मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
सोमवार, दिनांक 27 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
राशन वितरण की शिकायतों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
1. ( *क्र. 3059 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 04 मार्च, 2016 के प्रश्न संख्या 28 (क्रमांक 1733) तथा 20 जुलाई 2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 13) के संदर्भ में बताएं कि परिशिष्ट 26 के अनुसार जगदीश कुशवाह के विरूद्ध 19.06.2010 को दोषी कर्मचारी के रूप में प्राथमिकी दर्ज की तथा जिला सहकारी बैंक गुना ने चंदेरी से गुना स्थानांतरण किया है? (ख) यदि हाँ, तो वे अभी कहाँ कार्यरत हैं तथा उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में रिट पिटीशन क्रमांक 4747/2010 पर जो जगदीश कुशवाह ने स्थगन प्राप्त किया था, वह अब तक वैकेट क्यों नहीं हो पा रहा है तथा परिशिष्ट 1 से 6 तक के प्रकरणों में कार्यवाही का विवरण दें? क्या जगदीश कुशवाह को पुनः चंदेरी स्थानांतरित कर दिया है? (ग) खाद्य विभाग के सुकृति सिंह व चंदेल को की गई राशन वितरण की शिकायतों का विवरण देते हुए उस पर की गई कार्यवाही का विवरण दें। (घ) तत्कालीन प्रमुख सचिव, खाद्य, अशोक वर्णवाल द्वारा कब शिकायतों की जाँच के लिये स्वयं दौरा किया गया तथा उन्होनें क्या निर्देश दिये व किस-किस के विरूद्ध पुलिस रिपोर्ट के निर्देश दिये, उनमें से किस-किस पर पुलिस रिपोर्ट हुई व किस-किस पर नहीं? क्यों? पुलिस रिपोर्ट के बाद कार्यवाही की क्या प्रगति है? (ड.) प्रश्नकर्ता ने पिछले 2 वर्षों में प्रमुख सचिव खाद्य, सहकारिता, जिलाधीश, उपपंजीयक सहकारिता गुना व अशोकनगर को राशन वितरण की क्या-क्या शिकायतें दिसम्बर 2016 से जनवरी 2017 तक की, व उन पर क्या कार्यवाही हुई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में जगदीश कुशवाह जिला अशोकनगर में तहसील चंदेरी अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था महोली में कार्यरत है। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दायर रिट पिटीशन क्रमांक 4747/2010 में स्थगन को वैकेट करने का निर्णय माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के क्षेत्राधिकार में है। वर्तमान में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। जी हाँ, जगदीश कुशवाह को जिला सहकारी बैंक गुना द्वारा पुनः चंदेरी स्थानांतरित कर दिया है। (ग) जिला अशोकनगर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के संबंध में प्राप्त शिकायतों के संबंध में वर्ष 2010 में तत्कालीन सहायक संचालक, सुकृति सिंह के नेतृत्व में लीड संस्था सेवा सहकारी समिति प्राणपुर एवं उचित मूल्य दुकान-सतपईया, बढेरा, विक्रमपुर, निदानपुर, तगारी, महोली एवं हिरावल की जाँच संयुक्त दल द्वारा की गई थी। उक्त लीड संस्था एवं सात उचित मूल्य दुकानों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई। (घ) तत्कालीन प्रमुख सचिव, खाद्य, श्री अशोक वर्णवाल द्वारा जिला अशोकनगर में किये गये दौरे के दौरान उचित मूल्य दुकानों की जाँच करवाई गई थी, जिसमें अनियमितता पाये जाने पर प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु निर्देशित किया गया था। उक्त सभी उचित मूल्य दुकान-केनवारा, बीडसरकार, गुन्हेरू, सेहराई (अचलगढ़) पर प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। पुलिस द्वारा विवेचना कर कार्यवाही की जा रही है। (ड.) प्रश्नांश अनुसार दिसम्बर, 2016 से जनवरी, 2017 तक की गई शिकायतें एवं कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रतलाम जिले में स्वीकृत पद
[राजस्व]
2. ( *क्र. 6936 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अत्यंत बड़ा जिला होकर केंद्र/राज्य की योजनाओं के साथ ही शासन/विभाग के अनेक कार्य जिले भर की लाखों आम जनता हेतु किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो बतायें कि रतलाम जिले में उपरोक्तानुसार शासकीय/विभागीय कार्यों को निरंतर किये जाने हेतु किन-किन विभागों में कुल कितने पद सृजित होकर उनकी कुल संख्या कितनी है? (ग) जिले भर में स्वीकृत पदों के विरुद्ध कुल कितने अधिकारी–कर्मचारी कार्यरत हैं एवं कुल कितने पद रिक्त पड़े हैं? (घ) विगत एक वर्ष में माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मुख्य सचिव म.प्र. शासन को किन-किन स्थानों के एवं कार्यों के विभाग प्रमुखों के दुर्व्यवहार, कार्यों व योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही के संबंध में जनप्रतिनिधियों के कितने पत्र प्राप्त हुए? उन पर क्या कार्यवाही हुई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पार्षद के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
3. ( *क्र. 4042 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रामभानसिंह भदौरिया, सहायक राजस्व निरीक्षक कर्मचारी नगर पालिका भिण्ड से झगड़ा गाली-गलौच के संबंध में दी गई धमकी लिखित आवेदन 12.01.2017 को सिटी कोतवाली भिण्ड में दिया गया? यदि हाँ, तो अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कौन दोषी है? (ख) क्या नगर पालिका भिण्ड में दिनांक 30.01.2017 को कार्यालय समय में पार्षद मुकेश गर्ग द्वारा महिला कर्मचारी रेशमवती को गाली-गलौच, अश्लील हरकत, धमकी देकर कागज फाड़े गये? यदि हाँ, तो अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? बार-बार कर्मचारियों के साथ झगड़ा शासकीय कार्य में अवरोध जैसे संगीन अपराधी के विरूद्ध समुचित कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या सिटी कोतवाली भिण्ड के प्रथम सूचना प्रतिवेदन 0067 दिनांक 01.02.2017 में भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 294, 353, 186, 506 व 34 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत रेशमवती पुत्री मक्केसिंह भदौरिया महिला कर्मचारी के साथ गाली-गलौच धमकी अभद्र व्यवहार अश्लील हरकत, जान से मारने की धमकी दी गई? दिनांक 30.01.2017 घटना के समय विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। आवेदन पत्र की जाँच पर संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया। (ख) जी हाँ। महिला कर्मचारी रेशमवती भदौरिया के साथ गाली गलौच देकर कागज फाड़े गये। आवेदन पत्र की जाँच पर अपराध क्रमांक 67/17 धारा 294, 353, 186, 506, 34 भादवि का प्रकरण दिनांक 01.02.2017 को पंजीबद्ध किया जाकर आरोपी मुकेश गर्ग को दिनांक 02.03.2017 को गिरफ्तार किया जाकर विवेचना पूर्ण की जाकर चालान क्रमांक 91/17 दिनांक 16.03.2017 को माननीय न्यायालय में पेश किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है। (घ) प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है। दिनांक 30.01.2017 की घटना के क्रम में कलेक्टर (सक्षम प्राधिकारी) भिण्ड को संबंधित पार्षद के विरुद्ध नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत कार्यवाही हेतु पत्र भेजा गया है।
सतना विधान सभा क्षेत्र में हैण्डपंप का संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
4. ( *क्र. 5222 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना विधान सभा क्षेत्र में हैण्डपंप संधारण कार्य ठेके पर दे दिया गया है? क्या ठेके पर देने के बाद भी हैण्डपंप संधारण का कार्य अभी भी विभाग के तकनीकी अमले से कराया जा रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है और हैण्डपंप संधारण कार्य ठेके पर दे दिया गया है तो संधारण का कार्य विभागीय कर्मचारियों से क्यों कराया जा रहा है? (ग) अब तक सतना विधान सभा क्षेत्र में कितने हैण्डपंपों का संधारण किया जा चुका है, कितने हैण्डपंप अभी भी बंद पड़े हैं? ग्राम पंचायतवार जानकारी दें। मरम्मत के नाम पर अभी तक ठेकेदार को कितना भुगतान किया जा चुका है? बंद हैण्डपंप कब तक ठीक करा लिये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में कार्य न किये जाने की स्थिति में विभागीय तकनीकी अमले द्वारा हैण्डपंप संधारण का कार्य कराये जाने का प्रावधान है। (ग) 156 हैण्डपंपों का संधारण किया गया है तथा 62 हैण्डपंप वर्तमान में बंद हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। कोई भुगतान नहीं किया गया है। साधारण खराबी से बंद हैण्डपम्पों का शिकायत प्राप्ति से 7 दिवस में सुधार कार्य कराया जाता है।
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना से उड़ने वाली राखड़ से प्रदूषण
[पर्यावरण]
5. ( *क्र. 5528 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में विद्युत उत्पादन करने पर निकलने वाली राखड़, विद्युत उत्पादन बन्द होने की स्थिति में पास के किन-किन ग्रामों तक उड़ती है? (ख) पर्यावरण की दृष्टि से राखड़ उड़ने से आम जन-जीवन पर क्या असर पड़ा है? विभाग द्वारा इसके क्या उपाय किये गए हैं? (ग) क्या परियोजना स्थल से राखड़ को उड़ने से रोकने का कोई स्थाई हल निकाला गया है? यदि हाँ, तो क्या हल निकाला गया है? (घ) क्या परियोजना में बन रही राखड़ की खपत के लिए परियोजना स्थल के आसपास सीमेंट प्लांट लगाया जायेगा या किसी निजी कंपनी को अनुमति दी जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) माह मई-जून, 2016 में प्रश्नांकित परियोजना के राखड़ बाँध से ग्राम भुरलाई एवं ग्राम भगवानपुरा तक राख उड़ने की शिकायत पाई गई थी, जिस पर नियंत्रण हो जाने से वर्तमान में कोई समस्या नहीं है। (ख) जी नहीं। आम जन-जीवन पर दुष्प्रभाव रोकने हेतु ऐश पौण्ड राखड़ को मिट्टी की परत से ढांकने, पानी भरकर रखने एवं वाटर स्प्रिक्लिंग सिस्टम स्थापना संबंधी उपाय कराये गये हैं। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
सहायक यंत्री को नियम विरूद्ध पदोन्नति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( *क्र. 3033 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्री एम.के. उमरिया सहायक यंत्री पी.एच.ई. भिण्ड को किस वर्ग के अंतर्गत प्रथम नियुक्ति कब प्रदान की गई थी? आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। क्या श्री उमरिया को अनुसूचित जाति के वर्ग के होने के बाद भी अनुसूचित जनजाति वर्ग से उपयंत्री से सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नति दी गई है? यदि हाँ, तो क्या श्री उमरिया के विरूद्ध उक्त संबंध में प्राप्त शिकायतों पर विभागीय कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक जाँच पूर्ण की जावेगी? (ख) श्री एम.के. उमरिया, प्रभारी कार्यपालन यंत्री, भिण्ड द्वारा किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को किस-किस ठेकेदार अथवा एजेंसी को भुगतान की गई? (ग) क्या श्री उमरिया ने पुराने एवं बिना कार्य किये हुये विचाराधीन परकुलेशन टैंक, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग तथा तत्कालीन कार्यपालन यंत्री द्वारा जारी वर्क ऑर्डर के विचाराधीन फर्जी बिलों का भुगतान किया है? उपरोक्त बिलों में भुगतान की राशि का अलग-अलग कार्यवार विवरण दें। (घ) श्री उमरिया के प्रभारी कार्यपालन यंत्री के कार्यकाल में जिन कार्यों हेतु राशि का भुगतान किया गया है, क्या उन संबंधित कार्यों की जाँच का भौतिक सत्यापन कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रमुख अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग म.प्र. भोपाल के आदेश क्र. 434/स्था./दिनांक 31.08.1989 द्वारा श्री एम.के. उमरिया को उपयंत्री (सिविल) के पद पर प्रथम नियुक्ति अनुसूचित जनजाति वर्ग के अंतर्गत दिनांक 31.08.1989 को प्रदान की गई थी तथा उपयंत्री से सहायक यंत्री (सिविल) के पद पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के अंतर्गत विभाग के आदेश क्र. एफ-2-8/2004/1/34 दिनांक 25.08.2005 द्वारा पदोन्नति प्रदान की गई थी। नियुक्ति आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। श्री एम.के. उमरिया के जाति प्रमाण-पत्र के संबंध में प्रमुख अभियंता कार्यालय द्वारा परीक्षण किया जा रहा है, यथाशीघ्र जाँच पूर्ण की जायेगी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) परीक्षणोपरांत ही बताया जा सकेगा। (घ) विभागीय प्रक्रिया के अनुसार प्रत्येक कार्य के माप का शत-प्रतिशत सत्यापन सहायक यंत्री द्वारा किया जाना प्रावधानित है। किसी विशिष्ट कार्य के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर आवश्यकतानुसार पृथक से भौतिक सत्यापन करवाया जा सकता है।
नज-जल योजना हेतु स्वीकृत राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
7. ( *क्र. 4094 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम आरूद के पंधाना जिला खंडवा में नल-जल योजना के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? (ख) उपरोक्त योजना में कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित थे? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गये? (ग) क्या योजना से पेयजल की समस्या हल हो गई? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रूपये 21.24 लाख। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि डायवर्सन का प्रावधान
[राजस्व]
8. ( *क्र. 5106 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-राजस्व 1959 की धारा 59 में भूमि के प्रयोजन के आधार पर रेंट बढ़ाने तथा संहिता की धारा 172 में डायवर्सन का प्रावधान है? (ख) क्या डायवर्सन संहिता की धारा 172 के अलावा अन्य किसी धारा में किये जाने का प्रावधान संहिता में है? पन्ना जिले में डायवर्सन के कितने प्रकरण लंबित हैं? कितने प्रकरणों का निराकरण धारा 172 के अंतर्गत एवं कितने प्रकरणों का निराकरण धारा 59 के अंतर्गत किया गया है? वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक पृथक-पृथक संख्यावार उपलब्ध करावें। (ग) क्या किसी भूमि के मौजूदा प्रयोजन के बगैर बदले रेंट में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है, जो संहिता की धारा 172 के अंतर्गत ही संभव है या संहिता की धारा 59 भी डायवर्सन की धारा है, जिसके अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा डायवर्सन किये जाते हैं? क्या शासन द्वारा धारा 59 में डायवर्सन किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या संहिता की धारा 59 में डायवर्सन होने एवं धारा 172 में डायवर्सन न होने से बैंक द्वारा उसे डायवर्सन न मानकर गृह ऋण नहीं दिया जाता है, जिससे पन्ना जिले के व्यक्ति परेशान हैं? गलत धारा में डायवर्सन करने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? नामवार सूची उपलब्ध करावें तथा शासन इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की डिग्रियों का वितरण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
9. ( *क्र. 7208 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के अंतर्गत वर्ष 2015-16 जनवरी के छात्र-छात्राओं की उत्तीर्ण मार्कशीर्ट/माईग्रेशन/प्रोविजनल डिग्रियां फरवरी 2016 में अनुमोदन के पश्चात् प्रिंट नहीं कराई जा सकी हैं, जिसके कारण लगभग 2 लाख विद्यार्थियों को उक्त प्रमाण-पत्र नहीं मिल सके हैं? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त के लिये कौन दोषी हैं? क्या विश्वविद्यालय में लगभग 65000 डिग्री तैयार रखी हैं, किन्तु कंटेनर/लिफाफे एक वर्ष से नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को डिग्री नहीं मिल सकी है? (ग) क्या उपरोक्त स्थिति के लिए कुल सचिव प्रथम दृष्टया दोषी हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रशासन ने कुल सचिव को दिनांक 17.01.2017 को उनके मूल विभाग में स्थानांतरित कर दिया है? यदि हाँ, तो किन कारणों से उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया है? (घ) इन्हें कब तक कार्यमुक्त कर प्रश्न (क) (ख) के लिये उनकी जबावदेही तय की जावेगी? कब तक उन पर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी? कब तक प्रश्न (क) व (ख) में वर्णित मार्कशीट/माईग्रेशन/ प्रोविजनल/डिग्रियां वितरित कर दी जावेंगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। आज दिनांक तक समस्त प्रमाण-पत्र यथा मार्कशीट/माइग्रेशन/प्रोविजनल डिग्रियां संस्थाओं को प्रेषित की जा चुकी हैं। (ख) उपरोक्त (क) के संबंध में जाँच प्रचलन में है। जाँच उपरांत ही गुण-दोष के आधार पर उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जा सकेगा। जी नहीं, 23000 उपाधियां लंबित थीं, जो आज दिनांक तक प्रेषित की जा चुकी हैं। (ग) उपरोक्त (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जाँच के निष्कर्ष के आधार पर जवाबदेही तय की जावेगी एवं तद्नुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शासन द्वारा कुलसचिव का स्थानांतरण प्रशासनिक कारणों से मूल विभाग में किया गया है। कार्यमुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) कार्यमुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रश्नांश (ग) अनुसार जाँच उपरांत कार्यवाही की जावेगी। प्रश्न (क) एवं (ख) में वर्णित समस्त प्रमाण-पत्र संस्थाओं/विद्यार्थियों को प्रेषित किये जा चुके हैं एवं निरंतर प्रेषित किये जा रहे हैं।
जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ के विरूद्ध कार्यवाही
[परिवहन]
10. ( *क्र. 7389 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में पदस्थ जिला परिवहन अधिकारी को वर्ष 2016-17 में एक अवैध रूप से बिना परमिट के संचालित बस से दुर्घटना में कई लोगों व बच्चों की मृत्यु हो जाने से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त निलंबन के विरूद्ध जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ द्वारा माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर लिया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त स्थगन में निलंबन स्थगित रखने के निर्देश थे अथवा अन्यत्र स्थानांतरण भी न किये जाने के आदेश दिये गये हैं? (ख) क्या उक्त अधिकारी द्वारा विगत 5-6 माह से लोक परिवहन से जुड़े हुये लगभग 8000 प्रकरणों को अनावश्यक रूप से लंबित रखा गया तथा अपने मुख्यालय पर निवास न कर विगत माहों में भोपाल निवासरत रहे, जिसके कारण प्रश्नकर्ता द्वारा लंबित कार्यों के निराकरण हेतु जिला प्रशासन को दिनांक 13.02.2016 को ज्ञापन सौंपकर धरना प्रदर्शन कर भूख हड़ताल की गई? यदि हाँ, तो क्या शासन ऐसे लापरवाह अधिकारी को अन्यत्र पदस्थ कर बरती गई लापरवाही के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ द्वारा विगत 5-6 माहों में लगभग 8000 प्रकरणों को अनावश्यक रूप से लंबित रखा गया। प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी श्री के.पी. अग्निहोत्री के निलंबन उपरान्त मान. उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त करने के बाद श्री के.पी. अग्निहोत्री के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने एवं मान. विधायक महोदय नरसिंहगढ़ के धरने पर बैठने आदि तथ्य संज्ञान में आने पर डिप्टी कलेक्टर श्री प्रवीण प्रजापति को जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ का कार्य संपादन हेतु दिनांक 16.02.2017 द्वारा प्रभार सौंपा गया। डिप्टी कलेक्टर श्री प्रजापति द्वारा जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ का कार्यभार प्राप्त करने के उपरान्त कार्यालय में लंबित पाये गये प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्री के.पी. अग्निहोत्री जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ के द्वारा की गई लापरवाही के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किये गये हैं, जिसके विरूद्ध श्री अग्निहोत्री द्वारा माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया गया है।
थाना प्रभारी के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
11. ( *क्र. 7270 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना रामनगर जिला सतना में मृतक प्रदीप ऊर्फ दीपू तिवारी पिता राजकिशोर निवासी अरगट ग्राम पोड़ी के साथ दिनांक 23, 24 एवं 29 मार्च 2016 को मारपीट की घटना की गई, जिसके कारण दीपू तिवारी की मृत्यु हो गई, जिसकी एफ.आई.आर. थाना रामपुर में दर्ज की गई है? एफ.आई.आर की प्रति सहित बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एफ.आई.आर. के पश्चात् प्रश्न दिनांक तक किन-किन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मृतक के पिता द्वारा पुलिस अधीक्षक सतना को दिनांक 25.04.2016 को शिकायत पत्र दिया गया, जिसके निर्देश में अपराध किस दिनांक को पंजीबद्ध किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के संदर्भ में विलंब से हुई एफ.आई.आर. के लिये क्या थाना प्रभारी रामनगर दोषी हैं? हाँ तो दोषी थाना प्रभारी व अन्य पुलिस कर्मी के विरूद्ध हत्या जैसे संगीन मामले में लेट-लतीफी के लिये दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। जिला सतना के थाना ताला अन्तर्गत ग्राम पोड़ी कलां में दिनांक 29.03.2016 को मृतक दीपू उर्फ प्रदीप तिवारी मृत अवस्था में पाया गया था, जिस पर मर्ग क्रमांक 05/16 धारा 174 द.प्र.स. की कायमी कर जाँच की गई। जाँच के दौरान मृतक का पोस्टमार्टम कराये जाने पर पी.एम. रिपोर्ट में मृत्यु का कारण ''कार्डियोंरेसपिरेट्री फैलुअर विच सीम्स टू बी ए रिजल्ट ऑफ सस्पेक्टेड पायजनिंग'' पाया गया। मृतक का विसरा जप्त कर एफ.एस.एल. सागर से विसरा का रासायनिक परीक्षण करवाया गया। एफ.एस.एल. की रिपोर्ट में विसरा में रासायनिक विष होना पाया गया। मृतक की जेब से एक हस्तलिखित सुसाइड नोट जप्त किया गया था। सुसाइड नोट में मृतक ने सुनील त्रिपाठी एवं विजय त्रिपाठी द्वारा प्रताड़ित करने के कारण आत्महत्या करना लेख किया गया है। सुसाइड नोट की जाँच हेतु राज्य परीक्षक विवादित दस्तावेज, पुलिस मुख्यालय भोपाल, म.प्र. भेजा गया है। जाँच उपरांत आरोपी सुनील त्रिपाठी व विजय त्रिपाठी पर दिनांक 22.05.2016 को अप.क्र. 89/16 धारा 306,34 भादवि का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया। एफ.आई.आर. की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में दर्ज प्रकरण अप.क्र. 89/16 धारा 306, 34 भादवि के परिप्रेक्ष्य में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत एम.सी.आर.सी. क्रमांक 11906/2016 के निर्णय दिनांक 17.10.2016 के द्वारा उपरोक्त प्रकरण की एफ.आई.आर. क्वेश कर दी गई, अतः प्रकरण में खात्मा क्रमांक-06/2016 दिनांक 26.11.2016 कता किया गया है। (ग) मृतक के पिता राजकिशोर द्वारा दिनांक 25.04.2016 को पुलिस अधीक्षक सतना को शिकायत पत्र दिया गया था। शेष जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। (घ) पुलिस द्वारा प्रकरण में विलंब से कायमी एवं विवेचना में लापरवाही हेतु थाना प्रभारी को निंदा की सजा एवं विवेचक को रुपये 500/- अर्थदंड की सजा से दण्डित किया गया है।
जब्त दालों को मुक्त कराने में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( *क्र. 2535 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 3393, दिनांक 27.07.2016 को प्रश्नांश (क) उत्तर के पुस्तकालय परिशिष्ट ''अ'' अनुसार जब्त दालों में से लगभग 8-9 क्विंटल दाल ही नीलाम की गई जबकि सभी दालें मिलाकर लगभग 33400 क्विंटल जब्ती की गई क्यों? (ख) क्या कारण है कि कुछ फर्मों के प्रकरण चल रहे हैं एवं अधिकांश दालें संबंधित फर्मों के पक्ष में मुक्त कर दी गईं? दालें नीलाम करने, प्रकरण चलाने, मुक्त करने के क्या मापदण्ड अधिकारियों ने अपनाये? प्रत्येक जब्ती प्रकरण में मापदण्ड कारण सहित बतायें। (ग) दालें मुक्त करने में मनमानी व भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित प्रत्येक दाल मुक्त कराने के मामले में बतावें? (घ) ऐसे अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर मुक्त की हुई दाल के तत्कालीन बाजार मूल्य की वसूली करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3393 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कुल 33,514.85 क्विंटल दालों की जप्ती की गई थी। नीलाम की गई दालों की कुल मात्रा 4.27 क्विंटल है। प्रचलित कानून के प्रावधान के उल्लंघन पर कार्यवाही की गई। (ख) अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 (अ) के अंतर्गत जिला कलेक्टर को जप्त वस्तुओं के निवर्तन की शक्ति प्राप्त है। उक्त अधिनियम में कलेक्टर की परिभाषा के अंतर्गत अपर कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी से अनिम्न स्तर का अधिकारी भी शामिल है। उक्त सक्षम अधिकारियों द्वारा उभय पक्षों के श्रवण उपरांत जप्त वस्तुओं को शासन के पक्ष में राजसात अथवा अनावेदक के पक्ष में मुक्त किया जाता है। अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 (अ) (ब) एवं (स) अंतर्गत जप्त वस्तुओं के निराकरण के संबंध में विहित प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रत्येक प्रकरण में कंडिकाओं के उल्लंघन एवं गुण-दोष के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा समग्र पहलुओं के अवलोकन पश्चात् निर्णय लिये जाने के कारण सभी प्रकरणों में समान मापदण्ड नहीं हो सकते। इसके अतिरिक्त अपीलीय न्यायालयों से स्थगन के कारण भी नीलामी की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। (ग) दालों को मुक्त करने के संबंध में मनमानी अथवा भ्रष्टाचार का कोई प्रकरण अभी तक प्रकाश में नहीं आया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरई-पड़ोरा एकीकृत जाँच चौकी पर अनियमितता की जाँच
[परिवहन]
13. ( *क्र. 6071 ) श्री रामसिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में खरई-पड़ोरा इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट (एकीकृत जाँच चौकी) स्थापित है? यदि हाँ, तो इसका संचालन कौन करता है तथा वर्तमान में आर.टी.ओ. स्टॉफ में कौन-कौन, किस-किस पद पर कब से पदस्थ है? इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का उद्देश्य क्या है? वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक कितने ओवर लोडेड वाहनों से कितनी जुर्माना राशि वसूल की गई? (ख) क्या उक्त चेकपोस्ट पर ट्रकों/भारी माल वाहनों के लिए आने-जाने के लिए साईड लाइन में तौल कांटे लगे हैं और हल्के निजी वाहनों के लिए सेंट्रल लाइन बनी हुई है? यदि हाँ, तो सैकड़ों ट्रक और भारी माल वाहन कंपनी प्रशासन तथा आर.टी.ओ. स्टॉफ की मिलीभगत से सेंट्रल लाइन से जिसमें तौल कांटा नहीं लगा है, उससे क्यों निकाले जाते हैं? (ग) क्या कंपनी प्रशासन और आर.टी.ओ. स्टॉफ वाहनों के दस्तावेजों में दर्शाये गए भार से अधिक भार लेकर जाते हैं? जिन्हें आउट-इन साइड में लगे तौल कांटों से न निकालकर सेंट्रल लाइन से निकाला जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो शासन को प्रतिमाह हो रही आर्थिक क्षति को रोकने के लिए शासन क्या व्यवस्था कब तक करेगा? (घ) खरई-पडोरा चेकपोस्ट पर ओवर लोडेड वाहनों से शासन को होने वाली आय की क्षति कंपनी प्रशासन और आर.टी.ओ. स्टॉफ द्वारा की जा रही है? शासन इसकी उच्चस्तरीय जाँच कराकर क्या आवश्यक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। खरई पड़ोरा इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का निर्माण क्रियान्वयन एजेंसी मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा किया गया है। खरईपड़ोरा इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का संचालन मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा चयनित निवेशकर्ता एम.पी. वार्डर चेकपोस्ट डेवलपमेंट कम्पनी की इकाई एल्सामैक्स मेन्टेनेन्स सर्विसेज लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। वाहनों से जुर्माना वसूली का कार्य विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में पदस्थ स्टॉफ की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। राज्य शासन के विभिन्न विभागों द्वारा एक ही स्थान पर वाहनों से उनके विभाग से संबंधित जुर्माना वसूल करने एवं सभी कार्यवाही का लेखा जोखा कम्प्यूटर के द्वारा करने एवं पारदर्शी तरीके से कम से कम समय में वाहनों की जाँच आदि करने के उद्देश्य से प्रदेश में एकीकृत जाँच चौकियों का निर्माण बी.ओ.टी. आधार पर किया गया है। वर्ष 2014-15 से 2016-17 (माह जनवरी-2017) तक ओवर लोडेड वाहनों से वसूले गये राजस्व की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त चेकपोस्ट पर ट्रकों, भारी माल वाहनों के लिए आने-जाने के लिये साइड लाइन में तौल कांटे लगे हैं और हल्के निजी वाहनों के लिए सेंट्रल लाइन बनी हुई है। सभी ट्रक एवं भारी मालयानों को साइड लाइन में लगे तौल कांटों से होकर ही निकाला जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। ओव्हर लोडेड वाहनों से नियमानुसार कार्यवाही कर समझौता शुल्क वसूलकर कोषालय में बैंक के माध्यम से जमा किया जाता है, जिसके कारण से शासन को आर्थिक क्षति होना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग द्वारा सामग्री की खरीदी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( *क्र. 5050 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्थ 2016 के दौरान विभाग द्वारा किस मद से कितनी राशि व्यय कर कितनी मात्रा (संख्या) में किस दर पर क्या-क्या सामग्री किस नाम/पते वाली फर्मों/संस्थाओं/अन्य से कब-कब खरीदी? सामग्रीवार/संख्यावार/दरवार/दिनांकवार/माहवार/वर्षवार/राशिवार/विक्रेतावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में सामग्री खरीदी के लिये क्या-क्या प्रक्रियाएं अपनाई गईं? किन-किन को किस सामग्री हेतु कितनी-कितनी राशि का कब-कब किस प्रकार से किस दर से भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आयोजन हेतु खरीदी के लिए कब-कब निविदायें निकाली गईं? उन्हें किन-किन नाम के अखबारों में किस-किस दिनांकों को प्रकाशित कराया गया? किस-किस सामग्रियों के लिए निविदायें प्रकाशित नहीं कराई गई? उन्हें किस दर पर कितनी मात्रा में खरीदा गया? भुगतान किस-किस को कब-कब कितना-कितना किया गया? (घ) क्या खरीदी गई सभी सामग्रियों का दरवार ऑडिट कराया गया? कराये गये ऑडिट की एक रिपोर्ट दें। अगर नहीं कराया गया तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समस्त क्रय सिंहस्थ मद में नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि से किए गए। (ख) आवश्यक सामग्री का क्रय मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 के अनुसार किया गया। भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सभी आवश्यक सामग्री का क्रय नियमानुसार मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के माध्यम अथवा निविदा के माध्यम से ही किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। खरीदी गई सामग्रियों का पृथक से ऑडिट नहीं किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उप पंजीयक कार्यालयों में पंजीकृत दस्तावेज
[राजस्व]
15. ( *क्र. 7634 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के समस्त उप पंजीयक कार्यालयों में पंजीकृत होने वाले दस्तावेजों की एक प्रति तहसील कार्यालयों में नियमानुसार प्राप्त हो रही है अथवा नहीं? इस संबंध में शासन एवं विभाग के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार प्राप्त प्रति की तहसील कार्यालय के पटवारी रिकॉर्ड एवं कम्प्यूटर रिकॉर्ड में अद्यतन प्रविष्टि की जा रही है अथवा नहीं? 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने दस्तावेजों की प्रति तहसील कार्यालय में प्राप्त हुई? उनमें से कितने दस्तावेजों की अद्यतन प्रविष्टि की गई? तहसीलवार, माहवार, ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। यदि अद्यतन प्रविष्टि नहीं की गई तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उनाव बालाजी पहूज नदी पर सुरक्षा एवं रपटा निर्माण
[राजस्व]
16. ( *क्र. 6734 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उनाव बालाजी पहूज नदी में वर्ष 2016 में जल में डूबने से चार युवकों की अकाल मौतें हो चुकी हैं? (ख) क्या विधायक भाण्डेर द्वारा पहूज नदी में जलस्तर बढ़ने और भावी आशंकाओं को देखते हुये लिखित और मौखिक रूप से कलेक्टर दतिया एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को नदी में नाव डालने, लाईफ जैकेट और सुरक्षागार्डों की तैनाती तथा नदी पर रपटा बनवाने हेतु निवेदन किया था? (ग) क्या नदी में नाव/रपटा न होने से नगरवासियों को मुर्दे को गले-गले तक पानी में से निकालकर मुक्तिधाम/कब्रिस्तान ले जाना पड़ता है? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग) का उत्तर हाँ में है तो चार मौतों के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या यदि जनप्रतिनिधि के पत्र एवं निवेदन को स्थानीय प्रशासन गंभीरता से ले लेता तो उन बच्चों की मौतें नहीं होती? कब तक नदी पर नाव की व्यवस्था कर दी जावेगी और कब तक स्थायी हल हेतु नदी पर रपटे का निर्माण करा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उनाव पहूज नदी में मात्र 02 युवकों की नदी में स्नान करते समय मृत्यु हुई है। (1) भूपेन्द्र सिंह पुत्र राजेन्द्र उम्र 20 साल, निवासी सिद्धार्थ कॉलोनी दतिया की दिनांक 01.09.2016 एवं (2) विक्की साहू पुत्र स्व. श्री वासुदेव साहू, उम्र 22 साल, निवासी प्रीति कॉलोनी डबरा, जिला ग्वालियर की दिनांक 27.11.2016 को मेले के दिन नदी में नहाते समय डूबने से मृत्यु हुई है। (ख) जी हाँ। (ग) ग्राम पोहरा थाना सीपरी बजार जिला झांसी, उ.प्र. की सीमा पर बने डेम के पुल से आने जाने की वैकल्पिक व्यवस्था है, जिस पर से होकर ग्रामवासी मुक्तिधाम/कब्रिस्तान पर जा सकते हैं। (घ) माननीय जनप्रतिनिधियों के पत्रों को स्थानीय प्रशासन गंभीरता से लेता है। मेले के दिन प्रत्येक सप्ताह के बुधवार, रविवार को नदी पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु नाव, आवश्यक लाईफ जेकेट, रस्सा एवं सुरक्षा बल (तैराक) की भी व्यवस्था की गई है।
जेलों में चिकित्सकों सहित अन्य स्टॉफ की पूर्ति
[जेल]
17. ( *क्र. 6112 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश की अधिकांश्ा जेलों में डॉक्टरों के पद स्वीकृत होने के बावजूद पूर्ति करने की अपेक्षा अंशकालिक डॉक्टरों से काम लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो पूर्ति नहीं करने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जबलपुर संभाग की किन-किन जेलों में कितने-कितने डॉक्टरों के पद कब स्वीकृत हुये और कब-कब से रिक्त हैं? संभाग की जेलों में कितने-कितने कैदियों को रखने की क्षमता है और वर्तमान में कितने-कितने कैदियों को डॉक्टरों के अधीन रखा गया है? सेन्ट्रल जेल व उनके अधीनस्थ जेलों के नाम सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में डॉक्टरों की कमी की पूर्ति एवं जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं, उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा चिकित्सकों की कमी होने के कारण प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं जेल विभाग को उपलब्ध नहीं करायी गईं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 5503 बंदियों को चिकित्सकों के अधीन चिकित्सा सुविधा हेतु रखा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) डॉक्टरों की पूर्ति हेतु प्रयास किये जाने के कारण कोई भी जिम्मेदार नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक अधीक्षक, भू-अभिलेख के पदों का नायब तहसीलदार के पदों में परिवर्तन
[राजस्व]
18. ( *क्र. 4563 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 16 दिसम्बर, 2015 के परिवर्तित अतारांकित प्रश्न संख्या 74, क्रमांक 1906 में जानकारी एकत्रित की जा रही है, बताया गया था तो क्या विभाग द्वारा उपर्युक्त प्रश्न के उत्तर की जानकारी संकलित कर ली गई है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी दें? (ख) यदि नहीं, तो विगत लगभग दो वर्षों में भी जानकारी संकलित नहीं करने का क्या कारण है? विलंब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? विभाग उन पर क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजगढ़ जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थानांतरण
[राजस्व]
19. ( *क्र. 6669 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में राजगढ़ जिले की मा. प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर राजगढ़ में कलेक्टर कार्यालय सहित राजस्व विभाग के कौन-कौन से तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के स्थानान्तरण किये गये हैं? उनका नाम, पदनाम, पदांकित एवं स्थानान्तरित स्थल सहित बतावें। (ख) क्या राजगढ़ जिले में स्थानान्तरित अवधि वर्ष 2016 में मा. प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर किये गये स्थानान्तरित कर्मचारी आज भी अपने नवीन स्थानान्तरित स्थल पर न जाकर पूर्व के स्थान पर ही कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो बतावें और यदि नहीं, तो ऐसे कितने स्थानान्तरित कर्मचारी हैं, जिनका स्थानान्तरण हुआ था, परन्तु वे कार्यमुक्त नहीं हुये हैं? उनका नाम, पदनाम, स्थान तथा कार्यमुक्त नहीं होने अथवा स्थानान्तरण निरस्त किये जाने के कारण बतावें? (ग) क्या कुछ कर्मचारियों के कर्मचारी संगठन में पद पर होने से उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो उनके नाम तथा कर्मचारी संगठन का नाम और उस कर्मचारी संगठन में उनका पद बतावें? क्या किसी कर्मचारी का प्रदेशस्तर का पद होने पर उसके विरूद्ध शिकायतें प्राप्त होने के बावजूद भी क्या उसका उसी जिले की अन्य तहसील में स्थानान्तरण नहीं किया जा सकता है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2016 में राजगढ़ जिले की राजस्व स्थापना अंतर्गत तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के प्रशासनिक एवं स्वैच्छिक स्थानान्तरण किये गये हैं। उनके नाम, पदनाम, पदांकित एवं स्थानान्तरित स्थल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार है। (ख) जी नहीं। राजगढ़ जिले के अन्तर्गत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार श्री मुस्लिम खान को छोड़कर शेष समस्त स्थानान्तरित कर्मचारी स्थानान्तरित स्थल पर उपस्थित हो चुके हैं। श्री मुस्लिम खान के प्रकरण में मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर द्वारा पारित आदेश दिनांक 30.08.2016 के परिपालन में स्थानान्तरण निरस्त किया जाकर तहसील राजगढ़ में पदस्थ किया गया। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।
पांडिया छपारा में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
20. ( *क्र. 6709 ) श्री रजनीश सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत पांडिया छपारा में पुलिस चौकी की स्थापना हेतु पूर्व में भी विधानसभा प्रश्न एवं पत्रों के माध्यम से मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? क्या नक्सल प्रभावित क्षेत्र पांडिया छपारा नवीन पुलिस चौकी खोले जाने के मापदण्ड को पूर्ण नहीं करता है? यदि नहीं, तो नवीन चौकी खोले जाने के क्या मापदण्ड हैं? (ग) क्या पांडिया छपारा में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने हेतु विभाग के पास कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक पांडिया छपारा में पुलिस चौकी की स्थापना की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध कार्य करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही
[श्रम]
21. ( *क्र. 7233 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविदा श्रम अधिनियम 1970 के अन्तर्गत हरदा जिले के ठेकेदारों द्वारा ठेका कार्य प्रारंभ करने के पूर्व क्या संबंधित श्रम कार्यालय से अनुमति प्राप्त करने का नियम है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से ठेकेदार द्वारा किस-किस कार्य के लिए विभाग से अनुमति ली गई है? ठेकेदारों के नाम पते सहित ठेका कार्यवार सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या नियम विरूद्ध कार्य करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो ठेकेदारों के नाम सहित की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 के अन्तर्गत कौन-कौन से ठेकेदार/व्यक्ति/संस्था द्वारा स्थापना का पंजीयन किया गया? नाम व पतेवार विस्तृत जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान में जिले में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियम अधिनियम 1996 की विभिन्न धाराओं के तहत ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य में 10 से या 10 से अधिक कर्मकार नियोजित करने हेतु पंजीयन कराया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे ठेकेदारों की सूची उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। संविदा श्रम (विनियम एवं समाप्ति) अधिनियम, 1970 के अंतगर्त 20 से अधिक ठेका श्रमिक नियोजित करने वाले ठेकेदारों को अनुज्ञप्ति प्राप्त करने का प्रावधान है। प्रश्नांकित अवधि में श्रम कार्यालय, हरदा द्वारा अनुज्ञप्त ठेकेदारों की वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। ठेकेदारों द्वारा नियम विरूद्ध कार्य करने की कोई स्थिति श्रम कार्यालय हरदा के संज्ञान में नहीं आयी है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
भू-अर्जन से प्रभावित किसानों को रोजगार व्यवस्था
[राजस्व]
22. ( *क्र. 7220 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत हिन्दुस्तान एम.बी. पावर जैतहरी के लिए 15 जनवरी, 2017 तक भू-अर्जन से अर्जित भूमि का खसरा नं., रकबा व मुआवजा भुगतान राशि का पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) से प्रभावित व अर्जित भूमि स्वामी व उसके परिजन को प्रदत्त रोजगार की स्पष्ट जानकारी जिसमें खातेदार (कृषक) का नाम, अर्जित भूमि, रोजागार व पद का नाम प्रतिमाह का भुगतान वेतन पी.एफ. क्रमांक जिसमें कर्मचारी को पूर्ण वेतन भुगतान किया जाता है, की जानकारी देवें? (ग) क्या शासन की नीति व इकरारनामा अनुसार रोजगार व पुनर्वास नीति का अक्षरश: पालन किया गया है? यदि हाँ, तो 15 जनवरी, 2017 की स्थिति में कलेक्टर के प्रतिवेदन सहित जानकारी देवें? (घ) क्या कंपनी ने शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा में कोई कार्य किया है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देते हुए स्पष्ट करें कि संचालित विद्यालय प्रारंभ करने का दिनांक व कक्षावार छात्रों से निर्धारित फीस तथा अब तक कक्षावार तथा वर्ष अनुसार फीस वृद्धि कब-कब की गयी है? (ड.) कंपनी ने भू-अर्जन से प्रभावित कितने कृषकों को अभी तक रोजगार उपलब्ध नहीं कराया है? रोजगार एवं पुनर्वास के लिए हुए इकरारनामा की प्रति उपलब्ध कराएं।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजाभाऊ महाकाल बस स्टैंड पर बसों का ठहराव
[परिवहन]
23. ( *क्र. 5749 ) श्री मुकेश नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन के देवास गेट स्थित राजाभाऊ महाकाल बस स्टैंड पर लम्बी दूरी की इंदौर व्हाया उज्जैन आने-जाने वाली बसों को ठहराव की अनुमति क्यों नहीं है? (ख) क्या उपरोक्त बस स्टैंड पर लम्बी दूरी की 22 बसों के ठहराव न होने से यात्रियों को परेशानी होने के बाबत् यात्रियों, बस ऑपरेटरों और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री स्तर तक शासन से कई बार अनुरोध किया है, फिर भी बस स्टैंड पर बसों के ठहराव के आदेश शासन ने नहीं दिये हैं, इसके क्या कारण हैं? (ग) कब तक राजाभाऊ महाकाल बस स्टैंड पर इन बसों के ठहराव की व्यवस्था कर ली जायेगी।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) क्योंकि यह बस स्टैंड आवश्यकता के मान से छोटा है तथा घनी आबादी क्षेत्र में स्थित है, जिसके कारण कुछ मार्गों की बसें जैसे उज्जैन से बड़नगर, आगर, तराना, महिदपुर, नागदा, खाचरौद का संचालन जिला सड़क सुरक्षा समिति में पारित प्रस्ताव अनुसार जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है। उज्जैन के नानाखेड़ा स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय बस स्टैंड उज्जैन इन्दौर मार्ग पर स्थित होने एवं इस स्टैंड पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होने से लम्बी दूरी की एवं इन्दौर की ओर जाने वाली बसों का संचालन इस स्टैंड से जन सुविधा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है। (ख) एवं (ग) जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक दिनांक 16.02.2015 के निर्णय अनुसार बसों के ठहराव की अनुमति जनहित में नहीं दी गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी की जमीन का नामांतरण एवं डायवर्सन
[राजस्व]
24. ( *क्र. 4757 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पटवारी हल्का नंबर 25, खसरा नंबर 326, कुल रकबा 3.2 हेक्टेयर (8 एकड़) ग्राम बर्रई तहसील हुजूर कलेक्टर भोपाल का आदेश क्रमांक 23/34-21/2010-11 दिनांक 21.03.2011 के अनुसार रजिस्ट्री जमना प्रसाद पिता केशरी प्रसाद के नाम से की गई? (ख) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6 ई.ई.) में, के अनुसार डायवर्सन किया गया? यदि नहीं, तो इसके लिये जवाबदार कौन अधिकारी है और उसके लिये क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त भूमि में से कितनी भूमि का किसके नाम से डायवर्सन एवं नामांतरण किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1965 के अंतर्गत 165 (3) के अंतर्गत जमीन मालिक द्वारा दिया गया भूमि विक्रय के आवेदन वैध हैं? यदि नहीं, तो कलेक्टर द्वारा आवेदन निरस्त क्यों नहीं किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
टेंडर सर्विस प्रोवाईडर के सॉफ्टवेयर में त्रुटि
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( *क्र. 6200 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न संख्या 171 (क्र. 1755) दिनांक 07.12.2016 को पूछे गये प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा सर्विस प्रोवाईडर व सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है बताया गया था तो क्या उक्त संबंध में मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन लि. को अवगत कराया गया है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड ने इस संबंध में क्या कार्यवाही की? सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के संबंध में किये गये सर्विस प्रोवाइडर से पत्राचार का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) यदि प्रश्नांश (क) अनुसार खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड को अब तक सर्विस प्रोवाईडर के द्वारा सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के विषय में अवगत नहीं कराया गया है तो क्या मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा इस गंभीर त्रुटि को संज्ञान में लिया जाकर प्रक्रिया में खामी की जाँच कर पूरी वस्तुस्थिति से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, सॉफ्टवेयर से संबंधित अधिकारियों से चर्चा की गई थी। सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की स्थिति नहीं पाई गई थी। प्रकरण में त्रुटिकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी कर प्राप्त उत्तर के परीक्षण उपरांत भविष्य के लिये सचेत किया गया है। (ख) आवश्यकता उद्भूत नहीं हुई। (ग) प्रश्नांश (क) के उक्त उत्तर के संदर्भ में प्रश्नकर्ता को पृथक से शीघ्र अवगत कराया जा रहा है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पुलिस
विभाग के
अधिकारियों
एवं
कर्मचारियों
के लिए आवास
योजना
[गृह]
1. ( क्र. 128 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में गृह विभाग के अधीन कितने कांस्टेबल हैं? (ख) खरगोन जिले में शासन के नियमानुसार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने कार्यरत हैं? पदवार विस्तृत जानकारी दी जावे। क्या पदस्थ कर्मचारी को शासन द्वारा आवास गृह आवंटित किये गए हैं? जिले में ऐसे कितने पुलिस कर्मी हैं, जिनके पास आवास नहीं है? क्या शासन पुलिस कर्मियों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है। यदि हाँ तो कब तक प्रति पुलिस कर्मी को आवास सुविधा मिल जाएगी? (ग) पद पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बताई जावे।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 835 कांस्टेबल के पद स्वीकृत है। (ख) कुल स्वीकृत 835 पदों के विरूद्ध 746 कांस्टेबल कार्यरत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जिले में वर्तमान में कार्यरत (उप पुलिस महानिरीक्षक स्तर से आरक्षक स्तर तक के) कुल 1193 पुलिस कर्मियों में से कुल 631 को आवास गृह आवंटित है। शेष 562 पुलिस कर्मी को आवास आवंटित नहीं है। जी हाँ। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) पुलिस विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति पदोंन्नति एवं सीधी भर्ती से की जाती है, जो निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
गेस्ट फेकल्टी नियुक्ति में आरक्षण का पालन
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
2. ( क्र. 305 ) श्री जतन उईके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 में जबलपुर संभाग के समस्त स्वशासी इंजीनियरिंग महाविद्यालय शासकीय एवं स्वशासी पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में कार्यरत गेस्ट फेकल्टी की संख्या अ.जा./अ.ज.जा./अ.पि.वर्ग/ अनारक्षित श्रेणीवार महाविद्यालय सूची देवें। इस वर्ष में कार्यरत कुल गेस्ट फेकेल्टी तथा रिक्त पदों की संख्या भी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के उल्लेखित गेस्ट फेकल्टी नियुक्ति में विभागीय पत्र क्रमांक एफ-1-2/2005/42/1 भोपाल दिनांक 1 जून 2004 में लिखित सातों शर्तों का पालन हुआ है, महाविद्यालयवार बतायें? यदि पालन नहीं हुआ तो कारण बतायें। (ग) संबंधित महाविद्यालयों द्वारा गेस्ट फेकल्टी नियुक्ति प्रक्रिया क्या वर्ष 2015 में की गई है? चरणवार बतायें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। चरणवार प्रक्रिया निम्नानुसार है- 1. गेस्ट फेकल्टी की आवश्यकता का आंकलन किया जाना। 2. आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुये निर्धारित तिथि में साक्षात्कार हेतु विज्ञापन जारी किया जाना। 3. संबंधित विषय में ए.आई.सी.टी.ई. द्वारा निर्धारित अर्हताएं पूर्ण करने वाले उम्मीदवारों को आमंत्रित किया जाना। 4. निर्धारित तिथि में उपस्थित अभ्यर्थियों का साक्षात्कार किया जाना। 5. साक्षात्कार में उत्तीर्ण/पात्र अभ्यर्थियों का चयन।
गरीब रेखा में नाम जोड़ने प्रस्तुत आवेदन पत्रों का निराकरण
[राजस्व]
3. ( क्र. 626 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के तहसील मऊगंज, नईगढ़ी, मनगवां में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक गरीबी रेखा में नाम जोड़ने बाबत् कितने आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये, तहसीलवार संख्या बताएं। (ख) गरीबी रेखा में नाम जोड़ने बाबत् प्रस्तुत आवेदन पत्रों में से कितने आवेदन-पत्रों का निराकरण कर स्वीकार किया गया, कितने आवेदन-पत्रों को निरस्त किया गया तहसीलवार संख्या बताएं? लंबित आवेदन-पत्र की संख्या क्या है तथा उन्हें कब तक निराकृत कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) तहसील मऊगंज, नईगढी, मनगवां में निम्नानुसार आवेदन प्राप्त हुएः-
क्र. |
तहसील का नाम |
प्राप्त आवेदन |
1 |
2 |
3 |
1. |
मऊगंज |
214 |
2. |
नईगढ़ी |
81 |
3. |
मनगवां |
1003 |
(ख)
प्राप्त
आवेदनों में
निम्नानुसार
निराकृत एवं
निरस्त किये
गये हैः-
क्र. |
तहसील का नाम |
निराकृत्त |
निरस्त |
1 |
2 |
3 |
4 |
1. |
मऊगंज |
36 |
178 |
2. |
नईगढ़ी |
48 |
33 |
3. |
मनगवां |
422 |
581 |
शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिले/तहसीलवार तालाबों की संख्या
[राजस्व]
4. ( क्र. 1442 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर में बंदोबस्त के समय वर्ष 2008 में कितने शासकीय तालाब थे, जिलेवार, तहसीलवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तालाबों की वर्तमान स्थिति क्या है, समस्त तालाब शासन के आधिपत्य में है अथवा नहीं, स्पष्ट करें? (ग) सागर संभाग के जिन तालाबों पर अतिक्रमण हुआ है या अभिलेखों में हेराफेरी कर निजी स्वामित्व में नामांतरण हुआ है, ऐसे सभी तालाबों के जिलेवार, तहसीलवार, मौजावार सूची उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश 'ग' में उल्लेखित तालाबों को अतिक्रमणकर्ताओं के आधिपत्य से मुक्त कराये जाने हेतु शासन की क्या योजना है? क्या उसे धरातल पर क्रियान्वित किया गया है, यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सागर जिले में बन्दोबस्त के समय वर्ष 2008 में कुल 146 शासकीय तालाब थे। तहसीलवार शासकीय तालाबों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्त 146 तालाब शासन के अधिपत्य में है। (ग) सागर जिले के सागर तहसील के सागर नगर स्थित 2 तालाबों की सीमांकन प्रक्रिया प्रचलन में है। उक्त कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात् अग्रिम कार्यवाही की जावेगी तथा सागर तहसील के मौजा सूरजपुरा के 01 तालाब पर अतिक्रमणकर्ताओं को अर्थदण्ड में हेराफेरी कर निजी स्वामित्व में शासकीय तालाबों का नामांतरण नहीं हुआ है। (घ) अतिक्रमण म.प्र.भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 248 के तहत हटाया जाता है, जो न्यायालयीन प्रक्रिया है एवं सतत गतिशील रहती है।
जबलपुर जिले के बाल श्रमिकों बावत्
[श्रम]
5. ( क्र. 1504 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में 25 स्लम बस्तियों के 962 बी.पी.एल. परिवारों के 1591 बाल श्रमिकों का पता चला हैं? (ख) क्या इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु कार्यवाही की गई है? (ग) क्या पूर्व वर्षों में सामने आये बाल श्रमिकों को सर्व शिक्षा अभियान एवं प्रशिक्षण केन्द्रों से जोड़ा गया है? (घ) यदि हाँ तो गत 3 वर्षों में कितने बाल श्रमिकों को सर्व शिक्षा अभियान तथा प्रशिक्षण से जोड़ा गया है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले में बाल श्रमिकों के सर्वेक्षण कार्य में 25 स्लम बस्तियों के 962 बी.पी.एल. परिवारों के 1591 बाल श्रमिकों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, मार्च-अप्रैल 2017 तक उपरोक्त बच्चों को राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजनान्तर्गत विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में दर्ज कर शिक्षा, मध्यान्ह भोजन, छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य परीक्षण, व्यावसायिक प्रशिक्षण आदि लाभों से लाभान्वित किये जाने की कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। (ग) जबलपुर जिले में बाल श्रमिकों के सर्वेक्षण कार्य पूर्व में माह सितम्बर-अक्टूबर 2013 में सम्पन्न किया गया था, में चिन्हित बच्चों को परियोजनान्तर्गत पात्र बच्चों को विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में दर्ज कर शिक्षा, मध्यान्ह भोजन, छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य परीक्षण, व्यावसायिक प्रशिक्षण आदि लाभों से लाभान्वित किये जाकर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़े जाने की कार्यवाही निरंतरित है। (घ) राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजनान्तर्गत प्रति वर्ष शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ में शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़े जाने संबंधी कार्यवाही की जाती है, गत तीन वर्षों की स्थिति निम्नानुसार हैः-
वर्ष
मुख्यधारा
में जोड़े गये
बच्चों की
संख्या
2012-13 319
2013-14 95
2015-16 78
योग 492
सोनकच्छ नगर के नक्शे
[राजस्व]
6. ( क्र. 1712 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ नगर का राजस्व विभाग के पास नक्शा नहीं है? यदि नहीं, है तो कब से नहीं है? (ख) क्या सोनकच्छ नगर का नक्शा जिला राजस्व (भु-अभिलेख) देवास कार्यालय या राजस्व एवं लेखा विभाग ग्वालियर में उपलब्ध है? यदि नहीं, तो नक्शा कब तक बनाया जायेगा। (ग) नवीन नक्शा बनाने के लिए कब से कार्यवाही चल रही है आज दिनांक तक नक्शा नहीं बन पाने पर कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सोनकच्छ नगर का नक्शा उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सोनकच्छ नगर का नक्शा कार्यालय भू-अभिलेख देवास एवं तहसील-सोनकच्छ में उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सोनकच्छ नगर का नक्शा उपलब्ध होने से आवश्यक नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरगापुर विधानसभा के खरगापुर या पलेरा में आई.टी.आई. कालेज खोले जाने हेतु
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
7. ( क्र. 1740 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के पलेरा एवं खरगापुर के छात्रों को तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिये काफी दूर अन्यंत्र स्थानों पर जाना पड़ता है और खरगापुर में आई.टी.आई. महाविद्यालय न होने के कारण आज भी तकनीकी शिक्षा पाने हेतु इधर-उधर भटक रहे है? (ख) क्या छात्र-छात्राओं को परेशानी एवं मजबूरी को ध्यान में रखते हुये पलेरा या खरगापुर में नवीन आई.टी.आई. महाविद्यालय खोले जाने की शासन के पास कोई योजना है यदि हाँ तो कब तक पलेरा या खरगापुर में आई.टी.आई कालेज प्रांरभ करा देगें यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) टीकमगढ़ जिले में चार शासकीय आई.टी.आई तथा दस प्राईवेट आई.टी.आई संचालित है, जिनमें पलेरा एवं खरगापुर के आवेदक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है। (ख) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई खोलने की है। खरगापुर विकासखण्ड बल्देवगढ़ के अंतर्गत आता है, जहाँ एक शासकीय आई.टी.आई संचालित है, अतएव खरगापुर में शासकीय आई.टी.आई खोलने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। बताया जाना संभव नहीं है।
खरगापुर विधानसभा के ग्राम चंदेरी में पुलिस चौकी खोले जाने हेतु
[गृह]
8. ( क्र. 1741 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा के ग्राम चंदेरी के निवासियों द्वारा जिले के पुलिस अधीक्षक को एवं माननीय गृह मंत्री जी को आवेदन पत्रों के माध्यम से अवगत कराया है कि ग्राम चंदेरी में असमाजिक तत्वों द्वारा आए दिन आम जनता को परेशान किया जाता है तथा थाना कुड़ीला से ग्राम चंदेरी की दूरी 10 किमी से अधिक है तथा पास ही से धसान नदी के किनारे से छतरपुर जिले की सीमा लगी हुई है जिससे अपराधी अपराध करके इधर से उधर चले जाते है? इसलिये ग्रामीणों की मांग है कि ग्राम चंदेरी में नवीन पुलिस चौकी खोली जावे? (ख) क्या आम जनता की मांग एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये ग्राम चंदेरी में पुलिस चौकी खोले जाने की विभाग में ऐसी कोई योजना है यदि हाँ तो ग्राम चंदेरी में पुलिस चोकी कब तक शुरू करा दी जावेगी यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें कि पुलिस चौकी चंदेरी में क्यों नहीं खोली जा सकती है? कब तक जनता की मांग अनुसार पुलिस चौकी खोले जाने के आदेश जारी हो गये है यदि आदेश जारी हो जायेंगे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। ग्राम चंदेरी थाना कुड़ीला से मात्र 6 किमी दूरी पर स्थित है। किसी भी सूचना पर पुलिस बल को मात्र 10 मिनट ग्राम चंदेरी पहुँचने में लगते है ग्राम वासियों के किसी भी शिकायत पर तत्काल डायल 100 वाहन भेजकर शिकायत का निराकरण कराया जाता है। वर्तमान में ग्राम चंदेरी में शांति है। ग्राम चंदेरी में पुलिस चौकी खोले जाने की कोई आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
वर्तमान में लागू की गई वेव जी आई.एस. वेबसाईट
[राजस्व]
9. ( क्र. 1757 ) श्री लखन पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व अभिलेखों में बंदोबस्त अभिलेख एवं वर्तमान में लागू की गई वेब.जी.आई.एस. वेबसाईट (जिन जिलों में लागू है ) अनुसार प्रत्येक जिले का खाते की भूमि का रकबा व गैरखाते की भूमि का रकबा एवं कुल जिले का रकबा (क्षेत्रफल) कितना है क्या इसमें भिन्नता है? यदि भिन्नता है तो क्यों? (ख) वर्तमान में जिन जिलों में वेब जी.आई.एस. वेबसाईट लागू की गई है क्या उसमें दर्ज किया गया अभिलेख पूर्णत: शुद्ध है यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि वेब.जी.आई.एस. वेबसाईट पर दर्ज किया गया भूमि अभिलेख शुद्ध नहीं है तो क्या लोगों को जारी की जा रही नकल, फसल बीमा, क्षति राशि वितरण, भूमि क्रय विक्रय, कृषकों के भूमि हक व अन्य शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ेगा? यदि हाँ तो इसके सुधार हेतु क्या उपाए किये गये हैं? क्या दमोह जिले में वेब जी.आई.एस लागू होने पर आई.टी. सेंटर से किसानों को जमीन के नक्शों की नकले डिजीटल साईन की हुई प्रदाय की गई है? यदि हाँ तो दिसम्बर 2016 में तहसीलवार कितने किसानों को डिजीटल साईन किये हुए नक्शें प्रदाय किये गये है यदि नहीं, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? (घ) वेब.जी.आई.एस. वेबसाईट के लागू होने के पूर्व व बाद में मासिक नामांतरण, बंटवारा, नक्शा बटांक के कार्य की प्रगति क्या है क्या वेब.जी.आई.एस. वेबसाईट लागू होने इन कार्यों की प्रगति धीमी हुई है? यदि हाँ तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वाहनों में विभिन्न रंग की लाईट
[परिवहन]
10. ( क्र. 2305 ) श्री
हरवंश राठौर :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में संचालित
चार पहिया, तीन
पहिया, दो
पहिया तथा
अन्य वाहनों
में कितनी तथा
किस-किस रंग
की लाइटें
लगाने का
प्रावधान है? (ख) क्या
स्वीकृत
प्रावधानों
से अधिक
लाइटें वाहनों
में लगी होने
के कारण उनके
विरूद्ध कोई कार्यवाही
करने का
प्रावधान है? (ग) यदि
हाँ तो सागर
संभाग
अंतर्गत गत
वर्ष ऐसे
कितने प्रकरण
तैयार किए
जाकर
कार्यवाही की
गई है? (घ) प्रश्नकर्ता
द्वारा क्षेत्रीय
परिवहन
अधिकारी सागर
को क्रं. 1331
दिनांक 21/04/16
तथा स्मरण
पत्र क्रमांक 1565 दिनांक 18/06/16 को लिखा
गया था उसकी
जानकारी अभी
तक प्रश्नकर्ता
को उपलब्ध
क्यों नहीं
कराई गई है?
गृह
मंत्री ( श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) प्रदेश
में संचालित
चार पहिया, तीन
पहिया, दो
पहिया तथा
अन्य वाहनों
में लाइटें
केन्द्रीय
मोटरयान नियम 1989 के नियम 102 से 111
तक वर्णित
प्रावधानों
के अनुरूप
लगाये जाते है।
नियमों की
प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जी हाँ।
वाहनों में
स्वीकृत
प्रावधानों
से अधिक लाइटें
लगाना
केन्द्रीय
मोटरयान नियम 1989 के नियम 111 का
उल्लंघन है।
ऐसी स्थिति
में
केन्द्रीय मोटरयान
नियम 1988 की
धारा 177 के
अंतर्गत
शास्ति वसूल
किये जाने का
प्रावधान है।
(ग) सागर संभाग
में गत वर्ष 58 प्रकरण
तैयार किए
जाकर उनसे
शास्ति के रूप
में रूपये 29500/- वसूल की
गयी है। (घ) माननीय
विधायक को
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 6929 दिनांक 09.03.2017 के
द्वारा
जानकारी
उपलब्ध करा दी
गयी है।
जनभागीदारी योजनान्तर्गत नल-जल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 2421 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्रामों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु शासन द्वारा जनभागीदारी योजनान्तर्गत आदिवासी ग्रामों में कुल योजना लागत के 1 प्रतिशत तथा सामान्य बाहुल्य क्षेत्रों में 3 प्रतिशत जनभागीदारी कर उन ग्रामों में शेष राशि शासन द्वारा स्वीकृति कर पेय-जल की योजना स्वीकृत की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों द्वारा जनभागीदारी राशि जमा कर योजना बनाने हेतु प्रस्ताव किया गया हैतथा ग्रामीणों द्वारा यह जनभागीदारी राशि कब जमा की गई है? दिनांक सहित ग्रामों के नाम तथा जमा राशि का विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत जनभागीदारी राशि जमा करने वाले प्रस्तावित ग्रामों में से कितने ग्रामों में योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है तथा नहीं की गई तो क्या कारण है? (घ) सांसद आदर्श ग्राम संडावता की नल-जल योजना के निर्माण हेतु निविदा कब तक आमंत्रित की जावेगी तथा कब तक पूर्ण कर ग्रामवासियों को योजना का लाभ दिलाया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत योजना की पूर्ण राशि दी जाकर, योजना पूर्णता एवं सफल संचालन पर एक वर्ष पश्चात् जनभागीदारी की राशि प्रतिवर्ष 5 समान किश्तों में ग्राम पंचायत को वापस की जाती है। (ख) एक ग्राम पंचायत सण्डावता द्वारा ग्राम सण्डावता के लिये, दिनांक 19.5.2015 को रूपये 2.24 लाख। (ग) उत्तरांश-‘ख‘ अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निविदा आमंत्रित कर ली गई है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती।
जबलपुर दुग्ध संघ के दूध संकलन एवं वितरण में कमी बावत्
[पशुपालन]
12. ( क्र. 2495 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संघ का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों से दूध का संकलन कर शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण दूध वितरण करने का है? (ख) यदि हाँ तो क्या प्रश्नांश क के अंतर्गत वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में दूध के संकलन में 15% की गिरावट आई है? (ग) क्या संघ के अधिकारियों की निष्क्रियता एवं कर्तव्यों में लापरवाही के कारण गिरावट आई है? (घ) यदि हाँ तो इसके लिए कौन जबावदार है एवं संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हैण्डपम्पों एवं मैकनिकों के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
13. ( क्र. 2504 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा हैण्डपम्प मैकेनिकों की भर्ती वर्ष 2010 में कब-कब कितनी संख्या में कहाँ-कहाँ की गई है। (ख) ग्वालियर जिले में कितने हैण्डपम्प सुचारू रूप से संचालित है एवं कितने बंद है बंद का कारण बतायें तथा मैकेनिकों की संख्या कितनी है? जो हैण्डपम्प बंद है क्या शासन उनके समीप नया हैण्डपम्प खनन करायेगा? (ग) एक मैकेनिक के पास कितने हैण्डपम्प के संधारण का कार्य रहता है? (घ) ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र 14 के किस-किस गांव में पेयजल की समस्या गर्मी मौसम में रहती है उन गाँवों के पेयजल की समस्या हेतु विभाग द्वारा क्या योजना। कार्यवाही की जा रही है? उक्त विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल जल योजनाएं है उनमें से कितनी वर्तमान में सुचारू रूप से संचालित है कितनी बंद है? बंद नल-जल योजनाएं कब तक प्रारंभ कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार 36 जिलों में 874 हैण्डपम्प मैकेनिक वर्ष 2010 में रखे गये हैं। (ख) ग्वालियर जिले में 6882 हैण्डपम्प सुचारू रूप से संचालित हैं, 97 हैण्डपम्प बन्द है, हैण्डपम्प बन्द होने का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में उल्लेखित है, ग्वालियर जिले में हैण्डपंप मैकेनिकों की संख्या 55 है। जी नहीं, बन्द हैण्डपम्प से 500 मीटर की परिधि में एवं 55 एल.पी.सी.डी. के मान से पेयजल स्त्रोत उपलब्ध हैं। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में नया हैण्डपम्प खनन करवाये जा सकेंगे। (ग) एक मैकेनिक के पास औसतन 150 हैण्डपम्प के संधारण का कार्य रहता है। (घ) ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र 14 में फिलहाल कोई समस्या नहीं है, ग्रीष्मकाल के लिये योजना तैयार कर ली गई है, जिसका क्रियान्वयन आवश्यकतानुसार किया जावेगा। इसके अतिरिक्त 95 आंशिक पूर्ण बसाहटों में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु नलकूप खनन एवं हैण्डपम्प स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। उक्त विधान सभा में 46 नल-जल योजना है जिनमें से 32 चालू एवं 14 बन्द हैं, बन्द नल-जल योजनाओं में 08 दीर्घ सुधार एवं 06 लघु सुधार योग्य हैं। लघु सुधार बन्द योजनायें ग्राम पंचायतों के द्वारा चालू की जा रही हैं। 08 दीर्घ सुधार योग्य बन्द योजनायें संधारण प्रक्रिया के तहत चालू की जा रही हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
डीजल व पेट्रोल वितरण से आय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
14. ( क्र. 2589 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने डीजल-पेट्रोल फिलिंग स्टेशन्स हैं? जिलेवार कंपनीवार ब्यौरा दें. (ख) वर्ष २०१५ एवं दिसम्बर २०१६ तक कितना-कितना डीजल व पेट्रोल का वितरण हुआ है व शासन को इससे कितनी-कितनी आय हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) से प्राप्त आय को किस मद में खर्च करने का प्रावधान है? शासन ने उपरोक्त दो वर्ष की आय किस-किस मद में व्यय की? मदवारवर्षवार ब्यौरा दें.
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनाज एवं मिट्टी तेल वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( क्र. 2596 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत ऐसे कितने हितग्राही है, जिन्हें अनाज एवं मिट्टी का तेल शासन की योजनानुसार वितरण किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वितरण कितनी दुकानों से किया जा रहा है? उन दुकानों में कितने उपभोक्ता पंजीकृत हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 41,021 पात्र परिवारों के 1,65,155 सदस्यों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्न, शक्कर, नमक एवं केरोसीन का वितरण कराया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित पात्र परिवारों को 71 (5 शहरी एवं 66 ग्रामीण) उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण कराया जा रहा है। उत्तरांश (क) अनुसार।
रेशम केन्द्रों हेतु स्वीकृत राशि
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
16. ( क्र. 2597 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में रेशम केन्द्रों के लिए किस किस मद में कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (ख) उक्त वर्षों में जिन कार्यों के लिए राशि जारी की गई उनकी वर्तमान स्थिति क्या है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
परिशिष्ट - ''चार''
विधानसभा क्षेत्र स्थित एफ.सी.आई. गोदाम
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( क्र. 2603 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत एफ.सी.आई. गोदामों में कितने गोदाम पंजीकृत हैं? सूची उपलब्ध करावें। उक्त गोदामों में किस-किस जगह से अनाज का भण्डारण किया जा रहा है वर्तमान में कितने गोदाम रिक्त हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से अनाजों की खरीददारी की गई, उस अनाज का भण्डारण कौन-कौन से गोदामों में किया गया? भण्डारण दिनांक सहित सूची उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फलोराइड युक्त ग्रामों में माही परियोजना से पेयजल उपलब्ध कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( क्र. 3153 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला झाबुआ अंतर्गत फलोराईड युक्त ग्रामों/मजरो/टोलों में माही परियोजना से पेयजल प्रदान करने की योजना की स्वीकृति कब एवं किन-किन ग्रामों/मजरो/टोलों के लिये कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उक्त कार्य हेतु कब टेण्डर आमंत्रित किये गये किस-किस एजेंसी को कार्योंदेश किस-किस दिनांक को दिये गये एवं कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या निर्धारित की गई? (ग) क्या निर्धारित समय व्यतीत होने के उपरांत भी उक्त कार्य अधूरे पड़े हैं इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? (घ) इस योजना में आज तक कितनी राशि खर्च की गई है एवं कितने ग्रामों/मजरो/टोलों को पानी का पानी उपलब्ध कराया गया है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 74 ग्रामों के 205 ग्रामों/मजरे/टोलों हेतु रू. 5049.00 लाख की दिनांक 16/08/2007 को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) रू 6160.90 लाख। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
सायबर रिकार्ड रूम प्रारंभ करना
[राजस्व]
19. ( क्र. 3154 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों की किस-किस तहसील में से शासन द्वारा सायबर रिकार्ड रूप में बनाये गये है? (ख) इस सायबर रिकार्ड रूम के निर्माण एवं मशीनरी पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? सायबर रिकार्ड रूमवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में निर्मित सायबर रिकार्ड रूम में से कितनों में कार्य प्रारंभ किया जा चुका है कितने अनुपयोगी होकर बंद पड़े है? (घ) क्या इन सायबर रिकार्ड रूम में घटिया सामग्री प्रदाय करने से कम्प्यूटर, सर्वर, ए.सी. लगे होकर भी बंद पड़े हैं और रिकार्ड रूम इस कारण शुरू नहीं हो सके हैं? इस तरह घटिया सामग्री प्रदान करने वाले सप्लायर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) 27 जिलों की 161 तहसीलों में कार्य प्रारम्भ हो चुका है। कोई अनुपयोगी नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाकिस्तान से भारत आए सिंधी समाज के नागरिकों को भारत की नागरिकता
[गृह]
20. ( क्र. 3204 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन द्वारा इन्दौर जिले में पाकिस्तान से भारत आए सिंधी समाज के नागरिकों को भारत की नागरिकता दिलाने हेतु संबंधितों से आवेदन जिला कलेक्टर को जमा करायें जा रहे हैं? यदि हाँ तो प्रश्न पूछे जाने तक जिला कलेक्टर इन्दौर में कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या प्राप्त आवेदनों को स्वीकृत कर संबंधितों को भारत की नागरिकता प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो कारण व अब तक की गई कार्यवाही स्पष्ट करें एवं कब तक प्रक्रिया पूर्ण कर संबंधितों को भारत की नागरिकता प्रदान कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। अभी तक 4212 आवेदन पत्र जमा कराये गये हैं। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार आज दिनांक तक 1325 लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। शेष प्रकरण प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
उचित मूल्य की दुकानें नियम विरूद्ध आवंटित करना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
21. ( क्र. 3450 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के पत्र क्रमांक एफ 7-19/2014/29-1 भोपाल, दिनांक 29 मई 2015 की कंडिका 7 (3) अनुसार उचित मूल्य की दुकानों का स्थान जिला पंचायत की संबंधित विषय समिति द्वारा अनुमोदित किये जाने का निर्देश है? यदि हाँ तो जिला भिण्ड में जिला पंचायत की समिति के बिना अनुमोदन के दुकानें आवंटित करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) भिण्ड जिले के लहार एवं रौन विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक सहकारी समिति के कार्यक्षेत्र में किन-किन उपभोक्ता सहकारी भण्डारों एवं सहकारी समिति के बाहर की प्राथमिक सहकारी संस्थाओं को उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई? (ग) कंडिका 8 (1) एवं 8 (4) का उल्लंघन कर अनुविभागीय अधिकारी लहार रौन, मिहोना जिला भिण्ड ने ग्रामीण क्षेत्र में उपभोक्ता भण्डारों एवं क्षेत्र के बाहर की सहकारी समितियों को उचित मूल्य की दुकानें आवंटित करने की जाँच कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) आजी मॉ सहकारी उपभोक्ता भण्डार भिण्ड के कंडिका 8 (1) के अनुसार म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता भण्डार का सदस्य न होने के बाद भी नियम विपरीत कहाँ-कहाँ उचित मूल्य की दुकानें आवंटित किस-किस अधिकारी ने की? नाम पद पद सहित बतायें? (ड.) क्या भिण्ड जिले में गरीबों को वितरित होने वाली खाद्य सामग्री एवं मिट्टी तेल की कालाबाजारी कराने की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। जिले में उक्त निर्देश के पालन में किसी भी उचित मूल्य दुकान का आवंटन नहीं किया गया है। शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांकित विकासखण्डों में किसी भी समिति के द्वारा अपने कार्य क्षेत्र के बाहर दुकान आवंटित नहीं की गई है। (ग) चूंकि जिले में मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानों के तहत अभी तक उचित मूल्य दुकानों का आवंटन नहीं किया गया है। अत: कंडिका 8 (1) एवं 8 (4) के उल्लंघन की स्थिति नहीं होने से जाँच की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। (घ) प्रश्नांकित संस्था को आवंटित दुकानें मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अधिसूचित होने के पूर्व आवंटित की गई हैं। (ड.) राशन वितरण से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार जाँच कराकर कार्यवाही की जाती है। भिण्ड जिले में विगत 1 वर्ष में खाद्य सामग्री एवं मिट्टी तेल की कालाबाजारी के संबंध में 24 शिकायतें प्राप्त हुई। जिले में 22 दुकानें निलंबित कर 5 दुकानों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है।
क्षेत्रीय
परिवहन
कार्यालय धार
द्वारा चालान
बनाकर वसूले गये
जुर्माने की
जानकारी
[परिवहन]
22. ( क्र. 3708 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय धार द्वारा विगत ०५ वर्षों के दौरान अवेध परमिट, बीमा नहीं होने आदि कारणों से बनाये गये चालानों के माध्यम से कितना जुर्माना वसूला गया है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ में उल्लेखित प्राप्त राजस्व में से धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के वाहनों से कितना जुर्माना वसूला गया है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला परिवहन कार्यालय धार द्वारा विगत पाँच वर्षों के दौरान अवैध परमिट बीमा आदि नहीं होने से बनाये गये चालानों से प्राप्त राजस्व की जानकारी निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
राजस्व राशि (रूपये ) |
2012 |
855413 |
2013 |
147800 |
2014 |
24820 |
2015 |
1422948 |
2016 |
1351278 |
(ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित अनुसार राजस्व का संधारण जिला कार्यालयवार किया जाता है। विधानसभा क्षेत्रानुसार नहीं किया जाता है। अत: धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के वाहनों से वसूले जुर्माने की जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय धार द्वारा जारी यात्री बसों के परमिटों की जानकारी
[परिवहन]
23. ( क्र. 3709 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय धार द्वारा विगत ०५ वर्षों के दौरान कितनी यात्री बसों के परमिट स्थाई/अस्थाई दिये गये है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ में उल्लेखित प्रदाय परमिटों में से कितनी बसें चल रही हैं तथा कितनी बसों के परमिट निरस्त हो चुके हैं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) स्थाई परमिट संभागीय उप परिवहन आयुक्त इंदौर से जारी किये जाते है। अत: जिला कार्यालय धार द्वारा जारी स्थाई परमिट की संख्या निरंक है। अस्थाई परमिटों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
वर्ष |
परमिटों की संख्या |
2012-2013 |
642 |
2013-2014 |
785 |
2014-2015 |
694 |
2015-16 |
596 |
2016-2017 |
409 |
(ख) वर्तमान में माह मार्च 2017 में 12 बसें परमिटों पर चल रही है। अस्थाई परमिट आवेदक द्वारा चाहे गये नियत अवधि के लिये जारी किये जाते है, कोई परमिट निरस्त नहीं किया गया।
तहसीलदार बमोरी एवं उनके रीडर द्वारा राजस्व अभिलेख में कूट रचना
[राजस्व]
24. ( क्र. 3714 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बमोरी खास की भूमि सर्वे क्रमांक 553, जो कि पटवारी रिकार्ड में शासकीय दर्ज है तथा उक्त भूमि पर जनपद पंचायत कार्यालय एवं विश्राम भवन लगभग 0.836 हेक्टेयर भूमि में निर्मित हैं? क्या शेष 0.667 हेक्टेयर रकबा विश्राम भवन एवं जनपद पंचायत कार्यालय के रूप में सार्वजनिक उपयोगी था अथवा नहीं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि 0.667 तहसीलदार बमोरी द्वारा गणेशराम, रतनलाल, खूबचन्द, शंकर लाल निवासी बमोरी से सांठ-गांठ कर अपने न्यायालय में फर्जी प्रकरण चलाते हुये शासकीय भूमि पर फर्जी इन्द्राज दुरूस्ती की गई है? (ग) म.प्र. भू-राजस्व संहिता में तैयार किये गये भू-अभिलेखों में यदि त्रुटि हो जाये तो प्रविष्टि दिनांक से 01 वर्ष के भीतर शुद्धिकरण के लिये तहसीलदार को अधिकार है? साथ ही नवीन प्रविष्टि की सृष्टि नहीं की जा सकती है? उक्त नियम यदि शासन द्वारा निर्मित हैं तो संबंधित तहसीलदार द्वारा प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रविष्टि संबंधी कार्यवाही को शासन निरस्त करेगा अथवा राजस्व अभिलेखों में खसरा 2032 लगायत 2041 के लगातार खसरों में भूमि सर्वे क्रमांक 553 शासकीय पुनः घोषित किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि तथ्य सही हैं तो संबंधित दोषी तहसीलदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा राजस्व अभिलेखों में कब तक पुनः शासकीय घोषित इन्द्राज कराया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जिल्द बंदोबस्त में संवत 2013 में भूमि सर्वे क्रमांक 553 रकबा 7 बीघा 4 बिस्वा अर्थात (1.505 हेक्टेयर) भूमि उंकार के नाम पर दर्ज थी तत्पश्चात खसरा संवत 2031 लगायात वर्तमान तक भूमि सर्वे क्रमांक 553 रकबा 0.836 हे. शासकीय अभिलेख में दर्ज है। (ख) प्रश्नाधीन भूमि जिल्द बंदोबस्त में उंकार के नाम पर भूमि स्वामी के रूप में दर्ज होने एवं तत्पश्चात उक्त भूमि भू-राजस्व अभिलेखों में ब्लॉक आबादी दर्ज होने के कारण बंदोबस्त के समय अंकित भूमि स्वामी उंकार के उत्तराधिकारीगण ने इंद्राज दुरूस्ती हेतु तहसीलदार न्यायालय में संहित की धारा 115-116 के तहत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था। जिस पर तहसीलदारा बमोरी द्वारा प्रकरण क्रमांक 32-अ- 6 अ/2014-2015 में पारित आदेश दिनांक 27.10.2016 के द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 115-116 के तहत इन्द्राज दुरूस्ती की कार्यवाही की जाकर भूमि सर्वे क्रमांक 553 रकबा 0.667 हे. पर गणेशराम, रतनलान, खूबचन्द, शंकरलाल पुत्रगण गोपीलाल सेन के नाम अंकित की गई थी। आदेश पारित किये जाने के बाद तहसीलदार बमोरी को इन तथ्यो की जानकारी हुई कि प्रकरण में तथ्यों को छिपाया गया है, इस पर से तहसीलदार द्वारा अनुविभागीय अधिकारी से पुनर्विलोकन की अनुमति प्राप्त कर हितबद्ध पक्षकारों को सुना जाकर आदेश दिनांक 10.03.2017 से आदेश दिनांक 27.10.2016 को निरस्त किया गया एवं भूमि पुन: शासकीय दर्ज की गई है। (ग) जी हाँ। आदेश दिनांक 10.03.2017 द्वारा पूर्व प्रविष्टि निरस्त की जाकर भूमि सर्वे क्रमांक 553 पुन: शासकीय घोषित की जा चुकी है। (घ) ग्राम बमोरी की भूमि सर्वे क्रमांक 553 के संबंध में प्रचलित प्रकरण में पुनर्विलोकन की अनुमति ली जाकर आदेश दिनांक 27.10.2016 से तहसीलदार द्वारा किये गये संशोधन की प्रविष्टि निरस्त की जाकर अमल किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
द.प्र. संहिता 1973 में धारा 25 (क) के पालन किया जाना
[गृह]
25. ( क्र. 3894 ) श्री अरूण भीमावद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) द.प्र. संहिता 1973 में धारा 25 (क) अभियोजना संचालनालय का प्रावधान किया गया है, क्या यह वर्तमान में प्रभावशील है? (ख) यदि हाँ तो क्या मध्यप्रदेश में कार्यरत अभियोजन अधिकारीगण के पदनाम को परिवर्तित किया गया है? (ग) यदि हाँ तो क्या म.प्र. लोक अभियोजन (राजपत्रित) सेवाभर्ती नियम 1991 में संशोधन किया जाना आवश्यक है? (घ) यदि नहीं, तो क्या वर्तमान में उक्त द.प्र.सं. की धारा 25 (क) का लाभ अभियोजन अधिकारियों को प्राप्त हो रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में प्रदेश में प्रभावशील द.प्र.स. की धारा 25 (क) की उप धारा 2 में संचालक लोक अभियोजन, अतिरिक्त संचालक अभियोजन, संयुक्त संचालक अभियोजन, उप संचालक अभियोजन तथा सहायक संचालक अभियोजन आदि पदनाम दिये गये है। (ग) मूल विधि के अनुरूप आवश्यकतानुसार संशोधन किये जायेगे। (घ) द.प्र.स. की धारा 25 (क) के अनुरूप संचालनालय क्रियाशील है, जिसका प्रशासनिक लाभ अभियोजन अधिकारियों को प्राप्त हो रहा है।
इंदिरा गांधी शास. इंजीनियरिंग कॉलेज सागर का कारपस फण्ड
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
26. ( क्र. 3928 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा गांधी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज सागर के कारपस फण्ड में प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि जमा है तथा इसका उपयोग किन-किन मदों में करने के निर्देश हैं? प्रति उपलब्ध करायें। (ख) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कॉलेज के कारपस फण्ड से किन-किन कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गयी? कार्यवार, मदवार विवरण देंवे। क्या कार्य का भौतिक सत्यापन सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है? यदि हाँ तो, दिनांक एवं पद नाम सहित बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि उक्त फण्ड का उपयोग नहीं किया गया, तो इसका क्या कारण है तथा इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? (घ) क्या कॉलेज की बी.ओ.जी. की 16 वीं बैठक में कारपस फण्ड में डिपॉजिट राशि को एफ.डी.आर. में शीघ्र परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ तो किस दिनांक को? क्या एफ.डी.आर. विलम्ब से कराने के कारण ब्याज दर कम होने से कॉलेज को आर्थिक हानि हुई? यदि हाँ तो इसके लिए कौन दोषी है तथा उस पर क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) कुल राशि रूपये 18,00,07,696/- (रूपये अठारह करोड़ सात हजार छ: सौ छियानवे) जमा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई व्यय नहीं किया गया। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) कारपस से व्यय न करने की जाँच कराई जावेगी। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ। दिनांक 23.06.2016 को निर्णय लिया गया था। जी हाँ। जाँच कर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
संभागीय मुख्यालय सागर में श्रमोदय विद्यालय खोले जाना
[श्रम]
27. ( क्र. 3929 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार मण्डल के अंतर्गत प्रदेश में श्रमोदय विद्यालय स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ तो किन-किन शहरों में स्वीकृत किये गये हैं, स्वीकृत राशि सहित, विद्यालयवार बतायें? (ख) क्या सागर संभाग में कर्मकार मण्डल के अंतर्गत लगभग 3 लाख श्रमिक पंजीकृत है? क्या संभागीय मुख्यालय सागर में श्रमोदय विद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो क्या शासन श्रमिक परिवारों के हित में श्रमोदय विद्यालय खोले जाने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
खाद्य
मंत्री ( श्री
ओम प्रकाश
धुर्वे ) : (क) जी
हाँ। मध्यप्रदेश
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार मंडल
के अंतर्गत
प्रदेश में
स्वीकृत
श्रमोदय
विद्यालय एवं
स्वीकृत राशि
की
विद्यालयवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जी हाँ।
मध्यप्रदेश
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
कल्याण मंडल
के अंतर्गत
सागर संभाग
में जनवरी 2017
की स्थिति कुल
308528
निर्माण
श्रमिक
पंजीकृत है।
संभागीय
मुख्यालय
सागर में
वर्तमान में
मंडल द्वारा
श्रमोदय
विद्यालय
खोला जाना का
विचाराधीन
नहीं है। अतः
प्रश्नांश की
शेष जानकारी
का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
(ग) प्रश्नांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में मध्यप्रदेश
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
कल्याण मंडल
के अंतर्गत
सागर संभाग
में पंजीबद्ध
निर्माण
श्रमिकों
हेतु श्रमोदय
विद्यालय खोले
जाना का कोई
भी प्रस्ताव
प्रस्तावित
नहीं है।
अपूर्ण आर.आई.क्वार्टर
[राजस्व]
28. ( क्र. 3984 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की विधानसभा क्षेत्र ११२ अंतर्गत किन-किन स्थानों पर आर.आई.क्वाटर पूर्ण/अपूर्ण हैं? कितने वर्षों से विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ख) क्या वारासिवनी नगर एवं ग्राम पंचायत बुदबुदा में आर.आई.क्वार्टर कई वर्षों से अपूर्ण हैं? उक्त अपूर्ण क्वार्टरों का पूर्ण भूगतान विभाग द्वारा ठेकेदारों को कर दिया गया है? यदि हाँ तो क्यों? (ग) क्या उक्त क्वार्टरों को विभाग द्वारा ढील दी गई? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक विभाग ने ठेकेदारों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) अपूर्ण आर.आई.क्वार्टर के संबंध में कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उक्त अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बालाघाट जिले की विधानसभा क्षेत्र 112 के अंतर्गत तहसील एवं विकासखण्ड वारासिवनी के ग्राम वारासिवनी एवं ग्राम बुदबुदा में आर.आई.क्वार्टर क्रमश: वर्ष 2006-2007 एवं 2010-11 से अपूर्ण हैं। (ख) जी हाँ। स्वीकृति अनुसार निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदार को पूर्ण भुगतान कर दिया गया है। भवनों की स्वीकृत राशि की सीमा में ही भुगतान किया गया है। लागत वृद्धि के कारण कार्य पूर्ण नहीं हुआ। (ग) जी नहीं। भवनों की स्वीकृत राशि की सीमा तक निर्माण पूर्ण किया गया है, इसलिए ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि भिन्न आश्य की भूमि का विक्रय
[राजस्व]
29. ( क्र. 4004 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना अनुभाग क्षेत्र में वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक कृषि भिन्न आशय की भूमि गैर आदिवासी से गैर आदिवासी को विक्रय करने में कलेक्टर रतलाम द्वारा कितने लोगों से धारा 165 (6) के अंतर्गत विक्रय की अनुमति दी गई, संख्या बताएं? यदि नहीं, तो लंबित आवेदनों की संख्या बताएं? (ख) क्या सैलाना अनुभाग क्षेत्र में कलेक्टर से निम्न श्रेणी के अधिकारी को विक्रय की अनुमति का अधिकार है? यदि नहीं, तो सैलाना नगर में तीन अविकसित कॉलोनी को विक्रय का अधिकार किस अधिकारी द्वारा किन-किन नियमों के तहत दिया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वनग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन बावत्
[राजस्व]
30. ( क्र. 4022 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्र के मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने पर ही उन्हें मूलभूत सुविधाओं को लाभ शासन की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत दिया जा सकता है? (ख) यदि नहीं, तो इन क्षेत्रों में निवासरत लोगों को बिजली पानी एवं सड़क जैसी मूलभूत प्रदान का दायित्व किसका है? (ग) खंडवा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामीण क्षेत्रों को राजस्व ग्राम घोषित करने के प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन हैं? (घ) क्या मानवीय आधार पर मजरे टोलों में निवासरत लोगों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के लिए व्यापक जनहित में प्रस्तावों को राजस्व ग्राम घोषित करने के आदेश जारी किये जायेंगे? यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नही। (ख) मूल राजस्व ग्राम एवं मजरा टोलों को मूलभूत सुविधाएं नियमानुसार दी जा रही है। (ग) खण्डवा विधान सभा क्षेत्र के राजस्व ग्रामों के मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु जिले से प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया गया एवं संहिता के प्रावधान एवं मापदण्ड अनुसार नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया। (घ) म.प्र. भू-राजस्व संहिता के प्रावधान एवं मापदण्ड अनुसार ही मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वारिसाना नामान्तरण के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
31. ( क्र. 4218 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले में बहरी एवं सिंहावल तहसील एवं सिंगरौली जिले के देवसर तहसील में वर्ष 2013-14 से जनवरी, 2017 तक में कितने वारिसाना नामान्तरण किये गये हैं व कितने प्रकरण लंबित है? लंबित होने का क्या कारण है? कब तक सभी प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा? (ख) सिंहावल एवं बहरी में कितने हितग्राहियों को वास दखल का पट्टा दिया गया है एवं कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने पात्र व अपात्र हुए हैं, ग्रामवार सूची देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सीधी जिले के तहसील सिंहावल में 2453 एवं तहसील बहरी में 1521 कुल 3974 वर्ष 2013-14 से जनवरी 2017 तक वारिसाना नामान्तरण स्वीकृत किये गये है। तहसील बहरी में 16 एवं तहसील सिंहावल में 13 कुल 29 प्रकरण विवादित होने के कारण विचाराधीन है। उभय पक्षों को सुनवाई का युक्ति-युक्त अवसर दिया जाकर विधि अनुसार प्रचलित उक्त 29 प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जायेगा। सिंगरौली जिले के तहसील देवसर में वर्ष 2013-14 से जनवरी 2017 तक कुल 1678 वारिसाना नामांतरण स्वीकृत किए गए है। वारिसाना नामांतरण के प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) वास स्थान दखलकार अधिनियम के अंतर्गत वर्ष 2012-13 में 560 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें 398 पात्र एवं 162 अपात्र पाये गये है। वर्ष 2015-16 में कुल 300 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 135 पात्र एवं 165 अपात्र पाये गये है। पात्र एवं अपात्र व्यक्तियों की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिंघाड़ा बोर्ड का गठन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
32. ( क्र. 4298 ) श्री
मोती कश्यप :
क्या पशुपालन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विभाग के
द्वारा किसी
दिनांक को
माननीय मुख्यमंत्री
के आतिथ्य में
जबलपुर में दिनांक
22.08.2008 को
किसी वर्ग की
कोई पंचायत
आयोजित की गई
है? (ख) क्या
प्रश्नांश (क) कार्यक्रम
में माननीय
मुख्यमंत्री
ने किन्हीं
जाति-वर्ग के
लोगों के कल्याण
हेतु कोई
घोषणायें की
हैं? (ग)
प्रश्नांश
(क) घोषणाओं
में से कौनसी
किन विभागों
के द्वारा क्रियान्वित
करायी गई हैं? (घ) क्या
प्रश्नांश (ख) घोषणाओं
में किसी
बोर्ड का गठन
भी सम्मिलित
रहा है और
क्या उसका गठन
कर दिया गया
है? यदि नहीं, तो
क्यों? (ड.) प्रश्नांश
(घ) बोर्ड का
गठन कब तक कर
दिया जावेगा?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
अंतर सिंह
आर्य ) : (क) एवं (ख)
जी हाँ। (ग) घोषणाओं
के क्रियान्वयन
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) प्रश्नांश
(ख) के
अनुक्रम में
घोषणाओं में
किसी बोर्ड का
गठन सम्मिलित
नहीं है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ड.) प्रश्नांश
(घ) के उत्तर
के अनुक्रम
में प्रश्नांश
'ड'
उपस्थित
नहीं होता है।
वाहन डीलरों द्वारा हेलमेट खरीदी के नाम पर राशि वसूली
[परिवहन]
33. ( क्र. 4303 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग इन्दौर द्वारा वाहन खरीदी के समय वाहन डीलरों से हेलमेट खरीदने की अनिवार्यता की गई है? यदि हाँ तो किन नियमों के तहत की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं, तो वाहन डीलरों द्वारा परिवहन विभाग इन्दौर के आदेश की आड़ में नये वाहन क्रेताओं से वाहन के साथ हेलमेट लेने हेतु राशि वसूली जा रही है? यदि हाँ तो किन नियमों के तहत उक्त वसूली की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या प्रदेश के सभी जिलों में नवीन क्रय किये गये वाहन का पंजीयन कराते समय हेलमेट की रसीद होना अनिवार्य है? यदि हाँ तो किन नियमों के तहत और यदि नहीं, तो इन्दौर जिले में पंजीयन हेतु हेलमेट की रसीद क्यों अनिवार्य की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) परिवहन विभाग इंदौर द्वारा वाहन खरीदी के समय वाहन डीलरों से हेलमेट खरीदने की अनिवार्यता नहीं की गई है। अपितु तथ्यात्मक स्थिति यह है कि मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 129 अनुसार दो पहिया वाहन चालकों एवं सवारी (pillionrider) के लिये हेलमेट का प्रयोग करना अनिवार्य है। इसी प्रकार केन्द्रीय मोटरयान नियम-1989 के नियम 138 (4) (च) में वर्णित प्रावधान निम्नानुसार हैः- '' दुपहिया की खरीद के समय दुपहिया विनिर्माता बी.आई.एस. द्वारा भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 1986 (1986 का 63) के अधीन विहित विनिर्देश के अनुरूप सुरक्षा हेड गियर प्रदान करेगा परंतु ये ‘’शर्तें धारा-129 और सम्बद्ध राज्य सरकार द्वारा उसके अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार छूट प्राप्त प्रवर्ग के व्यक्तियों को लागू नहीं होगी।'' तदनुरूप मध्यप्रदेश शासन परिवहन विभाग के पत्र क्रमांक एफ 22-41/2011/आठ दिनांक 05.09.2014 द्वारा यह परिपत्र जारी किया गया है कि दो पहिया वाहन के साथ क्रेता को हेलमेट खरीदना होगा। इस प्रकार के हेलमेट खरीदने के प्रमाण के बगैर दो पहिया वाहनों को पंजीयन न किया जाए। इस प्रकार इंदौर ही नहीं अपितु प्रदेश के सभी जिलों में नवीन क्रय किये गये वाहन का पंजीयन कराते समय हेलमेट की रसीद होना अनिवार्य है।
शासकीय भूमि उपलब्ध कराया जाना
[राजस्व]
34. ( क्र. 4316 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा शासकीय प्रयोजन के लिये किसी कृषक की कृषि भूमि को अधिग्रहित किये जाने के बाद कितने दिनों में शासकीय भूमि से विनिमय की प्रक्रिया पूर्ण कर प्रभावित कृषक को जमीन उपलब्ध कराई जाती है। वर्तमान में ऐसे कितने कृषकों के प्रकरण विचाराधीन है जिन्हें शासकीय भूमि उपलब्ध कराया जाना है जिनसे शासन पहले ही उनकी कृषि भूमि अधिग्रहण कर चुका है। (ख) धार जिले की सरदारपुर तहसील के ग्राम अमोदिया के नारायण पिता मोती एवं मांगूबाई पति मोती की कृषि भूमि खसरा नं. 670/2 क्षेत्रफल 0.160 हेक्टर एवं खसरा नं. 670 क्षेत्रफल 3.578 हेक्टर कलेक्टर धार द्वारा महावीर जलाशय मोहनखेड़ा के नहर निर्माण हेतु एवं पॉवर ग्रीड कार्पोरेशन 400 के.व्ही.सब स्टेशन राजगढ़ निर्माण में प्रभावित होने से अधिग्रहित की गई हैं। (ग) कृषि भूमियों के अधिग्रहण कर मुआवजा राशि उपलब्ध न कराते हुये कृषक को शासकीय भूमि ग्राम दलपुरा तहसील- सरदारपुर स्थित शासकीय भूमि खसरा नं. 720 पैकि क्षेत्रफल 2.000 हेक्टर एवं खसरा क्रमांक 728/1 पैकि रकबा 1.678 हेक्टर उपलब्ध कराने की क्या कार्यवाही की गई थी। (घ) कलेक्टर धार द्वारा इस प्रकरण में दिनांक 19/06/2010 पत्र क्रमांक 293/रीडर-1/2010 तथा पत्र क्रमांक 143/रीडर-1/2012 दिनांक 09/02/2012 की प्रति देवें, इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, अधिग्रहित भूमि के बदले प्रभावित कृषक को शासकीय भूमि उपलब्ध कराने का प्रावधान तत्कालिन अथवा वर्तमान में लागू भू-अर्जन अधिनियम 2013 में नहीं है। अत; शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रभावित कृषक श्री नारायण पिता मोती द्वारा मुआवजा राशि प्राप्त नहीं की गई। उनके द्वारा मुआवजे के स्थान पर अधिग्रहित भूमि के बदले ग्राम दलपुरा की प्रश्नाधीन भूमि कुल रकवा 3.678 हे. आवंटित करने की मांग की गई थी। कलेक्टर धार से प्राप्त उपरोक्त भूमि विनिमय का प्रस्ताव विभागीय आदेश क्रमांक एफ 16-9/2012/सात/2ए, दिनांक 03 जुलाई, 2013 द्वारा निरस्त कर, आवेदक श्री नारायण पिता मोती को भी आदेश प्रति दी गई है। (घ) कलेक्टर धार के प्रश्नाधीन दोनों पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कृत कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश 'ग' अनुसार।
प्रदूषण की जाँच रिपोर्ट्स
[पर्यावरण]
35. ( क्र. 4557 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी २०१७ को नागदा जिला उज्जैन में माननीय पर्यावरण मंत्री जी म.प्र. शासन की उपस्थिति में प्रदूषण की जाँच की गई? तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? लिये गये सेंपल्स की जाँच रिपोर्टस का ब्यौरा दें। (ख) क्या नागदा में कारखानों से निकलने वाली खतरनाक गैसों से हो रहे प्रदूषण की जाँच की गई? यदि नहीं, तो प्रदूषण की जाँच कैसे पूर्ण मानी जावे? विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। 06 स्थानों से जल नमूने एकत्र कर प्रदूषण की जाँच की गई, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) जी नहीं। उद्भूत विधानसभा आश्वासन की विषय वस्तुस्थिति के परिप्रेक्ष्य में निरीक्षण किया गया था । अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - ''आठ''
पटवारी परीक्षा 2012 में चयनित परीक्षार्थी
[राजस्व]
36. ( क्र. 4569 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 24 फरवरी 2016 के तारांकित प्रश्न संख्या 5 (क्रमांक 2062) के उत्तर (क) में बताया था पटवारी चयन परीक्षा 2012 में जिला भोपाल के 14 विज्ञापित पदों के विरूद्ध पटवारी प्रशिक्षण उपरांत परीक्षा हेतु उपस्थिति 75 प्रतिशत संबंधी नामांकित उम्मीदवारों द्वारा प्रशिक्षण में उपस्थित नहीं होने पर प्रतीक्षा से सूची से चयनित उम्मीदवार द्वारा भी प्रशिक्षण में भाग नहीं लेने के कारण पद रिक्त रहे एवं भोपाल जिले के रिक्त पदों के विरूद्ध तीन सत्रों में उम्मीदवारों को मौका दिया गया? (ख) क्या यह सही है कि भोपाल जिले की प्रतीक्षा सूची से चयनित उम्मीदवार द्वारा भोपाल जिला कलेक्टर को कई बार आवेदन दिये जाने के बाद भी उम्मीदवार को प्रशिक्षण का मौका नहीं दिया गया? (ग) यदि नहीं, तो भोपाल कलेक्टर द्वारा कब-कब किन पत्रों के माध्यम से आवेदकों के नाम राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्था महलगांव ग्वालियर के लिये नाम प्रस्तावित किये गये साथ ही प्राचार्य राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्था महलगांव ग्वालियर द्वारा कब-कब प्रतीक्षा सूची से चयनित उम्मीदवारों को किन पत्रों के माध्यम से उम्मीदवारों क मांग की गई? (घ) समयावधि में प्रतीक्षा सूची के चयनित उम्मीदवारों के नाम नहीं पहुँचाने एवं समयावधि व्यवगत हो जाने में प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों का क्या दोष है उनके भविष्य के साथ शासन द्वारा क्यों खिलवाड़ किया गया दोषी व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं उम्मीदवारों के साथ क्या न्यायोचित कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) भोपाल जिले में पत्र क्र.1549/भू.अभि/2012 दिनांक 10.07.2012 के द्वारा 07 अभ्यार्थियों को एवं पत्र क्र. 864/भू.अभि./ 2013 दिनांक 19.03.2013 द्वारा 09 अभ्यार्थियों को पटवारी प्रशिक्षण शाला सीहोर हेतु नामांकित किया गया। पटवारी संस्था महलगांव द्वारा पत्र क्रमांक 186/प्र.स./प्रशि./2015 ग्वालियर दिनांक 22/5/2015 द्वारा 02 प्रशिक्षणार्थियों की अनुपस्थिति की जानकारी दी गई, किन्तु चयन सूची की वैधता 30/4/2015 को ही समाप्त हो जाने के कारण नये प्रशिक्षणार्थी नहीं भेजे गये। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण एव अतिक्रमण हटने के बाद पुन: कब्जा होना
[राजस्व]
37. ( क्र. 4831 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 07 दिसम्बर 2016 के परि. अता. प्रश्न संख्या 8 (क्रमांक 82) के संदर्भ के उत्तर में बताया था कि बेदखल करने हेतु तहसीलदार अशोकनगर ने दिनांक 06/12/201६ तय की थी उस दिन तथा उसके बाद में बेदखली के बारे में क्या कार्यवाही की गई? (ख) पूर्व प्रश्न में यह उत्तर दिया था कि इस भूमि पर गुना की तत्कालीन जिलाधीश श्रीमति नीलम राव ने पुलिस की मदद से अतिक्रमण हटा दिया था तो दोबारा अशोक नगर नया जिला बनने पर गजराज सिंह पुत्र अमोल सिंह निवासी खानपुर तहसील चंदेरी का कब्जा कैसे हो गया तथा इसको रोकने की जिम्मेदारी किस अधिकारी एवं कर्मचारी की थी? उस पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई? (ग) क्या 07 दिसम्बर 2016 को प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश (ग) का उत्तर दिया था कि जून 2016 में पलकटोरी ग्राम में अवैध खनन करने वाले वाहन डम्पर आदि अमोल सिंह की अतिक्रमण की भूमि में ही पुलिस और प्रशासन पर हमला कर छुड़ाने के बाद रखे गये थे तो अमोल सिंह को पक्ष क्यों नहीं बनाया गया तथा उस पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या इससे यह सिद्ध नहीं होता है कि अमोल सिंह का बेनामी कब्जा है तथा जून 2016 को पलकटोरी में अवैध खनन में पुलिस प्रशासन पर हमलाकर पकड़े गये वाहन इसी बाड़े में रखे गये तथा वास्तविक कब्जा इस प्रकरण में फरार अपराधियों का है तो इसको रिकार्ड में क्यों नहीं लिया गया क्योंकि प्रश्नकर्ता के 19 जुलाई 2015 के प्रश्न संख्या 4 (क्रमांक 63) से सिद्ध है कि अवैध खनन के वाहन इसी भूमि से जब्त किये गये तथा धारा 353, 341, 126, 379, 147, 148, 149 में प्रकरण दर्ज किये गये? क्योंकि इस भूमि पर फरार अपराधियों का बेनामी कब्जा सिद्ध होता है? (घ) प्रकरण न्यायालय एवं राजस्व मंडल में कहाँ लंबित है तथा वर्तमान में स्थिति क्या है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अशोक नगर शहर के मध्य की भूमि भौसले का बाड़ा के बारे में
[राजस्व]
38. ( क्र. 4832 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर शहर के मध्य करोड़ों की भूमि भौसले का बाड़ा शासकीय भूमि जिस पर तत्कालीन गुना कलेक्टर श्रीमती नीलम राव द्वारा कब्जा हटा दिया गया था पुन: बेनामी कब्जा गजराज सिंह पुत्र अमोल सिंह खासखेड़ा चंदेरी द्वारा कर लिया है का प्रकरण भी इसी राजस्व मण्डल के सचिव के पास है व यहां भी निजी व्यक्ति के पक्ष में यह सदस्य निर्णय उपरोक्त दो प्रकरणों की तरह कर सकते है। इस सदस्य को इस प्रकरण से हटाने व उपरोक्त 2 अन्य फैसले जहां शासन विरूद्ध निर्णय दिये है, समीक्षा करने का पत्र प्रश्नकर्ता ने मुख्यमंत्री जी राजस्व मंत्री जी मुख्य सचिव प्रमुख सचिव राजस्व को नवम्बर एवं दिसम्बर 2016 में दिया है उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) चूंकि तहसीलदार के फैसले की अपील एस.डी.ओ. व कलेक्टर को हो सकती है तथा बाद में संभाग के कमिश्नर से हो सकती है तथा तीन स्तरीय व्यवस्था है अत: राजस्व मण्डल में अपील पर रोक पर विचार करेंगे? (ग) क्या प्रदेश शासन राजस्व मण्डल को समाप्त करने पर विचार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्र.क्र. 8 अ 68/13-14 आदेश दिनांक 10.12.2014 द्वारा अतिक्रामक गजराज सिंह पुत्र अलोल सिंह यादव निवासी खानपुर तहसील चन्देरी को म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत 10000/- रूपये अर्थदण्ड आरोपित कर बेदखल करने का आदेश पारित किया गया, माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर खण्डपीठ ग्वालियर के प्र.क्र. डब्ल्यू.पी. 8034 आदेश दिनांक 22.12.14 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी अशोकनगर के न्यायालय में उपरोक्त प्रकरण के निराकरण पर स्थगन दिया गया। अनुविभागीय अधिकारी अशोकनगर के न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 9 अपील/2014-15 में पारित आदेश दिनांक 04.02.2016 से तहसीलदार अशोकनगर का आदेश स्थिर रखा। उक्त भूमि के संबंध में राजस्व मण्डल ग्वालियर द्वारा प्रकरण क्र. 788/16 में पारित आदेश दिनांक 14.03.16 द्वारा गजराज सिंह पुत्र अलोल सिंह का नामान्तरण आदेश कर दिया गया है जिसके विरूद्ध माननीय राजस्व मंडल के अध्यक्ष द्वारा प्रकरण पुनर्विलोकन में लेकर कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं।
लघु ओर कुटीर उद्योगों में रोजगार मूलक कार्य
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
39. ( क्र. 4938 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगारों हेतु लघु और कुटीर उद्योगों के साथ अन्य रोजगार मूलक कार्यों के लिए कौन-कौन सी योजनाएँ संचालित हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सफलतापूर्वक किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ तो वर्ष २०१३-१४ वर्ष २०१४-१५ एवं वर्ष २०१५-१६ प्रश्न दिनांक तक घट्टिया तहसील में कितने आवेदकों के आवेदन प्राप्त होकर उन पर किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई? (घ) साथ ही किन-किन योजनाओं के माध्यम से कितना-कितना ऋण एवं अन्य सुविधायें प्राप्त होकर उपरोक्त उल्लेखित स्थानों के अंतर्गत किस-किस आशय के किस-किस प्रकार के लघु कुटीर उद्योग एवं अन्य कार्य प्रारम्भ हुए?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगारों हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना का संचालन किया जा रहा है एवं रेशम संचालनालय द्वारा जिले में मलबरी विकास एवं विस्तार योजना संचालित है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
छात्र/छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र हेतु
[राजस्व]
40. ( क्र. 4941 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की उज्जैन उत्तर एवं दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र हेतु कितने आवेदन पत्र दिनांक 01.07.2013 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए? शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों कई संकुलवार, जातिवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने छात्र/छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र बनाकर छात्रों को वितरित किये गये? लोक सेवा ग्यारंटी केंद्र एवं नगर पालिका निगम उज्जैन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी स्तर पर भेजने के पश्चात भी वर्ष से भी अधिक अवधि तक निराकरण न करने के पीछे कार्यालय कलेक्टर जिला उज्जैन की क्या मंशा है? क्या कलेक्टर उज्जैन विद्यालयों से प्राप्त आवेदनों को प्राथमिकता देकर निराकरण करेंगे, यदि हाँ तो कब तक? (ग) एक वर्ष से भी अधिक की अवधि में भी जाति प्रमाण पत्र न बनाए जाने में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? शासन इन दोषी अधिकारियों/कर्मचारीयों पर क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विशेष अभियान के अंतर्गत जाति प्रमाण-पत्र के आवेदन अभियान प्रारंभ दिनांक 01.07.2014 से प्राप्त हुए है। उज्जैन मुख्यालय में 02 लोक सेवा केन्द्र संचालित है, उज्जैन शहरी एवं उज्जैन ग्रामीण उक्त दोनों केन्द्रों में जन शिक्षा केन्द्रों से सत्र 2014-15 में 70939 आवेदन, सत्र 2015-16 में 2986 आवेदन एवं सत्र 2016-17 में 1073 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। जनशिक्षा केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अभियान अंतर्गत सत्र 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्राप्त आवेदन, निराकृत आवेदन एवं लोक सेवा केन्द्र द्वारा वितरण हेतु जनशिक्षा केन्द्र को दिये गये प्रमाण पत्रों की संख्या निम्नानुसार हैः-
सत्र |
कुल प्राप्त |
निराकृत |
लंबित |
वितरण हेतु जन शिक्षा केन्द्र को दिये गये प्रमाण पत्रों की संख्या |
14-15 |
70939 |
70783 |
156 |
70908 |
15-16 |
2986 |
2978 |
8 |
2983 |
16-17 |
1073 |
242 |
831 |
0 |
कुल |
74998 |
74003 |
995 |
73891 |
लंबित
आवेदन अन्य
जिलों में
निराकरण हेतु
लंबित है।
आवेदन पत्रों
के निराकरण की
अवधि 30
जून 2017 निर्धारित
की गई है।
इनके निराकरण
हेतु अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व)
एवं संबंधित
कलेक्टरों को
लिखा गया है। (ग)
आवेदन
पत्रों के
निराकरण की
अवधि 30
जून 2017
निर्धारित
है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
होटल सूर्या के सम्बंध में
[राजस्व]
41. ( क्र. 4943 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के चक ग्राम के पास सूर्या रिसोर्ट का संचालन कब से किया जा रहा है कितनी भूमि पर रिसोर्ट का संचालन किया जा रहा है? (ख) सूर्या रिसोर्ट की कितनी भूमि का डायवर्सन किया गया है एवं कितना टैक्स कब-कब जमा किया गया है, कितना टैक्स बकाया है बकाया टैक्स वसूली के लिये क्या-क्या कार्यवाही की गई है? राशिवार एवं दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) सूर्या रिसोर्ट द्वारा कितनी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है अतिक्रमण हटाने के लिये प्रशासन द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सूर्या रिसोर्ट का संचालन फरवरी,2016 से किया जा रहा है एवं सर्वे नं. 443/2/1 रकबा 0.282 हे. पर संचालन किया जा रहा है। (ख) सूर्या रिसोर्ट की भूमि रकबा 0.282 हे. का डायवर्सन अनुविभागीय अधिकारी घट्टिया द्वारा किया गया है। वर्ष 2915-16, 2016-17 में राशि 1640/-रू. प्रतिवर्ष के मान से 2 वर्ष का रू. 3280/- रसीद क्रमांक 25/2953 दिनांक 17.11.2016 को जमा किया गया है। शेष वर्ष 2001-2002 से 2014-15 तक कुल 14 वर्षों की डायवर्सन राशि 22960/- की वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। डायवर्सन वसूली की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सूर्या रिसोर्ट द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है।
प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र पर कार्यवाही
[राजस्व]
42. ( क्र. 5216 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 7019 दिनांक 14 दिसंबर 2016 प्रमुख सचिव राजस्व विभाग भोपाल, प्रमुख आयुक्त राजस्व भोपाल आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर को लिखकर उसकी प्रति सभी 10 संभागायुक्तों को प्रेषित कर दखल रहित जमीनों को वर्किंग प्लान में शामिल किए जाने से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाए जाने अनुरोध किया है? (ख) यदि हाँ, तो पत्र क्रमांक 7019 दिनांक 14 दिसंबर 2016 में चाही गई जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में प्रमुख सचिव प्रमुख आयुक्त एवं आयुक्त भू-अभिलेख ने किस दिनांक को किस-किस को क्या-क्या आदेश निर्देश दिए है? (ग) पत्र में किस अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित कितने वनखण्डों में शामिल कितनी भूमियों का उल्लेख किया है इसमें से कितनी भूमि राजस्व विभाग ने राजस्व अभिलेखों में दखल रहित भूमियों के रूप में दर्ज भूमि है? (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 7019 दिनांक 14 दिसंबर 2016 में चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नागरिक आपूर्ति निगम में समर्थन मूल्य की खरीदारी में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
43. ( क्र. 5225 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में गरीबों को बांटने के लिए जबलपुर से भेजे गये 2 करोड़ की मिट्टी मिला कुल 8 करोड़ का गेहूँ आज भी गोदामों में अनुपयोगी पड़ा है? क्या दोषियों पर कार्यवाही न करने के लिए मामले को दबाया जा रहा है? (ख) क्या प्रमुख सचिव नागरिक आपूर्ति निगम ने समर्थन मूल्य खरीदी में अनियमितता करने वाली संस्थाओं, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं परिवहनकर्ताओं पर कार्यवाही के निर्देश दिये, पत्र दें एवं की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो निम्न गुणवत्ता की खरीदी करने एवं अन्य अनियमितता करने पर कितने खरीदी केन्द्रों एवं परिवहनकर्ताओं को ब्लैक लिस्टेड किया गया? अनियमितता करने वालों की सूची भी दें? (घ) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो खाद्यान्न उपार्जन में अनियमितता करने वाली संस्थाओं अधिकारियों, कर्मचारियों और परिवहनकर्ताओं के विरूद्ध कब तक आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करा दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन समितियों द्वारा खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
44. ( क्र. 5249 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग टीकमगढ़ जिले के अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने प्रकार की खाद्यान्न वितरण समितियां आपूर्ति, स्टोर वन समितियां, बहुउद्देश्य महिला समिति जिले में खाद्यान्न का वितरण कर रहे हैं? उनके ग्राम वार समिति का नाम, ग्रामवार वितरण कर्ता का नाम एवं प्रत्येक ग्राम को मिलने वाले समस्त प्रकार के खाद्यान्न की मात्रा बतायें। (ख) टीकमगढ़ जिले में जो महिला समितियां आपूर्ति स्टोर या समूह ग्राम पंचायत शासन द्वारा आवंटित हैं तो वह किस आदेश के तहत हैं व उनका संचालन खाद्य विभाग की नीति के अनुसार है? यदि नहीं, तो उन खाद्यान्न की दुकानों को निकट की सहकारी वितरण समिति को क्यों नहीं दिया जाता? कब तक देगें? (ग) क्या टीकमगढ़ जिले में वन समितियों द्वारा खाद्यान्न का वितरण विभिन्न ग्रामों में किया जा रहा है? क्या इन समितियों को वन मण्डल टीकमगढ़ द्वारा अनुमोदन व सहमति प्राप्त है? यदि नहीं, तो क्यों? इन्हें कब तक बंद किया जायेगा? (घ) टीकमगढ़ जिले में खाद्य विभाग द्वारा हितग्राही को प्रत्येक तहसील की खाद्य वितरण की एक नियत तिथि क्यों नहीं तय की जा सकती? क्या टीकमगढ़ जिले के अनुभाग जतारा में समूहों में खाद्यान्न वितरण हेतु आवेदन लिये गये थे? उन पर आज तक क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले में स्वसहायता समूहों अथवा ग्राम पंचायतों को कोई दुकान आवंटित नहीं है। आपूर्ति स्टोर को शासन की नवीन नीति के अनुसार पात्रता नहीं है, परन्तु माननीय उच्च न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की विभिन्न कंडिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं में न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलित होने के कारण प्रकरण के निराकरण उपरांत सक्षम अधिकारी द्वारा प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में वन मण्डलाधिकारी से अनुमोदन प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानानुसार निर्धारित दिवसों में खाद्यान्न वितरित कराने का प्रावधान है। पात्र परिवारों को राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए एक नियत तिथि की अपेक्षा निर्धारित दिवसों में राशन सामग्री वितरित कराने का विकल्प बेहतर है। इससे उपभोक्ता अपनी सुविधा अनुसार राशन सामग्री प्राप्त कर सकता है। जी हाँ। शेष भाग की जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
शहरी/देहात थानो की स्थापना का मापदण्ड
[गृह]
45. ( क्र. 5273 ) श्री महेश राय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी/देहात थाना की स्थापना का क्या मापदण्ड है? कितनी जनसंख्या पर एक थाने की स्थापना अनिवार्य है? (ख) प्रत्येक थाने पर जनसंख्या के हिसाब से पदवार कितना कितना बल होना आवश्यक है? (ग) विधान सभा क्षेत्र बीना में सन् 2013 के पूर्व निर्मित थानों के अंतर्गत जनसंख्या वृद्धि के अनुसार कितने थाने एवं चौकियां बनाई गई और नहीं तो क्यों? (घ) क्या शासन की कोई योजना थाना व सुरक्षा बल बढ़ाने की है तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पुलिस थाने पर जनसंख्या के हिसाब से निम्नानुसार बल होना चाहिए- (1) नगरीय थाना-50,000 जनसंख्या पर 75 का बल (2) नगर पंचायत थाना-50,000 जनसंख्या पर 50 का बल (3) ग्रामीण थाने का बल 40,000 जनसंख्या पर 35 का बल निर्धारित किया गया है। (ग) जी नहीं। निर्धारित मापदण्ड अनुसार थाने एवं चौकियों की स्थापना की जाती है। जिसमें मुख्य रूप से उक्त क्षेत्र में घटित भारतीय दण्ड विधान के अपराधों का वार्षिक औसत के आधार पर थानों/चौकियों की स्थापना की जाती है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र बीना की ग्राम पंचायत बसाहरी के गांव पटी को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
46. ( क्र. 5274 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बीना की ग्राम पंचायत बसाहरी विकासखण्ड खुरई के गांव पटी को राजस्व ग्राम का दर्जा क्यो प्रदान नहीं किया गया, जबकि वहां की आबादी लगभग 5000 है? (ख) यदि राजस्व ग्राम न हो तो क्या वहां के रहवासियों को मध्यप्रदेश शासन की योजनाओं का लाभ न देने का प्रावधान है? (ग) यदि नहीं, तो ग्राम पटी में मध्यप्रदेश शासन की योजनाओं का लाभ जनता को क्यों नहीं दिया जा रहा है, जैसे अवागमन हेतु मार्ग, पेयजल की व्यवस्था आंगनवाड़ी, राशन की दुकान इत्यादि? (घ) प्रश्नांश 'क' ग्राम पटी एवं विधान सभा क्षेत्र बीना के अन्य ग्रामों को राजस्व ग्राम कब तक घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बीना के ग्राम बसाहरी तहसील खुरई एवं विकासखण्ड खुरई का मजरा पटी, जिसकी आबादी 440 है को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी नहीं। ग्राम बसाहरी के मजरा पटी को मध्यप्रदेश शासन की समस्त योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (ग) ग्राम बसाहरी के मजरा पटी में एक शासकीय माध्यमिक शाला, आशा कार्यकर्ता, पीने के पानी हेतु शासकीय टयूबबेल, एक हैण्डपम्प, एक कुआं है। मजरा पटी का आंगनवाड़ी केन्द्र एवं राशन की दुकान ग्राम बसाहरी में है। मध्यप्रदेश शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (घ) विधान सभा क्षेत्र बीना के ग्राम बसाहरी राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। अन्य ग्रामों के मजरा नवीन राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की पात्रता की श्रेणी में नहीं आते हैं। मजरा पटी को नवीन राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हैण्डपंप सुधारने हेतु सामग्री उपलब्ध कराई जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
47. ( क्र. 5279 ) श्री महेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बीना के लिए हैण्डपंप सुधारने हेतु (आउट सोर्सिंग) लेवर, वाहन सामग्री उपलब्ध करायी गयी है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी है? (ग) बन्द पड़ी गयी नल-जल योजना को प्रारंभ कराने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति एवं धन राशि स्वीकृत कराने का क्या प्रावधान है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार समय-सीमा बतावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्रवार राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है, अपितु जिलेवार राशि आवंटित की जाती है। (ग) बंद योजनाओं को चालू करने हेतु सुधार कार्य का प्राक्कलन तैयार कर सक्षम तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर उपलब्ध आवंटन के अनुसार राशि जारी करने का प्रावधान है। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार व्यवस्था की गई है।
स्टोन क्रेशर/खदानें/सीमेंट उद्योग से हुए प्रदूषण से पर्यावरण को नुकसान
[पर्यावरण]
48. ( क्र. 5439 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत स्टोन क्रेशर/खदानें/सीमेंट उद्योग कब से संचालित हैं, उक्त उद्योगों को कब-कब जलवायु सम्मति, पर्यावरण सम्मति प्रदान की गई है नाम एवं दिनांकवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शिकायतकर्ता छत्रपाल सिंह छत्तू निवासी सतना द्वारा दिनांक 21/09/2016 को क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को दो पत्र एवं जिला खनिज अधिकारी को 23/09/2016 को दो पत्र दिए गए थे? (ग) प्रश्नांश (ख) में दिए गए पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई, उसका विवरण बिंदुवार पृथक-पृथक बताएँ? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी? अब तक कार्यवाही न करने के लिए उक्त दोनों विभाग के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं, इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के मुख्य अभियन्ता हेमंत शर्मा के विरुद्ध लोकायुक्त में प्रकरण पंजीकृत कर विवेचनाधीन है, यदि हाँ तो क्या प्रबंधन द्वारा उक्त प्रकरण में कोई विभागीय जाँच संस्थित है, यदि हाँ तो मुख्य अभियंता से अठारह लाख रूपये वसूलने हेतु कितने बार नोटिस दी गई है एवं कितनी राशि जमा कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक जमा कराई जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सतना कार्यालय को श्री छत्रपाल सिंह छत्तू के नाम से दिनांक 23/9/16 को दो पत्र प्राप्त हुए थे,जिसमें सीमेंट उद्योगों,स्टोन क्रेशर एवं खदानों के संबंध में जानकारी चाही गई थी, किंतु पत्र में कोई भी संपर्क का पता/संपर्क नंबर उल्लेखित नहीं होने से जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) लोकायुक्त कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 14/10/2016 के माध्यम से जाँ. प्र. 378/2016 शिकायत के संबंध में चाही गई जानकारी लोकायुक्त कार्यालय को प्रेषित की गई है। श्री हेमंत शर्मा के विरूद्ध वर्तमान में कोई विभागीय जाँच प्रचलित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
49. ( क्र. 5451 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर कटनी एवं जिलों व तहसीलों में डिप्टीकलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के कितने स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद कहाँ रिक्त हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) कार्यालयों में किन स्तर के राजस्व अधिकारियों के उनसे उच्च स्तर के अधिकारियों के स्थान पर पदस्थ कर सेवायें ली जा रही हैं? (ग) क्या दिनांक 1-1-2015 से आज दिनांक तक किन्हीं राजस्व अधिकारियों को दो स्थानों का दायित्व देकर सेवायें ली गई हैं जिससे वहां पर जनसमस्याओं के निराकरण प्रभावित हो रहे हैं? यदि हाँ तो उन स्थानों की सूची दी जायें। (घ) प्रश्नांश (क) अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) नायब तहसीलदार एवं सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को प्रभारी तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार का प्रभार देकर सेवायें ली जा रही है। (ग) जी हाँ, जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नायब तहसीलदारों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मांग पत्र मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासी एवं अनुसूचित जाति विद्यार्थीयों के लिए आवंटित भूमि
[राजस्व]
50. ( क्र. 5454 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर भोपाल के प्रस्ताव दिनांक 01/08/2007 पर बड़वई जिला भोपाल में खसरा नं. 418 से 421 एवं 423 कुल रकबा 7 एकड़ की जमीन म.प्र. शासन द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग को आवंटित की गई थी। (ख) यदि हाँ तो क्या वर्तमान में उस भूमि का उपयोग आदिवासी एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा उक्त समुदाय के विद्यार्थियों हेतु छात्रावास/आश्रम निर्माण में किया जा रहा है? यदि हाँ तो सूची उपलब्ध कराएं। (ग) क्या विभिन्न अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान यह बात स्पष्ट हुई है कि उक्त आवंटित भूमि में से मुख्य मार्ग से राजस्व अधिकारियों भोपाल द्वारा किसी निजी व्यक्ति/बिल्डर को रास्ता दिया गया है, जो शासन आदेश में शामिल नहीं था? यदि हाँ, तो आदिवासी एवं अनुसूचित जाति विद्यार्थियों के लिए आवंटित भूमि में से निजी व्यक्ति/बिल्डर को नियम विरुद्ध रास्ता दिए जाने वाले दोषी राजस्व आधिकारी के विरुद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? दोषी के विरुद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नामांतरण/बंटवारा एवं फोती नामांतरण में अनियमितता बावत्
[राजस्व]
51. ( क्र. 5498 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने नामांतरण/बंटवारे एवं फोती नामातंरण किया गया? ग्रामवार/किसानों की संख्यात्मक जानकारी प्रदाय करें? (ख) प्रश्नांश “क” अनुसार दर्ज नामांतरण/बंटवारा एवं फोती नामांतरण के क्या नियम हैं? कितने प्रकरण तहसील/टप्पा में दर्ज किये जाकर बंटवारे/नामातंरण एवं फोती नामांतरण के आदेश जारी कर कम्प्यूटर पर दर्ज किये गये हैं? ग्रामवार, किसानों की संख्यात्मक जानकारी से अवगत करावें? कितने किसानों के नामांतरण/बंटवारे एवं फोती नामांतरण पंजी पर दर्ज किये जाकर कम्प्यूटर पर दर्ज किये गये हैं? कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक कम्प्यूटर पर दर्ज नहीं हैं? दर्ज नहीं करने का कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश “ख” अनुसार जब प्रकरण दर्ज का नामांतरण/बंटवारा एवं फोती नामांतरण के नियम हैं, तब पटवारी/सक्ष्म अधिकारियों के द्वारा सीधे पंजी पर नामांतरण बंटवारा एवं फोती नामांतरण बिना प्रकरण दर्ज किये क्यों किया गया? शासन ऐसे दोषियों के विरुद्ध कब तक कार्यवाही करेगा? प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण नामांतरण बंटवारे एवं फोती नामांतरण के शेष हैं? शेष प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला राजगढ अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक 6541 नामांकन, बंटवारा एवं फौती नामांतरण किये गये। ग्रामवार/किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज नामांतरण, बंटवारा एवं फौती नामांतरण के नियम म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109,110 व 178 में उल्लेखित है। तहसील/टप्पा में 304 प्रकरण दर्ज किये जाकर बंटवारे नामांतरण एवं फौती नामांतरण के 296 प्रकरणों का निराकरण कर प्रकरण कम्प्यूटर में दर्ज किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इसी प्रकार 15452 किसानों के नामांतरण, बंटवारे एवं फौती नामांतरण पंजी पर 6237 दर्ज किये जाकर 5209 प्रकरण कम्प्यूटर पर दर्ज किये गये है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कुल 1036 प्रकरण प्रश्न दिनांक तक कम्प्यूटर पर दर्ज नहीं है। दर्ज नहीं करने का कारण नवीन साफ्टवेयर WEBDIS की तकनीकी खामियों के कारण एवं संबंधित ग्राम के नक्शे नहीं होने के कारण प्रश्न दिनांक तक कम्प्यूटर पर दर्ज नहीं हो सके है। (ग) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 व 178 के अधीन एवं सुसंगत नामांतरण नियम क्रमांक 24 में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार ही नामांतरण पंजी पर उक्त प्रकरणों का प्रमाणीकरण किया जाता है। जो विधि अनुरूप है। प्रश्न दिनांक तक कुल 31 नामांतरण 11 फौती नामांतरण एवं 50 बंटवारे के प्रकरण लंबित है। उक्त लंबित प्रकरणों का निर्धारित समय अवधि में निराकरण कर दिया जावेगा।
आम रास्तों से अतिक्रमण हटाये जाना
[राजस्व]
52. ( क्र. 5532 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला खंडवा में पुनासा तहसील के अंतर्गत आम रास्तों पर से तथा खेतों में जाने वाले रास्ते किन-किन ग्रामों में अतिक्रमित किये हुए हैं? (ख) विगत तीन वर्षों में क्या पुनासा तहसील के अंतर्गत आम रास्तों से अतिक्रमण हटाने हेतु किन-किन ग्रामों से कितने आवेदन आये हैं? उसमें कितने आवेदन निराकृत और कितने शेष है? शेष रहने का क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फरार अपराधियों की गिरफ्तारी
[गृह]
53. ( क्र. 5619 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले के किन-किन पुलिस थाना अंतर्गत वर्ष 2014 से दिसम्बर 2016 लूट, हत्या, डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी के जैसे गंभीर कितने अपराधी अब तक कितने समय से फरार हैं? थानेवार ब्यौरा दें. (ख) फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अब तक क्या-क्या कार्यवाहियां पुलिस द्वारा की गई? (ग) कितने फरार अपराधियों पर पुलिस ने इनाम घोषित किया है? ब्यौरा दें. इनाम घोषणा के मापदण्ड क्या हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) फरार अपराधियों की तलाश उनके निवास स्थान, रिश्तेदारों, आस-पास के थाना क्षेत्रों एवं संभावित स्थानों पर की गई है। गिरफ्तारी के हरसंभव प्रयास किये जा रहे है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। प्रकरण की गंभीरता, संवेदनशीलता को देखते हुये विभिन्न स्तर के अधिकारियों द्वारा ईनाम की उद्घोषणा की जाती है। वर्तमान मापदण्ड निम्नानुसार है- पुलिस महानिदेशक म.प्र.-रुपये 50,000/- पुलिस महानिरीक्षक-रू. 30,000/-, उप पुलिस महानिरीक्षक-रुपये 20,000/- पुलिस अधीक्षक-रुपये- 10,000/-
वर्ष 2016-17 में मनासा विधानसभा क्षेत्र के कृषकों के राजस्व विभाग को प्राप्त नुकसानी प्रकरण
[राजस्व]
54. ( क्र. 5655 ) श्री कैलाश चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में मनासा विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गाँव के कृषकों के नुकसानियों के बारे में आर.बी.सी. के प्रावधानों के तहत् हल्का पटवारियों से कितने प्रकरण राजस्व अधिकारियों को प्राप्त हुए हैं। (तहसीलवार, कृषकों की संख्या नाम, पंचनामे की दिनांक एवं नुकसानी विवरण बताएं) (ख) उक्त प्रस्ताव के प्रकाश में उपरोक्त कृषकों को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है। कृषकों की संख्या, राशि एवं वितरण दिनांक बतावें। (ग) जिन प्रकरणों में अभी तक निराकरण नहीं हुआ है उन कृषकों की संख्या व नुकसानी का विवरण बताए। (घ) इन प्रकरणों के निराकरण न किए जाने के क्या कारण हैं व इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) माह अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल 557 प्रकरण प्राप्त हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार कुल 557 प्राप्त प्रकरणों में से आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के तहत कुल 512 कृषकों को अनुदान राशि स्वीकृत की गई एवं 45 कृषक अपात्र होने से उन्हें अनुदान सहायता राशि स्वीकृत नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) सभी प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है। (घ) प्रश्नांश "ग" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जातिगत भावना से प्रेरित होकर कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जाना
[परिवहन]
55. ( क्र. 5702 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पदस्थ श्रीमती अर्चना मिश्रा ए.आर.टी.ओ. द्वारा इंदौर परिवहन कार्यालय में पदस्थ अ.जा./अ.ज.जा. एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार व जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित करते हुए प्रताड़ित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इन वर्ग के कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री, अ.जा./अ.ज.जा. आयोग व परिवहन मंत्री तथा प्रमुख सचिव से शिकायत की गई हैं? (ख) क्या उक्त गंभीर शिकायत को गंभीरता से न लेते हुए ए.आर.टी.ओ. को खुली छूट देते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है, क्या श्रीमती मिश्रा को परिवहन विभाग के अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है जिस कारण विभाग इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करना चाहता है? (ग) क्या विवेक कुमार वर्मा समाज सेवक (राष्ट्रहित जन-सेवा केंद्र) सी-48 मयूरविहार काम्पलेक्स भोपाल द्वारा ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए तथा संबंधित ए.आर.टी.ओ. के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु म.प्र. शासन के मुख्यमंत्री समेत, परिवहन मंत्री, माननीय लोकायुक्त, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, प्रमुख सचिव परिवहन विभाग को पत्र प्रेषित किये गए हैं विवरण सहित बताएँ कि अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित ए.आर.टी.ओ. के विरुद्ध एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत मुकदमा पंजीबद्ध कर उक्त कार्यालय से हटाते हुए उच्चस्तरीय जाँच कराकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पदस्थ समस्त अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों से पूछा गया, सभी ने जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित करते हुए प्रताड़ित किये जाने की बात को अस्वीकार किया गया है। (ख) ए.आर.टी.ओ श्रीमती अर्चना मिश्रा द्वारा निष्ठा पूर्वक कार्य सम्पदित किया जाता है। उन्हें परिवहन विभाग के अधिकारी का संरक्षण प्राप्त होने की बात सही नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री विवेक कुमार वर्मा समाज सेवक (राष्ट्रहित जन-सेवा केंद्र) सी-48 मयूरविहार काम्पलेक्स भोपाल द्वारा प्रेषित किया गया ऐसा कोई पत्र कार्यालयीन अभिलेख अनुसार परिवहन विभाग मंत्रालय में आना नहीं पाया जाता। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण हेतु अधिग्रहित भूमि का मुआवजा
[राजस्व]
56. ( क्र. 5707 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किन किन मार्गों हेतु भूमि का अधिग्रहण किया है? क्या अधिग्रहण की गई भूमि का संबंधित खाताधारकों को शासन के मापदण्ड अनुसार मुआवजा वितरित किया गया है? यदि नहीं, तो कौन-कौन सी सड़कों का मुआवजा दिया जाना शेष है? कुल कितनी सड़कें हैं जिनका भू-अर्जन किया जाकर मुआवजा दिया जाना लंबित है और कब से? कृषकवार जानकारी प्रदान करें। इन्हें मुआवजा कब तक दिया जावेगा। (ख) ग्राम पावटी से चिकन्या राजस्थान सीमा तक सड़क निर्माण में वर्ष 2007 में किसानों की भूमि अधिग्रहण की गई थी? क्या सम्बधित कृषकों को मुआवाजा राशि भुगतान नहीं हुई हैं? कब तक भुगतान किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार 08 सड़क निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण किया गया है। इनमें से 1. पावटी से चिकन्या पहुँच मार्ग 2. भानपुरा से छोटे बड़े महादेव मंदिर पहुंच मार्ग 3. देथली बुजुर्ग से पनवाडी साठखेडा पहुँच मार्ग हेतु अधिग्रहित भूमि का अवार्ड पारित हो चुका है। लोक निर्माण विभाग द्वारा राशि जमा करने पर तत्काल मुआवजा राशि वितरित कर दी जावेगी। शेष 05 योजनाओं में प्रकरण प्रक्रियाधीन है। पहुँच मार्ग, अवार्ड, राशि, प्रभावित कृषक संख्या, लंबित रहने का कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। कृषकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। अवार्ड अनुमोदन के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा पारित अवार्ड की राशि प्राप्त होते ही भुगतान किया जावेगा।
बी.पी.एल. राशन कार्ड के सम्बंध में
[राजस्व]
57. ( क्र. 5763 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सैलाना अंतर्गत विगत 02 वर्षों में कितने नवीन बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाए गए हैं? निकायवार/ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? सक्षम अधिकारी अनुविगीय अधिकारी (राजस्व) एवं तहसीलदार द्वारा जारी आदेश की प्रमाणित छाया प्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नाश 'क' में उल्लेखित राशनकार्ड में से कितने हितग्राहियों को पात्रता पर्ची उपलब्ध कराई गई हैं एवं कितनों को पात्रता पर्ची नहीं दी गई हैं? पात्रता पर्ची किन कारणों से नहीं दी गई एवं इसके लिए कौन दोषी हैं? इन्हें कब तक पात्रता पर्ची उपलब्ध करा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बैतूल जिले में व्ही.टी.पी द्वारा प्रशिक्षण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
58. ( क्र. 5855 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान किए जाने हेतु कितने अशासकीय व्ही.टी.पी पंजीकृत हैं? नामवार जानकारी दें। (ख) वर्ष २०१३-२०१४ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन अशासकीय व्ही.टी.पी द्वारा कितने प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया गया है, इनमें कितने प्रशिक्षणार्थी एम.पी.सी.वेट द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं? कितने अनुत्तीर्ण रहे वर्षवार संख्या बतावें? (ग) क्या अशासकीय व्ही.टी.पी. को प्रशिक्षणार्थियों के उत्तीर्ण होने पर ही एम.पी.सी.वेट के द्वारा भुगतान किया जाता है? यदि हाँ, तो बैतूल जिले में कितनी व्ही.टी.पी को प्रशिक्षण सत्रवार कितनी-कितनी राशि का भुगतान एम.पी.सी.वेट द्वारा किया गया है? प्रशिक्षण सत्र में कितने-कितने प्रशिक्षणार्थी थे वर्षवार बताएं? (घ) क्या व्ही.टी.पी को अनुत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों का भुगतान प्रशिक्षण आयोजित करने वाले विभागों द्वारा किया जाता है? यदि हाँ तो क्या भुगतान से पूर्व एम.पी.सी.वेट से प्रमाणीकरण कराया जाना आवश्यक है? इस संबंध में जारी निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) दिनांक 11.09.2013 के पूर्व केवल उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों का भुगतान किया जाता था तथा दिनांक 11.09.2013 के पश्चात परीक्षा में सम्मिलित प्रशिक्षणार्थियों का भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) अन्य विभागों द्वारा आयोजित प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण के भुगतान की शर्तें आयोजित करने वाले विभागों द्वारा तय की जाती है। जी नहीं। इस संबंध में एम.पी.सी.वेट द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किये गये।
भूमि स्वामी हक की भूमि में खड़े वृक्षों की अवैध कटाई
[राजस्व]
59. ( क्र. 5859 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा तहसील की आदिवासियों की भूमि स्वामी हक की निजी भूमि में खड़े वृक्षों के अवैध कटाई के प्रकरणों में इमारती काष्ठ को राजसात करने के आदेश दिये गये हैं एवं राजसात की गई लकड़ी को अपने आधिपत्य में लेने वन मण्डलाधिकारी उत्तर सामान्य वन मण्डल/वन मण्डलाधिकारी उत्तर उत्पादन बालाघाट को निर्देश जारी किए गए हैं? (ख) यदि हाँ तो वित्तिय वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के किन-किन आदिवासियों की कितनी-कितनी इमारती काष्ठ राजसात की गयी? किन-किन एवं कहाँ-कहाँ के आदिवासियों की इमारती काष्ठ को क्यों राअजसात नहीं किया गया? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिन आदिवासियों ने वृक्ष काटने के ब्यान दर्ज कराए हैं, उनके इमारती काष्ठ को भी राजसात किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम एवं विधि के तहत किया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक तक कुल 87 प्रकरणों में आदिवासियों द्वारा अवैध रूप से काटी गई इमारती काष्ठ को राजसात करने के आदेश दिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’एक’ अनुसार। वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक तक कुल 09 प्रकरणों में आदिवासियों द्वारा अवैध रूप से काटी गई इमारती काष्ठ को राजसात न करते हुये अर्थदण्ड आरोपित करते हुये इमारती काष्ठ वन विभाग के माध्यम से नीलामी के द्वारा विक्रय कर राशि प्रदाय करने के आदेश दिए गए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’दो’ अनुसार। (ग) जी हाँ। आदिवासियों के अवैध वृक्ष कटाई के प्रकरणों में बयान अंकित किए गए है। आदिवासियों द्वारा बिना समक्ष अधिकारी से अनुमति प्राप्त किए वृक्ष काटे जाने के कारण उनके विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 241 एवं म.प्र. आदिम जातियों का संरक्षण अधिनियम 1999 एवं 2000 का स्पष्ट उल्लंघन पाते हुए विधिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही की गई है।
नागदा के उद्योगों में स्थायी श्रमिकों के स्वीकृत पद
[श्रम]
60. ( क्र. 5876 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा शहर में संचालित ग्रेसीम, केमिकल डिवीजन एवं लेंसेक्स उद्योगों में कार्यरत स्थायी श्रमिकों के कुल कितने पद सृजित हैं? (ख) सृजित पदों पर वर्तमान में कितने स्थायी श्रमिक कार्य कर रहे हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? पद रिक्त रहने के क्या कारण हैं? उद्योगों द्वारा इन रिक्त पदों पर कब तक पूर्ति कर दी जावेगी?
खाद्य
मंत्री ( श्री
ओम प्रकाश
धुर्वे ) : (क) नागदा
शहर में
संचालित
उद्योगों में
कार्यरत
स्थायी श्रमिकों/कर्मचारियों
के कुल पदों
का विवरण
निम्नानुसार
हैः-
क्र. उद्योग
का नाम सृजित
स्थायी
श्रमिकों/के पदों
की संख्या
1. ग्रेसिम, इंण्डस्ट्रीज
लि. (एस.एफ.डी.) 1290
2. ग्रेसिम, इंण्डस्ट्रीज
लि. (केमिकल
डिविजन) 478
3. लेंसेक्स
इंडिया
प्रा.लि. 372
(ख)
उक्त
रिक्त पदों पर
वर्तमान में
कार्यरत स्थायी
श्रमिकों/कर्मचारियों
के कुल पदों
का विवरण
निम्नानुसार
हैः-
क्र. उद्योग
का नाम स्थायी
कार्यरत
श्रमिकों की
संख्या रिक्त
पदों की
संख्या
1. ग्रेसिम, इंण्डस्ट्रीज
लि. 1656 निरंक
(एस.एफ.डी.)
2. ग्रेसिम, इंण्डस्ट्रीज
लि. 478 निरंक
(केमिकल
डिविजन)
3. लेंसेक्स
इंडिया
प्रा.लि.
372 3 पद
स्टाफ के
रिक्त (इन
रिक्त पदों की
पूर्ति हेतु
प्रक्रिया
निरंतरित है)
सहायक भू-अभिलेख अधिक्षकों से नायब तहसीलदार का कार्य कराया जाना
[राजस्व]
61. ( क्र. 5977 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर मुरैना द्वारा वर्ष २०११ से २०१५ के मध्य जिला में पदस्थ सहायक भू-अभिलेख अधीक्षकों को भू-राजस्व संहिता के अन्तर्गत केवल नायब तहसीलदार के रूप में आदेशित कर पदस्थ किया गया था यदि हाँ, तो कौन-कौन सहायक भू-अभिलेख अधीक्षक को जिला मुरैना में किस-किस राजस्व वृत्तो पर कितनी कितनी अवधि के लिए पदस्थ किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) आदेशित अवधि के उपरांत भी सहायक भू-अभिलेख अधीक्षकों द्वारा नायब तहसीलदार का कार्य करवाया गया और नामांतरण करवाये गये, जबकि भू-राजस्व संहिता के अनुसार उक्त अधिकार केवल राजस्व अधिकारी को प्राप्त है यदि हाँ, तो यह नियम विरूद्ध नहीं है? (ग) क्या तहसील मुरैना के ग्राम किशनपुर के माफी औकाफ सर्वे क्रं. 260 पर नामांतरण क्रं. 38 दिनांक 03-08-2014 से अधिपत्य कृषक का अधिकारिताविहीन नामांतरण तत्समय नायब तहसीलदार के रूप में कार्यरत सहायक भू-अभिलेख अधीक्षक द्वारा किया गया है यदि हाँ तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो उक्त कृत्य नियम संगत है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। कूटरचना कर सर्वे नं. 260 पर अधिपत्य कृषक के नामांतरण की प्रविष्टि बाद में किया जाना पाई जाने से अनुविभागीय अधिकारी मुरैना के आदेश से संबंधित पटवारी को निलंबित किया गया तथा रिव्यू की अनुमति ली जा कर प्रविष्टि को विलोपित किया जा चुका है।
होशंगाबाद के ग्राम जलालाबाद तहसील होशंगाबाद में अवैध अतिक्रमण को हटाया जाना
[राजस्व]
62. ( क्र. 6007 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद के ग्राम जलालाबाद तहसील होशंगाबाद में स्थित भूमि पर कितने व्यक्तियों का अवैध कब्जा है? क्या इस संबंध में शिकायते लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या अतिक्रामक प्राकृतिक नालों को अवरूद्ध कर खेती कर रहे हैं? (ग) क्या नायब तहसीलदार होशंगाबाद का कलेक्टर होशंगाबाद को संबोधित प्रतिवेदन क्रमांक 56/वा/होशं/दिनांक 7.01.2006 में मुकेश अग्निहोत्री का अनाधिकृत कब्जा प्रतिवेदित किया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या शासन जनहित में उक्त शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने हेतु सक्षम पहल करेगा? कब तक लम्बे समय के अतिक्रमण को हटा दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन शासकीय भूमि के मद चरनोई खसरा नम्बर 31 रकबा 0.101 पर से अतिक्रामक मुकेश वल्द चंद्रमोहन अग्निहोत्री को अर्थदण्ड अधिरोपित कर बेदखल किया गया है। प्रश्नाधीन भूमि के मद रास्ता खसरा नम्बर, 49 रकबा 0.105 पर 04 व्यक्तियों का अवैध कब्जा है। सभी चारों अतिक्रामकों के विरूद्ध प्रकरण कायम कर बेदखली की कार्यवाही की जा रही हे। जी नही, अतिक्रमण के सबंध में अन्य कोई शिकायत लंबित नहीं है। (ख) जी नहीं। प्राकृतिक नाले पर अतिक्रमण नहीं पाया गया है। (ग) प्रश्नाधीन प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध नहीं हो सकी है। दायरा पंजी वर्ष 2005-06 अनुसार मुकेश वल्द चंद्रमोहन अग्निहोत्री का शासकीय भूमि पर अतिक्रमण पाया गया था, जिसके विरूद्ध राजस्व प्रकरण क्रमांक 216/अ-68/2005-06 कायम किया जाकर अर्थदण्ड अधिरोपित कर अतिक्रामक को बेदखल किया गया था। इसी अतिक्रामक को वर्ष 2015-16 में उत्तरांश “क” अनुसार पुन: अर्थदण्ड अधिरोपित कर भूमि पर से बेदखल किया गया है। वर्तमान में भूमि रिक्त है। (ध) जी हाँ, अतिक्रमण हटाना न्यायालयीन प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
थाना कोतवाली कटनी में पंजीबद्ध अपराध
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
63. ( क्र. 6023 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना कोतवाली कटनी के अपराध क्रमांक ५६१/१५ में जिला प्रबंधक शंभू प्रसाद गुप्ता द्वारा अपने अधीनस्थ महिला कर्मचारी के साथ अभद्र व्यवहार का अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ तो प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराध क्रमांक ५६१/१५ के अभियुक्त जिला प्रबंधक के उक्त कृत्य विभागीय अनियमितता एवं भ्रष्ट आचरण की जाँच हेतु प्रमुख सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता सरक्षण द्वारा अपने पत्र क्रमांक आर/४१२९/२७७५/२०१५ दिनांक १३.१०.२०१५ से विभागीय प्रबंध संचालक को निर्देशित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रमुख सचिव के निर्देश पर प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति द्वारा की गई जाँच के प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करायें तथा कृत कार्यवाही से अवगत करायें। (घ) प्रमुख सचिव नागरिक आपूर्ति के निर्देश पर प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति की जाँच में ऐसी कौन सी परिस्थिति उत्पन्न हुई कि आरोपी जिला प्रबंधक को संभागीय मुख्यालय रीवा में पदस्थ कर उपकृत कर दिया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हां। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रमुख सचिव के पत्र दिनांक 13.10.2015 के परिपालन में प्रबंध संचालक द्वारा कार्यवाही करते हुए श्री एस.पी.गुप्ता, तत्कालीन जिला प्रबंधक, कटनी को मुख्यालयीन ज्ञाप क्रमांक/स्था./2016/2026 दिनांक 23.02.2016 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, श्री गुप्ता द्वारा प्रस्तुत प्रति उत्तर दिनांक 09.03.2016 समाधानकारक नहीं पाये जाने पर मुख्यालयीन आदेश क्रमांक/स्था./2016/124 भोपाल दिनांक 25.04.2016 द्वारा श्री गुप्ता के विरूद्ध एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित कर दंडात्मक कार्यवाही की गई। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) कार्पोरेशन के जिला प्रबंधकों की पदस्थापना प्रशासनिक एवं व्यवसायिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए की जाती है। अतएव जिला प्रबंधक को उपकृत करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अनुसचिवीय कर्मचारियों का अटैचमेंट
[गृह]
64. ( क्र. 6024 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय सामान्य शाखा में अनुसचिवीय कर्मचारी अन्य पुलिस इकाइयों से अटैच होकर कार्यरत हैं? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे पुलिस मुख्यालय में अटैच अनुसचिवीय कर्मचारियों के नाम पद नाम एवं अटैच होने का दिनांक बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में बताये गये अनुसचिवीय कब तक उनकी मूल इकाई में वापस किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पशु औषधालय खोलने के संबंध में
[पशुपालन]
65. ( क्र. 6036 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की तहसील कसरावद के ग्राम बामखल एवं तहसील भीकनगांव के ग्राम बिटनेरा में पशु औषधालय खोलने के लिए क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिए गए पत्रों पर की कार्यवाही से अवगत नहीं कराये जाने के क्या कारण हैं? (ग) उक्त ग्रामों में पशु औषधालय कब तक शुरू कर दिये जायेंगे? यदि नहीं, शुरू किये जायेंगे तो कारणों सहित ब्यौरा दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) वर्ष 2016-17 में तहसील भीकनगांव के ग्राम बिटनेरा में पशु औषधालय की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में नवीन पशु औषधालय स्थापना योजनान्तर्गत प्राप्त वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य पूर्ति उपरांत तहसील कसरावद के ग्राम बामखल हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। (ख) उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता को लिखित रूप से सूचित नहीं किया गया अपितु उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं खरगोन द्वारा मौखिक रूप से अवगत कराया गया है। (ग) ग्राम बिटनेरा में नवीन पशु औषधालय भवन निर्माण हेतु राशि आवंटित कर दी गई है। तहसील कसरावद के ग्राम बामखल में पशु औषधालय शुरू नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
श्रमिकों को सुविधायें
[श्रम]
66. ( क्र. 6090 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत श्रमिकों के लिये कौन-कौन सी योजना संचालित है तथा उक्त योजनाओं का लाभ उठाने के लिये श्रमिक को क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है? (ख) पंजीकृत श्रमिक तथा उसके परिवार की क्या परिभाषा है? उक्त योजनाओं का लाभ पंजीकृत श्रमिक के परिवार को मिलेगा अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) श्रमिक को किन-किन बीमारियों के इलाज के लिये कितनी सहायता का प्रावधान है तथा इस हेतु कौन-कौन से चिकित्सालय मान्यता प्राप्त हैतथा श्रमिक को इस हेतु क्या क्या कार्यवाही करना पडती है? (घ) 20 फरवरी 2017 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने श्रमिकों के प्रकरण किस किस सहायता हेतु किस स्तर पर कब से और क्यों लंबित हैं? उक्त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
ओम प्रकाश
धुर्वे ) : (क) योजनावार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
उक्त योजनाओं
से लाभान्वित
होने के लिये
पंजीकृत
निर्माण
श्रमिकों को
संबंधित
पदाभिहित
अधिकारी के
समक्ष निर्धारित
प्रपत्र में
आवेदन करने पर
हितलाभ
प्रदाय किया
जाता है। (ख) म.प्र.
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
कल्याण मंडल
के अंतर्गत
पंजीकृत
निर्माण
श्रमिक तथा
आश्रित
परिवार (पति/पत्नी
(यथास्थिति) आश्रित
पुत्र-पुत्री
एवं माता-पिता)
ही उनके
परिवार की परिभाषा
है। जी हाँ।
पंजीकृत
निर्माण
श्रमिक तथा
आश्रित
परिवार (पति/पत्नी
(यथास्थिति) आश्रित
पुत्र-पुत्री
एवं माता-पिता)
को मंडल की
विभिन्न कल्याणकारी
योजनाओं के
अंतर्गत लाभान्वित
किये जाने का
प्रावधान है। (ग) म.प्र.
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
कल्याण मंडल
के अंतर्गत
चिकित्सा
सहायता/दुर्घटना
की स्थिति में
चिकित्सा
सहायता योजना
में पंजीबद्ध
निर्माण श्रमिकों
एवं उनके
परिवार को
लाभान्वित
किये जाने का
प्रावधान है।
योजनानुसार
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण विभाग
द्वारा
संचालित
निम्न
योजनाएं हैः-
1. पंडित
दीनदयाल
अंत्योदय
उपचार योजना 2. राज्य
बीमारी
सहायता योजना 3. मुख्यमंत्री
बाल हृदय
उपचार योजना, में
चिन्हित
बीमारियों के
उपचार हेतु
प्रावधान है।
चिकित्सा
सहायता योजना
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
गंभीर
बिमारियों की
स्थिति में
रूपये 3
लाख तक की
सहायता राशि
दिये जाने का
प्रावधान है। योजनानुसार
राज्य बीमारी
सहायता निधि, मुख्यमंत्री
बाल हृदय
उपचार योजना
के अंतर्गत
मान्यता
प्राप्त
समस्त
चिकित्सालय, दीनदयाल
अंत्योदय
उपचार योजना
हेतु शासन द्वारा
अधिकृत
अस्पताल
सम्मिलित है।
मंडल द्वारा
अधिमान्य
चिकित्सालयों
से भी उपचार
कराये जाने का
प्रावधान है।
मंडल द्वारा
वर्तमान में
अधिमान्य
अस्पतालों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है।
पंजीकृत
निर्माण
श्रमिक
द्वारा
संबंधित
पदाभिहित
अधिकारी के
समक्ष
निर्धारित
प्रपत्र में
आवेदन करने पर
हितलाभ प्रदाय
किया जाता है। (घ) म.प्र.
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
कल्याण मंडल
के अंतर्गत
पंजीकृत
निर्माण
श्रमिकों
द्वारा आवेदन
करने पर
योजनाओं में
हितलाभ प्रदाय
किया जाता है, अतः 20 फरवरी 2017 की
स्थिति में
रायसेन जिले
में किसी भी
पंजीबद्ध
निर्माण
श्रमिक का
प्रकरण
सहायता राशि
में हितलाभ
प्रदाय किये
जाने हेतु
लंबित नहीं है।
गौ-शालाओं को अनुदान
[पशुपालन]
67. ( क्र. 6091 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन स्थानों पर गौ-शालाएँ स्थापित हैं वर्तमान में उनमें कितना-कितना गौवंश है? गौ-शालावार जानकारी दें? (ख) पंजीकृत गौ-शालाओं को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें किस आधार पर उपलब्ध कराई जाती हैं? गौ शालाओं को प्रति गौवंश प्रतिदिन के मान से कितनी-कितनी आर्थिक सहायता एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध करवाई जाती हैं? (ग) गौ-शालाओं को प्रति गौवंश प्रतिदिन के मान से राशि बढ़ाने तथा अन्य सुविधायें उपलब्ध करवाने हेतु विगत दो वर्षों में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन विधायकों के पत्र प्राप्त हुये तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या किसानों की खेतों में बड़ी संख्या में गौवंश द्वारा फसलों को नुकसान पंहुचाया जा रहा है? यदि हाँ तो इसको रोकने हेतु शासन द्वारा बड़ी संख्या में गौशाला खोलने हेतु क्या क्या कार्यवाही/प्रयास किये जा रहे है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) ऐसी स्थापित गौशालायें जो मध्यप्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड में पंजीकृत होती हैं, उनके विस्तार हेतु निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप बजट की उपलब्धता के आधार पर गौवंश के भरण पोषण हेतु आर्थिक सहायता एवं अन्य बुनियादी सुविधायें जैसे गौवंश शेड, चारा गोदाम, पानी की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार। (घ) प्रायः पशु पालकों द्वारा स्वयं के पालित पशु जिनमें अधिकांश गौवंश है, अनुत्पादक हो जाने पर घर पर बांधा नहीं जाता है बल्कि छोड़ दिया जाता है और यही गौवंश विचरण करते हैं। वास्तव में ये पशु आवारा नहीं हैं। यह समस्या पशु पालकों की जागृति से संबंधित है। यदि पशु पालकों को समझाईश दी जाकर उन्हें जागरूक किया जावे कि वे अपने पशुओं को बांध कर रखें तो इस समस्या का समाधान संभव है। गौशालायें अशासकीय एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित की जाती हैं। विभाग द्वारा गौशालायें नहीं खोली जाती हैं।
नहर एवं डूब क्षेत्र से प्रभावित कृषकों को मुआवजा वितरण
[राजस्व]
68. ( क्र. 6103 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंचाई परियोजना अंतर्गत डूब क्षेत्र एवं नहर से प्रभावित कृषकों को मुआवजा वितरण हेतु सिंचित एवं असिंचित भूमि अंकित कर मुआवजा वितरण का मापदण्ड क्या हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मापदण्ड अनुसार मुआवजा वितरण नहीं होने संबंधी कितनी शिकायतें/निवेदन कृषकों से प्राप्त हुये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आवेदनों के निराकरण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त के संबंध में जिला अधिकारियों को पत्र लिखे हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या मुआवजा वितरण हेतु जवाबदेह अधिकारियों द्वारा कृषकों की समस्याओं के निराकरण हेतु कोई शिविर आयोजित किए? यदि हाँ तो आयोजित शिविरों में निराकृत आवेदनों का विवरण देवे? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से जलसंसाधन एवं राजस्व विभाग का संयुक्त शिविर आयोजित कर निराकरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में नलकूप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 6117 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत विभाग द्वारा नलकूप खनन हेतु किस कम्पनी को ठेका दिया गया है? उक्त कम्पनी को कब ठेका दिया गया एवं इसका मुख्यालय विधानसभा क्षेत्र में कहाँ पर है? (ख) जबसे उक्त कम्पनी को ठेका दिया गया है तब से प्रश्न दिनांक तक कितने मरम्मत कार्य विधानसभा क्षेत्र में कम्पनी द्वारा किये गये सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या कम्पनी द्वारा शासन के मानदंड अनुरूप कार्य किया गया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मैसर्स अनुज बोरवेल जबलपुर को। दिनांक 25.5.16 एवं दिनांक 01.06.16 को कार्यादेश दिया गया है, विधानसभा क्षेत्र में उक्त कम्पनी का मुख्यालय नहीं है। (ख) एक भी नहीं। (ग) जी हाँ।
त्रुटिपूर्ण नक्शा रिकार्ड की दुरूस्ती एवं सीमांकन
[राजस्व]
70. ( क्र. 6169 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में बन्दोबस्त का कार्य 1994 में समापन होकर प्रत्येक जिले में भू-प्रबंधक कार्यालयों की स्थापना राजस्व विभाग के बन्दोबस्त विभाग द्वारा की गई है? यदि हाँ तो शिवपुरी जिले में कितने ग्रामों में स्वीकृति के प्रकरण वर्तमान स्थिति में लंबित है? (ख) विगत 5 वर्षों में जिला शिवपुरी के नौ तहसीलों के कृषकों द्वारा बन्दोबस्त के त्रुटिपूर्ण नक्शा दुरूस्ती के लिए म.प्र. शासन भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 107 (5) के अतंर्गत कितने आवेदन पेश किए गए है? (ग) उपरोक्त (ख) दर्शाये कृषकों के आवेदन पर कितनों का निराकरण किया कितने शेष हैं? शेष आवेदनों का कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? (घ) क्या आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर ने पत्र क्रमांक 2191/11/न.नि/2012 दिनांक 05.11.2012 से एवं दिनांक 13.1.2016 कलेक्टर शिवपुरी को ग्राम वमनौआ तहसील शिवपुरी का नक्शा दुरूस्ती किए जाने हेतु निर्देश जारी किए गए है? ग्राम बमनौआ का आधा नक्शा नये नंबर तथा आधे में पुराने सर्वे नंबर अंकित है? (ड.) क्या ग्राम वमनौआ तहसील व जिला शिवपुरी का नक्शा दुरूस्त किया जावेगा और सीमांकन किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण बताएं कि नक्शा को कौन दुरूस्त करेगा तथा सीमांकन कैसे होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्कूल एवं रहवासी कॉलोनी की फैक्ट्री से दूरी का मापदंड
[पर्यावरण]
71. ( क्र. 6183 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीमेंट फैक्ट्री स्थल से स्कूल एवं रहवासी कॉलोनी की दूरी प्रदूषण के मापदंडों के हिसाब से कितनी दूरी पर होना चाहिये। (ख) क्या माईसेम सीमेंट फैक्टी नरसिंहगढ़ जिला दमोह की जिले स्थित स्कूल एवं रहवासी कॉलोनी से दूरी कितनी है एवं स्कूल एवं रहवासी कॉलोनी उस मापदंड का पालन करती है। (ग) यदि ज्ञानोदय विद्यालय मंदिर नरसिंहगढ़ जिला दमोह फैक्ट्री से समीप स्थित है तो प्रदूषण विभाग द्वारा इस संबंध में फैक्ट्री के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई है। (घ) यदि विभाग द्वारा माईसेम सीमेंट फैक्ट्री नरसिंहगढ़ के विरूद्ध प्रदूषण संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिये कौन जबावदार है एवं कार्यवाही कब तक की जावेगी।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) सीमेंट फैक्ट्री के साथ स्कूल व रहवासी कॉलोनी स्थापित होने में दूरी के पृथक से कोई मानक निर्धारित नहीं है। (ख) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं। (ग) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में लागू नही। (घ) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं।
प्रदेश में संचालित उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
72. ( क्र. 6211 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कुल कितनी उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं तथा इन दुकानों से ए.पी.एल., बी.पी.एल. और अन्त्योदय श्रेणी के कितने परिवार जुड़े हैं? (ख) खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश में कितने परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है? कृपया जिलेवार संख्या बतायें? (ग) वित्तीय वर्ष २०१६-१७ में कितने परिवारों की खाद्य सुरक्षा पर्ची निरस्त की गई है? जिलेवार जानकारी दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
व्हीकल नियमों का पालन न किया जाना
[परिवहन]
73. ( क्र. 6263 ) पं. रमेश दुबे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश स्थित आटो मोबाईल डीलरों द्वारा विक्रय किये जा रहे वाहनों पर क्रेता से लॉजिस्टिक चार्ज एवं आर.टी.ओ. सर्विस चार्ज वसूल किया जा रहा है तो कितनी राशि किस प्रकार के वाहन हेतु वसूली जा रही है और कब से? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या परिवहन विभाग द्वारा कोई दिशा निर्देश जारी किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्या इस प्रकार का अवैध रूप से वसूल की जा रही राशि ग्राहकों को वापस की जावेगी? (ग) क्या मोटरयान नियम ४२ के अधीन वाहन डीलर वाहन का बिना पंजीयन क्रमांक प्राप्त किये क्रेता को सुपुर्द नहीं कर सकता है? यदि हाँ तो क्या इस नियम का पालन डीलरों द्वारा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या भोपाल स्थित राजपाल टोयोटा डीलर द्वारा दिनांक २.२.२०१७ को इनोवा क्रिस्टा कार इंजिन क्रमांक IGDA 049902 चेचिस नं. MBJAA3 EM 800765254-1116 वाहन बिना पंजीयन के ग्राहक को डिलेवरी दे दी गई? क्या यह नियमानुकूल है? यदि नहीं, तो मोटर व्हीकल नियम ४४ के अधीन उक्त डीलर का ट्रेड सर्टिफिकेट निरस्त कर दिया जायेगा? हाँ तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) म.प्र. स्थित आटो मोबाईल द्वारा विक्रय किये जा रहे वाहनों पर क्रेता से किसी भी प्रकार का लॉजिस्टिक चार्ज एवं आर.टी.ओ. सर्विस चार्ज वसूल किये जाने के कोई आदेश विभाग से जारी नहीं किये गये है। इस बावत् विभाग को प्राप्त शिकायत की जाँच प्रक्रियाधीन है। (ग) केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 42 के अनुसार व्यवसाय प्रमाण पत्र का धारक अस्थाई या स्थाई रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र के बिना क्रेता को मोटरयान का परिदान (सुपुर्द) नहीं करेगा। प्रदेश में सभी वाहन विक्रताओं द्वारा इस नियम का पालन किया जाना आवश्यक है। यदि किसी प्रकरण विशेष में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधित डीलर के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) भोपाल स्थित राजपाल टोयोटा डीलर द्वारा दिनांक 02.02.2017 को इनोवा क्रिस्टा कार इंजिन क्रमांक IGDA 049902 चेचिस नं. MBJAA3EM800765254-1116 वाहन की डिलीवरी बिना पंजीयन के ग्राहक को की गई है, जो कि नियमानुकुल नहीं है। डीलर का कृत्य नियम विरूद्ध पाये जाने के कारण क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी भोपाल के पत्र दिनांक 16.03.2017 द्वारा केन्द्रीय मोटरयान नियम 44 के तहत संबंधित डीलर का ट्रेड सर्टिफिकेट आगामी आदेश तक निंलबित किया गया है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही बाबत्
[राजस्व]
74. ( क्र. 6264 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं सतना जिले की नजूल भूमियों की कीमत शासन द्वारा क्या तय की गई हैं? रीवा एवं सतना जिले में कितनी नजूल भूमियाँ है? रकबे सहित बतावें? साथ ही कीमत वर्गफुट एकड़ में बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के नजूल भूमियों को निजी संस्थाओं, काम्पलेक्स, पेट्रोल पम्पों को कब-कब, किस-किस दर पर कितने समय के लिये किस शर्त पर आवंटित की गई का विवरण वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संबंधितों से कितनी-कितनी राजस्व की वसूली की गई वसूली गई राशि का विवरण वर्ष 2014 से प्रश्नांश तक का देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के जमीनों को क्या प्रश्नांश (ख) के संस्थाओं को मापदंड के विरूद्ध कम राजस्व व प्रीमियम पर आवंटित किया गया है यदि हाँ तो किस नियम के तहत? यदि नियम का पालन नहीं किया गया है तो क्या संबंधित संस्था के साथ अधिकारियों/कर्मचारियों से राशि की वसूली करायेंगे, करायेगें तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जबलपुर संभाग के कॉलोनियों की जानकारी
[राजस्व]
75. ( क्र. 6289 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के सभी कलेक्टरों एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के द्वारा दिनांक 01/01/2012 से 31/12/2016 तक कितने कॉलोनाईजरों को भूमि, विकास की अनुमति दी गई? भूमि की रकबा, खसरा न. प.ह.नं., ग्राम, जिलेवार कालोनाईजरवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सभी कॉलोनाईजर 25% भूखण्डों में बंधक रखने के नियम का पालन किया है? बंधक की गई रकबा की जानकारी कॉलोनीवार देवें। (ग) सभी कॉलोनाईजरों द्वारा विलेखों के पंजीकृत शुल्क की जानकारी देवें। जिनके द्वारा शुल्क जमा नहीं किया गया है उनसे शुल्क वसूली कब तक किया जायेगा? इनके कितने प्रकरण मुद्रांक संग्राहक को भेजे गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यानों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
76. ( क्र. 6316 ) श्रीमती ममता मीना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) को खाद्यान वितरण हेतु पंचायतवार दुकानें सहकारी समितियों एवं समूहों या पंचायतों को नवीन दुकाने संचालित कराने की कोई नीति बनायी है? यदि हाँ, तो गुना जिले में यह नीति कब से लागू करायी जावेगी? (ख) क्या विभाग ग्रामीण अंचल में निर्धारित समय पर एवं पूर्व में घोषित नीति अनुसार खाद्यान वितरण कराने हेतु बाध्य है। इस हेतु जिले के कौन से अधिकारी उत्तरदायी हैं विवरण सहित बताये। (ग) गुना जिले में ऐसी कितनी दुकाने संचालित हैं एवं उन दुकानों को खाद्यान सामग्री सप्लाई करने वाली कौन-सी संस्थाएं हैं जिनके अनुबंध अनुसार कार्य क्षेत्र से बाहर वह कार्य कर रहीं है और समय पर वितरण नहीं कर रही हैं क्या विभाग उनकी जाँच कराकर कार्यवाही करेगा। (घ) यदि प्रश्नांश क, ख और ग में वर्णित तथ्यों के पालन में जिले के कौन से अधिकारी उत्तरदायी है। जिन्होंने नियम विरूद्ध खाद्यान अभी तक वितरण कराया है और नयी नीति अनुसार पंचायतवार दुकानों को आवंटन क्यों नहीं किया क्या विभाग पालन कराकर कार्यवाही करेगा कब तक बतायें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 की अनुसूची-दो में उल्लेखित सहकारी समितियों, महिला स्वसहायता समूहों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से उचित मूल्य दुकानें संचालित करने का प्रावधान है। उक्त प्रावधान का क्रियान्वयन प्रदेश में अभी नहीं हो सका है, क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की विभिन्न कंडिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं में न्यायालयीन कार्यवाही चालू है। (ख) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश के प्रावधानानुसार राजस्व विभाग का नायब तहसीलदार से अनिम्न स्तर का अधिकारी, सहकारिता विभाग का उप अंकेक्षक से अनिम्न स्तर का अधिकारी एवं खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी से अनिम्न स्तर का अधिकारी अपने क्षेत्राधिकारी अंतर्गत खाद्यान्न वितरण हेतु दायित्वाधीन है। सामग्री की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन उत्तरदायी हैं। (ग) गुना जिले में कुल 418 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं, जिन पर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के माध्यम से राशन सामग्री का प्रदाय किया जा रहा है। उक्त कार्पोरेशन द्वारा अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्यम से निर्धारित सेक्टर की उचित मूल्य दुकानों पर ही खाद्यान्न की आपूर्ति कराई जा रही है। परिवहनकर्ता द्वारा निर्धारित समय-सीमा में खाद्यान्न नहीं पहुँचाने पर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा अनुबंध की शर्त अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। (घ) प्रश्नांश 'क' से 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष भाग की जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
तरमीम की समय-सीमा
[राजस्व]
77. ( क्र. 6359 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत आवेदन दिनांक से कितनी अवधि में तरमीम करने का प्रावधान रखा गया है? (ख) जिला छतरपुर तहसील छतरपुर में हल्का मौजा बरकोंहा ग्राम पलौठा के दिनांक १.७.२०१६ से प्रश्न दिनांक तक भूमि खसरा नं ३४४/२, ३४८/१, ३४९ तरमीम के आवेदक द्वारा दिये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या उक्त आवेदन पर मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत पालन किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ तो कब तक? क्या उक्त भूमि की समय-सीमा में तरमीम कर दी जायेगी? यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र.भू राजस्व संहिता में तरमीम के लिए कोई अवधि निर्धारित नहीं है। आवेदन के बगैर भी पटवारी द्वारा अभिलेख अद्यतन किए जाते हैं। (ख) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश ’ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
78. ( क्र. 6368 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की नगर पंचायत सटई एवं बकस्वाहा की शासकीय उचित मूल्य दुकानों की दिनांक १.४.२०१० से प्रश्न दिनांक तक जिला खाद्य कलेक्ट्रेट एवं जन शिकायत निवारण और अन्य विभागों को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? उक्त शिकायतों पर किस अधिकारी द्वारा किस अवधि में दुकानों को सील किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त शिकायतों पर जाँच अधिकारी द्वारा कार्यवाही प्रतिवेदन दिया गया था? यदि हाँ तो उक्त कार्यवाही प्रतिवेदन पर सक्षम अधिकारी द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र पर जारी कर उक्त संस्था से जवाब एवं स्टॉक एवं वितरण पंजी प्रस्तुत करने का लेख किया था? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ तो उक्त संस्था द्वारा जवाब के साथ स्टाक पंजी एवं वितरण पंजी प्रस्तुत की गई थी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त दुकान को सील करने वाले अधिकारी द्वारा ही सील को खोला गया था? यदि हाँ, तो सील को लगाने एवं खोलने वाले अधिकारी का प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में नगर पंचायत सटई एवं वक्स्वाहा की उचित मूल्य दुकानों की कुल 22 शिकायतें प्राप्त हुई है, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
राहत राशि का वितरण
[राजस्व]
79. ( क्र. 6452 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिले में दिनांक १०.१०.२०१६ को चक्रवाती तूफान से डेढ़ दर्जन ग्रामों के १७०९ कृषकों की धान की ७० प्रतिशत क्षति सर्वे दलों द्वारा सर्वे सूची में दर्ज की थी? (ख) जिले के १७०९ कृषकों में से ९४७ अबीमित कृषकों को तो राहत राशि का वितरण कर दिया गया लेकिन ७६२ बीमित कृषकों को वर्तमान तक राहत राशि वितरण न करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या उक्त प्राकृतिक आपदा वाले अन्य जिलों में बीमित व अबीमित समस्त कृषकों को बीमा राशि व राहत राशि दोनों शासन द्वारा दी गई लेकिन श्योपुर जिले में राहत राशि का वितरण बीमित कृषकों को नहीं किया गया कब तक किया जावेगा? (घ) क्या जिले के बीमित कृषकों को राहत रशि देने हेतु कलेक्टर श्योपुर द्वारा २.४० करोड़ का मांग पत्र शासन को भेजा है? यदि हाँ तो शासन द्वारा मांग पत्र अनुसार राशि क्या जिले को उपलब्ध करा दी है? यदि नहीं, तो उक्त प्रस्तावानुसार राशि स्वीकृत कर कब तक श्योपुर जिले के बीमित कृषकों को भी राहत राशि के वितरण हेतु यथाशीघ्र राशि उपलब्ध करा दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला श्योपुर के शेष बचे 780 कृषकों को राहत राशि का वितरण किया जा रहा है। (ग) श्योपुर जिले में राहत राशि वितरण की कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी हाँ। जिला श्योपुर को रूपये 2.46 करोड़ की राहत राशि आवंटित हो चुकी है, जिसके वितरण का कार्य जारी है।
ग्राम मजरे टोलों को राजस्व ग्राम बनाना
[राजस्व]
80. ( क्र. 6453 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्र.सं. १०० (क्रमांक १०३८) दिनांक ७.१२.२०१६ के प्रश्नांश 'ख' के उत्तर में जानकारी दी थी कि तहसील श्योपुर के पंजाबी टपरा (प्रताप नगर) को राजस्व ग्राम बनाने का प्रस्ताव प्रचलित है? तो क्या विभाग द्वारा उक्त प्रचलित प्रस्ताव से संबंधित नियमानुसार सभी कार्यवाहियां पूर्ण करने प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु भेज दिया है व कब भेजा? यदि नहीं, तो कब तक भेजा जावेगा? (ख) यदि प्रस्ताव भेज दिया है तो वर्तमान में उक्त प्रस्ताव किस स्तर पर कब से लंबित पड़ा हैं? कब तक शासन द्वारा इसे स्वीकृत कर पंजाबी टपरा (प्रताप नगर) को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा? इस हेतु निश्चित समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप-निरीक्षक की पदस्थापना
[गृह]
81. ( क्र. 6478 ) श्री अंचल सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षकों को थाने में पदस्थ करने के क्या नियम हैं इन्हें कितने वर्षों तक लगातार थानों में पदस्थ रखा जा सकता है? (ख) जबलपुर जिले के थाना गोहलपुर में वर्तमान में पदस्थ निरीक्षक का नाम बतावें एवं पदस्थ निरीक्षक के पूर्व में हनुमानताल थाने में पदस्थीकरण के दौरान थाने के हवालात में बंद व्यक्ति की मौत हो गयी थी? क्या वर्णित निरीक्षक को हवालात में संबंधित की मौत के बाद हनुमानताल थाने से हटाकर थाना गोरखपुर में पदस्थ किया गया एवं किसी प्रकरण में इन्हें निलंबित कर लाईन हाजिर किया गया? (ग) क्या जिन निरीक्षकों/उप निरीक्षकों/सहायक उपनिरीक्षकों के विरूद्ध जाँच प्रस्तावित हो अथवा जाँच चल रही हो तो क्या उन्हें किसी थाने में जाँच पूर्ण होने के पूर्व ही पदस्थ किया जा सकता है? यदि हाँ तो नियम बतावें, नहीं तो थाना गोहलपुर में वर्तमान में पदस्थ निरीक्षक को किस नियम के तहत पदस्थ किया गया है, जबकि वर्तमान में थाना हनुमानताल में हुई हवालाती की मौत एवं थाना गोरखपुर से निलंबित होने के उपरांत पदस्थ किया गया है, क्यों? क्या इन्हें पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संबंधी को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है अथवा शासन निरीक्षक को उपकृत करना चाहता हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले के थाना गोहलपुर में वर्तमान में निरीक्षक श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह चौहान पदस्थ है। इनके थाना हनुमानताल में पदस्थापना के दौरान एक बंदी की मृत्यु स्वंय के द्वारा फांसी लगाने के कारण हुई थी। जी हाँ, उक्त निरीक्षक को हवालात में बंदी की मौत के बाद थाना हनुमानताल से थाना गोरखपुर पदस्थ किया गया था। इनकी थाना गोरखपुर पदस्थापना के दौरान थाना हनुमानताल के बंदी की हवालात में मृत्यु के प्रकरण में पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार निलंबित कर लाईन अटैच किया गया था। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। जी नहीं।
श्रम कार्डधारी हितग्राहियों को शासन की योजनाएं का लाभ
[श्रम]
82. ( क्र. 6479 ) श्री अंचल सोनकर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 जबलपुर जिले अतंर्गत विभाग द्वारा कितने श्रम कार्ड किस आधार पर तैयार किये? श्रम कार्ड तैयार करने के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में तैयार किये गये श्रम कार्डों में शासन हितग्राहियों को क्या-क्या सुविधायें प्रदान करता हैंवर्ष 2015-16 से 2016-17 तक कितने हितग्राहियों को शासन द्वारा क्या-क्या लाभ प्रदान किये गये? विधानसभा क्षेत्रवार हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित श्रम कार्ड विभाग द्वारा जारी कर दिया जाता है किन्तु इसके उपरांत हितग्राही को शासन द्वारा प्राप्त सुविधाओं का लाभ विभाग की उदासीनता के चलते प्राप्त नहीं हो पाता? क्या शासन हितग्राहियों को शासन द्वारा प्राप्त सुविधाओं की समीक्षा कर लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत जबलपुर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नगरीय निकायों एवं जनपदों के द्वारा कुल 14229 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 12 के अंतर्गत पंजीयन के लिए श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होना चाहिए तथा पिछले 12 माहों में कम से कम 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य करना अनिवार्य हैं। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों हेतु वर्तमान में संचालित विभिन्न 22 कल्याणकारी योजनाओं द्वारा लाभांन्वित किये जाने का प्रावधान है। योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जबलपुर जिले में वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक कुल 18489 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभांन्वित किया गया है। विधानसभा क्षेत्रवार हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्रमांक विधानसभा
क्षेत्र का
नाम हितग्राहियों
की संख्या
1 उत्तर
मध्य 134
2 पूर्व
क्षेत्र 276
3 पश्चिम 139
4 केन्ट
क्षेत्र 160
5 पनागर 7522
6 सिहोरा 2584
7 बरगी 4907
8 पाटन 2767
योग - 18489
(ग) जी नहीं। ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम/मुख्य नगरपालिका अधिकारी/नगरपालिका/नगर परिषद् के द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों द्वारा संबंधित पदाभिहित अधिकारियों के समक्ष निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करने पर लाभांन्वित किये जाने का प्रावधान है। अतः किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय में आगजनी की घटना की जाँच
[गृह]
83. ( क्र. 6512 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक ०५ एवं ०६ नवंबर २०१५ की रात्रि में भोपाल शहर के ईदगाह हिल्स, स्थित नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के कार्यालय में आगजनी के घटना के संबंध में थाना शाहजहांनाबाद में आगजनी क्रमांक ०४/१५ दर्ज किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कार्यालय में आगजनी की घटना साजिश के तहत लगाये जाने की शिकायत थाना शाहजहांनाबाद के प्रभारी सी.एस.पी. को दिनांक १८.७.२०१६ को लिखित में सूचना की गई थी एवं शिकायतकर्ता को सी.एस.पी. शाहजहांनाबाद द्वारा कथन एवं शिकायत की पुष्टि हेतु दिनांक ३१.८.२०१६ व १.९.२०१६ को बुलाया जाकर कथन लिये गये थे? (ग) यदि हाँ तो उक्त कथन के आधार पर किन-किन विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य क्या पुलिस की विवेचना में उक्त आग लगने की वजह न तो ज्वलनशीन पदार्थ है और न ही शार्टसर्किट है? यदि हाँ, तो आग लगने के क्या-क्या कारण बतायें और इसके लिए दोषी कौन कौन है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। आगजनी की घटना के संबंध में दिनांक 18.07.2016 को सीएसपी कार्यालय में रिकार्ड के अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई और न ही दिनांक 31.08.2016 एवं 01.09.2016 को शिकायतकर्ता के कथन लेखबद्ध होना पाया गया। (ग) आगजनी की जाँच जारी है, जाँच में आये साक्ष्य एवं तथ्यों के अनुसार विधिवत् कार्यवाही की जावेगी। (घ) आगजनी के जाँच के दौरान घटना स्थल से जप्तशुदा अवशेषों व धात्विकतार/उपकरणों की एफ.एस.एल. सागर की परीक्षण रिपोर्ट में जले हुए अवशेषों में ज्वलनशील पदार्थ अनुपस्थित मिले और धात्विक तारों के शार्टसर्किट परिणामस्वरूप अत्यधिक आंतरिक ताप उत्पन्न नहीं होना बताया गया। कार्यवाहक यंत्री (विद्युत सुरक्षा) की स्थल निरीक्षण रिपोर्ट को भी जाँच में शामिल किया गया है। आगजनी की अभी तक की जाँच में लिये कथनों एवं अन्य रिपोर्ट के आधार पर कोई संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया। प्रकरण जाँच में है। जाँच में आये साक्ष्य के अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
प्रदेश के वेयर हाउस गोदामों में रखे गये अनाजों का खराब होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
84. ( क्र. 6513 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष २०१५ एवं २०१६ में प्रदेश के वेयर हाउस गोदामों/एग्रोटेक गोदामों में रखे गये गेहूँ, चावल खराब/सड़ गया था? यदि हाँ तो कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ और चावल खराब/सड़ गया? उसकी अनुमानित कीमत क्या क्या थी? (ख) उक्त खराब/सड़े हुए गेहूँ, चावल की नीलामी की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन फर्मों/व्यक्ति/शराब कंपनियों का उक्त खराब अनाज किस किस दर पर बेचा गया? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त अनाज के सड़ने/खराब होने के कारण क्या-क्या थे? (घ) क्या गोदामों में रखे गये अनाजों को जानबूझकर पानी डालकर खराब किया जाता है, ताकि ओने-पोने दामों पर पशु आहार/मुर्गी दानों के नाम पर शराब माफियों को मोलासिस बनाने हेतु विक्रय गया है? यदि नहीं, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायी जायेगी एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कंपनी कमांडर की सेवानिवृत्ति से संबंधित
[गृह]
85. ( क्र. 6557 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 01.12.2005 में ग्वालियर से कंपनी कमान्डर के पद से जिन व्यक्तियों को सेवानिवृत्त किया गया है? क्या उन्हें सेवानिवृत्ति सेवा पुस्तिका में लगे अभिलेख अनुसार 11वीं की अंकसूची अनुसार जन्मतिथि मानकर किया गया है या फिर अन्य आधार मानकर किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में श्री प्रकाश पिता स्व. श्री बालकृष्ण मालकर, कंपनी कमांडेंट को जन्म तिथि 19.10.1950 ग्यारहवीं की अंकसूची मान कर दिनांक 09.10.2010 में किया जाना था जिन्हें चार वर्ष पूर्व किस आधार पर सेवानिवृत्त कर दिया गया है? इसके लिए कौन दोषी है? क्या अब इनके प्रकरण की जाँच कराकर न्यायोचित कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) विशेष सशस्त्र बल ग्वालियर रेंज की 26वीं वाहिनी गुना से कंपनी कमाण्डर श्री कमल सिंह पवार को उनकी सेवा पुस्तिका में अंकित जन्मतिथि तथा संलग्न हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री की अंकसूची में अंकित जन्मतिथि के आधार पर अधिवार्षिकीय आयु पूर्ण होने पर इन्हें 31.12.2005 को सेवानिवृत्त किया गया है। (ख) जी नहीं, कंपनी कमाण्डर श्री प्रकाशचंद्र मालकर को सेवापुस्तिका में अंकित जन्मतिथि दिनांक 01.01.1946 को आधार मानकर इन्हें दिनांक 31.12.2005 को अधिवार्षिकीय सेवानिवृत्त किया गया था। इस प्रकरण में मूलतः कोई दोषी नहीं है। माननीय उच्च न्यायालय डिवीजन बैंच के आदेश के पालन में उक्त प्रकरण की जाँच कराई थी, जाँच उपरांत श्री प्रकाशचंन्द्र मालकर द्वारा प्रस्तुत हायर सेकेण्ड्री (ग्यारहवी) सर्टीफिकेट में अंकित जन्मतिथि 19.10.1950 को गलत पाया गया। वर्तमान में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
मछुआ सहकारी समितियों को बचत सह रात योजना की राशि का प्रदाय
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
86. ( क्र. 6637 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की मछुआ सहकारी समितियों को वर्ष 2014-2015 की बचत सह राहत योजना की राशि प्रदान नहीं की गई है? (ख) यदि हाँ तो किन-किन मछुआ सहकारी समितियों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं हुआ है? (ग) मछुआ सहकारी समितियों को बचत सह राहत योजना की वर्ष 2014-2015 की राशि भुगतान के लिये कौन दोषी है? (घ) मछुआ सहकारी समितियों को कब तक बचत सह राहत योजना वर्ष 2014-2015 की राशि प्रदान कर दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नही। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्नांश 'ख' उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2014 -15 में सभी पात्र समिति सदस्यों को राशि का भुगतान होने से किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्नांश 'घ' उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपंप एवं ट्यूबवेल खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
87. ( क्र. 6710 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में विधानसभा क्षेत्र केवलारी अतंर्गत विकासखण्ड केवलारी विकासखण्ड धनौरा विकासखण्ड छपारा एवं विकासखण्ड सिवनी में कितने हैण्डपंप एवं ट्यूबवेल खनन स्वीकृत हुये, इनमें से कितने पूर्ण हो चुके हैं, कितने पूर्ण होना शेष हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2016-17 में कितने ट्यूबवेल सौर ऊर्जा वाले स्वीकृत हुये हैं और इनकी प्रश्न दिनांक तक की स्थिति क्या है? विकासखण्डवार बतायें। (ग) केवलारी विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत वर्तमान में कितनी नल-जल योजनाएं सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं एवं कितनी नल-जल योजनाएं बंद पड़ी हैं? बंद होने के कारण सहित बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कितनी नल-जल योजनाएं विद्युत कनेक्शन काटे जाने के कारण बंद हुई हैं? विद्युत काटे जाने के कारण बंद पड़ी नल-जल योजनाओं के पुन: संचालन हेतु विभाग के पास क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में कुल 282 नलकूप/हैण्डपंप स्वीकृत हुये, जिनके विरूद्ध 269 नलकूप खनित किये गये एवं 13 नलकूप शेष है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एक भी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 258 नल-जल योजनाएं क्रियान्वित, 221 चालू एवं 37 बंद हैं। 16 स्त्रोत के अभाव में, 06 पाईप लाईन क्षतिग्रस्त होने से, 01 ग्राम पंचायत द्वारा नहीं चलाने से, 10 समस्त अवयव क्षतिग्रस्त होने से, 02 अपर्याप्त वोल्टेज एवं 02 खराब ट्रांसफार्मर होने के कारण बंद है। (घ) उत्तरांश ‘ग‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आगर जिले में नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
88. ( क्र. 6778 ) श्री गोपाल परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर जिले में वर्ष 2013- 14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार नल-जल योजना के तहत कितनी राशि प्रदाय की गई वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिले में किस-किस जगह नल-जल योजना का कार्य किया गया वर्षवार जानकारी देवें। चालू की गई नल-जल योजना वर्षवार कितनी बंद हुई हैं, क्या विभाग या अधिकारी की लापरवाही से यह नल-जल योजनाएं बंद हुई हैं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं तथा शासन दोषियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) वर्ष 2013-14 में रूपये 115.00 लाख वर्ष 2014-15 में रूपये 279.80 लाख वर्ष 2015-16 में रूपये 224.50 लाख एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक रूपये 74.75 लाख की राशि प्रदाय की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए जमा राशि का खर्च न हो
[श्रम]
89. ( क्र. 6839 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के बिल्डरों, ठेकेदरों सरकारी एवं निजी प्रोजेक्ट आदि से नियमानुसार लागत का एक प्रतिशत फुटकर के रूप में निर्माण श्रमिकों के हित के लिये जमा कराये जाते हैं? यदि हाँ तो पिछले १३ वर्षों में लगभग १९४३ करोड़ रूपये म.प्र. भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के खाते में जनवरी २०१७ तक जमा कराये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वर्ष २०१५-१६ में २४६.४४ करोड़ तथा वर्ष २०१६-१७ में जनवरी २०१७ तक २१७.५९ करोड़ रूपये कर्मकार शुल्क के रूप में जमा किये गये है? यदि नहीं, तो कितना बतावें वर्ष २००३ से जनवरी २०१७ तक लगभग १९४३.०८ करोड़ रूपये के कर्मकार शुल्क जमा के बदले राज्य सरकार द्वारा लगभग ६८६.९९ करोड़ रूपये ही खर्च किये गये है यदि नहीं, तो कितना बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में वर्ष २०१३ से जनवरी २०१७ तक राशि अलग अलग २२ योजनाओं के माध्यम से ३२ लाख ५३ हजार निर्माण श्रमिकों को लाभ पंहुचाया गया? यदि नहीं, तो कितनी योजनाओं के माध्यम से कितने निर्माण समितियों को लाभ पंहुचाया गया जिलेवार योजनाओं का नाम तथा लाभान्वित श्रमिकों की संख्या पृथक पृथक बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में वर्ष २०१५-१६ एवं वर्ष २०१६-१७ में रीवा जिले में मण्डल के खाते में कितनी-कितनी राशि जमा की गई तथा वर्षवार कितनी खर्च की गई? (ड.) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में जमा रूपये को पूर्ण रूप से क्यों खर्च नहीं किया जा सका? इसके लेप्स होने का कारण बतावें? इसके लिये किसे-किसे दोषी ठहराया गया या अन्य कोई कार्यवाही की गई नाम, पद तथा जिला सहित बतावें? यदि नहीं, किया गया तो क्या शासन की मंशा है कि रूपये खर्च न किये जाये या अन्य मद में खर्च किये गये, बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के तहत प्रदेश में संचालित निर्माण कार्यों की कुल निर्माण लागत का 1 प्रतिशत उपकर मंडल में प्रदेश के बिल्डरों, ठेकेदारों सरकारी एवं निजी प्रोजेक्ट आदि से पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के हितलाभ के लिए जमा कराये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2003 से जनवरी 2017 की स्थिति में लगभग 1949.79 करोड़ रूपये उपकर मंडल के खाते में जमा कराये गये है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2015-16 में 286.44 करोड़ तथा वर्ष 2016-17 में जनवरी 2017 तक 224.30 करोड़ रूपये उपकर जमा कराये गये है। वर्ष 2003 से जनवरी 2017 तक 1949.79 करोड़ रूपये जमा उपकर के विरूद्ध मंडल द्वारा संचालित विभिन्न योजनांतर्गत 709.41 करोड़ रूपये की सहायता राशि वितरित कर पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों को लाभांन्वित किया गया। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2003 से जनवरी 2017 तक, म.प्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत विभिन्न 22 कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लगभग 33 लाख 11 हजार पंजीकृत निर्माण श्रमिकों तथा उनके आश्रितों को लाभांन्वित किया गया है। मंडल की योजनांतर्गत समितियों को लाभांन्वित किये जाने का प्रावधान नहीं है। अतः प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में रीवा जिले में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत जमा की गई उपकर राशि तथा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों तथा उनके आश्रितों को विभिन्न योजनांतर्गत वितरित हितलाभ की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र.
वर्ष जमा
उपकर राशि वितरित
हितलाभ राशि
1 2015-2016 54639377 25517373
2 2016- 2017 60586619 35869267
(फरवरी 2017 की
स्थिति में)
(ड.) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट किया जाता हैं कि मंडल एक स्वशासी संस्था है जिसमें उपकर का जमा होना अनवरत प्रक्रिया है। जमा उपकर राशि से पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों के लिए योजनाएं संचालित की जाती है। पंजीबद्ध निर्माण श्रमिकों से प्राप्त आवेदन के अनुसार उन्हे हितलाभ दिया जाता है, मंडल की जमा राशि किसी भी रूप में लेप्स नहीं होती है। प्रश्न के शेष भाग की जानकारी का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
कारखाना अधिनियम अतंर्गत रखी जाने वाली हेल्थ किट
[श्रम]
90. ( क्र. 6859 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कारखाना अधिनियम अतंर्गत क्या प्रत्येक कारखाने में श्रमिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिये हेल्थ किट रखी जा रही है? इन्दौर/उज्जैन संभाग की पूर्ण जानकारी/सूची देवें? (ख) क्या हेल्थकिट के लिये निर्धारित औषधि को रखे जाने के लिये शासन द्वारा औषधी की सूची निर्धारित की गई है? (ग) क्या औषधि सूची में ऐसी दवाओं का उल्लेख भी है जिनकी उपलब्धता अब नहीं तथा कुछ प्रतिबंधित दवाएं रखना भी सूची में शामिल हैं? (घ) प्रतिबंधित दवाएं हेल्थ किट में न रखे जाने पर हेल्थ किट को अपूर्ण बताकर कितने कारखानों में कहाँ-कहाँ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई, इसके लिये कौन जवाबदार है इनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कारखाना अधिनियम 1948 तथा सपठित मध्यप्रदेश कारखाना नियमावली 1962 के अंतगर्त वर्णित प्रावधानों में श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा हेतू हेल्थ किट रखे जाने का उल्लेख नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर जिले में लीज निरस्ती के विचारधीन प्रकरण
[राजस्व]
91. ( क्र. 6861 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर में 'लीज डीड' के उल्लघंन करने पर लीज निरस्त करने के कई प्रकरण लंबित है? हाँ, तो प्रकरणों के स्थान, नाम बतावें? (ख) क्या इन्दौर शहर में रीगल टाकीज के पास स्थित केन्द्रीय अहिल्या पुस्तकालय परिसर के दो संस्थाओं को लीज पर भूमि दी गई थी, दोनों संस्थाओं द्वारा ''लीज डीड'' की शर्तों का उल्लघंन पाया गया है और उनकी लीज निरस्त करने के प्रकरण भी लंबित है, यहाँ तक कि जिलाधीश ने अपनी रिपोर्ट भी दे दी है? यदि हाँ, तो रिपोर्ट कब दी गई और उस पर दिनांक 31.10.16 तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) अगर कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पर्यावरण नापने हेतु पर्यावरण केन्द्र की स्थापना
[पर्यावरण]
92. ( क्र. 6944 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के क्षेत्र नागदा शहर में संचालित ग्रेसिम, केमिकल डिविजन एवं लेंसेक्स उद्योग वर्षों से संचालित हैं, इन उद्योगों के कारण यहां का वातावरण प्रदूषित रहता है। (ख) यहां के प्रदूषण को रोकने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या यहां प्रदूषण मापने के लिये पर्यावरण केन्द्र की स्थापना की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा क्या योजना बनाई जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। उक्त उद्योगों में वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था संचालित होने से वातावरण प्रदूषित रहने की स्थिति नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योग में प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था कराई गई है तथा इसका निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग आवश्यकतानुसार किया जाता है। एन.ए.एम.पी. प्रोजेक्ट के अंतर्गत परिवेशीय वायुमापन तीन स्थानों पर किया जाता है (ग) उत्तरांश ‘‘क‘‘ एवं ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्योगों में श्रमिकों की असामयिक मृत्यु पर क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
[श्रम]
93. ( क्र. 6948 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा शहर के ग्रेसिम, केमिकल डिवीजन एवं लैन्सेंस उद्योग में वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक कितने श्रमिकों की असामयिक मृत्यु हुई है? इन मृत्युओं को रोकने हेतु प्रबंधन एवं विभाग द्वारा क्या कदम उठाये गये? (ख) मृत्यु उपरान्त प्रत्येक श्रमिक के परिवार को उद्योगों के प्रबंधन द्वारा कितनी क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की गयी? ऐसे श्रमिकों की सूची नाम, पता एवं राशि सहित वर्षवार उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) नागदा शहर में कार्यरत ग्रेसिम केमिकल डिवीजन में वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत कुल 01 प्राणांतक दुर्घटना घटित हुई। वर्षवार जानकारी एवं की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। लैन्सेंस इंडिया प्रा.लि. बिरलाग्राम नागदा के कारखानें में वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत कोई प्राणांतक दुर्घटना घटित नहीं हुई है। ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने हेतु कार्यालय द्वारा कारखाना प्रबंधन को आवश्यक दिशा-निर्देश/सुझाव दे कर उसका पालन कारखाना प्रबंधन से करवाया गया है। (ख) प्रश्न में वर्णित दोनों कारखानों में कर्मचारी राज्य बीमा योजना लागू है। कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत होने वाली दुर्घटनाओं की स्थिति में कर्मचारी राज्य बीमा योजना द्वारा लाभ दिया जाता है। इस योजना में बीमित न होने की स्थिती में कर्मकार क्षर्तिपूर्ति अधिनियम 1923 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति राशि कारखाना प्रबंधन द्वारा मा. श्रम न्यायालय के माध्यम से प्रदाय की जाती है। कारखाना ग्रेसिम इंण्डस्ट्रीज लि. केमिकल डिवीजन, बिरलाग्राम नागदा के कारखाने में दिनांक 17.11.16 को घटित प्राणांतक दुर्घटना में प्रबंधन द्वारा मृतक के आश्रितों को कुल 16, 78, 245/- लाख (एग्रीमेंट एवं बीमा योजना के तहत्) एवं एक आश्रित को स्थाई नौकरी दी है। इसके अलावा श्रमिक ई.एस.आई में पंजीकृत है। अतः उसके आश्रितों को ई.एस.आई योजना के नियमों के अनुसार हितलाभ प्राप्त होंगे। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आवारा पशुओं से कृषि हानि
[पशुपालन]
94. ( क्र. 6961 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिवनी में आवारा पशुओं की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं? यदि हाँ, तो क्या आवारा पशुओं के लिये जिसमें आवश्यकता अनुसार कांजी हाउस बनाने की कोई योजना है? वर्तमान में जिले में कितने कांजी हाउस संचालित हैं और उन पर विगत वर्ष में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) आवारा पशुओं जिनमें गौवंश की मात्रा अधिक है, उनकी वजह से मुख्य मार्ग एवं शहर के व्यस्ततम मार्ग अवरूद्ध हो रहे हैं। आये दिन गौवंश की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मृत्यु हो रही है, वाहन चालक भी गंभीर रूप से घायल होकर जनहानि हो रही है। इसकी रोकथाम के लिये कोई अभियान चलाया जावेगा? सड़क मार्गों को सुरक्षित किया जायेगा? (ग) जिले में कितनी सामाजिक संस्थाएं गौवंश संवर्धन के लिये संचालित हैं और उनके द्वारा क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समस्या निदान हेतु विभाग द्वारा कोई कार्य योजना बनाई जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जिला सिवनी में आवारा पशुओं की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद होने के संबध में कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। वर्तमान में जिले में कुल 64 कांजी हाउस संचालित हैं, जिनमें से 3 कांजी हाउस नगरीय क्षेत्र में एवं 61 कांजी हाउस ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हैं एवं उन पर विगत वर्ष व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) प्रायः पशु पालकों द्वारा स्वयं के पालित पशु जिनमें अधिकांश गौवंश हैं, अनुत्पादक हो जाने पर घर पर बांधा नहीं जाता है बल्कि छोड़ दिया जाता है और यही गौवंश विचरण करते हैं। वास्तव में ये पशु आवारा नहीं हैं। यह समस्या पशु पालकों की जागृति से संबंधित है। यदि पशु पालकों को समझाइश दी जाकर उन्हें जागरूक किया जावे कि वे अपने पशुओं को बांध कर रखे तो इस समस्या का समाधान संभव है। नगरपालिका एवं नगरीय निकाय द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर आवारा पशुओं को सड़क से पकड़कर कांजी हाउस में बंद किया जाता है। (ग) अशासकीय एवं स्वयं-सेवी संस्थाओं द्वारा गौ-शालाएं संचालित की जाती हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। वर्तमान में विभाग द्वारा कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
संचालित रेशम केन्द्रों की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
95. ( क्र. 6964 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने रेशम केंद्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? विधानसभा क्षेत्र क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) विगत तीन वर्षों में कितने किसानों को रेशम विभाग द्वारा अनुदान प्रदान किया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार, कृषक संख्यावार जानकारी प्रदान करें। (ग) नरसिंहपुर जिले में रेशम का धागा बनाने के लिए कितने प्रकल्प संचालित हैं? (घ) किसानों द्वारा कितने रूपया प्रतिकिलो कुकुन (रेशम की गांठ) खरीदी जाती है एवं कितने किसान इस योजना से लाभान्वित हुए हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) नरसिंहपुर जिले में 9 केन्द्र संचालित है जिनकी विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) नरसिंहपुर जिले में रेशम धागा बनाने की 03 इकाइयां है (1) रेशम धागाकरण इकाई मुंगावली व पनारी (2) टसर धागाकरण इकाई नरसिंहपुर (घ) किसानों से मलबरी ककून दर निम्नानुसार है (1) वायवोल्टाईन हाईब्रिड ककून शैल प्रतिशत के आधार पर 130 से 350 रूपये प्रतिकिलो (2) मल्टीवोल्टाईन हाईब्रिड ककून शैल प्रतिशत के आधार पर 90 से 220 रूपये प्रतिकिलो की दर से क्रय किया जाता है। लाभान्वित कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
रेत उत्खनन एवं नदियों का संरक्षण संवर्धन एवं प्रदूषण मुक्ति योजना
[पर्यावरण]
96. ( क्र. 7017 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नदियों के सरंक्षण संवर्धन एवं प्रदूषण मुक्ति बाबत् क्या योजना एवं नीति तैयार की है? नदियों के दोनों किनारों से कितनी दूरी पर वृक्षारोपण बसाहट एवं अन्य निर्माण न किये जाने के नियम हैं? नियम एवं आदेश उपलब्ध करावें? (ख) विगत 5 वर्षों में की नर्मदा नदी के संरक्षण संवर्धन एवं प्रदूषण मुक्ति बाबत् कितनी राशि सरकार द्वारा खर्च की गई एवं कितनी खर्च करने की योजना है? क्या इसी तरह अन्य बड़ी प्रदेश की नदियों के संरक्षण संवर्धन एवं प्रदूषण से मुक्ति बाबत् सरकार द्वारा योजना तैयार की जावेगी या की गई है? यदि हाँ, तो बतावें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं, तथापि नदियों के संरक्षण एवं प्रदूषण मुक्ति के संबंध में पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) द्वारा निम्न योजनाओं पर कार्य किया गया हैः- (1) केन्द्र प्रवर्तित राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना अंतर्गत नर्मदा नदी-होशंगाबाद, बीहर नदी-रीवा एवं मंदाकिनी नदी-चित्रकूट, जिला सतना का क्रियान्वयन संबंधित नगर पालिका तथा लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग के माध्यम से कराया गया। (2) शाजापुर स्थित चिल्लर नदी की परियोजना प्रतिवेदन बनाया गया। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नदियों की जल गुणवत्ता हेतु मॉनिटरिंग कार्य किया जाता है। मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम, 2012 के नियम-50 के अनुसार नदियों एवं जलाशयों के दोनों और निर्माण को नियंत्रित किया जाता है। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) वर्ष 2013 से नगरीय निकायों को प्रदान की गई राशि एवं किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नर्मदा नदी में प्रदूषण रोकथाम हेतु महत्वपूर्ण अवसरों जैसे-गणेश/दुर्गा उत्सव, शिवरात्रि मेला आदि के दौरान पूजन सामग्री फूल माला, पॉलीथीन का विसर्जन नदी में रोकने हेतु पर्यावरण रैली, प्रदर्शनी, संगोष्ठी, पेमप्लेट्स वितरण तथा नदी के घाटों की सफाई आदि कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। नर्मदा सेवा यात्रा कार्यक्रम के अंतर्गत बोर्ड द्वारा नर्मदा नदी के पर्यावरण संरक्षण, जन-जागरूकता, प्रचार-प्रसार, प्रदर्शनी आदि कार्यों हेतु रूपये 14.10 लाख की स्वीकृति क्षेत्रीय अधिकारियों को दी गई है, जिसमें से प्रश्न दिनांक तक रूपये 7,91,786/- की राशि व्यय की जा चुकी है। एप्को द्वारा नर्मदा नदी के संरक्षण संवर्धन एवं प्रदूषण मुक्ति हेतु केन्द्र प्रवर्तित राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के अंतर्गत नगरपालिका होशंगाबाद को योजना के क्रियान्वयन हेतु राशि रूपये 2.76 करोड विमुक्त की गई है। नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने हेतु योजना बनाने के लिए एप्को का अंशदान रूपये 15.00 लाख मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषण नियंत्रण कार्यों के समन्वय के लिये सचिवालय के गठन हेतु प्रदान किये गये हैं। वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
अर्थदण्ड से दण्डित कराना व सिविल जेल की कार्यवाही
[राजस्व]
97. ( क्र. 7065 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम खमरा विकासखण्ड चौरई के शासकीय भूमि खसरा नं. 34 एवं 49 के संपूर्ण रकबे पर श्री परमसुख पिता राजरूप कुर्मी निवासी खमरा के द्वारा प्रत्येक वर्ष फसल बोकर अतिक्रमण करने का मामला अथवा शिकायत प्रकाश में आयी है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता को भी उक्त संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 1046 दिनांक 07.07.2015 क्रमांक 1517 दिनांक 24.09.2015 क्रमांक 885 दिनांक 14.06.15 अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चौरई को एवं पत्र क्रमांक 1554 दिनांक 30.09.2015 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो इन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या सक्षम अधिकारियों द्वारा अतिक्रामक द्वारा बोयी गयी फसल को जप्त किया गया? यदि हाँ, तो जप्त फसल का ब्यौरा दें और नहीं, तो क्यों? अतिक्रामक के द्वारा कितने रकबे पर फसल बोकर अतिक्रमण किया गया था? नियमों में कितनी राशि का अर्थदण्ड अधिरोपित करने का प्रावधान है? कितनी राशि अधिरोपित की गई? फसल काटकर उठा लेने और प्रावधानित राशि से बहुत कम राशि का अतिक्रामक को अर्थदण्ड अधिरोपित करने को क्या न्यायसंगत माना जा सकता है? (घ) क्या इस वर्ष भी अतिक्रामक द्वारा खरीब की फसल बोयी गयी थी जो काटकर उठा ली गयी? वर्तमान में रवि की फसल बोयी गयी है, तो क्यों? बार-बार अतिक्रमण करने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या शासन रवि फसल को जप्त करने, अतिक्रामक से 20 प्रतिशत राशि का अर्थदण्ड वसूल करने तथा अतिक्रामक को सिविल जेल में निरूद्ध करने का आदेश देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत् प्रकरण पंजीबद्ध कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है। (ग) जी नहीं। बोयी गई फसल जप्त नहीं की गई। वर्ष 2014-15 में खसरा नं. 34 में से 0.150 हे. एवं खसरा नं. 49 में से 0.400 हे. भाग पर गेहूँ फसल बोकर अतिक्रमण किया गया था। राजस्व प्रकरण क्रमांक 18/अ-68/2014-15 के आदेश दिनांक 11.6.2016 को रूपये 1000/- (एक हजार) अर्थदण्ड अतिक्रामक पर आरोपित कर बेदखली आदेश पारित किया गया। वर्ष 2015-16 में खसरा नं. 34 में से 0.150 हे. एवं खसरा नं.49 में से 0.400 हे. भाग पर कब्जा कर फसल बोकर अतिक्रमण किया गया था। राजस्व प्रकरण क्रमांक 67/अ-68/2015-16 के आदेश दिनांक 13.07.2016 द्वारा अतिक्रमणकर्ता पर रूपये 4000/- (चार हजार) अर्थदण्ड आरापित कर बेदखली आदेश पारित किया गया एवं खेत बखर कर फसल नष्ट कर दी गई। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 (1) के प्रावधान अनुसार अतिक्रमित भूमि पर अर्थदण्ड बाजार मूल्य का अधिकतम 20 प्रतिशत तक किया जा सकता है। अतिक्रामक श्री परमसुख पिता राजरूप कुर्मी पर वर्ष 2014-15 में रूपये 1000/- (एक हजार) एवं वर्ष 2015-16 रूपये 4000/- (चार हजार) अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित की गई। अर्थदण्ड के रूप में अतिक्रामक पर अधिरोपित राशि अतिक्रामक से वसूली योग्य के आधार पर न्याय संगत है। (घ) अतिक्रामक द्वारा मौसम खरीफ की फसल बोयी गयी, जिसे बखर कर दिनांक 13.07.2016 को नष्ट कर दिया गया था। रबी मौसम में अतिक्रमण न करने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
अधूरी एवं क्षतिग्रस्त नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
98. ( क्र. 7088 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा अधूरी एवं क्षतिग्रस्त नल-जल योजनाओं को सुधारने के लिए कोई प्रयास किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो सीहोर में ऐसी कितनी योजनाएं अधूरी पडी हैं एवं क्षतिग्रस्त नल-जल योजनाएं हैं जो सुधारी जा सकती हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार नल-जल योजनाओं को पुन: प्रारंभ करने व सुधारने के लिए शासन द्वारा बजट प्रस्तावित किया है? यदि हाँ, तो योजनावार ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो क्या कार्रवाई प्रचलित है? (ग) क्या शासन द्वारा सामुदायिक भागीदारी से भी नल योजनाओं को संचालित किए जाता है? यदि हाँ, तो सीहोर जिले में कितनी योजनाएं संचालित हैं? (घ) क्या सामुदायिक भागीदारी नहीं होने से सीहोर जिले में सामुदायिक नल-जल योजनाएं प्रारंभ नहीं हो सकी? यदि हाँ, तो ऐसी योजनाओं का पूर्ण ब्यौरा दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। 27 एवं 110 योजनाएं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। 22 योजनाएं। (घ) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदार कार्यालय की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[राजस्व]
99. ( क्र. 7146 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व का न्यायालय भवन तथा तहसीलदार का न्यायालय भवन बिना बाउण्ड्रीवॉल के स्थित हैं (ख) यदि हाँ, तो क्या न्यायालय की सुरक्षा की दृष्टि से बाउण्ड्रीवॉल का होना आवश्यक है? (ग) यदि हाँ, तो क्या राजस्व विभाग अपने प्राधिकारियों की सुरक्षा की दृष्टि से न्यायालयों की बाउण्ड्रीवॉल हेतु राशि स्वीकृत करेगा? (घ) क्या बालाघाट जिला नक्सल प्रभावित जिला है? यदि हाँ, तो क्या राजस्व विभाग न्यायालयों की सुरक्षा हेतु विशेष ध्यान देगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्राक्कलन, प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी (घ) जी हाँ। जी हाँ।
स्वीकृत कार्यों की निविदा प्रक्रिया में विलंब
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
100. ( क्र. 7155 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत विगत 02 वर्षों में किन-किन ग्राम पंचायतों ने नल-जल/पेय-जल योजना हेतु निर्धारित 3 प्रतिशत राशि जमा की है? इनमें से किन-किन ग्राम पंचायतों में योजना स्वीकृत की गई है? राशि जमा दिनांक एवं स्वीकृति दिनांक सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत योजनाओं में से किन-किन की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य प्रारम्भ हो चुके हैं? इनमें से कितने पूर्ण हो चुके हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अलावा किन-किन स्वीकृत योजनाओं की निविदा प्रक्रिया नहीं की गई हैं एवं किस कारण से? ग्राम पंचायत मोड़ी के संबंध में प्रश्नांश (क) से लगाकर (ग) तक की जानकारी मय किए गए पत्र व्यवहारों के विवरण पृथक से देवें? (घ) क्या स्वीकृत योजनाओं के विलंब से कार्य प्रारम्भ करवाने हेतु जवाबदेही निर्धारित की जाती है? यदि हाँ, तो क्या जवाबदेही तय की जाकर ठोस कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? यदि नहीं, तो अन्य क्या कार्यवाही की जोवगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जिला आगर में 10 एवं शाजापुर में 6 ग्राम पंचायतों द्वारा। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। आगामी वित्तीय वर्षों में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों एवं प्रचलित मापदण्डों के अनुसार कार्य कराए जाने की कार्यवाही प्रस्तावित है।
राजस्व कार्यक्षेत्रों का निर्धारण
[राजस्व]
101. ( क्र. 7156 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के समान अधिकार प्रदाय किये गये हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंधी आदेश की सत्यापित प्रति कृपया प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आगर जिला अंतर्गत किए गए आदेश की सत्यापित प्रति प्रस्तुत करें? राजस्व निरीक्षक/नायब तहसीलदारों के कार्यक्षेत्र निर्धारण हेतु कोई नियत मापदण्ड हैं? यदि हाँ, तो कृपया विवरण देवें। यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्यक्षेत्र निर्धारण किस प्रकार किया गया? (ग) क्या अनुभाग सुसनेर अंतर्गत नवीन कार्यक्षेत्र निर्धारण से आमजन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसके संबंध में कार्यक्षेत्र पुनर्निर्धारण हेतु अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कलेक्टर कार्यालय को पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? क्या आदेश निरस्त किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं है, तो क्या राजस्व वृत्तों के त्रुटिपूर्ण नायब तहसीलदार अधिकार क्षेत्र में दिए जाने संबंधी आदेश को जनहित में निरस्त कर पुनः आदेश जारी किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। जिले में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के कुल स्वीकृत पदों की सीमा के अंतर्गत रिक्त पदों के विरूद्ध कलेक्टर द्वारा कार्यक्षेत्र का निर्धारण कर प्रभार दिया गया है। (ग) जी नहीं। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सुसनेर के पत्र क्रमांक 2581 दिनांक 23.07.2016 के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही करते हुए पूर्व में जारी आदेश में संशोधन कर दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (घ) आदेश संशोधित किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 44, 51, 52 के तहत् जानकारी
[राजस्व]
102. ( क्र. 7159 ) श्री गोपाल परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व न्यायालय के प्रकरण जिनमें तहसीलदार/नायब तहसीलदार के द्वारा पारित आदेशों में यदि प्रक्रियात्मक या आदेश में कोई त्रुटि हुई हो, तो उसे धारा 44, 51, 52 के तहत् उन त्रुटियों या आदेश को सुधरवाने का प्रावधान म.प्र. भू-राजस्व संहिता में उपलब्ध है? (ख) क्या वर्ष 2004-05 से वर्ष 2012 तक तहसील उज्जैन में पदस्थ तत्कालीन तहसीलदार जो वर्तमान में आगर में पदस्थ हैं, के द्वारा उज्जैन पदस्थी के समय पारित आदेश में प्रश्नांश (क) के प्रावधान लागू नहीं होते? (ग) यदि हाँ, तो तत्कालीन तहसीलदार द्वारा पारित न्यायालीन प्रकरण 2004-05 से 2012 तक के 23 प्रकरणों में लोकायुक्त पुलिस उज्जैन किस आधार पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया है तथा राजस्व विभाग द्वारा उक्त अधिकारी के विरुद्ध अभियोजन चलाने की अनुमति कैसे दी गयी? ऐसे और कितने अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है? जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्र
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
103. ( क्र. 7169 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले अंतर्गत कुल कितने समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्र किन-किन स्थानों पर स्थापित किये हैं? नामवार सूची सहित विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या समर्थन मूल्य पर एजेंसियां नियुक्त की जाती हैं? यदि हाँ, तो इन्हें समर्थन मूल्य खरीदी में किस-किस दर से कौन-कौन से व्यय प्रदान किये जाते हैं? उनकी प्रति क्विंटल दर क्या है? विवरण प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार पिछले तीन वर्षों के उक्ताशय में संस्थाओं के प्रस्तुत बिल अनुसार कितना भुगतान शेष है और क्यों है और कब तक भुगतान किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्रस्तुत बिलों में से पिछले तीन वर्षों में किस-किस मद में कितना कटौत्रा किया गया और क्यों? क्या इस संबध में संस्थाओं की सहमति/आपत्ति ली जाती है? यदि हाँ, तो आपत्ति का निराकरण किया गया था? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भोपाल जिले में रबी विपणन मौसम 2017-18 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु 52 केन्द्र स्थापित किए गए हैं। उपार्जन केन्द्रों के नाम, स्थान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। रबी विपणन मौसम 2016-17 में उपार्जन समितियों को गेहूँ के उपार्जन पर रू. 1525 समर्थन मूल्य रू. 27 कमीशन एवं रू. 10.33 प्रति क्विंटल की दर से लेबर व्यय का भुगतान किया गया है। (ग) रबी विपणन मौसम 2014-15 की कोई राशि उपार्जन संस्थाओं को भुगतान हेतु कोई राशि शेष नहीं है। वर्ष 2015-16 की रू. 92.23 लाख एवं वर्ष 2016-17 की रू. 110 लाख की राशि भुगतान हेतु शेष है। शेष राशि का भुगतान उपार्जन समितियों को प्रदाय बारदाने का मिलान होने के उपरांत किया जाएगा। (घ) उपार्जन समितियों से रबी विपणन मौसम 2014-15 में टी.डी.एस. की राशि रू. 55.85 लाख, एफ.सी.आई. द्वारा कटौत्रा रू. 50.03 लाख एवं बारदाने की कमी के कारण रू. 45 लाख, रबी विपणन मौसम 2015-16 में टी.डी.एस. की राशि रू. 59.07 लाख, एफ.सी.आई. द्वारा कटौत्रा रू. 48.47 लाख एवं बारदाने की कमी के कारण रू. 146.74 लाख, रबी विपणन मौसम 2016-17 में टी.डी.एस. की राशि रू. 37.42 लाख, एफ.सी.आई. द्वारा कटौत्रा रू. 19.87 लाख एवं बारदाने की कमी के कारण रू. 110.71 लाख का कटौत्रा किया गया है। टी.डी.एस. एवं एफ.सी.आई. द्वारा राशि काटे जाने के कारण उपार्जन संस्थाओं से राशि का कटौत्रा किया गया है। उपार्जन समितियों को प्रदाय बारदाना के उपयोग के पश्चात् शेष रहे बारदाना उपार्जन एजेंसियों को उपलब्ध/मिलान न कराने के कारण कटौत्रा किया गया है, इस हेतु उपार्जन संस्थाओं से सहमति/आपत्ति लिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। बारदानों की कमी के कारण काटी गई राशि का भुगतान बारदाना का मिलान होने के उपरांत किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निविदा भण्डार क्रय नियमों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
104. ( क्र. 7177 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में अतंर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कौन-कौन से कार्यालय हैं? इनमें वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस कार्य हेतु आवंटित हुई? (ख) उपरोक्त राशि में से कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई? इसमें से कौन-कौन सी सामग्री हस्तपावती पर तथा कितनी राशि कौन-कौन से कार्य हेतु सीमित निविदा पद्धति से व्यय की गई? (ग) क्या भण्डार क्रय नियम का पालन किया गया? यदि हाँ, तो बताएं कि कोटेशन कब प्राप्त हुए, कब खोले गये, क्रय समिति की बैठक कब हुई और कोटेशन जारी करने हेतु प्रदायकर्ता को सूचना किस दिनांक को दी गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कार्यालय कार्यपालन यंत्री, खण्ड बालाघाट, कार्यालय सहायक यंत्री-उपखण्ड बालाघाट, उपखण्ड बैहर, उपखण्ड लाँजी, उपखण्ड कटंगी, उपखण्ड वारासिवनी एवं परियोजना उपखण्ड लालबर्रा स्थापित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। हस्तपावती पर कोई व्यय नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
परिवहन वाहनों की फिटनेस तथा वैधता
[परिवहन]
105. ( क्र. 7178 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट के आर.टी.ओ. प्रभारी, अन्तर्गत सार्वजनिक बसों के कितने परमिट जारी किये गये हैं? समय-चक्र सहित वैधता तिथि बतायें? (ख) उपरोक्त बसों में से किस-किस में दूसरा दरवाजा जिसे आपातकालीन दरवाजा कहा जाता है, नहीं लगा है और किस-किस का पीछे का जाल काटा गया है? (ग) प्रभारी आर.टी.ओ ने जिले के वाहनों के फिटनेस टैक्स इत्यादि का उल्लंघन न होने पाए इसके लिए पदस्थापना अवधि में किस-किस स्थान पर किस-किस दिनांक को चैकिंग की तथा चेंकिग के दौरान क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या गोदिया से बालाघाट और बालाघाट से जबलपुर आने जाने वाली बसों में एक ही दरवाजा है और जाल नहीं काटा गया है? कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला बालाघाट के अंतर्गत बसों को कुल 126 परमिट जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) बसों के फिटनेस वैध होने पर ही परमिट जारी किये जाते है। फिटनेस के दौरान उपरोक्त समस्त बसों में आपातकालीन दरवाजा होने तथा पीछे की जाली हटवाने के उपरान्त ही फिटनेस जारी किये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (घ) म.प्र. मोटरयान नियम 1994 के नियम 164 अनुसार बसों में दरवाजे का प्रावधान वर्णित है। तदनुरूप चैकिंग के दौरान गोदिया से बालाघाट एवं बालाघाट से जबलपुर आने वाली बसों में दरवाजे व जाल से संबंधित कोई अनियमितता नहीं पायी गयी। चैकिंग के दौरान म.प्र. की ऐसी कोई भी बस नहीं पकड़ी गयी।
च्वाईस बेस्ट सिस्टम में बदलाव
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
106. ( क्र. 7182 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) में 1 जनवरी 2013 के पश्चात् कितनी बार "च्वाइस बेस्ट सिस्टम" में कैसे-कैसे बदलाव, किस-किस कारण से, किस-किस परीक्षा नियंत्रक की अध्यक्षता या उपस्थिति में किये गये? इस दौरान परीक्षा समिति में कौन-कौन सदस्य थे? क्या यह परिवर्तन मानव संसाधन की जरुरत को ध्यान में रखते हुए किये गये? (ख) क्या रिजल्ट कमेटी ने वर्तमान में नए नियम के तहत् प्रेक्टिकल एव सेमिस्टर एक्जाम में 31% अंक लेने की बाध्यता खत्म कर दी है? क्या अब अधिकतर विद्यार्थी परीक्षा दिए बिना ही अगले सेमिस्टर में प्रमोट हो जायेंगे? यदि हाँ, तो एसे जनरल प्रमोशन का क्या उद्देश्य है? (ग) क्या प्रदेश के समस्त निजी इंजीनियरिंग कालेजों की घटती गुणवत्ता में विश्विद्यालय का यह निर्णय विद्यार्थियों की गुणवत्ता पर, भविष्य पर भी प्रश्न चिन्ह लगाने वाला होगा? जहाँ 0 अंक लेन वाले भी अगले सेमेस्टर में प्रवेश कर जायें? (घ) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक परीक्षा परिणाम में अनियमितता एव कम अंक प्राप्त होने की कितनी शिकायत विश्वविद्यालय को प्राप्त हुई उन पर क्या कार्यवाही की गयी? कितने विद्यार्थियों के पुनर्गणना में कितने अंकों की वृद्धि हुई?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) च्वाईस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम (सी.बी.सी.एस.) प्रणाली के अंतर्गत प्रथम बार छात्रों का प्रवेश सत्र 2015-16 में हुआ था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी नहीं। एण्ड सेमेस्टर+मिड सेमेस्टर (सेशनल+क्विज) परीक्षा में 31 प्रशिक्षण अंक डी-ग्रेड के लिये अनिवार्य हैं। विद्यार्थी परीक्षा दिये बगैर अगले सेमेस्टर में प्रमोट नहीं हो रहे हैं। छात्रों को जनरल प्रमोशन नहीं दिया गया हैं। (ग) जी नहीं। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। दिसम्बर 2015 एवं जून 2016 में पुनर्मूल्यांकन हेतु कुल 12, 971 आवेदन प्राप्त हुये, जिनमें 1457 छात्रों का परीक्षा परिणाम परिवर्तित हुआ। पुनर्गणना में अंको की वृद्धि नहीं हुई है।
पवन ऊर्जा संयंत्र की भूमि को लेकर विवाद
[राजस्व]
107. ( क्र. 7183 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम जिले में सीमांकन के कितने आवेदन दिनांक 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक राजस्व विभाग को प्राप्त हुए, कितनों का सीमांकन किया? वर्षवार, संख्या बतायें। सीमांकन आवेदन क्रम से किया जाता है या परिस्थितियों के अनुसार बाद वाले आवेदन का सीमांकन पहले भी किया जा सकता है? (ख) उक्त जिलों में उक्त अवधि में ऐसे कितने आवेदन हैं जिनका सीमांकन हेतु पूर्व में रखे आवेदन से भी पहले सीमांकन कर दिया गया? नाम सहित जानकारी देवें। क्या खड़ी फसल में सीमांकन किया जा सकता है?उक्त जिलों में उक्त अवधि में कहाँ-कहाँ खड़ी फसल का सीमांकन GPS से किसके आवेदन पर किया गया? इसकी कितनी शिकायत किस-किस व्यक्ति द्वारा की गई? (ग) क्या "चेन जेरिल से नपती" की बजाये, प्रायवेट GPS मशीन से खड़ी फसल की नपती करायी जा सकती है? यदि हाँ, तो उक्त जिलों में, उक्त अवधि में किन-किन पवन ऊर्जा सयंत्र के लिए कहाँ-कहाँ किस-किस अधिकारी ने नपती करवाकर कृषक की आपत्ति के बावजूद पवन ऊर्जा कम्पनी को खेत में से रास्ता दिया? (घ) उक्त जिलों में उक्त अवधि में पवन ऊर्जा कम्पनी के खिलाफ राजस्व प्रकरण को लेकर कितने-कितने आवेदन विभाग को प्राप्त हुए, उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? व्यक्तिवार स्थलवार जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मौके की परिस्थितियों के अनुसार वाद वाले आवेदन का सीमांकन पहले भी किया जा सकता है। (ख) ऐसा कोई तथ्य कार्यालय की जानकारी में नहीं आया है कि सीमांकन हेतु पूर्व में प्राप्त आवेदन का सीमांकन पहले कर दिया हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। खड़ी फसल में कृषक की सहमति से सीमांकन कार्य किया जा सकता है। मन्दसौर एवं रतलाम जिले में जी.पी.एस. से किसी का सीमांकन नहीं किया गया है। उक्त संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) मन्दसौर एवं रतलाम जिलों में जी.पी.एस. से सीमांकन कार्य नहीं किया गया है। अत: शेष जानकारी निरंक है। (घ) मन्दसौर जिले में उक्त अवधि में पवन ऊर्जा कम्पनी के खिलाफ राजस्व प्रकरणों का लेकर आवेदन प्राप्त होना नहीं पाया गया है। शेष जानकारी निरंक। रतलाम जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब अनुसार।
निरस्त फिटनेस प्रमाण-पत्र की जानकारी
[परिवहन]
108. ( क्र. 7216 ) श्री कमलेश शाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या ३५ क्रमांक 638, दिनांक 27 फरवरी 2017 के जवाब में उल्लेखित सड़क सुरक्षा सप्ताह में निरस्त फिटनेस वाले 11 वाहनों के रजि. नं. निरस्तीकरण, निरस्ती दिनांक, निरस्त करने वाले अधिकारी का नाम व पद सहित सूची देवें। (ख) उक्त निरस्त 11 फिटनेस प्रमाण-पत्र बनाने वाले अधिकारी/कर्मचारी का नाम व पद बताये। इन फिटनेस को कब-कब बनाया गया, किसने वाहन के चारों ओर से फोटो लिये गये? क्या उक्त निरस्ती के करण फिटनेस प्रमाण-पत्र बनाते समय भी थे? (ग) बिना इमरजेंसी गेट के कितने वाहनों का फिटनेस निरस्त किया गया? इन निरस्त फिटनेस प्रमाण-पत्र बनाते समय के फोटो की प्रति देवें। (घ) बिना इमरजेंसी गेट होने के बावजूद वाहनों को फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, उक्त 11 वाहनों द्वारा फिटनेस के समय फिटनेस के लिए निर्धरित मानकों को पूर्ण करने पर ही उन्हें नियमानुसार फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किये गये थे। (ग) एवं (घ) बिना इमरजेंसी गेट के फिटनेस निरस्त किये गये वाहनो की संख्या निरंक है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
केरोसीन का अवैध परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
109. ( क्र. 7217 ) श्री कमलेश शाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में आर.आर. कॉन्ट्रेक्टर द्वारा कब से किन शर्तों पर केरोसीन का परिवहन किया जा रहा है? प्रति देवें। उक्त लायसेंसी को कौन-कौन सी पंजीयों का संधारण किया जाना होता है। क्या यह पंजीयां कार्यालय से बाहर भी रखी जा सकती हैं? क्या कुछ पंजियां जी.एस.बल्क कैरियर के परिसर पर पाई गई थीं? (ख) मे.आर.आर. कॉन्ट्रेक्टर द्वारा किन-किन सोसायटियों पर केरोसीन पहुंचाया जाता है? वाहन क्रमांक, सोसाटियों के नाम व पता, वाहन रूट सहित सूची देवें। खरगोन तहसील सनावद के जी.एस. बल्क कैरीयर पर मिले केरोसीन भरे वाहन का रजि. क्रमांक, वाहन में भरे केरोसीन की मात्रा, यह केरोसीन किस रूट पर वितरित होना था? जानकारी देवें। क्या यह वाहन वहाँ पाया जाना किसी निजी/नियम का उल्लंघन था? इसे जप्त करने हेतु तत्कालीन खाद्य मंत्री ने क्या कार्यवाही? दस्तावेजों के विवरण सहित जानकारी देवें? (ग) आर.आर. कॉन्ट्रेक्टर पर शासन/विभागीय कार्यवाही की जानकारी देवें। इस फर्म को बिना सूचना पत्र दिये निलंबन का कारण बतायें। न्यायालय के आदेश के बाद विभाग द्वारा पुन: कारण बताओ नोटिस जारी किया है, तो प्रति देवें। इसके जवाब की प्रति देवें। यदि नोटिस नहीं जारी किया गया हो, तो कारण बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खरगोन जिले में आर.आर. कॉन्ट्रेक्टर द्वारा वर्ष 1980 से कलेक्टर द्वारा जारी थोक केरोसीन अनुज्ञप्ति की शर्तों के अधीन केरोसीन का व्यापार किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त अनुज्ञप्तिधारी को स्टॉक पंजी एवं वितरण पंजी का संधारण करना होता है। पंजीयों के कार्यालय से बाहर रखने अथवा न रखने के संबंध में मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञप्ति आदेश 1979 के अंतर्गत कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। खरगोन जिले के तहसील सनावद में स्थित जी.एस. बल्क कैरियर पर मिले केरोसीन भरे वाहन का रजिस्ट्रेशन क्रमांक एम.पी. 09 के.ए. 9684 है। उक्त वाहन में 9000 लीटर नीला केरोसीन भरा हुआ था। उक्त केरोसीन सनावद अथवा भीकनगाँव क्षेत्र की दुकानों पर आवंटित मात्रा अनुसार पहुंचाया जाना था। जी हाँ, उक्त टैंकर का जी.एस. बल्क कैरियर, सनावद के प्रतिष्ठान पर पाया जाना, मोटर स्पिरिट और उच्च वेग डीजल (प्रदाय तथा वितरण का विनियमन और अनाचार निवारण) आदेश, 2005 का उल्लंघन था। तत्कालीन माननीय खाद्य मंत्री के निर्देश पर अधिकारियों द्वारा जप्ती की कार्यवाही करते हुए प्रकरण निर्मित किया गया। जाँच प्रतिवेदन दस्तावेजों के विवरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) मेसर्स आर.आर. कॉन्ट्रेक्टर थोक केरोसीन विक्रेता सनावद के मालिक के विरूद्ध थाना सनावद में 01.06.2015 को एफ.आई.आर. की गई तथा आर.आर. कॉन्ट्रेक्टर को जारी अनुज्ञप्ति निलंबित की गई। अनुज्ञापन अधिकारी खरगोन द्वारा आर.आर. कॉन्ट्रेक्टर की विधि विरूद्ध गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए अनुज्ञप्ति तत्काल प्रभाव से निलंबित की गई थी। जी हाँ, माननीय न्यायालय के आदेश के बाद अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा पुन: कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ता विहीन कार्यों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
110. ( क्र. 7221 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रमुख अभियंता लो.स्वा.यां. विभाग म.प्र. भोपाल ने प्रश्नकर्ता की शिकायत पर पत्र क्रमांक 36/सी-7-जे-108/प्र.क./लो.स्वा.यां.वि.15 भोपाल दिनांक 07.07.2015 द्वारा जाँच दल का गठन किया था? यदि हाँ, तो जाँच दल में किन-किन अधिकारियों को सम्मिलित किया गया था? (ख) शिकायतकर्ता के पत्र में जाँच के मुख्य बिन्दु क्या थे? जाँच दल द्वारा बिन्दुवार की गयी जाँच में क्या तथ्य सामने आये? जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) जाँच में किन अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषी पाया गया? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जाँच दल में श्री संजय अंधवान, अधीक्षण यंत्री, श्री आलोक जैन, कार्यपालन यंत्री एवं श्री मनोज अवस्थी, सहायक यंत्री सम्मिलित थे। (ख) शिकायती पत्र में उल्लेखित कार्यादेशों/अनुबंधों के अन्तर्गत सम्पादित कार्यां का स्थल परीक्षण, गुणवत्ता का परीक्षण, अभिलेखीय परीक्षण, माप पुस्तिका में अंकित माप एवं स्थल पर पाये गए मापों की जाँच, विवादित कार्य किसके द्वारा कब कराया गया, भुगतान में की गई अनियमितता जाँच के मुख्य बिन्दु थे। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रथम दृष्ट्या श्री आर.वाय. तिवारी, श्री यू.एस. नामदेव, श्री हीरासिंह धुर्वे तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, खण्ड अनूपपुर, श्री के.के. गुप्ता, प्रभारी सहायक यंत्री, श्री आर.पी. अहिरवार, श्री एस.पी. द्विवेदी, उपयंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उपखण्ड अनूपपुर उत्तरदायी पाये गए हैं। इनमें से श्री हीरासिंह धुर्वे तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, श्री आर.पी. अहिरवार तत्कालीन उपयंत्री एवं श्री एस.पी. द्विवेदी, तत्कालीन उपयंत्री के विरूद्ध शासन के पत्र क्रमांक एफ 5-6/17/1/34 दिनांक 4.3.2017 द्वारा आरोप-पत्र जारी किए गए हैं। सेवानिवृत्त श्री आर.वाय. तिवारी तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, श्री यू.एस. नामदेव तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को सेवानिवृत्त हुए 4 वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की जा सकती किन्तु श्री के.के. गुप्ता, तत्कालीन प्रभारी सहायक यंत्री के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही म.प्र. पेंशन नियम 1976 के नियम (9) में विहित प्रावधान अनुसार प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हत्या़ के प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जाना
[गृह]
111. ( क्र. 7236 ) श्री मोती कश्यप : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी के थाना उमरियापान के समीप के किसी कुएं में मार्च 2013 की तिथि में किसी गायब छात्रा की पायी गई? लाश पर हत्यारों को पकड़ने के लिये हुए आंदोलन उपरान्त किन्हीं ग्राम के किसी परिवार की बेटी मानकर किन्हीं के द्वारा अन्त्येष्टि की गई है? (ख) अन्त्येष्टिकर्ता परिवार ने मृतका को अपनी बेटी मानने से इंकार किये जाने पर किसी पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में किन-किन के बयानों के आधार पर किन-किन स्थानों पर जाँच की है और जिस पर क्या कोई निष्कर्ष निकाला गया है? (ग) क्या वर्ष 2013 से 2015 की अवधि में किसी फोरेन्सिक प्रयोगशाला ने किसी दिनांक को अपनी रिपोर्ट में मृतक छात्रा और उसके परिवार के संबंध के विषय में कोई लेख किया है और पुलिस अधीक्षक कटनी के द्वारा मृतक छात्रा के माता-पिता का किसी अवधि में डी.एन.ए. टेस्ट कराये जाने पर निष्कर्ष क्या पाया गया है? (घ) क्या विभाग ने हत्या के आरोपियों को पकड़े बिना प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) प्रकरण को पुन: जाँच में लिया जाकर दोषियों को गिरफ्तार किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) दिनांक 15.03.2013 को सूचनाकर्ता सुभाष काछी निवासी बम्हनी ने थाना उमरिया पान में सूचना दी कि ग्राम कुदवारी में खबरा वाले मालगुजार के खेत में बने कुआं में एक अज्ञात महिला उम्र करीब 15-17 साल की लाश पड़ी है, की सूचना पर मर्ग क्रमांक 05/13 धारा 174 जा.फौ. दर्ज कर शासकीय अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। अज्ञात मृतिका की शिनाख्त नहीं हो सकी। शिवचरण काछी निवासी देवरी पाठक ने दिनांक 15.01.2013 को उक्त थाने में अपनी पुत्री कल्पना काछी के गुमने की रिपोर्ट पर गुम इंसान क्रमांक 01/13 एवं अपराध क्रमांक 33/13 धारा 363, 366, ताहि 16 (3) , 17 पाक्सो एक्ट का पंजीबद्ध कर पूर्व से विवेचना में लिया गया था। शिवचरण काछी द्वारा अज्ञात मृतिका की लाश को अपनी पुत्री कल्पना के होने की शंका जाहिर की गई, जिस पर मर्ग क्रमांक 05/13 धारा 174 जा.फौ. की अज्ञात मृतिका, शिवचरण काछी व उसकी पत्नी जागेश्वरी बाई का डी.एन.एन. परीक्षण रिपोर्ट में अज्ञात मृतिका का डी.एन.ए. परीक्षण सागर भेजकर कराया गया। डी.एन.ए. परीक्षण रिपोर्ट में अज्ञात मृतिका का डी.एन.ए. शिवचरण काछी व जागेश्वरी बाई के डी.एन.ए. से नकारात्मक पाया गया। मृतिका की शिनाख्त नहीं होने से पोस्टमार्टम के बाद मृतिका का शव उमरियापान अस्पताल के सामने वाला सूखा तालाब में गड्ढा खोदकर दफनाया गया, अंत्येष्टि नहीं की गयी। (ख) मर्ग जाँच के दौरान जाँचकर्ता उप-निरीक्षक रीता सिंह के द्वारा साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये। अज्ञात मृतका की शिनाख्ती के प्रयास जारी हैं। मर्ग क्रमांक 05/13 धारा 174 जा.फौ. वर्तमान में जाँच में है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है।
अस्थाई सब-डिवीजन राजस्व कार्यालय को स्थाई घोषित करना
[राजस्व]
112. ( क्र. 7242 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक/6233/3 बी.स्था./2016 दिनांक 28.06.2016 से अस्थाई अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय अनुविभाग ब्यावरा को स्थाई घोषित करने हेतु पूर्ण उपयोगिता दर्शाते हुये प्रस्ताव सचिव, मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग भोपाल को प्रेषित किया गया था तथा क्या दिनांक 31 जनवरी 2017 को ब्यावरा नगर में आयोजित एन.एच.ए.आई. के फोर-लेन भूमि पूजन कार्यक्रम एवं जिला स्तरीय अंत्योदय मेले में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा भी अस्थाई सब-डिवीजन राजस्व कार्यालय ब्यावरा को स्थाई घोषित करने हेतु घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन विगत 30 वर्षों से कार्यरत अस्थाई सब-डिवीजन राजस्व कार्यालय ब्यावरा को स्थाई घोषित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्ताव विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करना
[राजस्व]
113. ( क्र. 7243 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत शासकीय भूमि, भवन, शासकीय स्कूल व खेल मैदान परिसर, निस्तारी तालाब, श्मशान भूमि एवं मंदिरों की भूमि से अतिक्रमण हटाये जाने संबंधी कितनी शिकायतें कहाँ-कहाँ दर्ज कराई गईं? संख्या सहित बतावें। क्या दर्ज शिकायतों का समय-सीमा में संतोषजनक निराकरण कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कितनी शिकायतें लंबित हैं? कारण सहित बतावें तथा कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? (ख) उपरोक्तानुसार क्या ब्यावरा नगर में अंजनीलाल रोड स्थित श्री नृसिंह गौ-शाला का निर्माण शासकीय भूमि (बीड़ मंदिर) पर अवैध अतिक्रमण कर किया गया है एवं कलेक्टर राजगढ़ द्वारा अनेकों बार अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही हेतु निर्देशों के बावजूद भी कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक नहीं की जा सकी है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक अतिक्रमण हटा दिया जावेगा तथा अब तक की गई लापरवाही के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या शासन ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शहर के आस-पास अवैध निर्माण
[राजस्व]
114. ( क्र. 7249 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्व संहिता तथा शासन द्वारा जारी अन्य परिपत्रों के आधार पर डायवर्सन करने के क्या नियम, मापदण्ड, प्रक्रिया, प्राधिकार, समय-सीमा तथा उल्लंघन करने पर क्या सजा है? (ख) सिवनी नगरपालिका की परिधि के आस-पास, कृषि भूमि, किसानों से लेकर, कॉलोनाईजर के आधिपत्य में है तथा प्लाट काट कर बेचे जा रहे हैं, क्या इसकी जानकारी विभाग को है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त नगर के अंतर्गत 01 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी कॉलोनी, समितियों व्यक्तियों/समूह द्वारा कृषि भूमि पर निर्माण किया अथवा विकास कार्य किया गया? ग्रामवार नाम बतायें। (घ) क्या शिकायत प्राप्त होने पर भी विभाग कार्यवाही या जाँच करता रहा है? विभाग को यदि शिकायत प्राप्त नहीं होती है, तो क्या यह माना जाये कि जो कुछ अवैध निर्माण हुये हैं वह विभाग की अप्रत्यक्ष सहमति और अनुमति से हुये हैं और वे वैध हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू.रा. संहिता 1959 की धारा 59 एवं धारा 172 में दिये गये प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (घ) जी हाँ। जी नहीं। अवैध कॉलोनियों के संबंध में न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की जा रही है।
थाने व चौकियों में पुलिस बल की पदस्थी
[गृह]
115. ( क्र. 7251 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला अंतर्गत सिवनी विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा कितने थाने व कितने उपथाने/चौकी स्थापित हैं? क्या उक्त थानों में स्वीकृत बल के अनुरूप बल पदस्थ है? यदि नहीं, तो शासन कब तक रिक्त पड़े पदों पर पुलिस बल की पदस्थी कर देगा? (ख) म.प्र. शासन के नये थाने एवं उपथाने खोलने के क्या मापदण्ड हैं? मापदण्डों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जेल में बंद कैदियों को परिजनों/स्वजनों द्वारा लाया गया भोजन अथवा सामग्री लेने पर पाबंदी लगा दी गई है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। पुलिस विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति पदोंन्नति एवं सीधी भर्ती से की जाती है, जो निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जी हाँ। केन्द्रीय जेल भोपाल से सिमी विचाराधीन बंदियों के फरार होने की घटना के परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा की दृष्टि से प्रदेश की जेलों में परिरूद्ध विचाराधीन बंदियों को मुलाकात में उनके परिजनों से अथवा निजी स्त्रोंतो से खाद्य या अन्य सामग्री प्राप्त करने पर दिनांक 09.12.2016 से रोक लगाई गई है।
उज्जवला योजनान्तर्गत गैस कनेक्शनों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
116. ( क्र. 7252 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत् गैस कनेक्शन वितरित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को गैस कनेक्शन दिया गया है? ग्रामवार, वार्डवार संख्या उपलब्ध करावें? (ग) शेष कितने हितग्राहियों को कब तक गैस कनेक्शन दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत कुल 9, 574 परिवारों को गैस कनेक्शन जारी किये गये हैं। ग्रामवार एवं वार्डवार कनेक्शन प्राप्त करने वाले परिवारों को जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी के अंतर्गत आने वाले 30, 320 परिवार शेष हैं, जिन्हें पात्रता अनुसार प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय किया जाना है। योजनांतर्गत गैस कनेक्शन जारी किया जाना एक निरंतर प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वनग्राम, टोलों व मंजरों को राजस्व ग्राम बनाया जाना
[राजस्व]
117. ( क्र. 7253 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र के कितने वनग्राम, मजरे, टोले ऐसे हैं, जिनकी जनसंख्या 250 से अधिक है व अपने मूल ग्राम से 2 कि.मी. अधिक दूरी पर है? (ख) क्या प्रश्नांकित (क) में वनग्राम, टोले, मंजरों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की योजना है? हाँ, तो कब तक? (ग) विगत 05 वर्षों में राजस्व ग्राम बनाये जाने की क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी निरंक। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पात्रता पर्चियों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
118. ( क्र. 7258 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कितने परिवारों के कितने सदस्यों को किस पात्रता श्रेणी के तहत् मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का खाद्यान्न मिल रहा है? लाभार्थियों की संख्या, श्रेणी की प्रोजेक्ट जनसंख्या का कितने प्रतिशत है? विधानसभा क्षेत्रवार, राशन दुकानवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2015 एवं 2016 में कितने-कितने नए परिवार और सदस्य जोड़े गए एवं कितने-कितने अपात्र परिवार और सदस्य घटाए गए? पृथक-पृथक बतायें। विधानसभा क्षेत्रवार, राशन दुकानवार यह भी बतायें कि किस पात्रता श्रेणी के कितने परिवार और सदस्य, सत्यापन उपरांत कब से पात्रता पर्ची से वंचित हैं और क्यों? (ग) क्या 26 अगस्त 16 के बाद सत्यापित नए परिवारों के सत्यापन उपरांत भी पात्रता पर्चियाँ जनरेट नहीं हो रही हैं? क्या कटनी जिले में समग्र पोर्टल में पात्रता श्रेणी परिवारों और सदस्यों का सत्यापन भी नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? शासन दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो विगत 01 वर्ष में किस श्रेणी के कितने परिवार कब-कब सत्यपित किये गये? (घ) पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) व्यवस्था लागू होने के बाद जिले में अपात्र परिवारों की जाँच कौन-कौन राशन दुकान में कब-कब की गई? जाँच में क्या तथ्य आये और क्या कार्यवाही की गयी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय योजनाओं का संचालन/क्रियान्वयन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
119. ( क्र. 7260 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विभाग की कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन/क्रियान्वयन किस प्रकार एवं कब से किया जा रहा है? वर्ष-2014-15 से विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यक्रम, कब-कब एवं कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये? इन कार्यक्रमों/कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई और कितने हितग्राहियों को किस प्रकार, लाभान्वित किया गया? वर्षवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) क्या रेशम संचालनालय की योजनायें भी जिले में संचालित हैं? यदि हाँ, तो योजनाओं का संचालन/क्रियान्वयन किस प्रकार किया जाता है? वर्ष 2014-15 से कितने एवं किसानों से रेशम उत्पादन हेतु किन शर्तों पर अनुबंध किया गया और कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) क्या विभागीय योजनाओं में प्रशिक्षण भी दिया जाता है? यदि हाँ, तो, कितने हितग्राहियों को व्यवसायों में, किस-किस संस्थाओं द्वारा कब-कब, कहाँ-कहाँ प्रशिक्षण दिया गया और शासनादेशों के तहत् प्रशिक्षणार्थियों का कहाँ-कहाँ प्लेसमेंट किया गया? प्लेसमेंटों का सत्यापन कब-कब, किन शासकीय सेवकों के द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-II-03/2016/1/9 दिनांक-04/02/2016 के पालन में जिले में संचालित विभागीय योजनाओं/कार्यक्रमों के बाह्य मूल्यांकन, किनके द्वारा कब-कब किये गये? मूल्यांकन के क्या परिणाम रहे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
अतिक्रमण हटाने व कब्जा मुक्त की जानकारी
[राजस्व]
120. ( क्र. 7263 ) श्री जय सिंह मरावी, श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. विधानसभा अतारांकित प्रश्न संख्या 164 (क्रं.6498) दिनांक 17.03.2016 के उत्तर में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने व कब्जा मुक्त की जानकारी दी गई है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें? (ख) क्या अतिक्रमणकारी स्वयं तथा उनके पति शासकीय सेवक हैं? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारी का नाम, पद, विभाग तथा पति का नाम, पद व विभाग की स्पष्ट जानकारी देते हुए बताएं कि शासकीय सेवक व उसकी पत्नी द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के प्रमाणित तथ्य तथा राजस्व न्यायालय से अर्थदण्ड से आरोपितजनों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान तथा दिशा-निर्देश है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) प्रकरण में कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) प्रकरण में राजस्व विभाग का पटवारी जिसके कर्तव्य पालन में शासकीय भूमि की सुरक्षा है? ऐसे पटवारी ने अपनी पत्नी जो स्वयं शासकीय कर्मचारी हैं, के नाम पर अतिक्रमण कर अनियमितता की है? यदि नहीं, तो उक्त प्रकरण में क्या समक्ष कार्यवाही की जाएगी? (घ) प्रश्नांश (क) प्रकरण में अतिक्रमण व अवैध कब्जा से मुक्त शासकीय भूमि का 15 फरवरी 2017 की स्थिति में नजरी-नक्शा उपलब्ध कराते हुए बहुमूल्य भूमि की सुरक्षा हेतु फेसिंग वायर से बाउन्ड्री बनाकर समय-सीमा में शासकीय भूमि का बोर्ड लगाया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) अनूपपुर नगर में उक्त कर्मचारी एवं उनकी पत्नी के नाम पर कितनी भूमि का स्वत्व है तथा कितनी भूमि पर काबिज होकर व्यवसायिक उपयोग कर रहे हैं? समस्त भूमि की पैमाईश अनुसार भूमि का रकबा, उसमें भवन तथा रिक्त खाली भूमि की पूर्ण जानकारी तथा नगरीय क्षेत्र में निर्मित भवन का मूल्यांकन लोक निर्माण विभाग के सक्षम अधिकारी अनुसार कितना है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, तारांकित प्रश्न क्रमांक 6498 दिनांक 17.03.2016 अनुसार हर्री-बर्री में पदस्थ पटवारी श्री रमेश सिंह की पत्नी श्रीमती बेलावती द्वारा अनूपपुर की शासकीय आ.ख.न. 1082/1 रकबा 0.081 हेक्टेयर के अंशभाग पर अनाधिकृत कब्जा होने से रा.प्र.क्र. 10/अ-68/14-15 में पारित आदेश दिनांक 01.01.2016 द्वारा रूपये 1500/- अर्थदण्ड अधिरोपित किया जाकर शासकीय भूमि से अवैध कब्जा मुक्त कराने एवं पुलिस आरक्षक श्री शिवराम मार्को की पत्नी श्रीमती बिन्दा मार्को द्वारा शासकीय आ.ख.नं. 1082/1 के अंशभाग 0.010 हेक्टेयर पर अनाधिकृत कब्जा पाये जाने से न्यायालय तहसीलदार अनूपपुर द्वारा प्र.क्र. 09/अ-68/2015-16 दर्ज करने की जानकारी दी गई थी। (ख) श्रीमती बिन्दा मार्को का खसरा नं. 1082/1 के अंशभाग 0.010 हेक्टेयर पर अतिक्रमण पाया गया वे शासकीय सेवक नहीं है एवं उनके पति श्री शिवराम मार्को पुलिस विभाग में आरक्षक पद पर पदस्थ हैं। श्रीमती बेलावती का 1082/1 रकबा 0.081 हेक्टेयर के अंशभाग पर अतिक्रमण पाया गया वे आदिवासी विकास विभाग में अध्यापक पद पर कार्यरत हैं एवं उनके पति श्री रमेश सिंह राजस्व विभाग में पटवारी पद पर कार्यरत हैं। श्रीमती बेलावती, अध्यापक द्वारा अतिक्रमण किया जाना म.प्र.सिविल सेवा आचरण नियम के प्रतिकूल होने से उनके विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। पटवारी के विरूद्ध अतिक्रमण प्रकरण में आदेश पारित नहीं हुआ है। (घ) भूतकालीन स्थिति में नजरी-नक्शा उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ड.) पटवारी श्री रमेश सिंह पिता मोलई सिंह के नाम ग्राम अनूपपुर की आ.ख.नं. 1081/2ख रकबा 0.058 हेक्टेयर (6307 वर्गफिट) भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज अभिलेख है तथा उनकी पत्नी श्रीमती बेलावती के नाम ख.नं. 1081/1/क/1/2 रकबा 0.105 हेक्टेयर ( 11418 वर्गफिट) दर्ज अभिलेख है, जिसके अंशभाग 360 वर्गफिट पर 01 कमरा व शेड बना है, शेष रकबा 11058 वर्गफिट रिक्त है। श्री रमेश सिंह के भूमि स्वामी स्वत्व की आ.ख.नं. 1081/2ख रकबा 0.058 हेक्टेयर (6307 वर्गफिट) के अंशभाग 2350 वर्गफिट पर 03 तल का भवन निर्माण कर रिहायशी एवं व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है तथा 300 वर्गफिट पर 01 कमरा व शौचालय तथा 120 वर्गफिट पर बाथरूम बना हुआ है। कुल निर्मित क्षेत्रफल 2770 वर्गफिट है, शेष रकबा 3537 वर्गफिट में बाड़ी एवं आंगन है। कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त भवन का किया गया मूल्यांकन रूपये 86.68 लाख है। पुलिस आरक्षक श्री शिवराम मार्को की पत्नी श्रीमती बिन्दा मार्को के नाम ग्राम अनूपपुर की आ.ख.नं. 1081/1/क/1/3 रकबा 0.012 हेक्टेयर (1305 वर्गफिट) भूमि स्वामी स्वत्व पद दर्ज अभिलेख है, जिसके अंशभाग 440 वर्गफिट पर पक्का मकान निर्मित है, शेष भूमि 865 वर्गफिट सड़क, पचासा समाहित है। कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त भवन का किया गया मूल्यांकन रूपये 36.00 लाख है।
विभागीय जाँच संस्थित करने का अधिकार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
121. ( क्र. 7266 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अधीक्षण यंत्री पी.एच.ई. रीवा को सहायक ग्रेड-3 की विभागीय जाँच संस्थित करने का अधिकार है। यदि हाँ, तो अधिकार आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो किस सहायक ग्रेड-3 आदेश क्रमांक 23 दिनांक 22.03.2012 से विभागीय जाँच संस्थित की थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अधिकार क्षेत्र के बहार जाकर किसी कर्मचारी को प्रताडि़त कर विभागीय जाँच संस्थित करने के लिए दोषी अधीक्षण यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री निवासी रचना नगर कटनी द्वारा मुख्य सचिव म.प्र.शासन को शिकायत दिनांक 13.02.2017 एवं 22.02.2017 को की गई है। यदि हाँ, तो उक्त शिकायत की जाँच किसी अन्य सम्भाग के मुख्य अभियंता से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं। (घ) क्या मुख्य अभियंता जबलपुर की विभागीय जाँच किसी जबलपुर संभाग के प्रकरण में संस्थित है? यदि हाँ, तो जाँच प्रभावित न हो इसलिए संबंधित को अन्यत्र हटाया जावेगा? यदि हाँ कब तक? (ड.) दिनांक 22.02.2017 मुख्य सचिव को की गई शिकायत की जाँच संम्बधितों को हटाकर क्या की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक? बताएं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। श्री बी.बी. तिवारी, सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (ख) जाँचोपरांत यथोचित कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) दिनांक 13.02.17 की शिकायत जन शिकायत निवारण विभाग के पत्र क्र. पी.जी.आर. 3398860 दिनांक 25.2.17 द्वारा प्राप्त हुई है। प्रमुख अभियंता को शीध्र जाँच हेतु भेजा गया है। दिनांक 22.02.17 को की गई शिकायत विभाग में अप्राप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। विभागीय जाँचकर्ता अधिकारी मुख्य अभियंता, भोपाल परिक्षेत्र होने से जाँच प्रभावित होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेक्शन राइटर्स की नियुक्ति
[राजस्व]
122. ( क्र. 7267 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के राजस्व विभाग में सेक्शन राइटर्स नियुक्त करने के क्या मापदण्ड हैं? शैक्षणिक योग्यता सहित नियुक्त करने की प्रक्रिया सहित विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सतना जिले में वर्ष २०१२ से प्रश्न दिनांक तक अस्थायी कितने सेक्शन राइटरों को सहायक ग्रेड-३ में नियमित नियुक्ति प्रदान की गई है? सूची सहित विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में रामपुर बघेलान जिला सतना में कार्यरत सहायक ग्रेड-३ जो पूर्व में सेक्शन राइटर्स कार्यरत थे। उन्हें माननीय उच्च न्यायालय के याचिका क्रमांक १२०२/२०१० दिनांक १५.१२.२०१० के निर्देश पर स्थाई नियुक्ति की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त निर्देश के अनुसार अन्य कितने सेक्शन राइटरों को स्थायी किया गया है? यदि नहीं, किया गया तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार।
ग्राम में कुम्हार गड्ढे आवंटित करना
[राजस्व]
123. ( क्र. 7279 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गंज बासौदा विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे विदिशा जिले के प्रत्येक ग्राम में कुम्हार गड्ढे थे, जिसमें कुम्हार मिट्टी खोदकर मिट्टी के बर्तन, खिलौने, मूर्तियां आदि बनाते थे और अपने परिवार की आजीविका चलाते थे। यदि हाँ, तो वर्तमान में किस-किस ग्राम में कहाँ-कहाँ कुम्हार गड्ढे हैं? (ख) क्या शासन की खाली पड़ी भूमि कुम्हार जाति के लिए कुम्हार गड्ढे के नाम आवंटित किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, तो विदिशा जिले के कुम्हारों के परिवारों की रोजी-रोटी बंद पड़ी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नही। वर्तमान में कुल 1659 ग्रामों में से कुल 468 ग्रामों में कुम्हार गड्ढे है विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश “क” में दी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नही होता।
बंद नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
124. ( क्र. 7285 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बेतूल जिले में कितनी नल-जल योजनाएं कब से बंद हैं? विकासखंडवार, ग्रामवार जानकारी दें। (ख) नल-जल योजनाएं बंद रहने के क्या कारण हैं? (ग) क्या सरकार गंभीर पेय-जल संकट को देखते हुए बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को प्रारंभ करने के निर्देश एवं आवश्यक राशि जारी करेगी? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि कब तक जारी करेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 73 योजनाएं बंद हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजनाओं के बंद होने के मुख्य कारण स्त्रोत सूखने, पाईप-लाईन क्षतिग्रस्त होने एवं मोटर खराबी आदि हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। “नल से जल आज और कल‘‘ कार्यक्रम के अन्तर्गत रूपये 2.00 लाख से कम सुधार लागत वाली 09 नल-जल योजनाओं के सुधार हेतु रूपये 10.94 लाख दिनांक 16.11.2016 को जिला पंचायत बैतूल के माध्यम से संबंधित पंचायतों को उपलब्ध करवाई जाकर योजनाओं को चालू किया गया है। रूपये 2.00 लाख से अधिक सुधार लागत वाली 59 बंद नल-जल योजनाओं को चालू करने हेतु विभाग द्वारा निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। स्वीकृत निविदा दर अनुसार राशि वर्ष 2017-18 में उपलब्ध करवायी जायेगी।
उचित मूल्य की दुकानों का युक्ति-युक्तकरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
125. ( क्र. 7288 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में उचित मूल्य की कितनी दुकानें कहाँ–कहाँ संचालित हैं? उन दुकानों का संचालन कौन कब से कर रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त दुकानों से कितने गाँव के लोगों को राशन वितरित किया जा रहा है? इन गाँव की दुकान से दूरी कितनी है? (ग) एक दुकान से कितने किलो मीटर के क्षेत्रों के लोगों को राशन वितरित करने का नियम हैं? (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र बिजावर में कई ऐसे गाँव हैं जिनके निवासियों को राशन लेने हेतु 02 से 15 किलो मीटर की यात्रा करनी पड़ती है? क्या इनके युक्ति-युक्तकरण की कोई व्यवस्था है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में उचित मूल्य दुकान से गाँव की दूरी के आधार पर राशन वितरित करने का कोई प्रावधान नहीं है, अपितु प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। (घ) प्रत्येक गाँव से उचित मूल्य दुकान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रत्येक पंचायत में दुकान के स्थान का निर्धारण जिला पंचायत द्वारा करने का प्रावधान है। उक्त प्रावधान के तहत् युक्ति-युक्तकरण की कार्यवाही करने हेतु जिला पंचायत सक्षम है।
आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
126. ( क्र. 7291 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की ऐसी मंशा है कि ऐसे विकासखंड, जहाँ कोई भी शासकीय/अशासकीय आई.टी.आई. नहीं है वहां आई.टी.आई. प्राथमिकता से खोली जाए? (ख) छतरपुर जिलान्तर्गत बिजावर विकासखंड में क्या कोई आई.टी.आई. विद्यालय है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या बिजावर विकासखंड में शासकीय आई.टी.आई. शासन की मंशानुसार खुल सकती है? यदि हाँ, तो क्या शासन इस ओर कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) बताया जाना संभव नहीं है।
पेय-जल योजना हेतु राशि की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
127. ( क्र. 7296 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अतंर्गत ग्राम पंचायत कोहदड़ में 3 वर्ष पूर्व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 48 लाख रूपये की पेय-जल योजना स्वीकृत हुई थी? जिसमें ग्रामीणों द्वारा 50,000/- रूपये जन सहयोग भी विभाग को दिया गया व टेंडर भी हो चुका था? लेकिन आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हुआ है? (ख) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा इस पेय-जल योजना का कार्य किया जायेगा? (ग) यदि किया जायेगा तो कब तक एवं इस पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) यदि नहीं, किया जायेगा तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोहदड़ की पेय-जल योजना जनवरी 2016 में रूपये 48.81 लाख की स्वीकृत हुई थी। जी हाँ, रूपये 48, 810.00 की राशि जमा की गई है। निविदा में अधिक दरें प्राप्त होने के कारण निविदा स्वीकृत नहीं की गई तथा सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए पुनः निविदाएं आमंत्रित नहीं की गई। (ख) जी हाँ, कार्य किया जाएगा। (ग) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार कार्य किया जाएगा। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। शेष उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्रमिकों को शासन के नियमों के अनुरूप मजदूरी प्रदाय
[श्रम]
128. ( क्र. 7299 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदला वि.स. क्षेत्र अतंर्गत संचालित ग्रेनाईट खदानों, क्रेशरों तथा अन्य व्यवसायिक संस्थानों में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने मजदूर किन-किन संस्थाओं में कार्य कर रहे हैं? पृथक-पृथक संख्या बताएं। (ख) उक्त सभी संस्थाओं में कार्यरत मजदूरों को शासन के नियमों के अनुरूप मजदूरी के अलावा क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराने का प्रावधान है? (ग) क्या शासन के नियमों के अनुरूप सभी संस्थानों में एक समान मजदूरी या अन्य सुविधायें नहीं दी जाती हैं? यदि हाँ, तो संबंधित संस्थाओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में चन्दला वि.स. क्षेत्र में संचालित सभी संस्थानों में अधिकारियों द्वारा कितने बार भ्रमण किया गया एवं भ्रमण के दौरान क्या कमियां पायी गयीं? उस पर क्या कार्यवाही की गयी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) चंदला विधानसभा क्षेत्र में संचालित ग्रेनाईट खदाने व खदान क्षेत्र में कार्यरत स्टोन क्रशर हेतु श्रम कानूनों में समुचित सरकार केन्द्र सरकार है। अतः इनकी जानकारी राज्य के श्रम विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। राज्य के श्रम विभाग के अंतर्गत कारखाना अधिनियम, 1948 में किसान मिनरल्स प्रा. लिमिटेड, नामक ग्राम-मंडवा में एक कारखाना पंजीकृत है जिसमें 18 श्रमिक नियोजित है। अन्य व्यवसायिक संस्थानों एवं उनमें नियोजित श्रमिकों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में उक्त काखानें एवं संस्थानों के संबंध में श्रम कानूनों के उल्लंघन बाबत् कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अतः निरीक्षण नहीं किये गये।
निर्धारित मापदण्ड पूरे किये बिना श्रम कार्ड जारी किया जाना
[श्रम]
129. ( क्र. 7302 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत जनपद गौरिहार में दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने श्रम कार्ड बनाये गये, ग्रामवार, हितग्राही की संख्या उपलब्ध करावें? (ख) क्या श्रमकार्ड में ठेकेदारों द्वारा फर्जी तरीके से टीप प्रमाण-पत्र लगवाकर बिना निर्धारित मापदण्ड पूरे किये ही अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कार्ड बनाये जा रहे हैं या बनाये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो उक्त श्रमकार्ड बनाने वाले अधिकारी व कर्मचारियों विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत छतरपुर जिले की चन्दला विधानसभा क्षेत्र की जनपद गौरिहार में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2663 निर्माण श्रमिकों को पंजीकृत किया गया। ग्रामवार, हितग्राही संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। निर्माण श्रमिकों द्वारा संबंधित पदाभिहित अधिकारी के समक्ष निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करने पर जाँच उपरांत पंजीयन किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अतिसंवेदनशील क्षेत्र में पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
130. ( क्र. 7309 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा किसी सामान्य क्षेत्र में पुलिस चौकी स्थापित करने तथा अतिसंवेदनशील क्षेत्र में पुलिस चौकी स्थापित करने के मापदण्ड एक हैं या अलग-अलग हैं? (ख) यदि अलग-अलग हैं, तो प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 27 फरवरी 2017 को पूछे गए प्रश्न 95 (क्रमांक 1900) के प्रश्नांश (क) के अनुसार शासन द्वारा मन्दसौर जिले में सबसे ज्यादा कंजर प्रभावित क्षेत्र सुवासरा विधानसभा क्षेत्र को माने जाने के बाद भी शासन द्वारा सामान्य रूप से नवीन पुलिस चौकी की स्थापना के मापदण्डों को आधार क्यों माना जा रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार मांग करने एवं विभाग द्वारा भी क्षेत्र के विषय में जानकारी भेजने के बाद एवं माननीय गृह मंत्री जी के सदन में आश्वासन एवं पत्र के माध्यम से आदेश प्रदान करने के बाद भी शासन द्वारा अनदेखी करने का क्या कारण है? (घ) क्या वित्तीय संकट को नवीन पुलिस चौकी की स्थापना नहीं होने का कारण माना जाता है? ऐसे में यदि कोई दुर्घटना घटित होती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? विगत 1 वर्ष में शासन द्वारा प्रदेश में कितनी नवीन पुलिस चौकियों को स्वीकृति प्रदान की गई है तथा कितनी चौकियां स्थापित की गई हैं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मापदण्ड एक ही है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रस्ताव निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। (घ) जी नहीं। किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित होने पर निकटस्थ थाना/चौकी द्वारा तत्परता पूर्वक कार्यवाही की जाती है। कुल 24 नवीन पुलिस चौकियों की स्वीकृति प्रदान की जाकर स्थापित की गई है।
खाद्यान्न पर्ची वितरण की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
131. ( क्र. 7310 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा खाद्यान्न पर्ची बनाकर खाद्यान्न दिये जाने की योजना कब से प्रारम्भ की गई है? प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक सभी पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न पर्ची बनाकर खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है या नहीं? (ख) मन्दसौर जिलान्तर्गत योजना प्रारम्भ होने के बाद जिन पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न वितरण किया जा रहा था, उन सभी व्यक्तियों को वर्तमान में भी खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो इसका कारण बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत खाद्यान्न पर्ची बनाने की प्रक्रिया ऑन-लाईन होने के उपरान्त पोर्टल पर आवेदन तो ऑन-लाईन जमा हो रहे हैं किन्तु कई माह से खाद्यान्न पर्ची जनरेट नहीं हो रही है, इसका क्या कारण है? (घ) मन्दसौर जिले में ऑन-लाईन प्रक्रिया के अन्तर्गत विगत 6 माह में कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनकी खाद्यान्न पर्ची जनरेट नहीं हुई है तथा कब तक जनरेट हो जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर माह मार्च, 2014 से खाद्यान्न एवं अन्य राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करने का कार्य एक सतत् प्रक्रिया के रूप में माह अगस्त, 2016 तक किया गया है। इसके पश्चात् नवीन सत्यापित परिवार भारत सरकार के खाद्यान्न आवंटन सीमा से अधिक होने से उन्हें पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा रही है। अधिनियम के क्रियान्वयन के समय सम्मिलित परिवार एवं उसके पश्चात् समय-समय पर सत्यापित नवीन परिवार जिनके पास वैध पात्रता पर्ची है, उन सभी परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। प्राकृतिक आपदा श्रेणी अंतर्गत परिवारों को एक निश्चित समय-सीमा के लिए प्राथमिकता परिवार में सम्मिलित किया जाकर सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई थी। इस कारण इन परिवारों की पात्रता अवधि समाप्त हो जाने के कारण इस श्रेणी के परिवारों को वर्तमान में राशन सामग्री का वितरण नहीं किया जा रहा है। (ग) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। (घ) मंदसौर जिले में माह अगस्त, 2016 के पश्चात् 2, 740 नवीन सत्यापित पात्र परिवार की पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा सकी है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी।
पॉलिसी प्रमाण-पत्र की जानकारी
[गृह]
132. ( क्र. 7317 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के सलसलाई थाने पर एफ.आई.आर. क्रमांक 0019 दिनांक 19.02.2016 किस-किस के आवेदन पर दर्ज की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में किन-किन को आरोपी बनाया गया, जिन व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा आवेदन दिया गया था, उनसे आरोपियों द्वारा किस रुप में धोखाधड़ी की गई? क्या आरोपियों ने फरियादियों से पैसा लेकर संस्था कि रसीद/पॉलिसी प्रमाण-पत्र संबंधितों को दिया गया? यदि हाँ, तो क्या उन्हें जप्त किया गया है? यदि हाँ, तो प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित रसीद/पॉलिसी प्रमाण-पत्र जिस संस्था के द्वारा दिए गए, क्या वह संस्था पंजीबद्ध है? यदि हाँ, तो उसका पंजीयन क्रमांक, दिनांक, मुख्यालय एवं डायरेक्टरों के नाम एवं पंजीकृत पते बतावें। डायरेक्टरों के खिलाफ क्या कार्यवाही कि गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में पॉलिसी धारकों ने जो बयान दिए हैं, उनमें पैसा लेकर पॉलिसी नहीं देने का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो मुकेश प्रजापति, दिनेश प्रजापति, संतोष विश्वकर्मा, प्रहलाद परमार, राजेन्द्र परमार, रायसिंह मेवाड़ा, जीवन परमार, ओमप्रकाश सेन, महेन्द्र सेन, रामदयाल सेन ने किस-किस फरियादी से रुपये लिए और पॉलिसी नहीं दी गई और यदि पॉलिसी दी गई तो प्रकरण पंजीबद्ध करने वाले पुलिस अधिकारी को क्या प्रकरण जाँच करके कार्यवाही करना चाहिए थी? बगैर जाँच किए कार्यवाही क्यों की गई? इसके लिए दोषी कौन है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला शाजापुर के थाना सलसलाई में अप.क्र. 19/16 आवेदक श्री भगवानदास पिता श्री ग्यारसीदास पुष्पद निवासी मदाना के आवेदन पर दर्ज किया गया है। आवेदन पत्र की उल्लेखित अन्य आवेदकों के नाम संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ में समाहित है। बी.एन.पी. एजेण्टों द्वारा कम समय में धन दुगना करने का लालच देकर बीमा पॉलिसी की अवधि पूर्ण होने पर रुपये न लौटाकर षड़यंत्रपूर्वक धोखाधड़ी की गई। बी.एन.पी. एजेण्ट संचालकों द्वारा पॉलिसी धारकों को पॉलिसी दी गई थी। पॉलिसी की परिपक्वता पूर्ण होने पर एजेण्ट द्वारा मूल पॉलिसियां धारकों से लेकर कंपनी में जमा करा दी गई थी। मूल प्रतियां जब्त नहीं की गई है। (ग) जी हाँ। कंपनी के संबंध में विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। डायरेक्टर राघवेन्द्र सिंह नरवरिया, निवासी भिण्ड को दिनांक 31.03.2016 को गिरफ्तार किया जा चुका है। एजेण्ट केदार सिंह को दिनांक 13.05.2016 एवं एजेण्ट संतोष विश्वकर्मा को दिनांक 23.02.2017 को गिरफ्तार किया गया है। शेष आरोपी फरार है। प्रकरण धारा 173 (8) जा.फौ. के अन्तर्गत अनुसंधान में है। (घ) जी नहीं। पॉलिसी धारकों ने अपने कथनों में प्रश्नांश में वर्णित व्यक्तियों द्वारा जूनियर एजेण्ट लखन एवं मुकेश मेवाड़ा के माध्यम से पॉलिसी धारकों से पैसा जमा कराया था, जिसकी पॉलिसी संबंधित पॉलिसी धारकों को दी गई थी। जाँच उपरांत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था, अतः किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं है।
पार्वती नदी आधारित समूह पेय-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
133. ( क्र. 7318 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर जिले के कालापीपल ब्लॉक के ग्रामों में शुद्ध पेय-जल उपलब्ध कराने हेतु पार्वती नदी आधारित समूह पेय-जल योजना में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में क्या देहरीघाट पर स्थापित डेम से पानी की पूर्ति हो सकेगी? यदि नहीं, तो क्या सीहोर जिले में पार्वती नदी पर स्थापित रामपुरा डेम से जल लेने हेतु जल संसाधन विभाग से एन.ओ.सी. प्राप्त कर ली है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित प्रक्रियाओं को यदि पूरा नहीं किया गया है, तो उक्त योजना में सम्मिलित होने वाले 40 गाँवों की पेय-जल की समस्या के निदान हेतु वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (घ) विगत 3 वर्षों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना का तकनीकी परीक्षण किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? क्या तकनीकी रूप से यह योजना संभव है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पार्वती नदी पर स्त्रोत निर्माण की संभाव्यता का परीक्षण किया गया। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) जी हाँ। 40 गाँवों में वर्तमान में विद्यमान क्रियाशील हैण्डपंप एवं स्थापित नल-जल योजनाओं के माध्यम से वैकल्पिक रूप से पेय-जल व्यवस्था है। आगामी ग्रीष्मकाल में पेय-जल समस्या के निराकरण हेतु नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने एवं जल स्तर नीचे जाने वाले हैण्डपंपों के स्थान पर सिंगलफेस मोटर पंप डालने की योजना बनाई है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना की संभाव्यता के परीक्षण हेतु ’’प्री-फीजिबिलिटी रिपोर्ट’’ में प्रस्तावित एनिकट निर्माण स्थल का निरीक्षण कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड शाजापुर, उप महाप्रबन्धक मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित भोपाल एवं अधीक्षण यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मण्डल उज्जैन के द्वारा दिनांक 26.11.2016 को संयुक्त रूप से किया गया, इसी दिवस जल संसाधन विभाग संभाग शाजापुर के कार्यपालन यंत्री से तकनीकी परामर्श उपरांत ’’प्री-फीजिबिलिटी रिपोर्ट’’ के संयुक्त रूप से किये गये समग्र तकनीकी परीक्षण में योजना को संभाव्य नहीं पाया गया। जी नहीं।
भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल की जानकारी
[श्रम]
134. ( क्र. 7337 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल में नियमित रूप से वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि किस बैंक के किस खाता में जमा है? खाताधारक सहित विवरण दें? कितनी राशि जमा होना शेष है और क्यों? (ख) भवन एवं अन्य संनिर्माण मण्डल के कार्यालय में कितने कर्मचारी/अधिकारी विभाग से एवं कितने प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं? वर्गवार, पदवार, नामवार, नियुक्ति दिनांक सहित विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के कर्मचारियों के अतिरिक्त दैनिक वेतन/संविदा एवं कलेक्टर दर पर कब-कब कितने कर्मचारी किसकी स्वीकृति से किस वेतनमान पर किस प्रक्रिया से नियुक्त किये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) में नियुक्त कर्मचारियों को रखने में आरक्षण नियम एवं भर्ती नियम का पालन किया गया अथवा नहीं? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के प्ररिप्रेक्ष्य में की गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय किसी अन्य विभाग के प्रमुख सचिव से जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं, तो कारण बताएं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में कटनी जिले से वर्ष 2013-14 से फरवरी 2017 की स्थिति में प्राप्त उपकर की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्र. वर्ष कटनी
जिले से कटनी
जिले से मंडल
को
प्राप्त
उपकर राशि सीधे
प्राप्त उपकर
राशि
1. 2013-14 8666832
8482339
2. 2014-15 4041479
43772196
3. 2015-16 6054928
658150
4. 2016-17 16667613 549609
(फरवरी 2017 तक की
स्थिति तक)
योग - 35430852
53462294
कटनी
जिले में
प्राप्त उपकर
राशि सचिव, म.प्र.
भवन एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
कल्याण मंडल
नाम से
राष्ट्रीयकृत
बैंक एस.बी.आई, मेन
ब्रांच कटनी
में जमा किया
गया है। कटनी
जिले से मंडल
को सीधे
प्राप्त उपकर
राशि मंडल मुख्यालय
के खाते में
जमा किया गया
है।
भवन
एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
कल्याण उपकर
अधिनियम, 1996 के तहत्
प्रदेश में
संचालित
निर्माण कार्यों
की कुल
निर्माण लागत
का 1
प्रतिशत उपकर
मंडल में जमा
कराये जाने का
प्रावधान है।
उपकर संग्रहण
अनवरत
प्रक्रिया
होने से शेष राशि
जमा होने का
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ख) प्रश्नांश
(क) के परिप्रेक्ष्य
में कटनी जिले
में म.प्र भवन
एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार
कल्याण मंडल
का कोई
कार्यालय पृथक
से स्थापित
नहीं है। अतः
प्रश्नांश की
शेष जानकारी
का प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
(ग) प्रश्नांश
(ख) के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (घ) प्रश्नांश
(ग) के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है। (ड.) प्रश्नांश
(क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं होता
है।
घोटाला कांड की जाँच
[गृह]
135. ( क्र. 7338 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के घोटाला काण्ड के आरोपी संतोष गर्ग के विरूद्ध किस दिनांक को किस पुलिस थाने में किन-किन धाराओं के तहत् अपराध पंजीबद्ध किया गया? दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आरोपी की खोजबीन न होने पर किस दिनांक को फरार घोषित कर राशि १०,०००/- का ईनाम घोषित किया गया? उक्त के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के फरार आरोपी को तलाशने हेतु किस-किस की ड्यूटी लगाई गई? (घ) पुलिस अधीक्षक कटनी किस दिनांक को आरोपी के घर गये थे? जब आरोपी को उन्हें अत्यधिक शराब के नशे में पाया था? (ड.) क्या कोई ईनामी फरार अपराधी अत्यधिक शराब के नशे में हो तो उसे गिरफ्तार करने में कोई कानूनी रोक थी? यदि नहीं, तो फिर उक्त आरोपी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? क्या इसके लिये पुलिस अधीक्षक दोषी है? यदि हाँ, तो संबंधित पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर संपूर्ण घटनाक्रम की कोई वरिष्ठ अधिकारी से जाँच कराई जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) कटनी जिले के थाना कोतवाली में दिनांक 28.12.2016 को फरियादी अमर दहायत पिता श्री जयकुमार दहायत निवासी मदन मोहन चौबे वार्ड कटनी की लिखित शिकायत आवेदन पत्र पर आरोपी संतोष गर्ग के विरुद्ध अपराध क्रमांक 1367/16 धारा 420, 294, 506 भा.द.वि. का पंजीबद्ध किया गया है। जिसमें फरियादी ने अपनी लिखित शिकायत में बताया कि वह संतोष गर्ग के ऑफिस में काम करता था, इसी दौरान संतोष गर्ग के द्वारा अमर टेड्रर्स नाम की फर्जी फर्म बनाकर उसके नाम का एक्सिस बैक में खाता खुलवाकर लाखों रुपये का लेन-देन कर धोखाधड़ी की और पूछने पर संतोष गर्ग द्वारा उसे गंदी-गंदी गाली देकर जान से मारने की धमकी दी गई। लिखित शिकायत आवेदन-पत्र पर उक्त अनुसार अपराध पंजीबद्ध किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के आरोपी संतोष गर्ग की फरारी बाबत् कोई ईनाम घोषित नहीं किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) आरोपी संतोष गर्ग की तलाश अपराध की विवेचना करने वाले विवेचक द्वारा की गई। तलाश हेतु पृथक से किसी पुलिस कर्मचारी की ड्यूटी नहीं लगाई गई। (घ) पुलिस अधीक्षक कटनी आरोपी के घर नहीं गये। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
यातायात अव्यवस्था पर अंकुश नहीं लगाया जाना
[गृह]
136. ( क्र. 7343 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल की यातायात अव्यवस्था के कारण नागरिकों को शहर में अधिकांश चौराहों/मार्गों पर जाम की स्थिति उत्पन्न होने जैसी अनेक परेशानियों का सामान करना पड़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या भोपाल के जिन मार्गों को वन-वे घोषित किया है, वहां भी नियमों का पालन नहीं कराने तथा भोपाल टॉकीज, सिंधी कॉलोनी, डी.आई.जी. बंगला, इस्लामी गेट रोड, इब्राहिमपुरा रोड, हमीदिया रोड, बस स्टैण्ड, काजीकैंप, पीरगेट से मोती मस्जिद आदि चौराहों पर आए दिन जाम की स्थिति निर्मित होती रहती है? यदि हाँ, तो जाम की स्थिति से निजात दिलाने हेतु क्या तथा कब तक कार्यवाही करेंगे? (ग) क्या व्यस्ततम बाजारों के व्यापारियों द्वारा दुकानों के सामने अपना सामान, वाहन एवं किराये के ठेले लगाने के कारण रोड से दो पहिया व पैदल चलने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ने जैसी परेशानियों से विभागीय अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी जिन पुलिस वालों की ड्यूटी होती है, वह जाम की स्थिति को नियंत्रण नहीं कर पाते हैं? (घ) यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित यह बतावें कि क्या बल की कमी है? यदि हाँ, तो किस-किस पद के कितने-कितने अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी है? अतिरिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? क्या रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन से स्वीकृति हुई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। भोपाल में वन-वे का पालन नहीं करने वालों के विरुद्ध समय-समय पर चालानी कार्यवाही की जाती है। पुराना शहर भोपाल में आवागमन के मार्ग चौड़े नहीं है, जिसकी वजह से यातायात धीमी गति से चलता है। जहां पर यातायात का दबाव ज्यादा रहता है, वहां पर वन-वे का पालन यातायात पुलिस द्वारा कराया जाता है, जैसे मोती मस्जिद से सदर मंजिल, पीरगेट से ईमामीगेट, मोती मस्जिद से बुधवारा, छप्पन भोग से सेफी बूट हाउस, भोपाल टॉकीज से चौकी इमामबाड़ा। (ग) व्यस्त चैराहों एवं मार्गों पर यातायात के संचालन को व्यवस्थित करने के लिये ट्राफिक पुलिस भोपाल के द्वारा क्रेन तथा नगर-निगम भोपाल के सहयोग से समुचित कार्यवाही की जाती है। जाम की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। जाम की स्थिति पर नियंत्रण है। (घ) इस संबंध में किसी की लापरवाही नहीं है और न ही कोई दोषी है। उक्तानुसार प्रश्नांश (क), (ख) (ग), अनुसार यातायात व्यवस्था को संचालित करने के लिये अधिकतम प्रयास किए जाते हैं। ट्राफिक पुलिस भोपाल के बल का विवरण इस प्रकार हैः-
विवरण |
निरी. |
सूबे. |
उ.नि. |
स.उ.नि. |
प्र.आर. |
आर |
योग |
स्वीकृत |
57 |
27 |
09 |
142 |
225 |
351 |
811 |
उपलब्ध |
11 |
02 |
12 |
62 |
70 |
179 |
336 |
कमी |
46 |
25 |
--- |
80 |
155 |
172 |
478 |
रिक्त पदों की पूर्ति वर्तमान में प्रचलित स.उ.नि. (कम्प्यूटर)/प्रधान आरक्षक (कम्प्यूटर) एवं आरक्षक चयन परीक्षा वर्ष 2016 में जिला भोपाल को 324 उम्मीदवार आवंटित किये गये हैं। नियुक्ति होने पर बल की पूर्ति की जावेगी।
आर्थिक अनियमतता करने वालों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही
[गृह]
137. ( क्र. 7344 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिया दाउदी बोहरा जमात (ट्रस्ट) पुराना सैफिया कॉलेज, चौकी इमामबाड़ा भोपाल की प्रबंधकारिणी के सदस्यों द्वारा वर्ष २००१ से २०१५ तक की अवधि में की गई आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव गृह, पुलिस अधीक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली, थाना कोतवाली द्वारा शिकायत का निराकरण नहीं किए जाने के फलस्वरूप आवेदकों आशिक अली, शब्बर हुसैन, फजल अब्बास, जूजर हुसैन आदि के द्वारा दिनांक १० अगस्त २०१५ को इ.ओ.डब्ल्यू. के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिकायत के आरोपियों द्वारा शिकायत कर्ताओं को जान से मारने जैसी धमकी दिए जाने की सूचना/शिकायत माह अगस्त २०१५ को पुलिस अधीक्षक और थाना कोतवाली के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो क्या दिनांक ०२ दिसंबर २०१६ को युसूफ अली द्वारा थाना शाहजहांनाबाद में अंजुमन-ए-मोहम्मदी के ट्रस्टियों द्वारा सोना रखकर लोन देने एवं लोन वापिस करने पर सोने की जगह चांदी दिये जाने के संबंध में एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु शिकायत प्रस्तुत की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क), (ख) में उल्लेखित बिंदुओं पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित अवगत करावें कि कब तक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांकित ट्रस्ट के प्रबंधकारिणी के सदस्यों द्वारा आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में ई.ओ.डब्ल्यू. में दिनांक 10.08.2015 को शिकायत की गई थी। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। बाद में शिकायतकर्ता द्वारा अपनी शिकायत वापस ले ली गई। (घ) प्रश्नांश क्रमांक (क) के संबंध में ई.ओ.डब्ल्यू. में पंजीबद्ध प्रारंभिक जाँच क्रमांक 31/16 वर्तमान में जांचाधीन है। जाँच पूर्ण होने के उपरांत विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। चूंकि प्रश्नांक क्रमांक (ख) के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं है, अतः कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही नहीं है।
मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश की सीमा पर सिकन्दरा चैक पोस्ट की अनियमितताओं की जानकारी
[परिवहन]
138. ( क्र. 7350 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के करैरा विधान सभा क्षेत्र में मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश की सीमा का सिकन्दरा चैक पोस्ट पड़ता है। यदि हाँ, तो चैक पोस्ट पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? चैक पोस्ट से निकलने वाले वाहनों का मापदण्ड क्या है? क्या ओव्हर लोड वाहनों को भी निकाला जाता है। (ख) क्या चैक पोस्ट पर कोई कर्मचारी अधिकारी नहीं रहता है पूरे चैक पोस्ट को प्रायवेट लोग चलाते हैं, जो निकलने वाले वाहनों से अवैध वसूली करते हैं। यह भी बतावें कि चौक पोस्ट से प्रति माह कितना राजस्व आता है। (ग) माह जनवरी एवं फरवरी 2017 में कितने वाहन चैक पोस्ट नियमानुसार निकाले गये एवं ओव्हर लोड वाहनों का कितनों का चालान कर जुर्माना लगाया गया एवं चैक पोस्ट से अपराधी किस्म के लोगों को कब तक हटाया जावेगा नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) के संदर्भ क्या सिकन्दर चैक पोस्ट की अनियमितताओं तथा चैक पोस्ट पर अवैध वसूली की जाँच विधान सभा स्तर की कमेटी कराकर तथा उसमें प्रश्नकर्ता को सम्मिलित कर की जावेगी? हाँ कब तक? नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। सिकन्दरा चैक पोस्ट पर पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। चैक पोस्ट से गुजरने वाले वाहनों का पृथक से कोई मापदण्ड नहीं है, चैक-पोस्ट से सभी प्रकार के वाहन गुजरते हैं। जी नहीं, चैक पोस्ट से गुजरने वाले प्रत्येक ओव्हर लोड वाहन के विरूद्ध नियमानुसार चालानी कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं। चैक-पोस्ट को प्रायवेट लोग नहीं चलाते है। चैक पोस्ट पर विभागीय अमला पदस्थ रहता है। विभागीय अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से संचालित वाहनों पर नियमानुसार चालानी कार्यवाही कर समझौता शुल्क वसूल किया जाता है। सिकन्दरा चैक पोस्ट पर वित्तीय वर्ष, 2016-17 में वसूला गया माहवार शासकीय राजस्व का पत्रक संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित चैक पोस्ट एकीकृत चैक पोस्ट नहीं है। जिसके कारण कितने वाहन वहाँ से निकलते हैं, इसकी जानकारी संधारित नहीं की जाती है। प्रश्नांकित अवधि में चैक पोस्ट से गुजरने वाले वाहनों में से कुल 77 ओव्हर लोड वाहनों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की जाकर 1,65,000/- रूपये जुर्माना वसूल किया गया। परिवहन चैक-पोस्ट सिकन्दरा पर बाहरी/अपराधी किस्म के लोगों से कार्य नहीं कराया जाता, इस कारण उन्हें हटाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मत्स्य पालन एवं सिंघाड़ा उत्पादन हेतु गलत लीज पट्टे का वितरण
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
139. ( क्र. 7354 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी शासकीय संपत्ति को पट्टे पर मत्स्य पालन या सिंघाड़ा उत्पादन हेतु लीज पर प्रदाय करने के शासन के क्या नियम, दिशा-निर्देश एवं शर्ते हैं? नियम की छाया प्रति देवें। क्या संबंधित ग्राम पंचायतों को इस नियम के तहत् पट्टे देने का अधिकार है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों के तहत् ग्राम पंचायत अभाना जनपद पंचायत मझौली जिला जबलपुर के तत्कालीन सरपंच राम मिलन पटेल की पुत्रवधु मालती पटेल तथा तत्कालीन पंच रेखा बाई के देवर आजाद भट्ट को दिनांक १७.७.२०१० में तथा दिनांक २६.१.२०११ को तत्कालीन क्षेत्रीय जनपद सदस्य सुरेन्द्र भट्ट की पत्नी ऊषा भट्ट के नाम मछली पालन एवं सिंघाड़ा उत्पादन हेतु देने का प्रस्ताव पास कर लीज पट्टे वितरित किये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पट्टा वितरण प्रस्ताव को ग्राम सभा अभाना वि.ख. मझौली जिला जबलपुर की बैठक दिनांक २७.६.२०१३ को विपरीत नियमों एवं कार्यप्रणाली के द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तीनों लोगों की दस वर्ष की लीज पर दिये पट्टों को निरस्त करते हुये अग्रिम कार्यवाही हेतु सहायक संचालक मत्स्योद्योग जबलपुर को पत्र प्रेषित किये तथा इस संबंध में मत्स्य निरीक्षक मझौली द्वारा जाँच कर १४.१२.२०१६ को सहायक संचालक मत्स्योद्योग जबलपुर को अपना जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) के उत्तर में नियम विपरीत लीज पट्टा वितरण का दोषी कौन है तथा प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो उल्लेखित जाँच प्रतिवेदन का विवरण देवें एवं इस जाँच प्रतिवेदन में किसे दोषी पाया गया तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन प्रश्नांश (ख) में लीज पट्टों को निरस्त कर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) शासकीय तालाब एवं जलाशयों को मत्स्य पालन हेतु पट्टे पर देने के नीति एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) नियम विपरित पट्टा आवंटन ग्राम पंचायत अभाना द्वारा किया गया है। जाँच प्रतिवेदन में तत्कालीन सरपंच ग्राम पंचायत अभाना दोषी है, उनका कार्यकाल समाप्त हो जाने के कारण उनके विरूद्ध कार्यवाही संभव नहीं है। जी हाँ, तालाबों को लीज पर देने के संबंध में तत्कालीन अधिकारियों को आगामी दो वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के कारण बताओ सूचना पत्र क्रमांक 6501-6502 दिनांक 20-03-2017 एवं क्रमांक 6503-6504 दिनांक 20-03-2017 जारी किये गये हैं। तालाबों को पट्टे पर देने संबंधी आदेशों को निरस्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण की जानकारी
[राजस्व]
140. ( क्र. 7355 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पाटन तहसील पाटन जिला जबलपुर पटवारी हल्का नं. २४ स्थित खसरा नं. ८०९/१ दिनांक ६.८.१९९९ के पूर्व राजस्व अभिलेख में किस मद के तहत् किसके नाम दर्ज थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय भूमि वित्त वर्ष १९९९ में कलेक्टर जबलपुर के आदेश दिनांक ६.८.१९९९ के तहत् शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु प्रदान की गई थी? उत्तर में यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति देवें? (ग) शासकीय महाविद्यालय पाटन का भवन निर्माण कहाँ पर किस खसरा नंबर के कितने रकबे पर किया गया? बतलावें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु पूर्व में आरक्षित शासकीय भूमि की प्रश्न दिनांक पर अद्यतन स्थिति क्या है? इस भूमि के कितने भू-भाग पर किसने अतिक्रमण कर कब्जा किया है एवं उक्त भूमि को वित्त वर्ष २००९ को तहसीलदार पाटन द्वारा एक वर्ष के लिये कृषि कार्य हेतु नीलाम किया था? महाविद्यालय की स्थापना अन्यत्र हो जाने से क्या शासन उक्त शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर सन १९९९ के पूर्व की तरह ग्राम कोटवारी की सेवाएं देने वालों के नाम पुन: वापस करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशुओं में संक्रामक और संसर्गजन्य रोगों से बचाव और नियंत्रण
[पशुपालन]
141. ( क्र. 7359 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुले मैदान में पशुओं के पोस्टमार्टम से संक्रमण के बचाव हेतु पूछे गये अतारांकित प्रश्न क्रमांक २०८६ में पशु शव का निपटारा एवं स्थल को संक्रमणयुक्त करने की कार्यवाही केन्द्र सरकार के नियम अनुसार होना बताया गया है। उक्त नियम का पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) क्या पशुओं में संक्रामक और संसर्गजन्य रोगों से बचाव और नियंत्रण नियम २०१० का पूर्ण पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो नियम में उल्लेखित बिंदुवार पालन का ब्यौरा दें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार नियम में उल्लेखित प्रक्रिया निपटाने के लिए केन्द्र शासन द्वारा उपकरण और दवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं या इसके लिए अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो पूर्ण ब्यौरा दें? (घ) सीहोर जिले में प्रश्नांश (ग) अनुसार विगत एक वर्ष में क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं? ब्लॉकवार उपलब्ध सुविधाओं का ब्यौरा दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार। (ख) पशुओं में संक्रामक और संसर्गजन्य रोगों से बचाव और नियंत्रण (टीकाकरण प्रमाण-पत्र का प्रपत्र, पोस्टमार्टम परीक्षण तथा पशु शव के निपटारे की प्रक्रिया) नियम 2010 के पालन हेतु समस्त संबंधितों को निर्देशित किया गया है। बिन्दुवार पालन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं।
संचालित डामर प्लांट की जानकारी
[पर्यावरण]
142. ( क्र. 7361 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले के नसरूल्लागंज तहसील के ग्राम नंदगाँव के पास माधव कंसट्रक्शन कंपनी द्वारा डामर प्लांट लगाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) प्लांट कब से स्थापित हैं? उक्त प्लांट के कर्ताधर्ता के नाम एवं पते का उल्लेख करें। (ग) क्या यह प्लांट अंबर नदी के किनारे लगा है? अगर हाँ, तो क्या प्लांट से नदी प्रदूषित हो रही है? (घ) NGT (नेशनल ग्रीन ट्यूब्नल) के नियम (Guidelines) ऐसे प्लांटों की स्थापना के बारे में क्या-क्या है? क्या NGT की Guidelines (मार्ग-दर्शिका) का परिपालन एवं नियमों का परिपालन उक्त प्लांट के स्थापना एवं कार्य संपादन के दौरान किया जा रहा है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) प्लांट दिनांक 03/02/2014 से स्थापित है। प्लांट की अधिष्ठाता कंपनी मेसर्स माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट लि. के कर्ताधर्ताओं के नाम व पते संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्लांट जल प्रदूषणकारी प्रकृति का नहीं है, अतः नदी प्रदूषित होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) हॉट मिक्स प्लांट की स्थापना के संबंध में माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के कोई भी नियम अथवा मार्गदर्शिका नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जे.आई.टी.एफ. वॉटर इन्फ्रास्ट्रक्चर नई दिल्ली की अनियमितताओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
143. ( क्र. 7368 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग परिक्षेत्र जबलपुर मुख्य अभियंता कार्यालय द्वारा मैसर्स जे.आई.टी.एफ. वॉटर इन्फ्रास्ट्रक्चर नई दिल्ली को दिनांक २७.११.२०१५ को पत्र क्रमांक/०१०८१ लेखा.मु.अ./लो.स्वा.यां./२०१५ मुख्य अभियंता (पंजीयन अधिकारी) केंद्रीय पंजीयन प्रकोष्ठ कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल को इस कंपनी को काली सूची में दर्ज करने का पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो कंपनी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका था, तो मुरैना जिले में जौरा नगर एवं कई गाँवों को नल-जल योजना का निर्माण कार्य क्यों किया गया? (ग) जे.आई.टी.एफ. वॉटर इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी नई दिल्ली की कंपनी में कितने संचालक, मालिक एवं सदस्य हैं? क्या इनके नाम से अन्य कंपनी प्रदेश में नल-जल योजना का कार्य कर रही है? यदि हाँ, तो सदस्यों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (घ) उक्त कंपनी द्वारा प्रदेश के किस कार्य में उदासीनता लाकर वही अनियमितता की गई? जिस कारण कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया था?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जे.आई.टी.एफ. कंपनी का नाम लोक निर्माण विभाग द्वारा काली सूची में अंकित किया गया है। (ख) मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित द्वारा क्रियान्वित की जा रही नरहेला समूह जल प्रदाय योजना का कार्यादेश दिनांक 14.08.2014 को दिया गया जबकि कंपनी को काली सूची में दर्ज करने संबंधी पत्र दिनांक 27.11.2015 को जारी किया गया, अतः योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य कराये गये। (ग) लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) राष्ट्रीय नदी कार्यक्रम अन्तर्गत रीवा नगर के सीवेज को एकत्रित कर सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट पर निर्धारित लेबल तक पहुंचाने हेतु इंटरसेप्शन एवं डायवर्सन कार्य हेतु भूमिगत सीवरेज कलेक्टिंग सिस्टम की डिजाईनिंग, प्लानिंग, प्रोक्योरमेंट निर्माण एवं स्थापना का कार्य मय पम्पिंग स्टेशन, राईजिंग मेन, ग्रेव्हिटी मेन, नाला ट्रेपिंग कार्य, इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल कार्य एवं अन्य कार्य पूर्ण करने में लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के कारण कार्यपालन यंत्री रीवा द्वारा दिनांक 28.9.2015 को अनुबंध निरस्त किया जाकर विभागीय अनुशंसा दिनांक 27.11.2015 के परिप्रेक्ष्य में संबंधित ठेकेदार को काली सूची में दर्ज किया गया है।
पशुपालन विभाग में संचालित योजनाओं की जानकारी
[पशुपालन]
144. ( क्र. 7376 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा हितग्राही मूलक कौन-कौन सी योजनाएं संचालित होकर उनके क्रियान्वयन हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? दोनों की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जनपद पंचायत करैरा व नरवर जिला शिवपुरी को बजट में कितनी राशि का प्रावधान होकर अप्रैल 2014 से फरवरी 2017 तक कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) में विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा के जनपद पंचायत करैरा एवं नरवर में प्राप्त राशि में से हितग्राहियों को पशुपालन विभाग द्वारा दिये जाने वाली योजनाओं में से क्या-क्या इकाइयां दी गई की जानकारी लाभान्वित हितग्राही की संख्या, प्रदाय इकाई, इकाई लागत इकाई की वर्तमान स्थित आदि सहित दी जावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या विभाग द्वारा प्रदाय इकाइयों का समय-समय पर भौतिक सत्यापन किया गया? यदि हाँ, तो सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम, सत्यापन दिनांक, सत्यापन के समय इकाई की भौतिक स्थिति एवं सत्यापनकर्ता अधिकारी का प्रतिवेदन के विवरण सहित उपलब्ध करायें?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार।
पेय-जल समस्या हेतु आवंटित राशि की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
145. ( क्र. 7386 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक PHE विभाग द्वारा चंबल संभाग मुरैना को कितनी राशि दी गई? वर्षवार बताया जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि में से PHE चंबल संभाग मुरैना में स्थित विधानसभा-03, सलबगढ़ 04-जौरा, 05-सुमावली, 06 मुरैना, 07 दिमनी, 08 अम्बाह में किये गये कार्यों की जानकारी कार्य विवरण, हैण्डपंप खनन स्थान का नाम (लोकेशन की स्थिति सार्वजनिक/व्यक्तिगत स्थान पर) लागत राशि कार्य आदेश दिनांक, कार्य पूर्ण दिनांक एजेंसी का नाम, पता व रजिस्ट्रेशन क्रमांक, मांग संख्या, लेखा शीर्ष, उपशीर्ष आदि से अवगत करावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में किये गये हैण्डपंप खनन आदि कार्यों में विगत तीन वर्षों में किन-किन जन प्रतिनिधियों के द्वारा अनुशंसा की गई व प्रश्नकर्ता विधायक ने विगत तीन वर्ष में हैण्डपंप खनन से संबंधित पत्र एवं मौखिक रूप से अगत कराया, उनमें से कितने कार्य हुए व कितने शेष हैं? शेष हैण्डपंप खनन कब तक पूर्ण कर दिये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में दिये गये लक्ष्य एवं आवंटन के अनुसार नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापित कराये जाने का प्रावधान है। तदानुसार माननीय जनप्रतिनिधियों से प्राप्त अनुशंसा को प्राथमिकता दी जाकर आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में हैण्डपंप लगवाये जाते हैं। विगत 3 वर्ष में नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना आदि कार्य हेतु माननीय श्री लाल सिंह जी आर्य, प्रभारी मंत्री, मुरैना, अध्यक्ष, जिला पंचायत मुरैना, माननीय केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री, माननीय सांसद, मुरैना एवं माननीय विधायक दिमनी द्वारा अनुशंसा की गई थी। माननीय विधायक (प्रश्नकर्ता) द्वारा विगत 3 वर्ष में 193 नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना के कार्यों की अनुशंसा की गई, जिसमें से आंशिक पूर्ण श्रेणी की बसाहटों में प्राथमिकता के आधार पर 34 नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापित करवाये गये हैं।
हैण्डपंप का खनन एवं संधारण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
146. ( क्र. 7391 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा रीवा एवं शहडोल संभाग में आंशिक, पूर्ण बसाहटों में हैण्डपंप खनन योजनाओं में पेय-जल व्यवस्था, ग्रामीण शालाओं में पेय-जल व्यवस्था, आंगनवाडि़यों में पेय-जल व्यवस्था, नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन, मुख्यमंत्री योजनाओं का क्रियान्वयन, भू-जल संवर्धन नलकूपों की फ्लोरिंग/रीचार्जिंग, आश्रम/छात्रावासों में पेय-जल व्यवस्था के लिये वर्ष 2016-17 में प्राप्त लक्ष्य एवं उपलब्धि लक्ष्य का विवरण जिलेवार/सिविल एवं मैकेनिकल पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वर्ष 2016-17 में प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध कितनी उपलब्धि प्राप्त हुई? प्रश्नांश (क) अनुसार पृथक-पृथक देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) तथा (ख) के प्रकाश में वर्ष 2016-17 में प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध आवंटन प्राप्त न होने से लक्ष्य की पूर्ति नहीं की जा सकी है? यदि हाँ, तो प्राप्त लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये शेष आवंटन जारी किया जावेगा? (घ) क्या रीवा जिले में वर्ष 2016-17 में नलकूप खनन की कार्य योजना को पूर्ण नहीं किया गया? यदि नहीं, तो क्या उसे पूरा कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? वर्ष 2016-17 में प्रश्नांश (क) अनुसार खनन किये गये हैण्डपंपों का रीवा जिले के पृथक-पृथक विधानसभा की सूची सिविल एवं मैकेनिकल विभाग की खनिज स्थान की पूर्ण पता सहित उपलब्ध करावें। (ड.) क्या रीवा जिले के ब्लॉक हनुमना के हैण्डपंप संधारण का कार्य ठेकेदारों से पृथक किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? वर्ष 2016-17 में ठेकेदार द्वारा संधारण का कार्य का मटेरियल सीमित मात्रा में दिया गया? यदि हाँ, तो क्या उसे बढ़ाया जावेगा? यदि नहीं, तो मटेरियल का विवरण उपलब्ध करावें? मेटेरियल के उपयोग का परीक्षण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। पर्याप्त आवंटन जारी किया गया है। (घ) कार्य योजना पूर्ण की जा चुकी है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ड.) जी नहीं। वर्तमान में विभाग के पास हैण्डपंप तकनीशियन की कमी है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। ठेकेदार द्वारा लगाई जाने वाली सामग्री का परीक्षण समय-समय पर संबंधित उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा किया जाता है। मानक स्तर की सामग्री स्वीकार की जाती है।
शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाना
[राजस्व]
147. ( क्र. 7396 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर के ग्राम टटम तहसील महाराजपुर के खसरा नं. 801/2, 802, 803, 2779 के रकबा 2 हेक्टेयर व ग्राम धामची तहसील छतरपुर के खसरा नं. 2/1, 3/1, 3/2, 2/2 के रकबा 11.081 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर किन-किन व्यक्तियों ने कितने-कितने अंश पर कितने-कितने समय से अतिक्रमण किया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में न्यायालय तहसीलदार प्रभारी मण्डल महेबा जिला छतरपुर (म.प्र.) के प्रकरण क्रमांक 75/अ-अ-08/14-15 में महेबा दिनांक 08.04.2015 में धामची में अवैध कब्जा सिद्ध पाए जाने से मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 (1) के अधीन आरोपित कर अतिक्रमित भूमि से बेदखली के आदेश दिये? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? (ग) क्या राजस्व निरीक्षक मण्डल महेबा/पटवारी हल्का ग्राम धामची उप तहसील महेबा को अतिक्रमण हटवाकर पालन प्रतिवेदन दिनांक 16.04.2015 के प्रस्तुत करने के आदेश प्राप्त हुये? यदि हाँ, तो संबंधितजनों के द्वारा आदेश का पालन न करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध सेवा से पृथक करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं? (घ) शासकीय भूमि को अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन ग्राम टटम के खसरा नम्बर 801/2 रकबा 0.268 हे. मनोज पिता घासीराम शिवहरे, खसरा नम्बर 803 रकबा 0.085 हे. रामभरोसे, घनश्याम तनय बल्लू मु.विनिया बेवा बल्लू कोरी एवं खसरा नम्बर 2779 रकबा 0.259 हे. रामलाल तनय हल्कैया अहिरवार भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज है। खसरा नम्बर 802 रकबा 0.105 हे. म.प्र.शासन चरनोई दर्ज है। उक्त खसरा नम्बर में मौके पर बंधान है, जो अतिक्रमण मुक्त है। तहसील छतरपुर अंतर्गत मौजा धामची के खसरा क्रमांक 2/1 एवं 2/2 भूमि स्वामी स्वत्व की भूमि है। खसरा क्रमांक 3/2 एवं 2/1 के अंश भाग रकबा 3.00 हे. पर वर्तमान में श्री पूरन सिंह यादव एवं श्री चरन सिंह यादव द्वारा वर्ष 2016-17 से फसल बोकर अतिक्रमण किया गया है। प्रश्नाधीन शासकीय खसरा नम्बरों का शेष रकबा मौके पर खाली पड़ा है (ख) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नाधीन आदेश के पालन में अतिक्रामकों के विरूद्ध बेदखली की कार्यवाही की गई, परन्तु उत्तरांश (क) में उल्लेखित अतिक्रामकों पूरनसिंह व चरनसिंह द्वारा पुन: अतिक्रमण कर लिया गया है, जिनके विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत् कार्यवाही प्रचलित है। वर्तमान में प्रश्नाधीन आदेश के विरूद्ध राजस्व मण्डल ग्वालियर के न्यायालय में अपील लंबित है। कोई कर्मचारी दोषी नहीं होने से शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन शासकीय भूमि अंश भाग 3.00 हेक्टेयर को छोड़कर शेष भूमि अतिक्रमण मुक्त है। अतिक्रमित भूमि के संबंध में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत् न्यायालयीन कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनियमितता की शिकायतों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
148. ( क्र. 7403 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से पात्र गृहस्थी में वरिष्ठ स्त्री, जिसकी आयु 18 वर्ष से कब की न हो, राशन कार्ड में उसका नाम मुखिया के रूप में होना चाहिए, का प्रावधान निहित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अधिनियम में आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र जिला शिकायत निवारण अधिकारी एवं राज्य खाद्य आयोग के गठन करने के प्रावधान भी निहित किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या रीवा संभाग अतंर्गत पात्र गृहस्थी में वरिष्ठ स्त्री जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे ऊपर हो चुकी है? अधिनियम के अनुसार राशन कार्ड में मुखिया मानकर कार्ड जारी कराये गये? कराये गये, तो विवरण देवें। अगर नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही प्रश्नांश (ख) अनुसार शिकायत निवारण तंत्र को वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में हुई अनियमितता की कितनी शिकायतें वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक में प्राप्त हुई? शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई का विवरण देवें। अगर संबंधित द्वारा शिकायत का निराकरण कर समाधान नहीं किया गया, तो इसके लिये दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के क्रियान्वयन हेतु राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश खाद्य सुरक्षा नियम बनाया जाना प्रक्रियाधीन है। मध्यप्रदेश खाद्य सुरक्षा नियम अधिसूचित नहीं होने से जिला शिकायत निवारण अधिकारी द्वारा शिकायतें दर्ज नहीं की जा रही हैं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योगों द्वारा निकलने वाला वेस्ट मटेरियल
[पर्यावरण]
149. ( क्र. 7418 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित लैंक्सेस उद्योग में क्या-क्या इण्डस्ट्रीयल वेस्ट निकलता है? वेस्ट मटेरियल की मात्रा व नाम सहित विवरण दें तथा इसका निपटान किस प्रकार किया जाता है? संपूर्ण प्रक्रिया का विवरण दें। (ख) लैंक्सेस उद्योग में प्रतिदिन कितनी मात्रा में जल का उपयोग किया जाता है तथा कितना रासायनिक प्रदूषित जल निकलता है? (ग) क्या लैंक्सेस उद्योग के पास खुद का ई.टी.पी. प्लांट नहीं होने के प्रकारण प्रदूषित रासायनिक जल को नालियों के माध्यम से चंबल नायन डेम में छोड़ा जाता है? यदि हाँ, तो उद्योग के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या इण्डस्ट्री से निकलने वाली गैसों को उद्योग द्वारा ऊँची चिमनियाँ नहीं होने के कारण छोटी चिमनी के माध्यम से ही छोड़ा जाता है? यदि हाँ, तो उद्योग के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त इकाई में 2500 कि.ली. प्रतिदिन जल उपभोग किया जाता है एवं 225 कि.ली. प्रतिदिन निस्त्राव उत्पन्न होता है (ग) जी नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लैंक्सेस उद्योगों के श्रमिकों की मांगों का निराकरण
[श्रम]
150. ( क्र. 7419 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित लैंक्सेस उद्योग को श्रम संगठनों के बीच पाँच वर्षीय समझौता क्या वर्ष 2011 व 2012 में हुआ था? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? समझौते की कॉपी उपलब्ध करायें। वर्तमान में नया समझौता होने में विलंब का क्या कारण है? (ख) उपरोक्त हुए समझौते में किन मांगों को अमल में लाने की सहमति प्रबंधन व ट्रेड यूनियन के बीच बनी थी? उनमें से कितनी मांगों व विशेषकर श्रमिकों को स्थाई करने की मांग को प्रबंधन द्वारा पूरा नहीं किया गया है? विवरण दें। (ग) क्या लैंक्सेस उद्योग में स्थाई नेचर का कार्य भी ठेका श्रमिकों से कराया जाता है, जिसके कारण स्थाई श्रमिकों की संख्या सिर्फ 28 हैं, स्टॉफ कर्मियों की संख्या 350 और 1900 ठेका श्रमिक हैं? (घ) क्या लैंक्सेस उद्योग एक रासायनिक उद्योग है, उसके मापदण्ड अनुसार श्रमिकों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। यह समझौता लैंक्सेस उद्योग एवं उसके कर्मचारियों के मध्य दिनांक 8.2.2013 को हुआ था, इसी प्रकार लैंक्सेस उद्योग के ठेकेदारों, प्रबंधन एवं ठेका श्रमिकों के प्रतिनिधियों के मध्य एक अन्य समझौता दि. 28.3.2013 को हुआ था। समझौते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दिनांक 30.6.2016 को समझौते की अवधि समाप्त होने के पश्चात आगामी अवधि हेतु हिन्द केमिकल्स कर्मचारी संघ नागदा, ठेकेदार श्रमिक संघ, ग्रेसिम मजदूर संघ नागदा एवं ग्रेसिम क्रांतिकारी कर्मचारी यूनियन नागदा द्वारा मांगपत्र प्रस्तुत किए गए हैं, जिसमें उभय पक्षों की बैठके निरंतरित है एवं बैठकों में उभय पक्षों की सहमति से आगामी तिथि दि. 22 एवं 23 मार्च 2017 निर्धारित की गई हैं। दि. 28.2.2017 को हिन्द केमिकल्स कर्मचारी संघ नागदा द्वारा प्रस्तुत मांग-पत्र को औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अंतर्गत प्रकरण क्र. 20/आयडी/2017 पर पंजीबद्ध किया गया है। प्रबंधन एवं श्रमिक यूनियनों के मध्य कारखाने में आंतरिक स्तर पर भी वेतन वृद्धि एवं अन्य मुद्दों पर समझौते हेतु बैठके निरंतरित है तथा इस संबंध में दोनों पक्षों के मध्य चर्चा हेतु बैठकें दि. 26.9.16, 28.9.16, 4.10.16, 18.10.16, 1.12.16, 20.1.17 एवं 28.2.17 को हो चुकी हैं एवं शीघ्र की समझौता हो जाने पर समझौते को दि. 1.7.16 से प्रभावी किया जावेगा। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। श्रमिकों को स्थाई करने की मांग सहित किसी अन्य मांगों को प्रबंधन द्वारा पूरा नहीं करने संबंधित कोई शिकायत श्रम कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। संविदा श्रमिक (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1970 के अंतर्गत ठेकेदार के श्रमिक को प्रमुख नियोजक के संस्थान में स्थायी करने के संबंध में प्रावधान नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार समझौते में यह भी सहमति हुई है कि प्रबंधन द्वारा योग्यता एवं वरीयता के आधार पर रिक्त स्थान एवं नवीन पद की उपलब्धता पर ठेका श्रमिकों को लैंक्सेस इण्डिया प्रायवेट लिमिटेड के नियोजन में रखा जा सकेगा। प्रबंधन द्वारा यह बताया गया है कि इस अवधि में संस्थान में कोई भी पद रिक्त नहीं हुआ है और न ही कोई नवीन पद सृजित हुआ है, इसलिए ठेका श्रमिकों को लैंक्सेस इण्डिया प्रायवेट लिमिटेड के नियोजन में नहीं लिया जा सका है। (ग) जी नहीं। दिनांक 8.3.17 की स्थिति में कुल 372 स्थायी श्रमिक/कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 26 श्रमिक एवं 247 स्टॉफ कर्मचारी तथा 99 कर्मचारी डिप्टी मैनेजर या उपर के पद पर सेल्स अकाउंटिंग मार्केटिंग एवं परचेसिंग जैसे कायों में नियोजित है। संस्थान में लगभग 700 ठेका श्रमिक कार्यरत हैं। (घ) जी हाँ। कारखाना अधिनियम 1948 सहपठित मध्यप्रदेश कारखाना नियमावली 1962 में रासायनिक उद्योगों के लिये दिये गये प्रावधानों के अनुसार कारखाना प्रबंधन द्वारा कारखाने में कार्यरत श्रमिकों के लिये सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनकी समय-समय पर निरीक्षण के दौरान जाँच की जाती है।
भूमिहीनों को पट्टा प्रदाय
[राजस्व]
151. ( क्र. 7420 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के भूमिहीनों को पट्टाधृति प्रदाय किये जाने वाले अधिनियम 1984 यथा संशोधित 2012 के तहत् भूमिहीनों को पट्टा प्रदाय किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या उनकी जिलेवार सूची प्रकाशित की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों और कितने समय में यह सूची प्रकाशित कर दी जायेगी? (ख) अधिनियम के तहत् पात्रता रखने वाले भू-धारियों के सर्वेक्षण में स्थानीय निकायों की क्या कोई भूमिका है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या इस अधिनियम के तहत् या शासकीय नीति के तहत् नजूल भूमि के बाजार एरिया पर लंबे समय से काबिज और रिहाइश कर रहे भू-धारियों को पट्टाधृति अधिकार प्रदान किये गये हैं? यदि हाँ, तो अनूपपुर जिले के भू-धारी की जानकारी उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
152. ( क्र. 7421 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के कोतमा विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत वित्तीय वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण, बंटवारे एवं सीमांकन के कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं इनके नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण किन-किन के द्वारा किया गया? (ख) क्या कोतमा विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत नामांतरण/बंटवारा/सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण शासन द्वारा निर्धारित अवधि में नहीं किया गया? यदि हाँ, तो निर्धारित अवधि में कितने प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांकित वर्णित अवधि में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन प्रश्न दिनांक की स्थिति में निराकरण हेतु लंबित थे? इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (घ) क्या कोतमा बाजार क्षेत्र नजूल की जमीन पर स्थापित है। यदि हाँ, तो कोतमा बाजार क्षेत्र में नजूल के पट्टे पर 60 वर्षों से अधिक समय से काबिज लोगों को शासन के द्वारा कब तक स्थाई पट्टा प्रदाय कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) कोतमा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के संबंध में प्राप्त आवेदनों की स्थिति निम्नानुसार है :-
तहसील का नाम |
मद |
प्राप्त आवेदन |
निराकृत |
निराकरण करने वाले अधिकारी |
कोतमा |
अविवादित नामान्तरण |
3865 |
3865 |
तहसीलदार/नायब तहसीलदार एवं प्रभारी नायब तहसीलदार कोतमा |
अविवादित बंटवारा |
240 |
240 |
तहसीलदार/नायब तहसीलदार एवं प्रभारी नायब तहसीलदार |
|
सीमांकन |
188 |
170 |
राजस्व निरीक्षक |
|
योग |
4293 |
4285 |
|
विवादित नामांतरण, बंटवारा के कुल प्राप्त/निराकृत आवेदनों की संख्या निम्नानुसार है :-
तहसील का नाम |
मद |
प्राप्त आवेदन |
निराकृत |
कोतमा |
विवादित नामान्तरण |
585 |
389 |
विवादित बंटवारा |
316 |
101 |
|
|
योग |
901 |
490 |
(ख) जी नहीं, कोतमा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अविवादित नामांतरण, अविवादित बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों का लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत् निर्धारित समयावधि के भीतर निराकरण किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित वर्णित अवधि में प्राप्त आवेदनों में विवादित नामांतरण के 585 में से 196, विवादित बंटवारा के 316 में से 215 एवं सीमांकन के 188 में से 18 आवेदन प्रश्न दिनांक की स्थिति में निराकरण हेतु लंबित है। नामांतरण/बंटवारा प्रकरणों के विवादित होने से पक्षकारों को विधिवत् सुनवाई का अवसर देकर शीघ्रतापूर्वक निराकरण किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
पी.एम.टी. परीक्षा की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
153. ( क्र. 7438 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१३ से २०१६ तक पी.एम.टी. परीक्षा में मध्यप्रदेश राज्य के बाहर अन्य राज्य में बनाये गये परीक्षा केन्द्रों की सूची उनमें शामिल परीक्षार्थियों की संख्या देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित राज्य के बाहर परीक्षा केन्द्र बनाये जाने का निर्णय किस बैठक में किसके द्वारा लिया गया? इससे संबंधित सारे दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक पी.एम.टी. परीक्षा में सामान्य श्रेणी के १ से ३५० रैंक वाले अभ्यार्थी पिछड़ा वर्ग के १ से २५० रैंक वाले अभ्यार्थी तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के १ से २०० रैंक वाले अभ्यार्थी के नाम, पिता का नाम, पता, उम्र परीक्षा केन्द्र, अनुक्रमांक, प्राप्तांक, रैंक सहित श्रेणी अनुसार सूची देवें? (घ) वर्ष २०१३ से २०१६ तक की पी.एम.टी. परीक्षा में जाँच में परीक्षा में किसी भी प्रकार के नकल, यू.एफ.एफ. प्रकरण से फर्जी पाये गये परीक्षार्थीयों की नाम, पिता का नाम, पता सहित सूची प्रदान करें तथा बतावें कि इनमें से किस-किस पर पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया है तथा किस पर नहीं किया गया है? पुलिस में प्रकरण दर्ज न होने के कारण भी बतावें।
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
न्यायालयीन प्रकरण की स्थिति
[राजस्व]
154. ( क्र. 7439 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्चतम न्यायालय के प्रकरण क्र. सिविल ५५७/५५८ वर्ष २०१२ में महारानी ऊषाराजे की इंदौर स्थित कितनी एकड़ जमीन को शासन में लेने का आदेश दिनांक १५ जुलाई २०१५ को दिया गया था? गाँव का नाम, सर्वे नं. रकबा वर्तमान स्थिति में सर्वे नंबर एवं रकबा तथा वर्तमान में किसका कब्जा है? सूची प्रस्तुत करें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची में से कितनी जमीन पर शासन ने कब्जा प्राप्त कर लिया? उसकी विस्तृत जानकारी सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची में से जिस जमीन पर शासन ने कब्जा प्राप्त नहीं किया उसका गाँव का नाम, वर्तमान सर्वे नं. रकबा तथा कब्जेधारी का नाम सहित सूची देवें तथा बतावें कि उक्त जमीन पर अभी तक कब्जा क्यों नहीं प्राप्त किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित जमीन पर कब्जा कब तक कर लिया जायेगा तथा बतावें कि उक्त जमीन पर चल रहे विद्यालयों के पंजीकरण समाप्त किया जायेगा या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निहित समयावधि में प्राप्त आवेदनों का निराकरण
[राजस्व]
155. ( क्र. 7447 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने तहसील, टप्पा, कस्बा एवं पटवारी हल्के होकर किन-किन स्थानों पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत होकर दायित्व निर्वहन कर रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) स्थानों के अंतर्गत आने वाले राजस्व कार्य स्थलों पर नामांकन बंटवारा की नवीन पावती बनाए जाना तथा सीमांकन इत्यादि प्रकार के कुल कितने आवेदन प्राप्त होकर कितनी समयावधि में कार्यवाहियां की गई? (ग) २०१२-१३ से लेकर प्रश्न दिनांक तक लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम अंतर्गत निहित समयावधि में क्या आवेदनों का निराकरण हुआ? कितनी-कितनी समयावधि में आवेदनों का निराकरण किया गया? स्थानवार जानकारी दें। (घ) अवगत कराएं कि उपरोक्त उल्लेखित कार्य स्थलों के साथ साथ अनुविभागीय कार्यालय के माध्यम से उक्त कार्यों के निष्पादन हेतु क्या-क्या कार्यवाहियां की? कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितनों का निराकरण होकर कितने आवेदन कतिपय कारणों से लंबित रहे? संख्या व कारण बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध थानों तथा एस.टी.एफ. की कार्यवाही
[गृह]
156. ( क्र. 7450 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिटफंड कंपनियों केयर कांसेप्ट इंश्योरेंस कंसल्टेंट एण्ड मार्केटिंग सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड २००३ जयपुर तथा ईव मिराकल ज्वेल्स लिमिटेड २००९ जयपुर द्वारा थाना बरघाट, जिला सिवनी में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक ३९७/२०१४ को समाप्त करने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में MCRC नंबर ५३४८/२०१६ पर पुलिस तथा अभियोजना द्वारा कोई विरोध प्रस्तुत न करने का क्या कारण है? क्या शासन इस दिशा में कोई कदम उठाएगा? (ख) STF द्वारा चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी दें। क्या STF द्वारा कोई जप्तियां की गई हैं? यदि हाँ, तो जप्तियों की जानकारी दें? (ग) चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध थाना STF भोपाल में अपराध क्रमांक १३/२०१३, ७२/२०१२, थाना इछावर सीहोर में अपराध क्रमांक २१५/२०१६ थाना सौंसर, छिंदवाड़ा में अपराध क्रमांक १४७/२०१६, थाना कोतवाली बैतूल में अपराध क्रमांक ६४७/२०१६ थाना कोतवाली जिला देवास में अपराध क्रमांक १०६८/२०१५ में पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी तथा इनके विरूद्ध की गई कार्यवाही से अवगत कराएं? ऐसे कितने जिले हैं जहां चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त होने पर भी अपराध पंजीबद्ध नहीं किये गये? आरोपियों की समस्त नामी-बेनामी, चल-अचल घोषित तथा अघोषित संपत्तियां कब तक जप्त कर ली जाएंगी? अब तक कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है तथा कितने आरोपियों की गिरफ्तारी होना शेष है तथा कब तक यह गिरफ्तारियां कर ली जाएंगी? आरोपियों के नाम तथा अपराध सहित पृथक-पृथक जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) यह कहना सही नहीं है कि थाना बरघाट जिला सिवनी में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 397/2014 को समाप्त करने के लिए आरोपीगणों द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर किया है, जिसमें पुलिस तथा अभियोजन द्वारा कोई विरोध प्रस्तुत नहीं किया गया है। अपितु वस्तुस्थिति यह है कि उक्त एम.सी.आर.सी. नंबर 5348/2016 के संबंध में जवाबदावा तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी पुलिस बरघाट श्री अशोक चौरसिया द्वारा दिनांक 06.08.2016 को कार्यालय महाधिवक्ता म.प्र. जबलपुर में प्रस्तुत किया गया है। माननीय न्यायालय के समक्ष जवाबदावा दिनांक 08.08.2016 को प्रस्तुत किया गया है। जो वर्तमान में माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। सिवनी पुलिस के द्वारा उक्त प्रकरण में नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। जी हाँ। जब्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध थाना एस.टी.एफ. भोपाल में अपराध क्रमांक 13/2013, 72/2012 थाना-इछावर सीहोर में अपराध क्रमांक 215/2016 थाना-सौंसर छिंदवाड़ा में अपराध क्रमांक 147/2016 थाना-कोतवाली बैतूल में अपराध क्रमांक 647/2016 थाना-कोतवाली जिला-देवास में अपराध क्रमांक 1068/2015 में पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने पर पंजीबद्ध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार है।
परिवहन विभाग में ऑन-लाईन कार्य का संचालन
[परिवहन]
157. ( क्र. 7451 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग में ऑन-लाईन कार्य का संचालन किस कंपनी के द्वारा किया जा रहा हैं। नाम, पता तथा संचालकों के नाम सहित जानकारी दें। कंपनियों का शासन से जो अनुबंध हुआ है, उसकी प्रति उपलब्ध करावें? क्या कंपनी को लर्निंग लाईसेंस, ड्राईविंग लाईसेंस तथा अन्य दस्तावेज अभ्यार्थी/उपभोक्ता के पास डाक लिफाफे से भेजना था किंतु डाक लिफाफे उपभोक्ता ही देता है तथा कंपनी ने डाक लिफाफे के करोड़ों रूपयों की हेरा फेरी की है? विभाग द्वारा यह राशि कंपनी से वसूलने क्या कार्यवाही की गई है? (ख) ऑन-लाईन ट्रांजेक्शन में काटी जाने वाली अतिरिक्त राशि की जानकारी दें। इसमें शासन तथा कंपनी का अंश बतायें। क्या ४० रूपये ड्राईविंग लाईसेंस के ऑन-लाईन भेजने पर भी ७२ रूपये अतिरिक्त लगता था? (ग) ऑन-लाईन के माध्यम से गलत हेड में जमा व राशि जो समय-सीमा में समायोजित नहीं हो सकी अर्थात डिफाल्ट अकाउण्ट कंपनी द्वारा शासन को कैसे भेजा गया? वर्षवार राशि सहित जानकारी दें। इस राशि का उपयोग शासन द्वारा किया जा चुका है या नहीं? यह राशि कंपनी से लेने के नियम बतायें? (घ) गलत हैड में जमा राशि वापस लेने या समायोजित करने के नियम बतायें। क्या इन नियमों को सरल किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) परिवहन विभाग में ऑन-लाईन कार्य का संचालन मेसर्स स्मार्ट चिप लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। कम्पनी का नाम - मेसर्स स्मार्ट चिप लिमिटेड, कम्पनी के क्षेत्रीय कार्यालय का पता - 187 रोहित नगर भोपाल मध्य प्रदेश, कम्पनी के क्षेत्रीय प्रभारी - श्री प्रीतपाल सचदेव, कम्पनी तथा शासन के साथ हुए अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। कम्पनी को लर्निंग लाईसेंस, ड्राईविंग लाईसेंस, आवेदक को कम्पनी द्वारा प्रेषित नहीं किये जाते हैं। यह विभागीय प्रक्रिया है। ड्राईविंग लाईसेंस तथा वाहन के पंजीयन का आवेदन करते समय आवेदक से रजिस्ट्रर्ड शुल्क सहित आवेदक का पता लिखा हुआ खाली लिफाफा आवेदन पत्र के साथ संलग्न कराया जाता है। ड्राईविंग लाईसेंस अथवा पंजीयन कार्ड कार्यालय से जारी होने के पश्चात् लिफाफे में रखकर आवेदक को पोस्ट कर दिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ऑन-लाईन ट्रांजेक्शन में काटी जाने वाली अतिरिक्त राशि वेब आधारित प्रणाली द्वारा कर और फीस के भुगतान के लिए प्रति संव्यवहार 27.00 रुपये तथा वेब आधारित शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति/वाहन चालन अनुज्ञप्ति/आर सी/फिटनेस/परमिट/वेब आधारित अन्य कोई सेवा के लिए प्रति संव्यवहार 36.00 रुपये निर्धारित की गयी है। आवेदक द्वारा ऑन-लाईन ट्रांजेक्शन करने पर यह राशि कम्पनी को देय होती है। ऑन-लाईन ट्रांजेक्शन की सुविधा वाहन स्वामियों को वैकल्पिक रूप से दी गयी है। वाहन स्वामी उक्त कार्यों के लिए परिवहन कार्यालयों में स्थापित कैश काउंटर के माध्यम से भी राशि जमा करा सकते हैं। आवेदक द्वारा परिवहन की सेवा हेतु ऑन-लाईन आवेदन करने पर राजपत्र में निर्धारित राशि सभी करों सहित नियमानुसार प्राप्त की जाती है। इसके अतिरिक्त और अन्य कोई चार्ज नहीं लिया जाता। राजपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ग) ऑन-लाईन के माध्यम से गलत हैड में जमा की गयी राशि कंपनी के खाते में नहीं की जाती है। यह राशि शासन के ही खाते में रहती है अर्थात डिफाल्ट एकाउण्ट कम्पनी के द्वारा शासन को भेजे जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। ऐसी डिफाल्ट राशि को मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान नियम 1991 नियम 14 के सहपठित उप नियमों के अंतर्गत वापस किये जाने का प्रावधान है। निर्धारित प्रक्रिया के निर्वहन पश्चात् वाहन स्वामी को ऐसी राशि वापिस करने के संबंध में विभाग द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 30.08.2011, परिपत्र दिनांक 07.10.2014 के माध्यम से निर्देश जारी किये गये हैं। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (घ) मध्य प्रदेश मोटरयान कराधान नियम 1991 नियम 14 के उप नियम 2 के अधीन कर वापसी का दावा करने वाला कोई व्यक्ति प्रारूप “थ” में कराधान प्राधिकारी को जिसे कर का मूलतः संदाय किया गया था, को प्रस्तुत कर प्रक्रिया पूर्ण करके राशि वापसी का प्रावधान है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार है। नियमों को सरल करने का कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व अभिलेखों में सुधार
[राजस्व]
158. ( क्र. 7454 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता एवं आर.बी.सी. में इस्तलयाबी (क्रियान्वयन) बाबत् प्रावधान निहित किये गये हैं? अगर किये गये हैं, तो बतावें? अगर नहीं, तो इस्तलयाबी बाबत् प्रकरण तहसील न्यायालयों में क्यों चलाये जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राजस्व न्यायालयों/सिविल न्यायालयों के पारित निर्णय के पालन में राजस्व अभिलेखों में सुधार कर संबंधितों को निर्णय का पालन कर देना चाहिए लेकिन ऐसा न कर पुन: पक्षकारों को परेशान करने की गरज से इस्तलयाबी (क्रियान्वयन) बाबत् प्रकरण चलाये जाते हैं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के न्यायालयों के पारित निर्णयों के पालन बाबत् रीवा जिले में कितने प्रकरण इस्तलयाबी बाबत् लंबित हैं, की जानकारी वर्ष २०१४ से प्रश्नांश दिनांक तक की तहसीलवार देवें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नांश (ख) के पारित निर्णयों का प्रश्नांश (ग) के तहसीलों द्वारा प्रकरणों को लंबित रखना राजस्व अभिलेखों में सुधार न करवाने के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? क्या इस्तलयाबी पारित निर्णयों अनुसार कराये जाने के निर्देश संबंधित आदेश एवं निर्देश राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों को देगें? देगें तो कब तक, अगर नहीं, तो क्यों? साथ ही ऐसा न करने के दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 इस्तलयाबी दर्ज करने हेतु पृथक से प्रावधान नहीं हैं। जिन आदेशों के खसरा/नक्शा संशोधन किया जाता है उनका उल्लेख संबंधित आदेश में रहता है। उसी आदेश की इत्तला खसरा व नक्शा में होती है जो तहसीलदारों के अलावा अपीली के निगरानी न्यायालय द्वारा अथवा सक्षम न्यायालय द्वारा पारित किये जाते हैं और इसके इत्तला दर्ज करने हेतु पक्षकारों द्वारा आवेदन पत्र देने पर इस्तलयाबी का प्रकरण दर्ज कर वरिष्ठ न्यायालय के आदेशानुसार अभिलेख सुधार किया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार द्वितीय पक्ष को नोटिस भेजकर जानकारी लिया जाना विधिक प्रक्रिया है। यह कोई पृथक प्रक्रिया नहीं है बल्कि मूल प्रकरण की ही अग्रिम प्रक्रिया है। (ग) रीवा जिला अंतर्गत कुल 11 तहसील हैं, जिसमें तहसील हुजूर, गुढ़, रायपुर कर्चुलियान, मनगवां, जवां, सिरमौर, त्योंथर, मऊगंज, हनुमना, नईगढ़ी इन तहसीलों में वर्ष 2014 से आज दिनांक तक इस्तलयाबी के कोई प्रकरण लंबित नहीं है। सिर्फ तहसील सेमरिया अंतर्गत प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार नामांतरण एवं बंटवारा के 06 प्रकरण चल रहे हैं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के उत्तर अनुसार केवल आदेश की अंतिमता की जाँच के बाद इत्तिला दर्ज करा दी जाती है। प्रश्नांश (ग) के अनुसार लंबित प्रकरणों में आदेश की अंतिमता की जाँच कराना नियमानुसार है। क्यों कि आदेश लंबित होने पर राजस्व रिकार्ड में आदेश दर्ज होना चाहिये लंबित प्रकरणों में केवल आदेश की अंतिमता की जाँच की जाती है, जो नियमानुसार है। इसके लिये कोई अधिकारी कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत स्तर पर शासकीय उचित मूल्य की दुकानें
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
159. ( क्र. 7455 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा ग्रामीण उपभोक्ताओं की सुविधा हेतु प्रत्येक पंचायत स्तर पर खाद्य विभाग की शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोले जाने के निर्देश हैं? (ख) क्या उक्त निर्देश के पालन में राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ की सभी पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें खोली गई हैं? (ग) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें किन-किन पंचायतों में कहाँ-कहाँ पर किस सेल्समैन के द्वारा कब से संचालित की जा रही हैं? उनके नाम, पते तथा उक्त दुकानों पर कितने-कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी कितनी-कितनी सामग्री प्रतिमाह वितरित की जा रही है? (घ) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ की ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं जिनमें शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित नहीं हैं? उन पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें कब तक संचालित की जावेंगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। (ख) उक्त प्रावधान का क्रियान्वयन प्रदेश में अभी नहीं हो सका है, क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की विभिन्न कंडिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाएं न्यायालयीन कार्यवाही अंतर्गत स्थगन होने से दुकान आवंटन की कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 48 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकान संचालित नहीं हैं। शेष भाग की जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में पदों की पूर्ति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
160. ( क्र. 7456 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में पॉलीटेक्निक महाविद्यालय संचालित हैं? यदि हाँ, तो कब से और कहाँ पर? (ख) उक्त महाविद्यालय में किस-किस संकाय की कौन-कौन सी कक्षायें संचालित हैं? (ग) उक्त महाविद्यालय के कार्यालय में तथा कक्षाओं के किस-किस संकाय के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? उनमें कितने रिक्त हैं? कार्यरत के नाम सहित बतायें। (घ) उक्त महाविद्यालय में रिक्त पदों की पूर्ति कब की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। सत्र 2011 से संचालित हैं, प्रारंभ में कैम्प उज्जैन एवं जनवरी 2013 से आंशिक रूप से राजगढ़ व शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, उज्जैन में तथा जनवरी 2017 से पूर्णत: राजगढ़ में संचालित हैं। (ख) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेली. कम्युनिकेशन, सिविल इंजीनियरिंग की कक्षायें संचालित हैं। (ग) शैक्षक्षिण संवर्ग संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इसके अतिरिक्त संस्था में प्रभारी प्राचार्य, श्री एन.डी. महाजन (राजगढ़ एवं उज्जैन) तथा श्री अशोक दुबे, सहायक ग्रेड-2 (शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, पचौर को अतिरिक्त कार्य सौंपा गया है) महाविद्यालय में तृतीय श्रेणी लिपिकीय/अलिपिकीय एवं चतुर्थ श्रेणी की स्वीकृत पदों की सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा उक्त स्वीकृत पद वर्तमान में रिक्त हैं। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जन-सुनवाई के प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
161. ( क्र. 7457 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आवेदन पत्र क्रमांक/म्यू./ऑन-लाईन/जन-सुनवाई/कले./२०१७/९०८, ९१०, ९३३ एवं ९३३ दिनांक २८.२.२०१७ के अनुसार तहसीलदार चिनोर द्वारा नामांतरण करने, कम्प्यूटर पर भूमि स्वामी का नाम दर्ज करने, बंटवारा कराने, कम्प्यूटर सूची में नाम सुधार कराने हेतु आवेदकों से अवैध रूपयों की मांग की गई है? क्या इन शिकायतों की जाँच कराई गई है? प्रकरणवार अलग-अलग जानकारी दें? क्या तहसीलदार चिनोर दोषी है? यदि हाँ, तो दोषी के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है या की गई है? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या तहसीलदार चिनोर प्रकरणों में विलंब कर संबंधित व्यक्तियों से अवैध रूपयों की वसूली करता है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो एक जैसे ही समान प्रकरणों में जहां से अवैध वसूली हो जाती है, तुरंत प्रकरण का निराकरण हो जाता है किंतु दूसरा आवेदक अवैध रूपया नहीं देता है, तो प्रकरण रोक कर कोई न कोई इल्लीगल (अवैध) कारण लगाकर विलंब या निरस्त किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्या प्रश्नांश (क) के प्रकरणों की किसी वरिष्ठ अधिकारी से भोपाल से टीम भेजकर प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष जाँच कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) आवेदन पत्र क्रमांक क्यू./ऑन-लाईन/जन-सुनवाई/ कलेक्टर/2017/908, 910, 933 एवं 933 दिनांक 28.02.2017 जाँच हेतु अनुविभागीय अधिकारी भितरवार को जाँच हेतु प्रेषित किये गये हैं। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जन-सुनवाई आवेदनों की जाँच प्रकरण क्रमांक 24, 25, 26/2016-17/बी-121 पर दर्ज कर कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। जिसमें उभयपक्षों को सुनवाई का अवसर दिया जाकर एवं अभिलेखों का परीक्षण किया जाकर ही अंतिम निष्कर्ष निकाला जा सकता है। जाँच उपरांत ही निष्कर्ष दिया जा सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पशु नस्ल सुधार केन्द्र का संचालन
[पशुपालन]
162. ( क्र. 7458 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में कितने पशु चिकित्सा केन्द्र, कितने पशु नस्ल सुधार केन्द्र विभाग द्वारा किस-किस स्थान पर संचालित किये जा रहे हैं? (ख) पशुपालन विभाग द्वारा पशु नस्ल सुधार हेतु कौन-कौन सी योजना एवं उपाय किये जा रहे हैं? ०१ अप्रैल २०१५ से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किस-किस योजना से क्या-क्या लाभ दिया है? (ग) ग्वालियर जिले में कितने डॉक्टर एवं कितने अन्य कर्मचारी विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ पर पदस्थ हैं, उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय बतावें एवं कितने पद कहाँ-कहाँ रिक्त हैं, इन पदों को भरने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) क्या ग्वालियर जिले में वर्तमान में खुरपका एवं मुंहपका (फूट एण्ड माउथ डिसीज) बीमारी फैल रही है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इस बीमारी से कितने पशु प्रभावित हुये हैं? प्रभावित पशुओं की संख्या, ग्राम पंचायत, विकासखण्डवार बतावें। इस भयानक बीमारी की रोकथाम के लिये विभाग द्वारा पूर्व में क्या-क्या कार्यवाही की गई थी तथा वर्तमान में की जा रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) कुल 18 संस्थाएं - पशु चिकित्सालय 08, पशु औषधालय 08 एवं कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्द्र 02 संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार। (ख) पशु पालन विभाग द्वारा पशु नस्ल सुधार कृत्रिम गर्भाधान एवं प्राकृतिक गर्भाधान के माध्यम से किया जा रहा है। प्राकृतिक गर्भाधान से नस्ल सुधार हेतु गौ-वंश में नंदीशाला योजना, भैंस-वंश में मुर्रा पाडा प्रदाय योजना (समुन्नत योजना) एवं बकरियों में नर बकरा प्रदाय योजना संचालित हैं। 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक नंदीशाला योजना में 03 हितग्राहियों को, मुर्रा पाडा प्रदाय योजना में 51 हितग्राहियों को एवं नर बकरा प्रदाय योजना में 179 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार। (ग) ग्वालियर जिले में 38 डॉक्टर (व्ही.ए.एस) , 75 ए.व्ही.एफ.ओ., 04 लैब टेक्निशियन, 14 लिपिक, 04 वाहन चालक एवं 89 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पदस्थ हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' अनुसार। रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''घ'' अनुसार। रिक्त पदों को भरने हेतु व्यापम एवं लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं। (घ) जी नहीं। मात्र 5 ग्रामों के 26 पशुओं में मुंहपका-खुरपका बीमारी की सूचना प्राप्त हुई थी जिनका उपचार किया जा चुका है। उक्त पशु वह पशु हैं जिनमें विभाग के द्वारा चलाये गये टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न कारणों से टीकाकरण नहीं किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड.'' अनुसार। मुंहपका-खुरपका बीमारी की रोकथाम हेतु दिनांक 21 नवम्बर 2016 से 31 दिसम्बर 2016 तक एफ.एम.डी. कन्ट्रोल प्रोग्राम चलाया गया था जिसमें ग्वालियर जिले में 310850 पशुओं में रोग प्रतिबंधक टीकाकरण किया गया। वर्तमान में टीकाकरण पूर्ण हो चुका है।
हत्या में शामिल सरपंचों को पद से पृथक कर गिरफ्तारी
[गृह]
163. ( क्र. 7467 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 6.12.16 को टीकमगढ़ कोतवाली अन्तर्गत हुये मनोज S/O रघुवीर यादव हत्याकांड में कितने लोगों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध हैं? नाम एवं पद, पता सहित अवगत करायें। एफ.आई.आर. किस दिनांक में दर्ज हुई? (ख) एफ.आई.आर. में दर्ज आरोपियों में से कितने गिरफ्तार किये गये? किस दिनांक को गिरफ्तार हुये? नाम, दिनांक सहित अवगत करायें। शेष की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? कब तक कर लेंगे? (ग) क्या आरोपियों में कुछ प्रभावशाली लोग भी हैं, जिन्हें म.प्र. के पूर्व नेता का संरक्षण प्राप्त है? क्या हत्या जैसे जघन्य अपराध में नाम आने के बाद भी सरपंच पद पर बने रहना चाहिये? यदि नहीं, तो अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) क्या दोषियों के विरूद्ध भी कोई कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समूह नल-जल योजनाओं का शीघ्र क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
164. ( क्र. 7468 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में पेय-जल संकट के निदान हेतु सतही जल आधारित कितनी समूह नल-जल योजनाओं को स्वीकृति प्राप्त होकर उन्हें राशि का आवंटन किया गया है? योजनाओं के नाम, लागत उपलब्ध करायें। (ख) वर्तमान में उक्त परियोजनाओं की भौतिक स्थिति क्या है? कब तक निर्माण कार्य प्रांरभ कर पूर्ण कर लिया जायेगा? अद्यतन जानकारी से अवगत करायें। (ग) क्या कुछ परियोजनाओं में जल संसाधन विभाग द्वारा PHE को पानी की उपलब्धता सुनिश्चित न कराये जाने के कारण योजना अधर में हैं? ऐसी कौन-कौन सी योजनाएं हैं? (घ) पेय-जल और सिंचाई में से सरकार की प्राथमिकता क्या है? क्या मानवीय हितों को दृष्टिगत रखते हुये सरकार PHE विभाग को पर्याप्त पानी नल-जल योजनाओं हेतु उपलब्ध करायेगी? हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, स्वीकृत योजनाओं हेतु आवश्यक जल आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) राज्य जल नीति अनुसार पेय-जल प्रथम प्राथमिकता है। कुछ योजनाओं के जल आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय अवधि बताया जाना सम्भव नहीं है।
राजस्व मंडल के सदस्य द्वारा शासन विरूद्ध निर्णयों का पुनरीक्षण
[राजस्व]
165. ( क्र. 7476 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी २०१७ में राजस्व मंडल से मुक्त किये गये एक सदस्य द्वारा अपने सदस्यीय कार्यकाल में शासकीय भूमि पर निजी व्यक्तियों के दावे संबंधी किन-किन मामलों की सुनवाई की गई? किन-किन निर्णयों में निजी व्यक्तियों संस्थाओं के पक्ष में फैसला दिया गया? (ख) क्या उक्त सदस्य द्वारा दिये गये शासन विरूद्ध फैसलों के संबंध में शासन द्वारा पुनरीक्षण कराया जाकर शासन के हितों की रक्षा की जावेगी? नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त सदस्य द्वारा सागर जिले में बेशकीमती भूमियों को निजी व्यक्तियों/पट्टेदारों को सौंपने के फैसलों के संबंध में क्या विभाग न्यायालयों में अपील करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय अधिकारी पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
166. ( क्र. 7482 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागरिक आपूर्ति निगम जिला कटनी में पदस्थ जिला प्रबंधक (तत्कालीन) श्री शंभू प्रसाद गुप्ता के विरूद्ध दिनांक ११.९.२०१५ को कटनी थाने में आपराधिक प्रकरण क्रमांक ८६१/१५ पंजीबद्ध किया गया? प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतायें। (ख) क्या उक्त प्रकरण के पश्चात् प्रमुख सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण द्वारा पत्र क्रमांक आर/४१२९/२७७५/२०१५ दिनांक ४.१०.२०१५ विभाग के प्रबंध संचालक को अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जाँच तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया है? (ग) यदि हाँ, तो फिर किस कारण से संबंधित अधिकारी को रीवा जिला मुख्यालय पर पदस्थ कर दिया गया? पत्र पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें? (घ) पूरे प्रकरण के दोषी अधिकारी एवं उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्णित पत्र पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, कार्पोरेशन में आउट-सोर्सिंग से पूर्व में पदस्थ श्रीमती रश्मि जायसवाल द्वारा श्री एस.पी.गुप्ता के विरूद्ध थाना कोतवाली जिला कटनी में शिकायत करने पर थाना कोतवाली जिला कटनी द्वारा प्रथम सूचना प्रतिवेदन क्रमांक-861/2015 दिनांक 11.09.2015 पंजीबद्ध की गई है। इस प्रकरण में श्री गुप्ता द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण क्रमांक 16970/2015 में पारित आदेश दिनांक 14.10.2015 से अग्रिम जमानत प्राप्त की गई है। (ख) प्रबंध संचालक को प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा पत्र क्रमांक-आर./4129/2775/2015/29-2 दिनांक 13.10.2015 द्वारा कटनी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में उपार्जित धान का भंडारण, भंडारण नीति के विपरीत कराये जाने के संबंध में प्राप्त शिकायत का जाँच प्रतिवेदन प्रेषित करते हुए जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन कटनी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। (ग) कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक की पदस्थापना प्रशासनिक एवं व्यवसायिक आवश्यकता को देखते हुए की गई है। प्रमुख सचिव के पत्र दिनांक 13.10.2015 के परिपालन में प्रबंध संचालक द्वारा कार्यवाही करते हुए श्री एस.पी.गुप्ता, तत्कालीन जिला प्रबंधक कटनी को मुख्यालयीन ज्ञाप क्रमांक/स्था./2016/2026 दिनांक 23.02.2016 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, श्री गुप्ता द्वारा प्रस्तुत प्रति उत्तर दिनांक 09.03.2016 समाधानकारक नहीं पाये जाने पर मुख्यालयीन आदेश क्रमांक/स्था./2016/124 भोपाल दिनांक 25.042016 द्वारा श्री गुप्ता के विरूद्ध एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित कर दंडात्मक कार्यवाही की गई। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कॉलोनियों में आरक्षित भूमि का विक्रय
[राजस्व]
167. ( क्र. 7485 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन एवं बैतूल जिले में दिनांक १.१.२०१३ से २१.१.२०१७ तक कॉलोनाईजरों द्वारा गरीब एवं कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित भूमि में से कितनी भूमि किन-किन को विक्रय की गई? क्रेता का नाम, रकबा, पता, कॉलोनी नाम, कॉलोनाईजर नाम सहित जिलावार, वर्षवार, विधान सभावार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त उज्जैन एवं बैतूल जिले की कॉलोनियों में उपरोक्त अवधि एवं इससे पूर्व की अवधि में आरक्षित भूमि के विक्रय होने के बाद कितनी भूमि शेष है? कॉलोनीवार बतावें। (ग) गरीब व कमजोर वर्ग जो आरक्षित भूमि क्रय करते हैं, उस संबंध के मापदण्डों की छायाप्रति देवें। उपरोक्त मापदंडों का पालन न करके भूमि विक्रय करने वाले कॉलोनाईजरों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध रूप से पर्सनल लोन पर कार्यवाही
[राजस्व]
168. ( क्र. 7490 ) श्री रमेश पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में कितनी प्राईवेट फाईनेंस कंपिनयां/फर्म व्यक्ति पर्सनल लोन देने का कार्य वर्तमान में कर रहे हैं? नाम सहित देवें। (ख) इन लोन देने वाले व्यक्तियों, फाईनेंस कंपनियों के पास जो अनुमति/लाईसेंस हैं, उनकी छायाप्रति देवें। दिनांक ०१.०१.२०१५ से ३१.१२.१६ तक इंदौर जिले में ऐसे कितने लाईसेंस/अनुमति जारी हुई, कितनी रिन्यू हुई, की जानकारी देवें? (ग) बिना अनुमति फाईनेंस का करोबार कर रहे व्यक्तियों/फाईनेंस कंपनियों/फर्मों पर शासन ने प्रश्नांश (ख) अवधि में जो कार्यवाही की है, उसकी जानकारी नाम सहित वर्षवार देवें? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की है, तो कारण बतावें। कब तक कार्यवाही की जावेगी? अवैध रूप से फाईनेंस करने वालों के खिलाफ कितनी शिकायतें इंदौर जिले में कलेक्टर SDM तहसीलदार को प्राप्त हुई एवं उन पर की गई कार्यवाही बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जमीनें गिरवी रखकर ऋण लेकर राशि का गबन
[गृह]
169. ( क्र. 7510 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक ९.३.२०१६ को एच.डी.एफ.सी. बैंक शाखा, विजयनगर, जबलपुर के कर्मचारियों एवं अन्य के द्वारा संयुक्त रूप से गबन करके भिन्न-भिन्न व्यक्तियों की जमीनें गिरवी रखकर ऋण लेकर राशि का गबन करने संबंधी प्रकरण थाना विजयनगर, जबलपुर में दर्ज हुआ है? यदि हाँ, तो प्रकरण क्रमांक एवं प्रकरण से संबंधित पूर्ण ब्यौरा दें? (ख) उक्त एफ.आई.आर. में किन-किन व्यक्तियों के विरूद्ध एवं किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है? उक्त प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक किस-किस व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई है एवं किस-किस व्यक्ति की गिरफ्तारी शेष है? (ग) क्या उक्त प्रकरण में अलग-अलग भूमियों के संबंध में अलग-अलग प्रकरण दर्ज न करके एक ही प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) उक्त प्रकरण में कूटनीतिक रूप से दस्तावेज तैयार करने में शामिल राजस्व विभाग एवं अन्य विभागों के अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण क्यों दर्ज नहीं किया गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। थाना विजयनगर जिला जबलपुर में अपराध क्रमांक-48/16 धारा-419, 420, 467, 468, 471, 120-बी भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में है। अभी तक उक्त प्रकरण में परमलाल की भूमि से ही फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके से धोखाधड़ी कर एच.डी.एफ.सी. बैंक से ऋण लिया गया है उक्त प्ररकण में अन्य भूमि शामिल नहीं है। एच.डी.एफ.सी. बैंक विजयनगर के अधिकारी एवं कर्मचारी के संलिप्तता के संबंध में अभी तक कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। विवेचना में आये साक्ष्य अनुसार विधि अनुरुप कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। उक्त प्रकरण में एक ही भूमि के फर्जी दस्तावेज तैयार कर एच.डी.एफ.सी. बैंक से ऋण लिया गया है। (घ) प्रकरण विवेचनाधीन है। विवेचना में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
अध्यक्ष एवं सचिव की नियुक्ति प्रक्रिया
[पर्यावरण]
170. ( क्र. 7514 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वॉटर पॉल्यूशन कंट्रोल नियम, १९९४ के तहत् अध्यक्ष एवं सचिव की नियुक्ति की क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है? (ख) क्या वर्तमान में सदस्य सचिव के पद पर पदस्थ अधिकारी की नियुक्ति उसी प्रक्रिया के तहत् की गई है? यदि हाँ, तो पूर्ण ब्यौरा दें? (ग) यदि नहीं, तो इस हेतु कौन उत्तरदायी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर कब तक सदस्य सचिव की नियुक्ति कर दी जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) वॉटर पॉल्यूशन कन्ट्रोल नियम 1994 लागू न होकर प्रदेश में केन्द्रीय जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 लागू हैं। उक्त अधिनियम की धारा 4 की उपधारा-2 के खण्ड (क) के तहत् मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में राज्य शासन द्वारा तीन वर्ष की अवधि हेतु अध्यक्ष को नामनिर्दिष्ट किया जाता है एवं उक्त अधिनियम के नियम 4 (2) (एफ) के तहत् सदस्य सचिव की नियुक्ति के प्रावधान हैं (ख) जी हाँ। जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 4 (2) (एफ) में उल्लेखित अर्हता रखने वाले अधिकारियों के पैनल में से अधिकारियों के विगत वर्षों के कार्य मूल्यांकन संबंधी गोपनीय प्रतिवेदन में अंकित मूल्यांकन अनुसार सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले अधिकारी की नियुक्ति सदस्य सचिव, म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पद पर आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा आदेश दिनांक 5/3/2014 के माध्यम से की गई है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
कुटीर एवं
ग्रामोद्योग
योजना में
लाभान्वित
हितग्राही
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
1. ( क्र. 207 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में विगत 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग से बागली विधान सभा क्षेत्र के कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं में लाभांवित किया गया है? हितग्राही की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है? योजना की प्राप्ति हेतु कौन-कौन सी पात्रताएं होना चाहिये? क्या विभाग के द्वारा तहसील स्तर पर कोई नोडल अधिकारी नियुक्त किये हैं? अगर हां, तो कौन-कौन सी तहसील में नियुक्त किये हैं? वो कब-कब आते हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। तहसील स्तर पर कोई नोडल अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है। जिला स्तर पर प्रभारी जिला ग्रामोद्योग अधिकारी उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का क्रियान्वयन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
2. ( क्र. 310 ) श्री जतन उईके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के क्या नियम एवं प्रावधान हैं योजना में कौन-कौन पात्रता रखता है? योजना के संबंधित नियमावली एवं प्रावधान की एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) छिन्दवाड़ा जिले के पाण्ढुर्ना विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन सी तथा कहाँ-कहाँ गैस कंपनियां संचालित की जा रही है एवं इसके प्रोपराईटर के नाम पता की जानकारी देवें? (ग) पाण्ढुर्ना विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस एजेन्सियों को कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए, कितने-कितने स्वीकृत किये गये, कितने वितरण किये गये, कितने वितरण किया जाना शेष है जो आवेदन अस्वीकृत किये गये अस्वीकृत करने का कारण बतायें? (घ) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस चूल्हा वितरण का निर्धारित लक्ष्य, स्वीकृत, वितरण, लंबित एवं अस्वीकृत किये गये आवेदनों की जानकारी उपलब्ध कराये।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में आते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय करने का प्रावधान है। योजनांतर्गत लाभांवित होने वाले परिवारों की श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर एवं नियमावली एवं प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) पाण्ढुर्ना विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस एजेन्सीवार प्राप्त आवेदन, स्वीकृत आवेदन, वितरित गैस कनेक्शन, शेष एवं अस्वीकृत आवेदनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। हितग्राही का नाम एस.ई.सी.सी. डाटा की वंचित श्रेणी में न होने एवं पूर्व से कनेक्शन होने के कारण आवेदन अस्वीकृत हुए है। (घ) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस चूल्हा वितरण का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। छिन्दवाड़ा जिले में योजना के तहत 67,595 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 55,666 आवेदन स्वीकृत एवं 4,493 आवेदन अस्वीकृत हुए हैं।
भूमि अधिग्रहण बाबत्
[राजस्व]
3. ( क्र. 332 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले में पाण्ढुर्ना अनुविभाग में फोरलेन सड़क ग्राम बडचिचोली सेबोथिया सीमा तक सड़क निर्माण हेतु 2012-13 से भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो मुआवजे के ऐसे कितने प्रकरण है, जिनकी कार्यालय संभाग आयुक्त जबलपुर में अपील की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन अपील प्रकरणों में कार्यालय संभाग आयुक्त जबलपुर द्वारा मुआवाजा राशि किन-किन कारणों से कितनी-कितनी राशि बढ़ाई गई? अपील प्रकरणों से मुआवजा निर्धारण दोषपूर्ण सिद्ध हो रहा है तो क्या अपील प्रकरणों में जिन आधारों पर मुआवजा राशि बढ़ाई गई उन्हीं आधार पर अपील न करने वाले किसानों की मुआवजा राशि भी बढ़ाई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या भूमि अधिग्रहण के मामलों में शासकीय सेवकों द्वारा लापरवाही बरती गई? यदि हाँ तो इनका जिम्मेदार कौन है? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि अधिकांश अपील प्रकरणों में मुआवजा राशि में बढ़ोत्तरी हुई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिक्षेत्र में शासकीय दायित्व के निर्वहन में लापरवाही से किसानों को हुई क्षति का कौन जिम्मेदार है? इस पर कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। भूमि अधिग्रहण किए गए कृषकों में से उदाराम पिता गोविन्दा एवं अन्य कृषक ग्राम बडचिचोली नीताबेन पिता शैलेश शाह एवं अन्य-2 अनिल पिता जयवन्त कडु द्वारा संभागायुक्त जबलपुर में अपील प्रस्तुत की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अपीलार्थी को आयुक्त जबलपुर द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा-3 एच (5) के तहत बढ़ी हुई राशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज आवेदक पक्ष को प्रदाय किए जाने हेतु आदेश पारित किए गए हें इसी प्रकार प्रकरण में धारा-3 (ए) के प्रकाशन के 3 वर्ष पश्चात् मुआवजा निर्धारण किए जाने के फलस्वरूप धारा-3 जी (बी) एवं धारा-3 जी (सी) के तहत 30 प्रतिशत अतिरिक्त राशि प्रदाय किए जाने का आदेश पारित किया गया। उल्लेखित प्रकरणों में जो कृषक अपील में नहीं गए थे उन्हें भी एक ही प्रकरण होने से आदेश के पालन में अतिरिक्त राशि एवं उस पर देय ब्याज की राशि का भुगतान किया गया है। (ग) जी नहीं। अत शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिक्षेत्र में शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
अनुविभागीय कार्यालय को स्थाई सब डिवीजन कार्यालय का दर्जा दिया जाना
[राजस्व]
4. ( क्र. 333 ) श्री जतन उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाण्ढुर्ना शहर को कब से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ है? क्या इस कार्यालय को स्थाई सब डिवीजन कार्यालय का दर्जा मिल चुका है? (ख) यदि नहीं, तो कब तक मिल जायेगा? इसमें विभाग का एक भी कर्मचारी पदस्थ क्यों नहीं है? (ग) एक अनुभाग अधिकारी राजस्व कार्यालय में विभिन्न श्रेणी के कुल कितने पद स्वीकृत है? पाण्ढुर्ना शहर को कब तक अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में विभाग के स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व विभाग के आदेश दिनांक 07.09.1994 द्वारा पाण्ढुर्ना में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व का कार्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जी हाँ। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। यह सही नहीं है कि विभाग का एक भी कर्मचारी पदस्थ नहीं है। वर्तमान में तहसील कार्यालय के दो कर्मचारी, नगरपालिका के दो कर्मचारी, शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी एवं कृषि उपज मंडी के एक कर्मचारी से अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय पाण्ढुर्ना का कार्य कराया जा रहा है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय में स्टेनों टायपिस्ट, सहायक ग्रेड-2, सहायक ग्रेड-3, डाटा इंट्री आपरेटर, वाहन चालक, चौकीदार/अर्दली के एक-एक पद एवं भृत्य को दो पद स्वीकृत है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय पाण्ढुर्ना में पद स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है।
जल प्रदाय योजना के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
5. ( क्र. 381 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिले के मण्डला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी नल जल/स्थल-जल/मुख्यमंत्री पेयजल योजनाएं/सामुहिक नल जल योजना स्वीकृत की गई है वर्षवार ग्राम पंचायतवार विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में किन-किन क्षेत्रों में जलप्रदाय प्रारंभ नहीं हो पाया है एवं क्यों? इसके लिये कौन दोषी है व कब तक जल प्रदाय योजनाओं को पूर्ण कर जल प्रदाय प्रारंभ करा दिया जायेगा? इनमें से कितनी योजनाएं वर्तमान में किस कारण से बंद है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 7 नल जल योजनाएं, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई दोषी नहीं है। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।
कार्मल कॉन्वेंट सीनियर सेकेण्डरी स्कूल की प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[राजस्व]
6. ( क्र. 473 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के ग्राम चक कामेड स्थित कार्मल कॉन्वेंट सीनियर सेकेण्डरी स्कूल की कितनी भूमि का डायवर्शन हुआ है तथा कितनी भूमि पर स्थित है तथा कितनी शासकीय भूमि पर स्कूल का अवैध कब्जा है? यह स्कूल कितने मंजिल तक निर्मित है? कितनी मंजिल की निर्माण अनुमति प्राप्त की गई है? जो नक्शा पास हुआ है उसमें और मौके पर निर्माण में क्या अंतर पाया गया है? बिंदुवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त स्कूल का सम्पत्ति कर कितने क्षेत्रफल का और कब तक का नगर पालिका निगम में जमा किया जा चुका है? सम्पत्ति कर विवरण में स्कूल द्वारा दर्शाए गये निर्मित क्षेत्रफल और वास्तविक क्षेत्रफल में क्या अंतर पाया गया? कितने वर्ष का सम्पत्तिकर एवं जलकर बकाया है? इस हेतु नगर पालिका निगम द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त स्कूल के अवैध निर्माण, अवैध कब्जे, सम्पत्ति कर एवं जलकर के संबंध में विगत 3 वर्षों में किस-किस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई है तथा उन शिकायतों पर किस-किस अधिकारी को जाँच अधिकारी बनाया गया क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता का नाम, शिकायत, जाँचकर्ता अधिकारी एवं जाँच के विवरण सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बी.पी.एल. राशनकार्डों की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
7. ( क्र. 1064 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थित समस्त ग्रामों में माह नवम्बर 2016 से शासन/जिला कलेक्टर/प्रशासन द्वारा बी.पी.एल. हितग्राहियों के राशन कार्डों की जाँच कराई जा रही है? (ख) यदि हाँ तो वर्तमान तक कितने बी.पी.एल. हितग्राहियों के राशन कार्ड जाँच उपरांत सही पाये गये, कितनों के नहीं, की संख्या ग्रामवार बतावे। (ग) ग्रामवार जिन हितग्राहियों को वर्तमान में उक्त जाँच में अपात्र पाया गया है उन हितग्राहियों को तत्समय बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाने व सूची में शामिल करते समय किस आधार पर पात्र पाया गया था? (घ) क्या बी.पी.एल. राशन कार्डों की जाँच कार्य में संबंधित हल्के के पटवारियों व ग्राम पंचायत के सचिवों द्वारा मनमानी बरतते हुए गंभीर अनियमितताएं की जा रही हैं? क्षेत्रान्तर्गत ग्राम राड़ेप, सौईंकला व काशीपुर सहित सभी ग्रामों में निवासरत लगभग 8 हजार पात्र हितग्राहियों जिनमें हरिजन, आदिवासी भी शामिल हैं इनके नाम भी बी.पी.एल. सूची से हटा दिये गये हैं? क्या शासन उक्त अनियमितताओं की जाँच कराकर इस हेतु दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा पात्र हितग्राहियों के नाम पुन: बी.पी.एल. सूचियों में जुड़वाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जाँच में अपात्र पाये गए परिवारों की आर्थिक स्थिति वर्तमान में ठीक पाई गई। इन परिवारों के पास ट्रेक्टर, मोटर साईकल, पक्का मकान, भूमि व अन्य संसाधन उपलब्ध होने से इन्हें अपात्र माना गया है। अपात्र पाए गए हितग्राहियों की ततसमय जाँच में आर्थिक स्थिति एवं शासन के मापदण्ड अनुसार पात्र पाया गया था। (घ) जी नहीं। प्रश्नांकित ग्रामों सहित अन्य ग्रामों में पात्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों के नाम बी.पी.एल. सूची से अपात्र नहीं किये गए हैं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुविभागीय कार्यालय नागदा को स्थायी सब डिविजन का दर्जा
[राजस्व]
8. ( क्र. 1288 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि अनुविभागीय कार्यालय नागदा को स्थायी सब डिविजन का दर्जा एवं विभाग के कर्मचारियों की स्थापना के संबंध में परि.अता. प्रश्न संख्या 47 (क्रमांक 530), दिनांक 7 दिसम्बर, 2016 में पूछा गया था, जिसके उत्तर में विभाग द्वारा जानकारी एकत्रित की जा रही है, ऐसा उत्तर दिया गया था। क्या जानकारी एकत्र कर ली गयी है यदि हाँ तो बताएं कि, यदि जानकारी एकत्र नहीं की गई तो इसके लिये कौन दोषी है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदिवासियों की जमीन का क्रय-विक्रय
[राजस्व]
9. ( क्र. 1503 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासियों की जमीन क्रय करने की प्रक्रिया विगत वर्षों से लगातार चल रही है? (ख) क्या आदिवासियों की जमीन सस्ती दर पर क्रय करके हजारों गुना रेट पर विक्रय की जाती है? (ग) क्या यह क्रय-विक्रय आदिवासियों का आर्थिक शोषण है? (घ) यदि नहीं, तो गत 3 वर्षों में म.प्र. के समस्त जिलों में आदिवासियों की क्रय की गयी जमीनों की दर एवं कलेक्टर गाईड लाईन की दर की जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सोनकच्छ में आई.टी.आई. स्वीकृति के संबंध में
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
10. ( क्र. 1713 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ में आई.टी.आई. स्वीकृत की गयी थी? यदि हाँ, तो कब आदेश की छायाप्रति संलग्न करें? (ख) आई.टी.आई. स्वीकृत होने के पश्चात् भी आज तक नगर में आई.टी.आई. शुरू क्यों नहीं हो सकी? (ग) क्या नगर के छात्र-छात्राओं को भविष्य में आई.टी.आई. का लाभ मिल सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
संस्थाओं के डायवर्सन, नाम परिवर्तन
[राजस्व]
11. ( क्र. 1820 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में खरगोन जिला कार्यालय एवं जिला अंतर्गत समस्त विभागीय कार्यालयों के साथ प्रो.पी.सी. फाउण्डेशन खरगोन या तंजिम-ए जरखेज के मध्य हुए पत्राचारों का विवरण देवे। इन दोनों संस्थाओं के नाम कितनी भूमि है, खसरा, रकबा, ग्राम के नाम सहित सूची देवें। इसमें से कितनी भूमि कृषि तथा कितनी अकृषि भूमि है। दोनों संस्थाओं के डायवर्सन, नाम परिवर्तन हेतु प्राप्त आवेदनों की पूर्ण प्रति देवें। (ख) विगत 5 वर्ष में उक्त दोनों संस्थाओ से संबंधित नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय खरगोन या खण्डवा कार्यालय से हुए पत्राचार का विवरण देवे। (ग) विगत 5 वर्ष में उक्त दोनों संस्थाओं से संबंधित प्राप्त शिकायतों एवं सूचना के अधिकार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का विवरण देवे। इन आवेदन पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवे।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्यानिकी या कृषि विभागों के हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन
[राजस्व]
12. ( क्र. 1821 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011 से 2016 तक उद्यानिकी या कृषि विभागों के हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन संबंधी राजस्व विभाग के किसी भी स्तर पर हुए पत्राचार की प्रति देवे। खरगोन जिले में कृषि या उद्यानिकी विभाग के हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन कब-कब हुए। क्या इन हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन पत्रक में पटवारी के हस्ताक्षर का स्थान रहता है। क्या पटवारियों के हस्ताक्षर करने संबंधी कोई निर्देश प्रदान किये गये हैं, प्रति देवें। (ख) खरगोन जिले में विगत 5 वर्षों में सब्जी का रकबा क्या रहा वर्षवार सूची देवें। (ग) खरगोन जिले में सिंचित, असिंचित रकबा ब्लाकवार बताये। वर्षा से सिंचित, कुएं से सिंचित, नहर से सिंचित, नदी से सिंचित रकबा ब्लाकवार बताये। (घ) भौतिक सत्यापन विषय संबंधित प्रश्नकर्ता द्वारा एस.डी.एम. खरगोन को प्रदत्त पत्र के जवाब की प्रति देवें, यदि जवाब नहीं दिया है तो कारण बताये।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जेल विभाग में रिक्त पदों की जानकारी
[जेल]
13. ( क्र. 2018 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जेल विभाग में वर्तमान में किस-किस संवर्ग में कितने-कितने पद रिक्त है? संवर्गवार संख्या बताई जाए? (ख) विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक से विगत 5 वर्षों में किस-किस संवर्ग के कितने-कितने पदों की भर्ती की गई? (ग) जेल विभाग द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जेल विभाग के संवर्गवार रिक्त पदों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक से विगत 5 वर्षों में की गई भर्ती का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जेल विभाग के अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल को मांग पत्र भेजे गए हैं। पद पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विद्यार्थियों को दुग्ध चूर्ण का प्रदाय
[पशुपालन]
14. ( क्र. 2496 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत प्रायमरी शाला के विद्यार्थियों को दुग्ध चूर्ण प्रदाय में वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में 50% की कमी हुई है? (ख) क्या कमी के कारण विद्यार्थियों को प्रदाय किये जा रहे दुग्ध चूर्ण की आपूर्ति बाधित हुई है? यदि हाँ तो क्या कारण है एवं कारण दूर करने के लिये क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) क्या दुग्ध सहकारी समितियां वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में कम हुयी है? इस कमी से प्रभावित हुये किसानों के लिये दुग्ध संघ द्वारा क्या व्यवस्था की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत जिम्मेवार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं, दुग्ध संघ द्वारा जिला पंचायतों द्वारा दी गई मांग अनुरूप दुग्ध चूर्ण जिला पंचायतों को प्रदाय किया गया है। दुग्ध संघ द्वारा वर्ष 2015-16 में माह फरवरी तक 16,78,050.00 किलोग्राम एवं वर्ष 2016-17 में माह फरवरी तक 10,24,025.00 किलोग्राम दुग्ध चूर्ण प्रदाय किया गया है। (ख) सामान्यतया नहीं/तथापि सघन मानीटरिंग कर अधिक उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदायगी किसी प्रकार से बाधित नहीं हुई है। (ग) जी नहीं वर्ष 2015-16 के माह जनवरी में 845 एवं वर्ष 2016-17 के जनवरी माह में 853 दुग्ध समितियां कार्यरत है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिक्षित बेरोजगारों को ऋण उपलब्ध कराने विषयक
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
15. ( क्र. 2807 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुटीर एवं ग्राम उद्योग द्वारा शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार हेतु बैंकों के माध्यम से ऋण स्वीकृत कर रोजगार उपलब्ध कराए जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में विधान सभा क्षेत्र शाजापुर में कितने बेरोजगारों को योजना के अन्तर्गत ऋण प्रदान किये गये हैं तथा आवेदकों द्वारा क्या रोजगार प्रारम्भ किया है? (ग) ऋण देने का मापदण्ड क्या हैं? ऋणकर्ता को ऋण की राशि हेतु गारंटी बैंकों में ली जाती है? यदि हाँ तो क्यों? (घ) क्या बेरोजगार के पास गारंटी हेतु प्रार्थी का होना आवश्यक है? नहीं तो विधान सभा क्षेत्र शाजापुर में अभी कितने हितग्राहियों की गारंटी लेकर ऋण प्रदान किये गये हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) ऋण स्वीकृति के संबंध में योजना के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
महिला/बच्चों के गुमशुदी के दर्ज प्रकरण
[गृह]
16. ( क्र.
2902 ) श्री
संजय शाह
मकड़ाई :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) हरदा
जिले में 1
जनवरी 2014 से प्रश्न
दिनांक तक
कितने
महिला/अव्यस्क
लड़के, लड़कियों
के गुमशुदी के
प्रकरण दर्ज
हुए? उनके
नाम, पता
तथा प्रकरण
दर्ज होने की
तारीख सहित
जानकारी
उपलब्ध
करावे? (ख) प्रश्नांश
(क) संदर्भ
में प्रश्न
दिनांक तक
विभाग द्वारा
की गई
कार्यवाही से अवगत
कराते हुये
दर्ज प्रकरणो
में विभाग को
कितने
प्रकरणों में
सफलता मिली, कितनों
में नहीं मिली?
गृह मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ठाकुर ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
जल आवर्धन योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
17. ( क्र. 3442 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड मुख्यालय जैसीनगर की जल आवर्धन योजना लंबे समय से शासन स्तर पर मात्र प्रशासकीय स्वीकृति हेतु लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी जावेगी और कब तक टेंडर लगाये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति शासन के पत्र क्रमांक- 1189/आर-2024/2016/2/34 दिनांक 02.03.2017 द्वारा जारी की जा चुकी है। एक माह की समयावधि में टेण्डर लगाने की कार्यवाही की जायेगी।
वेयर हाउस की संख्या
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
18. ( क्र. 3542 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में खाद्य आपूर्ति विभाग के कितने एवं कहाँ-कहाँ वेयर हाउस विद्यमान है? (ख) इन वेयर हाउस में काम करने वाले ठेकेदारों, श्रमिकों को मिलने वाले वेतन, सामाजिक सुरक्षा का पूर्ण ब्यौरा दें. (ग) वर्ष २०१५ एवं २०१६ का रतलाम जिले अन्तर्गत वेयर हाउसेस में ट्रांसपोर्टेशन व्यय का ब्यौरा क्या है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभाग के एन.एफ.एस.ए. समग्र पोर्टल से पात्रता पर्चो को जनरेट होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
19. ( क्र. 3753 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के एन.एफ.एस.ए. समग्र पोर्टल से पात्रता पर्चो के जनरेट होने पर क्या शासन द्वारा रोक लगाई अगर हाँ तो कब से लगाई गई है, रोक लगाने के क्या कारण हैं? (ख) क्या देवास जिले में खाद्यान्न पर्चों जनरेट नहीं होने के कारण बी.पी.एल. कार्डधारी एवं 24 अन्य केटेगरी के व्यक्तियों को खाद्यान्न का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है? क्यों कारण बतावें। (ग) देवास जिले के बागली एवं कन्नौद विधान सभा में कितने व्यक्तियों को प्रश्नांकित योजना के अंतर्गत खाद्यान्न वितरण हो रहा है? उचित मूल्य दुकान वार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) में विभाग द्वारा पात्रता पर्चो के जनरेट पर से कब तक रोक हटाई जावेगी, कब तक बी.पी.एल. कार्डधारी एवं 24 अन्य केटेगरी के व्यक्तियों को योजना के द्वारा खाद्यान्न प्राप्त हो सकेगा।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। (ख) माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन परिवारों को राशन सामग्री का वितरण नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्न (क) के उत्तर के अनुसार है। (ग) देवास जिले की बागली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 58,429 वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। उचित मूल्य दुकानवार पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार।
अनियमितताओं के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( क्र. 3780 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. गुना के गुना जिले में फूड सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण कराया जा रहा है। यदि हाँ तो कब से कराया जा रहा है? गुना जिले में ब्लाकवार कितने प्रतिशत आमजन लाभान्वित हो रहे हैं। (ख) क्या गत 06 माह पूर्व और पश्चात् के फूड वितरण रिकार्ड में खाद्यान्न का आवंटन और वितरण में अन्तर क्यों किया गया? यदि हाँ तो कौन जिम्मेदार है? क्या गत 03 माह से खाद्यान्न का वितरण गरीबों को कर दिया है। (ग) यदि प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्य सही है तो बतायें कि घोषित खाद्यान्न, राशन दुकानों में गत 6 माह से प्रत्येक पात्र परिवारों को क्यों उपलब्ध नहीं हो रहा है। कौन जिम्मेदार है क्या पात्र परिवारों में से कुछ नाम विलोपित किये हैं। कितने विलोपित किये हैं, कारण सहित विवरण दें। (घ) यदि गुना जिले में प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित एवं घोषित खाद्यान्न फूड सुरक्षा अधिनियम अनुसार समय पर पात्र लोगों को उपलब्ध न हो तो शासन के कौन लोग जिम्मेदार हैं? क्या शासन गत 6 माह के रिकार्ड की जाँच कराकर दोषियों पर विभाग कार्यवाही करेगा। हाँ तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ, मार्च, 2014 से। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) चूंकि पात्र परिवारों की संख्या के आधार पर पात्रता अनुसार खाद्यान्न का आवंटन जारी किया जाता है। अत: उक्त कारणों से आवंटन में अंतर स्वाभाविक है। विगत छ: माह के आवंटन एवं वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। माह के दौरान पात्र परिवारों द्वारा सामग्री प्राप्त करने के उपरांत शेष बची मात्रा का आगामी माहों में समायोजन किया जाता है। अत: किसी की जिम्मेदारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार। जी नहीं, परन्तु सूखा राहत हेतु 7,407 परिवारों की पात्रता दिसम्बर, 2016 तक होने के कारण जनवरी माह से उन्हें लाभान्वित नहीं किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पॉलिटेक्निक कॉलेज पचोर में प्रेक्टिकल एवं प्रेक्टिकल मशीने
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
21. ( क्र. 3837 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ के पचोर पॉलिटेक्निक कॉलेज में लेब के लिए कौन-कौन सी मशीनें उपलब्ध हैं? कब-कब क्रय की गई? इनमें से कौन-कौन सी मशीनें चालू हालत में एवं कौन-कौन सी खराब होकर अनुपयोगी हो चुकी है? (ख) क्या कॉलेज के मेकेनिकल ब्रांच में प्रेक्टिकल करवाने के लिए व्याख्याता पदस्थ है? हाँ तो नाम बतावे तथा पदस्थापना उपरांत कब-कब लेब की मशीनों से प्रेक्टिकल करवायें गये हैं? (ग) क्या कॉलेज के व्याख्याताओं द्वारा मेकेनिकल ब्रांच की मशीनों से प्रेक्टिकल नहीं कराया जा रहा हैं? मशीनों का रखरखाव संधारण नहीं करने के कारण मशीनें अनुपयोगी हो चुकी है तथा छात्र तकनीकी शिक्षा पाने से वंचित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए व्यक्तिगत रुप से कौन जिम्मेदार है? स्पष्ट करें?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। समय-सारणी के अनुसार प्रायोगिक कक्षाएं संचालित की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेयरहाऊस में उपलब्ध सुविधाएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 3859 ) श्री मुकेश नायक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रायवेट वेयरहाऊसों से चाही गई सुविधायें शासकीय वेयरहाऊसों में उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो पन्ना जिले की सूचीवार, पतावार जानकारी उपलब्ध करावें एवं शासकीय वेयरहाऊसों में विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति वर्ष 2017-2018 दिनांक 31/12/2016 में चाही गई सुविधायें उपलब्ध हैं? (ख) यदि हाँ, तो पतेवार पदस्थ प्रबंधक के नाम एवं सुझाव नम्बर के साथ प्रदान करें। (ग) यदि शासकीय वेयरहाऊसों में सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर क्या उन गोदामों में भण्डारण कार्य सम्पादित नहीं किया जावेगा? (घ) यदि शासकीय वेयरहाऊसों में भण्डारण किया जायेगा तो क्या यह सुविधायें उपलब्ध कराई जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उन्नयन पुलिस थानों के भवन निर्माण
[गृह]
23. ( क्र. 3897 ) श्री अरूण भीमावद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत नये पुलिस थानों का उन्नयन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या थाना सुनेरा एवं लालघाटी शाजापुर भी उन्नयन किये गये हैं? यदि हाँ तो दोनों थाने वर्तमान किस भवन में संचालित किये जा रहे हैं? (ग) यदि स्वयं के भवन में संचालित नहीं हो रहे हैं तो इनका स्वयं का भवन कब तक निर्मित किया जावेगा? (घ) यदि प्रस्तावित है तो स्वीकृति की समयावधि बतावें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पुलिस थाना सुनेरा वर्तमान में पुलिस चौकी के भवन में संचालित किया जा रहा है एवं पुलिस थाना लालघाटी वर्तमान में खेल विभाग के कमरों में संचालित किया जा रहा है। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ’ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन हैण्डपंप खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
24. ( क्र. 3903 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कुल कितने हैण्डपंप हैं तथा उसमें कितने चालू तथा कितने बंद हैं? संख्या दें। (ख) वर्तमान में चालू हालत में जो हैण्डपंप हैं, उनमें कितने हैण्डपंपों का पानी पीने योग्य है? जो पीने योग्य पानी नहीं है उसकी जाँच की गई है? (ग) इस वित्तीय वर्ष में कितने हेण्डपंपों का खनन शाजापुर विधानसभा किया जाना प्रस्तावित किया जाना प्रस्तावित है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कुल 1330 हैण्डपम्प। 1187 चालू एवं 143 हैण्डपम्प बंद हैं। (ख) सभी 1187 हैण्डपम्पों का पानी पीने योग्य हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) इस वित्तीय वर्ष 2016-17 में 52 हैण्डपंपों का खनन प्रस्तावित किया गया है।
कंजरडेरा को ग्राम आबादी में जोड़ने बाबत्.
[राजस्व]
25. ( क्र. 4073 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम टोंककलां से कंजर डेरा कितनी दूरी पर है। क्या कंजर डेरा को ग्राम आबादी में जोड़ा गया है यदि नहीं, तो क्यो नहीं। (ख) ग्राम आबादी में नहीं होने के कारण कंजर डेरा के लोगों को क्या योजनाओं का लाभ मिल पाता है यदि नहीं, तो क्या नहीं। (ग) कंजर डेरा को ग्राम आबादी में कब तक लिया जा सकेगा।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्राम टोंककला से कंजर डेरा लगभग 800 मीटर की दूरी पर स्थित है। कंजर डेरा ग्राम टोंककलां में भूमि सर्वे नम्बर 694/1 रकबा 6.50 हेक्टेयर पर बसा हुआ है। आदिम जाति कल्याण विभाग की भूमि पर बसे होने से ग्राम आबादी में सम्मिलित किया जाना संभव नहीं है। (ख) ग्राम टोंककला में कंजर डेरा को शासन की समस्त योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाता है जिसकी वो पात्रता रखते हैं। (ग) कंजर डेरा ग्राम टोंककला आदिम जाति कल्याण विभाग की भूमि पर बसे होने से ग्राम आबादी में सम्मिलित किया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
26. ( क्र. 4227 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में वर्तमान स्थिति में जनपदवार कितने परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ दिया जा रहा है और कितने परिवारों को प्रदाय किया जाना शेष है? यदि शेष है? तो वंचित संबंधित हितग्राहियों को सामान्य औपचारिकताएं पूर्ण कराया जाकर कब तक खाद्यान्न प्रदाय किया जावेगा? (ख) क्या एस.टी., एस.सी. को जाति आधारित चिन्हांकित किया जाकर खाद्यान्न का लाभ दिया जाना था किन्तु सभी परिवारों को लाभ नहीं दिया जा रहा है? जनपदवार कितने एस.सी./एस.टी. परिवारों का चिन्हांकन किया गया है? चिन्हांकित परिवारों में से कितने को खाद्यान्न दिया जा रहा हैं और कितने परिवार पंचायतों में वंचित है? वंचित परिवारों को कब तक खाद्यान्न का लाभ दिया जावेगा? (ग) क्या शासन स्तर से विगत कई माहों से नवीन चिन्हांकित परिवारों की खाद्यान्न पर्ची जनरेट नहीं हो रही है? यदि हाँ तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत जनपदवार लाभान्वित एवं शेष परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश के समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी एवं आयकर दाता को छोड़कर) को प्राथमिकता परिवार श्रेणी में सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ दिये जाने का प्रावधान है। सिंगरौली जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति 26,218 एवं सीधी जिले में 24,857 परिवारों को इस श्रेणी अंतर्गत सत्यापन उपरांत खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। इन परिवारों में अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के वह परिवार जो अन्य पात्र परिवार श्रेणी के अंतर्गत सत्यापन किये जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है उनकी संख्या सम्मिलित नहीं है। जनपदवार सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सिंगरौली एवं सीधी जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति के सत्यापित परिवारों को पात्रता पर्ची जारी किया जाना शेष नहीं है पात्र परिवारों का सत्यापन एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी।
राजस्व निरीक्षक मण्डल खमरिया (बरेला तहसील जबलपुर) के राजस्व प्रकरण
[राजस्व]
27. ( क्र. 4261 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पनागर में कृषकों के नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, नक्शे एवं फौती के कितने प्रकरण तहसील स्तर पर लंबित है? कारण सहित उपलब्ध करावें। (ख) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों के नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, नक्शे एवं फौती के प्रकरण निराकृत किये गये? (ग) कितने हितग्राहियों को शासन की राजस्व संबंधी हितग्राही मूलक योजनाओं जैसे पट्टा वितरण, मुआवजा वितरण आदि का लाभ दिया गया है वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की कृषक संख्या, ग्रामवार, योजनावार जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वायरमेन ग्रेड - 2 के पदों की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
28. ( क्र. 4299 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2003 में परिक्षेत्र इंदौर में वायरमेन ग्रेड-2 की नियुक्ति की गयी थी? यदि हाँ तो जिलेवार नाम एवं संख्या बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वायरमेन पद हेतु अर्हता क्या है? चयनित अभ्यर्थियों द्वारा किस-किस संस्था के डिग्री डिप्लोमा प्रमाण पत्र संलग्न किये गये हैं? (ग) क्या इस नियुक्ति के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ तो शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गयी? कार्यवाही प्रतिवेदन से अगत करावें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नियुक्त कर्मचारियों को कब-कब उच्च वेतनमान किस आधार पर दिये गये? क्या जाँच जारी रहने के दौरान यह वेतनमान दिया गया? यदि हाँ तो किस नियम के तहत दिये गये? इसके लिये कौन अधिकारी उत्तरदायी है एवं उस पर क्या कोई कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार वर्ष 2003 में 11 वायरमेन ग्रेड-2 की नियुक्ति कार्यभारित स्थापना में की गई थी। (ख) आठवीं कक्षा उत्तीर्ण और संबंधित ट्रेड की अर्हता तथा अनुभव। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्राप्त शिकायत जॉचाधीन, होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कार्यभारित तथा आकस्मिकता निधी से वेतन पाने वाले कर्मचारी (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2012 के आधार पर वायरमेन ग्रेड-2 की पात्रता तिथि से वेतनमान दिये गये। जी हाँ। मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कार्यभारित तथा आकस्मिकता निधी से वेतन पाने वाले कर्मचारी (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2012 भर्ती नियमों के अनुसार वेतनमान दिये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औषधि क्रय में अनियमितता
[पशुपालन]
29. ( क्र. 4344 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ को औषधि/औजार क्रय हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनाक तक कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? मदवार आवंटित राशि से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला मुख्यालय पर क्रय की गई औषधि की दर, औषधि में प्रयुक्त कम्पोनेन्ट की मात्रा, औषधि का प्रकार, एक्सपायरी की अवधि, दर एवं क्रय की जाने वाली फर्म/एजेन्सी राज्य शासन द्वारा निर्धारित है? यदि हाँ तो जिला स्तर पर कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा की कौन-कौन सी औषधि कब तक एक्सपायर होने वाली दिनांक की क्रय की गई? विवरण से अवगत करावें? (ग) क्या जिला स्तर पर क्रय की गई औषधि की गुणवत्ता की जाँच प्रमाणित प्रयोगशालाओं में जिला अधिकारियों द्वारा कराई गई? यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट से अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्या फर्म/कम्पनी द्वारा नकली दवाई पर निर्धारित कम्पोनेन्ट अंकित किये जाकर नकली औषधि प्रदाय की गई? (घ) क्या जिला अधिकारियों द्वारा शासन स्तर से स्वीकृत एक्सपायरी अवधि को नजर अंदाज कर नजदीकी एक्सपायरी अवधि की औषधि क्रय की गई है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार। (घ) जी नहीं, विभागीय औषधि क्रय नीति में निर्धारित अवधि अनुसार ही औषधि क्रय की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्य विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
30. ( क्र. 4554 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में खाद्य विभाग अंतर्गत सेल्समेन सहित कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कार्यरत कर्मचारी कब से पदस्थ है? (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हूए तीन वर्ष अथवा अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के नियम है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) धार जिले में एवं धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के पदस्थ कर्मचारियों के नाम, पद एवं पदस्थापना अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विक्रेता संबंधित उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्था के कर्मचारी है। (ख) स्थानान्तरण नीति अनुसार एक स्थान पर सामान्यत: तीन वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों, कार्यपालिक अधिकारियों कर्मचारियों का स्थानान्तरण किए जा सकने का प्रावधान है। स्थानांतरण के दौरान स्थानांतरण नीति के प्रावधान का पालन सुनिश्चित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण संबंधी
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
31. ( क्र. 4556 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिलान्तर्गत कहाँ-कहाँ युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा कब से? (ख) कौशल विकास प्रशिक्षण अंतर्गत कहाँ-कहाँ कौन-कौन से पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया गया? कितने युवा इससे प्रशिक्षित हुए वर्ष 2012 से अब तक का ब्यौरा दें? (ग) योजना लागू होने के उपरांत से अब तक प्रश्नांश (क) में कितने प्रशिक्षणार्थियों को अब तक रोजगार उपलब्ध कराया गया वर्षवार ब्यौरा क्या है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है:-
स.क्र. |
आई.टी.आई. का नाम |
प्रारंभ होने का वर्ष |
स.क्रं |
कौशल विकास केन्द्र का नाम |
प्रारंभ होने का वर्ष |
1 |
रतलाम |
1962 |
1 |
जावरा |
2011 |
2 |
महिला रतलाम |
1991 |
2 |
पिपलौदा |
2011 |
3 |
आलोट |
1997 |
3 |
बाजना |
2011 |
4 |
सैलाना |
1997 |
|
|
|
5 |
बाजना |
2015 |
|
|
|
रतलाम जिलान्तर्गत गो.पो. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जावरा में कम्यूनिटी डेवलपमेंट थ्रू पॉलिटेक्निक योजना के अंतर्गत युवाओं को वर्ष 2012-13 से रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में सामग्री खरीदी एवं वितरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 4670 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा संभाग में लोक स्वा. यांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से सामग्री खरीदी किस फर्म से कितनी की गई है? प्रश्नांश (क) अवधि में कुल कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? (ख) फर्म का नाम और कौन-कौन सी सामग्री प्रश्नांश (क) अवधि में क्रय की गई है? अलग-अलग सामग्री और लागत की जानकारी देने का कष्ट करें। (ग) कुल खरीदी गई सामग्री में से सीधी एवं सिंगरौली जिलों को कितनी-कितनी सामग्री दी गई है? (घ) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत सिहावल विधान सभा क्षेत्र में कितनी सामग्री लगाई गई है? ब्लॉकवार जानकारी दी जाये।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) विभाग द्वारा रीवा संभाग के जिलों हेतु प्रश्नाधीन अवधि में मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय की गई सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1,2,3 व 4 के अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में रीवा संभाग के जिलों को कुल रू. 17491.929 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2, 3 एवं 4 के अनुसार है। (ग) सामग्री का क्रय जिलेवार ही किया जाता है। सीधी एवं सिंगरौली जिलों हेतु क्रय की गई सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2, 3, 4 में उल्लेखित है। (घ) सिहावल विधानसभा क्षेत्र में लगाई गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 एवं 7 के अनुसार है।
शासकीय भूमि पर कब्जेदारों को पट्टे का वितरण
[राजस्व]
33. ( क्र. 4677 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में शासकीय भूमि पर कितने कब्जेदार काबिज हैं। क्या शासन द्वारा कब्जेदारों का व्यवस्थापन कर पट्टे देने का कोई प्रावधान है तो कब तक दिये जावेंगे। राजस्व विभाग द्वारा इस संबंध में नीति बनाकर व्यवस्थापन करने की कोई योजना प्रस्तावित है। (ख) झाबुआ जिले में पूर्णकालिक तहसीलदारों की पदस्थापना के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है वर्तमान में झाबुआ जिले में 05 तहसीलदार के पद स्वीकृत है जिसके विरूद्ध 01 पद मेघनगर तहसीलदार का ही भरा होकर 04 पद लम्बे समय से रिक्त है साथ ही नायब तहसीलदार भी 01 पद ही भरा है शेष राजस्व निरीक्षक के द्वारा नायब तहसीलदार का कार्य संपादित किया जा रहा है। उक्त पदों की पूर्ति जनता के हितों को दृष्टिगत रखते हुए कब तक की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुरानी भूमि विक्रय में अनियमितता
[राजस्व]
34. ( क्र. 4685 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के तहसील बहोरीबंद अंतर्गत पटवारी हल्का स्लीमनाबाद की पुरानी आराजी न.444,619/3 नया खसरा न.491 रकवा 6.75 एकड़ मनीराम मेहरा के नाम 1952 तक उक्त आराजी के भूमिस्वामी थे? यदि हाँ तो उनके मृत्यु उपरान्त उक्त आराजी उनके वारिसानों के नाम किस सन् में रिकार्ड में दर्ज किया गया है? (ख) क्या आराजी क्र.491 मनीराम के मृत्यु उपरान्त उनके किनके वारिस बाबूलाल, बुखई एवं बबोलीराम के नाम दर्ज हुई? यदि हाँ तो बाबूलाल के भी मृत्यु उपरान्त उक्त आराजी उसकी पत्नी समनियाँबाई के नाम किस सन् व दिनांक को रिकार्ड में दर्ज की गई? (ग) क्या समनियाबाई के कोई औलाद नहीं थी? यदि नहीं, था तो उनकी भूमि का मालिक उनके परिवार के लोगों को होना चाहिए या नहीं? (घ) क्या समनियाँबाई के मृत्यु उपरान्त उक्त आराजी फर्जी दस्तावेज तैयार कर अन्य के नाम कर बिक्री कर दी गई है यदि हाँ तो क्या इस पूरे प्रकरण की जाँच कराकर क्या इस प्रकरण में संलिप्त तत्कालीन दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जावेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महाशीर प्रजाति की मछली के विलुप्त होने के कारण
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
35. ( क्र. 4746 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या नर्मदा नदी में महाशीर प्रजाति की मछली विलुप्त हो गयी है? यदि हाँ तो इसके क्या कारण है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रिट याचिका क्र. 21938/2012 के संबंध में
[राजस्व]
36. ( क्र. 4761 ) श्री मधु भगत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रिट याचिका क्रमांक 21938/2012 में दिनांक 19/02/2014 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा कौन से आदेश कलेक्टर भोपाल को दिए गए? (ख) उक्त आदेश के परिपालन में कलेक्टर भोपाल द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 21938/2012 अमरचंद विरूद्ध म.प्र. शासन व अन्य में दिनांक 19.02.2014 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित किया गया था, कि याचिकाकर्ता आदेश की सत्यापित प्रति प्राप्ति से दो सप्ताह की अवधि में कलेक्टर भोपाल को अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत करें और कलेक्टर भोपाल अभ्यावेदन की प्राप्ति से दो माह की अवधि में बोलता हुआ आदेश पारित करें। (ख) याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर न्यायालय कलेक्टर के प्रकरण क्रमांक 209/बी-121/14-15 में सुनवाई की जाकर दिनांक 19.07.2015 को अंतिम आदेश पारित किया गया जिसमें अभ्यावेदन सारहीन होने से नस्तीबद्ध किया गया।
शासकीय भूमियों को कूट रचना कर निजी भूमि में परिवर्तन किया जाना
[राजस्व]
37. ( क्र. 4786 ) श्री अजय सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में किन-किन तहसीलों में नजूल एवं राजस्व विभागों की किस-किस क्रमांकों के खसरे एवं कितने-कितने रकबे वाली शासकीय भूमियों को दस्तावेजों में कूट रचना कर निजी आराजियों में बदल दिये जाने के कितने-कितने एवं कौन-कौन से प्रकरण 01 जनवरी 2014 से प्रश्न तिथि तक जिला प्रशासन के समक्ष आये? तहसीलवार/माहवार/वर्षवार/भूमि क्रमांकवार/रकबेवार/ प्रकरणवार/आरोपीवार जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं वर्णित प्रकरणों में जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस बल द्वारा दोषियों पर प्रश्न तिथि तक प्राथमिक सूचना रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की है एवं निजी भूमियों को शासकीय भूमि दर्ज नहीं की है? अगर नहीं की गई है तो प्रकरणवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार उक्त प्रकरण में जिला कलेक्टर/ एस.डी.एम. रघुराजनगर/तहसीलदार रघुराजनगर के द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक एवं अन्य के द्वारा आपस में क्या-क्या पत्राचार किये गये विवरण उपलब्ध करायें? (घ) क्या राज्य शासन उक्त शासकीय नजूल एवं राजस्व की भूमियों का दस्तावेजों में कूट रचना कर निजी भूमियों में बदल दिये जाने को बेहद गंभीर विषय मानता है? अगर हाँ तो म.प्र. शासन राजस्व विभाग द्वारा 01.01.2014 से प्रश्न तिथि तक उक्त प्रकरणों में कब व क्या कार्यवाही की गई का प्रकरणवार/पत्र क्रमांकवार/दिनांकवार विवरण दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले के अन्तर्गत दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न तिथि तक नजूल एवं राजस्व विभाग की शासकीय भूमियों को आवेदकों द्वारा प्रस्तुत सत्यापित दस्तावेजों के आधार पर न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत निजि आराजियों में दर्ज किये जाने के प्रकरण जिला प्रशासन के समक्ष प्रकाश में आये। उनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। परिशिष्ट 'अ' में वर्णित 14 प्रकरणों में से 07 प्रकरणों में न्यायालयीन प्रक्रिया अनुसार सुनवाई कर म.प्र.शासन दर्ज किये जाने के आदेश पारित किये जा चुके है। उक्त आदेशों के पालन में संबंधित आराजियों के खसरे में म.प्र.शासन की प्रविष्टियां की जा चुकी है। शेष प्रकरण न्यायालयीन विचाराधीन/प्रक्रियाधीन है। थाना प्रभारी कोलगवां जिला सतना द्वारा अपराधिक प्रकरण क्रमांक 168/2016 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 34 भ.द.वि. निजि व्यक्ति श्री त्रिवेणी प्रसाद पिता रामावतार निवासी नई बस्ती कृपालपुर वार्ड क्रमांक 18 थाना कोलगवां जिला सतना की प्रथम सूचना के आधार पर पंजीबद्ध हुआ, जिसमें लक्ष्मी प्रसाद त्रिपाठी, अखिलेश गौतम, रजनीश शर्मा, राजा भाई पाण्डेय, लक्ष्मण सिंह आरोपी पाये गये है। विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित अनुसार प्रकरणों में किसी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं पाये जाने के कारण राजस्व विभाग द्वारा पुलिस थाने में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। न्यायालय कलेक्टर सतना द्वारा प्रकरणों में पारित आदेशों के आधार पर निजी भूमि– स्वामी स्वत्व में दर्ज भूमियों को पुन: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के अनुसार शासकीय भूमि किया गया व अभिलेख दुरूस्ती की गई। थाना प्रभारी कोलगवां के अपराधिक प्रकरण क्रमांक 168/2016 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 34 भ.द.वि. श्री त्रिवेणी प्रसाद पिता रामावतार निवासी नई बस्ती कृपालपुर वार्ड क्रमांक 18 थाना कोलगवां जिला सतना के द्वारा प्रथम सूचना प्रति के आधार पर पंजीबद्ध किया गया है, में पुलिस द्वारा विवेचना के दौरान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में दर्शाये गये आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। शेष प्रकरण जिनमें रिकार्ड दुरस्ती की जाना है का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में उल्लेखित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, न्यायालय कलेक्टर सतना द्वारा शासकीय नजूल एवं राजस्व की भूमियों को आवेदकों द्वारा प्रस्तुत सत्यापित दस्तावेजों के आधार पर न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत किये गये निजी आराजियों को पुन: म.प्र. शासन घोषित किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार।
उद्योगों में अकाल मृत्यु
[श्रम]
38. ( क्र. 4800 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015, 2016 एवं जनवरी 2017 तक नागदा स्थित किन-किन उद्योगों में श्रमिकों की अकाल मौत हुई? मौत का कारण क्या था? शासन ने उक्त मौत पर क्या कार्यवाही की? (ख) उद्योगों में कार्य के दौरान होने वाली श्रमिकों की मृत्यु पर मुआवजा व अन्य सुविधाओं संबंधी समझौते का ब्यौरा क्या है? (ग) क्या अधिकतर श्रमिकों की मौत गैसों के असर से हार्ट अटैक, घबराहट, अचैत होने व श्वांस अवरूद्ध होने से हुई? यदि नहीं, तो किस कारण मृत्यु दर बढ़ रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) वर्ष 2015, 2016 एवं जनवरी 2017 में नागदा में संचालित ग्रेसिम केमिकल डिवीजन में वर्ष 2016 में कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत कुल 01 प्राणांतक दुर्घटना घटित हुई जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं नागदा स्थित अन्य उद्योगों में वर्ष 2015, 2016 एवं जनवरी 2017 तक कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत कोई प्राणांतक दुर्घटना घटित नहीं हुई है। (ख) कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत होने वाली दुर्घटनाओं की स्थिति में कर्मचारी राज्य बीमा योजना द्वारा लाभ दिया जाता है। इस योजना में बीमित ना होने की स्थिति में कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति राशि मा. श्रम न्यायालय के माध्यम से प्रदाय की जाती है। सम्पूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 7 के अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2016 में कारखाना ग्रेसिम केमिकल डिवीजन के यू.पी.एस. रूम में घटित अग्नि दुर्घटना में आग से उत्पन्न हुए धुएँ के कारण 1 श्रमिक श्री हरिओम पिता श्री रामलाल की मृत्यु हुई।
प्राकृतिक आपदा मौत पर राहत राशि विषयक
[राजस्व]
39. ( क्र. 4801 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से दिसंबर २०१६ तक प्राकृतिक आपदा, प्रकोप से होने वाली मौतों, जान-माल की क्षति का उज्जैन संभाग का ब्यौरा क्या है? जिलेवार जानकारी दे?. (ख) उपरोक्त अवधि में कुल कितनी राशि की सहायता दी गई एवं लम्बित प्रकरणों की जानकारी योजनावार संख्यात्मक रूप से दें? (ग) सरकार ने सन् 1994 के बाद कब-कब प्राकृतिक आपदा से मौत पर दी जाने वाली सहायता राशि में कितनी-कितनी वृद्धि की एवं किस-किस प्रकार की घटनाओं को सहायता राशि से जोड़ा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिक्रमण हटाया जाना
[राजस्व]
40. ( क्र. 4834 ) श्री
महेन्द्र
सिंह
कालूखेड़ा : क्या
राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रतलाम
जिले के तहसील पिपलौदा
के ग्राम
पंचायत
चिकलाना
पटवारी हल्का
नंबर 18 की
भूमि सर्वे
नंबर 1186/1
वर्तमान में
किसके कब्जे
में है व क्यों? (ख) क्या
उक्त भूमि
आबादी की भूमि
है या कृषि की? उक्त
भूमि पर
अतिक्रमण
हटाने पर
ग्राम पंचायत
चिकलाना की
शिकायत पर कब-कब, क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? विवरण
देते हुये
बतायें कि क्या
उक्त भूमि पर
अतिक्रमण हटा
दिया गया? नहीं तो
क्यों व कब
तक हटा दिया
जावेगा? (ग) पिपलौदा
में जिनिंग
फैक्ट्री की
भूमि जो 99
साल की लीज पर
थी उसमें
राजस्व
रिकार्ड में
व्यक्तिगत
नाम से कैसे
दर्ज हुई तथा
भूमि में हो
रहे निर्माण
कार्य को
रोककर क्या
उक्त राजस्व
रिकार्ड में
अवैध
नामांतरण को
निरस्त कर क्या
राजस्व
रिकार्ड में
सुधार करेगें? पिपलौदा
में वर्ष 1923-30 में
सर्वे
क्रमांक 1820-1821 से
पंचनामा खसरा
क्रमांक कालम
नंबर 07
में जिनिंग
फैक्ट्री
लिखा था तथा 1957-58 खसरों
में वासुदेव
पिता नारायण
मंदसौर का नाम
पक्के कृषक
के नाम से
कैसे दर्ज हो
गया तथा वर्तमान
में जो प्लॉट
काटकर कॉलोनी
बना रहे है? उनके नाम
बताएं व उनके
पास कॉलोनी
बनाने का क्या
आधार है?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) से
(ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
रिक्त शासकीय भूमि की जानकारी
[राजस्व]
41. ( क्र. 5111 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत शासकीय भूमियाँ अतिक्रमण मुक्त है? यदि हाँ तो उसे किस प्रयोजन के लिए सुरक्षित रखा गया है? ग्रामवार, खसरा नंबरवार अवगत करावें? यदि नहीं, तो किसके द्वारा अतिक्रमण किया गया है ग्रामवार खसरा नं. सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासकीय भूमि, भूमिहीन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य को आवास हेतु आवंटित नहीं की जा सकती है? यदि हाँ तो आवंटन के नियम बतावे? किस-किस ग्राम में आवंटन की प्रक्रिया प्रचलन में है? सूची खसरा नंबर पूर्ण पता, नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? यदि आवंटन नहीं किया जा सकता है तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राजस्व भूमि पर मकान/झुग्गी झोपड़ी बनाकर निवासरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य को आवासीय पट्टे प्रदान किये जाएगें? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवासीय प्रयोजन के लिए निजी भूमि का अर्जन
[राजस्व]
42. ( क्र. 5217 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 4446 दिनांक 2016 में आवासीय प्रयोजन के लिए निजी भूमि अर्जन से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में प्रमुख सचिव राजस्व एवं प्रमुख आयुक्त राजस्व भोपाल और आयुक्त भू अभिलेख ग्वालियर को लिखे गये पत्र की अभिस्वीकृति प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं दी गई? (ख) प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्रमांक 4446 में किस-किस दिनांक को राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना का उल्लेख किया है उसमें से किस दिनांक को जिले की प्रकाशित अधिसूचना की प्रति शासन के पास उपलब्ध है उसमें किस जिले के कितने ग्रामों की कितनी निजी भूमि की अधिसूचना का प्रकाशन किया गया? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता को प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या कारण रहा है? (घ) कब तक प्रश्नकर्ता को चाही गई जानकारी उपलब्ध करावा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सड़क दुर्घटनाओं में मारे गये घायलों को सहायता
[गृह]
43. ( क्र. 5220 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सड़क दुर्घटनाओं एवं मृत्यु दर में कमी लाने हेतु शासन द्वारा दिनांक 3.3.2016 को मध्य प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2015 घोषित की है इसका उद्देश्य क्या है?? नीति की प्रति देवे? (ख) भोपाल संभाग में 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक सड़क दुर्घटनाओं में कितने लोग मारे गए हैं एवं कितने घायल हुये हैं? किन-किन को सहायता राशि शासन द्वारा प्रदान की गई? कितने को नहीं और क्यों? जिलेवार जानकारी देवे? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सड़क दुर्घटनाओं में कितने लोग मारे एवं घायल हुये हैं इसकी सूची पृथक से देते हुये क्या इन्हें सहायता प्रदान की गई है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक सहायता प्रदान की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशु चिकित्सालय में स्टाफ उपलब्ध कराय जाना
[पशुपालन]
44. ( क्र. 5275 ) श्री महेश राय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बीना में कितने पशु चिकित्सालय स्वीकृत हैं? स्वीकृत कार्यरत रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) यदि पद स्वीकृत हैं तो रिक्त पदों को कब तक पदस्थापना कर दी जावेगी? (ग) रिक्त पदों पर कौन कार्यरत है। रिक्त पद होने से कितने पशुओं का उपचार नहीं हो पाया है? (घ) प्रश्नांश 'क' के अनुसार कब तक अमले की पूर्ति कर दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) चार पशु चिकित्सालय। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) पदस्थापना निरंतर प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। रिक्त पद पर निकटस्थ संस्था प्रभारी को अतिरिक्त प्रभार दिया जाकर पशु उपचार किया जा रहा है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
थाना प्रभारी कोलगवां को लिखे गए पत्रों पर कार्यवाही
[गृह]
45. ( क्र. 5440 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा क्या थानाप्रभारी कोलगवां में पदस्थ इन्द्रेश त्रिपाठी को अपना कार्यालयीन पत्र क्रमांक/अ.पु.अ./सतना/रीडर/119ए/16 दिनांक 31/01/2017 जारी किया गया हैं? (ख) यदि हाँ तो थानाप्रभारी कोलगवां द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को निर्धारित समय-सीमा में क्या प्रतिवेदन कार्यवाही कर दिया गया है, यदि हाँ तो प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में दोषियों के विरुद्ध किन-किन धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए कब-तक गिरफ्तारी की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगर पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्र.3958 दिनांक 01/12/2016 का जवाब राजस्व निरीक्षक एवं पदेन नायब तहसीलदार रघुराजनगर द्वारा 23/01/2017 को एस.डी.एम. रघुराजनगर कार्यालय में जमा कर दिया गया है? क्या इस जाँच प्रतिवेदन में तहसीलदार एवं पटवारियों को चिन्हित किया गया है तथा आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ तो दोषी पाए गये पटवारी एवं तहसीलदार को कब तक गिरफ्तार किया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) थाना प्रभारी कोलगवां द्वारा पत्र में दर्शाये बिन्दुओं को अपराध क्र. 168/16 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 34 भा.द.वि. की विवेचना में सम्मिलित कर विवेचना की जा रही है। वर्तमान तक 04 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन होने से प्रतिवेदन नहीं भेजा गया है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है। उपरोक्त वर्णित अपराध में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी राजाभाई पाण्डे पिता दादा भाई पाण्डे निवासी चित्रकूट को दिनांक 13.06.2016, लक्ष्मण सिंह पिता होरिल परमार निवासी रामपुर को दिनांक 15.06.2016, अखिलेश कुमार पिता नन्द किशोर ब्राम्हण निवासी बैरगला को दिनांक 03.02.2017 तथा लक्ष्मी प्रसाद पिता रामस्वरूप त्रिपाठी सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक को दिनांक 21.02.2017 को गिरफ्तार किया गया है। (घ) थाना कोलगवां में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 168/16 की विवेचना के क्रम में नगर पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्र. 3958 दिनांक 01.12.2016 के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर से जानकारी मांगी गई। उक्त पत्र के तहत तहसीलदार तहसील रघुराजनगर के द्वारा पत्र क्र0 1054/प्रवा. सतना/तह.रघु./2017 दिनांक 03.02.2017 के माध्यम से जानकारी अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर की ओर भेजी गई थी जिसे अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर द्वारा पत्र क्र. /996/अनु.अधि./17 दिनांक 16.02.2017 के माध्यम से नगर पुलिस अधीक्षक सतना को प्रेषित किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर द्वारा पत्र क्रमांक 3958, दिनांक 01.12.2016 के संबंध में नगर पुलिस अधीक्षक सतना को प्रेषित जानकारी में किसी भी पटवारी या तहसीलदार को नामांतरण करने में दोषी नहीं माना है क्योंकि शासकीय दर्ज भूमि का कोई भी नामांतरण नहीं किया गया। वस्तुतः वे भूमियां तत्समय निजी भूमि स्वामित्व में दर्ज थी। अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर तथा नगर पुलिस अधीक्षक सतना के द्वारा पत्र क्र. 3958 दिनांक 01.12.2016 का जवाब तत्कालीन राजस्व निरीक्षक सतना एवं पदेन नायब तहसीलदार वृत्त कोठी डॉ. सुदामा प्रसाद कोल से नहीं मांगा गया था। नगर पुलिस अधीक्षक से प्राप्त पत्र तहसीलदार तहसील रघुराजनगर को पृष्ठांकित किया गया था किन्तु तत्कालीन राजस्व निरीक्षक सतना एवं पदेन नायब तहसीलदार वृत्त कोठी द्वारा स्वमेव अपूर्ण प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर को प्रस्तुत किया गया जो कि निर्धारित प्रक्रिया के विपरीत है। अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के कार्यालय में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक सतना द्वारा विधिवत् परीक्षण किये बगैर प्रस्तुत प्रतिवेदन दिनांक 23.01.2017 का दस्तावेजों के आधार पर परीक्षण करने हेतु कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के आदेश क्रमांक/1017/ अनु्.अधि.रघु./2017, सतना दिनांक 27.02.2017 को दल गठित किया गया। गठित जांच दल द्वारा यह पाया गया कि तत्कालीन राजस्व निरीक्षक सतना द्वारा नामांतरण के संबंध में अभिलेखों का अवलोकन किये बिना अधिकारिता रहित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। नगर पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र क्र./न.पु.अ./सतना/3958/2016, दिनांक 01.12.2016 के संबंध में चाही गई जानकारी पूर्व में ही प्रेषित की जा चुकी है। नामांतरण के संबंध में कोई विधिक त्रुटि जांच में नहीं पायी गई है। न्यायालय कलेक्टर सतना के राजस्व प्रकरण क्र. 33 अ 19 (111)/2015-16 आदेश दि. 05.04.2016 से पूर्व में विभिन्न न्यायालयीन आदेशों से निजी भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज भूमियां म.प्र. शासन दर्ज की जा चुकी है तथा कलेक्टर सतना के उक्त आदेश में किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को दोषी नहीं ठहराया गया है इसलिए सक्षम अधिकारी कलेक्टर सतना द्वारा जांच पश्चात् दिनांक 05.04.2016 को मुकम्मत आदेश पारित किए जाने तथा अनुविभागीय अधिकारी के पत्र क्र.1006/प्रवा.अनु.अधि./तह.रघु0/2017 सतना उपरांत मातहत कर्मचारी राजस्व निरीक्षक सतना के द्वारा अभिलेखों का अवलोकन किए बिना अधिकारिता रहित प्रस्तुत प्रतिवेदन दिनांक 23.01.2017 औचित्यहीन व सारहीन तथा अधिकारिता से परे होने के वजह से किसी प्रकार की कार्यवाही किए जाने का प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता। नामांतरण के संबंध में कोई भी पटवारी एवं तहसीलदार दोषी नहीं पाए गए हैं इसलिए आपराधिक प्रकरण दर्ज करने तथा गिरफ्तार किए जाने का प्रश्न ही नहीं है।
तहसील भवन बनाये जाने के संबंध में
[राजस्व]
46. ( क्र. 5455 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले की तहसील बहरी भवन विहीन है? यदि हाँ तो उक्त तहसील कितने वर्ष से संचालित हो रही हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) किराये के भवन में संचालित हो रहा है? (ग) यदि हाँ तो कब तक तहसील भवन एवं अधिकारी/कर्मचारियों के आवास निर्माण करा दिये जायेंगे? (घ) प्रश्नांश ’क‘ तहसील संचालन तिथि से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि भुगतान के रुप में दी जा चुकी है।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2013 से संचालित है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) तहसील कार्यालय साडा भवन में संचालित है, जिसे कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है।
पशु चिकित्सा विभाग अन्तर्गत पशु चिकित्सकों को वेतन वृद्धि का लाभ
[पशुपालन]
47. ( क्र. 5499 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशु चिकत्सा विभाग अन्तर्गत लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2011 एवं 2013 में क्रमश: 70 एवं 293 पशु चिकित्सों को चयनित किया गया था। चयनित पशु चिकित्सकों की नियुक्ति किये जाने के चार से छः वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ अभी तक नहीं दिये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार नियुक्त पशु चिकित्सकों की परिवीक्षा अवधि विभाग द्वारा समाप्त कर दी गई है? यदि हाँ तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार नियुक्त पशु चिकित्सों को जिन्होंने विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है उन्हें कब तक वेतन वृद्धि का लाभ दे दिया जावेगा? (घ) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं होने के कारण। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है।
नामान्तरण बंटवारे का रिकार्ड ऑनलाईन किया जाना
[राजस्व]
48. ( क्र. 5501 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने नामान्तरण बंटवारे के आदेश पारित हुये? पारित आदेशानुसार कितने आदेशों में नामान्तरण बंटवारे का रिकार्ड ऑनलाईन कर दिया गया है व कितने शेष हैं? तहसीलवार बतायें। नामान्तरण बंटवारे के आदेश पारित होने के एक से दो वर्ष बाद भी रिकार्ड को कम्प्यूटर में दर्ज कर ऑनलाईन नहीं किया जा रहा है, उसका क्या कारण है? (ख) क्या नामान्तरण बंटवारा आदेश के बाद उसका रिकार्ड दुरूस्ती अथवा उसे ऑनलाईन किये जाने की कोई समयावधि रहती है? यदि हाँ तो कितनी व समयावधि में रिकार्ड दुरूस्ती व ऑनलाईन नहीं होने के लिये कौन जवाबदार है? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) कब तक आदेश के तत्काल बाद रिकार्ड दुरूस्ती कर उसे ऑनलाईन किये जाने की व्यवस्था पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) दुरूस्त रिकार्ड ऑनलाईन नहीं होने से किसानों एवं भूमि स्वामियों को फसल बीमा, के.सी.सी., विद्युत कनेक्शन सहित अन्य कार्यों में काफी परेशानी हो रही है तो क्या विभाग जब तक कि उनका रिकार्ड ऑनलाईन नहीं होता, क्या कोई वैकल्पिक व्यवस्था करता है, जिससे उन्हें उक्त लाभ एवं कार्य से वंचित ना होना पड़े। यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बैतूल जिलांतर्गत खादयान्न का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
49. ( क्र. 5699 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले पंजीकृत कुल कितने कार्डधारी उपभोक्ता है? विकासखंडवार जानकारी दें। इन्हें किस मान से कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सी खाद्यान्न सामग्री शक्कर, केरोसीन, वितरित करने का क्या प्रावधान है? (ख) नगर पालिका क्षेत्र बैतूल/नगर पंचायत क्षेत्र बैतूल बाजार एवं आठनेर में ०१-०४-२०१६ से प्रश्न दिनांक तक कितने नए कार्ड बनाए गए? (ग) नगर पालिका क्षेत्र बैतूल/नगर पंचायत क्षेत्र बैतूल बाजार एवं आठनेर के अंतर्गत वार्डवार कितने-कितने बी.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ता हैं? शासन की नई राशन वितरण नीति के तहत कितने कार्डधारी उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची जारी कर मेपिंग की गई है? इनमें से कितने उपभोक्ताओं को कब से राशन का वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों? (घ) विधानसभा क्षेत्र बैतूल के तहत किन-किन वार्डों के कार्डधारी कितने-कितने उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची दी गई है एवं कितने उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची नहीं दी गई है एवं क्यों? पात्रता पर्ची व मेपिंग वाले कितने उपभोक्ताओं को कब से राशन का वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों? क्या शासन राशन का वितरण कराना सुनिश्चित करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पात्र परिवारों को वितरित होने वाली खाद्यान्न, शक्कर एवं केरोसीन की मात्रा एवं वितरण मान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में नगर पालिक क्षेत्र बैतूल में 893, नगर पंचायत क्षेत्र बैतूल बाजार में 116 एवं नगर पंचायत आठनैर में 55 नये बी.पी.एल. कार्ड बनाये गये। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 115.37 लाख परिवारों को प्रदेश में लाभान्वित किया जा रहा है। वर्तमान वितरण व्यवस्था अनुसार उपभोक्ता की पात्रता पर्ची होने पर सामग्री दी जाती है, कार्ड की अनिवार्यता नहीं है। (घ) प्रश्नांश 'ग' में उल्लेखित परिवारों को पात्रता पर्ची दी गई है तथा नगर पालिका बैतूल के 501, नगर पंचायत बैतूल बाजार के 31 एवं नगर पंचायत आठनेर के 46 परिवारों को भारत सरकार से राज्य को प्राप्त 2,89,336 मे. टन की आवंटन सीमा से अधिक मात्रा में खद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण प्रदेश में सितम्बर, 2016 से चिन्हांकित परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत शामिल नहीं किया गया है। वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
शासकीय भवन निर्माण एवं निरीक्षकों के पदों की स्वीकृति
[श्रम]
50. ( क्र. 5719 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग अंतर्गत श्रम विभाग के सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ के कार्यालय शासकीय भवन में संचालित हैं अथवा किराये के भवन में? (ख) क्या सागर के संभागीय श्रम कार्यालय के शासकीय भवन निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो यह कितनी राशि का है एवं कब तक स्वीकृति प्राप्त हो पायेगी? (ग) सागर संभागीय कार्यालय में निरीक्षकों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं वर्तमान में कितने भरे तथा कितने रिक्त हैं? शासन स्तर पर रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करा दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) सागर संभाग के अंतगर्त श्रम विभाग के कार्यालय निम्नानुसार संचालित है :-
क्रं. कार्यालय का नाम भवन शासकीय/निजी
1 सहायक श्रमायुक्त, सागर निजी भवन में
2 श्रम पदाधिकारी, दमोह शासकीय भवन में
3 श्रम पदाधिकारी, छतरपुर शासकीय भवन में
4 श्रम पदाधिकारी, पन्ना शासकीय भवन में
5 श्रम पदाधिकारी, टीकमगढ़ शासकीय भवन में
(ख) जी नहीं। (ग) सागर संभागीय कार्यालय में निरीक्षकों के 10 पद आवंटित है एवं वर्तमान में 4 पद भरे तथा 6 पद रिक्त है। श्रम निरीक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा कार्यवाही प्रचलित है।
मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास योजना (नगरीय) का लाभ
[श्रम]
51. ( क्र. 5720 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में श्रम विभाग की मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास योजना (नगरीय) के अंतर्गत विगत पाँच वर्षों में कितने हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया है वर्षवार बताएं। (ख) यदि योजनांतर्गत हितग्राहियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है तो इसका क्या कारण है तथा इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना का लाभ हितग्राहियों को दिलाये जाने हेतु कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत सागर नगर में मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास (नगरीय) योजना में विगत पाँच वर्षों में किसी हितग्राही को लाभान्वित नहीं किया गया है। अतः प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) म.प्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत सागर जिले में मुख्यमंत्री भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार आवास (नगरीय) योजना के अंतर्गत किसी भी पंजीबद्ध निर्माण श्रमिक से आवेदन प्राप्त नहीं होने से लाभ प्रदाय नहीं किया गया है। अतः प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित 22 कल्याणकारी योजनाओं का समय-समय पर आयोजित लोक कल्याण शिविर, अंत्योदय मेला, प्रसार भारती तथा विशेष अभियान चला कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है।
कृषि महाविद्यालय की भूमि के संबंध में
[राजस्व]
52. ( क्र. 5730 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि महाविद्यालय इन्दौर की भूमि रिंगरोड के निर्माण हेतु अधिग्रहित की गई थी यदि हाँ तो कितनी एवं शेष बची भूमि की जानकारी देवें। कुल क्षेत्रफल कितना था एवं शेष कितनी भूमि बची और उसकी वर्तमान में क्या स्थिति है। उक्त भूमि राजस्व अभिलेखों में किस नाम पर दर्ज है? (ख) क्या कृषि महाविद्यालय इन्दौर की भूमि का आवंटन माननीय जिला न्यायालय के भवन हेतु किया जा रहा है। यदि हाँ तो इससे कृषि महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के प्रायोगिक एवं शोध कार्यों पर क्या असर होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम का पालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
53. ( क्र. 5742 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की किस पंचायत के कितने परिवारों को राशन की दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्त हो रहा है? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत करायें? (ख) उक्त क्षेत्र के अंतर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया कितने परिवारों को राशन कार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं और कितने शेष हैं? शेष परिवारों को कब तक उक्त पर्चियों का वितरण कर दिया जायेगा? (ग) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित हैं और इनके कूपन कब तक बनेंगे? (घ) उक्त क्षेत्र में खाद्यान सुरक्षा मिशन पर्व के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है? कितने शेष हैं? शेष को कब तक लाभान्वित कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 69,625 वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लाभांवित किया जा रहा है। ग्राम पंचायतवार लाभांवित परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 69,625 परिवारों को पात्रता पर्चियों का वितरण किया गया है। स्थानीय निकाय द्वारा समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर पात्र परिवारों के सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर हितग्राहियों को राशन सामग्री का वितरण किए जाने से पृथक से राशनकार्ड जारी करने की आवश्यकता नहीं है। माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित 329 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी किया जाना शेष है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कुल 69,954 परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर पात्र परिवार के रूप में सत्यापित किया गया है। शेष उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार है। (घ) उक्त क्षेत्र के 24,395 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी के परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्व के दौरान प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्यापित किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत सर्वेक्षित अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी के परिवारों में से किसी पात्र परिवार को लाभ दिया जाना शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन संभाग के विभिन्न थानों में जप्त वाहन
[गृह]
54. ( क्र. 5753 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विभिन्न थानों में कितने-कितने जप्त-शुदा वाहन पड़े हैं? क्या इनकी नीलामी या अन्य कोई कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? जप्त वाहनों की नीलामी के लिए थाना प्रभारियों ने विगत 5 वर्षों में कब-कब, किस-किस उच्च अधिकारी से पत्राचार किया? क्या जप्त वाहनों की संख्या अधिक होने से थाना परिसर छोटे हो रहे हैं? (ख) 1 जनवरी के 2014 के पश्चात् विभाग द्वारा कब-कब नीलामी हेतु विज्ञापन जारी कर कितने वाहन की नीलामी की गई, कितनों की नहीं? उक्त वाहन में से, ऐसे कितने वाहन हैं जिनकी विभिन्न प्रकरण में जप्ती के पश्चात् न्यायालय से छूटने के दौरान थाना परिसर से ही वाहन के पार्ट्स चोरी होने या वाहन चोरी होने की शिकायत वाहन मालिक ने की है? शिकायतकर्ता के नाम सहित थानावार उक्त संभाग की जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सेक्शन राइटर्स के संबंध में बनाए गए प्रावधान
[राजस्व]
55. ( क्र. 5755 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के समस्त जिलों में राजस्व विभाग के अंतर्गत सेक्शन राईटरों (खण्ड लेखक) की नियुक्ति के संबंध में विभाग द्वारा प्रावधान बनाया गया है यदि हाँ तो कब दिनांक/वर्ष सहित जानकारी देवें? (ख) क्या उक्त पदों की भर्ती का कोई मापदंड निर्धारित किया गया है, यदि हाँ तो निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं भर्ती प्रक्रिया की जानकारी देवें? (ग) सहायक ग्रेड-3 में स्थाई नियुक्ति, नियम, शैक्षणिक योग्यता, प्रक्रिया, क्या है? सतना जिले में राजस्व विभाग के अंतर्गत तहसील/अनुविभाग एवं जिला कलेक्टर कर्यालय में बनाये गए प्रावधान अवधि वर्ष 2011 से वर्तमान समय तक कितने सेक्शन राइटरों की नियुक्ति की गई है तथा उनमें से कितने सेक्शन राइटरों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर स्थाई नियुक्ति प्रदान की गई है नाम एवं नियुक्ति आदेश सहित जानकारी देवें? (घ) क्या उक्त भर्ती में आरक्षण रोस्टर का पालन न करते हुए भर्ती प्रक्रिया गोपनीय तरीके से पात्र न होते हुए भी अपने चहेतों को बिना निर्धारित मापदंड की पूर्ति किये स्थाई पदों पर नियुक्त किया जाना संवैधानिक मूल भावना के विपरीत नहीं है? (ड.) क्या इस तरह की अपनाई गई प्रक्रिया से पात्र व्यक्ति वंचित रह गए वही प्रदेश में हजारों की संख्या में कार्यरत सेक्शन राइटरों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर स्थाई नियुक्ति न देना उनके साथ घोर अन्याय अत्याचार नहीं है? विभाग विवरण सहित अपनी मंशा स्पष्ट करे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "क" अनुसार। (ख) जी हाँ। उत्तरांश "क" अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ख" अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यभारित हैंडपंप मैकेनिकों की वेतनमान की विसंगति का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 5781 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यभारित सेवा के हैंडपंप मैकेनिकों ने म.प्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण खंडपीठ इंदौर में अपनी वेतनमान विसंगति को लेकर वाद दायर किया था, यदि "हाँ" तो क्या मा.न्यायालय ने मैकेनिकों के पक्ष में निर्णय पारित किया था? (ख) प्रश्नांश (क) सन्दर्भित यदि उत्तर हाँ है तो क्या मंदसौर के मैकेनिकों को नियुक्ति दिनाक से 1150-1800 संशोधित वेतन दे दिया गया है यदि नहीं, क्यों? (ग) उपरोक्त न्यायालय के संशोधित वेतनमानों को प्रदेश के किन-किन संयुक्त संचालक कोष एव लेखा द्वारा कितने-कितने वेतन निर्धारणों को पारित किया गया है कितनों को नहीं? वेतन निर्धारण को रोकने क्या कारण रहे? क्या उक्त संशोधित वेतनमान का लाभ नियुक्ति दिनांक से दिया जायेगा यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय प्रशासनिक अधिकरण के आदेश के परिपालन में खण्ड मंदसौर के 14 कार्यभारित मैकेनिकों में से 03 कर्मचारी के वेतन निर्धारण संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा संभाग उज्जैन के द्वारा पारित किए गये, शेष 11 कर्मचारियों के वेतन निर्धारण पारित नहीं करते हुए उनके पत्र क्रमांक 217, दिनांक 23.02.2017 के द्वारा वेतन निर्धारण के प्रकरणों में मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन की टीप दिनांक 14.01.2015 के बिन्दु क्रमांक-05 के अनुसार वित्त विभाग से स्वीकृति आदेश की मांग की जा रही है। कार्यभारित मैकेनिकों को संशोधित वेतनमान का लाभ नियुक्ति दिनांक से दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व मंडल म.प्र. को बंद किया जाना
[राजस्व]
57. ( क्र. 5828 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 3 के अंतर्गत म.प्र. राजस्व मंडल म.प्र. का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो राजस्व मंडल का गठन किन उद्देश्यों को लेकर कब किया गया था? (ख) वर्तमान में राजस्व मंडल, म.प्र. में लगभग कितने प्रकरण लंबित हैं? (ग) क्या राजस्व मंडल, म.प्र. को बंद करने पर शासन की योजना है? यदि हाँ, तो क्यों स्पष्ट करें? (घ) क्या उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ, ग्वालियर द्वारा राजस्व मंडल मध्यप्रदेश को बंद न करने विषयक अभ्यावेदन/ज्ञापन मा.मुख्यमंत्री जी के नाम पर माह जनवरी, 2017 में प्राप्त हुये है? यदि हाँ, तो उक्त प्राप्त अभ्यावेदन में उल्लेखित बिन्दुओं के आधार पर शासन ने क्या निर्णय लिया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध रूप से परिवहन चेक पोस्ट संचालित किया जाना
[परिवहन]
58. ( क्र. 5830 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कहाँ-कहाँ पर परिवहन चेक पोस्ट कब-कब से स्वीकृत हैं? (ख) क्या उक्त स्वीकृत चेक पोस्ट के विरूद्ध मालनपुर एवं दीनपुरा में परिवहन चेक पोस्ट संचालित हैं? (ग) यदि हाँ तो उक्त चेक पोस्ट किन-किन नियमों के तहत किसके आदेश से संचालित हैं? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य क्या फूप में स्वीकृत परिवहन चेक पोस्ट हट जाने से उत्तरप्रदेश से आने वाले वाहन अटेर-पोरसा होकर बगैर टैक्स चुकाये राजस्थान निकल रहे हैं, जिससे शासन को राजस्व की हानि हो रही है? (ड.) यदि हाँ तो क्या अवैध रूप से मालनपुर एवं दीनपुरा में परिवहन चेक पोस्ट संचालित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत निम्नलिखित दो परिवहन चेकपोस्ट स्थापित हैं :- 1. फूफ - दिनांक 20/12/1985 से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 92 इटावा-ग्वालियर मार्ग पर स्थित है। 2. मालनपुर (अस्थाई चेकनाका) - दिनांक 21/12/2015 से स्वीकृत होकर ग्वालियर-भिण्ड रोड पर भिण्ड जिले में स्थित है। (ख) जी हाँ। (ग) मध्य प्रदेश मोटर परिवहन यानों पर पथकर का उद्ग्रहण अधिनियम 1985 के तहत - 1. फूफ - राज्य शासन की अधिसूचना क्रमांक 22-61/85/आठ/85 दिनांक 03/10/1985 राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 20/12/1985 से संचालित है। परिवहन चेकपोस्ट फूफ जिला भिण्ड पूर्व में फूफ में स्थापित होकर संचालित था किन्तु फूफ के स्थानीय असामाजिक तत्वों द्वारा शासकीय कर्मचारियों से मारपीट के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने से एवं पूर्व में स्थापित परिवहन चेकपोस्ट शहरी आबादी के निकट स्थापित होने से वहाँ के स्थानीय निवासियों की सुविधा और सुरक्षा के दृष्टिगत् फूफ क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 92 भिण्ड-इटावा मार्ग पर फूफ से पहले ग्राम मौजा दीनपुरा मेन रोड के किनारे कलेक्टर भिण्ड द्वारा आवंटित शासकीय भूमि पर संचालित है। 2. मालनपुर (अस्थाई चेकनाका) - राज्य शासन के आदेश क्रमांक 4294/5264/2015/आठ दिनांक 21/12/2015 से संचालित है। (घ) जी नहीं। उल्लेखित मार्ग पर आकस्मिक पर्यवेक्षण करने हेतु किराये की वाहन उपलब्ध कराई गई है। चैकिंग के दौरान यदि नियम विरुद्ध संचालित वाहन पायी जाती है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार चालानी कार्यवाही कर शासकीय राजस्व की वसूली सुनिश्चित की जाती है। (ड.) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ एवं ‘‘घ’‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैतूल जिले में पशुपालन विभाग में बजट
[पशुपालन]
59. ( क्र.
5856 ) श्री
हेमन्त विजय
खण्डेलवाल :
क्या पशुपालन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बैतूल
जिले के
अंतर्गत
पशुपालन/पशु चिकित्सा
विभाग में
वर्ष
२०१४-२०१५, २०१५-२०१६
एवं २०१६-२०१७
में किस-किस
मद में कितना-कितना
बजट आवंटन
प्राप्त हुआ? वेतन/
भत्तों के
बजट को छोड़कर
जानकारी दें? (ख) उक्त
वर्षों में
आवंटित बजट का
उपयोग किस-किस
कार्य हेतु
किया गया वर्षवार
एवं कार्यवार
जानकारी दें? (ग) क्या
उक्त वर्षों
में पशु कल्याण
समिति मद में
राशि प्राप्त/जमा
हुई है? यदि हाँ तो
वर्ष वार
कितनी? (घ) पशु
कल्याण
समिति से
संबंधित राशि
का व्यय
किन-किन पशु
कल्याण के
कार्यों के
लिए किया गया
तथा कितनी राशि
शेष है? जानकारी
देते हुए इस
राशि के उपयोग
के संबंध में जारी
दिश
निर्देशों/आदेशों
की प्रति
उपलब्ध
कराएं?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
अंतर सिंह
आर्य ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
(ग) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार।
(घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द'' अनुसार।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''इ'' अनुसार।
बंटवारा, नामांतरण एवं सीमांकन के प्रकरणों के सबंध में
[राजस्व]
60. ( क्र. 5864 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में कितने प्रकरण बंटवारा, नामांतरण एवं सीमांकन व विवादित के आवेदन प्राप्त हुये हैं? कितने प्रकरणों का निराकरण हो चुका है? प्रश्न दिनांक तक कितने लंबित है व लंबित होने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने प्रकरणों का निराकरण ग्राम सभाओं के माध्यम से हुये है? कितने प्रकरण तहसील व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के न्यायलयों से हुये हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) क्या शासन की मंशानुसार प्रश्नांश (क) के प्रकरण ग्राम पंचायत से निराकरण हेतु आदेश हुये हैं? यदि हाँ तो आदेश के परिपालन में ग्राम पंचायत के माध्यम कितने प्रकरणों का निराकण किया गया? यदि नहीं, तो आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया व इसका दोषी कौन हैं? (घ) क्या शासन स्तर से दोषियों के विरूध्द कोई कार्यवाही की गई या की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्थायी व अस्थायी लाइसेन्स व बसों के परिमिट एव विभाग को प्राप्त आय
[परिवहन]
61. ( क्र. 5866 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विगत 15 वर्षों में प्रश्नांश दिनांक तक विभाग को कितने आवेदन स्थायी/ अस्थायी लाइसेन्स, सभी प्रकार के वाहनों के पंजीयन हेतु आवेदन व बसों के स्थायी व अस्थायी परमिट हेतु आवेदन प्राप्त हुये हैं? क्या किसी आवेदक का आवेदन निरस्त किया गया? यदि हाँ तो निरस्त का कारण सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे? प्रश्नांश में पूछे गये आवेदनों के निराकरण की समय-सीमा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 15 वर्षों में स्थायी व अस्थायी लाइसेन्स, सभी प्रकार के वाहनों के पंजीयन व बसों के स्थायी व अस्थायी परमिट का शासन द्वारा कितना-कितना शुल्क निर्धारित किया गया पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावे व विभाग को उक्त वर्षों में प्राप्त आय व व्यय की राशि मदवार जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) क्या हरदा जिले में शासन नियमानुसार बसों का संचालन हो रहा है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा कब कब एवं क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जिला परिवहन कार्यालय हरदा जुलाई 2005 से प्रारम्भ हुआ है, प्रारम्भ दिनांक से 28/02/2017 तक अस्थायी लाइसेंस/स्थाई लाइसेंस/पंजीयन की जानकारी निम्नानुसार हैः-
सरल क्रमांक |
विवरण |
संख्या |
1 |
अस्थायी
लाइसेंस |
47405 |
2 |
स्थायी
लाइसेंस |
36181 |
3 |
पंजीयन |
85492 |
उपरोक्त का निराकरण किया गया। अस्थायी परमिट के 11668 आवेदन प्राप्त हुए जिनका निराकरण किया गया। 65 आवेदन पत्र मोटरयान अधिनियम की धारा 72 (3) की पूर्ति न होने के कारण निरस्त किये गये है। अस्थायी लाइसेंस हेतु 10 दिवस, स्थायी लाइसेंस हेतु 15 दिवस, पंजीयन हेतु 20 दिवस, अस्थायी परमिट हेतु 15 दिवस की समय-सीमा निर्धारित है। आर.टी.ए. होशंगाबाद कार्यालय द्वारा हरदा जिले के लिए विगत 15 वर्षों में स्थायी परमिट निम्नानुसार जारी किये गयेः-
सरल क्रमांक |
स्थायी परमिट के आवेदक पत्रों की संख्या |
निरस्त किये गये आवेदनो की संख्या |
स्वीकृत परमिटों
की |
1 |
434 |
356 |
78 |
मोटरयान अधिनियम की धारा 72 (3) की पूर्ति न होने व वाहन स्पेयर न होने तथा वाहन पूर्व से स्थायी परमिट पर संचालित न होने से आवेदन निरस्त किये गये है। स्थायी अनुज्ञापत्र के निराकरण की समय-सीमा 30 दिवस है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। हरदा कार्यालय को वर्ष 2005 से 2017 तक आय का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) हरदा जिले में शासन के नियमानुसार ही बसों का संचालन हो रहा है।
उद्योगों द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्त किये गये श्रमिकों की जानकारी
[श्रम]
62. ( क्र. 5877 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के नागदा शहर में संचालित ग्रेसिम, केमिकल डिवीजन एवं लेंसेक्स उद्योगों द्वारा वर्ष 2004 से वर्ष 2016 तक कितने श्रमिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी? (ख) अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने के क्या-क्या कारण थे? (ग) अनिवार्य सेवानिवृत्त किये गये तीनों उद्योगों के श्रमिकों की सूची नाम पते सहित वर्षवार उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) उल्लेखित उद्योगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2004 से वर्ष 2016 तक किसी भी श्रमिक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति नहीं दी गयी है। (ख) एवं (ग) उत्तर ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन बी.पी.एल. आवेदनों की सर्वे जाँच
[राजस्व]
63. ( क्र. 5878 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने विधानसभा क्षेत्र के तहसील नागदा एवं खाचरौद में बी.पी.एल आवेदनों की जाँच मात्र घर बैठे जाँच प्रतिवेदन बनाकर खाना पूर्ति कर दी जाती है एवं मौके पर पंचनामा भी नहीं बनाये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता ने दिसम्बर 2016 सत्र के ध्यानाकर्षण/प्रश्न के माध्यम से चाही गई जानकारी में माननीय मंत्री महोदय द्वारा अवगत कराया गया था की बी.पी.एल. सर्वे की जाँच के समय प्रश्नकर्ता को भी उपस्थित रहने हेतु सुचना दी जावेगी। (ख) यदि हाँ तो उक्त आदेश के पालन में विगत 3 माह में कितने आवेदनों पर ग्रामो में बी.पी.एल. सर्वे किया गया? जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) सर्वे के समय प्रश्नकर्ता को एक भी जगह क्यों नहीं आमंत्रित किया गया? विगत तीन वर्षों में कितने परिवार पात्र एवं अपात्र पाये गये?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सर्पदंश से मृत के पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता
[राजस्व]
64. ( क्र. 5975 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 23.06.2016 को ग्राम देवकच्छ तहसील कैलारस निवासी श्रीमती मीरा धाकड़ पत्नि श्री हरिसिंह धाकड़ की सर्पदंश के कारण आकस्मिक मौत हो गई थी? (ख) क्या मृतक के मृत्यु का कारण पंचायतवासियों द्वारा सर्पदंश बताया गया जिसका पंचनामा एवं प्रमाणीकरण संलग्न कर प्रश्नकर्ता के अनुशंसा पत्र सहित अनुविभागीय अधिकारी कैलारस-सबलगढ़ के कार्यालय में मय सहपत्रों के अवगत कराया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के स्पष्टीकरण उपरांत भी क्या कारण रहे कि उक्त मृतक के पीडि़त परिवार को आज दिनांक तक शासन की योजनानुसार उचित आर्थिक सहायता प्रदाय नहीं कराई गई है यदि हाँ तो क्यो? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित प्रकरण में संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है प्रकरण की अध्ययतन जानकारी दी जावे एवं मृतक के पीडि़त परिवार को कब तक आर्थिक सहायता प्रदाय की जा सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मान. विधायक विधान सभा क्षेत्र जौरा द्वारा पत्र अनुसंशा सहित अनुविभागीय अधिकारी सबलगढ़ व तहसीलदार कैलारस को पंचगण की राय ले कर स्थल जाँच कराये जाने हेतु अवगत कराया गया, जिसके पालन में नायब तहसीलदार कैलारस द्वारा पुन: स्थल पर मृतिका की सर्पदंश से मृत्यु की पुष्टि हेतु जाँच की गई। जिसमें मृतिका की मृत्यु का कारण पंचगणों द्वारा पंचनामा एवं कथन प्रस्तुत कर सर्पदंश से होना बताया गया। सर्पदंश से मृत्यु की पुष्टि के उपरांत पीडि़त परिवार को शासन योजनानुसार आर्थिक सहायता प्रदान की गई। (घ) प्रश्नांश "क" "ख" "ग" में वर्णित तथ्यों की पुष्टि उपरांत आर.बी.सी. 6-4 के मानदण्ड अनुसार राशि रू. 50,000/- पचास हजार स्वीकृत कर मृतिका के वारिस पति हरीसिंह पुत्र मोतीराम धाकड़ को भुगतान की जा चुकी है।
जनसंकल्पों की पूर्णता और क्रियान्वयन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
65. ( क्र. 5980 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार ने अपने जनसंकल्प 2008 एवं 2013 में मत्स्य पालन विभाग के किन्हीं हितग्राहियों के सर्वांगीण कल्याण हेतु कोई जनसंकल्प घोषित किये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश-क जनसंकल्प को पूरा करने की दिशा में किन स्तर पर क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश-क के किन जनसंकल्प को किन रूपों में पूर्ण कर किन तिथियों से प्रभावशील किया गया है? (घ) प्रश्नांश-क के समस्त जनसंकल्प कब तक पूर्ण और क्रियान्वित कर दिये जावेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्देश जारी कर योजनायें क्रियान्वित की जा रही है। (ग) संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) प्रश्नाधीन जनसंकल्प 2013 के बिन्दु क्रमांक 5 के जनसंकल्प को क्रियान्वयन हेतु आयुक्त पंचायत राज्य विभाग को लिखा गया है शेष समस्त जनसंकल्प पूर्ण सतत है।
जनसमस्याओं का निराकरण सुनिश्चित करना
[राजस्व]
66. ( क्र.
5982 ) श्री
मोती कश्यप :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
कटनी की तहसील
बड़वारा, कटनी
एवं
ढीमरखेड़ा
में नामांतरण
एवं सीमांकन
के कितने
प्रकरण कितने
वर्षों से
लम्बित हैं? (ख) क्या
प्रश्नांश (क) तहसीलों
में सर्वे और
किन्हीं
ग्रामों में आयोजित
शिविरों में
निराकृत
प्रकरणों के
अंतर्गत
गरीबी रेखा के
कार्ड बनाये
जाना लम्बित हैं? (ग) क्या
प्रश्नांश-क
तहसीलों में
जाति प्रमाण
पत्र एवं मूल
निवासी
प्रमाणपत्र कितनी
संख्या में
लम्बित हैं? (घ) प्रश्नांश-(क), (ख), (ग)
निराकरण क्या
किन्हीं
निश्चित
अवधियों में
कर दिया
जावेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क) से
(घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
राजस्व विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी
[राजस्व]
67. ( क्र. 5993 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में व धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में राजस्व विभाग अंतर्गत कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कार्यरत कर्मचारी कब से पदस्थ हैं, संस्थावार बतावें? (ख) क्या शासन नियमानुसार प्रत्येक शासकीय कर्मचारी को एक स्थान पर कार्य करते हूए तीन वर्ष अथवा अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने के नियम है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा उक्त नियमों का कितना पालन किया गया है व किन-किन संस्थाओं से कितने कर्मचारियों का उक्त नियम के तहत स्थानांतरण किया गया है? यदि नहीं, तो उसका कारण बतावे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजस्व प्रकरण के संबंध में कलेक्टर श्योपुर के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
68. ( क्र. 6008 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में राजस्व प्रकरणों के निपटारे हेतु राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध विगत एक वर्ष में कितनी शिकायतें शासन को प्राप्त हुई तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या किसी राजस्व प्रकरण के सिलसिले में श्योपुर जिले के कलेक्टर के कार्यालय में मिठाई के डिब्बे में कलेक्टर को 05 लाख की राशि दी गई, उसे खोलने पर इसकी पुष्टि हुई और संबंधित से लिखित में माफिनामा लिया गया तो कब? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्रकरण शासन के संज्ञान में आया है? यदि हाँ तो इस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) किस राजस्व प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में यह घटना घटित हुई प्रकरण क्या था तथा कब से लंबित है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सतना के कोटेशन का आमंत्रण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 6011 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड सतना द्वारा कोटेशन आमंत्रित कर विभिन्न प्रकार के कार्य कराये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ तो विगत 3 वर्ष के दौरान कौन-कौन से कार्य कोटेशन के आधार पर कराये गये हैं? उक्त कार्य हेतु वर्क आर्डर कब जारी की गई थी? किन फर्मों ने हिस्सा लिया? कार्य किसको दिया गया है? कितना भुगतान किस किस को किया गया पूर्ण विवरण के साथ संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न 'क' व 'ख' के संबंध में जिस फर्म को कार्य दिया गया उसकी संपूर्ण जानकारी पंजीयन पूर्व कार्यानुभव कर संबंधी जानकारी दें? (घ) क्या कोटेशन की जगह नियमानुसार निविदा आमंत्रित कर कार्य कराया जा सकता था? यदि हाँ तो काराया गया? यदि नहीं, तो कारण बतायें तथा क्या कोटेशन संबंधी कार्यों की जाचं कराई जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, तात्कालिक एवं अल्पसमय-सीमा में लघु श्रेणी के कार्यों को पूर्ण करने की आवश्यकता के दृष्टिगत कोटेशन आमंत्रण कर कार्य कराये जाने का कार्य विभाग नियमावली में प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सतना के ट्रेसर के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
70. ( क्र. 6012 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड सतना में स्वीकृत पद से अधिक ट्रेसर पदस्थ हैं? (ख) यदि हाँ तो तकनीकी शाखा में ट्रेसर के पद पर कौन कर्मचारी कब से पदस्थ है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में क्या तीन वर्ष से अधिक समय तक पदस्थ होने की स्थिति में शासन के नियमानुसार इसका स्थानांतरण या स्थान परिवर्तन किया जायेगा? (घ) यदि हाँ तो कब किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार 03 अनुरेखक पदस्थ हैं। (ग) फिलहाल ऐसे कोई प्रस्ताव नहीं है। (घ) उतरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों को वेतन भुगतान के संबंध में
[गृह]
71. ( क्र. 6044 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महापर्व सिंहस्थ 2016 जिला उज्जैन में कानून व्यवस्था के लिए कितने अस्थाई नगर सैनिक व अन्य सुरक्षा बल रखे गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त सभी कर्मचारियों को क्या प्रतिमाह निर्धारित वेतन का भुगतान किया जा चुका है? (ग) यदि नहीं, तो कारण क्या है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) 2790 अस्थाई नगर सैनिक रखे गये थे। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश ’ख’ में परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि चिन्हित करने हेतु
[राजस्व]
72. ( क्र. 6045 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला इंदौर, तहसील हतोद के ग्राम पालिया रेल्वे फाटक से ग्राम सतलाना तक प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत निर्माणाधीन सड़क मार्ग के दोनों ओर सड़क से कृषि भूमियों के मध्य कितनी-कितनी शासकीय भूमि स्थित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासकीय भूमि को चिन्हित की गई है हाँ तो सड़क से कृषि भूमियों के मध्य कितनी-कितनी शासकीय भूमि है? कृषि भूमियों के स्वामित्ववार जानकारी दें? (ग) उपरोक्तानुसार राजस्व विभाग भौतिक सत्यापन कर शासकीय भूमि को चिन्हित कर प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय भूमि में अतिक्रमण
[राजस्व]
73. ( क्र. 6060 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत गांधीगंज तहसील मझौली जिला जबलपुर अंतर्गत आने वाले तलवा, नेगवों, गांधीगंज में कहाँ-कहाँ पर कितनी भूमि राजस्व अभिलेख में घास, चरनोई, शमशान एवं अन्य मदों में शासन के नाम दर्ज है, ग्रामवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय भूमि की वर्तमान समय में अद्यतन स्थित क्या है, कहाँ-कहाँ पर किसके द्वारा अतिक्रमण कर बेजा कब्जा किया गया है एवं यह क्या आवश्यक शासकीय भवनों तथा खेल मैदान के निर्माण हेतु भूमि आरक्षित हैं? (ग) विगत 3 वर्षों में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की शिकायतें कब किसके द्वारा शासन स्तर पर की गई तथा उन पर कब क्या कार्यवाही की गई एवं क्या शासन प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करेगा? उत्तर में यदि हाँ तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नाधीन भूमि की अद्यतन स्थिति व अतिक्रमण की जानकारी उपरोक्त संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। वर्तमान में खेल मैदान व शासकीय भवन निर्माण हेतु भूमि आरक्षण का कोई प्रावधान लंबित नहीं है। (ग) शासन स्तर पर उक्त भूमि पर किसी स्त्रोत से कोई शिकायत पत्र विगत 3 वर्षों के दरमियान कार्यवाही हेतु लंबित नहीं है। ग्राम तलवा की भूमि ख.नं. 537 पर निर्मित आवासीय भवनों के अतिक्रमण संबंधी शिकायतों पर भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के प्रावधानानुसार कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन भूमि ग्राम पंचायत गांधीगंज के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आबादी घोषित की जाकर हितग्राहियों को भू-खण्ड धारक का प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्रियों को प्रभार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
74. ( क्र. 6083 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में दिसंबर 2016 की स्थिति में सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौंपा गया है? यदि हाँ तो किन-किन जिलों में किस-किस सहायक यंत्री को कार्यपालन यंत्री का प्रभार सौंपा गया? (ख) प्रभार जिले में स्थापित किए गए प्रभारी कार्यपालन यंत्री से वरिष्ठ सहायक यंत्री को प्रभार क्यों नहीं दिया गया? मध्यप्रदेश के प्रभारी कार्यपालन यंत्रियों में क्या वरिष्ठता में कोई और सहायक यंत्री नहीं है? यदि है तो वरिष्ठता के आधार पर प्रभार क्यों नहीं दिया गया?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार 11 जिलों में सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिया गया है। (ख) सामान्यतः वरिष्ठता सह उपयुक्तता के आधार पर कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिया जाता है। 10 जिलों में वरिष्ठतानुसार ही सहायक यंत्रियों को प्रभार दिया गया, मात्र खण्ड भिण्ड में वरिष्ठ सहायक यंत्री के अवकाश में होने के कारण वरिष्ठता क्रम में दूसरे क्रमांक के सहायक यंत्री को प्रभार दिया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. के ग्रामों में स्थाई ग्राम पटेलों के अधिकार
[राजस्व]
75. ( क्र. 6087 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के ग्रामों में स्थाई ग्राम पटेल (मुकद्दम) कार्यरत हैं? यदि हाँ तो ग्राम पटेलों (मुकद्दम) को किस प्रकार के अधिकार प्राप्त हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम पटेलों (मुकद्दम) को मानदेय शासन द्वारा दिया जाता है? यदि हाँ तो कितना एवं किस प्रकार से दी जाती है? यदि नहीं, तो मानदेय कब से की जायेगी? (ग) क्या देश के अन्य प्रदेशों या महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्राम पटेलों (मुकद्दम) को स्थाई अधिकार और सम्मानजनक मानदेय दिया जाता है? यदि हाँ तो म.प्र. में अधिकार और सम्मान से वंचित ग्राम पटेलों (मुकुद्दम) को यह व्यवस्था कब से लागू की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा प्रश्न का उत्तर एवं कार्यवाही
[राजस्व]
76. ( क्र. 6122 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र जुलाई-2015 दिनांक 29/07/2016 में प्रश्नकर्ता सदस्य का विधानसभा प्रश्न क्रं-2077 का उत्तर क्या थाऔर क्या प्रश्नांश (ख) का उत्तर कोई भी शिकायत नहीं प्राप्त होना, दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो कार्यालय कलेक्टर कटनी के पत्र क्रमांक-5130 एवं 5131/री.कले./2013 दिनांक 18/04/2013 किस बाबत् थे? बताये, इन पत्रों के द्वारा किन्हें क्या जाँच हेतु निर्देशित किया गया था और इन पत्रों के पालन में, किस-किस शासकीय सेवक ने कब-कब जाँच की? जाँच के परिणाम सहित, प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी कटनी में दिनांक-26/04/2014 एवं 11/07/2014 को इसी विषयक शिकायतें प्राप्त हुई थी? यदि हाँ तो शिकायतों पर किसके द्वारा, कब-कब जाँच एवं क्या कार्यवाही की गई और क्या जाँच/कार्यवाही में शिकायतकर्ता को भी सुना गया एवं अन्य साक्ष्य लिये गये? यदि हाँ तो कब, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में जब उपरोक्त शिकायतें कार्यालय में प्राप्त थी, तो शिकायत प्राप्त ना होने की मिथ्या एवं असत्य, जानकारी क्यों दी गई? इसके लिये कौन-कौन शासकीय सेवक जिम्मेदार है? माननीय सदन में असत्य, उत्तर भेजने/देने पर क्या कार्यवाही की जायेगी? कृपया बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कटनी जिले के विभागीय प्रतिवेदनों पर कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
77. ( क्र. 6125 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय जिला आपूर्ति अधिकारी कटनी में प्रस्तुत दिनांक-31/03/2015 के 02, 10/01/2014, 17/05/2014 के 02, 11/08/2014, 14/08/2014, 01/12/2014, 09/12/2014, 27/02/2013, 15/05/2013, 16/09/2013, 19/11/2013, 20/12/2013, 26/03/2012, 21/05/2012, 23/05/2012, 12/06/2012, 29/06/2012, 08/07/2012, 11/07/2012, 18/07/2012, 19/07/2012, 01/08/2012, 21/08/2012, 04/09/2012, 13/09/2012, 05/11/2012, 19/11/2012 के 02,के विभागीय प्रतिवेदन किन विषयों पर थे? प्रतिवेदनवार बतायें ? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के प्रतिवेदनों पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो क्या यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या जिला आपूर्ति अधिकारियों ने अपचारियों के हित में लगातार पद का दुरूपयोग कर इन प्रतिवेदनों/प्रकरणों पर कार्यवाही नहीं की एवं इन्हें लंबित रखा गया? यदि हाँ तो क्यों एवं क्या यह पद के दुरूपयोग में, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत दण्डनीय है? यदि नहीं, तो क्या सक्षम अधिकारी ऐसा ना होने का सत्यापन करेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बंद नल जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
78. ( क्र. 6142 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले के विकासखंड बेगमगंज एवं सिलवानी के किन-किन ग्रामों में नल जल योजनायें संचालित हैं। उनमें से किन-किन ग्रामों की नल जल योजना कब से एवं क्यों बंद हैं, कारण बतायें। उक्त योजनाओं को प्रारंभ करवाने के संबंध में विभाग की क्या-क्या योजनायें हैं? (ख) क्या उक्त विकासखंडों के किन-किन ग्रामों की नल जल योजनाओं/कूप निर्माण का कार्य अपूर्ण है तथा क्यों। योजनावार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे। (ग) क्या उक्त विकासखंडों की अनेक नल जल योजनायें ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित नहीं की गई है। यदि हाँ तो क्यों, कारण बतायें। (घ) उक्त विकासखंडों की किस-किस नल जल योजना पर कितना-कितना विद्युत बिल बकाया है। बंद नल जल योजनाओं का विद्युत देयक खत्म करवाने के संबंध में विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) बेगमगंज विकासखण्ड में कुल 53 योजनाएं तथा सिलवानी विकासखण्ड में कुल 45 योजनाएं संचालित हैं विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। हस्तांतरित योजनाओं के विद्युत देयकों का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है अहस्तांतरित जमुनिया योजना के संबंध में विभाग द्वारा विद्युत देयक युक्तियुक्त/विलोपित करने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है।
गेहूँ खरीदी केन्द्र
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
79. ( क्र. 6207 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राहतगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम जरूवाखेड़ा का गेहूँ खरीदी केन्द्र बंद है? यदि हाँ तो कब से और किन कारणों से? (ख) क्या अब ग्राम जरूवाखेड़ा का खरीदी केन्द्र बंद कर दिये जाने से सुरखी विधानसभा क्षेत्र के 15-20 ग्रामों के किसानों को रजिस्ट्रेशन हेतु 30 किलोमीटर दूर ग्राम जेरई जाना पड़ रहा है? जिससे उन्हें परेशानी हो रही है तथा अनावश्यक रूप से परिवहन व्यय भी उठाना पड़ रहा है? (ग) क्या दिनांक 20 जनवरी 2016 को ग्राम लुहर्रा में अल्प प्रवास के दौरान माननीय सहकारिता मंत्री (तत्कालीन) ने ग्राम लुहर्रा में ही गेहूँ, खरीदी केन्द्र खुलवाये जाने की घोषणा भी कर दी थी तथा प्रश्नकर्ता द्वारा भी ग्राम लुहर्रा में गेहूँ खरीदी केन्द्र बनाये जाने हेतु विभाग से पत्राचार भी किया है? (घ) यदि हाँ तो क्या ग्राम लुहर्रा में गेहूँ खरीदी केन्द्र बनाये जाने हेतु कब तक स्वीकृति दे दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
न्यायालय आदेश का पालन
[राजस्व]
80. ( क्र. 6369 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कौन-कौन से जिले राजस्व विभाग में खण्ड लेखकों से सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्तियां की गई? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में राजस्व विभाग द्वारा दिनांक २३.७.२०१० को निर्णय लिया गया था तो प्रदेश में खण्ड लेखक से सहायक ग्रेड-3 के पदों पर नियुक्तियॉं क्यों नहीं की गई? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 16.1.2013 को जंबूरी मैदान भोपाल में खण्ड लेखक से सहायक ग्रेड-3 के पद पर संविलियन किये जाने की घोषणा की गई थी? राजस्व विभाग द्वारा पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के पालन में खण्ड लेखक से सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति हेतु अशोकनगर जिले को अनुमति प्रदान की गई है तो प्रदेश के अन्य जिलों को अनुमति कब तक प्रदान की जावेगी? (ड.) प्रदेश में कुल कितने खण्ड लेखक हैं? जिलेवार बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
81. ( क्र. 6389 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 07 दिसम्बर 2016 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 32 (क्र. 278) के प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर जानकारी एकत्रित की जा रही उत्तर दिया गया है? यदि जानकारी एकत्र कर ली गई हो तो दे? यदि नहीं, तो अब तक एकत्र न करने के लिए कौन दोषी है और अब तक न करने के लिए दोषी है? (ख) तहसील रघुराजनगर जिला सतना के अंतर्गत पटवारी हल्का बरदाडीह के मौजा बम्हनगवां की आ.क्र. 32 रकबा 3.22 ए खसरा में वर्ष 1968-69 तक शासकीय दर्ज थी जिसे वर्ष 1969-70 के खसरा पंचशाला में 32/2 रकबा 2.90 ए. रामसखा वल्द सुरजा नाई सा. बम्हनगवां के नाम बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश भूमिस्वामी दर्ज कर दिया गया? यदि हाँ, तो उक्त आराजी सतना शहर के हदय स्थल की बहुमूल्य कीमती जमीन है जिसे भू-माफियाओं और राजस्व अधिकारी की मिली भगत से फर्जी भूमिस्वामी बनाकर खुर्द-बुर्द कर दिया गया है? भू-माफियाओं और राजस्व अधिकारी मिलकर उक्त मौजा की वर्ष 1958-59 की खतौनी तहसील अभिलेखागार से गायब करा दिये गए है? (ग) उक्त तहसील के पटवारी हल्का डेलौरा स्थित आ.क्र. 775/1 रकबा 14.01 ए.डाली बाब मंदिर की जमीन जो शासकीय है को भू-माफियाओं और राजस्व अधिकारी मिल जुलकर न्यायालय को गुमराह करके महंत जगन्नाथ दास के नाम भूमिस्वामी दर्ज कराकर खुर्द-बुर्द कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में दोनों आराजी को कब तक शासकीय घोषित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वाहनों की चोरी
[गृह]
82. ( क्र. 6460 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में दिनांक 1.2.2016 से वर्तमान तक सभी थाना क्षेत्रांतर्गत किस-किस दिनांक व स्थान से किन-किन नागरिकों के दो पहियां वाहन चोरी गये? इनके प्रकरण किस-किस दिनांक को किस-किस थानों में दर्ज हुए? थानावार जानकारी देवें। (ख) उक्त वाहन चोरों में से किन-किन वाहन चोरो को गिरफ्तार करके उनसे चोरी गये वाहन जब्त किये गये? शेष चोरों को वर्तमान तक गिरफ्तार न करने के क्या कारण हैं? इस हेतु अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या जिले में पुलिस की उदासीनता के कारण दो पहियां वाहनों की चोरी के प्रकरणों में वृद्धि देखी जा रही है? चोर वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर समीपस्थ राजस्थान की सीमा में प्रवेश कर जाते है? इसकी रोकथाम हेतु शासन क्या कार्यवाही करेगा व कब तक? क्या चोरी गये उक्त वाहनों को जब्त कर चोरों को गिरफ्तार कर लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। पुलिस द्वारा कुल 24 चोरी गये दोपहिया वाहनों में 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर कुल 11 वाहन जप्त किये गये है। इसके अतिरिक्त घटनाओं की रोकथाम हेतु समय-समय पर विभिन्न स्थानों पर चेकिंग, पेट्रोलिंग की जाकर संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जाती है।
पॉलीटेक्निक कालेज व आई.टी.आई. की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
83. ( क्र. 6471 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा देवरी विधान सभा क्षेत्र के देवरी में पॉलीटेक्निक कालेज की स्थापना व केसली में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ तो अब तक इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या वर्तमान में विभाग द्वारा देवरी में पॉलीटेक्निक कालेज की स्थापना व केसली में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाने हेतु किसी स्तर पर विचार किया जा रहा है? (ग) क्या वर्तमान में एक जिले में एक अथवा जिला मुख्यालयों में ही पॉलीटेक्निक महाविद्यालय खोले जाने का नियम है? यदि हाँ तो क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा की पूर्ति हेतु इस नियम/मापदंड को बदला जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक तहसील मुख्यालय देवरी में पॉलीटेक्निक कालेज आरंभ किया जावेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) वर्तमान में प्रत्येक जिले में सामान्यत: एक शासकीय पॉलिटेक्निक संचालित किये जाने का प्रावधान है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लीज फ्री होल्ड प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
84. ( क्र. 6486 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के हुजूर तहसील अतंर्गत 01 मई 2016 से 31 जनवरी 2017 तक लीज फ्री होल्ड के कुल कितने प्रकरण/आवेदन प्राप्त हुये हैं? (ख) उपरोक्त प्राप्त प्रकरणों/आवेदनों में से कितनों का निराकरण हो चुका हैं? उनमें से कितने प्रकरणों/आवेदनों का निराकरण शेष हैं एवं उनका निराकरण आज दिनांक तक क्यों नहीं हो पाया? कारण सहित स्पष्ट करें। शेष प्रकरणों/आवेदनों का निराकरण कब तक कर लिया जायेगा? (ग) उपरोक्त लीज फ्री होल्ड प्रकरणों/आवेदनों के निराकरण में हो रही देरी में दोषी कौन है? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
85. ( क्र. 6508 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश में पिछले पाँच वर्षों में कुल कितनी धनराशि केन्द्र और राज्य सरकार से आवंटित की गई और इन वर्षों में वर्षवार कितनी धनराशि खर्च हुई और कितनी धनराशि खर्च नहीं की जा सकी? (ख) इन पाँच वर्षों में कितने ग्रामों में पेयजल साधन उपलब्ध कराये गये और कितने ग्रामों में नल जल योजनायें अभी भी अधूरी है? इसके क्या कारण है? (ग) क्या नल जल योजनाओं के काम में देरी से उनकी लागत बढ़ी है और बढ़ी हुई लागत के मान से शासन द्वारा स्वीकृत राशि से काम पूरा नहीं हो सका है? (घ) इन अधूरी नल जल परियोजनाओं को पूरा कराने के लिये कितनी धनराशि की आवश्यकता है और शासन कब तक परियोजनाओं को पूरा करायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पिछले पाँच वर्षों में कुल प्राप्त आवंटन रूपये 4689.85 करोड़, व्यय रूपये 4003.17 करोड़, अव्ययित रूपये 686.68 करोड़, विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 62422 ग्रामों में पेयजल व्यवस्था की गई है और 724 ग्रामों में नल जल योजनाएं प्रगतिरत/अधूरी हैं। योजनाएं अधूरी रहने के मुख्य कारण निविदा में अधिक दरें प्राप्त होना, निविदा आमंत्रण में निविदाकारों द्वारा भाग नहीं लेना, नवीन एस.ओ.आर. के लागू होने एवं विभाग में नवीन पाईप नीति लागू होने आदि के कारण। (ग) अन्य कारणों के साथ-साथ नल जल योजनाओं के काम में देरी होने से भी उनकी लागत बढ़ी है। शासन द्वारा योजनाओं को पूर्ण करवाने हेतु आवश्यक धनराशि का प्रबंध किया जा रहा है। (घ) लगभग रूपये 13979.00 लाख। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
शासकीय भूमि पर रिसोर्ट/होटल बनाए जाना
[राजस्व]
86. ( क्र. 6518 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले के थाना माना के अंतर्गत शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर रिसोर्ट/होटल बनाए जाने के संबंध में किन-किन के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराए गए हैं? (ख) थाना माना के अंतर्गत किन-किन के रिसोर्ट/होटल वनभूमि से कितने-कितने मीटर की दूरी पर किस-किस खसरा नंबर की कितनी-कितनी भूमि पर बनाए गए हैं? उक्त भूमि के मूल भू-स्वामी कौन तथा किस वर्ग से थे? (ग) उक्त रिसोर्ट/होटल मालिकों में से किन-किन के द्वारा लैंड यूज परिवर्तन कराया गया है? क्या इसकी अनुमति राजस्व विभाग द्वारा दी गई है? यदि नहीं, तो उनके विरूद्ध क्या क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
छात्र छात्राओं को समय पर डिग्री प्राप्त न होना
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
87. ( क्र. 6519 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में वर्ष 2015-16 जनवरी के छात्र-छात्राओं की उत्तीर्ण मार्कशीट/माईग्रेशन/प्रोवीजनल डिग्री फरवरी 2016 में अनुमोदन के पश्चात् प्रिंट नहीं कराई जा सकी है एवं विश्वविद्यालय में लगभग 65000 डिग्री तैयार रखी हैं किंतु कंटेनर/लिफाफे एक साल से नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को डिग्री नहीं मिल पा रही है और न ही कन्टेनर/लिफाफे का टेण्डर हुआ है? (ख) यदि हाँ तो उक्त संबंध में शासन को अनेक गंभीर शिकायतें रजिस्ट्रार के विरूद्ध प्राप्त होने के बाद भी कार्यवाही नहीं किये जाने के क्या कारण हैं और कब तक छात्र-छात्राओं को उक्त डिग्री उपलब्ध करा दी जायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी हाँ। आज दिनांक तक उल्लेखित समस्त प्रमाण-पत्र प्रेषित किये जा चुके है। लगभग 23000 उपाधियाँ बनकर तैयार थी जिन्हें आज दिनांक तक प्रेषित किया जा चुका है। (ख) जाँच प्रक्रिया प्रचलन में है। जाँच निष्कर्ष के उपरांत ही गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। आज दिनांक तक लंबित उपाधिया प्रेषित की जा चुकी है।
उज्जैन जिले में पर्सनल लोन संबंधी
[राजस्व]
88. ( क्र. 6540 ) श्री रमेश पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में साहूकारी का लाइसेंस प्राप्त कर या विभिन्न अनुमतियां लेकर कितने लोग पर्सनल लोन देने का कार्य कर रहे हैं? नाम, लाइसेंस, अनुमति कापी सहित विधानसभावार देवें। (ख) यह भी बतावे कि इन्होंने विगत 01 वर्ष में चैक से कितने लोगों को फाइनेंस किये? लोन देने वाले, लोन लेने वाले का नाम, चैक नंबर सहित विधानसभावार देवें। (ग) यह भी बतावें कि इन फाइनेंसरों द्वारा कितनी राशि के लोन वर्तमान में लोगों को दिए गए है? लोन देने वाले, लोन लेने वाले के नाम, राशि सहित बतावें। उज्जैन जिले की विधानसभावार बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मजरे टोलों को राजस्व गावों में शामिल बाबत्
[राजस्व]
89. ( क्र. 6572 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन द्वारा मजरे टोलों को राजस्व ग्राम में सम्मिलित हेतु क्या नियम निर्धारित हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में ऐसे कितने मजरे, टोले है जिनकी जनसंख्या के आधार पर उन्हें राजस्व ग्राम का दर्जा दिये जाने की पात्रता है, की जानकारी दी जावें व इन मजरे टोलों को कब तक शासन द्वारा राजस्व ग्रामों में सम्मिलित किया जा सकेगा, जिससे उन्हें शासन द्वारा देय योजनाओं का लाभ मिल सके।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) म.प्र. भू.रा.संहिता 1959 की धारा 59 एवं धारा 73 में बन्दोबस्त अधिकारी को ग्रामों को सम्मिलित करने या विभाजित करने की शक्ति दी गई है, जिसका पालन करते हुये मजरा टोलों को पृथक राजस्व ग्राम बनाया जाता है। बन्दोबस्त अवधि में बन्दोबस्त अधिकारी की उक्त शक्तियां कलेक्टर को प्राप्त है। आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर द्वारा जून 2012 में जारी निर्देशों के अनुसार मजरा टोलों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन के लिये निर्धारित मापदण्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना की तहसील अम्बाह के 03 मजरे (जालोनी, पीपरीपुरा, शिकारीपुरा) तथा तहसील मुरैना का 01 मजरा (महेवा का पुरा) को प्रश्नांश ’क’ में संलग्न परिशिष्ट अनुसार। मापदण्ड की पूर्ति की जाने पर तहसीलदार से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर राजस्व ग्राम घोषित किया जा चुका है एवं तहसील मुरैना के मजरा तिघरा का पुरा को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मजरे टोलों को राजस्व ग्राम में परिवर्तन किये जाने हेतु जनसंख्या के अलावा प्रश्नांश ’क’ में संलग्न परिशिष्ट अनुसार अन्य आवश्यक मापदण्डों की पूर्ति की जाना आवश्यक है।
भू-अर्जन व रोजगार बावत
[राजस्व]
90. ( क्र. 6578 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अतंर्गत हिन्दुस्तान एम.बी. पावर जैतहरी के लिए 15 जनवरी 2017 तक भू-अर्जन से अर्जित भूमि का खसरा नम्बर रकबा व मुआवजा भुगतान राशि का पूर्ण विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) से प्रभावित व अर्जित भूमि स्वामी व उसके कितने एवं किन-किन परिजन को रोजगार प्रदत्त किया? क्या कर्मचारी को पूर्ण वेतन भुगतान किया जाता है? (ग) क्या शासन की नीति व इकरारनामा अनुसार रोजगार व पुनर्वास नीति का अक्षरश: पालन किया गया है? यदि हाँ तो 15 जनवरी 2017 की स्थिति में कलेक्टर के प्रतिवेदन सहित जानकारी देवें। (घ) क्या कंपनी ने शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा में कोई कार्य किया है? यदि हाँ तो पूर्ण विवरण देते हुए स्पष्ट करें कि संचालित विद्यालय प्रारंभ करने का दिनांक व कक्षावार छात्रों से निर्धारित फीस तथा अब तक कक्षावार तथा वर्ष अनुसार फीस वृद्धि की स्पष्ट जानकारी देते हुए बताएं कि शासन की नीति के विरूद्ध प्रति छात्र से शिक्षा शुल्क वृद्धि कब-कब की गयी है? (ड.) कंपनी ने भू-अर्जन से प्रभावित कितने कृषकों को अभी तक रोजगार उपलब्ध नहीं कराया है तथा रोजगार एवं पुनर्वास के लिए हुए इकरारनामा की प्रति उपलब्ध कराएं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवगठित आगर जिले में जिला कार्यालयों के सेटअप
[राजस्व]
91. ( क्र. 6586 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित आगर जिले में किन-किन जिला कार्यालयों के सेटअप स्वीकृत होकर कार्य प्रारम्भ हो चुके हैं? विवरण देवें। (ख) आगर जिले में कौन-कौन से जिला कार्यालयों के सेटअप स्वीकृत होने शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत सेटअप के तहत स्वीकृत पदों पर पद पूर्ति कब तक होगी? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जिला कार्यालयों के सेटअप कब तक स्वीकृत होंगे? क्या प्रशासकीय कार्य सुविधा एवं सुदृढ़ता हेतु शीघ्र लंबित स्वीकृतियां जारी करने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या व कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नवगठित जिला आगर मालवा में 48 विभागों के सेटअप स्वीकृत हो गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार। (ख) आगर मालवा में 7 विभागों के सेटअप स्वीकृत होना शेष है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एम.पी.ए.के.वी.एन. लिमिटेड को आवंटित भूमि पर अतिक्रमण हटाने विषयक
[राजस्व]
92. ( क्र. 6650 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बगदून तह. धार की भूमि सर्वे क्रमांक 282/1 पर 12000 वर्गफिट भूमि और उससे लगी हुई भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिये याचिका क्रमांक 458/2016 संजय सिंह पुत्र बृजराज सिंह निवासी लेबड़ द्वारा उच्च न्यायालय में दायर की गई है? यदि हाँ तो उस याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय इंदौर ने क्या आदेश पारित किया गया हैं एवं क्या उस आदेश के निर्देशों का पालन किया गया हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) संजय सिंह द्वारा न्यायालय आदेश के पालन में दिनांक 16.12.2016 को ज्ञापन प्रस्तुत कर ए.के.यू.एन. इन्दौर को आवंटन भूमि पर अवैध एवं अनाधिकृत अतिक्रमण को हटाने को दिया गया था? (ग) यदि हाँ तो शासन की भूमि पर न्यायालय के आदेशों उपरांत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रारंभ की गई हैं? यदि नहीं, तो कब तक प्रारंभ की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय मार्ग पर अतिक्रमण
[राजस्व]
93. ( क्र. 6656 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिलांतर्गत विधानसभा क्षेत्र परासिया के ग्राम कुंडाली पटवारी हल्का नं. 25 खसरा नं. 158, 168, 187 में लगभग कई वर्षों से जो सड़क है वह कच्चा मार्ग के रूप में शासकीय अभिलेख में दर्ज है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) सड़कों पर दबंगों द्वारा अतिक्रमण कर खेती का कार्य करने संबंधी कोई शिकायत ग्रामीणों द्वारा प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो अतिक्रमण कब तक हटा दिया जायेगा और पूर्व में भी उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त सड़क पर अतिक्रमण कर किन-किन दबंगों के द्वारा कृषि कार्य किया गया है? नाम एवं पता सहित जानकारी देवें? क्या शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी? यदि हाँ तो समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ अतिक्रमण हटाया जाना संभव नहीं है क्योकि अतिक्रमणकर्ताओं की निजी भूमि में जो रास्ता बना है वह लभभग 40-50 वर्ष पूर्व से बना है जिससे ग्रामवासी कृषकों का आना जाना हो रहा है। यदि शासकीय रास्ता खुलवाया जाता है तो शासकीय रास्ता का मुख्य मार्ग से कोई लिंक नहीं है क्योंकि शासकीय रास्ते के दक्षिण दिशा में रास्ता के सामने तालाब बना हुआ है। दूसरी ओर उत्तर दिशा में अतिक्रमणकर्ता की निजी भूमि है। शासकीय रास्ता से लिंक करने के लिए अतिक्रमणकर्ता की भूमि अधिग्रहण करना होगा। अत: शासकीय रास्ता खुलवाया जाना संभव नहीं है बल्कि निजी भूमि पूर्व में बने प्रचलित रास्ते एवं शासकीय रास्ते की भूमि का अदला-बदली का प्रकरण तैयार किया जा रहा है। मौके का नक्शा संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) ब्रजलाल पिता चौखे जाति कतिया गनेश पिता चोबु जाति कतिया सादेराम पिता मोरकु सरवन पिता अन्ना बेनी सिंह पिता फूलसिंह हरीराम पिता मोखू सभी निवासी ग्राम कुण्डालीकला के कृषकों द्वारा अतिक्रमण कर कृषि कार्य किया गया हे। कब्जा हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था। कब्जा हटाया जाना व्यावहारिक नहीं है। अपितु निजी भूमि एवं निजी भूमि में बने रास्ते एवं शासकीय रास्ते की भूमि का अदला-बदली का प्रकरण तैयार कर अग्रिम निराकरण किया जा रहा है।
पुनर्वास नीति 2002 का पालन कराये जाना
[राजस्व]
94. ( क्र. 6705 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले के तहसील सरई के अंतर्गत ग्राम निगरी में स्थापित जे.पी. पावर प्लांट द्वारा परिवारों को विस्थापित किया गया है? यदि हाँ तो कितने परिवारों को नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या आर.एण्ड आर. विस्थापित कालोनी को मेनरोड से 5 कि.मी. गोपद नदी के किनारे बसाहट किया गया है? जहां पर पुर्नवास नीति 2002 का पालन नहीं किया गया जिसमें समस्त सुविधायें होना चाहिए जैसे स्कूल, अस्तपताल, आंगनवाड़ी भवन, राशन की दुकान, खेल मैदान, शमशान घाट, हाट बाजार, सार्वजनिक शौचालय व मेनरोड से विस्थापित कालोनी तक आर.सी.सी. रोड जैसे सुविधायें नहीं दी गई हैं? (ग) प्रश्नांश 'ख' यदि हाँ तो उपरोक्तानुसार वर्णित सुविधायें उक्त कालोनीवासियों को कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? (घ) क्या विस्थापितों को जो प्लांट दिये गये है उन परिवारों को उसका मालिकाना हक (रजिस्ट्री) नहीं दिया गया है? उक्त जमीन का मालिक आज भी जे.पी. पॉवर प्लांट प्रबंधन है? क्या नियमानुसार इनको साल में एक बार लाभांश राशि दी जाती है? यदि नहीं, तो क्यों क्या प्रबंधन के विरूद्ध उक्त सुविधायें नहीं देने पर कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। विस्थापित परिवारों की नाम सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) यह सही नहीं है कि विस्थापित कालोनी को मेन रोड से 5 कि.मी. दूरी पर गोपद नदी के किनारे बसाहट किया गया है बल्कि कालोनी का निर्माण 2.6 कि.मी. की दूरी पर किया गया है कालोनी गोपद नदी से 500 मी. दूर है। पुर्नवास नीति 2002 के तहत स्कूल खेल मैदान शमशानघाट व मेन रोड से विस्थापित कालोनी तक डब्ल्यू.बी.एम. जैसे रोड सुविधाएं दी गई है। राशन दुकान भवन आंगनवाड़ी भवन निर्मित है किन्तु शासन द्वारा अभी स्वीकृत नहीं होने से संचालित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार। (घ) जी नहीं बल्कि कम्पनी द्वारा उन्हें आराजी नं. 190/6 व 190/7 में प्लाट का आवंटन किया गया है। जमीन का मालिकाना हक राजस्व अभिलेख खसरे के कालम नं. 3 में जय प्रकाश पावर वेन्चर्स लिमि. के नाम दर्ज है। आदर्श पुनर्वास नीति 2002 में लाभांश राशि दिए जाने का प्रावधान नहीं होने से लाभांश नहीं दिया जा रहा है।
प्राकृतिक प्रकोप के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
95. ( क्र. 6713 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राकृतिक प्रकोप से मकान क्षति, जनहित, पशु हानि, अग्नि दुर्घटना सर्पदंश पानी में डूबने तथा आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु तथा घायल होने से आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि के भुगतान के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश हैं? प्रति देवें। (ख) विगत 03 वर्षों में सिवनी जिले में उक्त श्रेणी के कितने प्रकरण लंबित हैं? तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) क्या शासन द्वारा राशि आवंटित न करने के कारण उक्त प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ तो शासन द्वारा राशि क्यों आवंटित नहीं की गई? (घ) उक्त जिले को कितनी राशि की आवश्यकता है तथा शासन द्वारा कब तक राशि आवंटित कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्राकृतिक प्रकोप से मकान क्षति, जनहानि, पशु हानि, अग्नि दुर्घटना, सर्पदंश, पानी में डूबने तथा आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु तथा घायल होने पर आर.बी.सी 6 (4) के तहत अनुदान सहायता प्रदाय की जाती है। आर.बी.सी. 6 (4) के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जी नहीं। कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
गौ शालाओं के संबंध में
[पशुपालन]
96. ( क्र. 6732 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में शासन से अनुदान प्राप्त कितनी गौ शालायें संचालित है उनकी विस्तृत जानकारी दी जावे. (ख) प्रश्न 'क' की गौशालाओं को 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितना अनुदान मिला जानकारी दी जावे. (ग) वर्तमान में उन गौ शालाओं में कितनी गाये हैं? (घ) क्या 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक उन गौशालाओं का भौतिक सत्यापन हुआ? यदि हाँ तो भौतिक सत्यापन की प्रति दी जावे साथ ही अनुदान देने संबंधी शासन के निर्देश भी उपलब्ध कराये जावे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) दतिया जिले में 5 पंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रतिवेदन तैयार नहीं किया जाता है शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है।
उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
97. ( क्र. 6774 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में सहकारी मार्केटिंग सोसायटी द्वारा कितनी उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है, दुकान का नाम संचालनकर्ता का नाम पता मोबाईल नम्बर सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उचित मूल्य की दुकान को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कितनी एवं क्या-क्या सामग्री आवंटित की गई है? आवंटित खाद्यान्न में से कितनी सामग्री वितरित की गई? प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना स्टॉक शेष है, जानकारी वर्षवार उपलब्ध कराई जावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
सिंगाजी ताप परियोजना में ग्रीन बेल्ट का विकास
[पर्यावरण]
98. ( क्र. 6784 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है? यदि हाँ तो ताप विद्युत गृह के आसपास एवं कॉलोनी क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट जैसे - लॉन, शोभकारी पौधे, हेज आदि विकसित करने हेतु कोई कार्य विकसित क्यों नहीं किया गया है? (ख) संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना, अमरकंटक ताप परियोजना व सतपुड़ा परियोजना में जिस मापदण्ड अनुसार ग्रीन बेल्ट विकसित किये गए है उसी तरह सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में ग्रीन बेल्ट लॉन, हैज एवं शोभाकारी पौधे विकसित करने का कार्य नगण्य होने का क्या कारण है? (ग) पर्यावरण सुधार एवं संरक्षण के लिए विभाग द्वारा म.प्र. प्रदूषण मण्डल के माध्यम से म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी को ग्रीन बेल्ट विकसित करने हेतु एवं सतत निगरानी करने हेतु निर्देश कब तक जारी करेंगे?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड द्वारा संस्था को जारी जल एवं वायु सम्मति पत्रों में सघन वृक्षारोपण की शर्त रखी गई है। संस्था द्वारा वर्तमान स्थिति में 1,12,900 पौधों का रोपण किया गया है। बोर्ड द्वारा ग्रीन बेल्ट जैसे लॉन, शोभाकारी पौधे, हेज आदि विकसित करने हेतु पृथक से शर्त निर्धारित नहीं है। (ख) संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना, अमरकंटक ताप परियोजना एवं सतपुड़ा विद्युत परियोजना क्रमशः वर्ष 1993, 1977 एवं 1967 से संचालित होने से वृक्षारोपण एवं लॉन इत्यादि विकसित किये जा चुके हैं, जबकि सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना वर्ष 2014 से संचालित है एवं अन्य विकास कार्य प्रगति पर हैं। परियोजना द्वारा कालोनी परिसर में 07 उद्यान विकसित किये गये हैं जिसका क्षेत्रफल लगभग 34,500 वर्गमीटर है साथ ही कालोनी स्थित कर्मचारी कल्याण केन्द्र, अधिकारी कल्याण केन्द्र एवं अतिथि गृह परिसर में भी लगभग 3,700 वर्गमीटर में उद्यान विकसित किया गया है, इन उद्यानों में 4,000 वर्गफीट लॉन, 800 शोभाकारी पौधे तथा हेज लगाई गई है। (ग) उत्तरांश ‘‘क‘‘ एवं ‘‘ख‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नागदा में वायु प्रदूषण के संबंध
[पर्यावरण]
99. ( क्र. 6787 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा का वायु प्रदूषण नियंत्रण व रोकथाम कानून 1981 के तहत प्रत्येक सप्ताह में 2 बार वर्ष में 104 बार वायु मण्डल में सल्फरडाई आक्साईड की निगरानी डाटा प्रदूषण विभाग के पास उपलब्ध है की नहीं? यदि है तो 1 जनवरी 2014 से 14 फरवरी 2017 तक वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। यदि डाटा उपलब्ध नहीं है तो क्यों? (ख) क्या वर्ष 2016-17 में सल्फरडाई आक्साईड व नाईट्रोजनडाई आक्साईड की मात्रा तय मापदण्डों से ज्यादा पाई गई है? यदि हाँ तो विवरण दें व उद्योगों के विरूद्ध 1981 के प्रावधानों के अन्तर्गत क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) वायु प्रदूषण किस इन्स्ट्रुमेंट से लिए जा रहे है एवं नागदा नगर में कहाँ-कहाँ पर स्थापित है? क्या यह वर्ष 2014 से ही खराब पड़े है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मापन रेस्पायरेबल डस्ट एवं पी.एम. 2.5 उपकरण से किया जाता है। ये उपकरण नागदा नगर में केमीकल डिवीजन लेबर क्लब, ग्रेसिम कल्याण केन्द्र एवं ग्रेसिम गेस्ट हाऊस नं. 2 पर स्थापित होकर कार्यरत है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नागदा जिला उज्जैन क्षेत्र में औद्योगिक प्रदूषण की जाँच
[पर्यावरण]
100. ( क्र. 6788 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पर्यावरण मंत्री विभाग के अधिकारियों के साथ 2 फरवरी 2017 को नागदा में औद्योगिक प्रदूषण की जाँच हेतु गये थे यदि हाँ तो मंत्री के निर्देश पर किन-किन स्थानों पर प्रदूषण की जाँच की गई? किन-किन स्थानों पर क्या-क्या सेंपल लिए गए? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) लिए गए सेंपलों की जाँच रिपोर्ट में क्या-क्या पाया गया? जाँच रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध कराते हुए संपूर्ण विवरण दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। नागदा सहित ग्राम मेहतवास, टकरावदा, पारदी, दुर्गापुरा तथा परमार खेड़ी का निरीक्षण किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है।
भूमि पर स्थित भवन, दुकान पेड़, विद्यालय का नाम
[राजस्व]
101. ( क्र. 6866 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर में सुभाष मार्ग पर स्थित म.शि.उ.मा.वि. की भूमि खसरा नं. 146 को जो कि 10.149 हेक्टेयर है उसका नक्शा प्रस्तुत करें? (ख) उक्त खसरा नं. 146 की 10.149 हेक्टेयर भूमि पर कौन-कौन से भवन, दुकानें, विद्यालय, खेल मैदान है, सभी का नाम अलग-अलग प्रस्तुत करें साथ ही उन पर किस-किस का अधिकार है, उनके नाम बतावें। 31.10.16 की स्थिति में खसरा 146 की 10.149 हेक्टेयर भूमि पर जो निर्माण है वे कब-कब के हैं अगर इस भूमि पर कोई पेड़ भी है तो उनकी संख्या व प्रजाति बतावें। (ग) क्या इस खसरा की भूमि पर आय.डी.ए. और नगर निगम के भी कोई निर्माण हैं उन्हें किस प्रकार भूमि दी गई? अगर अतिक्रमण है तो वह किनके द्वारा और अतिक्रमणकर्ता के नाम बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सरकारी कार्यालय में अवकाश दिवस पर कार्य
[राजस्व]
102. ( क्र. 6963 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के सरकारी कार्यालय में कार्य दिवस के अलावा अवकाश दिवस में भी कर्मचारी/अधिकारियों से मौखिक व लिखित रूप से आदेशित/निर्देशित कर कार्य लिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करते हुये दिनांक 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यालयों, विभागों में मौखिक व लिखित आदेश निर्देश जारी किये गये? प्रमाण उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिला प्रशासन मानती है कि जिले के कर्मचारियों की अस्वस्थता, वाहन दुर्घटनाएं एवं बढ़ते आत्महत्या के प्रकरण का मुख्य कारण परिवार के साथ समय न बिताना है? यदि हाँ, तो क्या जिले के कर्मचारियों के लिये अवकाश दिवस की कार्य अवधि बंद की जावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में अवकाश दिवस पर आयोजित बैठकों में अनुपस्थित पाये गये अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नांश (क) अवधि की जानकारी विभागवार देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदसौर में हुई फर्जी रजिस्ट्रियां के विरूद्ध कार्यवाही
[राजस्व]
103. ( क्र. 6977 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले वर्ष मंदसौर में हुई रजिस्ट्रियां फर्जी सिद्ध होने के बाद वहां के नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा शासन को की गई शिकायतों एवं विधानसभा प्रश्न संख्या 150 (क्रमांक 3545) दिनांक 29 जुलाई 2016 के आधार पर राजस्व विभाग के तरह ही वित्त विभाग भी दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा, यदि हाँ तो क्या व नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित प्रकरणों की पुनरावृत्ति न हो, इस हेतु वित्त विभाग कोई योजना बनाएगा? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम चूना भट्टी भोपाल के खसरा क्रमांक 70 के नाला बावत्
[राजस्व]
104. ( क्र. 7002 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम चूना भट्टी भोपाल के भू-अभिलेख के नक्शे में खसरा क्रमांक 96-91/2/1 की भूमि की चतुर्थसीमा में पूर्व दिशा में खसरा क्रमांक 70/1 का शासकीय नाला तथा उसके पश्चात खसरा क्रमांक 115/69/2/1 की भूमि, दक्षिण दिशा में खसरा क्रमांक 90-91/2/3/1/2/3/2 तथा खसरा क्रमांक 90-19/2/3/1/2/3/3 की त्रिकोणीय भूमि तथा पश्चिम दिशा में 90-91 के अन्य बटान की भूमियां स्थित होकर खसरा क्रमांक 70/2 के दक्षिण दिशा में खसरा क्रमांक 90-91/2/3/1/4 की भूमियां स्थित हैं? (ख) क्या विनियम (अदला-बदली) में प्राप्त ग्राम चूना भट्टी भोपाल स्थित शासकीय नाला खसरा क्रमांक 70/2 की 0.37 डेसीमल भूमि पर अमलतास फेस-II की कालोनी विकसित कर दानिश हाउसिंग सोसायटी भोपाल ने ''खसरा क्रमांक 70/2 के नाला'' का स्थान परिवर्तित किया हैं? (ग) क्या ''खसरा क्रमांक 70/2'' के स्थान का परिवर्तित प्रश्नाधीन नाला/ड्रेन वास्तव में ''खसरा क्रमांक 70/2'' की भूमि से दक्षिण दिशा की ओर लगी दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा गोविन्दपुरा एवं रामप्रसाद बगैरह निवासी ग्राम चूना भट्टी से क्रय खसरा क्रमांक 90-91/2/3/1/4 की भूमि में से प्रवाहित है? यदि हाँ तो क्या इसकी कनेक्टीविटी एवं निरंतरता तथा पानी का प्रवाह शासकीय नाला खसरा क्रमांक 70/1 से नहीं हो रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कलेक्टर कार्यालय भोपाल में समाधान व्यवस्था
[राजस्व]
105. ( क्र. 7026 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले के कलेक्टर कार्यालय में समाधान काउन्टर पर खसरे की नकल प्रदाय हेतु प्रति खसरा प्रति पृष्ठ दर निर्धारित की गई है? यदि हाँ तो प्रत्येक कार्य में लगने वाली दर की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समाधान व्यवस्था का कार्य क्या कोई निजी संस्था को दिया गया है? यदि हाँ तो कब और किस दर पर। इससे प्राप्त पिछले तीन वर्षों की आय किस मद में व्यय की जा रही है? मदवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत जिला भोपाल के समस्त एस.डी.एम. कार्यालय की नकल प्राप्त करने हेतु क्या व्यवस्था कलेक्टर कार्यालय नकल शाखा में की गई है? क्या इसमें नागरिकों को परेशानी हो रही है? यदि हाँ तो व्यवस्था में सुधार किया जायेगा तो कब तक और क्या?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
न्यायालय से स्थगन के बाबजूद नामांतरण करना व खसरा नंबर बदलना
[राजस्व]
106. ( क्र. 7027 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम परेवाखेड़ा प.ह.नं. 09 तहसील हुजूर जिला भोपाल के खसरा क्रमांक 305, 306, 307, 308, 309 एवं 310 के बंदोबस्त पूर्व खसरे के नम्बर क्या थे और राजस्व रिकार्ड में किसके नाम पर थे तथा खसरा नम्बर चेंज के उपरांत किस-किस व्यक्ति के नाम कब-कब आधार पर राजस्व रिकार्ड में भू-स्वामी दर्ज किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त भूमि के संबंध में उच्च न्यायालय के प्र.क्र. एस.ए. 212/03 के आदेश दिनांक 12.05.2003 द्वारा स्थगन आदेश था? यदि हाँ तो क्या उसमें म.प्र. शासन कलेक्टर भोपाल एवं तहसीलदार तहसील हुजूर जिला भोपाल भी पक्षकार होते हुए भी राजस्व रिकार्ड में अन्य कई लोगों के नाम पर भूमि करना नियम अनुसार है? यदि नहीं, तो नामांतरण निरस्त होगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत स्थगन की जानकारी होने के बाद भी नामांतरण स्वीकृत किया गया? यदि हाँ तो संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रोसेस सर्वर को नियमित किया जाना
[राजस्व]
107. ( क्र. 7069 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्रोसेस सर्वर को रखे जाने का किन नियमों में क्या प्रावधान है? शासन के इस संबंध में जारी निर्देशों को भी संलग्न करें। (ख) जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन प्रोसेस सर्वर को कहाँ-कहाँ पर किस आदेश के तहत नियुक्ति प्रदान की गयी? उक्त अवधि में कार्यरत प्रोसेस सर्वर कितने वर्षों से प्रोसेस सर्वर के पद पर अपनी सेवाएं देते चले आ रहे हैं? (ग) इन प्रोसेस सर्वर को शासकीय सेवा में नियमित पदों पर पदस्थ किये जाने के बारे में क्या शासन विचार कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन लंबे समय से प्रोसेस सर्वर के पद पर कार्य कर रहे व्यक्तियों को भृत्य के पद पर नियमित किये जाने हेतु कार्यवाही का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पटवारियों के रिक्त पदों की पूर्ति किया जाना
[राजस्व]
108. ( क्र. 7070 ) पं. रमेश दुबे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में पटवारियों के कुल कितने हल्के गठित किये गये हैं? कितने पटवारी किन-किन हल्कों में पदस्थ हैं? किन-किन हल्कों का अतिरिक्त प्रभार किन-किन पटवारियों के पास है? तहसीलवार, हल्कावार पटवारियों के मुख्यालयवार जानकारी दें? (ख) क्या छिन्दवाड़ा जिले में भारी संख्या में पटवारियों का पद रिक्त होने से उन पर कार्य का अधिक बोझ होने से किसानों के कार्यों के साथ-साथ शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे है? (ग) क्या शासन रिक्त पटवारी हल्कों में पदों की पूर्ति पर कोई विचार कर रहा है? यदि हाँ तो पटवारियों के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में कुल 319 पटवारी हल्के गठित है जिनके विरूद्ध 252 पटवारी पदस्थ है। 87 पटवारी हल्कों का अतिरिक्त प्रभार है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) रिक्त पटवारी पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
फर्जी पत्र पर कार्यवाही संबंधी
[राजस्व]
109. ( क्र. 7098 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पत्र क्रमांक एफ-5/78/2016/6-2/6021 दिनांक 24.08.2016 द्वारा सभी संभागीय आयुक्तों के सभी प्रकार के संलग्नीकरण समाप्त करने का निर्देश दिया गया है या जारी हुआ है? (ख) यदि हाँ तो (क) आदेश के परिपालन में संभागवार कितने संलग्नीकरण समाप्त किए गए है? (ग) यदि नहीं, तो क्या संभागायुक्त कार्यालय उज्जैन में इस फर्जी पत्र को प्रस्तुत करने के संबंध में दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध की गई जाँच में क्या पाया गया है? (घ) क्या जाँच प्रतिवेदन में दोषी पाए गए अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध की गई विभागीय कार्यवाही/आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अद्यतन प्रगति बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्री मु. वसीम खान, सहायक वर्ग-3 आयुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग का ज्ञाप क्रमांक एफ 5/78/2016/6-ए/6021 दिनांक 24/08/2016 कूटरचित पत्र तैयार कर कार्यालय की आवक शाखा लिपिक को दिनांक 30/08/2016 को अन्य निर्वाचन पत्रों के साथ प्रस्तुत किये जाने का दोषी पाया है। (घ) श्री मु. वसीम खान, सहायक वर्ग-3 आयुक्त कार्यालय उज्जैन को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के अंतर्गत दिनांक 01.11.2016 को निलंबित किया गया।
पुलिस थानों में दर्ज प्रकरणों का निराकरण
[गृह]
110. ( क्र. 7141 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के विधानसभा क्षेत्रवार समस्त पुलिस चौकियों व पुलिस कोतवालियों में विगत 02 वर्षों में समस्त प्रकार के कितने प्रकरण दर्ज हुये? जानकारी उपलब्ध करावें? निराकरण हेतु शेष रहे प्रकरणों की भी जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ पारिवारिक विवाद के प्रकरण कितने दर्ज हुये व कितनों का निराकरण कर वर्तमान में कितने शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 02 वर्षों में कितनी दो पहिया वाहन, ट्रक, डम्फर आदि पर चालानी कार्यवाही की गई व की गई कार्यवाही से विभाग को कितनी आय हुई? (घ) शासन द्वारा 100 डायल योजना के तहत जिले को कितने वाहन प्राप्त हुये हैं? क्या 100 डायल के चालकों से जिले में किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना हुई, यदि हाँ तो कब, कहाँ की जानकारी उपलब्ध करावे व वाहन चालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (घ) हरदा जिले में डायल 100 के कुल 08 वाहन डियूटीरत् है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. में नवीन ट्रेड की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
111. ( क्र. 7157 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने आई.टी.आई. संचालित हैं? इनमें कौन-कौन सी ट्रेड संचालित हैं एवं कितने पद स्वीकृत एवं कितने पद भरे हैं? (ख) म.प्र. में विगत 03 वर्षों में किन-किन आई.टी.आई. में नवीन ट्रेड प्रारम्भ किए गए है? कृपया जिलेवार विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ में उल्लेखित आई.टी.आई. में नवीन ट्रेड प्रारम्भ करने हेतु एवं पदपूर्ति हेतु कोई प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) का यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से तकनीकी शिक्षा के सुक्रियान्वयन हेतु स्व-प्रेरणा से रिक्त पदों की पूर्ति एवं आवश्यकता के आधार पर नवीन ट्रेड प्रारम्भ करने हेतु ठोस कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या व कब तक?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत एक शासकीय आई.टी.आई. तथा 03 प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। वर्तमान में माननीय न्यायालय में आरक्षण से संबंधित याचिका लंबित होने के कारण पदोन्नति के पदों को नहीं भरा जा सका है। वर्तमान में आई.टी.आई. सुसनेर अन्य शासकीय भवन में संचालित है। संस्था का स्वयं का भवन निर्माणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हेडपम्प स्थापना एवं सिंगल फेस मोटर के प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
112. ( क्र. 7158 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने 4 इंच, 8 इंच बोर किए गए इनमें से कितने सफल होकर हैडपम्प स्थापित किये गये? विकासखण्डवार सूची देवें? (ख) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में पेयजल संधारण हेतु किन-किन ग्राम पंचायतों को सिंगल फेस मोटर प्रदाय की गई? विकासखण्डवार सूची देवें? (ग) क्या वर्ष 2017-18 के लिए प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों का लक्ष्य निर्धारण किया जा चुका हैं? यदि हाँ तो कितना हैं? विकासखण्डवार विवरण देवे? क्या लक्ष्य वृद्धि का कोई अनुरोध प्राप्त हुआ है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, हैं तो क्या स्व-प्रेरणा से जलसंकट को देखते हुए लक्ष्य वृद्धि कर पेयजल संकट से निपटने की कार्ययोजना बनाई जावेगी? यदि हाँ तो क्या व इसके क्रियान्वन हेतु क्या प्रक्रिया तय की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 4 इंच के एक भी नहीं, 8 इंच व्यास के जिला आगर एवं शाजापुर में क्रमशः 34 एवं 83 नलकूप खनित किये गये हैं। 8 इंच व्यास के बोर पर हैण्डपंप स्थापना का कार्य नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) अप्रैल से जून 2017 की अवधि हेतु आगर एवं शाजापुर जिलों के लिए आंशिक पूर्ण बसाहटों में पेयजल व्यवस्था हेतु नलकूप खनन का अंतरिम लक्ष्य क्रमशः 65 तथा 125 निर्धारित किया है। लक्ष्य जिलेवार निर्धारित किये जाते हैं, विकासखण्डवार नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, आगामी ग्रीष्मकाल हेतु पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु योजना बनाई गई है जिसके अंतर्गत नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने के कार्य सम्मिलित हैं, आगामी ग्रीष्मकाल में जिन बसाहटों में पेयजल संकट उपस्थित होगा उनमें उपरोक्तानुसार कार्य आवश्यकता के आधार पर कराए जा सकेंगे।
कृत्रिम गर्भाधान की राशि वसूली
[पशुपालन]
113. ( क्र. 7164 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशुपालन विभाग द्वारा म.प्र. में कृत्रिम गर्भाधान हेतु किसानो के मवेशियों को गर्भाधान हेतु 30/-रूपये प्रति गर्भाधान की सब्सिडी दी जाती है। यदि हाँ तो क्या यह राशि गुना जिले में किसानों को नहीं दी जाती। (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित राशि विभाग के अलावा किसानों से भी 30/-रूपये गुना जिले में अलग से वसूल की जा रही है या म.प्र. के सभी किसानों से भी ली जाती है। (ग) क्या विभाग गुना जिले में किसानों से गर्भाधान की राशि वसूलने के बाद निगम द्वारा किसानों से किस नियम से और क्यों अवैध रूप से रुपये लिये जा रहे हैं? क्या विभाग सम्पूर्ण म.प्र. एवं गुना जिले में जाँच कर कार्यवाही करेगा। (घ) क्या प्रश्नांश ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ में वर्णित तथ्यों की जाँच कराकर विभाग संबंधितों पर कार्यवाही करेगा और किसानों से वसूली गई राशि वापिस करायेगा? यदि हाँ तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शासन के आदेशानुसार प्रदेश के शहरी नगरीय क्षेत्र तथा दुग्ध संघ के कार्यक्षेत्र में रुपये 30/-तीस, शेष अन्य क्षेत्रो में रुपये 25/- पच्चीस एवं गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी के पशुपालक¨ से रुपये 20/- बीस प्रति गर्भाधान शुल्क लिया जाता है। (ग) जी नहीं। प्रश्न ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मल्टीप्लेक्स टॉकिज एव मॉल में खाद्य पदार्थ में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
114. ( क्र. 7167 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर-उज्जैन संभाग के प्रदेश के विभिन्न मॉल एव मल्टीप्लेक्स में खाद्य पदार्थ पर अंकित मूल्य से अधिक दर पर बेचने की कितनी-कितनी शिकायतें विभाग को 1 जनवरी 2013 के पश्चात कहाँ-कहाँ प्राप्त हुई? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या इंदौर, उज्जैन संभाग के अधिकतर मल्टीप्लेक्स में पानी की बोतल पर अंकित मूल्य से दुगना मूल्य तक वसूला जा रहा है तथा दर्शकों को घर से खाद्य सामग्री एवं पानी नहीं ले जाने दिया जा रहा है? यदि "हाँ" तो किस नियम के तहत, जानकारी देवे? (ग) क्या प्रदेश में वेपर वाले खाद्य पदार्थ (चिप्स सेव, कुरकुरे एवं अन्य) बहुत कम सामग्री वाले बहुत ज्यादा मूल्य पर प्रदेश के बाजारों में बिक रहे हैं? कम्पनी द्वारा उपभोक्ताओं के शोषण रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास कब-कब किये गये, यदि नहीं, तो क्यों? वेपर युक्त खाद्य पदार्थों के रेट तय करने के नियम से अवगत करायें? (घ) प्रश्नांश (ख) संभाग के पेंकिग युक्त खाद्य पदार्थ बनाने की कितनी लघु उद्योग इकाई किस-किस स्थान पर कहाँ-कहाँ विभाग में रजिस्टर्ड होकर संचालित हैं, उनकी जाँच विभाग द्वारा कब-कब की गई? उनमें क्या-क्या कमियाँ पाई गयी, दिनांकवार 1 जनवरी 2014 के पश्चात की जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी
[श्रम]
115. ( क्र. 7179 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर सम्भाग के समस्त जिलों में सन 2006-07 से श्रम विभागीय कार्यालयों में कितने-कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर/डाटा एंट्री ऑपरेटर किस अधिकारी के आदेश पर कब-कब से पदस्थ रहे हैं तथा वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है? तिथिवार, पदवार विकासखण्डवार जिलेवार जानकारी देवें? (ख) क्या सचिव म.प्र. भवन व अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डर भोपाल द्वारा माह अगस्त 2016 से प्रदेश के समस्त कम्प्यूटर आपरेटरों का वेतन भुगतान देना बंद कर दिया जाकर उनकी सेवाएं आउटसोर्स एजेंसी (ठेकेदारी प्रथा) के माध्यम से दी गई हैं? यदि हाँ तो शासन के किस आदेश एवं किस श्रम नियमों के तहत ऐसा किया गया? यदि नियम विरूद्ध ऐसा किया गया है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध श्रमायुक्त द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) प्रश्नाक (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त समस्त आपरेटरों को आउटसोर्स एजेंसी से हटाकर पूर्ववत् स्थापित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों तथा उनके लिए श्रम विभाग के क्या निर्देश होंगे? (घ) विभिन्न श्रम कार्यालयों में 10 वर्षों से कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों के श्रम विभाग के नियमों के अनुसार वे क्या-क्या लाभ/सुविधाएं पाने की पात्रता रखते हैं नियमितीकरण की कार्यवाही क्यों नहीं कि जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के आदेश दिनांक 11.07.2006, 26.10.2006 द्वारा मंडल की योजनाओं के विकेन्द्रीकरण एवं निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के कार्य की अधिकता को दृष्टिगत रखते हुए समस्त श्रम विभागीय मैदानी कार्यालयों में कार्य के अनुपात में आउटसोर्स कर कम्प्यूटर ऑपरेटर/डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की सेवाएं ली जाने हेतु निर्देशित किया गया था। तद्नुसार जबलपुर संभाग के समस्त जिलों के श्रम विभागीय अधिकारियों द्वारा कम्प्यूटर ऑपरेटर/डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की सेवाये आउटसोर्स पर ली गई। जबलपुर संभाग के समस्त जिलों में वर्ष 2006-07 से श्रम विभागीय कार्यालयों में कार्यरत आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। सचिव म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के द्वारा किसी भी कम्प्यूटर आपरेटरों को वेतन दिया जाना बंद नहीं किया गया है। मंडल द्वारा लिए गये निर्णय के परिपालन में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से कम्प्यूटर आपरेटरों की सेवा ली जा रही है। आउटसोर्स आपरेटरों के पारिश्रमिक का भुगतान आउटसोर्स एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी आउटसोर्स कम्प्यूटर आपरेटरों द्वारा दायर याचिका में दिये गये निर्णय में मंडल के निर्णय को सही मान कर याचिका को निरस्त कर दिया गया है। अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही किया जाना शेष नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों के वेतन नियमन
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
116. ( क्र. 7231 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2006 को एवं उक्त दिनांक के पश्चात सीधी भर्ती से नियुक्त कर्मचारियों के वेतन परीक्षण में परिलक्षित हुई वेतन विसंगति को समाप्त करने हेतु म.प्र. शासन, वित्त विभाग द्वारा परिपत्र क्रमांक एफ-8/2009/नियम/चार भोपाल दिनांक 20 अगस्त 2009 को निर्देश प्रसारित किये गये थे, जिसके परिपालन में कौशल विकास संचालनालय, म.प्र. के पत्र क्रमांक कौविसं/स्थाप/2017/477 जबलपुर दिनांक 24.01.2017 द्वारा समस्त संयुक्त संचालक, क्षेत्रीय कार्यालय, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, म.प्र. को संबंधित कर्मचारियों के वेतन नियमन करने हेतु निर्देशित किया गया था, किन्तु संयुक्त संचालक, जबलपुर संभाग, जबलपुर द्वारा आज दिनांक प्राचार्य/अधीक्षक (समस्त) आई.टी.आई. को संचालक के पत्र के पालनार्थ निर्देशित नहीं किया गया है। आज दिनांक तक उक्तानुसार कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संचालक, कौशल विकास संचालनालय, म.प्र. के पत्रानुसार कर्मचारियों को कितने दिवस में वेतन नियमन कर ऐरियर्स सहित वेतन भुगतान किया जा सकेगा? (ग) क्या विभाग द्वारा संचालक, कौशल विकास संचालनालय, म.प्र. के पत्र के पालन में हुये विलंब का उत्तरदायित्व निर्धारित कर लापरवाही करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध चेतावनी/कारण बताओं सूचना पत्र/ दण्डात्मक कार्यवाही आदि की जावेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) निर्देशित किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) समयावधि बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी नहीं।
गौसेवकों की नियुक्ति
[पशुपालन]
117. ( क्र. 7232 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संपूर्ण मध्यप्रदेश में पशु चिकित्सा विभागों में कितने गौसेवक कार्यरत हैं? प्रत्येक विधानसभावार गौसेवकों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या पशु संचालनालय के माध्यम से पशुओं का प्राथमिक उपचार करने के लिये गौसेवकों को पशु चिकित्सालयों से 6 माह का गौसेवक प्रशिक्षण एवं 4 माह का कृत्रिम गर्भाधान का प्रशिक्षण कुल 10 माह का प्रशिक्षण देकर गौसेवक बनाया गया था? (ग) अगर हाँ तो गौसेवकों द्वारा पशुओं का प्राथमिक उपचार करने पर उन्हें विभाग द्वारा मानदेय या वेतन क्यों प्रदान नहीं किया जा रहा है? क्या कारण है? (घ) ऐसे कार्यरत गौसेवकों को विभाग द्वारा कब तक संविदा या स्थाई नियुक्ति प्रदान कर दी जावेगी? गौसेवकों को नियुक्ति प्रदान करने की शासन की क्या योजना है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) मध्यप्रदेश में पशु चिकित्सा विभाग में गौसेवक कार्यरत नहीं हैं। अपितु निजी कार्यकर्ता के रूप में 13283 गौसेवक कार्य कर रहे है जिनकी विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार (ख) जी हाँ। (ग) गौसेवक योजना के प्रावधान अनुसार यह एक स्व-रोजगारोन्मुखी योजना है। प्राथमिक पशु उपचार के प्रशिक्षण उपरांत गौसेवकों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाते है जिसके पश्चात् गौसेवक अपने क्षेत्र में पशुओं का प्राथमिक उपचार कर स्वेच्छा सेवा शुल्क पशुपालकों से प्राप्त करते है। इस तरह वो अपना स्व-रोजगार स्थापित करते है। अतः योजना के स्व-रोजगारोन्मुखी होने के कारण पशु पालन विभाग द्वारा गौसेवकों को मानदेय एवं वेतन देने का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) योजना स्व-रोजगारोन्मुखी होने के कारण गौसेवकों को पशु पालन विभाग द्वारा संविदा या स्थाई नियुक्ति दिया जाना प्रावधानित नहीं है अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मजरे-टालों को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
118. ( क्र. 7244 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा किन-किन मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु कब-कब कलेक्टर जिला राजगढ़ को पत्र लिखे गये तथा उन पत्रों के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया है तथा किन-किन मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु क्या कार्यवाही किन कारणों से कब से लंबित है तथा कब तक शेष मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा? (ग) क्या शासन द्वारा मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने संबंधी कार्यवाही हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ तो क्या उपरोक्तानुसार मजरे-टोलों को निर्धारित समय-सीमा में राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्नकर्ता द्वारा निम्न मजरा टोलों को कलेक्टर को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु पत्र लिख गया। 1. नांगनटोडी दिनांक 30.07.2014, 2. शेखपुरा 30.07.2014, 3. कोटरा 30.07.2014, 4. नारायणपुरा 30.07.2014, 5. खेजडखो 30.07.2014, 6. जामुनका पुरा 30.07.2014, 7. हथियाखो 30.07.2014, 8. लोधाका पुरा 30.07.2014, 9. राजपुखेडा 30.07.2014, 10. पुरा 31.12.2015, 11. गोल्यापुरा 31.12.2015, निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप पात्र पाये गये मजरा लोधाका पुरा, मजरा शेखपुरा, कोटरा को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया है। (ख) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में 1. शेखपुरा 2. कोटरा 3. लोधाका पुरा मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया है तथा शेष मजरे टोलों को मापदण्ड के अन्तर्गत नहीं आने से राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध किये गये डायवर्सन निरस्त करना
[राजस्व]
119. ( क्र. 7245 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा एवं नरसिंहगढ़ में एक जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक डायवर्सन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये? आवेदकों के नाम सहित दिनांकवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पंजीबद्ध प्रकरणों में से कितने प्रकरणों का निराकरण कब-कब किया गया तथा कितने प्रकरणों में निराकरण किन कारणों से कब से लंबित है? क्या ब्यावरा शहर के निकट मोहनीपुरा ग्राम अंतर्गत विराट नगर नामक कॉलोनी जो कि पूर्णत: अजनार नदी के डूब क्षेत्र में आता है, के सर्वे नंबर 449/1/2, 450/1, 451/2, 474/1, 474/2, 475/2, 475/3, कुल रकबा 1.013 हेक्टेयर का डायवर्सन श्री सौरभ गुप्ता पिता ललिताप्रसाद गुप्ता निवासी ग्वालियर हाल मुकाम ब्यावरा के पक्ष में प्रकरण क्रमांक 174 अ-2/2015-16 आदेश दिनांक 05.08.2016 से किया गया है? यदि हाँ तो क्या उक्त कॉलोनी में उपभोक्ताओं को अंधकार में रखकर प्लाट विक्रय किये गये हैं? यदि हाँ तो क्रेताओं के नाम, पते सहित बतावें? क्या उक्त भूमि का डायवर्सन करने में निर्धारित मापदण्डों व नियमों का उल्लंघन हुआ है? यदि हाँ तो क्या शासन उक्त डायवर्सन को निरस्त कर दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्या और कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राकृतिक आपदाओं में आर्थिक सहायता
[राजस्व]
120. ( क्र. 7248 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्पदंश, आसमानी बिजली, करंट आदि दुर्घटनाओं व प्राकृतिक आपदाओं में मृत्यु हो जाने, घायल होने और सड़क दुर्घटनाओं आदि में पीड़ितों, उनके परिजनों को सहायता उपलब्ध कराने हेतु क्या नीति, नियम, निर्देश, प्रावधान प्रदेश शासन में लागू हैं? किस प्रकरण में कितनी राशि, किस अवधि में उपलब्ध कराने के प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित प्रकरणों के निराकरण हेतु क्या कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ तो किस प्रकरण के निराकरण की क्या समय-सीमा हैं? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नांश (क) वर्णित सहायता/मुआवजा के कितने प्रकरण छ: माह से अधिक अवधि से लंबित हैं? प्रकरण के निराकरण हेतु अब तक क्या कार्यवाही की गई? निराकरण न हो पाने के क्या कारण हैं? (घ) लंबे समय से लंबित प्रकरणों का निराकरण न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई हैं? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) आर.बी.सी. 6-4 के अंतर्गत सर्पदंश, आसमानी बिजली एवं प्राकृतिक आपदाओं में मृत्यु होने पर पीड़ितों के वारिस को राशि रू 4,00,000/-चार लाख आसमानी बिजली गिरने से शारीरिक अंग हानि में 40 से 60 प्रतिशत विकलांगता होने पर रू 59,100/- एवं 60 प्रतिशत से अधिक होने पर रू. 2,00,000/- दो लाख आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र. एफ 20-01/2012/1/4, दिनांक 16-07-2014 के अनुसार सड़क दुर्घटना में मृतक के परिजनों को अधिकतम राशि रू. 15000/- एवं घायल को राशि रू. 7500/- तात्कालिक आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। आर.बी.सी. 6-4 में निहित प्रावधानों के अनुसार प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता राशि लोकसेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के अनुसार समय-सीमा 30 दिवस निर्धारित है। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत प्रश्नांश "क" में वर्णित सहायता के कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) प्रश्नांश "ग" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण
[राजस्व]
121. ( क्र. 7250 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में राजस्व प्रकरणों को पंजीबद्ध करने और उनके निराकरण हेतु क्या नीति, प्रक्रिया, नियम व निर्देश प्रचलित हैं? किस-किस प्रकार के प्रकरणों में निराकरण हेतु समय-सीमा निर्धारित है? (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में सिवनी जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक भू-राजस्व संहिता के अधीन कुल कितने आवेदन-पत्र प्रस्तुत किये गये? इन आवेदनों में प्रकरण किस दिनांक को आरंभ किया गया और किस तिथि को प्रकरण का निराकरण किया गया? (ग) क्या प्रकरण के प्रारंभ की तिथि दर्ज न की जाकर निराकरण के समय तिथि फर्जी रूप से अंकित की जाकर समय-सीमा में निराकरण होना दिखाया जाता है? क्या इस मामले में सिवनी जिले में जाँच कराई जा कर दोषी पीठासीन अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजस्व प्रकरणों के पंजीयन एवं निवर्तन के लिये म.प्र. भू-राजस्व संहित 1959 में उल्लेखित प्रावधानों तथा मध्यप्रदेश राजस्व पुस्तक परिपत्र भाग-दो क्रमांक-1 में वर्णित नियम एवं प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही की जाती है। निर्धारित समय-सीमा में अविवादित नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के प्रकरणों में कार्यवाही की जाती है। (ख) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक भू-राजस्व संहिता के तहत जिले के राजस्व न्यायालयों में 138124 आवेदन प्राप्त किये गये है। उक्त प्राप्त आवेदनों में तत्समय प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है और आवेदकों तथा संबंधित पक्षों को सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर प्रदाय कर गुण-दोषों के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। निराकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार (ग) विभाग द्वारा आर.सी.एम.एस. योजनांतर्गत प्रकरणों के पंजीयन एवं निराकरण की प्रक्रिया जिले में लागू की गई है जिससे आवेदन पत्र प्रस्तुत होने पर नियमानुसार प्रकरण दर्ज कर लिये जाते है जिससे विलंब से प्रकरण दर्ज करने की समस्या नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
122. ( क्र. 7254 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा बालाघाट जिले में विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन योजनाओं में प्राप्त राशि अनुसार किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक जिले को योजनाओं में प्राप्त राशि से विधानसभावार प्रत्येक योजनावार कुल कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
123. ( क्र. 7255 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा बालाघाट में विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन योजनाओं में प्राप्त राशि अनुसार किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक जिले को योजनाओं में प्राप्त राशि से विधानसभावार प्रत्येक योजनावार कुल कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विद्यालयों/आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
124. ( क्र. 7256 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु वर्ष-2014-15 से शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु वर्षवार प्राप्त हुई एवं क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये थे? लक्ष्य अनुसार किन-किन विद्यालयों, आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता हेतु क्या-क्या कार्य, कितनी-कितनी लागत से कब-कब कराये गये एवं किन-किन विद्यालयों, आंगनवाड़ी केन्द्रों में किन कारणों से पेयजल की उपलब्धता अब तक नहीं हो पायी है? (ख) कटनी तहसील के ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल के क्या-क्या संसाधन उपलब्ध है एवं किन विद्यालयों, आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता नहीं है? विद्यालय/आंगनवाड़ी केन्द्रवार बतायें? (ग) प्रश्नांश ''ख'' जिन विद्यालयों/आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल के संसाधन उपलब्ध हैं? क्या वह सुचारू तौर पर कार्यरत है? यदि हाँ तो किस प्रकार? विद्यालय/आंगनवाड़ी केन्द्रवार ब्यौरा देंवे? यदि नहीं, तो सुधार के क्या कार्य कब तक किये जायेंगे और पेयजल विहीन विद्यालयों/आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता किस प्रकार एवं कब तक की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जी हाँ, स्थापित हैण्डपम्पों का सतत् संधारण विभाग द्वारा किया जाता है, विद्यालय/आंगनवाड़ी केन्द्र का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। स्थापित पेयजल के सभी संसाधन कार्यरत हैं। अतः प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। पेयजल विहीन विद्यालयों/आंगनवाड़ी केन्द्रों में लक्ष्य एवं उपलब्ध आवंटन अनुसार पेयजल व्यवस्था की जावेगी, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कटनी जिले में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के कार्य
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
125. ( क्र. 7257 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के कितने एवं कौन-कौन से शासकीय संस्थान कब से, कहाँ-कहाँ संचालित हैं? इन संस्थाओं में किन-किन विषयों/ पाठयक्रमों का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं? संस्थाओं में अधिकारियों/विषय विशेषज्ञों/कर्मचारियों के कितने एवं कौन-कौन पद निर्मित हैं एवं कौन-कौन पद कब से रिक्त है? संस्थावार बतायें? (ख) प्रश्नांश ''क'' शासन द्वारा इन संस्थाओं को विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि, किस मद में कब-कब प्रदाय की गई एवं क्या इन संस्थाओं का स्वयं का कोई फंड/खाता है? हाँ तो उसमें कितनी राशि वर्तमान में जमा है? उक्त राशि किस-किस प्रयोजन/व्यय हेतु किस प्रकार उपयोग/व्यय की जाती है? (ग) प्रश्नांश ''ख'' संस्थाओं द्वारा स्वयं के फंड/खाते एवं शासन द्वारा देय राशि से कितनी-कितनी लागत से क्या-क्या कार्य कब-कब कराये गये एवं क्या-क्या सामग्री कब-कब क्रय की गई? किये गये कार्यों के कार्यादेश, कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र एवं क्रय की गई सामग्रियों के कार्यादेश सत्यापन प्रमाण-पत्र किस नाम/पदनाम के अधिकारी द्वारा दिये गये? (घ) क्या स्थानीय उद्योगों से संबंधित पाठयक्रम संस्थाओं में प्रारंभ किये जाने की शासन की योजना है और प्रश्नकर्ता द्वारा भी इस संबंध में शासन/विभाग को लिखा गया है? यदि हाँ तो कटनी जिले में माइनिंग इकाइयों की बहुलता/उपलब्धता के चलते माइनिंग के पाठयक्रमों को किस प्रकार एवं कब तक प्रारंभ किया जायेगा?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) कटनी जिले में शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय, कटनी वर्ष 2010-2011 से संचालित है। महाविद्यालय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग एवं कम्प्यूटर साईस एण्ड इंजीनियरिंग के डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित है। कटनी जिले में 04 आई.टी.आई. क्रमश: कटनी, बहोरीबंद, विजयराघवगढ़ तथा बरही संचालित है। संचालित पाठयक्रमों के जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जी हाँ। संस्था का जनभागीदारी का खाता संधारित है। इस खाते में कुल राशि रूपये 124 लाख उपलब्ध है। केन्द्र सरकार की ''पीपीपी मोड के तहत शासकीय आई.टी.आई. का उन्नयन'' योजना के तहत राशि रूपये 2.5 करोड़ के मान से ब्याज रहित ऋण संस्था की इन्स्टीट्यूट मैनेजिंग कमेटी का प्राप्त हुआ है। व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 एवं 6 अनुसार है। (घ) जी हाँ। सिविल एवं इलेक्ट्रिकल संकाय प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निविदाओं में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
126. ( क्र. 7268 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समर्थन मूल्य पर गेहूँ क्रय पश्चात परिवहन किये जाने एवं पी.डी.एस. सामग्री परिवहन हेतु वर्ष २०१६ में कब-कब, किन-किन शर्तों पर निविदाएं निकाली गई तथा निकाली गई निविदाओं की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की निविदाओं में कब-कब, किन-किन शर्तों में किसके आदेश से संशोधन किया गया? आदेशों की प्रतियां उपलब्ध कराते हुये कारण बताएं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में परिवहन निविदाएं निरस्त की गई हैं? यदि हाँ तो क्यों? क्या ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने के लिए पुन: निविदाएं निरस्त कर ठेकेदारों को लाभकारी शर्तानुसार पुन: निविदाएं निकाली गई है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य संपूर्ण निविदाओं को निकालने, शर्त जोड़ने, घटाने निविदा निरस्त करने में जो अनियमितताएं हुईं उनकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भोपाल के डिप्टी कमिश्नर श्रम के संबंध में
[श्रम]
127. ( क्र. 7269 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में डिप्टी कमिश्नर श्रम के पद पर कौन, कब से पदस्थ है? डिप्टी कमिश्नर के अतिरिक्त किन-किन पदों पर कब से पदस्थ हैं? पदवार अवधिवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के अधिकारियों को एक से अधिक पदों पर पदस्थ करने से उन पदों के कार्य प्रभावित होने को दृष्टिगत रखते हुये मूल पद को छोड़कर अतिरिक्त पदों से कब मुक्त किया जावेगा? जिससे शासन का कार्य प्रभावित न हो? (ग) प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नांश (क), (ख) के अधिकारी को उनके अतिरिक्त प्रभारों से मुक्त न कर और भी पदों पर अतिरिक्त प्रभार दिये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? (घ) यदि हाँ तो उक्त अधिकारी कि विगत ३ वर्षों से जिन पदों पर पदस्थ है उनकी पदस्थापना अवधि में कब किसके द्वारा शिकायत की गई शिकायतवार कार्यवाही वार जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भोपाल में डिप्टी कमिश्नर, श्रम के पद पर श्री एस.एस. दीक्षित, दिनांक 1.7.2015 से पदस्थ हैं। उक्त के अतिरिक्त श्री दीक्षित निम्नांकित पदों पर पदस्थ है। उनके पदवार एवं अवधि की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
पदभार |
पदस्थीकरण दिनांक |
अवधि |
1 |
सचिव, म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, भोपाल |
21.7.2014 |
02 वर्ष, 7 माह लगभग |
2 |
कल्याण आयुक्त, म.प्र. श्रम कल्याण मंडल, भोपाल |
22.10.2014 |
2 वर्ष, 4 माह लगभग |
3 |
सचिव, म.प्र. शहरी असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल तथा म.प्र. ग्रामीण असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल, भोपाल |
18.8.2015 |
01 वर्ष, 6 माह लगभग |
(ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध कब्जा हटाने बाबत्
[राजस्व]
128. ( क्र. 7271 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के आराजी नं. ३१७ में निर्मित मकान १६/३९४ तथा १६/३९६ मौजा उर्रहट तहसील हुजूर जिला रीवा का अधिकार व आधिपत्य विगत २००४ से प्रश्न दिनांक तक किसके नाम से दर्ज है वर्षवार खसरे की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त मकान व भूमि को अवैधानिक तरीके से क्या श्री देवदत्त शर्मा ने अपने नाम से दर्ज करा लिया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त प्रकरण के संदर्भ में क्या कोई न्यायालयीन प्रकरण प्रचलित है? यदि हाँ तो प्रचलित प्रकरण की प्रति देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या उक्त आराजी एवं मकान का मालिकाना हक २००४ से दर्ज नाम के व्यक्ति को दे दिया जावेगा तथा अवैध तरीके से श्री देवदत्त शर्मा व त्रिभुवन प्रसाद का नाम हटाकर उनके विरूद्ध कानूनी दण्डात्मक कार्यवाही कर एफ.आई.आर. दर्ज करायेंगे? यदि हाँ तो कब तक समय-सीमा बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मौजा उर्रहट तहसील हुजूर जिला रीवा की भूमि खसरा नं. 317 रकबा 0.024 हे. राजस्व अभिलेख/खसरे में वर्ष 2004-05 से 2015-16 तक जनार्दन प्रसाद पिता रामखेलावन ब्रा. पता सा. कोलगढ के नाम दर्ज है। वर्ष 2016-17 के राजस्व अभिलेख में आराजी नं. 317/1 रकबा 0.012 हे. उमेश कुमार पिता जनार्दन प्रसाद मिश्रा पता सा. कोलगढ एवं आराजी नं. 317/2 रकबा 0.012 हे. मनीष कुमार पिता जर्नादन प्रसाद मिश्रा पता सा. कोलगढ के नाम दर्ज अभिलेख है। (ख) जी नहीं। (ग) भूमि खसरा नं. 317 मौजा उर्रहट के संबंध में कोई न्यायालयीन प्रकरण लंबित है या नहीं। बिना पक्षकारों/न्यायालय (राजस्व/सिविल) प्रकरण क्रमांक की जानकारी के प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ’ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेतन विसंगति बाबत्
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
129. ( क्र. 7272 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तकनीकी शिक्षा विभाग के पत्र क्रं/प्रशा./३/बी/९४/१५३३ भोपाल दिनांक २६.१०.९४ के अनुसार क्या ग्रंथपाल लिपिक एवं सहायक ग्रंथपाल दोनो के वेतन (११५०-१८००) एक समान थे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या दोनों पद समान पद तथा समान कार्य की श्रेणी में आते हैं तथा समान पद समान कार्य समान वेतनमान की व्यवस्था लागू की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में ब्रहमस्वरूप समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिनांक १.४.२००६ से इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में कार्यरत ग्रंथपाल लिपिकों एवं सहायक ग्रंथपाल के वेतन में अंतर स्थापित कर सहायक ग्रंथपाल का वेतन ३५००-५२०० के स्थान पर ४५००-७००० किया गया है जबकि ग्रंथपाल लिपि का वेतन ३५००-५२०० ही रहने दिया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में यह विसंगतियां क्यों, क्या इस वेतन विसंगति को खत्म कर समान वेतन कर दिया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) ब्रहमस्वरूप समिति की अनुशंसा पर कार्यवाही की गयी है। इस वेतन विसंगति नहीं माना जा सकता। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रीवा जिले के तालाबों की जानकारी
[राजस्व]
130. ( क्र. 7273 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के खतौनी बंदोबस्त अनुसार कितने शासकीय तालाब दर्ज हैं? तहसीलवार, ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने शासकीय तालाबों में अतिक्रमण है तथा उक्त तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिये अब तक क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक अतिक्रमण मुक्त करवा दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कितने शासकीय तालाबों का निजी पट्टा बना दिया गया है तथा जिन तालाबों के निजी पट्टे हुए है उन्हें कब तक निरस्त किया जावेगा? (घ) क्या तहसील मनगवां में स्थित मलकपुर तालाब में अतिक्रमण है तथा जिले के उन सभी शासकीय तालाबों के निजी पट्टे बनाने वाले राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी तथा मलकपुर तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराकर सुधार एवं सौंदर्यीकरण कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
131. ( क्र. 7275 ) सुश्री मंजू राजेंद्र दादु : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के जिले (बुरहानपुर) में प्रश्न दिनांक से पिछले 03 वर्षों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कितने कार्य स्वीकृत हुये हैं वर्षवार, कार्यवार लागत सहित विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुये हैं तथा इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) विलंब से चल रहे कार्यों हेतु की गई कार्यवाही का विवरण देवें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 458 कार्य स्वीकृत हुए, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी कार्य पूर्ण। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश-‘ख‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैतूल जिले में सामूहिक नल-जल योजनाएँ
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
132. ( क्र. 7286 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा गढ़ा जलाशय से सामूहिक पेयजल योजना की कोई घोषणा की गई है? (ख) यदि हाँ तो योजना कब से क्रियान्वित कर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा तथा कितने ग्रामों को शामिल किया जाएगा? समय-सीमा बताएं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) योजनान्तर्गत 106 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है। निश्चित तिथि नहीं बताई जा सकती।
बैतूल जिले में दुग्ध संघ का गठन
[पशुपालन]
133. ( क्र. 7287 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल हरदा एवं होशंगाबाद जिले को मिलाकर बैतूल में दुग्ध संघ बनाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो दुग्ध संघ का गठन अभी तक नहीं किए जाने के क्या कारण हैं? कब तक गठन कर दिया जाएगा? (ग) यदि नहीं, तो सरकार छोटे-छोटे दुग्ध संघ बनाने पर विचार क्यों नहीं कर रही है?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) सर्व प्रथम मौजूदा दुग्ध संघों को सुदृढ़ करने व तदोपरांत नवीन दुग्ध संघ गठन पर विचार किए जाने का निर्णय लिये जाने के परिप्रेक्ष्य में समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार।
श्रम कार्डधारियों को योजनाओं का लाभ
[श्रम]
134. ( क्र. 7289 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत विकासखंड राजनगर, छतरपुर और बिजावर में कितने श्रम कार्डधारी हैं? नगर एवं ग्रामपंचायतवार, संख्यात्मक जानकारी प्रदाय करें. (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विगत एक वर्ष में श्रम कार्डधारियों को कौन-कौन सी योजनाओं से लाभान्वित किया गया? क्या-क्या प्रदाय किया गया. (ग) विगत एक वर्ष में ऐसे कितने कार्डधारी हैं जिन्होंने शासन की योजनाओं से लाभ लेने हेतु आवेदन किया, किंतु उन्हें लाभ नहीं मिला? क्या कारण थे कि उन्हें शासन की योजना का लाभ नहीं मिल सका.
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र बिजावर की विकासखण्ड राजनगर, छतरपुर और बिजावर में कुल 14053 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है। विकासखण्डवार जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्रं नगर परिषद्/जनपद पंचायत का नाम नगर परिषद् जनपद पंचायत
1 राजनगर 104 8529
2 छतरपुर 1150 2436
3 बिजावर 84 1750
योग- 1338 12715
नगर एवं
ग्रामपंचायतवार
संख्यात्मक जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
(ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में म.प्र. भवन
एवं अन्य
संनिर्माण
कर्मकार कल्याण
मंडल के
अंतर्गत
विधानसभा
क्षेत्र बिजावर
में विगत एक
वर्ष में
पंजीकृत
निर्माण श्रमिकों
को निम्न
योजनांतर्गत
लाभांन्वित
कर हितलाभ
प्रदाय किया
गया हैः-
1. हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी के स्वयं के विवाह हेतु सहायता योजना।
2. मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि सहायता एवं अनुग्रह भुगतान योजना।
3. सायकल अनुदान योजना।
4. औजार/उपकरण खरीदी हेतु अनुदान योजना।
(ग) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की योजनांतर्गत विगत एक वर्ष में 25 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों से हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी के स्वयं के विवाह हेतु सहायता योजना के अंतर्गत आवेदन प्राप्त हुए, किन्तु वर/वधु द्वारा निर्धारित आयु पूर्ण नहीं करना तथा हितग्राही की बहन के विवाह हेतु आवेदन प्राप्त होने पर सहायता राशि वितरित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं होने से योजना का लाभ नहीं मिल सका।
नौगाँव इंजीनियरिंग में स्टॉफ की पदस्थी
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
135. ( क्र. 7290 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंजीनियरिंग कॉलेज नौगाँव में कितने छात्र किन–किन ब्रांच में अध्यनरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इन छात्रों को पढ़ाने हेतु कितने प्राध्यापक कार्यरत हैं? उनके नाम और विषय क्या है। (ग) नौगाँव इंजीनियरिंग कॉलेज में क्या प्राध्यापकों एवं अन्य स्टॉफ की कमी है? यदि हाँ तो किस विषय और क्षेत्र के कर्मचारियों की कमी है? इनकी पद पूर्ति कब तक की जा सकती है? (घ) नवनिर्मित इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण और अन्य उपकरण हेतु बजट की कोई कमी तो नहीं है? यदि हाँ तो सरकार इस हेतु राशि उपलब्ध करायेगी?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) सिविल इंजी.-251, मैकेनिकल इंजी.-247 कुल छात्र संख्या-498 (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। सिविल एवं मैकेनिकल विभाग के प्राध्यापक एवं तृतीय श्रेणी लिपिकि एवं अलिपिकीय संवर्ग के पद रिक्त है। पदों की पूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान में राशन आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
136. ( क्र. 7303 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर की शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर उपभोक्ता सामग्री के अलावा अन्य योजना का खाद्यान्न गेहूँ एवं चावल दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो क्या शासन द्वारा अन्य योजना पर कमीशन देने का प्रावधान रखा गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ तो क्या छतरपुर की शासकीय उचित मूल्य की दुकान को दिनांक 01.04.2010 से प्रश्न दिनांक तक कमीशन दिया गया है या नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) उचित मूल्य दुकान से मध्यान्ह भोजन योजना एवं पूरक पोषणाहार योजना के वितरित खाद्यान्न पर दुकान संचालन करने वाली संस्था को कमीशन देने का प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कैरोसीन का आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
137. ( क्र. 7304 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा 01.06.16 से प्रश्न दिनांक तक किस अवधि में म.प्र. राज्य को कितना कैरोसीन आवंटित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या कैरोसीन का संपूर्ण आवंटन म.प्र. राज्य द्वारा समस्त जिलों का दिया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ तो आवंटन की सूची की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या म.प्र. राज्य के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उप संरक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा पूर्व में 5 ली. एवं बी.पी.एल. अन्य पात्रता श्रेणी पर 4 ली. कैरोसीन दिया जाता था? यदि हाँ तो क्यों ए.ए. वाई पर 4 ली. एवं बी.पी.एल. अन्य पात्रता श्रेणी पर 2 ली. कैरोसीन कर दिया गया है क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मध्यप्रदेश राज्य को प्राप्त आवंटन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। उचित मूल्य दुकानों पर उपभोक्ताओं को वितरण पश्चात शेष मात्रा के समायोजन करने के कारण सम्पूर्ण आवंटन जारी करने की आवश्यकता नहीं थी। (ग) जी हाँ। भारत सरकार से मध्यप्रदेश को जारी आवंटन में कमी किये जाने के कारण समय-समय पर अन्त्योदय परिवारों एवं प्राथमिकता परिवारों को केरोसीन के वितरण अनुपात में उपलब्धता अनुसार वृद्धि/कमी की गई है। भारत सरकार द्वारा जारी आवंटन एवं राज्य शासन द्वारा जारी आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
बड़नगर विधानसभा में थाने एवं चौकियों की संख्या
[गृह]
138. ( क्र. 7305 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने थाना एवं कितनी चौकिया हैं तथा उनमें कितने अधिकारी/ कर्मचारी कार्यरत हैं. (ख) शासन के नियमानुसार कितनी जनसंख्या वाले ग्राम पर या थाने से कितनी दूरी होने पर चौकियाँ स्थापित की जाती हैं? (ग) क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में एक भी चौकी नहीं है जबकि वर्तमान में यहाँ चौकियों की आवश्यकता है? क्या शासन बड़नगर विधानसभा में चौकियाँ प्रारंभ करने की कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) पुलिस चौकी स्थापित किये जाने का मापदण्ड निम्नानुसार है- (1) निकटतम थाने से चौकी की दूरी 8 से 10 कि.मी (2) चौकी में सम्मिलित ग्रामों की संख्या-10 से 15 ग्राम (3) चौकी क्षेत्र की जनसंख्या 7000 से 10,000 (4) चौकी का क्षेत्रफल 75 से 90 वर्ग कि.मी. (5) क्षेत्र में 5 वर्षों में घटित अपराध की संख्या 75 से 100 (ग) जी नहीं। क्षेत्र के ग्राम लौहाना में नवीन पुलिस चौकी खोलने का प्रस्ताव, निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं पाये जाने के कारण अमान्य किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थाने में स्टॉफ के लिये आवासीय व्यवस्था
[गृह]
139. ( क्र. 7306 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाने में स्टॉफ के लिये थानों में आवासीय व्यवस्था देने का क्या नियम है तथा इस संदर्भ में पिछले 3 साल के बजट में शासन द्वारा कितनी राशि कहाँ-कहाँ प्रदान की गई है? (ख) बड़नगर विधानसभा में 3 थानों के अंतर्गत कितने-कितने अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कितने आवासीय मकान वर्तमान में थाना परिसर के अंदर निर्मित हैं? क्या थाना परिसर में नवीन आवास के निर्माण के लिये पर्याप्त स्थान उपलब्ध हैं? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने वर्ष पूर्व आवासीय परिसरों के संदर्भ में व्यय किया गया था तथा पिछले 3 वर्षों से आवासीय व्यवस्था के संदर्भ में कितना व्यय किया गया?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मध्यप्रदेश पुलिस रेगुलेशन्स के नियम 292 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत आरक्षी केन्द्रों (Police station) के प्रभार के सभी निरीक्षकों के लिये और उप निरीक्षक के स्तर के और उनसे निम्न स्तर के सभी पुलिस अधिकारियों के लिये नि:शुल्क निवास गृह प्रदान किये जाते है तथा आवास-गृह का आवंटन पुलिस कर्मी को उनकी वरिष्ठता क्रम के आधार पर आवंटित किये जाते है। जो कर्मचारी किराये के मकान में निवास करते है उन्हें नियमानुसार मकान किराये का भुगतान किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जी नहीं। किसी प्रकार का व्यय नहीं किया गया।
सीमांकन के लंबित आवेदनों का निराकरण
[राजस्व]
140. ( क्र. 7307 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 2014-2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने प्रकरण सीमांकन के आवेदन हेतु प्रस्तुत हुए उनमें से कितने का सीमांकन किया गया? प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन शेष बचे हैं? (ख) समय पर सीमांकन किस कारण नहीं किया जा सका? टप्पा इंगोरिया व वृत्त क्र. 1 रूनिजा वृत्त क्रमाक 2 बलेड़ी तथा वृत्त क्रमांक 3 बड़नगर में कितने-कितने आवेदन सीमांकन हेतु प्राप्त हुए तथा कितने सीमांकन करने से शेष हैं? समय पर सीमांकन न होने का क्या कारण है तथा इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी। (ग) किन-किन अधिकारियों के द्वारा कितने-कितने सीमांकन के प्रकरण निपटायें गये उनके नाम एवं पद की जानकारी प्रदान करें। सीमांकन के जो कार्य अपूर्ण हैं वह कब तक पूर्ण हो जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल 1291 सीमांकन हेतु आवेदन पत्र प्राप्त हुए, उक्त में से 1225 सीमांकन राजस्व निरीक्षकों द्वारा किये जा चुके है। सीमांकन के 68 आवेदन शेष बचे है। (ख) तहसील बड़नगर में वर्ष 2014-15 से अभी तक वृतवार सीमांकन की स्थिति निम्नानुसार है :-
वृत |
प्राप्त आवेदन |
निराकृत आवेदन |
शेष आवेदन |
1- रूनिजा |
339 |
306 |
33 |
2-बलेडी |
422 |
418 |
4 |
3-बडनगर |
530 |
501 |
29 |
योग |
1291 |
1225 |
66 |
अधिकांश
पटवारियों
एवं राजस्व
निरीक्षक वृत-1 की
ड्यूटी
सिंहस्थ 2016 में
उज्जैन में
लगने से
सीमांकन
कार्य समय पर
नहीं हो पाए
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) श्री
बी.एल.कटारिया
राजस्व
निरीक्षक वृत-1
द्वारा 306, श्री
मनीराम आर्मो
राजस्व
निरीक्षक वृत-2
द्वारा 418, श्री
धर्मेन्द्र
सिंह पवार
प्रभारी
राजस्व
निरीक्षक वृत
-3
द्वारा 501 सीमांकन
निपटाए गये
है। वर्तमान
में फसल कटाई
चल रही है, फसल
काटाई पूर्ण
होने पर शेष
सीमांकन का
कार्य पूर्ण
किया जाएगा।
उज्जैन जिले में बाल श्रमिकों की जानकारी
[श्रम]
141. ( क्र. 7308 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 3 वर्षों में उज्जैन जिले में बाल श्रमिकों के संदर्भ में कितने प्रकरण बनाये गये? (ख) कितने प्रकरणों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, इनमें से कितने प्रकरणों में न्यायालय द्वारा सजा प्रदान की तथा कितने प्रकरणों में न्यायालय द्वारा दोष मुक्त किया गया? (ग) पिछले 3 वर्षों में कितने बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया?
खाद्य
मंत्री ( श्री
ओम प्रकाश
धुर्वे ) : (क) उज्जैन
जिले में वर्ष
2014
से फरवरी 2017 तक
बाल श्रमिक
अधिनियम, 1986 के
अंतगर्त 2
प्रकरण बाल
श्रमिक के
संबंध में
बनाये गये।
(ख) उज्जैन
जिले में वर्ष
2014
से फरवरी 2017 तक
बाल श्रमिक
अधिनियम, 1986 की धारा
3
के अंतगर्त 4
प्रकरण (पूर्व
वर्षों में
पाये गये बाल
श्रमिकों के
प्रकरण सहित)
न्यायालय में
दायर किये गये
थे। जिसमें से
1
प्रकरण में
न्यायालय
द्वारा
नियोजक
(झूलेलाल
बेकरी, उज्जैन) को
रूपये 20,000/- के
अर्थदण्ड से
दिनाँक 13/12/2014 को
दंडित किया
गया। शेष
प्रकरण
न्यायालय में
निरंतरित है। (ग)
उज्जैन जिले
के विगत 3 वर्षों में 3 बाल
श्रमिकों कों
मुक्त कराया
गया है। इन 3 बाल
श्रमिकों को
उनके पालकों
को सौंपा गया
है।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
142. ( क्र. 7311 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं, जिन्हें राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया गया है? ग्राम के नाम, पंचायत के नाम एवं ग्राम की जनसंख्या की जानकारी देवें। (ख) शासन की योजना के अनुसार एवं मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अभी तक वंचित ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित क्यों नहीं किया गया है? (ग) वंचित ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु शासन के द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) वंचित ग्रामों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा, जिससे कि ग्रामों को मूलभूत सुविधा प्रदान की जा सके?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मंदसौर जिले के सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के 06 मूल ग्रामों के 08 मजरा टोला पात्रता होने से पृथक राजस्व ग्राम घोषित किये गये है। अन्य ग्राम निर्धारित मापदण्ड के अन्तर्गत नहीं आने से जानकारी निरंक है। (ख) निर्धारित मापदण्ड अनुसार नहीं होने से पृथक राजस्व ग्राम घोषित नहीं किये गये है। (ग) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ’ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बसों के परिवहन हेतु परमिट
[परिवहन]
143. ( क्र. 7312 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में कितने मार्गों पर कौन-कौन सी बसों को परिवहन विभाग द्वारा परमिट दिया गया है तथा उनमें से कितनी बसे मार्गों पर प्रतिदिन चलाई जा रही हैं? (ख) विभाग द्वारा किन-किन बसों को कहाँ से कहाँ तक परिवहन हेतु परमिट दिया गया है? (ग) विभाग द्वारा बसों का परमिट जारी करने से पहले बस संचालकों को यात्रियों की सुविधा हेतु किन-किन नियमों की पूर्ति की जाती है? शर्तों एवं नियमों की जानकारी देवें। (घ) मन्दसौर जिले में वर्तमान में ऐसे कितने ग्राम हैं जहां से परिवहन हेतु कोई बस सुविधा उपलब्ध नहीं हैं तथा इन मार्गों पर परिवहन परमिट हेतु बस संचालकों के आवेदन देने के बाद भी विभाग द्वारा परमिट नहीं दिया जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। सभी बसें मार्गों पर प्रतिदिन संचालित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (घ) मन्दसौर जिले में ऐसे ग्राम जहां परिवहन हेतु कोई बस सेवा उपलब्ध नहीं है सम्बन्धी जानकारी कार्यालय में संधारित नहीं की जाती है। परमिट जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। आवेदनों का निराकरण प्राथमिकता से किया जाता है। परमिट हेतु कोई आवेदन कार्यालय स्तर पर लंबित नहीं है। इसमें यहां यह उल्लेखित किया जाना भी उचित होगा कि ऐसे मार्ग जिनका सूत्रीकरण है उन्हे ही परमिट जारी किये जाते हैं।
अन्त्योदय अन्न योजना के हितग्राहियों की संख्या परिवर्तन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
144. ( क्र. 7339 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने जिलों को तीन चरण में अन्त्योदय अन्न योजना के हितग्राहियों के लक्ष्य दिये है? यदि हाँ तो कटनी जिला एवं छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह जिलों के लक्ष्य क्या हैं? जिलेवार वर्ष २०१२-१३ से पृथक-पृथक बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) जिलों का लक्ष्य स्थिर होते हुये भी जिलों से सामग्रियों के दुकानवार आवंटन में कब, क्या बदलाव हुये हैं? जिलेवार बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सामग्रियों के दुकानवार आवंटन में किन कारणों से बदलाव हुआ है? कारण सहित जिलेवार विवरण दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वाहनों का सत्तापक्ष द्वारा भुगतान नहीं किया जाना
[परिवहन]
145. ( क्र. 7345 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के जंबूरी मैदान में दिनांक ४ दिसंबर २०१६, उज्जैन में दिनांक १० दिसंबर २०१६, नसरूल्लागंज में दिनांक १५ दिसंबर २०१६ तथा देवास में दिनांक २३ दिसंबर २०१६ को आयोजित किसान बोनस सम्मेलन में भीड़ को लाने ले जाने हेतु परिवहन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्रायवेट/ट्रेवलिंग वाहन उपलब्ध कराए गए थे? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों पर परिवहन अधिकारियों द्वारा कितनी-कितनी बसें व अन्य वाहन किस किस दर पर पंहुचाई गई थी तथा परिवहन अधिकारियों द्वारा उक्त सम्मेलन में लगाए गए वाहनों का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ तो किन-किन वाहनों का कितनी-कितनी राशि का कब-कब भुगतान किया गया? पावति सहित बतावें कि यदि भुगतान नहीं किया गया तो कब तक किया जावेगा और अभी तक भुगतान नहीं करने के क्या कारण हैं तथा इस विलंब के लिए कौन-कौन दोषी है और ऐसी लापरवाही करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शुगर फैक्ट्री की भूमि को अतिक्रमणमुक्त नहीं कराया जाना
[राजस्व]
146. ( क्र. 7346 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शुगर इण्डस्ट्रीज लिमिटेड सीहोर की भूमि सीलिंग अधिनियम के अंतर्गत घोषित शासकीय भूमि जो सेकडा खेडी मार्ग तथा भोपाल इंदौर राज्यमार्ग पर स्थित है पर शोरूम व बड़े-बड़े भवन/प्रतिष्ठान निर्मित हैं? यदि हाँ तो किन-किन लोगों के कितने-कितने वर्गफीट में निर्मित है, को अतिक्रमण मुक्त करने की प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या उक्त शुगर फैक्ट्री के मजदूरों द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भवनों को हटाकर भूमि को मूलरूप में लाने की मांग की जा रही है? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
[गृह]
147. ( क्र. 7356 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना क्या है? इस योजना अंतर्गत किस प्रकार किस-किस को कौन-कौन सी बीमारियों के इलाज की किन-किन अस्पतालों में कितनी राशि तक के इलाज की सुविधा प्राप्त है? क्या इस योजना का लाभ सेवानिवृत्ति के पश्चात प्राप्त किया जा सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वास्थ्य सुरक्षा योजना हेतु विभाग द्वारा संबंधित अधिकारी/ कर्मचारी के वेतन से की जा रही कटौती के संबंध में विवरण देवें एवं स्वास्थ्य सुरक्षा योजना धारी अधिकारी/कर्मचारी के परिवार के कौन-कौन से सदस्य इस योजना अंतर्गत आते हैं? क्या कर्मचारियों के आश्रित माता-पिता इस सुरक्षा योजना अंतर्गत लाभ लेने के पात्र है? क्या इस योजना अंतर्गत पेंशनधारी माता, पिता लाभ ले सकते है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं बतलावें? (ग) क्या कारण है कि सेवानिवृत्ति पश्चात जब स्वास्थ्य सुरक्षा की ज्यादा आवश्यकता होती है? तब सेवानिवृत्त कर्मचारी इस योजना के लाभ से वंचित हो जाते हैं? क्या शासन पेंशन राशि से कुछ अंश की कटौती कर या भविष्य निधि राशि से कुछ अंश एक मुश्त जमा कर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इस योजना से जोड़ेगा? उत्तर में यदि हाँ तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या शासन प्रश्नांश 'क' उल्लेखित योजना के उपयोग में लाने पर आने वाली परेशानियों एवं जटिल प्रक्रिया में समय की बचत हेतु इस योजना के और सरल करेगा ताकि इस योजना का लाभ बीमार व्यक्ति को तुरंत सरल तरीके से मिल सके? उत्तर में यदि हाँ तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) म.प्र. पुलिस के आरक्षक से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी/कर्मचारियों के बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन हेतु म.प्र. पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का प्रारम्भ किया गया है। वर्तमान में केवल गंभीर बीमारियों का उपचार मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालायों से योजना के अंतर्गत योजना के सदस्य तथा उनके परिवार पर संयुक्त रूप से एक वर्ष में रूपये 8.00 लाख तक के व्यय का प्रावधान किया गया है। जी नहीं। (ख) 50 रूपये प्रतिमाह की दर से कटौत्रा किया जा रहा है। पति-पत्नि एवं उस पर आश्रित 3 बच्चों को शामिल किया किया गया है। जी हाँ। ऐसे पेंशनधारी माता/पिता योजना का लाभ ले सकते है, जिनकी समस्त स्त्रोतो से वार्षिक आय निर्धारित सीमा के अधीन होगी। (ग) सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों, उनकी पत्नियों एवं अव्यस्क बच्चों को राज्य शासन के चिकित्सालयों में निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) योजना के संचालन में किसी प्रकार की कठिनाई अथवा सरलीकरण संबंधी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुम इंसानों के संबंध में
[गृह]
148. ( क्र. 7363 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा गुम इंसानों की प्राथमिकी थानों में दर्ज कराने का प्रावधान निश्चित किया है? यदि हाँ तो प्रक्रिया का ब्यौरा दें? गुम इंसानो की तलाश के लिए क्या प्रयास किए जाते हैं? (ख) महिला एवं बच्चों के गुम होने के आकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का कौन सा स्थान है? (ग) विगत 3 वर्ष के दौरान भोपाल संभाग में कुल कितने इंसानों की गुमशुदगी थानो में दर्ज की गई संभागवार वर्षवार ब्यौरा दें? क्या कुछ लोग वापस मिले यदि हाँ तो संभागवार वर्षवार, ब्यौरा दें? (घ) विगत 3 वर्ष के दौरान प्रश्नांश (ख) स्थानों में थानों में दर्ज गुम इंसानों में महिला और बच्चों की संख्या का ब्यौरा संभागवार वर्षवार दें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जी हाँ। गुम इंसानों की प्राथमिकी थानों में दर्ज करने के संबंध में म.प्र. पुलिस रेग्युलेशन के पैरा 419 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। यदि गुम इंसान अवयस्क है तो गुम इंसान कायमी के पश्चात् माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार तुरन्त संज्ञेय अपराध दर्ज कर विवेचना की जाती है। अव्यस्क गुम इंसानों की तलाश हेतु समय-समय पर विशेष अभियान जैसे आपरेशन मुस्कान, आपरेशन स्माइल चलाया जाकर दस्तयाबी के हर संभव प्रयास किये जाते है। गुम इंसान यदि वयस्क है तो दूरदर्शन प्रसारण, गजट प्रकाशन कराया जाकर अनुसंधान/जाँच की जाती है। (ख) राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो में राष्ट्रीय स्तर के आंकड़े उपलब्ध न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
डायवर्सन शुल्क निर्धारण के संबंध में
[राजस्व]
149. ( क्र. 7364 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कृषि भूमि को अन्य कार्यों में प्रयोजन हेतु भूमि का डायवर्सन किया जाता है? यदि हाँ तो कृषि भूमि का व्यवसायिक भवन एवं उद्योग स्थापना हेतु डायवर्सन शुल्क निर्धारण का क्या पैमाना है? (ख) क्या शासन द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्नांश (क) अनुसार भिन्न-भिन्न डायवर्सन शुल्क निर्धारित किया जाता है यदि हाँ तो शुल्क निर्धारण का पैमाना क्या है? (ग) इछावर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जताखेडा, खेखरी, सोंडा एवं अमलाहा की कृषि भूमि की डायवर्सन दर भवन, व्यवसायिक एवं उद्योग हेतु क्या निर्धारित है? ग्रामवार ब्यौरा दें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार वर्ष २००९ से २०१६ तक ग्रामवार डायवर्सन शुल्क दर का ब्यौरा वर्षवार दें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जौरा नगर पगारा डेम से पानी उपलब्ध कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
150. ( क्र. 7372 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मुरैना जिले के जौरा नगर में वर्तमान में पेयजल प्रदाय करने पगारा डेम में मैसर्स जे.आई.एफ. वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर नई दिल्ली द्वारा पाईप बिछाने का कार्य किया जा रहा है? कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है एवं संपूर्ण कार्य पर कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) क्या जौरा तहसील की ग्राम पंचायत बुरावली के मजरा रूध के पुरा पर किसानों के खेतो से पाईप लाईन बिछाई गई है? उसमें बिना किसानों की सहमति से यह कार्य किया गया है? किसानों के नाम उनके सर्वे नंबर सहित पूर्ण ७ फरवरी २०१७ की स्थिति में जानकारी दी जावे? (ग) क्या सुमावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम धमकन एवं अनेक मजरा टोलों की सड़क खोद कर बिछाई पाईप लाईन के बाद सड़क मार्ग की मरम्मत नहीं कराई है क्यों? उक्त मार्ग की मरम्मत कब तक कराई जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। 2 वर्ष है। रूपये 7766.08 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, पाईप लाईन से घरेलू नल कनेक्शन की कार्यवाही प्रगति पर है, कनेक्शन की कार्यवाही पूर्ण होने पर मरम्मत कार्य कराया जाएगा। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती।
किसानों की जंगली जानवरो द्वारा फसल नष्ट करने
[राजस्व]
151. ( क्र. 7373 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले की जौरा तहसील के ग्राम ताजपुर के किसानों द्वारा फरवरी २०१७ में तहसीलदार जौरा को जंगली जानवरों द्वारा उनकी फसल नष्ट करने का आवेदन दिया था? यदि हाँ तो उसका दिनांक, किसानों के नाम सहित जानकारी दी जावें? (ख) उक्त किसानों के सर्वे न. १३२, १८५, १८६, ११९, २१०, ३४, ३५, ३६ में नष्ट फसल के आंकलन हेतु कौन अधिकारी/कर्मचारी किस दिनांक को निरीक्षण करने गये एवं कब रिपोर्ट प्रस्तुत की गई? (ग) क्या विगत एक वर्ष में किसी अन्य में ग्रामों में जंगली जानवरों के फसल नष्ट करने की शिकायत जौरा तहसील से प्राप्त हुई है, तो जानकारी दी जावे? (घ) उक्त किसानों को फसल नष्ट की आर्थिक सहायता कब तक दी जा सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
केरोसीन व्यापारियों के लायसेंस निरस्त किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
152. ( क्र. 7374 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में म.प्र. केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश के तहत किन-किन अनुज्ञप्तिधारी फर्मों के लायसेंस निरस्त कर दिये गये फर्म का नाम एवं कारण बतायें? क्या म.प्र. केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश १९७९ की कण्डिका ४ (२) में अनुज्ञप्ति की अवधि समाप्त होने के ३० दिन पूर्व तथा अनुज्ञप्ति समाप्ति तिथि के १५ दिन पश्चात तक अनुज्ञप्ति नवीनीकरण आवेदन स्वीकार किये जाने का लेख है? (ख) यदि हाँ तो मेसर्स सीताराम सरजू प्रसाद एंड संस मण्डला की अनुज्ञप्ति क्रमांक ४६/डी/२००८ की वैधता दिनांक ३१.१२.२०१६ तक थी का अनुज्ञप्ति नवीनीकरण आवेदन दिनांक २३.१२.२०१६ को अनुज्ञापन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुतकर दिया गया था फिर क्यो लायसेंस निरस्त किया गया? (ग) डिण्डौरी जिले में चार अनुज्ञप्तिधारी केरोसीन व्यापारियों में से तीन केरोसीन व्यापारियों को लायसेंस निरस्त कर दिया गया आम जनता को केरोसीन आपूर्ति की क्या व्यवस्था की गई पूरा रूटचार्ट एवं प्लान बतायें? फरवरी माह का कोटा कितने किलो लीटर का और कितने किलो लीटर उठाव हुआ कितना लेप्स हुआ और क्यों? क्या म.प्र. केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश १९७९ में संग्रहण स्थल परिवर्तन करने पर अनुज्ञा की आवश्यकता है यदि हाँ तो कारोबार स्थल परिवर्तन करने पर अनुज्ञापन आदेश १७७९ का उल्लंघन कैसे हो सकता है? नियम विरूद्ध लायसेंस निरस्त करने के क्या कारण हैं? (घ) क्या शासन म.प्र. केरोसीन अनुज्ञापन आदेश १९७९ की शर्तों एवं अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम १९५५ के अधीन रहकर निषकलंक व्यवसाय करने वाली फर्म का लायसेंस रद्द करने वाले आदेश को निरस्त कर लायसेंस नवीनीकरण हेतु निर्देशित करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) प्रश्नांकित आदेश के तहत डिण्डौरी जिले में मेसर्स मण्डला पेट्रोलियम, मेसर्स एनआर ट्रेडर्स एवं मेसर्स सीताराम सरजू प्रसाद अग्रवाल एण्ड सन्स की अनुज्ञप्तियां निरस्त की गई हैं। निरस्ती के कारणों का उल्लेख कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश 1979 की कण्डिका 4 (2) में उल्लेख है कि 'अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण के लिए आवेदन-पत्र इस प्रकार दिया जायेगा कि वह अनुज्ञप्ति की अवधि समाप्त होने के तीस दिन पूर्व अनुज्ञापन प्राधिकारी के पास पहुंच जाये तथा किसी भी दशा में उस दिनांक के 15 दिन के बाद न पहुंचे।' (ख) प्रश्नांकित फर्म को 15.12.2016 तक आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए था। कंडिका 4 (2) के अनुसार अनुज्ञप्तिधारी को नवीनीकरण का आवेदन अनुज्ञप्ति की वैधता अवधि समाप्त होने के 30 दिन पूर्व अर्थात यदि वैधता अवधि 31.12.2016 तक है, तो उसे 01.12.2016 तक आवेदन करना चाहिए था अथवा किसी भी स्थिति में उस दिनांक के 15 दिन बाद अर्थात 16.12.2016 तक आवेदन करना था। प्रश्नांकित फर्म द्वारा मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 की कण्डिका 4 (2) के साथ-साथ अनुज्ञप्ति की शर्तों 2, 3, 4, 5, 7 एवं 10 का उल्लंघन करने के कारण सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त आदेश की कंडिका 8 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण से इन्कार किया गया है। (ग) जी हाँ, तीन अनुज्ञप्तिधारियों की अनुज्ञप्ति निरस्त करते हुए 1 अनुज्ञप्तिधारी से जिले में केरोसीन का वितरण कराया जा रहा है। माह फरवरी 2017 में डिण्डौरी जिले को आवंटित 708 के.एल. केरोसीन के विरूद्ध 660 के.एल. केरोसीन का उठाव हुआ है। 48 के.एल. केरोसीन का उठाव मांग ज्यादा न होने के कारण नहीं किया गया है। मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 की कण्डिका 4 (1) के अंतर्गत अनुज्ञप्ति अथवा नवीनीकरण के लिए विहित प्रारूप में आवेदन करना अपरिहार्य है। आवेदन के बिन्दु क्रमांक 6 एवं 7 में कारोबार स्थल एवं संग्रहण स्थल का पूरा पता देने का उल्लेख है। जाँच में उक्त पते को मिथ्या पाये जाने पर मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 की कंडिका 4 का उल्लंघन होता है। संग्रहण स्थल के परिवर्तन की सूचना भी 48 घंटे के भीतर अनुज्ञापन अधिकारी को देना और अपनी अनुज्ञप्ति में तदनुसार परिवर्तन करने हेतु अनुज्ञप्ति प्रस्तुत करना नियमानुसार आवश्यक है। सक्षम अधिकारी द्वारा मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 की विभिन्न कंडिकाओं (कंडिका 4 की उप कंडिका 2 एवं अनुज्ञप्ति की शर्त क्रमांक 2, 3, 4, 5, 7 एवं 10) के उल्लंघन के कारण ही अनुज्ञप्ति निरस्त की गई है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, अनुज्ञापन प्राधिकारी के आदेश से व्यथित व्यक्ति मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी अनुज्ञापन आदेश, 1979 की कंडिका 16 के अंतर्गत संभाग के आयुक्त या अपर आयुक्त को अपील कर सकता है।
आई.टी.आई. कौशल विकास के प्रशिक्षण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
153. ( क्र. 7375 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय कौशल विकास विभाग जबलपुर द्वारा वर्ष २०१५-१६ से प्रांरभ की गई कितनी नवीन आई.टी.आई. हैं, जिसमें प्राचार्य संस्था प्रमुख पदस्थ नहीं किये गये एवं जो बिना संस्था प्रमुख के संचालित हैं विभिन्न शासकीय आई.टी.आई. में संस्था प्रमुख के कितने पद रिक्त हैं वह कब तक भरे जावेंगे? (ख) क्या संचालनालय कौशल विकास का मुख्यालय जबलपुर में होने के बाद भी संचालनालय के कार्य से कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारियों ने शासकीय यात्राएं की है तथा उन पर अप्रैल २०१३ से दिसंबर २०१६ तक कितना यात्रा व्यय भुगतान किया गया है? प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पद एवं कितना यात्रा देयक की राशि भुगतान की गई तथा कितना भुगतान शेष है विवरण देवें? (ग) क्या संचालनालय कौशल विकास जबलपुर के अधीनस्थ कौन-कौन से संयुक्त संचालक एक ही संभाग में विगत ५ वर्षों से अधिक समय से पदस्थ हैं? उनका नाम पद एवं पद स्थापना का वर्ष, विवरण उपलब्ध करावें? (घ) क्या शासकीय आई.टी.आई. में तृतीय पारी का संचालन दोपहर २ से रात्री १० बजे तक किया जाता है अधिकांश आई.टी.आई. में नियमित प्रशिक्षण नहीं है तथा अधिकांश आई.टी.आई. रात्रि ८ बजे के पूर्व बंद हो जाती है? ऐसा क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) 26 नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ की गई, जिसमें नियमित प्राचार्य पदस्थ नहीं है। कुल 218 आई.टी.आई. में से 92 आई.टी.आई. में प्राचार्य के पद रिक्त है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संयुक्त संचालक क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर में श्री राजेश कुमाद दिवेदी 05 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ है। इन की पदस्थापना दिनांक 13.03.2003 है। (घ) जी नहीं। किसी भी पाली में प्रशिक्षण की अवधि 7.30 घटें प्रति दिवस निर्धारित है। तृतीय पाली में निर्धारित अवधि अनुसार प्रशिक्षण संचालित किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विकास को प्राप्त राशि एवं आवंटन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
154. ( क्र. 7383 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2014 से जनवरी 2017 तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जिला शिवपुरी को पेयजल समस्या के निराकरण हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि में से किन-किन विधानसभाओं में कितनी-कितनी राशि दी जाकर कितने हैंडपंप खनन किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से विगत 03 वर्ष में विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा में कितनी यूनिट (संख्या) हैंडपंप खनन किये गये, की जानकारी स्थान का नाम (सार्वजनिक या निजी) लागत राशि वर्ष, ठेकेदार का नाम व पता, पंजीयन क्रमांक आदि सहित दी जावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में लगाये गए/हैंडपंपों में से क्या सभी चालू होकर कार्य कर रहे हैं अथवा बंद हैं? बंद होने के क्या कारण हैं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रूपये 1070.07 लाख। (ख) राशि का आवंटन जिलेवार किया जाता है, विधानसभा क्षेत्रवार नहीं। विधानसभा क्षेत्रवार खनित नलकूपों पर स्थापित हैण्डपंपों की जानकारी इस प्रकार है- शिवपुरी 154, करैरा 373, पिछोर 223, पोहरी 417 एवं कोलारस 201 हैण्डपंप स्थापित किये गये, जिन पर कुल राशि 1060.19 लाख व्यय की गई। (ग) 373 नलकूप हैण्डपंप हेतु खनन किए गए, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। चालू है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित बस परिवहन अनुज्ञा पत्र
[परिवहन]
155. ( क्र. 7384 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा बसों के संचालन हेतु परमिट दिये जाने के क्या प्रावधान हैं व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या मार्गदर्शिका प्रचलन में हैं? (ख) शिवपुरी से झांसी वाया करैरा, शिवपुरी से दतिया वाया करैरा, करैरा से ग्वालियर मार्गों पर कितने वाहनों को अनुज्ञा पत्र किये गये हैं? बस मालिक का नाम, पता, अवधि, निर्धारित किराया आदि की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या सभी बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किये गये हैं? यदि हाँ तो जारी फिटनेस सर्टिफिकेट की प्रति उपलब्ध करावें व फिटनेस सर्टिफिकेट की क्या-क्या शर्तें शामिल हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित अनुज्ञापत्र में दर्शाई गई शर्तों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो अनुज्ञा पत्र की किन-किन शर्तों का उल्लघंन हो रहा है? उसकी जाँच प्रश्नकर्ता के समक्ष की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) मोटरयान अधिनियम-1988 के अध्याय 5 में बसों के संचालन हेतु परमिट दिए जाने का प्रावधान है। उक्त अधिनियम के परिप्रेक्ष्य में निर्मित मध्यप्रदेश मोटरयान नियम-1994 के अध्याय-5 परमिट संबंधी शर्ते विहित है। इन नियमों के अन्तर्गत अर्धन्यायिक प्रक्रिया से परमिट स्वीकृत किए जाते हैं। (ख) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। विभाग की अधिसूचना दिनांक 22-04-2015 के द्वारा सामान्य प्रक्रम वाहनों का किराया निर्धारित किया गया है। अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। फिटनेस वैध होने की स्थिति में ही परमिट जारी किए जाते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा-56 एवं मध्यप्रदेश मोटरयान नियम-1994 के नियम -48 में दिए गए प्रावधानानुसार फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किये जाते है। (घ) जी हाँ। पृथक से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं।
प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 71/वि.दि/कार्य निर्माण की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
156. ( क्र. 7387 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विषयांकित पत्र के द्वारा चाही गई जानकारी न भेजने के क्या कारण हैं अवगत कराते हुए जानकारी कब तक दे दी जायेगी? (ख) इस अनुशासनहीनता की कार्यवाही हेतु कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार होकर नाम, पद सहित जानकारी देते हुए उनके खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड, मुरैना के पत्र क्र. 486 दिनांक 4.3.17 से उपलब्ध करा दी गई है। (ख) उत्तरांश ‘क‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पात्रता पर्ची उपलब्ध न होने से देयक सामग्री से वंचित होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
157. ( क्र. 7388 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राहियों को देय सामग्री के वितरण हेतु क्या नीति नियम प्रचलन में है व देय सामग्री की क्या-क्या मात्रा, बिक्री दर है, की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या जनपद पंचायत अम्बाह व मुरैना जिला मुरैना में लगभग छ: माह पूर्व ही हितग्राहियों के बी.पी.एल. कार्ड का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो चुका है, परन्तु उन्हें प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक देयक सामग्री हेतु पात्रता पर्ची उपलब्ध नहीं कराई गई है? जिससे वह देयक सामग्री से वंचित है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) की समस्या को देखते हुए बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राहियों को पात्रता पर्ची कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राज्य शासन द्वारा प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत 115.37 लाख परिवारों को प्रदेश में लाभान्वित किया जा रहा है। भारत सरकार से राज्य को प्राप्त 2,89,336 मे.टन प्रतिमाह की आवंटन सीमा से अधिक मात्रा में खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण सितम्बर, 2016 से नवीन चिन्हांकित परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत शामिल नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
अप्रांरभ कार्य के क्रियान्वयन में बरती गई लापरवाही के विरूद्ध कार्यवाही
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
158. ( क्र. 7393 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 86 (प्रश्न क्रमांक 882) दिनांक 7 दिसम्बर, 2016 के प्रश्नांश (ग) में रीवा जिले के सहायक संचालक मत्स्योद्योग को प्राप्त राशि से अप्रारंभ जलमोहरा तालाब के समीप पेरीफेरल पोण्ड बनाने के कार्य के उत्तर (ग) में बताया गया है कि आंशिक उपलब्ध राशि एवं कार्य स्थल से संबंधित कृषकों द्वारा भूमि उपलब्ध कराये जाने में अवरोध उत्पन्न किये जाने के कारण कार्य प्रांरभ नहीं हो सका? अत: इसलिए कोई उत्तरदायी नहीं, कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जलमोहरा ताला में पेरीफेरल पोण्ड निर्माण के लिये कितनी राशि स्वीकृत थी? प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मत्स्योद्योग द्वारा आंशिक राशि क्यों प्रदान की गई? पूर्ण राशि क्यों नहीं दी गई? इसके लिये कौन दोषी है, दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों? की जावेगी तो कब तक? कार्य स्थल कृषकों के पट्टे की जमीन थी? यदि हाँ तो पट्टे की जमीन में कार्य स्थल क्यों चुना गया? यदि नहीं, तो शासन भूमि पर कार्य अवरोध के हटाने के लिये क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश राशि खाते में जमा रह गई तो अवरोध के कारण दूसरी जगह क्यों नहीं चुना गया? क्या पूर्ण राशि प्राप्त करने हेतु पत्र लिखा गया? यदि हाँ तो कब किसे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं लिखा गया? इस लापरवाही के लिये कौन दोषी है? उसके खिलाफ क्या कार्यवाही हुई नहीं हुई तो क्यों?की जावेगी तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जरमोहरा जलाशय के समीप पेरीफेरल पोण्ड निर्माण हेतु राशि रूपये 17.97 लाख स्वीकृत थी विभाग द्वारा आंशिक राशि उपलब्ध नहीं कराई गई बल्कि रूपये 16.3875 लाख राशि एक मुश्त माह जुलाई 2013 जल संसाधन विभाग को प्रदाय की गई थी, जो स्वीकृत राशि का 91.19 प्रतिशत थी इसमें विभाग दोषी नहीं है, कार्य स्थल पर कृषकों के पट्टे की जमीन नहीं है, बल्कि शासकीय भूमि है जो जल संसाधन विभाग के अधिपत्य में है जिसका प्रबंधन जल संसाधन विभाग द्वारा किया जाता है। भूमि का चयन जल संसाधन विभाग रीवा द्वारा उपयुक्त पाये जाने पर परस्पर सहमति से किया गया था। भूमि से अवरोध हटाने के लिये कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राकृतिक दुर्घटना में राहत राशि की स्वीकृति
[राजस्व]
159. ( क्र. 7394 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा परिवर्तित तारांकित प्रश्न संख्या 35 (क्रमांक 2786) उत्तर दिनांक 17.03.2016 में बताया गया था कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा आपदा राहत मद से दुघर्टना प्राकृतिक प्रकोप से शारीरिक क्षति/मृत्यु हो जाने से पीड़ितों के आश्रितों को राहत राशि प्रदान की जाती है तथा 17.03.2016 तक के दो वर्ष में 51 व्यक्तियों को 61 लाख रूपये की राहत राशि प्रदान की गई है? (ख) मऊगंज विधानसभा क्षेत्र में आग लगने की घटना से (मकान, दुकान, खलिहान) नाम, पूर्ण पता, स्वीकृत राशि का विवरण देवें? क्या संबंधितों को आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो आर्थिक सहायता की सूची विगत दो वर्षों की पूर्ण पता घटना स्थल का नाम एवं स्वीकृति राशि का विवरण पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में राहत राशि प्राप्त लोगों के मृतक का नाम, आश्रित का नाम, पूर्ण पता तथा प्रदान की गई राहत राशि का विवरण प्रकोप का प्रकार सहित पृथक-पृथक देवें? (घ) मऊगंज विधानसभा के निवासरत लोगों के प्राकृतिक मृत्यु/ दुर्घटना तथा आगजनी से (घर, मकान, खलिहान) वर्ष जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान की गयी प्रश्नांश (ग) अनुसार पृथक-पृथक विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रभारी प्राचार्य की अनियमितताओं की जाँच
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
160. ( क्र. 7408 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य के पद पर कौन पदस्थ है? पदस्थापना दिनांक के साथ बतावें कि क्या संबंधित को आहरण एवं संवितरण का भी दायित्व सौंपा गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रभारी प्राचार्य का स्थानान्तरण दिनांक 05 जनवरी 2005 को मध्यप्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षिण विभाग के आदेश क्रमांक 20/2003/42/1 के द्वारा किया गया था? आदेश में तत्काल प्रभार देकर पदांकित स्थान पर कार्यमुक्त होने के आदेश दिये गये थे? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रभारी प्राचार्य द्वारा भण्डार क्रय नियमों के विपरीत सामग्री अपने पदीय दुरूपयोग कर की गई छात्रवृत्ति में भी इनके द्वारा व्यापक अनियमितताएं की गई? मरम्मत के नाम पर राशि का गबन किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) के प्रभारी प्राचार्य को जो 20 वर्षों से एक ही पद एवं जगह में पदस्थ हैं हटाते हुए संबंधित के द्वारा प्रश्नांश (ग) अनुसार की गई अनियमितताओं की जाँच करायेगें? करायेंगे तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) श्री एस.पी. राजवाडे, प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ है। इनकी पदस्थापना का दिनांक 01.04.2014 है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) प्राप्त शिकायत जाँच अधीन है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' अनुसार।
खाद्य सुरक्षा पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
161. ( क्र. 7424 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत कोतमा विधानसभा क्षेत्र की किस पंचायत के कितने परिवारों को राशन की दुकान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ प्राप्त हो रहा है? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति से अवगत करायें? (ख) उक्त क्षेत्र के अंतर्गत कितने परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्चियों का वितरण किया गया? कितने परिवारों को राशन कार्ड प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किये गये हैं और कितने शेष हैं? शेष परिवारों को कब तक उक्त पर्चियों का वितरण कर दिया जायेगा? (ग) उक्त क्षेत्रांतर्गत कितने परिवरों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत सर्वेक्षित किया गया है वर्तमान में कितने हितग्राही कार्ड/कूपन से वंचित हैं और इनके कूपन कब तक बनेंगे? (घ) उक्त क्षेत्र में खाद्यान सुरक्षा मिशन पर्व के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कितने परिवारों को लाभ दिया जा चुका है? कितने शेष हैं शेष को कब तक लाभान्वित कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा क्षेत्र के 36,568 वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लाभांवित किया जा रहा है। ग्राम पंचायतवार लाभांवित परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोतमा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 36,568 परिवारों को पात्रता पर्चियों का वितरण किया गया है। स्थानीय निकाय द्वारा समग्र सामजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर पात्र परिवारों के सत्यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर हितग्राहियों को राशन सामग्री का वितरण किए जाने से पृथक से राशनकार्ड जारी करने की आवश्यकता नहीं है। माह सितम्बर, 2016 से सत्यापित 994 परिवारों की पात्रता पर्ची जारी किया जाना शेष है। पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी। (ग) कोतमा विधानसभा क्षेत्र के कुल 37,562 परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर पात्र परिवार के रूप में सत्यापित किया गया है। शेष उत्तर प्रश्न (ख) के उत्तर अनुसार है। (घ) उक्त क्षेत्र के 6,792 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी के परिवारों को खाद्य सुरक्षा पर्व के दौरान प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्यापित किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। खाद्य सुरक्षा पर्व के अंतर्गत सर्वेक्षित अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी के परिवारों में से किसी पात्र परिवार को लाभ दिया जाना शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपंप का उत्खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
162. ( क्र. 7425 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत कोतमा विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा वर्ष २०१४-१५, २०१५-१६ एवं वर्ष २०१६-१७ तक नवीन हैण्डपंप उत्खनन हेतु वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य कितना था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या दिये गये वित्तीय वर्षों में हैण्डपंप उत्खनन हेतु दिये गये भौतिक लक्ष्यों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल हेतु व्यवस्था पूर्ण की जा सकेगी? यदि नहीं, तो शासन द्वारा हैंडपंप उत्खनन के लक्ष्यों को बढ़ाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) कोतमा विधान सभा क्षेत्र में पूर्व से स्थापित/स्वीकृत नल जल की भौतिक स्थिति क्या है? पूर्व में बंद नल जल योजनाओं को पुन: चालू करने के लिये शासन द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) लक्ष्य का निर्धारण जिलेवार किया जाता है, विधानसभा क्षेत्रवार नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है।
इंजीनियरिंग कालेज के संबध में
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
163. ( क्र. 7440 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में कितने शासकीय, अर्द्धशासकीय, निजी इंजीनियरिंग कालेज है व कितने विगत ५ वर्षों में बंद हुए है वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत तीनों प्रकार के कालेजों का प्रतिवर्ष क्या शिक्षण शुल्क है? शिक्षण शुल्क को निर्धारित करने हेतु क्या-क्या पैरामीटर हैं व किस-किस श्रेणी के लिए क्या-क्या शुल्क फीस नियामक आयोग द्वारा तय की गयी है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बताये कि सर्वाधिक फीस लेने के लिए कौन-कौन से निजी इंजीनियरिंग कालेजों को शासन से अनुमति प्राप्त है? २० सर्वाधिक फीस लेने वाले कालेजों का नाम, पता संचालकों के नाम सहित जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार सर्वाधिक फीस लेने वाले २० कालेजों में पढ़ाने वाले लेक्चरर, रीडर, प्रोफेसर जो आज दिनांक को कार्यरत हैं मय नाम, शिक्षा व अनुबंध उन्हें दी जा रही मासिक तनखाव्ह पी.एफ. कटौत्रा की जानकारी टेबल में देवें? (ड.) प्रश्न (ग) के संदर्भ में बताये कि कालेजों में शिक्षक, विद्यार्थी का प्रतिशत क्या निर्धारित है? कितने विद्यार्थी पर कितने शिक्षक होना चाहिए एवं इस प्रतिशत को शासन कैसे सुनिश्चित करवाता है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 3 अनुसार है। (ग) संस्थाओं को सक्षम स्तर से निर्धारित शुल्क लिए जाने की अनुमति प्राप्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। संस्थाओं में विद्यार्थी एवं शिक्षकों का प्रतिशत सुनिश्चित कराने की कार्यवाही अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली तथा संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा की जाती है।
बजट का आवंटन
[गृह]
164. ( क्र. 7441 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१४-१५ से २०१६-१७ में गृह विभाग ने कितने बजट के आवंटन हेतु सरकार को आग्रह किया था व मांग के विरूद्ध कितना-कितना बजट आवंटित किया गया? टेबल में जानकारी देवें साथ ही, आवंटित बजट मांगे गये बजट से कितना प्रतिशत ज्यादा/कम है? (ख) प्रदेश में प्रश्न दिनांक तक कितने पद कांस्टेबल, सहायक निरीक्षक, उप निरीक्षक, निरीक्षक व भारतीय पुलिस सेवा के स्वीकृत हैं कितने भरे हैं और कितने खाली हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि में इंदौर जिले में कितने-कितने अपराध हत्या व बलात्कार के पंजीकृत किये गये व वर्तमान में उनका क्या स्टेटस है? टेबल में जानकारी देवे।
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार।
नल जल योजनाओं के प्रस्तावों की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
165. ( क्र. 7448 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अ.ज.जा./अ.जा. बाहुल्य क्षेत्रों में एक प्रतिशत एवं सामान्य क्षेत्रों में तीन प्रतिशत की राशि जन भागीदारी के रूप में ग्राम पंचायतों के माध्यम से जमा करवा कर गांव की नल जल योजानाओं के प्रस्ताव बनाए गये हैं? (ख) यदि हाँ तो जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्राम पंचायतों एवं उनके किन-किन ग्रामों के प्रस्ताव नियमानुसार बताए गये हैं? (ग) साथ ही उक्त वर्षों में उक्त ग्राम पंचायतों ने कितनी-कितनी राशि जमा करवा कर विभाग/शासन ने कितनी-कितनी राशि की योजनाएं बनाकर अग्रेषित की हैं, स्थानवार स्पष्ट जानकारी से दिनांक सहित अवगत कराएं? (घ) स्थानीय विभाग ने योजना/ प्रस्ताव का अंतिम अनुमोदन कब शासन/विभाग को अग्रेषित किया तथा उन्हें कब प्राप्त होकर कब तक किन-किन योजनाओं को स्वीकृति दी गई है? यदि स्वीकृति शेष है तो कब दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) 12 ग्राम पंचायतों की 14 ग्रामों के प्रस्ताव बनाए गए हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) 7 ग्रामों की योजनाओं की स्वीकृति दी गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष 7 योजनाओं की स्वीकृति देने की निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है।
राशन दुकानों एवं नवीन राशन दुकानों के प्रस्तावों
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
166. ( क्र. 7449 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितनी उचित मूल्य की राशन दुकानें होकर किन-किन स्थानों पर नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किन-किन के नाम पर अथवा अन्य संस्थाओं व्यवस्थाओं के अंतर्गत आकर राशन वितरण का कार्य कर रही हैं? (ख) उपरोक्त राशन दुकानों के अंतर्गत किस-किस श्रेणी के कुल कितने-कितने राशन कार्ड बनाए जाकर उन्हें किस-किस प्रकार का कितना राशन/खाद्यान प्रदान किया जा रहा है? एक दुकान हेतु राशन कार्डधारी की कूपनों की संख्या अधिकतम कितनी निर्धारित होती है? (ग) क्या निर्धारित कूपनों की संख्या के मापदण्ड के अनुसार दुकानें संचालित होकर उन्हें पर्याप्त खाद्यान पात्रता अनुसार प्राप्त होकर हितग्राहियों को वितरित हो रहा है? (घ) यदि हाँ तो उपरोक्त प्रश्नांतर्गत उल्लेखित जानकारी के साथ ही यह भी स्पष्ट करें कि वर्ष २०१२-१३ से लेकर प्रश्न दिनांक तक नवीन उचित मूल्य की दुकान प्रारंभ किये जाने हेतु किन-किन आवेदकों के आवेदन प्राप्त हुए? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्तमान में नगरीय निकायों में कुल पात्र परिवारों की संख्या में 800 से भाग देने पर प्राप्त संख्या अनुसार अधिकतम उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक पंचायत में 1 दुकान खोलने का प्रावधान सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 में किया गया है। जिन पंचायतों में पात्र परिवारों की संख्या 800 से अधिक है, उन पंचायतों में अतिरिक्त उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। (ग) जी नहीं, माननीय उच्च न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की विभिन्न कंडिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाएं न्यायालयीन कार्यवाही में होने के कारण उक्त प्रावधानानुसार उचित मूल्य दुकान आवंटन की कार्यवाही नहीं हो सकी है। पात्र परिवारों को उनकी पात्रता अनुसार खाद्यान्न, शक्कर, नमक एवं केरोसीन का वितरण कराया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
खुले बाजार में केरोसीन की उपलब्धता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
167. ( क्र. 7452 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खुले बाजार में केरोसीन बेचने के लिए शासन ने क्या व्यवस्था की है? जबलपुर संभाग में खुले बाजार में केरोसीन बेचने हेतु किन-किन को लायसेंस जारी किये गये हैं, जिला अनुसार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) जिले अनुसार ऐसे उपभोक्ताओं की जानकारी दें, जिन्हें पी.डी.एस. के तहत केरोसीन नहीं मिलता? (ग) शासन केरोसीन वितरण में केश सब्सिडी कब से लागू करने जा रहा है? क्या वर्तमान में खुले बाजार में केरोसीन का वितरण सुनिश्चित न करने का यही मतलब निकाला जाये कि शासन पी.डी.एस. में केरोसीन की कालाबाजारी को स्वयं संरक्षण दे रहा हैं? क्यों क्योंकि पी.डी.एस. का केरोसीन ही सभी उपभोक्ताओं के पास पहुंच रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) खुले बाजार में केरोसीन बेचने के लिए शासन ने छ: जिलों इन्दौर, भोपाल, सीहोर, जबलपुर, खण्डवा एवं सिवनी के जरूरत मंद परिवारों हेतु केरोसीन उपलब्ध कराया था। परन्तु मांग के अभाव में उपभोक्ताओं को उसका वितरण नहीं हो सका। भारत सरकार ने केरोसीन (उपयोग पर निर्बन्धन और अधिकतम कीमत नियतन) आदेश, 1993 में संशोधन किया है। उक्त संशोधन के पश्चात गैर-पी.डी.एस. केरोसीन के आपूर्ति के क्रियाकलाप, विपणन, व्यवसाय या वाणिज्य की गतिविधियों को केरोसीन (उपयोग पर निर्बन्धन और अधिकतम कीमत नियतन) आदेश, 1993 के प्रावधानों से मुक्त किया गया है। अब कोई भी व्यक्ति मध्यप्रदेश केरोसीन व्यापारी नियंत्रण आदेश, 1979 के तहत अनुज्ञप्ति प्राप्त कर गैर-पी.डी.एस. केरोसीन का व्यवसाय कर सकता है। उक्त संशोधन के पश्चात जबलपुर संभाग के किसी भी जिले में खुले बाजार में गैर-पी.डी.एस. केरोसीन बेचने के लिए आवश्यक अनुज्ञप्ति हेतु आवेदन प्रस्तुत न करने के कारण लायसेंस जारी नहीं किया गया है। (ख) प्रदेश में सभी पात्र परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत केरोसीन का प्रदाय किया जा रहा है। (ग) राज्य में केरोसीन के विक्रय पर सब्सिडी अंतरण योजना पायलेट बेसिस पर होशंगाबाद एवं हरदा के जिला मुख्यालय पर प्रारंभ किया जाना विचाराधीन है। उक्त जिलों में योजना के क्रियान्वयन के मूल्यांकन उपरांत प्रदेश के अन्य जिलों में इसे लागू करने पर विचार किया जाएगा। जी नहीं। जी नहीं, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के केरोसीन का वितरण पात्र परिवारों को किया जा रहा है। कालाबाजारी का प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
विभाग में बंदोबस्त न होने से उत्पन्न समस्या
[राजस्व]
168. ( क्र. 7453 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सन २००० के बाद बंदोबस्त कार्य नहीं किये गये हैं? बालाघाट जिले में बंदोबस्त का कार्य कब से नहीं किया गया है? (ख) क्या बंदोबस्त न होने के कारण बालाघाट सहित पूरे प्रदेश में सीमांकन के प्रकरणों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है तथा राजस्व तथा न्यायालयीन प्रकरण लगातार बढ़ रहे हैं? जिससे आम जनो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्या पुराने बंदोबस्त के आधार पर जमीनों की नपाई जरीब द्वारा की गई है किंतु वर्तमान में नपाई अत्याधुनिक E.T.S.M. द्वारा की जाती है? (घ) क्या बंदोबस्त हो जाने से सीमांकन के समस्त प्रकरणों का निराकरण हो जाएगा तथा राजस्व तथा न्यायालयीन संबंधित विवादों में भारी कमी आएगी? क्या शासन आमजन को होने वाली परेशानियों के दृष्टिगत बंदोबस्त का कार्य फिर से प्रारंभ करने पर गंभीरता से विचार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। बालाघाट जिले में बन्दोबस्त का कार्य वर्ष 1914-15 के बाद नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। वर्तमान में भूमि की नपाई अत्याधुनिक ई.टी.एस.एम. से की जाती है। (घ) जी हाँ। शिकायत प्राप्त होने पर प्रकरणों का निराकरण किया जाता है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत कनेक्शन प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
169. ( क्र. 7463 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के क्या नियम व प्रावधान हैं? योजना में कौन-कौन पात्रता रखता है? योजना से संबंधित नियमावली एवं प्रावधान की जानकारी उपलब्ध करायी जावे? (ख) ग्वालियर जिले में विधानसभा भितरवार एवं ग्वालियर दक्षिण क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी एवं कहाँ-कहाँ गैस कंपनियां किस दिनांक से संचालित की जा रही हैं एवं इसके प्रोपराइटर का नाम, पता एवं मोबाईल नं. सहित जानकारी दी जावे? (ग) भितरवार एवं ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस ऐजेन्सियों को कितने आवेदन प्राप्त हुये हैं, कितने स्वीकृत किये गये हैं, कितने गैस कनेक्शन वितरण किए गये व कितने वितरण किया जाना शेष हैं? सूची दें। (घ) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस ऐजेंसियों ने कितने आवेदन किस कारण से भितरवार एवं ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में अस्वीकृत किए?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना, 2011 में सर्वेक्षित परिवार के अंतर्गत ऐसे परिवार जो निर्धारित 7 श्रेणियों में से किसी भी एक वंचित श्रेणी में आते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत गैस कनेक्शन प्रदाय करने का प्रावधान है। योजनांतर्गत लाभांवित होने वाले परिवारों की श्रेणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर एवं नियमावली एवं प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) भितरवार एवं ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री उज्जवला योजनांतर्गत प्राप्त आवेदनों में से 307 आवेदन अस्वीकृत हुए हैं। हितग्राही का नाम एस.ई.सी.सी. डाटा की वंचित श्रेणी में न होने एवं पूर्व से गैस कनेक्शन होने के कारण आवेदन अस्वीकृत हुए है।
पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
170. ( क्र. 7464 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में गरीबी रेखा, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, कर्मकार मण्डल में कितने पंजीकृत हितग्राही हैं? ग्राम पंचायत अनुसार जानकारी दें। इनमें से कितनों को राशन की पर्ची नहीं दी गई है? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2017 की स्थिति में कितने पात्र परिवारों को राशन की पर्ची नहीं दी गई क्यों तथा कब तक राशन की पर्ची देंगे? अभी तक पर्ची न देने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं, उनका नाम, पद स्पष्ट करें। क्या ऐसे दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ग्वालियर में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं, उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय स्पष्ट करें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को मिलने वाली सुविधा/भूमि वापसी
[राजस्व]
171. ( क्र. 7473 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भूमि देने क प्रावधान है? 24 दिसम्बर 1969 का नियम क्या है? स्पष्ट अवगत कराये। (ख) जबलपुर निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भोला नाथ केशरवानी को कब और कैसे भूमि दी गई तथा किसी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को भूमि देते समय किन नियमों और शर्तों का पालन कराना सुनिश्चित होता है? (ग) जबलपुर जिले में कितने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को राज्य शासन द्वारा कृषि भूमि उपलब्ध कराई गई है? नाम, पता सहित सूची उपलब्ध कराये तथा भूमि देने के बाद किन-किन की वापसी हुई है? (घ) क्या भोलानाथ केशरवानी की कृषि भूमि उनके निधन पश्चात वापिस करने दी गई थी तो प्रदेश में ऐसा और किन-किन सेनानियों के साथ निर्णय हुआ? अगर नहीं तो इस प्रकरण में क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) प्रश्नाधीन नियम दिनांक 24 दिसम्बर, 1969 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मान. उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्र. डब्लयू.पी. नं. 27396/2003 में पारित आदेश दिनांक 11.12.2008 के पालन में कलेक्टर जबलपुर के प्रकरण क्रमांक 460/बी-121/2008-09 में पारित आदेश दिनांक 30.9.2009 द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-4 क्रमांक 3 के परिपत्र दिनांक 22.2.1984 के प्रावधान के तहत श्री भोलानाथ केसरवानी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को भूमि दी गई। नियम एवं शर्तों की जानकारी उपरोक्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) विगत 10 वर्षों में जबलपुर जिले में मात्र एक स्वतंत्रता सेनानी श्री भोलानाथ केसरवानी को। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (घ) जी हाँ। उत्तरांश “ख” एवं “ग” के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता।
जिला ई-गवर्नेस सोसायटियों में पदस्थ अमला
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
172. ( क्र. 7475 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ई-गवर्नेन्स सोसाईटी के अमले ने नियुक्ति दिनांक से आज दिनांक तक किन योजनाओं परियोजनाओं एवं विभागों में क्या-क्या कार्य किये हैं इनके कार्य का स्तर कैसा रहा? (ख) आज दिनांक तक त्यागपत्र देने वाले कर्मचारियों की संख्या पद अनुसार देवें कि विभाग ने त्यागपत्र के कारणों की विवेचना करते हुए क्या ठोस कदम उठाये? (ग) क्या इनका वेतन योग्यतानुसार है तथा इन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश समान कार्य समान वेतन का लाभ मिलेगा या नहीं, यदि हाँ तो कब से एवं किसके समतुल्य है? (घ) क्या यह अमला विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग के अंतर्गत है? इनका वेतन एवं भत्तों का भुगतान किस मद से होता है? क्या इनका ई.पी.एफ. कटौत्रा किया जाता है? यदि नहीं, तो क्यों? आदेश क्रमांक एफ ३-३/२०१०/५६ भोपाल १९.१.२०१५ को जारी आदेश के उपरांत अन्य किसी आदेश के कारण वेतन में विसंगति आयी है या नहीं स्पष्ट करें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जिला ई-गवर्नेन्स सोसाइटी द्वारा सौंपे विभिन्न कार्यों के अतिरिक्त सी.एस.सी. परियोजना, स्वान परियोजना, आधार परियोजना आदि पर कार्य किये जाते हैं। कार्य का स्तर उत्तम रहा। (ख) नियुक्ति जिला ई-गवर्नेन्स सोसाइटी द्वारा की जाती है एवं त्यागपत्र जिला ई-गवर्नेन्स सोसाइटी में दिए जाते हैं। त्यागपत्र देने वाले कर्मचारी-जिला ई-गवर्नेन्स प्रबंधक 33, सहायक ई-गवर्नेन्स प्रबंधक 263, कार्यालय सहायक 58 एवं लेखापाल 46 हैं। त्यागपत्र का कारण अन्यत्र बेहतर अवसर मिलना है। (ग) वेतन योग्यता अनुसार है, जिसका निर्धारण समुचित विचारोपरान्त किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। यह अमला जिला ई-गवर्नेन्स सोसाइटी के कर्मचारी होते हैं। नियुक्ति जिला ई-गवर्नेन्स सोसाइटी द्वारा की जाती है। इनके वेतन एवं भत्तों का भुगतान भी जिला ई-गवर्नेन्स सोसाइटी द्वारा किया जाता है। वेतन का भुगतान DeGS के उपलब्ध संसाधनों से किया जाता है। DeGS का कार्यालयीन संख्या के अनुसार ई.पी.एफ. नामांकन कटौत्रा का प्रावधान नहीं है। जी नहीं, वेतन विसंगति नहीं आयी है।
रामस्थान में अवैध उत्खनन
[राजस्व]
173. ( क्र. 7477 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रघुराजनगर तहसील जिला सतना के ग्राम रामस्थान में श्रवण कुमार पाठक को प्रदत्त उत्खनन पट्टे रकबा ८० एकड़ में भू-प्रवेश की अनुमति कितने क्षेत्र में दी गई है? किस दिनांक व किस वर्ष में और यदि नहीं, दी गई तो क्यों? क्या यह एम.पी.एल.आर.सी. के नियमों का उल्लंघन नहीं है? (ख) उक्त क्षेत्र के आराजी नं. ९९२, ९९२/४, ९९२/५ व आराजी नं. १२५१, १२३७ में ९९६, ९९७ में कितने एकड़/क्षेत्रफल में अवैध उत्खनन हुआ है? कितने में गड्ढा खुला पड़ा है तथा कितने एकड़ में मिट्टी से भर दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। कार्यालयीन अभिलेखों के अनुसार भू-प्रवेश की अनुमति प्राप्त नहीं है। भू-प्रवेश प्राप्त किए जाने के संबंध में कोई भी आवेदन पत्र उपलब्ध नहीं है। बिना भू-प्रवेश की अनुमति के उत्खनन किए जाने पर पट्टेधारी को पत्र क्रमांक 518/खनिज/ 2017 दिनांक 15.02.17 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (रा) के प्रतिवेदन अनुसार ग्राम रामस्थान की आ.ख.नं. 992/1 के अंश रकबा 1.50 एकड़ में अवैध उत्खनन कर पाटा गया। आ.ख.न. 992/4 992/5 के अंश रकबा 1.00 एकड़ को समतल कर भू-स्वामी द्वारा फसल बोई गई है। आ.ख.नं. 1251 के अंश रकबा 1.50 एकड़ में अवैध फेंसिंग कर अवैध उत्खनन कर भूमि को समतल किया गया है। आ.ख.नं. 1237 996 एवं 997 में किसी प्रकार का अवैध उत्खनन नहीं है। स्वीकृत लीज की आराजी नं. 992/1 1237 एवं 1251 में उत्खनन कार्य वर्तमान समय में बन्द है तथा पानी भरा है।
शीतलहर व पाला से फसलों को क्षति
[राजस्व]
174. ( क्र. 7478 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले की देवरी व केसली तहसीलों में विगत दिनों शीतलहर व पाला से तुअर व अन्य फसलें नष्ट होने, क्षति होने की सूचनायें प्राप्त हुईं? (ख) क्या फसलों को हुई क्षति का किसी स्तर पर कोई सर्वे कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) शीतलहर व पाला से देवरी व केसली तहसीलों के किन-किन ग्रामों में कितने हेक्टेयर क्षेत्र में कौन सी फसलों सब्जियों की कितने-कितने प्रतिशत क्षति हुई है? (घ) क्या विभाग द्वारा क्षति हुई फसलों के संबंध में सर्वे कराकर राजस्व पुस्तक परिपत्र में वर्णित मापदण्डों अनुसार किसानों को मुआवजा/क्षतिपूर्ति देगा? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। फसलों को हुई क्षति का पटवारियों एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा सर्वे किया गया है। (ग) सर्वे उपरांत शीतलहर व पाला से देवरी व केसली तहसीलों के 240 ग्रामों में अरहर, मसूर, चना, मटर के 17177 हेक्टेयर तथा सब्जियों में टमाटर, बैंगन, आलू, मटर, धनिया एवं मिर्च फसलों के 329 हेक्टेयर कुल अनुमानित 17506 हेक्टेयर क्षेत्र में 07 से 10 प्रतिशत अनुमानित क्षति पाई गई है। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सर्वे उपरांत फसल की 25 प्रतिशत से कम क्षति पाई गई है। अत: आर.बी.सी. 6-4 में वर्णित मानदण्डों के अनुसार फसल में 25 प्रतिशत से कम क्षति होने पर अनुदान सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है।
बड़वानी, खरगोन जिलों में खाद्यान्न पात्रता पर्ची वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
175. ( क्र. 7483 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी एवं खरगोन जिलों में खाद्यान्न पात्रता-पर्ची के कितने प्रकरण जनपदों एवं नगर परिषदों/पालिकाओं द्वारा शासन भोपाल को प्रेषित करने पर दिनांक २८.२.१७ तक लंबित है? विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) यह प्रकरण लंबित क्यों हैं? क्या भारत सरकार ने आवंटन की सीमा निर्धारित की है? इस आदेश की छायाप्रति देवें? (ग) इनका निराकरण कब तक कर पर्चिया वितरण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता-पर्ची जारी नहीं की गई है। जी हाँ। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन सीमा के संबंध में किए गए प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता-पर्ची जारी की जा सकेगी।
शासकीय भूमि पर निर्माण की शिकायत
[राजस्व]
176. ( क्र. 7484 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के बदनावर के नागदा की भूमि सर्वे नं. ३१४ किसके नाम दर्ज है? क्या यह भूमि शासकीय है अथवा निजी? (ख) इस सर्वे नं. के संबंध में विगत १ वर्ष में कितनी शिकायतें कब-कब शासन को प्राप्त हुई? इस पर की गई कार्यवाही के विषय में बतावें? शिकायतकर्ता वरदु पिता नानुराम निवासी द्वारा की गई शिकायतों के संदर्भ में बतावें? (ग) यदि यह भूमि निजी है तो किस आधार पर इसे शासकीय बताया जा रहा है एवं २२.६.२०१६ की जनसुनवाई में जब बदनावर S.D.M. ने कलेक्टर महोदय से बात कर प्रकरण ७ दिन में निराकरण की हिदायत दी तो फिर प्रकरण में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक की जावेगी? (घ) वरदु पिता नानुराम की इस भूमि पर हुए निर्माण को कब तक तोड़कर निर्माण करने वालों पर FIR दर्ज कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) धार जिले की तहसील बदनावर के ग्राम नागदा की भूमि सर्वे क्रमांक 314 वरदु पिता नानुराम आदि जाति हरिजन, निवासी नागदा के नाम दर्ज है। (ख) यह निजी भूमि है। वरदु पिता नानुराम नि. नागदा द्वारा जन सुनवाई में शिकायत की गई थी कि भूमि सर्वे क्रमांक 314 रकबा 0.013 आरे पर रतन पिता रणछोड जाति गारी निवासी नागदा द्वारा अतिक्रमण कर मकान बनाया गया है, जिसे तत्काल हटवाया जावे। इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं नायब तहसीलदार द्वारा राजस्व अमले सहित उपस्थित होकर जाँच की गई। जाँच उपरांत रतन पिता रणछोड द्वारा निर्मित मकान सर्वे नंबर 314 पर नहीं पाया गया है। (ग) यह सही है कि भूमि सर्वे क्रमांक 314 निजी भूमि है। उक्त भूमि से लगा सर्वे क्रमांक 322 ग्राम आबादी नोईयत की भूमि है, जो पंचायत के क्षेत्राधिकार में है, जिस पर लगभग 600 से अधिक रहवासी भवन बने है। उसी भूमि सर्वे क्रमांक 322 पर रतन पिता रणछोड द्वारा मकान बनाया गया था, जिसे शिकायत के बाद जाँच में बिना पट्टे व बिना पंचायत की अनुमति से बनाना सिद्ध होने पर ग्राम पंचायत नागदा द्वारा स्वयं के आधिपत्य में ले लिया गया हैं। जाँच उपरांत शिकायत का समय-सीमा में निराकरण किया गया है। (घ) ग्राम नागदा तहसील बदनावर की भूमि सर्वे क्रमांक 314 रकबा 0.013 आरे वरदु पिता नानू राम की होकर मौके पर रिक्त है व उसके कब्जे में है। शिकायत कर्ता द्वारा जो निर्माण करना बताया गया है व सर्वे क्रमांक 322 रकबा 6.955 हे. पर बना है जो आबादी क्षेत्र में स्थित है। उक्त मकान को ग्राम पंचायत नागदा द्वारा अतिक्रामक रतन पिता रणछोड से अपने आदिपत्य में ले लिया है। मकान का अधिपत्य ग्राम पंचायत नागदा के पास है। इस कारण से ग्राम पंचायत नागदा द्वारा एफ.आई.आर. किये जाने का प्रश्न ही नहीं है।
भूमि स्वामित्व संबंधी
[राजस्व]
177. ( क्र. 7487 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले की खाचरौद की भूमि सर्वे क्रमांक ९५६ जीनिंग भूमि थी? (ख) उक्त भूमि निजी स्वामित्व की थी अथवा शासकीय? (ग) भूमि सर्वे नं. ९५६ की वर्तमान स्वामित्व की पूर्ण जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसील खाचरौद के कस्बा खाचरौद में स्थित भूमि सर्वे नं. 956/2 पर पूर्व में जीनिंग फैक्ट्री स्थित थी। इस जीनिंग फैक्ट्री को कतिपय लोग उंकार जीनिंग फैक्ट्री के नाम से पुकराते रहे है, किन्तु उक्त भूमि वर्ष 1911-12 से आज तक निजी भूमि स्वामित्व पर चली आ रही है तथा इनके ग्वालियर स्टेट से संबंधित होने का कोई उल्लेख राजस्व रिकार्ड में नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) उक्त भूमि 956/2 रकबा 1.839 है। वर्ष 2014-15 में राजेन्द्र कुमार पिता आत्माराम व योगेश पिता राजेन्द्र कुमार के नाम से प्रकरण क्रमांक 44/अ-6/12-13 आदेश दिनांक 18.11.13 से हुई एवं उक्त भूमि 956/2 रकबा 1.839 में से निम्न व्यक्तियों को विक्रय कर दी गई, जो निम्नानुसार है -
(1) प्र.क्र. 14/अ-6/15-16 आदेश दिनांक 23.12.15 से सर्वे क्र. 956/2 रकबा 1.839 में से 0.276 हेक्टेयर भूमि पर हीरालाल पिता शंकरलाल जैन निवासी बड़नगर का नामांतरण स्वीकृत किया गया। (2) प्र.क्र. 15/अ-6/15-16 आदेश दिनांक 23.12.15 से सर्वे क्र. 956/2 रकबा 1.839 में से 0.275 हेक्टेयर भूमि पर श्रीमती विजया पति हीरालाल पिता शंकरलाल जैन निवासी बड़नगर का नामांतरण स्वीकृत किया गया। (3) प्र.क्र. 16/अ-6/15-16 आदेश दिनांक 23.12.15 से सर्वे क्र. 956/2 रकबा 1.839 में से 0.276 हेक्टेयर भूमि पर देवेन्द्र पिता सरदारमल वनवट निवासी खाचरौद का नामांतरण स्वीकृत किया गया। (4) प्र.क्र. 17/अ-6/15-16 आदेश दिनांक 23.12.15 से सर्वे क्र. 956/2 रकबा 1.839 में से 0.276 हेक्टेयर भूमि पर श्रीमती निशा पति देवेन्द्र वनवट निवासी खाचरौद का नामांतरण स्वीकृत किया गया। (5) प्र.क्र. 18/अ-6/15-16 आदेश दिनांक 23.12.15 से सर्वे क्र. 956/2 रकबा 1.839 में से 0.184 हेक्टेयर भूमि पर हर्ष भंडारी पिता हेमंत निवासी खाचरौद का नामांतरण स्वीकृत किया गया। (6) प्र.क्र. 19/अ-6/15-16 आदेश दिनांक 23.12.15 से सर्वे क्र. 956/2 रकबा 1.839 में से 0.368 हेक्टेयर भूमि पर हेमंत पिता जयंतीलाल जैन निवासी खाचरौद का नामांतरण स्वीकृत किया गया। (7) प्र.क्र. 20/अ-6/15-16 आदेश दिनांक 23.12.15 से सर्वे क्र. 956/2 रकबा 1.839 में से 0.184 हेक्टेयर भूमि पर भूपेन्द्र पिता मिश्रीलाल छाजेड़ निवासी खाचरौद का नामांतरण स्वीकृत किया गया।
सूदखोरी पर रोकथाम की कार्यवाही
[गृह]
178. ( क्र. 7491 ) श्री रमेश पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन जिले में सूदखोरी, फायनेंस कंपनियों के लेन-देन से संबंधित विषय में कितनी आत्महत्या हुई हैं? दिनांक १.१.२०१४ से ३१.१२.२०१६ तक की जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) उपरोक्त विषय में फायनेंस व्यक्ति/कंपनी का नाम भी बतावें जिन पर मृतक ने सुसाईड नोट या उसके परिजनों ने आरोप लगाये? उक्त अवधि में कितनी शिकायतें हुई एवं उन पर क्या कार्यवाही की है? जिलेवार वर्षवार देवें? (ग) उज्जैन जिले में लायसेंस/अनुमति लेकर कितने व्यक्ति/संस्थाएं पर्सनल लोन, डेली कलेक्शन पर लोन का कार्य कर रही है? सूची देवें। विगत १ वर्ष में फायनेंस करने वालों पर की गई कार्यवाही के बारे में बतायें? (घ) विभाग ने अवैध रूप से एवं ऊंची दरों पर फायनेंस करने वालों पर अब तक क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? इंदौर, उज्जैन जिलों का पृथक-पृथक देवें?
गृह मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ) : (क) इंदौर जिले में दिनांक 01.01.2014 से 31.12.2016 तक की सूदखोरी से संबंधित कुल 06 घटनाओं में 07 व्यक्तियों द्वारा तथा फायनेंस कम्पनियों के द्वारा लेन-देन के संबंध में 01 घटना में 01 व्यक्ति द्वारा आत्महत्या की गई है। उज्जैन जिले की जानकारी निरंक है। (ख) उपरोक्त विषय में जिला इंदौर से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ पर है। उज्जैन जिले से जानकारी निरंक है। (ग) मध्यप्रदेश में दि चिट फण्ड्स एक्ट 1982 (वर्ष 1982 का संख्या 40) के प्रावधानों तहत राज्य शासन द्वारा चिट शुरू करने अथवा संचालित करने हेतु स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है और न ही पंजीकृत की गई है। उज्जैन जिले में 01 वर्ष में फायनेंस करने वालों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ पर है। (घ) जिला उज्जैन में अवैध रूप से एवं ऊंची दरों पर फायनेंस करने वाले पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ में समाहित है। जिला इंदौर से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ पर है।
राजस्व निरीक्षकों को तहसीलदार की शक्तियां दी जाना
[राजस्व]
179. ( क्र. 7493 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व निरीक्षकों को विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण किये बिना ही धारा २४ के अंतर्गत तहसीलदार की शक्तियां दी गई हैं? यदि हाँ तो क्या सीधी भर्ती के व पदोन्नत नायब तहसीलदारों को धारा २४ की शक्तियां दिये जाने हेतु विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है? (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा ११ में तहसीलदार/नायब तहसीलदार के समकक्ष राजस्व अधिकारियों अधीक्षक भू-अभिलेख/सहा. अधीक्षक भू-अभिलेख को धारा २४ की शक्तियां न दिये जाने के क्या कारण हैं जबकि यह संवर्ग राजस्व निरीक्षकों से वरिष्ठ है? (ग) अधीक्षक भू-अभिलेख एवं सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को धारा २४ की शक्तियां दिये जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? अथवा तहसीलदार एवं भू-अभिलेख संवर्ग में संविलियन की क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) राजस्व निरीक्षकों को धारा २४ की शक्तियां देने से उनके दायित्वों की पूर्ति हेतु विभाग की क्या योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान्न कूपनों का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
180. ( क्र. 7494 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम २०१३ के अंतर्गत पात्र परिवार श्रेणी के कितने हितग्राहियों को सत्यापन के उपरांत भी पात्रता पर्चियां प्रश्न दिनांक तक जारी नहीं की जा सकी हैं? सतना जिले के मैहर विकासखण्ड के संदर्भ में विवरण दें? (ख) मैहर विकासखण्ड में पात्रता पर्चियों के सत्यापन के कितने मामले स्थानीय निकायों के पास सत्यापन हेतु लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में कब तक पात्र परिवारों को खाद्यान्न पर्चियां/कूपन उपलब्ध करा दिये जायेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा से अधिक खाद्यान्न की आवश्यकता होने के कारण माह अगस्त, 2016 के पश्चात् मैहर विकासखण्ड के 4,535 सत्यापित नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी नहीं की गई है। (ख) मैहर विकासखंड अंतर्गत समग्र पोर्टल पर पात्र परिवार के सत्यापन हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित परिवारों के डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही प्रचलित है उसके उपरांत अपात्र परिवारों को हटाने पर निर्धारित खाद्यान्न आवंटन की सीमा के अंतर्गत ही नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित कर पात्रता पर्ची जारी की जा सकेगी।
शासकीय भूमि का उपयोग
[राजस्व]
181. ( क्र. 7495 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील अंतर्गत राजस्व मण्डल ३ पटवारी हल्का नं. ९१ के ग्राम धनखेड़ी का कुल रकबा कितना है? पट्टे एवं शासकीय भूमि का अलग-अलग रकबा बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित शासकीय भूमि स्वतंत्र है या किसी का अवैध कब्जा है? अवैध कब्जों की सूची दें? (ग) क्या अवैध कब्जों को हटाकर ग्रामीणों के उपयोगार्थ उक्त शासकीय भूमियों का उपयोग खेल मैदान, अस्पताल, पशु चिकित्सालय या अन्य हितैषी योजनाएं लागू की जायेंगी?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील के अन्तर्गत ग्राम धनखेड़ी का कुल रकबा 426.963 हे. है। पटटे की कोई भूमि धनखेड़ी में नहीं है। शासकीय भूमि का रकबा 17.489 हे. है। (ख) ग्राम धनखेड़ी में शासकीय भूमि रिक्त पड़ी है। किसी भी व्यक्ति का कब्जा उक्त भूमि पर वर्तमान में नहीं है। (ग) आवश्यकतानुसार एवं शासन के निर्देशों के अनुसार भूमि का सार्वजनिक हित में उपयोग किया जाएगा।
गांधी सागर जलाशय का अनुबंध
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
182. ( क्र. 7511 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी सागर जलाशय का अनुबंध कितने वर्ष के लिये किया गया था तथा वर्ष २०१६-१७ तक अनुबंध के कितने वर्ष पूर्ण हो गए हैं? (ख) क्या अनुबंध में लीज जमा करने के दो विकल्प रखे गये थे जिसको एक बार ही बदला जा सकता है? विकल्प क्या रखे गये हैं एवं मत्स्य महासंघ द्वारा कितने बार बदले गये? (ग) विकल्प बदलने का अधिकार किस अधिकारी को है? पदनाम सहित बतायें कि इस बदलाव से अनुबंधकर्ता को कितना लाभ हुआ तथा अनुबंधकर्ता द्वारा बदलाव के उपरांत क्या राशि का भुगतान समय पर किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विकल्प बदलने के उपरांत भी अनुबंधकर्ता द्वारा समय-सीमा में लीज जमा नहीं कराई जा रही है जिसके कारण मत्स्य महासंघ को लाखों रूपये की हानि पंहुचाई जा रही है? क्या शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री अंतर सिंह आर्य ) : (क) 5 वर्ष के लिये। वर्ष 2016 -17 में अनुबंध को दो वर्ष पूर्ण हो जायेगें। (ख) जी हाँ। विकल्पों के परिर्वतन के कितने अवसर दिये जायेंगे, इसका कोई उल्लेख अनुबंध में नहीं है। प्रथम विकल्प में वार्षिक लीज राशि को 5 किश्तों में प्राप्त करने का प्रावधान है। द्वितीय विकल्प में वार्षिक किश्त राशि को एक मुश्त में जमा करने का प्रावधान रखा गया है। (ग) प्रबंध संचालक को अनुबंधग्रहिता के आवेदन पर विकल्प परिवर्तन का अधिकार है। विकल्प बदलने से किश्त राशि जमा करने की अवधि में परिवर्तन होता है। किश्त राशि पर प्रभाव नहीं होने से अनुबंधग्रहिता को कोई लाभ नहीं हुआ। विकल्प परिवर्तन के पश्चात अनुबंधग्रहिता द्वारा राशि समय पर जमा नहीं की है समय पर भुगतान नहीं करने का कारण अनुबंधग्रहिता द्वारा नहीं बताया गया है। (घ) अनुबंधग्रहिता के द्वारा विकल्प परिर्वतन के पश्चात् समय अवधि पर लीज जमा नहीं करने पर अनुबंध की शर्तों अनुसार दण्ड ब्याज लिये जाने की अधिकारिता है। महासंघ को कोई हानि नहीं हुई है। हानि नहीं होने से अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
183. ( क्र. 7515 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नलखेड़ा जिला आगर अंतर्गत भैसोदा मार्ग पर सड़क से लगी कितनी शासकीय भूमि है? क्या प्रश्नांकित भूमि शासन के कब्जे में है या अन्य व्यक्तियों के कब्जे में है? कब से, किन-किन व्यक्तियों द्वारा कितना-कितना रकबा अतिक्रमित कर रखा है? नाम सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या शासन द्वारा किन्हीं व्यक्तियों को पट्टे जारी किये गये हैं, उनके क्या मापदण्ड तय किये गये हैं? क्या पट्टेधारियों द्वारा इसका उपयोग किया जा रहा है या अन्य व्यक्तियों द्वारा? (ग) क्या पट्टे के आधार पर गलत तरीके से सड़क से लगी भूमि आवंटन करवाकर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध निर्माण कर व्यावसायिक रूप से उस भूमि का उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ तो उनका विवरण दें। (घ) शासन भूमि पर अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों पर कार्यवाही करते हुये शासकीय भूमि कब तक अतिक्रमण मुक्त करायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नलखेड़ा जिला आगर भैसोदा मार्ग प ह न 16 कस्बा नलखेड़ा भूमि सर्वे क्रमांक 204/1 रकबा 1.233 हे. तथा 204/3 रकबा 0.021 भूमि शासकीय दर्ज है। संबंधित भूमि शासकीय होकर उस पर कतिपय लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सर्वे क्रमांक 204/1 व 204/3 पर किसी भी व्यक्ति को शासन द्वारा पट्टे जारी नहीं किए गए है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त भूमि के पट्टे नहीं दिए गए हे। अतिक्रामकों द्वारा भूमि का व्यावसायिक रूप से उपयोग नहीं किया जा रहा है। (घ) अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण माननीय व्यवहार न्यायालय नलखेड़ा एवं तहसील न्यायालय में प्रचलित है। न्यायालयीन निर्णय अनुसार निराकरण किया जावेगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार कम्पोजिट भवन का निर्माण
[राजस्व]
184. ( क्र. 7563 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद तहसील मुख्यालय पर दिनांक 09/01/2012 को आयोजित खंड स्तरीय अन्त्योदय मेले में अभिभाषक संघ कसरावद व तत्कालीन विधायक श्री आत्माराम पटेल की मांग पर मान. मुख्यमंत्रीजी द्वारा कम्पोजिट भवन के निर्माण की घोषणा जनहित के मद्देनजर की गयी थी? यदि हाँ तो इस घोषणा की पूर्ति के लिए प्रश्न दिनांक तक की गई सभी प्रकार की कार्यवाहियों का विवरण दिनांकवार देवें? (ख) उक्त प्रश्नांश (क) के संबंध में यह भी बताएं कि घोषणा के बाद से प्रश्न दिनांक तक कम्पोजिट भवन के भूतल व प्रथम तल में कौन-कौन से कार्यालय व सुविधाएं प्रस्तावित की गयी थी और इसकी अनुमानित निर्माण लागत क्या थी और वर्तमान में जो भवन का निर्माण प्रक्रियाधीन है उसमें कौन-कौन से कार्यालय व सुविधाएं प्रस्तावित की गयी हैं और इसकी अनुमानित निर्माण लागत क्या है? यह भी बताएं कि मान. मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कम्पोजिट भवन प्रथम तल सहित पूर्ण रूप से निर्मित करने कि लिए शासन-प्रशासन क्या कर्यावाही किस दिनांक तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) कम्पोजिट भवन में अनुविभागीय (राजस्व), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी हॉल, ट्रेजरी कक्ष, नाजिर कक्ष, राजस्व निरीक्षक कक्ष, मालखाना, रिकार्ड कक्ष इत्यादि प्रस्तावित थे तथा इनकी अनुमानित निर्माण लागत रूपये 158.88 लाख थी। वर्तमान में भवन के भूतल पर निर्माण हेतु प्रक्रियाधीन कार्यालय एवं सुविधायें तहसील कार्यालय, लोक सेवा केन्द्र, सब रजिस्ट्रार कार्यालय, सब ट्रेजरी कार्यालय, अधिवक्ता कक्ष, निर्वाचन कक्ष, मालखाना, नाजिर कक्ष एवं प्रसाधन कक्ष है जिसकी अनुमानित निर्माण लागत रूपये 187.69 लाख है तथा प्रथम तल पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय, तहसील कार्यालय, पटवारी व राजस्व निरीक्षक कक्ष, बैठक कक्ष कम्प्यूटर कक्ष, रिकार्ड कक्ष, स्टोर एवं प्रसाधन कक्ष है जिसकी अनुमानित निर्माण लागत रूपये 122.67 लाख है। प्राक्कलन का परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही की जानी है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नायब तहसीलदार का प्रभार सौंपे जाने
[राजस्व]
185. ( क्र. 7646 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व निरीक्षकों की वरिष्ठता आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. द्वारा समय-समय पर जारी पदक्रम सूची द्वारा निर्धारित की जाती है क्या कार्यालय प्रमुख राजस्व आयुक्त म.प्र. के पत्र क्रमांक 2973 दिनांक 18.04.2016 द्वारा राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के कार्य करने हेतु तहसीलदार की शक्तियाँ प्रदाय करने हेतु वरिष्ठता क्रम से राजस्व निरीक्षकों की जानकारी चाही गई थी? (ख) यदि हाँ तो राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार के कार्य करने हेतु तहसीलदार की शक्तियाँ प्रदाय करने हेतु वरिष्ठता किस आधार पर निर्धारित की गई है? (ग) क्या अधिकांश जिलों के कलेक्टरों द्वारा पत्र क्रमांक 2973 दिनांक18.04.2016 से चाही गई जानकारी आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त द्वारा निर्धारत वरिष्ठता क्रम पदक्रम सूची अनुसार तैयार न कर त्रुटिपूर्ण सूची प्रेषित की गई? क्या इस कारण वरिष्ठ राजस्व निरीक्षक अपने कनिष्ठ राजस्व निरीक्षकों के अधीन कार्य कर रहे हैं? (घ) दिनांक 12 मई 2016 को जारी अधिसूचनाएं जिसमें राजस्व निरीक्षकों के नाम वरिष्ठता क्रम पदक्रम सूची अनुसार नहीं लिये जाने के कारण भोपाल जिले के कितने वरिष्ठ राजस्व निरीक्षकों के नाम उक्त अधिसूचना में छूट गये हैं यदि हाँ तो शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (ड.) प्रमुख राजस्व आयुक्त म.प्र. के पत्र दिनांक 18.04.2016 के पालन में भोपाल एवं सीहोर जिले की भेजी गई जानकारी अनुसार प्रत्येक राजस्व निरीक्षक की वरिष्ठता क्रम उस दिनांक को लागू पदक्रम सूची अनुसार उनके नाम वरिष्ठता क्रम पदक्रम सूची अनुसार उनका क्रम बतावें? क्या शासन दिनांक 12 मई 2016 को जारी त्रुटिपूर्ण अधिसूचनाएं निरस्त कर संशोधित अधिसूचनाएं जारी करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पी.एच.डी. लंबित प्रकरण
[तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास]
186. ( क्र. 7658 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल में पी.एच.डी. के ४० प्रकरणों में वायवा/नोटिफिकेशन आदि को अनावश्यक रूप से लंबित रखा गया है? (ख) क्या विश्वविद्यालय में झाबुआ/शहडोल में नवस्थापित वर्ष २०१५ में अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में फर्नीचर/पुस्तकें/ कम्प्यूटर्स/प्रयोगशालायें आदि महाविद्यालय आरंभ होने के लगभग ०१ वर्ष पश्चात भी उपलब्ध नहीं कराये जा सके है? (ग) तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र का कुल सचिव द्वारा क्या जवाब दिया गया तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई? क्या इसके लिये डॉ. एस.के.जैन, कुल सचिव जिम्मेदार है एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा ( श्री दीपक जोशी ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। आवश्यकता अनुसार उपलब्ध करायी जा रही है। (ग) जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जाँच के निष्कर्ष अनुसार निर्णय लिया जायेगा।
ग्रामों में पेयजल उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
187. ( क्र. 7814 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीहोर जिले की इछावर विधान सभा क्षेत्र के कितने ग्राम जल अभाव ग्रस्त ग्राम चिन्हित किए गए हैं? इन ग्रामों में ग्रीष्मकाल के दौरान पेयजल की क्या व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कर ली जाएगी? ग्रामवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जल अभाव ग्रस्त ग्रामों में जलापूर्ति के लिए क्या कोई बजट पृथक से स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ तो ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो फिर जलापूर्ति कैसे व किन तरीकों से की जाएगी? (ग) क्या जल अभाव ग्रस्त ग्रामों में जलापूर्ति का स्थायी निराकरण किया जा सकता है? यदि हाँ तो क्या जल संसाधन विभाग द्वारा कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ तो योजना का पूर्ण ब्यौरा दें व कब तक अमल में लाए जाने का प्लान है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र की सभी बसाहटों में पेयजल व्यवस्था उपलब्ध है, कोई भी ग्राम जल अभाव ग्रस्त चिन्हित नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ‘‘क’’ के अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ एवं ‘‘ख’’ के अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धान खरीदी एवं भण्डारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
188. ( क्र. 7815 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वर्ष २०१४-१५ एवं २०१५-१६ के दौरान धान की खरीदी की गई है? यदि हाँ तो प्रदेश में कितने खरीदी केन्द्रों पर कितनी धान की खरीदी की गई वर्षवार ब्यौरा दें। धान हेतु निर्धारित प्रति क्विंटल दर एवं बोनस राशि निर्धारण का वर्षवार ब्यौरा दें? (ख) क्या धान खरीदी में किस प्रकार की गड़बड़ी होने की शिकायतें सामने आई हैं? यदि हाँ तो शिकायतों और उन पर की गई कार्यवाही का प्रकरण वार ब्यौरा दें? (ग) क्या खरीदी गई धान को भंडार गृहों में रखा गया था? यदि हाँ तो किन-किन भंडारों में कितनी मात्रा में धान भंडारित की गई वर्षवार ब्यौरा दें। क्या खरीदी गई मात्रा एवं भंडार गृहों में रखी गई धान की मात्रा (वजन) में अंतर आया है? यदि हाँ तो प्रकरणवार ब्यौरा दें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार धान की मात्रा (वजन) में अंतर के लिए कौन-कौन लोग जिम्मेदार हैं व उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या घाटापूर्ति के लिए संबंधितों से वसूली की जाएगी? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आपदा राशि भुगतान के मापदण्ड
[राजस्व]
189. ( क्र. 7863 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा किसान की परिभाषा क्या तय की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनकम टैक्स अदा करने वालो को भी क्या किसान की श्रेणी में माना गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के इनकम टैक्स अदा करने वाले किसान एवं लघु सीमांत, सीमांत किसानों को आपदा के समय भुगतान की जाने वाली आपदा राशि के भुगतान के मापदण्ड क्या शासन द्वारा भिन्न-भिन्न तय किये गये हैं अथवा एक ही? क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के किसान एवं प्रश्नांश (ख) के किसानों को आपदा के समय दी जाने वाली सहायता राशि में क्या अन्तर करके भुगतान की कार्यवाही कराने हेतु निर्णय लेंगे? अगर नहीं तो क्यों? साथ ही प्रश्नांश (क) के किसानों को मिलने वाली सुविधाओं में प्रश्नांश (ख) के मिलने वाली सुविधाओं में क्या अंतर हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।