मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
नवम्बर-दिसम्बर, 2017
सत्र
गुरूवार, दिनांक 30 नवम्बर, 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शिकायतों
की जाँच/कार्यवाही
[लोक सेवा प्रबन्धन]
1. ( *क्र. 1539 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर के अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर को दिनांक 04.05.2012 एवं 05.05.2012 को गेहूं पकड़े जाने संबंधी एवं 05.05.2012 को कलेक्टर एवं जन शिकायत निवारण विभाग पी.जी. क्रमांक 172891/2012/99 को दिनांक 03.05.2012 के संबंध में गेहूं, पकड़े जाने संबंधी शिकायत की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त शिकायत पर संबंधित अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्नांश से संबंधित सम्पूर्ण कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। क्या शासन उक्त शिकायतों की जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या शासन विधि सम्मत एवं समय-सीमा में कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त शिकायत पर जाँच अधिकारी तहसीलदार छतरपुर द्वारा जाँच में 100 बोरी गेहूं एवं एक छोटा ट्रक गेहूं कुल 400 बोरी गेहूं (191.50 क्वि.) बगैर पंजीयन एवं निम्न गुणवत्ता का पाये जाने पर कृषि उपज मंडी में सील किया गया। जप्तसुदा गेहूं की सार्वजनिक नीलामी में रुपये 1381.00 प्रति क्विंटल की दर से राशि रु. 264462/- को शीर्ष 8443 आर.डी. में जमा खजाना जरिये चालान क्रमांक 54 के द्वारा दिनांक 22/02/2013 को बैंक में जमा की गयी थी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" "ब" "स" अनुसार है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केंट छावनी का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 286 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने विधान सभा क्षेत्र केंट जबलपुर के तहत केंट बोर्ड सदर जबलपुर को विकास कार्यों हेतु किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है तथा कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई है वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में केंटवासियों की प्रमुख समस्याएं क्या हैं? इसके लिये प्रदेश शासन व केंट बोर्ड ने क्या योजना बनाई है? केंट बोर्ड ने पेय जल के लिये ओव्हर हेड टैंक का निर्माण गंदी बस्ती का उन्मूलन शॉपिंग काम्पलेक्स का निर्माण एवं अन्य किन-किन विकास कार्यों हेतु कितनी राशि के प्रस्ताव कब स्वीकृत किये हैं? (ग) वर्तमान में केंट बोर्ड ने कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास व निर्माण कार्य कराये हैं। स्वीकृत कौन-कौन से प्रस्ताव कब से लंबित हैं एवं क्यों? (घ) नगर निगम जबलपुर ने केंट छावनी का विकास व कौन-कौन से निर्माण कार्यों हेतु कितनी राशि की क्या योजना बनाई है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 2014- 15, 2015- 16, 2016- 17 में कोई राशि आवंटन नहीं हुई है। वर्ष 2017- 18 में विकास कार्यों हेतु राशि रू. 1,05,25,000/- प्राप्त हुई है, राशि व्यय नहीं हुई है। (ख) केन्ट वासियों की प्रमुख समस्या नल, पानी, बिजली, सड़क, नाली आदि इत्यादि है। केन्ट बोर्ड द्वारा समय समय पर नल, पानी, बिजली, सड़क, नाली इत्यादि का निर्माण केन्द्र निधि से किया जाता रहा है। केन्ट बोर्ड पेयजल के लिये ओवर हेड टैंक का निर्माण सी.बी.आर. क्र. 7 (51) दिनांक 29.09.2016 को रूपये 6,82,000/- पारित किया गया व शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य का सी.बी.आर. क्र. 67 दिनांक 13.01.2014 तथा शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य का सी.बी.आर. क्र. 20 दिनांक 08.06.2017 के द्वारा पूर्व में स्वीकृत किया जा चुका है। जो वर्तमान में केन्ट बोर्ड के समक्ष लंबित है। (ग) वर्तमान में केन्ट बोर्ड के विकास एवं निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। (घ) केन्ट छावनी को विकास के लिए नगर निगम जबलपुर द्वारा निर्माण कार्य हेतु कोई योजना नहीं बनाई गई है, चूंकि केंट छावनी नगर निगम सीमा में नहीं है।
जनभागीदारी मद अंतर्गत तालाब निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 126 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनभागीदारी मद अंतर्गत राशि रू. 24.42 लाख की लागत से नगर परिषद् माण्डव क्षेत्र में छप्पन महल नाले पर तालाब का निर्माण एवं राशि रू. 24.42 लाख की लागत से टिपकिया तालाब का निर्माण परिषद् अंतर्गत गठित जनभागीदरी समिति द्वारा किया गया है? (ख) क्या उपरोक्त दोनों तालाबों का निर्माण एजेंसी द्वारा पूर्ण कर दिया गया है? (ग) नगर परिषद् माण्डव को छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब निर्माण हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई एवं परिषद् द्वारा कितनी राशि का भुगतान संबंधित निर्माण एजेंसी को कर दिया गया है एवं कितनी राशि का भुगतान अन्य एजेंसी को किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु जनभागीदारी मद के अंतर्गत कलेक्टर, धार द्वारा छप्पन महल नाला तालाब के गहरीकरण हेतु स्वीकृत राशि रू. 24.42 लाख एवं टिपकिया तालाब के गहरीकरण हेतु स्वीकृत राशि रू. 24.42 लाख का कार्य नगर परिषद, माण्डव द्वारा विभागीय रूप से कराया गया है। (ख) जी नहीं, उक्त दोनों तालाबों के गहरीकरण का 80 प्रतिशत कार्य हुआ है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर परिषद, माण्डव द्वारा अन्य किसी एजेंसी को कोई भुगतान नहीं किया गया है।
आरक्षित वर्ग के शास. सेवकों को कपिल धारा कूप योजना का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 780 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के शासकीय सेवक जिनके पास कृषि भूमि है, उन्हें कपिल धारा के कूप योजना का लाभ शासन द्वारा दिए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिले में ऐसे कितने हितग्राहियों को शासन द्वारा योजनांतर्गत लाभांवित किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) यदि नहीं, तो विभाग द्वारा शासकीय सेवक जो कृषि भूमि धारक हैं, क्या उनको कूप निर्माण कार्य हेतु इस योजनांतर्गत लाभ दिए जाने हेतु शासन स्तर से कोई प्रावधान किए जाने की योजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सूखा प्रभावित ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( *क्र. 1513 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र सहित जिला टीकमगढ़ एवं म.प्र. के कई जिले सूखे की चपेट में होने से गांव के गांव मजदूरी करने हेतु पलायन करके जा रहे हैं? क्या मजदूरों के पलायन को रोकने हेतु सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य खोले हैं, जिससे मजदूर अपने ग्राम में ही मजदूरी कर सकें? समस्त जानकारी ग्राम पंचायत वार, विकासखण्ड पलेरा, बल्देवगढ़ की उपलब्ध करायें कि शासन द्वारा कौन से निर्माण कार्य नवीन खोले हैं और मजदूरों को पलायन करने से रोकने के क्या-क्या उपाय किये हैं? (ख) क्या ग्राम पंचायतों के सरपंचों को नवीन कार्य प्रारंभ किये जाने के मांग पत्र भी विकासखण्डों में मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिये गये हैं, मगर उन मांग पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? नवीन कार्यों को स्वीकृत किया गया अथवा नहीं? (ग) क्या मजदूरों को प्रत्येक ग्राम पंचायतों में विकासखण्ड बल्देवगढ़ में वर्ष 2017 में प्रश्न दिनांक तक कितने मजदूरों को कार्य मजदूरी पर लगाकर लाभांवित किया गया।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिले में सूखाग्रस्त क्षेत्रों में मजदूरों के पलायन करने संबंधी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। जी हाँ विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। इस प्रकार के कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुए है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विकासखण्ड बल्देवगढ़ की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2017 में प्रश्न दिनांक तक कुल 8,455 परिवारों के 18,408 मजदूरों को योजनान्तर्गत रोजगार उपलब्ध कराते हुये कुल 4,28,687 मानव दिवस सृजित कर लाभांवित किया गया।
मोबाइल टॉवर की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 91 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंगरौली जिले के विधान सभा क्षेत्र चितरंगी अंतर्गत कोरावल वृत्त के 30-35 ग्राम अभ्यारण क्षेत्र से घिरे हैं। जहां किसी प्रकार की कोई जनसम्पर्क सुविधा नहीं है। उक्त ग्रामों को जनसम्पर्क से जोड़ने के लिए शासन स्तर पर क्या योजना है? (ख) शासन स्तर पर दुरूस्त क्षेत्रों में मोबाइल टॉवर लगवाये जाने के क्या प्रावधान हैं? (ग) क्या उप तहसील बगदरा पुलिस चौकी बगदरा को जनसम्पर्क में जोड़ने के लिए मोबाइल टॉवर लगवाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, मोबाईल से जनसंपर्क का उत्तरदायित्व केन्द्रीय सरकार का है, और केन्द्रीय सरकार के अनुज्ञप्तधारी द्वारा यह कार्य किया जाता है। (ख) केन्द्रीय सरकार, भारतीय तार अधिनियम, 1885 की धारा 4 (1) के तहत् ''अनुज्ञप्तधारी'' व्यक्ति/कंपनी द्वारा किसी स्थावर संपत्ति पर भूमि के ऊपर तार और संरचना की स्थापन का कार्य किया जाता है, जिसके निर्माण की स्वीकृति ''मध्य प्रदेश नगर पालिका (अस्थायी टॉवर का संस्थापन/सेल्यूलर मोबाईल फोन सेवा के लिए अधोसंरचना) नियम 2012 के प्रावधानों के तहत् संबंधित नगरीय निकाय से प्राप्त की जाती है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उप तहसील बगदरा पुलिस चौकी बगदरा को जनसंपर्क में जोड़ने के लिए मोबाईल टॉवर लगाने का कार्य केन्द्रीय सरकार के अनुज्ञप्तधारी द्वारा किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनांतर्गत आवास आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 537 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनांतर्गत आवास निर्माण की योजना संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो प्रत्येक जनपद पंचायतों के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कितने परिवारों को उक्त योजना का लाभ योजना प्रारंभ दिनांक से दिया गया है? प्रत्येक लाभान्वित हितग्राही की जानकारी उसके आवास की भौतिक स्थिति की जानकारी सहित उपलब्ध करायी जावे? (ग) प्रश्नांश (क) मुताबिक योजना से संबंधित कितने हितग्राहियों को प्रत्येक जनपद पंचायतों में योजना का लाभ देकर प्रथम किश्त प्रदाय उपरांत अपात्र घोषित कर उन्हे योजना से वंचित किया गया है? प्रत्येक जनपद पंचायतवार हितग्राहियों के विवरण सहित की गई कार्यवाही सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
औद्योगिक क्षेत्र हेतु भूमि का आवंटन/एन.ओ.सी.
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 593 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर जिला मुख्यालय पर 48.965 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु नगरीय विकास एवं आवास विभाग अनुसार म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 23क (1) (क) के अंतर्गत भूमि उपान्तरण हेतु नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा दिनांक 27.04.2017 को आपत्ति/सुझाव आमंत्रित करने हेतु सूचना जारी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अधिनियम व धार में क्या-क्या उल्लेख है? (ग) उक्त उल्लेखानुसार वैधानिक कार्यवाही को पूर्ण करने में कितना समय और लगेगा? कब तक इसे पूर्ण करके 48.965 हेक्टेयर भूमि की एन.ओ.सी. हेतु अंतिम सूचना प्रकाशित कर इसे औद्योगिक दृष्टि से विकसित करके आवंटित भूमि पर वर्तमान तक विभाग में नवीन उद्यमियों के लंबित पड़े सैकड़ों आवेदकों के आवेदन अनुसार नवीन उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि का आवंटन कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-23-क (1) (क) की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय सूचना दिनांक 18/06/17 द्वारा प्रश्नाधीन भूमि का औद्योगिक भूउपयोग में उपांतरण हेतु म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा-23-क (2) के अंतर्गत भूमि उपांतरण संबंधी पुष्टि की गई है जिसका प्रकाशन म.प्र. राजपत्र दिनांक 25/08/2017 भाग-1 में भी किया गया है। प्रश्नाधीन भूमि कलेक्टर जिला श्योपुर द्वारा वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग के पक्ष में आरक्षित की गई है। भूमि का विधिवत हस्तांतरण एवं आधिपत्य वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार विभाग को प्राप्त होने के पश्चात् उक्त क्षेत्र में औद्योगिक भूखण्डों की मांग को दृष्टिगत रखते हुये आवश्यकता अनुसार औद्योगिक क्षेत्र का विकास कर भूखण्डों का आवंटन प्रचलित नियमों के अनुसार किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मांगलिक भवनों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 67 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जनसुविधाओं हेतु मांगलिक भवन की राशि प्रदान कर रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक स्थानों पर मांगलिक भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा निर्वाचन क्षेत्र क्र. 222 में निर्माणाधीन, स्वीकृत कुल कितने मांगलिक भवन, कुल कितनी-कितनी राशि के किन-किन स्थानों पर स्वीकृत होकर पूर्ण हुए? (ग) साथ ही शासन/विभाग क्रियान्वित मांगलिक भवन ग्रामीण जनसुविधाओं के आवश्यक अंग बने हैं तो क्या शेष ग्राम पंचायत मुख्यालयों एवं ग्रामों में आवश्यकतानुसार मांगलिक भवन बनाए जाने हेतु कोई कार्ययोजना बना रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन जावरा विधानसभा क्षेत्रवार स्वीकृत किये गये निर्धारित तीन मांगलिक भवन अपर्याप्त होकर आगामी वर्षों में निर्माण राशि एवं भवनों की जनआवश्यकताओं हेतु वृद्धि पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधनों से वर्तमान में सभी ग्राम पंचायतों में मुख्यालय एवं ग्रामों में मांगलिक भवन बनाए जाना संभव नहीं है। (घ) कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
भूली से भूयारी बेलगांव मार्ग का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( *क्र. 864 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भूली से भूयारी बेलगांव मार्ग का निर्माण कब, कितनी लागत से किस एजेंसी द्वारा किया गया है? (ख) उक्त मार्ग में कुल कितने पुल-पुलियों के निर्माण का प्रावधान था तथा कितने पुल-पुलियों का निर्माण किया गया है? (ग) क्या उक्त मार्ग का कार्य पूर्ण कर पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी कर दिया गया? यदि हाँ, तो कब किया गया है और नहीं तो कारण बतावें? (घ) उक्त मार्ग के निर्माण की संपूर्ण कार्ययोजना तथा प्राक्कलन की संपूर्ण जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित भूली से भूयारी बेलगांव मार्ग न होकर वास्तव में पृथक-पृथक दो मार्ग क्रमश: भूली से भूयारी तथा भूली भूयारी मार्ग से बेलगांव है। दोनो मार्ग निर्माणाधीन हैं। इनकी लागत क्रमश: रूपये 108.37 लाख एवं रूपये 82.11 लाख तथा एजेंसी क्रमश: मैसर्स सुप्रीम स्टारटेक प्रायवेट लिमिटेड, नागपुर एवं जगदीश त्रिवेदी, सौंसर है। (ख) भूली से भूयारी मार्ग में 2 पुल/पुलियों का प्रावधान है एवं 2 ही बनाई जा रही हैं तथा अन्य मार्ग भूली भूयारी से बेलगांव में एक पुलिया का प्रावधान था, लेकिन स्थल की आवश्यकता के अनुसार 2 पुलिया का निर्माण किया गया। (ग) नहीं। निर्माण कार्य प्रगति पर है। (घ) भूली से भूयारी मार्ग का कार्यादेश दिनांक 19.01.2017 को जारी किया गया जिसके अनुबंधानुसार पूर्णता की तिथि 18.01.2018 तक समस्त कार्य पूर्ण कराने की योजना है। अन्य मार्ग भूली भूयारी से बेलगांव का कार्यादेश दिनांक 12.07.2016 को जारी किया गया था, लेकिन अनुबंधानुसार पूर्णता की तिथि 11.07.2017 तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका अतः दिनांक 31.12.2017 तक की अतिरिक्त समयावधि दी गई है, जिसके पूर्व कार्य पूर्ण कराने की योजना है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बिलहनी तालाब का निर्माण
[वन]
11. ( *क्र. 638 ) श्री हरवंश राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायत बिलहनी में लघुवनोपज संघ अध्यक्ष महोदय के विवेकाधीन कोष राशि से 20 लाख रूपए की संशोधित राशि तालाब निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की गई थी? (ख) क्या बिलहनी तालाब निर्माण पर लोकेशन टैंक निर्माण के लिए मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन महाप्रबंधक लघुवनोपज संघ वृत्त सागर ने नस्ती तैयार कर अपने पत्र क.ते.प./07/2017/201-202, दिनांक 2017 के साथ लघु वनोपज संघ मर्यादित मुख्यालय भोपाल को तकनीकी स्वीकृति सहित प्रकरण प्रेषित किया था? (ग) तकनीकी स्वीकृति उपरांत आज दिनांक तक प्रकरण में शासन स्तर से प्रशासकीय स्वीकृति जारी क्यों नहीं की गई? (घ) उक्त प्रकरण में कब तक तकनीकी स्वीकृति दी जा सकेगी एवं विलंब के कारण सहित जानकारी दी जाए?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। म.प्र.राज्य लघु वनोपज संघ, भोपाल के पत्र क्रमांक 9886, दिनांक 27.08.2014 द्वारा ग्राम बिलहनी में नहर निर्माण हेतु, राशि रूपये 20.00 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) जी हाँ। मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन महाप्रबंधक सागर के पत्र क्रमांक ते.प./07/2017/201-202, दिनांक 16.02.2017 द्वारा बीट विलैनी में परकोलेशन टैंक की तकनीकी स्वीकृति प्रेषित की है। बीट विलैनी में तालाब निर्माण की स्वीकृति नहीं भेजी गई है। (ग) ग्राम पंचायत बिलहनी में लघु वनोपज संघ के अध्यक्षीय कोष से नहर निर्माण की स्वीकृति दी गई है। तालाब निर्माण एवं परकोलेशन टैंक के निर्माण के संबंध में लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष के कोई निर्देश नहीं होने से प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई। (घ) अध्यक्ष लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत अग्रिम कार्रवाई की जा सकेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। विलंब का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी समिति अध्यक्ष के चयन में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
12. ( *क्र. 1551 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिरोंज के शासकीय लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय सिरोंज में इस वर्ष किस जनप्रतिनिधि के सदस्य को जनभागीदारी समिति अध्यक्ष हेतु किस मापदण्ड के तहत समिति का अध्यक्ष बनाया गया है? क्या वह गणमान्य नागरिकता की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो किस मापदण्ड से गणमान्य नागरिक माना गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिस व्यक्ति के खिलाफ उसी कॉलेज के प्राचार्य ने प्राचार्य कक्ष में घुस कर तोड़-फोड़ करने एवं मतदान पेटी लूटने की सिरोंज थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराई है, जिसके भाई एवं बहन का नाम व्यापम घोटाले में है? क्या उसे गणमान्य नागरिक कहा जाएगा? जो न तो जनप्रतिनिधि है और न ही किसी जनप्रतिनिधि का प्रतिनिधि और न ही गणमान्य नागरिक? क्या ऐसे व्यक्ति को समिति अध्यक्ष पद से हटाये जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या शासकीय लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय सिरोंज के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष का पुलिस वैरिफिकेशन किया गया? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों नहीं कब तक पुलिस वैरिफिकेशन किये जाने की संभावना है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय सिरोंज, जिला विदिशा में इस वर्ष शासन द्वारा जारी आदेश क्रमांक एफ 24-2/2011/38-2 दिनांक 30.08.2017 द्वारा श्री शिवकुमार भार्गव को जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। जी हाँ। शैक्षणिक अर्हता के आधार पर। (ख) जी हाँ। प्राचार्य द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी है। थाना प्रभारी के पत्र दिनांक 14.11.2017 में किये उल्लेख अनुसार साक्ष्य चालान योग्य न पाये जाने के कारण प्रकरण कता किया गया है। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। जी हाँ। (ग) जी हाँ। प्राचार्य द्वारा प्रश्नांश 'क' के परिपालन में अपने पत्र दिनांक 01.11.2017 द्वारा थाना प्रभारी सिरोंज जिला विदिशा को पुलिस वेरिफिकेशन हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। पुलिस वेरिफिकेशन के प्रतिवेदन के आधार पर अध्यक्ष के विरूद्ध अपराध पंजीकृत पाया गया। पद से हटाने की कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है।
सामग्री क्रय में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 1648 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संधारण खण्ड नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा वर्ष 2015-16 व 2016-17 में निविदा या स्वीकृत दर के आधार पर कोई पेयजल टंकी व स्टैण्ड क्रय किये गये थे? यदि हाँ, तो किस फर्म से कितने वर्षवार ब्यौरा देवें? निविदा व स्वीकृत दर के प्रकरण की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) कितनी टंकियां व स्टैण्ड किस-किस दिनांक को स्टोर के रिकॉर्ड में दर्ज की गई? कितनी कब-कब किसे उपयोग हेतु प्रदाय की गई? स्टॉक रजिस्टर के आधार पर ब्यौरा देवें। (ग) उपयोग के पश्चात् कितनी टंकियां व स्टैण्ड किस-किस दिनांक को जमा किये गये? क्या क्रय की गई टंकियां व स्टैण्ड तथा प्रदाय की गई टंकियां व स्टैण्ड वापस जमा की गई? टंकियां व स्टैण्ड की संख्या में कोई समानता है? यदि नहीं, तो क्या व क्यों? (घ) क्या खरीदी के समय निविदा या स्वीकृत दर के सत्यापन समिति के दस्तावेजों पर सहायक यंत्री के हस्ताक्षर कराये गये? यदि नहीं, तो क्यों? क्या सहायक यंत्री के हस्ताक्षर कराये जाने आवश्यक नहीं थे? (ड.) क्या निविदा दस्तावेजों में थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन की शर्त निर्धारित थी? यदि हाँ, तो उक्त निविदा की स्वीकृत दर पर जो टंकी व स्टैण्ड क्रय किये गये, उसमें थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निविदा एवं स्वीकृत दर के प्रकरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। समिति के सदस्य न होने के कारण। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम रोजगार सहायकों की नियुक्ति में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( *क्र. 754 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वर्ष 2016 एवं 2017 की अवधि में जनपद पंचायत टीकमगढ़ में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा ग्राम रोजगार सहायकों की नियुक्ति में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार करने पर जाँच करायी गई थी? यदि हाँ, तो संबंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या उन्हें दण्डित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त अवधि में संबंधित अधिकारी द्वारा जनपद पंचायत टीकमगढ़ में कतिपय ग्राम पंचायतों में सड़क निर्माण का कार्य सिर्फ कागजों में कराया जाकर मौके पर कोई सड़क निर्माण नहीं होने पर भी शासन की राशि का दुरूपयोग किया गया? यदि हाँ, तो संबंधितों के विरूद्ध शासकीय राशि के दुरूपयोग के लिये पुलिस प्रकरण क्यों नहीं बनाया गया एवं राशि के दुरूपयोग की वसूली क्यों नहीं की गई? (ग) क्या दोषी अधिकारी के विरूद्ध शिकायतें सही पाये जाने पर कार्यवाही न करते हुये उनका स्थानांतरण और बड़ी जनपद पंचायत में पदस्थ कर अनियमितता को बढ़ावा दिया गया है? यदि हाँ, तो संबंधित के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) निरंक। शासकीय धनराशि के दुरूपयोग की स्थिति नहीं होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) उपरोक्त उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रदेश स्तरीय पौधारोपण पर व्यय
[वन]
15. ( *क्र. 1725 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02.07.2017 को प्रदेश में हुए पौधारोपण की जानकारी जिलेवार कलेक्टरों द्वारा भेजी रिपोर्ट की छायाप्रति सहित देवें। जिन विभागों से समन्वय करके पौधारोपण किया गया था, उनकी रिपोर्ट की छायाप्रति भी देवें। (ख) इनके संरक्षण के लिए कितनी राशि स्वीकृत कर जिलों को दी गई, उसके व्यय की जानकारी के साथ जिलावार देवें। दिनांक 31.10.2017 तक कितने पौधे जीवित हैं, की जानकारी भी जिलावार देवें। (ग) पौधे किस दर पर कहाँ से कितनी मात्रा में क्रय किए गए? पूरी जानकारी सप्लायर द्वार प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति सहित देवें। (घ) बड़वानी जिले में संरक्षण के लिए नोडल एजेंसी वन विभाग ने पौधारोपण के बाद दिनांक 31.10.2017 तक कितने दौरे कर पौधों के संरक्षण के लिए कार्य किया? प्रत्येक दौरे की निरीक्षण टीप सहित जानकारी देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
हितग्राहियों को पेंशन का नियमित भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
16. ( *क्र. 792 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा निराश्रित वृद्धावस्था, विकलांग, विधवा पेंशन का भुगतान प्रतिमाह कितनी राशि का किया जा रहा है? जनपद पंचायत, पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी दी जाए। (ख) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किस-किस माह तक का पेंशन भुगतान हो गया है? पेंशन का भुगतान किस माध्यम से किया गया है एवं कितने हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान नहीं किया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विकलांग, वृद्ध, विधवाओं, लाचार व्यक्तियों को 15 से 20 किलोमीटर चलकर पेंशन प्राप्त करने पोस्ट ऑफिस एवं बैंक जाना पड़ता है? (घ) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं का वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किस माह तक का कर दिया गया है और कितने माहों का पेंशन भुगतान लंबित है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जनपद पंचायतवार हितग्राहियों तथा भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक समस्त पात्र हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान किया जा चुका है। कोई भी हितग्राही पेंशन के भुगतान हेतु शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान बैंक एवं पोस्ट आफिस के माध्यम से किया जा रहा है। हितग्राही एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) विकलांग, वृद्ध, विधवाओं एवं लाचार व्यक्तियों के निवास स्थान के नजदीकी पोस्ट ऑफिस एवं बैंक के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है। (घ) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उत्तरांश ''क'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार 27,123 हितग्राहियों को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक पेंशन भुगतान किया जा चुका है। कोई भी पात्र हितग्राही पेंशन भुगतान के लिये लंबित नहीं है।
जगंली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान
[वन]
17. ( *क्र. 1493 ) श्री राजकुमार मेव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/04/2016 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र महेश्वर की जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह के वन क्षेत्रों से लगे हुये ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की फसल को जंगली जानवर (जंगली सुअर) द्वारा नुकसान पहुंचाने संबंधित कितनी शिकायतें किस स्तर पर, किस-किस के द्वारा कब-कब प्रस्तुत की गई? उसका विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जावे। (ख) क्या महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में वन क्षेत्र से लगे हुये ग्रामों रमठान, बड़की चौकी, देवगढ़ बलगाड़ा थरवर, कुण्डिया, कवाणा, बलसगांव, पेमपुरा, पाण्ल्या, भूदरी, सोमाखेड़ी, बागदरा, भकलाय आदि पहाड़ी एवं वन क्षेत्रों से लगी हुई कृषि भूमि में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है? यदि हाँ, तो तत्संबंध में विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) महेश्वर विधान सभा क्षेत्र में वन क्षेत्रों से लगे हुये ग्रामों रमठान, बड़कीचौकी, देवगढ़ बलवाड़ा, थरवर, कुण्डिया कवाणा, बलसगांव, पेमपुरा, पाडल्या, भूदरी, सोमाखेड़ी, बागदरा, भकलाय आदि वन ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान नहीं किये जाने के संबंध में क्या कार्य योजना तैयार की गई है? क्या शासन की योजनांतर्गत जंगली सुअरों से रोकथाम/जंगली सुअरों को वन जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के शेड्यूल 5 में रखे जाने संबंधित किसी प्रकार की कार्यवाही की जा रही हैं? यदि हाँ, तो इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी जावे। यदि नहीं, तो किस कारण से नहीं किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं किसानों के राजस्व विभाग द्वारा मुआवजा प्रकरण तैयार किये गये? कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी मुआवजा राशि स्वीकृत की गई एवं स्वीकृत राशि किसानों को कब भुगतान की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सामान्य वन मण्डल बड़वाह अंतर्गत दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायत बड़वाह एवं महेश्वर के वनक्षेत्रों से लगे हुये ग्रामीण क्षेत्र से 07 आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। तहसीलदार, तहसील बड़वाह में कुल 35 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। तहसीलदार, तहसील महेश्वर के यहां दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल 26 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कक्ष-उत्पादन) म.प्र., भोपाल के पत्र क्रमांक/बजट 9 (2)/2081, दिनांक 04 अप्रैल-2013 अनुसार वित्तीय वर्ष 2013-14 से वन्यप्राणियों द्वारा फसल क्षति का मुआवजा भुगतान की व्यवस्था हेतु राहत आयुक्त को मांग संख्या-58 के अंतर्गत योजना क्रमांक-7250 वन्यप्राणियों द्वारा फसल क्षति #42 सहायक अनुदान 007-अन्य शीर्ष में बजट प्रावधान उपलब्ध कराया गया है। वन विभाग को फसल हानि की ग्रामीण से सूचना प्राप्त होने पर विभाग द्वारा मौका मुआयना कर पीड़ित कृषक को मुआवजा प्राप्ति हेतु राजस्व विभाग को नियमानुसार आवेदन प्रस्तुत करने हेतु समझाईश दी जाती है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामान्य वन मण्डल बड़वाह को प्राप्त कुल 07 आवेदन कार्यालयीन पत्र क्र/स्टेनो/6538 दिनांक 18.11.2016 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग-बड़वाह को अग्रिम कार्यवाही हेतु अंतरित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तहसीलदार बड़वाह द्वारा कुल 35 हितग्राहियों में से पात्र हितग्राही कुल 22 को राशि रूपये 165765/- का भुगतान दिनांक 12.09.2016 से 16.08.2017 की अवधि में किया गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। तहसीलदार, तहसील महेश्वर द्वारा कुल 11 हितग्राहियों को राशि रूपये 42800/- का भुगतान दिनांक 08.02.2016 से 16.08.2017की अवधि में किया गया है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
राजगढ़ विधान सभा क्षेत्रांतर्गत उद्योगों की स्थापना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
18. ( *क्र. 1765 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में वर्तमान में कौन-कौन से उद्योग धंधे स्थापित हैं? (ख) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तंवरवाड क्षेत्र में कोई रोजगार के साधन नहीं होने के कारण क्षेत्र के लोगों को रोजगार हेतु अन्य स्थानों पर पलायन करना पड़ता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उनके पलायन को रोकने के लिये शासन उक्त क्षेत्र में कोई उद्योग धंधे स्थापित करेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब और कौन से?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्तमान में राजगढ़ जिले अंतर्गत मध्यप्रदेश औदयोगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल द्वारा विकसित किए गए औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में 05 वृहद उद्योग एवं 27 मध्यम/लघु/सूक्ष्म उद्योग एवं व्यवसायिक गतिविधि अंतर्गत 01 पेट्रोल पंप स्थापित हैं। राजगढ़ जिले में विकसित औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी के बाहर 04 वृहद उद्योग स्थापित हैं, जिनमें 02 उद्योग कार्यरत हैं। राजगढ़ जिले में औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्र के बाहर स्थापित वृहद उद्योग एवं मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल द्वारा विकसित किए गए औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में स्थापित वृहद/मध्यम/लघु/सूक्ष्म उद्योगों एवं व्यवसायिक गतिविधि अंतर्गत स्थापित इकाईयों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एम.एस.एम.ई. विभाग की जानकारी अनुसार राजगढ़ जिले में 11927 एम.एस.एम.ई. इकाईयां ईएम पार्ट 2 तथा उद्योग आधार मेमोरेण्डम के तहत 16252 पंजीकृत है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) राज्य शासन द्वारा स्वयं कोई उद्योग स्थापित नहीं किया जाता है। अपितु उद्योग संवर्धन नीति के माध्यम से निवेशकर्ता को नीति प्रावधानित सुविधाओं/सहायता का लाभ प्रदान कर उद्योग स्थपनार्थ प्रोत्साहित किया जाता हैं।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित सड़कों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
19. ( *क्र. 1525 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा स्वीकृत किस-किस रोड का तथा कितनी-कितनी लागत से किस-किस अधिकारी/यंत्री के सुपरवीजन में किस-किस एजेंसी/ठेकेदार के द्वारा निर्माण कराया गया है, कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? क्या निर्माण कार्य स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कराये गये हैं? प्रत्येक रोड वाईज अलग-अलग जानकारी दें। (ग) क्या उक्त अवधि में निर्माणाधीन कार्यों की गुणवत्ता संबंधी शिकायतें क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा जैसे (1) पार से रामपुर, (2) रानीघाटी रोड से बडकागांव, (3) इमलिया से सिमरिया टॉका तक गुणवत्ता संबंधी शिकायतें की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उक्त रोडों की गुणवत्ता की जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया है? अधिकारी का नाम, पद तथा निरीक्षण दिनांक स्पष्ट करें? क्या उनके द्वारा रोड का सही निर्माण पाया गया? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा शिकायतकर्ता ग्रामीणों के समक्ष निरीक्षण किया गया जिसमें रोड बहुत ही गुणवत्ताविहीन पायी गयी, क्या इन रोडों की भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित कर गुणवत्ता संबंधी जाँच प्रश्नकर्ता विधायक एवं शिकायतकर्ता आम नागरिकों के समक्ष स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो? कारण सहित स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 01.4.2015 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित/निर्माणाधीन कार्यों की लागत, सुपरवाईजिंग अधिकारी/यंत्री का नाम एवं ऐजेंसी/ठेकेदार का नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्तमान में निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति की रोडवाईज जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सभी निर्माण कार्य स्वीकृत डी.पी.आर. तथा स्थल की आवश्यकता के अनुरूप कराये गये हैं। (ग) हाँ उक्त अवधि में सिर्फ दो मार्गों क्रमश: रानीघाटी से बड़कागांव एवं सिमरिया टांका से इमलिया मार्ग की गुणवत्ता की शिकायत प्राप्त हुई। उनकी जाँच का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। पार से रामपुर मार्ग की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जी नहीं। सभी मार्गों का कार्य गुणवत्ता अनुसार ही कराया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में अंकित मार्गों की जाँच भोपाल मुख्यालय द्वारा नामांकित अधिकारी द्वारा ही की गई है।
मनरेगा अंतर्गत मजदूरी भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( *क्र. 188 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में जो कार्य स्वीकृत किये गये, उनमें से कितने कार्यों का भुगतान शेष है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) मनरेगा के तहत विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में जिन मजदूरों ने कार्य किया, उनमें से कितने मजदूरों की मजदूरी का भुगतान किया जा चुका है एवं कितने शेष हैं? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिन मजदूरों की मजदूरी का भुगतान प्रश्न दिनांक तक शेष है, उसका क्या कारण है? स्पष्ट करें। जिस अधिकारी के कारण भुगतान शेष है, उसके विरूद्ध शासन द्वारा क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा के तहत स्वीकृत कार्यों के लंबित मजदूरी भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित पुस्तकालय परिशिष्ट में दर्शाए 473 प्रकरणों को छोड़कर शेष समस्त प्रकरणों में मजदूरी का भुगतान किया जा चुका है। (ग) उत्तरांश (क) में वर्णित पुस्तकालय परिशिष्ट में दर्शाए मजदूरों को मजदूरी का भुगतान उनके एफ.टी.ओ. रिजेक्ट होने से नहीं हो सका है। एफ.टी.ओ. रिजेक्ट होने के कारण ज्ञात करने और समाधान करने में दो से तीन माह का समय सामान्यत: लग जाता है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं होने से अनुशासनात्मक कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
गौण खनिज की खदानों का आरक्षण
[खनिज साधन]
21. ( *क्र. 945 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा, भोपाल, सीहोर, बैतूल, रायसेन एवं हरदा जिले में सड़क निर्माण कार्यों के लिए किस गौण खनिज की कितनी खदान आरक्षित की गई? ग्रामीण विकास कार्यों के लिए किस गौण खनिज की कितनी खदान आरक्षित की गई? पृथक-पृथक बतावें। (ख) विदिशा, भोपाल, सीहोर, बैतूल, रायसेन एवं हरदा जिले में सड़क निर्माण कार्यों के लिए वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक किस वर्ष में कितनी पिटपास बुक खनिज विभाग ने जारी की इस अवधि में रॉयल्टी मुक्त कितनी पिटपास बुक खनिज विभाग ने राजस्व अधिकारियों को उपलब्ध करवाई? (ग) सड़क निर्माण कार्यों एवं ग्रामीण विकास कार्यों के लिए पिटपास बुक खनिज विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या कारण रहा है? ग्रामीण विकास कार्यों के लिए खदान आरक्षित नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? (घ) ग्रामीण विकास कार्यों के लिए कब तक मिट्टी, मुरम, पत्थर एवं रेत की खदान आरक्षित कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रचलित मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में सड़क निर्माण कार्यों के लिये गौण खनिज की खदान आरक्षित किये जाने का प्रावधान नहीं है। ग्रामीण विकास कार्यों हेतु गौण खनिज की खदानों को पृथक से आरक्षित किये जाने का प्रावधान नहीं है। अपितु मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3 की कंडिका (तीन) में ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों, जिला पंचायतों तथा जल-उपभोक्ता संथाओं द्वारा सार्वजनिक कार्यों के लिये संबंधित पंचायतों तथा जल-उपभोक्ता संथाओं द्वारा हाथ में लिये गये कार्यों के लिये नियम-3 की कंडिका (पाँच) के अंतर्गत साधारण पत्थर, मुरम एवं फर्शी-पत्थर की खदानों को ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर कलेक्टर द्वारा आरक्षित किये जाने का प्रावधान है। प्रश्नाधीन जिलों में इस नियम अनुसार खदानें आरक्षित नहीं हैं। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नानुसार प्रावधान मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं 'ख' में दिये उत्तर के अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियम 3 की कंडिका (पाँच) के अनुसार प्रश्नाधीन जिलों में ग्राम पंचायत का कोई प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण खदानें आरक्षित नहीं की गई हैं। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.एस.आर. फंड से राशि का व्यय
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
22. ( *क्र. 20 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत (श्री बहादुर सिंह चौहान) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्योगों के लाभांश में से कितनी राशि सी.एस.आर. फंड के लिए निर्धारित है तथा इनके व्यय का प्रावधान क्या है? (ख) नागदा जिला उज्जैन के ग्रेसिम उद्योग एवं केमिकल डिव्हीजन एवं अन्य उद्योगों द्वारा विगत पाँच वर्षों में सी.एस.आर. फंड से कितनी-कितनी राशि नागदा शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के विकास हेतु व्यय की गई? वर्षवार ब्यौरा दें। (ग) सी.एस.आर. फंड राशि व्यय के क्या प्रावधान हैं? उनका पालन न करने पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के निर्वहन के संबंध में भारत सरकार दवारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 के अनुसार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान पाँच सो करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध मूल्य वाली या एक हजार करोड़ रूपये या अधिक से आवर्त वाली या पाँच करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध लाभ वाली प्रत्येक कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्तीय वर्षों के दौरान किये गये कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व नीति के अनुसरण में खर्च करती है। (ख) वांछित जानकारी का संधारण राज्य स्तर पर नहीं किया जाता। कंपनी अधिनियम, 2013 भारत शासन दवारा प्रशासित है। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार। शेष प्रश्नांश असंबंधित।
स्कूल परिसरों में दुकानों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 1752 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या हरदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्राथमिक शाला भवन के परिसर में व्यवसायिक दुकानों का निर्माण कर उसे विक्रय किया गया है अथवा किराये से दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या स्कूल परिसर में नगर पालिका परिषद् हरदा द्वारा दुकानों का निर्माण कर मा.उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो नगर पालिका परिषद् हरदा द्वारा मा. उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या नगर पालिक परिषद् हरदा द्वारा मा. उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों की अवहेलना किये जाने वाले दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, दुकानों की सार्वजनिक नीलामी कर विक्रय किया गया तथा विक्रय उपरांत मासिक किराया एवं सेवाकर भी वसूल किया जा रहा है। (ख) नगरपालिका परिषद हरदा के स्कूल परिसर में निर्मित दुकानों के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय से दिशा-निर्देश प्राप्त न होने के कारण दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय सुठालिया का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
24. ( *क्र. 1391 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा हाल ही में राजगढ़ जिले के नगर सुठालिया में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त कॉलेज के भवन निर्माण के लिये आवश्यक भूमि आवंटन हेतु विभाग द्वारा कलेक्टर राजगढ़ को प्रस्ताव प्रेषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि हाँ, तो सर्वे क्रमांक व रकबा सहित बतावें? यदि नहीं, तो कब तक भूमि आवंटित कर दी जावेगी? (ख) उपरोक्तानुसार क्या संभागीय परियोजना यंत्री लोकनिर्माण विभाग (पी.आई.यू.) जिला राजगढ़ द्वारा शासकीय महाविद्यालय सुठालिया के भवन निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 651.00 लाख का प्राक्कलन शासन को प्रेषित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक भवन निर्माण हेतु आवश्यक राशि की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्या शासन दि्वतीय अनुपूरक बजट 2017-18 में भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा में भू-खण्ड का आवंटन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
25. ( *क्र. 1532 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बैरसिया के ग्राम बांदीखेड़ी के औद्योगिक क्षेत्र में किन-किन उद्यमियों/व्यक्तियों द्वारा राशि जमा की गयी थी? विवरण सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित बांदीखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को अचारपुरा स्थिति औद्योगिक क्षेत्र में भू-खण्ड दिये जाने के संबंध में विभाग कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो विभाग उद्यमियों को कब तक अचारपुरा में भू-खण्ड उपलब्ध करायेगा? समय-सीमा सहित विवरण उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया के ग्राम बांदीखेड़ी में औद्योगिक क्षेत्र में भूखण्ड आवंटन हेतु 76 उद्यमियों/व्यक्तियों द्वारा प्रीमियम की राशि जमा की गई थी। विवरण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिन इकाईयों द्वारा दिनांक 20.09.2016 तक विकास शुल्क जमा करने की लिखित सहमति दी गई है, उनको औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा में भूखण्ड उपलब्ध कराने का प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगरीय
निकायों में
बिलों के
भुगतान में
अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 4 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर जिले में विभिन्न नगरीय निकायों में कार्य उपरांत ठेकेदारों के बिलों का भुगतान कितने समय में किये जाने का नियम हैं? नियम की जानकारी उपलब्ध करायें। 01 अप्रैल 2015 के पश्चात उक्त जिलों की नगरीय निकायों में 1 लाख के अधिक के कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ किये गये? (ख) 01 अप्रैल 2013 के पश्चात उक्त जिले के नगरीय निकायों में ऐसे कितने कार्य हैं जिनके पूर्ण हो जाने एवं ठेकेदार द्वारा बिलों की सभी आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करने के बाद भी, बिल भुगतान की समय अवधि पूर्ण होने पर, निकाय द्वारा ठेकेदार का भुगतान नहीं किया गया? कारण सहित ऐसे समस्त प्रकरणों की उक्त जिलों की जानकारी देवें? (ग) उक्त विषयान्तर्गत उक्त जिले में जिन प्रकरणों में कार्य उपरांत ठेकेदार के बिलों का 2 वर्ष से अधिक समय उपरांत भी भुगतान नहीं हुआ है ऐसी सड़कों की गारंटी कब से प्रारम्भ की जाती है, कार्य पूर्ण होने के पश्चात या ठेकेदार को भुगतान के पश्चात? (घ) अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक नगरीय निकायों के कार्य पूर्ण होने के पश्चात भी भुगतान नहीं होने को लेकर उक्त जिले में किन-किन निर्माण कम्पनी/ठेकेदारों ने कब-कब, किस-किस अधिकारी कर्मचारी की शिकायत किस-किस सक्षम अधिकारी के समक्ष की? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्तमान स्थिति में प्रचलित निविदा प्रपत्र में उल्लेखित अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार को प्रत्येक माह अपना बिल प्रस्तुत करने का प्रावधान है, चलित बिलों का भुगतान अग्रिम रूप से होता है। कार्य पूर्ण होने के उपरांत पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने के 21 दिनों में ठेकेदार द्वारा विस्तृत लेखा प्रस्तुत करने, उक्त प्रस्तुति होने के 45 दिनों के भीतर इंजीनियर को भुगतान का प्रमाणिकरण करने का प्रावधान है। यदि ठेकेदार द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने के उपरांत 21 दिनों में लेखा प्रस्तुत नहीं किया गया है तो इंजीनियर को 28 दिनों में भुगतान प्रमाण पत्र जारी करने का प्रावधान है। 01 अप्रैल 2015 के पश्चात मंदसौर जिले की नगरीय निकायों में 1.00 लाख से अधिक के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) 01 अप्रैल 2013 के पश्चात् मंदसौर जिले के नगरीय निकायों में कुल 09 कार्यों के देयकों का भुगतान लंबित है, जिनकी कारण सहित विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) गारंटी की समयावधि कार्य पूर्ण होने की दिनांक से प्रारंभ हो जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
संविदा डाटा एंट्री आपरेटर का मानदेय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 27 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री आवास/प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत संविदा डाटा एंट्री आपरेटर, सह कार्यालय सहायक, सह पी.डी.ए. ऑपरेटर पद पर कितने कर्मचारी पदस्थ हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शाए गए संविदा कर्मचारियों को शासन की ओर से प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है? यदि हाँ, तो प्रदेश के किस-किस कार्यालय/विभाग द्वारा कितने संविदा कर्मचारियों को दिनांक 01.05.2017 से प्रश्न दिनांक तक एक से अधिक माह से वेतन नहीं दिया गया है व कितने कर्मचारियों का ऐरियर नहीं दिया गया है? रायसेन जिले में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर के नाम एवं किस-किस माह से वेतन नहीं दिया बतावें संबंधित कर्मचारियों का मानदेय कब तक दे दिया जावेगा? (ग) क्या भविष्य में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रतिमाह मानदेय प्राप्त हो इस संबंध में विभाग में कोई योजना तैयार की जा रही है? क्या सरकार की मंशा इनका मानदेय बढ़ाने की है या नहीं? अगर हां, तो कब तक? (घ) क्या कार्यरत संविदा डाटा एंट्री आपरेटर के मानदेय प्रतिवर्ष बढ़ाने के शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या इसका पालन किया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 213 (ख) जी हाँ। दिनांक 01.05.2017 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत रायसेन के 04, अलीराजपुर 04 तथा छिंदवाड़ा के 01 संविदा कर्मचारियों को एक से अधिक माह का मानदेय नहीं दिया गया है एवं 21 कर्मचारियों को एरियर्स नहीं दिया गया है। रायसेन जिले में कार्यरत श्री मयंक राठोर, श्री प्रमोद राठोरिया, श्री राजेश धाकड़ एवं श्री प्रमोद लोधी डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को माह जून 2017 एवं जुलाई 2017 का मानदेय नहीं दिया जा सका है। जिला पंचायत अलीराजपुर, रायसेन एवं छिंदवाड़ा को राशि स्वीकृत कर दी गई है। (ग) संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों को मानदेय प्रतिमाह दिया जाता है। समय पर शासनादेशों के अनुरूप मानदेय बढ़ाया जाता है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मजरे टोलों के हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिलाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 29 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन संभाग में मजरे टोलों के नागरिकों (हितग्राहियों) को शासन की ऑनलाइन प्रक्रिया में महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने की कितनी शिकायतें कहाँ-कहाँ लंबित हैं शासन ने उन पर क्या कार्यवाही की? (ख) क्या शासन की समस्त महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए आवेदन हेतु ऑनलाइन प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ता है? क्या इन ऑनलाइन प्रक्रिया में राजस्व ग्राम के साथ मजरे टोलों के हितग्राही भी आवेदन कर सकते हैं नहीं तो क्यों? (ग) क्या ऑनलाइन प्रक्रिया में शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए राजस्व ग्राम के अलावा मजरे टोलों के नागरिकों हेतु कोई कालम ही नहीं है जिससे मजरे टोलों के नागरिकों ने गत 2 वर्षों में शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं लिया? (घ) मंदसौर विधान सभा के कितने मजरे टोलों के नागरिकों ने शासन की योजनाओं का लाभ ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के बाद लिया, नाम सहित जानकारी देवें। गत 3 वर्षों में मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में कितने मजरे टोलों के विद्यार्थियों को शासन की ओर से निःशुल्क सायकल प्राप्त हुई? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) इन्दौर, उज्जैन संभाग में मजरे टोलों के नागरिकों को शासन की ऑनलाईन प्रक्रिया की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने संबंधी शिकायतें निरंक है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) जी नहीं। शासन की समस्त महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिये आवेदन हेतु ऑनलाईन प्रक्रिया का सहारा लेना आवश्यक नहीं है। जी हाँ। (ग) जी नहीं। मजरे टोले राजस्व ग्राम में सम्मिलित होते हैं। मजरे टोले के नागरिक राजस्व ग्राम के अंतर्गत शासन की योजनाओं का लाभ लेते हैं। (घ) चूंकि टोलों के हितग्राही राजस्व ग्राम के निवासी के तौर पर आवेदन करते हैं, अत: मजरे टोलेवार रिकार्ड संधारित नहीं किया जाता है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
मेट्रो रेल परियोजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 54 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन में शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु क्या शासन द्वारा धनराशि की व्यवस्था कर ली गई है? यदि हाँ, तो किस संस्था/केन्द्र सरकार द्वारा कितनी-कितनी धनराशि ऋण/अनुदान के रूप में देने हेतु सहमति प्रदान की गई है? (ग) विभाग द्वारा मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री एवं नगरीय विकास मंत्री को दिनांक 31.07.2017 को मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु सलाहकार नियुक्त करने हेतु लिखे पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल एवं इन्दौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन के संबंध में कृत कार्यवाही विषयक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) भोपाल एवं इन्दौर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा धनराशि की व्यवस्था की जा रही है। उभय परियोजनाओं के लिए प्रस्तावित वित्तीय व्यवस्था पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) विभाग द्वारा मेट्रो रेल परियोजना का कार्य वर्ष 2017-18 में प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। (घ) श्री ई.श्रीधरन को विशेष सलाहकार के रूप में मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉ. लिमिटेड को सेवाएं देने का अनुरोध किया जाएगा।
भानपुर खंती की शिफ्टिंग
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 55 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल के गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र स्थित भानपुर खन्ती का माननीय नगरीय विकास मंत्री एवं आयुक्त नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा प्रश्नकर्ता के साथ किस-किस दिनांक को निरीक्षण किया गया एवं शिफ्टिंग हेतु क्या समय-सीमा निश्चित की गई थी? (ख) भानपुर खंती को शिफ्ट करने के लिये अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) आदमपुर छावनी में खंती निर्माण के लिये अभी तक क्या-क्या कार्य किये गये एवं इसमें कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई एवं क्या-क्या कार्य किया जाना शेष है? पृथक-पृथक विवरण दिया जाये। (घ) भानपुर खंती में कचरा डंपिंग का कार्य कब तक बंद किया जायेगा? (ड.) भानपुर खंती बंद करने के बाद इस भूमि के उपयोग की क्या योजना बनाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) दिनांक 03 मार्च 2017 को मान. नगरीय विकास मंत्री एवं आयुक्त, नगर निगम, भोपाल के साथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधायक मान. श्री बाबूलाल गौर के साथ भानपुर स्थित खंती का निरीक्षण किया गया था। माह, दिसंबर 2017 के अंत तक नवीन स्थल आदमपुर छावनी में निष्पादन किया जाना संभावित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत वेस्ट टू एनर्जी प्लान्ट संस्थापन की कार्यवाही की जा रही है, उक्त योजना के क्रियान्वयन में की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उक्त कार्य में अभी तक कोई व्यय नहीं किया गया है। (घ) आदमपुर छावनी में प्रारंभिक तैयारी पूर्ण होने के पश्चात् भानपुर खंती में डम्पिंग बंद कर दी जावेगी। (ड.) पर्यावरण नियमों अनुसार भूमि प्राप्त होने की स्थिति में कार्य योजना तैयार की जावेगी।
शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
6. ( क्र. 68 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र के छात्र-छात्राओं, पालकों, क्षेत्रीय नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों तथा प्रश्नकर्ता द्वारा भी पिपलौदा नगर में शासकीय महाविद्यालय एवं जावरा नगर में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की लगातार मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या क्षेत्र में लगातार उच्च अध्ययन हेतु छात्र-छात्राओं की रूचि के कारण लगातार संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके कारण क्षेत्र के अन्य महाविद्यालयों के माध्यम से पूर्ति नहीं हो पा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रवेश की निर्धारित छात्र संख्या होने के कारण एवं अन्य महाविद्यालयों में प्रवेश की पूर्ति नहीं होने से सैकड़ों छात्र-छात्राओं को अन्यत्र दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ता है अथवा वे उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या उच्च शिक्षा हेतु नवीन महाविद्यालय जावरा नगर एवं शासकीय महाविद्यालय पिपलौदा नगर में प्रारंभ किये जाने हेतु शासन/विभाग कब तक इन्हें स्वीकृति/अनुमति प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। क्षेत्रीय नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा मांग की जा रही है। (ख) छात्र-छात्राओं की लगातार संख्या बढ़ती जा रही हैं, परन्तु पिपलौदा नगर में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति हेतु मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने से नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। जावरा में वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय संचालित है एवं जावरा से 15 कि.मी..की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय कालूखेड़ा संचालित है। इन महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के अध्ययन की व्यवस्था है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पिपलौदा से 19 कि.मी. पर कालूखेड़ा, 20 कि.मी. जावरा, 21 कि.मी. सैलाना एवं जावरा नगर से 15 कि.मी. कालूखेड़ा है, जहाँ पर पिपलौदा एवं जावरा के छात्र-छात्राएं अध्ययन कर सकते हैं। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
जनभागीदारी मद के तालाब निर्माण के भुगतान में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 127 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् माण्डव क्षेत्र में विगत वर्ष जनभागीदारी मद से निर्मित छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब का निर्माण, किस निर्माण एजेंसी के द्वारा किया गया है? निर्माण एजेंसी की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) नगर परिषद् माण्डव द्वारा कितनी राशि का भुगतान संबंधित निर्माण एजेंसी को एवं कितने मजदूरों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किन-किन लेबर ठेकेदारों को किया गया है? लेबर ठेकेदार फर्मों के नाम सहित उन्हें भुगतान की गई राशि की पृथक-पृथक एजेंसीवार, तालाबवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) नगर परिषद् माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब में कार्यरत मजदूरों की राशि जिन लेबर ठेकेदार फर्मों को भुगतान की गई है? क्या उनके द्वारा परिषद् से उक्त बाबद् कोई अनुबंध आदि किया गया है? यदि हाँ, तो अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 141 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी ग्राम पंचायते हैं जिनके पूर्व सरपंचों एवं सचिवों पर निर्माण कार्यों की राशि आहरित/जमा करने हेतु प्रकरण दर्ज होकर निरंतर कार्यवाही जारी है, किन्तु आज पर्यन्त तक निराकरण नहीं हो पाया है? तथा कब तक लंबित प्रकरणों में कार्यवाही पूर्ण कर शेष कार्यों को पूर्ण कराया जावेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में वर्ष 2014-15, 15-16 एवं 16-17 में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत ग्राम पंचायतों को विधायक निधि से अनुशंसित किये गये निर्माण कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण/निर्माणाधीन/अप्रारंभ की अद्यतन स्थिती से अवगत करायें? अपूर्ण कार्यों को प्रारम्भ कर शीघ्र पूर्ण किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी वर्षवार जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 48 ग्राम पंचायतों के पूर्व सरपंचों एवं सचिवों पर धारा 92 के अंतर्गत वसूली प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सारंगपुर तथा सरपंच/सचिव को निर्देशित किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन हेतु पुल-पुलिया का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 167 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क ) प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम भुलगाव नवलपुरा,खनगांव खेडी,नीलकंठ में नदियों में छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल आने जाने एवम आम जनता को आवागमन में सुविधा को देखते हुए पुल निर्माण के लिए विगत एक वर्ष में विभाग में कितनी बार, कब-कब प्रस्ताव दिया गया है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? विभाग द्वारा प्रस्तावों पर कितनी कितनी राशि के प्राक्कलन तैयार किये गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार प्राप्त प्रस्तावों पर विभाग द्वारा कब तक राशि स्वीकृत की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन कार्य के लिए माननीय प्रश्नकर्ता विधायक का कोई पत्र विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
10. ( क्र. 178 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों की वर्ष 2015 से अक्टूबर 2017 तक की वर्तमान स्थिति का ब्यौरा क्या है? (ख) कितने कार्य प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृति उपरांत भी अब तक प्रांरभ नहीं हो सके? तथा किसके दायित्व में उक्त कार्य प्रारंभ नहीं हुए उन पर कार्यवाही की गई? (ग) कब तक उक्त अपूर्ण, अप्रारंभ कार्य संपन्न होंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) उज्जैन संभाग में वर्ष 2015 से अक्टूबर 2017 तक 5527 कार्य स्वीकृत किये गये। जिनमें से 3927 कार्य पूर्ण, 1326 कार्य अपूर्ण एवं 274 कार्य अप्रारम्भ है। (ख) 274 कार्य अप्रारम्भ है। कुछ कार्य वर्तमान माह में स्वीकृत होने के कारण अप्रारम्भ है, इसके लिये आयुक्त, नगर निगम/मुख्य नगर पालिका अधिकारी/ई.ई.आर.ई.एस./ ई.ई.पी.डब्ल्यू.डी./शाला प्रबंधक समिति/सरपंच/सचिव जिम्मेदार है। सभी अप्रारम्भ कार्यों को प्रारम्भ कराने हेतु नोटिस जारी किये गये है। साथ ही आयुक्त, संभाग उज्जैन द्वारा अपूर्ण/अप्रारम्भ कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) 31.3.2018 तक कार्यों को पूर्ण कराने का प्रयास किया जावेगा।
नगर पालिका परिषद् गोटेगांव अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 189 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद् गोटेगांव अंतर्गत नगरपालिका अधोसंरचना अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कितने कार्य स्वीकृत किये गये? सूची प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जो कार्य स्वीकृत किये गये उनमें कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक जारी की जा चुकी है? कार्यवार, राशिवार, व्यय सहित पूर्ण व अपूर्ण की जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास के लाभ से वंचित हितग्राहियों को आवास का लाभ प्रदान किये जाने हेतु सूची बनाई गई है? सूची प्रदान करें। उस सूची में हितग्राहियों के चयन किये जाने का आधार क्या था? (घ) नगरपालिका गोटेगांव में शौचालय निर्माण हेतु हितग्राहियों के चयन का आधार क्या था? अवगत करावें। (ड़) उक्त दोनों मदों में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कितने हितग्राहियों को प्रदान की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ग) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। हितग्राहियों का चयन शासन निर्देशों के आधार पर किया गया है। शासन निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) म.प्र.शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास के ज्ञाप क्रमांक एफ 10-65/18-2/2013 भोपाल, दिनांक 03.09.2013 एवं ज्ञाप क्रमांक/स्व.भा.मि./2015-16/11868, भोपाल दिनांक 25.08.2015 के आधार पर हितग्राहियों का चयन किया गया है। विस्तृत जानकारी हेतु ज्ञाप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ड.) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक शासन से आवंटन प्राप्त नहीं होने के कारण हितग्राहियों को राशि प्रदाय नहीं की गई है तथा व्यक्तिगत शौचालय बनाने योजना में हितग्राहियों को नियमानुसार राशि प्रदान नहीं की जाती है। हितग्राही के घर शौचालय निर्माण किया जाता है।
बारात घर का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 218 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) दिनांक
20.07.2017 में
मुद्रित
प्रश्न
क्रमांक 849 के प्रश्नांश
(ख) में यह उत्तर
दिया गया है
कि नगर परिषद्
उचेहरा द्वारा
पुलिस बल की
जब भी मांग की
जावेगी पुलिस
बल उपलब्ध
करा दिया
जावेगा जिसके
परिपालन में
भी मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी नगर परिषद्
उचेहरा
द्वारा आगामी 15 दिवस
में पुलिस बल
के सहयोग से
अतिक्रमण
हटाकर
निर्माण
कार्य प्रारंभ
किया जा सकेगा
दिया गया है
तो मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी नगर परिषद्
उचेहरा
द्वारा पुलिस
बल के सहयोग
से अतिक्रमण
हटाकर बरात घर
का निर्माण
कराया गया कि
नहीं? (ख) यदि
नहीं, तो
क्या शासन
अभी तक
अतिक्रमण न
हटाने वाले
अधिकारी और
कार्य न
प्रारंभ
कराने वाले
अधिकारी
द्वारा हीला
हवाली करने पर
संबंधितों के
विरूद्ध कठोर
दण्डात्मक
कार्यवाही
करते हुये
बरात घर का
निर्माण कार्य
प्रारंभ
कराएगा?
(ग)
यदि
हाँ, तो
कब तक? यदि
नहीं, क्यों
कारण बताएं?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) अतिक्रमणकर्ता
एवं नगर परिषद्, उचेहरा
के मध्य स्थल
विवाद
निराकरण
उपरांत बिना
पुलिस बल की
सहायता से
बारात घर
निर्माण
कार्य
प्रारंभ किया
जा चुका है। (ख) उत्तरांश
''क''
अनुसार
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) कार्य
दिनांक 14.11.2017 को
प्रारंभ किया
जा चुका है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ठेकेदार को कार्यों के भुगतान में विलम्ब की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 219 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 20.07.2017 में मुद्रित अता. प्रश्न (क्रमांक 287) में प्रश्नांश (क) का उत्तर नगर निगम कटनी द्वारा रोड चौड़ीकरण का कार्य मिशन चौक से बस स्टैण्ड तक राशि रूपया 10 लाख, बस स्टैण्ड से म.प्र. प्रेस तक 10 लाख रूपया एवं म.प्र. प्रेस से कुठला तिराहा राशि 10 लाख कुल (30 लाख) की लागत ठेकेदार श्री आकाश पहरिया से बी.आर.जी.एफ. बैक वर्ड रीजन ग्रांट फंड योजना मद से कराने की जानकारी दी है तो उक्त कार्यों का भुगतान 08 वर्ष गुजरने के बाद भी ठेकेदार को न करने के लिये कौन उत्तरदायी है? साथ ही ठेकेदार को ब्याज सहित राशि कब तक भुगतान कर दी जावेगी? (ख) विधान सभा ता. प्रश्न क्रमांक 281, दिनांक 20.07.2017 के प्रश्नांश (ग) में उत्तर में दिया गया था कि ठेकेदार द्वारा निर्मित कराए गए भवनों का कब्जा सौंपने एवं थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरान्त ठेकेदार के अंतिम देयक का भुगतान किया जावेगा? प्रकरण में जाँच करवाई जाकर विलम्ब के लिये उत्तरदायित्व निर्धारण किया जा सकेगा। (घ) का उत्तर प्रकरण की जाँच करायी जा रही है, जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी, दिया गया है तो थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें, 40 भवनों को कब किस हितग्राही को आवंटित किए गए सूची दें? उनको निगम द्वारा कब अधिकार पत्र दिये गये? बिजली कनेक्शन हेतु एन.ओ.सी. कब दी गई वर्तमान में क्या हितग्राही निवास कर रहे हैं, इसके बाद भी ठेकेदार को अंतिम भुगतान न करने के लिये कौन-कौन दोषी है, प्रकरण में जाँच कब किससे कराई? जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो अब तक जाँच न कराने हेतु कौन दोषी हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। बस स्टैण्ड से म.प्र. प्रेस तक, चौड़ीकरण कार्य एवं म.प्र प्रेस से कुठला तिराहा तक रोड चौड़ीकरण का कार्य का भुगतान वर्ष 2011 में किया जा चुका है, कार्य में जमा सुरक्षा निधि की राशि हेतु कार्यवाही की जा रही है। मिश्न चौक से बस स्टैण्ड तक रोड चौड़ीकरण का कार्य के अंतिम देयक राशि रू. 221141/- का भुगतान कार्य में उपयोग किये गये मटेरियल की गुणवत्ता परीक्षण उपयोग किये गये मटेरियल की टेस्ट रिपोर्ट संविदाकार द्वारा टेस्ट कराकर देनी चाहिए परंतु संविदाकार द्वारा ऐसा नहीं किया गया तदोपरांत निगम द्वारा कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रकरण में जाँच के आदेश दिए जा रहे है एवं जाँच के परिणामों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) जाँच करा ली गई है। थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। आवंटन/अधिकार दिनांक के साथ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। भवनों में विद्युत कनेक्शन हेतु एन.ओ.सी. जारी नहीं गई है। जी हाँ, प्रकरण की जाँच कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग जबलपुर से दिनांक 10.07.2017 के जारी निर्देश के क्रमानुसार कराई गई है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्राप्त जाँच प्रतिवेदन अनुसार ठेकेदार द्वारा सभी कार्य पूर्ण नहीं किया गया है जिससे भुगतान नहीं किया गया है। आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी को कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देश दिए गये है। ठेकेदार द्वारा जब तक कार्य पूर्ण नहीं किया जावेगा तथा थर्ड पार्टी की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो जावेगी भुगतान किया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश के निजी विश्व विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में निरीक्षण एवं शैक्षणिक गुणवत्ता
[उच्च शिक्षा]
14. ( क्र. 274 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में निजी विश्व विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में निरीक्षण एवं शैक्षणिक गुणवत्ता व सरकार के प्रति जवाबदेही हेतु नियामक आयोग बनाये जाने के संबंध में विभाग कोई कार्ययोजना बना रहा है? यदि हाँ, तो अवगत करायें? प्रदेश में कुल कितने निजी विश्वविद्यालय कहाँ कहाँ पर संचालित हैं? उनमें कितने विद्यार्थी अध्यनरत हैं? (ख) प्रदेश में वर्तमान में निजी विश्व विद्यालयों एवं महाविद्यालयों पर शैक्षणिक गुणवत्ता, फीस एवं राज्य सरकार के प्रति जवाबदेही हेतु क्या व्यवस्था संचालित है? (ग) क्या प्रदेश के कुछ निजी विश्व विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में मनमर्जी एवं फर्जीवाड़ा कर अंक तालिका बनाने, अत्यधिक फीस लिये जाने, छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने में अनियमितता एवं बिना अध्ययन कराये विद्यार्थियों को अंक तालिकायें पैसे लेकर देने के संबंध में कितने प्रकरण सामने आये? कौन-कौन से निजी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालय इस तरह के प्रकरण में सम्मिलित पाये गये हैं? (घ) प्रदेश में धांधली करने वाले विश्व विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के संबंध में विभाग द्वारा 1 जनवरी 14 के पश्चात किस-किस के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? इस संबंध में प्रदेश में कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई? तथा कितने का निराकरण कर दिया गया है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) म.प्र. निजी विश्वविद्यालयों में निरीक्षण, शैक्षणिक गुणवत्ता हेतु म.प्र. निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग का गठन अक्टूबर 2009 में किया गया। प्रदेश में संचालित निजी विश्वविद्यालयों की संख्या, स्थान एवं अध्ययनरत छात्र संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निजी महाविद्यालयों के लिए नियामक आयोग बनाए जाने संबधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) निजी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार हेतु निजी विश्वविद्यालयों द्वारा नवीन शैक्षणिक पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के पूर्व विनियामक आयोग द्वारा उच्च स्तरीय समिति द्वारा संबधित पाठ्यक्रमों, इससे संबधित अधोसंरचना, फेकल्टी एवं समुचित व्यवस्था का परीक्षण कराया जाता है। पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु विनियामक आयोग के पोर्टल पर निजी विश्वविद्यालयों की समस्त जानकारी उपलब्ध है। विनियामक आयोग द्वारा निजी विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित की गई फीस की समीक्षा की जाती है ताकि छात्रों का शोषण न हो। निजी विश्वविद्यालयों की जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु अधिनियम 2007 की धारा 41 में प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब" अनुसार हैं। निजी महाविद्यालय के सामान्य पाठयक्रमों की फीस का निर्धारण संबंधित क्षेत्रान्तर्गत विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है एवं व्यावसायिक पाठयक्रमों की फीस का निर्धारण प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति द्वारा किया जाता है। (ग) निजी विश्वविद्यालयों के संबंध में प्राप्त प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार हैं। इस तरह के प्रकरण में निजी विश्वविद्यालयों की संलिप्तता की जानकारी निरंक है। निजी महाविद्यालयों के संबंध में जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। निजी महाविद्यालयों के संबंध में जानकारी संकलित की जा रही है।
जल स्त्रोतों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 287 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र केंट (जबलपुर) के तहत सार्वजनिक उपयोग निस्तार के लिये कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से जल स्त्रोत जलाशय/तालाब हैं? (ख) नगर निगम जबलपुर ने उपनगरीय क्षेत्र रांझी के मानेगांव गोकलपुर, आधारताल ऐतिहासिक तालाबों का जीर्णोद्धार विकास व इसके सौंदर्यीकरण की कब कितनी राशि की योजना बनाई है वर्तमान में इन तालाबों की क्या स्थिति है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर निगम जबलपुर के गोकलपुर तालाब हेतु राशि रू. 31.42 करोड़ की योजना बनाई गई है। आधारताल तालाब का आधिपत्य नगर निगम जबलपुर के स्वामित्व में नहीं होने के कारण किसी भी प्रकार की कार्ययोजना निगम स्तर से तैयार नहीं की गई है। मानेगांव का तालाब अभी नये परिसीमन में निगम सीमा में शामिल हुआ है, जिसका उपयोग स्थानीय रहवासियों द्वारा सार्वजनिक रूप से किया जा रहा है। वर्तमान में तालाबों की स्थिति अच्छी है।
ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती में अनियमितता एवं रोड निर्माण में भ़ष्टाचार की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 303 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वर्ष 2016 एवं 2017 की अवधि में जनपद पंचायत टीकमगढ़ में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा ग्राम रोजगार सहायकों की नियुक्तियों में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार करने पर जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो सम्बंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त अवधि में जनपद पंचायत टीकमगढ़ की कितनी ग्राम पंचायतों में सड़क निर्माण का कार्य सिर्फ कागजों में कराया जाकर शासन की राशि का दुरूपयोग किया गया है? संबंधित के विरूद्ध पुलिस प्रकरण दर्ज क्यों नहीं कराया गया एवं राशि के दुरूपयोग की वसूली क्यों नहीं की गई? (ग) क्या दोषी अधिकारियों को और बड़ी जनपद पंचायतों में स्थानांतरण कर अनियमितता को बढ़ावा दिया गया है? यदि हाँ, तो उन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) निरंक। शासकीय धनराशि के दुरूपयोग की स्थिति नहीं होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) उपरोक्त उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 321 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान एस.ई.सी.सी 2011 में जो परिवार सूचीबद्ध नहीं है, लेकिन मौके पर आवासहीन है अथवा कच्चा मकान है, उनका परीक्षण कर सूची बनाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो रायसेन जिले में किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने नाम जोड़े गये? (ख) रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों में एस.ई.सी.सी. 2011 के सर्वेक्षित परिवारों का नाम भारत सरकार की पोर्टल Awas soft पर प्रदर्शित नहीं हो रहा है। उसमें सुधार हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास निर्माण हेतु कितनी राशि, कितने दिन की मजदूरी, शौचालय निर्माण हेतु कितनी राशि के भुगतान का प्रावधान है? उक्त राशि हितग्राही को किस माध्यम से कब-कब मिलने का प्रावधान है? (घ) भारत सरकार से आगामी लक्ष्य कब तक प्राप्त होने की संभावना है? इस हेतु शासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा नाम जोड़ने की अनुमति नहीं दी गई होकर प्रतीक्षा सूची बनाने की व्यवस्था की गई है। (ख) भारत सरकार से लगातार अनुरोध किया जा रहा है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत आवास निर्माण हेतु राशि रू.1,20,000/- तथा आई.ए.पी जिलों में 1,30,000/- की राशि तथा क्रमशः 90/95 दिवस की मजदूरी, शौचालय निर्माण के लिये 12,000/- रू.की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है। उक्त राशि हितग्राहियों को एफ.टी.ओ. के माध्यम से निम्नानुसार चार किश्तों में दिये जाने का प्रावधान है। 1. हितग्राही का आवास स्वीकृत होने पर प्रथम किश्त रूपये 40000/- 2. प्लिंथ स्तर तक कार्य होने पर द्वितीय किश्त रू. 40000/- 3. लिंटल स्तर तक कार्य होने पर तृतीय किश्त रू. 25000/- 4. आवास पूर्ण होने एवं पूर्ण आवास का फोटो आवास सॉफ्ट पर अपलोड होने पर चतुर्थ किश्त राशि रू. 15000/- (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्राप्त लक्ष्य अनुसार निर्माण द्रुतगति से कराए जा रहें है ताकि अतिरिक्त लक्ष्य प्राप्त हो सकें।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 322 ) श्री संजय शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास शहरी में नगरीय क्षेत्र में निवासरत झुग्गी, कच्चा मकान, आवासहीन किराये के मकान में रहने वाले किस-किस श्रेणी के परिवारों के लिए आवास हेतु क्या-क्या प्रावधान हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिवारों में से आवास निर्माण हेतु प्राथमिकता सूची बनाने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें? (ग) रायसेन जिले की नगर पालिका-नगर परिषदों में कितने परिवार पात्रता सूची में हैं? उनमें से पहली सूची में परिवारों का चयन किसने-किस आधार पर किया? (घ) प्रश्नांश (ग) पात्रता परिवारों की सूची में जिन परिवारों के नाम छूट गये है उनको जोड़ने के संबंध में क्या-क्या निर्देश है? उनकी प्रति दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के मार्गदर्शी सिद्धांत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 10-31/18-2/2007 भोपाल दिनांक 01.11.2014 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) रायसेन जिले की नगर पालिका एवं नगर परिषदों में कुल 13011 परिवार पात्रता सूची में है, उनमें से प्रथम चरण में 4356 परिवारों का चयन किया गया है जो कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। परिवारों का चयन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2015 के दिशा निर्देश एवं राज्य शासन के ज्ञाप दिनांक 01.11.2014 के अनुसार किया गया है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2022 तक के लिए है इस अवधि में यदि कोई हितग्राही छूट जाता है तो वह संबंधित निकाय में आवेदन करेगा। नगरीय निकाय द्वारा किये गये आवेदन में पात्रता का परीक्षण उपरांत पात्र होने पर उसे लाभ दिये जाने की कार्यवाही करेगा।
विधायक जनसम्पर्क राशि का प्रदाय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
19. ( क्र. 330 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विधायक जनसम्पर्क राशि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये विभिन्न अनुग्रहिताओं को राशि प्रदान करने हेतु प्रभारी मंत्री, जिला छिन्दवाड़ा को पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2017/389, दिनांक 21.07.2017 के साथ संलग्न सूची अनुमोदन हेतु प्रदान की जा चुकी है और पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2017/491, दिनांक 23.08.2017 के माध्यम से स्मरण भी कराया जा चुका है यदि हाँ, तो अभी तक सूची का अनुमोदन नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) जनसम्पर्क राशि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिये विभिन्न अनुग्रहिताओं को राशि प्रदान करने हेतु प्रभारी मंत्री जिला छिन्दवाड़ा को पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2017/389, दिनांक 21.07.2017 के साथ प्रदान की गई सूची का कब तक अनुमोदन कर दिया जायेगा और कब तक संलग्न सूची अनुसार अनुग्रहिताओं के खातों में राशि जमा कर दी जायेगी? (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 में विधायक जनसम्पर्क राशि छिन्दवाड़ा जिले की किन-किन विधान सभा क्षेत्रों में अनुग्रहिताओं को प्रदान की जा चुकी है? प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रवार (अनुग्रहिताओं की सूची सहित) जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) विधायक जनसम्पर्क राशि प्रदान एवं वितरण किये जाने के संबंध में शासन की क्या नियमावली है? नियमावली उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा विधायक निधि एवं विधायक स्वेच्छानुदान निधि से संबंधित कार्य किया जाता है। विधायक जनसंपर्क राशि से संबंधित कार्य योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा संपादित नहीं किये जाते है। इस कारण जानकारी निरंक है। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शौचालय निर्माण में की गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 334 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर पालिका परासिया को शासन द्वारा शौचालय निर्माण हेतु कितना लक्ष्य विभाग द्वारा किस समय-सीमा में पूर्ण किए जाने हेतु निर्धारित किया गया था? (ख) नगरपालिका परासिया के अंतर्गत वार्ड क्र. 01 से वार्ड क्र. 21 तक शौचालय निर्माण हेतु जिन हितग्राहियों से राशि जमा कराई गई है, उन हितग्राहियों की सूची एवं प्रश्न दिनांक तक पूर्ण किये गये शौचालय निर्माण कार्यों की सूची तथा शौचालय निर्माण हेतु क्रियान्वयन एजेंसी को शौचालयों के भौतिक सत्यापन के बाद कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करायें? (ग) क्या नगरपालिका परासिया द्वारा जिन हितग्राहियों के घरों में क्रियान्वयन एजेंसी के द्वारा शौचालय का निर्माण कार्य किया गया है? उन शौचालयों के निर्माण कार्य में क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा काफी अनियमितता बरती गई है और शौचालयों के निर्माण में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया है तथा कई शौचालयों का निर्माण कार्य भी अपूर्ण है? क्या विभाग द्वारा शौचालय निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी? (घ) क्या शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य एवं समय-सीमा के अनुसार नगरपालिका परासिया द्वारा शौचालय निर्माण के कार्य को पूर्ण किया जा रहा है? अगर नहीं तो इसका क्या कारण है? इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के ऊपर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) शासन द्वारा विभाग को 1490 शौचालय का लक्ष्य दिया गया था। विभाग को नवम्बर 2017 माह के अंत तक पूर्ण किये जाने हेतु समय-सीमा दी गई है। (ख) शौचालय निर्माण हेतु जिन हितग्रहियों से राशि जमा कराई गई थी उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं पूर्ण किये गये कि भी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भौतिक सत्यापन पश्चात क्रियान्वयन एजेन्सी को राशि रू. 35.67 लाख राशि का भुगतान किया गया। (ग) शौचालय निर्माण कार्य में क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा अनियमितता नहीं बरती गई और न ही गुणवत्ताहीन सामग्री का प्रयोग किया गया। निर्माण में उपयोग की गई सामग्री का परीक्षण कराया गया। परीक्षण रिपोर्ट जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। NGT के निर्देशानुसार एवं वर्षाकाल के समय 4 माह रेत का खनन प्रतिबंधित होने से क्रियान्वयन एजेंसी को रेत उपलब्ध नहीं हो सकी, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र. 335 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संपूर्ण मध्यप्रदेश में कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ प्रदान किया गया है? प्रत्येक विकासखण्डवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत हितग्राहियों को आवास योजना की स्वीकृत राशि 1.20 लाख रूपये और मजदूरी 18 हजार रूपये तथा प्रोत्साहन राशि 12 हजार रूपये के अलावा आवास में अतिरिक्त निर्माण कार्य के लिये बैंक से 70 हजार रूपये तक का ऋण प्राप्त करने के प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार अगर हां, तो संपूर्ण मध्यप्रदेश में कितने हितग्राहियों को 70 हजार रूपये तक का ऋण बैंक द्वारा प्रदान किया गया है? प्रत्येक विकासखण्डवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत मध्यप्रदेश के किन-किन विकासखण्डों में आवास निर्माण हेतु कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया था? निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कितने आवासों का निर्माण कार्य कराया जा चुका है और कितने आवासों का निर्माण कार्य कराया जाना बाकी है? प्रत्येक विकासखण्डवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) हितग्राही द्वारा लिए गए बैंक ऋण की जानकारी संकलित एवं संधारित नहीं की जाती हैं।
जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड को सर्वे क्र. 324 व 325 जमीन हस्तांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 349 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 1249, दिनांक 07.03.2017 के परिप्रेक्ष्य में सर्वे क्रमांक 324 व 325 जैन महावीर कीर्ति स्तम्भ भिण्ड को जमीन हस्तान्तरण हेतु कार्यालय नगर पालिका परिषद् भिण्ड के क्र. 887, दिनांक 22.02.2017 प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग भोपाल को प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि महावीर कीर्ति स्तम्भ न्यास समिति भिण्ड के द्वारा धार्मिक प्रयोजन के लिये उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो हस्तांतरण क्यों नहीं की जा रही है? (ग) नगर पालिका परिषद् भिण्ड के संकल्प क्रमांक 191, दिनांक 28.09.2013 से महावीर कीर्ति स्तम्भ न्यास रजि. समिति को सर्वे क्र. 324 व 325, 100, 90 मीटर भू-खण्ड हस्तांतरित का निर्णय लिया गया? यदि हाँ, तो क्यों नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) में कार्यवाही कब तक पूर्ण हो जायेगी? समयावधि सहित जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. नगर पालिका अचल संपत्ति (अंतरण) नियम 2016 के उपनियम 3 एवं 10 के अंतर्गत प्राधिकारी समिति (जिसके अध्यक्ष कलेक्टर जिला-भिण्ड है) से वार्षिक पट्टे भाडे की गणना पत्रक किराया/भू- भाटक की दरें निर्धारित व अनुमोदित कराई जाने का प्रावधान है। कलेक्टर जिला-भिण्ड के आदेश क्रमांक 1428 दिनांक 15.11.2017 के द्वारा दिनांक 16.11.2017 को प्राधिकार समिति की बैठक का आयोजन कर गणना पत्रक में अंतिम निर्णय लिया गया है। जिसके संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) के अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) कलेक्टर जिला- भिण्ड से प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नि:शक्त अधिनियम की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
23. ( क्र. 375 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा मनमाने तरीके से अशासकीय संस्थाओं की मान्यता धारा 52 के प्रावधान से समाप्त की जा रही है जबकि धारा 52 से संबंधित नि:शक्त अधिनियम 1995 भारत सरकार द्वारा निरस्त कर 2016 में नया अधिनियम बना दिया गया है? (ख) क्या प्रदेश में अस्तित्वहीन नि:शक्त अधिनियम 1995 की धारा 52 का उल्लेख कर दतिया जिले की एन.जी.ओ. की विभागीय मान्यता समाप्त की गई है? इसके लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या प्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी नि:शक्त अधिनियम, 2016 के प्रावधानों का पालन नहीं कर रहे हैं? (घ) क्या विभाग द्वारा वृद्धाश्रम एवं नशा बन्दी क्षेत्र की संस्थाओं को भी धारा 52 से जोड़ा गया है, जो नियमों के कार्य क्षेत्र में नहीं आता? इस पर कार्यवाही करने हेतु क्या आदेश करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों का पालन किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। तत्संबंध में वृद्धाश्रम एवं नशाबंदी क्षेत्र की संस्थाओं के लिये पृथक से नियम प्रभावशील है।
विधायक निधि मद से कराये गये कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
24. ( क्र. 378 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की विधान सभा क्षेत्र सेंवढ़ा में वर्ष 2013 के उपरांत प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि मद के कौन-कौन से कार्य अपूर्ण अथवा प्रारंभ ही नहीं हुए हैं? (ख) उक्त कार्य किस दिनांक को स्वीकृत हुये? कितनी-कितनी राशि निर्माण एजेन्सी को किस-किस दिनांक को जारी की गई? (ग) कार्य अपूर्ण अथवा प्रारंभ नहीं होने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) कब तक ये कार्य पूर्ण कर लिये जायेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्य अपूर्ण एवं अप्रारम्भ रहने के लिये सरपंच एवं सचिव जिम्मेदार है। उनको कार्य पूर्ण करने/प्रारम्भ करने हेतु नोटिस जारी किये गये है। (घ) अपूर्ण/अप्रारम्भ कार्यों को तत्काल पूर्ण कराये जाने हेतु आदेशित किया गया है।
रोजगार सहायकों की मांगों का निराकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( क्र. 408 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के मंत्रिमण्डल निर्णय के पालन में प्रकाशित राज्य पत्र क्र. 250 दिनांक 23.05.2012 के द्वारा ग्राम पंचायतों में अधिनियम की धारा 69 में उपधारा (1) में संशोधन करते हुये पंचायत सहायक सचिव नियुक्ति किये जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आदेश क्रमांक 932/761/13/22/ए, दिनांक 06.07.2013 द्वारा मध्यप्रदेश की ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत नियुक्त ग्राम रोजगार सहायकों के ग्राम पंचायत के पंचायत सहायक सचिव घोषित कर पंचायत की सचिवीय व्यवस्था के अनुरूप मानकर सचिव प्रभार के लिये भी प्रावधान किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो अल्पमान देय में नरेगा सहित केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन सफलता पूर्वक कर रहे है? (घ) प्रश्नांश (क),(ख),(ग) के प्रकाश यदि हाँ, तो क्या सहायक सचिव को निश्चित नियमित वेतनमान एवं सेवा शर्तों का निर्धारण कर पंचायत सचिव की भांति जिला संवर्ग में विलय किये जाने एवं सेवा शर्तों का निर्धारण कर पंचायत सहायक सचिव के पद के अस्थाई पद से स्थाई पद पर किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) कार्य आधारित मानदेय की व्यवस्था करते हुये मानदेय रूपये 5,000/- प्रतिमाह से बढ़ाकर रूपये 9,000/- प्रतिमाह किया जा चुका है। (घ) जी नहीं। केन्द्रीय योजना में स्थापना मद में व्यय की सीमा का बंधन है।
चम्बल नदी जल शुद्धिकरण योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 444 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नागदा औद्योगिक शहर के स्थानीय उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित जल का नाला जो कि चम्बल नदी में मिलता है तथा जिससे इस नदी के डाउन स्ट्रीम मोकडी बनवाड़ा रास्ते पर चम्बल नदी पर निर्मित डेम का पानी एवं आसपास के 22 ग्रामों का भू-जल एवं पेयजल भी प्रदूषित हो चुका है। क्या प्रदूषित नाले के पानी को स्वच्छ करने के लिये वर्ष 1997-98 में 297.50 लाख रूपये से चम्बल नदी संरक्षण योजना बनी थी, जिसे वर्ष 2003 में पूर्ण कर संचालन का अधिकार नगर पालिका नागदा को सौंपा गया था किन्तु कर्मचारियों के वेतन एवं रख-रखाव के अभाव में उक्त योजना बन्द पड़ी हैं। (ख) क्या इस योजना के वर्तमान में बन्द पड़े होने से ग्राम परमारखेड़ी सहित आसपास के 22 ग्रामों के निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा हैं एवं उनकी जमीने बंजर हो चुकी है। इस योजना को कब तक पुनः प्रारम्भ कर दिया जावेगा? (ग) यदि योजना प्रारम्भ करने में कठिनाई हैं तो इस समस्या का निराकरण करने हेतु क्या योजना बनाई जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, नागदा शहर के उदयोगों एवं शहर का गंदा पानी चंबल नदी के डाउन स्ट्रीम में मिलता है, जिसके लिए चंबल नदी संरक्षण योजना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बनाई गई थी, जिसमें गंदे पानी के अवरोधन एवं दिशा परिवर्तन हेतु राशि रू. 218.47 लाख एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हेतु राशि रू. 35.85 लाख की स्वीकृति भारत शासन के पर्यावरण एवं वन विभाग से क्रमश: 1997 एवं 1998 में प्राप्त हुई थी। योजना को एकतरफा नगर पालिका, नागदा को सौंप दिया गया है, किन्तु योजना का संचालन/संधारण हेतु आवश्यक पदों का निर्माण एवं उस पर होने वाले वार्षिक व्यय राशि रू. 35.00 लाख की व्यवस्था पर पी.एच.ई. से सहमत नहीं होने के कारण निकाय द्वारा योजना का हस्तांतरण स्वीकार नहीं किया गया है। वर्तमान में योजना का संचालन बंद है। योजना के हस्तांतरण के संबंध में परीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग को पत्र क्र./यां.प्र./07/2017/13226, भोपाल दिनांक 20.11.2017 को दिए गए हैं। (ख) परीक्षण के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि ग्राम परमारखेड़ी एवं भगतपुरी के कुछ पेयजल स्त्रोतों का जल पीने के लिए उपयुक्त नहीं है, ऐसे पेयजल स्त्रोतों को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बंद कर दिया गया है एवं वर्तमान में ग्राम परमारखेड़ी के 837 जनसंख्या हेतु ग्राम में 11 हैण्डपंप शुद्ध पेयजलयुक्त एवं भगतपुरी की 940 जनसंख्या हेतु ग्राम में 04 शुद्ध पेयजलयुक्त हैण्डपंप चालू हालत में है। इसके अतिरिक्त ग्राम भगतपुरी में स्पॉटसोर्स योजना भी संचालित है इस कारण ग्रामीणजनों को अशुद्ध जल के उपयोग की कोई आवश्यकता नहीं है। (ग) विद्यमान परियोजना के हस्तांतरण एवं संचालन की परिस्थियों का परीक्षण पूर्ण कर योजना को पुन: संचालित करने के प्रयास किए जायेंगे। नागदा शहर के घरेलू मल-जल के समुचित निष्पादन एवं शोधन के लिए नागदा शहर की सीवरेज योजना राशि रू. 25.00 करोड़ की विश्व बैंक सहायतित योजनांतर्गत स्वीकृति हेतु प्रस्तावित होकर योजना की विस्तृत डी.पी.आर. तैयार की जा रही है।
रोजड़ों हेतु कार्य योजना
[वन]
27. ( क्र. 445 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नागदा खाचरौद में कुल कितने रोजड़े दर्ज हैं? (ख) क्या रोजड़े आये दिन किसानों की खड़ी फसलों को बरबाद कर रहे हैं, जिससे परेशान होकर किसान आये दिन 181 मुख्यमंत्री हेल्प लाईन पर भी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। रोजड़े अधिक तादाद में होने के कारण इन्हे पकड़ने के लिये क्या शासन के द्वारा कोई योजना बनाई गयी है? (ग) यदि हाँ, तो ये योजना कब तक लागू हो जावेगी? इन्हें मारने के लिये किसानों को अधिकार देने की क्या कोई योजना बनाई गयी है। यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) यदि योजना नहीं बनी हैं तो कब तक बना ली जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) लगभग 760 (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) रोजड़ों को पकड़ने की योजना पर कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है। प्रथम चरण में प्रदेश स्तर पर 1000 नीलगायों को पकड़ने एवं अन्यत्र वनक्षेत्र में छोड़ने की कार्यवाही हेतु उज्जैन एवं छतरपुर वन वृत्त की टीम को प्रशिक्षित किया जा चुका है। राज्य शासन द्वारा नीलगाय को मारने की अनुमति जारी करने के लिए वर्ष 2000 में समस्त जिलों के उपखण्ड अधिकारी (राजस्व) को अपनी-अपनी अधिकारिता क्षेत्र के भीतर प्राधिकृत अधिकारी घोषित किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में स्थिति स्पष्ट की गई है।
जिला पंचायत छतरपुर में पदस्थ पंचायत सचिवों का निलंबन/बहाली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 479 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत छतरपुर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छतरपुर के द्वारा जिले में फरवरी, 2015 से 05 नवम्बर, 2016 तक कितने ग्राम पंचायत सचिव किन-किन कारणों से निलंबित किये गये/हटाये गये? नामवार,पंचायतवार निलंबन के कारणवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में निलंबित किये गये सचिवों को कब-कब बहाल किया जाकर कौन-कौन सी पंचायत में पदस्थ किया गया? दिनांकवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) जिला पंचायत छतरपुर में ऐसे कितने पंचायत सचिव थे? जिनको निलंबन के पश्चात्/हटाने के पश्चात् उन्हें उसी पंचायत में पदस्थ किया गया? जहां से उन्हें निलंबित किया गया था/हटाया गया था? उसी पंचायत में बहाल किये जाने के क्या कारण थे? क्या यह शासन की नीति अनुसार किये गये हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। निलंबन से बहाली पर पदस्थापना में परिवर्तन की अनिवार्यता नहीं है। जी हाँ।
छतरपुर जिले में खनिजों की नीलामी
[खनिज साधन]
29. ( क्र. 480 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में मेसर्स डिजियाना कंपनी को कितनी रेत खदानों की लीजों की स्वीकृति प्राप्त हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मेसर्स के द्वारा किन-किन रेत खदानों को अनुबंध किया गया? अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा में अनुबंध दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि जमा की गई है? माहवार, तिमाही, छमाही व वार्षिक जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या मेसर्स के विरूद्ध अवैध उत्खनन से संबंधित दिनांक 25.10.17 में जिला प्रशासन छतरपुर को ज्ञापन सौंपा गया? ज्ञापन पर जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई जानकारी देवें? क्या नियम विरूद्ध अवैध उत्खनन करने पर संबंधित फर्म की लीज निरस्त किये जाने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन कंपनी को प्रश्नाधीन जिले में रेत खनिज की कोई लीज स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन तिथि को मेसर्स डिजियाना कंपनी के विरूद्ध जिला प्रशासक को कोई ज्ञापन नहीं सौंपा गया है। दिनांक 24.10.2017 को आजाद शक्ति सेना के संगठन प्रमुख द्वारा ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), छतरपुर को दिया गया था। जिसे उनके द्वारा पत्र दिनांक 24.10.2017 से कलेक्टर, छतरपुर को प्रेषित किया गया। कलेक्टर कार्यालय, छतरपुर द्वारा पत्र दिनांक 03.11.2017 से पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जाँच हेतु, तसहसीलदार चंदला एवं गौरिहार, खनि निरीक्षक एवं सर्वेयर को लेख किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर प्राप्त अनुशंसा अनुसार कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 498 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट विकासखण्ड अंतर्गत लामता, चांगोटोला एवं हटटा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1564 दिनांक 08.12.17 के जवाब में बताया गया है कि मापदण्ड प्रस्तावित क्षेत्र में 500 विद्यार्थियों की उपलब्धता है। चूंकि उक्त क्षेत्र में लगभग 700 विद्यार्थियों की उपलब्धता है एवं उक्त क्षेत्र अतिसंवेदनशील, नक्सल प्रभावी क्षेत्र है। घने जंगलों के मध्य स्थित होने के कारण उक्त क्षेत्र के बच्चे उच्च शिक्षा अध्ययन से वंचित हो जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में क्या उक्त स्थान में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु शासन से अनुमति नहीं दी जावेगी? यदि दी जावेगी तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उक्त प्रश्न के जवाब में कहा गया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीमित संसाधनों के कारण नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाना संभव नहीं है तो क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में प्रावधानित कर उक्त महाविद्यालय प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक अनुमति प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) शासन के नियमानुसार विद्यार्थियों की संख्या एवं संसाधनों एवं क्षेत्र की स्थिति अनुकूल है। अत: नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाना संभव है? कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या छात्र-छात्राओं की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुये परसवाड़ा महाविद्यालय में साइन्स तथा गणित संकाय प्रारंभ किये जाने हेतु तत्काल अनुमति प्रदाय करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) बालाघाट विकासखण्ड अंतर्गत लामता, चांगोटोला एवं हटटा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने संबंधित कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जी हाँ। वर्तमान में सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के अनुसार। (घ) म. प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. 21-3/2012/38-2, दिनांक 02.06.2012 के द्वारा शासकीय महाविद्यालय परसवाड़ा में विज्ञान संकाय प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें भौतिक, गणित, रसायन, वनस्पति एवं प्राणीशास्त्र सम्मिलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवास योजना की जानकारी एवं समस्या समाधान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 499 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कुल कितने व्यक्तियों को लाभ दिया गया? विकासखण्डवार, ग्रामवार, दिनांकवार जानकारी देवें। विकासखण्ड बालाघाट किरनापुर एवं परसवाड़ा में कितने हितग्राहियों को प्रथम एवं द्वितीय किस्तों का भुगतान किया गया? ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें? (ख) उक्त विकासखण्डों में ऐसे कितने हितग्राही थे, जिनका नाम शासन द्वारा सूचीबद्ध किया गया था तथा कितने हितग्राहियों के नाम काटे गये किस नियम और आधार के उनके नाम बतायें? तीनों विकासखण्डों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उनकी जाँच कब-कब की गई? कौन दोषी पाया सप्रमाण जानकारी देवें? (ग) क्या एक व्यक्ति के भूमि स्वामी में निवासरत दो या दो से अधिक परिवार के निवासरत होने के बावजूद भी सभी लोगों को शौचालय का लाभ नहीं दिया जा रहा है? शासन से एक ही शौचालय बनाने की अनुमति प्रदान की जा रही है? क्या अन्य परिवार को शौचालय का लाभ दिये जाने हेतु कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) उक्त विकासखण्डों में वर्ष 2016-17 हेतु 3017 हितग्राहियों को शासन द्वारा सूचीबद्ध किया गया था, जिसमें से 1082 हितग्राहियों के नाम काटे गये। नाम भारत सरकार द्वारा जारी मार्ग दर्शिका '' क्रियान्वयन का फ्रेमवर्क'' के प्रावधानों के पालन में काटे गये है। काटे गये नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्राप्त शिकायत निरंक है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। एक घर एक शौचालय के आधार पर स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।
वार्ड क्रं. 14 में मूलभूत सुविधा
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 525 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा नगर के वार्ड 14 सर्वे क्रं. 1035.1, 0.178 एवं 1031 एक हेक्टेयर भूमि पर कितने वर्षों से कितने व्यक्ति आवास बनाकर निवासरत हैं? (ख) विगत चार वर्षों में उपरोक्त सर्वे क्रं. पर निवासरत निवासियों को नगर पंचायत द्वारा मूलभूत सुविधाएं एवं विकास के कार्य जैसे - शौचालय, सड़क, विद्युत व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है या नहीं? (ग) क्या उपरोक्त भूमि पर निवासरत निवासियों के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत हुए हैं? आवास स्वीकृत व्यक्तियों के नामों की सूची उपलब्ध करावें? (घ) नगर पंचायत द्वारा मूलभूत सुविधाओं हेतु लाखों रूपये के कार्य कराने के बाद भी गरीबों को प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास हेतु राशि क्यों नहीं दी गई एवं प्रथम किश्त कब तक जारी कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सुवासरा नगर के वार्ड क्रमांक 14 में सर्वे क्रमांक 1035.1, 0.178 एवं 1031 एक हेक्टेयर भूमि पर वर्ष 2014 के पूर्व से 192 व्यक्ति आवास बनाकर निवास कर रहे है। (ख) विगत 04 वर्षों में नगर परिषद् सुवासरा द्वारा उक्त स्थल पर सी.सी.रोड, सी.सी नाली विद्युत पोल, स्ट्रीट लाईट एवं शौचालय निर्माण व पेयजल हेतु छोटी पानी की टंकी निर्माण कर मूलभूत सुविधा प्रदान की गई है। (ग) उक्त भूमि पर निवासरत 192 व्यक्तियों में से 116 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत चयनित किया गया है। पात्र 116 हितग्रहियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उक्त भूमि पर निवासरत 192 व्यक्तियों में से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत पात्र व्यक्तियों के पास भूमि स्वामित्व का प्रमाण नहीं होने से योजनांतर्गत राशि प्रदान नहीं की गई है। पात्र व्यक्तियों को राजस्व विभाग द्वारा पट्टे वितरित करने के पश्चात हितग्रहियों के खातों में प्रथम किश्त की राशि निकाय द्वारा जमा की जा सकेगी।
प्रधानमंत्री आवास की सूची की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 527 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास हेतु पात्र हितग्राहियों की सूची अंग्रेजी में जारी करने का कारण स्पष्ट करें? (ख) प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृत सूची को ग्राम पंचायतों या मुख्यालय पर कितने घण्टे या दिनों के लिए चस्पा या लगाई जाती है? क्या यह सूची अंग्रेजी में थी या हिंदी में? (ग) विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास कि स्वीकृत सूची को दीवार या बोर्ड पर अनिवार्य रूप से हिंदी में प्रिंट करवाकर चस्पा करने का आदेश दे सकते है या नहीं जानकारी देवें। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में एक लाख 50 हजार है जबकि शहर में 2.50 लाख आबादी है ग्रामीण व्यक्ति आवास हेतु सीमेंट, सरिया, ईंट आदि शहर से खरीद कर लाते है जबकि शहर का व्यक्ति शहर से ही खरीदता है ग्रामीण एवं शहर दोनों की राशि में अंतर होने का कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) भारत सरकार द्वारा योजना का पोर्टल रोमन लिपि में किए जाने के कारण हितग्राहियों की सूची भारत सरकार के पोर्टल से केवल रोमन लिपि में ही प्राप्त होती है। लाभान्वित हितग्राहियों की सूची चस्पा बनाए रखने के लिए समय-सीमा नियत नहीं की गई है। (ग) लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी ग्राम सभा के माध्यम से सभी ग्रामवासियों को होने के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत सूची को दीवार या बोर्ड पर मुद्रित कराने की अनिवार्यता नहीं की गई है। (घ) भारत सरकार द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए दो पृथक-पृथक योजनाएं लागू की गई हैं जिनके मापदण्ड भिन्न-भिन्न हैं।
विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 538 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले में नगरीय क्षेत्रों के विकास हेतु शासन स्तर से राशि प्रदाय की जाती है और स्थानीय स्तर से प्राप्त राशियों से विकास या अन्य कार्य किये जाते हैं। (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक शहडोल जिले के प्रत्येक नगरीय निकायों में शासन स्तर से प्राप्त राशियों तथा स्वयं अर्जित राशियों से एवं अन्य आय के स्त्रोतों से कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? कराये गये कार्यों की प्रक्रिया, कार्य की भौतिक स्थिति, स्वीकृत व व्यय राशि की जानकारी दस्तावेजों के साथ निर्माण एजेंसी सहित उपलब्ध करायी जावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक शहडोल जिले के 06 नगरीय निकायों की शासन स्तर से प्राप्त राशियों तथा स्वयं अर्जित राशियों से एवं अन्य आय के स्त्रोतों से प्राप्त राशियों से कराये गये कार्यों, कार्यों की प्रक्रिया, कार्य की भौतिक स्थिति, स्वीकृत व व्यय राशि की जानकारी दस्तावेजों के साथ निर्माण एजेन्सी सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के प्रपत्र (01 से 06) एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' के प्रपत्र (01 से 06) अनुसार है।
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम इकाइयों की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
35. ( क्र. 560 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग में विभाग के द्वारा वर्ष 2015-2016 व 2016-2017 में किन-किन जिलों के किस-किस स्थान पर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयां स्थापित हुई है? (ख) इकाई स्थापित करने में व्यक्ति या संस्था को क्या प्रक्रिया अपनानी पड़ती है? भूमि आवंटन की क्या प्रक्रिया है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में ग्वालियर संभाग के सभी जिलों में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयां स्थापित हुई है। जिलों में स्थापित हुई इकाइयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार हैं। (ख) 1- इकाई स्थापित करने की प्रक्रिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 2- उद्योगों को औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि का आवंटन म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं औद्योगिक भवन प्रबंधन नियम 2015 में दिए गए प्रावधानों के तहत किया जाता है जिसमें भूखण्ड आवंटन की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है।
शव विच्छेदन स्थान का परिवर्तन
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 561 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न संख्या 57 (क्रमांक 973), दिनांक 28.02.2017 के उत्तर में वार्ड क्रमांक 37 के लक्ष्मीगंज क्षेत्र में नगर निगम ग्वालियर द्वारा संचालित पशु शव विच्छेदन (स्लाटर हाउस ) के स्थान परिवर्तन का नवीन स्थान ग्राम बड़ा गाँव में भूमि आवंटित बताई थी व उसकी बाउंड्रीवॉल के निर्माण का प्रकरण प्रक्रियाधीन बताया था व इन्सीनेटर स्थापित करने की भी निविदा प्रक्रिया बताई थी? (ख) उपरोक्त उत्तर में बताये गए कार्यों में आज वर्तमान में स्थिति क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्न के संबंध में ग्राम बड़ागांव में भूमि आरक्षित की गई थी, जिसकी बाउन्ड्रीवॉल निर्माण का प्रकरण विचाराधीन था, वर्तमान में नगर निगम, ग्वालियर में राज्य शासन द्वारा ठोस अपशिष्ट एवं कचरा प्रबंधन हेतु कचरे से विद्युत उत्पादन प्लांट स्थापित कर संचालन की अनुमति दी गई है, जिसके लिये मेसर्स ईकोग्रीन एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड से अनुबंध निष्पादित किया जा चुका है, मेसर्स ईकोग्रीन एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड के कार्य में मृत पशुओं का इन्शीनेशन कार्य भी शामिल है, अत: बडागांव में पशु शव विच्छेदन योजना की प्रक्रिया अब नहीं की जा रही है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में बताये गये कार्य अब नहीं कराये जा रहे है, उक्त कार्य SWM अंतर्गत शमिल किये गये है।
मार्गों के निर्माण की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 594 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पूर्व में निर्मित कौन-कौन सी सड़कों के प्रस्ताव तैयार कर इन्हें डामरीकृत करने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल कर जिला योजना समिति के अनुमोदन उपरांत महाप्रबंधक श्योपुर द्वारा शासन को स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? (ख) उक्त प्रस्तावों की स्वीकृति हेतु वर्तमान तक क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण/अपूर्ण रह गई है? इसे कब तक पूर्ण करके उक्त प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (ग) चालू वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कौन-कौन सी सड़कों के प्रस्ताव तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेजे व कब? इन प्रस्तावों को स्वीकृत करने में कितना समय और लगेगा? कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा चालू वित्त वर्ष में ही महाप्रबंधक पी.एम.जी.एस.वाय. श्योपुर को पत्र लिखकर ग्राम प्रेमसर से पच्चीपुरा सड़क निर्माण कार्य को पी.एम.जी.एस.वाय. में शामिल कर शीघ्र स्वीकृत कराने हेतु पत्र लिखा था। यदि हाँ, तो क्या इसे शामिल करके स्वीकृति हेतु भेज दिया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक भेजकर स्वीकृत करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित किसी भी मार्ग को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सम्मिलित किये जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। शासन के निर्णय अनुसार मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित सड़कों में से सामान्य क्षेत्र के 150 आबादी के राजस्व ग्रामों एवं आदिवासी क्षेत्र के 100 आबादी के राजस्व ग्रामों को जोड़ने वाली सड़कों के डामरीकरण के लिये विश्व बैंक योजना अनुमोदित की गई है, जिसमें श्योपुर जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित 52 ग्रेवल मार्गों में से पात्रता अनुसार 31 सड़कों को डामरीकरण हेतु चयनित किया गया है। शेष 21 मार्गों को विश्व बैंक परियोजना में स्वीकृत मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न कारणों से डामरीकरण हेतु प्रस्तावित नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। प्रस्तावित प्रेमसर से पच्चीपुरा मार्ग का लक्ष्य ग्राम पच्चीपुरा लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित मार्ग श्योपुर खातौली से किलोरच मार्ग पर स्थित है। इस प्रकार लक्ष्य ग्राम को संपर्कता प्राप्त है अतः प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के मापदण्ड अनुसार प्रेमसर से पच्चीपुरा मार्ग का निर्माण नहीं किया जा सकता है।
दुर्लभ वन्य प्राणियों की मौत की जानकारी
[वन]
38. ( क्र. 624 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विगत 3 वर्ष के दौरान दुर्लभ वन्य प्राणियों की मौत के मामले सामने आए हैं यदि हाँ, तो वर्षवार जिलावार प्रकरणवार दिनांकवार ब्यौरा दें? घटनाओं के कारण का भी ब्यौरा दें? (ख) क्या शिकार की घटनाओं में भी दुर्लभ वन्य प्राणियों की मौत के मामले सामने आए है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान घटित प्रकरणों का ब्यौरा दें? (ग) क्या शासन द्वारा वन्य प्राणियों की गणना की गई है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष का गणना का ब्यौरा वर्षवार, जिलावर उपलब्ध कराएं। (घ) क्या दुर्लभ वन्य प्राणियों की सुरक्षा व संवर्धन के लिए शासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं यदि हाँ, तो इस पर किए जा रहे खर्च का ब्यौरा एवं कार्यवार विवरण उपलब्ध कराएं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत दुर्लभ वन्यप्राणी परिभाषित नहीं हैं। प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के अनुसार परिभाषित संकटापन्न वन्यप्राणियों की मृत्यु से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उपरोक्तानुसार संकटापन्न वन्यप्राणियों की अवैध शिकार से मृत्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में भी वर्ष 2014 में अखिल भारतीय बाघ, सह-परभक्षी एवं शाकाहारी वन्यजीवों का आंकलन कराया गया था। उसके आधार पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में वन्यजीवों की संख्या का आंकलन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (अ) अनुसार है। वर्ष 2016 में राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के द्वारा मध्यप्रदेश के केवल संरक्षित क्षेत्रों में बाघों एवं अन्य शाकाहारी वन्यप्राणियों का आंकलन किया गया था, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (ब) अनुसार है। (घ) वन्यप्राणियों की सुरक्षा व संवर्धन के लिये विगत तीन वर्ष में किये गये व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
स्ववित्तीय योजनांतर्गत विद्यार्थियों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
39. ( क्र. 625 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इछावर शासकीय कॉलेज में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत है, संकायवार ब्यौरा दें। इनमें से कितने विद्यार्थी स्ववित्तीय योजना के तहत हैं? कॉलेज में कौन-कौन से विषय स्ववित्तीय योजना में संचालित हैं? (ख) रेहटी शासकीय कालेज में कितने विद्यार्थी किन-किन संकायों में अध्यनरत हैं। इनमें से कितने विद्यार्थी स्ववित्तीय योजना के तहत है ब्यौरा दें। कालेज में कौन-कौन से विषय स्ववित्तीय योजना में संचालित हैं? (ग) क्या शासन द्वारा रेहटी कॉलेज में BSc और BCom संकाय की कक्षाएं? हाल ही में प्रारंभ की गई है। यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (घ) क्या इछावार कॉलेज में BSc एवं अन्य संकाय प्रारंभ करने की मांग शासन के पास लंबित है? यदि हाँ, तो कब से मांग लंबित है और कब तक मांग अनुसार कक्षाएं प्रारंभ कर दी जाएंगी? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय इछावर में कुल 608 विद्यार्थी अध्ययनरत है। महाविद्यालय में संकायवार अध्ययनरत विद्यार्थियों का ब्यौरा निम्नानुसार है:- 1. कला संकाय में 551, 2. वाणिज्य संकाय में 31, 3. स्ववित्तीय पाठ्यक्रम एम.ए. हिन्दी में 26। (ख) शासकीय महाविद्यालय रेहटी में कला संकाय में 632, विज्ञान संकाय में निरंक एवं वाणिज्य संकाय में निरंक विद्यार्थी अध्ययनरत है तथा महाविद्यालय में स्ववित्तीय पाठ्यक्रम संचालित नहीं है। (ग) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय रेहटी में बी.एससी. एवं बी.काम संकाय की कक्षायें प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की गई है। (घ) जी हाँ। प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पीपलरावा में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
40. ( क्र. 672 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग प्रदेश के युवा छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य व बेहतर शिक्षा दिलाने हेतु समय-समय पर महाविद्यालय स्वीकृत करता है? यदि हाँ, तो पीपलरावा जिला देवास में शासकीय महाविद्यालय क्यों नहीं स्वीकृत है? (ख) क्या विभाग द्वारा पिपलरावा व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के बालक-बालिकाओं को अध्ययन हेतु नगर में शा. महाविद्यालय खोलने के लिये कोई कार्यवाही प्रचलित है या नहीं? (ग) क्या छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए भविष्य में पीपलरावा को शासकीय महाविद्यालय प्राप्त हो सकेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुये पीपलरावा में महाविद्यालय स्वीकृत किये जाने में कठिनाई है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिटी बस चालू करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 673 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश की जनता के बेहतर व सरल आवागमन व परिवहन के लिए जगह-जगह सिटी बस का संचालन कर बेहतर सुविधाएं दे रहा है? यदि हाँ, तो किस माध्यम से कहाँ-कहाँ पर किस प्रकार की सुविधाएं परिवहन संबंधी दी जा रही है? (ख) सोनकच्छ नगर व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र के हजारों छात्र-छात्राएं व्यापारी कर्मचारी महिला पुरूष प्रतिदिन इंदौर देवास उज्जैन से सोनकच्छ आना जाना करते हैं? क्षेत्र में सिटी बसें नहीं चलने के कारण प्राईवेट बस मालिकों द्वारा अपनी मनमर्जी से किराया निर्धारण कर तथा बस स्टेशनों पर गाड़ी न लाकर सीधे बायपास से ही बसों को ले जाया जाता है? जिसके कारण विधान सभा क्षेत्र के हजारों लाखों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है? इसके निर्धारण हेतु शासन कोई ठोस कार्यवाही करेगा या नहीं (ग) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रवासियों को यातायात समस्या से निजात दिलाने हेतु विभाग सिटी बस चालू करेगा या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) शासन द्वारा प्रदेश की जनता के बेहतर व सरल आवागमन व परिवहन के लिए अमृत योजना के अंतर्गत प्रदेश के 20 शहरों (भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, देवास, मुरैना, सतना, सागर, रतलाम, रीवा, कटनी, सिंगरौली, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, खण्डवा, भिण्ड, गुना, शिवपुरी एवं विदिशा) में हब एण्ड स्पोक मॉडल आधारित क्लस्टर बस सेवा संचालन की योजना नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा प्रचलन में है। कुछ शहरों जैसे- भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं उज्जैन में बसों का संचालन पूर्व से ही किया जा रहा है। वर्तमान में देवास जिले में सुचारू परिवहन हेतु देवास नगर निगम के अधीन देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लि. के माध्यम से बसों का संचालन प्रस्तावित है जिसमें देवास से पोलाय रूट निर्धारित किया गया है, जिसके अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सोनकच्छ के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र भौंरासा फाटा, भौंरासा, अर्निया, सांवेर, गंधर्वपुरी, पिपलरावां एवं सबसे ज्यादा आबादी वाला क्षेत्र सोनकच्छ शामिल किया गया है। (ख) देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लि. द्वारा प्रथम चरण में सुनियोजित रूटों में देवास से पोलाय एवं देवास से हरदा जाने वाली बसों द्वारा सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत (भौंरासा फाटा, भौंरासा, अर्निया, सांवेर, गंधर्वपुरी, पिपलरावां एवं सोनकच्छ) आने वाले ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र सम्मिलित हो सकेंगे। शासन द्वारा आयोजित बस संचालन के अंतर्गत चलाई जाने वाली बसें सोनकच्छ शहर के अंदर स्थित सोनकच्छ बस स्टैण्ड द्वारा संचालित की जावेगी। बसों के सुनियोजित संचालन के द्वारा आने वाले दिनों में आपके क्षेत्र के व्यापारी, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं को होने वाली असुविधाओं से निजात प्राप्त हो सकेगी। (ग) प्रथम चरण में आयोजित बस संचालन में सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र का प्रमुख हिस्सा माने जाने वाला क्षेत्र सोनकच्छ शामिल किया गया है, जिससे आने वाले दिनों में जनता को अधिक से अधिक सुविधा प्राप्त हो सकेगी। कुछ ग्रामीण क्षेत्र जैसे- भौंरासा फाटा, भौंरासा, अर्निया, सांवेर, गंधर्वपुरी एवं पिपलरावा शामिल किये गये हैं। उक्त जगहों पर सिटी बस संचालन होने पर संबंधित क्षेत्र की जनता को इसका लाभ प्राप्त होगा।
चिकित्सकों की सेवा
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 711 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में नगरीय निकायों यथा नगर परिषद्, नगरपालिका, नगर निगम आदि में संचालित चिकित्सालयों को बंद कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त बंद हुये चिकित्सालयों में पदस्थ चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों की सेवाओं का उपयोग नगर पालिकाओं/नगर परिषद् द्वारा विभागीय प्रशासकीय कार्यों के निष्पादन में किया जा रहा है? (ग) चिकित्सालय बंद होने से नगरीय निकायवार किस-किस जिले में कितने-कितने चिकित्सक एवं कितने-कितने स्वास्थ्य कर्मचारी प्रभावित हुये हैं? जिलावार, नामवार सूची देवें? (घ) क्या राज्य शासन प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सकों एवं चिकित्सीय सेवा से जुड़े अन्य कर्मियों की कमी के चलते प्रश्नांश (क) में दर्शित चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों की सेवाओं का उपयोग सरकारी चिकित्सालयों में करने पर विचार कर रहा है? अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। नगरीय निकायों की आदर्श कार्मिक संरचना अनुसार नगरीय निकायों के चिकित्सालय, औषधालय के कर्मचारियों/अधिकारियों के पदों को डाइंग कैडर घोषित किए जाने के कारण विचार नहीं किया जा रहा है।
सी.ई.ओ. का स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 712 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में सागर जिले की जनपद पंचायत केसली की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जैसीनगर में पदस्थ रहते हुये पंचायती राज संचालनालय मध्यप्रदेश के पत्र दिनांक 10.08.2016 के साथ संलग्न मार्गदर्शिका की कंडिका 1.3 एवं 2.1 का स्पष्ट उल्लघंन किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अनियमितता के अलावा सी.ई.ओ. के विरूद्ध वाटरशेड में नियम विरूद्ध भुगतान की अनुशंसा करने, प्रधानमंत्री आवास में गड़बड़ी करने तथा सचिवों के विरूद्ध सी.ई.ओ. जिला पंचायत सागर के निर्देशानुसार कार्यवाही न करने के लिये एवं अत्यंत गंभीर वित्तीय एवं अन्य प्रशासकीय शिकायतों के कारण उनका स्थानांतरण प्रशासनिक आधार पर वर्ष 2017 में ही सागर संभाग से बाहर किया गया था? (ग) यदि नहीं, तो किन कारणों की वजह से संबंधित अधिकारी को पूर्व में संभाग के बाहर स्थानांतरित किया जाकर बाद में किन आधारों में सागर जिले में पदस्थ किया गया हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन मार्गदर्शिका के उपरांत विभाग ने दिनांक 15.12.2016 को दिशानिर्देश जारी किए जिनका पालन किया गया है। (ख) जी नहीं, स्थानांतरण प्रशासकीय आधार पर किया गया था। (ग) मानवीय आधार पर।
मुरैना जिले की विधानसभाओं में स्टेडियम का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 738 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में कितनी विधानसभाओं में खेल परिसर, स्टेडियम स्वीकृत किये गये थे, नाम, संख्या स्वीकृति का वर्ष सहित नवम्बर 2017 की स्थिति के अनुसार जानकारी दी जावे? (ख) उक्त स्वीकृत खेल परिसर, स्टेडियमों का कितना कार्य निर्मित हुआ है तथा किस विभाग को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी दी गई है तथा किस कार्य का कितना भुगतान, किस ठेकेदार को किया गया है, नाम तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) ऐसी कितनी विधानसभा हैं, जहां खेल परिसर, स्टेडियम का कार्य प्रांरभ नहीं किया हैं? विलम्ब के क्या कारण है, इसके लिये कौन दोषी है? उनके खिलाफ शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या शासन द्वारा खेल विभाग एवं निर्माण के जिम्मेदार विभाग के बीच समन्वय कार्य हेतु किसी अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है? तो उन्होंने निर्माण कार्य में विलम्ब हेतु वरिष्ठ अधिकारियों को कोई प्रतिवेदन रिपोर्ट दी गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दो विधानसभा क्षेत्रों में स्टेडियम का कार्य स्थल विवाद में होने के कारण प्रारंभ नहीं किया गया। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
ग्राम रंचौली में व अन्य गांवों में खदानें
[खनिज साधन]
45. ( क्र. 739 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सितम्बर 2017 को मुरैना जिले की रिठौरा परिक्षेत्र के रंचौली ग्राम व अन्य गांवों की खदानों पर जिले के टास्क फोर्स के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा छापा मारकर वैध खदान संचालकों की मशीनें, ट्रेक्टर ट्राली व अन्य मशीनें जप्त की गई थी? (ख) उक्त क्षेत्र में कितनी पत्थर खदानों की लीज शासन द्वारा प्रदान की गई हैं? उनके नाम, खदानों के सर्वे नम्बर सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) क्या उक्त प्रकरणों में जप्त मशीनों एवं अन्य जप्त उपकरणों को अभी तक रिलीज नहीं किया गया हैं क्यों? प्रकरणों के निराकरण में विलम्ब के क्या कारण हैं, पूर्ण जानकारी तथ्यों सहित दी जावे? (घ) उक्त प्रकरणों में जप्त उपकरणों में अभी तक कितने लोगों को किस अनियिमतताओं के प्रशासन द्वारा नोटिस दिये गये? खनिज ठेकेदारों के नाम, नोटिस का दिनांक सहित जानकारी दी जावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। वैध खदान संचालकों की मशीनें, ट्रेक्टर, ट्रॉली एवं अन्य मशीनें जप्त नहीं की गई थीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास तथा शौचालय निर्माण में गंभीर अनियमितताएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
46. ( क्र. 804 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण क्षेत्रों में छतरपुर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के सम्बंध में प्रश्न दिनांक तक स्थिति में जाँच अधिकारी कौन-कौन नियुक्त किये गये? (ख) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक शिकायतों के निराकरण हेतु जो टीम गठित की गई, उन्होंने क्या अभिमत दिये? उनकी प्रतियां दें। (ग) क्या वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक शौचालय निर्माण में गंभीर अनियमितता हुई है? (घ) यदि हाँ, तो दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? विकासखण्डवार सम्पूर्ण जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (क) अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ख) अनुसार है।
किसानों की जमीन पर कब्जा किया जाना
[वन]
47. ( क्र. 808 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव म.प्र. शासन वन विभाग के पत्र क्र. 25 8/2015/10-3 भोपाल दिनांक 4 जून, 2015 के अनुसार वन खण्डों की सीमा विवाद निराकरण के आदेश किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या छतरपुर तहसील के तहत सूरजपुरा के खसरा नंबर, 120/2 रकवा 2.177 में स्थित भूमि पर वन विभाग द्वारा जबरन खम्बे गाड़कर तार की बाड़ लगाकर कब्जा कर लिया गया है? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व छतरपुर के पत्र क्र. 19/बी-2 16-17 छतरपुर दिनांक 28/4/17 को राजस्व निरीक्षक को आदेश किये गये तथा बंदोबस्त वर्ष एवं 2-10-1959 की स्थिति में खसरा नंबर 120/2 रकवा 2.177 है? आवेदक के नाम पर भूमि स्वामी स्वत्व पर अंकित है। तहसीलदार ने भी प्रमाणित किया। उक्त किसान 3 वर्षों से परेशान हैं? (घ) किसान आवेदक ने मुख्यमंत्री, सचिव तथा सभी वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत की किन्तु अब तक निराकरण नहीं हुआ। कितनी समय-सीमा में आदेश किये जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। छतरपुर तहसील के तहत सूरजपुरा के खसरा क्रमांक 120 का कुल रकवा 97.28 एकड़ है, जिसमें से 82 एकड़ वनखण्ड में सम्मिलित किया गया है तथा 15.28 एकड़ वनक्षेत्र वनखण्ड के बाहर छोड़ा गया है। अतः वन विभाग द्वारा कब्जा करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, किन्तु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) छतरपुर के पत्र क्रमांक/358/अ.वि.अ./2015 दिनांक 17.11.2017 के अनुसार उपरोक्त भूमि वन सीमा के अन्तर्गत आने तथा भारतीय वन अधिनियम, 1927 एवं वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के बंधनकारी प्रावधान तथा गोदावर्मन विरूद्ध सरकार के प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय आज्ञपक प्रावधानों के अधीन आलोच्य प्रकरण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-250 के अन्तर्गत प्रचलन योग्य न होने से इसी प्रक्रम में खारिज किया गया। (घ) म.प्र. शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक 1657/2115/2017/10-3 दिनांक 07.11.2017 से अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन भू-अभिलेख) को शिकायत की जाँच कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन भेजने हेतु निर्देशित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर यथोचित कार्यवाही की जायेगी। निश्चित समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
घोषणाओं के पालन की जानकारी
[वन]
48. ( क्र. 826 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला वनोपज सहकारी संघ रीवा द्वारा वित्तीय वर्ष 2009-10 में चोरहटा औद्यौगिक क्षेत्र रीवा में हर्बल प्रसंस्करण एवं जन जागृति केन्द्र की स्थापना की गई थी? यदि हाँ, तो इसकी स्थापना में कौन-कौन सी संस्थाएं सहयोगी थीं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित केन्द्र की स्थापना के उद्देश्य एवं लक्ष्य क्या थे? इसमें कब-कब, कितनी-कितनी राशियों का आवंटन किन-किन सहयोगी संस्थाओं द्वारा स्वीकृत की गई है? राशियों के व्यय की जानकारी लक्ष्यपूर्ति के अनुसार दें? (ग) प्रश्नांकित संस्था के निर्माण एवं परिचालन से लाभांवित हितग्राहियों एवं कृषकों की वर्षवार, नामवार अद्यतन जानकारी दें। साथ ही संस्था के निर्माण/परिचालन से शासन की पूंजी प्रदाता संस्थाओं को लाभ/हानि की अद्यतन जानकारी उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। हर्बल प्रसंस्करण केन्द्र जन जागृति केन्द्र की स्थापना म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड एवं म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल के सहयोग से की गई थी। (ख) 1. औषधीय सह-प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य रीवा संभाग के किसानों को औषधीय पौधों के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित करना, वन क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध औषधीय पौधों का उचित मूल्य दिलाना। 2. कम दर एवं उच्च गुणवत्ता की औषधियां तैयार करना एवं जन सामान्य तक पहुंचाना। 3. स्थानीय जन सामान्य को वन औषधियों से परिचित कराना। 4. स्थानीय निवासियों को प्रसंस्करण एवं विपणन से जागृत कराना। प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना के लिए सहयोगी संस्थाओं द्वारा क्रमश: - मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड, भोपाल द्वारा राशि 519.92 लाख एवं म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ भोपाल द्वारा 251.82 लाख कुल राशि 771.74 लाख स्वीकृति प्रदान की गई थी। उपरोक्त स्वीकृतियों के अनुरूप मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ भोपाल द्वारा राशि 731.11 लाख विमुक्त की गई। जिसका विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। केन्द्र की स्थापना एवं परिचालन में कुल राशि 735.36 लाख व्यय किये गये हैं। जिसका मदवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। अतिरिक्त व्यय राशि रूपये 4.25 लाख जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित रीवा द्वारा तेन्दुपत्ता व्यापार मद से किया गया है। (ग) लाभांवित हितग्राहियों एवं कृषकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन (अ,ब,स) अनुसार है। प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना का उद्देश्य, लाभ अर्जित करना नहीं है। अत: शेष जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
कृषकों हेतु संचालित योजनाएं एवं उनकी प्रगति
[वन]
49. ( क्र. 827 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022 तक प्रदेश के कृषकों की आय दो गुनी किए जाने की सरकार की मंशा के अनुरूप कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं तथा उक्त उद्देश्य की पूर्ति हेतु उनके विस्तार के क्या-क्या प्रयास किए जाने हैं? (ख) क्या वन विभाग द्वारा प्रदेश में निजी भूमि पर रोपण कर विस्तार के लिए योजना संचालित है? यदि हाँ, तो योजनाओं का नाम, जिलेवार लक्ष्य एवं रोपण वर्ष के साथ ही वर्ष 2017 में पृथकत: जिलेवार प्रदाय पौधों की संख्या बताएं? (ग) रीवा वृत्त में रोपण वर्ष 2017 में जिलावार नियुक्त वन-दूतों के नाम तथा उनके द्वारा रोपित कराये गए पौधों की संख्या की जानकारी दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) वर्ष 2022 तक प्रदेश के कृषकों को आय दो गुनी किए जाने की सरकार की मंशा के अनुरूप एवं निजी भूमि पर रोपण विस्तार हेतु वन विभाग में निजी भूमि पर वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना ''कृषि वानिकी से कृषक समृद्धि योजना'' संचालित की जा रही है। योजना के विस्तार हेतु प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत जिलेवार लक्ष्य एवं वर्ष 2017 में जिलेवार प्रदाय पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। रीवा वृत्त में रोपण वर्ष 2017 में जिलेवार नियुक्त वनदूतों के नाम तथा उनके द्वारा रोपित कराये गये पौधों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शहरी आवास की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 829 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर नगर पालिका में कुल कितने हितग्राहियों को शहरी आवास योजना का लाभ दिया गया है? हितग्राही का नाम, पिता तथा खसरा नम्बर उल्लेख करें। आवास देने का नियम क्या है? (ख) क्या अनूपपुर नगर पालिका क्षेत्र में पक्का मकान वालों को आवास योजना का लाभ दिया गया है तथा उक्त कुछ मकान खेतों में बनाये जा रहे हैं? कौन-कौन से हितग्राही खेत एवं अन्य खसरा नं. में मकान बना रहे हैं? (ग) क्या वार्ड पार्षद के अनुशंसा एवं सत्यापित के बिना राशि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किन अधिकारियों ने सत्यापित किया है? क्या अनूपपुर नगर पालिका में अपात्र लोगों को आवास दिये गये हैं? यदि हाँ, तो दोषी कौन है तथा दोषी अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रथम चरण में 450 हितग्राहियों को लाभ दिया जाना है। जिसमें से 435 को लाभ दिया जा चुका है। शेष की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। हितग्राही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के मार्गदर्शी सिद्धांत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं हितग्राही चयन के लिए म.प्र. शासन के ज्ञाप दिनांक 01.11.2014 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। 03 हितग्राही संलग्न जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के सरल क्रमांक 03, 161 एवं 359 अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के मार्गदर्शी सिद्धांत अनुसार नगरीय क्षेत्र में हितग्राही स्वयं की भूमि पर आवास निर्माण किये जाने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला गौण खनिज मद स्वीकृत हेतु निर्धारित मापदण्ड
[खनिज साधन]
51. ( क्र. 831 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला गौण खनिज प्रतिष्ठान निधि मद का प्रारंभ किस वित्तीय वर्ष से किया गया? प्रारंभ तिथि से माह अक्टूबर/2017 तक की स्थिति में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांकित मद से कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं तथा निर्माण कार्य स्वीकृत हेतु क्या नियम निर्देश हैं? नियमावली की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नांकित मद से राशि स्वीकृत हेतु समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो समति के अध्यक्ष व सदस्य कौन-कौन हैं? (घ) प्रश्नांकित मद में प्रारंभ दिनांक से माह अक्टूबर/2017 तक की स्थिति में जिला अनूपपुर अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य का प्रकार, स्थल का नाम, ग्रा.पं. का नाम, स्वी. आदेश क्र. व दिनांक एवं निर्माण कार्य की अनुशंसा करने वाले जनप्रतिनिधि का नाम बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला गौण खनिज प्रतिष्ठान के नाम से कोई भी प्रतिष्ठान का गठन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़ा राम मंदिर झारड़ा की स्थिति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
52. ( क्र. 873 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के बड़ा राम मंदिर झारड़ा प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) विगत 6 माह में कितनी तारीखें लगी? इनमें शासन की ओर से नियुक्त वकील कितनी तारीखों में उपस्थित/अनुपस्थित रहे। तारीखवार बतावें। (ग) यह भी बतावें कि शासन के विरोधी पक्ष के वकील कितनी तारीखों में उपस्थित/अनुपस्थित रहे? विगत 2 वर्ष की जानकारी देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के प्र.क्र. 7936/2002 में पारित आदेशानुसार प्रकरण के निराकरण तक स्थगन आदेश जारी कर प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर को प्रेषित किया गया है। प्रकरण अंतिम सुनवाई हेतु नियत है। (ख) उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा सिविल अपील 72/2001 म.प्र. शासन विरूद्ध बड़ा श्री राम मंदिर झारड़ा में विगत 6 माह में 35 तारीखें लगी, इसमें शासन की ओर से माननीय शासकीय अधिवक्ता उच्च न्यायलय खण्डपीठ इंदौर प्रत्येक तारीख पर उपस्थित रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) रिस्पोडेंट एडव्होकेट भी नियत तिथियों पर उपस्थित रहे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जलाशय निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 909 ) श्री जतन उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के शहर के पेयजल हेतु ग्राम कामठीकलां जलाशय निर्माण कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृति की गई है? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) क्या राशि मिलने के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया? यदि नहीं किया गया तो क्यों? निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया जायेगा तथा जलाशय का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? पांढुर्णा शहरवासियों को कब तक पीने का पानी उपलब्ध करा दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरपालिका पांढुर्णा को पांढुर्णा शहर के पेयजल हेतु ग्राम कामठीकला जलाशय निर्माण कार्य के लिए राशि रू. 3894.13 लाख की पुनरीक्षित तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 1041 दिनांक 31.01.17 के द्वारा प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं, निकाय को अभी राशि प्रदान नहीं की गई है। पांढुर्णा नगर की जलप्रदाय योजना में पेयजल घटक इन्टेकवेल एवं रॉवॉटर पाईप लाईन कार्य को छोड़कर शेष घटकों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। योजना के जल स्रोत के निर्धारण में आ रही कठिनाईयों के निराकरण करने के कारण कार्य में विलंब हुआ है। योजना में बैराज निर्माण कार्य की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। कार्य हेतु निविदायें आमंत्रित कर ली गई है, जो विचाराधीन हैं। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गरीबी रेखा सूची में से नाम काटे जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 935 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा बी.पी.एल. कार्डधारक/खाद्यान्न वितरण पर्चियों से नाम काटे जाने संबंधी आदेश जारी किया गया था? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराई जाए? (ख) क्या उपरोक्तानुसार आदेश में बी.पी.एल. कार्ड धारक/खाद्यान्न पर्चीधारियों को अपना पक्ष रखने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो जानकारी दी जाए? (ग) यदि (क) अनुसार कोई आदेश नहीं निकाला तो प्रश्न दिनांक तक बी.पी.एल. कार्ड धारियों/खाद्यान्न पर्चीधारियों के नाम क्यों काटे जा रहे हैं? इस पर कब तक रोक लगाई जाएगी? (घ) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रं. 1319 दिनांक 8/12/2016 के तारतम्य में बी.पी.एल. कार्डधारी/खाद्यान्न पर्चियों में प्रश्न दिनांक तक कितने नाम जोड़े गए हैं? साथ ही नाम काटे जाने एवं जोड़े जाने दिनांक के बीच के समय का हितग्राहियों को शासन की योजनाएं एवं खाद्यान्न के नुकसान की भरपाई कब तक की जावेगी? बिना जाँच परीक्षण एवं समुचित अवसर प्रदान न करने वालें अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। बी.पी.एल. सूची से नाम काटे जाने पर व्यथित परिवार को अपील करने का विकल्प उपलब्ध है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1319 दिनांक 08.12.2016 तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक बंडा विधानसभा क्षेत्र में 334 परिवारों के नाम बी.पी.एल. सूची में जोड़े गये एवं 999 खाद्यान्न पर्चियों में नाम जोड़े गये। शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार ही सक्षम कार्यालय द्वारा नाम काटे/जोड़े गये हैं। सक्षम कार्यालय के निर्णय से सहमत न होने की स्थिति में अपील करने का विकल्प उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवारा मवेशियों से आवागमन में कठिनाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 943 ) श्री हरवंश राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्तमान में आवारा मवेशियों के संचालन हेतु शासन स्तर से कांजी हाऊस बंद किए गए हैं? यदि हाँ, तो एन.एच. तथा स्टेट हाईवे पर सड़क पर बैठे आवारा मवेशियों की सड़क दुर्घटना में घायल/मृत्यु हो जाने के लिए जिम्मेदार कौन है? इसके लिए शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या पशु मालिकों द्वारा सायंकालीन पशुओं को रोड किनारे छोड़ने से आवागमन में परेशानी एवं आए दिन एन.एच. तथा स्टेट हाइवे पर दुर्घटना होती रहती हैं? आवागमन के दौरान पशुओं की दुर्घटना/मृत्यु के लिए कौन जिम्मेदार है एवं शासन के क्या नियम है? जानकारी दी जाए एवं दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शासन स्तर से क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पशु मालिकों द्वारा सांयकालीन पशुओं को रोड किनारे छोड़ने पर नगरीय निकायों द्वारा समय-समय पर आवारा पशुओं की रोकथाम हेतु परिषद् में कार्यरत कर्मचारियों से रोकथाम की व्यवस्था की जाती है एवं आवारा पशुओं को खुला न छोड़े जाने हेतु नागरिकों से अपील कर, मुनादी की जाती है, पकड़े गये पशुओं को कांजीहाउस में बंद किया जाता है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरपालिका परिषद् बासौदा में विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 947 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल संभाग भोपाल के पत्र क्रमांक/यां.प्र./2015/2810/भोपाल दिनांक-26-11-15 के द्वारा प्रश्नकर्ता के अन्तर्गत आने वाले नगरपालिका परिषद् गंजबासौदा के वार्ड क्रमांक 20 एवं 21 में सी.सी. रोड निर्माण करवाए जाने हेतु तकनीकी स्वीकृति अधीक्षक यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को प्रेषित की गई है? यदि हाँ, तो तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने का दिनांक बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हां तो उक्त तकनीकी स्वीकृति के क्रम में प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही हुई या नहीं, यदि हाँ, तो स्वीकृति की प्रति उपलब्ध करावें, नहीं तो क्या कारण है, कब तक स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। तकनीकी स्वीकृति दिनांक 17.03.2016 को प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में निकाय के पास कार्य हेतु राशि उपलब्ध न होने के कारण प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में कार्यवाही नहीं की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तालाब का गहरीकरण एवं घाट निर्माण की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
57. ( क्र. 960 ) श्री मोती कश्यप : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने वर्ष 2017 की विधायक निधि से वि.खं. कटनी के ग्राम पंचायत छहरी के तालाब के घाट निर्माण एवं गहरीकरण हेतु कोई राशि प्रस्तावित की है? यदि हाँ, तो इस हेतु जारी तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति के दिनांक से अवगत करायें? (ख) प्रश्नांश (क) तालाब का रकवा कितना है और उसकी लम्बाई-चौड़ाई सहित घाट निर्माण व गहरीकरण किन वर्षों में किन मदों की कितनी राशि से किन एजेंसी द्वारा किया गया है और किस आधार पर तालाब के समग्र रकवे का गहरीकरण और घाट का निर्माण/पुनर्निर्माण आवश्यक नहीं रहा है तथा किस आधार पर पुन: तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है? (ग) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कटनी के पत्र पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जिला योजना अधिकारी को कार्य निरस्त करने हेतु लेख किया गया है? क्या इससे प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति संलग्न करें? (घ) क्या किसी उच्चाधिकारी से प्रश्नांश (क), (ख) कार्य की उपयोगिता तथा प्रश्नांश (ग) अधिकारियों को स्वेच्छाचारिता और प्रश्नकर्ता विधायक के विशेषाधिकार हनन के संबंध में जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। तकनीकी स्वीकृति जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय कटनी में आज दिनांक तक अप्राप्त होने से प्रशासकीय स्वीकृति जारी किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) तालाब का रकवा 3.190 हेक्टर है तथा लम्बाई 300 मीटर व चौड़ाई 250 मीटर है। तालाब के घाट निर्माण एवं गहरीकरण का कार्य 2008-09 में राशि 4.86 लाख मनरेगा मद स ग्राम पंचायत छहरी द्वारा कराया गया। वर्ष 2010-11 में तालाब के विस्तार का कार्य राशि रूपये 6.49 लाख में मनरेगा मद से कराया गया। वर्ष 2010-11 में राशि रूपये 2.55 लाख से मनरेगा मद से निस्तारी तालाब का विस्तार कार्य दाईं तट में ग्राम पंचायत छहरी द्वारा कराया गया। वर्ष 2016-17 में राशि रू. 0.84 लाख से मनरेगा मद से तालाब के गहरीकरण का कार्य कराया गया। विगत वर्षों में मनरेगा मद से कार्य कराये जाने के कारण वर्ष 2017 में प्रस्तावित राशि की तकनीकी स्वीकृति आज दिनांक तक जिला योजना कार्यालय कटनी में अप्राप्त है। (ग) जी नहीं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कटनी द्वारा क्रमांक 2533/दिनांक 25.10.2017 द्वारा कलेक्टर को लेख किया गया था। जी हाँ। मान. विधायक महोदय को कार्यालय जिला योजना सांख्यिकी कार्यालय कटनी के पत्र क्रमांक 2280 दिनांक 01.11.2017 से अवगत कराया गया है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महाविद्यालयों में विषयवार अध्यापकों की पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
58. ( क्र. 961 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17, 2017-18 में विभागीय किन्हीं आदेशों के अधीन जिला कटनी के वि.खं. ढीमरखेड़ा के उमरियापान, ढ़ीमरखेड़ा व सिलौंडी में किन्हीं संकायों के शासकीय महाविद्यालय खोले गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) महाविद्यालयों में किन संकाय के कितने-कितने छात्रों ने प्रवेश लिया है और किन कारणों से प्रवेश संख्या कम हुई है तथा उसके सुधार एवं छात्र संख्या वृद्धि की दिशा में क्या कदम उठाये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) महाविद्यालयों में किन प्राचार्यों, विषयवार प्राध्यापकों, अतिथि विद्वानों एवं कर्मियों की पदस्थापनायें व नियुक्तियां की गई हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अभाव में छात्रों और महाविद्यालयों का भविष्य क्या बनेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पानी की टंकी के निर्माण कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 982 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सेमरिया में 03 वर्ष पूर्व पानी कि टंकी के निर्माण हेतु रु. 08 करोड़ की राशि के. एन. के. प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को प्रदाय की गयी थी? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्य में आज दिनांक तक में सेमरिया के वार्डों में कही भी पानी सप्लाई की पाइप नहीं लग पाई है? (ग) क्या उपरोक्त निर्माण कार्य में खराब सामग्री का प्रयोग किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस हेतु क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। संपूर्ण पेयजल योजना जिसमें पानी की टंकियों का निर्माण भी शामिल है, का निर्माण कार्य मेसर्स के.एन. के प्रोजेक्ट प्रा.लि. कंपनी द्वारा संपन्न किया जा रहा है। इस कार्य को दिनांक 25.05.2016 को प्रारंभ कराया गया एवं कार्य पूर्ण करने के लिए 12 माह का समय निर्धारित है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) अनुसार पेयजल योजना का कार्य प्रगतिरत है एवं अब तक लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्णता प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हितग्राही मूलक योजनान्तर्गत लंबित भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 997 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 02 वर्षों में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत एस.बी.एम. अन्तर्गत एवं मनरेगा अन्तर्गत कुल कितने शौचालयों का निर्माण किया गया है? ग्राम पंचायतवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन हितग्राहियों का भुगतान किन कारणों से लंबित हैं? हितग्राहीवार कारण दर्शाते हुए सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्षेत्रान्तर्गत विगत 03 वर्षों में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत कितने विवाह समारोह आयोजित किये गये एवं इनमें कितने विवाह सम्पन्न हुए? कृपया आयोजनवार जानकारी देवें। क्या इन आयोजनों में नियमानुसार हुए व्यय संबंधी देयक वर्तमान तक भुगतान हेतु लंबित हैं? यदि हाँ, तो किन कारणों से? विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित लंबित भुगतान हेतु जवाबदेही तय थी? यदि हाँ, तो जवाबदार पर क्या कार्यवाही की गई? क्या लंबित भुगतान शीघ्र करने हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सुसनेर विधानसभा अंतर्गत मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत 04 विवाह समारोह आयोजित किये गये, जिसमें 42 विवाह सम्पन्न हुये। आयोजनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। विवाह समारोह में हुये व्यय संबंधी देयक भुगतान हेतु लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से अनुशंसित कार्यों की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
61. ( क्र. 998 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विधायक निधि एवं विधायक स्वेच्छानुदान 2017-18 अन्तर्गत शाजापुर जिले से संबंधित कितनी राशि के कार्यों/आर्थिक सहायता की अनुशंसा की है? अनुशंसित कार्यों/आर्थिक सहायता की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुशंसित राशि को आहरण संवितरण अधिकारी जिला योजना शाजापुर एवं आर.ई.एस. को हस्तांतरित करने हेतु किए गए पत्राचारों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 833 दिनांक 20.09.17 द्वारा आयुक्त महोदय से प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में राशि उपलब्ध कराने हेतु अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो पत्र के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या अनुशंसित कार्यों की समय पर स्वीकृति हेतु कोई जवाबदेही तय है? यदि हाँ, तो विलंब के लिये क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से कार्यों की स्वीकृति/हितग्राहियों को आर्थिक सहायता के भुगतान हेतु प्रभावी कार्यवाही कर भुगतान सुनिश्चित किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 में 5 कार्य हेतु विधायक निधि से रूपये 7 लाख रूपये की अनुशंसा प्राप्त हुई थी, जिसकी राशि आगर मालवा से अंतरित न होने के कारण जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय शाजापुर द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी है। विधायक स्वेच्छानुदान के तहत 43 हितग्राहियों को रूपये 1.85 लाख के आर्थिक सहायता हेतु अनुशंसा की गई थी जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ख) पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय, आगर मालवा से आयुक्त, आर्थिक एवं सांख्यिकी के बी.सी.ओ. पर राशि समर्पित की गई, परन्तु तकनीकी कारणों से राशि सर्वर पर प्रदर्शित न होने के कारण जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय, शाजापुर को आवंटित नहीं की जा सकी। (घ) विलंब का कारण तकनीकी समस्या रहा है। राशि सर्वर पर प्रदर्शित होते ही भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
नगरपालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा निर्माण अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 1015 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक नगरपालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा कितने नक्शे स्वीकृत किये गये हैं? जिसमें आवासीय एवं व्यावसायिक कितने हैं? नामवार, क्षेत्रफल सहित राशि का विवरण देवें। (ख) व्यावसायिक निर्माण की स्वीकृति कितने व्यक्तियों को मिली है? कहीं ऐसा तो नहीं आवासीय निर्माण की स्वीकृति लेकर व्यावसायिक निर्माण जैसे दुकान, कॉम्प्लेक्स आदि का निर्माण कार्य किया जा रहा है? क्या उक्त निर्माण निर्धारित क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल में हो रहा है? (ग) जहां व्यवसायिक निर्माण हो रहे हैं, क्या उनके द्वारा व्यावसायिक परिवर्तित लगान राशि जमा की गई है? यदि हाँ, तो आदेश की कॉपी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कुल 562 जिसमें 504 आवासीय एवं 58 व्यवसायिक नक्शे स्वीकृत किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कुल 58 व्यवसायिक निर्माण की स्वीकृति की गई है। जी नहीं, आवासीय स्वीकृति निर्माण के विरूद्ध व्यवसायिक निर्माण तथा अधिक क्षेत्र निर्माण किया जाना नगर परिषद् के संज्ञान में नहीं है। यदि, कोई प्रकरण संज्ञान में आयेगा तो उस पर विधि सम्मति कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। जी नहीं, निकाय में परिवर्तित लगान राशि जमा कराने का परिषद् द्वारा निर्णय नहीं लिया गया है, इसलिए निकाय द्वारा परिवर्तित लगान की राशि नहीं ली जा रही है।
कचरा कलेक्शन में हो रहे भुगतान की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 1045 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर शहर में नगर निगम जबलपुर द्वारा प्रतिदिन कितना टन कचरा उठवाया जा रहा है? क्या कचरा ठेकेदारों एवं उनके कर्मचारियों की लापरवाही से गली, महोल्लों में कचरे के ढेर लगे हुये हैं? (ख) वर्णित (क) की संस्था द्वारा प्रतिमाह कचरा उठवाने हेतु कितना भुगतान किया जा रहा है? क्या शहर में इतना कचरा ही नहीं निकलता जितना की निगम द्वारा आंकड़े प्रस्तुत किये जा रहे हैं? क्या यह भी सही है कि प्रतिदिन 100 टन कचरे का फर्जी भुगतान दर्शाया जा रहा है? (ग) क्या वर्णित (क) व (ख) की जाँच स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाकर संबंधित दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा औसतन 94 टन कचरा प्रतिदिन उठवाया जाता है, विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नहीं, निकाय क्षेत्र में ठेकेदार द्वारा कचरा न उठवाये जाने की स्थिति में निगम द्वारा अपने संसाधनों से कचरा उठवाया जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं अपितु दर्ज भार के आधार पर नियत दर से भुगतान किया जा रहा है। प्रस्तुत आंकड़े कठौंदा ट्रेचिंग ग्राउण्ड में स्थापित वेट वेंईंग मशीन में तौल कराये गये कचरे की मात्रा पर आधारित है। जी नहीं। निगम द्वारा किसी भी प्रकार के कचरे का फर्जी भुगतान नहीं किया जा रहा है। (ग) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भुगतान की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 1047 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जेनुरम योजना अंतर्गत जबलपुर शहर के छोटे-बड़े नाकों को पक्का करने का काम एल.एन.टी कंपनी को सौंपा गया था? यदि हाँ, तो उक्त कंपनी सात सालों से यही काम कर रही है एवं उक्त कं. को 150 करोड़ रूपयों का अधिक भुगतान निगम की अधिकारियों की लापरवाही के चलते कर दिया गया है? (ख) क्या वर्तमान में एक भी नाला पूर्ण रूप से पक्का नहीं हो पाया है एवं वॉटर ड्रेनेज सिस्टम के तहत नालों को पक्का करने के लिये जितने का ठेका हुआ था, उसमें से मात्र 10 करोड़ रूपये शेष हैं व शेष का भुगतान भी हो चुका है व शेष कार्य इस राशि से होना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है, इस हेतु कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) यदि वर्णित (क), (ख), (ग) सही तो नगर निगम जबलपुर में प्रचलित दरों से अधिक दर पर भुगतान कर देते पर कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं व शासन उन पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? क्या दोषियों के वेतन से राशि वसूली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। कम्पनी से किये गये अनुबंध अनुसार ही भुगतान किया गया है। अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। यह सही है कि शेष राशि से शेष कार्य किया जाना संभव नहीं है। शेष कार्यों का क्रियान्वयन नगर निगम की निधि में राशि की उपलब्धता के आधार पर किया जायेगा। (ग) अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। जिससे किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छुई एवं मुरम खदान का आवंटन
[खनिज साधन]
65. ( क्र. 1065 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग द्वारा छुई खदान एवं मुरम खदान आवंटन के क्या नियम तथा दिशा-निर्देश हैं एवं ग्राम मोहला तहसील मझौली जिला जबलपुर एवं ग्राम मिड़की तहसील पाटन में क्रमश: छुई एवं मुरम का खनन पट्टा किसके नाम पर कितनी एरिया में किन नियम एवं शर्तों के अधीन कब स्वीकृत किया गया? (ख) ग्राम मोहला तहसील मझौली तथा ग्राम मिडकी तहसील पाटन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने क्षेत्रफल में खनन कार्य किया गया एवं शासन को कितनी राशि रायल्टी के तौर पर अदा की गई? स्वीकृति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक खनिज, खनिज की मात्रा एवं जमा की गई रायल्टी राशि सहित वर्षवार सूची देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खनिज उत्खनन पटिका धारकों द्वारा सुरक्षा मापदण्डों की अनदेखी कर मनमाने तरीके से नियम विरूद्ध खनन करने से इन खदानों में अनेक दुर्घटनाएं घटित हो चुकी हैं तथा कई लोग मारे भी गये हैं? यदि हाँ, तो उत्खनन प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक इन खनिज खदानों में हुई दुर्घटनाओं एवं मारे गये व्यक्तियों की नाम संख्या सहित सूची देवें एवं उक्त दुर्घटनाएं किन कारणों से हुई? क्या शासन द्वारा लीज धारकों द्वारा किये जा रहे खनन एवं खदान की सुरक्षा के संबंध में इन लीज धारकों को कोई नोटिस प्रदान कर इन खदानों का सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण पूर्व में किया गया था? यदि हाँ, तो किसके द्वारा इन खदानों की जाँच सुरक्षा के मानकों के तहत कब-कब निरीक्षण किया गया तथा क्या खामिया पाई गई? (घ) क्या शासन सुरक्षा मापदण्डों का पालन न कर मनमाने तरीके से खुदाई करने के कारण इन खनन पट्टिकाओं की लीज निरस्त कर जनहानि को रोकेगी उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छुई खनिज (फायर क्ले) एवं मुरम खनिज के लिये खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 एवं मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 प्रावधानित है। प्रश्न की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) ग्राम मोहला तहसील मझौली में स्वीकृत छुई खदान में प्रश्न दिनांक तक लगभग 3.000 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनन कार्य किया गया है। ग्राम भिडकी तहसील पाटन में स्वीकृत खदान में खनन कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित है। जिसमें प्रश्नानुसार जानकारी दी गई है। ग्राम मोहला स्थित खदान के पट्टेधारी को दिनांक 05.08.2017 तथा ग्राम भिडकी स्थित खदान के पट्टेधारी को दिनांक 26.09.2017 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। ग्राम मोहला में स्थित खदान का निरीक्षण दिनांक 05.08.2017 तथा ग्राम भिडकी स्थित खदान का निरीक्षण दिनांक 26.09.2017 को खनि निरीक्षक द्वारा किया गया है। इस निरीक्षण में पाई गई अनियमितताओं का उल्लेख संबंधित पट्टेधारी को जारी कारण बताओ सूचना पत्र भी दर्शाया गया है। कारण बताओ सूचना पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द में दर्शित है। (घ) प्रश्न में उल्लेखित पट्टेधारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी है। प्राप्त उत्तर के परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा।
पेय-जल व्यवस्था की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1075 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका निगम रीवा एवं रीवा जिले के नगर परिषदों को पेय जल की व्यवस्था हेतु वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब, किन-किन मदों से प्राप्त हुई? प्राप्त राशि का कब-कब, कहाँ-कहाँ, किन-किन कार्यों में उपयोग कर खर्च किया गया का विवरण देते हुए बतावें कि कितनी राशि किस मद की शेष बची है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पेय-जल के कार्य किन-किन ठेकेदारों को कार्यादेश जारी कर कराये गये एवं कराये जा रहे हैं? कार्यादेश के पूर्व अनुबंध क्या संविदाकारों से किये गये की प्रति देते हुए बतावें। क्या कार्य अनुबंध एवं शर्तों अनुसार हुए कार्य कितने समय में पूर्ण किये जाने थे? कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) के नगर पालिका निगम एवं नगर परिषदों में शुद्ध पेय जल आपूर्ति हेतु पाइप लाईनों रीवा शहर के रानी तालाब के प्लान्ट एवं कुठुलिया सुधार/मेंटीनेन्स में वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी राशि कब-कब खर्च की का माहवार विवरण देवें? साथ ही किन-किन माध्यमों के द्वारा खर्च की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नांश (ख) के ठेकेदारों द्वारा समय पर अनुबंध की शर्तों अनुसार कार्य न कर फर्जी बिल वाउचर लगाकर राशि खर्च बताकर आहरण कर ली? मौके पर कार्य नहीं हुए लोगों को शुद्ध एवं मीठा पानी नहीं मिल रहा बल्कि संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा ठेकेदारों को लाभान्वित किया जा रहा है। इसके लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? राशि वसूली के साथ अनुबंध की शर्तों का पालन न करने एवं न करवाने वालों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए राशि की वसूली प्रस्तावित करेंगे? करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 1076 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में शौचालय निर्माण हेतु कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया था? लक्ष्य अनुसार किन-किन जनपद पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों के द्वारा शौचालय के निर्माण करा लिये गये? किन-किन पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त पंचायत घोषित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्मित शौचालय किन-किन मदों से कितनी-कितनी संख्या में निर्मित करायी गई का पृथक-पृथक विवरण देवें? निर्मित शौचालयों में से कितने शौचालयों का निर्माण स्वयं हितग्राहियों द्वारा किया गया एवं कितने निर्माण अन्य एजेंसियों द्वारा कराया गया का विवरण जनपदवार देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के निर्मित शौचालयों के निर्माण पश्चात् हितग्राहियों को निर्धारित राशि 12,000 रू. प्रदान कर दी गई एवं कितने शेष हैं? मनरेगा के तहत निर्मित शौचालयों में से कितने हितग्राहियों को राशि जारी कर दी गई एवं कितने हितग्राही शेष है, जिनका भुगतान निर्माण के बाद भी लंबित है, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के शौचालयों में से टूटे-फूटे कितने शौचालयों का निर्माण कराया गया का विवरण जनपदवार देवें? इस हेतु कितनी राशि कितने हितग्राहियों को दी गई? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार शौचालयों का निर्माण कराने के बाद भी हितग्राहियों को निर्धारित राशि नहीं दी गई? हितग्राही वंचित हुए तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार हैं? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही अनुदान की राशि के भुगतान हेतु क्या कार्यवाही प्रस्तावित कर भुगतान सुनिश्चित करावेंगे? प्रश्नांश (घ) टूटे-फूटे शौचालयों के नाम पर राशि का गबन कर लिया गया? हितग्राहियों को राशि नहीं दी गई इस पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रत्येक घर में शौचालय की व्यवस्था 02 अक्टूबर 2019 तक की जाना है। योजना के तहत लक्ष्य निर्धारण राज्य स्तर से नहीं किया जाता है। ग्राम पंचायतवार निर्मित शौचालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। खुले में शौच मुक्त ग्राम पंचायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) स्वच्छ भारत मिशन एवं मनरेगा मद से निर्मित शौचालय क्रमश: 140539 एवं 20558 है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) मद से निर्मित शौचालयों का सत्यापन पश्चात सभी पात्र हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान एफ.टी.ओ. द्वारा किया गया है। मनरेगा मद से निर्मित 20558 शौचालयों में से 17798 शौचालय निर्माण में सामग्री का भुगतान, भारत सरकार से राशि प्राप्त न होने से शेष है। मजदूरी का भुगतान शेष नहीं है। (घ) टूटे-फूटे शौचालयों का निर्माण नहीं कराया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। शौचालय निर्माण उपरांत प्रोत्साहन राशि का भुगतान सभी पात्र हितग्राहियों को उनके बैंक खाते में एफ.टी.ओ. के माध्यम से किया गया है। टूटे-फूटे शौचालयों के नाम पर राशि के गबन संबंधी शिकायत संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 1094 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहगढ़ नगर पालिका द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना प्रांरभ से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रधानमंत्री आवास हेतु कितने हितग्राहियों का चयन किया गया है? सूची उपलब्ध्ा करावें? उक्त चयन किये गये हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये? स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों के नाम, पिता का नाम, वार्ड का नाम सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार स्वीकृत किये गये प्रधानमंत्री आवास में कितने निर्माणाधीन है? कितने पूर्ण हो गये? कितनी-कितनी राशि किस-किस हितग्राही के खाते में जमा की गई है? जमा की गई राशि, हितग्राहियों के नाम, पिता का नाम, वार्ड का नाम सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 951 हितग्राहियों की सूची तैयार की गई थी जो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उक्त सूची में से प्रथम चरण में 288 हितग्राहियों का चयन किया गया है सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) 94 आवासीय इकाइयां निर्माणाधीन हैं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। अभी तक कोई आवासीय इकाई का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। 256 हितग्राहियों के खाते में राशि जमा की गई है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। हितग्राहीवार जमा राशि, नाम, पिता का नाम, वार्ड का नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
निर्मित शौचालयों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 1095 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहगढ़ नगरपालिका द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने शौचालयों का निर्माण किया गया है? हितग्राही का नाम, पिता का नाम, वार्ड का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार उक्त शौचालय में कितने शौचालयों का निर्माण ठेकेदार व हितग्राही स्वयं द्वारा किया गया है? उक्त ठेकेदार व हितग्राही द्वारा निर्मित शौचालयों की जानकारी पृथक-पृथक हितग्राही का नाम, पिता का नाम, वितरित की गई राशि, वार्ड का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नरसिंहगढ़ नगर पालिका द्वारा 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 774 शौचालयों का निर्माण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ठेकेदार द्वारा 616 शौचालयों का निर्माण किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं हितग्राही के स्वयं द्वारा 158 शौचालयों का निर्माण किया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
विधवा पेंशन में बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
70. ( क्र. 1104 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह विधवा पेंशन हेतु बी.पी.एल कार्ड की अनिवार्यता है? क्या यह भी सही है कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा विधवा पेंशन हेतु बी.पी.एल कार्ड की अनिवार्यता समाप्त करने की घोषणा की गयी थी? (ख) क्या शासन ने विधवा पेंशन हेतु बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता समाप्त करके पात्र विधवाओं को पेंशन भुगतान प्रारंभ कर दिया है? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो कब से प्रारंभ की जायेगी? (ग) क्या दिव्यांगों को भी पेंशन हेतु बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता है? क्या शासन इसमें भी बी.पी.एल. कार्ड की अनिवार्यता समाप्त करने हेतु विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विधवा महिलाओं के बी.पी.एल. बंधन समाप्त किये जाने संबधी कोई घोषणा नहीं की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। बी.पी.एल. की अनिवार्यता समाप्त किये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री आवास योजनांतर्गत हितग्राहियों को आवास स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
71. ( क्र. 1137 ) श्री नागर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलीराजपुर जिले में मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कितने हितग्राहियों को आवास स्वीकृत हुये थे? (ख) जिले की जनपदवार, वर्षवार हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त आवास योजना में हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? जनपदवार, पंचायतवार एवं वर्षवार सूची उपलब्ध करावें? (घ) जिले में हितग्राहियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किश्त के रूप में कितनी-कितनी राशि जारी की गई थी? (ड.) राशि भुगतान के शेष लंबित प्रकरण कितने हैं और क्यों? यह भी जनपदवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ड़) आवास निर्माण की प्रगति निर्धारित स्तर तक न होने के कारण किश्त का भुगतान लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
72. ( क्र. 1154 ) श्री आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुंदेलखण्ड के 06 जिलों के विकास हेतु वर्ष 2009 में बुंदेलखण्ड पैकेज के रूप में केन्द्र से प्राप्त राशि का संबंधित अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार करने की शिकायत के आधार पर मा. उच्च न्यायालय द्वारा मुख्य तकनीकी परीक्षक से जाँच के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो तत्कालीन यू.पी.ए. सरकार से कितनी राशि प्राप्त हुई थी और मा. न्यायालय के निर्देशानुसान हुई जाँच में किन-किन लोगों के द्वारा शासन की राशि की बंदरबाट की गई और कितनी राशि से कौन-कौन से विकास कार्य किए गये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या बुंदेलखण्ड पैकेज के रूप में प्राप्त राशि की बंदरबाट करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने तथा शासन की राशि का दुरूपयोग रोकने संबंधी प्रदेश के मुख्य सचिव को जनप्रतिनिधि सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा पत्र लिखे गये थे? यदि हाँ, तो किन-किन के द्वारा और उस पर समय रहते कार्यवाही नहीं किये जाने के क्या कारण है? (ग) क्या बुंदलेखण्ड पैकेज की राशि का उपयोग सूखे एवं जलसंकट से निपटने की अपेक्षा अधिकारियों की मनमानी के चलते मद परिवर्तन कर मंडियां और गोदाम निर्मित किये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी है, जिनके द्वारा नियमों को ताक में रखकर मद परिवर्तन कर विकास कार्य किये गये हैं, उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। बुंदेलखण्ड पैकेज के अंतर्गत भारत सरकार से 2866.68 करोड़ के विरूद्ध दि. 31 मार्च 2017 की स्थिति में रूपये 2930.74 करोड़ व्यय किये गये हैं। बुंदेलखण्ड पैकेज के अंतर्गत प्राप्त राशि से कराये गये विकास कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्री पवन घुवारा, महामंत्री, कांग्रेस कमेटी टीकमगढ़ मध्यप्रदेश द्वारा मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया, जिन्हें संयुक्त जाँच दल को जाँच हेतु सौंपा गया है, जिस पर मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) द्वारा जाँच की जा रही है। (ग) जी नहीं। बुंदेलखण्ड पैकेज अंतर्गत सूखे एवं जल संकट से निपटने हेतु भारत सरकार से प्राप्त राशि का सदुपयोग प्रदेश के विकास कार्यों के लिये किया गया है।
वृक्षारोपण कार्यक्रम की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
73. ( क्र. 1158 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत दिनांक 02 जुलाई,2017 के वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिये कितने पौधे, किस-किस प्रजाति कि किस फर्म/व्यक्ति से कितनी राशि के क्रय किये गये? क्रय प्रक्रिया की जानकारी तथा टेन्डर किस दिनांक को किस समाचार पत्र में जारी किये गये? (ख) जिन ग्राम पंचायतों में वृक्षारोपण का कार्य कराया गया उन ग्राम पंचायतों का नाम तथा कितने पौधे रोपित किये गये? क्या रोपित किये गये पौधे संबंधित ग्राम पंचायत/व्यक्ति को उनकी मांग/पंसद के आधार पर दिये गये? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताते हुए जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पौधों में से वर्तमान में कितने पौधें जीवित हैं? शेष पौधों में जीवितता किन कारणों से नहीं हैं? इस संबंध में कोई विभागीय नीति निर्देश हैं, तो दें? (घ) क्या श्री स्वरोचिष सोमवंशी सी.ई.ओ., जिला पंचायत सिवनी के द्वारा नियम विरूद्ध दिशा निर्देश देते हुये प्रदेश के बाहर से पौधों का क्रय करवाकर कुछ जनपद पंचायतों में परफॉर्मेन्स ग्रांट मद से भुगतान कराया गया है? यदि हाँ,तो उन जनपद पंचायतों के नाम बताते हुये, नियम विरूद्ध किये गये भुगतान पर संबंधित के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। क्रय प्रक्रिया संबंधी विकास आयुक्त के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, जिनका पालन किया गया है। विज्ञापन अथवा निविदा जारी करना आवश्यक नहीं था। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वृक्षारोपण कार्यक्रम हेतु पौधों की व्यवस्था के लिए कम समय उपलब्ध होने के बावजूद भी स्थानीय जलवायु तथा मांग/पसंद अनुसार पौधों की व्यवस्था के प्रयास किये गये। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जीवित पौधों की संख्या समान्यतः 80 प्रतिशत या अधिक है, जो उत्कृष्ट श्रेणी में आती है। विकास आयुक्त ने पौधों के सत्यापन कराकर मृत पौधों के प्रतिस्थापन के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिनांक 16.11.2017 को वी.सी. में दिये हैं। (घ) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी द्वारा विकास आयुक्त के निर्देश अनुसार कार्यवाही की गई है। अनियमितता की स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
शासकीय वाहनों का दुरूपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 1160 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत सिवनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री स्वरोचिष सोमवंशी द्वारा पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रतिमाह किराये पर किस दर से किस-किस व्यक्ति की वाहन किस कार्य हेतु ली गई है? जिसका प्रतिमाह किस मद से एवं किस दर से कितनी राशि का भुगतान अभी तक किया गया है? अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला पंचायत सी.ई.ओ. श्री सोमवंशी द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि में स्वच्छता अभियान कार्यक्रम, जिला पंचायत निधि एवं मध्यान्ह भोजन आदि मदों की लगभग 5 लाख से अधिक राशि वाहन किराया, फोटो कापी,एवं पी.ई.ओ.एल. के नाम पर जिला पंचायत के अनुमोदन बिना एवं शासन आदेश के बिना मनमाने तरीके से व्यय की गई है? यदि नहीं, तो शासन आदेश की प्रति एवं जिला पंचायत् सिवनी की बैठक की स्वीकृति/अनुमोदन की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या सी.ई.ओ. श्री सोमवंशी जिला पंचायत सिवनी द्वारा बिना अनुबंध के मध्यान्ह भोजन मद से वाहन किराये पर लगाया गया है, यदि नहीं, तो, अनुबंध-पत्र, लॉकबुक की छायाप्रति एवं दिनांक 25/10/2017 से प्रश्न दिनांक तक सी.ई.ओ. श्री सोमवंशी एवं एम.डी.एम. शाखा प्रभारी/अधिकारी की दौरा डायरी की पृथक-पृथक छायाप्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” एवं “ब” अनुसार। (ख) जी नहीं। जिला पंचायत निधि से जिला पंचायत अध्यक्ष के वाहन/पी.ओ.एल. का व्यय किया गया है। स्वच्छता अभियान एवं मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम आदि केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं में फोटोकापी, वाहन/पी.ओ.एल. के व्यय निर्धारित सीमा एवं दिशा-निर्देशों के अनुरूप किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “द” अनुसार।
नगरीय निकायों की दुकानों का अनुबंध
[नगरीय विकास एवं आवास]
75. ( क्र. 1176 ) श्री के.पी. सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर संभाग में नगरीय निकायों में विगत 03 वर्षों में कुल कितनी दुकानों का निर्माण कराया गया है? कितनी दुकानों का घोष विक्रय द्वारा किराये पर दिया गया है? जिलेवार निकायवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी दुकानें किराये पर देने के पूर्व पंजीकृत अनुबन्ध सम्पादित कराया गया? कितनी दुकानों का पंजीकृत अनुबन्ध सम्पादित नहीं कराया गया? निकायवार संख्या बतावें। (ग) दुकानों का पंजीकृत अनुबन्ध सम्पादित नहीं कराने वाले निकाय एवं दोषी अधिकारियों की सूची मय दुकान संख्या सहित उपलब्ध कराई जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
शासकीय योजनाओं में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 1191 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा पिछले 08 वर्षों से जनपद रीवा में पदस्थ हैं एवं उनके द्वारा समस्त प्रकार की शासकीय योजनाओं में अनियमितता बरती जा रही है? (ख) क्या इस हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में भी माननीय मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया जा चुका है? इसके बावजूद सी.ई.ओ. रीवा जनपद के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त अधिकारी एवं उनके द्वारा की जा रही अनियमितता के खिलाफ शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) अधिकारी द्वारा की गई अनियमितता की कोई शिकायत शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।
बी.पी.एल. सूची से काटे गए नाम की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
77. ( क्र. 1192 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिनांक 01 जनवरी 2016 की स्थिति में एवं दिनांक 31 अक्टूबर 2017 की स्थिति में प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों (बी.पी.एल.) की जानकारी वर्गवार (सामान्य, अ.जा., अ.ज.जा. एवं विशेष पिछड़ी जनजाति) पृथक-पृथक जिलेवार जानकारी दें? श्योपुर जिले की जानकारी तहसीलवार दें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 5550 दिनांक 28 मार्च 2017 के उत्तरांश (ख) में के अनुसार श्योपुर जिले में कुल 16941 बी.पी.एल. परिवारों जिनमें से 2074 परिवार विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया के है, बी.पी.एल. सूची में से हटा दिए है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण रहे? क्या काटे गए नामों में से कुछ नाम ऐसे भी हैं जो जिन्दा हैं लेकिन उन्हें मृत बताते हुए बी.पी.एल. सूची में से हटा दिया है? यदि हाँ, तो क्या शासन इसके लिए दोषियों का उत्तरदायित्व निर्धारण कर उनके विरुद्ध कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या बी.पी.एल. सूची से हटने के पश्चात इन परिवारों द्वारा सर्वे एवं परीक्षण कराकर पुनः बी.पी.एल. सूची में जोड़ेने की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन पुनः परीक्षण कराकर हटाये गए सहरिया परिवारों सहित अन्य पात्र परिवारों के नाम बी.पी.एल. सूची में जोड़े जाने के आदेश प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिलेवार जानकारी संकलित की जा रही है। श्योपुर जिले की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 1193 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से 2017 तक बी.आर.जी.एफ. योजना के तहत कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? इन कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण कौन-कौन से अपूर्ण एवं कौन-कौन से किस कारण से अप्रारम्भ हैं? वर्षवार, ग्राम पंचायतवार, विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) क्या बी.आर.जी.एफ. योजनान्तर्गत दिनांक 19-12-12 को ग्राम ढेगदा में मोरडूंगरी नदी पर रपटा निर्माण हेतु रु. 65 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी? यदि हाँ, तो अभी तक उक्त कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? अभी तक कितनी राशि व्यय की गयी है? उक्त कार्य को पूर्ण कराने के लिए शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की है? (ग) क्या दिनांक 08-03-17 को जिला श्योपुर में आयोजित जिला सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति की बैठक में उक्त कार्य की रु. 150.00 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति लंबित होने तथा सम्बंधित ठेकेदार द्वारा उक्त कार्य अनुबंध की शर्तों अनुसार नहीं कराने के कारण कार्य की जाँच कराने एवं ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो अभी तक इस सम्बन्ध में क्या कार्यवाही की गयी है? कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्य पूर्ण करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। तकनीकी अवयवों के परिवर्तन से पुनरीक्षित स्वीकृति एवं अतिरिक्त धनराशि आवश्यक होने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हुआ। अद्यतन व्यय रू. 94.76 लाख है। आवश्यक स्वीकृति एवं अतिरिक्त राशि की व्यवस्था आदिम जाति कल्याण विभाग की योजना से प्राप्त कर कार्य पूर्ण कराने की कार्रवाई प्रारंभ की जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन जाँच कराकर कार्रवाई करने का निर्णय लिया जाना प्रतिवेदित है। जाँच में निर्माण ऐजेन्सी द्वारा अनुबंधित राशि का कार्य किया जाना प्रतिवेदित होने से प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। आगामी वर्षा ऋतु के पूर्व निर्माण कार्य पूर्ण कराने के निर्देश कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, श्योपुर को दिए गए हैं।
स्थाई कर्मियों की विनियमित करने की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 1196 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के नगरीय निकायों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के लिये स्थायी कर्मी को विनियमित करने की योजना के अन्तर्गत दैनिक वेतन भोगी के स्थान पर स्थायीकर्मी की श्रेणी देने बाबत् शासनादेश किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? जबलपुर संभाग की किन-किन निकायों में कौन-कौन एवं कब-कब से दैनिक वेतनभोगी श्रमिक प्रश्न दिनांक तक कार्यरत हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी/दैनिक वेतनभोगी श्रमिक की नियुक्ति हेतु सक्षम प्राधिकारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी/प्रेसिडेन्ट इन कौंसिल को म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1959 के तहत प्रद्धत किये गये हैं? हाँ, तो अधिनियम अनुसार दैनिक वेतनभोगी श्रमिक से स्थायीकर्मी की श्रेणी देने हेतु उपसंचालक नगरीय प्रशासन की अध्यक्षता में समिति का गठन करने का क्या कारण हैं? (घ) नगरीय निकायों को चतुर्थ श्रेणी कर्मी की भर्ती/नियुक्ति हेतु अधिकार म.प्र. नगरपालिका अधिनियम एवं नियम में अधिकार प्रदत्त किये गये हैं, तो उपसंचालक नगरीय प्रशासन की अध्यक्षता में बनाई गई चयन समिति निरस्त/समाप्त कर विधि अनुसार चयन के अधिकार निकायों को करने के आदेश जारी किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शासन की विशेष योजना अंतर्गत ''स्थाई कर्मियों की विनियमित करने की योजना'' से संचालित है। इसलिए शासन द्वारा चयन समिति का गठन किया गया है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं का क्रियान्वयन व मजदूरी एवं सामग्री के भुगतान की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 1203 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत बालाघाट द्वारा वॉटर शेड मिशन एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का कियान्वयन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक योजनवार कितनी-कितनी लागत के कहाँ-कहाँ, कब-कब से निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया है, किस दिनांक को कितने कार्य पूर्ण किये गये एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण होने का कारण बतावें। (ग) जिला पंचायत द्वारा कब-कब योजनावार किन-किन कार्यों के मजदूरी एवं सामग्री राशि का कितना-कितना भुगतान किया गया है एवं किन-किन कार्यों के कितनी-कितनी राशि के मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान किस दिनांक से लंबित है और क्यों है? (घ) मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान किस अधिकारी/कर्मचारी के पास कब से लंबित है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? लंबित सामग्री एवं मजदूरी का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। लंबित भुगतानों का कारण संस्थागत व्यवस्था में परिवर्तन तथा प्रस्तुत बिल-व्हाऊचर में विसंगति होना है। संबंधित कार्यों के पुर्नमूल्यांकन एवं सत्यापन उपरांत उपयुक्त पाये जाने पर लंबित भुगतानों का निराकरण 15 दिवस में किया जाना निर्धारित किया गया है।
भवन अनुज्ञा के विपरीत निर्माण एवं उपयोग की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 1245 ) श्री जतन उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 24 फरवरी 2015 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1531 के उत्तर में भवन अनुज्ञा के विपरीत निर्माण एवं उपयोग के मामलों में गोविंदपुरा, भोपाल स्थित प्रकाश गृह निर्माण सहकारी समिति के भूखण्ड क्रमांक 10 पर निर्मित भवन की भवन अनुज्ञा निरस्त किए जाने की बात कही गई थी? तो आज दिनांक तक की गई कार्यवाही का विस्तृत विवरण दें? (ख) क्या उक्त भवन के स्वामी के साथ नगर निगम भोपाल द्वारा अवैधानिक तौर पर समझौता किया गया है? इसके लिए दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। दिनांक 24 फरवरी 2015 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1531 के उत्तर में उल्लेख है कि भूखण्ड क्रमांक 10 के भवन स्वामी को मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 302 (1) एवं 307 (2) के तहत नोटिस जारी किए गए हैं। प्रकरण में आज दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों में हुई अनियमितता की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
82. ( क्र. 1276 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में अनियमितता के संदर्भ में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कलेक्टर कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 1982 दिनांक 20.01.2017, क्र. 2013 दिनांक 21.01.2017, क्र. 2189 दिनांक 18.02.2017, क्र. 2384 दिनांक 28.03.2017, 271 दिनांक 23.05.2017 क्रं. 48, 72, 63 दिनांक 20.04.2017, क्र. 1358 दिनांक 03.10.2016 क्र. 175 दिनांक 02.05.2017 के संबंध में तिथिवार, कार्यवाहीवार जाँच प्रतिवेदन सहित विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शिकायतों की जाँच लंबित रहने का क्या कारण हैं? इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जाँच लंबित न होने से कोई दोषी नहीं है। संलग्न परिशिष्ट के कॉलम-8 अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृक्षारोपण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( क्र. 1277 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में 02 जुलाई, 2017 को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में किये गये वृक्षारोपण हेतु कहाँ से कितनी राशि के कौन-कौन से कितने पौधे क्रय किये गये हैं? जनपदवार राशि का विवरण दें? (ख) क्या विकास आयुक्त कार्यालय म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 3805 दिनांक 08.06.2017 से सभी कलेक्टरों एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों को बिना निविदा बुलाए ही पौधे क्रय करने हेतु निर्देशित किया गया? उक्त निर्देश से भण्डार क्रय नियमों का उल्लघंन है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र को ही आधार बनाया जाना था तो प्रधान मुख्यवन संरक्षक के पत्र क्रमांक 509 दिनांक 03.04.2017 को दर किनार कर दिया गया? जिसमें ग्राफ्टेड पौधे की दर 25 रूपये प्रति पौधा रखी गई थी? जिला कलेक्टर कटनी द्वारा उद्यानिकी विभाग को मंहगी दरों को आधार बनाकर पौधों की खरीदी मंहगी दरों पर क्यों की गई? कारण बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में की गई अनियमितताओं की शिकायत कटनी जिले के किसी नागरिक द्वारा मुख्य सचिव, म.प्र. भोपाल को दिनांक 17.10.2017 को की जाकर पावती प्राप्त की है? शिकायत में प्रत्येक बिन्दु की जाँच कब तक की जावेगी? यह भी बताएं कि रोपे गये पौधों का जीवित प्रतिशत वर्तमान में क्या है? जनपदवार बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत सामग्री क्रय के संबंध में भण्डार क्रय नियम लागू नहीं होते हैं। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) महात्मा गांधी नरेगा के लिये सामग्री क्रय करने में वन विभाग के दिशा निर्देश लागू नहीं होते हैं। उत्तरांश (ख) में वर्णित परिशिष्ट के तहत अच्छी गुणवत्ता के पौधे क्रय किये गये हैं। (घ) कार्यालय के पास उक्त पत्र नहीं है। अगस्त 2017 में कराये गये सत्यापन में जनपद पंचायत बहोरीबंद में जीवित पौधे 78 प्रतिशत पाए गये।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभांवित हितग्राही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
84. ( क्र. 1308 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना से कितने हितग्राही लाभांवित हुये? विकासखण्डवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लाभांवित हितग्राहियों को क्या अंतिम किश्त का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों को? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत कितने पूर्ण आवासों को जियो टेग (jio teg) के उपरांत अंतिम किश्त का भुगतान कर दिया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पूर्ण आवासों के संबंध में कोई भुगतान लंबित नहीं है।
नगर परिषद् का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1309 ) श्री रजनीश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत विगत 03 (तीन) वर्षों में कितनी नगर परिषद्/नगर पंचायत के गठन की स्वीकृति मिली? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार ग्राम पंचायत केवलारी को नगर परिषद् में उन्नयन कर गठन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जबलपुर संभाग अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में केवल एक ग्राम पंचायत छपारा जिला सिवनी का नगर परिषद् में गठन किया गया है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 7 भोपाल, सोमवार दिनांक 4 जनवरी 2016 के द्वारा अधिसूचना जारी की गई है, जबलपुर संभाग अन्तर्गत शेष जिलों में ग्राम पंचायतों को नगर परिषद् में गठन की जानकारी निरंक है। (ख) ग्राम पंचायत केवलारी जिला सिवनी का नगर परिषद् में उन्नयन किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है, संचालनालय के स्मरण पत्र क्रमांक 24245 भोपाल, दिनांक 14.11.2017 के द्वारा कलेक्टर जिला सिवनी से नियमानुसार ग्राम पंचायत केवलारी के उन्नयन हेतु विधिवत प्रस्ताव चाहा गया है, प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत नगर परिषद् में उन्नयन के संबंध में कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तालाबों के गहरीकरण संबंधी कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
86. ( क्र. 1322 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवर्तित आतारांकित प्रश्न 958 दिनांक 28.02.17 के प्रश्नांश (ग) में तालाबों के गहरीकरण संबंधी कार्यों की विधानसभा के पटल पर रखी गई सूची की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति होने के लिए तैयार किए गये प्राक्कलन किस उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा तैयार किए गये थे? (ख) जनवरी 2015 से दिसम्बर 2016 तक राजनगर जनपद के कौन-कौन से उपयंत्री, सहायक यंत्री बिजावर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत में पदस्थ रहे हैं? उपरोक्त उपयंत्री, सहायक यंत्री ने विधानसभा क्षेत्र में अपनी पदस्थापना के दौरान कौन–कौन से कार्यों का प्राक्कलन किया, मूल्यांकन किया, अवलोकन किया? उक्त उपयंत्री की प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पूर्व में प्रश्न में तालाबो के गहरीकरण संबंधी कार्यों में कितना एवं क्या–क्या उत्तरदायित्व रहा था? (ग) प्रश्नांश (क) में पूछे गये प्रश्न के विभाग द्वारा दिये गये भ्रामक उत्तर की विभाग के वरिष्ठ या जिले के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी से प्रश्नकर्ता या उसके प्रतिनिधि को साथ लेकर जाँच करवायेंगे? यदि जाँच में किसी प्रकार की आर्थिक अनियमितता पाई जाती है तो विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पदस्थापना की जानकारी उत्तरांश (ख) में उल्लेखित संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जानकारी संधारित एवं संकलित नहीं की जाती है। तकनीकी प्राक्कलन बनाने से लेकर मूल्यांकन करने तक के समस्त तकनीकी कार्य, उत्तरदायित्व में है। (ग) प्रश्नाधीन उत्तर भ्रामक नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
नगरीय क्षेत्र में विभागीय भूमि
[वन]
87. ( क्र. 1323 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत विभाग की नगर पंचायत क्षेत्र बिजावर में कितनी भूमि, भवन अथवा अन्य कितनी सम्पतियाँ कहाँ स्थित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विभाग की नगरीय क्षेत्र में आने वाली भूमि, भवन अथवा अन्य परिसम्पतियाँ का क्षेत्रफल कितना है? (ग) क्या विभाग की बिजावर नगर में राजा तालाब के पास कोई भूमि या भवन है? यदि हाँ, तो उसका रकवा/क्षेत्रफल कितना है, उसमें स्थित भवन की लम्बाई चौड़ाई क्या है? क्या उक्त भवन व भूमि के आसपास बने हुए भवन, दुकान आदि नगर परिषद् में दर्ज रिकार्ड के अनुसार हैं? क्या विभाग ने इस बात की जानकारी लेने का प्रयास किया है? (घ) नगरीय क्षेत्र में विभाग की भूमि पर अनाधिकृत कब्ज़ा हो तो विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विभाग की भूमि, भवन तथा अन्य सम्पत्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में विभाग की नगरीय क्षेत्र में आने वाली भूमि/भवन परिसम्पत्तियों का कुल क्षेत्रफल 2415.286 वर्ग मीटर है, विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। उक्त भूमि का क्षेत्रफल 306 वर्ग मीटर (18 मी.x 17 मी.) है। उक्त भूमि पर पूर्व में स्थित भवन का कुल रकवा 132.10 वर्ग मीटर है, जिसकी लम्बाई 13.210 तथा चौड़ाई 10 मीटर है। उक्त भूमि के आजू-बाजू में दुकान व भवन आदि नगर परिषद् रिकार्ड में दर्ज है। जी हाँ, वन विभाग द्वारा उक्त जानकारी, नगर परिषद् से प्राप्त की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) से संबंधित उक्त भमि/भवन पर कोई अनाधिकृत कब्जा नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध उत्खनन करने वाले आरोपियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण
[खनिज साधन]
88. ( क्र. 1338 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम रामस्थान में श्रवण कुमार पाठक की 80 एकड़ लीज के बाहरी हिस्से में अवैध उत्खनन एवं ओवर लोडिंग तथा अ.जा./अ.ज.जा. की आवंटित जमीन (निष्कान संपत्ति) को क्रय कर उत्खनन किये जाने के संबंध में क्या पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा आठ बिन्दुओं एवं नगर पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा तेरह बिन्दुओं की जाँच थाना प्रभारी कोलगवा एवं बाबूपुर पुलिस चौकी में प्रचलित है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में बाबूपुर चौकी प्रभारी द्वारा खनिज अधिकारी जिला सतना, राजस्व विभाग, परिवहन विभाग, लीजधारक श्रवण कुमार पाठक, ए.आर. ट्रांसपोर्ट के मालिक राममनोहर सिंह डायरेक्टर शैकी कैला माइन्स मैनेजर रामयस पटेल व प्रिज्म सीमेंट को नोटिस जारी कर जवाब माँगा गया है? (ग) क्या दिनांक 10/10/2017 को कलेक्टर सतना एवं जिला खनिज अधिकारी सतना तथा परिवहन अधिकारी को दिनांक 11/10/2017 को छत्रपाल सिंह छत्तू द्वारा 6 बिन्दुओं का आवेदन देकर कलेक्टर/एस.डी.एम./तहसीलदार, पुलिस अधीक्षक/नगर पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र संलग्न कर जाँच की मांग की है? (घ) संपूर्ण बिन्दुओं की बिन्दुवार जाँच कराकर ए.आर. ट्रांसपोर्ट, लीजधारक द्वारा बार-बार शासन के नियमों का उल्लंघन किये जाने के कारण खदान की संक्रियाएं कब तक बंद कर दी जाएँगी? क्या बंद खदान को जाँच में क्लीन चिट मिलने के बाद ही प्रारंभ करने की अनुमति दी जायेगी? जाँच में दोषी पाये जाने वाले आरोपियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण कब तक दर्ज करा दिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) संपूर्ण बिन्दुओं पर कलेक्टर सतना द्वारा आदेश दिनांक 08.11.2017 से जाँच दल का गठन किया गया है। जाँच दल से प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात नियमानुसार कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद् कोटर में व्याप्त भ्रष्टाचार व अनियमितता की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 1339 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना जिले के नगर परिषद् कोटर द्वारा ट्रैक्टर की ट्रॉली खरीदी, 2 नग पानी के टैंकर खरीदी, सीमेंट खरीदी एवं नाला सफाई में लगभग 10 लाख रूपये का फर्जी भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन दोषी है? (ख) क्या स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण ठेके के माध्यम से घटिया कराया जा रहा है, यदि हाँ, तो क्या ठेका निरस्त कर हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि शौचालय निर्माण हेतु जमा कराई जाएगी व मौके से जाँच कराकर दोषी ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित सामग्रियों के क्रय एवं फर्जी भुगतान में दोषी मुख्य नगरपालिका अधिकारी को निलंबित किया जावेगा एवं नगर परिषद् कोटर अध्यक्ष एवं सी.एम.ओ. के विरुद्ध आर्थिक गबन एवं शासकीय धन का दुरूपयोग करने के आरोप में अपराध पंजीबद्ध किया जावेगा? (घ) क्या मुख्य मंत्री अधोसंरचना के तहत डी.पी.आर. बनाने के नाम पर नगर परिषद् से 2.50 लाख का फर्जी भुगतान कर दिया गया जबकि डी.पी.आर. अभी तक संबंधित कार्यालय में जमा नहीं किया गया है? क्या नगर परिषद् कोटर के कृषक/आमजनता द्वारा व्याप्त भ्रष्टाचार व अनियमितता की जाँच को लेकर दिनांक 18/09/2017 से अनिश्चितकालीन धरना सम्बंधित ज्ञापन कलेक्टर सतना को सौंपा गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? विवरण सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं प्रकरण की जाँच कलेक्टर जिला सतना द्वारा कराई गई है। जाँच प्रतिवेदन में फर्जी भुगतान प्रतिवेदित नहीं है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, नगर परिषद् कोटर में कुल 714 नग व्यक्तिगत शौचालय निर्माण कार्य कराया जाना स्वीकृत है जिनके निर्माण के लिये निविदा स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण की जाँच हेतु कलेक्टर जिला सतना द्वारा जाँच समिति गाठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) जी नहीं, मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत डी.पी.आर बनाने हेतु नियमानुसार निविदा आमंत्रित की जाकर कार्य आदेश जारी किया गया। जिसके अनुसार राशि रूपये 3,20,33,000.00 की डी.पी.आर तैयार की गई। कन्सल्टेंट को कुल बिल राशि रूपये 5,41,358.00 में से 2,50,000.00 का भुगतान किया गया है। डी.पी.आर परीक्षण हेतु इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा प्रेषित की गई है। जी हाँ। कलेक्टर जिला सतना द्वारा प्राप्त ज्ञापन पर प्रकरण की जाँच के लिये समिति गठित कर जाँच कराई गई है।
नर्मदा सेवा यात्रा की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
90. ( क्र. 1345 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-2017 में निकाली गई नर्मदा सेवा यात्रा में किस-किस विभागों ने किस-किस काम, आयोजन, कार्यक्रम पर कितनी-कितनी राशि खर्च की। 51 जिलों में जिलावार बतायें। (ख) यात्रा के प्रचार-प्रसार पर शासन द्वारा कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई? माहवार बतायें। (ग) नर्मदा किनारे के जिलों में आरती सहित जन संवाद कार्यक्रमों में कितनी राशि का भुगतान किन संस्थाओं, फर्मों, व्यक्तियों को दिया गया? जिलावार बतायें। (घ) अमरकंटक में 15 मई 2017 को किस-किस विभाग से कौन-कौन से कार्यक्रम प्रशिक्षण, कार्यशालाएं किन विषयों पर रखी उन कार्यक्रमों में कितनी राशि व्यय की गई और कितने लोग शामिल हुए? पृथक-पृथक विभागवार बतायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद् द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा हेतु 16 जिलों को कुल रूपये 669.83 लाख का आवंटन जिला कलेक्टरों को किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
बी.पी.एल. सूची से नाम विलोपित करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 1362 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17 में ग्राम पंचायत बरखेड़ाहाट जनपद पंचायत आरोन जिला गुना से बी.पी.एल. सूची से नाम विलोपित हुए हैं। यदि हाँ, तो हितग्राहियों के नाम, जाति, विलोपित करने का कारण एवं किसी सूचना पर, कौन की रिपोर्ट पर किस अधिकारी के द्वारा विलोपित किये गये हैं, कारण सहित विवरण दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्य के अनुसार बी.पी.एल. (गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों) पात्र हितग्राही जिनके नाम विलोपित किये गये हैं, उनकी अन्य एजेन्सी से क्या विभाग जाँच करायेगा कि वह पात्र थे कि अपात्र? कब तक जाँच एवं सत्यापन होगा? विवरण दें। (ग) क्या सरपंच को अधिकार है कि वह बिना ग्राम सभा के, रजिंशवश बी.पी.एल. सूची से नाम कम या अधिक कर सकेगा? यदि नहीं, तो सरपंच के पत्र पर तहसीलदार आरोन द्वारा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की रिपोर्ट के बिना किस आधार पर पात्र बी.पी.एल. कार्डधारियों के नाम विलोपित किये? कारण सहित रिपोर्ट दें। (घ) क्या विभाग पात्र बी.पी.एल. कार्डधारियों के प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों के संबंध में सत्यापन कराकर जाँच कर एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारियों एवं सरपंच के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पटवारी एवं पंचायत सचिव की पुष्टि उपरांत तहसीलदार आरोन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर बी.पी.एल. सूची से नाम विलोपित किये गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ऐसे परिवार जो नाम कटने के निर्णय से असंतुष्ट हैं, उन्हें अपील करने का विकल्प उपलब्ध है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। अनियमितता की स्थिति नहीं होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
शौचालयों का निर्माण एवं भुगतान की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
92. ( क्र. 1384 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में विगत तीन वर्षों में कितने शौचालयों का निर्माण किया गया? संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) शौचालय निर्माण भुगतान के कितने प्रकरण लंबित हैं एवं भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? कितने निर्माण कार्य अधूरे हैं और कब तक पूर्ण कर दिये जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सीधी एव सिंगरौली जिले में विगत 03 वर्षों में क्रमश: 1,13,218 एवं 33,192 शौचालयों का निर्माण किया गया है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में किये गये शौचालय निर्माण के प्रोत्साहन राशि भुगतान हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। शौचालय निर्माण पूर्ण होने की सूचना प्राप्त होने पर सत्यापन पश्चात पात्र हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि का एफ.टी.ओ. करने की व्यवस्था है। शौचालय विहीन घरों के परिवारों को प्रेरित कर उनसे शौचालय निर्माण प्रारंभ एवं पूर्ण कराना एक सतत् प्रक्रिया होने से निर्माण पूरा कराने की समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती है।
पंच परमेश्वर योजनांतर्गत राशि का विवरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 1385 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में विगत तीन वर्षों में पंच परमेश्वर योजना अंतर्गत कितनी राशि जारी की गई? किस मद में कितना खर्च किया गया पंचायतवार विवरण दें? (ख) पंच परमेश्वर योजना की गाईड-लाईन एवं खर्च का प्रावधान क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
कन्या छात्रावास की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
94. ( क्र. 1392 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1572 दिनांक 20 जुलाई 2017 के उत्तर में बताया गया था कि प्राचार्य, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ब्यावरा, जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 187/17, दिनांक 17.02.2017 द्वारा प्रस्ताव यू.जी.सी., नई दिल्ली को भेजा गया है एवं महाविद्यालय के पत्र क्रमांक 262, दिनांक 03.03.2017 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 583, दिनांक 15.05.2017 द्वारा स्वीकृति हेतु अनुरोध किया गया है? यू.जी.सी. से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है? तो क्या प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं, तो यू.जी.सी. से स्वीकृति प्राप्त करने हेतु शासन स्तर से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन निर्धन एवं मध्यम वर्ग की छात्राओं को आवासीय सुविधा देने हेतु 100 सीटर कन्या छात्रावास की स्वीकृति यू.जी.सी. अथवा राज्य मद से प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। यू.जी.सी. से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। आयुक्त, उच्च शिक्षा के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 1030, दिनांक 27.07.2017 द्वारा सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली एवं कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1275, दिनांक 11.09.2017 द्वारा अतिरिक्त सचिव, क्षेत्रीय कार्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भोपाल को 100 सीटर कन्या छात्रावास निर्माण की स्वीकृति हेतु लिखा गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। वर्तमान में महाविद्यालय की 13 छात्रायें राज्य शासन के पोस्ट मैट्रिक पिछड़ा वर्ग कन्या छात्रावास में छात्रावास की सुविधा प्राप्त कर रही हैं।
सांवेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शा. मंदिरों एवं घाट के जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
95. ( क्र. 1418 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा इन्दौर जिला अंतर्गत शासकीय मंदिरों की सूची विधानसभा क्षेत्रवार/तहसीलवार उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदया को विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव प्रेषित किये गये थे? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत क्षिप्रा नदी के तट पर घाट निर्माण हेतु भी अनुरोध किया गया था? क्या उक्त घाट निर्माण की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त घाट का निर्माण कब तक प्रारंभ कराया जायेगा? यदि स्वीकृति नहीं दी जा रही है तो क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रेषित पत्र किस दिनांक को भेजे गये थे, प्रस्तावों पर धार्मिक न्यास विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने मंदिरों के जीर्णोद्धार की स्वीकृति प्रदाय की जा चुकी है? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में धार्मिक न्यास विभाग द्वारा क्या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले अति प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार की स्वीकृति दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वर्षों से एक ही कॉलेज में जमे प्राचार्य, सहा. प्राध्यापक, लेक्चरर के स्थानांतरण
[उच्च शिक्षा]
96. ( क्र. 1420 ) श्री राजेश सोनकर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन कॉलेजों में प्राचार्य, सहा. प्राध्यापक, लेक्चरर एवं अन्य 03 वर्षों से अधिक समय से एक ही कॉलेज में पदस्थ हैं? उनकी सूची उपलब्ध करायें? इनकी स्थानांतरण नीति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन सहायक प्राध्यापकों, प्राचार्य, लेक्चरर एवं अन्य ने स्थानांतरण चाहा गया है? प्राप्त आवेदनों में से कितनों का स्थानांतरण कर दिया गया है? शेष रहे आवेदनों पर स्थानांतरण कब तक किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या स्थानांतरण हेतु प्राप्त आवेदन निरस्त गये हैं? तो कारण स्पष्ट करें? इन्दौर जिला अन्तर्गत कुछ प्राचार्यों का स्थानांतरण पुन: उसी कॉलेज में कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण हैं? क्या उनका स्थानांतरण अन्यत्र किया जायेगा? समय-सीमा बतायें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में 03 वर्षों से अधिक पदस्थ शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत संभागवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं स्थानांतरण नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत चाही गई स्थानांतरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्राप्त आवेदनों में से नीतिगत 10 प्रतिशत ही स्थानांतरण किए गए हैं। शासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक व्यवस्था एवं छात्रहित को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासकीय स्तर पर स्थानांतरण किये गये हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
शौचालय की राशि प्राप्त न होना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
97. ( क्र. 1432 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 2353/2/2017-18, दिनांक 07/09/2017 के द्वारा शौचालय की राशि प्रदान न किये जाने संबंधी शिकायती पत्र का यथोचित निराकरण कर अवगत कराये जाने हेतु पत्र दिया गया था? यदि हाँ, तो पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ख) विगत दो वर्षों में मुड़वारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शौचालय की राशि प्राप्त न होने संबंधी किस-किस ग्राम से कितनी-कितनी शिकायतें, किस-किस व्यक्ति की विभाग को प्राप्त हुई हैं? इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गयी? कितनी शिकायतों का निराकरण कर शौचालय की राशि प्रदान की गयी है? (ग) शौचालय की राशि प्रदान किये जाने संबंधी नियम क्या है एवं मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालय स्वीकृत किये गये? इनमें से कितने शौचालय पूर्ण हुए, कितने शौचालय अपूर्ण है एवं कितने शौचालयों का कार्य किन कारणों से अप्रारंभ है, मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत किन ग्रामों के कितने हितग्राहियों को किस माध्यम से राशि प्रदान की गई एवं पूर्ण हो चुके शौचालयों की राशि किन कारणों से कितने हितग्राहियों को प्रदान नहीं की जा सकी? (ङ) क्या प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में शासनादेशों का पालन न करने के जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्यों एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) शौचालय की राशि प्रदान किये जाने संबंधी नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। मुड़वारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड कटनी में 8275 शौचालय पूर्ण है। वर्तमान में 1447 आवास गृह शौचालयविहीन हैं, जिनमें से 139 में निर्माण प्रारंभ है और शेष में अप्रारंभ। हितग्राहियों द्वारा शौचालय निर्माण स्वयं किया जाना है, जिसके लिये उन्हें प्रेरित किया जाता है। (घ) 77 ग्रामों में आर.टी.जी.एस. के माध्यम से 3446 शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान संबंधित वेण्डरों एवं मजदूरों के खाते में एवं 4968 शौचालयों का भुगतान एफ.टी.ओ. के माध्यम से संबंधित हितग्राही के खाते में किया गया है। शौचालय निर्माण उपरांत कोई भी पात्र हितग्राही प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने हेतु शेष नहीं है। (ड.) उत्तरांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रयोगशाला तकनीशियनों की विषय विशेष की प्रयोगशाला में पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
98. ( क्र. 1433 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाविद्यालय में प्रयोगशाला तकनीशियनों (शिक्षक संवर्ग) की नियमित नियुक्ति के लिये क्या मापदंड निर्धारित किए गए हैं? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ख) क्या प्रयोगशाला तकनीशियनों की नियुक्ति हेतु अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता संबंधित विषय विशेष की प्रयोगशाला में स्नातक की उपाधि निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो प्रयोगशाला के विषय के अनुरूप प्रयोगशाला तकनीशियनों की पदस्थापना महाविद्यालयों में की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या वर्ष 2016 में व्यापम द्वारा की गई प्रयोगशाला तकनीशियनों की भर्ती में नियुक्ति आदेश में स्पष्ट रूप से प्रयोगशाला के विषय का उल्लेख किया गया है, यदि हाँ, तो किस नियम के तहत उल्लेख किया गया है? (घ) क्या मध्यप्रदेश शासन के कई महाविद्यालयों में प्रयोगशाला तकनीशियनों की पदस्थापना उनके स्नातक स्तर के विषय से विपरीत अन्य विषय की प्रयोगशाला में की गई है क्या उक्त पदस्थापना शैक्षणिक/प्रयोगिक कार्य सम्पन्न कराने हेतु छात्रों के हित में है, यदि हाँ, तो क्यों और यदि नहीं, तो उक्त विसंगति को कब तक दूर किया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) महाविद्यालय में प्रयोगशाला तकनीशियनों (शिक्षक संवर्ग) की नियमित नियुक्ति के लिये संबंधित प्रयोगशाला विषय के साथ स्नातक उपाधि एवं हिन्दी मुद्रलेखन का व्यावहारिक ज्ञान होना चाहिए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) शासकीय महाविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रयोगशाला तकनीशियनों का स्थानांतरण उनके स्नातक स्तर के विषय से विपरीत अन्य विषय की प्रयोगशाला में किया गया है। उक्त स्थानांतरण से प्रायोगिक कार्य संपन्न कराने हेतु छात्रों के हित पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायत देवरा जनपद पंचायत मझगवां जिला सतना के निर्माण कार्य विषयक
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 1441 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित ग्राम पंचायत के तहत ग्राम सोनवर्षा में 1 जनवरी, 2012 से 1 जनवरी, 2015 के बीच सी.सी.रोड, माध्यमिक शाला भवन, इंदिरा आवास तथा सोनवर्षा से बसुतिहा पहुंच मार्ग में कार्यों की लागत, वर्तमान स्थित की सम्पूर्ण जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य यदि पूर्ण हो चुके हों तो पूर्णता प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि तथा पूर्णता की स्थिति में वर्तमान सरपंच के साथ फोटोग्राफ उपलब्ध करायें? (ग) यदि उक्त कार्यों को पूर्ण बताकर राशि आहरित कर ली गयी हो तो क्या शासन स्तर से इसकी जाँच करवाकर राशि वसूल की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सोनवर्षा से बसुतिहा पहुँच मार्ग नाम से कोई स्थान/मार्ग चिन्हित नहीं होने से कार्य स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य पूर्ण न होकर अप्रारंभ एवं प्रगतिरत है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नक्सल प्रभावित जिलों में वनभूमि पर निर्माण की अनुमति
[वन]
100. ( क्र. 1445 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार ने नक्सल प्रभावित जिलों में वनभूमि अथवा ऐसी राजस्व भूमि जिनमें राजस्व रिकार्ड में छोटे झाड़ अथवा बड़े झाड़ का जंगल दर्शाया गया हैं पर शासकीय निर्माण कार्यों की अनुमति देने के अधिकार वन मण्डल अधिकारियों को दिये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) उत्तर तथा दक्षिण वन मण्डल सामान्य में पृथक-पृथक ऐसे कितने प्रकरण लंबित हैं? प्रकरण सहित जानकारी दें? इनमें से ऐसे कितने प्रकरण हैं जिन पर वन मण्डल अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्य को अनुमति दी गयी है? (ग) क्या शासन बालाघाट जिले में भारत शासन कि मंशानुसार विषयांकित भूमियों पर निर्माण कार्य की अनुमति देने में वन मण्डल अधिकारियों द्वारा की जा रही देरी तथा नक्सल जिले के विकास में भारत शासन की मंशानुसार अनुमति न देने की समीक्षा कर इस हेतु वन मण्डल अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भारत सरकार के पत्र दिनांक 25.02.2016 से left wing extremism प्रभावित जिलों में शासकीय विभागों द्वारा किये जाने वाले विभिन्न 13 कार्यों में 05 हेक्टेयर वनभूमि के प्रत्यावर्तन के अधिकार राज्य शासन को प्रदत्त किये गए हैं। राज्य शासन द्वारा पत्र दिनांक 02.06.2016 से यह अधिकार सभी क्षेत्रीय वन मण्डला अधिकारियों को प्रदत्त किये गए हैं। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वन मण्डला अधिकारियों द्वारा दी गई स्वीकृतियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले में वन मण्डला अधिकारियों द्वारा स्वीकृतियां जारी करने में विलम्ब नहीं किया जा रहा है। जिले में लंबित प्रकरण आवेदक संस्था स्तर से शर्तों की पूर्ति न होने के कारण लंबित है।
नौरादेही अभ्यारण्य वन की जानकारी
[वन]
101. ( क्र. 1454 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नौरादेही अभ्यारण्य का नोटीफिकेशन किस सन् में किया गया था? (ख) नौरादेही अभ्यारण्य कितने हजार हेक्टेयर में बनाया गया है? (ग) नौरादेही अभ्यारण्य में किन-किन जिले के ग्राम सम्मिलित किये गये हैं एवं कितने ग्राम अभ्यारण्य से प्रभावित हो रहे हैं? (घ) नौरादेही अभ्यारण्य के कर्मचारियों द्वारा किस-किस जिले में किन-किन धाराओं में आपराधिक प्रकरण बनाये गये हैं? (ङ) नौरादेही अभ्यारण्य में वर्तमान में कितने प्रकार के कितने जानवरों की गणना की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नौरादेही अभ्यारण्य का गठन मध्यप्रदेश शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक-700-624-दस-2-75, दिनांक 17 फरवरी, 1975 एवं पुनरीक्षित अधिसूचना क्रमांक-15-1-84-दस-2, दिनांक 01.02.1984 से किया गया है। (ख) 118696.10 हेक्टेयर में। (ग) सागर जिले के 37, दमोह जिले के 24 एवं नरसिंहपुर जिले के 8 इस प्रकार कुल 69 ग्राम अभ्यारण्य की सीमा में स्थित हैं। (घ) नौरादेही अभ्यारण्य के कर्मचारियों द्वारा जिला सागर, दमोह एवं नरसिंहपुर में वन एवं वन्यप्राणी अपराध में लिप्त पाये गये व्यक्तियों के विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 2, 26, 30, 41 एवं 52, वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 9, 27, 29, 31, 50 एवं 51, वन संरक्षण अधिनियम, 1980 की धारा 2, मध्यप्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम 1961 की धारा 5 व 15 मध्यप्रदेश तेंदुपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1964 की धारा 5, मध्यप्रदेश वनोपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1969 की धारा 5, 15 एवं 16 तथा मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम, 1984 की धारा 5, 7 (क), 12-1 (क) व 13 में आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ङ) वर्ष 2014 में अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों की गणना की गई है। अभ्यारण्य में पाये जाने वाले प्रमुख वन्य प्राणियों का प्रकार एवं उनकी संख्या के आंकलन की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना स्वीकृत किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 1455 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कितने प्रधानमंत्री आवास योजना से स्वीकृत किए जाने है? ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) जनपद पंचायत नरसिंहपुर एवं जनपद पंचायत करेली में कितने प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण किया जा रहा है एवं कितने आवासों का निर्माण किया जाना शेष है? (ग) हितग्राहियों को किस नियम से वितरण किए जाने है एवं हितग्राही का चयन कौन-कौन तय करेंगे? (घ) आवास वितरण में भूमिहीनों एवं किरायेदारों के लिए क्या नीति होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) एवं (घ) भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार हितग्राहियों का चयन किया गया है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 1472 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र शुजालपुर अंतर्गत ग्राम फूलेन जोड़ से ग्राम चापड़िया तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़क निर्माण हेतु कोई घोषणा की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत उक्त घोषणा के क्रियान्वयन हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है तथा माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा को कब तक पूरा कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत उक्त घोषणा के अंतर्गत घोषित मार्ग का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत माह अक्टूबर 2016 में पूर्ण किया जा चुका है। माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पूर्ण हो चुकी है।
लोक सेवा केन्द्रों पर कार्यरत कर्मचारियों के वेतन की जानकारी
[लोक सेवा प्रबन्धन]
104. ( क्र. 1475 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में लोक सेवा ग्यारंटी अधिनियम के तहत संचालित लोक सेवा केन्द्रों का संचालन का कार्य किस-किस एजेन्सी को दिया गया है? जानकारी लोक सेवा केन्द्रवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सेवा केन्द्रों पर कितने कर्मचारी किस-किस श्रेणी के कार्यरत हैं? श्रेणीवार संख्या बतावें? क्या केन्द्रों पर कार्यरत उच्च कुशल, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल कर्मचारियों को एजेन्सी द्वारा शासन के नियमानुसार निर्धारित कलेक्टर दर पर प्रतिमाह वेतन का भुगतान किया जाता है? जानकारी श्रेणीवार एवं केन्द्रवार देवें? क्या तैनात कर्मचारियों को वेतन का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से या नगद भुगतान किया जाता है? यदि नगद भुगतान किया जाता है तो किस नियम के अनुसार प्रति देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित केन्द्रों पर तैनात कर्मचारियों का शासन के नियमानुसार वेतन से अशंदान भविष्य निधि (एन.पी.एफ) राशि एजेन्सी द्वारा काटकर उनके भविष्य निधि खाते में जमा की जा रही है? यदि हाँ, तो कार्यरत कर्मचारियों के अशंदान भविष्य निधि खातों की संख्या देवें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शाजापुर जिले में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत संचालित लोक सेवा केन्द्रों का संचालन निम्नलिखित एजेंसियों को दिया गया है। लोकसेवा केन्द्रवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
लोक सेवा केन्द्र का नाम |
एजेंसी का नाम |
1 |
शाजापुर |
आरो टेक्नोलॉजी |
2 |
शुजालपुर |
नागर टाईपिंग एवं फोटोकापी सेन्टर शाजापुर |
3 |
कालापीपल |
श्री कुमेरसिह पठारिया, कालापीपल |
4 |
मोमन बड़ोदिया |
श्री रविन्द्र सोनी, दुपाडा |
5 |
गुलाना |
श्री सेल्स कार्पोरेशन, शाजापुर |
6 |
पोलायकलां |
श्री पुष्पेन्द्र स्वर्णकार, कानड |
7 |
अवंतिपुर बड़ोदिया |
श्री धनसिंह सिकरवार, अवंतिपुर बड़ोदिया |
(ख) उक्त कर्मचारियों को लोकसेवा केन्द्र संचालकों द्वारा कर्मचारी के द्वारा किये जाने वाले कार्य की अवधि/स्कील/कार्य के घंटे अनुसार दैनिक पारिश्रमिक का भुगतान कलेक्टर दर पर नगद किया जाता है। नगद भुगतान नहीं करने संबंधी कोई नियम नहीं है। जानकारी निम्नानुसार है :-
लोक सेवा केन्द्र |
श्रेणी |
संख्या |
|
अर्द्धुकुशल |
अकुशल |
||
शाजापुर |
03 |
04 |
07 |
कालापीपल |
04 |
01 |
05 |
शुजालपुर |
03 |
02 |
05 |
मोमन बड़ोदिया |
03 |
02 |
05 |
गुलाना |
02 |
01 |
03 |
पोलायकलां |
02 |
01 |
03 |
अवंतिपुर बड़ोदिया |
02 |
01 |
03 |
(ग) जी नहीं। ई.पी.एफ.एक्ट के प्रावधान के अनुसार ऐसे संस्थान जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत है, को अपने कर्मचारियों को ई.पी.एफ. का लाभ दिया जाना अनिवार्य है। लोक सेवा केन्द्रों में कर्मचारियों की संख्या कम है अतः अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होने से भविष्य निधि हेतु उनका अंशदान नहीं काटा जा रहा है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य हेतु राशि का आंवटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
105. ( क्र. 1476 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में खुले में शौच मुक्त होने वाली ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य हेतु स्वीकृति आदेश जिला पंचायतों के माध्यम से दिए गये थे? यदि हाँ, तो ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु जारी मार्गदर्शिका अनुसार डी.पी.आर. तैयार की गई है? यदि हाँ, तो शाजापुर जिले में किन-किन पंचायतों को डी.पी.आर. के अनुसार राशि आवंटित कि गई है? सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों के लिए यदि ग्राम पंचायतों को डी.पी.आर. के अनुसार राशि का आवंटन नहीं किया गया है, तो क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शाजापुर द्वारा दिया गया स्वीकृति आदेश केवल भ्रम फैलाने के लिए था? अथवा क्या ग्राम पंचायतों को डी.पी.आर. अनुसार राशि प्रदान की जावेगी? यदि की जावेगी तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जिले द्वारा किसी भी पंचायत को राशि आवंटित नहीं की गई है। (ख) जी नहीं। स्वीकृत डी.पी.आर. अनुसार ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों के मूल्यांकन उपरांत राशि जिला पंचायत स्तर से आर.टी.जी.एस. के माध्यम से संबंधित वेण्डर एवं मजदूरों के खातों में प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। जिले की 9 ग्राम पंचायतों में कार्य मूल्यांकन उपरांत राशि प्रदाय की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन को धार्मिक नगरी घोषित करना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
106. ( क्र. 1480 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भारतवर्ष में उज्जैन एक महत्वपूर्ण धार्मिक नगरी है? क्या शासन की जनभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन के धार्मिक एवं पवित्र स्वरूप को अक्षुण बनाये रखने के लिये उज्जैन को धार्मिक नगरी घोषित करने की क्या योजना है? क्या उज्जैन को धार्मिक नगरी कब तक घोषित किया जावेगा? (ख) उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर के सौन्दर्यीकरण एवं विस्तार के संबंध में शासन की क्या योजना है? सविस्तार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति में विगत कितने वर्ष से पूर्णकालिक प्रशासक का पद रिक्त है? क्या पूर्णकालिक प्रशासक न होने के कारण मंदिर के कार्यों पर विपरित प्रभाव नहीं पड़ता है? क्या एक राजस्व अधिकारी को प्रशासक का दायित्व देने से मंदिर एवं राजस्व विभाग दोनों का ही कार्य प्रभावित नहीं होता है? यदि हाँ, तो मंदिर में स्थाई प्रशासक की नियुक्ति नहीं होने का क्या कारण है एवं स्थाई प्रशासक की नियुक्ति कब तक की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्टोन क्रेशर की स्वीकृति
[खनिज साधन]
107. ( क्र. 1485 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिकनगांव विधानसभा क्षेत्र की तहसील झिरन्या के ग्राम गवला में स्टोन क्रेशर के संचालक द्वारा आबादी से मात्र 50 मीटर की दूरी पर ब्लास्टिंग द्वारा उत्खनन किया जा रहा है जिससे जान-माल एवं पशु जानवर की मृत्यु की संभावना बनी हुई है एवं पर्यावरण प्रदूषण की स्वीकृति से कई गुना ज्यादा उत्खनन हो चुका है जो कि नियमों के विरूद्ध है? (ख) क्या स्टोन क्रेशर पर ब्लास्टिंग की अनुमति नियमानुसार ली गई है या नहीं अगर ली भी गई है तो उसकी स्वीकृति के दस्तावेज प्रस्तुत करें एवं उसकी ब्लास्टिंग से मकानों को क्षति एवं डस्ट प्रदूषण से स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियों से ग्रामों के लोग पीड़ित हो रहे हैं, जिसका जवाबदार कौन है? (ग) ऐसे में क्या स्टोन क्रेशर को प्रतिबंधित करना अनिवार्य नहीं है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) संबंधित पट्टेधारी द्वारा ब्लास्टिंग की अनुमति संबंधी कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये हैं। पट्टाधारी को ब्लास्टिंग की अनुमति संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु कलेक्टर कार्यालय, खरगोन द्वारा लेख किया गया है। प्रश्नानुसार मामला प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 (24) के अनुसार ब्लास्टिंग के संबंध में निर्धारित प्ररूप 13 में जानकारी न देने पर कलेक्टर कार्यालय, खरगोन द्वारा पट्टाधारी को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 03.11.2017 को जारी किया गया है। पट्टेधारी द्वारा अनुमति प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 13.11.2017 से खनन संक्रियाएं बंद करने हेतु पट्टेधारी को लेख किया गया है। पट्टेधारी को जारी कारण बताओ सूचना पत्र का जबाव 30 दिवस में दिया जाना है। जबाव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा।
लोकार्पण, भूमिपूजन करवाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 1501 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले की चन्दला विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत जनपद पंचायत गौरिहार, लवकुशनगर में कितने लोकार्पण एवं भूमिपूजन ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से संबंधित कार्यों के करवाये गये? उक्त कार्यक्रमों में कितने भूमिपूजन व लोकार्पण में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया? सूचीवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कई कार्यक्रमों/लोकार्पण/भूमिपूजन स्वयं ही अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कर लिये जाते हैं? उसमें क्षेत्रीय विधायक को सूचना तक नहीं दी जाती? (ग) क्या म.प्र. शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा भी क्षेत्रीय विधायक से भूमिपूजन एवं लोकार्पण करवाने हेतु समस्त विभागों के अधिकारियों को आदेशित किया गया है या नहीं? आदेश की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी, जिनके द्वारा क्षेत्रीय विधायक व जन प्रतिनिधियों को कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाता एवं स्वयं ही लोकार्पण/भूमिपूजन जैसे कार्यक्रम कर लिये जाते है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश के संबंध में जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
खरगापुर में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु
[उच्च शिक्षा]
109. ( क्र. 1519 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के नगर खरगापुर में शासकीय महाविद्यालय नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को जिला मुख्यालय या अन्य स्थानों पर शिक्षा ग्रहण करने हेतु भटकना पड़ता है तथा खरगापुर मुख्यालय के आस-पास का क्षेत्र काफी व्यापक एवं बड़ा है जिसमें 5-6 हा.से.स्कूल भी आते हैं उन स्कूलों से निकलकर छात्र उच्च शिक्षा के ग्रहण करने हेतु इधर उधर भटकते हैं, ऐसी स्थिति तथा छात्रों की समस्या को ध्यान में रखते हुए खरगापुर नगर में शासकीय महाविद्यालय कब तक खोला जावेगा? शासन द्वारा अभी तक खरगापुर में महाविद्यालय खोले जाने की कोई योजना तैयार की गई अथवा नहीं? (ख) विगत दो वर्षों में खरगापुर में छात्र-छात्राओं द्वारा तथा आम नागरिकों द्वारा तहसीलदार खरगापुर एवं बल्देवगढ़ के द्वारा ज्ञापन पत्र देकर मांग कब-कब की गई? उक्त ज्ञापन पत्रों की मांग पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा शिक्षा को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु खरगापुर में शासकीय महाविद्यालय खोला जाना संभव है अथवा नहीं? स्पष्ट करें कि खरगापुर में शा.महा. विद्यालय कब तक खोल दिया जावेगा जिससे छात्र-छात्रायें लाभांवित हो सकें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) खरगापुर से शासकीय महाविद्यालय पलेरा 27 कि.मी., शासकीय महाविद्यालय, जतारा 25 कि.मी. एवं अशासकीय द्वारका प्रसाद महाविद्यालय, खरगापुर में संचालित हैं। उक्त महाविद्यालयों में छात्र-छात्रायें अध्ययन कर सकते हैं। अत: वर्तमान में निर्धारित मापदण्डों एवं वित्तीय संसाधनों के परिप्रेक्ष्य में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्वालियर जिले के राजस्व ग्रामों में रोड निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
110. ( क्र. 1526 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विकासखण्ड के नवीन घोषित राजस्व ग्राम चक कछौआ (325) एवं ग्वालियर जिले के ही विकासखण्ड घाटीगांव के नवीन घोषित ग्राम गुनाहा (860) किस दिनांक को राजस्व ग्राम घोषित हुये हैं? उक्त दिनांक से प्रश्न दिनांक तक रोड निर्माण की क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कब तक रोड का निर्माण करा लिया जावेगा? (ख) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत परफार्मेन्स/गारंटी पीरियड के दौरान किन-किन सड़कों में कितनी राशि का किस-किस यंत्री के सुपरवीजन में किस-किस ठेकेदार द्वारा क्या-क्या निर्माण कार्य कराया गया है तथा कराया जा रहा है वर्तमान में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ग) वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ग्वालियर जिले में कौन-कौन सी नवीन रोडों का निर्माण स्वीकृत हुआ है? क्या इन रोडों के टेण्डर हो गये हैं कि होना शेष हैं? इन रोडों का निर्माण कितनी-कितनी लागत से किस अवधि तक करा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम चक कछौआ दिनांक 26.06.2013 को एवं ग्राम गुनाहा दिनांक 20.10.2015 को राजस्व ग्राम घोषित हुए हैं। सड़क निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार की गई हैं। वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत सड़कों के लिए आबद्ध होने से वित्तीय संसाधनों की सुनिश्चितता होने तक निर्माण कराने की समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
ग्राम गुनगा में खेल मैदान निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
111. ( क्र. 1535 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बैरसिया में माननीय पंचायत मंत्री जी के दौरे के दौरान ग्राम गुनगा में स्वर्गीय पं. लक्ष्मी नारायण शर्मा जी की स्मृति में खेल मैदान की घोषणा की गयी थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो विभाग द्वारा माननीय मंत्री जी की घोषणा पर क्या कार्यवाही की गयी है? ग्राम गुनगा में खेल मैदान कब तक तैयार हो जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत गुनगा में खेल मैदान निर्मित है। (ख) उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
दैनिक वेतन भोगी/स्थायीकर्मियों के प्रकरणों का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 1542 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजधानी परियोजना प्रशासन मंडल में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी एवं स्थायीकर्मी कर्मचारियों के आज दिनांक तक मान. उच्च न्यायालय में कितने प्रकरण लंबित हैं? प्रकरण क्रमांक एवं नामवार सूची प्रस्तुत करें। (ख) क्या विभाग द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में आज दिनांक तक विचाराधीन दैनिक वेतन भोगी एवं स्थायीकर्मी कर्मचारियों के समस्त प्रकरणों में अभिमत प्रस्तुत कर दिया हैं? यदि नहीं, तो ऐसे प्रकरणों में विलंब क्यों किया जा रहा हैं? ऐसे प्रकरणों के नाम एवं प्रकरण क्रमांक सहित सूची प्रदान करें। (ग) राजधानी परियोजना प्रशासन मंडल में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी एवं स्थायी कर्मी कर्मचारियों के कितने प्रकरणों में आज दिनांक तक माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय दिये गये हैं, सूची प्रदान करें एवं विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। (घ) क्या राजधानी परियोजना प्रशासन मण्डल में दैनिक वेतन भोगी एवं स्थायी कर्मी कर्मचारियों के माननीय उच्च न्यायालय में कुल कितने अवमानना के प्रकरण दर्ज हैं? सूची प्रदान करें एवं क्या कारण है कि विभाग इन प्रकरणों में निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मान.उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) समस्त प्रकरणों में जवाबदावा प्रस्तुत कर दिया गया है। (ग) मान.उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय तथा विभाग द्वारा की गई गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) कोई अवमानना प्रकरण दर्ज नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों के निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 1560 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्रमांक 2006 दिनांक 28.02.2017 को सदन में चर्चा के दौरान प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम मगरखेड़ी बामंदी मुख्य मार्ग से नीमबेड़ी लंबाई 1.5 किलोमीटर कसरावद खरगोन मुख्यमार्ग से नवलपुरा लंबाई लगभग 03 किलोमीटर, सिपटान से महेलबेड़ी लंबाई लगभग 03 किलोमीटर, उटावद से कालीकराय लंबाई लगभग 04 कि.मी. एवं बिटनेरा गोगावा से बड़िया सहेजला लंबाई लगभग 03 कि.मी. तक की प्रस्तावित सड़कों के निर्माण कार्यों के प्रस्तावों पर माननीय मंत्री जी, द्वारा उक्त सड़कों के निर्माण कार्यों को शीघ्रातिशीघ्र कराये जाने की सदन में घोषणा करने के उपरांत विभाग द्वारा उक्त सड़कों के प्रस्तावों की स्वीकृति जारी कर दी गई है? हां, तो कब नहीं तो क्यों? विलंब के क्या कारण हैं? तत्संबंध में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उच्च स्तर पर संज्ञान लेते हुए एवं संबंधितों की जवाबदेही सुनिश्चित कर उक्त प्रस्तावों की स्वीकृति आदेश प्रश्न दिनांक तक कर उपरोक्तानुसार सड़कों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्र. 2006 दिनांक 28.02.2017 से उद्भुत आश्वासन एवं विधानसभा सचिवालय को भेजे गए पालन प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आश्वासन की पूर्ति की गई होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 1561 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत खुर्द गोपालपुरा से खामखेड़ा व्हाया सरवरदेवला 13 कि.मी. एवं कसरावद से मेनगांव व्हाया टेमरनी 36.66 कि.मी. की सड़कों का चौड़ीकरण तथा 08 टन से अधिक भारित वाहनों के आवागमन हेतु उक्त मार्गों का निर्माण कार्य किये जाने के प्रस्तावों की स्वीकृति जारी कर दी गई है? हां तो कब नहीं तो क्यों? तत्संबंध में जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2016 को विभाग के संबंधित अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ विधान सभा क्षेत्रवार आवागमन की अधिकता के संबंध में बैठक की गई थी? हां तो बैठक के उपरांत जनप्रतिनिधियों द्वारा दिये गये प्रस्तावों पर विभागीय स्तर पर प्रस्ताव तैयार कर की गई कार्यवाही से जनप्रतिनिधियों को अवगत नहीं कराये जाने के क्या कारण है? (ग) उक्त मार्गों के निर्माण कार्य के प्रस्तावों पर कब तक स्वीकृति जारी कर निर्माण कार्य पूर्ण करा लिये जायेंगे? यदि नहीं, तो तत्संबंध में स्पष्ट मत सहित जानकारी दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कसरावद खुर्द (गोपालपुरा) से व्हाया सरवर देवला खामखेड़ा (सेल्दा) तक कुल 25.150 कि.मी. लंबाई के मार्ग के उन्नयन का प्रस्ताव प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना- II के अंतर्गत भारत सरकार को प्रस्तुत किया गया हैं, जिसकी स्वीकृति अपेक्षित हैं। कसरावद से गवल मार्ग लम्बाई 35.350 कि.मी. के अन्तर्गत बामन्दी, बलकवाड़ा, टेमरनी, इदारतपुरा छालपा, नारायणपुरा, मेनगांव के मार्ग के उन्न्यन का प्रस्ताव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-II हेतु भारत शासन द्वारा निर्धारित सीमा एवं क्रम के अंदर न होने के कारण स्वीकृति प्रदान की जाना संभव नहीं है। (ख) निर्धारित प्रक्रिया अनुसार दिनांक 30 जून, 2016 को जिला पंचायत की साधारण सभा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-II के प्रस्तावों का अनुमोदन कराया गया था। (ग) उपरोक्त क अनुसार एक मार्ग भारत सरकार से स्वीकृति उपरांत पूर्ण करा लिया जावेगा, कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौण खनिज प्रतिष्ठान मद अंतर्गत राशि की जानकारी
[खनिज साधन]
115. ( क्र. 1572 ) श्री लखन पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौण खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि किन-किन क्षेत्रों में एवं कौन-कौन से कार्यों हेतु दी जा सकती है? राशि जारी करने के नियम कायदे बतावें? (ख) दमोह जिले में वर्ष 2016-17 से आज दिनांक तक गौण खनिज मद में कितनी राशि आयी एवं किस-किस ग्राम पंचायत को कितनी राशि प्रदान की गई? कार्य विवरण सहित बतायें? (ग) दमोह जिले में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिन्हें एक से अधिक कार्य हेतु राशि जारी की गई? ऐसी ग्राम पंचायतों के नाम, स्वीकृत कार्य विवरण व स्वीकृत की गई राशि सहित बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) गौण खनिज प्रतिष्ठान मद के नाम से कोई मद नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) गौण खनिज मद के अंतर्गत वित्त विभाग के माध्यम से पंचायत विभाग को बजटीय व्यवस्था के अंतर्गत आवंटन प्राप्त होता है। जिसे पंचायत विभाग द्वारा जनपद पंचायतों को ग्राम पंचायत सचिवों तथा पंचायत पदाधिकारियों के वेतन भत्तों तथा मानदेय की प्रतिपूर्ति हेतु जारी किया जाता है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर अनुसार ग्राम पंचायतों को किसी भी कार्य हेतु राशि स्वीकृत नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मीट मार्केट को शहर के बाहर शिफ्ट करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 1573 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना नगर पालिक निगम सीमा में किन-किन स्थानों पर खुले में मीट का विक्रय किया जा रहा है? क्या घनी आबादी में खुलेआम मीट बेचने से शाकाहारी जनता को परेशानी नहीं हो रही है? (ख) सतना शहर के बाहर मीट मार्केट का निर्माण होने के बाद भी शहर के भीतर जगह-जगह पर मीट बेचे जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? (ग) शहर में खुले में मीट विक्रय को रोकते हुए कब तक इसे नवनिर्मित मीट मार्केट में शिफ्ट कर दिया जायेगा? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सतना शहर में भिन्न-भिन्न स्थानों पर जिनके द्वारा मीट बेचने का कार्य किया जा रहा है उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परेशानी नहीं हो रही है। (ख) नगर निगम सतना द्वारा शहर के बाहर मीट मार्केट का निर्माण नहीं किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर निगम सतना द्वारा शहर के मध्य भैंसाखाना में स्लाटर हाउस स्थित है, वहीं पर मीट विक्रय का अनुमति बाजार है, शहर के बाहर मीट मार्केट निर्माण की योजना तैयार की जा रही है, योजना की स्वीकृति पश्चात् निर्माण कार्य कराया जायेगा, तदोपरांत मीट व्यवसायियों को मीट मार्केट में विस्थापित कर दिया जायेगा।
बिना डी.पी.आर. के सी.सी. सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
117. ( क्र. 1579 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा डी.पी.आर. में रेट फिक्स करने के बाद जनपद पंचायत उचेहरा जिला सतना की ग्राम पंचायत बिहटा, बीरपुर, महराजपुर, बांधी मौहार, परसमनिया, ईटहा खोखर्रा, धनेह, पतौरा, पिपरिया, गुढा, पहाड़ी एवं लगरगवां में बिना डी.पी.आर. के 25 सड़कें तत्कालीन प्रभारी सी.ई.ओ. एम.आर. पटेल द्वारा बनवा दी गई हैं? (ख) क्या विकास आयुक्त कार्यालय म.प्र. के पत्र क्रमांक 7416/22बी-10/ग्रा.या.से./2016, भोपाल दिनांक 24.12.2016 द्वारा सी.सी. सड़क की मानक लागत 800/- रूपये एवं नाली की मानक लागत 550 प्रतिवर्ग मीटर निर्धारित है? क्या विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 76/22/डी-10/ग्रा.यां.से./2017, दिनांक 03.10.2017 द्वारा सी.सी. सड़क की मानक लागत 850/- रूपये प्रतिवर्ग मीटर निर्धारित की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायतों में बनाई गई सी.सी. सड़क की जाँच प्रश्नांश (ख) में वर्णित लागत से कराते हुए बतायें कि शासन को इन सी.सी. सड़क निर्माण में कितनी क्षति पहुँची है? इसकी क्षतिपूर्ति शासन किससे करायेगा? (घ) यदि प्रश्नांश (क) व (ख) सही है तो बतायें कि इस प्रभारी सी.ई.ओ. जो कि तिलहन संघ का अराजपत्रित कर्मचारी है, जिले में उप आयुक्त स्तर का अधिकारी जिला पंचायत में पदस्थ था। किस नियम के तहत इसे प्रभारी सी.ई.ओ. मझगवां/उचेहरा/ नागौद बनाया गया जबकि इस कर्मचारी की सेवाएं मूल विभाग को लौटाई जा चुकी थी? इस कर्मचारी को कब तक मूल विभाग को वापस लौटा दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) अनियमितता की शिकायत शासन के संज्ञान में नहीं होने से प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना में अपेक्षित प्रगति नहीं होने के कारण विकास आयुक्त ने तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत श्री एम.आर.पटेल की सेवाएं लौटाने के निर्देश दिये थे। जिला कलेक्टर द्वारा सुधार का अवसर दिए जाने के अनुरोध पर श्री पटेल को जिला पंचायत में प्रतिनियुक्ति बने रहने की अनुमति दी गई। सतना जिले में जनपद पंचायतों में समय-समय पर मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के पद रिक्त होने से कार्य संचालन के लिये श्री पटेल को प्रभार दिया गया। जी नहीं, प्रतिनियुक्ति से सेवाएं लौटाई जाना विचाराधीन नहीं है।
वन वृत्त सागर में वन रक्षकों को ग्रेड पे रू. 1900/- का भुगतान
[वन]
118. ( क्र. 1584 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधरण) वन विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल दिनांक 08 सितम्बर, 2014 द्वारा तृतीय श्रेणी (अलिपिक वर्गीय) वन सेवा भर्ती नियम 2000 में वन रक्षक को 5200-20200+1900 ग्रेड वेतन स्वीकृत किया गया है? (ख) क्या प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कक्ष विकास) सतपुड़ा भवन मध्यप्रदेश भोपाल के आदेश क्र. 56, दिनांक 08.02.2017 मुख्य वन संरक्षक कार्य आयोजना भोपाल के आदेश क्र. 82, दिनांक 21.12.2016 वन मंडल अधिकारी पूर्व सामान्य वन मंडल मण्डला के आदेश क्र. 735, दिनांक 16.12.2016 वन मंडलाधिकारी वन मंडल धार (क्षे.) के आदेश क्र. 114, दिनांक 06.04.2016 वन मंडलाधिकारी सामान्य वन मंडल जबलपुर के आदेश क्र. 316, दिनांक 17.02.2017, वन मंडलाधिकारी सामान्य वन मंडल दक्षिण बालाघाट के आदेश क्र. 39, दिनांक 28.01.2017 द्वारा वन रक्षकों को प्रश्नांश (क) में वर्णित राजपत्र के पालन में नियुक्ति दिनांक से ग्रेड पे रू.1900/- (रूपये उन्नीस सौ) स्वीकृत कर भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो बताये कि कहाँ पर उक्त स्वीकृति एवं भुगतान नहीं हुआ है? (ग) क्या वन वृत्त सागर के अधीन कार्यरत वन रक्षकों के लिए प्रश्नांश (क) में वर्णित शासनादेश के पालन में ग्रेड पे रू. 1900/- (रू. उन्नीस सौ) स्वीकृत कर भुगतान नहीं किया गया है? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) सागर वन वृत्त में प्रश्नांश (क) में वर्णित शासनादेश के पालन में कब तक वन रक्षकों को ग्रेड पे रू. 1900/- (रू. उन्नीस सौ) स्वीकृत कर भुगतान कर दिया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जी हाँ। वनरक्षकों को नियुक्ति दिनांक से ग्रेड पे रूपये 1900/- दिये जाने के संबंध में प्रकरण विचाराधीन है। प्रकरण में वित्त विभाग से अभिमत चाहा गया है। वित्त विभाग से अभिमत प्राप्त होने पर नियमानुसार विभाग में पदस्थ वनरक्षकों को वेतनमान रूपये 1900/- दिये जाने के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधान सभा शाजापुर क्षेत्रान्तर्गत शासन संधारित मंदिरों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
119. ( क्र. 1600 ) श्री अरूण भीमावद : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 04 वर्षों में शाजापुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत की है? (ख) विधान सभा क्षेत्र शाजापुर अंतर्गत किन-किन मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु प्रस्ताव तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर शाजापुर में प्रस्ताव लंबित हैं? यदि हाँ, तो क्या कारण हैं? (ग) कलेक्टर जिला शाजापुर को विगत 04 वर्षों में कौन-कौन से प्रस्ताव संभागायुक्त उज्जैन को भेजे गये हैं? पत्रों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रस्तावों पर स्वीकृति कब तक होगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) शासन संधारित मंदिरों के जीर्ण-शीर्ण होने के स्थिति में कलेक्टर/संभागायुक्त के माध्यम से प्राप्त प्रस्ताव पर आवश्यकतानुसार राशि स्वीकृत की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना द्वारा लाभांवित हितग्राही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
120. ( क्र. 1643 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाड़रवारा विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने गांव एवं कितनी पंचायतें हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का एक भी आवास नहीं मिला है? संख्या एवं नाम सहित बतावें। (ख) उक्त योजना से पंयायतें एवं गांव क्यों छूटे हैं तथा कब तक इन छूटे हुये गांव को इस योजना का लाभ दिलाया जायेगा एवं कैसे दिलाया जायेगा? (ग) जिन पंचायतों एवं गांव इस योजना से पिछड़ गये हैं, उनकी भरपाई विभाग कैसे करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाड़रवारा विधानसभा क्षेत्र की 19 ग्राम पंचायतों के 24 ग्रामों में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत एक भी आवास नहीं मिला है। संख्या एवं नाम सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण लक्ष्य आवंटन से वंचित 24 ग्रामों में से 22 ग्राम सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सूची में दर्शित है। इन 22 ग्रामों में आगामी लक्ष्य वितरण में लक्ष्य आवंटित किया जाना लक्षित है। शेष दो ग्रामों को सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सूची में जोड़ने हेतु भारत सरकार को अनुरोध किया गया है।
वित्तीय अनियमितता के दोषी अधिकारियों को सेवा से पृथक किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 1652 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत जमुनिया, विकासखण्ड चौरई जिला छिन्दवाड़ा के संबंध में प्रश्न क्रमांक 4602, दिनांक 07 मार्च, 2017 के उत्तर में दिया गया है कि मोक्षधाम के गुणवत्ताहीन कार्य, पशु शेड़ का बिना पात्रता की पुष्टि के मूल्यांकन के कारण श्रीमती बुशरा खान, श्रीमती मिथलेश बघेल एवं श्री एस.एस. साहू के राशि वसूली एवं सेवा से पृथक किये जाने की कार्यवाही की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो दोषी तकनीकी अधिकारियों से कितनी-कितनी राशि वसूल की गयी और यदि नहीं, की गयी तो क्यों? क्या दोषी तकनीकी अधिकारियों को सेवा से पृथक किया गया? नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त दोषी अधिकारियों से राशि वसूल न करते हुए इन हितग्राहियों से राशि वसूली गयी जबकि उत्तर में बताया गया है कि अधिकारियों से राशि वसूल की जा रही है? ऐसा क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तथा एस.डी.एम. चौरई के द्वारा दोषी तकनीकी अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया गया? उन्हें संरक्षण प्रदान करते हुए उनसे न तो राशि वसूल की गयी और ना ही उन्हें सेवा से पृथक किया गया? क्या शासन दोषियों से राशि वसूलने एवं उन्हें सेवा से पृथक करने का आदेश देगा? नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन उत्तर की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) अधिकारियों से की गई वसूली की जानकारी उत्तरांश (ख) में उल्लेखित संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अपात्र होते भी जिन व्यक्तियों ने लाभ प्राप्त किया है उनसे वसूली नहीं करने का निर्णय अथवा जानकारी विधानसभा प्रश्नांश ‘अ’ के उत्तर में नहीं दी गई है। (घ) जी नहीं। की गई कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश 'ख' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
छिन्दवाड़ा जिले में निर्मित व्यक्तिगत शौचालयों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 1653 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में स्वयं के व्यय पर निर्मित व्यक्तिगत शौचालयों की कितनी-कितनी राशि कितने लोगों को कब से भुगतान होना शेष है? विकासखण्ड बिछुआ और चौरई के मामले में ग्राम ग्राम पंचायतवार, विकासखण्डवार, संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में स्वयं के व्यय पर निर्मित व्यक्तिगत शौचालयों की राशि हितग्राहियों को अविलंब भुगतान किये जाने के संबंध में क्या प्रश्नकर्ता ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा को पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो इस पत्र पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी है? नहीं की गयी तो क्यों? (ग) लंबी अवधि व्यतीत होने के पश्चात् भी हितग्राहियों को उनके द्वारा निर्मित व्यक्तिगत शौचालयों की राशि भुगतान न होने के क्या कारण है? इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार है? (घ) क्या शासन विकासखण्ड बिछुआ में स्वयं के व्यय पर निर्मित निजी शौचालयों की राशि समय पर भुगतान न करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने तथा शौचालयों की लंबित राशि एक तय समय-सीमा में भुगतान कराने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों? हां तो कब तक शत-प्रतिशत राशि भुगतान करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत जिले में पात्र हितग्राहियों की स्वयं के व्यय पर निर्मित व्यक्तिगत शौचालयों की प्रोत्साहन राशि भुगतान होना शेष नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। अक्रियाशील (डिस्फंक्शनल) शौचालयों को मनरेगा योजना के अंतर्गत क्रियाशील किया जाकर भुगतान किया गया है। विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्र में दर्शाये गये 729 हितग्राहियों में से 525 हितग्राहियों के द्वारा शौचालय का सुधार कराया गया। जिसमें से 299 हितग्राहियों को सम्पूर्ण भुगतान कर दिया गया है। 04 हितग्राहियों की भुगतान प्रक्रिया प्रचलन में है एवं 222 हितग्राहियों को सामग्री का भुगतान शेष है। शेष 204 हितग्राहियों के द्वारा शौचालय का सुधार कार्य पूर्ण नहीं किया जाने से उक्त 204 हितग्राहियों को भुगतान नहीं किया गया है। (ग) भारत शासन से मनरेगा अंतर्गत सामग्री मद में राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण सामग्री का भुगतान शेष है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग के निर्माण में शासन की राशि का दुरूपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
123. ( क्र. 1662 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2010 में जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान विदिशा जिले के ग्राम जोहद जनपद नटेरन में आदिवासियों की मांग पर सड़क निर्मित किए जाने संबंधी घोषणा/स्वीकृति के पालन में जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा नियमों को ताक में रखकर मनरेगा के तहत मार्ग निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी जबकि 3 किलोमीटर या उससे कम दूरी के मार्ग का निर्माण मनरेगा के तहत किए जाने का प्रावधान है अधिक का नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग के निर्माण के संबंध में सी.एम. हेल्प लाईन की शिकायत क्रमांक 4027758 पर उक्त मार्ग के निर्माण में 3.16 लाख, 4.15 लाख, 7.53 लाख इस प्रकार कुल राशि 14.84 लाख रूपये व्यय होना बताया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांकित क्षेत्र के आदिवासियों द्वारा जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मिलकर राशि 14.84 लाख रूपये मार्ग के निर्माण में कहाँ व्यय हुई की जाँच कराने का निवेदन किया तो सी.ई.ओ. ने आदिवासियों के साथ दुर्व्यवहार कर भगा दिया? यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर से मार्ग के निर्माण एवं सी.ई.ओ. के दुर्व्यवहार की जाँच कराकर कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत जोहद में ग्रेवल रोड निर्माण कार्य की संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार स्वीकृतियां मनरेगा से जारी की गई, जो मनरेगा के तहत अनुमत्य है। मनरेगा में मार्ग की लंबाई का बंधन नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन सी.एम. हेल्पलाईन शिकायत के संबंध में दी गई व्यय की जानकारी उत्तरांश (क) में संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, आदिवासियों द्वारा कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
रिटेनिंग वाल निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 1663 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2015-16 में बागमुंशी हुसैन खाँ तालाब आर.सी.सी. स्टेनिंग वाल का निर्माण कार्य निगम की झील संरक्षण प्रकोष्ठ के माध्यम से बिना प्राक्कलन के कार्य किया गया, के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगर निगम को पत्र लिखकर अवगत कराया कि उक्त तालाब की रिटेनिंग वाल निर्माण करने की अपेक्षा अलंगों की दीवार पर प्लास्टर कर नई दीवार के निर्माण का भुगतान कराया गया तथा पहली बारिश में ही दीवार पानी में ढ़ह गई जो आज भी यथास्थिति में है? (ख) यदि हाँ, तो कार्य कितनी राशि से किस ठेकेदार द्वारा कराया गया? प्रश्न दिनांक की स्थिति में यह अवगत करावें कि शासन को लाखों रूपये की वित्तीय हानि पहुंचाने वाले ठेकेदार सहित कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी की संलिप्ता है? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर निगम भोपाल के झील संरक्षण प्रकोष्ठ द्वारा वर्ष 2015-16 में बाग मुंशी हुसैन खां तालाब के संरक्षण एवं प्रदूषण से मुक्त रखे जाने के दृष्टिगत क्षतिग्रस्त बाउण्ड्रीवॉल एवं जाली लगाने का कार्य प्राक्कलन राशि रूपये 9,98,568/- के प्राक्कलन तैयार कर सक्षम स्वीकृति उपरांत कराया गया है। आयुक्त, नगर निगम भोपाल को प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र का क्रमांक एवं दिनांक का उल्लेखित नहीं होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। पुरानी अलंगे की दीवार पर प्लास्टर कर नई दीवार का भुगतान नहीं किया गया है। भारी वर्षा व रोड पर पानी भरने के दबाव के कारण पुरानी अलंगे की दीवार आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिकायतों की जाँच/कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
125. ( क्र. 1669 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या (621), उत्तर दिनांक 20 जुलाई, 2017 की कंडिका (क) उत्तर में जो परिशिष्ट संलग्न किया गया था, उसमें दिया गया जाँच प्रतिवेदन प्रश्न की विषयवस्तु से हटकर है? इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं एवं क्या उसके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी एवं प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई प्रश्न की विषयवस्तु अनुसार कार्यवाही कर जानकारी कब तक उपलब्ध करायी जायेगी? (ख) उपरोक्त प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में श्री रामाकांत उपाध्याय पंचायत समन्वय अधिकारी के विरूद्ध जिला पंचायत भिण्ड द्वारा माह मई 2016 में किन-किन बिंदुओं पर आरोप पत्र जारी किये गये थे? उक्त जारी आरोप पत्र का प्रति उत्तर कब प्राप्त हुआ है? प्राप्त उत्तर के आधार पर विभाग द्वारा क्या अंतिम कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन परिशिष्ट जाँच प्रतिवेदन नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) आरोप पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। आरोप पत्र का उत्तर दिनांक 14.06.2016 को प्राप्त हुआ। जी हाँ। विभागीय जाँच संस्थित होकर अंतिम कार्यवाही की स्थिति नहीं आयी है। विभागीय जाँच 3 माह में पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग से प्राप्त राशि का उपयोग
[खेल और युवा कल्याण]
126. ( क्र. 1671 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं आवंटन के विरूद्ध कब-कब, कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड जिले के लहार नगर में इंदिरा गांधी स्टेडियम एवं इण्डोर स्टेडियम लहार में खेल एवं प्रशिक्षण एवं स्टेडियम की देख-रेख/रख-रखाव हेतु किस-किस कार्य हेतु नियिमत/संविदा/दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में कब से कार्यरत हैं? कर्मचारियों के नाम व पते सहित बतायें। (ग) क्या करोडों की लागत से निर्मित इंदिरा गांधी खेल स्टेडियम लहार की व्यवस्था एवं देख-रेख न होने से असामाजिक तत्वों द्वारा स्टेडियम में लगे खिड़की, दरवाजे एवं विद्युत सामग्री क्षतिग्रस्त कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्षतिग्रस्त स्टेडियम की पुन: मरम्मत कराये जाने हेतु विभाग की क्या योजना है और कब तक यह कार्य पूर्ण किया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इंदिरा गांधी स्टेडियम लहार में खेल एवं प्रशिक्षण की देख-रेख हेतु दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पवन कुमार धानुक पुत्र हरचरण धानुक निवासी बरूअनपुरा वार्ड न. 8 हनुमान गली के नीचे लहार को चौकीदार के पद पर मई 2015 से पदस्थ किया गया है। इसके साथ ही संविदा युवा समन्वयक श्री अनिल श्रीवास पुत्र श्री रामलखन श्रीवास निवासी बघेल टेन्ट हाऊस वाली गली रेखा नगर, भिण्ड़ को दिसम्बर 2015 से युवा समन्वयक के पद पर पदस्थ किया गया है। (ग) इंदिरा गांधी स्टेडियम लहार के क्षतिग्रस्त होने का परीक्षण कराया जा रहा है। परीक्षण में क्षतिग्रस्त पाया जाता है तो मरम्मत का कार्य कराया जाता है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
दोषी को दण्डित किया जाना
[वन]
127. ( क्र. 1680 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के आदेश क्रमांक/एफ-25-3/2015/10-3 राज्य शासन, भोपाल दिनांक 08.05.2015 द्वारा मुकुन्दपुर सफेद बाघ सफारी जू रेस्क्यू सेन्टर के प्रभारी अधिकारी सहायक संचालक आहरण एवं संवितरण अधिकारी तथा कार्यालय प्रमुख हैं? आदेश प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्न दिनांक तक जू संचालन दिनांक से कौन-कौन अधिकारी डी.डी.ओ. के अधिकार में रहकर कितनी-कितनी राशि का आहरण किस कार्य हेतु किये हैं वर्षवार, कार्यवार, आहरण एवं व्ययवार बैंक स्टेटमेंट, कैशबुक के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जू के बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण हेतु किसे एजेन्सी बनाकर कार्य कराया गया है और उसके गुणवत्ताविहीन कार्य के कारण किस वर्ष में कितने मीटर बाउण्ड्री गिर गई है और उसे पुन: कितनी राशि लगाकर किसके द्वारा बनाया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में कौन अधिकारी दोषी है तथा (क) के परिपालन न करने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे तथा उक्त डी.डी.ओ.आदेश का पालन कब तक करा देंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। शासन आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) प्रश्नांश (ख) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जू संचालन दिनांक से समस्त विभागीय भुगतान कोषालय के माध्यम से किये जा रहे हैं तथा किसी भी तरह का भुगतान बैंक के माध्यम से नहीं किया जा रहा है। अत: बैंक स्टेटमेंट दिया जाना संभव नहीं है। केशबुक की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जू के बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य वन विभाग द्वारा स्वयं किया है। उक्त कार्य गुणवत्ताविहीन नहीं था। वर्ष 2016 में रीवा एवं सतना जिले में आयी प्राकृतिक आपदा भीषण बाढ़ के काण बाउण्ड्रीवॉल में टूट-फूट हुई है, जिसकी जानकारी निम्नानुसार है :- (क) टाइगर बाड़ा नाइट हाउस के पास 40 मीटर (ख) पेन्थर बाड़ा नाइट हाउस के पास 30 मीटर (ग) भालू बाड़ा नाइट हाउस के पास 40 मीटर (घ) व्हाइट टाइगर सफारी नाइट हाउस के पास 45 मीटर (ड.) बीहर नदी के पास भमरा नदी के मिलान से 30 मीटर (च) मुरजुआ पुल के पास गोविन्दगढ़ रोड में 25 मीटरवर्ष 2017 में बाउण्ड्रीवॉल में हुई आंशिक क्षति (क) अनुसंधान विस्तार केन्द्रीय रोपणी हर्दी के पीछे 25 मीटर कुल टूट-फूट हुई बाउण्ड्रीवॉल 235 मीटर प्रश्न दिनांक तक क्षतिग्रस्त बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण नहीं कराया गया है। अत: राशि व्यय का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में कोई अधिकारी दोषी नहीं है। चिड़ियाघर की बाउण्ड्रीवॉल की आंशिक क्षति प्राकृतिक आपदा बाढ़ के कारण हुई है। प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति के लिए कोई अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: इस विषय में किसी अधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। प्रभारी अधिकारी सहायक संचालक को आहरण एवं संवितरण प्राधिकार पत्र जारी किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दण्डात्मक कार्यवाही किए जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 1681 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रीवा के पदमधर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के विकास हेतु विद्युत ट्रांसफार्मर एवं सीवर लाईन हेतु उपयुक्त हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रीवा के लिये पत्र क्रमांक 2645 दिनांक 26.05.1992 द्वारा 40 वर्गमीटर भूमि भवन क्रमांक एम.आई.जी. 269 तथा भूखण्ड 268 आवंटित की गई थी? आदेश पत्र के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आज दिनांक तक विभाग में किन-किन अधिकारियों द्वारा कौन-कौन से आदेश पत्र जारी किये गये हैं? आदेश पत्रों के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कौन अधिकारी या कौन उपभोक्ता दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गयी तो दोषी के विरूद्ध कब तक कौन-सी कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त भूमि व भवन कब तक रिक्त कराकर दोषी उपभोक्ता व अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला रीवा के पदमधर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में उपायुक्त, म.प्र.गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल, वृत्त रीवा के पत्र क्रमांक 2645, दिनांक 26/05/1992 द्वारा भूखण्ड क्रमांक 268(ए) के बगल में 40 वर्गमीटर भूमि ट्रान्सफार्मर हेतु सुरक्षित रखते हुए शेष खुली भूमि के आवंटन के लिए आदेश जारी किया गया है। उक्त खुली भूमि के नीचे सीवर लाईन विद्यमान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपायुक्त, म.प्र.गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल, वृत्त रीवा के पत्र क्रमांक 6044, दिनांक 22/11/2014 एवं संपत्ति प्रबंधक, म.प्र.गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल, वृत्त रीवा के पत्र दिनांक 2625, दिनांक 10/12/2014 द्वारा आदेश जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार हैं। (ग) भूखण्ड क्रमांक 268 के बगल में विद्यमान खुली भूमि बगीचे हेतु आवंटित की गई थी। श्री देवेन्द्र सिंह परिहार एवं मंडल के बीच दिनांक 06/01/2015 को निष्पादित आदेश में यह स्पष्ट उल्लेख किया है कि, उक्त भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जावें मात्र पेड़-पौधे लगाये जायेंगे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- द अनुसार हैं। भूमि आवंटन में किसी प्रकार की अनियमितता न होने से अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) आवंटी को आवंटित अतिरिक्त भूमि पर आवंटी द्वारा कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय मुलताई की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
129. ( क्र. 1702 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के तहसील मुलताई में संचालित शासकीय महाविद्यालय का नाम परिवर्तन हेतु जनभागीदारी समिति द्वारा पारित प्रस्ताव 05 दिनांक 12.05.2017 के अनुसार '' माँ ताप्ती शासकीय महाविद्यालय'' किया गया किन्तु प्रश्न दिनांक यह विभाग द्वारा नहीं किया गया? इसे कब तक किया जायेगा? निश्चित दिनांक से स्पष्ट करें। (ख) बिन्दु (क) में विभाग द्वारा किये गये समस्त पत्राचार की छायाप्रतियां देवें। (ग) शासकीय महाविद्यालय में विभाग द्वारा किन-किन सुविधाओं का प्रावधान किया जाता है? समस्त सुविधाओं की सूची दें। क्या ये सुविधायें शासकीय महाविद्यालय मुलताई में है या नहीं। यदि नहीं, तो कब तक समस्त सुविधायें उपलब्ध करा दी जायेगी? (घ) बिन्दु (क) के अनुसार इन समस्त सुविधाओं को मुलताई शासकीय महाविद्यालय में भौतिक रूप से सत्यापित करने वाले प्रमाण पत्रों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय का नाम परिवर्तन हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 19-196/2003/1/4, दिनांक 28 जून, 2004 के अनुसार कार्यवाही करने हेतु प्राचार्य को निर्देशित किया गया है। प्राचार्य से विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करते समय महाविद्यालय में प्रारंभ किये जाने वाले संकाय अनुसार पदों के निर्माण की स्वीकृति के साथ महाविद्यालय प्रारंभ किया जाता है। महाविद्यालय प्रारंभ होने के उपरांत आवश्यकतानुसार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। शासकीय महाविद्यालय मुलताई में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
मुलताई विधानसभा क्षेत्र की प्रधानमंत्री सड़कों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
130. ( क्र. 1703 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन प्रधानमंत्री सड़कों का कार्य चालू है? साथ ही यह भी बतायें इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) विधान सभा क्षेत्र मुलताई में प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत किन-किन सड़कों का निर्माण होना प्रस्तावित है? साथ ही दिनांक से बतायें। इन सड़कों का कार्य कब प्रारंभ किया जायेगा। (ग) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी प्रधानमंत्री सड़कों का रिपेयरिंग का कार्य किया जाना प्रस्तावित है? कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 82 मार्गों का संधारण कार्य किया जा रहा है शेष 9 मार्गों में से 4 मार्गों के संधारण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की कार्यवाही की जा रही है तथा 5 मार्गों के संधारण प्राक्कलन तैयार किये जा रहे है (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है)।
सागर जिले में एन.एच.26 फोरलेन पर वृक्षारोपण में भ्रष्टाचार
[वन]
131. ( क्र. 1720 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में एन.एच. 26 फोरलेन सड़क से प्रभावित वृक्षों के स्थान पर वृक्षारोपण कार्य किस एजेंसी द्वारा कराया गया है? (ख) दक्षिण वन मंडल सागर द्वारा फोरलेन मार्ग के दोनों ओर कुल कितने पौधे रोपित कराये गये वर्तमान में उनमें से जीवित पौधों की संख्या कितनी है? अधिकांश पौधे सूख जाने का क्या कारण है? क्या पौधरोपण में कार्य निर्धारित मापदण्डों का पालन कर गुणवत्तापूर्ण कराया गया था? यदि हाँ, तो इसका सत्यापन किस अधिकारी ने किया यदि नहीं, तो क्यों सत्यापन नहीं किया गया? (ग) उक्त कार्य में गुणवत्ताहीन पौधे लगाने फैंसिंग जाली इत्यादि का घटिया कार्य कराने देख-रेख का अभाव व अनियमितता पूर्ण कार्य हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (घ) उक्त कार्य कितनी राशि का कराया गया था, फैंसिंग जाली पर कितना खर्च किया गया, पौधों पर कितना खर्च किया गया? रोपण पर कितना खर्च किया गया? सिंचाई आदि देख-रेख कार्य पर कितना खर्च किया गया? घटिया औपचारिक कार्य करके शासन को करोडों की आर्थिक हानि पहुंचाने के लिये दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जोवगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वृक्षारोपण कार्य वन विभाग द्वारा किया गया है। (ख) 62,300। माह अक्टूबर-2017 के मूल्यांकन के आधार पर 56,009 पौधे जीवित है, (89.90%)। जी हाँ। कार्यों का सत्यापन संबंधित उप वनमंडल अधिकारियों द्वारा किया गया है। (ग) वर्तमान में कुल रोपित कराये गये 62,300 पौधों में से माह अक्टूबर-2017 के मूल्यांकन के आधार पर 56,009 पौधे जीवित हैं और उक्त कार्य निर्धारित मापदंडों के अनुसार कराया गया है, जिससे अनियमितता होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण कराये जाने के कारण शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने का एवं अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रतिभावान छात्राओं को छात्रवृत्ति स्मार्टफोन नहीं मिलना
[उच्च शिक्षा]
132. ( क्र. 1721 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कन्या महाविद्यालय सागर एवं शासकीय महाविद्यालय देवरी में कितनी प्रतिभावान छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं स्मार्टफोन किस वर्ष से दिये गये हैं? शासन आदेश की प्रति बतायें। (ख) क्या शासकीय कन्या महाविद्यालय सागर में वर्ष 2014 में प्रवेश लेने वाली प्रतिभावान छात्राओं को छात्रवृत्ति स्मार्टफोन एवं गांव की बेटी योजना की छात्रवृत्ति नहीं दी गई है? यदि नहीं, तो कौन-कौन छात्राओं को उक्त योजना का लाभ किस कारण से नहीं दिया गया है? (ग) क्या शासकीय कन्या महाविद्यालय सागर में जानबूझकर प्रतिभावान बेटी को वर्ष 2014-15 एवं 16 में गांव की बेटी योजना की छात्रवृत्ति नहीं दी गई? स्मार्ट फोन नहीं दिया गया एवं किसी भी योजना के कोई भी छात्रवृत्ति नहीं दी गई? क्या इसकी जाँच कर दोषी प्राचार्य/शिक्षकों पर कार्यवाही कर वंचित प्रतिभावान बेटियों की राशि भुगतान की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पौधारोपण
[वन]
133. ( क्र. 1726 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी, खरगोन जिले में दिनांक 02.07.17 को किन-किन विभागों को पौधारोपण कार्यक्रम हेतु कितने-कितने पौधे आवंटित किए गए? इन विभागों द्वारा कितने पौधे लगाए गए विधानसभा क्षेत्रवार, विभागवार बतावें। (ख) यह भी बतावें कि इसके लिए इन्हें कितनी राशि का भुगतान किया गया? वाहन व्यय, व्यक्ति व्यय, समस्त मानदेय अन्य व्यय, सहित जानकारी देवें। (ग) दोनों जिलों के कलेक्टरों द्वारा इस संबंध में शासन को भेजी रिपोर्ट की छायाप्रति देवें। क्या कारण है कि अधिकांश स्थानों पर संरक्षण न होने के कारण पौधे सूख गए हैं? समस्त पौधारोपण स्थलों की प्रश्न दिनांक तक भौतिक सत्यापन की माहवार रिपोर्ट विधान सभावार देवें। (घ) पौधों के संरक्षण में असफल रहने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वाहन व्यय, व्यक्ति व्यय, समस्त मानदेय अन्य व्यय पर कोई व्यय नहीं किया गया है। (ग) कलेक्टर खरगोन एवं बड़वानी द्वारा जानकारी शासन को नहीं भेजी गई है, बल्कि संबंधित जिले के नोडल वनमण्डल द्वारा शासकीय वेबसाईट http:/intranet.mp.forest.org/publicdomin/Narmada/frmvibhaagwise पर दर्ज की गई है। दोनों जिलों की वेबसाईट पर उपलब्ध जानकारी की छायाप्रति संलग्न है। रोपित पौधों का पूर्ण संरक्षण किया जा रहा है। वन विभाग अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक पौधारोपण के भौतिक सत्यापन रिपोर्ट की छायाप्रति संलग्न है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
न्यायालयीन प्रकरण पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
134. ( क्र. 1733 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन के संबंध में मा.उच्च न्यायालय इंदौर खण्डपीठ के प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक कितनी तारीखें लगी? (ख) इनमें शासन की ओर से कौन वकील नियुक्त है, वो कितनी तारीखों में उपस्थित/अनुपस्थित रहे? (ग) स्टे वेकेंट कराने के लिए विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में 11 तारीखें सुनवाई हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नियत की गई। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित प्रकरण में दो तारीखों को छोड़कर शेष अन्य तारीखों में शासकीय अधिवक्ता उपस्थित रहे। दो तारीखों में वकीलों की सामूहिक हड़ताल होने से शासकीय अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए। (ग) स्टे वेकेंट करने के लिये विभाग द्वारा दिनांक 08.05.2017 को आवेदन प्रस्तुत किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कॉलोनाईजर द्वारा बंधक भूखण्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
135. ( क्र. 1734 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में निर्माणधीन कॉलोनियों बिल्डिंगों में किन-किन कॉलोनाईजर एवं बिल्डर द्वारा 'रेरा' में पंजीयन कराया गया है, की सूची देवें। (ख) यह भी बतावें कि प्रश्न दिनांक तक कितनी कॉलोनियां निर्माणाधीन है? जिन्होंने 'रेरा' में पंजीयन नहीं कराया है? उन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्न क्र. 4656, दिनांक 07.03.2017 की (ग) उत्तर में वर्णित प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। क्या कारण है कि इस प्रश्न के (क) व (ख) में दर्शायें बंधक भू-खण्ड गरीब वर्ग को विक्रय करने की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई? (घ) कब तक प्रक्रिया प्रारंभ कर गरीब वर्ग को इन भूखंडों का विक्रय किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान तक किसी भी कॉलोनाईजर एवं बिल्डर द्वारा रेरा में पंजीयन नहीं कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। मध्यप्रदेश रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम 2016 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार विधि संगत कार्यवाही की जायेगी। (ग) सार्थक बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स द्वारा निष्पादित बंधक विलेख को प्रकरण क्रमांक 10/बी-103/2017-18 पर दर्ज किया गया है, निराकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) वरिष्ठ जिला पंजीयक के निर्णय अनुसार म.प्र. नगरपालिका कॉलोनाईजर (रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्त) नियम 1998 अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
शौचालय का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
136. ( क्र. 1742 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह बघेल :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) धार
जिले में
कितने शौचालय
निर्माण के
लिए कितनी
राशि विगत 2 वर्ष
में प्रदान की
गई? विधान
सभा
क्षेत्रवार, वर्षवार
राशि ग्राम
पंचायत नाम, शहर नाम
सहित देवें। (ख)
क्या कारण है
कि जिला
पंचायत धार
द्वारा दिनांक
04-05-16
क्रमांक 977/SBM (G)/जि.पं./2016 के पत्र
में क्रमांक-1 व 3 पर
एक ही समग्र I.D. नंबर पर
शौचालय
भुगतान बताया
गया, इसके
दोषी
अधिकारियों
पर शासन कब तक
कार्यवाही
करेगा? (ग) क्या
प्रश्नकर्ता द्वारा
जिला पंचायत
धार को दिनांक
29-08-17 को
दिये पत्र पर
आज तक कोई
जानकारी
प्रदान नहीं
की गई? इस
विलंब का कारण
बतावें। यह
जानकारी कब तक
दी जावेगी? (घ) पत्र
के उत्तर में
विलंब के
दोषियों पर
शासन कब तक
कार्यवाही
करेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
ग्राम
पंचायत स्तर
से प्राप्त
प्रस्ताव के
आधार पर दोनों
हितग्राहियों
के नाम एक समान
होने लेकिन
पिता का नाम
भिन्न-भिन्न
होने से एक ही
समग्र आई.डी.
से दो बार
भुगतान हुआ था।
प्रकरण में
दोषी श्री कमल
किशोर गर्ग, तत्कालीन
सचिव एवं श्री
लक्ष्मण परिहार, तत्कालीन
ग्राम रोजगार
सहायक, ग्राम
पंचायत बड़दा
से राशि वसूली
की जा चुकी है
तथा दोनों की
सेवायें
समाप्त की जा
चुकी है। (ग) जिला
पंचायत धार के
पत्र क्र. 4022, दिनांक 02/11/2017 से
माननीय
विधायक महोदय
को जानकारी
प्रेषित की गई
है। (घ) उत्तरांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
पेड़ों की जानकारी
[वन]
137. ( क्र. 1759 ) श्री जितू पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से सितम्बर 2017 तक लगाये गये पेड़ों की वर्षवार, स्थान का नाम, पेड़ों की संख्या, लगाने की दिनांक, लागत के समय कुल खर्च, प्रति पेड़ सहित जानकारी दें। दिनांक 31.07.2014 को लगाये गये। 1.43 करोड़ पौधों को लगाने का गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने संबंधी भेजे गये आवेदन की संलग्न दस्तावेज सहित प्रति देवें। (ख) माननीय मुख्यमंत्री की नर्मदा यात्रा 2016-2017 के दौरान किस-किस स्थान पर कितने पेड़ किस-किस दिनांक को लगाये गये? उक्त पेड़ लगाने में कुल कितनी राशि खर्च हुई? मद अनुसार खर्च की जानकारी दें तथा बतावें कि उक्त पेड़ों को लगाने के बाद किस-किस दिनांक को वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा परीक्षण किया गया? पेड़ों की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में लगाये गये पेड़ों पर रख-रखाव पर प्रतिवर्ष कितना खर्च किया गया? प्रति वर्ष लगाये गये पेड़ों में से कुल कितने पेड़ किस-किस स्थान पर जिन्दा हैं? क्या लगाये गये पेड़ों का ऑडिट करवाया गया? यदि हाँ, तो रिपोर्ट देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) वर्ष 2013 से सितम्बर 2017 तक विभाग के किस-किस अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक अनियमितता के प्रकरण विभागीय जाँच में आये? उनकी विस्तृत जानकारी दें तथा बतावें कि किस प्रकार से जाँच पूरी हो गई? कितने में लंबित हैं? जाँच रिपोर्ट से अवगत करावें तथा प्रति देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सिंहस्थ 2016 में हुये कुल खर्चों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1760 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 में हुये कुल खर्च की विभागवार कार्य अनुसार जानकारी देवें। (ख) सिंहस्थ 2016 के दौरान विचार मंथन में आये आमंत्रित सदस्य, अतिथिगण के नाम, पद, निवास के पते देवें एवं बतावें कि विचार मंथन पर कुल कितना खर्च विभिन्न मद में हुआ जानकारी देवें। (ग) सिंहस्थ के दौरान माध्यम से क्या-क्या कार्य करवाया गया तथा कार्य अनुसार बतावें कि कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) सिंहस्थ के दौरान विविध प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर कितना-कितना खर्च किया गया? प्रशिक्षण कार्य हेतु किस-किस एन.जी.ओ. को कितना-कितना भुगतान किया गया? (ड.) सिंहस्थ के दौरान कन्सलटेंसी, विज्ञापन, होटल/ किराया वाहन किराया इवेंट मैनेजमेंट कलाकारों को मानदेय अतिथियों को यात्रा व्यय मद में कितनी-कितनी राशि किस को दी गई तथा प्रत्येक मद में कुल कितना खर्च हुआ?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
139. ( क्र. 1807 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना (विधायक निधि ) वर्ष 2016-17 अंतर्गत जिला झाबुआ में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितने-कितने निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्यों में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग झाबुआ को निर्माण एजेन्सी बनाया गया है तथा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग झाबुआ द्वारा स्वीकृत कार्यों पर कितना-कितना निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक किया गया है तथा उक्त कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हो गई है? (ग) क्या निर्माण एजेन्सी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग झाबुआ को विभाग द्वारा राशि उपलब्ध नहीं कराने से निर्माण कार्य अधूरे होकर कार्य बंद पड़े हैं और ग्रामीण आदिवासी मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान तथा निर्माण सामग्री का भुगतान नहीं हो पा रहा है? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी उत्तरदायी हैं? उनके उत्तरदायित्व का निर्धारण कर उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक? (घ) निर्माण एजेन्सी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग झाबुआ को कब तक उक्त स्वीकृत कार्यों की राशि उपलब्ध कराई जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा भोपाल से कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा झाबुआ को राशि उपलब्ध नहीं होने से भुगतान शेष है। इसके लिये प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा भोपाल को आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी द्वारा शीघ्र ही राशि जारी करने एवं वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु पत्र लिखा गया है। (घ) प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा भोपाल से जारी कार्यवाही की जायेगी।
ग्राम पंचायतों को प्रदाय पेयजल टेंकरों का भौतिक सत्यापन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
140. ( क्र. 2561 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की किन-किन पंचायतीराज संस्थाओं को विगत 05 वर्षों के दौरान विधायक मद से कितने-कितने पेयजल टेंकर प्रदाय किये गये? पंचायतवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे? (ख) ग्राम पंचायतों को उपरोक्त मदों से प्रदाय पेयजल टेंकरों में से कितने टेंकर वर्तमान में उपयोगी होकर पंचायत द्वारा उनका उपयोग पेयजल प्रदाय हेतु किया जा रहा है? कितने टेंकर अनुपयोगी हो चुके हैं? अनुपयोगी टेंकर कहाँ रखे हुए हैं? कितने पूर्व प्रदाय टेंकर पंचायत की अभिरक्षा में नहीं हैं? यदि पंचायत में प्रदाय संख्या अनुसार टेंकर उपलब्ध नहीं हैं तो इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं? तथा उस पर क्या कार्यवाही की जावेगी? कितने खराब टेंकर पंचायत द्वारा विक्रय कर दिये गये? विक्रय की अनुमति किस स्तर से प्राप्त की है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधायक निधि से विगत 05 वर्षों में 131 टेंकर प्रदाय किये गये हैं। पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजनान्तर्गत प्रदाय टेंकरों में से वर्तमान में 119 उपयोगी हैं शेष 12 टेंकर अनुपयोगी हैं जो कि ग्राम पंचायतों की अभिरक्षा में रखे हुये हैं। किसी भी टेंकर का विक्रय नहीं किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
नगरीय
निकायों
द्वारा
प्रदाय
विज्ञापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 65 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में नगरीय निकाय द्वारा विज्ञापन प्रदाय किये जाने के क्या नये नियम, नीति है जानकारी देवें? (ख) मंदसौर रतलाम जिलों में 1 जनवरी 2014 के पश्चात नगरीय निकायों द्वारा किस-किस तरह के कितने विज्ञापन दिए गये, क्या इन प्रदाय किये गये विज्ञापनों के रोस्टर नियमों का पालन किया गया है? (ग) उक्त विज्ञापनों में ऐसे कितने विज्ञापन हैं जिनका भुगतान आदेश के पूर्व ही कर दिया गया, दिनांकवार एसे विज्ञापनों की जानकारी देवें? (घ) उक्त अवधि में उक्त नगर निगमों में विज्ञापनों में भुगतान को लेकर कब-कब किस-किस, व्यक्ति द्वारा किस-किस के खिलाफ शिकायत की गयी उस पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रदेश नगरीय निकायों में विज्ञापन प्रदाय करने के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 10-36/12/18-2 दिनांक 26.05.2012 में विज्ञापन प्रदाय किये जाने के निर्देश हैं साथ ही मध्यप्रदेश नगरपालिका (मेयर-इन-काउंसिल/प्रेसिडेन्ट-इन-काउंसिल के कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियां एवं कर्त्तव्य) नियम, 1998 के नियम-5 (वित्तीय अधिकार) उपनियम (ग्यारह) में प्रावधान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) नगर निगम रतलाम एवं मंदसौर जिले की निकायों में विज्ञापनों के भुगतान संबंधी किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
क्षेत्रीय उद्योग धंधे एवं रोजगार की योजना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
2. ( क्र. 77 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर में बंद पड़े शुगर मिल एवं मिल से संलग्न सैकड़ों बीघा रिक्त भूमि भी उद्योग विभाग के आधिपत्य में आकर मिल की बिल्डिंग, भवन, अनेकों मशीनरीज, परिसंपत्तियों इत्यादि भी विभाग को आधिपत्य में प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो मिल परिसर एवं उद्योग धंधों हेतु अनुकूल सैकड़ों बीघा रिक्त भूमि ऐसे स्थान पर हैं, जहां रेलवे स्टेशन कुछ ही मीटर पास होकर रेलवे लाईन भी मिल परिसर के भीतर स्थित है? (ग) यदि हाँ, तो उद्योग धंधों एवं रोजगार के पर्याप्त अवसर, अनुकूल वातावरण रेलवे ट्रेक की सुविधा पर्याप्त बिजली, पानी, समतल भूमि इत्यादि समस्त अनुकूलताएं उक्त स्थान पर उपलब्ध हैं? (घ) यदि हाँ, तो जावरा नगर स्थित उक्त स्थल पर कब तक प्रोजेक्ट, प्लान अथवा निवेशकों के माध्यम से क्या-क्या किया जाने वाला है? क्षेत्र की विगत कई वर्षों की मांग अनुसार सूक्ष्म, लघु, कुटीर, उद्योग धंधे प्रारंभ करने की मांग के परिप्रेक्ष्य में वे कब तक प्रारंभ होंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी, हॉ। जावरा नगर में बंद पड़ी शुगर मिल की 112.504 हेक्टेयर भूमि सहकारिता विभाग द्वारा वाणिज्य, उदयोग और रोजगार विभाग को हस्तांतरित होकर उसका आधिपत्य मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम उज्जैन के आधिपत्य में प्राप्त हुई हैं। (ख) एवं (ग) जी, हॉ। (घ) वर्तमान में डी.पी.आर. बनाई जा रही हैं। शेष समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं।
नगरीय निकायों के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 78 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 20 जुलाई 2017 के परि. अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1594 के प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के प्रत्युत्तर से जन सुविधाओं की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति किये जाने के कार्यों के लिये सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गई है? (ख) क्या प्रश्न के प्रत्युत्तर (घ) में उल्लेखित संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्र./15206/मु.श.अधो.वि.यो.-11/यां.प्र./07-4/2016 भोपाल दिनांक 06/12/2016 द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति जारी की गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या पिपलौदा नगर परिषद में स्विमिंग पूल, इंडोर स्टेडियम, आउटडोर स्टेडियम, आम जनता हेतु उद्यान इत्यादि तथा जावरा नगर पालिका परिषद् में पीलिया खाल प्रदूषण मुक्त योजना, घंटाघर शापिंग, पुरानी सब्जी मंडी शापिंग, प्रिमियर आईल मिल भूमि पर शापिंग तथा इंडोर, आउटडोर स्टेडियम एवं स्वीमिंग पूल की मांग योजना में है? (घ) यदि हाँ, तो अवगत कराए कि शासन/विभाग द्वारा जारी की गई दिनांक 06/12/16 की सैद्धांतिक स्वीकृति जारी होने के बाद क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? साथ ही उपरोक्त उल्लेखित कार्यों को योजना में सम्मिलित कर इन्हें कब स्वीकृति दी जाकर कार्य कब प्रारंभ किये जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण के अंतर्गत प्रावधान अनुसार नगर परिषद पिपलौदा को राशि रू. 1.00 करोड़ एवं नगर पालिका परिषद जावरा को रू. 3.00 करोड़ स्वीकृत किया गया है। योजनांतर्गत स्वीकृत राशि से नगर परिषद पिपलौदा एवं नगर पालिका परिषद जावरा द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण के अंतर्गत कार्यों की प्राथमिकता के अनुसार कार्य योजना तैयार कराई जा रही है। नगर पालिका परिषद जावरा को पीलिया खाल नाला को प्रदूषण मुक्त करने की कार्य योजना लागत राशि रू. 8.00 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति पृथक से संचालनालय का पत्र क्रमांक 13026 दिनांक 15.11.2017 से जारी की गई है। (घ) नगर परिषद पिपलौदा द्वारा योजनांतर्गत कार्यों की प्राथमिकता के अनुसार डी.पी.आर. तैयार कराने की एजेन्सी नियुक्त कर ली गई है, एजेन्सी द्वारा डी.पी.आर. तैयार कर निकाय को प्रस्तुत कर दिया गया है। निकाय द्वारा परिषद में स्वीकृति हेतु रखा गया है एवं नगर पालिका परिषद जावरा द्वारा डी.पी.आर. तैयार कराने की एजेन्सी के लिए निविदा जारी की गई है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजनांतर्गत जारी दिशा-निर्देश एवं कार्यों की प्राथमिकता के निर्धारण अनुसार निकाय द्वारा कार्ययोजना प्रस्तुत करने पर सक्षम स्वीकृति दी जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खरगोन जिलांतर्गत शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( क्र. 99 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में ग्राम पंचायत के हितग्राहियों को शौचालय निर्माण की राशि वर्ष 2017 में जिला पंचायत कार्यालय या जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा कब-कब, कितने हितग्राहियों को किस माध्यम से प्रदान की गई। (ख) उक्त भुगतान में से कितने हितग्राहियों को जिला पंचायत खरगोन के नियमित सी.ई.ओ. की अनुपस्थिति में प्रभारी द्वारा किया गया है। इन हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी जनपदवार देवें? (ग) शौचालय निर्माण राशि को हितग्राहियों को प्रदान करने की नीति/निर्देश की प्रति देवें। वर्तमान में कितने हितग्राहियों को राशि प्रदान करना लंबित है? (घ) वर्ष 2017 में प्रभारी सी.ई.ओ., जिला पंचायत खरगोन द्वारा स्वीकृत व्यय की सूची जनपदवार, मदवार, राशि सहित देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांकित अवधि में खरगोन जिले में ग्राम पंचायत के हितग्राहियों को शौचालय निर्माण उपरांत प्रोत्साहन राशि जिले के समस्त 09 जनपद पंचायतों द्वारा हितग्राहियों को उनके खाते में ऑनलाईन प्रदाय की गई है। जिला पंचायत द्वारा राशि भुगतान नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान में किसी भी हितग्राही को राशि भुगतान लंबित नहीं है। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
साधारण सभा की बैठकें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( क्र. 100 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से 2017 तक खरगोन जिले की जिला पंचायत कार्यालय एवं जिले की समस्त जनपद पंचायतों में संपन्न साधारण सभा की बैठकों में कोरम की स्थिति, सदस्यों की उपस्थिति सहित बैठकवार सूची देवें। (ख) उक्त बैठकों के एजेंडे, कार्यवृत्त, कार्यवाही विवरण एवं पालन प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ग) उक्त बैठकों में अनुपस्थित विभागीय अधिकारी को प्रेषित पत्रों की बैठकवार, विभाग का नाम, अधिकारी का नाम व पद सहित सूची देवें। (घ) जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत की साधारण सभा की बैठक आयोजन संबंधी विभागीय नीति/निर्देश की प्रति देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
तालाब निर्माण की राशि का अनियमित भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 128 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब निर्माण माण्डव में कार्यरत कितने मजदूरों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान फर्जी रूप से (1) मेसर्स गजेन्द्र पटेल, गवर्मेंट कांट्रेक्टर, जेतापुर (2) मेसर्स अविनाश, कन्स्ट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, खलघाट तथा (3) मेसर्स दीपक बिजवा, कन्सट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, दिग्ठान व (4) मेसर्स स्वामी कन्स्ट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, धामनोद को किया गया है? प्रत्येक संस्थावार कितने-कितने मजदूरों की राशि का भुगतान किया गया है? (ख) क्या (1) मेसर्स गजेन्द्र पटेल, गवर्मेंट कांट्रेक्टर, जेतापुर (2) मेसर्स अविनाश, कन्स्ट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, खलघाट तथा (3) मेसर्स दीपक बिजवा, कन्स्ट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, दिग्ठान द्वारा जिलाधीश महोदय को लिखित में दिया गया है कि उनके द्वारा माण्डव के उक्त तालाबों में किसी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया गया है? परिषद् के अध्यक्ष व सी.एम.ओ. द्वारा क्या राशि उनके खाते में जमा करवाकर वापस ले ली गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण की जाँच करवा ली गई है? अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक जाँच पूर्ण कर दोषी अध्यक्ष व सी.एम.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही एवं मजदूरों को लंबित मजदूरी का भुगतान करवा दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद, माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब के गहरीकरण कार्य में किसी भी एजेंसी एवं मजदूरों को फर्जी रूप से कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित व्यक्तियों/फर्म द्वारा श्री कालूसिंह जी ठाकुर, मान. विधायक, धरमपुरी के पत्र दिनांक 31.07.2017 के साथ संलग्न होकर तीनों व्यक्तियों/फर्म के पत्र कलेक्टर, धार को प्राप्त हुए हैं। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शिकायत की जाँच हेतु कलेक्टर, जिला धार के द्वारा जाँच समिति का गठन कर जाँच किए जाने के आदेश दिए गए हैं। प्रकरण की जाँच उपरांत दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क के समीप नाली का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 132 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत निर्मित सड़क के पास में आवासीय क्षेत्र में पानी की निकासी हेतु नाली का निर्माण किये जाने अथवा पाईप डालने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी के विकासखण्ड नालछा क्षेत्र के ग्राम ईमलीपुरा से पीरघाटपुरा तक योजनांतर्गत बनाई गई सड़क में ई.जी.एस. स्कूल के सामने से जा रहे नाले पर नाली का निर्माण अथवा पाईप डालने का कार्य अब तक क्यों नहीं किया गया? (ख) ग्राम पीरघाटपुरा ई.जी.एस. स्कूल के सामने नाले पर नाली का निर्माण अथवा पाईप डालकर पानी निकासी की व्यवस्था कब तक कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। आवश्यकता अनुसार प्रावधान किया जाता है। ई.जी.एस. स्कूल के सामने पाईप डालने तथा नाली निर्माण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज का अवैध परिवहन
[खनिज साधन]
8. ( क्र. 133 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 07/03/2017 के प्रश्न क्रमांक 1819 के जवाब में उल्लेखित चालानी कार्यवाही में पकड़े गए वाहन सूची में कई वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर ओमनी वैन, ऑटो, मोपेड, स्कूल बस, मिनी बस एवं कार के हैं। क्या इन वाहनों से भी अवैध परिवहन किया गया था? (ख) उक्त प्रश्न क्रमांक 1819 के जवाब में कई वाहन 2 से 5 बार अवैध परिवहन में दर्ज होने के बाद भी इन वाहनों पर कड़ी कार्यवाई क्यों नहीं की गई? इस सूची में लगभग 70 प्रतिशत वाहन नंबर केवल ट्रेक्टर के दर्ज हैं। ट्राली नंबर नहीं लिखने का कारण बतायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 1819 के प्रेषित जबाव के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' में निम्न वाहनों के वाहन क्रमांक टंकण त्रुटिवश गलत अंकित हो गये थे।
क्र. |
पूर्व में प्रेषित जानकारी का पेज नंबर/वर्ष |
पूर्व में प्रेषित जानकारी का सरल क्रमांक |
पूर्व में प्रेषित जानकारी में टंकित वाहन का नंबर एवं प्रकार |
दर्ज प्रकरण में वाहन नंबर एवं प्रकार |
1 |
2 (2011-12) |
22 |
MP10A0521 (बस) |
MP10AA0521 (ट्रेक्टर) |
2 |
3 (2011-12) |
62 |
MP09KD2273 (ऑटो) |
MP09KB2273 (ट्रक) |
3 |
3 (2011-12) |
91 |
MP460693 (मोपेड) |
MP46M0693 (ट्रेक्टर) |
4 |
5 (2011-12) |
153 |
MP10A8546 (स्कूल बस) |
MP10A8746 (ट्रेक्टर) |
5 |
7 (2011-12) |
32 |
MP10A9332 (मिनी बस) |
MP10A9352 (ट्रेक्टर) |
6 |
21 (2011-12) |
13 |
MP09HE3401 (कार) |
MP04HE3401 (डम्पर) |
उपरोक्त हेतु उत्तरदायित्व निर्धारण करने के लिये संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म को पत्र दिनाक 21.11.2017 से लेख किया गया है। (ख) उल्लेखित वाहनों में तत्समय प्रचलित मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 (5) के तहत कार्यवाही की गई है। जाँच के दौरान जिन वाहनों के वाहन नंबर स्पष्ट थे, उनके नंबर सूची में दर्शाये गये थे।
भाडली औद्योगिक क्षेत्र में भूखण्डों का आवंटन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
9. ( क्र. 134 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में भाडली औद्योगिक क्षेत्र में प्रारंभ से किस-किस भूखण्ड को कौन-कौन व्यक्ति/संस्था को कब-कब दिये गये? भूखण्ड क्रमांक, व्यक्ति/संस्था का नाम व पता सहित दिनांकवार सूची देवें। इन भूखण्डों को कब-कब किन कारणों से निरस्त कर कब-कब पुनः किसे आवंटित किये गये? नाम सहित सूची देवें? (ख) वर्तमान में उक्त समस्त क्षेत्र में कौन-कौन से उद्योग कब से संचालित हो रहे है, इनके उत्पाद क्या हैं, उद्योगवार नाम, भूखण्ड क्रमांक, उत्पाद के नाम की सूची देवें? (ग) वर्तमान में कौन-कौन से भूखण्ड में कब से उद्योग संचालन नहीं हो रहा है? भूखण्ड क्रमांक, आवंटित व्यक्ति/संस्था का नाम सहित सूची देवें? (घ) खरगोन जिले के भाडली औद्योगिक क्षेत्र में भूखण्ड आवंटन की योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक आवंटित समस्त व्यक्ति/संस्थाओं को विभाग द्वारा प्रेषित नोटिसों का विवरण देवें।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) खरगोन जिले में भाडली औद्योगिक क्षेत्र में प्रारंभ से आवंटित एवं निरस्त किये गये भूखण्डों की, भूखण्ड क्रमांक, व्यक्ति/ संस्था का नाम व पता सहित दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्तमान में संचालित हो रहे उद्योगों की, उद्योगवार नाम, भूखण्ड क्रमांक, उत्पाद के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वर्तमान में संचालित नहीं हो रहे उद्योगों की, उद्योगवार नाम, भूखण्ड क्रमांक, उत्पाद के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) खरगोन जिले के भाडली औद्योगिक क्षेत्र में भूखण्ड आवंटन की योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक आवंटित समस्त व्यक्ति/संस्थाओं को विभाग द्वारा प्रेषित नोटिसों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
महाविद्यालय परिसर सारंगपुर में आवासीय भवनों का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
10. ( क्र. 143 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के शासकीय स्वामी विवेकानन्द महाविद्यालय, सारंगपुर परिसर में आवासीय भवनों के निर्माण कार्य का प्राक्कलन स्वीकृति हेतु विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक एस.एफ.सी. से स्वीकृति प्रदान की जावेगी? ( (ख) वर्ष 2017-18 में उच्च शिक्षा विभाग से राजगढ़ जिले के किन-किन महाविद्यालयों को विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गयी? महाविद्यालयवार, कार्यवार प्रदाय की गयी राशि का विवरण दें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ख) वित्तीय वर्ष 2017-18 में मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राजगढ़ जिले के किसी भी महाविद्यालय के निर्माण कार्यों हेतु कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ॠण स्वीकृत किया जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
11. ( क्र. 151 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के समस्त जिलों में दुग्ध डेयरी लगाने हेतु दिनांक 01-04-2016 से 30-09-2017 तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के कितने आवेदन जिला उद्योग केन्द्र को प्राप्त हुए? जिलेवार जानकारी देवें? (ख) उक्त आवेदनों में से कितने आवेदन स्वीकृत कर वित्तीय सहायता हेतु विभिन्न बैंकों में भेजे गए? (ग) बैंकों को भेजे गए आवेदनों में से कितने आवेदकों को बैंकों द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की गई हैं? (घ) क्या यह सही है कि राज्य शासन द्वारा ग्यारण्टी दिए जाने के बाबजूद भी बैंकों द्वारा ॠण स्वीकृत न किए जाने की शिकायतें जिला कलेक्टर को प्राप्त हो रही हैं? यदि हाँ, तो इस समस्या के निराकरण हेतु क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) उज्जैन संभाग के समस्त जिलों में दुग्ध डेयरी लगाने हेतु दिनांक 01/04/2016 से 30/09/2017 तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत प्राप्त आवेदनों की संख्या निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। इस संबंध में जिला कलेक्टर को कतिपय शिकायतें प्राप्त होती हैं जिसके निराकरण हेतु जिला स्तरीय परामर्शदात्री बैठक में बैंकों को तथा राज्य शासन द्वारा भी राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति में बैंकों को आवश्यक निर्देश देकर शिकायतों का निराकरण कराया जाता है।
अंकसूची प्राप्त न होने की शिकायत
[उच्च शिक्षा]
12. ( क्र. 152 ) श्री कैलाश चावला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान विधायक मनासा जिला नीमच द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थी की अंकसूची प्राप्त नहीं होने के कितने मामलों में कुल सचिव (परीक्षा) विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन को पत्र लिखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्यार्थियों को अंकसूची प्राप्त होने में विलम्ब के क्या कारण हैं? (ग) इन विद्यार्थियों को अंक सूची कब तक प्राप्त हो जाएगी व इनके भविष्य से खिलवाड़ होने पर दोषी शासकीय सेवक पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) दो पत्र प्राप्त हुए। (ख) प्रथम पत्र के संबंध में छात्र के ऐटीकेटी परीक्षा के अंक काउंटर फाईल में नहीं चढ़े थे। परीक्षा परिणाम अनुपस्थित मानकर ऐटीकेटी घोषित किया गया था। तत्पश्चात् माननीय विधायक जी का पत्र प्राप्त होने पर अंकों का संधारण कर शा. महाविद्यालय मनासा को दिनांक 19.09.2017 को अंकसूची भेज दी गई। द्वितीय पत्र के संबंध में छात्रा द्वारा पंचम सेमेस्टर परीक्षा उत्तीर्ण न होने से षष्ठम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम तैयार नहीं हो सका। पंचम सेमेस्टर की ऐटीकेटी परीक्षा उत्तीर्ण होने पर दिनांक 11.10.2017 को अंकसूची संबंधित महाविद्यालय को भेज दी गई है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
संगठनों को पुरुस्कृत किया जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
13. ( क्र. 153 ) श्री कैलाश चावला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. जन अभियान परिषद् के आदेश क्रमांक 342/ज-अ-व/पुरुस्कार/2016 भोपाल दिनांक 24 फरवरी 2016 के द्वारा वर्ष 2013-14 हेतु चयनित स्वैच्छिक संगठनों के जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय संगठनों को पुरुस्कृत करने हेतु चयन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन स्वैच्छिक संगठनों को राशि प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्या कारण है व कब तक राशि प्रदान की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनपद अध्यक्ष व जनपद सदस्यों के मानदेय भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 154 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र वर्ष 2010 से 2015 के बीच जिला नीमच की जनपद पंचायत मनासा में चुने हुए जनपद अध्यक्ष व जनपद सदस्यों का मानदेय का भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत संबंधित जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मनासा को की गई है? उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है। (ख) उक्त अवधि का मानदेय नहीं दिए जाने का क्या कारण है? इन्हें मानदेय कब तक प्रदान कर दिया जावेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत मनासा के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एवं सदस्यों के लंबित मानदेय का भुगतान कर दिया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कालोनियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 190 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गोटेगांव नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत अवैध कालोनियों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो गोटेगांव नगरपालिका क्षेत्र में कितनी कालोनियां अवैध हैं? वैध एवं अवैध कालोनियों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अवैध कालोनियों को वैध करने हेतु कितने आवेदन विभाग के पास प्राप्त हुए? उन आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? अवैध कालोनी को वैध किये जाने हेतु शासन के क्या दिशा-निर्देष हैं की सत्य प्रतिलिपि प्रदान करें। (ग) नगर की समस्त अवैध कालोनियों को वैध करने हेतु विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया था जिसका कार्य अभी तक अप्रारंभ है, क्या 2017-18 में उक्त कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या शहर में बढ़ती हुई अवैध कालोनियों के निर्माण को रोकने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका में 33 अवैध कालोनियां है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) अवैध कालोनी को वैध करने का कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शासन दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) अवैध कालोनियों को वैध करने हेतु म.प्र. कालोनाईजर रजिस्ट्रीकरण, निबंर्धन तथा शर्ते नियम 1998 में निर्धारित विहित प्रक्रिया अनुसार सर्वे का कार्य किया जा रहा है। शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण होने पर अवैध कालोनियों को वैध किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) अवैध कालोनियों के निर्माण को रोकने हेतु म.प्र. कालोनाईजर रजिस्ट्रीकरण, निबंर्धन तथा शर्तें नियम 1998 में निहित प्रावधान अनुसार कालोनाईजरों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है।
पंचपरमेश्वर योजना के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 191 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत गोटेगांव एवं नरसिंहपुर में वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 (सितम्बर 2017 तक कितने कार्य स्वीकृत किये गये ) योजनावार जानकारी दी जाये? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण एवं कितने कार्य अपूर्ण है। योजनावार/जनपदवार जानकारी दें? (ग) स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्यों की टी.एस. एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। स्वीकृत कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है। कितने कार्य पूर्ण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
मंदसौर में ई पंचायतों की स्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 210 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले की मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2010 के पश्चात प्रश्न दिनांक तक कितनी पंचायतों को कितने खर्च पर ई-पंचायत बनाया गया। (ख) कितनी ई-पंचायतों में वर्तमान में इंटरनेट कनेक्शन ले लिया गया है १ अप्रैल 2017 के पश्चात उनके बिलों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ग) उक्त पंचायतों में 1जनवरी 2015 के बाद ई-पंचायत संबंधी क्या-क्या कार्य किये गये? मंदसौर जिले में कितनी पंचायतों में कम्प्यूटर चोरी होने की कहाँ-कहाँ पुलिस में रिपोर्ट लिखाई गई? (घ) मंदसौर जिले में जिला, जनपद पंचायतों में कुल कितने अनियमितता, भ्रष्टाचार के कितने प्रकरण किस-किस कर्मचारी अधिकारी के खिलाफ कहाँ-कहाँ दर्ज है, उनके खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2010 के पश्चात् 74 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर, प्रिन्टर एवं टी.वी. प्रदाय करने के लिए राशि रू.72,00,676/-जारी की गई। (ख) 74 ग्राम पंचायतों में ब्रांडबैंड कनेक्शन है। ग्राम पंचायत मोहम्मदपुरा एवं खिलचीपुरा में इंटरनेट कनेक्शन माह नवम्बर 2017 में लिये जाने से बिल अप्राप्त है, शेष 72 ग्राम पंचायतों के बिलों की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन जानकारी संकलित एवं संधारित नहीं की जाती है। मंदसौर जिले में कम्प्यूटर चोरी होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
चिकित्सकों के पदों को यथावत किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 233 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पूछे गये प्रश्न क्रमांक 285, दिनांक 20.07.2017 में उल्लेखित नगर पालिक निगम के आयुष औषधालयों में कार्यरत आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक उपचार हेतु दैनिक वेतन पर रखे गये व्यक्तियों को निगम द्वारा किस कार्य हेतु रखा गया था। उक्त दोनों व्यक्तियों को दैनिक वेतन पर रखे जाने हेतु निगम की एम.आई.सी. की प्रथम स्वीकृति की प्रति दें? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिनांक 14.08.2017 एवं दिनांक 24.10.2017 को आयुक्त नगरीय प्रशासन को लिखे गये पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही बताएं। यदि नहीं, की गई तो क्यों कारण बताएं और कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम कटनी की मेयर-इन-काउंसिल की बैठक दिनांक 29.12.2010 में नगर निगम आयुर्वेदिक चिकित्सालय पाठक वार्ड में डॉ. प्यासी तथा बस स्टैंड स्थिति आयुर्वेदिक औषधालय में डॉ. दीपक अग्निहोत्री को नि:शुल्क सेवा प्रदान करने की अनुमति प्रदान की गई है। उक्त दोनों व्यक्तियों को दैनिक वेतन पर रखे जाने हेतु निगम एम.आई.सी. की प्रथम स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आयुक्त, नगरीय प्रशासन को लिखे गये पत्रों के संबंध में आयुक्त, नगर पालिक निगम रीवा, भोपाल, उज्जैन तथा कटनी से प्रतिवेदन चाहा गया है तथा संचालनालय की स्थापना शाखा के कार्यालय अधीक्षक एवं सहायक संचालक को विधान सभा में त्रुटिपूर्ण जानकारी प्रेषित करने के लिए कारण बाताओं नोटिस जारी किया गया है।
यातायात में बाधक आवारा पशु
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 297 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर ने शहर की यातायात व्यवस्था में बाधक आवारा पशुओं को पकड़ने व यातायात व्यवस्था में सुधार हेतु क्या उपाय किये हैं? आवारा पशुओं को पकड़ने का ठेका किस कम्पनी को किन शर्तों पर कितनी राशि में कितनी अवधि के लिये कब दिया गया है? नगर निगम ने ठेका कम्पनी को क्या-क्या सुविधाएं/संसाधन उपलब्ध कराये हैं? (ख) प्रश्नांकित ठेका कम्पनी के पास आवारा पशुओं को पकड़ने हेतु कौन-कौन से संसाधन हैं तथा नगर निगम की हांका गैंग में कितने कर्मचारी हैं? ठेका कम्पनी ने माहवार शहर के किन-किन क्षेत्रों से कितने-कितने आवारा जानवरों को पकड़ा हैं? ठेका कंपनी को कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया है वर्ष 2015-16 से 2017-18 अक्टूबर 2017 तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में माहवार पकड़े गये कितने पशु पालकों से किस मान से जुर्माने की कितनी राशि वसूल की गई है? कितने पशुओं को कांजी हाउस में बंद किया गया? कांजी हाउसों में कितने-कितने पशुओं को रखने की क्या-क्या व्यवस्थाएं व सुविधाए हैं? कितने पशु पालकों के विरूद्ध पुलिस थानों में एफ.आइ.आर. दर्ज कराई गई हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर ने शहर की यातायात व्यवस्था में बाधक आवारा मवेशियों को पकड़ने व यातायात व्यवस्था में सुधार हेतु निगम कर्मचारी एवं ठेके पर लिये गये श्रमिकों से दो पाली में निगम सीमा क्षेत्र में आवारा मवेशियों को पकड़कर निगम कांजी हाउस एवं दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र तिलवारा जबलपुर में बंद किया जाता है। आवारा पशुओं को पकड़ने के लिये श्रमिक (कर्मचारी) का ठेका टैक्सी जंक्शन, नार्थ मिलौनीगंज, जबलपुर को दो वर्ष की अवधि के लिये वर्ष 2016-17 में दिया गया है, ठेका कंपनी के प्रति नग श्रमिक (कर्मचारी) प्रतिमाह रूपये 9,118/- की दर से 30 श्रमिक लिये गये हैं, नियम एवं शर्तें संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर निगम ने ठेका कंपनी से मात्र 30 श्रमिक लिये गये हैं। (ख) नगर निगम ने ठेका कंपनी से मात्र 30 श्रमिक लिये गये हैं जिसे अग्नि सैन्य दल, नगर निगम द्वारा शहर के आवारा पशुओं को पकड़ने का कार्य कराया जाता है। नगर निगम जबलपुर में 15 हाका कर्मचारी हैं जिसमें 07 कर्मचारी अन्य विभाग में कार्यरत हैं। अग्नि सैन्य दल, नगर निगम के हाका गैंग द्वारा वर्ष 2015-16 में कुल 2843 मवेशी पकड़े जिसमें पशु मालिकों से अर्थदण्ड के रूप में राशि 5,57,300/- रूपये निगम कोष में जमा कराये गये एवं 174 आवारा सांडों को पकड़कर निगम सीमा क्षेत्र से बाहर सुरक्षित स्थानों में छोड़े गये। वर्ष 2016-17 में कुल 3610 मवेशी पकड़े जिसमें पशु मालिकों से अर्थदण्ड के रूप में राशि रूपये 4,56,200/- निगम कोष में जमा कराये गये, 125 घायल एवं बीमार मवेशियों को पकड़कर दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र तिलवारा जबलपुर में छोड़ा गया एवं 49 आवारा सांडों को पकड़कर निगम सीमा क्षेत्र से बाहर सुरक्षित स्थानों में छोड़े गये। दिनांक 01.04.2017 से 31.10.2017 तक कुल 1629 मवेशी पकड़े जिसमें पशु मालिकों से अर्थदण्ड के रूप में राशि रूपये 1,25,750/- निगम कोष में जमा कराये गये, 70 घायल एवं बीमार मवेशियों को पकड़कर दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र तिलवारा जबलपुर में छोड़ा गया एवं 369 आवारा सांडों को पकड़कर निगम सीमा क्षेत्र से बाहर सुरक्षित स्थानों में छोड़े गये। (ग) नगर निगम अग्नि सैन्य दल विभाग के द्वारा बडे मवेशी के रूपये 500/- एवं छोटे मवेशी के रूपये 300/- की दर से एवं खुराक रूपये 50/- प्रतिदिन प्रति नग की दर से पशु मालिकों से जुर्माना के रूप में लिया जाता था, वर्तमान में निगम परिषद की साधारण बैठक के संकल्प क्रमांक 25 दिनांक 27.02.2017 पारित निर्णय अनुसार दरों में संशोधन किया गया जिसमें बड़े मवेशी के रूपये 2000/- एवं छोटे मवेशी के रूपये 1000/- की दर से एवं खुराक 150/- रूपये दिनांक 09.10.2017 से प्रतिदिन प्रति नग की दर से पशु मालिकों से जुर्माना के रूप में लिया जा रहा है। वर्तमान में नगर निगम में 02 कांजी हाउस क्रमश: चेरीताल कांजी हाउस एवं गढा पुरवा कांजी हाउस हैं जिसमें चेरीताल कांजी हाउस में 30 से 40 एवं गढा पुरवा कांजी हाउस में 25 से 30 मवेशियों को रखने की क्षमता है। उक्त दोनों कांजी हाउस में शेड, भूसा एवं पानी की पर्याप्त व्यवस्था है इसके अलावा दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र तिलवारा में मवेशियों को बंद किया जाता है जिसकी क्षमता पर्याप्त है। 66 पशु मालिकों के विरूद्ध संबंधित थानों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है।
पंचायत राज संचलनालय में पदस्थ अधिकारियों को हटाया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 302 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पंचायत राज संचनालय के कितने संयुक्त संचालक, उपसंचालक किस दिनांक से पदस्थ हैं? क्या कार्यरत संयुक्त संचालकों को विगत आठ वर्षों से एक ही जगह पदस्थ किया जाकर एक ही प्रकार का कार्य सौंपा गया है? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुसार 03 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ संयुक्त संचालक एवं उपसंचालकों को उनके मूल विभाग में स्थानांतरण किया जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानान्तरण नीति में विषयांतर्गत प्रावधान मार्गदर्शी स्वरूप का होकर अधिक समय के आधार पर स्थानान्तरण करना बंधनकारी नहीं है। अतः शेष प्रश्नाश उत्पन्न नहीं होते है।
सभी श्रेणी के अधिकारियों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र.
304 ) श्रीमती
इमरती देवी :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पंचायत
एवं ग्रामीण
विकास विभाग
में दिनांक ०१-०४-२०१७
की स्थिति में
कितने
अधिकारियों के
विरूद्ध लोकायुक्त/आर्थिक
अपराध के अन्तर्गत
प्रकरण प्रचलित
हैं? इन
पर विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई है?
क्या इन्हें
महत्वपूर्ण
पदस्थापना
से वंचित रखा
गया है, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या
ऐसे सभी
अधिकारियों
को विभाग से
संरक्षण प्राप्त
है एवं इनकी
पदस्थापना
फील्ड में की
गई है?
यदि हाँ, तो
इसका क्या
कारण है? सम्बंधित
दोषियों के
विरूद्ध कब तक
कार्यवाही की
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) लोकायुक्त
कार्यालय में
प्रचलित
प्रकरणों की
जानकारी
विभाग
संधारित नहीं
करता है।
लोकायुक्त
कार्यालय में
प्रचलित
प्रकरणों में
माननीय
लोकायुक्त
महोदय द्वारा
समय-समय पर
चाही गई जानकारी
प्रदाय करने
की व्यवस्था
है। (ख) लोकायुक्त
जाँच के दौरान
पदस्थापना
पर कोई
प्रतिबंध
नहीं है। अत:
शेष प्रश्नांश
उत्पन्न
नहीं होते
हैं।
अवंति सूत मिल सनावद के कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
22. ( क्र. 317 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क ) क्या अवंती सूत मिल सनावद में कार्यरत मिल मजदूरों को वर्ष 2001 में वी.आर.एस. दी गई है? व्ही.आर.एस. के उपरांत क्या मिल के कई मजदूरों को उनके स्वत्वों का भुगतान नहीं हुआ है एवं कई मजदूर श्रम न्यालालय का शरण लिये हैं? श्रम न्यायालय द्वारा प्रभावितों के पक्ष में आदेश पारित होने के बाद भी भुगतान न होने से वे कार्यालय के चक्कर काट रहे है. मिल मजदूरों ने जनवरी 2016 से वर्तमान तक कितनी बार जिला एवं तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया है? उसकी जानकरी दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार मिल मजदूरों की कितनी मांगो एवं कितने मजदूरों के स्वत्वों का भुगतान किया गया है? उसकी सूची दी जावे? (ग) अवंति सूत मिल के ऐसे कितने कर्मचारी है, जो मिल परिसर में पुराने जर्जर भवनों में निवास कर रहे है? क्या इन मजदूरों को उनके द्वारा निवास कर रहे आवासों में स्वामित्व में किये जाने हेतु क्या शासन द्वारा कोई राशि जमा की गई है? यदि हाँ, तो कितनी कितनी राशि किन-किन भूतपूर्व कर्मचारियों द्वारा जमा कराई गई है? उन्हें कब तक निवासरत आवासों का स्वामित्व मिल जावेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। मिल में कार्यरत् सभी 1016 श्रमिकों/कर्मचारियों को पात्रता अनुसार वर्ष 2002 में व्ही.आर.एस. राशि का भुगतान किया गया। 234 श्रमिकों द्वारा भुगतान की गई राशि से असंतुष्ट होकर मान. श्रम न्यायालय खण्डवा में प्रकरण दायर किये गये है। वर्तमान में प्रकरण लंबित है। (ख) मिल के 1016 मजदूरों को पात्रता अनुसार उनको देय स्वत्वों का भुगतान किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अवंति सूत मिल के 65 कर्मचारी/श्रमिकों को मिल परिसर में आवासीय मकान आवंटित किये गये थे। 62 श्रमिक अभी भी आवास गृहों में निवास कर रहे है। 62 श्रमिक/कर्मचारियों द्वारा राशि रूपये 45,20,000/- (शब्दों में राशि रूपये पैतालीस लाख बीस हजार मात्र) जमा कराई गई है। आवास गृहों के विक्रय के संबंध में राशि इस शर्त पर जमा कराई गई थी कि अंतिम निर्णय निगम के संचालक मंडल/राज्य शासन का होगा, जिसकी सूचना मिल के सूचना पटल पर चस्पा की गई थी। संचालक मंडल की बैठक क्रमांक 146वीं दिनांक 03.04.2002 में निर्णय लिया गया कि ''प्रकरण को मंत्री-परिषद की अनुमति हेतु राज्य शासन को प्रेषित किया जाए।'' किन्तु मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 13.06.2004 के निर्णय अनुसार मिल की परिसंपत्तियों को विक्रय करने का निर्णय लिया गया। तत्पश्चात् अवंति मिल वर्कर्स सोसाइटी सनावद को संपत्तियां जैसे प्लांट, मशीनरी फैक्ट्री एवं आवासीय मकान का विक्रय कर दिनांक 02.04.2007 को सौंप दी गई। आवासीय मकानों का पंजीयन सोसाइटी के पक्ष में हो चुका है। निवासरत् श्रमिकों के पक्ष में आवास गृहों का विक्रय एवं पंजीयन किया जाना संभव नहीं है।
पट्टा वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 324 ) श्री संजय शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय क्षेत्र में भूमिहीन परिवारों, झुग्गी बस्ती में रहने वाले परिवारों को पट्टा देने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? उनकी प्रति दें। (ख) नवम्बर 2017 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने परिवारों को पट्टे दिये गये? किन-किन झुग्गी बस्तियों में रहने वाले परिवारों को पट्टे नहीं दिये गये तथा क्या कारण है? उनको कब तक पट्टा देंगे। निकायवार बतायें? (ग) रायसेन जिले में कौन-कौन सी बस्तियों का व्यवस्थापन होना है? इनके व्यवस्थापन हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? इस हेतु कितनी भूमि की आवश्यकता है तथा भूमि प्राप्त करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? निकायवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : दिनांक 31.12.2014 की स्थिति में पट्टे देने एवं पूर्व में दिये गये पट्टों के नवीनीकरण के संबंध में शासन निर्देश की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) नवंबर 2017 की स्थिति में रायसेन जिले में 818 परिवारों को पट्टे दिये गये हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 325 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी की ग्राम पंचायतों को 1 जनवरी 14 से 31 अक्टूबर 17 तक किस-किस योजना में कितनी राशि प्राप्त हुई। उक्त राशि से क्या-क्या कार्य करवाये गये? (ख) 1 नवम्बर 2017 की स्थिति में किस-किस ग्राम पंचायत के पास किस योजना की कितनी राशि है? उक्त राशि व्यय क्यों नहीं की गई? (ग) 1 नवम्बर 2017 की स्थिति में कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रायसेन द्वारा कराये जा रहे कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? कार्यवार कारण बतायें, उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब''अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
प्रदान की गई राशि की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( क्र. 344 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यान्ह भोजन में कार्य में लगे समूहों व रसोइयों को प्रदान की जाने वाली राशि सीधे विकास आयुक्त कार्यालय पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा उनके बैंक खातों में जमा की जाती है? अगर हां, तो यह राशि शाला में दर्ज बच्चों की दर्ज संख्या अनुसार औसतन कितने प्रतिशत दी जाती है? (ख) छिंदवाड़ा जिले के समस्त नगरीय क्षेत्रों में स्थित विभिन्न शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में मध्यान भोजन की राशि जो समूहों व रसोइयों के खातों में अगस्त 2017 से अक्टूबर 2017 तक जमा की गई है? प्रत्येक शालावार, समूहवार बैंक खाते सहित पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) मध्यान्ह भोजन कार्य में लगने वाला खाद्यान्न शाला में दर्ज बच्चों के आधार पर दिया जाता है या औसतन दिया जाता है? जानकारी उपलब्ध करायें। छिंदवाड़ा जिले के समस्त नगरीय क्षेत्रों में माह अगस्त, 2017 से नवम्बर 2017 तक प्रदान किये गये खाद्यान की जानकारी प्रत्येक शालावार उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। समग्र शिक्षा पोर्टल पर दर्ज छात्र संख्या का 65% प्रतिशत। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” एवं “ब” अनुसार है। (ग) समग्र शिक्षा पोर्टल पर दर्ज बच्चों के 65% औसत के आधार पर दिया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राही को प्रदान किये गये ऋण व सब्सिडी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
26. ( क्र. 345 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में केश शिल्पी योजना के अंतर्गत वर्ष 2014-15 व 2015-16 तथा 2016-17 में जिन हितग्राहियों को ऋण प्रदान किया जा चुका है, उन हितग्राहियों के नाम की सूची, ऋण राशि, बैंक का नाम सहित प्रत्येक विकासखण्डवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वर्षों में जिन हितग्राहियों को केश शिल्पी योजना के अंतर्गत बैंक द्वारा ऋण प्रदान किया गया था, उन हितग्राहियों में से किन-किन हितग्राहियों को सब्सिडी की राशि का भुगतान की जा चुकी है और किन-किन हितग्राहियों को सब्सिडी की राशि भुगतान नहीं की गई है? उन हितग्राहियों के नाम की सूची, ऋण राशि, सब्सिडी की राशि बैंक का नाम सहित प्रत्येक विकासखण्डवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) जिन हितग्राहियों को सब्सिडी की राशि प्रदान नहीं की गई है, उन्हें अब तक सब्सिडी की राशि प्रदान नहीं किये जाने का क्या कारण है? जिन हितग्राहियों को सब्सिडी की राशि अभी तक प्रदान नहीं की गई, ऐसे हितग्राहियों को सब्सिडी की राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समस्त हितग्राहियों को सब्सिडी का भुगतान किया जा चुका है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्य अप्रारम्भ/अपूर्ण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. (
क्र. 361 ) श्री
नरेन्द्र
सिंह कुशवाह :
क्या नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) नगर
पालिका भिण्ड
ओर नगर पंचायत
अकोडा में
प्रश्नांश
दिनांक तक कौन
से निर्माण
कार्य अप्रारम्भ/अपूर्ण
है? इनके
क्या कारण
हैं? कब
तक पूर्ण होने
थे? कब
तक पूर्ण हो
जायेंगे
किससे अनुबंध
किया गया है? छायाप्रति
सहित जानकारी
दें? (ख)
प्रश्नांश
(क) के
अंतर्गत
निर्माण
कार्य
समयावधि में
पूर्ण न होने
के कारण क्या
कार्यवाही
प्रचलित है? (ग) प्रश्नांश
(क) और (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में दिसम्बर 2017 तक
कौन से
निर्माण
कार्य पूर्ण
होकर किसको हैण्ड
ओव्हर किए
जायेंगे?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) से
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
कार्य कराये जाने के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 386 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के सेवढ़ा विकासखण्ड में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग से विधायक निधि मद के वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17, 2017-18 में कुल कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस ग्राम में कराये गये? (ख) क्या संबंधित ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण कर देने के उपरांत भी ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक राशि का पूर्ण भुगतान नहीं किया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्न दिनांक तक किस-किस ठेकेदार का किस-किस दिनांक से कितनी-कितनी राशि का पेमेन्ट विभाग को करना शेष है? संबंधितों का विभाग द्वारा कब तक भुगतान किया जायेगा? (घ) क्या इस संबंध में विभाग को पृथक से निर्देश जारी करेंगे कि वर्षों से लंबित भुगतान को संबंधित ठेकेदार को ब्याज सहित उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विभाग को दिनांक 03.11.2017 को बजट प्राप्त होने के पश्चात दिनांक 13.11.2017 को संबंधित ठेकेदार का भुगतान किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
प्रदेश के बाहर से आये अतिथियों/कलाकारों का सम्मान
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 404 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या झाबुआ जिले में पारम्परिक उत्सव घट स्थापना के अवसर पर चल समारोह निकाला जाता रहा है? तथा इसमें लगभग 1 लाख लोग इस कार्यक्रम में सहभागिता करते हैं एवं झाबुआ नगर के समाज जनो/न.पा.परि./प्रशासक द्वारा प्रदेश के बाहर से आये अतिथियों का सम्मान किया जाता रहा है? (ख) यदि हाँ, इस बार नगर पालिका परिषद झाबुआ द्वारा प्रदेश के बाहर से आये अतिथियों/कलाकारों का सम्मान क्या नहीं किया गया है? (ग) क्या शासन द्वारा प्रदेश से बाहर से आये अतिथियों/कलाकारों के सम्मान नहीं करने हेतु शासन स्तर से या जिला प्रशासन द्वारा लिखित में कोई आदेश जारी किया गया था? (घ) अगर नहीं तो नगर पालिका झाबुआ द्वारा सम्मान प्रतिवर्ष अनुसार क्यों नहीं किया गया? बाहर से आये अतिथियों/कलाकारों का सम्मान नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रतिवर्ष घट स्थापना पर चल समारोह निकाला जाता रहा है तथा लगभग 1 लाख लोग इस कार्यक्रम में सहभागिता करते हैं। पूर्व वर्ष में नगर पालिका द्वारा परिषद प्रस्ताव अनुसार अतिथियों का सम्मान किया जाता रहा है। (ख) नगर पालिका परिषद द्वारा नगर पालिका विधि संहिता अधिनियम की धारा 124 (डड) (परिषद की वैवेकिक शक्तियां) के अंतर्गत कोई प्रस्ताव पारित नहीं किये जाने से इस वर्ष सम्मान समारोह का आयोजन नहीं किया जा सका। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किये गये भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 410 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व से मिट्टीकरण व मुरमीकरण से निर्मित सड़कों पर खेत सड़क योजना का कार्य किया जा सकता है? यदि नहीं, तो रीवा जिले के जनपद पंचायत मऊगंज के ग्राम पंचायत पिपरा में वर्ष 2007-08 में एस.जी.आर.वाई. 50 प्रतिशत मूलभूत योजना बारहवां वित्त आयोग द्वारा सतखरा तालाब से ट्रांसफार्मर तक पहुंच मार्ग, चक्की से रंगलाल के घर तक, विश्वनाथ सोनी के घर से श्यामभूषण द्विवेदी के घर तक मुरमीकरण एवं 2000 एवं 2001-02 में भी मुरमीकरण पाईप पुल के निर्माण का कार्य किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 में पदस्थ सहायक यंत्री जनपद पंचायत मऊगंज द्वारा इसी मार्ग का नाम, बदलकर समीदुल्ला के घर के सरफुद्दीन के घर तक एवं देवेन्द्र द्विवेदी के घर से गढ़वा नाला तक क्रमश: तकनीकी स्वीकृत 284/08.01.2014 एवं 285/08.01.2014 जारी कर खेत सड़क का कार्य फर्जी पूर्ण कराया गया? इस मार्ग पर प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण भी उसी समय कराया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या सहायक यंत्री उपयंत्री द्वारा शासकीय राशि का गबन किया गया एवं जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? दोषियों को चिन्हित कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं की जावेगी तो क्यों? (घ) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मऊगंज द्वारा विभागीय तौर पर नगई से गोदरी अम्बिकाराम रतनगवां से कुसहई बमुरिहा प्राणनाथ से मालातर पहुंचमार्ग का निर्माण कराया गया था जिसके विभागीय मस्टररोल माप पुस्तिका में दर्ज कर परीक्षण एवं भुगतान हेतु जिला कार्यालय द्वारा आदेश जारी किये गये थे, किन्तु सहायक यंत्री श्री संतोष कुमार तिवारी द्वारा संविदाकार से मिलकर उपरोक्त सड़कों का संविदाकार के माप पुस्तिका में दर्ज कर भुगतान कराकर राशि का अपव्यय किया गया जिसकी जाँच कर कार्यवाही क्यों नहीं कराई गई? यदि जाँच कराई जावेगी तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश में वर्ष 2001-2002 एवं 2007-2008 की अवधि के हैं। निर्माण कार्य स्थलों का भौतिक तकनीकी/अभिलेखीय साक्ष्यों का निरीक्षण कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक-2 को आदेशित किया गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत ही वस्तुस्थिति स्पष्ट की जा सकेगी। (ख) प्रश्नांश उत्तर (क) अनुसार जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत वस्तुस्थिति स्पष्ट की जावेगी। (ग) प्रश्नांश उद्भुत (क) एवं (ख) में उल्लेखित तथ्यों के प्रकाश में जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। (घ) तथ्यों की जाँच हेतु कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक-2 को निर्देशित किया गया है जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा।
मन्दिरों का जीर्णोद्धार की राशि दिलाने बावत्
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
31. ( क्र. 411 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 799 दिनांक 10.12.2015 पर माननीय मंत्री जी द्वारा पत्र क्र. 3190/एम.आई.एन./सी. & जे./2015 दिनांक 11.12.2015 द्वारा विधानसभा क्षेत्र मऊगंज-71 के शिवमंदिर हाटा, गणेशधाम बरांव, चतुर्भुज मंदिर दुविया चौहना के मन्दिरों का जीर्णोद्धार कराये जाने हेतु प्रमुख सचिव धर्मस्व को यथोचित कार्यवाही करने एवं प्रश्नकर्ता को जिला प्रशासन से डी.पी.आर. उपरोक्त मन्दिरों का बनाने के संबंध में पत्र लिखा था जिस पर प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 818 दिनांक 18.12.2015 द्वारा पत्र कलेक्टर रीवा को उपरोक्त पत्र के संबंध में पत्र लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में लोक निर्माण विभाग द्वारा उपरोक्त मंदिरों का डी.पी.आर. तैयार किया जाकर भेजा गया था? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक जीर्णोद्धार की राशि क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? यदि कराई जावेगी तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के संबंध में धर्मस्व विभाग द्वारा प्रदेश से कितने मन्दिरों के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव वर्ष 2015-16, 2016-17 में प्राप्त हुए प्रस्ताव क्रमांक दिनांक मन्दिर का नाम, तहसील एवं जिला सहित सूची उपलब्ध करावें? उपरोक्त वर्ष में कितने मन्दिरों को राशि जारी की गई सूची उपलब्ध करावें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशों का पालन कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र.
412 ) श्री
सुखेन्द्र
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
द्वारा कलेक्टर
रीवा को पत्र
क्र. 148
दिनांक 01.09.2014 को
मनरेगा एवं
विधायक निधि
के अभिसरण से
पत्र में
क्रमांक 01 से 12 तक 2
ग्रामों को
जोड़ने हेतु
रपटा कम स्टाप
डैम का
निर्माण तथा
प्रश्नकर्ता
के पत्र पर
माननीय मुख्यमंत्री
के कार्यालय
से प्राप्त
नोटशीट
क्रमांक 194/सी.एम.एस./एस.जी.व्ही./एम.
दिनांक 13.05.2014 पर मध्यप्रदेश
राज्य
रोजगार
गारंटी परिषद
द्वारा पत्र
क्र. 4068
भोपाल दिनांक 10.06.2014
द्वारा स्टाप
डैम रपटा
निर्माण तथा
प्रश्नकर्ता
के प्रश्न
क्रमांक 800
दिनांक 10.12.2015 पर
प्रमुख सचिव
पंचायत एवं
ग्रामीण
विकास भोपाल
से अभिसरण
द्वारा रपटा
निर्माण हेतु
टीप दिनांक 14.12.2015
को लेख किया
गया था? (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में यदि हाँ, तो उन
पर क्या
कार्यवाही
प्रश्न
दिनांक तक की
गई? (ग)
प्रश्नांश
(क) (ख) के
प्रकाश में प्रश्न
दिनांक तक
अभिसरण का
प्राक्कलन
एवं तकनीकी स्वीकृति
प्रदान नहीं
किये जाने के
लिये कौन दोषी
हैं? दोषी
के खिलाफ क्या
कार्यवाही की
गई? नहीं
की गई तो क्यों? यदि
कार्यवाही की
जावेगी तो कब
तक? (घ)
प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में प्राक्कलन
तकनीकी स्वीकृत
अभिसरण 60 व 40
का पृथक-पृथक
विवरण सहित
उपलब्ध कब तक
कराया जावेगा? यदि
नहीं,
तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी हाँ। (ख)
प्रश्नांश
उत्तर (क) में
वर्णित
तथ्यों के
प्रकाश में 16
निर्माण
कार्यों में
की गई अनुशंसा
एवं अपेक्षानुसार
निर्माण
कार्य स्थलों
का निरीक्षण
किया जाकर 14
निर्माण
कार्यों की
तकनीकी
स्वीकृति
जारी की गई
है। तकनीकी
स्वीकृति
आदेश की
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 एवं 2
अनुसार है। (ग) प्रश्नांश
उत्तर (ख) में
यथावर्णित
अनुसार
निर्माण
कार्य स्थलों
का निरीक्षण
कराया जाकर
तकनीकी
प्राक्कलन
तैयार होने के
उपरांत कार्यपालन
यंत्री
ग्रामीण
यांत्रिकी
सेवा संभाग
क्रमांक-2 रीवा
द्वारा
तकनीकी
स्वीकृति
जारी की जा
चुकी है अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में तकनीकी
प्राक्कलन
में निर्माण
कार्यों के
क्रियान्वयन
हेतु मजदूरी व
सामग्री का
अनुपात 60:40
पृथक-पृथक एवं
अभिसरण
प्रावधानित
है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
33. ( क्र.
414 ) श्री
सुखेन्द्र
सिंह : क्या
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्र. क्यू
रीवा दिनांक 16.08.2017
से कलेक्टर
रीवा से विधान
सभा क्षेत्र
के अंतर्गत
स्थित
गणेशधाम
मंदिर बरांव
हनुमना, हटेश्वर
शिव मंदिर
ग्राम हाटा ब्लॉक
हनुमना, हनुमना
मंदिर हनुमना
के मंदिरों को
शासन संधारित
करने हेतु
पत्र लिखा गया
था?
(ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में यदि हाँ, तो
कलेक्टर
रीवा द्वारा
अपने पत्र
क्रमांक 236/धर्मार्थ/2017 रीवा
दिनांक 29.08.2017 द्वारा
अनुविभागीय
अधिकारी
तहसील हनुमना
को पत्र लिखकर
स्थल
निरीक्षण
मंदिरों की
फोटो खसरा की
नकल, नजरी/नक्शा
के साथ अभिमत
सहित 15
दिवस के अंदर
भेजने का लेख
किया गया था? (ग) प्रश्नांश
(क), (ख)
के प्रकाश
में यदि हाँ, तो
प्रश्न
दिनांक तक क्या
कार्यवाही की
गई? उपरोक्त
सभी की
प्रतिलिपियां
उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(क), (ख), (ग) के
प्रकाश में
यदि नहीं, तो क्यों? बतावें
कि कब तक
प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
कार्यवाही कर
दी जावेगी?
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क) से
(घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
गृह निर्माण मण्डल के नियम अंतर्गत हितग्राहियों को भवन आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 439 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 20 जुलाई 2017 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 847 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया गया था कि योजनांतर्गत शेष 3 हितग्राहियों, जिनके द्वारा पंजीयन की राशि वापिस नहीं ली है उनके लिये प्रश्नाधीन योजनांतर्गत स्वतंत्र भूखण्ड/भवन निर्मित कर प्रदान करना, पुनरीक्षित अभिन्यास में प्रावधान न होने के परिप्रेक्ष्य में संभव नहीं है ये हितग्राही मण्डल की रिक्त संपत्ति अथवा नवीन योजनांतर्गत वर्तमान निर्धारित मूल्य पर संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें उनके द्वारा जमा राशि निर्धारित 8 प्रतिशत ब्याज दर पर संपत्ति के मूल्य में समायोजित की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित हितग्राहियों को स्वतंत्र भवन/भूखण्ड विभाग द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांकित हितग्राहियों को बोर्ड द्वारा स्वतंत्र भवन/भूखण्ड भोपाल नगर निगम सीमा के अंतर्गत दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कहाँ किस योजना में उपलब्ध कराये हैं? यदि उपलब्ध नहीं कराये हैं तो शासन ने सदन में असत्य उत्तर क्यों दिया है? (घ) क्या भोपाल नगर निगम सीमा अंतर्गत बोर्ड के नये अथवा पुरानी योजना में बोर्ड की संपत्ति के अधीन रिक्त स्वतंत्र भवन/भूखण्ड को बार्ड एवं हितग्राहियों की सहमति से न्यायोचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब किस योजनांतर्गत रिक्त भवन/भूखण्ड की सूची क्षेत्रवार प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्नांकित हितग्राहियों ने मंडल द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची में से भवन क्रय करने हेतु चयन कर मंडल को अवगत नहीं कराये जाने से भवन उपलब्ध नहीं कराये जा सके। (ग) जी नहीं। शेष उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) भोपाल नगर निगम सीमा अंतर्गत मंडल की अविक्रीत संपत्ति में से प्रश्नाधीन हितग्राही निर्धारित मूल्य पर संपत्ति क्रय कर सकते है। हाउसिंग पार्क एवं विश्वकर्मा नगर भोपाल में रिक्त संपत्ति की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खनिज
[खनिज साधन]
35. ( क्र. 468 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 में रेत खदानों से राज्य शासन को कुल कितनी राशि रॉयल्टी के रूप में प्राप्त होनी है एवं इसके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि राज्य शासन को प्राप्त हो चुकी है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त रेत खदानों में से कितनी खदानें ऐसी है जो अभी तक शुरू नहीं हो सकी है? (ग) क्या रेत खदानों से जितनी राशि रॉयल्टी के रूप में राज्य शासन को प्राप्त होनी थी, उतनी राशि नहीं प्राप्त हुई है जबकि खदान ठेकेदारों द्वारा नदियों का दोहन कर फर्जी तरीके से कई गुना ज्यादा रेत निकाल ली है? साथ ही रेत के दाम भी बाजार में कई गुना बढ़ गये हैं। जिससे मध्यमवर्गीय परिवार परेशान है? (घ) क्या इस व्यवस्था में सुधार करेंगे या फिर पुन: पंचायत को रेत उत्खनन के अधिकार देंगे, जिससे रेत को सस्ता किया जा सके?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 में रेत खदानों से राज्य शासन को रॉयल्टी/ठेकाधन के रूप में कुल राशि 293.66 करोड़ रूपये प्राप्त होने का अनुमान है। इसके विरूद्ध माह अक्टूबर 2017 तक राशि 113.06 करोड़ रूपये प्राप्त हो चुके हैं। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) मध्यप्रदेश में कुल चिन्हित 1266 रेत खदानों में से 821 खदानें संचालित नहीं हो सकीं है। (ग) रेत खनन के अनुपात में राज्य शासन को राशि प्राप्त हुई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। रेत के बाजार मूल्य के निर्धारण का मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधान नहीं है। जी नहीं। (घ) व्यवस्था में सुधार सतत प्रक्रिया है। ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय को रेत खनन के अधिकार दिये जाने के संबंध में नीतिगत निर्णय लिया जा चुका है।
शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
36. ( क्र. 484 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की नगरीय निकाय छतरपुर, महाराजपुर, नौगांव, हरपालपुर गढ़ीमलहरा, लवकुशनगर, चन्दला, बारीगढ़, राजनगर, खजुराहो, सटई, बिजावर, बड़ामलहरा, घुवारा, बकस्वाहा क्षेत्र में सूक्ष्य लघु, मध्यम उद्यम विभाग द्वारा कौन-कौन सी बेरोजगारी उन्मूलन एवं शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु क्या योजना संचालित है? (ख) उन उद्यमों द्वारा कितने उद्यमियों को लाभ पहुंच रहा है? (ग) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना अंतर्गत निकायों से आवदेन स्वीकृति के बाद बैंकों से कितने आवेदकों को ऋण स्वीकृत किया गया? (घ) क्या शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा प्रकरण स्वीकृति में अनावश्यक विलंब किया गया है? ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) छतरपुर जिले के नगरीय निकायों क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा शिक्षित बेरोजगारों को स्वयं का रोजगार उपलब्ध कराने हेतु निम्न योजनायें संचालित की जाती है :- 1- मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना। 2- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना। 3- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना। (ख) छतरपुर जिले के नगरीय निकायों में उक्त योजनाओं के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 73 हितग्राहियों को लाभ पहुंचा है। (ग) आवेदनों की स्वीकृति विभाग द्वारा नहीं की जाती है। बैंकों के द्वारा लक्ष्य अनुरूप स्वीकृति दी जाती है। (घ) वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए निर्धारित लक्ष्यों की शतप्रतिशत पूर्ति की गई। अतःशेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क योजना एवं कार्यों की विस्तृत जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 508 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, ग्राम सुदूर संपर्क योजना एवं खेत सड़क मार्ग निर्माण योजना वर्तमान में संचालित है? यदि हाँ, तो 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में कितने-कितने कार्य कितनी-कितनी राशि से स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने कार्य पूर्ण हुये? कितने कार्यों के पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी किये गये एवं कितने कार्य वर्तमान में अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? क्या अधूरे कार्यों को यथास्थिति पर ही बंद कर दिया गया है या उन्हें पूर्ण बताकर उनके पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने कार्य किस-किस ग्राम पंचायत में हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में पृथक-पृथक योजनाओं में कितने-कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस वर्ष में स्वीकृत किये गये? कौन-कौन से कार्य के लिये किस-किस कार्य एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किस-किस दिनांक को चैक/ड्राफ्ट/नगद/अन्य माध्यमों से किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र परसवाड़ा में निर्माण कार्यों में कौन-कौन से कार्य किया जाना प्रस्तावित है? कितने प्रस्ताव राज्य शासन/केन्द्रशासन/जिला प्रशासन में प्रस्तावित है? सूची प्रदान करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा में कोई कार्य प्रस्तावित न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिकायतों पर कार्यवाही एवं निर्माण कार्यों का ब्यौंरा
[वन]
38. ( क्र. 509 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग जिला बालाघाट में 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य/अन्य कार्य/श्रमिकों को भुगतान कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये? नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस दिनांक को चेक/ ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार, कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) क्या विभाग से मजदूरों से कार्य करवाया जाता है तथा सुरक्षा वाउचरों के माध्यमों से उन्हें वेतन दिया जाता है? परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र में उक्त अवधि में कितने मजदूरों से कब-कब कौन सा कार्य करवाया गया तथा उसे किस माध्यम से कब वेतन का भुगतान किया गया? समनापुर एवं लामता परिक्षेेत्र की सूची अलग से प्रदाय किया जावे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1- (क) अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1- (क) एवं 1- (ख) अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। शेष की जानकारी संकलित की जा रही है।
शिकायतों का निराकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
39. ( क्र. 512 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किरनापुर विकासखण्ड अन्तर्गत ग्राम मानकर टोला में ग्रामीणों के लिये मूलभूत सुविधायें प्रदाय किये जाने के संबंध में विकासखण्ड/जिला/राज्य स्तर पर लिखित/मौखिक या अन्य माध्यमों से शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो बताये कि शिकायतें प्राप्त होने के पश्चात शासन स्तर पर समस्त सुविधायें प्रदाय किये जाने के क्या प्रयास किये गये? यदि नहीं, किये गये तो क्यों? (ख) क्या मानपुर टोला निवासी सड़क, बिजली, पानी मकान आदि समस्त सुविधाएं आज दिनांक तक अप्राप्त हैं? क्या उक्त ग्राम में शासकीय स्तर पर समस्त समस्याओं का निराकरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) उक्त ग्राम में कितने परिवार तथा कितने लोग निवास करते हैं? कितने परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं तथा कितने परिवार ए.पी.एल. श्रेणी में हैं? (घ) क्या कई बार स्थानीय स्तर पर उक्त समस्याओं के लिये शिकायतें की गई लेकिन शासन द्वारा अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई? क्या जिम्मेदार दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है। (ख) जी नहीं। सड़क बिजली एवं पेयजल सुविधाएं हैं। ग्राम पंचायत उपलब्ध सीमित संसाधनों से ग्रामीण विकास के कार्य करने के लिए अधिकृत है। (ग) मानकरटोला में कुल 09 परिवारों में 58 लोग निवास करते हैं। उक्त निवासरत परिवारों में 06 गरीबी रेखा के नीचे और 03 ए.पी.एल. श्रेणी में है। (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुवासरा नगर में वितरित आवासीय पट्टे
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 526 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा नगर के वार्ड 1 से 15 में कितने निवासरत आवासी पट्टे की पात्रता रखते है? वार्ड अनुसार सूची उपलब्ध करावें? (ख) विगत तीन वर्षों में कितने व्यक्तियों को आवासीय पट्टे प्रश्न दिनांक तक वितरण किये गये हैं? वार्ड अनुसार स्वामी प्रमाण पत्र सूची उपलब्ध करावें? (ग) वार्ड 1 व 2 सुवासरा ग्राम में कितने व्यक्ति कितने वर्षों से आवास बनाकर निवासरत है? मुखिया के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें तथा इन्हे कब तक आवासीय पट्टे वितरण कर दिये जावेंगे? (घ) जो व्यक्ति वर्षों से निवासरत हैं, उनका चयन प्रधानमंत्री आवास सूची में आने के बाद पट्टे का स्वामित्व प्रमाण की आवश्यकता है, सत्यापन के आधार पर प्रधानमंत्री आवास राशि जारी कर सकते है या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्राथमिक सर्वेक्षण में 633 हितग्राही पट्टा वितरण की योजना में पाये गये हैं। इन हितग्राहियों की पात्रता का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत वास्तविक हितग्राही की जानकारी हो सकेगी। सर्वेक्षित हितग्राहियों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) सुवासरा नगर परिषद अंतर्गत विगत 03 वर्षों में राजस्व विभाग द्वारा पट्टे वितरित नहीं किये गये है। (ग) नगर परिषद सुवासरा वार्ड क्रमांक 01 एवं 02 में 459 व्यक्ति आवास बनाकर निवासरत है, जिसमें से 379 व्यक्ति वर्ष 1959 के पूर्व से निवासरत हैं तथा 80 व्यक्ति/परिवार वर्ष 1959 एवं 2014 के मध्य से निवासरत है। उपरोक्त सभी व्यक्तियों को शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अंतर्गत पात्र पाये जाने पर नियमानुसार पट्टा वितरण की कार्यवाही की जा सकेगी। सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) हितग्राही द्वारा स्वयं निर्माण (बी.एल.सी.) घटक के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु भू-स्वामित्व की आवश्यकता है। भागीदारी में किफायती आवास (ए.एच.पी.) घटक के अंतर्गत उस शहर का निवासी होने की पात्रता हो। भूमि स्वामित्व के सत्यापन के उपरांत ही हितग्राही द्वारा स्वयं निर्माण (बी.एल.सी.) घटक के अंतर्गत राशि जारी की जा सकेगी।
मंदिरों के जीर्णोद्धार की राशि
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
41. ( क्र. 528 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा विगत एक वर्ष के अंतर्गत मंदसौर जिले में मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? मंदिर के नाम, राशि, स्थान सहित विधानसभावार जानकारी देवें? (ख) माननीय मंत्री महोदय द्वारा दिनांक 16.05.2017 पत्र क्रमांक 5078 में किन-किन मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु लिखा गया है एवं कितना समय हो गया है। (ग) माननीय मंत्री महोदय के पत्र क्रं. 5078 के उत्तर में मंदसौर कलेक्टर के द्वारा मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु कितनी राशि का प्राक्कलन तैयार कर शासन की ओर प्रेषित किया गया है? दिनांक सहित जानकारी देवें? (घ) यदि प्राक्कलन (डी.पी.आर.) प्रेषित नहीं किया गया है तो कब तक मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवास निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 539 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शहडोल जिले के नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवास निर्माण हेतु राशि स्वीकृत किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित जिले के प्रत्येक नगरीय निकायों में उक्त योजना के तहत लाभ प्राप्त हेतु कितनें आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं? प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितनें हितग्राहियों को किस आधार पर चयनित कर आवास निर्माण हेतु पात्र पाया गया है? आवेदनकर्ता हितग्राहियों एवं चयनित हितग्राहियों की हितग्राहीवार जानकारी, स्वीकृत दिनांक, व्यय राशि, कार्य की भौतिक स्थिति, योजना से संबंधित शासन के समस्त नियम निर्देशों सहित जानकारी मय दस्तावेज उपलब्ध करायी जावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राप्त आवेदन, चयनित हितग्राही, हितग्राहीवार जानकारी, स्वीकृत दिनांक व्यय राशि की भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नियम निर्देशों के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) सबके लिए आवास-2022 मार्गदर्शी सिद्धांत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं हितग्राही चयन के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
खेल मैदानों की भौतिक स्थिति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 540 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में खेल को बढ़ावा देने के लिये खेल मैदानों के निर्माण हेतु राशि आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित जिले के प्रत्येक जनपद पंचायतों के प्रत्येक ग्रामों में वर्ष 2013-14 से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? स्वीकृत राशियों से जनपद पंचायतवार प्रत्येक खेल मैदान किस खसरा नंबर व कितने रकबे पर बनाया जा रहा है या जावेगा प्रत्येक कार्य की भौतिक स्थिति स्वीकृत व व्यय राशि, निर्माण एजेंसी सहित संपूर्ण जानकारी दस्तावेजों के साथ उपलब्ध करायी जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) शहडोल जिलें में मनरेगा योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कुल राशि रू. 1797.53 लाख के खेल मैदान स्वीकृत किये गये है। जनपदवार वर्षवार स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। स्वीकृत राशियों से जनपद पंचायतवार प्रत्येक खेल मैदान की ग्रामवार, एजेंसीवार, खसरा नं./ रकवावार, कार्य की स्वीकृत लागत, व्यय राशि एवं कार्य की भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सी.एम. हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
44. ( क्र. 541 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, मंदसौर जिलों में सी.एम.हेल्पलाइन के कितने-कितने एवं कौन-कौन से प्रकरण एक वर्ष या इससे अधिक समय से किस कारण से लंबित है? जिलेवार, प्रकरणवार जानकारी दें तथा निराकरण अवधि के प्रावधान क्या हैं? (ख) इतने अधिक समय तक प्रकरणों के लंबित रहने का दायित्व किसका है? तथा उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार एक वर्ष या इससे अधिक समय से लंबित प्रकरणों के निराकरण संबंधी की गई कार्यवाही का पूर्ण ब्यौरा दें। उक्त लंबित प्रकरणों का निराकरण कब किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सी.एम.हेल्पलाईन 181 में उज्जैन, रतलाम, झाबुआ एवं मंदसौर जिलों में एक वर्ष या इससे अधिक समय से लंबित शिकायतों पर अधिकारी द्वारा कार्यवाही करने के पश्चात भी नागरिक द्वारा बार-बार असंतुष्टि दर्ज कराये जाने के कारण शिकायतें लंबित है। सी.एम. हेल्पलाईन 181 में शिकायतकर्ता की संतुष्टि दर्ज होने के पश्चात ही शिकायत को बंद किये जाने का प्रावधान है। लंबित प्रकरणों की जिलेवार प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सी.एम.हेल्पलईन 181 में प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु समस्त विभागवार शिकायतों के प्रारूप अनुसार पृथक-पृथक समय-सीमा निर्धारित है, जिसमें यथासंभव निराकरण का प्रयास किया जाना अपेक्षित रहता है। (ख) सी.एम.हेल्पलाईन 181 में प्राप्त शिकायतों के निराकरण करने का दायित्व संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों का है। चूंकि प्रत्येक स्तर पर निरंतर निराकरण का प्रयास किया जाता है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार एक वर्ष या इससे अधिक समय से लंबित प्रकरणों के निराकरण संबंधी की गई कार्यवाही के संबंध में लेख है कि सी.एम.हेल्पलाईन में दर्ज प्रकरण को कार्यवाही हेतु संबंधित विभाग के अधिकारियों को ऑनलाईन अग्रेषित किया जाता है तथा निराकरण का निरंतर प्रयास किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आश्रय घर निर्माण संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 546 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहरी गरीबों के लिए आश्रय घर (शेल्टरहोम) बनाने हेतु केन्द्र सरकार ने एन.यू.एल.एम. के तहत प्रदेश सरकार को वर्ष 2013 में अब तक कितनी-कितनी राशि दी वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्राप्त राशि किस-किस मद में कहाँ-कहाँ व्यय की गई वर्षवार, मदवार एवं व्यय स्थलवार ब्यौरा दें तथा प्रदेश में किन-किन शहरों में शेल्टर होम बनना है? (ग) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय ने उक्त राशि के ऑडिट की बात कही है? यदि हाँ, तो सरकार उसके पालन में क्या कर रही है? यदि नहीं, तो माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन क्यों नहीं हो रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत 6 घटक है, जिनमें शहरी बेघरों के लिये आश्रय योजना एक घटक के रूप में है। केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न घटकों में राशि आवंटित न करके योजना के लिये राशि आवंटित की जाती है। केन्द्र सरकार से योजना में प्राप्त राशि का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) शहरी बेघरों के आश्रय स्थल के निर्माण एवं संचालन/संधारण में व्यय की गई राशि की जानकारी निकायवार/वर्षवार संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। योजना की मार्गदर्शिका अनुसार आश्रय स्थल का निर्माण एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर तथा जिला मुख्यालयों पर किया जायेगा। उक्त मापदंड अनुसार 55 शहरों में से 24 शहरों में 100 आश्रय स्थल (रैन बसेरा) पूर्व से संचालित है। 31 शहरों में नवीन आश्रय स्थल निर्मित किये गये है जिसमें से 29 आश्रय स्थल का निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं 4 आश्रय स्थल निर्माणाधीन है। इस प्रकार योजना की मार्गदर्शिका अनुसार मापदंड पूर्ण करने वाले समस्त शहरों में आश्रय स्थल की सुविधा है। (ग) जी हाँ। नगरीय निकायों के लेखों की संपरीक्षा, स्थानीय निधि संपरीक्षा तथा चार्टड अकाउटेन्ट के माध्यम से की जाती है।
दांतरदा स्टेडियम का निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
46. ( क्र. 605 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम दांतरदा में स्टेडियम निर्माण कार्य कब स्वीकृत हुआ? इसके निर्माण हेतु कितनी राशि शासन द्वारा प्रदाय की गई? निविदा कब बुलाई गई, इसके निर्माण की कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? (ख) वर्तमान तक उक्त स्टेडियम का निर्माण कार्य कितना पूर्ण/अपूर्ण पड़ा है व क्यों इसे कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ग) क्या उक्त कार्य पूर्ण करने की समयावधि फरवरी 2018 है तथा वर्तमान तक 10-15 प्रतिशत कार्य ही पूर्ण हो पाया है इसे पूर्ण कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इसे अपूर्ण रखने हेतु कौन उत्तरदायी है के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन/विभाग उक्त स्टेडियम निर्माण कार्य को निर्धारित समयावधि में ही पूर्ण करवाएगा? इस हेतु संबंधित विभागीय अमले/ठेकेदार को सख्त निर्देश जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम दांतरदा में स्टेडियम निर्माण का कार्य दि. 14.09.2015 को राशि रू. 80.00 लाख का स्वीकृत हुआ। निर्माण हेतु राशि रू. 40.00 लाख प्रदाय की गई। निविदा दि. 03.08.2016 को बुलाई गई। कार्य पूर्णता की तिथि 18.02.2018 निर्धारित है। (ख) वर्तमान में उक्त स्टेडियम का कार्य 80 प्रतिशत अपूर्ण है। कार्य दि. 18.02.2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा निरंतर समीक्षा की जा रही है। भूमि विवाद होने के कारण कार्य की अपूर्णता होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) कार्य समयावधि में पूर्ण कराने के संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किए जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
बड़ौदा स्टेडियम का निर्माण कार्य
[खेल और युवा कल्याण]
47. ( क्र.
606 ) श्री
दुर्गालाल
विजय : क्या
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
माननीय मुख्यमंत्री
जी ने वर्ष 2013 में
श्योपुर
प्रवास के
दौरान बड़ौदा
में स्टेडियम
निर्माण
कराने की
घोषणा की थी, के
पालन में
एल.यू.एन.
द्वारा तैयार
प्राक्कलन
स्वीकृत कर 70 लाख
रूपये शासन
द्वारा जिले
को उपलब्ध भी
करा दिये हैं
एवं कलेक्टर
श्योपुर
द्वारा भी 1.463
हेक्टेयर
भूमि आवंटित
भी कर दी है? (ख) क्या संचालक
खेल एवं युवक
कल्याण
भोपाल ने अपने
पत्र क्रमांक 2804 दिनांक
29.06.2017
द्वारा उक्त
आवंटित भूमि
को अनुपयुक्त
मानते हुए
किसी अन्य स्थान
पर 7
एकड़ समतल
भूमि उपलब्ध
कराने हेतु
कलेक्टर श्योपुर
को लिखा था? (ग) क्या
कलेक्टर ने
अपने पत्र
क्रमांक 212
दिनांक 22.09.2017 द्वारा
संचालक को
अवगत कराया था
कि बड़ौदा क्षेत्र
में 7
एकड़ भूमि तीन
किलो मीटर के
अन्दर कहीं
भी उपलब्ध
नहीं है, ऐसी स्थिति
में पूर्व
आवंटित भूमि
पर ही स्टेडियम
का निर्माण
कराना उचित
होगा?
(घ) यदि
हाँ,
तो क्या
शासन/विभाग
माननीय मुख्यमंत्री
जी की घोषणा
के क्रियान्यवन
हेतु कलेक्टर
द्वारा
आवंटित भूमि
पर ही स्टेडियम
निर्माण
कराने की
अनुमति आदेश
जारी करेगा व
कब तक?
यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क) से
(ग) जी हाँ। (घ) बडौदा जिला श्योपुर में मिनी स्टेडियम के निर्माण कार्य
हेतु निर्माण
एजेंसी म.प्र. लघु उधोग निगम के महाप्रबंधक एवं वास्तुविद द्वारा
आवंटित भूमि का स्थल निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मिनी स्टेडियम हेतु उपलब्ध करायी गई भूमि का ग्राउण्ड लेवल 4-5 फीट नीचे है
तथा
तालाब के डाउन स्ट्रीम में है।
जिसमें बरसात
में
तालाब का पानी भर जाता है
जिससे उक्त भूमि पर
स्टेडियम का निर्माण किया जाना उचित नहीं
है।
तेन्दूपत्ता बोनस राशि से ग्राम व वन विकास
[वन]
48. ( क्र. 634 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा तेन्दूपत्ता संग्राहकों को मुनाफा (बोनस) राशि का वितरण किया जाता है यदि हाँ, तो मुनाफे की राशि का कितना भाग संग्राहक को दिया जाता है? (ख) क्या मुनाफा राशि का कुछ अंश ग्रामों के विकास पर भी व्यय किए जाने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो ब्यौरा दे? विगत 3 वर्ष के दौरान सीहोर जिले में उक्त राशि कौन-कौन ग्रामों को प्रदान की गई वर्षवार, ग्रामवार प्रदान की गई राशि व उस राशि से कराए गए विकास कार्य का ब्यौरा दें? (ग) क्या मुनाफा राशि का कुछ अंश वनों के विकास पर भी व्यय किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान सीहोर जिले में व्यय की गई राशि का वर्षवार कार्यवार ब्यौरा दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन वन विभाग के परिपत्र क्रमांक-एफ-26-01/2007/10-3, दिनांक 10.02.2012 के अनुसार राष्ट्रीयकृत लघु वनोपजों के व्यापार से अर्जित शुद्ध लाभ की राशि का 70 प्रतिशत भाग संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहित मात्रा के अनुपात में प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में वितरित किया जाता है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। विगत 3 वर्षों (2014-15, 2015-16 एवं 2016-17) के दौरान राशि का व्यय नहीं किया गया।
लघु वनोपज पर पंचायती राज व्यवस्था को अधिकार
[वन]
49. ( क्र. 635 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006 एवं राज्य मंत्रालय वन विभाग भोपाल के 25 जनवरी 2001 के आदेशानुसार पंचायती राज व्यवस्था को किस-किस लघु वनोपज नियंत्रण प्रबंधन एवं अधिकार के संबंध में क्या-क्या प्रावधान सौंपे गए है? (ख) लघुवनोपज पर नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार के संबंध में वन विभाग ने किस-किस दिनांक को आदेश, निर्देश अधिसूचना जारी कर क्या-क्या अधिकार पंचायती राज्य व्यवस्था को सौंपे हैं? प्रति सहित बतावें? (ग) किस-किस लघु वनोपज के संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन के संबंध में राज्य में वर्तमान में किस कानून, किस नियम के कौन-कौन से प्रावधान प्रचलित हैं? इनमें से किस प्रावधान के अनुसार वनोपज के संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन के किस धारा में अपराध पंजीबद्ध करने का किसे अधिकार है? (घ) किस-किस लघु वनोपज पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी पंचायती राज व्यवस्था के नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार किन कारणों से सौंपे गए हैं? यह सौंपे जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा समय-सीमा सहित बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006 में लघु वनोपज से संबंधित प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। म.प्र. शासन वन विभाग के परिपत्र दिनांक 25 जनवरी 2001 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन वन विभाग द्वारा परिपत्र दिनांक 25 जनवरी 2001 से ग्राम सभाओं को अधिकार सौंपे गए हैं। परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) लघु वनोपज के संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन के संबंध में मध्यप्रदेश में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) म.प्र. शासन, वन विभाग के परिपत्र दिनांक 25 जनवरी 2001 से ग्रामसभाओं को अधिकार प्रत्यायोजित किये गये हैं, जिसकी कण्डिका 6 एवं 7 में लघु वनोपज के विकास, संरक्षण, संग्रहण तथा गैर नाश्वान विदोहन हेतु प्रावधान दिये गये हैं। परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मण्डला जिलान्तर्गत स्थापित गिट्टी क्रेशर
[खनिज साधन]
50. ( क्र. 691 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में कुल कितनी क्रेशर मशीन संचालित हैं? प्रोपाईटर का नाम,पता तथा भण्डारण का लायसेंस कितनों के पास है? विकास खण्डवार पूर्ण जानकारी देवें एवं विस्फोटक सामग्री का उपयोग कर कितने लायसेंसी उत्खनन करते हैं? (ख) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं बी.पी.एल. कार्डधारियों विधवा, तलाकशुदा महिलाओं व विकलांगों को क्रेशर संचालन, भण्डारण के लायसेंस हेतु क्या नियम हैं वर्तमान में इनके कितने लायसेंस स्वीकृत या विभाग में स्थान रिक्त हैं? सूचीवार जानकारी दें। (ग) क्या क्रेशर प्लांट के आसपास की भूमि व कृषि भूमि प्रभावित होती है, या फसल नष्ट होती है, तो क्या किसानों को मुआवजा प्रदान करने का कोई नियम है? हॉ तो उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने क्रेशर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से अनुमति प्राप्त हैं तथा विगत वर्षों में कितने क्रेशर मालिकों से कितनी-कितनी धनराशि जुर्माना जिला प्रशासन द्वारा वसूला गया हैं? विकासखण्डवार जानकारी दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के तहत गिट्टी निर्माण हेतु स्वीकृत उत्खनिपट्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर एवं मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 के अंतर्गत क्रेशर हेतु स्वीकृत व्यापारिक अनुज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में दर्शित है। जिसमें प्रश्नानुसार जानकारी उपलब्ध कराई गई है। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 21 में प्रश्नानुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, गरीबी रेखा के नीचे के परिवार तथा महिलाओं को उत्खनिपट्टा प्राप्त करने में अन्य वर्गों की तुलना में अधिमानी अधिकार दिये जाने के प्रावधान हैं। मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 में प्रश्नानुसार उल्लेखित वर्गों को भण्डारण के लाईसेंस दिये जाने के संबंध में प्राथमिकता संबंधी प्रावधान नहीं हैं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 एवं मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 में प्रश्नानुसार प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नानुसार अनुमति प्राप्त किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन जिले में ग्राम खुर्सीपार विकासखण्ड नैनपुर में स्थित छाया स्टोन क्रेशर को उत्खनिपट्टा की शर्तों के आधार पर रूपये 40,000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया था। यह राशि चालान दिनांक 10.10.2017 से जमा कराई जा चुकी है।
एजेंसी/ठेकेदार के माध्यम से लिये जाने के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
51. ( क्र. 698 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र.रा.आ. मिशन भोपाल के पत्र क्रमांक 5986/दिनांक 23.08.2017 में कलेक्टर दर पर पदस्थ अमले की सेवायें एजेंसी के माध्यम से लिये जाने हेतु निर्देशित किया गया है एवं ऐसे सभी कर्मचारियों के ई.पी.एफ. खाते एजेंसी के नाम हस्तांतरित करने हेतु निर्देशित किया है? यदि हाँ, तो दो वर्षों से अधिक मिशन में सेवायें प्रदान कर रहे कर्मचारियों की सेवायें एजेंसी के माध्यम से लेने की संवैधानिक प्रक्रिया से अवगत करायें, नहीं तो क्यों, कारण बतावें? (ख) आगर जिले में पदस्थ लेखापाल/कम्प्युटर ऑपरेटर/परिचारक को कब से वेतन भुगतान क्यों नहीं किया गया एवं कब तक भुगतान हो जायेगा? (ग) जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन आगर मालवा के पत्र क्रमांक 1625/दिनांक 25.10.2017 अनुसार कर्मचारियों को वेतन भुगतान हेतु एजेंसी के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराया जाना क्या उचित है? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है तथा शासन क्या कार्यवाही करेगा? (घ) जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन आगर मालवा के पत्र क्रमांक 1629/दिनांक 31.10.2017 अनुसार बिना एजेंसी पंजीयन व अनुबंध के कार्यालय में उपस्थित ना होने हेतु निर्देशित करना अन्यथा कर्मचारियों पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? इस प्रकार पत्र के माध्यम से कार्यालय में उपस्थित नहीं होने देने का कारण बतायें तथा शासन क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में कलेक्टर दर पर कार्यरत संबंधित कर्मियों को जिले की आवश्यकता के अनुरूप उन्हें सेवा प्रदाता संस्था के माध्यम से लिये जाने हेतु निर्णय लिया गया है। संवैधानिक प्रक्रिया अनुसार संबंधितों का ई.पी.एफ. खाता प्रारूप परिपत्र 13 के द्वारा सेवा प्रदाय संस्था को स्थानांतरण किया जाना है। (ख) आगर जिले में पदस्थ लेखापाल/कम्प्यूटर ऑपरेटर/परिचारक को माह सितम्बर 2017 से मानदेय भुगतान नहीं किया गया है। जिला कार्यालय-आगर द्वारा संबंधित कर्मियों को पत्र के माध्यम से निर्देशित किया गया है कि माह सितम्बर 2017 से ही आउट सोर्स संस्था के माध्यम से वेतन की निरंतरता को कायम रखा जा सकेगा। संबंधित कर्मियों द्वारा प्रश्नांश दिनांक तक सेवा प्रदाता संस्था में पंजीयन नहीं किया गया है। संबंधितों के सेवा प्रदाय संस्था में पंजीयन एवं माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक 18378/2017 में पारित निर्णय के अनुरूप मानदेय के भुगतान हेतु विचार किया जा सकेगा। (ग) जी हाँ। चूंकि राज्य कार्यालय के निर्णय अनुसार ही कार्यवाही की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) संबंधित कर्मियों का सेवा प्रदाता संस्था में पंजीयन नहीं होने के कारण उन्हें कार्यालय में उपस्थिति देने से रोका गया। संबंधितों द्वारा सेवा प्रदाता संस्था में बिना पंजीयन के कार्य में उपस्थिति दर्ज कराने, कार्यालयीन आदेश का पालन नहीं किये जाने तथा मिशन का कार्य विपरीत रूप से प्रभावित करने के कारण जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा चेतावनी पत्र जारी किया गया था, जो नियमानुसार है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवंटन की जानकारी विषयक
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 702 ) श्री गोपाल परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला शहरी विकास अभिकरण में किन-किन योजनाओं में कितना आवंटन जिला आगर-मालवा को दिया गया है? तथा उसका कहाँ-कहाँ उपयोग किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि नहीं, किया गया तो कितना पैसा शासन को समर्पित किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला शहरी विकास अभिकरण जिला आगर मालवा को योजनाओं में आवंटित राशि एवं उपयोग का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शेषांश प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास निर्माण एवं हितग्राहियों की सूची का प्रकाशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 721 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले के किन-किन विधान सभा क्षेत्रों के नगरीय निकायों में प्रथम चरण के कितने-कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये हैं? इनमें से कितने बन चुके हैं? कितने निर्माणाधीन हैं और कितनों का कार्य अभी प्रारंभ नहीं हुआ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि नगर परिषद राहतगढ़ अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन किस स्तर तक हो चुका है और कब तक हितग्राहियों की सूची प्रकाशित कर दी जाकर कार्यवाही प्रारंभ की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद राहतगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत लाभ दिये जाने हेतु 869 हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन जिला कलेक्टर से प्राप्त कर लिया गया है। सूची के प्रकाशन के उपरांत ही जिला कलेक्टर से अनुमोदन प्राप्त किया जाता है। प्रथम चरण में 210 हितग्राहियों का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसकी स्वीकृति भारत सरकार द्वारा 30 अक्टूबर 2017 को प्रदान कर दी गई है। द्वितीय चरण में 255 हितग्राहियों का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है जो कि भारत सरकार को प्रेषित किये जाने हेतु परीक्षणाधीन है। भारत सरकार से राशि आवंटन प्राप्त होने पर शेष कार्यवाही संपन्न होगी।
ठेकेदारों पर पैनाल्टी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 725 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कहाँ-कहाँ के किस-किस पैकेज में कौन-कौन से सड़क मार्ग कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत हुये है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत सड़क मार्गों में से कितने और कौन-कौन से मार्ग पूर्ण हो चुके है? कौन-कौन से मार्ग अपूर्ण हैं तथा ऐसे कौन-कौन से मार्ग हैं जिनका कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित जो मार्ग अपूर्ण हैं और जिनके निर्माण में विलम्ब हो गया है कार्य में विलम्ब करने वाले ठेकेदारों पर शासन के नियमानुसार कब-कब, क्या-क्या और कितनी-कितनी पैनाल्टी लगायी गयी है? विस्तारपूर्वक मार्गवार पैकेजवार, ठेकेदार के नाम सहित लगायी गयी पैनाल्टी की जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जौराखुर्द) मुरैना में वाउण्ड्रीवाल निर्माण
[उच्च शिक्षा]
55. ( क्र. 748 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जौराखुर्द) मुरैना की बाउण्ड्रीवाल नहीं होने से महाविद्यालय की सीमा में अतिक्रमण हो रहा हैं? नवम्बर 2017 की स्थिति में जानकारी दी जावें। (ख) क्या महाविद्यालय प्रांगण में हमेशा जल भराव रहने के कारण छात्र प्रांगण में नहीं जा पाते हैं, इसे कब समाप्त करा दिया जावेगा? (ग) उक्त जल भराव के कारण महाविद्यालय भवन में निरंतर नमी रहने से भवन की स्थिति खराब होती जा रही हैं? (घ) महाविद्यालय प्रांगण में जल भराव निरंतर रहने से गंदगी, संक्रमण रोग फैलने की संभावना रहने से छात्र-छात्रायें सशंकित रहते हैं? क्या वर्तमान समय में डेंगू के लार्वा का जमाव भी महाविद्यालय परिषद में हो रहा हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, (जौराखुर्द) मुरैना की बाउण्ड्रीवाल का कार्य अधूरा है। बाउण्ड्रीवाल के आस-पास भूमि स्वामियों ने माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर में प्रकरण क्रमांक एस.ए./60/2012 में स्थगन आदेश प्राप्त किया है। महाविद्यालय प्रशासन ने जनवरी 2016 में शीघ्र सुनवाई का आवेदन शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से लगाया गया है। जिला प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा अस्थाई अतिक्रमण हटाया गया था। वर्तमान में आंशिक रूप से अतिक्रमण है। (ख) महाविद्यालय के गेट नं.1 के आस-पास मोहल्ले का पानी आने के कारण विद्यार्थी नहीं आ पाते है। परंतु गेट नं.2 से छात्रों का आवागमन हमेशा बना रहता है, जहॉ पर पानी का प्रभाव नहीं है। नगर निगम द्वारा कच्चा नाला खोदा गया है, जिसे पक्का करने हेतु जिला प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा राशि रूपये 18.00 लाख की स्वीकृति दी गई है। (ग) जल भराव के कारण पश्चिमी व उत्तरी दिशा में नमी रहने से भवन पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ रहा है। (घ) महाविद्यालय के प्रांगण में जल भराव से गंदगी बनी रहती है। पानी का परीक्षण मलेरिया विभाग द्वारा कराया गया है, जिसमें डेंगू का लार्वा नहीं है।
जिले में नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 749 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले में नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने आवास बनाये जा रहे हैं। नवम्बर 2017 की स्थिति में आवासीय क्षेत्र का नाम, आवासों की संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) उक्त आवासों की निर्माण एजेन्सियों के नाम, आवंटित राशि, निर्माण कार्य आदेश जारी करने की दिनांक, निर्माण की अंतिम तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) उक्त आवासीय भू-खण्डों हेतु प्रथम किश्त के रूप में कितने उपभोक्ताओं द्वारा किश्त राशि जमा की है? कितने उपभोक्ताओं, आवेदकों ने किश्त की राशि जमा नहीं की नाम सहित जानकारी दी जावे? (घ) क्या प्रशासन द्वारा ऐसे आवेदक जो गरीबी रेखा की श्रेणी में हैं, उन्हें समय-सीमा में छूट दी जायेगी, पूर्ण जानकारी दी जावे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मुरैना जिले में नगर पालिक निगम, मुरैना द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत ग्राम अतरसुमा में 1068 ई.डब्ल्यू.एस.144 एल.आई.जी. 96 एम.आई.जी. तथा मुरैना गांव में 48 ई.डब्ल्यू.एस. 96 एल.आई.जी. एवं 14 एम.आई.जी. इस प्रकार दोनों स्थलों पर कुल 1476 अवासीय इकाईयों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मुरैना जिले की सभी निकायों में निकाय क्षेत्रांतर्गत विभिन्न वार्डों में आवासीय योजना में बी.एल.सी.घटक के तहत हितग्राहियों द्वारा स्वयं आवास बनाये जा रहे हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुरैना नगर पालिक निगम द्वारा ए.एच.पी. घटक के तहत आवासीय इकाईयों का निर्माण कार्य मेसर्स लक्ष्मीनारायण अग्रवाल जयपुर द्वारा किया जा रहा है। शासन से राशि रूपये 13.40 करोड़ प्रथम किश्त की राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है। आवासीय इकाईयों के निर्माण हेतु नगर पालिक निगम मुरैना ने दिनांक 27.01.2017 को कार्यादेश जारी किया है। उक्त कार्य की पूर्णता की अवधि 18 माह दिनांक 26.07.2018 निर्धारित है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत ए.एच.पी.घटक में निर्मित होने वाली 1116 ई.डब्ल्यू.एस. इकाईयों के आवंटन हेतु 752 हितग्राहियों द्वारा अपने अंशदान की राशि जमा करायी जा चुकी है। शेष 364 हितग्रहियों द्वारा अपने अंशदान की राशि जमा नहीं की गई है। (घ) ऐसा कोई प्रावधान नहीं रखा गया है।
शासकीय विश्वविद्यालयों द्वारा समय-सीमा में पाठ्यक्रमों को पूरा नहीं करना
[उच्च शिक्षा]
57. ( क्र. 760 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा स्थापित एवं संचालित विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा अपने शैक्षणिक सत्र 3 वर्ष स्नातक एवं स्नातकोत्तर के 02 वर्ष में पूर्ण नहीं कराये जा रहे हैं, विशेषकर जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा उक्त पाठ्यक्रमों में चार वर्ष का समय लगाया जा रहा है जिससे छात्रों को डिग्री प्राप्त करने में अधिक समय लगने के कारण छात्र शासन के विश्वविद्यालय छोड़कर निजी विश्वविद्यालय में दाखिला ले रहे हैं? (ख) क्या यह सोची समझी नीति के अनुसार प्रायवेट विश्वविद्यालयों को धन कमाने एवं बढ़ावा देने की योजना तो नहीं हैं? यदि इसमें कोई दोषी है तो उसके विरूद्ध जाँचकर कार्यवाही की जावेगी? (ग) विगत तीन वर्षों में जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा अपने तीन वर्ष एवं दो वर्ष के पाठ्यक्रम को वास्तविक रूप से कितनी अवधि में पूरा किया? क्या उच्च शिक्षा विभाग प्रदेश के विश्वविद्यालयों को अपने सभी शैक्षणिक सत्र निर्धारित अवधि में पूरे करने हेतु सख्त निर्देंश देकर कार्यवाही करावेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर एवं शासन द्वारा स्थापित एवं संचालित सभी विश्वविद्यालयों द्वारा अकादमिक कैलेण्डर के अनुसार शैक्षणिक सत्र पाठ्यक्रम निर्धारित समयावधि में पूर्ण होते हैं एवं परीक्षाएं सम्पादित कर स्नातक पाठ्यक्रम 03 वर्ष एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम 02 वर्ष में पूर्ण कराये जाकर परीक्षा परिणाम निर्धारित समय पर घोषित किये जा रहे हैं। कतिपय छात्रों के पूर्व सेमेस्टर परीक्षाओं में ए.टी.के.टी. प्राप्त होने पर पाठ्यक्रम पूर्ण करने में अतिरिक्त समय लगता हैं। अधिक समय लगने के कारण छात्र निजी विश्वविद्यालयों में दाखिला ले रहे हैं, यह कहना सही नहीं है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा विगत तीन वर्षों में स्नातक पाठ्यक्रम हेतु निर्धारित अवधि 03 वर्ष एवं स्नातकोत्तर 02 वर्ष में पूरा कराया जाकर छात्रों को उपाधि दी गई हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं।
नगर पालिका परिषद की बैठकों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 785 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद मकरोनिया बुजुर्ग द्वारा परिषद गठन के उपरांत कब-कब बैठक आयोजित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित बैठकों में क्या-क्या प्रस्ताव/निर्णय परिषद द्वारा लिए गए जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) बैठक में लिए प्रस्ताव/निर्णयों पर परिषद में प्रश्न दिनांक तक कितने निर्णयों पर अमल/कार्यरूप में पर्णित किया गया है? (घ) शेष बचे प्रस्ताव/निर्णयों पर परिषद द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद मकरोनिया बुजुर्ग द्वारा आयोजित परिषद बैठकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) परिषद सम्मेलन की बैठक के प्रस्तावों एवं उन पर लिये गये निर्णयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) परिषद की बैठकों में कुल 296 प्रस्ताव पारित हुये है, जिनमें से 246 प्रस्तावों पर अमल किया जा चुका है। (घ) शेष बचे 50 प्रस्तावों पर कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत सड़कों के निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 799 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पवई जिला पन्ना अंतर्गत पवई एवं शाहनगर में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी एवं कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? (ख) स्वीकृत सड़कों में कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, कितनी अपूर्ण हैं? कितनी सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ, कार्य प्रारंभ न होने के क्या कारण है रोडवार, ग्रामवार बतायें? (ग) परफार्मेंस/गारंटी पीरियड के दौरान किन-किन सड़कों में मरम्मत कार्य किया गया, अगर नहीं तो क्यों? (घ) विभाग ने शासन को कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में भेजे गये थे एवं कितने स्वीकृत हुये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पवई जिला पन्ना के विकासखण्ड पवई एवं शाहनगर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक 43 मार्गों की सड़कें स्वीकृत की गई है शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र पवई जिला पन्ना के विकासखण्ड पवई एव शाहनगर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वर्ष 2015 से स्वीकृत मार्गों में प्रश्न दिनांक तक सभी मार्ग का निर्माण प्रगतिरत है। अतः परफार्मेंस/गारंटी अवधि में मरम्मत का प्रश्न नहीं उठता। (घ) विधान सभा क्षेत्र पवई जिला पन्ना के विकासखण्ड पवई एव शाहनगर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में 2 प्रस्ताव शासन को भेजे गये गये थे प्रस्तावों जिनकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पंच परमेश्वर योजना से संबंधित
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 800 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई एवं शाहनगर जनपद पंचायत में पंच परमेश्वर योजना एवं परफार्मेंस ग्रान्ट कब से लागू की गई है? (ख) पंच परमेश्वर योजना के अन्तर्गत प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों की मार्गदर्शिका अनुसार स्वीकृत की गई कार्य की तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति की जानकारी देवें? (ग) पंच परमेश्वर योजना के अन्तर्गत पवई एवं शाहनगर जनपद पंचायत को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं कितनी राशि व्यय की गई है? (घ) क्या ग्राम पंचायत के प्रशासनिक स्वीकृति अनुसार कार्य कराने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या मार्गदर्शिका अनुसार राशि स्वीकृत कर व्यय किया गया है, यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या जन प्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर एवं मार्गदर्शिका अनुसार तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
लवकुश नगर को पवित्र क्षेत्र एवं पुजारियों की नियुक्ति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
61. ( क्र. 812 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लवकुश नगर को पवित्र क्षेत्र घोषित किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्राचार के माध्यम से कितनी सूचनाएं दी गई? (ख) क्या कलेक्टर छतरपुर द्वारा पवित्र क्षेत्र घोषित किये जाने हेतु प्रतिवेदन भी दिया गया किन्तु आदेश जारी नहीं किये गये? आदेश की प्रति दें? (ग) शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों की नियुक्ति हेतु कलेक्टर छतरपुर के पत्र क्र.104 दि.14.09.2017 को अनुविभागीय अधिकारियों को 1 माह के अन्दर नियुक्ति के निर्देश दिये गये? यदि हाँ, तो अभी तक क्यों नहीं हुई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वाटरशेड योजना के कार्यों में अनियमितताओं के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 818 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वाटरशेड योजना अन्तर्गत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का व्यय विकासखण्डवार कहाँ-कहाँ किया गया? (ख) परीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा किन-किन तिथियों में व्यय राशि का परीक्षण किया गया उनके पद सहित नाम बतायें? (ग) जिले में वाटरशेड योजनान्तर्गत 2 लाख एवं उससे अधिक की राशि के मूल्यांकन पूर्ण कर दिये गये? (घ) यदि हाँ, तो पूर्णता प्रमाण पत्रों की प्रतियां दें? तथा क्या उपयंत्रियों द्वारा मूल्यांकन जो किये गये उनमें गंभीर अनियमितताएं भारी मात्रा में है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। किये गये मूल्यांकन में कोई अनियमितता नहीं है।
अनियमितताएं की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 833 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर नगर पालिका क्षेत्र में व्याप्त अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार की शिकायत स्थानीय पार्षद एवं जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर अनूपपुर से की है? यदि हाँ, तो उसकी सत्यप्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ख) जिला प्रशासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या शिकायतकर्ताओं के समक्ष भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक शिकायत की जाँच की जावेगी। यदि नहीं, किया जाना है तो कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) कलेक्टर जिला अनूपपुर द्वारा गठित किये गये जाँच दल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। शिकायतों पर जाँच प्रारंभ होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला अनूपपुर में जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि मद से स्वीकृत राशि
[खनिज साधन]
64. ( क्र. 837 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि मद से किन ग्रामों में कितनी-कितनी राशि किस-किस जनप्रतिनिधियों के अनुशंसा से स्वीकृत किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या जिला अनूपपुर में जनप्रतिनिधियों के अलावा राजनैतिक दल के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों के अनुशंसा पर कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या वह उक्त समिति के सदस्य हैं? यदि नहीं, तो स्वीकृत का कारण बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 7 (2) (एफ) में कार्यों की स्वीकृति की प्रक्रिया प्रावधानित है। इसमें स्वीकृति का आधार जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत एस.बी.एम. पोर्टल पर शून्य प्रदर्शित ग्रामों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 936 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खुले में शौच से मुक्त किए जाने संबंधी स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत एस.बी.एम. पोर्टल पर शून्य प्रदर्शित/आनलाईन प्रदर्शित नहीं हो रहे ग्राम पंचायतें हिण्डोरिया, चकेरी शाहगढ़, जालमपुर, पुराशाहगढ़ के ग्रामों को पोर्टल से हटाने एवं आबाद ग्राम को पोर्टल पर एक्टिवेट करने संबंधी शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? समय-सीमा एवं जानकारी दी जाए? (ख) उक्त ग्रामों में शौचालय सहित एवं शौचालय रहित परिवारों की जानकारी उपलब्ध कराई जाए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत चकेरीघाट, जालमपुर एवं पुराशाहगढ़ में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत एस.बी.एम. पोर्टल पर आवासीय परिवार प्रदर्शित हो रहे है। ग्राम पंचायत हिंडोरिया में एस.बी.एम. पोर्टल पर आवासीय परिवार शून्य प्रदर्शित हो रहे है। एस.बी.एम. पोर्टल पर शून्य परिवार प्रदर्शित ग्राम पंचायत में आवासीय परिवारों को जोड़ने हेतु स्वच्छ एम.पी. पोर्टल पर सुविधा दी गई है। विहित प्रक्रिया अनुसार आवासीय परिवारों का विवरण दर्ज कराया जा रहा है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खेल स्टेडियमों में चौकीदारों की नियुक्ति
[खेल और युवा कल्याण]
66. ( क्र. 941 ) श्री हरवंश राठौर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत वर्षों में कितने नवीन खेल स्टेडियम स्वीकृत किए गए हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने खेल स्टेडियम वर्तमान में संचालित हैं एवं कौन-कौन से वृहद खेल गतिविधियां आयोजित की गई हैं? (ग) क्या संचालित स्टेडियमों में उनके रख-रखाव के लिए चौकीदारों की नियुक्ति न होने से स्टेडियम को नुकसान हो रहा है? क्या स्टेडियम के रख रखाव बावत् चौकीदारों की नियुक्ति हेतु शासन स्तर पर कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र में 02 स्टेडियम स्वीकृत किये गए है। (ख) शाहगढ़ में खेल स्टेडियम संचालित है, एवं बण्डा स्टेडियम में समतलीकरण व घास लगाने का कार्य चल रहा है, जिसके पूर्ण होने के उपरांत खेल गतिविधियां आरंभ की जाना संभव होगी। ग्राम चौका में स्टेडियम कप का आयोजन किया गया है। (ग) जी हाँ, बण्डा विधानसभा क्षेत्र के स्टेडियम में रखरखाव हेतु चौकीदार के पद स्वीकृत नहीं है। पद सृजन की कार्यवाही होने से निश्चित अवधि बताई जाना संभव नहीं है।
परिषद में प्राप्त आवेदन पत्रों का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 946 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद गंजबासौदा की किस-किस शाखा में दिनांक ०१-०१-२०१६ से प्रश्नांश दिनांक तक किस-किस हितग्राहियों ने शासन की योजना का लाभ दिये जाने हेतु एवं शिकायती आवेदन किस किस विषय पर/किस कार्य हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गये है? आवेदन क्रमांक व दिनांक, आवेदक का नाम पता कार्य का विवरण कार्य/शिकायत का निराकरण करने का दिनांक, कार्य/शिकायत का निराकरण न होने का कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनिराकृत आवेदन पत्रों का निराकरण नहीं होने के लिए कौन जिम्मेदार है? इन आवेदन पत्रों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदनों को विधिवत पंजी पर दर्ज किया जा रहा है या नहीं, यदि हाँ, तो बतावें, नहीं तो इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं कारण बतावें? प्राप्त आवेदन पत्रों का विधिवत पंजी संधारित करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये जावेंगे या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक शासन की योजनाओं में दिए गए लाभ एवं शिकायतों के आवेदनों की जानकारी का पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) नगर पालिका गंजबासौदा में सभी आवेदनों को पंजीकृत/कम्प्युटरीकृत किए गए हैं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत किये गये निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
68. ( क्र. 948 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पी.एम.जी.एस.वाई.) द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 2014-15 2015-16 2016-17 एवं 2017-18 में कौन-कौन से निर्माण/विकास कार्य किये गये हैं या किये जा रहे हैं, इन निर्माण/विकास कार्यों का विवरण, योजना का नाम प्रशासकीय स्वीकृति व दिनांक कार्य की लागत लाभान्वित ग्रामों के नाम, ठेकेदार का नाम, कार्य की वर्तमान स्थिति पूर्ण/अपूर्ण होने का कारण कार्य कब तक पूर्ण होने की संभावना है, आदि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ऐसे कितने कार्य प्रस्तावित किये गये हैं, जिनकी स्वीकृति किस स्तर पर अपेक्षित है? इन कार्यों की सूची प्रस्ताव क्रमांक व दिनांक प्रस्ताव कहाँ प्रेषित किया गया है, कार्य का नाम स्वीकृति हेतु भेजने का लागत लाभान्वित ग्रामों के नाम वर्तमान में उक्त प्रस्ताव किस अधिकारी के पास लम्बित हैं, की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब जारी की जा रही है? यदि नहीं, तो लम्बित रहने का कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद माण्डव द्वारा तालाब निर्माण की राशि के फर्जी भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 950 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब निर्माण माण्डव में कार्यरत मजदूरों की राशि का भुगतान फर्जी रूप से मेसर्स अविनाश, कन्स्ट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, खलघाट को किस आधार पर किया गया है? (ख) क्या मेसर्स अविनाश, कन्स्ट्रक्शंस एवं मटेरियल सप्लायर, खलघाट द्वारा जिलाधीश महोदय को लिखित में दिया गया है कि उसके द्वारा माण्डव के उक्त तालाबों में किसी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण की जाँच कर ली गई है? यदि नहीं, की गयी है तो कब तक जाँच पूर्ण कर दोषी अध्यक्ष व सी.एम.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद , माण्डव द्वारा छप्पन महल नाला तालाब एवं टिपकिया तालाब के गहरीकरण कार्य में कार्यरत मजदूरों की राशि का भुगतान फर्जी रूप से मेसर्स अविनाश कन्स्ट्रक्शन एवं मटेरियल सप्लायर को नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ, श्री कालू सिंह जी ठाकुर, माननीय विधायक, धरमपुरी के पत्र दिनांक 31.07.2017 के साथ संलग्न होकर मेसर्स अविनाश कन्स्ट्रक्शन एवं मटेरियल सप्लायर का पत्र कलेक्टर धार को प्राप्त हुआ है। शिकायत की जाँच हेतु कलेक्टर धार के द्वारा जाँच समिति का गठन कर जाँच किये जाने के आदेश दिए गए है। प्रकरण की जाँच उपरांत दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी। समय- सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिंगल विंडो कार्यप्रणाली
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
70. ( क्र. 965 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर के कलेक्टर कार्यालय को छोड़कर अन्य विभागों में सिंगल विंडो कार्यप्रणाली विकसित की गई है? (ख) क्या जनता को अपने कार्य कराने हेतु पुरानी पूर्व प्रथा अनुसार एक विभाग से दूसरे एवं टेबिल से टेबिल के चक्कर लगाने पड़ते हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रत्येक विभाग में सिंगल विंडो कार्यप्रणाली विकसित की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं।
नगर पालिका के निर्माण कार्यों पर रोक के सम्बन्ध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 975 ) श्री प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरीय क्षेत्र में जो भी विकास कार्य किए जाते हैं उन सभी कार्यों की तकनीकी स्वीकृति कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन के द्वारा दी जाती है? यदि हाँ, तो कितनी राशि तक से कार्यों की स्वीकृति दी जा सकती है? आदेश की प्रति उपलब्ध कराए? (ख) क्या दमोह नगर पालिका में वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक 1.00 लाख रुपए से कम लागत के कार्यों की स्वीकृति के लिए शासन के द्वारा, कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन सागर के लिए आदेशित किया गया था? यदि हाँ, तो उस आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो किन आदेशों के तहत कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन सागर के द्वारा अपने यहां फाइल बुलाई जाती है? (ग) क्या कार्यपालन यंत्री, नगरी प्रशासन सागर के द्वारा दमोह नगर पालिका में एक लाख रूपये तक की लागत के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति केवल माननीय मंत्री एवं सांसदों की अनुशंसा के द्वारा ही विकास कार्य करने के लिए प्रदान की जाती है? क्या वर्ष 2017 में 1 लाख रूपये तक के निर्माण कार्यों पर रोक है? यदि हाँ, तो किसके आदेश से, आदेश की प्रति उपलब्ध कराये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के लेखा नियम 1971 के नियम 132 (दो) (क) के अनुसार कार्यपालन यंत्री द्वारा राशि रू. 1.00 करोड़ तक की तकनीकी स्वीकृति दी जाने का प्रावधान है। आदेश की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शौचालय का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 986 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में शौचालय निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक जनपदवार कुल कितने-कितने शौचालय विहीन आवास परिवार एवं कितने-कितने शौचालय निर्मित आवास निर्धारित किये गये थे? (ख ) शौचालय निर्माण हेतु जिले की प्रत्येक जनपद पंचायत को कितनी-कितनी राशि जारी की गई? राशि के विरूद्ध कितने शौचालय पूर्ण एवं अपूर्ण पाये गये? कितनों की पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया? (ग) बेस लाईन सर्वें 2012 के डाटा बेस की जानकारी बालाघाट जिले के जनपदवार जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
दिव्यांग हितग्राहियों को उपकरण वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
73. ( क्र. 1000 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने दिव्यांग हितग्राहियों को आवश्यकतानुरूप उपकरण वितरण किए गए हैं? सूची उपलब्ध करावे? (ख) आगर जिला अंतर्गत, विगत 03 वर्षों में, कितने चिकित्सीय मूल्यांकन सह उपकरण वितरण शिविर आयोजित किये गये हैं एवं इनमें कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया हैं? शिविरवार पूर्ण विवरण देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 80 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले कितने अस्थिबाधित दिव्यांग हैं? सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में किन-किन हितग्राहियों द्वारा मोटराईज्ड ट्राय साइकिल/तिपहिया वाहन की मांग की है एवं मांग के तारतम्य में क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 286 दिनांक 12.04.17 से तद्संबंध में जिला कार्यालय को अवगत कराया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विगत 3 वर्षों में सुसनेर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 206 दिव्यांग हितग्राहियों को आवश्यकतानुसार उपकरण वितरण किये गये। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) आगर जिला अंतर्गत विगत 3 वर्षों में 10 चिकित्सीय मूल्यांकन सह उपकरण आयोजित किये गये, एवं इनमें कुल 1904 हितग्राहियों का लाभान्वित किया गया। शिविरवार पूर्ण विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 80 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले 383 दिव्यांगजन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) प्रश्न ''ग'' के संदर्भ में 5 हितग्राहियों द्वारा मोटराईज्ड ट्रायसाईकिल की मांग की है। उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। उक्त समस्त हितग्राही राज्य शासन की ''मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत'' पात्र नहीं है।
आवास योजना की जानकारी.
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 1042 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत वर्ष २०१५ से अक्टूबर २०१७ तक किन-किन विकासखण्डों में, किन-किन ग्रामों में, किन-किन लोगों को योजना का लाभ मिला? तहसीलवार पूर्ण ब्यौरा दें? (ख) उपरोक्त समयावधि में कितने-कितने आवेदन प्रधानमंत्री आवास निर्माण हेतु प्राप्त हुए? उनमें पात्रता चयन किस आधार पर किया गया तथा कितने आवेदन अब तक लंबित हैं? वर्षवार, तहसीलवार पूर्ण विवरण दें। (ग) लंबित आवेदकों को कब तक आवास प्राप्त होंगे? लंबित रहने का कारण क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के तहत हितग्राहियों का चयन सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना-2011 में सूचीबद्ध परिवारों की परस्पर वंचितता की तीव्रता के आधार पर किया गया है। S.E.C.C.-2011 में सूचीबद्ध 'एक कक्ष कच्चा श्रेणी' के शेष पात्र परिवारों को योजना का लाभ भारत सरकार द्वारा लक्ष्य एवं धनराशि उपलब्ध कराए जाने पर निर्भर होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
अनियमितताओं की जाँच
[उच्च शिक्षा]
75. ( क्र. 1052 ) श्री तरूण भनोत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर महाविद्यालय छात्र संघ निर्वाचन वर्ष 2017 में कुल कितनी मत पेटियां क्रय की गई हैं? जानकारी शासकीय महाविद्यालयों द्वारा की गई मत पेटियों की संख्यावार, बिल, वाउचर एवं कोटेशन सहित व महाविद्यालयों के नामवार जानकारी के साथ-साथ मत पेटियों में व्यय की गई राशि का ब्यौरा पृथक-पृथक रूप से बताया जावे? (ख) क्या शासकीय महाविद्यालयों द्वारा क्रय की गई मत पेटियों के दामों में भारी अंतर है? किसी महाविद्यालय में मत पेटियां 125 रूपये प्रति नग के हिसाब से क्रय की गई है एवं किसी में 160 रूपये प्रति नग के हिसाब से क्या इसकी जाँच कर संबंधित दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? (ग) वर्णित (क) की संस्थाओं द्वारा मत पेटियों के क्रय हेतु निविदा बुलवाई गई थी अथवा नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जबलपुर जिलान्तर्गत तेरह शासकीय महाविद्यालयों में से दस महाविद्यालयों द्वारा छात्रसंघ निर्वाचन वर्ष 2017-18 को सम्पन्न कराने हेतु कुल 314 मत पेटियां क्रय की गई हैं तथा तीन महाविद्यालयों द्वारा मत पेटियां क्रय नहीं की गई। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पृथक-पृथक दस शासकीय महाविद्यालयों द्वारा क्रय की गई मत पेटियों के आकार-प्रकार एवं गुणवत्ता में भिन्नता के कारण कीमतों में न्यूनाधिक अंतर परिलक्षित होता है। म.प्र. क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 की कंडिका 09 के अनुसार, बगैर कोटेशन के रु. 20,000/- से कम की सामग्री का क्रय किया जा सकता है। अतः इस कारण से जाँच एवं किसी दोषी पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में दस शासकीय महाविद्यालयों द्वारा मत पेटियां क्रय हेतु निविदाएं नहीं बुलवाई गई।
बाजनागढ़ तांत्रिक मंदिर को शासन के आधिपत्य में लेकर ट्रस्ट बनवाने
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
76. ( क्र. 1057 ) श्री तरूण भनोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर स्थित भैखबाबा बाजनागढ़ तांत्रिक मंदिर को जिला प्रशासन द्वारा आधिपत्य में लिया जाकर ट्रस्ट निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है, अथवा नहीं? (ख) क्या वर्णित (क) का मंदिर लोगों की श्रद्धा से जुड़ा हुआ है एवं प्रत्येक शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शनार्थ एवं भण्डारा व दानपुण्य करने आते हैं, किन्तु मंदिर में जिला प्रशासन का आधिपत्य न होने के कारण मंदिर में भारी अव्यवस्थायें व्याप्त है, जिससे श्रद्धालुओं को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है? (ग) वर्तमान में उक्त मंदिर का प्रबंधन किसके द्वारा किया जा रहा है एवं मंदिर की आय कहाँ जमा की जा रही है? (घ) अब कब तक वर्णित (क) के मंदिर को जिला प्रशासन अपने आधिपत्य में लेकर ट्रस्ट निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ कर देगा? समय-बतावें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में उक्त मंदिर का प्रबंधन कलेक्टर द्वारा गठित प्रबंध समिति द्वारा किया जा रहा है एवं मंदिर की आय राष्ट्रीकृत बैंक सेंट्रल बैंक तिलवारा घाट जबलपुर में मंदिर के नाम से खाते में रखी जाती है। (घ) सार्वजनिक ट्रस्ट गठन की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
पंचायत सचिवों के स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
77. ( क्र. 1070 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण के संबंध में शासन द्वारा क्या नीति बनाई गई है तथा तत्संबंध में कब-कब क्या दिशा-निर्देश शासन द्वारा जारी किये गये? आदेशों की छायाप्रति देवें? (ख) पंचायत सचिवों के स्थानांतरण नीति के तहत वित्त वर्ष 2017-18 में पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत क्षेत्र पाटन एवं मझौली में किन-किन सचिवों के अपने स्वैच्छिक स्थानांतरण तथा किन-किन सचिवों के शिकायत पर स्थानांतरण के प्रस्ताव क्रमश: जनपद स्तर एवं जिला पंचायत स्तर पर शासन को कब-कब प्रेषित किये गये? प्रस्तावों की छायाप्रति देवें? (ग) शासन द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 में कब-कब पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन सचिवों के स्वैच्छिक एवं शिकायतों पर कहाँ-कहाँ स्थानांतरण किये गये? सूची देवें एवं यह भी बतलावें की इन स्थानांतरित सचिवों की सूची में से किन-किन ने स्थानांतरित पंचायत में कब कार्यभार ग्रहण किया तथा किन-किन का स्थानांतरण किन कारणों से निरस्त किया गया? तत्संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक/एम/163/17-18/149 दिनांक 08.08.2017 को कलेक्टर जबलपुर को लिखे गये पत्र पर कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में स्थानांतरित किये गये सचिवों के स्थानांतरण का प्रस्ताव जनपद स्तर से प्रेषित न होने पर भी कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या यह प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानांतरण नीति के अनुरूप है यदि नहीं, तो इसका दोषी कौन है? क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। मान.विधायक के पत्र क्र./एम/163/17-18/149 दिनांक 08.08.2017 जो कलेक्टर जबलपुर को संबोधित है, के संबंध में ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण, स्थानांतरण नीति 2017-18 के अनुरूप विहित प्रक्रिया का पालन किया जाने एवं इसमें किसी अधिकारी कर्मचारी को दोषी नहीं पाया गया है तदानुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने कलेक्टर जबलपुर को कार्यालयीन पत्र क्र. 4165 दिनांक 04.10.2017 द्वारा अवगत कराया गया है। (घ) जी नहीं। शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति 2017-18 के अनुरूप स्थानांतरण किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 1083 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन 14 अप्रैल से 31 मई, 2017 तक ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के संचालन का निर्णय लिया था, जिसको प्रथम द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण में पूर्ण करना था? (ख) यदि हाँ, तो रीवा जिले में जनपदवार गरीबी रेखा में जोड़े गये नामों, कर्मकार मण्डल के तहत पंजीकृत श्रमिकों, खेतीहर मजदूरों के जारी कार्ड से कितने कार्डधारी हितग्राहियों की खाद्य पर्चियां जारी की गई कितनों को खाद्यान्न उपलब्ध होने लगा अगर पर्चियां जारी नहीं हुई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के दौरान प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही कर हितग्राहियों को लाभांवित नहीं किया गया एवं शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हुआ तो इसके लिये कौन-कौन जवाबदार है, इनके ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? विभिन्न कार्डधारियों एवं बी.पी.एल. के पात्र हितग्राहियों की खाद्य पर्चियां जारी कराकर खाद्यान्न उपलब्ध कराना कब तक सुनिश्चित करावेंगे? अगर नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। 1238 पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न उपलब्ध होने लगा है। पर्चियां जारी होना शेष नहीं है। (ग) जी नहीं। पात्र सभी हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार सहायकों का नियमितीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 1096 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कुल कितने रोजगार सहायक ग्राम पंचायतों में कार्यरत हैं? इन रोजगार सहायकों को कितना पारिश्रमिक प्रतिमाह दिया जाता है? क्या शासन द्वारा इनको नियमित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो रोजगार सहायकों को कब तक नियमित कर दिया जावेगा? नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. में कुल 21,412 ग्राम रोजगार सहायक, ग्राम पंचायतों में कार्यरत है। इन ग्राम रोजगार सहायकों को अंशकालीन सेवा के लिये अनुबंध अनुसार वर्तमान में रू. 9,000/- मासिक पारिश्रमिक दिया जा रहा है। जी नहीं। शासन की वर्तमान में ऐसी कोई नीति नहीं है।
पंचायत सचिवों को छटवां वेतनमान दिये जाने के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 1148 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा 24 मार्च 2017 को जिला शाजापुर के शुजालपुर में पंचायत सचिवों को छटवां वेतनमान दिये जाने की घोषणा की गई है? (ख) घोषणा अनुरूप पंचायत सचिवों को छटवां वेतनमान किस दिनांक से दिया जावेगा? प्रत्येक पंचायत सचिवों को कितना कितना लाभ होगा। वर्तमान में सहायक अध्यापक को 23000 से 34000 तक वेतन प्राप्त हो रहा है। पंचायत सचिवों का वेतनमान की श्रेणी क्या होगी एवं पंचायत सचिवों की श्रेणीकरण की स्थिति सहित वेतनमान ग्रेड पे संपूर्ण विवरण उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इंदिरा आवास एवं मुख्यमंत्री आवास योजना की द्वितीय किश्त
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 1159 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में इंदिरा आवास एवं मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना अंतर्गत वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 तक कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया ? जनपद पंचायतवार, संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त योजना अंतर्गत हितग्राहियों को आवास हेतु पूर्ण राशि का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो वर्तमान में कितने हितग्राहियों की कितनी राशि का भुगतान होना शेष है? जनपद पंचायतवार जानकारी दें। (ग) क्या सिवनी जिले की जनपद पंचायत लखनादौन अंतर्गत प्रश्नांश (क) योजना अंतर्गत स्वीकृत हितग्राहियों को द्वितीय किश्त का भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है, जबकि जनपद पंचायत द्वारा हितग्राही पुष्पाबाई, भुवनलाल, विनोद, पुहप, लच्छोबाई, रामलाल, लक्ष्मी, जगन,श्यामलाल, सुकली, दुर्गाप्रसाद, भोंदू, नंदकुमार, गुहा, मनोहर, संता, छोटेलाल, दशरथ के संबंध में कार्यालयीन पत्र क्र 1627 दिनांक 13/10/2016, पत्र क्रमांक 2620 दिनांक 28/03/2016 व पत्र क्र 257 दिनांक 25/11/2016, पत्र क्रमांक 847 दिनांक 21/08/2017 बारबार जिला पंचायत सिवनी को पत्र लिखे जा चुके हैं और संबंधित हितग्राहियों द्वारा जनसुनवाई व सी.एम.हेल्पलाईन 181 के माध्यम से शिकायतें भी दर्ज हैं परन्तु 05-06 वर्षों के बाद भी संबंधित हितग्राहियों को जिला पंचायत सिवनी द्वारा द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कारण बताते हुये भुगतान की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जनपद पंचायत लखनादौन के 135 हितग्राहियों द्वारा आवास निर्माण की प्रगति निर्धारित मापदंण्ड अनुसार न किये जाने के कारण द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं किया गया है। हितग्राही पुष्पाबाई/भुवनलाल, विनोद/पुहप,लच्छोबाई/रामलाल,लक्ष्मी/जगन,श्यामलाल/सुकली, दुर्गा प्रसाद/भोदू ,नंदकुमार/ गुहा,मनोहर/ सन्ता एवं छोटेलाल/दशरथ को द्वितीय किश्त का भुगतान किया जा चुका है।
सचिव का निलंबन एवं बहाली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
82. ( क्र. 1161 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी के अंतर्गत जनपद पंचायत सिवनी की ग्राम पंचायत छतरपुर के तत्कालीन सचिव श्री महेश डहेरिया के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये कलेक्टर सिवनी द्वारा निलंबित कर दिया गया था? यदि हाँ, तो निलंबित सचिव श्री डहेरिया के ऊपर क्या आरोप लगाये गये थे? (ख) कार्यालय जिला पंचायत सिवनी द्वारा उक्त संबंध में निलंबित सचिव को दिये गये आरोप पत्र में आरोपी सचिव द्वारा क्या जवाब एवं साक्ष्य उपलब्ध कराये गये? (ग) क्या प्रकरण का निराकरण किये बगैर एवं आरोपी सचिव द्वारा गबन की राशि जमा कराये बगैर आरोपी सचिव श्री महेश डहेरिया को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी द्वारा राशि का लेन-देन कर पुन अन्य ग्राम पंचायत में बहाल कर दिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो आरोपी सचिव को बिना निर्दोष साबित हुये क्यों बहाल किया गया? क्या सचिव को दोबारा निलंबित कर प्रकरण की गंभीरता से जाँच कराकर दण्डित किया जायेगा एवं आरोपी सचिव द्वारा गबन की गई राशि जमा कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या कलेक्टर सिवनी के द्वारा जारी प्रश्नांश (क) निलंबन आदेश के विरूद्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी को किसी भी ग्राम पंचायत सचिव को बहाल करने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो आदेश निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। बिना मूल्यांकन के रूपये 7,37,417/- की राशि आहरित करने के आरोप में कलेक्टर सिवनी द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 69 (1) के तहत सचिव पद से डी-नोटिफाईड किया गया था। सचिव द्वारा दिनांक 27.01.2017 को अपने जवाब में निर्माण कार्य पूर्ण होने का उल्लेख किया गया एवं कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्रों की छायाप्रतियॉ साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराई गई है। (ख) जी नहीं। बिना मूल्यांकन के रूपये 7,37,417/- की राशि आहरित करने के आरोप में कलेक्टर सिवनी द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 69 (1) के तहत सचिव पद से डी-नोटिफाईड किया गया था। सचिव द्वारा दिनांक 27.01.2017 को अपने जवाब में निर्माण कार्य पूर्ण होने का उल्लेख किया गया एवं कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्रों की छायाप्रतियॉ साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराई गई है। (ग) जी नहीं। सचिव के उत्तर में किये गये कार्यों का मूल्यांकन रूपये 7,32,673/- का पाया गया एवं शेष राशि रूपये 4,744/- संबंधित द्वारा ग्राम पंचायत में जमा कराने के पश्चात सहायक यंत्री, मनरेगा जनपद पंचायत सिवनी के प्रतिवेदन दिनांक 13.04.2017 के आधार पर श्री महेश डहेरिया को बहाल किया जाकर ग्राम पंचायत पौंडी, जनपद पंचायत सिवनी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश दिनांक 30.10.2017 के द्वारा पदस्थ किया गया। मूल्यांकन के बगैर निर्माण कार्यों का भुगतान किया जाकर पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में अनियमितता बरतने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के आदेश क्रमांक 3496 दिनांक 22.11.2017 से आगामी दो वार्षिक वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभार से रोकी गई हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। सचिव के उत्तर में किये गये कार्यों का मूल्यांकन रूपये 7,32,673/- का पाया गया एवं शेष राशि रूपये 4,744/- संबंधित द्वारा ग्राम पंचायत में जमा कराने के पश्चात सहायक यंत्री, मनरेगा जनपद पंचायत सिवनी के प्रतिवेदन दिनांक 13.04.2017 के आधार पर श्री महेश डहेरिया को बहाल किया जाकर ग्राम पंचायत पौंडी, जनपद पंचायत सिवनी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश दिनांक 30.10.2017 के द्वारा पदस्थ किया गया। मूल्यांकन के बगैर निर्माण कार्यों का भुगतान किया जाकर पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में अनियमितता बरतने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के आदेश क्रमांक 3496 दिनांक 22.11.2017 से आगामी दो वार्षिक वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभार से रोकी गई हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ङ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हाउसिंग बोर्ड द्वारा फ्लैट्स निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 1171 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजधानी भोपाल में स्थित हाउसिंग बोर्ड की कौन-कौन सी आवासीय परियोजनाएं प्रश्न दिनांक को निर्माणाधीन हैं? उनकी लागत राशि सहित प्रस्तावित, निर्मित, निर्माणाधीन एवं हस्तांतरित मकानों एवं फ्लैट्स की संख्या बतायी जावे। (ख) कीलन देव टावर्स भोपाल के फ्लैट्स के बारे में बुकिंग कराने वाले व्यक्तियों को निर्माण की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या उपाय किये गये हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल की राजधानी भोपाल में निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कीलनदेव टावर्स भोपाल के फ्लैट्स के बारे में बुकिंग कराने वाले व्यक्तियों को निर्माण की अद्यतन स्थिति से मंडल के पत्र क्रमशः दिनांक 06.06.2011, 26.10.2012, 29.08.2013, 30.10.2013, 22.01.2015, 26.03.2015, 25.08.2015, 02.12.2016, 21.12.2016 एवं 13.11.2017 द्वारा अवगत कराया गया है।
स्मार्ट नगर परिषद की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 1172 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राज्य की नगर परिषदों को स्मार्ट सिटी में रखे जाने की योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो वहां कौन-कौन सी नगर परिषद है जिन को स्मार्ट सिटी बनाये जाने का विचार हो रहा है? (ख) क्या नगर परिषदों को स्मार्ट नगर परिषद में रखे जाने हेतु कोई मापदंड शासन द्वारा निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो पृथक से जानकारी बिन्दुवार दी जावे। (ग) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अन्तर्गत आने वाली नगर परिषद निवाड़ी, ओरछा व तरीचरकलां को स्मार्ट नगर परिषद की श्रेणी में लाने के लिये कोई विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जानकारी सहित बताया जावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, अपितु राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण में प्रदेश के 12 नगरीय निकायों को मिनी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने के दिशा-निर्देश जारी किये गये है। जिसके अन्तर्गत 34 शहरों जिनकी जनसंख्या 1 लाख से अधिक है वह शहर इस योजना में सम्मिलित हो सकेंगे (केवल 7 स्मार्ट सिटीस को छोड़कर) क्रमश: देवास, रतलाम, रीवा, कटनी, सिंगरौली, बुरहानपुर, खण्डवा, भिण्ड, छिन्दवाड़ा, गुना, शिवपुरी, विदिशा, छतरपुर, दमोह, मंदसौर, नीमच, पीथमपुर, होशंगाबाद, इटारसी, सीहोर, बैतूल, सिवनी, दतिया एवं नागदा, इसके अतिरिक्त धार्मिक महत्व के शहरों जो कि इसके अंतर्गत नहीं आ पाये वह भी इस योजना में सम्मिलित हो सकेंगे। राज्य शासन ने ओरछा, अमरकंटक, मैहर एवं चित्रकूट शहरों को उनके धार्मिक महत्व के दृष्टिगत इस योजना में शामिल कर लिया गया है। (ग) नगर परिषद निवाड़ी एवं तरीचरकलां को स्मार्ट सिटी बनाये जाने के संबंध में प्रकरण शासन में विचाराधीन नहीं है।
श्योपुर में स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 1194 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में पी.आई.यू. श्योपुर द्वारा कौन-कौन से सड़क मार्गों के निर्माण के प्रस्ताव, किस-किस योजना के तहत तैयार कर स्वीकृति हेतु शासन को कब-कब भेजे गए? प्रति उपलब्ध करावें? विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी विकासखण्ड कराहल में 250 से अधिक आबादी के कितने ग्राम हैं जो अभी तक पक्के सड़क मार्ग से नहीं जुड़े हैं? सूची उपलब्ध कराते हुए बतावें कि इन्हें पक्के सड़क मार्ग से जोड़ने की शासन की क्या योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रस्तावों में कौन से सड़क मार्ग कितनी कितनी राशि के स्वीकृत किये गए हैं? कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ किये जा चुके हैं एवं निर्माण एजेंसी कौन है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता द्वारा किन-किन सड़कों के निर्माण हेतु पत्र महाप्रबंधक पी.आ.यू. श्योपुर, मुख्य महाप्रबंधक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को कब कब भेजे गए? इनमें से किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गए? क्या प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव आवदा नहर रोड, मातासूला से जाटखेड़ा रोड, विजयपुर शिवपुरी रोड पर काली तलाई से निमौदामठ तक रोड निर्माण के प्रस्तावों को स्वीकृत कर दिया है? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
जल प्रदाय योजनाओं के डी.पी.आर. बनाने का कार्य एवं निविदा आमंत्रण
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 1195 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एम.पी.यू.डी.सी.) का गठन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या-क्या उद्देश्य हैं? किन-किन योजनाओं के क्रियान्वयन/संचालन/सहायता की जवाबदारी दी गई है? योजनाओं हेतु वित्त पोषण/वित्तीय संसाधन शासन द्वारा या अन्य वित्तीय संस्थाओं से नगरीय निकायों को दिलाई जा रही है? योजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) निगम के गठन के उपरान्त प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ की कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं? (घ) क्या जल प्रदाय योजनाओं के डी.पी.आर. बनाने का कार्य एवं निविदा आमंत्रित करने का कार्य भी निगम द्वारा किया जा रहा है? हाँ तो निगम गठन के पश्चात प्रश्न दिनांक तक किन-किन निकायों के कितनी-कितनी लागत के डी.पी.आर. किस-किस दर से किस-किस एजेन्सी से बनाये गये हैं? किन-किन निकायों की निविदा किस-किस लागत की किस-किस दर से किन-किन ठेकेदार/फर्मों की स्वीकृत की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के उद्देश्य जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निम्न योजनाओं के क्रियान्वयन/संचालन/सहायता की जवाबदारी दी गई है। 1. मध्यप्रदेश अर्बन सर्विसेस इंप्रूव्हमेंट प्रोजेक्ट। 2. मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट 3. मध्यप्रदेश अर्बन सेनीटेशन एंड इनवायरोमेंट प्रोग्राम 4. शासन द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली अन्य योजनाओं के कार्य। जी नहीं, योजना हेतु वित्त पोषण/वित्तीय संसाधन शासन द्वारा या अन्य वित्तीय संस्थाओं से नगरीय निकायों को प्रत्यक्ष रूप से नहीं दिलाई जा रही है। म.प्र. शासन की शत-प्रतिशत अंश पूंजी वाली कम्पनी म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के द्वारा निकायों की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना की विस्तृत जानकारी निम्नानुसार है- 1 मध्यप्रदेश अर्बन सर्विसेस इंप्रूव्हमेंट प्रोजेक्ट- एशियन डेवलपमेंट बैंक सहायतित योजना कुल लागत राशि 829 मिलियन यू.एस. डॉलर (रू. 5400 करोड)। परियोजना के अंतर्गत 126 नगरीय निकायों की जलप्रदाय योजनाएं एवं धार्मिक/पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण 10 निकायों की मल-जल प्रबंधन योजनाएं सम्मिलित की गई हैं। 2- मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट- विश्व बैंक सहायतित परियोजना, कुल लागत 166 मिलियन यू.एस. डॉलर (रू. 1080 करोड़) परियोजना के अंतर्गत 6 नगरीय निकायों की जल प्रदाय योजनाएं एवं नर्मदा नदी किनारे स्थित 4 नगरीय निकाय तथा 5 अन्य नगरीय निकायों की मल-जल प्रबंध योजनाएं सम्मिलित की गई है। 3- मध्यप्रदेश अर्बन सेनीटेशन एंड इनवायरोमेंट प्रोग्राम- के.एफ.डब्ल्यू. सहायतित परियोजना की कुल लागत 75 मिलियन यूरो (क्षमता वृद्धि के लिए 2.5 मिलियन यूरो सहित (रू. 525 करोड़)। परियोजना के अंतर्गत 5 नगरीय निकायों की मल-जल योजनाएं सम्मिलित की गई है। (ग) कम्पनी गठन के उपरांत क्रियान्वित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ परियोजनाओं की डी.पी.आर बनाने का कार्य एवं निविदा आमंत्रित करने का कार्य म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। कंपनी गठन के पश्चात प्रश्न दिनांक तक तैयार की गई डी.पी.आर की दर एजेंसी का नाम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। निकायों की निविदा की लागत दर एवं स्वीकृत दर व ठेकेदार/फर्म की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
केन्द्रीय नि:शक्त अधिनियम 2016 का पालन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
87. ( क्र. 1226 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सामाजिक न्याय विभाग के द्वारा केन्द्रीय नि:शक्त अधिनियम 2016 का पालन नहीं किया जा रहा है? विभाग के जिला अधिकारी आज की तारीख में भी निरसित अधिनियम, 1995 के अनुसार जिले में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं को मान्यता हेतु धारा 52 का उपयोग करने एवं निरसित अधिनियम के अनुसार ही कार्यवाही की जा रही है? नियम विरूद्ध कार्यवाही का उत्तरदायी कौन है? (ख) प्रदेश में वर्ष 2016 के केन्द्रीय अधिनियम के अनुसार क्या राज्य शासन द्वारा अपने नियम बना लिये हैं? यदि नहीं, बनाये गये तो नि:शक्त कल्याण की योजनाओं का कार्यान्वयन कैसे किया जा रहा है? इस त्रुटि के लिये उत्तरदायी कौन है? क्या इसके लिये कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रदेश में गत दो वर्षों में धारा 52 की मान्यता किन-किन संस्थाओं को समाप्त करने हेतु कार्यवाही की गई है? क्या वृद्धाश्रम व नशाबंदी के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं की मान्यता भी इसी प्रावधान के अनुसार समाप्त की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, पालन किया जा रहा है। जी हाँ, केन्द्रीय निःशक्त अधिनियम 2016 के अंतर्गत नियम बनाने की कार्यवाही प्रचलन में होने से धारा 102 के अनुसार पुराने अधिनियम के अंतर्गत की गयी कार्यवाही नये अधिनियम से संबंधित धारा के अंतर्गत की गयी कार्यवाही मानी जावेगी। (ख) ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रदेश में गत दो वर्षों में किसी भी संस्था की मान्यता धारा 52 के अंतर्गत समाप्त करने की कार्यवाही नहीं की गई है। वृद्धाश्रम एवं नशाबंदी के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं पर उक्त प्रावधान लागू नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 1258 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण कार्य के अंतर्गत 11 ब्लॉक के शौचालयों की जानकारी संख्यात्मक विकासखण्डवार देवें? (ख) क्या उक्त शौचालय अपूर्ण होने के बावजूद सी.सी. जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) 11 विकासखण्ड के ग्रामों में शौचालय का निर्माण पूर्ण होने के उपरांत ऐसे कितने शौचालय हैं, जिनका अभी तक भुगतान नहीं किया गया? भुगतान नहीं होने का कारण बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। पात्र हितग्राहियों को निर्मित शौचालयों की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुदूर सड़क एवं तालाब निर्माण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
89. ( क्र. 1259 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले के मोहखेड़ ज.प. एवं पांढुर्णा न.प. में 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी नरेगा योजना से ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ? कितने सुदूर ग्रामों को सड़कों से जोड़ा गया? विधान सभा क्षेत्र पांढुर्णा के कितने को ग्राम सड़कों से जोड़े जाने के प्रस्ताव जिले में लंबित हैं? (ख) ज.प. मोहखेड़ और न.प. पांढुर्णा में मनरेगा योजना से कितने तालाबों की प्रशासकीय स्वीकृति हुई एवं मौके पर पूर्ण किये गये कितने तालाब मौजूद हैं? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में मनरेगा योजना से कितने तालाबों का निर्माण किया गया? इन सड़क एवं तालाब के कार्यों का भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया है? क्या दोषी कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिंदवाड़ा जिले की जनपद पंचायत मोहखेड़ में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी नरेगा योजना में सुदूर सड़क योजना अंतर्गत कुल 52 निर्माण कार्यों से 52 ग्रामों को जोड़ा गया है। जनपद पंचायत मोहखेड़ में सुदूर सड़क योजना हेतु कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं है। नगर पंचायत पांढुर्णा क्योंकि नगरीय क्षेत्र में आता है अतः महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत ग्रामीण सड़कों का निर्माण नहीं लिया जा सकता। विधानसभा क्षेत्र पांढुर्णा के प्रस्ताव जिले में लंबित नहीं है। (ख) छिंदवाड़ा जिले की जनपद पंचायत मोहखेड में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी नरेगा योजना में 84 तालाबों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। 09 कार्य पूर्ण किये जा चुके है जो मौके पर मौजूद हैं। नगर पंचायत पांढुर्णा क्योंकि नगरीय क्षेत्र में आता है अतः महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत तालाबो का निर्माण कार्य नहीं लिया जा सकता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में जनपद पंचायत मोहखेड में कुल 09 तालाब के कार्य पूर्ण किये गये है। इन सड़क एवं तालाब के कार्यों का भौतिक सत्यापन समय-समय पर जिला स्तर के अधिकारी एवं जनपद स्तर के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। विधानसभा पांढुर्णा में सभी कार्य प्रगतिरत है। कोई शिकायत प्राप्त नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका परिषद मैहर जिला सतना द्वारा कार्यों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 1281 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद मैहर जिला सतना में वर्ष 2007 से 2013 तक पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं उपयंत्री/अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कौन-कौन से विकास कार्य कराये गये? कौन-कौन सी खरीदी निकाय द्वारा की गई? प्रश्नांकित अवधि में जल प्रदाय प्रभारी उपयंत्री द्वारा कितने नलकूप खनन कराये गये हैं? वर्षवार, वार्डवार पृथक-पृथक बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति क्रय की गई सामग्री की निविदा की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब-कब? कार्यवार टी.एस./ए.एस. एवं क्रय सामग्री का वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संबंधितों के द्वारा करोड़ों रूपये की हेरा-फेरी की गई है? शासकीय धन के दुरूपयोग की वसूली करते हुये, दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) वित्तीय अनियमितता में लिप्त अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध जाँच पूर्ण कर संबंधितों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक परिषद मैहर जिला सतना द्वारा वर्ष 2007 से 2013 तक सम्पन्न विकास कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निकाय द्वारा की गई खरीदी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में खनित नलकूपों की जानकारी वर्षवार, वार्डवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' ''ब'' ''स'' अनुसार है। (ग) उतरांश ''क'' एवं ''ख'' के संबंध में हेरा-फेरी होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। उतरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सड़क तथा सुदूर सड़क की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 1311 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री सड़क तथा सुदूर ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कें स्वीकृत की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत दिनांक 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में मुख्यमंत्री सड़क तथा सुदूर ग्राम सड़कें स्वीकृत की गई हैं? (ग) उक्त स्वीकृत सड़कों की लंबाई तथा लागत क्या है? वर्षवार, ग्रामवार बतावें? (घ) क्या उक्त स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो बतावें और नहीं तो क्यों? उक्त अपूर्ण सड़कों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
92. ( क्र. 1312 ) श्री रजनीश सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु शासन के क्या मापदण्ड हैं? बजट की उपलब्धता की वरीयता या साध्यता की वरीयता के आधार पर नवीन महाविद्यालय स्वीकृत किये जाते हैं? (ख) विगत 03 वर्षों में सिवनी जिले में कहाँ-कहाँ नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये गये हैं? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत धनोटा में महाविद्यालय प्रारंभ करने एवं पूर्व से संचालित महाविद्यालय केवलारी व छपारा में विज्ञान संकाय प्रारंभ किये जाने की मांग की थी? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) नवीन महाविद्यालय हेतु आवश्यकता एवं स्थानीय परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में बजट उपलब्धता के अनुसार विद्यालयों 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण होने वाले कुल विद्यार्थियों की संख्या 500 की उपलब्धता होने पर स्वीकृति हेतु मापदण्ड हैं। (ख) सिवनी जिले में कहीं भी नवीन महाविद्यालय प्रारंभ नहीं किये गये हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अन्तर्गत धनोटा में महाविद्यालय प्रारंभ करने एवं पूर्व से संचालित महाविद्यालय केवलारी एवं छपारा में विज्ञान संकाय प्रारंभ किये जाने की मांग स्थानीय स्तर से प्राप्त हुई है। शासकीय महाविद्यालय केवलारी से 25 किमी.की दूरी पर महाजन अशासकीय महाविद्यालय अरेडिया एवं अशासकीय महाविद्यालय खुरसुरा संचालित हैं तथा छपारा में महाकौशल कॉलेज ऑफ़ साइंस (अशासकीय) महाविद्यालय छपारा संचालित है। जहाँ पर विद्यार्थी के अध्ययन की व्यवस्था है। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए महाविद्यालय खोले जाने तथा शासकीय महाविद्यालय केवलारी एवं छपारा में विज्ञान संकाय खोले जाने में कठिनाई है।
स्टेडियम का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 1324 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बिजावर की ग्रामीण पंचायत में स्टेडियम का निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो किस योजना से कहाँ किया जा रहा है? कितनी राशि का है? निर्माण एजेंसी कौन है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में क्या स्टेडियम का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है? यदि हाँ, तो कब से, वर्तमान में क्या स्थिति है? निर्माण कब तक पूर्ण हो जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या स्टेडियम के निर्माण में कोई कठिनाई है? यदि हाँ, तो क्या? कब तक इसका निराकरण कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) परफार्मेंस ग्रांट मद से जिला छतरपुर के विधान सभा क्षेत्र बिजावर की ग्राम पंचायत मउआझाला में स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। इसकी स्वीकृत राशि रू. 80.00 लाख तथा निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग छतरपुर है। (ग) स्टेडियम का कार्य दिनांक 05.12.2016 को प्रारंभ हुआ है, कार्य अपूर्ण है जिसे दिसम्बर 2017 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ई-निविदा आमंत्रण के संबंध में.
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 1325 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यालय नगर परिषद बिजावर जिला छतरपुर ने पत्र क्र.317 दिनांक 05.04.2016 के द्वारा ई-निविदा आमंत्रण सूचना दी थी? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो कितनी–कितनी राशि के कौन–कौन से कार्य थे? किन–किन ठेकेदारों या फर्मों ने आवेदन किया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में किस-किस की निविदायें पास हुई? कौन–कौन से कार्य किस–किस ठेकेदार या फर्म को करने को मिले? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में क्या कोई ऐसा भी कार्य है, जो आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो कौन सा? कार्य प्रारंभ नहीं होने के क्या कारण हैं? क्या कारण की सूचना परिषद को दी गई? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। दो कार्य प्रारंभ नहीं हो सके है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर परिषद अध्यक्ष को प्रतिवेदन दिनांक 16.11.2016 को भेजा गया है। पटवारी हल्का न. 17 बिजावर के प्रतिवेदन अनुसार प्रस्तावित कार्य स्थल भूमि निजी (प्राइवेट) होने व जन शिकायत के वर्तमान तक निराकरण प्राप्त न होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। जी नहीं। जन शिकायत का निराकरण प्राप्त होते ही प्रकरण परिषद में रखा जावेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बड़वारा कला एवं वाणिज्य स्नातक महाविद्यालय का स्नातकोत्तर में उन्नयन
[उच्च शिक्षा]
95. ( क्र. 1340 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 18-3-2017 को मा. मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 11-9-2016 के वि.खं. मुख्यालय बड़वारा में आयोजित अन्त्योदय मेला के समापन और जनदर्शनयात्रा के प्रारंभ के दौरान शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी का काफिला रोककर कोई चर्चा की जाने के संबंध में कोई लेख किया है? (ख) प्रश्नांश (क) महाविद्यालय की वर्ष एवं विषयवार छात्र संख्या कितनी है और क्या उन्हें स्नातकोत्तर शिक्षा की कोई सुविधा उपलब्ध है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के मा. मुख्यमंत्रीजी के छात्रों को दिये गये आश्वासन के अनुसार शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातक महाविद्यालय को आगामी शैक्षणिक सत्र में स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर छात्र-छात्राओं को प्रवेश प्रदान कर दिया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासकीय बड़वारा कला एवं वाणिज्य स्नातक महाविद्यालय में स्नातकोत्तर कक्षाऐं प्रारंभ करने हेतु निर्धारित विभागीय मापदण्ड अनुसार स्नातक स्तर पर विषयवार कुल 100 विद्यार्थी होना आवश्यक है। निर्धारित पूर्ति नहीं होने के कारण स्नातकोत्तर की कक्षायें खोले जाने में कठिनाई है।
ग्वालियर चम्बल संभाग में स्थापित उद्योग
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
96. ( क्र. 1341 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2008 से 2017 तक प्रदेश में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट, एम.पी. एक्सपोर्टेक, रिवर्स वायर सोलर्स मीट में ग्वालियर चम्बल संभाग में नवीन उद्योग स्थापित करने/निवेश करने के लिए किन-किन देशी, विदेशी उद्योगपतियों/संस्थाओं द्वारा कब-कब, किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से उद्योग/सेवा स्थापित करने के लिए एम.ओ.यू. तथा ई.ओ.आई. (एग्रीमेंट एक्सप्रेशन ऑफ़ इंटरेस्ट) किये गए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त एम.ओ.यू. तथा ई.ओ.आई. में से कौन-कौन से फलीभूत हुए? कहाँ-कहाँ पर किस-किस उद्योगपति/संस्था को कितनी-कितनी भूमि किस-किस दर पर कौन-कौन सा उद्योग/सेवा स्थापित करने के लिए दी है? भूमि के रकबे सहित उद्योगपति के नाम व पते सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में अभी तक कौन-कौन से उद्योग/सेवा कहाँ-कहाँ स्थापित हो चुकी हैं? कहाँ-कहाँ किस-किस वस्तु का उत्पादन हो रहा है? किन-किन उद्योग/सेवाओं में कितने-कितने स्थानीय निवासियों को किस-किस श्रेणी का रोजगार उपलब्ध कराया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने एम.ओ.यू. तथा ई.ओ.आई. किस कारण से निरस्त हुए हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्ष 2008 से 2013 तक प्रदेश में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट में ग्वालियर चम्बल संभाग में नवीन उदयोग स्थापित करने/निवेश करने के लिए उदयोगपतियों/संस्थाओं दवारा किए गए एम.ओ.यू. की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इन इन्वेस्टर्स मीट में ई.ओ.आई. (एग्रीमेंट एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) नहीं किए गए थे। वर्ष 2014 एवं 2016 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट्स में एम.ओ.यू. एवं ई.ओ.आई. (एग्रीमेंट एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) नहीं किए गए थे। वर्ष 2008 से 2017 के मध्य ग्वालियर चंबल संभाग के अन्तर्गत निम्नानुसार तिथियों में एम.पी. एक्सपोर्टेक, रिवर्स बायर्स सैलर्स मीट का आयोजन किया गया है।
1. दिनांक
17-19
जनवरी 2008
2. दिनांक 16-18
जनवरी 2010
3. दिनांक 18-20
जनवरी 2013
4. दिनांक 16-18
जनवरी 2015
5. दिनांक 29-31
जनवरी 2016
एम.पी.
एक्सपोर्टेक, रिवर्स
बायर्स
सैलर्स मीट का
आयोजन प्रदेश
की इकाईयों के
द्वारा
उत्पादित
सामग्री के
निर्यात को
प्रोत्साहित
करने के लिये
किया जाता है।
इस मीट में
ऐसी इकाईयां भाग
लेती हैं, जो कि
पूर्व से
स्थापित हैं। (ख)
प्रश्नांश (क)
के उत्तर में
संलग्न
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
में एम.ओ.यू.
कर्ता उदयोगपतियों
को आवंटित
भूमि,
दर तथा रकवा
सहित जानकारी
समाहित है। (ग) प्रश्नांश
(क) के उत्तर
में संलग्न
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
में स्थापित
उदयोग, स्थापित
उदयोगों में
उत्पादन तथा
रोजगार संबंधी
जानकारी
समाहित है।
स्थापित
उदयोगों में
प्रबंधकीय/कुशल/अर्द्धकुशल/अकुशल
श्रेणी का
रोजगार
उपलब्ध कराया
गया है। (घ) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में उदयोग
स्थापना के
लिए
उदयोगपतियों/कंपनियों
द्वारा रूचि
नहीं लेने तथा
प्रभावी कदम
नहीं उठाए
जाने के कारण 46
एम.ओ.यू.
निरस्त हुए
है।
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
में जानकारी
समाहित है।
नियम विरूद्ध पदस्थापना के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
97. ( क्र. 1377 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री कैलाश मिश्रा सहायक सांख्यिकी अधिकारी कार्यालय परियोजना प्रशासन एकीकृत आदिवासी विभाग परियोजना कुसमी मुख्यालय सीधी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कब से कार्यरत हैं? किस पद में इनकी पदस्थापना की गई है? इनकी प्रति नियुक्ति कितने बार जिला पंचायत में हो चुकी है? (ख) किसके आदेश से जिला पंचायत के सम्पूर्ण शाखाओं का कार्य परियोजना अधिकारी की हैसियत से कर रहे हैं? परफार्मेंस ग्राण्ड पंचायती राज के प्रभारी अधिकारी का कार्य किसके आदेश से कर रहे हैं? क्या कैलाश मिश्रा पी.एस.ओ. को आहरण के संवितरण का अधिकार है? (ग) क्या पंचायती राज अधिकारियों में सचिवों की पदस्थापना स्थानान्तरण का अधिकार परियोजना अधिकारी या लेखा अधिकारी जिसे वित्तीय अधिकार होता है, वही प्रभारी अधिकारी हो सकता है? (घ) क्या सीधी जिले की जिला पंचायत में नियम विरूद्ध भी मिश्रा को संलग्न कर नियमों के विपरीत कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक मूल विभाग के लिये मुक्त किया जायेगा? नियम विरूद्ध कार्य कराने के लिये कौन जिम्मेदार है, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) श्री कैलाश मिश्रा, पंचायत एवं ग्रामीण ग्रामीण विकास विभाग में वर्तमान में कार्यरत नहीं हैं। श्री मिश्रा को जिला पंचायत में परियोजना अर्थशास्त्री के पद पर एक बार प्रतिनियुक्ति पर लिया गया था। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
मनरेगा अंतर्गत मजदूरी भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 1383 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना अंतर्गत मजदूरी भुगतान की क्या नीति है? (ख) क्या मनरेगा अंतर्गत मजदूरी भुगतान को जी.एस.टी. में सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में अकुशल कर्मकारो के लिये म.प्र. में मजदूरी दर प्रतिदिन रू. 172/- हैं। मजदूरी का भुगतान मजदूर के बैंक/पोस्ट आफिस खाते में एफ.टी.ओ. के माध्यम से जारी किया जाता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऑडीटोरियम निर्माण की निविदायें आमंत्रित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 1393 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/यां.प्र./07/2017/12203 भोपाल दिनांक 12.10.2017 से माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार ब्यावरा नगर में ऑडीटोरियम निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 391.00 लाख की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है तथा उक्त घोषणा के परिपालन में पूर्व में दिनांक 30.08.2017 को नगर पालिका ब्यावरा को राशि रूपये 75.00 लाख प्रदाय किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्य की निविदाएं आमंत्रित कर ली गई हैं? यदि नहीं, तो कब तक निविदायें आमंत्रित की जावेगीं? (ख) उपरोक्तानुसार ऑडीटोरियम निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार शेष राशि के आवंटन की व्यवस्था शासन द्वारा किस मद से कब तक करा दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलित है। एक माह की समय-सीमा में निविदाएं आमंत्रित की जाऐगी। (ख) निकाय को पात्रतानुसार शेष राशि के आवंटन की व्यवस्था की जावेगी। मद एवं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सेमीनार हॉल व अतिरिक्त अध्यापन कक्ष निर्माण की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
100. ( क्र. 1394 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न क्रमांक 1573 दिनांक 20 जुलाई, 2017 के उत्तर में बताया गया था कि शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा में सेमीनार हॉल व अतिरिक्त अध्यापन कक्ष निर्माण की स्वीकृति हेतु प्राचार्य द्वारा विधिवत पूर्ण प्रस्ताव नहीं भेजा गया है? तो क्या प्रश्न दिनांक तक विधिवत पूर्ण प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हो चुका है, इस संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन छात्र-छात्राओं को सुविधाऐं प्रदान करने की दृष्टि से सेमीनार हॉल एवं अतिरिक्त अध्यापन कक्ष निर्माण कार्य हेतु विधिवत प्रस्ताव प्राप्त कर स्वीकृति प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्राचार्य को लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) से महाविद्यालय में सेमीनार हॉल व अतिरिक्त अध्यापन कक्ष निर्माण हेतु तकनीकी स्वीकृति, ब्लूप्रिंट नक्शा के साथ विधिवत पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) जी हाँ।
ई.डब्ल्यू.एस. एवं एल.आई.जी. मकानों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1424 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 3963 दिनांक 28-03-2017 के तारतम्य में कितने कॉलोनीनाईजरों ने किस-किस टाउनशीपों/कॉलोनियों में कितने भू-खण्ड को बंधक रखा है? कॉलोनियों/टाउनशीपों की बंधक भू-खण्डों सहित सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. ग्राम पंचायत (कॉलोनियों का विकास) नियम 2014 के नियम 15 में निहित प्रावधान अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों/निम्न आय वर्गों के लिए आरक्षित भू-खण्ड/इकाईयों के विक्रय की सूची उपलब्ध करायें? इन्दौर जिला अंतर्गत विकसित कॉलोनियों/टाउनशीपों में निर्मित ई.डब्ल्यू.एस. एवं एल.आई.जी. मकानों एवं फ्लैटों का पंजीयन शुल्कों को लिया जाता है? यदि हाँ, तो कितनी राशि वसूली जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनमें से कितने आरक्षित भू-खण्ड प्रश्न दिनांक तक रिक्त हैं? पिछले 05 वर्षों में निर्मित रिक्त भू-खण्डों की सूची उपलब्ध करायें? क्या निजी क्षेत्रों में बनाये गये ई.डब्ल्यू.एस./एल.आई.जी. मकान/फ्लैटों को पंजीयन शुल्क से मुक्त/छूट दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा आरक्षित भू-खण्डों को पिछले 05 वर्षों में कॉलोनियों की पूर्णत: उपरांत आरक्षित भूखण्डो को आवंटित किये गये? इनके द्वारा कब-कब कॉलोनियों की जाँच की गई? क्या इनके द्वारा कॉलोनियों को पूर्णत: प्रमाण-पत्र प्रदाय किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इंदौर जिले के नगरीय निकाय क्षेत्र में 133 कालोनियों एवं ग्रामीण क्षेत्र में कुल 67 कालोनियों में बंधक रखे गये भूखंडों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार हैं। जी हाँ। इंदौर जिला अंतर्गत विकसित कालोनी/टाउनशिपों में निर्मित ई.डब्ल्यू.एस./एल.आई.जी. मकानों एवं फ्लैटों का बाजार मूल्य अथवा प्रतिफल में से जो ज्यादा हो 0.8 प्रतिशत पंजीयन शुल्क निर्धारित है। (ग) म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम, 1998 तथा म.प्र. ग्राम पंचायत (कालोनियों का विकास) नियम 2014 में आरक्षित भूखंडों को मुक्त करने के पश्चात् मौके पर उक्त भूखण्ड रिक्त अथवा निर्मित है, संबंधी जानकारी संधारित करने के प्रावधान नहीं है। जी नहीं। (घ) म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम, 1998 तथा मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कालोनियों का विकास) नियम, 2014 अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और निम्न आय समूह के लिये आरक्षित भूखण्ड/निवासों का विक्रय कालोनाईजर द्वारा किये जाने के प्रावधान हैं। नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रांतर्गत कालोनियो/टाउनशिपों के विकास के संबंध में विस्तृत परीक्षण हेतु आयुक्त, नगर निगम एवं कलेक्टर, जिला इंदौर के द्वारा तकनीकी टीम का गठन किया गया हैं। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। आरक्षित भूखंडों के संबंध में कार्य पूर्णता का प्रमाण-पत्र पृथक से दिये जाने का प्रावधान नहीं है।
खनिज भण्डारण की अनुज्ञप्ति
[खनिज साधन]
102. ( क्र. 1430 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में किन-किन खनिज के भण्डारण की वर्तमान में किस-किस को अनुज्ञप्तियाँ किन शर्तों एवं नियमो के तहत कब से कब तक के लिए किन खसरा नम्बरों की भूमियों पर प्रदान की गयी हैं? विभागीय प्रतिवेदन क्या हैं? (ख) कटनी जिले की विजयराघवगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम बरहटी, घुघरी में खनिज रेत के भण्डारण की कब-कब, किन-किन को, किन शर्तों पर अनुज्ञप्तियाँ प्रदान की गयी थीं? इस सम्बन्ध में खनिज निरीक्षकों द्वारा दिए गए स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन भण्डारण स्थलवार, प्रकरणवार बतायें? (ग) कटनी जिले में विगत 02 वर्षों में किन-किन स्थलों पर कितनी मात्रा में अवैध तौर पर खनिज रेत भंडारित होना पाया गया? रेत को कब-कब जप्त किया गया, इस जप्त रेत का बाजार मूल्य क्या था, क्या कार्यवाही की गयी, प्रकरणवार बतायें? (घ) ग्राम बरहटी में भंडारित पाई गयी कितने घनमीटर रेत को किन विभागीय निर्देशों के चलते सौंपा दिया गया? क्या इस रेत के भण्डारण की पूर्व में किसी अन्य को भण्डारण अनुज्ञप्ति प्रदान की गयी थी? यदि हाँ, तो किसे एवं कब, यदि नहीं, तो हजारों घनमीटर रेत किस प्रकार वर्षों से यहाँ भंडारित रही है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में खनिज भण्डारण में अनियमितताओं एवं भण्डारण की अनुज्ञप्ति प्राप्त रेत को बिना नीलामी की प्रक्रिया के विक्रय न कर, शासन को राजस्व क्षति की क्या जाँच करवायी जायेगी, हाँ तो कब एवं किस प्रकार, नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 के प्रावधानों के तहत अनुज्ञप्तियां स्वीकृत की गई हैं। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब, ब-1 एवं ब-2 पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) प्रश्नाधीन ग्राम बरहटी में पूर्व स्वीकृत भण्डारण अनुज्ञप्ति क्षेत्र से जप्त 58379 घन मीटर रेत को खनिज साधन विभाग के निर्देश दिनांक 29.04.2016 के अनुसार मध्यप्रदेश स्टेट माईनिंग कार्पोरेशन को भण्डारित रेत आवश्यक कार्यवाही हेतु दी गई थी। जी हाँ। यह अनुज्ञप्ति मेसर्स संदीप कुमार सिंह को अवधि दिनांक 18.11.2007 से 17.11.2010 को स्वीकृत की गई थी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) विभागीय निर्देश दिनांक 29.04.2016 के अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 1431 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन, हितग्राहियों के चयन, आवास निर्माण एवं लक्ष्य की पूर्ति के क्या मार्गदर्शी निर्देश एवं शासनादेश हैं? (ख) कटनी जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने आवास का वर्तमान में लक्ष्य निर्धारित था? प्रश्न दिनांक तक कितने आवासों का निर्माण किया जाकर, हितग्राहियों को प्रदान किये गये? ग्रामवार, जनपद पंचायतवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने हितग्राहियों का चयन किया गया? चयनित हितग्राहियों को प्रदाय किये जाने वाले भवनों के कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? हितग्राहीवार, ग्रामवार, जनपद पंचायतवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के संबंध में कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई एवं क्या-क्या अनियमितताएं प्रश्न दिनांक तक परिलक्षित हुई? इनकी किस-किस शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब क्या जाँच की गई? जाँच के प्रतिवेदन क्या थे और क्या कार्यवाही की गई, प्रकरणवार बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार हैं। (ख) एवं (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत कटनी जिले में 22118 आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया तथा चयन किया गया। जिसके विरूद्ध दिनांक 20.11.2017 की स्थिति में 9336 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
उज्जैन जिले में खेल सामग्री का वितरण
[खेल और युवा कल्याण]
104. ( क्र. 1434 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा खेल सामग्री वितरण की जाने की योजना है यदि हाँ, तो इस योजना के अंतर्गत किन-किन सामग्रियों का वितरण किया जाता है? (ख) उज्जैन जिले में नवम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी सामग्री का वितरण किया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करे? (ग) नवम्बर, 2013 से प्रश्न दिनांक तक बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी-कितनी सामग्री का वितरण किया गया है? सामग्री का नाम किसको वितरण की गई? उसकी जानकारी तथा किसकी अनुशंसा पर वितरण की गई? तथा बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के किस-किस विभाग के पत्र वर्तमान में खेल सामग्री प्राप्त करने के लिये प्राप्त हुए हैं तथा जिनको सामग्री का वितरण नहीं किया गया है, ऐसे कितने विभाग हैं तथा इन विभागों को सामग्री वितरण अभी तक क्यों नहीं की गई कारण सहित जानकारी प्रदान करें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ, विभाग द्वारा खेल प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों के लिए आवश्यक खेल सामग्री प्रदाय करने की योजना है। (ख) उज्जैन जिले में नवम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक सामग्री वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। चूँकि वितरण विधानसभा क्षेत्रवार नहीं किया जाता है, अतः विधानसभावार जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) उज्जैन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार दी गई है। चूँकि वितरण विधानसभा क्षेत्रवार नहीं किया जाता है, अतः विधानसभावार जानकारी दी जाना संभव नहीं है। कार्यालयीन रिकार्ड के अनुसार बड़नगर विधानसभा क्षेत्र से किसी भी विभाग का पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायतों को स्वीकृत राशि की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
105. ( क्र. 1436 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्रामों में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि, से कितने निर्माण कार्यों की स्वीकृति किस दिनांक को प्रदान की गई? पंचायतवार जानकारी प्रदान करें? (ख) स्वीकृत निर्माण कार्य की प्रथम किश्त किस दिनांक को जारी की गई तथा उपरोक्त कार्य हेतु कितनी राशि आज दिनांक तक जारी किये जाना शेष है, पंचायतवार जानकारी प्रदान करें? (ग) जो निर्माण कार्य पंचायत द्वारा पूर्ण कर दिये गये हैं, उनकी अंतिम किश्त किस दिनांक को जारी की गई तथा उन कार्यों की उपयोगिता प्रमाण-पत्र किस दिनांक को जारी की गई क्या ऐसे भी कोई प्रकरण हैं जिनमें पूर्ण राशि जारी होने के बाद भी लम्बे समय से उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया है? क्या कारण है तथा इसके लिये कौन अधिकारी या कर्मचारी दोषी हैं? (घ) ऐसे कितने स्थान हैं जहाँ कार्य पूर्ण होने के बाद भी निर्धारित प्रारूप में सूचना पटल (बोर्ड) पर नहीं लगाये गये हैं यदि नहीं, लगाये गये हैं तो कब तक लगाये जायेगें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 02 पूर्ण कार्यों के उपयोगिता प्रमाण-पत्र अप्राप्त है। जिसके लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, बड़नगर दोषी है। (घ) 49। निर्माण एजेन्सियों को 15 दिवस में सूचना पटल लगाये जाने हेतु निर्देशित कर दिया गया है।
सुदूर ग्राम संपर्क सड़क योजना की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
106. ( क्र. 1440 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा में सुदुर ग्राम संपर्क सड़क योजना अंतर्गत वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन ग्राम पंचायतों से प्राप्त हुए? (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितनी सुदूर संपर्क सड़कों के कार्य प्रारंभ किये गये है वर्तमान में उन कार्यों की क्या स्थिति है? (ग) ऐसे कितने आवेदन हैं जिन पर स्वीकृति प्राप्त ना होने के कारण अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? इन आवेदनों के संदर्भ में अभी तक स्वीकृति क्यों प्रदान नहीं की गई है तथा शासन की ऐसी महत्वपूर्ण योजना का लाभ ग्रामीणों को प्राप्त नहीं होने के लिये कौन अधिकारी दोषी हैं तथा विभाग ऐसे लापरवाह अधिकारी पर क्या कार्यवाही कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में सुदूर ग्राम संपर्क सड़क योजना अंतर्गत वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल 55 आवेदन प्राप्त हुए है। (ख) प्रश्न दिनांक तक सुदूर संपर्क सड़क के 42 कार्य प्रारंभ किये गये, वर्तमान में सभी कार्य प्रगतिरत है। शेष 13 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी है। (ग) जानकारी निरंक है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
प्रदेश में पेटेंट कराने की सुविधा
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
107. ( क्र. 1463 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पेटेंट कराने का राज्य सरकार अथवा भारत सरकार का कोई कार्यालय है? यदि नहीं, तो हम अपने प्रदेश के भावी वैज्ञानिकों को आविष्कार (इनोवेशन) के लिये कैसे प्रोत्साहित कर रहै हैं? (ख) क्या भविष्य में शासन/उच्च शिक्षा विभाग इस दिशा में विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के सहयोग से मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, विज्ञान भवन, नेहरू नगर, भोपाल (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, म.प्र. शासन) के अंतर्गत पेटेंट सूचना केन्द्र को स्थापित किया गया, जो प्रदेश के इनोवेटर्स एवं आविष्कर्ताओं को उनके अनुसंधान को पेटेंट कराने हेतु सीमित तकनीकी सहायता उपलब्ध कराता है। प्रदेश के जमीनी स्तर के आविष्कर्ताओं को प्रोवीजनल पेटेंट आवेदन करने हेतु भी सहायता प्रदान की जाती है। पेटेंट आवेदन की सम्पूर्ण तकनीकी आवेदन की प्रक्रिया हेतु आविष्कर्ताओं को अधिकृत पेटेंट एटार्नी से सम्पर्क स्थापित करा दिया जाता है ताकि वे बिना किसी बाधा के अपना आवेदन भारत शासन के नियंत्रक पेटेंट कार्यालय, मुम्बई को प्रस्तुत कर सके जहां अधिकृत रूप से पेटेंट के पंजीयन किया जाता है। (ख) मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2017 जो 01 अप्रैल, 2018 से प्रभावशील होगी, के कण्डिका क्रमांक 13.8.5 में पेटेट/आई.पी.आर. के लिये किये हुये व्यय प्रतिपूर्ति हेतु प्रावधान किया गया है। जिसमें अधिकतम राशि रूपये 05.00 लाख की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा की जावेगी।
मंदिरों एवं पुजारियों की नियुक्ति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
108. ( क्र. 1477 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा संभाग के जिलों में स्थापित मंदिरों एवं उनमें नियुक्त पुजारियों की जानकारी बताएं। (ख) क्या उक्त मंदिरों को शासन द्वारा अनुदान राशि दी जाती है, यदि हाँ, तो ऐसे कितने मंदिर हैं, जिन्हें शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है? क्या इन्ही मंदिरों के पुजारियों को ही मानदेय दिया जाता है? क्या अनुदान प्राप्त मंदिरों में पुजारी की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान है, यदि नहीं, तो क्यों, यदि हाँ, तो वर्गवार एवं पुजारियों के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) क्या मुख्यमंत्री महोदय द्वारा अ.जा./अ.ज.जा/अ.पि.व. के लोगों को पुजारी/पुरोहित बनाये जाने का प्रशिक्षण दिलाये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या विभाग द्वारा रविदास मंदिर निर्माण हेतु बजट दिया जाता है, यदि हाँ, तो धार्मिक नगरी मैहर एवं धार्मिक स्थल रामवन में रविदास मंदिर निर्माण हेतु अभी तक राशि क्यों नहीं दी गई, विवरण सहित जानकारी देवें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामान्य भविष्य निधि पेंशन योजना की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
109. ( क्र. 1478 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतराज संचालनालय के अधीन त्रिस्तरीय पंचायतीराज का सफल संचालन/क्रियान्वयन करने वाली जिला/जनपद पंचायत कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को सामान्य भविष्य निधि पेंशन योजना स्वीकृत न करने के क्या कारण हैं? (ख) क्या इन कर्मचारियों को जुलाई 2012 से नवीन अंशदाई पेंशन योजना के तहत एन.एस.डी.एल. कम्पनी से समझौता हुआ था? यदि हाँ, तो उक्त कम्पनी द्वारा क्या 2005 के पूर्व से नियुक्त कर्मचारियों को प्रान नंबर/किट उपलब्ध न कराते हुए यह कहा गया है कि यह योजना 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों में लागू है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो एन.एस.डी.एल. कम्पनी द्वारा रजिस्ट्रेशन/प्रान नंबर नहीं दिए जाने से क्या विभाग/ शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों को दी जा रही सामान्य भविष्य निधि पेंशन योजना स्वीकृति की कार्यवाही शासन स्तर पर लंबित है? (घ) इन कर्मचारियों को सामान्य भविष्य निधि योजना स्वीकृत करने में शासन को कौन सी आर्थिक क्षति हो रही है? कारण सहित बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अंशदायी भविष्य निधि योजना लागू होने के कारण। (ख) जी हाँ। जी नहीं, योजना लागू होने के पूर्व से कार्यरत लोगों को योजना लागू होने की तिथि से लाभ देने के लिए कंपनी ने इंकार नहीं किया है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश '' क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शौचालय निर्माण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
110. ( क्र. 1504 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा चलाई जा रही शौचालय निर्माण की योजना किस वर्ष से एवं किन-किन नामों से प्रारम्भ की गयी? योजनावार, वर्षवार जानकारी देवें। क्या एक ही परिवार को एक ही शौचालय पर अलग-अलग नामों की योजना से लाभ दिया जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में कितने परिवारों को योजनाओं का लाभ दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एक से अधिक बार एक ही शौचालय निर्माण पर अलग-अलग योजनाओं से लाभ नहीं दिया जाता है तो उक्त योजनाओं में लाभ देने वाले शासकीय सेवक पर क्या कोई कार्यवाही करने की शासन की योजना है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन द्वारा शौचालय निर्माण हेतु संपूर्ण स्वच्छता अभियान वर्ष 1999 से, निर्मल भारत अभियान 2012 से एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) 2 अक्टूबर, 2014 से प्रारंभ किया गया। जी नहीं। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत छतरपुर जिले में 117431 परिवारों को लाभान्वित किया गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन एवं राजस्व में दर्ज भूमियों पर विवाद
[वन]
111. ( क्र. 1507 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन भूमियों पर कृषि कार्य करने वाले काश्तकारों/किसानों को पट्टे दिये जाने के क्या नियम हैं? उक्त नियम व आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) यदि वन भूमि व राजस्व भूमि के विवाद का प्रश्न है तो उसे सुलझाने के लिये कौन अधिकारी सक्षम है वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले व चन्दला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्रामों में उक्त समस्या की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? सूचीवार जानकारी देवें। (ग) छतरपुर जिले में एवं चन्दला विधान सभा के अंतर्गत कितने ग्रामों में उक्त प्रकार की समस्या हैं एवं उसे किस प्रकार निपटाया जावेगा? सूचीवार जानकारी देवें। (घ) छतरपुर तहसील के ग्राम मारगुवां हल्का मोरवा के खसरा क्रमांक 242, 253 के वन एवं राजस्व भूमि के विवाद को कब तक सुलझा लिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) में दिये गये प्रावधान अनुसार वनभूमि के काबिजों को पात्रता अनुसार वन अधिकार पत्र वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) संबंधित जिले के कलेक्टर। प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त 52 शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) चंदला विधान सभा क्षेत्र सहित, छतरपुर जिले में 535 ग्राम वन सीमा से लगे हैं, जिसमें से 527 ग्रामों में राजस्व एवं वन सीमा विवाद सुलझाने हेतु वन सीमा पटवारी मानचित्र में अंकित की गई है। वन सीमा के अन्दर राजस्व विभाग द्वारा जारी 2241 कृषि पटटे को निरस्त किया गया है। शेष 08 ग्राम-गुढ़ा, रामपुरा, हरपुरा, पुरूवा, गरहा, पथरिया, मनोरखुर्द एवं रैपुरा में वन एवं राजस्व सीमा विवाद के निराकरण की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) छतरपुर तहसील के ग्राम मारगुवां में हल्का मोरवा के खसरा क्रमांक 242 रकवा 13.02 एकड़ एवं खसरा क्रमांक 253 रकवा 1.88 एकड़ सम्पूर्ण रकवा वनक्षेत्र के अंतर्गत आता है। प्रश्नाधीन खसरों में वनभूमि एवं राजस्व भूमि के मध्य कोई विवाद नहीं है।
पंचायत कर्मचारियों की अंशदायी पेंशन योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
112. ( क्र. 1527 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में जिला/जनपद पंचायत के कर्मचारियों एवं ग्राम पंचायत के पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया गया है? यदि हाँ,? तो कब से यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करे? (ख) क्या प्रश्न (क) के कर्मचारियों के प्रान नंबर बनाये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो सभी के नम्बरों की नाम सहित सूची दें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं बनाये गये, इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? अब कब तक प्रान नम्बर बनाये जाकर उक्त कर्मचारियों को किस दिनांक से पेंशन योजना में लाभान्वित किया जायेगा? (ग) क्या ग्वालियर जिले के जिला/जनपद पंचायत के कर्मचारियों को समयमान, वेतनमान दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब से? शासन के आदेश की प्रति दें? ग्वालियर जिला पचायत एवं ग्वालियर जिले की जनपद पंचायतों में किस-किस दिनांक से किस आदेश द्वारा किन-किन कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दियां गया है आदेश की प्रति दे? (घ) जनपद पंचायत घाटीगांव (बरई) एवं भितरवार में 1 नवम्बर 2017 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी तथा किस-किस पंचायत में कौन-कौन पंचायत सचिव, सहायक सचिव पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक तथा प्रभार वाली पंचायतों का नाम भी स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों को 01 जुलाई, 2012 से तथा ग्राम पंचायत सचिवों को जुलाई, 2013 से अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया गया हैं। (ख) जी नहीं। ग्वालियर जिले के जिला/जनपद पंचायतों के क्रियान्वयन ऐजेन्सी एन.एस.डी.एल. से पंजीयन हेतु निर्धारित प्रपत्र में प्रस्ताव एन.एस.डी.एल. को प्रेषित किये गये है। जिला पंचायत ग्वालियर का पंजीयन क्रमांक प्राप्त हो गया है। जनपद पंचायतों के पंजीयन क्रमांक अभी प्राप्त नहीं हुये हैं। जनपद पंचायतों के पंजीयन क्रमांक प्राप्त होते ही प्रान नम्बर प्राप्त करने की कार्यवाही करते हुए उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित तिथि अनुसार अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया जावेगा। (ग) ग्वालियर जिला पंचायत तथा जनपद पंचायत मुरार/डबरा/भितरवार/घाटीगांव के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ नियमानुसार दिया गया है। आदेश की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार हैं।
अवैध कालोनियों को वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 1530 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा अवैध कालोनियों को वैध करने के संबंध में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक जारी पत्र, परिपत्र एवं निर्देशों के पालन में नगर निगम ग्वालियर द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? किन-किन अवैध कॉलोनियों को वैध किया गया? उनका पता, वार्ड क्र. सहित बतावें तथा वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार शासन द्वारा निर्देशित किये जाने के उपरांत भी अवैध कालोनियों को वैध घोषित नहीं किये जाने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनका नाम, पद स्पष्ट करें। दोषियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के संबंध में कॉलोनाईजरों एवं रहवासियों के साथ बैठक आयोजित कर विभाग द्वारा जारी पत्र, परिपत्र एवं निर्देशों के संबंध में जानकारी दी गई है। प्रश्नावधि तक नियमित की गई कॉलोनियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने के लिए कैम्प लगाये गये है, जिससे दो कॉलोनाईजर के आवेदन प्राप्त हुए थे, परंतु भूमि का उपयोग ग्वालियर विकास योजना 2021 में सार्वजनिक एवं अर्द्ध सार्वजनिक होने से नियमित नहीं किया गया है। नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा अवैध कॉलोनियों को नियमानुसार नियमित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है, जिससे किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रिकार्ड दुरूस्त करने के संबंध में
[वन]
114. ( क्र. 1538 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में वन विभाग की किस बीट पर कौन-कौन से खसरा नम्बरों का कितना रकवा किस आधार पर वन विभाग दर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त खसरा नम्बरों को वन विभाग द्वारा राजस्व रिकार्ड खसरा पंजी में दर्ज कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। क्या वन विभाग उक्त खसरा नम्बरों को राजस्व रिकार्ड में खसरा पंजी में दर्ज कराने के लिये कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या वन विभाग में दर्ज खसरा नम्बरों पर रजिस्टर्ड विक्रय पत्रों पर प्रतिबंध है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) छतरपुर जिले के अन्तर्गत छतरपुर वनमंडल एवं पन्ना टाईगर रिजर्व में 204 बीटें जिनका कुल रकवा 1998.7 वर्ग किलोमीटर है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 के प्रावधानों के तहत उक्त भूमि आरक्षित/संरक्षित वन अधिसूचित होने के आधार पर वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज हैं। वन विभाग के अभिलेखों में आरक्षित वन कक्ष क्रमांक/संरक्षित वन कक्ष क्रमांकवार जानकारी संधारित की जाती है, न कि खसरेवार। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी/स्थायी कर्मियों को पेंशन योजना का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 1543 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हित में राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ किस वर्ष से दिया जाना सुनिश्चित किया है एवं इसे राजधानी परियोजना प्रशासन मण्डल में किस वर्ष से लागू किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या राष्ट्रीय पेंशन योजना के क्रियान्वयन में विलंब किया गया है? यदि हाँ, तो विलंब हेतु कौन-कौन कर्मचारी/ अधिकारी दोषी हैं, नामों को उल्लेख करते हुए बतावें कि इनके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कब तक करेंगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार राष्ट्रीय पेंशन योजना के क्रियान्वयन में विलंब से दैनिक वेतन भोगी/स्थायीकर्मी कर्मचारियों के आर्थिक नुकसान की भरपाई क्या शासन द्वारा की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 9-9/13//नियम/चार, दिनांक 17 जनवरी, 2014 के अनुसार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिया जाना है। एवं राजधानी परियोजना प्रशासन मण्डल में इस योजना का क्रियान्वयन इसी दिनांक से किया गया है। (ख) प्रश्न ''क'' के अनुसार राष्ट्रीय पेंशन योजना के क्रियान्वयन में राजधानी परियोजना प्रशासन, भोपाल द्वारा किसी भी प्रकार का विलम्ब नहीं किया गया है और न ही कोई कर्मचारी/अधिकारी दोषी है। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद लटेरी में मेन्टन हॉल विथ कोर्ट का निर्माण कार्य
[खेल और युवा कल्याण]
116. ( क्र. 1552 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र लटेरी के नगर परिषद लटेरी में तालाब के पास बाल्मिक भवन के पास नवीन बैंड मेन्टन हॉल विथ कोर्ट निर्माण किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 28.06.2017 को पत्र जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा अभी क्या कार्यवाही कब-कब की गई? पूर्ण जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? अब तक कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण है? कब तक किये जाने की संभावना है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ, जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जिला विदिशा के पत्र क्रमांक 259 दिनांक 16.10.2017 द्वारा कलेक्टर विदिशा को प्रस्तावित खसरा नं. 1107 की भूमि को नगर परिषद लटेरी से खेल और युवा कल्याण विभाग विदिशा के नाम हस्तांतरित करने के संबंध में मांग पत्र प्रेषित किया गया है। (ख) प्रश्नोत्तर (क) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों को प्राप्त राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
117. ( क्र. 1555 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत रायसेन को वर्ष 2016-17 से नवम्बर 2017 की अवधि में भारत सरकार एवं राज्य से किन-किन मदों/योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि से मदवार कितने कार्य स्वीकृत किये गये? योजनावार जानकारी दें? (ख) उक्त अवधि में रायसेन जिले की ग्राम पंचायतों को भारत सरकार तथा राज्य सरकार से कितनी राशि किस-किस योजना में सीधे प्राप्त हुई? जनपदवार जानकारी दें? (ग) स्वीकृत कार्यों से कितने कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं। संख्या दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में जिला पंचायत, रायसेन को पंचायत भवन निर्माण मद में रू. 16.00 लाख एवं मुद्रांक शुल्क मद में रू. 60.00 लाख प्राप्त हुए। प्रश्नाधीन अवधि में जिला पंचायत द्वारा स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब''अनुसार है। (ग) जिला पंचायत द्वारा स्वीकृत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में दर्शाए सभी कार्य प्रगतिरत हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा स्वीकृत, अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्यों की जानकारी संकलित एवं संधारित नहीं की जाती है।
सड़क निर्माण की गुणवत्ता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
118. ( क्र. 1564 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड भीकनगांव के ग्राम पोखर खुर्द से पाडल्या बाबाजी सड़क मार्ग का निर्माण कार्य कब किन शर्तों के आधार पर किया गया था? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्य की गुणवत्ताविहीन होने के कारण सड़क पूर्ण रूप से खराब हो चुकी है? हां, तो इस संबंध में कितनी शिकायतें कब-कब एवं पत्र प्राप्त हुए हैं? विभाग द्वारा इस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जाँच कर प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में निरीक्षण कर की गई कार्यवाही के प्रतिवेदन सहित जानकारी दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंर्तगत राज्य संपर्कता मद के तहत पोखर खुर्द से पाडल्या गवली लंबाई 4.3 कि.मी. का निर्माण दिनांक 28.02.2017 को पूर्ण किया गया है सड़क का निर्माण कार्य म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल के द्वारा निर्धारित अनुबंध की शर्तों पर किया गया है। (ख) जी नहीं। मार्ग की स्थिति ठीक है। मार्ग निर्माण के दौरान स्थानीय स्तर पर सरपंच श्री डोगर सिंह द्वारा दिनांक 07.01.2016 को लिखित आवेदन के द्वारा शिकायत की गई थी। शिकायत के उपरांत स्टेट क्वालिटी मॉनिटर के द्वारा दिनांक 16.03.2016 को निरीक्षण किया गया था, जिसमें स्टेट क्वालिटी मॉनिटर द्वारा कार्य को संतोषप्रद श्रेणी प्रदान की गई थी। दिनांक 09.04.2016 को सी.एम. हेल्पलाईन में भी आवेदक द्वारा शिकायत दर्ज करायी गई थी, शिकायत के पश्चात आवेदक से संपर्क किया गया एवं गुणवत्ता के संबंध में बताया गया, बताये जाने के पश्चात् शिकायतकर्ता ने गुणवत्ता के संबंध में संतुष्टि व्यक्त की गई तत्पश्चात् शिकायत को बंद कर दिया गया। (ग) मार्ग निर्माण के दौरान समय-समय पर कार्य की गुणवत्ता की जाँच कन्सलटेन्ट तथा परियोजना क्रियान्वयन इकाई के इंजीनियरों द्वारा विभिन्न स्तरो पर की जाती है। राज्य गुणवत्ता परिवेक्षक के निरीक्षण की दिनांक 16.03.2016 में संतोषजनक श्रेणी दी है। प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में मार्ग की बी.टी. सतह की स्थिति ठीक है मार्ग अनुबंध के अनुसार 5 वर्ष की ग्यारंटी अवधि के अंतर्गत निर्माण संविदाकार द्वारा ही संधारित किया जा रहा है।
वाटर शेड परियोजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
119. ( क्र. 1612 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के वाटर शेड की कितनी परियोजनाये वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत हुई हैं? इसमें से कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हुये एवं कौन-कौन से कार्य प्रारंभ नहीं हुये हैं? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में निर्माणाधीन वाटर शेड में किन-किन कार्यों हेतु कितना-कितना भुगतान किया गया एवं कितने कार्य किये गये हैं? किन-किन अधिकारियों के द्वारा किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया है? वाटर शेडवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नकर्ता के क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में नई परियोजना स्वीकृत/प्रस्तावित है तो जानकारी उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में अनूपपुर जिले में ''प्रधानंमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड विकास'' के अंतर्गत कोई परियोजना स्वीकृत नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पुष्पराजगढ़ में वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड विकास के अंतर्गत कोई नई परियोजना स्वीकृत/प्रस्तावित नहीं है।
स्वच्छ भारत मिशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 1613 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्वच्छ भारत मिशन के तहत योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले अंतर्गत नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायत को कब-कब, कितनी-कितनी राशि/ सहयोग किस विभाग/व्यक्ति/संस्था से प्राप्त हुई है? इस अनुदान राशि को किस-किस कार्य में कितना, कब व्यय किया गया, इस समयावधि में किन-किन नगर पालिका एवं नगर पंचायतों द्वारा इस योजना के अन्तर्गत अपने-कोष से कितना-कितना व्यय किस-किस कार्य में कब किया गया? (ख) उक्त क्षेत्र एवं उक्त अवधि में शासन की व्यक्तिगत शौचालय (अनुदान) योजना के अंतर्गत कितने व्यक्तियों ने शौचालय हेतु सहमति दी एवं उसमें से कितने व्यक्तियों ने अपने हिस्से की राशि जमा की तथा किस वार्ड में कितने-कितने शौचालय निर्माण पूर्ण हुये? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले में क्रमश: 04 नगर पालिका एवं 02 नगर परिषद है। शासन द्वारा प्राप्त राशि एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में शासन की व्यक्तिगत शौचालय (अनुदान) योजना के अंतर्गत व्यक्तियों द्वारा शौचालय हेतु सहमति एवं उसमें से अपने हिस्से की राशि जमा का विवरण तथा वार्ड में पूर्ण शौचालय निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
लोक सेवा केन्द्रों पर कार्यरत कर्मचारियों का वेतन भुगतान
[लोक सेवा प्रबन्धन]
121. ( क्र. 1616 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में लोक सेवा ग्यारंटी अधिनियम के तहत संचालित लोक सेवा केन्द्रों का संचालन का कार्य किस-किस एजेन्सी को दिया गया है? जानकारी लोक सेवा केन्द्रवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सेवा केन्द्रों पर कितने कर्मचारी किस-किस श्रेणी के कार्यरत हैं? श्रेणीवार संख्या बतावें? क्या केन्द्रों पर कार्यरत उच्च कुशल, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल कर्मचारियों को एजेन्सी द्वारा शासन के नियमानुसार निर्धारित कलेक्टर दर पर प्रतिमाह वेतन का भुगतान किया जाता है? जानकारी श्रेणीवार एवं केन्द्रवार देवें। क्या तैनात कर्मचारियों को वेतन का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से या नगद भुगतान किया जाता है? यदि नगद भुगतान किया जाता है तो किस नियम के अनुसार, प्रति देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित केन्द्रों पर तैनात कर्मचारियों का शासन के निमयानुसार वेतन से अंशदान भविष्य निधि (एन.पी.एफ.) राशि एजेन्सी द्वारा काटकर उनके भविष्य निधि खाते में जमा की जा रही है? यदि हाँ, तो कार्यरत कर्मचारियों के अंशदान भविष्य निधि खातों की संख्या देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शाजापुर जिले में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत संचालित लोक सेवा केन्द्रों का संचालन निम्नलिखित एजेंसियों को दिया गया है। लोक सेवा केन्द्रवार जानकारी निम्नानुसार है :-
|
लोक सेवा केन्द्र का नाम |
एजेंसी का नाम |
1 |
शाजापुर |
आरो टैक्नोलाजी |
2 |
शुजालपुर |
नागर टाईपिंग एवं फोटोकापी सेन्टर शाजापुर |
3 |
कालापीपल |
श्री कुमेरसिह पठारिया, कालापीपल |
4 |
मोमन बडोदिया |
श्री रविन्द्र सोनी, दुपाडा |
5 |
गुलाना |
श्री सेल्स कार्पोरेशन, शाजापुर |
6 |
पोलायकलां |
श्री पुष्पेन्द्र स्वर्णकार, कानड |
7 |
अवंतिपुर बडोदिया |
श्री धनसिंह सिकरवार, अवंतिपुर बडोदिया |
(ख) उक्त कर्मचारियों को लोक सेवा केन्द्र संचालकों द्वारा कर्मचारी के द्वारा किये जाने वाले कार्य की अवधि/स्कील/कार्य के घंटे अनुसार दैनिक पारिश्रमिक का भुगतान कलेक्टर दर पर नगद किया जाता है। नगद भुगतान नहीं करने संबंधी कोई नियम नहीं है। जानकारी निम्नानुसार है :-
लोक सेवा केन्द्र |
श्रेणी |
संख्या |
|
अर्द्धुकुशल |
अकुशल |
||
शाजापुर |
03 |
04 |
07 |
कालापीपल |
04 |
01 |
05 |
शुजालपुर |
03 |
02 |
05 |
मोमन बडोदिया |
03 |
02 |
05 |
गुलाना |
02 |
01 |
03 |
पोलायकलां |
02 |
01 |
03 |
अवंतिपुर बडोदिया |
02 |
01 |
03 |
(ग) जी नहीं। ई.पी.एफ.एक्ट के प्रावधान के अनुसार ऐसे संस्थान जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत् है, को अपने कर्मचारियों को ई.पी.एफ का लाभ दिया जाना अनिवार्य है। लोक सेवा केन्द्रों में कर्मचारियों की संख्या कम है अतः अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होने से भविष्य निधि हेतु उनका अंशदान नहीं काटा जा रहा है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन निस्तारी डिपो की स्थापना
[वन]
122. ( क्र. 1627 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले का बेलखेड़ा ग्राम के आस-पास की लगभग 60 ग्रा.प. का केन्द्र है? उक्त क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा दैनिक उपयोग हेतु जलाऊ लकड़ी एवं स्वजनों के अंतिम संस्कार हेतु लकड़ी की आवश्यकता पूर्ति हेतु भटकना पड़ता है? यदि हाँ, तो शासन ग्राम बेलखेड़ा में निस्तारी वन डिपो (जलाऊ लकड़ी विक्रय केन्द्र) की स्थापना कब तक करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। जबलपुर जिले के बेलखेड़ा ग्राम के आस-पास वनों के 5 कि.मी. की परिधि में आने-वाली 06 ग्राम पंचायते है। बेलखेड़ा में जलाऊ लकड़ी के विक्रय हेतु निस्तार डिपो, निस्तार पत्रिका में प्रावधानित है। बेलखेड़ा डिपो की राजस्व भूमि पुलिस विभाग को आवंटित की जाकर पुलिस कर्मचारियों के आवास का निर्माण 2014 में किया जा चुका है। वन परिक्षेत्र अधिकारी शहपुरा द्वारा डिपो हेतु अन्य भूमि की मांग ग्राम पंचायत से की गई है। भूमि आवंटन होने पर पुनः निस्तार डिपो स्थापित कर संचालित किया जावेगा। उक्त व्यवस्था होने तक शहपुरा स्थित केन्द्रीय जलाऊ डिपो से बेलखेड़ा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को शवदाह/अंतिम संस्कार हेतु जलाऊ लकड़ी प्रदाय की व्यवस्था की गई है।
इंद्रा नगर से भैरोघाट मार्ग का शेष कार्य पूर्ण करने
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
123. ( क्र. 1628 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख अभियंता म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल के अपने पत्र क्र. 21134, दिनांक 19.09.2017 के द्वारा प्रश्नकर्ता को बताया था कि PMGSY के अंतर्गत निर्माणाधीन इंद्रानगर-भैरोघाट मार्ग के शेष निर्माण कार्य को पूर्ण करने निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नकर्ता की शिकायत के संदर्भ में अवर सचिव म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा अपने पत्र क्र. 20434, दिनांक 07.09.2017 के माध्यम से म.प्र. विधान सभा भोपाल को अवगत कराया था कि जबलपुर जिले के शहपुरा वि.ख. के ग्राम धनगंवा को जोड़ने सड़क निर्माण का डी.पी.आर. तैयार कराया जा रहा है? तो उक्त डी.पी.आर. एवं निर्माण कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्य की निविदा की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। कार्यादेश जारी होने के उपरांत 11 माह में कार्य पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ। कार्य की स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनश्री बीमा योजनांतर्गत पंजीयन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
124. ( क्र. 1629 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में विकासखण्डवार जनश्री बीमा योजना एवं आम आदमी बीमा योजनांतर्गत विगत 3 वर्षों में कितने प्रकरण पंजीकृत हुये? उनमें से कितने रिन्यू किये गये? कितने रिन्यू नहीं किये गये? (ख) शाहपुरा वि.ख. की जानकारी हितग्राहियों के नाम, पता सहित दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''अ' अनुसारI (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''ब' अनुसार I
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सड़क निर्माण
[वन]
125. ( क्र. 1646 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बताया गया था कि गोटीटोरिया से बड़ागांव तक सड़क निर्माण की प्रधानमंत्री सड़क योजना विभाग ने पूरी औपचारिकता कर ली है लेकिन सड़क का निर्माण वन क्षेत्र में होने के कारण मंजूरी के लिये वन विभाग के कार्यालय भोपाल में प्रस्ताव लंबित है, क्या आज भी वनवासी बाहुल्य गांव मंजूरी की प्रत्याशा में सड़क निर्माण से वंचित है? (ख) क्या यह मंजूरी विभाग प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गोटीटोरिया से बड़ागांव मार्ग की स्वीकृति हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण (एन.आर.आर.डी.ए.) की सशक्त समिति की दिनांक 13.11.2017 को आयोजित बैठक में विचार हो चुका है। भारत सरकार की स्वीकृति अपेक्षित है। महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, इकाई-2 नरसिंहपुर ने दिनांक 16.03.2017 से गोटीटोरिया से बड़ागांव तक 11 किलोमीटर लम्बाई में वन अनुमति हेतु प्रस्ताव वन मंडल अधिकारी, नरसिंहपुर को प्रस्तुत किया था। प्रकरण में चाही वनभूमि का रकवा 6.600 हेक्टेयर होने के कारण इस कार्य की अनुमति देना वन मंडल अधिकारी, नरसिंहपुर के अधिकार क्षेत्र से बाहर होने के कारण आवेदक को ऑनलाईन प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। ऑनलाईन प्रस्ताव दिनांक 27.09.2017 को प्राप्त हुआ। प्रस्ताव का परीक्षण करने पर पाई गई कमियों की पूर्ति हेतु आवेदक को ऑनलाईन सूचित किया गया। आवेदक द्वारा कमियों की पूर्ति करने पर प्रकरण स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजा जावेगा। (ख) आवेदक संस्थान द्वारा प्रस्ताव पूर्ण किए जाने के उपरांत भारत सरकार को स्वीकृति हेतु भेजा जावेगा। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
नरसिंहपुर जिलांतर्गत सड़क निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 1647 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा नगर में रेल्वे स्टेशन से लेकर तहसील कचेरी तक जो मॉडल सड़क का निर्माण किया जा रहा है उसको कितनी राशि स्वीकृत है एवं अभी तक कितनी राशि प्राप्त हुई है? कितने दिन में यह कार्य पूरा होना था एवं अभी तक पूरा नहीं हुआ है, उसका क्या कारण है? (ख) क्या उक्त सड़क गुणवत्ता और मानकों के विपरीत बन रही है? क्या इसकी जाँच करायी जायेगी तथा विभाग दोषी लोगों पर कार्यवाही करेगा? (ग) उक्त सड़क का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराकर जनता को आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के अंतर्गत राशि रू. 200.00 लाख स्वीकृत है। योजनांतर्गत 30% अनुदान राशि रू. 60.00 लाख प्राप्त हुई है। कार्यादेश दिनांक 12.08.2016 से 11 माह में पूर्ण होना था। नगर पालिका परिषद गाडरवारा द्वारा हुडको से ऋण प्राप्त करने की औपचारिकताये पूर्ण करने में समय लगने से एवं ऋण राशि समय पर उपलब्ध नहीं होने से कार्य पूर्ण होने में विलम्ब हुआ है। (ख) सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ऋण राशि हुडको से प्राप्त होने पर कार्य पूर्ण हो सकेगा।
ग्राम मडुआढाना को ग्राम पंचायत हिवरखेड़ी में शामिल किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 1657 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पेंच बांध के डूब में आने के कारण ग्राम पंचायत धनोरा व बारहबरियारी को अन्यत्र बसाया गया और जहां बसाया गया है वह स्थान तीन तरफ से पेंच बांध का पानी भरा हुआ है और एक तरफ अदानी ग्रुप की भूमि और निजी स्वामित्व की भूमि है? (ख) क्या ग्राम मडुवाढाना ग्राम पंचायत धनोरा का आश्रित ग्राम है? क्या ग्राम पंचायत धनोरा के तीन तरफ पानी भर जाने और एक तरफ निजी भूमि व अदानी ग्रुप की भूमि होने से ग्राम पंचायत धनोरा तक आवागमन का पहुंच मार्ग अवरूद्ध है और मडुआ के लोगों को 15-20 किमी की दूरी तय कर ग्राम पंचायत जाना होता है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त कारणों से एवं ग्राम मडुआ के निवासियों के आग्रह पर ग्राम मडुआढाना को ग्राम पंचायत धनोरा से पृथक कर ग्राम पंचायत हिवरखेड़ी से संबद्ध किये जाने के संबंध में कलेक्टर छिन्दवाड़ा को पत्र क्रमांक 1126 दिनांक 13.09.2017 प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या शासन ग्राम मडुआढाना के निवासियों की कठिनाइयों को दृष्टिगत रखते हुए धनोरा से पृथक कर ग्राम पंचायत हिवरखेड़ी से संबद्ध किये जाने का आदेश देगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं, ग्राम चैसरा से ग्राम धनोरा के लिये दो पहुंच मार्ग वर्तमान में उपलब्ध हैं एवं ग्राम हिवरखेड़र से धनोरा हेतु वैकल्पिक मार्ग भी प्रस्तावित है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। कार्यालय कलेक्टर छिंदवाड़ा से पत्र प्राप्ति उपरांत कार्यालय जिला पंचायत (ग्रामीण विकास) छिंदवाड़ा के पत्र क्रमांक 3581/पं.प्र./ग्रा.वि./2017 छिंदवाड़ा दिनांक 31.09.2017 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चौरई को ग्राम मडु आढाना को ग्राम पंचायत धनोरा से पृथक कर ग्राम पंचायत हिवरखेड़ी में सम्मिलित किये जाने के संबंध में विधिवत प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने हेतु लिखा गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चौरई द्वारा ग्राम मडु आढाना को ग्राम पंचायत धनोरा से पृथक कर ग्राम पंचायत हिवरखेड़ी से संबंद्ध किया जाना उचित प्रतीत होने बावत प्रतिवेदित किया गया है। ग्राम मडु आढाना को ग्राम पंचायत हिवरखेड़ी में शामिल करने हेतु मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 125 के साथ पठित मध्यप्रदेश पंचायत (सीमाओं का परिवर्तन, मुख्यालयों का विस्थापन या बदला जाना) नियम, 1994 के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
128. ( क्र. 1658 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने ग्राम मोया विकासखण्ड विछुआ से निर्मित निजी शौचालयों की राशि सचिव एवं अन्य द्वारा आहरित कर लेने किन्तु संबंधित व्यक्तियों को भुगतान नहीं करने के संबंध में प्राप्त आवेदन, पत्र क्रमांक 954 दिनांक 07.07.2017 के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया है? (ख) यदि हाँ, तो इस पत्र एवं आवेदन पत्र की छायाप्रति संलग्न करते हुये यह बतावें कि इस पत्र और आवेदन पत्र में उल्लेखित शिकायतों की क्या जाँच की गयी? यदि हाँ, तो किसके द्वारा कब जाँच की जाकर क्या निष्कर्ष निकाला गया? जाँच प्रतिवेदन, बयान एवं जाँच में बतौर साक्ष्य शामिल सुसंगत दस्तावेजों की प्रति संलग्न करें? क्या कोई दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों? लम्बे समय तक प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या शासन शौचालयों की राशि संबंधित व्यक्ति को समय पर भुगतान न करने के दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही करने व राशि संबंधित को भुगतान करने का आदेश देगा? हां तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। जी हाँ। शिकायत की जाँच मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बिछुआ द्वारा की गई। जाँच प्रतिवेदन/बयान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पात्र हितग्राहियों को शौचालय निर्माण उपरांत प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बसों के क्रय एवं संचालन में भारी भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 1666 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल नगर निगम द्वारा बी.आर.टी.एस. योजनांतर्गत 225 बसें क्रय की गई हैं? यदि नहीं, तो कितनी व कौन-कौन सी बसें कितनी-कितनी कीमत की कब-कब क्रय की गई तथा यह भी अवगत करावें कि किस-किस नम्बर की कितनी-कितनी बसें किस-किस मार्ग पर किन-किन शर्तों के तहत किस-किस ठेकेदार/संस्था द्वारा चलाई जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बसों के संचालित/क्रय दिनांक से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस बस से तथा बसों पर लगे विज्ञापनों के माध्यम से निगम को किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई तथा किन-किन बसों के मरम्मत पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? बसवार, वर्षवार यह भी अवगत करावें कि निगम के नियमित एवं 25 दिवसीय किन-किन कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं? (ग) क्या बसों के संचालन हेतु कर्मचारियों, बसों के मरम्मत पर व्यय करने का कार्य अनुबंध की शर्तों में उल्लेखित है? यदि हाँ, तो निगम द्वारा बसों के मरम्मत पर राशि व्यय करने तथा कर्मचारियों को संलग्न करने का क्या करण है? इस प्रकार शासन की राशि का दोहन करने हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी संलिप्त है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित अनुबंध की प्रतियां उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बी.आर.टी.एस. योजनांतर्गत नागरिकों की सुविधा हेतु नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत अनुबंध अनुसार 225 बसों में 900 MM Low Floor Height की 105 बसें 15.78 लाख प्रति बस, 80 बसें 16.52 लाख प्रति बस (With Multiplexing) एवं 20 बसें 22.5 लाख प्रति बस तथा 400 MM Low Floor Height की 20 एसी बसें 46.65 लाख की मूल लागत (समस्त कर अतिरिक्त) से क्रय की गई। बसों के क्रय किये जाने संबंधी दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। बसों के नंबर की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। शर्तों के संबंध में निविदा/आर.एफ.पी. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। वर्तमान बस ऑपरेटर/ठेकेदार के नाम 1. मेसर्स श्री दुर्गम्बा, प्रो. सुनील चत्रा द्वारा 141 बसों का संचालन किया जा रहा है। 2. मेसर्स ए.पी. मोटर्स, प्रो.एच.प्रसाद बल्लाल द्वारा 49 बसों का संचालन किया जा रहा है। 3. मेसर्स केपीटल रोडवेज एंड फाईनेन्स प्रा.लि. भोपाल द्वारा 35 बसों का संचालन किया जा रहा है। (ख) समस्त बसों तथा बसों पर होने वाले विज्ञापन से प्राप्त आय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है। अनुबंध अनुसार समस्त बसों पर होने वाले मरम्मत व्यय ऑपरेटर द्वारा स्वयं वहन किये जाते हैं। परन्तु 40 बसों (20 एसी एवं 20 नॉनएसी) के संचालन हेतु ऑपरेटर उपलब्ध नहीं होने के कारण सक्षम स्वीकृति उपरांत नवीन ऑपरेटर की नियुक्ति होने तक जनहित में दिनांक 12/03/2015 से दिनांक 20/05/2016 तक का बी.सी.एल.एल. द्वारा स्वयं के स्तर पर संचालन किया गया, जिस पर हुये मरम्मत इत्यादि व्यय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ई अनुसार है एवं बसों पर कराये गये Refurbishment कार्य अंतर्गत अद्यतन हुये व्यय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र फ अनुसार है। निगम द्वारा बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर पर बसों के सुचारू एवं सुव्यवस्थित संचालन, ट्रैफिक व्यवस्था एवं अन्य निजी वाहनों के कॉरीडोर में प्रवेश को रोकने हेतु ट्रैफिक वॉर्डन (25 दिवसीय) की सेवायें ली जा रही हैं। वॉर्डन्स की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ग अनुसार है। (ग) अनुबंध अवधि के दौरान बसों के संचालन हेतु कर्मचारियों तथा बसों के मरम्मत पर व्यय करने का कार्य अनुबंध की शर्तों अनुसार ऑपरेटर द्वारा किया जाता है। इसमें बी.सी.एल.एल./निगम का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। निगम/बी.सी.एल.एल. द्वारा बसों के मरम्मत पर राशि व्यय करने तथा कर्मचारियों को संलग्न करने का कारण दिनांक 12/03/2015 से दिनांक 20/05/2016 तक 40 बसों (20 एसी एवं 20 नॉनएसी) स्वयं के स्तर पर संचालन करना था। इसके साथ-साथ बी.सी.एल.एल. द्वारा राज्य शासन द्वारा प्रदत्त डीयूटीएफ फंड अंतर्गत 120 नग बसों का Refurbishment कार्य कराया गया, जिसका विवरण उपरोक्तानुसार दिया गया है।
घटिया सामग्री से रोडों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 1667 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश नगरीय प्रशासन विकास विभाग के सड़क निर्माण मानक 2012 में सड़क निर्माण में जी.एस.बी. (ग्रेन्यूलर सब बेस) के लिए लोकल सैंड क्रश्ड स्टोन के प्रयोग किया जाना प्रावधानित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में निर्मित सड़कों जी.एस.बी. के स्थान पर मुरम का उपयोग करने के कारण गारंटी अवधि में ही रोड क्षतिग्रस्त हो जाने के संबंध में शासन को जानकारी/शिकायतें प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश की किस-किस नगर निगम में किन-किन ठेकेदार/फर्म द्वारा कितनी-कितनी राशि से कब-कब, कौन-कौन सी सड़कें निर्मित की और उनकी गारंटी अवधि कब तक निर्धारित थी वह निर्माण के कितने समय पश्चात क्षतिग्रस्त हुई हैं वर्षवार, नगर निगमवार ठेकेदार/फर्म का नाम सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत व पुन: निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कैम्पा मद की राशि के व्यय के संबंध में
[वन]
131. ( क्र. 1673 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस आदेश क्रमांक/दिनांक से ''कैम्पा'' मद से कितनी-कितनी राशि मध्यप्रदेश शासन वन विभाग को प्राप्त हुई? इस राशि में से किस-किस कार्य के लिए किस-किस सामग्री एवं वाहन आदि क्रय करने हेतु किस-किस दिनांक को कितनी राशि का आवंटन हुआ और उसमें से कितनी राशि व्यय की गई? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में ''कैम्पा'' की राशि से व्यय करने के संबंध में भारत सरकार द्वारा क्या-क्या मैन्युअल, दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, उसमें वाहन क्रय किए जाने, निर्माण कार्य किए जाने के क्या प्रावधान हैं? मैन्युअल एवं दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) ''कैम्पा'' मद की राशि पर प्रश्न दिनांक तक ब्याज की कितनी राशि प्राप्त हुई तथा उस राशि में से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई एवं कितनी राशि किसके बैंक एकाउण्ट में जमा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2014 से सितम्बर, 2017 तक कैम्पा मद में प्राप्त राशि व आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' व ''स'' अनुसार है। प्राप्त राशि में से वाहन क्रय पर किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष कार्यों के लिये आवंटित राशि व्यय की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश राज्य में ''कैम्पा'' मद की राशि पर प्रश्न दिनांक तक ब्याज राशि रूपये 79,33,62,183.52 प्राप्त हुई है। इस राशि में से कार्यालयीन व्यय/टेलीआपरेटर/कम्प्यूटर आपरेटर/वाहन चालक एवं श्रमिकों के पारिश्रमिक पर रूपये 7,23,942.00 व्यय की गई। शेष राशि स्टेट कैम्पा के ब्याज खाता वल्लभ भवन स्थित भारतीय स्टेट बैंक में जमा है।
जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 1675 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना के अंतर्गत कुल आवासीय इकाईयां कितनी स्वीकृत की गई हैं, जिसमें से भोपाल के दक्षिण विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ, कितने-कितने एवं कुल कितने मकान बनाये गये हैं एवं बनाये जा रहे हैं? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में झुग्गी बस्ती का नाम, विस्थापित झुग्गी रहवासियों की संख्या, सर्वे सूची में सम्मिलित नामों की संख्या, बनाये जा रहे फ्लेट्स की संख्या की सूची उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वार्ड क्रमांक-29 में शहरी विकास मंत्रालय में स्वीकृत योजना के अंतर्गत बापू नगर, शबरी नगर तथा कोटरा हॉट का निर्माण किस खसरा नं. सर्वे क्रमांक की किस भूमि पर कितनी लागत से किया गया है अथवा किया जाना है? (घ) उक्त योजना के अंतर्गत शबरी नगर, बापू नगर, गंगा नगर (अराधना नगर) के झुग्गीवासियों को कहाँ-कहाँ, किस-किस सर्वे क्रमांक एवं खसरा क्रमांक की भूमि पर विस्थापित किया गया? (ड.) क्या उक्त योजना के अंतर्गत बापू नगर को हटाकर हॉट बाजार का विकास किया जाना था किन्तु वर्ष 2013 में बनाये गये आवासों को 2015 में बापू नगर एवं शबरी नगर के रहवासियों को आवंटित न कर गंगा नगर झुग्गी बस्ती के रहवासियों को आवास आवंटित किये गये? (च) क्या उक्त आवास आवंटन में की गई अनियमितता की जाँच करायी जाकर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल, नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना के अंतर्गत अंतिम रूप से कुल 12004 आवासीय इकाइयों की स्वीकृति प्राप्त थी जिसमें भोपाल के दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शबरी नगर में 512, गंगा नगर/आराधना नगर 864, श्याम नगर 1440, अर्जुन नगर 864, राहुल नगर 832, मद्रासी कॉलोनी 576 कुल 5088 मकान बनाये गये हैं। जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत वर्तमान में नवीन आवासों का निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है। यह योजना अब बंद हो गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वार्ड क्रमांक 29 में स्वीकृत योजनांतर्गत शबरी नगर ग्राम कोटरा सुल्तानाबाद के खसरा क्रमांक 321/1,322,323 एवं ग्राम सिंहपुर के खसरा क्रमांक 20/1,20/3 कुल में से 4 एकड़ पर 512 आवासों का निर्माण कार्य किया गया है। कोटरा हाट बाजार ग्राम कोटरा सुल्तानाबाद के खसरा क्रमांक 230, 232, 224 एवं 323/2 के कुल रकवा 4.69 एकड़ बापू नगर व कोटरा हाट बाजार लागत रू. 13.77 करोड़ आई है व कोटरा हाट बाजार का आंशिक निर्माण कार्य किया गया है। भूमि उपलब्धता के अभाव में आगे कार्य नहीं हुआ है। (घ) जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत गंगा नगर/आराधना नगर के झुग्गी वासियों को योजनांतर्गत निर्मित कोटरा सुल्तानाबाद खसरा क्रमांक 46,48/1/1,50/1,50/2, 60,61, 232, सं 236,241,42/2, 70,72/1 कुल 2.57 एकड़ कोटरा सुल्तानाबाद खसरा क्रमांक 207 कुल 3.00 एकड़ ग्राम कोटरा सुल्तानाबाद खसरा क्रमांक 89/1,89,91/1,33/92/1 पर की भूमि पर निर्मित 864 आवासों में तथा बापू नगर व शबरी नगर का खसरा क्रमांक 321/1,322,323 एवं ग्राम सिंहपुर के खसरा क्रमांक 20/1 एवं 20/3 में से 4 एकड़ भूमि पर शबरी नगर आवासीय योजना में निर्मित 512 आवासों का निर्माण किया गया है। बापू नगर व कोटरा हाट के कुछ हितग्राहियों का विस्थापन अभी शेष है। (ड.) जी हाँ। बापू नगर व कोटरा हाट बाजार के हितग्राहियों को 2013 में बनाये गये शबरी नगर आवासों में बसाया जाना था व संलग्न परिशिष्ट में अंकित विवरण अनुसार आवास आवंटन की कार्यवाही की गयी। शबरी नगर में गंगा नगर/आराधना नगर के हितग्राहियों को आवास आवंटन नहीं किया गया है। (च) आवास आवंटन में कोई अनियमितता नहीं की गई है जिससे जाँच करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनगवां पानी टंकी को चालू कराए जाने
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 1685 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद मनगवां जिला रीवा में जल आवर्धन प्रदाय योजना द्वारा वर्ष 2000-05 में निर्मित पानी की टंकी की जानकारी निर्माण एजेन्सी, स्टीमेट, री-व्यास नक्शा (ड्राइंग) व लागत राशि सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) को पानी की टंकी आज दिनांक तक किस विभाग के अधिकारी के अधिपत्य में है? क्या उक्त पानी की टंकी से पानी संचालन नहीं हो रहा है? कारण बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पानी की टंकी के संचालन न होने तथा प्रभार अधिपत्य में न लेने-देने के लिए कौन-कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में दोषी अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक करके पानी की टंकी से पानी संचालित करा देंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद मनगंवा जिला रीवा में जल आवर्धन योजना द्वारा 2000-05 में निर्मित पानी की टंकी की निर्माण एजेंसी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) की पानी की टंकी आज दिनांक तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के अधिपत्य में है। जी हाँ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा डाली गई राईजिंग मेन एवं वितरण नलिकाओं के क्षतिग्रस्त होने से उक्त टंकी से पानी का संचालन नहीं हो रहा है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में पानी की टंकी का संचालन न होने तथा प्रभार अधिपत्य में न लेने देने के विषय पर उत्तरदायित्व निर्धारण करने हेतु जाँच के आदेश दिये गये है। जाँच के परिणामों के आधार पर उत्तरदायित्व निर्धारण किया जा सकेगा। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में जाँच के परिणामों के आधार पर उत्तरदायित्व निर्धारण की कार्यवाही की जाकर टंकी से पानी संचालित किए जाने की कार्यवाही की जा सकेगी।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
134. ( क्र. 1686 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा, सीधी, दमोह एवं छतरपुर में म.प्र. के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में कितने CRPICMC कार्यरत हैं? इनकी सूची जिलावार, पदवार नियुक्ति तिथिवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त व्यक्तियों को नियमित व समायोजित करने की क्या कार्यवाही की गई है? भविष्य में इनके लिए क्या व्यवस्था की जा रही है? जानकारी सूची के साथ देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त कर्मचारियों के नियुक्ति एवं वेतन मानदेय के क्या प्रावधान है? आदेश/ नियम/निर्देशों के प्रति के साथ जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) के संदर्भित में उक्त कर्मचारियों के हित संरक्षण न करने के लिये कौन अधिकारी दोषी हैं एवं कब तक इनके लिए उचित स्थाई नियम बनाये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) CRPICMC से आशय स्पष्ट नहीं हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में CRPICMC कार्यरत नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण/जीर्णोद्धार के प्रस्तावित कार्य
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
135. ( क्र. 1705 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र मुलताई में वर्ष 2013 से आज दिनांक तक विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर निर्माण कार्य/जीर्णोद्धार के लिये राशि दी गई? (ख) विभाग द्वारा मुलताई विधानसभा क्षेत्र के कितने स्थानों पर निर्माण कार्य/जीर्णोद्धार के कार्य किया जाना प्रस्तावित है? (ग) बिन्दु (क) के अनुसार क्या उक्त सभी कार्यपूर्ण हो गये हैं? यदि हाँ, तो कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्रों की छायाप्रतियां दें। अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। (घ) बिन्दु (ख) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र मुलताई में प्रस्तावित कार्यों को विभाग कब प्रारंभ करायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गंधवानी शासकीय महाविद्यालय में विज्ञान संकाय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
136. ( क्र. 1713 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले अंतर्गत गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय में विज्ञान संकाय स्वीकृत करने का प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ, तो उक्त स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी। (ख) क्या धार जिले अंतर्गत गंधवानी विधानसभा में शासकीय महाविद्यालय में स्थाई प्राचार्य का पद रिक्त है? यदि हाँ, तो उक्त पद पर कब तक प्राचार्य की स्थाई नियुक्ति कर दी जावेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। प्राचार्य के पद पदोन्नति से भरे जाते हैं। पदोन्नति के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
अयोग्य अभ्यर्थियों का चयन
[खेल और युवा कल्याण]
137. ( क्र. 1714 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालनालय, खेल एवं युवक कल्याण द्वारा मध्यप्रदेश के मूल निवासी तथा अभ्यर्थियों से शीघ्रलेखक ग्रेड-3 के 02 पदों में एक अनारक्षित एवं एक अनुसूचित जाति वर्ग के लिए वर्ष 2011 में विज्ञापन जारी किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस पद हेतु कितने-कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे? प्राप्त आवेदन पत्रों में से कौशल परीक्षा एवं साक्षात्कार हेतु किन-किन अभ्यर्थियों को लिया गया? इनमें से किन-किन अभ्यर्थियों का किस-किस आधार पर चयन किया गया? (ग) क्या मात्र अनारक्षित एवं आरक्षित पद के लिए कम संख्या में उम्मीदवारों के उपस्थित होने पर भी नियम विरूद्ध परीक्षा आयोजित कर अपात्रों को नियुक्ति दे दी गई है? जो कि वांछित योग्यतायें धारित नहीं करते, चयनित उम्मीदवारों के पास मात्र कागजी डिप्लोमा है? क्या इसकी जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) शीघ्रलेखक ग्रेड-3 के लिए कुल 20 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। कौशल परीक्षा हेतु सुश्री गरिमा उसरेटे, श्री पेमेन्द्र कुमार ठाकुर, श्री अजीत कुमार साहू, श्रीमती नंदा घिमिरे एवं कु. रजनी तिवारी को आमंत्रित किया गया था, इनमें से मात्र श्रीमती नंदा घिमिरे का चयन कौशल परीक्षा के प्राप्तांको एवं चयन समिति की अनुशंसा के आधार पर चयन किया गया। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय/स्वशासी कालेजों में जनभागीदारी से कार्य
[उच्च शिक्षा]
138. ( क्र. 1723 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में शासकीय एवं स्वशासी कालेजों में वर्ष 14-15 से प्रश्न दिनांक तक जनभागीदारी मद से कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के कराये गये हैं? महाविद्यालयवार एवं कार्यवार बतायें? क्या जनभागीदारी से कर्मचारियों को भी वेतन भुगतान करने का प्रावधान है? आदेश की प्रति बतायें। (ख) प्रश्न (क) कालेजों में जनभागीदारी से कौन से कार्य के लिये कितने कर्मचारी रखे गये हैं? कालेजवार कर्मचारी के नाम कार्यवार बतायें। (ग) क्या जनभागीदारी मद से रखे गये कर्मचारी मौके पर कार्यरत नहीं हैं? क्या इसके लिये कार्यरत कर्मचारियों की उपस्थिति थंब इम्प्रेशन (अंगूठा लगाने वाली) मशीन से प्रतिदिन प्रमाणित की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) कॉलेजों में जनभागीदारी मद से खरीदी सामग्री कराये गये कार्य का मूल्यांकन किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है? क्या खरीदी गई सामग्री स्टोरपंजी में दर्ज की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या वर्तमान में क्रय की गई सामग्री कालेजों में उपलब्ध है? सामग्री सहित बतायें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्ष 2014-15 से सागर जिले के विभिन्न महाविद्यालयों में जनभागीदारी से कराये गये कार्यों की वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जनभागीदारी निधि से कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रावधान नहीं है। तात्कालिक आवश्यकता के अनुसार जनभागीदारी समिति द्वारा समय-समय पर अस्थायी रूप से कलेक्टर दर पर कार्य लिया जाता है। (ख) प्रश्न 'क' अनुसार अस्थायी रूप से कार्य के लिये रखे गये कर्मचारियों की महाविद्यालयवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जनभागीदारी मद से रखे गये कर्मचारी की उपस्थिति महाविद्यालय द्वारा पंजी में दर्ज की जाती है। थंब इम्प्रेशन मशीन से उपस्थिति दर्ज के संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (घ) जनभागीदारी मद से क्रय सामग्री का मूल्यांकन विशेषज्ञ/क्रय समिति द्वारा किया जाता है। क्रय सामग्री संबंधित महाविद्यालयों में उपलब्ध है। स्टोर पंजी में दर्ज सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'स' अनुसार है।
धार्मिक न्यास, मंदिर की सम्पत्ति का संधारण
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
139. ( क्र. 1724 ) श्री हर्ष यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र के देवरी एवं केसली विकासखण्ड क्षेत्र में कौन से शासकीय मंदिर धार्मिक न्यास आदि हैं? उनकी चल एवं अचल संपत्ति कितनी है? इनकी देखरेख/संचालन किनके द्वारा किया जा रहा है? मंदिर न्यासवार स्थानवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मंदिरों के पुजारियों को कितना मानदेय दिया जा रहा है? क्या उन्हें नियमित भुगतान होता है? यदि नहीं, तो कब से भुगतान नहीं हुआ है? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित मंदिरों/संपत्तियों का संधारण कब किया गया किसके द्वारा किया गया उस पर कितनी राशि व्यय की गई प्रश्न (क) क्षेत्र में वर्तमान में कितने जीर्ण-शीर्ण मंदिर है। (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क) क्षेत्र के जीर्ण-शीर्ण मंदिरों के संधारण की योजना बनाकर समुचित संधारण करेगा।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बच्चों को नशे से छुटकारा दिलाने हेतु किये जा रहे कार्य
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
140. ( क्र. 1729 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में 18 वर्ष से कम उम्र के नशे से ग्रसित बच्चों को नशे से छुटकारा दिलाये जाने के लिए चलाये जा रहे नशा मुक्ति केन्द्रों की जानकारी दें। यदि प्रदेश में बच्चों को नशा मुक्ति के लिए कहीं भी कोई केन्द्र नहीं चलाया जा रहा है तो इसका कारण बतावें। (ख) क्या प्रदेश में पिछले दो वर्ष से एक भी बच्चे को नशे से बचाव के लिए नशा मुक्ति केन्द्र नहीं भेजा गया है और ऐसे बच्चों का पुर्नवास भी नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसका कारण बतायें? (ग) मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसे कितने बच्चों को चिन्हित किया गया है जिनको नशा मुक्ति की जरूरत हैं? ऐसे बच्चों की उम्रवार, लिंगवार, जिलावार जानकारी देवें। इस संबंध में शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की भी जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार I (ख) 744 बच्चों को नशामुक्त किया गया I (ग) नशामुक्ति के लिए सर्वे नहीं कराया जाता I
''रेरा'' के तहत पंजीयन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 1739 ) श्री कमलेश शाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल एवं उज्जैन जिले में ''रेरा'' के तहत कितने कालोनाईजरों, बिल्डरों द्वारा पंजीयन कराया गया है? इनकी सूची देवें। (ख) जिन कालोनाईजरों, बिल्डरों द्वारा पंजीयन नहीं करवाया गया है, उन पर शासन ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की है? (ग) प्र.क्रमांक 1709 दिनांक 20/7/2017 में वर्णित बैतूल एवं उज्जैन जिले के जिन कालोनाईजरों द्वारा गरीब व कमजोर वर्ग के लिये भूमि आरक्षित नहीं की है, न ही आश्रय शुल्क जमा किया गया है, उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) जिन्होंने भूमि आरक्षित की है वे गरीब व कमजोर वर्ग के विक्रय करने की अनुमति कब तक दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बैतूल जिले में अभी तक 16 तथा उज्जैन जिले में 20 कॉलोनाईजरों/बिल्डरों/प्रमोटर्स द्वारा रेरा में पंजीयन संबंधी आवेदन अनुमोदित किये गये है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम, 2016 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार विधि संगत कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्न क्रमांक 1709 दिनांक 20.07.2017 के प्रति उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार बैतूल जिले में नगर पालिका बैतूल के अंतर्गत 04 कॉलोनाईजरों द्वारा शुल्क जमा नहीं कराया गया है और न ही गरीब व कमजोर वर्ग के लिये भूमि उपलब्ध कराई गई है। अनुभाग शाहपुरा में 18 कॉलोनाईजरों द्वारा गरीब व कमजोर वर्ग के लिये भूमि आरक्षित नहीं की गई है और न ही शुल्क जमा कराया गया है। नगर पालिका बैतूल सीमा अंतर्गत एक कॉलोनाईजर की मृत्यु होने कारण शेष तीन कॉलोनाईजरों के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। उज्जैन जिले के अंतर्गत खाचरौद अनुविभाग में छाजेड़ बिल्डर्स के विरूद्ध पुलिस प्रकरण दर्ज करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी खाचरौद को पत्र जारी किया गया है। (घ) शासन के निर्देश अनुसार सूची प्रस्तुत करने उपरांत संबंधित कॉलोनाईजरों को विक्रय अनुमति दी जा चुकी है। शेष कॉलोनाईजरों द्वारा आवेदन/सूची प्रस्तुत करने पर मध्यप्रदेश नगर पालिका कॉलोनाईजर (रजिस्ट्रीकरण, निर्वधन तथा शर्ते) नियम, 1998 तथा मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत कॉलोनी विकास नियम, 2014 में विहीत प्रावधान अनुसार अनुमति दी जा रही है।
स्वेच्छानुदान निधि का आवंटन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
142. ( क्र. 1740 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक स्वेच्छानुदान निधि का जिलों को तीन किश्तों में आवंटन किए जाने का नियम बनाया गया है? यदि हाँ, तो नियम/निर्देश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) यदि ऐसे कोई नियम बनाए गए हैं तो क्या वे सिर्फ अनारक्षित विधान सभा सीटों के विधायकों के लिए है? (ग) यदि नहीं, तो बैतूल जिले में आरक्षित विधान सभा क्षेत्र के विधायकों की 15 लाख की स्वेच्छानुदान निधि का आवंटन जिलों को एक मुश्त तथा अनारक्षित का 5-5 लाख की तीन किश्तों में (तीन-तीन/चार-चार माह में) किये जाने के क्या कारण हैं? (घ) क्या आगामी वित्तीय वर्ष में इसका एक मुश्त जिले को आवंटन किया जाएगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधायक स्वेच्छानुदान निधि का बजट प्रावधान सामान्य मद में कम एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति सेगमेन्ट में अधिक राशि प्रावधानित होने के कारण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सेगमेन्ट में एक मुश्त आवंटन किया जा सका। प्रावधानित आधिक्य राशि को सामान्य मद में पुर्नविनियोजन हेतु प्रस्ताव प्रचलन में है। राशि का पुर्नविनियोजन होने पर आवंटन जारी किया जाना संभव है। (घ) बजट प्रावधान उपलब्ध होने पर किया जावेगा।
संचालित उद्योगों द्वारा C.S.R. फंड व्यय की जानकारी
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
143. ( क्र. 1744 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में संचालित उद्योगों द्वारा कितना C.S.R. फंड विगत 2 वर्षों में कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? जानकारी वर्षवार राशि सहित देवें। (ख) क्या कारण है कि कई उद्योगों द्वारा इस फंड की राशि नहीं व्यय की गई या कम की गयी? (ग) इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वांछित जानकारी का संधारण राज्य शासन दवारा नहीं किया जाता है। कंपनी अधिनियम भारत शासन द्वारा प्रशासित है। (ख) 'क' के उत्तर के प्रकाश में जानकारी संधारित नहीं की जाती। (ग) उपरोक्त 'क' व' ख' उत्तर के परिप्रेक्ष्य में असंबंधित।
नगर पालिका/निगम को राशि भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 1763 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बी.आर.टी.एस. इंदौर तथा भोपाल के प्रारंभिक डी.पी.आर. में कन्सल्टेंट के लिये कितनी राशि का प्रावधान था तथा आज दिनांक तक किस कन्सल्टेंट को किस कार्य के लिये कितना-कितना भुगतान किया जा चुका है तथा कितना भुगतान शेष हैं? (ख) बी.आर.टी.एस. इंदौर भोपाल की प्रारंभिक डी.पी.आर. की प्रति देवें तथा बतावें कि उसमें कुल कितनी राशि का खर्च प्रस्तावित था तथा सितम्बर 2017 तक कितना-कितना खर्च हो चुका है तथा इस हेतु केन्द्र से कितना अनुदान प्राप्त हुआ तथा शेष पैसा किस विभाग से कितना लगाया गया? (ग) ए.आई.सी.टी. एस.एल. द्वारा चलाई जा रही चार्टड बस के कान्ट्रेक्टर व्यक्ति/फर्म का नाम बतावें, अनुबंध की प्रति देवें, संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों-अधिकारियों के नाम/पिता/पति का नाम, उम्र शिक्षा, पता मालिक कुल वेतन की जानकारी दे तथा बतावें कि इनकी नियुक्ति किस प्रक्रिया के तहत की गई? इससे संबंधित समस्त दस्तावेजों की प्रतियां तथा अपनाई गई प्रक्रिया की दिनांकवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बी.आर.टी.एस. इंदौर से संबंधित- बी.आर.टी.एस. इंदौर की प्रारंभिक डी.पी.आर. में क्वालिटी कंट्रोल एवं कंसलटेंसी चार्जेस हेतु प्रोजेक्ट की लागत के 4 प्रतिशत के बराबर अर्थात राशि रूपये 3,78,64,628/- का प्रावधान था। बी.आर.टी.एस. प्रोजेक्ट पर विभागवार किए गए कंसलटेंटों पर किए गए भुगतान का विवरण निम्नानुसार है- 1. इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा कंसलटेंट को दिया गया भुगतान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। 2. ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा कन्सल्टेंट पर किए गए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। बी.आर.टी.एस. भोपाल से संबंधित- बी.आर.टी.एस. भोपाल की प्रारंभिक डी.पी.आर. में कन्सल्टेंट के लिये राशि का कोई प्रावधान नहीं था। बी.आर.टी.एस. में संलग्न कंसलटेंट के लिये स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) बी.आर.टी.एस. इंदौर से संबंधित- बी.आर.टी.एस. प्रारंभिक डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्रारंभिक डी.पी.आर. में कुल रूपये 868.00 करोड़ का खर्च प्रस्तावित था। बी.आर.टी.एस. प्रोजेक्ट पर माह सितम्बर 2017 तक विभागवार किए गए व्ययों की जानकारी निम्नानुसार है:- 1. ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा किए गए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। 2. इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा किए गए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। 3. नगर पालिक निगम, इंदौर द्वारा किए गए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। बी.आर.टी.एस. इंदौर के लिये स्वीकृत डी.पी.आर. रू. 98.45 करोड़ की थी, जिसमें से 50 प्रतिशत राशि रू. 49.22 करोड़ केन्द्र शासन से प्राप्त होना थी, जिसमें से रू. 44.30 करोड़ प्राप्त हुये है, केन्द्रांश की 10 प्रतिशत राशि रू. 4.92 करोड़ प्राप्त होना शेष है। बी.आर.टी.एस. भोपाल से संबंधित- बी.आर.टी.एस. भोपाल की प्रारंभिक डी.पी.आर. पुनरीक्षित डी.पी.आर. एवं सप्लीमेट्री डी.पी.आर. की स्वीकृति की प्रतिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। भोपाल बी.आर.टी.एस. में प्रारंभिक डी.पी.आर. लागत राशि रू. 237.36 करोड़ 14th सी.एस.एम.सी. बैठक दिनांक 10.11.2006 को स्वीकृत की गई। 126th सी.एस.एम.सी. बैठक दिनांक 16.09.2013 को रिवाईस डी.पी.आर. लागत राशि रू. 274.44 करोड़ एवं सप्लीमेंन्ट्री डी.पी.आर. लागत राशि रू. 82.76 करोड़ इस प्रकार कुल लागत राशि रू. 357.20 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। सितम्बर 2017 तक व्यय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है, योजना में प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ग) ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा बस संचालन हेतु निविदा आमंत्रित कर बस ऑपरेटर नियुक्त किया जाता है। मेसर्स चार्टेड स्पीड प्रा.लि. अहमदाबाद के साथ संपादित अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। ए.आई.सी.टी.एस.एल. संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों के संबंध में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है।
छात्रवृत्ति घोटाला
[उच्च शिक्षा]
145. ( क्र. 1764 ) श्री जितू पटवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में प्रदेश के किस-किस शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों में छात्रवृत्ति घोटाला पाया गया है, महाविद्यालयों के नाम सहित बतावें कि कितने छात्र की बोगस छात्रवृत्ति तथा कुल घोटाले की वर्षवार राशि कितनी थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घोटाले हेतु किस महाविद्यालय के किस अधि./कर्म. पर किस धारा में किस थाने में पुलिस प्रकरण दर्ज किया गया यदि नहीं, तो क्यों? (ग) पिछले 3 वर्षों में प्रदेश के किस-किस शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों में कितने विद्यार्थियों के लिये कुल कितनी छात्रवृत्ति प्रदान की गई वर्षवार महाविद्यालय अनुसार विद्यार्थियों की कुल संख्या एवं छात्रवृत्ति की कुल राशि बतावें। (घ) पिछले 3 वर्षों में छात्रवृत्ति घोटाले में कुल कितनी राशि का घोटाला हुआ है? इस हेतु जिम्मेदार शासकीय अधिकारियों के नाम बतावे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजगढ़ विधानसभा के प्रधानमंत्री आवास की स्थिति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
146. ( क्र. 1770 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास स्वीकृत किए जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इसके क्या दिशा-निर्देश जारी किये गये थे, निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये हैं तथा किन-किन हितग्राहियों के आवास पूर्ण हो गये हैं, उनकी सूची उपलब्ध करावें। (ग) उक्त स्वीकृत आवासों में से किन-किन हितग्राहियों के आवास स्वीकृति के पश्चात् निरस्त किये गये हैं। उनके नाम, ग्राम का नाम तथा निरस्त किये जाने का क्या कारण हैं? (घ) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के कुछ ऐसे ग्राम भी हैं जहां पर एक भी प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो क्यों नहीं? उक्त ग्रामों में कब तक प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये जा सकेंगे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सूची में जुड़े न होने के कारण आवास स्वीकृत नहीं किये जा सकें। सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सूची में जोड़े जाने के उपरांत ही प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत आवास स्वीकृत किये जा सकेंगे।
नि:शक्तजनों को पेंशन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
147. ( क्र. 1771 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में नि:शक्तजनों की कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? उसके लिये कौन पात्रता रखते हैं? (ख) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र के राजगढ़ में कितने नि:शक्तजनों को शासन द्वारा कितनी-कितनी पेंशन दी जा रही है? जनपद पंचायतवार संख्या बतावें। (ग) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में ऐसे कितने नि:शक्तजन हैं जिन्हें पात्र होते हुये भी उन्हें पेंशन नहीं दी जा रही है? जनपद पंचायतवार संख्या बतावें। (घ) ऐसे पात्राताधारी नि:शक्तजनों को पेंशन नहीं दिये जाने का क्या कारण हैं? उन्हें कब तक पेंशन दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग की पात्रता/योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र में 4068 निःशक्तजनों को शासन द्वारा 300/- रूपये एवं 500/- रूपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जिला राजगढ़ अन्तर्गत समस्त पात्र निःशक्तजनों को पेंशन दी जा रही है। (घ) समस्त पात्र निःशक्तजनों को पेंशन दी जा रही है। पेंशन नहीं दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका राजगढ़ एवं खुजनेर के सीवेज लाईन स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 1772 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा की नगर पालिका राजगढ़ एवं नगर पंचायत खुजनेर में शहर से निकलने वाले गंदे पानी की अलग से निकासी हेतु सीवेज पाईप लाईन स्वीकृत है? (ख) यदि नहीं, तो राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की नगर पालिका राजगढ़ में शहर से निकलने वाले गंदे पानी की अलग से निकासी की व्यवस्था नहीं होने से राजगढ़ नगर का गन्दा पानी नगर की जीवनदायिनी नेवज नदी में मिलने से नदी प्रदूषित नहीं हो रही है? (ग) क्या नदी का दूषित पानी राजगढ़ नगर की जनता को पिलाये जाने से नागरिकों के स्वास्थ्य विपरीत असर नहीं पड़ेगा? (घ) राजगढ़ विधानसभा की नगर पालिका राजगढ़ एवं नगर पंचायत खुजनेर में शहर से निकलने वाले गंदे पानी की अलग से निकासी हेतु सीवेज पाईप लाईन कब तक स्वीकृत की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) नगर पालिका राजगढ़ एवं खुजनेर में जल शुद्धिकरण संयंत्र से शुद्धिकरण किये जाने पश्चात् ही जलप्रदाय किया जाता है। अत: नागरिकों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नगर पालिका राजगढ़ एवं नगर पंचायत खुजनेर की सीवेज योजना स्वीकृति के लिए कोई मद नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।