मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च 2017 सत्र


मंगलवार, दिनांक 28 मार्च 2017


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर

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विकासखण्‍ड पुनर्गठन किये जाने के नियम  

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

1. ( *क्र. 7222 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) विकासखण्‍ड पुनर्गठन (परिसीमन) किये जाने के नियम निर्देश क्‍या हैं? नियम निर्देश की छायाप्रति प्रदाय करें (ख) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी अनुविभाग अनूपपुर द्वारा पत्र क्रमांक 685/री-2/95 अनूपपुर दिनांक 19.05.1995 कलेक्‍टर शहडोल को विकासखण्‍ड पुनर्गठन के संबंध में प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त्‍ा पत्र के आधार पर कलेक्‍टर शहडोल एवं शासन स्‍तर से क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या भौगोलिक एवं जन सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये पुन: कलेक्‍टर जिला अनूपपुर से विकासखण्‍ड के पुनर्गठन के अंतर्गत प्रस्‍तावित विकासखण्‍ड क्षेत्र की जानकारी मंगाकर विकासखण्‍ड पुनर्गठन की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कलेक्टर शहडोल द्वारा विकासखण्‍ड पुनर्गठन के निर्देश न होने से पुनर्गठन संबंधी कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई। शासन को विषयांतर्गत प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ। इसलिये कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आज की तिथि में प्रश्नांकित कार्यवाही की आवश्यकता प्रतीत नहीं  होती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। 

विधायक निधि की राशि विभाग के खाते में भेजी जाना

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

2. ( *क्र. 6177 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) योजना अ‍ार्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा विधायकों द्वारा विधायकों की अनुशंसा से स्‍वीकृत तकनीकी कार्य जिसकी कार्य एजेंसी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी विभाग/लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग/लोक निर्माण विभाग बनाई जाती है तो इसकी राशि जिले से जिला योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा किसके खाते में हस्‍तांतरण की जाती है या स्‍वीकृत की जाती है?                (ख) यह स्‍वीकृत राशि विभाग के कार्यपालन यंत्री के खाते में हस्‍तांतरण की जगह पूर्ववत् विभाग प्रमुख को जारी क्‍यों नहीं की जाती है? (ग) सागर जिले के नरयावली विधानसभा क्षेत्र की वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में ऐसी कितनी राशि विभाग प्रमुख के खाते में भेजी गई है? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) उक्‍त राशि विभाग प्रमुख द्वारा कब-कब कार्यपालन यंत्री के खाते में भेजी गई है एवं कितनी राशि फरवरी 2017 तक विभाग के खाते में जमा है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जिला कार्यालय से स्वीकृत होने के पश्चात् आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के बी.सी.ओ. से संबंधित निर्माण एजेन्सी के बी.सी.ओ. पर हस्तांतरित की जाती है। (ख) वित्त विभाग के आदेशानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) विधानसभा क्षेत्र नरयावली में वित्तीय वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 25.50 लाख, वर्ष 2015-16 में 10.00 लाख एवं वर्ष 2016-17 में कोई भी राशि नहीं भेजी गई है। (घ) जिला कार्यालय से समर्पित राशि संबंधित विभाग के बी.सी.ओ. पर प्रेषित किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

शासकीय महाविद्यालय शुजालपुर में क्‍लासरूम का निर्माण

[उच्च शिक्षा]

3. ( *क्र. 5913 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शुजालपुर शासकीय महाविद्यालय में 02 स्‍मार्ट क्‍लास, 10 अतिरिक्‍त क्‍लास रूम निर्माण के प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर विचाराधीन हैं? (ख) यदि हाँ, तो शासन प्रश्नांश (क) में अंकित निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति हेतु क्‍या कार्यवाही कर रहा है? कब तक निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) क्‍या महाविद्यालयों में कॉमन हाल, सभा गृह, खेल मैदान (इनडोर व आउटडोर) के लिए पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था हेतु शासन स्‍तर पर कोई कार्यवाही विचाराधीन है? (घ) यदि हाँ, तो शुजालपुर शासकीय महाविद्यालय हेतु शासन प्रश्‍नांश (ग) में अंकित सुविधा कब तक उपलब्‍ध कराने पर विचार कर रहा है? शासन द्वारा कब तक प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित सुविधाओं के लिए निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी।

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्राचार्य से निर्माण संबंधी प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के व्यक्तियों को प्रदत्‍त बुनियादी सुविधाएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

4. ( *क्र. 3833 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के नगरपालिका सारंगपुर अंतर्गत विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के कितने व्यक्तियों के राशन कार्ड एवं मतदाता परिचय पत्र दर्ज हैं? मुखिया का नाम एवं राशन कार्ड एवं मतदाता परिचय पत्र जारी किए गए वर्ष का उल्लेख कर जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत व्यक्तियों को नगरपालिका सारंगपुर द्वारा व्यक्तिगत मकान, नल, सड़क एवं विद्युत जैसी बुनियादी व्यवस्था की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत व्यक्तियों के लिए नगरपालिका सारंगपुर द्वारा भविष्य के लिए क्या योजनाएं बनाई गई हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्ध घुमक्‍कड़ जाति के व्‍यक्तियों के जारी राशन कार्ड की सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मतदाता परिचय पत्र बनाने का कार्य अनुविभागीय अधिकारी एवं रजिस्‍ट्रीकरण अधिकारी सामान्‍य निर्वाचन कार्यालय तहसील सारंगपुर से प्राप्‍त फोटो निर्वाचक नामावली 2017 के अनुसार जारी मतदाता परिचय पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) विमुक्‍त, घुमक्‍क्‍ड़ एवं अर्द्ध घुमक्‍कड़ जाति के व्‍यक्तियों, जो वर्तमान में तारागंज में निवासरत हैं, उक्‍त क्षेत्र नगरीय निकाय में वर्ष 2014-15 में परिसीमन पश्चात् सम्मिलित हुआ है, उक्‍त क्षेत्र के निवासरत व्‍यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजनान्‍तर्गत सर्वे सूची में शामिल किया गया है। निवासरत व्‍यक्तियों के लिये नल, सड़क, विद्युत जैसी मूलभुत सुविधाओं के लिये निकाय द्वारा कार्य योजना प्रस्‍तावित है। (ग) उपरोक्‍त व्‍यक्तियों के लिये मूलभुत सुविधा नल, सड़क, विद्युत जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिये सड़क निर्माण कार्य, पाईप लाइन विस्‍तार कार्य एवं विद्युत पोल लगाने हेतु निकाय द्वारा प्राक्‍कलन आदि तैयार करवाये जा रहे हैं। परिषद एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति उपरांत कार्य कराया जाना प्रस्‍तावित है।

परिशिष्ट - ''एक''

छतरपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत निर्माण कार्य

[वन]

5. ( *क्र. 7397 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के सामान्‍य वन मण्‍डल अंतर्गत कितने वन परिक्षेत्र कार्यालय हैं? उक्‍त मण्‍डल में कितने पद विभिन्‍न श्रेणियों के स्‍वीकृत हैं एवं कितने पद भरे हुए हैं, कितने पद कितने समय से रिक्‍त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के छतरपुर वन मण्‍डल के वन परिक्षेत्र कार्यालय अन्‍तर्गत वित्‍त वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्‍न मदों में कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्‍त हुई एवं कितनी राशि व्‍यय की गई? वर्षवार स्‍वीकृत कार्य, राशि, पूर्ण व्‍यय शेष राशि सहित सम्‍पूर्ण जानकारी दी जावे?                      (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित परिक्षेत्र अंतर्गत कितनी वन समितियां हैं? इन वन समितियों में उपरोक्‍त वित्‍त वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई एवं कितनी राशि समिति द्वारा खर्च की गई एवं कितनी राशि शेष है? (घ) क्‍या शासन से प्राप्‍त राशि वन समितियों के माध्‍यम से खर्च कराई जाना चाहिए? यदि हाँ, तो नियम की प्रति दी जावे? यदि वन समिति के माध्‍यम से नहीं कराई गई है तो इस संबंध में संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 6 शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) 281 शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सहायक प्राध्‍यापकों की परिवीक्षा अवधि

[उच्च शिक्षा]

6. ( *क्र. 1788 ) श्री पन्‍नालाल शाक्‍य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा 2005 में चयनित जिन सहायक प्राध्‍यापकों ने वांछित योग्‍यता हासिल कर ली है, के उपरांत भी उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्‍त नहीं की गई है, क्‍यों?                       (ख) म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा 2011-12 में चयनित जिन सहायक प्राध्‍यापकों की परिवीक्षा अवधि 2013-14 में पूर्ण कर ली है, जिन्‍होंने वांछित योग्‍यता नियुक्ति दिनांक के पूर्व ही पूर्ण कर ली थी, के बावजूद भी आज दिनांक तक उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्‍त क्‍यों नहीं की गई, जबकि इससे शासन पर कोई वित्‍तीय भार नहीं आयेगा। ऐसी परिवीक्षा अवधि कब तक समाप्‍त की जावेगी? (ग) ऐसे सहायक प्राध्‍यापक जिनकी नियुक्ति म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा 2011-12 में की गई है और उनके द्वारा वांछित योग्‍यता नियुक्ति के पूर्व ही हासिल कर ली गई है अर्थात जिन्‍होंने परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने संबंधी समस्‍त शर्तें पूर्ण कर ली हैं, परंतु उनकी आज दिनांक तक चार वर्ष उपरांत भी परिवीक्षा अवधि समाप्ति आदेश जारी क्‍यों नहीं हुआ? ऐसे आदेश कब तक जारी किये जावेंगे?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। परिवीक्षा अवधि समाप्त किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) परिवीक्षाधीन प्रकरणों का परीक्षण किया जा रहा है। नियमानुसार वांछित योग्यता रखने वाले सहायक प्राध्यापकों की परिवीक्षा समाप्त की जावेगी। अभी समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) परीक्षण कर शीघ्र आदेश जारी किये जावेंगे, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

बाजार बैठकी शुल्‍क समाप्‍त किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

7. ( *क्र. 7526 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिक निगम कटनी द्वारा बाजार बैठकी शुल्क समाप्त करने हेतु कितने प्रस्ताव शासन को किस-किस दिनांक को   कब-कब भेजे गए हैं और क्या शासन स्तर पर इन प्रस्तावों पर कार्यवाही/निर्णय लिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत गरीब फुटपाथी व्यापारियों को राहत देने की निगम परिषद मंशानुसार निर्णय कब तक लिया जाएगा? अवधि बताएं। वर्ष 2012 से बाजार बैठकी से निगम को क्या आय हुई है? माहवार, विभागीय/ठेकेवार अलग-अलग बताएं (ग) बाजार बैठकी की विभागीय वसूली किये जाने की समयावधि में ठेके की बोली कितनी आयी थी और विभागीय वसूली में से स्टेशनरी व कर्मचारी इत्यादि व्यय घटाने के बाद शेष राशि क्या थी? क्या यह राशि ठेके की प्रस्तावित राशि से कम थी? यदि हाँ, तो क्या निगम को विभागीय वसूली से हानि हुई है? (घ) क्या बाजार बैठकी की प्राप्त ठेके की बोली की स्वीकृति अथवा अस्वीकृति एवं विभागीय वसूली करने या न करने का निर्णय लेने का अधिकार निगम परिषद को होता है एवं  निर्णय विधि विरूद्ध प्रतीत होने पर क्रियान्वयन न करने की शक्ति आयुक्त में निहित है? यदि हाँ, तो कार्यवाही लंबित होने का कारण बतायें? यदि नहीं, तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, दैनिक बाजार बैठकी की वसूली समाप्‍त किये जाने की अनुमति प्रदान करने हेतु नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा निम्‍नानुसार प्रस्‍ताव प्रेषित किये गये है :- (1) पत्र क्रमांक 696 ए/बा.शा./2014 कटनी, दिनांक 10.10.2014 (2) पत्र क्रमांक 1133 ए/2014 कटनी, दिनांक 30.01.2015 (3) पत्र क्रमांक 1128 ए/2015 कटनी, दिनांक 27.02.2015 (4) पत्र क्रमांक 117 ए/2015 कटनी, दिनांक 08.05.2015 (5) पत्र क्रमांक 640 ए/2015 कटनी, दिनांक 07.10.2015 उक्‍त प्रस्‍तावों पर विधि अनुकूल कार्यवाही प्रचलन में है।                         (ख) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में विधि अनुकूल कार्यवाही प्रचलन में है। वर्ष 2012-13 से विभागीय रूप से वसूली जा रही बाजार बैठकी की माहवार, वर्षवार वसूली की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) वर्ष 2012-13 में पाँच बार वर्ष 2013-14 में पाँच बार एवं वर्ष 2014-15 में एक बार निविदा किये जाने के बावजूद निविदायें प्राप्‍त नहीं हुई हैं। निविदा प्राप्‍त न होने की स्थिति में निगम के कर्मचारियों को अपने कार्य के साथ-साथ बाजार बैठकी वसूली का दायित्‍व सौंपा गया है। वर्षवार, विभागीय वसूली, स्‍टेशनरी व्‍यय एवं शेष राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। यह राशि ठेके की प्रस्‍तावित राशि से कम है, राशि कम होने का कारण यह है कि निगम को विभागीय रूप से वसूली कराने में हानि होती है। (घ) जी हाँ, मध्‍यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 189 '''' के तहत प्राप्‍त बोली को स्‍वीकृत अथवा अस्‍वीकृत एवं विभागीय वसूली कराने या न कराने का अधिकार निगम परिषद को प्राप्‍त है। निगम परिषद् के निर्णय विधि विरूद्ध प्रतीत होने पर मध्‍यप्रदेश नगर पालिक निगम, अधिनियम, 1956 मध्‍यप्रदेश नगरपालिका (मेयर इन काउंसिल/प्रेसिडेंट इन काउंसिल के कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्‍य) नियम 1998 के नियम 12 (3) से (6) तक के अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। दैनिक बाजार बैठकी की वसूली समाप्‍त किये जाने की अनुमति/स्‍वीकृति की कार्यवाही विधि अनुकूल प्रचलन में है।

परिशिष्ट - ''दो''

मुख्‍यमंत्री स्‍व-रोजगार एवं युवा उद्यमी योजना का क्रियान्‍वयन

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

8. ( *क्र. 4010 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 में रीवा जिले में मुख्‍यमंत्री स्‍व-रोजगार योजना एवं मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अन्‍तर्गत कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? कितने लोगों को उक्‍त योजनाओं के अन्‍तर्गत किन-किन बैंकों से ऋण वितरण किया गया? वि‍वरण सहित बताएं। (ख) प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री स्‍व-रोजगार योजना एवं मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अन्‍तर्गत कितने प्रकरण लंबित हैं? प्रकरण लंबित रहने का कारण क्‍या है? सभी लम्बित प्रकरण का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) रीवा जिले में मुख्‍यमंत्री         स्‍व-रोजगार योजना एवं मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत वर्षवार प्राप्‍त आवेदन एवं ऋण वितरण की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

वर्ष- 2014-15

क्र.

योजना का नाम

प्राप्‍त आवेदनों की संख्‍या

ऋण वितरण की संख्‍या

1

मुख्‍यमंत्री स्‍व-रोजगार योजना

2218

740

2

मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना

70

18

वर्ष- 2015-16

क्र.

योजना का नाम

प्राप्‍त आवेदनों की संख्‍या

ऋण वितरण की संख्‍या

1

मुख्‍यमंत्री स्‍व-रोजगार योजना

3054

1257

2

मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना

80

36

 

बैंकवार ऋण वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के कोई प्रकरण लंबित नहीं हैं। वर्ष 2016-17 में बैंकों में स्‍वीकृत/वितरण हेतु प्रक्रियाधीन प्रकरणों को लंबित नहीं माना जा सकता है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सिंहस्‍थ में किराए पर लिये गये शौचालय  

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( *क्र. 7598 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या कारण है कि प्र.क्र. 803, दिनांक 19.07.2016 सिंहस्‍थ में शौचालय किराये पर देने वाली फर्मों की संख्‍या 25 थी, यह प्रश्‍न क्रमांक 2922, दिनांक 28.02.2017 में 26 हो गई? इन फर्मों के T.D.S. कटौत्रे की जानकारी भी देवें। सारा प्‍लास्‍ट फर्म पहले क्‍यों नहीं बताई गई?            (ख) प्र.क्र. 1589, दिनांक 06.12.2016 में जिन फर्मों के पंजीयन निरस्‍त किए जाने की जानकारी वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा दी गई, उन्‍हें किस आधार पर सप्‍लाई दी गई? इस उत्‍तर में गजानंद कंस्‍ट्रक्‍शन उज्‍जैन का पंजीयन 01.04.2015 एवं कनिष्‍का सप्‍लायर्स उज्‍जैन का पंजीयन 01.04.2015 से निरस्‍त बताया गया? इन्‍हें सिंहस्‍थ में सप्‍लाई कैसे दे दी? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार सप्‍लाई स्‍वीकृत करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। इनकी जवाबदेही कब तक तय कर इस अनियमितता के लिए इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। यह सही है कि विधान सभा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 803 में शौचालय किराये पर देने वाली फर्मों की संख्‍या 25 तथा प्रश्‍न क्रमांक 2922 दिनांक 28.02.2017 में 26 दी गई थी, इसका कारण यह है कि सिंहस्‍थ 2016 के दौरान सम्‍पन्‍न पंचक्रोशी पड़ाव स्‍थल में मेसर्स ब्रिक एण्‍ड बॉण्‍ड एवं मेसर्स प्रीसियश इंटरप्राईजेस से कार्य कराया गया था। पंचक्रोशी पड़ाव स्‍थल मेला क्षेत्र से पृथक होने के कारण प्रश्‍न संख्‍या 803 में इन दोनो एजे‍न्सियों की जानकारी नहीं दी गई। मेला क्षेत्र एवं पंचक्रोशी क्षेत्र में शौचालय प्रदायकर्ता समस्‍त 26 फर्मों (जिनकी टी.डी.एस. कटौती की गई है) की टी.डी.एस. कटौती की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। मेसर्स प्रीसियश इंटरप्राईजेस को कोई भुगतान नहीं किया गया है इस कारण टी.डी.एस. कटौती की जानकारी में उक्‍त फर्म का नाम शामिल नहीं किया गया है। सारा प्‍लास्‍ट फर्म की जानकारी दोनो प्रश्‍नों में दी गई है। (ख) मेसर्स गजानंद कन्‍स्‍ट्रक्‍शन उज्‍जैन एवं कनिष्‍का सप्‍लायर्स उज्‍जैन के वाणिज्‍यकर विभाग पंजीयन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। पंजीयन निरस्‍त होने के संबंध में विभाग को कोई जानकारी प्राप्‍त नहीं हुई है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विकास प्राधिकरण की फ्री-होल्‍ड संपत्तियाँ

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( *क्र. 7635 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्‍जैन विकास प्राधिकरण एवं म.प्र. के अन्‍य विकास प्राधिकरणों में लीज़ होल्‍ड संपत्तियों को फ्री-होल्‍ड में परिवर्तन करने की प्रक्रिया कब से प्रारंभ की गई है तथा उज्‍जैन विकास प्राधिकरण द्वारा फरवरी 2017 तक कितनी संपत्तियों को फ्री-होल्‍ड किया गया है?                             (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार उज्‍जैन विकास प्राधिकरण द्वारा फ्री-होल्‍ड किये जाने के बाद फ्री-होल्‍ड संपत्ति धारकों द्वारा क्‍या उक्‍त फ्री-होल्‍ड संपत्तियों का विभाजन किया गया है अथवा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसी संपूर्ण संपत्तियों की सूची उपलब्‍ध करावें? (ग) उज्‍जैन विकास प्राधिकरण की फ्री-होल्‍ड की गई संपत्तियों का विभाजन करने वाले हितग्राहियों के संबंध में विभाग की क्‍या कार्य योजना है? (घ) म.प्र. के समस्‍त विकास प्राधिकरणों में लीज़ भूमि को फ्री-होल्‍ड किये जाने से रोकने संबंधी कोई आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त आदेश की प्रतिलिपि उपलब्‍ध करायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. नगरीय क्षेत्र में स्थित पट्टे की भूमियों के संबंध में राजस्‍व विभाग द्वारा अधि‍सूचना क्रमांक 2-16-2009-7-6 भोपाल दिनांक 21.09.2010 को फ्री-होल्‍ड अधिकार नियम 2010 प्रभावशील किये गये थे। प्राधिकरणों के द्वारा म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्‍पत्तियों का प्रबंधन तथा व्‍ययन नियम 2013 के अंतर्गत भूखण्‍डों के व्‍ययन की समस्‍त कार्यवाही की जाती है। प्राधिकरणों के द्वारा उनकी योजनाओं के लिये भूमि तीन प्रकार से यथा शासन से आवंटन, आपसी समझौते से निजी भूमि स्‍वामी से प्राप्‍त करना तथा                   भू-अर्जन अधिनियम के अंतर्गत भू-अर्जन से प्राप्‍त की जाती है। राजस्‍व विभाग की उक्‍त अधिसूचना राज्‍य सरकार द्वारा प्रदत्‍त शासकीय भूमि पर दिये गये पट्टों के संबंध में प्रभावशील की गई है, जबकि प्राधिकरणों के द्वारा शासकीय भूमि के अतिरिक्‍त आपसी समझौते से निजी भूमि स्‍वामी से भूमि प्राप्‍त करना तथा भू-अर्जन अधिनियम के अंतर्गत सम्‍पत्ति धारित की जाती है। राजस्‍व विभाग की उक्‍त अधिसूचना को म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्‍पत्तियों का प्रबंधन तथा व्‍ययन नियम 2013 के अंतर्गत प्रभावशील करने हेतु समस्‍त प्राधिकरणों से नीति निर्धारण चाही गई थी, जिस पर नगरीय विकास एवं आवास द्वारा विचार कर परीक्षणोपरान्‍त कार्यवाही प्रचलित है, उज्‍जैन विकास प्राधिकरण द्वारा 284 आवेदनों का निराकरण किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश () के परिप्रेक्ष्‍य में पट्टे की भूमियों के संबंध में फ्री-होल्‍ड अधिकार के प्रावधान ''म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्‍पत्तियों का प्रबंधन तथा व्‍ययन नियम 2013'' में न होने तथा सम्‍पत्ति धारकों द्वारा विभाजन संबंधी जानकारी प्रदाय न करने के कारण प्रश्‍नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के नियम 22 में भूखण्‍डों के विभाजन के स्‍पष्‍ट प्रावधान विहित हैं।                  (घ) उत्‍तरांश () अनुसार।

शासकीय महाविद्यालयों में पदों की पूर्ति

[उच्च शिक्षा]

11. ( *क्र. 2800 ) श्री अरूण भीमावद : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधान सभा क्षेत्र में संचालित शासकीय महाविद्यालय में वर्तमान शिक्षा सत्र में स्‍नातक एवं स्‍नातकोत्‍तर कक्षाओं में कौन-कौन सी संकायों में कितने-कितने छात्र/छात्राएं अध्‍ययनरत हैं? महाविद्यालयवार, कक्षावार, संकायवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) विधान सभा क्षेत्र शाजापुर में संचालित शास. कन्‍या महाविद्यालय शाजापुर, शास. महाविद्यालय मक्‍सी एवं शास. महाविद्यालय मो. बड़ोदिया में संकायवार प्राध्‍यापकों/फैकल्‍टी एवं अन्‍य प्रकार के           कितने-कितने पद स्‍वीकृत हैं? कितने पद भरे एवं कितने रिक्‍त हैं? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में स्‍वीकृत प्राध्‍यापकों एवं अन्‍य प्रकार के पदों की पूर्ति होगी? यदि हाँ, तो कब तक?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विषयवार सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग से विज्ञापन दिनांक 19 फरवरी 2016 को जारी किया जा चुका है। चयनित प्रत्याशियों की सूची प्राप्त होने पर प्राथमिकता के आधार पर रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''तीन''

पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन निर्माण में अनियमितता  

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

12. ( *क्र. 6454 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन का निर्माण, निर्माण एजेन्‍सी लघु उद्योग निगम द्वारा पूर्ण करने के उपरांत भवन का आधिपत्‍य संबंधित विभाग अथवा कॉलेज प्रबंधन को देते समय निर्माण व अन्‍य कार्यों में जो खामियां रह गयीं थीं, उन्‍हें दुरूस्‍त कराने हेतु कॉलेज प्राचार्य द्वारा अपने पत्र क्रमांक स्‍था./340, दिनांक 01.07.2016 को महाप्रबंधक (सा./नि.) लघु उद्योग निगम ग्‍वालियर को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो महाप्रबंधक द्वारा पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई? पत्र की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या निर्माण एजेन्‍सी द्वारा पत्र में उल्‍लेखित खामियां दुरूस्‍त कर दी गई हैं? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) क्‍या उक्‍त पत्र में उल्‍लेखित समस्‍त निर्माण व अन्‍य कार्य निर्माण एजेन्‍सी द्वारा प्राक्‍कलन को अनदेखा कर बहुत ही गुणवत्‍ताहीन कार्य कराये गये, इस कारण कॉलेज स्‍टॉफ व छात्रों को कई प्रकार की समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्‍या शासन गुणवत्‍ताहीन कार्यों की जाँच कराएगा व दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा भवन निर्माण व अन्‍य कार्यों में जो खामियां रह गई हैं, उन्‍हें यथाशीघ्र दुरूस्‍त कराएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। कॉलेज प्रबंधन को आधिपत्य देते समय कॉलेज प्रबंधन द्वारा किसी भी प्रकार की कमियों के बारे में नहीं बताया गया था और साथ ही उक्त भवन माह जुलाई 2014 से उपयोग में लिया जाने लगा। भवन को पूर्ण हुये 3 वर्ष पश्चात् प्राचार्य पॉलिटेक्निक कॉलेज श्योपुर द्वारा पत्र क्रमांक स्था/2016/340 श्योपुर दिनांक 01.07.2016 के माध्यम से उक्त भवन में कमियों के संबंध में लेख किया गया। (ख) से              (घ) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

एल.ई.डी. बल्‍ब और फायवर यूरीनल खरीदी में किये गये भ्रष्‍टाचार की जाँच  

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( *क्र. 5960 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले की नगर परिषद बिछुआ के अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी के द्वारा जो माह मार्च 2016 में एल.ई.डी. बल्‍ब और फायवर युरीनल खरीदे गये हैं? क्‍या इनकी खरीदी हेतु ऑनलाइन टेन्‍डर प्रक्रिया अपनाई गई है? अगर हाँ तो किन-किन संस्‍थाओं के टेन्‍डर प्राप्‍त हुए हैं और अगर टेन्‍डर प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है तो उसका क्‍या कारण है? (ख) क्‍या नगर परिषद बिछुआ के अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी के द्वारा जो एल.ई.डी. बल्‍ब और फायवर यु‍रीनल खरीदे गये हैं, उन एल.ई.डी. बल्‍ब और फायवर युरीनल की कीमत बाजार में कम है और नगरपालिका अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी द्वारा उसी एल.ई.डी. बल्‍ब और फायवर युरीनल को बाजार मूल्‍य से भी अधिक मूल्‍य पर खरीदा गया है, जो सामग्री भंडार एवं क्रय नियमों के विपरीत नहीं है? (ग) नगर परिषद बिछुआ के अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी के द्वारा एल.ई.डी. बल्‍ब और फायवर युरीनल को बाजार मूल्‍य से अधिक मूल्‍य पर खरीदा गया और खरीदी प्रक्रिया में काफी अनियमितता बरतते हुए भ्रष्‍टाचार किया गया है तो क्‍या इस खरीदी प्रक्रिया में हुए भ्रष्‍टाचार की उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जायेगी? अगर हाँ तो विभाग द्वारा इसकी उच्‍च स्‍तरीय जाँच कब तक करा दी जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2016 में सामग्री क्रय नहीं की गई है। जी नहीं। नगर परिषद बिछुआ द्वारा निविदा दिनांक 15.02.2015 को जारी की गई थी, जबकि निविदा आमंत्रण उपरांत शासन आदेश क्रमांक एफ 6-18/2010/18-3/7143 दिनांक 15.07.2015 को जारी किया गया था, अत: आनलाइन टेण्‍डर आमंत्रण करने का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रकरण में जाँच करवाए जाने के आदेश दिए गए हैं। तीन माह में जाँच पूर्ण करवाई जा सकेगी।

पहुँच मार्गों का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

14. ( *क्र. 6822 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर की पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री सड़क योजना/प्रधानमंत्री सड़क योजना मापदण्‍डों के अंतर्गत कितने ग्रामों को पहुंच मार्गों के निर्माण कार्य कर मुख्‍य सड़कों से जोड़ा जाना शेष है, जिला स्‍तरीय अधिकारियों/कर्मचारियों से सर्वे करा कर प्रश्‍न दिनांक तक पहुंच मार्गवार जानकारी उपलब्‍ध करायें? उक्‍त योजनाओं के मापदण्‍डों के अन्‍तर्गत कितने छूटे हुये एवं कितने ग्रामों को डबल कनेक्टिविटी कर जोड़ा जाना आवश्‍यक है और कितने ग्रामों को मुख्‍य मार्गों से जोड़ा जाना आवश्‍यक है? (ख) पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत ग्रामों को मुख्‍य मार्ग से जोड़ने के लिये मुख्‍यमंत्री/प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पहुंच मार्ग निर्माण कार्यों के लिये विभाग के समक्ष कितने-कितने प्रस्‍ताव जिला स्‍तर से शासन के निर्देश पर स्‍वीकृति हेतु पिछले वित्‍तीय वर्ष में प्राप्‍त हुये और उस पर प्रश्‍न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति क्‍या है?                 (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दर्शित प्रस्‍तावों में कौन-कौन से पहुंच मार्गों की स्‍वीकृति जारी की गई और उनके निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे। शेष की स्‍वीकृति आदेश कब तक जारी कर इसी वित्‍तीय बजट में निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कोई ग्राम जोड़ा जाना शेष नहीं है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्‍डानुसार 02 राजस्‍व ग्राम गढ़ीदादर एवं सल्‍हरो को मुख्‍य मार्ग से जोड़ा जाना शेष है। ग्रामों को डबल कनेक्टिविटी देने का प्रावधान न होने से शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं। (ख) एवं (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में (1) पठैती से सल्‍हरो एवं (2) पठैती से गढ़ीदादर सड़क के निर्माण की स्‍वीकृति दी गई है। पठैती से सल्‍हरो सड़क कार्य निर्माणाधीन होकर वर्ष 2017-18 में पूर्ण करने का लक्ष्‍य है। पठैती से गढ़ीदादर सड़क वन क्षेत्र में होने के कारण कार्य अप्रारंभ है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

15. ( *क्र. 5931 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) म.प्र. के कितने जिलों में जिला योजना समिति कार्यरत है? जिलों के नाम बतावें। (ख) जिला योजना समिति में किन-किन को समिति का सदस्य माना जाता है? (ग) म.प्र. जिला योजना अधिनियम 1995 की धारा 4 (3) के तहत अनुसूची में यथा विनिर्दिष्ट समिति में किन सदस्यों को संख्या में गिना जाता है, पदों के नाम बतावें तथा अशासकीय सदस्यों हेतु गिनती में लिए गए मंदसौर जिला योजना समिति के सदस्यों के नाम व संख्या बतावें? (घ) म.प्र. के कितने जिलों में जिला योजना समिति में अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति की गई है एवं कितने-कितने बनाए गए हैं? वर्तमान नियुक्ति की समय-सीमा बतावें। मंदसौर जिले में दो अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति किस आधार पर की गई है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश के 51 जिलों में जिला योजना समिति कार्यरत है। जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जिला योजना समिति अधिनियम 1995 की समितियों की संरचना के संबंध में अधिनियम की धारा 4 उप धारा (1), (2), (3), (4)  एवं (6) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार जिला योजना समिति के सदस्यों का निर्धारण किया जाता है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जिला योजना समिति अधिनियम 1995 की धारा-4 (3) के तहत जिला योजना समिति में निम्नानुसार सदस्यों को संख्या में गिना जाता है :- 1. म.प्र. राज्य का एक मंत्री, जिसे राज्य सरकार द्वारा नाम निर्देशित किया जायेगा, जो समिति का अध्यक्ष (चेयर पर्सन होगा) 2. जिले का कलेक्टर, जो सदस्य सचिव होगा। 3. जहां पर अनुसूची में यथा विनिर्दिष्ट समिति के सदस्य की संख्या - (एक), पन्द्रह है तो एक सदस्य, या (दो) 20 है तो दो सदस्य, जो राज्य सरकार द्वारा निर्देशित किये जावेंगे। मंदसौर जिला योजना समिति के सदस्यों के नाम :- (1) जिला पंचायत, (ग्रामीण क्षेत्र) से 1. श्रीमती शारदा पति डॉ. मुकेश मालवीय, 2. श्री गुणवंत पिता घनश्याम पाटीदार 3. श्री अंशुल पिता राधेश्याम बैरागी, 4. श्री वसंत कुमार रणछोड़ लाल शर्मा, 5. श्रीमती भावना पति अतुल शर्मा, 6. श्री पूनम चंद्र पिता नंदा जी गमितिया, 7. श्री जितेन्द्र सिंह राजेन्द्र सिंह चौहान, 8. श्री रमेशचन्द्र पिता रामलाल गुर्जर,                     9. श्री निहालचन्द्र कानाजी मालवीय, 10. श्रीमती रंजना पति चन्द्रप्रकाश पण्डा, 11. श्रीमती श्यामूबाई पति गोकुल सिंह, 12. श्री अमरलाल पन्नालाल मीणा, 13. श्रीमती सीमा पिता राकेश यादव। (2) नगर परिषद (नगरीय क्षेत्र) से 1. श्री अजय कुमार पिता श्री विजय तिवारी (3) नगरपालिका, मंदसौर से              1. श्री निरान्त बग्गा, 2. श्री यशवंत भावसार। समिति के शेष सदस्य :- (क) मध्यप्रदेश राज्य का एक मंत्री (प्रभारी मंत्री) (ख) जिला पंचायत का अध्यक्ष। (ग) जिले का कलेक्टर। (घ) मध्यप्रदेश के 51 जिलों में से 20 जिलों की जिला योजना समिति में अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शासन के आदेश दिनांक 28.1.2017 के अनुसार निम्न 2 अशासकीय सदस्यों को नियुक्त किया गया है :- 1. श्री देवीलाल धाकड़ 2. श्री राधेश्याम पाटीदार।

स्‍टेनो के विरूद्ध कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

16. ( *क्र. 7536 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अता. प्रश्‍न संख्‍या 141 (क्रमांक 2287), दिनांक 28 फरवरी 2017 के '''' उत्‍तर में कार्यालय कलेक्‍टर एवं जिला दण्‍डाधिकारी, सिवनी के आदेश क्रमांक 2686, दिनांक 16 अप्रैल, 2013 के अनुसार श्री सुभाष साहू, स्‍टेनो, जिला पंचायत सिवनी के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायत की जाँच उपरांत दोषी पाये जाने के बाद भी विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से स्‍टेनो श्री साहू के विरूद्ध कोई कार्यवाही न की जाकर मामला विधानसभा में आने पर मात्र खानापूर्ति करते हुये मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी द्वारा दिनांक 16.02.2017 को श्री सुभाष साहू, स्‍टेनो को कारण बताओ पत्र जारी कर जबाब मांगा गया? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन दिनांक 24.01.2013 से दिनांक 16.02.2017 के मध्‍य दोषी कर्मचारी के विरूद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? (ख) मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी द्वारा दिनांक 16.02.2017 को श्री सुभाष साहू स्‍टेनो को जारी नोटिस की छायाप्रति उपलब्‍ध कराते हुये बतावें कि कर्मचारी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या जबाब प्रस्‍तुत किया गया? (ग) जाँच प्रतिवेदन दिनांक 24.01.2013 से दिनांक 16.02.2017 तक उक्‍त प्रकरण की नस्‍ती किस अधिकारी/कर्मचारी की अभिरक्षा में थी और उक्‍त अवधि के बीच प्रकरण में कोई कार्यवाही न होने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो, क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत शिकायत में उल्लेखित बिन्दुओं में श्री सुभाष साहू स्टेनो की संलिप्तता नहीं पाई गई। इसलिये शेष कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्टेनो को जारी नोटिस की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। स्टेनो द्वारा प्रस्तुत जबाव पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) दिनांक 24.01.2013 से 16.02.2017 तक की अवधि में नस्ती कार्यालय कलेक्टर की शिकायत शाखा में थी। प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

 

बंडा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत शौचालय का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

17. ( *क्र. 1431 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायतों द्वारा खुले में शौच से मुक्त किए जाने हेतु शौचालय निर्माण का कार्य किया गया है? किन्तु जिन परिवारों का नाम बेसलाइन सर्वे सूची में दर्ज नहीं है एवं शौचालय निर्माण कर लिया गया है तथा उनका भुगतान शेष है, उनकी ग्राम पंचायतवार जानकारी दी जाए तथा ऐसे परिवारों का शेष भुगतान कब तक किया जाएगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जी हाँ। जिन पात्र परिवारों ने शौचालय निर्माण कराए हैं, उन्‍हें प्रोत्‍साहन राशि का भुगतान किया गया है। कोई भुगतान शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है।  

शिवपुरी में निर्मल भारत स्‍वच्‍छ अभियान अंतर्गत निर्मित शौचालय

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

18. ( *क्र. 7349 ) एडवोकेट सत्‍यप्रकाश सखवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में आने वाली पंचायतों में वर्ष 2011 से 2014 तक निर्मल भारत एवं मर्यादा अभियान के तहत किस-किस ग्राम पंचायत में कितने-कितने शौचालय कितने हितग्राहियों के नाम से बनाये गये? (ख) क्‍या अधिकांश शौचालय बनाये ही नहीं गये और ग्राम पंचायतों से राशि निकाल कर सरपंच एवं कर्मचारियों ने हड़प ली, हितग्राही का झूठा नाम दे दिया? (ग) क्‍या शौचालय की राशि पहले ग्राम पंचायतों के खातों में आती थी, जिससे सरपंच एवं कर्मचारियों ने काफी भ्रष्‍टाचार किया? इसकी काफी शिकायतें कलेक्‍टर शिवपुरी को भी की गयीं? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के संदर्भ में इन सबकी जाँच विधानसभा स्‍तर से या लोकायुक्‍त द्वारा करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तथा नहीं तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है(ख) अनियमितता की शिकायतों पर कार्यवाही की गई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ, जून 2016 तक स्‍वच्‍छ भारत अभियान के अंतर्गत शौचालय निर्माण की प्रोत्‍साहन राशि का भुगतान ग्राम पंचायतों द्वारा शौचालय निर्माण कराकर किया जाता था। जिला शिवपुरी में प्राप्‍त शिकायतें और उनके निराकरण की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) अनियमितता की शिकायतों पर कार्यवाही की जाने से जाँच की आवश्‍यकता नहीं है।

नगर परिषद भाण्डेर द्वारा नियम विरूद्ध भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( *क्र. 5009 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 345 के लेखा नियम 131 के अनुसार परिषद द्वारा किसी भी कार्य जिसका व्यय 5 लाख रूपये से अधिक हो, क्रय करने से पहले कलेक्टर से प्रशासनिक स्वीकृति लेना आवश्यक है? (ख) क्या भाण्डेर नगर परिषद ने बिना कलेक्टर की प्रशासकीय स्वीकृति के जल प्रदाय पाईप लाइन सामग्री पर 18 लाख रूपये, हैंडपंप सामग्री पर 7 लाख रूपये, मोटरपंप स्टार्टर केबिल पर 10 लाख रूपये एवं टिपर वाहन क्रय पर 30 लाख रूपये खर्च कर दिये हैं? (ग) क्या इसकी जाँच नगरीय विकास अभिकरण दतिया द्वारा की जा रही है और वहां के अधिकारी/शाखा प्रभारी को नगर परिषद भाण्डेर के पदाधिकारी द्वारा जाँच  प्रभावित करने हेतु दबाव बनाया गया है? क्या इस फर्जीवाड़े में दिखाई गई सामग्री का भौतिक सत्यापन कराया गया? (घ) नगर परिषद भाण्डेर द्वारा किये गये फर्जीवाड़े/वित्तीय अनियमितता और जाँच  प्रभावित करने के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है। कब तक प्रश्न (ख) की सामग्री का भौतिक सत्यापन करा लिया जावेगा और बिना प्रशासकीय स्वीकृति के क्रय की गई सामग्री के भुगतान के लिए दोषि‍यों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) एवं            (घ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में उठाये गये बिन्‍दुओं की जाँच कलेक्‍टर दतिया से कराने के निर्देश दिये गये हैं। जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

भगवानपुरा/सेगांव में महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना

[उच्च शिक्षा]

20. ( *क्र. 1838 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 3 साल में स्वीकृत शासकीय महाविद्यालयों की सूची स्थानवार, दिनांक, शिक्षण सत्र प्रारंभ सहित सूची देवें। इन नवीन कॉलेजो में प्रथम तीन वर्षों में प्रवेशित छात्र/छात्राओं की संख्या की वर्षवार सूची देवें। (ख) उक्त नवीन कॉलेजों की सबसे नजदीकी शासकीय कॉलेजों से दूरी बताएं? (ग) विगत 5 वर्ष में भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में भगवानुपरा, सेगांव, बिस्टान में शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ करने संबंधी किन-किन जनप्रतिनिधियों के पत्र/ज्ञापन विभाग को प्राप्त हुए हैं? नाम, पद सहित सूची देवें। इन पत्रों के जवाब या कार्यवाही की जानकारी देवें।                      (घ) उपरोक्त बिंदुओं में उल्लेखित नवीन कॉलेजों और भगवानपुरा/सेगांव में कॉलेज खोले जाने की परिस्थितियों में कितनी नीतिगत समानता है तथा कितनी असमानताएं हैं? स्थानवार बतायें।  

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) नवीन महाविद्यालय प्रारम्भ करना, वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत कर एक नीतिगत निर्णय होता है। इसी आधार पर पिछले तीन वर्षों में प्रारम्भ किये गए महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

जावरा में सड़क निर्माण की जाँच

[वन]

21. ( *क्र. 3009 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) प्रश्‍नकर्ता के परि.अता.संख्‍या 6 (क्र. 56), दिनांक 11.12.2014 एवं अता.प्रश्न संख्या 1 (क्र. 81) दिनांक 11.07.2013 के संदर्भ में नगरपालिका जावरा जिला रतलाम में रेल्वे फाटक से गांधी चौराहा होटलवादी तक एकांकी सड़क निमार्ण योजना की शिकायत की जाँच की प्रगति बताते हुए बताएं कि क्या जाँच पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो कौन दोषी पाए गये व उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्न संख्या 1 (81) दिनांक 11.07.2013 के उत्तर में बताया गया कि  विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड व लोक निर्माण विभाग से एन.ओ.सी. प्राप्त नहीं होने से कार्य प्रारंभ नहीं हो सका तो बतावें कि क्‍या बिना औपचारिकताएं पूर्ण किये योजना की राशि व्यय कर देना आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में नहीं आता? यदि आता है तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ई.ओ.डबल्‍यू. म.प्र. द्वारा भी उक्त शिकायत क्रमांक 57/13 दिनांक 03.05.2013 को पंजीबद्ध कर सत्यापन में ली गई व पुलिस अधीक्षक प्रकोष्ठ इकाई को पत्र क्रमांक/अप/शि.क्र.57-2013/इंदौर/4/(13) 719 दिनांक 10.05.2013 को जाँच हेतु लिखा गया था? क्या जाँच हो गई? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो देरी के कारणों को स्पष्ट करते हुए जाँच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नगरीय निकायों में शाला शुल्‍क उपकर शुल्‍क का उपयोग

[नगरीय विकास एवं आवास]

22. ( *क्र. 4024 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के नगरीय निकायों में वसूले जा रहे शाला उपकर शुल्‍क एवं इस राशि का उपयोग किन कार्यों में किये जाने के प्रावधान हैं? (ख) खण्‍डवा जिलान्‍तर्गत विगत पाँच वर्षों में निकायों को कितना शाला उपकर शुल्‍क प्राप्‍त हुआ है? कृपया वर्षवार आय बताएं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार विगत पाँच वर्षों में शाला उपकर शुल्‍क मद में जमा राशि से निकाय द्वारा किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? वर्षवार बतायें। (घ) शाला उपकर शुल्‍क का उपयोग अन्‍य मद में किया जाना क्‍या नियम संगत है? यदि नहीं, तो क्‍या भविष्‍य में इस शुल्‍क का उपयोग स्‍थानीय शालाओं की मरम्‍मत, अतिरिक्‍त कक्ष निर्माण, खेल मैदान, शौचालय निर्माण्‍ा इत्‍यादि शाला विकास मद में किया जाएगा? (ड.) यदि हाँ, तो क्‍या शासन प्रदेश की नगरीय निकायों को इसके कड़े निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रदेश के नगरीय निकायों में वसूले जा रहे शाला उपकर शुल्‍क एवं इस राशि का उपयोग किये जाने का प्रावधान, मध्‍य प्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक एफ 6-6/2016/18-3 भोपाल, दिनांक 26.07.2016 में किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                   (ख) खण्‍डवा जिले के नगरीय निकायों में वसूले जा रहे शाला उपकर एवं वर्षवार व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं, व्‍यय किये जाने के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार शासन द्वारा पूर्व में ही निर्देश जारी किये गये हैं।

नगर परिषद राजगढ़ में 'पालिका निधि' शापिंग कॉम्‍प्‍लेक्‍स का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

23. ( *क्र. 3379 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विषयांकित स्‍थल पर ''पालिका निधि'' शॉपिंग कॉम्‍प्‍लेक्‍स के निर्माण हेतु कितनी दुकानों के निर्माण की अनुमति मिली है? इसके विरूद्ध कितनी दुकानों का निर्माण किया गया? क्‍या अनुमति के अतिरिक्‍त भी निर्माण कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? (ख) पूर्व की नीलामी में शेष रही 21 दुकानों ''जिनकी दिसम्‍बर 2016 में पुन: विज्ञप्ति निकाली गई'', को किन-किन व्‍यक्तियों, संस्‍थाओं को किराए पर किन नियमों के तहत दिया गया है? इनसे निर्माणाधीन अवधि से आज तक कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है? पृथक-पृथक बताएं                     (ग) यदि इन 21 दुकानों से राजस्‍व प्राप्‍त नहीं हुआ तो क्‍या इसके लिए जिम्‍मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पालिका निधि शॉपिंग कॉम्‍प्‍लेक्‍स में भूतल पर 28, प्रथम तल पर 32 एवं द्वितीय तल पर कार्यालय भवन निर्माण की तकनीकी स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई थी, अनुमति के अतिरिक्‍त निर्माण नहीं किया गया है। (ख) दिनांक 16.12.2016 को शॉपिंग कॉम्‍प्‍लेक्‍स की शेष 21 दुकानों की आवंटन की कार्यवाही अचल संपत्ति अंतरण नियम 2016 अनुसार की गई, जिसमें 21 दुकानों में से 09 दुकानों के भाव-पत्र प्राप्‍त नहीं हुए एवं 01 दुकान का शासकीय मूल्‍य से कम का भाव-पत्र प्राप्‍त हुआ। आवंटन की प्रक्रिया में 11 दुकानों के भाव-पत्र प्राप्‍त हुए जिसमें उच्‍चतम भाव-पत्रों परिषद संकल्‍प क्रमांक 153 दिनांक 23.12.2016 अनुसार स्‍वीकृति हेतु संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, इन्‍दौर को निकाय के पत्र क्रमांक/83/न.पं./2017, दिनांक 27.01.2017 के माध्‍यम से स्‍वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। स्‍वीकृति उपरांत दुकान आवंटन की कार्यवाही की जाएगी। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) शेष 21 दुकानें नगर परिषद के अधिपत्‍य में है, उक्‍त दुकानों की नीलामी 03 बार की जा चुकी है। वर्तमान में की गई दुकान आवंटन की कार्यवा‍ही में 21 में से 11 दुकानों के भाव-पत्र प्राप्‍त हुए हैं। शेष रहीं 10 दुकानों के आवंटन की कार्यवाही की जाएगी, किन्‍तु उक्‍त दुकानें अंदर की ओर होने से इनके भाव-पत्र प्राप्‍त नहीं हो पा रहे हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जनपद पंचायतों द्वारा सामग्री क्रय

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

24. ( *क्र. 3655 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत धरमपुरी एवं नालछा के द्वारा विगत 03 वर्ष में कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में क्रय की गई है? समस्‍त क्रय सामग्री की जानकारी देवें (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उक्त क्रय की गई सामग्री टेन्डर बुलाकर खरीदी अथवा बाजार दर पर? समस्त क्रय सामग्री की जानकारी देवें। यदि टेन्डर बुलाये गये थे तो उसके तुलनात्मक पत्रक की प्रति भी उपलब्ध करावें? यदि बाजार दर पर खरीदी की गई है, तो वरिष्ठ कार्यालय से कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में खरीदी की अनुमति ली गई है? (ग) क्या समस्त क्रय सामग्री में भण्डार क्रय नियमों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जवाबदार हैं तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) धार जिले की धरमपुरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार एवं जनपद पंचायत नालछा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जनपद पंचायत धरमपुरी में क्रय की गई सामग्री म.प्र. पंचायत (सामग्री तथा माल का क्रय) नियम, 1999 के अंतर्गत कंडिका 12 के तहत क्रय की गई है, जिसके लिये प्रश्नांकित प्रक्रिया अपनाई जाने की आवश्यकता नहीं थी। जनपद पंचायत नालछा ने कोटेशन के आधार पर सामग्री क्रय की है। इसका तुलनात्मक पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। इनके द्वारा 15,000/- रु. से अधिक लागत की सामग्री क्रय हेतु विभागीय नियमों के अनुसार सक्षम अधिकारी से सहमति प्राप्त नहीं की गयी है। (ग) प्रश्नांकित जनपद पंचायत धरमपुरी म.प्र. पंचायत (सामग्री तथा माल का क्रय) नियम, 1999 के अंतर्गत सामग्री एवं माल क्रय हेतु नियमों में 1999 के तहत कार्यवाही की है। इसलिये प्रश्नांकित कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जनपद पंचायत नालछा ने सक्षम अधिकारी से सहमति के बिना सामग्री क्रय की जो कि भंडार नियम के विरुद्ध है। इसलिये तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं वर्तमान में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा सहायक लेखाधिकारी को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुये कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। 

ग्रामीण सड़कों के प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

25. ( *क्र. 4945 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. ग्रामीण विकास प्राधिकरण को रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र की 13 सड़कों को स्‍टेट कनेक्टिविटि मद से स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं? यदि हाँ, तो कब? उक्‍त कार्य की प्रगति का पूर्ण ब्‍यौरा दें। (ख) क्‍या उक्‍त संबंध में माननीय केन्द्रीय सामाजिक न्‍याय व अधिकारिता मंत्री जी ने भी सड़कों की स्‍वीकृति करने हेतु पत्र दिया था? यदि हाँ, तो उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही की? (ग) प्रश्नांश (क) सड़कों की आवश्‍यक स्‍वीकृतियाँ कब तक होंगी? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जी हाँ। दिनांक 28.07.2016 को। प्रश्नाधीन ग्राम न्यूनतम एक सड़क से जुड़े होने के कारण स्वीकृति के लिये प्राथमिकता क्रम में नहीं पाये गये हैं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।

 

 



भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में

परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


जनपद स्‍तरों पर पी.एफ.टी. सेन्‍टरों का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

1. ( क्र. 286 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जनपद स्‍तर पर पी.एफ.टी. सेन्‍टरों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो जनपद संख्‍या बतावें? (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश के छिन्‍दवाड़ा में सातों विधानसभा क्षेत्रों में जनपद पंचायतों में पी.एफ.टी. से कार्य प्रारंभ हो गये हैं तथा कब तक सभी जनपदों में पी.एफ.टी. के माध्‍यम से कार्य प्रारम्‍भ हो जावेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) जिलान्‍तर्गत पी.एफ.टी. में किन-किन कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है? उनके पद, नाम, क्‍या-क्‍या है? क्‍या उसी क्रम में पी.एफ.टी. में उनकी पदस्‍थापना की गई है? सूची उपलब्‍ध करावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। आजीविका मिशन के तहत 60 विकासखण्ड में संकुल स्तर पर परियोजना सहजकर्ता दल (पी.एफ.टी.) बनाए गए है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2017-18 में गठन करना लक्षित है। (ग) उत्तरांश '' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

प्रधानमंत्री सड़क योजना की सड़कों का रख-रखाव

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

2. ( क्र. 337 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधान सभा में विगत ५ वर्षों में कितनी सड़कें प्रधान मंत्री सड़क योजना में बनी हैं, उसकी सूची देवें। (ख) विधान सभा क्षेत्र में विगत ५ वर्षों में ऐसे कितनी सड़कें है जो गारंटी अवधि के पूर्व ही खराब हो गई, उसकी सूची देवें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत ५ वर्षों में गारंटी अवधि में खराब होने वाली सड़कों के बारे में कितने पत्र लिखे गए एवं प्राप्त पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, विवरण देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 37 सड़कें। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में गारंटी अवधि में सड़कें मापदंड अनुरूप संधारित कराई गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) 11 पत्र। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''एक''

गोविन्‍दपुरा क्षेत्र के नालों का चैनलाइजेशन

[नगरीय विकास एवं आवास]

3. ( क्र. 444 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में गोविन्‍दपुरा विधान सभा क्षेत्र के किन-किन वार्डों की किन-किन कॉलोनियों के नालों के चैनलाइजेशन की योजना तैयार की गई है? (ख) नगर पालिक निगम द्वारा वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में गोविन्‍दपुरा विधान सभा क्षेत्र के किन-किन नालों के चैनलाइजेशन योजना की स्‍वीकृति प्रदान की गई है? (ग) नगर पालिक निगम द्वारा गोविन्‍दपुरा विधान सभा क्षेत्र के किन-किन नालों के चैनलाइजेशन का कार्य प्रारंभ किया गया है? दिनांक सहित बताया जाए?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में गोविन्‍दपुरा विधानसभा क्षेत्र के वार्डों के अंतर्गत आने वाली कॉलोनियों के नालों के चैनेलाईजेशन की कोई योजना तैयार नहीं की गई है। (ख) एवं                   (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''दो''

गोविन्‍दपुरा क्षेत्र में महाविद्यालय की स्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

4. ( क्र. 445 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या गोविन्‍दपुरा विधान सभा क्षेत्र में महाविद्यालय निर्माण की योजना बनाई गई है?            (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभागीय मंत्री को लिखे पत्र क्रमांक 374 दिनांक 20.12.2016 पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) महाविद्यालय के निर्माण की योजना कब प्रारंभ की जायेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) सीमित वित्‍तीय संसाधनों को दृष्टिगत कर नवीन महाविद्यालय निर्माण से संबंधित सभी पहलुओं का परीक्षण किया जा रहा है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उज्जैन में आवासीय टाउनशिप निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

5. ( क्र. 481 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिला अंतर्गत उज्जैन (शहरी) क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 03 वर्षों में कितनी आवासीय/टाउनशिप को टी.एन.सी.पी. विभाग द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उज्जैन शहरी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्रों में टाउनशिप/कॉलोनियों में नियमानुसार ही निर्माण कार्य किये गए है? कितनी टाउनशिप/कॉलोनियों में छोड़े गये ई.डब्ल्यू.एस. फ्लेटों को आवंटन की विज्ञप्ति बिल्डरों द्वारा पिछले 03 वर्षों में जारी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उज्जैन शहरी/ग्रामीण क्षेत्रो में निर्मित टाउनशिप/कॉलोनियों में कहाँ-कहाँ पर ई.डब्ल्यू.एस. गरीब मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिये फ्लेट आरक्षण नीति अंतर्गत छोड़े गये एवं उनमें से कितने फ्लेट विज्ञप्तियों द्वारा ई.डब्ल्यू.एस. नीति में आवंटित किये गये? कितने फ्लेट ई.डब्ल्यू.एस. वर्ग के टाउनशिप/मल्टि‍‍यों में शेष है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी टाउनशिपों/कोलोनियों में ई.डब्ल्यू.एस. फ्लेट प्रक्रिया का पालन कर पूर्ण किये गये व इन टाउनशिपो/कॉलोनियों में किन-किन अधिकारि‍यों/विभाग द्वारा कार्यपूर्णता का प्रमाण पत्र दिया गया व कितनी टाउनशिपों/कॉलोनियों में कितने प्रतिशत फ्लेट/भूखण्ड का कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र देना शेष है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार(ख) जी हाँ। उज्‍जैन शहरी क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी एकत्रित की जा रही है।                (ग) एवं (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार

पश्चिम क्षेत्र जबलपुर स्थित नगर निगम की शालाओं में निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 574 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 547, दिनांक 11 दिसम्‍बर, 2014 को जानकारी दी गई थी कि पश्चिम क्षेत्र जबलपुर अंतर्गत नगर निगम की शालाओं में बाउन्‍ड्रीवॉल मरम्‍मत कार्य कम्‍प्‍यूटर बिजली एवं छात्रों के बैठने हेतु अतिरिक्‍त कक्षों का निर्माण आगामी वर्ष में किया जाना प्रस्‍तावित है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शासन द्वारा वर्णित (क) के क्षेत्र की शालाओं हेतु राशिवार, आवंटनवार शालाओं के वर्णित (क) के कार्य करवाये जा चुके हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? शासन द्वारा नगर निगम जबलपुर को कितना आवंटन प्राप्‍त हुआ? शालावार जानकारी देवें? (ग) कब तक वर्णित (क) के क्षेत्र की शालाओं के विकास कार्य पूर्ण कर दिये जावेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शाला भवनों के कार्य की प्रथम एवं द्वितीय निविदा में किसी भी निविदाकार के द्वारा भाग नहीं लिये जाने के कारण कार्य नहीं कराये जा सके हैं। निर्माण कार्यों की तृतीय निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। शालाओं के कार्य हेतु राज्य शासन से कोई राशि आवंटित नहीं हुई है एवं कार्य नगर निगम की राशि से संपादित किया जाना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निविदा उपरांत कार्य प्रारंभ करवाए जाकर वित्त वर्ष 2017-18 में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।

विधायक निधि के निर्माण कार्यों की राशि के भुगतान का सरलीकरण

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

7. ( क्र. 575 ) श्री तरूण भनोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के समस्‍त मान.विधायकगणों की अनुशंसा अनुसार विधायक निधि के निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की जाती है जिसमें निर्माण एजेंसी आर.ई.एस., पी.डब्‍ल्‍यू.डी., पी.एच.ई. आदि विभागों को बनाया जाता है? (ख) यदि वर्णित (क) हाँ, तो क्‍या वर्तमान में स्‍वीकृत कार्यों की शासन की नवीन प्रक्रिया अनुसार बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. (बजट कन्‍ट्रोल ऑफीसर) द्वारा राशि प्रदान की जा रही है जिससे प्रक्रिया अधिक लम्‍बी होने के कारण निर्माण एजेंसियों को राशि प्राप्‍त होने में काफी समय लगता है व भुगतान नहीं होता? (ग) यदि वर्णित (क) एवं (ख) हां, तो शासन की बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. प्रक्रिया समाप्‍त कर पूर्व की भांति कोषालयों द्वारा निर्माण एजेंसियों को भुगतान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्त विभाग के आदेश अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रस्ताव वित्त विभाग द्वारा अमान्य कर दिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

मध्‍यान्‍ह भोपाल योजना में चावल दाल की आपूर्ति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

8. ( क्र. 774 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यान्‍ह भोजन योजना में हितग्राहियों को चावल और दाल जैसे अनाज के भोजन उपलब्‍ध करायें जाते है यदि हाँ, तो पन्‍ना जिले में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक कुल कितना चावल और दाल उपलब्‍ध कराया गया और यह चावल और दाल किन सरकारी अथवा गैर सरकारी स्‍त्रोतों से किस भाव खरीदा गया? (ख) सितम्‍बर 2016 की स्थिति के अनुसार पन्‍ना जिले में इस योजना के तहत हितग्राहियों की संख्‍या कितनी है और इस योजना के लिये कुल कितना वार्षिक बजट है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यान्ह भोजन योजना के तहत क्रियान्वयन एजेंसी को मध्यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से प्रश्नाधीन अवधि में 1646 मेट्रिक टन चावल बी.पी.एल. दर (रू. 5,650 प्रति मेट्रिक टन) पर प्रदाय किया गया है। क्रियान्वयन एजेंसियों ने दाल का क्रय सीधे बाजार से किया है। (ख) सितम्बर, 2016 में पन्ना जिले में मध्यान्ह भोजन के लाभान्वित विद्यार्थियों की संख्या 1,15,463 थी। योजना के तहत पन्ना जिले का वार्षिक बजट           रू. 21.16 करोड़ है।

योजनाओं के तहत ऋण स्‍वीकृति एवं लक्ष्‍य पूर्ति

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

9. ( क्र. 1040 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर जिले में वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार/मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना सहित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनान्‍तर्गत बेराजगारों से कितने आवेदन ऋण स्‍वीकृति हेतु उद्योग विभाग को वर्षवार प्राप्‍त हुए? (ख) उक्‍त योजनाओं का वर्षवार निर्धारित लक्ष्‍य व इसके विरूद्ध कितने-कितने बेराजगारों का ऋण स्‍वीकृत कर किन-किन बैंको में कितने-कितने प्रकरण वर्षवार विभाग द्वारा ऋण वितरण हेतु भेजे, तत्‍पश्‍चात योजनावार किन-किन बैंको ने कितने-कितने प्रकरण स्‍वीकृत कर कितने-कितने बेराजगारों को ऋण वितरण किया? शेष बचे प्रकरणों को स्‍वीकृत कराने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उक्‍त अवधि में शेष बचे प्रकरणों में विभागीय अमले की उदासीनता व संबंधित बैंक प्रबंधनों की मनमानी के कारण लक्ष्‍य अनुसार बेरोजगारों को ऋण वितरण नहीं हो पाया और वे शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित रह गये? (घ) उक्‍त स्थिति के लिये उत्‍तरदायी विभागीय अमले के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करेगा तथा संबंधित बैंक प्रबंधनों की मनमानी से उनके वरिष्‍ठालयों को अवगत कराएगा, ताकि भविष्‍य में लक्ष्‍य प्राप्ति व बेराजगारों के हित प्रभावित न हों? इस हेतु कड़े कदम उठाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2014-15 से तक प्रश्नांकित योजनाओं अंतर्गत स्वीकृति हेतु प्राप्त आवेदनों की जानकारी निम्नानुसार है :-

क्र.

योजना का नाम

वर्ष 2014-15

वर्ष 2015-16

2016-17
 (15
मार्च तक)

1

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना

664

855

519

2

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना

21

32

21

3

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम

64

56

04

 (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र , ब एवं स अनुसार है। विभाग के अधिकारियों द्वारा निरंतर बैंकों से संर्पक कर ऋण प्रकरणों में स्वीकृति/वितरण की कार्यवाही की जा रही है। जिला स्तरीय समन्वय समिति द्वारा भी समय-समय पर बैंकों की प्रगति की समीक्षा की जा कर अधिक से अधिक ऋण प्रकरणों में स्वीकृति/वितरण प्राप्त करने के प्रयास किये जाते है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। वित्तीय वर्ष में शेष बचे प्रकरणों को आगामी वित्तीय वर्ष में पुनः बैंकों को प्रेषित कर ऋण स्वीकृति प्राप्त किये जाने का प्रयास विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाता है, ताकि बैंकों को प्रदान किये गये लक्ष्य के अनुरूप स्वीकृति/वितरण प्राप्त हो सकें। (घ) प्रश्नांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

बल्‍देवगढ़ एवं खरगापुर में महाविद्यालय खोले जाना

[उच्च शिक्षा]

10. ( क्र. 1085 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगापुर एवं बल्‍देवगढ़ में शासकीय महाविद्यालय नहीं है? साथ ही खरगापुर एवं बल्‍देवगढ़ के अन्‍तर्गत बालक हा.से. बल्‍देवगढ़, कन्‍या हा.से. बल्‍देवगढ़ क.हा. से खरगापुर, बालक हा.से. खरगापुर, हा.से. स्‍कूल देरी, हाई स्‍कूल फुटेर, हा.से. हटा, हा.से.कुड़ीला आदि शासकीय संस्‍थायें संचालित है? इन संस्‍थाओं से हा.से. परीक्षा उत्‍तीर्ण छात्र-छात्रायें महाविद्यालय की शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह जाते हैं कुछ गरीबी के अभाव में वंचित रह जाते हैं, क्‍योंकि अशासकीय महाविद्यालय की शुल्‍क भी नहीं दे पाते हैं? (ख) क्‍या शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ हो जाने से शिक्षा के व्‍यापीकरण को बढ़ावा मिलेगा और गरीब परिवारों के छात्र-छात्रायें अशासकीय महाविद्यालय में होने वाले अपव्‍यय से भी मुक्‍त होंगे तथा छात्र-छात्रायें लाभांवित होंगे? इस प्रकार शिक्षा का लोकव्‍यापीकरण होने के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के हित को ध्‍यान में रखते हुये बल्‍देवगढ़ या खरगापुर में शासकीय महाविद्यालय कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। खरगापुर में एक अशासकीय द्वारिका प्रसाद महाविद्यालय संचालित है तथा खरगापुर से 28 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय पलेरा एवं 33 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय जतारा संचालित है। बल्‍देवगढ़ से 10 कि.मी. की दूरी पर एक अशासकीय द्वारिका प्रसाद महाविद्यालय खरगापुर तथा 27 कि.मी. की दूरी पर दो शासकीय महाविद्यालय (1) शासकीय पी.जी. महावि़द्यालय टीकमगढ़ (2) शासकीय कन्‍या महाविद्यालय टीकमगढ़ एवं 35 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय बड़ामलहरा संचालित है। जहां पर विद्यार्थी अध्‍ययन कर सकते हैं। (ख) वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।

मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री अंतर्गत सड़क निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

11. ( क्र. 1439 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने मजरा/टोला है जो राजस्व ग्राम घोषित नहीं हैं, उनकों विगत वर्षों में मुख्यमंत्री सड़क/प्रधानमंत्री सड़क/स्टेट कनेक्टिविटी अंतर्गत में शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ख) उक्त मजरा टोला जो कि राजस्व ग्राम घोषित नहीं हैं उन ग्रामों में भविष्य में शासन द्वारा क्या प्रावधान लागू किया जा रहा है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) बंडा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 27 मजरे टोले हैं जो राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं हैं। जी नहीं। मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना/प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना/स्‍टेट कनेक्टिविटी योजना अंतर्गत मजरा/टोलो को जोड़ने का प्रावधान नहीं है। महात्‍मा गांधी नरेगा के तहत सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना के तहत ग्राम पंचायतों द्वारा मजरे टोले जोड़ने के लिए सड़क निर्माण की व्‍यवस्‍था है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

12. ( क्र. 1444 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) दमोह जिले की जबेरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत कितने आवास स्‍वीकृत किये गये हैं? सूची उपलब्‍ध करायी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ऐसी कितनी ग्राम पंचायतों के ग्राम हैं जो आवासहीन की सूची में सम्मिलित नहीं किये गये हैं? सूची उपलब्‍ध करायी जावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित सूची में ग्रामों को प्रश्नांश (क) योजना से कब तक जोड़ा जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण संचालित नहीं थी। अतः वर्ष 2016-17 से लागू प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत लक्षित हितग्राहियों का चयन क्षेत्र आधारित न होकर SECC-2011 में सूचिबद्ध परिवारों की वंचितता की तीव्रता के आधार पर किया जाने की नीति है। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

अनुविभागीय अधिकारी राघौगढ़ द्वारा कलेक्टर के आदेशों की अवेहलना

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

13. ( क्र. 1541 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्या कलेक्टर जिला गुना द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राघौगढ़ को ग्राम केदारपुरा में निर्मित रैनबसेरा भवन को अपने आधिपत्य में लेने तथा जनभागीदारी से शासकीय भूमि के स्थान पर जाँच प्रतिवेदन में पाये गये 03 विद्युत ट्रान्सफार्मर, 02 कूप निर्माण, 01 रैनबसेरा तथा 01 सामुदायिक भवन के प्रथम तल पर निर्माण कार्य की राशि वसूली हेतु आदेशित किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार अनुविभागीय अधिकारी राघौगढ़ द्वारा 07 निर्माण कार्यों की निजी भूमि स्वामियों से राशि वसूल की जाकर पालन प्रतिवेदन कलेक्टर जिला गुना को उपलब्ध कराया गया है? यदि निजी भूमि स्वामियों से राशि वसूल नहीं की है तो क्यों नहीं की गई है? कब तक वसूल कर शासन को उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार निजी भूमि स्वामियों से राशि वसूल न करने वाले अनुविभागीय अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? कार्यवाही कब तक की जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) ग्राम केदारपुरा में निर्मित रैनबसेरा भवन को शासकीय आधिपत्य में ले लिया गया है। वर्णित कार्यों में से 03 कार्य ही निजी भूमि पर पाये गये हैं। जिनकी वसूली हेतु संबंधितों को नोटिस जारी कर दिये गये है। (ख) निजी भूमि पर पाये गये 03 निर्माण कार्यों की राशि वसूल करने हेतु संबंधितों को नोटिस जारी किये गये हैं। कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वसूली की कार्यवाही प्रचलित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

विधायक निधि से स्वीकृत कराये जाने वाले कार्य

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

14. ( क्र. 1542 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्या विधायक निधि से स्वीकृत होने वाले कार्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत प्राप्त मार्गदर्शिका अनुसार स्वीकृत किये जाते हैं अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या विधायक द्वारा प्रस्तावित कार्य का उल्लेख मार्गदर्शिका में न होने के कारण मनगढ़ंत अन्य आशय निकालते हुये स्वीकृत किये जा सकते हैं अथवा नहीं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार बंगला निर्माण शब्द का किंचित मात्र भी विधायक निधि की मार्गदर्शिका में स्वीकृत किये जाने वाले अनुमत कार्यों की सूची में उल्लेख न होने के उपरांत भी गुना जिले में विकासखण्ड बमोरी एवं गुना अन्तर्गत 08 बंगला निर्माण कार्य क्यों स्वीकृत किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार गुना जिले में बंगला निर्माण स्वीकृत कराने वाले दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा का स्पष्ट उल्लेख करें? (ड.) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1496 दिनांक 28.07.2015 एवं प्रश्न क्रमांक 583 दिनांक 26.07.2016 में भ्रामक जानकारी उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) वर्णित 08 बंगला निर्माण चबूतरा एवं चबूतरे पर शेड निर्माण कार्य है। जिसे स्थानीय भाषा में बंगला कहा जाता है। (घ) एवं (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

जीर्णोद्धार के नाम पर खर्च की गयी राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

15. ( क्र. 1659 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सतना शहर के इकलौते टाउन हॉल में विगत 5 वर्षों में 1 करोड़ से अधिक राशि जीर्णोद्धार के नाम पर खर्च कर दी गयी है? यदि हाँ, तो किस-किस काम में कितनी-कितनी राशि खर्च की गयी है? किस ठेकेदार द्वारा एवं किस इंजीनियर द्वारा उक्‍त कार्य कराया गया है? (ख) क्‍या टाउन हाल के अंदर का हॉल अत्‍यंत जर्जर हो चुकी है, फर्नीचर टूट चुका है, मंच में गड्ढे हो गये हैं? क्‍या जितनी राशि जीर्णोद्धार में व्‍यय की गयी है इतनी राशि में नया टाउन हाल बनाया जा सकता था? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो इस गुणवत्‍ताहीन कार्य के लिए दोषी ठेकेदार एवं इंजीनियर के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। सतना शहर स्थित टाउन हॉल में विगत 05 वर्षों में कार्य की आवश्‍यकता अनुसार कुल राशि रू. 58.87 लाख के कार्य कराए गए। कराए गए कार्य तथा व्‍यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कार्य करने वाले ठेकेदारों एवं कराने वाले इंजीनियरों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। टाउन हॉल वर्तमान में अच्‍छी स्थिति में है। टाउन हॉल में निर्माण के समय से ही फर्नीचर नहीं लगाया गया है। जी नहीं, इतनी राशि में नया टाउन हॉल का निर्माण संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तीन''

लोक सेवा केन्‍द्रों का संचालन

[लोक सेवा प्रबन्धन]

16. ( क्र. 1711 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील स्‍तर पर संचालित लोक सेवा केन्‍द्रों के संचालन की प्रक्रिया हेतु टेंडर कब जारी किये गये? सोनकच्‍छ विधानसभा क्षेत्र में संचालित लोक सेवा केन्‍द्रों के टेंडर प्रकाशन की छायाप्रति संलग्‍न करें? (ख) वर्तमान में लोक सेवा केन्‍द्रों के संचालन हेतु कितने वर्षों के लिए टेंडर जारी किये गये थे तथा उनके नवीनीकरण का क्‍या आधार है? (ग) कितने वर्षों के बाद नवीन टेंडर जारी किये जाते हैं? टेंडर कौन जारी करता है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) तहसील स्‍तर पर संचालित लोक सेवा केन्‍द्रों की प्रक्रिया हेतु टेंडर दिनांक 04/02/2016 को जारी किये गये थे। शासन द्वारा इस संबंध में जारी किये गये थे। शासन द्वारा इस संबंध में जारी निर्देश के अनुसार पूर्व में संचालित ऐसे लोक सेवा केन्‍द्रों जिनका कार्य जिला मूल्‍यांकन समिति द्वारा संतोषजनक पाया गया, के साथ जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी द्वारा अनुबंध का नवीनीकरण किया गया। इनमें सोनकच्‍छ विधान सभा क्षेत्र में संचालित लोक सेवा केन्‍द्र टोंकखुर्द एवं सोनकच्‍छ भी सम्मिलित है। सोनकच्‍छ विधान सभा क्षेत्र में संचालित लोक सेवा केन्‍द्रों के टेंडर प्रकाशन 2012 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार(ख) मध्‍यप्रदेश शासन लोक सेवा प्रबंधन विभाग के निर्देश दिनांक 15/01/2016 द्वारा वर्तमान में लोक सेवा केन्‍द्रों के संचालन हेतु 03 वर्षों के लिए टेंडर जारी किये गये थे। उक्‍त निर्देश के अनुसार निर्धारित प्रक्रिया द्वारा नवीनीकरण की कार्यवाही की गई है। जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार(ग) 03 वर्षों के बाद नवीन टेंडर जारी किये जाते है। टेंडर संबंधित जिले के कलेक्‍टर एवं सचिव जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी द्वारा जारी किये जाते है।

खरगापुर विधानसभा के शासकीय महाविद्यालय में पदों की पूर्ति

[उच्च शिक्षा]

17. ( क्र. 1747 ) श्रीमती चन्‍दा सुरेन्‍द्र सिंह गौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के पलेरा में संचालित शासकीय महाविद्यालय में स्‍नातकोत्‍तर की कक्षायें संचालित नहीं की जा रही है इसका कारण क्‍या है? क्‍या शासन के पास स्‍नातकोत्‍तर कक्षायें प्रांरभ किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो आदेश जारी कब तक करा दिये जायेगें? समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें? (ख) क्‍या उक्‍त संचालित महाविद्यालय में प्राचार्य, ग्रंथपाल, क्रीड़ा अधिकारी सहायक प्राध्‍यापक, हिन्‍दी राजनीति शास्‍त्र, अर्थशास्‍त्र, समाजशास्‍त्र, भौतिक शास्‍त्र, रसायन शास्‍त्र प्राणीशास्‍त्र तथा वाणिज्‍य के पद रिक्‍त हैं या इन पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा कोई योजना बनाई गई है या छात्रों के हित में कभी सोचा गया है यदि हाँ, तो रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कब तक आदेश जारी कर पद पूर्ति करा देगें? समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें? (ग) क्‍या उक्‍त पलेरा महाविद्यालय में लेखापाल, सहायक ग्रेड-3 प्रयोगशाला व चौकीदार के रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक करा देगें समयावधि बताये यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें? (घ) क्‍या पुस्‍तकालय और प्रयोगशाला हेतु बजट नहीं मिला ऐसी स्थिति में छात्र-छात्राओं को असुविधा न हो, इस हेतु प्रयोगशाला एवं पुस्‍तकालय हेतु आगामी बजट सत्र में बजट आवंटित करायेंगे तथा विद्यार्थियों को स्‍वल्‍पाहार हेतु कैंटीन की व्‍यवस्‍था करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, पलेरा से 27 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, नौगांव संचालित हैं। जहां कला संकाय के पाँच विषयों में स्नातकोत्तर कक्षायें संचालित हैं, जहां पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ करने की वर्तमान में शासन की कोई योजना नहीं है। (ख) जी हाँ। प्राचार्य का पद प्राध्यापक से स्नातक प्राचार्य पद पर पदोन्नति से भरा जाता है। न्यायालयीन प्रकरण आदि के कारण प्राचार्य पद की पदोन्नति की कार्यवाही लंबित है। विषयवार सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी किया जा चुका है। चयनित अभ्यार्थियों की सूची प्राप्त होते ही रिक्त पदों की पूर्ति की जा सकेगी। छात्र हित में शैक्षणिक रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। पद पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में सहायक ग्रेड-3 के सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु व्यावसायिक परीक्षा मंडल को मांग पत्र प्रेषित किया जा चुका है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अन्‍य पदों की पूर्ति यथासमय स्‍थानांतरण/पदोन्‍नति द्वारा की जा सकेगी। पद पूर्ति हेतु निश्‍चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला हेतु प्रस्ताव प्राप्त होने पर बजट आवंटन की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। कैंटीन की व्यवस्था हेतु कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

वॉटर शेड के कार्यों की जाँच बाबत्

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

18. ( क्र. 1983 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में वॉटरशेड योजनान्‍तर्गत वर्ष 2014-15,2015-16 एवं 2016-17 में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से किस कार्य एजेंसी से कराये गये? मदवार जानकारी उपलब्‍ध कराये? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान देखा गया कि उक्‍त कार्य पूर्णत: गुणवत्‍ताविहीन है क्‍या जाँच समिति बनाकर इसकी गुणवत्‍ता की जाँच कराई जावेगी? क्‍या जाँच दल में प्रश्‍नकर्ता को रखा जावेगा। पूर्व में भी प्रश्‍नकर्ता द्वारा जाँच कराई गई थी तथा जाँच रिपोर्ट भी शासन को सौंपी गई थी परन्‍तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ग) शासन स्‍तर पर लंबित जाँच पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।             (ख) एवं (ग) परियोजना कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं गुणवत्ता परीक्षण प्रचलन में है। कुल 18 में से 5 परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन एवं गुणवत्ता परीक्षण हो चुका है, जिनके कार्य गुणवत्तायुक्त पाये गये हैं। अतः पृथक से जाँच की आवश्यकता नहीं है। पूर्व में प्रश्‍नकर्ता की शिकायत दिनांक 12.12.2014 पर संस्थित जाँच के प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित टीम लीडर एवं टीम सदस्य (तकनीकी) को भविष्य के लिए सचेत किया गया है। श्री अजय सिंह, टीम लीडर से रू. 5,913/- की वसूली की गई है।

स्‍थल निरीक्षण/जाँच अभिमत के परिणाम

[वन]

19. ( क्र. 2323 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) विधान सभा ता. प्रश्‍न क्रमांक-661 दिनांक 10.12.15 के प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में तार फेंसिंग तथा नवीन वृक्षों के रोपड़ में जहां-जहां तार फेंसिंग की गई वहां पर वृक्ष मौजूद नहीं होने तथा बुन्‍देलखण्‍ड पैकिज की राशि का व्‍यय किए जाने के संबंध में स्‍थल निरीक्षण कराने तथा उससे प्रश्‍नकर्ता को जरूर सूचित कराने हेतु कथन किया था। (ख) जाँच कब हुई जाँच अधिकारी कौन रहे तथा जाँच में क्‍या परिणाम प्राप्‍त हुए?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) दातला पहाड़ी, कक्ष क्रमांक-पी.678 में कराये गये कार्यों की स्‍थल जाँच श्री लक्ष्‍मीप्रसाद श्रीवास, उप वनक्षेत्रपाल द्वारा दिनांक 15.03.2017 को माननीय विधायक, कुंवर विक्रम सिंह जी के साथ की गई तथा पाया कि उक्‍त क्षेत्र में विगत वर्षों में ''बिगड़े वनों का सुधार'' कार्य कराया गया है तथा मौके पर वन का घनत्‍व 0.4 है। जाँच में किसी भी प्रकार की अनियमितता होना नहीं पाया गया। लवानिया पहाड़ राजस्‍व क्षेत्र में स्थित होने तथा रोपण योग्‍य न होने के कारण उक्‍त स्‍थल पर बुन्‍देलखण्‍ड पैकेज के अंतर्गत कोई भी कार्य नहीं कराया गया।

विस्‍थापित परिवारों के संबंध में

[वन]

20. ( क्र. 2328 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला छतरपुर के ग्राम मोटा चौकन, चनारी एवं रेपुरा वर्ष 2004 से विस्‍थापित हुए थे? (ख) क्‍या इन ग्रामों में व्‍यवस्‍थापन के बाद प्रत्‍येक व्‍यक्ति को जमीन के पट्टे दिये गये थे? यदि हाँ, तो कितने को दिये गये? (ग) प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या वह जमीन उन हितग्राहियों के नाम भूमि स्‍वामी हो गई है या नहीं।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। 165 परिवारों को अस्‍थाई         भू-अधिकार प्रमाण पत्र दिये गये हैं। (ग) जी नहीं।

नगरपालिका परिषद् वारासिवनी की बैठकों में पारित संकल्‍प

[नगरीय विकास एवं आवास]

21. ( क्र. 2401 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन के नियमानुसार नगरपालिका परिषद् में समितियों अध्‍यक्षीय परिषद् एवं परिषद् की १ वर्ष में कुल कितनी बैठकें होना चाहिए? (ख) वारासिवनी नगरपालिका परिषद् द्वारा वर्ष २०१५-१६,२०१६-१७ एवं २०१७-१८ में समितियों अध्‍यक्षीय परिषद् एवं परिषद् की कितनी बैठकें की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में विगत वर्षों में समितियों अध्‍यक्षीय परिषद् एवं परिषद् में कौन-कौन से संकल्‍प पारित किये गये? क्‍या संकल्‍प के अनुसार नगरपालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा नगर में कोई विकास कार्य किये गये? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या संकल्‍प में पारित आदेश अनुसार नगरपालिका अध्‍यक्ष द्वारा किसी भी कार्य को नहीं किया गया? उक्‍त आदेश के अनुसार उक्‍त कार्य को कब तक पूर्ण करवा लिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) शासन के नियमानुसार समितियों की बैठक प्रत्‍येक माह में कम से कम एक बार, अध्‍यक्षीय समितियों की बैठक आवश्‍यकतानुसार एवं परिषद् की बैठकें प्रत्‍येक दो माह में कम से कम एक बार आहूत की जानी चाहिये। (ख) वर्षवार आयोजित बैठक का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।            (ग) प्रश्‍नांश '' '' के परिप्रेक्ष्‍य में बैठकें आयोजित कर विकास कार्यों के संकल्‍प पारित किये गये पारित संकल्‍प अनुसार नगर पालिका द्वारा किये गये विकास कार्यों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सूची में उल्‍लेखित लंबित कार्यों को पू‍र्ण करने की कार्यवाही की जायेगी। (घ) माननीय अध्‍यक्ष महोदय जनप्रति‍निधि होने के नाते प्रशासनिक कार्य संपादित नहीं करते शेष प्रश्‍नांश अंतर्गत शेष कार्यों पर कार्यवाही प्रचलित है।

पंचायत भवन निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

22. ( क्र. 2609 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में प्रश्न दिनांक तक कितने पंचायत भवन स्वीकृत किये जा चुके हैं? उक्त भवनों को बनाने हेतु कितनी समय-सीमा तय की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत पंचायत भवनों की स्थित क्या है? कितने भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं कितने शेष हैं स्वीकृत भवनों की वर्षवार, पूर्ण, अपूर्ण की सूची उपलब्ध करावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत 43 ग्राम पंचायत भवन स्वीकृत किये गये है। भवन निर्माण शीघ्रताशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये गये है। (ख) स्वीकृत पंचायत भवनों में से 13 पूर्ण 28 प्रगतिरत एवं 02 अप्रारंभ है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार

परिशिष्ट - ''चार''

पंचायतों में पंचपरमेश्‍वर मद से स्‍वीकृत कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

23. ( क्र. 2610 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत पंचपरमेश्वर मद से जो राशि वर्ष 2014-15,2015-16 एवं 2016-17 में स्‍वीकृत की गई व किन किन पंचायतों को प्रदाय की गई वर्ष राशि सहित पंचायतवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन पंचायतों में राशि स्वीकृत की गई उन पंचायतों में उक्त राशि से क्या क्या कार्य कराये जा रहे हैं, उनकी वर्तमान स्थिति क्या है वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनका मूल्याकंन किस अधिकारी द्वारा किया गया उस अधिकारी का नाम बताएं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार।

मध्‍यान्‍ह भोजन वितरण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

24. ( क्र. 2616 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) वर्तमान में कितने स्कूलों में मध्यान्ह भोजन वितरण किया जा रहा है? संख्या बतावें। उक्त मध्यान्ह भोजन को कितने स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या वर्तमान में ऐसा कोई स्व-सहायता समूह है जहां पर जाति को आधार मानकर विभाग को कोई शिकायत प्राप्त हुई हो? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई। (ग) क्‍या विभाग द्वारा मध्यान्ह भोजन वितरण की जाँच हेतु कोई कमेटी बनाई गई हैं? यदि हाँ, तो कमेटी मेंबर की सूची उपलब्ध करावें। उक्त कमेटी द्वारा कब-कब कितने स्कूलों का निरीक्षण किया गया एवं क्या कार्यवाही की गई।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्तमान में 1,14,721 लाख शालाओं में मध्यान्ह भोजन वितरण किया जा रहा है। 77,058 स्व-सहायता समूहों द्वारा मध्यान्ह भोजन संचालन किया जा रहा है, जिसकी सूची राज्य स्तर पर संकलित एवं संधारित करने की व्यवस्था नहीं है। (ख) जी नहीं, शासन को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।

हबीबगंज अंडरब्रिज से ग्राम मिसरोद तक मास्‍टर प्‍लान सड़क निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

25. ( क्र. 2656 ) श्री रजनीश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या म.प्र. शासन के आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय भोपाल द्वारा दिनांक 29.12.2006 को संचालक नगर एवं ग्रामीण निवेश मास्‍टर प्‍लान सड़क के हबीबगंज अंडरब्रिज से ग्राम मिसरोद का रिवाईज्‍ड एलायमेंट की अनुमति दी? अनुमति क्‍या थी (संलग्‍न करें) । (ख) उक्‍त विचलन से मीराबाई नगर और कलियासोत मुख्‍य नहर के बीच कौन-कौन सी निजी भूमि रिक्‍त हुई? कितना-कितना रकबा था? (ग) रिक्‍त भूमि का मास्‍टर प्‍लान में दर्शित भू-उपयोग पहले क्‍या था और अब क्‍या है? यदि बदला गया तो क्‍या राजपत्र में संशोधन कर आपत्ति एवं सुझाव आंमत्रित किये गये? नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) उक्‍त विचलन की स्थिति मानचित्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में दर्शित है।              (ग) भोपाल विकास योजना 2005 अनुसार प्रश्‍नाधीन भूमि का उपयोग आवासीय एवं मार्ग निर्दि‍ष्‍ट था। मार्ग का पुन: निर्धारण से प्रभावित भूमि का उपयोग प्रस्‍तावित आवासीय, सर्विस रोड तथा वृक्षारोपण है। प्रश्‍नाधीन भू‍मि उपयोग में कोई परिवर्तन न हो इसलिए संशोधित एलाईमेंट में पूर्व प्रस्‍तावित मार्ग की भूमि पर सर्विस रोड तथा त्रिभुज आकार की भूमि पर वृक्षारोपण प्रस्‍तावित किया गया है, इस प्रकार मार्ग के संशोधित एलाईमेंट से पूर्व का मार्ग यथावत रहा है, जिसमें विकास योजना 2005 के मूल प्रस्‍ताव तथा प्रस्‍तावित संशोधित एलाईमेंट से भूमि उपयोग में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। जी नहीं, भोपाल विकास योजना 2005 की कंडिका 5.32 (4) में आपत्ति/सुझाव बुलाये जाने के प्रावधान नहीं है।

जनभागीदारी समिति की बैठकों में स्‍वीकृत प्रस्‍ताव

[उच्च शिक्षा]

26. ( क्र. 3563 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा में वर्ष 2014-15 से 2016-17 में प्रश्नं दिनांक तक जनभागीदारी समिति की कब-कब बैठक आयोजित की गई व बैठक में कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत किये गये व स्वीकृत प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई वर्षवार बतायें।             (ख) कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा म.प्र. भोपाल का पत्र क्रमांक/383/330/आ.उ.शि./शाखा-1/15 भोपाल दिनांक 31.08.15 जो कि अन्य के साथ समस्त प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय मध्यप्रदेश को भी प्रेषित किया गया था में बिन्दु क्रमांक-2 पर शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा द्वारा कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार तत्कालीन मा. उच्च शिक्षा मंत्री महोदय एवं वरिष्‍ठ कार्यालय द्वारा दिये गये निर्देश का पालन नहीं किये जाने के कारण संबंधित दोषी के विरूद्ध अभी तक कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार आयुक्त उच्च शिक्षा के पत्र में दिये निर्देशों का पालन शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा में कराया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। नहीं तो क्या कारण हैं?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हरदा में विगत तीन वर्षों में जनभागीदारी समिति के पदेन अध्यक्ष कलेक्टर हरदा रहे हैं। समिति के सदस्यों के मनोनयन लंबित होने के कारण बैठक आयोजित नहीं की गयी है। इस संबंध में प्राचार्य ने पत्र क्रमांक 1329/15 दिनांक 03.07.2015 एवं पत्र क्रमांक 331/16 दिनांक 10.03.2016 द्वारा कलेक्टर हरदा से पत्राचार किया था। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।              (ख) प्राचार्य के विरूद्ध कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। (ग) प्रश्नांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

महाविद्यालय हरदा को प्राप्त बजट

[उच्च शिक्षा]

27. ( क्र. 3564 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा को वर्ष 2014-15 से 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी बजट राशि प्राप्त हुई व प्राप्त राशि व व्यय की गई राशि का मद वार व वर्षवार विस्तृत विवरण दें। (ख) प्रश्नांकित (क) वर्षों में आवंटित की गई बजट राशि से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? कार्य स्वीकृत किये जाने हेतु जनभागीदारी समिति द्वारा किस बैठक में किस बिन्दु क्रमांक से किस कार्य का अनुमोदन किया गया है। (ग) स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं एवं अपूर्ण कार्यों के लिये कौन जिम्मेदार है व उन पर क्या कार्यवाही की गई? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (घ) कार्य में देरी व कार्य अपूर्ण रहने का क्या कारण है व इसके लिये कौन दोषी है व दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।            (ख) शासन द्वारा प्राप्त राशि के व्यय का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जनभागीदारी समिति के सदस्यों का मनोनयन न होने के कारण इन वर्षों में जनभागीदारी समिति की बैठक आयोजित नहीं हुई। अतः प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पदेन सदस्यों की बैठक नहीं बुलाये जाने के लिए प्राचार्य के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रश्नांश '' एवं '' के उत्तर के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पाँच''

निर्माण कार्यों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

28. ( क्र. 3745 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका सनावद में कितने वार्ड हैं? इन वार्डों में शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कितने-कितने निर्माण कार्य कराये गए हैं? विगत 5 वषों से वर्तमान तक राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) नगर पालिका सनावद के वार्ड क्रमांक 14 (पूर्व 15) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वित्त वर्ष से चालू वित्त वर्ष तक क्या क्या निर्माण कार्य कराये गए हैं वर्षवार जानकारी देवें। उक्त वार्ड में प्रश्नांश (क) में दर्शाई अवधि में निर्माण कार्य हेतु कितनी बार निविदायें बुलाई गई हैं तथा किस-किस ठेकेदार को कार्य ठेका प्राप्त हुआ? कार्य कब प्रारंभ हुआ कब समाप्त हुआ? इसकी कार्यवार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) क्या उक्त वार्ड में प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्माण स्वीकृत हुआ, निविदा भी हुई, न्यूनतम दर पर कार्य की स्वीकृति भी हुई, ठेकेदार द्वारा संस्था से एग्रीमेंट भी कर लिया किन्तु कार्य प्रारम्भ न करने के क्या कारण रहे हैं? क्या निकाय द्वारा ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो न करने के क्या कारण रहे हैं? दोषीकर्ता के नाम सहित उनके विरूद्ध कार्यवाही की जानकारी देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका, सनावद में कुल 18 वार्ड हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''छ:''

सागर नगर स्थित महाविद्यालयों में पर्याप्‍त स्‍टॉफ एवं संसाधनों की पूर्ति

[उच्च शिक्षा]

29. ( क्र. 3924 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या सागर नगर स्थित शासकीय कन्‍या स्‍नात्‍कोत्‍तर महाविद्यालय सागर एवं आर्ट एण्‍ड कामर्स कॉलेज सागर में विद्यार्थियों की संख्‍या के मान से स्‍टॉफ एवं संसाधनों (कक्ष, फर्नीचर, लैब) की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था है? यदि हाँ, तो विवरण सहित बतायें। (ख) क्‍या महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए प्रश्‍नकर्ता द्वारा शैक्षणिक सत्र 2016-17 में विद्यार्थियों की संख्‍या के मान से पर्याप्‍त शिक्षकों की मांग की गयी थी? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गयी? (ग) क्‍या प्रश्‍नाधीन महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्‍या के मान से शैक्षणिक स्‍टॉफ एवं संसाधनों की पूर्ति सत्र 2017-18 के पूर्व पूर्ण कर ली जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय सागर एवं आर्ट एण्ड कामर्स कॉलेज सागर में विद्यार्थियों की संख्या के मान से शैक्षणिक स्टॉफ की कमी है। अशैक्षणिक स्टॉफ पर्याप्त है। शासकीय कन्या महाविद्यालय, सागर में विद्यार्थियों की संख्या के मान से 10 कक्षों की आवश्यकता है। लैब एवं फर्नीचर पर्याप्त है। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण राशि स्वीकृत किये जाने में कठिनाई है। शासकीय आर्ट एण्ड कामर्स कॉलेज सागर में कक्ष, फर्नीचर एवं लैब की पर्याप्त व्यवस्था है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की कमी होने के कारण नवीन पदों का सृजन किये जाने में कठिनाई है। (ग) उत्‍तर प्रश्‍नांश '' के समान है।

सागर नगर में सिटी फॉरेस्‍ट एवं चिड़ि‍याघर निर्माण

[वन]

30. ( क्र. 3925 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर नगर में सिटी फॉरेस्‍ट एवं चिड़ि‍याघर बनाने का प्रस्‍ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो यह प्रस्‍ताव वर्तमान में शासन स्‍तर पर लंबित है अथवा केन्‍द्र सरकार को प्रेषित किया गया है? (ख) प्रश्‍नाधीन सिटी फॉरेस्‍ट के अंतर्गत किन-किन घटकों का समावेश किया गया है? प्रस्‍तावित स्‍थल कहाँ, कितने क्षेत्रफल का है एवं कितनी लागत आंकलित की गयी है? (ग) प्रश्‍नाधीन प्रस्‍ताव पर कब तक स्‍वीकृति प्रदान की जायेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।    (ग) भारत सरकार से स्‍वीकृति प्राप्‍त हो चुकी है।

परिशिष्ट - ''सात''

E.W.S. फ्लेटों के आवंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

31. ( क्र. 3963 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 352 दिनांक 08 दिसंबर 2016 में इन्दौर ग्रामीण क्षेत्र 50 एवं इन्दौर शहरी क्षेत्र 133 कॉलोनी/टाउनशिपों में से कितनी टाउनशिपों/कॉलोनियों ने निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है? (ख) प्रश्नांश '' के संदर्भ में यदि हाँ, तो ई.डब्‍ल्‍यू.एस. भूखण्‍ड के अलावा अन्‍य निर्माणों को निर्मित हुए कितने वर्ष हो चुके हैं? कार्य पूर्ण होने के पश्‍चात् भी क्या ग्रामीण क्षेत्र की 50 एवं शहरी क्षेत्र की 133 की टाउनशिपों/कॉलोनियों में निम्न आर्य वर्ग हेतु आवंटन शेष रहने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश के संदर्भ में ग्रामीण क्षेत्र की 50 एवं 133 शहरी टाउनशिपों/कॉलोनियों में कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग हेतु फ्लेट/भूखण्ड देने की समय-सीमा क्या थी व कब तक भूखण्‍ड आवंटन किये जायेंगे एवं क्‍या प्रक्रिया रहेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इन्‍दौर ग्रामीण क्षेत्र की 50 कॉलोनी/टाउनशिपों में से 2 कॉलोनी/टाउनशिपों का विकास कार्य पूर्ण हुआ है। इन्‍दौर शहरी क्षेत्र में 133 कॉलोनी/टाउन‍शिपों में से 09 कॉलोनी/टाउनशिपों का निर्माण पूर्ण किया गया है। (ख) ग्रामीण क्षेत्र की उक्‍त 02 कॉलोनी में अन्‍य निर्माण कार्य जैसे सड़क, पानी, ड्रेनेज आदी 10 माह पूर्व किये गये है। निम्‍न आय वर्ग हेतु आरक्षित भूखण्‍डों को आवंटित करने की प्रक्रिया का निर्धारण सक्षम प्राधिकारी द्वारा किया गया है। शहरी क्षेत्र में ई.डब्‍ल्‍यू.एस. भूखण्‍ड के अलावा अन्‍य निर्माण जैसे सड़क, पानी, ड्रेनेज आदी निर्माण कार्य 60 कॉलोनियों में विगत 05 वर्ष की अवधि में पूर्ण हो चुका है। म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 10 एवं म.प्र. ग्राम पंचायत (कॉलोनियों का विकास) नियम 2014 के नियम 15 में निहित प्रावधान अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर तथा निम्‍न आय वर्ग हेतु आरक्षित भूखण्‍ड/इकाइयों का विक्रय कॉलोनाईजर द्वारा विहित रीति से किया जाना है। (ग) म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण, निर्वधन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 10 में ई.डब्‍ल्‍यू.एस. तथा निम्‍न आय वर्ग के लिए आरक्षित भूखण्‍डों के आवंटन हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं है। उपनियम (13) में प्रावधान है कि, कॉलोनाईजर को कॉलोनी में बंधक रखे गये भूखण्‍ड तब तक निर्मुक्त नहीं करेगा, जब तक की नियम 10 (12) (3) अनुसार पात्र व्‍यक्तियों की सूची तैयार कर कलेक्‍टर को प्रस्‍तुत नहीं की जाती है। म.प्र. ग्राम पंचायत (कॉलोनियों का विकास) नियम 2014 के नियम 15 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों ओर निम्‍न आय वर्गों के लिए आरक्षित भूखण्‍डों को आवंटित करने की प्रक्रिया विहित है, जिसके अनुसार कॉलोनाईजर के धरोहर के रूप में बधंक भूखण्‍ड तब ही मुक्‍त किये जा सकेंगे जब कॉलोनाईजर द्वारा विहित प्रक्रिया का पालन करते हुये भूखण्‍डों का आवंटन कर दिया जावेगा।

इन्दौर संभाग अंतर्गत पंचायत टैक्‍सों की वसूली

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

32. ( क्र. 3965 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) सावेंर विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत द्वारा किन-किन संस्‍थानों/व्‍यवसायियों से मध्‍यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्‍वराज अधिनियम 1993 के तहत टैक्‍स वसूली की जाती है? कौन-कौन से व्‍यवसाय उक्‍त अधिनियम के तहत टैक्‍स के दायरे में आते है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सांवेर जनपद पंचायत और उसकी ग्राम पंचायतों द्वारा कौन-कौन से टैक्‍स की कितनी-कितनी राशि पंचायत टैक्‍स के रूप में 03 वर्षों में वसूली की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र की कौन-कौनसी पंचायतों में किन-किन फेक्ट्रियों/उद्योगों व अन्‍य संस्‍थानों से कितनी राशि प्राप्‍त हुई व किन संस्‍थानों के द्वारा टैक्‍स नहीं दिया गया है?             (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में सांवेर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत द्वारा विगत 03 वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक टैक्‍स वसूली से प्राप्‍त राशि का उपयोग किस-किस कार्य में किया गया? भविष्‍य में पंचायतों को आत्‍मनिर्भर बनाने की दृष्टि से टैक्‍स प्रणाली संपूर्ण पंचायत क्षेत्रों में लागू की जायेगी क्‍या?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

शहरी नजूल आबादी पर निवासरत् भू-धारक को राजस्‍व रिकार्ड में भू-स्‍वामी दर्ज करना

[नगरीय विकास एवं आवास]

33. ( क्र. 3982 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या म.प्र. के माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय में शहरी आबादी नजूल भूमि में निवासरत लोगों को भू-स्‍वामी माना हैं? यदि माना है, तो शासन/प्रशासन संबंधित प्रक्रिया को सर्वे कराकर राजस्‍व भूमि-स्‍वामी अभिलेख में दर्ज किया गया है, या नहीं? यदि नहीं, किया गया है, तो कब तक दर्ज करवा लेगा? (ख) क्‍या वारासिवनी शहर में नजूल आबादी को शासन/प्रशासन के द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक राजस्‍व रिकार्ड में भूमिस्‍वामी दर्ज कराने की कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर के निर्णय के तहत ३१/१०/२०१४ तक सर्वे कर प्रक्रिया पूर्ण करना था? यदि हाँ, तो शासन/प्रशासन को उक्‍त आदेश के परिपालन में वारासिवनी शहर में कोई कार्यवाही कि गई या नहीं? (घ) क्‍या वारासिवनी में नजूल आबादी भूमि में निवासरत लोगों को भूमि-स्‍वामी मानते हुये माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय अनुसार उनके नाम राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज किये जावेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय में शहरी आबादी में निवासरत लोगों को भू-स्‍वामी माना गया है। इस संबंध में सर्वे कराया गया है सर्वेक्षित हितग्राहियों की पात्रता के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) वारासिवनी शहर में नजूल आबादी को राजस्‍व रिकार्ड में भूमि स्‍वामी दर्ज कराने की कार्यवाही प्रचलन में है।      (ग) एवं (घ) कार्यवाही प्रचलन में है।

प्राध्‍यापकों की शैक्षणिक योग्‍यता

[उच्च शिक्षा]

34. ( क्र. 4025 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) प्रदेश के शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों में उच्‍च शिक्षा विभाग के नियमानुसार प्राध्‍यापकों/सहायक प्राध्‍यापकों की न्‍यूनतम शैक्षणिक योग्‍यता क्‍या है? (ख) प्रदेश में शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि विद्वान नियुक्‍त किये जाने के लिए शैक्षणिक योग्‍यता क्‍या है? (ग) क्‍या प्रदेश के निजी महाविद्यालयों में सहायक प्राध्‍यापकों के लिए नेट/स्‍लेट परीक्षा उत्‍तीर्ण को ही नियुक्‍त किये जाने का प्रावधान है? (घ) यदि हाँ, तो ग्रामीण एवं दूरदराज क्षेत्र में उच्‍चशिक्षा देने वाले निजी महाविद्यालयों एवं शासकीय महाविद्यालय दोनों में नियुक्ति के समान मापदण्‍ड निर्धारित किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) 1 - प्राध्यापक पद हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता संबंधित विषय में पी.एच.डी. अनिवार्य अर्हता, स्नातक/स्नातकोत्तर कक्षाओं में 10 वर्ष का अध्यापन अनुभव आवश्यक है। 2 - सहायक प्राध्यापक हेतु मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से संबंधित विषय में 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर उपाधि अथवा किसी भी प्रत्यायित विदेशी विश्वविद्यालय से प्राप्त कोई समतुल्य उपाधि हो।          अनु.जाति/अ.ज.जा. तथा निःशक्त श्रेणी के अभ्यर्थियों को न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर उपाधि उर्तीण करना अनिवार्य है। 3 - उपरोक्त अर्हताओं के अतिरिक्त अभ्यार्थियों द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से संचालित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) अथवा CSIR अथवा इसके समतुल्य परीक्षा जिसे यू.जी.सी. द्वारा प्रायोजित किया गया हो, जैसा कि स्लेट/सेट आदि धारित करना अनिवार्य है। 4 - ऐसे अभ्यर्थी जिनकों यू.जी.सी. नियमन-2009 के अनुरूप पी.एच.डी. डिग्री प्रदान हुई है, नेट/स्लेट/सेट की पात्रता शर्तों की अनिवार्यता से छूट होगी। इस हेतु अभ्यर्थियों को पात्रता से संबधित अभिलेखों के साथ संबधित विश्वविद्यालय से जारी, यह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा कि उनके द्वारा धारित पी.एच.डी. यू.जी.सी. नियमन-2009 के अनुरूप की गई है। जिन विषयों में नेट/स्लेट आयोजित नहीं की जाती है, उनमें नेट/स्लेट की अनिवार्यता से छूट रहेगी। 5 - महाविद्यालय से संबंधित विश्वविद्यालय के परिनियमों के अनुसार शैक्षणिक योग्यताएँ निर्धारित हैं। (ख) शासन के परिपत्र क्रमांक 969/एफ 01-9/2016/38-1 दिनांक 08.08.2016 की कंडिका-3.1 में प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि विद्वान चयन हेतु वरीयता का क्रम निम्नानुसार निर्धारित है: श्रेणी-1 संबंधित विषय में पी.एच.डी. एवं नेट/सेट, श्रेणी-2 संबंधित विषय में पी.एच.डी. अथवा नेट/सेट, श्रेणी-3 संबंधित विषय में एम.फिल, श्रेणी-4 संबंधित विषय में न्यूनतम अर्हता स्नातकोत्तर उपाधि 55 प्रतिशत वाले आवेदक। (ग) उत्तरांश '' अनुसार नियुक्ति की अर्हता है।            (घ) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा ग्रामीण एवं दूरदराज क्षेत्र में नियुक्ति हेतु समान मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

स्‍वरोजगार योजनाओं का संचालन

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

35. ( क्र. 4165 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ में युवाओं को स्‍वरोजगार उपलब्‍ध कराने के लिये केन्‍द्र एवं राज्‍य शासन द्वारा कौन कौन सी योजनायें कब से संचालित हैं एवं संचालन दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक लाभाविन्‍वत हितग्राहियों की संख्‍या विधानसभा क्षेत्रवार बतायी जावें? (ख) प्रश्‍नगत योजना में लक्ष्‍यों की पूर्ति हेतु योजना का क्रियान्‍वयन किन-किन विभागों के माध्‍यम से किया जा रहा है? विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में विभागों द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक की गई लक्ष्‍य पूर्ति तथा लंबित प्रकरणों की जानकारी प्रकरणवार लंबित होने के कारण सहित बतावें? (ग) प्रश्‍नगत योजना में प्रश्‍न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के आवेदकों द्वारा 5 लाख से कम, 5 से 10 लाख, 10 से 25 लाख रूपये की लागत राशि के कितने कितने प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किये गये? इनमें से कितने स्‍वीकृत होकर ऋण वितरित किये गये एवं कितने प्रकरण अस्‍वीकृत किये गये अस्‍वीकृत प्रकरणों के कारण सहित जानकारी दी जावे? (घ) क्‍या बैंकों द्वारा 10 से 25 लाख लागत वर्ग के परियोजना प्रस्‍तवों को प्राय: अस्‍वीकार किया जाता है? यदि हाँ, तो इस स्थिति को सुधारने के लिये विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) टीकमगढ़ जिले में युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र एवं राज्य शासन की निम्न योजनाएं संचालित हैं :- केन्द्र सरकार की योजनाः- 1. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम- 2008-09 से। राज्य शासन की योजनाएं:- 1. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 2014-15 से, 2. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 2014-15 से तथा 3. मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना-2014-15 से। लाभांवित हितग्राहियों की संख्या विधानसभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश '' की योजनाओं का संचालन निम्न विभागों द्वारा किया जाता है :- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग एवं खादी ग्रामोद्योग आयोग। विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी से संबंधित चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी से संबंधित चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं।

परिशिष्ट - ''आठ''

गलत नामांतरण के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

36. ( क्र. 4189 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पूर्व विधान सभा प्रश्न संख्या 41 (क्रमांक 844) दिनांक 21/02/13 के संदर्भ में बतायें कि नगर पालिका नागदा जिला उज्जैन सम्पत्ति कर एवं शिक्षा उपकर की योग संग्रह की पंजी अर्थवर्ष 2006-07 के रजिस्टर क्रमांक 07 के पृष्ठ क्रमांक 156 के संकल्प 366 पर पाडलियाकलां (पाडलिया बुर्जुर्ग) की भूमि सर्वे क्रमांक 433 रकबा 0.141 किस आधार पर दर्ज की गई समस्त विवरण अनुलग्नकों सहित उपलब्ध कराते हुये बताए कि उक्त भूमि नामांतरण हेतु जो आधार उपलब्ध करावाये गये थे क्या उनकी जाँच किसी सक्षम अधिकारी द्वारा की गई यदि हाँ, तो नाम पते सहित विवरण दे यदि नहीं, तो क्यों व किस आधार पर कब नगर पालिका में नामांतरण हुआ? (ख) प्रश्नांश '''' से संबंधित भूमि अर्थवर्ष 2009-10 के रजिस्टर क्रमांक 6 पृष्ठ क्रमांक 210 सरल क्रमांक 378/1 से 378/5 तक क्रमश: (1) सूर्यप्रकाश पिता नीलकंठ (2) विष्णु पिता रमेशचन्द्र (3) मंजूला पिता सुरेशचन्द्र (4) प्रकाशचंद पिता नीलकंठ (5) श्रीमती विमला पति वीरेन्द्र को एक हिस्सा 17/48 का विक्रय किस आधार पर किया गया समस्त विवरण उपलब्ध करावें? (ग) क्या शासन उपरोक्त भूमि के नामांतरण की जाँच कर दोषियों को दण्डित करते हुए गलत नामांतरण निरस्त करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद्, नागदा जिला उज्‍जैन में सम्पतिकर एवं शिक्षा उपकर की योग संग्रह की पंजी अर्थवर्ष 2006-07 के रजिस्‍टर क्रमांक 07 के पृष्‍ठ क्रमांक 156 के सरल क्रमांक 366 पर पाडलियाकलां (पाडलिया बुजुर्ग) की भूमि सर्वे क्रमांक 433 रकबा 0.141 को सम्‍पत्तिकर पंजी में सर्वेक्षण के आधार पर कर वसूली हेतु दर्ज किया गया था। मध्‍य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 150 में दिये गये प्रावधान अनुसार कार्यवाही की गई है। (ख) विक्रय-पत्र मकान भाग स्थित जवाहर मार्ग गली नम्‍बर 01, नागदा, विक्रेता विष्‍णु उर्फ रिन्‍कु पिता स्‍व. रमेशचन्‍द्र शर्मा सहमतिदाता (1) प्रकाशचन्‍द्र               (2) सूर्यप्रकाश पिता स्‍व. नीलकंठ निवासीगण 90 सुभाष मार्ग खाचरौद ने क्रेता श्रीमती विमला पति श्री वीरेन्‍द्र कुमार जैन के पंजीकृत दस्‍तावेज क्रमांक 538 दिनांक 14.07.2009 पर प्रस्‍तुत नामांतरण आवेदन-पत्र विधिवत प्रक्रियानुसार किया गया उक्‍त समस्‍त विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) मध्‍य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 150 में दिये गये प्रावधान अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मनरेगा के कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

37. ( क्र. 4215 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) मनरेगा योजनान्‍तर्गत कौन-कौन से कार्य कराया जाना प्रतिबंधित किया गया है एवं क्‍यों? क्‍या मेंड़ बंधान कराये जाने के नियमों में बदलाव किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्‍या नियम हैं? नए नियम अंतर्गत सीधी जिले में जनपदवार कितने कार्य स्‍वीकृत किये जाकर कराये गये हैं? कितना व्‍यय हुआ है? (ख) क्‍या सीधी जिले में मेंड़ बंधान के कार्य नये नियम अनुसार न के बराबर कराये गये हैं जबकि जिले में धान का उत्‍पादन अधिक होता है? यदि हाँ, तो नये नियम अनुसार सीधी जिले में भूमि सुधार का कार्य न के बराबर होने से मनरेगा का लेबर बजट प्रभावित हुआ है, जिससे मजदूरों को रोजगार देने में कमी आई है? (ग) क्‍या पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशुशेड से कृषकों को लाभ दिये जाने की योजना बनाई गई थी? यदि हाँ, तो पशुशेड निर्माण कराये जाने पर से प्रतिबंध क्‍यों नहीं हटाया जा रहा है? (घ) क्‍या शासन द्वारा किसानों हेतु अति आवश्‍यक योजनाओं से लाभान्वित किये जाने हेतु इन्‍हें हितग्राही मूलक योजना के रूप में पुन: चालू किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्‍मा गांधी नरेगा के तहत मजदूरी मूलक कार्य जिनसे स्‍थाई परिसम्‍पत्‍तियों का निर्माण होता है, को छोड़कर शेष कार्य प्रतिबंधित है। जी हाँ। राज्‍य स्‍तर से दि. 08.09.2016 से मेंड़ बंधान के कार्य केवल हवेली बंधान पद्धति से धान उत्‍पादक जनपद क्षेत्र में लिये जाने के निर्देश दिए गए है। (ख) उक्‍त उत्‍तर '' अनुसार। रोजगार की मांग करने वाले श्रमिकों के लिये प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में कार्य स्‍वीकृत है। वर्तमान में सीधी जिले में 2,429 सामुदायिक कार्य एवं 8,805 हितग्राही मूलक कार्य स्‍वीकृत है। (ग) जी हाँ। महात्‍मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत कार्यों के सम्‍पादन में मजदूरी सामग्री अनुपात 60 : 40 की बाध्‍यता है।             (घ) उक्‍त उत्‍तर '', '' '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

छूटी हुई (मिसिंग लिंक) सड़कों का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

38. ( क्र. 4258 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्रातंर्गत प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत विकासखंड मुख्यालय से गांव को जोड़ने हेतु सिंगल कनेक्टिविटी सड़कें निर्मित की गई हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार गांव से गांव जोड़ने हेतु सड़कें निर्मित नहीं की गई हैं? यदि की गई हैं तो अन्य ग्रामों को जोड़ते हुये की गई है, जिससे एक गांव से दूसरे गांव में जाने के लिये न्यूनतम तीन से चार गांवों का चक्कर लगाना पड़ता है? (ग) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्र की ऐसी छूटी हुई सड़कों (मिसिंग लिंक) जिनके लिये 04 पत्र भेजे गये हैं यथा उमरिया से लहसर, पहाड़ीखेड़ा से सिलपुरी (गौमुख रोड) , सिलपुरी से बिलगड़ा, डूंडी से उमरिया, बम्हनौदी से तिलहरी, बम्हनी से मलारा, परतला से पिपरिया, महगवां से जुनवानी, महगवां से परतला, परतला से सिहोरा, परतला से खैरी, सिहोरा से लंहगी, डूंगा महगांव से तिलहरी, बिलहरी से खैरी, बरेला से महगवां, (इन्द्रा) पिपरिया से खैरी, एन.एच.7 से मोहनिया (कुशनेर) , कुशनेर से मोहनिया, एन.एच.7 से कारीवाह, मंगेला से पटना, मंगेला से हरदुआ, मंगेला से औरिया, मंगेला से बेलखाडू, ढीहा से औरिया, सूरतलाई से रैयाखेड़ा, सूखा से औरिया, खिरिया से पड़वार एवं अन्य 73 सड़कों का निर्माण किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एकल सड़क संपर्कता निर्मित की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अन्य 73 सड़कों से संबंधित जानकारी प्रश्नांश '' में स्पष्ट न होने के कारण उत्तर देना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''नौ''

पनागर विधानसभा में पशु शेड निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

39. ( क्र. 4263 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा पशु शेड निर्माण की योजना प्रचलित है? (ख) क्या पनागर में लग रहे वृहद मवेशी बाजार के लिये शेड निर्माण की स्वीकृति दी जायेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्‍मा गांधी नरेगा के तहत पशु शेड निर्माण के लिए स्‍वीकृति देने पर रोक लगाई गई है। (ख) जी नहीं। (ग) महात्‍मा गांधी नरेगा अंतर्गत मवेशी बाजार के लिए पशु शेड नहीं बनाए जाते हैं।

प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत किये गये निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

40. ( क्र. 4264 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक पनागर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत सड़क निर्माण हेतु दिये गये प्रस्तावों में से इमलई से टगर महगवां,जमुनिया से घुघरी मार्ग,पनागर से छतरपुर मार्ग पर क्‍या कार्यवाही की गई है? प्रस्‍ताववार बतावें? (ख) यदि नहीं, तो कारण बतायें?           (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्‍तर्गत कितने पुल-पुलिया सहित मार्ग स्‍वीकृत किये गये? कितने निर्मित हुये कितने निर्माणाधीन है? मार्गवार विवरण देवें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - ''दस''

ग्राम पंचायत का नगर पंचायत के रूप में गठन

[नगरीय विकास एवं आवास]

41. ( क्र. 4295 ) श्री मोती कश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मा. मुख्‍यमंत्री ने दिनांक 15-10-2017 को उमरियापान के किसी कार्यक्रम में किसी ग्रामपंचायत को नगर परिषद् के रूप में गठन करने की घोषणा की है? (ख) प्रश्नांश (क) के घोषि‍त ग्राम की जनगणना वर्ष 2001 की कितने प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में अनुमानित कितनी जनसंख्या की तुलना में जनगणना वर्ष 2011 में कितनी जनसंख्या दर्शायी गई है और उसमें अनुमानित कितनी जनसंख्या कम होना पायी गई है? (ग) क्या निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति हेतु प्रश्नांश (क), (ख) ग्राम के साथ समीपवर्ती कितनी जनसंख्या के किन ग्रामों का समावेश किया गया है और प्रस्ताव किस स्तर पर विचाराधीन है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के ग्राम को कब तक नगर परिषद् के रूप में स्वीकृति प्रदान कर संचालित कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 15-10-2017 नहीं अपितु दिनांक 15-10-2016 (ख) वर्ष 2001 एवं वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार घोषित ग्रामों की जनसंख्‍या की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ग) नगर परिषद् उमरियापान के गठन हेतु निर्धारित जनसंख्‍या के मापदण्‍ड को पूर्ण करने हेतु सम्मिलित की जाने वाली ग्राम पंचायत उमरियापान की जनसंख्‍या  9670, ग्राम पंचायत बम्‍हनी की जनसंख्‍या 611 एवं ग्राम पंचायत पचपेढ़ी की जनसंख्‍या 2043 का समावेश किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है किन्‍तु सम्मिलित की जाने वाली ग्राम पंचायतों द्वारा असहमति प्रस्‍ताव पारित किया गया है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।            (घ) मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक  584  दिनांक 27 दिसम्‍बर 2011 के अनुसार नगर परिषद् के गठन हेतु जनसंख्‍या का अनुपात 20,000 होना आवश्‍यक है। ग्राम पंचायतों द्वारा असहमति प्रस्‍ताव पारित किया गया है अत: गठन किया जाना संभव नहीं है। 

 अनिश्चितकाल से पट्टे अनुबंधित न किये जाना

[खनिज साधन]

42. ( क्र. 4296 ) श्री मोती कश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खान एवं खनिज विकास तथा विनिमय अधिनियम 1957 संशोधन अध्यादेश 2015 के अधीन धारा 8 (A) (6) के अनुसार किन्हीं श्रेणी के खनिजों के पट्टों की अवधि 50 वर्षों तक बढ़ाई गई है और जिसमें विभाग द्वारा 30 वर्षों का अनुबंध कराया जाना प्रावधित किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत चैकलिस्‍ट व बकाया राशि का डेडरेन्ट, सरफेसरेन्ट जमा कराकर खनिज अधिकारी कटनी द्वारा अनुबंध कराया जाता रहा है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2016 तक किनके अनुबंध किये गये हैं? (ग) क्या विभागीय आदेशानुसार कटनी के पूर्ववर्ती किन्हीं अधिकारियों ने कोई निर्देश जारी किये हैं कि उनके पट्टों के अनुबंध नहीं किये जावेंगे, जिनके विरूद्ध प्रकरण कहीं विचाराधीन हैं? (घ) क्या किसी के विरूद्ध बिना अपराध सिद्ध हुये और बिना दण्डित किये अनिश्चितकाल तक दण्डित किया जाना न्याय सिद्धान्त के विरूद्ध नहीं है और इससे क्या विभाग को राजस्व की अपूर्णीय क्षति नहीं हो रही है तथा क्या उत्पादन अवरूद्ध नहीं हो रहा है? (ड.) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (ग) , (घ) आदेश निरस्त कर प्रकरणों के अंतिम निर्णय होने तक पट्टे अनुबंधित किये जाना निर्देशित किया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 8ए (6) का उद्धरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है। विभाग द्वारा इसके अनुक्रम में दिनांक 12.03.2015 को निर्देश जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (ड.) प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ग्राम पंचायत में विकास कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

43. ( क्र. 4459 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) बरगी वि.स. क्षेत्र के जबलपुर एवं शहपुरा विधान सभा क्षेत्र की ग्रा.पं. में विगत 3 वर्षों में शौचालय निर्माण, मऊशेड, पंच परमेश्‍वर, इंद्रा आवास परफार्मेन्‍स गांरटी से कितने कार्य कितनी राशि से कराये गये वर्षवार पंचायतवार विवरण दें। (ख) उपरोक्‍त में से किन-किन ग्रा.पं. में निर्माण कार्यों में अनियमितताओं की शिकायतें/जानकारी प्राप्‍त हुई? उक्‍त शिकायतों में कितने उपयंत्री, सचिव, सरपंच, दोषी पाये गये? कार्यों का मूल्‍यांकन किन-किन उपयंत्रियों, मु.का.पा. अधि. द्वारा किया गया?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अतिथि विद्वानों को समान कार्य समान वेतन दिए जाना

[उच्च शिक्षा]

44. ( क्र. 4684 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा सिविल अपील 313/2013 दिनांक            26 अक्टूबर 2016 द्वारा देश भर के अस्थाई कर्मचारी, दैनिक वेतन कर्मचारियों के लिए समान कार्य के लिए सामान वेतन दिए जाने का आदेश दिया गया था, जिस पर कुछ राज्य सरकारों ने माननीय नयायालय के आदेश का पालन करना शुरू भी कर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. सरकार द्वारा शासकीय महविद्यालयों में अतिथि विद्वान के पद पर कार्यरत सहायक प्राध्यापकों को शासकीय प्राध्यापकों के समान वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है? कारण सहित बताएँ। (ग) क्या उक्त अतिथि विद्वानों को वर्तमान में मात्र 275 रूपये प्रति कालखंड एवं अधिकतम 825 रूपये प्रति दिन के हिसाब से भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं जबकि इनके द्वारा शासकीय प्राध्यापकों के सामान अध्यापन कार्य किया जा रहा है? (घ) क्या म.प्र. शासन द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले को म.प्र. के समस्त शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ अतिथि विद्वानों के लिए लागू किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? क्या म.प्र. शासन के विभिन्य विभागों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को इन अतिथि विद्वानों से अधिक वेतन प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या इनके पद एवं गरिमा के अनुरूप सम्मानजनक वेतन प्रदान किया जाएगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन के परिपत्र क्रमांक 969/एफ 01-9/2016/38-1 दिनांक 08.08.16 द्वारा निर्धारित मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। अतिथि विद्वानों को अस्थाई रूप से आवश्यकता अनुसार अनिश्चित समय के लिए निर्धारित मानदेय पर आमंत्रित किया जाता है, इसलिए सहायक प्राध्यापकों के समान वेतन देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत् नियमित शैक्षणिक अमले के वेतन से अतिथि विद्वान के मानदेय की तुलना करना न्यायोचित नहीं है क्योंकि प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत नियमित शैक्षणिक अमला लोक सेवा आयोग से चयनित है, जबकि प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त शैक्षणिक पदों पर छात्रसंख्या/कार्यभार के आधार पर आवश्यकतानुसार अस्थाई रूप से अतिथि विद्वानों का आमंत्रण संबंधित शासकीय महाविद्यालय के सचिव, जनभागीदारी द्वारा आमंत्रित किया जाता है तथा इन्हें नियमित शासकीय सेवक नहीं माना गया है। इसलिए समान कार्य के लिए समान मानदेय का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। नियमित पदस्थापना के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन से अतिथि विद्वानों के मानदेय की तुलना करना उचित प्रतीत नहीं है। उक्त के संदर्भ में शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था एवं निराश्रित पेंशन योजना में हुए घोटाले

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

45. ( क्र. 4705 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्‍या-63 (क्रमांक 701) दिनांक 08-12-16 के सन्दर्भ में इंदौर नगर निगम एवं अन्य संस्थाओं में हुए सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था एवं निराश्रित पेंशन योजना में हुए घोटाले के सन्दर्भ में मंत्रि परिषद् समिति की अनुशंसा अनुसार शासन के संकल्प सहित जाँच प्रतिवेदन विधान सभा के पटल पर न रखे जाने के क्या कारण हैं? (ख) क्या बजट सत्र 2017 में उक्त जाँच रिपोर्ट सदन में पटलित कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सामाजिक न्याय विभाग द्वारा मंत्रि-परिषद् के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु मंत्रि-परिषद् संक्षेपिका, सचिव (समन्वय), सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र क्रमांक एफ-2-6 2013/26-2 दिनांक 08.08.2013 द्वारा भेजी गई। पुनः अद्यतन स्थिति दर्शाते हुये मंत्रि-परिषद् संक्षेपिका एवं संकल्प, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग का पत्र क्रमांक एफ-2-6/2013/26-2 दिनांक 27.08.2015 द्वारा भेजी गई। मंत्रि-परिषद् समिति का परीक्षण प्रतिवेदन एवं जाँच आयोग द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन दिनांक 11 जुलाई, 2013 को म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया। शेष कार्यवाही म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा की जाना है। (ख) सदन में पटलित करने की कार्यवाही म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा की जाना।

खनिजों का उत्खनन

[खनिज साधन]

46. ( क्र. 4745 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या रीवा संभाग में सभी प्रकार के खनिजों के उत्खनन में खनन का क्षेत्र बढ़ा है? यदि हाँ, तो 2012 से दिसम्बर 2016 तक वर्षवार कितना-कितना बढ़ा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : प्रश्‍नाधीन संभाग की जिलेवार प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है।

धार्मिक स्‍थलों पर किये जा रहे कार्य

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

47. ( क्र. 4777 ) श्री अजय सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या अभिलेखों में शासकीय भूमि पर स्थित प्राचीन मंदिर जिसके प्रबंधक जिला कलेक्‍टर हैं, क्‍या ऐसे मंदिर शासकीय मंदिर की श्रेणी में आते हैं? (ख) प्रश्‍नांश (अ) से संबंधित क्‍या ऐसे मंदिर परिसर में बिना कलेक्‍टर की पूर्व अनुमति के कोई निर्माण किया जा सकता है?              (ग) प्रश्‍नांश (ख) क्‍या ऐसे मंदिर में बिना शासकीय प्रतिनिधि को शामिल किये रख-रखाव के उद्देश्‍य से कोई ट्रस्‍ट बनाया जा सकता है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) से संबंधित क्या ऐसा ट्रस्‍ट बिना कलेक्‍टर की पूर्व अनुमति से चढ़ौत्री की रकम से अचल सम्‍पत्तियों की खरीद व परिसर की सीमा क्षेत्र तथा उसके बाहर मनमाना निर्माण कर सकता है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।


सारणी नगर पालिका में विकास कार्यों की निविदाओं में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

48. ( क्र. 4810 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सारणी नगरपालिका में जनवरी 2015 से वर्तमान तक जारी निविदाओं में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं। कौन से कार्य अधूरे हैं और कब तक पूर्ण हो जाएंगे? कौन से कार्य पूर्ण हो गए हैं, क्या इनकी सी.सी. जारी हो गई? इस अवधि‍ में निर्माण कार्यों एवं सप्लाई हेतु जारी निविदाओं की सूची उपलब्ध करवाएं। (ख) क्या सारणी न.पा. ने पिछले छह माह में कम्पयूटर क्रय, चलित शौचालय क्रय, मेला कार्यों की निविदाओं में पूर्व अनुभव या पात्रता शर्तें लगाई हैं? यदि हाँ, तो क्या इसके लिए नियमानुसार मुख्य अभियंता से स्वीकृति प्राप्त की है? (ग) यदि स्वीकृति नहीं ली है, तो इसके लिए किस अधिकारी पर क्या कार्यवाही होगी? (घ) चलित शौचालय क्रय की एन.आई.टी. में की-डेट्स क्या थी? ऑनलाईन निविदा कब क्लोज की गई? इसमें अंतर क्यों था? क्या इस अनियमितता की जाँच करवाकर कार्यवाही की जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सारणी नगर पालिका में जनवरी, 2015 से प्रश्‍नांश तिथि तक जारी कुल 242 निविदाओं में से 150 कार्य पूर्ण हो चुके है, 40 कार्य प्रगति पर एवं 52 कार्य 6 माह के भीतर पूर्ण होना लक्षित है। पूर्ण कार्यों की सी.सी. जारी किया जाना शेष है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है।            (ख) जी हाँ, आमंत्रित की जाने वाली निविदाओं में शर्तों के निर्धारण एवं पालन करवाये जाने के अधिकार प्राधिकृत अधिकारी के क्षेत्रान्‍तर्गत सन्निहित होने से मुख्‍य अभियंता से पूर्व स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं की गई है। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) चलित शौचालय क्रय हेतु ऑनलाईन निविदा में की-डेट्स निविदा क्रय की अंतिम तिथि 16.11.2016 एवं वित्‍तीय ऑफर खोलने की तिथि 21.11.2016 अंकित थी एवं ऑनलाईन निविदा दिनांक 21.11.2016 को खोली गई थी। ऑनलाईन निविदा हेतु जारी समाचार पत्र हेतु प्रकाशित विज्ञप्ति में टाईपिंग त्रुटिवश निविदा क्रय करने की अंतिम तिथि 16.11.2016 के स्‍थान पर 26.11.2016 अंकित हो गई थी किन्‍तु की-डेट्स में निविदा क्रय करने की तिथि 16.11.2016 ही अंकित है। की-डेट्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रकरण में विस्‍तृत जाँच की जा रही है।

भ्रष्टाचार के कारण चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित होना

[नगरीय विकास एवं आवास]

49. ( क्र. 4811 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका परिषद् हरदा में भ्रष्टाचार के संबंध में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष को तीन वर्ष के लिये चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो अयोग्य घोषित किये जाने का क्या आधार था, क्या उन पर लगा भ्रष्टाचार संबंधी आरोप सिद्ध हुआ? (ग) यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो म.प्र. भोपाल में अपराध पंजीबद्ध नहीं किये जाने का क्या करण था? अब क्या उनके विरूद्ध ई..डब्लू. में अपराध पंजीबद्ध किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो उसका क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश '''' अनुसार अयोग्य घोषित किये जाने के मापदण्ड के आधार पर सम्बन्धि से वसूली की कार्यवाही क्यों नहीं की गई उसका क्या कारण है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) सच यह है कि श्री सुरेन्‍द्र जैन पूर्व अध्‍यक्ष नगरपालिका परिषद् हरदा को विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4-206/2009/18-3 दिनांक 04.05.2012 द्वारा कर्तव्‍यों एवं अधिनियमों के अंतर्गत प्रशासकीय नियंत्रण रखने में असफल रहने के कारण दोषी मानकर 3 वर्षों के लिये निर्वाचन के लिये अयोग्‍य घोषित किया गया था। आदेश की प्रति विवरण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में चूंकि उनके विरूद्ध शासन के आदेश दिनांक 04.05.2012 में आर्थिक अपराध नहीं पाया गया था, इसलिये तत्‍कालीन समय ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. में अपराध पंजीबद्ध नहीं कराया गया था। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। विभाग के आदेश दिनांक 04.05.2012 में वसूली हेतु निर्णय पारित नहीं किया गया है। अतएव वसूली करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राष्‍ट्रीय वनीकरण योजना

[वन]

50. ( क्र. 4948 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) राष्‍ट्रीय वनीकरण योजनांतर्गत वर्ष २०१३ से दिसंबर २०१६ तक कितनी-कितनी राशि वृक्षारोपण हेतु स्‍वीकृत हुई तथा किस-किस मद में कहाँ-कहाँ व्‍यय की? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत रतलाम जिला व‍ विशेष कर आलोट विधानसभा क्षेत्र में कराए गये कार्यों का वर्षवार ब्‍यौरा दें? (ग) वर्ष २०१३ से दिसंबर २०१६ तक रतलाम व उज्‍जैन जिले में रोपणियों में तैयार पौधों की किस्‍मवार संख्‍या, निवर्तित पौधों की संख्‍या एवं पौधे विक्रय से आय का पूर्ण ब्‍यौरा क्‍या है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है।

अवैध अतिक्रमणों के कारण शहर के अन्‍दर बाढ़ आ जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

51. ( क्र. 5040 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या 6,7,8  जुलाई 2016 को सतना शहर के अंदर बाढ़ से हालात पैदा होने पर सेना को बुलाया गया था? खेरमाई नाले पर हुये अवैध अतिक्रमण के कारण भरहुत नगर, जवान सिंह कालोनी, खजूरी टोला, खेरमाई रोड़ के हजारों दुकानों एवं घरों में बाढ़ का पानी घुसने के कारण करोड़ो रूपयों का समान बरबाद हुआ? (ख) खेरमाई नाले के अवैध अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध प्रशासन ने प्रश्‍नतिथि तक क्‍या क्‍या कार्यवाही की गयी? 40 चौड़ा नाला 9 फुट चौड़ा हो गया है? एस आर बी एच इंजीनियर्स एवं बिल्‍डर ने नाले पर अवैध अतिक्रमण किया है उस पर तथा अन्‍य पर क्‍या कार्यवाही की गयी है? प्रकरणवार अवैध अतिक्रमणकारी का अलग-अलग विवरण दें?                           (ग) बांधवगढ़ कालोनी मौजा कोलगवां स्थित महालक्ष्‍मी अपार्टमेंट ने बांधवगढ़ से अयप्‍पा नगर से निकलने वाले नाले पर आराजी क्रमांक 239/240/241/242 पर कब्‍जा कर रखा है? पूर्व में स्‍थानीय रहवासियों की शिकायत पर नजूल व राजस्‍व विभाग ने नपती की तो उसमें अपार्टमेंट के बीच का हिस्‍सा ही अवैध अतिक्रमण में आया? प्रश्‍न तिथि तक प्रकरण में क्‍या किया गया बिन्‍दुवार दें?               (घ) क्‍या नजूल व राजस्‍व के अधिकारी/कर्मचारी अवैध अतिक्रमणकारियों से सांठ-गांठ कर नालों की भूमि पर अवैध कब्‍जा करवा रहे है? अगर नहीं तो प्रश्‍नतिथि तक अवैध कब्‍जों को क्‍यों नहीं कराया गया है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। अतिवृष्टि के कारण भरहुत नगर, जवान सिंह कालोनी, खजूरी टोला, खेरमाई रोड की हजारों दुकानों एवं घरों में बाढ़ का पानी घुसने के कारण आर्थिक क्षति हुई। (ख) शहरी क्षेत्र में जल भराव की समस्‍या होने पर नगर पालिक निगम सतना द्वारा 35 अवैध अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाकर अतिक्रमण हटाये गये हैं। शेष अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। एस.आर.बी.एच. इंजीनियर्स एवं बिल्‍डर्स की अतिक्रमित बाउण्‍ड्री 10'x80' हटाई जा चुकी है। (ग) माधवगढ़ कालोनी, मौजा कोलगवां की आराजी क्रमांक 239/240/241/242 पर अतिक्रामक श्री मनोहर शीतलानी निवासी माधवगढ़ कालोनी पर कलेक्‍टर गाइड लाइन के अनुसार बाजार मूल्‍य पर 20 प्रतिशत राशि अर्थदण्‍ड अधिरोपित किया जाकर बेदखली आदेश पारित किया गया है। (घ) जी नहीं। अवैध कब्‍जा व अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही मध्‍य प्रदेश भू-राजस्‍व संहिता सहित अन्‍य नियम अंतर्गत प्राधिकारी द्वारा विधि अनुरूप की जा रही है।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

ग्राहकों के साथ जे.डी.ए. एवं बिल्‍डर द्वारा धोखाधड़ी करना

[नगरीय विकास एवं आवास]

52. ( क्र. 5042 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जबलुपर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 11 शताब्‍दी पुरम में श्री जी प्रमोटर एण्‍ड डेवलपर्स प्रा. लि. के साथ अनुबंध किया था? अनुबंध की एक प्रति उपल्‍ब्‍ध कराते हुये बताये कि प्राधिकरण एवं बिल्‍डर के द्वारा प्रश्‍नतिथि तक किस-किस नाम एवं पते के लोगों से कितनी-कितनी राशि लेने के बाद श्री जी प्रमोटर द्वारा उन्‍हें मकानों/फ्लेट/दुकानों का हस्‍तांतरण/आधिपत्‍य/पजेशन नहीं दिया है? (ख) क्‍या जबलपुर विकास प्राधिकरण उक्‍त बिल्‍डर के विरूद्ध कोई कार्यवाही ना कर मकानों के लिये पैसा दे देने के बावजूद आमजन को कोई राहत नहीं दिला पा रहा है? क्‍या बिल्‍डर ने अनुबंध की 47 बिंदुओं पर प्रश्‍नतिथि तक पूरी तरह अमल किया है? अगर नहीं तो राज्‍य शासन इस तरह के प्रकरणों में हस्‍तक्षेप कर कोई कार्यवाही करेगा?                          (ग) प्रश्‍नांश '' में उल्‍लेखित बिल्‍डर के द्वारा शताब्दीपुरम में बुकिंग करने वालों को कब-कब कितनी राशि चेक व नगद से भुगतान किया जिसकी पावती उक्‍त फ्लेट बुक करने वालों के पास है, कि जानकारी क्‍या जबलपुर विकास प्राधिकरण के पास है? कितनी राशि बिल्‍डर ने आम जनमानस से वसूल कर फ्लेट नहीं दिये जा रहे है प्रकरणवार जानकारी दें? (घ) क्‍या राज्‍य शासन उक्‍त बिल्‍डर के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? अगर हाँ तो क्‍या एवं किन नियमों के तहत? समय-सीमा दें? अगर नहीं तो क्‍यों कारण दें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। जबलपुर विकास प्राधिकरण एवं श्री जी प्रमोटर्स एण्‍ड डेवलपर्स प्रा.लि. के मध्‍य संपादित अनुबंध अनुसार प्रीमियम की राशि बिल्‍डर/डेवलपर द्वारा ही ली जाना है। डेवलपर द्वारा ली गई राशि एवं आधिपत्‍य दिये जाने संबंधी दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जबलपुर विकास प्राधिकरण एवं श्री जी प्रमोटर्स एण्‍ड डेवलपर्स प्रा.लि. के मध्‍य संपादित अनुबंध अनुसार डेवलपर एवं क्रेता के मध्‍य लेन-देन एवं विवाद के लिए प्राधिकरण जवाबदार नहीं है। डेवलपर एवं आवंटी के मध्‍य विवाद की स्थिती में कन्‍जयूमर एक्‍ट, 1986 के अंतर्गत बिल्‍डर/डेवलपर के विरूद्ध आवंटी द्वारा कार्यवाही की जा सकती है। डेवलपर द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुरूप कार्य नहीं किये जाने संबंधी शिकायत की जाँच प्राधिकरण द्वारा की जा रही है। जाँच उपरान्‍त विधि सम्‍मत कार्यवाही प्राधिकरण स्‍तर से ही की जा सकेगी। (ग) उत्‍तराशं '' अनुसार। (घ) जी नहीं। क्रेता बिल्‍डर/डेवलपर के विरूद्ध कन्ज़यूमर एक्‍ट, 1986, रियल एस्‍टेट (रेग्‍यूलेशन एण्‍ड डेवलपमेंट) अधिनियम, 2016 या सक्षम न्‍यायालय में वाद दायर कर सकता है।

जिला पंचायत सिवनी में 45 लाख की प्रिंटिग के संबंध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

53. ( क्र. 5084 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) सिवनी जिला पंचायत अंतर्गत मध्‍यान्‍ह भोजन कार्यक्रम योजना से वर्ष 2016 में क्‍या स्‍टेशनरी प्रिंटिग सामग्री खरीदी गई है? इस प्रिटिंग कार्य के लिए आवश्‍यकता व इसके लिए जारी निर्देश के संबंध में जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) मध्‍यान्‍ह भोजन कार्यक्रम योजना से कराई गई इस प्रिंटिग सामग्री खरीदी के लिए क्‍या शासन स्‍तर से बजट का प्रावधान किया गया था यदि हाँ, तो उसकी जानकारी प्रदान करें? क्‍या इस प्रिंटिग कार्य के लिए शासन स्‍तर से स्‍वीकृति प्राप्‍त की गई है? मध्‍यान्‍ह भोजन कार्यक्रम परिषद् भोपाल द्वारा वर्ष 2015 में अभिलेख संधारण माह मनाने हेतु आदेशित किया गया था क्‍या उस आदेश में प्रिंटिग सामग्री क्रय किए जाने संबंधी निर्देश दिए गए थे? (ग) इस प्रिंटिग सामग्री खरीदी हेतु सक्षम अधिकारी व वित्‍तीय अधिकार के संबंध में जानकारी प्रदान करें तथा मध्‍यप्रदेश भंडार क्रय व सेवा उपार्जन नियम 2015 के नियम क्‍या हैं? उस प्रिंटिग सामग्री क्रय किये जाने के मामले में जिला पंचायत सिवनी व मध्‍यान्‍ह भोजन कार्यक्रम परिषद् भोपाल के द्वारा मध्‍यप्रदेश भंडार क्रय व सेवा उपार्जन नियम का पालन किया गया है? (घ) जिला पंचायत सिवनी द्वारा एम.डी.एम. मद से प्रिंटिग सामग्री खरीदे जाने संबंधी क्‍या कोई निविदा छपवाई गई है, तो कौन-कौन सी? उक्‍त प्रिंटिग सामग्री क्रय किए जाने हेतु किस फर्म को अधिकृत किया गया था उसे कितनी राशि का भुगतान किस मद से कब-कब किया गया?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, सिवनी जिला पंचायत में वर्ष 2015-16 में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत खाद्यान्न कूपन, निरीक्षण पंजी, खाद्यान्न पंजी, दुग्ध वितरण पंजी, राशि लेखा-जोखा पंजी, बैठक पंजी, रसोईया के मानदेय पारिश्रमिक पंजी आदि का क्रय किया गया है। मुद्रण क्रय के लिए आवश्यकता मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के विकासखण्डों स्त्रोत समन्वयक की माग एवं जिले में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के लाभान्वित दुग्ध केन्द्रों को ध्यान में रखते हुए आवश्यकता का आकलन कर की जाना प्रतिवेदित है। आवश्यकता का आंकलन करने के लिए विभाग द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किये गये है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। (ग) एवं (घ) जिला पंचायत सिवनी द्वारा म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ, भोपाल से क्रय करने में            रू. 45.60 लाख का व्यय किया गया है। क्रय नियमों के पालन एवं व्यय के औचित्य की जाँच एक माह के भीतर करने के निर्देश राज्य समन्वयक, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम परिषद्, भोपाल को दे दिये गये है।

परियोजना अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

54. ( क्र. 5085 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) सिवनी जिले में जिला पंचायत सिवनी अंतर्गत राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन योजना में तत्‍कालीन पदस्‍थ परियोजना अधिकारी रवि मुरकुटे के विरूद्ध वर्ष 2013 से आज दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? प्राप्‍त शिकायतों पर विभाग द्वारा क्‍या जाँच कराई गयी है, उन जांचों के परिणामों के संबंध में अवगत करावें। उक्‍त परियोजना अधिकारी के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने हेतु कोई आदेश सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी किए गये, यदि हाँ, तो उन आदेशों के परिपालन में जिला पंचायत सिवनी द्वारा क्‍या कार्यवाही की गयी? (ख) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल की राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन के सक्षम अधिकारी द्वारा योजना अंतर्गत परियोजना अधिकारी रवि मुरकुटे के विरूद्ध शिकायतों के आधार पर कोई कार्यवाही प्रस्‍तावित की गयी है या कार्यवाही हेतु जिला पंचायत सिवनी को पत्र प्रेषित किया गया है? उक्‍त परियोजना अधिकारी पर जाँच के दौरान वित्‍तीय अनियमितता पाई गयी है तो क्‍या शासन की राशि का दुरूपयोग करने पर वसूली की कार्यवाही की गयी? (ग) सिवनी विकासखण्‍ड के अंतर्गत राजीव गांधी जल ग्रहण प्रबंधन मिशन की वॉटर शेड समिति पुसेरा में योजना के तहत कराये गये निर्माण कार्यों की वर्ष 2013 से आज दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा उन शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गयी है? जाँच में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध वित्‍तीय अनियमितता प्रमाणित हो पाये है तो प्रस्‍तावित कार्यवाही से अवगत करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एक शिकायत प्राप्त हुई। कार्यपालन यंत्री (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा) , लोक सेवा प्रबंधक तथा अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व के दल द्वारा की गई जाँच के प्रतिवेदन दिनांक 03.11.2015 में परियोजना अधिकारी द्वारा नियमित समीक्षा एवं निर्माण स्थलों के निरीक्षण नहीं करने का लेख है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। संचालक, राजीव गांधी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन ने दिनांक 01.12.2016 को जिला कलेक्टर को कार्यवाही हेतु लिखा। संबंधित परियोजना अधिकारी को भविष्य के लिए सचेत किया गया है तथा रू. 9,567/- की वसूली की गई है। (ग) प्राप्त हुई दो शिकायतों पर उत्तरांश '' में वर्णित जाँच में दोषी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कुल रू. 2,32,468/- की वसूली आदेशित की गई है, जिसके विरूद्ध रू. 88,191/- की वसूली की जा चुकी है।

पेंशन की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

55. ( क्र. 5105 ) श्री महेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत जनपद पंचायत पन्‍ना एवं गुनौर में कितने पेंशनधारक हितग्राही है तथा उन्‍हें वृद्धा एवं विधवा पेंशन प्राप्‍त हो रही है? जनपद पंचायत पन्‍ना एवं गुनौर की जनपद पंचायतवार संख्‍यावार बतावें। (ख) क्‍या हितग्राहियों को क्‍योस्‍क बैंकों से मिलने वाली पेंशन जैसे वृद्धा एवं विधवा पेंशन आदि के लिए पेंशन न आना फिंगर का मिलान न होना बताकर भटकाया जाता है और पेंशन नहीं दी जाती है? (ग) क्‍या क्‍योस्‍क बैंक के संचालक को ग्राम पंचायत जाकर पेंशन का भुगतान कराये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो सरपंच एवं सचिव द्वारा सत्‍यापन कराकर क्‍योस्‍क बैंक संचालक द्वारा पेंशन का भुगतान क्‍यों नहीं किया जाता है? (घ) क्‍या पेंशनधारियों की पेंशन गलत वाउचर भरवाकर व फिंगर लगवाकर उक्‍त बैंक के द्वारा निकाल ली जाती है और पेंशन न आने का बहाना बताकर भगा दिया जाता है? जिन क्‍योस्‍क बैंक संचालकों द्वारा सरपंच एवं सचिव से पेंशन भुगतान का सत्‍यापन नहीं कराकर भुगतान किया जाता है? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जाएगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 14607 पेंशनधारक हितग्राही है। जी हाँ। जनपद पंचायतवार संख्यावार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। सभी पात्र हितग्राहियों को प्रतिमाह पेंशन राशि का भुगतान समय-सीमा में किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। हितग्राहियों को कोषालय के माध्यम से उनके बैंक खातों में ई-पद्धति के माध्यम से पेंशन का भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जिन पात्र हितग्राहियों की राशि खाते में जमा की जाती है उनके बैंक खाते से अंगूठा/हस्ताक्षर के निशान की पहचान की जाकर भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''बारह''

स्‍व-सहायता समूहों द्वारा स्‍कूलों में मध्‍यान्‍ह भोजन की शिकायतों

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

56. ( क्र. 5117 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में कितने स्‍व-सहायता समूह स्‍कूलों में किस-किस गांव में कब से काम कर रहे हैं तथा प्रत्‍येक स्‍व सहायता समूहों की पिछले 3 वर्षों में कितनी क्‍या शिकायतें शासन जिला प्रशासन, जिला पंचायत एवं विभाग को मिली? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या मॉ दुर्गा स्‍व-सहायता समूह छेवलाई में 8 वर्षों से मिथलेश बाई अध्‍यक्ष भूरियाबाई पति पूर्व सरपंच गोपाल सिंह इसके 8 वर्षों से उपाध्‍यक्ष है तथा इनकी विभिन्‍न शिकायतों को देखकर हटाने व इनसे कार्य हटाने के बारे में कब कार्यवाही करेंगे? (ग) ग्राम छेवलाई की मॉ नव दुर्गा स्‍व-सहायता समूह के विरूद्ध क्‍या-क्‍या शिकायतें मिली है? इनके विरूद्ध पिछले 5 वर्ष पूर्व मध्‍यान्‍ह भोजन नहीं देने तथा बाद में 3 वर्ष कभी-कभी मध्‍यान्‍ह भोजन देने की जो शिकायत मुझे व प्रशासन को की गई थी तथा उच्‍च न्‍यायालय में भी जाँच के आदेश दिये है? इस संस्‍था से मध्‍यान्‍ह भोजन हटाया क्‍यों नहीं गया तथा इस संस्‍था के पदाधिकारियों को भी क्‍यों नहीं हटाया गया?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं, छैवलाई में मॉ दुर्गा स्व-सहायता समूह क्रियान्वयन एजेंसी नहीं है। (ग) ग्राम छैवलाई में मॉ नव दुर्गा स्व-सहायता समूह क्रियान्वयन एजेंसी नहीं है। ग्राम छैवलाई में प्राथमिक विद्यालय के लिए मध्यान्ह भोजन की क्रियान्वयन एजेंसी दुर्गावती स्व-सहायता समूह है जिसके विरूद्ध फर्जी बी.पी.एल. राशनकार्ड के आधार पर स्व-सहायता समूह चलाने, मध्यान्ह भोजन वितरण नहीं करने एवं फर्जीवाड़ा करने की शिकायत प्राप्त हुई थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मुंगावली ने दिनांक 05.01.2016 को दुर्गावती स्व-सहायता समूह को मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की क्रियान्वयन एजेंसी से पृथक किया था। संस्था की अपील में अपर कलेक्टर, अशोकनगर ने अपील आदेश दिनांक 27.06.2016 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मुंगावली के आदेश को निरस्त कर दिया। माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका क्रमांक 8470/2016 में पारित आदेश दिनांक 06.12.2016 में इस समूह के विरूद्ध प्रस्तुत शिकायत का निराकरण करने के निर्देश दिए है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समय-सीमा समाप्त नहीं हुई है।

विदिशा जिले में जनपद पंचायत अध्‍यक्ष एवं सी.ओ. द्वारा भ्रमण और डीजल खर्च की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

57. ( क्र. 5133 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) विदिशा जिले में जनपद पंचायत अध्‍यक्ष और सी.ओ. को प्रति माह कितने दौरे करने और प्रतिमाह कितना डीजल खर्च करने की पात्रता है तथा इनका रिकार्ड कौन देखता है? (ख) विदिशा जिले में वर्ष अप्रैल 13 से अभी तक प्रत्‍येक जनपद अध्‍यक्ष और सी.ओ. द्वारा किस-किस ग्राम का भ्रमण किया और कितना डीजल खर्च किया महीने वार पृथक-पृथक सी.ओ. की जानकारी देवें?            (ग) किसी जनपद पंचायत के अध्‍यक्ष अथवा सी.ओ. निर्धारित मापदण्‍ड से किसी माह में ज्‍यादा डीजल लिया है तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या किसी जनपद अध्‍यक्ष अथवा सी.ओ. द्वारा अपने क्षेत्र से बाहर यात्रायें की गई है वह शासन की जानकारी में है या नहीं अगर है तो उन पर क्‍या दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या आगे ऐसी कार्यवाही हो सकेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एवं अनुसार है। (ग) डीजल खपत सीमा से अधिक किये जाने का औचित्य पूर्ण कारण न होने की स्थिति में ही कार्यवाही की जाती है, ऐसी स्थिति प्रकाश में नहीं आई है, इसलिये कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।          (घ) शासकीय प्रयोजन हेतु क्षेत्राधिकार के बाहर की गई यात्राओं की जानकारी शासन को रहती है। ऐसी यात्राओं के संबंध में प्रश्नांकित कार्यवाही नहीं की जा सकती।

जनपद पंचायत खनियाधाना में नियम विरूद्ध कराये गये कार्यों की जाँच

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

58. ( क्र. 5148 ) श्री के.पी. सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले की जनपद पंचायत खनियाधाना में वर्ष 2013-14 में मनरेगा योजना अंतर्गत 67 मुरमीकरण रोड की नियम विरूद्ध तकनीकी स्‍वीकृति प्रदान की गई? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या (क) अवधि में उक्‍त कार्यों की मजदूरी एवं वेण्‍डरों के भुगतान न करने के संबंध में कोई शिकायतें प्राप्‍त हुई है? इन शिकायतों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? शिकायतवार ब्‍यौरा दें। (ग) उक्‍त शिकायतों का निराकरण कब तक किया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मध्‍यप्रदेश ग्रामीण आजीवका मिशन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

59. ( क्र. 5195 ) श्री गोवर्धन उपाध्‍याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्र में मध्‍यप्रदेश राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन विदिशा द्वारा विगत तीन वर्षों में कितने युवक युवतियों को किन-किन कामों के लिए प्रशिक्षण किस किस ट्रेडों में दिया गया? उनमें से कितने लोगों को स्‍वरोजगार से जोड़ा गया? उनके नाम पते उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश '' अनुसार प्रशिक्षण दिये जाने का प्रावधान क्‍या है? शासन की निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करावें? उक्‍त संबंध में सिरोंज तहसील के किसान एवं युवा विकास मण्‍डल विशेपुर समिति द्वारा ग्रामीण महिलाओं को सिलाई एवं कढ़ाई प्रशिक्षण हेतु हितग्राहियों की सूची उपलब्‍ध कराई गई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्‍यों नहीं?                (ग) ग्रामीण स्‍वरोजगार प्रशिक्षण संस्‍थान विदिशा द्वारा विगत तीन वर्षों में विभिन्‍न ट्रेडों में सिरोंज एवं लटेरी के कितने युवक-युवतियों को ब्‍लॉक स्‍तर पर प्रशिक्षण दिलाया गया एवं प्रशिक्षणों पर कितनी राशि व्‍यय की गई? प्रशिक्षण उपरांत कितने लोगो को स्‍वरोजगार से जोड़ा गया है उनके नाम पते उपलब्‍ध करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। जी हाँ। संस्था का चयन स्वयं आवेदन आधारित होकर पारदर्शी प्रक्रिया से नहीं किया जाने के कारण।

प्रधानमंत्री आवास योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

60. ( क्र. 5196 ) श्री गोवर्धन उपाध्‍याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत सबके लिए आवास (एच.ए.एफ.) 2022 के तहत किन‍-किन ग्राम पंचायतों को कितने-कितने भौतिक लक्ष्‍य आवंटित किये गये हैं? लक्ष्‍य आवंटित करने मापदण्‍ड क्‍या है? निर्देश की प्रति उपलब्‍ध करावें?          (ख) प्रश्‍नांश '' अनुसार प्रश्‍नांश दिनांक तक कितने प्रकरण स्‍वीकृत किये गये? स्‍वीकृत आवास निर्माण कार्य में कितनी राशि का वितरण किया जा चुका है? स्‍वीकृत प्रकरण में से कितने आवास निर्माण का कार्य पूर्ण किये गये और कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? आवास निर्माण कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्‍या है? (ग) विधानसभा क्षेत्र सिंरोज में आवास निर्माण हेतु शासन द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्‍य वर्ग का लक्ष्‍य क्‍या है वार्डवार अन्तिम तिथि तक प्राप्‍त आवेदनों की संख्‍या देवें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लक्ष्य आवंटन क्षेत्र आधारित न होकर SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों की परस्पर वंचितता की तीव्रता पर आधारित है। विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी के ग्रामवार हितग्राहियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। योजना के दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) अब तक 1426 प्रकरणों में स्वीकृति दी जाकर 1320 हितग्राहियों को अनुदान की प्रथम किश्त जारी की गई है। एक आवास पूर्ण हुआ है। शेष अप्रारम्भ से लेकर निर्माण के विभिन्न चरणों में है। हितग्राही द्वारा आवास निर्माण का कार्य एक वर्ष में पूरा करना अपेक्षित है। (ग) स्वीकृत प्रकरणों में से 1821 अनुसूचित जाति वर्ग के, 494 अनुसूचित जनजाति वर्ग के एवं 3503 सामान्य वर्ग के हितग्राही है। योजना के तहत आवेदन की आवश्यकता नहीं होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।

मुख्‍यमंत्री हाट बाजार के संबंध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

61. ( क्र. 5276 ) श्री महेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) मुख्‍यमंत्री हाट बाजार योजना अंतर्गत बीना विधानसभा में किस-किस ग्राम में हाट बाजार प्रस्‍तावित किये गये हैं? प्रस्‍तावित हाट बाजारों के चयनित स्‍थलों की जानकारी उपलब्‍ध करावें?            (ख) मुख्‍यमंत्री हाट बाजार के टेंडर एवं निर्माण कार्य की यथास्थिति से अवगत करावें? (ग) क्‍या भूमि उपलब्‍ध न होने के कारण निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहे है यदि हाँ, तो उक्‍त हाट बाजारों को अन्‍य किसी पंचायत में स्‍थानांतरण करने का प्रावधान है? (घ) यदि हाँ, तो मुख्‍यमंत्री हाट बाजारों को अन्‍य पंचायतों में कब तक स्‍थानांतरित कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।               (ग) ग्राम मण्‍डी बामोरा में स्‍थल उपलब्‍ध न होने से कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। जी नहीं।           (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तेरह''

अवैध कालोनियों के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

62. ( क्र. 5277 ) श्री महेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र बीना में अवैध कालोनिया है? (ख) यदि हाँ, विधानसभा क्षेत्र में अवैध कालोनियों की नाम सहित सूची उपलब्‍ध करायें? (ग) ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत कुरवाई रोड खिमलासा रोड देहरी रोड आगासोद रोड पर अवैध कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध करायी जावें एवं उक्‍त संबंध में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) यदि यह सही है कि प्रश्‍न क्रमांक '' के अनुसार अवैध कालोनियों को वैध किये जाने की कार्यवाही की जा रही है तो कब तक पूर्ण की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) बीना विधानसभा क्षेत्र के शहरी क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार हैं एवं ग्रामीण क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अवैध कॉलोनियों का निर्माण करने वाले व्‍यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीकृत कर न्‍यायालीन प्रक्रिया के तहत विधिवत कार्यवाही की जा रही हैं। (घ) कार्यवाही जारी है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

वन श्रमिकों वाहन मालिकों को ई-भुगतान

[वन]

63. ( क्र. 5310 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दक्षिण वन मंडल पन्‍ना अंतर्गत अप्रैल 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक ई-भुगतान के माध्‍यम से  किन-किन योजनाओं में किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना भुगतान किया गया है पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) दक्षिण वन मंडल पन्‍ना अंतर्गत वन भूमि के बदले प्राप्‍त राजस्‍व भूमि में कहाँ-कहाँ वैकल्पिक वृक्षारोपण कराया जा रहा है प्रश्‍नांकित दिनांक तक कौन-कौन कार्य कराये जा चुके है एवं कितना भुगतान किन-किन कार्यों में किया गया है? पृथक-पृथक उपलब्‍ध करावें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

64. ( क्र. 5490 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया जिला उज्जैन अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं, जो मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत मुख्य मार्गों से नहीं जोड़े गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या मुख्य मार्गों से इन ग्रामों को जोड़ने की शासन की कोई मंशा है? यदि हाँ, तो इन मार्गों को जोड़े जाने का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अन्तर्गत घट्टिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016 में प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों को जोड़ा जा चुका है एवं आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 में कितने ग्रामों को जोड़ा जाना प्रस्तावित है? सूची उपलब्ध करावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एक ग्राम रूपाखेड़ी मुख्‍य मार्ग से नहीं जोड़ा गया है। (ख) जी हाँ। आगामी 3 वर्ष में सभी आबद्ध ग्रामों को न्‍यूनतम एक मार्ग से जोड़ने की कार्य योजना है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। वित्‍तीय वर्ष 2016-17 में ग्राम रूपाखेड़ी को मुख्‍य मार्ग से जोड़ना प्रस्‍तावित नहीं है।

परिशिष्ट - ''चौदह''

बी.पी.एल. परिवारों को बी.पी.एल. सूची से हटाया जाना

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

65. ( क्र. 5550 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) श्योपुर जिले में 30 सितम्बर 2016 की स्थिति में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले (बी.पी.एल.) कितने परिवार थे? इनमें से कितने सामान्य, कितने अनुसूचित जाति, कितने अनुसूचित जनजाति के थे? तहसीलवार जानकारी दें? (ख) क्या दिनांक 30 सितम्बर 2016 से 31 जनवरी 2017 की अवधि में बी.पी.एल. परिवारों का पुन: परीक्षण कर कई परिवारों को बी.पी.एल. सूची से हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो कितने परिवारों को? तहसीलवार वर्गवार बतावें? साथ ही बतावें कि हटाये गए अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवारों में से कितने परिवार 'सहरिया जाति' (विशेष पिछड़ी जनजाति) के हैं? (ग) 31 जनवरी 2017 की स्थिति में जिले में बी.पी.एल. परिवारों संख्या की जानकारी वर्गवार, तहसीलवार जानकारी दें? (घ) क्या विशेष पिछड़ी जनजाति 'सहरिया' के सभी परिवारों को बी.पी.एल. श्रेणी में मान्य किये जाने के मान. उच्च न्यायालय व भारत शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो उक्त वर्ग के परिवारों के नाम बी.पी.एल. सूची से हटाने के लिए कौन दोषी है व उनके नाम कब तक बी.पी.एल. सूची में जोड़ दिए जावेंगे? (ग) बी.पी.एल. सूची से हटाये गए नामों को पूर्व में किन अधिकारियों द्वारा बी.पी.एल. श्रेणी में रखा गया? क्या उन अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र पर है।               (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र पर है। (घ) जी नहीं। अनुसूचित जाति के परिवारों में से उन्हीं के नाम हटाए गये है, जो फोत (मृत) हो गये है या स्थायी रुप से गांव छोड़कर अन्यत्र बस गये है अथवा शासकीय सेवक हो गये। कोई दोषी नहीं है। (ग) बी.पी.एल. श्रेणी में नाम रखने हेतु ग्रामीण क्षेत्र के लिये तहसीलदार एवं नगरीय क्षेत्र के लिये अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अधिकृत है। आदिम जनजाति (Primitive Tribe) परिवार बी.पी.एल. परिवार के रुप में चिन्हित होने से छूट रहे है,तो इसका कारण प्रदर्शित करने के निर्देश है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

प्रदेश के औद्योगिक उत्पादन इकाइयां/ फैक्ट्रि‍यों में उत्पादन बंद होना

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

66. ( क्र. 5551 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्‍बल संभाग में वर्ष 2005 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी वास्तु/सामग्री की औद्योगिक उत्पादन इकाइयां/फैक्ट्री का निर्माण कब प्रारंभ कराया गया? इन इकाइयां/फैक्ट्रि‍यों में कब उत्पादन प्रारंभ किया गया? उन्हीं फैक्ट्रि‍यों की जानकारी दें जिनमें 100 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हो? जानकारी निम्न प्रारूप पर स्थान का नाम, तहसील/जिले का नाम,फैक्ट्री का नाम, मालिक का नाम, निर्माण प्रारंभ की तिथि, उत्पादन प्रारंभ की तिथि, उत्पादित वास्तु/सामग्री का नाम, कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की संख्या? सहित दें? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 6 औद्योगिक प्रक्षेत्र बनाये गए हैं? इन औद्योगिक प्रक्षेत्रों में कितने उद्योग/कारखाने बंद हो गए है? (ग) प्रदेश में बंद पड़े उद्योग/कारखानों एवं बीमारू श्रेणी के उद्योगों/कारखानों को पुन: प्रारंभ कराने हेतु शासन की क्या योजना है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) चम्‍बल संभाग में वर्ष 2005 से प्रश्‍न दिनांक तक उद्योगों के संबंध में वांछित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रदेश में उद्योगों का बंद होना और प्रारंभ होना एक निरंतर प्रक्रिया हैं, इस कारण उद्योगों के बंद होने के संबंध में जानकारी संधारित नहीं हैं। (ग) जी हाँ। वृहद एवं मध्‍यम श्रेणी के बीमार/बंद उद्योगों को अधिग्रहण/क्रय कर पुर्नसंचालित करने पर दी जाने वाली सुविधाओं का ''विशेष पैकेज 2014'' एवं वृहद एवं मध्‍यम श्रेणी के बीमार उद्योगों को दी जाने वाली वित्‍तीय एवं अन्‍य रियायतों का ''पॉलिसी पैकेज 2014'' का समावेश मध्‍यप्रदेश शासन, वाणिज्‍य उद्योग और रोजगार विभाग दवारा जारी उद्योग संवर्धन नीति, 2014 में हैं।

परिशिष्ट - ''सोलह''

सरपंच एवं सचिव को दिये जाने वाले मानदेय एवं विभिन्‍न मांगों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

67. ( क्र. 5559 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) , श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सरपंच एवं सचिव की हड़ताल माननीय मुख्‍यमंत्री के आश्‍वासन के बाद समाप्‍त कर दी गई थी एवं माननीय मुख्‍यमंत्री द्वारा 29 जनवरी 2017 को कुछ मांगों को पूरा करने का आश्‍वासन भी दिया गया था? (ख) इन मांगों में मुख्‍य रूप से सरपंचों को 5000 रू प्रतिमाह मानेदय एवं उप सरंपचों को 3000 रूपये प्रतिमाह मानदेय मंहगाई भत्‍ता आदि की मांग रखी गई थी और पंचायत सचिवों द्वारा पेंशन, अनुकंपा‍ नियुक्ति एवं छठवें वेतनमान संबंधी मांगे रखी गई थी? इन मांगों में से कितनी मांगों पर विचार किया जा रहा है एवं यह कब तक पूर्ण कर दी जावेंगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित जानकारी अभिलिखित नहीं है। (ख) उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। 

जनपद पंचायत बाग में ज.प.भवन के मरम्‍मत एवं शौचालय का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

68. ( क्र. 5662 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या धार जिले की गंधवानी विधानसभा में जनपद पंचायत बाग प्रांगण में मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जनपद पंचायत भवन के मरम्‍मत एवं शौचालय निर्माण कार्य किया गया है।           (ख) प्रश्‍नांकित '''' अनुसार यदि हाँ, तो दोनों कार्य किस-किस मद से किये गये? (ग) प्रश्‍नांकित '''' अनुसार जनपद पंचायत भवन के मरम्‍मत हेतु लोक निर्माण विभाग अनुमति ली गई थी, यदि हाँ, तो कब? (घ) प्रश्‍नांकित '' अनुसार शौचालय निर्माण हेतु जनपद पंचायत द्वारा किये गये ठहराव-प्रस्‍ताव का विवरण उपलब्‍ध करावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत भवन में मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया है। शौचालय का निर्माण कराया गया है। ख) शौचालय का निर्माण परफारमेंस ग्रान्ट की राशि से कराया गया है। (ग) प्रश्नांश '' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।               (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार

दिव्‍यांगों को गुणवत्‍ता पूर्ण शिक्षा का प्रदाय

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

69. ( क्र. 5687 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रदेश के शासकीय श्रवण बाधितार्थ विद्यालयों में वर्तमान कार्यरत शिक्षकों की न्‍यूनतम शैक्षणिक योग्‍यतायें क्‍या है? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में C.T.D (H.I.) D.Ed (H.I.) योग्‍यतायें भी सम्मि‍लित थी? (ग) क्‍या प्रदेश में श्रवण बाधितार्थ शिक्षकों की शैक्षणिक योग्‍यताओं में विकलांगता से संबंधित पूर्व मान्‍य उपाधियों C.T.D (H.I.) व द्विर्षीय नियमित पाठ्यक्रम D.Ed (H.I.) को हटा दिया गया है तथा पत्राचार की उपाधि B.Ed को मान्‍य किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में मूल गुणवत्‍तापूर्ण योग्‍यताओं के परिवर्तन किये जाने से दिव्‍यांगों की शैक्षिक गुणवत्‍ता प्रभावित करने के लिये कौन जिम्‍मेदार होगा? (ड.) क्‍या प्रश्‍नांश (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में शिक्षकों के भर्ती नियमों में मूल गुणवत्‍तापूर्ण शैक्षणिक योग्‍यताओं C.T.D (H.I.) D.Ed (H.I.) को पुन: सम्मिलित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण संचालनालय तृतीय श्रेणी (कार्यपालिक) (भर्ती एवं सेवा की सामान्य शर्तें ) नियम, 2014 अनुसार शिक्षक (दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ शाला) हेतु निम्नलिखित शैक्षणिक योग्यता निर्धारित हैः-              1. किसी मान्यता प्राप्त संस्थान/विश्वविद्यालय से स्नातक या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण 2. विकलांगता से संबंधित बी.एड. परीक्षा 3.कम्प्यूटर एप्लीकेश्न में 50 प्रतिशत अंकों के साथ डिप्लोमा 4. विकलांग बालकों की संस्था में दृष्टि बाधित और श्रवण बाधित के अध्यापन का दो वर्ष का अनुभव 5. हिन्दी का पर्याप्त ज्ञान। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य मैं प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शैक्षणिक गुणवत्ता को दृष्टिगत रखते हुए योग्यता का निर्धारण किया गया है। (घ) एवं              (ड.) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराये जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

70. ( क्र. 5691 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में दमोह जिले में जबेरा विधान सभा के तेंदुखेड़ा विकासखंड अंतर्गत नौरादेही अभयरण के ग्राम जामुन झिरी के विस्थापित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किये गये है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना के तहत् विस्थापित परिवार जो कि तेंदूखेड़ा विकासखंड के अंतर्गत ही रहते हैं तो उन्हें उक्त योजना का लाभ दिया गया? यदि नहीं, तो शासन द्वारा किन कारणों से वंचित रखा जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित उक्त योजना का विस्थापित परिवारों को कब तक लाभ दिया जायेगा समयावधि बतायें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) जी नहीं। जनपद पंचायत तेन्दुखेड़ा अन्तर्गत विस्थापित परिवार के वयस्क सदस्य को वन विभाग द्वारा दस लाख रूपये का भुगतान किया जा रहा है जिसमें आवास निर्माण की राशि भी सम्मिलित होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

विकलांगों को विकलांग पेंशन

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

71. ( क्र. 5713 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍त जन कल्‍याण विभाग द्वारा 80% विकलांग को ही नि:शक्‍तजन पेंशन दी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शासन 60% विकलांगता होने पर नि:शक्‍तजन को निशक्‍त पेंशन देने पर‍ विचार कर रहा है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक शासन विचार करेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा निःशक्तजनों को जिनकी निःशक्तता 40 प्रतिशत या अधिक को पेंशन राशि रूपये 300/- प्रतिमाह प्रतिहितग्राही को दिये जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश '''' अनुसार।              (ग) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

अतिथि विद्वानों का मानदेय

[उच्च शिक्षा]

72. ( क्र. 5775 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्‍च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्‍यापकों के कितने पद रिक्‍त हैं? (ख) रिक्‍त पदों को भरे जाने की विभाग की क्‍या योजना है? (ग) मध्‍यप्रदेश के किन-किन महाविद्यालयों में कितने-कितने अतिथि विद्वान अध्‍यापन कार्य करा रहे हैं? उन्‍हें कितना वेतन/मानदेय दिया जा रहा है? (घ) इतने अल्‍प मानदेय पर क्‍या उच्‍च शिक्षा के उद्देश्‍यों की पूर्ति होना संभव है? अतिथि विद्वानों का मानदेय कब तक बढ़ाया जावेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापकों के कुल 3318 पद रिक्त हैं। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग को प्रेषित मांग पत्र अनुसार म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 19.02.16 को विज्ञापन जारी किया जा चुका है। चयनित अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होते ही रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। (ग) प्रश्नांश की महाविद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दृष्टांकित है। सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों के विरूद्ध आमंत्रित अतिथि विद्वानों  को रूपये 275/- प्रति कालखण्ड और अधिकतम रूपये 825/- प्रति कार्यदिवस तथा अतिथि क्रीड़ाधिकारी एवं ग्रंथपालों को रूपये 580/- प्रति कार्यदिवस की दर से मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। (घ) वर्तमान में विभाग के उद्देश्यों की पूर्ति सामान्य सुचारू है। मानदेय में वृद्धि हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा राशियों के व्यय

[वन]

73. ( क्र. 5886 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जिला लघु वनोपज सहकारी संघ वनमण्डल उत्तर शहडोल अंतर्गत प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियां संचालित हैं और विभिन्न समितियों में शासन तथा समिति के अन्य आय से प्राप्त राशियों में से निर्माण कार्य सहित अन्य कार्यों में राशि व्यय की जाती है। (ख) यदि हाँ, तो विगत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा प्राप्त राशि को किस-किस कार्य के लिये व्यय किया गया है? व्यय राशि एवं कार्यों का सत्यापन किसके द्वारा किया गया?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्यों का सत्यापन समय-समय पर वन परिक्षेत्राधिकारी, उप प्रबंधक, उप वनमण्डलाधिकारी एवं वन मण्डल अधिकारी/प्रबंध संचालक जिला यूनियन उत्तर शहडोल द्वारा किया गया है।

जिला/जनपद पंचायत के कर्मचरियों को पेंशन योजना लागू करना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

74. ( क्र. 5916 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की 313 जनपद पंचायतों एवं 51 जिला पंचायतों में म.प्र. पंचायत सेवा भर्ती नियम 1999 अनुसार वर्तमान में कार्यरत मूल कर्मचारियों की संख्‍यात्‍मक जानकारी दें? (ख) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्‍तर्गत जिला/जनपद पंचायत के मूल कर्मचारियों को पेंशन योजना लागू की गई है? (ग) यदि हाँ, तो जिला/जनपत पंचायत भी एक स्थानीय निकाय है, फिर भी इनके मूल कर्मचारियों को प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यह पेंशन योजना क्यों लागू नहीं की गई?                               (घ) जिला/जनपद पंचायत के ऐसे मूल कर्मचारी जिनकी नियुक्ति जनवरी 2005 के पूर्व की है एवं वर्तमान में वह कार्यरत हैं, उन्हें शासकीय कर्मचारियों/नगरीय निकाय के कर्मचारियों के अनुरूप पेंशन योजना कब तक लागू की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश की 313 जनपद पंचायतों में मूल कर्मचारियों के कुल स्वीकृत 3152 पदों में से 1899 कार्यरत है एवं 51 जिला पंचायतों में मूल कर्मचारियों के कुल स्वीकृत 792 पदों में से 399 कर्मचारी कार्यरत हैं। (ख) जी हाँ। अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है। (ग) प्रश्नांश ‘’'' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में लागू अंशदायी पेंशन योजना के तहत जो कर्मचारी पात्रता रखते है, उनको भी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

75. ( क्र. 5919 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना से कौन-कौन से सड़क मार्ग स्‍वीकृत किये गये? उनकी लागत एवं भौतिक स्थिति क्‍या है? जनपद पंचायतवार बतायें? (ख) इन मार्गों के बीच में पड़ने वाली पुलिया का भी निर्माण किया जायेगा? यदि हाँ, तो किस मद से तथा इसकी तकनीकी स्वीकृति किसके द्वारा जारी की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त सड़क मार्गों की निर्माण एजेंसी कौन है तथा उसके पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी कौन-कौन हैं, नाम, पदनाम, सहित बतावें? (घ) उक्त सड़क मार्गों की स्वीकृति हुए लगभग एक वर्ष हो रहे हैं किन्तु कई कार्य अप्रारम्भ एवं अपूर्ण है, इसके लिये    कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं, उन पर कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन सड़कों की स्‍वीकृति में आवश्‍यकतानुसार पुलियों की स्‍वीकृति भी मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत दी गई है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) सड़क का निर्माण स्‍वीकृति पर प्रारंभ न होकर निर्माण एजेन्‍सी के साथ अनुबंध के पश्‍चात कार्यादेश की तिथि से प्रारंभ होता है। अत्‍यधिक विलंब की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

नगर परिषद् रामनगर में अनियमितताओं के दोषियों का दण्डित किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

76. ( क्र. 5943 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर परिषद् रामनगर के सी.एम.ओ. द्वारा दिनांक 13.07.2016 को थाना रामनगर में दिनांक 30.06.2016 को नगर परिषद् के शासकीय खाते से फर्जी दस्‍तावेज के माध्‍यम से इलाहाबाद बैंक से 3,18,000/- रूपये निकाले जाने की लिखित सूचना दी गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा कौन-कौन दोषी पाये गये? क्‍या दोषियों को अभी तक दण्डित किया जा सका है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या प्रश्‍नांकित नगर परिषद् में अनेक नियुक्तियां नियम विरूद्ध की गई हैं? यदि नहीं, तो परिषद् के नियमित, संविदा कर्मचारियों की सूची दें तथा यह भी बतावें कि इनकी नियुक्ति किन-किन आधारों पर की गई है? विज्ञापन क्रमांक दिनांक व साक्षात्‍कार आदि का भी विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) थाना प्रभारी, रामनगर जिला सतना द्वारा श्री नीरज सिरिया, तत्‍कालीन शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक शाखा, रामनगर-2  श्री सुरेन्‍द्र पटेल, तत्‍कालीन लेखापाल, नगर परिषद्, रामनगर, श्री रामचंद्र जायसवाल, नगर परिषद्, कर्मचारी, रामनगर के विरूद्ध दिनांक 21.07.2016 को अपराध प्रकरण क्रमांक 223/16 धारा 420, 467, 468, 471, 120, बी, 34 के तहत् प्रकरण दर्ज किया गया है और चालान क्रमांक 328/16, दिनांक 14.12.2016 द्वारा माननीय न्‍यायालय, अमरपाटन जिला सतना में श्री मानवेन्‍द्र प्रताप सिंह, जे.एम.एफ.सी. महोदय के समक्ष प्रकरण दर्ज होकर विचाराधीन है। थाना प्रभारी, रामनगर जिला सतना के पत्र क्रमांक 422/17, दिनांक 16.03.2017 द्वारा दी गई जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) संभागीय संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, रीवा को नियुक्ति के संबंध में जाँच कर जाँच प्रतिवेदन सूची सहित समग्र जानकारी प्रस्‍तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

परिशिष्ट - ''अठारह''

भर्ती प्रक्रिया में की गई अनियमितताओं की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

77. ( क्र. 5961 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले की नगर परिषद् बिछुआ में जो 07 पदों पर भर्ती प्रक्रिया की जाँच के संबंध में श्रीमान कलेक्‍टर छिंदवाड़ा द्वारा पत्र क्रमांक 347/जिशविअ/2016 छिंदवाड़ा दिनांक 27.7.2016 के माध्‍यम से जाँच कर, आयुक्‍त महोदय, नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय भोपाल को जो जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया था जिसमें नगर परिषद् बिछुआ में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा की गई भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं अपनाते हुए, नियम विरूद्ध तरीके से भर्ती प्रक्रिया सम्‍पन्‍न किए जाने के कारण मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही कर उक्‍त भर्ती प्रक्रिया को निरस्‍त किए जाने का लेख किया गया है। जिस पर आयुक्‍त महोदय द्वारा अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) जब कलेक्‍टर महोदय छिंदवाड़ा के द्वारा संपूर्ण जाँच प्रतिवेदन में नगर परिषद् बिछुआ में की गई भर्ती प्रक्रिया को पूर्णत: गलत बताते हुए, उक्‍त भर्ती प्रक्रिया को निरस्‍त किए जाने का लेख किया गया है तो अभी तक आयुक्‍त महोदय के द्वारा नगर परिषद् बिछुआ में हुई 07 पदों की भर्ती को अभी तक निरस्‍त नहीं किया गया है? जिसका क्‍या कारण है? कब तक भर्ती को निरस्‍त कर दिया जायेगा(ग) नगर परिषद् द्वारा भर्ती प्रक्रिया निरस्‍त करने संबंधी प्रस्‍ताव पारित होने के बाद भी मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी, बिछुआ के द्वारा भर्ती प्रक्रिया सम्‍पन्‍न करते हुए 07 पदों की भर्ती की गई है और भारिया जनजाति के अभ्‍यार्थियों के आवेदनों को दरकिनार कर उन्‍हें लाभ से भी वंचित रखा गया और नियुक्ति के सभी रिकार्ड भी अपने घर पर रख लिया गया है? क्‍या यह शासन के नियमों का उल्‍लंघन नहीं है? अगर हाँ, तो ऐसे लापरवाह मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के उपर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जायेगी और कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल के पत्र क्रमांक 16693 दिनांक 25.10.2016 द्वारा संभागीय संयुक्‍त संचालक, जबलपुर को विस्‍तृत जाँच प्रतिवेदन एवं अनुशासनात्‍मक कार्यवाही के प्रस्‍ताव प्रारूप सहित 15 दिवस में उपलब्‍ध कराने के निर्देश दिए गए थे। पत्र क्रमांक 12874 दिनांक 21.11.2016 द्वारा स्‍मरण कराया गया है। पत्र क्रमांक 17876 दिनांक 21.11.2016 द्वारा प्रभारी मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद्, बिछुआ को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। कलेक्‍टर, जिला छिंदवाड़ा के जाँच प्रतिवेदन अनुसार की गई अवैधानिक नियुक्ति के संबंध में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद्, बिछुआ के आदेश क्रमांक 866/न.पा./स्‍था./2017, दिनांक 15.02.2017 द्वारा की गई नियुक्ति को निलंबित किया गया है। संचालनालय के पत्र क्रमांक 5185 दिनांक 16.03.2017 द्वारा नगर परिषद्, स्‍वयं सक्षम है। इस परिप्रेक्ष्‍य में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद्, बिछुआ को कलेक्‍टर के प्रतिवेदन अनुसार नियमों के परिप्रेक्ष्‍य में अवैधानिक नियुक्ति को निरस्‍त करने हेतु लिखा गया है। इस प्रकार मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद्, बिछुआ के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ख) प्रकरण में नियमानुसार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, भर्ती संबंधी सभी अभिलेख वर्तमान में नगर परिषद्, बिछुआ में रखे हुए हैं। मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद्, बिछुआ के विरूद्ध गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जनपद पंचायत पलेरा जतारा की ग्राम पंचायतों में किये गये कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

78. ( क्र. 5969 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की जनपद पंचायत जतारा की ग्राम पंचायत देवराहा, सिमरिया और जनपद पंचायत पलेरा की ग्राम पंचायत फूलपुर में वर्ष 2012 से लेकर दिसम्‍बर 2016 तक मनरेगा योजनान्‍तर्गत कितने कार्य हुये कुल संख्‍या वर्षवार पृथक-पृथक बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में उक्‍त ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजनान्‍तर्गत क्‍या-क्‍या निर्माण किए गए? खर्च की गई राशि की जानकारी दें तथा वर्तमान में उनमें से कुल कितने निर्माण कार्य अच्‍छी स्थिति में है कितने जीर्ण-शीर्ण की स्थिति में हैं? नाम सहित बतावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख)  प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

होशंगाबाद स्थित राधाकृष्‍ण मंदिर के न्‍यासियों के द्वारा अनियमितता

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

79. ( क्र. 6006 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या होशंगाबाद में राधाकृष्‍ण मंदिर, आदमगढ़, न्‍यास पंजीकृत है? यदि हाँ, तो इसका पंजीयन क्रमांक न्‍यासियों के नाम, पते सहित जानकारी देते हुए उक्‍त न्‍यास की संपूर्ण चल अचल संपत्ति का (भूमि किस ग्राम में है, रकबा, खसरा क्रमांक सहित) विवरण देते हुय बतावें कि न्‍यास का गठन कब एवं कैसे हुआ? (ख) जानकारी दें कि प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित न्‍यास को किस-किस सम्‍पत्ति से किस-किस मद से कितनी-कितनी आय हुई वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक आय/व्‍यय की वर्षवार जानकारी दें? फरवरी 2017 की स्थिति में न्‍यास के किस बैंक खाते में कितनी राशि एफ.डी.आर. एवं खाते में जमा है? उल्‍लेखित वर्षों की आडिट रिपोर्ट उपलब्‍ध करायें?                  (ग) जानकारी दें कि प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित न्‍यास के वर्तमान न्‍यासियों का मनोनयन किस आदेश से कब-कब किया गया? (घ) क्‍या न्‍यास की सम्‍पत्ति को अधिक दरों पर किराये पर दिया जा रहा है ज‍बकि उसे आडिट रिपोर्टों में कम दरों पर दर्शाया जा रहा है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मुख्‍यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

80. ( क्र. 6016 ) श्री लखन पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में मुख्‍यमंत्री तीर्थ योजना के प्रारम्‍भ होने से प्रश्‍न दिनांक तक इस योजना में दमोह जिले में लाभान्वितों की संख्‍या विकास खण्‍डवार तथा पथरिया वि.स.क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से आज तक लाभान्वितों की ग्रामवार सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित लाभान्वितों पर कितनी राशि व्‍यय हो चुकी हैं?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आदिवासी बस्तियों हेतु संचालित योजनाएं

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

81. ( क्र. 6067 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) शिवपुरी जिले में दिसम्‍बर 2016 की स्थिति में अनुसूचित जनजाति/आदिवासी बस्तियां          कहाँ-कहाँ पर हैं? इनकी जनसंख्‍या कितनी है? कितने परिवार बस्‍ती में निवासरत है तथा उक्‍त बस्तियां किन ग्रामों के अंतर्गत आती है? विकासखण्‍डवार अथवा तहसीलवार जानकारी दें।              (ख) शिवपुरी जिले में वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार किस-किस ग्राम में कितने-कितने अनुसूचित जनजाति/आदिवासी परिवार निवासरत हैं तथा उनकी जनसंख्‍या ग्रामवार कितनी है? ग्राम की कुल जनसंख्‍या के कितने प्रतिशत आदिवासी उस ग्राम में निवास करते हैं? विकासखण्‍डवार अथवा तहसीलवार बतायें। (ग) अनुसूचित जनजाति के कल्‍याण के लिए प्रदेश में वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? इन योजनाओं से अ.ज.जा. वर्गों के लिए कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाती हैं? इन योजनाओं से शिवपुरी जिले में वर्ष 2016-17 में प्रश्‍न दिनांक तक कितना कितना बजट किन-किन मदों में किस-किस कार्य के लिए प्राप्‍त हुआ? (घ) क्‍या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग बहुत अधिक संख्‍या में निवासरत है? उन्‍हें पीने का शुद्ध पानी उपलब्‍ध नहीं है तथा दूषित पानी पीने के कारण रोगों की चपेट में आते हैं? यदि हाँ, तो पेयजल हेतु वर्ष 2017 में कितने हैण्‍डपम्‍प खनन कराने की स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार शिवपुरी जिला अन्तर्गत निवासरत अनुसूचित जनजाति/आदिवासी बस्तियों में निवासरत अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या की विकासखण्डवार/तहसीलवार जनसंख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार शिवपुरी जिला अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या की ग्रामवार एवं कुल जनसंख्या के आदिवासी जनसंख्या का ग्रामवार प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति के कल्याण हेतु शिवपुरी जिला अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक मदवार प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जनजाति की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग शिवपुरी के अनुसार पेयजल की कोई समस्या नहीं है। विधानसभा क्षेत्र कोलारस के अन्तर्गत विभागीय मद से कार्य योजना बनाई गई है। आवश्यकतानुसार उपलब्ध बजट संसाधन अनुसार कार्य कराये जायेंगे।

स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं द्वारा संचालित वॉटरशेड परियोजनाएं

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

82. ( क्र. 6072 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में आई.डब्‍ल्‍यू.एम.पी. की वॉटरशेड परियोजनाएं वर्ष 2009-10 में स्‍वीकृत है? क्‍या उनमें से शिवपुरी जिले में कोई परियोजना स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं को आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो वह कौन-सी कहाँ की वॉटरशेड परियोजनाएं कितनी राशि की किस संस्‍था को कब आवंटित की गई? (ख) क्‍या उक्‍त नियुक्‍त स्‍वयंसेवी संस्‍था ने शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण किए हैं? यदि नहीं, तो शासन द्वारा निर्धारित परियोजना अवधि में कार्य पूर्ण न किए जाने के लिए उन्‍हें ब्‍लैक लिस्‍ट में डाला गया है? यदि हाँ, तो किन-किन को कब-कब एवं नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या उक्‍त स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं द्वारा परियोजना के कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किए हैं तो उनके स्‍थान पर राज्‍य स्‍तर से संविदा पर नियुक्‍त कौन कार्य कर रहा है? (घ) क्‍या शिवपुरी जिले के कोलारस विकासखण्‍ड में आई.डब्‍ल्‍यू.एम.पी. प्र‍थम के तहत वॉटरशेड परियोजना संचालित है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में पी.आई.ए. हैड एवं कमेटी हैड में क्‍या-क्‍या कार्य कितनी-कितनी राशि के कब-कब, कहाँ-कहाँ कराए गए हैं? आस्‍था मूलक पी.आई.ए. हैड एवं कमेटी हैड में कराए गए कार्यों की पृथक-पृथक जानकारी दें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विकासखण्ड खनियाधाना में रू. 9.00 करोड़ लागत की परियोजना क्रमांक-3 के कार्यान्वयन का दायित्व ''मानव विकास प्राकृतिक साधन प्रबंधन समिति'', शिवपुरी को वर्ष 2010-11 में सौंपा गया था। (ख) जी नहीं, भारत सरकार से वार्षिक आयोजना के अनुरूप राशि प्राप्त नहीं होने के कारण। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है। (ग) राज्य स्तर से संविदा पर नियुक्त द्वारा कार्य करने की स्थिति नहीं है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत अर्थ-वर्क के कार्य न होने एवं जॉबकार्डधारियों को रोजगार न मिलना [पंचायत और ग्रामीण विकास]

83. ( क्र. 6073 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में मनरेगा योजना संचालित है? यदि हाँ, तो मनरेगा के लिए भारत सरकार द्वारा जारी गाईड-लाईन की प्रति संलग्‍न कर जानकारी दें कि उसमें वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित नहीं की जा रही है और राज्‍य शासन द्वारा अपने स्‍तर से कौन-सी प्रमुख योजनाओं को वर्तमान में प्राथमिकता के आधार पर संचालित किया जा रहा है? इसके लिए शासन द्वारा जारी आदेशों की प्रति संलग्‍न कर जानकारी दें? (ख) क्‍या मनरेगा में मजदूरों को मजदूरी देने हेतु अर्थ-वर्क का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो अर्थ-वर्क वाली कौन-सी योजनाएं संचालित हैं? जिसमें मजदूरों को मजदूरी दी जा रही है? क्‍या योजनांतर्गत लघु सीमांत एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसानों को मेड़ बंधान का प्रावधान है? (ग) शिवपुरी जिले में दिसम्‍बर 2016 तक लघु सीमांत, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कितने प्रतिशत किसानों के यहां मेड़ बंधान किया जा चुका है? कितने प्रतिशत मेड़ बंधान किया जाना शेष है? क्‍या शासन द्वारा वर्तमान में मेड़ बंधान पर रोक लगा रखी है? यदि हाँ, तो क्‍यों? उक्‍त रोक कब तक हटाई जावेगी? (घ) शिवपुरी जिले में दिसम्‍बर 2016 की स्थिति में विकासखण्‍डवार कितने जॉबकार्ड है? इन जॉबकार्डधारियों में से वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में दिसम्‍बर तक कितने प्रतिशत जॉबकार्डधारियों को रोजगार उपलब्‍ध कराया गया? विकासखण्‍डवार जानकारी दें कि मजदूरों का कितना रूपया भुगतान किया जाना शेष है? यह भुगतान कब तक किया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) महात्‍मा गांधी नरेगा के अंतर्गत श्रम एवं सामग्री का जिला स्‍तर पर अनुपात 60:40 रखते हुए कार्य स्‍वीकृत करने की व्‍यवस्‍था है। योजना के तहत स्‍थाई परिसम्‍पत्ति का निर्माण अपेक्षित है। हवेली बंधान पद्धति अपना कर धान की खेती करने वाले क्षेत्र में मेड़ बंधान कार्य अनुमत्‍य है। (ग) शिवपुरी जिले में लघु सीमांत, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के 2,275 किसानों के खेतों में मेड़ बंधान कार्य किया गया है। शिवपुरी जिले में धान की खेती के लिए हवेली बंधान प्रणाली नहीं अपनाई जाने के परिप्रेक्ष्‍य में मेड़ बंधान से स्‍थाई परिसम्‍पत्ति के निर्माण का उद्देश्‍य पूर्ण नहीं होता है। अत: शिवपुरी जिले में मेड़ बंधान कार्य अनुमत्‍य नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।            (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। मजदूरी का कोई भुगतान लंबित नहीं है।

दुकान का आवंटन निरस्‍त करने के साथ राजस्‍व की कम प्राप्ति लेने के दोषियों पर कार्यवाही

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

84. ( क्र. 6266 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सतना जिले के शारदा मंदिर समिति द्वारा 13.03.13 बन्‍धा बैरियर एवं यात्री निवास क्र. 1 के पास निर्मित दुकानों को किराये पर देने हेतु नीलामी की गई? जिसका प्रीमियम 510000.00 रूपये निर्धारित किया गया? निलामी दुकान क्र. 14, 15 की पूरी कर श्री महेन्‍द्र कुमार तिवारी को दी गई, जिसकी राशि 820000.00 रूपये जमा करने का ओदश दिया गया?                (ख) प्रश्नांश (क) के दुकान हेतु श्री तिवारी द्वारा निर्धारित राशि जमा न करने पर पत्र                 क्र. 1128/15 दिनांक 12.12.2015 के माध्‍यम से श्री अमिर बिहारी द्विवेदी निवासी उदयपुर मैहर को पुन: बोली हेतु पत्र लिखा गया। बोली न कराकर श्री नरेन्‍द्र द्विवेदी को 551000 रू. जमा करने हेतु कहा गया, जिस पर संबंधित ने सहमत प्रदान की? लेकिन दुकान क्र. 14, 15 श्री गोविन्‍द चौरसिया एवं गंगा चौरसिया को 351000 रूपये कम प्रीमियम पर दे दी गई। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार की गई अनियमितता की शिकायत एस.डी.एम. मैहर, कलेक्‍टर सतना एवं आयुक्‍त राजस्‍व रीवा संभाग रीवा को की गई? क्‍या आयुक्‍त द्वारा पत्र क्र. 5805 दिनांक 02.11.16 के माध्‍यम से एक सप्‍ताह में प्रतिवेदन चाहा? (घ) प्रश्नांश (क) की दुकान को प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कम प्रीमियम में श्री चौरसिया बन्‍धुओं को आवंटित की गई, जिससे राजस्‍व का नुकसान हुआ। बगैर समिति के पारित प्रस्‍ताव के दुकान आवंटित की गई? अगर प्रस्‍ताव पारित हुआ तो प्रति देवें? नियम विरूद्ध दुकान का आवंटन निरस्‍त कर ज्‍यादा प्रीमियम देने वाले श्री द्विवेदी को दुकान आवंटित करेंगे? साथ ही नियम विरूद्ध दुकान आवंटन दोषियों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे बतावें?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

श्री रामजानकी मंदिर न्‍यास का गठन

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

85. ( क्र. 6377 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विहित प्राधिकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व त्‍योंथर जिला रीवा के प्रकरण क्रमांक ०७/बी-१२१/१५-१६ आदेश दिनांक २८.११.२०१६ द्वारा श्री रामजानकी मंदिर न्‍यास घटेहा का गठन किया गया है? आदेश की प्रति देवें। (ख) यदि हाँ, तो ट्रस्‍ट गठन के आदेश व ट्रस्‍ट की नियमावली की जानकारी तथा ट्रस्‍ट के स्‍वामित्‍व की आराजियों के खसरा नबंरों एवं रकबा की जानकारी देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित श्री राम जानकी मंदिर ट्रस्‍ट घटेहा के स्‍वामित्‍व की भूमियों में चालू वर्ष में किस आराजी में कौन सी फसल बोई है/खड़ी है खसरा नंबर, रकबा, बोई गई/खड़ी फसल तथा किस व्‍यक्ति द्वारा फसल बोई गई है? नाम बनायें? (घ) प्रश्‍नांश '' में वर्णित आराजियों में फसल बोने वाले किस अधिका‍रिता से फसल बोये हैं? यदि फसल अनाधिकृत बोई गई है तो खड़ी फसल को ट्रस्‍ट पदाधिकारी कुर्क कर संग्रहित करेंगे तथा अनाधिकृत रूप से फसल बोने वालो के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण कायम करायेंगे?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आई.डब्‍ल्‍यू.एम.पी. योजनान्‍तर्गत वाहन अनुबंध

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

86. ( क्र. 6384 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले में आई.डब्‍ल्‍यू.एम.पी. योजना की मॉनिटरिंग के लिये वाहन उपलब्‍ध कराने का अनुबंध जिला पंचायत रीवा द्वारा किस एजेन्‍सी से कराया गया? (ख) योजना संचालन वर्ष से अ‍ब तक वाहन में कितनी राशि व्‍यय की गई वर्षवार विकासखण्‍डवार एजेंसीवार बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार कराये गये अनुबंध की ही एजेंसी को क्‍या वाहन व्‍यय का भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो किस एजेंसी को अनुबंध के विपरीत वाहन व्‍यय भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत द्वारा किसी एजेंसी से अनुबंध नहीं किया गया। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अनुबंध नहीं होने से शेष प्रश्नांश भी उपस्थित नहीं होते है।

परिशिष्ट - ''बीस''

सहायक यंत्री मनरेगा को हटाकर जाँच कराया जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

87. ( क्र. 6394 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) रीवा जिले के जनपद पंचायत मऊगंज में सहायक यंत्री मनरेगा श्री संतोष कुमार तिवारी की पदस्‍थापना कब की गई, बतावें। किसी ब्‍लॉक स्‍तरीय कर्मचारी/अधिकारी की पदस्‍थापना एक स्‍थान पर लगातार कितने वर्ष बनाए रखने का नियम है? नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें। क्‍या इन्‍हें नियम के विपरीत पदस्‍थापना जारी है? यदि हाँ, तो इन्‍हें कब तक हटाया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें। (ख) जनपद पंचायत मऊगंज के सी.ई.ओ. द्वारा अपने पत्र क्रमांक-13 दिनांक 29.04.2013, क्र.42 दिनांक 28.05.2013, क्र.68 दिनांक 24.06.2013, क्र.78 दिनांक 24.07.2013, क्र. 1380 दिनांक 26.11.2015 के पत्रों में सहायक यंत्री को मस्‍टर रोल सत्‍यापन के लिये जारी करने हेतु मजदूरों का भुगतान किये जाने बावत् लेख किया गया था। क्‍या सी.ई.ओ. जिला पंचायत को पत्र क्र. 173 दिनांक 25.10.2013 में भी सहायक यंत्री के हठ धर्मिता पर कार्यवाही हेतु लेख किया गया था। यदि हाँ, तो जाँच करने वाले अधिकारी का नाम, लिये गये कथन जाँच रिपोर्ट का विवरण उपलब्‍ध करावें। यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में सरपंच संघ मऊगंज द्वारा संचालक रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल, प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी, अवर मुख्‍य सचिव को 2016 में इनके कृत्‍यों की जाँच हेतु शिकायत की गई थी, तो किसके द्वारा जाँच की गई नाम बतावें? जाँच का सम्‍पूर्ण प्रतिवेदन, कथन सहित उपलब्‍ध करावें? क्‍या इन्‍हें हटाकर जाँच के लिये निवेदन किया गया था यदि हाँ, तो इन्‍हें हटाकर जाँच कराई गई यदि हाँ, तो आदेश उपलब्‍ध करावें? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें? (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) के तथ्‍यों की जाँच सहायक यंत्री को हटाकर कार्यकाल की समित गठित कर जाँच कराई जावेगी, क्‍योंकि इनके कई अधूरे कामों की पूर्णता जारी कर दी गई है, किन्‍तु कार्य स्‍थल पर नहीं हुए इसकी जाँच कब तक कराई जावेगी? समय-सीमा बतावें। नहीं की जावेगी तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत मऊगंज में सहायक यंत्री श्री संतोष कुमार तिवारी की पदस्‍थापना दिनांक 13.5.2012 को की गई थी। एक ही स्‍थान पर लगातार पदस्‍थापना पर कोई प्रतिबंध नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन सहपत्रों के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। सहायक यंत्री श्री संतोष कुमार तिवारी जाँच में दोषी नहीं पाये जाने से उन्‍हें हटाने अथवा हटाकर पुन: जाँच करवाने की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) जी नहीं। कारण उत्‍तरांश '' '' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

नगर परिषद् जौरा के वार्ड क्र.1  में सी.सी. रोड निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

88. ( क्र. 6490 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले के नगर परिषद् जौरा के वार्ड क्र. 01 में मौजा जौरा के सर्वे क्र. 174/3, 175/3 में कितने मीटर चौड़ी, लम्‍बी सी.सी. रोड़ का निर्माण वर्ष 2016 में कराया गया है? (ख) उक्‍त सी.सी. रोड किस ठेकेदार द्वारा बनाई गई। इस पर कितनी राशि खर्च की गई जानकारी दी जावे। (ग) क्‍या उक्‍त रोड भूमि स्‍वामित्‍व की निजी भूमि में बनाई गई, जिसका न तो अधिग्रहण कराया न ही भूमि स्‍वामी से सहमति ली, क्‍यों? इस अवैध निर्माण के लिये कौन जिम्‍मेदार है? (घ) क्‍या शासन उक्‍त मार्ग को वहां से हटायेगा? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद् जौरा के वार्ड क्रमांक-1 में मौजा जौरा के सर्वे क्रमांक 174/3, 175/3 में वर्ष-2016 में सड़क का निर्माण नगर परिषद् जौरा द्वारा नहीं कराये जाने से जानकारी निरंक है। (ख) से (घ) उत्‍तारांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उद्योग के लिए आवंटित भूमि पर लीज डीड का उल्‍लंघन किया जाना

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

89. ( क्र. 6605 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 2500 दिनांक 30.07.2015 के सदंर्भ में औद्योगिक क्षेत्र गोविन्‍दपुरा भोपाल में उद्योग लगाने के लिए आवंटित भूमि का व्‍यवसायिक करने पर जिन 36 औद्योगिक इकाइयों के भूमि आवंटन आदेश निरस्‍त किये गये थे उन प्रकरणों में म.प्र. औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के तहत कार्यवाही कर आवंटित भूमि वापस लिये जाने की अब तक क्‍या कार्यवाही की गई प्रकरणवार अद्यतन जानकारी दें? (ख) उक्‍त उद्योग के लिए आवंटित भूमि में से किन-किन उद्योग की भूमि मुक्‍त कराकर नियमानुसार औद्योगिक उपयोग हेतु भूमि ऑनलाईन पद्धति से आवंटित की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में निरस्‍तीकरण के विरूद्ध इकाइयों द्वारा की गई अपीलें के निराकरण करने के कोई समय-सीमा शासन द्वारा निर्धारित है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति संलग्‍न करें? यदि नहीं, तो क्‍या समय-सीमा निश्चित की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) माननीय विधायक महोदय द्वारा उनके प्रश्‍न क्रमांक 2500 दिनांक 30-07-2015 के संदर्भ में औद्योगिक क्षेत्र गोविन्‍दपुरा, भोपाल की 36 इकाइयों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की प्रकरणवार स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) निरंक। इकाईवार भूखण्‍डों की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम (6) अनुसार है। (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

आई.डब्‍लू.एम.पी. परियोजना में कार्यरत टीम लीडर/टीम सदस्‍यों को सेवायें समाप्‍ति‍

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

90. ( क्र. 6627 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गाँधी जलग्रहण मिशन अन्‍तर्गत आई.डब्‍लू.एम.पी. परियोजना में कार्यरत टीम लीडर/टीम सदस्‍य कितने कर्मचारी की सेवायें समाप्‍त की जा रही है तथा क्‍या कारण है? (ख) क्‍या विभाग द्वारा इन कर्मचारियों को पुन: सेवा में लेने हेतु कोई योजना है? हाँ तो वह क्‍या है तथा कब तक इन्‍हें सेवा में लिया जायेगा? (ग) क्‍या राजीव गाँधी जल ग्रहण मिशन अन्‍तर्गत आई.डब्‍लू.एम.पी. परियोजनाएं भविष्‍य में बंद की जाने की योजना है? हाँ तो कब तक? भविष्‍य में बंद होने वाली परियोजनाओं में कार्यरत डब्‍लू.डी.टी. के संविलियन अथवा नवीन नियुक्तियों के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? कार्यवाही का विवरण एवं समयावधि बतावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 177 संविदा सेवायुक्तों के अनुबंध समाप्त किये गये है। 80 परियोजनाओं की अवधि समाप्त होने, 1 परियोजना की प्रशासनिक मद की निर्धारित राशि समाप्त होने तथा 11 परियोजना क्षेत्रों में सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति/कार्यान्वयन के कारण। (ख) एवं (ग) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन की नई परियोजनाएं लेने का नीतिगत निर्णय लिया गया है। इन परियोजनाओं में आवश्यकता अनुसार अनुबंध नियुक्ति से उत्तरांश-'' में वर्णित संविदा सेवायुक्तों को लाभ मिलना संभावित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।

नगर परिषद् भाण्‍डेर  के आय व्‍यय की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

91. ( क्र. 6739 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या भाण्‍डेर नगर परिषद् को स्‍थानीय निकाय अथवा राज्‍य शासन से राशि प्राप्‍त होती है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्‍तर हाँ में है तो 1 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍थानीय निकाय से विभिन्‍न मदों में और राज्‍य शासन से विभिन्‍न मदों में कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई और उक्‍त राशि को किन-किन मदों में, कार्यों में व्‍यय की गई? (ग) रामलीला मेला में विभिन्‍न करों के माध्‍यम से कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ और मेला पर किस-किस कार्य, कार्यक्रम पर कितनी राशि व्‍यय की गई 1 जनवरी 15 से प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्‍ध कराये. (घ) नगर के सौन्‍दर्यीकरण एवं सड़कों के चौड़ीकरण एवं प्रमुख चौराहों पर महापुरूषों की मूर्तियां लगाने के लिये क्‍या क्‍या कार्य किये या किये जा रहे है? रामलीला मेला के उदघाटन हेतु स्‍थानीय विधायक को नजरअंदाज कर एक आम व्‍यक्ति को कैसे मुख्‍य अतिथि बनाया गया? इतना ही नहीं माननीय मुख्‍यमंत्री एवं स्‍थानीय विधायक के होर्डिंगों में फोटो भी नहीं छपवाये गये, क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) 01 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक 10 मार्च 2017 तक स्‍थानीय निकाय से एवं राज्‍य शासन से विभिन्‍न मदों में कुल निम्‍नानुसार राशि प्राप्‍त हुई है :-

1. स्‍थानीय निकाय - 21800000
2.
राज्‍य शासन से - 146863890

उपरोक्‍त राशि को विभिन्‍न मदों में व्‍यय किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) रामलीला में 01 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक 10 मार्च 2017 तक विभिन्‍न कार्यों के माध्‍यम से राशि प्राप्‍त होकर व्‍यय की गई है की जानकारी का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) नगर के सौंदर्यीकरण एवं सड़कों का चौड़ीकरण कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित है नगर के प्रमुख चौराहों पर महापुरूषों की मूर्ति लगाये जाने के संबंध में अभी हाल ही में लहार रोड़ तिराहे पर राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की प्रतिमा स्‍थापित कराई गई है। प्रतिमा स्‍थापना का कार्य स्‍थानीय माननीय विधायक            श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ जी के दिशा निर्देशन में ही किया गया है। रामलीला के उद्घाटन हेतु माननीय विधायक जी को ससम्‍मान आमंत्रित किया गया था, माननीय विधायक जी को भेजे गये आमंत्रण पत्र एवं पावती की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, परन्‍तु माननीय विधायक जी से दूरभाष पर संपर्क करने पर विधायक जी द्वारा बताया गया कि मैं विधानसभा में व्‍यस्‍त हूँ, इस कारण उपस्थित नहीं हो सकता माननीय विधायक जी के उपस्थित नहीं होने के कारण अन्‍य व्‍यक्ति से मेला का उद्घाटन कराया गया है इसके साथ ही नगर परिषद् द्वारा मेला के जो होर्डिंग बनवाये गये हैं उन होर्डिंगों पर माननीय विधायक जी की फोटो लगी हुई है।

 जल ग्रहण मिशन के अन्‍तर्गत वॉटर शेड निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

92. ( क्र. 6764 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में लगातार गिरते भू-जल स्तर को रोकने के लिये राजीव गांधी जल संग्रहण मिशन योजना (वॉटर शेड) में वर्ष 2013 से आज तक कितने कार्य हुए हैं? कार्य का नाम एवं राशि सहित जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक प्रश्‍नकर्ता द्वारा कराये गये कार्यों की जाँच की मांग कलेक्टर, उज्जैन से की थी, इस जाँच की क्या स्थिति है? क्या इस जाँच में प्रश्‍नकर्ता को भी सम्मिलित किया जावेगा? (ग) अभी कितने कार्य प्रस्तावित है ये कब तक स्वीकृत हो जावेंगे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वॉटरशेड विकास के 117 कार्य यथा स्टॉपडेम, तालाब, खेत तालाब, परकोलेशन तालाब, कन्टुर ट्रेंच इत्यादि किए गए हैं, जिन पर रूपये 525.04 लाख व्यय हुआ है। (ख) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 01.02.2015 एवं दिनांक 18.09.2015 को कलेक्टर उज्जैन से जल ग्रहण मिशन योजनान्तर्गत चल रहे कार्यों की जाँच कराने और उन्हें जाँच में शामिल कराने का अनुरोध किया गया था। कलेक्टर उज्जैन ने दिनांक 10.11.2014 को 12 अधिकारियों की 3 टीम गठित कर जाँच सम्पन्न कराई, जिसमें कोई अनियमितता नहीं पाई गई। अतः पुनः जाँच की आवश्यकता नहीं है। (ग) वर्ष 2017-18 की कार्ययोजना संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृति भारत सरकार से धनराशि प्राप्त होने पर निर्भर होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

93. ( क्र. 6766 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहरों में गुजर बसर करने वाले गरीब व्यक्ति, फुटपाथ पर सोने वाले एवं ग्रामों से निजी कार्य हेतु शहर आने वाले नागरिकों को महंगा भोजन मिलने के कारण कई बार भूखे रहना पडता है तथा कई मजदूर, बेसहारा लोगों की भूख के कारण जान तक चली जाती है, क्‍या इसलिये ऐसे व्यक्तियों के लिये शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना या अन्य नाम की योजना बनाने पर विचार किया जा रहा है जिसमें नाम मात्र के शुल्क पर भोजन के पैकेट मिल सके? (ख) यदि योजना नहीं बनी है तो कब तक योजना बनाने पर विचार किया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) दीनदयाल रसोई योजना-2017 प्रक्रियाधीन है। योजना को अप्रैल 2017 से समस्‍त जिला मुख्‍यालय के शहरों में प्रारंभ किया जाना प्रस्‍तावित है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का त्रुटि‍पूर्ण सर्वे

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

94. ( क्र. 6769 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य मात्र 775 हितग्राहियों को मिला है, जबकि विधानसभा क्षेत्र में लगभग 10000 परिवारों के पास कच्चे मकान है व (ख) क्‍या वर्ष 2011-12 के त्रुटि‍पूर्ण सर्वे को आधार मानकर उक्त लक्ष्य जारी किया गया है? (ग) क्‍या क्षेत्र की पंचायतों के द्वारा ग्राम सभा में अनुमोदन कर छूटे हुए हितग्रहियों के नामों की सूचि‍यां जनपद पंचायत खाचरौद में दी जा रही है? (घ) उक्त हितग्राहियों को कब तक प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में जोड़ दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत हितग्राही चयन क्षेत्र आधारित न होकर सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 (SECC-2011) में सूचीबद्ध परिवारों की परस्पर वंचितता की तीव्रता के आधार पर करने के दिशा-निर्देश हैं। सर्वोच्च प्राथमिकता आवासहीन परिवारों को, द्वितीय प्राथमिकता शून्य कक्ष कच्चा आवास श्रेणी के एवं तृतीय प्राथमिकता एक कक्ष कच्चा आवास श्रेणी के परिवारों को उनकी परस्पर वंचितता की तीव्रता के क्रम से देने की है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों में नाम जोड़ना अथवा संशोधन करना राज्य शासन के क्षेत्राधिकार में नहीं है।

ग्राम मुंगवानी से पल्‍ला सड़क निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

95. ( क्र. 6809 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या केवलारी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत वि.ख. घनौरा के ग्राम मुंगवानी से ग्राम पल्‍ला तक प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त मार्ग की स्‍वीकृत राशि, अनुबंध की अवधि एवं कार्य एजेंसी का विवरण देवें? (ख) उक्‍त निर्माणाधीन मार्ग में कितने पुल-पुलियाँ हैं? क्‍या सड़क निर्माण के साथ-साथ पुल पुलियों का निर्माण भी प्रगतिरत है? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें। उक्‍त मार्ग में पुल निर्माण नहीं होने के क्‍या कारण हैं? (ग) क्‍या वि.ख.घनौरा अंतर्गत मोहगांव से चिडी होते हुए थावरी मार्ग का प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्‍तर्गत निर्माण होना है? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ होगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्य की स्वीकृत लागत रूपये 75.263 लाख, संविदाकार मैसर्स उमाकांत राय, सिवनी तथा अनुबंधानुसार अवधि दिनांक 27.12.2017 तक है।     (ख) 4 नवीन पुलियों का प्रावधान है। जिनमें से 3 का निर्माण पूर्ण हो चुका है। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।

विधायक विकास निधि के कार्य

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

96. ( क्र. 6812 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) विधायक विकास निधि अन्‍तर्गत प्रश्‍नकर्ता द्वारा पवई विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत ग्राम पंचायत बघवार के हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल में कम्‍प्‍यूटर लैब के लिये 3 लाख 72 हजार रूपये पत्र क्रमांक MLA/430, दिनांक 02.03.2015 के माध्‍यम से क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी ग्राम पंचायत की अनुशंसा की गई थी। (ख) क्‍या जिला योजना अधिकारी पन्‍ना द्वारा उक्‍त पत्र में निर्माण एजेन्‍सी ग्राम पंचायत के स्‍थान पर जनपद पंचायत कर दी गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्‍या उक्‍त कम्‍प्‍यूटर लैब आज दिनांक तक चालू नहीं हुई है, न ही कम्‍प्‍यूटर चालू हैं? इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है और उनके खिलाफ क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब-तक?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रशासकीय आदेश क्रमांक 280, दिनांक 18.3.2015 द्वारा क्रियान्वयन एजेन्सी ग्राम पंचायत द्वारा जनपद पंचायत शाहनगर की गई थी। (ग) ग्राम पंचायत बधवार के हायर सेकेण्डरी स्कूल में सभी कम्प्यूटर कार्यरत होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

97. ( क्र. 6885 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में विगत तीन वर्षों में कितने अवैध उत्‍खनन के मामले पकड़ में आये? जिलेवार स्थिति बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में पकड़ में आये मामलों से जिलेवार कितनी रायल्‍टी शासन को प्राप्‍त हुई। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में पकड़ में आये अवैध उत्‍खनन के मामलों में शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) अवैध उत्‍खनन को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरणों में रॉयल्‍टी की राशि प्राप्‍त नहीं होती है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (घ) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।

परिशिष्ट - ''बाईस''

DIPL कंपनी को रेत खनन की स्‍वीकृति

[खनिज साधन]

98. ( क्र. 6890 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नसरूल्‍लागंज तहसील के ग्राम अंबाजदीद नर्मदा रेत खदान DIPL कंपनी को दी गई है? (ख) क्‍या अंबाजदीद रेत खदान की नपती कर के दी गई है? यदि नपती कर दी गई है या नहीं? ग्राम अंबाजदीद रेत खदान के माईनिंग मेप उपलब्‍ध कराए? (ग) क्‍या ग्राम अंबाजदीद रेत खदान की स्‍वीकृति DIPL कपंनी को जारी की गई है? अगर जारी की गई है, तो कब जारी की गई है? आदेश की प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें? (घ) क्‍या DIPL कंपनी को रेत स्‍टॉक करने की अनुमति दी गई है? यदि रेत स्‍टॉक की अनुमति है, तो किस स्‍थान की एवं अनुमति आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें? DIPL कंपनी को स्‍टॉक की कितनी रॉयल्‍टी बुक जारी की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन खदान मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम लिमिटेड द्वारा प्रश्‍नाधीन कंपनी को उच्‍चतम बोली के आधार पर रेत विक्रय हेतु ठेके पर स्‍वीकृत की गई है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन खदान का नक्‍शा पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘’’ पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नाधीन कंपनी को मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम लिमिटेड द्वारा स्‍वीकृति पत्र दिनांक 07.07.2015 को जारी किये गये हैं। यह पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘’’ पर दर्शित है। (घ) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन कंपनी को ग्राम बाबरी, तहसील रेहटी, जिला सीहोर की निजी भूमि खसरा क्रमांक 166/1 पर अनुमति दी गई है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '‘’' पर दर्शित है। प्रश्‍नाधीन कंपनी को 84 रॉयल्‍टी बुक जारी की गई है।

आदिवासी छात्रावास का उपयोग

[वन]

99. ( क्र. 6982 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्या पूर्व से वन विभाग इन्दौर द्वारा निर्मित रेसीडेंसी क्षेत्र में आदिवासी छात्रावास में आदिवासी बच्चे रहते थे? यदि हाँ, तो कब से कब तक रहे? (ख) क्‍या भारतीय वन सेवा के                 श्री राघवेन्द्र श्रीवास्तव उपरोक्त भवन में रहे थे। यदि हाँ, तो में कब से कब तक? उनसे वर्ष 2015 में किस दर से मकान किराया वसूल किया गया? (ग) क्या उक्त आदिवासी छात्रावास में आदिवासी छात्रों को न रखते हुए भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के बच्चों को रखा जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) उपरोक्त छात्रावास में भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के बच्चे कब से कब तक रहे तथा उक्त छात्रावास में रहने का आदेश किस अधिकारी द्वारा दिया गया था। अधिकारी का नाम बतावें एवं आदेश की प्रति देवें। (ड.) क्या उक्त भारतीय वन सेवा के अधिकारियों से बाजार दर से उक्त अवधि का किराया वसूल किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं, तो क्यों? (च) क्या उक्त छात्रावास में आदिवासी बच्चों को प्रवेश दिया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। वर्ष 1983-84 से वर्ष 2005 तक। (ख) जी नहीं। अतः अवधि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दिनांक 01.09.07 से दिसम्‍बर 2008 तक श्री राघवेन्द्र श्रीवास्तव के बच्चों की शिक्षा हेतु रेसीडेंसी क्षेत्र में ट्रांजिट हॉस्टल के 02 कक्ष आवंटित किये गये थे। श्री श्रीवास्तव को प्रदत्त अनुमति दिनांक 05.12.2008 से निरस्त करने के उपरांत भी                         श्री श्रीवास्तव के बच्चों द्वारा माह अप्रैल 2013 तक पूर्ण आवास (चारों कक्षों) का उपयोग अनाधिकृत रूप से किया गया। अतः अनाधिकृत अवधि (1 जनवरी, 2009 से अप्रैल 2013 तक) का बाजार दर से कुल किराया रू. 4,32,692/- श्री राघवेन्द्र श्रीवास्तव से वसूल किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। दिशा निर्देशानुसार आवंटन होने से विभाग द्वारा निर्धारित दर अनुसार राशि वसूल की जावेगी। (च) जी हाँ। आवेदन प्राप्त होने पर उपलब्धता के आधार पर उन्हें छात्रावास में प्रवेश दिया जा सकेगा।

सिंहस्‍थ मद में किया गया खर्च एवं बची हुई सामग्री की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

100. ( क्र. 7039 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्‍थ २०१६ के मद में हुये उन निर्माण कार्यों का नाम, कुल लागत राशि, ठेकेदार का नाम सहित जानकारी देवें जो सिंहस्‍थ प्रारंभ होने तक संपन्‍न नहीं हुये या अधूरे थे। सिंहस्‍थ प्रारंभ होने तक शुरू ही नहीं हुये थे। सिंहस्‍थ प्रारंभ होने के पहले ही संपन्‍न हो चुके थे। (ख) सिंहस्‍थ मद में विभिन्‍न विभागों द्वारा स्‍थायी प्रवृत्ति की खरीदी गई सामग्री की सूची, सामग्री का नाम, दर खरीदी गई मात्रा, विक्रेता का नाम, विक्रेता का टीन नंबर, कुल राशि, खरीदी की दिनांक सहित देवें तथा बतावें की उक्‍त सामग्री में से कितनी गुम हो गई, कितनी चोरी हो गई तथा शेष कितनी सामग्री उत्‍तर दिनांक को कहाँ पर रखी हुई है या उपयोग हो रही है? (ग) सिंहस्‍थ मद से किस-किस घाट पर कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य के लिये खर्च की गई? कार्य का नाम, कुल लागत निर्माता/विक्रेता का नाम, भुगतान की दिनांक सहित सूची देवें? (घ) सिंहस्‍थ २०१६ में टेण्‍डर, खरीदी, नियुक्ति अनियमितता आदि संबंधी कितने प्रकरण विभिन्‍न न्‍यायालयों में दायर हुये, उनका प्रकरण क्रमांक, न्‍यायालय का नाम, फरियादी का नाम तथा वर्तमान स्थिति सहित सूची देवें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। शेष विभागों से जानकारी संकलित की जा रही है।              (ग) एवं (घ) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। शेष विभागों से जानकारी संकलित की जा रही है।

शौचालय निर्माण का लंबित भुगतान

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

101. ( क्र. 7050 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला रीवा के जनपद पंचायत-त्‍योंथर में वर्ष 2016 एवं 2017 में बने शौचालयों के भुगतान लम्बित हैं? (ख) यदि हाँ, तो जनपद पंचायत-त्‍योंथर के ग्राम पंचायतवार शौचालयों की संख्‍या कब से लम्बित है? दिनांक तथा लम्बित भुगतान राशि का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर में वर्णित ग्राम पंचायत शौचालयों का भुगतान अब तक लम्बित रहने के क्‍या कारण है? स्‍पष्‍ट विवरण दें तथा उपरोक्‍त शौचालयों के लम्बित भुगतान कब तक कर दिये जायेंगे।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाए 614 प्रकरणों में शौचालय निर्माण की प्रोत्‍साहन राशि का भुगतान निर्माण का भौतिक सत्‍यापन कर ज्‍यो टेग फोटो लेने तथा स्‍वच्छ भारत मिशन के पोर्टल पर अपलोड करने का कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण लंबित होना प्रतिवेदित है। भौतिक सत्‍यापन कराकर निराकरण एक माह में करने के निर्देश दिए गए है।

परिशिष्ट - ''तेईस''

मुख्‍यमंत्री आवास योजना के स्‍वीकृत ऋण का समय पर भुगतान न होना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

102. ( क्र. 7066 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के विकासखण्‍ड चौरई एवं विछुआ में विगत दो वर्षों में मुख्‍यमंत्री आवास योजना अन्‍तर्गत ऋण स्‍वीकृति हेतु बैंकों को प्रेषित किये गये प्रकरणों की जानकारी, स्‍वीकृत ऋण, प्रथम-द्वितीय किश्‍त की हितग्राहियों को भुगतान राशि की वर्षवार, हितग्राही की संख्‍यावार, बैंकवार, विकासखण्‍डवार दें (ख) बैंकों में प्रस्‍तुत ऋण प्रकरणों में समय पर ऋण स्‍वीकृत हो रहे हैं या नहीं, हितग्राहियों को बैंक परेशान तो नहीं कर रही? प्रकरणों में स्‍वीकृत ऋण की किश्‍त बैंकों द्वारा समय पर हितग्राहियों को भुगतान किया जा रहा है या नहीं? क्‍या इस हेतु कोई मॉनिटरिंग के शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति संलग्‍न करें और बतावें कि इस हेतु कौन सक्षम है? नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या बैंकों द्वारा हितग्राहियों के प्रकरणों में सरलता से समय पर ऋण स्‍वीकृत नहीं करने, ऋण स्‍वीकृति में दलालों की भूमिका होने, किश्‍तों का समय पर भुगतान नहीं होने, हितग्राहियों का शोषण होने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता ने दिनांक 24/01/2017 को पत्र क्रमांक 99 अग्रणी जिला प्रंबंधक छिन्‍दवाड़ा पत्र क्रमांक 98 कलेक्‍टर छिन्‍दवाड़ा को प्रेषित किया है? हाँ, तो क्‍या शासन बैंकों द्वारा हितग्राहियों का शोषण रोकने, आवास ऋण प्रकरणों का मॉनिटरिंग करने, दोषियों को दण्डित कराने व ऋण की राशि समय पर भुगतान कराने हेतु किसी अधिकारी की ड्यूटी लगाकर कार्यवाही सुनिश्‍चित करने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है(ख) इस वर्ष के लक्ष्य 2900 प्रकरण के विरूद्ध 3070 प्रकरणों में बैंकों द्वारा स्वीकृति देकर अब तक 2833 प्रकरणों में ऋण वितरण किया गया है। जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा तथा राज्य स्तर पर विकास आयुक्त द्वारा सतत्‌ समीक्षा की व्यवस्था है। राज्य तथा जिला स्तर पर बैंक अधिकारियों की बैठकों में भी समीक्षा की जाती है। योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के     प्रपत्र-3 अनुसार है। बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण की किश्त का वितरण किया जाना प्रतिवेदित है। शेष जानकारी उत्तारांश (ख) अनुसार है।

निर्माण एजेंसी के खाते में राशि का अंतरण

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

103. ( क्र. 7067 ) पं. रमेश दुबे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र चौरई जिला-छिन्‍दवाड़ा में वित्‍तीय वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक किन कार्यों हेतु कितनी राशि वर्षवार स्‍वीकृत की गयी? स्‍थान का नाम, स्‍वीकृत आदेश क्रमांक/दिनांक, प्रथम-द्वितीय किश्‍त निर्माण एजेंसी के खाते में अंतरण का दिनांक, निर्माण की अवधि, निर्माण कार्य की प्रगति, कार्यपूर्णता दिनांक, निर्माण नहीं हुआ है, तो क्‍यों नहीं हुआ? राशि किसके पास है? (ख) क्‍या विधायक निधि से राशि स्‍वीकृत होने के पश्चात् लम्‍बे समय तक राशि निर्माण एजेंसी के खाते में अंतरण नहीं होने, प्रथम किश्‍त जारी होने के पश्चात् द्वितीय किश्‍त के लिए निर्माण एजेंसियों से जिला योजना कार्यालय का चक्‍कर लगवाने, एकमुश्‍त, राशि जनपद पंचायतों के खाते में अंतरण कर देने किन्‍तु किस कार्य की कितनी राशि है की सूची अथवा पत्र जनपदों को उपलब्‍ध नहीं कराने से कार्य में बिलंब होने की शिकायत प्रश्‍नकर्ता ने कलेक्‍टर छिन्‍दवाड़ा को पत्रों के माध्‍यम से की है?                 (ग) यदि हाँ, तो इस पर किस स्‍तर से क्‍या सार्थक पहल की गयी है? विधायक निधि से राशि स्‍वीकृत के पश्‍चात् लम्‍बे समय तक राशि निर्माण एजेंसियों को उपलब्‍ध नहीं कराने, निर्माण एजेंसियों द्वारा निर्माण में बिलंब करने, राशि आहरण कर खर्च कर देने, किन्‍तु निर्माण नहीं कराने की जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही एवं भविष्‍य में इसकी पुनरावृत्ति न हो, इस हेतु शासन एवं जिला प्रशासन कोई कठोर कदम उठायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विधायक निधि के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष में ही राशि क्रियान्वयन एजेन्सी को अंतरण कर दी जाती है। राशि क्रियान्वयन एजेन्सी के पास ही उपलब्ध रहती है। (ख) जी नहीं। मान. विधायक महोदय द्वारा की गई शिकायत आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

सी.सी. रोड का निर्माण

[उच्च शिक्षा]

104. ( क्र. 7148 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शा. महाविद्यालय कटंगी जि. बालाघाट में मुख्‍य गेट से महाविद्यालय तक कच्‍चा मार्ग है? इस मार्ग का जो मात्र 220 मीटर है, का प्राक्‍कलन लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु आयुक्‍त उच्‍च शिक्षा कार्यालय भोपाल में लम्बित है? (ख) यदि हाँ, तो महाविद्यालय पहुँच मार्ग को कब तक प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, कटंगी, जिला बालाघाट के पहुँच मार्ग के सीमेंटीकरण हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में सीमित वित्‍तीय संसाधनों को दृटिगत कर राशि स्‍वीकृत किए जाने में कठिनाई है।                    (ख) समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

जनभागीदारी से कराये गये कार्यों में अनियमितता

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

105. ( क्र. 7154 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जनभागीदारी के अन्‍तर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्य हेतु कोई मापदण्‍ड निर्धारित है? यदि हाँ, तो उनकी प्रति उपलब्‍ध करावें? विगत तीन वर्षों में भिण्‍ड जिले को मांग संख्‍या 60 एवं मांग संख्‍या 64 में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्‍त हुआ? मांग संख्‍यावार, वर्षवार जानकारी दी जावे? (ख) उक्‍त प्राप्‍त आवंटन के विरूद्ध जिले की किस-किस ग्राम पंचायत को कितने-कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के स्‍वीकृत किये गये? मदवार, कार्यवार, राशिवार जानकारी दी जावे। (ग) क्‍या भिण्‍ड जिले में मांग संख्‍या 60 का भुगतान नियम विरूद्ध मांग संख्‍या 64 में उपलब्‍ध राशि से किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम किस आदेश से? नियम एवं आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें? (घ) नियम विरूद्ध भुगतान करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताएं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’  अनुसार है। विगत तीन वर्षों में प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '‘’' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नगरीय निकाय स्तर पर ठोस अपशिष्ट (कचरा) प्रबंधन

[नगरीय विकास एवं आवास]

106. ( क्र. 7166 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कौन-कौन सी नगरीय निकायों यथा नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायतों में ठोस अपशिष्ठ (कचरे) से विद्युत बनाने की इकाइयां स्थापित हैं तथा उनमें से कितनी इकाइयां वर्तमान में संचालित हो रही हैं एवं उनमें पिछले तीन वित्तीय वर्ष में वर्षवार निकायवार कुल कितनी यूनिट विद्युत का उत्पादन हुआ है? (ख) क्या वर्तमान में नगरीय प्रशासन द्वारा निकायों के समूहों का क्लस्टर बनाकर केन्द्रीकृत कचरा प्रबंधन हेतु निविदाएं आमंत्रित की जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्लस्टर बनाने से वो कौन-कौन से लाभ हैं जो नगरीय निकायों द्वारा स्वयं अपने क्षेत्र में कचरा प्रबंधन करने की अपेक्षा कलस्टर स्तर पर उपयुक्त हैं? (ग) क्या नगरीय निकायों को अपने स्तर पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन यथा कचरे से खाद बनाने आदि की व्यवस्था करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो नगरीय निकायों को इस संबंध में क्या दिशा-निर्देश दिये जा रहे हैं? (घ) क्या क्लस्‍टर बनाकर समूह में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन करने में कचरे का परिवहन भी होगा? यदि हाँ, तो क्या इस परिवहन में बहुत अधिक राजस्व की हानि नहीं होगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम जबलपुर में निजी जन भागीदारी आधारित कचरे से विद्युत निर्माण इकाई स्‍थापित है, जो संचालित है। उक्‍त इकाई से उत्‍पादन मई-2016 में आरंभ किया गया है। प्रश्‍नांश दिनांक तक 26324500 यूनिट विद्युत उत्‍पादन हुआ है। (ख) जी हाँ। ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन एवं हथालन नियम-2016 के प्रावधान लागू करने के लिये निवेश लागत कम करके जन-सामान्‍य को संवहनीय सेवाएं प्रदान करने तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु निजी जन भागीदारी आधारित एकीकृत क्षेत्रीय ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है, जो उपयुक्‍त है। (ग) जी नहीं। एकीकृत क्षेत्रीय ठोस अपशिष्‍ट कार्ययोजना क्रियान्वित होने के पश्चात् कचरे का प्रबंधन कर खाद या विद्युत उत्‍पादन निजी जन भागीदारी द्वारा किया जायेगा। (घ) जी हाँ। जी नहीं।

अतिथि विद्वान चयन में नियमों की अवहेलना

[उच्च शिक्षा]

107. ( क्र. 7173 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक ७६ दिनांक २९.२.२०१६ के बिंदु (ग) के उत्‍तर में विभाग ने माना है कि प्राचार्य शासकीय कन्‍या महाविद्यालय चाचौड़ा बीनागंज द्वारा तृतीय काउंसलिंग की जारी वरीयता सूची में प्रथम वरीयता प्राप्‍त डॉ. मंजू भार्गव के स्‍थान पर द्वितीय वरीयता प्राप्‍त        डॉ. अर्चना कुशवाह को ज्‍वाइन कराया गया था? (ख) क्‍या इस संबंध में उच्‍च शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक/एफ १७-७/२०१६/३८-१ भोपाल दिनांक १९.२.२०१६ द्वारा तत्‍कालीन क्षेत्रीय अतिरिक्‍त संचालक उच्‍च शिक्षा ग्‍वालियर एवं प्राचार्य शास.क. म‍हाविद्यालय चाचौड़ा बीनागंज को नोटिस जारी किया गया था, जिसमें विभाग ने यह माना है कि डॉ. मंजू भार्गव का दावा स‍ही था व उन्‍हें शासकीय कन्‍या महाविद्यालय चाचौड़ा बीनागंज द्वारा आमंत्रण दिया जाना था? उक्‍त दोनों अधिकारियों द्वारा नियमों की अवहेलना की गई है? (ग) क्‍या उक्‍त प्रश्‍न के उत्‍तर (ड.) में विभाग द्वारा प्रकरण की जाँच किए जाने का उल्‍लेख किया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रकरण में क्‍या जाँच की गई? जाँच रिपोर्ट, प्रतिवेदन व कार्यवाही का संपूर्ण विवरण उपलब्‍ध करावें? (घ) उक्‍त प्रकरण में शासन दोषियों के विरूद्ध क्‍या कोई कठोर कार्यवाही कर पीडि़त को हुए नुकसान की भरपाई करेगा व कब तक?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। डॉ. मंजू भार्गव, अतिथि विद्वान, गृह विज्ञान, शासकीय महाविद्यालय, राघौगढ़ जिला गुना के अभ्यावेदन की जाँच कराई गई। जाँच में प्राप्त तथ्यों के आधार पर डॉ. मंजू भार्गव, अतिथि विद्वान गृहविज्ञान, राघौगढ़ जिला गुना द्वारा शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, मंदसौर में ज्वाइन करने के कारण शासन के परिपत्र क्रमांक 1-9/2012/38-1, दिनांक 05/08/2014 की कंडिका-2.13 के अनुसार पूर्व में ही पी.जी. कॉलेज, मंदसौर में ही अतिथि विद्वान के रूप में उपस्थित हो जाने के कारण अपात्र पाई गई। परीक्षण में चयन प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कार्यवाही प्रचलित है, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

पंच परमेश्वर योजनान्तर्गत किये गए कार्यों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

108. ( क्र. 7189 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंच परमेश्वर योजनान्तर्गत किस प्रकार के कार्य किए जाने के प्रावधान हैं? किए जाने वालों कार्यों के लिए क्या प्रक्रिया नियत हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में पंच परमेश्वर योजनान्तर्गत क्या-क्या कार्य किए गए? ग्राम पंचायतवार विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधानों के अतिरिक्त क्‍या ग्राम की स्थानीय आवश्यकताओं को देखते हुए अन्य कार्य किए जाने की स्वीकृति दी जाती हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए सक्षम अधिकारी कौन हैं? प्रश्नांश (ख) अनुसार किए गए कार्यों में इस प्रकार के कार्य शामिल हो तो पृथक से विवरण देवें? (घ) पंच परमेश्वर योजनान्तर्गत किए गए कार्यों की पंचायत दर्पण पोर्टल पर प्रविष्टि की जाती हैं? यदि हाँ, तो की गई प्रविष्टि की अद्यतन स्थिति क्या हैं? पोर्टल प्रविष्टि की मॉनीटरिंग किस प्रकार की जा रही है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार। (ग) जी हाँ। 15 लाख रूपये तक के कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु ग्राम पंचायतें स्वयं सक्षम हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार। (घ) जी हाँ। पंचायत दर्पण पोर्टल पर ग्राम पंचायतों द्वारा लिये गये कार्यों की अद्यतन प्रविष्टियां की जाती हैं। पंचायत दर्पण पोर्टल पर प्रविष्टि की अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार। पंचायत दर्पण पोर्टल पर की गई प्रविष्टियों की मॉनीटरिंग संबंधित जनपद पंचायत के अमले के द्वारा की जाती है।

विधायक विकास निधि के कार्य

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

109. ( क्र. 7203 ) श्री अंचल सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) प्रश्‍नकर्ता के शीतकालीन सत्र 2016 दिनांक 08 दिसम्‍बर 2016 एवं प्रश्‍न क्रमांक 179 दिनांक 08.12.2016 में दिये गये परिशिष्‍ट (ब) में अंकित कार्य को अपूर्ण बताया गया है जबकि परिशिष्‍ट (ब) में दर्शित कार्यों में से सरल क्रमाक 2,3 एवं 4 के कार्य 9 माह पूर्व एवं सरल क्रमांक 1, 5 एवं 6 के कार्य अक्‍टूबर-नवम्‍बर 2015 में पूर्ण किये जा चुके थे किन्‍तु प्रश्‍न दिनांक तक ठेकेदारों का भुगतान लंबित हैं क्‍यों? कारण बतावें (ख) क्‍या शासन प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्यों का भुगतान न करने वाले अधिकारियों विरूद्ध जाँच कर कार्यवाही करेगा तो कब तक?  समय-सीमा बतावें तथा वर्ष 2015-16 का लंबित विकास कार्यों का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उच्‍च स्‍तरीय पुलिया निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

110. ( क्र. 7218 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्‍या जिला राजगढ़ की सारंगपुर तहसील में ग्राम मऊ से पड़ाना सड़क उन्‍नयनीकरण का कार्य महाप्रबंधक, प्रधानमंत्री सड़क विकास विभाग, राजगढ़ द्वारा करवाया गया है? यदि हाँ, तो ग्राम मऊ से ग्राम पड़ाना तक निर्मित सड़क पर ग्राम मऊ के पास एवं ग्राम पड़ाना के पास पुलिया निर्मित थी? (ख) क्‍या वर्षाकाल में प्रश्नांश (क) में दर्शित पुलियाओं पर बाढ़ का पानी आने से मार्ग अवरूद्ध होता है? क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा उक्‍त पुलियाओं पर उच्‍च स्‍तरीय पुलिया बनाने हेतु पत्र लिखा गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्नांश (क) में दर्शित पुलियाओं को उच्‍च स्‍तरीय पुलिया में परिवर्तित करने की आवश्‍यकता नहीं थी? यदि आवश्‍यकता थी, तो विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या प्रश्नांश (ग) का उत्‍तर यदि हाँ है, तो उच्‍च स्‍तरीय पुलियाओं के निर्माण कार्य को म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल द्वारा कब तक स्‍वीकृत कर दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित पुलियाओं पर बाढ़ का पानी आने से कुछ समय के लिये मार्ग अवरूद्ध होता है। स्वीकृत मार्ग में उच्च स्तरीय पुलिया का प्रावधान नहीं होने से निर्माण कराना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।

दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

111. ( क्र. 7223 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या न.पा.प. बिजुरी जिला अनूपपुर में ई-टेण्‍डर क्रमांक 16463, 16464, 16465, 16471, 16483, 16485, 16486 तथा 16415 में धांधली एवं भ्रष्‍टाचार के संबंध में शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायतकर्ता का नाम शिकायत की प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या प्रश्नांश (ख) में की गई शिकायत की जाँच प्रमुख अभियंता, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल द्वारा राज्‍य स्‍तरीय जाँच दल गठित करते हुए की गई है? यदि हाँ, तो जाँच दल में कौन-कौन सदस्‍य थे तथा जाँच में कौन-कौन दोषी पाया गया? (ग) क्‍या दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारी तथा ठेकेदारों के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कारण बतायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। श्री सतीश कुमार जायसवाल। शिकायत की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ग) संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, रीवा संभाग द्वारा प्रकरण में प्रथम दृष्‍ट्या दोषी पाए गए अधिकारी, कर्मचारी तथा ठेकेदार के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज करने के लिए थाना प्रभारी, थाना-बिजुरी को पत्र क्रमांक 294 दिनांक 03.03.2017 से लिखा गया है। थाना प्रभारी द्वारा प्रकरण की विवेचना की जा रही है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

संविदा शिक्षक वर्ग 1-2-3 का संविलियन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

112. ( क्र. 7235 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) आगर जिले के अंतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितने संविदा शिक्षक वर्ग 1-2-3 की नियुक्ति किस स्कूल में की गई? वर्गवार, संस्थावार जानकारी देवें। साथ ही संविदा नियुक्ति के समय क्या क्या शर्तें दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार संविदा नियुक्ति में चरित्र सत्यापन एवं जिला मेडिकल बोर्ड का स्वास्थ प्रमाण-पत्र की आवश्‍यकता अनिवार्य थी। यदि हाँ, तो कितने संविदा शिक्षकों द्वारा शर्तें पूर्ण की गई और कितने द्वारा शर्तें पूर्ण नहीं की गई? (ग) क्या कई शिक्षकों का बिना शर्तें पूर्ण किये अध्यापक संवर्ग में संविलियन किया गया है? यदि हाँ, तो नियम का उल्‍लंघन किस अधिकारी द्वारा किया गया है? क्या इसके लिए नियुक्तिकर्ता/संविलियनकर्ता अधिकारी जिम्मेदार हैं? यदि हाँ, तो शासन दोषी अधिकारी के प्रति क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

पंचायतकर्मी की नियुक्ति में अनियमितताएं 

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

113. ( क्र. 7264 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत जैतहरी अतंर्गत ग्राम पंचायत महुंदा में पंचायत क्र. 01 दिनांक 31.08.2007 में नियुक्ति की गयी थी? यदि हाँ, तो क्‍या पद पूर्ति का विज्ञापन प्रकाशित कर कार्यवाही की गयी। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) पंचायतकर्मी भर्ती सम्‍पूर्ण प्रकिया जिसमें विज्ञापन भर्ती व चयन प्रक्रिया को लेकर कलेक्‍टर न्‍यायालय में चुनौती अपील अन्‍य आवेदन या स्‍थानीय युवक ने की थी? यदि हाँ, तो कलेक्‍टर न्‍यायालय निर्णय की छाया प्रति उपलब्‍ध करायें? (ग) क्‍या कलेक्‍टर न्‍यायालय निर्णय की अपील न्‍यायालय आयुक्‍त शहडोल संभाग को किया गया था? यदि हाँ, तो निर्णय की प्रमाणित प्रति उपलब्‍ध करायें तथा आयुक्‍त के निर्णय से अवगत करायें? (घ) क्‍या कलेक्‍टर व आयुक्‍त शहडोल संभाग शहडोल के निर्णय के उपरान्‍त आयोग्‍य व अवैध भर्ती निरस्‍त की गयी है? यदि नहीं, क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। अपितु संभागीय आयुक्त, शहडोल के न्यायालय में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के आदेश दिनांक 13.5.2008 के विरूद्ध अपीलार्थी श्री मनोज कुमार राठौर द्वारा अपील प्रस्तुत की गई, जिस पर संभागायुक्त ने दिनांक 6.5.2010 को आदेश जारी किया गया, जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट अनुसार(घ) प्रश्नांकित पंचायतकर्मी की नियुक्ति चयन तिथि तक निर्धारित आयु सीमा 18 वर्ष न होने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैतहरी ने दिनांक 13.5.2008 को पंचायतकर्मी की भर्ती हेतु पुनः विज्ञप्ति जारी की। इसके विरूद्ध चयनित पंचायतकर्मी ने संभागीय आयुक्त के समक्ष अपील की, जिस पर आयुक्त ने अभी तक की गई कार्यवाही को निरस्त करते हुए कलेक्टर को धारा 86 के तहत समुचित कार्यवाही के निर्देश के साथ प्रकरण का निराकरण किया। आयुक्त के निर्देशों के पालनार्थ पुनः पंचायतकर्मी पंचायत महुदा की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ की गई, जिसमें 15 आवेदकों की मेरिट सूची तैयार की गई, जिसमें सर्वाधिक अंक श्री मनोज कुमार राठौर के होने पर ग्राम पंचायत ने उनके नाम का अनुमोदन प्रदान किया। इस चयन के विरूद्ध श्री गणेश पिता मेघनंद केवट ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जैतहरी के न्यायालय में अपील प्रस्तुत की, जो संभागायुक्त, शहडोल के आदेश के तहत की गई कार्यवाही को ध्यान में रखते हुए अस्वीकार की गई। अनुविभागीय अधिकारी के आदेश के विरूद्ध कलेक्टर अनूपपुर के न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई, जिस पर अपीलार्थी ने रूचि न लेने के कारण दिनांक 19.5.2015 को खारिज की गई। संभागीय आयुक्त द्वारा पारित आदेश के पालनार्थ नए सिरे से की गई नियुक्त वैध होने के कारण निरस्त नहीं की गई।

नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना

[उच्च शिक्षा]

114. ( क्र. 7282 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्री महोदय के कोटेश्वर, बदनावर प्रवास दिनांक 28-02-2016 की घोषणानुसार ग्राम बिड़वाल तथा कानवन में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ हो जाना था। वर्तमान तक कोई प्रगति दृष्टिगोचर नहीं होती हैं, उल्लेखित दोनों स्थल पर समस्त संकाय के साथ महाविद्यालय कब प्रारंभ होंगे?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक           बी-1779 दिनांक 28/02/2016 के प्रकरण पर कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय महाविद्यालय में स्टॉफ पदपूर्ति

[उच्च शिक्षा]

115. ( क्र. 7283 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय बदनावर में प्राचार्य सहित विषय विशेषज्ञ (प्रोफेसर) के पद रिक्त हैं। शिक्षा के हित तथा छात्र-छात्राओं के भविष्य के दृष्टिगत समस्त रिक्त पदों की अविलम्ब पूर्ति की जाना अत्यंत आवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक पूर्ति की जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राचार्य का पद प्राध्यापक से स्नातक प्राचार्य पद पर पदोन्नति से भरा जाता है, न्यायालयीन प्रकरण के कारण पदोन्नति की कार्यवाही स्थगित है। सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.16 को विज्ञापन जारी किया जा चुका है, चयनित अभ्यार्थियों की सूची प्राप्त होते ही प्राथमिकता के आधार पर रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परीक्षा परिणाम में अनियमितता

[उच्च शिक्षा]

116. ( क्र. 7292 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी २०१४ के पश्चात् विक्रम विश्वविद्यालय में कितने विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम रोके गये? इनमें कितने प्रकरण में विद्यार्थियों को परीक्षा देने के उपरांत भी अनुपस्थित दर्शाया गया? उक्त अवधि में ऐसे कितने विद्यार्थियों ने कब-कब इसकी शिकायत महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में की? (ख) उक्त अवधि में परीक्षा परिणाम को लेकर किन-किन विद्यार्थी संगठनों ने उक्त अवधि में आवेदन, ज्ञापन कहाँ-कहाँ महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय को दिए? लगातार विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणाम की अनियमितता के लिए कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी दोषी हैं? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? क्या परीक्षा परिणाम तैयार करने वाली निजी कम्पनी का अनुबंध निरस्त किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विश्‍वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कब-कब परीक्षा परिणाम की अनियमितता की बैठक रिजल्ट समिति के साथ की उसमे क्या निर्देश दिए गये? समिति के सदस्य के नाम सहित जानकारी देवें। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय में भारी अनियमितता को लेकर कब-कब बैठक आयोजित कर, क्या निर्देश दिए?          (घ) विक्रम विश्‍वविद्यालय में परीक्षा परिणाम को लेकर कौन-कौन से कार्य, किस-किस कम्पनी से, किस दर पर ठेके पर करवाये गये? उक्त अवधि की जानकारी देवें। निजी कम्पनियों से यह अनुबन्ध कितने वर्षों का है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) दिनांक 01.01.14 के पश्चात् 3303 एवं 01.01.15 के पश्चात् 27151 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम रूके हुए थे। नियमानुसार परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थियों को किसी भी प्रश्न पत्र में सम्मिलित होने पर अनुपस्थित नहीं दर्शाया गया। इस बाबत् कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "" अनुसार है। विभाग में अनियमितताओं के संबंध में प्राप्त शिकायत पर जाँच हेतु दिनांक 11.04.16, 21.04.16 एवं 16.02.17 को माननीय राज्यपाल, सचिवालय को लिखा गया है। निजी कंपनी का अनुबंध दिनांक 03.12.2016 को निरस्त किया गया है। (ग) इस सम्बन्ध में कोई बैठक नहीं हुई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अपितु प्रश्नांश (ख) अनुसार माननीय राज्यपाल, सचिवालय को लिखा गया है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "" अनुसार है। अनुबंध समाप्त होने के पश्चात् उसी दर पर इमर्ज डाटा सर्विसेस, नागपुर से परीक्षा परिणाम का कार्य वर्तमान सत्रान्त तक कराया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''छब्बीस''

रियोटिन्‍टों कंपनी द्वारा हीरे का उत्‍खनन

[खनिज साधन]

117. ( क्र. 7301 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या फरवरी 2017 में हीरा खनन कंपनी रियोटिन्‍टों ने कलेक्‍ट्रेट पन्‍ना जिला पन्‍ना में केवल कुछ लाख रूपये के हीरे ही जमा किये हैं, जबकि करोड़ों रूपये के हीरों का उत्‍खनन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 8 वर्ष के प्रोसेटिंग लायसेंस के आधार पर कुल कितनी राशि के हीरे निकाले गये हैं? (ग) यदि कम राशि के हीरे जमा किये गये हैं, तो इसमें किस विभाग व अधिकारी की लापरवाही है? (घ) उक्‍त कार्यवाही में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही व कब तक की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रदेश में खिलाडि़यों को शासकीय सेवा में नियुक्ति हेतु आरक्षण

[खेल और युवा कल्याण]

118. ( क्र. 7322 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में खिलाडि़यों की खेल कोटे से शा. सेवा में नियुक्ति हेतु क्या कोई नीति विभाग द्वारा लागू की जा रही है या कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो अवगत करायें। (ख) प्रदेश में खिलाडि़यों को प्रोत्साहन देने हेतु गत 1 जनवरी 2015 के पश्चात् विभाग द्वारा इंदौर, उज्जैन संभाग में किन-किन खिलाडि़यों को क्या-क्या सहायता प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित देश के विभिन्न प्रदेशों में खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने हेतु शा. सेवा में स्पोर्ट्स कोटा है किन्तु म.प्र. में क्यों नहीं? क्‍या प्रदेश की प्रतियोगिता परीक्षा में स्कूल नेशनल या अन्य के अंक स्‍पोर्ट्स कोटे के तहत् प्रदान करने के संबंध में खेल विभाग द्वारा सामान्य प्रशासन को अनुरोध किया गया? यदि हाँ, तो कब? (घ) क्या शासकीय सेवा में स्पोर्ट्स कोटा निर्धारत करने में मा. न्यायालय का कोई निर्णय है? यदि हाँ, तो अवगत करायें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। तथापि खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर विक्रम पुरस्कार प्राप्त प्रदेश के खिलाडि़यों को शासन द्वारा उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित कर उनकी शैक्षणिक अर्हता के आधार पर तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश में अभी खिलाडि़यों को प्रोत्साहन हेतु कोई कोटा निर्धारित नहीं होने से कारण बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। विभागीय जानकारी में ऐसा कोई निर्णय नहीं है।

इंदिरा आवास योजनांतर्गत राशि का भुगतान

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

119. ( क्र. 7323 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्या‍ शहडोल जिले के जिला पंचायत शहडोल द्वारा स्वीकृत आदेश क्रमांक/ईअओ-होमस्टेऔट/ २०१२-१३/८१११ दिनांक ०४-१०-२०१३ के संलग्न सूची में दर्ज क्र. ८१ में हितग्राही रामनाथ पिता छोटे पनिका निवासी ग्राम/ग्राम पंचायत अमझोर, जनपद पंचायत जयसिंहनगर के नाम इंदिरा आवास होम स्टेट स्वीकृत की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त हितग्राही को राशि प्रदाय कर दी गई है और उसके द्वारा आवास निर्माण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब किस माध्यम से राशि दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों और लापरवाही करने वाले जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) हितग्राही श्री रामनाथ पिता छोटे पनिका निवासी ग्राम पंचायत अमझोर सहित 21 हितग्राहियों के लिए प्रथम किश्त रू.22,500/- के मान से रू.4,72,500/- का चैक क्रमांक 608661 दिनांक 04/10/2013 सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शहडोल को जारी किया गया। बैंक ने 20 हितग्राहियों के बैंक खातों में धनराशि अंतरित कर दी और                 श्री रामनाथ के स्थान पर त्रुटिवश श्री उमेश पिता ददुआ साहू, ग्राम पंचायत, मीठी के बैंक खाते में धनराशि अंतरित कर दी। प्रश्नाधीन प्रश्न से जानकारी मिलने पर त्रुटि ज्ञात हुई और दिनांक 14/03/2017 को बैंक ने हितग्राही श्री रामनाथ पिता छोटे पनिका के सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा अमझोर में खाता क्रमांक 23311703393 में धनराशि अंतरित की। हितग्राही द्वारा आवास निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। हितग्राही को धनराशि प्राप्त नहीं होने की जानकारी पंचायत समन्वयक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, जयसिंहनगर को थी। कर्तव्य निर्वहन में चूक के लिए उन्हें कारण बताओ सूचना-पत्र जारी करने के निर्देश दे दिए हैं।

अधोसंरचना विकास के कार्य

[वन]

120. ( क्र. 7324 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्य लघुवनोपज सहकारी संघ मर्यादित द्वारा अधोसंरचना विकास एवं अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से अधोसंरचना विकास के कार्य कराये जाते हैं। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो शहडोल जिले के वन मण्डल उत्तर शहडोल एवं दक्षिण शहडोल लघुवनोपज सहकारी संघ द्वारा वर्ष अप्रैल २०१२ से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं। वर्षवार, कार्यवार स्वीकृत राशि डी.पी.आर. बनाने वाले, तकनीकी स्वीकृति जारी करने वाले अधिकारी सहित समस्त व्यय राशि, सत्यापन दिनांक की जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ग) क्या‍ उक्त समितियों द्वारा वन मार्गों वन क्षेत्रों में डब्लू.बी.एम. सड़क, पुल, रपटा इत्यादि का निर्माण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त अवधि में संबंधित कार्यों की वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र का विवरण उपलब्ध कराया जावे।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पुलिया निर्माण का कार्य कराया गया है। जिला यूनियन उत्तर शहडोल अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में वन क्षेत्र में डब्ल्यू.बी.एम. रोड स्वीकृत है, परन्तु कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है। कराया गया कार्य वन प्रबंधन के अन्तर्गत होने के कारण अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिए जाने की आवश्यकता नहीं है।

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

121. ( क्र. 7335 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या कटनी जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा पुल, पुलियों, भवन सड़क, रंगमंच, छतरी एवं अन्‍य विविध कार्यों का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग कटनी द्वारा विधानसभा क्षेत्र 94 बहोरीबंद के अन्‍तर्गत वर्ष 2012-13 से कराये गये कार्यों का वर्षवार विकासखण्‍डवार ग्रामवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं? पूर्ण कार्यों का मूल्‍यांकन एवं सत्‍यापन किन के द्वारा किया गया? कौन-कौन से  कार्य अभी भी अप्रारंभ/प्रगतिरत है? विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण न होने के लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग कटनी को प्रेषित पत्र क्रमांक 1158 दिनांक 12.09.16, 1789 दिनांक 26.12.16 एवं 1857 दिनांक 04.01.17 सहित अन्‍य पत्रों पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ग) अपूर्ण/अप्रारंभ निर्माण कार्यों में अत्‍यधिक विलम्‍ब की स्थिति नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है।

म.प्र. राज्‍य वन विकास निगम अन्‍तर्गत कराये गये कार्य

[वन]

122. ( क्र. 7336 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कुण्‍डम परियोजना के अंतर्गत चिन्हित ग्रामों में विभिन्‍न कार्य कराये जाने का प्रावधान है?               (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कुण्‍डम परियोजना के अंतर्गत जबलपुर संभाग के कटनी जिला अंतर्गत चिन्‍हित किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं? हितग्राहीमूलक योजनाओं से किस-किस, कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया और लाभान्वित हितग्राहियों का सत्‍यापन/मूल्‍यांकन किसने किया? वर्ष 2012-13 से विकासखण्‍डवार वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कौन-कौन से कार्य किस एजेन्‍सी द्वारा कराये गये? कितने कार्य पूर्ण एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? इन कार्यों का मूल्‍यांकन एवं सत्‍यापन किसके द्वारा किया गया? नाम, पदनाम सहित विवरण दें। (घ) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा संभागीय प्रबंधक, परियोजना कुण्‍डम जबलपुर को प्रेषित पत्र क्रमांक 1464 दिनांक 18.10.16 पर क्‍या कार्यवाही की गई? तिथिवार कार्यवाहीवार बताएं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। लाभान्वित हितग्राहियों का सत्‍यापन/मूल्‍यांकन संबंधित उप संभागीय प्रबंधक द्वारा किया गया। (ग) कुण्‍डम परियोजना मण्‍डल जबलपुर द्वारा। कुल स्‍वीकृत 11 कार्यों में से 03 कार्य पूर्ण 04 कार्य अपूर्ण एवं 04 कार्य अप्रारंभ है। अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों को दिनांक 31.03.2017 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्‍य है। इन कार्यों के मूल्‍यांकन एवं सत्‍यापन की विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) पत्र क्रमांक 1464 दिनांक 18.10.2016 वन विकास निगम को संबोधित नहीं होने के कारण शेष कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

संचालक मण्‍डल के निर्णय पर कार्यवाही

[वन]

123. ( क्र. 7353 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) जिला यूनियन उत्‍तर वन मण्‍डल शहडोल के संचालक मण्‍डल द्वारा चलित बैठक दिनांक 17.02.17 में किन-किन बिन्‍दुओं के प्रस्‍ताव पारित किये गये हैं, जिसका मुख्‍य वन सरक्षक को दी गई है? इन प्रस्‍तावों पर अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? यदि की गई है, तो इसकी जानकारी दी जाए? यदि नहीं, तो कारण दें? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) पर कार्यवाही नहीं किये जाने पर दोषी लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी और कब तक? (ग) वन मण्‍डला अधिकारी शहडोल उत्‍तर वन मण्‍डल की दौरा दैनंदिनी माह अगस्‍त 2016 से जनवरी 2017 तक इनके द्वारा किस माह में वरिष्‍ठतम कार्यालय को दी गई? इनके द्वारा क्षेत्र में कब-कब दौरा किया गया? दिनांकवार जानकारी दी जाये। दौरा दैनंदिनी में पी.ओ.एल. एवं अन्‍य व्‍यय किन-किन मदों में किया गया है? (घ) वन मण्‍डलाधिकारी उत्‍तर वन मण्‍डल शहडोल ने अपनी पद स्थिति दिनांक से मुख्‍यालय अवकाश से बाहर के लिए कब-कब लिया है तथा शासकीय कार्य से बाहर कब-कब रहे?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित बैठक का आयोजन जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन की उपविधि क्रमांक 17 (1) अनुसार प्रबंध संचालक (सदस्य सचिव) द्वारा नियमानुसार नहीं किये जाने से बैठक में लिये गये निर्णयों पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन मण्डल अधिकारी द्वारा अगस्त 2016 से जनवरी 2017 तक की दौरा दैनंदिनी प्रस्तुत किया जाना शेष है। दौरा दैनंदिनी में पी.ओ.एल. एवं अन्य व्यय का उल्लेख किया जाना अपेक्षित नहीं है। (घ) जानकारी निम्नानुसार है :-

माह

आकस्मिक अवकाश

ऐच्छिक अवकाश

राजपत्रित अवकाश

अगस्‍त/2016

19.08.2016

17.08.2016

18.08.2016‚ 20.08.2016‚ 21.08.2016

अक्‍टूबर/2016

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-

11.10.2016‚ 12.10.2016

दिसम्‍बर/2016

31.12.2016

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जनवरी/2017

02.01.2017
03.01.2017
04.01.2017
23.01.2017

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01.01.2017‚ 05.01.2017‚ 21.01.2017‚ 22.01.2017‚

फरवरी/2017

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10.02.2017‚ 11.02.2017‚ 12.02.2017

मार्च/2017

10.03.2017
15.03.2017

-

11.03.2017‚ 12.03.2017‚ 13.03.2017‚ 14.03.2017‚

शासकीय कार्य से बाहर रहने की जानकारी वनमंडलाधिकारी द्वारा दैनंदिनी प्रस्तुत नहीं करने के कारण दिया जाना संभव नहीं है।

नगर निगम सीमा में शामिल किये गये निवासियों से सम्‍पत्तिकर की वसूली

[नगरीय विकास एवं आवास]

124. ( क्र. 7358 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर के परिसीमन में सम्‍मलित किये गये गाँवों के निवासियों से उनके घर खेतों, खलिहानों से सम्‍पत्तिकर, जल-कर वसूली के क्‍या नियम हैं? उपरोक्‍त गाँवों के निवासियों जिनके घर, खेत एवं खेतों में बने घर राष्‍ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग एवं मुख्‍य मार्गों के किनारे हैं, उनके सम्‍पत्तिकर की दर क्‍या है। (ख) सम्‍पत्तिकर केवल घर के निर्माण क्षेत्रफल पर जिस पर लगाया जा रहा है या पूरे खेत के क्षेत्रफल पर जिस पर घर बना है? (ग) क्‍या नये वार्डों के ग्रामवासियों से उनके घर एवं खेत में बने घरों पर मुख्‍य मार्गों के किनारे होने के कारण व्‍यवसायिक दर से सम्‍पत्ति कर लगाया गया है? नये वार्डों के सभी ग्रामों के निवासियों का विवरण क्षेत्रफल, राशि सहित सम्‍पत्तिकर दें? क्‍या शासन उक्‍त ग्रामवासियों से व्‍यवसायिक दर से        सम्‍पत्तिकर वसूली कर तत्‍काल रोक लगायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, जबलपुर के परिसीमन में सम्मिलित किये गये गाँवों के निवासियों के घरों से मध्‍य प्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 132, 135, 136 एवं 138 तथा मध्‍यप्रदेश नगरपालिक निगम (भवन/भूमि के वार्षिक भाड़ा मूल्‍य अवधारण) नियम 1997 (यथा संशोधित) के अंतर्गत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुये वार्षिक भाड़ा मूल्‍य की दरों का निर्धारण सम्‍पत्तिकर एवं अन्‍य करों के लिये सदन से प्रस्‍ताव पारित करवाकर सम्‍पत्तिकर वसूल किये जाने का नियम है। निगम द्वारा जलकर के रूप में कोई वसूली नहीं की जा रही है। गाँवों के निवासियों जिनके खेत एवं खेतों में बने घर राष्‍ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग एवं मुख्‍य मार्गों के किनारे हैं, उनके सम्‍पत्तिकर की दर परिक्षेत्र 1 की दर से गणना की जाती है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) सम्‍पत्तिकर केवल घर के निर्मित क्षेत्रफल पर लगाया जा रहा है। (ग) नये वार्डों के ग्रामवासियों से उनके घर एवं खेत में बने घरों एवं मुख्‍य मार्गों के किनारे होने के कारण व्‍यवसायिक दर से नहीं लिया जा रहा है, मात्र आवासीय दर से लिया जा रहा है।

अवैध वन कटाई

[वन]

125. ( क्र. 7360 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) सीहोर जिले में कितने हेक्‍टेयर क्षेत्र में सघन वन है? क्‍या वन क्षेत्र में लगातार कमी हो रही है? यदि हाँ, तो विगत 20 वर्ष में कितने वन क्षेत्र में सघनता कम हुई है? परिक्षेत्रवार ब्‍यौरा दें              (ख) क्‍या विभाग द्वारा सागौन के वृक्षों की गिनती की जाती है? पिछले बार कब सागौन के वृक्षों की गिनती की गई थी? सीहोर जिले में परिक्षेत्रवार सागौन के वृक्षों की संख्‍या का ब्‍यौरा दें।                               (ग) क्‍या सीहोर जिले में सागौन की अवैध कटाई की जा रही है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्ष के दौरान अवैध कटाई के दर्ज प्रकरण का वर्षवार परिक्षेत्रवार ब्‍यौरा दें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार अवैध कटाई के प्रकरणों में जब्‍त वाहन एवं सागौन की लकड़ी घनमीटर सहित वर्षवार ब्‍यौरा दें? प्रकरणों में वसूले गए जुर्माने का वर्षवार ब्‍यौरा दें? (ड.) क्‍या प्रकरण न्‍यायालयों में भी विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 67800 हेक्‍टेयर। जी नहीं। अत: शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। वर्ष 2003 एवं 2004 में। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

जनश्री बीमा योजना के लंबित प्रकरण

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

126. ( क्र. 7362 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) माह जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक सीहोर जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले जिन परिवारों को राष्‍ट्रीय परिवार सहायता एवं जनश्री बीमा योजना के तहत् सहायता राशि प्रदान की गई हैं? जनपद पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार सीहोर जिले में कितने प्रकरण वर्तमान में लंबित हैं? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार कुछ प्रकरण अस्‍वीकृत किए गए हैं? यदि हाँ, तो उसका क्या कारण है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार।                (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार (ग) जी हाँ। निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्रता नहीं रखने वाले हितग्राहियों के प्रकरण अस्वीकृत किये गये हैं। विस्तृत विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार

परिशिष्ट - ''सत्ताईस''

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के निर्माण दरों में भिन्‍नता

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

127. ( क्र. 7367 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा म.प्र. में दिनांक 01.04.2008 की कार्य दर अनुसूची संशोधित कर दिनांक 01.08.2014 से नई दर विद्युत कार्य एवं अन्‍य कार्यों में लागू कर दी गई थी? मुरैना जिले में दिनांक 01.09.2014 से फरवरी 2017 तक संशोधित दर से कितने कार्यों का भुगतान किया गया है? (ख) क्‍या मुरैना ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग ने दिनांक 01.08.2014 की दर अनुसूची अमान्‍य कर पुरानी दर अनुसूची दिनांक 01.04.2008 दर अनुसूची का निविदा परिपत्र दिनांक 14.02.2017 को जारी किया है, क्‍यों? (ग) क्‍या कार्यालय कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मुरैना द्वारा आंगनवाड़ी भवन, रामपुरकलां, बामसौली, मानपुर पृथ्वी, अगरौता के निर्माण हेतु विद्युत कार्यों की दर पत्र क्रमांक 2612/गा.यां.से.‍/निविदा/16 दिनांक 03.06.2016 को दिनांक 01.08.2014 की दर अनुसूची निविदा दिनांक तक संशोधित परिपत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त दर अनुसूची को पुरानी दर अनुसूची से क्‍यों लागू किया जा रहा है? तथ्‍यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, भवन निर्माण में विद्युत फिटिंग संबंधी कार्यों की लोक निर्माण विभाग की दर अनुसूची 2008 के आधार पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा कार्य कराया जाता है। मुरैना जिले में दिनांक 01.09.2014 से फरवरी 2017 तक 31 कार्यों में लोक निर्माण विभाग की दर अनुसूची दिनांक 01.08.2014 के आधार पर विद्युत कार्यों का भुगतान किया गया। (ख) एवं (ग) जी हाँ, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में विद्युत कार्य हेतु लोक निर्माण विभाग की दर अनुसूची 2008 होने के कारण।

ग्राम रोजगार सहायक को देयक सुविधाएं

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

128. ( क्र. 7378 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत राज अधिनियम 1993 के तहत् रोजगार सहायकों को क्‍या-क्‍या सुविधाएं दिये जाने का प्रावधान है? (ख) जनपद पंचायत करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में क्‍या इन्‍हें देय सभी सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जा रही हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? शेष सुविधाएं कब तक प्रदाय कर दी जावेंगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्‍नाधीन विषय में अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उत्‍खनन के नियम व उपनियम

[खनिज साधन]

129. ( क्र. 7379 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज साधन विभाग द्वारा खदानों से रेत के खनन हेतु क्‍या-क्‍या मार्ग-दर्शिका प्रचलन में हैं? (ख) ग्राम जैतपुर तहसील नरवर जिला शिवपुरी में रेत खदान पर संचालित दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कितने मजदूर कार्य कर रहें हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित रेत खदान की संचालित दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कितने घन मीटर रेत का उत्‍खनन होकर कितनी रॉयल्‍टी प्राप्‍त हुई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रेत के खनन हेतु मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 तथा रेत खनन नीति, 2015 के प्रावधान लागू होते हैं। (ख) प्रश्‍नाधीन खदान पर संचालन दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 5929 मजदूरों द्वारा कार्य किया गया है। (ग) प्रश्‍नाधीन खदान से प्रश्‍नाधीन अवधि में 62,827 घन मीटर रेत का उत्‍खनन किया गया है तथा रॉयल्‍टी के रूप में राशि रूपये 94,96,368/- प्राप्‍त हुए हैं।

संचालित एन.जी.ओ. की जानकारी

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

130. ( क्र. 7398 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) छतरपुर जिले में कुल कितने एन.जी.ओ. पंजीकृत हैं? उक्‍त एन.जी.ओ. किस दिनांक से पंजीकृत होकर संचालित हो रहे हैं? (ख) उक्‍त एन.जी.ओ. कहाँ-कहाँ कार्य कर रहे हैं? उन्‍हें शासन से किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि अनुदान के रूप में दी गई? (ग) उक्‍त एन.जी.ओ. द्वारा संचालित संस्‍थाओं की प्रांरभ दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक ऑडिट का विवरण एवं किन-किन अधिकारियों द्वारा इनके निरीक्षण किये उनके नाम/पद सहित विवरण उपलब्‍ध कराएं? (घ) क्‍या उक्‍त एन.जी.ओ. द्वारा चलाई जा रही अधिकृत संस्‍थाएं केवल कागजों में चल रही है, मौके पर इनके द्वारा कोई गतिविधि दिखाई नहीं दी, अधिकारी/कर्मचारी फर्जी दस्‍तावेज तैयार कर शासन के लाखों रूपये अपव्‍यय कर रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? यदि नहीं, तो क्‍या इनकी उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जावेंगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति की अनिवार्यता

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

131. ( क्र. 7401 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा जनपद पंचायतों में पदस्‍थ उपयंत्रियों एवं सहायक यंत्रियों के द्वारा जारी किये जा रहे प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति की अनिवार्यता समाप्‍त कर दी गई है? पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कराये जा रहे किन कार्यों के प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति संबंधितों से लेने की आवश्‍यकता पंचायतों को नहीं हैं? बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन कार्यों के प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति की अनिवार्यता समाप्‍त की गई है, उनके प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति रीवा जिले में कितनी लागत की हुआ करती थी? कार्यवार बतावें। यह जानकारी वर्ष 2014-15, 2015-16 की देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के शासन द्वारा जारी प्राक्‍कलन की तकनीकी स्‍वीकृति व प्रश्नांश (ख) के पूर्व में जारी किये जा रहे प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति में                   कितनी-कितनी राशि का अंतर कार्यवार बतावें? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार शासन द्वारा तैयार प्राक्‍कलनों एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार पूर्व में तैयार किये गये प्राक्‍कलनों में कितनी राशि की कमी या बढ़ोत्‍तरी हुईजानकारी देवें। अधिक लागत के प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति प्रदान करने वालों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? (ड.) क्‍या विभाग के जिम्‍मेदार अधिकारी द्वारा इस तरह के मनमानीपूर्ण आदेश सरपंचों एवं सचिवों के ऊपर दबाव बनाकर कम लागत पर कार्य कराये जाने के नियम विरूद्ध आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो उसके लिये संबंधित पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? साथ ही क्‍या आदेश पूर्वानुसार जारी करेंगे।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग द्वारा महात्‍मा गांधी नरेगा अंतर्गत कपिलधारा उपयोजना, शांतिधाम उपयोजना एवं क्रीड़ागन उपयोजना में मानक प्राक्‍कलन एवं मानक लागत निर्धारित की गई है। मानक प्राक्‍कलन के आधार पर कार्य कराए जाने हेतु प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति की पृथक से आवश्‍यकता नहीं है। (ख) से (ड.) उत्तरांश (क) में वर्णित कार्यों के लिये रीवा जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मानक प्राक्‍कलन एवं मानक लागत की व्‍यवस्‍था नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

रोजगार मूलक उद्योग स्‍थापित कराये जाना

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

132. ( क्र. 7402 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने बाबत् वर्ष 2013 से प्रश्‍नांश तक में कितने उद्योग एवं उपक्रमों की स्‍थापना कर कितने बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किये का विवरण वर्ष 2013 से प्रश्‍नांश तक का देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश में उद्योग स्‍थापित कराने बाबत् सरकार द्वारा किन-किन उद्योगों में निवेश को प्रोत्‍साहित कर बढ़ावा दिया की जानकारी वर्ष 2012 से प्रश्‍नांश तक की देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्‍या आर्थिक सर्वेक्षण अनुसार राज्‍य सरकार के निवेश प्रोत्‍साहन को सही नहीं माना गया? आर्थिक सर्वेक्षण के आंकडे अनुसार टेक्‍सटाईल, ऑटो और खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र को सबसे कम रोजगार देने वाला क्षेत्र क्‍या माना गया? क्‍या सरकार द्वारा इन्‍हीं पर निवेश करार ज्‍यादा कराये जा रहे हैं, तो क्‍यों?            (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार बेरोजगारों को रोजगार देने वाले उद्योगों को बढ़ावा न देने उनकी आर्थिक मदद न करने एवं प्रश्नांश (ग) के उद्योगों को बढ़ावा देकर बेरोजगारी पैदा करने वाले उद्योग क्षेत्रों को स्‍थापित कराकर बेरोजगारी पैदा की जा रही है। क्‍या सरकार रोजगार देने वाले उद्योगों को स्‍थापित कराने की कार्यवाही करेगी? हाँ, तो किस रूप में अगर नहीं, तो क्‍यों? प्रदेश के बाहर रोजगार के लिये पलायन करने वाले बेरोजगारों/श्रमिकों का प्रतिशत क्‍या है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) राज्‍य शासन दवारा स्‍वयं उद्योग एवं औद्योगिक उपक्रम की स्‍थापना नहीं की जाती हैं, अपितु उनकी स्‍थापना हेतु उद्यमियों/निवेशकों को प्रोत्‍साहित किया जाता हैं। अत: शेष प्रश्‍नांश के उत्‍तर का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रचलित उद्योग संवर्धन नीति अंतर्गत प्रावधानित सुविधा/सहायता प्रदान करते हुए, नीति में निर्दिष्‍ट अपात्र उद्योगों को छोड़कर, प्रदेश में समस्‍त उद्योगों में निवेश को प्रोत्‍साहित कर बढ़ावा दिया गया है। (ग) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण (वर्ष 2016-2017) में टेक्‍सटाईल, ऑटो और खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र को सबसे कम रोजगार देने वाला क्षेत्र नहीं माना गया हैं। राज्‍य शासन दवारा प्रचलित उद्योग संवर्धन नीति अंतर्गत, नीति में निर्दिष्‍ट अपात्र उद्योगों को छोड़कर, प्रदेश में समस्‍त उद्योगों में निवेश को प्रोत्‍साहित कर बढ़ावा दिया जा रहा हैं। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं। प्रचलित उद्योग संवर्धन नीति के माध्‍यम से राज्‍य शासन दवारा रोजगार के नए अवसर निर्मित करने के उद्देश्‍य से उद्योगों की स्‍थापना हेतु बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के बाहर रोजगार के लिए पलायन करने वाले बेरोजगारों/श्रमिकों की जानकारी विभाग दवारा सं‍कलित नहीं की जाती है।

खेल स्‍टेडियम निर्माण कार्य की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

133. ( क्र. 7422 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा जनपद पंचायत कोतमा, जिला अनूपपुर के ग्राम पंचायत विचारपुर अंतर्गत ग्राम गढ़ी में एक स्‍टेडियम का निर्माण स्‍वीकृत है? यदि हाँ, तो उक्‍त खेल स्‍टेडियम के निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (ख) ग्राम गढ़ी में खेल स्‍टेडियम निर्माण की क्‍या समय-सीमा निर्धारित की गई है? क्‍या निर्धारित अवधि में खेल स्‍टेडियम का निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा? (ग) उक्‍त खेल स्‍टेडियम के निर्माण हेतु कितनी राशि स्‍वीकृत की गई है। यदि खेल स्‍टेडियम के निर्माण हेतु स्‍वीकृत राशि से अधिक राशि की आवश्‍यकता पड़ती है, तो क्‍या शासन और राशि उपलब्‍ध करायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्‍टेडियम निर्माणाधीन है। (ख) अनुबंधानुसार निर्माण पूर्ण करने की समयावधि दिसम्‍बर 2016 थी। जी नहीं। (ग) खेल स्‍टेडियम निर्माण हेतु रूपये 79.60 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई है। जी नहीं, स्‍वीकृति राशि से काम पूर्ण होना संभावित है।

मुख्‍यमंत्री/प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत पहुँच मार्ग का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

134. ( क्र. 7423 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अन्‍तर्गत कोतमा विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री सड़क योजना/प्रधानमंत्री सड़क योजना के मापदण्‍डों के अन्‍तर्गत कितने ग्रामों को पहुँच मार्गों के निर्माण कार्य का मुख्‍य सड़कों से जोड़ा जाना शेष हैं? साथ ही बतायें कि उक्‍त योजनाओं के मापदण्‍डों के अन्‍तर्गत कितने छूटे हुये एवं कितने ग्रामों को डबल कनेक्टिविटी कर जोड़ा जाना आवश्‍यक है और कितने ग्रामों को मुख्‍य मार्गों से जोड़ा जाना आवश्‍यक है? (ख) क्‍या उक्‍त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामों को मुख्‍य मार्ग से जोड़ने के लिये मुख्‍यमंत्री/प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पहुँच मार्ग निर्माण कार्यों के लिये विभाग के समक्ष कितने प्रस्‍ताव जिला स्‍तर से शासन के निर्देश पर स्‍वीकृति हेतु पिछले वित्‍तीय वर्ष में प्राप्‍त हुये और उस पर प्रश्‍न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति क्‍या है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित प्रस्‍तावों में कौन-कौन से पहुँच मार्गों की स्‍वीकृति की गई और उनके निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे। शेष की स्‍वीकृति आदेश कब तक जारी कर इसी वित्‍तीय बजट में निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे। (घ) हर्री-कटकोना पहुँच मार्ग ग्राम पंचायत, कटकोना, जनपद पंचायत कोतमा के अन्‍तर्गत अत्‍यन्‍त खराब मार्ग को कब तक सुधारकर यातायात हेतु जनता को सुलभ करा दिया जायेगा।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोतमा विधानसभा में मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कोई ग्राम जोड़ा जाना शेष नहीं है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्‍डानुसार एक ग्राम छुलहाटोला मुख्‍य मार्ग से जोड़ा जाना शेष है। योजना के प्रावधानानुसार ग्रामों को डबल कनेक्टिविटी देने का प्रावधान न होने से शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं। (ख) एवं (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ग्राम छुलहाटोला को जोड़ने का प्रस्‍ताव म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल को प्राप्‍त हुआ है। भारत सरकार से स्‍वीकृति प्राप्‍त करने के लिए प्रकरण बनवाया गया है, जो परीक्षण में है। भारत सरकार से स्‍वीकृति प्राप्‍त करने के लिए समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है। (घ) प्रश्‍नांकित मार्ग ग्राम पंचायत को हस्‍तांतरित है। ग्राम पंचायत को महात्‍मा गांधी नरेगा योजना के तहत् सुधार कार्य कराने की अनुमति दी गई है। निश्चित            समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अतिक्रमण में लिप्‍त अधिकारियों पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

135. ( क्र. 7428 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या न्‍यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी मुरैना में एल.आई.जी. 385 के सामने की सार्वजनिक खुली भूमि (पार्क) में किया गया? अतिक्रमण कब-कब और कौन-कौन अधिकारियों के द्वारा हटाया गया था? (ख) एम.पी. हाउसिंग बोर्ड संभाग मुरैना के पत्र क्रमांक   978-980/08 दिनांक 18.03.08 के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां सम्‍पादित की गई? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित पत्र में किया गया अतिक्रमण को बलपूर्वक हटाने का उल्‍लेख किया गया है? यदि हाँ, तो पु‍लिस बल/प्रशासनिक अधिकारियों के नाम सहित अवगत कराया जा सकेगा? वर्तमान में दर्शित अतिक्रमण हटाया जा सकेगा? (घ) क्‍या अतिक्रमणकारियों की फर्जी रजिस्‍ट्री निरस्‍त करने की कार्यवाही की जा रही है एवं विभाग के संलिप्‍त अधिकारियों से स्‍पष्‍टीकरण लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो दोषी तत्‍कालीन अधिकारियों/कर्मचारियों पर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अनियमित्‍ताओं की जाँच

[वन]

136. ( क्र. 7442 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक विंध्‍य हर्बल जो कि मध्‍यप्रदेश राज्‍य लघु वनोपज संघ मर्यादित भोपाल द्वारा संघ मर्यादित भोपाल द्वारा संचालित संस्‍था है, के द्वारा कुल कितनी मशीनें, कितनी कीमत की, किस फर्म से क्रय की गई है? मशीनवार, राशिवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अतिरिक्‍त विंध्‍य हर्बल बरखेड़ी में सी.ई.ओ. द्वारा किस संविदा कर्मचारी से क्रय सामग्री का फर्जी सत्‍यापन बिना सामग्री आये करोड़ों रूपये की खरीदी का कराया गया है? विवरण दें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) के सी.ई.ओ. द्वारा मजदूरों के फर्जी मस्‍टर रोल बनाकर वर्ष 2016-17 में मजदूरी के नाम से काफी मात्रा में बैंक से आहरण कर फर्जी भुगतान किया गया है जबकि शासन के निर्देश हैं कि ई-पेमेंट के माध्‍यम से संबंधित मजदूरों के खाते में राशि अंतरित की जायेगी। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में शासन उक्‍त अनियमितताओं की जाँच किसी वरिष्‍ठ अधिकारी से भेजकर कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 की सामग्री के अतिरिक्त लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र (एम.एफ.पी. पार्क) भोपाल द्वारा क्रय की गई सामग्री का सत्यापन केन्द्र में पदस्थ सहायक वन संरक्षक स्तर के अधिकारी, उप-वनक्षेत्रपाल स्तर के कर्मचारी एवं संविदा पर पदस्थ प्रमाणीकरण अधिकारी द्वारा मार्च 2016 तक किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। मार्च 2016 से वर्तमान तक सत्यापन का कार्य सहायक वन संरक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। फर्जी सत्यापन की जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 की सामग्री का भुगतान प्रदायकर्ताओं को चैक एवं ई-पेमेन्ट के माध्यम से किया गया है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

कपिल धारा योजनांतर्गत निर्माण कार्य की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

137. ( क्र. 7443 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या वर्ष 2012-13 में कपिल धारा योजना के अंतर्गत कुंआ, तालाब, तलैया, इंदारा निर्माण हेतु 394000/- लाख रूपये की राशि का प्रावधान कर स्‍वीकृतियां प्रदान की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) में यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 के लिए 230000/- रूपये का प्रावधान कर स्‍वीकृतियां दी जा रही है जबकि वर्ष 2012-13 की तुलना में मूल वृद्धि अधिक है फिर राशि क्‍यों घटाई गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में मूल वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्नांश (क) की अवधि में निर्धारित राशि से अधिक वर्तमान बाजार मूल्‍य के आधार पर नये प्राक्‍कलन तैयार कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2012-13 में कपिलधारा उपयोजना के तहत् केवल कूप निर्माण की स्‍वीकृतियां दी गई है। कूप के तकनीकी अवयवों के आधार पर               भिन्‍न-भिन्‍न क्षेत्रों के लिये भिन्‍न-भिन्‍न राशि की स्‍वीकृतियां दी गई है। (ग) राज्‍य स्‍तर से 12 मीटर गहराई के 5 मीटर व्‍यास के कूप तथा 400 घनमीटर जल संग्रहण क्षमता के खेत तालाब के मानक प्राक्‍कलन बनाकर मानक लागत क्रमश: रूपये 2.00 लाख एवं रूपये 0.30 लाख, कुल रूपये 2.30 लाख निर्धारित की गई है। कूप की प्रति अतिरिक्‍त मीटर खुदाई के लिए रूपये 9000/- प्रति मीटर लागत निर्धारित की गई है। मानक लागत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के एस.ओ.आर. 2016 पर आधारित होने से शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

एन.जी.ओ. के कार्य, अनुदान, बजट एवं व्‍यय की जानकारी

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

138. ( क्र. 7446 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या रतलाम जिला अंतर्गत अनेक स्‍वयं सेवी संगठन (एन.जी.ओ.) कार्यरत हैं? संख्‍या बताएं एवं किन-किन स्‍थानों पर किन-किन कार्यों को किये जाने हेतु अनुबंधित होकर वे कार्यरत हैं?      (ख) वर्ष २०१२-१३ से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक जिला अंतर्गत कार्यों को किये जाने हेतु किन-किन एन.जी.ओ. को किस प्रक्रिया एवं नियमों के अंतर्गत अनुबंधित कर उन्‍हें कार्य किये जाने हेतु निर्देशित/आदेशित किया? (ग) उपरोक्‍त वर्षों में एन.जी.ओ. के माध्‍यम से किये जाने वाले कार्यों हेतु कुल कितना-कितना बजट स्‍वीकृत होकर व्‍यय हुआ? पृथकत: स्‍थानवार, कार्यवार जानकारी दें?          (घ) उपरोक्‍त वर्षों में कितने कार्य किस-किस प्रकार के पूर्ण हुए? अपूर्ण रहे तथा समयावधि के दौरान कितनी शिकायतें प्राप्‍त होकर उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई एवं किये गये कार्यों का भौतिक सत्‍यापन भी किया गया तो स्‍पष्‍टत: जानकारी से अवगत करायें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत नवीन निर्मित सड़कों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

139. ( क्र. 7459 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्‍वालियर जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत (1) रानीघाटी रोड से बडकागाँव तक (2) सिमरिया गाँव से इमलिया तक जो रोड का निर्माण कराया गया है तथा कराया जा रहा है? उसकी गुणवत्‍ता बहुत ही खराब है। एक तरफ डामर किया जा रहा है, दूसरी तरफ पीछे से उखड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी या निर्माण एजेन्‍सी दोषी है? दोषियों के नाम स्‍पष्‍ट करें। क्‍या दोषियों के प्रति कोई दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्नांश (क) द्वारा निर्मित सड़कों का सड़क स्‍वीकृति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक सड़क निर्माण के प्राक्‍कलन अनुसार कार्य ठीक से न करने, खराब मटेरियल उपयोग करने, सड़क की नियमानुसार चौड़ाई न करने या सड़क निर्माण के संबंध में जो भी पत्र निर्माण एजेन्‍सी या अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों को जी.एम. ग्‍वालियर द्वारा लिखे गये हैं, उनका विवरण उपलब्‍ध करावें? क्‍या उन पत्रों पर कोई कार्यवाही हुई है? यदि हाँ, तो क्‍या? स्‍पष्‍ट करें। (ग) उक्‍त रोडों का निर्माण दिनांक से किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया है एवं क्‍या उनके द्वारा उक्‍त रोडों का स्‍वीकृत प्राक्‍कलन अनुसार कार्य ठीक पाया? यदि नहीं, तो निर्माण एजेन्‍सी को क्‍या निर्देश/सुझाव या दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करने के आदेश दिये उसकी प्रति उपलब्‍ध करावें? (घ) क्‍या अब उक्‍त दोनों रोडों का भोपाल से वरष्ठि अधिकारियों की टीम गठित कर प्रश्‍नकर्ता विधायक के साथ गुणवत्‍ता का निरीक्षण कराया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब? दिनांक बतावें। यदि नहीं, तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्माणाधीन सिमरिया से इमलिया सड़क का निर्माण कार्य जी.एस.बी. स्तर पर है। रानीघाट से बडकागाँव सड़क पर 1500 मीटर डामरीकरण कार्य कराया गया है जिसमें से 125 मीटर मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है। सड़क प्रगतिरत् कार्य की श्रेणी में है, ठेकेदार को सुधार हेतु निर्देशित किया गया है। मार्ग क्षतिग्रस्त होने के लिये स्थल निरीक्षण कर जिम्मेदारी नियत कर जाँच प्रतिवेदन दो सप्ताह में प्रस्तुत करने के लिये प्रमुख अभियंता, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को निर्देश दे दिए गए हैं। आगामी कार्यवाही जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निर्भर है। क्षतिग्रस्त भाग की जाँच कराई जाकर यथोचित कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निर्देशों के पालन की जाँच उत्तरांश (क) में उल्लेखित जाँच में शामिल है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार। तकनीकी जाँच होने से माननीय विधायक जी द्वारा गुणवत्ता का परीक्षण किया जाना विधिमान्य नहीं होता है।

विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण अंतर्गत कार्यों की भौतिक तथा वित्‍तीय स्थिति

[नगरीय विकास एवं आवास]

140. ( क्र. 7460 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) जिला ग्‍वालियर में वित्‍तीय वर्ष 2014-2015, 2015-16 एवं 01 अप्रैल 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या निर्माण कार्य, किस-किस स्‍थान पर कितनी-कितनी वित्‍तीय स्‍वीकृति से किस-किस यंत्री/अधिकारी के सुपरविजन में       किस-किस जनप्रतिनिधि/अधिकारी की अनुशंसा पर कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? वर्तमान में उन कार्यों की भौतिक तथा वित्‍तीय स्थिति क्‍या है? उपरोक्‍त निर्माणधीन या निर्मित कार्यों के संबंध में किस-किस व्‍यक्तियों द्वारा क्‍या-क्‍या शिकायतें की गई है तथा शिकायत में क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या साडा क्षेत्र में आने वाले किसानों की अपनी स्‍वयं की भूमि में जिसमें खनिज जैसे पत्‍थर, फर्शी, मुरम, रेत इत्‍यादि उपलब्‍ध है? क्‍या किसानों को स्‍वयं खनिज को निकालने के लिये साडा क्षेत्र से स्‍वीकृति देने का प्रावधान (नियम) है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्‍थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्‍थापना दिनांक एवं मुख्‍यालय स्‍पष्‍ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण ग्वालियर क्षेत्र में म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 में निहित प्रावधानों एवं ग्वालियर प्रति आकर्षण शहर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) विकास योजना 2011 में भूमि उपयोग निर्धारित होने के कारण विकास योजना में निहित भू-उपयोग से भिन्न उपयोग हेतु स्वीकृति देने का प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।

प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई धांधली की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

141. ( क्र. 7469 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ नगर पालिका में प्रधानमंत्री आवास योजना में कितने आवासहीनों को चिन्हित किया गया है? वार्डश: पृथक-पृथक सूची उपलब्‍ध करायें (ख) आवासहीनों का सर्वे करते समय किन-किन मापदण्‍डों का पालन किया गया? आवासहीनों की सर्वे टीम में            कौन-कौन अधिकारी थे? उनके नाम, पद सहित अवगत करायें। क्‍या सर्वे करते समय आवासहीन के आवास की कोई विडियोग्राफी कराई गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या उक्‍त सूची में कई ऐसे नाम हैं जिनके BPL सूची में नाम इसी सर्वे/अथवा योजना के दौरान ही बनाये गये हैं? इसके क्‍या कारण हैं? ऐसे नामों से अवगत करायें। (घ) क्‍या सभी हितग्राहियों को समान किश्‍त का भुगतान किया गया, तो कितना? नाम के सम्‍मुख दर्शाये। आवासों के एजेन्‍सी/ठेकेदार का नाम बतायें। क्‍या निर्धारित नक्‍शा अनुसार बनाया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों? अपात्र पाये जाने पर क्‍या कार्यवाही होगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 264 हितग्राहियों को चिन्हित किया गया है। जानकारी का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार, आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये जारी मार्गदर्शी सिद्धांत अनुसार ऐसे हितग्राही जिनके पास भारत में कही पक्‍का आवास न हो एवं उनके परिवार की वार्षिक आय राशि रूपये 3.00 लाख से अधिक न हो। आवासहीन की सर्वे टीम में अधिकारियों के नाम/पदनाम निम्‍नानुसार है :-

1. श्री मनोज सिहं ठाकुर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व (प्राधिकृत अधिकारी)
2.
श्री रोहित वर्मा (तहसीलदार, टीकमगढ़)
3.
श्री व्‍ही.एस. त्रिवेदी (मु.न.पा.अधि.)
4.
श्री एस.एल. त्रिपाठी (सहायक यंत्री)
5.
श्री आर.के. अग्रवाल (उपयंत्री)
6.
श्री रमजान खां (राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल)
7.
श्री अम्बिका प्रसाद पाण्‍डेय (राजस्‍व निरीक्षक, नगर पालिका)
8.
श्री रामलाल आदिवासी (हल्‍का पटवारी, टीकमगढ़)
9.
श्री देवीदयाल उटमालिया (हल्‍का पटवारी, टीकमगढ़)

उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त कलेक्‍टर महोदय द्वारा नगर पालिका के निम्‍न निर्वाचित पार्षदों को भी निगरानी समिति के रूप में हितग्राही चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया :-

1 श्रीमती चांद/हबीब रायन पार्षद वार्ड-7
2
श्री भरत सोनी पार्षद वार्ड-16
3
श्री बृजेन्‍द्र राय पार्षद वार्ड-20
4
श्री ध्रुव यादव पार्षद वार्ड-27, जी हाँ।

(ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। हितग्राहीवार आंवटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के कॉलम-8 अनुसार है। आवासों का निर्माण कोई एजेन्‍सी अथवा ठेकेदार द्वारा नहीं कराया जा रहा है। जिससे नाम बताने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। हितग्राही को स्‍वयं उसके पास उपलब्‍ध भूमि अनुसार आवासों का निर्माण करना है। न.पा. परिषद् द्वारा आदर्श नक्‍शे उपलब्‍ध कराये गये हैं। हितग्राही चाहे तो इन नक्‍शों के आधार पर या अन्‍य अपने नक्‍शे अनुसार निर्माण कर सकेगा। हितग्राही को किसी विशेष नक्‍शे अनुसार निर्माण की बाध्‍यता नहीं है, जिससे अपात्र होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध तरीके से नीलामी रद्द कर दुकानों के आवंटन की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

142. ( क्र. 7470 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत पाँच वर्षों में टीकमगढ़ नगर पालिका ने कितनी नवीन दुकानें       कहाँ-कहाँ किस समय निर्मित कराई? वर्षवार, स्‍थान का नाम एवं संख्‍या से अवगत करायें। उक्‍त भूमि क्‍या नगरीय निकाय के स्‍वामित्‍व की थी? (ख) निर्मित दुकानों की नीलामी किस प्रक्रिया के तहत् की गई? कितनी दुकानों की नीलामी हुई? किन-किन के नाम कितनी राशि की नीलामी हुई? नाम, पता सहित अवगत करायें। (ग) उक्‍त नीलामी में जिन लोगों ने दुकानें ली थी, क्‍या अब भी वे दुकानें उन्‍हीं के पास हैं? यदि हाँ, तो उनमें क्‍या व्‍यवसाय चल रहा है? यदि नहीं, तो उन्‍हें अब किसके नाम दुकान बेचकर परिवर्तन करा दिया गया है? क्‍या नगरपालिक अधिनियम में यह दुकान का हस्‍तांतरण करने का अधिकार नीलामी धारक को है? (घ) नीलामी में प्राप्‍त सम्‍पत्ति का मालिकाना हक किसका होता है तथा कितने समय बाद यह हस्‍तांतरण किया जा सकता है? क्‍या दुकानों के इस बंदर-बांट की जाँच करायेंगे। यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कुल 341 दुकानें निर्मित की गई, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। कुल 17 स्‍थल नगर पालिका के स्‍वामित्‍व के तथा कुल 04 स्‍थल शासकीय/नजूल भूमि के हैं। (ख) निर्मित दुकानों की नीलामी ऑफर आमंत्रण पद्धति से की गई है। कुल 341 दुकानों की नीलामी हुई है। प्रश्‍न में उल्‍लेखित शेष नीलामी की विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) आवंटित दुकानों के मूल आवंटिती तथा अंतरित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। मध्‍यप्रदेश नगर पालिका अचल संपत्ति नियम, 1998 में दुकान हस्‍तांतरण का प्रावधान नहीं है। (घ) निकाय का। उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में कलेक्‍टर, टीकमगढ़ से जाँच कराये जाने के आदेश दिये गये हैं, जारी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है।

अवैध रेत/खनिज उत्‍खनन पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

143. ( क्र. 7480 ) श्री मधु भगत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में खनिज मामलों में कलेक्‍टर, प्रभारी अधिकारी, खनिज अधिकारी, निरीक्षकों ने क्‍या-क्‍या शक्तियां तथा अधिकार प्रदत्‍त हैं और इनके जो उत्‍तरदायित्‍व हैं क्‍या वे लिखित में हैं? यदि हाँ, तो प्रति बतायें? (ख) जिले में नियमानुसार खनन और अवैध उत्‍खनन और अवैध परिवहन हेतु दौरे के अलावा चैकिंग के अलावा और क्‍या-क्‍या कार्यवाही विभाग करता है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पदाधिकारियों द्वारा 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक खनन संबंधी मामलों में          किस-किस स्‍थान के दौरे, किस-किस तिथि को किये? बताएं। (घ) उपरोक्‍त अधिकारी द्वारा अवैध उत्‍खनन पर नियंत्रण रखने हेतु क्‍या जे.सी.बी. से खनन न हो इस पर निगरानी रखने के लिए कब-कब, कहाँ-कहाँ के दौरे किये? तिथि, स्‍थान समय उपयोग में लाये गये वाहन क्रमांक सहित बतायें (ड.) क्‍या कि जिले में रेत का अवैध उत्‍खनन नियम विरूद्ध परिवहन हो रहा है? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो किस तिथि से बन्‍द हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मुख्‍य खनिज के मामलों में खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 के प्रावधान के अनुसार कार्यवाही की जाती है। यह अधिनियम अधिसूचित अधिनियम है। इस अधिनियम की धारा 21 (3) , 21 (4) 21 (5) के अधीन कलेक्‍टर, खनि अधिकारी को अपने जिले की सीमाओं के भीतर कार्यवाही करने हेतु अधिकार प्रदत्‍त है। यह अधिकार अधिसूचित है। गौण खनिज के मामले में म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही करने की शक्तियां प्रदत्‍त हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। मुख्‍य खनिज व गौण खनिज के मामलों में मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम 2006 के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही किये जाने हेतु प्रश्‍नानुसार अधिकारियों को अधिकार प्रदत्‍त हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ख) प्रश्‍नानुसार कार्यों के अतिरिक्‍त खनिज प्रशासकीय कार्य व अन्‍य सौंपे गए कार्य विभागीय अमले द्वारा संपादित किये जाते हैं।                  (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (घ) केवल प्रश्‍नाधीन कार्य हेतु पृथक से दौरे नहीं किए गए हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं।

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

भूमि आवंटन की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

144. ( क्र. 7481 ) श्री मधु भगत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट नगर पालिका की सीमाएं कहाँ तक हैं और कौन-कौन से ग्राम आते हैं? उनके खसरा नं. या रकबा का कोई आंकड़ा दर्ज हो, तो बताएं? (ख) नगर पालिका सीमा के अन्‍तर्गत ऐसी कौन-कौन सी भूमि है, जो पहले सरकारी थी? सन् 2001 से निजी व्‍यक्तियों को संस्‍थाओं इत्‍यादि को हस्‍तान्‍तरण कि गई या पट्टे या लीज पर दी गई/सशुल्‍क बेची गई/आवंटित की गई? ऐसी कोई जानकारी नगर पालिका के रिकार्ड में है? (ग) यदि यह पाया जाये कि हस्‍तानान्‍तरण/आवंटन विक्रय की जानकारी यदि नगर पालिका के रिकार्ड में नहीं है, तो क्‍या नगर पालिका उस भूमि को अवैध मानेगी अथवा वैध? यदि वैध है, तो किस नियम के आधार पर?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका अतंर्गत निम्‍नांकित ग्राम आते हैं :-

स.क्र.               ग्राम का नाम                    खसरा नं.                   रकबा
1.                     बुढ़ी, बालाघाट नजूल                      57                             486.826
2.
                    बालाघाट                                      58                             571.253
3.
                    सरेखा                                          59                             272.373
4.
                    गायखुरी                                       60                             372.933
(
ख) नगर पालिका में उपलब्‍ध नहीं है। (ग) भविष्‍य में जानकारी प्राप्‍त होने पर मध्‍यप्रदेश नगर पालिका अचल सम्‍पत्ति अंतरण नियम, 2016 के प्रावधानानुसार कार्यवाही की जायेगी।

रोजगार सहायकों/पंचायत सहायक सचिवों को लाभ

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

145. ( क्र. 7497 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितने ग्राम रोजगार सहायक एवं पंचायत सहायक सचिव कार्यरत हैं? पंचायतवार/जनपद पंचायतवार/वर्गवार नियुक्ति दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त कर्मचारियों को कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं? आदेशों एवं निर्देशों की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या आरक्षण नियमों के तहत् जिले में भर्ती की गई? यदि नहीं, तो आरक्षित वर्ग के अभ्‍यार्थियों को किसका लाभ दिया गया है? आदेश की प्रति के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्‍या अन्‍य पंचायत विभाग के कर्मचारियों की भॉति नियमित करके उसी प्रकार का लाभ दिये जाने का प्रस्‍ताव व प्रावधान है? यदि नहीं, तो कब तक प्रावधान कर दिया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) ग्राम रोजगार सहायक को अंशकालीन सेवा के लिए अनुबंध अनुसार रू 5,000/- मासिक पारिश्रमिक दिया जाता है। मानक अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। ग्राम पंचायत द्वारा अंशकालीन अनुबंध सेवा पर नियुक्‍त के लिये आरक्षण प्रावधान लागू नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् स्‍वीकृत सड़कें

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

146. ( क्र. 7499 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के अन्‍तर्गत जुन्‍नारदेव विधान सभा में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् वर्ष 2016 में स्‍वीकृत सड़कें चुरनी चौगान, नान्‍दना पिपरिया, भावई कला, मांडई, कुकरपानी से धन्‍नौर सड़क का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस निर्माण कार्य के पूर्ण होने की             समय-सीमा क्‍या थी? कब तक कर दिया जायेगा? किस ठेकेदार के द्वारा कराया जा रहा है?             (ख) क्‍या यह सही है कि निर्माण कार्य में भारी अनियमितता एवं घटिया किस्‍म के माल का उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कराई मुख्‍यालय स्‍तर से करायी जायेगी?              (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में दोषी ठेकेदार का ठेका निरस्‍त कर अन्‍य ठेकेदार के द्वारा कार्य पूर्ण कराया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम कुकरपानी एवं धन्‍नौर जुड़े हुये हैं। (ख) जी नहीं। नेशनल क्वालिटी मॉनीटर/स्टेट क्वालिटी मॉनीटर द्वारा सड़कों की गुणवत्ता का सतत्‌ परीक्षण किया जा रहा है। प्रमुख अभियंता, आर.आर.डी.ए. को निरीक्षण करने के निर्देश दे दिये गये हैं। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

पंचायत को आवंटित राशि

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

147. ( क्र. 7503 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्‍वराज अधिनियम 1993 की धारा 66 पंचायत निधि की उपधारा (3) के अनुसार राज्‍य सरकार या किसी अन्‍य व्‍यक्ति या स्‍थानीय प्राधिकारी द्वारा किसी भी विनिर्दिष्‍ट कार्य या प्रयोजन के लिए पंचायत को आवंटित राशि पंचायत निधि कहलाती है? (ख) यदि हाँ, तो अधिनियम की धारा 66 की उपधारा (4) (दो) का पालन सभी जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत द्वारा क्‍यों नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित धारा का आशय क्‍या है? (ग) क्‍या म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्‍वराज अधिनियम 1993 की धारा 66 की उपधारा (3) एवं उपधारा (4) (दो) के पालन हेतु माननीय उच्‍च न्‍यायालय में को आदेश पारित किया हो, तो उसकी प्रति उपलब्‍ध करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) पालन किया जा रहा है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।  

                    पर्यटकों हेतु टिकटों एवं वाहन संख्‍या बढ़ाना

[वन]

148. ( क्र. 7504 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या स्‍थानीय सलाहकार समिति कान्‍हा राष्‍ट्रीय उद्यान के द्वारा पर्यटकों हेतु टिकटों की संख्‍या एवं वाहन संख्‍या बढ़ाने का प्रस्‍ताव पास कर शासन/विभाग को भेजा गया है? (ख) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा उक्‍त प्रस्‍ताव पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या शासन/विभाग द्वारा टिकट एवं वाहनों की संख्‍या बढ़ायेगा, ताकि स्‍थानीय लोगों को रोजगार एवं पर्यटकों की संख्‍या बढ़ने से शासन की आय में बढ़ोत्‍तरी हो सके?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्‍ताव में उल्‍लेखित विषय वस्‍तु पर राष्‍ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार का अनुमोदन आवश्‍यक होने से क्षेत्र संचालक, कान्‍हा टाईगर रिजर्व को टाईगर कन्‍जर्वेशन प्‍लान में संशोधन का प्रस्‍ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिये गये हैं। (ग) राष्‍ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार से अनुमति प्राप्‍त होने पर यथा संभव कार्यवाई की जा सकेगी।

सी.ई.ओ. द्वारा की गई अनियमितता के विरूद्ध कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

149. ( क्र. 7508 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मन्दसौर कलेक्टर द्वारा जनपद पंचायत सीतामऊ के अन्तर्गत ग्राम पंचायत लदूना में ऊर्जा कम्पंनी एस.ई.आई.एल वोल्टा प्रा.लि. चैन्नई द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा क्रय की गई भूमि सर्वे क्रमांक 1068/3 रकबा 0.541 हे. पर तालाब निर्माण कराये जाने संबंधी आदेश दिए गए थे? (ख) जनपद पंचायत सीतामऊ को डिमाण्ड ड्राफ्ट क्रमांक 018569 दिनांक 11/04/2016 के द्वारा कितनी राशि किसके नाम से तथा किस हेतु प्राप्त हुई? क्या उक्त राशि को पूर्ण खर्च कर तालाब का निर्माण कराया गया? (ग) क्या जनपद पंचायत सीतामऊ के सी.ई.ओ. के विरूद्ध तालाब निर्माण में अनियमितताओं की कोई शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायत की जाँच मौके पर किस अधिकारी द्वारा की गई? जाँचकर्ता अधिकारी का नाम एवं पद बतावें तथा जाँच में मौके पर जाकर बनाई गई रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करावें। (घ) अनुविभागीय अधिकारी उपखण्ड सीतामऊ जिला मन्दसौर के पत्र क्रमांक 3746/री/2016 दिनांक 13/10/2016 के माध्यम से कलेक्टर मन्दसौर को किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने की अनुशंसा की गई थी? आज दिनांक तक कोई भी कार्यवाही नहीं करने का कारण बतावें एवं इनके विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीतामऊ को डिमाण्ड ड्राफ्ट क्रमांक 018569 दिनांक 14.04.2016 द्वारा राशि रू. 15.16 लाख (अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग सीतामऊ से) तालाब निर्माण कार्य हेतु प्राप्त हुए थे। जी हाँ। (ग) जी हाँ। शिकायत की जाँच श्री जगदीश वर्मा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मंदसौर द्वारा की गई थी। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’‘’’ अनुसार है।              (घ) अनुविभागीय अधिकारी उपखण्ड सीतामऊ जिला मंदसौर द्वारा पत्र क्रमांक 3746/री/2016 दिनांक 13.10.2016 के माध्यम से कलेक्टर मंदसौर को श्री पी.सी. पाटीदार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीतामऊ, श्री पाटीदार अनुविभागीय अधिकारी (आर.ई.एस.) मल्हारगढ़ एवं श्री विकास तिवारी उपयंत्री जनपद पंचायत सीतामऊ के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने की अनुसंशा की गई थी। पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं की विस्तृत जाँच हेतु आदेश क्रमांक 1644-45 दिनांक 14.03.2017 द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग मंदसौर, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग तथा जिला कोषालय अधिकारी मंदसौर के संयुक्त दल का गठन किया जाकर जाँच प्रतिवेदन शीघ्रातिशीघ्र चाहा गया है। जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्षों के आधार पर गुण-दोष के अनुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’‘’’ अनुसार।

नियम विरूद्ध परफॉरमेन्‍स गारण्टी की राशि से पम्प खरीदी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

150. ( क्र. 7509 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीतामऊ जनपद पंचायत द्वारा वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 में परफॉरमेन्‍स गारण्टी की राशि से विद्युत पम्प क्रय किए गए हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के अन्तर्गत एवं किसकी अनुमति से क्रय किए गए हैं? जनपद द्वारा परफॉरमेन्‍स गारण्टी की राशि से किन-किन पंचायतों को     क्या-क्या सामग्री उपलब्ध करवाई गई है? पंचायतों के नाम एवं उपलब्ध करवाई गई सामग्री तथा उनकी कीमत की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जनपद पंचायत सीतामऊ के सी.ई.ओ. के विरूद्ध क्या कोई शिकायत दर्ज हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत के बाद की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत का विवरण एवं शासन द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें तथा शासन द्वारा की गई जाँच में अनियमितता (भ्रष्टाचार) पाया गया है या नहीं? (घ) इतने लम्बे समय के बाद भी शासन द्वारा इस पर उचित निर्णय नहीं लेने का क्या कारण है तथा इस पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। अपितु प्रश्नाधीन सामग्री राज्य वित्त आयोग मद से क्रय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीतामऊ के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है किन्तु पूर्व में विधानसभा प्रश्न क्र. 2288 में दिये गये उत्तर के दौरान तथ्य संज्ञान में आने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सीतामऊ द्वारा मोटर पंप, पाइप एवं केबल सहित अन्य व्यय किये जाने के कारण जिला पंचायत मंदसौर द्वारा जाँच समिति गठित कर जाँच करायी गई। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सीतामऊ के विरूद्ध गंभीर वित्तीय अनियमितता परिलक्षित होने पर आयुक्त उज्जैन संभाग-उज्जैन को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया। आयुक्त उज्जैन संभाग-उज्जैन द्वारा श्री पी.सी. पाटीदार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीतामऊ के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

 

तालाबों का गहरीकरण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

151. ( क्र. 7519 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 28-02-2017 के ता.प्र.सं. 54 (क्र. 958) के प्रश्नांश (क) से (घ) तक के उत्तर में परिशिष्ट 1 से 2 में अपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है। तदानुसार (क) तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की प्रक्रिया में प्रस्तावित कार्य का स्वरूप, एस्टीमेट की तैयारी में प्रथम चरण से अंतिम तक             कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार होते हैं? जनपद पंचायत में पदस्थ एस.डी.ओ. और सब इंजीनियर की क्या भूमिका होती है? (ख) दिनांक 28-02-2017 की प्रश्नोत्तर सूची के भाग 2 में सरल क्र. 54 (क्र 958) पर आये प्रश्न में प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश (क) से (घ) में चाही गई जानकारी में कौन-कौन एस.डी.ओ. एवं सब-इंजीनियर किस-किस कार्य के लिए जिम्मेदार है? पूरी सूची उपलब्ध करायें। सी.ई.ओ., एस.ई., एस.डी.ओ., सब-इंजीनियर की क्या जवाबदारी है? (ग) दिनांक 28-02-2017 के सरल क्र. 54 (क्र 958) के उत्तर के परिशिष्ट 2 में प्राप्त सूची में कालम 12 में वर्णित गहरीकरण से निकाली गई मिट्टी की मात्रा ट्रैक्‍टर ट्रॉली में देते हुए कालम 13 में दी गई अस्पष्ट जानकारी को स्पष्ट कार्यशः बतायें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित कार्यों में भौतिक सत्यापन हेतु जाँच कराने के लिए क्या कोई तकनीकी समिति बनाकर जाँच कराई जायेगी? क्या प्रश्नकर्ता या उनके किसी प्रतिनिधि को जाँच में सम्मिलित किया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) प्रश्‍नाधीन तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 958 एवं विभाग द्वारा दिये गये उत्‍तर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। वांछित जानकारी उत्‍तर में निहित है। गहरीकरण से निकाली गई मिट्टी की मात्रा की गणना घन मीटर में की जाती है, ट्रैक्‍टर ट्रॉली में नहीं रखी जाती है। (घ) जी नहीं, अनियमितता की स्‍थिति नहीं है।

प्राचार्य के विरूद्ध शिकायत पर कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

152. ( क्र. 7520 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजा हरपाल सिंह शासकीय महाविद्यालय हरपालपुर जिला छतरपुर में विगत 5 वर्षों में जनभागीदारी से क्या-क्या कार्य कितनी राशि से किये गए? जनभागीदारी समिति में कौन-कौन सदस्य थे? (ख) राजा हरपाल सिंह शासकीय महाविद्यालय हरपालपुर जिला छतरपुर में पदस्थ               श्री एन.पी. निरंजन के विरुद्ध क्या कोई प्रकरण न्यायालय में चल रहा है? यदि हाँ, तो क्या?             (ग) राजा हरपाल सिंह शासकीय महाविद्यालय हरपालपुर जिला छतरपुर में पदस्थ श्री एन.पी. निरंजन के विरुद्ध क्या किसी महिला द्वारा पुलिस में कोई शिकायत दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की? शिकायत पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में इस प्रकार की शिकायत होने के बाद क्या-क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है? प्राचार्य के विरुद्ध इस तरह की गंभीर शिकायत दर्ज होने के बाद अभी तक पद पर क्यों रखा गया है? क्या कारण है की आरोपी को पद से पृथक नहीं किया गया है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।              (ख) जी हाँ। पुलिस थाना हरपालपुर के पत्र क्रमांक 403/17, दिनांक 09.03.2017 के अनुसार अपराध क्रमांक 174/08 धारा 420, 467, 468, 471, 34 आई.पी.सी. में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) जी हाँ। पुलिस थाना हरपालपुर के पत्र क्रमांक 403/17, दिनांक 09.03.2017 के अनुसार अपराध क्रमांक 28/17 धारा 354, 509 आई.पी.सी. जिसमें आरोपी की गिरफ्तारी की जाकर विवेचना जारी है। महिला विद्यार्थी से छेड़-छाड़। शिकायत की विवेचना पुलिस विवेचना में है। (घ) जी हाँ। विभाग द्वारा शासनादेश क्रमांक 381/2911/2016/38-1, दिनांक 28.02.2017 द्वारा डॉ. एन.पी. निरंजन की पदस्थापना हरपालपुर से स्थानांतरण कर शासकीय महाविद्यालय बरगंवा (सिंगरौली) की गई है तथा प्रकरण पुलिस विवेचना में पंजीकृत होने से विभाग स्तर पर डॉ. निरंजन के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - ''तीस''

पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन का लाभ दिया जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

153. ( क्र. 7521 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश की ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन का लाभ दिये जाने के निर्देश विभाग द्वारा जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त आदेश के पालन में प्रदेश में किस दिनांक से सचिवों को अंशदायी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है? (ख) क्‍या ग्‍वालियर जिले की किसी भी जनपद पंचायत द्वारा अपने पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है और न ही उनके खाते खोले गये हैं? यदि नहीं, तो कारण बतायें (ग) ग्‍वालियर जिले की डबरा जनपद के साथ-साथ सम्‍भाग की सभी जनपदों के पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिये जाने के लिये संबंधित अधिकारियों के विरूध कब तक कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक पेंशन योजना का लाभ पंचायत सचिवों को दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) एवं (ग) कार्यवाही प्रचलन में है।

कपिलधारा योजना के कुएं

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

154. ( क्र. 7522 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम छेवलाई जिला अशोकनगर में क्‍या गुडि़याबाई कमलादास ने जिले में तथा मा. मुख्‍यमंत्री हेल्‍प लाइन में शिकायत की है कि उनका कपिल धारा का कुआं वहां के पूर्व सरपंच ने चार घंटे में मशीन चलाकर एक गड्ढ़ा खोद दिया है तथा रेत व बजरी जो लाये थे, वह भी वापस ले गये तथा पूरी धनराशि स्‍वयं ने निकाल ली है जो हितग्राही को नहीं दी गई है? (ख) इस संबंध में स्‍थानीय विधायक द्वारा शिकायत अग्रेषित की गई थी, उस पर क्‍या कार्यवाही की गई तथा गुडि़याबाई का कुआं कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा? (ग) ग्राम नावनी, छैवलाई तथा अन्‍य कितने ग्रामों में कपिलधारा के कुएं पूरे नहीं हुये हैं तथा सरपंच सचिवों के राशि निकाले जाने की शिकायत पिछले तीन वर्षों में जिला प्रशासन व जिला पंचायत को मिली है तथा इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।

लघु वनोपज के संग्रहण एवं परिवहन पर प्रतिबंध

[वन]

155. ( क्र. 7524 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत एक वर्ष में बैतूल जिले में वन विभाग बैतूल द्वारा आंवला, बेल एवं धावडा गोंद के संग्रहण एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाया है? क्‍या इनके भण्‍डारण एवं क्रय-विक्रय पर भी प्रतिबंध लगाया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? संग्रहण एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाए जाने के क्‍या कारण हैं? (ख) लघु वनोपज आंवला, बेल एवं धावडा गोद के संबंध में वन अधिकार कानून २००६ संविधान की ११वीं अनुसूची, पेसा कानून १९९६, मध्‍य प्रदेश वनोपज अधिनियम १९६९ एवं भारतीय वन अधिनियम १९२७ की कौन सी धारा में क्‍या प्रावधान दिए गए हैं? (ग) क्‍या दिए गए प्रावधान के अनुसार आंवला, बेल धावडा गोद के संग्रहण एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो किस स्‍तर के अधिकारी द्वारा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। उक्त वनोपज अराष्ट्रीयकृत होने से जिले के वनों में प्रश्नाधीन प्रजातियों के प्राकृतिक पुनरूत्पादन में वृद्धि एवं वृक्षों को स्थायित्व प्रदाय करने की दृष्टि से उपरोक्त वनोपज के संग्रहण एवं परिवहन हेतु शासकीय वन निषिद्ध क्षेत्र घोषित किये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 9 अनुसार है। (ग) जी हाँ। वनमण्डलाधिकारी (क्षेत्रीय एवं वन्यप्राणी) संचालक/उप संचालक, राष्ट्रीय उद्यान एवं मण्डल प्रबंधक, मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम द्वारा।

नगरपालिक निगम में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

156. ( क्र. 7527 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरपालिक निगम, कटनी में अप्रैल-2015 से जनवरी-2017 तक कितने सफाई कर्मचारी नियमित/दैनिक वेतन/फिक्स वेतन के रूप में कार्य कर रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) नगरपालिक निगम अधिनियम-1956 अनुसार सफाई कर्मियों के सेवानिवृत्त होने पर, परिवार के सदस्य को भर्ती में वरीयता देने के प्रावधान के पालन में क्या, सेवानिवृत्त सफाई कर्मी को सेवानिवृत्ति पर उनके परिजन की नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो किस सेवानिवृत्त कर्मचारी के स्थान पर किसकी नियुक्ति की गई? यदि नहीं, तो क्यों? किन-किन सेवानिवृत्त सफाई कर्मियों के परिजनों द्वारा भर्ती हेतु किये गये आवेदन कब से एवं क्यों लंबित हैं? (ग) नगरपालिक निगम अधिनियम/नियम में नियमित/दैनिक वेतन/फिक्स वेतन कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में किसी समाज/जाति को प्राथमिकता दिये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या इनका पालन प्रश्नांश (क) के अंतर्गत नियुक्त किये गये दैनिक वेतन/फिक्स वेतन कर्मचारियों की नियुक्ति में किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम, कटनी में अप्रैल 2015 से जनवरी 2017 तक नियमित 199 फिक्‍स वेतन पर 77 दैनिक वेतन पर 347 कुल 623 सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। भर्ती संबंधी कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

परफॉरमेन्‍स ग्रांट की राशि आवंटन का मापदंड

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

157. ( क्र. 7528 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले की कालापीपल विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत जनपद पंचायतों को वर्ष 2016-17 में कितनी-कितनी राशि परफॉरमेन्‍स ग्रांट से आवंटित की गई? क्‍या कालापीपल विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत जिला पंचायत सदस्‍यों एवं जनपद पंचायतों के सदस्‍यों की अनुशंसा पर निर्माण कार्यों हेतु राशि प्रदान की गई? यदि हाँ, तो जिला पंचायत सदस्‍यों एवं जनपद पंचायत सदस्‍यों द्वारा अनुशंसित निर्माण कार्यों की सूची जनपद पंचायतवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राशि के अलावा क्या सीधे ग्राम पंचायतों को परफॉरमेन्‍स ग्रांट की राशि आंवटित की गई? यदि हाँ, तो किन-किन ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी राशि जारी की गई? जनपद पंचायतवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ग्राम पंचायतों को परफॉरमेन्‍स ग्रांट की राशि आंवटित करने के मापदंड क्या हैं? क्या मापदंड के आधार पर ग्राम पंचायतों का वर्गीकरण किया गया है? यदि हाँ, तो वर्गीकरण अनुसार ग्राम पंचायतों की सूची जनपद पंचायतवार देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ अनुसार। (ग) मापदण्ड  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ पर है। जी हाँ। मापदण्‍ड के आधार पर किया गया वर्गीकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘‘‘ के कॉलम 7 पर है।

                              प्रयोगशाला भवन हेतु राशि आवंटन

[उच्च शिक्षा]

158. ( क्र. 7529 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय कालापीपल में प्रयोगशाला भवन निर्माण के प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी प्रयोगशालाओं के लिए कितनी-कितनी राशि के प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रयोगशाला भवनों हेतु प्राक्कलन अनुसार क्या राशि आंवटित की गई? यदि नहीं, तो कब तक राशि आवंटित की जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु अनुमोदित मानक मानचित्र में प्रयोगशाला के मापदण्‍ड अनुसार प्राणी शास्‍त्र प्रयोगशाला हेतु राशि रू. 13.23 लाख, भौतिक शास्‍त्र प्रयोगशाला हेतु राशि रू. 13.23 लाख, रसायन शास्‍त्र प्रयोगशाला हेतु राशि रू. 13.23 लाख वनस्‍पति शास्‍त्र प्रयोगशाला हेतु राशि रू. 13.23 लाख के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं। (ख) जी नहीं। (ग) कार्यवाही नियमानुसार प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

बी.आर.जी.एफ. योजना के संविदा कर्मचारियों का संविलियन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

159. ( क्र. 7537 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) , श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भारत सरकार द्वारा दिनांक 01/04/2015 से बी.आर.जी.एफ. योजना बंद करने के निर्देश म.प्र. शासन को जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो योजना अंतर्गत प्रदेश में पदस्‍थ समस्‍त संविदा कर्मचारियों की सेवा किस विभाग में संविलियन की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?               (ख) क्‍या जिन संविदा कर्मचारियों को कार्य पर नहीं रखा गया है, उन संविदा कर्मचारियों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अथवा अन्‍य किसी विभाग पर पुन: कार्य पर रखने हेतु शासन संबंधित विभाग को निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या पंचायत एवं ग्रामीण विकास में कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर व उपयंत्री जैसे पद वर्तमान में रिक्‍त हैं? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में हटाये गये प्रश्नांश (क) योजना के संविदा कर्मचारियों की सेवाएं पुन: विभाग में क्‍यों नहीं ली जा रही हैं?            (घ) क्‍या शासन प्रश्नांश (क) योजना अंतर्गत हटाये गये संविदा कर्मचारी जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक हो चुकी है, ऐसे कर्मचारियों को अन्‍य भर्ती पदों में आयु की छूट दी जायेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत पदस्थ संविदा कर्मचारियों की सेवायें संचालनालय के आदेश क्रमांक 5559 दिनांक 30.05.2015 द्वारा 01.07.2015 से समाप्त की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित ही नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परफॉरमेंस ग्रांट की राशि का नियम विरूद्ध वितरण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

160. ( क्र. 7540 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2015-16 में राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत ब्‍यावरा को परफॉरमेंस ग्रांट में राशि रूपये एक करोड़ का आवंटन शासन द्वारा दिया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त राशि को जनपद सदस्‍यों के मध्‍य समानुपात में सदस्‍यों की लिखित सहमति एवं जनपद की सामान्‍य प्रशासन समिति एवं साधारण सभा में अनुमोदन पश्चात् राशि स्‍वीकृति के स्‍पष्‍ट निर्देश होने के बावजूद भी सभी नियमों को ताक पर रखकर भारी भ्रष्‍टाचार के चलते केवल 8-10 सदस्‍यों के मध्‍य ही एक करोड़ के स्‍थान पर डेढ़ करोड़ से अधिक राशि की स्‍वीकृति की गई एवं जनपद पंचायत की अन्‍य मदों की राशि सहित सम्‍पूर्ण राशि एक मुश्‍त जारी कर दी गई? यदि हाँ, तो क्‍या इस संबंध में कोई जाँच कराई गई है? यदि हाँ, तो निष्‍कर्षों की विवरण उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उपरोक्‍त परफॉरमेंस की राशि का हुआ दुरूपयोग आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो गहराई से उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जावे एवं क्षेत्र के संतुलित विकास हेतु अतिरिक्‍त जारी की गई राशि की वसूली कर वंचित जनपद सदस्‍यों के क्षेत्र में विकास कार्य कराये जावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2015-16 में राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत ब्यावरा को परफॉरमेंस ग्रान्ट से राशि प्रदाय नहीं की गई है अपितु राज्य वित्त आयोग मद से रु. 1.00 करोड़ प्रदाय की गई है। जी हाँ। तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ब्यावरा श्रीमती श़चि जैन के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ‘‘‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

परफॉरमेंस ग्रांट की राशि वितरण में नियमों की अवहेलना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

161. ( क्र. 7541 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत ब्‍यावरा को परफॉरमेंस ग्रांट के तहत् वर्ष 2014-15 में 40 लाख रूपये की राशि शासन द्वारा सामुदायिक भवन निर्माण प्रति भवन 10 लाख रूपये के मान से उपलब्‍ध कराई गई थी तथा साथ ही उक्‍त राशि के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जनपद पंचायत ब्‍यावरा द्वारा शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार उक्‍त राशि से कुल कितने भवन स्‍वीकृत किये गये व उनको कितनी-कितनी राशि उपलब्‍ध कराई गई? राशि स्‍वीकृत करते समय जनपद पंचायत तथा क्षेत्रीय विधायक का अनुमोदन प्राप्‍त किया गया? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या उक्‍त भवनों की स्‍वीकृति के पश्चात् प्रथम अंशिका की राशि प्रति भवन 2 लाख रूपये जारी करने के बाद उक्‍त मद की शेष राशि भारी भ्रष्‍टाचार कर खुर्द-बुर्द कर दी गई है? यदि हाँ, तो स्‍वीकृत भवनों के अपूर्ण कार्यों को किस मद से पूर्ण कराया जायेगा तथा उपरोक्‍त मद की शेष राशि के दुरूपयोग व अपहरण के लिये कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या शासन इसकी विस्‍तृत जाँच करवाकर संबंधितों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जनपद पंचायत ब्यावरा द्वारा प्रदाय राशि से 05 सामुदायिक भवन स्वीकृत किय गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। (ग) जी नहीं। कार्य वर्तमान में प्रगतिरत् है। कार्य पूर्ण होने के उपरांत मूल्यांकन के आधार पर शेष राशि का जो कि जनपद पंचायत में उपलब्ध है, वितरण किया जावेगा। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

भोपाल में संचालित पशु चिकित्‍सालय

[नगरीय विकास एवं आवास]

162. ( क्र. 7552 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल नगर निगम द्वारा कौन-कौन से व कहाँ-कहाँ पशु चिकित्‍सालय संचालित किए जा रहे हैं तथा वित्‍तीय वर्ष 2009-10 से 2016-17 तक किस-किस पशु चिकित्‍सालय हेतु किस-किस कार्य हेतु बजट में कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में किन-किन चिकित्‍सालयों में प्रतिनियुक्ति पर किस-किस विभाग के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब-कब से पदस्‍थ हैं तथा उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि कब-कब समाप्‍त होने के बावजूद किन-किन कारणों से उनके मूल विभाग वापिस नहीं किया गया? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी हैं, उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित वर्ष जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में इलाज के दौरान कितने पशुओं का देहान्‍त हुआ? (ग) क्‍या भोपाल नगर निगम द्वारा स‍ंचालित पशु चिकित्‍सालयों में पदस्‍थ स्‍टॉफ के द्वारा पशुओं के इलाज में लापरवाही एवं अच्‍छे इलाज के नाम पर इनाम/रिश्‍वत की मांग जैसी शिकायतें विभाग/शासन को प्राप्‍त हुई हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में किन-किन के विरूद्ध क्‍या-क्‍या शिकायतें प्राप्‍त हुई? प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में शिकायतों के निराकरण से शिकायतवार वर्षवार अस्‍पतालवार अवगत करावें

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल नगर निगम द्वारा कोई भी पशु चिकित्‍सालय संचालित नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

163. ( क्र. 7566 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्र. 71/वि.दि./कार्य निर्माण/2017 दिनांक 14.01.2017 जो कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा जनपद पंचायत मुरैना, अंबाह से संबंधित था कि चाही जानकारी प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनांक तक भी नहीं दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता के पत्र द्वारा चाही गई जानकारी न भेजने के क्‍या कारण हैं? जानकारी कब तक दे दी जायेगी? निश्चित           समय-सीमा बतावें व इस अनुशासनहीनता की कार्यवाही हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है? नाम, पद सहित जानकारी दी जावे।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। माननीय विधायक जी के पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। 09 अधिकारियों से व्‍यापक जानकारी तीन दिवस के भीतर पत्राचार का समय दिये बिना मांगा जाना व्‍यवहारिक नहीं था। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। महाप्रबंधक एम.पी.आर.आर.डी.ए. मुरैनामुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अम्बाह एवं मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मुरैना द्वारा जानकारी प्रदाय की जा चुकी है।                            (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

आम की लकड़ी का अवैध परिवहन

[वन]

164. ( क्र. 7582 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) दिसम्‍बर 2015 में भौरा वन परिक्षेत्र ने आम की लकड़ी के कितने वाहन किस दिनांक को पकड़े उनका किस-किस धारा में वन अपराध पंजीबद्ध किया उन पर किस दिनांक को                 कितना-कितना अर्थदण्‍ड किया गया? इन तीन वाहनों में से किस वाहन में कितनी लकड़ी का प्रकरण बनाया गया? (ख) वन परिक्षेत्र द्वारा पकड़े गए तीन वाहनों में से वाहन में कितनी लकड़ी का प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व शाहपुर को किस दिनांक को भेजा गया, उस पर कितना जुर्माना किस दिनांक को किया? उस वाहन को वन विभाग ने किस दिनांक को छोड़ा? (ग) आम की लकड़ी का परिवहन किए जाने पर वन विभाग से परिवहन की अनुमति लिए जाने का क्‍या-क्‍या प्रावधान दिसम्‍बर 2015 में प्रचलित रहा है? इस प्रावधान के बाद भी आम की लकड़ी परिवहन करते तीन वाहनों को पकड़े जाकर तीनों ही वाहनों पर अर्थदण्‍ड किए जाने का क्‍या कारण रहा है? इस प्रक्रिया में तीनों वाहन कितने दिन कहाँ खड़े रखे गए? (घ) वनमण्‍डल बैतूल में इन तीनों ही वाहनों में आम की लकड़ी के तीन वाहन पकड़ कर एक वाहन का प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी के यहां प्रेषित कर तीनों ही वाहनों पर किए अर्थदण्‍ड के प्रकरण में प्रश्‍नांकित दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की? यदि नहीं, की तो कारण बतावें। क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 3 वाहन (ट्रक) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 41 एवं 42 के तहत् व मध्यप्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम, 2000 का उल्लंघन करने पर वन अपराध प्रकरण क्रमांक 556/42, दिनांक 31.12.2015 को पंजीबद्ध कर जप्त किये गये। दिनांक 09.03.2016 को प्रत्येक वाहन पर 10-10 हजार रूपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। वाहन क्रमांक MP40-H-0148 में 81 नग=11.35 घ.मी. वाहन क्रमांक MP04-K-1550 में 75 नग=9.949 घ.मी. एवं वाहन क्रमांक MP04-K-5762 में 68 नग=7.579 घ.मी. लकड़ी का प्रकरण बनाया गया। (ख) 33 नग=6.029 घ.मी. एवं एक जलाऊ फड़ी के संबंध में प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), शाहपुर को दिनांक 31.12.2015 को भेजा गया, उस पर दिनांक 17.02.2016 से कुल        रू. 20000/- का जुर्माना राजस्व विभाग द्वारा लगाया गया। उक्त वाहनों को दिनांक 09.03.2016 को निर्मुक्त किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। परिवहन अनुज्ञा पत्र में दर्शित काष्ठ से अधिक काष्ठ जो कि गीले वृक्षों को बिना वैधानिक अनुमति प्राप्त किये काटकर परिवहन किये जाने के कारण नियमों का उल्लंघन होने से अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। तीनों वाहन 2 माह 9 दिन तक परिक्षेत्र कार्यालय भौरा (सा.) के परिसर में खड़े रखे गये।                  (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा भू-राजस्व संहिता की धारा 253 का उल्लंघन करने के लिये दोषी कृषकों बलवंत सिंह पर रू. 15000/- एवं मोकल सिंह पर रू. 5000/- का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

सलाहकारों की नियुक्ति की जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

165. ( क्र. 7583 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय निकायों में सलाहकार (कन्‍सलेटेंट) नियुक्‍त किये जाने संबंधी निर्देशों की प्रति देवें। क्‍या बिना किसी टेण्‍डर के सीधे ही सलाहकार को नियुक्‍त किया जा सकता है? यदि हाँ, तो पंजीकृत सलाहकारों की सूची तथा निर्धारित शुल्‍क से अवगत करावें? (ख) वर्ष 2009 से नगरीय निकायों नगर निगम, नगर पालिका, सिटी विकास निगम (यथा इंदौर, भोपाल इत्‍यादि) द्वारा सलाहकारों को किये गये भुगतान की कुल राशि नगरीय विकास तथा वर्ष अनुसार योजना अनुसार बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित राशि में से कितनी राशि सीधे नियुक्‍त किये गये सलाहकार को तथा कितनी राशि टेण्‍डर इत्‍यादि से चयनित सलाहकार को भुगतान की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित राशि में से मेहता एण्‍ड एसोसिऐट्स इंदौर को किस-किस निकाय द्वारा किस‍-किस वर्ष में किस योजना के लिये कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा बतावें कि किस-किस योजना के लिये उक्‍त फर्म को सीधे नियुक्‍त किया गया तथा उक्‍त फर्म को अभी किस योजना का कितना भुगतान करना शेष है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

किसानों को भूमि का मुआवजा

[नगरीय विकास एवं आवास]

166. ( क्र. 7584 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या कार्यादेश क्र. 2813 दिनांक 10.5.2012 अनुसार राऊ स्थित योजना क्र. 165 का आंशिक पार्ट का विकास (बायपास के दक्षिण की ओर) किये जाने हेतु मे. पी.डी. अग्रवाल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लिमि. को रुपये 57,12,00,000/- में अनुबंध क्र. 14/12-13 से दिया गया था? यदि हाँ, तो विकास किन-किन खसरा क्रमांक पर किया जाना था? प्राधिकारी द्वारा विकसित की जाने वाली भूमि का मुआवजा किसानों को कब दिया गया है? यदि हाँ, तो कौन से किसान को कितना मुआवजा दिया गया? (ख) क्‍या कार्यपालन यंत्री के पत्र क्रमांक 3374 दिनांक 26.5.2015 के अनुसार भूमि विवाद होने के कारण कार्य प्रारंभ होने के उपरांत भी पूर्ण नहीं किया गया एवं अनुबंध धारा 14 के तहत् निरस्‍त करना पड़ा? यदि हाँ, तो जब कार्यादेश जारी करते समय भूमि विवाद था तो कार्यादेश क्‍यों जारी किया गया और यदि भूमि प्राधिकारी की थी, तो भूमि विवाद का क्‍या कारण था?              (ग) क्‍या इन्‍दौर विकास प्राधिकरण द्वारा योजना क्रमांक 165 के विकास हेतु भूमि का अर्जन किए बगैर ठेकेदार कंपनी को विकास कार्य का ठेका जारी किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (घ) म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग, मंत्रालय वल्‍लभ भवन, भोपाल के निर्देश क्रमांक एफ 12-5/14/सात/शा2-ए-दिनांक 29.1.14 भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन अधिनियम 2013 धारा 24 संबंधी आदेशानुसार समस्‍त जिला कलेक्‍टर्स को निर्देश प्रदान किये गये थे। उपरोक्‍त आदेश के बिंदु क्रमांक 5 के परिपालन में इन्‍दौर कलेक्‍टर द्वारा की गई कार्यवाही से सप्रमाण अवगत करावें एवं नहीं की गई, तो कारण बताएं? (ड.) सन् 2012 से 2016 तक इन्‍दौर विकास प्राधिकरण इन्‍दौर के वार्षिक विधिक खर्च (अधिकारियों के टी.ए./डी.ए. से लेकर अधिवक्‍ताओं को किये जाने भुगतान सहित) की जानकारी वर्षवार अलग-अलग प्रदान करें

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्राधिकारी द्वारा योजना क्रमांक 165 की वैसी भूमियां जिनके अनुबंध पत्र के आधार पर कार्यवाही नहीं हो सकी थी, के अर्जन की कार्यवाही कराई गई है। भूमि के मुआवजा का वितरण की कार्यवाही कलेक्‍टर कार्यालय जिला इंदौर के माध्‍यम से की जा रही है, इंदौर विकास प्राधिकारी की योजना क्रमांक 165 के लिये भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 0182/2011-12 में पारित अवार्ड के अनुक्रम में भूमि स्‍वामी मनोज पिता धन्‍नालाल, विकास पिता धन्‍नालाल, श्रीमती कविता पति मनोज एवं श्रीमती प्रीति पति विकास को रूपये 93,90,446/- का भुगतान दिनांक 03.06.16 को किया गया है। योजना अंतर्गत अर्जित भूमि के लिये मनोज पिता धन्‍नालाल एवं श्रीमती कविता पति मनोज नरेडी को रूपये 49,65,777/- का भुगतान दिनांक 03.08.16 को किया गया है। (ख) प्राधिकारी की योजना अंतर्गत भूमि अधिनियम 1973 की धारा 56 के तहत् अनुबंधित भूमि थी। भू-धारकों द्वारा आवेदन पत्र के निष्‍पादन किये जाने के समय भूमि का आधिपत्‍य दिया गया था किन्‍तु प्राधिकारी द्वारा कार्यादेश जारी किये जाने के उपरांत और ठेकेदार द्वारा मौके पर वास्‍तविक रूप से विकास कार्य प्रारंभ किये जाने की कार्यवाही दौरान भू-धारकों द्वारा विवाद की स्थिति निर्मित की गई। प्राधिकारी के साथ निष्‍पादित अनुबंध की शर्त के अनुसार भू-धारकों को योजना के क्रियान्‍वयन एवं विकास कार्य होने के उपरांत ही भू-स्‍वामियों को उनकी भूमि के नगद मुआवजे के एवज में विकसित भू-खंड उपलब्‍ध कराया जाना था किंतु संबंधित भू-स्‍वामियों द्वारा विकास कार्य के पूर्व ही विकसित भू-खंड के आवंटन आदि के मांग की जाकर विवाद उत्‍पन्‍न किया गया एवं उनकी संबंधित भूमि पर विकास कार्य नहीं करने दिया गया। (ग) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 56 के प्रावधानों अनुसार योजना क्रमांक 165 में समाविष्‍ट भूमियों के भूमि स्‍वामियों से प्रथमत: आपसी करार के माध्‍यम से भूमि का अर्जन किये जाने हेतु प्राधिकारी एवं भूमि स्‍वामियों के मध्‍य अनुबंध निष्‍पादित किया जाकर अनुबंध पत्र की शर्तों के अनुसार भूमि का अर्जन किया गया था। अधिनियम 1975 की धारा 56 तथा तत्‍समय प्रभावशील म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश नियम 1975 के नियम 19 (1) (ii) के प्रावधान अनुसार भू-धारक एवं प्राधिकारी के मध्‍य निष्‍पादित अनुबंध की शर्तों अनुसार अनुबंधित भूमि प्राधिकारी में वैष्ठित हो जाने से ठेकेदार कंपनी को विकास कार्य का कार्यादेश जारी किया गया था। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

मंदिरों का जीर्णोद्धार

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

167. ( क्र. 7593 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (‍क) क्‍या शासन/विभाग द्वारा केन्‍द्र/राज्‍य से प्राप्‍त बजट एवं शासनाधीन मंदिरों की स्‍वयं की आय से प्राप्‍त राशि द्वारा मंदिरों का रख-रखाव एवं जीर्णोद्धार तथा अन्‍य सुविधाएं प्रदान कर अनेक कार्य किये जा रहे हैं, तो क्‍या-क्‍या? (ख) उज्‍जैन जिले के संदर्भ में कृपया वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्‍न व्‍यवस्‍थाओं यथा आमजन, पुजारी, शासकीय व्‍यवस्‍थाओं आदि के लिए जनप्रतिनिधियों एवं प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी तहसीलदार, एस.डी.ओ., जिलाधीश, प्रभारी मंत्री, विभागीय मंत्री एवं मान. मुख्‍यमंत्री जी को कितने प्रस्‍ताव एवं आवेदन प्राप्‍त हुए? (ग) उपरोक्‍त वर्षों में उज्‍जैन जिले के किस-किस विकासखण्‍डों में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले मंदिरों हेतु कितनी-कितनी राशि के कितने प्रस्‍ताव प्राप्‍त होकर, कितने कार्य स्‍वीकृत हुए, कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे? (घ) प्राप्‍त आवेदनों के आधार पर बनाए गये प्राक्‍कलन (एस्‍टीमेट) विभाग/शासन को अग्रेषित कब-कब किये गये एवं मान. मंत्री जी द्वारा चाहे गये प्राक्‍कलनों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां की गईं? कितनी स्‍वीकृतियां दी गई, कितनी शेष रहीं?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय महाविद्यालयों की मूलभूत आवश्‍यकताओं की पूर्ति

[उच्च शिक्षा]

168. ( क्र. 7594 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जावरा नगर एवं पिपलौदा तहसील के ग्राम कालूखेड़ा में उच्‍च शिक्षा अध्‍ययन हेतु महाविद्यालय संचालित किये जा रहे है एवं वहां पर दोनों महाविद्यालयों में अनेक मूलभूत आवश्‍यकताओं की पूर्ति की जाना अत्‍यंत आवश्‍यक है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या कालूखेड़ा महाविद्यालय गाँव की मुख्‍य सड़क से लगभग दो से तीन कि.मी. की दूरी पर होकर कच्‍चे एवं ध्‍वस्‍त जीर्ण-शीर्ण मार्ग से होकर पहुँचा जाता है तथा इस हेतु सड़क नहीं है और न ही महाविद्यालय की बाउण्‍ड्रीवॉल है? (ग) तो क्‍या इसी के साथ जावरा नगर भगतसिंह महाविद्यालय में भी बाउण्‍ड्रीवॉल नहीं होकर छात्रावास भी जीर्ण-शीर्ण होकर जर्जर स्थिति में है? जनभागीदारी समिति द्वारा कार्य किये जाने के बावजूद उक्‍त कार्यों को किये जाने हेतु बजट स्‍वीकृति की आवश्‍यकता है? (घ) यदि हाँ, तो जावरा नगर एवं कालूखेड़ा के महाविद्यालयों की उक्‍त आवश्‍यकताओं के आवश्‍यक कार्य के साथ ही अन्‍य अनेक आवश्‍यक कार्य होना भी बाकी है, तो वो कौन-कौन से ऐसे शेष कार्य हैं और इन्‍हें चिन्हित कर कब तक पूर्ण किया जाएगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महाविद्यालय, कालूखेड़ा का पहुँच मार्ग की कच्‍ची सड़क है एवं बाउण्‍ड्रीवॉल नहीं है। (ग) शासकीय भगतसिंह महाविद्यालय, जावरा में बाउण्‍ड्रीवॉल नहीं है। वर्तमान में छात्रावास में छात्र निवासरत् हैं। जनभागीदारी मद से छात्रावास में पाइप लाइन/विद्युत केबल फिटिंग का कार्य कराया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्‍तर अनुसार। वर्तमान में सीमित वित्‍तीय संसाधन को दृष्टिगत कर राशि स्‍वीकृत करने में कठिनाई है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

169. ( क्र. 7601 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुक्षी नगर पंचायत, जिला धार में मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजना कब स्‍वीकृत हुई थी? लागत, D.P.R. छायाप्रति सहित देवें। किये भुगतान की दिनांकवार जानकारी देवें। (ख) पानी की टंकी, पाइप लाइन के मापदण्‍डों की जानकारी देवें। क्‍या संपूर्ण नगर पंचायत क्षेत्र में पाइप लाइन डाली जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्‍यों? लगाये गये पाइप की कंपनी समेत पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्‍या कारण है कि D.P.R. के अनुरूप कार्य न कर ठेकेदार द्वारा अपनी सुविधानुसार कार्य कराया गया? इस पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? कब तक संपूर्ण नगर पंचायत क्षेत्र में पाइप लाइन डाली जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद् कुक्षी की मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत जलप्रदाय योजना वित्‍तीय व्‍यय समिति की बैठक दिनांक 28.03.2012 में स्‍वीकृत हुई थी। योजना की लागत राशि रू. 1846.08 लाख है। डी.पी.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। निकाय द्वारा योजना पर किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) पानी की टंकी एवं पाइप लाइन की जानकारी निविदा प्रपत्र में वर्णित अनुसार पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। जी हाँ, डी.पी.आर. में स्‍वीकृति अनुसार पाइप लाइन डाली जा चुकी है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी नहीं, ठेकेदार द्वारा स्‍वीकृत डी.पी.आर. के अनुसार कार्य किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) अनुसार प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।

सूचना के अधिकार अंतर्गत आवेदनों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

170. ( क्र. 7602 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुक्षी नगर पंचायत जिला धार में विगत 03 वर्ष में सूचना के अधिकार के तहत् कितने आवेदन प्राप्‍त हुये? वर्षवार बतावें। (ख) कितने आवेदनों पर जानकारी दी गई? कितने प्रश्‍न दिनांक तक लंबित हैं? वर्षवार देवें। लंबित आवेदन के कारण भी बतावें। (ग) ये लंबित आवेदन कब तक निराकरण कर दिए जायेंगे? (घ) इन आवेदनों के लंबित रहने के उत्‍तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, कुक्षी में विगत 03 वर्षों में सूचना के अधिकार अंतर्गत प्राप्‍त आवेदनों में वर्ष 2014 में (जनवरी से दिसम्‍बर) कुल प्राप्‍त आवेदन 28 वर्ष 2015 में (जनवरी से दिसम्‍बर) कुल प्राप्‍त आवेदन 03 एवं वर्ष 2016 में (जनवरी से दिसम्‍बर) कुल 10 आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। (ख) नगर परिषद्, कुक्षी में विगत 03 वर्षों में सूचना के अधिकार अंतर्गत निराकरण हेतु प्राप्‍त आवेदनों में वर्ष 2014 में (जनवरी से दिसम्‍बर) 28 आवेदनों में जानकारी दी गई, लंबित आवेदनों की संख्‍या निरंक वर्ष 2015 में (जनवरी से दिसम्‍बर) 01 आवेदन में जानकारी दी गई, लंबित आवेदनों की संख्‍या 02 वर्ष 2016 में (जनवरी से दिसम्‍बर) 05 आवेदन में जानकारी दी गई, लंबित आवेदनों की संख्‍या 05, लंबित रहने के कारण की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) लंबित आवेदन 15 दिवस में निराकृत कर दिए जायेंगे।                  (घ) सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 अनुसार लोक सूचना अधिकारी द्वारा नियत अवधि में जानकारी उपलब्‍ध नहीं करवाने की स्थिति में आवेदक को क्रमश: प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी को अपील करने का प्रावधान है, प्राधिकारी का निर्णय मान्‍य होता है।

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

गबन की जाँच

[वन]

171. ( क्र. 7605 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न संख्‍या 15 (2778) उत्‍तर दिनांक 15.03.2016 के तारतम्‍य में जय किसान Org. ने बैंक की समस्‍त सुविधाएं मुहैया कराने बैंकिंग सिस्‍टम सी.ई.ओ. लघु वनोपज संघ एवं संस्‍था के प्रमुख के बीच 13 मई 2013 को संघ के उत्‍पाद बेचने एवं खरीदने के लिए अनुबन्‍ध हुआ था? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के कई जिलों में जय किसान Org. के चेयरमैन ने मध्‍यप्रदेश में संचालन की जवाबदारी डॉ. राजेश्‍वर प्रसाद शुक्‍ला, पिता राजेश्‍वरी प्रसाद, उम्र 35 वर्ष, निवासी 23 कम्‍पर्ट 5 सेक्‍टर 48, एक्‍सटेंशन अरेरा कॉलोनी, भोपाल द्वारा प्रति ग्राम पंचायतों के बीच में एक किसान सूचना केन्‍द्र खोलने के नाम पर रुपये एवं डी.डी. प्राप्‍त किये थे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में रत्‍नाकर बैंक आई.सी.आई.सी.आई., पी.एन.बी., बी.ओ.आई. एस.बी.आई. आदि बैंक के माध्‍यम से अपने खातों में लोगों से राशि व्‍यक्तिगत खाता में जमा करायी गयी थी? (घ) प्रश्नांश (क) के जय किसान Org. के प्रमुख द्वारा नाम परिवर्तित कर डब्‍ल्‍यू.डब्‍ल्‍यू.डब्‍ल्‍यू. भी टू.सी. बाजार डाट कॉम के नाम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास से संबंध रखकर आजीविका स्किल्‍स सीखो कमाओ आदि का संचालन हेतु अनुबन्‍ध किया है? क्‍या इसे निरस्‍त किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें। (ड.) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में माननीय मंत्री जी द्वारा किससे जाँच कराई जा रही है? जाँच अधिकारी का नाम एवं पद बतावें? आवेदन दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या जाँच एवं कार्यवाही की गई एवं जाँच नहीं की गई तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें। जाँच कब तक पूर्ण की जावेगी? अगर जाँच पूरी हो गई है, तो निष्‍कर्ष बतावें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ की इकाई लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र एवं जय किसान Org. के बीच विंध्‍य हर्बल उत्पादों के   ऑन-लाईन विक्रय हेतु अनुबंध किया गया, परन्तु इसका क्रियान्वयन नहीं किया गया था। (ख) लघु वनोपज संघ से संबंधित नहीं है। (ग) राज्य शासन से संबंधित नहीं है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित संस्था के साथ आजीविका स्किल्स सीखो कमाओ आदि के संचालन हेतु कोई अनुबंध नहीं किया गया है। अतः प्रश्नांश के संबंधित शेष जानकारी भी निरंक है। (ड.) अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (सूचना प्रौद्योगिकी), म.प्र. भोपाल। वर्तमान में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (सूचना प्रौद्योगिकी), म.प्र. के पद पर श्री अनुराग श्रीवास्तव पदस्थ है। वर्तमान में जाँच जारी है। शिकायत प्रदेश स्तरीय होने से जाँच में समय लगेगा, जिसके लिये निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

निविदा निरस्‍त कर पुन: निविदा आमंत्रित की जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

172. ( क्र. 7608 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) जिला पंचायत रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 4984/एम.डी.एम. दिनांक 31/12/2016 द्वारा नि‍विदा सूचना जारी की गई थी एवं निविदा में संस्‍था को कम से कम 5000 हजार व्‍यक्तियों को प्रतिदिन भोजन पकाकर वितरित करने का 3 वर्ष का अनुभव हो, जो नाश्‍ता बना-बनाया भोजन वितरित किया हुआ, सूखा हुआ भोजन के अनुभव मान्‍य नहीं होंगे का निर्देश नगर पंचायतों में केन्‍द्रीकृत रसोई घर व्‍यवस्‍था द्वारा गर्म पका हुआ भोजन स्‍वयं संस्‍था द्वारा तैयार कर शालाओं में पहुँचा कर किया जाना है। जहां नगर पंचायत क्षेत्रों में किचन शेड की व्‍यवस्‍था लागू हो। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जारी विज्ञापन से यह नहीं लगता कि निर्मला ज्‍योति मण्‍डल रीवा को उपकृत करने के लिये जारी विज्ञापन के अनुभव से कम अनुभव वाले को आदेश दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो ऐसा क्‍यों? यदि नहीं, तो पुन: विज्ञापन अनुभव कम का जारी कर विज्ञापन जारी करेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में निर्मला ज्‍योति मण्‍डल रीवा को विज्ञापन के अनुभव से कम अनुभव पर मध्‍यान भोजन का टेण्‍डर प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में दिया गया। यदि हाँ, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें। इसे कब तक निरस्‍त किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में क्‍या निर्मला ज्‍योति मण्‍डल रीवा को नगर निगम के सेन्‍ट्रल किंचन के माध्‍यम से मध्‍यान भोजन बनाने का आदेश दिया गया था। यदि हाँ, तो उसे उच्‍च न्‍यायालय एवं सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा निरस्‍त किया गया था? प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में 11 नगर पंचायतों में केन्‍द्रीयकृत किंचन व्‍यवस्‍था है। यदि नहीं, तो रीवा से अधिकतम 80 कि.मी. दूर तक पका पकाया भोजन मापदण्‍ड अनुसार कैसे वितरित होगा? बतावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, अन्य शर्तों के साथ प्रश्न में वर्णित शर्तें भी निविदा में थी। (ख) जी नहीं, स्वास्थ्य प्रतिस्पर्धा होने से पुनः निविदा आमंत्रित की जाने का औचित्य नहीं है। (ग) जी नहीं, संस्था का चयन निविदा की शर्तों तथा मापदण्डों के आधार पर किया गया है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है। (घ) जी हाँ, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अनुबंध निरस्त नहीं किया गया है वर्न अनुबंध अवधि समाप्त होने से पुनः निविदा आमंत्रित करने की कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया। माननीय उच्च्तम न्यायालय का कोई आदेश नहीं है। विभिन्न नगरों में भिन्न-भिन्न केन्द्रीयकृत व्यवस्था स्थापित कर संस्था द्वारा ताजा-पका भोजन विद्यार्थियों को उपलब्ध कराना अपेक्षित है।

नियम विरूद्ध कार्यादेश जारी किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

173. ( क्र. 7620 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजधानी परियोजना भोपाल में ई-टेण्‍डरिंग की व्‍यवस्‍था कब से लागू की गई है? (ख) उक्‍तानुसार ई-टेण्‍डरिंग व्‍यवस्‍था लागू करने की दिनांक के बाद से कितने कार्य कितनी राशि के बिना ई-टेण्‍डरिंग के कराये गये? (ग) क्‍या राजधानी परियोजना के डिवीजन क्रमांक 01 एवं 02 में विगत वर्षों में बिना ई-टेण्‍डरिंग के दो-दो लाख के अंदर के करोड़ों के कार्यादेश अपने चहेते ठेकेदारों को देकर उपकृत किया है? (घ) यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि के कार्यादेश किस आधार पर किसके आदेश पर दिए गए एवं इसके लिए कौन-कौन दोष है और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) राजधानी परियोजना प्रशासन में          ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था दिनांक 05.06.2013 से लागू की गई है। (ख) उक्तानुसार ई-टेण्डरिंग के बाद से कुल 2170 कार्य रू. 2.00 लाख एवं 10.00 लाख के भीतर राशि के बिना ई-टेण्डरिंग के हुए हैं, जो शासन द्वारा नियत व्यवस्था के अंतर्गत कराये गये। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

नगर पालिका में निर्माण कार्य में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

174. ( क्र. 7622 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर पालिका परिषद् खाचरौद द्वारा संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्र. यां प्र./07/2015/1812 दि. 09.03.2015 की शर्त क्र. 01, 06, 11 एवं अन्‍य शर्तों का पालन कर 140 दुकानों का निर्माण किया गया है? लागत, स्‍वीकृति दिनांक भी बतावें। (ख) उपरोक्‍त निर्माण के स्‍वीकृति आदेश की देवें निर्मित दुकानों के विभाग द्वारा की गई समस्‍त नाप की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) क्‍या स्‍वीकृति से अधिक दुकानों का निर्माण किया गया है एवं दुकानों के दोनों ओर चढ़ाव दर्शाये गये हैं जबकि स्‍वीकृति में इसका उल्‍लेख नहीं था? यदि नहीं, तो इसकी स्‍वीकृति की छायाप्रति देवें? (घ) स्‍वीकृति से अधिक निर्माण एवं तय मानकों में परिवर्तन कर निर्माण करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? इसके दोषी फर्म पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन भूमि पर काबिज लोगों को पट्टा वितरण

[वन]

175. ( क्र. 7623 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या ग्राम सरईझर तहसील माड़ा, जिला सिंगरौली के लोगों को पूर्व में वन भूमि का पट्टा मिला था? यदि हाँ, तो विगत 25 वर्षों से कार्यरत यहाँ पर रह रहे आदिवासी एवं अन्‍य लोगों को पट्टे कब तक दिए जावेंगे? (ख) क्‍या गत बंदोबस्‍त में पट्टा अभिलेख से हटा दिया गया और वन सीमा में काबिज भूमि बना दिया गया? क्‍या इन किसान आदिवासियों का वन भूमि पर काबिज किसानों को पट्टा दे दिया जायेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। ग्राम सरईझर में वर्तमान में प्रचलित अनुसूचित जनजाति एवं अन्‍य परम्‍परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्‍यता) अधिनियम, 2006 के अंतर्गत ग्राम सरईझर के 03 सामुदायिक दावों के आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये थे, जिन्‍हें मान्‍य करते हुये वन अधिकार पत्र वितरित कर दिये गये हैं। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उ‍पस्थित नहीं होता।

नगर पंचायत के निर्माण कार्यों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

176. ( क्र. 7625 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६, २०१६-१७ में नगर पंचायत डिण्‍डौरी एवं शहपुरा में कौन-कौन से निर्माण कार्य कौन-कौन से मद से हुए? कार्य का नाम, मद का नाम, स्‍वीकृत राशि, प्राक्‍कलन, ड्राईंग, तकनीकी स्‍वीकृति दिनांक कार्य किसने कराया? (विभागीय या ठेकेदारी) अगर ठेकेदारी तो ठेकेदार का नाम, कार्य प्रारंभ दिनांक, स्‍थान, कार्यपूर्ण दिनांक, वर्तमान तक कार्य पर व्‍यय राशि, वर्तमान में कार्य की भौतिक स्थिति सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से निर्माण कार्य समय में पूर्ण नहीं हुए, पूर्ण नहीं होने के क्‍या कारण हैं, कब तक कार्य पूर्ण होंगे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से कार्य हेतु नगर पंचायतों के ऊपर कर्ज हुआ है? कर्ज कहां से लिया गया है? कर्ज को कैसे कहाँ से पटायेंगे? नगर पंचायत पर कितना कर्ज है? कार्यवार बतावें

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '-1' '-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '-1' '-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '-1' '-2' अनुसार है।

स्‍मार्ट फोन वितरण योजना की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

177. ( क्र. 7626 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में स्‍मार्ट फोन वितरण योजना के तहत् कितने विद्यार्थियों को फोन वितरण किया गया? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्‍मार्ट फोन वितरण हेतु कितने स्‍मार्ट फोन क्रय किये? एक विद्यार्थी को कितने रुपये तक का फोन देना था, कितने का फोन दिया गया, स्‍मार्ट फोन क्रय करने के लिए कब निविदा निकाली गई, किस-किस कम्‍पनी ने निविदा की, क्‍या-क्‍या दर भरी, कितनी संख्‍या में स्‍मार्ट फोन खरीदे गए, स्‍मार्ट फोन के लिए कुल कितनी राशि दी गयी? जो स्‍मार्ट फोन वितरण किया गया है, उसकी वारंटी कितने दिन की है, किस कम्‍पनी से स्‍मार्ट फोन खरीदे गये?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्ष 2014-15 में स्मार्ट फोन वितरण योजना के तहत् 1,21,295 (एक लाख इक्कीस हजार दो सौ पिन्च्यानवे) विद्यार्थियो को फोन वितरण किया गया। (जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार)। (ख) 1,48,345 (एक लाख अड़तालीस हजार तीन सौ पैतालीस) स्मार्ट फोन का क्रय आदेश मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा दिया गया। एक विद्यार्थी को लगभग 3000 तीन हजार रूपए तक का स्मार्ट फोन देना था (जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार)। एक विद्यार्थी को रूपए 2499/- का स्मार्ट फोन दिया गया। निविदा 29.01.2016 को निकाली गर्ई। कंपनियों द्वारा निविदा एवं दर निम्नानुसार दी गई :- (अ) मेसर्स लावा इंटरनेशनल लिमिटेड रु. 2499.00 प्रति स्मार्ट फोन (ब) मेसर्स कार्वी डाटा मैनेजमेंट सर्विसेस लिमिटेड रु. 2637.98 प्रति स्मार्ट फोन (स) मेसर्स यूनाइटेड टेली लिंक्स लिमिटेड रु. 2675.00 प्रति स्मार्ट फोन। 1,48,345 (एक लाख अड़तालीस हजार तीन सौ पैतालीस) स्मार्ट फोन खरीदे गए। मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम को राशि रूपए 30,03,00,000 (रूपए तीस करोड़ तीन लाख) का भुगतान किया गया। मेसर्स लावा इंटरनेशनल लिमिटेड से स्मार्ट फोन क्रय किये गए जिसकी वारंटी एक वर्ष की है।

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक की पूर्ति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

178. ( क्र. 7629 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक के नियुक्‍त किये जाने के क्‍या नियम हैं? (ख) शासन के ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक के स्‍थानांतरण किये जाने के क्‍या नियम हैं? बतावें। (ग) राजगढ़ जिले में किन-किन ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव एवं रोजगार स‍हायक के पद रिक्‍त हैं? विधान सभावार बतावें (घ) उक्‍त पदविहीन ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक के पदों की पूर्ति कब तक की जा सकेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ एवं ‘‘’’ अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण की नीति वर्ष 2016 में जारी की गई थी, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '‘’' अनुसार है। ग्राम रोजगार सहायक संविदा शर्तों के तहत् नियुक्त किये गये हैं, इनके अन्यंत्र स्थानांतरण के कोई नियम नहीं है। संबंधी प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति की एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नि:शक्‍तजनों को पेंशन

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

179. ( क्र. 7630 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्‍याय एवं नि:शक्‍त जन कल्‍याण योजनांतर्गत राजगढ़ जिले में कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र में कितने नि:शक्‍तजनों को शासन द्वारा कितनी पेंशन दी जा रही हैं? जनपद पंचायतवार संख्‍या बतावें। (ग) राजगढ़ जिले की विधान सभा में ऐसे कितने नि:शक्‍त जन हैं जो पात्र होते हुये उन्‍हें पेंशन नहीं दी जा रही है? जनपद पंचायतवार संख्‍या बतावें? (घ) ऐसे पात्रताधारी व्‍यक्ति को पेंशन नहीं दिये जाने का क्‍या कारण है? उन्‍हें कब तक पेंशन दी जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग की योजनाएं सभी जिलों के लिये है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’अनुसार। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’अनुसार(ग) समस्त पात्र निःशक्तजनों को प्रतिमाह प्रति हितग्राही को नियमित पेंशन दी जा रही है। कोई भी ऐसे पात्र निःशक्तजन नहीं हैं जिन्हें पेंशन नहीं दी जा रही हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्रता परीक्षण सतत् प्रक्रिया है।

परिशिष्ट - ''पैंतीस''

अवैध निर्माण पर कार्यवाही एवं निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

180. ( क्र. 7632 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक ३२५८ दिनांक २६.७.२०१६ के प्रश्नांश (क) के परिशिष्‍ट में संलग्‍न सूची में दर्ज अवैध/बिना अनुमति निर्माणों पर दिनांक २६.७.२०१६ से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही, किस-किस के कब-कब की गई? अवैध/बिना अनुमति निर्माणवार बतायें (ख) नगर पालिका निगम कटनी द्वारा वर्ष २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में किन-किन वार्डों के किन-किन स्‍थानों पर विकास के क्‍या-क्‍या कार्य, कितनी-कितनी लागत से किस मद (शासन/निगम) से कब-कब कराये गये? कार्यों के प्रस्‍ताव प्राक्‍कलन कार्यादेश एवं कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र किस नाम, पदनाम के शासकीय सेवक द्वारा जारी किये? (ग) प्रश्नांश (ख) क्‍या अवैध कॉलोनी क्षेत्रो में भी कार्य कराये गये? यदि हाँ, तो? यदि नहीं, तो निर्माण कार्य किन-किन खसरा नंबरों की भूमियों पर कराये गये? बतायें और क्‍या यह खसरा नंबर वैध कॉलोनियों के खसरा नंबरो में शामिल है? भूमि के खसरा नंबर सहित कार्यवार बतायें? (घ) कटनी नगर में अब तक किन-किन ४४ कॉलोनियों का किस प्रक्रिया से कब-कब नियमितीकरण किया गया? इन कॉलोनियों के निर्माता कौन-कौन थे? क्‍या कॉलोनियों के निर्माताओं पर कार्यवाही की गई एवं इनसे विकास शुल्‍क की राशि वसूली गई? हाँ, तो ब्‍यौरा देवें। नहीं, तो क्‍यों? कारण बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) क्‍या अनियमितताओं की समग्र जाँच करवायी जायेगी और नियम विपरीत कार्यवाही के जिम्‍मेदार शासकीय सेवकों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्‍या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित कार्य नगरपालिक निगम द्वारा अवैध कॉलोनी क्षेत्र में नहीं कराये गये हैं। नगरपालिक निगम द्वारा वर्ष 2015-16 एवं        2016-17 में निर्माण कार्य वैध की गई कॉलोनी क्षेत्र शासकीय भूमि एवं सार्वजि‍नक प्रयोजन के स्‍थलों पर कराये गये हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (घ) नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा मध्‍यप्रदेश नगरपालिका कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बंधन एवं शर्तें नियम 1998 में वर्णित नियम एवं प्रक्रिया के अनुसार 44 वैध कॉलोनियों का नियमितीकरण की कार्यवाही की गई है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’’’ अनुसार है। वैध की गई कॉलोनियों से विकास शुल्‍क राशि रू. 6,59,62,318.00 प्राप्‍त हुई है। अवैध कॉलोनी निर्माताओं के विरूद्ध न्‍यायालय में परिवाद प्रस्‍तुत किये गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। अवैध कॉलोनियों की नियमितीकरण की कार्यवाही मध्‍यप्रदेश नगरपालिका कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बंधन एवं शर्तें नियम 1998 के अधीन तथा इस संबंध में राज्‍य शासन द्वारा समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देश क्रम में की गई है, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध कॉलोनी पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

181. ( क्र. 7633 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक ३२५७ दिनांक २६.७.२०१६ के प्रश्नांश (ग) का उत्‍तर जी नहीं प्रश्‍नांकित अधिकारियों द्वारा विधी सम्‍मत कार्यवाही, उत्‍तरांश (ख) अनुसार दिये जाने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ, तो चिन्हित ९० अवैध कॉलोनियों का निर्माण कब-कब किया गया? उत्‍तर समयावधि में क्षेत्र/वार्ड के प्रभार में कौन-कौन शासकीय सेवक कब से कब तक पदस्‍थ रहे? कॉलोनीवार शासकीय सेवकवार बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) अवैध कॉलोनी निर्माण की सूचना/जानकारी किन सक्षम प्राधिकारी/शासकीय सेवकों को किस माध्‍यम से कब-कब प्राप्‍त हुई एवं किस स्‍तर के किस नाम, पदनाम, के शासकीय सेवक द्वारा     क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई? कार्यवाहीवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) के तहत् क्‍या अवैध कॉलोनियों एवं इनके निर्माताओं पर की गई कार्यवाही विधी सम्‍मत/नियमानुसार थी? यदि हाँ, तो कैसे? स्‍पष्‍ट करें। यदि नहीं, तो अवैध व्‍यपवर्तन पर जानबूझकर कार्यवाही को लंबित रखने एवं तत्‍परता से कार्यवाही न करने का कौन-कौन शासकीय सेवक जिम्‍मेदार है? (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या कटनी नगर में शासकीय सेवकों के संरक्षण में अवैध कॉलोनियों के निर्मित होने एवं विधी सम्‍मत कार्यवाही न करने की शासन स्‍तर से जाँच करवाकर कार्यवाही की जायेगी? हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) चिन्हित 90 अवैध कॉलोनियों के निर्माण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के तहत् अवैध कॉलोनी निर्माण के प्रकरण संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्यवाही निष्‍पादित की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्‍तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में शासन स्‍तर से जाँच कराने का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लघु उद्योग निगम का आय-व्‍यय विवरण

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

182. ( क्र. 7642 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लघु उद्योग निगम के आय के स्‍त्रोत क्‍या है? वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-162016-17 में निगम को विभिन्‍न स्‍त्रोतों से कितनी-कितनी आय हुई? निगम का व्‍यय किन-किन मदों से कितना-कितना हुआ है? उल्‍लेखित वर्षों के संबंध में विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्‍लेखित वर्षों में निगम का वार्षिक ऑडिट किन के द्वारा किया गया? निगम के किन-किन व्‍यय के मामलों में ऑडिट आपत्तियां दर्ज की गई? प्रत्‍येक ऑडिट आपत्ति का विवरण व उसके निराकरण की स्थिति बतावें। (ग) उल्‍लेखित वर्षों में निगम द्वारा कितना व्‍यय सत्‍कार, वाहनों हेतु व्‍यय, होटलों के व्‍यय, भवन किराया आदि मदों में किया गया? निगम में पात्रतानुसार अधिकारियों को कितने वाहनों की आवश्‍यकता है? निगम में वर्तमान में कितने वाहन भाड़े पर लगाये गये हैं?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) लघु उद्योग निगम में आय निम्नलिखित स्त्रोतों से प्राप्त होती हैः-1. एम्पोरियम गतिविधि, 2. विपणन गतिविधि, 3. कच्चा माल गतिविधि, 4. सम्पदा एवं निर्माण गतिविधि, 5. टेस्टिंग लैब्स गतिविधि, 6. अन्य आय। म.प्र. लघु उद्योग निगम के समस्त स्त्रोतों से वर्षवार आय एवं मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के समस्त मदों में वर्षवार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. लघु उद्योग निगम के वार्षिक ऑडिट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। निगम के व्यय मदों पर महालेखाकार कार्यालय/चार्टर्ड अकाउन्टेंट फर्म द्वारा उनके ऑडिट प्रतिवेदनों में कोई आपत्ति नहीं दर्शाई गई है। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में कोई टीप अपेक्षित नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम में व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। म.प्र. लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष, प्रबंध संचालक, मुख्य महाप्रबंधक, उप मुख्य महाप्रबंधकों तथा संपदा एवं निर्माण विभाग में पदस्थ इकाई प्रभारियों को वाहन की पात्रता है। इसके अतिरिक्त कार्य के स्वरूप एवं महत्व को दृष्टिगत रखते हुये प्रबंध संचालक द्वारा अधिकारियों हेतु समय-समय पर वाहन स्वीकृति में परिर्वतन/संशोधन किया जाता है। निगम में कुल वाहनों की संख्या 30 है। इसमें वर्तमान में भाड़े पर लगाये गये वाहनों की संख्या 25 है।

परिशिष्ट - ''छत्‍ती''

विकासखण्‍डों में पंचायतों के अपूर्ण कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

183. ( क्र. 7643 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) देवरी व केसली विकासखण्‍डों में मनरेगा योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत कौन-कौन से कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अपूर्ण हैं तथा यह कार्य किन वर्षों में स्‍वीकृत किये गये थे? इनकी लागत कार्यवार बतावें व अब तक अपूर्ण रहने का कारण बतावें (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या विभाग द्वारा स्‍वीकृत कार्यों को एक वर्ष की अवधि में पूर्ण कराये जाने के निर्देश हैं? उक्‍त स्‍वीकृत कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु क्‍या-क्‍या विशेष प्रयास किये गये हैं? कार्यों के अपूर्ण रहने के लिए कौन उत्‍तरदायी हैं? कब तक अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करा लिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। महात्‍मा गांधी नरेगा के तहत् निर्माण कार्यों की पूर्णता श्रमिकों द्वारा रोजगार की मांग पर आधारित होने के कारण। (ख) जी नहीं, नये कार्य स्‍वीकृत करते समय पूर्व के अपूर्ण कार्यों को दृष्‍टिगत रखने के निर्देश हैं। समय-समय पर आयुक्‍त, मनरेगा एवं विकास आयुक्‍त द्वारा समीक्षा की जाती है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में किसी अधिकारी के जिम्‍मेदार होने की स्‍थिति नहीं है। अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करना श्रमिकों द्वारा रोजगार की मांग पर आधारित होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

इनडोर एवं आउटडोर स्‍टेडियम का निर्माण

[खेल और युवा कल्याण]

184. ( क्र. 7647 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले के सेवढ़ा विकासखण्‍ड में इनडोर एवं आउटडोर स्‍टेडियम की स्‍वीकृति दी गयी है? यदि हाँ, तो कब व वर्तमान में दोनों की क्‍या स्थिति है? (ख) क्‍या वर्तमान में उक्‍त दोनों स्‍ट‍ेडियम का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है? यदि नहीं, तो क्‍या कारण है कि दो वर्ष बाद भी उक्‍त दोनों स्‍टेडियम का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका? (ग) उक्‍त दोनों स्‍टेडियम का निर्माण कार्य कब तक शुरू करा लिया जायेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) दतिया जिले के सेवढ़ा विकासखण्ड में इण्डोर खेल परिसर निर्माण हेतु भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम आवंटित कर दी गई है, परंतु इण्डोर खेल परिसर निर्माण की योजना को भारत सरकार के पत्र           क्र.30-01/एमवाईएएस/आरजीकेए/2015/6419/6428, दिनांक 05.11.2015 द्वारा योजना की पुनः समीक्षा के कारण स्थगित रखे जाने की जानकारी दी गई है। भारत सरकार का पत्र संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। आउटडोर खेल परिसर का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है, जिसमें सेवढ़ा विकासखण्ड के ग्राम सेंथरी में निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''सैंतीस''

ग्राम पंचायत सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

185. ( क्र. 7649 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या ग्राम पंचायत कापा विकासखण्‍ड मझौली जिला जबलपुर को विश्‍वकर्मा ट्रेडर्स इन्‍दाना जिला जबलपुर द्वारा बिल क्रमांक 37 दिनांक 3/10/2013 के तहत् 57500 रूपये की सीमेंट प्रदाय की गई थी परन्‍तु इसका भुगतान न होने पर इसकी शिकायत शासन स्‍तर पर की गई? उत्‍तर में यदि हाँ, तो तत्‍संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ख) क्‍या श्री योगेश विश्‍वकर्मा द्वारा दिनांक 17/1/2017 को सूचना के अधिकार के तहत् ग्राम पंचायत कापा वि.ख. मझौली जिला जबलपुर द्वारा जानकारी एवं प्राप्‍त प्रपत्रों के अनुसार यह ज्ञात होने पर की उनके द्वारा ग्राम पंचायत को प्रदत्‍त बिल क्रमांक 37 दिनांक 3/10/2013 में कूट रचित तरीके से बिल दिनांक 22/5/2013 बनाकर वाउचर क्रमांक 19 के द्वारा ग्राम पंचायत ने चेक क्र. 512723 के द्वारा फर्जी तरीके से 33000/00 रूपये का भुगतान दर्शाया गया है जबकि विश्‍वकर्मा ट्रेडर्स ने दिनांक 6/6/2016 को सेन्‍ट्रल बैंक इन्‍दाना में अपना खाता खोला एवं उसे दिनांक 10/6/2016 को टिन नंबर प्राप्‍त हुआ? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर में यदि हाँ, तो तत्‍संबंध में दिनांक 9/6/2016 को सी.एम. हेल्‍प लाइन में की गई शिकायत की जाँच कब किसके द्वारा की गई एवं जाँच के निष्‍कर्ष क्‍या थे एवं निष्‍कर्ष के आधार पर कब किसके ऊपर क्‍या कार्यवाही की गई? बतलावें। जाँच प्रतिवेदन एवं की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (घ) क्‍या यह सही है कि श्री संतोष जैन सचिव ग्राम पंचायत कापा वि.ख. मझौली जिला जबलपुर पर पूर्व में भी कई गंभीर आरोप लगे हैं तथा विधान सभा के पिछली बैठकों के प्रश्‍नों के उत्‍तर में उन्हें जिले से बाहर स्‍थानांतरण करने की कार्यवाही प्रचलन में है बताया गया था, तो तत्‍संबंध में हुई प्रगति से अवगत करावें एवं गंभीर अनियमिततायें करने वाले ग्राम पंचायत सचिव पर शासन कार्यवाही करेगा? उत्‍तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रकरण की जाँच कराई गई एवं संबंधित को दण्ड अधिरोपित किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, की गई कार्यवाही का विवरण एवं जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जा चुकी है। स्थानान्तरण प्रस्ताव की सूची के सरल क्रमांक 45 पर श्री संतोष जैन सचिव का नाम अंकित है। वर्तमान में स्थानान्तरण पर प्रतिबंध है। प्रतिबंध हटने पर ही उक्त प्रस्ताव के संबंध में यथोचित कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

दोहरा पुल निर्माण की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

186. ( क्र. 7651 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या ग्राम दोहरा ग्राम पंचायत कूंडा जनपद पंचायत पाटन जिला जबलपुर में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा निर्मित पुल दिनांक 22/7/2016 को ध्‍वस्‍त हो गया? जिससे पंचायत के चारों ग्रामों के मध्‍य परस्‍पर आवागमन बाधित हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो उल्‍लेखित पुल का निर्माण कब-कितनी लागत से किसके, द्वारा करवाया गया था? निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता की जाँच कब किसके द्वारा की गई? निर्माण कार्य का सत्‍यापन किसके द्वारा किया गया? पुल के ध्‍वस्‍त होने की क्‍या जाँच की गई? इसका दोषी कौन है? पुल किन कारणों से ध्‍वस्‍त हुआ? दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) आवागमन की दृष्टि से महत्‍वपूर्ण इस पुल का क्‍या शासन पूर्ण निर्माण करेगा ताकि दस गाँवों का आवागमन बाधित न हो और बच्‍चे स्‍कूल जा सकें? उत्‍तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्‍नाधीन पुल दिनांक 22.07.2016 को क्षतिग्रस्‍त हुआ जिससे मार्ग में आवागमन प्रभावित हुआ है। (ख) प्रश्‍नाधीन पुल का निर्माण वर्ष 2014-15 में मेसर्स एक्‍वार्टर ग्रुप जबलपुर द्वारा किया गया। पुल निर्माण पर रू. 14.21 लाख व्‍यय हुआ। पुल निर्माण की गुणवत्‍ता एवं सत्‍यापन उपयंत्री श्री अश्विनी कुमार तिवारी, सहायक परियोजना प्रबंधक                श्री आर.के. कालपी एवं कार्यपालन यंत्री श्री व्‍ही.एस. वर्मा द्वारा किया गया। जाँच अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मण्‍डल जबलपुर श्री एच.एस. झणिया द्वारा की गई। जाँच में पुलिया क्षतिग्रस्‍त होने का कारण अत्‍यधिक वर्षा होना व उपयंत्री, सहायक परियोजना प्रबंधक एवं कार्यपालन यंत्री की लापरवाही होना पाया गया। सहायक परियोजना प्रबंधक एवं कार्यपालन यंत्री को आयुक्‍त, जबलपुर द्वारा परिनिंदा की शास्ति से दंडित किया गया। उपयंत्री की अनुबंध सेवा समाप्‍त की गई थी जो अपील अधिकारी ने बहाल कर दी है। (ग) जी हाँ। आवश्‍यक स्‍वीकृति देकर मरम्‍मत/निर्माण कराने के निर्देश प्रमुख अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को दे दिए गए हैं। वर्ष 2017-18 में मरम्‍मत/निर्माण करना लक्षित है।

आजीविका मिशन की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

187. ( क्र. 7659 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ग्रामीण आजीविका मिशन कब से प्रारंभ हुई? इस मिशन के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाते हैं? (ख) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कितने समूह हैंकितने समूह के द्वारा बैंक राशि प्राप्‍त कर क्‍या कार्य कराये? (ग) ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत किये जा रहे समूह पर किसकी निगरानी रहती है? समूह द्वारा राशि का दुरूपयोग करने पर किसे दोषी मान कर कार्यवाही की जाती है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2012-13 से। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 201 समूह। शेष जानकारी निरंक है। (ग) समूहों पर ग्राम संगठनों, संकुल संगठनों एवं मिशन कर्मियों की निगरानी रहती है। राशि के दुरूपयोग करने वाले व्यक्ति/व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाती है।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

वन विभाग की जप्‍त लकड़ी की जानकारी

[वन]

188. ( क्र. 7660 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र के वर्ष १३-१४ १४-१५ १५-१६ में किस-किस प्रजाति की किस-किस मात्रा में मुलताई तथा अठनेर रेंज द्वारा जप्‍ती बनाई? जप्‍ती बनाई गई विभिन्‍न प्रजातियों की लकड़ी का बाजार मूल्‍य क्‍या है? (ख) जप्‍ती बनाई गई लकड़ी का राजस्‍व वन विभाग द्वारा प्राप्‍त किया गया है? किस दिनांक को नीलाम की गई? किस दिनांक तक कितनी राशि शासन खाते में जमा की गई? जानकारी देवें।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।             (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है

परिशिष्ट - ''उनतालीस''

 

 

 


 

 

 

 

 


भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


जनसुनवाई की शिकायतें

[जन शिकायत निवारण]

1. ( क्र. 212 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में जनवरी 2016 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक आवेदकों द्वारा कितनी शिकायतें जिला मुख्‍यालय पर दी गई कितनी शिकायतें दर्ज हुई हैं? विभागवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण हो चुका है व कितनी शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ है? नहीं तो कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार क्‍या शिकायत के निराकरण के बाद आवेदक को जानकारी दी जाती है? आर्थिक अनियमितताओं के प्रकरण में आरोपित व्‍यक्ति, संस्‍था या कर्मचारी-अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाती है? (घ) प्रश्नांश (क) में जिन शिकायतों का निराकरण नहीं हुआ है वह कौन से स्‍तर पर हैं? जिनके कारण शिकायतों का निराकरण नहीं हो पा रहा है? उनके खिलाफ अब क्‍या कार्यवाही की गई है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) कुल 8818 शिकायतें प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों में से 469 शिकायतें शेष है। शिकायतों की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ग) जी हाँ। प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) शिकायतें विभागों के/कार्यालय स्‍तर पर लंबित हैं। शिकायतों के संबंध में निराकरण के लिए अनुवर्ती कार्यवाही हेतु समय-समय पर बैठकें आयोजित कर संबंधितों को निर्देश दिये जाते है।

स्‍वच्‍छ भारत मिशन अंतर्गत निर्मित शौचालयों का भुगतान

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

2. ( क्र. 288 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के मोहखेड़ पाण्‍ढुर्णा जनपद पंचायत के द्वारा स्‍वच्‍छ भारत मिशन के अंतर्गत कितने शौचालयों का निर्माण कराया गया है? ग्राम पंचायतवार संख्‍या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ में शौचालयों के निर्माण बेण्‍डर्स एवं हितग्राहियों के द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो बतायें? ग्राम पंचायतवार कितने शौचालयों का निर्माण वेण्‍डरों के द्वारा एवं कितने शौचालयों का निर्माण हितग्राहियों के द्वारा किया गया है? पंचायतवार वेण्‍डर एवं हितग्राहियों के द्वारा निर्मित शौचालयों की संख्‍या बतायें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में यदि निर्मित शौचालयों का भुगतान कर दिया गया है तो बतायें। कितने शौचालयों का भुगतान वेण्‍डरों को एवं कितने शौचालयों का भुगतान हितग्राहियों को किया जा चुका है? पंचायतवार संख्‍या बताएं? कितने शौचालयों का भुगतान अभी शेष है? उनका भुगतान कब तक किया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है

कपिल धारा योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत कुएं

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

3. ( क्र. 307 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में कपिल धारा योजना अंतर्गत लागू होने से अब तक कितने कुएं स्‍वीकृत किये गये? (ख) इस योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृति कुओं में से कितनों की सी.सी. जारी कर दी गई वर्तमान में ऐसे कितने कुएं स्‍वीकृत हैं जो अधूरे पड़े हैं? इनको कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में कपिल धारा योजना अंतर्गत ऐसे कितने कुएं स्‍वीकृत है जो अधूरे पड़े है? इन्‍हें कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 11,309(ख) 10,377 कुओं की सी.सी. जारी। 932 कुएं अधूरे हैं। स्वीकृत कार्य मांग आधारित योजना अंतर्गत होने से समय-सीमा बतलाना संभव नहीं है। (ग) 1,293 कुएं स्वीकृत हैं, जिनमें से 113 कुएं अधूरे हैं। स्वीकृत कार्य मांग आधारित योजना अंतर्गत होने से समय-सीमा बतलाना संभव नहीं है।

लोक सेवा प्रबंधक के पदों की पूर्ती

[लोक सेवा प्रबन्धन]

4. ( क्र. 542 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिला लोक सेवा प्रबंधक के कितने पद स्‍वीकृत होकर वर्तमान में कार्यरत है?                     (ख) प्रदेश में लोक सेवा प्रबंधकों के रिक्‍त पदों पर नियुक्ति का क्‍या प्रावधान है? (ग) शाजापुर जिले में लोक सेवा का पद कब से रिक्‍त हैं तथा पद पर किस अधिकारी द्वारा कार्य संपादित किया जा रहा है? (घ) क्‍या प्रदेश में रिक्‍त लोक सेवा प्रबंधक के पद के विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारी पद पर नियुक्ति की अनिवार्य योग्‍यताधारी है? रिक्‍त पदों की पूर्ती हेतु शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है? पद पूर्ति कब तक की जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश में कुल 51 जिला लोक सेवा प्रबंधक के पद स्‍वीकृत हैं। वर्तमान में 35 जिलों में जिला प्रबंधक कार्यरत हैं, शेष 16 जिलों में उक्‍त पद का प्रभार अन्‍य अधिकारियों को संबंधित जिला कलेक्‍टर द्वारा सौंपा गया है। (ख) प्रदेश में लोक सेवा प्रबंधकों के रिक्‍त पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही संबंधित जिला कलेक्‍टर कार्यालय द्वारा की जाती है। (ग) शाजापुर जिले में लोक सेवा प्रबंधक का पद 01 मई 2015 से रिक्‍त है। उक्‍त पद का अतिरिक्‍त कार्यभार प्रबंधक जिला ई गवर्नेंस सोसायटी द्वारा संपादित किया जा रहा है। (घ) लोक सेवा प्रबंधक के रिक्‍त पदों का अतिरिक्‍त कार्यभार संबंधित जिला कलेक्‍टर द्वारा अन्‍य अधिकारियों को सौंपा गया है। यह व्‍यवस्‍था कार्य के सुचारू संचालन हेतु की गई है जो उक्‍त पद पर नियुक्ति होने तक की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। रिक्‍त पदों की पूर्ति का दायित्‍व संबंधित जिला कलेक्‍टर का है।

शासकीय मंदिरों का रख-रखाव

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

5. ( क्र. 544 ) श्री जसवंत सिंह हाड़ा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्थित शासकीय मंदिरों में पुजारी के कितने पद रिक्‍त हैं? (ख) रिक्‍त पुजारी के पदों की पूर्ति के लिए विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्‍या विधानसभा क्षेत्र शुजालपुर के अंतर्गत जीर्ण-शीर्ण शासकीय मंदिरों के निर्माण तथा मरम्‍मत के प्रस्‍ताव शासन को विभाग द्वारा भेजे गए हैं? सूची उपलब्‍ध कराई जावें। (घ) जीर्ण-शीर्ण शासकीय मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु शासन क्‍या योजना बना रहा है तथा कब तक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जावेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

तालाबों का रख-रखाव

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 690 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के अता. प्रश्‍न संख्‍या 24 (क्रमांक 1093) दिनांक 07.12.2012 में सिहोरा नगर पालिका की सीमा में स्थित 6 तालाबों के रख-रखाव की जिम्‍मेदारी सिहोरा नगर पालिका द्वारा किये जाने का उल्‍लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तालाबों के              रख-रखाव का काम सिहोरा नगर पालिका द्वारा किस प्रकार किया जाता है? तालाबवार जानकारी उपलब्‍ध करायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) उल्‍लेखित प्रश्‍न में सिहोरा विकास योजना में 6 तालाबों को विस्‍तार हेतु वर्गीकृत किया जाना एवं इन तालाबों के रख-रखाव की जिम्‍मेदारी स्‍थानीय निकाय की होती है का लेख किया गया था। (ख) सिहोरा नगर पालिका की सीमा में स्थित 6 तालाब भू‍-स्‍वामियों की निजी भूमि में होने के कारण रख-रखाव का काम सिहोरा नगर पालिका द्वारा नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍नाशं उपस्थित नहीं होता है।

मुख्‍यमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

7. ( क्र. 693 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्‍ड सिहोरा एवं कुण्‍डम के अधीन 1/1/2009 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत किन-किन ग्रामों से सड़क निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की गई। ग्रामवार सूची वर्षवार, सड़क की लंबाई, लागत, कार्य की स्थिति सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) योजना अंतर्गत वर्ष 2016-17 में कौन-कौन सी सड़कें प्रस्‍तावित हैं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में कोई सड़क प्रस्‍तावित नहीं हैं।

परिशिष्ट - ''एक''

पी.सी.ओ. के कृत्‍य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

8. ( क्र. 696 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या विभाग के आदेश दिनांक 6/6/12 में शासन द्वारा पी.सी.ओ. के कृत्‍य, दायित्‍व निर्धारित करते हुए प्रदेश के समस्‍त कलेक्‍टर एवं सी.ई.ओ. को भेजे गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) निर्देशों के विरूद्ध कलेक्‍टर/सी.ई.ओ. द्वारा सी.एम. आवास, पी.एम. आवास और एस.बी.एम. काम सौंपा जाता है और लक्ष्‍य पूर्ति न होने पर निलंबित किया जाता है इससे मूल कार्य भी प्रभावित होते है?                        (ग) पी.सी.ओ. से प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित सौंपे गये कार्य ही कराये जाने के निर्देश आयुक्‍त पंचायत द्वारा समस्‍त कलेक्‍टरों को समय-समय पर जारी किये गये हैं? इनका पालन सुनिश्चित  कराये जाने हेतु शासन स्‍तर से प्रभावी निर्देश क्‍यों नहीं जारी किये गये? कब तक जारी किये जावेंगे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ विभाग के ज्ञापन क्रमांक आर 23-04/2012/22/पं.-2 दिनांक 06 जनवरी, 2012 द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                              (ख) प्रशासकीय कार्य की महत्ता की दृष्टि से महत्वपूर्ण विभागीय योजनाओं जैसे सी.एम.आवास, पी.एम.आवास और एम.डी.एम. योजना का कार्य अतिरिक्त रुप से भी स्थानीय कार्य विभाजन अंतर्गत पी.सी.ओ. को सौंपा जाता है। लक्ष्य पूर्ति न होने पर दोषियों के विरुद्ध यथोचित कार्यवाही की जाती है। (ग) उत्तरांश अनुसार।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन/वृद्धावस्था पेंशन

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

9. ( क्र. 1429 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीबी रेखा से नीचे यापन करने वाले एवं 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन/वृद्धावस्था पेंशन या परिवार के मुखिया की मृत्यु पश्चात् परिवार सहायता देने का क्या प्रावधान है एवं आवेदन जमा होने के कितने समय पश्चात् स्वीकृति का प्रावधान है? (ख) बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उक्त योजनाओं के लंबित हितग्राहियों के प्राप्त आवेदनों की संख्‍या जनपद पंचायतवार उपलब्ध कराई जाए। (ग) लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा?            (घ) क्या उक्त योजनाओं में परिवार के मुखिया की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है एवं परिवार की स्थिति दयनीय है तथा पात्रता की श्रेणी में आता है परंतु बी.पी.एल. सूची में नाम नहीं है तो संबंधित हितग्राही को योजनाओं का लाभ कैसे दिया जा सकता है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा राष्‍ट्रीय परिवार सहायता योजनान्तर्गत 18 वर्ष से 59 वर्ष आयु के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कमाऊ सदस्य की मृत्यु पश्चात् एक मुश्त राशि रूपये 20,000/- दिये जाने का प्रावधान है। उक्त योजनान्तर्गत लोक सेवा गारंटी के तहत आवेदन प्राप्ति के 30 दिवस में पात्र हितग्राहियों को राशि स्वीकृत की जाती है। (ख) बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नांश '''' में वर्णित योजनाओं में कोई आवेदन लंबित नहीं है। (ग) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना संचालित की जाती है। जिसमें बी.पी.एल. का बंधन अनिवार्य है। राज्य शासन द्वारा बी.पी.एल. बंधन हटाया जाना संभव नहीं है।

संस्थाओं संबंधी प्राप्त शिकायत

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( क्र. 1818 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 5 वर्षों में खरगोन नगर एवं ग्राम निवेश जिला कार्यालय या खण्डवा जिला कार्यालय के मध्य प्रो.पी.सी. फाउण्डेशन खरगोन या तंजिम-ए जरखेज के मध्य हुए समस्त पत्राचार की प्रति देवें। इन दोनों संस्थाओं के नाम कितनी भूमि नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय में किसी भी उद्देश्‍य से जानकारी में है, खसरा, रकबा, ग्राम के नाम सहित सूची देवें। इसमें से कितनी भूमि कृषि तथा कितनी अकृषि भूमि है। दोनों संस्थाओं के डायवर्सन, नाम परिवर्तन संबंधी दस्तावेजों की पूर्ण प्रति देवें। (ख) विगत 5 वर्ष में उक्त दोनों संस्थाओं से संबंधित एस.डी.एम. कार्यालय खरगोन से हुए पत्राचार की प्रति देवें। (ग) विगत 5 वर्ष में उक्त दोनों संस्थाओं संबंधी प्राप्त शिकायतों एवं सूचना के अधिकार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की प्रतियां देवें। इन आवेदन पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मिनी स्टेडियम घोषणा का क्रियान्वयन

[खेल और युवा कल्याण]

11. ( क्र. 1871 ) श्री मोती कश्यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या‍ 10 अगस्त, 4 सितम्बर, 15 क्टूबर 2016 की जनदर्शन यात्रा के दौरान मा. मुख्यमंत्री ने खमतरा, दशरमन, देवरी और पान उमरिया में किसी राशि से मिनी स्टेडियम व खेल मैदान की घोषणा की है और क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर कटनी को निर्देशित किया है? (ख) क्या‍ कलेक्टर कटनी के निर्देशन में कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवायें कटनी के द्वारा किसी राशि का प्राक्क‍लन बनाकर किसी दिनांक को किसी को प्रस्‍तुत किया है और क्या उसे किसी दिनांक को किसी के द्वारा प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई है? (ग) क्या शासन के किसी विकास विभाग के किसी उच्चाधिकारी द्वारा राज्य के सभी मिनी स्टेडियम व खेल मैदानों के विकास के लिये कोई एक निश्चित राशि का मानदण्ड लागू कर उसे क्रियान्वित करना जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है और क्या उससे प्रश्नांश (क) प्रभावित नहीं होगा? (घ) प्रश्नांश (क) के मा. मुख्‍यमंत्री की घोषणा और प्रश्नांश (ग) के अधिकारी के निर्देश में से कौन किस रूप में पालनीय आवश्यक है? (ड.) क्या मा. मुख्यमंत्री की घोषणा का सम्मान आवश्यक नहीं है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल और युवा कल्याण विभाग से संबंधित कोई घोषणा नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं है। (ख) से (घ) प्रश्‍नांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ, मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा का सम्मान आवश्‍यक है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का संधारण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

12. ( क्र. 2139 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में विगत तीन वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने कि.मी. सड़क कहाँ-कहाँ बनाई गई है? (ख) वर्तमान में इन सड़कों की स्थिति क्‍या है? क्‍या विभाग द्वारा खराब सड़कों की मरम्‍मत करवाई जा रही है? ऐसी कुल कितनी सड़कें हैं, जिनकी गारंटी अवधि पूर्ण हो गई है, उनकी वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ग) क्‍या झाबुआ जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित कई ऐसी ग्रामीण सड़कें जो आवागमन योग्‍य नहीं है? उनकी मरम्‍मत हेतु विभाग के पास क्‍या प्रस्‍ताव हैं? (घ) विभाग कब तक इन सड़कों को आवागमन के योग्‍य बना देगा? वित्‍तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 तक इन ग्रामीण सड़कों के मरम्‍मतीकरण हेतु कुल कितनी राशि झाबुआ जिले को प्राप्‍त होकर किन सड़कों का मरम्‍मतीकरण कार्य करवाया गया?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।               (ख) प्रश्नांकित (क) के परिशिष्ट में उल्लेखित सड़कों की स्थिति निर्धारित मानक स्तर पर हैं। आवश्यकतानुसार इनका संधारण निर्धारित मानक स्तर के बाहर आने पर किया जाता हैं। 207 सड़कें गारंटी अवधि में पूर्ण होकर 5 वर्ष पश्चात्‌ संधारण में है तथा 20 सड़कें 10 वर्ष की अवधि पूर्ण कर संधारण अवधि में है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

वन समितियों द्वारा कराये गये कार्य

[वन]

13. ( क्र. 2143 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) वनमण्‍डल झाबुआ में कितनी वन समितियां रजिस्‍टर्ड की गई हैं? परिक्षेत्रवार समितियों की सूची बतावें। (ख) समितियों के खाते में वर्ष 2014-15 से 2015-16 में कितनी-कितनी राशि जमा कराई गई? (ग) समितियों के माध्‍यम से समिति क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य कराये गये? कार्यवार उनमें कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? (घ) समितियों में कराये गये कार्यों का सत्‍यापन               (ख) अवधि में कब-कब किस-किस समिति का गठन कर कराया गया? पूर्ण जानकारी देवें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 292 वन समितियाँ गठित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) वनमण्‍डल झाबुआ में वर्ष 2014-15 से 2015-16 में समितियों द्वारा कराये गये कार्यों के सत्‍यापन हेतु कोई विभागीय समिति गठित नहीं है। अपितु सत्‍यापन कार्य उपवनमण्‍डलाधिकारी झाबुआ द्वारा किया गया है। कार्य के सत्‍यापन बाबत् विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

परफॉर्मेंस ग्रांट एवं हितग्राही मूलक योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

14. ( क्र. 2611 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में वर्ष २०१४-१५, २०१५-१६, २०१६-१७ में परफार्मेन्‍स ग्रांट से कितनी पंचायतों में राशि प्रदान की गई सूची उपलब्‍ध करावें। जिन पंचायतों को राशि वितरित की गई उक्‍त वर्षों में उन पंचायतों में क्‍या-क्‍या कार्य किये गये एवं इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्‍या है वर्षवार, कार्य, राशि सहित पंचायत वार जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र में हितग्राही मूलक योजना में कूप निर्माण, मेढ़बंधान, केटल शेड, हेतु उक्‍त वर्षों में कौन-कौन सी पंचायत में कितनी राशि के कार्य स्‍वीकृत किये गये? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में जिन कार्यों के लिए राशि जारी की गई उनमें कितने कार्य पूर्ण अपूर्ण एवं कितने अप्रारम्‍भ है संख्‍या देवें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कालम 7 अनुसार

मेन्‍टेनेंस एवं मॉडल रोड

[नगरीय विकास एवं आवास]

15. ( क्र. 2612 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरपालिका परिषद गोटेगांव जिला नरसिंहपुर में वर्ष २०१३-१४,२०१४-१५, २०१५-१६, २०१६-१७ में स्‍वच्‍छता व्‍यवस्‍था, विद्युत व्‍यवस्‍था एवं आफिस मेन्‍टेनेंस के नाम पर              किस-किस मद से कितनी राशि निकाली गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्‍वच्‍छता अभियान को लेकर किस किस मद में कितनी राशि व्‍यय की गई? नगरपालिका में मॉडल रोड निर्माण की स्‍वीकृति कब एवं कितनी राशि की, की गई? इसके पूर्ण होने की समय-सीमा क्‍या है? स्‍वीकृत राशि में कौन-कौन से कार्य प्रस्‍तावित थे? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक रोड निर्माण में कौन-कौन सी मदों में कितनी राशि व्‍यय की गई? समय-सीमा में कार्य पूर्ण क्‍यों नहीं हुआ एवं कब तक पूर्ण हो जावेगा? कार्य समय-सीमा में पूर्ण न हो पाने पर क्‍या विभाग इसकी जाँच करवायेगा यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मॉडल रोड की स्‍वीकृति 31.05.2013 को राशि रू. 201.76 लाख स्‍वीकृत की गई। पूर्ण होने की तिथि मार्च 2017 है। स्‍वीकृति राशि में रोड चौड़ीकरण, फुटपाथ डिवाइडर, कल्‍वर्ट, नाली विद्युतीकरण कार्य प्रस्‍तावित थे।  (ग) जाँच कराई जा रही है।

परिशिष्ट - ''दो''

निर्माण कार्यों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

16. ( क्र. 2754 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में पंच-परमेश्‍वर योजनान्‍तर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने कार्य कितनी राशि के कराये गये? विकासखण्‍डवार एवं वर्षवार ब्‍यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रचलित कार्य में से कितने कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण है तथा अपूर्ण कार्यों में वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का ब्‍यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से पूर्ण किये बिना अथवा कार्य प्रारंभ किये बिना कार्य से अधिक राशि का भु्गतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का ब्‍यौरा देवें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत कार्यों में अनियमितता और भ्रष्‍टाचार की कितनी शिकायतें जिला स्‍तर पर प्राप्‍त हुई? शिकायतों का विवरण देते हुये बतावें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच कराई गई एवं जाँच के पश्चात् क्‍या कार्यवाही की गई?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार(ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

निर्माण कार्यों की राशि का पुन: आवंटन

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

17. ( क्र. 3081 ) श्री तरूण भनोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने अपने पत्र क्र. 1737 दिनांक 24.12.2014 एवं पत्र क्रमांक 3472 दिनांक 19.12.2015 को प्रमुख सचिव, आयुक्‍त एवं मान. मंत्री महोदय योजना आर्थिक और सांख्यिकी म.प्र. शासन को पश्चिम विधान सभा क्षेत्र जबलपुर अंतर्गत वर्ष 2012-13 एवं वर्ष 2014 में विधायक निधि से निरस्‍त किये गये निर्माण कार्यों की राशि के पुन: आवंटन हेतु पत्र का लेख किया था? (ख) यदि वर्णित (क) हां, तो विभाग द्वारा वर्णित (क) के वर्षों में निरस्‍त की गई विधायक निधि की राशि के पुन: आवंटन हेतु क्‍या कार्यवाही की? (ग) वर्णित (क) की राशि के पुन: आवंटन के प्रकरण को क्‍यों लंबित रखा जा रहा व इसका कौन दोषी है? (घ) कब तक वर्णित (क) की राशि का पुन: आवंटन कर दी जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) नियमानुसार राशि पुनः आवंटित न किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नियमानुसार पूर्व में निर्वाचित मान. विधायक की राशि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जबलपुर को आवंटित की गई थी। परन्तु आगामी विधानसभा निर्वाचन में मान. विधायक निर्वाचित न होने के कारण कलेक्टर जबलपुर द्वारा उक्त कार्यों को निरस्त किया जा चुका था। वित्तीय वर्ष के समाप्त होने के कारण राशि लैप्स हो गई। (घ) नियमानुसार राशि आवंटित न किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

गरीबों के लिये आरक्षित भूमि पर अतिक्रमण

[नगरीय विकास एवं आवास]

18. ( क्र. 3085 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर के आधिपत्‍य की शासकीय शिक्षक कर्मचारी गृह निर्माण समिति की अल्‍प आय वर्ग हेतु आरक्षित 19200 वर्ग फीट भूमि में कितनी-कितनी भूमि पर           किन-किन लोगों द्वारा अनाधिकृत कब्‍जा/अतिक्रमण अवैध निर्माण किया गया है? जानकारी वर्ष 31/1/2017 की स्थिति में दें। उपरोक्‍त अतिक्रमण कब तक हटवाया जावेगा? (ख) वर्णित (क) की समिति के प्रभारी अधिकारी के कार्यकाल में हुये उपरोक्‍त अतिक्रमण/अवैध निर्माण व कब्‍जे की जानकारी प्रभारी अधिकारी जिला पंजीयक सहकारिता जबलपुर द्वारा नगर निगम जबलपुर को सूचना कब-कब दी गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन शासकीय शिक्षक गृह निर्माण समिति, जिला पंजीयक सहकारिता, जबलपुर के अधीन है तथा प्रश्‍नांकित अल्प आय वर्ग हेतु आरक्षित 19200 वर्गफिट भूमि पर उल्लेखित अतिक्रमण/अवैध निर्माण के संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही हेतु उपायुक्त उप पंजीयक, सहकारिता, जबलपुर को कार्यपालन यंत्री (कालोनी सेल), नगर निगम जबलपुर द्वारा पत्र क्रमांक 149 दिनांक 27.07.15 भेजा गया था और इस संबंध में उप पंजीयक, सहकारिता, जबलपुर के पत्र दिनांक 15.03.17 द्वारा कार्यपालन यंत्री, नगर निगम, जबलपुर को सूचित किया गया है कि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुभाग कोतवाली, जबलपुर को सीमांकन हेतु पत्र प्रेषित किया गया है और तहसीलदार नजूल कोतवाली के पत्र क्रमांक 287 दिनांक 03.02.17 द्वारा भूमि का सीमांकन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु दल का गठन किया गया है। इस प्रकार प्रश्नांकित जानकारी गठित दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार अग्रिम आवश्‍यक कार्यवाही संबंधित सहकारिता विभाग, जबलपुर द्वारा की जा रही है। (ख) समिति के प्रभारी अधिकारी के कार्यकाल में हुए उपरोक्त अतिक्रमण/अवैध निर्माण व कब्जे की जानकारी प्रभारी अधिकारी जिला पंजीयक सहकारिता जबलपुर द्वारा नगर निगम जबलपुर को प्राप्त नहीं हुई थी। दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार के आधार पर नगर निगम द्वारा संज्ञान लिया जाकर उपायुक्त सहकारिता एवं तहसीलदार नजूल कोतवाली को प्रश्नांश में वर्णित पत्र प्रेषित किये गये थे।

मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

19. ( क्र. 3566 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश में ग्रेबल सड़कों को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिये मुख्यमंत्री सड़क योजना संचालित है? यदि हाँ, तो हरदा जिले में उक्त योजना से प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों को पक्की सड़कों से जोड़ा गया व इस कार्य हेतु कुल कितनी राशि व्यय की गई? विधानसभा क्षेत्रवार बतायें। (ख) हरदा विधानसभा क्षेत्र में उक्त योजना के प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई? स्वीकृति दिनांक, सड़क का नाम, स्वीकृत राशि, व्यय की गई राशि, कार्य की वर्तमान स्थिति एवं कार्य एजेन्सी का नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत सड़कों में से कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं एवं सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? इसके लिये कौन जवाबदार है? (घ) आगामी वर्षों में उक्त योजनांतर्गत हरदा जिले में कौन-कौन से सड़क मार्गों के निर्माण किये जाने की योजना है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। संबंधित ठेकेदार। (घ) ऐसे कोई प्रस्‍ताव आज की तिथि में विचाराधीन नहीं है।

नवीन महाविद्यायल की स्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

20. ( क्र. 3797 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अशोक नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शाढौरा तहसील मुख्‍यालय पर वर्तमान में एक भी शासकीय महाविद्यालय संचालित नहीं है? (ख) क्‍या उक्‍त कारण से ही प्रतिवर्ष शाढौरा क्षेत्र के सैकड़ों विद्यार्थी प्रतिवर्ष इण्‍टर मिडिएट की शिक्षा उत्‍तीर्ण करने के उपरांत कॉलेज शिक्षा हेतु या तो 15-20 कि.मी. की दूरी तय करके अशोकनगर महाविद्यालय में अथवा अन्‍यत्र जिलों के कॉलेजों में एडमिशन लेने को विवश होते हैं? (ग) क्‍या कुछ छात्र-छात्रायें जिनके माता-पिता अपने बेटे-बेटियों को गरीबी तथा अन्‍य कारणें से अन्‍यत्र नहीं भेज पाते हैं वो छात्र-छात्रायें कॉलेज शिक्षा से वंचित होकर घर बैठ जाते हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या शासन शाढौरा के विद्यार्थियों को शाढौरा तहसील मुख्‍यालय पर ही कॉलेज शिक्षा की सुविधा उपलब्‍ध कराने हेतु नवीन महाविद्यालय की स्‍थापना करने हेतु गंभीरता से विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। मात्र 15 कि.मी. की दूरी पर ही एक शासकीय नेहरू महाविद्यालय अशोकनगर तथा पाँच अशासकीय महाविद्यालय (1) एक्‍सीलेंसी कॉलेज अशोकनगर (2) युवा महाविद्यालय अशोकनगर (3) श्री वर्धमान कन्‍या महाविद्यालय अशोकनगर (4) श्री द्वारिका प्रसाद यादव महाविद्यालय, अशोकनगर (5) एस.पी.एस. महाविद्यालय अशोकनगर संचालित है जहाँ विद्यार्थी अध्‍ययन कर सकते हैं।                   (घ) सीमित वित्‍तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए शाढौरा तहसील मुख्‍यालय में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वाले परिवार

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

21. ( क्र. 3871 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) पन्‍ना‍ जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वाले परिवारों की कुल संख्‍या कितनी-कितनी है? ग्रामवार, जनपदवार संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध करावें।             (ख) विगत 5 वर्षों में प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों में गरीबी रेखा के नीचे यापन करने वाले परिवारों का सर्वे कब तक किया गया? इसके क्‍या मापदण्‍ड व प्रक्रिया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार क्‍या उक्‍त परिवारों के सर्वे समय-समय पर किये गये हैं? हां, तो दिनांकवार बतायें, आगामी सर्वे कब-तक किया जाना है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) प्रथम सर्वे वर्ष 2002-03 में किया गया था। इसके पश्चात् प्रश्‍नांकित कार्यवाही एक सतत् प्रकिया के तहत की जा रही हैं। मापदण्ड व प्रकिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मध्‍यान्‍ह भोजन में अग्रिम राशि

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

22. ( क्र. 3877 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या मध्‍यान्‍ह भोजन संचालन के लिये समूहों अथवा संचालनकर्ता को अग्रिम राशि दिये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो जिला पन्‍ना अंतर्गत 2015-2016 एवं 2016-2017 में कितनी -कितनी राशि वर्षवार एवं किस अवधि के लिये दी गई है? (ख) यदि नहीं, तो जिला पंचायत, पन्‍ना को शासन से राशि प्राप्‍त होने के बावजूद 2015-2016 एवं 2016-2017 में संचालनकर्ता/समूहों को कब             कितनी-कितनी राशि किस-किस अवधि के लिये दी गई है? (ग) क्‍या समूहों/संचालनकर्ता के पास एम.एम.डी. की राशि शेष न होने के बावजूद एम.एम.डी. संचालित रखा जाता है और विभाग द्वारा राशि होने के बावजूद समय से राशि प्रदाय नहीं की जाती है और यदि ऐसा नहीं है, तो प्रमाण सहित जानकारी बतावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। उपलब्ध कराई गई राशि का विवरण उत्तरांश (क) में संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तीन''

 

स्कूल परिसरों में दुकानों का निर्माण किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

23. ( क्र. 3948 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या हरदा नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत प्राथमिक शाला भवन के परिसर में व्यवसायिक दुकानों का निर्माण कर उसे विक्रय किया गया है अथवा किराये से दिया गया है?                (ख) यदि हाँ, तो क्या स्कूल परिसर में नगर पालिका परिषद हरदा द्वारा दुकानों का निर्माण कर मा. उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो नगर पालिका परिषद हरदा द्वारा मा. उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या नगर पालिका परिषद हरदा द्वारा मा. उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों की अवहेलना किये जाने वाले दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, दुकानों की सार्वजनिक नीलामी कर विक्रय किया गया तथा विक्रय उपरांत मासिक किराया एवं सेवाकर भी वसूल किया जा रहा है। (ख) नगर पालिका परिषद, हरदा के स्‍कूल परिसर में निर्मित दुकानों के संबंध में माननीय उच्‍च न्‍यायालय में ना तो कोई प्रकरण लंबित है और न ही विचाराधीन है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश '' एवं '' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

इन्दौर शहर अंतर्गत मांस, मछली, चिकन आदि के विक्रय पूर्व की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

24. ( क्र. 3968 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम द्वारा इन्दौर शहर अंतर्गत मांस, मछली, चिकन आदि विक्रय हेतु किन नियमों/शर्तों के तहत् लायसेंस प्रदाय किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो मांस, मछली, चिकन आदि विक्रय दुकानों पर बिक्री के पूर्व मांस के परीक्षण की प्रक्रिया क्या है? नगर पालिक निगम में किन अधिकारि‍यों द्वारा मांस का परीक्षण किया जाता है? पिछले 03 वर्षों में किन-किन अधिकारि‍यों/कर्मचारीयों द्वारा कब-कब परीक्षण/निरीक्षण किया गया?                (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में निगम सीमा अंतर्गत मांस विक्रय दुकानों पर नियमित जाँच की जाती है? यदि हाँ, तो इन्दौर शहर अंतर्गत किन-किन मांस विक्रय दुकानों पर अनियमितताएं पाई गई तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो नियमित जाँच न करने के कारण स्‍पष्‍ट करें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 257 तथा नगर पालिक निगम, इंदौर उपविधि के नियमों/शर्तों के अधीन मांस, मछली, चिकन आदि विक्रय के लायसेंस प्रदाय किये जाते है। (ख) मांस, मछली, चिकन आदि विक्रय दुकानों पर बिक्री के पूर्व एण्टीमार्टम एवं पोस्‍टमार्टम उपरांत मध्‍यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के अंतर्गत इंदौर नगर पालिक निगम मांस विक्रय उपविधियां 1969 के नियमों/ शर्तों के अनुसार प्रक्रिया अपनाई जाती है। नगर पालिक निगम इंदौर में डॉ. उत्‍तम यादव पशु चिकित्‍सक द्वारा परीक्षण/निरीक्षण किया जाता है। पिछले 3 वर्षो में डॉ. उत्‍तम यादव, पशु चिकित्‍सक द्वारा नियमित रूप से परीक्षण/निरीक्षण प्रतिदिन क्षेत्रवार किया जाता है। (ग) जी हॉ, अनियमितता पाये जाने वाले मांस विक्रय दुकानों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। जिन मांस विक्रय की दुकानों/संचालकों पर कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। कार्यवाही /चालान कोर्ट में प्रस्‍तुत किया जाता है, शेष जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट - ''चार''

जिला पंचायत गुना में वाहन किराये पर लगाये जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

25. ( क्र. 3988 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्या जिला पंचायत गुना में वित्त विभाग म.प्र. शासन के ज्ञापन क्रमांक एफ-11-16/2012/ नियम/चार, दिनांक 24.12.2013 में निहित प्रावधानों के अनुसार कितने वाहन कब-कब मासिक दर से किराये पर लिये गये हैं? प्रति वाहनवार जानकारी दें। प्रत्येक वाहन का किस-किस अधिकारी/ प्रतिनिधि द्वारा उपयोग किया जाता है उसका भी स्पष्ट विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित ज्ञापन के अनुसार कितने वाहन किराये पर लेने की स्वीकृति वित्त विभाग से प्राप्त की गई? क्या वाहन किराये पर लेने हेतु मासिक दरें सर्विस टैक्स हेतु पंजीकृत फर्मों से निविदाएं प्राप्त की गईं? वाहन उपलब्ध कराने वाली फर्म क्या सेवाकर का भुगतान करती है अथवा नहीं? सर्विस टैक्स जिला पंचायत द्वारा काटा जाता है अथवा नहीं? (ग) क्या वाहन उपलब्ध कराने वाली फर्म एवं वाहन क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में रजिस्टर्ड है अथवा नहीं? क्या निविदाओं में फिक्स एवं वेरीएबल चार्ज का प्रावधान रखते हुये पृथक-पृथक प्राप्त की गईं हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उल्लंघन कर मासिक दर पर किराये से वाहन लगाये जाने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वाहनवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                (ख) योजनाओं में शासन निर्देशों के क्रम में 4 वाहन किराये पर लिये गये है। ज्ञापन में राज्य/केन्द्र सरकार के समस्त टैक्स जमा करने वाली फर्मों से निविदाएं आमंत्रित की गयी है। प्रावधान अनुसार सर्विस टैक्स सेवादाता द्वारा जमा किया जावेगा। (ग) उक्त वाहन क्षेत्रीय परिवहन में रजिस्टर्ड है। निविदा शर्तों में फिक्स एवं वेरीएबल चार्ज का प्रावधान नहीं किया गया है। संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। (घ) प्रश्नांश '''' एवं '''' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''पाँच''

उपस्‍कर स्‍वीकृति आदेश

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

26. ( क्र. 4047 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) भिण्‍ड जिले के अंतर्गत विद्यालयों में विधायक निधि से प्‍लास्टिक, लकड़ी और लोहे के फर्नीचर/उपकरण देने के लिए क्‍या प्रावधान निहित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्‍नांश दिनांक तक किस विद्यालय और संस्‍था को किस आदेश से किस एजेंसी से फर्नीचर/ उपकरण प्रदाय किया गया है? किस स्‍तर के अधिकारी द्वारा कब आदेश जारी किया गया?               (ग) प्रश्‍नांश दिनांक तक कौन से प्रकरण स्‍वीकृति की अपेक्षा में लंबित हैं कब तक स्‍वीकृति जारी की जावेगी? (घ) क्‍या मापदण्‍डों के अनुसार कार्यादेश जारी किए गए हैं तथा किसी भी प्रकार नियम के प्रतिकूल कार्यवाही नहीं हुई?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) शिक्षण संस्थाओं के लिये फर्नीचर/टाट पट्टी प्रदाय करने का प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ग) प्रश्न दिनांक तक कोई प्रकरण लंबित न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका के अनुरूप ही कार्य स्वीकृत किये गये है।

परिशिष्ट - ''छ:''

निलंबित से बहाली

[उच्च शिक्षा]

27. ( क्र. 4048 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले अंतर्गत उच्‍च शिक्षा विभाग में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को वर्ष 01.01.2013 से 15.02.2017 तक निलंबित, विभागीय जाँच संस्‍थापित की गई? कब बहाल किया गया? कब जाँच पूर्ण हुई? कौन सा दण्‍ड दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किसका स्‍थानान्‍तरण किया गया, किसका वेतन रोका गया, वेतन आहरण किया गया? आहरण नहीं किया गया तो इसके क्‍या कारण हैं कौन दोषी हैं? क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत किस स्‍तर के अधिकारी द्वारा प्रश्नांश (क) वर्षों में कब निरीक्षण किया गया? विवरण दें।               (घ) विभागीय जाँच संस्‍थापित कर कितने समय में पूर्ण हो जानी चाहिए? शासन के क्‍या मापदण्‍ड हैं? छायाप्रति सहित जानकारी दें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रश्नांश की समग्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' पर है। (ख) प्रश्नांश '' के संदर्भ में किसी का स्थानान्तरण नहीं किये जाने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 01.01.2013 से 15.02.2017 तक किसी अधिकारी द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया। (घ) सामान्यतः 01 वर्ष में विभागीय जाँच पूर्ण होना चाहिये। मापदण्ड संबंधी नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' पर है।

बालिका छात्रावास प्रारंभ करना

[उच्च शिक्षा]

28. ( क्र. 4178 ) श्री अनिल जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय निवाड़ी में स्थित छात्रावास भवन का लोकार्पण किस दिनांक और किसके द्वारा किया गया था? (ख) क्‍या छात्रावास में छात्राओं को रहने के लिये दी जाने वाली सुविधाओं जैसे पंलग, फर्नीचर आदि की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं? (ग) यदि नहीं, तो कब तक कर ली जायेगी और कब तक छात्रावास प्रारम्‍भ हो जायेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, निवाड़ी में स्थित बालिका छात्रावास भवन का लोकार्पण दिनांक 14.02.2015 को माननीय प्रभारी मंत्री, भूपेन्द्र सिंह जी द्वारा किया गया था। (ख) जी नहीं। 25 पलंग क्रय किये जा चुके हैं। शेष सुविधायें फर्नीचर आदि की व्यवस्था हेतु कार्यवाही की जा रही है। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

अवैध रेत खनन

[खनिज साधन]

29. ( क्र. 4188 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले तथा रतलाम जिले के जावरा एवं पिपलौदा तहसील में विगत 3 वर्ष में अवैध खनन (रेत आदि) परिवहन के कितने-कितने प्रकरण किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस व्‍यक्ति के विरूद्ध बनाये हैं व कितनी-कितनी मात्रा में खनिज, रेत, मिट्टी, मुर्रम आदि जप्‍त किया गया? ग्रामवार वाहन क्रमांक एवं वाहन मालिक एवं जप्‍त की गई मात्रा का दिनांकवार विवरण देते हुए बतायें कि उक्‍त जप्‍त खनिज रेत आदि का शासन द्वारा क्‍या उपयोग किया गया व किस नियम के अंतर्गत नियम की प्रति उपलब्‍ध करते हुये उपलब्‍ध करावें? क्‍या विक्रय की गई है? (ख) किन-किन व्‍यक्तियों को अवैध परिवहन करते हुये पकड़ा उन पर प्रश्‍न दिनांक तक             क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 में प्रावधान है कि अवैध परिवहन करते पकड़े गये वाहनों के संबंध में संबंधित मजिस्‍ट्रेट को सूचना दिये जाने या रिपोर्ट प्रस्‍तुत किये जाने के प्रावधान हैं यदि हाँ, तो कब कब सूचना दी गई व रिपोर्ट पेश की गई? (घ) जप्‍त सामग्री को कहाँ रखा गया है व क्‍या उपयोग किया गया? क्‍या उक्‍त जप्‍त सामग्री का विक्रय कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस को कितनी-कितनी मात्रा में व किस नियम के अंतर्गत? विवरण दें। क्‍या ग्रीन ट्रिब्‍यूनल को व पर्यावरण विभाग के नियमों के उल्‍लंघन पर अलग से जुर्माना व सजा अलग से आरोपित कर प्रकरण ग्रीन ट्रिब्‍यूनल व पर्यावरण विभाग को भेजने पर विचार करेंगे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नानुसार अवैध खनन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर एवं अवैध परिवहन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। वाहन मालिक की जानकारी संधारित किये जाने का प्रावधान नहीं है। जब्‍त खनिज को अर्थदण्‍ड की राशि जमा होने के उपरांत संबंधितों को सुपुर्दगी में दिया गया है। इसका विक्रय नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। (ग) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 (1) के तहत अवैध उत्‍खनन/परिवहन के प्रकरणों के संबंध में संबंधित मजिस्‍ट्रेट को विचारण की शक्तियां प्राप्‍त हैं। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 (5) के तहत प्रकरण में प्रशमन कर जुर्माना राशि जमा कराई गई है। अत: नियम 53 (1) के तहत संबंधित मजिस्‍ट्रेट के समक्ष प्रकरण प्रस्‍तुत नहीं किये गये हैं। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर अनुसार अर्थदण्‍ड जमा होने के उपरांत जब्‍त खनिज को संबंधितों को सुपुर्दगी में दिया गया है। अत: प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। प्रश्‍नानुसार कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

उद्यानों में अतिक्रमण

[नगरीय विकास एवं आवास]

30. ( क्र. 4194 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर पालिक निगम को निगम सीमा अंतर्गत कहीं पर उद्यानों में पिछले वर्षों में (5 वर्ष) अतिक्रमण कर बहुमंजिला भवन/भवन बनाये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है?                   (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर उद्यानों की जमीनों पर बहुमंजिला भवन निर्माण की शिकायतें प्राप्त हुई थी वर्ष 2007-08 में नगर पालिक निगम द्वारा निविदा क्र 112 सी.ई. बिल सेक्शन जनकार्य विभाग के माध्यम से उद्यानों के सौन्दर्यीकरण योजनांतर्गत उद्यानों के निर्माण में कौन से 02 उद्यान का निर्माण किया जाना शेष था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या इन 02 उद्यानों में ही अतिक्रमण की शिकायत आई थी? यदि हाँ, तो क्या अतिक्रमणकर्ताओं पर कोई कार्यवाही की जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, इंदौर की सीमा अंतर्गत उद्यानों में अतिक्रमण कर बहुमंजिला भवन बनाये जाने की गत 05 वर्षों में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं। निविदा क्रमांक 112-सी.ई./बिल सेक्‍शन/जनकार्य विभाग में से दो उद्यान, 1- रेवेन्‍यु नगर बिचौली हप्‍सी रोड मकान न. 127 के सामने उद्यान की कम्‍पाउण्‍ड वाल एवं पाथवे का निर्माण तथा 2- न्‍यू पलासिया मकान न. 6/4 के सामने स्थित उद्यान के शेष भाग में कम्‍पाउण्‍ड वॉल एवं अंदर पाथवे का निर्माण किया जाना शेष था। (ग) उत्‍तारांश '''' में उल्‍लेखित दो उद्यानों में स्‍थायी अतिक्रमण की कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

महाविद्यालय खोले जाना

[उच्च शिक्षा]

31. ( क्र. 4222 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सीधी जिले में विकासखण्‍ड सिहावल अंतर्गत तहसील बहरी में महाविद्यालय की आवश्‍यकता है? आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र होने के कारण कब तक महाविद्यालय खोला जावेगा?                (ख) प्रश्नांश (क) कब तक बहरी में महाविद्यालय खोला जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में विगत 3 वर्षों में क्षेत्रीय विधायक सिहावल द्वारा ज्ञापन देकर उच्‍च स्‍तर पर कितने बार प्रयास किया गया है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। बहरी से 01 कि.मी. दूरी पर अशासकीय मुकुन्‍द महाविद्यालय, बहरी, 02 कि.मी. दूरी पर अशासकीय सोनांचल महाविद्यालय बहरी, 27 कि.मी. दूरी पर शासकीय महाविद्यालय देवसर तथा 30 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय सिंहावल संचालित है, जहां पर विद्यार्थी अध्‍ययन कर सकते हैं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है।

पंचायत निर्वाचन 2014-15 का टेन्‍ट हाऊसों का लंबित भुगतान

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

32. ( क्र. 4223 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) त्रिस्‍तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2014-15 में दिनांक 07.01.2015, 22.12.2014, 11.01.2015, 13.01.2015, 01.02.2015, 02.02.2015 एवं 05.02.2015 को रिटर्निंग ऑफिसर सिहावल के आदेशानुसार निर्वाचन प्रक्रिया के संचालन हेतु मिश्रा टेन्‍ट हाउस सिहावल का टेन्‍ट लगवाया गया था जिसका कुल खर्च 2004900.00 रूपये (बीस लाख चार हजार नौ सौ) था? उक्‍त राशि में मिश्रा टेन्‍ट हाउस को अभी तक कितनी राशि का भुगतान किया गया है तथा कितना भुगतान लंबित है? (ख) क्‍या बकाया राशि दो वर्षों से भुगतान नहीं की जा रही है? विलंब का क्‍या कारण है जबकि 5 बार सी.एम. हेल्‍पलाइन एवं चार बार जनसुनवाई कलेक्‍टर सीधी और 2 बार पी.जी.आर. किया गया? क्‍या जाँच कराकर लंबित भुगतान कराते हुए विलंबकर्ताओं से ब्‍याज सहित वसूली की जाएगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। रूपये 876700.00 का भुगतान दिनांक 16.03.2016 को किया जा चुका है। मिश्रा टेन्ट हाउस के कोई देयक उक्त कार्य से संबंधित भुगतान हेतु लंबित नहीं है। (ख) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सीधी जिले में जनपदवार योजनाओं में स्‍वीकृत आवास

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

33. ( क्र. 4225 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) सीधी जिले में जनपदवार वर्गवार कितने हितग्राहियों को इन्दिरा एवं मुख्‍यमंत्री आवास योजनाओं के तहत वर्ष 2011-12 से प्रश्‍न दिनांक तक आवास स्‍वीकृत किये गये? कितनों को प्रथम किश्‍त प्रदाय की गयी है और कितनों को प्रदाय किया जाना शेष है? भुगतान की समय-सीमा बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अतिवृष्टि से बाढ़ एवं प्राकृतिक आपदा प्रश्नांश (क) योजना एवं वर्ष में कुल कितने ग्रामों में आवास नष्‍ट हो गये हैं? उन्‍हें तत्‍काल राहत देने के लिए क्‍या प्रावधान किये गये हैं? जनपदवार ऐसे कितने हितग्राहियों को चिन्‍हांकित किया गया है जिन्‍हें आवास व अन्‍य लाभ दिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या हितग्राहियों को द्वितीय किश्‍त दिये जाने में काफी विलंब किया जाता है? यदि हाँ, तो क्‍या इसकी जाँच कराई जाकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अतिवृष्टि‍बाढ़ एवं प्राकृतिक आपदा से प्रश्‍नांश ’’ में निर्मित आवासों के नष्‍ट होने की सूचना नहीं है। शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सात''

अव्यवस्थित मध्यान्ह भोजन कक्षों का व्‍यवस्‍थापन

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

34. ( क्र. 4265 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत मध्यान्ह भोजन हेतु शालाओं में अव्यवस्थित भोजन कक्ष है? (ख) क्या अधिकांश भोजन कक्ष जर्जर हालत में है एवं स्वच्छ‍ता का अभाव है? (ग) क्या एक ही परिसर में स्थित प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के भोजन कक्ष अलग-अलग हैं? (घ) क्या भोजन कक्षों को प्राथमिकता के आधार पर व्यवस्थित किया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में उत्तर निरंक है।

मुख्यमंत्री आवास योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

35. ( क्र. 4266 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री आवास निर्माण के लिये बैंकों द्वारा ऋण एवं अनुदान स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक जबलपुर जिलों में कितने हितग्राहियों को बैंकों से ऋण एवं अनुदान स्वीकृत किया गया है? (ग) बैंक से ऋण एवं अनुदान स्वीकृत नहीं किये गये हितग्राहियों की कारण सहित जानकारी देवें. (घ) क्या बैंक केवल उन्हीं हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत करता है, जिनके पास ऋण राशि के बराबर फिक्स्‍ड डिपॉजिट या जमीन जायजाद हो?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 15,346 हितग्राहियों को बैंकों द्वारा ऋण एवं अनुदान स्वीकृत किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं।

रिक्‍त पदों के विरूद्ध कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

36. ( क्र. 4273 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल में कितने कर्मचारी रिक्‍त पदों के विरूद्ध कार्यरत हैं? कर्मचारी का पद नाम, पद जिसके विरूद्ध पदस्‍थापना की गई है? जानकारी दें। (ख) यदि मूल पदों के विरूद्ध अन्‍य कर्मचारियों की पदस्‍थापना की गई है तो क्‍या विभाग को मूल पदों की आवश्‍यकता नहीं है? (ग) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल में कार्यरत ऐसे कर्मचारियों के नाम व पद नाम जो पिछले सात वर्षों से एक ही स्‍थान पर पदस्‍थ हैं सूची उपलब्‍ध करावें। (घ) वर्ष 2016 में नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल में पदस्‍थ किन-किन कर्मचारियों पर भ्रष्‍टाचार संबंधी लिखित शिकायतें दर्ज की गई एवं उन शिकायतों पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय भोपाल में स्वीकृत पद, रिक्त पद एवं कार्यरत कर्मचारियों की सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जी नहीं। नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय भोपाल में जिन कर्मचारियों को मूल पद के विरूद्ध पदस्थ किया गया है वह कार्यालय में कर्मचारियों की कमी, कार्य की अधिकता एवं व्यवहारिकता के आधार पर की गई है। (ग) सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (घ) वर्ष 2016 में नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय भोपाल में पदस्थ श्रीमती सुनीता बाथम, सहायक मानचित्रकार के विरूद्ध भ्रष्टाचार संबधी एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई, जिसके संबध में शिकायकर्ता को दस्तावेज उपलब्ध कराने हेतु पत्र लिखा गया था। शिकायतकर्ता द्वारादर्शित पता गलत पाया गया। शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत में दर्शित कार्य के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण प्रकरण में जाँच किया जाना संभव नहीं था। इस संबध में जिला कार्यालय भोपाल को निर्देशित किया गया है कि कार्यालय में प्राप्त प्रकरणों की समय-समय पर समीक्षा की जावे एवं जनसामान्य को कार्य में कोई असुविधा न हो इस बाबत् समुचित कार्यवाही की जावे।

परिशिष्ट - ''आठ''

खनिजों की दोहरी व्यवस्था को एक करना

[खनिज साधन]

37. ( क्र. 4294 ) श्री मोती कश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या‍ भारत सरकार की दिनांक 10-2-2015 की किसी अधिसूचना द्वारा किन्हीं 31 मिनरलों को गौण खनिज के रूप में घोषि‍त किया गया है? (ख) क्या‍ विभाग ने जिला कटनी के किन स्वीकृत पट्टे के खनिजों को मेजर मिनरल की श्रेणी में रखा है एवं उनमें से कौन प्रश्नांश (क) मिनरल में सम्मिलित हो चुके हैं और जिससे अब उनका स्वीकृत पट्टा किस मिनरल के अंतर्गत माना जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के मेजर एवं माइनर मिनरल के माइनिंग प्लान (IBM) प्रस्तुति एवं पर्यावर्णीय स्वीकृति किन-किन संस्‍थाओं से प्राप्त होती है? (घ) प्रश्नांश (ग) हेतु दो माइनिंग प्लान बनाने और दो पर्यावर्णीय स्वीकृति प्राप्त की जाने का औचित्य क्‍या है और क्या इससे पट्टाधारक को असाधारण असुविधा, परिश्रम और विलम्ब भोगने को विवश नहीं होना पड़ता है?       (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्नांश (घ) के माइनिंग प्लान की प्रस्तुति एवं पर्यावर्णीय स्वीकृति प्रश्नांश (ग) की किसी एक संस्था से कराना सुनिश्चित की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 3 (ड.) के अनुसार घोषित गौण खनिज के अतिरिक्‍त शेष अन्‍य खनिज मुख्‍य खनिज होते हैं। इनमें से भारत सरकार की अधि‍सूचना दिनांक 10.02.2015 के अनुसार घोषित खनिज गौण खनिज हैं। इस अधिसूचना के पूर्व इन खनिजों के स्‍वीकृत खनिपट्टे/ पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति गौण खनिज के अंतर्गत मान्‍य होंगे। (ग) मुख्‍य खनिज के खनन योजना का अनुमोदन भारतीय खान ब्‍यूरो, भारत सरकार द्वारा दी जाती है। गौण खनिज के खनन योजना का अनुमोदन संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म, मध्‍यप्रदेश एवं क्षेत्रीय प्रमुख, क्षेत्रीय कार्यालय, संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा दिया जाता है। पर्यावरण स्‍वीकृति य‍था स्थिति, डिया/ सिया द्वारा दी जाती है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दिये उत्‍तर अनुसार खनन योजना का अनुमोदन एवं पर्यावरण स्‍वीकृति प्रदान की जाती है। प्रश्‍नानुसार कोई स्थिति नहीं है। (ड.) प्रश्‍नांश (ग) में दिये उत्‍तर अनुसार मुख्‍य खनिज के खनन योजना का अनुमोदन खनिज (परमाणु तथा हाईड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्‍न) रियायत नियम, 2016 तथा गौण खनिज की खनन योजना का अनुमोदन मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत होता है। पर्यावरण स्‍वीकृति, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसू‍चना दिनांक 14.09.2006 प्रावधानों के तहत दी जाती है। उल्‍लेखित दोनों नियमों एवं अधिसूचना के तहत कार्यवाही किया जाना वैधानिक बाध्‍यता है। अत: प्रश्‍नानुसार कोई कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।

मेट्रो सिटी बसें चरगंवा एवं बरगी तक संचालि‍त करना

[नगरीय विकास एवं आवास]

38. ( क्र. 4469 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि जबलपुर जिले में आवागमन हेतु संचालित जे.सी.टी.एस.एल. की मेट्रों बसों को छात्र-छात्राओं एवं जनहित में ग्राम बरगी एवं ग्राम चरगंवा तक संचालित करने जे.सी.टी.एस.एल. स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : विभाग द्वारा अमृत योजनांतर्गत प्रदेश के 20 शहरों जिसमें जबलपुर भी सम्मिलित है में हब एण्‍ड स्‍पोक मॉडल आधारित बस सेवा संचालन हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। जबलपुर शहर के कलस्‍टर में ग्राम बरगी सम्मिलित हैं। उक्‍त कलस्‍टर अंतर्गत जबलपुर से ग्राम बरगी तक दो मिडी बसों का संचालन किया जाना है। वर्तमान में ग्राम चरगवां के लिए मेट्रो बस संचालित करने की कोई योजना नहीं है।

पुनर्वास योजनान्‍तर्गत चल रही धांधली विषयक

[वन]

39. ( क्र. 4519 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वन क्षेत्रान्‍तर्गत आवासीय बेदखलीय या अतिक्रमण की कार्यवाही के अंतर्गत किस-किस ग्राम में कितने-कितने लोग प्रभावित हुये तथा प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु किस-किस विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही हैं। (ख) विगत 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक बालघाट जिले को पुनर्वास हेतु उक्‍त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस‍-किस कार्य एजेंसी/एन.जी.ओ. को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक का चेक/ड्रॉफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया विधान सभावार वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्‍यौरा देवें।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) बालाघाट जिले के वनक्षेत्रों में प्रश्‍नाधीन कार्यवाही के अंतर्गत किसी भी ग्राम के निवासी प्रभावित नहीं हुये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सिंहस्‍थ 2016 हेतु आवंटित एवं व्‍यय राशि

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

40. ( क्र. 4778 ) श्री अजय सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) सिंहस्‍थ 2016 के लिये विभाग को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य को किये जाने हेतु किस मद में कब-कब आवंटित की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर कब-कब व्‍यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में किस मद की कितनी राशि को दूसरे मद में किन कारणों से कब-कब व्‍यय किया गया? (घ) एक मद में आवंटित राशि को दूसरे में व्‍यय किये जाने हेतु किस-किस सक्षम कार्यालयों की अनापत्ति (एन.ओ.सी.) ली जानी नियमानुसार अत्‍यावश्‍यक थी? सभी एन.ओ.सी. की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नगरीय प्रशासन विभाग से अंतरित विकास आयुक्त कार्यालय को सिंहस्थ-2016 में पंचक्रोशी यात्रा व्यवस्था (ग्रामीण पर्यटन केन्द्र एवं अन्य कार्य) हेतु राशि रूपये 83.66 लाख प्राप्त हुई जो दिनांक 13.01.2016 को जिला पंचायत, उज्जैन को प्रदाय की गई। (ख) जिला पंचायत, उज्जैन द्वारा ग्रामीण पर्यटन केन्द्र, करोहन के निर्माण हेतु राशि रूपये 399705/- एवं उण्डासा के निर्माण हेतु राशि रूपये 267500/- व्यय की गई। (ग) एवं (घ) धनराशि दूसरे मद में व्यय नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सिंहस्‍थ में मदवार हुये व्‍यय की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

41. ( क्र. 4779 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्‍थ 2016 के लिये विभाग को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य को किये जाने हेतु किस मद में कब-कब आवंटित की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में            कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर कब-कब व्‍यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में किस मद की कितनी राशि को दूसरे मद में किन कारणों से कब-कब व्‍यय किया गया? (घ) एक मद में आवंटित राशि को दूसरे में व्‍यय किये जाने हेतु किस-किस सक्षम कार्यालयों की अनापत्ति (एन.ओ.सी.) ली जानी नियमानुसार अत्‍यावश्‍यक थी? ली गई सभी एन.ओ.सी. की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष विभागों से जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) एवं (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।

ओव्‍हर लोडेड ट्रकों/हाईवे पर की गई कार्यवाही की जानकारी

[खनिज साधन]

42. ( क्र. 4784 ) श्री अजय सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक रायसेन, होशंगाबाद, सीहोर व नरसिंहपुर जिले में रेत के ओवर लोडिंग ट्रकों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? माहवार/वषर्वार दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कार्यवाही किये गये ट्रकों के नम्‍बर, ट्रक मालिक के नाम-पते सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत पकड़े गये ट्रकों पर धारावार/माहवार/वर्षवार क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) अवैध परिवहन के प्रकरण अवैध परिवहनकर्ता के विरूद्ध पंजीबद्ध किये जाते हैं। अत: वाहन मालिक के संबंध में जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। प्रश्‍न की शेष जानकारी प्रश्नांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शाई है। (ग) प्रश्‍नानुसार जानकारी प्रश्नांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शाई गई है।

मंदिरों की आय, रख-रखाव तथा जीर्णोद्धार

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

43. ( क्र. 4936 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले में कुल कितने ऐसे मंदिर हैं जिनका प्रबंध धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के द्वारा किया जाता है? (ख) इन मंदिरों से वर्ष २०१४-१५ एवं २०१५-१६ में प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी आय हुई और इनके रख-रखाव तथा जीर्णोद्धार कार्यों पर कितना धन खर्च हुआ है? (ग) धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये उज्जैन जिले में शासन के प्रयासों की जानकारी उपलब्‍ध करावें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जलग्रहण क्षेत्र मिशन अंतर्गत स्‍वीकृत योजनाएं

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

44. ( क्र. 5165 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2013 से दिसम्‍बर 16 तक आष्‍टा विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन सी योजना कितनी-कितनी लागत की स्‍वीकृत की गई है वर्षवार जानकारी देवे। (ख) स्‍वीकृत योजनाओं से कौन-कौन से ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं तथा कितने क्षेत्र में सिंचाई हो रही है? (ग) राशि का व्‍यय विभाग द्वारा किया गया है या समिति द्वारा पूर्ण जानकारी देवें। (घ) भुगतान से लाभांवितों की ग्रामवार, संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 4 एवं 5 अनुसार है। (ग) योजनान्तर्गत स्वीकृत परियोजनाओं के लिए राशी विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई है तथा किये गये कार्यों पर व्यय वाटरशेड डेवलप्मेंट टीमों तथा वाटरशेड समितियों द्वारा किया गया है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 6 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''नौ''

नगर पालिका मकरोनिया द्वारा लगाये गये शिक्षा कर के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

45. ( क्र. 5327 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर संभाग अंतर्गत नगर पालिकाओं में कौन-कौन सी नगर पालिका द्वारा कितना-कितना शिक्षा कर लिया जा रहा है? (ख) यदि सर्वाधिक शिक्षा का मकरोनिया नगर पालिका द्वारा लिया जा रहा है तो क्‍यों? (ग) क्‍या शिक्षा कर के लिये विभाग द्वारा कोई नीति निर्धारित है? (घ) यदि सर्वाधिक शिक्षा कर लिया जा रहा है तो इसके लिये कौन उत्‍तरदायी है एवं क्‍या शिक्षा कर को नगर पालिका द्वारा कम किया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सागर संभाग अंतर्गत नगर पालिकाओं से शिक्षा कर के रूप में वसूल की जाने वाली राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) मध्‍य प्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ 6-18/2012/18-3 भोपाल, दिनांक 31.10.2012 द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार शिक्षा उपकर आरोपित किये जाने हेतु निर्देश जारी किये गये थे, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। निर्देशों के पालन में नगर पालिका परिषद मकरोनिया द्वारा निर्धारित सीमा के अंतर्गत तथा परिषद द्वारा पारित संकल्‍प दिनांक 27.04.2016 के अनुसार वार्षिक भाड़ा मूल्‍य के 5 प्रतिशत की दर से शिक्षा उपकर लिया जा रहा है, जो कि शासन द्वारा निर्धारित मापदण्‍डों के अनुरूप है। परिषद को अधिकार है कि वह अपने स्‍वविवेक से शासन द्वारा निर्धारित अधिकतम 05 प्रतिशत तक वार्षिक भाड़ा मूल्‍य पर शिक्षा उपकर अधिरोपित कर सकती है। संकल्‍प की सत्‍यप्रतिलिपि जनसामान्‍य के अवगतार्थ प्रकाशित अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ, मध्‍य प्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 6-6/2016/18-3 भोपाल दिनांक 26.07.2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) नगर पालिका परिषद मकरोनिया द्वारा शिक्षा उपकर शासन द्वारा निर्धारित सीमा के अंदर लिया जा रहा है। उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मुरैना जिले में लोक कल्‍याण शिविरों का आयोजन

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

46. ( क्र. 5371 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015,2016 में कितने लोक कल्‍याण शिविरों का आयोजन किया गया तथा इन पर कितनी धनराशि खर्च की गई वर्ष बार जानकारी दी जावें? (ख) क्‍या प्रत्‍येक विकास खण्‍ड में माह में एक बार आवश्‍यक रूप से शिविर आयोजित करने का शासन का निर्देश है जिसका पालन नहीं किया जा रहा है क्‍यों तथ्‍यों सहित जानकारी दी जावे? (ग) उक्‍त शिविरों के आयोजनों पर प्रचार प्रसार हेतु क्‍या-क्‍या कार्य किये गये हैं तथा वर्ष 2016 में विकासखण्‍डवार कब-कब लोक कल्‍याण शिविर आयोजित किये एवं कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया संख्‍या सहित जानकारी दी जावे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015-16 में 161 लोक कल्याण शिविरों का आयोजन किया गया। इन पर धनराशी खर्च करने का जिला पंचायत स्तर से कोई प्रावधान नहीं है। अतः जानकारी निरंक है। (ख) शासन निर्देशों का पालन किया जाता है। (ग) उक्त शिविर के आयोजन पर जिला स्तर पर वार्षिक केलेण्डर एवं शिविर से पूर्व ग्राम पंचायतों में कोटवार एवं चैकीदार के द्वारा सम्पूर्ण ग्राम पंचायत में सार्वजानिक रुप से डोडी पिटवाकर प्रचार-प्रसार किया जाता है। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है।

परिशिष्ट - ''दस''

शास. मंदिरों की सम्‍पत्ति पर अतिक्रमण

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

47. ( क्र. 5506 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले में कितने शासकीय मंदिरों की सम्‍पत्ति पर अतिक्रमण है? सूची देवें। अतिक्रमण हटाने की क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ख) रायसेन जिले के कितने धार्मिक न्‍यास पर शास. नियंत्रक नियुक्‍त हैं तथा इन धार्मिक न्‍यास के आय व्‍यय का अंकेक्षण कब तक का हो चुका है? यदि अंकेक्षण नहीं हुआ तो इसके लिये कौन जवाबदार है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

लोक कल्‍याण शिविरों का आयोजन

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

48. ( क्र. 5507 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) रायसेन जिले अंतर्गत किन-किन विकासखंडों में वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक कहाँ-कहाँ लोक कल्‍याण शिविरों का आयोजन किया गया है? इन शिविरों में कितनी शिकायतें शिविर दिनांक को प्राप्‍त हुई थीं, कितनी निराकृत हुई थीं, कितनी शेष थीं? शेष शिकायतों की वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ख) क्‍या 1 जनवरी 2009 के बाद आयोजित लोक कल्‍याण शिविरों में प्राप्‍त होने वाले आवेदनों को कम्‍प्‍यूटराईज्‍ड किये जाने के संबंध में 26 फरवरी 2009 को निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित सभी शिकायतों को कम्‍प्‍यूटराईज्‍ड किया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा अंतर्गत वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक लोक कल्‍याण शिविर प्रत्‍येक माह आयोजित किये गये हैं? यदि हाँ, तो माहवार एवं शिविर आयोजित तिथि सहित, शिविर में प्राप्‍त शिकायतों की संख्‍या एवं शिकायतों को कम्‍प्‍यूटराईज्‍ड किया गया है या नहीं, सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार                 (ख) प्राप्‍त आवेदनों का कम्‍प्‍यूटराईजेशन का कार्य प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी उत्‍तरांश ‘’'' एवं ‘’'' अनुसार।

प्रदेश में बेरोजगारों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए शासन की योजनाएं

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

49. ( क्र. 5552 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बेरोजगारों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए शासन की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जनवरी 2017 तक इन योजनाओं में जिला श्योपुर को कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया वर्षवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में प्रश्नांश (क) की योजनाओं के तहत कितने प्रकरण विभाग द्वारा स्वीकृत कर किस-किस बैंक को भेजे गए एवं कितने-कितने प्रकरणों में किस-किस बैंक द्वारा ऋण स्वीकृत किये गए? कितने निरस्त किये गए एवं कितने प्रकरण किस कारण से लंबित हैं?          (घ) प्रश्नांश (क) की योजनाओं में बैंक द्वारा गारंटी लिए जाने के सम्बन्ध में क्या निर्देश हैं? क्या विभाग द्वारा प्रकरण स्वीकृत किये जाने के बावजूद बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत नहीं किये जाने से बेरोजगारों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पता है? क्या शासन विभाग से स्वीकृत शतप्रतिशत प्रकरणों में बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) प्रदेश में बेरोजगारों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए शासन की निम्न चार योजनाएं संचालित हैः 1. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, 2. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, 3. मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, 4. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जनवरी 2017 तक उक्त योजनाओं में श्योपुर जिले के लिए निम्नानुसार लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

क्रं.

योजना का नाम

लक्ष्य वर्षवार

 

 

2015-16

2016-17

1

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना

15

16

2

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना

421

577

3

मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना

114

296

4

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना

42

30

(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ, , स एवं द अनुसार है। (घ) राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत ''उद्योग एवं सेवा संबंधी इकाई के लिए गारंटी, पात्रतानुसार ऋण गारंटी निधि योजना (CGTMSE) के माध्यम से दिये जाने का प्रावधान है। प्रकरण विभाग द्वारा बैंकों को अनुसंशित किये जाते है तथा बैंकों द्वारा उस पर अंतिम निर्णय लिया जाकर स्वीकृति दी जाती हैं। विगत वर्षों में योजनान्तर्गत शत्प्रतिशत उपलब्धि रही है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

निर्देशों के विपरीत सहायक वन संरक्षक को उपवनमंडल का प्रभार दिया जाना

[वन]

50. ( क्र. 5553 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) क्या मान. उच्च न्यायालय म.प्र. के ऐसे निर्देश हैं कि‍ कोई भी सहायक वन संरक्षक वन विधि एवं लेखा प्रक्रिया परीक्षा उत्तीर्ण किये बिना उप वनमंडल के प्रभार में नहीं रह सकता? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. में ऐसे कितने सहायक वन संरक्षक हैं जो बिना उपरोक्त परीक्षा पास किये वनमंडल के प्रभार में हैं? ये वर्तमान में कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं? क्या यह मान. उच्च न्यायालय की अवमानना नहीं है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मान. उच्च न्यायालय के निर्देशों के विपरीत पदस्थ उक्त अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अशोकनगर जिले में वृक्षारोपण

[वन]

51. ( क्र. 5557 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले के विकासखंड चंदेरी, ईसागढ़ में वर्ष 2012 से 2016 तक कितने वृक्षों का रोपण किया गया है एवं यह वृक्षारोपण इन विकासखंडो में कितने भू-भाग पर किया गया है? (ख) उक्‍त वृक्षारोपण में किस-किस प्रजाति के कितने पौधों का रोपण किया गया है तथा शासन द्वारा इस पर कितनी धनराशि व्‍यय की गई है? व्‍यय की राशि का सत्‍यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया नाम सहित बतावें। (ग) उक्‍त रोपित किये गये पोधौ में वर्तमान में कितने पौधे जीवित अवस्‍था में हैं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''ग्‍यारह''

जनपद पंचायत चंदेरी में हुई अनियमितताओं पर कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

52. ( क्र. 5558 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जनपद पंचायत चंदेरी जिला अशोकनगर में श्री बी.एल. रजक पंचायत समन्‍वयक अधिकारी के पद पर पदस्‍थ है? (ख) यदि हाँ, तो इस अधिकारी के विरूद्ध मुख्‍यमंत्री ग्रामीण मिशन योजना के तहत बिना आवास निर्माण कराये राशि निकालने के आरोप में मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चंदेरी द्वारा कोई प्रतिवेदन कलेक्‍टर जिला अशोकनगर को प्रेषित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चंदेरी द्वारा दिये गये प्रतिवेदन पर अभी तक क्‍या कार्यवाही हुई?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) शिकायत जाँच में असत्य पायी गयी है। इसलिये शेष कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

53. ( क्र. 5624 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) रतलाम जिले में 250 से अधिक आबादी के कितने ऐसे ग्राम हैं जो अब तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़ सके? जनपदवार ग्रामों की जानकारी दें? (ख) देश की आजादी से अब तक इन ग्रामों को सड़क मार्गों से न जोड़ पाने का क्‍या कारण है? (ग) कब तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क अथवा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का लाभ इन गांवों को मिल जायगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।            (ग) योजना के मापदंडों में आने एवं भारत सरकार द्वारा परियोजना स्वीकृति दिये जाने पर।

परिशिष्ट - ''बारह''

अवैध कॉलोनियाँ

[नगरीय विकास एवं आवास]

54. ( क्र. 5625 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्‍जैन संभाग के किन-किन शहरों में वर्ष २०१३ से दिसंबर २०१६ तक कितनी एवं कौन-कौन सी आवासीय कॉलोनियां वैध एवं अवैध रूप से बनी अथवा विकसित हुई? जिलेवार-शहरवार ब्‍यौरा क्‍या है? (ख) उपरोक्‍त अवधि में कितनी कॉलोनियों अथवा कॉलोनाइजर्स को नियमानुसार स्‍वीकृति प्रदान की गई तथा कितने आवेदन लंबित हैं, किस कारण? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में कितनी अवैध कॉलोनियों को वैध करार दिया व उनमें प्राप्‍त आय का ब्‍यौरा दें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, आवेदन लंबित रहने के कारणों की नगर निगम, उज्जैन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) उज्जैन संभाग अंतर्गत नगरीय निकायों में से सिर्फ नगर निगम रतलाम द्वारा 03 कॉलोनी को वैद्य किया गया है। नगर निगम रतलाम को राशि रूपये 8,44,330/- की आय हुई है।

मनासा विधानसभा क्षेत्र की प्रधानमंत्री सड़क योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

55. ( क्र. 5656 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा मनासा विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत आनेवाली विभिन्‍न प्रधानमंत्री सड़क योजना में गुणवत्‍ता विहीन निर्माण, मरम्‍मत एवं नवीनीकरण किए जाने हेतु प्रबंधक प्रधानमंत्री सड़क योजना मंदसौर/नीमच को 1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच कितने पत्र लिखे गए। सड़क का नाम, दिनांक व कार्य का नाम बताए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पत्रों पर क्‍या कार्यवाही की गई? पत्रवार एवं दिनांक वार जानकारी बताएं।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तेरह''

रोजगार गारंटी 14वां वित्‍त योजना अंतर्गत कार्यों की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

56. ( क्र. 5669 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में धार जिले की जनपद पंचायत गंधवानी की ग्राम पंचायत केशवी, पिपल्‍या तथा जनपद पंचायत बाग के ग्राम पंचायत जामला में मनरेगा एवं 14 वां वित्‍त योजना अंतर्गत किये गये कार्यों में कार्य मशीन से किया जाकर भ्रष्‍टाचार किया गया? (ख) क्‍या यह सत्‍य है कि प्रश्‍नांकित पंचायतों में मजदूरी भुगतान में धांधली की गई है एवं मजदूरों के खाते बदलकर भुगतान निकाला गया है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कब तक करवायेंगे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मुख्‍यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

57. ( क्र. 5682 ) चौधरी चन्‍द्रभान सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगरीय विकास विभाग से संबंधित माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा विगत 05 वर्षों में घोषणाएं की गई हैं? यदि हाँ, तो कितनी घोषणाएं पूर्ण हुई हैं तथा कितनी लंबित हैं तथा उनके क्रियान्‍वयन हेतु क्‍या योजना बनाई गई हैं? (ख) घोषणाओं की पूर्ति हेतु अनुदान उपलब्‍ध कराया जाता है? यदि हाँ, तो कितना यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या घोषणाओं की पूर्ति हेतु नगरीय निकायों को ऋण लेने हेतु बाध्‍य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत्?                      (घ) माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं को मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना में सम्मिलित करवाया जाकर घोषणाओं की पूर्ति के लिए नगरीय निकायों को बाध्‍य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत्?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। घोषणाओं की पूर्ति हेतु नगरीय विकास एवं आवास विभाग की विभिन्‍न योजनाओं के अंतर्गत घोषणाओं की प्राथमिकता के अनुसार विकास कार्यों को स्‍वीकृत करने की कार्ययोजना बनाई गयी है। जिसके अनुसार योजनाओं का क्रियान्‍वयन विभाग द्वारा किया जा रहा है। (ख) घोषणाओं की पूर्ति हेतु नगरीय विकास एवं आवास विभाग की विभिन्‍न योजनाओं के मार्गदर्शी सिद्धान्‍त अनुसार राशि नगरीय निकायों को उपलब्‍ध कराई जाती है। इसके अतिरिक्‍त कई परियोजनाओं का क्रियान्‍वयन मुख्‍यालय स्‍तर से भी किया जा रहा है। शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) घोषणाओं की पूर्ति नगरीय विकास एवं आवास विभाग की विभिन्‍न योजनाओं के मार्गदर्शी सिद्धांत अनुसार की जा रही है। जिसमें अनुदान तथा ऋण दोनों सम्मिलित है। (घ) जी नहीं। मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण में माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा अधोसंरचना विकास से संबंधित की गई घोषणाओं की पूर्ति के लिये सैद्धांतिक स्‍वीकृति संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा जारी की गई है। योजनांतर्गत जारी की गई सैद्धांतिक स्‍वीकृत राशि में 20 प्रतिशत अनुदान एवं 80 प्रतिशत ऋण लिया जाना प्रावधानित है। ऋण राशि का 25 प्रतिशत एवं उस पर लगने वाले ब्‍याज का पुनर्भुगतान नगरीय निकायों द्वारा एवं ऋण राशि का 75 प्रतिशत एवं उस पर लगने वाले ब्‍याज का पुनर्भुगतान राज्‍य शासन द्वारा 15 वर्ष में किया जाना प्रावधानित है। इस प्रावधान के अनुसार नगरीय निकायों द्वारा ऋण राशि का पुनर्भुगतान किये जाने पर स्‍वीकृत योजना का 20 प्रतिशत एवं उस पर लगने वाला ब्‍याज का व्‍ययभार आता है। जिसका पुनर्भुगतान 15 वर्षों में किया जाना है।

परिशिष्ट - ''चौदह''

संविदा नियु‍क्ति के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

58. ( क्र. 5683 ) चौधरी चन्‍द्रभान सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या संचालनालय नगरीय विकास विभाग में संविदा पर नियुक्‍त की गई है यदि हाँ, तो संविदा पर कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत है? नाम एवं पद सहित संविदा पर नियुक्‍त दिनांक/वेतनमान बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित संविदा पर नियुक्‍त किस प्रक्रिया के आधार पर कि जाती है। (ग) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित संविदा पर नियुक्‍त के नियम है? यदि हाँ, तो नियम उपलब्‍ध करायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्‍य प्रदेश भोपाल की स्‍वीकृत संरचना के विरूद्ध श्री प्रभाकांत कटारे, प्रमुख अभियंता दिनांक 01.11.2016 से संविदा पर नियुक्‍त हैं। उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त श्री विकास सेंगर, प्रबंधक (लोक सेवा) दिनांक 18.05.2012 से नियुक्‍त हैं। उक्‍त दोनों अधिकारी निश्चित वेतन पर नियुक्‍त हैं। (ख) प्रमुख अभियंता को मध्‍य प्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-12/2011/3/एक, दिनांक 03.09.2011 में विहित प्रक्रिया के अनुसार नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश से नियुक्‍त किया गया है। प्रबंधक (लोक सेवा) को लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार चयनित किया गया है तथा संचालनालय द्वारा संविदा पर नियुक्‍त किया गया है। (ग) मध्‍य प्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-12/2011/3/एक, दिनांक 03.09.2011 एवं म.प्र. शासन, लोक सेवा प्रबंधन विभाग की संविदा नियुक्ति की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के अंतर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय

[नगरीय विकास एवं आवास]

59. ( क्र. 5694 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के अंतर्गत उज्जैन संभाग के जिलों को वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक प्रथम एवं द्वितीय चरण के अंतर्गत             कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है तथा कितनी राशि अब तक व्यय की गई? घटकवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश '' में दर्शाये गये घटकवार व्यय में नगर पालिका परिषद नीमच के अंतर्गत ऐसे            कौन-कौन से कार्य हैं, जिनमें अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर लिये जाने के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम एवं अतिक्रमण की गयी भूमि का क्षेत्रफलवार ब्यौरा दें। (ग) क्या प्रश्नांश '' में दर्शाई गयी अतिक्रमण भूमि पर प्राप्त स्थगन को बहाल करने के लिये न्यायालयीन प्रकरण में नियुक्त प्रभारी अधिकारी द्वारा अब तक क्‍या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) श्रीमती सविता प्रधान, मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद नीमच प्रकरण में प्रभारी अधिकारी नियुक्‍त है जिनके द्वारा जवाबदावा माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत कर दिया गया है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

इन्‍दौर विकास प्राधिकरण में डिजिटलाईजेशन

[नगरीय विकास एवं आवास]

60. ( क्र. 5727 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेजों का डिजीटलाईजेशन किया जा रहा है। (ख) यदि हाँ, तो इन्‍दौर विकास प्राधिकरण द्वारा पिछले बजट में डिजीटलाईजेशन हेतु राशि रखने के बाद भी इसके टेंडर जारी क्‍यों नहीं किए गए। (ग) इन्‍दौर विकास प्राधिकरण में हुए अग्निकांड से सबक लेते हुए डिजीटलाईजेशन कब तक किया जावेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) इन्‍दौर विकास प्राधिकरण द्वारा पिछले बजट में ई.आर.पी. सिस्‍टम/दस्‍तावेजों के डिजिटलाईजेशन/सिस्‍टम अपग्रेडेशन हेतु राशि का प्रावधान रखा गया था, डिजिटलाईजेशन हेतु ऑनलाइन निविदा का आमंत्रण mpeproc.gov.in पर निविदा क्रमांक एम.पी.आई.डी.ए./टेण्‍डर नं. 488 दिनांक 22/12/2016 को जारी किया गया था। (ग) उत्‍तराश '''' अनुसार आमंत्रित निविदा में दर अधिक आने से उक्‍त निविदा निरस्‍त कर पुन: ऑनलाइन निविदा का आमंत्रण mpeproc.gov.in पर निविदा क्रमांक एम.पी.आई.डी.ए./टेण्‍डर न. 514 दिनांक 28/02/2017 को जारी किया गया है। कार्य प्रक्रिया में है।

इंदौर विकास प्राधिकरण में स्‍थानांतरण नीति

[नगरीय विकास एवं आवास]

61. ( क्र. 5728 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रदेश सरकार के विभागों में स्‍थानांतरण नीति लागू है? (ख) क्‍या इंदौर विकास प्राधिकरण में पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारी स्‍थानांतरण नीति न होने से वर्षों से पदस्‍थ है?                     (ग) यदि हाँ, तो इंदौर विकास प्राधिकरण में अभी तक क्‍यों नहीं स्‍थानांतरण नीति लागू है? इसे कब तक लागू किया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जनपद पंचायत सी.ई.ओ. के निवास स्थान

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

62. ( क्र. 5735 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत भगवानपुरा के सी.ई.ओ. को जिला पंचायत खरगोन या कलेक्टर कार्यालय खरगोन द्वारा विगत 2 वर्षों में कौन-कौन सी जाँच सौंपी गई। अप्रारंभ/लंबित प्रकरणों का कारण सहित प्रकरणवार सूची देवे। (ख) जिला खरगोन में वर्ष 2015 एवं 2016 में कितने जनपद पंचायत सी.ई.ओ. के निवास स्थान अपने जनपद कार्यालय परिसर में कब से है तथा कितने सी.ई.ओ. के निवास कब से जनपद कार्यालय से कितनी दूरी पर स्थित है, सी.ई.ओ.वार मुख्यालय से दूरी सहित सूची देवे। क्या अन्य स्थान पर रहने वाले सी.ई.ओ. के भवन जनपद कार्यालय परिसर में नहीं है। यदि है तो अन्य स्थान पर निवास का कारण क्या है, सी.ई.ओ.वार बताये। (ग) जनपद भगवानपुरा सी.ई.ओ. वर्ष 2015 एवं 2016 में कब-कब जनपद पंचायत भगवानपुरा परिसर स्थित सी.ई.ओ. निवास भवन पर रात्रि में रूके, दिनों की संख्या सहित माहवार सूची देवे। यदि नहीं, रूके तो कारण बताये। इनके परिसर स्थित निवास करने संबंधी विभागीय निति/निर्देश की प्रति देवे। क्या इन निति/निर्देश का उलंघन हुआ है तो सी.ई.ओ. पर क्या कार्यवाही की जावेगी, समय-सीमा बताये।             (घ) क्या जनपद पंचायत भगवानपुरा सी.ई.ओ. को कार्यालय व निवास स्थान पर आवागमन हेतु वाहन/ईंधन भत्ता दिया जाता है। वर्ष 2015 एवं 2016 में इनके वाहन/डिजल खर्च की जानकारी देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) भ्रमण दिवसों को छोड़कर शेष दिवसों में मुख्‍यालय पर रहने के निर्देश है। निवास पर नहीं रूकने संबंधी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, शासकीय प्रयोजन हेतु। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

जनपद सदस्‍य पद के लिये निर्हर्ताएं

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

63. ( क्र. 5750 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) जनपद सदस्‍य पद के लिये कौन-कौन सी निर्हर्ताएं होती हैं, प्रति उपलब्‍ध करावें। क्‍या कोई शासकीय सेवा में रहते हुये इस पद पर नामांकन भर सकता है? (ख) जिला जबलपुर जनपद पंचायत कुण्‍डम की अध्‍यक्ष किस वार्ड की सदस्‍य हैं? क्‍या इन्‍होंने मिनी आंगनवाड़ी सुभाष नगर कुण्‍डम में कार्यकर्ता के पद पर रहते हुये जनवरी 2015 में सम्‍पन्‍न पंचायत निर्वाचन में हिस्‍सा लिया। (ग) प्रश्नांश (क) निर्हर्ताओं के बावजूद प्रश्‍नांश (ख) निर्देशन पत्र तत्समय निरस्‍त क्‍यों नहीं किया गया? कारण बतायें। (घ) कंडिका (ख) का निर्वाचन निरस्‍त करने के लिये निर्वाचन दिनांक से प्रश्‍नांश दिनांक तक कलेक्‍टर जबलपुर/एस.डी.एम. कुण्‍डम के कार्यालय में किन-किन के द्वारा शिकायत की गई? शिकायत की प्रति एवं कार्यवाही का विवरण उपलब्‍ध करायें। यह भी बतायें कि निर्वाचन के पश्‍चात् भी वेतन प्राप्‍त किया गया? अभी तक निर्वाचन निरस्‍त क्‍यों नहीं किया गया। कब-तक निरस्‍त कर नये निर्वाचन कराये जावेंगे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) जनपद पंचायत, कुण्डम के वार्ड क्षेत्र क्रमांक 12 की सदस्य है। जी हाँ। (ग) प्रश्नांश से संबंधित निर्वाचन का संचालन संविधान के अनुच्छेद 243-ट के अधीन गठित मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के अनुसार विहित रीति से किया जाता है, जिसके तहत निर्वाचन प्रक्रिया अपनाई जाने के कारण नाम निर्देशन पत्र तत्समय निरस्त नहीं किया गया है। (घ) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 122 के अनुसार विहित रीति में केवल याचिका पेश करके ही निर्वाचन को प्रश्नगत किया जा सकता है अन्यथा नहीं। निर्वाचन को निरस्त करने हेतु शिकायतों पर विचार किये जाने का प्रावधान नियमों में नहीं है। श्रीमती आराधना महोबिया को मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (मानसेवी पद) के सेवाओं के क्रम में माह दिसंबर 2014 तक का मानदेय भुगतान किया गया है।

नगर परिषद चित्रकूट में सामग्री खरीदी और निर्माण कार्यों में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

64. ( क्र. 5754 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. शासन की नगरीय निकायों, नगरपालिका एवं नगर पंचायतों में लोकोपयोगी सामग्री, निर्माण सामग्री, स्वच्छता सामग्री, बिजली का सामान जनरेटर, गाड़ी इत्यादि की खरीदी के क्या नियम हैं? इनको प्रदान करने वालों के पात्रता संबंधी प्रावधान क्या हैं तथा शासन स्तर से इनका एस.ओ.आर. लागू है? यदि हाँ, तो बताएँ, यदि नहीं, तो क्या स्थानीय निकायों को मनमानी करने की छूट है? (ख) क्या नगर परिषद चित्रकूट द्वारा अपनी निविदा सूचना की शर्तों के विरुद्ध जाकर मनमाने तरीके से 2015 में जनरेटर की खरीदी की गई है? यदि की गई है तो उसकी निविदा शर्तें क्या थीं, खरीदी प्रक्रिया तथा किस-किस फर्म/व्यक्ति ने उसमें भाग लिया, क्या वह फर्म/व्यक्ति पात्र थे, यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो अपात्रों से खरीदी क्यों की गई? इससे शासन को होने वाली आर्थिक क्षति का जिम्मेदार कौन है? (ग) सतना जिले में सीमेंट एक बैग (50 kg) की तथा चूना डस्ट (50kg) का बाजार मूल्य क्या है? क्या एक बोरी चूना डस्ट की कीमत सीमेंट की बोरी से ज्यादा हो सकती है? नगर परिषद चित्रकूट ने दीपावली मेला 2015 अपने पत्र क्र./न.प./ भंडार/6019/2015दिनांक26/10/2015 के द्वारा स्वच्छता सामग्री की आपूर्ति में अन्य सामग्री के साथ 490/- प्रति बोरी की दर पर चूना डस्ट पावडर (50kg) खरीदा गया है? क्या उक्त दर व्यवहारिक है? यदि नहीं, तो क्या उक्त अनियमितता की जाँच कराइ जाएगी? यदि हाँ, तो भिन्नता पाए जाने पर दोषियों से वसूली की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? विवरण सहित बताएँ? क्या इसी प्रकार वार्ड क्र.8 पोखरवार में 65 लाख की लागत से निर्मित क्षतिग्रस्त सड़क की जाँच भी कराई जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्‍य प्रदेश नगरीय निकायों, नगर पालिका एवं नगर परिषदों में सामग्री क्रय हेतु नगर पालिका अधिनियम 1961 के अंतर्गत निर्मित (मध्‍य प्रदेश नगर पा‍लिका मेयर इन काउंसिल/प्रेसीडेंट इन काउंसिल के कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियों एवं कर्तव्‍य) नियम 1998 के उपनियम 5 (3) तथा मध्‍य प्रदेश लेखा नियम 1971 के उपनियम 160, 161, 162 एवं 163 में वर्णित प्रावधान के अंतर्गत सामग्री क्रय की जाती है तथा लोक निर्माण विभाग के वर्क मैनुअल के उपबंधों के अनुसार आमंत्रित निविदा से पात्रता निर्धारण किया जाता है। सामग्री क्रय हेतु शासन स्‍तर पर एस.ओ.आर. लागू नहीं है। जी नहीं।            (ख) जी हाँ। नगर परिषद चित्रकूट द्वारा 2015 में जनरेटर की खरीदी की गई। निविदा में उल्‍लेखित शर्तों का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। निविदा में भाग लेने वाले व्‍यक्ति व फर्म की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। निविदा में भाग लेने वाले व्‍यक्ति व फर्म निविदा शर्त के अनुसार पात्र नहीं है। इस संबंध में जाँच कराई जाकर उत्‍तरदायित्‍व निर्धारण किया जायेगा। (ग) सतना जिले की नगर परिषद चित्रकूट में सीमेंट बैग (50 किलो) तथा चूना डस्‍ट बैग (50 किलो) का बाजार मूल्‍य क्रमश: राशि रूपये 260 एवं राशि रूपये 350 प्रतिवेदित किया गया है जो कि प्रथम दृष्‍टया व्‍यवहारिक प्रतीत नहीं होती, नगर परिषद चित्रकूट द्वारा दीपावली मेला हेतु वर्ष 2015 में चूना डस्‍ट पाउडर राशि रू. 490/- बोरी क्रय किया गया है। प्रकरण में प्रथम दृष्‍टया अनियमितता परिलक्षित होने से जाँच के आदेश दिये गये है। जाँच के परिणामों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। जी हाँ, वार्ड क्रमांक 8 पोखरवार में 65 लाख की लागत से निर्मित सड़क क्षतिग्रस्‍त होने के कारण जाँच कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा संभाग रीवा द्वारा की गई, जिसके आधार पर प्रथम दृष्‍टया तत्‍का. उपयंत्री श्री कमलराज सिंह, मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, अध्‍यक्ष सुश्री प्राची चतुर्वेदी तथा श्री राममिलन मिश्रा मुख्‍य लिपिक/ लेखापाल नगर पालिका चित्रकूट उत्‍तरदायी पाये गये है। प्रकरण में नियमानुसार कर्यवाही की जा रही है।

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

प्रतिनियुक्ति व संविलियन का निरस्तीकरण

[उच्च शिक्षा]

65. ( क्र. 5788 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्या किसी के किसी आदेश पर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में किसी वर्ष जनजातीय अध्ययन विभाग प्रारंभ किया गया है और उसमें किन अवधियों में रीडर व अध्यापक पदों पर किनकी किस विषय व स्तर के शैक्षणिक योग्यताधारक की नियुक्तियां व प्रतिनियुक्तियां की गई हैं? (ख) क्या विभाग के महाविद्यालयों में योग्यताधारी अध्यापकों की कमी के रहते किन सक्षम अधिकारी के किस आदेश द्वारा किन्हीं विभाग/महाविद्यालय के किन-किन अध्‍यापक की रीडर पद पर प्रतिनियुक्ति कर किसी तिथि में संविलियन का अनुमोदन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) विभाग में नियुक्ति प्रक्रिया के अंतर्गत किन वर्षों में नियुक्त कौन-कौन नियमित अध्यापक और अतिथि विद्वान अध्यापन कार्य कर रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रीडर व अध्यापकों की प्रतिनि‍युक्तियां व संविलियन कब तक निरस्त कर उन्हें मूल स्थान पर वापस भेजा जावेगा? (ड.) प्रश्नांश (क) विश्‍वविद्यालय कब तक जनजातीय अध्ययन विभाग के रिक्‍त रीडर, अध्यापक व सहायक अध्यापक के पदों की नियुक्ति करेगा और क्या विशेषज्ञ विद्वानों के पैनल द्वारा लिये गये साक्षात्कार और की गई नियुक्ति पर 5 वर्षों से अधिक अवधि से अध्यापनरत अतिथि विद्वानों को नियमित सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्रदान करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जनजातीय अध्ययन विभाग की स्थापना कार्यपरिषद के आदेश के अधीन शैक्षणिक वर्ष 1989-1990 में की गई। प्रथमतः डॉ. एस.के. तिवारी की नियुक्ति की गई तत्पश्चात प्रतिनियुक्ति पर डॉ. लोकेश श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापक वर्ष 2002 से पदस्थ रहे। वर्ष 2012-2013 में डॉ. तृप्ति मांझी अतिथि विद्वान वर्ष 2013-14 में डॉ. शालिनी धुर्वे, अतिथि विद्वान वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में तृप्ति मांझी अतिथि विद्वान का आमंत्रण कुलपति के आदेश से हुआ। जनजातीय अध्ययन विभाग के स्थापना वर्ष से वर्ष 2017 तक की अवधि में नियुक्ति शैक्षणिक योग्यताधारी प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, अतिथि विद्वान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय के आदेश क्र. एफ-1/139/2002/1-अड़तीस, दिनांक 03.09.2002 के परिपालन में डॉ. लोकेश श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापक की सेवायें रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में प्रवाचक के पद पर समान वेतनमान में एक वर्ष के लिये की गई थी। आयुक्त, उच्च शिक्षा विभाग म.प्र. शासन के आदेश क्र. 169/758/ आउशि/शा-2/08, दिनांक 18.07.2008 के अनापत्ति प्रमाण पत्र के तारतम्य में डॉ. लोकेश श्रीवास्तव, प्रवाचक जनजातीय अध्ययन विभाग की सेवाओं का संपूर्ण रूप से कार्यपरिषद की बैठक दिनांक 08.01.2007 से विश्वविद्यालय के जनजातीय अध्ययन विभाग के प्रवाचक पद के विरूद्ध संविलियन किया गया है। (ग) विभाग में नियुक्ति प्रक्रिया के अंतर्गत इस वर्ष अध्यापन हेतु अतिथि विद्वान डॉ. तृप्ति मांझी को आमंत्रित किया गया है। (घ) चूंकि रीडर पद पर संबंधित शिक्षक को कार्यपरिषद की सक्षम स्वीकृति उपरांत संविलियन किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) म.प्र. के विश्वविद्यालयों की समन्वय समिति की 92वीं बैठक के बिंदु क्रमांक-22 के अंतर्गत लिये गये निर्णय के तारतम्य में विश्वविद्यालय द्वारा संबंधित परिनियम एवं अध्यादेश संशोधन किया जाना है। संशोधन पश्चात् रिक्त शिक्षकीय पदों का विज्ञापन निकालकर शिक्षकों की नियुक्ति मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा-49 के अंतर्गत की जावेगी।

परिशिष्ट - ''सोलह''

परियोजना अधिकारी, शहरी विकास रतलाम द्वारा किये गये भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

66. ( क्र. 5817 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परियोजना अधिकारी, शहरी विकास रतलाम श्री एस.कुमार की मूल नियुक्ति कहाँ पर, किस पद पर किस श्रेणी के कर्मचारी के रूप में हुई थी तथा उन्हें शासन के किस नियम के तहत कब कब पदोन्नतियाँ दी गई? (ख) संभागीय उप संचालक उज्जैन के आदेश दिनांक                           18-06-2015 द्वारा प्रभारी परियोजना अधिकारी श्री एस.कुमार को सी.एम.ओ. आलोट का प्रभार सौंपा गया था। श्री एस. कुमार द्वारा पदस्थापना के दौरान कुल कितना भुगतान किस-किस कंपनी को किस-किस मद में किया गया? क्या उक्त भुगतान नियमानुसार था? (ग) क्या श्री कुमार द्वारा निकाय निधि से कराये जाने के कार्य का भुगतान मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना के मद से किया गया था? क्या उक्त भुगतान की शिकायत नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा राज्य शासन को की गई थी? शासन द्वारा अब तक उस पर क्या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) श्री एस.कुमार की नियुक्ति विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, खजुराहो में जन संपर्क सहायक, श्रेणी तृतीय के पद पर तदर्थ रूप से की गई थी। श्री कुमार की पदोन्‍नतियां न होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ।                     श्री एस.कुमार द्वारा नगर परिषद, आलोट में पदस्‍थापना के दौरान राशि रू. 8,62,723/- का भुगतान मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजनान्‍तर्गत प्राप्‍त राशि से एक ही कंपनी विनिता इन्‍टरप्राइजेस, उज्‍जैन को किया गया है। जी नहीं। (ग) जी हाँ। जी हाँ। संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्‍जैन द्वारा जाँच की गई है, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।

 

संशोधन में सुधार कराये जाने के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

67. ( क्र. 5845 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. अधिनियम क्र.2 सन् 2017 म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन तथा विधिमान्यकरण) अधिनियम 2016 में विसंगतियां व्याप्त हैं? जिस अधिनियम में 6 दिसंबर को विधानसभा में पास कराया गया है एवं 8 जनवरी 2017 को राज्यपाल महोदय द्वारा हस्ताक्षर कराया गया है, क्या उक्त अधिनियम को 26 अप्रैल 1973 प्रभावी माना गया है? (ख) क्या इस अधिनियम के तहत की गई कार्यवाही में किसान/भूमिस्वामी न्यायालय में नहीं जा सकते? यदि हाँ, तो क्या न्यायालय में जाने से रोकना भारतीय संविधान एवं नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन नहीं है? (ग) क्या उक्त अधिनियम में भूमि के अनिवार्य अर्जन और भू अर्जन कार्यवाही में पारित किसी पंचाट को इस अधिनियम के अधीन की गई कार्यवाही माना जाए, परन्तुक में शामिल किया गया है? क्या धारा 20 का संशोधन जिसमे जौनिंग प्लान की अनिवार्यता समाप्त की है, जो मास्टर प्लान के लिए घातक नहीं है? (घ) क्या उक्त अधिनियम जो वर्ष 2016 बना है उसे 26 अप्रैल 1973 के स्थान पर 2016 से ही लागू किया जावेगा एवं की गई अधिग्रहण की कार्यवाही में अपना पक्ष न्‍यायालय में रखने के लिए किसानों को न्यायालय में जाने का अधिकार वापस दिया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या इस विरोधाभासी स्थिति को अधिनियम में संशोधन कर सुधार कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) अधिनियम में प्रावधानित विधिमान्‍यकरण के अनुसार केवल इस बिन्‍दु पर कि, मूल अधिनियम में समर्थनकारी उपबंध नहीं थे, के आधार पर पूर्व में की गई किसी कार्यवाही के लिए माननीय न्‍यायालय में वाद दायर नहीं कर सकते है। नागरिकों के अधिकारों का हनन होने की स्थिति में माननीय न्‍यायालय की शरण में जा सकते है। (ग) जी हाँ। अधिनियम की धारा-20 में जोनल प्‍लान की आवश्‍यकता को समाप्‍त नहीं किया गया है, किन्‍तु नगर विकास स्‍कीम वृहद स्‍तर की होने के कारण उसे इस क्षेत्र की परिक्षेत्रिक योजना (जोनल प्‍लान) रूप में निरूपित करने की दृष्टि से यह प्रावधान किया गया है। (घ) उत्‍तरांश '', '', '' के परिप्रेक्ष्‍य में अधिनियम में संशोधन की आवश्‍यकता नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन अधिकार पट्टे के लंबित प्रकरणों का निराकरण

[वन]

68. ( क्र. 5865 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में कितने प्रकरण वन भूमि के पट्टे हेतु विभाग को आवेदन प्रश्‍नांश दिनांक तक प्राप्‍त हुये हैं? कितने आवेदनों का निराकण किया गया है? कितने आवेदन लंबित हैं? लंबित रहने का कारण सहित जानकारी उपलब्‍ध कराये? (ख) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के वनग्रामों में कितने आदिवासि‍यों के वन अधिकार पत्र के आवेदन ग्राम सभा उपखण्‍ड समिति द्वारा अस्‍वीकृत क्‍यों किये गये? कारण सहित विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध करावें?                         (ग) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में वनग्रामों में किन-किन वनग्राम समितियों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? प्राप्‍त राशि किस प्रकार कहाँ-कहाँ व्‍यय की गई?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी निरंक है। अनुसूचित जनजाति एवं अन्‍य परम्‍परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्‍यता) अधिनियम 2006 के अंतर्गत 5323 वन अधिकार पत्र प्रदाय किये गये। लंबित आवेदन की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांकित क्षेत्र में वनग्रामों के आदिवासियों के वन अधिकार पत्र के आवेदन पत्र ग्राम सभा उपखण्‍ड समिति द्वारा अस्‍वीकृत नहीं किये गये। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

अधूरे एवं अपूर्ण निर्माण कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

69. ( क्र. 5910 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक पंचायत राज संचालनालय अन्‍तर्गत संचालित बी.आर.जी.एफ. एवं पंचपरमेश्‍वर योजनाओं में ग्राम पंचायतों द्वारा भ्रष्‍टाचार एवं गबन के प्रकरणों के कारण निर्माण कार्य अधूरे एवं अपूर्ण की स्थिति में हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम पंचायतों के कितनी राशि के निर्माण कार्य अधूरे एवं अपूर्ण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व बैहर द्वारा किन-किन ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिवों को गबन एवं भ्रष्‍टाचार के आरोपों से मुक्‍त/बरी किया गया है?                          (घ) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अधूरे एवं अपूर्ण निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार।             (ग) जी नहीं। संबंधित को बरी नहीं किया गया है। प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बैहर में दर्ज है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार। (घ) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

70. ( क्र. 5920 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दि‍नांक तक कितनी-कितनी राशि‍ महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा को प्राप्त हुई व उसमें जिला स्तर से          कितनी-कितनी राशि‍ के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कर किस-किस शासकीय विभाग को एजेंसी बनाया वर्षवार व कार्य एजेंसीवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) की समयावधि में क्या सभी कार्य की मांग करने वाले आवेदनकर्ताओं को कार्य उपलब्ध करा दिया गया है? यदि हाँ, तो कितनों को? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) की अवधि में वनमंडल कूनो सेंचुरी व वनमंडल सामान्य रतलाम को किन-किन कार्यों की एजेंसी नियुक्त किया गया, कार्य का नाम प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक व उपलब्ध कराये गये रोजगार दिवस की संख्या सहित वर्षवार बतावें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्‍नांकित जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।               (ख) जी हाँ। 14,668 परिवारों को। (ग) प्रश्‍नांकित विभाग को एजेन्‍सी बनाते हुए वर्ष 2015-16 में धोलावाड़ जलाशय का वन्‍नीकरण कार्य की प्रशासनिक स्‍वीकृति क्रं.7912 दिनांक 09.07.15 जारी की गई। उक्‍त कार्य पर वित्तीय वर्ष 2015-16 में 1927 रोजगार दिवस एवं 2016-17 में 228 रोजगार दिवस इस प्रकार कुल 2155 रोजगार दिवस सृजित हुये।

परिशिष्ट - ''अठारह''

प्रदेश एवं वैध एवं अवैध कालोनियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

71. ( क्र. 5956 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में प्रदेश की सभी अवैध कालोनियों को नियम बनाकर वैध कर जो संभव हो सुविधायें दी जायेगी। तथा             मान. मुख्‍यमंत्री जी ने दो वर्ष पूर्व इस संबंध में घोषणा की थी। (ख) बतायें कि प्रदेश में किस-किस शहर में कितना अवैध कालोनियाँ है उनमें से कितनी कलोनियाँ वैध हो गई है तथा कितनी भविष्‍य में वैध हो जावेगी? (ग) जो कालोनियाँ वैध नहीं हो पाईं, उसका क्‍या कारण है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रोजगार प्रदान किये जाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

72. ( क्र. 5965 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों में एकीकृत जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम समिति के माध्‍यम संचालित है। इसमें कितने सचिवों की नियुक्ति की गई थी? क्‍या इन नियुक्‍त सचिवों के द्वारा ग्रामीण पंचायत क्षेत्रों में जल संरचना निर्माण, कृषि कार्य, अजीविका निर्माण एवं लेखा संधारण जैसे महत्‍वपूर्ण दायित्‍वों का निर्वहन किया जाता था? (ख) क्‍या सरकार की नीति निदेशकों के त‍हत उपरोक्‍त वाटरशेड योजना का स्‍वरूप परिवर्तित किया जा रहा है और उपरोक्‍त योजना में कार्यरत सचिवों की संविदा नियुक्ति को सेवा से तत्‍काल प्रभाव से निरस्‍त कर दिया गया है? जिसका क्‍या कारण है? (ग) क्‍या जिस प्रकार सरकार की नीति निदेशकों के तहत उपरोक्‍त वाटरशेड योजना का स्‍वरूप परिवर्तित किया जा रहा है, किन्‍तु वाटरशेड योजना के अंतर्गत कार्यरत सचिवों के अंधकारमय भविष्‍य को देखते हुए, क्‍या उन सचिवों को सरकार की योजनान्‍तर्गत संविलियन नहीं किया जा सकता है? जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) उपरोक्‍त योजना के सचिवों को शासन द्वारा कब तक पुन: बहाल करते हुए रोजगार प्रदान कर दिया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 98 सचिवों को संविदा पर रखा गया था। प्रश्नांकित कार्यों में से केवल लेखा संधारण का दायित्व निर्वाह करते थे। (ख) जी नहीं। जी हाँ। आवश्यकता नहीं होने के कारण (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

वाटर शेड विकास (आई.डब्‍ल्‍यू.एम.पी.) योजनान्‍तर्गत कराये गये निर्माण कार्यों की जाँच

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

73. ( क्र. 5966 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में वाटर शेड विकास (आई.डब्‍ल्‍यू.एम.पी.) योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में किन-किन कार्यों के लिए कितनी‍-कितनी राशि का आवंटन शासन द्वारा प्रदान किया गया है? प्रत्‍येक विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध करायें?                      (ख) छिन्‍दवाड़ा जिले के प्रत्‍येक जनपद क्षेत्रवार वाटर शेड विकास (आई.डब्‍ल्‍यू्.एम.पी.) योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये हैं? क्‍या कराये गये सभी निर्माण कार्यों की राशि का भुगतान किया जा चुका है? अगर हां, तो           किस-किस निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? नाम व पता सहित प्रत्‍येक जनपद क्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार जो निर्माण कार्य कराये गये है, उनमें से कितने निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है और कितने निर्माण कार्य अपूर्ण है? अगर अपूर्ण है तो उसका क्‍या कारण है? सभी कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्‍ध करायें? (घ) क्‍या छिन्‍दवाड़ा जिले में वाटर शेड विकास (आई.डब्‍ल्‍यू.एम.पी.) योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में जो निर्माण कार्य क्रियान्‍वयन एजेंसी द्वारा कराये गये है? उसमें से अधिकांश कार्य गुणवत्‍ताहीन है। क्‍या ऐसे गुणवत्‍ताहीन कार्यों की उच्‍चस्‍तरीय जाँच विभाग द्वारा कराई जायेगी? अगर हां, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वाटर-शेड विकास कार्यों, आजीविका उन्नयन कार्यों, उत्पादन प्रणाली कार्यों इत्यादि की प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होते।

रेंट एकोमोडेशन एक्ट के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

74. ( क्र. 5973 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रेंट एकोमोडेशन एक्ट (Rent Accommodation Act) संबंधी विधेयक चतुर्दश विधानसभा के दौरान पारित किया गया अथवा नहीं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो इसका राजपत्र में नोटिफिकेशन किस दिनांक को प्रकाशित किया गया? प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि नहीं, तो राजपत्र में इसका प्रकाशन नहीं किए जाने के क्या कारण रहे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

75. ( क्र. 5992 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत है तथा कार्यरत कर्मचारी कब से पदस्थ है, संस्थावार बतावे? (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हूए तीन वर्ष अथवा अधिकतम् पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के नियम है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व किन-किन संस्थाओं से कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                 (ख) सामान्‍यत: तीन वर्ष में स्‍थानांतरण किया जाने का स्‍थानांतरण नीति में अनिवार्य प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मां नर्मदा के तट पर दूषित पानी रोकने व अन्‍य व्‍यवस्‍था

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

76. ( क्र. 6041 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) जिला खरगोन में मां नर्मदा के आस-पास के सभी ग्रामों का गंदा दूषित पानी नालों व नालियों द्वारा मॉ नर्मदा में सम्मिलित हो रहा है, उसे रोकने के लिए इन नालों पर वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांटों की स्‍थापना की जायेगी? हाँ तो कब नहीं तो क्‍यों? (ख) उक्‍त क्षेत्र में मां नर्मदा के तटों के माकड़खेड़ा व मरकटी संगम पर प्रतिवर्ष हजारों की संख्‍या में अंतिम संस्‍कार होता है तो क्‍या उक्‍त स्‍थानों पर इलेक्‍ट्रॉनिक शवदाह गृह और घाट निर्माण कब तक किया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्‍नांकित क्षेत्र में, स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत गंदा दूषित पानी के ट्रीटमेंट का कार्य आवश्‍यकता एवं मांग के अनुसार ग्राम पंचायतों द्वारा किये जाते है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांकित कार्य प्रक्रियाधीन हैं।

सीवर लाइन बिछाने के दौरान खोदी गई सड़कों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

77. ( क्र. 6084 ) श्री रामसिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शिवपुरी नगर में सीवर लाइन बिछाने के दौरान जनवरी 2017 की स्थिति में कोई सड़कें खोदी गई हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़कें कहाँ से कहाँ तक कितनी-कितनी दूरी की खोदी गई? उक्‍त खोदी गई सड़कों का पुन: निर्माण कब तक कराया जावेगा? सड़कवार बताएं। (ख) क्‍या सीवर लाइन बिछाने के दौरान पूरे शिवपुरी शहर की मुख्‍य एवं गलियों की सड़कें खोद दी गई हैं? जिससे शिवपुरी की जनता को धूल, एलर्जी, गड्डे, कीचड़ एवं उबड़-खाबड़ रास्‍तों से आना-जाना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो सरकार इससे समस्‍या से मुक्ति कब तक दिलाएंगी? (ग) क्‍या शिवपुरी शहर में खोदी गई सड़कों के पुन: निर्माण का प्रस्‍ताव बनाकर राज्‍य शासन को भेज दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रस्‍ताव में कौन-कौन सी सड़कों के पुन: निर्माण का प्रस्‍ताव भेजा गया है? इस प्रस्‍ताव पर स्‍वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? (घ) क्‍या शिवपुरी नगर में सरक्‍यूलर रोड पुलिया से माधव नगर में जाने वाली सी.सी. रोड सीवरलाइन बिछाने के दौरान खोदी गई है? यदि हाँ, तो सरक्‍यूलर रोड पुलिया से माधव नगर में जाने वाली सीधी 125 मीटर लम्‍बी सी.सी. रोड कब तक बना दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) सीवर लाइन बिछाने से खोदी गई सड़क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा सीवर लाइन बिछाने का कार्य कराया जा रहा है। सीवर लाइन बिछाने के उपरांत सड़क को मोटरेबल किया जाकर निर्माण कार्य के लिए नगर पालिका परिषद शिवपुरी को हस्‍तांतरित किया जाता है। हस्‍तांतरित सड़कों का निर्माण कार्य नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा कराया जा रहा है।                (ग) नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। खोदी गई सड़कों के पुनर्निर्माण कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति के लिए डी.पी.आर. तैयार कर संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल को भेजा गया था, जिसकी तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल द्वारा जारी कर दी गई है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                 (घ) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन सड़क में सीवर लाइन बिछाई जाकर लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा मोटरेबल कार्य किया जा रहा है। मोटरेबल के उपरांत सड़क का हस्‍तांतरण नगर पालिका परिषद शिवपुरी को होने के पश्चात् सड़क का निर्माण कार्य कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शिवपुरी जिले में फर्सी-पत्‍थर-खण्‍डा, रेत-मुरम की खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

78. ( क्र. 6085 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में जनवरी-2017 की स्थिति में फर्सी-पत्‍थर, खण्‍डा, रेत-मुरम की खदानें किन-किन के नाम पर कहाँ-कहाँ पर किस भूमि सर्वे नम्‍बर में कितने रकबा की कब एवं कितनी अवधि के लिए स्‍वीकृत की गई है? (ख) उक्‍त खदान संचालकों ने कितनी-कितनी रायल्‍टी की राशि वर्ष              2014-15 वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 21016-17 में जनवरी-2017 तक किस-किस खदान की, कितने खनिज की, किस दर से भुगतान की गई? क्‍या जितने खनिज की रॉयल्‍टी भुगतान की गई है? उतने खनिज का उत्‍खनन स्‍वीकृत क्षेत्र से किया गया है? (ग) क्‍या खनिज ढुलाई करने वाले वाहनों का खनिज विभाग में रजिस्‍ट्रेशन नियमानुसार कराना होता है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति संलग्‍न कर जानकारी दें कि शिवपुरी जिले में कौन-कौन से वाहन किस पंजीयन नंबर के खनिज विभाग में पंजीकृत हैं? यदि नहीं, तो बगैर पंजीयन के वाहनों की रॉयल्‍टी की रसीदें किसके आदेश से काटी गई? (घ) प्रदेश में वर्ष 2014 से वर्ष 2016 तक फर्सी-पत्‍थर, खण्‍डा, रेत-मुरम एवं स्‍टोन क्रशर के उत्‍खनि पट्टे के लिए कौन-कौन से नियम एवं गाइडलाइन लागू थी? इसकी प्रति संलग्‍न कर जानकारी दें कि क्‍या शिवपुरी जिले में इन नियमों का पूर्णत: पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों एवं किस प्रकरण में नहीं किया गया?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में फर्शी पत्‍थर एवं रेत खनिज की खदानें स्‍वीकृत हैं। जिनकी प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। प्रश्‍नाधीन जिले में खण्‍डा और मुरम की खदान वर्तमान में स्‍वीकृत नहीं है। (ख) नीलाम खदान में ठेका धन तथा उत्‍खनिपट्टा में अनिवार्य भाटक एवं रॉयल्‍टी राशि अग्रिम रूप से जमा कराकर अभिवहन पास जारी किये जाते हैं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' में जमा राशि का विवरण दर्शाया गया है। खदान क्षेत्र से प्रेषित अ‍थवा खदान क्षेत्र में उपयोगित खनिज पर रॉयल्‍टी राशि देय होती है। खदान क्षेत्र में उत्‍खनन पर रॉयल्‍टी देय नहीं होती। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। इस हेतु मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम, 2006 प्रभावशील है। यह नियम अधिसूचित नियम है। प्रश्‍नाधीन जिले में 664 वाहन पंजीकृत हैं। प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। बिना पंजीयन के वाहनों को रॉयल्‍टी रसीद काटने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है।                   (घ) फर्शीपत्‍थर, खण्‍डा, रेत, मुरम व स्‍टोन क्रशर आधारित पत्‍थर उत्‍खनिपट्टा हेतु मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधान हैं। उक्‍त नियमों का जिले में पालन किया जा रहा है।

नशाबंदी योजना अन्‍तर्गत सामाजिक न्‍याय विभाग को आवंटित राशि

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

79. ( क्र. 6088 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक मण्‍डला जिले में नशाबंदी योजना के अंतर्गत सामाजिक न्‍याय विभाग को कितना आवंटन प्राप्‍त हुआ? उक्‍त आवंटन में से किन-किन कार्यों पर                कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई एवं किस-किस एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किया गया? (ख) उक्‍त वर्षों में नशाबंदी हेतु प्रचार-प्रसार होर्डिंग एवं फ्लेक्‍स पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? विकासखण्‍डवार जानकारी देवें? (ग) उक्‍त नशाबंदी योजना अंतर्गत किये गये प्रचार-प्रसार का जिले में क्‍या प्रभाव पड़ा और कितने लोग नशाबंदी योजना से जुड़कर नशामुक्‍त अभियान में सफल रहे। ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्‍ध करावें? (घ) क्‍या उक्‍त नशाबंदी योजना के लागू होने एवं प्रचार-प्रसार के बाद भी नशे की लत में अपराध घटित हुए हैं? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्‍ध कराते हुए शासन की धनराशि के सदुपयोग करने क्‍या योजना बनाई जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) उपरोक्त आवंटन में से मण्डला जिले में होर्डिंग एवं फ्लेक्स पर कोई व्यय नहीं किया गया। (ग) योजना अन्तर्गत जिले में नशा निषेध के लिये जनजागृति की पहल की जाती हैं। कितने लोग नशाबंदी योजना से जुड़कर नशामुक्त अभियान में सफल रहे की जानकारी संकलित नहीं की जाती हैं। (घ) नशाबंदी एवं नशामुक्ति के लिये जन समुदाय को प्रेरित करना एक सतत् कार्यवाही हैं, जिसकी उपयोगिता एवं प्रभाव का आंकलन कतिपय घटनाओं के आधार पर किया जाना संभव नहीं हैं।

परिशिष्ट - ''उन्‍नीस''

मण्‍डला जिले में परफारमेंस ग्रान्‍ट की राशि

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

80. ( क्र. 6089 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 13 वें वित्‍त आयोग अन्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक मण्‍डला जिले की मण्‍डला विधानसभा क्षेत्र को परफार्मेंस ग्रांट की राशि का वितरण किया गया था? यदि हाँ, तो जिले की जनपदवार और वर्षवार जानकारी उपलब्‍ध कराए? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्‍या उक्‍त राशि को आवंटित करने का कोई वैधानिक मापदंड निर्धारित किया गया था? यदि हाँ, तो उस मापदंड को स्‍पष्‍ट बतावें एवं पंचायतवार आवंटित राशि का विवरण उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या परफार्मेंस ग्रांट की उक्‍त राशि के आवेदन में जिला/जनपदवार वैधानिक मापदंडों के अनुसार निर्माण कार्य हेतु आवंटन नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो परफार्मेंस ग्रांट की उक्‍त राशि आवंटन में मापदण्‍ड का पालन नहीं करने पर दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार। (ख) जी हाँ। जिला/जनपद पंचायतों की सामान्य प्रशासन समिति की बैठकों में अनुमोदन पश्चात् कार्य स्वीकृति का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के               प्रपत्र-'''' अनुसार। (ग) जी नहीं। जिला/जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठकों में अनुमोदन पश्चात् निर्माण कार्य हेतु परफॉरमेंस ग्रान्ट की राशि प्रदाय की गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

नगर पालिका/नगर पंचायत में अस्वीकृत कार्यों की राशि आहरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

81. ( क्र. 6104 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 16-17 में प्रश्‍न दिनांक तक नगर पंचायत/नगर पालिका में कौन-कौन से निर्माण कार्यों की             किस-किस मद की कितनी-कितनी राशि की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृत किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तकनीकी/प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त किन-किन निर्माण कार्यों पर शासन स्तर से निर्माण करनें हेतु रोक लगाई गई? कार्य का नाम राशि दिनांक से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्माण कार्यों पर रोक लगानें के पश्चात् भी सक्षम अधिकारि‍यों द्वारा निर्माण कार्यों की कितनी राशि आहरित कर ली गई तथा शासन नियम विरूद्ध राशि आहरण करनें वाले दोषी कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद पचोर के सिंहस्‍थ मद से स्‍वीकृत प्रतिक्षालय में धर्मशाला भवन निर्माण लागत राशि रू.1.90 करोड़ के कार्य पर कलेक्‍टर न्‍यायालय, राजगढ़ द्वारा दिनांक 07.04.2016 से पारित आदेश द्वारा रोक लगाई गई है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित कार्य पर रोक लगाने के पश्‍चात् राशि आहरित नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। 

राष्‍ट्रीय परिवार सहायता लंबित प्रकरण

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

82. ( क्र. 6141 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2016 से 25 फरवरी 2017 तक की अवधि में रायसेन जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 18 से 59 वर्ष आयु के कितने सदस्‍यों की मृत्‍यु हुई। उनमें से किन-किन को राष्‍ट्रीय परिवार सहायता योजना एवं जनश्री बीमा योजना के अंतर्गत राशि प्राप्‍त हुई। (ख) किन-किन को राशि प्राप्‍त नहीं हुई तथा क्‍यों। फरवरी 2017 की स्थिति में रायसेन जिले में राष्‍ट्रीय परिवार सहायता योजना, जनश्री बीमा योजना के अंतर्गत किन-किन के प्रकरण किस स्‍तर पर कब से एवं क्‍यों लंबित हैं। (ग) उक्‍त प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें। उक्‍त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 01 जनवरी 2016 से 25 फरवरी, 2017 तक की अवधि में रायसेन जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के 728 सदस्यों की मृत्यु हुई। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना अंतर्गत 52 हितग्राहियों को बजट के कारण लंबित है, जनश्री बीमा योजनान्तर्गत 16 प्रकरण भारतीय जीवन बीमा निगम स्तर पर भुगतान हेतु लंबित है। (ग) उक्त प्रकरण के निराकरण हेतु बजट उपलब्ध कराया जा रहा है तथा लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु भारतीय जीवन बीमा निगम से निरंतर संपर्क किया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''बीस''

कार्बन क्रेडिट के संबंध में

[वन]

83. ( क्र. 6157 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) म.प्र.शासन को कार्बन क्रेडिट के संबंध में किस-किस योजनांतर्गत कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्‍त हुई है? प्राप्‍त राशि का उपयोग कब-कब कहाँ-कहाँ किस अनुपात में किया गया? विगत 5 वर्षों का वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि व्‍यय करने के मापदंड क्‍या है? क्‍या मांपदडों एवं मानकों के आधार पर राशि व्‍यय की गई? मांपदडों/मानकों की प्रति सहित विस्‍तृत विवरण दें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कितनी-कितनी राशि का व्‍यय सामग्री मद में एवं कितनी-कितनी राशि अन्‍य कार्यों में व्‍यय की गई? पृथक-पृथक विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार राशि के उपयोग में अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब किसके द्वारा अनियमितता की गई है? नाम पदनाम सहित विवरण दें? क्‍या द्धारा अनियमितता की गई है? नाम पदनाम सहित विवरण दें? क्‍या इनके विरूद्ध कार्यवा‍ही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी निरंक है। अत: उपयोग का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

स्‍वच्‍छ भारत मिश्‍न अंतर्गत शौचालय निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

84. ( क्र. 6204 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्‍वच्‍छ भारत मिशन अंतर्गत खुले में शौच से मुक्‍त करने संबंधी सर्वे किस वर्ष किया गया था? मिशन की शुरूआत कब से हुई? (ख) सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सर्वे में कितने परिवारों को खुले में शौच मुक्‍त करने हेतु चिन्हित किया गया था? कितने परिवारों को शौचालयों की आवश्‍यकता अभिलेखों में दर्ज करायी गयी थी? जानकारी जनपद पंचायतवार संख्‍यात्‍मक देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में बताया जावे कि चिंहित परिवारों के लिये अब तक कितने शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है? कितने प्रकरणों में राशि का भुगतान हो गया तथा कितने परिवारों में अभी शौचालयों का निर्माण होना है? पंचायतवार संख्‍यात्‍मक देवें? कब तक सुरखी विधान सभा क्षेत्र को खुले में शौच मुक्‍त की श्रेणी में दर्ज करवा दिया जावेगा? (घ) क्‍या सर्वे के आधार पर निर्मित शौचालयों का जिला स्‍तर से भौतिक सत्‍यापन करा लिया गया है? यदि हाँ, तो कब और भौतिक सत्‍यापन  की जानकारी जनपद पंचायतवार देवें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2012। स्‍वच्‍छ भारत मिशन की शुरूआत 02 अक्‍टूबर 2014 से हुई। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। योजनांतर्गत 02 अक्‍टूबर 2019 के पूर्व खुले में शौच मुक्‍त कराये जाने का लक्ष्‍य है। (घ) जी हाँ। शौचालय के निर्माण के विभिन्‍न स्‍तर के भौतिक सत्‍यापन की एक नियमित प्रक्रिया है। जिसके तहत सत्‍यापन का कार्य कराया जाता है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''इक्‍कीस''

दैनिक वेतन भोगी उपयंत्रियों का नियमितीकरण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

85. ( क्र. 6213 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) विकास आयुक्‍त कार्यालय म.प्र. भोपाल द्वारा 2008-09 से वर्ष 2010-11 तक किन-किन आदेशों द्वारा दैनिक वेतन भोगी उपयंत्रियों को नियमित कर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में पदस्‍थ किया गया है? सभी आदेशों की प्रतियां दें। (ख) प्रत्‍येक आदेशों की परिवीक्षा अवधि कितने वर्ष की थी और प्रश्नांश (क) के प्रत्‍येक आदेशों की परिवीक्षा अवधि, किस माह में समाप्‍त होती है? परिवीक्षा अवधि समाप्‍त करने हेतु कौन-कौन से अभिलेख जरूरी थे, विशेष वाहक भेज कर क्‍यों नहीं मंगाये गये? (ग) परिवीक्षा अवधि समाप्‍त करने हेतु सक्षम अधिकारी नें सभी उक्‍त आदेशों की एक साथ परिवीक्षा समाप्‍त की या फुटकर आदेशों से परिवीक्षा समाप्‍त की? शासनदेश की प्रति दें। परिवीक्षा समाप्‍त करने के ऐसे सभी आदेशों की प्रतियां दें। (घ) 12-16 वर्षों तक डेलीवेजर रहे इन उपयंत्रियों से प्रत्‍येक आदेश के कितने उपयंत्री 5 से 6 वर्षों से परिवीक्षा अवधि समाप्‍त की प्रतीक्षा में है, प्रत्‍येक आदेशों की सूची दें। इनके सी.आर. कितने वर्षों के 31 अक्‍टूबर, 2016 तक मंगाये गये हैं और आदेश जारी नहीं हुए? (ड.) 5-6 वर्षों से इंक्रीमेण्‍ट न देने, एरियर न देने, परिवीक्षा अवधि समाप्‍त न कर प्रताडि़त करने हेतु विकास आयुक्‍त कार्यालय के दोषी निर्वाही सहायक S.E.,C.E, इंजीनियर इन चीफ को क्‍या दण्डित करेंगे? क्‍या इन सभी के इंक्रीमेण्‍ट 6 वर्षों से रूके हैं? इन सैकड़ों शेष प्रकरणों की परिवीक्षा अवधि कब समाप्‍त होगी? सभी को सेवा लाभ कब तक देंगे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' के पृष्‍ठ 1 से 19 अनुसार है। (ख) दो वर्षों की। पदभार ग्रहण करने के दिनांक से आगामी दो वर्ष पश्चात्। दो वर्षों के गोपनीय प्रतिवेदन, विभागीय जाँच एवं सनिष्‍ठा प्रमाण पत्र की जानकारी प्राप्‍त करने की सतत् प्रक्रिया अपनाई जाती है। (ग) पृथक-पृथक आदेशों से परिवीक्षा अवधि समाप्‍त की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' के पृष्‍ठ 1 से 17 अनुसार है। (घ) 42 उपयंत्रियों के गोपनीय प्रतिवेदन एवं सनिष्‍ठा प्रमाण पत्र प्राप्‍त न होने के कारण आदेश जारी नहीं हुये। जिनके नाम  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' के पृष्‍ठ 1 से 2 अनुसार  है। पदभार ग्रहण करने के दिनांक से दो वर्षों के। (ड.) परिवीक्षा अवधि समाप्‍त करने की एक निर्धारित प्रक्रिया है। इसके लिए प्रश्‍नांकित अधिकारियों को दंडित किये जाने के प्रश्‍न पर समीक्षा कर गुण-दोष के आधार पर उचित कार्यवाही की जाती है। परिवीक्षा अवधि समाप्‍त करने की कार्यवाही आगामी 03 माह में पूर्ण करने का प्रयास किया जावेगा।

नियम विरूद्ध राशि व्‍यय करने के दोषियों पर कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

86. ( क्र. 6274 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा डी.पी.आई.पी. योजना संचालित की गई थी? योजना का उद्देश्‍य  क्‍या था? शासन की योजना एवं उद्देश्‍य अनुसार वर्ष 2010 से 2014 तक में संचालित योजना हेतु कितनी राशि जिले को प्राप्‍त हुई, का वर्षवार विवरण देवें। प्राप्‍त राशि निर्माण कार्यों में भी खर्च की गई? किए गए खर्च का वर्षवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में डी.पी.आई.पी. योजना के तहत कितने समूहों की ग्रेडिंग की गई एवं उनको कितनी राशि उपलब्‍ध कराई गई, का वर्ष 2010 से 2014 तक की जानकारी देवें? क्‍या डी.पी.आई.पी. योजना का नाम परिवर्तित कर ग्रामीण अजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम.) संचालित की गई?(ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार प्राप्‍त राशि का नियमानुसार शासन के गाइड-लाइन से हटकर फर्जी बिल-बाउचर के आधार पर गबन की गई, तो क्‍या इसके लिए दोषियों से राशि की वसूली ब्‍याज सहित करते हुए आपराधिक प्रकरण संबंधितों के विरूद्ध दर्ज करायेंगे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। हितग्राहियों का क्षमतावर्द्धन करते हुये संवहनीय आजीविका उपलब्ध कराया जाना। प्रश्नांकित अवधि एवं चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। राशि निर्माण कार्यों में खर्च नहीं की गई। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 3966 समहों की प्रथम ग्रेडिंग कर इनको राशि रु. 5,43,05,700 एवं 3156 समूहों की द्वितीय ग्रेडिंग के बाद राशि              रु. 37,54,44,950 उपलब्ध कराई गई। (ग) ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''बाईस''

गुना जिले में नवीन नगर पंचायतों का गठन

[नगरीय विकास एवं आवास]

87. ( क्र. 6311 ) श्रीमती ममता मीना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गुना जिले में नवीन नगर पंचायतें गठन करने की घोषणा क्षेत्रीय दौरे के समय माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो अमल कब तक होगा। (ख) क्या नवीन नगर पंचायतें गठन करने का प्रस्ताव शासन स्तर पर पेंडिंग है? कब तक स्वीकृति प्रदान करेंगे? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) में वर्णित तथ्य सही है तो विभाग स्तर पर सर्वाधिक मतदाता वाली ग्राम पचायतों को कब तक नगर पंचायत घोषित करेंगे? (घ) गुना जिले में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं जिनकी जनसंख्या एवं मतदाता संख्या म.प्र. में स्थित नगर पंचायतों के बराबर या समकक्ष है? यदि है तो कौन-कौन सी? उनका गठन कब तक संभव है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) घोषणा दर्ज नहीं हैं, इस संबंध में कलेक्‍टर गुना के पत्र क्रमांक 913 दिनांक 24.09.2008 के द्वारा ग्राम पंचायत म्‍याना का ठहराव प्रस्‍ताव आवश्‍यक कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को भेजा गया था। परंतु उपरोक्‍त ग्राम पंचायत मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 584 दिनांक 27 दिसम्‍बर 2011 नियमानुसार जनसंख्‍या का निर्धारित अनुपात पूर्ण नहीं करती हैं, जिस कारण से नगर परिषद बनाया जाना संभव नहीं हैं। (ख) जी हाँ, गुना जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत मधुसूदनगढ़ को नगर पंचायत बनाये जाने की कार्यवाही नियमानुसार प्रचलन में है, समयावधि बताया जाना संभव नहीं हैं। (ग) उत्‍तरांश '''' अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) निरंक, क्‍योंकि राजपत्र दिनांक 27.12.2011 के अनुसार नगर पंचायत के गठन हेतु जनसंख्‍या 20,000 से अधिक होना आवश्‍यक है, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लोक सेवा केन्द्रों द्वारा घोषित दर से अधिक वसूली

[लोक सेवा प्रबन्धन]

88. ( क्र. 6317 ) श्रीमती ममता मीना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में कितने लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं, उनके कौन-कौन से विभागों में कौन-कौन से कार्यों की सेवा प्रदाय की जाती है? (ख) क्या विभागों में लोक सेवा केन्द्रों के संचालन के पूर्व और वर्तमान में लगने वाली फीस में अन्तर क्यों है कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या राजस्व विभाग एवं परिवहन विभाग की योजनाओं की सेवा में लोक सेवा केन्द्रों में संचालकों द्वारा विभागों में घोषित दर से अधिक फीस क्यों वसूली जा रही है? जैसे कि खसरा-बी-1 में, नकलों में प्रति पेज अनुसार फीस निर्धारित थी तो प्रति सर्वे नंबर में एक खातेदार से अलग-अलग फीस लोक सेवा केन्द्र क्यों वसूल रहे है? कौन जिम्मेदार है और समय पर नकले भी नहीं दी जाती। (घ) क्या-विभाग गुना जिले में संचालित लोक सेवा केन्द्रों की सेवाओं की जाँच कमेटी गठित कर करायेगा और अभी तक नियम विरूद्ध फीस वसूलने वाले केन्द्रों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) गुना जिले में 07 लोक सेवा केन्‍द्र संचालित हैं। लोक सेवा केन्‍द्रों पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार 23 विभागों की 134 सेवाएं ऑनलाइन माध्‍यम से प्रदाय की जाती हैं। (ख) लोक सेवा केन्‍द्रों के माध्‍यम से लिये जाने वाले आवेदन में प्रोसेस शुल्‍क रूपये 30/- निर्धारित है। इसके अतिरिक्‍त सेवा के लिये संबंधित विभाग द्वारा कोई शुल्‍क निर्धारित किया गया है तो वह नियमानुसार मुद्रांक शुल्‍क देय होता है। इस प्रकार सेवाओं के लिए निर्धारित शुल्‍क ही लिया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) राजस्‍व एवं परिवहन विभाग की सेवाओं हेतु लोक सेवा केन्‍द्र संचालकों द्वारा अधिक फीस वसूल नहीं की जा रही है अपितु इन विभाग की सेवाओं के लिए निर्धारित शुल्‍क ही लिया जाता है एवं नकलों का प्रदाय समय-सीमा में किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) गुना जिले में संचालित लोक सेवा केन्‍द्रों द्वारा सेवाओं के लिए निर्धारित शुल्‍क लिया जा रहा है। अधिक फीस वसूल नहीं की जा रही है एवं निर्धारित समय-सीमा में नकलों का प्रदाय किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शिकायत का निराकरण

[लोक सेवा प्रबन्धन]

89. ( क्र. 6365 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सी.एम. हेल्‍पलाइन में शिकायत क्र. 2822902 दिनांक 20.10.2016 के संबंध में कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त निराकरण करने वाले अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक 1047 दिनांक 07.11.2016 को बिल क्रमांक 255 में छात्रवृत्ति देने का उल्‍लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो शिकायतकर्ता को प्रश्‍न दिनांक तक छात्र के खाते में छात्रवृत्ति पहुँचायी जा चुकी है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को शिकायत निराकृत की गई ओर किस दिनांक को राशि खाते में डाली गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित बतायें। क्‍या शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अध्‍यक्षों व पार्षदों की मानदेय में वृद्धि

[नगरीय विकास एवं आवास]

90. ( क्र. 6461 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रदेश की समस्‍त नगर पालिकाओं व नगर परिषदों के अध्‍यक्षों को प्रतिमाह 4800 रूपये, वार्ड पार्षदों को प्रतिमाह 1800 रूपये जन सेवक के रूप में मानदेय दिया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त अध्‍यक्षों व वार्ड पार्षदों के मानदेय में वृद्धि करने का क्‍या कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो प्रस्‍ताव पर अंतिम निर्णय कब तक ले लिया जावेगा? (ग) क्‍या उक्‍त अध्‍यक्षों एवं वार्ड पार्षदों को कई बार किसी भी समय नगरीय जनता के हित व नगरीय विकास के कार्यों से अन्‍यत्र स्‍थानों की यात्रा भी करना पड़ती है? यात्रा के दौरान इन्‍हें आर्थिक समस्‍याओं का सामना भी करना पड़ता है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या शासन उक्‍त आर्थिक समस्‍या के समाधान हेतु उक्‍त अध्‍यक्षों को मानदेय प्रतिमाह 25 हजार रूपये एवं वार्ड पार्षदों को मानदेय प्रतिमाह 10 हजार रूपये देने पर गंभीरता से विचार कर निर्णय लेगा? हाँ तो कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (पार्षदों को पारिश्रमिक तथा भत्‍ते) नियम 1995 के अनुसार धारा 353 के अंतर्गत समस्‍त नगर पालिकाओं के अध्‍यक्षों को रूपये 4800/- तथा पार्षदों को रूपये 1800/- एवं नगर परिषदों के अध्‍यक्षों को रूपये 3500/- तथा वार्ड पार्षदों को 1400 प्रतिमाह मानदेय भुगतान किया जाता है। (ख) जी हाँ, कार्यवाही प्रचलित है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (पार्षदों को पारिश्रामिक तथा भत्‍ते) नियम 1995 के अनुसार धारा 353 के अंतर्गत जनहित में शासकीय कार्य से यात्रा करने पर यात्रा- भत्‍ता दिया जाता है। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संविदा अध्‍यापकों को वरिष्‍ठता का लाभ

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

91. ( क्र. 6462 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) श्‍योपुर जिले में वर्ष 2001 में शासन निर्देशानुसार सम्‍पन्‍न हुई संविदा अध्‍यापकों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता बरती जाने को लेकर माननीय हाई कोर्ट जबलपुर में दायर याचिका की सुनवाई के उपरांत माननीय न्‍यायालय ने संविदा अध्‍यापकों को हटाने का निर्णय पारित किया था? (ख) उक्‍त निर्णय पर पुनर्विचार करने हेतु शासन द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में संविदा अध्‍यापकों के पक्ष में अपील प्रस्‍तुत की थी, की सुनवाई उपरांत माननीय सु्प्रीम कोर्ट ने भी उक्‍त संविदा अध्‍यापकों को हटाने के निर्णय पारित किया था? (ग) माननीय सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान ही जिन संविदा अध्‍यापकों ने अपरिहार्य कारणों से अपने-अपने पदों से त्‍याग पत्र देकर शासन निर्देशानुसार वर्ष 2005 में शासन निर्देशानुसार परीक्षा के जरिये बिना किसी अंतराल के इसी विभाग में ही नियुक्ति समान पद (संविदा अध्‍यापक) पर वर्ष 2006 में प्राप्‍त कर ली थीक्‍या इनकी सेवाओं को निरंतर मान्‍य किये जाने की शासन की कोई नीति है। (घ) यदि हाँ, तो नीति के तहत ऐसे संविदा अध्‍यापकों की सेवा को निरंतर मान्‍य कर शासन उन्‍हें कब तक वरिष्‍ठता का लाभ देगा यदि नहीं, तो क्‍यों।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

खेत सड़क योजना के रोड निर्माण के सम्‍बध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

92. ( क्र. 6601 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) सतना जिले के नागौद विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत दिनांक 01.01.2014 से प्रश्‍न दिनांक तक खेत सड़क योजना के तहत कहाँ-कहाँ रोड बनाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) की रोड की लम्‍बाई-चौड़ाई कितनी है? क्‍या उक्‍त रोडों को जहाँ तक बनाया जाना था क्‍या वे रोडे पूर्ण हो गई? यदि पूर्ण नहीं हुई तो क्‍यों? कब-तक पूर्ण कर ली जायेगी और अब-तक पूर्ण न करने के क्‍या कारण हैं? (ग) क्‍या खेत सड़क योजना वर्तमान में बन्‍द कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब से और क्‍यों विवरण दें। जो रोडे इस योजना अन्‍तर्गत बनाई गई हैं उन सभी रोडों का भुगतान पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो किन-किन का शेष है और कब-तक कर दिया जायेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। स्वीकृत कार्य मांग आधारित योजना अंतर्गत हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।              (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राजगढ़ विधानसभा के धार्मिक मंदिर को पर्यटन विभाग से जोड़ना

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

93. ( क्र. 6672 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में प्राचीन धार्मिक एवं ऐतिहासिक एवं रमणीय स्‍थान मॉ जालपा माताजी, मॉ बटेरी माताजी एवं मॉ होड़ा माताजी स्थित है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या यहॉ पर श्रद्धालुओं एवं भक्‍तों का दूर-दूर से आना जाना होता है? क्‍या यहॉ पर नवरात्री पर मेला भी लगता है? (ग) क्‍या शासन उक्‍त अत्‍यन्‍त प्राचीन धार्मिक व ऐतहासिक स्‍थान को पर्यटन विभाग में जोड़ेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक जोड़ा जावेगा और यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी  एकत्रित की जा रही है।

पंचायत सचिव की पदस्‍थापना एवं विकाय कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

94. ( क्र. 6684 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) पंचायत सचिवों की पदस्‍थापना का वर्ष 1999 से क्‍या नियम रहे एवं उनमें कब-कब एवं          क्‍या-क्‍या संशोधन किया गया? नियम की प्रति सहित उपलब्‍ध करावें। (ख) दतिया ब्‍लॉक की ग्राम पंचायतों में कितनी-कितनी संख्‍या में कौन से निर्माण कार्य वर्ष 2005 से 2008 में कराये गये?               (ग) ग्राम पंचायत रेड़ा जिला दतिया में वर्ष 1999 से 2014 तक कौन-कौन सरपंच/सचिव रहे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

लोक सेवा केन्‍द्रों का संचालन

[लोक सेवा प्रबन्धन]

95. ( क्र. 6712 ) श्री रजनीश सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) सिवनी जिले में कुल कितने लोक सेवा केन्‍द्र संचालित हैं? विकासखण्‍डवार सूची उपलब्‍ध करावें। क्‍या तहसील मुख्‍यालय के अतिरिक्‍त, उपतहसीलों तथा मुख्‍यालयों पर भी लोक सेवा केन्‍द्र संचालित हैं? यदि हाँ, तो पृथक से सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत संचालित लोक सेवा केन्‍द्रों द्वारा विगत 03 वर्षों में कितने आवेदन विभिन्‍न सेवाओं में प्राप्‍त किये व कितनी राशि शुल्‍क के रूप में ली गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्राप्‍त आवेदनों में से कितनों का निराकरण हुआ? (घ) क्‍या केवलारी विधानसभा क्षेत्र में और भी लोक सेवा केन्‍द्रों का शुभारंभ किया जाना है? यदि हाँ, तो कहाँ और कब तक?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सिवनी जिले में कुल 08 लोक सेवा केन्‍द्र संचालित हैं :- 1-लखनादौन, 2-छपारा, 3-घंसौर, 4- धनौरा, 5-केवलारी, 6-सिवनी, 7-कुरई, 8-बरघाट
तहसील मुख्‍यालय के अतिरिक्‍त कोई लोक सेवा केन्‍द्र संचालित नहीं हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत संचालित लोक सेवा केन्‍द्रों द्वारा 03 वर्षों में कुल 1,92,895 आवेदन विभिन्‍न सेवाओं में प्राप्‍त किये व कुल राशि रूपये 57,86,850/- प्रोसेसिंग शुल्‍क के रूप में ली गई।                   (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्राप्‍त आवेदनों में से कुल 1,91,134 आवेदनों का निराकरण हुआ।                   (घ) राज्‍य शासन द्वारा प्रत्‍येक तहसील/विकासखण्‍ड में लोकसेवा केन्‍द्र खोलने का निर्णय लया गया है। उक्‍तानुसार प्रत्‍येक तहसील मुख्‍यालय में लोकसेवा केन्‍द्र खोले गए हैं। केवलारी में भी लोकसेवा केन्‍द्र संचालित है।

शासकीय मंदिरों का जिर्णोंद्धार

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

96. ( क्र. 6768 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के कितने शासकीय मंदिर ऐसे हैं जिन्हें जिर्णोंद्धार कि आवश्यकता है? सूची उपलब्ध करावे। (ख) इन मंदिरों के जिर्णोंद्धार हेतु शासन क्या योजना बना रहा है? इनका जिर्णोंद्धार कब तक हो जावेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जंगली जानवरों द्वारा पालतू पशुओं का शिकार

[वन]

97. ( क्र. 6789 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में विगत पाँच वर्षों में (2012 से वर्तमान तक) जंगली जानवरों ने कितने पालतू मवेशियों को शिकार बनाया है? ग्रामवार प्रभावितों की संख्‍यात्‍मक जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन प्रभावितों को राज्य सरकार द्वारा         कितना-कितना मुआवजा स्वीकृत किया गया है. ग्रामवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवे. (ग) ऐसे कितने प्रभावित परिवार हैं जिन्हें अभी तक मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ है? उसके क्या कारण रहे हैं? शेष प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 56 जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

ग्राम का नाम

प्रकरण संख्‍या

प्रभावित पशुओं की संख्‍या

1

रूपाबेड़ी

5

5

2

सुलगांव

11

11

3

कडि़याकुण्‍ड

3

3

4

मेहन्‍दीखेड़ा

5

5

5

नयापुरा सुलगांव

1

1

6

खेड़ीटाण्‍डा

1

1

7

तरान्‍या

3

3

8

माण्‍डाझोल

2

2

9

रावतपलास्‍या

1

1

10

कुण्‍डी

1

1

11

ग्‍वालनपाटी

10

10

12

बड़वाह

2

2

13

टिटवा पलास्‍या

2

2

14

बड़ेल

1

1

15

चैनपुरा

5

5

16

काटकूट

2

3

 

योग -

55

56

 

 (ख) जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

ग्राम का नाम

प्रकरण संख्‍या

स्‍वीकृत राशि

1

रूपाबेड़ी

5

53000

2

सुलगांव

11

87500

3

कडि़याकुण्‍ड

3

17500

4

मेहन्‍दीखेड़ा

5

48000

5

नयापुरा सुलगांव

1

6000

6

खेड़ीटाण्‍डा

1

6000

7

तरान्‍या

3

25500

8

माण्‍डाझोल

2

20500

9

रावतपलास्‍या

1

12000

10

कुण्‍डी

1

4500

11

ग्‍वालनपाटी

10

144500

12

बड़वाह

2

33000

13

टिटवा पलास्‍या

2

9000

14

बड़ेल

1

22000

15

चैनपुरा

5

54000

16

काटकूट

2

6000

 

योग -

55

549000

 

(ग) 10 प्रकरण। बजट अभाव के कारण। बजट प्राप्‍त होने पर निराकरण कर दिया जायेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। 

ग्रामीण खेल मैदान हेतु भूमि की उपलब्धता

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

98. ( क्र. 6791 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यान सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण बच्चों के खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए राशि स्वीकृत की है एवं यह खेल मैदान ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण होना है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो शासन द्वारा बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं यह खेल मैदान की कौन सी ग्राम पंचायत क्षेत्र की भूमि चिन्हित की है? ग्राम का नाम खसरा नंबर एवं एकड़ सहित जानकारी देवे। (ग) क्या बड़वाहा विधान सभा में कोई भूमि खेल मैदान के लिए चिन्हित नहीं की गई है तथा प्राप्त राशि लेप्स होने की स्थिति में है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है तथा उसके ऊपर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) ग्राम पंचायत कस्बा बड़वाहा सीमा में स्थित शासकीय महाविद्यालय के खेल मैदान को प्राप्त राशि से विकसित करने के लिए दिए गए प्रस्ताव पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई ही है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में राशि रू. 80.00 लाख स्वीकृत की गई है। ग्राम पंचायत बड़वाह कस्बा क्षेत्र की जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय के स्वामित्व की भूमि जिसका खसरा नम्बर 320 एवं क्षेत्रफल 3.81 हेक्टेयर है।               (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रस्तावित खेल मैदान हेतु चयनित भूमि उच्च शिक्षा विभाग की ओर से भूमि हस्तान्तरण/अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

रोजगार सृजन योजना

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

99. ( क्र. 6825 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम हेतु उद्योग विभाग द्वारा जिला अनूपपुर अंतर्गत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना अंतर्गत एवं मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना, मुख्‍यमंत्री आर्थिक कल्‍याण योजना अंतर्गत युवाओं को रोजगार मुहैया कराये जाने हेतु ऋण उपलब्‍ध कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनूपपुर जिले में विगत दो वर्षों में युवाओं द्वारा सूक्ष्‍म, लघु उद्योग डालने हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुये हैं तथा कितने आवेदनों को स्‍वीकृति प्रदान की गई है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में स्‍वीकृत आवेदनों में से कितने हितग्राहियों को बैंक लोन के पश्चात् उनकी इकाइयां प्रारंभ कराई जा चुकी है एवं कितने आवेदकों के प्रकरण बैंक द्वारा ऋण स्‍वीकृत न होने के कारण शेष है।               (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या बैंकों द्वारा हितग्राहियों के ऋणों के प्रकरणों को अनावश्‍यक बताकर के ऋण नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो बैंकों द्वारा ऋण नहीं दिये जाने पर शासन द्वारा बैंकों को ऋण स्‍वीकृत कराये जाने हेतु क्‍या-क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना को छोड़कर शेष तीन योजनाओं- मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा युवाओं को रोजगार मुहैया कराये जाने हेतु ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के अंतर्गत विगत दो वर्षों में अनूपपुर जिले में सूक्ष्म, लघु उद्योग स्थापित करने हेतु कुल 273 आवेदन प्राप्त हुये जिनमें से 154 आवेदनों को स्वीकृति बैंकों द्वारा प्रदान की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बैंकों से स्वीकृत 154 आवेदनों में से 133 इकाइयाँ प्रारंभ हुई है एवं 17 आवेदकों के ऋण वितरण शेष है तथा 04 आवेदन बैंकों द्वारा निरस्त किये गये। (घ) जी नहीं, बैंकों द्वारा आवंटित लक्ष्य के अनुसार आवश्यक औपचारिकतायें पूर्ण होने पर आवेदकों के ऋण स्वीकृत किये जाते हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

वृक्षारोपण के लिए मद

[वन]

100. ( क्र. 6826 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वृक्षारोपण के लिये 1 जनवरी, 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकार तथा अन्‍य मद से कितनी राशि प्राप्‍त हुई है तथा जिले में कहाँ-कहाँ पर वृक्षारोपण किया गया है। ग्राम पंचायत का नाम, पौधों की संख्‍या सहित विकासखण्‍डवार जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या उक्‍त वृक्षारोपण की जीवितता को बनाये रखने के लिये अथवा पौधों की देखरेख के लिये कितनी राशि का प्रावधान रहता है और विभाग के द्वारा इन पौधों की देखरेख की जाती है? यदि हाँ, तो उक्‍त वर्षों में कितनी राशि इस हेतु व्‍यय की गई? (ग) वर्तमान में उक्‍त पौधारोपण की क्‍या स्थिति है? कितने जीवित हैं व कितने नष्‍ट हो गये हैं. पौधों के नष्‍ट होने के क्‍या कारण रहे हैं? शासन की इस महत्‍वाकांक्षी योजना में रोपित पौधों की जीवितता बनाये रखने के लिये कुशल एवं तकनीकी रूप से सक्षम अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में केन्‍द्र सरकार से कोई राशि प्राप्‍त नहीं हुई है। राज्‍य सरकार द्वारा आवंटित राशि से किये गये कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) जी हाँ। वृक्षारोपण की परियोजनाओं के अनुसार सुरक्षा एवं रखरखाव की राशि का प्रावधान परियोजना में किया जाता है। समिति सदस्‍यों एवं वन अमले द्वारा पौधों की सुरक्षा की जाती है। इन वृक्षारोपण क्षेत्रों पर पौधों की सुरक्षा में राशि रूपये 1,19,562/- का व्‍यय किया गया है। (ग) पौधारोपण की स्थिति अच्‍छी है। जीवित एवं नष्‍ट पौधों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। रोपित पौधों की जीवितता बनाये रखने के लिये विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा समितियों के सहयोग से आवश्‍यक तकनीकी कार्य करते हुए रखरखाव किये जाते हैं।

परिशिष्ट - ''तेईस''

बालू रेत के नाके

[खनिज साधन]

101. ( क्र. 6892 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बुदनी ब्‍लाक के गडरीयानाला एवं सकलपुर नाला तथा इच्‍छावार ब्‍लाक के नादम नाले पर कब से बालू रेत के नाके संचालित किये जा रहे हैं? (ख) 31 मार्च 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक बालू रेत भरकर ले जाने वाली प्रत्‍येक गाडि़यों के नंबर एवं प्रत्‍येक गाडि़यों से ली जाने वाली रॉयल्‍टी की रसीद करावे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) बुदनी ब्‍लॉक के गड़रिया नाला पर दिनांक                     27-05-2016, सलकनपुर नाला पर दिनांक 24-10-2016 एवं इछावर ब्‍लॉक में नादान पर दिनांक               29-08-2016 से खनिज जाँच नाका स्‍थापित है। इन नाकों पर समस्‍त खनिजों की जाँच की जाती है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित जाँच नाके प्रश्‍नाधीन दिनांक के पूर्व से संचालित हैं। इन नाकों पर जाँच किये गये वाहनों की प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर है।

कृषि उपकरण बनाने वाली लघु उद्योग इकाइयों को सुविधाएं

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

102. ( क्र. 6927 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कृषि उपकरण बनाने वाले कितने लघु उद्योग हैं? (ख) पिछले 3 वर्षों में इन लघु उद्योग इकाइयों के संदर्भ में कब कब, किन-किन अधिकारियों के द्वारा दौरे किये गये? (ग) विभाग द्वारा लघु उद्योग इकाइयों को क्या-क्या सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं? बड़नगर क्षेत्र में कार्यरत लघु उद्योग इकाइयों को क्या-क्या सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कृषि उपकरण बनाने वाले 03 लघु उद्योग हैं। (ख) विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में इकाइयों एवं विभागीय सुविधा प्राप्‍त इकाइयों का ही निरीक्षण किया जाता है। लघु उद्योग की समस्‍याओं का निराकरण एवं विकास हेतु उद्योग संघों के साथ चर्चा/बैठक की जाती है। (ग) लघु उद्योग इकाइयों को म.प्र.एम.एस.एम.ई. प्रोत्‍साहन योजना 2014 अंतर्गत स्‍थायी पूंजी अनुदान, ब्‍याज अनुदान, परियोजनान्‍तर्गत अधोसंरचना विकास हेतु किये गये व्‍यय की प्रतिपूर्ति, प्रवेशकर छूट, वेट एवं सी.एस.टी. प्रतिपूर्ति, विद्युत शुल्‍क में छूट तथा मण्‍डी शुल्‍क से छूट की सुविधायें प्रदान की जाती है। बड़नगर क्षेत्र में लघु उद्योग इकाइयों की उक्‍त योजनान्‍तर्गत आवेदन करने पर पात्रतानुसार सुविधा प्रदान की जा रही है।

ग्राम रोजगार सहायकों का नियमितीकरण एवं मानदेय बढ़ाना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

103. ( क्र. 6949 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. के ग्राम रोजगार सहायकों को वर्तमान में 5000 रूपये प्रतिमाह का मानदेय दिया जाता है, जो कि महंगाई के मान से बहुत ही कम है। (ख) यदि हाँ, तो इनका मानदेय कब तक बढ़ा  दिया जावेगा तथा  इन्हें कब तक नियमित कर दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अंशकालीन कार्य हेतु संविदा पारिश्रमिक के रूप में दिये जाने वाला मानदेय पर्याप्‍त है। (ख) उत्‍तरांश '' के प्रकाश में शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

रेत का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

104. ( क्र. 6985 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले अंतर्गत मढ़ीखेड़ा रेत खदान किस खसरा क्रमांक एवं कितने रकबे पर संचालित हैं तथा इस खदान का ठेका किस ठेकेदार को कब, कितनी अवधि के लिए स्‍वीकृत किया गया था?              (ख) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में विगत दो वर्षों में अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किए गए एवं जुर्माने के रूप में कितनी राशि वसूल की गई एवं कितने वाहन राजसात किए गए? (ग) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में रेत के अवैध उत्‍खनन कर रायल्‍टी चोरी किए जाने एवं ओव्‍हरलोडिंग कर रेत का अवैध परिवहन करने के संबंध में विगत दो वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुईं एवं उन शिकायतों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में मड़ीखेड़ा रेत खदान खसरा क्रमांक 122, रकबा 21.100 हेक्‍टेयर क्षेत्र पर संचालित है। इस खदान का ठेका मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम द्वारा मेसर्स श्री वेदांश मिनरल्‍स रिसोर्सेस एल.एल.पी. के पक्ष में दिनांक 31.03.2020 तक के लिये स्‍वीकृत किया गया है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित रेत खदान में अवैध उत्‍खनन का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। परन्‍तु प्रश्‍नाधीन खदान से अभिवहन पास में दर्शित खनिज मात्रा से अधिक मात्रा का रेत परिवहन किये जाने के 09 प्रकरण अवैध परिवहन के रूप में दर्ज किये गये थे। इन प्रकरणों में राशि रूपये 2,70,000/- का अर्थ दण्‍ड की राशि वसूल की गई है। कोई वाहन राजसात नहीं किया गया है। (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में 02 शिकायतें प्राप्‍त हुई थीं। जिनकी प्रश्‍नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर है। जिसमें दर्शाये अनुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

विभागीय निर्देशों का पालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

105. ( क्र. 6996 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग के पत्र क्रमांक एफ ५-१/२०१३/१/३ दिनांक ७.१०.२०१६ के निर्देशों का नगर निगम उज्‍जैन एवं उज्‍जैन जिले की अन्‍य नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों द्वारा कितनी समयावधि में पालन करना था? समयावधि में निर्देशों का पालन नहीं करने पर किस प्रकार की कार्यवाही की जाने का प्रावधान है? (ख) उक्‍त पत्र क्रमांक एफ ५-१/२०१३/१/३ दिनांक ७.१०.२०१६ के पालन में नगर निगम उज्‍जैन एवं जिले की समस्‍त नगर पालिका एवं नगर पंचायतों द्वारा          क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई, कितने कर्मचारी पात्र पाये गये? की गई कार्यवाही एवं पात्र कर्मचारियों की सूची की जानकारी नगर निगमवार, नगरपालिकावार उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) की जानकारी अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक पात्र कर्मचारियों को विभाग के परिपत्र का लाभ नहीं दिये जाने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? नगर निगम एवं जिले की नगर पालिकाओं द्वारा उस परिपत्र का कब तक पालन कर लिया जावेगा? समयावधि बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) उक्‍त परिपत्र मध्‍य प्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किया गया है। वर्तमान में उक्‍त परिपत्र नगरीय निकायों में लागू न होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भवन अनुज्ञा  के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

106. ( क्र. 7003 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या दिनांक 28.11.2002 को मुख्‍य सचिव म.प्र. शासन को की गयी शिकायत के अनुक्रम में नगर निगम भोपाल के पत्र क्रमांक 526/भ.अ.शा./शि.नं./2002 दिनांक 01.01.2003 से प्रेषित जाँच प्रतिवेदन में भवन अनुज्ञा क्रमांक 6341 दिनांक 23.5.2002 के स्‍वीकृत मानचित्र के विपरीत कुल 7 स्‍थानों पर मौके पर निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है? (ख) क्‍या भवन अनुज्ञा क्रमांक 6341 दिनांक 23.5.2002 के पश्चात् पुन: जारी भवन अनुज्ञा क्रमांक 7763 दिनांक 6.1.2003 के स्‍वीकृत ले-आउट/मानचित्र में पत्र क्रमांक 526 दिनांक 2.1.2003 में सरल क्रमांक 1 में अंकित ''पीछे की ओर स्थित 12.19X4.12 मीटर भूमि में'' निर्माण की स्‍वीकृति नगर निगम भोपाल ने दी है तथा क्‍या सरल क्रमांक 02 में अंकित ''दाहिने साइड में 1.91X28.50 मीटर भूमि में से प्‍लाट क्रमांक 2 के धारक द्वारा केवल 240 वर्गफिट भूमि ही क्रय की जाने पर भी क्‍या संपूर्ण 1.19.X28.50 मीटर'' भूमि पर निर्माण की अनुमति दी है? (ग) क्‍या नगर निगम द्वारा भवन अनुज्ञा केवल टाउन एवं कन्‍ट्री प्‍लानिंग विभाग द्वारा पारिका हाउसिंग कालोनी फेस-II के क्रमांक 1458-1467 दिनांक 7.5.1997 से स्‍वीकृत अभिन्‍यास में स्‍वीकृत भूखण्‍ड क्रमांक 2 के साइज 40X80 फिट पर ही दी जा सकती है तथा पश्‍चात् में प्रश्‍नाधीन कालोनी के स्‍वीकृत अभिन्‍यास में नगर निगम में उपलब्‍ध अभिलेख अनुसार कोई परिवर्तन नहीं हुआ है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम के पत्र दिनांक 02.01.2003 अनुसार कुल 07 स्‍थानों पर स्‍वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण पाया जाना प्रतिवेदित किया गया है। (ख) जी हाँ। परन्‍तु पीछे की ओर 7.89x1.5 मीटर भूमि व दाहिने साईड 16.98x0.7 वर्गमीटर भूमि पर समझौता अनुमति दी गई है, 240 वर्गफीट भूमि पर कोई अनुमति नहीं दी गई है। (ग) जी हाँ। नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा प्रश्‍नाधीन कॉलोनी के पश्‍चात् में स्‍वीकृत अभिन्‍यास में उक्‍त भूखण्‍ड पूर्ववत् है।

जाँच प्रतिवेदन

[नगरीय विकास एवं आवास]

107. ( क्र. 7006 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तत्‍कालीन संयुक्‍त कलेक्‍टर एवं उपंसचालक संचालनालय पशुपालन विभाग द्वारा प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्रालय भोपाल को आवक क्रमांक 53 दिनांक 10 जनवरी 2012 से प्राप्‍त शिकायत विधानसभा प्रश्‍नों के सही उत्‍तर नहीं देने एवं अवैध कार्य किये जाने विषयक का जाँच प्रतिवेदन नगरपालिक निगम भोपाल से चाहा गया है? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) की शिकायत विषयक जाँच प्रतिवेदन City Planer नगर निगम भोपाल के पत्र क्रमांक 697/ म.अ.शा./2011 दिनांक 16.11.2011 एवं पुन: क्रमांक 823/म.अ.शा./2012 दिनांक 10.10.2012 से उप सचिव/अवर सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्रालय भोपाल को संबोधित कर भेजे गये हैं।         (ग) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित नगर निवेशक द्वारा प्रेषित दोनों प्रतिवेदन क्रमांक 697 एवं 823 समरूप/समान है? यदि हाँ, तो जानकारी देवे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है।

शासन की राशि की बंदरबाट किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

108. ( क्र. 7016 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना के तहत वित्‍तीय वर्ष २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो भोपाल की किस-किस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई तथा किस-किस ठेकेदार/फर्म से  कितनी-कितनी राशि के कार्य संपन्‍न कराया गया वर्षवार विधानसभावार कार्य की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (ख) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री स्‍वेच्‍छानुदान निधि से तथा बीमारों के इलाज हेतु भोपालवासियों को राशि उपलब्‍ध कराई गई है? यदि हाँ, तो वित्‍तीय वर्ष २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में किन-किन लोगों को किस-किस आवश्‍यकता के तहत तथा किन लोगों को किस-किस बीमारी के इलाज हेतु कितनी राशि हितग्राही के खाते में तथा अस्‍पताल के खाते में प्रदान की गई बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वित्त वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 समयावधि में मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण से वित्त वर्ष 2016-17 में नगर पालिक निगम भोपाल को राशि रू. 40.00 करोड़ एवं नगर पालिका परिषद बैरसिया को राशि रू. 3.00 करोड़ की सैद्धान्तिक स्वीकृति जारी की गई है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनान्तर्गत राशि निकायवार आवंटित की गई है, नगरीय निकायों द्वारा सैद्धान्तिक स्वीकृति के अनुसार कराये जाने वाले कार्यों की डी.पी.आर. तैयार कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ वर्ष 2015-16 में मरीजों के इलाज हेतु हॉस्पिटल के नाम से कुल 1697 मरीजों हेतु राशि रूपये 9,39,91,000/- हॉस्पिटल के खाते में अंतरित की गई एवं स्वयं के नाम 710 हितग्राहियों के खाते में राशि रूपये 9,23,000/- का भुगतान मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान अंतर्गत किया गया, इसी प्रकार वर्ष 2016-2017 में मरीजों के इलाज हेतु हॉस्पिटल के नाम से कुल 1675 मरीजों हेतु राशि रूपये 8,55,59,000/- हॉस्पिटल के खाते में अंतरित की गई एवं स्वयं के नाम 1110 हितग्राहियों के खाते में राशि रूपये 1,44,30,000/- का भुगतान मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान अंतर्गत किया गया। हितग्राहीवार जानकारी पुस्‍तकालय में परिशिष्ट अनुसार है।

छिन्‍दवाड़ा जिले में निर्मित सी.एल.सी. पार्क की उपयोगिता

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

109. ( क्र. 7068 ) पं. रमेश दुबे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के पांढुर्णा तहसील में सी.एल.सी. पार्क का निर्माण कब हुआ? इसका रजिस्‍ट्रेशन कब, कहाँ पर किस नाम से हुआ है? इस पार्क में कौन-कौन से उद्योग स्‍थापित होने थे? सी.एल.सी. पार्क निर्माण का उद्देश्‍य क्‍या था? क्‍या उन उद्देश्‍यों की पूर्ति हो रही है? यदि हाँ, तो पूरा ब्‍यौरा दें, नहीं तो क्‍यों? (ख) विगत 3 वर्षों में उक्‍त पार्क में किन-किन को किस-किस कार्य हेतु कितनी राशि का शासकीय अनुदान वर्षवार उपलब्‍ध कराया गया है? इस अनुदान में भारत सरकार एवं राज्‍य सरकार के अनुदान का प्रतिशत कितना है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में कितने व्‍यक्तियों को रोजगार दिया जाना था तथा कितनों को क्‍या रोजगार दिया गया? क्‍या इन व्‍यक्तियों के मासिक वेतन से कोई पी.एफ. की कटौती की गयी है? यदि हाँ, तो की गयी कटौती का ब्‍यौरा दें? (घ) क्‍या उक्‍त पार्क में जिन उद्योगों को लगाया जाना था, उद्योग स्‍थापित कर संचालित हो रहे हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? कब तक वे उद्योग स्‍थापित कर संचालित हो जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के पांढुर्णा तहसील में मेसर्स सी.एल.सी. टेक्‍सटाईल पार्क प्रा.लि. दवारा प्रस्‍तावित टेक्‍सटाईल पार्क परियोजना अभी स्‍थापनाधीन है। मेसर्स सी.एल.सी. टेक्‍सटाईल पार्क प्रा.लि. का कंपनी अधिनियम, 1956 के अधीन पंजीयन दिनांक 21.04.2008 को जारी हुआ है। टेक्‍सटाईल पार्क अंतर्गत यार्न एवं फेब्रिक निर्माण हेतु जिनिंग, स्पिनिंग, बीविंग एवं गारमेंटिंग से संबंधित इकाइयां स्‍थापित होना प्रस्‍तावित है। परियोजना का उददेश्‍य टेक्‍सटाईल पार्क का निर्माण है। परियोजना स्‍थापनाधीन है, अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आलोच्‍च अवधि में राज्‍य सरकार दवारा पार्क स्‍थापना हेतु कोई अनुदान उपलब्‍ध नहीं कराया गया है। भारत सरकार दवारा दिए गए अनुदान की जानकारी उपलब्‍ध नहीं है, अत: प्रश्‍नांश के शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रस्‍ताव अनुसार टेक्‍सटाईल पार्क की स्‍थापना से 2000 व्‍यक्तियों को प्रत्‍यक्ष रोजगार मिलना प्रस्‍तावित है। चूंकि परियोजना स्‍थापनाधीन है, अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में टेक्‍सटाईल पार्क परियोजना स्‍थापनाधीन है, अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बड़वानी जिले में जनभागीदारी निधि के कार्यों

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

110. ( क्र. 7106 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) बड़वानी जिले में विगत 3 वर्षों में जनभागीदारी निधि से कहाँ-कहाँ, कितने निर्माण कार्य स्‍वीकृत किए गए? स्‍वीकृति दिनांक, लागत, स्‍थान नाम, कार्य पूर्णता दिनांक सहित देवें? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें? (ख) उपरोक्‍त में से कितने कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण है, अपूर्ण कार्य कितने प्रतिशत हैं इनमें कितनी राशि आहरित की गई? (ग) क्‍या इस निधि से अधिकांश कार्य जिला मुख्‍यालय पर ही कराये गये? यदि हाँ, तो ऐसा क्‍यों? इसके नियम की छायाप्रति देवें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।          (ख) स्वीकृत कार्यों में से 81 कार्य पूर्ण है। 42 कार्य अपूर्ण है, अपूर्ण कार्यों का प्रतिशत 34.14 है। 42 अपूर्ण कार्यों की राशि रू. 278.37 लाख है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

भोपाल विकास प्राधिकरण के कार्यों के संबंध में शिकायतें

[नगरीय विकास एवं आवास]

111. ( क्र. 7131 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत चार वर्षों में लोकायुक्‍त कार्यालय में भोपाल विकास प्राधिकरण के किन-किन कार्यों के संबंध में किस-किस के द्वारा शिकायत प्राप्‍त हुई कार्यवार, शिकायतवार जानकारी दें? उक्‍त शिकायतों के संबंध में कितने प्रकरण दर्ज हुए प्रकरण वर्तमान में किस-किस स्‍तर पर किन-किन कारणों से लंबित है प्रकरणवार जानकारी दें? (ख) क्‍या कटारा हिल्‍स स्थित विवेकानंद परिसर में मकानों एवं सड़कों के घटिया निर्माण संबंधी जाँच के संबंध में लोकायुक्‍त कार्यालय को वांछित जानकारी विभाग से प्राप्‍त हो गई है? यदि हाँ, तो क्‍या एवं उक्‍त जानकारी संतोषप्रद थी, यदि नहीं, तो इस संबंध में लोकायुक्‍त कार्यालय द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई पूर्ण विवरण दें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा जानकारी दिनांक 19.12.16 को प्रेषित की गई है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वन समितियों को प्रदाय की गई राशियों का उपयोग

[वन]

112. ( क्र. 7140 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) हरदा जिले में प्रश्‍न दिनांक से विगत 05 वर्षों से कितनी वन समितियाँ कार्यरत हैं? विधानसभा वार समितियों के नाम, पते सहित विस्‍तृत जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यरत समितियों को कब-कब कितनी-कितनी राशि उपयोग हेतु दी गई? समि‍तियों द्वारा प्राप्‍त राशि के विरूद्ध राशि व्‍यय करने हेतु कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो किस समिति द्वारा क्‍या योजना तैयार की गई, तैयार की गई योजनाओ की जानकारी विस्‍तृत रूप में देवें? समितियों द्वारा प्रदाय की गई राशि का उपयोग कब-कब, किन-किन कार्यों में किया गया? (ग) उक्‍त समितियों को किन-किन कामों हेतु राशि प्रदाय की जा सकती है व समितियों की राशि व्‍यय करने की सीमा शासन द्वारा कितनी निर्धारित है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 1431 शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) समितियों द्वारा प्राप्‍त राशि के विरूद्ध राशि व्‍यय करने हेतु योजना तैयार नहीं की गयी है, अपितु समितियों द्वारा प्रत्‍येक कार्य हेतु ठहराव प्रस्‍ताव पारित कर कार्य कराये गये एवं राशि व्‍यय की गई। समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) समितियों को कार्य आयोजना क्रियान्‍वयन अन्‍तर्गत वृक्षारोपण एवं चराई हेतु बंद कूपों की सुरक्षा राशि, राष्‍ट्रीय वनीकरण योजनान्‍तर्गत वृक्षारोपणों की सुरक्षा राशि प्रदाय की जाती है। समितियों की राशि व्‍यय करने की कोई सीमा शासन द्वारा निर्धारित नहीं की है।

शा. महाविद्यालय कटंगी में अतिरिक्‍त कक्षों का निर्माण

[उच्च शिक्षा]

113. ( क्र. 7149 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शा. महाविद्यालय कटंगी जिला बालाघाट में छात्र-छात्राओं की संख्‍या अधिक होने से अतिरिक्‍त 3 कमरों की नितांत आवश्‍यकता है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या लोक निर्माण विभाग द्वारा महाविद्यालय के 3 अतिरिक्‍त कक्षों के निर्माण का प्राक्‍कलन आयुक्‍त उच्‍च शिक्षा भोपाल को भेजा जा चुका है? (ग) यदि हाँ, तो उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा 3 अतिरिक्‍त कक्षों के निर्माण को कब तक प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महाविद्यालय, कटंगी, जिला बालाघाट में 03 अध्‍यापन कक्ष का प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ है। जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

निविदा विज्ञप्ति की जानकारी

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

114. ( क्र. 7160 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) आगर जिले में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में निर्माण/अन्य कार्य हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी निविदा विज्ञप्ति किस-किस दिनांक को जारी की गयी है, निविदा विज्ञप्ति का दिनांक, कार्य का नाम, निविदा पर व्‍यय की गयी व्यय राशि का पूर्ण विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या एक ही कार्य के लिए बार-बार विज्ञप्ति जारी की गयी है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। इसके लिए शासन को राजस्व की कितनी हानि हुई है व उसके उपरांत कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने लंबित है? लंबित कार्यों की वजह से कितनी बार शासन की राशि समर्पित हुई? इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? शासन संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार हैइन निविदाओं के प्रकाशन पर रूपये 5,88,926 का व्‍यय किया गया। (ख) निविदा के प्रथम आमंत्रण में एकल निविदा प्राप्‍त होने, निविदा प्राप्‍त नहीं होने, निविदा में पर्याप्‍त स्‍पर्धा न होने की परिस्थितियों में एक से अधिक बार निविदा नियमानुसार आमंत्रित की जाती है। इस प्रक्रिया में राजस्‍व हानि का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। प्रश्‍नांकित अवधि में 89 कार्य पूर्ण हुये एवं 64 कार्य प्रगतिरत हैं। कार्य लंबित होने से राशि समर्पित किया जाना प्रतिवेदित नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

नगर निगम भोपाल द्वारा हाउसिंग बोर्ड का हस्‍तांतरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

115. ( क्र. 7172 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम भोपाल द्वारा वार्ड २९ में स्थित कालोनी नेहरू नगर को हाउसिंग बोर्ड भोपाल से किस वर्ष हस्‍तांतरित कर अपने आधिपत्‍य में लिया? (ख) नेहरू नगर भोपाल वार्ड क्रमांक २९ म.नं. एस-३१५ से ३२४ तक/३४७ से ३५४ तक/३५५ से ३६८ तक तथा ३७५ से ३८७ तक के बीचो बीच भूमि किस मद के लिए तथा कितनी वर्गफीट रिक्‍त छोड़ी गई? क्‍या उक्‍त भूमि का उपयोग उसी मद में हो रहा है? यदि हाँ, तो मय दस्‍तावेज/प्रदान की गई सुविधा के प्रमाण सहित स्‍पष्‍ट जानकारी देवे? यदि किसी प्रकार का अतिक्रमण है तो कब तक अतिक्रमण मुक्‍त कर नागरिकों को सुविधा प्रदान कर दी जाएगी? (ग) नेहरू नगर, भोपाल के वार्ड २९ में म.न. एस ३१६ से लेकर एस ३२४ के सामने कितनी फीट चौड़ी सड़क भू अभिलेखों में दर्ज है? क्‍या वर्तमान स्थिति में उक्‍त सड़क नक्‍शे में दर्शित स्थिति में है या उस पर अतिक्रमण हो चुका है? यदि अतिक्रमण हो चुका है तो सड़क को अतिक्रमण मुक्‍त कब तक कर दिया जाएगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नेहरू नगर स्थित नेहरू नगर कोटरा सुल्‍तानाबाद नगर निगम, भोपाल को दिनांक 23.10.1992 को 48 एल.आई.जी. परिसर नेहरू नगर एवं 72 सीनियर एल.आई.जी. नेहरू नगर दिनांक 17.03.2005 को हस्‍तांतरित हुई है। (ख) नेहरू नगर की प्रश्‍नांकित कॉलोनी हाउसिंग बोर्ड द्वारा विकसित की गई है। हाउसिंग बोर्ड के मानचित्र में खुली भूमि दर्ज है। खुली भूमि का क्षेत्रफल प्रदर्शित नहीं है। स्‍थल पर अतिक्रमण चिन्हित उपरांत नगर पालिका निगम भोपाल द्वारा प्रशासन के सहयोग से हटाया जा सकेगा। (ग) मानचित्र अनुसार सड़क की चौड़ाई 15 फीट दर्शाई गई है। नेहरू नगर स्थित मकान क्रमांक एस 316 से एस 324 के शेड जो हाउसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित है, के रहवासियों द्वारा यदाकदा अस्‍थायी रूप से सड़क/ पार्क की खुली भूमि पर सामान रखकर अतिक्रमण किया जाता है। निगम द्वारा समय-समय पर अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर अतिक्रमण के क्षेत्र को मुक्‍त किया जाता है। स्‍थल पर अतिक्रमण चिन्हित उपरांत नगर पालिका निगम भोपाल द्वारा प्रशासन के सहयोग से हटाया जा सकेगा।

जिला पंचायत हरदा को प्राप्‍त राशि के संबंध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

116. ( क्र. 7181 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत हरदा को विगत 3 वर्षों में केंद्रीय वित्‍त आयोग एवं राज्‍य वित्‍त आयोग मद में कितनी राशि प्राप्‍त हुई? उक्‍त राशि से क्‍या-क्‍या कार्य कितनी राशि के स्‍वीकृत किये सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) उक्‍त अवधि में हरदा जिले की विधानसभा क्षेत्र टिमरनी की ग्राम पंचायतों को कितनी राशि सीधे प्राप्‍त हुई ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्‍ध करावें? (ग) उक्‍त स्‍वीकृत कार्यों में से       कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है, कार्यवार कारण बताये? उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) जिला पंचायत/जनपद पंचायत/ग्राम पंचायत को दी गई राशि की जानकारी विभाग द्वारा संबधित जिले के सांसद/विधायकों को प्रतिलिपि क्‍यों नहीं दी जाती है? क्‍या इसका प्रावधान आगामी समय में किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत हरदा को प्रश्नाधीन अवधि में वर्ष         2014-15 में 13वें वित्त आयोग परफॉरमेंस ग्रान्ट से राशि रू. 1.00 करोड़ वर्ष 2015-16 में राज्य वित्त आयोग मद से राशि रू. 2.00 करोड़ प्रदाय की गई एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक राशि प्रदाय नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार।         (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) विभाग स्तर से नियमानुसार प्रतिलिपि दी जाती है। जी हाँ। राशि प्रदाय किये जाने की तिथि अनुसार।

दिव्यांग हितग्राहियों को दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

117. ( क्र. 7190 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने दिव्यांग हितग्राही हैं जिनको विभाग की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है? योजनावार संख्‍या उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी हितग्राहियों की क्‍या स्पर्श पोर्टल पर प्रविष्टियाँ हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो पोर्टल जनरेट सूची उपलब्ध करावे? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण होगी? (ग) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा दिव्यांग हितग्राहियों के चिकित्सा मूल्यांकन सह उपकरण वितरण शिविर आयोजित किये गये हैं एवं आयोजित शिविरों में कितने हितग्राहियों को क्या-क्या लाभ दिये गये हैं?         (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 80 प्रतिशत से अधिक विकलांगता प्रतिशत वाले कितने अस्थिबाधित/पोलियोग्रस्त विकलांग हैं? इनमें से कितने हितग्राहियों को मोटोट्रायसाइकिल दी गई हैं? कितनो ने मोटोट्रायसाइकिल की मांग की हैं? क्या स्व-प्रेरणा से अभियान चलाकर मोटोट्रायसाइकिल प्रदान करने हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 163 दिव्यांग हितग्राही है। 139 हितग्राहियों को निःशक्त पेंशन एवं 24 हितग्राहियों को मानसिक/बहुविकलांग योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''''अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार(घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत 80 प्रतिशत से अधिक विकलांगता प्रतिशत वाले 62 अस्थिबाधित/पोलियोग्रस्त विकलांग हैं। मोट्रेट ट्रायसाइकिल हेतु कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुए है। इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

खेल सामग्रि‍यों की उपलब्धता

[खेल और युवा कल्याण]

118. ( क्र. 7191 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर जिला अंतर्गत विगत 03 वर्षों में खेल सामग्री की उपलब्धता हेतु कितना बजट प्राप्त हुआ है? प्राप्त बजट के सापेक्ष क्या-क्या कार्य किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने खिलाड़ियों/संस्थाओं को खेल सामग्री उपलब्ध करवाई गई? (ग) आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 में आगर जिला अंतर्गत खेल सामग्रि‍यों की आवश्यकतानुरूप उपलब्धता के लिये क्या कार्ययोजना हैं? (घ) शिक्षा विभाग से या अन्य विभाग से खेल सामग्री की उपलब्धता हेतु कोई विगत 01 वर्ष में कितने मांग या प्रस्ताव प्राप्त हुये? प्राप्त मांग या प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विगत तीन वर्षों में आगर जिले को खेल सामग्री मद में प्राप्त बजट एवं व्यय तथा उसके सापेक्ष में किये गए कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जिले को आवंटित राशि से विगत 3 वर्षों में वर्ष  2014-15 में 35 केन्द्रों पर प्रशिक्षकों के माध्यम से 4000 खिलाड़ियों वर्ष 2015-16 में 30 केन्द्रो पर प्रशिक्षकों के माध्यम से 4300 खिलाड़ियों एवं वर्ष 2016-17 में 35 केन्द्रों पर प्रशिक्षकों के माध्यम से 4700 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण हेतु उक्त सामग्री पर व्यय किया गया है। (ग) आगामी वर्ष  2017-18 के लिए विभागीय योजनाओं अनुसार ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर, खेल प्रशिक्षण केन्द्रों को खेल सामग्री क्रय हेतु आवश्‍यकतानुसार गणना कर बजट प्रस्तावित किया गया है। (घ) शिक्षा विभाग से या अन्य विभाग से खेल सामग्री की उपलब्धता हेतु विभाग को कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

रोजगार सहायकों के संबंध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

119. ( क्र. 7196 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) जिला सिवनी की ग्राम पंचायतों में वर्तमान में कितने रोजगार सहायक कार्यरत हैं? रोजगार सहायकों के पद कौन-कौन सी पंचायतों में रिक्‍त हैं? जनपद पंचायतवार विवरण देवें? (ख) क्‍या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ ९३२/७६१/१३/२२/ए भोपाल दिनांक ६.७.२०१३ के द्वारा ग्राम पंचायत का पंचायत सहायक सचिव घोषित किया गया था? यदि हाँ, तो स्‍थाई पद पर पंचायत सचिव की भांति जिला संवर्ग में संविलियन किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक?          (ग) क्‍या अन्‍य कर्मचारियों की भांति रोजगार सहायकों को महंगाई भत्‍ते एवं अन्‍य भत्‍तों के अलावा जैसे स्‍थानांतरण, ई.पी.एफ., अनुकंपा नियुक्ति आदि का भी प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्‍यों?          (घ) प्रश्‍नांश '' अनुसार रोजगार सहायकों को कब तक उक्‍त सुविधाओं हेतु पॉलिसी तैयार कर लागू की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 618। रिक्‍त पद की सूची संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार।  (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) एवं (घ) ग्राम रोजगार सहायक अंशकालीन कार्य के लिए संविदा पर शर्तों के तहत नियुक्‍त है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''छब्‍बीस''

पी.एम.वाय. के अंतर्गत सड़कों के निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

120. ( क्र. 7197 ) श्री रजनीश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या केवलारी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत धनौरा वि.खं. के ग्राम बोरिया से व्‍याहा हरदुली, बरबसपुर, ग्राम भीमगढ़ से चरगवां एवं ग्राम आमानाला से ग्राम कडवे थावरी मार्ग अत्‍यंत ही जर्जर है? यदि हाँ, तो उक्‍त मार्गों के निर्माण हेतु क्‍या विभाग के पास क्‍या कोई प्रस्‍ताव लंबित है? यदि हाँ, तो बतायें? (ख) प्रश्‍नांश () अनुसार उक्‍त मार्गों में कब से मरम्‍मत कार्य नहीं हुआ है? मरम्‍मत कार्य न होने के क्‍या कारण हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या उक्‍त मार्गों के‍ निर्माण हेतु क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा लंबे अरसे से मांग की जा रही है? (घ) यदि उक्‍त मार्गों के निर्माण हेतु प्रस्‍ताव लंबित है तो कब तक इन मार्गों को पूर्ण कर आवागमन हेतु बना दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांकित मार्गों का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार उक्त सड़कों को योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार योजनांतर्गत नहीं होने से कोई कार्यवाही की जाना संभव नहीं है।

शासकीय महाविद्यालयों में MBA, MCA पाठ्यक्रम

[उच्च शिक्षा]

121. ( क्र. 7202 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासकीय महाविद्यालयों में MBA, MCA पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने की क्या नीति‍ विभाग द्वारा तय की गई है प्रदेश के कितने शा. महाविद्यालयों में उक्त पाठ्यक्रम हेतु विभाग को आवेदन किन नियम, शर्तों का पालन करते हुए दिए? कितनों ने AICSTE से अनुमति प्राप्त कर ली है? कितनों ने नहीं? किन-किन महाविद्यालयों में उक्त कोर्स कब से प्रारम्भ हो चुके हैं, नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी देवे? (ख) विगत 5 वर्षों में मंदसौर के राजीव गाँधी शासकीय महाविद्यालय ने उक्त कोर्स हेतु कब-कब आवेदन किया, आवेदन की कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है मंदसौर महाविद्यालय में MBA, MCA प्रारम्भ करने की अनुमति कब तक दे दी जाएगी?  (ग) क्या निजी महाविद्यालयों को फायदा पहुंचाने की दृष्टि से AICSTE दिल्ली द्वारा प्रदेश के सभी शा. महाविद्यालयों की अनुमति लगातार निरस्त की जा रही है प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे महाविद्यालयों को अनुमति में मार्गदर्शन हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) प्रदेश के कितने निजी महाविद्यालयों में MBA, MCA कोर्स संचालित है क्या यह सभी AICSTE के नियमों का पालन कर रहे है इसकी जाँच प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने कब-कब की?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं, क्योंकि एम.बी.ए, एम.सी.ए. पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली द्वारा ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किये जाते हैं तथा पाठ्यक्रमों की स्वीकृति (लैटर ऑफ़ अप्रूवल) अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली द्वारा उनके तय मापदण्डों के पूरा करने पर ही दी जाती है। इसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग, म.प्र. पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की एन.ओ.सी. देता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय, मंदसौर द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली से अनुमति एवं तकनीकी शिक्षा विभाग से एन.ओ.सी. प्राप्त होने पर ही प्रस्ताव पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न '' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी तकनीकी शिक्षा संचालनालय मध्यप्रदेश से प्राप्त सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली के नियमों का पालन होने की जाँच उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नहीं की जाती है।

देवास में वालीबॉल सेंटर के निर्माण

[खेल और युवा कल्याण]

122. ( क्र. 7211 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या वर्ष 2010 में देवास में वालीबॉल  सेंटर निर्माण की स्‍वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई थी व निर्माण एजेंसी नगर निगम देवास थी? क्‍या उक्‍त कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी नगर निगम देवास को कितनी राशि प्रदाय की जा चुकी हैं या कुछ राशि का भुगतान बाकी है? (ग) यदि हाँ, तो शेष बकाया राशि का भुगतान नगर निगम देवास को कब तक कर दिया जावेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, जी हाँ।           (ख) शासन के आदेश क्रमांक एफ 6-14/10/9 दिनांक 12.11.2010 (पुर्नरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति) राशि रू. 472.00 लाख के संदर्भ में राशि रू. 505.00 लाख प्रदाय की जा चुकी है। शासन स्वीकृति अनुसार कोई राशि शेष नहीं है। (ग) प्रश्‍नोत्तर '' के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्राम उदय से भारत उदय अभियान

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

123. ( क्र. 7212 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 14 अप्रैल से दिनांक 31 मई 2016 तक ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान चलाया गया था? (ख) क्‍या उक्‍त अभियान के अंतर्गत देवास विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम संसद आयोजित कर ग्रामीण क्षेत्र में आवश्‍यक संरचनाओं के निर्माण हेतु संबंधित विभागों द्वारा कार्ययोजना बनाकर आवश्‍यक निर्माण कार्य जैसे पुलिया सड़क के तकनीकी प्राक्‍कलन बनाये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो उनके क्रियान्‍वयन हेतु अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) यदि हाँ, तो उक्‍त कार्यों के पूर्ण करने हेतु क्‍या प्रक्रिया प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित की गई हैं?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) ग्राम पंचायतों की पात्रतानुसार एवं प्राथमिकता क्रम अनुसार निर्माण कार्य की डी.पी.आर. तकनीकी स्वीकृति एवं सक्षम प्रशासकीय स्वीकृति संबंधित कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) ग्राम पंचायतों की पात्रतानुसार एवं प्राथमिकता क्रम अनुसार निर्माण कार्य की डी.पी.आर. तकनीकी स्वीकृति एवं सक्षम प्रशासकीय स्वीकृति संबंधित कार्यवाही प्रचलन में है।

देवास विकास योजना 2031 की स्‍वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

124. ( क्र. 7213 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या देवास विकास योजना 2031 (मास्‍टर प्‍लान) का प्रकाशन 09.10.2012 को किया जाकर प्रकाशन अवधि में प्राप्‍त सुझावों उपरांत गठित समिति की अनुशंसा प्रतिवेदन उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल को 2014 में प्रेषित कर दिया गया था?         (ख) यदि हाँ, तो देवास विकास योजना (मास्‍टर प्‍लान) पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है?           (ग) देवास विकास योजना की स्‍वीकृति कब तक प्रदान की जाकर नया मास्‍टर प्‍लान लागू कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। देवास विकास योजना प्रारूप 2031 का प्रकाशन म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 18 (1) के प्रावधान अंतर्गत जन सामान्‍य से आपत्ति/सुझाव प्राप्‍त करने हेतु किया गया। (ख) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 17-क (1) के अंतर्गत गठित जनप्रतिनिधियों की समिति द्वारा अधिनियम 1973 की धारा 18 (2) के अंतर्गत आपत्ति/सुझाव की सुनवाई की गई। आपत्ति/सुझाव सुनवाई प्रतिवेदन उपसंचालक एवं समिति संयोजक नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय देवास द्वारा दिनांक 06.04.2013 के द्वारा संचालनालय में प्रेषित किया गया था। समिति के संयोजक से प्राप्‍त प्रतिवेदन की म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 18 (3) के अंतर्गत समीक्षा की जाकर संचालनालय द्वारा दिनांक 15.06.13 द्वारा शासन को म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 19 के अंतर्गत अनुमोदन संबंधी कार्यवाही हेतु प्रस्‍तुत किया है। (ग) देवास विकास योजना परीक्षण अंतर्गत विचाराधीन है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जैतहरी नगर परिषद की अनियमितताएं की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

125. ( क्र. 7225 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या अनूपपुर जिले के नगर पंचायत जैतहरी के पार्षद व भाजपा नेता प्रतिपक्ष तथा सदस्‍य जिला योजना समिति श्री आनंद अग्रवाल ने वर्ष 2016 में नगर पंचायत जैतहरी की धांधली आर्थिक अनियमितता की जाँच हेतु आदिम जाति कल्‍याण मंत्री व तत्‍कालीन प्रभारी मंत्री अनूपपुर तथा उद्योग राज्‍य मंत्री व प्रभारी मंत्री के माध्‍यम से आयुक्‍त नगरीय प्रशासन मंत्री तथा प्रमुख सचिव को शिकायती पत्र प्रभारी मंत्री के कव्‍हरिंग पत्र से भेजा गया है? यदि हाँ, तो मंत्री तथा शिकायती पत्र की छायाप्रति उपलब्‍ध कराते हुए बताएं कि उत्‍तर दिनांक तक प्रत्‍येक बिन्‍दुवार आरोप व जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराते हुए जानकारी देवें? (ख) क्‍या प्रभारी मंत्री के पत्र व जाँच की पहल पर कोई जाँच दल बनाकर जाँच कराई गई है? यदि नहीं, तो अफसरशाही व भ्रष्‍टाचार को संरक्षण का औचित्‍य तथ्‍य सहित देवें? (ग) क्‍या मंत्री के पत्रों को भी प्रशासन द्वारा नजर अंदाज कर आर्थिक अनियमितता व भ्रष्‍टाचार को खुला संरक्षण दिया है? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) पर क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) क्‍या नगर पंचायत अध्‍यक्ष ने बिना सक्षम स्‍वीकृत के बाल हा.से. स्‍कूल के कब्‍जा-दखल व स्‍वत्‍व की भूमि पर शांपिग काम्‍पलेक्‍स का निर्माण कराया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का अपव्‍यय कर निकाय को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है? संपूर्ण राशि की वूसली तथा शॉपिंग काम्‍पलेक्‍स निर्माण उपरांत 15 फरवरी 2017 तक किराया क्षति का आंकलन कर दोषी से वूसली समय-सीमा में करते हुए वित्‍तीय अधिकार पर रोक लगायी जाएगी? (ड.) क्‍या बस स्‍टैण्‍ड शॉपिंग काम्‍पलेक्‍स नीलामी में धांधली तथा कि‍राया क्षति के शिकायत की जाँच संयुक्‍त संचालक जबलपुर के माध्‍यम से करायी गई है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक आर्थिक क्षति आंकलन कर समय-सीमा में वसूली की कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सच यह है कि संचालनालय के पत्र क्रमांक 7176 दिनांक 20.05.2015 द्वारा संभागीय संयुक्‍त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा एवं शहडोल को प्रेषित पत्र शिकायती पत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। संभागीय संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा एवं शहडोल के पत्र क्रमांक 1247 दिनांक 25.05.2016 द्वारा जाँच प्रतिवेदन विभाग को प्रेषित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन अनुसार विभाग के पत्र क्रमांक एफ 4-5/2017/18-3 दिनांक 06.03.2017 के द्वारा श्री अवधेश कुमार अग्रवाल, अध्‍यक्ष, नगर परिषद् जैतहरी जिला अनूपपुर को म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 51-, 41-क (1) के तहत उत्‍तरदायी पाये जाने के कारण, कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है, जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के दिये गये उत्‍तर अनुसार शिकायत की जाँच कराई गई है इसलिये शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। विभाग के पत्र क्रमांक एफ 4-5/2017/18-3 दिनांक 06.03.2017 के द्वारा श्री अवधेश कुमार अग्रवाल, अध्‍यक्ष, नगर परिषद् जैतहरी जिला अनूपपुर को म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 51-, 41-क (1) के तहत उत्‍तरदायी पाये जाने के कारण, कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। (घ) जी हाँ। आर्थिक क्षति के आंकड़ों का परीक्षण संभागीय कार्यालय संयुक्‍त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा एवं शहडोल द्वारा किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ड.) जी हाँ। संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग जबलपुर के जाँच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक 1293 दिनांक 24.05.2016 में श्री अवधेश कुमार अग्रवाल, अध्‍यक्ष, नगर परिषद् जैतहरी, जिला अनूपपुर तथा तत्‍का. सेवानिवृत्‍त मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी श्री भागवत प्रसाद तिवारी को उत्‍तरदायी पाया गया है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रकरण में नियमानुसार जाँच प्रतिवेदन के निष्‍कर्ष में कितनी आर्थिक क्षति हुई है आंकड़ों का उल्‍लेख नहीं किया गया है। आर्थिक क्षति के आकलन का परीक्षण संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा एवं शहडोल को करने के निर्देश दिये गये है। संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, जबलपुर संभाग जबलपुर से कितनी आर्थिक क्षति हुई है के आंकलन प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

योजनान्‍तर्गत प्राप्‍त एवं व्‍यय राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

126. ( क्र. 7226 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत नगर पालिका परिषद् पसान, अनूपपुर, जैतहरी में वित्‍तीय वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक किन-किन योजनाओं के तहत किन-किन मदों में           कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई, प्रत्‍येक योजनाओं में व्‍यय भुगतान की जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य एक या दो संविदाकारों से कराया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतायें? (ग) क्‍या नगरपालिका क्षेत्रान्‍तर्गत कराये गये कार्यों की गुणवत्‍ता की उच्‍च स्‍तरीय जाँच करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, एक ही कार्य 02 संविदाकारों द्वारा नहीं कराया गया है। अत: शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत कराये गये कार्यों की गुणवत्‍ता संतोषप्रद होने के कारण उच्‍च स्‍तरीय जाँच का प्रश्‍न ही नहीं उठता।

परिशिष्ट - ''सत्‍ताईस''

कटनी जिले में मनरेगा की उपयोजना के कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

127. ( क्र. 7259 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के विधानसभा क्षेत्र क्र.93 मुडवारा में वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक महात्‍मा गांधी नरेगा की कपिलधारा उपयोजना से कूप निर्माण एवं नंदन फलोद्यान के कार्य, कितने हितग्राहियों हेतु तथा शांतिधाम के कार्य कितने ग्रामों में कितनी लागत के स्‍वीकृत किये गये कितने कार्य प्रारंभ किये गये एवं कितने कार्य पूर्ण किये गये? (ख) प्रश्नांश '''' कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति कब जारी की गयी वर्षवार संख्‍या बतलावें? कितने कार्यों के पूर्णता        प्रमाण-पत्र जारी किये गये? (ग) क्‍या स्‍वीकृति अनुसार कार्य पूर्ण किये गये? यदि नहीं, तो क्‍यों? जिला एवं जनपद पंचायत के शासकीय सेवकों द्वारा किये गये निरीक्षण में किन कार्यों में स्‍वीकृति अनुसार कार्य नहीं होना पाया गया? (घ) प्रश्नांश '''' से '''' कार्यों में अनियमितता की कितनी शिकायतें जिला पंचायत को प्राप्‍त हुई एवं प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

बुरहानपुर जिले में पिछले पाँच वर्ष में कार्यों की स्‍वीकृति

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

128. ( क्र. 7276 ) सुश्री मंजू राजेंद्र दादु : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नेपानगर की ग्राम पंचायतों में प्रश्‍न दिनांक से विगत तीन वर्षों में पंचायत विभाग में कितने कार्य स्‍वीकृत हुये है वर्षवार कार्यवार लागत सहित संपूर्ण विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुये हैं तथा इन्‍हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) विलंब से चल रहे कार्यों हेतु की गई कार्यवाही का विवरण देवें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल 414जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) 140 कार्य अपूर्ण है, जो प्रगतिरत है। (ग) स्वीकृत कार्यों की नियमित समीक्षा एवं कार्य एजेंसियों को नोटिस देने की कार्यवाही की गई है।

मंदिरों के जीर्णोद्धार की जानकारी

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

129. ( क्र. 7278 ) श्री गोपाल परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर जिले के अंतर्गत मंदिर जीर्णोद्धार हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्‍ताव विभागीय अनुशंसा पर दिए गए हैं यदि हाँ, तो किन-किन मंदिरों के लिए जानकारी देवे, विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्‍या प्रश्न (क) के तारतम्‍य में विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 2380/28.7.2016 कलेक्टर आगर को लिखा गया है, यदि हाँ, तो कलेक्टर आगर द्वारा उक्त मंदिरों के जीर्णोद्धार सम्बन्धी प्रस्ताव/प्राक्‍कलन रिपोर्ट कब प्राप्त हुई, प्राक्‍कलन रिपोर्ट के अनुसार         कितनी-कितनी राशि किस मंदिर को स्वीकृत की गयी प्राक्‍कलन रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है तो इसके लिए कौन दोषी है, शासन क्या कार्यवाही करेगा बतावे, नहीं तो कारण बतावे? (ग) प्रश्न (ख) के अनुसार उक्त मंदिरों के प्राक्‍कलन रिपोर्ट तैयार नहीं हुई हो तो कब तक तैयार होकर राशि स्वीकृत कर दी जावेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय महाविद्यालय बदनावर में विज्ञान संकाय प्रारंभ किया जाना

[उच्च शिक्षा]

130. ( क्र. 7284 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय बदनावर में वर्तमान में विज्ञान संकाय न होने से विज्ञान संकाय के छात्र-छात्राओं को विज्ञान संकाय हेतु बदनावर से अन्यत्र जाना होता है या विज्ञान संकाय में रूचि रखने वाले छात्र-छात्रायें स्नातक का कोर्स नहीं कर पाते हैं? (ख) क्‍या शिक्षा हित में तथा  छात्र-छात्राओं के भविष्य के दृष्टिगत कब तक विज्ञान संकाय प्रारंभ किया जावेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, बदनावर से 16 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय बड़नगर तथा 40 कि.मी. की दूरी पर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रतलाम तथा शासकीय कन्या महाविद्यालय रतलाम में विज्ञान संकाय संचालित हैं। जहाँ विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। (ख) वर्तमान में सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए नवीन संकाय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है।

प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही

[वन]

131. ( क्र. 7313 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रश्‍नकर्त्ता द्वारा भूमि संबंधी विषय की जाँच नहीं किये जाने विषयक दिनांक 01-02-17 को लिखा पत्र एवं किसान जाग्रति संगठन भोपाल के श्री इरफ़ान जाफरी द्वारा दिनांक 30-31 जन.17 को लिखा पत्र प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल एवं मुख्य वन संरक्षक बैतूल को किस दिनांक को प्राप्त हुआ है? पत्र में किस आदेश पत्र की प्रति भी संलग्न की गयी है? (ख) बड़े झाड़ छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में सार्वजनिक प्रयोजन के लिए दर्ज जमीन एवं राजपत्र में निर्वनीकृत की गई जमीन को किसके आदेश एवं किसकी अनुमति नारंगी भूमिसर्वे नारंगी वनखंड एवं नारंगी भूमि के आकड़ों में शामिल करने का वन विभाग को अधिकार या छूट मिली है? (ग) प्रश्नकर्ता के किस पत्र की जाँच किस अधिकारी को सौंपी गई? जाँच अधिकारी ने कितनी बड़े-छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन निस्तार पत्रक में दर्ज जमीन एवं कितनी निर्वनीकृत भूमि सर्वे वनखंड एवं आंकड़ों में शामिल होना पाया इसके लिए किस अधिकारी को जिम्मेदार पाया? (घ) वन मुख्यालय भोपाल ने बड़े छोटे झाड़ के जंगल, सार्वजनिक प्रयोजन की जमीन एवं निर्वनीकृत जमीन को नारंगी वनखंड एवं नारंगी आकड़ों से पृथक किये जाने का पत्र किस दिनांक को जारी किया? यदि नहीं, तो कारण बतायें कब तक पत्र जारी किया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) दिनांक 09.02.2017 एवं दिनांक 23.02.2017 को। उक्‍त में किसी शासन आदेश की प्रति संलग्‍न नहीं है। किसान जागृति संगठन भोपाल के श्री इरफान जाफरी द्वारा दिनांक 30.01.2017 को लिखा पत्र प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक, भोपाल के कार्यालय को दिनांक 02.02.2017 एवं मुख्‍य वन संरक्षक बैतूल के कार्यालय को दिनांक 07.02.2017 को प्राप्‍त हुआ। उक्‍त में भी किसी शासन आदेश की प्रति संलग्‍न नहीं है। (ख) राजस्‍व विभाग एवं वन विभाग के संयुक्‍त हस्‍ताक्षर से जारी म.प्र. शासन वन विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन, भोपाल के पत्र दिनांक 14 मई 1996 की कंडिका-3 में उल्‍लेखानुसार राजस्‍व विभाग के ऐसे खसरों का हस्‍तांतरण वन विभाग को कराने की कार्यवाही की जावे जिसमें कि अच्‍छी श्रेणी के वन उपलब्‍ध हैं। उक्‍त पत्र के परिप्रेक्ष्‍य में नारंगी सर्वे इकाई बैतूल द्वारा प्रश्‍नाधीन भूमियों को प्रारंभिक सर्वे में शामिल किया गया। (ग) उत्‍तरांश '' अंतर्गत कार्यवाही शासन दिशा निर्देशानुसार होने से जाँच कराये जाने तथा शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '' एवं '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नाधीन भूमियों को नारंगी वनखण्‍डों से पृथक किये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। प्रश्‍नाधीन भूमियों को नारंगी भूमि के आंकडों से पृथक किये जाने के संबंध में वन मुख्‍यालय के पत्र दिनांक 20.07.2014, दिनांक 04.10.2014 एवं अर्द्ध शासकीय पत्र दिनांक 01.11.2014 से मुख्‍य वन संरक्षक (क्षेत्रीय) वन वृत्‍त बैतूल को लेख किया गया। नारंगी सर्वे इकाई बैतूल द्वारा प्रारंभिक सर्वे में शामिल किये गये अनुपयुक्‍त खसरे पूवर्वत राजस्‍व विभाग के आधिपत्‍य में हैं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मनरेगा के दिशा-निर्देश के अनुसार जी.आर.एस. से कार्य कराना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

132. ( क्र. 7314 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा के दिशा-निर्देश 2013 के अनुसार जी.आर.एस. की तैनाती केवल मनरेगा के लिए की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ तो विदिशा जिले में किस निर्देश से जी.आर.एस. से अन्य कार्य जैसे सामाजिक सुरक्षा मिशन, निर्मल भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत बीमा कार्य, पंचायत दर्पण पर जानकारी अपलोड कार्य आदि कार्य किए गये हैं और वर्तमान में भी कराये जा रहे हैं? निर्देश की प्रति देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्य कराए जाने से मनरेगा के मूल कार्य प्रभावित हो रहे हैं, इसके लिये कौन दोषी हैं? (घ) विदिशा जिले में कितने जी.आर.एस. तैनात है तथा किस-किस ग्राम पंचायत में जी.आर.एस. नहीं है? उनमें तैनात कब तक की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) 555। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''उनती''

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

133. ( क्र. 7321 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण अंचलों में "प्रधानमंत्री आवास योजना" कब से लागू की गयी? (ख) उक्त योजना में आवास प्राप्त करने हेतु ग्रामीणों के लिए क्या-क्या नीति नियम रखे गए हैं? चयन प्रक्रिया किस आधार पर होगी? (ग) क्या आवास आवंटन पंचायत की जनसंख्या के आधार पर तय किए जा रहे हैं? (घ) क्या मंदसौर, रतलाम नीमच जिले में योजना का आवंटन बड़ी पंचायत को कम व छोटी पंचायत को ज्यादा कर दिया है? ऐसी छोटी पंचायतों की स्वीकृत सूची उपलब्ध कराये। प्रकरण में असामानता का कारण क्या रहा, इसमें दोषी अधिकारी, कर्मचारी कौन है? उन पर क्या कार्यवाही की गयी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण वित्तीय वर्ष 2016-17 से लागू की गई है। (ख) से (घ) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। हितग्राही चयन क्षेत्र आधारित न होकर SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों की परस्पर वंचिचता की तीव्रता के आधार पर करने के दिशा-निर्देश है। सर्वोच्च प्राथमिकता आवासहीन परिवारों को, द्वितीय प्राथमिकता शून्य कक्ष कच्चा आवास श्रेणी के एवं तृतीय प्राथमिकता एक कक्ष कच्चा आवास श्रेणी के परिवारों को उनकी परस्पर वंचितता की तीव्रता के क्रम से देने की है। हितग्राही चयन क्षेत्र आधारित नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।

निर्माण कार्य एवं अन्य सामग्री का क्रय

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

134. ( क्र. 7325 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्या ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तरीय कार्यों एवं अन्‍य सामग्रियों के क्रय हेतु मनरेगा योजनान्‍तर्गत शासन से राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो मनरेगा योजनान्‍तर्गत शहडोल जिले के ब्‍यौहारी एवं जयसिंहनगर पंचायत के प्रत्‍येक ग्राम पंचायतों एवं जनपद पंचायत स्‍तर के कार्यों एवं अन्‍य सामग्रियों के क्रय हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि आवंटित एवं व्‍यय की गई हैं? प्रत्‍येक ग्राम पंचायत के लिये किस फर्म से सामग्री क्रय की गई है? फर्म का नाम पंजीयन क्रय सामग्री का नाम क्रय दिनांक भुगतान दिनांक सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं अपितु महात्‍मा गांधी नरेगा के राज्‍य स्‍तरीय नोडल खातों से ग्राम पंचायतों में संचालित कार्यों पर मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान एफ.टी.ओ. के माध्‍यम से जनपद पंचायत द्वारा किए जाते हैं। (ख) प्रश्‍नांकित ग्राम पंचायतों के एफ.टी.ओ. के माध्‍यम से सामग्री के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

वन मण्डल क्षेत्रों में निर्माण कार्य कराये जाना

[वन]

135. ( क्र. 7326 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला यूनियन वन मण्डल उत्तर शहडोल को अन्य जिलों व वन मण्डल के कार्य क्षेत्रों में कार्य कराये जाने का अधिकार है? यदि हाँ, तो आदेश उपलब्ध कराया जावे। यदि नहीं, तो उक्त समिति द्वारा संजय टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र व बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की जावेगी। (ख) क्या जिला लघुवनोपज वन मण्डल उत्तर शहडोल के अधोसंरचना के अंतर्गत कराये गये कार्यों की लोकायुक्त जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो कार्यवार, स्थलवार और आरोपित अधिकारियों कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। संजय टाईगर रिजर्व एवं बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के बफर जोन का क्षेत्र भौगोलिक रूप से जिला यूनियन उत्तर शहडोल के अन्तर्गत आता है तथा उक्त क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली प्राथमिक वनोपज समिति का प्रशासनिक नियंत्रण जिला यूनियन उत्तर शहडोल के अन्तर्गत होने से कार्य स्वीकृत किये गये है। स्वीकृत कार्य जिला यूनियन (उत्तर शहडोल) के कार्य क्षेत्र में है। अतः किसी कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

स्‍वच्‍छ भारत अभियान अंतर्गत कराये गये कार्यों के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

136. ( क्र. 7341 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्‍वच्‍छ भारत अभियान के अंतर्गत नगर निगम कटनी द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किये जा रहे है? अभियान हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस कार्य हेतु             कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई वर्षवार पृथक-पृथक बताएं? (ख) स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2017 के लिये नगर पालिका निगम कटनी द्वारा क्‍या कार्ययोजना तैयार की गई एवं कितनी राशि का प्रावधान किस-किस कार्य हेतु किया गया क्‍या इसकी सक्षम प्राधिकारी से नियम अनुसार स्‍वीकृति प्राप्‍त की गई? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2017 के दौरान पृथक से वाहन सफाई कर्मी एवं प्रचार-प्रसार के संसाधन लगाने का औचित्‍य बताएं? स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2017 के दौरान किस-किस कार्य मद में कितनी-कितनी व्‍यय की गई? (घ) क्‍या कटनी नगर में लगभग 103 स्‍थानों का उपयोग नागरिक खुले में शौच हेतु करते है यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से स्‍थान रहे? जहाँ सर्वेक्षण दल पहुंचा और क्‍या अब यह स्‍थान खुले में शौच से मुक्‍त हो गये? यदि हाँ, तो किस प्रकार बताएं? (ड.) क्‍या स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2017 के दौरान लगाये गये संसाधन एवं कर्मचारियों की अब आवश्‍यकता नहीं है? यदि नहीं, तो इन्‍हें पृथक करने का कारण बताएं? क्‍या कटनी शहर स्‍वच्‍छ हो गया तो कहाँ-कहाँ विवरण दें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम कटनी द्वारा स्‍वच्‍छ भारत मिशन अंतर्गत कराये जा रहे कार्य एवं व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) देश के 500 अमृत शहरों के बीच स्‍वच्‍छता के मानदण्‍डों के आधार पर वरीयताक्रम निर्धारित करने हेतु शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2017 करवाया गया है। जिसके अंतर्गत भारत सरकार के द्वारा विभिन्‍न घटकों में अधिकतम अंक प्राप्‍त करने हेतु निकायों को प्रयास किया जाना था। इस हेतु पृथक से बजट प्रावधान नहीं रखा गया था। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्‍ट्रीय स्‍तर पर स्‍वच्‍छ के मानदण्‍डों में कटनी को उच्‍च पायदान प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से अतिरिक्‍त सफाई व्‍यवस्‍था एवं प्रचार-प्रसार किया गया है। इस हेतु अतिरिक्‍त सफाई कर्मचारी नहीं लगाये गये है। व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। अपितु खुले में शौच के स्‍थानों के सर्वेक्षण में उक्‍त 103 स्‍थान चिन्हित किये गये थे। क्‍वालिटी काउन्सिल आफ इण्डिया के सर्वेक्षण दल द्वारा कुल स्‍थलों में से 9 स्‍थलों पर निरीक्षण कर रहवासियों से चर्चा कर निर्धारित प्रावधान अनुसार खुले में शौच से मुक्‍त की कार्यवाही की गई है। वर्तमान में कटनी नगर निगम खुले में शौच से मुक्‍त घोषित किया गया है। क्‍वालिटी काउन्सिल ऑफ इण्डिया द्वारा प्रेषित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। नगर निगम द्वारा अपने संसाधनों से समस्‍त नगरीय क्षेत्र की स्‍वच्‍छता बनाये रखने की निरंतर कार्यवाही की जा रही है।

सहायक प्राध्‍यापकों के संबंध में

[उच्च शिक्षा]

137. ( क्र. 7342 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में सहायक प्राध्‍यापकों के कितने पद रिक्‍त हैं? विषयवार, विवरण दें तथा उक्‍त महाविद्यालयों में कौन-कौन, किस विषय के प्राध्‍यापक कब से कार्यरत हैं? उनमें से गृह जिले  कौन-कौन हैं? उनका भी विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्राध्‍यापकों में से वर्ष 2008 से स्‍थानांतरित और वर्ष 2016 तक अग्रणी तिलक महाविद्यालय में स्‍थानांतरण पश्‍चात ज्‍वाइन किये गये प्राध्‍यापकों के नाम सहित एवं विषय सहित विवरण दें? (ग) माननीय उच्‍च न्‍यायालय के स्‍थगन पश्‍चात सामूहिक रूप से किये गये स्‍थानांतरण, निरस्‍त किये गये प्राध्‍यापकों के नाम, विषय सहित विवरण दें? (घ) कटनी जिले के अंतर्गत वर्ष 2008 से अब तक निरस्‍त किये गये स्‍थानांतरण प्रकरण की जानकारी जिनमें पुन: ज्‍वाइनिंग, दूरभाष संदेश से निरस्‍तगी की गई हो?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) कटनी जिले में सहायक प्राध्‍यापक के 76 पद रिक्‍त हैं। रिक्‍त पदों का विषयवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दृष्‍टांकित है तथा कटनी जिले के महाविद्यालयों में प्राध्‍यापक कब से कार्यरत है तथा गृह जिला कौन सा है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दृष्‍टांकित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दृष्‍टांकित है। (ग) माननीय उच्‍च न्‍यायालय के स्‍थगन पश्‍चात निरस्‍त किये गये स्‍थानांतरित प्राध्‍यापक/सहायक प्राध्‍यापकों के नाम एवं विषय सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर दृष्‍टांकित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार दूरभाष संदेश से निरस्‍तगी की जाँच की जा रही है।

रोजगार मेलों के संबंध में

[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]

138. ( क्र. 7365 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा जिला मुख्‍यालयों पर रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है यदि हाँ, तो सीहारे जिले में विगत 2 वर्ष के दौरान कहाँ-कहाँ रोजगार मेले आयोजित किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रोजगार मेले में रोजगार प्रदाता कंपनियों द्वारा कितने युवाओं को रोजगार प्रदान किया? मेलावार कंपनीवार संख्‍यात्‍मक ब्‍यौरा दें? (ग) क्‍या रोजगार मेले में आई कंपनियों द्वारा युवाओं के चयन के उपरांत नियुक्ति नहीं देने की शिकायत आई है यदि हाँ, तो दो वर्ष में प्राप्‍त शिकायतों का ब्‍यौरा दें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार नियुक्ति नहीं देने वाली कंपनियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। सीहोर जिले में विगत 2 वर्ष के दौरान आयोजित रोजगार मेलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक'' अनुसार हैं।          (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विगत 2 वर्ष में आयोजित रोजगार मेलों दवारा 3983 युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया। मेलावार कंपनीवार, संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो'' अनुसार हैं। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

रेत खदानों से उत्‍खनन

[खनिज साधन]

139. ( क्र. 7366 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सीहोर जिले में स्थित रेत खदानों से वर्तमान में रेत का खनन और परिवहन किया जा रहा है यदि हाँ, तो क्‍या रॉयल्‍टी पत्र के साथ परिवहन किया जा रहा है प्रतिवाहन रॉयल्‍टी शुल्‍क क्‍या है? (ख) रेहटी स्थित रेत खदान जाजना, आवंलीघाट, चारूआ, नेहलाई और बाबरी से प्रतिदिन कितने ट्रक/डंपर रेत परिवहन किस दर पर की जा रही है ब्‍यौरा दें? माह जनवरी व फरवरी में प्रतिदिन परिवहन की रेत का ट्रकवार कितने घनफिट रेत परिवहन की गई ब्‍यौरा दें? (ग) क्‍या शासन द्वारा रेत विक्रय हेतु न्‍यूनतम व अधिकतम दरे निश्चित की है यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें यदि नहीं, तो इस संबंध में क्‍या कोई कार्यवाही प्रचलन में है? (घ) प्रदेश में रॉयल्‍टी के माध्‍यम से प्रतिदिन कितने घनफिट रेत का परिवहन किया जाता है? एक वर्ष में रेत परिवहन का ब्‍यौरा दें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। वाहनों के मान से रॉयल्‍टी निर्धारित नहीं है। रेत गौण खनिज की रायल्‍टी वर्तमान में रूपए 100/- प्रति घनमीटर निर्धारित है। वाहनों पर परिवहित की जा रही रेत की मात्रा के आधार पर रॉयल्‍टी राशि देय होती है।        (ख) प्रश्‍नाधीन खदानों से प्रतिदिन औसत 146 से 167 वाहनों द्वारा रेत का परिवहन मात्रानुसार अलग-अलग मूल्‍य पर किया जा रहा है। खदानवार मूल्‍य की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

1.

जाजना

-

रूपए 459.16

प्रति घनमीटर

2.

आंवलीघाट

-

रूपए 125.28

प्रति घनमीटर

3.

चारूआ

-

रूपए 125.28

प्रति घनमीटर

4.

नहलाई

-

रूपए 125.28

प्रति घनमीटर

5.

बाबरी

-

रूपए 125.40

प्रति घनमीटर

उपरोक्‍त दरों में वाणिज्यिक कर, आयकर तथा सेवा कर सम्मिलित नहीं है। इन खदानों से वाहन की भार क्षमता अनुसार प्रति वाहन 03 घन मीटर से लेकर 21 घन मीटर तक रेत का परिवहन किया गया है। (ग) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदेश में प्रतिदिन के मान से रेत खनिज का परिवहन निर्धारित नहीं है। बाजार की मांग एवं आवश्‍यकता अनुसार रेत खनिज का परिवहन होता है। अत: प्रश्‍नांश की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। वर्ष 2015-16 में रेत खदानों से परिवहित किये गये खनिज से रूपये 214.33 करोड़ का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ।

मनरेगा के तहत ई-मस्‍टर रोल निकालने के संबंध में

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

140. ( क्र. 7370 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में अप्रैल 2014 से ई.एफ.एम.एस. (EFMS) प्रणाली लागू कर मजदूरों की एन्‍ट्री ऑनलाइन मनरेगा पोर्टल पर की जाकर ई-मस्‍टर रोल निकाला जाता है, पूर्ण जानकारी योजना की दी जावें? (ख) क्‍या सुमावली विधानसभा मुरैना की कितनी पंचायतों में उक्‍त योजना के तहत मनरेगा के कार्यों में यह पद्धति लागू की गई है? (ग) क्‍या शासन द्वारा कई योजनाओं को पंचायत स्‍तर पर लागू नहीं होने से कार्यों में अनेक अनियमिताएं की जा रही हैं? सुमावली विधानसभा में कब तक यह प्रणाली लागू कर दी जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, मनरेगा योजना अंतर्गत वर्ष 2013-14 से मध्‍यप्रदेश में प्रदेश के समस्‍त ग्राम पंचायतों में ई.एफ.एम.एस. प्रणाली लागू है। मजदूरों की मांग ऑनलाइन दर्ज की जाती है तथा नरेगा सॉफ्ट के माध्‍यम से ऑनलाइन ई-मस्‍टर रोल कार्यक्रम अधिकारी द्वारा तैयार किया जाता है। ई-मस्‍टर रोल को ग्राम पंचायतें स्‍वयं प्रिंट करती है तथा मजदूरों द्वारा किये गये कार्य के मूल्‍यांकन के आधार पर नरेगा साफ्ट से भुगतान सूची तैयार कर मजदूरी भुगतान का एफ.टी.ओ. बैंक को प्रेषित किया जाता है। जहां से मजदूरों के खातों में सीधे राशि हस्‍तांतरण कर दी जाती है। (ख) सुमावली विधानसभा क्षेत्र की सभी 89 ग्राम पंचायतों में ई.एफ.एम.एस. प्रणाली लागू है। (ग) मध्‍यप्रदेश की समस्‍त पंचायतों में महात्‍मा गांधी नरेगा अंतर्गत ई.एफ.एम.एस. प्रणाली लागू है। शेषांश का प्रश्‍न ही नहीं उठता है।

ग्राम सिहोरी के मृतक कान्‍हा के परिजनों को सहायता

[वन]

141. ( क्र. 7371 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सुमावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिहोरी के मजरा उदयाजीत का पुरा थाना देवगढ़ (मुरैना) में दिनांक 16.01.2017 को ढ़ाई वर्षीय लड़के कान्‍हा को रात्रि के समय जंगली जानवरों द्वारा खा लिया गया है? (ख) क्‍या उक्‍त बच्‍चे के मांस के टुकड़े, कपड़े मकान के पीछे जंगल, खेतों में मिले थे? क्‍या शासन द्वारा प्राप्‍त कपड़ों, मांस, हड्डियों से बच्‍चे की मृत्‍यु का सत्‍यापन कर लिया गया है? (ग) प्रदेश शासन द्वारा ऐसे प्रकरणों में पीड़ित पक्ष के हित में आर्थिक सहायता की नीति बनाई गई है? विभाग द्वारा अभी तक आर्थिक सहायता प्रदान की गई है? उन्‍हें कब तक आर्थिक सहायता प्रदान की जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पीड़ित परिवार को क्षतिपूर्ति की राशि रूपये 4,00,000.00 (चार लाख रूपये) का भुगतान कर दिया है।

मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों की जाँच

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

142. ( क्र. 7380 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 248/एमएलए/2017 दिनांक 13.02.17 के माध्‍यम से मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी चाही गई थी? निर्माण कार्य से संबंधित जो जानकारी प्राप्‍त हुई है वह निर्माण कार्य पूर्णत: घटिया किस्‍म के होकर गुणवत्‍ता विहीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्‍त जानकारी के गुणवत्‍ता विहीन कार्यों की क्‍या शासन प्रश्‍नकर्ता विधायक के समक्ष तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो निश्चित दिनांक बताई जावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। गुणवत्‍ता नियंत्रक अधिकारी द्वारा जाँच उपरांत गुणवत्‍ता संतोषप्रद पाई गई। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

जनसुनवाई की शिकायतों पर कार्यवाही

[जन शिकायत निवारण]

143. ( क्र. 7385 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन शिकायत निवारण केन्‍द्रों पर प्राप्‍त शिकायतों के निराकरण हेतु कितनी         समय-सीमा निर्धारित है? जनवरी 2016 से जनवरी 2017 मध्‍य अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व कार्यालय अनुविभाग करैरा जिला शिवपुरी में कितनी शिकायतें जनसमुदाय द्वारा की गई की संख्‍या व विभागवार बताई जावें? (ख) क्‍या उपरोक्‍त (क) में प्राप्‍त सभी शिकायतों के आवेदनों का निराकरण समय-सीमा के अन्‍दर हो चुका हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बताते हुए निराकरण कब तक कर दिया जाएगा? (ग) उपरोक्‍त (ख) में वर्णित कितनी शिकायतों का निराकरण हुआ व कितनी शेष हैं? शेष की जानकारी विभागवार दी जावें?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं I जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक मध्य अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुविभाग करैरा जिला शिवपुरी में जन समुदाय द्वारा 7389 आवेदन प्राप्‍त हुए I जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लोक सेवा केंद्र में प्राप्त शिकायतों में से 6132 निराकृत किए जा चुके है, 1257 लंबित हैं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं

परिशिष्ट - ''तीस''

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

144. ( क्र. 7405 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्‍न क्र. 1404 दिनांक 22 जुलाई 2016 एवं प्रश्‍न क्रं. 4915 (83) दिनांक        17-3-2016 के माध्‍यम से परफॉरमेंस ग्रान्‍ट की राशि के नियम विरूद्ध पंचायतों को आवंटन करने, समानुपातिक मान से राशि को न बांटने एवं तत्‍कालीन प्रशासनिक समिति के पारित निर्णय पर समिति का गठन का जाँच की कार्यवाही किये जाने का उत्‍तर दिया गया था? के संदर्भ में जाँच प्रतिवेदन का विवरण देते हुये बतावे कि क्‍या जाँच समिति द्वारा समानुपातिक मान से राशि के बांटने एवं तात्‍कालीन प्रशासनिक समिति द्वारा पारित प्रस्‍ताव अनुसार राशि न जारी कराने के अलावा प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति जारी कर पंचायत राज्‍य संचालनालय के प्रोर्टर पर अवलोड न करने के बिन्‍दुओं का भी परीक्षण किया। अगर किया तो कौन-कौन सी अनियमिततायें मिली बतावें? क्‍या शासन के मापदण्‍डों का पालन कर राशि जारी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) की राशि जो पुन: जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान को प्राप्त हुई को सामान्‍य सभा की बैठक 4-11-16 के माध्‍यम से आवंटित की गई। आवंटन को जनपद सदस्‍यों द्वारा कार्य के संबंध में प्रस्‍ताव लिये गये। प्राप्‍त प्रस्‍ताव किस दिनांक एवं क्रमांक पर प्राप्‍त कर जनपद पंचायत के आवक-जावक पंजी पर दर्ज किये गये बतावे। क्‍या दिनांक 23-1-2017 को पुन: नियम विरूद्ध बैठक बुलाकर राशि को पंचायतों को बांटी गई। प्रस्‍ताव पास करने के क्‍या नियम हैं। नियमानुसार प्रस्‍ताव पारित किये गये है। दिनांक 10-8-2016 पंचायत राज संचालनालय के पत्र अनुसार राशि बांटी गई। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के नियम विरूद्ध पारित प्रस्‍ताव एवं राशि के आवंटन की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे। हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्‍यों। साथ ही जाँच समिति के विरूद्ध जाँच को विधि संगत एवं नियमानुसार न करने के दोषी मानकर क्‍या कार्यवाही करेंगे, करेंगे तो बतावें। अगर नहीं तो क्‍यों?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जिला पंचायत रीवा के आदेश क्र. 6601/ वि.स./प.ग्रा./जि.पं./2016 दिनांक 08.03.2016 द्वारा गठित जाँच दल अधिकारियों द्वारा पूर्ण की जाकर संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण रीवा संभाग-रीवा के पत्र क्र. सामा.सहा./2016-17/3194 दिनांक 21.12.2016 से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। विधानसभा प्रश्न क्र. 4915 उदभूत बिन्दुओं की जाँच हेतु जाँच कमेटी को आदेशित किया गया था। प्राक्कलन तकनीकी स्वीकृति पंचायत पोर्टल पर अपलोड कराने के बिन्दु विधानसभा प्रश्न में उदभूत नहीं थे अतः मुद्दों की जाँच करने का औचित्य नहीं था। जाँच समिति द्वारा जाँच में म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा जारी निर्देश पत्र क्र. 3165 दिनांक 27.03.2015 के प्रावधानों के अनुसार जनपद पंचायत स्तर पर कार्यवाही किया जाना प्रतिवेदित किया है किसी प्रकार की अनिययमितता नहीं पायी गई है। (ख) जी हाँ। सामान्य सभा की बैठक दिनांक 04.11.2016 में लिए गए निर्णय अनुसार प्रत्येक जनपद क्षेत्र में समानुपातिक रूप से राशि का आवंटन किया गया है। राशि आवंटन के संबंध में 23 जनपद सदस्यों, उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष, जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान द्वारा सामान्य सभा की बैठक दिनांक 04.11.2016 को निर्माण कार्यों की स्वीकृति एवं राशि आवंटन के संबंध में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में चिन्हित कार्यों को कराए जाने हेतु कार्यवाही विवरण पंजी में दर्ज कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। चूंकि बैठक के दौरान ही निर्माण कार्यों का विवरण कार्यवाही पंजी में दर्ज कराया गया है। अतः पृथक से प्रस्ताव प्राप्त कर आवक पंजी पर दर्ज किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। पंचायत राज संचालनालय भोपाल के परिपत्र क्र. 9551 दिनांक 10.08.2016 के प्रावधानों के अनुसार दिनांक 23.01.2017 को आयोजित बैठक में पारित निर्णय अनुसार जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के आदेश क्र. 1415 दिनांक 28.02.2017 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

किसानों के हुए फसल का नुकसानी दिलाये जाने

[वन]

145. ( क्र. 7407 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) रीवा जिले में जंगली जानवरों (नीलगाय, रोझ, हिरण) से हुई फसल की नुकसानी पर सरकार द्वारा कितने किसानों को वर्ष 2013 से प्रश्‍नांश तक में कितनी राहत राशि किन-किन तहसील के किसानों को प्रदान की गई एवं कितने आवेदन लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या किसानों की फसलों की जंगली जानवरों से हुई नुकसानी का सर्वे क्‍या शासन द्वारा कराया गया? यदि हाँ, तो कब-कब, अगर नहीं तो क्‍यों? क्‍या शासन द्वारा इनके फसलों के हुए नुकसानी का समय-समय पर सर्वे कराकर राहत राशि प्रदान करायी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्‍य में विधानसभा के ध्‍यानाकर्षण सूचना क्रमांक 697 के माध्‍यम से भी ध्‍यान आकृष्‍ट कराया गया था जिसमें विभाग द्वारा 50 नील गायों को छतरपुर, नीचम, उज्‍जैन, मंदसौर जिले के राजस्‍व क्षेत्र से पकड़ कर अन्‍यत्र ले जाने की बात कही तो क्‍या इसी तरह रीवा जिले में भी जंगली जानवरों को पकड़वाकर अन्‍यत्र ले जाने के निर्देश दिये जायेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों के फसलों का सर्वे कराकर राहत राशि प्रभावित किसानों को उनकी हुई नुकसानी का दिलायेंगे? अगर हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्‍यों? साथ ही प्रश्‍नांश (ग) अनुसार रीवा जिले में कब तक कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी हाँ, रीवा जिले से भी नीलगायों को पकड़कर अन्यत्र उपयुक्त वनक्षेत्र में छोड़े जाने की कार्यवाही प्रस्तावित है। (घ) कृषकों को राहत राशि दिलाये जाने बाबत सर्वे कर जानकारी संकलित की जा रही है। रीवा जिले से नीलगायों को पकड़कर अन्यत्र छोड़े जाने की कार्यवाही प्रस्तावित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कोयला खदान में आग

[खनिज साधन]

146. ( क्र. 7427 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनूपपुर जिले में एस.ई.सी.एल. की कोयला खदानों में जो कोयला यार्ड में रखा हुआ है, उसमें विगत एवं वर्ष में आग लगने की कितनी घटनायें प्रकाश में आई है। ऐसी कुल कितनी खदाने हैं जिसमें कोयला भण्‍डारण में अभी भी आग लगी हुई है। (ख) इस आग पर काबू पाने के लिये क्‍या-क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं तथा ऐसी घटनाओं के लिये कौन जिम्‍मेदार है। भविष्‍य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने हेतु प्रशासन द्वारा क्‍या-क्‍या कदम उठाये जा रहे है?  (ग) विगत एक वर्ष में कोयले के भण्‍डारण में लगी आग से एस.ई.सी.एल. प्रबंधन को कितने लाख रूपये का नुकसान हुआ है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन कोयला यार्ड में रखे कोयले में आग लगने की कोई घटना प्रकाश में नहीं आई है न ही ऐसी कोई खदानें हैं, जिसके कोयला भण्‍डारण में आग लगी है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। प्रश्‍नाधीन कोयला कंपनी द्वारा कोयले के भण्‍डारण में आग लगने से रोकने के लिये पानी के छिड़काव की व्‍यवस्‍था तथा फायर फाईटिंग के लिये वाटर टैंक एवं कर्मचारियों की समुचित व्‍यवस्‍था की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर अनुसार प्रश्‍नाधीन कंपनी को नुकसान होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध अतिक्रमण को हटाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

147. ( क्र. 7432 ) पं. रमाकान्‍त तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर निगम भोपाल द्वारा भारत स्‍वच्‍छता मिशन/स्‍मार्ट सीटी के अन्‍तर्गत भोपाल शहर के स्‍वच्‍छ/व्‍यवस्थित बनाने हेतु शासकीय भूमि पर किये गये अवैध अतिक्रमण को हटाने तथा निगम द्वारा पार्क हेतु चि‍न्‍हीत भूमि का सौन्‍दर्यीकरण किया जा रहा है? (ख) क्‍या निगम द्वारा पार्क हेतु चिन्‍हीत भूमि पर पार्क निर्माण/सौन्‍दर्यीकरण हेतु बाउण्‍ड्रीवॉल, आवागमन हेतु गेट, बेन्‍च, झुले, पौधारोपण तथा लाइट की व्‍यवस्‍था की जाती है? यदि पार्क निर्माण हेतु चिन्‍हीत भूमि पर अतिक्रमण बाधक है तो क्‍या उसे भी हटाया जाता है? यदि हाँ, तो क्‍या धार्मिक स्‍थल के नाम पर किये गये अतिक्रमण को भी हटाया जाता है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार वार्ड 29 नेहरू नगर, भोपाल के म.न. एस-315 से 324/347 से 354/355 से 368 तथा 375 से 387 तक के बीचों-बीच निर्मित पार्क की स्‍वच्‍छता हेतु स्‍थानीय नागरिकों द्वारा सी.एम. हेल्‍पलाइन पर नं. 3066201/3117706/3133401/3205959/282474 पर शिकायतों के तीन माह बाद भी सुविधा से वंचित क्‍यों है? विलंब/लापरवाही के लिए दोषी कौन है? क्‍या जिम्‍मेदारी तय कर पार्क निर्माण किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि हाँ, तो अवधि बतावे? (घ) क्‍या पार्क से लगी उत्‍तर दिशा की बाउण्‍ड्री तथा म.नं. एस 315 से 324 की लाइन के बीच बनी शासकीय सड़क पर ही कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से झुग्‍गी/शेड बनाकर अतिक्रमण किया है? यदि हाँ, तो सड़क को अतिक्रमण से मुक्‍त करने की समय अवधि बताये? यदि नहीं, तो क्‍यों? अतिक्रमण को हटाने की अवधि तय नहीं करने पर विलंब/लापरवाही के लिए दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी एवं कब तक? समय अवधि सहित बताये?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु भोपाल स्‍मार्ट सिटी डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा नॉर्थ एवं साउथ टी.टी. नगर में क्षेत्र आधारित विकास परियोजना के अंतर्गत मास्‍टर प्‍लान अनुसार विस्‍तृत विकास योजना तैयार की जा रही है। उक्‍त क्षेत्र आधारित परियोजना के अंतर्गत आने वाली भूमि पर सौन्‍दर्यीकरण हेतु पार्क बाउण्‍ड्रीवॉल आवागमन, पौधा रोपण का सम्‍पूर्ण विकास कार्य क्षेत्र आधारित विकास परियोजना में सम्मिलित किया गया है। (ख) जी हाँ। विविध प्रावधानों अंतर्गत जिला प्रशासन एवं नगर निगम के समन्‍वय से कार्यवाही की जाती है। (ग) जी हाँ। सी.एम. हेल्‍प लाईन क्रमांक 3066201, 3117706, 3133401 अंतर्गत शिकायतें प्राप्‍त हुई है, शेष शिकायतें निकाय से संबंधित नहीं है। उक्‍त शिकायतों का निराकरण करवा दिया गया है। वर्तमान में अंकल पार्क में समय-समय पर उद्यानिक कार्य कराया जाता है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में पार्क विकसित करने हेतु भोपाल स्‍मार्ट डेव्‍हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा योजना में शामिल किया गया है एवं किसी के दोषी होने व समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। अतिक्रमण शासकीय भूमि एवं मंदिर के आस-पास होने के कारण से जिला प्रशासन भोपाल को पत्र द्वारा सूचित किया गया है। जिला प्रशासन एवं नगर निगम, भोपाल द्वारा आपसी समन्‍वय के उपरांत अतिक्रमण हटाने का कार्य किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

सड़कों का निर्माण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

148. ( क्र. 7433 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत/विकासखण्‍ड जवा रीवा अन्‍तर्गत ग्राम पंचायत डगडैया में वित्‍तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के लिए कुल कितनी मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्‍तर्गत मार्ग बनाये जाने का प्रावधान/प्रस्‍ताव/मंजूरी प्राप्‍त है? सड़क का नाम, दूरी सहित विवरण दें? (ख) उपरोक्‍त सड़कों का निर्माण कब से शुरू होगा एवं कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? समयावधि बताये? (ग) क्‍या उपरोक्‍त सड़कों के निर्माण संबंधित टेण्‍डर प्रक्रिया हो गई है, यदि नहीं, तो क्‍यों? टेण्‍डर प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? (घ) यदि टेण्‍डर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है तो कब?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्‍नांकित क्षेत्र में वर्ष 2016-17 एक कार्य का प्रस्‍ताव कर्माप्‍लाट से महिलो लंबाई लगभग 2.10 कि.मी. प्राप्‍त हुआ। जिसे वित्‍तीय संसाधनों की कमी के कारण स्‍वीकृत नहीं किया गया। वर्ष 2017-18 के लिए आज तक कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुआ है। (ख) से (घ) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते हैं।

पंचायत समन्‍वयक को कार्यालयीन कार्य से पृथक करने

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

149. ( क्र. 7444 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) पंचायत राज संचालनालय के पत्र क्रमांक/स्‍था/२००८/१५०९ दिनांक ८.७.२००८ द्वारा सभी जिला पंचायतों के सचिवों/जनपद पंचायत/पंचायत को निर्देश दिये गये थे कि पंचायतों में कार्यरत पंचायत समन्‍वयक अधिकारियों से लिपिकीय कार्य न लिये जाये? (ख) यदि हाँ, तो सतना जिले की जनपद पंचायत नागौद में पदस्‍थ पंचायत समन्‍वयक अधिकारी से लिपिकीय कार्य क्‍यों लिया जा रहा है। कारण बताएं तथा जनपद पंचायत नागौद में पदस्‍थ पंचायत समन्‍वयक को किन-किन योजनाओं का कार्य सौंपा गया है। क्‍या इनके द्वारा योजनाओं में भ्रष्‍टाचार कर अवैध रूप से लाभ प्राप्‍त किया गया है? इनके द्वारा वृक्षारोपण में बिना वृक्ष लगाये राशि का आहरण किया गया है?       (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त पंचायत समन्‍वयक अधिकारी को लिपिकीय कार्य से हटाकर मैदानी पदस्‍थापना कब तक की जावेगी यदि नहीं, तो कारण बताएं यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) कर्मचारियों की कमी एवं कार्य की अधिकता के कारण आवश्‍यकतानुसार पंचायत समन्वय अधिकारी को आवंटित मूल कार्यों के साथ-साथ लिपिकीय कार्य में सहयोग लिया गया था। पंचायत समन्वय अधिकारियों के योजनाओं के आवंटन कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। उक्त संबंध में प्राप्त सामान्य शिकायत की जाँच में श्री कुजूर .दोषी नहीं पाये गये। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उद्भूद नहीं होता।

भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्‍थापित धार्मिक मन्दिर

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

150. ( क्र. 7465 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2017 की स्थिति में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में धार्मिक न्‍यास एवं धर्मस्‍व विभाग के कौन-कौन से मंदिर है उनका नाम, स्‍थान, ग्राम, ग्राम पंचायत का नाम, पुजारी का नाम एवं किस मंदिर से कितनी भूमि लगी है? उस भूमि पर वर्तमान में कौन-कौन खेती कर रहा है उस भूमि से कितना-कितना राजस्‍व प्राप्‍त हो रहा है प्राप्‍त राजस्‍व का कहाँ-कहाँ उपयोग किया गया है? क्‍या इस प्राप्‍त राजस्‍व का कोई लेखा-जोखा रखा जाता है? यदि हाँ, तो मंदिर वाईज स्‍पष्‍ट करें? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें? (ख) ग्‍वालियर जिले में धार्मिक न्‍यास एवं धर्मस्‍व विभाग के बहुत प्राचीन मंदिर हैं, जिनके पुजारियों का बहुत पूर्व में ही देहान्‍त हो गया है ऐसे कितने मंदिर है जिनके पुजारियों की मृत्‍यु हो चुकी है उनके स्‍थान पर किस-किस मंदिर पर, किस-किस दिनांक को कौन-कौन पुजारी किस निमय के तहत किस अधिकारी के आदेश से नियुक्‍त किया है उनके आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) धार्मिक न्‍यास एवं धर्मस्‍व विभाग भोपाल द्वारा 1 अप्रैल 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना आवंटन प्राप्‍त हुआ है प्राप्‍त आवंटन का किस-किस जिले में कितना-कितना वित्‍तीय स्‍वी‍कृति दी गई है? ग्‍वालियर एवं चम्‍बल संभाग में उक्‍त अवधि में    किस-किस मंदिर के लिये कितना-कितना वित्‍तीय स्‍वीकृति दी गई है वर्तमान में उक्‍त अवधि में निर्मित या निर्माणाधीन मंदिरों की भौतिक तथा वित्‍तीय स्थिति क्‍या है मंदिर वार स्‍पष्‍ट करें?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

ग्राम पंचायत में कम्‍प्‍यूटर का उपयोग

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

151. ( क्र. 7466 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य सरकार द्वारा प्रदेश की जनता की सुख सुविधा को देखते हुए ग्राम पंचायतों में कम्‍प्‍यूटर की सुविधा दी जा रही है। यदि हाँ, तो ग्‍वालियर जिले में कितनी ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन सुविधा दी जाकर कम्‍प्‍यूटर से समग्र आई.डी., पेंशन आदि की सुविधा ग्रामीणों को प्राप्‍त हो रही है सूची दें तथा कितनी पंचायतों में कम्‍प्‍यूटर हेतु कमरे का निर्माण कराया गया है? इस हेतु कितनी राशि प्राप्‍त हुई है कितनी पंचायतों में कमरा निर्माण कार्य नहीं कराया गया है सूची दें?  (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कम्‍प्‍यूटर की स्‍थापना न होने के क्‍या कारण रहे है वहाँ ग्रामीणों का कार्य कैसे चल रहा है? भितरवार एवं घाटीगॉव जनपदों में कितनी ग्राम पंचायतों में कम्‍प्‍यूटर स्‍थापित हो चुके है तथा कहाँ-कहाँ नहीं हुये है, सूची दें? स्‍थापित नहीं होने के क्‍या कारण रहे है? जनपद पंचायत भितरवार एवं घाटीगॉव की ग्राम पंचायतों में स्‍थापित कम्‍प्‍यूटर के बिजली बिल के 3 माह की जानकारी दी जाये। (ग) जनपद पंचायत भितरवार एवं घाटीगॉव के अधीन कितनी ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायकों को कम्‍प्‍यूटर का ज्ञान नहीं है, जो कार्य नहीं कर रहे है, उनकी सूची दें? अब इनकों कब तक ट्रेनिंग देकर कार्य करने योग्‍य तैयार कर दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। ग्वालियर जिले की समस्त कुल 256 ग्राम पंचायतों में, ऑनलाइन सुविधा दी जाकर कम्प्यूटर से समग्र आई.डी., पेंशन आदि की सुविधा ग्रामीणों को प्राप्त हो रही है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार। ग्राम पंचायतों द्वारा आवश्यकतानुसार कुल 96 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर हेतु कमरे (ई-कक्ष) का निर्माण कराया गया हैं। पृथक से कोई राशि प्राप्त नहीं हुई, पंच परमेश्वर एवं स्टाम्प शुल्क मद से ग्राम पंचायतों द्वारा कमरे निर्माण कराये गये। ई-कक्ष निर्माण नहीं कराने वाली ग्राम पंचायतों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार। (ख) प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता हैं। जनपद पंचायत भितरवार एवं घाटीगांव की समस्त ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर स्थापित हो चुके हैं, शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। जनपद पंचायत भितरवार अंतर्गत विद्युत विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों को वास्तविक बिल न देते हुए, आंकलित खपत से अधिक राशि के बिल दिये जाने से किसी भी ग्राम पंचायत द्वारा पिछले तीन माह में कम्प्यूटर के बिजली बिलों का भुगतान नहीं किया गया हैं। घाटीगांव में कम्प्यूटर के बिजली के बिल संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा भुगतान कराये गये हैं।   (ग) जनपद पंचायत भितरवार की 76 ग्राम पंचायतों एवं घाटीगांव की 44 ग्राम पंचायतों में नियुक्त एवं कार्यरत ग्राम रोजगार सहायकों को कम्प्यूटर का ज्ञान है, कम्प्यूटर ज्ञान के आधार पर ही संबंधितों की नियुक्ति हुई हैं। शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।

नियम विरूद्ध की गई खरीदी की जाँच कराये जाने

[नगरीय विकास एवं आवास]

152. ( क्र. 7471 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय निकायों में कोई भी सामग्री क्रय करने की प्रक्रिया क्‍या है? क्‍या बिना किसी टेण्‍डर अथवा कोटेशन के सामग्री क्रय करने का नियम है? (ख) सागर संभाग के          कौन-कौन से नगरीय निकायों द्वारा दिनांक 1.1.2014 से 31.12.2014 के मध्‍य बिना टेण्‍डर कोटेशन प्राप्‍त किये कौन-कौन सी सामग्री, कितनी-कितनी राशि की किस-किस फर्म से क्रय की? (ग) यदि नियम विरूद्ध ऐसी खरीदी की गई तो खरीदकर्ता अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो क्‍यों? क्‍या इसकी जाँच कराकर दोषियों को दण्डित किया जायेगा। हाँ तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। जी नहीं, अपितु राशि रू. 1000/- मूल्‍य तक की सामग्री बिना कोटेशन लिये क्रय की जा सकती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) सागर संभाग की नगर परिषद राहतगढ़ में नियम विरूद्ध खरीदी के संबंध में ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. जबलपुर में प्रकरण क्रमांक 41/2016 पंजीकृत है, जिसमें निकाय के जिन अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध प्रकरण प्रचलन में है उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र- '' अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. जबलपुर में जाँच प्रकरण प्रचलन में है, जाँच निष्‍कर्ष उपरांत दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अपने चहेतों को उपकृत करने के विरूद्ध

[नगरीय विकास एवं आवास]

153. ( क्र. 7472 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में कितने कर्मचारी संविदा पर किस-किस दिनांक से कार्यरत हैं? उनका पारिश्रमिक क्‍या है? पदवार जानकारी दें। क्‍या सभी संविदा कर्मचारियों को समान वेतन दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) संविदा कर्मचारी को कलेक्‍टर रेट पर करने की क्‍या प्रक्रिया है? क्‍या इस प्रक्रिया का पालन किया गया है? क्‍या 2010 के बाद भर्ती किये कर्मचारियों को ज्‍यादा उपकृत कर 2010 के पूर्व के संविदा कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया गया है? ऐसा करने वाले के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की है? (ग) असमान वेतन निर्धारण और कर्मचारियों की वरिष्‍ठता को नजर अन्‍दाज कर नये कर्मचारियों को कलेक्‍टर रेट का लाभ देने वाले आदेशकर्ता अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही होगी तथा वरिष्‍ठ कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् टीकमगढ़ में संविदा पर कोई भी कर्मचारी नियुक्त नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।      (ख) संविदा कर्मचारियों को कलेक्टर रेट पर रखने की कोई प्रक्रिया नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) निकाय में श्रमिक के रूप में नियुक्त कर्मचारियों को मासिक पारिश्रमिक तथा दैनिक पारिश्रमिक के रूप में निर्धारित श्रेणी अनुसार पारिश्रमिक का भुगतान प्रतिमाह किया जाता है। भुगतान एवं वरिष्ठता को नजर अंदाज न किए जाने से किसी कार्यवाही की आवश्‍यकता नहीं है। सभी मासिक/दैनिक वेतन पर नियुक्त कर्मचारी को कार्य के मान से पारिश्रमिक का भुगतान किया जाता है।

जनभागीदारी योजना की जानकारी

[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]

154. ( क्र. 7474 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या प्रदेश में योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के माध्‍यम से जनभागीदारी योजना संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो जनभागीदारी योजना का संचालन किन नियमों के अन्‍तर्गत किया जाता है? प्रचलित नियमों की प्रति देवें। (ग) जनभागीदारी योजना के वर्तमान में प्रचलित नियमों के अनुसार कार्यों की स्‍वीकृति हेतु कौन-कौन से अभिलेख/दस्‍तावेज कलेक्‍टर/मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को प्रस्‍तुत किये जाने अपेक्षित होते है? सूची देवें नियम क्रमांक का उल्‍लेख भी किया जावे। (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में उल्‍लेखित दस्‍तावेजों के अतिरिक्‍त दस्‍तावेज जनभागीदारी योजना के नियमानुसार कार्यों की स्‍वीकृति हेतु मांगा जाना उचित है? क्‍या प्रदेश में उन नियमों का पालन किया जा रहा है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) योजनान्तर्गत जनभागीदारी नियम 2000 के प्रावधानों के अनुसार कार्यों को स्वीकृत किया जाता है। नियम की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट पर है।     (ग) जनभागीदारी नियम 2000 की कंडिका-6 के अन्तर्गत 1. संकल्प 2. संग्रहित राशि को पृथक से बैंक खाते में रखा जाने का विवरण 3. अंशदान के रूप में मानवश्रम अथवा ग्राम वासियों द्वारा उपलब्ध संसाधन (सामग्री दान) 4. निर्माण कार्यों के प्राक्कलन संबंधी दस्तावेज प्राप्त किये जाते है। (घ) जी नहीं। प्रदेश में नियमों का पालन किया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

कालोनियों आरक्षित भू-खण्‍डों का विक्रय

[नगरीय विकास एवं आवास]

155. ( क्र. 7486 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल जिले में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी विकसित, अर्द्धविकसित एवं स्‍वीकृति प्राप्‍त कालोनियाँ हैं? इनके नाम, रकबे सहित स्‍थानवार बतावें? (ख) उपरोक्‍त कालोनियों में गरीब व कमजोर वर्ग के लिए भू-खण्‍ड आरक्षित रखने के नियम के तहत कितनी भूमि आरक्षित की गई? कालोनी का नाम, रकबे, सहित देवें? (ग) क्‍या कालोनाईजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत कराने का शुल्‍क जमा किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक जमा करा लिया जायेगा? इनके कितने प्रकरण मुद्रांक संग्रहक को भेजे गये? यदि नहीं, तो कब तक भेजे जायेंगे? (घ) विगत ३ वर्षों में प्रश्‍नांश (ख) अनुसार आरक्षित भू-खंड जिन कालोनियों में जिन गरीब वर्ग के व्‍यक्तियों को विक्रय किये गए उनके नाम पता, कालोनियों, के रकबे सहित देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

श्री जगदीश मंदिर का जीर्णोद्धार

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

156. ( क्र. 7488 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मुलताई के श्री जगदीश मंदिर जो कि पंजीकृत न्‍यास है के जीर्णोद्धार पर विगत 3 वर्षों में लगभग 1 करोड़ रू. व्‍यय हुए हैं? क्‍या ये जनसहयोग से हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो व्‍यय का संपूर्ण विवरण वर्षवार देवें. जनसहयोग राशि की भी पूरी जानकारी देवे. क्‍या इसके प्रमुख ट्रस्‍टी (कलेक्‍टर) एवं अन्‍य संबंधितों से समस्‍त अनुमतियां प्राप्‍त हैं? यदि हाँ, तो छायाप्रति दें? (ग) उपरोक्‍त ट्रस्‍ट के विगत 3 वर्षों के समस्‍त ऑडिट का विवरण देवें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

157. ( क्र. 7500 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमाक एफ 551/2013/1/3 भोपाल दिनांक 7 अक्‍टूबर, 16 के तारतम्‍य में दैनिक वेतन भोगी के स्‍थान पर स्‍थायी कर्मी की श्रेणी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो इसी तारतम्‍य में सागर नगर निगम द्वारा अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल अलग-अलग वेतनमान के आधार पर स्‍थायी कर्मी की श्रेणी दी गई है? (ग) प्रश्‍नांश के प्रकाश में छिंदवाड़ा जिले के नगरपंचायत एवं नगरपालिका में कार्यरत अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल कर्मियों को स्‍थायी कर्मी के श्रेणी में कब तक कर दिया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा उक्‍त परिपत्र नगरीय निकायों में लागू किए जाने के संबंध में विभागीय निर्देश जारी न होने के कारण नगर पालिक निगम, सागर द्वारा म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र अनुसार नगर निगम, सागर के अकुशल, अर्द्ध कुशल एवं कुशल श्रमिकों को स्‍थायी कर्मी की श्रेणी दिए जाने के संबंध में आयुक्‍त, नगर पालिक निगम, सागर से स्‍पष्‍टीकरण चाहा गया है। (ग) मध्‍यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी होने के उपरांत कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

जिला स्‍तर पर खेल सामग्री का क्रय

[खेल और युवा कल्याण]

158. ( क्र. 7501 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या संचालनालय, खेल और युवा कल्‍याण, मध्‍यप्रदेश भोपाल ने दिनांक 27.07.2016 के पत्र द्वारा समस्‍त संभागीय/जिला खेल और युवा कल्‍याण अधिकारी मध्‍यप्रदेश को जिला स्‍तर पर खरीदी की जा रही है खेल सामग्री निर्धारित प्रक्रिया के पालन किये बगैर क्रय किये जाने का आक्षेप लगाया है? (ख) यदि हाँ, तो संचालनालय स्‍तर से उपयोग्‍य योग्‍य सामग्री की निविदा दरें अनुमोदित की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो अनुमोदित निविदा दरों के आधार पर प्रश्‍नांकित खेल सामग्री किस फर्म से क्रय किये जाने के आदेश दिये गये थे? क्‍या इन क्रय सामग्री में म.प्र. भण्‍डार क्रय नियम का पालन कर, सामग्री निधारित गुणवत्‍ता व मापदण्‍डों के तहत क्रय की गई थी?     (घ) क्‍या प्रश्‍नांकित सामग्री में निर्धारित गुणवत्‍ता के पालन नहीं करने संबंधी शिकायतें प्राप्‍त हुई? क्‍या विभाग के उच्‍च अधिकारियों ने क्रय सामग्री का भौतिक सत्‍यापन किया है? यदि हाँ, तो        कब-कब, किन-किन ने? उनकी राय क्‍या थी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। आक्षेप नहीं लगाया गया है। (ख) संचालनालय स्तर से उपभोज्य सामग्री की खुली निविदा के आधार पर दरें अनुमोदित करने का उद्देश्‍य म.प्र. भण्डार क्रय नियम का पालन करना, सामग्री निर्धारित गुणवत्ता व मापदण्डों के तहत क्रय एवं क्रय सामग्री में एकरूपता रखना है। (ग) मेसर्स स्टर्लिग स्पोर्टस इण्डस्ट्रीज मेरठ (उ.प्र.) । जी हाँ। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वनों की अवैध कटाई के संबंध में

[वन]

159. ( क्र. 7502 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कान्‍हा राष्‍ट्रीय उद्यान के अधिकारियों द्वारा कान्‍हा राष्‍ट्रीय उद्यान के बफर जोन में वनों की अवैध कटाई को रोकने बाबत् कलेक्‍टर बालाघाट को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ तो सत्र 2003-04 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब पत्र लिखा गया? पत्र की प्रति एवं पत्र के जवाब क्‍या आये, उसका विवरण उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या अधिकारियों द्वारा कलेक्‍टर के अलावा शासन या उच्‍चाधिकारियों को पत्र लिखा गया? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 25.01.2007, 23.03.2007, 12.10.2007, 28.12.2007, 10.11.2008, 25.04.2009 एवं 07.07.2015 से कलेक्‍टर, बालाघाट को पत्र लिखा गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। पत्र दिनांक 10.11.2008 के जवाब में कलेक्‍टर, बालाघाट द्वारा अवगत कराया गया है कि सूची में उल्‍लेखित प्रकरणों का न्‍यायालय अपर कलेक्‍टर, बालाघाट द्वारा म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 241 के प्रावधानों के तहत निराकरण किया गया है। उक्‍त प्रकरणों में की गई कार्यवाही न्‍यायालयीन है। जिसके तहत संबंधित व्‍यक्तियों पर संहिता की धारा 241 की उपधारा (4) में प्रदत्‍त अधिकारी के तहत अधिकतम 5000.00 का अर्थदण्‍ड आरोपित कर भूमिस्‍वामी के खाते के काटे गये वृक्षों को जप्‍त से मुक्‍त किया गया है। अतएव इन प्रकरणों में पृथक से कोई कार्यवाही की जाना संभव नहीं है तथा पत्र दिनांक 25.04.2009 के जवाब में अनुविभागीय अधिकारी (रा) बालाघाट/वारासिवनी/बैहर/लांजी को पत्र की छायाप्रति संलग्‍न प्रेषित कर भू-राजस्‍व संहता 1959 की उपधारा (6) में निहित प्रावधानों के तहत भूमिस्‍वामी के खाते के वृक्षों की अवैध कटाई के प्रकरणों का निराकरण करना सुनिश्चित करने हेतु लेख कर पृष्‍ठांकित प्रति उप संचालक (बफर) को दी गई। (ग) उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित पत्र दिनांक 12.10.2007, 28.12.2007, 10.11.2008/, 25.04.2009, 07.07.2015 की पृष्‍ठांकित प्रति एवं दिनांक 28.06.2007 तथा 17.09.2009 से उच्‍चाधिकारियों को पत्र लिखा गया, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

राशि गबन करने की शिकायत की जाँच

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

160. ( क्र. 7505 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या ग्राम पंचायत दमोह में बी.आर.जी.एफ. एवं मनरेगा निधि से सी.सी. सड़क निर्माण, ग्राम पंचायत भवन से खैरमाता होते हुये मेन रोड (हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल) तक स्‍वीकृत सड़क बिना निर्माण कार्य किये राशि गबन करने बाबत्, शिकायत की जाँच में शिकायत सत्‍य पाई गई थी?         (ख) यदि हाँ, तो शिकायत, जाँच प्रतिवेदन, प्रशासकीय स्‍वीकृति, तकनीकी स्‍वीकृति तथा इस संबंध में ग्राम सभा/ग्राम पंचायत द्वारा पारित प्रस्‍ताव का विवरण उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या विहित प्राधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) बैहर द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित सड़क के बजाए बस स्‍टैण्‍ड में सी.सी. कार्य ग्राम सभा के प्रस्‍ताव अनुसार परिवर्तित कर पूर्ण किया गया एवं इस आधार पर दोषमुक्‍त किया गया? (घ) हाँ तो विहित प्राधिकारी के आदेश की प्रति सी.सी. सड़क परिवर्तित कर बस स्‍टैण्‍ड में सीमेन्‍ट कांक्रीट करने बाबद ग्राम सभा के प्रस्‍ताव की प्रति, प्रशासकीय स्‍वीकृति, तकनीकी स्‍वीकृति एवं कार्य पूर्णता: प्रमाण-पत्र की प्रति उपलब्‍ध करावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांकित जानकारी क्रमश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब के भाग एक से पाँच पर है।

ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्य

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

161. ( क्र. 7506 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में मनरेगा योजना से कितने व कौन-कौन से कार्य ग्राम पंचायतों में किये गये? जनपदवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन पंचायतों में मनरेगा से एक भी कार्य नहीं कराया गया है तो क्‍यों नहीं कराया गया? कारण सहित पंचायतवार जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कार्य कन्‍वर्जेन्‍स से काराये गये हैं वर्तमान में मनेरगा योजना व कन्‍वर्जेन्‍स से कितने कार्य चल रहे हैं? कितने-कितने पूर्ण/अपूर्ण हैं की जानकारी देते हुये अपूर्ण होने का कारण बतावें?      (घ) कार्यों के निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमिताओं की कितनी शिकायतें जिला पंचायत को प्राप्‍त हुई? उक्‍त शिकायतो पर क्‍या कार्यवाही की गई?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) समस्त ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्य कराये गये हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-12 अनुसार है। योजना के प्रावधान अनुसार अपूर्ण कार्यों का पूर्ण होना जॉबकार्डधारी श्रमिकों द्वारा रोजगार की मांग पर निर्भर है। (घ) एक शिकायत। जाँचोपरान्त दोषियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया।

परिशिष्ट - ''बत्‍तीस''

अवैध उत्‍खनन के प्रकरण

[खनिज साधन]

162. ( क्र. 7507 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में 1 जनवरी 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने अवैध उत्‍खनन के प्रकरण बनाये गये? कितने प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व, तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा बनाये गये एवं कितने प्रकरण खनिज विभाग के अधिकारियों के द्वारा बनाये गये?          (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राजस्‍व अधिकारी द्वारा बनाये गये प्रकरणों में कितना-कितना जुर्माना किस-किस पर किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या खनिज विभाग के प्रकरण वर्तमान कलेक्‍टर कार्यालय हरदा में दर्ज किये गये एवं प्रकरणों में क्‍या कार्यवाही की गई, की जानकारी उपलब्‍ध करावें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में खनिजों के अवैध उत्‍खनन के 03 प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) द्वारा बनाये गये हैं। तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध उत्‍खनन के प्रकरण नहीं बनाये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरण न्‍यायालय कलेक्‍टर, हरदा के समक्ष विचाराधीन है। इन प्रकरणों में वर्तमान में जुर्माना नहीं किया गया है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरण खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा नहीं बनाये गये हैं। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शिकायत पर जाँच, मृतकों एवं घायल पार्षदों को आर्थिक सहायता

[नगरीय विकास एवं आवास]

163. ( क्र. 7517 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शामगढ़ नगर परिषद के तत्कालीन सी.एम.ओ. श्रीवास्तव के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा किस-किस विषय पर शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायतकर्ता का नाम एवं शिकायत का विषय सी.एम.ओ. के पदस्थापना से कार्यमुक्त होने तक की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) यदि शासन द्वारा शिकायत पर कोई कार्यवाही की गई हो तो की गई कार्यवाही की जानकारी देवें एवं सी.एम.ओ. के स्थानान्तरण हेतु कब-कब, क्या-क्या? कदम उठाए गए तथा स्थानान्तरण नहीं होने के क्या कारण थे? (ग) उपरोक्‍त (क) में उल्‍लेखित शिकायत हेतु दिनांक 11-01-2017 की रात्री को उपाध्यक्ष सुरेश नरभेपुरिया के नेतृत्‍व में पार्षद एवं पार्षद पति का एक दल शामगढ़ से भोपाल आ रहे थे एवं घटनास्थल से इनके पास से पुलिस द्वारा क्या-क्या सामग्री एवं नगदी जब्त की गई? (घ) शामगढ़ नगर परिषद के तत्कालीन सी.एम.ओ. श्रीवास्तव के विरूद्ध कब तक जाँच कर कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के कार्यकाल दिनांक 04.03.2014 से 16.01.2017 में उनके विरूद्ध तीन शिकायत प्राप्‍त हुई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) संचालनालय के पत्र क्रमांक शि/6/शामगढ़/16/12919, दिनांक 04.10.2016 द्वारा संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्‍जैन को जाँच करने के निर्देश दिए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, श्री महीप श्रीवास्‍तव को विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4-10/2016/18-1, दिनांक 13.01.2017 द्वारा नगर परिषद, शामगढ़ से नगर परिषद, नगरी जिला मंदसौर स्‍थानांतरण किया जा चुका है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) संचालनालय के पत्र क्रमांक 5362, दिनांक 20.03.2017 द्वारा गृह विभाग से जानकारी चाही गई है। (घ) संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास से जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायकों की मांगों का निराकरण

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

164. ( क्र. 7518 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 24-03-2013 को एम.व्ही.एम. मैदान भोपाल में सचिव महासम्मेलन कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सचिव एवं सहायक सचिव संगठन के विषय में कोई घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या घोषणा की गई थी? (ख) माननीय मुख्यमंत्री की पंचायत सचिवों को सहायक अध्यापक के समान वेतन देने की घोषणा का क्रियान्‍वयन कब तक पूरी की जावेगी? पंचायत सचिव की वेतन विसंगतियां दूर करने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रदेश में सरपंचों द्वारा की जा रही मांगों को कब तक पूरा किया जावेगा? (घ) सहायक सचिवों को स्थाई नियुक्ति कब तक प्रदान की जावेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

गृह निर्माण मंडल द्वारा भूमि का अर्जन

[नगरीय विकास एवं आवास]

165. ( क्र. 7523 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश ग्रह निर्माण मंडल भोपाल ने नरेलाशकरी की     भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक ३ ए/८२ वर्ष ८७-८८ आदेश दिनांक ३०-०८-१९९१ से जो जमीन अर्जित की है? उसका प्रश्‍नांकित दिनांक तक मुआवजा राशि किसानों को भुगतान नहीं किया एवं पूरी भूमि पर आवासीय योजना का निर्माण भी नहीं किया? (ख) यदि हाँ, तो किस किसान की कितनी भूमि अर्जित की गई? उस किसान को कितना मुआवजा राशि का भुगतान किया? किस किसान ने प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी मुआवजा राशि प्राप्‍त नहीं की है? ऐसे किस किसान की कितनी भूमि पर मंडल ने प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी आवासों का निर्माण नहीं किया है? (ग) भूमि अर्जन पुर्नवास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता के अधिकार अधिनियम २०१३ की धारा २४, धारा ८५ एवं धारा ८७ में क्‍या-क्‍या प्रावधान हैं? गृह निर्माण मंडल ने धारा २४ के अनुसार प्रश्‍नांकित दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की है? (घ) यदि धारा २४ के अनुसार कार्यवाही नहीं की गई हो तो उसका कारण बतावें? कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। कुल अर्जित 132.22 एकड़ भूमि में से अधिकांश भूमि पर भवन बनाकर अथवा भू-खण्ड विकसित कर उपयोग किया जा चुका है। विवरण निम्नानुसार है :- (1) राजीव नगर - 48.03 एकड़ भूमि का विकास एवं निर्माण कार्य पूर्ण कर कालोनी नगर निगम को हस्तांतरित कर दी गई है। (2) मयूरी परिसर - 3.90 एकड़ भूमि पर भवन निर्माण एवं विकास कर विक्रित कर दी गई है। (3) अयोध्या एक्सटेंशन - 54.19 एकड़ भूमि पर भवन एवं भू-खण्ड निर्मित तथा विकसित कर हितग्राहियों को अवंटित किये जा चुके हैं।     (4) सुरम्य परिसर - 27.00 एकड़ भूमि पर मण्डल की 1360 फ्लेटों की बहुमंजिला आवासीय योजना तथा 40 डुप्लेक्स भवनों की योजना प्रस्तावित है, जिसे बाजार की मांग अनुसार क्रियान्वित किया जायेगा। (ख) जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। मण्डल द्वारा अवार्ड राशि रू. 65,21,857/- का भुगतान भू-अर्जन अधिकारी जिलाध्यक्ष कार्यालय, जिला भोपाल को किया गया है। दिनांक 04.09.1992 को मुआवजा वितरण हेतु भू-अर्जन अधिकारी एवं गृह निर्माण मण्डल द्वारा शिविर का आयोजन किया गया था, जिसकी पूर्व सूचना पंजीयक कार्यालय द्वारा भूमि स्वामियों को देने के बावजूद भी भूमि स्वामी मुआवजा प्राप्त करने हेतु उपस्थित नहीं हुए। नरेला शंकरी, भोपाल में अर्जित की गई प्रश्नाधीन 132.22 एकड़ निजी भूमि पर मण्डल द्वारा निम्न योजनायें क्रियान्वित/प्रस्तावित की गई :- (अ) राजीव नगर योजनांतर्गत 48.03 एकड़ भूमि का विकास सहित 382 ई.डब्ल्यू. एस., 665 एल.आई.जी. 269 एम.आई.जी. 97 एच.आई.जी. भवन का निर्माण कर भवन आवंटियों को सौंपे गये हैं एवं यह कालोनी दिनांक 01.08.2010 को नगर निगम को हस्तांतरित की गई है। (ब) शेष 84.19 एकड़ भूमि पर 702.75 लाख के विकास कार्य की योजना क्रियान्वित की गई तथा रू. 2172.45 लाख की 112 एल.आई.जी. 175 एम. आई.जी. तथा 97 एच.आई.जी. भवनों के निर्माण, 300 ई.डब्ल्यू.एस. तथा 55 एच.आई.जी. भवनों का निर्माण कार्य की योजनायें मण्डल द्वारा पूर्ण कर आवंटियों को भवन उपलब्ध कराये गये हैं। साथ ही 180 भू-खण्ड विकसित कर विक्रित किये गये हैं। (स) खसरा क्र. 273, 274, 137, 138, 139 एवं 142 में 27.00 एकड़ भूमि पर मण्डल की 1360 प्रकोष्ठों की ''सुरम्य परिसर'' बहुमंजिला आवासीय योजना एवं 40 डुप्लेक्स भवनों की योजना प्रस्तावित है। इस योजनांतर्गत नगर एवं ग्राम निवेश विभाग से अभिन्यास अनुमोदन तथा पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त की गई है। योजनांतर्गत नगर निगम से भवन अनुज्ञा प्राप्त कर योजना का क्रियान्वयन आवासों की बाजार में मांग अनुसार शीघ्र प्रारम्भ किया जायेगा। (ग) ''भूमि अर्जन पुर्नवास, पुर्नव्यवस्थापना में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24, धारा 85 एवं धारा 87 में दिये गये प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रश्नाधीन भूमि पर न्यायालयीन प्रकरण विचाराधीन है। (घ) उत्तरांश अनुसार।

रूफ वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना

[नगरीय विकास एवं आवास]

166. ( क्र. 7525 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा विभाग के आदेश क्रमांक/ 2009/प्र.स.न.प्र.वि./2563 दिनांक-27/10/2009 के पालन/क्रियान्‍वयन में क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई एवं पालन प्रतिवेदन उपलब्ध करायें, (ख) प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्रश्न (क्रमांक-5228) ,दिनांक 11/03/2016 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार क्या वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का निर्माण नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो विवरण बतायें, यदि नहीं, तो क्यों?           (ग) नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा वर्ष 2009 से प्रश्नांश (क) के शासनादेश होने के बावजूद अनुज्ञा भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग संरचना निर्माण न करवाने के कारण बतायें एवं यह भी बतायें कि विगत 04 माहों में निविदा आमंत्रित न करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) से (घ) वर्ष 2009 से नगर पालिक निगम कटनी के वाटर हार्वेस्टिंग संरचना निर्मित करवाने में असफल रहने पर क्या‍ भवन स्वामियों की जमा राशियों को ब्याज सहित वापस किया जायेगा? हाँ तो कब तक एवं नहीं तो भवनों को वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का निर्माण कब तक पूर्ण हो जायेगा? (ड.) नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा 01/01/2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने एवं किन-किन आवासीय एवं व्यवसायिक भवनों के निर्माण की अनुज्ञा स्वीकृत की गई? किन-किन भवनों के कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र/अधिभास-अनुज्ञा जारी किये गये? पृथक-पृथक बतायें इन भवनों की अनुज्ञाओं में वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि जमा की गई एवं क्या इन भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग इकाइयों का निर्माण किया गया? हाँ तो विवरण देवें, नहीं तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विभाग के आदेश क्रमांक/2009/ प्र.स.न.प्र.वि./2563 दिनांक 27.10.2009 के पालन क्रियान्वयन में भवन निर्माण अनुज्ञा के सभी प्रकरणों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान अनिवार्य किया गया है एवं भवन अनुज्ञा के समय आवेदकों से रूफ वाटर हार्वेस्टिंग हेतु निर्धारित राशि जमा कराई गई है। (ख) जी नहीं। जिन आवेदकों द्वारा रूफ वाटर हार्वेस्टिंग संरचना का निर्माण नहीं किया गया है, उन आवेदकों से नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा राशि जमा कराई गई है और कार्य हेतु निविदा की कार्यवाही की गई है, लेकिन निविदा शर्तों की पूर्ति के अभाव में निविदा की स्वीकृति नहीं की जा सकी है एवं पुनः निविदाएं आमंत्रित की गई है। (ग) निविदा की कार्यवाही की गई है, लेकिन निविदा शर्तों की पूर्ति के अभाव में निविदा की स्वीकृति नहीं की जा सकी है। नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा विगत 4 माहों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण कार्य हेतु दिनांक 27.02.16 दिनांक 07.09.16 एवं 10.03.17 को निविदाएं आमंत्रित की गई है और निविदा प्रदाय करने की तिथि 03.04.17 नियत है। निविदा प्रक्रिया प्रगति पर है अतः शेषांश का प्रशन उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ग) अनुसार निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है और निविदा स्वीकृति उपरांत कार्य की आमंत्रित निविदा दिनांक 10.03.17 में निर्धारित अवधि में कार्य किया जाना प्रस्तावित है। (ड.) आवासीय एवं व्यवसायिक भवनों की अनुज्ञा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। भवनों के कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र/अधिवास जारी नहीं हुये हैं और न ही कोई आवेदन लंबित है तथा रूफ वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण हेतु जमा कराई गई राशि का पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। रूफ वाटर हार्वेस्टिंग संरचना के निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है और इस कार्य हेतु निविदा दिनांक 03.04.17 तक आमंत्रित की गई है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

167. ( क्र. 7530 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण का कार्य कब से प्रारम्भ हुआ? क्या निर्मित सड़कों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करवाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?         (ख) सड़कों को राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज करवाने हेतु संबंधित जिले के कलेक्‍टरों को जिला महाप्रबंधकों द्वारा पत्र दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब-कब दिये गये? सभी जिलों की जानकारी देवें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2001। निर्मित सड़कों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज करवाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है

परिशिष्ट - ''तैंती''

नगरीय निकाय के अधिकारि‍यों/कर्मचारि‍यों का प्रशिक्षण

[नगरीय विकास एवं आवास]

168. ( क्र. 7531 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में 2015-16 में सहायक यंत्री/उपयंत्री एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारि‍यों की नियुक्ति की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारि‍यों, कर्मचारि‍यों को प्रशिक्षण दिया गया? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारि‍यों, कर्मचारि‍यों को प्रशिक्षण नहीं दिया गया तो उनको कार्य का अनुभव नहीं होने के कारण क्या स्थानीय निकायों के कार्य प्रभावित नहीं हो रहें हैं? क्या नवनियुक्त नगर पालिका अधिकारि‍यों को प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 2015-16 में प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड से चयनित उपयंत्रियों की नियुक्ति की गई है। वर्ष 2015-16 में सहायक यंत्री एवं मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है। (ख) उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित उप यंत्रियों को प्रशिक्षण दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश '''' अनुसार उप यंत्रियों को प्रशिक्षण दिए जाने से स्‍थानीय निकायों के कार्य प्रभावित नहीं हो रहे हैं। नगरीय निकायों में कार्यरत नवनियुक्‍त मुख्‍य नगर पालिका अधिकारियों को प्रशिक्षण दिए जाने के लिए प्रशासन एकादमी, म.प्र. को संचालनालय पत्र क्रमांक 5243 दिनांक 20.03.2017 द्वारा सूची प्रेषित की गई है। दिनांक 03.04.2017 से आधारभूत प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

शमशान शेड की व्यवस्था

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

169. ( क्र. 7532 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी ग्राम पंचायत एवं कितने ग्राम हैं? क्या प्रत्येक ग्राम में शमशान शेड की व्यवस्था है या नहीं है? (ख) किन-किन ग्रामों में शमशान शेड हैं तथा किन-किन ग्रामों में शमशान शेड नहीं हैं, जहाँ शमशान शेड हैं वह किस प्रकार के हैं पतरा पोश है या सी.सी. पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ग) शमशान शेड तक पहुँच मार्ग की क्या व्यवस्था है? मार्ग पक्का है या कच्चा पक्का है? किस प्रकृति का है? डामरीकृत/सी.सी. ग्रामवार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें।

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 107 ग्राम पंचायतें एवं 186 ग्राम हैं। 38 ग्रामों में शमशान शेड की व्यवस्था नहीं है। (ख) एवं (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की जानकारी

[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]

170. ( क्र. 7533 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत बड़नगर विधानसभा से पिछले 3 वर्षों में   कहाँ-कहाँ की यात्रा करवाई गई तथा कितने लोगों को यात्रा का लाभ प्रदान किया गया है?      (ख) पिछले 3 वर्षों में हुई यात्रा के प्रारंभ होने का दिनांक, कहाँ की यात्रा थी उसका स्थान, यात्री का नाम एवं उसके ग्राम के नाम के साथ सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) उज्‍जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री तीर्थदर्शन योजना अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में 6 तीर्थस्‍थान रामेश्‍वरम्, जगन्‍नाथपुरी, द्वारकापुरी, तिरूपति, वैष्‍णोदेवी, अजमेर शरीफ की यात्रायें कराई गई है। जिसमें कुल 745 व्‍यक्तियों को मुख्‍यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का लाभ प्रदान किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

वन क्षेत्र एवं वन ग्रामों में आवारा पशुओं का आतंक

[वन]

171. ( क्र. 7534 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) बड़नगर विधानसभा के वन क्षेत्र एवं वन ग्रामों में क्या आवारा पशुओं का आतंक है? यदि हाँ, तो ये आवारा पशु किस प्रजाति के हैं? (ख) विगत 2 वर्षों में इन आवारा पशुओं के द्वारा     किस-किस ग्राम में फसलों को नुकसान पहुँचाया गया है? (ग) क्या विभाग द्वारा इन पशुओं को पकड़ने के लिये कोई प्रयास किया गया यदि हाँ, तो क्या और विभाग के प्रयासों से क्या किसानों को लाभ प्राप्त हुआ?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वनमण्‍डल, उज्‍जैन के तहत बड़नगर तहसील के अंतर्गत वन क्षेत्र एवं वन ग्राम नहीं है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है।

वन विभाग द्वारा किये गये पौधारोपण की जानकारी

[वन]

172. ( क्र. 7535 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) विगत 3 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के वन क्षेत्र कितनी बार पौधारोपण का कार्य कराया गया है तथा कितने पौधों को रोपा गया है? पौधारोपण का कार्य किस-किस स्थान पर किया गया है? (ख) पिछले 3 वर्षों में विभाग द्वारा पौधारोपण कार्य के लिये कितना राशि प्रदान की गई है? (ग) विभाग द्वारा किये गये पौधारोपण कार्य से कितने पौधे रोपे गये थे और वर्तमान में कितने पौधे अभी जीवित हैं और कितने नष्ट हो गये हैं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जनपद पंचायत कर्मचारियों की पेंशन योजना

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

173. ( क्र. 7538 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला एवं जनपद पंचायतों के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन योजना लागू है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पश्‍चात पेंशन योजना का लाभ भी मिल रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों? जनपद एवं जिला पंचायतों में पेंशन योजना का क्‍या प्रावधान है? नियम निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) वर्ष 2000 से प्रश्‍न दिनांक तक सिवनी जिले की जनपद पंचायतों व जिला पंचायत के कितने कर्मचारी सेवानिवृत्ति हुये हैं? इन्‍हे वृद्धावस्‍था में सेवानिवृत्ति के पश्‍चात जीविकोपार्जन के लिये पेंशन आदि के रूप में शासन द्वारा इन्‍हें क्‍या लाभ दिया जा रहा है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 2/24/2009/22/पं-1, दिनांक 11 जून, 2012 से जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना दिनांक 01 जुलाई, 2012 से लागू की गयी हैं। योजना में नेशनल पेंशन सिस्टम के अंतर्गत सेवानिवृत्त होने पर अभिदाता द्वारा कुल जमा अंशदान के 40 प्रतिशत राशि से एन्यूटी सर्विस प्रोवाइडर से एन्यूटी क्रय किया जावेगा जिससे अभिदाता को एन्यूटी सर्विस प्रोवाइडर द्वारा प्रतिमाह पेंशन दी जावेगी। इस पेंशन सिस्टम का संचालन पेंशन फण्ड़ रेग्यूलेटरी डेवलपमेंट, भारत सरकार द्वारा किया जा रहा हैं। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश '''' के उत्तर के अनुसार पेंशन योजना का लाभ तथा प्रावधान निर्धारित हैं। प्रावधान अनुसार निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण। नियम निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार हैं। (ग) 06 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुये हैं। जी नहीं।

सिवनी जिले में संचालित खदानें

[खनिज साधन]

174. ( क्र. 7539 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में समस्‍त प्रकार के खनिजों की कितनी खदानें स्‍वीकृत हैं, पट्टेदारों के नाम, स्‍वीकृत खनिज का नाम, आवंटित भूमि का खसरा क्रमांक हल्‍का एवं रकबा सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित खदानों के सभी पट्टेधारकों द्वारा क्रेशर मशीनें स्‍थापित कर ली गई हैं? पट्टा स्‍वीकृत होने कितने दिन के अन्‍दर क्रेशर मशीन स्‍थापित कर लिया जाना चाहिए? कितने पट्टाधारियों द्वारा मशीनें उपरोक्‍त अवधि में स्‍थापित नहीं की गई हैं? (ग) क्‍या सिवनी विधानसभा क्षेत्र के पट्टाधारियों द्वारा खदान संचालन हेतु आवश्‍यक अनुमति प्राप्‍त कर ली गई है? यदि हाँ, तो कब-कब यदि नहीं, तो क्‍यों? इस संबंध में दोषी अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्‍या स्‍वीकृत खदानों के पट्टाधारियों को निर्धारित रकबा पर बाउन्‍ड्रीवॉल/तार फेन्सिग लगाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसका पालन किन-किन पट्टेधारकों द्वारा किया जा रहा है? जिन पट्टेधारकों द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा है, उनके विरूद्ध विभाग द्वारा अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में क्रेशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु पत्‍थर खनिज के 138 उत्‍खनिपट्टे, डोलोमाईट खनिज के 09 खनिपट्टे तथा रेत खनिज की 03 नीलाम खदानें स्‍वीकृत हैं। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''', ''बी'' एवं ''सी'' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' में दर्शित उत्‍खनिपट्टे में से 06 पट्टाधारियों द्वारा क्रेशर स्‍थापित नहीं किये गये हैं। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में क्रेशर मशीन उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृति के उपरांत कितने दिनों में स्‍थापित की जानी चाहिये, के संबंध में प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''डी'' पर दर्शित है। पर्यावरण अनापत्ति प्राप्‍त होने के उपरांत ही खदान संचालन किये जाने के प्रावधान हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।          (घ) स्‍वीकृत खदानों के पट्टा क्षेत्र पर तार फें‍सिंग लगाने का प्रावधान हैं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' में दर्शाये अनुसार 14 पट्टेदार द्वारा तार फेंसिंग करा ली गई है। अभी तक 05 क्रेशरों पर ताला बंदी की कार्यवाही की गई है। शेष पट्टेदारों द्वारा तार फेंसिंग लगाने की कार्यवाही की जा रही है।

ब्‍यावरा नगर ऑडिटोरियम हॉल निर्माण की स्‍वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

175. ( क्र. 7542 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के द्वितीय चरण में नगर पालिका परिषद ब्‍यावरा जिला राजगढ़ को राशि रूपये 300.00 लाख की सैद्धांतिक स्‍वीकृति संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. के पत्र क्रमांक/15212 भोपाल, दिनांक 06.12.2016 द्वारा जारी की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री जी को ब्‍यावरा नगर में सर्वसुविधा युक्‍त ऑडिटोरियम हॉल निर्माण की स्‍वीकृति बावत सौंपे गये अनुरोध पत्र पर संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. के पत्र क्रमांक/1214/ मु.श.अधो.वि.यो./यां.प्र./07-5/2017 भोपाल, दिनांक 02.02.2017 द्वारा नगर पालिका परिषद ब्‍यावरा को उक्‍त कार्य योजना में सम्मिलित करते हुये उसकी डी.पी.आर. तैयार कर सक्षम स्‍वीकृति हेतु संचालनालय को एक सप्‍ताह में प्रेषित करने के निर्देश दिये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या दिनांक 31 जनवरी 2017 को ब्‍यावरा नगर के भ्रमण के दौरान माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा ब्‍यावरा नगर में सर्वसुविधायुक्‍त ऑडिटोरियम हॉल निर्माण हेतु घोषणा की गई थी तथा इस बावत कलेक्‍टर राजगढ़ द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक/11427/एस.सी.-2/2017 राजगढ़ दिनांक 04.02.2017 से प्रमुख सचिव मुख्‍यमंत्री कार्यालय, मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग भोपाल को आवश्‍यक कार्यवाही हेतु प्रेषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन द्वारा उक्‍त ऑडिटोरियम हॉल निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ। नगर पालिका परिषद ब्‍यावरा से ऑडिटोरियम हॉल निर्माण कार्य की स्‍वीकृति के संबंध में प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर स्‍वीकृति प्रदान की जा सकेगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित ग्राम

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

176. ( क्र. 7543 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्‍यावरा में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत कुल कितने ग्राम सम्मिलित किये गये हैं? नाम सहित बतावें एवं उक्‍त सम्मिलित ग्रामों में आवासहीन पात्र हितग्राहियों के नामों का चयन भारत सरकार द्वारा जारी की गई सूची के आधार पर किया गया है अथवा अन्‍य कोई आधार पर? (ख) क्‍या हितग्राहियों के नाम चयन में पंचायतों के स्‍तर पर बड़ी मात्रा में हेर-फेर करते हुये अपात्र व्‍यक्तियों का चयन किया गया? चयन किये गए ग्रामवार हितग्राहियों की संख्‍या उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या अपात्र नामों के चयन में विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने ग्रामवार दौरा कर भौतिक सत्‍यापन किया है? यदि हाँ, तो किन-किन दिनांकों में दौरा किया गया? अपात्र हितग्राहियों के चयन एवं पात्र हितग्राहियों के नाम छोड़ दिये जाने के लिये आरोपित किस स्‍तर के कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तथा क्‍या उनके विरूद्ध जाँच कराकर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्‍या ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्र में अभी भी दर्जनों ग्राम प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं किये गये हैं? छूटे हुये ग्रामों की सूची नाम सहित बतावें तथा ऐसे छूटे हुये ग्रामों को लाभांवित करने हेतु तत्‍काल सम्मिलित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राज्य के वर्ष 2016-17 के लक्ष्य एवं 2017-18 के संभावित लक्ष्य के विरूद्ध राज्य स्तर से SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों में से वंचितता की तीव्रता के आधार पर हितग्राहियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है,जिसमें ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के 280 ग्रामों के हितग्राही आते हैं। (ख) जी नहीं। अपात्र परिवार के चयन की कोई जानकारी शासन के संज्ञान में नहीं आई है। चयनित हितग्राहियों की ग्रामवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) ग्राम सभा द्वारा अनुमोदन तथा जिला/विकास खण्ड स्तर से रेण्डम चेकिंग की व्यवस्था की गयी है। किसी अपात्र व्यक्ति के चयन की जानकारी राज्य शासन के संज्ञान में नहीं होने से राज्य स्तर से सत्यापन की आवश्यकता उत्पन्न नहीं हुई है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र में दर्शाए 07 ग्राम के आंकड़े SECC-2011 में नहीं है। अधिकारी स्तर पर चर्चा में भारत सरकार ने SECC-2011 में प्रदेश के जिन ग्रामों के नाम छूटे हैं उनकी इकजाई जानकारी चाही है। जानकारी संकलित कर भेजने के उपरान्त आवश्यक निर्णय भारत सरकार स्तर से अपेक्षित होने से समय-सीमा तय किया जाना संभव नहीं है।

कर्मचारियों से अवैध रूप से कार्य लिया जाना

[सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम]

177. ( क्र. 7554 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम में संविदा नियुक्ति के आधार पर वर्ष १९९८ से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कितने व कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी कब-कब से पदस्‍थ है नाम व पद सहित बतावें? (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम के कुछ कर्मचारी दिल्‍ली एवं रायपुर में पदस्‍थ है? यदि हाँ, तो इसके क्‍या कारण है एवं इन्‍हे किस आधार/नियम तथा किनकी अनुशंसा के आधार पर संविदा नियुक्ति दी गई है? (ग) क्‍या कुछ कर्मचारियों का समान कार्य परंतु वेतन में रूपये १५००० तथा रूपये ७५०० जैसा अंतर किन कारणों से तथा किसकी लापरवाही से प्रचलन में है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित नियम विरूद्ध नियुक्ति करने वालों तथा वेतन पाने वालों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही कर राशि की वसूली की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम में प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में संविदा पर 20 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनके नाम, पद आदि की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम के नई दिल्‍ली एवं रायपुर में संविदा पर कोई कर्मचारी पदस्‍थ नहीं है। (ग) मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम में संविदा पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के समान कार्य, परन्‍तु वेतन में अंतर जैसा कोई प्रकरण नहीं है। (घ) उत्‍तर (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पैंतीस''

भ्रष्‍टाचार के चलते नियम विपरीत कार्यवाही की जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

178. ( क्र. 7555 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल नगर निगम में अपर आयुक्‍त के स्‍वीकृत पदों के विरुद्ध कितने पदों की पूर्ति की जा चुकी है तथा कितने पद कब-कब से व किन-किन कारणों से रिक्‍त हैं स्‍वीकृत पदों की पूर्ति हो जाने के पश्‍चात भी वर्ष 2016 में अपर आयुक्‍त के पद पर पदोन्‍नति से पदस्‍थ किए जाने की अनुंशसा शासन की स्‍वीकृति हेतु प्रेषित की गई? यदि हाँ, तो निगम में अपर आयुक्‍त के समस्‍त पदों की पूर्ति हो जाने के बावजूद किस नियम के तहत अपर आयुक्‍त के पद पर पदोन्‍नत कर पदस्‍थ किए जाने हेतु शासन को अनुशंसा प्रेषित की गई? इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिए कौन-कौन दोषी हैं, उनके विरुद्ध क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?        (ख) क्‍या अपर आयुक्‍त/उपायुक्‍त, स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी/चिकित्‍सा अधिकारी/सहायक स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी, प्रशासकीय अधिकारी के पद पर कांट्रेक्‍ट/संविदा नियुक्ति नियमों के अन्‍तर्गत नहीं आते हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त पदों पर सेवानिवृत्‍त अधिकारियों को पदस्‍थ किए जाने हेतु किस नियम के तहत प्रस्‍तावित कार्यवाही प्रचलन में है? इस नियम विरुद्ध कार्यवाही के लिए कौन-कौन दोषी हैं, उनके विरुद्ध शासन द्वारा क्‍या-क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, भोपाल में अपर आयुक्‍त के कुल 04 पद स्‍वीकृत है। इनमें से 03 पद प्रतिनियुक्ति के एवं 01 पद भोपाल नगर पालिक निगम संवर्ग के पदोन्‍नत अपर आयुक्‍त के लिए नियत है। वर्तमान में अपर आयुक्‍त के पदों पर प्रतिनियुक्ति से राज्‍य प्रशासनिक सेवा के 03 अन्‍य नगर निगम के 01 अधिकारी स्‍थानांतरण द्वारा पदस्‍थ हैं तथा संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास में पदस्‍थ 01 उप संचालक को अपर आयुक्‍त के दायित्‍व का निर्वहन करने हेतु नगर पालिक निगम, भोपाल में संलग्‍न किया गया है। भोपाल नगर निगम संवर्ग के लिए नियत 01 अपर आयुक्‍त का पद रिक्‍त है। भोपाल नगर निगम संवर्ग के यह पद आदर्श कार्मिक संरचना के लागू होने की दिनांक 28.02.2014 से ही रिक्‍त है। भोपाल नगर निगम संवर्ग के स्‍वीकृत पद की पूर्ति नगर पालिक निगम, भोपाल के उपायुक्‍त के पद से पदोन्‍नति से नहीं हुई है। अतएव 01 पद की पूर्ति के लिए पदोन्‍नति समिति की अनुशंसा शासन स्‍वीकृति के लिए प्रेषित की गई है। उपायुक्‍त पद से अपर आयुक्‍त के पद पर पदोन्‍नत किए जाने के लिए पद रिक्‍त होने से मध्‍यप्रदेश नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2000 के नियम 10 के अधीन संवर्गीय अपर आयुक्‍त पद पर पदोन्‍नति के लिए विधिवत प्रक्रिया पूर्ण कर शासन को पदोन्‍नति समिति की अनुशंसा प्रेषित की गई है। पदोन्‍नति की कार्यवाही एक विधिक एवं नियमित प्रक्रिया है, जो नियमानुकूल है। अतएव किसी के दोषी होने और उसके विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश नगर पालिक निगम, संविदा सेवा (नियुक्ति एवं सेवा की शर्तें) नियम, 2007 के अंतर्गत वर्तमान में प्रावधान नहीं है, परन्‍तु राज्‍य शासन द्वारा इन पदों पर सेवानिवृत्‍त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संविदा पर नियुक्‍त किए जाने के संबंध में नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

रोड निर्माण से संबंधित

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

179. ( क्र. 7570 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम धनखेड़ी, बस स्‍टेंड से ग्राम बाबरोन के लिये जो मुख्‍यमंत्री सड़क योजनांतर्गत सड़क बनी थी उस सड़क को शासन प्रशासन की बिना परमीशन के नाली के रूप में तीन चार फीट गहरी व चालीस पचास फिट मीटर लंबी नाली खोदी गई है वह किस व्‍यक्ति के द्वारा, किस जे.सी.बी. मशीन द्वारा अवैध रूप से खोदी गई है? नाम, पता सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्‍या इस नाली के खोदने से आस-पास बने आवासों को कोई क्षति पहुंची है? यदि हाँ, तो तत्‍काल इस नाली को बंद कर आवासों की मरम्‍मत कर, जिस व्‍यक्ति के द्वारा एवं जिस जे.सी.बी. मशीन के द्वारा अवैध रूप से नाली खोदी गई उस व्‍यक्ति के खिलाफ तथा बिना अनुमति चलाई गई, जे.सी.बी. मशीन को जब्‍त कर तत्‍काल कार्यवाही कर एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में एस.डी.एम. एवं पुलिस अधीक्षक नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ के नाम बिना सीमांकन किये दबंगों द्वारा अवैध रूप से कब्‍जा करने के कोई शिकायती पत्र प्राप्‍त हुऐ है? यदि हाँ, तो इसमें क्‍या अवैध रूप से नाली खोदने वाले दबंग व्‍यक्तियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों और कब तक की जायेगी?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। श्री कांता प्रसाद पिता चैन सिंह निवासी धनखेड़ी द्वारा खेत में से पानी की निकासी हेतु नाली खोदी जाना प्रतिवेदित है। नाली किस माध्‍यम से खोदी गई है, इसकी जानकारी ज्ञात नहीं है। (ख) जी हाँ। नाली खोदने के कारण पास के कच्‍चे मकान की दीवार को क्षति हुई है। विवाद सिविल एवं व्‍यक्तिगत प्रकृति का होने के कारण शेष प्रश्‍नांश विभाग के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। भूमि का सीमांकन विवाद का विषय है। शिकायत सक्षम अधिकारी से की जाने पर नियमानुसार कार्यवाही करने का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) , नरसिंहगढ़ को शिकायत प्राप्‍त हुई है। प्रकरण में जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही सक्षम अधिकारी द्वारा की जावेगी।

भ्रष्‍टाचार/अनियमितता पर कार्यवाही विषयक

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

180. ( क्र. 7579 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या पंचायत एवं ग्रामीण विकास में मुख्‍य सचिव के माध्‍यम से जिला पंचायत बालाघाट में राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार ग्‍यारंटी योजना में ई-पेमेंट के नाम पर नियम विरूद्ध कम्‍प्‍यूटर क्रय करने के संबंध में जनवरी 2013 में शिकायत प्राप्‍त हुई थी? यदि हाँ, तो विभाग में यह कब पंजी की गई तथा किस-किस को कारण बताओं सूचना पत्र, आरोप पत्र, याचिकाओं की जाँच हेतु पत्र शासन ने और विभागाध्‍यक्ष ने कब-कब जारी किये तिथिवार बतायें? (ख) क्‍या संबंधित अधिकारी द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र का उत्‍तर, आरोप पत्र का उत्‍तर तथा जाँच अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन   कब-कब, किसे-किसे दिया? (ग) वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक चार वर्ष से अधिक अवधि हो चुकी है जाँच प्रतिवेदन के आधार पर यदि किसी को दोषी नहीं पाया गया है तो उसका आधार एवं प्रमाण क्‍या है? (घ) यदि दोषी पाया गया है तो किसे-किसे? नाम, पद बतायें तथा उसे क्‍या सजा दी गई और उसके विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज क्‍यों नहीं कराई गई?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विभाग स्‍तर पर शिकायत के पंजीयन की तिथि 05.01.2013 है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी नहीं। दोषी नहीं पाये जाने पर प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''छत्‍तीस''

अनियमितता/भ्रष्‍टाचार पर कार्यवाही

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

181. ( क्र. 7580 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालाघाट के पत्र क्रमांक 48748 दिनांक 17 जुलाई 2014 के संदर्भ में ग्राम पंचायत मजगांव के विरूद्ध कि गई शिकायत का जाँच प्रतिवेदन पाँच सदस्‍यीय जाँच अधिकारियों की समिति द्वारा मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालाघाट को प्रस्‍तुत किया था? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण कब, किस अधिकारी द्वारा किया गया? नाम, पद बतायें? (ख) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कितने बिन्‍दुओं पर जाँच अधिकारी ने शिकायतों का सही होना प्रमाणित पाया और जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण करने वाले ने कितने और कौन-कौन से बिन्‍दुओं की शिकायत को सही सिद्ध होना पाया? (ग) यदि शिकायत के बिन्‍दु सही पाये गये तो बतायें कि अगस्‍त 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक दोषी कौन-कौन पाया गया और उन्‍हें क्‍या दण्‍ड दिया गया? यदि नहीं, दिया गया तो इसका क्‍या कारण है और कौन दोषी है?       (घ) वर्तमान में प्रकरण किस स्‍तर पर विचाराधीन कब से है और क्‍यों? अत्‍यधिक विलंब के लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण श्री तरुण राठी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालाघाट द्वारा दिनांक 17.09.2014 को किया गया था।         (ख) जाँच अधिकारी ने 08 बिंदुओं पर शिकायत सही पाई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार। परीक्षण करने वाले अधिकारी ने 08 बिंदुओं पर शिकायत सही सिद्ध होना पाया। (ग) जी हाँ। दोषियों के नाम एवं उनके विरुद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में प्रकरण आयुक्त जबलपुर संभाग जबलपुर में दिनांक 17.09.2014 से एवं न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बैहर में दिनांक 01.12.2014 से प्रकरण विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सम्‍‍पत्तिकर की वसूली

[नगरीय विकास एवं आवास]

182. ( क्र. 7585 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर निगम, इन्‍दौर द्वारा कचरा, साफ-सफाई एवं स्‍वच्‍छता हेतु मकान मालिकों एवं प्‍लाट धारकों से सम्‍पत्ति कर में पचास प्रतिशत व्‍यापक स्‍वच्‍छता कर जोड़कर वसूल किया जाता है? (ख) क्‍या नगर निगम, इन्‍दौर द्वारा सत्र 2016-17 से मकान मालिकों एवं प्‍लाट धारकों से व्‍यापक स्‍वच्‍छता कर के अतिरिक्‍त सफाई एवं कचरा हेतु रु. 62/- प्रतिमाह शुल्‍क लिया जा रहा है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्‍तर हाँ हैं, तो जब निगम द्वारा व्‍यापक स्‍वच्‍छता कर पूर्व से संपत्तिकर में जोड़कर वसूल किया जा रहा है तो सफाई एवं कचरा हेतु अतिरिक्‍त शुक्‍ल क्‍यों वसूल किया जा रहा है? (घ) क्‍या नगर निगम, इन्‍दौर द्वारा अतिरिक्‍त शुल्‍क वसूल किया जाना बंद किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब से एवं नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, माह अक्‍टूबर 2016 से शहर के प्रथम चरण में प्रारंभ में 25 वार्ड में तथा माह नवम्‍बर 2016 से सभी 85 वार्डों में आवासीय क्षेत्र हेतु उपभोक्‍ता प्रभार शुल्‍क (Users Charges) रूपये 60/- प्रतिमाह लिया जा रहा है। (ग) नगर पालिक निगम का परिषद प्रस्‍ताव क्रमांक 03 दिनांक 15.07.2016 से वित्‍तीय वर्ष           2016-17 में नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 132 '''' के तहत (Users Charges) (उपभोक्‍ता चार्जेस/प्रभार) के अंतर्गत आवासीय में 02 रूपये एवं व्‍यवसायिक में 03 रूपये प्रतिदिन प्रत्‍येक घर में एवं व्‍यवसायिक स्‍थल के मान से (Users Charges) (उपभोक्‍ता चार्जेस/प्रभार) लिया जाना स्‍वीकृ‍त किया गया है। स्‍वच्‍छता उपकर अधिनियम की धारा 132 (1) (ग) के तहत सार्वजनिक शौचालयों के सहनिर्माण तथा अनुरक्षण के लिये मल के व्‍ययन एवं शहर की सामान्‍य सफाई के लिये अधिरोपित किया गया है। जबकि उपभोक्‍ता प्रभार शुल्‍क निगम द्वारा घर-घर से कचरा संग्रहण की व्‍यवस्‍था प्रारंभ करने के एवज में लिया जा रहा है। (घ) जी नहीं, घर-घर से कचरा संग्रहण का कार्य तब तक निगम द्वारा किया जाता रहेगा तब तक उक्‍त उपभोक्‍ता प्रभार शुल्‍क वसूल करने की कार्यवाही जारी रहेगी।

खनिजों की लीज

[खनिज साधन]

183. ( क्र. 7590 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्तमान में दतिया जिले में खनिजों की लीजे दी गई है? (ख) क्‍या जिन खनिजों की लीजे दी गई है, उनके देने से पहिले समस्‍त संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिए गए है? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) का उत्‍तर हाँ में है तो 1 जनवरी, 2014 से प्रश्‍न दिनांक जिन-जिन खनिजों की लीजे दी गई उनकी विस्‍तृत जानकारी दी जावें तथा संबंधित विभागों के अनापत्ति प्रमाण-पत्रों का विवरण भी उपलब्‍ध कराया जाए? (घ) यदि संबंधित विभागों की अनापत्ति लिए बिना सार्वजनिक स्‍थलों के नजदीक लीजे दी गई तो उसके लिए जवाबदारी सुनिश्चित की जाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट में दर्शित है। (घ) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधानित दूरी छोड़ने के उपरांत खदानें स्‍वीकृत की गई हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सैंती''

नगर परिषद भाण्‍डेर में हुई नियुक्तियां

[नगरीय विकास एवं आवास]

184. ( क्र. 7591 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर परिषद भाण्‍डेर में स्‍थानीय निकाय द्वारा वर्ष 2015, 2016 में नवीन नियुक्तियां की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो नाम एवं नियुक्‍त कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्‍यता आदि की जानकारी भी दी जाएं। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) की नियुक्तियों के लिए स्‍थानीय निकाय परिषद से अनुमोदन किया गया यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) की नियुक्तियों हेतु विज्ञप्ति समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई गई? यदि हाँ, तो किन समाचार पत्रों में कब-कब की गई थी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

दिव्‍यांगों हेतु योजनाओं का क्रियान्‍वयन

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

185. ( क्र. 7595 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या केन्‍द्र/राज्‍य प्रवर्तित दिव्‍यांगों के कल्‍याणार्थ अनेक योजनाओं का क्रियान्‍वयन किया जा रहा है तथा उन्‍हें चिन्हित कर पात्रतानुसार उन्‍हें योजनाओं में सम्मिलित कर लाभान्वित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अन्‍तर्गत ग्रामवार, नगरवार, वार्डवार कितने किस-किस प्रकार की अक्षमताओं के दिव्‍यांग चिन्हित किये जाकर उनके कल्‍याणार्थ किस-किस प्रकार के क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? (ग) वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक चिन्हित किये गये एवं अक्षमताओं को उल्‍लेखित करते हुए लाभान्वित हितग्राहियों की संख्‍या से उपरोक्‍तानुसार अवगत कराएं तथा प्राप्‍त बजट एवं किये गये कार्यों पर व्‍यय की जानकारी दें? (घ) 80 प्रतिशत एवं उससे अधिक अक्षमता वाले दिव्‍यांगों को मोटोराईज्‍ड ट्राईसिकल दी जाती है तो उसमें दी जाने वाली ट्राईसिकल की राशि में शेष अंतर राशि क्‍या विधायक निधि से सम्मिलित कर दी जा सकेगी तथा अब तक उपरोक्‍त वर्षों में कितने आवेदन प्राप्‍त होकर कितनी स्‍वीकृतियां दी एवं कितने लाभान्वित हुए?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) निःशक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार, संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की धारा 2 में उल्लेखित निःशक्तताओं संबंधी निःशक्तजन चिन्हांकित किये गये है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार।       (ग) जानकारी उत्तरांश '''' एवं संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार (घ) जी हाँ। विधायक निधि से राशि सम्मिलित कर दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अब तक 24 हितग्राहियों को भारत सरकार की ओर से एलिम्को कानपुर द्वारा मोटोराईज्ड ट्रायसिकल वितरित कर लाभान्वित किया गया।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

मूक बधिर एवं दृष्टिबाधित दिव्‍यांगों के संबंध में

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

186. ( क्र. 7596 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या उज्‍जैन जिले में केन्‍द्र/राज्‍य प्रवर्तित योजनाओं के माध्‍यम से शासन/विभाग द्वारा एवं अनुबंधित/आदेशित पंजीकृत संस्‍थाओं, एन.जी.ओ. एवं अन्‍य व्‍यवस्‍थाओं के माध्‍यम से उल्‍लेखित दिव्‍यांगों हेतु किस-किस प्रकार के किस-किस स्‍थान पर क्‍या-क्‍या कार्य किये जा रहे हैं? (ख) उज्‍जैन जिलान्‍तर्गत विभिन्‍न प्रकार के कार्यों को किये जाने हेतु वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक कितना बजट प्राप्‍त होकर किन कार्यों पर कितना व्‍यय किया गया वर्षवार अवगत कराए? (ग) क्‍या दिव्‍यांगों की रूचि एवं स्थिति अनुसार उनके स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा एवं रोजगार हेतु भी नियमानुसार अनेक कार्य किये जाते हैं तो क्‍या-क्‍या, किन-किन के लिये, किस-किस स्‍थान पर किस-किस प्रकार के किये गये? (घ) कृपया प्रश्‍न अन्‍तर्गत उल्‍लेखित (क) (ख) एवं (ग) के उत्‍तर की जानकारी के साथ ही उक्‍त उल्‍लेखित दिव्‍यांगों हेतु समय-समय पर स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, रोजगार के संबंध में कितने किन-किन स्‍थानों पर जाँच/परीक्षण हेतु शिविर लगाकर सहायताएं दी गई कितने आवेदन प्राप्‍त हुये, कितनो पर कार्यवाही होकर कितने शेष रहे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शिविर में 2347 निःशक्तजनों को पंजीकृत किया जाकर लाभान्वित किया गया तथा पंजीकृत निःशक्तजनों का कोई प्रकरण कार्यवाही हेतु शेष नहीं है।

बै‍तूल, उज्‍जैन जिले में आरक्षित प्‍लाट विक्रय

[नगरीय विकास एवं आवास]

187. ( क्र. 7599 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍न क्र. 2924, दिनांक 28.02.17 के (क) उत्‍तर में जिला बैतूल की कालोनियों में सारणी नगर पालिका क्षेत्र की सभी कालोनियों का उल्‍लेख क्‍यों नहीं है? इसके बारे में प्रश्‍नानुसार समस्‍त कालोनियों की जानकारी देवें। (ख) इसी प्र.क्र. 2924, दिनांक 28.02.17 में वर्णित कालोनियों में जो भूमि आरक्षित की गई, उनमें कितनी भूमि जो गरीब व कमजोर वर्ग को विक्रय की गई? क्रेता का नाम, रकबा, संबंधित के आय के दस्‍तावेज, B.P.L. क्रमांक, नामांतरण कापी सहित कालोनीवार बैतूल, उज्‍जैन जिलावार, विधानसभावार देवें। दिनांक 01.01.16 से 31.12.16 तक के संदर्भ में देवें। (ग) उपरोक्‍त बैतूल एवं उज्‍जैन जिले में आरक्षित की गई कितनी भूमि शेष हैं? कालोनीवार, रकबा सहित, विधानसभावार, जिलेवार देवें। (घ) आरक्षित प्‍लॉट अन्‍य वर्ग को विक्रय किए जाने पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् सारणी में कालोनियों की जानकारी विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 2924 में दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के सरल क्रमांक 20, 21, 22, 23, 24 एवं 25 में थी। प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) कॉलोनाईजर द्वारा गरीब व कमजोर वर्ग को आरक्षित भूमि विक्रय नहीं की गई है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 में आरक्षित प्‍लॉट अन्‍य वर्ग को विक्रय करने का प्रावधान नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गरीब वर्ग के लिये आरक्षित प्‍लाटों का अवैध विक्रय

[नगरीय विकास एवं आवास]

188. ( क्र. 7603 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम एवं मन्‍दसौर जिले की कालोनियों में गरीब व कमजोर वर्ग की आरक्षित भूमि में से कितने भूखंड विक्रय किए गए? क्रेता का नाम, संबंधित के आय के दस्‍तावेज, B.P.L. क्रमांक, रजिस्‍ट्री कापी, नामांतरण कापी सहित दिनांक 01.01.14 से 31.12.16 तक संदर्भ में जिलावार देवें। कालोनीवार देवें, रकबा भी प्रति क्रेता देवें। (ख) उपरोक्‍त जिलों में कितने भूखंड विक्रय के लिए गरीब व आरक्षित वर्ग के इन कालोनियों में शेष हैं? कॉलोनीवार देवें। (ग) क्‍या कारण है कि गरीब वर्ग के लिए आरक्षित प्‍लॉट इस वर्ग को न विक्रय कर अन्‍य को विक्रय कर दिए गए? इस पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के लिए दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? इस अवधि के समस्‍त अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें, जिनके कार्यकाल में प्रश्‍नांश (ग) अनुसार कार्य हुए?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) आरक्षित प्‍लाट अन्‍य को विक्रय नहीं किये गये हैं, अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

क्रेशर प्‍लांट एवं स्‍वीकृत खदान लीज के अनियमितताओं के खिलाफ कार्यवाही

[खनिज साधन]

189. ( क्र. 7609 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में संचालित क्रेशर प्‍लान एवं स्‍वीकृत खदान लीज का रकबा एवं स्‍थान का नाम खसरा नंबर, क्षेत्रफल, गांव का नाम, तहसील का नाम, संचालन कर्ता का नाम एवं पूर्ण पता सहित पृथक-पृथक विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्रेशर प्‍लांट का लायसेंस प्रदान करने के क्‍या नियम हैं? विवरण देते हुए बतावें कि बस्‍ती से कितनी दूर पर लगाने का नियम हैं? क्रेशर प्‍लांट को चलाने हेतु स्‍वीकृत खदान लीज पर कितने मीटर गहराई तक खनन किये जाने का प्रावधान है? क्‍या क्रेशर में चारों तरफ पक्‍की बाउण्‍ड्रीवाल का निर्माण पर्यावरण एन.ओ.सी. एवं भण्‍डार तथा परिवहन के वैधानिक अनुमति की आवश्‍यकता है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्‍त सभी मापदण्‍ड के अंतर्गत हैं? यदि हाँ, तो प्रत्‍येक का प्रमाणीकरण देवें? यदि नहीं, तो कौन-कौन नाम बतावें? उनके खिलाफ क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई। प्रति उपलब्‍ध करावें? नहीं की गई तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा खनिज कार्यालय को लगभग 115 क्रेशर प्‍लांट नियम को दरकिनार कर संचालन की सूचना पर खनिज विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रकरण तैयार किये गये? सूचना के एवं प्रकरण तैयार करने के प्रमाणित पत्र उपलब्‍ध करावें? प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्‍यों? की जावेगी तो क्‍या कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के प्रकाश महादेव कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी द्वारा क्रेशन प्‍लान ग्राम गाड़ा 234 तहसील हनुमना में अवैधानिक तथा जालसाजी दस्‍तावेज तैयार कर संचालन की शिकायत थाना, तहसीलदार, एम.डी.एम. हनुमना से की गई है एवं आदिवासी गांव सरदमन के क्रेशर प्‍लांट एवं उपरोक्‍त दोनों बस्‍ती में मापदण्‍ड के विपरीत संचालित हैं? जिसके डस्‍ट से लोगों का जीवन असुरक्षित हैं एवं भारी लोडिंग कर रहे हैं। इनके खिलाफ प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्‍यों? की जावेगी तो कब?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में संचालित क्रेशर प्‍लांट हेतु स्‍वीकृत खनिज व्‍यापारिक अनुज्ञप्ति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ख) क्रेशर प्‍लांट के लिये लाईसेंस प्रदान करने के लिये खनिज नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। क्रेशर प्‍लांट में खनिज के उपयोग एवं भण्‍डारण हेतु मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम, 2006 के प्रावधानों के अनुसार खनिज व्‍यापारिक अनुज्ञप्ति प्रदान की जाती है। पर्यावरण विभाग से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार बस्‍ती (आबादी) से 500 मीटर की दूरी पर क्रेशर प्‍लांट स्‍थापित करने के प्रावधान हैं। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के तहत प्रश्‍नानुसार स्‍वीकृत उत्‍खनिपट्टे में गहराई संबंधी प्रावधान नहीं है। जी हाँ। खनिज के भण्‍डारण तथा परिवहन की वैधानिक अनुमतिप्राप्‍त है। जिले में क्रेशर धारकों द्वारा बाउण्‍ड्रीवाल का निर्माण प्रारंभ किया गया है। (ग) प्रश्‍नानुसार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोई सूचना खनिज विभाग को प्रेषित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। मेसर्स महादेव कंसट्रक्‍शन कंपनी को ग्राम गाढ़ा 234 के खसरा नंबर 415/1/1 के अंश रकबा 9.500 हेक्‍टेयर क्षेत्र पर खनिज पत्‍थर (यांत्रिक क्रिया के द्वारा गिट्टी निर्माण) हेतु उत्‍खनिपट्टा अवधि दिनांक 04.01.2016 से 03.01.2026 तक स्‍वीकृत है। प्रश्‍नाधीन क्रेशर प्‍लांट मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वायु सम्‍मतिदिनांक 28.07.2016 से प्राप्‍त कर संचालित है। प्रश्‍नाधीन भूमि से 500 मीटर के बाहर आबादी स्थित है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

अधिग्रहित निजी भूमि पर आवास नहीं बनाया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

190. ( क्र. 7621 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिलाध्‍यक्ष (भू-अर्जन) भोपाल के प्रकरण क्रमांक ३अ/८२ वर्ष ८७-८८ अवार्ड आदेश दिनांक ३०.८.१९९१ के द्वारा ग्राम नरेला शंकरी की जिन जमीनों को अर्जित किया उन पूरी जमीनों का मध्‍यप्रदेश गृह निर्माण मण्‍डल भोपाल ने प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी मकान बनाए जाने में उपयोग नहीं किया है? (ख) यदि हाँ, तो किस उद्देश्‍य से मंडल ने किस किसान की कितनी जमीन अर्जित किए जाने की कार्यवाही किस दिनांक को की, इस जमीन में से किस खसरा नंबर के कितने रकबे पर किस किसान का कब्‍जा होना राजस्‍व अभिलेखों में किस वर्ष तक बताया गया है? (ग) किस किसान के किस खसरा नंबर के कितने रकबे पर गृह निर्माण मंडल ने प्रश्‍नांकित दिनांक तक मकानों किन-किन कारणों से नहीं किया ऐसी जमीनों के संबंध में भूमि अर्जन पुर्नवास, पुर्नव्‍यवस्‍थापना में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम २०१३ की धारा २४ में क्‍या-क्‍या प्रावधान दिया गया है? (घ) १९९१ में जिन जमीनों का अवार्ड पारित होने के बाद भी मंडल ने प्रश्‍नांकित दिनांक तक मकानों का निर्माण नहीं किया है वह जमीन भू स्‍वामी को लौटाए जाने के संबंध में शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। कुल अर्जित 132.22 एकड़ भूमि में से अधिकांश भूमि पर भवन बनाकर अथवा भू-खण्ड विकसित कर उपयोग किया जा चुका है। विवरण निम्नानुसार है :- (1) राजीव नगर - 48.03 एकड़ भूमि का विकास एवं निर्माण कार्य पूर्ण कर कालोनी नगर निगम को हस्तांतरित कर दी गई है। (2) मयूरी परिसर - 3.90 एकड़ भूमि पर भवन निर्माण एवं विकास कर विक्रित कर दी गई है। (3) अयोध्या एक्सटेंशन - 54.19 एकड़ भूमि पर भवन एवं भूखण्ड निर्मित तथा विकसित कर हितग्राहियों को अवंटित किये जा चुके हैं।       (4) सुरम्य परिसर - 27.00 एकड़ भूमि पर मण्डल की 1360 फ्लेटों की बहुमंजिला आवासीय योजना तथा 40 डुप्लेक्स भवनों की योजना प्रस्तावित है, जिसे बाजार की मांग अनुसार क्रियान्वित किया जायेगा (ख) म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल ने आवासीय योजना के लिए भूमि अर्जित करने की कार्यवाही प्रश्नांश में वर्णित विवरण अनुसार अर्जित की थी, जिसका किसानवार विवरण संलग्‍न परिशिष्ट में है। (ग) नरेला शंकरी, भोपाल में अर्जित की गई प्रश्नाधीन 132.22 एकड़ निजी भूमि पर मण्डल द्वारा निम्न योजनायें क्रियान्वितप्रस्तावित की गई हैं :- (अ) राजीव नगर योजनांतर्गत 48.03 एकड़ भूमि का विकास सहित 382 ई.डब्ल्यू. एस., 665 एल.आई.जी. 269 एम.आई.जी. 97 एच.आई.जी. भवन का निर्माण कर भवन आवंटियों को सौंपे गये हैं एवं यह कालोनी दिनांक 01.08.2010 को नगर निगम को हस्तांतरित की गई है। (ब) शेष 84.19 एकड़ भूमि पर 702.75 लाख के विकास कार्य की योजना क्रियान्वित की गई तथा रू. 2172.45 लाख की 112 एल.आई.जी. 175 एम. आई.जी. तथा 97 एच.आई.जी. भवनों के निर्माण, 300 ई.डब्ल्यू.एस. तथा 55 एच.आई.जी. भवनों का निर्माण कार्य की योजनायें मण्डल द्वारा पूर्ण कर आवंटियों को भवन उपलब्ध कराये गये हैं। साथ ही 180 भूखण्ड विकसित कर विक्रित किये गये हैं। (स) खसरा क्र. 273, 274, 137, 138, 139 एवं 142 में 27.00 एकड़ भूमि पर मण्डल की 1360 प्रकोष्ठों की ''सुरम्य परिसर'' बहुमंजिला आवासीय योजना एवं 40 डुप्लेक्स भवनों की योजना प्रस्तावित है। इस योजनांतर्गत नगर एवं ग्राम निवेश विभाग से अभिन्यास अनुमोदन तथा पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त की गई है। योजनांतर्गत नगर निगम से भवन अनुज्ञा प्राप्त कर योजना का क्रियान्वयन आवासों की बाजार में मांग अनुसार शीघ्र प्रारम्भ किया जायेगा। ''भूमि अर्जन पुर्नवास, पुर्नव्यवस्थापना में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 में दिये गये प्रावधान संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (घ) प्रश्नाधीन भूमि अंतर्गत माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में न्यायालयीन प्रकरण डब्ल्यू.पी. 9832/2014 शोभाराम व अन्य विरूद्ध म.प्र. शासन व अन्य विचाराधीन है।

परिशिष्ट - ''उनचालीस''

पदोन्‍नति के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

191. ( क्र. 7628 ) श्री मुकेश नायक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या श्री राममिलन तिवारी नगर पंचायत अमानगंज जिला पन्‍ना की प्रथम नियुक्ति नगर पालिका परिषद जयसिंहनगर जिला शहडोल के द्वारा वर्ष १९८७ में सफाई दरोगा के पद पर हुई थी यदि हाँ, तो बताये कि इनकी सफाई दरोगा से वर्तमान पद पर पदोन्‍नतियां      कौन-कौन सी डी.पी.सी. के आधार पर हुई और डी.पी.सी. ने शासन के कौन-कौन से नियमों का पालन किया नियमों की प्रति तथा डी.पी.सी. के कार्यवाही विवरण की जानकारी बतायें? (ख) क्‍या पद परिवर्तन का अधिकार मंत्री परिषद को है यदि नहीं, तो सामान्‍य प्रशासन विभाग ने पद परिवर्तन का अधिकार विभाग को या और नगर पालिका परिषद को किस आधार पर किया उस आदेश की प्रति बतायें? (ग) क्‍या यह सही है कि एक नगर पालिका से दूसरी नगर पालिका में स्‍थानांतरण होने पर उसका धारणाधिकार मूल नगर पालिका में बना रहता है यदि हाँ, तो बताये कि श्री राममिलन तिवारी जब नगर पालिका जयसिंहनगर पालिका के कर्मचारी थे तो इनकी पदोन्‍नति अमानगंज में किस नियम आधार पर की गई बतायें? (घ) श्री तिवारी की निम्‍न श्रेणी लिपिक से अथवा जो प्रथम नियुक्ति का पद हो उस पद से वर्तमान तक जो भी पदोन्‍नतियां की गई क्‍या वे आरक्षण १९९४ लागू होने के पश्‍चात रोस्‍टर अनुसार की गई यदि हाँ, तो रोस्‍टर पंजी की जानकारी सहित उत्‍तर दें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। श्री राममिलन तिवारी, सफाई दरोगा की प्रथम नियुक्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।         श्री तिवारी को संचालनालय के आदेश से नगर परिषद, अमानगंज में स्‍थानांतरित कर भारमुक्‍त किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। म.प्र. नगर पालिका भर्ती तथा सेवा शर्ते नियम 1968 के नियम 12 (1) म.प्र. सेवा (वेतनमान एवं भत्‍ता) नियम 1967 की अनुसूची 3 में उल्‍लेखित प्रावधान अनुसार पी.आई.सी. के प्रस्‍ताव क्रमांक 32 दिनांक 10.08.2005 द्वारा निम्‍न श्रेणी लिपिक पद की अर्हता होने से स्‍वच्‍छता संवर्ग से लिपिकीय संवर्ग में पद परिवर्तन किया गया। सफाई दरोगा पद से वर्तमान तक की गई पदोन्‍नतियों से संबंधित पी.आई.सी. प्रस्‍ताव तथा डी.पी.पी. के कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। पद परिवर्तन का अधिकार राज्‍य शासन को है। मध्‍यप्रदेश नगर पालिका सेवा (वेतनमान एवं भत्‍ता) नियम, 1967 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। श्री तिवारी के सफाई दरोगा (स्‍वच्‍छता संवर्ग) से लिपिकीय संवर्ग में पद परिवर्तन की कार्यवाही प्रथम दृष्‍टया नियमानुसार नहीं है। संयुक्‍त संचालक, रीवा/सागर से जाँच करके स्‍पष्‍टीकरण/प्रतिवेदन मांगा गया है। स्‍पष्‍टीकरण प्राप्‍त होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वन संपदा एवं वन प्राणियों के संरक्षण के संबंध में

[वन]

192. ( क्र. 7636 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वन संपदा वनस्‍पति एवं वन्‍य प्राणी संरक्षण हेतु कौन-कौन सी योजनाए संचालित हैं?         (ख) उज्‍जैन जिले में कौन-कौन सी योजना का क्‍या लाभ दिया गया है? १ जनवरी २०१४ से प्रश्‍न दिनांक तक तहसीलवार जानकारी प्रदान करें?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।            (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चालीस''

निर्माण कार्यों विषयक

[नगरीय विकास एवं आवास]

193. ( क्र. 7637 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) १ जनवरी २०१४ से प्रश्‍न दिनांक तक विधायक, सांसद द्वारा जनता की मांग पर नगर निगम उज्‍जैन को निर्माण कार्यों हेतु कितने सुझाव एवं पत्र दिये गये? प्राप्‍त पत्रों एवं सुझावों की प्रति उपलब्‍ध कराते हुये, उक्‍त सुझाव एवं पत्रों पर की गई कार्यवाही का संपूर्ण ब्‍यौरा मय दस्‍तावेजों के उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार निर्वाचित जन प्रतिनिधियों द्वारा सुझाव एवं निर्माण कार्यों हेतु पत्र दिये जाने के संबंध में नगर निगम उज्‍जैन द्वारा उक्‍त सुझावों एवं पत्रों को गंभीरता से नहीं लेते हुये उन पर कोई कार्यवाही नहीं गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त सुझावों एवं पत्रों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? अब तक कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '''' के अनुसार नगर निगम, उज्‍जैन द्वारा कार्यवाही की गई है। अत: शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बीयू में संचालित कोर्स की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

194. ( क्र. 7644 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) बरकतउल्‍ला/भोपाल विश्‍वविद्यालय अंतर्गत पी.जी. डिप्‍लोमा इन म्‍यूजियोलॉजी कोर्स कब से कब तक संचालित था? किन-किन कॉलेजों/यूटीडी द्वारा यह कोर्स संचालित किया गया? यह कोर्स कब से बंद किया गया? (ख) शिक्षण सत्र 2004-05 और शिक्षण सत्र 2005-06 में बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय में एम.ए. सोशल एन्‍थ्रोपोलॉजी कोर्स में कितनी सीट्स थी? दोनों शिक्षण सत्रों/ सेमेस्‍टर्स में प्रवेशित छात्रों के नाम बतावें? इस कोर्स में प्रवेशित नंबर पी 89-807 एनरोलमेन्‍ट धारक द्वारा बरकतउल्‍ला/भोपाल विश्‍वविद्यालय से कौन-कौन सी उपाधियां/पत्रोपाधियां हासिल की गई है? (ग) पी 89-807 एनरोलमेन्‍ट धारक द्वारा बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय के अभिलेख अनुसार हासिल पी.एच.डी. में शोधकेन्‍द्र एवं गाइड के अधीन 200 दिन उपस्थिति का विवरण अभिलेख सहित दें?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सत्र 1999-2000 से सत्र 2001-02 तक यह पाठ्यक्रम संचालित था। इसका संचालन केवल एक संस्‍था (प्राच्‍य निकेतन, सेंटर ऑफ एडवांस स्‍टडीज इंडोलाजी एण्‍ड म्‍यूजियोलाजी, भोपाल) में किया गया। (ख) प्रश्‍नगत पाठयक्रम में 30 सीट थी। प्रवेशित छात्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। इस कोर्स में प्रवेशित नामांकन क्रमांक पी 89-807 श्री सत्‍य प्रसाद भटट विद्यार्थी ने उपलब्‍ध अभिलेखों के अनुसार पी.जी. डिप्‍लोमा इन म्‍यूजियोलाजी, एम.ए. (समाजशास्‍त्र) , एम.ए. (सोशल एन्‍थ्रोपोलाजी) तथा पी.एच.डी. (समाजशास्‍त्र) की उपाधियां प्राप्‍त की। (ग) श्री सत्‍य प्रसाद भटट ने वर्ष 2014 में समाजशास्‍त्र विषय में पी.एच.डी. उपाधि प्राप्‍त की। उपस्थिति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

रेत खदानों की नीलामी

[खनिज साधन]

195. ( क्र. 7648 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग द्वारा दतिया जिले में कुल कितनी रेत खदानों की नीलामी वर्ष 2016-17 में की गयी रकबा/खसरा नं./राशि सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) उक्‍त कंडिका (क) में वर्णित खदानों में से कितनी खदानें सिया की अनुमति प्राप्‍त कर संचालित की जा रही हैं और कितनी बंद हैं? जो संचालित की जा रही हैं उनसे कितनी राशि राजस्‍व के रूप में खनिज विभाग में जमा की जा चुकी है? (ग) नीलामी हुयी रेत खदानों में से कितनी खदानों का अनुबंध निष्‍पादन समय-सीमा में हुआ है नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें, जिनका अनुबंध नहीं हुआ है उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गयी? (घ) क्‍या रेत खदानों से जितना राजस्‍व विभाग को प्राप्‍त पूरे वर्ष में होना था उतना राजस्‍व प्राप्‍त नहीं हुआ है, जबकि इसके विरूद्ध स्‍थानीय या निजी भूमि से रेत न उठने के कारण एक तो विकास कार्य प्रभावित हो रहे है दूसरे रेत महंगी होने के कारण आम जन को परेशानी हो रही है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में दतिया जिले में रेत खदानों की नीलामी नहीं की गई है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लोक कल्‍याण शिवरों के आयोजन के संदर्भ में

[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]

196. ( क्र. 7653 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) प्रदेश में लोक कल्‍याण शिवरों का आयोजन किन उद्देश्‍यों की पूर्ति हेतु कितने समय पश्‍चात कहाँ पर आयोजित करने का किसे अधिकार है एवं क्‍या उल्‍लेखित शिवरों का स्‍थान समय निर्धारित समय क्‍या स्‍थानीय जन प्रतिनिधियों सांसद एवं विधायकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु उनकी सहमति लेने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित शिवरों का पाटन विधान सभा अंतर्गत वित्‍त वर्ष २०१३-१४ से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब, कहाँ कहाँ पर आयोजित किया गया तथा इन आयोजन में कौन-कौन से उच्‍च अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे? सूची देवे? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित शिवरों में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई एवं उनमे से कितनों का निराकरण त्‍वरित एवं कितनों का निराकरण शिविर पश्‍चात किया गया एवं कौन-कौन सी शिकायतों का निराकरण किन कारणों से अभी तक लंबित है, आयोजित शिवर वार वर्षवार सूची देवे? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या प्राप्‍त शिकायत आवेदनों को कम्‍प्‍यूटराईज किये जाने के दिशा-निर्देश है? उत्‍तर में यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित शिवरों में प्राप्‍त शिकायतों की शिविरवार संख्‍यात्‍मक सूची देवे?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक कल्‍याण शिविर का आयोजन ग्रामीणों की समस्‍याएं एक ही स्‍थान पर त्‍वरित निराकरण किये जाने के उददेश्‍य से खण्‍ड स्‍तर पर आयोजित कराये जाते हैं। शिविरों में जन प्रतिनिधियों सांसद एवं विधायकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रावधान है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (घ) जी हाँ। शिकायतों का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट पर है।

परिशिष्ट - ''इकतालीस''

व‍न डिपों लमटा में औद्योगिक बाँस की नीलामी

[वन]

197. ( क्र. 7654 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या वन विभाग के लमटा डिपों में रखे 1432 टन औद्योगिक बाँस को बेचने के लिये 22 दिसम्‍बर 2016 को प्रथम निविदा 5600 रूपये प्रति टन प्राप्‍त होने पर मुख्‍य वन संरक्षक उत्‍पादन ने 5600 रूपये की प्राप्‍त अधिकतम दर को कम पाते हुये, निरस्‍त कर दिया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित बाँस को क्‍या बाद में स्‍थानीय अधिकारियों ने 3800 रूपये से 4000 रूपये प्रति टन की दर से बेच दिया, जिस कारण शासन को लगभग 25 लाख रूपये का घाटा हुआ? (ग) यदि हाँ, तो मूल्‍य में विसंगतियों के क्‍या कारण है? इसका दोषी कौन है? शासन दोषियों पर कब, क्‍या कार्यवाही करेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। दिनांक 22.09.2016 को आमंत्रित निविदा में प्रथम निविदा में अवरोध दर रूपये 6020/- प्रति नो.टन से कम दर रूपये 5610/- प्रति नो.टन प्राप्त होने के कारण नियमानुसार निविदा स्वीकृत नहीं की गई थी। (ख) उक्त बांस को नीलाम द्वारा निवर्तन करने की स्थिति में प्रथम एवं द्वितीय नीलाम तिथियों में कोई बोली प्राप्त नहीं हुई। तृतीय नीलाम में प्राप्त दर 3791/- प्रति नो.टन को नियमानुसार स्वीकृति जारी की गई है।           (ग) मूल्य में विसंगति का प्रश्न नहीं है। निर्वतन की कार्यवाही शासन की निर्धारित प्रक्रिया अनुसार की गई है। इसके लिये कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

 

पंचायतों में कम्‍प्यूटर/नेट सुविधा उपलब्‍ध कराने

[पंचायत और ग्रामीण विकास]

198. ( क्र. 7657 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य सरकार द्वारा ग्रामीण जनता के कार्यों के त्‍वरित क्रियान्‍वयन हेतु ग्राम पंचायतों में कम्‍प्‍यूटर सुविधा व नेट सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है? यदि हाँ, तो सतना जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों में कम्‍प्‍यूटर व किन-किन में कम्‍प्‍यूटर व इंटरनेट सुविधा उपलब्‍ध है? (ख) सतना जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों में ई-पंचायत कक्ष या अतिरिक्‍त कक्षों का निर्माण कराया गया है? किन-किन में नहीं? इस हेतु कितनी राशि उपलब्‍ध कराई गई है? क्‍या जिले की सभी पंचायतों में कम्‍प्‍यूटर उपलब्‍ध करा दिये गये है? इस हेतु किन-किन ग्राम पंचायतों ने विद्युत कनेक्‍शन लिया है? किन-किन ने नहीं और क्‍यों? (ग) वर्तमान में पंचायतों में उपलब्‍ध कराई गई कम्‍प्‍यूटर, इंटरनेट सामग्री किसी अभिरक्षा में है? क्‍या सभी जगह यह ग्राम पंचायत भवनों में उपलब्‍ध है अथवा अन्‍यत्र?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। जिन ग्राम पंचायतों में विद्युत कनेक्शन नहीं है वहां पर अस्थाई विद्युत कनेक्शन लिया गया है व स्थाई विद्युत कनेक्शन लेने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। उक्त सामग्री पंचायत भवन, ई-पंचायत कक्ष अथवा जिस भवन में पंचायत कार्यालय लगाया जा रहा है, में उपलब्ध है।

अटल बिहारी वाजपेयी हिन्‍दी विश्‍वविद्यालय की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

199. ( क्र. 7661 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल बिहारी वाजपेयी हिन्‍दी विश्‍वविद्यालय में वर्ष २०१४-१५, १५-१६, १६-१७ में कितने गेस्‍ट फैक्‍लटीज की भर्तियां की गई? नाम, पदनाम, शैक्षणिक योग्‍यता, अवधि के साथ सूची वर्षवार दें? (ख) बिंदु (क) के अनुसार इनकी नियुक्ति किन आदेशों एवं नियमों के तहत की गई? नियमो एवं आदेशो की छायाप्रति दें? (ग) क्‍या सभी गेस्‍ट फैक्‍लटी दी गई अवधि अनुसार ही कार्य कर रहे है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्ष 2014-15 में अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं की गई है अपितु समय-समय पर कालखण्‍ड के आधार पर शिक्षकों को व्‍याख्‍यान हेतु आमंत्रित किया जाता रहा है। इसके लिए कोई आदेश जारी नहीं किए गए थे। वर्ष 2015-16 में 44 अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें 32 अतिथि शिक्षकों को मासिक वेतन के आधार पर आमंत्रित किया गया था। वर्ष 2015-16 में आमंत्रित शिक्षकों का आमं‍त्रण काल समाप्‍त होने पर उन्‍हें तीन दिवस का विराम देते हुए उनके कार्यकाल में दिनांक 18/10/2016 तक वृद्धि विश्‍वविद्यालय के आदेश क्रमांक स्‍थापना/अबिबाहिंविवि/2016/958 दिनांक 20/09/2016 दारा की गयी। पुन: विश्वविद्यालय के आदेश क्रमांक स्‍थापना/अबिबाहिंविवि/2016/1198 दिनांक 26/10/2016 दारा वर्ष 2016-17 के लिए नवीन अतिथि विद्वानों की नियुक्ति होने तक वृद्धि की गई। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विश्‍वविद्यालय के परिनियम क्रमांक-20 के अनुसार। नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में 08 अतिथि विद्वान कार्यरत नहीं हैं। सूची कारण सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास म.प्र. में सी.ई.ओ. की दो बार पदोन्‍नति बाबत्

[वन]

200. ( क्र. 7662 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) म.प्र. राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन में १ जनवरी २००९ से लगातार ललित मोहन बेतवाल के सी.ई.ओ. के पद पर निरंतर बने रहने क्‍या कारण है? (ख) उक्‍त में क्‍या सी.ई.ओ. के दो बार पदोन्‍नति की जा चुकी है? अगर हो तो पदोन्‍नति को अपग्रेड कर पुन: सी.ई.ओ. के पद पर क्‍यों रखा जा रहा है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रशासकीय आवश्‍यकता के दृष्टिगत। (ख) जी हाँ। शेष उत्‍तरांश (क) अनुसार।

पारी बाहर पदोन्‍नति बाबत्

[वन]

201. ( क्र. 7663 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) रीवा, शहडोल एवं जबलपुर संभाग में कितने वन रक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों के पारी बाहर पदोन्‍नति दी गई है वर्ष २०१२ से प्रश्‍न दिनांक तक पदवार जा‍तिवार, जिलावार जानकारी देवे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पारी बाहर पदोन्‍नति में क्‍या आरक्षण नियमों का पालन किया गया है यदि नहीं, तो क्‍यो? आदेशों एवं नियमों के प्रति के साथ जानकारी देवे? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में ऐसे कितने आरक्षित वर्ग के अधिकारी कर्मचारी हैं जो कि पारी बाहर में लाभ से पदोन्‍नति हुए, लोगो से वरिष्‍ठ है वरिष्‍ठता सूची की प्रति जिलावार देवे? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के संदर्भ में ऐसे कितने लोग हैं, जो वरिष्‍ठता के पात्रतानुसार आरक्षित वर्ग से है उन्‍हें कब तक पारी बाहर पदोन्‍नति का लाभ प्रदान किया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 17 वनरक्षक एवं 01 वनपाल। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। म.प्र. तृतीय श्रेणी (अलिपिक वर्गीय) वन सेवा भर्ती नियम 2000 के नियम 15 (4) में आरक्षक नियमों के तहत पारी बाहर पदोन्‍नति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। भर्ती नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार(ग) 554 वनरक्षक तथा 29 वनपाल। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार।           (घ) .प्र. तृतीय श्रेणी (अलिपिक वर्गीय) वन सेवा भर्ती नियम 2000 के नियम 15 (4) में आरक्षक नियमों के तहत पारी बाहर पदोन्‍नति दिये जाने का प्रावधान नहीं होने के कारण। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 


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