनुसार किया जाता है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। (ख) विस्थापित हो चुके 14 ग्रामों को शासन के परिशिष्ट-1 के ज्ञाप अनुसार विकल्प-1 में ग्रामीणों को पूरा नकद देकर विस्थापन किया गया है जिन 40 ग्रामों का विस्थापन होना शेष हैं उनमें विद्युतीकरण, निजी शौचालय निर्माण एवं आवास निर्माण कार्य में कोई प्रतिबंध नहीं है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 14.09.2007 में दी गई छूट में ट्यूबवेल खनन, सड़क निर्माण करने का उल्लेख नहीं होने से नियमानुसार अनुमति की आवश्यकता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 14.02.2000 से संरक्षित क्षेत्रों में तेन्दूपत्ता संग्रहण प्रतिबंधित है, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संजय टाईगर रिजर्व के अंतर्गत स्थित ग्रामों के किसानों के ट्यूबवेल खनन के 82 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिन पर नियमानुसार विचार कर कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
स्थानांतरण नीति के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
109. ( क्र. 799 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कांग्रेस सरकार के शासन काल में जिला नरसिंहपुर में शिक्षा विभाग में शिक्षक/सहायक शिक्षक/अध्यापक/सहायक अध्यापक/वरिष्ठ अध्यापक/लिपिक संवर्ग के कितने स्थानांतरण हुये? स्थानांतरण में किस नीति का उपयोग किया गया? (ख) नरसिंहपुर जिले में क्या स्थानांतरित शिक्षक/सहायक शिक्षक/अध्यापक/सहायक अध्यापक/वरिष्ठ अध्यापक/लिपिक संवर्ग ने जहां पर पदस्थ किया है, क्या वहां पर पद रिक्त था? यदि नहीं तो स्थानांतरित का वेतन कहां से आहरित हो रहा है? (ग) नरसिंहपुर जिले में वर्तमान में पदस्थ शाला से अन्य शालाओं एवं अन्य विभागों में कितने शिक्षक संलग्न हैं? क्या संलग्नीकरण व्यवस्था लागू है? यदि हाँ तो किसके आदेश से?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कांग्रेस सरकार के शासन काल में जिला नरसिंहपुर अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग में जिला स्तर पर 03 उच्च श्रेणी शिक्षक, 33 सहायक शिक्षक, 26-लिपिक संवर्ग, 01-अध्यापक, 02-वरिष्ठ अध्यापक एवं 03-उच्च माध्यमिक शिक्षक के स्थानान्तरण किये गये। उक्त स्थानान्तरण मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय वल्लभभवन भोपाल के पत्र क्र. एफ 6-1/2019/एक/9, भोपाल, दिनांक 04 जून 2019 म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति दिनांक 22.06.2019 एवं स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्र. एफ-01-17/2019/20-1 भोपाल, दिनांक 15 नवम्बर 2019 के अनुक्रम में किये गये। (ख) जी हाँ। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नरसिंहपुर जिले में वर्तमान में शिक्षा विभाग द्वारा किसी भी शिक्षक का संलग्नीकरण नहीं किया गया है। जी नही। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पैरामेडिकल रजिस्ट्रार पद की अर्हता
[चिकित्सा शिक्षा]
110. ( क्र. 800 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पैरामेडिकल कौंसिल की पैरामेडिकल रजिस्ट्रार पद के लिए क्या अर्हताएं निर्धारित की गई हैं? क्या सीधी भर्ती से पैरामेडिकल के अभ्यर्थी के लिये यह पद नहीं हैं जानकारी दें। (ख) चिकित्सा शिक्षा/पैरामेडिकल के अभ्यर्थी को यह जिम्मेदारी क्यों नहीं दी जा रही कब तक दी जाएगी? समय-सीमा बतावें। क्या वर्तमान में पैरामेडिकल रजिस्ट्रार चिकित्सा शिक्षा विभाग से है, हाँ/नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या पैरामेडिकल रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ अधिकारी पूर्णकालिक है या प्रतिनियुक्ति पर है? यदि हाँ तो कब से है? संपूर्ण जानकारी दें। (घ) यदि प्रतिनियुक्ति पर है तो फिर शासन द्वारा इन्हें अभी तक मूल विभाग में क्यों नहीं भेजा गया और कब तक इन्हें मूल विभाग में भेजा जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) रजिस्ट्रार की अर्हता निर्धारण संबंधी प्रक्रिया प्रचलन में है। जी नहीं, अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अर्हता निर्धारण के पश्चात जिम्मेदारी दी जाएगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डबरा विधानसभा क्षेत्र में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
111. ( क्र. 808 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा 19 विधानसभा क्षेत्र में किन खदानों से सेंड/बजरी उत्खनन की अनुमति प्रदान की गई है? उनका पूर्ण विवरण तथा अधिकृत उत्खननकर्ता एजेंसी/ठेकेदार का विवरण दें। (ख) जिन स्थानों से अवैध उत्खनन किया जा रहा है, उन पर दिसम्बर 2020 तक क्या कार्यवाही की गई? क्या ऐसे स्थानों का सेटेलाइट में पिंग या अन्य निष्पक्ष तकनीकों से अवैध खनन का आंकलन किया गया? यदि हाँ तो विवरण दें। (ग) यहां पर खनन पर्यावरण मंत्रालय तथा NGT की अवहेलना करके किया जा रहा है जिससे पर्यावरण को जो हानि हो रही है, उसे रोकने के लिये क्या उपाय किये जा रहे हैं? विवरण प्रदान करें। (घ) रॉयल्टी रसीद के बिना, टोकन सिस्टम से जारी अवैध उत्खनन के लिये COVID की गाइड-लाइन का अनुपालन नहीं हो रहा है, जो संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है, रात्रि 10 बजे से सुबह 6.00 बजे तक कर्फ्यू लागू होने के बावजूद खनन व परिवहन किसकी अनुमति से जारी है? विवरण दें। क्या COVID संक्रमण को रोकने के लिये कोरोना काल में खनन पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में रेत के अवैध उत्खनन के दो प्रकरण प्रकाश में आये थे। जिन पर अर्थदण्ड रूपये 4,12,500/- जमा कराया गया है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। कलेक्टर जिला ग्वालियर के आदेश दिनांक 17.12.2020 से वाहनों के परिवहन पर रात्रि 10 बजे उपरांत कोई प्रतिबंध नहीं था। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डबरा विधानसभा क्षेत्र में 100 बिस्तरीय अस्पताल का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
112. ( क्र. 811 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित अस्पताल का निर्माण कार्य कब स्वीकृत किया गया तथा आंकलित/अनुमानित व्यय राशि कितनी है? (ख) क्या बजट आवंटित हो चुका है? यदि हाँ तो कब व कितना विवरण दें। (ग) क्या निर्माण कार्य की निविदा प्रक्रिया हो चुकी है? यदि हाँ तो किस एजेंसी/संस्था को कार्य दिया गया है? पूर्ण विवरण दें। (घ) क्या प्रश्नाधीन में वर्क आर्डर जारी हुये हैं? यदि हाँ तो किस दिनांक को? क्या कुछ कार्य प्रारंभ किया गया था? यदि हाँ तो कितना कार्य किया गया है? यदि नहीं तो वर्तमान सिविल हॉस्पिटल डबरा में पूर्व से निर्मित भवन को किसके आदेश पर ध्वस्त कर दिया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विभागीय आदेश क्रमांक एफ12-05/2020/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 17.06.2020 द्वारा राशि रूपये 650.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। (ख) बजट आंवटन मदवार एकजाई रूप से आवंटित होता है, कार्यवार नहीं। चालू वित्तीय वर्ष में स्वीकृत मद में राशि रूपये 964.00 लाख का आंवटन विभाग को उपलब्ध हुआ है। (ग) जी हाँ, संचालनालय की भवन शाखा के कार्यपालन यंत्री से मेसर्स ए.के. कंस्ट्रक्शन कंपनी शिवपुरी द्वारा दिनांक 15.12.2020 को अनुबंध किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। दिनांक 15.12.2020 को कार्य अभी प्रारंभ नहीं हुआ है। सिविल हॉस्पिटल डबरा में जीर्ण-शीर्ण एवं पुराने भवनों को ध्वस्तीकरण के लिए कलेक्टर जिला ग्वालियर से अनुमोदन प्राप्त कर खण्ड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिविल अस्पताल डबरा के आदेश क्रमांक 1301 दिनांक 08.09.2020 द्वारा पुराने भवन ध्वस्त कराये गये है।
विद्युत सप्लाई सुधार हेतु योजना
[ऊर्जा]
113. ( क्र. 812 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 39 (क्र. 804) दिनांक 11 जुलाई 2019 के प्रश्नांश (ख) में बताया गया था कि 1 पॉवर ट्रांसफार्मर अतिभारित है तथा 117 विद्युत ट्रांसफार्मर अतिभारित है? यदि हाँ तो कितने अतिभारित विद्युत ट्रांसफार्मर व पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने हेतु विभाग द्वारा कितने अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं? क्षेत्र के कितने किसान किराये का ट्रांसफार्मर लेते हैं तथा उनके स्थान पर स्थाई ट्रांसफार्मर कब तक लगाये जायेंगे? (ख) उपरोक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया था कि मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 314 एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में 299 आवेदन प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ तो कुल 613 प्राप्त आवेदनों में से कितने किसानों को कनेक्शन प्रदान कर दिए गए हैं? किसानों के नाम, ग्राम सहित विवरण दें। (ग) नागदा क्षेत्र में विद्युत सुधार हेतु बैरछा रोड ग्रिड पर अतिरिक्त 5 एम.वी.ए. ट्रांसफार्मर व रतलाम फाटक, रजला, भाटीसुडा व निम्बोदिया खुर्द में 5 एम.वी.ए. के नवीन ग्रिड व मेहतवास ग्रिड की नवीनीकरण/शिफ्ट करने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (घ) नागदा-खाचरोद क्षेत्र में कितने किसानों द्वारा सोलर पंप का पंजीयन कराया गया है? उनमें से कितने सोलर पंप स्थापित कर दिए गए हैं? किसानों के नाम सहित विवरण दें। (ड.) मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की घोषणा अनुसार 60-40 की अनुदान योजना पुन: कब प्रारंभ की गयी है? (च) प्रश्नकर्ता के क्षेत्र में कितने विण्ड एनर्जी प्रोजेक्ट किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किए गए हैं? कंपनी का नाम, लागत, उत्पादन क्षमता, स्थान सहित पृथक-पृथक संपूर्ण विवरण दें। उनमें से कितने प्रोजेक्ट संचालित हो रहे हैं? कितने प्रोजेक्ट का कार्य प्रगतिरत है तथा कितने अप्रारंभ है? ग्रामवार, स्थानवार संपूर्ण विवरण पृथक-पृथक उपलब्ध कराएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। विधानसभा सत्र जुलाई 2019 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 804 दिनांक 11 जुलाई 2019 के उत्तरांश (ख) में उल्लेख किया गया था कि 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र घिनौदा पर स्थित 01 पॉवर ट्रांसफार्मर अतिभारित है एवं ग्राम पिपलौदा बागला, डाबरी, नागदा शहर एवं उक्त विधानसभा क्षेत्र के अन्य स्थानों पर 117 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित है। उपरोक्त अतिभारित 1 पॉवर ट्रांसफार्मर के स्थान पर क्षमता वृद्धि के तहत 05 एम.व्ही.ए. से 08 एम.व्ही.ए. का पॉवर ट्रांसफार्मर दिनांक 31.10.2020 को स्थापित कर ऊर्जीकृत कर दिया गया है। उक्त 117 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों में से 1 वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का कार्य दिनांक 10.03.2020 को पूर्ण कर दिया गया है एवं 2 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के कार्य स्वीकृत कर इन 2 में से 1 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य दिनांक 29.12.2019 को पूर्ण कर दिया गया एवं 1 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य अपूर्ण है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में रबी सीजन के दौरान नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 145 किसानों को अस्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु उनके आवेदन अनुसार 21 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर किराये पर दिए गए है। किराये के ट्रांसफार्मर के स्थान पर स्थाई ट्रांसफार्मर लगाने के कार्य से संबंधित कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 314 आवेदन एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में 299 आवेदन, इस प्रकार कुल 613 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनमें से समस्त 613 आवेदनों के विरुद्ध 613 किसानों को विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये गए। जिनकी किसानों के नामवार, ग्रामवार, वित्तीय वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) नागदा क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बैरछा रोड पर अतिरिक्त 5 एम.व्ही.ए. का पॉवर ट्रांसफार्मर एवं रतलाम फाटक और निम्बोदिया खुर्द में 5 एम.व्ही.ए. के नवीन ग्रिड तथा मेहतवास ग्रिड की नवीनीकरण/शिफ्ट करने की स्वीकृति वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता के परीक्षण के अधीन है। तकनीकी परीक्षण के उपरांत तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने वाले प्रकरणों में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में प्रकरणों का चयन करते हुए आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। ग्राम रजला एवं भाटीसुडा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रुप से साध्य नहीं पाये जाने पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। (घ) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 69 किसानों द्वारा सोलर पम्प का पंजीयन करवाया गया है। इनमें से कुल 32 सोलर पम्प स्थापित कर दिये गये है। उक्त पंजीकृत किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' एवं जिन किसानों के पम्प स्थापित कर दिये गये है उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-2' अनुसार है। (ड.) वर्तमान शासनकाल में माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा 60-40 की अनुदान योजना संबंधी कोई भी घोषणा नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (च) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में पवन ऊर्जा परियोजनाओं से संबंधित स्थान/लागत, उत्पादन क्षमता, परियोजनाओं की प्रगति, इत्यादि की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
कोरोना अनलॉक के पश्चात ठेका श्रमिकों की स्थिति
[श्रम]
114. ( क्र. 813 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित उद्योगों में 100 प्रतिशत उत्पादन होने के पश्चात भी कोरोना लॉकडाउन के पश्चात पूर्व में कार्यरत ठेका श्रमिकों को कार्य पर क्यों नहीं रखा जा रहा है? कारण सहित विवरण दें तथा कौन-कौन से उद्योगों में कितने श्रमिकों को नहीं रखा जा रहा है? पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रं.22 दिनांक 22.09.2020 में ग्रेसिम उद्योग में 725 ठेका श्रमिकों को नियोजित किये जाने की जानकारी दी गयी थी? क्या जो श्रमिक नियोजित किए जा रहे हैं वे नये श्रमिक हैं? यदि हाँ तो क्या उन्हें श्रम कानून के तहत कार्य पर रखा जा रहा है या पूर्व से कार्यरत ठेका श्रमिक है? शेष बचे ठेका श्रमिकों को कब तक कार्य पर बुलाया जायेगा? (ग) माननीय मुख्यमंत्री 26 नवम्बर, 2020 के नागदा नगर आगमन पर ठेका श्रमिक नेताओं व अन्य नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री से ठेका श्रमिकों को काम पर रखे जाने की मांग करने पर मुख्यमंत्री द्वारा क्या निर्देश प्रदान किए गए हैं तथा दिए गए मांग पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) नागदा स्थित उद्योगों में पूर्व में कार्यरत ठेका श्रमिकों को ही ठेकेदारों द्वारा लॉकडाउन के पश्चात कार्य की आवश्यकतानुसार कार्य पर रखा जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ग्रेसिम उद्योग में ठेकेदारों द्वारा पूर्व में नियोजित श्रमिकों को ही कार्य पर रखा जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ठेका श्रमिक नेताओं व अन्य नेताओं द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी से ठेका श्रमिकों को काम पर रखे जाने की मांग के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
115. ( क्र. 820 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में राज्य सरकार द्वारा विगत वर्षों में भर्ती किये गये अतिथि शिक्षकों को क्या दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की भांति नियमित करने पर शासन विचार करेगा? (ख) अतिथि शिक्षक शिक्षित युवा बेरोजगार वर्षों से शिक्षा जैसे पवित्र कार्य को कम वेतन लेकर पूर्ण मनोयोग से कार्य करते आ रहे हैं, उन्हें कोरोना अवधि का मानदेय देने पर राज्य सरकार आदेश जारी करेगी? (ग) संविदा शिक्षक स्थानीय होकर अब अपनी उम्र सीमा भी पार कर रहे हैं, अत: कार्यरत शिक्षण संस्थाओं में रिक्त पदों पर समायोजित करने पर राज्य सरकार निर्णय लेकर नियुक्ति आदेश 1988 के पूर्व के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को उमा भारती की सरकार की भांति इन्हें भी नियमित करने पर विचार करेगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) जी नहीं। अतिथि शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र में जुलाई से अप्रैल की अवधि तक के लिये आमंत्रित किया जाता है। अतिथि शिक्षकों को अप्रैल अवधि तक रखा गया था। शाला खुलने पर ही अतिथि शिक्षक रखा जा सकता है। 07 दिसम्बर 2020 से अतिथि शिक्षकों को पुनः रखा गया है। (ग) प्रदेश के शासकीय शालाओं में स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त संविदा शाला शिक्षकों को मध्यप्रदेश पंचायत/नगरीय निकाय अध्यापक संवर्ग (नियाजन एवं सेवा की शर्तें) नियम 2008 के अनुसार अध्यापक संवर्ग में नियुक्त किया गया। मध्यप्रदेश राज्य, स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 प्रभावी होने स्थानीय निकायों में कार्यरत सहायक अध्यापक/अध्यापक/वरिष्ठ अध्यापकों को नवीन शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सुसंगत पदों पर नियुक्ति प्रदान की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वनक्षेत्रपालों के वेतनमान की जानकारी
[वन]
116. ( क्र. 821 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के वनक्षेत्रपाल (फारेस्ट रेंज ऑफिसर) को कांग्रेस की सरकार में जुलाई 1997 में द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी राज्य पत्र में घोषित किया था एवं उन्हें तहसीलदार एवं पुलिस निरीक्षक के समकक्ष वेतनमान 1640 रूपये एवं तदुपरांत 5500 रूपये का वेतनमान दिया गया? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग में वर्ष 2006 में प्रदेश के समस्त द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारियों को 6500 रूपये के वेतनमान देने का आदेश जारी किया जिसके पालन में तहसीलदार एवं पुलिस निरीक्षक को 5500 रूपये की जगह पर 6500 का वेतनमान मिलना शुरू हो गया लेकिन प्रदेश के वन विभाग की रीढ़ माने जाने वाले एवं पर्यावरण व श्रमिकों, किसानों की निजी आवश्यकताओं की निस्तार पूर्ति करने वाले विभाग के वनक्षेत्रपाल को वर्ष 2006 से 20 वर्ष बाद नायब तहसीलदार एवं पुलिस उपनिरीक्षक के समकक्ष 5500 रूपये का वेतनमान ही दिया जा रहा है? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 2006 से वनक्षेत्रपाल को द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी का दर्जा पुन: वापस लेकर तृतीय श्रेणी का वेतनमान निर्धारित कर दिया है? क्या प्रदेश के लोक सेवा आयोग से चयनीकृत वनक्षेत्रपालों के साथ अन्याय एवं उनके हितों एवं दर्जे पर कुठाराघात कर वनक्षेत्रपाल को एक श्रेणी नीचे का वेतनमान दिया जाना न्यायहित में है? क्या शासन अग्रवाल वेतनमान की अनुशंसा को लागू करेगी?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-2 (अ) 332/2006/बी-4/दो दिनांक 08.11.2007 द्वारा पुलिस निरीक्षक एवं राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 14-13/01/शास-4-ए दिनांक 18.10.2007 द्वारा तहसीलदारों को रूपये 6500-200-10500 वेतनमान स्वीकृत किया गया। वन विभाग के वनक्षेत्रपालों को रूपये 5500-175-9000 वेतनमान देय है। (ग) जी नहीं। वित्त विभाग द्वारा राज्य वेतन आयोग की अनुशंसाओं पर मंत्रि परिषद् से प्राप्त आदेश में वनक्षेत्रपाल संवर्ग को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित नायब तहसीलदार एवं उप निरीक्षक से सापेक्षता मानी गई तथा तद्नुसार वेतनमान उन्नयन की अनुशंसा को मान्य नहीं किया गया।
मजरे-टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
117. ( क्र. 826 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौभाग्य योजनान्तर्गत सीधी, सिंगरौली जिले में किए गए विदयुतीकरण से अभी तक कितने टोले/मजरे शेष हैं तथा कब तक विदयुतीकरण का कार्य करा दिया जवेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना में किये गये विद्युतीकरण कार्य का ठेकेदारों का कितना भुगतान लंबित है? कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्रांतर्गत ऐसे घर जहां 01 से 05 पोल न होने के कारण विद्युतीकरण की समस्या है, ऐसे घरों का परीक्षण कराया जाकर कब तक विदयुतीकरण किया जावेगा? समय-सीमा बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्रान्तर्गत कितने ट्रांसफार्मर जले हुए हैं एवं कब से नहीं बदले गये हैं? कब तक सभी ट्रांसफार्मर सुधार किये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सौभाग्य योजना का उद्देश्य योजना के प्रावधानों के अनुसार समस्त अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना था। सीधी एवं सिंगरौली जिलों में सौभाग्य योजनान्तर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार चिन्हित किये गये क्रमश: सभी 47878 एवं 48929 अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) सौभाग्य योजना अंतर्गत सीधी एवं सिंगरौली जिलों में क्रमश: राशि रू. 26.04 करोड़ एवं राशि रू. 14.83 करोड़ के देयक भुगतान हेतु लंबित हैं। उल्लेखनीय है कि योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता की प्राप्त शिकायतों की जाँच प्रक्रियाधीन है। जाँच निष्कर्ष के आधार पर वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप उक्त लंबित देयकों का यथाशीघ्र भुगतान प्रस्तावित है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अनुसार समस्त कार्य किये जा चुके हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्न दिनांक की स्थिति में सीधी जिला अन्तर्गत 17 एवं सिंगरौली जिला अन्तर्गत 28 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। नियमानुसार जले/खराब विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने के उपरांत इन जले/खराब विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जाता है। उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने के उपरांत उक्त ट्रांसफार्मर प्राथमिकता के आधार पर सुधार/बदल दिये जायेंगे। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बाबा बैजनाथ मंदिर परिसर के विकास कार्य
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 836 ) श्री
विपिन
वानखेड़े : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
आगर विधानसभा
क्षेत्र में
बाबा बैजनाथ
मंदिर परिसर
में विकास
कार्यों के
लिये मार्च 2020 में लोक
निर्माण
विभाग (पी.आई.यू.), आगर
द्वारा 523.67
लाख रूपये का
प्राक्क्लन
बनाकर
प्रेषित किया
गया था? यदि
हाँ, तो
क्या प्राक्क्लन
पर वित्तीय स्वीकृति
दी गई है?
यदि
हाँ, तो
वित्तीय स्वीकृति
की दिनांक
सहित जानकारी
देवें। (ख)
यदि
बाबा बैजनाथ
मंदिर परिसर
में विकास
कार्यों के
लिए प्रेषित
प्राक्क्लन
अनुसार वित्तीय
स्वीकृति दी
गई है तो
विकास
कार्यों के
लिये निविदा
आमंत्रित क्यों
नहीं की गई है? बाबा
बैजनाथ मंदिर
परिसर के
विकास
कार्यों के
लिए निविदा कब
तक आमंत्रित
कर ली जावेगी
तथा विकास
कार्यों की
पूर्णता कब तक
करना
सुनिश्चित
किया गया है?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) जी
हाँ। जी नहीं।
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रश्नांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता।
उज्जैन-आगर मार्ग का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 837 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन-आगर मार्ग के जर्जर और गड्ढे युक्त होने पर उसके निर्माण का कोई प्रस्ताव बनाया गया है? यदि हाँ तो कब तक उक्त मार्ग का निर्माण कार्य शुरू हो जावेगा तथा निर्माण हेतु क्या कार्ययोजना है? यदि कोई कार्ययोजना नहीं हैं तो उसका कारण बतावें। क्या उज्जैन-आगर मार्ग के निर्माण होने तक उसकी मरम्मत का कार्य किया जावेगा? क्या उक्त मार्ग की मरम्मत का कार्य किया गया है तथा वर्तमान में किया जा रहा है? यदि हाँ तो मरम्मत कार्य की जानकारी देवे। यदि मरम्मत नहीं की जा रही है तो उसका कारण बतायें। (ख) उज्जैन-आगर मार्ग पर मरम्मत के अभाव में जर्जर सड़क के कारण वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं तथा ऐसी दुर्घटनाओं में वाहन चालक, सवार को क्षति व उनकी मृत्यु भी कारित हो रही है, तो उसकी जवाबदेही किसकी रहेगी? क्या वहान चालक, सवार को जर्जर सड़क के कारण क्षति होती है या उनकी मृत्यु कारित होती है तो उन्हें मुआवजा राशि प्रदाय की जावेगी। यदि हाँ तो कितनी राशि देने का प्रावधान है तथा उसकी प्रक्रिया क्या रहेगी? क्या ऐसी दुर्घटना में जिम्मेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा आपराधिक मामला दर्ज करवाया जावेगा? यदि हाँ तो जानकारी देवें। यदि नहीं तो उसका कारण क्या है? (ग) यदि मार्ग की मरम्मत की गई है फिर भी वर्तमान में मार्ग की हालत जर्जर है तो उसका कारण क्या है? क्या, उक्त मार्ग की मरम्मत के उपरांत भी उसकी हालत जर्जर है तो उसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों, एजेंसियों या अन्य व्यक्ति जो ऐसा मरम्मत कार्य करते हैं या अपने निर्देशन में करवा चुके हैं, उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो किस तरह की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं तो कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। जी हाँ, जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, क्षति एवं दुर्घटनाओं में क्षति का मूल कारण जर्जर सड़क न होकर भारी यातायात के दवाब के अनुसार मार्ग की चौड़ाई कम होना एवं वाहनों का अनियंत्रित गति से चलना है, अत: कोई जवाबदेही नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। क्षति जर्जर सड़क के कारण न होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। चूंकि वर्तमान में सड़क यातायात योग्य है एवं दुर्घटनाओं का कारण जर्जर सड़क न होने से ऐसी कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, सम्पूर्ण मार्ग जर्जर नहीं है अपितु मुख्यत: मार्ग के कुछ आबादी क्षेत्र में पानी निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण मार्ग प्रतिवर्ष वर्षाकाल में क्षतिग्रस्त होता है जिसकी मरम्मत का कार्य समय-समय पर किया जा रहा है, वर्तमान में मार्ग यातायात योग्य है। जी नहीं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त मार्ग दिनांक 03.04.2018 को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया। मार्ग का इन्ट्रस्टमेंट दिनांक 24.01.2020 को एन.एच.ए.आई. को किया गया। उक्त अवधि के दौरान एम.पी.आर.डी.सी. के द्वारा केवल डामरीकृत सतह का नवीनीकरण किया गया, वस्तुत: वर्ष 2003-04 में बी.ओ.टी. परियोजना अंतर्गत केवल सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया, जिसकी डिजाईन अवधि 15 वर्ष की थी, वर्तमान में मार्ग पर यातयात का दवाब अधिक होने से मार्ग के चौड़ीकरण एवं उन्नतीकरण की नितांत आवश्यकता है, जबकि एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा राष्ट़ीय राजमार्ग होने से एन्ट्रस्टमेंट तक मार्ग को यातयात योग्य बनाये जाने हेतु मुख्यत: केवल डामरीकृत सतह का नवीनीकरण किया गया जिसका संधारण सुचारू रूप से चल रहा है। अत: कार्यवाही किये जाने का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रामपुर नैकिन एवं चुरहट अस्पताल का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
120. ( क्र. 841 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुर नैकिन अस्पताल को सिविल अस्पताल बनाने के बारे में सरकार की क्या योजना है? यदि नहीं तो कब तक इसे सिविल अस्पताल बनाने की कार्यवाही की जाएगी? (ख) चुरहट अस्पताल एवं रामपुर अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ की कमी है, कब तक डॉक्टर्स, नर्स एवं अन्य की नियुक्ति कर दी जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्तमान में कोई योजना नहीं है। मांग प्राप्त होने पर उन्नयन संबंधी नियमानुसार कार्यवाही किये जाने पर विचार किया जायेगा। (ख) नर्स के सभी पद भरे हुये हैं, शेष रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
आर.एल. कॉलेज ऑफ नर्सिंग का अनियिमित संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
121. ( क्र. 843 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर.एल. कॉलेज ऑफ नर्सिंग टेकरी मुरैना 100 बिस्तर वाला अस्पताल संचालित कर रहा है? यदि हाँ तो 100 बिस्तर वाले अस्पताल संचालन करने के क्या मापदण्ड हैं? क्या मापदण्डों का पालन किया जा रहा है? संचालन नियम सहित अवगत करावें। उपरोक्त संस्था द्वारा क्या-क्या कार्य किया जा रहा है? (ख) क्या उपरोक्त संस्था द्वारा एक ही भवन में विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं? यदि हाँ तो संचालित शैक्षणिक एवं अस्पताल हेतु मानक के अनुरूप पर्याप्त भवन हैं एवं संसाधन है? यदि हाँ तो भौतिक सत्यापन कब-कब, किस-किस अधिकारियों द्वारा किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन से अवगत करया जा सकेगा? क्या वर्तमान में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भवन निरीक्षण कराया जाकर यथास्थिति से अवगत कराया जावेगा? (ग) 100 बिस्तर अस्पताल हेतु किस एजेन्सी द्वारा भवन का नक्शा स्वीकृत किया गया है एवं कितने चिकित्सक और नर्सें सेवाएं दे रहे हैं? क्या नक्शानुसार भवन का निर्माण कराया गया है? स्वीकृत भवन नक्शा की प्रति उपलब्ध कराएं एवं पदस्थ चिकित्सक, नर्सों की योग्यता एवं नाम, पदों, वेतन/मानदेय सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), के तारतम्य में क्या संस्था संचालकों द्वारा विभिन्न गतिविधियां अमानक भवन में नियम विरूद्ध संचालित कर शासन की योजनाओं का बेजा लाभ लेकर करोड़ों रूपये की राशि को खुदबुर्द किया है? क्या उच्च स्तरीय जांच समिति स्थापित कर स्वास्थ्य कॉलेज माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश के प्रथम भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। संचालित शैक्षणिक एवं अस्पताल हेतु मानक के अनुरूप पर्याप्त भवन एवं संसाधन उपलब्ध है। संस्था का निरीक्षण डॉ. पद्मेश उपाध्याय, डॉ. गिरीराज गुप्ता, श्री एस.पी. श्रीवास्तव तथा श्री देवेश सारस्वत द्वारा दिनांक 18/07/2020 को किया गया। निरीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है। (ग) 100 बिस्तर अस्पताल हेतु भवन का नक्शा कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी संभाग, मुरैना द्वारा स्वीकृत किया गया है। उक्त अस्पताल में 7 चिकित्सक पूर्ण कालिक एवं 5 चिकित्सक ऑन कॉल हैं। इस प्रकार कुल 12 चिकित्सक तथा 27 नर्स कार्यरत हैं। स्वीकृत भवन नक्शे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। पदस्थ चिकित्सक, नर्सों की योग्यता एवं मानदेय संबंधी नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (घ) जिला मुरैना में उक्त संस्था के संचालकों द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ अमानक भवन में नियम विरूद्ध संचालित किये जाने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर में अस्पताल का निर्माण
[चिकित्सा शिक्षा]
122. ( क्र. 859 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर में एक हजार बिस्तर का अस्पताल निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो अनुबंध के अनुसार उक्त अस्पताल का कार्य कब तक पूर्ण होना है? (ख) अनुबंध के अनुसार प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य हो जाना चाहिए था? क्या उतना कार्य पूर्ण हुआ है? यदि नहीं तो उसके क्या कारण हैं? इस हेतु उत्तरदायी ठेकेदार और अधिकारियों पर क्या कार्यवाही हुई? निर्धारित कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ग) निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच किस अधिकारी द्वारा कब-कब की गई एवं सत्यापन में क्या-क्या कमी पायी गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। अनुबंध के अनुसार अस्पताल का कार्य दिनांक 16.06.2021 तक पूर्ण होना है। (ख) अनुबंध के अनुसार अस्पताल का कार्य प्रश्न दिनांक तक 80 प्रतिशत कार्य हो जाना चाहिए था। जी नहीं। अस्पताल हेतु आरक्षित भूमि दिनांक 25.01.2019 को आवंटित होने के कारण कार्य में विलंब हुआ। ठेकेदार को कार्य की गति बढ़ाने हेतु समय-समय पर पत्र एवं नोटिस जारी किये गये हैं अस्पताल का कार्य दिनांक 31.12.2021 तक पूर्ण होने की संभावना है। (ग) निर्माण के गुणवत्ता की जांच समय-समय पर अतिरिक्त परियोजना संचालक पी.आई.यू. द्वारा की गई है, निरीक्षण में पाई गई कमियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
काला पत्थर की खदानों एवं क्रेशर का संचालक
[खनिज साधन]
123. ( क्र. 860 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के बिलौआ क्षेत्र में स्थित काला पत्थर की खदानें और क्रेशर विगत वर्ष 2019 में दो बार बंद की गई, जिनमें मूल आधार क्या था तथा इसमें क्या जांच किन अधिकारियों से कराई गई, जिनके आधार पर उन्हें पुन: खोला गया? इस संबंध में की गई जांच की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) यदि जांच में खदानों और क्रेशर का संचालन नियमानुसार किया जा रहा था, तो उन्हें बन्द क्यों किया गया? यदि खदानों और क्रेशर का संचालन नियमानुसार किया जा रहा था, तो इतने दिन बंद रहने पर शासन को कितने रूपये की राजस्व हानि हुई? इसका जिम्मेदार कौन है? (ग) क्या उक्त राजस्व की वसूली जिम्मेदार अधिकारियों से की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) यह सही है कि ग्वालियर जिले के बिलौआ क्षेत्र में स्थित काला पत्थर की खदानें/क्रेशर विगत वर्ष 2019 में दो बार बंद की गई, जिनमें मूल आधार निम्नानुसार है :- 1 - उप निदेशक, खान सुरक्षा, ग्वालियर क्षेत्र, ग्वालियर के पत्र दिनांक 26.03.2019 के परिप्रेक्ष्य में ग्राम बिलौआ/रफादपुर एवं समीपस्थ क्षेत्रों में स्वीकृत काला पत्थर (क्रेशर आधारित) खदानों में ब्लास्टिंग की वैधानिक अनुमति न होने से खान विनियम, 1961 के प्रावधानों के उल्लंघन फलस्वरूप प्रश्नाधीन क्षेत्रों पर स्थित 52 क्रेशर आधारित खदानों में कलेक्टर जिला ग्वालियर के आदेश दिनांक 12.04.2019 से उत्खनन/परिवहन तथा क्रेशर संचालन का कार्य तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक के लिये निलंबित किया गया। बाद में इन खदानों में ब्लास्टिंग की वैधानिक अनुमति प्राप्त होने के उपरांत कलेक्टर जिला ग्वालियर के आदेश दिनांक 22.04.2019 से 27 क्रेशर आधारित खदानों में पूर्ववर्ती आदेश दिनांक 12.04.2019 से किये गये निलंबन को बहाल करते हुए इन खदानों में उत्खनन/परिवहन तथा क्रेशर संचालन करनें की अनुमति प्रदान की गई है। 2 - माननीय मंत्री महोदय, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल के ज्ञापन दिनांक 09.12.2019 के पालन में नगर परिषद् बिलौआ एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में संचालित क्रेशरों के संचालन से जन सामान्य के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने तथा वातावरण प्रदूषित होने को दृष्टिगत रखते हुए उक्त क्षेत्रान्तर्गत संचालित समस्त काला पत्थर (क्रेशर आधारित) खदानों में उत्खनन एवं क्रेशर संचालन का कार्य तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक के लिए कलेक्टर कार्यालय ग्वालियर के आदेश क्रमांक क्यू./3/मा.रा./उ.प./2019/7020 दिनांक 09.12.2019 से निलंबित किया जाकर उक्त क्षेत्रान्तर्गत प्रदूषण मानकों की जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी डबरा, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं खनिज अधिकारी जिला ग्वालियर का दल गठित कर गठित दल को आगामी 03 दिवस के अंदर तत्संबंध में संयुक्त प्रतिवेदन प्रस्तुत करनें हेतु निर्देशित किया गया। प्रकरण में गठित दल द्वारा नगर परिषद् बिलौआ एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में संचालित क्रेशरों का संयुक्त प्रतिवेदन दिनांक 13.12.2019 से प्रस्तुत कर कतिपय क्रेशरधारियों की क्रेशर यूनिट पर अनियमिततायें पाये जाने फलस्वरूप नगर परिषद् बिलौआ एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में संचालित काला पत्थर (क्रेशर आधारित) खदानों से संचालित क्रेशर इकाइयों में कवर्ड शेड, स्प्रिंकलर, विण्ड ब्रेकिंग वाल, वृक्षारोपण एवं जनरेटर पर कैनापी आदि को स्थापित करने एवं इनका उचित रख-रखाव रखने की शर्त पर कलेक्टर ग्वालियर के आदेश दिनांक 30.12.2019 से पूर्ववर्ती आदेश दिनांक 09.12.2019 से किये गये निलंबन को बहाल करते हुये उक्त क्षेत्रान्तर्गत खदानों में उत्खनन एवं क्रेशर संचालन का कार्य पुन: प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की गई। संयुक्त जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खदानों/क्रेशर का संचालन नियमानुसार होना नहीं पाये जाने एवं अनियमिततायें पाये जाने के फलस्वरूप बन्द किया गया। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आयुष्मान योजना के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
124. ( क्र. 878 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला ग्वालियर के बिरला हॉस्पिटल में 24/11/2020 को गांधी अग्रवाल को भर्ती किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो उक्त मरीज आयुष्मान योजना के तहत फ्री इलाज कराने की पात्रता रखता था? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ तो उक्त मरीज का आयुष्मान कार्ड हॉस्पिटल द्वारा ही बनाया गया था? यदि हाँ तो क्या उक्त हॉस्पिटल द्वारा भुगतान लिया गया था? यदि हाँ तो क्यों एवं कितना? उल्लेख करें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या शासन उक्त हॉस्पिटल के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। गांधी अग्रवाल निवासी गांधी चौक, बाजार वार्ड नंबर 28 छतरपुर को अस्पताल के अभिलेख अनुसार 23/11/2020 को क्रेटिकल केयर मेडिसिन विभाग में भर्ती किया गया था। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। तद्समय पर राशि रूपये 73,645/- अस्पताल प्रबंधन द्वारा ली गई है। (घ) जी हाँ। हितग्राही द्वारा शिकायत करने पर, सदन से प्राप्त जानकारी के आधार पर, संबंधित चिकित्सालय को राज्य स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, ग्वालियर द्वारा भी जांच की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एन.आर.एच.एम. के तहत संविदा पर नियुक्त किये गये स्वाथ्यकर्मियों की छटनी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
125. ( क्र. 881 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कोरोना महामारी में बचाव एवं उपचार के लिये एन.आर.एच.एम. के तहत स्टॉफ नर्स, लेब टेक्निशियन, फार्मसिस्टों, अन्य स्वास्थ्य अमले आदि की माह मार्च-अप्रैल 2020 में संविदा भर्ती की गई थी? यदि हाँ तो किस-किस जिले में किस-किस पद पर कितनी-कितनी संख्या में भर्ती की गई थी? (ख) क्या उपरोक्त कर्मियों का वेतन आहरण नियमित किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? इस संबंध में शासन के क्या प्रयास है? (ग) क्या कोविड-19 महामारी का प्रकोप प्रदेश में फिर से तेज होने से उपरोक्त स्वास्थ्य कर्मियों को निरंतर बनाया रखना आवश्यक है? यदि हाँ तो क्या शासन उक्त स्वास्थ्य कर्मियों की संविदा सेवायें निरंतर करने के साथ ही उन्हें नियमित नियुक्ति करने की दिशा में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या संविदा पर नियुक्त किये गये स्वास्थ्य कर्मियों की छंटनी की जा रही है, जबकि कोरोना काल चल रहा है एवं उन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा राजधानी भोपाल में संविदा नियुक्ति निरंतर रखे जाने एवं स्थायीकरण किये जाने की मांग को लेकर दिनांक 3 दिसम्बर 2020 को लोकतांत्रिक तरीके से धराना प्रदर्शन एवं ज्ञापन सौंपकर सरकार का ध्यान आकर्षित कराया था? यदि हाँ तो सरकार ने इनकी किन-किन मांगों पर क्या कार्यवाही की?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिले द्वारा कर्मचारियों के मानदेय हेतु अतिरिक्त राशि की मांग करने पर राज्य कार्यालय में उपलब्धता अनुसार राशि उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही की जाती है। (ग) कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थिति अनुसार कर्मचारी कार्य कर रहे है यदि कोविड-19 महामारी का प्रकोप प्रदेश में फिर से तेज होता है उस स्थिति में स्वास्थ्य कर्मियों के निरंतरता के संबंध में शासन द्वारा निर्णय लिया जाकर तदानुसार कार्यवाही की जावेगी। विभाग के पत्र क्रमांक/आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के बिन्दु क्रमांक 4-A में उल्लेखित अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, मरीजों के होम क्वारेनटाईन की नई गाईड लाईन के कारण जिलों में कोविड केस अत्यंत कम हो जाने के कारण अस्थायी कोविड केयर सेंटर बंद कर दिये गये है, केवल उन्हीं में पदस्थ पैरामेडिकल स्टॉफ की छटनी की गई हैं। जी हाँ। कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के अंतर्गत विभिन्न मापदण्डों के आधार पर दिनांक 31.12.2020 तक निरंतर कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
राजधानी भोपाल में कोविड-19 महामारी का उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
126. ( क्र. 882 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक राजधानी भोपाल में कोविड-19 महामारी के मरीजों के उपचार के लिए डब्लू.एच.ओ. एवं भारत सकरार की गाईड लाईन के अनुसार किन-किन निजी चिकित्सालयों/मेडिकल कॉलेजों को किस आधार पर किन-किन शर्तों के साथ चिन्हित कर अनुबंध कितनी-कितनी अवधि के लिये किया गया तथा किन-किन की अनुबंध अनुसार अवधि कब-कब समाप्त हुई एवं पुन: कब-कब उन चिकित्सालयों को अनुबंधित किया गया? (ख) उक्त निजी चिकित्सालयों को कोविड-19 के मरीजों के उचार हेतु राज्य सरकार ने प्रति मरीज के उपचार के लिए कितनी राशि का भुगतान किया है एवं मरीज से कितनी राशि उन चिकित्सालयों द्वारा वसूल की गई? (ग) उपरोक्तनुसार 23 मार्च से 15 दिसम्बर 2020 की अवधि में किन-किन निजी चिकित्सालयों को कितने-कितने मरीजों के उपचार के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया है एवं कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या राजधानी भोपाल के शासकीय चिकित्सालयों को भी कोविड-19 के मरीजों पर उपचार हेतु चिन्हित किया गया था? यदि हाँ तो किन-किन शासकीय चिकित्सालयों में कितने-कितने कोविड मरीजों का उपचार किया गया? इनके उपचार पर कुल कितनी राशि भेजी गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, एल.एन. मेडिकल एण्ड मेडिकल कॉलेज, भोपाल एवं पीपुल्स हॉस्पिटल भानपुर, भोपाल को अनुबंधित किया गया है तथा अनुबंध अनुसार अवधि, अवधि समाप्ति पुनः अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) भोपाल में अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को कोविड-19 मरीजों के उपचार हेतु प्रतिदिन, प्रति मरीज, प्रति बेड के आधार पर मासिक वेरियेबल चार्ज राशि रूपये 18,28,49,349/- का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को कोरोना मरीजों के उपचार के लिये भुगतान की गयी मासिक, फिक्सड एवं वेरियेबल चार्ज की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। वर्तमान में कोई भुगतान शेष नहीं है। (घ) जी हाँ। शासकीय चिकित्सालयों में उपचारित कोविड मरीजों की जानकारी एवं राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
127. ( क्र. 886 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य में एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज इन्दौर गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर गजराराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर तथा वर्ष 2018 में खण्डवा, रतलाम, दतिया एवं छिन्दवाड़ा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है? (ख) क्या वर्ष 2019 में गुना, बैतूल, बालाघाट, मंडला मंदसौर, राजगढ़, श्योपुर, महेश्वर (खरगोन) छतरपुर एवं सिंगरौली में नये मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु प्रस्तावित किये गये हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) उल्लेखित जिलों के सीमावर्ती जिलों में पहले से ही म.प्र. शासन द्वारा मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जिलों में पुन: नवीन मेडिकल कॉलेज खोलने हेतु प्रस्तावित क्यों किये गये हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित जिलों में से भोपाल के सीमावर्ती जिला विदिशा, ग्वालियर के सीमावर्ती जिला दतिया एवं शिवपुरी में ही चिकित्सा महाविद्यालय संचालित है। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् द्वारा नवीन चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने के संबंध में निर्धारित शर्तों की पूर्ति किये जाने वाले जिलों को चिन्हांकित कर राज्य शासन द्वारा भारत शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाता है।
कोरोना पीड़ित के इलाज में अस्पताल की लापरवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
128. ( क्र. 887 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल इन्दौर में कोरोना इलाज के दौरान कैलाशचन्द्र सिर्वी को लगाया जाने वाला इंजेक्शन नानकसिंह भाटिया को क्यों लगाया गया? इस प्रकरण में किन-किन लोगों की जावबदेही तय की गई? (ख) उप अधीक्षक डॉ. डी.के. शर्मा की जांच रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति देवें। इस रिपोर्ट के आधार पर किन-किन कर्मचारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? इन सभी कर्मचारियों के नाम, पदनाम, नियुक्ति दिनांक सहित बतावें। (ग) क्या इंजेक्शन बदलने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध पुलिस में शिकायत की गई है? यदि नहीं तो क्यों? क्या कारण है कि प्रकरण पुलिस में न देकर कैलाशचन्द्र सिर्वी की मौत के आरोपियों को विभाग द्वारा बचाया जा रहा है? (घ) क्या विभाग ने इस बात की भी जांच की है कि इन आरोपियों ने पूर्व में भी इसी तरह की कोई गड़बड़ी की है? यदि नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, इन्दौर में कोरोना इलाज के दौरान कैलाशचन्द्र सिर्वी को लगाया जाने वाला इंजेक्शन नानकसिंह भाटिया को लगाया गया था। इस प्रकरण में जितेन्द्र मौर्य, वार्ड बॉय की प्राथमिक जिम्मेदारी तय की गई है एवं अन्य वार्ड बॉय विजय, सुपरवाईजर देवीलाल मीणा, स्टाफ नर्स श्रृद्धा मेशराम, दीपक पाटीदार की जिम्मेदारी तय की गई। जितेन्द्र मौर्य को मुख्य आरोपी बनाते हुए एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जांच रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जांच रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को बाण्ड से अतिरिक्त कार्य
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
129. ( क्र. 891 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.आर.एच.एम. द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है? यदि हाँ तो किन-किन आरोग्यम उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर नियुक्ति की गई? नाम एवं जिलेवार जानकारी दें। (ख) क्या उक्त स्वास्थ्य अधिकारियों से एन.आर.एच.एम. द्वारा बाण्ड भराया गया है? यदि हाँ तो कितनी अवधि का एवं कितनी राशि का बाण्ड भरवाया गया? शर्तों सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या स्वास्थ्य अधिकारियों से बाण्ड के अतिरिक्त कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ तो नवीन कार्यों को उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर जोड़े जाने की स्थिति में नवीन स्टॉफ एवं मूलभूत सुविधाओं, सुरक्षा मेडिकल उपकरण, विद्युतीकरण जनरेटर इत्यादि सुविधायें प्रदान की जायेगी? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो क्यों? (घ) उपरोक्त स्वास्थ्य अधिकारियों को विभिन्न कार्यों हेतु ब्लॉक, तहसील जिला एवं आरोग्यम क्षेत्र में भ्रमण अथवा दौरे पर जाना पड़ता है तो वेतन के अतिरिक्त यात्रा व्यय नहीं दिये जाने एवं स्वास्थ्य अधिकारियों का सामूहिक स्वास्थ्य बीमा नहीं होने तथा ब्लॉक मुख्यालय से आरोग्यम की दूरी अधिक होने से असुरक्षा की स्थिति निर्मित होने से उन्हें बचाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ तो बतायें। यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, एन.एच.एम. द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है। आरोग्यम उप स्वास्थ्य केन्द्रों के नाम एवं जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ, उक्त स्वास्थ्य अधिकारियों से एन.एच.एम. द्वारा 6 माह का सर्टिफिकेट इन कम्यूनिटी हैल्थ सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने तथा उप स्वास्थ्य केन्द्र पर तीन वर्ष तक सेवा प्रदाय करने हेतु रू 2 लाख का बाण्ड भराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) स्वास्थ्य अधिकारियों से बाण्ड के अतिरिक्त कार्य नहीं कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संविदा कर्मचारियों हेतु कार्यवाही की बाध्यता नहीं है।
त्रिकुट और आरोग्य कषायम काढ़े के पैकेट खरीदी की जांच
[आयुष]
130. ( क्र. 892 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आयुष विभाग द्वारा कोविड 19 महामारी के उपचार एवं विचार हेतु त्रिकुट और आरोग्य कषायम काढ़े के पैकेट आम जनता को वितरित किया गया है? (ख) यदि हाँ तो उक्त काढ़े की खरीदी किस-किस से किन-किन शर्तों में कितनी-कितनी राशि में की गई? (ग) उक्त काढ़ा म.प्र. लघु वनोपज संघ से कितनी राशि का खरीदी गया एवं किन-किन संस्थाओं से कितनी-कितनी मात्रा में खरीदा गया? (घ) क्या तत्कालीन आयुक्त एवं सचिव की मिलीभगत से काढ़ा खरीदी में नियम प्रक्रियाओं को दर किनार करते हुये मनमाने तरीके से काढ़े की खरीदी कर करोड़ों रूपये की आर्थिक अनियमितताएं की गई हैं तथा इस संबंध में उच्च स्तर पर विभिन्न शिकायतें की गई हैं? यदि नहीं तो क्या काढ़े खरीदी की प्रक्रिया की जांच कराकर जांच निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) त्रिकुट के पैकेट आम लोगों को वितरित किये गये हैं। आरोग्य कषायम कोविड लक्षण अथवा लक्षण विहीन एवं संदिग्ध रोगियों को दिया गया है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) नियमानुसार क्रय की कार्यवाही की गई है। कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड महामारी में स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती एव छटनी की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
131. ( क्र. 896 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कोविड 19 महाकारी में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी होने के कारण जिलेवार भर्ती की गई है? यदि हाँ तो किस-किस स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों की किन-किन पदों पर किस-किस वेतनमान पर किस-किस सक्षम अधिकारी स्तर पर अनुमोदन लेकर तथा कितनी-कितनी अवधि हेतु अस्थाई अथवा स्थाई भर्ती की गई? विस्तृत जानकारी दें। (ख) क्या स्वीकृत पदों के विरूद्ध अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की गई है? यदि हाँ तो क्या यह भर्ती नियमानुसार की गई है? यदि नहीं तो संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी एवं जिन स्वास्थ्य कर्मियों ने कार्य किया है उनके वेतन आहरण हेतु संबंधितों से वसूली की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के तारतम्य में क्या भर्ती किये गये स्वास्थ्य कर्मियों एवं पूर्व से कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों का सामूहिक स्वास्थ्य बीमा कराया गया है? यदि हाँ तो किस-किस स्तर के कितने स्वास्थ्य कर्मियों को इसमें सम्मिलित किया गया है? नाम, पदनाम एवं बीमा कंपनी का नाम एवं बीमा राशि की जानकारी दें। प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्वास्थ्य कर्मियों को भी सामूहिक स्वास्थ्य बीमा में सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ तो कैसे एवं स्वास्थ्य कर्मियों की बीमा पॉलिसी कब तैयार की गई, की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों? बीमा कंपनी ने कितने कर्मचारियों के उपचार हेतु कितनी राशि दी है? कर्मचारीवार राशि का विवरण दें। (घ) कोरोना योद्धा स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना से मृत्यु के उपरांत कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है? यदि हाँ तो स्वास्थ्य कर्मियों के नाम, पद एवं राशिवार जानकारी दें? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जिला गुना अशोकनगर, राजगढ़ एवं आगर-मालवा में एन.आर.एच.एम. के तहत स्टाफ नर्स, लेब टेक्नीशियन एवं फार्मासिटों की भर्ती माह मार्च 2020 में की गई थी? यदि हाँ तो क्या उक्त भर्ती वरीयता क्रम से की गई थी? यदि हाँ तो भर्ती कर्मियों का वरीयता क्रम, नाम, पद एवं पदस्थापना सहित बतायें तथा उनकी छटनी किस आधार पर की जा रही है? यह भी स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के पत्र क्रमांक/आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के द्वारा कोविड-19 महामारी रोकथाम हेतु जिला कलेक्टर को आवश्यक मानव संसाधन सुनिश्चित करने हेतु शक्ति के प्रत्यायोजन संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये थे उक्त पत्र में पदनाम, योग्यता एवं मासिक मानदेय का उल्लेख अनुसार जिलों द्वारा अस्थाई पदों पर भर्ती की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) केन्द्र सरकार की योजना - प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज-स्वास्थ्य कर्मियों के लिये बीमा योजना तथा राजस्व विभाग द्वारा जारी मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के अंतर्गत उल्लेखित स्वास्थ्य कर्मियों के कोविड-19 में संलग्न रहते हुये कोराना पॉजिटिव होने पर मृत्यु अथवा कोराना ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिवार के नामित व्यक्ति को रू. 50 लाख की सहायता राशि दी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कोराना योद्धा स्वास्थ्य कर्मियों की कोराना से मृत्यु के उपरांत प्रदाय की गई राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जी हाँ। जिला गुना, अशोकनगर, राजगढ़ एवं आगर मालवा द्वारा की भर्ती की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थिति अनुसार कर्मचारियों की पत्र क्रमांक/एनएचएम/एचआर/सेल-01/2020/15339 भोपाल दिनांक 25.11.2020 द्वारा दिनांक 31.12.2020 के लिये पत्रों में उल्लेखित मापदण्डों के आधार पर निरंतर रखने की अनुमति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति एवं अनुकंपा नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
132. ( क्र. 897 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत जिला गुना में शिक्षक संवर्ग के कितने पद रिक्त है। शालावार जानकारी दें। उक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो इस उदासीनता विलब एवं घोर लापरवाही के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ख) गुना जिले के स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी की मृत्यु उपरांत अनुकंपा नियुक्ति हेतु विगत पांच वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदकों के आवेदन पत्र कब-कब प्राप्त हुये हैं एवं अनुकंपा नियुक्ति कितने वर्षों से लंबित है की जानकारी आवेदक का नाम, पिता का नाम, पता, मृत्यु दिनांक, आवेदन पत्र प्रस्तुत करने का दिनांक, आवेदन किस कार्यालय को प्राप्त हुआ, प्रकरण किस स्तर पर लंबित है, सहित पूर्ण आंकडा दें। अनुकंपा नियुक्ति में पात्र आवेदकों में से कितने आवेदकों को अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण का किस-किस पद पर अथवा किस-किस प्रकार से निराकरण किया गया है? आवेदकवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-समय पर क्या कार्यवाही की गई है? बतायें? क्या संविदा वर्ग 1 एवं वर्ग 2 में चयनित अभ्यार्थियों एवं वेटिंग लिस्ट के अभ्यार्थियों को प्रश्न दिनांक तक हुई पदों में वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए अवसर प्रदान किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? क्या उक्त पदों की पूर्ति हेतु पृथक से कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या अनुकंपा नियुक्ति हेतु संविदा वर्ग 3 की पात्रता परीक्षा देना अनिवार्य है? यदि हाँ तो उक्त परीक्षा प्रदेश में अंतिमबार कब आयोजित की गई थी तथा प्रश्न दिनांक तक कब आयोजित की जायेगी? संविदा वर्ग 3 पात्रता परीक्षा विलंब से होने कारण अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण लंबित होने के लिये कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) गुना जिले में शिक्षक संवर्ग के 2307 पद रिक्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 के प्रभावी होने के बाद संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1 एवं श्रेणी-2 के पदो पर नियुक्ति न की जाकर क्रमश: उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने का प्रावधान है। उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक की सीधी भर्ती अन्तर्गत प्रावधिक चयन सूची एवं प्रावधिक प्रतीक्षा सूची जारी की गई है, अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण से संबंधित न्यायालयीन प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पारित अंतरिम आदेश दिनांक 20.07.20 के अनुसार माननीय न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये जा सकते। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम निर्देश के क्रम में पदोन्नति प्रक्रिया स्थगित है। प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा निकट भविष्य में आयोजित करने की योजना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) गुना जिले में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु विगत 05 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक 68 आवेदकों के आवेदन प्राप्त हुए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर अनुसार। शासन द्वारा स्वीकृत पदों पर ही भर्ती की कार्यवाही की जा रही है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, केवल प्राथमिक शिक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। अन्य पद यथा भृत्य, सहायक ग्रेड-03 के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति हेतु परीक्षा अनिवार्य नहीं है। इसके पूर्व संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-03 की परीक्षा वर्ष 2012 में आयोजित की गई थी। प्राथमिक शिक्षक हेतु पी.ई.बी. के द्वारा विज्ञापन जारी कर ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के उपरान्त निकट भविष्य में पात्रता परीक्षा आयोजित करने की योजना है। शिक्षक पात्रता परीक्षा समय-समय पर शिक्षकों की आवश्यकताओं एवं बजट उपलब्धता के अनुसार आयोजित की जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों का नियमितीकरण
[स्कूल शिक्षा]
133. ( क्र. 903 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र.सी-5-2/2018/1/3 दिनांक 05 जून 2018 के द्वारा जारी नीति निर्देशों के अनुसार सभी विभागों को उनके यहां संविदा पर कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से नियमित किये जाने का प्रावधान किया गया था एवं इस नीति के अनुरूप अपना प्रशासकीय सेटअप तथा भर्ती नियमों में यथोचित परिवर्तन/संशोधन करना था? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आज पर्यन्त तक क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। (ग) क्या राज्य शिक्षा केन्द्र (सर्वशिक्षा अभियान) अंतर्गत संविदा पर कार्यरत बी.आर.सी./बी.एस.सी. को नियमित करने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश हैं? यदि हाँ तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के प्रकाश में संविदा पर कार्यरत बी.आर.सी./बी.ए.सी. को कब तक नियमित कर दिया जायेगा? यदि नहीं तो कारण बताएं।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रतिनियुक्ति में वरिष्ठता के नियमों का उल्लंघन
[स्कूल शिक्षा]
134. ( क्र. 907 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल म.प्र. भोपाल में प्रतिनियुक्ति के क्या नियम हैं? अवगत करायें। क्या कारण है प्रतिनियुक्ति के नियमों का आपसी सांठ-गांठ कर दोहरा मापदण्ड अपनाया जा रहा है तथा भ्रष्टाचार के कारण प्रतिनियुक्ति के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन किया जा रहा है। (ख) आदर्श उ.मा. विद्यालय टी.टी. नगर, भोपाल में पूर्णकालिक प्राचार्य का दिनांक 14.08.2019 को स्थानांतरण क्यों किया गया था तथा अयोग्य व्याख्याता को प्रतिनियुक्ति के नियमों में वरिष्ठता के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन करके दिनांक 14.08.2019 को प्राचार्य के प्रभार का आदेश षड़यंत्र पूर्वक प्रदान किया गया था, जो कि प्राचार्य की अर्हता ही नहीं रखती हैं, क्या प्रभारी प्राचार्य के आदेश को निरस्त किया जायेगा? (ग) प्रतिनियुक्ति में वरिष्ठता के नियमों के तहत प्रभारी प्राचार्य जो कि व्याख्याता हैं, उनकी वरिष्ठता संस्था में कार्यरत मण्डल के व्याख्याताओं से कनिष्ठ होने पर तथा मण्डल के उप-प्राचार्य श्री राकेश श्रीवास्तव से भी वरिष्ठता कनिष्ठ होने पर प्रभारी प्राचार्य से हटाकर प्रतिनियुक्ति समाप्त की जायेगी? (घ) आदर्श उ.मा. विद्यालय टी.टी नगर की प्रभारी प्राचार्य की नियम विरूद्ध प्रतिनियुक्ति में वरिष्ठता के नियमों का उल्लंघन होने पर तथा सबसे कनिष्ठ व्याख्याता होने पर प्रभारी प्राचार्य से हटाया जायेगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी प्रतिनियुक्ति बाबत् आदेशों के पालन में माध्यमिक शिक्षा मंडल की आवश्यकता एवं म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश द्वारा ही स्कूलों में प्रतिनियुक्ति पर रखे गये है। उक्त नियमों के परिप्रेक्ष्य में प्रतिनियुक्ति के संबंध में आपसी सांठ-गांठ कर नियमों का उल्लघन नहीं किया जा रहा है। प्रतिनियुक्ति नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आदर्श उ.मा.वि. टी.टी. नगर, भोपाल में कार्यरत प्राचार्य का स्थानातंरण प्रशासनिक कार्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये किया गया है। इस संबंध में किसी भी प्रकार का षड़यंत्रपूर्वक कार्य नहीं किया गया है। प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत वरिष्ठ हाई स्कूल प्राचार्य को प्राचार्य के पद का प्रभार सौंपा गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आदर्श उ.मा.वि. टी.टी. नगर, भोपाल में दिनांक 14.08.2019 को प्रशासनिक कार्य सुविधा के दृष्टिगत वरिष्ठ प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर होने एवं उप प्राचार्य श्री राकेश श्रीवास्तव से वरिष्ठ होने के कारण प्राचार्य पद का प्रभार सौंपा गया है। (घ) आदर्श उ.मा.वि. टी.टी. नगर भोपाल में वरिष्ठ हाई स्कूल प्राचार्य को उप प्राचार्य से वरिष्ठ होने के कारण अस्थाई रूप से प्राचार्य का प्रभार सौंपा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भवनों में सौर ऊर्जा से विदयुत संचालन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
135. ( क्र. 910 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौर ऊर्जा विभाग द्वारा शासकीय आवास एवं शासकीय भवनों में जो सौर ऊर्जा से विद्युत का संचालन किया जा रहा है वे चालू या बंद हैं? उनकी वर्तमान में स्थिति क्या है? स्पष्ट करें। (ख) सौर ऊर्जा का संचालन एवं रख-रखाव करने की जिम्मेदारी किस सम्पनी को दी गई है? उसके द्वारा प्रदेश के किस-किस जिले में यह योजना प्रारंभ की गई है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) शासन के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन ऊर्जा विकास निगम द्वारा शासकीय आवासों एवं शासकीय भवनों में संचालित किये जा रहे सौर रूफटॉप संयंत्रों की चालू या बंद एवं वर्तमान में स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार हैं। (ख) शासकीय आवासों एवं शासकीय भवनों में स्थापित सौर संयंत्रों के रख-रखाव के कार्य की कार्यकर्ता कंपनियों/इकाइयों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार हैं।
कोरोना इलाज के लिए ज्यादा पैसे की वसूली
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
136. ( क्र. 914 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन यह मानता है कि निजी चिकित्सालयों में कोरोना पॉजिटिव मरीज के उपचार के नाम पर अधिक लूट मचा रखी है तथा मरीजों से अधिक राशि वसूल रहे हैं? यदि हाँ, तो इसे रोकने के लिये यथोचित कदम कयों नहीं उठाये गये? (ख) यदि नहीं तो क्या शासन यह मानता है कि निजी चिकित्सालय बड़ी सस्ते पर कोविड पॉजिटिव का इलाज कर रहे हैं? (ग) निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड पॉजिटिव इलाज के नाम पर की जा रही लूट पर शासन अपनी राय से स्पष्ट तथा अवगत करावें तथा बतावे कि मार्च 10 से 15 दिन का शुल्क 6 से 20 लाख क्यों किया जा रहा है? (घ) क्या कोविड इलाज के नाम पर लूट की शासन निजी चिकित्सालयों तथा अस्पताल में संचालित मेडिकल स्टोर्स की उच्च स्तरीय जांच करायेगा? (ड.) क्या शासन इस बात की भी जांच करायेगा कि निजी चिकित्सालयों में दवा का उपयोग किये बिना दवा बिल में जोड़ दी गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शासन द्वारा निजी चिकित्सालयों को कोविड पॉजीटिव के ईलाज करने हेतु जारी स्पष्ट निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निजी चिकित्सालयों के द्वारा कोविड उपचार की दरों में दिनांक 29/02/2020 को अथवा उसके पूर्व प्रचलित दरों से 40% वृद्धि इस बीमारी के उपचार हेतु लगने वाले विशेष सावधानियाँ यथा पृथक मानव संसाधन, पृथक वॉर्ड की व्यवस्था, रोगी के देखभालकर्ता एवं स्टाफ हेतु आवश्यक सामग्री जैसे पी.पी.ई. किट, ग्लव्स, चश्मा, विशाणु मुक्ति के लिए यथोचित सामग्री, औषधियों को दृष्टिगत रखते हुए किया गया है। (घ) कोविड ईलाज के नाम पर निजी चिकित्सालयों तथा अस्पतालों में संचालित मेडिकल स्टोर्स की यदि शिकायत प्राप्त होती है तो समुचित जांच की कार्यवाही की जायेगी। (ड.) उक्त के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
टोल वसूली अवधि तय करने का नियम
[लोक निर्माण]
137. ( क्र. 921 ) श्री
कुणाल चौधरी : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) बी.ओ.टी. या
अन्य में
बनाई गई
टोल-रोड,
टू
लेन या फोरलेन
पर टोल वसूली
की अवधि तय
करने का
फार्मुला
बतावें। क्या
इसे डी.पी.आर
बनाने वाला
कन्सलटेंट
निर्धारित
करता है या शासन
स्तर पर तय
किया जाता है? (ख) सामान्यतया
सूत्र अनुसार
सम्पूर्ण
टोल अवधि में
लागत से कितने
गुना टोल वसूल
होना चाहिये? क्या
लागत से 10 से 20 गुना
टोल उचित है? (ग) वर्तमान
में इन्दौर
एवं उज्जैन
संभाग अन्तर्गत जो टोल
सड़क प्रचलन
में है। उसमें
किस-किस सड़क
पर लागत जितना
टोल कितनी अवधि
में संग्रहित
होगा तथा
कितनी अवधि में शेष
है। (घ) लेबड
जावरा तथा
जावरानया
गांव फोरलेन
पर टोल अवधि
तय करने
संबंधी
नोटशीट,
दस्तावेज, आदि सभी
की
छायाप्रतियां देवें, तथा
बतावें कि
दोनों फोरलेन
पर 30 नव. 2020 तक कुल
कितना कितना
टोल वसूल हो
चुका है तथा वह
लागत का कितना
प्रतिशत है
तथा कितनी टोल
अवधि अभी शेष
है।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) बी.ओ.टी
एवं ओ.एम.टी.
अंतर्गत
मार्गों के
टोल वसूली की
अवधि इंटरनल
रेट ऑफ
रिटर्न्स के
आधार पर की
जाती है।
बी.ओ.टी. योजना
अधीन मार्गों
हेतु विशेषज्ञों
द्वारा बनाई गई
फिजिबिलिटी
रिपोर्ट पर
इंटरनल रेट ऑफ
रिटर्न्स के
आधार पर टोल
अवधि का
निर्धारण
किया जाता है।
(ख)
उत्तर भाग (क)
अनुसार। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ'' अनुसार।
लागत जितना
टोल कितनी
अवधि में संग्रहित
होगा, यह
यातायात पर
निर्भर करता
है अतः लागत
जितना टोल
संग्रहण हेतु
अवधि वर्तमान
में बताया जाना
संभव नहीं है।
मार्गों की
अनुबंधित
अवधि पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (घ)
फिजिबिलिटी
रिपोर्ट पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''क'' अनुसार
मेमोरेन्डम
ऑफ इम्पावर्ड
इंस्टीट्यूशन
मय इंटरनल रेट
ऑफ रिटर्न की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ख-1'
एवं 'ख-2' अनुसार
तथा टोल वसूली, लागत
प्रतिशत, शेष
टोल अवधि
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब'' अनुसार।
कोरोना वारियर्स का स्थाईकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
138. ( क्र. 922 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को प्रश्न दिनांक तक कोरोना पॉजीटिव का इलाज करने हेतु फिक्सड चार्ज कितना भुगतान देय है तथा कितना भुगतान कर दिया गया है एवं वेरियेबल चार्ज का कितना देय है एवं कितना कर दिया गया? (ख) कोरोना पॉजीटिव हेतु अनुबंधित निजी चिकित्सालय की शर्तें क्या हैं? फिक्सड चार्ज प्रति दिन प्रति बेड़ के मान से है या प्रति मरीज प्रति दिन के मान से है? किस-किस निजी चिकित्सालय से किस दिनांक को कितने कितने बेड हेतु अनुबंध किया गया तथा अनुबंध कब समाप्त हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस निजी चिकित्सालय को कितना-कितना भुगतान देय था तथा कितना भुगतान कर दिया गया? किस-किस अस्पताल ने प्रश्नाधीन दिनांक तक अथवा अनुबंध दिनांक तक कितने मरीजों का उपचार किया तथा उसमें कितने मृत हुये तथा सभी ने मिलकर कुल कितने का उपचार किया, कितने मृत हुये? (घ) कोरोना अवधि में शासकीय चिकित्सालय से कान्ट्रेक्ट पर कितने नर्सिंग स्टाफ फार्मासिस्ट एवं लेब टेक्निशियन किस दिनांक से रखे गये तथा उन्हें किस दिनांक को हटा दिया गया? कारण बतायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अनुबंधित चिकित्सालयों को फिक्सड चार्ज एवं वेरियेबल चार्ज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, फिक्सड एवं वेरियेबल चार्ज का कोई भुगतान देय नहीं है। (ख) निजी चिकित्सालयों को अनुबंध पत्र की शर्तों के अनुसार अनुबंधित किया गया है। फिक्सड चार्ज प्रतिदिन बेड के मान से है। अनुबंधित निजी चिकित्सालयों के अनुबंध पत्र, बेडों की जानकारी एवं अनुबंध अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) भुगतान देयक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में कुल 28,804 मरीजों का उपचार किया एवं 695 मृत हुये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के पत्र क्रमांक/आईडीएसएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25/03/2020 के द्वारा कोविड-19 महामारी रोकथाम हेतु जिला कलेक्टर को आवश्यक मानव संसाधन सुनिश्चित करने हेतु शक्ति के प्रत्यायोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये थे, के अनुसार जिलों द्वारा पत्र में उल्लेखित कर्मचारियों की नियुक्ति अस्थाई कर्मचारी के रूप में की गई थी। सभी कर्मचारियों को हटाया नहीं गया अपितु पत्र क्रमांक/एनएचएम/एचआर/सेल-01/2020/15339 भोपाल दिनांक 25/11/2020 के द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु अस्थाई मानव संसाधन को दिनांक 01/12/2020 से 31/12/2020 तक पत्र में उल्लेखित मापदण्डों के आधार पर निरंतर रखने की अनुमति प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
कोरोना वारियर्स हेतु भविष्य की योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
139. ( क्र. 929 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी के विरूद्ध चलाए जा रहे महाअभियान में विभाग के नियमित स्टॉफ के अतिरिक्त कुछ अतिरिक्त स्टॉफ रखा गया है? यदि हाँ, तो उनके प्रकारवार संख्या बताएं। (ख) क्या ये नवीन कोविड वारियर्स अपनी जान की बाजी लगाकर कोविड के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहे हैं? यदि हाँ, तो इनके भविष्य को सुरक्षित किए जाने की क्या योजना है? (ग) इनमें से कितने लोग अपनी जान गंवा चुके हैं? उनके परिवार के लिए क्या-क्या राहत दी गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। भविष्य में विभाग अंतर्गत रिक्त पदों की होने वाली चयन प्रक्रिया में अपनी शैक्षणिक योग्यतानुसार सम्मिलित हो सकते हैं। (ग) जिलों के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज योजना के अंतर्गत 33 प्रकरण प्राप्त हुए थे। जिसमें से 10 प्रकरणों में क्रमशः रूपए 50 लाख (प्रत्येक) का भुगतान किया जा चुका हैं। 15 प्रकरण बीमा कंपनी न्यू इंडिया इन्श्योरेन्स में विचारधीन हैं। 08 प्रकरणों में योजना के अंतर्गत पात्रता नहीं पाई गई हैं।
स्थगन आदेश निरस्त कराने की कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
140. ( क्र. 936 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ऐसे कौन-कौन से जिला शिक्षा अधिकारी, व्याख्याता हैं जो स्थानांतरण होने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन लिये हुए हैं और वहीं के वहीं जमे हैं? इन सभी की सूची नाम, पद एवं वर्तमान पदस्थापना दिये गये स्टे का कारण कब से है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि विभाग द्वारा ऐसे अधिकारियों एवं अन्य के स्थानांतरण पर लगायी गई रोक को हटवाने विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि ऐसे अधिकारी एवं अन्य को अन्यत्र पदस्थ कराने स्टे वेकेट की कार्यवाही पूर्ण करा ली जावेगी तो कब और नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सिवनी जिले के जिला शिक्षा अधिकारी श्री एस.पी. लाल का स्थानांतरण दिनांक 01/03/2019 को प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गुना किया गया था, उक्त आदेश के विरूद्ध उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर डब्ल्यूपी. क्रमांक 5008/2019 पर दिनांक 12/03/2019 को माननीय न्यायालय द्वारा जारी अंतरिम आदेश से स्थानांतरण आदेश पर स्थगन प्रदान किये जाने से श्री लाल सिवनी जिले में पदस्थ है। व्याख्याता संवर्ग के किसी भी कर्मचारी द्वारा स्थानांतरण के संदर्भ में स्थगन प्राप्त नहीं किया गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' में अंकित श्री लाल के प्रकरण में स्टे वैकेट करवाने का आवेदन माननीय न्यायालय में दायर कर दिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गोटेगांव मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
141. ( क्र. 941 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परमहंसी गंगा क्षेत्र झोतेश्वर गोटेगांव मार्ग लंबाई 4.00 कि.मी. की प्रशासकीय स्वीकृति लागत रू.546.48 लाख, म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. एफ-43/05/2019/19/यो/1991 भोपाल, दिनांक 29.07.2019 द्वारा प्रदाय की गयी है? (ख) क्या उक्त कार्य में मार्ग की चौड़ाई 3.75 मीटर का प्रावधान था? क्या परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर के रहवासियों द्वारा 3.75 मीटर सी.सी. रोड की जगह 5.50 मीटर सी.सी. रोड की मांग की गई थी? (ग) क्या पुनरीक्षित प्राक्कलन में मार्ग की चौड़ाई 3.75 मीटर से बढ़ाकर 5.50 मीटर एवं 10.00 मीटर आवश्यकतानुसार प्रावधान किया गया था एवं प्राप्त प्रस्ताव में पुन: तकनीकी स्वीकृति उपरान्त रू. 824.34 लाख का प्राक्कलन पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन की ओर प्रेषित किया गया था? (घ) तदुपरांत सचिव, म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. एफ-43/01/2020/19/यो/921 भोपाल, दिनांक 29.02.2020 द्वारा रू. 745.07 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी? क्या वर्तमान में निविदा लगाई जाना है? इसकी निविदा क्या एक माह के अन्दर लगाकर पुनरीक्षित कार्य को प्राथमिकता से प्रारंभ किया जायेगा? जब प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है तो निविदा लगाने में जानबूझ कर देरी क्यों की जा रही है? कार्य शीघ्र प्रारंभ करने की तिथि से अवगत करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। पुन: निविदा आमंत्रण विचाराधीन है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुबंधित वाहन पर व्यय राशि
[स्कूल शिक्षा]
142. ( क्र. 942 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप सचिव म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल के पत्र क्र./एफ-3-10/ 22/पं-1 भोपाल दिनांक 29.07.06 की कंडिका 4 उप कंडिका ''ख'' में स्पष्ट लेख है कि - ''वाहन किराये पर लेने हेतु प्रतिस्पर्धा दर आमंत्रित की जाना अनिवार्य होगा? '' छायाप्रति देवें। (ख) क्या बिना विज्ञप्ति जारी किये तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, जिला बड़वानी द्वारा कार्यालयीन पत्र क्र.638 ए/आरएमएसए/वा.अधि./2017 दिनांक 03.12.2016 द्वारा एम.पी. 46 बी.ए. 4393 वाहन को अधिग्रहण करने संबंधी आदेश जारी किया गया? यदि हाँ तो आदेश की छायाप्रति देवें। (ग) क्या वाहन अधिग्रहण करने हेतु जारी किये गये आदेश पर न तो कलेक्टर से न ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत बड़वानी से अनुमोदन प्राप्त किया गया है, उक्त नोटशीट की छायाप्रति देवें। (घ) कार्यादेश दिनांक से लेकर समाप्ति तक उक्त अनुबंधित वाहन पर कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया है? वाहन की लॉग बुक सहित टूर प्रोग्राम की जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के आधार पर क्या तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी पर दण्डात्मक कार्यवाही कर राशि की वसूली की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत् वाहन किराये पर लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी जिला परियोजना समन्वयक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के रूप में अधिकृत है। अतः पृथक से अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में संबंधित द्वारा बिना प्रक्रिया का पालन किए वाहन किराए पर लेने के कारण तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जबाव प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
डिस्टलरी से होने वाला प्रदूषण
[पर्यावरण]
143. ( क्र. 944 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के नौगांव स्थित प्रायवेट डिस्टलरी से निकलने वाली संपूर्ण गंदगी/रसायनों से नगर के सीलप नाले की दुर्दशा हेतु कौन उत्तरदायी है? (ख) क्या विभाग द्वारा उक्त डिस्टलरी से प्रदूषण मानकों व अन्य विभागीय नियमों का पालन कराया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) नगर में प्रदूषण फैलाने वाली उक्त डिस्टलरी व पेयजल स्त्रोतों की दुर्दशा की कारक बनी उक्त डिस्टलरी पर विभाग क्या कार्यवाही कब तक करेगा? नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) छतरपुर जिले के अंतर्गत नौगांव में प्राईवेट डिस्टलरी में जगपिन ब्रेवरीज लि. (पुराना नाम- मे. कॉक्स डिस्टलरी) द्वारा उद्योग से शून्य निस्त्राव (जीरो डिस्चार्ज) व्यवस्था स्थापित की गई है एवं सीलप नाले में दूषित जल/रसायनों का निस्सारण नहीं किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्गों के निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
144. ( क्र. 947 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि उप संभाग सतना के अंतर्गत जो सड़कें बनाई गयी हैं उनमें 6 माह के अंदर मार्ग का 50-60 प्रतिशत भाग ध्वस्त हो चुका है? क्या उक्त मार्गों का निरीक्षण तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी ने दिनांक 18.09.2020, 25.09.2020, 28.09.2020 एवं 29.09.2020 को किया तथा उक्त मार्गों की कार्यवाही के संबंध में क्रमश: पत्र क्रमांक 449 दिनांक 21.09.2020 पत्र क्र. 480 दिनांक 25.09.2020 पत्र क्र. 485 दिनांक 28.09.2020 पत्र क्र. 492 दिनांक 29.09.2020 के जरिये कार्यपालन यंत्री सतना को लिखा था? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उपसंभाग सतना के अंतर्गत खाना खजाना, कारगिल ढाबा, ट्रांसपोर्ट नगर नई बस्ती भल्ला डेरी फार्म से गहरवार पेट्रोल पंप मार्ग कुल लंबाई 5.25 कि.मी. प्लान वर्क अंतर्गत लागत 679.29 लाख रूपये है? उक्त मार्ग का नवीनीकरण जून 2020 में पूर्ण किया गया है जिसमें लगभग 2.00 करोड़ रूपये खर्च किये गये है? अब उक्त मार्ग का प्राक्कलन बनाकर शासन को भ्रमित करते हुए प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कर निविदा की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? (ग) क्या जूनियर उपयंत्री ए.के. निगम की प्रभारी एस.डी.ओ. नागौद बनाया गया है तथा उप संभाग सतना का उपयंत्री भी बनाया गया है? उक्त दोनों पदों पर निगम डेढ़ वर्षों से पदस्थ है? क्या उक्त अधिकारी के कार्यकाल के दोनों संभागों में जो निर्माण कार्य कराये गये हैं उसकी जांच राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर करायेगे? उक्त प्रभारी एस.डी.ओ. को जिले से हटाने के लिए मान. मुख्यमंत्री विभागीय मंत्री एवं स्थानीय मंत्री महोदय ने लेख किया था किन्तु आज दिनांक तक क्यों नहीं हटाया कारण सहित बताये। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) सही है तो उक्त निर्माण कार्य के बिल तैयार करने वाले उपयंत्री सत्यापन करने वाले एस.डी.ओ. बिल में पास आर्डर एवं चेक काटने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही तथा शासन की राशि का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों से वसूली कब तक कर ली जायेगी? प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्ग का एस्टीमेट बनाने वाले उपयंत्री सत्यापन करने वाले एस.डी.ओ. तथा उक्त एस्टीमेट का बिना परीक्षण तथा मौके का निरीक्षण किये वरिष्ठ कार्यालय भेजने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं अपितु उक्त स्वीकृति में खाना खजाना, कारगिल ढावा तक मार्ग का भाग सम्मिलित नहीं है। केवल इसी हिस्से में नवीनीकरण कार्य किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। मुख्य अभियंता के जांच प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुये श्री ए.के. निगम उपयंत्री को प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. के आदेश क्र. 1232 दिनांक 22.12.2020 द्वारा निलंबित किया जा कर सागर परिक्षेत्र में अटैच में किया जा चुका है। (घ) उत्तरांश ''क'' एवं ''ग'' के अनुरूप उपयंत्री का निलंबन किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी सतना को कारण बताओ सूचना पत्र जारी एवं कार्यपालन यंत्री को कारण बताओ सचूना पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उत्तरांश ''ख'' के अनुसार कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
राज्य शिक्षा सेवा से संबंधित
[स्कूल शिक्षा]
145. ( क्र. 948 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शिक्षा सेवा के प्रावधानों के अनुसार संविदा पूर्व बी.आर.सी.सी. एवं वर्तमान बी.एसी. को एरिया एजुकेशन ऑफिसर (ई.ई.) पद पर मर्ज करने के लिये प्रशासनिक अनुमोदन दिनांक 01 अगस्त 2018 को माननीय तत्कालीन शिक्षा मंत्री द्वारा किया गया था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो 25 वर्षों से संविदा पर कार्यरत दीर्घ अनुभवी पूर्व बी.आर.सी.सी. (वर्तमान बी.एसी.) को उनके समकक्ष पद ए.ई.ओ. (ई.ई.) पर मर्ज करते हुए शासन/विभाग कब तक आदेश प्रसारित करेगा? (ग) वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत ब्लॉक जिला व राज्य स्तर पर नियुक्त संविदा कर्मचारियों को अन्य कर्मचारियों की भांति समयमान वेतनमान व वेतन वृद्धि से वंचित होने के क्या कारण हैं? कब तक यह विसंगति दूर की जावेगी? (घ) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जनपद शिक्षा केन्द्र स्तर पर वर्तमान बी.ए.सी. को संयुक्त खाता संचालन से पृथक करने का कोई निर्णय किसी सक्षम समिति द्वारा पारित किया गया था? यदि हाँ तो उक्त समिति की बैठक की कार्यवाही विवरण की प्रति दें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) ए.ई.ओ. के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ होने पर इस विषय पर योग्य कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) समयमान वेतन के निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग एवं वित्त विभाग द्वारा जारी किये जाते है। संविदा पर कार्यरत संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए संविदा समयमान वेतनमान लागू नहीं होने के कारण देय नहीं है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
संबल
योजना के
कार्डधारकों
का सत्यापन
[श्रम]
1. ( क्र. 4 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत वर्ष 2019-2020 में संबल योजना के अंतर्गत कार्डधारकों का सत्यापन कराया गया था? (ख) यदि हाँ तो क्या जो कार्डधारक सत्यापन के समय उपलब्ध नहीं थे उन्हें अपात्र कर दिया गया? यदि हाँ तो क्या ऐसे हितग्राहियों का दोबारा सत्यापन किया जाकर उन्हें योजना के लिये पात्रता दी जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या दस्यु कोल पंजीयन क्रमांक 107024498 ग्राम/ग्राम पंचायत सिंगलदीप जनपद पंचायत पनागर जिला जबलपुर की मत्यु/दिनांक 28-9-2020 को होने पर उसके परिवार को मत्यु उपरांत देय सहायता राशि नहीं दी गई? (घ) यदि हाँ तो कारण बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जनपद पंचायत पनागर अंतर्गत वर्ष 2019-20 में संबल योजना के अंतर्गत कार्डधारकों का सत्यापन कराया गया है। (ख) जनपद पंचायत पनागर अंतर्गत जो कार्ड धारक सत्यापन के समय उपलब्ध नहीं थे उन्हें अपात्र नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जनपद पंचायत पनागर द्वारा सहायता राशि प्रदान नहीं की गई। (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत पनागर से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार वर्ष 2019-20 में भौतिक सत्यापन के समय स्व. श्री दस्यु कोल अन्य नियोजन में नियोजित होने के कारण अपात्र थे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निजी आयुष महाविद्यालयों में प्रवेशित विद्यार्थियों का चयन
[आयुष]
2. ( क्र. 12 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017-18 एवं 18-19 में जबलपुर एवं प्रदेश के निजी कॉलेजों में नीट प्री आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी एवं योगा पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु चयन परीक्षा आयोजित की गई थी? (ख) यदि हाँ तो क्या चयनित विद्यार्थियों की काउंसलिंग एम.पी. ऑनलाईन/ऑफलाईन के माध्यम से की गई थी? (ग) यदि हाँ तो क्या यह सही है कि एम.पी. ऑनलाईन द्वारा म.प्र. आयुष संचालनालय को भेजी गई चयनित विद्यार्थियों की सूची एवं संचालनालय द्वारा जारी फाईनल सूची में अलग अलग नाम हैं? (घ) यदि हाँ तो कारण बतावें?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) आयुष कॉलेजों में प्रवेश हेतु (पाहुट) वर्ष 2017-18 में एवं वर्ष 2018-19 में प्रवेश हेतु नीट आयोजित हुई थी। (ख) जी हाँ। एम.पी. ऑनलाईन की मेरिट से सत्र 2017-18 में ऑनलाईन एवं सत्र 2018-19 में ऑनलाईन/ऑफलाईन दोनों माध्यम से। (ग) परीक्षण कराया जा रहा है। (घ) परीक्षण कराया जा रहा है, परीक्षणोपरांत वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
पनागर में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना
[स्कूल शिक्षा]
3. ( क्र. 13 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली द्वारा पत्र क्रमांक 457 दिनांक 13-9-2018 के संदर्भ में पनागर जिला जबलपुर में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु विभाग प्रस्ताव चाहा गया है? (ख) यदि हाँ तो भेजे गये प्रस्ताव का विवरण देवें। (ग) यदि नहीं भेजा गया है तो क्यों?
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिला कलेक्टर को भूमि अधिग्रहण हेतु पत्र लिखा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कदवाया-ईसागढ़ मुख्य मार्ग का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 27 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मुख्य मार्ग ईसागढ़ से ग्राम कदवाया की दूरी 15 किमी है यह मार्ग झांसी, ग्वालियर, शिवपुरी, पिछोर को जोड़ता है? इस मार्ग के कम चौड़ा होने एवं हैवी वाहनों के आवागमन के कारण यहां बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते है इस कारण दिन प्रतिदिन यहां दुर्घटनाऐ होती रहती हैं। इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए क्या मुख्यमार्ग ईसागढ़ से कदवाया की दूरी 15 किमी के चौडीकरण की शासन की कोई नीति है। (ख) यदि हाँ तो उक्त मार्ग का चौड़ीकरण कब तक करा दिया जावेगा और यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी नहीं। सिंगल लेन एवं वाहनों के यातायात के कारण होने वाली क्षति को मार्ग के परफारमेंस गारन्टी अंतर्गत होने से निरन्तर मार्ग का रख-रखाव कर सुचारू यातायात सुनिश्चित किया जा रहा है। वर्तमान में मार्ग के परफारमेंस गारन्टी में होने के कारण चौड़ीकरण हेतु प्रस्तावित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भवन निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 50 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के पीआईयू ब्यावरा के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से भवन निर्माण कार्यों के कार्य आदेश जारी किए गए हैं? कार्यवार, कार्य की राशि, ठेकेदार का नाम, कार्य आदेश दिनांक, कार्य पूर्ण करने की दिनांक, कार्य की भौतिक प्रगति एवं वित्तीय प्रगति तथा शेष कार्य की मात्रा एवं राशि से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) दर्शित कार्य को निर्धारित समयावधि में पूर्ण ना करने के कारण ठेकेदार के विरुद्ध विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही से अवगत करावे? यदि विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्य में विलंब होने के कारण ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है, तो विभाग द्वारा संबंधित अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित शेष कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
बाघों का संरक्षण
[वन]
6. ( क्र. 64 ) श्री तरूण भनोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 में म.प्र. को टाईगर स्टेट का दर्जा प्राप्त हुआ है? क्या वर्ष 2020 के 11 माह में बांधवगढ़, कान्हा, पेंच एवं पन्ना टाईगर रिजर्व में 21 बाघों की मौत से पार्क प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं? (ख) क्या वर्णित (क) के पार्कों में 500 से 1000 कर्मचारियों की फौज है एवं प्रत्येक पार्क में माह में करोड़ रूपये व्यय किये जा रहे है, इसके बाद भी बाघों की मौत रोकने में यह अमला ना काफी साबित हो रहा है? इस हेतु शासन क्या प्रयास कर रहा है? (ग) यदि वर्णित (क) एवं (ख) सही तो यदि इसी तरह बाघों की मौत होती रही तो कैसे टाईगर स्टेट का दर्जा बरकरार रखा जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2018 की अखिल भारतीय टाईगर गणना में देश में सर्वाधिक टाईगर मध्यप्रदेश राज्य में पाये गये अत: म.प्र. को टाईगर स्टेट कहा जा रहा है। प्रश्नाधीन बाघों की मृत्यु स्वाभाविक रूप से, आपसी लड़ाई, बीमारी, बाघ के नैसर्गिक विचरण से सड़क दुघर्टना इत्यादि कारणों से हुई है। चार बाघों की शिकार/मृत्यु के प्रकरणों में आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। (ख) प्रश्नाधीन टाइगर रिजर्व में स्थायी अधिकारी/कर्मचारियों सहित, सुरक्षा कार्य में अमला कार्यरत है जो बाघों एवं अन्य वन्यप्राणियों की सतत् सुरक्षा एवं निगरानी हेतु तैनात हैं, जिनके वेतन भत्तों एवं टाइगर रिजर्व के रहवास, विकास एवं सुरक्षा पर व्यय होना स्वाभाविक है। बाघों की मौत रोकने में अमला नाकाफी साबित होने की स्थिति निर्मित नहीं है। विभाग द्वारा सुरक्षा तंत्र तथा मुखबिर तंत्र को सुदृढ़ करने के साथ-साथ रहवास विकास के प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) बाघों के संरक्षण हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। वर्ष 2018 की अखिल भारतीय बाघ गणना में मध्यप्रदेश सर्वाधिक बाघ संख्या वाला राज्य है एवं इसे बरकरार रखने के लिये प्रदेश के अन्य कम घनत्व वाले क्षेत्रों में रहवास सुधार एवं वन्यप्राणी पुनर्स्थापन के प्रयास किये जा रहे हैं।
जबलपुर में डेंटल कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
7. ( क्र. 65 ) श्री तरूण भनोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्थित आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन डेंटल कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, जबलपुर की स्थापना के लिए राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है? यदि हाँ तो इस संबंध में प्रसारित स्वीकृतियों के विवरण की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या डेंटल कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, जबलपुर के लिए वित्तीय प्रावधान किया गया है? यदि हाँ तो कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है? (ग) डेंटल कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, जबलपुर के धरातल पर प्रारंभ नहीं होने का क्या कारण है तथा विलंब के लिए क्या राज्य शासन उत्तरदायित्व निर्धारित करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिक राशि के बिजली बिल का प्रदाय
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 74 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं बरेली विद्युत संभाग के अंतर्गत कितने किसानों के पास 2, 3 एवं 5 हार्सपावर के मोटर पम्प कनेक्शन हैं? जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को 2 के स्थान पर 3, 3 के स्थान पर 5 तथा 5 हॉर्सपावर के स्थान पर अधिक हार्सपावर के बिजली बिल जारी किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में अधिक हार्सपावर के बिजली बिल दिये जाने के क्या कारण हैं? (ग) क्या यह सही है कि किसान द्वारा दुकान से मोटर क्रय की जाती है तब उक्त मोटर पर दुकानदार के बिल के उपरांत भी अधिक हॉर्सपॉवर का बिजली बिल क्यों दिया जाता है इसमें किसान का क्या दोष है? (घ) प्रश्नांश (क) में ज्यादा दिये गये बिजली बिलों में कब तक सुधार किया जायेगा? इस संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में कृषकों के 2 अश्वशक्ति, 3 अश्वशक्ति एवं 5 अश्वशक्ति के सिंचाई पंप कनेक्शनों का विद्युत संभागवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी किसान को 2 के स्थान पर 3, 3 के स्थान पर 5 तथा 5 अश्वशक्ति के स्थान पर अधिक अश्वशक्ति के कनेक्शन का विसंगतिपूर्ण बिजली बिल नहीं दिया गया है। तथापि म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका 7.2.6 के अनुसार उपभोक्ता को स्वीकृत तथा संयोजित भार से अधिक विद्युत खपत पाये जाने पर ऐसे उपभोक्ताओं से टैरिफ आदेश में दर्शाई गई विस्तृत प्रक्रिया के अनुसार बिलिंग द्वारा वसूली का प्रावधान है, तदानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में निरीक्षण के उपरांत पाये गये वास्तविक संबद्ध भार के अनुरूप नियमानुसार बिल जारी किये गये जिसकी संभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) कृषि उपभोक्ता द्वारा दुकानदार से खरीदी गई मोटर के बिल के आधार पर विद्युत भार को निर्धारित नहीं किया जाता है, अपितु कृषकों द्वारा आवेदन के साथ दी गई टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर अथवा निरीक्षण के उपरांत पाये गये वास्तविक संबद्धभार के आधार पर विद्युत भार का निर्धारण कर तद्नुसार बिल दिया जाता है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (घ) कृषकों को संयोजित भार/वास्तविक भार के अनुसार ही बिल दिये जा रहे है। अतः प्रश्न नहीं उठता। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माननीय विधायक महोदय का कोई भी पत्र रायसेन वृत्त के अन्तर्गत विद्युत कंपनी के कार्यालय एवं विभाग में प्राप्त होना नहीं पाया गया।
जले एवं खराब ट्रांसफार्मर को बदला जाना
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 75 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जले एवं खराब ट्रांसफार्मर बदलवाने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? उनकी प्रति दें। रायसेन एवं बरेली संभाग में उक्त निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन एवं बरेली संभाग में कहाँ-कहाँ के ट्रांसफार्मर कब-कब जले/खराब हुए, इनमें से किस-किस ट्रांसफार्मर को कब-कब बदला गया? स्थानवार दिनांकवार जानकारी दें। (ग) प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों के ट्रांसफार्मर बदले जाना शेष है उनको कब तक बदल दिया जायेगा? ट्रांसफार्मर परिवहन का व्यय किसके द्वारा किया जाता है? 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक ट्रांसफार्मर बदलने में कितनी राशि किस मद से किस-किस व्यक्ति, एजेंसी को दी गई? (घ) 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए उक्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं के निराकरण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? संबंधित अधिकारियों द्वारा पत्रों के जवाब कब-कब दिये गये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विभाग के आदेश क्रमांक 51/एफ-3/02/2019/तेरह भोपाल, दिनांक 03.01.2019 अनुसार ''जले एवं खराब विद्युत ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरांत इन जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को बदला जाऐ। इन दोनो शर्तों में से किसी भी एक शर्त की पूर्ति होने पर उक्त ट्रांसफार्मर को तत्काल बदला जाये।'' का प्रावधान है एवं तत्पश्चात विभाग के आदेश क्रमांक 150/एफ-3/02/2019/तेरह, भोपाल दिनांक 05.01.2019 के अनुसार ''सभी बदलने हेतु पात्र जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को भविष्य में 3 दिन में बदले जाने का प्रावधान है। उक्त नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। रायसेन एवं बरेली संचालन-संधारण संभागों में उक्त निर्देशों का पालन किया जा रहा है। (ख) 1 जनवरी, 2020 से दिनांक 08.12.2020 तक रायसेन संचालन-संधारण संभाग अंतर्गत 1559 ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए एवं उक्त सभी ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है। इसी प्रकार बरेली संचालन-संधारण संभाग अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 1203 ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए व उक्त सभी ट्रांसफार्मरों को बदल दिया गया है, उक्त दोनों संभागों के जले/खराब ट्रांसफार्मरों का विवरण संलग्न पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्न दिनांक तक रायसेन एवं बरेली संचालन-संधारण संभाग अंतर्गत कोई भी पात्र ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। ट्रांसफार्मर के परिवहन का व्यय विभाग द्वारा वहन किया जाता है। प्रश्नांश अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में ट्रांसफार्मर बदलने हेतु किसी व्यक्ति, एजेंसी से परिवहन नहीं कराया गया है एवं इस हेतु किसी मद से कोई भुगतान नहीं किया गया है। (घ) दिनांक 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के माननीय विधायकों के 13 पत्र प्राप्त हुए हैं। उक्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं/मांगो के निराकरण हेतु की गई कार्यवाही सहित माननीय विधायकों को अवगत कराये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
नियम विरूद्ध अशासकीय अस्पताल एवं कोविड सेंटरों का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 86 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में बूटूबाई स्कूल परिसर में संचालित सतना केयर हॉस्पिटल कोविड-19 के उपचार हेतु निर्धारित मानकों के विपरीत संचालित हो रहा है? यदि हाँ, तो उसके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि नहीं तो कोविड-19 के उपचार हेतु अशासकीय हॉस्पिटल/नर्सिंग होम संचालन के प्रावधान सहित यह भी बतावें कि उक्त हॉस्पिटल का परीक्षण किन-किन विभागों द्वारा किया गया, अनापत्ति प्रमाण-पत्र एवं निरीक्षण रिपोर्ट की प्रतियां भी उपलब्ध करावें। (ख) क्या आयुक्त स्वास्थ्य के पत्र दिनांक 09.11.2020 के माध्यम से समस्त अशासकीय कोविड सेंटर बंद कराने एवं केवल राज्य शासन की अनुमति से ही संचालन का आदेश देने के बावजूद इसके द्वारा 22.11.2020 को दैनिक भास्कर के सतना अंक में सतना केयर हॉस्पिटल बूटीबाई में संचालित होने का विज्ञापन देकर अशासकीय कोविड सेंटर संचालित किया जा रहा है? इसके विरूद्ध जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त शिकायतों एवं उन पर हुई कार्यवाही का विवरण भी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में इस सेंटर संचालन के लिए कौन दोषी है एवं उस पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। कोविड-19 उपचार हेतु अशासकीय अस्पतालों के लिए प्रावधान जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उक्त हॉस्पिटल के लिए नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी, सतना एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सतना द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र क्रमशः जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जी नहीं। सतना केयर हॉस्पिटल, बूटीबाई को कोविड केयर सेन्टर के रूप में संचालित करने संबंधी कोई अनुमति जिला प्रशासन सतना द्वारा नहीं दी गई है। जी नहीं, सतना केयर हॉस्पिटल बूटीबाई द्वारा अशासकीय कोविड केयर के संबंध में दिनांक 22/11/2020 को दैनिक भास्कर सतना अंक में कोई विज्ञापन नहीं दिया गया है। जिला प्रशासन को उक्त अस्पताल में कोरोना ईलाज के दौरान श्री ह्दयेश श्रीवास्तव की मृत्यु की जांच हेतु शिकायत प्राप्त हुई थी जिसका जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में चूंकि, सतना केयर हॉस्पिटल को अशासकीय कोविड केयर सेन्टर के रूप में चिन्हित कर संचालन हेतु कोई अनुमति जिला प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है अतः प्रश्नांश के प्रथम भाग में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माइनिंग कार्य हेतु आंवटित भूमि
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 89 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कुल कितने सीमेंट कारखाने स्थापित हैं? इन कारखानों को माइनिंग कार्य हेतु कितनी शासकीय आराजी आवंटित की गई है तथा इनके द्वारा कितनी निजी भूमि क्रय की गई है? आवंटित शासकीय भू भाग एवं क्रय किए गए निजी भू भाग के कितने प्रतिशत भूमि पर ये फैक्ट्रियां माइनिंग कार्य कर रही है? फैक्ट्रिवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीमेण्ट कारखाना के पास उपलब्ध शासकीय आवंटित आराजी एवं निजी क्रय की गई भूमि के कितने भाग में म.प्र. रा.स.1956 की धारा 247 (5) के तहत भूप्रवेश की अनुमति माइनिंग कार्य हेतु ली गई है एवं कितने भाग में भू-प्रवेश की अनुमति के बगैर माईनिंग कार्य किया गया है? फैक्ट्रिवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में बिना भू-प्रवेश की अनुमति के माइनिंग कार्य करने वाले संस्थानों के विरूद्ध कितने मामले वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक लंबित है एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है।
पात्रों को पदोन्नति नहीं दिये जाने पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 101 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा सन 2014-15 के बाद शिक्षक (यू.डी.टी.) एवं किन-किन वरिष्ठ पदों की डी.पी.सी. उपरांत पदोन्नति की गई? किन-किन पदों की पदोन्नति रोकी गई हैं? डी.पी.सी. उपरांत पदोन्नति न करने का कारण बताते हुए पदवार रिक्त पदों की जानकारी दें? उप संचालक की पदोन्नति के समय ही डाइट प्राचार्य के पदों सम्मिलित करते हुये डी.पी.सी. क्यों नहीं की गई थी? कारण बतायें प्राचार्य (10+2) की पुन: डी.पी.सी. कर उन्हें कब तक सहायक संचालक के पद पर पदोन्नति किया जायेगा। व्याख्याता संवर्ग के कुल रिक्त पदों पर राजनीति एवं शास. अर्थशास्त्र विषय को छोड़कर शिक्षक (यू.डी.टी.) की पुन: डी.पी.सी. कर उन्हें कब तक व्याख्याता पद पर पदस्थ किया जायेगा? (ख) क्या विभाग द्वारा शिक्षकों का आसंजन समाप्त करने का आदेश प्रसारित किया गया हैं? यदि हॉ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। प्रदेश में वर्तमान में कितने शिक्षकों का आसंजन किया गया है? प्रारूप में जिलेवार सूची उपलब्ध करावें क्रमांक/शिक्षक का नाम/पद/मूल पदांकित स्था/असंजन में कार्यरत संख्या/असंजन का दिनांक/असंजन करने वाले अधिकारी का नाम/असंजन का कारण उपलब्ध करायें? (ग) विभाग द्वारा नियम विरूद्ध किये गये आसंजन के लिये दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी सूची दें?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) दिनांक 21/03/2016 को संपन्न विभागीय पदोंन्नति समिति की बैठक अनुसार कुल 08 लोक सेवकों की पदोन्नति संयुक्त संचालक से अपर संचालक के पद पर की गई है। वर्ष 2014 में केवल रिव्यू डी.पी.सी. आयोजित कर शिक्षक संवर्ग से व्याख्याता, उमावि. के पदों पर पदोन्नति की गई। वर्ष 2015 में शिक्षक संवर्ग से व्याख्याता उमावि. संवर्ग की डी.पी.सी. आयोजित की गई। किसी पद की पदोन्नति नहीं रोकी गई है। वर्ष 2015 में शिक्षक से व्याख्याता संवर्ग की डी.पी.सी. में प्रथम दृष्ट्या आकडों में विसंगति होने से तत्कालीन आयुक्त द्वारा डी.पी.सी. के कार्यवाही विवरण को निरस्त किया गया था। व्याख्याता की विषयवार रिक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उप संचालक, लोक शिक्षण एवं प्राचार्य डाईट के भर्ती पदोन्नति नियम पृथक-पृथक होने के कारण विभागीय पदोन्नति समिति में पदो को सम्मिलित नहीं किया जा सकता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम यथास्थिति आदेश के क्रम में पदोन्नति की कार्यवाही अभी बाधित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। प्रदेश में वर्तमान में शिक्षकों के आसंजन की जानकारी निरंक होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सकों/पैरामेडिकल स्टॉफ की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( क्र. 112 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के विकासखण्ड ढीमरखेड़ा में जो अस्पताल का निर्माण कराया गया है उसकी लागत बताएं। प्रश्न दिनांक तक उसमें कितने डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टॉफ है। क्या उक्त अस्पताल में एक भी डॉक्टर एवं अन्य कोई स्टाफ नहीं है. यदि हाँ, तो कब तक व्यवस्था की जावेगी बताएं। (ख) क्या कटनी जिले के शासकीय जिला चिकित्सालय में कलेक्टर कटनी ने आदेश क्रमांक स्था/2020/3231, दिनांक 28.05.2020 से अपात्र द्वितीय श्रेणी के चिकित्सक को सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के पद पर पदस्थ कर दिया, जबकि पात्र प्रथम श्रेणी चिकित्सक विशेषज्ञ पदस्थ है? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र क्रमांक 773 दिनांक 14.10.2020 को पत्र लिखकर अपात्र पदस्थ सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को हटाकर प्रथम श्रेणी चिकित्सक को पदस्थ करने का आग्रह किया गया था? उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई, नोटशीट/पत्राचार की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) यदि हाँ तो अभी तक अपात्र को क्यों नहीं हटाया गया, कारण सहित बताएं। अपात्र को लाभ पहुँचाने के लिए कौन दोषी है तथा अपात्र को कब तक हटा दिया जायेगा। (ड.) जिले के शासकीय जिला चिकित्सालय कटनी एवं सी.एम.ओ. कार्यालय में पदस्थ अधिकारी/ कर्मचारी/डॉक्टरों के विरूद्ध 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) कटनी जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ढीमरखेड़ा के भवन निर्माण की कुल लागत 01 करोड़ 27 लाख रूपये है। ढीमरखेड़ा में चिकित्सा अधिकारी का 01 पद स्वीकृत एवं स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत डॉ. चंद्रकांता धुर्वे, चिकित्सा अधिकारी प्रा0स्वा0के0 सलौड़ी की ड्यूटी सप्ताह में 02 दिवस सोमवार एवं गुरूवार हेतु लगाई गई है। 01 लैब टैक्नीशियन, 01 स्टॉफ नर्स, 01 एम0पी0डब्ल्यू0 एवं 03 ए0एन0एम0 नियमित/संविदा तथा एक वार्डबॉय कार्यरत है। जी हॉ, चिकित्सक एवं स्टॉफ की पदस्थापना उपलब्धता अनुसार की जावेगी। (ख) प्रकरण में स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत प्रभार सौंपा गया है, विभागीय स्तर से नियमानुसार प्रभार सौंपे जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्नकर्ता का पत्र विभाग में अप्राप्त है, शेष कार्यवाही नियमानुसार प्रचलन में है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। (ड.) संचालनालय स्तर पर उपलब्ध जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है एवं जिले स्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
पहुँच मार्ग पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 113 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा तत्कालीन प्रभारी मंत्री कटनी को पत्र क्रमांक 540 दिनांक 29.11.2019 को बड़वारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पहुँच मार्ग निर्माण हेतु जो प्रस्ताव दिया था उन प्रस्तावों पर कौन-कौन से मार्ग स्वीकृत किए, कितने शेष है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रस्ताव के बिन्दु क्रमांक 3 में भमका-रोझन मार्ग से वेलकुण्डी नदी तथा बिन्दु क्रमांक 6 में भिन्ना-पिपरिया-कटरा मार्ग पर वेलकुण्डा नदी पर पुल निर्माण क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के मार्गों में पुल का निर्माण कब किया जावेगा ताकि उक्त मार्गों पर आवागमन सुगम हो सकें। (घ) सतना लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग प्रश्न दिनांक तक परफारमेंस गारंटी पर है? उन मार्गों की क्या स्थिति है, जो मार्ग गांरटी अवधि में खराब हो गए है जैसे सतना से सेमरिया मार्ग उसकी मरम्मत कब तक करा दी जावेगी तथा शेष मार्ग जो भी खराब है, उन्हें भी कब तक मरम्मत कराएगें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोई स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। (ख) पत्र के बिन्दु क्र. 3 एवं 6 में वर्णित पुलों का प्राथमिक सर्वेक्षण किया गया, जिसके अनुसार भमका-रोझन मार्ग में केलकुण्डी नदी पर पुल निर्माण लंबाई 60.00 मीटर एवं अनुमानित लागत रू. 375.00 लाख आंकी गई है एवं झिन्ना-पिपरिया-कटरा मार्ग पर वेलकुण्डा नदी पर पुल निर्माण लंबाई 60.00 मीटर एवं अनुमानित लागत रू. 290.00 लाख आंकी गई है। विभाग के वित्तीय संसाधन सीमित होने से एवं किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं होने से कोई कार्यवाही संभव नहीं है। (ग) स्वीकृति के अभाव में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। सतना से सेमरिया मार्ग की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' के स.क्रं. 126 पर उल्लेखित है।
50 बिस्तरीय अस्पताल की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 125 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल अस्पताल जीरापुर कब स्वीकृत किया गया था? दिनांक एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) सिविल अस्पताल जीरापुर हेतु नवीन भवन की स्वीकृति की गई है या नहीं? यदि हाँ तो भवन निर्माण कब तक प्रारंभ हो जायेगा? (ग) क्या सिविल अस्पताल जीरापुर को 50 बिस्तर के नवीन सिविल अस्पताल भवन हेतु कलेक्टर द्वारा भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि हाँ तो कब की गई है एवं कहाँ की गई है? (घ) क्या जीरापुर में सिविल अस्पताल भवन निर्माण में शासन को कोई कठिनाई हो रही है? यदि हाँ तो कारण स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सिविल अस्पताल जीरापुर, विभागीय आदेश क्रमांक एफ 12-9/2018/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 03.01.2019 के द्वारा स्वीकृत किया गया है। स्वीकृति आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, नवीन भवन की स्वीकृति विभागीय आदेश क्रमांक एफ 12-9/2018/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 22.12.2020 द्वारा जारी की गई है स्वीकृति आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। यथाशीघ्र, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। 0.100 हेक्टेयर भूमि दिनांक 02.01.2020 को, नवीन सिविल अस्पताल जीरापुर हेतु, कस्बा जीरापुर स्थित तहसील परिसर के पीछे आवंटित की गई है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों का उन्नयन
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 126 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण संभाग राजगढ़ के अंतर्गत उप संभाग जीरापुर-खिलचीपुर के द्वारा विगत 05 वर्षों में कितने नवीन सड़क एवं सड़कों के उन्नयन का प्रस्ताव भेजे गये हैं? सूची उपलब्ध कराये। (ख) इनमें से किन-किन योजनाओं के अंतर्गत उक्त सड़कों को प्रस्तावित किया जा रहा है व कब तक इनमें बजट उपलब्ध करा दिया जायेगा। (ग) अमलाबे लसुड़लिया सड़क हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा जो प्रस्ताव भेजे गया है उसमें क्या कार्यवाही की गई है एवं स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी? (घ) इन सड़कों के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा किए गए पत्राचार पर की गई कार्यवाही का कार्यवार, पत्रवार विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण संभाग राजगढ़ के अधीन खिलचीपुर उपसंभाग है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' के सरल क्रमांक-17 पर उल्लेखित विवरण अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
क्रमोन्नति आदेश का सुनिश्चित किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 135 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग का (आदेश) पत्र क्रमांक 939/1437/2018/20-1 भोपाल, दिनांक 9/7/2019 के द्वारा जारी क्रमोन्नति आदेश के परिपालन में इन्दौर संभाग के कितने जिलो में अध्यापको तथा कर्मचारियों को क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया। (ख) क्या कर्मचारियों द्वारा बार-बार मांग करने के बावजूद भी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा टालम टोल किया जा रहा है? इसका पालन कब तक सुनिश्चित करोयेंगे।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नांकित विभाग के पत्र क्र. 939/1437/2018/20-1 दिनांक 09. 07.2019 अध्यापकों/कर्मचारियों के लिए नहीं अपितु पंचायत एवं समाज सेवा के पर्यवेक्षकों के स्कूल शिक्षा विभाग में उच्च श्रेणी शिक्षक के पदों पर संविलियन किये गये लोक सेवकों के क्रमोन्नत वेतनमान दिये जाने से संबंधित है। उक्त के क्रम में इन्दौर संभाग अंतर्गत 09 लोक सेवकों को क्रमोन्नति का लाभ देने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने की कार्यवाही एक सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उत्तर वनमण्डल का प्रस्तावित वर्किंग प्लान
[वन]
18. ( क्र. 144 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उत्तर वनमण्डल बैतूल के प्रस्तावित वर्किंग प्लान के संबंध में श्री अनिल गर्ग बुनियाद कोठी बाजार बैतूल द्वारा गत तीन माह में वनमण्डल, कार्य आयोजना वनवृत, क्षेत्रीय वनवृत बैतूल एवं पी.सी.सी.एफ. वर्किंग प्लान के समक्ष प्रस्तुत आवेदनों पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार श्री अनिल गर्ग द्वारा किस दिनांक को किस-किस विषय पर लिखे पत्र में उल्लेखित तथ्यों पर कार्यालयवार क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रस्तावित वर्किंग प्लान में श्री अनिल गर्ग द्वारा उठाई गई आपत्तियों एवं प्रस्तुत तथ्यों के संबंध में कार्यआयोजना अधिकारी बैतूल क्या कार्यवाही कर रहे है? उत्तर वनमण्डल बैतूल द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) उत्तर वनमंडल बैतूल, कार्य आयोजना इकाई, क्षेत्रीय वनवृत्त बैतूल द्वारा पत्रों पर कार्यवाही की गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्य आयोजना कार्यालय में पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्य आयोजना अधिकारी बैतूल एवं उत्तर वनमंडल बैतूल द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण उत्तरांश ''ख'' के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लिखित शिकायतों पर जांच
[खनिज साधन]
19. ( क्र. 145 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में सैनिक फुड प्रा.लि. एवं डिजीयाना इण्डस्ट्रीज प्रा.लि. की रेत खदानों से संबंधित गत 6 माह में श्री राजेश ओझा शंकर नगर बैतूल गंज बैतूल एवं श्री दिलीप पण्डोले हमलापुर बैतूल द्वारा की गई लिखित शिकायतों पर जांच की जाकर प्रश्नांकित दिनांक तक संचनालय खनिकर्म एवं भौमिकी भोपाल एवं राज्य मंत्रालय ने कोई कार्यवाही नहीं की है। (ख) गत 6 माह में राजेश ओझा एवं दिलीप पण्डोले द्वारा किस-किस दिनांक को किस-किस विषय पर की गई लिखित शिकायतें संचालक खनिकर्म एवं भौमिकी भोपाल और खनिज विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल को प्राप्त हुई उनकी जांच के आदेश किस दिनांक को किसे दिए गए? (ग) कब तक शिकायतों की जांच की जाकर कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नानुसार शिकायत की जांच हेतु संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा दिनांक 15.10.2020 से आदेश जारी किये गये हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शायी गई है।
वन मुख्यालय के अधिकारी द्वारा जांच
[वन]
20. ( क्र. 146 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़वाह वनमंडल के ग्राम मोयदा की निजी भूमि को आरक्षित वन बताकर किसानों को बेदखल करने से संबंधित गत दो वर्ष में वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल की वर्किंग प्लान शाखा, भू-प्रबंधन एवं भूमि अभिलेख शाखा, शिकायत शाखा के किसी भी अधिकारी ने जांच एवं सत्यापन नहीं किया? (ख) बड़वाह वनमंडल में ग्राम मोयदा की निजी भूमि से संबंधित वर्ष 1928-29 से वर्ष 2018-19 तक के किस-किस विभाग से संबंधित कौन-कौन से अभिलेख एवं जानकारी वर्तमान में उपलब्ध है, उनका उल्लेख कर किस-किस की शिकायत वन मुख्यालय की किस शाखा को गत दो वर्षों में प्राप्त हुई उसकी जांच किस-किस अधिकारी को सौंपी गई? (ग) बड़वाह वनमंडल में उपलब्ध अभिलेख एवं जानकारियों के आधार पर जांच नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? वन मुख्यालय कब तक जांच करवाकर प्रश्नकर्ता को प्रतिवेदन उपलब्ध करवाएगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) बड़वाह वनमंडल के वनग्राम मोयदा की आरक्षित वनभूमि को किसानों की निजी भूमि से बेदखल करने से संबंधित विगत दो वर्षों में प्राप्त शिकायतों का क्षेत्रीय स्तर से प्राप्त प्रतिवेदन का सत्यापन/परीक्षण किया जा रहा है। (ख) बड़वाह वनमंडल के वनग्राम मोयदा की आरक्षित वनभूमि से संबंधित सेटलमेंट अभिलेख वर्ष 1948-49 एवं वर्ष 1980-81 के अभिलेख क्षेत्रीय वनमंडल में उपलब्ध हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन मुख्यालय को प्रश्नांश से संबंधित प्राप्त शिकायतों की जाँच/परीक्षण उपरान्त कुछ प्रतिवेदन क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त हुये हैं एवं कुछ प्रतिवेदन अपेक्षित हैं। प्रतिवेदन परीक्षण उपरान्त प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तेंदूपत्ता लाभांश राशि से स्वीकृत कार्य
[वन]
21. ( क्र. 157 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तेन्दूपत्ता लाभांश की राशि की 15 प्रतिशत भाग वन एवं संग्राहकों का क्षमता विकास तथा 15 प्रतिशत राशि ग्रामों की अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए व्यय करने के निर्देश है यदि हाँ, तो उक्त राशि से क्या-क्या कार्य किसके द्वारा स्वीकृत किये जाते है? (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक सामान्य वन मण्डल रायसेन एवं औबेदुल्लागंज में कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये? (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों कार्यवार कारण बतायें उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) उक्त कार्यों का निरीक्षण, मूल्यांकन एवं अंतिम मूल्याकंन कब-कब, किस-किस अधिकारी ने किया पूर्ण विवरण दें?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वन एवं संग्राहकों की क्षमता विकास मद के अन्तर्गत कराये जाने वाले कार्यों बाबत प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों से प्रस्ताव प्राप्त होने तथा उनकी जिला यूनियन के संचालक मण्डल की अनुशंसा प्राप्त होने पर संघ द्वारा स्वीकृत किये जाते हैं। (ख) वन वृत्त भोपाल के अन्तर्गत वनमण्डल औबेदुल्लागंज एवं रायसेन में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) अपूर्ण एवं अप्रारम्भ कार्यों की सूची एवं कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रक्रियात्मक औपचारिकता कोविड-19 के प्रकोप एवं न्यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित होने के कारण कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[श्रम]
22. ( क्र. 158 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना तथा भवन एवं संनिर्माण मण्डल में पंजीकृत हितग्राहियों तथा उनके परिवार को क्या-क्या सुविधायें मिलती हैं कितने दिन के भीतर राशि भुगतान के निर्देश हैं? शासन के निर्देशों की प्रति दें। (ख) दिसम्बर 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक होगा इसके लिए कौन दोषी है? (ग) रायसेन जिले में स्वीकृत कितने प्रकरणों में राशि का भुगतान क्यों नहीं हुआ है? कब तक राशि का भुगतान होगा? (घ) प्रश्नांश (क) की योजनाओं में राशि का भुगतान शासन द्वारा निर्धारित समयावधि में हो इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत पंजीकृत हितग्राहियों तथा उनके परिवार को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी एवं भुगतान हेतु निर्धारित समय-सीमा संबंधी शासन के निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत हितग्राहियों तथा उनके परिवार को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी एवं भुगतान हेतु निर्धारित समय-सीमा संबंधी शासन के निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) 1. मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत रायसेन जिले मेंयोजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता के कुल 157 प्रकरण पदाभिहित अधिकारियों के स्तर पर भुगतान हेतु लंबित है। भुगतान की प्रक्रिया जनपद स्तर पर प्रक्रियाधीन है। पर्याप्त बजट प्राप्त होते ही भुगतान किया जायेगा। 2. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। (ग) 1. मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत रायसेन जिले में कुल स्वीकृत 157 प्रकरणों में स्वीकृति पश्चात भुगतान किया जाना है। पर्याप्त बजट प्राप्त होते ही भुगतान किया जायेगा। 2. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) 1. मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत भुगतान हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। 2. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित योजनाओं अंतर्गत आवेदन निराकरण की समय-सीमा लोकसेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत निर्धारित है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
उप प्राचार्य का प्रभार
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 163 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आदेश क्र. 3383 भोपाल दिनांक 17.06.2020 एवं आदेश क्र. 3385 भोपाल दिनांक 17.06.2020 के द्वारा सहायक सचिवों को वरिष्ठता का स्पष्ट उल्लंघन करके पंजीयक का प्रभाव भ्रष्टाचार एवं आपसी सांठ-गांठ करके प्रदान किया गया है? यदि हाँ तो नियम विरूद्ध पंजीयक के प्रभार के आदेश निरस्त किये जायेंगे? (ख) क्या माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदान किया गया पत्र क्र. 1013 दिनांक 19.10.2020 के उल्लेखित बिन्दु 1 से 6 तक के बिन्दुओं की निष्पक्ष जांच करवाई गई है? जांच में दोहरे मापदण्ड अपनाने के कौन दोषी पाये गये हैं? (ग) प्रथम समयमान वेतनमान के नियमों के अनुसार जिस दिनांक से प्रथम समयमान वेतनमान प्रदान किया जाता है? क्या उसी दिनांक से प्रथम समयमान में उनकी वरिष्ठता मानी जाती है? मीना भौरिया वरिष्ठ व्याख्याता की प्रथम समयमान में उनसे वरिष्ठ व्याख्याता के नहीं होने पर उन्हें उप प्राचार्य का प्रभार प्रदान क्यों नहीं किया गया?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं, मण्डल मुख्यालय में पंजीयकों के सेवानिवृत्त होने से पदों की रिक्तता के कारण तथा पदोन्नति न होने के दशा में माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आदेश क्रमांक 3383 भोपाल दिनांक 17.06.2020 एवं आदेश क्रमांक 3385 भोपाल दिनांक 17.06.2020 के द्वारा सहायक सचिवों को प्रशासनिक कार्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए अस्थायी रूप से पंजीयक का प्रभार सौंपा गया है। (ख) माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रदान किया गया पत्र क्रमांक 1013 दिनांक 19.10.2020 के उल्लेखित बिंदु 1 से 6 तक का बिंदुवार परीक्षण किया गया। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समयमान वेतनमान के नियमों में वरिष्ठता संबंधी नियमों का उल्लेख नहीं है। आदर्श उमावि टी.टी. नगर भोपाल में मीना भौरिया से भी वरिष्ठ व्याख्याता कार्यरत होने से उप प्राचार्य पद का प्रभार नहीं सौपा गया है।
ग्राम खजूरी पंथ के पास बड़ी पुलिया का निर्माण
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 194 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के गरोठ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खजूरी पंथ से लेकर नलखेड़ा तक के मार्ग का कोई निर्माण किया गया है? (ख) यदि हाँ तो उसी मार्ग में ग्राम खजूरी पंथ के पास क्या बड़ी पुलिया निर्माण होना थी यदि नहीं तो क्यों और यदि निर्माण होना थी तो अभी तक पुलिया का निर्माण क्यों नहीं हुआ है? पुलिया निर्माण किस स्तर पर लंबित है? (ग) क्या लंबित कार्य के प्रति विभाग द्वारा संबंधित अधिकारी व ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है? लंबित पुलिया का निर्माण कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति न होने के कारण। पुनरीक्षित प्राक्कलन में त्रुटियां होने से सुधार हेतु परीक्षणाधीन। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रकियाधीन होने से वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
स्वीकृत मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 195 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र गरोठ के अंदर लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्तमान में क्या-क्या योजनाएं चल रही है? विभाग की योजना के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कौन-कौन से मार्ग स्वीकृत हुए हैं किन-किन मार्गों का कार्य पूर्ण हो चुका है वह कौन-कौन से मार्ग अभी पूर्ण नहीं हुए हैं व कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं? (ख) स्वीकृत मार्ग जो समयावधि में पूर्ण होने थे क्या वह अभी तक पूर्ण नहीं हुए हैं? इसका क्या कारण है? क्या विभाग द्वारा ठेकेदार या संबंधित अधिकारी के प्रति कोई कार्यवाही की गई है? (ग) यदि नहीं तो क्या कारण है वह कार्यों को कब तक पूर्ण करने की योजना विभाग की है? (घ) क्या समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने पर संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड संबंधित कोई कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
बजट राशि व कार्यों की जानकारी
[आदिमजाति कल्याण]
26. ( क्र. 196 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मंदसौर जिले के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कोई बजट या किसी मद में राशि स्वीकृत की गई है। यदि हाँ तो कितनी-कितनी राशि किस-किस मद के कार्य हेतु स्वीकृत की गई है? सूचीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभाग द्वारा जिले के छात्रावास या कोई अन्य संस्थान आदि को संचालित किया जाता हैं यदि हाँ तो उनको विभाग द्वारा वर्ष 2015 से आज दिनांक तक किस वर्ष कितनी-कितनी राशि किस मद में दी गई है। (ग) किए गए भुगतान एवं स्वीकृत कार्यों का क्या संबंधित अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिला अधिकारी एवं वरिष्ठ अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है।
गांधी सागर डैम में ऊर्जा विभाग की जानकारी
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 197 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गांधी सागर डैम में ऊर्जा विभाग द्वारा विदयुत उत्पादन किया जाता है कितना उत्पादन वर्तमान स्थिति में किया जा रहा है? यदि नहीं किया जा रहा है तो क्या कारण है एवं विदयुत का वितरण कहाँ-कहाँ किया जाता है? (ख) अप्रैल 2018 से नवम्बर, 2020 तक गांधी सागर जल विद्युत गृह में विभाग द्वारा पुन: निर्माण संधारण मरम्मत के क्या-क्या कार्य किये गये हैं किये गये कार्यों की जानकारी उपलब्ध करायें। उक्त अवधि में जल विद्युत गृह में किये गये कार्यों में कितनी राशि व्यय हुई? (ग) क्या उपरोक्त किये गये कार्यों की प्रगति का किस-किस संबंधित अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? उसकी रिपोर्ट क्या है उन कार्यों में कौन-कौन सी कमी पाई गई एवं उन पर विभाग ने क्या कार्यवाही की है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, वर्तमान स्थिति में गांधी सागर जल विद्युत गृह की इकाई क्रमांक 1 एवं 5 से कुल 34 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। गांधी सागर जल विद्युत गृह में दिनांक 14.09.2019 को अतिवृष्टि के कारण सभी पांच इकाईयां जल मग्न होने से विद्युत उत्पादन बंद हो गया था। पुन: प्रवर्तन एवं मरम्मत के कार्यों के पश्चात इकाई क्रमांक 1 एवं 5 को क्रियाशील कर लिया गया। गांधीसागर जल विद्युत गृह के विद्युत उत्पादन का 50% हिस्सा मध्यप्रदेश एवं 50 % हिस्सा राजस्थान राज्य का है। तद्नुसार विद्युत का वितरण किया जाता है। (ख) अप्रैल 2018 से नवम्बर 2020 तक गांधीसागर जल विद्युत गृह में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा मशीनों के वार्षिक रख-रखाव, संधारण, पुन: प्रवर्तन, पुनरूत्थान एवं सुधार इत्यादि में किये गये कार्य, कार्यादेश का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अद्यतन स्थिति में इन कार्यों पर कुल राशि रू. 3,98,62,472/- व्यय हुई है। (ग) उपरोक्त किये गये कार्यों की प्रगति का विद्युत गृह उप अधीक्षक, सहायक अभियंता (यांत्रिकी) एवं सहायक अभियंता (विद्युत) द्वारा निरीक्षण किया जाता रहा है। मेसर्स वेपकॉस लिमि. गुरूग्राम हरियाणा द्वारा इकाई क्रमांक 1 एवं 5 में आर.एल.ए. स्टडी एवं मशीनों के संधारण का कार्य किया गया एवं मेसर्स फिटवेल पावर लिमिटेड वडोदरा द्वारा संयंत्र के सहायकों का रेक्टिफिकेशन/मरम्मत कार्य किया गया, जिनकी रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब-1 एवं ब-2 अनुसार है। उपरोक्त कार्यों के अलावा अन्य कार्यों की रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। फर्मों द्वारा कार्यों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। इन कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं पाई गई है, अत: कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन
[वन]
28. ( क्र. 264 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में रेत खदान लीज/ठेके पर दी गई है? यदि हाँ तो बताये कौन-कौन सी खदानें लीज पर दी गई है एवं उनकी समयावधि क्या है? यदि नहीं तो अवैध रेत शासकीय एवं निजी निर्माण कार्यों हेतु कहाँ से आ रहा है? (ख) क्या जिला मुरैना में घड़ियाल अभ्यारण चम्बल नदी से अवैध रेत का भण्डारण एवं परिवहन किया जा रहा है? यदि है तो क्या इसके लिये उत्तरदायी अधिकारी/ कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) चम्बल नदी से अवैध रेत परिवहन से चम्बल नदी एवं संरक्षित घडि़यालों के जीवन पर क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। चम्बल नदी एवं स्थानीय नदियों से अवैध रूप से रेत उत्खनन एवं परिवहन की घटनाएँ यदा-कदा प्रकाश में आती रही है। (ख) राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य क्षेत्र से रेत के अवैध भण्डारण एवं परिवहन के प्रकरण संज्ञान में आने पर तत्समय प्रभावी कार्यवाही की गई है। जनवरी 2020 से 13 दिसम्बर, 2020 तक की अवधि में 78 वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध कर 76 वाहन जप्त किये गये जिनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही प्रारम्भ है। अभ्यारण्य क्षेत्र से अवैध रेत के भण्डारण एवं परिवहन में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की संलिप्तता होना संज्ञान में नहीं है। अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) चम्बल नदी से रेत परिवहन के कारण घड़ियाल, कछुओं आदि के रहवास पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना रहती है।
ईट भट्टा, चिमनी, गिट्टी क्रेशर का संचालन
[खनिज साधन]
29. ( क्र. 265 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में कितने ईट भट्टा, चिमनी, गिट्टी क्रेशर संचालित है सूची उपलब्ध करावे एवं उनके प्रोपराईटर कौन है? पूर्ण पते सहित जानकारी देवें? (ख) क्या उक्त ईट भट्टा, चिमनी, गिट्टी क्रेशर आदि की स्वीकृति शासन के माप दण्डो के अनुसार दी गई है यदि नहीं तो क्यों? इनकी स्वीकृति कर्ता अधिकारी/कर्मचारियों के नाम बतायें एवं अवैध ईट भट्टा, चिमनी, गिट्टी क्रेशर संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं तो क्यों एवं कार्यवाही कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में ईंट भट्टा, चिमनी, गिट्टी क्रशर स्वीकृत किए जाने का प्रावधान नहीं है। अपितु प्रश्नाधीन जिले में पत्थर से क्रशर आधारित व साधारण मिट्टी के स्वीकृत उत्खननपट्टों एवं उत्खनिपट्टा धारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अ पर दर्शित है एवं कलेक्टर (खनिज शाखा), जिला मुरैना द्वारा जिला मुरैना में कार्यशील/शिथिल ईंट भट्टों, चिमनी, गिट्टी क्रशर की उपलब्ध कराई गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के ब पर दर्शित है। (ख) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में ईंट भट्टा, चिमनी, गिट्टी क्रशर स्वीकृत किए जाने का प्रावधान नहीं है तथा ऐसी जानकारी संधारित नहीं रखी जाती है। अपितु साधारण मिट्टी के अवैध उत्खनन पाए जाने पर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई है, की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर दर्शित है।
बजट का आवंटन
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 283 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अनुसूचित जन जाति एवं अनुसूचित जाति (सब स्कीम) के प्रावधान तह्त विभाग को बजट आवंटन होता है? (ख) यदि हां तो वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं किन-किन कार्यों में कितना व्यय किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान में प्राप्त राशि वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक जिला सिहोर, देवास, इंदौर, सागर, भोपाल में वर्षवार कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कर निर्माण कराया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग को बजट आवंटन योजना शीर्ष अनुसार प्राप्त होता है न कि जिलेवार। राशि प्राप्त होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। लोक निर्माण विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार।
क्षेत्रीय मार्ग स्वीकृत करने
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 329 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह में लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत कितने ग्राम सड़कविहिन है? जहाँ पर ग्रामीणजनों को आवागमन का कोई साधन नहीं है? सड़क विहीन ग्रामें की जानकारी उपलब्ध करायी जावे। साथ ही दमोह-हटा-गैसावाद मार्ग जर्जर हो जाने के कारण पुन: निर्माण कार्य कब तक कराया जावेगा? (ख) साथ ही हटा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम स्नेह से कौशलपुर मार्ग एवं मडियादो-वर्धा मुख्य मार्ग से चंदेना मार्ग व खडपुरा मार्ग, शिवपुर-पुरानाखेड़ा मार्ग खमरियाकलांर-भटदेवा मार्ग, खमरगौर से मुहन्ना मार्ग ऐसे 28-30 ग्रामों में मार्ग नहीं होने से ग्राम जन परेशान है। विधान सभा क्षेत्र के मार्गों को बनाये जाने हेतु विभाग के द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई प्राथमिकता के आधार पर उक्त मार्ग कब तक बना दिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग संभाग दमोह के अधीन कोई ग्राम सड़क विहीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में पुन: निर्माण की कोई योजना प्रचलन में नहीं है, अत: समय-सीमा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
ग्रीड की स्वीकृति
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 340 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपलौदा तहसील अंतर्गत ग्राम आम्बा बडी ग्राम पंचायत का मुख्यालय होकर जनजाति बाहुल्य छोटे बड़े गांव एवं मजरे, टोलो की आवासीय बड़ी जनसंख्या का केन्द्र है तथा संपूर्ण क्षेत्र में पर्याप्त पानी होने से कृषि बाहुल्य क्षेत्र तथा बहुत बड़ी मात्रा में सिंचित रकबा भी है एवं शासन/विभाग द्वारा विद्युतीकरण कार्य के साथ ही फीडर विभक्तिकरण, सुदृढ़ीकरण इत्यादि प्रकार के कार्य भी किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ, तो क्या क्षेत्रीय आवश्यकता अनुसार ग्राम आम्बा में विद्युत ग्रीड की अत्यधिक रूप से आवश्यकता महसूस किए जाने के शासन/विभाग द्वारा ग्रीड की स्वकृति कब दी जा सकेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। पिपलौदा तहसील के अंतर्गत ग्राम आम्बा में म.प्र. पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि.इंदौर द्वारा विद्युतीकरण कार्य के साथ फीडर विभक्तीकरण एवं विद्युत प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य भी किये गये है। (ख) वर्तमान में ग्राम आम्बा क्षेत्र में सिंचाई प्रयोजन हेतु 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र शेरपुर से निकलने वाले 11 केव्ही आम्बा सिंचाई फीडर के माध्यम से विद्युत प्रदाय किया जाता है जिस पर माह नवम्बर-2020 में अधिकतम भार 280 एम्पीयर था। फीडर की कुल लंबाई 22 किलोमीटर एवं फीडर के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन 9.23 प्रतिशत है। शेरपुर उपकेन्द्र से निकलने वाले 11 के.व्ही. घरेलू आम्बा-शेरपुर-नवाबगंज फीडर पर अधिकतम भार 150 एम्पीयर, फीडर की कुल लंबाई 36 किलोमीटर तथा फीडर के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन 12.56 प्रतिशत है। प्रस्तावित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र (आम्बा ग्राम पंचायत क्षेत्र) तकनीकी रुप से साध्य है। वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए आम्बा क्षेत्र में नवीन उपकेन्द्र की स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी।
शहरी स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 341 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जावरा नगर के पुराना अस्पताल में शहरी स्वास्थ्य केन्द्र विगत वर्षों में प्रारंभ किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या शहर के मध्य में होने से काफी बड़ी संख्या में मरीजों की उपचार की व्यवस्था पुराना अस्पताल भवन में की जाती रही है। (ग) क्या जहां पर शहरी केन्द्र प्रारंभ हुआ वह पुराना अस्पताल भवन जीर्णशीर्ण होकर जर्जर अवस्था में होने से ध्वस्त किये जाने की स्थिति में है? (घ) यदि हाँ, तो जर्जर भवन को ध्वस्त कर वहां पर शहरी स्वास्थ्य केन्द्र भवन बनाए जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या किया जा रहा है तथा नवीन भवन की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। यद्यपि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जावरा को दिनांक 01/12/2020 से किराये के भवन में अन्यत्र स्लम बस्ती फूलशाह दाता कॉलोनी नाना साहेब का मोहल्ला में संचालित किया जा रहा है। (घ) राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के संचालन हेतु नवीन भवन निर्माण करने का प्रावधान नहीं है तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को किराये के भवन में संचालित करने का प्रावधान है तदानुसार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जावरा को दिनांक 01/12/2020 से किराये के भवन में अन्यत्र स्लम बस्ती फूलशाह दाता कॉलोनी नाना साहेब का मोहल्ला में संचालित किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केंद्र सरकार से प्राप्त आवंटन
[आदिमजाति कल्याण]
34. ( क्र. 346 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु केन्द्र सरकार से विशेष केन्द्रीय सहायता एवं अनुच्छेद 275 (1) में प्राप्त राशि विभागो को आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि केन्द्र सरकार से प्राप्त हुई? कितनी-कितनी राशि किन-किन लाईन विभागों, किन-किन योजनाओं/कार्यों हेतु आवंटित की गई, विभागों द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कितनी-कितनी राशि समर्पण की गई, कितनी राशि पुन: आवंटन की गई? (ग) क्या लाईन विभागों के द्वारा आवंटित राशि को व्यय करने में रुचि नहीं दिखाई जा रही है?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ग) कार्यों की औपचारिकताओं में विलंब होने के कारण, हितग्राहियों का चयन नहीं हो पाने के कारण, कोषालय से राशि का आहरण नहीं हो पाने के कारण एवं अन्य तकनीकी कारणों से राशि व्यय होने में समय लगता है। अतः यह कहना उचित नहीं है कि विभागों द्वारा आवंटित राशि को व्यय करने में रूचि नहीं दिखाई जा रही है।
पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 375 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र में मझगवा में पलारी-कहानी रोड पर विगत 4 वर्षों से ठेकेदार के द्वारा पुल निर्माण किया जा रहा है जो आज दिनांक तक अपूर्ण है? क्या ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? पुल निर्माण कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) क्या पलारी-कहानी के पुल निर्माण के दौरान आवागमन हेतु कोई वैकल्पिक मार्ग का निर्माण आवागमन हेतु कराया गया है? यदि नहीं तो क्यों? विभाग के द्वारा वैकल्पिक मार्ग बनाने हेतु ठेकेदार को आदेशित/निर्देशित किया गया था यदि हाँ तो वैकल्पिक मार्ग का सुधार कार्य क्यों नहीं किया गया? इसके लिये जिम्मेदार ठेकेदार/अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। धीमी प्रगति के कारण ठेकेदार के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही हेतु चल देयकों से राशि रूपये 9.91 लाख की कटौती की गई है। कार्य माह जून-2021 तक पूर्ण होने की संभावना है। (ख) निर्माणाधीन पुल के अपस्ट्रीम में विद्यमान पुराना रपटा ही वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग हो रहा था। अत: अलग से वैकल्पिक मार्ग का निर्माण ठेकेदार के अनुबंध में शामिल नहीं है। आंशिक सुधार कार्य उपरांत यातायात चालू किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पुल के पुनर्निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 377 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में हुई अतिवृष्टि से केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत विकासखंड छपारा में स्थित भीमगढ-छपारा पुल के ढहने से आवागमन अवरूद्ध हो गया है। शासन/विभाग के द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन/विभाग के द्वारा कोई योजना बनाई है? यदि हां तो क्या पुनः निविदा जारी की गई है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक विभाग के द्वारा कार्यवाही की जावेगी? उक्त पुल का निर्माण पुनः कब प्रारंभ कर पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) भीमगढ-छपारा के क्षतिग्रस्त होने पर 40 ग्रामों का आवागमन अवरूद्ध हो जाने से ग्रामवासियों को लगभग 25-30 कि.मी. की दूरी तय कर अपने गतंव्य स्थान तक पहुँच पाते हैं क्या आवागमन के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? यदि नहीं तो क्यों? क्या आवागमन हेतु कोई वैकल्पिक मार्ग बनाया जावेगा यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विस्तृत सर्वेक्षण पूर्ण, सामान्य संरचना मानचित्र एवं प्राक्कलन बनाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदा जारी की जावेगी। कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, मात्र 6.00 कि.मी. अधिक दूरी तय करना पड़ता है। जी हाँ। पुल के दोनों तरफ के ग्रामवासियों को भीमगढ़ कालोनी (प्रधानमंत्री सड़क योजना मार्ग) व संजय सरोवर बांध के सर्विस रोड (वैकल्पिक मार्ग) से यातायात चल रहा है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
माध्यमिक शाला एवं हाई स्कूल का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
37. ( क्र. 396 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा शासकीय माध्यमिक शाला का हाई स्कूल में एवं शासकीय हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डरी में उन्नयन हेतु विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) क्या वर्तमान में उन्नयन हेतु शासकीय माध्यमिक शाला के कितने प्रस्ताव एवं शासकीय हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन के कितने प्रस्ताव लंबित है? (ग) क्या सागर जिला अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला सड़ेरी, साईखेड़ा, देवरी वि.ख. राहतगढ़, ढाना नरयावली तथा शासकीय हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी में शासकीय हाई स्कूल मेनपानी, पड़रिया, शास. कन्या हाई स्कूल कर्रापुर एवं मकरोनिया के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? (घ) प्रश्न (ग) में वर्णित शासकीय शालाओं का उन्नयन कब तक किया जायेगा? यदि उक्त शालाएं उन्नयन हेतु शासन की समस्त शर्तों/नियम के अनुरूप है, तो प्रश्न दिनाँक तक उक्त शालाओं का उन्नयन क्यों नहीं किया गया?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। निर्धारित मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) वर्तमान में निर्धारित मापदण्ड अनुसार माध्यमिक शाला से हाई स्कूल में उन्नयन हेतु 108 एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन हेतु 168 पात्र शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन शाला निर्धारित मापदण्ड अनुसार अपात्र होने से उन्नयन में कठिनाई है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय में रिक्त पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
38. ( क्र. 402 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ/चिकित्सक/कम्पाउण्डर/ए.एन.एम./ स्टॉफ नर्स/ड्रेसर/टेक्निशियन/लेब असिस्टेंट तथा अन्य समस्त चिकित्सा से संबंधित कितने अधिकारी/कर्मचारी के पद स्वीकृत हैं? पद का नाम दर्शाते हुए जानकारी दें। (ख) प्रश्न दिनांक तक कंडिका (क) अनुसार कितने पदों पर डॉक्टर/कर्मचारी पदस्थ हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? (ग) प्रश्न कंडिका (ख) अनुसार शासन द्वारा स्वीकृत पद पर पदस्थापना नहीं है तो क्या शासन रिक्त पद पर पदस्थापना कर देगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (ग) जी हाँ, रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदोन्नति के संदर्भ में मा. उच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में पदोन्निति की कार्यवाही विलंबित होने के कारण विशेषज्ञों के रिक्त पदों पर पूर्ति किए जाने में कठिनाई हो रही है। विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है। चिकित्सक/स्टॉफ की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति की कार्यवाही की जावेगी।
राजगढ़ विधानसभा में अवैध खनन
[खनिज साधन]
39. ( क्र. 407 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 नवम्बर, 2020 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ विधानसभा में अवैध उत्खनन म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 तथा अन्य धाराओं में किस-किस व्यक्ति के विरूद्ध अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार उपलब्ध जानकारी के आधार पर किस-किस व्यक्ति पर कितना जुर्माना/अर्थदण्ड/शास्ती आरोपित की गयी? कितनी खनन से संबंधित मशीने ट्रक, डंपर, जे.सी.बी., पॉकलेंड तथा अन्य राजसात की गई? (ग) प्रश्न कंडिका (ख) अनुसार उपलब्ध जानकारी में जुर्माने/अर्थदण्ड/शास्ती की राशि जमा नहीं की गई है तो प्रश्न दिनांक तक विभाग ने किस-किस दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही वसूली संबंधी की? की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में अवैध उत्खनन के दर्ज प्रकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आरोपित अर्थदण्ड राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शायी गई है। प्रश्नानुसार कोई वाहन, मशीन आदि राजसात नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार अर्थदण्ड की राशि जमा की जा चुकी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन ग्रामों के किसानों की समस्याओं का निराकरण
[वन]
40. ( क्र. 463 ) श्री सचिन बिरला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन के द्वारा वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ तो वर्तमान में खरगोन जिले की बड़वाह एवं सनावद तहसील में ऐसे कितने ग्राम हैं, जिन्हें राजस्व ग्राम घोषित किया जाना प्रस्तावित है? (ख) क्या खरगोन जिले की तहसील बड़वाह एवं सनावद के ग्राम कुण्डी, बड़ेल, लाइनपुरा, बरखेड़ा, सापट, बेकल्या, घाघला, सालीखेड़ा, कड़ियाकुंड, सुलगांव, मेहंदीखेड़ा, रावत पलास्या, पीपरीखेड़ा, जामन्या, बलखड़ एवं दोनों तहसीलों के अन्य वन ग्रामों में भूमियों के नामांतरण नहीं किये जा रहे हैं? यदि हाँ तो कारण बतावें। (ग) नामांतरण नहीं होने एवं अभिलेख अद्यतन नहीं होने के अभाव में ऐसे कितने कृषक हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री सम्मान योजना का लाभ नहीं मिल पाया है? इनके अभिलेख अद्यतन हेतु शासन की क्या कार्य योजना है एवं इनका अभिलेख अद्यतन कब तक करा लिया जावेगा? (घ) वन भूमि के कृषकों को मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना सहित शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिलने के लिये शासन की नीतियों में कमियाँ है, या अधिकारियों की लापरवाही से ये किसान शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित रहे हैं?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, खरगौन जिले के बड़वाह तहसील में 09 वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया जाना प्रस्तावित है। सनावद तहसील में कोई भी वनग्राम नहीं होने से कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) खरगौन जिले के तहसील बड़वाह एवं सनावद के ग्राम बड़ेल, लाईनपुरा, बरखेड़ा, सापट, बेकल्या, घांघला, सालीखेड़ा, कडियागुण्ड, सुलगांव महेन्दीखेड़ी, रावत पलास्या, जामन्या राजस्व ग्राम हैं। ग्राम पिपरीखेड़ा, बलखड, वर्ष 1962 के अतिक्रमण व्यवस्थापित केन्द्र हैं। इन ग्रामों में पट्टेधारियों के नामान्तरण किये जा रहे हैं। तहसील बड़वाह के वनग्रामों के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के परिपत्र क्रमांक/एफ-25-43/2006/10-3 दिनांक 11.12.2020 से वन अधिकार पत्रधारकों को राज्य शासन के विभिन्न विभागों में प्रचलित योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोलर पॉवर प्रोजेक्ट की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
41. ( क्र. 464 ) श्री सचिन बिरला : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में शासकीय एवं निजी भूमि अधिगृहित कर सोलर पॉवर प्रोजेक्ट स्थापित किये जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो क्या इसके लिये स्थानों का चयन किया गया है? चयनित स्थानों के नाम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भूमि के सदुपयोग को दृष्टिगत रखते हुए क्या नर्मदा घाटी विकास विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत निर्मित मुख्य नहरों पर सोलर पॉवर प्रोजेक्ट लगाये जाने हेतु शासन विचार करेगा? क्या इस संबंध में कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो क्या? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या निजी उद्योगपतियों को सोलर पॉवर प्रोजेक्ट की स्थापना करने हेतु प्रोत्साहन दिया जा रहा है? यदि हाँ तो ऐसे उद्योगपतियों को शासन द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध कराये जाएंगे।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। म.प्र. में शासकीय भूमि का आवंटन प्राप्त कर, परियोजना के लिए एक चक भूमि की आवश्यकता के दृष्टिगत निजी भूमियों का क्रय म.प्र. शासन की आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति 2014 के प्रावधान अनुसार आवश्यकता पड़ने पर भूमि अधिकृत कर सोलर पॉवर प्रोजेक्ट की स्थापना प्रस्तावित हैं। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार हैं। (ख) जी हाँ। नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत मुख्य नहरों पर सोलर पॉवर प्रोजेक्ट लगाए जाने की कोई योजना वर्तमान में प्रस्तावित नहीं हैं, तदापि नर्मदा घाटी विकास विभाग के ओंकारेश्वर जलाशय में 600 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना एवं एन.एच.डी.सी. द्वारा ग्राम बिलाया, तहसील- पुनासा, जिला खण्डवा में 25 मेगावाट स्थापित किया जाना प्रस्तावित हैं। (ग) जी हाँ। राज्य शासन की सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 के अन्तर्गत एवं केन्द्र सरकार की सौर पार्क योजना के अनुसार प्रोत्साहन दिया जा रहा हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार हैं। केन्द्र सरकार की सौर पार्क की योजना के अंतर्गत सौर पार्क का विकास किया जा रहा हैं। इसके अंतर्गत सौर पार्क हेतु आवश्यक भूमि, सड़क, पानी तथा ग्रिड संयोजन हेतु आंतरिक सबस्टेशन का निर्माण राज्य सरकार की अधिकृत एजेंसी द्वारा किया जाकर अधोसंरचनाऐं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
आदिम जाति बस्तियों में कार्यों की स्वीकृति
[आदिमजाति कल्याण]
42. ( क्र. 465 ) श्री सचिन बिरला : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा खरगोन जिले में किस-किस कार्य हेतु कितने-कितनी राशि जनवरी 2019 से वर्तमान तक उपलब्ध कराई गई है? उक्त अवधि में जिला स्तर से किस विकासखंड में कितनी राशि किस मद से किस कार्य हेतु स्वीकृत की गई है? कार्य के नाम सहित पूर्ण ब्यौरा दिया जावे। (ख) क्या किसी ग्राम में अ.जा. अथवा अ.ज.जा. की जनसंख्या का प्रतिशत क्रमशः 40 एवं 50 प्रतिशत से कम होने पर ग्राम के अ.जा. एवं अ.ज.जा. बस्ती को यूनिट मानकर कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं? कार्य स्वीकृति के दिशा-निर्देश संबंधी परिपत्र उपलब्ध कराया जावे। (ग) खरगोन जिले में ऐसी अ.जा. एवं अ.ज.जा. बहुल बस्तियाँ, जहाँ मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, वहाँ बिजली, पानी एवं सड़कों के निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या इस संबंध में कोई कार्य योजना बनाई गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में यदि कोई कार्य योजना बनाई गई हो तो उसका विवरण दिया जावे। यदि नहीं बनाई गई है तो कब बनाई जावेगी।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) के संबंध में जिले को प्राप्त आवंटन की सीमा में अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तियों में मूलभूत सुविधाओं के कार्य नियमानुसार स्वीकृत किये जाते हैं। जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (घ) के संबंध में प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत सेपरेशन का कार्य
[ऊर्जा]
43. ( क्र. 466 ) श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड शहर में सभी घरों में मीटर (विद्युत) लगे हैं? यदि हाँ, तो संख्या बताएं। (ख) क्या उपभोक्ताओं को आंकलित बिल दिए जा रहे हैं? यदि हाँ तो राशि बताएं? (ग) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन का कार्य कितना पूर्ण हो चुका है? कितना भुगतान कार्य करने वाली कम्पनी को आज दिनांक तक किया जा चुका है? (घ) क्या कम्पनी द्वारा लगाए गए सामान जैसे विद्युत, तार, ट्रांसफार्मर की जांच किसी अधिकृत कम्पनी में की गई? यदि हाँ तो बिन्दुवार बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, भिण्ड शहर में सभी घरेलू उपभोक्ताओं के परिसर में माह नवम्बर, 2020 की स्थिति में कुल 33509 विद्युत मीटर लगे हैं। (ख) भिण्ड शहर में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका-8.35 के प्रावधानों के अंतर्गत केवल ऐसे उपभोक्ताओं को आंकलित खपत के बिल दिए जा रहे हैं, जिनके परिसर पर स्थापित मीटर बन्द/खराब हैं। भिण्ड शहर में माह नवम्बर, 2020 में उक्तानुसार कुल रू. 404.81 लाख राशि के आंकलित खपत के बिल जारी किये गये हैं। (ग) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के पुनरीक्षित प्रावधान अनुसार स्वीकृत 11 के.व्ही. के सभी 10 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है जिसके विरूद्ध संबंधित ठेकेदार एजेन्सी को राशि रू. 901.84 लाख का भुगतान किया जा चुका है। (घ) जी हाँ, प्रश्नाधीन कार्य में लगाई गई विद्युत सामग्री- विद्युत तार एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की जाँच अधिकृत कंपनी/प्रयोगशाला से कराई गई है जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन जेल का निर्माण
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 468 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड शहर में नवीन जिला जेल का टेण्डर कब हुआ था? किस फर्म (एजेंसी) को यह कार्य दिया गया था एवं उसकी कार्य अवधि कब कार्य पूर्ण होने की थी? कार्य पूर्ण हुआ या नहीं? यदि नहीं हुआ तो क्यों नहीं? यदि कार्य अपूर्ण है, तो उक्त ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त कार्य की लागत क्या है, क्या उक्त फर्म ने प्राक्कलन अनुसार कार्य किया है? क्या निर्माण कार्यों की अधिकारियों द्वारा समय-समय पर जांच की गई है? यदि हां तो कब-कब दिनांक सहित बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
शासकीय चिकित्सालय में टीकाकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 482 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आंगनवाड़ी एवं शासकीय चिकित्सालय के माध्यम से गर्भवती माताओं एवं बच्चों का टीकाकरण शत-प्रतिशत हो रहा है या नही? (ख) अगर नहीं तो इसमें शासन क्या कार्रवाई कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, प्रदेश में संचालित समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा शासकीय चिकित्सालयों में टीकाकरण सत्र आयोजित कर, उपलब्ध हितग्राहियों का टीकाकरण शत-प्रतिशत किया जा रहा है। (ख) टीकाकरण की निरंतरता बनाये रखने के लिये आत्म निर्भर मध्यप्रदेश अन्तर्गत 0-5 वर्ष के बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण कराये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
वन क्षेत्र में रोजगार की उपलब्धता
[वन]
46. ( क्र. 485 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाल ही में मुख्यमंत्री ने वन्य क्षेत्र से रोजगार देने की बैठक बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में की थी? (ख) अगर हाँ तो रोजगार देने के मुख्य बिन्दु क्या हैं और किन जिलों में कितने रोजगार देने की योजना है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) विभिन्न वानिकी कार्यों के माध्यम से राज्य में अगले वित्तीय वर्ष में 7,68,000 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना है, गतिविधिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। जिलेवार अभी रोजगार हेतु लक्ष्य निर्धारित नहीं किये गये हैं।
वनक्षेत्र का निजीकरण
[वन]
47. ( क्र. 486 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश सरकार ने वन्य क्षेत्र का कुछ प्रतिशत पी.पी.पी. मॉडल पर निजी क्षेत्र को सौंपने का निर्णय लिया है? (ख) अगर हाँ, तो मध्य प्रदेश के किन जिलों में कितना वन क्षेत्र निजी हाथों में सौंपा जा रहा है? (ग) निजी क्षेत्र में वन्य क्षेत्र जाने के बाद उनमें क्या-क्या गतिविधियां होगी वन्य विकास से संबंधित जानकारी दें?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोनचिड़िया की संख्या एवं उन पर खर्च राशि
[वन]
48. ( क्र. 491 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग में किन-किन जिलों में सोन चिड़िया अभ्यारण्यों में सोन चिड़िया की कितनी संख्या है? जिला अभ्यारण्यवार संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त अभ्यारणों में सोन चिड़िया सरंक्षण पर वर्ष 2020 में कितनी राशि किन-किन मदों में खर्च की गई? जिलावार, मदवार राशि सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या सोन चिड़िया अभ्यारण्यों से कुछ गांवों को हटा दिया गया है? उनके नाम पटवारी हल्का नं. व क्षेत्रफल सहित जानकारी दी जावे।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) ग्वालियर संभाग के घाटीगांव हुकना पक्षी अभ्यारण्य जिला ग्वालियर तथा सोन चिडि़या (हुकना) अभ्यारण्य करैरा जिला शिवपुरी में वर्ष 2012 से एक भी सोन चिड़िया नहीं दिखी है। (ख) वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक घाटीगांव हुकना पक्षी अभ्यारण्य ग्वालियर में मजदूरी मद में रूपये 11,88,760/- एवं पी.ओ.एल. मद में रूपये 3304/- तथा सोन चिड़िया (हुकना) अभ्यारण्य करैरा जिला शिवपुरी में मजदूरी मद में राशि रूपये 9,95,158/- व्यय किये गये है। (ग) ग्वालियर जिले के घाटीगांव हुकना अभ्यारण्य से 23 ग्रामों को पृथक किया गया है। जानकारी पटवारी हल्कावार संधारित नहीं है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
हितग्राहियों के कार्ड बनाने हेतु शिविर का आयोजन
[श्रम]
49. ( क्र. 492 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों में घरेलू कार्य करने वाले, मजदूर महिला, पुरूषो के शिविर लगाकर श्रम कार्ड बनाये जाने की नीति है? दिनांक 01.08.2020 से 30.11.2020 तक कितने शिविर 16 ग्वालियर पूर्व विधानसभा में लगाये गये है? (ख) क्या दुर्घटना में घायल मृत्यु होने वाले परिवारों को आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है? दिनांक 01.01.2019 से दिनांक 30.11.2020 तक कितने परिवारों को आर्थिक सहायता दी गई, उनके नाम, पता, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) क्या घायल, विकलांग, मृतक परिवारों के आर्थिक सहायता देने हेतु अनेक आवेदन प्राप्त होने के बावजूद विभागों द्वारा दिनांक 30.11.2020 तक निराकरण नहीं किया गया? क्यो? कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? लंबित आवेदनों की संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्रम कार्ड बनाये जाने हेतु शिविर लगाने की कोई नीति नहीं है। दिनांक 01.08.2020 से 30.11.2020 तक 16 ग्वालियर पूर्व विधानसभा में लगाये गये शिविर की जानकारी निरंक है। (ख) जी हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल एवं मुख्य मंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में दुर्घटना में घायल, मृत्यु होने पर हितग्राही के उत्तराधिकारी को अनुग्रह सहायता राशि देने का प्रावधान है। दिनांक 01.01.2019 से 30.11.2020 तक 16 ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में वितरित आर्थिक सहायता की जानकारी निम्नानुसार है -1. मुख्य मंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत 6 प्रकरणों में 24 लाख रूपये अनुग्रह सहायता हिताधिकारी के उत्तराधिकारी को दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत जानकारी निरंक है। (ग) ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दिनांक 30.11.2020 तक (1) संबल योजना के 12 प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पाया है। क्योंकि उक्त आवेदन सत्यापन हेतु प्रक्रियाधीन है। सत्यापन कार्य पूर्ण होते ही लंबित आवेदनों का निराकरण कर दिया जाएगा। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (2) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत जानकारी निरंक है।
स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
50. ( क्र. 497 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान अन्य जिलों की भांति श्योपुर जिले में भी महामारी के नियंत्रण हेतु स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ तो कौन-कौन से पदों पर किन-किन की नियुक्ति की गई? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों को शासन द्वारा बिना कारण के छटनी की जाकर हटाया जा रहा है? यदि हाँ तो क्यों? क्या मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी खत्म हो गई है? यदि नहीं तो उक्त स्वास्थ्य कर्मियों को यथावत क्यों नहीं रखा जा रहा है? (ग) श्योपुर जिला चिकित्सालय में वर्तमान में कितने पद विषय विशेषज्ञों के रिक्त हैं? साथ ही कितने पद आयुष डॉक्टर, स्टॉफ नर्स, पेरामेडिकल स्टॉफ, लेब टेक्निशियन एवं वार्ड बॉय आदि के पद रिक्त है? क्या शासन द्वारा सभी रिक्त पदों की पदपूर्ति की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, जिला चिकित्सालय श्योपुर में रिक्त पदों की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। रिक्त पदों को भरने हेतु आरक्षण संबंधी न्यायालय प्रकरण के निराकरण उपरांत रिक्त पदों की भर्ती की जावेगी। न्यायालय प्रकरण के संदर्भ में तिथि निर्धारित की जाना संभव नहीं है।
विभाग को प्राप्त आवंटन
[आदिम जाति कल्याण]
51. ( क्र. 499 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति कल्याण विभाग श्योपुर को किस-किस मद/योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि केन्द्रांश व राज्यांश से प्राप्त हुई? वर्षवार अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि से कौन-कौन से कार्य कराये गये? कार्यवार लागत सहित अवगत करायें। (ग) शासन नियम निर्देशानुसार अजा/अजजा की 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या बाहुल्य बस्तियों में कार्य स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो क्या श्योपुर में उक्त नियमों का पालन किया गया है? समस्त स्वीकृत कार्यों की बस्तियों की अजा/अजजा की जनसंख्या एवं कुल जनसंख्या के प्रतिशत से अवगत करायें। (घ) क्या श्योपुर जिले के विजयपुर विकासखण्ड की ग्राम पंचायतों में अजा/अजजा की बाहुल्य बस्तियों में कार्य स्वीकृत न किये जाकर अन्य सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग बाहुल्य बस्तियों में मनमाने तरीके से स्वीकृत किये गये है? यदि हाँ तो विभाग के जिम्मेदार स्वीकृत कर्ता अधिकारी एवं शाखा प्रभारी द्वारा गलत जानकारी प्रस्तुत किये जाने का दोषी मानकर शासन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) श्योपुर जिले को अनुसूचित जनजाति विकास हेतु निम्नानुसार राशि उपलब्ध कराई गई:- आदिम जाति कल्याण विभाग
(राशि लाखों में)
वर्ष |
आवंटन |
रिमार्क |
2018-19 |
86.00 |
- |
2019-20 |
60.93 |
- |
2020-21 |
42.03 |
- |
परियोजना कराहल:-
वर्ष |
केन्द्रांश व राज्यांश |
योजना का नाम |
आवंटन |
2018-19 |
केन्द्रांश |
निरंक |
निरंक |
2019-20 |
केन्द्रांश |
हितग्राहीमूलक एवं निर्माण |
177.67 समर्पित |
2020-21 |
केन्द्रांश |
हितग्राहीमूलक एवं निर्माण |
177.67 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत शासन नियम निर्देशानुसार अनुसूचित जनजाति की 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या बाहुल्य बस्तियों में कार्य स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। उक्त नियमों का पालन किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। परियोजना अंतर्गत जिला श्योपुर में 237 ग्राम हैं जिनमें विकासखण्ड कराहल के 139 एवं विजयपुर विकासखण्ड के 98 चिन्हित ग्राम हैं तथा कुल जनसंख्या 179177 है, जिसमें से अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 103340 है जो कि कुल जनसंख्या का 57 प्रतिशत है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर (सौभाग्य) योजना
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 505 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर (सौभाग्य) योजना के अगले चरण की कार्यवाही हेतु कोलारस विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों की किन-किन विद्युत विहीन बस्तियों में योजनांतर्गत विद्युतीकरण किए जाने की तैयारी है? क्या इस हेतु सर्वे कार्य पूर्ण किया जा चुका है? यदि हाँ तो विद्युतीकरण किए जाने हेतु विभाग द्वारा अब तक किए गए सर्वे अनुसार ग्रामों के नाम एवं बस्तीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों की विद्युत विहीन बस्तियों में विद्युतीकरण किए जाने हेतु सर्वे नहीं किया गया है तो क्या वर्तमान में कोई भी बस्ती विद्युत विहीन नहीं है तथा सभी स्थानों पर विद्युत की पर्याप्त व्यवस्था है? यदि नहीं तो कब तक सौभाग्य योजना के आगामी चरण के कार्य हेतु सभी विद्युत विहीन बस्तियों का सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा तथा सभी बसाहटों में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्वीकृत किये गये सभी कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के अगले चरण की कोई कार्य योजना वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत चिन्हित ग्रामों/मजरों/टोलों/ बस्तियों में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण तथा सौभाग्य योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत चिन्हित सभी अविद्युतीकृत घरों को विद्युतीकृत करने का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। अत: वर्तमान में उक्त योजनाओं में चिन्हित किसी भी ग्रामों/मजरों/टोलों/बस्तियों में विद्युतीकरण का कार्य शेष नहीं है। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के अगले चरण की कोई कार्य योजना वर्तमान में प्रचलित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
अभ्यारण्य क्षेत्रों में किसानों की भूमि का विक्रय
[वन]
53. ( क्र. 509 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सरदारपुर, नौरादेही, करैरा तथा रातापानी सहित अन्य अभ्यारण्य क्षेत्रों में स्थित किसानों की निजी भूमि पर अब कोई बंदिश नहीं रही तथा किसान इन अभ्यारण्य क्षेत्रों में स्थित अपनी निजी भूमि का क्रय-विक्रय कर सकते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या वन्य प्राणि संरक्षण अधिनियम में संशोधन के बाद किसानों को अपनी निजी भूमि का क्रय-विक्रय करने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं थी और न ही इस हेतु भूमि को डि-नोटीफाईड कराने की आवश्यकता थी? (ग) क्या किसी भी अभ्यारण्य का नोटिफिकेशन जारी होने के दो वर्ष के भीतर अभ्यारण्य हेतु संरक्षित क्षेत्रांतर्गत आने वाली निजी भूमि का भू-अर्जन न किए जाने से निजी भूमि के क्रय-विक्रय पर लगा प्रतिबंध स्वतः ही समाप्त हो गया है? क्या ऐसी स्थिति में अभ्यारण्य क्षेत्रांतर्गत आने वाली निजी भूमि के क्रय-विक्रय के अधिकार उन किसानों स्वतः ही प्राप्त हो गए हैं?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन अभ्यारण्यों सहित अन्य अभ्यारण्य जिनकी अधिसूचना में किसानों की निजी भूमि शामिल है, उनमें वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 20 के प्रावधान अनुसार अभ्यारण्य की अधिसूचना जारी होने के पश्चात, मात्र वसीयती या निर्वसीयती उत्तराधिकार के अतिरिक्त नये अधिकारों का अर्जन प्रतिबंधित है। ऐसी स्थिति में निजी भूमि का क्रय-विक्रय नहीं कर सकते हैं। (ख) जी नहीं। शेष उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई नियम/प्रावधान नहीं है।
आदिवासियों को जैविक खेती हेतु संचालित योजना की जांच और कार्यवाही
[आदिम जाति कल्याण]
54. ( क्र. 517 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में आदिवासी वर्ग के किसानों को जैविक खेती हेतु भारत सरकार द्वारा किन मार्गदर्शी निर्देशों से किन कार्य हेतु कितनी राशि वर्षवार प्रदाय की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) विभाग द्वारा किन मार्गदर्शी निर्देशों से जबलपुर संभाग के किन-किन जिलों में क्या उपयोग एवं क्या सामग्री क्रय हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब जारी की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) राशि से क्या-क्या सामग्री किस-किस दर पर किस आपूर्तिकर्ता से क्रय कर कितने हितग्राही किसानों को वितरित की गई? संख्यात्मक विवरण देवें। (घ) ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक-372 से संचालक कृषि के संयोजन में गठित जांचदल/समिति की बैठक दिनांक-02फरवरी2020 द्वारा किन-किन बिंदुओं पर जांच हेतु किन-किन शासकीय सेवकों को निर्देशित किया गया था? प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही बतायें। (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या जांच और कार्यवाही पूर्ण हो गयी? यदि हाँ, तो विवरण बतायें। नहीं तो कारण बतायें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2017-18 में जैविक खेती हेतु भारत सरकार द्वारा कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई थी। (ख) से (ङ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय कार्य और ई-भुगतान के निर्देशों का पालन
[वन]
55. ( क्र. 518 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन-विकास निगम के पत्र-क्रमांक/वि.वि.नि./बजट/बी.29/2018/2019 दिनांक-18.07.2018 एवं संभागीय प्रबंधक कुण्डम परियोजना मण्डल-जबलपुर द्वारा दिनांक 26.06.2019 को लिखे गये पत्र क्रमांक-08/व्यय/2019/1257 से क्या निर्देश किन्हें दिए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) क्या निर्देशानुसार ई-पेमेंट से भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो वर्ष 2018-19 से राशि का नगद/ई-पेमेंट से भुगतान का विवरण एवं अनियमितता पर की गई कार्यवाही भुगतानवार बतायें। (ग) क्या वन मंडल कटनी के अधीन कैम्पा और अन्य मदों/योजनाओं में वर्ष-2017-18 से वनमंडल-कटनी के किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी लागत से किस मद/योजना में कब-कब पौधा/वृक्षारोपण कार्य किया गया और वर्तमान में पौधा/वृक्षारोपण की भौतिक स्थिति से अवगत कराएं। (घ) क्या प्रश्नांश (घ) कार्यों की विधानसभा प्रश्नों और अन्य कारणों से प्रचलित व जांच पूर्ण हो गई? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन एवं कार्यवाही से अवगत करायें, यदि नहीं तो? प्रकरणवार कारण बतायें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम के पत्र क्रमांक/ वविनि/बजट/बी29/2018/2219, दिनांक 18.07.2018 द्वारा मण्डल प्रबंधकों को ई-भुगतान के निर्देश दिये गये हैं एवं मण्डल प्रबंधक कुण्डम परियोजना मण्डल के पत्र क्रमांक 1257, दिनांक 26.06.2019 के द्वारा ई-भुगतान करने के निर्देश समस्त परियोजना परिक्षेत्र अधिकारियों को जारी किये गये थे। (ख) निर्देशानुसार समस्त प्रकार के कार्यों का भुगतान ई-भुगतान पद्धति से कराये जाने का पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। ई-भुगतान के निर्देशानुसार प्रयास किये गये हैं, क्षेत्रीय परिस्थिति एवं व्यवहारिक कठिनाई को देखते हुए शत-प्रतिशत ई-भुगतान नहीं किया जा सका है, तथापि संबंधितों का स्पष्टीकरण लेने के निर्देश निगम को दिये गये हैं। (ग) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) कटनी सामान्य वनमण्डल की कोई जांच प्रचलित नहीं है। मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम के विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक-205 सत्र दिसम्बर 2019 में निर्मित आश्वासन क्रमांक-1135 की जांच कराई गई जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बालाघाट जिले के सामुदायकि स्वास्थ्य केन्द्र किरनापुर का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
56. ( क्र. 525 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य में कब उन्नयन किया गया था? क्या इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (30 बिस्तरों वाले) का भवन नहीं बनाया गया है? (ख) विषयांकित के भवन निर्माण हेतु क्या प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है? यदि हाँ तो यह देखते हुए कि यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र है क्या भवन निर्माण को स्वीकृति दे दी जाएगी? (ग) जिला चिकित्सालय बालाघाट में सीजर ऑपरेशन द्वारा प्रसव के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए और यह भी देखते हुए कि जिला चिकित्सालय में ऐसे मामलों में अधिकांश महिलाएं किरनापुर तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों की होती हैं क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र किरनापुर में सीजर ऑपरेशन से प्रसव की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी ताकि जिला चिकित्सालय की व्यवस्था को ठीक किया जा सकें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र किरनापुर का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन दिनांक 09 जनवरी, 1997 को किया गया था। जी हाँ। (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण कार्य हेतु विभाग के पत्र क्रमांक एफ 12-6/2020/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 06.07.2020 को राशि रूपयें 449.43 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है, निर्माण कार्य की निविदा आमंत्रित कर दिनांक 11.12.2020 को ठेकेदार द्वारा अनुबंध किया जा चुका है। (ग) जी हाँ। जिला चिकित्सालय बालाघाट में सर्वसुविधायुक्त ऑपरेशन थियेटर तथा एसएनसीयू की सुविधा उपलब्ध होने के कारण विकासखण्ड किरनापुर, बैहर, बिरसा, लामटा, परसवाड़ा, लालबर्रा, वारासिवनी तथा खैरलांजी के जटिल प्रसव संबंधी प्रकरण रेफर होते है। जिला बालाघाट में जनसंख्या के मान से कुल 3 सीमॉक संस्थाऐं चिन्ह्ति है जहां सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध है। किरनापुर विकासखंड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र किरनापुर लेवल 2 बीमॉक के रूप में चिन्ह्ति है, जो जिला मुख्यालय से 27 कि.मी. की दूरी पर स्थित है तथा महिलाओं को आवश्यकतानुसार सिजेरियन ऑपरेशन हेतु निशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाकर जिला चिकित्सालय में किनापुर के प्रकरणों का प्रबंधन होता है।
अस्वीकृत रेत घाटों में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
57. ( क्र. 526 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में रेत खदानों के नये ठेके होने के बाद ऐसे कितने अस्वीकृत रेत घाट हैं जहाँ अवैध रेत के डंप विभाग द्वारा जप्त किए गए तथा इस रेत को बेचने हेतु ठेकेदारों को रायल्टी जारी की गयी? जानकारी दें। (ख) क्या रेत ठेकेदार तथा विभाग की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा ही उक्त घाटों से रेत का अवैध उत्खनन कराया जाता है तथा डंप अपने नाम पर लेकर डंप की आड़ में घाटों की रेत बेच दी जाती है? यदि नहीं तो उक्त घाटों से जब रेत का अवैध उत्खनन होकर रेत को डंप किया जाता है तब विभाग तथा प्रशासन की आंखे बंद क्यों रहती है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में रेत खदानों का अनुबंध दिनांक 30/05/2020 को नये ठेकेदार/निविदाकार से होने के पश्चात जिले में खनिज रेत के अवैध भंडारण के कुल 44 प्रकरण कायम किये गये हैं। अवैध भंडारण के निवर्तन हेतु म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग, भोपाल के परिपत्र क्रमांक 1950/865/2020/12/1 दिनांक 26/05/2020 (जिले में रेत खनिज के भंडारणों के निवर्तन बावत) के बिन्दु क्रमांक - (III) अनुसार मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के तहत जप्त खनिज रेत की अवैध भंडारित मात्रा 30691 घन मीटर की अग्रिम रॉयल्टी राशि रूपये 73,84,880/- जमा कराकर जिले में विद्यमान उच्चतम निविदाकार को निवर्तन हेतु सुपुर्दगी में दिया गया। (ख) जी नहीं। जिले में खनिज रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भंडारण की रोकथाम हेतु राजस्व अमले एवं खनिज अमले द्वारा समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण किया गया है। मौका निरीक्षण के समय खनिज रेत के अवैध डम्प पाए जाने से मौके पर जप्त कर प्रकरण कायम किया जाता है। मौके पर अवैध डम्प किए जाने वाले व्यक्तियों की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होने एवं मौके पर उपस्थित व्यक्तियों द्वारा डम्प के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं देने से प्रकरण अवैध डम्प के रूप में प्रकरण कायम किया जाकर शासन निर्देशों के तहत जिले में विद्यमान उच्चतम निविदाकार को निवर्तन हेतु सुपुर्दगी में दिया गया।
सौभाग्य योजनांतर्गत संविदाकारो का भुगतान
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 533 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला एवं डिंडोरी जिले में सौभाग्य योजना में की गई अनियमितताओं की जांच कार्यवाही में किन-किन अधिकारियों एवं संविदाकारों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? जांच कार्यवाही की वर्तमान स्थिति क्या है? अवगत करावें। (ख) उपरोक्त कार्यों के दौरान संविदाकारों को बिना कार्य किये भुगतान किया गया उसकी वसूली हेतु क्या कार्यवाही की गई? किन-किन संविदाकारों से कितनी-कितनी राशि वसूली जा चुकी है एवं कितनी राशि वसूली हेतु शेष है? (ग) सौभाग्य योजना अंतर्गत मण्डला एवं डिंडौरी जिले में कितने संविदा कारों द्वारा वास्तविक कार्य किया गया परंतु उन्हें भुगतान नहीं किया गया? इन संविदाकारो के कार्यों का भौतिक सत्यापन कर भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (घ) इस योजना के कार्यों में की गई अनियमितताओं के कारण मण्डला व डिंडौरी जिले में वर्तमान में ऐसे कितने गांव/टोले/मजरे/घर शेष हैं जहां विदयुतीकरण नहीं किया जा सका है? इस हेतु इनमें विदयुतीकरण कराए जाने को लेकर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक विद्युतीकरण पूर्ण कर लिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मंडला एवं डिंडौरी जिलों में सौभाग्य योजना के अंतर्गत क्रियान्वित विद्युतीकरण कार्यों में अनियमितताओं की जांच म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच दल गठित कर कराई गई। जांच दलों से प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार योजनान्तर्गत कार्यों में पाई गई अनियमितताओं हेतु प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए श्री टी.के. मिश्रा, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता मंडला, श्री एल.के. नामदेव तत्कालीन कार्यपालन अभियंता मंडला, श्री अशोक निकोसे, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता डिंडोरी एवं श्री अमित कुमार विश्वकर्मा, तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, डिंडोरी को निलंबित किया गया था। उक्त अधिकारियों एवं प्रथम दृष्टया दोषी पाए शेष कार्मिकों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है, जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। विभागीय जांच कार्यवाही के निष्कर्षों अनुसार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी एवं संविदाकारों के भुगतान को उपरोक्त कार्यवाही के पूर्ण होने तक लंबित रखा गया है। जांच कार्यवाही की वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त जिलों में योजना अंतर्गत संविदाकारों द्वारा किये गये कार्यों में अनियमितता की जांच हेतु विभागीय जांच कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जांच प्रतिवेदन एवं विभागीय कार्यवाही के निष्कर्ष अनुसार संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार एजेन्सियों के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी। (ग) मंडला एवं डिण्डौरी जिलों में सौभाग्य योजनान्तर्गत क्रमश: 28 एवं 20 संविदाकारों द्वारा कार्य किया गया जिन्हें क्रमश: रू. 5.87 करोड़ एवं रू. 7.37 करोड़ की राशि का भुगतान किया जाना शेष है। उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जांच में प्राप्त निष्कर्षो के आधार पर संविदाकारों को शेष भुगतान किया जावेगा। (घ) सौभाग्य योजना का उद्देश्य योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार चिन्हित समस्त घरों का विद्युतीकरण किया जाना था तथा तद्नुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में समस्त कार्य पूर्ण कर लिया गया है। तथापि जाँच प्रक्रिया में कोई प्रकरण विशेष संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
सीए परियोजनाओं का क्रियान्वयन
[वन]
59. ( क्र. 534 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीए परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सरकार द्वारा वन अधिकार अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कोई तंत्र स्थापित किया गया है? यदि हाँ तो क्या? क्या आदिवासियों/वनवासियों की भूमि पर वृक्षारोपण सहित उनके अधिकारों का हनन और अत्याचार की खबरें विभिन्न अंचलों से लगातार आ रही हैं? यदि हाँ तो इसे लेकर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) राज्य सरकार ने राज्यों को प्राप्त सीए के प्रबंधन व वृक्षारोपण के चलते आदिवासियों/ वनवासियों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए क्या कदम उठाए हैं? क्या सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए किसी तंत्र व व्यवस्था पर काम किया है? यदि हाँ तो क्या? (ग) क्या राज्य सरकार ने सीए कोष को सीधे ग्राम सभा में स्थानांतरित करने के लिए किसी तंत्र को स्थापित किया है या कोई व्यवस्था बनाई है? यदि हां तो विस्तार पूर्वक जानकारी देवें। (घ) क्या राज्य सरकार को एफआरए, पैसा के हो रहे उल्लंघन एवं सीए प्रयोजनों के लिए राजस्व जंगलों से लैंड बैंक बनाने के प्रस्ताव से उठ रही चिंताओं के बारे में पता है? क्या राज्य सरकार ने आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कोई कदम उठाया है? यदि हाँ तो वे क्या हैं? (ङ) सीए से प्रदेश में कौन-कौन सी परियोजनाएं संचालित हैं? इनका मोनिटरिंग सिस्टम क्या है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) क्षतिपूर्ति वनीकरण की योजनाओं में भारत सरकार की स्वीक़ृत की शर्तों के अनुरूप आवेदक संस्था द्वारा उपलब्ध कराई गई गैर वन भूमि या चयनित बिगड़े वनों में रोपण का कार्य किया जाता है। इस कार्य के लिये किसी भी वनाधिकार धारक की वन भूमि चयनित नहीं की जाती है। किसी वन अधिकार धारक की भूमि पर क्षतिपूर्ति वनीकरण करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) सी.ए. के प्रबंधन हेतु राज्य कैम्पा का गठन किया गया है। विभाग द्वारा क्षतिपूर्ति वनीकरण का कार्य वन अधिकार धारक की वन भूमि पर नहीं किया जाता है। (ग) क्षतिपूर्ति वनीकरण की राशि प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि अधिनियम, 2016 के तहत निर्धारित प्रक्रिया अनुसार जमा की जाती है। इसे सीधे ग्राम सभा में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। (घ) प्रश्नांकित प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) वर्तमान में संचालित क्षतिपूर्ति वनीकरण योजनाओं की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। क्षतिपूर्ति वनीकरण योजनाओं का अनुश्रवण कार्य वन विभाग के अधिकारियों एवं तृतीय पक्ष द्वारा कराया जाता है।
सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 549 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी सड़कों, भवनों एवं अन्य निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गयी है? समस्त निर्माण कार्यों के नाम, राशि, सड़कों की लम्बाई, कार्यादेश की स्वीकृति, कार्य की पूर्णता दिनांक सहित सम्पूर्ण विवरण पृथक-पृथक उपलब्ध करावे तथा कितने कार्य आप्रांरभ हैं? महामाई मंदिर के निकट ग्राम वीरपुर तहसील सिरोंज के संग्रहालय का निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया जावेगा? निर्देशक महर्षि पतंजलि संस्कृति संस्थान का पत्र आदर्श संस्कृत विद्यालय भवन सिरोंज का प्राकक्लन बनाने हेतु क्या विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हां, तो प्राक्कलन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या ए.डी.बी.6/7परियोजना अंर्तगत स्वीकृत सिरोंज से बासोदा मार्ग व्हाया इमलानी, ऐचदा, गुरोद चौराहा एवं लटेरी-शमशाबाद मार्ग स्वीकृत है? फिजिबिलिटी रिपोर्ट कबसे बन रही है कब तक तैयार की जावेगी? निर्माण कार्य कब से प्रारंभ होगा तथा इन मार्गों की कितनी लागत से निर्माण होगा? (ग) प्रश्नकर्ता तथा विभागीय मान.मंत्री जी तथा उनके विशेष कर्तव्य अधिकारी द्वारा 1 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सिरोंज की सड़कों की स्वीकृति हेतु विभाग के प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, प्रबंध संचालक एम.पी.आर.डी.सी. को प्रेषित किये गये पत्रों का संपूर्ण विवरण देवें तथा पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों? कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता का प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को पत्र क्र. 1019 दिनांक 14.10.2020 प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कार्यवाही कब-तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'अ-1', 'अ-2' एवं ब-1' अनुसार है। सिरोंज संग्राहलय की निर्माण कार्य की ड्राईंग संभागीय परियोजना यंत्री लो.नि.वि. पी.आई.यू. विदिशा को दिनांक 05.12.2020 को प्राप्त हुई एवं दिनांक 07.12.2020 को ले-आउट दिया गया। जी हाँ। भूमि अनुपयुक्त होने के कारण प्राक्कलन तैयार नहीं किया गया है। अत: प्राक्कलन की छायाप्रति उपलब्ध कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-3' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'ब-2' अनुसार है। (घ) जी हाँ, परिक्षेत्रीय कार्यालय द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ऊर्जा विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 550 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 1 अप्रैल, 2017 से प्रश्नांकित अवधि तक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, आई.पी.डी.एस., फीडर विभक्तिकरण, सौभाग्य योजना, मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना एवं अन्य योजनाओं में उपभोक्ताओं के लिए कितनी 33 KV, 11 KV लाईने एवं कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये है एवं कितनी राशि स्वीकृत की गई है? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदयुत लाइनों का कार्य कितने ठेकेदार, फर्म, कम्पनी द्वारा कितने कार्यादेशों से किया गया एवं कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई? योजनावार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें तथा कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया गया है? यदि नहीं किया गया तो इसके लिए उत्तरदायी कौन है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से विदिशा जिले में विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में स्थापित विद्युत लाईनों के रख-रखाव (मेन्टेनेन्स कार्य) के कौन से कार्य किये गये तथा किये गये कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई तथा भुगतान किसको किया गया। सिंरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड के कितने ग्रामों में कितने ट्रांसफार्मर खराब है? ग्रामवार जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र प्रमुख सचिव, प्रबंध संचालक म.प्र. म.क्षे.वि.वि.कम्पनी को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों तथा पत्रों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विदिशा जिले में प्रश्नाधीन अवधि में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, आई.पी.डी.एस., फीडर विभक्तिकरण, सौभाग्य योजना एवं मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना अंतर्गत स्थापित 33 के.व्ही. विद्युत लाईनों, 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गई योजनावार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के अंतर्गत विद्युत लाईनों के कार्यों हेतु जारी किये गये कार्यादेश/व्यय राशि/ठेकदार एजेन्सियों की प्रश्नाधीन चाही गई योजनावार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, सौभाग्य एवं आई.पी.डी.एस. योजना अंतर्गत किए गए कार्यों का निरीक्षण संबंधित नोडल अधिकारियों एवं प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग एजेंसी के माध्यम से संपन्न किया गया। मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजनान्तर्गत पूर्ण किये गये कार्यों के समय-समय पर प्रश्नाधीन क्षेत्र में पदस्थ रहे संबंधित अधिकारियों (उप महाप्रबंधक/ प्रबंधक/सहायक प्रबंधक) द्वारा निरीक्षण किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से विदिशा जिले के विकासखंड सिरोंज एवं लटेरी में विद्युत लाईनों के रख-रखाव संबंधी कार्य मुख्यत: जम्पर कसना, झुके तारों को कसना, पेड़ों की शाखाओं की कटाई-छटाई, इन्सुलेटर बदलना इत्यादि समय-समय पर आवश्यकतानुसार विभागीय स्तर पर किये गए जिस हेतु पृथक से किसी एजेन्सी/व्यक्तियों को भुगतान नहीं किया गया है। वर्तमान में सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड के कुल 5 ग्रामों में कुल 5 ट्रांसफार्मर खराब है। जिनकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त ट्रांसफार्मरों को उनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण नियमानुसार बदले नहीं जा सके। (घ) जी हाँ। विभाग में प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही किये जाने हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया गया जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्रों में से प्रबंध संचालक, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को संबोधित पत्र क्रमांक-396 दिनांक 04.07.2019 के तारतम्य में सिरोंज शहर की विद्युत व्यवस्था में आवश्यक सुधार कर लिया गया है तथा अन्य पत्रों में की गई मांग का परीक्षण किया जा रहा है। पत्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
ध्वस्त मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 555 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र के ध्वस्त मार्गों को बनाये जाने हेतु कोई प्रस्ताव शासन/विभाग के पास स्वीकृति हेतु लंबित है? यदि हां तो प्रस्तावित कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ध्वस्त मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? यदि हां तो निविदा प्रक्रिया कब तक प्रारंभ की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
कार्यपालन यंत्री कार्यालय भीकनगांव में स्थापित किया जाना
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 563 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. प.क्षे.वि.वि.क. का कार्यपालन यंत्री, कार्यालय खरगोन-2 के कार्य करने हेतु कौन-कौन सा क्षेत्र सम्मिलित है? (ख) क्या भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र का सम्पूर्ण क्षेत्र कार्यपालन यंत्री कार्यालय खरगोन-2 के अधिनस्थ हैं? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि, इसका संचालन खरगोन से किया जा रहा है? (ग) क्या इस कार्यालय को कार्य सुविधा की दृष्टि से भीकनगांव स्थापित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इंदौर के अंतर्गत कार्यपालन यंत्री, संचालन-संधारण संभाग खरगोन-द्वितीय के कार्य क्षेत्र अंतर्गत भीकनगांव विधानसभा का संपूर्ण क्षेत्र आता है। इसके अलावा इस संभाग के कार्य क्षेत्र अंतर्गत खरगोन विधानसभा क्षेत्र के 61 ग्राम, भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र का 01 ग्राम एवं कसरावद विधानसभा क्षेत्र के 56 ग्राम भी आतें हैं। (ख) जी हाँ। खरगोन जिला मुख्यालय पर संचालन-संधारण वृत्त कार्यालय एवं अन्य विभागों के जिला स्तरीय कार्यालय भी स्थित है। अतः संचालन-संधारण संभाग खरगोन द्वितीय के अंतर्गत आने वाले समस्त कार्य क्षेत्रों के ग्रामों के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत संबंधी एवं अन्य विभागों से संबंधित शासकीय कार्यों के निष्पादन हेतु सुगमता एवं सुविधा उपलब्ध कराने हेतु संचालन-संधारण संभाग खरगोन द्वितीय का मुख्यालय खरगोन जिला मुख्यालय पर रखा जाना सुविधाजनक है। (ग) जी नहीं। संचालन-संधारण संभाग खरगोन द्वितीय को कार्य सुविधा की दृष्टि से भीकनगांव स्थापित करना उचित नहीं होगा। उक्त संभाग में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के अलावा 03 अन्य विधानसभा क्षेत्रों खरगोन, कसरावद एवं भगवानपुरा के विद्युत उपभोक्ता भी आते है। दिनांक 30.06.2018 को आयोजित जिला विद्युत सलाहकार समिति की बैठक में माननीय मंत्री जी ने निर्देशित किया है कि संचालन-संधारण संभाग खरगोन द्वितीय को भीकनगांव के स्थान पर खरगोन जिला मुख्यालय से संचालित किया जाये।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का सीविल अस्पताल में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
64. ( क्र. 564 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भीकनगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल में उन्नयन किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक तथा नहीं तो क्यों? (ख) वर्तमान में पोस्टमार्टम किसके द्वारा किया जाता है? क्या इसके लिये स्वीपर की आवश्यकता होती है? यदि हाँ तो भीकनगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कौन है? नहीं है तो क्या कारण है? आवश्यकता को देखते हुए भीकनगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पोस्टमार्टम हेतु स्वीपर की व्यवस्था कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्या वर्तमान व्यवस्था में पोस्टमार्टम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीकनगांव में किसी निजी व्यक्ति द्वारा किया जाता है जिससे न्यायालयीन प्रकरणों में बहुत बार आपत्ति ली जाती है? हाँ तो क्या इसके निराकरण हेतु अतिशीघ्र पोस्टमार्टम करने के लिए शासकीय सेवक की नियुक्ति की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है? क्या पोस्टमार्टम हेतु भवन क्षतिग्रस्त होने से नवीन पोस्टमार्टम भवन की स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? यदि हाँ तो कृपया समयावधि बतायें नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा प्रदेश की जनता को सुलभ स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' के अंतर्गत 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीकनगांव को 50 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन किये जाने हेतु प्रस्ताव में सम्मिलित किया गया है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में संस्था में पदस्थ चिकित्सक द्वारा पोस्टमार्टम किया जाता है। पोस्टमार्टम हेतु सहायक के तौर पर स्वीपर की आवश्यकता होती है। वर्तमान में श्री दिलावर खान आउटसोर्स स्वीपर की सेवायें ली जा रहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नही। वर्तमान में श्री दिलावर खान आउटसोर्स स्वीपर की सेवायें ली जा रहीं हैं। जी नही। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वित्तीय संसाधन की उपलब्धता होने पर नवीन पोर्स्टमार्टम भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो सकेगी। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
अस्पताल का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 570 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 16 जनवरी 2020, गुरूवार को आयोजित हुई कैबिनेट बैठक में सरदारपुर जिला धार के 30 बिस्तरीय अस्पताल को 50 बिस्तरीय किये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। (ख) अगर हाँ तो 30 बिस्तरीय अस्पताल को 50 बिस्तरीय करने हेतु अब तक क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण प्रचलन में हैं।
अध्यापकों की संख्या एवं व्यवस्था
[आदिमजाति कल्याण]
66. ( क्र. 572 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विद्यालयों में वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक कक्षा 01 से कक्षा 12 तक नामांकन की संख्या बतावें। प्रश्नाधीन अवधि में प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की संख्या उनमें अध्यापको की संख्या अतिथि शिक्षक सहित बतावें। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में किस कक्षा के कितने-कितने विद्यार्थियों को शासन स्तर पर क्या-क्या सामग्री (जैसे पाठ्य पुस्तके, गणवेश, सायकल, मध्यान्ह भोजन) तथा छात्रवृत्ति दी गई? वर्षवार बतावें। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में विद्यालयीन शिक्षा पर कुल कितनी-कितनी राशि खर्च हुई? (घ) प्रश्नाधीन अवधि में विद्यार्थियों की संख्या में प्रतिशत वृद्धि एवं कमी बतावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
बिगड़े वनों में निजी निवेश
[वन]
67. ( क्र. 576 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.सी.सी.एफ. वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल ने अपने पत्र क्रमांक एफ-2/3620 दिनांक 20/10/2020 में राज्य की 37 लाख 42 हजार हेक्टेयर भूमि पर निजी निवेश से संबंधित पत्र जारी किया है? (ख) यदि हाँ तो 37 लाख 42 हजार हेक्टेयर बिगड़े वन क्षेत्र में कितना आरक्षित वन है, कितना संरक्षित वन है, कितना असीमांकित वन है, कितना नारंगी वन है, कितनी भूस्वामी हक में दर्ज निजी भूमि है तथा कितना क्षेत्र संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के नियंत्रण एवं प्रबंधन में है? (ग) 37 लाख 42 हजार हेक्टेयर बिगड़े वन क्षेत्र में से कितने क्षेत्र में समाज के कौन-कौन से अधिकार एवं कौन-कौन से सार्वजनिक प्रयोजन किन-किन शासकीय प्रयोजन किन-किन शासकीय अभिलेखों में दर्ज है? इनमें से कितने क्षेत्र की भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच वर्तमान में लंबित है?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन पत्र प्रदेश में स्थित 37420 वर्ग किलोमीटर बिगड़े वन क्षेत्र के विकास में निजी निवेश की संभावना को तलाशने के लिये प्रारंभिक रूप से क्षेत्र चिन्हांकन हेतु लिखा गया है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन अधिकार कानून 2006
[आदिमजाति कल्याण]
68. ( क्र. 579 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से दिसंबर 2018 तक जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक एवं अप्रैल 2020 से प्रश्न-दिनांक तक राज्य में कितने आदिवासियों एवं गैर-आदिवासियों के कितने-कितने दावे मान्य किए गए, कितने दावे अमान्य किए गए, कितनी भूमि के कितने सामुदायिक दावे मान्य एवं अमान्य किए गए? जिलेवार बताएं। (ख) वन अधिकार कानून 2006 की धारा 2 (ण), धारा 4 (3), धारा 2 (झ) एवं धारा 3 (1) ग, धारा 2 (घ), धारा 3 (1) ज, धारा 2 (क) एवं धारा 3 (1) ख में किस-किस विषय पर क्या-क्या प्रावधान दिए हैं? उनका पालन किए जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय भोपाल ने किस-किस दिनांक को किस-किस विषय पर आदेश, निर्देश, पत्र, परीपत्र जारी किया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित धाराओं का पालन सुनिश्चित किए जाने के संबंध में राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति ने अपनी किस दिनांक की बैठक में क्या-क्या निर्णय लिए? प्रति सहित बताएं।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनवरी 2008 से दिसम्बर 2018 तक, जनवरी 2019 से मार्च 2019 तक एवं अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मान्य एवं अमान्य किये गये दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक, दो एवं तीन अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 की प्रति एवं समय-समय पर जारी आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''चार'' एवं ''पांच'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''छः'' अनुसार है।
टॉस्क फोर्स कमेटी की रिपोर्ट
[वन]
69. ( क्र. 580 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.सी.सी.एफ. वन मुख्यालय एवं वर्किंग प्लान, सचिव वन विभाग के हस्ताक्षर युक्त आरेंज एरिया विवाद टॉस्क फोर्स की ए.सी.एस. वन द्वारा 6 फरवरी, 2020 को प्रस्तुत रिपोर्ट में निजी भूमि, डीनोटीफाईड भूमि, रैयतबारी ग्रामों की भूमि एवं नारंगी भूमि के संबंध में की गई सिफारिश एवं दिए गए सुझाव के बाद भी राज्य मंत्रालय से विधिवत आदेश जारी नहीं हुए? (ख) यदि हाँ तो रिपोर्ट में किस-किस मुद्दे पर क्या-क्या सिफारिश की गई? क्या-क्या सुझाव दिए गए? रैयतवारी ग्रामों की भूमि एवं नारंगी भूमि के संबंध में वन मुख्यालय से सतपुड़ा भवन भोपाल ने क्या कार्यवाही की? क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) निजी भूमि एवं डीनोटीफाईड भूमियों के संबंध में राज्य मंत्रालय एवं वन मुख्यालय से किस विषय पर किस दिनांक को किसने आदेश, निर्देश, पत्र जारी किया? उनमें से किस-किस का 6 फरवरी 2020 की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। टॉस्क फोर्स द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट राज्य शासन स्तर पर विचाराधीन है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। टास्क फोर्स के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट राज्य शासन स्तर पर विचाराधीन होने से रैयतवारी ग्राम की भूमि एवं नारंगी भूमि के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'दो' अनुसार है। परिशिष्ट-''दो'' में संलग्न परिपत्रों में से दिनांक 06.02.2020 की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के परिपत्र दिनांक 04.06.2015 का उल्लेख है।
संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों पर अवसर का प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
70. ( क्र. 587 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्रि परिषद आदेश आइटम क्रमांक 31 दिनांक 29/05/2018 के आदेशानुसार विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या दिनांक 05/06/2018 को जारी नीति निर्देश अनुसार उपरोक्त विषय में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 1994 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी मिशन परियोजनाओं का संचालन किया है? उक्त मिशन परियोजनाओं के कितने स्वीकृत पदों से स्कूल शिक्षा विभाग में किन-किन पदों का संविलियन, नियमितीकरण एवं क्रमोन्नति किन-किन आदेश निर्देश, परिपत्रों के परिपालन में की गयी है? उनकी प्रमाणित प्रतियाँ उपलब्ध कराते हुए समस्त कार्यवाही की नस्ती उपलब्ध करायें। (घ) स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) व (ख) के परिपालन में कब तक नियुक्ति के अवसर प्रदान किए जाने के 1.14.1 कंडिका व 1.15 कंडिका में नीति निर्देश अनुसार प्रतिस्थापन की कार्यवाही पूर्ण कर प्रशासकीय सेटअप व भर्ती नियमों में परिवर्तन किया जाएगा की जानकारी उपलब्ध कराते हुए नोटशीट सहित सम्पूर्ण नस्ती प्रस्तुत करें। (ङ) संविलियन एवं नियमितीकरण के प्रावधान जोड़ने के लिए मिशन की कार्यकारिणी की बैठक कब आहूत की जाएगी और उपरोक्त बिन्दुवार निर्णय कब लिए जाएंगे? सभी कक्षों की संकलित जानकारी उपलब्ध कराएं।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रबंधन समितियों की जांच
[स्कूल शिक्षा]
71. ( क्र. 588 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में ताराना विधान सभा क्षेत्र जिला उज्जैन में कितने केजीबीवी, बालिका एवं बालक छात्रावास संचालित है? कब से संचालित है? स्थापना काल से वर्तमान तक की 16 सदस्यीय कार्यकारिणी के गठन, बैठक एवं किए गए निर्णय की प्रमाणित प्रतियों के साथ नाम, पद, पते सहित सूची भी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ताराना विधानसभा क्षेत्र जिला उज्जैन क्या एएनएम, सुपरवाइजर, एमआरसी, सहायक वार्डन, स्थानीय निकाय का प्रतिनिधि, निकट शाला का प्रधानाध्यापक, बीजीसी/बीएसी,सत्र 2018-19 से वर्तमान काल तक कितनी बैठक में सम्मिलित हुए एवं छात्रावास निधि से वित्तीय गतिविधियों को लेकर कितनी बार चर्चा की गयी एवं कोरम अनुसार अनुमोदन प्राप्त कर किन-किन निर्णयो एवं अनुमोदन के बाद कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ खर्च की गयी? उन सभी भुगतान के क्रय आदेश एवं कार्यवाही विवरण जिसमें समस्त लेन देन के संबंध में निर्णय लिया गया हैं उनकी प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। (ग) ताराना विधान सभा क्षेत्र जिला उज्जैन में कितने वार्डनों ने सत्र 2018-19 से वर्तमान काल तक उक्त छात्रावासों का प्रभार कब से कब तक संभाला और कुल कितनी राशि उनके कार्यकाल में खर्च की? राशि खर्च करने से पूर्व कब-कब छात्रावास समिति से अनुमोदन लिया गया? इस संबंध में उज्जैन जिले के डीपीसी एवं संबंन्धित शाखा के एपीसी द्वारा उक्त सभी बिन्दुओं की प्रमाणित सत्यापन रिपोर्ट की प्रतिलिपि उपलब्ध कराए।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) वर्तमान में तराना विधान सभा क्षेत्र जिला उज्जैन में मात्र 02 बालिका छात्रावास संचालित है। एक बालिका छात्रावास तराना 2006 में, दूसरा बालिका छात्रावास नांदेड 2011 से संचालित है। छात्रावास में कार्यकारणी समिति नहीं होती है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। छात्रावासों में राशि खर्च करने के पूर्व छात्रावास प्रबंधन समिति से अनुमोदन का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिल्ली मुम्बई 08 लेन निर्माण कार्य की जानकारी
[खनिज साधन]
72. ( क्र. 589 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 454 दिनांक 22.09.2020 के खण्ड (क) तथा (ख) के सन्दर्भ में बतावें की अर्थवर्क में कौन-कौन सी सामग्री कितनी मात्रा में उपयोग होगी तथा उस सामग्री हेतु निवेशकर्ता ने किस-किस क्षेत्र की कौन-कौन से सर्वे न. की खदानें आंवटित करवाई हैं? (ख) प्रदेश से निकलने वाली 08 लेन में जी.एस.बी. के लिये कितनी अनुमति कहाँ-कहाँ ली गई? (ग) क्या 08 लेन निवेशकर्ता को सैलाना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत खरमौर अभ्यारण्य में खदानों की अनुमती दी गई हैं? यदी हाँ तो बतावें की यह अनुमति किन नियमों के तहत दी गई है? (घ) 08 लेन निवेशकर्ता द्वारा पर्यावरण के प्राप्त दस्तावेजों की प्रति देवें तथा बतावें कि किस-किस खदान पर उन्होंने पर्यावरण की अनुमति प्राप्त नहीं की है तथा खदान पर कार्य शुरू कर दिया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्न अनुसार अर्थ वर्क में रतलाम जिले में कुल 102.99 लाख घनमीटर तथा मंदसौर जिले में 184.40 लाख घनमीटर मिट्टी/अर्थ तथा झाबुआ जिले में 20.30 लाख घनमीटर मुरूम/मिट्टी का उपयोग होना है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) 08 लेन निर्माण हेतु रतलाम/मंदसौर/झाबुआ जिले में जी.एस.बी. के नाम से कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई है। (ग) 08 लेन निवेशकर्ता को सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खरमौर अभ्यारण्य में खदानों की अनुमति नहीं दी गई है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के 1, 2 एवं 3 अनुसार है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के भारतमाला परियोजना को पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भोपाल द्वारा पत्र क्रमाँक 4000/सिया/2020 दिनाँक 16/01/2020 से दिल्ली-बड़ोदरा-मुम्बई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु मिट्टी/अर्थ की पर्यावरणीय स्वीकृति से छूट प्रदान की है।
कोरोना महामारी में मरीजों पर किये गये व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 592 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल से 30 नवम्बर, 2020 तक कुल कितने कोरोना से प्रभावित मरीजों को शासकीय चिकित्सालय एवं शासन द्वारा अनुबंधित निजी चिकित्सालया में भर्ती कराया गया तथा कितने मरीजों को घर पर ही आईसोलेट किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मरीजों के लिये शासकीय अस्पतालों में कितना खर्च हुआ प्रति मरीज खर्च कितना आया तथा निजी चिकित्सालयों को कितना भुगतान किया गया? प्रति मरीज औसत कितना भुगतान हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मरीजों में से शासकीय अस्पताल, अनुबंधित निजी चिकित्सालय, घर पर आईसोलेट हुए मरीजों में से कितने-कितने मरीजों की मृत्यु हुई? सभी मिलाकर कितने मरीजों की कोरोना महामारी से मृत्यु हुई? मृत मरीजों की संख्या में कितनी बार परिवर्तन किस-किस कारण से हुआ? (घ) कोरोना का ईलाज तथा जनता में चेतना जागृत करने के लिये 30 नवम्बर तक शासन द्वारा कुल कितनी राशि खर्च की गई।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) दिनांक 01 अप्रैल से 30 नवम्बर, 2020 तक कुल 220551 कोरोना से प्रभावित मरीजों को शासकीय चिकित्सालय में 75855 एवं शासन द्वारा अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में 24407 भर्ती कराया गया तथा 99527 मरीजों को घर पर आईसोलेट किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार जिलों के शासकीय अस्पतालों को राशि रूपये 41386.80 लाख का बजट आवंटित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। शासन द्वारा अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को किये गये भुगतान का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को प्रति मरीज औसत राशि रूपये 40,726/- का भुगतान किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मरीजों में से शासकीय अस्पताल में आइसोलेट 75855 मरीजों में से 2012, अनुबंधित निजी चिकित्सालय में आइसोलेट 24407 मरीजों में से 431 एवं घर पर आइसोलेट हुए 99527 मरीजों में से 54 मरीजों की मृत्यु हुई। सभी मिलाकर 3341 मरीजों की कोरोना महामारी से मृत्यु हुई। जी नहीं। कोई परिवर्तन नहीं हुआ। (घ) कोरोना का ईलाज तथा जनता में चेतना जागृत करने के लिये 30 नवम्बर तक शासन द्वारा कुल 427.70 करोड़ रूपये राशि खर्च की गई।
चंबल संभाग में स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
74. ( क्र. 601 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग में वर्तमान में कितने जिला, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ स्थित हैं एवं उनमें कौन-कौन डॉक्टर एवं अन्य स्टॉफ पदस्थ है एवं कितने विषय विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद कब से रिक्त पड़े हुए हैं? उनकी संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) चंबल संभाग में कितने स्वास्थ्य केन्द्र क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़े हुए हैं एवं उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए कुल कितना बजट वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक से किस-किस मद में उपलब्ध कराया गया? उनकी संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर की गई मरम्मत एवं पुताई पर व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) दिमनी एवं अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 50 एवं 100 बिस्तरीय अस्पतालों के प्रस्ताव कब से लंबित पड़े हुए हैं? माननीय मुख्यमंत्री द्वारा उपचुनाव 2020 दिमनी विधानसभा क्षेत्र में जो कार्य किये जाने की घोषणाएं की गई, उक्त घोषणाओं के पालन के संबंध में प्रश्न दिनांक तक आदेश क्यों नहीं जारी किये गये? इसके लिए कौन दोषी है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय प्रश्नकर्ता विधायक के साथ स्थानीय जिला सीएमओ एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी डॉक्टरों की एवं एडीएम एवं जिला कलेक्टर के माध्यम से दिमनी विधानसभा क्षेत्र में सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में व्याप्त अव्यवस्था को दूर करने के लिए दौरा कार्यक्रम करने के संबंध में आदेश देगें। यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार।। (ग) दिमनी एवं अम्बाह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पोरसा को 50 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन की सैद्धांतिक स्वीकृति शासन के आदेश दिनांक 29.09.2020 को जारी की गई है। 58 बिस्तरीय सिविल अस्पताल अम्बाह को 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खडियाहार एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जौरा को 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन के लिए आगामी प्रस्ताव में सम्मिलित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्रों में समुचित स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, दौरा कार्यक्रम प्रशासनिक आवश्यकताओं अनुसार निर्धारित किया जाता है।
बिजली की समस्याएं
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 607 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा क्षेत्र में कितनी डी.पी. उपयोग में हैं और कितनी खराब हैं और अगर खराब हैं तो इनको अब तक क्यों नहीं ठीक कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) बिल जमा न करने के कारण जो फीडर से लाइट काटी जा रही है उसमें जिन लोगों का बिल जमा है। उनका कनेक्शन क्यों काटा जा रहा है? बिजली काटने से पहले बिल जमा कराने के लिए विभाग की ओर से क्या-क्या कोशिश की गई है? (ग) बिजली के तारों को घर से कितनी दूरी पर रखने का नियम है? क्या क्षेत्र में सारे बिजली के तार घर की छत से उचित दूरी पर है? अगर छत से बिजली के तार मिले है तो उनको कब तक दूरी पर किया जावेगा? (घ) करैरा विधानसभा में शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए बिजली कितने घण्टे देने का शिड्यूल है और क्या शिड्यूल के हिसाब से बिजली मिल रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा क्षेत्र में 4303 वितरण ट्रांसफार्मर उपयोग में हैं एवं 20 वितरण ट्रांसफार्मर जले एवं खराब हैं। जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने अथवा कुल बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने पर वितरण ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। उक्त 20 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण उन्हें बदला नहीं जा सका है। (ख) जी नहीं, बिल जमा न करने के कारण फीडर से लाईट नहीं काटी जा रही है बल्कि विद्युत बिल जमा न करने वाले उपभोक्ताओं के ही विद्युत कनेक्शन विच्छेदित किये जाते हैं एवं विद्युत बिल जमा होने के उपरांत उन्हें तत्काल संयोजित भी किया जाता है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ता को जारी किये जाने वाले मासिक विद्युत बिलों में यह उल्लेखित रहता है कि नियत तिथि के पश्चात् नियत अवधि तक बिल का भुगतान प्राप्त नहीं होने पर कनेक्शन विच्छेदित किया जा सकेगा, जो कनेक्शन विच्छेदन की एक सूचना है। इसके अतिरिक्त कंपनी द्वारा कनेक्शन काटने से पहले बकायादार उपभोक्ताओं से संपर्क कर विद्युत बिल जमा करने हेतु आग्रह भी किया जाता है। (ग) केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा एवं विद्युत आपूर्ति से संबंधित उपाय) विनियम, 2010 की कंडिका-60 एवं 61 अनुसार ओवर हेड लाईन से ईमारत की निर्धारित दूरी संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युतीकरण के कार्यों में उपरोक्त विनियमों में निर्धारित दूरी बनाए रखने का पालन सुनिश्चित किया गया है। विद्युतीकरण उपरान्त उपभोक्ताओं द्वारा लाईन के करीब अथवा नीचे मकान बनाने के पूर्व केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा एवं विद्युत आपूर्ति से संबंधित उपाय) विनियम, 2010 के प्रावधान अनुसार निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा सुपरविजन की राशि जमा कर 'अ'-श्रेणी के ठेकेदार द्वारा इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। (घ) शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू आबादी फीडर पर 24 घंटे एवं कृषि फीडर पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना निर्धारित है। संधारण कार्य हेतु पूर्व निर्धारित शटडाउन लेने तथा अपरिहार्य कारणों एवं तकनीकी व्यवधान को छोड़कर प्रश्नाधीन क्षेत्र में निर्धारित अवधि अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
उज्जैन संभाग में प्राचार्यों पर आर्थिक अपराध के प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
76. ( क्र. 619 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2015 के पश्चात उज्जैन संभाग में आर्थिक अपराध में लिप्त कितने प्राचार्यों को उसी संकुल में प्राचार्य का पद सौंपा गया है? (ख) क्या उज्जैन संभाग में कार्यालय आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा दिनांक 15.01.2018 को अपने पृष्ठ क्रं 424/2-स्थापना/ 2018 द्वारा हस्ताक्षरित पत्र जारी कर आर्थिक अपराध में लिप्त निलंबित प्राचार्यों में से मात्र 1 प्राचार्य को पुन: विद्यालयों का प्रभार उक्त आदेश के तहत सौंपा गया, बाकी प्राचार्यों को नहीं? शासकीय उ.माँ.वि हाटपिपलिया जिला रतलाम के प्राचार्य का अपराध अन्य प्राचार्यों से किस प्रकार भिन्न है? (ग) क्या शासकीय उ.माँ.वि हाटपिपलिया के प्राचार्य का पद प्रश्न दिनाक तक पोर्टल पर रिक्त है तथा सम्बंधित प्राचार्य का पद कमला नेहरु उ.माँ.वि जावरा पर दर्ज है तो इन्हें शासकीय उ.माँ.वि हाटपिपलिया का चार्ज किस नियम के तहत दिया गया? नियम की प्रतिलिपि देवें। (घ) क्या यह सही है शासकीय उ.माँ.वि हाटपिपलिया में वर्तमान में कार्यरत निलंबित प्राचार्य उसी संकुल में रहकर जांच को प्रभावित कर रहे हैं? सम्बन्धित निलंबित प्राचार्य को उसी संकुल का विद्यालय प्रभार देने के क्या कारण थे? क्या इन्हे अन्य संकुल के किसी भी विद्यालय का प्रभार दिया जाएगा? नहीं तो समान संकुल देने का कारण नियम की प्रतिलिपि सहित बतायें।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) 01 जनवरी, 2015 के पश्चात उज्जैन संभाग में आर्थिक अपराध में लिप्त 01 प्राचार्य को जिला रतलाम में उसी संकुल में आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा पदांकित किया गया है। (ख) जी नहीं। आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा 01 प्राचार्य को ही निलंबित किया गया था तथा उसी की पदस्थापना की गई थी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। तकनीकी कारणवश पोर्टल में पद रिक्त दिखाई दे रहा था। अब सुधार कर दिया गया है। संबंधित की पदस्थापना अन्य विद्यालय उमावि हाटपिपलिया में कर दी गई है। उन्हें निलंबन के पूर्व कार्यरत विद्यालय में पुनः पदस्थ/चार्ज नहीं दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जांच पूर्ण हो चुकी है, संबंधित की एक वेतनव़ृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की शास्ति के साथ प्रकरण समाप्त किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एरियर बिल प्री ऑडिट हेतु लंबित प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
77. ( क्र. 620 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, मंदसौर जिला अंतर्गत शिक्षा विभाग में कितने एरियर बिल प्री-ऑडिट हेतु लंबित हैं तथा इन्हे निराकरण करने के सक्षम अधिकार किसके पास हैं? (ख) उक्त जिले के कितने विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने बिना प्री ऑडिट बिल पास किये हैं, तथा इनको पास करने का क्या आधार है? (ग) सेवानिवृत्त होने पर अर्जित अवकाश सर्मपण के सक्षक अधिकारी कौन है यदि संकुल प्राचार्य है तो किस आधार पर अर्जित अवकाश नकदीकरण की स्वीकृति जिला शिक्षा अधिकारी से लेने संबंधित स्थानीय स्तर पर निर्देश जारी किये गये हैं? (घ) उक्त जिला शिक्षा विभाग अंतर्गत दिनांक 13.08.2008 के पश्चात कितने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुये तथा सेवानिवृत्त होने पर किस-किस को वर्ष 2008 के बाद विश्राम अवकाश में कार्य करने के बदले अर्जित अवकाश का लाभ दिया गया तथा कितने को पूर्व में दिये गये लाभ को निरस्त कर वसूली के निर्देश जारी किये गये? यदि वसूली के निर्देश जारी किये गये तो आधार क्या है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) शिक्षा विभाग अंतर्गत देयकों के प्री ऑडिट का कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सेवानिवृत्त होने पर अर्जित अवकाश समर्पण के सक्षम अधिकार, म.प्र. वित्तीय शक्ति पुस्तिका (भाग-1) 2012 के खण्ड -2 की कण्डिका 2.37 के तहत् नियंत्रण अधिकारी को पूर्ण शक्तियां है। इस प्रकार कार्यालय अधीनस्थ शासकीय सेवकों के अर्जित अवकाश स्वीकृतकर्ता अधिकारी ही अर्जित अवकाश समर्पण स्वीकृति हेतु सक्षम अधिकारी है। म.प्र. वित्तीय संहिता भाग-एक के नियम-52 अंतर्गत प्रावधान के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी, रतलाम द्वारा पत्र क्रमांक/अंकेक्षण/2020/361 दिनांक 29.08. 2020 के माध्यम के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी किये गये है। (घ) उक्त जिला शिक्षा विभाग अंतर्गत दिनांक 13.08.2008 के पश्चात जिला मन्दसौर अंतर्गत 857 एवं जिला रतलाम अंतर्गत 650 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए तथा सेवानिवृत्त होने पर वर्ष 2008 के बाद विश्राम अवकाश में कार्य करने के बदले अर्जित अवकाश का लाभ जिला मन्दसौर अन्तर्गत 546 एवं जिला रतलाम अन्तर्गत 16 कर्मचारियों को लाभ दिया गया है तथा पूर्व में दिए गए लाभ को निरस्त कर जिला रतलाम द्वारा 16 कर्मचारियों को वसूली के निर्देश जारी किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। जिला शिक्षा अधिकारी, रतलाम द्वारा जिन शिक्षकीय कर्मचारियों को विश्राम अवकाश से वंचित कर अर्जित अवकाश पात्रता घोषित कर अनियमित नगदीकरण का भुगतान कर दिया गया है, से वसूली के निर्देश जारी किए गए है।
किसान फीडर को प्रदाय की जाने वाली बिजली
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 625 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किसान फीडर के लिए जो थ्री फेस विदयुत प्रदाय की जाती है वह मात्र दस घण्टे और उसी में कुछ समय कटौती एवं मेंटिनेंस में दो से तीन घण्टे बर्बाद हो जाते है और किसान को मात्र सात आठ घण्टे ही बिजली मिल पाती है? (ख) विकल्प के तौर पर क्या जो दस घण्टे का समय है उसे दो से तीन घण्टे बढ़ाया नहीं जा सकता जिससे कटौती एवं मेंटिनेंस में जो विदयुत सप्लाई नहीं की जाती है उसकी भरपाई की जा सके और किसानों को पर्याप्त बिजली मिल सके?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, बण्डा विधान सभा क्षेत्र में कृषि फीडर के लिये निर्धारित अवधि अनुसार 10 घण्टे थ्री फेस विद्युत प्रदाय किया जाता है। उक्त विद्युत प्रदाय की अवधि में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाती है एवं अति आवश्यक होने पर ही उपरोक्त अवधि में मेन्टेनेंस कार्य करवाया जाता है जिससे विद्युत प्रदाय के अवरोध कम से कम अवधि के हों। इसके अतिरिक्त आकस्मिक तकनीकी व्यवधान होने पर विद्युत प्रदाय अवरूद्ध होता है। जिसकी सूचना प्राप्त होने पर तत्काल सुधार कार्य कर पुन: विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से प्रारंभ कर दिया जाता है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाये अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र के कृषि फीडरों में वर्तमान में निर्धारित अवधि अनुसार लगभग 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है अत: प्रश्न नहीं उठता।
मुंबई दिल्ली 8 लेन निर्माण
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 630 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुंबई दिल्ली 8 लेन पर प्रवेश हेतु रतलाम जिले में किस-किस स्थान/गांव में कट दिया जाएगा 8 लेन सड़क की संरचना जिले में किस प्रकार होगी? (ख) मध्य प्रदेश से गुजर रही 8 लेन का नक्शा दिया जाए तथा बतावें कि रतलाम जिले में इस 8 लाइन की कुल लंबाई कितनी होगी तथा किस-किस गांव में कनेक्टिंग रोड हेतु अंडर पास होगा? (ग) 8 लेन से खेत तथा गांव की कनेक्टिविटी समाप्त होने तथा बरसात का पानी निकलने से परंपरागत नालों, नदियों, तालाबों पर क्या प्रभाव गिरेगा? इस हेतु क्या प्लान किया गया है या किया जाएगा की बरसात का पानी खेतों में ना जाए? 8 लाइन को रतलाम के रिंग रोड, बाईपास तथा फोरलेन से कनेक्टिविटी कैसे दी जाएगी? (घ) 8 लाइन निर्माण में चल रहे डम्पर/वाहन से प्रश्न दिनांक तक कितनी दुर्घटनाए हुई हैं? सूची उपलब्ध कराएं। इनमें से कितनों को मुआवजा क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराई गई है और कितने शेष है? शेष रहने का कारण उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है। भारत सरकार के उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
आलोट विधानसभा क्षेत्र में स्कूल भवनविहिन
[स्कूल शिक्षा]
80. ( क्र. 631 ) श्री मनोज चावला : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलोट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल हैं जो भवन के अभाव में प्राथमिक, माध्यमिक और हाई स्कूल भवन में संचालित हो रहे हैं? (ख) प्रश्न (क) अनुसार उक्त भवनों की स्वीकृति हेतु क्या जिला स्तर से प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है? यदि हाँ तो उक्त शाला भवन की स्वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी और यदि प्रस्ताव नहीं भेजा गया है? तो कब तक प्रस्ताव भेजा जाएगा? (ग) विधानसभा क्षेत्र आलोट अंतर्गत ऐसे कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हाई सेकेंडरी स्कूल हैं, जिनके भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी को भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई हैं निर्माण एजेंसी को भूमि कब तक उपलब्ध कराई जाएगी? (घ) 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक आलोट विधानसभा क्षेत्र के कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल में भवन मरम्मत हेतु कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है? स्कूलवार स्वीकृत राशि, उक्त राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र, निरीक्षण रिपोर्ट भी स्कूलवार उपलब्ध कराएं।
राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) आलोट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त शासकीय माध्यमिक शालाएं स्वयं के भवन में संचालित है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 05 हाई स्कूल है जो प्राथमिक/माध्यमिक में संचालित हो रहे है। (ख) जी हाँ। नवीन हाई स्कूल भवन का निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र आलोट अंतर्गत प्राथमिक शाला खजुरी देवडा में वर्ष 2018-19 में भवन स्वीकृत हुआ, जो भूमि के अभाव में अप्रांरभ है। भूमि आवंटन हेतु कार्यवाही प्रचलित है। प्रश्नाधीन विधानसभा अंतर्गत हाईस्कूल की जानकारी निरंक है। (घ) 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक कर आलोट विधानसभा क्षेत्र में 130 प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में भवन मरम्मत स्वीकृत हुए, जिनमें निर्माण एजेंसी को राशि रूपये 82,66,001/-उपलब्ध कराई गई। शालावार राशि एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नाधीन विधानसभा अंतर्गत शा.उ.मा.वि. कन्या आलोट को अनुरक्षण मद में रूपये 66200/- की राशि स्वीकृत एवं उपलब्ध कराई गई है। उपयोगिता प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
शासकीय धनंवतरी चिकित्सा महाविद्यालय
[आयुष]
81. ( क्र. 638 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2016 से नवम्बर 2020 तक शासकीय धनवंतरीय चिकित्सा महाविद्यायल में कौन-कौन सी सामग्री कब-कब क्रय की गई? सामग्री का विवरण बतावें। (ख) सामग्री क्रय में अपनाई गई प्रक्रिया के विवरण सहित किस-किस संस्था को कितने की राशि का भुगतान किया गया था? संस्थावार देयक की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) महाविद्यालय परिसर में भगवान धनवंतरी के मंदिर निर्माण के लिए राशि कहाँ से कितनी-कितनी प्राप्त हुई एवं किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (घ) क्या चिकित्सा महाविद्यालय में भगवान धनवंतरी के मंदिर निर्माण हेतु विभाग द्वारा स्वीकृति ली गई है? उस स्वीकृति की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) एवं (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) भगवान धनवंतरी की मूर्ति महाविद्यालय के पूर्व एवं वर्तमान छात्रों के सहयोग से स्थापित की गई। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में संचालित अनुसूचित जाति के छात्रावास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
82. ( क्र. 639 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले अन्तर्गत अनुसूचित जाति जनजाति छात्र-छात्राओं के लिए कितने छात्रावास संचालित किए जा रहे है? उसमें से कितने छात्रावास शासकीय भवनों में संचालित किए जा रहे हैं एवं कितने छात्रावासों का संचालन निजि भवनों में किया जा रहा है। सम्पूर्ण जानकारी तहसीलवार स्थानवार उपलब्ध करावें? (ख) निजि भवनों में संचालित छात्रावासों की अलग-अलग जानकारी देवें कि कब से छात्रावास निजी भवन में संचालित हैं? भवन स्वामी या विभाग के बीच क्या अनुबंध है? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत निर्माणाधीन कन्या छात्रावास का निर्माण कब तक पूर्ण होगा? क्या ठेका शर्त अनुसार समय अवधि पर कार्य नहीं करने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही कि गई? पत्रवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) उज्जैन जिले अंतर्गत अनुसूचित जाति के 69 छात्रावास संचालित हैं, अनुसूचित जनजाति के 04 छात्रावास एवं 01 आश्रम संचालित है। अनुसूचित जाति के 69 छात्रावासों में से 63 छात्रावास शासकीय भवन में एवं 06 छात्रावास निजी भवन में संचालित हैं। अनुसूचित जनजाति के 04 छात्रावास शासकीय भवन में एवं 01 छात्रावास निजी भवन में संचालित हैं। जिले में कुल 07 छात्रावास निजी भवन में संचालित हैं। निजी भवनों में संचालित छात्रावासों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निजी भवनों में संचालित छात्रावासों की जानकारी प्रश्नांश (क) में उल्लेख संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। छात्रावास हेतु निजी भवन लेने के पूर्व संबंधित भवन स्वामी से यह अनुबंध कराया जाता है कि शासन द्वारा जो किराया निर्धारित किया जायेगा वही किराया देय होगा। भवन स्वामी से यह किराया अनुबंध 11 माह के लिए कराया जाता है। 11 माह के पश्चात फिर से किराया नवीनीकरण अनुबंध कराया जाता है। (ग) पी.आई.यू. के पत्र दिनांक 28.01.2020 से पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जो परीक्षणाधीन हैं। प्रस्ताव औचित्य पूर्ण होने पर सक्षम समिति को प्रस्तुत कर निर्णय कराया जायेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत कम्पनियों में अनुकम्पा नियुक्ति
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 641 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वजह है, कि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्य़त वितरण कंपनी सामान्य प्रशासन के नियम क्र.3-1/2013/ 1/3 दिनांक 23.09.2014 के अनुसार अनुकम्पा-नियुक्ति का पालन नहीं कर रही है तथा कार्यालय सहायक श्रेणी-3 को हेल्पर के समकक्ष मासिक वेतन दें रही है? इसमें सुधार कब तक कराया जाएगा? नहीं तो क्यों? (ख) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यालय सहायक, परीक्षण सहायक एवं लाइन हेल्पर के अतिरिक्त अनुकम्पा नियुक्ति नहीं की जा रही है, जबकि भृत्य/फर्राश, बागवान वाहन चालक, क्लीनियर दफ्तरी आदि के पद पर बेवाएं महिलाएं एवं कम शिक्षित आश्रितों को नियुक्ति मिल सकती हैं? (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत वर्ष 2011 में पदस्थ वर्गवार एवं वर्तमान पदस्थ नियमित कर्मचारी की संख्यात्मक जानकारी देवें। उस समय के कार्यालय वृत/सम्भाग/वितरण केन्द्र एवं वर्तमान कार्यालय की स्थिति एवं पदों की जानकारी देवें। यदि वर्तमान में पद कम हो गए तो क्यों तथा इन पदों की समाप्ति कब तक पुन: खोली/स्वीकृति की जावेगी? (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में वर्ष 2000 से 2013 तक के मृतक आश्रितों की अनुकम्पा नियुक्ति (बीमारी आदि कारणों) से कब तक दी जावेगी? विद्युत विभाग शासन के अन्य विभागों से कहीं कई गुना जोखिम कार्य वाला विभाग होने के बावजूद शासन अनुकम्पा नियुक्ति के सही अभिप्राय पर नियम का पालन शासन की भांति क्यों नहीं लागू करा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन से प्राप्त प्रशासनिक अनुमोदन उपरांत मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013 जारी की गई। तदोपरांत म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग, भोपाल के पत्र क्र. 8349/2017/तेरह दिनांक 18.12.2017 से प्राप्त प्रशासनिक अनुमोदन उपरांत मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालक मंडल द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार अनुकंपा नियुक्ति नीति - 2018 लागू की गई, जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र. शासन के पत्र क्र. सी 3-12/2013/1/3 दिनांक 29.09.2014 (दिनांक 23.09.2014 नहीं) में वर्णित निर्देशों का यथायोग्य समावेश किया गया है। अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 के प्रावधान के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। जी हाँ, कार्यालय सहायक श्रेणी - तीन एवं लाईन परिचारक का वेतनमान समकक्ष है। वर्तमान में कार्यालय सहायक श्रेणी - तीन के वेतनमान परिवर्तन संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर की अनुकंपा नियुक्ति नीति - 2018 में तृतीय श्रेणी के कार्यालय सहायक श्रेणी-3 (नियमित/संविदा) एवं परीक्षण सहायक (नियमित) तथा चतुर्थ श्रेणी के लाइन परिचारक (नियमित/संविदा) के चिन्हित पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किये जाने का प्रावधान है, जिसके अनुसार रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। वर्तमान प्रावधानित अनुकंपा नियुक्ति नीति-2018 में भृत्य, वाहन चालक, दफ्तरी के पद अनुकंपा नियुक्ति हेतु चिन्हित नहीं हैं। प्रश्नांश में वर्णित शेष पद कंपनी की अनुमोदित संगठनात्मक संरचना में स्वीकृत नहीं हैं। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर में वर्ष 2011 में पदस्थ एवं वर्तमान में पदस्थ नियमित कार्मिकों की वर्गवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है तथा वर्ष 2011 एवं वर्ष 2020 में (दिनांक 1.12.2020 की स्थिति में) वृत्त/संभाग/वितरण केन्द्र की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वृत्त/संभाग/वितरण केन्द्रवार स्वीकृत पदों की संख्या वर्तमान में कम नहीं हुई है, अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (घ) पूर्ववर्ती म.प्र. विद्युत मंडल के परिपत्र दिनांक 01.09.2000 से कठिन वित्तीय स्थिति के कारण आगामी आदेश तक अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करना बंद किया गया था। म.प्र. विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती कंपनियों द्वारा दिनांक 10.04.2012 में स्वतंत्र रूप से कार्य प्रारंभ किया गया। राज्य शासन से प्राप्त प्रशासनिक अनुमोदन उपरांत सभी उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों में अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013, सशर्त जारी की गई थी तथा उक्त नीति में यथावश्यक संशोधन करते हुए ''संशोधित अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013'' लागू की गई थी, जिसके अंतर्गत दिनांक 10.04.2012 के उपरांत कंपनियों में अंतिम रूप से अंतरित एवं आमेलित म.प्र. राज्य विद्युत मंडल के कार्मिक एवं कंपनियों द्वारा नियुक्त कार्मिक की कंपनी सेवाकाल में मृत्यु होने पर एवं ऐसे कार्मिक जिनकी मृत्यु दिनांक 15.11.2000 के पश्चात किंतु 10.04.2012 के पूर्व म.प्र. राज्य विद्युत मंडल/कंपनी का कार्य करते समय आकस्मिक दुर्घटना, विद्युत दुर्घटना, हमलावरों द्वारा हत्या अथवा कार्य करते समय वाहन दुर्घटना के कारण हुई हो तो आश्रित परिवार के एक सदस्य को उक्त नीति के प्रावधानों के अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया जाना प्रारंभ किया गया। उक्त अनकुंपा नियुक्ति नीति में दिनांक 15.11.2000 के पश्चात किंतु 10.04.2012 के पूर्व म.प्र. राज्य विद्युत मंडल/कंपनी में कार्य करते समय सामान्य मृत्यु (बीमारी से हुई मृत्यु भी शामिल) के प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है। राज्य शासन के अनुमोदन उपरांत कंपनी के संचालक मंडल द्वारा लिये गये निर्णयानुसार वर्तमान में कंपनी में अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 लागू की गई एवं अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 के प्रावधान अनुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है।
विद्युत व्यवस्था में सुधार
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 642 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता का पत्र क्र 0486 दि. 01.10.2000 जो कि रैगांव विधानसभा क्षेत्र के विद्युत व्यवस्था से सम्बंधित है, में क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं तो कब तक की जावेगी? (ख) क्या पूर्व की सरकार में मुख्यमंत्री कृषक योजना विद्युतीकरण योजना बंद कर दी गई है? उक्त योजना कृषकों के हित की थी जिसे कब तक पुन: चालू कर कृषकों को विद्युत प्रदाय की व्यवस्था उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) सौभाग्य योजना के कार्य एजेन्सी के लम्बित देयकों का भुगतान तीन वर्षों से अधिक अवधि में क्यों नहीं कराया गया है? कब तक कराया जावेगा? नहीं तो कारण बताएं। (घ) क्या वर्तमान में सतना वृत्त की राजस्व वसूली ट्रांसफार्मर फेल्यर की तथा इसके पूर्व पदस्थ अधीक्षण यंत्री जी.के. द्विवेदी के कार्यकाल की समीक्षा की जावेगी? अगर पूर्व की स्थिति वर्तमान स्थिति से सही थी तो जी.के. द्विवेदी की पुनःपदस्थापना कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन पत्र क्रमांक 0486 दिनांक 01.10.2020 (पत्र दिनांक 01.10.2000 नहीं) पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्यवाही करते हुये जानकारी पत्र दिनांक 07.11.2020 एवं पुनरीक्षित जानकारी पत्र दिनांक 14.12.2020 द्वारा माननीय विधायक महोदय को प्रेषित की गई जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) कृषकों को स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' लागू की गई थी जिसकी अवधि दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर उक्त योजना बंद हुई है। ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' की अवधि पूर्ण होने के उपरांत राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश में ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' आरम्भ की गई है। जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है। (ग) प्रश्न दिनांक तक रैगांव विधानसभा सहित सतना जिले के अंतर्गत सौभाग्य योजना में क्रियान्वित कार्यों हेतु राशि रूपये 6.16 करोड़ के देयक भुगतान हेतु लंबित हैं। वर्तमान में जिले में योजनांतर्गत क्रियान्वित कार्यों में पाई गयी अनियमितताओं के कारण विभागीय जांच प्रक्रियाधीन होने के कारण संबंधित ठेकेदारों के देयक भुगतान हेतु लंबित है। जांच प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत जांच के निष्कर्ष के अनुरूप एवं योजनांतर्गत उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार लंबित देयकों का भुगतान किया जाना संभव होगा। अत: वर्तमान में लंबित देयकों के भुगतान हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) श्री जी.के. द्विवेदी दिनांक 8.7.2018 से दिनांक 4.6.2020 तक अधीक्षण अभियंता (संचालन एवं संधारण) वृत्त, सतना के चालू प्रभार में पदस्थ रहे। अधिकारियों की पदस्थापना एवं स्थानांतरण मात्र राजस्व वसूली एवं ट्रांसफार्मर फेल्योर के आधार पर नहीं वरन् प्रशासनिक आवश्यकता एवं अन्य क्षेत्रों में कार्य निष्पादन क्षमता के आधार पर किये जाते हैं। श्री जी.के. द्विवेदी का स्थानान्तरण प्रशासनिक आधार पर किया गया है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश में चाहे अनुसार श्री जी.के. द्विवेदी के कार्यकाल की समीक्षा का प्रश्न नहीं उठता। शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ का 100 बिस्तर में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
85. ( क्र. 650 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के 37 बिस्तरीय सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ को 100 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन हेतु प्रश्नकर्ता सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवी एवं स्वास्थ्य सेवी संस्थाओं द्वारा समय-समय पर शासन, जिला प्रशासन सहित माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी से अनुरोध किया जाता रहा है? यदि हां तो जनप्रतिनिधियों द्वारा मांग एवं स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को देखते हुये उक्त अस्पताल में 100 बिस्तर उन्नयन हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हां तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत विकासखण्ड मुख्यालय स्थित सिविल मेहताब अस्पताल ही एक ऐसा अस्पताल है, जो कि 37 बिस्तरीय है जबकि जिले के अन्य सभी सिविल अस्पताल 100 बिस्तरीय होकर स्वास्थ्य सेवाऐं दे रहे हैं, तथा सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ में 100 बिस्तर के मान से अस्पताल भवन भी बना हुआ है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त समस्त परिस्थितियों का अध्ययन कर स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के ध्येय से विशेष प्रकरण मानते हुये उक्त 37 बिस्तरीय अस्पताल को 100 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा प्रदेश की जनता को सुलभ स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' के अंतर्गत 37 बिस्तरीय सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ को 50 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन किये जाने हेतु प्रस्ताव में सम्मिलित किया गया है। (ख) जी नही, जी नही। वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की कमी को देखते हुये 37 बिस्तरीय सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ को 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन किये जाने का प्रस्ताव ''शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट'' में सम्मिलित किया गया है। भविष्य में वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन किये जाने पर विचार किया जायेगा। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
86. ( क्र. 651 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 437 दिनांक 22.09.2020 के उत्तर की कंडि़का (ग) अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन में अतिरिक्त 10 बिस्तर मेटरनिटी वार्ड का प्रस्ताव कार्य योजना में सम्मिलित किया गया हैं संबंधित जानकारी दी गई हैं? यदि हाँ तो क्या उक्त मेटरनिटी वार्ड के प्रस्ताव को प्रश्न दिनाँक तक स्वीकृति प्रदान कर दी गई हैं? यदि नहीं तो कब तक उक्त स्वीकृति प्रदान कर आमजन को सुविधा दी जावेगी? (ख) क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन पर नगर तलेन की 15 हजार जनसंख्या सहित आसपास के 25-30 ग्रामों की आबादी निर्भर करती हैं? लेकिन उक्त केन्द्र पर शव परीक्षण कक्ष ( पी.एम.रूम ) की सुविधा नहीं होने से मृतक के परिजनों को 30 कि.मी. दूर पचोर तथा 60 कि.मी. दूर सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ जाने हेतु विवश होना पड़ता हैं? यदि हाँ तो क्या शासन उक्त केन्द्र पर शव परीक्षण कक्ष (पी.एम.रूम) की स्वीकृति भी प्रदान करेगा? यदि हां तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। वित्तीय उपलब्धता अनुसार परियोजना परीक्षण समिति में उक्त प्रस्ताव सम्मिलित होने पर उन्नयन कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी द्वारा कोयला परिवहन संबंधी
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 662 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या M.P.P.G.C.L (मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड) के संजय गांधी ताप बिजली घर वीरसिंहपुर जिला उमरिया म.प्र. के लिये SECL की सोहागपुर एरिया की अमलाई ओपरकास्ट कोल माइन से RCR (रेल कम रोड) मोड में अमलाई रेल्वे स्टेशन रेल रेक लोडिंग साइड प्लेटफार्म तक की सड़क मार्ग से कोयला परिवहन कराया गया? यदि हाँ, तो दूरी कितने किलोमीटर रही है? क्या इस खदान से कोयला परिवहन का वार्षिक ठेका वर्ष 2018 में हुआ, जिसका कार्यादेश नंबर 5110-100/SGTPS/P & W/ENIT-33/TENDER NO-9522/WO-186/3758 BIRSINGHPUR DT. 24.11.2018 रहा? यदि हाँ, तो ठेकेदार कंपनी का नाम व पता दिनांक परिवहन दर प्रति MT रही कुल ठेके का कितनी मात्रा और राशि का वर्क आर्डर दिया गया? (ख) M.P.P.G.C.L (मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड) अमरकंटक ताप बिजली घर चचाई, मध्यप्रदेश के लिये SECL की सोहागपुर एरिया की अमलाई ओपरकास्ट कोल माइन से संगमा रेल साइडिंग ATPS (अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन चचाई) तक सड़क मार्ग से कोयले का परिवहन किया गया है? यदि हाँ तो इस ताप बिजली घर की अमलाई ओपन कास्ट कोयला खदान सोहागपुर एरिया से संगमा रेलवे साइडिंग, रेक लोडिंग साइड तक की सड़क मार्ग से दूरी कितने कि.मी. है? इस खदान से कोयला सड़क परिवहन का कार्य ठेका वर्ष WO नंबर 1643 DT 05.07.2019 एवं WO नंबर 1748 DT 11.07.2019 में क्या हुआ? यदि हाँ उसका पृथक-पृथक आर्डर नंबर, ठेकेदार का नाम व पता दिनांक, परिवहन की दर प्रति MT कितनी रही और कुल ठेके की कितनी मात्रा और राशि का वर्क आर्डर दिया गया? (ग) M.P.P.G.C.L (मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड) सतपुड़ा ताप बिजली घर सारणी, मध्यप्रदेश के लिये WCL एवं SECL की कोयला खदानों से STPS सारणी तक सड़क मार्ग तक कोयले का परिवहन किया गया? यदि हाँ, तो कोयला खदान से सारणी ताप बिजली की सड़क परिवहन मार्ग की दूरी कितने कि.मी. है? इन कोयला खदानों से कोयला सड़क परिवहन का कार्य ठेका WO-312/637 DT04/07/217 नवम्बर वर्ष जुलाई 2017 एवं WO/352/1757 DT 31/91/2020 वर्ष जनवरी 2020 में हुआ है? यदि हाँ उसका पृथक-पृथक ठेकेदार का नाम व पता दिनांक, परिवहन की दर प्रति MT कितनी रही और कुल ठेके की कितनी मात्रा और राशि का वर्कआर्डर दिया गया? (घ) क्या M.P.P.G.C.L (मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड) के सिंगाजी ताप बिजली घर खण्डवा म.प्र. के लिये SECL की कोरवा एरिया (छत्तीसगढ़) की कोयला खदानों से सड़क मार्ग से RCR में कोयले का परिवहन किया गया? यदि हाँ तो कोयला खदान से रेल रेक लोडिंग का स्थल का क्या नाम है? इस पाइंट की सड़क परिवहन मार्ग के कितनी दूरी कि.मी. में रही है? इस खदानों से कोयला सड़क परिवहन का कार्य ठेका WO-2024 JBP DT 22.12.2018 हुआ है? यदि हाँ तो उसका ठेकेदार/कंपनी का नाम व पता दिनांक, परिवहन की दर प्रति MT कितनी रही और कुल ठेके की कितनी मात्रा और राशि का वर्कआर्डर दिया गया? वर्कआर्डर की प्रतियों सहित जानकारी बतावें। (ड.) M.P.P.G.C.L (मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड) के अमरकंटक ताप बिजली चचाई जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश तथा संजय ताप बिजली घर वीरसिंहपुर जिला उमरिया मध्यप्रदेश के सड़क मार्ग से कोयला परिवहन की दर अनुसार अमलाई ओपनकास्ट कोयला खदान से लगभग समान दूरी 07 कि.मी. अनुसार तुलनात्मक कोयला परिवहन की प्रति MT प्रति किलोमीटर कितने गुनी ज्यादा रही?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, अमलाई ओपनकास्ट माईन्स से अमलाई रेल्वे स्टेशन की रेक लोडिंग साईडिंग प्लेटफार्म तक की दूरी लगभग 7 किलोमीटर है। जी हाँ, यहाँ यह दर सिर्फ कोयले में सड़क परिवहन से संबंधित न होकर RCR (रेल कम रोड) माध्यम से परिवहन हेतु थी। इस दर में कोयले में परिवहन के साथ ही अन्य कार्य भी सम्मिलित थे। उक्त कार्य का ठेका मेसर्स महावीर बेनीफिकेशन, दिल्ली को दिया गया था, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कार्य के दौरान मेसर्स महावीर बेनेफिकेशन का नाम परिवर्तित होकर मेसर्स आयरन इस्पात एवं पॉवर प्रा.लि. होने के कारण दिनांक 22.04.2019 को नाम परिवर्तन का आदेश जारी किया गया था। (ख) जी हाँ, संगमा रेल साईडिंग से अमलाई ओपनकास्ट माईन्स की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 6.45 किलोमीटर है। जी हाँ। जारी कार्यादेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड़ के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी म.प्र. के लिये सिर्फ WCL की कोयला खदानों से सड़क मार्ग से कोयले का परिवहन किया जाता है। WCL की विभिन्न कोयला खदानों से सारनी ताप विद्युत गृह की सड़क परिवहन मार्ग से दूरी 11 से 70 किलोमीटर तक है। जी नहीं, अपितु WCL की खदानों से प्रश्नांश में दर्शाये कार्यादेशों द्वारा भी सड़क परिवहन का कार्य सतपुड़ा ताप विद्युत गृह हेतु किया गया था, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, परिवहन के लिये जिस रेल रेक लोडिंग स्थल का उपयोग किया गया उसका नाम एच.एस.एल.एच. (हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड) है। सड़क परिवहन मार्ग से कोरबा क्षेत्र खदान एवं उक्त लोडिंग स्थल के मध्य दूरी लगभग 85 कि.मी. है। जी हाँ, इस प्रश्नांश में दर्शाये गए कार्यादेश का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। वर्कआर्डर एवं उसके विस्तारित आदेश दिनांक 16.08.2019 की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' एवं 'फ' अनुसार है। (ड.) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश के लिये अमलाई ओपनकॉस्ट खदान से सड़क मार्ग से लगभग 7 कि.मी. दूरी से कोल परिवहन हेतु कार्यादेश जारी किया गया था जबकि संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर हेतु कोयले के परिवहन का ठेका RCR (रेल कम रोड) माध्यम से दिया गया था। उक्त दोनों कार्यादेशों के कार्य क्षेत्र (स्कोप ऑफ वर्क) में काफी अंतर है, अत: दोनों कार्यों की दरों की आपस में कोई तुलना नहीं है। यह इसलिए कि, RCR परिवहन में ठेकेदार सड़क परिवहन के साथ ही अन्य कई कार्यों हेतु भी उत्तरदायी होता है, यथा रेल्वे से लाइजनिंग, रेक का आवंटन, रेक में कोयले की लदाई, लगभग 70 कि.मी. के रेल परिवहन में कोयले की सुरक्षा की जिम्मेदारी इत्यादि। इसके अतिरिक्त रेल परिवहन के दौरान होने वाली कोयले की क्षति की दुगुनी दर से भरपाई, रेल्वे द्वारा लिये गये ओवरलोडिंग चार्ज की भरपाई, कोयला कंपनी द्वारा दिये गये कोयले के ग्रेड एवं आर्दता में अंतर होने की स्थिति में भरपाई इत्यादि के दायित्व भी RCR ठेकेदार के रहते है। अत: RCR ठेकों में दरें सड़क परिवहन की दरों से कही अधिक होती है।
जन औषधि संघ की अनुज्ञप्ति के लिये जारी अनुभव प्रमाण पत्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
88. ( क्र. 668 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन औषधि संघ के विरूद्ध शिकायतकर्ता सौरभ स्थापक द्वारा दिनांक 24/09/2020 को लिखित शिकायत की एवं नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन जिला भोपाल को दिनांक 25/08/2020 एवं 02/11/2020 को शिकायत की गई है? क्या प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार अभियान मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दिनांक 23/10/2020 में प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना को लिखित शिकायत दी गई है? क्या औषधि अनुज्ञापन अधिकारी विक्रय भोपाल के पत्र क्रमांक भोपाल/2020/317 दिनांक 1/10/2020 द्वारा औषधि संघ के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अनुज्ञप्ति निरस्त की गई है? यदि हां तो जांच में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराए जाएंगे? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या संघ के थोक विक्रय अनुज्ञप्ति के लिये आवश्यक अनुभव प्रमाण पत्र जे.एस.फार्मेसी ब्यावरा एवं अपना मेडिकल मेन रोड होशंगाबाद के प्रोपराइटर के सुरेन्द्र चौधरी द्वारा आशु सीकरी को फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जारी किए गए? यदि हां तो दोषियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराए गए हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या जिला होशंगाबाद औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी श्री किरण मगरे द्वारा सही तथ्यों की जानबूझकर जांच नहीं की गई एवं फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र को ही मान्य कर दोषियों को बचाया गया? यदि हां तो क्या दोषियों एवं जांचकर्ता अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों एवं उपरोक्त विषय की जांच कब तक पूर्ण की जावेगी? (घ) क्या संघ की नवीन थोक विक्रेता एवं अन्य अनुज्ञप्ति की अनुमति दी जावेगी? यदि हां तो किस कारण से दी जाएगी? स्पष्ट करें क्या जन औषधि संघ को काली सूची में डाला जाएगा? यदि हां तो कार्यवाही कब तक की जाएगी? संघ द्वारा प्रदेश में कितने विक्रय केन्द्र एवं वेयर हाउस का संचालन हो रहा है? क्या संघ द्वारा संचालित मध्य प्रदेश के वेयरहाउस से अन्य राज्यों के विक्रय केन्द्र को दवा विक्रय की है? यदि हां तो संघ से प्रतिमाह क्रय विक्रय पत्र की मांग की गई है? कुल विक्रय पत्रक का विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित शिकायत दिनांक 24.09.2020 कार्यालय में अप्राप्त है, शिकायत दिनांक 25.08.2020 एवं 02.11.2020 प्राप्त हैं। प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार-प्रचार अभियान मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दिनांक 23.10.2020 में प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना को लिखी गई शिकायत की जानकारी इस कार्यालय को नहीं है। मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट कोओपरेटिव, जन औषधि मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड शॉप नं/प्लॉट नं ए-7, सुरेन्द्र विहार, ऑशिमा मॉल के पास, होशंगाबाद रोड, भोपाल को स्वीकृत औषधि अनुज्ञप्तियों को औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी भोपाल के आदेश क्रमांक भोपाल/2020/317 दिनांक 01.10.2020 के द्वारा निरस्त किया गया है। औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति प्रदाय हेतु वर्तमान प्रक्रिया अनुसार आनलाईन आवेदन प्राप्त होने पर प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर औषधि अनुज्ञप्ति इस शर्त के साथ जारी की जाती है कि बाद में जांच में दस्तावेज सही नहीं पाये जाने पर अनुज्ञप्ति निरस्त की जा सकेगी इस प्रकरण में लायसेंस जारी होने के पश्चात जांच में दस्तावेज सही नहीं पाये जाने पर थोक औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियां निरस्त की गई है अतः कोई अधिकारी दोषी नहीं होने से अधिकारियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) श्री सुरेन्द्र चौधरी द्वारा आशु सीकरी को कोई फर्जी प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है। (ग) श्री किरण कुमार मगरे औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा तथ्यों की जांच की गई है, फर्जी प्रमाण पत्रों को मान्य नहीं किया गया है अतः जांचकर्ता अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जांच पूर्ण उपरान्त दोषी का अनुभव प्रमाण पत्र सही नहीं पाये जाने के कारण औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति निरस्त की गई है। (घ) वर्तमान में संघ द्वारा कोई नवीन थोक विक्रय एवं अन्य अनुज्ञप्तियों के लिये कोई आवेदन इस प्रशासन में नहीं दिया है। अतः आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण अनुज्ञप्तियां दिये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है। किसी भी संस्थान को काली सूची में डाले जाने का प्रावधान औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की नियमावली, 1945 में प्रावधानित नहीं है। मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट कोओपरेटिव, जन औषधि मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड को थोक औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति शॉप नं 13 ए, सेक्टर जी, इंडस्ट्रियल एरिया, जे.के.रोड, तहसील हूजूर, जिला भोपाल (म.प्र.) पर भी स्वीकृत है। अतः एक थोक औषधि विक्रय केन्द्र है। इसी थोक औषधि विक्रय केन्द्र के द्वारा अन्य राज्यों के विक्रय केन्द्रों को दवा विक्रय की गई है। प्रतिमाह क्रय विक्रय की मांग किये जाने का कोई प्रावधान औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं नियमावली, 1945 में नहीं है अतः कुल विक्रय पत्रक का सम्पूर्ण विवरण खाद्य एवं औषधि प्रशासन में उपलब्ध नहीं है।
विद्यालय भवन के अधूरे निर्माण को पूर्ण करना
[स्कूल शिक्षा]
89. ( क्र. 670 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंडला जिले के विकासखण्ड मंडला अन्तर्गत ग्राम सिंगारपुर (सलैया) के वार्ड क्रमांक-01 खुर्रीटोला में संचालित शास. नवीन प्राथमिक शाला भवन (टिकरा बेरपानी), ग्राम पंचायत उमरिया के ग्राम लावर में स्थित प्राथमिक शाला भवन एवं विकासखंड निवास अंतर्गत ग्राम पंचायत जंगलिया में प्राथ.शाला भवन इसी तरह जिले के अन्य कई स्थानों के प्राथ.शाला एवं माध्य. शाला भवन लगभग 10 वर्षों से अपूर्ण स्थिति में हैं? (ख) मंडला जिले में ऐसे कितने प्राथ.शाला भवन एवं माध्य.शाला भवनों के निर्माण कार्य अधूरे हैं? विकासखण्डवार अधूरे शाला भवन निर्माण कार्य की जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो प्रत्येक शाला भवन निर्माण हेतु कितने राशि स्वीकृत की गई थी? क्या अधूरे शाला भवन निर्माण कार्य की जांच कराई गई है तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ तो कब तक इन अधूरे शाला भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जावेगा एवं दोषियों पर ठोस कार्यवाही की जायेगी।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। मण्डला जिले के विकासखण्ड मण्डला अंतर्गत ग्राम सिंगारपुर (सलैया) के वार्ड क्र.01 खुर्रीटोला में संचालित शासकीय नवीन प्राथमिक शाला भवन (टिकरा बैरपानी) एवं ग्राम पंचायत उमरिया के ग्राम लावर में स्थित प्राथमिक शाला भवन अपूर्ण है। विकासखण्ड निवास अंतर्गत ग्राम पंचायत जंगलिया में प्राथमिक शाला का भवन पूर्ण है। (ख) मण्डला जिले में 18 प्राथमिक शाला भवन एवं 05 माध्यमिक शाला भवन निर्माण कार्य अधुरे है। विकासखण्डवार अधुरे शाला भवनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। भवन निर्माण हेतु स्वीकृत राशि एवं दोषियों पर कृत कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लघु वनोपज से संबंधित आदेश
[वन]
90. ( क्र. 671 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 में लघु वनोपज से संबंधित धारा 2 (झ) एवं धारा 3 (1) (ग) में दिए गए प्रावधानों, संविधान की 11वी अनूसूची, पेसा कानून 1996 एवं भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों और भा.व.अ.1927 के तहत प्रकाशित अधिसूचनाओं के आधार पर नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार सौपे जाने के सबंध में प्रश्नांकित दिनांक तक भी विभाग ने कार्यवाही नहीं की? (ख) किस धारा किस कंडिका में क्या प्रावधान दिए है, किस दिनांक को वन विभाग ने मध्य प्रदेश राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन लघु वनोपज के संबंध में किया है, किस-किस लघु वनोपज को वन विभाग के नियंत्रण से मुक्त किया है? (ग) जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस- किस लघु वनोपज से संबंधित नियंत्रण, प्रबंधन एवं कौन-कौन से अधिकार समुदाय, संग्राहक एवं पंचायती राज व्यवस्था को सौपे जाने का आदेश, पत्र, परीपत्र जारी किया है? प्रति सहित बतावें। यदि नहीं किया हो तो उसका कारण बतावें। कब तक किया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा) के क्रियान्वयन के संबंध में राज्य शासन के ज्ञाप दिनांक 15 मई, 1998 द्वारा ग्राम सभाओं को लघु वनोपज का स्वामित्व संबंधी निर्देश जारी किये हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। ग्राम स्वराज लागू करने के संबंध में जारी निर्देश में लघु वनोपज के संरक्षण, संग्रहण एवं विपणन के समस्त अधिकार ग्राम सभा को दिये गये हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 में दिये गये व्यक्तिगत एवं सामुदायिक अधिकारों का चिन्हांकन ग्राम सभा द्वारा किये जाने तथा उन्हे मान्यता देने की सक्षमता जिला स्तरीय समिति को है, इसलिए पृथक से अधिसूचना जारी करने की आवश्यकता नहीं है। भू-राजस्व संहिता 1959 एवं भारतीय वन अधिनियम, 1927 में लघु वनोपज के नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार बावत प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश के प्रथम भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 तथा लघु वनोपज से संबंधित अधिसूचनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है। लघु वनोपज का अनुसूचित जन जाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 में समुदाय के अधिकार के रूप में मान्यता देने की विधिक व्याख्या की गई है, जिसके कारण यह अधिकार स्वतः विभाग के नियंत्रण से मुक्त हो चुके हैं। वर्तमान में राष्ट्रीयकृत लघु वनोपज तेन्दूपत्ता का केवल व्यापार मध्यप्रदेश लघु वनोपज संघ के माध्यम से किया जा रहा है, जिससे प्राप्त लाभांश स्थानीय समुदाय में वितरित किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्देश पूर्व से ही जारी थे, अतः जनवरी, 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक पृथक से आदेश जारी नहीं किये गये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों के विरूद्ध प्रकरण
[श्रम]
91. ( क्र. 679 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रेसीम इंडस्ट्रीज लि. नागदा जं. जिला उज्जैन के अधिकारियों के विरूद्ध कितने प्रकरण कहां-कहां चल रहे हैं? प्रकरण क्रमांक, अधिकारी नाम, पदनाम सहित देवें। इन प्रकरणों की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) दिनांक 01.01.2019 से 30.11.2020 तक इनमें कितनी तारीखें लगी? इनमें उद्योग की ओर से वकील/प्रतिनिधि कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी प्रकरणवार देवें। (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें उद्योग से जुड़े अधिकारी दोषी पाए गए हैं एवं फरार घोषित किए गए हैं? उनकी सूची देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. नागदा, जिला उज्जैन के अधिकारियों के विरूद्ध म.प्र. औद्योगिक नियोजन (स्थाई आज्ञाएं) अधिनियम 1961 के अंतर्गत तीन प्रकरण माननीय श्रम न्यायालय, उज्जैन में तथा कारखाना अधिनियम 1948 एवं सहपठित मध्यप्रदेश कारखाना नियम 1962 के अंतर्गत 12 प्रकरण मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, उज्जैन के न्यायालय में प्रचलित है। प्रकरण क्रमांक, अधिकारी का नाम एवं अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) एवं (ब) अनुसार है। (ख) दिनांक 01.01.2019 से 30.11.2020 तक प्रकरणों में लगी तिथियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) एवं (ब) अनुसार है। माननीय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, उज्जैन के न्यायालय में चल रहे प्रकरणों में उद्योग की ओर से उनके अभिभाषक न्यायालय में उपस्थित हुए। माननीय श्रम न्यायालय, उज्जैन में चल रहे प्रकरणों में उद्योग की ओर से उपस्थित/अनुपस्थित, वकील/प्रतिनिधि की तारीखवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) एवं (ब) अनुसार है। (ग) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. नागदा जिला उज्जैन के अधिकारियों के विरूद्ध कारखाना अधिनियम 1948 एवं सहपठित नियमों के अंतर्गत दायर प्रकरणों में दोषी पाए गए अधिभोगी एवं प्रबंधक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (स) अनुसार है। उक्त दायर प्रकरणों में कारखाने का कोई भी अधिभोगी एवं प्रबंधक वर्तमान में न्यायालय द्वारा फरार घोषित नहीं है।
ट्रांसफार्मर ओवरलोड की जानकारी
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 680 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में 100 के.वी.ए., 63 के.वी.ए., 25 के.वी.ए. व 16 के.वी.ए. के कितने टांसफार्मर ओवरलोड हैं? प्रश्न दिनांक तक की जानकारी ग्रामवार देवें। (ख) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दि. 01.10.2020 से 04.12.2020 तक कितने ट्रांसफार्मर, कितनी बार फेल हुए? ग्रामवार बतावें। (ग) उपरोक्त आवेरलोड ट्रांसफार्मर कब तक अंडरलोड कर दिए जाएंगे। (घ) इसके उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उज्जैन जिले के महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में 100 के.व्ही.ए. के 21, 63 के.व्ही.ए. के 07, 25 के.व्ही.ए. के 42 एवं 16 के.व्ही.ए. के निरंक इस प्रकार कुल 70 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर दिनांक 04.12.2020 तक की स्थिति में अतिभारित हैं जिनकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उज्जैन जिले के महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में 215 स्थानों पर 246 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं, इनमें से 191 स्थानों पर एक बार (कुल 191 ट्रांसफार्मर) 17 स्थानों पर दो बार (कुल 34 ट्रांसफार्मर) एवं 7 स्थानों पर तीन बार (कुल 21 ट्रांसफार्मर) फेल हुए है जिसकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध भार उनकी क्षमता के अनुरूप करने के लिए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत किया जाता है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। वित्तीय उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता के क्रम में प्रश्नाधीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्यों पर विचार संभव है, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कोई भी अधिकारी इस हेतु उत्तरदायी नहीं है अतः उनके विरुद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
आवंटन एवं व्यय की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
93. ( क्र. 683 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग को शासन से कितनी-कितनी राशि विकास कार्यों हेतु आवंटित की गई? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध धनराशि में से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में व्यय की गई? व्यय राशि का जिलेवार ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में व्यय राशि के विरुद्ध नीमच विधान सभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराई जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) में स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
चिकित्सालयों में डॉक्टरों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
94. ( क्र. 691 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा क्षेत्र में कितने सरकारी अस्पताल हैं और कितने डॉक्टर हैं? जनसंख्या के आधार पर कितने डॉक्टर होने चाहिये? अगर कम हैं, तो क्यों तथा कब तक डॉक्टरों और अस्पतालों की कमी पूरी की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) कोरोना महामारी से लड़ने के लिये अभी तक क्या-क्या व्यवस्था की गई है? कितने आयुष वार्ड बनाये गये हैं और उनमें कितने बेड है? अगर नहीं बनाये गये हैं, तो क्यों? कोरोना महामारी से लड़ने के लिये आयुष वार्ड बनाया गया है तो सूची उपलब्ध कराई जावें। (ग) साल 01.04.2018 से लेकर प्रश्न दिनांक तक चिकित्सा क्षेत्र में सरकार द्वारा कितना बजट आया और कहाँ-कहाँ खर्च किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जनसंख्या के आधार पर चिकित्सकों की पदस्थापना का कोई मापदण्ड नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जनसंख्या के मान से पर्याप्त अस्पताल संचालित हैं, जी हाँ, चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही उपलब्धता अनुसार निरंतर जारी है, एन.एच.एम. के माध्यम से प्रति बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू एवं बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना संबंधी कार्यवाही जारी है। पदोन्नति के सदंर्भ में माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में पदोन्नति की कार्यवाही विलंबित होने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों की पूर्ति में कठिनाई हो रही है, प्रदेश में विशेषज्ञों के कुल स्वीकृत 3618 पदों के विरूद्ध 719 कार्यरत, 2899 रिक्त हैं। (ख) विभाग से संबंधित नहीं है। (ग) विभाग से संबंधित नहीं है।
कोरोना से मृतक अधिकारियों/कर्मचारियों की संख्या
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
95. ( क्र. 692 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान कितने अधिकारी/कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए एवं कितनों की मृत्यु हुई? जिलावार जानकारी देवें। (ख) क्या मृतक अधिकारी/कर्मचारी के परिजनों को सहायता राशि एवं अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक प्रदान की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान कुल 2363 अधिकारी/कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए एवं 28 अधिकारी/कर्मचारियों की मृत्यु हुई। जिलावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा मृतक अधिकारी/कर्मचारी को आर्थिक सहायता देने का कोई प्रावधान नहीं है। नियमित अधिकारी/कर्मचारी के मृतक के निकटतम परिजनों को वरीयता अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में नियमानुसार आदेश जारी किये जाते है।
प्रदेश में बाघों की मौतों पर कार्यवाही
[वन]
96. ( क्र. 696 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्ष में प्रदेश में कितने बाघ/हाथी की मौतें हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बड़ी संख्या में बाघों के मारे जाने के मामले में कब-कब, किन-किन जिम्मेदारों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) भविष्य में वन्य जीवों की अकारण मौत न हो इस हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश में विगत 2 वर्षों में 59 बाघों एवं 6 हाथियों की मृत्यु हुई है। (ख) मध्यप्रदेश में बाघों की मृत्यु के प्रकरणों में दर्ज आरोपियों के अतिरिक्त लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वन्य जीवों की मृत्यु की रोकथाम हेतु किये जा रहे उपायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सहायक संचालक के विरुद्ध प्राप्त शिकायत
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 697 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री घनश्याम सोनी सहायक संचालक के विरुद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में वर्ष 2014 में कोई शिकायत क्रमांक 90/14 की गयी थी? यदि हाँ, तो शिकायत किसने की थी तथा शिकायत के बिंदु क्या थे? (ख) क्या उक्त शिकायत की जांच विभागीय स्तर पर हुई थी? यदि हाँ, तो जाँच किसके द्वारा की गई थी तथा जांच प्रतिवेदन के निष्कर्ष क्या थे? (ग) क्या उक्त जांच प्रतिवेदन में गलत/भ्रामक व असत्य जानकारी देकर श्री सोनी को बचाने का प्रयास किया गया था? (घ) क्या आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की शिकायत क्रमांक 90/14 की पुन: जाँच कर वास्तविक तथा शिकायती बिन्दुओं के आधार पर श्री सोनी के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नही, तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। श्री भारत सिंह यादव, तत्कालीन अध्यक्ष, जिला पंचायत जबलपुर द्वारा की गई थी। शिकायत के बिन्दु - आर्थिक अनियमितता एवं पद के दुरूपयोग संबंधी थे। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा शिकायत की जांच उपरांत प्रकरण दिनांक 30.03.2019 को नस्तीबद्ध किया गया है।
इंदौर एवं भोपाल में कोरोना मरीजों पर हुआ व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
98. ( क्र. 702 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 26-08-2020 से 30-11-2020 तक कितने कोरोना सेंपल की जांच प्रदेश में एवं प्रदेश के बाहर की गई? प्रदेश में निजी लैब में शासन की ओर से जो जांच कराई गई, उसकी संख्या बतावें? तीनों जानकारियां माहवार लैब के नाम, पता सहित देवें। (ख) इसके लिए कितना भुगतान किया गया? कितना लंबित है? इसकी जानकारी लैबवार, पता, नाम सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में इंदौर, भोपाल के कितने निजी चिकित्सालयों/चिकित्सा महाविद्यालयों में कितने कोरोना पॉजीटिव मरीजों का उपचार किया गया? इनसे कितना शुल्क लिया गया? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में इंदौर, भोपाल के कितने शासकीय चिकित्सालयों/चिकित्सा महाविद्यालयों में कितने कोरोना पॉजीटिव मरीजों का उपचार किया गया? इन पर शासन के हुए व्यय की जानकारी संस्थानवार, जिलावार देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) दिनांक 26.08.2020 से 30.11.2020 तक 76835 सेम्पल की जांच प्रदेश के बाहर की गई। प्रदेश में निजी लैब में 41508 सेम्पल की जांच शासन की ओर से करवाई गई। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' अनुसार अवधि में इन्दौर में कुल 11469 एवं भोपाल में कुल 8427 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार निजी चिकित्सालयों/चिकित्सा महाविद्यलयों में किया गया। शासन द्वारा उपचारित मरीजों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''क'' अनुसार अवधि में इन्दौर में कुल 2838 एवं भोपाल में कुल 4839 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार शासकीय चिकित्सालयों/चिकित्सा महाविद्यलयों में किया गया। शासकीय चिकित्सालयों/ चिकित्सा महाविद्यालयों को भुगतान नहीं किया जाता है।
त्रिकुट/त्रिकटू चूर्ण के विक्रय संबंधी
[वन]
99. ( क्र. 704 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.03.2020 से 25.08.2020 तक म.प्र. लघु वनोपज संघ व्यापार एवं विकास सहकारी संघ मर्यादित भोपाल द्वारा 50 ग्राम एवं 500 ग्राम के त्रिकुट/त्रिकटू चूर्ण के कितने पैकेट आयुष विभाग को किस दर पर विक्रय किए गए? माहवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्तानुसार समस्त विक्रय बिलों की प्रमाणित जानकारी देवें। (ग) दिनांक 01.11.2017 से 28.02.2020 तक उपरोक्त उत्पाद के 50 ग्राम, 500 ग्राम के कितने पैकेट आयुष विभाग को विक्रय किए गए? अन्य मात्रा के विक्रय किए हो तो वह जानकारी भी माहवार बतावें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
कोविड सेंटर में सी.टी. स्केन मशीन की उपलब्धता
[चिकित्सा शिक्षा]
100. ( क्र. 710 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा में स्थित शासकीय अटल बिहारी बाजपेयी मेडिकल कॉलेज में सिटी स्केन मशीन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है? यदि नहीं तो क्यों एवं कब तक मेडिकल कॉलेज को सिटी स्केन मशीन उपलब्ध होगी निश्चित अवधि सहित जानकारी दे? (ख) क्या कोविड-19 बीमारी के सबसे संक्रमित म.प्र. के पांच जिलों में विदिशा के होने के बाद भी अभी तक सिटी स्केन मशीन उपलब्ध नहीं होने से कोविड-19 के गंभीर मरीजों को उचित इलाज समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ तो सिटी स्केन मशीन की उपलब्धता में विलंब के कारण सहित जानकारी दें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। मेडिकल कॉलेज को सी.टी.स्केन की सुविधा बाबत् कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी नहीं। कोविड-19 के गंभीर मरीजों को उचित इलाज समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुदान आधार पर विद्युत ट्रासफार्मर का प्रदाय
[ऊर्जा]
101. ( क्र. 711 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में किसानों को सिंचाई सुविधा हेतु मुख्यमंत्री स्थायी कृषि कनेक्शन पम्प योजना अन्तर्गत 25 के.व्ही.ए. ट्रांसफार्मर हेतु कितने किसानों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये गये एवं उक्त आवेदनों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो कारण सहित जानकारी दें। (ख) क्या उक्त अनुदान आधारित योजना विभाग द्वारा बंद किये जाने से कृषकों को सिंचाई हेतु पर्याप्त विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ तो शासन इस योजना को कब से प्रारंभ करेगा? यदि हाँ तो कब से? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के अंतर्गत विदिशा जिले में ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' अन्तर्गत 25 के.व्ही.ए. वितरण ट्रांसफार्मर हेतु 9568 कृषकों से आवेदन प्राप्त हुये थे जिनमें से 9278 आवेदनों की स्वीकृति प्रदान कर स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान किये गये है तथा शेष 290 आवेदन आवेदक द्वारा आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण नहीं किये जाने अथवा योजना के प्रावधानों के अनुसार तकनीकी साध्यता न होने के कारण निरस्त किये गये हैं। (ख) जी नहीं। वर्तमान में कृषकों द्वारा शत प्रतिशत राशि जमाकर अथवा सहमति पत्र देकर एवं सुपरविजन राशि जमा कर ''अ'' क्लास विद्युत ठेकेदार द्वारा लाइन विस्तार का कार्य कराने के बाद पम्प कनेक्शन प्राप्त किया जा सकता है। ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' की अवधि पूर्ण होने के उपरांत राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश में ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' आरम्भ की गई है। जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में प्रश्नाधीन योजना के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
आर.टी.ई. प्रवेश में धांधली
[स्कूल शिक्षा]
102. ( क्र. 716 ) श्री सुनील सराफ : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा सत्र 2018-19 में खरगोन जिले के बड़वाह में आर.टी.ई. के तहत स्कूल में प्रवेश के लिए आवेदन आई.डी. 735984 में पता रेखा नगर कस्बा पंचायत बड़वाह दर्ज है जबकि संलग्न दस्तावेज में पता ग्राम किठूद दर्ज है। ये प्रवेश किस आधार पर हुआ? (ख) उपरोक्तनुसार आवेदन आई.डी. 736860 व वेरीफिकेशन कोड 7542 में पता दशहरा मैदान बड़वाह दर्ज है लेकिन दस्तावेज में ग्राम बावडीखेड़ा दर्ज है। आवेदन आई.डी. 793107 का वेरीफिकेशन कोड 8401 में जन्म दिनांक 28.03.2014 है लेकिन जन्म प्रमाण पत्र में तिथि अलग है ये प्रवेश किस आधार पर हुए? (ग) इसके लिए खण्ड स्त्रोत समन्वयक दशरथ पवार बड़वाह जिला खरगोन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) आवेदन के साथ पालक द्वारा दशहरा मैदान कस्बा बड़वाह में किराये से निवास हेतु किराया चिट्ठी 100 रूपये के स्टाम्प पर लिख कर संलग्न किया गया है। इस आधार पर संबंधित नोडल अधिकारी द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन कर प्रवेश हेतु पात्र किया गया है। प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर बी.आर.सी. द्वारा पात्र कर ऑनलाइन एंट्री की गई। (ख) पालक द्वारा संबंधित नोडल अधिकारी को लिखित में पत्र देकर आवेदन में दर्ज पते का प्रमाण आगामी माह में प्रस्तुत करने हेतु पत्र प्रस्तुत किया है। इस आधार पर नोडल अधिकारी द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन कर प्रवेश हेतु पात्र किया गया है। प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर बी.आर.सी. द्वारा पात्र कर ऑनलाइन एंट्री की गई। आवेदन आई.डी. 793107 के जन्म प्रमाण-पत्र में तिथि अलग नहीं है। (ग) संबंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध जिला शिक्षा केन्द्र, खरगोन के पत्र क्र. 1390 दिनांक 16.12.2020 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दिया गया है। सूचना-पत्र का उत्तर मिलने पर इस प्रकरण में आगामी कार्यवाही की जाएगी।
विभाग के नियमों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
103. ( क्र. 717 ) श्री सुनील सराफ : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) NIC द्वारा शिक्षा विभाग के लिए डेवलप http//www.educationportal.mp.gov.in/से डाउनलोड किए गये किसी दस्तावेज की शिकायत पर NIC के तकनीकी विषय विशेषज्ञ से भिन्न किसी अकादमिक कर्मचारी को शिकायत पर जांच करने का अधिकार है अथवा नहीं? यदि नहीं तो ऐसा करने वालों के खिलाफ विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ख) क्या भोपाल के पत्र क्रमांक 167/ 2175/2018/20-3 दिनांक 08.03.2019 के अनुसार संभागीय संयुक्त संचालक को CBSE से संबद्धता हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का अधिकार दिया गया है? यदि हां तो फिर तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी द्वारा पत्र क्रमांक 1150 दिनांक 03.04.2019 द्वारा CBSE के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र कैसे जारी कर दिया? ऐसे अधिकारी के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) वरिष्ठ कार्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी के हस्ताक्षर एवं पद मुद्रा से जारी पत्र की प्रमाणिकता की जांच की क्या प्रणाली है? क्या कनिष्ठ श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी उक्त पत्र की वैधता की जांच करने में सक्षम है? इस संबंध में नियम/आदेश की प्रति देवें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) शिकायत प्राप्त होने पर एज्यूकेशन पोर्टल से डाउनलोड किये गये दस्तावेज की सत्यता की जांच हेतु विषय वस्तु के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा जांच कराई जा सकती है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नही, सी.बी.एस.ई. से संबद्धता हेतु अनापत्ति देने के लिए मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग अधिकृत है। प्रश्न में उल्लेखित पत्र दिनांक 08.03.2019 द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण को सी.बी.एस.ई. से नवीन संबंद्धता अथवा संबंद्धता नवीनीकरण के लिए अपेडिक्स -2 अथवा अपेडिक्स-3 पर हस्ताक्षर कर अपनी अनुशंसा सी.बी.एस.ई. को प्रेषित करने का अधिकार दिया गया है। संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण की अनुशंसा के आधार पर आयुक्त लोक शिक्षण के माध्यम से शासन द्वारा अनापत्ति जारी की जाती है। जिला शिक्षा अधिकारी, बड़वानी द्वारा प्रश्न में संदर्भित क्र. 1150 दिनांक 03.04.2019 के द्वारा सचिव, सी.बी.एस.ई. दिल्ली को अशासकीय लोटस दिल्ली स्कूल ओझर के सबंध में लेख किया गया कि यदि संस्था को सी.बी.एस.ई. से द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी, बड़वानी द्वारा उक्तानुसार सी.बी.एस.ई. को लिखा गया पत्र नियम विरूद्ध होने के कारण जिला शिक्षा अधिकारी, बड़वानी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कनिष्ठ अधिकारी/कर्मचारी अपने विवेक एवं सहज ज्ञान के आधार पर संदेहास्पद पत्रों एवं निर्देशों की पुष्टि वरिष्ठ कार्यालय से करा सकते है।
शासकीय चिकित्सालय में स्टाफ एवं डाक्टर के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
104. ( क्र. 723 ) श्री विक्रम सिंह राणा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 165 सुसनेर में संचालित समस्त शासकीय चिकित्सालय में स्टाफ एवं डाक्टर के रिक्त पदों पर पदपूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की है? (ख) यदि हाँ तो पूर्ण विवरण देवें? यदि नहीं तो कब तक की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 165 सुसनेर अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर एवं नलखेड़ा तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सोयतकलां तथा बड़गांव संचालित है, उक्त स्वास्थ्य संस्थाओं में पदपूर्ति हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर में वर्ष 2020 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत 01 आयुष चिकित्सक, संविदा अंतर्गत 11 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, 01 मेल स्टॉफ नर्स, 02 ओ.पी.डी. कर्मचारी एवं 01 सपोर्ट स्टॉफ की पदस्थापना की गई। प्रा.स्वा.के. सोयतकलॉ में संविदा अंतर्गत 03 स्टॉफ नर्स एवं 01 ए.एन.एम. की पदस्थापना की गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नलखेड़ा में संविदा अंतर्गत 04 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी एवं 02 स्टॉफ नर्स की पदस्थापना की गई तथा प्रा.स्वा.के. बड़ागांव में 01 एन.एच.एम. संविदा चिकित्सक व 01 संविदा ए.एन.एम. की पदस्थापना की गई है। (ख) स्वास्थ्य संस्थाओं में रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही चिकित्सक/स्टॉफ की उपलब्धता अनुसार निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
कोविड-19 में अनियमित खरीदी व व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
105. ( क्र. 743 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोविड-19 के अंतर्गत किसके द्वारा क्या-क्या खरीदी की गई, मरीजों के लिए क्या-क्या दवाई, इंजेक्शन, सामग्री व उपकरण आदि किस दर पर किस फर्म से खरीदी की गई इनकी दरों का निर्धारण कैसे किया गया? (ख) चिकित्सकों एवं पेरामेडिकल स्टाफ को होटलों में रूकवाने पर कितना-कितना व्यय किया गया? व्यय के अधिकार किसके द्वारा दिए गए? शासन द्वारा मरीजों को जो भोजन की व्यवस्था की गई उस पर कितना व्यय किया गया? इसके लिए अधिकृत एजेन्सी किसे नियुक्त किया गया? (ग) उज्जैन में माधवनगर व चरक हॉस्पिटल में क्या सुदृढ़ीकरण का कार्य कराया गया है? किस कार्य पर कितना व्यय किया गया? क्या उक्त कार्यों के लिए एजेन्सी अधिकृत की गई? किस एजेन्सी से क्या कार्य कराया गया? मोबिलिटि सपोर्ट के अंतर्गत वाहनों पर कितना और किस-किस वाहन पर कितना-कितना व्यय किया गया? सभी वाहनों की सूची देवें। व्यय के अधिकार किसे हैं? (घ) उज्जैन में आर.डी.गार्डी मेडिकल कॉलेज/माधवनगर चिकित्सालय में कोविड-19 अंतर्गत पॉजीटिव मरीज जिनकी मृत्यु हुई है उनका डेथ ऑडिट किसके द्वारा किया गया और उसमें क्या पाया गया? केस किट आदि उपचार पर्ची प्रस्तुत करें। (ड.) कोविड-19 के लिए दान स्वरूप क्या-क्या सामग्री किस-किस के द्वारा दी गई और उसका उपयोग किस प्रकार किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) औषधि, सामग्री एवं उपकरण प्रश्नाधीन अवधि में क्रय किए गए हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। खुली निविदा के माध्यम से क्रय की कार्यवाही संपादित की गई है। (ख) चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को आवासीय व्यवस्था हेतु राशि रुपये 5.07 करोड़ व्यय किया गया। व्यय के लिए दिशा निर्देश आयुक्त, स्वास्थ्य सेवायें के पत्र क्रमांक/अस्पताल प्रशासन/2020/534 दिनांक 18.04.2020 द्वारा जारी किए गए थे। भोजन व्यवस्था पर अद्यतन स्थिति में राशि रुपये 2.86 करोड़ व्यय किया गया है। शासन द्वारा किसी एजेन्सी को अधिकृत नहीं किया गया। (ग) उज्जैन में सिविल अस्पताल माघव नगर में सुदृढ़ीकरण किए जाने हेतु- (1) 20 बिस्तरीय आई.सी.यू. का निर्माण कार्य किया गया, जिस पर राशि रुपये 98.00 लाख आज दिनांक तक एन.एच.एम. भोपाल से व्यय की गई है। इस कार्य की निर्माण एजेन्सी श्री विजय प्रताप शर्मा, गायत्री कॉलोनी, जिला मुरैना को अधिकृत की गई। (2) माघव नगर हॉस्पिटल में 130 पाइंट पर ऑक्सीजन लाईन लगायी गई। इस कार्य पर राशि रुपये 45.73 लाख का आज दिनांक तक एन.एच.एम. भोपाल से व्यय किया गया। इस कार्य की एजेन्सी श्री निखिल मेडिकल गेसेस, 5-हिलटॉप महात्मा नगर नासिक, (महाराष्ट्र) को अधिकृत किया गया। (3) माघवनगर हॉस्पिटल में बॉयो मेडिकल वेस्ट के लिए कमरे का निर्माण, कम्प्रेसर हेतु कमरे का निर्माण, टायलेट रिपेयरिंग, वेस्टर्न टॉयलेट बनाया जाना व भवन की रंगाई-पुताई व अतिआवश्यक सिविल कार्य कराये गये। इन कार्यों पर अभी तक राशि रुपये 23.87 लाख आज दिनांक तक जिला स्तर से व्यय की गई। इस कार्य की एजेन्सी मैसर्स सिंह कन्स्ट्रक्शन 27, आनंदगंज की झीरी इन्दौर गेट जिला उज्जैन को अधिकृत किया गया। (4) उज्जैन में चरक हॉस्पिटल में पंचम तल पर कोविड वार्ड सुदृढ़ीकरण किए जाने हेतु एक्स-रे रूम में विद्युत का कार्य, टॉयलेट रिपेयरिंग, कोरोना मरीजों हेतु अलग रास्ता बनाने के लिए एलुमिनियम पार्टीशन का कार्य व आवश्यकतानुसार अन्य सिविल कार्य कराये गऐ, जिन पर आज दिनांक तक राशि रुपये 2.00 लाख जिला स्तर से व्यय की गई। इस कार्य हेतु मैसर्स आनंद कुमार पंचारिया, ठेकेदार नसरूल्लागंज सीहोर को अधिकृत किया गया। मोबिलिटी सपोर्ट अंतर्गत कोविड-19 में कुल रुपये 1,69,19,226/- का व्यय किया जा चुका है। वाहनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। व्यय के अधिकार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को है। (घ) उज्जैन में आर.डी.गार्डी मेडिकल कॉलेज/माघवनगर चिकित्सालय में कोविड-19 अंतर्गत पॉजिटिव मरीज जिनकी मृत्यु हुई है उनका डेथ ऑडिट संबंधित चिकित्सालय के गठित दल द्वारा किया गया है। केस किट उपचार पर्ची आदि दस्तावेज संबंधित चिकित्सालयों से चाहे गए हैं। प्राप्त होते ही अतिशीघ्र उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। (ड.) दान स्वरूप प्राप्त सामग्रियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
फैक्ट्रियों से उत्पन्न प्रदूषण पर रोकथाम
[पर्यावरण]
106. ( क्र. 746 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1930 दिनांक 20/03/20 के प्रश्नांश (ख) अनुसार उपलब्ध संलग्न (क) के अनुसार क्षेत्रीय कार्यालय म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उज्जैन ने अपने पत्र क्रमांक 3046/प्र.नि.र्बो./क्षे.का. 3/2020, दिनांक 06/03/2020 द्वारा अनुविभागीय दण्डाधिकारी नागदा, जिला उज्जैन, मुख्य चिकित्सक एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन एवं खण्ड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नागदा/खाचरोद, जिला उज्जैन से जानकारी चाही गई थी। क्या वह जानकारी प्राप्त हो गई है? यदि हां तो संपूर्ण जानकारी दी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी प्राप्त होने पर क्या कार्यवाही की गई है? प्रभावित व्यक्ति के बारे में अद्यतन जानकारी दी जाये।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.आर.सी., बी.ए.सी. व जनशिक्षक की नियम विरूद्ध नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
107. ( क्र. 747 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत कितने बी.आर.सी.बी.ए.सी. व जनशिक्षक प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे है? बी.आर.सी.व बी.ए.सी.के पद हेतु स्थाई रूप से नियुक्तियाँ कब तक की जावेगी? (ख) क्या विकासखण्ड स्तर पर कार्यरत प्रभारी बी.आर.सी. उस पद की योग्यता के मापदण्ड को पूर्ण करते है? यदि नहीं तो मापदण्ड को पूर्ण करने वाले पूर्व के नियुक्त स्थाई बी.आर.सी. को क्यों हटाया गया है? उन्हें हटाने का क्या कारण रहा है? क्या उन्हें पुनः बहाल किया जाकर स्थाई रूप से नियुक्त किया जा रहा है? (ग) स्थाई नियुक्ति पर बी.आर.सी. पद की योग्यता वाले शिक्षकों को इस पद पर कब तक नियुक्ति कर दिया जावेगा?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। बी.आर.सी. व बी.ए.सी. का पद परियोजना का पद है। परियोजना के पदों की पूर्ति प्रतिनियुक्ति से की जाती है उक्त पद पर स्थाई रूप से नियुक्ति किये जाने का प्रावधान न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रतिनियुक्ति पर बने रहना संबंधितों की अधिकारिता नहीं है। बी.आर.सी. का पद जिला स्तरीय पद है। बी.आर.सी. के पद का प्रभार दिये जाने के कारण का स्पष्ट उल्लेख जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अत: जिन कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त की जा चुकी है, उन्हें पुन: बहाल कर रखे जाने की बाध्यता नहीं है। (ग) बी.आर.सी. पद की पूर्ति हेतु प्रतिनियुक्ति से पदपूर्ति की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिक्षकों की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
108. ( क्र. 753 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा नियुक्त सहायक शिक्षक उच्च श्रेणी शिक्षक को स्वयं के खर्च पर प्रशिक्षित (डी.एड., बी.एड.) करने पर दो वेतन वृद्धि की अतिरिक्त पात्रता बनती है परन्तु यह पात्रता एक निर्धारित तिथि 10.06.1993 तक नियुक्त शिक्षकों को ही क्यों है, अन्य सहायक शिक्षक एवं उच्च श्रेणी शिक्षकों को क्यों नहीं? (ख) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं छात्रावास जिन वार्डनों को तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर पत्र क्रमांक 5881/ 2017, दिनांक 11 अगस्त 2017 को समस्त जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आदेश जारी किये गये थे, क्या तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर वार्डनों को हटाया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ग) मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2018 में शिक्षक भर्ती परीक्षा आरम्भ हुई थी, शिक्षक चयनित हुए एवं प्रतिक्षारत शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन भी हुआ परन्तु आज दिनांक तक उनकी नियुक्ति क्यों नहीं हुई? (घ) मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षक नियुक्त करने का प्रावधान है जो विगत 10 वर्ष से चल रहा है लेकिन अतिथि शिक्षकों को आज दिनांक तक नियमित नहीं किया गया है एवं उन्हें 1 वर्ष में मात्र 10 माह का वेतन क्यों भुगतान किया जाता है? यह शिक्षक कब नियमित होंगे?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 14 सितम्बर 2011 की कण्डिका 3 अनुसार दिनांक 16.06.1993 के पहले नियुक्त ऐसे समस्त शिक्षकों को जिसने सेवा में रहते हुए स्वयं के व्यय पर दिनांक 01.03.1999 के पहले (बी.एड./बी.टी.सी./डी.एड.) योग्यता अर्जित की हो, उनको परीक्षा उत्तीर्ण करने की दिनांक से दो अग्रिम वेतन वृद्धि की पात्रता होगी। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 17 जून 1993 द्वारा दिनांक 16.06.1993 से शिक्षकों की शैक्षणिक अर्हता में बी.एड./बुनियादी प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र अथवा डी.एड. उपाधि को अनिवार्य शैक्षणिक अर्हता में शामिल किये जाने से 16.06.1993 तिथि निर्धारित की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। समग्र शिक्षा अभियान के तहत कक्षा 9 से 12 के लिए संचालित 201 कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में से 153 में 03 वर्ष की अवधि पूर्ण करने पर वार्डन को हटाया गया है। शेष 48 स्थानों में से 27 में उपयुक्त वार्डन न मिलने, 7 स्थानों पर कोई भी आवेदन प्राप्त न होने से तथा 13 स्थानों पर कोरोना संक्रमण के कारण छात्रावास बंद होने से 1 स्थान पर न्यायालयीन स्टे होने से नहीं हटाया जा सका है। (ग) उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की भर्ती अन्तर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण से संबंधी विषयों पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में 08 याचिकाएं लम्बित है। इन याचिकाओं में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 20.07.2020 के अनुसार न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना अंतिम चयन सूची जारी नहीं की जा सकेगी। (घ) जी हाँ। म.प्र. स्कूल शिक्षा (शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2018 के नियम 7 (ख) (चार) के अनुसार ''शैक्षणिक संवर्ग अन्तर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिये आरक्षित की जायेगी, जिनके द्वारा न्यूनतम शैक्षणिक सत्रों में एवं न्यूनतम 200 दिवस शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य किया है। अतिथि शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र में जुलाई से अप्रैल की अवधि तक के लिऐ आमंत्रित किया जाता है। अत: कार्य अवधि के सामान्यत: 10 माह का मानदेय भुगतान किया जाता है। अतिथि शिक्षकों के नियमित करने की वर्तमान में कोई नीति है।
ब्यावरा में सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
109. ( क्र. 757 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा अंतर्गत नगर ब्यावरा में तहसील कार्यालय से नेशनल हाईवे फोरलेन तक की सड़क किस संस्था या विभाग द्वारा बनाई जावेगी? (ख) क्या उक्त सड़क की कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ तो प्रतिलिपि उपलब्ध करवाने का कष्ट करें। (ग) उक्त मार्ग पर अजनार नदी के पुल का भी निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ तो कौन करेगा? (घ) उक्त मार्ग का कार्य कब तक प्रारंभ होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है। अपितु नगर पालिका परिषद ब्यावरा के अधीन है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
अजनार नदी पर नवीन पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 758 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा में स्थित शहर के बीच पुराना ए.बी. रोड पर अजनार नदी का पुल स्वीकृत है जो कि काफी पुराना है व सकरा होने के कारण आमजनों को आवागमन में काफी असुविधा हो रही है? यदि हाँ तो इसे कब तक स्वीकृत, कर दी जावेगी? (ख) क्या उक्त पुलिया का टेंडर हो चुका है। यदि हां तो संबंधित संस्था व ठेकेदार कौन है? (ग) उक्त पुलिया की लागत कितनी है व कार्य पूर्ण होने की समयावधि क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। शासन द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 05.07.20218 को जारी। (ख) जी हाँ। मेसर्स शिवहरे ब्रदर्स उज्जैन से अनुबंधित है। (ग) लागत रूपये 201.11 लाख एवं कार्य पूर्ण होने की समयावधि माह फरवरी 2021 नियत है।
कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
111. ( क्र. 759 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड 19 के अंतर्गत स्वास्थ्य कर्मचारी को स्थायी नियुक्ति प्रदान किये जाने का क्या प्रावधान नियत किया गया है? (ख) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पत्र क्रमांक एन.एच.एम./एच.आर./2020/5883 दिनांक 21.03.2020 आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय सतपुड़ा भवन के पत्र क्र. आई.डी.एस.पी./2020/288 दिनांक 25.03.2020 एवं मिशन संचालक एन.एच.एम. के पत्र क्रं.एन.एच.एम./एच.आर./सेल 01 2020/12695 दिनांक 29.09.2020 के अनुसार दस्तावेज सत्यापित कर एवं पूर्ण रूप से प्रशिक्षित कर तीन माह के लिये नियुक्ति दी गई थी तदउपरांत समय-समय पर इसमें निरंतर वृद्धि होती रही एवं इन्होंने पाजेटिव मरीजों के बीच में रहकर उनका ईलाज किया एवं सेवाएं प्रदान की जिनमें कुछ कर्मचारियों की जान भी गई। लेकिन वह कर्मचारी निरंतर जन सेवा करते रहे। ऐसे कर्मचारियों को प्रदेश भर में स्थाई नियुक्ति आज दिनांक तक प्रदाय क्यों नहीं की गई है? भविष्य में कब तक प्रदान की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं, अपितु विभाग के पत्र क्रमांक/आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के बिन्दु क्रमांक 4-A में उल्लेखित अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न की जानकारी प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में स्थाई करने का कोई प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सब स्टेशन की मंजूरी देना
[ऊर्जा]
112. ( क्र. 765 ) श्री सीताराम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किजिला श्योपुर के विधान सभा क्षेत्र क्र.2 विजयपुर में कराहल श्योपुर के किसान सब स्टेशन के वजह से परेशान है? उन्हें समय पर बिजली न मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? क्या 1. सब स्टेशन विद्युत ओछपुरा। 2. सब स्टेशन ग्राम कर्राई 3. सब स्टेशन ग्राम आकोदिया 4. ग्राम बुठेरा 5. ग्राम ककेरया 6. ग्राम निमनिया 7. ग्राम कुंठ सुहायी 8. जिला श्योपुर के ग्राम दातरदा के विद्युत सब स्टेशन नवीनीकरण किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र के कृषकों को विद्यमान अधोसंरचना से समुचित विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम ओछापुरा को विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र टर्राकलां से, ग्राम कर्राई को विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बरगवॉ से, ग्राम अकोदिया को विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र रघुनाथपुर से, ग्राम बुढेरा (बुठेरा नहीं) को विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बरगवॉ से, ग्राम ककरधा (ककेरया नही) को विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मायापुर से, ग्राम निमनिया को विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र खिरखिरी से तथा ग्राम कुण्ठ लोहारी (कुंठ सोहायी नहीं) को विद्यमान 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र चकरामपुरा से विद्युत प्रदाय किया जाता है। बिन्दु क्रमांक (8) में उल्लेखित जिला श्योपुर के ग्राम दांतरदा में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र विद्यमान है, जिस पर 1, 5 एम.व्ही.ए. एवं 1, 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर स्थापित है। उपरोक्त सभी 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों से प्रश्नाधीन क्षेत्रों में निर्धारित अवधि अनुसार समुचित विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसके परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन उपकेन्द्रों की स्थापना अथवा वर्तमान उपकेन्द्र के नवीनीकरण का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
आदिवासी वन भूमि का पट्टा
[आदिमजाति कल्याण]
113. ( क्र. 768 ) श्री सीताराम : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, दतिया में वन विभाग द्वारा जो आदिवासी वन भूमि पर काबिज हैं, उन्हें अभी तक वन अधिकार से नहीं जोड़ा गया और गरीब लोगों को वन अधिकार का पट्टा नहीं दिया गया है? (ख) क्या उपरोक्तानुसार गरीब सहरिया आदिवासी जहां निवास करता है, उनका वन विभाग द्वारा सर्वे करवाकर उन्हें वन अधिकार का पट्टा दिया जावेगा? यदि हां तो कब तक उनका सर्वे करवाया जायेगा।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी नही। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत वनभूमि पर काबिज आदिवासियों को वन अधिकार पत्र दिये जा रहे है। जिला श्योपुर में 3245, जिला शिवपुरी में 2769, जिला ग्वालियर में 255, जिला गुना में 6391, जिला अशोकनगर में 1102 एवं जिला दतिया में 190 वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवासों की जर्जर अवस्था
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 776 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकारी आवासों में मरम्मत के नाम पर 10 करोड़ सालाना खर्च होने के बाद भी बहुत से मकान जर्जर अवस्था में है? (ख) तुलसी नगर, शिवाजी नगर, 1100 क्वाटर्स सहित पुराने भोपाल के शासकीय आवास बदहाल हो चुके हैं एवं बारिश के दिनों में मकानों में करन्ट का खतरा बना रहता है तथा रखरखाव न होने के कारण अधिकारी/कर्मचारियों को परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है? इस समस्या के लिये दोषी अधिकारियों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) भोपाल में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी जिनकी नौकरी का कार्यकाल लगभग 25-30 वर्ष भोपाल में ही बीत गया उनके नाम बतावें। अधिकारियों की लापरवाही के कारण इन आवासों का रख-रखाव न होने के कारण कौन जिम्मेदार है? दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासकीय आवासीय भवनों के लिए बजट में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अंतर्गत विभागीय प्राथमिकता अनुसार संधारण कार्य निरंतर किया जाता है। (ख) तुलसी नगर, शिवाजी नगर, 1100 क्वार्टरस् भोपाल के शासकीय आवास बदहाल अवस्था में नहीं है। पुराने भोपाल में हाथीखाना एवं शीश महल के आवासों में आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त शाहजहाँनाबाद, रामनगर, बारामहल एवं परीबाजार स्थित आवास जो कि जर्जर अवस्था में हैं, को भोपाल विकास प्राधिकरण की पुर्नघनत्विकरण योजना में शामिल किया गया है। उक्त क्षेत्र के जर्जर आवासों में कुछ को तोड़कर भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा परियोजना का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पदस्थापना के कार्यकाल का लापरवाही से कोई संबंध न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निजी अस्पतालों में कोरोना पीडि़तों का इलाज
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
115. ( क्र. 777 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में किन-किन निजी चिकित्सालयों को कोरोना के उपचार के लिए चिन्हित किया गया है? (ख) उपरोक्त में से 30 नवम्बर 2020 तक अलग-अलग कितने कितने कोरोना पीड़ितों का उपचार किया गया? (ग) क्या कोरोना पीडि़तों के उपचार के लिए कोई चिकित्सा शुल्क निर्धारित किया गया है? यदि हाँ तो इसका क्या विवरण है? (घ) उपरोक्त उपचार के लिए निजी चिकित्सालयों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, एल.एन. मेडिकल कॉलेज एवं जे.के. अस्पताल तथा पीपुल्स मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को शासन द्वारा कोविड उपचार हेतु अनुबंधित किया गया है एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल द्वारा निजी चिकित्सालयों को कोविड उपचार हेतु चिन्हित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कोरोना पीडि़तों की संख्या अंकित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को किये गये भुगतान जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
वनग्रामों में विकास कार्य
[वन]
116. ( क्र. 785 ) श्री संजय यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली दो जनपद पंचायत क्रमश: जबलपुर एवं शहपुरा भिटौनी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ ही वन बाहुल्य क्षेत्र है, जिनमें तेंदूपत्ता की तुड़ाई का कार्य बड़े पैमाने पर किया जाता है, जिससे वन विभाग को करोड़ों की आय प्राप्त होती है, विभाग के पास तेंदूपत्ता निधि पर्याप्त रूप से होने के बाद भी विभाग द्वारा वनग्रामों एवं विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों जैसे-सड़क/नाली/पेयजल एवं शिक्षा आदि कार्य से वंचित रह रहा है? इसके लिये विभाग द्वारा वर्ष 2015 से अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार बरगी विधानसभा क्षेत्र के वन क्षेत्रों से वन विभाग को करोड़ों की आय प्राप्त हो रही है, तो विभाग की आय का व्यय कहां-कहां एवं किन-किन विकास कार्यों पर किया गया है? बरगी विधानसभा के वनग्रामों के विकास एवं मूलभूत सुविधाओं जैस सड़क/नाली/पेयजल एवं शिक्षा आदि कार्य के लिये राशि का आवंटन कब तक किया जावेगा? (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं क्षेत्र के कितने-कितने विकास कार्य लंबित है? बताया जावें। साथ ही विभाग के पास अभी तक कितनी तेंदूपत्ता निधि (राशि) उपलब्ध है तथा अभी तक किन-किन क्षेत्रों में व्यय की गई है, आगामी विकास योजनाओं से अवगत कराया जावें एवं कितनी राशि शेष है इसकी संपूर्ण जानकारी 2015 से अब तक की दी जावें।
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) यह कहना सही नहीं कि प्रश्नागत जनपद पंचायतों को तेन्दूपत्ता लाभांश से विकास कार्यों से वंचित रखा गया है। जबलपुर एवं शहपुरा, भिटौनी जनपद पंचायतों में वर्ष 2015 से अब तक अधोसंरचना विकास के अन्तर्गत कार्य स्वीकृत किये गये है सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कार्यों के प्रस्ताव प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के द्वारा तैयार होकर जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन की अनुशंसा सहित प्राप्त होने पर संघ द्वारा स्वीकृत किये जाते है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन को उनके लाभांश की सीमा तक स्वीकृति की नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत विकास कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। जिला यूनियन, मुख्य वन संरक्षक एवं संघ मुख्यालय स्तर पर कोई कार्य लंबित नहीं है। जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन जबलपुर के पास ग्रामों की अधोसंरचना एवं मूलभूत सुविधा विकास मद में राशि रूपये 2,92,61,000/- उपलब्ध है। जिसमें जिले की समस्त विधानसभाएं बरगी सहित सम्मिलित है। वनोपज सहकारी समितियों से आगामी विकास योजनाओं बाबत् प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जिला यूनियन जबलपुर में वर्ष 2015 से अभी तक उक्त क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
117. ( क्र. 794 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के मझौली विकासखण्ड के अंतर्गत खाम्हघाटी-पथरौला-टिकरी गिजवार मार्ग, कुसमी-बंजारी गोपद पहुंच मार्ग एवं बायपास मझौली मार्ग ध्वस्त/जर्जर स्थिति में है? यदि हां तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त मार्गों के निर्माण हेतु शासन को लोक निर्माण विभाग सीधी के द्वारा प्रस्ताव भेजे गये हैं? यदि हां तो पूर्ण जानकारी राशि सहित उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त मार्गों का निर्माण कराये जाने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? यदि हां तो पूर्ण जानकारी समय-सीमा के साथ बतायें। यदि नहीं तो कारण भी बताएं। (घ) लोक निर्माण विभाग के द्वारा सीधी एवं सिंगरौली जिले में कितने राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग तथा एम.डी.आर. घोषित की गई है? सूची उपलब्ध करायें। घोषित मार्गों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है।
निजी विद्यालयों में लिये जाने वाला शुल्क
[स्कूल शिक्षा]
118. ( क्र. 801 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोविड-19 संक्रमण के समय में निजी विद्यालयों द्वारा ली जाने वाली शुल्क अनिवार्य है? अगर अनिवार्य है तो विद्यालय बंद में फीस ली जाना उचित है या नहीं? यदि नहीं तो फीस क्यों ली जा रही है एवं किस नियम एवं किसके आदेश के अंतर्गत निजी विद्यालयों में शुल्क ली जा रही है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) निजी विद्यालयों की फीस एवं वार्षिक फीस में बढ़ोतरी का मापदण्ड क्या है एवं फीस का निर्धारण किन मापदंडों के अनुरूप किया जाता है? सम्पूर्ण जानकारी दें।
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत निजी विद्यालयों द्वारा लिये जाने वाले शुल्क के संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किये गये है। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी दिशा निर्देश दिये गये है, जिसके अनुसार कोरोना महामारी के दृष्टिगत शिक्षण सत्र 2020-21 में अशासकीय विद्यालयों द्वारा शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त अन्य कोई शुल्क प्रभारित नहीं किया जा सकेगा तथा आगामी आदेश तक अशासकीय विद्यालयों द्वारा कोई शुल्क वृद्धि नहीं की जा सकेगी। उक्त के संबंध में विभाग द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 24.04.2020 एवं 16.05.2020 तथा माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 01.09.2020 एवं 04.11.2020 के अनुक्रम में जारी निर्देश पत्र दिनांक 04.09.2020 एवं 09.12.2020 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) निजी विद्यालयों की फीस संबंधी मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियम) नियम - 2020 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
योग्यता के अनुसार प्रवेश
[आयुष]
119. ( क्र. 802 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष के डी.एच.एम.एस., बी.ए.एम.एस. एवं बी.यू.एम.एस. पाठ्यक्रमों में 10+2 विषय में भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र, जीवविज्ञान या इसके समकक्ष/उच्च योग्यताओं के आधार पर विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता था? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुसार था?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। नियमानुसार था।
नागरिकों के स्वास्थ्य की जानकारी
[पर्यावरण]
120. ( क्र. 809 ) श्री सुरेश राजे : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिसम्बर 2020 (वर्तमान) में डबरा विधानसभा क्षेत्र के बिलौआ नगर का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 300 के स्तर को पार कर गया है? क्या सरकार ने इसे संज्ञान में लिया है? यदि हाँ तो सुधारने के लिये क्या उपाय किये गये हैं? (ख) 300 के स्तर से अधिक AQI होने पर वहाँ निवासित हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिये प्रतिकूल है, इस प्रदूषण स्तर पर WHO तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार सभी के लिये स्वास्थ्य अलर्ट जारी किया जाना चाहिये? क्या ऐसा किया गया? यदि हाँ तो विवरण प्रदान करें। (ग) इस जानलेवा खतरनाक प्रदूषण स्तर का कारण वहां हो रहा अवैध उत्खनन एवं क्रेशर संचालन है, AQI 300 से अधिक होने पर श्वसन संबंधी बीमारियां होने लगती है, कोरोना संक्रमण ऐसी स्थिति में और भी ज्यादा भयावह हो सकता है, क्या इससे बचने के लिये कोरोना काल में वहाँ खनन बंद करवाया जाना चाहिये? यदि हाँ तो कार्यवाही की जायेगी।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्रेशर का संचालन
[खनिज साधन]
121. ( क्र. 810 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2020 में रात्रि 10.00 बजे से सुबह 6.00 बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू है, इस स्थिति में विधानसभा क्षेत्र डबरा के बिलौआ में रात्रि कालीन खनन तथा खनित सामग्री का परिवहन किसकी अनुमति से हो रहा है? (ख) क्या बिलौआ में शासन द्वारा अनुमति प्राप्त क्रेशर संचालित है? यदि हाँ तो उनका पूर्ण विवरण प्रदान करें। जो क्रेशर अनुमति प्राप्त नहीं है उन पर वर्ष 2020 में क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो विवरण प्रदान करें। (ग) इस उत्खनन तथा परिवहन से बिलौआ का प्रदूषण स्तर जानलेवा स्तर तक हो गया है, वर्तमान में बिलौआ का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 300 के स्तर को पार कर गया है, क्या शासन ने इसे कम करने के लिये कोई कार्यवाही की? यदि हाँ तो विवरण प्रदान करें। (घ) क्या नागरिकों की जान को जोखिम में डालकर खनन जारी रखना उचित है? यदि हाँ तो उसका कारण प्रदान करें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कलेक्टर ग्वालियर के आदेश दिनांक 07.12.2020 अनुसार रात्रि 10 बजे के उपरांत किसी भी प्रकार के परिवहन पर रोक नहीं थी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समस्त क्रेशर वैधानिक अनुमति प्राप्ति उपरांत संचालित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अत: शेष उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों के निर्माण हेतु प्रस्तावों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 815 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2020 से 30 नवंबर 2020 तक माननीय मुख्यमंत्री महोदय व लोक निर्माण मंत्री महोदय को प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र की कौन-कौन सी रोडों के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रेषित किए गए? उनमें से प्रेषित प्रस्तावों पर माननीय महोदय द्वारा कितनी रोडों की स्वीकृति प्रदान की गयी तथा स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? शेष रोडों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? प्रेषित पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र के वर्ष 2013 से 30 नवम्बर 2020 तक लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति के पश्चात स्वीकृत विभिन्न कार्यों में कितने कार्य अप्रारंभ है, अपूर्ण है? रोडवार पृथक-पृथक संपूर्ण विवरण दें। (ग) सचिव, लोक निर्माण विभाग के पत्र क्र. एफ-28/03/2018/19/यो 1865 भोपाल, दिनांक 04.05.2018 द्वारा क्या आदेश दिये गये थे? क्या कंचनखेडी, भैंसोला, गोठडा, बडावदा मार्ग की एनडीबी-2 योजनान्तर्गत बचत लंबाई से लोहचितारा से रघुनाथगढ़ को जोड़ने हेतु क्या स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? (घ) एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा वर्ष 2018-19 में ए.डी.बी. 6/7 योजनान्तर्गत 124 किमी की 217 करोड़ की 04.05.2018 को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त बडावदा-कलसी, नागदा से निम्बोदाखुर्द संदला, सलवा-कल्याणपुर, खरसौदखुर्द, फतेहपुर, गुमदाद दोतस मार्ग का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं तो कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी नहीं। (घ) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है।
नागदा शासकीय चिकित्सालय भवन का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
123. ( क्र. 816 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा चिकित्सालय के भवन निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर निविदाएं आमंत्रित कर स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? कान्ट्रेक्टर द्वारा क्या भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं तो कारण सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या भवन का निर्माण 1960 में निर्मित अस्पताल भवन को तोड़कर वर्टिकल बनाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है? यदि नहीं तो क्यों? क्या राजस्व विभाग द्वारा अन्य जगह भूमि उपलब्ध कराई गई है? (ग) स्वास्थ्य विभाग द्वारा भूमि आवंटन हेतु क्या प्रयास किए गए हैं? किये गये पत्राचार की छायाप्रति उपलब्ध करायें। इन पत्रों पर जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। (घ) स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल भवन निर्माण कहां किया जाना है? इस हेतु स्थान का चयन कब तक कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर देगा? विवरण दें। (ड.) क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व उप स्वास्थ्य केन्द्र कहां-कहां संचालित हैं? उसमें किन-किन पदों की स्वीकृति है? कितने पद रिक्त है? पदस्थ डॉक्टर व नर्सिंग स्टॉफ के नाम सहित सम्पूर्ण विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, नागदा चिकित्सालय के भवन निर्माण हेतु शासन द्वारा राशि रूपये 750.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, भूमि अप्राप्त होने से निविदाएं आमंत्रित नहीं की गई है, जिससे कान्ट्रेक्टर तय नहीं हो पाया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) भवन उन्नयन/निर्माण हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला उज्जैन के पत्र दिनांक 07.09.2019 एवं पत्र दिनांक 01.10.2019 तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी ब्लॉक खाचरौद द्वारा पत्र दिनांक 24.02.2020 को कलेक्टर उज्जैन को भूमि उपलब्ध कराने हेतु पत्र लिखे गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) अस्पताल भवन निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध होते ही निर्माण एजेन्सी पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा,निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) क्षेत्रातंर्गत 02 सिविल अस्पताल, 02 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व 49 उप स्वास्थ्य केन्द संचालित है, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स''अनुसार है।
संविदा पर नियुक्त चिकित्सकों एवं अमले का नियोजन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
124. ( क्र. 824 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिये संविदा के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत चिकित्सकों एवं अमले का नियोजन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हां, है तो कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए किन-किन जिलों में कितने चिकित्सकों एवं अन्य सहायक स्टाफ का नियोजन किया गया है? जिलेवार एवं वर्गवार जानकारी देवें। (ग) कोविड-19 के संक्रमण को दूर करने में क्या इस तरह से नियोजित अमला सहायक सिद्ध हुआ है? क्या राज्य शासन को इस अमले के नियोजन से संक्रमण को रोकने और संक्रमितों के इलाज में मदद मिली है? (घ) यदि यह अमला राज्य के लिये विषम परिस्थितियों में सहायक सिद्ध हुआ है तो इन कर्मचारियों के भविष्य के लिये राज्य शासन की क्या कोई योजना है? क्या इन कर्मचारियों को कोविड-19 का संक्रमण समाप्त होने के बाद पद से पृथक कर दिया जायेगा? क्या इन कर्मचारियों को विभाग में संविदा अथवा नियमित पदों पर नियुक्ति की कोई व्यवस्था शासन द्वारा की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है। जी हाँ। जी नहीं। विभाग के पत्र क्रमांक/आईडीएसपी/2020/288 भोपाल दिनांक 25.03.2020 के बिन्दु क्रमांक 4-A में उल्लेखित अनुसार संविदा/नियमितिकरण का कोई प्रावधान नहीं होने से नियमितिकरण करना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
निजी सचिव के पद पर पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
125. ( क्र. 825 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के सभी विभागों में बुद्धिजीवी शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर एवं संलग्नीकरण के माध्यम से सभी कार्यालयों में एवं प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं दे रहें हैं? क्या शिक्षक चुनाव, जनगणना एवं अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं में अपनी सफलता पूर्वक कर्तव्य पर्यायणता से वर्षों से काम करते आ रहे हैं? (ख) क्या शिक्षकों को विधायकों की निजी स्टाफ में नियमानुसार पदस्थ करने पर शासन विचार करेगी जबकि वास्तविकता में विधायकों के लिपिक एवं सलाहकार के तौर पर विधान सभा क्षेत्र के जानकार योग्य शिक्षक अधिकांश विधायकों के पास कार्यरत रहते हैं, फिर सरकार शिक्षकों को विधायक के निजी सहायक के तौर पर नियुक्त करने में नियमों का हवाला देकर आदेश जिला प्रशासन द्वारा नहीं किये जा रहे हैं? (ग) क्या राज्य शासन विधायकों की मांग पर शिक्षकों को निज सहायक नियुक्त करने के नियम शिथिल कर उनके आदेश जारी करवाने हेतु जिला प्रशासन को अवगत करायेंगे, जिससे विधायकों को अपने क्षेत्र में सहयोग मिल सकें?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 29/02/2008 के प्रावधान अनुसार विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर सेवाऐं दे रहे है। शिक्षकों के संलग्नीकरण का प्रावधान नहीं है। जी हाँ। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा-27 के अनुसार शिक्षकों को दस वर्षीय जनगणना, आपदा राहत, निर्वाचन आदि से जुड़े कार्यों के लिए अवकाश दिवसों, गैर शैक्षणिक कार्य दिवसों, गैर शैक्षणिक समय पर यथा आवश्यकता नियोजित किया जा सकता है। (ख) जी नहीं शिक्षकों को पूर्णकालिक रूप से अन्य कार्यों में न लगाऐ जाने संबंधी विभागीय आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ग) इस विभाग का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अपूर्ण मार्ग को पूर्ण करना
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 827 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के तहत सिहावल विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 1 जनवरी 2018 से कौन-कौन से मार्ग कितनी लागत के निर्माण की स्वीकृति हुई है? कितने कार्य पूर्ण हो गये हैं व कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) दुधमनियां से व्योहारखाड़ मार्ग, बिलारो से पोखरा-रोदो टोला मार्ग, लिलवार से सोननदी मार्ग, हिनौती से सुपेला पहुंच मार्ग इनका प्राक्कलन स्वीकृति हेतु भेजा गया है? यदि हां तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) बाकी से करकोटा एवं समरमरा मार्ग की स्वीकृति प्राप्त है इसका टैंडर किसे आवंटित किया गया है? कार्य क्यों बंद है? कब तक कार्य प्रारंभ किया जाकर पूर्ण कराया जावेगा? (घ) बिठौली से कपुरी मार्ग अत्यन्त खराब है? उक्त मार्ग का मरम्मत/पुन: निर्माण कब तक कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) बांकी से करकोटा मार्ग लम्बाई 1.44 कि.मी. का डामरीकरण कार्य आर.ई.एस. विभाग द्वारा दिनांक 26.09.2020 को पूर्ण कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। समरमरा सिहावल मार्ग का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
कोविड-19 हेतु सामग्री उपलब्ध कराना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
127. ( क्र. 832 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रश्नकर्ता द्वारा कोविड-19 महामारी के असामान्य परिस्थितियों से निपटने हेतु विधायक निधि से पत्र क्रमांक 367 दिनांक 17.05.2020 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिहावल को जांच परीक्षण, मास्क सेनेटाइजर एवं अन्य उपयोगी सामग्री हेतु अनुशंसा की गई थी, उक्त राशि से कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुशंसित राशि से यदि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिहावल को सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई तो क्यों? फिर उक्त राशि का उपयोग किस प्रयोजन हेतु किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जिला योजना समिति द्वारा उक्त राशि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को दिनांक 17/12/2020 को प्राप्त हुई है, सामग्री क्रय की जाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ अनुसार राशि दिनांक 17/12/2020 को प्राप्त हुई है, राशि का उपयोग अन्य प्रायोजन हेतु नहीं किया गया है।
पुल/पुलिया पर लगने वाली रेलिंग
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 850 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले अन्तर्गत पुल/पुलिया पर लगने वाली लोहे की रेलिंग चोरी या क्षतिग्रस्त होने कि शिकायत विगत 03 वर्षों में लो.नि. विभाग को प्राप्त हुई है? (ख) क्या लोहे कि रेलिंग लगाने का उल्लेख निर्माण कि निविदा के नियम एवं शर्तों में किया जाता है? (ग) क्या लोहे के स्थान पर सीमेंट क्रांकीट की रेलिंग लगाई जा सकती है जिसमें उसके चोरी होने एवं क्षतिग्रस्त होने का खतरा कम हो सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। रेलिंग लगाने का उल्लेख निर्माण कार्य की निविदा के नियम एवं शर्तों में नहीं किया जाता है, बल्कि निविदा प्रारूप के निविदा शेड्यूल में उल्लेख किया जाता है। (ग) पुलों में रेलिंग लगाने का प्रावधान निर्धारित मापदण्डानुसार किया जाता है। जलमग्नीय पुलों पर पाईप रेलिंग व उच्चस्तरीय पुलों में सीमेण्ट कांक्रीट रेलिंग लगाने का प्रावधान है।
वन भूमि पर अतिक्रमण
[वन]
129. ( क्र. 851 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा अंतर्गत कितनी वन भूमि पर अतिक्रमण है? स्थान, ग्राम, परिक्षेत्र वार किस-किस का कितना अतिक्रमण है? (ख) अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराने हेतु कहाँ-कहाँ किन लोगों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) कहाँ-कहाँ कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है एवं कहाँ-कहाँ प्रकरण लंबित हैं और कब तक निराकरण किया जा सकेगा?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) खातेगांव विधानसभा अंतर्गत 61 प्रकरणों में 98.665 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 61 अतिक्रमण के प्रकरण, रकबा 98.665 हेक्टेयर में से 43 प्रकरण, रकबा 80.847 न्यायालय में प्रचलित हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष 18 प्रकरण, रकबा 17.818 हेक्टेयर में शासन नियमानुसार भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 80 (अ) के तहत नियमानुसार कारण बताओं सूचना पत्र एवं बेदखली का आदेश दिया जाकर राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग से आवश्यक सहयोग लिया जाकर टास्क फोर्स के माध्यम से अतिक्रमित भूमि मुक्त कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 61 अतिक्रमण के प्रकरणों के अतिरिक्त अब तक खातेगांव विधानसभा के अंतर्गत आने वाले परिक्षेत्रों में 37 प्रकरणों में 37.665 हेक्टेयर वनभूमि को अतिक्रमण से मुक्त करा लिया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। लंबित प्रकरणों की जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। न्यायिक प्रक्रिया होने से समयावधि बताना संभव नहीं है।
विद्युत व्यवस्था उपलब्ध कराना
[ऊर्जा]
130. ( क्र. 853 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के परिवार जो विद्युत विहीन हैं का सर्वे कराया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या क्षेत्र में सभी घरेलू विद्युत कनेक्शनधारियों को 24 घण्टे विद्युत आपूर्ती की जा रही है? यदि नहीं तो कारण बतायें। (ग) क्या अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित करने हेतु प्रस्ताव भेजे गये है यदि हां तो कब तक कार्य पूर्ण होगा? (घ) क्या विभाग की अनुसूचित जनजाति के मजरों टोलों को कृषि एवं घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन नि:शुल्क देने की कोई योजना प्रचलित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। इस प्रकार के सर्वे कराने का कोई प्रावधान नहीं है। तथापि केन्द्र सरकार की सौभाग्य योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुसार चिन्हित सभी अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया जा चुका है। (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के जनगणना-2011 में सम्मिलित लोकेशन कोड वाले समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनसे संबंधित मजरे टोलों के घरेलू विद्युत कनेक्शनधारियों को आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है एवं क्षेत्र के ग्रामों से दूर खेतों में दूर-दूर घरों, जहाँ 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने वाली विद्युत लाईन नहीं है, को समीपस्थ कृषि फीडर से आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 10 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। (ग) जी हाँ। जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग जिला देवास द्वारा उनके पत्र क्रमांक 3780 दिनांक 21.08.2019 से ग्राम बहिरावद, ग्राम हतलाय एवं ग्राम बोरानी पठार में कृषको के लिए कृषि प्रयोजन हेतु विद्युत लाइन एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए तकनीकी स्वीकृति सहित प्राक्कलन प्रेषित करने हेतु लेख किया गया था। जिसके परिपालन में कार्यपालन यंत्री (संचालन-संधारण) संभाग कन्नौद द्वारा उनके पत्र क्रमांक 5112 दिनांक 06.11.2019 से 01 नग एवं पत्र क्रमांक 5814 दिनांक 16.12.2019 से 02 नग इस प्रकार कुल 03 नग विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर एवं विद्युत लाइन की आवश्यकता हेतु तकनीकी रूप से स्वीकृत प्राक्कलन एवं डिमांड नोट जिला संयोजक अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग देवास को भेजे जा चुके है। वर्तमान में संबंधित विभाग से कोई भी राशि वितरण कंपनी को प्राप्त नहीं हुई है इस कारण कार्य लंबित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रदेश में कृषि एवं घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन निःशुल्क देने की कोई योजना प्रचलित नहीं है।
अस्थाई विद्युत कनेक्शन का प्रदाय
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 854 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बिल्डर को नवीन कालोनी को विकसित करने, बाह्य विद्युतीकरण विकास कार्य म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा अस्थायी उच्च दाब कनेक्शन अधिकतम कितनी अवधि तक के लिये दिया जाता है? नियमों के संदर्भ में बतायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त अस्थायी उच्च दाब विद्युत कनेक्शन को अधिकतम कितनी अवधि तक के लिये बढ़ाया (Extension) जा सकता है? नियमों के संदर्भ में बतायें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि कोई बिल्डर समयावधि में कालोनी का बाह्य विद्युतीकरण विकास कार्य पूर्ण नहीं करता है तो म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी के नियमों में क्या प्रावधान है? नियमों की प्रति सहित बतायें। यदि नहीं तो क्यों? (घ) ऐसे बिल्डर जिन्होंने प्रश्नांश (ख) अनुसार समय-सीमा में बाह्य विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण नहीं किया है, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी अपने क्षेत्रान्तर्गत के बिल्डरों की सूची उपलब्ध करावे। क्या उक्त कालोनी के रहवासियों की मांग पर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी उनके अपने स्तर से अस्थायी विद्युत कनेक्शन दे सकती है? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 4.43 में दिये गये प्रावधान अनुसार विभिन्न प्रयोजनों के लिए दो वर्ष से कम अवधि हेतु अस्थायी उच्च दाब कनेक्शन दिया जा सकता है। उक्त नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 4.43 में दिये गये प्रावधान अनुसार उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अस्थाई विद्युत कनेक्शन 05 वर्ष की अवधि तक बढ़ाये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नाधीन उल्लेखित अस्थाई विद्युत कनेक्शन बिल्डर को निर्माण कार्य हेतु प्रदान किया जाता है तथा आवेदन प्राप्त होने पर कनेक्शन की अवधि को नियमानुसार बढ़ाया जाता है। किन्तु निर्माण कार्य हेतु दिये गये अस्थाई विद्युत कनेक्शन का संबंध कॉलोनी के बाह्य विद्युतीकरण विकास कार्य से नहीं है। अत: तत्संबंध में कोई नियम/प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संधारित नहीं की जाती तथापि अस्थाई कनेक्शन हेतु आवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कनेक्शन दिये जाने अथवा कनेक्शन की अवधि बढ़ाए जाने की कार्यवाही की जाती है। जी हाँ, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 02.09.2009 को अधिसूचित विनियमों की कंडिका 4.4.1 के प्रावधानों के अनुसार कॉलोनी के रहवासियों को नियमानुसार अस्थाई कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है।
कोरोना महामारी हेतु प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
132. ( क्र. 861 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना संकट से निपटने के लिये सरकार ने प्रदेश के जिलों को कितनी-कितनी राशि, किस किस मद में आंवटित की? जिलेवार सूची उपलब्ध करायें। उसका मापदंड क्या था? जिलों को कुल आवंटित राशि में केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार का कितना अंशदान था? (ख) ग्वालियर जिले के संदर्भ में प्राप्त राशि का किस-किस मद में कितना व्यय हुआ? क्या शासन के अतिरिक्त, विभाग को अन्य व्यक्तियों/संस्थाओं से आर्थिक एवं अन्य रूप में सहयोग प्राप्त हुआ? यदि हां तो कितना? (ग) ग्वालियर जिले में शासकीय अस्पताल एवं संस्थाओं के साथ-साथ किन-किन निजी अस्पतालों, भवनों होटल, आदि में कितने-कितने व्यक्तियों को कितने दिन के लिये क्वारेन्टाईन किया गया? उन पर कितना-कितना व्यय किस किस मद से हुआ? व्यय का मापदंड क्या था? प्रतिव्यक्ति क्या उक्त व्यय में शासन के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों या संस्थाओं या अन्य स्त्रोत से सहयोग प्राप्त हुआ? यदि हाँ तो कितना एवं किस रूप में?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिलों को आवंटित राशि का मदवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। आवंटन जिलों की माँग एवं संचालनालय स्वास्थ्य सेवा द्वारा जारी निर्देशों के अंतर्गत किया गया है। आवंटन में केन्द्रांश एवं राज्यांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में व्यय का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शासन के अतिरिक्त, विभाग को अन्य व्यक्तियों/संस्थाओं से कोई आर्थिक सहयोग प्राप्त नहीं हुआ है। अपितु सहयोगकर्ताओं से प्राप्त सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) ग्वालियर जिले में शासकीय अस्पताल एवं संस्थाओं के साथ-साथ निजी अस्पतालों, भवनों, होटल आदि में शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित दिवसों के अनुसार कुल 7304 व्यक्तियों को क्वारेंटाइन किया गया। 7304 व्यक्तियों पर कुल राशि रू.76,59,939/- स्वीकृत पी.आई.पी. अनुसार गतिविधि क्र.B.31.9.2 CCC एवं गतिविधि क्र.B.31-9-6 QC व्यय के अन्तर्गत किया गया है। उक्त व्यय संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. भोपाल का पत्र क्र/ आई.डी.एस.पी./2020/439 भोपाल दिनांक15.04.2020 एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का पत्र क्र/ एन.एच.एम./10133 भोपाल दिनांक 31.07.2020 के द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर किया गया है। क्वारेंटाइन किये गए मरीजों पर हुये व्यय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। सहयोगकर्ताओं की सूची उपरोक्त (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
अवैध कॉलोनियों में विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 862 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी अवैध कॉलोनियां हैं जिनमें वैध रूप से विद्युत कनेक्शन नहीं हैं? क्या ऐसी अवैध कॉलोनियों में रहवासी विद्युत का उपयोग कर रहे हैं? उक्त कॉलोनियों में विद्युतीकरण के लिये शासन द्वारा कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हां तो विस्तृत विवरण दें। (ख) अवैध कालोनियों में विद्युतीकरण के लिये कोई ऐसा सर्वे कराया गया है, जिसमें विद्युतीकरण में आने वाले खर्च की राशि वहां के उपभोक्ताओं से कितने दिन में प्राप्त की जा सकती है? इसका विवरण दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 23 अविकसित/असंगठित/अवैध कालोनियां है, जिनमें रहवासी विद्युत का उपयोग कर रहे हैं। इन 23 कालोनियों में कुल 51 अस्थाई एवं 761 स्थाई कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं, जिनका कॉलोनीवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ'अनुसार है। जी नहीं, अपितु अविकसित/असंगठित/अवैध कॉलोनियों का विद्युतीकरण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियम 2009 आर.जी.-31 (1) वर्ष 2009 की कंडिका 4.5.2 की उपकंडिका i, ii, iii एवं iv के प्रावधान अनुसार किया जाना है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी हां, उक्त चिन्हित 23 कालोनियों का सर्वे कराया गया है, जिसके अनुसार विद्युतीकरण की अनुमानित लागत राशि लगभग रू. 322.60 लाख है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उपभोक्ताओं द्वारा उक्त राशि जमा करने हेतु कोई निश्चित समय-सीमा निर्धारित नहीं है। तथापि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को उक्त राशि प्राप्त होने पर ही उत्तरांश (क) में उल्लेखित म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियम, 2009 आर.जी.-31 (1) वर्ष 2009 के प्रावधानों के अनुसार विद्युतीकरण की कार्यवाही पर विचार संभव है।
वन ग्रामवासियों को वनाधिकार पट्टों का वितरण
[आदिमजाति कल्याण]
134. ( क्र. 867 ) श्री हर्ष यादव : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन ग्राम वासियों को वनाधिकार पट्टों का वितरण किए जाने हेतु विभाग द्वारा कोई नीति या निर्देश प्रसारित किए गये है? यदि हाँ तो विस्तृत जानकारी देवें। (ख) सागर जिले की देवरी विधानसभा के वनवासियों द्वारा वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक ऑफलाईन एवं ऑन लाईन प्रक्रिया के द्वारा कितने प्रकरण लंबित है? ग्रामवार, पंचायतवार जनपदवार जानकारी देवें। (ग) वन अधिकार के पट्टों के वितरण संबंधी प्रक्रिया के निराकरण एवं प्रकरण लंबित रखने वाले अधिकारी/ कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (ख) वर्णित लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं मान्यता नियम 2008 के तहत वनभूमि पर काबिज वन निवासियों को वन अधिकार पत्र वितरित किये जा रहे है। (ख) सागर जिले की देवरी विधानसभा के वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक कोई भी ऑफलाइन आवेदन लंबित नहीं है। वर्ष 2019-20 से एम.पी.वनमित्र पोर्टल पर वन निवासियों द्वारा ऑनलाइन आवेदन दर्ज किये गये, जिसमें से जनपद पंचायत देवरी अन्तर्गत कुल 1637 आवेदन दर्ज हुए जिसमें से 221 पूर्व के निरस्त व्यक्तिगत दावों का पुनःपरीक्षण किया गया, जिसमें 73 दावे मान्य किये गये एवं 101 दावे अस्वीकृत किये गये। 47 दावे लंबित है। जनपद पंचायत केसली में कुल 3676 दावे दर्ज हुए जिसमें से 533 पूर्व के निरस्त व्यक्तिगत दावों का पुनः परीक्षण किया गया, जिसमें 142 दावे मान्य तथा 123 दावे अमान्य किये गये, 268 दावे लंबित है। इस प्रकार देवरी विधानसभा अन्तर्गत 215 दावे मान्य, 244 दावे अमान्य किये गये है, 315 दावे लंबित है। एम.पी. वनमित्र पोर्टल द्वारा पूर्व के निरस्त दावों पर ही कार्यवाही की गई है। ग्रामवार, पंचायतवार एवं जनपदवार लंबित दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन अधिकार अधिनियम के तहत लंबित दावों के निराकरण की प्रक्रिया सतत् प्रचलन में है। वन अधिकार पत्रों के वितरण संबंधी प्रक्रिया शासन निर्देशों के अनुसार की गई है। अतएव किसी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वन मित्र पोर्टल पर देवरी विधानसभा अन्तर्गत लंबित 4559 नवीन दावों के संबंध में प्रक्रिया अर्द्ध न्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय सेवकों के स्वत्वों का भुगतान
[वन]
135. ( क्र. 869 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा शासकीय सेवकों का देय पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता भुगतान होने से क्यों रोका गया है? (ख) शासन द्वारा शासकीय सेवकों को मिलने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि क्यों रोकी गयी है? (ग) शासन द्वारा सातवें वेतनमान की किस्तों में मिलने वाली एरियर्स की राशि पूर्ण भुगतान होने से क्यों रोकी गयी है? (घ) क्या महंगाई दर में वृद्धि होने से शासकीय सेवकों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं मिल रहा है? प्रश्नांश (क) से (घ) के स्वत्त शासकीय सेवकों को कब तक भुगतान होंगे?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में कोविड-19 की आपदा नियंत्रण के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता एवं वर्तमान में राज्य की वित्तीय संसाधनों में आयी भारी गिरावट को दृष्टिगत रखते हुये, यह निर्णय लिया गया है। (ख) प्रदेश में कोविड-19 की आपदा नियंत्रण के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता एवं वर्तमान में राज्य की वित्तीय संसाधनों में आयी भारी गिरावट को दृष्टिगत रखते हुये, यह निर्णय लिया गया है। (ग) प्रदेश में कोविड-19 की आपदा नियंत्रण के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता एवं वर्तमान में राज्य की वित्तीय संसाधनों में आयी भारी गिरावट को दृष्टिगत रखते हुये, यह निर्णय लिया गया है। (घ) जी हाँ। स्थिति सामान्य होने पर नियत लाभ दिये जायेंगे। कोविड-19 की वर्तमान परिस्थिति के कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
स्टोन क्रेशरों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम
[पर्यावरण]
136. ( क्र. 870 ) श्री हर्ष यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला में जितने स्टोन क्रेशर चल रहे हैं? उन सभी ने पर्यावरण विभाग से अनुमति/एन.ओ.सी. ली है? यदि हाँ तो कहाँ कितने क्रेशर हैं? तहसीलवार बतायें। यदि नहीं तो कहाँ कितने क्रेशर विभाग की बगैर अनुमति/एन.ओ.सी. के चल रहे हैं? (ख) स्टोन क्रेशर के लिए अनुमति प्रदूषण नियंत्रण वोर्ड द्वारा निर्धारित किन मानकों के आधार पर दी जाती है? कितने क्रेशर इन मानकों का पालन नहीं करने पर बंद किये गये है? स्थान तहसीलवार बतायें। (ग) क्या सागर तहसील में एवं जिला के अन्य स्थानों पर क्रेशर रोड के किनारे लगे हैं जिन से उत्पन्न रेतीली धूल से आस-पास के किसानों की फसल खराब हो रही है एवं लोगों का स्वास्थ्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है? (घ) रोड के किनारे, धूल उड़ाने वाले, बगैर बाउंड्रीबाल के क्रेशर कब तक बंद किये जायेंगे? पत्थर खोदकर जमीन समतल नहीं करने वाले कितने क्रेशरों पर क्या कार्यवाही की गई?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) सागर जिले में 184 स्टोन क्रेशर है, जिनकी तहसीलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 181 द्वारा स्टोन क्रेशर्स द्वारा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत सम्मति प्राप्त की गई है। 03 स्टोन क्रेशर बिना सम्मति प्राप्त कर संचालित होना पाया गया, जिन्हें वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा ''31 क'' के अंतर्गत बंद कराया गया। क्रेशरों की तहसीलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के सरल क्रमांक 93, 94, 104 एवं 159 पर है। (ख) स्टोन क्रेशर उद्योग को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की अनुसूची-1 के बिंदु 37 में निर्धारित मानकों के आधार पर सम्मति दी जाती है। मानकों का पालन न करने के कारण 03 स्टोन क्रेशरों को वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा-31 ''क'' के तहत बंद कराया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के सरल क्रमांक 40,92 एवं 135 अनुसार है। (ग) एवं (घ) सागर जिले में 05 स्टोन क्रेशर मुख्य सड़क के समीप 15 वर्ष पूर्व से स्थापित है, इनमें से 03 स्टोन क्रेशरों में 15 फीट ऊंची बाउन्ड्रीवाल/विंडबे्रकिंग वाल तथा प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था स्थापित है एवं धूल उड़ने की समस्या नहीं है। 02 स्टोन क्रेशरों द्वारा निर्धारित व्यवस्था नहीं करने के कारण वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा ''31 क'' के अंतर्गत बंद कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के सरल क्रमांक 40 व 92 अनुसार है। किसानों की फसल खराब होने तथा स्टोन क्रेशर के कारण लोगों के स्वास्थ्य प्रभावित होने की स्थिति नहीं है। उत्खनन पट्टों के संबंध में अनुमोदित खनन योजना/स्कीम में सम्मिलित उत्तरोत्तर खान बंद करने की योजना तथा अंतिम खान बंद करने की योजना में पट्टेदार द्वारा प्रस्तावित कार्य यथा कृषि हेतु तालाब निर्माण अथवा घाट निर्माण आदि अनुसार ही कार्य किया जाना होता है। अतः प्रश्नांश में उल्लेखित कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
6 वें वेतनमान की तृतीय किश्त का भुगतान
[आदिमजाति कल्याण]
137. ( क्र. 890 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का आदेश क्रमांक एफ-1-31/2013/22/पं-2 भोपाल दिनांक 07.07.2017 के आदेश अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान की बढ़ी हुई राशि का तीन किश्तों में क्रमश: वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में भुगतान किया जाना था? आदिम जाति कल्याण विभाग के कितने विकासखण्डों द्वारा तीनों किश्तों का भुगतान कर दिया गया है? (ख) कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने विकासखण्डों के द्वारा तीसरी किश्त का भुगतान किया गया है? यदि नहीं तो किस कारण अध्यापक संवर्ग की छठवें वेतनमान की तीसरी किश्त का भुगतान रोका गया हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ रोका गया है तो उसका लिखित आदेश बतावें। यदि रोकने का आदेश नहीं है तो जिन अधिकारियों के द्वारा बगैर आदेश के रोका गया है उन पर शासन स्तर से क्या कार्यवाही प्रस्तावित हैं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। विभाग के 16 विकासखण्डों में तीनों किश्तों का भुगतान किया गया है। (ख) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किसी भी विकासखण्ड के द्वारा तृतीय किश्त का भुगतान नहीं किया गया है। म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्र./वि.स.प्र./2020/608 दिनांक 29.07.2020 के पालन में भुगतान की कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित उत्तर अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय विद्यालयों स्वीकृत स्टॉफ
[स्कूल शिक्षा]
138. ( क्र. 901 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले की राघौगढ़ एवं आरोन विकासखण्ड अंतर्गत कितने हाई स्कूल एवं हॉयर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं? नाम, स्थान स्वीकृत शिक्षक/स्टाफ एवं छात्र संख्यावार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त विद्यालय किस मापदण्ड के अनुसार स्वीकृत किये गये हैं? यदि हां तो मापदण्ड के अनुसार सभी विद्यालयों की बिल्डिंग भवन, खेल मैदान, बाउण्ड्रीवाल, छात्र-छात्राओं के शौचालय एवं लेब पूर्ण हैं? यदि हां तो विद्यालयवार पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं तो मापदण्डों के अनुसार उपरोक्त कार्य कब तक पूर्ण किये जायेंगे? उपरोक्त कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने नवीन हाईस्कूल एवं हॉयर सेकेण्ड्री स्कूल स्वीकृत हैं? क्या उपरोक्त नवीन विद्यालय नियमानुसार दूरी पर हैं? यदि हां तो उपरोक्त विद्यालयों में नवीन बिल्डिंग भवन स्वीकृत है? यदि हां तो उक्त विद्यालय किस शिक्षण सत्र में प्रारंभ किये जायेंगे? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में जिन विद्यालयों में शिक्षकों/स्टाफ की कमी हैं? उनकी जानकारी विद्यालयवार बतायें उपरोक्त विद्यालयों में पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर है। (ख) हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 पर है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्य बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में नवीन विद्यालय स्वीकृत नहीं हुए है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। शिक्षकों की कमी/ अवकाश की दशा में अध्यापन कार्य सुचारू संचालन हेतु अस्थायी रूप से अतिथि शिक्षक रखे जाते है। शिक्षकों की कमी की पूर्ति नवीन भर्ती/पदोन्नति/स्थानांतरण से की जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर्थिक सहायता/अनुकम्पा नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
139. ( क्र. 904 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वास्थ्य मुख्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार माह मार्च 2020 से 30 नवम्बर 2020 की अवधि में कोविड-19 कोरोना वायरस की रोकथाम, बचाव एवं उपचार आदि में कार्यरत किन-किन कोरोना योद्धाओं की कोरोना के संक्रमण से मृत्यु हुई है? मृत्यु उपरांत उनके निकटतम परिजनों को राज्य सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता एवं अनुकम्पा नियुक्ति आदि की सुविधाएं प्रदान की गई हैं? नाम, पता सहित पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किन-किन कोरोना योद्धाओं को मृत्यु उपरांत उनके परिजनों को किन-किन कारणों से आर्थिक सहायता एवं अनुकम्पा नियुक्ति की सुविधाएं प्रदान नहीं की गई हैं? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं तथा कब तक आर्थिक सहायता एवं अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मृत्यु उपरांत कोरोना योद्धा के निकटतम परिजनों को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आर्थिक सहायता देने का कोई प्रावधान नहीं है, यद्यपि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अंतर्गत स्वास्थ्य कर्मियों के लिये बीमा योजना/मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना अंतर्गत मृत्यु उपरांत स्वास्थ्य कर्मियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा मृतक अधिकारी/ कर्मचारियों के आश्रितों को आर्थिक सहायता देने का कोई प्रावधान नहीं है। मृतक के निकटतम परिजनों को वरियता अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में नियमानुसार आदेश जारी किये जाते है।
संविदा पदों पर नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
140. ( क्र. 905 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत चम्बल संभाग में प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने पद किस-किस संवर्ग, संविदा वर्ग-1, 2, 3 के रिक्त हैं? कार्यालयवार एवं जिलेवार जानकारी दें। उक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? पदवार पृथक-पृथक बतायें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) क्या संविदा वर्ग 1 एवं वर्ग 2 में चयनित अभ्यार्थियों एवं वेंटिग लिस्ट के अभ्यार्थियों को प्रश्न दिनांक तक हुई पदों में वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुये अवसर प्रदान किया जायेगा? यदि हां तो कब तक एवं यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या संविदा वर्ग 3 पात्रता परीक्षा आयोजित की जा रही हैं? यदि हां तो कब तक? उक्त परीक्षा प्रदेश में अंतिमवार कब आयोजित की गई थी तथा प्रश्न दिनांक तक कब आयोजित की जायेगी? संविदा पात्रता परीक्षा विलंब से होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण लंबित होने के लिये कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित कराकर प्रावधिक चयन सूची एवं प्रावधिक प्रतीक्षा सूची जारी की गई है। अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण के मुद्दे पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा उनकी अनुमति के बगैर नियुक्ति आदेश जारी नहीं किये जाने का निर्णय पारित किया है। प्राथमिक शिक्षक की पात्रता परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम निर्देश के क्रम में पदोन्नति की कार्यवाही स्थगित है। अतः निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 के प्रभावी होने के बाद संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-01 एवं श्रेणी -02 के पदों पर नियुक्ति नहीं की जाकर क्रमशः उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक के पदों पर भर्ती किये जाने का प्रावधान है।। शासन द्वारा स्वीकृत पदों पर ही भर्ती की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना उतरांश (क) अनुसार संभव नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नही, संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-03 की परीक्षा अंतिम बार वर्ष 2012 में आयोजित की गई थी। म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 के प्रभावी होने के बाद संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-03 की पात्रता परीक्षा के स्थान पर प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने का प्रावधान है, पी.ई.बी. द्वारा विज्ञापन जारी कर ऑनलाईन आवेदन प्राप्त किये गये है, निकट भविष्य में पात्रता परीक्षा आयोजित करने की योजना है। शिक्षक पात्रता परीक्षा समय-समय पर शिक्षकों की आवश्यकता एवं बजट उपलब्धता के अनुसार आयोजित की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करना
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
141. ( क्र. 908 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा श्री दिलीप राठौर को उनके अभ्यावेदन को दृष्टिगत रखते हुए अभी तक अनुकम्पा नियुक्ति क्यों नहीं प्रदान की गई? (ख) स्व. श्री कैलाश राठौर का आकस्मिक निधन 2011 में होने पर तथा विभाग की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना 2013 के पहले उनका निधन हुआ था इस कारण उनके पुत्र को अनुकम्पा नियुक्ति का अधिकार होने पर एवं पात्र होने पर अभी तक उन्हें अनुकम्पा नियुक्ति क्यों प्रदान नहीं की गई जबकि अन्य कर्मचारियों अन्य विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई हैं? स्पष्ट करें। (ग) श्री दिलीप राठौर को राज्य बुनकर सहकारी संघ भोपाल में या अन्य विभाग में कब तक अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्री दिलीप राठौर पुत्र स्व. श्री कैलाश राठौर का अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण म.प्र. राज्य हाथकरघा बुनकर सहकारी संघ मर्यादित जबलपुर से संबंधित है। पंजीयक सहकारी संस्था के आदेश क्रमांक विविध/251 दिनांक 25/8/2010 के तहत बुनकर संघ को परिसमापन में लाया गया है। बुनकर संघ परिसमापन में होने के कारण श्री दिलीप राठौर को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकी। (ख) बुनकर संघ परिसमापनाधीन होने के कारण श्री दिलीप राठौर को बुनकरा संघ में अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 12600/05 में पारित निर्णय दिनांक 9/11/2010 के अनुक्रम में संघ के कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जा रही है। अभी तक 148 कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी गयी है। संघ के लंबित लेखों एवं आस्तियों के निपटान हेतु वर्तमान में केवल 4 कर्मचारी कार्यरत है। संघ में वर्ष 1997-98 के बाद कोई भी अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गयी है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में सहकारिता नियमों के तहत संघ परिसमापन में होने के कारण बुनकर संघ में अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। संघ में स्व. राठौर के उपरांत 13 कर्मचारियों का निधन हुआ है। उनके परिजन द्वारा भी अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है एवं अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय में कुछ आवेदकों द्वारा याचिकाएं दायर की गई है, याचिका पर निर्णय लंबित है। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुकंपा नियुक्ति संबंधी निर्देशों में संघ के कर्मचारियों को अन्य विभाग में अनुकंपा नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है।
शहडोल संभाग के खनिजों की जब्ती एवं नीलामी
[खनिज साधन]
142. ( क्र. 911 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग में वर्ष 2018 से अवैध परिवहन/अवैध भण्डारण/अवैध उत्खनन द्वारा जब्त खनिजों जैसे कोयला, रेत, बाक्साइड व पत्थर किस-किस विभाग द्वारा रखे गए है तथा उसकी नीलामी कब हुई है एवं नीलामी से प्राप्त राजस्व कितना शासकीय खजाने में जमा हुआ? (ख) मध्यप्रदेश शासन खनिज विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड एवं पुलिस विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड में विसंगतियां होती है, जिसमें खनिज विभाग द्वारा क्यूबिक घनमीटर में मापक किया जाता है जबकि पुलिस विभाग द्वारा काटा करवाकर टन में मापक किया जाता है. जिसमें वाहन मालिकों के ऊपर अन्यायपूर्ण आरोप सिद्ध किया जाता है सरकार दोनों विभागों की नीति स्पष्ट करें, इसकी नियमावली क्या है, क्या न्यायोचित है? अगर नहीं तो इस पर विचार कब तक किया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिलेवार वस्तुस्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग द्वारा खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2015/मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत निर्धारित मापदण्ड अनुसार मापक किया जाता है। यह नियम अधिसूचित नियम हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बौद्ध विहार हेतु भूमि आवंटन
[खनिज साधन]
143. ( क्र. 912 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2000 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में बौद्ध विहार निर्माण हेतु भूमि आवंटन की मांग हेतु माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय एवं मुख्य सचिव म.प्र. शासन, सांसद बालाघाट, अध्यक्ष म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग भोपाल, प्रमुख सचिव खनिज विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल एवं अन्य शासकीय पत्र कलेक्टर बालाघाट एवं अभिकर्ता एवं संयुक्त महाप्रबंधक मॉयल भरवेली जिला बालाघाट तथा सी.एम.डी. कार्यालय मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड नागपुर को पत्र प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की गई? (ख) ग्राम भरवेली के पटवारी हल्का नंबर 14 के खसरा नंबर 4/3 रकबा 0.709 वार्ड नं.8 में बौद्ध विहार निर्मित था? यदि हां तो मॉयल प्रबंधक भरवेली द्वारा दिनांक 26.06.2003 को बुल्डोजर चलाकर क्यों तोड़ा गया है? यदि तोड़ा गया तो किस नियम/प्रावधान के तहत? क्या वहां स्थापित अन्य धार्मिक स्थल भी तोड़ा गया है? (ग) ग्राम भरवेली, उकवा, तिरोड़ी जिला बालाघाट में मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड की माईन लीज की भूमि पर कितने-कितने धार्मिक स्थल स्थापित हैं? उक्त भूमि को किस अधिकारी द्वारा आवंटित किया गया है? (घ) क्या ग्राम भरवेली में स्थापित मैंगनीज ओर इंडिया प्रा.लि. ने राज्य शासन/कलेक्टर के साथ स्थानीय ग्रामवासियों के हितों एवं उनके जीविकोपार्जन हेतु कंपनी द्वारा कोई अनुबंध किया गया है? यदि हां तो किये गये अनुबंध की जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश (क) के संबंध में म.प्र. शासन खनिज साधन विभाग भोपाल के पत्र दिनाँक 01/10/2019 के साथ श्री नियाज मोहम्मद खान, अध्यक्ष, म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अर्ध शासकीय पत्र दिनाँक 19/09/2019 तथा न्यायालय तहसीलदार, बालाघाट राजस्व प्रकरण क्रमाँक अ-59 वर्ष 2013-14 मौजा भरवेली प्रतिवेदन दिनाँक 26/03/2014 संलग्न कर जानकारी चाही गई थी। उक्त संबंध में खनिपट्टाधारी मॉयल लिमिटेड भरवेली को जानकारी हेतु लेख किया गया था। खान प्रबंधक, मॉयल लिमिटेड, भरवेली के पत्र क्रमाँक बीजीटी/ लीज/2019-20/1509 दिनाँक 14/10/2019 के अनुसार भरवेली प.ह.नं. 14 की भूमि खसरा क्रमाँक 4/3 रकबा 0.709 हेक्टेयर म.प्र. शासन घाँस मद की भूमि है। जो मॉयल लिमिटेड को स्वीकृत लीज के अंतर्गत होने से लीज क्षेत्र पर प्रबंधन द्वारा किसी भी संस्था या सार्वजनिक उपयोग के लिए जमीन आवंटित नहीं किए जाने का उल्लेख किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) अनुसार है। प्रश्नांश के संबंध में अद्यतन जानकारी अभिकर्ता एवं संयुक्त महाप्रबंधक मॉयल लिमिटेड भरवेली से प्राप्त की गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र – (ब) पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र – (ब) अनुसार है। (ग) मॉयल लिमिटेड को स्वीकृत लीजों में स्थापित धार्मिक स्थलों की जानकारी निम्नानुसार है :-
01. |
भरवेली खान अंतर्गत |
- |
04 |
02. |
उकवा खान अंतर्गत |
- |
04 |
03. |
तिरोड़ी खान अंतर्गत |
- |
03 |
(घ) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र – (ब) अनुसार है।
कोराना इलाज हेतु शुल्क वसूली के नियम
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
144. ( क्र. 919 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना पॉजिटिव के इलाज हेतु किस-किस निजी चिकित्साकर्ता को किस दिनांक से कितने बेड हेतु किन शर्तों पर अनुबंधित किया गया? सभी अस्पतालों का फिक्स चार्ज प्रतिदिन के मान से था या प्रति मरीज के मान से था? अस्पताल अनुसार फिक्सड चार्ज बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्सालयों में अनुबंध प्रारंभ होने से अनुबंध समाप्त होने तक प्रतिदिन अनुसार बतावें कि कितने-कितने कोविड मरीज थे तथा अस्पतालों द्वारा अनुबंध अनुसार शुल्क राशि हेतु जो आवेदन दस्तावेज सहित दिया गया, उनकी प्रतिलिपी देवें। (ग) शासन स्तर पर अनुबंधित अस्पतालों का बिल जिन दस्तावेज के आधार पर फाइनल किया गया उसकी प्रतियां देवें तथा बतावें कि किस-किस अस्पताल का 30 नवम्बर 20 तक कितनी देय राशि होती है तथा कितनी राशि का भुगतान हो गया? (घ) अनुबंधित अस्पतालों को 30 नवम्बर 20 तक फिक्सड चार्ज तथा वेरियेबल चार्ज मिलाकर कितनी देय राशि होती है. तथा सभी ने मिलाकर कुल कितने कोविड पॉजिटिव का इलाज अनुबंध के अनुसार किया? (ड.) 1 दिसम्बर 2020 को कौन-कौन से निजी चिकित्सालय अनुबंधित हैं और क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 1. चिरायु मेडिकल कॉलेज एण्ड अस्पताल जिला भोपाल, 2. एल.एन. मेडिकल कॉलेज एवं जे.के. अस्पताल, जिला भोपाल 3. श्री अरविदों इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस, जिला इंदौर, 4. इन्डेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, इंदौर, 5. सी.आर.डी. गार्डी अस्पताल, जिला उज्जैन, 6. पिपुल्स मेडिकल कॉलेज भानपुर भोपाल, 7. अमलतास इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, 8. श्री सिद्धि विनायक हॉस्पिटल मंदसौर को अनुबंध पत्र की शर्तों के आधार पर अनुबंधित किया गया। फिक्सड चार्ज प्रतिदिन बेड के मान से है। फिक्सड चार्ज, बेड एवं अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) अनुबंधित निजी चिकित्सालयों में अनुबंध प्रारंभ से समाप्त होने तक प्रतिदिन अनुसार कोविड मरीजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अनुबंधित अस्पतालों का बिल संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें एवं संबंधित निजी चिकित्सालय के मध्य हुए अनुबंध के आधार पर फाईनल किया गया है। अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 30 नवम्बर 2020 तक अस्पतालों को देय राशि तथा भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) अनुबंधित अस्पतालों को 30 नवम्बर 2020 तक फिक्सड चार्ज तथा वेरियेबल चार्ज मिलकार 1,47,09,54,143/- देय राशि होती है। कोविड पॉजीटिव मरीजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) 01 दिसम्बर 2020 से निजी चिकित्सालयों को संबंधित जिलों के कलेक्टर से प्राप्त प्रस्ताव एवं जिलों में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण अनुबंधित किया गया है। चिकित्सालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
त्रिकुट काढ़ा का वितरण
[आयुष]
145. ( क्र. 920 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 30 नवम्बर 2020 तक त्रिकुट काढ़ा का निर्माण और वितरण पर कुल मिलाकर कितनी राशि खर्च की गई? प्रत्येक घर में त्रिकुट वितरण की घोषणा अनुसार प्रदेश के प्रत्येक जिले में कितने-कितने पैकेट वितरित किये गये? (ख) 30 नवम्बर तक कुल कितनी मात्रा में त्रिकुट काढ़ा बनाया गया तथा उसमें उपयोग की गयी सामग्री की मात्रा बतावें वह सामग्री किस दर से किन व्यक्तियों संस्थान से कितनी-कितनी मात्रा में खरीदी गई तथा इस हेतु किस-किस संस्थान/व्यक्ति की देय राशि कितनी है? बिल की प्रतियां देवें। (ग) त्रिकुट काढ़ा की पैकेजिंग हेतु 30 नवम्बर 2020 तक कितने पैकेट किस फर्म से किस दर से कितनी राशि के खरीदे गये? इस संदर्भ में प्राप्त बिल की प्रतियां देवें। (घ) त्रिकुट काढ़ा का फार्मूला कहां से प्राप्त किया गया? इसे किस कमेटी द्वारा इसका टेस्ट कहां किया गया कि वह कोरोना से लड़ने में इम्यूनिटी बढ़ायेगा? संबंधित नोटशीट तथा दस्तावेज की प्रतियां देवें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) दिनांक 30 नवम्बर 2020 तक त्रिकटु काढे के क्रय की कुल लागत जी.एस.टी. सहित लगभग राशि रूपये 30,64,48,308- (रूपये तीस करोड़ चैसठ लाख अड़तालीस हजार तीन सौ आठ मात्र) है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) 50 ग्राम पैकिंग के कुल 6,03,94,000 पैकेट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स''अनुसार। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार।
अतिथि शिक्षकों की सेवाओं में सुधार
[स्कूल शिक्षा]
146. ( क्र. 927 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राज्य मंत्री, स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतिथि शिक्षक की सेवाएं निरंतर करने और कोविड लॉकडाउन अवधि में वेतन देने के बारे में शासन की राय से अवगत करने तथा इन्हें जुलाई से पूर्व की तरह कार्य पर क्यों नहीं रखा गया? (ख) किन-किन विधायकों ने अतिथि शिक्षक सेवा निरंतर करने के लिए शासन को पत्र लिखा? उनकी सूची देवें तथा भेजे गये उत्तर की प्रति देवें तथा बतावें कि अतिथि शिक्षक की सेवाएं उच्च शिक्षा इंजीनियरिंग कॉलेज तथा पॉलीटेक्निक कालेज की तरह निरंतर क्यों नहीं की जा सकती? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भेदभाव का कारण क्या है? 1 जनवरी 2020 को शाजापुर जिले में कितने विद्यालयों में कुल कितने अतिथि शिक्षक कार्यरत थे तथा इनको जनवरी 2020 में कुल कितने मानदेय दिया गया? प्रति अतिथि शिक्षक मासिक प्रतियां कितनी आती है? (घ) शाजापुर जिले में 2015 से कार्यरत अतिथि शिक्षक की संख्या बतावें तथा बतावें कि इन्हें मार्च अप्रैल के बाद कार्य से मुक्त कर वापिस जुलाई में क्यों रखा जाता है?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) अतिथि शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र में जुलाई से अप्रैल तक की अवधि हेतु आमंत्रित किया जाता है। निर्धारित मानदेय प्रदाय किया जाता है। कोविड-19 संक्रमण के परिप्रेक्ष्य में विद्यालय बंद होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अतिथि शिक्षक सेवा निरंतर किए जाने के संबंध में वर्तमान सत्र में किसी मान. विधायक का प्राप्त नहीं हुआ है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नियमित शिक्षकों के पद रिक्त/प्रशिक्षण/लंबे अवधि तक अवकाश पर रहने की दशा में तत्कालिक रूप से अध्यापन कार्य सुचारू रूप से जारी रखने हेतु अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। 01 जनवरी 2020 को शाजापुर जिले के 415 विद्यालयों में कुल 995 अतिथि शिक्षक कार्यरत थे। इनको जनवरी 2020 में कुल राशि रू. 73,71,409/- मात्र मानदेय दिया गया। प्रति अतिथि शिक्षक पात्रतानुसार अधिकतम मासिक प्राप्तियां वर्ग-एक, दो व तीन हेतु क्रमशः रू. 9000/-, रू. 7000/- एवं रू. 5000/- आती है। (घ) शाजापुर जिले में 2015 से अकादमिक सत्रों में कार्यरत अतिथि शिक्षक 458 है। अतिथि शिक्षक अकादमिक सत्र के लिए रखे जाने की नीति है। अतः उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
2014-15 से 2019-20 तक लगाये गये पेड़ों की जानकारी
[वन]
147. ( क्र. 928 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक प्रत्येक वर्ष में विभाग द्वारा वन क्षेत्रों में कितने-कितने पौधे रोपित किये गये तथा उन पर कितना खर्च हुआ तथा प्रत्येक वर्ष के 31 मार्च की स्थिति में बतावें की उक्त रोपित पौधों में से कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पौधों के रख-रखाव पर प्रतिवर्ष कितना खर्च हुआ? वर्षवार प्रति पौधा औसत रख-रखाव खर्च कितना है? आलोच्य वर्ष में विभागीय बजट का कितना प्रतिशत वेतन भत्ते पर तथा कितना प्रतिशत पौधों के रख-रखाव के लिए खर्च हुआ? (ग) आलोच्य वर्ष में नये पौधे लगाने में प्रति पौधा औसत खर्च क्या है? किस वन मण्डल में नये पौधे औसत से कम राशि में तथा किस वनमण्डल में औसत से ज्यादा राशि में लगे? आलोच्य वर्ष में वनमण्डलवार नये पौधे रोपण लगाने में प्रति पौधा औसत खर्च की जानकारी दे। (घ) आलोच्य वर्ष की वनोपज से होने वाली आय की मद अनुसार जानकारी दें तथा कारण सहित बतावें की प्रति वर्ष कितनी वृद्धि या कमी हुई?
वन मंत्री ( श्री कुंवर विजय शाह ) : (क) वन विभाग में पौधों की जीवितता का मूल्यांकन प्रत्येक वर्ष माह मई व अक्टूबर की स्थिति में कराया जाता है। अत: प्रत्येक वर्ष की माह अक्टूबर की स्थिति में पौधों की जीवितता के प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) आलोच्य वर्षों में नये पौधे लगाने में राशि रूपये 78/- प्रति पौधा औसत व्यय हुआ है। वन मण्डलवार औसत से कम तथा औसत अधिक व्यय की गयी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है।
कोरोना वारियर्स हेतु कार्य योजना
[आयुष]
148. ( क्र. 931 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में आयुष विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी के विरूद्ध कोई अभियान चलाया जा रहा है? यदि हां, तो उसका प्रकार क्या है? (ख) आयुष विभाग द्वारा प्रदेश में कितने नये कोविड-वारियर्स को नियुक्त किया गया है तथा उन जान की बाजी लगाने वाले योद्धाओं के भविष्य की क्या योजना है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। प्रतिरोधात्मक आयुष औषधि वितरण एवं जन सामान्य को बचाव हेतु दिशा निर्देश। (ख) आयुष विभाग से कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय सीहोर की सोनोग्राफी यूनिट की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
149. ( क्र. 933 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री घिसीलाल वर्मा, वार्ड बॉय एवं श्री धर्मेंद्र मालवीय, लेब असिस्टेंट जिला चिकित्सालय सीहोर में पदस्थ हैं? विगत 10 वर्षों के सेवाकाल की पदस्थापना सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) क्या जिला चिकित्सालय सीहोर में सोनोग्राफी यूनिट खराब है? यदि हां, तो इस हेतु अस्पताल में आये मरीजों को सोनाग्राफी हेतु कहीं रिफर किया जाता है? यदि हां, तो कहां एवं किसके आदेश पर? यदि नहीं तो सर्वाधिक सोनोग्राफी रिपोर्ट किन-किन पैथेलॉजी से आती है एवं वह किसके स्वामित्वाधीन है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कर्मचारियों द्वारा कार्यालय समय में अस्पताल में काम न किया जाकर प्राइवेट पैथेलॉजी में काम किया जाता है? यदि हां, तो किस पैथेलॉजी में एवं किसके आदेश पर? यदि उक्त कर्मचारी कार्यालय समय पर अन्यत्र स्थान पर कार्य करते हैं तो क्या उन पर एवं उनके पर्यवेक्षणकर्ता उच्च अधिकारी पर कोई विधिक कार्यवाही की जायेगी? यदि हां, तो क्या?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) श्री घिसीलाल वर्मा वार्डबॉय जिला चिकित्सालय सीहोर में पदस्थ नहीं है। श्री धर्मेन्द्र मालवीय लैब असिस्टेंट के पद पर नहीं बल्कि लैब अंटेण्डेंट के पद पर जिला चिकित्सालय सीहोर में विगत 10 वर्षों से ब्लड बैंक जिला चिकित्सालय सीहोर में पदस्थ है। इनका पद चतुर्थ श्रेणी का है। (ख) जी नही, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नही, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों एवं भवनों के निर्माण हेतु स्वीकृत राशि
[लोक निर्माण]
150. ( क्र. 938 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक टीकमगढ़ जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़कें और कहां-कहां के भवनों के निर्माण हेतु क्रमश: कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा भेजी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि जिले से कब-कब उपरोक्त कार्यों को कराने हेतु कितनी-कितीन लागत के प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति सहित, प्रशासनिक स्वीकृति हेतु भेजे गये थे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब जिले में भेजी जा चुकी हैं एवं जिले के इस विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ हो चुके हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि उपरोक्त जिले में मांगी गई राशि भेजी जावेगी तो कब तक और कितनी-कितनी और नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'स' अनुसार है। (घ) सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण इस संबंध में निश्चित विवरण एवं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
राशि का सदुपयोग करना
[आदिमजाति कल्याण]
151. ( क्र. 940 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में आदिम जाति कल्याण एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में कौन-कौन सी मदों में कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक है एवं जिले में इन विभागों में कब से किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पद रिक्त हैं एवं क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि इस वर्ग के कल्याण हेतु रखी राशि का सदुपयोग क्यों नहीं हो पा रहा है एवं इन रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (ग) क्या प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से ही यह राशि व्यय करने का प्रावधान है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जिले के अनुसूचित जाति एवं जनजाति जिले के वरिष्ठ विधायक से अनुमोदन कराकर उपरोक्त राशि को व्यय करने हेतु अधिकार दिया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? ऐसे रिक्त पदों को भरा जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग टीकमगढ़ में प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''अ'' एवं अधिकारियों एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। पदोन्नति एवं सामान्य वर्ग की भर्ती पर प्रतिबंध होने के कारण पद रिक्त है। (ख) जिले में प्रभारी मंत्री न होने से अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण की राशि का उपयोग नहीं हो रहा है। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रियाधीन है तथा अन्य पदों की पूर्ति पदोन्नति न हो पाने के कारण बाधित है। (ग) जी हाँ। (घ) बस्ती विकास के कार्यों को अनुमोदन करने की प्रक्रिया के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। तदानुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया सतत प्रक्रिया है अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कोविड मरीजों के उपचार पर व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
152. ( क्र. 945 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल व इंदौर स्थित किन-किन निजी चिकित्सा संस्थानों में कितने कोविड पोजीटिव मरीजों का उपचार किया गया? मरीजवार व्यय राशि व शासन द्वारा संस्थान को प्रदत्त राशि का विवरण दें। इन संस्थानों को शासन द्वारा कब-कब कितनी राशि प्रदान की गई बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में छतरपुर, सतना, पन्ना, भोपाल एवं इन्दौर के जिला चिकित्सालयों, कोविड सेंटर्स, सिविल अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड के उपचार, बचाव व अन्य तैयारियों पर उक्त अवधि में व्यय राशि का संस्थानवार, मदवार विवरण दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) भोपाल एवं इंदौर स्थित निजी चिकित्सालयों में उपचारित कोविड पॉजिटिव मरीजों की जानकारी एवं अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को भर्ती मरीजों अनुसार फिक्स एवं वेरियबल भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कोविड के उपचार, बचाव व अन्य तैयारियों पर व्यय राशि का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं
[स्कूल शिक्षा]
153. ( क्र. 946 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर-48 विधानसभा क्षेत्र के किन-किन विद्यालयों में शुद्ध पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति, खेल मैदान व बाउण्ड्रीवाल की व्यवस्था सुचारू नहीं है? विवरण दें। कब तक उक्त कार्य कराये जाने की योजना है? (ख) महाराजपुर-48 विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों में क्या छात्र संख्या के मान से शिक्षकों की पदस्थापना है? यदि नहीं तो किस विद्यालय में किस वर्ग/विषय का पद रिक्त है? क्या विभाग स्थानांतरण अथवा नवीन भर्ती कर रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रयासरत है? यदि हां तो कब तक परिणाम प्राप्त होंगे?
राज्य मंत्री,स्कूल शिक्षा ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) महाराजपुर-48 विधानसभा क्षेत्र की समस्त शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में शुद्ध पेयजल, शौचालय एवं खेल मैदान सुविधा उपलब्ध है, परंतु 14 शालाओं के जल स्त्रोत सूखे होने के कारण उनमें पेयजल उपलब्ध नहीं है। ग्राम के समीपस्थ जल स्त्रोत से शालाओं में पानी की टंकी भरकर पेयजल की अस्थाई व्यवस्था है। विद्युत विहीन 14 शालाओं में विद्युत व्यवस्था एवं बाउण्ड्रीवाल विहीन 79 शालाओं में बाउण्ड्रीवाल निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। हाई/सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में अधोसंरचना विकास बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। जी हां, शालाओं में रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभिन्न योजनाओं अंतर्गत प्रदत्त राशि से किये गये कार्य
[आदिमजाति कल्याण]
154. ( क्र. 949 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र में आदिम जाति कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं से प्रदत्त राशि से विगत चार वर्षों में क्या-क्या निर्माण कार्य कहां-कहां कितनी राशि से कराये गये? निर्माण कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति बतावें। (ख) क्या सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं? यदि नहीं तो क्यों? किन-किन कार्यों के पूर्ण हो जाने के बाद भी अंतिम किस्त की राशि का भुगतान नहीं किया गया? कारण बतावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( सुश्री मीना सिंह माण्डवे ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा विगत चार वर्षों में कराये गये निर्माण कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पूर्ण कार्यों की जानकारी का विवरण एवं अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु लिखे गये पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पूर्ण कार्यों की अंतिम किश्त का भुगतान कर दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।