मध्य प्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र
मंगलवार, दिनांक 29 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग 4 : लोक निर्माण, वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार, खेल एवं युवा कल्याण, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, वन, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा)
नीमच
जिले में
निर्माणाधीन
पुल
1. ( *क्र. 7430 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में सेतु विकास निगम के माध्यम से वर्ष 2004 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य प्रारंभ किये गये? संरचनावार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने निर्माण कार्य आज भी अपूर्ण हैं और क्या अपूर्ण कार्यों पर किया गया व्यय निष्फल है? यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों? (ग) क्या भड़कसनावदा नाले पर वर्ष 2004 से निर्माणाधीन वृहद पुल पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित वृहद पुल कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के स्तंभ 6 में दर्शाई गई है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) पुल अक्टूबर 2014 में पूर्ण हो चुका है, पहुंच मार्ग में भूमि विवाद एवं ठेकेदार के द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण पूर्ण नहीं हो सका। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के स्तंभ 6 अनुसार है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्वीकृति
2. ( *क्र. 6528 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कितने तहसील मुख्यालयों पर आई.टी.आई. स्वीकृत होकर चालू है व किन-किन तहसील मुख्यालयों पर आई.टी.आई. स्वीकृत नहीं है? इन मुख्यालयों पर आई.टी.आई. कब तक स्वीकृत कर चालू करा दी जावेगी? (ख) राजगढ़ जिले के तहसील मुख्यालय नगर जीरापुर में आई.टी.आई. हेतु राजस्व विभाग द्वारा भूमि आवंटित कर तकनीकी विभाग को सौंप दी गई है, परन्तु शासन स्तर पर अभी तक आई.टी.आई. स्वीकृत नहीं हुई है। क्या कारण हैं? कब तक तहसील मुख्यालय जीरापुर में आई.टी.आई. स्वीकृत हो जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी तहसील मुख्यालयों पर आई.टी.आई. संचालित हैं। (ख) जी हाँ। कार्यालय कलेक्टर जिला राजगढ़ के आदेश दिनांक 27.12.2010 द्वारा नगर जीरापुर की शासकीय भूमि सर्वे क्रं. 1521/2 रकबा 1.902 हेक्टेयर चरनोई में से 03 एकड़ भूमि आई.टी.आई. के लिए आरक्षित की गई है, जिसका आधिपत्य प्राप्त किया जा चुका है। विभाग की नीति के अनुसार प्रथमत: ऐसे विकासखण्डों में जहाँ कोई भी शासकीय/प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं है, में आई.टी.आई. खोलने की योजना है।
कम्प्यूटर ऑपरेटरों का नियमितीकरण
3. ( *क्र. 5573 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में वन विभाग के अंतर्गत पूरे प्रदेश में कुल कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्य कर रहे हैं? उन्हें कितना पारिश्रमिक का भुगतान किस मद से किया जा रहा है? (ख) क्या कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों को जॉब रेट से पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जॉब रेट का आधार क्या है एवं अन्य किस विभाग में जॉब रेट का भुगतान किया जा रहा है? (ग) वन विभाग द्वारा मुख्यालय स्तर पर विगत 10 वर्षों में कम्प्यूटरीकरण के लिये कितना व्यय किया गया है? (घ) वर्ष 2009 के पूर्व से जो कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्य कर रहे हैं, उनके लिये विभाग ने क्या गाईड लाईन बनाई है तथा उनके नियमितीकरण के संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग के अंतर्गत पूरे प्रदेश में 974 कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्य कर रहे हैं। उन्हें निर्धारित जॉबदर प्रतिघंटे के आधार पर किये गये कार्य अनुसार भुगतान किया जाता है। अत: अर्जित पारिश्रमिक की राशि फिक्स न होने के कारण निश्चित प्रतिमाह बताया जाना व्यवहारिक नहीं है। यह भुगतान सामान्यत: विभागीय 12-मजदूरी बजट मद से किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। श्रमायुक्त, इन्दौर म.प्र. द्वारा कुशल श्रमिक हेतु निर्धारित अधिकतम मासिक पारिश्रमिक को आधार बनाया गया है। प्रश्नांश का अन्य अंश वन विभाग से संबंधित नहीं है। (ग) वन विभाग में मुख्यालय स्तर पर विगत 10 वर्षों में कम्प्यूटरीकरण के लिए होने वाले व्यय की जानकारी एकत्रित की जा रही है। प्राप्त होने पर पृथक से जानकारी प्रेषित की जायेगी। (घ) कोई गाईड लाईन निर्धारित नहीं है तथा नियमितीकरण की कार्यवाही विचाराधीन नहीं है।
पूर्व विज्ञापित पदों को मान्यता देना
4. ( *क्र. 2286 ) श्री मोती कश्यप : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के किन आरक्षित वर्ग के अतिथि शिक्षकों ने उसके विज्ञापन दिनांक 20.1.2014 द्वारा आरक्षित असिस्टेन्ट प्रोफेसर के रिक्त पदों हेतु अभ्यावेदन आमंत्रित किये गये हैं? (ख) क्या वर्ष 2014 में प्रश्नांश (क) के आरक्षित वर्गों और विषयों के अतिथि शिक्षकों द्वारा उसके पूर्व के किन्हीं वर्षों में किन्हीं आरक्षित वर्ग और विषयों के रिक्त पदों पर किये गये अभ्यावेदनों, जिन पर नियुक्तियां नहीं की गई हैं, उनको आधार बनाकर मा. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में वर्ष 2013 से 2015 में कोई याचिकायें दायर किये जाने पर मान. न्यायालय द्वारा नियुक्ति किये जाने तक की अवस्था हेतु किन्हीं दिनांकों को किन्हीं याचिकाकर्ताओं को कोई अंतरिम राहत प्रदान की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) याचिकाओं में किन्हीं वर्षों के वार्षिक वित्तीय प्राक्कलन, पुनरीक्षित बजट और अनुमानित बजटों में प्रश्नांश (क) के किन्हीं आरक्षित वर्ष और विषयों के सहायक प्राध्यापकों के स्वीकृत व रिक्त पदों का कोई उल्लेख किया गया है? (घ) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) से (ग) के तथ्यों का परीक्षण कर पूर्ववर्ती विज्ञापनों द्वारा आमंत्रित पदों जिन पर तत्समय नियुक्तियां नहीं की गई हैं, उन्हें रिक्त पद मानकर उनकी पदपूर्ति कराया जाना सुनिश्चित और निर्देशित किया गया है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) समस्त आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए थे। (ख) याचिका क्रमांक–3178/14 तथा WP-5560/14 में पारित अंतरिम आदेश क्रमश: दिनांक 11.03.2014 एवं 17.04.2014 द्वारा रिक्त पदों पर होने वाली नियुक्तियां माननीय उच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगी तथा WP-7532/14 में पारित अंतरिम आदेश दिनांक 30.10.2014 में 55 पद आरक्षित वर्ग के बैकलॉग एवं 23 पदों पर अनारक्षित वर्ग से भरने की अनुमति माननीय उच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन प्रदान की गई थी तथा WP-7326/2015 में दिनांक 27.08.2015 को पारित निर्णय में WP-7532/14 में पारित आदेश अनुसार कार्यवाही करने का आदेश दिया गया है। (ग) बजट में कुल स्वीकृत एवं रिक्त पदों का उल्लेख किया जाता है, प्रवर्गवार एवं विषयवार पदों का उल्लेख नहीं। (घ) प्रश्नांश ''ख'' में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा पारित निर्णय अनुसार आरक्षित वर्ग के 55 एवं अनारक्षित वर्ग के 23 पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन दिनांक 06.03.2016 को कर दिया गया है।
पेड़ों की कटाई/वृक्षारोपण
5. ( *क्र. 3540 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में वन विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में कितने क्षेत्र में कितने पेड़ों की कटाई हुई है? उक्त कटाई कार्य किस एजेंसी द्वारा करवाया गया? (ख) जिले में की गई कटाई से शासन को प्रतिवर्ष कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ? वर्षवार आंकड़े बतायें। (ग) क्या पूर्व में विभाग द्वारा पेड़ की कटाई ठूंठ तक की जाने से वह पुन: जीवित हो जाते थे? क्या वर्तमान में वन विकास निगम द्वारा जड़ से पेड़ काटने के कारण जंगल पूरी तरह नष्ट हो रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या निगम की अव्यवहारिक कटाई पद्धति पर शासन रोक लगायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या विभाग द्वारा काटे गए वनों की क्षतिपूर्ति हेतु वृक्षारोपण किया गया है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में कहाँ-कहाँ, कितनी भूमि पर कितनी संख्या में पौधरोपण किया गया? (ड.) तीन वर्षों में लगाये गये क्षतिपूर्ति वृक्षारोपणों के पौधों में से कितनी संख्या में पौधे जीवित अवस्था में हैं? यदि नहीं, तो कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) खण्डवा जिले में विगत तीन वर्षों में 22399.79 हेक्टे. क्षेत्र में 1046715 पेड़ों की कटाई वन विभाग एवं वन विकास निगम द्वारा कराई गई। (ख) जिले में की गई कटाई से शासन को प्रतिवर्ष प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। वन विकास निगम द्वारा जड़ से पेड़ काटने के कारण जंगल पूरी तरह से नष्ट नहीं हो रहे हैं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) काटे गये वनों के लिये कोई क्षतिपूर्ति रोपण नहीं किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
हितग्राही मूलक रोजगार योजनाओं का क्रियान्वयन
6. ( *क्र. 6795 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उद्योग विभाग द्वारा सागर नगर के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिये वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में भौतिक/वित्तीय लक्ष्य शासन से आवंटित किये? क्या उक्त लक्ष्य पूर्ति हुई है? हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उद्योग विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी स्वरोजगार योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनांतर्गत कितने युवा बेरोजगारों के आवेदन प्राप्त हुए, कितने प्रकरण बैंक शाखाओं द्वारा स्वीकृत कर कितनी-कितनी राशि का वितरण कर उन्हें मार्जिन मनी अनुदान/अनुदान उपलब्ध कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितने युवा बेरोजगारों को लाभान्वित किया गया है एवं उनके द्वारा व्यवसाय/उद्यम कहाँ-कहाँ स्थापित किये गये हैं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। भौतिक लक्ष्य आवंटित किये गये। उक्त लक्ष्य की पूर्ति की गई। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जानकारी निम्नानुसार है :-
योजना
का नाम |
प्राप्त आवेदन |
स्वीकृत आवेदन |
वितरित
राशि |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
786 |
220 |
रू. 392.80 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
38 |
15 |
रू. 311.00 |
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
41 |
33 |
रू. 322.42 |
योजना
का नाम |
प्राप्त आवेदन |
स्वीकृत आवेदन |
वितरित
राशि |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
810 |
336 |
रू. 779.89 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
54 |
19 |
रू. 302.25 |
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
37 |
21 |
रू. 262.87 |
(ग) वर्ष 2014-15 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 172, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में 12 एवं प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 20 युवा बेरोजगारों को लाभान्वित किया गया है। वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 241, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में 16 एवं प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 14 युवा बेरोजगारों को लाभान्वित किया गया है। लाभान्वित युवा बेरोजगारों द्वारा सागर शहर एवं इसके आस-पास के ग्रामीण अंचलों/क्षेत्रों में व्यवसाय/उद्यम स्थापित किये गये हैं।
बुरहानपुर जिले में हरियाली महोत्सव अंतर्गत पौध रोपण
7. ( *क्र. 6741 ) श्रीमती अर्चना चिटनिस : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कुछ वर्ष पूर्व हरियाली महोत्सव अंतर्गत एक दिवसीय वृक्षारोपण कर रिकार्ड बनाया गया था? (ख) बुरहानपुर जिले में हरियाली महोत्सव 2015 के अन्तर्गत रोपण कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट करें कि बुरहानपुर जिले में हरियाली महोत्सव 2015 में कितने पौधों का रोपण किस स्थान पर किया गया था? (घ) इन रोपित पौधों की वर्तमान में क्या स्थिति है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) बुरहानपुर जिले में हरियाली महोत्सव 2015 के अंतर्गत रोपण कार्यों में राशि रूपये 1,06,74,836/- व्यय की गई है। (ग) बुरहानपुर जिले में हरियाली महोत्सव 2015 में 10,30,311 पौधों का रोपण किया गया था। स्थलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बुरहानपुर जिले में इन रोपित पौधों में से 7,32,511 पौधे जीवित हैं। स्थलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
महाविद्यालय के भवन का निर्माण
8. ( *क्र. 7341 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के विकासखण्ड गोटेगांव में शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि कब और कितनी प्राप्त की गई? क्या प्राप्त भूमि पर महाविद्यालय द्वारा आधिपत्य प्राप्त कर लिया? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त भूमि पर महाविद्यालय का भवन कब और कितनी लागत से बनाए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नरसिंहपुर जिले के विकासखण्ड गोटेगांव में शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु 19 एकड़ भूमि दिनांक 10.03.1989 को प्राप्त की गई। जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित भूमि के पास तालाब एवं शमशान घाट निकट होने के कारण जन आपत्ति दर्ज की गई थी। उक्त आपत्ति के कारण मुख्य भवन का निर्माण कार्य नहीं कराया जा सका। जिला कलेक्टर द्वारा महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु नगर पालिका से प्रदत्त 01 एकड़ भूमि पर शासन के पत्र क्रमांक एफ-21-2/2003/2-38, दिनांक 24.02.2003 द्वारा राशि रू. 78.75 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाकर आवंटित राशि से भवन निर्माण कार्य कराया गया, जिसमें महाविद्यालय संचालित है।
सह प्राध्यापकों की भर्ती हेतु जारी नोटिफिकेशन
9. ( *क्र. 7301 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पी.एस.सी. द्वारा पिछले दिनों सह प्राध्यापकों की भर्ती हेतु नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें महत्वपूर्ण विषयों बायोटेक्नालॉजी, बायोकेमिस्ट्री, कम्प्यूटर साइंस, सूक्ष्मजैवीकी आदि हेतु एक भी पद नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) संपूर्ण विषय पिछले 15 सालों से म.प्र. सरकार से मान्यता प्राप्त लगभग सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में संचालित है? (ग) क्या कॉलेजों में जो विषय पढ़ाए जा रहे हैं, वहां सबसे ज्यादा एडमिशन इन्हीं में हो रहे हैं। इन विषयों को पढ़ाने के लिए सहायक प्राध्यापकों की कभी भी भर्ती नहीं की गई और अभी भी मध्यप्रदेश पी.एस.सी. के नोटिफिकेशन में इन्हें स्थान नहीं दिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो इन विषयों के विद्यार्थियों का भविष्य क्या होगा? उन्हें कहाँ जॉब मिलेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनमण्डल शिवपुरी में पदस्थ मानचित्रकार के विरूद्ध कार्यवाही
10. ( *क्र. 1941 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वनमण्डल शिवपुरी में पदस्थ मानचित्रकार की फर्जी नियुक्ति के संबंध में अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मूलन संगठन से जाँच हेतु शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो शिकायत की जाँच किस अधिकारी को सौंपी गई, उनका नाम/पद बताएं तथा शिकायत की जाँच में क्या तथ्य पाए गये? (ख) शिकायत की जाँच प्रतिवेदन में सेवा पुस्तिका के प्रथम भाग में जन्मतिथि की कांट-छांट है? सेवा पुस्तिका के प्रथम भाग में जन्म तिथि 21.07.67 की गई है, जब कि इनकी सही जन्मतिथि 21.07.61 है, जो इनके हायर सेकेण्ड्री परीक्षा प्रमाण-पत्र से स्पष्ट है? इस संबंध में कोई जांच प्रतिवेदन नहीं दिया गया है? (ग) वनमण्डलाधिकारी सामान्य वनमण्डल शिवपुरी के पत्र क्रमांक स्था./2011/3076, दिनांक 03.06.2011 के द्वारा संबंधित से जन्मतिथि प्रमाणीकरण हेतु हायर सेकेण्ड्री की शैक्षणिक योग्यता संबंधी अंकसूची की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो संबंधित मानचित्रकार द्वारा अंकसूची की छायाप्रति जमा करायी गई है? यदि नहीं, तो संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो अंकसूची की छायाप्रति संलग्न करें? (घ) क्या शासन गलत जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) तथ्यपूरक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आरक्षित वर्ग के छात्र-छात्राओं से लिये जाने वाले शैक्षणिक शुल्क
11. ( *क्र. 3239 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के तकनीकी शिक्षा में स्वशासी एवं अनुदान प्राप्त इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में अध्ययनरत अनु.जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं को प्रवेश के समय लिये जाने वाले शैक्षणिक शुल्क/शुल्क एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं से लिये जाने वाले शैक्षणिक शुल्क/शुल्क व्यवस्था में अंतर है? (ख) यदि हाँ, तो शैक्षणिक शुल्क/शुल्क व्यवस्था में अंतर का क्या कारण है? (ग) क्या अनु. जाति/जनजाति के छात्र-छात्राओं को प्रवेश के समय ली जाने वाली शैक्षणिक शुल्क/शुल्क को छात्रवृत्ति में समायोजित करने की कोई नीति विभाग द्वारा बनाई गई है अथवा बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेश के तहत संबंधित संस्थाओं के खाते में निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप शिक्षण शुल्क की राशि की प्रतिपूर्ति की जाती है एवं अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के बैंक खाते में शिक्षण शुल्क की राशि ऑनलाईन अन्तरित की जाती है। संबंधित संस्था को शिक्षण शुल्क की राशि प्रतिपूर्ति विद्यार्थी द्वारा की जाती है। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
चेक पोस्ट तरेरा में कार्यरत कर्मी
12. ( *क्र. 7370 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी अंतर्गत तरेरा चेक पोस्ट में कितने विभागों से संबंधित किन-किन वस्तुओं की जाँच होती है। जब से चेकपोस्ट खुला है, तब से मासिक एवं वार्षिक संचालन का खर्च कितना है? (ख) चेक पोस्ट संचालन में दैनिक, संविदा एवं स्थाई पदों पर कितने कर्मचारी कब-कब भर्ती किये गये? क्या इन भर्तियों में आरक्षण या रोस्टर का पालन किया गया? सभी कर्मचारियों के नाम, पता, पद वेतन बतावें। (ग) उक्त चेक पोस्ट में जिनकी भूमि अधिग्रहित की गई है, उन परिवारों को चेकपोस्ट में रोजगार देने का प्रावधान है? (घ) क्या चेकपोस्ट उपयुक्त जगह पर संचालित है? यदि नहीं, तो दोषी कौन हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एकीकृत जाँच चौकी पर शासन के 5 विभागों द्वारा चयनित वस्तुओं की जाँच की जाती है। बी.ओ.टी. आधार पर संचालित चेक पोस्ट के ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के समस्त कार्य निवेशकर्ता द्वारा किया जाता है। विभाग द्वारा उक्त हेतु कोई व्यय नहीं किया जाता है। (ख) विभाग द्वारा कोई भर्ती नहीं की गई है। चेक पोस्ट के संचालन हेतु निवेशकर्ता अपना स्टॉफ रखने हेतु अनुबंधानुसार स्वतंत्र हैं। (ग) जी नहीं। (घ) चेक पोस्ट उपयुक्त जगह पर संचालित है। किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फोरलेन सड़क का निर्माण
13. ( *क्र. 7920 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केंट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत रॉझी से सतपुला तक की सड़क को फोरलेन सड़क बनाये जाने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या यहाँ पर यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए फोरलेन का निर्माण कराया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या शासन इसकी जाँच करवाकर फोरलेन का निर्माण कराना सुनिश्चित करेगा? फोरलेन निर्माण हेतु कार्य प्रारंभ कब तक किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत पूर्व में एम.पी.आर.डी.सी. विभाग द्वारा इस सड़क के निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव तैयार किया गया था? यदि हाँ, तो इसमें विलंब का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) इस विभाग के अंतर्गत कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी नहीं इस विभाग द्वारा प्रश्नांकित मार्ग के फोरलेन निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है।
प्रभारी प्राचार्य को पद से हटाया जाना
14. ( *क्र. 5967 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3558, दिनांक 22.07.14 के प्रश्न में प्रभारी प्राचार्य शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय उमरिया में श्री शक्ति सिंह खटिक के संबंध में जो योग्यता एवं पदस्थापना की जानकारी उपलब्ध कराई गई है, वह महाविद्यालय के प्राचार्य पद के अनुरूप नहीं है। यदि हाँ, तो प्राचार्य की योग्यता व मापदंड की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में श्री खटिक की वरिष्ठता की जानकारी व उनके बैच के पदांकित प्राचार्यों की सूची उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में अयोग्य एवं अक्षम व विवादित, दंडित प्रभारी प्राचार्य को उक्त महाविद्यालय के पद से कब तक प्रभार से हटा दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री खटिक की शासकीय सेवा में प्रथम नियुक्ति 19.01.1982 है। श्री खटिक के बैच का कोई भी व्यक्ति प्राचार्य के पद पर कार्यरत नहीं है। (ग) प्रदेश के 21 नवीन पॉलिटेक्निक महाविद्वालयों में एक सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत व्याख्याताओं को प्रभारी प्राचार्य का कार्य करने बाबत् अधिकृत किया गया है। नियमित प्राचार्यों की पदस्थापना होने के बाद प्रभारी प्राचार्य का कार्य स्वयं समाप्त हो जायेगा।
मैसूर सीमेंट लिमिटेड का नाम परिवर्तन
15. ( *क्र. 6944 ) श्री लखन पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उद्योग आयुक्त के पत्र क्रमांक 195/अधोविक/बी-2/06/2604 भोपाल, दिनांक 08/05/13 द्वारा मैसूर सीमेंट लि. का नाम हाईडल वर्ग सीमेंट लि. किए जाने के लिए अनुमति नि:शुल्क नाम परिवर्तन के रूप में दी गई है? (ख) प्रति पट्टाभिलेख में शुल्क राशि कितनी निर्धारित की गई? पट्टाभिलेख संख्या में कितने, कहाँ-कहाँ, कितने-कितने हेक्टेयर में है? नामवार, ग्रामवार एवं पटवारी हल्कावार बतायें। (ग) क्या वर्ष 2009 में इकाई के नाम परिवर्तन की अनुमति प्राप्त की जाना थी? यदि नहीं, तो बगैर नाम परिवर्तन के हाईडल वर्ग सीमेंट लि. का संचालन क्यों होता रहा? शासन से क्या नज़रअंदाज कर संचालन किया जाता रहा? (घ) इस प्रकार कंपनियों के नाम परिवर्तन करने एवं शासन का भुगतान करने के लिए नवीन इकाई को अधिकतम कितने गुना-भू-भाटक लगाया जा सकता है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) 07 पट्टाभिलेखों में भूमि का भू-भाटक एवं अन्य शुल्क राशि रूपये 1,20,301/- निर्धारित किया गया था, विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इकाई का कंपनी रजिस्ट्रार के द्वारा दिनांक 16.04.2009 को नाम परिवर्तन किया गया है,जिसकी सूचना इकाई द्वारा जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र दमोह को दी थी। इकाई द्वारा अभिलेखों में नाम परिवर्तन की कार्यवाही विलंब से करने पर तत्समय प्रचलित नियमानुसार इकाई के उपर विलंब शुल्क भू-भाटक का तीन गुना लगाया गया। (घ) मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 की कंडिका 18 (अ) 2 एवं 3 में कंपनियों के नाम परिवर्तन की प्रक्रिया स्पष्ट की गई है, जो इस प्रकार है :- 2. कंपनी अधिनियम-1956 के अंतर्गत पंजीकृत कंपनियों में कंपनी के नाम परिवर्तन अथवा अंशधारकों में परिवर्तन को इन नियमों के प्रयोजन हेतु हस्तांतरण नहीं माना जावेगा बशर्ते कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा कंपनी का पंजीयन क्रमांक परिवर्तन न किया गया हो। अर्थात जब तक किसी पंजीकृत कंपनी का पंजीयन क्रमांक न परिवर्तित हो जाये, हस्तांतरण नहीं माना जावेगा। 3. पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी का विलय उसकी मूल संचालक कंपनी (होल्डिंग कंपनी) में होने पर तथा मूल संचालक कंपनी का विलय पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी में होने पर यदि इकाई का सी.आई.एन. (कार्पोरेट आईडेंटिफिकेशन नंबर) नंबर परिवर्तित हो जाता है, तो ऐसे प्रकरण हस्तांतरण की श्रेणी में नहीं आयेगें, इन प्रकरणों के अंतरण में मात्र दस हजार रूपये का हस्तांतरण शुल्क लिया जाकर अनुमति प्रदान की जा सकेगी।
शासकीय महाविद्यालय सोनकच्छ में नवीन कोर्स प्रारंभ किया जाना
16. ( *क्र. 5149 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय सोनकच्छ में बी.एस.सी. प्लेन संकाय स्वीकृत है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या भविष्य में नगर के शासकीय महाविद्यालय में बी.एस.सी. प्लेन शुरू हो सकेगा? (ख) क्या शा. महाविद्यालय सोनकच्छ में खेल शिक्षक का पद स्वीकृत है? यदि नहीं, तो क्या आवश्यकताओं को देखते हुए भविष्य में यह पद स्वीकृत हो सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) शासकीय महाविद्यालय सोनकच्छ में वर्तमान में प्राचार्य पद सहित कितने पद स्वीकृत हैं तथा कार्यरत कितने हैं, रिक्त कितने हैं? पदों के नाम स्पष्ट करें। महाविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक होगी? (घ) महाविद्यालय में कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं (शैक्षणिक तथा गैरशैक्षणिक कार्य सहित) रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित पाठ्यक्रमों के सुदृढ़ीकरण एवं उनके गुणवत्ता विकास के प्रयास किए जा रहे हैं। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
पोलायकला में औद्योगिक क्षेत्र का विकास
17. ( *क्र. 6713 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शाजापुर जिले के पोलायकला को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो किस वर्ष में किस-किस गांव की कितने हेक्टेयर भूमि औद्योगिक क्षेत्र हेतु आरक्षित की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कोई औद्योगिक कार्य प्रस्तावित किये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची देवें। क्या केवल औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने से उक्त क्षेत्र में औद्योगिक इकाईयां स्थापित हो जावेंगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग स्थापित किये जाने हेतु क्या-क्या सुविधाएं सड़क, पानी आदि की विकसित की जा चुकी है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) ग्राम मोरटाकेवडी, खडी, टाण्डाखुर्द एवं पोलाय की कुल 237 हेक्टेयर भूमि का वर्ष 2012-13 में आधिपत्य प्राप्त किया गया है। (ख) एवं (ग) जी नहीं, औद्योगिक क्षेत्र के विकास कार्य की योजना तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है। औद्योगिक क्षेत्र का विकास पूर्ण होने पर तथा उसे अधिसूचित किये जाने के पश्चात उद्योग स्थापित हो सकेंगे।
चोरहटा से रतहरा बायपास पर वृक्षारोपण
18. ( *क्र. 7014 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिला अंतर्गत नगर निगम रीवा में चोरहटा से रतहरा तक बायपास का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो इस कार्य में कितनी लागत लगी है? अनुबंध की शर्तें बतावें। अनुबंध प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति अनुसार क्या बायपास का कार्य कराया गया? कार्य कराने वाली कंपनी/ठेकेदार/संविदाकार का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या बायपास निर्माण के बाद वृक्षारोपण के कार्य कराये जाने की योजना भी सरकार द्वारा बनाई गई थी? क्या राशि सरकार द्वारा संबंधित निविदाकार, ठेकेदार/कंपनी को वृक्षारोपण हेतु प्रदान की गई? अगर हाँ तो कितनी राशि संबंधित निर्माण एजेंसी को जारी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार बायपास में क्या वृक्षारोपण के कार्य कराये गये? अगर कराये गये तो किस-किस प्रजाति के वृक्ष क्रय किये गये उनकी लागत क्या थी तथा वर्तमान में कितने पौधे/वृक्ष जीवित हैं? वृक्षों के रोपण एवं रख-रखाव में कितनी राशि खर्च की गई तथा उसमें से कितनी राशि का भुगतान किस माध्यम से निर्माण एजेन्सी को किया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के अनुसार वृक्षारोपण के कार्य मौके पर नहीं कराये गये एवं पौधे जीवित नहीं हैं तथा फर्जी तरीके से वृक्षारोपण के नाम पर बिल वाऊचर लगाकर राशि का आहरण भी संबंधित कंपनी द्वारा कर लिया गया? हाँ, तो इसके लिए दोषियों की पहचान कर क्या शासन के साथ धोखाधड़ी करने का आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराने के साथ ब्याज सहित भुगतान की गई राशि की वसूली करेंगे? हाँ, तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्माण कार्य बी.ओ.टी. के तहत भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा रू. 48.00 करोड़ में कराया गया है। अनुबंध की शर्तें एम.ओ.आर.टी.एच. के कंसेशन एग्रीमेंट के अनुसार। कार्य अनुबंध व तकनीकी स्वीकृति अनुसार ही सड़क परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा नियुक्त स्वतंत्र कन्सलटेन्ट की देखरेख में मेसर्स पाथ ओरिएन्टल हाईवे महू इन्दौर द्वारा किया गया। (ख) जी हाँ। अलग से कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई, न ही संबंधित एजेन्सी को अलग से कोई भुगतान किया गया। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वृक्षारोपण कंसेशन एग्रीमेंट के अंतर्गत कंसेशनायर द्वारा किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खर्च का ब्यौरा पृथक से विभाग द्वारा संधारित नहीं किया गया। जी नहीं। विभाग द्वारा वृक्षारोपण पर कोई राशि व्यय नहीं की गई। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) कंसेशनायर में पाथ ओरियेन्टल हाइवे को ही कंसेशनायर अनुबंधानुसार वृक्षारोपण करना था, इस हेतु कंसेशनायर को पृथक से भुगतान नहीं किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: अन्य कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन्य प्राणियों से फसलों को क्षति
19. ( *क्र. 5096 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वन्यप्राणियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो शाकाहारी वन्यप्राणियों के लिए रहवास एवं आहार का संकट उत्पन्न होने से कृषकों की खड़ी फसलों को वन्यप्राणियों द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है? (ख) क्या अन्य देशों के विशेषज्ञों के द्वारा बनाई गई तकनीक अनुसार वन्यप्राणियों के समूह को पकड़ कर एक स्थान से दूसरे स्थान में स्थानांतरित करने की तकनीक पर शासन स्तर पर क्या विचार किया जा रहा है? (ग) विभाग में संधारित जानकारी के अनुसार प्रदेश के जिलों में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में वन्यप्राणियों के द्वारा कितने किसानों की कितनी-कितनी फसलों को बर्बाद कर कितना-कितना नुकसान पहुंचाया गया? (घ) क्या राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 में फसल हानि की आर्थिक सहायता में 25 प्रतिशत से कम हानि होने पर प्रभावित किसानों को मुआवजा/अनुदान राशि दिये जाने का प्रावधान का उल्ल्ेख नहीं होने के कारण उक्त किसानों को आर.बी.सी. 6/4 का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रावधान में संशोधन कर प्रभावित किसानों को क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा वर्ष 2014 में अखिल भारतीय वन्यप्राणी गणना की गई। गणना में बाघ की संख्या में वृद्धि परिलक्षित हुई है, अन्य वन्यप्राणियों की संख्या के आंकड़े अभी प्राप्त नहीं हुये हैं। अत: यह नहीं कहा जा सकता कि प्रदेश में वन्यप्राणियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। यह सही नहीं है कि वन्यप्राणियों के रहवास एवं आहार का संकट उत्पन्न हुआ है। यह सही है कि कृषकों की खड़ी फसलों की ओर वन्यप्राणी आकर्षित होते हैं एवं कुछ हद तक फसलों को नुकसान होना स्वभाविक है। (ख) जी नहीं। वैज्ञानिक प्रबंधन की दृष्टि से वन्यप्राणियों के छोटे समूह को पकड़कर अन्य संरक्षित वन क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की स्थानीय तकनीक का प्रयोग प्रदेश में किया गया है। फसल हानि करने वाले वन्यप्राणियों को पकड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जी हाँ। जानकारी संकलित की जा रही है।
अलीराजपुर जिले में संचालित कौशल विकास केन्द्र
20. ( *क्र. 6423 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में कितने कौशल विकास केन्द्र संचालित हैं? (ख) उक्त केन्द्रों में विगत 5 वर्षों में विभिन्न मदों में कितना बजट प्राप्त हुआ? (ग) प्राप्त बजट में क्या-क्या सामग्री क्रय की गई?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अलीराजपुर जिलें में चार कौशल विकास केन्द्र संचालित हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’एक’’ एवं ‘’दो’’ अनुसार है।
बाग कुक्षी मार्ग का निर्माण
21. ( *क्र. 7585 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में बाग कुक्षी मार्ग की निर्माण लागत कितनी है? स्वीकृति दिनांक, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णता अवधि, ठेका फर्म नाम सहित देवें। (ख) इसमें कितनी राशि कब-कब आहरित की गई? कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण है/शेष है? (ग) कार्य पूर्णता विलंब के कारण बतावें? इसके लिए संबंधित फर्म को कितने नोटिस जारी किए उनके फर्म द्वारा जो उत्तर दिए उन सभी का विवरण देवें? (घ) कार्य विलंब की अनदेखी करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यह कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा धार जिले में बाग कुक्षी मार्ग, जो कि मूल कार्य कुक्षी-बाग-जोबट-झाबुआ राजमार्ग क्रं. 39 के अंतर्गत है, जिसकी लागत रू. 157.44 करोड़ है। इस कार्य की स्वीकृति 22.12.2010 को शासन द्वारा जारी की गई है। कार्य प्रारंभ करने की दिनांक 23.05.2011 है। अनुबंध अनुसार कार्य प्रारंभ कर पूर्ण करने की अवधि 24 माह है। यह कार्य मेसर्स गंगोत्री झाबुआ-जोबट-कुक्षी प्रा.लि. लखनऊ को दिया गया है। (ख) यह कार्य बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत स्वीकृत होकर निवेशकर्ता कंपनी को दिया गया है, जिसके अंतर्गत निवेशकर्ता द्वारा खुद की पूंजी लगायी होती है। वर्तमान में यह मार्ग 75 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। 25 प्रतिशत कार्य शेष है। (ग) निवेशकर्ता एजेन्सी की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने से कार्य में विलंब हुआ है। विलंब हेतु संबंधित फर्म को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार नोटिस जारी किये गये हैं। फर्म द्वारा प्रस्तुत उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के अनुसार कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शेष कार्य दिनांक 30.06.2016 तक पूर्ण होना संभावित है।
बिगड़े वनों के सुधार योजना का क्रियान्वयन
22. ( *क्र. 7607 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिगड़े वनों के सुधार हेतु शासन द्वारा कौन-कौन सी योजना चलाई जा रही है? (ख) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से क्षेत्र में बिगड़े वनों के सुधार हेतु क्या कार्य किये जा रहे हैं? (ग) नये पौधरोपण हेतु गड्ढे की खुदाई कहाँ-कहाँ की जा रही है एवं मजदूरों को किस दर से भुगतान किया जा रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) कार्य आयोजना क्रियान्वयन अंतर्गत बिगड़े वनों के सुधार की योजना चलाई जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के रिक्त पदों की पूर्ति
23. ( *क्र. 7564 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर/असिस्टेंट प्रोफेसर के पद खाली हैं? यदि हाँ, तो कितने? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत विश्वविद्यालयों में कितने विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में खाली पदों पर कब तक नियुक्तियां कर ली जायेंगी? नियुक्ति में देरी के क्या कारण रहे। (घ) भोपाल संभाग अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में कितने पद प्रश्नांश (क) अनुसार खाली पड़े हैं? महाविद्यालयवार जानकारी देवें।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्रोफेसर/असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 542 पद रिक्त हैं। (ख) केवल देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में 84 विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त हैं। (ग) विश्वविद्यालयों में नियमानुसार नियुक्ति की प्रक्रिया प्रचलन में होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रायसेन जिलांतर्गत कराये गये निर्माण कार्य
24. ( *क्र. 4514 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के अंतर्गत आने वाले लोक निर्माण विभाग के सभी संभागों में 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न तिथि तक 02 लाख रूपये से कम कार्यादेश किस-किस स्थान के किस-किस कार्य के जारी हुए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार मेन्टेनेंस के कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? किस-किस ठेकेदार को कितना-कितना भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में किये गये कार्यों में से किन-किन कार्यों की शिकायतें अधीक्षण यंत्री/मुख्य अभियंता/प्रमुख अभियन्ता/राज्य शासन को प्राप्त हुईं? किन आदेश क्रमांक एवं दिनांक से उक्त सक्षम कर्यालयों द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न तिथि तक की गई? (घ) रायसेन जिले में स्थित लोक निर्माण विभाग के कार्यालयों को 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न तिथि तक कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु बजट से आवंटित हुई? कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? विधानसभावार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’, ‘स-1’ एवं प्रपत्र ‘द’, प्रपत्र ‘द-1’ अनुसार है। विधानसभावार आवंटन/व्यय नहीं किया जाता है।
भाण्डेर में इन्डोर/आउटडोर स्टेडियम का निर्माण
25. ( *क्र. 6965 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भाण्डेर विधान सभा हेतु इण्डोर/आऊटडोर स्टेडियम स्वीकृत हुए हैं? (ख) क्या इन स्टेडियमों हेतु जमीन चिन्हित कर ली गई है? (ग) क्या इन स्टेडियमों हेतु रु. 80-80 लाख रुपये निर्माण हेतु स्वीकृत हुए हैं? (घ) यदि प्रश्न (क), (ख), (ग) का उत्तर हाँ में है, तो अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हुआ और यह निर्माण कार्य कब तक आरंभ कर दिया जावेगा? विलंब के लिए कौन दोषी है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) आउटडोर खेल परिसर के निर्माण हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को राशि रू. 80.00 लाख प्राप्त हो गयी है एवं इन्डोर खेल परिसर की निर्माण योजना को भारत सरकार ने पुनः समीक्षा किये जाने के कारण भारत सरकार द्वारा स्थागित किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
सार्वजनिक
न्यासों की
अचल संपत्ति
की जानकारी
बाबत्
1. ( क्र. 576 ) श्री हरवंश राठौर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सागर के किस-किस नाम से पंजीबद्ध सार्वजनिक न्यास है? (ख) प्रत्येक अचल सम्पत्ति के विक्रय के पूर्व क्या सक्षम अधिकारी से लिखित अनुमति लेना आवश्यक है? (ग) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक न्यासों द्वारा विक्रित अचल सम्पत्ति की धन राशि क्रेताओं के नाम सहित जानकारी तथा किन-किन न्यासों ने प्रस्तावित प्रयोजन में प्राप्त धन राशि का उपयोग नहीं किया है? प्रश्नांश (ख) के उल्लघंन में न्यासों के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन विभाग की भूमि पर कालोनीनाईजर द्वारा अवैध रूप से मार्ग निर्माण बाबत्
2. ( क्र. 620 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खसरा क्रमांक 717/1 बड़ा बागडदा जिला इन्दौर पर वन विभाग द्वारा वन विभाग की भूमि में से किसी कालोनाईजर को रास्ता निकालने की शिकायतें प्राप्त हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त कालोनीनाईजर द्वारा वन विभाग की भूमि पर से रास्ता निकालने हेतु वन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की सहमति दिये जाने की बात कही जा रही थी व कालोनीनाईजर द्वारा वन विभाग के किसी कर्मचारी द्वारा उक्त रास्ते की मंजूरी दिये जाने संबंधी किसी अधिकारी द्वारा दिया जाना बताया गया था? यदि हाँ, तो क्या कालोनीनाईजर द्वारा अवैध रूप से वन भूमि पर रास्ता निकाला जाना उचित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वन विभाग द्वारा अखबारों में खबर प्रकाशित होने के पश्चात वन भूमि पर निजी रास्ते को गिट्टी मोरम डालकर बंद किया गया था? क्या उक्त स्थान पर यशवंत सागर की जल वितरण लाइन नगर निगम द्वारा डाली गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या नगर निगम की यशवंत सागर से इंदौर शहर के पश्चिम क्षेत्र में पेयजल हेतु डाली गई लाइन पर सुपर कारिडोर के आस-पास विभिन्न कालोनीनाईजरों द्वारा सीमेंटेड रोड निर्माण कर लिया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आरक्षित वनखण्ड रमणा बिजासन कक्ष क्रमांक 58 में कालोनाईजर द्वारा रास्ता निर्माण करने की खबर दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित होने पर विभाग द्वारा रास्ता निर्माण कार्य बंद कराकर, वन राजस्व का संयुक्त सीमांकन कराये जाने पर उक्त रास्ता वनक्षेत्र के बाहर पाया गया। उक्त स्थान पर, यशवंत सागर की जल वितरण लाईन, नगर निगम द्वारा वर्ष 1926 में डाली गई थी। (घ) जी हाँ। यशवंत सागर जल वितरण लाईन, के ऊपर कुछ स्थानों पर रास्ते का निर्माण किया गया है।
ग्रामवन समितियों का निर्माण
3. ( क्र. 659 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत वन विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में कहाँ-कहाँ पर ग्रामवन समिति बनाई व इसमें कौन-कौन से व्यक्तियों को शामिल किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्रामवन समितियों को विगत 03 वर्षों में क्या-क्या कार्य कराये गये व उस पर कितना-कितना व्यय किया गया? (ग) वन विभाग को किन-किन मदों से कितनी-कितनी रशि विगत 03 वर्षों में प्राप्त हुई व वन विभाग द्वारा इन्दौर जिले में कौन-कौन से क्षेत्रों में विभिन्न मदों से क्या-क्या कार्य जनता/वन सुरक्षा हेतु किये गये? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या वन विभाग में विभिन्न मदों का भुगतान ई-पेमेंट से किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जिला इन्दौर के अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में कोई ग्राम वन समिति नहीं बनाई गई है। अतः इसमें व्यक्तियों को शामिल किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विगत 03 वर्षों में कोई ग्राम वन समिति नहीं बनाई गई है। अतः ग्राम वन समितियों से कार्य कराने व व्यय करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के संदर्भ में ई-पेमेन्ट से भुगतान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
पुलिया निर्माण
4. ( क्र. 1041 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी से ग्राम चरका-भोलहरा सड़क मार्ग में समधिन नदी में बना पुल टूट गया है? यदि हाँ, तो उक्त पुल कब बना था और किस एजेंसी द्वारा बनाया गया था तथा पुल उपयोग की अवधि क्या निर्धारित थी? (ख) क्या समधिन नदी में पुल टूटने के कारण वर्षांत में आवागमन की सुविधा बाधित होती है? यदि हाँ, तो नवीन पुल का निर्माण क्यों नहीं कराया जा रहा है? कब तक करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2003 में, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।। पुल का निर्माण विभाग द्वारा नहीं किये जाने से उपयोग की अवधि बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी हाँ। नवीन पुल निर्माण हेतु वर्ष 2016-17 के बजट में प्रावधानित किया गया है। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
सड़कएवं भवनों के रख-रखाव हेतु आवंटित राशि
5. ( क्र. 1064 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी अनुविभाग अंतर्गत सड़क एवं भवनों के रख-रखाव, मरम्मत इत्यादि के लिये विगत 03 वर्षों में वर्षवार कितनी राशि आवंटित की गई है? (ख) उक्त आवंटित राशि द्वारा किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
रेस्ट हाउस का निर्माण
6. ( क्र. 1273 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर देवास रोड स्थित लोकनिर्माण विभाग के रेस्ट हाउस के पुन: निर्माण के संबंध में की गई संपूर्ण कार्यवाही, स्वीकृत मानचित्र, निविदा विज्ञप्ति, अनुबंध, प्राप्त निविदाएं, उपरोक्त संबंध में किन-किन की शिकायतें प्राप्त हुई, प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही आदि की जानकारी देते हुये उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होना है, जानकारी प्रदान करें? (ख) उक्त रेस्ट हाउस में प्रारंभ में कितने कक्षों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था? बाद में किसकी स्वीकृति से छ: कक्षों का निर्माण कार्य निरस्त किया गया? क्या छ: कक्षों के निरस्ती की कार्यवाही न्याय संगत है? यदि हाँ, तो किस विधान के अनुसार यदि नहीं, तो बिना सक्षम स्वीकृति के पूर्व में स्वीकृत 12 कक्षों में से छ: कक्षों के निर्माण कार्य को निरस्त करने के लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) 12 कक्षों का। पूर्व निर्मित रेस्ट हाउस के 15 कमरों में लाइट एवं वेंटिलेशन बाधित होने के कारण प्रथम तल के प्रस्तावित 06 कक्षों का कार्य रोका गया। जी हाँ। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार ठेके के अंतर्गत स्कोप ऑफ वर्क को कम किया जा सकता है। कोई दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खरगापुर या बल्देवगढ़ में महाविद्यालय खोला जाना
7. ( क्र. 1596 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा का क्षेत्र और तहसील खरगापुर एवं बल्देवगढ़ तहसील मुख्यालयों के क्षेत्र काफी विस्तृत हैं तथा इन दोनों तहसीलों की परिधि में लगभग 8-10 हायर सेकण्डरी स्कूल आते हैं तथा क्षेत्र में महाविद्यालय न होने से छात्र-छात्रायें कक्षा बारहवीं उत्तीर्ण के बाद महाविद्यालय की पढ़ाई करने हेतु जिला मुख्यालय नहीं पहुंच पाते हैं और उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं? यदि हाँ, तो छात्रों को शिक्षण ग्रहण करने के हित सहित शिक्षा को प्रोत्साहन दिये जाने के उद्देश्य से खरगापुर या बल्देवगढ़ में महाविद्यालय खोला जावेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बताये यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या बल्देवगढ़ प्रवास के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा की गई थी? उक्त घोषणा को पूरा करेंगे या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बताये यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करे?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। शेष जानकारी परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी की उल्लेखित घोषणा कार्यालय में प्राप्त नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. विद्यालय खोले जाने की स्वीकृति
8. ( क्र. 1601 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र 47 में नगर पलेरा तहसील मुख्यालय है एवं काफी बड़ा नगर होने के साथ-साथ आसपास का क्षेत्र भी लगा हुआ वृहद पैमाने पर है एवं क्षेत्र के तथा नगर के छात्र-छात्रायें बाहर जाकर तकनीकी शिक्षा का अध्ययन करते हैं। (ख) क्या नगर पलेरा एवं आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्रायें पलेरा में आई.टी.आई. महाविद्यालय न होने के कारण परेशानी उठाते हैं क्या शासन के द्वारा पलेरा में आई.टी.आई. महाविद्यालय खोला जा सकता है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) क्या तकनीकी शिक्षा को बढ़ाने हेतु एवं छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये पलेरा में आई.टी.आई. महाविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विभाग के पास जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ख) पलेरा के छात्र के टीकमगढ़ जिले में संचालित 04 शासकीय आई.टी.आई. तथा 07 अशासकीय आई.टी.आई. के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है। विभाग द्वारा ऐसे विकासखण्ड जिसमें कोई भी आई.टी.आई. संचालित नहीं है, में शासकीय आई.टी.आई. खोलने के प्रयास किये जा रहे है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन ग्रामों में विद्युतीकरण
9. ( क्र. 2233 ) श्री हरवंश राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युतविहीन वन ग्रामों में विद्युतीकरण की कोई योजना विभाग द्वारा संचालित है? यदि हाँ, तो किन-किन वन ग्रामों में कार्य पूर्ण हो गया है एवं कार्य प्रगति पर है और किन-किन ग्रामों में योजना प्रस्तावित है? (ख) ग्राम खैरवाहा (वन ग्राम) विकासखण्ड शाहगढ़ में विद्युतीकरण के लिए मेरे पत्र पर रूपया 1264101/- का प्राक्कलन विद्युत विभाग से पत्र क्र.2650 दि. 4/1/2014 को तैयार करवाकर विद्युत विभाग द्वारा वन विभाग को प्रेषित किया गया था विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। ऊर्जा विभाग द्वारा ग्राम खैरवाहा में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
तहसील कार्यालय भवन का निर्माण
10. ( क्र. 2234 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील कार्यालय भवन शाहगढ़ जिला सागर का निर्माण किस वर्ष में किस ठेकेदार द्वारा तथा कितनी लागत से कराया गया है? (ख) भवन निर्माण के दौरान क्या विभागीय अधिकारी द्वारा या तकनीकी अधिकारी द्वारा कभी निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब और किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया है? (ग) भवन निर्माण की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण दीवारों में दरारें आ जाने के लिए कौन जवाबदार है? क्या विभाग द्वारा कार्य एजेंसी या संबंधित तकनीकी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) तहसील भवन शाहगढ़ का निर्माण वर्ष 2012-13 में श्री संजय केशरवानी ठेकेदार द्वारा रू. 40.83 लाख की लागत से किया गया। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा निरीक्षण कर मापों की जाँच की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) भवन की दीवारों में दरारें परिलक्षित हो रही है। जाँच हेतु दिनांक 18.03.2016 को जाँच कमेटी गठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
गेस्ट फेकल्टी नियुक्ति में आरक्षण का पालन
11. ( क्र. 2639 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 में इंदौर संभाग के समस्त स्वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालय, शासकीय एवं स्वशासी पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में कार्यरत गेस्ट फेकल्टी की संख्या अजा./अजजा./अ.पि.व./अनारक्षित श्रेणीवार महाविद्यालयवार सूची देवें। इस वर्ष कार्यरत कुल गेस्ट फेकल्टी तथा रिक्त पदों की संख्या भी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गेस्ट फेकल्टी नियुक्ति में विभागीय पत्र क्रमांक एफ 1-2/2005/42/1 भोपाल, दिनांक 1 जून 2004 में लिखित सातों शर्तों का पालन हुआ है, महाविद्यालयवार बताये। यदि पालन नहीं हुआ है तो कारण बताये। (ग) उक्त महाविद्यालयों द्वारा गेस्ट फेकल्टी नियुक्ति हेतु क्या प्रक्रिया वर्ष 2015 में अपनाई गई, चरणवार बतायें।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) इन्दौर संभाग में शासकीय/स्वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित नहीं है। वर्ष 2015 में इन्दौर संभाग के समस्त शासकीय एवं स्वशासी पोलीटेकनिक महाविद्वालयों में कार्यरत गेस्ट फेकल्टी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। संस्था स्तर पर गेस्ट फेकल्टी की नियुक्ति हेतु सर्वप्रथम विभागवार/संकायवार आवश्यकताओं का आकंलन किया जाकर समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी कर, अर्ह उम्मीदवारों से आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते है। तदोंपरांत संस्था स्तर पर गठित चयन समिति समिति द्वारा आवेदकों की न्यूनतम उच्च शैक्षणिक योग्यता, अनुभव एवं साक्षात्कार के आधार पर श्रेणीवार मैरिट लिस्ट तैयार की जाती है। श्रेणीवार मैरिट क्रम के आधार पर गेस्ट फेकल्टी नियुक्त किया जाता है।
अनूपपुर जिले में वनग्रामों का राजस्व ग्रामों में परिवर्तन
12. ( क्र. 3075 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कुल कितने वन ग्राम हैं वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने हेतु विभाग ने क्या कार्यवाही की है? जिले में वन व्यवस्थापन से कितने लोगों को लाभांवित किया गया है वन व्यवस्थापन के मार्गदर्शी निर्देश क्या हैं? (ख) क्या अनूपपुर जिले में वनाधिकारी के तहत अधिकार पत्र प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में कितने अधिकार प्राप्त व्यक्तियों को आवास योजना के तहत मकान बनाने की स्वीकृत प्राप्त हुई है? हितग्राहियों को कितनी राशि प्राप्त हुई है? शेष राशि भुगतान की अवधि क्या होगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित जिले में कोई वन ग्राम नहीं है। वन व्यवस्थापन के दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, संबंधित जनपद पंचायतों द्वारा अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कुल 901 वन अधिकार पत्र धारकों को आवास योजना के तहत मकान बनाने की स्वीकृति दी गई, जिनमें से 835 अधिकार पत्रधारियों को पूर्ण राशि रूपये 48500/- की दर से तथा शेष 66 वन अधिकार पत्रधारियों को 50 प्रतिशत की दर से प्रथम किश्त रूपये 24250/- का भुगतान किया गया। प्रथम किश्त की राशि का उपयोग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर द्वितीय किश्त का भुगतान किया जावेगा।
अग्निपट्टी से संबंधित
13. ( क्र. 3369 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न संख्या - 28 (क्रमांक 553) दिनांक 23.07.2015 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ब) के कॉलम क्र. 8 स्थल का नाम (मार्ग के दोनों ओर 3 मीटर चौड़ाई में) में जो क्रमांक 1 से 27 तक दोनों ओर की दूरी 221 कि.मी. का कार्य दर्शाया है? तो मार्ग के दोनों ओर 3 मीटर की चौड़ाई के हिसाब से कार्य 221 कि.मी. बताया है पंरतु स्थल पर कार्य न के बराबर कराया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्माण कार्य की जाँच उच्चाधिकारियों द्वारा प्रश्नकर्ता के समक्ष की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। करैरा अभयारण्य करैरा में वर्ष 2013-14 में मार्ग के दोनों ओर 3 मी. चौड़ी पट्टी की सफाई कर घास, फूस को एकत्रित कर जलाने का कार्य संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नंबर 8 में दर्शाये गये 1 से 27 तक के सभी स्थलों में पूर्ण किया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों का सम्पादन किया गया है। वर्तमान में खरपतवार एवं घांस, फूस पुन: उग आये है। उक्त अवधि के कार्यों की जाँच वर्तमान में मौके पर कराया जाना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल प्रतियोगिताओं में खिलाडियों के साथ भेदभाव
14. ( क्र. 4422 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शैक्षणिक सत्र 2015-16 में उच्च शिक्षा विभाग म.प्र. शासन के द्वारा 21 खेल विधाओं की जिला/संभाग/राज्यस्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की गई? इस प्रतियोगिता में कौन-कौन से महाविद्यालयों के खिलाडियों का अलग-अलग विधाओं में राष्ट्रीय स्तर पर चयन किया गया? (ख) इस प्रतियोगिता में जिला छिन्दवाड़ा के विभिन्न महाविद्यालयों से अलग-अलग विधाओं में खिलाड़ी छात्रों ने अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर (अन्तर विश्वविद्यालय एवं आल इण्डिया कम्बाईन विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में चयनित हुए परन्तु रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा चयनित छात्र/छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में खेलने की पात्रता प्रदान नहीं की गई, जिसका क्या कारण है? (ग) सत्र 2015-16 में सागर विश्वविद्यलाय द्वारा भी छिंदवाड़ा जिले के किसी भी महाविद्याल के छात्र/छात्राओं को किसी भी स्तर की प्रतियोगिता में सहभागिता के लिए सूचना प्रदान नहीं की गई? जिसका क्या कारण है? जबकि पूर्व में सागर विश्वविद्यालय की ओर से चयनित छात्र/छात्रायें राष्ट्रीय स्तर पर सहभागिता रखते थे? (घ) रानी दुर्गावती विश्वविद्याल, जबलपुर एवं सागर विश्वविद्यालय द्वारा खिलाडियों के साथ किये गये भेदभाव से क्या खेल प्रतिभा प्रभावित नहीं होगी? यदि हाँ, तो चयनित खिलाडियों को प्रतियोगिता में शामिल नहीं किए जाने पर इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराकर, दोषी अधिकारियों के ऊपर क्या और कब तक कार्यवाही करेंगे?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। विविध प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय स्तर हेतु म.प्र. दल का चयन न किया जाकर राज्य स्तर पर भाग लेने वाले संभागीय दल अपने क्षेत्र के विश्वविद्यालय से अंतरविश्वविद्यालय प्रतियोगिताओं में सहभागिता करते हैं। (ख) म.प्र.विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम 2011 (क्र.10/2014) द्वारा छिंदवाडा जिले को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के अधिकार क्षेत्र में शामिल किया गया। छिंदवाडा जिले के शासकीय/अशासकीय एवं नवीन महाविद्यालयों के सत्र 2015—16 से स्नातक एवं स्नातकोत्तर के प्रथम सेमेस्टर/वर्ष के छात्रों की संबद्धता रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से की गई। अत: छिंदवाडा जिले के जिन महाविद्यालयों ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से संबद्धता हेतु आवेदन किया उन महाविद्यालय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं के प्रथम वर्ष (सेमेस्टर) के छात्र/छात्राएं ही विश्वविद्यालय के प्रतिनिधित्व की पात्रता रखते थे। ऐसे पात्र विधार्थियों को विश्वविद्यालय टीमों में अंतरविश्वविद्यालयीन प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व का अवसर प्रदान किया। (ग) प्राप्त जानकारी अनुसार छिंदवाडा जिले के प्राचार्य/क्रीडाधिकारी रानी दुर्गावाती विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा दिनांक 18.08.2015 को आहूत खेलकूद आवंटन बैठक में उपस्थित हुए एवं विभिन्न खेल विधाओं में सहभागिता भी की है। सागर में दिनांक 22.08.2015 को आयोजित बैठक में छिंदवाडा जिला स्वयं उपस्थित नहीं हुआ। (घ) इस संबंध में विभाग में प्राप्त दो शिकायतों पर जांच की जा रही है। जांच उपरांत गुण—दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। समय—सीमा बताना संभव नहीं है।
कूनो अभ्यारण्य में सिंहों का पुनर्स्थापन
15. ( क्र. 4768 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले के कूनों अभ्यारण्य के क्षेत्रफल विस्तार हेतु विभागाध्यक्ष स्तर पर प्रक्रियाधीन प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर केन्द्र सरकार को स्वीकृति हेतु कब भेजा गया है?यदि नहीं, तो कब भेजा जावेगा? (ख) एक्शन प्लान में दिये गये कार्यों हेतु राशि 6899.50 लाख का जो प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है इसकी स्वीकृति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 15.04.2013 के अनुरूप कूनो अभ्यारण्य में सिंहो के पुनर्स्थापना हेतु भारत सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति किन-किन विषयों पर विचार कर रही है? इसका कार्यकाल कितना है कब तक विचार कर समिति प्रतिवेदन भारत सरकार को सौंप देगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रस्ताव को केन्द्र सरकार को भेजने में विलंब करने एवं (ख) में वर्णित स्वीकृति हेतु भेजे गये प्रस्ताव को केन्द्र सरकार से स्वीकृत कराने में शीघ्रता न करने के कारण प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही नहीं हो पा रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त प्रस्तावों को अविलम्ब स्वीकृत कराकर नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण करके केन्द्र एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति प्राप्त कर गिर अभ्यारण्य से कूनो अभ्यारण्य में शीघ्र शेरों को मंगवाएगा व कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। कूनो वन्यप्राणी अभयारण्य के वर्तमान क्षेत्रफल 344.686 वर्ग कि.मी. में 350.576 वर्ग कि.मी. अतिरिक्त क्षेत्र जोड़े जाने का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) कूनो वन्यप्राणी अभयारण्य श्योपुर की वार्षिक कार्य आयोजना हेतु रूपये 6899.50 लाख का प्रस्ताव प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश, भोपाल के पत्र क्रमांक/बजट-9 (2) /2961, दिनांक 20.05.2014 द्वारा भारत सरकार, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (वाइल्ड लाइफ डिवीजन) नई दिल्ली की ओर स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। स्वीकृति भारत सरकार द्वारा जारी की जानी है। अत: राज्य शासन स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की जानी है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 15.04.2013 के परिपालन में भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा पत्र क्रमांक एमएफ. नं. 1/63/2007-डब्ल्यू.एल.-1 (पीटी), दिनांक 17.07.2013 द्वारा विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जिसमें समिति द्वारा विचार किये जाने वाले विषयों का उल्लेख है। उक्त पत्र में समिति का कार्यकाल का उल्लेख नहीं है। पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। समिति द्वारा भारत सरकार को प्रतिवेदन सौंपे जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रस्ताव पर राज्य शासन द्वारा ही निर्णय लिया जाना है, अत: केन्द्र शासन को प्रस्ताव भेजने में विलंब का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश (ख) में केन्द्र सरकार के निर्णय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति में राज्य शासन का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मिश्रित वृक्षारोपण में कराए गए कार्य
16. ( क्र. 4769 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में संचालित सामान्य वनमण्डल श्योपुर को वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक नवीन मिश्रित वृक्षारोपण कार्यों हेतु कितनी राशि वर्ष/योजनावार प्रदाय की? (ख) उक्त अवधि में कितनी राशि व्यय कर कब व कहाँ कहाँ किस-किस योजना के तहत उक्त वृक्षारोपण कार्य कराए इनमें किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का लक्ष्य निर्धारित कर लक्ष्य के विरूद्ध कितने-कितने पौधे रोपे, में से वर्तमान में कितने जीवित/मृत हो गये इनकी सुरक्षा/अन्य कार्य हेतु कितने श्रमिक रखे गये? (ग) क्या संबंधित विभागीय अमले की अरूचि एवं देखभाल के अभाव में समस्त वृक्षारोपण स्थलों पर प्रतिवर्ष आधे से अधिक पौधे मृत हो चुके अथवा होते जा रहे हैं, के बावजूद मनमाने तरीके से संबंधित अमले द्वारा अभिलेखों में शासकीय राशि का व्यय दर्शाकर इसका दुरूपयोग किया जा रहा है? (घ) क्या गोरस, पनार, रामवाड़ी सलमान्या, खाड़ी एवं बुढेरा सहित समस्त वृक्षारोपण स्थलों व उसके आसपास के क्षेत्रों में पदस्थ अमले द्वारा वनमाफियाओं से मिलकर पेड़ों को कटावाया जा रहा है एवं वहां स्थित ठूंट इसके गवाह हैं यदि नहीं, तो क्या शासन मौके पर वृक्षों की संख्या तथा व्यय अभिलेखों की जाँच करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शासकीय राशि के दुरूपयोग करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी भूमि में खड़े वृक्षों के अवैध कटाई के प्रकरण
17. ( क्र. 4924 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा तहसील की भूमि स्वामी हक की निजी भूमि में खड़े वृक्षों के अवैध कटाई के प्रकरणों में ईमारती काष्ठ का परिवहन शासकीय काष्ठागार में किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2004-05 से वर्ष 2009-10 तक कलेक्टर/अपर कलेक्टर/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा किन-किन व्यक्तियों के ईमारती काष्ठ एवं जलाऊ के प्रकरण विभाग को जाँच एवं परिवहन हेतु प्राप्त हुये, नाम, पता, जाति, वृक्ष की प्रजाति, वृक्ष संख्या, लट्ठा घ.मी. जलाऊ, सक्षम न्यायालय, राजस्व प्रकरण न्यायालय आदेश दिनांक, परिवहन का दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) ईमारती काष्ठ के परिवहन उपरांत किन-किन व्यक्तियों को काष्ठ की कीमत कितनी-कितनी जारी की गई बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वृहद पुलों का निर्माण
18. ( क्र. 4926 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेतु निर्माण परिक्षेत्र का गठन वृहद पुलों के निर्माण कार्य हेतु किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो अनुसूचित जन जाति क्षेत्र की ग्रामीण सड़कें जो कि अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, में स्थित नदियों पर वृहद पुलों का निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को इन क्षेत्रों के वृहद पुलों के निर्माण हेतु प्रस्ताव दिये गये हैं, क्या उनकी स्वीकृति दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित ग्रामीण मार्गों में वृहद पुलों का निर्माण किया जाता है। (ग) जी हाँ, जी नहीं, अपितु प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में मार्ग स्थित होने के कारण।
वनोपजों के समर्थन मूल्य का निर्धारण
19. ( क्र. 4986 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार में अराष्ट्रीयकृत वनोपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये हैं? यदि हाँ, तो वनोपजवार समर्थन मूल्य एवं उक्त संबंधी नीति का ब्यौरा दें? (ख) विगत तीन वर्षों में किन-किन जिलों में कौन-कौन सी वनोपज कितनी-कितनी मात्रा में संग्रहित की गई? यदि संग्रहण शून्य रहा तो किस कारण? संग्रहण बढ़ाने हेतु शासन ने क्या-क्या कदम उठाये हैं? (ग) क्या बाजार में समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य वनोपज के हैं? यदि हाँ, तो शासन ने इसे सुधारने व वनोपज चलाने वालों के हित में कार्य योजना क्यों नहीं बनाई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भारत शासन द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों में यह लेख किया गया है, कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से ऐसी प्रणाली स्थापित की जाये जिससे वनवासियों (संग्रहणकर्ताओं) को उनके द्वारा संग्रहित लघु वनोपजों का उचित मूल्य मिल सकें एवं उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो। इस हेतु ट्राईफेड संस्थान के अन्तर्गत एक मूल्य निर्धारण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है जो कि विभिन्न लघु वनोपजों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रस्तावित करेगा। यह प्रस्ताव सर्वेक्षण के आधार पर प्राप्त किये गये मूल्य, संग्रहण में आने वाली लागत, लघु वनोपजों की सफाई एवं प्राथमिक प्रसंस्करण, पैकेजिंग एवं परिवहन की लागत के आधार पर तय किया जायेगा। म.प्र. शासन द्वारा भी लघु वनोपज के क्रय के लिए प्रदेश के आदिवासियों/ वनवासियों को प्रमुख लघु वनोपज के उचित मूल्य दिलाने हेतु विभिन्न लघु वनोपजों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण किया गया है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में संग्रहित की गई वनोपज की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जहाँ पर संग्रहण निरंक रहा उसका कारण स्थानीय बाजार दर का, शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से मूल्य अधिक होना रहा है। संग्रहण बढ़ाने हेतु शासन द्वारा उठाये गये कदम संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) कुछ जिलों में बाजार मूल्य से न्यूनतम समर्थन मूल्य अधिक होने पर कुछ वनोपज का संग्रहण हुआ है। न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण, भारत सरकार द्वारा राज्य शासन से विचार-विमर्श उपरान्त किया गया है, अतः अलग से कार्य योजना बनाने की आवश्यकता नहीं है।
अधिनियिम 1973 की धारा 24 (XX) के विरूद्ध जाकर नियुक्तियां
20. ( क्र. 5002 ) श्री आरिफ अकील : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 24 (XX) में स्पष्ट प्रावधान है कि विश्वविद्यालय शासन की पूर्वानुमति के बिना कोई पद निर्मित नहीं कर सकता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय कार्यपरिषद् की बैठक दिनांक 30 सितम्बर 2014 के निर्णयानुसार विश्वविद्यालय द्वारा यू.जी.सी. की 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत 11 शिक्षकों एवं 01 प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध नियुक्तियों को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत याचिका क्रमांक 3146/15 एवं 3472/15 में यथास्थिति के आदेश जारी करने के उपरांत दिनांक 10.07.15 को संबंधितों को वेतन भुगतान किए जाने के आदेश जारी किए गए जिस पर विश्वविद्यालय की ऑडिट शाखा द्वारा भी आपत्ति ली गई? (ग) यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि कुलपति द्वारा दिनांक 23 जुलाई 2015 को शासन से संबंधितों को भुगतान करने एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना नहीं हो का पत्र जारी किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य एवं अधिनियम की धारा 15 (1), (2) एवं 15 (4) का उल्लंघन किए जाने वाले कुलपति के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण सति यह बतावें कि कब तक अन्यत्र स्थानांतरित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) कुलपति बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच हेतु राज्य शासन द्वारा पत्र दिनांक 15.04.2015, 20.05.2015, 18.06.2015, 23.07.2015, 30.07.2015, 14.08.2015 एवं 25.08.2015 द्वारा माननीय कुलाधिपति को लिखा गया है, जिस पर राजभवन सचिवालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 3—3/2015/रास/यूए—1/1218 दिनांक 09.10.2015 के द्वारा डॉ. एम.डी.तिवारी, कुलपति के पदस्थी के दौरान विभिन्न अनियमितताओं की जाँच प्रचलन में है एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री ए.के.गोहिल द्वारा जाँच की जा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय की बाउण्ड्रीवॉल
21. ( क्र. 5150 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ के शासकीय महाविद्यालय परिसर में बाउण्ड्रीवाल है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों नहीं है? क्या विभाग द्वारा इसके लिये कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, की जा रही है, तो क्यों नहीं की जा रही है? (ग) क्या आगामी सत्र में शासकीय महाविद्यालय सोनकच्छ के परिसर की बाउण्ड्रीवाल हो जायेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) बाउंड्रीवाल के संबंध में प्राचार्य से प्रस्ताव चाहा गया था। प्राचार्य के पत्र क्रमांक 655 दिनांक 16.03.2016 द्वारा बाउंड्रीवाल का प्राक्कलन प्राप्त हुआ है, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में समय—सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
ढीमरखेड़ा-सिलौंड़ी-कुण्डम मार्ग का एम.डी.आर. में उन्नयन
22. ( क्र. 5404 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किन्हीं राजमार्गों पर अवस्थित स्लीमनाबाद और विलायतकला व सिहोरा से उमरियापान होकर विलायतकला, सिहोरा से सिलौडी तथा जबलपुर से अमरकंटक तक किस स्तर के मार्ग हैं और उनमें से कौनसा मार्ग वर्ष 2015 में राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री जी द्वारा घोषित किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) राष्ट्रीय राजमार्गों से व्हाया ढीमरखेड़ा तहसील मुख्यालय होकर जबलपुर से अमरकंटक नवघोषित राजमार्ग के मध्य कहाँ से कहाँ तक प्र.मं.ग्रा.स.यो. और विभागीय किन स्तरों के मार्ग हैं? (ग) रेत खदानों, क्रेसर उद्योगों एवं अन्य खनिजों के परिवहन के भारी वाहनों से प्रश्नांश (ख) मार्गों की हालत क्या है और सिलौडी मार्ग के आगे उन्नत मार्ग न होने के कारण सिहोरा से सिलौडी एम.डी.आर. मार्ग की उपयोगिता क्या है? (घ) उद्योग संचालनालय के पत्र दिनांक 14-08-2015 के परिप्रेक्ष्य में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी के पत्र दिनांक 19-01-2016 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेड़ा को लिखे पत्र में अनेक ग्रामों की भूमि रक्षा उत्पादन इकाईयों एवं औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना हेतु उद्योग विभाग को हस्तांतरित करने हेतु दिये गये निर्देश पर निकट भविष्य में आवागमन बढ़ने की दृष्टि से क्या ढीमरखेड़ा से दशरमन एवं सिलौंड़ी से कुण्डम मार्ग का म.डी.आर. के रूप में उन्नयन आवश्यक है? (ड.) प्रश्नांश (ख), (ग), (घ) मार्गों का कब तक परीक्षण कराकर डी.पी.आर. बनाई जावेगी और स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सलीमनाबाद से ढीमरखेड़ा विलायत कलां मार्ग, सिहोरा से उमरियापान होकर विलायतकलां मार्ग, तथा सिहोरा से सिलौडी मार्ग मुख्य जिला मार्ग है तथा जबलपुर से अमरकंटक मार्ग वर्तमान में राज्य राजमार्ग क्रं. 22 है। जी नहीं। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शित है। सिहोरा से सिलौडी मार्ग सिहोरा तहसील एवं कटनी जिले के ग्रामों को एन.एच. 7 से जोड़ता है। सुगम आवागमन हेतु मार्ग उपयोगी है। (घ) ढीमरखेड़ा से दशरमन मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। जी हाँ। (ड.) मुख्य जिला मार्ग योजना अंतर्गत प्राथमिकता क्रम में परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
इन्दौर-इच्छापुर मार्ग के मरम्मत
23. ( क्र. 5771 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर-बुरहानुपर-इच्छापुर मार्ग को बी.ओ.टी. के अधीन दिया गया है? क्या उक्त मार्ग पर टोल वसूली की जिम्मेदारी कंपनी की है तो क्या सड़क के रख-रखाव की जिम्मेदारी भी सड़क निर्माण कंपनी की है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त मार्ग के मरम्मत के संबंध में विभाग प्रमुख को पत्र दिनांक 06/11/2015 को लिखा जाकर मरम्मत हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या उक्त मार्ग की निविदा में यह भी शर्त है कि उक्त मार्ग के रास्ते में आने वाले ग्रामों एवं शहरों में साइड सोल्डर पक्के करने की शर्तें थी? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों/शहरों में पक्के सोल्डर किये गये हैं? (घ) यदि नहीं, किये गये हैं तो क्या कारण रहे हैं? क्या उक्त कार्य न करने से यह शर्तों का उल्लंघन है? (ड.) यदि हाँ, तो ठेका कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम नावघाटखेड़ी के समीप पुलिया निर्माण के बारे में लिखा गया, जो बार-बार मरम्मत के उपरांत भी वह पुलिया धसती जा रही है? उक्त पुलिया का निर्माण कब तक किया जावेगा? यदि साईड सोल्डर भरे गए हैं तो विगत 5 वर्षों में कितनी रायल्टी चुकाई गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक जी को सूचित कर दिया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) उत्तर 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता। (ड.) उत्तर 'ग' के परिप्रेक्ष्य में ठेका कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। इन्दौर-एदलाबाद मार्ग पर स्थित ग्राम नावघाट के समीप विभाग की कोई भी ऐसी पुलिया नहीं है, जो बार-बार निर्माण के उपरांत धसती जा रही हो अत: निर्माण का प्रश्न ही नहीं उठता, एवं शेष जानकारी के लिये भी प्रश्न नहीं उठता।
चेनलिंक/फैंसिंग का प्रस्ताव
24. ( क्र. 6031 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के वन विभाग ने किसानों की फसलों को नुकसान करने वाली नीलगायों के लिए चेनलिंक/फैंसिंग करने का प्रस्ताव क्रमांक पी.731, 732, 733 क्षेत्रफल 900 हेक्टेयर ग्राम ठकुर्रा जनपद पंचायत गौरिहार वि.स. क्षेत्र 49 चंदला का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया है? (ख) यदि हाँ, तो चेनलिंक या फैंसिंग का कार्य वन विभाग द्वारा कब तक करा लिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 24/11/2015 को ग्राम सिजई जिला छतरपुर में नीलगायों को जंगल में सुरक्षित रखने हेतु उक्त वन क्षेत्र में चेनलिंक/फैंसिंग की घोषणा की थी? (घ) यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा का पालन कब तक किया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। छतरपुर जिले में किसानों की फसलों को नुकसान करने वाली नीलगायों के लिये चेनलिंक/फैंसिंग करने हेतु वन कक्ष क्रमांक पी. 731, 732, 733 क्षेत्रफल 900 हेक्टेयर, ग्राम ठकुर्रा जनपद पंचायत गौरिहार वि.स. क्षेत्र 49 चंदला का प्रस्ताव मुख्य वन संरक्षक, छतरपुर द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय, वन्यप्राणी को प्रेषित किया गया था। (ख) प्रस्ताव व्यवहारिक न होने के कारण उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। अत: चेनलिंक या फैंसिंग का कार्य नहीं कराया गया। (ग) जी हाँ। माननीय मुख्य मंत्री जी द्वारा दिनांक 24.11.2015 की ग्राम सिजई, जिला छतरपुर में निम्न घोषणा की गई - ''नीलगायों से खेती की सुरक्षा हेतु फैंसिंग का प्रावधान करेंगे एवं कृषकों को अनुदान देने की घोषणा की गई।'' (घ) वर्ष 2016-17 में वन्यप्राणियों द्वारा फसल नुकसानी नियंत्रित करने के उद्देश्य से 2 ग्रामों हेतु सोलर फैंसिंग के प्रस्ताव मंगाये गये है। इस प्रयोग के सफल होने पर इसे अन्य क्षेत्रों में विस्तारित करने पर विचार किया जा सकेगा।
पी.आई.यू. के कार्य
25. ( क्र. 6071 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में पी.आई.यू. द्वारा 01 जनवरी 2013 से वर्तमान तक कितने कार्य स्वीकृत किए गए हैं? कार्य का नाम, स्थान, स्वीकृत राशि, पूर्णता दिनांक सहित बतावें? (ख) उपरोक्त कार्यों में से कितने पूर्ण होकर संबंधित विभाग को सुपुर्द कर दिए गए हैं, कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों में कितनी राशि आहरित की जा चुकी हैं? इनकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कार्य समय से पूर्ण न करने या मानक अनुरूप कार्य न होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई थीं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो स्वप्रेरणा से विलंब से कार्य पूर्ण करने वाले ठेकेदारों पर कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में कार्यों के कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र व किए गए निरीक्षणों का विवरण उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) आगर जिले में पी.आई.यू. द्वारा, 01 जनवरी 2013 से वर्तमान तक 24, कार्य स्वीकृत किये गये है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 24 कार्यों में से 5 कार्य पूर्ण कर संबंधित विभाग को सुपुर्द कर दिए गए है एवं 19 कार्य अपूर्ण है। आहरित राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के कार्यों में विलंब के कारण ठेकेदारों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 1 कार्य राजस्व विभाग के 07 नग आवास गृहों का पूर्णता प्रमाण पत्र दिनांक 30.09.2015 को जारी किया गया। निरीक्षण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय अशोकनगर में पदस्थ शिक्षक/प्राध्यापक
26. ( क्र. 6226 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय नेहरू महाविद्यालय अशोकनगर में शिक्षण सत्र 2015-16 में विधि विषय में प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों के विरूद्ध विभाग द्वारा ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या यहां जनभागीदारी समिति द्वारा स्ववित्तीय व्यवस्था के आधार पर विधि विषय में अध्यापन कार्य हेतु शिक्षकों को रखा जाता है? यदि हाँ, तो यह व्यवस्था कब से चली आ रही है? इस हेतु क्या विज्ञप्तियां जारी की जाती हैं? यदि नहीं, तो निर्धारित चयन प्रक्रिया का अनुपालन क्यों नहीं किया जाता है? (ग) क्या शासकीय नेहरू महाविद्यालय अशोकनगर में प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों के पद स्वीकृत हैं एवं एल.एल.बी. 3 वर्षीय पाठ्यक्रम विभाग द्वारा कन्वेशनल कोर्स के रूप में स्वीकृत है न कि स्ववित्तीय पाठ्यक्रम के रूप में, तो फिर इस स्थिति में नियम विरूद्ध प्रक्रिया अपनाकर जनभागीदारी समिति के माध्यम से स्ववित्तीय योजना के अंतर्गत शिक्षकों को किस प्राधिकार से रखा जा रहा है? इस विसंगति के लिये कौन-कौन उत्तरदायी है व शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (घ) क्या शासकीय नेहरू महाविद्यालय अशोकनगर में विधि विषय के तथाकथित अस्थाई शिक्षकों/प्राध्यापकों के संबंध में माननीय न्यायालय में कोई प्रकरण विचाराधीन था? यदि हाँ, तो उक्त न्यायालयीन प्रकरण के निर्णय एवं उसके अनुपालन की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ड.) क्या शासकीय नेहरू महाविद्यालय अशोकनगर में विधि महाविद्यालय का पृथककरण किया गया है एवं पृथक से प्राचार्य का पदांकन किया जाकर वित्तीय आहरण एवं संवितरण अधिकार प्रदाय कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? बार काउन्सिल ऑफ इंडिया के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप यहां विधि महाविद्यालय का संचालन हो इसके लिए विभाग क्या कदम उठाने जा रहा है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शासनादेश दिनांक 28.03.2001 में दिए गए निर्देशानुसार महाविद्यालय स्तर पर स्ववित्तीय व्यवस्था के आधार अध्यापन व्यवस्था वर्ष 2001-2002 से जारी है, जिस हेतु वर्षवार विज्ञप्ति जारी की जाती रही है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। विधि विषय में 01 प्राध्यापक तथा 08 सहायक प्राध्यापक के पद स्वीकृत हैं। एल.एल.बी. पाठ्यक्रम कन्वेंशनल कोर्स के रूप में स्वीकृत है, मान. उच्च न्यायालय की खंडपीठ, ग्वालियर द्वारा याचिका क्रमांक 2232/06 में निर्णय दिनांक 12 जुलाई 2006 तथा बी.सी.आई. का सम्बद्धता संबंधी पत्र क्रमांक 44, दिनांक 07 जनवरी 2008 के अनुक्रम में महाविद्यालय में अतिथि विद्वान की नियुक्ति नहीं करते हुए अस्थाई शिक्षकों को जनभागीदारी समिति के माध्यम से अध्यापन कार्य के लिए रखा जाता है। वस्तुत: न्यायालय प्रकरण होने से विसंगति आदि का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 2232/क.6 (पी.आई.एल.) में पारित निर्णय में इस आशय का उल्लेख किया गया था कि विधि के अध्यापन हेतु अतिथि विद्वान नहीं रखे जावेंगे, बल्कि अस्थायी व्यवस्था की जावेगी तदनुसार महाविद्यालय में विधि कक्षाओं में अध्यापन हेतु मान. उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार अस्थायी व्यवस्था कर ली गई थी, जो महाविद्यालय जनभागीदारी समिति ने वर्तमान तक जारी बनाए रखी है। (ड.) पृथक करण का आदेश जारी नहीं हुआ है, परन्तु पृथक प्राचार्य का पद स्वीकृत किया जा चुका है तथा विधि महाविद्यालय भी पृथक भवन में संचालित है। प्राचार्य का पदांकन नहीं है तथा पृथक से आहरण एवं संवितरण अधिकार नहीं प्रदान किए गए हैं, पृथक्करण के औपचारिक आदेश उपरांत प्राचार्य की पदस्थापना तथा आहरण अधिकार प्रदान करने की कार्यवाही की जाती है। महाविद्यालय द्वारा निरीक्षण शुल्क रूपये 1.5 लाख जमा किया जा चुका है तथा आवेदन भी बी.सी.आई. को वर्ष 2011 में ही दिया गया है।
स्वीकृत मार्ग के महानदी में सेतु निर्माण
27. ( क्र. 6257 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग ने तिलमन, सगौना, कोठी, दादरसिहुंडी, मझगवां, बीजापुरी के कटनी से किन्हीं समीपवर्ती जिलों को जोड़ने वाले किसी किलोमीटर मार्ग के जनवरी 2016 की किसी तिथि में किसी समिति की बैठक में अनुमोदन प्रदान किया जाकर किसी तिथि को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) मार्ग में किन्हीं जिला व ग्रामों के मध्य कोई नदी है और क्या उसमें सेतु बनाने हेतु भी कभी कोई प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 14/01/2015 एवं 02/0122016 द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को प्रश्नांश (क), (ख) के सेतु निर्माण हेतु किये गये लेख पर कोई कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) की डी.पी.आर. कब तक स्वीकृत कर निर्माण प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनांक 12.01.2016 को लोक निर्माण विभाग की वित्तीय व्यय समिति की 57वीं बैठक में रामपुर सगौना, कोठी, दादर सिहुडी, मेहगवां, बीजापुरी मार्ग लंबाई 13.02 कि.मी. के निर्माण हेतु रूपये 1562.60 लाख की राशि बजट में सम्मिलित कर प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने हेतु अनुशंसा की गई है। प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) जी हाँ। पत्र में उल्लेखित कार्यों का परीक्षण कराया जा रहा है। (घ) वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है और न ही स्वीकृत है, अत: निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
ई-टेण्डरिंग एवं ई-भुगतान
28. ( क्र. 6365 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग में ई-टेण्डरिंग एवं ई-भुगतान किये जाने के संबंध में आदेश कब जारी किये गये एवं म.प्र. शासन, वित्त विभाग द्वारा यह व्यवस्था, विभाग में कब लागू किये जाने के निर्देश दिए गये थे? (ख) विभाग में विलंब से ई-टेण्डरिंग एवं ई-भुगतान की व्यवस्था लागू किये जाने के कारण क्या हैं एवं वित्त विभाग के आदेश का उल्लंघन किये जाने के लिए दोषी कौन है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में विभाग में ई-टेण्डरिंग एवं ई-भुगतान की व्यवस्था लागू होने की दिनांक के पूर्व उसी वित्तीय वर्ष में बिना ई-टेण्डरिंग से कुल रूपये की खेल सामग्री व अन्य खरीदी की गई? सामग्री का नाम, संख्या सहित सामग्री प्रदाय करने वाली फर्म का नाम सहित ब्यौरा दें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) ई-टेण्डरिंग के आदेश सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा दिनांक 06.12.2014 को जारी किए गये है, जिसके अनुसार रूपये 2.00 लाख से अधिक की निविदा 01.01.2015 से ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल के माध्यम से किये जाने के निर्देश दिये गये है। वित्त विभाग के ई-टेण्डरिंग के संदर्भ में कोई निर्देश विभाग के लिए नहीं थे। ई-भुगतान की व्यवस्था दिनांक 26.02.2010 द्वारा लागू करने के निर्देश वल्लभ भवन कोषालय द्वारा पत्र क्रमांक/कोष/देयक/2010/353 दिनांक 16.02.2010 द्वारा जारी किये गये थे। (ख) ई-टेण्डरिंग ई-भुगतान व्यवस्था लागू करने में कोई विलम्ब नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
सैफ खेलों में म.प्र. के खिलाडियों का प्रदर्शन
29. ( क्र. 6392 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 5 फरवरी 2016 से 16 फरवरी के मध्य असम एवं मेघालय राज्य के गौहाटी एवं शिलांग में आयोजित सैफ खेलों में म.प्र. से कितने खिलाडियों ने किन-किन खेलों में हिस्सा लिया है? इनकी प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर क्या-क्या उपलब्धियां थी? (ख) प्रश्नांकित सैफ खेलों में म.प्र. खेल अकादमी के किन-किन खिलाडियों का किस-किस खेलों हेतु चयन हुआ था? इन खेलों में खिलाडियों के अतिरिक्त कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी/कोच प्रतिनिधिमण्डल/ऑफिशियल तौर पर किन-किन दिनांकों में सम्मिलित हुए? (ग) प्रश्नांकित खिलाडियों एवं अधिकारियों पर शासन ने कितनी राशि खर्च की है? संबंधित अधिकारियों की किन-किन खेलों में क्या-क्या उपलब्धियां थी? (घ) शासन द्वारा इन्हें भेजने का क्या औचित्य था? क्या औचित्य का परीक्षण करायेंगे? सैफ खेलों में खिलाडियों का क्या-क्या प्रदर्शन रहा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) दिनांक 5 फरवरी 2016 से 16 फरवरी के मध्य असम एवं मेघालय राज्य के गुवाहाटी एवं शिलांग में आयोजित सैफ खेलों में म.प्र. से हिस्सा लेने वाले खिलाडि़यों तथा इनकी प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। (घ) प्रदेश में विगत 10 वर्षों में खेल संस्कृति का विकास हुआ है। प्रदेश के खिलाडि़यों द्वारा राष्ट्रीय ही नहीं वरन् अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभागिता कर उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया जा रहा है। ऐशियन गेम्स में प्रदेश के 06 खिलाडि़यों ने प्रतिभागिता की है एवं कॉमन वेल्थ गेम्स में भी प्रदेश के खिलाडि़यों द्वारा प्रतिभागिता कर अकादमी की शूटिंग खिलाड़ी सुश्री वर्षा वर्मन द्वारा कांस्य पदक अर्जित किया है। खेलों में दिन-प्रतिदिन नई-नई तकनीक आ रही है, साथ ही अत्याधुनिक खेल अधोसंरचना व खेल उपकरणों का उपयोग खेलों में किया जा रहा है। वर्तमान परिदृष्य में प्रदेश के खिलाडि़यों के प्रदर्शन में निखार लाने एवं उन्हे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिये तैयार किया जाना अति आवश्यक है। चूंकि यह आयोजन भारत में ही हुआ था इसलिये प्रदेश के अधिकारियों का एक दल साउथ एशियन गेम्स के अवलोकन हेतु भेजा गया था, जिससे अधिकारियों की समझ भी अत्याधुनिक खेल तकनीकी ज्ञान के अनुरूप हो सके। अतः औचित्य के परीक्षण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रदेश के खिलाडि़यों की प्रदर्शन संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है।
अलीराजपुर जिले में कौशल विकास केन्द्रों के शिक्षार्थियों को रोजगार
30. ( क्र. 6424 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में कितने कौशल विकास केन्द्रों में कितने विद्यार्थी विगत 5 वर्षों में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं? (ख) कितने विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप प्रदान की गई? (ग) कितने विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त हुआ विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पुल, पुलिया एवं मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति
31. ( क्र. 6433 ) श्री राजकुमार मेव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में विधानसभा क्षेत्र वार कितने-कितने कार्य, कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से मार्ग, स्वीकृत किये गये है? कितने कार्य पूर्ण किये? कितने कार्य अपूर्ण है? समावधि के पश्चात अपूर्ण रहने का क्या कारण है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में खरगोन जिले में कितनी राशि के एवं कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये कितने कार्य पूर्ण हुये, कितने कार्य अपूर्ण है? कितने कार्य समयावधि के पश्चात भी अपूर्ण है? अपूर्ण रहने का क्या कारण है? कार्यवार जानकारी दी जावे तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के अंतर्गत पुल, पुलिया एवं मार्ग निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कौन-कौन से कार्यों के लिए किस-किस दिनांक को प्रस्ताव भेजे गये? प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? कौन-कौन से मार्ग निर्माण के कार्यों के प्राक्कलन बनाने हेतु कनिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये गये? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये प्रस्तावों पर विभाग द्वारा विगत दो वर्षों से कोई भी विचार नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? क्या वर्ष 2016-17 के बजट में प्रश्नकर्ता द्वारा बताए गए अति महत्वपूर्ण प्रस्तावित पुल,पुलिया एवं मार्गों की स्वीकृति हेतु राशि का प्रावधान किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शेष विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
झारखंड में आयोजित पदक विजेयताओं खिलाडि़यों के प्रशिक्षकों को प्रावधानित राशि
32. ( क्र. 6453 ) श्री तरूण भनोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दिनांक 13.07.2012 को झारखण्ड राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले पदक विजेयता खिलाडि़यों को पुरस्कार राशि देने के दौरान प्रदेश के मान. मुख्यमंत्री ने उनके प्रशिक्षकों को प्रावधानित राशि की दुगनी राशि देने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या संचालक खेल एवं युवा कल्याण म.प्र. ने सचिव, म.प्र शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग भोपाल को अपने पत्र क्रमांक 3475 दिनांक 24.08.2012 को राष्ट्रीय खेल झारखण्ड में पदक विजेयता खिलाडि़यों के प्रशिक्षकों को दुगनी पुरस्कार राशि दिये जाने हेतु एवं प्रश्नकर्ता ने भी अपने पत्र क्रमांक 2851 दिनांक 17.07.2015 को लेख किया था? (ग) यदि हाँ, तो उक्त लेख किये गये पत्रों पर शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की? (घ) अब कब तक मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार एवं लेख किये गये पत्रों के आधार पर उक्त प्रशिक्षकों को प्रावधानित राशि से दुगनी पुरस्कार राशि का भुगतान किया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) आज दिनांक तक विधिवत घोषणा प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी हाँ। (ग) शासन से संबंधित है। (घ) प्रकरण में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
नयागांव लेवड फोरलेन अतंर्गत रतलाम ग्रामीण के मार्ग का रख-रखाव
33. ( क्र. 6505 ) श्री मथुरालाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नयागांव से लेबड फोरलेन मार्ग में रतलाम ग्रामीण क्षेत्र का लगभग 55 किमी का फोरलेन मार्ग समाहित है? क्या उक्त मार्ग एवं डिवायडरों का रख-रखाव, वाहनों व वाहन चालकों एवं यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान निर्धारित मापदण्डों अनुसार किया जा रहा है? निर्धारित किये गये मापदण्डों सहित सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें? (ख) प्रश्नांश (क) का हाँ, तो वर्तमान में मार्ग की स्थिति जीर्णशीर्ण क्यों है? डिवाइडरों को जगह-जगह से तोड़कर रास्ता किस प्रकार और क्यों बना लिया जाता है? आसानी से डिवाईडर कैसे तोड़े जा सकते है? तोड़े गये डिवाइडरों की मरम्मत क्यों नहीं हो पा रही है? डिवाइडरों में वाहनों के लाईट रिफलेक्शनों को रोकने के लिये झाडि़यों अथवा बड़े पौधों की रोपड़ी एवं उनका रख-रखाव विगत चार वर्षों से क्यों नहीं किया जा रहा है? मार्ग के ब्रिजों पर एवं अन्य स्थलों पर प्रकाश हेतु प्रावधित की गई स्ट्रीट लाइटें क्यों नहीं जल पा रही है? टोल नाकों पर अत्यधिक समय क्यों और किन कारणों से लगता है? दो पहिया, आपातकालीन वाहनों एवं व्ही.आई.पी. वाहनों के लिये टोल पर पृथक-पृथक व्यवस्था क्यों नहीं की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो क्या सरकार उक्त फोरलेन पर उपरोक्तानुसार वाहनों के आवागमन को सुगम, सुरक्षित, सुविधायुक्त एवं जान-माल की हानि न हो इस हेतु कोई सार्थक कार्ययोजना बना रही है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग के डिवाइडरों का रख रखाव, वाहनों व वाहन चालकों एवं यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान निर्धारित मापदण्डों अनुसार किया जा रहा है। निर्धारित किये गये मापदण्ड अनुबंध के शेड्यूल 'के' एवं शेड्यूल 'एम' पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मार्ग की स्थिति जीर्ण-शीर्ण नहीं है। मार्ग का संधारण एक नियमित सतत् प्रक्रिया है, जिसे निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा किया जाता है फोरलेन मार्ग पर दांयी लेन से बायीं लेन और बायीं लेन से दांयी लेन जाने हेतु मीडियन ओपनिंग की गई है, जहाँ से वाहन आसानी से दूसरी ओर की लेन में जा सकते है। कतिपय असामाजिक तत्वों द्वारा मीडियन (डिवाईडर) तोड़कर वहां से वाहन ले जाते है। उन टूटे हुए डिवाईडर को बार-बार निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा बनाया जाता है। मीडियन की झाडियों का रख-रखाव भी मार्ग संधारण की श्रेणी में आता है, जिन्हें निरंतर किया जाना है। लेबड-जावरा फोरलेन पर अनुबंधानुसार 73 स्थानों पर विद्युत संयोजन किया जाना है, जिसमें 16 स्थानों पर विद्युत संयोजना किया गया है, शेष प्रगतिरत है। बिलपांक टोल नाके पर भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण दो पहिया वाहन के लिये अतिरिक्त लेन नहीं बनाई गई, जिस कारण अत्यधिक समय लगता है। (भूमि विवाद के कारण उच्च न्यायालय में प्रकरण प्रचलित है।) (ग) लेबड-नयागांव फोरलेन मार्ग आवागमन के लिये सुगम, सुरक्षित, सुविधायुक्त मार्ग है। जनधन की हानि का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। शासन स्तर से और कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
विश्राम गृह का निर्माण
34. ( क्र. 6535 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिलें की विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत नगर पंचायत छापीहेड़ा एवं नगर पंचायत माचलपुर में विश्राम गृह निर्माण किये जा सकते है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत नगर पंचायत छापीहेड़ा एवं नगर पंचायत माचलपुर में विश्राम गृह निर्माण की कार्य योजना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो कब तक प्रस्तावित की जावेगी? (ग) क्या विश्राम गृह निर्माण की योजना लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक विश्राम गृह निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक क्षेत्र में आवंटित भूखण्डों पर उद्योग स्थापित
35. ( क्र. 6656 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 5 वर्षों में टीकमगढ़ स्थित औद्योगिक क्षेत्र ढोंगा में कितने उद्यमियों को भूखण्डों का आवंटन किया गया है? कब-कब, किसे आवंटन हुआ? नाम सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) आवंटित उद्यमियों में से कितने उद्यमियों ने उद्योग स्थापित किया? कितनों ने नहीं किया? अलग-अलग सूची दें। (ग) स्थापित किये गये उद्योगों में से कितने वर्तमान में चालू है? कितने कब से बंद है? बंद उद्योगों को चालू कराने हेतु क्या कार्यवाही हुई? (घ) भूखण्ड आवंटन पश्चात कितनी समयावधि में उद्योग स्थापित करने का नियम है नियमों के उल्लंघन की स्थिति में क्या आवंटन निरस्त होने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कार्यवाही का पालन क्यों नहीं किया गया।
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) भू-खण्ड आवंटन के पश्चात आधिपत्य दिनांक से लघु उद्योगों हेतु 02 वर्ष, मध्यम उद्योगों हेतु 03 वर्ष व वृहद उद्योगों हेतु 04 वर्ष की समय-सीमा में उद्योग स्थापित करने का नियम है। जी हाँ। समयावधि में उद्योग स्थापना होने के कारण कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शिक्षक संवर्ग के व्ही.आर.एस. लेने के आवेदनों पर कार्यवाही
36. ( क्र. 6727 ) श्री जितू पटवारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के तकनीकी शिक्षा विभाग में शिक्षकीय संवर्ग में वी.आर.एस. लेने के क्या नियम हैं वर्तमान में वी.आर.एस. प्राप्त करने के लिए किन-किन शिक्षकों के कितने प्रकरण विचाराधीन हैं? नामवार, विषयवार एवं दिनांकवार जानकारी दी जावे? (ख) तकनीकी शिक्षा विभाग से धारणाधिकार प्राप्त कर बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा स्थायी सेवा में चयन किये गये शिक्षकीय संवर्ग के किस आवेदक द्वारा विभाग से नियमों के अनुरूप वी.आर.एस. प्राप्त करने हेतु वर्ष 2013 में आवेदन प्रस्तुत किया था? यदि हाँ, तो प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग के पत्र क्रमांक प्रशा./2/राज./जी/2013/926 दिनांक 14.08.13 एवं क्रमांक 1699 दिनांक 22.12.14 तथा क्रमांक 338 दिनांक 17.03.15 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय को लिखे गये पत्रों से संबंधित प्रकरण में वी.आर.एस. स्वीकृत किये जाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? विलंब के लिये कौन उत्तरदायी है एवं कब तक निर्णय लेकर कार्यवाही की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। डॉ. प्रकाश वर्मा, प्राध्यापक मैकेनिकल, इंजीनियर का दिनांक 01.05.2016 से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन प्राप्त हुआ है। (ख) डॉ. अनुपम पाठक, व्याख्याता फार्मेसी से प्राप्त स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्वीकृति आवेदन विभागीय आदेश दिनांक 21.03.2016 द्वारा अमान्य किया गया है। (ग) प्रश्नांक ''ख'' में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पवई विधानसभा क्षेत्र में नवनिर्मित सड़कों की स्थिति
37. ( क्र. 6736 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2011-2012 के बाद से फरवरी 2016 तक कौन-कौन सी नई सड़कें बनाई गयी या बनाई जा रही है? (ख) इन सड़कों की लागत और फरवरी 2016 तक निर्माण की स्थिति तथा निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदारों को भुगतान की गयी राशि का विवरण देवें? (ग) क्या टिकरिया से बुधरोड़, सिमरा से पवई, बिलपुरा से मलघन और कुंआताल से टपरियन मार्गों की गुणवत्ता में कमी और खस्ता हालत के बारे में प्रश्नकर्ता विधायक और अन्य नागरिकों ने विभाग और शासन को समय-समय पर शिकायतें की हैं? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या लोक निर्माण के मुख्य अभियंता, सागर और अधीक्षण अभियंता समय-समय पर सड़कों की स्थिति की जाँच कराते हैं? यदि हाँ, तो दिनांक 01.04.2011 से फरवरी 2016 तक पवई विधानसभा क्षेत्र में किन सड़कों की जाँच की गयी और उनके क्या परिणाम निकले?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के स्तम्भ 8 एवं 9 अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के स्तम्भ 9 एवं 10 एवं 'ब' अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
38. ( क्र. 6738 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डब्ल्यू.बी.एम. रिपेयरिंग आफ बरही एप्रोच रोड लम्बाई 3 किलोमीटर लोक निर्माण विभाग रीवा द्वारा ई-टेन्डरिंग निविदा क्रमांक 20421 (दैनिक जागरण समाचार पत्र) विज्ञापन के माध्यम से जारी की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो पी.डब्ल्यू.डी. विभाग द्वारा परफॉर्मेंस राशि एवं सिक्योरिटी राशि जमा कराकर कार्य करने हेतु अनुबंध 264/डी.एल./2014-15 दिनांक 23.02.2015 कार्य समय दो माह कराया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में यदि हाँ, तो उपरोक्त कार्य प्रारंभ कराये गए? यदि हाँ, तो कार्य की क्या स्थिति है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट बतावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में कौन दोषी है? दोषी का नाम बतावें? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कारण बताते हुए कार्यवाही की समय-सीमा बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ, निविदा क्रमांक 20421 नहीं अपितु 1042। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। स्थानीय नागरिकों द्वारा विवाद उत्पन्न होने के कारण कार्य नहीं किया जा सका। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में कोई दोषी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु शासन की कोई योजना
39. ( क्र. 6742 ) श्रीमती अर्चना चिटनिस : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बुरहानपुर जिले में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के संबंध में शासन की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो उद्योग विभाग को कितनी भूमि आवंटित की गई है, तथा इसमें शासन द्वारा क्या-क्या मूलभूत सुविधाएं विकसित करने एवं गतिविधियां संचालित करने का प्रावधान है? कितना क्षेत्रफल प्रस्तावित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि शासन द्वारा कार्यवाही की जा रही है तो कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या शासन द्वारा कार्यवाही पूर्ण किये जाने की कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो कब तक?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) बुरहानपुर जिले में ग्राम रेहटा-खाडकोद की 30.58 हेक्टेयर भूमि पर नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना प्रस्तावित है। जिसके लिए डी.पी.आर. बनाने हेतु कन्सलटेंट नियुक्ति किया गया है। नियुक्त कंसलटेंट द्वारा कतिपय तकनीकी एवं व्यवहारिक कठिनाई इंगित की गई है। कंसलटेंट द्वारा इंगित कठिनाई के फलस्वरूप परियोजना का क्रियान्वयन वर्तमान में स्थगित रखा गया है।
वनग्रामों तक मूलभूत सुविधाओं के संबंध में
40. ( क्र. 6776 ) श्री सचिन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में कुल कितने वन ग्राम हैं? तहसीलवार, वनपरिक्षेत्रवार वनग्रामों की जानकारी दें? (ख) उक्त वन ग्रामों में सड़क, बिजली, पानी इत्यादि जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है हाँ, तो बतायें नहीं तो कारण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कौन-कौन से उक्त वनग्राम प्रश्नांश (ख) में दर्शित सुविधाओं से वंचित हैं और इसके लिए शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) विद्युतविहीन वनग्रामों में कब तक विद्युत सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी एवं सड़क विहीन वनग्रामों को सड़क मार्ग निर्माण कराकर उन्हें कब तक मुख्य धारा से जोड़ा जायेगा? (ड.) विगत 03 वर्षों में उक्त वनग्रामों की मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराये जाने हेतु कुल कितना-कितना बजट किस-किस कार्य के लिए खर्च किया गया और कितना शेष रहा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) इन्दौर संभाग में कुल 257 वनग्राम हैं। 8 वन ग्राम जिनमें बिजली की सुविधा नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ अनुसार बजट की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) उत्तरांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ में वर्णित वनग्रामों में सड़क की सुविधा उपलब्ध है। विद्युतविहीन वनग्रामों में विद्युत व्यवस्था करने की समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
ग्वालियर में पी.एच.डी. परीक्षा
41. ( क्र. 6799 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में पी.एच.डी. प्रवेश परीक्षा सी.ई.टी. 2015 में क्या सभी परिक्षार्थियों को दोनों माध्यम में प्रश्न पत्र विवरण किये गये थे? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) यदि हाँ, तो प्रबंध विषय में मात्र अंग्रेजी माध्यम में प्रश्न पत्र शोधार्थियों को क्यों वितरण किया गया? (ग) क्या प्रबंध विषय में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई क्या वंचित छात्रों को क्या राहत देंगे?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। प्रबंध, विधि एवं विज्ञान में अंग्रेजी माध्यम से प्रश्न पत्र वितरित किये गये। (ख) प्रबंध, विधि एवं विज्ञान विषय में अध्ययन/अध्यापन कार्य अंग्रेजी भाषा में किया जाता है। (ग) जी नहीं, समस्त विषयों में आरक्षण नियमों का पूर्णत: पालन किया गया।
स्थानांतरण पर कार्य मुक्त
42. ( क्र. 6800 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रीमती अर्चना श्रोत्रिय प्राध्यापक वनस्पति शास्त्र को स्थानांतरण पर शासकीय महाविद्यालय जीरापुर हेतु कार्यमुक्त किया गया? इस पर माननीय न्यायालय ने यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया तब श्रीमती श्रोत्रिय को वापिस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुना में किस आदेश के तहत कार्यभार ग्रहण कराया गया? (ख) क्या श्रीमती अर्चना श्रोत्रिय स्थानांतरण प्रकरण में प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय गुना ने उच्च शिक्षा विभाग को किसी अधिकारी की भूमिका को संदेहास्पद मानते हुये कार्यवाही करने का निवेदन किया है? यदि हाँ, तो प्राचार्य के निवेदन पर उच्च शिक्षा विभाग ने क्या कार्यवाही की है? यदि कोई जाँच हुई हो तो उस दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या श्रीमती श्रोत्रिय ने जिस आधार पर न्यायालय की शरण ली थी की वे स्वयं एवं उनके पति एक ही संस्था में कार्यरत है एवं वर्तमान में यह आधार निष्प्रभावी हो चुका है क्योंकि श्रीमती श्रोत्रिय के पति वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय आरोन में पदस्थ है? क्या इस तथ्य से न्यायालय को अवगत कराया गया है, यदि नहीं, तो इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है एवं उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की? (घ) क्या उक्त कार्य में तत्कालीन मुख्य लिपिक की भूमिका संदिग्ध है, क्योंकि उसने सेवा पुस्तिका में भी रिलीविंग व ज्वाईनिंग की प्रविष्टि नहीं की गई? मुख्य लिपिक व संबंधित प्राध्यापक के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे या कार्यवाही प्रस्तावित है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। कार्यमुक्त पश्चात प्रभारी प्राचार्य गुना द्वारा नियम विरूद्ध पुन: कार्यभार ग्रहण करने से प्रभारी प्राचार्य डॉ. नूतन कुलश्रेष्ठ को निलंबित कर जाँच की जा रही है। (ख) जी हाँ। वर्तमान नियमित प्राचार्य द्वारा प्रतिवेदन भेजे जाने पर तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य डॉ. नूतन कुलश्रेष्ठ को आदेश दिनांक 15.02.2016 द्वारा निलंबित किया गया। विभागीय जाँच के निष्कर्ष उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। इस तथ्य को अतिरिक्त जवाबदावा के माध्यम से माननीय न्यायालय को अवगत कराने की प्रक्रिया जारी होने से कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जाँच में तत्कालीन प्रभारी मुख्य लिपिक श्री संतोष सक्सेना प्रयोगशाला तकनीशियन को निलंबित किया गया है। जाँच के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
मास्टर ऑफ टेक्नालॉजी (एम.टेक.) के परिणाम
43. ( क्र. 6819 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा एम. टेक. डिग्री की अवधि एवं परीक्षा परिणाम कब तक परीक्षा आयोजित करने के कितने समय बाद परिणाम घोषित करने एवं छात्रों को डिग्री देने के क्या मापदंड हैं? (ख) क्या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा वर्ष 2012-14 एम.टेक. डिग्री के सभी ब्रांचों के परीक्षा परिणाम एवं अधीनस्थ कॉलेजों द्वारा तय समय-सीमा में घोषित किये जा चुके है एवं छात्रों को डिग्री प्रदान कर दी गई है? (ग) क्या कम्प्यूटर साइंस ब्रांच एम.टेक. वर्ष 2012-14 के परिणाम राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल एवं उनके अधीनस्थ कॉलेज लक्ष्मी नारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी भोपाल द्वारा परिणाम एवं डिग्री छात्र-छात्राओं को प्रश्न दिनांक तक प्रदान नहीं की गई है? (घ) कम्प्यूटर साइंस ब्रांच एम.टेक. वर्ष 2012-14 परिणाम एवं डिग्री कब तक प्रदान की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
धामनोद एवं धरमपुरी कॉलेजों में विज्ञान संकाय प्रारंभ करने बाबत्
44. ( क्र. 6846 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक छात्रों को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मान्य समस्त संकायों की शिक्षा प्राप्त करने की उचित सुविधा उपलबध कराना शासन की जवाबदारी है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित धामनोद एवं धरमपुरी महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को संस्था प्रारंभ से ही मात्र कला एवं वाणिज्य संकाय की सुविधा ही क्यों दी जा रही है? (ग) विज्ञान एवं गणित संकाय आदि की उच्च शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने की निरंतर मांग करने के बावजूद अब तक उक्त सुविधा से वंचित रखे जाने का कारण बतावें, तथा आगामी शिक्षा सत्र 2016-17 से उक्त संस्थाओं में विज्ञान एवं गणित आदि उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध करा दी जावेगी अथवा नहीं बतावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासन की मंशा अध्ययनरत छात्रों को उचित सुविधा उपलब्ध कराना है। (ख) उपलब्ध संसाधन एवं आवश्यकता को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार।
लोहा व्यवसाय को व्यापर में शामिल किया जाकर लोहा मण्डी की विधिवत स्थापना
45. ( क्र. 6849 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोहा व्यवसायी एवं निर्माता संघ भोपाल के पत्र दिनांक 25-2-13 पर महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र भोपाल के द्वारा उद्योग आयुक्त उद्योग संचालनालय भोपाल को पत्र पृ.क्र. जिव्याउके-भो/अधोविक/2014/1947 दिनांक 1-3-14 प्रेषित कर लोहा व्यापार की गतिविधियों को अन्य बातों के साथ ही साथ उद्योग विभाग के कार्यक्षेत्र में समाहित किये जाने हेतु निर्माण लिए जाने के लिए प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर उद्योग विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या लोहा व्यापार को उद्योग के रूप में मान्य करते हुए इनके व्यवसाय को संरक्षण प्रदान करने, उन्हें व्यवस्थित स्थान दिये जाने हेतु उद्योग विभाग सुनियोजित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? कारण बतायें? (घ) क्या लोहा मण्डी की भोपाल शहर में सुनियोजित स्थापना हेतु उद्योग विभाग शीघ्र कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? कारण बतायें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) उद्योग संचालनालय ने म.प्र.लघु उद्योग निगम को पत्र भेजकर लोहा व्यवसायी एवं निर्माता संघ के व्यवस्थापन हेतु जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित कान्हासैया की भूमि पर प्रस्ताव चाहा गया है। (ग) एवं (घ) जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित कान्हासैया की भूमि का हस्तांतरण विभाग के नाम होने पर विचार किया जावेगा।
अपूर्ण सड़कें
46. ( क्र. 6853 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में 1 अप्रैल 2004 से 2008 की अवधि में मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार कौन-कौन सी सड़कों हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई? उक्त सड़कें की लम्बाई तथा पुल-पुलिया की संख्या बतायें? (ख) उक्त सड़कों में से किन-किन सड़कों का कार्य कब पूर्ण हुआ? किन-किन सड़कों का कार्य अपूर्ण है तथा क्यों? सड़कवार कारण बतायें? कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) उक्त सड़कों में कहाँ-कहाँ पर पुल का निर्माण होना था? उक्त पुल निर्माण हेतु राशि स्वीकृत क्यों नहीं की गई? (घ) 1 अप्रैल 14 से प्रश्न दिनांक तक मान. मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को उक्त सड़कों का कार्य पूर्ण कराने एवं पुल स्वीकृत हेतु किन-किन विधायकों के पत्र प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं पुल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' अनुसार है।
प्राचीन मंदिरों का रख-रखाव
47. ( क्र. 6876 ) श्री राजकुमार मेव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 को दृष्टिगत रखते हुये विधानसभा क्षेत्र महेश्वर अंतर्गत नगर महेश्वर, मण्डलेश्वर, करही, ग्राम चोली एवं बाराद्वारी, गंगातखेड़ी आदि ग्रामों में स्थापित अति प्राचीन एवं पुरातन महत्व के मंदिरों के रख-रखाव, जीर्णोद्धार एवं संकेतक लगाने की क्या कार्ययोजना बनाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन से धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार, रख-रखाव हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई वर्तमान में स्वीकृत कार्यों की क्या स्थिति है? (ग) क्या श्रद्धालुओं एवं यात्रियों की सुविधा हेतु संकेतक लगाये गये हैं? यदि नहीं, तो कब तक लगाये जावेंगे? क्या प्राचीन पुरातन महत्व के मंदिर, स्थलों आदि की जानकारी हेतु कोई पुस्तिका का प्रकाशन किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जावेगा ताकि धर्म प्रेमी जनता को दर्शन करने में सुविधा हो? (घ) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर अंतर्गत कितने प्राचीन, पुरातन महत्व के धार्मिक स्थल/मंदिर, विभाग में दर्ज हैं एवं कौन-कौन नाम व ग्राम से दर्ज हैं? सूची उपलब्ध कराई जावे? क्या अभी भी पुराने प्राचीन मंदिर या दर्शनीय धार्मिक स्थल विभाग में दर्ज होने से छूटे हुये हैं? इन्हें कब तक विभाग में सूचीबद्ध कर लिया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के अंतर्गत महेश्वर-14 मण्डलेश्वर - 2 करही - 3 चोली - 3 अति प्राचीन शासन संधारित मंदिर है। ग्राम बारादवारी एवं गंगातखेडी में अति प्राचीन शासन संधारित मंदिर नहीं है। पुरातत्व महत्व के निम्नानुसार मंदिर है :- (1) गोरीसोमनाथ मंदिर-ग्राम चोली (2) कालेश्वर मंदिर - महेश्वर (3) केशव मंदिर - महेश्वर। वर्तमान में शासन संधारित मंदिरों में जीर्णोद्धार की आवश्यकता नहीं होने से कोई प्रस्ताव विभाग को प्राप्त नहीं हुये है। जो मंदिर अति प्राचीन मंदिर शासन संधारित नहीं है उनके जीर्णोद्धार हेतु कोई आवंटन नहीं दिया जाता है। शासन संधारित मंदिरों में संकेतक पूर्व से लगे हुये है कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई है। (ख) वर्तमान में शासन संधारित अति प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार की कोई आवश्यकता नहीं होने से राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ग) सिंहस्थ 2016 में आने वाले श्रद्धालुओं एवं यात्रियों की सुविधा हेतु पूर्व से शासन संधारित मंदिरों के संकेतक लगे हुये है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खेलों को मान्यता
48. ( क्र. 6897 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में देशी खेलकूद प्रोत्साहन हेतु किन-किन खेलों का शासन ने मान्यता दी? उक्त खेलों के अयोजनों, प्रोत्साहन आदि पर शासन ने वर्ष 2013 से जनवरी 2016 तक क्या-क्या कदम उठाये, व्यय राशि व निर्धारित नीति का ब्यौरा दें? (ख) राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय खेलों में किन-किन खेलों को विभाग द्वारा मान्यता दी गई है? प्रदेश के किन-किन खेल संघों को तीन वर्ष में क्या-क्या खेल सहायता प्रदान की? (ग) उज्जैन संभाग में जिलेवार पंजीकृत खेल संस्थाओं का जिलेवार ब्यौरा क्या है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा प्रदेश के राज्य स्तरीय खेल संघों को नियमानुसार विभागीय मान्यता प्रदान की जाती है, खेलों को नहीं। वर्ष 2015-16 में मध्यप्रदेश एमेच्योर व्हॉलीबॉल संघ देवास, मध्यप्रदेश टेबल टेनिस संघ इन्दौर, मध्यप्रदेश टेनिस संघ इन्दौर, मध्यप्रदेश एमेच्योर कबड्डी संघ भोपाल, मध्यप्रदेश एमेच्योर क्याकिंग कैनोइंग संघ भोपाल एवं मध्यप्रदेश बास्केटबॉल संघ उज्जैन को विभागीय मान्यता प्रदान की गई है। विभाग द्वारा प्रदेश में उक्त खेलों के जिला, संभाग, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता का आयोजन, अधिकृत प्रतियोगिता आयोजन हेतु खेल संघों को अनुदान, खिलाडि़यों को अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयन होने पर भाग लेने व किट हेतु आर्थिक सहायता, राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु ट्रेकसूट एवं प्रतियोगिता स्थल पर आने-जाने का किराया (रियायती दरों का), अन्तर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक अर्जित करने पर पुरस्कार राशि प्रदान की गई है। उक्त सारी योजनाओं पर विभाग द्वारा वर्ष 2013 से जनवरी 2016 तक राशि रू. 41,11,70,000/- का व्यय किया गया है। खेल नीति 2005 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय स्तर पर विभाग द्वारा खेल संघों को मान्यता प्रदान नहीं की जाती। प्रदेश स्तर के खेल संघों को संचालनालय द्वारा गत 03 वर्षों में प्रतियोगिता आयोजन हेतु अनुदान स्वीकृत किया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा खेल संस्थाओं के पंजीकरण का कार्य संपादित नहीं किया जाता है, वरन् राज्य स्तरीय खेल संघ/संस्थाओं को नियमानुसार विभागीय मान्यता प्रदान की जाती है। अतएव जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है।
फुटबाल संघों को अनुदान
49. ( क्र. 6912 ) श्री बाला बच्चन : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने की दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किन-किन फुटबॉल संघों को राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर विगत 3 वर्षों में कितनी अनुदान राशि, आर्थिक सहायता प्रदान की गई एवं दी गई राशि से क्या कार्य संपन्न हुये? (ख) प्रदेश स्तरीय एवं जिला स्तरीय फुटबॉल संघों को उपलब्ध कराये गये अनुदान के उपयोग का सत्यापन क्या विभाग द्वारा कराया गया है? यदि हाँ, तो किस स्तर के अधिकारी ने सत्यापन किया एवं जाँच में क्या पाया गया? (ग) जिला फुटबॉल संघ भोपाल को विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा दी गई सहायता राशि से आयोजित कार्यक्रमों के संबंध में अनियमितता की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? क्या उनकी जाँच करायी गयी एवं उसमें क्या स्थिति पायी गयी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) संचालनालय द्वारा विगत 03 वर्षों में फुटबॉल संघ को अनुदान स्वीकृत नहीं किया गया है। जिलों से विगत 03 वर्षों में फुटबॉल संघ को स्वीकृत अनुदान की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) विभाग द्वारा प्रदेश स्तरीय या जिला स्तरीय खेल संघों को स्वीकृत अनुदान का सत्यापन नहीं किया जाता है। प्रतियोगिता आयोजन उपरान्त खेल संघ प्राप्त अनुदान का उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को प्रस्तुत करते है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला फुटबॉल संघ, भोपाल को विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा किसी प्रकार की आर्थिक सहायता स्वीकृत नहीं की गई है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विदिशा जिला अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य
50. ( क्र. 6936 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा कुआखेडी से गंज बासौदा तक सड़क निर्माण कराया गया है साथ ही अब पर्यटन सड़क के रूप में सड़क चौड़ीकरण कार्य कराया जायेगा? (ख) क्या ग्राम महेन्देर तहसील गुलाबगंज के कृषकों की सड़क निर्माण में ली गई भूमि का मुआवजा अभी तक भुगतान नहीं किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) शासन स्तर पर मान. मुख्यमंत्री महोदय के निर्देश पर तहसील गुलाबगंज द्वारा सर्वे कर अधिगृहित की गई एवं की जाने वाले कुल रकबा 0.810 हे. का मुआवजा देने का प्रतिवेदन लोक निर्माण विभाग को भेजा गया था परंतु विभाग द्वारा भुगतान न करने का क्या कारण? (घ) शासन ग्राम महेन्देर के कृषकों को मुआवजा का भुगतान कब तक करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में चौड़ीकरण का कार्य प्रगति पर है। (ख) जी हाँ। तत्समय कृषकों से सहमति लेकर मार्ग का निर्माण कराया गया भूमि अधिग्रहण प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सड़कों का कार्य समय-सीमा में पूर्ण करना
51. ( क्र. 6937 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र विदिशा में विगत 03 वर्षों में लोक निर्माण विभाग अधीन कितने सड़क कार्य स्वीकृत किये गये वर्षवार मार्गवार स्वीकृत सड़क निर्माण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में स्वीकृत सड़क निर्माण कार्यों में से कितने सड़क कार्य पूर्ण है एवं कितने अप्रारंभ अवस्था में है, अथवा अपूर्ण अवस्था में है? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में कार्य अपूर्ण अप्रारंभ रहने के कारण सहित जानकारी दें एवं उक्त कार्यों के पूर्ण किये जाने की निश्चित अवधि क्या थी? क्या शासन शीघ्र ही समय-सीमा में कार्य पूर्ण किये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक जानकारी उपलब्ध करायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार।
चित्रकला, मराठी, संगीत एवं नृत्य विषय में स्वीकृत रिक्त पद
52. ( क्र. 6956 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के शासकीय महाविद्यालयों में चित्रकला, मराठी, संगीत व नृत्य के कितने स्वीकृत पद हैं? (ख) उक्त विषयों में कितने प्राध्यापक व सहा. प्राध्यापक कार्यरत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ग) उक्त विषयों के रिक्त पदों को भरने की क्या कार्यवाही की गई है? विषयवार जानकारी उपलब्ध करवावे?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय में चित्रकला में प्रा. 07, सहा.प्रा. 27, मराठी में प्रा. 02, सहा.प्रा. 09, संगीत में प्रा.05, सहा.प्रा. 35 एवं नृत्य में प्रा. 01, सहा.प्रा. 11 के पद स्वीकृत हैं। (ख) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में चित्रकला में कार्यरत प्रा. 02, सहा.प्रा. 21/रिक्त प्रा. 05, सहा.प्रा. 06, मराठी में कार्यरत में प्रा. 00, सहा.प्रा. 01/रिक्त प्रा. 02, सहा.प्रा. 08, संगीत में कार्यरत प्रा. 04, सहा.प्रा. 27/रिक्त प्रा. 01, सहा.प्रा. 08 एवं नृत्य में कार्यरत प्रा. 00, सहा.प्रा. 05/रिक्त प्रा. 01, सहा.प्रा. 06 हैं। (ग) उक्त विषयों में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी हो चुका है, जिसमें चित्रकला विषय में छात्र संख्या नगण्य होने से उनके पद विज्ञापित नहीं हो सके हैं। शेष विषयों में मराठी में सहा.प्रा. के 08, संगीत में सहा.प्रा. के 09 एवं नृत्य में सहा.प्रा. के 14 पद विज्ञापित हुए हैं। उल्लेखनीय है कि टंकण एवं गणितीय त्रूटि के कारण संगीत एवं नृत्य विषय में रिक्त पदों से अधिक पद विज्ञापित हो गये हैं जिसमें विज्ञापित पदों में संशोधन कराया जा रहा है।
भिण्ड जिले के लहार में आयोजित विधायक कप प्रतियोगिता में आर्थिक अनियमितता
53. ( क्र. 6971 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र में माह फरवरी 2016 में कौन-कौन सी खेल प्रतियोगिता आयोजित की गई और इन प्रतियोगिताओं हेतु खेल विभाग द्वारा कितनी राशि का आवंटन किस-किस कार्य हेतु दिया गया था उसमें कितना-कितना व्यय किस-किस कार्य हेतु किया गया? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या लहार में कबड्डी खेल हेतु आयोजित विधायक कप प्रतियोगिता में खेल अधिकारी श्रीमती मकसूद मिर्जा द्वारा विभाग द्वारा आवंटित राशि में आयोजन पर हुए व्यय का पूर्ण भुगतान न कर आर्थिक अनियमितताएं की है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच कराकर दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय विभागीय मंत्री एवं संचालक खेल एवं युवा कल्याण को माह फरवरी 2016 में लिखित शिकायत की थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नोत्तर ‘‘ख’’ के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। प्राप्त शिकायत पर जाँच की जा रही है।
सबलगढ़ से अटार रोड निर्माण
54. ( क्र. 6975 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सबलगढ़ से चंबल नदी अटार घाट तक लगभग 12 कि.मी. सड़क जिस पर सैकड़ों यात्री तथा वाहन प्रतिदिन गुजरते है? सड़क में काफी गहरे गड्डे हो जाने से वाहनों को आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? क्या शासन द्वारा इस रोड को मंजूर कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि इस रोड की लंबाई कितनी है? चौड़ाई कितनी है? स्वीकृत राशि कितनी है? (ग) उक्त सड़क का कार्य किस ठेकेदार को दिया गया है? ठेकेदार का नाम बतावें एवं कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सबलगढ़ से अटार घाट तक के मार्ग का उन्नयनीकरण एवं चौड़ीकरण कार्य मय पुल पुलियों का प्रस्ताव का कार्य मुरैना-सबलगढ़ मार्ग के चौड़ीकरण, एवं उन्नयनीकरण कार्य (ई.पी.सी.मोड में) अनुबंध दिनांक 02.11.2015 के अंतर्गत चेंज ऑफ स्कोप के रूप में प्रस्तावित किया गया है, जिसकी पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होते ही संबंधित को कार्य संपादन हेतु आदेशित किया जावेगा। (ख) इस मार्ग की लंबाई 12.05 कि.मी. एवं चौड़ाई 7.00 मी. प्रस्तावित है। कार्य की अनुमानित लागत रू. 39.29 करोड़ है, जिसकी स्वीकृति अपेक्षित है। (ग) कार्य स्वीकृति उपरांत विद्यमान एजेन्सी मेसर्स राजश्याम कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. गाजियाबाद द्वारा कार्य प्रारंभ किया जायेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
मुख्यमंत्री स्व रोजगार योजना अंतर्गत बैंकों द्वारा मनमानी
55. ( क्र. 6981 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु जिला उद्योग केन्द्र द्वारा विगत दो वर्षों 2014-15 एवं 2015-16 में कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार कितने प्रकरणों में बैंक मैनेजरों ने युवाओं से गारंटी के रूप में डी.डी. अथवा किसी शासकीय कर्मचारी की गारंटी लेकर ही प्रकरण स्वीकृत किए हैं? बैंक मैनेजर का नाम एवं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) 2014-15 एवं 2015-16 में उद्योग विभाग अथवा बैंकों द्वारा कितने प्रकरण अस्वीकृत किए है? उन आवेदनों के नाम एवं बैंकों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) जिन बैंकर्स ने ऋण वितरित नहीं किए गए हैं उनके विरूद्ध जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करेगा? समयावधि बतावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार हैं। (ख) ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) विभाग द्वारा कोई प्रकरण अस्वीकृत नहीं किये गये है। वर्ष 2015-16 में बैंकों द्वारा 8 प्रकरण अस्वीकृत किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार हैं। (घ) जिला स्तरीय बैकर्स समिति की बैठकों में जिला प्रशासन द्वारा बैकर्स को ऋण वितरण हेतु निर्देशित किया जाता हैं।
संचालक तकनीकी शिक्षा की पी.एच.डी. से संबंधित शिकायत
56. ( क्र. 7001 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक तकनीकी शिक्षा की पी.एच.डी. से संबंधित शिकायत शासन व राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल को की गई है? यदि हाँ, तो शिकायतकर्ता का नाम, पता एवं शिकायत की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या शिकायतकर्ता ने उसके शोध कार्य को, श्री डोंगरे द्वारा स्वयं का शोध कार्य बताये जाने संबंधी शिकायत की है? यदि हाँ, तो प्रमाण देवें? क्या संदर्भ के रूप में लिये गये साहित्य का थिसिस में समावेश किया जाता है? संदर्भ के रूप में लिये गये साहित्य का थिसिस में समावेश करने का नियम/उपनियम को बतावें? (ग) क्या श्री डोंगरे की पी.एच.डी. थिसिस की आर.डी.सी. के स्वीकृति हेतु बोर्ड ऑफ स्टडी द्वारा क्या अनुशंसाएं की गई थी? क्या उन पर कुलपति का अनुमोदन लिया गया था? यदि हाँ, तो अनुमोदन का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रश्न (क) में उल्लेखित पद की पी.एच.डी. थिसिस को मूल्यांकन/परीक्षकों को भेजने के पूर्व क्या कुलपति द्वारा अनुमोदन लिया गया था? अन्यथा कारण बतावें? श्री डोंगरे की शोध प्रबंध के मूल्यांकन करने वाले विषय विशेषज्ञों के नाम, पता एवं पद सहित बतावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। श्री मनीष दीक्षित, एच-8 स्टलिंग ग्रीन, चूना भट्टी कोलार रोड, भोपाल। शिकायत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। संदर्भ के रूप में लिये गये साहित्य को थीसिस में समावेश के नियम/उपनियम नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। प्रमोद कुमार सिंह, प्रोफेसर, आई.आई.टी., बी.एच.यू., बनारस प्रोफेसर सी.बी.आर. मूर्ति, प्रोफेसर आई.आई.टी., चैन्नई।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के संबंध में
57. ( क्र. 7004 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना संचालित है? हाँ, तो किस वर्ष से, उल्लेख कर आदेश/निर्देश जानकारी प्रस्तुत करें? (ख) क्या उक्त आदेश/निर्देश के तारतम्य में छतरपुर जिले में वर्ष 2014-15 में युवा बेरोजगारों के नाम ऋण प्रकरण स्वीकृत कर ऋण राशि/अंशदान/अनुदान राशि स्वीकृत की गई है? हाँ, तो स्वीकृत प्रकरणवार युवा उद्यमी का नाम/पता, उद्यम का प्रकार, स्वीकृत ऋण राशि, अंशदान/अनुदान की राशि का विवरण प्रस्तुत करें। (ग) क्या उक्त उद्यमियों को स्वीकृत ऋण राशि, अंशदान/अनुदान की राशि का भुगतान प्रश्न दिनांक तक किया जा चुका है? यदि उक्त में से कोई राशि का प्रश्न दिनांक तक भुगतान नहीं हो सका है, तो कारण स्पष्ट करते हुए दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम/पदनाम बताएं? (घ) शासन, उक्त उद्यमियों को स्वीकृत ऋण, अंशदान/अनुदान की शेष राशि बैंक में जमा कराकर भुगतान करने के निर्देश जारी कर उक्त दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? हाँ, तो अवधि बताएं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश ख के उत्तर में वर्णित स्वीकृत प्रकरणों में, जिनमें ऋण एवं अनुदान का वितरण नहीं हुआ है, प्रक्रियाधीन है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नर्सरियों से प्राप्त राजस्व एवं व्यय राशि
58. ( क्र. 7015 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अनुसंधान वृत्त रीवा अंतर्गत कितनी नर्सरियां कार्यरत हैं तथा इनके द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में किन-किन प्रजाति के कितने-कितने पौधे किस-किस नर्सरी में तैयार कर बिक्री किये गये, तथा उनसे कितना राजस्व (आय) वन विभाग को किस-किस नर्सरी से प्रश्नांश दिनांक तक में प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के पौधों को तैयार करने में वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में कितनी-कितनी राशि पौधों के सिंचाई सुरक्षा, रख रखाव, क्यारियों के निर्माण, पॉलीथिन की खरीदी एवं पौधों के पॉलीथिन में रोपण, खाद बीज के क्रय में खर्च की गई? (ग) यदि प्रश्नांश (क) के पौधों को तैयार करने में राशि शासन से जारी मापदण्डों से हटकर खर्च की गई तथा पौधे उस मान से तैयार नहीं हुए, जिससे विभाग को राजस्व (आय) कम प्राप्त हुआ तो इसके लिये किन-किन को दोषी मानकर क्या कार्यवाही कब तक करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त, रीवा के अंतर्गत रोपणियों में पौधे तैयार करने के लिये शासन द्वारा कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग के ज्ञापन क्रमांक/प्र.मु.व.सं./कक्ष-अनुसंधान विस्तर एवं लोकवानिकी/अ.वि. /रोपणी/176/918, दिनांक 11.04.2012 तथा पत्र क्रमांक/अ.वि./रोपणी/176/605,दिनांक 06.03.2014 द्वारा जारी मापदंडों के अनुसार राशि व्यय किया जाकर इसके अनुरूप पौधे तैयार किये गये हैं। विभागीय रोपण हेतु प्रदाय किये गये पौधों के एवज में राजस्व (आय) प्राप्त नहीं किया गया है। निजी व्यक्तियों एवं संस्थाओं को विक्रय किये गये पौधों की राशि निर्धारित दर से प्राप्त की गई है। अत: कम राजस्व (आय) प्राप्त करने के लिए किसी को दोषी मानकर कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
शासन प्रावधानों के उल्लंघन
59. ( क्र. 7033 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिलान्तर्गत लोक निर्माण संभाग नौगांव के तहत वर्ष 2013 से 2016 तक वित्तीय वर्षों में सीमित निविदा पद्धति से कौन-कौन से भुगतान किसे-किस, कब-कब किये गये? (ख) जिन फर्मों, संस्थाओं, व्यक्तियों, ठेकेदारों को भुगतान किया गया क्या उनका टेन नंबर वेरी फाईड किया गया था? यदि हाँ, तो संबंधितों का टिन नंबर बतायें? (ग) क्या उपरोक्त भुगतान में भंडार क्रय नियमों का पालन तथा उसमें विहित प्रक्रिया का पालन किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग छतरपुर है, इस संभाग अन्तर्गत उप संभाग नौगांव है तथा वर्ष 2013 से 2016 तक वित्तीय वर्षों में कोई भी सीमित निविदा आंमत्रित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश-क अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश-क अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी जिले में वनों की कटाई
60. ( क्र. 7053 ) श्री दिनेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में विगत विगत 5 वर्षों में वनों की कटाई का क्या लक्ष्य रखा गया था तथा उसके विरूद्ध कितने क्षेत्र में कटाई का कार्य किया गया तथा विगत तीन वर्षों में कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ख) क्या लक्ष्य से अधिक वनों की कटाई हो जाने के कारण जंगल कटाई पर शासन द्वारा रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो लक्ष्य से अधिक वन कटाई करने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? (ग) सिवनी जिले में वनों की कटाई के विरूद्ध वन विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में कितनी भूमि पर पुर्नउत्पादन का कार्य किया गया? इस पर कितनी राशि का व्यय हुआ? (घ) क्या इन वनीकरण की भूमि पर रोपित अधिकांश पौधे देख-रेख के अभाव में नष्ट हो गए हैं तथा विभाग द्वारा पौधारोपण के पश्चात उनकी देख-रेख में लापरवाही बरती गई है? इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है तथा उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या इनसे इस पौधारोपण में व्यय हुई शासकीय धन की वसूली की जाएगी, यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं। वनीकरण की भूमि पर रोपित पौधे देख-रेख के अभाव में नष्ट नहीं हुये है और न ही तत्संबंध में कोई लापरवाही बरती गई है। शासन द्वारा निर्धारित प्रतिशत अनुसार पौधे जीवित पाये जाने से किसी भी अधिकारी के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित करने तथा हानि की राशि वसूली करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
61. ( क्र. 7054 ) श्री दिनेश राय : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कुल कितने शासकीय स्नातक/स्नातकोत्तर महाविद्यालय हैं? इन महाविद्यालय में प्राचार्य सहित प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापकों एवं अन्य संवर्ग के कितने-कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं, कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? जानकारी महाविद्यालयवार दी जावे? (ख) क्या उक्त पदों के रिक्त होने से विद्यार्थियों का कोर्स पूरा नहीं हो पाता है? शासन द्वारा उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) शासन द्वारा सिवनी महाविद्यालय में कितने अतिथि विद्वानों की किस-किस विषय में कब से किस मानदेय पर सेवायें ली गई हैं? क्या शासन उक्त अतिथि विद्वान जो कि कई वर्षों से लगातार सेवायें दे रहे हैं तथा पूर्ण योग्यता रखते हैं उन्हें पूर्व की भॉति सहायक प्राध्यापक बनाने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक उन्हें सहायक प्राध्यापक बना दिया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) 07 स्नातक तथा 01 स्नातकोत्तर महाविद्यालय संचालित है एवं 01 शासकीय विधि महाविद्यालय सिवनी में स्थित है जो अभी संचालित नहीं है। शेष उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ''ब'' पर दृष्टांकित है। (ख) जी नहीं। रिक्त पदों के विरूद्ध आवश्यकता अनुसार आमंत्रित अतिथि विद्वानों से शैक्षणिक कार्य पूर्ण किया जाता है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी किया जा चुका है। वस्तुत: रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सिवनी स्थित शासकीय पी.जी. महाविद्यालय एवं कन्या महाविद्यालय में वर्तमान में विषयवार आमंत्रित अतिथि विद्वानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर दृष्टांकित है। जी नहीं, अतिथि विद्वानों को सहायक प्राध्यापक बनाये जाने की कोई नीति नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पी.एच.डी. उपाधि पर जाँच
62. ( क्र. 7072 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत दिनों एक शिकायत के आधार पर राजीव गांधी तकनीकी विश्वविद्यालय भोपाल में एक शासकीय अधिकारी की पी.एच.डी. उपाधि पर जाँच प्रारंभ की गई है? डिग्री मिलने के कितने वर्ष बाद? क्या किसी शोधार्थी द्वारा प्लेगेरिजम के आरोप लगाये गये थे? (ख) संबंधित अधिकारी द्वारा अपनी थीसिस मूल्यांकन हेतु विश्वविद्यालय में कब प्रस्तुत की गई थी एवं उन्हें उपाधि कब प्रदान की गई? तिथियों सहित जानकारी देवें? प्रस्तुत थीसिस के मूल्यांकनकर्ताओं का चयन किसके द्वारा व किस आधार पर किया गया था? (ग) उपाधि प्रदान करने के कितने वर्ष बाद तक इस तरह जाँच की जा सकती है? (घ) क्या विभाग ने शिकायतकर्ता का नाम, पता व शिकायत का औचित्य जानने का प्रयास किया?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। डिग्री जारी होने के 01 माह उपरांत जाँच प्रारंभ की गई। शिकायतकर्ता शोधार्थी है अथवा नहीं बताया जाना संभव नहीं है। (ख) दिनांक 12.07.2012 को संबंधित अधिकारी द्वारा अपनी थिसिस मूल्यांकन हेतु विश्वविद्वालय में प्रस्तुत की। अधिसूचना दिनांक 15.07.2013 को अधिसूचना जारी की गई एवं दिनांक 20.11.2015 को डिग्री जारी की गई। विश्वविद्वालय के अध्यादेश क्रमांक 11 के प्रावधानों के तहत परीक्षा समिति की अनुशंसाओं के आधार पर माननीय कुलपति द्वारा मूल्यांकनकर्ता नियुक्त किये गये। (ग) उक्त संबंध में अध्यादेश 11 में कोई बंधन नहीं है। (घ) जी नहीं।
नियम विरूद्ध सुरक्षा एजेंसी को ठेका
63. ( क्र. 7096 ) श्री जितू पटवारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल में सुरक्षा व्यवस्था हेतु डी.जी.आर. में पंजीकृत संस्थाओं से वर्ष 2009-10 में बुलायी गयी निविदा में चयनित एजेंसी को किन नियमों के अंतर्गत आज दिनांक तक निरंतर सुरक्षा संबंधी कार्य सौंपा गया है? (ख) क्या प्रत्येक वित्त वर्ष में सुरक्षा व्यवस्था हेतु निविदाएं बुलाना चाहिये किन्तु डी.जी.आर. दरों के विपरीत विगत छ: वर्षों से सुरक्षा एजेंसी को अनुचित लाभ हेतु वित्तीय अनियमितता कर विश्वविद्यालय अंकेक्षण/वित्त अधिकारी के संरक्षण में निविदा शर्तों के विपरीत वर्षवार कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) क्या सुरक्षा एजेंसी द्वारा आलोच्य वर्ष में किये गये अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया गया एवं फायनेन्शियल बिड में सुरक्षा एजेंसी द्वारा दो दरें दी गई, जो नियम विरूद्ध होने पर भी विगत छ: वर्षों से सुरक्षा एजेंसी के लाभ पहुँचाने के लिये कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं क्या वित्तीय अनियमितता के लिये संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या विश्वविद्यालय में सुरक्षा एजेंसी को दिये गये नियम विरूद्ध कार्यादेश के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? जबकि निविदा में दर्शायी दरों, वास्तविक भुगतान एवं तैनात किया गया सुरक्षा बल डीजीआर शर्तों के अनुसार नहीं लगाने के लिये क्या उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विश्वविद्यालय द्वारा कार्य-परिषद् की बैठक दिनांक 28.07.2009 में दिए गए अनुमोदन अनुसार संपादित अनुबंध दिनांक 18.08.2009 एवं पुन: संपादित अनुबंध दिनांक 18.02.2010 के अनुसार सुरक्षा हेतु चयनित ऐजेन्सी को सौंपे गये कार्य को निरन्तर किया गया। (ख) जी हाँ। वर्तमान एजेन्सी को वर्षवार किए गए भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस संबंध में जाँच के लिए म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 10 (1) के अंतर्गत मान. कुलाधिपति को लिखा गया है। (घ) ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में निष्कर्ष आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
भूमि अधिग्रहण के मुआवजा का निर्धारण
64. ( क्र. 7120 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के कटनी अनुविभाग में सड़क निर्माण हेतु वर्ष 2012-13 से भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो मुआवजे के ऐसे कौन-कौन से प्रकरण हैं, जिनकी कार्यालय संभाग आयुक्त जबलपुर में अपील की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में, किन-किन अपील प्रकरणों में कार्यालय संभाग आयुक्त जबलपुर द्वारा मुआवजा राशि किन-किन कारणों से कितनी-कितनी बढ़ाई गई? अपील प्रकरणों से मुआवजा निर्धारण दोष पूर्ण सिद्ध हो रहा है, तो क्या अपील प्रकरणों में जिन आधारों पर, मुआवजा राशि बढ़ाई गई, उन्हीं आधारों पर अपील न करने वाले किसानों की मुआवजा राशि भी बढ़ाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या भूमि अधिग्रहण के मामले में शासकीय सेवकों द्वारा लापरवाही बरती गई? यदि हाँ, तो इसका कौन जिम्मेदार है? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि अधिकांश अपील प्रकरणों में मुआवजा राशि में बढ़ोत्तरी हुई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही से किसानों को हुई क्षति का कौन जिम्मेदार है? इस पर कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। कटनी जिले के कटनी अनुविभाग के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के सड़क निर्माण योजनाओं के अंतर्गत संबंधित विभागों से भू-अर्जन प्रस्ताव पर वर्ष 2012-13 राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के तहत अर्जन अवार्ड पारित किये गये है, पारित अवार्ड में यह व्यवस्था दी गई थी कि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3 जी (5) में दी गई व्यवस्था अनुसार यदि प्रभावित खातेदारों से अवधारित अवार्ड राशि निर्धारण मुआवजा/प्रतिकर राशि से असंतुष्ट होने पर मध्यस्थ (आर्बिट्रेटर) के समक्ष निर्धारित समयावधि में अपील आवेदन प्रस्तुत कर सकते है, जिसके तहत प्रकरण में भूतल परिवहन एवं सड़क मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश दिनांक 17/05/2013 के तहत आर्बिट्रेटर की नियुक्ति संभागीय आयुक्त, जबलपुर को मध्यस्थ के पद में नियुक्ति की गई थी। प्रकरणों में अधिनियम व्यवस्था के तहत कुल अर्जन से असंतुष्ट खातेदारों द्वारा आर्बिट्रेटर के समक्ष अपील की गई है। जिनमें से 12 प्रकरणों में 24 खातेदारों की अपील आदेश प्राप्त हुये है। प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश ‘क’ अनुसार उल्लेखित अधिकांश प्रकरणों में आर्बिट्रेटर द्वारा पारित आदेश में मुआवजा निर्धारण के संबंध में गाईड लाईन में पंजीयन हेतु विर्निदिष्ट व्यवस्थाओं के तहत सड़क से लगी हुई भूमियों पर अर्जित रकबे के विरूद्ध 0.5 हे. में वर्गमीटर के मान से तथा शेष भूमि में कृषि भूमि के मान से मुआवजा का निर्धारण किया जाता है। प्रकरण में पारित अर्जन आदेश में निर्धारित मुआवजा राशि तथा आर्बिट्रेटर द्वारा निर्धारित राशि में सैद्धांतिक व्यवस्थाओं के अंतर के कारण अपीलार्थी के प्रकरणों में राशि की वृद्धि हो रही है, जो कि अधिनियम में दी गई व्यवस्था के तहत है, न कि कोई दोषपूर्ण कार्यवाही थी। जिन खातेदारों द्वारा समय में अपील सक्षम आर्बिट्रेटर के समक्ष नहीं की गई है उनके संबंध में किसी प्रकार की बढ़ी राशि दिये जाने का प्रश्न ही नहीं होता है। (ग) भूमि अधिग्रहण के प्रकरणों में प्रश्नांश ‘ख’ में दी गई जानकारी अनुसार कोई शासकीय सेवक द्वारा कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। अपितु समस्त अपील प्रकरण राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3 जी (5) की व्यवस्थाओं के तहत अपील की गई है जो सक्षम न्यायालय द्वारा दर निर्धारण के सिद्धांतों में आंशिक सुधार कर मुआवजा निर्धारण हेतु आदेशित किया गया है, उन्हीं कारणों से अपीलार्थियों के मुआवजा प्रकरणों में सैद्धांतिक व्यवस्थाओं के तहत मुआवजा राशि में आंशिक बढ़ोत्तरी प्रतिपादित हो रही है। (घ) प्रश्नांश ‘ख’ एवं ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभागीय अनुदान एवं योजनाओं का क्रियान्वयन
65. ( क्र. 7125 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा कटनी जिले में प्रोत्साहन मद में अनुदानों का प्रदाय एवं खेल सामग्रियों का वितरण किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक प्रोत्साहन मद में किन-किन जिला खेल संघों एवं खिलाडियों को कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदाय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में कटनीजिले में साहसिक खेलों का आयोजन किन-किन स्थलों पर कब-कब किया गया, इन आयोजनों में किन-किनने प्रतिभागिता की और कितनी राशि व्यय हुई? (घ) क्या मांग के अनुसार खेल सामग्री क्रय कर जिला खेल प्रशिक्षकों एवं खेल संघों को प्रदाय की जाती है? (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ, तो कटनी जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन खेल प्रशिक्षकों एवं खेल संघों द्वारा खेल सामग्री की मांग की गई और कौन-कौन खेल सामग्री कब-कब प्रदाय की गई वर्तमान में कितनी एवं कौन-कौन सामग्री उपयोग में है, कितनी और कौन-कौन सामग्री अनुपयोगी हो गई है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा प्रोत्साहन मद से सिर्फ खेल संघों को खेल प्रतियोगिता आयोजन हेतु अनुदान प्रदाय किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वर्ष 2010-11, 2012-13, 2014-15 एवं 2015-16 में कटनी जिले में साहसिक खेलों का आयोजन नहीं किया गया है। वर्ष 2011-12 एवं 2013-14 में कटनी जिले में आयोजित साहसिक खेलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (घ) माँग अनुसार सिर्फ जिला खेल प्रशिक्षकों को खेल प्रशिक्षण हेतु खेल सामग्री प्रदाय की जाती है। (ड.) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक जिला खेल प्रशिक्षकों को वितरित खेल सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। प्रशिक्षकों को वितरित खेल सामग्री अस्थायी रूप की होती है, जो कि खेल प्रशिक्षण हेतु उपयोग में लाई जाती है, अतएव वर्तमान में कौन कौन सी सामग्री उपयोग या अनुपयोग में है, बताई जाना सम्भव नहीं है।
वन विभाग द्वारा मार्गों का निर्माण
66. ( क्र. 7145 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत कौन-कौन सी वन समिति कहाँ-कहाँ संचालित हैं उन वन समितियों के क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं, जिनमें आवागमन हेतु रास्ता वन क्षेत्र से जाता है क्या वन समितियों द्वारा विकास कार्य भी कराये जाते है? (ख) विगत दो वर्षों में क्या किसी वन समितियों या वन विभाग द्वारा रास्ता निर्माण का कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ बतावें? (ग) क्या कुछ ग्राम जो वन सीमा के पास बसे हैं जिनका मुख्य मार्ग वन क्षेत्र से होकर जाता है तो उन ग्रामों के आवागमन हेतु रास्ता निर्माण का दायित्व वन विभाग का है? यदि हाँ, तो कितने रास्तों का निर्माण कराया गया, यदि नहीं, कराया गया तो अन्य विभाग को निर्माण हेतु स्वीकृति का प्रावधान है, जिससे वन सीमा लगे ग्रामों को रास्ता मिल सके?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) विगत दो वर्षों में ग्राम वन समिति सिली द्वारा ग्राम रामपुर खुटहा में 420 मीटर रास्ता का उन्नयन कराया गया है वनमण्डल उत्तर पन्ना में कार्य आयोजना में प्रस्तावित वन क्षेत्र में वन विभाग द्वारा झलाई से धनगढ़ वनमार्ग मरम्मत कार्य कराया गया है। (ग) जी नहीं। (क) से संबंधित ग्रामों के आवागमन हेतु वन क्षेत्र में सड़क निर्माण हेतु संबंधित विभागों के प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार अनुमति दिये जाने का प्रावधान है।
वन भूमि पर कब्जा
67. ( क्र. 7153 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के वन परिक्षेत्र बदरवास के अंतर्गत वन भूमि पर आदिवासी काबिज होकर खेती कर रहे हैं? यदि हाँ, तो फरवरी-2016 की स्थिति में किन-किन वन कम्पार्टमेंट के अंतर्गत कितने-कितने रकबा पर कौन-कौन काबिज होकर कब से खेती कर रहे है? (ख) क्या बदरवास वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ऐसे अनेक आदिवासी हैं जो वन भूमि पर विगत लगभग 20-25 वर्षों से काबिज होकर खेती कर रहे हैं परंतु उन्हें नियमानुसार वन अधिकार पत्र नहीं दिए गए हैं? यदि हाँ, तो कितने व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र नहीं दिए गए हैं? इन्हें वन अधिकारी पत्र कब तक दे दिए जाएंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत गठित समितियों द्वारा कुल 1825 व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र हेतु अपात्र पाये जाने से वन अधिकार पत्र नहीं दिये गये हैं। वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत निरस्त दावों का पुन: परीक्षण एवं दावा प्रस्तुत करने से वंचित दावेदारों से नवीन दावे प्राप्त करने हेतु शबरीमाता जयंती दिनांक 24 फरवरी, 2016 से 30 जून, 2016 तक विशेष अभियान के तहत मुख्य सचिव, म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक/वन/161 ए/टीएडीपी/16/57/मुस/16 दिनांक 18.02.2016 के पालन में कार्यवाही प्रचलित है।
मंदिर की भूमि पर अवैध कब्जा
68. ( क्र. 7156 ) श्री रामसिंह यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला अशोकनगर के ग्राम मढ़ी महिदपुर पटवारी हल्का नम्बर 23-मढ़ी महिदपुर तहसील ईसागढ़ की भूमि खसरा क्रमांक 259 मार, 321 मार, 494 गोहान मंदिर श्री महादेवीजी के ग्राम बिजरौनी से लगी हुई है? यदि हाँ, तो मंदिर की उक्त भूमि पर वर्तमान में कौन काबिज है? (ख) क्या उक्त भूमि पर ग्राम मढ़ी महिदपुर के किसी व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया है? यदि हाँ, तो किस व्यक्ति के द्वारा कब्जा किया गया है? उक्त मंदिर की भूमि कब तक अवैध कब्जा मुक्त करा कर, मंदिर के पुजारी को कब्जे में दी जाएगी? (ग) क्या मंदिर की उक्त भूमि में उगने वाली फसल का अवैध कब्जाधारी द्वारा उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो खसरा अनुसार उगाई फसल का अनुमानित मूल्य की राशि अवैध कब्जेदार से वसूलकर मंदिर के सेवादार को दिया जाएगा? (घ) श्री महादेवजी मंदिर ग्राम बिजरौनी तहसील बदरवास के वर्तमान में पुजारी/सेवादार कौन है तथा पूर्व में अभिलेख अनुसार पुजारी/सेवादार कौन-कौन थे? क्या पूर्व पुजारी के परिजन ही वर्तमान में पुजारी हैं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। तहसील नईसराय के ग्राम मढीमहिदपुर प.ह.नं. 23 की भूमि सर्वे क्रमांक 259 सर्वे क्रमांक 321 व सर्वे क्रमांक 494 प्रकाश पुरी पिता रामपुरी जाति गुसाईं नि. ग्राम बिजरोनी का कब्जा है। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्लाटो के आवंटन को निरस्त एवं बहाल
69. ( क्र. 7168 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में जिला उद्योग केन्द्र के अंतर्गत आने वाले औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाईयों को भूमि आवंटित करने के अधिकार किसे हैं? (ख) क्या आवंटित भूमि को आवंटनकर्ता अधिकारी को पट्टा निरस्त करने एवं बहाल करने का अधिकार है? (ग) कटनी जिले में वर्ष 2015 में प्रश्न दिनांक तक औद्योगिक क्षेत्र बरगवां में किन-किन फर्मों के आवंटित भू-खण्ड के पट्टे महाप्रबंधक द्वारा निरस्त किये गये हैं तथा स्वयं ही बहाल भी किये गये है? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) में आवंटनकर्ता अधिकारी द्वारा ही उक्त इकाईयों के पट्टे निरस्त एवं बहाल किये गये है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई? कब तक की जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) दिनांक 01.04.2015 से प्रभावशील म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 की कंडिका 8 (i) के अनुसार महाप्रबंधक को 2 हेक्टेयर तक परिक्षेत्रीय उद्योग अधिकारी को 2 से 4 हेक्टेयर तक उद्योग आयुक्त 4 से 8 हेक्टेयर एवं राज्य शासन को 8 हेक्टेयर से अधिक भूमि औद्योगिक इकाईयों को आवंटित करने का अधिकार है। (ख) म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 की कंडिका 40 के अनुसार आवंटित भूमि को पट्टाभिलेख की किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर आवंटनकर्ता अधिकारी को पट्टा निरस्त करने का अधिकार है, परन्तु बहाल करने के अधिकार नहीं हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (घ) आवंटन अधिकारी द्वारा 2 इकाईयों के पट्टे बहाल करने के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
औद्योगिक क्षेत्र में रिक्त भूमि
70. ( क्र. 7199 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम के औद्योगिक क्षेत्र में कितनी भूमि रिक्त पड़ी है। उसे आवंटित करने के बारे में क्या नीति निर्धारित की गई है? (ख) रतलाम में अल्कोहल प्लांट की रिक्त भूमि पर नवीन बहुउद्देशीय कॉम्पलेक्स, जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री द्वारा किया जा चुका है। इस कार्य की कितनी प्रगति हुई है तथा इसके पूर्ण करने के लिये क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ग) रतलाम में कितने उद्योग बंद है, उनमें प्रत्येक को कितनी भूमि आवंटित की गई है? बंद उद्योगों से भूमि रिक्त कराने के क्या प्रयास किये गये? उनसे भूमि कब तक रिक्त करा ली जायेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) रतलाम के औद्योगिक क्षेत्र में 04 इकाईयों की लीजडीड निरस्तीकरण उपरांत 16072 वर्गमीटर भूमि का आधिपत्य प्राप्त किया गया है। रिक्त भूमि को मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि तथा भवन प्रबंधन नियम,2015 के तहत ऑन-लाईन आवंटन नीति के तहत भूमि आवंटित की जावेगी। (ख) रतलाम में अल्कोहल प्लांट की रिक्त भूमि पर नवीन बहुउद्देशीय कॉम्पलेक्स की भूमि के अधिकांश भाग का भूमि उपयोग रतलाम विकास योजना में पार्किंग/मार्ग होने के कारण उसके भूमि उपयोग को औद्योगिक भूमि उपयोग में उपांतरण किये जाने का प्रस्ताव विभाग द्वारा दिनांक 27.06.2015 को नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग को प्रेषित किया गया है। अभी कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं होगा। (ग) रतलाम में 10 उद्योग बंद है, इकाईवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बंद उद्योगों से भूमि रिक्त कराने हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना
71. ( क्र. 7200 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014-15 और 2015-16 में रतलाम में मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में कितने प्रकरण स्वीकृत किए गये और कितनों पर काम प्रारंभ हो चुका है? (ख) ऐसे युवा उद्यमियों को भूमि आवंटन के लिये क्या कोई नीति बनी है? यदि नहीं, तो कब तक बनाई जायेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना दिनांक 31 जुलाई 2014 से बंद है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 प्रचलन में हैं जिसके तहत युवा उद्यमी भी भूमि हेतु आवेदन दे सकेंगे।
परीक्षा में कम अंक की शिकायतें
72. ( क्र. 7202 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्वविद्यालय में 1 जनवरी 2014 के बाद परीक्षा में कम अंक प्राप्त होने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) क्या उक्त विश्वविद्यालय में अंकों की शीट निर्धारण करने वाले डाटा एन्ट्री ऑपरेटर अनुभवहीन हैं जिससे विद्यार्थियों के ज्यादा अंक होने के बावजूद उन्हें फेल होकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं? (ग) उक्त अवधि में उक्त विश्वविद्यालय में कितने विद्यार्थियों के अंक पुनर्मूल्यांकन एवं पुनर्गणना के माध्यम से बढ़े? (घ) क्या विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणाम शीघ्र घोषित करने की जल्दबाजी में विद्यार्थियों का भविष्य खराब किया जा रहा है, यदि नहीं, तो बड़े पैमाने पर पुनर्गणना एवं पुनर्मूल्यांकन में अत्यधिक नंबर बढ़ने के क्या कारण हैं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में 1 जनवरी, 2014 के बाद परीक्षा में कम अंक प्राप्त होने की कुल 39 शिकायतें प्राप्त हुई। (ख) प्रश्नांश (घ) में उल्लिखित जाँच के परिणाम से स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। (ग) उक्त अवधि में विश्वविद्यालय में पुनर्मूल्यांकन के माध्यम से 1066 एवं पुनर्गणना के माध्यम से 1112 विधार्थियों के अंक बढ़े। (घ) संपूर्ण प्रकरण की जाँच के लिए म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 10 (1) के अंतर्गत मान. कुलाधिपति को लिखा जा रहा है।
भारी वाहनों द्वारा सड़कों को नुकसान
73. ( क्र. 7203 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम, मंदसौर जिले में विण्ड पॉवर कंपनी द्वारा अपने सयन्त्र (पंखे) स्थापित करने के लिए लोक निर्माण विभाग की सड़कों को लगातार उपयोग किया गया तथा कंपनी के भारी वाहनों के कारण उक्त जिलों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, यदि नहीं, तो इसकी जाँच कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी ने की? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित इन सड़कों के उपयोग, इनके आकार में परिवर्तन एवं अन्य तरह की छेड़-छाड करने के लिए कंपनियों ने कब-कब अनुमति ली? जिलेवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित सड़कों की क्षतिग्रस्त होने को लेकर लोक निर्माण विभाग द्वारा कब-कब पत्रों के माध्यम से सड़क ठीक करने हेतु किस-किस कंपनी को, किस-किस दिनांक को निर्देशित किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) संदर्भित लगातार कंपनियों के दिये विभिन्न पत्रों के बावजूद सड़क ठीक न करने के लिए क्या कंपनी के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया जाएगा, यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कालम 3, 4 एवं 5 अनुसार है। (ख) लोक परिवहन हेतु लोक निर्माण विभाग से अनुमति लिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: कोई अनुमति नहीं दी गई। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कालम 6 एवं 7 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कालम 8 के अनुसार है।
टीकमगढ़ नगर में प्रस्तावित बाय-पास की स्वीकृति
74. ( क्र. 7228 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वामी विवेकानंद प्रतिमा से नेताजी सुभाष प्रतिमा तक एवं गौंगाबेर (सागर रोड) से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बस स्टैण्ड तक सड़क मार्ग की कोई डी.पी.आर. शासन के समक्ष स्वीकृति हेतु कब से लम्बित है? कितनी लागत है? (ख) क्या चालू वित्त वर्ष में इसकी स्वीकृति की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? जिला मुख्यालय के यातायात सुधार हेतु क्या योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्राक्कलन परीक्षणाधीन है। जिनकी लागत क्रमश: राशि रू. 624.24 लाख एवं रू. 909.40 लाख है। (ख) प्राक्कलन परीक्षणाधीन है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
हनुमान मंदिर टेकरी के विकास कार्य
75. ( क्र. 7238 ) श्री अजय सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजस्व अभिलेखों में घोषित दर्शनीय स्थल के रूप में दर्ज प्राचीन मंदिरों के प्रबंधक संबंधित जिलों के कलेक्टर होते हैं। (ख) प्रश्नांक (क) के संबंधित तथ्य के अनुसार क्या गुना जिले की तहसील गुना के पटवारी हल्का नं. 61 के बेचिराग ग्राम ग्राम रूंद के सर्वं नं. 2 में स्थित हनुमान मंदिर टेकरी के प्रबंधक पूर्व में कलेक्टर गुना थे तथा क्या वर्तमान में इसमें कोई परिवर्तन हुआ। यदि हाँ, तो कब से तथा कैसे हुआ? (ग) क्या प्रश्नांक (ख) में प्रबंधक कलेक्टर गुना द्वारा गत 10 वर्षों में हुए करोड़ों रूपये के विकास कार्य कराए गए हैं अथवा किसी अन्य द्वारा। वर्तमान में मंदिर किसके अधीन है तथा किसके द्वारा निधि का संचालन होता है। 10 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट का विवरण दें। (घ) यदि प्रश्नांक (क), (ख) तथा (ग) में वर्णित तथ्यों द्वारा प्रबंधन का उत्तरदायित्व कलेक्टर गुना का है तो क्या मंदिर परिसर से लगी सर्वे नं. 2 एवं 3 की निजी स्वामित्व की भूमि में किसी शासकीय धन से निर्माण कार्य किया गया? यदि हाँ, तो क्या ऐसा आचरण आर्थिक कदाचरण की श्रेणी का है। (ड.) क्या शासन का मामले की जाँच कराकर आर्थिक कदाचरण के दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही करने का प्रस्ताव है। यदि हाँ, तो कब तक?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रिंगरोड का निर्माण
76. ( क्र. 7242 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत गंजबासौदा नगरपालिका सीमा अन्तर्गत रिंग रोड बनाने की कार्ययोजना है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस रिंग रोड के निर्माण हेतु कार्य योजना बनाई है? यदि हाँ, तो बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तावित रिंग रोड का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खेल स्टेडियम का निर्माण
77. ( क्र. 7243 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बासौदा अन्तर्गत किन-किन स्थानों पर खेल स्टेडियम प्रस्तावित हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त स्थानों पर स्टेडियम निर्माण हेतु भूमि का चयन कर लिया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो किस-किस स्थान पर? यदि नहीं, तो भूमि का चयन कब तक कर लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) में चयनित भूमि पर स्टेडियम निर्माण हेतु कितना बजट स्वीकृत होकर कब तक कार्य प्रारंभ किया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बासौदा अंतर्गत ग्राम रसूलपुर में स्टेडियम प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। ग्राम रसूलपुर में भूमि का चयन कर लिया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग विदिशा को स्टेडियम निर्माण हेतु आदेश क्रमांक 8315/जि.पं./13वें वित्त/स्टेडियम/2015 दिनांक 14.08.2015 से प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 81.03 लाख की जारी की है। कार्य प्रारम्भ करने की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
उत्तरप्रदेश की सीमा से जुड़े रोड
78. ( क्र. 7272 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के चंदला विधानसभा के निम्नलिखित रोड लोक निर्माण विभागों के रोड से जुड़े हुए हैं जो उ.प्र. की सीमा से जुडे हैं, जिनके जुड़ने से हजारों लोगों को आवागमन से जोड़ा जा सकता है? (1) करहरी जंगसन से दिदवारा जंक्शन लगभग 3.2 कि.मी.। (2) मुडहरा से रतौली उ.प्र. 1.5 कि.मी. उ.प्र. की सीमा। (3) प्रकाश बम्हौरी से सरगइयन पुरवा 5 कि.मी. उत्तर प्रदेश की सीमा तक। (4) बदौरकलां से बसराही 2 कि.मी. उत्तर प्रदेश की सीमा तक। (ख) प्रश्नांश (क) में सभी रोडों को उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जोड़ने का प्रावधान किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक इन सड़कों को सरकार जोड़ने का काम करेगी? समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित मार्ग लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका में अंकित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री की घोषणा
79. ( क्र. 7314 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले में जनदर्शन के दौरान दिनांक 08.09.2007 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा मोरटाकेवडी से हिमालेश्वर तक सड़क निर्माण की घोषणा की गई थी? (ख) क्या मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर प्राथमिकता के साथ अमल किया जाता है? यदि हाँ, तो इतने वर्षों के बाद प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क का निर्माण क्यों नहीं किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क का निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। शाजापुर जिले में माननीय मुख्यमंत्रीजी ने जनदर्शन दिनांक 08.09.2007 को लोक निर्माण विभाग संभाग शाजापुर के अंतर्गत में ग्राम मोरटा केवड़ी से हिमालेश्वर महादेव मंदिर तक लं. 2.50 कि.मी. की सड़क निर्माण के निर्देश दिये गये थे। (ख) जी हाँ। उक्त कार्य माननीय मुख्यमंत्री सचिवालय की विधिवत घोषणा की सूची में सम्मिलित नहीं होने से। (ग) सक्षम वित्तीय समिति के अनुमोदन उपरांत बजट में सम्मिलित होने पर कार्यवाही की जावेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
पंजीबद्ध वन अपराध
80. ( क्र. 7357 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर वन-वृत्त एवं बैतूल वन-वृत्त में गत दो वर्ष में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) एवं धारा 33 के तहत कितने वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये इनमें कितने व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया तथा कितनों को जमानत पर रिहा किया गया? (ख) उपरोक्त अवधि में धारा 26 एवं 33 के तहत कितने प्रकरणों का इस्तगासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया? इन वन अपराध प्रकरणों में कितनी वनोपज एवं सामग्री तथा वाहन जप्त किये गये? (ग) छतरपुर एवं बैतूल वन-वृत के अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) के तहत अधिसूचित कितना क्षेत्र एवं धारा 29 के तहत अधिसूचित कितना क्षेत्र वर्तमान में वन विभाग के नियंत्रण एवं प्रबंधन में है? इसमें से कितने क्षेत्र की जाँच एवं कार्यवाही वन व्यवस्थापन अधिकारी के पास लम्बित हैं? (घ) धारा 4 (1) के तहत अधिसूचित क्षेत्र के संबंध में किए गए अपराधों को धारा 33 में पंजीबद्ध किए जाने का क्या कारण रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) संरक्षित वनों के रूप में अधिसूचित वन भूमि, जिन्हें आरक्षित वन बनाने हेतु भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 के तहत अधिसूचित किया गया है, उनमें घटित वन अपराध प्रकरणों में धारा 26 (1) के अतिरिक्त धारा 33 में भी प्रकरण पंजीबद्ध किये जाते हैं।
वन-वृत्त में वन विभाग के अभिलेख
81. ( क्र. 7358 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर वन-वृत्त के अंतर्गत किस वनमण्डल में संरक्षित वन भूमि सर्वे डिमारकेशन रिपोर्ट, संरक्षित वन सर्वे कम्पलीशन रिपोर्ट, संरक्षित वन क्षेत्रफल पंजी एवं संरक्षित वन ब्लॉक हिस्ट्री किस-किस प्रारूप में उपलब्ध हैं? (ख) छतरपुर वन-वृत के अंतर्गत किस वनमण्डल के पी.एफ. एरिया रजिस्टर में कितने वनखण्डों में शामिल कितनी भूमियों के ब्यौरे दर्ज हैं? इनमें से कितने वनखण्डों में किसी व्यक्ति या समाज या समुदाय के प्रचलित अधिकारों के ब्यौरे किस प्रारूप में दर्ज है? (ग) पी.एफ. एरिया रजिस्टर में दर्ज वनकक्षों एवं उनमें शामिल जमीनों पर प्रचलित अधिकारों के समस्त ब्यौरें को प्रश्नांकित दिनांक तक भी पी.एफ. एरिया रजिस्टर में दर्ज न किए जाने का क्या कारण रहा है? (घ) कब तक पी.एफ. एरिया रजिस्टर में अधिकारों का अभिलेखन कर लिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) छतरपुर वन वृत्त के छतरपुर, टीकमगढ़, उत्तर पन्ना तथा दक्षिण पन्ना वनमंण्डलों में संरक्षित वनभूमि सर्वे डीमारकेशन कम्पलीशन रिपोर्ट संरक्षित वन क्षेत्रफल पंजी निर्धारित प्रारूप में उपलब्ध है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। संरक्षित वन ब्लॉक हिस्ट्री केवल टीकमगढ़ वनमंडल में उपलब्ध है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ख) छतरपुर वन वृत्त अंतर्गत आने वाले वनमण्डलों में पी.एफ. एरिया रजिस्टर में निम्न वन खण्डों में शामिल भूमि का ब्यौरा निम्न है :-
वनमण्डल |
खण्डों की संख्या |
रकवा हे. में |
ब्यौरा |
छतरपुर |
237 |
188494.136 |
संरक्षित |
टीकमगढ़ |
255 |
36438.00 |
संरक्षित |
उत्तर पन्ना |
96 |
127107.00 |
संरक्षित |
दक्षिण पन्ना |
52 |
209259.00 |
संरक्षित |
उक्त में से किसी भी वन खण्डों में किसी व्यक्ति या समाज या समुदाय के प्रचलित अधिकारों के कोई ब्यौरे दर्ज नहीं है। (ग) एवं (घ) वनमण्डलों में उपलब्ध सर्वे डिमारकेशन रिपोर्ट एवं पी.एफ. एरिया रजिस्टर में वनभूमि के अतिरिक्त अन्य कोई भी अधिकारों का उल्लेख नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फोरलेन पर हो रही दुर्घटनाएं
82. ( क्र. 7440 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लेबड़ से लेकर नयागाँव फोरलेन अत्यधिक वाहनों की आवाजाही का व्यस्ततम मार्ग होकर इस पर बरगढ़ फंटे से लेकर ग्राम भैसांना (जावरा) फंटे तक काफी दुर्घटनाएं होकर बड़ी संख्या में जनहानि एवं गंभीर रूप से लोग घायल हो रहे है? (ख) क्या यह भी सही है कि उक्त मार्ग की अधिकृत कंपनी/विभाग द्वारा हो रही दुर्घटनाओं को रोके जाने हेतु क्या-क्या सुरक्षात्मक उपाय किये, साथ ही यातायात सुगमता हेतु क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) जन-हानि एवं दुर्घटनाओं को रोके जाने के साथ ही यातायात की सुगमता हेतु (1) बरगढ़ फंटे से व्हाया हरियाखेड़ा, भैसाना फंटे तक एवं (2) बरगढ़ फंटे से व्हाया ग्राम लुहारी के पीछे से भूतेडा फंटे तक बाय-पास निकाले जाने की मांग लगातार की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो अत्यधिक होने वाली दुर्घटनाओं में चिन्हित उक्त मार्ग स्थल पर हो रही जन-हानि एवं बार-बार बाधित होने वाले यातायात की सुगमता हेतु उक्त दोनों बाय-पास बनाएं जाने की स्वीकृति कब दी जाकर सुरक्षात्मक उपाय किस-किस तरह के कब-कब क्या किये गये और क्या किये जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं! लेबड़-जावरा एवं जावरा-नयागाँव फोरलेन सुरक्षित मार्ग होकर इस पर बरगढ़ फंटे से लेकर ग्राम भैंसाना (जावरा) फंटे तक आमजन की सुरक्षा हेतु निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा सुरक्षात्मक उपाय किये गये हैं। (ख) लेबड़-नयागाँव फोरलेन स्थित बरगढ़ फंटे से भैंसाना फंटे के मध्य स्थित रोड लेबड़-नयागाँव फोरलेन रोड का ही भाग है। फोरलेन मार्ग के दोनों ओर सर्विस रोड बनाई गई है, जिसमें लोहे की रेलिंग लगाई गई है, जिससे कि, लोगों को सीधे फोरलेन पर आने की आवश्यकता नहीं होती है। इसी मार्ग के जावरा चौपाटी पर ट्राफिक सिग्नल लगाये गये है, जो कि, नगर पालिका परिषद जावरा को हस्तांतरित होकर उनके नियंत्रण में है। फोरलेन मार्ग पर सुरक्षा की दृष्टि से केट आई, मार्ग संकेतक, रोड मार्किंग, क्रेश बेरियर लगाये गये है एवं फोरलेन पर मिलने वाले सभी मार्गों पर रम्बल स्ट्रीप बनाई गई है। दुर्घटनाएं लोगों द्वारा यातायात के नियमों का पालन न करने से हो रही हैं। (ग) यातायात को दृष्टिगत रखते हुए फोरलेन मार्ग सुरक्षित है। (1) बरगढ़ फंटे से व्हाया हरियाखेड़ा, भैंसाना फंटे तक एवं (2) बरगढ़ फंटे से व्हाया ग्राम लुहारी के पीछे से भूतेड़ा फंटे तक बाय-पास निकाले जाने की लगातार मांग होने का विभाग के संज्ञान में नहीं आया है। (घ) अत्यधिक होने वाली दुर्घटनाओं जैसी कोई स्थिति फोरलेन मार्ग पर नहीं है। बाय-पास बनाये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
बंद एवं कार्यरत उद्योग एवं औद्योगिक भूमियां
83. ( क्र. 7441 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत अनेक उद्योगों को औद्योगिक कार्य हेतु शासन/विभाग द्वारा भूमियां प्रदान की जाकर उन पर भिन्न-भिन्न प्रकार के औद्योगिक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग द्वारा दी गई भूमियों पर अनेक उद्योग कार्यरत होकर कार्य कर रहे हैं? कुछ उद्योग विगत कई वर्षों से बंद पड़े हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रारंभ से जिन-जिन कार्यों के लिये भूमियां प्रदान की गई, क्या उन्हीं पर दी गई अनुमति पर कार्य किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो जिले में कितने उद्योग धंधे किन-किन स्थानों पर कार्यरत हैं कितने वर्षों से कितने बंद पड़े हैं? कितने उद्योगों के प्रयोजन अनुमति देकर बदले गये हैं? वर्ष 2008-09 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत कराएं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) 09 इकाइयों को वर्तमान उत्पाद के साथ अतिरिक्त उत्पाद जोड़ने तथा उत्पाद परिवर्तन की अनुमति दी गई। शेष इकाइयों द्वारा अनुमति प्रदत्त कार्य किया जा रहा है। (घ) रतलाम जिले में स्थित विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में 245 इकाइयां कार्यरत है तथा 13 इकाइयां बंद हैं। 09 इकाइयों को वर्तमान उत्पाद के साथ अतिरिक्त उत्पाद जोड़ने तथा उत्पाद परिवर्तन की अनुमति दी गई।
विधायक कप की सफलता पर बधाई
84. ( क्र. 7450 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधायक कप 2016 की सफलता के बाद क्या वर्ष 2016 में अंत तक इस तरह का आयोजन पुन: होगा? (ख) क्या भविष्य में होने वाली खेल प्रतियोगिताओं को सीमित कर केवल भारतीय खेलों को प्राथमिकता मिलेगी? (ग) क्या भविष्य में होने वाली प्रतियोगिताओं की जानकारी जनप्रतिनिधियों को दी जाएगी ताकि पूरे क्षेत्र में तैयारी आयोजित हो सके?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) पुनः आयोजन पर कार्यवाही प्रचलन में है, समय बताया जाना संभव नहीं है। (ख) पुनः आयोजन के निर्णय उपरांत बताया जाना संभव होगा। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों की मरम्मत कार्य की गुणवत्ता
85. ( क्र. 7451 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में बिजावर नगर की सड़कों की मरम्मत या डामरीकरण का कार्य किन-किन ठेकेदारों को कराया गया? कुल कितने कि.मी. कार्य हुआ? कितना शेष है? गुणवत्ता का क्या मापदंड है? कितने अधिकारी देख-रेख में है, सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ठेकेदारों द्वारा विधान सभा क्षेत्र बिजावर में और कौन-कौन से कार्य किये गये हैं या किये जाना है? सूची सहित जानकारी दें। (ग) क्या जटाशंकर मार्ग की मरम्मत व डामरीकरण का कार्य गुणवत्ता पूर्ण हुआ है? किन-किन अधिकारियों ने इसकी देख-रेख की है नाम, पदनाम सहित सूची दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) वर्ष 2014-15 में बिजावर नगर की सड़कों की मरम्मत या डामरीकरण का कार्य किसी भी ठेकेदार से नहीं कराया गया। अपितु विधानसभा क्षेत्र बिजावर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
निष्पक्ष जाँच अंतर्गत धारा-32
86. ( क्र. 7455 ) श्री प्रताप सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के संदर्भ में वर्ष 2015-16 में भोपाल स्थित असिस्टेन्ट रजिस्ट्रार, फर्म्स एंड सोसायटी कार्यालय को किन-किन व्यक्तियों ने विधिवत् फीस सहित धारा-27 की जानकारी पेश की है? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) अनुसार अब तक मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 की धारा-32 के तहत जाँच क्यों संस्थित नहीं की गई? धारा-32 के तहत जाँच कराने हेतु किन किनके द्वारा वर्ष 2016 में आवेदन द्वारा मांग की गई? (ग) क्या 26 दिसम्बर 2012 को संपन्न प्रश्नाधीन संघ के चुनाव में रजिस्ट्रार द्वारा नियुक्त निर्वाचन अधिकारी स्वयं भी संघ पदाधिकारी होते हुए धारा-27 की सूची में शामिल थे? (घ) क्या व्यवस्था कायमी के तहत दिनांक 05 जुलाई, 2015 को हुए प्रश्नाधीन संघ के चुनाव की सारी प्रक्रिया एक ही दिनांक को संपन्न हो गई? इसमें 01 अप्रैल 2015 से 03 जुलाई 2015 तक वैध समस्त पदाधिकारियों को शामिल नहीं करने की जाँच कब की जायेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में श्री अरूण द्विवेदी, श्री ओ.पी.कटियार एवं डॉ. सुरेश गर्ग के द्वारा अधिनियम की धारा 27 की जानकारी प्रस्तुत की गई है। (ख) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 32 (2) के प्रावधानान्तर्गत कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिए जाँच कराये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नाधीन अवधि में उपरोक्तानुसार आवेदन प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) व्यवस्था कायमी के संबंध में मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 में कोई प्रावधान नहीं है। उक्त अधिनियम की धारा 32 (2) के तहत कोई आवेदन प्राप्त न होने से प्रश्नाधीन संघ के उल्लेखित अवधि में विषयांकित जाँच कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
श्योपुर में अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की जाँच
87. ( क्र. 7462 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण संभाग श्योपुर में दिनांक जनवरी 2013 से प्रश्नांकित दिनांक तक निर्माण कार्यों में अनियमितता, भ्रष्टाचार एवं गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य कराए जाने आदि से संबंधित कितने प्रकरणों में जाँच कराई गई? जाँच निष्कर्षों के आधार पर किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही हुई (न्यायालयीन प्रकरणों को छोड़कर) बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरणों की जाँच के बाद क्या ठेकेदारों के देयक भुगतान हेतु लंबित हैं? यदि हाँ, तो किस अनुबंध के एवं क्यों? क्या विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या ठेकेदारों से वसूली अपेक्षित है? यदि हाँ, तो किस ठेकेदार से कितनी वसूली की कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी? (ग) क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा ऐसे गंभीर प्रकरणों को उप संभाग स्तर पर लंबे समय तक लंबित कर ठेकेदारों को लाभ या प्रकरणों को लम्बे अन्तराल के बाद देयक प्रस्तुत कर फर्जी देयकों को पास कराने की मंशा है? (घ) यदि नहीं, तो उक्त अवधि के समस्त देयक कब उपखण्ड से भेजे व कब संभाग में प्राप्त हुए? यदि प्रश्नांकित दिनांक तक लंबित है? तो कौन-कौन से देयक किस-किस अनुबंध के तहत, किस-किस ठेकेदार के लंबित हैं? इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है और दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक ग्रेड-2, भण्डार लिपिक, सहायक ग्रेड-2 एवं डिमांस्ट्रेटर को लाभ
88. ( क्र. 7464 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तकनीकी शिक्षा विभाग के इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-2/भण्डार लिपिक/सहायक ग्रेड-3 एवं डिमांस्ट्रेटर के पदों पर पदोन्नति, क्रमोन्नति समयमान वेतनमान का प्रावधान है? पदवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लिपिकीय पदों पर 10 वर्षों में क्रमोन्नति व टाईम स्केल का प्रावधान तथा तकनीकी पदों पर 12 वर्षों में उक्त लाभ का प्रावधान हैं क्यों बतायें? जबकि समान पद व समान लाभ दिये जाने की व्यवस्था है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सहायक ग्रेड-2 को कौन सा वेतनमान तथा भण्डार लिपिक को कौन सा वेतनमान का लाभ एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालयों के डिमांस्ट्रेटरों को कौन सी श्रेणी व वेतनमान व पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों के डिमांस्ट्रेटर को कौन सी श्रेणी व वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में वेतन विसंगतियां, श्रेणी भिन्नता, टाइम स्केल की भिन्नता कब तक खत्म कर समान लाभ दिया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहायक ग्रंथपाल/ग्रंथालय लिपिकों की पदोन्नति
89. ( क्र. 7465 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तकनीकी शिक्षा विभाग के इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में कार्यरत सहायक ग्रंथपाल/ग्रंथालय लिपिकों से ग्रंथपाल पद पर पदोन्नति प्रदान करने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो विभागीय समिति व संचालनालय भोपाल द्वारा उक्त पदोन्नति आदेश आखिरी बार कब जारी किये गये हैं पदोन्नति की सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त महाविद्यालयों में कार्यरत सहायक ग्रंथपाल एवं ग्रंथालय लिपिकों की संख्या कितनी हैं? (ग) क्या शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक/सी 3-2/2013/1/3 भोपाल दिनांक 02.02.2013 के अनुसार विभागीय पदोन्नति समितियों की बैठक, प्रतिवर्ष समय-समय पर आयोजित करने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो उक्त सहायक ग्रंथपाल/ग्रंथालय लिपिकों की पदोन्नति के संबंध में अंतिम बार पदोन्नति समिति की बैठक कब आयोजित की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? बैठक कब तक आयोजित की जायेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं. शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ख) वर्तमान में इंजीनियरिंग/पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में सहायक ग्रंथपाल एवं ग्रंथालय लिपिक के कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 07-07 है (ग) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
घोषणा की पूर्ति करना
90. ( क्र. 7468 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मंत्री जी द्वारा दिनांक 19.10.2015 को अपने ब्यावरा नगर के प्रवास के दौरान सड़क निर्माण कार्य के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान ब्यावरा नगर के सिटी पोर्शन (पुराना ए.बी.रोड़) में सीसीकरण, नाली निर्माण, डिवाईडर सहित बनाये जाने की घोषणा प्रश्नकर्ता की मांग पर की गई थी तथा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग राजगढ़ को शीघ्र डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति हेतु प्रेषित करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो क्या निर्देशों के पालन में उक्त सड़क निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन ब्यावरा नगर के एकमात्र अतिमहत्वपूर्ण मुख्य मार्ग का सीसीकरण, नाली निर्माण, डिवाईडर एवं पुलियों के चौड़ीकरण सहित सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति वर्तमान बजट में प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं, प्राक्कलन परीक्षणाधीन। (ख) जी नहीं, सक्षम समिति के अनुमोदन पश्चात बजट में सम्मिलित किये जाने की प्रक्रिया की जावेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उच्च स्तरीय पुल निर्माण की स्वीकृति
91. ( क्र. 7469 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या-82 (क्रमांक 2353) दिनांक 17 दिसम्बर 2015 के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री महोदय द्वारा बताया गया था कि माननीय मंत्री जी मध्यप्रदेश शासन लोक निर्माण विभाग के निर्देशानुसार विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत सुठालिया-उकावद मार्ग पर पार्वती नदी पर नवीन पुल निर्माण बाबत् परीक्षण कराया जा रहा है? तो क्या नवीन पुल निर्माण बाबत् परीक्षण करा लिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक परीक्षण करा लिया जावेगा? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन दो जिलों की सीमाओं को जोड़ने वाले पार्वती नदी पर अति महत्वपूर्ण एवं यातायात की दृष्टि से अत्यंत व्यस्त मार्ग पर कब तक नवीन पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। नवीन पुल के निर्माण हेतु विस्तृत सर्वेक्षण कराया जा रहा है इसके उपरांत डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही की जावेगी। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) शासन की किसी योजना में प्रस्तावित न होने के कारण वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
सड़क का मरम्मत एवं पुर्ननिर्माण कार्य
92. ( क्र. 7485 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत कोतमा विधानसभा क्षेत्र में दार सागर से भेड़वानाला तक क्षतिग्रस्त सड़क को सुगम आवागमन की दृष्टि से कब तक मरम्मत/पुर्ननिर्माण करवा दिया जायेगा? उक्त मार्ग हेतु वर्तमान में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है तथा वर्तमान में यह किस स्थिति में है? इस हेतु कब तक स्वीकृति प्रदान कर टेण्डर आदि जारी किये जायेंगे? (ख) क्या उक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भेड़वा नाले पर बना रपटा क्षतिग्रस्त हो चुका है जिससे कभी भी दुर्घटना की ज्वलंत संभावना है? उक्त क्षतिग्रस्त रपटे का पुर्ननिर्माण कब कर करवा दिया जायेगा या आवागमन हेतु कब तक व्यवस्थित कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) नवीनीकरण हेतु एजेन्सी अनुबंधित। अनुबंधानुसार 6 माह की अवधि में कार्य पूर्ण किया जाना है। निविदा की कार्यवाही पूर्ण। कार्यादेश जारी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी नहीं। वर्तमान में रपटा आवागमन योग्य है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रपटा के निर्माण हेतु
93. ( क्र. 7486 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अंतर्गत कोतमा नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 14-15 में केवई रपटा जो कि पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है, लोगों को आवागमन की कठिनाई है? उक्त रपटा के निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन है या इसे कब तक बनाया जायेगा? (ख) क्या उक्त रपटे का डी.पी.आर. हेतु सर्वेक्षण हो चुका है? यदि हाँ, तो वह वर्तमान मेंकिस स्थिति में है तथा कब तक इसको स्वीकृति प्रदान कर टेण्डर आमंत्रित करके पूर्ण करा दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन कार्य म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ओकाब विभाग की जमीन
94. ( क्र. 7496 ) डॉ. मोहन यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धर्मस्व विभाग द्वारा उज्जैन जिले में ओकाब विभाग की जमीनों को जनवरी 2001 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब नीलाम किया गया? उक्त नीलामी से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि का क्या उपयोग किया अथवा कहाँ पर जमा कराया गया? (ख) क्या सहकारी बैंकों में की गई जमा राशि की कितने वर्ष हेतु एफ.डी. करवाई गई? उक्त एफ.डी. का नवीनीकरण कब-कब करवाया गया? एफ.डी. से ब्याज की कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि का क्या उपयोग किया गया? (ग) यदि एफ.डी. का नवीनीकरण नहीं कराया गया तो, इसके लिये कौन जिम्मेदार है? ब्याज की राशि का जो नुकसान हुआ वह किससे वसूल किया जावेगा? उक्त लापरवाही के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खेल मैदानों के उत्थान हेतु राशि का वितरण
95. ( क्र. 7508 ) श्री आरिफ अकील : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल शहर में कहाँ-कहाँ व किस-किस नाम से खेल मैदान हैं? (ख) क्या ग्रामीण क्षेत्रों के विधायकों को खेल व खेल मैदान के उत्थान हेतु राशि दी जाती है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शहरी क्षेत्र के विधायकों को भी खेल व खेल मैदानों के उत्थान हेतु राशि उपलब्ध करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) भोपाल शहर में जिन खेल मैदानों पर खेल और युवा कल्याण विभाग के स्वामित्व के है उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के विधायकों को खेल एवं खेल मैदानों के उत्थान हेतु कोई राशि प्रदान नहीं की जाती है।
7 करोड़ रुपये की राशि का दुरुपयोग
96. ( क्र. 7509 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी मालवा अंतर्गत टिमरनी टोल टैक्स से शिवपुर बिसौनी तक सड़क निर्माण कार्य में धांधली एवं करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार एवं बंदरबांट कर शासन की राशि का दुरुपयोग किये जाने का मामला उजागर हुआ है? (ख) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस जनप्रतिनिधि व स्थानीय निवासियों द्वारा शासन व माननीय मुख्यमंत्री को क्या-क्या शिकायतें की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में भ्रष्ट प्रवत्ति के किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शिकायतों के आधार पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गयी और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) माननीय विधायक, विधान सभा क्षेत्र क्र. 3 सबलगढ़ (मुरैना) द्वारा एक शिकायत इस विभाग एवं एक शिकायत माननीय मुख्यमंत्री जी, मध्य प्रदेश शासन के समक्ष की गई। शिकायत का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जाँच प्रतिवेदन में मार्ग की गुणवत्ता संतोषजनक बतायी गई है, जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल
97. ( क्र. 7512 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल का वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक विश्वविद्यालय अधिनियम के अनसुार कब-कब स्थानीय निधि संपरीक्षक द्वारा अंकेक्षण किया गया है, कराये गये अंकेक्षणों का विवरण देवें? (ख) अगर अधिनियम का पालन नहीं किया और समय पर अंकेक्षण नहीं कराया गया तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं उस पर कब क्या कार्यवाही की जावेगी यदि अंकेक्षण कराया गया तो, उठाई गई आपत्तियों का विवरण देवें और उनके निराकरण के क्या प्रयास किये गये? (ग) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित विश्वविद्यालय में जनवरी 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितने शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों पर स्थाई/अस्थाई संविदा नियुक्तियां की गई है? पदवार एवं देयक वेतन सहित जानकारी देवें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित नियुक्तियों हेतु शासन से सक्षम अनुमति प्राप्त की गई है एवं क्या ये नियुक्तियां विश्वविद्यालय अध्यादेश 1998 का विधिवत् पालन करते हुये की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? यदि नहीं, तो इसका दोषी कौन है? दोषियों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जबलपुर से शहपुरा वाया पाटन मार्ग के निर्माण
98. ( क्र. 7514 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर से शहपुरा वाया पाटन मार्ग के निर्माण का अनुबंध कब किससे किया गया? अनुबंध की शर्तों के अनुसार कौन-कौन सा निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत से कब पूर्ण होना है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग के निर्माण के पूर्व सड़क के दोनों और कितने वृक्ष लगे थे? उक्त मार्ग के निर्माण हेतु कब-कब, कितने-कितने वृक्षों को किसकी अनुमति से काटा गया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग के निर्माण हेतु 27 मील दूर तेंदूखेड़ा की पहाड़ी की सेन्ड स्टोन से गिट्टी तैयार की जा रही है जिसमें हार्डनेस नहीं है तथा जिस स्थान से पत्थर व मुरम निकालकर मार्ग निर्माण में लगाई जा रही है न तो उसकी लीज स्वीकृत है और न N.G.T. से N.O.C. प्राप्त नहीं की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा ततसंबंध में 18/2/2016 को संभागीय प्रबंधक एम.पी.आर.डी.सी. जबलपुर संभाग को लिखे गये पत्र क्र. M/163/15/358 क्या है तथा उस पर कब क्या कार्यवाही की गई बतलावें? उत्तर में यदि न तो मार्ग निर्माण में इस्तेमाल हुये गौण खनिज की गुणवत्ता रिपोर्ट एवं खनित स्थल की N.G.T. से प्राप्त N.O.C. तथा खनित स्थलों की खनन स्वीकृत खसरा नंबर सहित की जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) मार्ग निर्माण/उन्नयन का कार्य वर्तमान ठेकेदार द्वारा प्रारंभ करने के पूर्व मार्ग के कार्य में बाधक 133 नग वृक्षों को काटने की अनुमति हेतु कलेक्टर जबलपुर को म.प्र. सड़क विकास निगम के पत्र क्र. 3655 दिनांक 07.01.2016 से प्रस्ताव प्रेषित किया गया है, जिसकी स्वीकृति अपेक्षित होने के कारण वर्तमान में कोई भी वृक्षों को नहीं काटा गया है। (ग) जी हाँ, परन्तु मार्ग उन्नयन कार्य में प्रयुक्त की जा रही गिट्टी मानक स्तर की है। अनुमति खनिज विभाग से ली गई। एन.जी.टी. से एन.ओ.सी. की आवश्यकता नहीं है। (घ) पत्र प्राप्त है, पाटन, शहपुरा, जबलपुर मार्ग निर्माण में ठेकेदार द्वारा किये जा रहे घटिया मटेरियल इस्तेमाल की सूक्ष्म जाँच बाबत् कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। शेष उत्तर ‘क’ एवं ‘ग’ अनुसार।
शहडोल पड़रिया मार्ग निर्माण की जानकारी
99. ( क्र. 7524 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल पड़रिया (बजाग) मार्ग के निर्माण हेतु प्राक्कलन कब तैयार किया गया, प्राक्कलन की प्रशासकीय स्वीकृति कब मिली एवं कितनी राशि स्वीकृत हुई, मार्ग की कुल लंबाई कितनी है? मार्ग निर्माण हेतु प्रथम निविदा कब निकाली गयी किस-किस ठेकेदारों ने निविदा भरी किसकी निविदा स्वीकृत हुई ठेकेदार ने कब कार्य प्रारंभ किया तथा कब पूर्ण किया? (ख) उक्त मार्ग क्या एक ही ठेकेदार ने पूर्ण किया अगर नहीं तो कौन-कौन ठेकेदार ने कितना-कितना कार्य किया एवं किस-किस ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि भुगतान की गयी? (ग) उक्त मार्ग के निर्माण के समय में कब-कब शिकायतें मिली तथा मार्ग निर्माण के बाद कब-कब शिकायत मिली एवं प्राप्त शिकायतों का क्या निराकरण किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। कार्य निर्माण हेतु प्रथम निविदा दिनांक 27.01.2010 को जारी की गई। 11 ठेकेदारों ने निविदा भरी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मेसर्स अटलांटा ए.आर.एस.एस. की निविदा स्वीकृत हुई। ठेकेदार को दिनांक 26.05.2010 को कार्य करने हेतु कार्यादेश दिया गया लेकिन कार्य की मंद गति के कारण दिनांक 20.05.2013 को उनका ठेका निरस्त कर दिया गया। पुन: निविदा दिनांक 21.05.2013 को जारी की गई। 6 ठेकेदारों ने निविदा भरी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन लि. की निविदा स्वीकृत हुई। ठेकेदार को दिनांक 06.08.2013 को कार्य करने हेतु कार्यादेश दिया गया। कार्य 10.03.2015 को पूर्ण हुआ। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) उक्त मार्ग के निर्माण के समय में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई। मार्ग निर्माण के पश्चात तीन शिकायतें जय स्तम्भ चौक से सिंहपुर रोड पोण्डा नाला तक के रोड एवं नाली निर्माण अधूरे कार्य को पूर्ण कराये जाने के संबंध में मुख्य सचिव, म.प्र. शासन से दिनांक 11.05.2015, संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. दिनांक 25.07.2015 एवं मान. अध्यक्ष नगर पालिका परिषद् शहडोल दिनांक 22.08.2015 से प्राप्त हुई थी। उपरोक्त अधूरे कार्य को पूर्ण कराया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 600 मीटर लंबाई में नाली निर्माण कार्य कराया जा चुका है एवं लगभग 300 मीटर लंबाई में कार्य शेष है।
निर्माण कार्य की जानकारी
100. ( क्र. 7525 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में विगत 5 वर्षों में विभिन्न मदों से कौन-कौन निर्माण कार्य स्वीकृत हुए? (ख) प्राक्कलन अनुसार प्रत्येक निर्माण कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई, कार्य विभागीय व ठेकेदारी से किया गया, कौन-कौन कार्य प्राक्कलन अनुसार समय पर पूरा हुआ? (ग) कौन-कौन से कार्य के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलन बनाया गया, पुनरीक्षित प्राक्कलन बनाने की जरूरत क्यों पड़ी, समय पर कार्य क्यों पूर्ण नहीं हुआ, समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने के लिए कौन जिम्मेदार हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''अ-1'' एवं ''अ-2'' अनुसार है।
खेल संघों को अनुदान
101. ( क्र. 7536 ) श्री संजय शर्मा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा खेल संघों को प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो इसके लिए क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित हैं, उनकी प्रति दें? (ख) जिला नरसिंहपुर एवं रायसेन में वर्ष 2013-14 से मार्च 16 तक किन-किन खेल संघो को किन-किन प्रतियोगिता हेतु कितनी राशि दी गई? (ग) उक्त जिलों में कहाँ-कहाँ पर खेल परिसर एवं स्टेडियम निर्माणाधीन है? कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? कार्य की क्या स्थिति है? (घ) किन-किन खेल परिसर स्टेडियम हेतु भूमि प्राप्त नहीं हुई तथा भूमि प्राप्त करने के लिए विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2013-14 से अभी तक जिला व्हॉलीबॉल संघ, नरसिंहपुर को महिला एवं पुरूष अखिल भारतीय व्हॉलीबॉल प्रतियोगिता हेतु राशि रू. 1.00 लाख का अनुदान स्वीकृत किया गया है। रायसेन जिले में वर्ष 2013-14 से अभी तक किसी भी खेल संघ को प्रतियोगिता आयोजन हेतु अनुदान स्वीकृत नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश ख में दर्शित जिले के रायसेन जिले में खेल परिसर एवं स्टेडियम निर्माणाधीन नहीं है। नरसिंहपुर जिले के गोटेगाँव में स्टेडियम निर्माण हेतु राशि रूपये 95.40 लाख की लागत अनुमोदित है जिसके विरूद्ध रू. 60.42 लाख व्यय किया जा चुका है तथा नरसिंहपुर में क्रिकेट स्टेडियम हेतु राशि रू. 99.86 लाख की लागत अनुमोदित है जिसके विरूद्ध रू. 55.00 लाख का व्यय किया जा चुका है। नरसिंहपुर क्रिकेट स्टेडियम का प्रथम चरण में स्वीकृत कार्य में से दर्शक दीर्घा का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं गोटेगाँव में मैदान की बाउण्ड्रीवॉल तथा मैदान समतलीकरण का कार्य प्रगति पर है। (घ) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफारमेंस ग्रांट योजना के तह्त प्रत्येक विकासखंड में आउटडोर स्टेडियम निर्माण की योजना के तह्त रायसेन जिले के सभी 07 विकासखंडों में भूमि प्राप्त हो गई है। नरसिंहपुर जिले के 05 विकासखण्डों में भूमि प्राप्त हो गई है, मात्र 01 विकासखण्ड के चाँवरपाठा के ग्राम देवरी में जो जमीन दान के रूप में प्राप्त होना है, दान पत्र तथा जमीन आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अपूर्ण मार्ग पर टोल टैक्स की वसूली
102. ( क्र. 7537 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में महलुआ चौराहे से विदिशा मार्ग का निर्माण किस एजेंसी द्वारा किस दर पर किया जा रहा है? प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति की प्रति दें? (ख) उक्त मार्ग का कार्य कब प्रारंभ हुआ? अनुबंध अनुसार कार्य कब तक पूर्ण होना था? उक्त मार्ग का कार्य समय-सीमा में पूर्ण क्यों नहीं हुआ? (ग) उक्त मार्ग पर ठेकेदार द्वारा कब से किस दर पर टोल टैक्स वसूल किया जायेगा? उक्त अपूर्ण मार्ग पर टोल टैक्स क्यों वसूल किया जा रहा है? (घ) उक्त कार्य का 1 जनवरी 15 से मार्च 16 तक की अवधि में कब-कब, किस-किस अधिकारी ने निरीक्षण किया तथा क्या-क्या कमियां पाई तथा क्या-क्या कार्यवाही की?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विदिशा जिले में महलुआ चौराहे से विदिशा मार्ग (विदिशा-कुरवाई) मार्ग का निर्माण वर्तमान में नहीं किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 09.04.2015 से। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ऑपरेशन मेंटेनेंस एवं ट्रांसफर (ओ.एम.टी.) अनुबंधानुसार। (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
रिक्त पदों की पूर्ति
103. ( क्र. 7543 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालनालय खेल एवं युवक कल्याण म.प्र. द्वारा अप्रैल 2011 में शीघ्र लेखक ग्रेड 3 के 2 पदों एक अनारक्षित एवं एक अ.ज. जाति वर्ग के लिए विज्ञापन जारी किया गया था? उक्त विज्ञापन के विरूद्ध 15 अनारक्षित तथा 05 अ.ज.जाति वर्ग के आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो आवेदनकर्ताओं के नाम, पता सहित सूची देवें? (ख) क्या अ.ज.जाति वर्ग के रिक्त पद पर अनारक्षित वर्ग के व्यक्ति की नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें तथा इसके लिए कौन दोषी है? (ग) उक्त अ.ज.जाति वर्ग के रिक्त पद पर नवीन नियुक्ति हेतु पुन: विज्ञापन जारी क्यों नहीं किया गया? कारण बतायें तथा कब तक विज्ञापन जारी होगा समयावधि बतायें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, 15 अनारक्षित एवं 5 अ.ज.जाति वर्ग के आवेदन प्राप्त हुए थे। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुसूचित जनजाति वर्ग के रिक्त पद की पूर्ति हेतु नियंत्रक मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड को संचालनालय के पत्र क्र. 6037 दिनांक 08/12/2014 द्वारा लेख किया गया है। प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड द्वारा विज्ञापन कब जारी किया जावेगा संचालनालय स्तर से बताया जाना संभव नहीं है।
तदर्थ नियुक्ति अवधि की वेतनवृद्धि व एरियर का भुगतान
104. ( क्र. 7558 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. की आई.टी.आई. में लंबे समय से तदर्थ रूप से कार्यरत लिपिकों को दिनांक 15.12.1987 को नियमित कर दिया गया है? (ख) क्या म.प्र. शासन द्वारा तदर्थ नियुक्ति अवधि की वेतन वृद्धि एवं एरियर के भुगतान हेतु निर्देश जारी किए गए हैं? (ग) क्या प्रश्न (क) के लिपिकों को आज दिनांक तक तदर्थ अवधि की न तो वेतन वृद्धि दी गई और न ही वेतन एरियर का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्न (क) के लिपिकीय कर्मचारियों को तदर्थ अवधि की वेतन वृद्धि एवं वेतन एरियर के भुगतान के आदेश नियुक्तिकर्ता अधिकारी संचालक कौशल विकास म.प्र. जबलपुर द्वारा कब तक जारी कर दिये जावेगें और कब तक कर्मचारियों (लिपिकों) के वेतन एरियर का भुगतान कर दिया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। 17 लिपिकीय कर्मचारियों को तदर्थ अवधि की वेतन वृद्धि एवं एरियर का भुगतान किया गया है। (घ) संचालनालय के पत्र क्रमांक-8457 दिनांक 30.06.1993 एवं पत्र क्रमांक-1068 दिनांक 24.01.2001 द्वारा निर्देश जारी किये गये है। पून: प्राचार्यों को निर्देशित किया जा रहा है।
वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण
105. ( क्र. 7560 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन रेंज कैलारस जिला मुरैना के ग्राम कुंअरपुर के राजस्व सर्वे क्रमांक 1186, 1190, 1197, 1198, 1200 आदि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारियों के नाम बतावें और उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या ग्राम कुंअरपुर हल्का नं. 000 28 में सैकड़ों बीघा पर किये गये कब्जों के संबंध में ग्रामीणों द्वारा उचित माध्यम से अतिक्रमण हटाने संबंधी शिकायतें की गई थी? इस प्रकार की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उन पर प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही न करने के क्या कारण रहे? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री हेल्प-लाईन शिकायत दिनांक 9.9.2014 पंजीयन क्रमांक 206070 पर उक्त प्रकरण की शिकायत की गयी? यदि हाँ, तो की गयी कार्यवाही से अवगत करावें? (घ) क्या उक्त शासकीय भूमि पर पशुओं के लिये पानी पीने हेतु स्टॉप डेम भी बनवाया गया, लेकिन अतिक्रमण की वजह से उक्त स्टॉप डेम अनुपयोगी होकर पशु पानी पीने से वंचित हो गये हैं? क्या संपूर्ण प्रकरण की जाँच कर शासन की सैकड़ों बीघा जमीन पर अतिक्रमणकारियों एवं लिप्त अधिकारियों को दण्डित कर अतिक्रमण हटाया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2014 में 2, वर्ष 2015 में 1 शिकायत प्राप्त हुई थी। इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, शासकीय भूमि पर, स्टॉप डेम बनाया गया है। स्टॉप डेम के कैचमेन्ट ऐरिया में खेती होने से, अतिक्रामकों द्वारा ग्राम के मवेशियों को पानी पीने से रोका जाता है। प्रश्नांकित वन भूमि पर, पाये गये 2 हेक्टेयर क्षेत्र अतिक्रमण से मुक्त कराने की कार्यवाही उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार की जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संदर्भ में
106. ( क्र. 7565 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण म.प्र. द्वारा अप्रैल 2011 में शीघ्र लेखक ग्रेड तीन के दो पदों में एक अनारक्षित एवं एक अनु. जनजाति वर्ग के लिए विज्ञापन जारी किया गया था तथा उक्त विज्ञापन के विरूद्ध 15 अनारक्षित एवं 5 अ.ज.जा. वर्ग के आवेदन प्राप्त हुये थे? (ख) क्या अ.ज.जा. वर्ग के रिक्त पद पर अनारक्षित वर्ग के व्यक्ति की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें तथा इसके लिए कौन दोषी हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनु. जनजाति वर्ग के रिक्त पद पर नियुक्ति हेतु पुन: विज्ञापन जारी क्यों नहीं किया गया है? कारण बताएं तथा कब तक विज्ञापन जारी किया जाएगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुसूचित जनजाति वर्ग के रिक्त पद की पूर्ति हेतु नियंत्रक मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड को संचालनालय के पत्र क्र. 6037 दिनांक 08/12/2014 द्वारा लेख किया गया है। प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड द्वारा विज्ञापन कब तक जारी किया जावेगा संचालनालय स्तर से बताया जाना संभव नहीं है।
वन क्षेत्र में आने वाले राजस्व ग्राम
107. ( क्र. 7573 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन क्षेत्र में आने वाले राजस्व ग्रामों को वन क्षेत्र से हटाने की नीति शासन द्वारा बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) शासन द्वारा वनक्षेत्र में आने वाले राजस्व ग्रामों को वन क्षेत्र से हटाया जाता है तो क्या वहां निवासरत किसानों की सहमति आवश्यक है? अगर सहमति आवश्यक नहीं तो क्यों नहीं? (ग) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जिनको वन क्षेत्र से हटाया जाना है? सूची उपलब्ध करावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ,। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के वन क्षेत्र से हटाये जाने योग्य कोई ग्राम नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महुआ गाँव से मझौली मार्ग का अपूर्ण कार्य
108. ( क्र. 7574 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के विकासखण्ड देवसर अंतर्गत महुआ गाँव से मझौली मार्ग का निर्माण किस ठेकेदार को दिया गया था? कंपनी का नाम सहित बतायें? (ख) क्या उक्त मार्ग का निर्माण पूर्ण हो गया है? अगर हाँ तो क्या मेन बाजार महुआ गाँव निवासरी निगरी, टिकरी, मड़वास मझौली के बीच बाजारों में नाली का निर्माण कराया गया हैं? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या उक्त मार्ग की निर्माण एजेंसी दिलीप बिल्डकॉन एण्ड कंपनी थी? यदि हाँ, तो छोड़े गये स्थान में कार्य कराये जाने हेतु कंपनी को निर्देशित किया जायेगा? (घ) क्या उपरोक्त एजेंसी द्वारा अधूरे कार्य को पूर्ण न करने की स्थिति में विभाग द्वारा मेन बाजारों में नाली का निर्माण कराया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सिंगरौली एवं सीधी जिले के विकासखण्ड देवसर एवं मझौली अंतर्गत महुआ चुवाही मार्ग का निर्माण मे. दिलीप बिल्डकॉन लि. भोपाल को दिया गया था। (ख) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परियोजना इकाई द्वारा किये जा रहे निर्माण
109. ( क्र. 7584 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों से नीमच जिले में लोक निर्माण विभाग की परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये कौन-कौन से निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा पूर्ण होने के उपरांत भी पूर्ण नहीं हुए हैं? (ग) क्या निर्धारित समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किये जाने से क्षेत्र का विकास प्रभावित हुआ है? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी निर्माण एजेंसी के विरूद्ध शासन कोई वैधानिक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विगत 3 वर्षों में नीमच जिले में कुल 24 नग कार्य स्वीकृत लागत रूपये 2439.83 लाख के कराये जा रहे हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) निर्धारित अवधि पूर्ण होने के उपरांत 2 कार्य प्रगतिरत है- (1) 100 सीटर बालिका छात्रावास नीमच केन्ट एवं (2) नापतौल सह कार्यालय भवन के निर्माण निर्धारित समय-सीमा पूर्ण होने पर भी पूर्ण नहीं हुए है। (ग) जी नहीं, लेकिन विलंब के लिए दोषी निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
कुक्षी बाय-पास रोड का निर्माण
110. ( क्र. 7586 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कुक्षी बाय-पास निर्माण की लागत कितनी हैं? इसकी स्वीकृति दिनांक, पूर्णता दिनांक सहित बतावें? (ख) इसका ठेका किस कंपनी को दिया गया? इसने अभी तक कितना कार्य किया है? 28-2-2016 तक हुए कार्य की भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट देवें? (ग) कार्य कब तक पूर्ण होगा? (घ) कार्य समय पर गतिमान न होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) धार जिले में कुक्षी बाय-पास का कार्य जो कि मूल कार्य कुक्षी-बाग-जोबट-झाबुआ राजमार्ग क्रं0 39 बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत शामिल है। परियोजना की कुल लागत रू. 157.44 करोड़ है। इस कार्य की स्वीकृति दिनांक 22.12.2010 को शासन द्वारा जारी की गई है कार्य प्रारंभ की दिनांक 23.05.2011 है अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि 24 माह है। (ख) इस कार्य को करने हेतु ठेका मेसर्स गंगोत्री झाबुआ जोबट कुक्षी प्रा.लि. लखनऊ को दिया गया है। इस मार्ग का कार्य कन्सेशनायर द्वारा 75 प्रतिशत पूर्ण कर दिया गया है। शेष 25 प्रतिशत कार्य प्रगति पर है। भौतिक सत्यापन रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 30.12.2016 तक पूर्ण होना संभावित है। (घ) बी.ओ.टी. निवेशकर्ता की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने से समय पर कार्य पूर्ण नहीं हो सका है, अनुबंधित कण्डिकाओं के अंतर्गत कार्यवाही प्रचलित है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रश्न का गलत उत्तर देना
111. ( क्र. 7588 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या -114 (क्रं-2642) दिनांक 17.12.2015 को दिए उत्तर में बताया गया कि जबलपुर संभाग में कोई वन भूमि लीज पर नहीं दी गई जबकि प्रश्न क्रं. 3185 दि. 30.07.2015 को उत्तर में जबलपुर संभाग में लीज पर दी गई वन भूमि की सूची कंपनियों के अनुबंध के साथ दी गई? ये गलत जानकारी देने वालों के नाम, पदनाम सहित बतावें? (ख) शासन सदन को गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) उक्त प्रश्न 2642 दि. 17.12.2015 की सही जानकारी भी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) प्रश्न क्रमांक 3185 दिनांक 30.07.2015 के उत्तर में जबलपुर संभाग में होटल्स/मोटल्स/विन्ड के अन्तर्गत जानकारी निरंक दी गई है। वन विभाग द्वारा वन (संरक्षण) अधिनिमय, 1980 के अन्तर्गत भारत सरकार का अनुमोदन प्राप्त कर वन भूमि विभिन्न गैर-वानिकी कार्यों जैसे- खनिज के लिये उपयोग हेतु दी जाती है परन्तु उत्खनन कार्य की लीज डीड एग्रीमेंट खनिज साधन विभाग द्वारा किया जाता है जिसके उपरान्त वन भूमि का हस्तांतरण किया जाता है। प्रश्न क्रमांक-3185 के परिशिष्ट-1 में उपलब्ध कराई गई सूची में खनिज साधन विभाग द्वारा की गई लीज के विवरण अनुसार जानकारी गलत नहीं दी गई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा प्रश्न क्रमांक 2642 दिनांक 17.12.2015 की जानकारी सही दी गई है।
लेबड नयागाँव फोरलेन पर वृक्षारोपण के झुठे आंकडे
112. ( क्र. 7590 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागाँव फोरलेन के दोनों और अनुबंध के अनुसार लगाये गये पेड़ों की संख्या फरवरी 2016 तक देवें तथा प्रत्येक किलो मीटर पर मीडियन में लगाये गये पौधों की स्थिति क्या हैं तथा क्या वे अनुबंध के अनुसार हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फोरलेन पर अनुबंध से ज्यादा तीन गुना तक पेड़ लगाये गये हैं तथा उस अनुसार कन्सेशनर को कितनी अधिक अवधि के लिए टोल वसूलने की अनुमति दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फोरलेन पर विद्युत संयोजन किस-किस स्थान पर अनुबंध के अनुसार किस अवधि में किया जाना था तथा विद्युत संयोजन की अद्यतन स्थिति के बारे में बतावें कि कहाँ-कहाँ वह चालू हालात में है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फोरलेन की गुणवत्ता का विभाग द्वारा किस-किस दिनांक को पिछले एक साल में 2015 में निरीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया गया तथा उसकी रिपोर्ट से अवगत करावें तथा बतावें कि अनुबंध के विपरित किस-किस किलोमीटर पर रोड में उतार चढा़व (वेरियेशन) पाँच एम.एम. से ज्यादा पाया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागाँव फोरलेन के दोनों ओर अनुबन्ध के अनुसार लगाये गये पेड़ों की संख्या तथा फरवरी 2016 तक उनकी स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मीडियन में पौधों की औसत दूरी तीन मीटर में लगाये गये है। जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लेबड़-जावरा फोरलेन पर अनुबन्धानुसार कुल 73 स्थानों पर विद्युत संयोजन निर्माण अवधि में किया जाना था एवं जावरा-नयागाँव फोरलेन पर अनुबन्धानुसार कुल 14 स्थानों पर विद्युत संयोजन निर्माण अवधि में किया जाना था तथा विद्युत संयोजन की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फोरलेन का निरीक्षण दिनांक 29.05.2015 को प्रबंध संचालक, म.प्र. सड़क विकास निगम, भोपाल द्वारा किया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अनुबन्ध के विपरित किसी किलोमीटर पर रोड में उतार चढ़ाव (वेरियेशन) पाँच एम.एम. का उल्लेख नहीं है।
भर्ती नियम 2004 का उल्लंघन
113. ( क्र. 7593 ) श्री रामनिवास रावत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न 135 (क्र. 3322) दि. 29.02.16 के उत्तर के संदर्भ में भर्ती नियम राजपत्र 2004 के अनुसार समिति गठित न किये जाने के क्या कारण हैं? नियम विरूद्ध गठित समिति की अनुशंसा निरस्त किये जाने के लिए क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में नियमों का उल्लंघन कर समिति गठित करने एवं अनुशंसा करने के लिए दोषी अधिकारियों एवं समिति सदस्यों के विरूद्ध क्या शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) संदर्भित प्रश्न के उत्तरांश (ख) में 33 सह प्राध्यापकों के नाम विचार क्षेत्र में होने पर केवल 2 को लाभ दिये जाने का निर्णय किसके द्वारा लिया गया? अन्य शिक्षकों को तत्समय लाभ न मिलने के कारण उन्हें उच्च पदों पर कार्य करने से वंचित करने के लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या संदर्भित प्रश्न के उत्तरांश (ग) में 9.8.11 को त्रुटिवश पुनरावृत्ति न होकर एक नियोजित फर्जीवाड़ा है, क्योंकि यही त्रुटि क्रमांक 567, 567A पर दोहराई गई है? क्या शासन स्वतंत्र एजेंसी से इसकी जाँच करायेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) संदर्भित प्रकरण के समस्त बिन्दुओं के पुनरीक्षण हेतु सेवा भर्ती नियम-2004 राजपत्र अनुसार चयन समिति के गठन के आदेश दिये गये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन प्रकरण में निर्णय प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत विभाग स्तर पर लिया गया। अन्य प्रकरणों में ए.आई.सी.टी.ई. के दिशा-निर्देशानुसार विभिन्न महाविद्यालयों से विभागाध्यक्ष स्तर पर संकलन/सत्यापन प्रक्रिया में होने के कारण तद्समय विचारित नहीं हो सका। केरियर सवंर्धन योजनान्तर्गत देय लाभ नियत तिथि से ही देय होते हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ‘क‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
ग्राम वन समिति उम्मेदगढ़ में गलत भुगतान
114. ( क्र. 7598 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले के ग्राम वन समिति उम्मेदगढ़ के समिति खाते से वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा जंगली जानवरों के पानी पीने के लिये तालाब बनवाने के नाम पर अनु.जनजाति के अध्यक्ष एवं सदस्यों के अंगूठे लगवाकर फर्जी 2.00 लाख रूपये तालाब का निर्माण न करने पर निकाल लिये गये है? (ख) यदि हाँ, तो उसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? दोषियों के प्रति क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? जिस तालाब निर्माण के नाम से फर्जी भुगतान निकाला गया है उसकी प्रश्नकर्ता विधायक एवं समिति अध्यक्ष एवं सदस्यों के समक्ष भोपाल से विभागीय अधिकारियों की टीम गठित कर जाँच कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उम्मेदगढ़ ग्राम वन समिति अध्यक्ष श्री मलखान आदिवासी, सदस्य श्री सिकन्दर आदिवासी श्री गणेश आदिवासी श्री भरत गिरि श्री राजाराम द्वारा प्रश्नकर्ता विधायक को दिये शिकायती पत्र जो पत्र क्र. 184 दिनांक 2.3.2016 को मूलत: वन मंत्री महोदय को लिखा गया था पत्र पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या दोषियों को दण्ड देकर गबन की गई राशि वसूली जावेगी, यदि हाँ, तो कब तक स्पष्ट करें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। ग्राम वन समिति उम्मेदगढ़ के खाते से समिति की सहमति उपरांत ग्राम वन समिति रूअरमूडरी के क्षेत्र में बनाये गये परकुलेशन तालाब के भुगतान हेतु राशि रूपये 1,78,700/- उम्मेदगढ़ समिति खाते से निकाली गई। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शिकायती पत्र क्रमांक 184 दिनांक 02.03.2016 में उल्लेखित विषय वस्तु की जाँच की गई और पाया गया कि तालाब निर्माण का कार्य किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भितरवार क्षेत्र में संचालित महाविद्यालयों
115. ( क्र. 7599 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र के किस-किस स्थान पर कौन-कौन महाविद्याल है उनमें किस-किस विषय की स्नातक उपाधि उपलब्ध कराई जाती है किस-किस महाविद्यालय में किस-किस विषय में कितने-कितने विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं, महाविद्यालयों में कौन-कौन स्टॉफ पदस्थ है उनका नाम, पद, शिक्षा पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें? (ख) भौगोलिक रूप से प्रश्नांश (क) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र भितरवार बहुत बड़ा है किन्तु महाविद्यालय न के बराबर है? क्या इस क्षेत्र के ग्राम पंचायत करईया, चीनौर, बरई तथा नगर पंचायत आंतरी में नवीन महाविद्यालय खोले जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें? (ग) शासकीय महाविद्यालय मोहना एवं भितरवार में 1 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है? प्राप्त आवंटन का किस-किस रूप में उपयोग किया है? वित्तीय वर्षवार अलग-अलग जानकारी स्पष्ट करें? निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति वर्तमान में क्या है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 02 शासकीय तथा 03 अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं, जिनमें कला एवं वाणिज्य संकाय की उपाधि के लिए कक्षायें संचालित की जाती हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जी नहीं। वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण एवं उनके गुणवत्ता विकास का कार्य किया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार।
कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी
116. ( क्र. 7600 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कंपनी एक्ट व विभाग के मापदण्डों के अनुसार कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी नीति अंतर्गत रीवा संभाग के कौन-कौन से उद्योग समूह/ग्रुप व इकाईयां आती हैं वर्ष 2014-15 व 2015-16 में इनके द्वारा क्या-क्या कार्य क्षेत्र में उक्त नीति के अंतर्गत कराये गए हैं व समूह/संस्थावार कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) क्या विभाग द्वारा इस संबंध में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश/नीति जारी की जाएगी ताकि किसी संस्था द्वारा कराये गये कार्यों में पारदर्शिता रह सके? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) सतना जिलान्तर्गत स्थित औद्योगिक इकाईयों द्वारा उक्त नीति के तहत विगत दो वर्षों में किये गये विभिन्न कार्यों व व्यय की गई राशि का विवरण उपलब्ध करावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कम्पनी अधिनियम 2013 भारत शासन द्वारा प्रशासित अधिनियम है। इस अधिनियम की धारा 135 अनुसार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान पाँच सौ करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध मूल्य वाली या एक हजार करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त वाली या पाँच करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध लाभ वाली प्रत्येक कम्पनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कम्पनी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्तीय वर्षों के दौरान किए गये कम्पनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम दो प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व नीति के अनुसरण में खर्च करती है। परन्तु यदि कम्पनी ऐसी रकम खर्च करने में असफल रहती है तो बोर्ड धारा 134 की उपधारा (3) के खण्ड (ण) के अधीन तैयार की गई अपनी रिपोर्ट में रकम खर्च न करने के कारणों को विर्निदिष्ट करेगा। राज्य शासन द्वारा इस संदर्भ में कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। अत: सी.एस.आर. अंतर्गत निजी कंपनियों द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) कार्पोरेट सामाजिक दायित्व गतिविधियों को सुगम करने तथा उनके क्रियान्वयन को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये जाने हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है।
मैहर के महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण
117. ( क्र. 7601 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कितने शासकीय महाविद्यालय संचालित है? इनमें संकाय, फैकल्टी, भवन व अन्य सुविधाओं की क्या-क्या स्थिति है? महाविद्यालयवार विवरण दें? (ख) उक्त महाविद्यालयों में सुविधा विस्तार हेतु अब तक विभाग को क्या-क्या प्रस्ताव/मांग पत्र प्राप्त हुए है और उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? सुदृढ़ीकरण की कौन-कौन सी योजनायें लंबित हैं? (ग) हाल ही में प्रारंभ किये गये नवीन महाविद्यालयों में पदों की स्वीकृति, पूर्ति व भवनों हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? कब तक उक्त व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाएगी? (घ) विभागीय बजट 2016-17 में मैहर से संबंधित विभागीय कार्यों हेतु क्या-क्या प्रावधान किये गये हैं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तीन शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) शासकीय महाविद्यालय अमदरा एवं बदेरा के पदों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। पदों की पूर्ति के संबंध में समय—सीमा बताया जाना संभव नहीं। रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वान रखने की व्यवस्था है। (घ) उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत किये जाने वाले बजट प्रावधान में किसी क्षेत्र के नाम से प्रावधान नहीं किया जाता है। योजनावार बजट प्रावधान किया जाता है।
गौरझामर-सियरमऊ मार्ग का घटिया निर्माण कार्य
118. ( क्र. 7603 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौरझामर-सियरमऊ मार्ग का निर्माण कितनी लागत से किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? इसकी विस्तृत कार्ययोजना प्रतिवेदन (डी.जी.आर.) की प्रति उपलब्ध करावें? कार्य पूर्णता अवधि क्या है? गुणवत्ता नियंत्रण हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) उक्त मार्ग के कांक्रीटीकरण व अन्य कार्यों में निर्माण एजेंसी द्वारा अत्यंत घटिया कार्य किया जा रहा है? विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य निर्धारित मापदण्डों अनुसार कराये जाने हेतु क्या उपाय किये जा रहे हैं? कब-कब प्रयुक्त सामग्री की जाँच कराई गई है? विवरण दें? (ग) उक्त मार्ग के घटिया निर्माण/गुणवत्ताहीन कार्य की जाँच क्या वरिष्ठ अधिकारियों के दल से कराई जाकर निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी, ताकि गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सके? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं डी.पी.आर. प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 1 अनुसार है। (ख) जी नहीं शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं '2' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालयों में व्याप्त अव्यवस्था
119. ( क्र. 7604 ) श्री हर्ष यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र स्थित केसली व देवरी के शासकीय महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण, व्यवस्थाओं के सुधार व भवन आदि के विस्तार हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है व क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) इन महाविद्यालयों में नवीन संकायों की स्थापना हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त महाविद्यालयों में किस स्तर के कितने पद रिक्त हैं? इनकी पूर्ति हेतु अब तक क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (घ) क्या इनमें जनभागीदारी समितियों का गठन किया गया हैं? नहीं तो क्यों? निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कब तक उक्त समितियों का गठन किया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, देवरी का महाविद्यालय भवन विधार्थियों के लिए सर्वसुविधायुक्त है। नवीन शासकीय महाविद्यालय केसली की स्थापना सन् 2014 में हुई है। महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित हो चुकी है। भवन निर्माण की कार्यवाही संसाधन उपलब्ध होने पर की जा सकेगी। (ख) नवीन संकाय हेतु कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन 19.02.2016 को जारी किया जा चुका है। (घ) दोनों महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति गठित है।
महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्यों
120. ( क्र. 7606 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत कौन-कौन से शासकीय महाविद्यालय में वर्तमान में कौन-कौन प्रभारी प्राचार्य कार्यरत हैं? क्या प्रभारी प्राचार्यों की पदस्थापना वरिष्ठता के आधार पर की जाती है? (ख) क्या कई शासकीय महाविद्यालय में वरिष्ठ प्राध्यापकों की उपेक्षा कर कनिष्ठ प्राध्यापकों को महाविद्यालय का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या ऐसे किया जाना नियम विरूद्ध है? क्या इस मामले में जाँच करायी जावेगी? (ग) विगत पाँच वर्षों में जबलपुर संभाग के अंतर्गत शा.महा. के शासन से प्राप्त राशि से व्यय आदि का ऑडिट कौन-कौन महा. का कब-कब कराया गया है? क्या कई महाविद्यालय का ऑडिट कई वर्षों से नहीं कराया गया हैं यदि हाँ, तो कब तक कराया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी नहीं। वरिष्ठ प्राध्यापक द्वारा अपनी स्वयं की समस्याओं के कारण प्रभारी प्राचार्य का प्रभार लेने में असमर्थता व्यक्त करने से अन्य को गुणानुक्रम के वरिष्ठ प्राध्यापक को प्रभारी प्राचार्य का दायित्व सौंपा गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) विगत पाँच वर्षों में जबलपुर संभाग के शासकीय महाविद्यालयों को प्राप्त राशि के व्यय आदि का ऑडिट करा लिया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पी.एच.डी. डिग्रीधारियों की नियुक्ति
121. ( क्र. 7610 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यू.जी.सी. नियमन 2009 के पूर्व की गई अथवा कराई गई पी.एच.डी., यू.जी.सी. नियम के विरूद्ध थी? यदि हाँ, तो उत्तरदायी कौन? यदि नहीं, तो 2009 के पूर्व पी.एच.डी. डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को यू.जी.सी. नियमन 2009 के द्वारा प्रतिबंधित किया जाकर अभ्यर्थी बनने से रोका जा रहा है? (ख) क्या लोक सेवा आयोग द्वारा उक्त पदों की पूर्ति 2009 के पूर्व पी.एच.डी. डिग्रीधारी लोगों द्वारा वैध मानकर नियुक्त की गई है? यदि हाँ, तो क्यों, यदि की गई है तो क्या नियमन 2009 के तहत अवैध नहीं है? यदि हाँ, तो क्या उन्हें सेवा से पृथक किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? 2009 के पूर्व पी.एच.डी. डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को 2009 की शर्तों से मुक्त कर उक्त पद हेतु अभ्यर्थी बनाने का आदेश या विज्ञापन समयावधि के भीतर जारी करेगें? (ग) पूर्व में आयोग द्वारा इन्हीं पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन निकालकर 2009 के पूर्व पी.एच.डी. डिग्रीधारी आवेदकों की डिग्री वैध करार कर बिना किसी शर्त आवेदन लिए गये थे और फिर आज से लगभग दो माह पूर्व निरस्त कर दिये गये है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या यह बेरोजगारों के साथ अन्याय नहीं है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। यू.जी.सी. रेग्यूलेशन 2009, 2009 से प्रभावशील हुआ है। नियमानुसार इस नियमन के पूर्व भी पी.एच.डी. मान्य थी और नियम 2009 आने के बाद भी पी.एच.डी. डिग्री मान्य है। पी.एच.डी. डिग्री के लिए कोई अभ्यर्थी प्रतिबंधित नहीं है। (ख) जी नहीं, लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्ति नहीं, चयन किया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नियमानुसार लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक पदों पर, भर्ती हेतु विज्ञापन 19.02.2016 को जारी किया जा चुका है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पात्र अभ्यर्थी नवीन विज्ञापन के अनुसार आवेदन कर सकते हैं।
अशासकीय कॉलेजों की शिकायत पर कार्यवाही
122. ( क्र. 7619 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत दिनांक 1/1/14 से प्रश्न दिनांक तक शासन से मान्यता प्राप्त संचालित अशासकीय कॉलेज/उनके संचालकों के विरूद्ध छात्रों/ जनप्रतिनिधियों एवं अन्य द्वारा कितनी शिकायत या इनके विरूद्ध आवेदन पेश किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित शिकायतों/आवेदनों पर क्या क्या कार्यवाही की गई एवं की जा रही है? (ग) क्या कोई शिकायत/आवेदन पर कोई जाँच कार्यवाही लंबित है? यदि हाँ, तो क्यों और लंबित रहने के क्या कारण हैं? (घ) क्या किसी शिकायत/आवेदन की जाँच पर किसी कॉलेज/उनके संचालकों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो किन किन धाराओं के अंतर्गत किस अपराध के लिए दर्ज की गई है वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो जानकारी दें।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कटनी जिले में संचालित अशासकीय नालंदा विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय कटनी के विरूद्ध ज्ञापन सौंपा गया। (ख) उपरोक्त शिकायत पर क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, जबलपुर से बिन्दुवार जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन दिनांक 14.07.2014 के आधार पर महाविद्यालय को जारी कार्यालयीन पत्र दिनांक 17.09.2014 द्वारा बी.कॉम एवं बी.सी.ए. पाठ्यक्रमों का अनापत्ति प्रमाण—पत्र समाप्त किया गया। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
भू-अर्जन में अनियमितता
123. ( क्र. 7904 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिलान्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 07 के निर्माण व विस्तार हेतु किन-किन भू-स्वामियों की कुल कितनी-कितनी भूमि/संपत्ति अर्जित की गई है? कितना-कितना मुआवजा प्रश्न दिनांक तक उन्हें भुगतान कर दिया गया है? कितना मुआवजा दिया जाना शेष है? (ख) उक्त भू-अर्जन में अनियमितता, मूल्यांकन में गड़बड़ी आदि की क्या-क्या शिकायतें किन-किन के द्वारा किस-किस स्तर पर की गई है? उनके निराकरण की क्या स्थिति है? क्या सभी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया हैं? (ग) उक्त भू-अर्जन कार्य में हुई अनियमितताओं के आलोक में व भू-स्वामियों की शिकायतों के चलते क्या विभाग संपूर्ण भू-अर्जन प्रक्रिया का पुनपरीक्षण व पुनर्मूल्यांकन करायेगा, ताकि सभी के साथ न्याय हो सकें? यदि हाँ, तो कब तक नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) (1) अमरपाटन एवं मैहर के कुल 621 प्रकरण माननीय कमिश्नर, राजस्व, रीवा के समक्ष सक्षम प्राधिकारी भू-अर्जन रा.रा. मार्ग क्र. 07 अमरपाटन के द्वारा एवार्ड किये गये मुआवजा प्रकरण पंचाट हेतु प्रस्तुत किये गये है। (2) पूर्व में मूल प्रकरण में सक्षम प्राधिकारी भू-अर्जन अमरपाटन के द्वारा वैसे खसरों के अर्जन का मुआवजा अवार्ड घोषित नहीं किया गया था जहां कि वैसे खसरों में बटांकन के प्रकरण लंबित थे या अन्य न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के कारण उनका निराकरण नहीं किया गया था जिसके पश्चात् छोड़े गये समस्त वैसे खसरों का मुआवजा पूरक अवार्ड प्रकरण में शामिल कर घोषित किया जाकर समस्त शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है तथा मुआवजे का वितरण भी किया जा रहा है। मूल प्रकरण एवं पूरक प्रकरण में मुआवजे का निर्धारण राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के प्रावधानों के अधीन किया गया है तथा उक्त निर्धारण में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है। यद्यपि नियमों के अधीन वरिष्ठ न्यायालय में पंचाट हेतु दायर किये गये प्रकरणों में माननीय कमिश्नर, रीवा द्वारा निराकरण किया जा रहा है। (ग) मूल प्रकरणों एवं पूरक प्रकरणों में मुआवजे का निर्धारण राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के प्रावधानों के अधीन किया गया है तथा उक्त निर्धारण में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है जिसके आलोक में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
एम्पायर से एकता मार्केट गौर तक सड़क निर्माण
124. ( क्र. 7921 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर केंट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत एम्पायर टाकीज चौराहे से एकता मार्केट गौर तक की सड़क अत्यंत जर्जर हालत में है? यदि हाँ, तो इस सड़क के निर्माण, पुर्ननिर्माण, रख-रखाव व मरम्मत हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? इस सड़क का निर्माण कब तक प्रारंभ कराया जावेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क के निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई एस्टीमेट बनाया गया है, यदि हाँ, तो कितनी राशि का एस्टीमेट तैयार किया गया है? इसे स्वीकृति हेतु कब एवं कहाँ भेजा गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त मार्ग पी.डब्ल्यू.डी. विभाग अंतर्गत है अथवा नहीं? यदि नहीं, है तो इसके लिए शासन ने संबंधित विभाग अथवा केन्टोमेंट बोर्ड को सड़क निर्माण कराये जाने हेतु किसी प्रकार की कार्यवाही का पत्र लिखा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एम्पायर टाकीज से मिलेट्री हॉस्पिटल गेट का भाग विभाग के अंतर्गत नहीं है। प्रश्नांकित मार्ग में से मिलेट्री हॉस्पिटल गेट से एकता मार्केट गौर तक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-12 ए का भाग है, जो कि भारत सरकार, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली के अधीन है एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा एम.पी.आर.डी.सी. को उन्नयन कार्य हेतु क्रियान्वयन एजेन्सी नियुक्त किया गया है। यह भाग जर्जर नहीं है, उक्त मार्ग खण्ड का रख-रखाव राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-12ए (पैकेज-1) के ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। उक्त भाग का पुर्ननिर्माण निर्माणाधीन परियोजना में सम्मिलित नहीं है। पुर्ननिर्माण की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। इसका पुर्ननिर्माण परियोजना में सम्मिलित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-12 ''ए'' के प्रथम पैकेज के उन्नयन एवं विकास कार्य पूर्ण होने तक, प्रश्नाधिन मार्ग खण्ड के अंतर्गत कि.मी. 3/4 से एकता मार्केट गौर तक का मार्ग का हिस्सा म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. जबलपुर के कार्यक्षेत्र अंतर्गत रहेगा। चूंकि वर्तमान में रा.रा. मार्ग 12ए निर्माणाधीन परियोजना में बाय-पास मार्ग सम्मिलित है अत: प्रश्न 'क' के विद्यमान हिस्से को परियोजना में सम्मिलित करने की कोई कार्यवाही नहीं की गई।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
उद्योग
स्थापना
में नौकरी की
अनिवार्यता
1. ( क्र. 343 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश शासन की नीति अनुसार वृहद उद्योगों द्वारा किसानों की भूमि लिये जाने पर उन्हें उस कारखाने में नौकरी दिया जाना अनिवार्य बताया गया है? (ख) यदि हाँ, तो धार जिले में विगत 5 वर्ष में स्थापित कारखानों द्वारा किन-किन किसानों से कितनी-कितनी भूमि अधिग्रहित की गई अथवा उनके परिवार के सदस्यों को किन-किन स्थानों पर नौकरी दी गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित कारखानों द्वारा भूमि अधिग्रहित परिवार के सदस्यों को योग्यतानुसार कारखाने नौकरी नहीं दी गई? क्या शासन द्वारा पृथक से जाँच कराई जाकर नियमों का उल्लंघन करने वाले इन संस्थानों पर कार्यवाही करेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) धार जिले में विगत 05 वर्षों में उद्योग विभाग द्वारा किसानों से कोई भूमि अधिग्रहित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योग हेतु भूमि आवंटित
2. ( क्र. 662 ) श्री राजेश सोनकर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर जिला अंतर्गत सांवेर रोड उद्योग केन्द्र में व अन्य छोटे उद्योगों हेतु कहाँ-कहाँ पर उद्योगों हेतु भूमि आवंटित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि पर उद्योगपतियों द्वारा भूमि का उपयोग उद्योगों हेतु ही किया जा रहा है? क्या उद्योग विभाग द्वारा सांवेर रोड व पोलोग्राउण्ड औद्योगिक क्षेत्र में जिला उद्योग व्यापार केन्द्र द्वारा उद्योगपतियों को नोटिस आदि की कार्यवाही की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो किन-किन उद्योगपतियों द्वारा भूमि पर उद्योग संचालित नहीं किये जा रहे हैं व उद्योग की भूमि को अन्यत्र व्यक्ति अथवा अन्य कार्य (किराया) हेतु दे रखी है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जिला उद्योग केन्द्र द्वारा कथित उद्योगपतियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या उन उद्योगपतियों से भूमि मुक्त कराकर आरक्षित वर्ग को उद्योगिक उपयोग हेतु भूमि दी जायेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उद्योगपतियों द्वारा भूमि का उपयोग उद्योगों हेतु किया जा रहा है। ओद्योगिक क्षेत्र सांवेर रोड एवं औद्योगिक संस्थान पोलोग्राउण्ड में लीजडीड की कंडिकाओं के उल्लघंन के फलस्वरूप उद्योगपतियों को नोटिस दिए गए हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं औद्योगिक प्रबंधन नियम 2015 के अनुसार भूमि निरस्तीकरण की कार्यवाही की जा रही है। भूमि मुक्त करवाकर नियमानुसार औद्योगिक उपयोग हेतु भूमि ऑनलाईन पद्धति से आवंटित की जावेगी।
अशासकीय महाविद्यालयों का संचालन
3. ( क्र. 1062 ) श्री रामपाल सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर तहसील में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? यदि हाँ, तो किस-किस स्थान में किस नाम से महाविद्यालय संचालित हैं तथा महाविद्यालय संचालन की स्वीकृति के लिये क्या नियम हैं? (ख) प्रत्येक अशासकीय महाविद्यालय किस खसरा नंबर तथा कितने रकबे पर संचालित है? भवन, खेल मैदान एवं सुविधा संबंधी स्थिति प्रत्येक अशासकीय महाविद्यालय की स्पष्ट की जावें? (ग) क्या किसी अशासकीय महाविद्यालय संस्थान के पास कोई ऐसा उद्योग (क्रेसर या अन्य) संचालित है जिससे संस्था के छात्रों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या संस्थान की संचालन स्वीकृति के लिये प्रदूषण का मापदण्ड नजर अंदाज कर स्वीकृति प्रदान की गई है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील में (1) इन्द्रा गांधी कॉलेज आफ टेक्नोलाजी एण्ड साइंस, ब्यैहारी अशासकीय महाविद्यालय एवं जयसिंह नगर तहसील में (1) देवी शकुन्तला कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय, जयसिंह नगर (2) इंपीरियल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी एण्ड साइंस, जससिंह नगर अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। अशासकीय महाविद्यालय संचालन के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
धार्मिक न्यास को आवंटित राशि
4. ( क्र. 1063 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहडोल जिले में विभाग को विगत 05 वर्षों में वर्षवार कितनी राशि आवंटित की गई है? (ख) उक्त वर्षों में आवंटित राशियों में से वर्षवार कौन-कौन से कार्य कराये गये और उन कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दमोह जिले में वन विभाग द्वारा की गई संरचना
5. ( क्र. 1817 ) श्री प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह वन मंडल के तहत समस्त परिक्षेत्रों में निर्धारित मापदण्ड अनुसार कितने ईंट, भट्टे संचालित हैं? ग्रामवार ईंट, भट्टों एवं ई्ंट, भट्टों के संचालकों के नाम सहित बतलावें? (ख) क्या ईंट पकाने हेतु लगने वाली लकड़ी वन विभाग द्वारा उपभोक्ता डिपो से इन्हें प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो कितनी लकड़ी ईंट, भट्टों को वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक प्रदान की गई? (ग) अवैध ईंट, भट्टों के विरूद्ध कितने प्रकरण वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक बनाये गये हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या दमोह जिले में अवैध ईंट, भट्टों के विरूद्ध अभियान चलाया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विभाग द्वारा वनक्षत्रों में ईंट-भट्टे संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में ईंट-भट्टों के उपयोग में वनों से अवैध रूप से काटकर लाई गई जलाऊ लकड़ी की जप्ती का अभियान चलाया गया जिसमें दर्ज किये गये 144 वन अपराध प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हनुमानभाटा, कलेहीमाता, खेरमाता पुरैना, पंडवन
6. ( क्र. 1876 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा क्षेत्र के संबंधित वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा निर्माण कार्यों से संबंधित कितने प्रस्ताव कब-कब भेजे गये हैं कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं, कितने कार्य स्वीकृति हेतु लंबित हैं। (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में पवई विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण पुल -पुलिया निर्माण से संबंधित विभाग को भेजे गये प्रस्तावों में से कितने कार्य स्वीकृत किये गये। कितने स्वीकृति हेतु लंबित हैं। (ग) पवई, शाहनगर, रैपुरा, नॉनचॉद, मोहन्द्रा इन क्षेत्रों के मार्गों पर पुल एवं पुलिया निर्माण के कितने कार्य लंबित है एवं कब तक पूर्ण हो जायेंगे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पॉलीटेक्निक कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्यों की अधिकता
7. ( क्र. 2184 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में कितने शासकीय, स्वशासी, महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज का संचालन कहाँ-कहाँ किया जा रहा है? इन संस्थानों में कार्यरत प्राचार्य के नाम, पदस्थापना दिनांक सहित सूची देवें? इनमें से कितने संस्थानों में कौन-कौन प्रभारी प्राचार्य किस विभाग से संबंधित है? समस्त प्रभारी प्राचार्य की टेक्निकल/नॉन-टेक्निकल फील्ड सहित सूची देवें? (ख) सभी प्रभारी प्राचार्यों वाले स्थानों पर चयनित प्रभारी प्राचार्य के अतिरिक्त टेक्निकल फील्ड वाले प्राध्यापकों की नाम सहित सूची संस्थावार देवें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राज्य में 63 शासकीय, स्वशासी, महिला पॉलीटेक्निक महाविद्वालयों का संचालन किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में प्राध्यापकों के पद स्वीकृत नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खेल सामग्री का वितरण
8. ( क्र. 2377 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा विगत 2 वर्षों में उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में कौन सी खेल सामग्री दी गई है? विद्यालय/संस्था/एन.जी.ओ. एवं सामग्री के नाम बतावें। (ख) विभाग द्वारा सन् 2012 से प्रश्न दिनांक तक जो खेल सामग्री विद्यालय/संस्था/ एन.जी.ओ. में उपलब्ध कराई गई थी? क्या वह सामग्री वर्तमान में विद्यालयों में उपलब्ध है या नहीं अथवा नष्ट हो जाने या गुम हो जाने की स्थिति में सत्यापित लिस्ट उपलब्ध करावें? (ग) विभाग द्वारा बच्चों एवं युवाओं हेतु कौन-कौन सी योजनाएं चलाई गई हैं? (घ) जिले में कितने खेल मैदान हैं एवं कितने प्रस्तावित हैं और कितने स्वीकृत किये गये? नाम सहित बतावें। स्वीकृत खेल मैदानों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विद्यालयों में स्थापित पायका क्रीड़ा केन्द्रों में उपलब्ध कराई गई खेल सामग्री वर्तमान में विद्यालयों में उपलब्ध है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) रायसेन जिले में जिला मुख्यालय पर 01 विभागीय खेल परिसर स्थित है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 01 आउटडोर खेल परिसर का निर्माण राशि रू. 80.00 लाख की लागत से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किये जाने की योजना है। स्वीकृत खेल मैदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। खेल मैदानों का निर्माण कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा किया जा रहा है इसलिये समय-सीमा विभाग द्वारा बताई जाना संभव नहीं है।
उद्योगों हेतु आवंटित भूमि
9. ( क्र. 2378 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले में उद्योग स्थापना हेतु कौन-कौन सी भूमियां राजस्व विभाग से हस्तांतरित की गई उनके खसरा नं. रकबा नं. की भी जानकारी देवें? (ख) पिछले 05 वर्षों में किन-किन उद्योगों की स्थापना के लिए भूमियां आवंटित की गई, ऐसे कितने आवंटित प्लाट (भूमियां) हैं जिन पर कोई भी उद्योग स्थापित नहीं किया गया तो क्या शासन ने उनकी लीज निरस्त कर कब्जा वापिस ले लिया है? यदि नहीं, तो कब तक ले लिया जायेगा? (ग) उपरोक्त आवंटित प्लाटों में से ऐसे कितने हैं जिन पर उद्योगों को लगाने की अनुमति दी गई थी, उनसे लीज निरस्त कर कब्जा वापिस ले लिया है? यदि नहीं, तो कब तक ले लिया जायेगा? (घ) उपरोक्त आवंटित प्लाटों में से ऐसे कितने है, जिन पर जिन उद्योगों को लगाने की अनुमति दी गई थी, उनसे भिन्न उपयोग कार्य किये जा रहे हैं, उनकी लीज निरस्त कर शासन ने कब्जा प्राप्त किया है या नहीं, यदि नहीं, तो कब किया जायेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है! (घ) निरंक।
इन्दौर-इच्छापुर मार्ग के फोरलेन की स्वीकृति
10. ( क्र. 2533 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर से महाराष्ट्र को जोड़ने वाले राज्य मार्ग को राज्य शासन द्वारा फोरलेन में स्वीकृत कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त फोरलेन की स्वीकृति किस दिनांक को हुई? उक्त मार्ग कितने किलोमीटर निर्मित होगा? कितने पुल पुलियाओं का निर्माण, किन-किन ग्रामों/शहरों में बायपास निकलेगा? (ख) क्या उक्त मार्ग (फोरलेन) की निविदा जारी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो निविदा की प्रति दी जावे? यदि नहीं, तो कब तक निविदा जारी कर दी जावेगी? इसकी समय-सीमा बताई जावे? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इन्दौर-इच्छापुर मार्ग के उन्नयन में जहां बायपास का प्रस्ताव है, वहां के जो पुराने मार्ग (जिसका उपयोग फोरलेन के स्वीकृति के पूर्व होता था) हैं, क्या इन मार्गों के मेंटेनेंस (फोरलेन मेंटेनेंस के अधीन) के संबंध में लिखा गया था, यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? जैसे कि बायपास के निकलने पर पुराना मार्ग जिसकी स्थिति काफी खराब हो जाती है, जबकि वह मार्ग आम जनता के उपयोग के लिये तो होता है, फिर उसके मेंटेनेंस को शामिल न करने का क्या कारण है? क्या इन मार्गों को शामिल किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। इन्दौर से महाराष्ट्र को जोड़ने वाले मार्ग इन्दौर-इच्छापुर मार्ग (राजमार्ग क्रं. 27) को शासन द्वारा फोरलेन में स्वीकृत किया गया है। उक्त फोरलेन की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र. शासन लो.नि.वि. द्वारा दिनांक 29.09.2014 को कुल लागत रू. 2258.84 करोड़ की जारी की गई। उक्त मार्ग राज्यमार्ग की फिजीबिलीटी रिपोर्ट अनुसार लंबाई 203 कि.मी. में निर्मित होगा। प्रस्तावित फिजीबिलिटी रिपोर्ट के अंतर्गत सम्पूर्ण मार्ग के 203 कि.मी. में मध्यम पुल 74 एवं वृहद पुल 9 जिसमें नर्मदा नदी पर भी पुल बनाने का प्रावधान है। उक्त मार्ग पर निम्न ग्रामों/शहरों में 11 बायपास प्रस्तावित है :- (1) सिमरोल (2) चोरल, (3) बलवाड़ा, (4) बड़वाह एवं सनावद (5) धनगांव (6) देशगांव (7) रूस्तमपुर (8) बुरहानपुर (9) शाहपुर (10) छैगांवमाखन (11) इच्छापुर। (ख) उक्त मार्ग (फोरलेन) की निविदा पूर्व में दिनांक 27.09.2014 को जारी की गई थी तथा निविदा प्राप्ति दिनांक 29.10.2014 रखी गई थी, किन्तु कोई निविदा प्राप्त नहीं हुई। उक्त मार्ग के महत्व को दृष्टिगत रखते हुये राज्य शासन द्वारा इस राज्य-राजमार्ग को राष्ट्रीय-राजमार्ग एदलाबाद से बुरहानपुर-खण्डवा-इन्दौर-उज्जैन-आगर के संपूर्ण राज्य-राजमार्ग को राष्ट्रीय-राजमार्ग क्रं. 12 झालावाड (राजस्थान) तक राष्ट्रीय-राजमार्ग बनाने का प्रस्ताव सचिव, भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है। भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) इन्दौर-इच्छापुर मार्ग को रा.रा. घोषित करना प्रस्तावित है अत: घोषणा के पश्चात इस मार्ग की पूर्व स्वीकृत चारलेन परियोजना को पुनरीक्षित करना प्रस्तावित है। राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना का पुनरीक्षित एवं प्रावधान केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय के निर्देशानुसार किया जावेगा अत: प्रावधान के संबंध में बता पाना संभव नहीं है।
निर्माणाधीन पुलों की जानकारी
11. ( क्र. 2643 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन पुलों की जानकारी पुल निर्माण स्थल, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक, निविदा दिनांक, निविदाकर्ता का नाम व पता, स्वीकृत राशि, निर्माण प्रारंभ दिनांक व पूर्णता दिनांक सहित सूची देवें। (ख) उक्त पुलों की डी.पी.आर. हेतु सर्वे करने वाले, डी.पी.आर. बनाने वाले, डी.पी.आर. निरीक्षण करने वाले, डी.पी.आर. जाँच करने वाले अधिकारी/ यंत्री का नाम, पद सहित सूची देवें। इन पुलों की मांग/आवश्यकता हेतु कब-कब किन जनप्रतिनिधियों द्वारा विभाग को पत्र दिया गया? इन पुलों की आवश्यकता एवं उपयोगिता संबंधी जाँच कब एवं किस अधिकारी द्वारा की गई। इन पुलों को बनाने पर कितनी जनसंख्या, ग्राम लाभांवित होंगे? (ग) उक्त पुलों की लागत राशि व लाभांवित जनसंख्या का अनुपात बताये। पुलों की स्वीकृति हेतु किन-किन बिंदुओं पर ध्यान दिया जाता है। इन पुलों की स्वीकृति हेतु जिन बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया वह बतायें। (घ) उक्त पुलों के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री के टेस्टिंग ब्लॉक हेतु अलग से सामग्री मिश्रण तैयार किया गया है तथा ब्लॉकों को पानी में डुबाकर रखा है जिससे सामग्री की गुणवत्ता सिर्फ टेस्टिंग ब्लॉक पर ही दिखाई दे परंतु पुल में लगने वाला वास्तविक मटेरियल की गुणवत्ता निम्न स्तर है। टेस्टिंग ब्लॉक कब-कब किस यंत्री द्वारा लिये गये पुलवार, दिनांक सहित सूची देवे। इन यंत्रियों द्वारा स्थल पर निरीक्षण करने संबंधी रिपोर्ट का विवरण देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विभाग के अंतर्गत कोई पुल निर्माणाधीन नहीं एवं भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत म.प्र. सड़क विकास निगम अधिपत्य की एक मात्र सड़क खरगोन-विस्टान-चिरियापाल महाराष्ट्र बार्डर राजमार्ग क्रं.-1 एवं खरगोन-बड़वानी राजमार्ग क्रं.-26 का कुछ भाग आता है। उक्त दोनों सड़कों के अंतर्गत कोई भी पुल निर्माणाधीन नहीं है। अत: शेष जानकारी हेतु प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्तर 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता।
अनूपपुर जिले में स्थापित उद्योग
12. ( क्र. 3085 ) श्री
रामलाल रौतेल
:
क्या उद्योग
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क)
अनूपपुर जिले
में कुल कितने
प्रकार के
उद्योग
पंजीकृत तथा
स्थापित हैं
लघु उद्योग
एवं भारी
उद्योग की जानकारी
प्रदान करें? (ख)
शासकीय
उपक्रम एवं
गैर शासकीय
उपक्रम में भर्ती
प्रक्रिया
में रोस्टर
का पालन किया
जाता है?
यदि
नहीं, तो
क्यों?
(ग) क्या
मध्यप्रदेश
शासन वर्णित
उपक्रमों में
आरक्षण की
सुविधा उपलब्ध
करायेगी?
उद्योग
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क)
अनूपपुर जिले
में पंजीकृत
तथा स्थापित
लघु उद्योग 12 एवं
भारी उद्योग 04 हैं। (ख)
सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
दिनांक 19
सितम्बर 2002 द्वारा
शासकीय
उपक्रम में
भर्ती
प्रक्रिया में
रोस्टर का
पालन किये
जाने के
निर्देश है। (ग)
सामान्य
प्रशासन विभाग
के परिपत्र
दिनांक 19
सितम्बर 2002 के
अनुसार राज्य
सरकार का या
तत्समय
प्रवृत्त
राज्य के
किसी अधिनियम
के अधीन गठित
किसी स्थानीय
प्राधिकरण या
कानूनी
प्राधिकरण का
या किसी विश्वविद्यालय
का या किसी
ऐसी कंपनी, निगम या
किसी सहकारी
सोसायटी का, जिसमें समादत्त
अंशपूंजी का
कम से कम इक्यावन
प्रतिशत राज्य
सरकार द्वारा
धारित है या
किसी संस्था
का जो राज्य
सरकार से
सहायता
अनुदान या नगद
अनुदान प्राप्त
कर रही है, कोई
कार्यालय और
उसके अंतर्गत
ऐसा स्थापन
आता है जिसमें
कार्यभारित
या आकस्मिकता
निधि से
भुगतान किया
जाता है और
ऐसा स्थापन
जिसमें
आकस्मिक
नियुक्तियाँ
की जाती है, में
आरक्षण के
प्रावधान
लागू है।
खेलकूद के कार्यक्रम
13. ( क्र. 4328 ) श्री रजनीश सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिवनी जिले की समस्त तहसीलों में खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा खेलकूद के लिये राशि उपलब्ध करायी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012 से आज दिनांक तक कौन-कौन से मद में कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं सिवनी जिले से किन-किन तहसीलों में बालक बालिकाओं के खेलकूद के कार्यक्रम किये गये? स्थान एवं दिनांक सहित व्यय की जानकारी देवें? (ग) क्या खेलकूद विभाग द्वारा टूर पर ले जाये गये बालक-बालिकाओं को सामग्री वितरित की जाती है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सामग्री? उक्त सामग्री कहाँ से किस प्रकिया से क्रय की जाती है? राशि एवं स्थान वर्षवार बतायें।
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। जिले को खेलकूद हेतु खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा राशि स्वीकृत की जाती है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विस्तार कार्यक्रम
14. ( क्र. 4463 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले की गरोठ विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से जनवरी 2016 तक वर्षवार वन विस्तार, वनसरंक्षण, वृक्षारोपण, नर्सरी आदि पर कितना-कितना व्यय किस-किस प्रयोजन में किया गया? (ख) उपरोक्त अवधि में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे क्रय किए गए तथा कहाँ-कहाँ रोपित किए गए तथा उक्त कार्य किन-किन एजेंसियों से करवाया गया? (ग) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के किनारे लगाए गए वृक्षों एवं उनकी सुरक्षा पर दो वर्षों में हुए व्यय का ब्यौरा क्या?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में कोई भी पौधे क्रय नहीं किये गये हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गरोठ विधान सभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में सड़क किनारे वृक्षारोपण नहीं कराया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटंगी में स्टेडियम निर्माण
15. ( क्र. 4621 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले में तहसील मुख्यालय कटंगी में स्टेडियम अपूर्ण है? (ख) यदि हाँ, तो क्या खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा स्टेडियम पूर्ण करने राशि प्रदान की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) कटंगी जिला बालाघाट में मिनी स्टेडियम की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु राशि रू. 20.00 लाख की सैद्धांतिक स्वीकृति कार्यालयीन पत्र क्रमांक 10240 दिनांक 27/02/2016 द्वारा प्रदान की गई है। (ग) प्रश्नोत्तर (ख) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मजदूरों की लंबित मजदूरी का भुगतान
16. ( क्र. 4776 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले के विकासखण्ड कराहल अन्तर्गत लो.नि.वि. श्योपुर ने वर्ष 2004-05 में हरीपुरा से भीलाला बस्ती मदनपुर में मिट्ट मोरम सड़क निर्माण कार्य कराया था? इसमें कितने मजदूरों को कार्य पर लगाया गया था? (ख) उक्त कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत थी, कार्य स्थल पर कितनी राशि का कार्य कराया कितनी राशि का भुगतान कितने मजदूरों को दिया गया था? कितना-कितना वर्तमान में भी बकाया है? (ग) उक्त कार्य से संबंधित मस्टररोल क्रमांक 3596 से 3600, 3909 से 3916 एवं 11297 से 11300 तक के मस्टररोलों में उल्लेखित मजदूरों को कितनी कितनी मजदूरी का भुगतान किस-किस दिनांक को किया गया? यदि नहीं, तो भुगतान न करने के क्या कारण है? (घ) क्या मस्टररोलों में उल्लेखित मजदूरों को नियमानुसार मजदूरी का पूर्ण भुगतान वर्तमान तक नहीं हो पाया? इस हेतु कौन दोषी हैं के विरूद्ध कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? क्या शासन उक्त पूरे मामले की जाँच कराकर मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान शीघ्र कराएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। वास्तविक संख्या बताया जाना संभव नहीं। (ख) कलेक्टर जिला श्योपुर द्वारा रू. 5.316 लाख स्वीकृत किये गये थे। कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र अनुसार रू. 3.10 लाख का कार्य हुआ है। नियोजित मजदूरों को रू. 77530.00 नगद एवं 465.10 क्विंटल खाद्यान्न भुगतान किया गया। वर्तमान में कोई भी पारित देयक भुगतान हेतु लंबित नहीं है। (ग) उपयंत्री द्वारा नियोजित श्रमिकों की उपस्थिति सत्यापित न किया जाना तथा कार्य की प्रगति अंकित नहीं किये जाने एवं सक्षम प्राधिकारी द्वारा पारित न किये जाने के कारण भुगतान का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) मस्टर रोल का भुगतान योग्य प्रमाणिकता सिद्ध नहीं होने से भुगतान का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम दांतरदा में मिनी स्टेडियम का निर्माण
17. ( क्र. 4777 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दांतरदा में मिनी स्टेडियम कब स्वीकृत किया गया? इसकी लागत, कार्य एजेन्सी व कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? (ख) पूर्व से ही स्वीकृत उक्त स्टेडियम के निर्माण हेतु क्या राशि भी प्राप्त हो चुकी है, टेण्डर भी हो चुके हैं, के बावजूद वर्तमान तक निर्माण कार्य प्रारंभ न करने के क्या कारण हैं? निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कराया जायेगा? (ग) क्या उक्त स्टेडियम के निर्माण कार्य में विलंब के कारण क्षेत्रीय खिलाडि़यों एवं खेल प्रेमियों में निराशा व्याप्त हो रही है? वे शीघ्र उक्त निर्माण कार्य प्रारंभ कराने की निरंतर मांग कर रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो उक्त स्टेडियम के निर्माण में विलंब के लिये दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए स्टेडियम के निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में ही पूर्ण करा लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) ग्राम दांतरदा में स्टेडियम हेतु दिनांक 14.09.2015 को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है जिसकी लागत रू. 80.00 लाख निर्धारित है निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, श्योपुर है। कार्य पूर्ण करने की अवधि अभी निर्धारित नहीं होने से बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। अभी टेण्डर आमंत्रित नहीं किए गये है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। क्षेत्रीय खिलाडि़यों एवं खेल प्रेमियों में निराशा संबंधी कोई जानकारी विभाग को प्राप्त नहीं है। निर्माण संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) प्रश्नोत्तर-(ख) व (ग) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खिलाडि़यों के प्रोत्साहन
18. ( क्र. 4993 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में राज्य स्तरीय श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाडि़यों का वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 का विभिन्न खेलवार ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त अवधि में किस-किस श्रेष्ठ खिलाडी को किस-किस खेल में श्रेष्ठ प्रदर्शन पर कितनी-कितनी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है? (ग) प्रदेश में जिलेवार किन-किन खेल संस्थाओं एवं खिलाडि़यों को विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी आर्थिक सहायता प्रदान की गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रदेश के राज्य स्तरीय खेल संघों द्वारा समय-समय पर विभिन्न वर्गों की विभिन्न प्रकार की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसका ब्यौरा विभाग द्वारा संधारित नहीं किया जाता है। अतएव जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। (ख) प्रश्नोत्तर ‘क’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पत्रों पर कार्यवाही न करना
19. ( क्र. 5136 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014-15 एवं प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा वन संरक्षक अधिकारी जिला बालाघाट को किस-किस दिनांक को कुल कितने पत्र लिखे गये? (ख) प्रश्नांश (क) पत्रों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई हैं, तो क्यों? इस हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क) पत्रों में कब तक कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2014-15 एवं प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता के द्वारा वन संरक्षक, बालाघाट को निम्नानुसार पत्र लेख किये गये :-1.पत्र क्र./MLA/ 0714/2014 दिनांक 29.09.2014. 2.पत्र दिनांक 30.04.2015. 3.पत्र क्र./MLA/1631/2015 दिनांक 12.05.2015. 4.पत्र क्र./MLA/01649/2015 दिनांक 14.05.2015. 5.पत्र क्र./MLA/ 01766/2015 दिनांक 15.06.2015. 6.पत्र क्र./MLA/01861/2015 दिनांक 07.07.2015. 7.पत्र क्र./MLA/02074/2015 दिनांक 07.10.2015. (ख) प्रश्नांश (क) के पत्रों पर निम्नानुसार कार्यवाही की गयी है :- बिन्दु क्र. 1-अर्द्ध शास. पत्र क्र./व.वि.नि./शिका/54 दिनांक 16.10.2014 से व.मं.अ. दक्षिण (सा.) वनमण्डल, बालाघाट को जाँच हेतु प्रेषित किया गया। बिन्दु क्र. 2 से 5-स्थानांतर पत्रों पर निर्धारित प्रक्रिया के तहत निराकरण किया गया। बिन्दु क्र.6-पत्र क्र./1050,1051,1052 दिनांक 09.06.2015 के द्वारा वृक्ष काटने की अनुमति दिये जाने हेतु तहसीलदार खैरलांजी को लेख किया गया है। बिन्दु क्र. 7- जानकारी समस्त वन मण्डलों से प्राप्त करने हेतु कार्यालय पत्र क्र./955 दिनांक 14.03/2016 से लेख किया गया है। उपरोक्तानुसार कार्यवाही होने से कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर में दर्शायेनुसार कार्यवाही की गयी है।
वनों की अवैध कटाई एवं अवैध उत्खनन
20. ( क्र. 5138 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले के वन परिक्षेत्रों में वृक्षों की अवैध कटाई एवं अवैध उत्खनन की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उनमें से कितनों का निराकरण किया गया तथा कितनी शेष है? जाँच उपरांत दोषी पाये गये व्यक्तियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? शासन को वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितने राजस्व की क्षति हुई है? (ख) बालाघाट जिले में वन परिक्षेत्रों में वन विभाग एवं ग्राम पंचायत द्वारा कौन-कौन से विकास कार्य करवाये गये एवं उन पर कितनी राशि व्यय हुई? (ग) वनों की अवैध कटाई कि शिकायतें प्राप्त होने के पर किन-किन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा जाँच की गई तथा जाँच का क्या परिणाम रहा? (घ) वृक्षों की अवैध कटाई एवं उत्खनन की स्थल जाँच के क्या पणिाम रहे तथा अवैध कार्य के लिये कौन दोषी है तथा दोषी कर्मचारी/व्यक्ति के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांश अवधि में अवैध कटाई की 27 एवं अवैध उत्खनन की 6 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 32 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है तथा 1 शिकायत की जाँच प्रचलन में है। जाँच उपरांत दोषी पाये गये कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अवैध कटाई से राशि रूपये 1,55,649/- की हानि हुई, जिसकी वसूली की कार्रवाई संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों से प्रचलन में होने के कारण शासन को राजस्व की हानि का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) बालाघाट जिले के वनक्षेत्रों में वन विभाग द्वारा कराये गये विकास कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ग्राम पंचायतों द्वारा कराये गये विकास कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
नियमों की अनदेखी कर विशेष व्यक्तियों को लाभ
21. ( क्र. 5140 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय (प्रशासन अराज) में राज्य शासन के नियमों की अनदेखी कर जानबूझकर विशेष व्यक्तियों को लाभांवित किया जा रहा है? भारत सरकार/राज्य शासन द्वारा वर्ष 2003, 2005 एवं 2012 में कीर जाति के कर्मचारियों को भर्ती एवं पदोन्नति में आरक्षण सुविधा का लाभ देना है, अथवा नहीं? (ख) क्या शासन के नियमों को ताक में रखकर विशेष जाति के कर्मचारियों (रवि बाबू कहार एवं चैतराम बाथम, अरूणा बाथम एवं अन्य कर्मचारियों) को अनुचित लाभ प्रदान किया गया? इसके लिये दोषी अधिकारी/कर्मचारी कौन है? जिम्मेदारी निर्धारित होगी? अथवा नहीं, क्यों? (ग) क्या अनुचित लाभ प्राप्त कर्मियों को पदावनत किया जावेगा? हाँ या नहीं? उच्च स्तरीय जाँच कर तात्कालीन समय में पदस्थ कर्मी अथवा अधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कर्यवाही हो सकेगी, जिससे भविष्य में शासन के नियमों की अवहेलना न हो सके?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार/राज्य शासन द्वारा वर्ष 2003, 2005 एवं 2012 के अनुसार कीर जाति के कर्मचारियों को भर्ती एवं पदोन्नति में आरक्षण सुविधा का लाभ नहीं दिया जाना है। (ख) श्री रवि बाबू कहार को अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग में मानकर वर्ष 2006 में पदोन्नति का लाभ दिया गया है। श्री रवि बाबू कहार एवं अन्य कर्मचारियों की जाति के संबंध में छानबीन की जा रही है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार उचित कार्यवाही की जावेगी तथा दोष पाये जाने पर अधिकारियों/कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की जावेगी। म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक 05.08.2005 से पूर्व श्री चैतराम बाथम एवं अरूणा बाथम को अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग में मानकर वर्ष 2004 में पदोन्नति का लाभ दिया गया है, दिनांक 05.08.2005 के बाद अ.ज.जा. का लाभ नहीं दिया गया है। (ग) जी हाँ। जाँच उपरांत आवश्यकतानुसार तत्कालीन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध नियम एवं प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
कार्यपालन यंत्री के प्रभार
22. ( क्र. 5373 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री का प्रभार किस स्तर के शासकीय सेवक को प्राथमिकता से दिए जाने का प्रावधान है? कार्यपालन यंत्री के प्रभार व आहरण अधिकार से संबंधित प्रावधानों का विवरण देवें? (ख) क्या आगर जिला अंतर्गत वर्तमान में कार्यरत कार्यपालन यंत्री प्रभार पर कार्य कर रहे है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुकूल प्रभार दिया गया है? (ग) यदि उपयंत्री को कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिया जाता है तो क्या आहरण अधिकार भी दिए जा सकते है? यदि हाँ, तो किन नियमों से आगर जिले में क्या स्थिति हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक्सीलेंस इन कॉमर्स संस्था को प्रारंभ करना
23. ( क्र. 5617 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन स्तर पर एक्सीलेंस इन कॉमर्स संस्था को प्रारंभ करने की कोई योजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो यह योजना कब तक शुरू हो पायेगी? (ख) क्या यह योजना पिछले वर्ष शुरू की जानी थी? यदि हाँ, तो इसके विलंब होने के क्या कारण हैं? (ग) क्या सागर संभागीय मुख्यालय पर इस योजना अंतर्गत एक्सीलेंस इन कॉमर्स संस्था को प्रारंभ किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। समय—सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। म.प्र. शासन, वित्त विभाग के निर्देशोपरान्त प्रकरण पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शिक्षण संस्थानों के नियम विरूद्ध संचालन
24. ( क्र. 5688 ) श्रीमती ममता मीना : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने तकनीकी विश्वविद्यालय एवं कितने तकनीकी शिक्षण संस्थान शासकीय एवं प्रायवेट संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर संभाग में ऐसे कौन-कौन से संस्थान हैं जिनमें केन्द्र एवं राज्य शासन के मापदण्ड अनुसार स्टाफ कार्यरत नहीं है और ऐसे कौन-कौन से संस्थान हैं, जिनमें घोषित पद रिक्त हैं? (ग) क्या तकनीकी संस्थानों में एडमीशन प्रक्रिया तथा उनकी फीस में एकरूपता है? उनमें स्टॉफ की भर्ती का एक समान नियम है? यदि नहीं, तो कारण सहित विवरण दें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) से (ग) में वर्णित तथ्यों की विवेचना में यदि कोई कमी है तो कौन का उत्तरदायित्व है और यदि शासकीय एवं प्रायवेट तकनीकी संस्थानों में घोषित पद रिक्त हैं तो कब तक भरे जावेंगे?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्वालियर संभाग में संचालित 01 अनुदान प्राप्त इंजीनियरिंग विद्यालय एवं 07 शासकीय पॉलीटेक्निक विद्यालयों में कुछ पद रिक्त है, संस्थाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निजी तकनीकी विद्यालयों का संबंध निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग एवं महाविद्यालयों का संबंध अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली से है। (ग) जी हाँ। प्रवेश प्रक्रिया में एकरूपता है। फीस का निर्धारण शासकीय, अनुदान प्राप्त संस्थाओं के लिये शासन द्वारा, विश्वविद्यालयीन संस्थाओं के लिये संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा तथा निजी क्षेत्र की संस्थाओं के लिये प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा किया जाता है। शासकीय संस्थाओं में स्टॉफ की भर्ती के नियम समान है। (घ) शासकीय संस्थाओं में भर्ती की प्रक्रिया प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। चॅूकि यह एक सतत् प्रक्रिया है, समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
अतिक्रमणधारियों को वनाधिकार पट्टे
25. ( क्र. 5689 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र एवं राज्य शासन की वन नीति के अनुसार विभाग को वर्ष 2005 के पूर्व के वन क्षेत्र में अतिक्रमणधारियों को वनाधिकार पट्टे देने का प्रावधान है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित वनाधिकार पट्टो से वंचित पात्र लोगों का विभाग ने पुन: सर्वे कराया है यदि नहीं, तो क्या वंचित पात्र हितग्राहियों का विभाग सर्वे करायेगा? हाँ तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वह पात्र अतिक्रमणधारियों जिन्हें प्रश्न दिनांक तक वनाधिकार पट्टे नहीं दिये? क्या विभाग राजस्व विभाग से ज्वाईंट सर्वे कराकर उन्हें वनाधिकार पट्टे वितरण करेगा? कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग में स्वीकृत पद
26. ( क्र. 5842 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के कितने पद वर्तमान में स्वीकृत हैं? इन पदों पर किस दिनांक से कौन-कौन किस स्थान पर पदस्थ हैं? (ख) प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के पदस्थ नौ अधिकारियों को गत एक वर्ष में संयुक्त रूप से बुनियाद संस्था बैतूल के अनिल गर्ग ने किन-किन विषयों में पत्र लिखा? इन पत्रों पर वन मुख्यालय ने किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) भा.व.अ. 1927 की धारा 20 धारा 20 अ धारा 29 धारा 4 (1) के अनुसार कितनी-कितनी भूमि वर्तमान में वन विभाग के नियंत्रण एवं प्रबंधन में है, कितनी-कितनी भूमि वर्किंग प्लान में सम्मिलित हैं? पृथक-पृथक वनमंडलवार बतावें? (घ) धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों को वर्किंग प्लान, वनकक्ष मानचित्र, वनकक्ष इतिहास एवं पी.एफ. एरिया रजिस्टर में सम्मिलित करने का प्रावधान किस धारा में दिया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ग) भारतीय वन अधिनियम-1927 की धारा-20 एवं धारा-29 से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार पर है। भारतीय वन 1927 की धारा 20 (अ) के अंतर्गत भूमियां अधिसूचित नहीं हुई हैं। कार्य-आयोजना में सम्मिलित भूमियों का वनमंडलवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच पर है। (घ) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियां पूर्व में धारा 29 के अंतर्गत अधिसूचित संरक्षित वन होने के कारण उन्हें कार्य आयोजना, वनकक्ष मानचित्र, वनकक्ष इतिहास एवं पी.एफ. रजिस्टर में दर्ज किया गया है।
शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पद और अतिथि व्याख्याता
27. ( क्र. 5892 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर संभाग के शासकीय महाविद्यालयों में कई पद रिक्त हैं? जिलेवार, विषयवार कमी-अधिक बतावें, साथ ही प्राचार्य रिक्त पद बतावें? (ख) क्या रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों से काम चलाया जा रहा है? हाँ तो कितने-कितने अतिथि व्याख्याता विषयवार, जिलेवार 31.1.16 की स्थिति में कार्यरत हैं? (ग) शैक्षणिक सत्र 2013-14, 14-15 और 31.1.16 तक वर्षवार कितना-कितना आनरेरियम (वेतन) दिया गया? (घ) नियमित नियुक्तियों में अतिथि व्याख्याताओं को कोई छूट या लाभ दिया जावेगा क्या? हाँ तो बतावें क्या नवीन नियुक्तियां कब तक होना संभव है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। प्राचार्यों के 38 पद रिक्त हैं तथा अन्य संवर्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र— (अ) एवं (ब) पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र— (स) पर है। (ग) वर्ष 2013—14 में कुल रूपये 2,088,3,347/— (दो करोड़ अठ्यासी लाख, तीन हजार, तीन सौ सैंतालीस मात्र) वर्ष 2014—15 में कुल रूपये 2,74,46,644/— (दो करोड़, चौहत्तर लाख, छयालीस हजार, छ: सौ चवालीस मात्र) वर्ष 2015—16 में कुल रूपये 2,66,89,105/— (दो करोड़ छयासठ लाख, नवासी हजार,एक सौ पाँच मात्र) आनरेरियम (वेतन) दिया गया है। (घ) जी हाँ। अतिथि विद्वानों को प्रतिवर्ष 04 अनुभव अंक व अधिकतम 20 अंक का वरियता में अतिरिक्त लाभ दिया गया है। लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक के पदों की पूर्ति का दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन भी प्रकाशित किया जा चुका है। निश्चित समय—सीमा बताना संभव नहीं है।
नीलगायों को वर्मिन घोषित करना
28. ( क्र. 6032 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीलगायों से होने वाली फसलों के नुकसान से बचने के लिए वन अधिनियम की धारा 5 में संशोधन कर नीलगायों वन्य प्राणी को वर्मिन घोषित कर किसानों की खड़ी फसल में होने वाली क्षति को प्रभावी ढंग रोकने एवं नीलगायों को नियंत्रित करने हेतु शासन स्तर से प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वन अधिनियम की धारा 2 में संशोधन कर नीलगायों (वन्य प्राणी) को वर्मिन घोषित कब तक किया जायेगा? (ग) क्या नीलगायों को वर्मिन घोषित करने के लिए वन विभाग द्वारा शासन स्तर पर पत्राचार किये गये हैं? (घ) यदि हाँ, तो धारा 5 में संशोधन कब तक कर दिया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम,1972 में संशोधन की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा ही की जा सकती है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। क्षेत्रीय अधिकारियों से केवल सुझाव मांगे गये हैं। (घ) प्रश्नांश 'ख' के अनुसार।
प्रावधान अनुसार मार्ग निर्माण
29. ( क्र. 6083 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा निर्मित किए जाने वाले मार्गों में ग्रामीण आबादी/नगरीय आबादी क्षेत्र में सी.सी. रोड व नाली निर्माण भी किया जाना प्रावधानित है? यदि हाँ, तो सुसनेर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत 02 वर्षों में उक्तानुसार लिए गए कार्यों में लागत, कार्य पूर्णता व भुगतान की अद्यतन स्थिति का विवरण देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत अन्त्रालिया से लटूरी तक स्वीकृत मार्ग निर्माण में क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार कार्य लिया गया? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति, अनुबंध एवं समय-समय पर किए गए निरीक्षणों का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्य क्या समय-सीमा में पूर्ण किया गया? यदि नहीं, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने पर क्या-क्या कार्यवाही के प्रावधान हैं व क्या कार्यवाही उक्त कार्य हेतु की गई? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों में मार्ग मरम्मत के कितने कार्य किए गए व इसके लिए कितना भुगतान किया गया? कार्यवार जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कालम 4 अनुसार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कालम 5 अनुसार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कालम 6 अनुसार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कालम 7 अनुसार। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा निर्मित किए जाने वाले मार्गों में ग्रामीण आबादी/नगरीय आबादी क्षेत्र में सी.सी. रोड व नाली निर्माण भी किये जाने का प्रावधान आवश्यकता अनुसार प्राक्कलन में समाहित किया जाता है। सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 02 वर्षों में एकमात्र कार्य सोयत-पिडावा, एम.डी.आर. मार्ग का निर्माण किया गया, जिसमें आबादी क्षेत्र में सी.सी. रोड का प्रावधान प्राक्कलन में नहीं था नाली निर्माण कार्य किया गया। उक्त कार्य बी.ओ.टी. एन्यूटी योजना के अंतर्गत होने के कारण अलग से भुगतान की नहीं किया गया है। कार्य पूर्णता दिनांक 14.10.2014 तथा ए.डी.बी. फेज-4 अंतर्गत निर्माणाधीन शाजापुर दुपाडा-कानड-पिलवास-नलखेड़ा मार्ग अंतर्गत नलखेड़ा में 150 मीटर सीमेंट कांक्रीट रोड मय नाली निर्माण का प्रावधान प्राक्कलन में किया जाकर कार्य प्रगति पर है। भुगतान की स्थिति निरंक है। (ख) जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' के कालम 3 अनुसार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कालम 4 एवं 7 अनुसार। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कालम 9 एवं 10 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स के कालम 2 एवं 4 अनुसार। म.प्र. सड़क विकास निगम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अनुसार।
विभाग अंतर्गत स्वीकृत एवं रिक्त पद
30. ( क्र. 6084 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा सन् 2006 से जिला मलखम प्रशिक्षण ग्रेड-1, ग्रेड-2 की नियुक्ति प्रारंभ की है? यदि हाँ, तो कितने पद स्वीकृत हैं, कितने रिक्त हैं व इन्हें कितना मानदेय/वेतन दिया जा रहा है? जिलेवार विवरण देवें? (ख) विभाग द्वारा खेलों को बढ़ावा देने के लिए संचालित गतिविधियों हेतु कौन-कौन से पद जिला स्तर पर व कौन-कौन से पद विकासखण्ड स्तर पर सृजित किए हैं? पदवार, वेतनवार विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में आगर जिले में पद स्वीकृति एवं पदपूर्ति की क्या स्थिति है? (घ) क्या उक्तानुसार कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई करने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्या विभाग स्वप्रेरणा से कर्मचारी हित में निर्णय लेकर कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा सन् 2006 से केवल मलखम्ब प्रशिक्षक की नियुक्ति प्रारंभ की है, न कि ग्रेड-1 एवं ग्रेड-2 की। 12 पद स्वीकृत व 1 पद रिक्त है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) आगर जिले में 01 प्रशिक्षक एवं 3 युवा समन्वयकों के पद स्वीकृत है, जो कि भरे हुए है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अभी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में कितनी सड़कों का निर्माण कार्य
31. ( क्र. 6333 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में पिदले 05 वर्षों से बोट के तहत कितनी सड़कें टू लेन फोर लेन तथा सिक्स लेन की बनाई गई सड़क का नाम, लंबाई, कन्सेशनर कंपनी/व्यक्ति का नाम, कुल लागत, लागत प्रति कि.मी. प्रारंभ एवं पूर्ण करने की दिनांक सड़क निर्माण के दौरान काटे गये पेड़ों की संख्या सहित जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों पर कितने-कितने कि.मी. पर टोल नाके लगाये गये हैं तथा किस नाके पर प्रारंभ से आज तक गाड़ी अनुसार कितना-कितना टोल शुल्क लिया जा रहा है तथा किस सड़क पर किस दिनांक से किस दिनांक तक टोल शुल्क लेने का अनुबंध किया गया है? (ग) टोल वसूलने की अवधि तय करने का फार्मूला क्या है? लागत राशि के अनुसार टोल शुल्क की अवधि तय होती है? क्या विभिन्न-विभिन्न सड़कों पर अलग-अलग प्रक्रिया अपनायी गयी? प्रत्येक सड़क पर टोल अवधि तय करने की प्रक्रिया की जानकारी प्रदान करें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों की शासन की शासन स्तर पर मॉनिटरिंग किस तरह की जाती है, तथा किसी भी BOT की सड़क पर अनुषेध का पालन न होने पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) म.प्र. सड़क विकास निगम इन्दौर संभाग के अंतर्गत बी.ओ.टी. के तहत पिछले 5 वर्षों में बनाई गई सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 1 अनुसार है। (ग) फिजीबिलिटी रिपोर्ट में की गई गणना का आधार। जी हाँ। जी हाँ। उपरोक्तानुसार (घ) समय समय पर स्वतंत्र इंजीनियरों एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा सड़क एवं टोल बुथों का निरीक्षण नियमित रूप से किया जाता है, बी.ओ.टी. सड़कों के अनुबंध का पालन नहीं करने की स्थिति में कन्सेशनायर के विरूद्ध कार्यवाही की जाने का अनुबंध में प्रावधान है।
औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भूमि की अनुमति
32. ( क्र. 6366 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडीदीप एवं पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्रों के लिए वन संरक्षण कानून 1980 के अनुसार कितनी वन भूमियों की अनुमति का प्रकरण किस पत्र क्रमांक दिनांक से भारत सरकार को प्रेषित किया गया उसमें से कितनी वन भूमियों की किस दिनांक को भारत सरकार से अनुमति प्राप्त हुई, कितनी वन भूमियों की प्रश्नांकित दिनांक तक भी अनुमति प्राप्त नहीं हुई? (ख) मंडीदीप एवं पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के किस-किस उद्योग पर किस दिनांक को कितनी वन भूमि से संबंधित किस-किस धारा में वन अपराध पंजीबद्ध किया गया, इसमें से किस वन अपराध प्रकरण को किस दिनांक को किस न्यायालय में प्रस्तुत किया, किस प्रकरण को किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया? (ग) उद्योगों द्वारा अतिक्रमित वन भूमि को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 धारा 4 (1) के तहत किस दिनांक को राजपत्र में अधिसूचित किया गया? अधिसूचना की प्रति सहित बतावें? (घ) उद्योगों द्वारा अतिक्रमित वन भूमि की वन संरक्षण कानून 1980 के अनुसार कब तक अनुमति प्रदान कर दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मण्डीदीप एवं पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के लिए वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत केवल मण्डीदीप क्षेत्र हेतु 197.930 हेक्टेयर वन भूमि के निर्वनीकरण हेतु पत्र क्रमांक/एफ-5/617/ 09/10-11/1667 दिनांक 27.07.2009 से प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। उसमें से प्रश्नांकित दिनांक तक कोई अनुमति प्राप्त नहीं हुई है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ग) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र हेतु भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 (1) के तहत अधिसूचना क्रमांक 4748-दस, दिनांक 22.09.67 से अधिसूचित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। मण्डीदीप में उद्योगों द्वारा अतिक्रमित वन भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 में अधिसूचना क्रमांक-21 दिनांक 14.06.1954 राजपत्र प्रकाशन दिनांक 26.06.1954 द्वारा धारा 4 (1) में अधिसूचना क्रमांक 15829-9123-दस-64 दिनांक 22.12.1964 राजपत्र प्रकाशन दिनांक 28.04.1972 राजपत्र प्रकाशन दिनांक 28.04.1972 में अधिसूचित वनभूमि है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार है। (घ) वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत प्रकरण प्राप्त होने पर राज्य शासन के प्रशासकीय अनुमोदन उपरान्त भारत सरकार से सैद्धान्तिक अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजपत्र की अधिसूचना
33. ( क्र. 6370 ) श्री बाला बच्चन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यू.जी.सी सितम्बर 2010 के राजपत्र में प्रकाशित केश की अधिसूचना अथवा ए.आई.सी.टी.ई. के 08.02.2012 की राजपत्र की अधिसूचना को त.शि. विभाग द्वारा लागू किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की अधिसूचना में निर्देशिष्ट ए.पी.आई. अंको को आधार मानकर आदेश क्र. एफ/1994/2011/42-1 दिनांक 04.02.2012 के अंतर्गत 2 शिक्षकों को प्राध्यापक पद पर स्थानान किया गया था? यदि हाँ, तो यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. में से किसकी अधिसूचना को आधार बनाया गया था? प्रत्येक कैटेगिरी में दोनों शिक्षकों को कितने-कितने अंक प्राप्त हुए थे? (ग) क्या डी.टी.ई. ने दिनांक 04.02.2011 तक प्राप्त समस्त आवेदकों के लिए प्रश्नांश (क) की अधिसूचना के आधार पर एकजाई अंकों की गणना की गई यदि हाँ, तो प्रत्येक आवेदनकर्ता के प्रत्येक कैटेगिरी में प्राप्त अंकों को बतायें? यदि इस दिनांक के बाद गणना की गई तो कितने आवेदकों ने न्यूनतम ए.पी.आई. अंक दिये सभी सफल एवं असफल आवेदकों के ए.पी.आई. अंक प्रत्येक कैटेगिरी में बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) में ए.पी.आई. अंकों की गणना किस समिति ने सत्यापित किया क्या यह समिति ए.आई.सी.टी.ई. 08.11.2012 की अधिसूचना में निर्दिष्ट चयन समिति के अनुसार गठित थी यदि हाँ, तो किसने यह समिति मान्य की उस अधिकारी एवं सदस्यों का नाम, पदनाम के आदेश के प्रति उपलब्ध करायें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) में ए.पी.आई. गणना आदेश क्रमांक एफ 3-22/2014/42 (1), दिनांक 29.11.2014 द्वारा गठित परीक्षण समिति के द्वारा की गई। यह समिति 08.11.2012 की अधिसूचना अनुसार चयन समिति नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टोल से मुक्त रखे जाने
34. ( क्र. 6441 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टोल प्लाजा पर विधायक, सांसद आदि को टोल शुल्क से मुक्त रखे जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो, इन्दौर-देवास छ: लेन हाईवे पर क्षिप्रा के पास स्थित टोल प्लाजा पर नियमानुसार वी.आई.पी. लेन का निर्माण किया गया है तथा अप्रिय घटना से निपटने के लिये एम्बुलेंस व क्रेन आदि की व्यवस्था टोल पर की गई है? यदि हाँ, तो वाहन के रजिस्ट्रेशन नम्बर सहित जानकारी देने का कष्ट करें। (ग) क्या उक्त टोल प्लाजा पर शासन से अनुमोदित निर्धारित शुल्क से थोड़ा कम शुल्क लेकर बिना रसीद दिये वाहनों को गुजारा जाता है तथा उससे शासन को राजस्व की हानि होती है? (घ) क्या इस प्रकार की कालाबाजारी रोकने के लिये विभाग द्वारा कोई कार्य योजना बनाई है तथा विगत एक वर्ष में विभागीय विजिलेंस द्वारा उक्त टोल नाके पर अभी तक कोई कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) इंदौर-देवास छः लेन हाईवे पर वी.आई.पी. के लिये अलग से कोई लेन नहीं है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिये एम्बूलेंस व क्रेन आदि की व्यवस्था टोल पर की गई है वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर निम्न प्रकार हैः- (1) एम्बूलेंस नंबर-एम.पी. 09 ए.बी. 6866 (2) पेट्रोल गाड़ी नंबर- एम.पी. 09 जीएफ 4123 (3) क्रेन नंबर- एच.आर. 55 पी. 3665 (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के जवाब के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, जी नहीं।
वन समितियों द्वारा किये गये कार्य एवं भुगतान
35. ( क्र. 6460 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कितनी एवं कौन-कौन सी वन समितियाँ कार्यरत हैं? उक्त समितियों को वर्ष 2014-15 से अब तक कितनी राशि का आवंटन किया गया है? उक्त राशि कार्य वार कहाँ-कहाँ व्यय की गयी? (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्र की वन समितियों द्वारा विगत दो वर्षों में समिति वार क्या-क्या कार्य किये गये? उक्त कार्यो पर कितना-कितना व्यय किया गया? समितिवार कितनी राशि शेष है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
लो.नि.वि. वि.या. सम्भाग ग्वालियर में अनियमितताएं
36. ( क्र. 6634 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिकी संभाग, ग्वालियर में जोनल टेण्डरों के आधार पर कार्य संपादित कराया जाता है वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक जोनल टेण्डरों के आधार पर कितनी राशि के कार्य कराये गये? (ख) क्या लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिकी संभाग, ग्वालियर में अनुबंध क्र. 178/2013 -14 जोनल के अंतर्गत 5.00 लाख के कार्य हेतु किया गया लेकिन अनुबंध विपरीत प्रभारी कार्यपालन यंत्री आर.के.खत्री द्वारा 10.00लाख से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो यह नियम विरूद्ध होकर अवैध भुगतान किया गया है? (ग) क्या भुगतान प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, ग्वालियर को कमिश्नर ग्वालियर द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त अधिकारी पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। रूपये 7.46 करोड़। (ख) जी हाँ। अवैध नहीं अपितु अनियमित भुगतान है। (ग) जी हाँ। श्री खत्री द्वारा अपना प्रतिवाद उत्तर प्रस्तुत किया गया है। आयुक्त के निर्णय लिये जाने के उपरांत ही विभाग द्वारा कार्यवाही की जा सकेगी।
शासकीय हॉस्टल से अनाधिकृत कब्जा हटाने
37. ( क्र. 6646 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ओरछा जिला टीकमगढ़ में बाय पास तिराहे के पास क्या हॉस्टल निर्माण किया गया था। भवन की लागत एरिया से अवगत करावें? (ख) क्या इस भवन में हॉस्टल संचालित है? यदि नहीं, तो इस भवन पर किसका आधिपत्य है? (ग) क्या भवन पर अनाधिकृत कब्जा है यदि हाँ, तो कब तक अनाधिकृत कब्जा हटाया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभागीय जानकारी के अनुसार खेल और युवा कल्याण विभाग का कोई हास्टल ओरछा जिला टीकमगढ़ में निर्मित नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश क के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्री रामराजा मंदिर ओरछा के लोक न्यास गठन
38. ( क्र. 6648 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रामराजा मंदिर ओरछा (टीकमगढ़) के लोक न्यास गठन हेतु शासन स्तर क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या शासन द्वारा लोक न्यास गठन हेतु प्रारूप तैयार लिया गया है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराये? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार लोक न्यास गठन की प्रक्रिया पूर्ण कर कब तक विधिवत घोषणा कर दी जायेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वरोजगार योजना में ऋण
39. ( क्र. 6743 ) श्रीमती अर्चना चिटनिस : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री युवा उद्यमी एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण की गारंटी शासन द्वारा लिये जाने का प्रावधान है? (ख) इस योजनाओं में बुरहानपुर जिले में कुल कितने आवेदन विगत वित्तीय वर्ष में प्राप्त हुये हैं? कितने निराकृत हुये कितने निरस्त हुये तथा कितने लंबित है? (ग) बुरहानपुर जिले के ऋण की गारंटी के अभाव में बैंकों के स्तर पर लंबित प्रकरणों की संख्या कितनी है? लंबित प्रकरणों के संबंध में शासन स्तर से क्या कार्यवाही की जा रही है? ऐसे सभी प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जा सकेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत बैंक ऋण सी.जी.टी.एम.एस.ई. अंतर्गत स्वीकृत किये जाते हैं एवं सी.जी.टी. शुल्क अनुदान राज्य शासन द्वारा वहन किया जाता हैं। (ख) वर्ष 2014-15 की जानकारी निम्नानुसार हैं :-
योजना का नाम |
प्राप्त आवेदन की संख्या |
निराकृत |
निरस्त आवेदनों की संख्या |
लंबित आवेदनों की संख्या |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी |
19 |
14 |
03 |
02 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
516 |
244 |
184 |
88 |
(ग) वर्ष 2014-15 के लंबित प्रकरणों के संबंध में किसी भी बैंक द्वारा गारंटी के अभाव में प्रकरण लंबित होने संबंधी सूचना नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करवाने का प्रस्ताव
40. ( क्र. 6762 ) श्री तरूण भनोत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के समक्ष जबलपुर शहरी क्षेत्र के अंतर्गत नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करवाने का कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो किस क्षेत्र में महाविद्यालय प्रारंभ करवाने की शासन के पास योजना है? (ख) पश्चिम विधानसभा क्षेत्र जबलपुर के अंतर्गत तिलवाराघाट एवं ग्वारीघाट क्षेत्र में जनहित हेतु शासन के पास निजी महाविद्यालय प्रारंभ करवाने का प्रस्ताव है? यदि नहीं, तो कब तक उक्त क्षेत्र में निजी महाविद्यालय प्रारंभ करवाने का प्रस्ताव बनवाकर पश्चिम क्षेत्र के छात्रों को लाभान्वित किया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। यदि किसी समिति द्वारा अशासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है तो प्रकरण पर नियमानुसार विचार किया जावेगा।
मार्ग की खराब स्थिति
41. ( क्र. 6768 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले के मुरैना विकासखण्ड की मुख्य सड़क सुनार की तिवरिया-नगरा-कांजी बसई तक अत्यन्त ही खराब स्थिति में है जिन पर वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है क्यो? फरवरी 2016 की स्थिति में जानकारी दी जावें? (ख) क्या उक्त मार्ग का नाम शहीद चरन सिंह मार्ग घोषित किया जा चुका है शहीद मार्ग की दयनीय स्थिति पर विभाग का ध्यान क्यों नहीं गया कारण सहित जानकारी दी जावें? (ग) शासन शहीद चरन सिंह मार्ग के गड्ढे, डामर का कार्य कब तक करायेगा? (घ) क्या मुरैना शहर को आने वाली मुख्य सड़क की खराब स्थिति के कारण वाहनों को काफी लम्बा चक्कर लगाना पड़ता है उक्त मार्ग की मरम्मत कब तक करा दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। मार्ग की स्थित सामान्य है, वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से संचालित है। (ख) जी हाँ। शिकारपुर नगरा मार्ग को शहीद स्व. श्री चरण सिंह मार्ग घोषित किया गया है, मार्ग पर आवागमन सुचारू रूप से संचालित है। (ग) शहीद स्व. श्री चरण सिंह मार्ग पर (शिकारपुर से नगरा) विभागीय उपलब्ध संसाधनों से समय समय पर मरम्मत कार्य कराया जाता है, आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 के ए.आर. प्रोग्राम में आवश्यकता अनुसार किलोमीटर को सम्मिलित कर बी.टी. रिन्यूवल कार्य कराया जावेगा। (घ) जी नहीं, आवश्यकता अनुसार मरम्मत कार्य कराया जाता है, तथा आगामी वित्तीय वर्ष में उपलब्ध आवंटन अनुसार मार्गों की मरम्मत करा ली जावेगी।
प्रदेश में हॉकी टूर्नामेंट के नामों की संख्या
42. ( क्र. 6773 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में सिंधिया गोल्ड कप, भोपाल के ओबेदुल्ला खां गोल्ड कप जैसे कितने हॉकी टूर्नामेन्ट प्रदेश में नियमित कराये जा रहे हैं गोल्ड कप, सिल्वर कप, जिला स्तर के संख्या, नाम सहित जानकारी दी जावें? (ख) प्रदेश में विभाग द्वारा प्रतिवर्ष कितने स्थानीय, राष्ट्रीय स्तर, प्रदेश स्तर, संभाग स्तर के टूर्नामेंट कहाँ-कहाँ कराये जाते है? (ग) राष्ट्रीय स्तर के खिलाडि़यों को प्रदेश के खेल विभाग द्वारा क्या सुविधायें दी जाती है? क्या उक्त सुविधा खेलों के स्तर को बढ़ावा देने हेतु पर्याप्त नहीं है शासन उक्त सुविधाओं में बढोत्तरी हेतु कोई नई नीति बनाये जाने की योजना पर विचार कर रहा है यदि हाँ, तो क्या?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) अखिल भारतीय स्तर पर प्रदेश में आयोजित किए जाने वाले हॉकी टूर्नामेन्ट का आयोजन हॉकी इण्डिया द्वारा किया जाता है, अतः जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा जिन हॉकी टूर्नामेन्ट हेतु अनुदान स्वीकृत किया गया है कि जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा प्रतिवर्ष हॉकी टूर्नामेन्ट का आयोजन नहीं किया जाता है। वर्ष 2010-11 में विभाग द्वारा भोपाल में 64वें ओबेदुल्ला खां गोल्ड कप का आयोजन किया गया है। (ग) विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्तर के खिलाडि़यों को अधिकृत राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पदक अर्जित करने पर पुरस्कार राशि, भाग लेने हेतु ट्रेकसूट एवं प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु यात्रा किराया (रियायती दर) प्रदान किया जाता है। जी नहीं। शासन द्वारा सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हेतु अभी कोई नीति बनाए जाने की योजना विचाराधीन नहीं है।
वनग्रामों में मूलभूत सुविधाएं
43. ( क्र. 6787 ) श्री सचिन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन में कुल कितने वन ग्राम हैं? विधानसभा क्षेत्रवार, तहसीलवार, वनपरिक्षेत्रवार वनग्रामों की जानकारी दें? (ख) क्या उक्त वन ग्रामों में सड़क, बिजली, पानी इत्यादि जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कौन-कौन से उक्त वनग्राम प्रश्नांश (ख) में दर्शित सुविधाओं से वंचित हैं और इसके लिए शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) विद्युत विहीन वनग्रामों में कब तक विद्युत सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी एवं सड़कविहीन वनग्रामों को सड़क मार्ग निर्माण कराकर उन्हें कब तकक मुख्य धारा से जोड़ा जायेगा? (ड.) विगत पाँच वर्षों में उक्त वनग्रामों की मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराये जाने हेतु कुल कितना-कितना बजट किस-किस कार्य के लिए खर्च किया गया और कितना शेष रहा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'क' में वर्णित समस्त वनग्रामों में सड़क मार्ग उपलब्ध है। वनग्राम कोठावा में विघुतीकरण की कार्यवाही प्रचलित होने से समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
लोक निर्माण की कार्यवार जानकारी
44. ( क्र. 6788 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में लोक निर्माण विभाग के कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से किस-किस प्रकार के निर्माण कार्य किए जाने के वर्तमान में प्रस्ताव स्वीकृत/अस्वीकृत एवं प्रस्तावित हैं, साथ ही कौन-कौन से कार्यों की कार्ययोजना बनाई गई है या बनाई जाना है? विधानसभा क्षेत्रवार, प्रस्ताव वार एवं कार्य योजनावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने-कितने निर्माण कार्य किए जा रहे है? कितने शेष है और कितने शुरू किए जाना है और कब तक? कार्यवार अलग-अलग जानकारी दें? (ग) उक्त जिले में लोक निर्माण विभाग के निर्माण कार्यों के लिए विगत पाँच वर्षों में कुल कितना-कितना बजट आवंटित हुआ और किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी-कितनी राशि खर्च की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) पुल निर्माण की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं सड़क कार्यों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। परियोजना क्रियान्वयन इकाई खरगोन के निर्माण कार्य की विधानसभा क्षेत्रवार स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत निम्नलिखित सड़कों की डी.पी.आर. का कार्य प्रगति पर है। (1) करतरगांव करही पाडल्या मार्ग विधानसभा महेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। (2) सनावद ढकलगांव हीरापुर भीकनगांव मार्ग विधानसभा क्षेत्र बड़वाह एवं भीकनगांव के अंतर्गत आता है। (3) भीकनगांव केदवा शंकरगांव खुडगांव अन्दड मार्ग विधानसभा भीकनगांव के अंतर्गत आता है। निम्नलिखित दो सडके एक एडीबी-IV में एवं एक बी.ओ.टी. योजना में स्वीकृत है। (1) सनावद खरगोन मार्ग (एम.डी.आर.) जो विधानसभा बड़वाह एवं खरगोन के अंतर्गत है। (ए.डी.बी.-IV) (2) राऊ-महू-मण्डलेश्वर मार्ग (राजमार्ग क्रं.-1) जो विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के अंतर्गत है। (बी.ओ.टी.) (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत दो स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य ए.डी.बी.-IV एवं बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। ऊपर वर्णित तीन सड़कों की डी.पी.आर. तैयार होने के उपरांत किसी स्कीम में धनराशि की उपलब्धता को देखते हुये कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं ब-1 अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम पिछले 5 वर्षों में खरगोन जिले की कसरावद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पूर्ण की गई सड़कों की राशि, व्यय वर्ष आदि संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-3' अनुसार है।
शासकीय अनुपयोगी भवन
45. ( क्र. 6804 ) श्री गोपाल परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में कितने अनुपयोगी शासकीय भवन घोषित किये गये है? विभागवार जानकारी एवं सूची देवे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन शासकीय भवनों को डिसमेंटल करने की शासन की क्या प्रक्रिया अपनाई गई है या कोई नीति बनाई है? (ग) क्या विगत तीन वर्षों में कुछ विभाग द्वारा अनुपयोगी भवनों को डिसमेन्टल करने के बाद सामग्री की नीलामी की गई है तो शासन को किस-किस विभाग से कितनी राशि जमा की गई है एवं शासकीय अनुपयोगी भवनों को डिसमेंन्टल करने की कार्यवाही शासन कब तक करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) कुल 16 भवन अनुपयोगी घोषित किये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 4 अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 5 एवं कॉलम 6 अनुसार।
इंदरगढ़ तहसील में नवीन तहसील भवन
46. ( क्र. 6816 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड सेंवढ़ा जिला दतिया की इंदरगढ़ तहसील में कोई नवीन तहसील भवन स्वीकृत हुआ है? यदि हाँ, तो कब विज्ञप्ति निकाली गई? लागत राशि, निर्माण एजेंसी का नाम, कार्य पूर्ण होने की तिथि सहित जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) क्या उक्त भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो क्या विभाग को सुपुर्द कर दिया है? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि समय-सीमा निकल जाने के बाद अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ? कारण सहित जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) क्या उक्त भवन के निर्माण कार्य में कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं हो रहा है, कार्य में लापरवाही की जा रही है? अधिकारियों द्वारा समय पर निरीक्षण नहीं किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो संबंधितों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) उक्त भवन का निर्माण कब तक पूर्ण किया जायेगा तथा कब तक विभाग को सुपुर्द किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रथम दिनांक 05.08.2011 एवं द्वितीय दिनांक 03.01.2013 लागत राशि निर्माण एजेन्सी का नाम पूर्ण होने की तिथि सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। भवन निर्माण प्रगतिरत। संबंधित विभाग को सुपुर्द नहीं किया गया। कारण सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भवन का स्वीकृत निर्माण कर 30.06.2016 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है, तथा तदुपरांत संबंधित विभाग को सुपुर्द किया जावेगा।
पीपलरावा में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति
47. ( क्र. 6821 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पीपलरावा जिला देवास में शासकीय महाविद्यालय स्वीकृत है, यदि नहीं, तो भविष्य में स्वीकृत होने की संभावना है? (ख) क्या विभाग द्वारा पीपलरावा में शा. महाविद्यालय खोलने के लिए कोई प्रस्ताव है? यदि है तो जानकारी स्पष्ट करें? (ग) क्या छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए भविष्य में पीपलावा को शासकीय महाविद्यालय प्राप्त हो सकेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों का सुदृढ़ीकरण करने एवं उनके गुणवत्ता विकास के प्रयास किये जा रहे हैं। अत: पीपलरावा में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान करने में अभी कठिनाई है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
धार्मिक स्थलों को दी जाने वाली सुविधा की जानकारी
48. ( क्र. 6825 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा प्राचीन मंदिरों व अन्य धर्म स्थानों का जीर्णोद्धार कराया जाता है? क्या शासन द्वारा प्रदेश के धार्मिक स्थलों को कोई सहायता या सुविधा प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सहायता किस प्रकार किस योजना के माध्यम से दी जाती है? इसकी प्रक्रिया क्या है? (ख) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र में ऐसी सुविधा प्राप्त कितने स्थल हैं और उनको किन योजनाओं के अंतर्गत किस प्रकार की सहायता प्रदान की गई है? (ग) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कितने धार्मिक स्थल हैं? जहां शासन द्वारा उनकी देखभाल करने वाले या पूजा पाठ करने वाले व्यक्तियों को भी सहायता या सुविधा दी जाती है वह किस प्रकार व किस योजना के अंतर्गत दी जाती है? इसकी प्रक्रिया क्या है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खेल परिसर एवं अन्य सुविधायें
49. ( क्र. 6857 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन एवं विदिशा जिले में कहाँ-कहाँ पर खेल परिसर, मिनी स्टेडियम ग्रामीण खेल परिसर, खेल मैदान निर्माण करवाये जा रहे हैं तथा कहाँ-कहाँ प्रस्तावित है? (ख) इस हेतु विभाग को कहाँ-कहाँ भूमि प्राप्त हो गई तथा कहाँ-कहाँ विभाग द्वारा भूमि की मांग कब-कब की गई? (ग) उक्त जिलों में वर्ष 2013-14 से फरवरी 16 तक विभाग द्वारा किन-किन ग्राम पंचायतों/विद्यालयों को क्या खेल सामग्री, उपकरण कब-कब दिये? (घ) उक्त जिलों में वर्ष 2013-14 से फरवरी 16 तक कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) रायसेन एवं विदिशा जिले में विभागीय निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित खेल परिसर मिनी स्टेडियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। दोनों जिलों में प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफारमेंस ग्राण्ट से ग्रामीण खेल परिसर निर्मित किये जाना प्रस्तावित है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा स्वीकृत एवं प्रस्तावित खेल परिसर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ख) विभाग को प्राप्त भूमि एवं मांग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ई’’ अनुसार है।
राज्य मार्ग घोषित करना
50. ( क्र. 6863 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 14 से 29 फरवरी 16 की अवधि में ग्रामीण मार्ग अन्य जिला मार्ग को मुख्य जिला मार्ग, राज्य मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग अपूर्ण सड़कों को पूर्ण कराने, सड़कों की मरम्मत एवं पटरी सफाई, नवीन सड़क स्वीकृत करने के संबंध में रायसेन जिले में किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र मान. मंत्री जी को कब-कब प्राप्त हुए? (ख) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले के अंतर्गत सियर मऊ-टड़ा मार्ग, जुनिया-बम्होरी मार्ग, चंदन पिपलिया-प्रतापगढ़ मार्ग पर किन-किन किसानों की भूमि पर सड़क बनाई गई? (घ) उनको मुआवजा राशि क्यों नहीं दी गई? इस संबंध में मान. मंत्री जी को किन-किन विधायकों के पत्र प्राप्त हुए? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। इस संबंध में विभाग को कोई पत्र प्राप्त नहीं हुए। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धीमी गति/गुणवत्ताहीन कार्य करने पर ठेकेदारों पर कार्यवाही
51. ( क्र. 6864 ) श्रीमती अर्चना चिटनिस : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में धीमी गति/गुणवत्ताहीन कार्य करने पर ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की जाती है? (ख) क्या गुणवत्ता अनुसार कार्य नहीं किये जाने पर ठेकेदारों की गोपनीय जानकारी रखी जाती है? जिसका ठेकेदारों से आगामी अनुबंध/निविदा के समय उपयोग किया जा सके? (ग) बुरहानपुर जिले में दर्यापुर-जसौंदी-करोली मार्ग निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति कितनी है और कब प्राप्त हुई थी? किस कारण से आज तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका? कार्य की धीमी गति के लिये, की गई कार्यवाही से अवगत करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) धीमी गति। गुणवत्ताहीन कार्य करने पर निष्पादित किये गये अनुबंधों की शर्तों में निहित प्रावधानों अनुसार ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। इसके अतिरिक्त जारी दिशा-निर्देशों के तहत ठेकेदार के पंजीयन को निलंबन या काली सूची में डाले जाने की कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दर्यापुर-जसौंदी मार्ग (महाराष्ट्र सीमा) निर्माण हेतु रू. 21.16 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.10.2011 को प्राप्त हुई थी। मार्ग का निर्माण कार्य दिनांक 18.02.2015 को पूर्ण किया जा चुका है। जसौंदी करोली मार्ग लंबाई 14.325 कि.मी. हेतु रूपये 825.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 11.01.2012 को तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 1208.92 लाख की दिनांक 13.01.2015 को प्राप्त हुई थी। मार्ग रिजर्व फारेस्ट में होने के कारण ब्लास्टिंग की अनुमति न मिलने के कारण, पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के कारण एवं ठेकेदार द्वारा कार्य की धीमी गति के कारण। धीमी गति के कारण ठेकेदार को पंजीयन निलंबन हेतु कारण बताओं नोटिस दिया गया है। ठेकेदार से उत्तर प्राप्त होने पर गुण दोषों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी।
बसौड़ परिवारों को बांस उपलब्ध कराना
52. ( क्र. 6877 ) श्री राजकुमार मेव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बांस से वस्तुएं बनाने वाले बसौड़ परिवारों को बांस उपलब्ध कराने के क्या नियम एवं प्रावधान है? (ख) क्या इंदौर संभाग में विभाग के स्थापित बांस डिपो में बांस उपलब्ध नहीं है? यदि नहीं, है तो कब से नहीं है और यदि बांस उपलब्ध है तो विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में बांस की मांग करने वाले परिवारों को विगत एक वर्ष में कितने परिवारों को बांस उपलब्ध कराया गया है? (ग) क्या खरगोन जिले की विधानसभा क्षेत्र महेश्वर के बसौड़ परिवारों द्वारा विगत 6 माह से बांस नहीं मिलने की शिकायत विभाग अथवा कलेक्टर खरगोन को की गई है? यदि हाँ, तो तद्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में क्या कारण है कि विभाग के पास बांस उपलब्ध होने के उपरांत भी बसौड़ परिवारों को बांस उपलब्ध नहीं कराये गये एवं नगर मण्डलेश्वर के बसौड़ परिवार द्वारा आमरण अनशन एवं धरने पर बैठने के लिए मजबूर होने की सूचना देना पड़ रहा है एवं उनके परिवार की भरण-पोषण की समस्या भी आ रही है? उक्त परिवारों को कब तक बांस उपलब्ध करा दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) निस्तार नीति 1996 के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक बसोड़ परिवार को प्रतिवर्ष उपलब्धता के आधार पर 1500 नग बांस प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। प्रत्येक बसोड़ परिवार को कैलेण्डर वर्ष के लिये पंजीकृत करना आवश्यक है। (ख) बांस उपलब्ध है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मण्डलेश्वर एवं पाडल्या डिपो पर 2500-2500 नग बांस परिवहन कराकर बांस उपलब्ध कराये गये। काकड़दा एवं महेश्वर डिपो में बांस शीघ्र उपलब्ध कराया जा रहा है। (घ) बांस का निरंतर उत्पादन घटने के कारण बसोड़ परिवारों को निर्धारित मात्रा में बांस उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। अन्य वृत्तों से प्राप्त होने पर यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जावेगा।
सुगर फैक्ट्री की स्थापना
53. ( क्र. 6888 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दतिया जिले की इंदरगढ़ तहसील के ग्राम खाई खेड़ा धीरपुरा में कोई सुगर फैक्ट्री स्थापित की जा रही है? यदि हाँ, तो फैक्ट्री का नाम, संचालनकर्ता का नाम, लागत, राशि सहित जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) क्या उक्त फैक्ट्री को स्थापित कर संचालन करने हेतु इनके प्रोपराइटरों द्वारा शासन से समस्त प्रकार की अनुमतियां प्राप्त कर ली है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ से प्राप्त की विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) एक नवीन सुगर फैक्ट्री स्थापित करने की क्या प्रक्रिया है? नियमावली उपलब्ध कराई जावे? जो सुगर फैक्ट्री स्थापित की जा रही है वह किस श्रेणी की है इसके द्वारा कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा इसमें क्या स्टाफिंग पैटर्न रहेगा? (घ) क्या शासन की गाइड लाइन पूरी न करने के उपरांत भी इस सुगर फैक्ट्री की स्थापना नियम विरूद्ध की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? यदि नहीं, तो जाँच कराई जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। दतिया जिले की इन्दरगढ़ तहसील के ग्राम खाई खेड़ा धीरपुरा में शुगर फैक्ट्री स्थापित की जा रही है। फैक्ट्री का नाम माँ पीताम्बरा शुगर एण्ड पॉवर लि. तथा संचालक का नाम श्री राजेन्द्र कन्देले एवं लागत लगभग राशि रूपये 68.00 करोड़ है। (ख) जी हाँ, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा आवश्यक अनुमतियां एवं प्रक्रिया पूर्ण की गई हैं। गन्ना आयुक्त द्वारा आवश्यक दूरी प्रदाय पत्र प्राप्त किया जाकर वाणिज्य उद्योग मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली से आई.ई.एम. प्राप्त किया गया है। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, सर्करा निदेशालय, नई दिल्ली द्वारा राशि रूपये 1.00 करोड़ की परफारमेंस गारंटी स्वीकृति की गई। (ग) गन्ना (नियंत्रण) (संशोधन) आदेश 2006 के क्लाज 6 (क) से 6 (ड.) में अंकित प्रावधान अनुसार नवीन शुगर फैक्ट्री स्थापित करने की प्रक्रिया की जाती है। भारत सरकार द्वारा जारी गाईडलाइन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। उक्त शुगर फैक्ट्री वृहद श्रेणी की है। उद्योग अंतर्गत लगभग 264 व्यक्तियों को विभिन्न श्रेणियों में रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है। (घ) जी नहीं, गन्ना आयुक्त एवं भारत सरकार द्वारा शक्कर कारखाने हेतु आवश्यक अनुमति प्राप्त कर कारखाना स्थापित किया जा रहा है। अत: उत्तरदायी होने एवं जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज का इंजीनियरिंग में उन्नयन
54. ( क्र. 6889 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर सनावद के शास.पॉलिटेक्निक कॉलेज का इंजीनियरिंग में उन्नन का प्रस्ताव है? पॉलिटेक्निक कॉलेजों के कौन-कौन से संसाधनों का उपयोग नियमित इंजीनियरिंग कॉलेज हेतु किया जा सकता है? क्या पॉलिटेक्निक कॉलेजो के वर्तमान भवनों की कक्षाओं/प्रयोग शालाओं का उपयोग उनके प्रयोग के समय के अतिरिक्त इंजीनियरिंग कॉलेजों हेतु किया जा सकता है? यदि नहीं, तो आल ए.आई.सी.टी.ई. के नार्मस ऐसी स्थिति में क्या है? क्या पॉलिटेक्निक कॉलेजों को भौतिक, शैक्षणिक एवं अतिरिक्त भूमि का उपयोग उन्हें इंजीनियरिंग कॉलेजों में उन्नत किया जाने हेतु आल इण्डिया कॉसिल ऑफ टेक्निकल शिक्षा को प्रस्तावित किया जा सकता है? इस हेतु शासन स्तर से पूर्व में क्या प्रयास हुए है? (ख) तहसील स्तरीय छोटे से नगर में स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज को आसपास 70 कि.मी. दूर तक कोई इंजीनियरिंग कॉलेज न होने से क्या वर्तमान पॉलिटेक्निक कॉलेज को इंजीनियरिंग कॉलेज में उन्नयन हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? सनावद पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास ए.आई.सी.टी.ई. के नार्मस से अधिक भूमि है? (ग) शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज सनावद की जनभागीदारी समिति के पास फण्ड की एकत्रित राशि का उपयोग क्या नवीन इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ किया जाने हेतु किया जा सकता है? कॉलेज की स्वीकृति एवं नये एवं रोजगार मूलक कोर्सेस खोलकर की जा सकती है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में ऐसी कोई नीति नहीं है। (ख) जी नहीं। सनावद से 60 किलोमीटर दूर स्थित खण्डवा में निजी क्षेत्र के 02, 77 किलोमीटर दूर स्थित इंदौर में 01 अनुदान प्राप्त, 01 स्ववित्तीय एवं 38 निजी तथा 80 किलोमीटर दूर स्थित खरगौन में 03 निजी क्षेत्र के इंजीनियरिंग महाविद्वालय संचालित है। वर्तमान में ऐसी कोई नीति नहीं है। जी हाँ। (ग) जी नहीं। वर्तमान में ऐसी कोई नीति नहीं।
वन अधिकार पत्र का प्रदाय
55. ( क्र. 6908 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस रेंज के उकावल डेहर ग्राम मोरई बीट सनवारा के अंतर्गत वन भूमि पर श्री ज्ञान सिंह आदिवासी पुत्र श्री कल्याण सिंह वर्ष 1971 से निवासी ग्राम बेडारी तहसील कोलारस काबिज होकर खेती कर अपना जीवन-यापन करता है? (ख) क्या वर्ष 1988 में श्री ज्ञान सिंह आदिवासी (सहरिया) को उसके 06 साथियों सहित उकावल डेहर ग्राम मोरई बीट की वन भूमि पर काबिज होने के कारण गिरफ्तार कर जेल भेजा था एवं जुर्माना राशि जमा कराई गई थी? यदि हाँ, तो उक्त आदिवासी को वन अधिकार पत्र क्यों नहीं दिया गया? इन्हें वन अधिकार पत्र कब तक दिया जाएगा? (ग) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कई आदिवासी है जो वनभूमि पर काबिज होकर खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे है? यदि हाँ, तो कौन-कौन आदिवासी किस वन परिक्षेत्र की कोन से कम्पार्टमेंट की कितनी भूमि पर कब से काबिज होकर खेती कर रहे है? कब्जेदार का नाम, पिता/पति का नाम व पता सहित जानकारी दें? (घ) वन अधिकार पत्र दिए जाने के क्या नियम/निर्देश हैं? उक्त नियम/निर्देशों का पालन करते हुए वनभूमि पर कृषि प्रयोजन के कब्जेदार केा वन अधिकार पत्र दे दिए गए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन व्यक्ति है जिन्हें प्रश्न दिनांक तक वन अधिकार नहीं दिए गए है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। अभिलेखानुसार वर्ष 1988 में श्री ज्ञान सिंह आदिवासी के विरूद्ध वन परिक्षेत्र कोलारस की सनवारा बीट में वनभूमि पर अतिक्रमण कर खेती करने के प्रकरण में वन अपराध प्रकरण क्रमांक 18427/20 दिनांक 17.08.1988 पंजीबद्ध किया गया था। (ख) जी नहीं, अभिलेखानुसार वर्ष 1988 में प्रश्नाधीन 6 व्यक्तियों में से मात्र श्री ज्ञान सिंह आदिवासी के विरूद्ध वन परिक्षेत्र कोलारस की सनवारा बीट में वनभूमि पर अतिक्रमण कर खेती करने के फलस्वरूप वन अपराध प्रकरण क्रमांक-18427/20 दिनांक 17.08.1988 पंजीबद्ध किया जाकर माननीय न्यायालय कोलारस में परिवाद प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा श्री ज्ञानसिंह को वन भूमि से बेदखल करने का आदेश पारित किया गया। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत श्री ज्ञानसिंह आदिवासी द्वारा कोई आवेदन दावा प्रस्तुत नहीं करने के कारण उन्हें अधिकार पत्र नहीं दिया गया। मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन के परिपत्र क्रमांक/वन/161ए/टी.ए.डी.पी./16/57/मु.स./16 दिनांक 18.02.2016 के परिप्रेक्ष्य में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत निरस्त दावों का पुनः परीक्षण एवं दावा प्रस्तुत करने से वंचित दावेदारों से नवीन दावे प्राप्त करने हेतु शबरीमाता जयंती दिनांक 24 फरवरी, 2016 से 30 जून, 2016 तक विशेष अभियान चलाया गया है। यदि श्री ज्ञानसिंह द्वारा वन अधिकार हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जाता है, तो वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत गठित समिति द्वारा समुचित विचार कर पात्रता अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 एवं नियम 2008 एवं संशोधित नियम 2012 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ। इस अधिनियम के अन्तर्गत कोलारस विधानसभा क्षेत्र में वनभूमि पर कृषि प्रयोजन के कब्जेदारों में से अप्रात्र व्यक्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
म.प्र. फुटबाल एवं जिला फुटबाल संघ
56. ( क्र. 6913 ) श्री बाला बच्चन : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश फुटबाल संघ एवं जिला फुटबाल संघ भोपाल क्या पंजीकृत संस्थाएं हैं? यदि हाँ, तो इनका पंजीयन किन अधिनियम/नियमों के अंतर्गत किया गया है? क्या संबंधित संस्थाओं को खेलकूद विभाग से मान्यता प्राप्त है? संस्थाओं के पदाधिकारियों के नाम व पते सहित जानकारी दें? (ख) संस्थाएं पंजीकृत होने पर दोनों संस्थाओं का निर्वाचन कब कराया गया, निर्वाचन कार्यवाही में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? निर्वाचित पदाधिकारियों के नाम पद पते क्या हैं? (ग) क्या दोनों संस्थाओं के निर्वाचन नियमानुसार सम्पन्न नहीं होने के संबंध में संचालक, खेल एवं युवक कल्याण को शिकायतें प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो कब प्राप्त हुई एवं उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त दोनों संस्थाएं क्या मध्यप्रदेश सोसायटी अधिनियम के तहत पंजीकृत संस्था नहीं हैं? संस्थाओं को विगत तीन वर्षों में विभाग द्वारा कितनी अनुदान राशि दी गई है? दिये गये अनुदान सहायता की पात्रता क्या संस्थाएं रखती हैं? यदि नहीं, तो हुई वित्तीय अनियमितताओं के लिये कार्यवाही की जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ख) जी हाँ। इनका पंजीयन मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के अंतर्गत किया गया है। मध्यप्रदेश फुटबाल एसोसिऐशन, जबलपुर की कार्यालय में उपलब्ध रेकार्ड के अनुसार पदाधिकारियों के नाम व पते की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जिला फुटबाल संघ, भोपाल की कार्यालय में उपलब्ध रेकार्ड के अनुसार पदाधिकारियों के नाम व पते की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कार्यालयीन रिकार्ड के अनुसार मध्यप्रदेश फुटबाल एसोसिऐशन, जबलपुर का निर्वाचन दिनांक 27-7-2014 तथा जिला फुटबाल संघ, भोपाल का निर्वाचन दिनांक 16-10-1994 को किया जाना दर्शाया है। उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत संस्थाओं के निर्वाचन की कार्यवाही में विभाग के द्वारा कार्यवाही किये जाने का प्रावधान नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश के राज्य स्तरीय खेल संघों को नियमानुसार विभागीय मान्यता प्रदान की जाती है। मध्यप्रदेश फुटबाल संघ, खेल और युवा कल्याण विभाग से राज्य स्तरीय खेल संघ के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। उपरोक्त अधिनियम में संस्थाओं को अनुदान दिये जाने का प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन क्षेत्रों में अवैध खनन
57. ( क्र. 6918 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग को जानकारी है कि पन्ना जिले की पवई एवं शाहनगर तहसीलों के ग्राम कौड़ा, मगरपुरा, कैमुरिया, बछौन, कुटमी बड़ौरा, हरदुआ, ककरी कछार, टिकरिया में वन क्षेत्र और आदिवासियों और वनवासियों की भूमि पर अवैध कब्जा कर कुछ दबंगो द्वारा अवैध खनन कार्य किया जा रहा है और इस संबंध में वन विभाग के डिवीजनल फारेस्ट अधिकारी कल्दा एवं पवई को प्रश्नकर्ता विधायक और कई नागरिकों ने शिकायत की है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई? (ख) इस अवैध खनन कर्म से वनों को क्षति हो रही है और शासन को लाखों रूपयों की खनिज रायल्टी से वंचित होना पड़ रहा है, यह जानते हुये भी शासन द्वारा अवेध खनिकर्म करने वालों के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी और कब-तक कार्यवाही करने का इरादा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वनक्षेत्र में अवैध उत्खनन की रोकथाम हेतु बीट जाँच एवं गश्ती की जाती है, वनक्षेत्र में चोरी-छिपे अवैध उत्खनन पाये जाने पर, विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पवई एवं शाहनगर तहसीलों के वनक्षेत्रों में, अवैध उत्खनन के, वर्ष 2014 में 11, वर्ष 2015 में 6 प्रकरण कायम किये गये है।
पुरैना औद्योगिक क्षेत्र में पंजीकृत उद्योगपति
58. ( क्र. 6920 ) श्री मुकेश नायक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले के पुरैना औद्योगिक क्षेत्र में फरवरी 2016 तक कुल कितने उद्योग संचालित हो रहे हैं? (ख) उपरोक्त औद्योगिक क्षेत्र में कितने उद्योगपतियों ने उद्योग लगाने के लिये सरकार से या निजी भूमि स्वामियों से जमीन खरीदी है और वर्तमान में कितनी जमीन खाली पड़ी है? (ग) पुरैना औद्योगिक क्षेत्र में स्थित उद्योगों के लिये कितने और कौन-कौन से उद्योगपतियों ने शासन से सब्सिडी प्राप्त की है? (घ) क्या शासन के पास ऐसी कोई शिकायतें हैं कि पुरैना में कुछ उद्योगपतियों ने केवल भूमि खरीदी है और बिना उद्योग लगाये ही शासन से सब्सिडी प्राप्त कर ली है? यदि हाँ, तो ऐसे उद्योगपतियों और उन्हें प्राप्त सब्सिडी की जानकारी दीजिए?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) 32 उद्योग स्थापित हुए थे। वर्तमान में 07 उद्योग कार्यरत हैं। (ख) औद्योगिक क्षेत्र पुरैना में उद्योगपतियों को उद्योग लगाने हेतु कुल 50.429 हेक्टेयर भूमि लीज पर प्रदान की गई है। वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र पुरैना में 12.30 हेक्टेयर भूमि रिक्त है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
पेंशन प्रकरण का निराकरण
59. ( क्र. 6927 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन वृत बालाघाट में ऐसे कौन-कौन पेंशनर्स हैं जिनके विरूद्ध चल रही विभागीय जाँच का निराकरण नहीं होने से उनके पेंशन प्रकरण लंबित हैं? उनके कौन-कौन से देयक का भुगतान रोक कर कितनी-कितनी राशि रोकी गयी है? विभागीय जाँच के निराकरण की समय-सीमा क्या है तथा इनके प्रकरण कहाँ लंबित हैं तथा उनका निराकरण कब तक किया जाएगा? कर्मचारियों/अधिकारियों के नाम सहित जानकारी दें? (ख) ऐसे कौन-कौन से पेंशनर्स हैं जिनके पेंशन प्रकरण का निराकरण हेतु मंत्री परिषद की स्वीकृति प्राप्त कर विभागीय जाँच की गयी किंतु अंतिम रूप से निराकृत नहीं किया गया तथा उनके देय भुगतान की राशि रोकी गयी? क्या विभाग को पेंशन नियम 09 (नौ) के तहत राशि वसूल करने का अधिकार नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध राशि कैसे रोकी गयी तथा इसे कब तक पेंशनर्स को वापिस कर दिया जाएगा? नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिए दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक सी-6-5/2000/3/1 दिनांक 11.08.2000 से प्राप्त निर्देशानुसार विभागीय जांच एक वर्ष की समय अवधि में निराकरण किये जाने के निर्देश हैं। अर्द्धन्यायिक प्रकिया होने एवं विभिन्न स्तर पर परीक्षण में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुये लंबित विभागीय जांच प्रकरणों के निराकरण हेतु निश्चित समय- सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। (ख) श्री आर.सी. नागदेवे, सेवानिवृत्त (दि. 31.03.09) वनक्षेत्रपाल एवं श्री मनीराम सिरसाम, सेवानिवृत्ति (दि. 31.03.10) वनपाल के विभागीय जांच प्रकरण निराकरण हेतु लंबित हैं। पेंशन नियम 1976 के नियम-9 के तहत राशि वसूल करने का अधिकार शासन को है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के अंतर्गत 02 पेंशनर्स हैं जिनके विरूद्ध नियमानुसार मंत्रि परिषद की स्वीकृति प्राप्त कर विभागीय जांच प्रारम्भ की गई है, जिसके निराकरण होने पर यथोचित कार्यवाही की जावेगी। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पेंशन प्रकरण का निराकरण
60. ( क्र. 6928 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री डी.एल. देशमुख तत्कालीन वन क्षेत्रपाल जो 31 जुलाई 2013 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं के विरूद्ध चल रही विभागीय जाँच में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (सतर्कता/शिकायत) को उनके पत्र क्रमांक/वि.जाँच/171/3218 दिनांक 01 जुलाई 2013 एवं पत्र क्रमांक वि.जाँच/3180 दिनांक 12.06.2014 द्वारा प्रेषित जाँच उपपत्ति में जवाब प्रस्तुत कर दिये जाने पर प्रकरण कहाँ पर लंबित है? (ख) जिनमें अंतिम आदेश कर प्रकरण का निराकरण कब तक करा दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) दोनों प्रकरण क्रमश: मुख्यालय स्तर पर एवं शासन स्तर पर परीक्षणाधीन होने से लंबित है। (ख) विभागीय जाँच की कार्यवाही अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया है तथा विभिन्न स्तरों पर परीक्षण में समय लगता है। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन विभाग द्वारा राजसात किये गये वाहन
61. ( क्र. 6931 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा एवं बैतूल जिले में वन विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में ऐसे कितने राजसात किये गये वाहनों की नीलामी की गई? जिन पर बैंक का ऋण बकाया था? (ख) राजसात किये गये वाहनों की लोक नीलामी के पूर्व सम्बन्धित पोषक बैंक से अनुमति लिये जाने एवं शेष ऋण के सम्बन्ध में क्रेता को अवगत कराये जाने का क्या प्रावधान है? (ग) बैतूल जिले में राजसात की गई ट्रैक्टर क्रमांक - एम.पी.-48 एम.-2833 एवं ट्रॉली पर किस बैंक का कितना ऋण शेष है व उस शेष ऋण को जमा कराये जाने का दायित्व किस अनुबन्ध अथवा नियम के अंतर्गत किसका है? (घ) प्रश्नांश (ग) में अंकित वाहन कब तक क्रेता के नाम ट्रांसफर कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में केवल बैतूल जिले में ऐसे कुल 2 राजसात वाहन नीलाम किये गये, जिन पर बैंक का ऋण बकाया था। (ख) ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन वाहन पर शेष ऋण की जानकारी विभाग को नहीं है। शेष प्रश्नांश का संबंध ऋण प्रदायकर्ता बैंक से है। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जिला विदिशा अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य
62. ( क्र. 6938 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग अधीन ग्राम भैरोखेड़ी ठर्र मार्ग पर कितने वर्ष पूर्व पुन: सड़क निर्माण कार्य कराया गया था? (ख) क्या उक्त सड़क निर्माण कार्य घटिया होने से पेंचवर्क किया गया? क्या उक्त पेंचवर्क कार्य उखड़ने से वर्तमान में सड़क की हालत परिवहन योग्य नहीं है? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन एव उनके खिलाफ कार्यवाही की गई नहीं तो क्या? (ग) क्या शासन शीघ्र ही उक्त मार्ग पर पूर्ण गुणवत्ता से कराये जाने के निर्देश देगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) वर्ष 2007-08 में कराया गया। (ख) जी नहीं। मार्ग परिवहन योग्य है शेष प्रश्न का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रेल्वे ओवर ब्रिज की सर्विस रोड
63. ( क्र. 6967 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले के दमोह शहर में पथरिया फाटक रेल्वे ओवर ब्रिज के निर्माण के समय ब्रिज के आजू-बाजू निर्धारित मापदण्ड से दोनों ओर सर्विस रोड और नाली बनाई गयी है? यदि हाँ, तो कितने फीट की? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या रेल्वे ओवर ब्रिज के दोनों ओर सर्विस रोड बनाये जाने का निर्धारित मापदण्ड है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायी जावें? यदि नहीं, क्यों? (ग) क्या निर्धारित मापदण्ड से सर्विस रोड बनी है? यदि हाँ, तो कितने फीट की? यदि नहीं, तो कब तक बनायी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (1) दमोह साइड-बाये तरफ 7 फीट एवं दाहिने तरफ 8.50 फीट (2) हटा साइड-बाये तरफ 12 फीट एवं दाहिने तरफ 10.50 फीट शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। सर्विस रोड की आवश्यकता का निर्धारण बनाने वाले पुल के आस-पास बसाहट होने पर उपलब्ध स्थल के अनुरूप किया जाता है। गैर रिहायशी क्षेत्र में होने पर सर्विस रोड की आवश्यकता नहीं होने पर निर्माण नहीं कराया जाता। (ग) जी हाँ, स्थल की उपलब्धतानुसार सर्विस रोड बनी है। प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कस्तूरबा गांधी विश्रांति भवन न्यास में अनियमितता
64. ( क्र. 6982 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में कस्तूरबा गांधी विश्रांति भवन न्यास कम्पू लश्कर ग्वालियर पंजीकृत है? इस न्यास के अध्यक्ष कलेक्टर ग्वालियर है? क्या अशासकीय सदस्य भी मनोनीत किये गये है? मनोनीत अशासकीय सदस्यों में से जीवित कितने हैं? अशासकीय रिक्त न्यास सदस्यों की पूर्ति कब तक की जाएगी? (ख) उक्त न्यास को शासन से कितनी नि:शुल्क भूमि लीज पर दी गई हैं एवं न्यास की वर्तमान सम्पत्ति एवं वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक कितनी आय एवं व्यय हुआ? (ग) क्या कस्तूरबा विश्रांति भवन न्यास में निर्मित सम्पत्ति में रख-रखाव एवं भवन निर्माण किराया जमा कराने तथा प्रशासनिक कार्य हेतु न्यास हेतु वर्ष 1999 से प्रबंधक की नियुक्ति की गई थी? क्या प्रबंधक की नियुक्ति के बाद भी वर्ष 2013 में दुकान का किराया जमा करने एवं लिपिकीय कार्य प्रबंधक से नहीं कराया जाकर प्रबंध न्यासी द्वारा किसी आदेश के स्वयं किया जा रहा है एवं अध्यक्ष एवं कलेक्टर ग्वालियर के आदेश क्र./क्यू/एस.टी./15-क/2013-14/2013/17-7-2013 के द्वारा प्रबंधक की सेवायें बहाल करने के बाद भी प्रबंधक को प्रभार नहीं दिया गया है एवं न्यास में कार्य पर नहीं लिया गया हैं? (घ) प्रबंधक न्यासी द्वारा न्यास की संपत्ति का दुरूपयोग एवं दुकान किराया राशि को न्यास के बैंक खाते में जमा नहीं कर व्यक्तिगत अपने पास रखकर गबन करने की शिकायतें कलेक्टर को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो पुन: कब तक जाँच कराकर शासन दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? प्रबंधक न्यासी द्वारा प्रशासकीय कार्य कब तक वापिस लिया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महंत राजकुमार दास का बैंक खाता प्रतिबंधित
65. ( क्र. 6984 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्वालियर जिले के शुभ स्थान रानीघाटी दर्शनीय स्थल के महंत राजकुमार दास जी का बैंक खाता पंजाब नेशनल बैंक पाटई जिला ग्वालियर में खुला है उसे अनुविभागीय अधिकारी घाटीगाँव ने प्रतिबंधित कर दिया है? (ख) यदि हाँ, तो किसके आदेश से प्रतिबंधित किया हैं? क्या आयुक्त महोदय ग्वालियर के न्यायालयीन फैसला राजकुमार दास बाबा के पक्ष में किया हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रतिबंधित खाता खोलने के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी को निर्देश जारी किये गये हैं? (घ) उपरोक्त बैंक खाते से कब तक प्रतिबंध हटा दिया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधिकारियों द्वारा विश्वविद्यालय से की गई पी.एच.डी.
66. ( क्र. 6999 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गांधी तकनीकी विश्वविद्यालय भोपाल में वर्तमान कार्यरत कतिपय अधिकारियों द्वारा इसी विश्वविद्यालय से पी.एच.डी की है? हाँ तो सूची उपलब्ध कराई जावें? (ख) सूची में उल्लेखित अधिकारियों का पी.एच.डी हेतु पंजीयन का दिनांक, आर.डी.सी. का दिनांक पी.एच.डी के अंतिम वाईवा (मौखिक परीक्षा) का दिनांक, डिग्री की अधिसूचना जारी होने का दिनांक व इन प्रकरणों में मूल्यांकनकर्ताओं/परीक्षकों के नाम पद पते देवें? (ग) (क) में उपलब्ध कराई गई सूची में से कितने शिक्षकों को विश्वविद्यालय द्वारा पी.एच.डी. की गाईड करने हेतु अनुमति दी है? इन शिक्षकों के मार्गदर्शन में कितने विद्यार्थी पी.एच.डी कर चुके हैं या कर रहें है? संख्या के साथ सूची उपलब्ध कराई जावें? (घ) पी.एच.डी. गाईड नियुक्त करने हेतु विश्वविद्यालय के क्या नियम है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिलाओं को संतान पालन अवकाश
67. ( क्र. 7007 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग में महिलाओं को अपने सेवाकाल में संतान पालन हेतु (जिनके बच्चे 18 वर्ष से कम) 730 दिनों का अवकाश देने की नीति हैं? यदि हाँ, तो इसका पालन विभाग में न होने का क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत एक वर्षों से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले के शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत कितनी महिलाओं ने संतान पालन हेतु आवेदन दिये, कितने आवेदन को विभाग ने स्वीकृत किया, दिनांकवार, नामवार सूची उपलबध करायें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग की नीति उच्च शिक्षा विभाग में लागू है, उक्त नीति को लागू करने के लिये विभागीय दिशा-निर्देश तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है। दिशा-निर्देश जारी होने पर संतान पालन अवकाश स्वीकृत किया जावेगा। उक्त के प्रकाश में शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भोपाल जिले के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारी महिलाओं द्वारा संतान पालन के संबंध में प्रस्तुत किये गये आवेदनों का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश का उत्तर ''क'' उत्तर के संदर्भ में निरंक।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन
68. ( क्र. 7029 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में नेपानगर विधान सभा क्षेत्र के किन-किन वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन हेतु विभाग को किस-किस दिनांक को प्रस्ताव प्राप्त हुए वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन हेतु क्या प्रक्रिया/प्रावधान है? (ख) उक्त प्रस्तावों के तारतम्य में कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (ग) प्राप्त प्रस्ताव अनुसार वन ग्रामों का राजस्व ग्राम में परिवर्तन कब तक कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र के अन्तर्गत, प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी वनग्राम को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने का कोई प्रस्ताव विभाग को प्राप्त नहीं हुआ। वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने हेतु वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत, भारत सरकार पर्यावरण वन एवं मौसम परिवर्तन विभाग की अनुमति/स्वीकृति से किया जाता है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) (ज) में भी वन ग्रामों को राजस्व वन ग्रामों में संपरिवर्तन का प्रावधान है। विधि विभाग से प्राप्त अभिमत दिनांक 03.02.2014 के अनुसार वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन के लिये वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत भी वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के उपबंध लागू होंगे। भारत सरकार द्वारा जारी प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पायका योजना के अंतर्गत खेल मैदान का विकास
69. ( क्र. 7062 ) श्री दिनेश राय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत किन ग्राम पंचायतों के ग्रामों में क्रिकेट व अन्य खेलों के टूर्नामेंट एवं गतिविधियां संचालित होती है? (ख) क्या प्रश्नागत के किन्हीं खेल मैदानों में किसी मद से स्टेडियम के निर्माण की वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक किसी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) खेल मैदानों में मनरेगा एवं पायका योजना के अंतर्गत किसी राशि के स्वीकृत कर निर्माण कराये गये हैं और उनकी पूर्णता की स्थिति क्या है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) मैदानों का किन्हीं अधिकारियों से सर्वेक्षण कराया जाकर मिनी स्टेडियमों की योजना बनायी गई हैं और उन्हें पायका एवं मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत कर वर्ष 2015-16 व 2016-17 में निर्माण कराया जाना सुनिश्चित किया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) ग्रामों में क्रिकेट व अन्य खेलों के टूर्नामेंट एवं गतिविधियां वर्तमान में विभाग द्वारा संचालित नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) मनरेगा द्वारा ग्राम पंचायतों में खेल मैदानों का निर्माण कार्य ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत कार्यालय जिला पंचायत सिवनी के द्वारा करवाया जाता है। पायका योजनान्तर्गत निर्माण कार्य की स्वीकृति नहीं दी गई हैं। (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय बंद सी.डी.पी.टी. परियोजना
70. ( क्र. 7064 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय सागर में संचालित सी.डी.पी.टी. परियोजना (कम्यूनिटी डेव्लपमेंट थ्रू पॉलीटेक्निक स्कीम) वर्तमान में संचालित नहीं की जा रही है जबकि अन्य महाविद्यालयों में उक्त परियोजना संचालित की जा रही है? (ख) शासकीय महाविद्यालय सागर में सी.डी.पी.टी. परियोजना संचालित क्यों नहीं की जा रही है? बंद होने का कारण सहित जानकारी देवें? (ग) यदि बंद होने का कारण सी.डी.पी.टी. परियोजना शासकीय महाविद्यालय सागर द्वारा तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग भोपाल को जानकारी उपलब्धता का रहा है? तो महाविद्यालय द्वारा जानकारी उपलब्ध के बाद भी परियोजना वर्तमान में बंद क्यों है? (घ) पॉलीटेक्निक महाविद्यालय सागर में उक्त परियोजना कब तक पुन: संचालित की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली से योजना हेतु अनुदान प्राप्त न होने के कारण परियोजना स्थगित है। (घ) भारत सरकार नई दिल्ली से अनुदान प्राप्त होने पर संस्था द्वारा उक्त योजना पुनः संचालित की जा सकेगी।
राजीव गांधी तकनीकी विश्वविद्यालय, भोपाल की पी.एच.डी. उपाधि
71. ( क्र. 7073 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी तकनीकी विश्वविद्यालय, भोपाल की स्थापना से आज दिनांक तक कितने शोधार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा पी.एच.डी. उपाधि प्रदान की गई है? संकायवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) किसी भी उपाधि में परीक्षा के परिणाम आने के पश्चात् उम्मीदवार के परीक्षा परिणामों के पुनर्मूल्यांकन का अधिकार किसे है? स्वयं विद्यार्थी को अथवा अन्य किसी को भी पुनर्मूल्यांकन कराने का अधिकारी है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुरूप पी.एच.डी. उपाधि प्रदान करने के पश्चात् कितने प्रकरणों में गलत पी.एच.डी. उपाधि की शिकायतें प्राप्त हुई है? संख्या सहित संपूर्ण विवरण दें? (घ) विश्वविद्यालय द्वारा सूचना के अधिकारी अथवा अन्य व्यवस्थाओं के तहत किसी उम्मीदवार की पी.एच.डी. थीसिस की प्रति कितने शिकायतकर्ताओं को उपलब्ध कराई गई है? संख्या बतायें? क्या जाँच रिपोर्ट भी उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो किन-किन को रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल की स्थापना से आज दिनांक तक 310 शोधार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा पी.एच.डी. उपाधि प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विश्वविद्यालय के अध्यादेश क्रमांक 12 में निहित प्रावधान में पुर्नमूल्याकंन कराने का अधिकार विश्वविद्यालय को है। (ग) केवल 01 प्रकरण में। डॉ. आशीष डोंगरे, वर्तमान प्रभारी संचालक, तकनीकी शिक्षा संचालनालय, भोपाल के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है। (घ) विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में थिसिस सभी के सुलभ संदर्भ हेतु उपलब्ध है अत: थिसिस की प्रति किसी को भी उपलब्ध नहीं करायी है। जी हाँ। श्री मनीष दीक्षित, एच-8 स्टलिंग ग्रीन, चूना भट्टी, कोलार रोड, भोपाल है।
तकनीकी कर्मचारियों को समयमान वेतन
72. ( क्र. 7081 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन के कर्मचारियों को समयमान वेतन कब से दिया जा रहा है? (ख) प्रदेश के शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों को 10 वर्ष, 20 वर्ष, 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पश्चात मिलने वाला समयमान वेतन अब तक प्रदान क्यों नहीं किया गया? (ग) कब तक समयमान वेतन दिया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश शासन के कर्मचारियों को दिनांक 01.04.2006 से समयमान वेतनमान दिया जा रहा है। (ख) प्रकरण विचाराधीन है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालयों के पदों की पूर्ति
73. ( क्र. 7110 ) श्री गोपाल परमार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में कितने शासकीय/अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं, सूची देते हुए इन महाविद्यालयों में वर्तमान में कितने पद स्वीकृत, कार्यरत रिक्त है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि पद रिक्त हैं, तो क्या इन रिक्त पदों से महाविद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है? यदि हाँ, तो इन नियमित अधिकारी/ कर्मचारियों से रिक्त पदों की पूर्ति शासन कब तक करेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन भर्ती करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नवीन भर्ती से पदों की पूर्ति की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) आगर जिले में 03 शासकीय महाविद्यालय एवं 01 अशासकीय महाविद्यालय संचालित है, प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दृष्टांकित है। (ख) जी नहीं। चूँकि शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों के विरूद्ध आवश्यकता के अनुरूप अतिथि विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित कर अध्यापन कार्य सुचारू है। नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी किया जा चुका है। चयन सूची प्राप्त होने पर रिक्त पदों की पूर्ति प्राथमिकता से की जावेगी वस्तुत: समय—सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश का उत्तर (ख) अनुसार।
उद्योग एवं रोजगार की योजनायें
74. ( क्र. 7134 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार हेतु कौन-कौन सी योजनायें वर्तमान में संचालित है? योजनाओं का विवरण देवें? (ख) कटनी जिले में वर्ष 2012-13 से कौन-कौन उद्योगों की कहाँ-कहाँ स्थापना हुई? क्या उनमें स्थानीय नागरिकों को रोजगार प्रदान करने के नियम लागू है? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्थापित किन-किन उद्योगों को शासन की किन-किन योजनाओं के तहत कितना-कितना अनुदान कब-कब, प्राप्त हुआ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उद्योग संवर्धन नीति, 2010 अंतर्गत सहायता योजनाओं के परिप्रेक्ष्य में उद्योगों के साथ निष्पादित किये जाने वाले अनुबंधों में प्रदेश में स्थापित होने वाले नवीन उद्योगों में न्यूनतम 50 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्तियों को दिये जाने का प्रावधान है। किन्तु उद्योग संवर्धन नीति,2014 में ऐसा प्रावधान नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
औषधीय पौधों का रोपण
75. ( क्र. 7135 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा औषधीय पौधों का योजनाओं के तहत रोपण किया जाता है? यदि हाँ, तो किन-किन विभागीय योजनाओं एवं प्रक्रिया के तहत बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में सामान्य वन मंडल कटनी क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक औषधीय पौधा रोपण हेतु वर्षवार कितनी-कितनी राशि, किन-किन आदेशों सहित प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि से किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी लागत से किन-किन औषधीय पौधों का रोपण, किस सक्षम प्राधिकारी के प्रभार में किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में रोपित पौधों की वर्तमान में क्या स्थिति है? रोपण कार्य की किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा जाँच की गई? क्या प्रतिवेदन दिये गये? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत प्रश्नाधीन अवधि के पूर्व वनमंडल कटनी क्षेत्र में औषधीय पौधों का कितना रकबा था वर्तमान में कितना रकबा है और औषधियों, वनोपज का किस प्रकार, किस माध्यम से किनको विक्रय किया जाता है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय औषधीय पौधा बोर्ड नई दिल्ली से पोषित परियोजना एवं प्रक्रिया प्रोजेक्टनुसार मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज व्यापार एवं विकास सहकारी संघ भोपाल के निर्देशन में स्वीकृत प्रोजेक्टनुसार कार्य किया जाता है। (ख) से (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र की प्रश्नाधीन अवधि में औषधि पौधा रोपण हेतु कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांकित अवधि का रकबा पृथक से चिन्हांकित नहीं है। औषधियाँ सामान्यतः वन क्षेत्र में पायी जाती है। राष्ट्रीयकृत वनोपज तेन्दूपत्ता, कुल्लु गोंद को छोड़कर, शेष अन्य अराष्ट्रीयकृत वनोपज के लिये ग्रामीण अपने स्तर पर संग्रहण एवं विक्रय हेतु स्वतंत्र है।
सिंधिया महाविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति
76. ( क्र. 7160 ) श्री रामसिंह यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के शासकीय श्रीमंत कैलाशवासी माधवराव सिंधिया महाविद्यालय कोलारस में प्राचार्य, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं कर्मचारियों के पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कितने पद कब से रिक्त हैं? रिक्त पद कब तक भरे जाएंगे वर्तमान में महाविद्यालय में कौन-कौन किस-किस पद पर कब से कार्यरत है? (ख) क्या उक्त रिक्तपद न भरे जाने के कारण छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हो रही है? यदि नहीं, तो असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी/अंग्रेजी/अर्थशास्त्र के पद रिक्त होने से इन विषयों की पढ़ाई कौन-कौन कैसे करवा रहा है? (ग) क्या कोलारस महाविद्यालय में विज्ञान संकाय की कक्षाएं नहीं लगती हैं? यदि हाँ, तो उक्त कक्षाएं कब से लगना प्रारंभ हो जाएगी? निश्चित समयावधि बताएं वर्तमान में कोलारस महाविद्यालय में कौन-कौन से विषय पढ़ाए जाते हैं वर्तमान सत्र में इनके संकायवार/विषयवार कितने-कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? (घ) क्या लगभग 03 वर्ष पूर्व माननीय मुख्यमंत्री महोदय के कोलारस आगमन के समय मंच के कोलारस महाविद्यालय में विज्ञान संकाय की कक्षाएं प्रारंभ करने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा पर अभी तक अमल क्यों नहीं हुआ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शैक्षणिक रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग को मांग पत्र भेजा गया है, जिसका विज्ञापन भी जारी किया जा चुका है, गैर शैक्षणिक रिक्त पदों को भी भरने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांकित विषय के रिक्त पदों के विरूद्ध विषय विशेष के अतिथि विद्वानों द्वारा अध्यापन कार्य सुचारू रूप में कराया जा रहा है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित पाठ्यक्रमों के सृदृढ़ीकरण एवं गुणवत्ता विकास के प्रयास किये जा रहे हैं। अत: नवीन विज्ञान संकाय प्रारंभ करने में कठिनाई है। वर्तमान में कला संकाय में पढ़ाये जाने वाले विषयवार छात्र संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) उल्लेखित माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा प्राप्त नहीं हुई है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशासकीय कॉलेज का संचालन
77. ( क्र. 7172 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत वर्तमान में कितने अशासकीय कॉलेज संचालित हैं? उनमें कौन-कौन से कोर्स/छात्रवृत्ति प्रोग्राम/प्रशिक्षण कोर्स संचालित किये जा रहे हैं तथा यह कोर्स/छात्रवृत्ति प्रोग्राम/प्रशिक्षण कोर्स कहाँ-कहाँ से मान्यता प्राप्त है? क्या संबंधित कालेजों द्वारा समस्त शासकीय मापदण्डों को पूरा किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के कालेजों द्वारा उक्त मापदण्डों को पूरा नहीं किए जा रहे हैं, फिर भी वे संबंधित कोर्स/छात्रवृत्ति प्रोग्राम/प्रशिक्षण कोर्स संचालित क्यों कर रहे हैं? इसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कालेजों के पास मापदण्ड अनुसार योग्यताधारी शिक्षक/स्टॉफ उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो ये कॉलेज कैसे संचालित हो रहे हैं? स्टॉफ का वेतन भुगतान नगद किया जाता है या खातों में? क्या उक्त स्टॉफ की वेतन से ई.पी.एफ./एन.पी.एस. की कटौती की जाती है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत 189 अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। इनमें संचालित कोर्स रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से मान्यता प्राप्त हैं। छात्रवृत्ति संबंधी कोई प्रोग्राम संचालित नहीं है तथापि मान्यता प्राप्त वर्णित कोर्स में नियमानुसार शासकीय छात्रवृत्ति का प्रावधान है। प्रशिक्षण कार्स (बी.एड. एवं एम.एड.) राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त है। मापदण्डों को पूरा करने के उपरांत ही मान्यता प्रदान की जाती है। इन महाविद्यालयों में संचालित कोर्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मापदण्ड पूर्ति के उपरांत ही मान्यता प्रदान की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। परिनियम 28 में निहित प्रावधानों के अनुसार प्राचार्य/शिक्षकों की नियुक्ति विश्वविद्यालय के माध्यम से की जाती है। स्टॉफ के वेतन भुगतान बैंक से किए जाने के निर्देश हैं। नियमानुसार ई.पी.एफ., एन.पी.एस. की कटौती संबंधी संस्था द्वारा की जाती है।
व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा
78. ( क्र. 7173 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम अथवा प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड म.प्र. द्वारा पिछले 5 वर्षों में आयोजित परीक्षा में कितनी-कितनी फीस प्रशिक्षणार्थियों से ली गई? परीक्षावार, श्रेणीवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा वास्तविक रूप से प्रति परीक्षा कितना व्यय हुआ और कितनी बचत हुई? पृथक-पृथक बताएं? (ख) क्या व्यापम अथवा प्रोफेशनल एक्जामिनिशेन द्वारा अन्य परीक्षा आयोजित करने वाले बोर्डों यथा रेल्वे अन्य से अत्याधिक तुलनात्मक मात्रा में फीस अधिक ले रहा है जो कि पहले से ही बेरोजगार है? ऐसा क्यों कारण बताएं? (ग) क्या शिक्षित बेरोजगार युवकों से इतनी अधिक फीस लेना म.प्र. शासन बंद करेगा या नो-प्रोफिट नो-लॉस की नीति की प्रणाली लागू की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासन बेरोजगार युवकों से परीक्षा फीस न ले बल्कि सरकार व्यापम की परीक्षा आयोजित करने हेतु अनुदान देने की योजना बनाएगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों कारण बताएं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खेल नीति एवं क्रीड़ा परिषद् का गठन
79. ( क्र. 7201 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में कोई खेल नीति बनी है। यदि नहीं, तो कब तक बनाई जायेगी? (ख) मध्यप्रदेश में क्रीड़ा परिषद् का गठन कब तक किया जायेगा तथा इसकी नियम प्रक्रिया क्या है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पूर्व गठित मध्यप्रदेश क्रीड़ा परिषद् खेल और युवा कल्याण विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 2/154/2007/नौ (1) दिनांक 08/07/2011 द्वारा विघटित की जा चुकी है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
बाघ चीते के लिंगानुपात में अंतर
80. ( क्र. 7206 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विभिन्न वन क्षेत्रों में 1 फरवरी 2016 की स्थिति में कितने बाघ, चीते एवं शेर किस-किस क्षेत्र में रजिस्टर्ड हैं? (ख) क्या बाघ, चीते एवं शेर की जनसंख्या में लिंगानुपात का अंतर बढ़ रहा है? यदि हाँ, तो सामान्यत: नर-मादा में कितना अंतर होना चाहिए? गत 10 वर्षों में यह अंतर घटा है या बढ़ा, जानकारी देवें? (ग) 1 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में विभिन्न वन्य अभ्यारणों में बाघ, चीतें एवं शेर की मृत्यु किन-किन कारणों से हुई? (घ) क्या वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 42 के तहत प्रदेश में वाईल्ड लाइफ ऑर्टिकल ऑनर शिप सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य हैं? यदि हाँ, तो प्रदेश में किन-किन जिलों में ऐसे कितने सर्टिफिकेट किस-किस व्यक्ति व संस्था को जारी किये? (ड.) क्या सर्टिफाईड वाईल्ड लाइफ आर्टिकल को सोशल मीडिया या कमर्शियल ऐरिये में प्रदर्शित नहीं किया जा सकता हैं? यदि हाँ, तो प्रदेश की कई हेरिटेज होटलों एवं अन्य संस्थानों में वाईल्ड लाइफ आर्टिकल प्रदर्शित क्यों किये जा रहे हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) म.प्र. के वन क्षेत्रों में बाघ, चीते एवं शेर रजिस्टर्ड करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली व वन्य जीव प्रबंध संस्थान देहरादून द्वारा 4 वर्षों में एक बार पूरे प्रदेश में बाघों की गिनती की जाती है। परन्तु नर एवं मादा बाघ के पृथक-पृथक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। अतएव बाघों के लिंगानुपात के संबंध में जानकारी दिया जाना सम्भव नहीं है। मध्य प्रदेश के वनों में शेर (Lion) एवं चीता (Cheetah) नहीं पाये जाते हैं। (ग) 01 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के टाईगर रिजर्व/ राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्यों में मृत बाघों की संख्या एवं मृत्यु के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मध्य प्रदेश के वनों में शेर (Lion) एवं चीता (Cheetah) नहीं पाये जाते हैं। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ड.) सर्टिफाईड वाईल्ड लाइफ आर्टिकल (ट्रॉफी) को जिन विशिष्ट स्थान पर रखने की स्वीकृति दी जाती है उसी स्थान पर रखे जाने का प्रावधान है। सोशल मीडिया या कमर्शियल एरिया में ट्रॉफी तभी प्रदर्शित कर सकते हैं, जब उस स्थान पर रखने की स्वीकृति सर्टिफिकेट ऑफ ऑनरशिप में प्रदान की गई है। हेरिटेज सेंटर एवं अन्य संस्थानों की विशिष्ट जानकारी होने पर ही इन पर कोई टिप्पणी की जा सकती है।
आर्थिक अनियमितता की जाँच
81. ( क्र. 7207 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्वविद्यालय में 1 जनवरी 2014 के बाद विभिन्न निर्माण कार्य एवं अन्य आर्थिक अनियमितता की शिकायत कहाँ-कहाँ पर दर्ज की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित शिकायतकर्ता का नाम, शिकायत पर की गयी कार्यवाही, जाँचकर्ता अधिकारी का नाम सहित प्रकरण की अद्यतन स्थिति प्रस्तुत करें? (ग) उक्त विश्विद्यालय के विभिन्न महाविद्यालय की विभिन्न मदों का ऑडिट कब-कब, किस-किस कंपनी एवं व्यक्ति द्वारा किया गया? उसमें क्या अनियमितता सामने आई तथा किस-किस के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विक्रम विश्वविद्यालय में 1 जनवरी 2014 के बाद कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराये गये हैं एवं उक्त अवधि में आर्थिक अनियमितता की कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन का कोई महाविद्यालय नहीं है। विश्वविद्यालय के अधीन विभिन्न अध्ययन शालाओं के विभिन्न मदों का ऑडिट किसी कम्पनी या व्यक्ति द्वारा नहीं किया जाता है। यहाँ विश्वविद्यालय की आय-व्यय का प्री-ऑडिट स्थानीय निधि संपरीक्षा की आवासीय संपरीक्षा की आवासीय संपरीक्षा द्वारा किया जाता है, विश्वविद्यालय के लेखाओं पर दिनांक 08/12 से 3/14 तक की अवधि में महालेखाकार ग्वालियर द्वारा भी लेखा परीक्षा निरीक्षण किया गया है। जिसमें विकास अनुदान के अंतर्गत पुस्तक क्रय के संबंध में आपत्ति दर्ज की गई थी, जिसका भुगतान स्थानीय निधि संपरीक्षा म.प्र. शासन की अंकेक्षण मान्यता पश्चात किया गया था। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पर्यटक ग्राम कुण्डेश्वर को विकसित करने
82. ( क्र. 7233 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ जिले में कौन-कौन से स्थान तीर्थ पवित्र नगरी की श्रेणी में हैं तथा कौन-कौन से प्रस्तावित हैं तथा उन्हें कब तक घोषित कर दिया जायेगा? (ख) किसी धर्मिक मेले को राज्य स्तरीय मेला की सूची में शमिल किये जाने हेतु क्या मापदण्ड हैं? (ग) पर्यटक ग्राम कुण्डेश्वर के विशाल मेला मकर संक्रान्ति और महाशिवरात्रि मेला को राज्य स्तरीय मेला सूची में शामिल करने हेतु क्या व्यवधान हैं? इसे कब तक शामिल कर लेंगें। (घ) पर्यटक ग्राम कुण्डेश्वर में पर्यटक चौकी (पुलिस) की स्थापना कब तक कर दी जायेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दो लाख से कम राशि के कार्य
83. ( क्र. 7246 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न तिथि तक दो लाख रूपये से कम राशि के क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित उपसंभागों उक्त कार्यो पर मेन्टेनेन्स पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत किस-किस योजना में क्या-क्या कार्य प्रस्तावित किये गये हैं, जिनकी स्वीकृति अप्राप्त है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
आई.टी.आई. भवन
84. ( क्र. 7247 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में किस-किस तहसील में आई.टी.आई. किस दिनांक से किन स्थानों पर संचालित की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित आई.टी.आई. के स्वयं के भवन है? कितने किराये के भवन में या अन्य शासकीय भवनों में संचालित किये जा रहे हैं? किराये में संचालित भवन का क्या किराया भुगतान किया जा रहा है? (ग) क्या गंजबासौदा की आई.टी.आई. शासकीय बालक उ.मा.वि. गंजबासौदा के भवन में संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो इस भवन को किराए की श्रेणी में मानते हैं या नहीं? यदि हाँ, तो कितना किराया भुगतान किया जाना चाहिए? यदि नहीं, तो भवन के मरम्मत/मेन्टेनेन्स हेतु कितनी राशि किस-किस वित्तीय वर्ष में जारी की गई, यदि नहीं, तो कारण देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित आई.टी.आई. भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
तहसील |
संचालित संस्था का नाम/स्थान |
संस्था प्रारंभ होने का वर्ष |
1 |
विदिशा |
शासकीय आई.टी.आई., विदिशा |
अगस्त 1984 |
2 |
गंजबासौदा |
शासकीय आई.टी.आई., गंजबासौदा |
अगस्त 1996 |
3 |
सिरोंज |
शासकीय आई.टी.आई., सिरोंज |
अगस्त 1991 |
4 |
लटेरी |
शासकीय आई.टी.आई., लटेरी |
अगस्त 2011 |
(ख) आई.टी.आई. विदिशा एवं गंजबासौदा स्वयं के भवन में संचालित है। आई.टी.आई. लटेरी नगर पालिका के सामुदायिक भवन में संचालित है तथा आई.टी.आर्इ. सिरोंज किराये के भवन में संचालित है। जिसका मासिक किराया रूपये 19800/- भुगतान किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आई.टी.आई., गंजबासौदा के भवन का कार्य पूर्ण होने से दिनांक 27.01.2016 से संस्था नवीन भवन में संचालित की जा रही है।
अधिकारियों/कर्मचारियों का मुख्यालय पट निवास
85. ( क्र. 7273 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के विकासखण्ड लवकुशनगर में अनुविभाग स्तर के कार्यालय लवकुशनगर एवं चंदला लोक निर्माण विभाग के विगत 3 वर्षों से लगभग कोई भी अधिकारी/कर्मचारी मुख्यालय में नहीं रहते हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह शासन के नियम विरूद्ध नहीं है? यदि नियम विरूद्ध है तो संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (ग) क्या शासन एवं प्रशासन के मौखिक एवं लिखित आदेश के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई? इसमें कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुजारियों का वेतन एवं मंदिरों का रख-रखाव
86. ( क्र. 7331 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा संभाग अतंर्गत कितने शासकीय मंदिर है, उनकी जानकारी तहसील एवं ग्रामवार देवें? किस-किस मंदिर में कितने-कितने हेक्टेयर भूमि है? उसमें से कितनी जमीन अतिक्रमण युक्त है? अगर जमीन अतिक्रमण युक्त है तो ऐसी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रयास शासन द्वारा कब-कब एवं किस-किस स्तर से किया गया? (ख) किन-किन मंदिरों का संचालन सर्वराह द्वारा एवं किन मंदिरों को नियंत्रण पुजारियों द्वारा किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के मंदिरों के रख-रखाव हेतु शासन द्वारा वर्तमान में कितना आवंटन दिया जाता है क्या यह आवंटन मंदिरों के रख-रखाव एवं पुजारियों के दैनिक जीवन के निवर्हन के लिए पर्याप्त है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा क्या इन मंदिरों के रख-रखाव एवं गरिमामय खर्च तथा पुजारियों के वेतन बढ़ोत्तरी के लिए शासन ने कोई कार्ययोजना तैयार की है यदि की है तो बतावें अगर नहीं तो क्यों क्या भविष्य में कार्ययोजना तैयार करेंगे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पी.आई.यू. द्वारा स्वीकृत कार्य
87. ( क्र. 7342 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत पी.आई.यू. द्वारा वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य स्वीकृत किए गए? कार्यवार, राशिवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो गये कितने अपूर्ण है? क्या पूर्ण हुए सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया? (ग) ठेमी से मल्लाह पीपरिया, करकबेल से बेलखेड़ा वर्गी तक 5 कि.मी. फौतीपुल के निर्माण की क्या स्थिति है? (घ) प्रश्नांश (क) और (ख) के निर्माणाधीन भवनों तक पहुँच मार्ग कब तक बनाया जायेगा बतायें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) 9 कार्य स्वीकृत किये गये हैं। शेष विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 6 कार्य पूर्ण एवं 3 अपूर्ण है। जी हाँ। पूर्ण हुए कार्य का भौतिक सत्यापन संलग्न परिशिष्ट के स्तम्भ 10 अनुसार उल्लेखित अधिकारियों द्वारा किया गया। (ग) (1) ठेमी से मल्लाह पिपरिया मार्ग लं. 5.00 कि.मी. का निर्माण कार्य लागत रू. 462.05 लाख। (2) करकवेल से बेलखेडा बरगी मचवारा मार्ग लं. 6.50 कि.मी. का निर्माण कार्य लागत रू. 432.57 लाख। (3) उपरोक्तानुसार ठेमी से मल्लाह पिपरिय, करकवेल से बेलखेड़ा बरगी तक 5 कि.मी. दोनों प्राक्कलन परीक्षणाधीन है तथा किसी भी प्राथमिकता सूची में शामिल नहीं है। फोतीपुल वर्तमान में स्वीकृत/प्रस्तावित नहीं है। (घ) 02 भवनों में पक्के मार्ग पूर्व से निर्मित, 01 भवनों में पेवर ब्लॉक मार्ग पी.आई.यू. द्वारा निर्मित, 06 भवनों में कच्चे मार्ग है। पक्के मार्ग का प्रावधान डी.पी.आर. में न होने के कारण बनाये नहीं जा सकें। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
वांछित जानकारी का प्रदाय
88. ( क्र. 7365 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 25 फरवरी 2016 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वर्किंग प्लान) सतपुड़ा भवन भोपाल एवं दिनांक 24 फरवरी 2016 को मुख्य वन संरक्षक छतरपुर के कार्यालय में जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में पत्र प्रस्तुत किए हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस पत्र में किस विषय से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाए जाने का प्रश्नकर्ता ने वन मुख्यालय एवं वनवृत्त कार्यालय से अनुरोध किया है? कौन सी जानकारी गोपनीय होने के कारण प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाया जाना संभव नहीं है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई किस पत्र की जानकारी के संबंध में वन मुख्यालय भोपाल एवं वनवृत्त कार्यालय छतरपुर ने किस दिनांक को किस-किस को क्या-क्या आदेश दिए हैं? (घ) प्रश्नकर्ता के द्वारा किस पत्र में चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 25.02.2016 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वर्किंग प्लान) सतपुड़ा भवन भोपाल को एवं 24.02.2016 को मुख्य वन संरक्षक, छतरपुर को प्रेषित पत्र कार्यालय में प्राप्त नहीं हुये हैं। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा वन मुख्यालय एवं वनवृत्त कार्यालय को प्रेषित पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त पत्रों में वांछित जानकारी गोपनीय नहीं है। अत: उपलब्ध न कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी के संबंध में वन मुख्यालय के पत्र क्रमांक/275, दिनांक 02.03.2016 से वन वृत्त छतरपुर को निर्देशित किया गया। वन वृत्त कार्यालय द्वारा दिनांक 02.03.2016 को उत्तरांश 'ख' में वर्णित पत्रों को अधीनस्थ वनमंडलाधिकारियों को वांछित जानकारी शीघ्र भेजने हेतु लेख किया गया। (घ) उत्तरांश 'ख' में वर्णित पत्रों में वांछित जानकारी वृहद स्वरूप की, अत्यंत पुराने अभिलेखों पर आधारित होने एवं प्रपत्रों में संकलित करने में समय लगेगा। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
धारा-29 संरक्षित वन की अधिसूचना
89. ( क्र. 7366 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर की भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के तहत संरक्षित वन की अधिसूचना का राजपत्र में प्रकाशित दिनांक 6 फरवरी 1937 वन मुख्यालय द्वारा बताया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो 6 फरवरी 1937 को राजपत्र में प्रकाशित की गई अधिसूचना में किन-किन मदों एवं किन-किन प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को किस कानून की किस धारा के तहत संरक्षित वन अधिसूचित किया गया, रीवा राज दरबार के 6 फरवरी 1937 को जारी किए गए आदेश को राजपत्र में धारा 29 के तहत प्रकाशित अधिसूचना बताए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (ग) भारतीय वन अधिनियम में धारा 20'अ' किस दिनांक को स्थापित की गई? इस धारा के अनुसार किस जिले की कितनी जमीनों को संरक्षित वन माने जाने के किस दिनांक को आदेश दिए गए, किस दिनांक को अधिसूचना प्रकाशित की गई बतावें? (घ) 6 फरवरी 1937 के आदेशानुसार संरक्षित वन मानी गई भूमियों को राजपत्र में धारा 29 के अनुसार संरक्षित वन अधिसूचित किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही? कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। रीवा फारेस्ट एक्ट की धारा 29 के तहत जारी रीवा दरबार का आदेश क्रमांक 124 दिनांक 8 फरवरी 1937, जो रीवा राज गजट में 20 फरवरी 1937 को प्रकाशित हुआ, के अनुसार ऐसी भूमि, जो वनभूमि अथवा पड़त भूमि की श्रेणी में है लेकिन आरक्षित वन, निजी भूमि, आबादी, तालाब, नगर पालिका क्षेत्र, कैन्ट क्षेत्र अथवा बाजार क्षेत्र नहीं है, संरक्षित वन घोषित की गई। उक्त आदेश को, मध्यप्रदेश राजपत्र में धारा-29 के तहत प्रकाशित अधिसूचना नहीं बताई गई है। (ग) प्रश्नांकित धारा सन् 1965 में अन्त: स्थापित की गई। शेष आशय की अधिसूचना प्रकाशित नहीं की गई। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी देयक तैयार करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही
90. ( क्र. 7392 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2013-14 में अनूपपुर जिले के अमरकंटक में सोनमुड़ा, माई की बगिया व कपिलधारा पहुँच मार्ग की पटरी निर्माण/मरम्मत के नाम पर बिना कार्य किये रू. 3.75 लाख का देयक तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा बनवाया गया था एवं उस देयक को तत्कालीन कार्यपानल यंत्री द्वारा बिना माप की जाँच किये पारित कर दिया गया, परन्तु आवंटनाभाव व कार्यपालन यंत्री का स्थानांतरण हो जाने से वह देयक का भुगतान नहीं कर सके थे? (ख) क्या उक्त देयक की पश्चातवर्ती कार्यपालन यंत्री द्वारा जाँच किये जाने पर कार्यस्थल पर कोई कार्य नहीं पाये जाने से उसका भुगतान नहीं किया गया एवं फर्जी देयक तैयार कर प्रस्तुत करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु मुख्य अभियंता लो.नि.वि. रीवा को पत्र लिखा गया था? (ग) क्या उक्त देयक तैयार करने वाले व पारित करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की दी जावेगी? (घ) क्या विभाग नवंबर 2015 में पदस्थ किये गये नये कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. अनूपपुर को इस देयक के भुगतान पर रोक लगाने हेतु निर्देशित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। कार्यपालन यंत्री द्वारा कार्य का माप चेक करने के उपरांत देयक पारित किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) प्रकरण में मुख्य अभियंता द्वारा कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये। जिसके प्रतिवाद उत्तर का परीक्षण अधीक्षण यंत्री से कराया गया, उनके निष्कर्ष अनुसार दोष सिद्ध न होने से किसी के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) देयक का भुगतान किया जा चुका है। अतः भुगतान पर रोक लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डामरीकृत सड़क मार्ग की निर्माण
91. ( क्र. 7431 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच विधानसभा क्षेत्र में किन-किन मार्गों पर डामरीकृत सड़क बनाने के प्रस्ताव विगत पाँच वर्षों में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्राप्त हुए है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्रों के माध्यम से वर्ष 2013 से ग्राम ग्वाल तालाब से जीरन और जीरन से अरनिया-बोराना तक डामरीकृत सड़क के निर्माण हेतु शासन से बार-बार मांग की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सड़क मार्गों की निर्माण स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर प्राथमिकता अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी।
प्रजातियों को परिवहन से मुक्त
92. ( क्र. 7439 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग द्वारा कितनी प्रजातियों को परिवहन से मुक्त किया गया? इसके पीछे शासन की स्पष्ट मंशा क्या है? क्या इन पर राजस्व व वन विभाग का कोई नियंत्रण नहीं बचा है? (ख) यदि नियंत्रण है तो पिछले 02 वर्षों में भोपाल, इंदौर व बालाघाट जिले में कितनी वृक्ष काटने की अनुमति राजस्व विभाग एवं पंचायतों द्वारा दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वन विभाग के अधीनस्थ बैरियरों से कितनी वनोपज जनवरी-2014 से फरवरी-2016 तक भूमि स्वामी द्वारा परिवहन किया गया? (घ) परिवहन वनोपज में से कितनी चिराई उपरांत वापस मूल गाँव जहां से परिवहन की गई थी वापस आयी? (ड.) भूमि स्वामी द्वारा परिवहित वनोपज में से कितनी वन विभाग की प्रस्तावित जिलों में टी.पी. से परिवहन की गई? इसके लिये किस अधिकारी द्वारा अनुमति दी गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) अधिसूचना क्रमांक/एफ 30-08-2002-10-3 दिनांक 24.09.2015 द्वारा राज्य सरकार द्वारा किसी व्यक्ति के स्वामित्व की 53 वृक्ष प्रजातियों को वनोपज मध्यप्रदेश अभिवहन वनोपज नियम 2000 के नियमों में प्रवर्तन से छूट प्रदान की गई है। शासन द्वारा कृषि वानिकी को प्रोत्साहित किये जाने के उद्देश्य से उक्त प्रजातियों को परिवहन अनुज्ञा की अनिवार्यता से मुक्त किया है। वृक्षों की कटाई पर नियंत्रण भू-राजस्व संहिता की धारा-240 के अंतर्गत बनाये गये म.प्र. वृक्षों की कटाई का प्रतिषेध का विनियमन नियम, 2007 एवं भू-राजस्व संहिता की धारा-241 के अंतर्गत बनाये गये नियम मध्यप्रदेश शासकीय वनों से लगे ग्रामों में इमारती लकड़ी काटकर गिराने तथा हटाने का निनियमन नियम, 2007 से विनियमित है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में राजस्व विभाग द्वारा बालाघाट जिले के 44 प्रकरणों में 3024 वृक्ष, तथा भोपाल जिले के 8 प्रकरणों में कुल 26 वृक्ष काटने की अनुमति दी गई है। पंचायतों द्वारा वृक्ष काटने की कोई अनुमति नहीं दी गई है। इन्दौर जिले की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में केवल बालाघाट जिले में वन बैरियरों से भूमि स्वामी द्वारा 1295.441 घनमीटर काष्ठ 5506 चट्टे परिवहन कराया गया है। इन्दौर एवं भोपाल जिलों में ऐसी कोई जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। (घ) बालाघाट जिले में चिरान उपरान्त 15.327 घनमीटर काष्ठ मूल गाँव जहाँ से वनोपज परिवहन की गई थी, वापस आई। इन्दौर एवं भोपाल जिलों में ऐसी कोई जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। (ड.) बालाघाट जिले में 6626 घनमीटर काष्ठ एवं 3320 जलाऊ चट्टे, भोपाल जिले में 29.961 घनमीटर काष्ठ तथा 40 जलाऊ चट्टे परिवहन किये गये, जबकि इन्दौर जिले में ऐसी कोई जानकारी प्रकाश में नहीं आई है।
पुलिया निर्माण हेतु प्रस्ताव
93. ( क्र. 7442 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत जावरा विधानसभा क्षेत्र के अनेक गाँव ऐसे हैं, जहां से पुलियाएं नहीं होने के कारण आवागमन/यातायात बाधित होकर वर्षाकाल में तो मार्ग पूरी तरह से बंद हो जाता है? (ख) क्या अनेक गाँव शहरों से काफी दूर होकर दूरस्थ स्थानों पर होने से आकस्मिक आपातकालीन आवश्यकताओं के समय काफी दुखद एवं कष्टप्रद घटनाओं/त्रासदियों को उठाने पर मजबूर रहते हैं? (ग) यदि हाँ, तो पिपलौदा तहसील में (1) ग्राम मचून नदी पर (2) अंगेठी-कुशलगढ़ मार्ग पर (3) लाम्बाखोरा (ग्रा.प.आम्बा) में (4) ग्राम रानीगाँव अंतर्गत ठिकरिया-मांडवी (5) बघोदिया-मांडवी (6) सुबेडा बस स्टेण्ड स्थित पुलिया (7) बाराखेडा-सुजापुर पुलिया (8) मावता बस स्टेण्ड के पीछे नाले पर पुलिया इत्यादि के साथ ही जावरा तहसील अंतर्गत (1) ग्राम खेड़ा-गोठडा पुलिया (2) हनुमतिया-पंथमेलकी पुलिया (3) कलालिया-रीघाचांदा के मध्य पुलिया (4) असावती-आनाखेड़ी पुलिया जैसे अत्यावश्यक स्थानों हेतु शासन/विभाग द्वारा पुलिया निर्माण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई, क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामान्यत: इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। ऐसी किसी विपरित परिस्थिति में स्थानीय प्रशासन द्वारा घटना से बचाव की कार्यवाही तत्परता से की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वन भूमि एवं वृक्षारोपण
94. ( क्र. 7443 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्रों में वन विभाग की कितनी वन भूमियां होकर उन पर शासन/विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष 2015-16 में क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? (ख) साथ ही वन विभाग की उपरोक्त स्थलों पर भूमियां शासन/विभाग के संरक्षण में होकर सुरक्षित हैं? क्या इन भूमियों पर किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण भी है तो अतिक्रमण रोकने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (ग) विगत 3 वर्षों में उक्त वन विभाग की भूमियों पर भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्य किये गये तो किस-किस प्रकार के कार्य किन-किन स्थानों पर किये गये? (घ) वर्ष 2008-09 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वन क्षेत्रों में कार्यों के लिए प्राप्त शासन/विभागीय बजट की राशि एवं व्यय की जानकारी दी जाये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वन क्षेत्रों में ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण किये जाने पर वन विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही कर, वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
शासकीय बापू महाविद्यालय में संकाय वृद्धि
95. ( क्र. 7453 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के नौगाँव नगर में स्थित शासकीय बापू महाविद्यालय में वर्तमान में कौन-कौन कक्षायें संचालित हैं, कुल कितने पद स्वीकृत हैं? कितने रिक्त हैं? (ख) उक्त महाविद्यालय में कुल कितनी भूमि है? भवन व अन्य सुविधाओं के विस्तार के लिये लगी हुई सहकारिता विभाग की भूमि से कुछ भू-भाग लेने की योजना है? यदि नहीं, तो भूमि कहाँ से लाई जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नवीन शासकीय महाविद्यालय नौगाँव जिला छतरपुर में कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय स्नातक स्तर पर तथा कला संकाय में स्नातकोत्तर की कक्षायें संचालित हैं। महाविद्यालय में 23 शैक्षणिक एवं 17 अशैक्षणिक कुल 40 पर स्वीकृत हैं। 19 शैक्षणिक एवं 17 अशैक्षणिक कुल 36 पद रिक्त हैं। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 व 2 अनुसार। (ख) 4.7 एकड़ भूमि महाविद्यालय की है। महाविद्यालय भवन के विकास एवं अन्य सुविधाओं के विस्तार हेतु सहकारिता विभाग की रिक्त भूमि को महाविद्यालय को आवंटित कर हस्तांतरित किये जाने के लिये प्राचार्य द्वारा पत्र क्रमांक 524 दिनांक 03.11.2015 को जिला कलेक्टर को लिखा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विजयपुर में लोक निर्माण उप-संभाग कार्यालय खोलना
96. ( क्र. 7463 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर के लोक निर्माण विभाग के उपखण्ड बड़ौदा को तहसील विजयपुर में शिफ्ट किए जाने का प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा है? यदि हाँ, तो कब? अभी तक उक्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या बड़ौदा उप संभाग की अपेक्षा विजयपुर में कार्यों की अधिकता एवं बड़ौदा की संभाग कार्यालय से दूरी मात्र 22 कि.मी. एवं विजयपुर से दूरी 155 कि.मी. होने के कारण विजयपुर में निर्माणाधीन कार्यों के बेहतर पर्यवेक्षण तथा नियंत्रण हेतु विजयपुर को उप संभाग बनाया जाना व्यवहारिक एवं प्रशासनिक दृष्टि से आवश्यक है? (ग) क्या विभागीय मैन्युअल में उप-संभाग कार्यालय के मुख्यालय परिवर्तन का अधिकार मुख्य अभियंता को दिया है? यदि हाँ, तो मुख्य अभियंता द्वारा इस संबंध में कब तक आदेश जारी कर दिए जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 24/02/2016. प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
महाविद्यालय की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति
97. ( क्र. 7470 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यावरा नगर में दिनांक 07.07.2007 में आई भीषण बाढ़ के कारण नेताजी सुभाषचंद्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की बाउण्ड्रीवॉल पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो गई थी? यदि हाँ, तो क्या प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा द्वारा बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य हेतु लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) से विस्तृत प्राक्कलन तैयार कराकर स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में महाविद्यालय ब्यावरा द्वारा प्रेषित किये गये विस्तृत प्राक्कलन अनुसार बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में कार्यवाही किस स्तर पर किन कारणों से लंबित है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन महाविद्यालय परिसर की सुरक्षा, आवारा पशुओं की रोकथाम, असामाजिक तत्वों का जमावड़ा आदि समस्याओं के स्थाई निराकरण हेतु बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के अनुसार।
ब्यावरा के महत्वपूर्ण मार्गों की स्वीकृति
98. ( क्र. 7471 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत अति महत्वपूर्ण मार्ग ग्राम सुन्दरपुरा से लखनवास 5 कि.मी. ग्राम कानरखेड़ी से पार्वती ब्रिज 3 कि.मी., ग्राम शमशेरपुरा से गांगाहोनी 4 कि.मी., ग्राम सलेहपुर से कडियाहाट 4 कि.मी., ग्राम भगवतीपुर से मलावर 5 कि.मी., ग्राम कानेड़ से तेलीगाँव (चांचौड़ा सीमा) 6 कि.मी. मार्गों पर सड़कें बनाना अत्यंत आवश्यक है? उक्त सभी मार्ग बन जाने से विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत प्रस्तावित प्रत्येक सड़क 25-30 कि.मी. मार्ग जुड़ सकेगा तथा जिससे क्षेत्र के दर्जनों गाँव की हजारों की आबादी को आवागमन का लाभ प्राप्त हो सकेगा? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त मार्गों की स्वीकृति के लिये अनेकों बार माननीय मुख्यमंत्री जी एवं लोक निर्माण मंत्री महोदय से आग्रह किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त मार्गों की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्नांश में उल्लेखित मार्गों में से तेलीगाँव एवं कानरखेडी ग्राम छोड़कर सभी गाँव पूर्व से ही सड़क मार्ग से जुडे हुये है। (ख) जी हाँ, माननीय मुख्यमंत्री जी से वन टू वन चर्चा में सुन्दरपुरा से लखनवास मार्ग के निर्माण हेतु निर्देशित। (ग) सक्षम समिति के अनुमोदन पश्चात बजट में सम्मिलित करने की प्रक्रिया की जावेगी।
लोक निर्माण संभाग से उप-संभाग में स्थानांतरण
99. ( क्र. 7475 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग मण्डला को संभागीय एवं उप-संभागीय कार्यालय में पदस्थ तृतीय श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी लिपिक के स्थानांतरण के अधिकार प्राप्त हैं? यदि हाँ, तो उपलबध कराये? (ख) यदि नहीं, तो कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण संभाग मण्डला के आदेश क्र. 3947/स्था./2015 मण्डला दिनांक 23/11/2015 के द्वारा क्र. 2, 9 एवं 16 पर अंकित लिपिकों का एक विकासखण्ड से दूसरे विकासखण्ड में स्थानांतरण कैसे कर दिया गया? क्या उक्त स्थानांतरण के लिये माननीय प्रभारी मंत्री से अनुमोदन लिया गया? यदि हाँ, विवरण उपलब्ध कराये? (ग) क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण संभाग मण्डला द्वारा 20 वर्ष पूर्व निर्मित मुख्य गेट को परिवर्तित कर 600 मीटर दूर घुमावदार रास्ते से प्रवेश द्वार बनाया गया है? यदि हाँ, तो सड़क एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण किस मद से किसकी अनुमति से कराया गया? (घ) कार्यालय कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग मण्डला में अतिरिक्त कक्ष एवं अतिरिक्त गेरिज का निर्माण किस मद से कितनी राशि से और किसकी अनुमति से कराया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) उत्तरांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) सुरक्षा की दृष्टि से प्रवेश द्वार बनाया गया है। सड़क का कार्य मार्ग संधारण मद (24/3054) तथा बाउंड्रीवाल का निर्माण गैर आवासीय संधारण मद (67/2059) से किया गया है। अधीक्षण यंत्री, सिवनी मंडल, सिवनी। (घ) केवल अतिरिक्त कक्ष का का निर्माण गैर आवासी भवनों के विशेष मरम्मत मद (67/2059) से अधीक्षण यंत्री, सिवनी मंडल, सिवनी की स्वीकृति से किया गया है। अतिरिक्त गैरेज का निर्माण नहीं किया गया है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
100. ( क्र. 7476 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के वन विभाग में दिसम्बर 1988 के पहिले एवं बाद के कितने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? उक्त में कितने कर्मचारियों का नियमितीकरण कर दिया गया तथा कितने शेष है? (ख) 1999 में नियमितीकरण के लिये परीक्षा आयोजित की गयी थी जिसमें उत्तीर्ण दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण क्यों नहीं किया गया? पूर्व की भांति बिना परीक्षा के वरिष्ठता के आधार पर नियमितीकरण क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) दिनांक 30 मई 2013 में प्रकाशित राजपत्र असाधारण में नियमितीकरण से शेष बचे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन स्कीम का फायदा 1 मई 2009 से दिये जाने का लेख है फिर क्यों मण्डला जिले में दै.वे. भोगी कर्मचारियों को अंशदान न लेकर राष्ट्रीय पेंशन स्कीम का फायदा नहीं दिया जा रहा? क्यों? (घ) नियमितीकरण से शेष बचे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को कब तक नियमितीकरण कर दिया जायेगा समय-सीमा बताये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मण्डला जिले के वन विभाग अंतर्गत दिसम्बर 1988 के पूर्व बाद के कुल 645 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से किसी भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को वर्तमान में नियमित नहीं किया गया है, सभी नियमितीकरण के लिए शेष है। (ख) जी नहीं। मध्य प्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिये गये निर्देशानुसार मण्डला जिले में दिनांक 31.12.1988 के पूर्व के 83 मस्टर रोल में कार्यरत श्रमिकों को विभिन्न रिक्त पदों पर तथा वर्ष 2012 में 1 दैनिक वेतन भोगी श्रमिक को वाहन चालक के पद पर रोस्टर के अनुसार वरीयता क्रम में उनकी शैक्षणिक योग्यता/शारीरिक योग्यता के आधार पर एवं पद उपलब्धता अनुसार नियमितीकरण किया गया। (ग) मण्डला जिले के अंतर्गत 201 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की राष्ट्रीय पेंशन स्कीम के तहत अंशदान की कटौती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) नियमितीकरण की कार्यवाही शासन निर्देशानुसार की जायेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बी.एड. पाठ्यक्रम में रिक्त सीट
101. ( क्र. 7482 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शैक्षणिक सत्र 2015-16 में म.प्र. में संचालित बी.एड. महाविद्यालयों में कुल कितने प्रतिशत सीटें रिक्त रह गई? रिक्त सीटों को भरे जाने हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा क्या उपाय किये गये? (ख) शैक्षणिक सत्र 2016-17 में पिछले वर्ष की भांति सीट रिक्त न रह जाये, इसके लिए म.प्र. शासन द्वारा क्या उपाय किये जा रहे हैं? प्रोफेशनल इक्जामिनेशन बोर्ड म.प्र. द्वारा आयोजित बी.एड. पाठयक्रम में प्रवेश हेतु, प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हुए छात्रों के प्रवेश लेने के उपरांत रिक्त सीटों को स्नातक/स्नातकोत्तर परीक्षा के आधार पर भरा जायेगा? (ग) बी.एड. पाठयक्रम संचालित करने वाले महाविद्यालयों में रिक्त सीटों से हुए नुकसान से महाविद्यालय संचालित करने में हो रही कठिनाईयों के लिये म.प्र. शासन द्वारा क्या उपाय किये गये? (घ) आगामी शैक्षणिक सत्र में पिछले शैक्षणिक सत्र की भॉति सीटें रिक्त न रह जाये इसके लिये म.प्र. शासन द्वारा क्या उपाय किये जा रहे हैं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सत्र 2015-16 में बी.एड. महाविद्यालयों में 38.4 प्रतिशत सीटें रिक्त रह गई। विभाग द्वारा केवल प्रवेश प्रक्रिया संपादित की जाती है तथा प्रवेश लेना विधार्थियों की रूचि पर निर्भर करता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तरार्द्ध अनुसार। प्रवेश परीक्षा में किसी को आयोग्य ठहराते हुए केवल मेरिट का निर्धारण किया जाता है तथा समस्त इच्छुक आवेदक प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं। अत: स्नातक/स्नातकोत्तर परीक्षा के आधार पर सीट भरने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सीटों का निर्धारण राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्नांश (क) के उत्तरार्द्ध अनुसार। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तरार्द्ध अनुसार।
तेलिया हनुमान मंदिर पहुँच मार्ग का निर्माण
102. ( क्र. 7505 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के ग्राम रानी बड़ोद पहुँच मार्ग एवं तेलिया हनुमान मंदिर कालापीपल पहुँच मार्ग लोक निर्माण विभाग की बुक पर दर्ज है? यदि हाँ, तो बुक पर दर्ज होने के बाद इनका निर्माण कब किया गया था वर्तमान में दोनों मार्गों की स्थिति क्या है? (ख) क्या तेलिया हनुमान मंदिर पहुँच मार्ग लम्बाई 1.5 किमी का प्राक्कलन तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो धार्मिक महत्व को देखते हुए क्या सड़क निर्माण के कार्य को स्वीकृति प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्ग की प्राक्कलन के अनुसार कितनी लागत आयेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। बुक पर दर्ज होने के पश्चात निर्माण नहीं किया गया। वर्तमान में दोनों मार्ग कच्चे होकर मिट्टी/मुरम के है। (ख) जी हाँ। 1.5 कि.मी. नहीं अपितु 1.30 कि.मी. वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर प्राथमिकता अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) रू. 86.57 लाख।
महाविद्यालयों में रिक्त प्राचार्यों के पद पर नियुक्ति
103. ( क्र. 7506 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुल कितने शासकीय स्नातक/स्नातकोत्तर महाविद्यालय हैं? सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में से कितने पर स्थाई प्राचार्य हैं तथा कितने महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्य है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रभारी प्राचार्यों वाले महाविद्यालयों की सूची देवें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्य के स्थान पर स्थाई प्राचार्यों की नियुक्ति की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रदेश में 92 स्नातकोत्तर, 345 स्नातक महाविद्यालय हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) शासकीय महाविद्यालयों में 75 नियमित एवं 338 प्रभारी प्राचार्य हैं। (ग) प्रभारी प्राचार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (घ) जी हाँ। विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होने के उपरांत प्राचार्यों की नियुक्ति की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अधिनियम के विपरीत कार्यवाही की जाना
104. ( क्र. 7510 ) श्री आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के किस-किस जिले के राजस्व अभिलेखों में दर्ज बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़, चट्टान, पठार, घास, चरनोई, गोचर, कदीम मद की जमीनों में से किस-किस मद की जमीनों को किस अधिसूचना व दिनांक के द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के अनुसार राजपत्र में संरक्षित वन भूमि अधिसूचित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजस्व अभिलेखों में दर्ज किन-किन मदों की जमीनों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय की सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में 12 दिसम्बर, 1996 को दिये गये आदेश के अनुसार परिभाषित वन भूमि माना गया है? (ग) भोपाल संभाग के अंतर्गत जिलों के राजस्व अभिलेखों के दर्ज वृक्ष विहीन पहाड़, चट्टान, पठार, घास, चरनोई, गोचर, मदीम मदों की जमीनों को राज्य शासन भारत शासन एवं न्यायालय के किस दिनांक के आदेशानुसार वन विभाग वन भूमि मानता है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित याचिका में पारित अंतरिम आदेश में 'वन' को निम्नानुसार परिभाषित किया है। 1. 'वन' का तात्पर्य शब्दकोष में लिये गये अर्थ से लिया जाना है। 2. समस्त विधि रूप से मान्य आरक्षित, संरक्षित वन एवं अन्य कोई वन। 3. उपरोक्त में ऐसी भूमि भी शामिल होगी जो शासकीय अभिलेख में वन के रूप में दर्ज हो, चाहे उसका स्वामित्व किसी भी प्रकार का भी हो। आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 12.12.1996 में दी गई वन की परिभाषा के आधार पर।
राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभ्यारणों को निजी क्षेत्रों में दिया जाना
105. ( क्र. 7511 ) श्री आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016 के बजट अभिभाषण में यह उल्लेख किया गया है कि प्रदेश में राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभ्यारणों के बाहर आरक्षित वनखण्डों में व्याप्त नैसर्गित सौन्दर्य तथा वन्य जीवों की उपस्थिति का लाभ लेकर ऐसे वन खण्डों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया है तथा इसे विनियमित करते हुये संचालित करने के लिए प्रदेश में मध्यप्रदेश वन (मनोरंजन एवं वन्य प्राणी अनुभव) नियम 2016 बनाये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या अन्य राज्यों में इस तरह की व्यवस्था है, क्या राज्य शासन ने इस तरह आरक्षित वनों को जो कि बिगड़े वनों के रूप में नष्ट होते जा रहे हैं, उन्हें संरक्षित करने के बजाय निजी क्षेत्रों और मानवीय दखल अंदाजी से नष्ट होने की आशंका को दरकिनार करते हुये निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो किन कारणों से? क्या यह वन्य प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टि के विपरीत नहीं है? (ग) यदि यह निर्णय वन्य प्राणियों की सुरक्षा के विपरीत है तो क्या इस पर रोक लगायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम,1972 के अंतर्गत दिनांक 25.02.2016 को मध्यप्रदेश वन (मनोरंजन एवं वन्यप्राणी अनुभव) नियम, 2015 का राजपत्र में प्रकाशन किया गया है। (ख) मध्यप्रदेश वन (मनोरंजन एवं वन्यप्राणी अनुभव) नियम, 2015 के अनरूप व्यवस्था बाबत् अन्य राज्यों की जानकारी उपलब्ध नहीं है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। क्यों कि यह निर्णय वन्य प्राणियों की सुरक्षा के विपरीत नहीं है।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय
106. ( क्र. 7516 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से कौन-कौन से शासकीय/अशासकीय महाविद्यालय सम्बद्ध हैं? सूची देवें एवं यू.जी.सी. के नियमों के अनुरूप इस महाविद्यालयों में किस स्तर का कौन-कौन सा शैक्षणिक स्टॉफ पदस्थ होना आवश्यक है? (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में वर्तमान समय में किस-किस स्तर का कौन-कौन सा कितना शैक्षणिक स्टॉफ पदस्थ है? महाविद्यालयवार पदस्थ स्टॉफ की सूची देवें? (ग) वर्तमान समय में जबलपुर जिले के अंतर्गत किन-किन शासकीय महाविद्यालयों में कौन-कौन कब से अतिथि प्राध्यापक के पद पर क्रियाशील है? (घ) क्या प्रश्नांक (ग) में उल्लेखित अतिथि प्राध्यापकों को प्रतिवर्ष नियुक्ति के समय नियुक्ति अवधि में कहीं ओर कोई कार्य न करने का शपथ-पत्र पेश करना पड़ता है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है एवं विगत अनेक वर्षों से अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत इन प्राध्यापकों को इनके बेहतर भविष्य के लिये और क्या-क्या किस प्रकार की सुविधायें शासन द्वारा प्रदान की जावेगी? (ड.) इनका मानदेय बढ़ाने और इन्हें शासकीय नियुक्तियों में अनुभव के अंक देने की क्या कोई योजना विचाराधीन है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं प्राध्यापक स्तर का शैक्षणिक स्टॉफ पदस्थ होना आवश्यक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों के अतिथि विद्वानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। अतिथि विद्वान लोक सेवक की श्रेणी में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) मानदेय बढ़ाने की योजना है, सहायक प्राध्यापक पदों पर भर्ती में अतिथि विद्वानों को अनुभव के लिए प्रतिवर्ष 04 अंक व अधिकतम 20 अंकों का चयन में अतिरिक्त लाभ दिये जाने का प्रावधान है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत ऊँचे पुलों का निर्माण
107. ( क्र. 7517 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से मार्ग हैं जिन पर पुलों का निर्माण न होने अथवा छोटे रपटे का निर्माण होने के कारण अधिक वर्षा होने पर आवगमन अवरूद्ध हो जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों पर पुल निर्माण की कौन सी योजना शासन के पास लंबित है इन उल्लेखित पुलों को किस प्रकार से कब तक बनाया जावेगा? (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से मार्गों के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा शासन से अनुरोध किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मार्गों का निर्माण किस प्रकार से कब तक कितनी लागत से किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) पाटन विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सुरैया सिमरिया बढैयाखेड़ा-पडरिया धमनी सिंगौर मार्ग (मुख्य जिला मार्ग) के अंतर्गत एक रपटे पर अधिक वर्षा होने पर आवागमन अवरूद्ध हो जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) सुरैया सिमरिया बढैयाखेड़ा-पडरिया धमनी-सिगौरी मार्ग (मुख्य जिला मार्ग) का उन्नयन कार्य नाबार्ड मद को एन.आई.डी.ए. योजना के तहत किया जा रहा है, जिससे उक्त रपटे के स्थान पर माईनर ब्रिज निर्माण का कार्य प्रस्तावित है, जिसे अनुबंध समाप्त होने की तारीख 14.10.2017 के पूर्व पूर्ण किया जावेगा। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' के स्तम्भ 5 एवं 6 अनुसार समय-सीमा बताना संभव नहीं।
अंक सूचियों में त्रुटि
108. ( क्र. 7521 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. व्यावसायिक परीक्षा मंडल, भोपाल द्वारा वर्ष 2007-08 में संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-2 के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो किस दिनांक को तथा उसमें कुल कितने आवेदक सम्मिलित हुए? (ख) क्या उक्त परीक्षा के घोषित परिणाम उपरांत जारी की गई अंकसूचियों में त्रुटि की कितनी शिकायतें किन-किन के द्वारा व्यावसायिक परीक्षा मंडल, भोपाल में की गयी थी? (ग) उक्त प्राप्त शिकायतों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया तथा कितनी शिकायतों का निराकरण होना शेष है? उक्त शेष शिकायतों का निराकरण कब किया जायेगा? निश्चित समय-सीमा बताएं? (घ) क्या अंकसूची में त्रुटि के संबंध में वारासिवनी क्षेत्र के मान. विधायक द्वारा अपने पत्र क्रमांक एम.एल.ए./03186/2016 फरवरी माह में पत्र प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में माननीय विधायक के पत्र पर कार्यवाही न किये जाने के क्या कारण है? क्या उक्त पत्र पर शीघ्र कार्यवाही की जाकर संबंधित को उक्त संशोधित अंकसूची प्रदाय की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। दिनांक 20.07.2008 को परीक्षा 2008 का आयोजन किया गया था। परीक्षा में कुल 2,45,754 आवेदक सम्मिलित हुये थे। (ख), (ग), (घ) एवं (ड.) परीक्षा परिणाम जारी होने के उपरांत अंकसूचियों में त्रुटि के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। किन्तु माननीय विधायक वारासिवनी के पत्र के साथ अभ्यर्थी श्रीमती प्रीति वैघ पत्नी स्व. श्री गोपाल वैघ का शपथ पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-2 वर्ष 2008 परीक्षा में उनके द्वारा अंकसूची सह प्रमाण-पत्र में विषय परिवर्तन का अनुरोध किया गया है। जाँच में शिकायत सही नहीं पाई गयी। तथ्यों से माननीय विधायक जी को पी.ई.बी. के पत्र क्रमांक पीईबी/5-4-1/1742/2016, दिनांक 21.03.2016 को संलग्न परिशिष्ट अनुसार अवगत कराया गया।
इछावर अंतर्गत आने वाले मार्गों के संदर्भ में
109. ( क्र. 7567 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 4448 दिनांक 16.03.2015 में बताया गया है कि भाऊखेड़ी-अमलाहा मार्ग की स्थिति संतोषजनक हैं? यदि हाँ, तो क्या ग्राम भाऊखेड़ी में कांक्रीट रोड उखड़ा हुआ नहीं हैं? (ख) इछावर विधानसभा अंतर्गत आने वाले रामनगर मार्ग की स्थिति क्या है? क्या इस मार्ग पर ग्राम रामनगर में कांक्रीट उखड़ चुका हैं? यदि हाँ, तो कब तक? इसका पुनर्निमाण कर लिया जाएगा? (ग) सीहोर जिले की इछावर विधानसभा अंतर्गत कितने मार्गों के निर्माण के प्रस्ताव लंबित हैं? इन मार्गों का निर्माण कब तक कर लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, ग्राम भाउखेड़ी में विभाग द्वारा निर्मित कांक्रीट रोड संतोषजनक है किन्तु पंचायत विभाग के द्वारा निर्मित मार्ग क्षतिग्रस्त है। (ख) मार्ग की स्थिति संतोषजनक है। जी नहीं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यूनीवर्सिटी छतरपुर में नियुक्ति विज्ञापन
110. ( क्र. 7569 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15 तथा 2015-16 में बुन्देलखण्ड छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर में कितने एवं किस-किस वर्ग की नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किये गये? (ख) वर्तमान में ऐसे कितने कर्मचारी पदस्थ हैं जिनकी नियुक्ति बिना लिखित परीक्षा एवं बिना साक्षात्कार की हुयी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के विज्ञापन अनुसार नियुक्तियां लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से की जायेगी? (घ) यदि हाँ, तो केन्द्र सरकार की घोषणा के पश्चात भी क्या लिखित परीक्षा आवश्यक है? यदि नहीं, तो आगामी परीक्षाओं हेतु क्या उक्त विज्ञापन में संशोधन किया जायेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 की जानकारी निरंक। वर्ष 2015-16 में तृतीय श्रेणी के 41, चतुर्थ श्रेणी के 26 एवं तकनीकी 03 पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए। (ख) लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के बिना कोई नियुक्ति नहीं की गई है। आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से 27 कर्मचारियों की सेवायें ली गई हैं। (ग) सहायक यंत्री, उपयंत्री, मानचित्रकार एवं कनिष्ठ लेखा परीक्षक की नियुक्तियाँ लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से, कनिष्ठ शीघ्रलेखक, कम्प्यूटर आपरेटर एवं सहायक वर्ग-तीन की नियुक्तियाँ लिखित, व्यवहारिक एवं साक्षात्कार के माध्यम से, इलेक्ट्रीशियन, वाहन चालक और प्लम्बर की निुयक्तियाँ व्यवहारिक परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से तथा भृत्य/चौकीदार की नियुक्ति साक्षात्कार के माध्यम से की जाऐंगी। (घ) राज्य शासन के लिखित परीक्षा नहीं लेने के संबंध में कोई निर्देश नहीं हैं। जी नहीं।
पदस्थ प्राध्यापकों की स्थानांतरण नीति
111. ( क्र. 7570 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ प्राध्यापकों के स्थानांतरण का नियम क्या है? (ख) छतरपुर जिले के शासकीय महाविद्यालयों में नियम विरूद्ध कितने प्राध्यापक/सहा. प्राध्यापक तीन वर्ष से अधिक अवधि हो जाने के पश्चात भी पदस्थ है? सूची प्रदाय करें? (ग) क्या गृह जिले में पदस्थ प्राध्यापक शासकीय कार्य के अतिरिक्त कोई अन्य व्यवसाय भी कर सकते हैं? यदि नहीं, तो ऐसे प्राध्यापकों की सूची प्रदाय की जायें जो अन्य व्यवसाय भी कर रहें है? (घ) उपरोक्त प्राध्यापकों के स्थानांतरण कब तक किये जायेंगे और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्तमान विभागीय स्थानांतरण नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दृष्टांकित है। (ख) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दृष्टांकित है। नवीन स्थानांतरण नीति की कंडिका 3.2 (iii) के अंतर्गत किसी स्थान विशेष पर पदस्थाना की सामान्य अवधि की सीमा प्राचार्य के लिए 03 वर्ष एवं अन्य शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए 05 वर्ष है। किसी भी कर्मचारी के स्थानांतरण प्रकरण पर उसकी भर्ती/पदोन्नति/पदस्थापना के पश्चात सामान्यत: उक्त अवधि पूर्ण होने के उपरांत ही विचार किया जाऐगा, परन्तु प्रशासकीय आवश्यकता होने पर तथा शिकायत एवं गंभीर आरोप के प्रकरणों में यह बंधन लागू नहीं होगा। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने के कारण कार्यवाही का प्रश्न नहीं उपस्थित होता है।
प्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेजों का बंद होना
112. ( क्र. 7576 ) श्री जितू पटवारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विगत 5 वर्षों में कितने इंजीनियरिंग कॉलेजों ने बंद करने हेतु आवेदन दिया और कितने आज दिनांक तक बंद हो गये? कॉलेज का नाम एवं उसको चलाने वाली संस्था का नाम, पता, स्थान उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) समयावधि में प्रदेश के कितने इंजीनियरों को शासन ने रोजगार उपलब्ध कराया? कंपनीवार एवं संख्यावार आंकड़े उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) समयावधि में प्रदेश के हर इंजीनियरिंग कॉलेज में कितने-कितने अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया वर्षवार, कॉलेजवार जानकारी देवें? (घ) विगत 5 वर्ष में प्रत्येक शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में प्रति छात्र पढ़ाई पर सरकार का कितना पैसा खर्च हुआ?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संस्था बंद करने के संबंध में संपूर्ण कार्यवाही अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली द्वारा की जाती है। (ख) से (घ) शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्वालयों से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02, 03 एवं 04 अनुसार है।
लघु एवं सूक्ष्म उद्योग के नियम एवं प्रावधान
113. ( क्र. 7577 ) श्री जितू पटवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लघु एवं सूक्ष्म उद्योग चालू करने पर शासन क्या-क्या सुविधा देता है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत विगत तीन वर्षों में मुख्यमंत्री रोजगार योजना अंतर्गत इन्दौर संभाग में जिलावार कितने बेरोजगार नौजवानों ने आवेदन दिया एवं आज दिनांक तक कितने लोगों को इस योजना से लाभ मिला? (ग) इन्दौर संभाग में जिलावार रोजगार कार्यालयों में कितने बेरोजगारों का विगत वर्षों 2013 से आज दिनांक तक पंजीयन हुआ है एवं रोजगार प्राप्त हुआ है? (घ) क्या रोजगार कार्यालयों ने जॉब फेयर मेलों का आयोजन किया है तो मेलों से कितने (युवाओं) को रोजगार मिले सूची देवें? वर्ष 13 से जानकारी दें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) लघु एवं सूक्ष्म उद्योग चालू करने पर विभाग द्वारा मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2014 अंतर्गत उद्योग को पात्रता अनुसार सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त विभाग के औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग की स्थापना हेतु रियायती दर पर नियमानुसार भूमि आवंटित की जाती है। (ख) विभाग द्वारा मुख्यमंत्री रोजगार योजना संचालित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग में भेजना
114. ( क्र. 7589 ) श्री बाला बच्चन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय, कौशल विकास के प्राचार्य वर्ग-1, वर्ग-2 एवं उप प्राचार्य के कितने पद हैं? नाम व पद सहित बतावें? (ख) प्राचार्य वर्ग-1, प्राचार्य वर्ग-2 एवं उप प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं, उनका नाम व उनके विभाग के मूल पद क्या हैं? नाम, पदनाम सहित बतावें? (ग) उपरोक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों को जिनका मूल विभाग बंद हो गया है को छोड़कर शेष अधिकारियों को उनके विभाग में कब तक वापस किया जायेगा और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' अनुसार है। (ग) तिलहन संघ के अधिकारियों के संबंध में संविलियन की कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क परिवहन निगम से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 01 अधिकारी की सेवाएं उनके मूल विभाग में आदेश दिनांक 24.04.2015 द्वारा वापिस की गई थी, जिस पर संबंधित अधिकारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया गया।
इंदौर, उज्जैन संभाग में कराए गए कार्य
115. ( क्र. 7592 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में उज्जैन संभाग में पिछले दो वर्षों में वर्षवार शासकीय भवनों के रख-रखाव, रंग रोगन आदि में कितनी राशि खर्च की गई? (ख) लोक निर्माण विभाग में उज्जैन संभाग में पिछले दो वर्षों में खरीदी गई सामग्री की जानकारी जिले अनुसार, वर्ष अनुसार मूल्य की जानकारी सहित देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संभाग में पिछले दो वर्षों में दो लाख से कम राशि के क्या-क्या कार्य किस-किस ठेकेदार द्वारा किये गए? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संभाग में कार्यरत अधिकारियों के पुत्र/भाई/पिता/पत्नि/पुत्री ठेकेदार के रूप में कार्यरत है? उन अधिकारी के नाम तथा ठेकेदारों के नाम सहित जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब-1’ एवं ‘ब-2’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जिले में संचालित शासकीय महाविद्यालय
116. ( क्र. 7595 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कुल कितने, कौन-कौन से शासकीय महाविद्यालय कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? (ख) उक्त महाविद्यालयों में कितने-कितने छात्र अध्ययनरत हैं? कक्षावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त महाविद्यालयों में सभी कक्षा एवं संकायों में पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध है? स्वीकृत एवं कार्यरत पदों की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या राजगढ़ विधानसभा अंतर्गत 1 ही शासकीय महाविद्यालय राजगढ़ जिला मुख्यालय पर संचालित है? यदि हाँ, तो क्या खुजनेर नगर जो कि राजगढ़ से 30 कि.मी. की दूरी पर स्थित है, में शासकीय महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजगढ़ जिले में कुल 07 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार। शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों के विरूद्ध आवश्यकता के अनुरूप विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित कर मानदेय के भुगतान पर अध्यापन कार्य सुचारू है। (घ) जी हाँ। प्रकरण पर परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सीधी सिंगरौली जिले के अंतर्गत योजना
117. ( क्र. 7596 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत वनमण्डल अधिकारी एवं नेशनल पार्क संजय टाईगर, सोन घडि़याल में वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक विभाग की विभिन्न योजनाओं में कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? योजनावार एवं मदवार प्राप्त आवंटन एवं किन-किन कार्यों में व्यय की गई है? (ख) सीधी जिले के सिंहावल विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली जिले के देवसर के सिंहावल विधान सभा क्षेत्र के गांवो में क्या-क्या कार्य किये गये है? दो वर्षों में प्राप्त आवंटन का सिंहावल विधान सभा क्षेत्र में कितना व्यय किया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आई.ए.पी. योजना से किये गये कार्य
118. ( क्र. 7597 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के नक्सल प्रभावित जिले सीधी एवं सिंगरौली को आई.ए.पी. येाजना के तहत वनमण्डल अधिकारियों को विगत 3 वर्षों में कितनी राशि दी गई है? उनके द्वारा कहाँ-कहाँ किन-किन कार्यों में व्यय की गई है? कार्यवार जानकारी प्रदाय की जाये? (ख) नक्सली प्रभावित क्षेत्र में कौन-कौन से ब्लाक आते हैं? ब्लाकवार जानकारी दें? (ग) यदि इस राशि का नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अलावा उपयोग किया गया है तो उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मैहर क्षेत्र में सड़कों का निर्माण
119. ( क्र. 7602 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में मैहर विधानसभा क्षेत्र से संबंधित कौन-कौन से मार्ग निर्माण कार्य विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये हैं? कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित व लंबित हैं? (ख) क्या सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं? नहीं तो कब तक निर्माणाधीन कार्य पूर्ण होंगे? (ग) स्वीकृति हेतु लंबित कार्य कौन-कौन से हैं व किस स्तर पर लंबित हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
राजसात वाहन नीलामी
120. ( क्र. 7608 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विगत 2 वर्षों में राजसात किये गये वाहन कितनी राशि में किसे नीलाम किए गए? इनमें किस-किस वाहन पर, किस बैंक का, कितना ऋण बकाया है वर्षवार पूरी जानकारी देवें? (ख) जब्त वाहन को राजसात किए जाने तथा नीलाम किए जाने के पहले संबंधित वित्त पोषक बैंक से अनुमति लिए जाने के क्या प्रावधान हैं? बैंको से नीलामी के पूर्व अनुमति न लिए जाने के क्या कारण हैं? (ग) श्रीपत गाडवे के नीलाम किए गए ट्रेक्टर पर किस बैंक का, कितना ऋण नीलामी के समय बाकी रहा है, इस ऋण की राशि की जानकारी नीलामी के समय न दिए जाने का क्या कारण रहा है, इस ऋण की राशि को बैंक में जमा करवाए जाने का दायित्व किसका है? (घ) श्रीपत गाडवे को नीलाम किए गए ट्रेक्टर पर कब तक श्रीपत गाडवे का नाम परिवहन विभाग में दर्जा करवाया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नीलाम किये गये वाहनों पर किस बैंक का कितना ऋण बकाया है, इसकी जानकारी विभाग को नहीं है। (ख) ऐसे कोई प्रावधान नहीं हैं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पेंशन का भुगतान
121. ( क्र. 7923 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर अंतर्गत सेवानिवृत्ति किस-किस पद के कितने-कितने अधिकारी/कर्मचारियों को विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा पेंशन का निर्धारण अभी तक नहीं किया गया है एवं क्यों वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की अवधि के अधिकारी/कर्मचारी के नामों की जानकारी नामवार एवं वर्षवार सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारियों को पेंशन का निर्धारण नहीं हुआ है उन्हें कब तक पेंशन का निर्धारण कर भुगतान कर दिया जायेगा? किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के पेंशन का निराकरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या पेंशन के भुगतान हेतु देयक तैयार का विश्वविद्यालय द्वारा संबंधित विभाग में प्रस्तुत कर दिये गये हैं अथवा नहीं? सूची दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत जिन अधिकारियों/ कर्मचारियों के पेंशन का निर्धारण नहीं किया गया है, उसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? क्या शासन दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर अंतर्गत सेवा निवृत्त 03 कर्मचारियों के पेंशन का निर्धारण अमांग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत न करने के कारण अभी तक नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) तीन अधिकारी/कर्मचारी, जैसे ही अमांग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर देंगे उनके पेंशन का निर्धारण कर दिया जायेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा अमांग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत न करने के कारण पेंशन का निर्धारण नहीं हो सका है, उसके लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।