मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2019 सत्र


गुरूवार, दिनांक 25 जुलाई, 2019


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर


 

सड़क/भवन के निर्माण व मरम्‍मत हेतु प्राप्‍त राशि

[लोक निर्माण]

1. ( *क्र. 4037 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग खण्‍ड मुरैना में विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में विगत 03 वर्षों में कितने रोड (सड़क) निर्माण कार्य स्‍वीकृत, प्रक्रियाधीन/प्रस्‍तावित हैं, की जानकारी मार्ग का नाम, दूरी, प्राक्‍कलन, क्रियान्‍वयन एजेंसी, लागत राशि आदि सहित दी जावे। (ख) निर्माणाधीन कार्य की वर्तमान में क्‍या स्थिति है व प्रक्रियाधीन एवं प्रस्‍तावित कार्य स्‍वीकृति हेतु किस स्‍तर पर हैं व कब तक स्‍वीकृत हो जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) अन्‍तर्गत विगत 03 वर्ष में भवन/सड़क निर्माण/ मरम्‍मत हेतु कितना बजट प्राप्‍त होकर कहाँ-कहाँ व्‍यय किया गया? क्‍या उक्‍त कार्यों हेतु मान. सांसद व विधायकगण व अन्‍य जनप्रतिनिधियों द्वारा भी प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किये? यदि हाँ, तो इसकी जानकारी भी कार्यवार दी जावे।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

कटनी जिले में पर्यावरण संरक्षण के कार्य

[पर्यावरण]

2. ( *क्र. 4112 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक पर्यावरण के संरक्षण और सुधार के क्या-क्या कार्य किन-किन शासनादेश/विभागीय निर्देशों के तहत किस योजना एवं मांग/सुझाव और आवश्यकता के आधार पर किन-किन विभागों के किस नाम, पदनाम के सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब स्वीकृत किए गये? (ख) प्रश्नांश (क) किए गये कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी और कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? कार्यों को किस-किस व्यक्ति/ठेकेदार/ संस्था/विभाग द्वारा किस नाम/पदनाम के विभागीय अधिकारी की देख-रेख में किया गया? (ग) क्या कटनी नगर में खनिजों की कई खदानें वर्तमान में बंद पड़ी हैं और इनमें पानी उपलब्ध है? यदि हाँ, तो कटनी नगर में कितने रकबे की कौन-कौन सी खदानें वर्तमान में बंद हैं? इनके भूमि स्वामी कौन हैं? क्या इन खदानों का जल संरक्षण/पर्यावरण संरक्षण हेतु उपयोग किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस प्रकार? और इस प्रकृति की खदानों के उपयोग के क्या शासनादेश और विभागीय निर्देश हैं? (घ) नगरीय सीमा में पर्यावरण और जल संरक्षण किस-किस विभाग और संस्था/निकाय की ज़िम्मेदारी होती है एवं इसके क्या शासनादेश/विभागीय निर्देश हैं? कटनी नगर में विगत 03 वर्षों में पर्यावरण संरक्षण/विकास और जल संरक्षण के क्या-क्या कार्य नगर पालिक निगम कटनी द्वारा किन शासनादेशों/विभागीय निर्देशों के पालन में कब-कब किए गए?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) पर्यावरण विभाग के माध्यम से राष्ट्रीय हरित कोर योजनांतर्गत कटनी जिले के 250 विद्यालयों एवं 02 महाविद्यालयों में ईको क्लबों का संचालन किया जा रहा है। इस योजनांतर्गत पर्यावरण संबंधी विभिन्न जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जिसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा प्रतिवर्ष अनुदान राशि रू. 5,000/- प्रति ईको क्लबों को प्रदाय की जाती है। इस विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से जल अधिनियम, वायु अधिनियम तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अधीन नियमन का कार्य किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। तकनीकी रूप से खदानों का जल संरक्षण हेतु उपयोग करने में कठिनाई नहीं है। इण्डियन ब्यूरो ऑफ माइन्स द्वारा अनुमोदित माईन क्लोजर प्लॉन के अनुसार कार्यवाही का प्रावधान है। माईन क्लोजर प्लॉन के संबंध में मिनरल कन्सरवेशन एण्ड डेवलपमेन्ट रूल्स 2016 में दिशा-निर्देशों का उल्लेख है। (घ) नगरीय सीमा में पर्यावरण एवं जल संरक्षण में प्रमुख भूमिका संबंधित नगरीय निकाय की है। नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा विगत 03 वर्षों में पर्यावरण संरक्षण/विकास और जल संरक्षण हेतु निम्नानुसार कार्य किये गये हैं :-

(1) अमृत योजनांतर्गत नगर निगम सीमांतर्गत 03 पार्कों का विकास कार्य किया गया है :-                  (1) कटाये घाट स्थित सुरम्य पार्क, (2) मंगल नगर छपरवाह में पार्क निर्माण कार्य, (3) कलेक्ट्रेट स्थित पार्क का निर्माण कार्य।

वृक्षारोपण का कार्य:- (1) वर्ष 2016-17 में 4974 वृक्ष, (2) वर्ष 2017-18 में 5349 वृक्ष, (3) वर्ष 2018-19 में 4100 वृक्ष, (4) वर्ष 2019-20 में वृक्षारोपण का कार्य प्रगति पर है।

नगर निगम सीमांतर्गत विभिन्न घाटों एवं कटनी नदी पर स्थित बैराज के अपस्ट्रीम, घिनौची स्थित स्टाप डेम, कटनी बायपास एवं स्टाप डेम के गहरीकरण का कार्य नगर निगम, कटनी द्वारा विभागीय आदेशानुसार प्रतिवर्ष किया जाता है।

सतना जिलांतर्गत स्‍थापित नवीन उपकेन्‍द्रों की संख्‍या

[ऊर्जा]

3. ( क्र. 3326 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या रैगांव, शिवराजपुर तथा ग्राम मुड़हा में 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र स्‍थापित किया जाना प्रक्रियाधीन है? (ख) अगर हाँ तो कब तक स्‍थापित किया जावेगा, नहीं तो कारण बतायें? (ग) सतना जिले के क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2018-19 में स्‍थापित किये गये नये 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्रों की सूची तथा पूर्व में विद्यमान 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र से इनकी दूरी बतायें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं। रैगांव में माह नवम्‍बर, 2003 से ही 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍थापित है तथा ग्राम शिवराजपुर एवं ग्राम मुड़हा में वर्तमान में नए 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र का निर्माण तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) सतना जिले के क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2018-19 में स्‍थापित किये गये 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों की सूची एवं पूर्व से विद्यमान 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों से उनकी दूरी से संबंधित प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''एक''

टीकमगढ़-खिरिया नाका सड़क निर्माण हेतु काटे गये पेड़

[लोक निर्माण]

4. ( *क्र. 4160 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) टीकमगढ़ जिले में एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा टीकमगढ़ से खिरिया नाका तक सड़क निर्माण का कार्य किस वर्ष में किया गया था? ठेकेदार का नाम, अनुबंध दिनांक एवं कार्यपूर्ति का दिनांक बतावें। (ख) क्‍या सड़क निर्माण कार्य के दौरान टीकमगढ़ से खिरिया नाका के बीच वर्षों पुराने सैकड़ों पेड़ों को काटा गया था? यदि हाँ, तो कितने पेड़ों को काटा गया? (ग) क्‍या पेड़ों को काटने की विधिवत अनुमति ली गई थी? यदि नहीं ली गई थी, तो पेड़ों को बिना अनुमति के कैसे काटा गया इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक और क्‍या कार्यवाही की जावेगी?                 (घ) क्‍या काटे गये एक पेड़ के बदले दस पेड़ लगाने का शासन का नियम व माननीय उच्‍च न्‍यायालय के दिशा-निर्देश हैं? यदि हाँ, तो नियमों एवं निर्देशों की अनदेखी कर अब तक नये पेड़ क्‍यों नहीं लगाये गये? इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक? क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक, कितने नये पेड़ लगाये जावेंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) टीकमगढ़ महरोनी मार्ग का निर्माण कार्य बी.ओ.टी. (टोल+एन्‍यूटी) योजनांतर्गत वर्ष 2013 में किया गया था निवेशकर्ता मे. एस.व्‍ही.टी. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर (इंडिया) लि. भोपाल द्वारा अनुबंध दिनांक 16.03.2011 अनुसार कार्य प्रारंभ किया जाकर दिनांक 13.04.2013 को सी.ओ.डी. जारी की गई। (ख) जी हाँ। कुल 639 पेड़ काटे गये हैं।                    (ग) जी हाँ। अत: शेष का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (घ) जी हाँ। निवेशकर्ता द्वारा अनुमति में दिये निर्देशों के पालन में समय-समय पर कुल 8410 पौधे लगाये गये हैं। चूंकि समय-समय पर निवेशकर्ता द्वारा वृक्षारोपण का कार्य किया गया है अत: कोई दोषी नहीं है एवं कार्यवाही का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। 31 अगस्‍त, 2019 तक नये 500 पौधों का वृक्षारोपण करने की कार्य योजना है।

विद्युतविहीन ग्रामों में सौर ऊर्जा से विद्युत व्‍यवस्‍था

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

5. ( *क्र. 4022 ) श्री कमल पटेल : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. में विद्युतविहीन ग्रामों, मजरों, टोलों में शासन/विभाग द्वारा सौर ऊर्जा के द्वारा विद्युत की व्‍यवस्‍था करने हेतु काई प्रस्‍ताव बना है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं तो क्‍यों एवं बनी है तो क्‍या कार्ययोजना कब बनी? (ग) क्‍या विद्युतविहीन ग्रामों, मजरों, टोलों में सौर ऊर्जा के माध्‍यम से विद्युत व्‍यवस्‍था सुचारू रूप से की जा सकती है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो कब तक शासन/विभाग द्वारा इन ग्रामों मजरों/टोलों में विद्युत व्‍यवस्‍था कर दी जाएगी?

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में विद्युतविहीन ग्रामों व मजरों टोलों में सौर ऊर्जा के द्वारा विद्युत की व्‍यवस्‍था डीसेन्‍ट्रलाइज्‍ड डिस्‍ट्रीब्‍यूटेड जनरेशन (डी.डी.जी.) योजना अन्‍तर्गत म.प्र. विद्युत वितरण कम्‍पनी के द्वारा चिन्हित ग्रामों में की जाती है।                      (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित डी.डी.जी. योजना वर्ष 12 जनवरी, 2009 से निरंतर चालू है।                      (ग) जी हाँ। डी.डी.जी. कार्यक्रम के अन्‍तर्गत विद्युत वितरण कम्‍पनी द्वारा चिन्हित अविद्युतीकृत ग्रामों, को विद्युतीकृत करने हेतु प्रस्‍ताव रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन भारत सरकार, नई दिल्‍ली की ओर स्‍वीकृति हेतु भेजा जाता है। भारत सरकार से परियोजना स्‍वीकृत करने के उपरान्‍त ग्रामों में सोलर संयंत्रों की स्‍थापना कर प्रकाश व्‍यवस्‍था की जाती है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के सन्‍दर्भ में विद्युतीकृत किये गये ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''दो''

बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित योजनायें

[खेल और युवा कल्याण]

6. ( *क्र. 3918 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत बहोरीबंद विधान सभा में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय कर, कब-कब, कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से कार्य/योजनायें/खेलकूद गतिविधियाँ संचालित की गईं हैं? वर्षवार, तहसीलवार सूची देवें। (ख) शासन की योजनानुसार बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर कितनी लागत से कब स्टेडियम का निर्माण प्रस्तावित किया गया है? प्रस्तावित स्टेडियमों में से कौन-कौन से कब निर्मित हो गये हैं एवं कौन-कौन से प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से अपूर्ण हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित निर्मित स्टेडियम वर्तमान समय में किस स्थिति में किस विभाग के नियंत्रण में है तथा यहाँ पर कौन-कौन से खेल एवं अन्य प्रकार की गतिविधियाँ संचालित हो रहीं हैं? इन स्टेडियमों का निर्माण किन उद्देश्य की पूर्ति हेतु किया गया था? निर्माण उद्देश्य अनुरूप इनका उपयोग न होने के क्या कारण हैं? (घ) क्या ग्राम रीठी, जो तहसील मुख्यालय भी है, में स्थित जनपद खेल मैदान में प्रतिवर्ष राज्य स्तरीय लेदरबाल क्रिकेट प्रतियोगिता एवं अन्य खेलकूद गतिविधियाँ आयोजित होती है? यदि हाँ, तो क्या विभाग इस शासकीय खेल मैदान को विकसित कर यहाँ स्टेडियम का निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्रवार योजनाएं संचालित नहीं की जाती हैं। बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कार्य/योजनायें/खेलकूद गतिविधि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग की ओर से वर्तमान में बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत कोई स्टेडियम का निर्माण प्रस्तावित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) रीठी तहसील मुख्यालय पर जनपद खेल मैदान में प्रतिवर्ष प्रतियोगितायें आयोजित की जाती हैं, परन्तु यह राज्य स्तरीय नहीं है। जी नहीं, क्योंकि विभागीय नीति अनुसार मैदान खेल और युवा कल्याण विभाग के स्वामित्व का होना आवश्यक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

गंजबासौदा में आई.पी.डी.एस. योजनान्‍तर्गत विद्युतीकरण 

[ऊर्जा]

7. ( *क्र. 3825 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला विदिशा के नगरीय क्षेत्र गंजबासौदा में आई.पी.डी.एस. योजनान्‍तर्गत विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य एजेंसी का नाम एवं कार्य की समय-सीमा बतावें (ख) उक्‍त योजनान्‍तर्गत किन-किन स्‍थानों पर कौन-कौन सा कार्य कितना-कितना स्‍वीकृत है? कितना कार्य हो चुका है और कितना कार्य शेष है? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में वर्णित निर्माण कार्य एजेंसी द्वारा उपरोक्‍त कार्य निश्चित समय-सीमा में न करके अपूर्ण है? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्‍सी मेसर्स पंकज फुलवानी, भोपाल द्वारा किया जा रहा है तथा उक्‍त ठेकेदार एजेन्‍सी को जारी किये गये अवार्ड की शर्तों के अनुसार प्रश्‍नाधीन कार्य दिनांक 19.09.2019 तक पूर्ण किया जाना है। (ख) आई.पी.डी.एस. योजना के प्रावधानों के अंतर्गत म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विदिशा वृत्‍त के गंजबासौदा नगरीय क्षेत्र में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र, उच्‍चदाब लाइन विस्‍तार, निम्‍नदाब लाइन विस्‍तार, नये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना, केबलीकरण तथा बंद/खराब विद्युत मीटर बदलने का कार्य किया जाना स्‍वीकृत किया गया है। उक्‍त योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत कार्य की मात्रा सहित कार्यवार एवं स्‍थानवार विवरण तथा इसमें से पूर्ण किये गए एवं शेष कार्य की मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार टर्न-की ठेकेदार एजेन्‍सी द्वारा प्रश्‍नाधीन कार्य पूर्ण किये जाने की समय-सीमा दिनांक 19.09.2019 है, अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''तीन''

अशोक नगर में प्रस्‍तावित सिंचाई योजनाएं

[जल संसाधन]

8. ( *क्र. 4018 ) श्री जजपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा कितनी नवीन सिंचाई योजनाओं पर काम चल रहा है? कितनी पूर्ण हो चुकी हैं? इन योजनाओं से कितने ग्रामीणों को लाभ मिलेगा? (ख) क्‍या कोई नवीन सिंचाई परियोजना प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो कहाँ पर एवं कौन सी योजना?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) अशोक नगर जिले के अंतर्गत चंदेरी सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजना एवं गरेठी वियर कम-काजवे लघु सिंचाई परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। निर्मित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। इन परियोजनाओं से 9,792 कृषक लाभान्वित होना प्रतिवेदित है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चार''

शा. स्‍नातक महाविद्यालय सेंधवा में स्‍थायी प्राचार्य की पदस्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

9. ( *क्र. 1959 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शा. स्‍नातक महाविद्यालय सेंधवा में 2700 विद्यार्थी अध्‍ययनरत हैं, स्‍थायी प्राचार्य पिछले कई वर्षों से नहीं हैं एवं कार्यालयीन स्‍टॉफ भी नहीं है, कब तक नियुक्तियां की जावेंगी? (ख) क्‍या जनभागीदारी समिति में घोटाले के संबंध में कई शिकायतें भी की गईं हैं। यदि हाँ, तो कब तक जाँच की जायेगी? (ग) जनभागीदारी समिति सेंधवा का गठित दिनांक से वर्ष 2018-19 तक का ऑडिट नहीं किया गया है। कब तक किया जायेगा तथा दो‍षी अधिकारियों एवं लेखापाल पर कार्यवाही कब की जायेगी? (घ) विज्ञान संकाय, जूलॉजी, गणित, फिजिक्‍स की स्‍नातकोत्‍तर कक्षाएं कब से प्रारंभ की जायेंगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। रिक्त पदों की पूर्ति यथाशीघ्र करने का प्रयास किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जाँच कार्यवाही प्रचलित है। यथाशीघ्र जाँच पूर्ण कर निर्णय लिया जावेगा। (ग) जनभागीदारी समिति सेंधवा का गठित दिनांक से सत्र 2016-17 तक का ऑडिट हो गया है। वर्ष 2017-18 का ऑडिट कार्य प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2018-19 का ऑडिट कार्य शीघ्र करा लिया जावेगा। दोषी पाये जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) सीमित संसाधनों के कारण उल्‍लेखित कक्षाएं प्रारंभ करने में कठिनाई है।

परासिया स्थित महाविद्यालय में ई.लाईब्रेरी की स्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

10. ( *क्र. 4180 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाविद्यालयों में पुस्‍तकालय विकास अन्‍तर्गत ई-लाईब्रेरी स्‍थापित किये जाने के क्‍या दिशा-निर्देश व नियमावली है? (ख) क्‍या परासिया में स्थित श्री ल.ना.शास.पेंचव्‍हेली स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय परासिया में छात्र/छात्राओं को आधुनिक ग्रंथालय सेवा/सुविधा प्रदान करने हेतु ई-लाईब्रेरी नहीं है? क्‍या महाविद्यालय में ई-लाईब्रेरी नहीं होने के कारण अध्‍ययनरत् छात्र/छात्राओं को अनेक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ता है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो महाविद्यालय में अध्‍ययनरत् छात्र/छात्राओं के हित एवं आवश्‍यकता को ध्‍यान में रखते हुए, पुस्‍तकालय विकास अन्‍तर्गत ई-लाईब्रेरी को स्‍थापित किये जाने एवं ई-लाईब्रेरी हेतु आवश्‍यक सामग्री, स्‍टॉफ एवं राशि उपलब्‍ध किये जाने हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) उक्‍त महाविद्यालय परासिया में ई-लाईब्रेरी स्‍थापित किये जाने के संबंध में विभाग द्वारा कब तक स्‍वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में "पुस्‍तकालय का विकास" योजना क्रमांक-5550 के अंतर्गत प्रावधानित बजट से ई-लाईब्रेरी स्‍थापित किये जाने हेतु महाविद्यालयों से प्रस्‍ताव प्राप्‍त कर आवंटन किया जाता है। (ख) जी हाँ। महाविद्यालय में अध्‍ययनरत छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय में ई-लाईब्रेरी नहीं होने के कारण किसी प्रकार की असुविधाओं और परेशानियों के संबंध में प्रश्‍नांकित तिथि तक कोई शिकायत नहीं की है, अत: उक्‍त प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्धारित प्रक्रिया से महाविद्यालय द्वारा प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर परीक्षण उपरांत बजट सीमा के अंतर्गत आवश्‍यक सामग्री के क्रय हेतु आवंटन की कार्यवाही की जावेगी। इस योजना के अंतर्गत स्‍टॉफ के‍ लिए राशि उपलब्‍ध नहीं कराई जाती है। (घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

महाविद्यालयीन प्रयोगशाला परिचारकों की पदोन्‍नति

[उच्च शिक्षा]

11. ( *क्र. 3891 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्रयोगशाला परिचारकों को दिनांक 1.1.1996 से तृतीय श्रेणी में घोषित करते हुये 31.5.2002 तक इससे संबंधित पालन प्रतिवेदन शासन को प्रस्‍तुत किया जाना था? यदि हाँ, तो इससे संबंधित आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराते हुये प्रश्‍नांश दिनांक तक तृतीय श्रेणी में क्‍यों घोषित नहीं किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में हायर सेकेण्‍डरी या स्‍नातक उत्‍तीर्ण प्रयोगशाला परिचारकों को कब तक तृतीय श्रेणी में घोषित किया जावेगा? (ग) क्‍या शासन के न‍िर्देशानुसार विभिन्‍न पदों पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को सम्‍पूर्ण सेवाकाल में पदोन्‍नतियों का प्रावधान है तो प्रयोगशाला परिचारकों के लिये भी पदोन्‍नति के प्रावधान हैं अथवा नहीं? यदि नहीं तो विभाग द्वारा प्रयोगशाला परिचारकों के लिये कब तक पदोन्‍नति के प्रावधान बना लिये जायेंगे? (घ) वर्तमान में प्रदेश के विभिन्‍न महाविद्यालयों में संभागवार प्रयोगशाला परिचारकों की संख्‍या बतायें (ड.) महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की भांति विभाग में कार्यरत कर्मचारी जो पी.एस.सी./नेट/सेट उत्‍तीर्ण हैं पी.एस.सी./नेट/सेट में अंकों का अधिभार देने का प्रावधान कब किया जावेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। विभिन्न पदों पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को सम्पूर्ण सेवा काल में पदोन्नति/क्रमोन्नति का प्रावधान है। म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग की अधिसूचना क्र. 2304/0262/38-2/91 भोपाल दिनांक 19.08.1991 के अनुसार ऐसे प्रयोगशाला परिचारक जो संबंधित विषय सहित उच्चतर माध्यमिक परीक्षा 10+2 स्कीम की 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण हो तथा प्रयोगशाला परिचारक के रूप में 9 वर्ष का अनुभव हो, उन्हें प्रयोगशाला तकनीशियन के कुल स्वीकृत पदों में से 25 प्रतिशत पदों पर पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान है। अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) प्रयोगशाला परिचारकों के लिये इस तरह का अभी कोई प्रावधान नहीं है।

विद्युत मण्डल कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति

[ऊर्जा]

12. ( *क्र. 3857 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल कर्मियों के आश्रितों को 17 नवंबर, 1997 से अनुकंपा नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई थी? इसके लिये कोई निर्देश जारी किये गये थे अथवा अघोषित रूप से रोक लगाई गई थी (ख) क्या मण्डल द्वारा लंबित अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों में नियुक्ति प्रदान करने का कार्य दिनांक 10 अप्रैल, 2012 से पुनः प्रारंभ किया गया है? यदि हाँ, तो 17 नवंबर, 1997 से 10 अप्रैल, 2012 के मध्य दिवंगत हुए मण्डल कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति क्यों प्रदान नहीं की गई? (ग) मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल के अधीन पावर जनरेटिंग कंपनी के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, में दिनांक 17 नवंबर, 1997 से 10 अप्रैल, 2012 तक अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित हैं? नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। क्या मण्डल द्वारा इन्हें अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) जी हाँ। विद्युत कंपनियों द्वारा दिनांक 10.04.2012 के उपरांत कंपनियों में अंतिम रूप से आमेलित म.प्र. राज्‍य विद्युत मंडल के कार्मिक एवं कंपनी कार्मिक की सेवा के दौरान मृत्‍यु होने पर पात्र आश्रित को नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया जाना आरंभ किया गया। वर्तमान में दिनांक 15.11.2000 से 10.04.2012 के बीच मात्र कार्य के दौरान दुघर्टना मृत्‍यु के प्रकरणों में पात्र आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। उक्‍त प्रावधान दिनांक 15.11.2000 से इसलिए किया गया है, क्‍योंकि अविभाजित मध्‍यप्रदेश के दिनांक 01.11.2000 को पुनर्गठन के बाद मध्‍यप्रदेश एवं छत्‍तीसगढ़ के बीच राज्‍य विद्युत मंडलों का बंटवारा दिनांक 15.11.2000 से हुआ था।                      (ग) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, मध्‍यप्रदेश विद्युत मंडल/मध्‍यप्रदेश राज्‍य विद्युत मण्‍डल/म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड सारनी में दिनांक 17 नवंबर, 1997 से 10 अप्रैल, 2012 तक अनुकंपा नियुक्ति के 238 प्रकरण लंबित हैं, नाम सहित सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में दर्शाये अनुसार है। उक्‍त लंबित प्रकरणों के संबंध में उत्‍तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

अनुदान प्राप्‍त महाविद्यालय में कार्यरत कर्मियों का वेतन निर्धारण

[उच्च शिक्षा]

13. ( *क्र. 3810 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में शासकीय अनुदान प्राप्‍त महाविद्यालय में कार्यरत शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक संवर्गों में जो कर्मचारी जनभागीदारी समिति, शासी निकाय एवं कॉलेज प्रबंध समिति के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं उनके लिए न्‍यूनतम वेतन का निर्धारण किया गया है? अनुदान प्राप्‍त महाविद्यालय में कार्यरत शैक्षणिक संवर्ग के स्‍व-वित्‍तीय पाठ्यक्रमों में शासी निकाय अथवा कॉलेज प्रबंध समिति के द्वारा नियुक्‍त कर्मचारियों को अतिथि विद्वान का पदनाम एवं मानदेय शासन द्वारा दिया जा सकता है कि नहीं? (ख) इन कर्मचारियों के भविष्‍य संरक्षित करने की क्‍या तैयारी है? (ग) मध्‍यप्रदेश शासन उच्‍च शिक्षा विभाग के द्वारा प्रदेश के निजी महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षक संवर्ग एवं कर्मचारियों का बीमा तथा भविष्‍य निधि में शासन द्वारा वचन पत्र के बिन्‍दु क्रमांक 17.20 के पालन के लिए जो कार्यवाही प्रारंभ की गई थी वह किस स्थिति में है? कर्मचारियों को इसका लाभ कब से मिलेगा? इसके लिए क्‍या सीमाएं एवं नियम निर्धारित किए गए हैं? आयुक्‍त उच्‍च शिक्षा विभाग भोपाल के विशेष कर्तव्‍यस्‍थ अधिकारी द्वारा जारी चतुर्थ स्‍मरण पत्र क्रमांक 843/453/आ ऊ शि/अनु. बजट/18 भोपाल दिनांक 16/05/2019 की कार्यवाही किस स्थिति में है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ, न्यूनतम वेतन निर्धारण के संबंध में निर्णय लिया जाना प्रक्रियाधीन है। जी नहीं। (ख) इन कर्मचारियों के भविष्य संरक्षित करने के संबंध में शासन के वचन पत्र के बिन्दु क्रमांक 17.20 के तहत योजना परीक्षणीय है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नियम विरूद्ध मैदानी पदस्‍थापना

[लोक निर्माण]

14. ( *क्र. 4214 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. कार्य मैन्‍युअल 1983 की कंडिका 1.014 में डिवीजन/संभाग व कंडिका 1.015 सब डिवीजन/उप संभाग के प्रभार हेतु लेखा परीक्षा उत्‍तीर्ण होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो इसके विरूद्ध कितनी मैदानी पदस्‍थापनाएं हैं? इनको कब तक हटाया जायेगा? विभागीय लेखा परीक्षा पास को कब तक मैदानी पदस्‍थापना दी जावेगी? (ख) क्‍या कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि.वि./यां. संभाग इंदौर के पद पर प्रभारी श्री पी.आर. इंदोरे विगत 2 वर्षों से व विगत 10 वर्षों से अनुविभागीय अधिकारी लो.नि.वि.वि./यां. उपसंभाग इंदौर के पद पर पदस्‍थ हैं? क्‍या उपरोक्‍त पदस्‍थापना स्‍थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 की कंडिका 11.4 के विरूद्ध है? क्‍या इनके द्वारा संभाग व उपसंभाग के दायित्‍व हेतु विभागीय मैन्‍युअल की कंडिका 1.0141.015 अनुसार अनिवार्य लेखा परीक्षा उत्‍तीर्ण की गई है? यदि नहीं तो इनको नियम विरूद्ध मैदानी पदस्‍थापना प्रभारी कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि.वि./यां. संभाग इंदौर के पद से कब तक हटाया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। उप संभागों में अनुविभागीय अधिकारी के रिक्त पद के प्रभार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''', '''' एवं '''' में निहित प्रावधान अनुसार दिया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी नहीं, स्थानांतरण नीति की कंडिका 11.4 के तहत यह अनिवार्य नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया जावे। जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शासन की हितग्राही मूलक योजनाएं

[श्रम]

15. ( *क्र. 4104 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) म.प्र. शासन की संबल योजना क्या प्रदेश में दिनांक 28.06.2019 की स्थिति में लागू की गई है अथवा क्या नई योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो इस योजना के अंतर्गत हितग्राही को              क्या-क्या सुविधाएं/सहायता दी जाती है? दिए गए निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्‍या वैकल्पिक योजना बनाई जा रही है? जिससे गरीब हितग्राहियों को लाभ हो सके? यदि हाँ, तो योजना का नाम क्या रखा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में कितने हितग्राहियों के नाम इस योजना में जोड़े गए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में 01 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2019 तक कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं के अंतर्गत क्या-क्या लाभ/आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई तथा कितने हितग्राहियों के प्रकरण 30 जून, 2019 की स्थिति में लंबित हैं और निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। योजना अंतर्गत हितग्राहियों को दी जा रही सुविधाओं एवं सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है तथा दिये गये निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में 102912 हितग्राहियों के नाम इस योजना में जोड़े गये।                         (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। दिनांक 30 जून, 2019 तक के सभी प्रकरण पोर्टल पर स्वीकृत किये जा चुके हैं। अतः 30 जून, 2019 की स्थिति में कोई प्रकरण लंबित नहीं है।

विधान सभा क्षेत्र मंदसौर की सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

16. ( *क्र. 3874 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2018 के पश्चात मंदसौर विधान सभा क्षेत्र की लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़क स्वीकृत होकर कार्यादेश जारी हुए, उनमें कितनी सड़क पूर्ण हैं तथा सड़कों के निर्माण को लेकर आंशिक या पूर्णकालीन भुगतान की राशि कितने ठेकेदारों की बकाया है तथा कितनों की पूर्ण राशि भुगतान कर दी गयी? (ख) उक्त अवधि में मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा स्वीकृत सड़क ग्राम रांकोदा से गुराडिया लालमुँहा, गरोड़ा से अकोदड़ा, हवाई पट्टी मंदसौर से भालोट, रिछालालमुँहा से निम्बोद, साबाखेड़ा से मंदसौर मंडी के कार्यादेश जारी होने के उपरांत कितने ठेकेदारों को आंशिक तथा कितनों को पूर्ण भुगतान प्रश्न दिनांक तक कर दिया गया? कितने ठेकेदारों की कितनी बकाया भुगतान राशि किन-किन कारणों से शेष है? (ग) उक्त सड़कों की निर्माण एजेंसी एवं ठेकेदार कौन-कौन थे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''पाँच''

ग्राम परसवाड़ा में खेल परिसर का निर्माण

[खेल और युवा कल्याण]

17. ( *क्र. 3672 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम परसवाड़ा में खेल परिसर निर्माण कार्य तत्कालीन मान. मुख्यमंत्री की घोषणा क्रमांक 1985 अनुसार खेल युवा कल्याण मद से स्वीकृत था? यदि हाँ, तो क्या कार्य पूर्ण हो चुका है या अधूरा है? (ख) क्‍या पत्र क्रमांक 3405/खे.युवा.कल्याण/अधो./2013 भोपाल दिनांक 11/07/2013 द्वारा खेल परिसर स्वीकृत हुआ था, किन्‍तु आज दिनांक त‍क कार्य अधूरा है? क्‍या कारण है? कार्य अधूरा होने में दोषी कौन-कौन अधिकारी हैं? (ग) क्या बजट के अभाव में कार्य अपूर्ण है? यदि हाँ, तो क्या बजट उपलब्ध करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र परसवाड़ा को खेल परिसर विहीन रखेंगे? यदि नहीं तो 5 वर्ष से कार्य क्यों अधूरा है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

''इंदिरा गृह ज्‍योति योजना'' अंतर्गत बिजली बिल का प्रदाय

[ऊर्जा]

18. ( *क्र. 1159 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में गरीबों को घरेलू बिजली उपयोग करने पर न्यूनतम एवं अधिकतम कितनी राशि के मासिक बिल दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या संबल योजना अंतर्गत पिछली सरकार द्वारा गरीबों से अधिकतम 100 रु. प्रतिमाह लिये जाने का प्रावधान था? (ग) क्या वर्तमान सरकार द्वारा उक्त नियम को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है? जिसके कारण प्रदेश के गरीबों को हजारों रु. प्रतिमाह के बिल प्राप्त हो रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या संबल योजना कार्डधारी को अधिकतम 100-150 रु. प्रतिमाह घरेलू बिजली बिल दिये जाने के पूर्व सरकार के निर्णय को यथावत रखा जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वर्तमान में लागू ''इंदिरा गृह ज्‍योति योजना'' के अंतर्गत सम्मिलित 1 किलोवाट तक के संयोजित भार वाले सहज बिजली बिल स्‍कीम के सभी घरेलू उपभोक्‍ताओं को प्रथम 100 यूनिट के विद्युत उपभोग पर 100 रूपये का बिल दिये जाने एवं 100 रूपये से कम बिल होने पर वास्तविक राशि का बिल दिये जाने का प्रावधान है। उक्‍त योजना में सम्मिलित उपभोक्‍ता द्वारा 100 यूनिट से अधिक विद्युत का उपभोग करने पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ एवं मीटर में दर्ज वास्‍तविक खपत के आधार पर बिल दिये जाने का प्रावधान है। इस प्रकार कोई न्‍यूनतम एवं अधिकतम बिल की सीमा निर्धारित नहीं की गई है। (ख) जी नहीं, अपितु संबल योजना में 1 किलोवाट तक के संयोजित भार वाले पंजीकृत श्रमिकों एवं संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल के पंजीकृत कर्मकारों को सरल बिजली बिल स्‍कीम के तहत अधिकतम 200 रूपये प्रतिमाह बिजली का बिल दिये जाने का प्रावधान था। (ग) जी नहीं, तथापि दिनांक 07 फरवरी, 2019 को राज्‍य शासन द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितग्राहियों को लाभान्वित करने के उद्देश्‍य से पूर्व में चल रही संबल योजना को समाहित करते हुए दिनांक 25.02.2019 से ''इंदिरा गृह ज्‍योति योजना'' लागू की गई, जिसके अंतर्गत 1 किलोवाट तक संयोजित विद्युत भार वाले सरल बिजली बिल योजना में सम्मिलित उपभोक्‍ताओं द्वारा घरेलू उपयोग के लिए 100 यूनिट तक खपत करने पर अधि‍कतम 100/- रूपये का देयक दिये जाने का प्रावधान किया गया है। 100 यूनिट से अधिक खपत होने पर प्रथम 100 यूनिट के लिए 100/- रूपये एवं शेष विद्युत खपत के लिए लागू टैरिफ अनुसार विद्युत देयक की राशि उपभोक्‍ता द्वारा देय है।                 (घ) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित हितग्राहियों को घरेलू उपयोग हेतु अधिकतम 100-150 रूपये प्रतिमाह बिजली का बिल दिये जाने का पूर्व सरकार का कोई निर्णय नहीं था, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

मेंटेनेन्‍स हेतु सामग्री की खरीदी

[ऊर्जा]

19. ( *क्र. 1895 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. ने R.C.A. (T.S-440) के अंतर्गत मेंटेनेन्‍स हेतु कुल कितनी राशि की सामग्री खरीदी तथा इसका यूटीलाईजेशन (उपयोगिता) सर्टिफिकेट कब-‍कब लिये गये? (ख) लोकल परचेज में महाप्रबंधक (वृत) को D.O.P. के तहत किस सीमा तक अधिकार है? प्रबंध संचालक ने एक आदेश में 50 लाख और वर्ष में 5 करोड़ खर्च करने की अवैध अनुमति कैसे प्रदान की? (ग) मुख्‍य महाप्रबंधक के पत्र क्रमांक 2019/115, दिनांक 3-6-2019 में इस बात का खुलासा नहीं हो रहा है कि उक्‍त केन्‍द्रों पर घटिया सामग्री लगाई, जिसके कारण विद्युत व्‍यवधान बढ़ा है। (घ) क्‍या टी.एस. 440 की खरीददारी में भ्रष्‍टाचार की शिकायत मिलने पर जाँच रोक दी गई थी? यदि नहीं, तो प्रबंध संचालक के विरूद्ध जाँच कराई जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा R.C.A. (T.S-440) के अंतर्गत कुल राशि रू. 6, 15, 93, 181/- की सामग्री विद्युत अधोसंरचना के              रख-रखाव कार्यों हेतु क्रय की गई थी। उक्त क्रय की गई सामग्री का उपयोग विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु आवश्‍यक कार्यों के लिए किया गया था। उक्त सामग्री का उपयोग एक साथ न होकर आवश्‍यकता के अनुरूप किये जाने के परिप्रेक्ष्‍य में वितरण कंपनी द्वारा कार्यादेश के विरूद्ध खरीदी गई सामग्री के उपयोगिता प्रमाण-पत्र लेने का प्रावधान नहीं किया गया है। (ख) वर्तमान में लागू कंपनी की डेलिगेशन ऑफ पावर पुस्तिका के अनुसार लोकल पर्चेस के लिए महाप्रबंधक को एक बार में रू. 2.00 लाख, एक माह में रू. 5.00 लाख एवं एक वर्ष में रू. 50 लाख की सीमा तक सामग्री क्रय करने के अधिकार हैं। संचालक मण्डल म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अनुमोदन उपरांत R.C.A. (T.S-440) के अंतर्गत विद्युत लाइनों एवं विद्युत उपकेन्द्रों के रख-रखाव हेतु सामग्री क्रय करने के लिए एक बार में राशि रू. 50 लाख एवं अधिकतम वार्षिक सीमा राशि रू. 5.00 करोड़ के अधिकार प्रदान किये गये थे। (ग) मुख्य महाप्रबंधक (एम.एण्ड बी.एम.) कार्यालय प्रबंध संचालक, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के पत्र क्र. 2019/115 दिनांक 03.06.19 में विद्युत व्यवस्था सुचारू रखने हेतु उपकेन्द्रों के निरीक्षण के दौरान पायी गयी रख-रखाव से संबंधित कमियों का उल्लेख किया गया है। उक्त पत्र में सामग्री की गुणवत्‍ता निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं होने के कारण विद्युत व्यवधान बढ़ने से संबंधित कोई लेख नहीं है। (घ) जी नहीं। R.C.A. (T.S-440) के खरीदी से संबंधित अनियमितता की शिकायत की जाँच पूर्ण की गई थी एवं जाँच उपरांत उक्त शिकायत निराधार एवं भ्रामक पाई गई।

बल्‍देवगढ़ मुख्‍यालय पर सर्वेक्षण एवं अनुसंधान उपसंभाग कार्यालय को बंद किया जाना

[जल संसाधन]

20. ( *क्र. 2906 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बान सुजारा बाँध, जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत खरगापुर विधान सभा के बल्देवगढ़ मुख्यालय पर सर्वेक्षण एवं अनुसंधान उपसंभाग क्र.-01 एवं 02 की स्थापना शासन के किस आदेश से की गई थी? आदेश की प्रति देवें। (ख) क्या उक्त दोनों कार्यालय एक निजी भवन में संचालित थे जिन्‍हें लगभग 2 माह बाद अचानक बंद कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त कार्यालय बंद करने संबंधी आदेश किसका है? आदेश की प्रति देवें एवं उक्त कार्यालयों को कहाँ संविलियत किया गया है एवं उनमें पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों का वर्तमान मुख्यालय कहाँ है? (घ) यदि उक्त कार्यालय शासनादेश के बिना बंद करके मुख्यालय परिवर्तित किया गया है, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा की जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। मितव्‍ययिता के कारण निजी भवन से शासकीय भवन में कार्यालयों को स्‍थापित किया गया है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्‍नाधीन कार्यालयों का मुख्‍यालय बल्‍देवगढ़ है।

परिशिष्ट - ''छ:''

एन.एच.3 पर स्थित टोल टैक्‍स बेरियर को बंद किया जाना

[लोक निर्माण]

21. ( *क्र. 1876 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना नगर निगम सीमा एन.एच.3 पर स्थित टोल टैक्‍स बैरियर को संचालित करने की समय-सीमा कब तक है? (ख) क्‍या उक्‍त टोल बैरियर की समय-सीमा समाप्‍त होने के बावजूद भी अनैतिक तत्‍वों के बल पर अवैध रूप से शासकीय भूमि पर नगर निगम सीमा में टोल टैक्‍स लगाकर करोड़ों रूपयों का गोरखधंधा संचालित है? यदि हाँ, तो उसके लिये दोषी कौन है? दोषी के प्रति क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या अवैध रूप से संचालित टोल बैरियर पर विगत वर्षों में अनेक बार गोलीकाण्‍ड हुआ एवं मौतें भी हो चुकी हैं, यातायात भी घण्‍टों बाधित रहता है? यदि हाँ, तो शासन जनहित में इस खुली लूट को बंद करने के उद्देश्‍य से कब तक उक्‍त टोल बैरियर को हटाने की कार्यवाही करेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सात''

पार्वती रेसई परियोजना के डूब क्षेत्र में आ रहे क्षेत्र

[जल संसाधन]

22. ( *क्र. 4124 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक पार्वती रेसई परियोजना के डूब क्षेत्र में कौन-कौन से ग्राम/मंदिर/अन्‍य सम्‍पत्तियां आ रहीं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या विभाग द्वारा डूब क्षेत्र में आ रहे ग्रामों/मंदिर व अन्‍य ऐसी सम्‍पत्ति जो प्राचीन व ऐतिहासिक महत्‍व रखती है, के विस्‍थापन/पुनर्वास के लिये कोई कार्य योजना बनाई है? यदि हाँ, तो क्‍या तथा क्‍या पुनर्वास हेतु भूमि चिन्हित कर आवंटित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो खसरा नंबर सहित स्‍थान बतावें। यदि नहीं तो उक्‍त संबंध में किस स्‍तर पर कार्यवाही लंबित है तथा कब तक भूमि आवंटन की कार्यवाही पूर्ण करा ली जावेगी? (ग) क्‍या विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्राचीन ऐतिहासिक सांका श्‍यामी जी मंदिर डूब क्षेत्र में आ रहा है? जो कि पर्यटक स्‍थल होकर क्षेत्रीयजनों के आस्‍था का केन्‍द्र भी है? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा उक्‍त मंदिर तथा ऐसे सभी प्राचीन ऐतिहासिक महत्‍व वाले स्‍थानों के विस्‍थापन उपरांत पुनर्वास हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या? नहीं तो कब तक, उपरोक्‍तानुसार पुनर्वास की कार्यवाही की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) पार्वती रेसई नाम की कोई सिंचाई परियोजना नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।

रिक्‍त पदों के विरूद्ध जिले के अन्‍य महाविद्यालय से डिप्‍लायमेंट

[उच्च शिक्षा]

23. ( *क्र. 1123 ) श्री संजय उइके : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नवीन महाविद्यालय में छात्र हित में अध्‍यापन एवं अन्‍य कार्यों के संपादन हेतु रिक्‍त पदों के विरूद्ध जिले के अन्‍य महाविद्यालय से डिप्‍लायमेंट किया जाना है? यदि हाँ, तो इसके लिये कोई नियम या निर्देश तय किये गये है तो उसकी प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या डिप्‍लायमेंट के लिये नजदीकी तहसील मुख्‍यालय एवं जिला मुख्‍यालय के महाविद्यालयों में पर्याप्‍त पद भरे होने के बावजूद भी जिले के दूरस्‍थ अन्‍य महाविद्यालय से डिप्‍लायमेंट किया गया? क्‍या यह उचित है? (ग) बालाघाट जिले के आदिवासी विधान सभा क्षेत्र के नवीन महाविद्यालय मलाजखण्‍ड से जहां की वर्तमान में दो सहा. अध्‍यापक ही पदस्‍थ हैं? 01 सहा. अध्‍यापक का डिप्‍लायमेंट नजदीकी तहसील एवं जिला मुख्‍यालय को छोड़कर लगभग 165 कि.मी. दूर के शासकीय महाविद्यालय किरोड़ी में किन कारणों से किया गया है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। शासकीय नवीन महाविद्यालयों में छात्र हित में अध्यापन कार्य अवरूद्ध न हो इस दृष्टि से अन्य महाविद्यालयों से डिप्लायमेंट किया जाता है। जी नहीं। उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा डिप्‍लायमेंट किये जाने संबंधी आदेश संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) एक ही जिले के महाविद्यालय होने से दिनांक 04.06.2019 को डिप्लायमेंट किया गया था, जिसे आदेश क्रमांक 1177/1193/आउशि/शा-2/19, दिनांक 20.06.19 द्वारा निरस्त किया गया।

परिशिष्ट - ''आठ''

सहायक प्राध्‍यापक परीक्षा 2017 की चयन सूची में विसंगतियां

[उच्च शिक्षा]

24. ( *क्र. 3358 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा उच्‍च शिक्षा विभाग के अंतर्गत विज्ञापन क्रमांक 07/2017 दिनांक 12.12.2017 में विज्ञापित सहायक प्राध्‍यापक संगीत एवं संगीत गायन पदों का अलग-अलग विज्ञापन जारी किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या इसमें एक व्‍यक्ति एक ही मुख्‍य विषय के रिक्‍त पद में सम्मिलित होने की पात्रता की शर्त भी रखी गई थी? (ख) क्‍या शर्त का पालन न करते हुए दोनों विषयों की परीक्षाओं में एक ही प्रमाण-पत्रों के माध्‍यम से सम्मिलित होकर उत्‍तीर्ण होने वाले अभ्‍यर्थियों के दोनों परिणामों को निरस्‍त कर प्रतीक्षा सूची वाले अभ्‍यर्थियों का नाम मुख्‍य चयन सूची में सम्मिलित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और अपात्र अभ्‍यर्थियों तथा आयोग की लापरवाही के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। अभ्यर्थी यदि एक से अधिक विषयों में पात्रता एवं अर्हता रखता था, तो उसे एक से अधिक विषयों में आवेदन की पात्रता थी। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तरांश के अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शास. महा. में कार्यरत अतिथि विद्वानों/क्रीड़ाधिकारी/ग्रंथपाल का नियमितीकरण

[उच्च शिक्षा]

25. ( *क्र. 3077 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों/क्रीड़ाधिकारी/ग्रंथपाल के नियमितीकरण के बारे में कोई नीति बनाई गई है?                      (ख) क्‍या राज्‍य शासन के अपने वचन पत्र में महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों एवं अन्य के लिए नियमित करने हेतु घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या सरकार ने अपनी पार्टी के घोषणा पत्र के अमल को लेकर कोई नीति तैयार की है और इनका नियमितीकरण करने की कोई योजना है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। (ख) वचन पत्र के बिन्‍दु क्र. 17.22 में उल्‍लेख है कि ''अतिथि विद्वानों को रोस्‍टर के अनुसार नियमित करने की नीति             बनायेंगे ...।'' किसी भी अतिथि विद्वान को किसी भी स्थिति में पदमुक्‍त नहीं किया जायेगा और रोस्‍टर के अनुरूप कार्य योजना पर कार्य जारी है।

 

 


भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


बाह्य सेवा के कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया जाना 

[ऊर्जा]

1. ( क्र. 85 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विगत 3 वर्ष से 30 जून, 2019 तक जिला जबलपुर में बाह्य सेवा (out sourcing) के तकनीकी कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितने कर्मचारियों को पृथक किया गया है? पृथक करने के कारण बतावें? (ग) यदि इनके कार्य की आवश्यकता नहीं थी तो इन्हें क्यों रखा गया था? इसके लिये कौन जवाबदार है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। अपितु बाह्य सेवा प्रदाता कंपनियों के माध्‍यम से जिला जबलपुर में प्रश्‍नाधीन अवधि में कार्यरत 19 कार्मिकों को कार्य निर्वहन में लापरवाही, आवश्‍यक शैक्षणिक योग्‍यता नहीं होने, कार्य करने में अक्षम होने, आदि विभिन्‍न कारणों से उपयुक्‍त नहीं पाये जाने पर म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संबंधित बाह्य सेवा प्रदाता कंपनियों के माध्‍यम से कार्य की आवश्‍यकता के अनुरूप इन्‍हें उपयुक्‍त कार्मिकों से प्रतिस्‍थापित करवाया गया। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

फर्जी लाइनमेन के नाम से वेतन आहरण पर कार्यवाही 

[ऊर्जा]

2. ( क्र. 86 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. कटनी में ऐसे कितने लाईनमेन है जो कार्यरत नहीं है परन्तु वेतन आहरण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो बिना कार्य के वेतन आहरण के संबंध में म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. कटनी को विगत 5 वर्षों में शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो कितनी शिकायतें सही पाई गई तथा क्या कार्यवाही की गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के क्षेत्रांतर्गत संचालन एवं संधारण वृत्‍त, कटनी में ऐसा कोई लाईनमेन नहीं है जो कार्यरत नहीं है किन्‍तु उसके द्वारा वेतन आहरण किया जा रहा है। (ख) संचालन एवं संधारण वृत्‍त, कटनी अंतर्गत विगत 5 वर्षों में बिना कार्य के वेतन आहरण के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

उपलब्‍ध राशि के संबंध में 

[उच्च शिक्षा]

3. ( क्र. 662 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक रायसेन जिले में किन-किन शासकीय महाविद्यालय के पास किस-किस मद योजना की राशि किस खाते में जमा है? उक्‍त राशि                   किन-किन कार्यों योजनाओं में व्‍यय की जा सकती है? (ख) उक्‍त राशि छात्र-छात्राओं के हित में व्‍यय क्‍यों नहीं की गई इसके लिये कौन-कौन जवाबदार है छात्र-छात्राओं से किस-किस मद में कितना-कितना शुल्‍क लिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) के किन-किन महाविद्यालयों के पास कितनी भूमि है उक्‍त भूमि का क्‍या-क्‍या उपयोग किया जा रहा है उक्‍त भूमि पर किन-किन व्‍यक्तियों द्वारा कब से झुग्‍गी बनाकर निवास किया जा रहा है? उक्‍त झुग्‍गीवासियों को वैकल्पिक भूमि क्‍यों उपलब्‍ध नहीं कराई जा रही है? (घ) शास. महाविद्यालय बरेली के छात्रावास में कितने छात्र निवास करते है यदि नहीं तो क्‍यों? उक्‍त छात्रावास की मरम्‍मत एवं पुताई हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' पर है। (ग) रायसेन जिले के 11 शासकीय महाविद्यालयों में से 08 महाविद्यालयों के पास भूमि है। 03 महाविद्यालयों को भूमि आवंटित नहीं है। जिन 08 महाविद्यालयों के पास भूमि है उनके उपयोग की जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' पर दर्शायी गई है। केवल शासकीय महाविद्यालय, उदयपुरा में निर्मित भवन के अतिरिक्त शेष भूमि पर अतिक्रमण है। इस महाविद्यालय के परिसर में झुग्गी बनाकर रहने वाले व्यक्तियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं भूमि से अतिक्रमण हटाने एवं वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराने के संबंध में विभाग एवं जिला प्रशासन स्तर पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अद्यतन रूप से अतिक्रमण हटाने हेतु जिला कलेक्टर, रायसेन को दिनांक 11.07.2019 को पुनः लिखा गया है। (घ) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बरेली में 50 सीटर बालक छात्रावास में 1994-95 से किसी भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया है और न ही छात्रावास की मांग छात्रों द्वारा आई है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। छात्रावास की मरम्‍मत एवं पुताई से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

सिरमौर विकासखण्ड में स्वीकृत मिनी स्टेडियम के निर्माण

[खेल और युवा कल्याण]

4. ( क्र. 1168 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017-18 में सिरमौर विकासखण्ड में मिनी स्टेडियम निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि लगभग 02 वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका? (ख) उक्त मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा? विभाग के द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा सिरमौर विकासखंड में मिनी स्टेडियम निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नोत्तर ‘‘‘‘ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

 

अधूरे सेतु निर्माण कार्य एवं पहुंच मार्ग को पूरा किया जाना

[लोक निर्माण]

5. ( क्र. 1170 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिलान्‍तर्गत जवा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत भनिगवां एवं ग्राम पंचायत कोल्हा के सेतु निर्माण एवं पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य लगभग 02 वर्ष पूर्ण हो जाने के पश्‍चात् भी पूर्ण नहीं किया जा सकने का क्‍या कारण है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उल्लेखित पंचायतों में निर्माणाधीन सेतुओं तथा पहुंच मार्गों का निर्माण कब तक कराया जा सकेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।              (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के कॉलम 6 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''नौ''

सिविल हॉस्पिटल सारंगपुर का अपूर्ण निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

6. ( क्र. 1193 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर में सिविल हॉस्पिटल सारंगपुर का निर्माण कार्य प्रगति पर है? यदि हाँ, तो कार्य का कार्यादेश की तिथि, कार्य प्रारम्भ की तिथि एवं कार्य पूर्ण करनें की तिथि से अवगत करावें, एवं कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या सिविल हॉस्पिटल सारंगपुर के निर्माण कार्य में अतिरिक्त कार्य की बढ़ोत्‍तरी होने से बढ़ी हुई राशि की पुनरीक्षित स्‍वीकृति सक्षम अधिकारी से प्राप्त की गई थी? यदि हाँ, तो बढ़े हुये कार्य एवं बढ़ी हुई राशि के विवरण से अवगत करावें? (ग) क्या प्रश्नांश () मे दर्शित बढ़े हुये कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण कर लिये गये है? यदि नहीं तो किस कारणों से अपूर्ण है? (घ) प्रश्नांश () में अपूर्ण होने के कारणों का कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? उन कारणों का निराकरण न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, मूल प्रशासकीय स्‍वीकृति अनुसार, मुख्‍य अस्‍पताल भवन कार्य पूर्ण एवं हस्‍तांतरित लेकिन पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति में स्‍वीकृत अतिरिक्‍त कार्य शेष, पुराने अस्‍पताल भवन को तोड़ने की अनुमति अप्राप्‍त होने के कारण अतिरिक्‍त कार्य अप्रारंभ। मूल प्रशासकीय स्‍वीकृति अनुसार पूर्ण अस्‍पताल भवन की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार एवं कार्यादेश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।             (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी नहीं। संबंधित विभाग द्वारा विद्यमान मैटरनिटी वार्ड को ध्‍वस्‍त करने की अनुमति न दिये जाने के कारण बढ़े हुये कार्य प्रारंभ नहीं किये जा सके, अत: पूर्णता की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) पुराने मैटरनिटी भवन को ध्‍वस्‍त किये जाने की अनुमति प्राप्‍त होने पर अतिरिक्‍त कार्य प्रारंभ किया जावेगा। प्रश्‍न ही नहीं उठता।

परिशिष्ट - ''दस''

सारंगपुर-सण्ड़ावता मार्ग पर निर्मित ब्रिज का अपूर्ण कार्य

[लोक निर्माण]

7. ( क्र. 1194 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अन्‍तर्गत सारंगपुर-सण्ड़ावता मार्ग पर काई नदी पर ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो ब्रिज निर्माण के कार्यादेश की तिथि कार्य का प्रारम्भ करने की दिनांक तथा कार्यपूर्ण करने की दिनांक से अवगत करावें? (ख) क्या ठेकेदार के द्वारा धीमी गति से कार्य करने करने के कारण ठेकेदार का ठेका समाप्त कर दिया गया था? यदि हाँ, तो उसको पुनर्जिवित करने के क्या कारण था? नियम विरूद्ध पुनर्जिवित करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) ठेकेदार का ठेका पुनर्जिवित करने के उपरान्त ठेकेदार द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य किया गया है? दिनांकवार कार्य की प्रगति से अवगत करावें एवं कार्य को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा (घ) ठेकेदार द्वारा कार्य को निर्धारित समयावधि में पूर्ण न करने हेतु ठेकेदार के विरूद्ध कितनी शास्ति आरोपित कर कितनी राशि वसूली की गयी है? करावें एवं क्या ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्या?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। कार्यादेश दिनांक 19.12.2016 को जारी किया गया। कार्य प्रारंभ करने की तिथि 20.12.2016 एवं कार्य पूर्ण करने की अनुबंधित तिथि 18.02.2019 थी। (ख) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा प्रस्‍तुत आवेदन में लिखित आश्‍वासन के आधार पर अनुबंध की धारा-12 के प्रावधान के अनुरूप सक्षम अधिकारी द्वारा ठेका पुनर्जिवित किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुबंध पुनर्जिवित होने के पश्‍चात ठेकेदार द्वारा रूपये 23.57 लाख का कार्य किया गया है। दिनांकवार कार्य की प्रगति की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। वर्तमान में अनुबंध समाप्‍त है, अत: कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।              (घ) कार्य को निर्धारित समयावधि में पूर्ण न करने के कारण प्रथम चल देयक से रूपये 2.00 लाख की राशि डिपॉजिट में रखी गई है। दिनांक 13.03.2019 को ठेकेदार का पंजीयन काली सूची में दर्ज किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

ओरिएन्टल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा जी.एस.टी. की राशि में अनियमितताएं

[लोक निर्माण]

8. ( क्र. 1199 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 03 देवास ब्यावरा मार्ग के उन्नयनीकरण का कार्य ओरियन्टल कंस्ट्रक्शन कम्पनी द्वारा 1600 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या वाणिज्यकर अधिकारी राजगढ़, शाजापुर एवं देवास द्वारा करोड़ों के कार्य का सब कांट्रेक्टर, लेबर कांट्रेक्टर, सप्लायरों को टुकड़ों में कार्य दिया जा रहा है? क्या इनसे जी.एस.टी. काटी गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कम्पनी द्वारा प्रश्न दिनांक तक जी.एस.टी. सम्बंधित वाणिज्यकर विभाग को जानकारी दी गई है अथवा नहीं? (घ) क्या यह सही है कि वाणिज्य कर विभाग द्वारा करोड़ों की जी.एस.टी. राजस्व की होने वाली आय के सम्बंध में ओरियन्टल कम्पनी के देहरीबामन कैम्प, सुनहरा कैम्प, देवास मक्सी के बीच स्थिति कैम्पों के दस्तावेज की जी.एस.टी. संबंधी जाँच की गई है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को की गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्‍नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्‍तर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्‍त जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्‍तरांश (क) अनुसार।

परिशिष्ट - ''बारह''

सदर क्षेत्र में रेल्वे क्रासिंग पर अडंरब्रिज की मांग

[लोक निर्माण]

9. ( क्र. 1277 ) श्री निलय डागा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) बैतूल शहर के सदर क्षेत्र से चिचोली मार्ग जाने के लिये हो रही असुविधा के लिये रेल्वे लाईन से अंडर ब्रिज बनाने की मांग क्षेत्रीय जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही है या नहीं?               (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा अंडर ब्रिज निर्माण किये जाने हेतु प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो प्राक्कलन लागत बताएं? (ग) यदि प्रावधानित है तो कब तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेंगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। इस संबंध में कोई मांग पत्र विभाग को प्राप्‍त नहीं हुआ है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

रिजेक्‍ट कोल की चल रही अनियमितताएं 

[ऊर्जा]

10. ( क्र. 1298 ) श्री विनय सक्सेना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतपुड़ा ताप विद्युत् गृह में रिजेक्ट कोल के संबंध में अनियमितताओं की शिकायतें विभाग में दर्ज हुई है? उन पर क्या जाँच व कार्यवाही की गयी एवं तत्पश्चात निष्कर्ष व हुए निर्णय का विस्तृत विवरण देवें? क्या उत्पादन कम्पनी की सारणी ब्लॉक में रिजेक्ट कोल को 50 वर्षों से निविदा निकालकर विक्रय किया जाता था? दिनांक 1/10/2012 से विद्युत् ताप गृह के रिजेक्ट कोल का निष्पादन क्यों रोका गया था? (ख) दिनांक 1/10/2012 के पूर्व कितना रिजेक्ट कोल स्टॉक में था? जो फर्म रिजेक्ट कोल उठाने का काम कर रही थी उसका सप्रमाण विवरण देवें? (ग) रिजेक्ट कोल के निष्पादन कार्य को रोकने से विद्युत् कम्पनी को क्या लाभ हुआ? उक्त से संबंधित उच्च न्यायालय में प्रस्तुत जनहित याचिका में कम्पनी द्वारा माननीय न्यायालय में दिए गये आश्वासन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (घ) आज दिनांक तक रिजेक्ट कोल की सम्पूर्ण स्थिति से अवगत करावें? दिनांक 05/09/18 को उक्त से संबंधित आयोजित समझौता बैठक में क्या निर्णय लिए गये?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। प्राप्‍त शिकायतों के दृष्टिगत एवं ठेकेदार द्वारा कार्यादेश की शर्तों का पालन न करने के कारण कार्यवाही करते हुए कोल मिल रिजेक्ट विक्रय ठेके संबंधित आदेश को दिनांक 01.10.2012 को स्थगित किया गया था। फर्म द्वारा अनुबंध के नियम एवं शर्तों का पालन नहीं करना पाया गया एवं कार्यादेश में निहित प्रावधान अनुसार फर्म को शोकाज नोटिस जारी किया गया तथा ठेका दिनांक 21.05.2013 को निरस्त कर दिया गया। फर्म द्वारा ठेका स्‍थगन आदेश के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय (म.प्र.) जबलपुर में रिट याचिका दायर की गई। माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा प्रकरण में सुनवाई हेतु आर्बिट्रेटर नियुक्त किया गया। आर्बिट्रेटर द्वारा अंतिम अवार्ड पारित किया गया। तदानुसार फर्म को उनके क्लेम की धनराशि का भुगतान म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। इसी के तहत म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा पेनाल्टी एवं मटेरियल शिफ्ट न करने के एवज में क्लेम की गई राशि को निरस्त किया गया। आर्बिट्रेटर द्वारा पारित अवार्ड पर उक्त प्रकरण में म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा माननीय जिला न्यायालय एडीजे जबलपुर में की गई अपील पर म.प्र.पा.ज.कं.लि. के पक्ष में स्थगन आदेश प्रदान किया गया। प्रकरण की अगली सुनवाई दिनांक 25.07.2019 को नियत है। आर्बिट्रेटर द्वारा पारित अंतिम अवार्ड के तारतम्य में फर्म द्वारा निष्पादन प्रकरण, अवार्ड/डिक्री के निष्पादन हेतु एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जबलपुर में, पंजीबद्ध किया गया। इस प्रकरण में डिक्री के निष्पादन हेतु माननीय जिला न्यायालय द्वारा कुर्की आदेश जारी किया गया है जिस पर पूर्व में उल्लेखित मुख्य प्रकरण में स्थगन आदेश प्राप्त किया गया है। इस प्रकरण की अगली सुनवाई दिनांक 30.07.2019 को नियत है। जी नहीं, अपितु उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में कोल मिल रिजेक्ट निविदा के आधार पर लगभग 22 वर्ष से अधिक समय से विक्रय किया जा रहा था। कोल मिल रिजेक्ट के विक्रय हेतु कार्यादेश के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण लम्बित है, अतः 01.10.2012 के पश्चात कोल मिल रिजेक्ट विक्रय नहीं किया गया। (ख) दिनांक 01/10/2012 के पूर्व लगभग 30, 000 घनमीटर रिजेक्ट कोल स्टॉक में था। फर्म मेसर्स श्यामसुन्दर चिरौंजीलाल अग्रवाल बगडोना रिजेक्ट कोल उठाने का काम कर रही थी प्रमाण स्‍वरूप आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) कोल मिल रिजेक्ट के कार्य को रोकने से कम्पनी को लाभ या हानि का प्रश्न नहीं है। उल्लेख है कि मुख्यतः सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के विद्युत गृह क्रमांक-1, जिनसे अधिक कोल मिल रिजेक्ट निकलता था, की इकाईयां अक्‍टूबर, 2012 से जनवरी, 2014 के मध्‍य सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। वर्तमान में क्रियाशील इकाईयों से कोल मिल से रिजेक्ट कोयलाके साथ पत्थर मिट्टी भी निकलता है। रिजेक्ट कोल की मात्रा कम निकलती है, जिसका उपयोग कारपेट कोल के रूप में किया जा रहा है, इसका वित्तीय आंकलन किया जाना संभव नहीं है। माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत जनहित याचिका में कम्पनी द्वारा दिये प्रत्युत्तर के अनुसार कोल मिल रिजेक्ट का भण्डारण एवं उपयोग सी.एच.पी. के कोल यार्ड में कारपेट कोल के रूप में किया जा रहा है। (घ) वर्तमान में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में लगभग 3, 00, 000 मी.टन.कोल मिल रिजेक्ट उपलब्ध हैं। लेख है कि दिनांक 05/09/2018 को प्रकरण पर कोई समझौता बैठक नहीं अपितु फर्म एवं म.प्र.पा.ज.कं.लि. के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें फर्म द्वारा विभिन्न प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये थे, जिन पर कम्‍पनी द्वारा परीक्षण किया जा रहा है, परंतु प्रकरण न्‍यायालय में लंबित होने के कारण इस संबंध में कोई कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।

विधान सभा क्षेत्र विकास निधि से स्‍वीकृत ट्रांसफार्मर लगाये जाना

[ऊर्जा]

11. ( क्र. 1378 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधायक देवतालाब रीवा से प्राप्‍त अनुशंसा पत्र क्रमांक /1415/1416 दिनांक 26.09.18 द्वारा दिये गये प्रस्‍ताव अनुसार कार्यपालन यंत्री संचा./संधा. संभाग म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. जिला रीवा द्वारा तकनीकी स्‍वीकृति अनुसार वर्ष 2018-19 के आवंटन से कलेक्‍टर (संभागीय योजना एवं सांख्‍यकीय) रीवा द्वारा प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृत प्रदान की गयी? प्रशासकीय स्‍वीकृत आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या उक्‍त प्रशासकीय स्‍वीकृत ग्राम पंचायत रतनगवां एवं ग्राम पंचायत बमुरिहा जनपद मऊगंज के ट्रांसफार्मर स्‍थापना हेतु प्रशासकीय स्‍वीकृत 3.50 हजार के विरूद्ध प्रथम किस्‍त 2.625 रूपये तथा 3.335 रूपये के विरूद्ध प्रथम स्‍वीकृत 2.50 रूपये निर्माण एजेंसी अधीक्षण यंत्री/सदस्‍य सचिव (जिला क्रय समिति) संचा./संधा. संभाग म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. मऊगंज को निर्गमित किया जाकर उनके खाते में पैसा जमा कर दिया गया? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित एजेंसी द्वारा उक्‍त कार्य का ठेका किसको दिया गया और प्रश्‍न दिनांक तक ट्रांसफार्मर की स्‍थापना क्‍यों नहीं की गयी? इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है तथा कब तक उक्‍त ट्रांसफार्मर स्‍थापित कर दिये जायेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय की अनुशंसा पर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 के आवंटन अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित तकनीकी स्वीकृति अनुसार कलेक्टर (संभागीय योजना एवं सांख्यिकीय) रीवा द्वारा प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति  संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ, ग्राम पंचायत रतनगवां एवं ग्राम पंचायत बमुरिहा, जनपद मऊगंज के अंतर्गत अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापना के प्रश्नाधीन स्वीकृत कार्य हेतु सदस्य सचिव (जिला क्रय समिति) संचा.-संधा. संभाग, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, मऊगंज रीवा के खाते में प्रथम किश्‍त की राशि क्रमश: रू. 2.625 लाख एवं रू. 2.5 लाख जमा करवा दिये गये हैं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित कार्य हेतु आवश्यक विद्युत लाईन विस्‍तार कार्य सहित अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य जिन ठेकेदारों को दिया गया है, उनका विवरण  संलग्न परिशिष्ट  के प्रपत्र- ‘ अनुसार  है। ट्रांसफार्मर की स्थापना हेतु 11 के.व्ही. लाईन विस्‍तार के कार्यस्थल में आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या आने से लाईन निर्माण कार्य समय से पूर्ण नहीं किया जा सका। समय से कार्य पूर्ण नहीं किये जाने हेतु कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। वर्तमान में आर.ओ.डब्‍ल्‍यू की समस्‍या के निराकरण उपरांत उक्त दोनों ग्राम पंचायत रतनगवां एवं बमुरिहा में ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य प्रगति पर है, जिन्हें माह अगस्त-19 तक पूर्ण कराये जाने के प्रयास हैं।

परिशिष्ट - ''तेरह''

रीवा-हनुमना फोर-लेन सड़क में क्‍वालिटी टेस्‍ट

[लोक निर्माण]

12. ( क्र. 1381 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा से हनुमना फोर-लेन सड़क का निर्माण एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा ठेकेदार से कराया गया है? जिसमें टोल वसूली हेतु अनुबंध के तहत प्रत्‍येक साल टोल टैक्‍स में वृद्धि किया जाना है? परंतु यह वृद्धि राइडिंग क्‍वालि‍टी टेस्‍ट के पश्‍चात ही किया जाना है तथा यह टेस्‍ट प्रतिमाह किया जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क में एक साल पूर्व तक कब-कब सड़क की क्‍वालिटी टेस्‍ट किया गया तथा कौन-कौन अधिकारी जाँच करने गये? उनका विवरण तथा रिपोर्ट की प्रति भी देवें (ग) क्‍या जून 2018 में रीवा-हनुमना फोर लेन सड़क का निरीक्षण किया गया जिसमें हजारों पैच पाये गये जहां डामर का पैच लगाया गया जो सड़क लेवल से ऊंचा (फूल हुआ) था और सड़क सुगमता से चलने लायक नहीं पायी गयी थी? जाँच रिपोर्ट की प्रति दें (घ) रीवा से हनुमना सड़क सुगमता से चलने लायक नहीं होने के बावजूद टोल टैक्‍स में वृद्धि क्‍यों की गयी? क्‍या वृद्धि को वापस लिये जाने की कार्यवाही की जायेगी और सड़क को सुगमता पूर्वक चलने लायक अनुबंध के अनुसार बनाया जायेगा? जिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण बी.बी.डी. टेस्‍ट एवं राइडिंग क्‍वालिटी टेस्‍ट नहीं किया जा सका है उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं, रीवा से हनुमना फोरलेन सड़क का निर्माण भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्‍ली द्वारा नियुक्‍त नोडल एजेन्‍सी म.प्र. सड़क विकास निगम लि. के माध्‍यम से निजी पूंजी निवेशकर्ता मे. विन्‍ध्‍यान्‍चल एक्‍सप्रेस वे प्रा.लि. मुम्‍बई से डी.बी.एफ.ओ.टी. पद्धति से कराया गया है। जी हाँ। जी नहीं।               (ख) दिनांक 14.01.2016, 10.11.2016, 05.07.2017 एवं 30.07.2018 को रफनेस टेस्‍ट निवेशकर्ता के प्रतिनिधि की उपस्थिति में किये गये है। टेस्‍ट रिपोर्ट की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं, आंशिक रूप से। निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) रीवा से हनुमना सड़क में यातायात का आवागमन सुगमता पूर्वक हो रहा है, टोल टैक्‍स में वृद्धि कंसेशन अनुबंध के प्रावधान अनुसार है। जी नहीं। मार्ग का रख-रखाव निवेशकर्ता कंपनी द्वारा नियमित किया जाता है एवं वर्तमान में मार्ग पर यातायात सुगमतापूर्वक चल रहा है। कंसेशन अनुबंध में संधारण हेतु शेड्यूल-के प्रावधान अनुसार राइडिंग क्‍वालिटी टेस्‍ट किया गया है। बी.बी.डी. टेस्‍ट कराने का शेड्यूल-के में प्रावधान नहीं है। चूंकि टेस्‍ट प्रावधान अनुसार किये जा रहे है अत: किसी अधिकारी की लापरवाही का तथा किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

शासकीय महिला विश्‍वविद्यालय खोले जाना

[उच्च शिक्षा]

13. ( क्र. 1423 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के परि.अता. प्रश्‍न क्र. 2290 दिनांक 28.07.2015 के उत्‍तरांश में बताया गया था कि, शासकीय उत्‍कृष्‍ट कन्‍या महाविद्यालय को महिला विश्‍वविद्यालय का दर्जा दिये जाने का आश्‍वासन तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री द्वारा दिया गया था तो अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश में अब तक कोई भी महिला विश्‍वविद्यालय स्‍थापित नहीं किया गया है? क्‍या शासन महिला सशक्तिकरण, प्रत्‍येक विभाग में महिलाओं की भागीदारी हेतु महिला शक्ति को (शिक्षित) उच्‍च शिक्षा दिलाये जाने की दिशा में मध्‍यप्रदेश के हृदय स्‍थल एवं संभागीय मुख्‍यालय सागर में महिला विश्‍वविद्यालय खोले जाने की स्‍वीकृति प्रदान करेगा और कब तक?        (ग) क्‍या शासकीय उत्‍कृष्‍ट महाविद्यालय सागर, संभाग का सबसे प्राचीन है? यहाँ दस हजार छात्रायें अध्‍ययनरत है एवं विश्‍वविद्यालय के गठन संबंधी आवश्‍यक मापदण्‍डों को पूरा करने पर इसे RUSA ने प्रथम स्‍थान दिया गया है? तो क्‍या शासन शासकीय उत्‍कृष्‍ट कन्‍या महाविद्यालय सागर को महिला विश्‍वविद्यालय का दर्जा दिये जाने की स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) प्रश्‍न में उल्लेखित पूर्व विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2290, दिनांक 28.07.2015 के उत्तरांश में शासकीय उत्कृष्ट कन्या महाविद्यालय, सागर को महिला विश्‍वविद्यालय का दर्जा दिये जाने संबंधी आश्‍वासन का उल्लेख नहीं है। (ख) जी हाँ। सीमित संसाधनों के दृष्टिगत पृथक से महिला विश्‍वविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जी हाँ, विश्‍वविद्यालय के गठन संबंधी आवश्‍यक मापदण्डों की पूर्ति के संबंध में रूसा द्वारा कोई रैंकिंग नहीं की गयी है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

पथरिया-तिली-मोतीनगर चौराहे तक रोड का निर्माण

[लोक निर्माण]

14. ( क्र. 1424 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत शासन से स्वीकृत पथरिया-तिली-मोतीनगर चौराहे तक सी.सी. रोड निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया था? इसमें क्या कार्य होने थे तथा इसके पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा क्या थी? अब तक इस कार्य की क्या प्रगति है? (ख) क्या इस सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ हुए दो वर्ष से अधिक की अवधि बीत चुकी है, परन्तु अब तक कार्य पूर्ण नहीं हो पाया इसका क्या कारण है? (ग) क्या शासन इस व्यस्ततम मार्ग पर बढ़ते यातायात के दबाव को दृष्टिगत रखते हुए शीघ्र ही इस कार्य को पूर्ण करायेगा तथा कब तक?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 21.03.2017 को। इसके अंतर्गत मार्ग की 12.80 कि.मी. लंबाई में सीमेंट कांक्रीट मार्ग निर्माण के साथ आवश्‍यकता अनुसार पुल/पुलियों का नवीन निर्माण/ चौड़ीकरण कार्य तथा सड़क के ऊपर जमा होने वाले स्‍टार्म वाटर निकासी हेतु आवश्‍यक स्‍थानों पर ड्रेन का निर्माण सम्मिलित था। कार्य पूर्ण करने हेतु अनुबंधित समय, अनुबंध दिनांक 21.03.2017 से 15 माह थी कि.मी. 1.50 से 12.80 कि.मी. तक 11.30 कि.मी. का कार्य पूर्ण। मार्ग का शेष भाग (0.00 से 1.50 तक) अनुबंध से विलग किया जाकर अनुबंधित कार्य पूर्ण घोषित। (ख) निर्माण कार्य के अनुबंध से कि.मी. 0.00 से 1.50 तक का भाग अपूर्ण रहने का मुख्‍य कारण नगर निगम सागर अंतर्गत स्‍वीकृत सीवर पाइप लाइन का कार्य नगर निगम सागर द्वारा अनुमति प्राप्‍त कर लेने के बावजूद नहीं किया गया, साथ ही मार्ग के उक्‍त भाग की क्षतिग्रस्‍त पेयजल पाइप लाइनों जिनसे प्रतिदिन मार्ग पर पानी लीकेज होता है, की मरम्‍मत/स्‍थानांतरित करने का कार्य नहीं किया गया। इस कारण 1.5 कि.मी. शेष भाग का कार्य नहीं हो पाया। (ग) जी हाँ। उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍यों में वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं।

किसानों को फ्लैट रेट पर बिजली बिल का भुगतान 

[ऊर्जा]

15. ( क्र. 1677 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) ग्‍वालियर शहर के अंतर्गत नवीन वार्ड क्रमांक 65 में कितने ग्राम आते हैं एवं इन ग्रामों द्वारा खेती की जा रही है? (ख) शासन की नीति के अनुसार यहां के किसानों को बिजली बिल भुगतान फ्लैट रेट के आधार पर दिया जा रहा अथवा शहरी रेट यूनिट के आधार पर लिया जा रहा है?              (ग) क्‍या शहरी क्षेत्र में सम्मिलित कुछ ग्राम पंचायतों के ग्राम के किसानों से कृषि पंप पर फ्लैट रेट के हिसाब से बिजली बिल का भुगतान न कराते हुए मीटर प्रणाली के हिसाब से बिजली के बिल भेजे जा रहे है? यदि हाँ, तो दोहरा मापदण्‍ड किसानों के साथ क्‍यों? (घ) क्‍या शहरी वार्ड 65 के अंतर्गत गिरवाई, अजयपुर एवं वीरपुर के किसानों से भी फ्लैट रेट बिल पर कृषि पंप के लिए बिजली प्रदाय की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) ग्‍वालियर शहर के वार्ड क्रमांक 65 के अंतर्गत तीन ग्राम यथा-गिरवाई, अजयपुर एवं वीरपुर आते हैं। उक्‍त तीनों ग्रामों में रहवासियों द्वारा पक्‍के घरों का निर्माण कर विद्युत का घरेलू उपयोग किया जा रहा है तथा साथ ही इन तीनों ग्रामों में खेती भी की जा रही है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नाधीन शहरी क्षेत्र में सम्मिलित ग्रामों के किसानों को कृषि कार्य हेतु नियमानुसार मीटर में दर्ज खपत के अनुसार बिजली के बिल दिये जा रहे हैं, जो कि म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार है। कृषि उपभोक्‍ताओं की आवश्‍यकता के अनुरूप पृथक कृषि फीडरों के माध्‍यम से 10 घन्‍टे विद्युत प्रदाय किये जाने की स्थिति में उन्‍हें वर्ष में दो बार माह अप्रैल व अक्‍टूबर में फ्लैट रेट पर बिल दिये जा रहे हैं तथा प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में ऐसे स्‍थान जो कि 24 घन्‍टे विद्युत प्रदाय वाले फीडरों से संबद्ध है तथा जहाँ कृषि पम्‍प कनेक्‍शनों को तकनीकी कारणों से पृथक से 10 घन्‍टे विद्युत प्रदाय किया जाना संभव नहीं है, उन्‍हें मीटर लगाकर वास्‍तविक खपत के आधार पर विद्युत बिल दिया जा रहा है।                (घ) उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) में दर्शाए अनुसार, प्रश्‍नाधीन क्षेत्र के किसानों को नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे है, अत: अन्‍य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।

श्रमिकों के पंजीयन के संबंध में

[श्रम]

16. ( क्र. 1683 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना की जिलेवार पंजीकृत हितग्राहियों की संख्‍या बतावे? पंजीकृत हितग्राहियों में कितने हितग्राहियों को कार्ड एवं ब्रोशर प्रदाय किये जा चुके है? (ख) क्‍या मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना में नवीन पात्र श्रमिकों का पंजीयन माह 2018 से बंद है? यदि हाँ, तो कारण स्‍पष्‍ट करें? (ग) असंगठित श्रमिकों को प्रमुख योजना में नवीन पंजीयन बंद करने के पीछे शासन की क्‍या मंशा है? स्‍पष्‍ट करे नवीन पंजीयन कब से प्रारंभ कर दिये जायेंगे?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जिलेवार पंजीकृत हितग्राहियों तथा वितरित कार्ड एवं ब्रोशर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है।  (ख) जी नहीं। केवल निर्वाचन आचार संहिता के प्रवर्तन के दौरान नवीन पंजीयन किये जाने पर रोक थी।  (ग) पंजीयन कार्ड बंद नहीं किया गया है, बल्कि पूर्व में हुए पंजीयन, जो आधार सीडेड एवं मोबाईल से लिंक नहीं है, को आधार सीडेड एवं मोबाईल से लिंक किये जाने का निर्णय लिया गया है एवं पूर्व पंजीयनों का सत्यापन कराया जा रहा है। तदनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।

परिशिष्ट - ''चौदह''

बुरहानुपर क्षेत्र के शनि‍वारा चौराहा एवं सिंधीबस्‍ती चौराहा के फ्लाय ओवर के सबंध में 

[लोक निर्माण]

17. ( क्र. 1697 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बुरहानपुर क्षेत्र के शनिवारा चौराहा एवं सिंधी बस्‍ती चौराहा के फ्लायओवर निर्माण की योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो इस योजना का नाम, लागत क्‍या है? (ख) यदि उक्‍त प्रकार की योजना नहीं बनाई गई है तो क्‍या उक्‍त रोड पर दुर्घटना के आंकड़े एवं यातायात दबाव को देखते हुये कोई योजना भविष्‍य में बनाने का विचार है यदि हाँ, तो कृपया जानकारी प्रदान करें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ताप्‍ती नदी पर बांध निर्माण

[जल संसाधन]

18. ( क्र. 1698 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले के ताप्‍ती नदी पर बांध निर्माण कर पानी रोकने हेतु क्‍या योजना बनाई गई है योजना का नाम, लागत व किस मद से बनाया जाना है? (ख) उक्‍त योजना से कितने क्षेत्र को लाभ मिलेगा? (ग) यदि ताप्‍ती नदी पर बांध निर्माण संबंधी कोई योजना नहीं बनाई है तो क्‍या भविष्‍य में जल संकट के निवारण के लिए कोई योजना बनाने का विचार है यदि हाँ, तो कब?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) बुरहानपुर जिले की ताप्‍ती नदी पर नावथा वृहद सिंचाई परियोजना एवं झिरमिटी मध्‍यम सिंचाई परियोजना चिन्हित होकर प्रारंभिक सर्वेक्षण कर लिया जाना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से परियोजना की लागत, सैंच्‍य क्षेत्र एवं मद बता पाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

स्वीकृत निर्माण कार्यों के संबंध में

[लोक निर्माण]

19. ( क्र. 1710 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले में विगत दो वर्षों में कितनी सड़कें एवं पुल (सेतु) के निर्माण की शासन द्वारा स्वीकृति की गई है? स्वीकृत कार्यों की लम्बाई, चौड़ाई, कार्य की लागत, निर्माण ऐजेंसी का नाम तथा कार्य पूर्ण होने की अवधि सहित विधानसभावार क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं और कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ किये जाना शेष है? शेष कार्यों को कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा? (ग) नीमच विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में से क्या हर्कियाखाल-जीरन डामरीकृत सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो कार्य की प्रगति की जानकारी उपलब्ध करायें प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य किया गया, निर्माण एजेंसी को कितना भुगतान किया गया है? क्या उक्त मार्ग का निर्माण कार्य वर्तमान में बन्द है? यदि हाँ, तो विलम्ब के लिये कौन-कौन उत्तरदायी हैं? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मार्ग के पूर्ण न होने से क्‍या आवागमन बाधित हो रहा है? यदि हाँ, तो कार्य किस दिनांक से पुनः चालू किया जायेगा तथा कब तक पूर्ण किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। जी नहीं। कोई उत्‍तरदायी नहीं। प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। कार्य प्रगतिरत है। कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि 31.03.2020 है।

शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में शासकीय कॉलेजों में स्‍वीकृत पद 

[उच्च शिक्षा]

20. ( क्र. 1844 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शमशाबाद विधान सभा क्षेत्र में कितने शासकीय कॉलेज शासन द्वारा खोले गये हैं? (ख) इन शासकीय कॉलेजों में शासन द्वारा कितने पद स्‍वीकृत किये गये है और इन स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे गये हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) यदि नहीं भरे गये है तो क्‍यों और इनकों कब तक भरा जावेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र में 02 शासकीय महाविद्यालय खोले गये हैं। (ख) स्‍वीकृत एवं रिक्‍त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्‍टॉफ की कमी के कारण पद नहीं भरे गये। रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

क्‍लास ब्‍लोअर को समयमान वेतनमान के संबंध में

[उच्च शिक्षा]

21. ( क्र. 1871 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या उच्‍च शिक्षा विभाग के अंतर्गत म.प्र. के विभिन्‍न शासकीय महाविद्यालयों में क्‍लास ब्‍लोअर के कितने पद स्‍वीकृत है, ? (ख) क्‍या क्‍लास ब्‍लोअर के स्‍वीकृत पद पर समयमान-वेतनमान के अंतर्गत उच्‍चतर वेतनमान के लिए वित्‍त विभाग मंत्रालय, भोपाल में परिशिष्‍ट-2 में विभाग/संवर्ग का उल्‍लेख करा दिया गया है? यदि नहीं तो कब तक करा दिया जावेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में परिशिष्‍ट-2 में विभाग/संवर्ग का उल्‍लेख करा दिया गया है? तो क्‍या क्‍लास ब्‍लोअरों को समयमान का उच्‍चतर वेतनमान का लाभ दे दिया गया है? यदि नहीं तो कब तक दे दिया जायेगा।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत म.प्र. के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में क्‍लास ब्लोअर के 06 पद स्वीकृत हैं। (ख) जी नहीं।           समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

निजी कृषि महाविद्यालयों के संबंध में 

[उच्च शिक्षा]

22. ( क्र. 2105 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने निजी कृषि महाविद्यालय कार्यरत है तथा किस-किस विश्वविद्यालय के अधीन है? (ख) क्या प्रदेश के कई निजी कृषि महाविद्यालय ICAR की गाईड लाइन का पालन नहीं कर रहे है? यदि हाँ, तो क्यो? क्या ऐसे महाविद्यालयों की मान्यता निरस्त की जाएगी? (ग) क्या ऐसे निजी महाविद्यालय के BSC कृषि स्नातक के छात्र शासन के कृषि विश्वविद्यालयों से स्नातकोत्तर डिग्री के लिये प्रवेश ले रहे है? यदि हाँ, तो क्या इससे कृषि महाविद्यालय के स्नातक छात्र-छात्राओं का अहित हो रहा है? क्या कृषि स्नातक बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है? (घ) क्या शासन द्वारा जमीन की उर्वरा शक्ति जाँचने की मृदा विज्ञान प्रयोगशाला का निजीकरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसे निरस्त कर प्रयोगशाला तकनीशियन की नियुक्तियाँ की जायेगी? य़दि हाँ तो कब तक? (ङ) प्रदेश में कृषि स्नातक/ स्नातकोत्तर डिग्री के बेरोजगार छात्र-छात्राएँ रोजगार के लिये क्या कार्ययोजना है? क्या विभाग के विभिन्न रिक्त पदो पर शीघ्रता से नियुक्ति की कार्यवाही की जाएगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय महाविद्यालयों में विज्ञान एवं वाणिज्‍य संकाय प्रारंभ कराये जाना

[उच्च शिक्षा]

23. ( क्र. 2127 ) श्री संजय शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय तेंदूखेड़ा एवं सिहोरा में कौन-कौन से संकाय संचालित हैं एवं वर्तमान में प्रत्येक संकायों की कक्षाओं में कुल कितने-कितने छात्र एवं छात्रायें अध्ययनरत हैं? संकायवार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या उक्त दोनों शासकीय महाविद्यालयों में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय स्वीकृत हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ग) के अनुसार, क्या छात्र-छात्राओं के हित में शासकीय महाविद्यालय तेंदूखेड़ा एवं सिहोरा में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय स्वीकृत कर कक्षायें प्रारम्भ की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत शासकीय महाविद्यालय, तेंदूखेड़ा एवं शासकीय महाविद्यालय, सिहोरा में केवल कला संकाय संचालित है। वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय, तेंदूखेड़ा में कला संकाय में 110 छात्र एवं 89 छात्रायें इस प्रकार कुल 199 विद्यार्थी तथा शासकीय महाविद्यालय, सिहोरा में कला संकाय में 146 छात्र एवं 129 छात्रायें इस प्रकार कुल 275 विद्यार्थी अध्‍ययनरत हैं। (ख) जी नहीं। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शासकीय महाविद्यालय, तेंदूखेड़ा एवं शासकीय महाविद्यालय, सिहोरा में विज्ञान एवं वाणिज्‍य संकाय खोले जाने में कठिनाई है। (ग) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मध्‍यम सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में

[जल संसाधन]

24. ( क्र. 2240 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में कितनी सिंचाई परियोजनाओं का सर्वे विभाग द्वारा विगत वर्षों में करवाया गया है? परियोजनावार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्‍या विभाग की पटरानी, किशनपुर एवं देवसिराल्‍या मध्‍यम सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण के लिये ''साध्‍यता'' हेतु उपयुक्‍त माना है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या आगामी विभागीय बजट में खातेगांव विधान सभा की किसी परियोजना को शामिल किया जा सकता है? (घ) यदि नहीं, तो कौन सा कारण है कि ये मध्‍यम सिंचाई परियोजनाएं नि‍र्मित नहीं की जा सकती?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जल संसाधन विभाग द्वारा प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में किसी भी सिंचाई परियोजना का सर्वेक्षण कार्य नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) से (घ) नर्मदा घाटी विकास विभाग से प्रथम दृष्‍टया उपयुक्‍त पाई गई पटरानी, किसनपुर एवं देवसिराल्‍या (कासरानी) मध्‍यम सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. जल संसाधन विभाग को हस्‍तांतरण उपरांत प्राप्‍त हुई, जिनका परीक्षण प्रचलन में है। जी नहीं। प्रश्‍नाधीन परियोजनाएं विभागीय तकनीकी एवं वित्‍तीय मापदण्‍ड पर उपयुक्‍त पाए जाने के उपरांत अंतिम निर्णय लिया जाना संभव होगा।

छात्र-छात्राओं को स्‍मार्ट फोन देने के संबंध में 

[उच्च शिक्षा]

25. ( क्र. 2246 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्‍येक वर्ष महाविद्यालयों में अध्‍ययनरत छात्र-छात्राओं को स्‍मार्ट फोन का वितरण किया जाता है इसकी पात्रता श्रेणी में किन कक्षाओं के विद्यार्थियों को सम्मिलित किया जाता है एवं क्‍या यह उन्‍हीं छात्र-छात्राओं को दिया जाता है जिनके पास स्‍मार्ट फोन पहले से नहीं होता है? (ख) वर्ष 2018-19 में पूरे प्रदेश के महाविद्यालयों में कितने                छात्र-छात्राओं को स्‍मार्ट फोन का वितरण किया गया है? संख्‍या छात्र-छात्राओं की पृथक-पृथक बतायें। (ग) यदि गत वर्ष वितरण नहीं किया जा सका तो किस कारण से एवं यदि कुछ महाविद्यालयों में शत प्रतिशत स्‍मार्टफोन वितरण नहीं किया जा सका है तो ऐसी संस्‍थाओं की जानकारी प्रदान करें। (घ) क्‍या इस वर्ष सत्र प्रारंभ होने के साथ ही छात्र-छात्राओं को स्‍मार्ट फोन प्रदाय कर दिये जावेंगे?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) राज्य शासन के आदेश क्रमांक           23-4/2014/38-2 दिनांक 08/09/2014 द्वारा विद्यार्थियों को स्मार्टफोन दिये जाने हेतु पात्रता निर्धारित की गई है। जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'पर है। (ख) वर्ष 2018-19 में प्रदेश के महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को वितरित किए गए स्मार्टफोन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र  '' अनुसार है। गत वर्ष स्मा‍र्टफोन वितरण हेतु कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा के पत्र क्रमांक 200/आईटीसेल/19 दिनांक 25 जून 2018 द्वारा निर्देश जारी किए गए थे, जिसके अनुसार  2 जुलाई 2018 से 14 जुलाई 2018 तक सत्र 2016-17 के स्मार्टफोन वितरण करने हेतु अंतिम अवसर दिया गया था, इस अवधि के पश्चात स्मार्टफोन वितरण की कोई योजना नहीं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्य में इस वर्ष  (2019-20) सत्र प्रारंभ होने के साथ छात्र-छात्राओं को स्मार्टफोन दिए जाने की कोई योजना नहीं है।

परिशिष्ट - ''सोलह''

जलाशयों का जीर्णोद्धार 

[जल संसाधन]

26. ( क्र. 2271 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा जिला ग्‍वालियर विकासखण्‍ड मुरार का भू-जल स्‍तर नीचे जाने से    ग्रे-क्षेपी में चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो भू-जल का स्‍तर बतायें। (ख) क्‍या विकासखण्‍ड मुरार के जलसंवर्धन एवं संरक्षण हेतु सिंचाई विभाग के 31 जलाशय बने हुए हैं? कितने जलाशय मरम्‍मत के अभाव में अनुपयोगी हैं? जलाशयों की अनुमानित जीर्णोद्धार की राशि एवं जल-भराव क्षमता सहित सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) जलाशयों को प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन हेतु आवंटन उपलब्‍ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) ग्‍वालियर जिले को वर्ष 2018-19 में हैण्‍डपंप खनन का कितना लक्ष्‍य स्‍वीकृत किया विधान सभावार जानकारी देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं। भू-जल आंकलन वर्ष 2017 के अनुसार प्रश्‍नाधीन क्षेत्र सुरक्षित श्रेणी में वर्गीकृत किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) जी नहीं, 42 जलाशय। सभी निमज्जित तालाब होने के कारण मरम्‍मत के अभाव में क्षतिग्रस्‍त हैं एवं डूब क्षेत्र में संबंधित कृषकों द्वारा खेती की जाना प्रतिवेदित है। कोई सुधार प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) प्रश्‍नांश लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग से संबंधित होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है।

अनियमितताओं के संबंध में 

[उच्च शिक्षा]

27. ( क्र. 2333 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत, श्री मनोज चावला : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्‍या वर्ष 2009-10 में कालेजों के लिए सहायक प्राध्‍यापकों की सीधी भर्ती मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा की गई तथा इसमें गड़बड़ि‍यों के आरोप के बाद उच्‍च शिक्षा विभाग ने जाँच कराई थी। यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट में क्‍या आया तथा इसके आधार पर क्‍या कार्यवाही की गई।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

सोलर प्‍लांट की स्‍थापना 

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

28. ( क्र. 2365 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्‍या रीवा में विश्‍व का सबसे बड़ा सोलर प्‍लांट स्‍थापित है? यदि हाँ, तो क्‍या इससे उत्‍पन्‍न हो रही बिजली राज्‍य को मिल रही है? यदि नहीं तो उत्‍पादित बिजली का उपभोक्‍ता कौन है?

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : जी नहीं। रीवा सौर परियोजना की कुल क्षमता 750 मेगावाट है, जिसमें से अभी तक 730 मेगावाट कमीशन हो चुकी हैं। इससे उत्‍पादित बिजली उत्‍पादन के प्रारंभ, यथा 6 जुलाई 2018, से ही राज्‍य की विद्युत वितरण कम्‍पनियों को मिल रही हैं, जिसके लिए म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्‍पनी लिमिटेड से अनुबंध निष्‍पादित है। कुल 750 मेगावाट ओपन एक्‍सेस के विरूद्ध 651 मेगावाट क्षमता से म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्‍पनी लिमिटेड को और 99 मेगावाट के विरूद्ध दिल्‍ली मेट्रो को विद्युत प्रदाय की व्‍यवस्‍था है।

नियम विरूद्ध भवन निर्माण के संबंध मे

[जल संसाधन]

29. ( क्र. 2472 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बीजनवाडा तहसील पिपरिया जिला होशंगाबाद में स्थित मूल खसरा नम्बर 20 जल संसाधन विभाग के स्वामित्व की भूमि है? (ख) क्या विभाग द्वारा उक्त भूमि का हस्तांतरण अन्य विभाग/पुलिस विभाग को नहीं किया गया है? (ग) क्या जल संसाधन विभाग के स्वामित्व की भूमि पर बगैर सहमति/हस्तांतरण के पुलिस थाना स्टेशन रोड पिपरिया, जिला होशंगाबाद के भवन निर्माण का कार्य स्‍वीकृत है एवं कार्य का टैंडर भी हो चुका है, यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध कार्य की स्‍वीकृति हेतु कौन जिम्मेदार हैं, क्या स्वीकृत कार्य के निर्माण पर प्रश्न दिनांक तक हुये व्यय की भरपाई की जावेगी यदि हाँ, तो कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति किसके द्वारा जारी की गयी? (घ) कंडिका (ग) अनुसार नियम विरूद्ध किये गये कार्य के लिये कौन उत्तरदायी हैं, क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जल संसाधन विभाग द्वारा भूमि का हस्‍तांतरण नहीं किया गया है। भूमि हस्‍तांतरण के संबंध में पारित आदेश के विरूद्ध अपील वर्तमान में आयुक्‍त नर्मदापुरम के समक्ष अर्धन्‍यायिक प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है। अत: वर्तमान में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खोडाना तालाब योजना के संबंध में 

[जल संसाधन]

30. ( क्र. 2551 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन/विभाग द्वारा खोडाना तालाब की कार्ययोजना मुख्‍य अभियंता नर्मदा-ताप्ती कछार इंदौर द्वारा बनाई जाकर पूर्व में अनुदान संख्‍या-45 लेखा शीर्ष 4702 लघु सिंचाई पर पूंजी परिव्‍यय आयोजनों में गैर आदिवासी मद में स्‍वीकृति प्रदान की गई? (ख) क्‍या म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक आर-1508/लघु/3332278/वीआईपी/सीएम एल 08 भोपाल दिनांक 22 जुलाई 2008 के जावक क्र. 1741/1742/08/लघु /अ के द्वारा प्रस्‍ताव पर स्‍वीकृति दी गई? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या नर्मदा ताप्ती कछार जल संसाधन इंदौर के पत्र क्रमांक 335/कार्य/डी-22/2006 दिनांक 20.04.06 द्वारा 4.41 लाख रूपये की प्रशासकीय स्‍वीकृति डूब क्षेत्र का भू-अर्जन कर नहर निर्माण के सर्वेक्षण कार्य हेतु प्रदान की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो रतलाम-मंदसौर जिला सीमा स्थित खोडाना तालाब जो कि काफी बड़ा होकर दोनों जिलों की लगी तहसीलों के अंतर्गत आने वाले सैकड़ों गांवों को सिंचाई सुविधा कराने के साथ ही आसपास के संपूर्ण क्षेत्र के जलस्‍तर में काफी वृद्धि करने वाला होगा तो क्‍या भीषण जलसंकट के इस दौर में इस कार्ययोजना को कब तक क्रियान्वित किया जा सकेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (घ) खोडाना एक निमज्जित तालाब है। निमज्जित तालाब का मुख्‍य उद्देश्‍य वर्षाऋतु उपरांत तालाब के पानी को खाली कर रिक्‍त भूमि में भू-स्‍वामियों द्वारा रबी की खेती करना है। परियोजना तकनीकी एवं वित्‍तीय मापदण्‍डों पर असाध्‍य होने से इसकी प्रशासकीय स्‍वीकृति शासन के आदेश दिनांक 16.06.2011 द्वारा निरस्‍त की गई। अत: परियोजना को क्रियान्वित किया जाना संभव नहीं है।

विभागीय कार्यों के संबंध में 

[लोक निर्माण]

31. ( क्र. 2552 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन/विभाग द्वारा अपने अधीन कार्य करने वाले पी.आई.यू. विभाग के माध्‍यम से रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2018-19 की अवधि तक अनेक निर्माण कार्यों का कार्य किया है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त वर्षों में रतलाम जिला अन्‍तर्गत वर्षवार किन-किन स्‍थानों पर किस-किस प्रकार के कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हुए, कितने कार्य उनमें से पूर्ण हुए, कितने कार्य प्रगतिरत हैं, कितने कार्य उनमें से पूर्ण हुए, कितने कार्य अप्रारंभ होकर किन कारणों से लंबित रहे? (ग) उपरोक्‍त वर्षों की अवधि में किन-किन कार्यों को पी.आई.यू. द्वारा किया गया है/किया जा रहा है, उन समस्‍त कार्यों की पृथकत: बजट राशि कितनी स्‍वीकृत होकर, कितनी व्‍यय हुई? कार्यवार बताएं। (घ) रतलाम जिला अन्‍तर्गत उपरोक्‍त उल्‍लेखित वर्षों में क्‍या सीधे पी.आई.यू. विभाग द्वारा कार्य किये गये अथवा अन्‍य कार्य एजेंसी या ठेकेदारों के माध्‍यम से हुए कार्यवार, ब्‍लॉकवार, कार्यों की स्‍वीकृत बजट राशि के व्‍यय के भौतिक सत्‍यापन सहित जानकारी दें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के  अनुसार है। (घ) सभी कार्य, अन्‍य कार्य एजेन्‍सी/ठेकेदारों के माध्‍यम से कराये गये है, शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

विद्युत प्रदाय की नीति 

[ऊर्जा]

32. ( क्र. 2840 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को रियायती दर पर विद्युत प्रदाय करने सहित सूक्ष्म उद्योगों और गुमठियों में छोटे धंधे करने वाले उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय करने के संबंध में शासन की नीति/योजना क्या है? (ख) क्या 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में प्रतिमाह 100 यूनिट तक विद्युत उपभोग करने पर मात्र 100 रूपए विद्युत भुगतान लिया गया है? यदि हाँ, तो सागर संभाग के जिलेवार लाभान्वितों की संख्या बतायें। यदि नहीं तो, कब से उक्त योजना प्रारंभ की जावेगी?               (ग) क्या गुमठियों में छोटे धंधे करने वाले उपभोक्ताओं को घरेलु दर पर विद्युत प्रदाय करने की योजना प्रदेश में लागू की गई है? यदि हाँ, तो लाभान्वित उपभोक्ताओं की सागर संभाग में जिलेवार संख्या कितनी है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश में 50 यूनिट प्रतिमाह तक की मासिक खपत वाले आर्थिक रूप से अत्‍याधिक कमजोर घरेलू उपभोक्‍ताओं एवं सूक्ष्‍म उद्योगों में बुनकर क्षेत्र से जुड़े पावरलूम उपभोक्‍ताओं को राज्‍य शासन के आदेश क्रमांक 6793/एफ 5.15/2011/तेरह, दिनांक 01.09.2018 के अनुसार सब्सिडी प्रदान करते हुए रियायती दर पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इसके अतिरिक्‍त गरीब तबके के घरेलू श्रेणी के उपभोक्‍ताओं को इंदिरा गृह ज्‍योति योजना के अंतर्गत पात्र होने पर राज्‍य शासन के आदेश क्रमांक 1164/एफ-3-08/2019/तेरह, दिनांक 13.02.2019 के अनुसार सब्सिडी प्रदान करते हुए रियायती दर पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्‍त आदेशों की छायाप्रतियाँ  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'1' एवं '2' अनुसार  है। राज्‍य शासन द्वारा गुमठियों एवं छोटे धंधे करने वाले उपभोक्‍ताओं को रियायती दर पर विद्युत प्रदाय किये जाने संबंधी कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ख) जी नहीं। अपितु प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित प्रावधान दिनांक 25.02.2019 से आरंभ इंदिरा गृह ज्‍योति योजना में 1 किलोवाट संयोजित भार वाले पात्र उपभोक्‍ताओं हेतु लागू किया गया था तथा वर्तमान में भी उक्‍त योजनान्‍तर्गत 100 यूनिट तक मासिक की खपत वाले उपभोक्‍ताओं को अधिकतम 100 रूपये तथा उपभोक्‍ता द्वारा किये गये विद्युत उपभोग अनुसार 100 रूपये से कम का बिल होने पर उपभोक्‍ता को बिल की वास्‍तविक राशि ही देय होती है। वर्तमान में सागर संभाग सहित संपूर्ण प्रदेश में उक्‍त योजना लागू है तथा इसके अंतर्गत सागर संभाग के सागर, दमोह, छतरपुर, पन्‍ना एवं टीकमगढ़ जिलों में लाभान्वित उपभोक्‍ताओं की संख्‍या क्रमश: 23427, 9257, 12849, 4933 एवं 9893 इस प्रकार कुल 60359 है। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

बीना नदी परियोजना की प्रगति के संबंध में 

[जल संसाधन]

33. ( क्र. 2843 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) सागर जिले की बहुप्रतीक्षित बीना नदी उद्वहन सिंचाई योजना अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन से कार्य प्रगति पर हैं? कौन-कौन से कार्यों की निविदाएं होना है? वर्तमान में परियोजना की क्या स्थिति है? (ख) सरकार द्वारा उक्त परियोजना को शीघ्र पूर्ण कराये जाने हेतु विगत 6 माह में किए गए प्रयासों की जानकारी भी दें। योजना को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत मडिया एवं चकरपुर बांध का कार्य प्रगतिरत है। परियोजना अंतर्गत सूक्ष्‍म सिंचाई पद्धति से भूमिगत पाईप लाइन बिछाकर सिंचाई प्रदाय करने की निविदा आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। दोनों बांधों के अंतर्गत सर्वेक्षण, ड्राइंग डिजाईन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा चकरपुर बांध में नींव खुदाई का कार्य नदी क्षेत्र में पूर्ण कर कांक्रीट का कार्य प्रांरभ किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) विभाग द्वारा विगत 06 माह में परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाली वनभूमि की अंतिम स्‍वीकृति प्राप्‍त कर दोनों बांध स्‍थल की वनभूमि का आधिपत्‍य वन विभाग से प्राप्‍त कर कार्य प्रारंभ करा दिया गया है। डूब क्षेत्र की भूमि के अधिग्रहण हेतु सार्थक प्रयास कर कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। कार्य का पूर्ण होना उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधन पर रहता है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

बान सुजारा बाँध की निरीक्षण गैलरी का निर्माण 

[जल संसाधन]

34. ( क्र. 2907 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में निर्मित बान सुजारा बाँध की निरीक्षण गैलरी का निर्माण कार्य कब पूर्ण किया गया? (ख) क्या घटिया निर्माण के कारण उक्त निरीक्षण गैलरी में हो रहे पानी के रिसाव को रोकने हेतु मरम्मत कार्य के लिए कोई निविदा आमंत्रित की गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि की?             (ग) उक्त निरीक्षण गैलरी की मरम्मत हेतु आमंत्रित निविदा के तहत् किस निविदाकार को कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) उक्त बाँध निरीक्षण गैलरी के घटिया निर्माण हेतु दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? मरम्मत कार्य के कारण शासन पर पड़ने वाले अतिरिक्त वित्तीय भार की क्षतिपूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई अथवा की जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) वर्ष 2015 में। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं।

सीधी जिले के अन्‍तर्गत, वृहद, माध्‍यम एवं लघु सिंचाई परियोजनाएं 

[जल संसाधन]

35. ( क्र. 3023 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत कितनी वृहद, मध्‍यम एवं लघु सिंचाई योजनायें संचालित हैं? कितनी नवीन सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति शासन से प्राप्‍त हुई है? परियोजना लागत राशि सहित सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित कितनी सिंचाई परियोजनाओं की नहरें क्षतिग्रस्‍त हैं? क्षतिग्रस्‍त नहरों का पक्‍कीकरण/जीर्णोद्धार कब तक करवाया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या स्‍वीकृत नवीन सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य क्‍या प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इन परियोजनाओं को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नहरों की मरम्‍मत हेतु मनरेगा मद से कितनी राशि की स्‍वीकृति वर्ष 2018-19 में प्रदान की गई? क्‍या स्‍वीकृत राशि से नहरों की मरम्‍मत का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं तो कब तक नहरों का मरम्‍मत कार्य पूर्ण करा दिया जावेगा? जिन नहरों की मरम्‍मत का कार्य अपूर्ण है उन्‍हें कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? जिन मजदूरों की मजदूरी का भुगतान शेष है उनका कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ग) सीधी जिले के अंतर्गत एक वृहद, एक मध्‍यम एवं बत्‍तीस लघु सिंचाई परियोजनाएं तथा बाणसागर परियोजना की सिंहावल नहर संचालित होना प्रतिवेदित है। दो नवीन सिंचाई परियोजनाएं की स्‍वीकृति प्रदान की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) तीन परियोजनाएं क्रमश: कोडार, बकिया तथा वरचर जलाशय की नहरे क्षतिग्रस्‍त है। तीनों परियोजनाओं के मरम्‍मत का प्राक्‍कलन क्रमश: आर.आर.आर. एवं ई.आर.एम. मद के अंतर्गत प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) वर्ष 2018-19 में कोडार एवं लुरघुटी परियोजना के नहरों की मरम्‍मत एवं वाटरकोर्स/फील्‍ड चैनल के निर्माण हेतु मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीधी द्वारा मनरेगा के तहत दिनांक 24.12.2018 को रू. 200.93 लाख की प्रदान की गई। निर्माण कार्य प्रारम्‍भ कराया गया था किन्‍तु आवंटन की अनुपलब्‍धता के कारण कार्य बंद किया जाना प्रतिवेदित है। स्‍वीकृत कार्यों की पूर्णता तथा मजदूरी का भुगतान मनरेगा के अंतर्गत आवंटन पर निर्भर होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''अठारह''

कुसमी, मझौली एवं देवसर में सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

36. ( क्र. 3026 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के विकासखण्‍ड कुसमी, मझौली एवं देवसर के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के द्वारा कितनी सड़कों की वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक शासन द्वारा स्‍वीकृति प्रदान की गई है? सड़कों का नाम स्‍वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें? सड़कों के निर्माण का मापदण्‍ड क्‍या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी स्‍वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? कितने अपूर्ण एवं कितने सड़क का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ हैं? अपूर्ण कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? जिन सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है उन्‍हें कब तक प्रारंभ किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्‍त स्‍वीकृत सड़कों को पूर्ण करने की समयावधि क्‍या है? समय-सीमा के अन्‍दर कार्य पूर्ण न होने के क्‍या कारण हैं? दोषी अधिकारी कर्मचारी एवं संविदाकार के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? जिन्‍होंने गुणवत्‍ताविहीन सड़कों का निर्माण किया गया है? क्‍या सड़कों की गुणवत्‍ता परीक्षण हेतु लैब टेस्‍ट कराये जाने का प्रावधान हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जिन सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है, उसका क्‍या कारण है? समय-सीमा के अन्‍दर कार्यों को पूर्ण कराने के लिये आज दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। भारतीय रोड कांग्रेस के मापदण्‍ड IRC-37 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। कोई भी कर्मचारी, अधिकारी दोषी नहीं है। जी नहीं। जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। सीमित वित्‍तीय संसाधनों के अंतर्गत कार्यों को पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे है।

 

मालवा का गिरता भू-जल स्‍तर तथा रतलाम का 30 हजार टन जहरीला कचरा 

[पर्यावरण]

37. ( क्र. 3033 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मालवा में भू-जल स्‍तर के गिरने की रोकथाम के लिये विभाग द्वारा पिछले पाँच वर्षों में  क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? भविष्‍य की क्‍या योजना है भू-जल स्‍तर गिरने में पर्यावरण की कहाँ तक भूमिका है? (ख) रतलाम में 20 वर्षों से ज्‍यादा समय से पड़े 30 हजार टन जहरीले कचरे से निष्‍पादन हेतु पिछले 5 वर्षों में क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये? इस जहरीले कचरे के डिस्‍पोजल हेतु क्‍या किसी संस्‍था द्वारा अध्‍ययन किया गया है तो उसकी रिपोर्ट देवें तथा मानव स्‍वास्‍थ्‍य के लिये बेहद खतरनाक इस जहरीले कचरे को 20 साल में इसको उठाया क्‍यों नहीं गया? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के कचरे से शहर की कितनी कॉलोनी तथा पास के गांव में जहरीला लाल पानी ट्यूबवेल में निकल रहा हैं? उस कचरे के ढेर से प्रभावित कुल आबादी बतावें। पानी प्रभावित जमीन तथा प्रभावित मानक स्‍वास्‍थ्‍य का‍ पिछले 10 वर्षों में कब-कब, किसके द्वारा अध्‍ययन किया गया? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के कचरे के लिये कौन-कौन उद्योग जिम्‍मेदार हैं तथा विगत 5 वर्षों में किस-किस जिम्‍मेदार व्‍यक्ति पर किस धारा में, किस दिनांक को प्रकरण दर्ज किया गया तथा उनकी गिरफ्तारी किस दिनांक को की गई, एफ.आई.आर. की प्रति देवें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड (उत्तर मध्य क्षेत्र) भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार मालवा में भू-जल स्तर के गिरने की रोकथाम के लिये मालवा क्षेत्र के देवास, उज्जैन एवं इंदौर जिले में एक्यूफियर मैपिंग एंड मैनेजमेंट प्लान तैयार किया गया है, जिसे प्रदेश स्तरीय भूजल समन्वय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। इंदौर जिले का एक्यूफियर मैपिंग एंड मैनेजमेंट प्लान जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड के तकनीकी सहयोग से मनरेगा द्वारा भू-जल संवर्धन तथा कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण का कार्य बड़नगर ब्लॉक जिला उज्जैन में किया जा रहा है तथा सेंट्रल सेक्टर स्कीम के अंतर्गत जल ग्रहण क्षेत्र-5 धार ब्लॉक, जिला धार एवं नरवर जल ग्रहण क्षेत्र उज्जैन ब्लॉक, जिला उज्जैन में केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड के सहयोग से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा भू-जल संवर्धन तथा कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण का कार्य किया गया है। उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास, जिला-रतलाम से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में भू-जल स्तर उन्नयन हेतु बलराम तालाबों का निर्माण कराया गया है। 
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ख) रतलाम के बंद उद्योगों में 20 साल से पड़ा कचरा परिसंकटमय अपशिष्ट है न कि जहरीला कचरा। रतलाम जिले के डोसीगांव औद्योगिक क्षेत्र में दो बंद उद्योगों मेसर्स सज्जन केमिकल्स एंड इनवेस्टमेंट प्रा.लि. का कुल 22316.6 मे.टन तथा मेसर्स जयंत विटामिन्स लि. के परिसर में लगभग 0.4 मे.टन परिसंकटमय अपशिष्ट वर्तमान में संग्रहीत है। मेसर्स सज्जन केमीकल एंड इनवेस्टमेंट प्रा.लि.रतलाम के आधिपत्य के प्लांट नम्बर-61 बी. में भंडारित 789.45 मे.टन अपशिष्ट का सुरक्षित अपवहन पीथमपुर स्थित कॉमन ट्रीटमेंट सिक्योर्ड डिस्पोजल फेसिलिटी वर्ष 2018 में हो गया है। अपशिष्ट का निपटान न करने के कारण जिम्मेदार उद्योगों के विरूद्ध वैधानिक प्रकरण दायर किये गये हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य संस्थाओं द्वारा स्थल पर भण्डारित परिसंकटमय अपशिष्टों के जाँच, आंकलन आदि की दिशा में किये गये प्रयासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-‘‘’’ अनुसार है। भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय व केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा देश के इस प्रकार के प्रदूषित क्षेत्रों के अपशिष्टों के निपटान एवं स्थल के रिमेडियेशन हेतु कन्सलटेंट के माध्यम से अध्ययन कर योजना की डी.पी.आर. तैयार की जा रही है एवं अध्ययन रिपोर्ट प्राप्ति उपरांत ही इस कचरे को उठाने/निपटान करने का निर्णय लिया जाना सम्भव होगा। (ग) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुसार कचरे से रतलाम शहर के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र के 07 गांवों में भूमिगत जल प्रदूषित होकर ट्यूबवेल से लाल पानी निकल रहा है। सात प्रभावित गांवों की वर्ष-2011 के जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 7213 है। नगरपालिका निगम, रतलाम क्षेत्रान्तर्गत वार्ड क्रमांक- 1, 2, 3, 6, 8, 930 भी प्रभावित है। पानी, प्रभावित जमीन तथा मानव स्वास्थ्य के अध्ययन की जानकारी उत्तरांश अनुसार है। (घ) उद्योगों द्वारा प्राधिकार शर्तों के उल्लंघन व भण्डारित परिसंकटमय अपशिष्ट के डिस्पोजल नहीं करने के कारण विगत पाँच वर्षों में कोई प्रकरण दायर नहीं किया है। अपितु जिम्मेदार उद्योगों मेसर्स सज्जन केमिकल्स एंड इनवेस्टमेंट प्रा.लि., रतलाम के विरूद्ध दिनांक 02/11/2001 को प्रकरण क्र. 535/2002 व दिनांक 05.03.2013 को प्रकरण क्र. 460/2013 व मेसर्स जयंत विटामिन्स लि. रतलाम के विरूद्ध दिनांक 10/04/2012 को प्रकरण क्र. 247/2012 पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम-1986 की धारा 1516 के अन्तर्गत रतलाम न्यायालय में वाद दायर किये गये हैं, जो कि विचाराधीन हैं। उक्त अधिनियम के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज कराने का प्रावधान नहीं है। जिन जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध न्यायालयीन कार्यवाही की गई है उनके ब्यौरे पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ‘‘’’ अनुसार है। 

घरेलू बिजली कनेक्शन के मीटरों के संबंध में

[ऊर्जा]

38. ( क्र. 3137 ) श्री राम दांगोरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में यह नियम है कि उपभोक्ताओं का मीटर उसके घर के बाहर पोल पर लगाया जाएगा? यदि नहीं तो पंधाना नगर में सारे उपभोक्ताओं के मीटर घर के बाहर सड़कों पर पेटियों में क्यों लगाए गए हैं? क्या यह पेटियां आपके विभाग द्वारा मीटर लगाने हेतु खरीदी गई थी या अन्य किसी कार्य हेतु? (ख) यदि नहीं तो उक्त पेटियों पर विभाग को कितना खर्चा आया एवं जिस प्रोजेक्ट के लिए खरीदी गई थी उस प्रोजेक्ट का क्या हुआ? (ग) क्या लगाई गई मीटर पेटियां इतने नीचे व बिना किसी सुरक्षा के लगाई गई है कि जिससे बारिश व अन्य समय में जानवरों व इंसानों को करंट लग रहा है यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच करवाएंगे एवं जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 में प्रदत्‍त शक्तियों का उपयोग करते हुए केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत मीटरों के अधिष्‍ठापन तथा प्रचालन के संबंध में बनाए गए विनियमों के अंतर्गत उपभोक्‍ता मीटरों को अनुज्ञप्तिधारक द्वारा उपभोक्‍ता परिसर में अथवा उपभोक्‍ता परिसर के बाहर स्‍थापित करने का प्रावधान है। लगाये गये मीटर की सुरक्षा की दृष्टि से मीटर को बॉक्‍स में लगाया जा सकता है। अनुज्ञप्तिधारी द्वारा उपभोक्‍ता परिसर के बाहर मीटर अधिष्‍ठापित करने की स्थिति में उपभोक्‍ता से अनुरोध प्राप्‍त होने पर उसकी सूचना के लिये उसके द्वारा उपभोग की गई विद्युत को दर्शाने के लिये रियल टाईम डिस्‍प्‍ले यूनिट उपभोक्‍ता परिसर में उपलब्‍ध कराने का प्रावधान भी विनियमों में किया गया है। उक्‍त वैधानिक प्रावधानों के अन्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विद्युत मीटर स्‍थापित किये गये हैं। प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित बक्‍से (पेटियाँ) ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति पंधाना द्वारा चोरी एवं मीटर से छेड़छाड़ की रोकथाम के लिये विद्युत मीटर लगाने हेतु क्रय की गई थीं, किसी अन्य कार्य हेतु नहीं।            (ख) ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति पंधाना द्वारा मीटर बॉक्‍स (पेटियाँ) के क्रय हेतु राशि रु. 18, 05, 500/- का खर्च किया गया था। उक्त मीटर बॉक्‍स (पेटियाँ) मीटर लगाने के लिए ही क्रय किये गये थे, किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए नहीं। (ग) जी नहीं, अपितु उत्‍तरांश (क) में वर्णित केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुसार प्रश्‍नाधीन उपभोक्‍ताओं के परिसर से बाहर स्‍थापित किये गये मीटरों की अवस्थिति और भूतल से मीटर डिस्‍प्‍ले की ऊँचाई निर्धारित मानकों के अनुरूप रखी गई है, ताकि मीटर वाचक द्वारा खड़े रहकर आसानी से मीटर में अंकित खपत को पढ़ा जा सके। मीटर स्थापना हेतु लगाए गए मीटर बॉक्‍स के कारण करंट लगने के संबंध में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में कोई भी शिकायत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में प्राप्त नहीं हुई है। अतः किसी प्रकार की जाँच कराए जाने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

मार्गों के अपूर्ण कार्य के संबंध में

[लोक निर्माण]

39. ( क्र. 3147 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया जिला होशंगाबाद अन्तर्गत शोभापुर-खैरी-तरौन मार्ग एवं सांडिया-बनखेड़ी-उमरधा मार्ग स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ किया गया था यदि हाँ, तो कार्य प्रारंभ दिनांक व किस ठेकेदार द्वारा कार्य किया जा रहा हैं? (ख) क्या स्वीकृत कार्य वर्तमान में अपूर्ण हैं यदि हाँ, तो लम्बी समयावधि व्यतीत हो जाने के बाद भी कार्य अपूर्ण होने का क्या कारण हैं, इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं क्या‍ कार्य के अपूर्ण के होने पर विभाग द्वारा सं‍बंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई वैधानिक कार्यवाही की गयी हैं, यदि हाँ, तो क्‍या, नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार दोनों मार्गों का अपूर्ण/शेष कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। शोभापुर-खैरी-तरोन कलां मार्ग का कार्य प्रारंभ दिनांक 25.04.16 ठेकेदार श्री रामपाल सिंह मुख्‍तयार अहमद नोएडा (उ.प्र.) एवं              सांडिया-बनखेडी उमरधा मार्ग का कार्य प्रारंभ दिनांक 01.09.16 ठेकेदार मेसर्स सांईगॉन इन्‍फ्राटेक प्रा.लि. नोएडा (उ.प्र.) (ख) जी हाँ। ठेकेदारों द्वारा कार्य की गति धीमी होने के कारण। ठेकेदार ही उत्‍तरदायी है। जी हाँ। शोभापुर-खैरी-तरोन कलां मार्ग के ठेकेदार का पंजीयन मुख्‍य अभियंता राजधानी परिक्षेत्र भोपाल के पत्र क्र. 1882 दिनांक 31.03.18 एवं सांडिया-बनखेडी उमरधा मार्ग के ठेकेदार का पंजीयन मुख्‍य अभियंता राजधानी परिक्षेत्र भोपाल के पत्र क्र. 1591 दिनांक 10.03.17 द्वारा काली सूची में दर्ज जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) शोभापुर खैरी-तरोनकलां मार्ग का ठेका विखण्डित कर नवीन निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सांडिया बनखेडी उमरधा मार्ग दिनांक 31.03.2020 तक पूर्ण होने की संभावना है।

जलाशय के मरम्‍मत एवं अन्‍य कार्यों के संबंध में 

[जल संसाधन]

40. ( क्र. 3165 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वित्‍तीय वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 और 2015-16 में कौन-कौन से सिंचाई जलाशय हेतु कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गई तथा उक्‍त राशि में से कितनी राशि से क्‍या-क्‍या निर्माण कराया गया? (ख) अनूपपुर जिले के लतार जलाशय में कैनाल मरम्‍मत एवं बांध मरम्‍मत हेतु उक्‍त अवधि में कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गई उसमें से कितनी राशि के               क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये? कार्यवार, राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) उपरोक्‍त राशि स्‍वीकृति के उपरांत भी लतार जलाशय का कैनाल निर्माण एवं बांध का कार्य अधूरा है? उपरोक्‍त निर्माण कार्य में कौन ठेकेदार एवं अधिकारी संलिप्‍त रहे है जाँच पश्‍चात क्‍या उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के   प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) लतार जलाशय में नहर एवं बांध मरम्‍मत का कार्य नहीं कराया गया है, अपितु आर.आर.आर. मद के अंतर्गत कराए गए कार्यों की जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के  प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के  प्रपत्र-स  अनुसार है। कार्य पूर्ण होने से ठेकेदार अथवा अधिकारियों पर कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।

रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर का विखण्‍डन

[उच्च शिक्षा]

41. ( क्र. 3170 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश सरकार के द्वारा रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर का विखण्‍डन कर छिन्‍दवाड़ा यूनिवर्सिटी खोलकर तीन जिलों छिन्‍दवाड़ा, सिवनी एवं बालाघाट को छिन्‍दवाड़ा यूनिवर्सिटी में समाहित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या इससे रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर में शामिल कालेजों की संख्‍या में कमी आयी है? इससे विश्‍वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्‍या एवं सालाना फीस में कमी के चलते विश्‍वविद्यालय प्रबंधन को हो रहे नुकसान के लिये कौन जिम्‍मेदार है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सिर्फ रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी जबलपुर का ही विखण्‍डन किया गया है तथा अन्‍य किसी यूनिवर्सिटी का विखण्‍डन नहीं किया गया है, यदि हाँ, तो सिर्फ जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय का विखण्‍डन किस नियम/आधार पर किया गया है? विखण्‍डन के कारण विश्‍वविद्यालय को राज्‍य शासन से मिलने वाली ग्रांट में कमी होने के कारण कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन एवं अन्‍य सुविधाएं प्रभावित होगी तथा विद्यार्थियों को दी जाने वाले आधुनिक सुविधाएं भी प्रभावित होगी? क्‍या विखण्‍डन के कारण विश्‍वविद्यालय के विकास एवं उन्‍नयन आदि कार्य प्रभावित होंगे?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। 88 महाविद्यालय, रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय, जबलपुर से छिंदवाड़ा विश्‍वविद्यालय में स्थानांतरित किये गये हैं। शासन द्वारा छिंदवाड़ा में विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना होने से छिंदवाड़ा, बालाघाट एवं सिवनी जिले के विद्यार्थियों को विश्‍वविद्यालयीन कार्यों के लिये अब विश्‍वविद्यालय मुख्‍यालय से भौगोलिक दूरी पूर्व की तुलना में घटकर क्रमश: 217 से शून्‍य, 239 से 158 एवं 148 से 70 किमी लगभग रह गई है। विश्‍वविद्यालय के कार्यक्षेत्र में आदिवासी बाहुल्‍य जिलों को प्रमुखता से समाहित किया गया है, ताकि आदिवासी विद्यार्थियों को उच्‍च शिक्षा का समुचित लाभ प्राप्‍त हो सके। छिंदवाड़ा में विश्‍वविद्यालय के गठन से प्रशासनिक कार्यों में भौगोलिक दृष्टि से सुगमता भी प्राप्‍त हो सकेगी। शासन द्वारा छिंदवाड़ा विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना छात्रहित में लिया गया निर्णय है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। बरकतउल्ला विश्‍वविद्यालय, भोपाल से 50 महाविद्यालय स्थानांतरित किये गये हैं। छिंदवाड़ा विश्‍वविद्यालय की स्थापना मध्यप्रदेश विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 1973 (संशोधित) अध्यादेश द्वारा की गई है। शासन द्वारा किसी भी प्रकार के अनुदान में कमी नहीं की गयी है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जबलपुर जिले हेतु नाबार्ड एवं मैन्‍टीनेंस राशि

[लोक निर्माण]

42. ( क्र. 3189 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में विगत तीन माह में नाबार्ड प्‍लान एवं मैन्‍टीनेंस के मद में विभाग को कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई है? (ख) जबलपुर जिले में प्‍लान मद के कौन-कौन से काम चल रहे है? इन कार्यों की लागत क्‍या है? इन कार्यों के कार्य आदेश कब जारी किये गये थे और ये कार्य कब तक पूरे कर लिये जायेगें? (ग) MPRDC के द्वारा NDB मद से जबलपुर जिले में कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण चल रहा है? ये कब तक पूर्ण हो जायेंगे। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में क्‍या इस मद के निर्माण कार्यों का लाखों रूपयों के देयक लंबित है, शासन जिनका भुगतान करने में असमर्थ है? यदि हाँ, तो क्‍यों यदि नहीं तो इनका भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं '' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

त्‍योंथर उद्वहन सिंचाई परियोजना के स्‍वीकृत कमाण्‍ड एरिया 

[जल संसाधन]

43. ( क्र. 3208 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा के त्‍योंथर तहसील अन्‍तर्गत स्‍वीकृत एवं संचालित त्‍योंथर उद्वहन सिंचाई परियोजना के कमाण्‍ड क्षेत्र में कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं (ख) प्रश्नांश (क) में बताये गये कमाण्‍ड एरिया के ग्रामों में कौन-कौन से ग्राम में सिंचाई का पानी पहुँचता है और किन-किन ग्रामों में सिंचाई हेतु पानी अब तक उपलब्‍ध नहीं है। (ग) कमाण्‍ड एरिया के जिन ग्रामों में अब तक सिंचाई हेतु पानी नहीं पहुंच रहा है उन ग्रामों में, नहर का निर्माण कर, कब पानी पहुंचाने की योजना है।

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) कमाण्‍ड एरिया के जिन ग्रामों में अब तक सिंचाई हेतु पानी नहीं पहुंच रहा है उन ग्रामों में नहर निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्‍चात शेष ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''बीस''

चौराघाट का निर्माण 

[लोक निर्माण]

44. ( क्र. 3209 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला रीवा, उपखण्‍ड त्‍योंथर में चौराघाट निर्माण की स्‍वीकृति म.प्र. शासन द्वारा की गई है। (ख) यदि हाँ, तो प्रशासकीय एवं तकनीकी स्‍वीकृति का क्रमांक एवं दिनांक तथा स्‍वीकृति राशि की जानकारी प्रदान की जाये। (ग) क्‍या उक्‍त स्‍वीकृत कार्य की निविदा हो चुकी है यदि हाँ, तो निविदा में कार्य पूर्ण करने की अवधि क्‍या है यदि नहीं तो निविदा की कार्यवाही कब तक पूर्ण की जायेगी।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। अनुबंधानुसार 24 माह वर्षाकाल सहित, दिनांक 3.10.2020 तक पूर्ण होना नियत है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

घुघरानाला लघु सिंचाई योजना में अनियमितता

[जल संसाधन]

45. ( क्र. 3220 ) श्री संजय यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकास खण्‍ड शहपुरा जिला जबलपुर के अन्‍तर्गत घुघरानाला लघु सिंचाई योजना की कुल कितनी राशि की प्रशासकीय स्‍वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है? स्‍वीकृ‍त राशि में से कितनी राशि व्‍यय कर कितना कार्य पूर्ण हो चुका है निर्मित सिंचाई योजना से कितने ग्राम एवं कितने कृषक लाभान्वित होगें? ग्रामों/कृषकों की संख्‍या रकबा सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में स्‍वीकृत लघु सिंचाई योजना के संबंध में क्‍या संबंधित विभाग द्वारा जिला योजना समिति की बैठक में 521.34 लाख रूपये की प्रशासकीय स्‍वीकृति एवं 3 ग्रामों के 90 कृषकों की 233 हेक्‍टेयर भूमि लाभान्वित होना बताया है? यदि हाँ, तो मात्र 3 ग्राम एवं 90 कृषकों के ऊपर राशि व्‍यय कर बांध निर्माण का औचित्‍य क्‍या है? बांध निर्माण स्‍थल पर कितनी वन भूमि प्रभावित हो रही है?              (ग) क्‍या बांध निर्माण गुणवत्ता विहीन किया गया है इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा संबंधित विभाग/ शासन को जाँच हेतु पत्र लिखा गया था, उस पर क्‍या कार्यवाही की गई प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा अवगत नहीं कराया गया है, क्‍यों? क्‍या विभाग द्वारा जाँच नहीं की गई अथवा बांध निर्माण में की गई अनियमितता से जनप्रतिनिधि को अवगत नहीं कराना चाहते (घ) क्‍या शासन घुघरा नाला लघु सिंचाई योजना की सम्‍पूर्ण जाँच प्रश्‍नकर्ता के समक्ष करावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) घुघरानाला लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 27.08.2013 को रू. 521.34 लाख एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 01.10.2018 को रू. 676.01 लाख की 233 हेक्‍टर हेतु प्रदान की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट  के  प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला योजना समिति की बैठक में दी गई जानकारी में लिपिकीय टंकण त्रुटि हुई, उसी बैठक में इस त्रुटि के संबंध में अवगत कराया जाना प्रतिवेदित है। वास्‍तविक रूप से परियोजना से 04 ग्रामों के लगभग 120 कृषक लाभान्वित होंगे, जो औचित्‍यपूर्ण हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के  प्रपत्र-अ  अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। प्रमुख अभियंता द्वारा दिनांक 08.03.2019 को जाँच दल का गठन कर जाँच करायी गयी एवं मान. सदस्‍य को जाँच निष्‍कर्ष से उनके पत्र दिनांक 15.07.2019 द्वारा अवगत कराया गया। पत्र की प्रति संलग्‍न  परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1  अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''बाईस''

चेटीखेड़ा बांध परियोजना

[जल संसाधन]

46. ( क्र. 3263 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला श्‍योपुर/मुरैना जिले के पीने के पानी एवं खेती के लिये सिंचाई से पूर्णत: अभाव ग्रस्‍त क्षेत्र के लिये पिछली सरकार में चेटीखेड़ा बांध की लगभग 400 करोड़ की परियोजना को सिद्धांत स्‍वीकार किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान सरकार इस परियोजना को कब शुरू करेगी।

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

ग्राम जमुनिया में अवैध उत्खनन

[लोक निर्माण]

47. ( क्र. 3293 ) श्री राहुल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या भीलमपुर से बालाकोट सड़क निर्माण का ठेका दिलीप बिल्डिकॉन कंपनी को दिया गया था उक्‍त सड़क में उपयोग के लिए कोई मुरम की खदान स्वीकृत है, यदि हाँ, तो कहाँ और कौन से विभाग द्वारा स्वीकृति दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या वर्ष 1999 में काले पत्थर के उत्खनन के लिए उक्त अधिकारियों द्वारा बिना उच्चतम न्यायालय की गाईड लाइन फालो करते हुये प्रायवेट कम्पनी को लीज स्वीकृत कर दी। याचिकाकर्ता के द्वारा मामला NGT के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया गया। जिसमें कोर्ट के द्वारा स्पष्ट आदेश करके कहा था, कि दोनों अधिकारी शासकीय सेवा के दौरान वन विभाग की कोई भी डील साईन नहीं करेगें तथा इस आदेश के परिपालन में तत्कालीन एस.डी.ओ.फारेस्ट को सेवा से पृथक कर दिया गया परन्तु श्रीनिवास शर्मा के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने के क्‍या कारण है। (ग) वर्ष 1999 में काले पत्थर के उत्खनन में प्राईवेट कम्पनी को जो लीज स्वीकृत की थी उस कम्पनी पर कोई कार्यवाही हुई यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो उक्त खदान की नपाई कर शासकीय राजस्व की हानि की भरपाई करायेंगे। (घ) वर्तमान सड़क निर्माण में अवैध खदानों से मुरम जो का उत्खनन किया जा रहा है तो शासन को कितनी राजस्व की हानि हुई? तो इसकी भरपाई कब और किन फर्मों से की जा रही है? दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तेईस''

लैब टेक्नीशियन को शिक्षक संवर्ग का लाभ

[उच्च शिक्षा]

48. ( क्र. 3296 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकीय संवर्ग अंतर्गत प्रयोगशाला के विषय में लैब टेक्नीशियन के पद निर्मित किये गये है? यदि हाँ, तो क्या शिक्षकीय पदों की भांति लैब टेक्नीशियन को भी समस्त लाभ जैसे सेमेस्टर ब्रेक/ग्रीष्मावकाश/अध्ययन अवकाश/स्टेपअप प्रोग्राम/ सेवानिवृत्त व अन्य लाभ प्रदान किये जा रहे है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दे यदि नहीं तो क्यों नहीं (ख) यदि लाभों से वंचित रखा गया है तो उक्त पद को शिक्षकीय संवर्ग में रखने का क्‍या औचित्य है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में प्रयोगशाला के विषय में लैब टेक्नीशियन के पद निर्मित किये गये हैं, जिन्हें म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक 18-40/95/38/2 भोपाल दिनांक 01.04.97 द्वारा शिक्षकीय पद माने जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है, महाविद्यालयों में कार्यरत लैब टेक्नीशियनों को शासन के निर्देशानुसार सेमेस्टर ब्रेक/ग्रीष्मावकाश का लाभ दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश अवकाश नियमों के अंतर्गत अध्ययन अवकाश की स्वीकृति प्रशासकीय विभाग द्वारा दी जाती है एवं 62 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

रैगांव रोड से झरकुवा मार्ग का निर्माण

[लोक निर्माण]

49. ( *क्र. 3325 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रैगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत रैगांव रोड से झरकुवा मार्ग के निर्माण हेतु कार्यादेश जारी किये गये हैं? उक्‍त मार्ग का निर्माण किस मद से कराया जा रहा है? ठेकेदार कौन है? कार्यादेश की प्रति एवं मार्ग निर्माण के लागत की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) उक्‍त निर्माण कार्य की निर्माण एजेन्‍सी कौन है एवं कब तक उक्‍त कार्य पूर्ण किया जाना है? अभी तक कितना कार्य पूर्ण‍ किया जा चुका है? क्‍या उक्‍त मार्ग का निर्माण मापदण्‍डों के अनुरूप गुणवत्‍ता युक्‍त नहीं किया जा रहा है? (ग) क्‍या समयावधि में उक्‍त मार्ग का निर्माण कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों उत्‍तरदायी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कार्य के गुणवत्‍ता की जाँच हेतु कमेटी का गठन कब तक किया जावेगा एवं उक्‍त मार्ग का निर्माण कब तक पूरा करा दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। उक्‍त मार्ग का निर्माण ए.डी.बी. वित्‍त पोषित एम.पी.डी.आर.-II एस.पी. परियोजना अंतर्गत कराया जा रहा है। उक्‍त कार्य के ठेकेदार मे. ए.बी.सी. एसोसियेट्स ज्‍वाइन्‍ट वेन्‍चर भाटी एसोसियेट्स प्रा.लि. सतना (म.प्र.) हैं। इन परियोजनाओं में कार्यादेश के स्‍थान पर कार्य आरंभ करने की तिथि घोषित की जाती है जिसकी प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अनुबंध के प्रावधान के अनुसार मार्ग निर्माण कार्य की लागत राशि                रू. 44, 99, 56, 116/- है। (ख) उक्‍त निर्माण कार्य की निर्माण एजेन्‍सी मे. ए.बी.सी. एसोसियेट्स ज्‍वाइन्‍ट वेन्‍चर भाटी एसोसियेट्स प्रा.लि. सतना (म.प्र.) है। उक्‍त कार्य, कार्य आरंभ दिनांक 03.05.2018 से 457 दिवस में पूर्ण किया जाना था। अभी तक 16.38 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जी नहीं। उक्‍त मार्ग का निर्माण निर्धारित मापदण्‍डों के अनुरूप गुणवत्‍ता युक्‍त किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा दिनांक 26.06.2019 को अनुबंध के प्रावधान अनुसार समयावृद्धि आवेदन विचाराधीन है। प्रकरण के परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाकर जिम्‍मेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) कार्य के गुणवत्‍ता की निरंतर जाँच हेतु म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा सुपरविजन कंसलटेंट मेसर्स आई.सी.टी. प्रा.लि. इन एसोसियेशन विथ रोडिक कन्‍सल्‍टेन्‍ट्स प्रा.लि. नई दिल्‍ली को नियुक्‍त किया गया है। मार्ग निर्माण कार्य का सुपरविजन कंसलटेंट के अलावा समय-समय पर म.प्र. सड़क विकास निगम में पदस्‍थ अधिकारियों द्वारा भी कार्य की गुणवत्‍ता की जाँच की जाती है। अत: पृथक से जाँच कमेटी के गठन किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। ठेकदार द्वारा प्रस्‍तुत समयावृद्धि आवेदन वर्तमान में विचाराधीन होने के कारण मार्ग निर्माण पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

रोडों की जानकारी

[लोक निर्माण]

50. ( क्र. 3343 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में लोक निर्माण अंतर्गत विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा कितने कार्य स्‍वीकृत थे आज दिनांक में उनकी क्‍या स्थिति है कितने कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण हैं अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किये जाएंगे। (ख) विधान सभा प्रश्‍न क्र. 435 दिनांक 21.2.2019 के अनुसार करतना टिमरनी मार्ग के साईड सोडलर क्‍या आज दिनांक तक नहीं भरे गए इस संबंध में क्‍या कार्यवाही हुई अवगत कराएं। (ग) हरदा जिले में सिराली में सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र का निर्माण लोकनिर्माण (पी.आई.यू.) द्वारा किया जा रहा है कार्य की स्‍वीकृति दिनांक एवं कार्य पूर्ण होने की दिनांक कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा? (घ) हरदा जिले में पी.आई.यू के अन्‍तर्गत कौन-कौन निर्माण कार्य चल रहे कार्य कब तक पूर्ण होंगे।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' के सरल क्रमांक-10 पर उल्‍लेखित है। (ग) पी.आई.यू. द्वारा नहीं अपितु लोक निर्माण संभाग हरदा द्वारा किया जा रहा है विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है।

सतना जिले के सुखेन्‍द्र सिंह स्‍टेडियम में हुई किशोर की मृत्‍यु 

[खेल और युवा कल्याण]

51. ( क्र. 3351 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना स्थित सुखेन्‍द्र सिंह स्‍टेडियम का संचालन किसके द्वारा कब से किया जा रहा है, कितने कर्मचारी तैनात है उन्‍हें कितना भुगतान किया जा रहा हैं? (ख) 24 मई को यहां पानी में डूबने से किशोर की मौत पर क्‍या जि.पं. सी.ई.ओ. को डी.एस.ओ. द्वारा गलत जवाब दिए गए एवं इस घटना के दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) पुल का पानी फिल्‍टर प्‍लांट से कब-कब साफ किया गया? दिनवार और पी.एच. वैल्‍यूवार जानकारी उपलब्‍ध करायें? एक पूरी सफाई में कितने यूनिट बिल आता है? विगत तीन माह का बिल कितना है? (घ) शासन के नये नियम से डी.एस.ओ. के नियंत्रणकर्ता अधिकारी कौन है? जिले में खेल एवं युवा विभाग अब किस अधिकारी के नियत्रंण में है? क्‍या पूल का संचालन अनुमति से हो रहा था? यदि हाँ, तो पूल संचालन के मापदंड क्‍या है क्‍या पूल संचालक द्वारा उनका पालन किया जा रहा था? यदि नहीं तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

सीमेंट कारखाना अन्‍तर्गत कार्यरत ठेका श्रमिकों के संदर्भ में 

[श्रम]

52. ( क्र. 3353 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) सतना जिले के स्‍थापित सीमेंट कारखाना क्षेत्र में कार्यरत ठेका श्रेमिकों की संख्‍या कितनी है? इन कारखानों में स्‍थायी व अस्‍थायी श्रमिकों की संख्‍या कितनी है? (ख) पिछले 05 वर्षों में इन कारखानों से सेवानिवृत्‍त होने वाले स्‍थायी श्रमिकों की संख्‍या कितनी है? सीमेंट कारखाना से सेवानिवृत्‍त होने वाले स्‍थायी श्रमिकों की जगह कितने ठेका श्रमिकों को स्‍थायी किया गया है?              (ग) मध्‍यप्रदेश में चल रहे सीमेंट उद्योगों के अन्‍तर्गत कार्यरत ठेका श्रमिकों की सेवानिवृत आयु क्‍या है? क्‍या इस संबंध में मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा सेवानिवृत्‍त आयु 58 से 60 वर्ष बढ़ाने हेतु जो संशोधन किया गया है वह पूर्णत: लागू हुआ है अथवा नहीं? यदि नहीं तो विभाग द्वारा इसे पूर्णत: लागू कराने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) मध्‍यप्रदेश के लागू ESIC के स्‍कीम के तहत कुल कितने श्रमिकों को लाभ पहुंचाया गया है। सतना जिले के मैहर तहसील में कार्यरत श्रमिकों हेतु ESIC का अस्‍पताल कितनी दूर पर स्थित है? ESIC में कंट्रीब्‍यूशन स्‍वरूप श्रमिकों का अंशदान जब मैहर क्षेत्र में जब से ज्‍यादा है तो ESIC का अस्‍पताल वहां क्‍यों नहीं है? ESIC के मानक स्‍तर के अनुसार सतना जिले में कितने अस्‍पताल कार्यरत है?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) :  (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश राज्य में म.प्र. औद्योगिक नियोजक (स्थाई आदेश) अधिनियम 1961 के अंतर्गत राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 28.06.2017 के द्वारा श्रमिकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष की गई है। सतना जिले में 2 सीमेंट कारखाने मैहर सीमेंट एवं सतना सीमेंट ने इसे मान्य नहीं किया है। मैहर सीमेंट द्वारा याचिका क्र. 12790/14 एवं सतना सीमेंट द्वारा याचिका क्र. 786/15 माननीय उच्च न्यायालय में दायर की गई है जिसमें मैहर सीमेंट को दिनांक 08.01.2015 एवं सतना सीमेंट को दिनांक 20.04.2015 को स्थगन प्राप्त हुआ है। (घ) ई.एस.आई.सी. स्कीम केन्द्र शासन के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा संचालित है। इस संबंध में कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार जहां बीमितों की संख्या 50 हजार से कम है वहां अस्पताल के नियम में प्रावधान नहीं है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

एन.एच. 86 बायपास निर्माण

[लोक निर्माण]

53. ( क्र. 3360 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा शहर हेतु एन.एच.-86 पर बायपास निर्माण कार्य किस वर्ष स्वीकृत हुआ था? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में स्वीकृत बायपास निर्माण कार्य हेतु केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के क्रम में स्वीकृत राशि अनुसार कार्य पूर्ण कर लिया गया अथवा निर्माण कार्य किया जाना शेष है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2014-15 में। (ख) केन्‍द्र सरकार से राशि रू. 91.995 करोड़ स्‍वीकृत, राज्‍य सरकार से कोई राशि स्‍वीकृत नहीं। (ग) जी हाँ, दिनांक 15.11.2017 को कार्य पूर्ण, शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाएं 

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

54. ( क्र. 3401 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं/कार्यों की विस्‍तृत जानकारी देवें। (ख) उक्‍त विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यों का लाभ प्राप्‍त करने के लिए हितग्रहियों की योग्‍यता/पैमाना क्‍या-क्‍या रहता है? विवरण देवें। (ग) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा रीवा में विश्‍व का सबसे बड़ा सोलर पावर प्‍लांट स्‍थापित किया है। इससे प्राप्‍त ऊर्जा का उपयोग कहाँ-कहाँ किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) में प्राप्‍त ऊर्जा (बिजली) से प्रतिवर्ष कितनी आय होती है। विगत पाँच वर्षों की जानकारी सूचीवार देवें।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) विभाग के अंतर्गत प्रदेश में पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बायोमास आधारित ऊर्जा एवं लघु जल विद्युत परियोजनाएं, स्‍थापित की जा रही हैं। प्रदेश में माह जून 2019 तक कुल 4614.32 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं, स्‍थापित हो चुकी है, जिनका सारांश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। परियोजनाओं की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विभाग के अधिनस्‍थ म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा वर्तमान में 1) रूफटॉप सौर फोटोवोल्टिक पॉवर प्‍लांट कार्यक्रम, 2) सोलर पम्‍प कार्यक्रम, 3) सौर तापीय कार्यक्रम, 4) डी.डी.जी. कार्यक्रम, 5) अक्षय ऊर्जा शॉप कार्यक्रम, 6) सूर्यमित्र स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम, 7) बायोगैस आधारित विद्युत उत्‍पादन तथा तापीय उपयोग कार्यक्रम, 8) वेस्‍ट टू एनर्जी कार्यक्रम, 9) उजाला संरक्षण एवं प्रबंधन कार्यक्रम, 10) ऊर्जा संरक्षण एवं प्रबंधन कार्यक्रम, क्रियान्वित किए जा रहे हैं। कार्यक्रमों की विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) विभाग के अंतर्गत प्रदेश में पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बायोमास आधारित ऊर्जा एवं लघु जल विद्युत परियोजनाएं में हितग्राहियों का चयन/परियोजना का आवंटन एवं विकास शासन की पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2012, सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2012, लघु जल विद्युत आधारित परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2012 एवं बायोमास आधारित परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2011 के प्रावधानों के अन्‍तर्गत किया जाता है। नीतियों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विभाग के अधिनस्‍थ म.प्र. ऊर्जा विकास निगम की योजनाओं/कार्यों का लाभ सभी श्रेणी के हितग्राहियों को प्राप्‍त करने की पात्रता है। योजनाओं में केन्‍द्र और राज्‍य शासन द्वारा प्रदान की जा रही वित्‍तीय सहायता/अनुदान के पश्‍चात शेष राशि हितग्राही द्वारा वहन किया जाने पर योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाता है। योजनाओं में अनुदान तथा अन्‍य जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) रीवा सौर परियोजना की क्षमता 750 मेगावाट है, जिसमें अभी तक 730 मेगावाट कमीशन हो चुकी है। रीवा परियोजना से उत्‍पादित बिजली उत्‍पादन के प्रारंभ, यथा 6 जुलाई 2018, से ही राज्‍य की विद्युत वितरण कम्‍पनियों को मिल रही है, जिसके लिए म.प्र.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमि‍टेड (एम.पी.पी.एम.सी.एल) से अनुबंध निष्‍पादित है। कुल 750 मेगावाट ओपन एक्‍सेस के विरूद्ध 651 मेगावाट क्षमता म.प्र.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को और 99 मेगावाट के विरूद्ध दिल्‍ली मैट्रो को विद्युत प्रदाय की व्‍यवस्‍था है। (घ) एम.पी.पी.एम.सी.एल. द्वारा राज्‍य की विद्युत वितरण कम्‍पनियों के उपयोग हेतु नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा संयंत्रों से विद्युत क्रय किया जाता है, जिसके लिए विक्रेता को अनुबंधित दरों पर भुगतान किया जाता है। चूंकि नवकरणीय ऊर्जा व परंपरागत ऊर्जा स्‍त्रोतों से प्राप्‍त विद्युत को संयुक्‍त रूप से एक ही ग्रिड में संचालित कर क्रय व विक्रय किया जाता है, अत: नवकरणीय ऊर्जा संयंत्रों से प्राप्‍त विद्युत को अलग से विक्रय‍ किया जाना संभव नहीं होता और न ही इसके लिए अलग से कोई विक्रय टैरिफ निर्धारित है। अत: आय की जानकारी देना संभव नहीं है। उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं के अन्‍तर्गत स्‍थापित संयंत्रों से सीधे हितग्राही लाभांवित होते हैं। ये संयंत्र हितग्राही की ऊर्जा आवश्‍यकता की पूर्ति वैकल्पिक ऊर्जा से करने हेतु स्‍थापित किये जाते हैं। नवकरणीय ऊर्जा संयंत्रों के उत्‍पादित विद्युत की दर अब ग्रिड की विद्युत से कम हो गई है, जिससे हितग्राहियों को नवकरणीय ऊर्जा के प्रयोग से लाभ हो रहा है।

विभाग द्वारा विगत पाँच वर्षों में किये गये कार्य

[खेल और युवा कल्याण]

55. ( क्र. 3402 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खेल एवं युवक कल्‍याण विभाग द्वारा पिछले पाँच वर्षों में खरगोन जिले में           क्‍या-क्‍या कार्य किए गए कार्यवार, वर्षवार, लागत और कार्य के नाम और कार्य की गांरटी की सूचीवार जानकारी देवें?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : खरगोन जिले में विगत 5 वर्षों में से वर्ष 2017-18 में स्टेडियम भवन में विद्युत फिटिंग कार्य दर राशि रू. 4.22 लाख वर्ष 2018-19 में स्टेडियम ग्राउण्ड की बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य हेतु राशि रू. 11.84 लाख तथा वर्ष 2018-19 में घास लगाने का कार्य पर रू. 34.77 लाख व्यय की गई। उक्‍त कार्य सम्‍बधित एजेन्सियों से कराये जाते है पृथक से गांरटी का है प्रावधान नहीं है।

यू.जी.सी. को कॉलेज कोड 28 का निजी महाविद्यालयों द्वारा खुले-आम उल्‍लंघन

[उच्च शिक्षा]

56. ( क्र. 3416 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में स्थित निजी महाविद्यालयों को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के द्वारा जारी नियमावली के अनुसार कालेज कोड 28 या धारा 28 को लागू करना राज्‍य शासन के उच्‍च शिक्षा विभाग के नियमों के तहत कितना अत्‍यावश्‍यक है? कॉलेज कोड 28 या धारा 28 जो नियमावली/मापदण्‍ड/ मानदण्‍ड/नियम शर्तें/ कानून हैं उसकी एक प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित निजी कॉलेजों के द्वारा किस-किस प्रकार की डिग्रीधारी (सभी डिग्रियों का उल्‍लेख करें) किस-किस पदनाम के शिक्षकों को किस-किस वेतनमान पर 01 अप्रैल 2017 से प्रश्‍नतिथि तक रखा है? उनकी वेतन नगद रूप में दिया जाता है या कैश? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित कालेज कोड 28 में बिल्डिंग के क्‍या नियम (नार्मस) हैं? नियमों की प्रति दें? किस-किस महाविद्यालय ने स्‍थापना दिनांक से नार्मस पूरे कर रखे हैं? नाम दें? किस-किस ने प्रश्‍नतिथि तक पूरे नहीं किए हैं? नामवार/जिलेवार जानकारी दें?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) प्राचार्य एवं सहायक प्राध्यापकों के पद पर नियुक्तियों के लिए परिनियम 28 कॉलेज कोड लागू करना नितांत रूप से आवश्यक है। परिनियम 28 कॉलेज कोड की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) निजी महाविद्यालयों में मास्टर डिग्री के साथ पी-एच.डी., नेट, स्लेट उपाधिधारी आवेदकों को सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति दी जाती है। शेष जानकारी   पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '' और '' अनुसार है। (ग) कॉलेज कोड 28 में बिल्डिंग के नियम नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

प्राध्‍यापकों की पदस्‍थापना के संबंध में 

[उच्च शिक्षा]

57. ( क्र. 3433 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बरेली स्थित शासकीय महाविद्यालयों में विषयवार प्राध्‍यापकों को स्‍वीकृत पदों की जानकारी दें, उनमें कितने पद भरे एवं कितने रिक्‍त हैं? (ख) तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के श्रेणीवार स्‍वीकृत पदों एवं भरे तथा रिक्‍त पदों की जानकारी दें।             (ग) रिक्‍त पदों की भर्ती एवं पूर्ति कब तक होगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बरेली में शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत विषयवार स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के श्रेणीवार स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रिक्त पदों की भर्ती एवं पूर्ति के संबंध में निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''छब्बीस''

नवीन विद्युत सब स्‍टेशनों की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

58. ( क्र. 3434 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत वर्ष 2019 में आज दिनांक तक कितने नवीन सब स्‍टेशनों की स्‍वीकृति प्रदान की गई है? (ख) कितने सब स्‍टेशनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, तथा कितने अपूर्ण है? (ग) वर्ष 2019-2020 में नवीन विद्युत सब स्‍टेशनों की स्‍वीकृति प्रस्‍तावित है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक 33/11 के.व्‍ही. के कुल 3 नवीन विद्युत उपकेन्‍द्रों की स्‍थापना के कार्य हेतु स्‍वीकृति प्रदान की गई है। (ख) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में किसी भी विद्युत उपकेन्‍द्र का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित 33/11 के.व्‍ही. के स्‍वीकृत 3 नवीन विद्युत उपकेन्‍द्रों यथा- भारकच्‍छ, दिमाड़ा सेमरी एवं अलीगंज के निर्माण कार्य एवं इसके अतिरिक्‍त 132 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र उदयपुरा का 220 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र में उन्‍नयन करने का कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। (ग) वर्ष 2019-2020 में उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अन्‍य किसी नवीन विद्युत उपकेन्‍द्र के कार्य हेतु स्‍वीकृति प्रदान किया जाना प्रस्‍तावित नहीं है।

विद्युत बिलों के संबंध में

[ऊर्जा]

59. ( क्र. 3495 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा उपभोक्‍ताओं को जो बिल दिये जाते है उसमें ऊर्जा प्रभार, ऊर्जा विकास उपकर, मीटर किराया, ईधन किराया, सुरक्षा निधि सहित अनेक बिन्‍दुओं का उल्‍लेख रहता है? यदि हाँ, तो उक्‍त बिन्‍दुओं के समावेश का क्‍या कारण है। (ख) क्‍या उपभोक्‍ताओं के यह बिल ए-फोर साइज के पेपर में रहते है? (ग) क्‍या यह बिल अत्‍यंत क्लिष्‍ट रहता है जो सामान्‍य उपभोक्‍ता की समझ से परे होता है? (घ) क्‍या शासन विद्युत वितरण कंपनियों को निर्देशित करेगा कि उपभोक्‍ताओं को ए-फोर साइज से आधे कागज में ऐसे छोटे सरल बिल दिये जावे जिससे कागज की बचत होगी और समझने में आसानी हो। यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) उपभोक्‍ताओं को जारी विद्युत बिलों के प्रारूप में समाविष्‍ट मदों का निर्धारण म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.42 के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। उल्‍लेखनीय है कि उपभोक्‍ता से वसूल की जा रही विद्युत बिल की राशि में सम्मिलित विभिन्‍न प्रभारों जैसे ऊर्जा प्रभार, मीटरिंग प्रभार, ईंधन प्रभार, सुरक्षा निधि इत्‍यादि जिनका निर्धारण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है, की जानकारी उपभोक्‍ता को दिये जाने के उद्देश्‍य से विद्युत कंपनियों द्वारा उपभोक्‍ता को जारी विद्युत बिल में विभिन्‍न मदों का उल्‍लेख किया जाता है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ऊर्जा विकास उपकर वर्ष 2011 से समाप्‍त कर दिया गया है। (ख) जी हाँ। साथ ही जहाँ स्‍पाट बिलिंग की जाती है वहाँ विशेष आकार के छोटे कागज पर बिल दिये जाते हैं। (ग) जी नहीं। अपितु उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वैधानिक प्रावधानों एवं उपभोक्‍ताओं को उनसे वसूल की जा रही समस्‍त राशि के मदों की जानकारी दिये जाने के उद्देश्‍य से वितरण कंपनियों द्वारा बिल जारी किये जाते हैं।              (घ) वैधानिक प्रावधानों एवं उपभोक्‍ताओं के हितों/सुविधा के दृष्टिगत प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित बिन्‍दु सहित उपभोक्‍ता सेवा से संबंधित समस्‍त मुद्दों पर यथायोग्‍य विचार कर समय-समय पर आवश्‍यक कार्यवाही की जाती है, अत: इसकी कोई समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।

नहरों का सीमेंटीकरण

[जल संसाधन]

60. ( क्र. 3496 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में क्‍या तवा बांध की नहरों का सीमेंटीकरण हो रहा है? यदि हाँ, तो बतावें कि उक्‍त कार्य किसके द्वारा कितनी राशि में किस दिनांक तक पूरा होना था। जून 2019 की स्थिति में कितना कार्य शेष है। (ख) क्‍या ऐसी नहरें जिनके आसपास आवास बन गये हैं एवं उनसे सिंचाई नहीं होती है, को भी सीमेंटीकृत किया जाना है? यदि हाँ, तो क्‍यों एवं नहरों की जानकारी लंबाई सहित बतावें। (ग) क्‍या शासन प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित नहरों को समतल कर उक्‍त भूमि पर वृक्षारोपण करायेगा ताकि प्रकृति का रक्षण हो एवं अतिक्रमण से बचा जा सके। (घ) क्‍या नहरों के सीमेंटीकरण के पहले नहरों से जा रहे पानी के कारण एक लंबे क्षेत्र में भू-जल में वृद्धि होती थी। और सीमेंटीकरण के बाद भूजल में कमी आवेगी? यदि हाँ, तो इस समस्‍या के निराकरण के लिए शासन के पास योजना है।

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष जानकारी निरंक। (ग) जी नहीं। ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (घ) नहरों के सीमेंटीकरण के पूर्व भू-जल स्‍तर में वृद्धि तथा सीमेंटीकरण के पश्‍चात भू-जल स्‍तर में कमी संबंधी कोई विश्‍लेषण प्रतिवेदित नहीं है। अत: समस्‍या का निराकरण का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''सत्ताईस''

गलत नियुक्तियां की जाना

[उच्च शिक्षा]

61. ( क्र. 3512 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिक्षण सत्र 2018-19 में रीवा विश्‍वविद्यालय के स्‍ववित्‍तीय पाठ्यक्रम में एम.एस.सी. माइक्रोबायोलाजी के लिए दिनांक 26.09.2018 को विज्ञापन जारी किया गया था?              किस-किस योग्‍यता के कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? (ख) मध्‍यप्रदेश शासन उच्‍च शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक 969/एफ-1-9-2016, 38-1 की कंडिका 3-1 के अनुसार एम.फिल आवेदक श्रेणी-3 के अंतर्गत आते है? यदि हाँ, तो जिसकी नियुक्ति की गई थी वह एम.एस.सी. आवेदक  श्रेणी-4 में आते हैं? (ग) क्‍या नियुक्ति नियमानुसार हुई है? नहीं तो क्‍या नियुक्ति निरस्‍त करेंगे? गलत तरीके से नियुक्ति करने वाले के खिलाफ क्‍या कार्यवाही करेंगे? (घ) जिन लोगों की गलत नियुक्ति हुई उनको हटाने के आदेशों की एक प्रति दें? साथ में गलत नियुक्ति करने वालों के नाम एवं पदनाम देते हुये उनके खिलाफ किस थाना क्षेत्र में अमानत में ख्‍यानत का प्रकरण पंजीबद्ध कराया जायेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ, 2 आवेदक एम.एससी. माइक्रोबायोलाजी एवं 2 आवेदक एम.फिल माइक्रोबायोलाजी डिग्री धारक थे। (ख) जी हाँ। जिसकी नियुक्ति हुई है, वह श्रेणी-4 के अंतर्गत है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।               (घ) प्रश्‍नांश () परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पन्‍ना जिले में किए गये विभागीय कार्य

[लोक निर्माण]

62. ( क्र. 3525 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग के आदेश पत्र क्रमांक /2139/प्र./स./लो.नि.वि./15 दिनांक 22/04/2015 का पालन किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो क्‍या पन्‍ना जिले में विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक विभागीय कार्यों के किए निरीक्षण के प्रतिवेदन और टूर डायरिया (दौरा कार्यक्रम) प्रस्‍तुत किए गये? यदि हाँ, तो अधिकारीवार, विवरण बतावें। (ख) पन्‍ना जिले में वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक लो.नि.वि. की सड़कों की विशेष, वार्षिक मरम्‍मत एवं पेंचवर्क तथा निर्माण के कार्य और शासकीय भवनों की विशेष वार्षिक मरम्‍मत एवं निर्माण के कौन-कौन से कार्य, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत से कब-कब कराये गये और कौन-कौन से कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं? इन कार्यों का कार्य कार्यक्रम (Work-programm) क्‍या था? कार्यवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) कार्यों की स्‍वीकृति किस प्रस्‍ताव अथवा मांग के आधार पर किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब प्रदान की गयी? कार्यों को किस-किस ठेकेदार द्वारा किस नाम/पदनाम के विभागीय अधिकारी की देख-रेख में किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) कार्यों का भौतिक सत्‍यपान किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया? तथा कार्यों का ठेकेदार कंपनी को भुगतान कब किया गया? (ड.) क्‍या कई गैर जरूरी कार्यों की मनमर्जी से स्‍वीकृति प्रदान कर कार्य कराएं गए? और किन्‍ही ठेकेदार कंपनी को नियम विरूद्ध भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो इन अनियमितताओं पर कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्‍या ऐसा न होना सत्‍यापित किया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अ-2', '' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश '' अनुसार। (ड.) जी नहीं। कोई नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पन्‍ना जिले में किए गये मरम्‍मत एवं संधारण कार्य

[ऊर्जा]

63. ( क्र. 3526 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 798 दिनांक 28/02/2018 के उत्‍तर में संलग्‍न परिशिष्‍ट में मरम्‍मत/ संधारण के सभी कार्यों का भुगतान लगभग 40 हजार रूपये और लगभग आसपास की दिनांक भी दर्शायी गयी हैं? यदि हाँ, तो क्‍या इस शंकास्‍पद जानकारी की जाँच और परीक्षण कराया जायेंगा?  (ख) पन्‍ना जिले में वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में निम्‍न दाब विद्युत लाईन स्‍थापना के कार्य कराये गये और किस योजना में कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं और इन कार्यों का कार्य कार्यक्रम (work-proramm) क्‍या था? योजनावार बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना की स्‍वीकृति प्रस्‍ताव अथवा मांग के आधार पर किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रदान की गयी? योजना के कार्यों को किस-किस ठेकेदार द्वारा किया गया एवं किस नाम/पदनाम के विभागीय अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत योजना के कार्यों का भौतिक सत्‍यपान और गुणवत्‍ता परीक्षण किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया एवं ठेकेदार कंपनी को कितना भुगतान किया गया? (ड.) प्रश्‍नांश (ख) से (घ) के तहत क्‍या कई गैर जरूरी कार्यों की मनमर्जी से स्‍वीकृति प्रदान कर कार्य कराए गए और किन्‍हीं ठेकेदार कंपनी को नियम विरूद्ध भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो इन अनियमितताओं पर कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्‍या ऐसा होना सत्‍यापित किया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च, 2018 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक-798 दिनांक 28.02.2018 के उत्तर में  संलग्न परिशिष्ट  में पन्ना जिले के पवई उप संभाग क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में जनवरी-2018 तक किये गये मेंटेनेंस के कार्यों का विवरण दिया गया था, जिसमें बिल की राशि 40 हजार रूपये से लेकर 50 हजार रूपये है एवं भौतिक सत्यापन की तिथि माह जुलाई, 2017 से लेकर माह अक्टूबर, 2017 तक की अवधि में है। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की डेलीगेशन ऑफ पावर पुस्तिका में कार्यपालन अभियंता को क्रय आदेश जारी करने की अधिकतम सीमा रू. 50000 है। उक्त प्रश्न क्रमांक 798 दिनांक 28.02.2018 के उत्‍तर में वर्णित कार्यों के प्राक्कलन संबंधित वितरण केन्द्र के कनिष्ठ अभियंता द्वारा प्रस्तुत किये जाने पर उनकी स्वीकृति कंपनी द्वारा प्रदत्त प्राधिकारों की सीमा में कार्यपालन अभियंता द्वारा प्रदत्त की गई है। अतः देयकों की राशि रू. 40000 से रू. 50000 एवं आसपास की दिनांक होने से कोई भी संदेहास्पद स्थिति नहीं है। अतः इसकी जाँच/परीक्षण कराये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) पन्ना जिले में वर्ष 2017-18 से दिनांक 30.06.19 तक नई निम्नदाब लाईन स्थापना के किए गए कार्यों की योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ अनुसार  है। वर्तमान में मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना के अंतर्गत कार्य प्रगति पर है, जिन्‍हें राईट ऑफ वे की उपलब्‍धता अनुसार आवेदक द्वारा अंशदान की राशि जमा करने से 6 माह के भीतर पूर्ण किया जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मरम्मत/संधारण के कार्यों की स्वीकृति कनिष्ठ अभियंता/सहायक अभियंता के प्रस्ताव/मांग के आधार पर कार्यपालन अभियंता द्वारा प्रदान की गई है। उक्त कार्यों को 3 ठेकेदारों श्री रामाश्रय गर्ग, श्री रामनारायण सोनी एवं श्री गणेश प्रसाद त्रिपाठी द्वारा ठेकेदारों को जारी किये गये कार्यादेशों के तहत किया गया है। श्री आर.के. शर्मा, सहायक अभियंता पवई, द्वारा निरीक्षण किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत योजना के कार्यों का भौतिक सत्यापन और गुणवत्ता परीक्षण श्री आर.के.शर्मा, सहायक अभियंता, पवई द्वारा किया गया है। उक्त कार्यों हेतु ठेकेदार कंपनी को किये गए भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट  के             प्रपत्र-‘ अनुसार  है। (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) तक उल्लेखित कार्य, विद्युत प्रदाय व्यवस्था को सुचारू रूप से चालू रखने हेतु आवश्यक संधारण/रख-रखाव के कार्य हैं। उक्त कार्यों को नियमानुसार स्वीकृत करते हुए कार्यादेशों में उल्लेखित शर्तों के अनुरूप कार्य कराया गया है एवं उक्त शर्तों के अनुरूप ही भौतिक सत्यापन उपरांत संबंधित ठेकेदारों को पूर्ण किये गये कार्यों के विरूद्ध भुगतान किया गया है। अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

श्‍यामनगर बांध का निर्माण

[जल संसाधन]

64. ( क्र. 3563 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले के विकासखण्‍ड उचेहरा में श्‍यामनगर बांध के निर्माण का कार्य लगभग 50 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है? योजना पर मार्च 2003 तक रूपए 106.75 लाख व्‍यय हो चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग द्वारा श्‍यामनगर बांध के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किया जिसके संबंध में लिखा कि स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के उपरांत निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के बांध के निर्माण बाबत् प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा मुख्‍य अभियंता गंगा कछार रीवा को दिनांक 16.08.2018 को मुख्‍य सचिव के निर्देश दिनांक 13.08.2018 को बांध निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार स्‍वीकृति एवं राशि व्‍यय होने के बाद बांध का निर्माण न किए जाने के लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है? इन पर क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे? बांध का कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा? अगर नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रमुख अभियंता कार्यालय द्वारा मुख्‍य अभियंता रीवा को उनके पत्र दिनांक 16.08.2018 द्वारा प्रश्‍नाधीन बांध का निर्माण कार्य पुन: शुरू करने हेतु आवश्‍यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। (घ) परियोजना के डूब क्षेत्र में 111.86 हेक्‍टर वन भूमि प्रभावित होने तथा तत्‍समय वन सरंक्षण अधिनियम-1980 लागू होने से परियोजना का निर्माण कार्य लंबित रहा। इसके लिए किसी अधिकारी के दोषी नहीं होने से उनके विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। परियोजना का कमाण्‍ड क्षेत्र बरगी नहर के कमाण्‍ड क्षेत्र से ओव्‍हर लेप हो रहा है। अत: परियोजना के निर्माण के संबंध में गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

 

राष्‍ट्रीय राजमार्ग एवं जिला मार्गों का निर्माण 

[लोक निर्माण]

65. ( क्र. 3564 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में कितने राष्‍ट्रीय राजमार्ग, जिला मार्ग एवं ग्रामीण मार्ग लोक निर्माण के अधीन हैं, इन मार्गों के निर्माण बाबत् वर्ष 2016 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में कितनी राशि व्‍यय की गई एवं इनका कार्यादेश किन संविदाकार एवं ठेकेदारों को किन शर्तों पर दिया गया का विवरण वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सड़कों का निर्माण संबंधित ठेकेदार द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार नहीं किया गया सड़के आज भी अधूरी एवं अपूर्ण हैं, इस बाबत् संबंधित ठेकेदारों एवं अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संविदाकारों/ठेकेदारों द्वारा क्‍या सड़कों के निर्माण बाबत् उपयोग की जाने वाली खनिज संपदा के उपयोग के पूर्व खनिज विभाग द्वारा अस्‍थायी अनुज्ञा पत्र लिए गए? क्‍या विभाग द्वारा खनिज विभाग के अनुज्ञा पत्र एवं रॉयल्‍टी की राशि जमा कराए बिना क्‍या ठेकेदारों के भुगतान की कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) के संबंध में विधानसभा प्रश्‍न क्र. 2361 दिनांक 04.12.2017 विधानसभा प्रश्‍न क्र. 2777 दिनांक 28.07.2016, प्रश्‍न क्र. 1387 दिनांक 29.02.2016, प्रश्‍न क्र. 302 दिनांक 10.12.2015, प्रश्‍न क्र. 1968 दिनांक 14.07.2017 द्वारा लोक निर्माण विभाग के सड़कों के निर्माण एवं अनियमितता बाबत् ध्‍यान आकर्षित कराया गया लेकिन आज भी सड़कें चलने लायक नहीं हैं? क्‍या बदावर से सीतापुर मार्ग आज भी चलने लायक नहीं है तथा राशि आहरित कर ली गई है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) अनुसार जिम्‍मेदार एवं दोषियों की पहचान कर उन पर किस तरह की कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे अगर नहीं तो क्‍यों, क्‍या संबंधितों से राशि वसूली करते हुए उन पर गबन के प्रकरण दर्ज करावेंगे? तो कब तक अगर नहीं तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) रीवा संभाग के अंतर्गत राष्‍ट्रीय राजमार्ग 6, राज्‍य मार्ग 7, जिला मार्ग 83, एवं ग्रामीण मार्ग 1352 है। शेष विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। म.प्र. शासन कार्य नियमावली के प्रावधानित कण्डिका 2.1 निविदा प्रपत्र एवं केन्‍द्रीय सड़क निधि के अंतर्गत निर्माणधीन मार्ग भारत सरकार के द्वारा निर्धारित एस.बी.डी. एवं राष्‍ट्रीय राजमार्ग के निर्माणाधीन कार्य के 2.1 निविदा प्रपत्र एस.बी.डी. एवं ई.पी.सी. निविदा फार्म में निहित शर्तों पर दिया जाता है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (घ) जी नहीं। बदावर से सीतापुर मार्ग की स्थिति संतोषजनक है। बदावर से सीतापुर मार्ग के कि.मी. 3/4 से 6/2 तक लंबाई 2.60 कि.मी. में दिनांक 05.04.2016 को मार्ग निर्माण की रू. 195.23 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति में से ठेकेदार द्वारा माह जून-2019 तक किये गये कार्य अनुसार रू. 74.53 लाख का व्‍यय हुआ है। अत: राशि आहरित करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) संबंधितों से कोई गबन अथवा वसूली के तथ्‍य नहीं पाये गये है। अत: '' '' '' एवं '' उत्‍तरांश के संबंध में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार एवं दोषी नहीं है। इस प्रकार प्रकरण के संबंध में कोई कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

जल आवंटन समिति द्वारा उद्योगों एवं अन्य राज्यों को जल आवंटन 

[जल संसाधन]

66. ( क्र. 3587 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की जानकारी में वर्तमान स्थिति में मध्यप्रदेश में स्थित नर्मदा नदी, अन्य नदी, तालाबों एवं छोटे-बड़े बांधों से जिन उद्योगों को जल आवंटन समिति द्वारा जल के उपयोग हेतु जो मात्रा स्वीकृत एवं आवंटित की गई है, उक्त संबंध में पिछले पाँच वर्ष से प्रश्न दिनांक तक की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं एवं समस्त जल आवंटन आदेशों की छायाप्रति दें। (ख) मध्यप्रदेश की जल आवंटन समिति का प्रथम बार कब गठन किया गया था तथा उक्त जल आवंटन समिति में     कौन-कौन पदनाम के पदाधिकारी रखे गए थे? वर्तमान में जल आवंटन समिति के स्वरूप एवं उसमें पदस्थ विभिन्न पदनामों के पदाधिकारियों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) मध्यप्रदेश में जल आवंटन समिति की बैठकें पिछले पाँच वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कब-कब आयोजित की गई तथा उक्त बैठकों में लिए गए निर्णय एवं आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं। (घ) क्या विगत वर्षों में किसानों को विभिन्न बांधों एवं नर्मदा नदी से सिंचाई हेतु पानी इसलिए उपलब्ध नहीं कराया गया, क्योंकि पूर्व में ही उक्त बांधों एवं नर्मदा नदी से उद्योगों हेतु जल-आवंटन किया जा चुका था? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से उद्योग हैं, जिन्हें जल-आवंटन के कारण किसानों को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विगत 05 वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक नर्मदा एवं अन्‍य नदियों तथा बाँध एवं तालाबों से उद्योगों को आवंटित जल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1-'' एवं ''1-'' अनुसार है। जल आवंटन आदेशों की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) मध्‍यप्रदेश शासन, जल संसाधन विभाग (तत्‍कालीन सिंचाई विभाग) के संकल्‍प क्र. 1-3-तैंतीस-एमपीएस-73-418 दिनांक 06.03.1973 द्वारा जल आवंटन एवं अन्‍य कार्यों हेतु प्रथम बार ''राज्‍य जल स्‍त्रोत उपयोग समिति, म.प्र.'' का गठन किया गया। गठन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' एवं सदस्‍यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। समय-समय पर गठित समितियों एवं सदस्‍यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'', ''पाँच'', ''छ:'' एवं ''सात'' अनुसार है।        (ग) बैठकों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है तथा निर्णयों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''8'' एवं ''1'' में दर्शित है। (घ) जी नहीं। नदी एवं बाँधों से सिंचाई पश्‍चात जल शेष होने की स्थिति में ही उद्योगों को जल आवंटित किया जाता है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

विद्युत बिलों की शिकायतें 

[ऊर्जा]

67. ( क्र. 3621 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या 1 जनवरी 2019 से सिवनी विधान सभा क्षेत्र में विद्युत वितरण कम्‍पनी द्वारा उपभोक्‍ताओं को मीटर रीडिंग न कर आं‍कलित (अधिक) खपत के बिल प्रदाय किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम, पद बतावें। (ख) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विद्युत बिलों से संबंधी ग्रामवार कितनी शिकायतें किन-किन शिकायतकर्ताओं की प्राप्‍त हुई हैं? क्‍या प्राप्‍त शिकायतों की जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो क्‍या कोई कर्मचारी/अधिकारी दोषी पाये गये? यदि हाँ, तो कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम, पद बतावें। उनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई हैं? जानकारी देवें।       (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) अवधि में विद्युत बिलों में अत्‍यधिक वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो इसका क्‍या कारण है? इन बढ़े हुए बिलों के निराकरण संबंधी विभाग द्वारा क्‍या कोई कार्यवाही की गई है या की जा रही है? की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी स्‍पष्‍ट करें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में मीटरीकृत उपभोक्ताओं के विद्युत देयक मीटर में दर्ज वास्तविक खपत के आधार पर ही दिये जा रहे हैं। तथापि मीटरीकृत उपभोक्ताओं के मीटर बंद/खराब होने की स्थिति में जिस अवधि में मीटर बंद/खराब रहा है, उस अवधि हेतु म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.35 में निहित प्रावधानों के अनुसार विगत तीन माह की खपत के औसत अनुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अतः प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) सिवनी वृत्त के अंतर्गत सिवनी विधान सभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2019 से दिनांक 30.06.2019 तक विद्युत बिलों से संबंधित 26 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उक्त सभी शिकायतों की जाँच कराकर उनका निराकरण कर दिया गया है, जिसकी प्रश्‍नाधीन चाही गई ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उक्त शिकायतों के संदर्भ में मीटर वाचन त्रुटिपूर्ण करने के लिये दोषी पाये गये 10 मीटरवाचकों से संबंधित विद्युत कार्यालय द्वारा स्पष्टीकरण मांगते हुए ठेका अनुबंध समाप्त करने की चेतावनी दी गई है, जिसका विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में मौसम में परिवर्तन के साथ निरन्‍तर गर्मी बढ़ने के कारण विद्युत की खपत में वृद्धि होने से मीटरयुक्त उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में वृद्धि परिलक्षित हुई है। बिलों के संबंध में शिकायतें प्राप्त होने पर जाँच कर उनका निराकरण किया गया है। मीटर रीडिंग में पारदर्शिता लाने हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मोबाईल ऐप ''दक्षता'' के माध्यम से फोटो रीडिंग ली जा रही है। राज्‍य शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में विद्युत वितरण कंपनी के वितरण केंद्र स्तर पर विद्युत बिलों संबंधी शिकायतों के निराकरण हेतु समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा वर्तमान में प्रत्येक मंगलवार को बिल संबंधित शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

पवन ऊर्जा के उत्‍पादन हेतु भूमि पर कब्‍जा

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

68. ( क्र. 3639 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी, 2015 से दिसंबर 2018 की अवधि में, धार जिले में लोगों की मर्जी के खिलाफ उनकी भूमि से उन्हें वंचित किया गया? पवन ऊर्जा कम्पनियों के दबाव में उनकी भूमि आत्म समर्पण करने के लिए मजबूर किया गया? गरीब लोगों को धारा 151 के तहत जेल भेजकर, उनके नियंत्रण की भूमि पर कब्जा कर पवन ऊर्जा के लिए सौंप दिया गया? अदालत स्थगन आदेश का पालन नहीं किया गया? कौन-कौन अधिकारी और कम्पनियां इसके लिए दोषी है? उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ख) उक्त विषय में बंधुआ मजदूर मुक्ति मोर्चा द्वारा की गई शिकायत पर कोई कार्यवाही की गयी? भूमि अधिग्रहण अधिनियम का पालन क्यों नहीं किया गया? (ग) उक्त अवधि में धार जिले में कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से सर्वे नंबर की कितनी शासकीय जमीन किस-किस कंपनी ने, किस-किस व्‍यक्ति ने पवन ऊर्जा के उत्पादन हेतु कब-कब ली और किस तारीख से ऊर्जा का उत्पादन प्रारम्भ कर दिया? नामजद संपूर्ण जानकारी देवें। (घ) क्या टावर निर्माण और विद्युत् उत्पादन पूर्व कमर्शियल डायवर्सन विधिवत रूप से करवाया गया है? यदि नहीं तो क्यों? उन पर क्या कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो कब? संपूर्ण जानकारी ग्रामवार दिनांकवार देवें?

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी नहीं। कलेक्‍टर जिला धार से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, धार जिले की तहसील धार के 7 ग्रामों में 11.320 हेक्टेयर, तहसील डही के 4 ग्रामों में 22.554 हेक्टेयर, तहसील सरदारपुर के ग्राम में 8.250 हेक्टेयर एवं तहसील बदनावर के 11 ग्रामों में 202.065 हेक्टेयर, इस प्रकार कुल 244.189 हेक्टेयर शासकीय भूमि म.प्र. शासन, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग भोपाल को हस्‍तां‍तरित की गई है। उक्‍त हस्‍तांतरित भूमि में से ग्राम बोरझडी तहसील बदनावर की कुछ शासकीय भूमि के संबंध में कतिपय व्‍यक्तियों द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ इन्‍दौर के समक्ष याचिका क्रमांक WP No. 380/2016 प्रस्‍तुत कर स्‍थगन प्राप्‍त किया गया था, किन्‍तु उक्‍त रिट पिटिशन में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा दिनांक 27.06.2016 को शासन के पक्ष में निर्णय पारित किया गया है। निर्णय की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। माननीय न्‍यायालय द्वारा शासन के पक्ष में निर्णय दिए जाने से कोई भी अधिकारी अथवा कंपनी दोषी नहीं होने से कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) कलेक्‍टर, जिला धार से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार उक्‍त विषय में कार्यालय कलेक्‍टर धार में बंधुआ मजदूर मुक्ति मोर्चा द्वारा शिकायत नहीं की गई है। परियोजना हेतु किसी भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया है। शासकीय भूमि, कलेक्‍टर जिला धार द्वारा म.प्र. शासन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग भोपाल को हस्‍तांतरित की गई होने से तथा निजी भूमि, कम्‍पनियों द्वारा भूमि स्‍वामी की सहमति से क्रय किये जाने के कारण भूमि अधिग्रहण करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) कलेक्‍टर, धार से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार 19 प्रकरणों में कम्‍पनियों द्वारा संबंधित ग्रामों में क्रय की गयी निजी भूमि का, विधिवत रूप से म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 172 के तहत, टावर निर्माण और विद्युत उत्‍पादन के पूर्व कमर्शियल डायवर्सन कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। कलेक्‍टर, धार से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार 29 प्रकरणों में कम्‍पनियों के द्वारा पूर्व में कमर्शियल डायवर्सन नहीं कराने से उनके विरूद्ध भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 59 व धारा 172 (4) के तहत अर्थदण्‍ड अधिरोपित करते हुए डायवर्सन (पुन: निर्धारण) किये जाने के आदेश पारित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

तालाब योजना का क्रियान्‍वयन

[जल संसाधन]

69. ( क्र. 3668 ) श्री मनोज चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या ग्राम जसवाड़ा तहसील मोहन बड़ोदिया जिला शाजापुर के अंतर्गत शासन स्टेट के समय ग्राम जसवाड़ा टिकरिया के अंतर्गत तालाब योजना स्वीकृत की गई थी लेकिन इस योजना पर           समय-समय पर राजनीतिक कारणों से मूर्त रूप आज दिनांक तक नहीं दिया जा सका? इस योजना की शासन अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं। (ख) इस योजना से कितने ग्राम की कृषि भूमि सिंचित होगी? इसमें शासन का कितना व्यय होगा? इस तालाब की क्षमता क्या होगी? क्या इस योजना को ब्रिटिश शासन कॉल के अंतर्गत स्वीकृत किया गया था लेकिन समय-समय पर इसका रख-रखाव न होने के कारण यह तालाब पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर नष्ट हो गया है? यदि हाँ, तो इसके खिलाफ किन अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई? (ग) क्या शासन इस योजना को लागू करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) क्या इस परियोजना के तहत पूर्व में अधिग्रहित भूमि के हितग्राहियों को शासन द्वारा मुआवजा दिया गया था? ऐसे हितग्राहियों के नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं तथा क्या शासन इस योजना को अविलंब स्वीकृति जारी करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) जी नहीं। ग्राम जसवाड़ा तहसील मोमन बड़ोदिया में जल संसाधन विभाग का कोई तालाब स्‍वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।

विधि महाविद्यालयों हेतु पृथक भवन का निर्माण

[उच्च शिक्षा]

70. ( क्र. 3766 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बार काउंसिल ऑफ इण्डिया के नियमों के अनुसार प्रदेश के शासकीय विधि महाविद्यालयों का संचालन पृथक महाविद्यालयों के रूप में होना चाहिए? यदि हाँ, तो ग्‍वालियर संभाग में प्रश्न दिनांक की स्थिति में ऐसे कितने एवं कौन-कौन से विधि महाविद्यालय हैं, जो पृथक महाविद्यालय के रूप में संचालित हो रहे हैं तथा कितने एवं कौन-कौन से महाविद्यालय हैं, जिनका अभी भी पृथक्करण नहीं हुआ है और उनका संचालन एक संकाय के रूप में हो रहा है?  (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे महाविद्यालय जिनका अभी सेपरेशन नहीं हुआ है, उनका बार काउंसिल ऑफ इण्डिया के नियमानुसार सेपरेशन करने एवं उन महाविद्यालयों में पृथक से प्राचार्यों का पदांकन करने की दिशा में सरकार क्या कार्यवा‍ही करने जा रही है? (ग) क्या बार काउंसिल ऑफ इण्डिया के नियमों के अनुसार शासकीय विधि महाविद्यालयों को पृथक भू-खण्ड का आवंटन होकर पृथक भवन होना चाहिए? यदि हाँ, तो ग्‍वालियर संभाग में कौन-कौन से विधि महाविद्यालयों हेतु पृथक भवन का निर्माण हो चुका है या निर्माणाधीन हैं? इस हेतु विधि महाविद्यालयवार             कितनी-कितनी राशि जारी की गई हैं तथा कौन-कौन से विधि महाविद्यालयों को प्रश्न दिनांक तक भवन निर्माण हेतु भू-खण्ड का आवंटन ही नहीं हुआ है? महाविद्यालयवार जानकारी दें।                (घ) शासकीय विधि महाविद्यालयों को बी.सी.आई. के नियमानुसार चलाने के लिए विधिक शिक्षा के हित में राज्य सरकार विधि महाविद्यालयों के पृथक भवन-निर्माण की दिशा में क्या गंभीर प्रयास करने जा रही है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। ग्‍वालियर संभाग में शासकीय विधि महाविद्यालय, मुरैना पृथक से संचालित हो रहा है तथा गुना, दतिया, अशोकनगर, भिण्‍ड, ग्‍वालियर, शिवपुरी शहरों में स्थित विधि महाविद्यालय संकाय के रूप में संचालित हो रहे हैं।            (ख) नियमित प्राचार्यों की कमी होने के कारण वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रस्‍तावित नहीं है।            (ग) जी हाँ। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) शासकीय विधि महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन होने एवं बजट की उपलब्‍धता के अनुसार भवन निर्माण की नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - ''तीस''

शासकीय विधि महाविद्यालयों के संचालन हेतु बार काउंसिल ऑफ इण्डिया की मान्यता

[उच्च शिक्षा]

71. ( क्र. 3767 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के ऐसे कितने एवं कौन-कौन से शासकीय विधि महाविद्यालय हैं, जो बार काउंसिल ऑफ इण्डिया की मान्यता न मिलने या मान्यता रद्द होने के कारण वर्तमान समय में बन्द पड़े हैं? इन शासकीय लॉ कॉलेजों को बार काउंसिल ऑफ इण्डिया की मान्यता न मिल पाने के पीछे क्या-क्या कारण हैं तथा इस हेतु कौन उत्तरदायी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या बार काउंसिल ऑफ इण्डिया से मध्यप्रदेश के शासकीय विधि महाविद्यालय को मान्यता न मिल पाने का एक महत्वपूर्ण कारण इन शासकीय विधि महाविद्यालयों में नियमित सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना न होना है? यदि हाँ, तो राज्य सरकार प्रदेश की कानूनी शिक्षा के हित में कब तक प्रदेश के विभिन्न शासकीय विधि महाविद्यालयों में नियमित सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना कर देगी? इस दिशा में विभाग द्वारा क्या गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं? (ग) प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में मध्यप्रदेश के किन-किन शासकीय महाविद्यालयों में विधि विषय के सहायक प्राध्यापक,           सह-प्राध्यापक एवं प्राध्यापक के किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद रिक्त हैं?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) प्रदेश में ऐसे 33 महाविद्यालय हैं जो सिर्फ विधि पढ़ाने के लिए हैं एवं विधि महाविद्यालय के नाम से संधारित हैं। इसके अतिरिक्‍त 04 ऐसे महाविद्यालय हैं जिनमें अन्‍य विषयों के साथ विधि विषय भी पढ़ाया जाता है। 33 विधि महाविद्यालयों में से 22 ऐसे महाविद्यालय हैं जिनका पृथक अस्तित्‍व नहीं होने के कारण बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अनुमति नहीं है। अनुमति नहीं मिलने का कारण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। मापदंडों की पूर्ति के प्रयास जारी हैं एवं इस कारण से किसी को उत्‍तरदायी ठहराना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। सहायक प्राध्‍यापकों की भर्ती हेतु माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय के अधीन कार्यवाही की जा रही है। पदस्‍थापना हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रदेश के शासकीय विधि महाविद्यालयों में सह-प्राध्‍यापक का कोई पद सृजित नहीं है। शेष रिक्‍त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

अनुकंपा नियुक्ति में नियुक्‍त सहायक ग्रेड-3 को वेतनवृद्धि का लाभ

[लोक निर्माण]

72. ( क्र. 3800 ) श्री पारस चन्‍द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लोक निर्माण विभाग एवं स्‍कूल शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति में नियुक्‍त ऐसे समस्‍त सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी जिन्‍हें माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश उपरांत एवं हिन्‍दी मुद्रलेखन परीक्षा पास करने/नहीं करने के उपरांत नियुक्ति दिनांक से एक वर्ष पश्‍चात नियमित वेतन वृद्धि प्राप्‍त हो रही है? ऐसे सहायक ग्रेड-3 कर्मचारियों की सूची संपूर्ण विवरण सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या समान प्रकरण होने के उपरांत भी लोक निर्माण विभाग संभाग उज्‍जैन एवं स्‍कूल शिक्षा विभाग उज्‍जैन के अंतर्गत ऐसे सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी हैं जिन्‍हें माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय उपरांत नियुक्ति दिनांक के एक वर्ष पश्‍चात से नियमित वेतन वृद्धि प्रदान नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्‍यों? उन्‍हें कब तक प्रश्नांश (क) अनुसार वेतन वृद्धि का लाभ दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अशोकनगर जिले में स्‍वीकृत सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

73. ( क्र. 3822 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में किसानों के लिए विगत 5 वर्षों में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं स्‍वीकृत की गई हैं एवं कौन-कौन सी परियोजनाएं स्‍वीकृति हेतु लंबित हैं? (ख) राजघाट बांध से मुंगावली तक संचालित नहर सिंचाई परियोजना के अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम लाभान्वित होने के लिए सम्मिलित किये गये हैं? ग्रामों के नामों की सूची उपलब्‍ध करावें। क्‍या इनमें सिंचाई योजना से वंचित रहे मुंगावली तहसील के ग्रामों को जोड़ने का प्रावधान है? यदि नहीं तो उनके लिए क्‍या योजना है? (ग) राजघाट बांध से मुंगावली तक संचालित नहर सिंचाई परियोजना के कार्य की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्‍वीकृति उपलब्‍ध करावे एवं प्रश्‍न पूछे जाने की दिनांक तक निर्माण एजेंसी द्वारा कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण कर दिया गया है एवं कितनी राशि संबंधित एजेन्‍सी को भुगतान की गई है? (घ) राजघाट बांध से मुंगावली तक संचा‍लित नहर सिंचाई परियोजना का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) अशोकनगर जिले में विगत 05 वर्षों में चंदेरी सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजना की स्‍वीकृति दिनांक 13.01.2016 को रू. 389.77 करोड़ की 2,800 हेक्‍टर सैच्‍य क्षेत्र के लिए प्रदान की गई है तथा स्‍वीकृत लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। वर्तमान में कोई भी परियोजना स्‍वीकृति हेतु शासन स्‍तर पर विचाराधीन नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। राजघाट परियोजना की बायीं तट नहर में तकनीकी रूप से सीमित डिस्‍चार्ज होने के कारण सम्‍पूर्ण मुंगावली के ग्रामों को जोड़ना संभव नहीं है। अत: ग्रामों को जोड़ने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (ग) प्रशासकीय स्‍वीकृति एवं तकनीकी स्‍वीकृति की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" एवं "2" अनुसार है। 35 प्रतिशत कार्य पूर्ण। एजेंसी को प्रश्‍न दिनांक तक रू. 161.09 करोड़ भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) निर्माण कार्य का पूर्ण होना वित्‍तीय संसाधन की उपलब्‍धता पर निर्भर होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

डी.डी.यू.पी.जे.वाय. योजनान्‍तर्गत विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

74. ( क्र. 3826 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला विदिशा के विकासखण्‍ड बासौदा एवं ग्‍यारसपुर अन्‍तर्गत ग्रामों, बस्तियों, मजरों, टोलों में डी.डी.यू.पी.जे.वाय. से विद्युतीकरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य एजेंसी का नाम एवं कार्य की समय-सीमा बतावें। (ख) उक्‍त योजनान्‍तर्गत किन-किन स्‍थानों पर कौन-कौन सा कार्य स्‍वीकृत है? कितना कार्य हो चुका है और कितना कार्य शेष है? विकासखण्‍डवार अलग-अलग सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्माण कार्य एजेंसी द्वारा उपरोक्‍त कार्य निश्चित समय-सीमा में न करने के कारण अपूर्ण हैं? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, जिला विदिशा के विकासखण्‍ड बासौदा एवं ग्‍यारसपुर के अंतर्गत ग्रामों/मजरों/टोलों/बस्तियों में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अन्‍तर्गत  टर्न-की ठेकेदार एजेन्‍सी मेसर्स एल्‍टेक एपलाइंसेस प्राइवेट लिमिटेड, चैन्‍नई द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुसार विद्युतीकण एवं फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया जा रहा है, जिसके पूर्ण होने की समय-सीमा दिनांक 17.01.2019 थी। (ख) दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में प्रावधानित/स्‍वीकृत कार्य, पूर्ण किये गये कार्य एवं शेष कार्यों की ग्रामवार/विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' (ग्रामों की जानकारी), प्रपत्र-'' (मजरों/टोलों/बस्तियों की जानकारी) एवं प्रपत्र-'' (फीडर विभक्तिकरण की जानकारी) अनुसार है। (ग) टर्न-की ठेकेदार एजेन्‍सी द्वारा उक्‍त कार्य दिनांक 17.01.2019 तक पूर्ण किये जाने थे, किन्‍तु टर्न-की ठेकेदार एजेन्‍सी द्वारा उक्‍त कार्य दिनांक 31.03.2019 को पूर्ण किये गये। निविदा की शर्तों के अनुसार कार्यों को समय से पूर्ण नहीं करने के कारण उक्‍त ठेकेदार एजेन्‍सी द्वारा प्रस्‍तुत देयकों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्‍टी स्‍वरूप रू. 46 लाख की राशि काटी गई है।

ग्‍वालियर स्‍वर्ण रेखा नाला का मरम्‍मत कार्य 

[जल संसाधन]

75. ( क्र. 3830 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर में स्‍वर्ण रेखा नाला की मरम्‍मत (मेन्‍टीनेंस) पक्‍के सी.सी. निर्माण कार्य एवं नाले में नाव चलाने तथा स्‍वच्‍छ पानी बहाने के लिये जल संसाधन विभाग, नगर निगम ग्‍वालियर, विद्युत यांत्रिकी ला.म. ग्‍वालियर द्वारा वर्ष 2003 से वर्ष 2018 तक कितना-कितना रूपया व्‍यय किया है? इस नाले में कितना सुधार हुआ है इसकी पूर्ण जानकारी दें। (ख) जल प्रवाह हेतु कितनी राशि किस-किस काम पर व्‍यय हुई है? (ग) स्‍वर्ण रेखा नाले की सतह को पक्‍का करने का आदेश किस तारीख को किस शासन, प्रशासन के अधिकारी द्वारा दिया गया? निर्णय/आदेश की छायाप्रति पूर्ण जानकारी के साथ प्रदान करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) ग्वालियर शहर के मध्य से प्रवाहित स्वर्ण रेखा नदी में पक्के सी.सी. लायनिंग कार्य 0.0 कि.मी. से 12.70 कि.मी. तक कराया गया। इस कार्य हेतु जल संसाधन विभाग द्वारा राशि रू 75.58 करोड़ आवंटित की गई। अभी तक किए गए कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जल प्रवाह हेतु पृथक से विभाग द्वारा कोई राशि व्यय नहीं की गई। (ग) स्वर्ण रेखा नदी परियोजना को विश्व बैंक पोषित म.प्र. वॉटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना में सम्मिलित किया गया। जिसके अंतर्गत उक्त परियोजना को विश्व बैंक द्वारा स्वीकृति राशि रूपये 1919 करोड़ में से स्वर्ण रेखा नदी परियोजना को परियोजना संचालक पाईकू द्वारा राशि प्रदाय की गई, परन्तु स्वर्ण रेखा नदी की अलग से प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय नहीं की गई। अत: आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

विश्‍वविद्यालयों को अनुदान 

[उच्च शिक्षा]

76. ( क्र. 3855 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यू.जी.सी. से प्रदेश के विश्वविद्यालयों को वार्षिक कितना अनुदान मिलता है? वर्ष 2015 से माह दिसंबर 2018 तक प्रदेश में किस-किस विश्वविद्यालय को                कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों को प्राप्त राशि तथा उसके विरुद्ध व्यय की गयी राशि की जानकारी पृथक-पृथक देवें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रस्तावित योजनायें

[जल संसाधन]

77. ( क्र. 3919 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनायें हैं, जो दिनांक   1-4-2013 से प्रश्न दिनांक तक जिले से साध्यता स्वीकृति हेतु वरिष्ठ कार्यालय/शासन को प्रेषित की गयी है? (ख) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित कौन-कौन सी योजना कब स्वीकृत हुई है एवं कौन-कौन सी योजनायें किन तकनीकी कारणों से असाध्य पाई गई हैं तथा कौन-कौन सी योजनायें किन आपत्तियों के निराकरण हेतु वापस भेजी गई हैं एवं वे अब कहाँ, क्यों लंबित हैं? सम्पूर्ण सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित स्वीकृत योजनाओ में से कौन-कौन सी योजनाओं की निविदा आमंत्रित कर वर्तमान कार्य प्रारंभ है तथा प्रश्न दिनांक तक कितना काम हो चुका है एवं कितना बाकी है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। साध्‍यता स्‍वीकृति का कोई प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

ग्रामीण बेरोजगारों हेतु संचालित योजनाएं 

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

78. ( क्र. 3959 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत ग्रामीण बेराजगारों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं/कार्यक्रम संचालित हैं? शासन स्तर पर किस-किस जिले में कौन-कौन सी योजनाओं/कार्यक्रम में ग्रामीण बेरोजगारों को लाभान्वित किया जा रहा है? (ख) उज्जैन जिले की विधान सभा क्षेत्र घट्टिया में विभाग द्वारा  क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं और कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित करने की योजना है? शासन स्तर पर ग्रामीण बेरोजगारों को किस रूप में लाभान्वित किया जाता है? संपूर्ण विवरण देवें।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) ग्रामीण बेरोजगारों के लिये मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना एवं मुख्‍यमंत्री आर्थिक कल्‍याण योजना प्रदेश के सभी जिलों में संचालित है। (ख) घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍वरोजगार योजनाओं में वर्तमान वर्ष में 65 आवेदन प्राप्‍त हुए हैं जिसमें से बैकों द्वारा अभी तक 53 प्रकरण स्‍वीकृत किये गये हैं। कार्यवार प्राप्‍त आवेदन एवं स्‍वीकृत आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। ग्रामीण बेरोजगारों को स्‍वरोजगार स्‍थापना हेतु बैंक से ऋण स्‍वीकृत कराकर शासन द्वारा मार्जिन मनी (अनुदान) उपलब्‍ध कराया जाता है। पूर्ण विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। घट्टिया विकासखण्‍ड के ग्राम मालीखेड़ी में रेशम केन्‍द्र संचालित है, जिसमें 6 हितग्राहियों को रेशम उत्‍पादन के माध्‍यम से लाभान्वित किया जा रहा है।

मंदसौर जिले में बिजली के बिलों को लेकर अनियमितता

[ऊर्जा]

79. ( क्र. 3961 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी, 2019 के पश्‍चात् बिजली के बिलों में अनियमितता की कुल कितनी शिकायत उपभोक्‍ता द्वारा की गयी? कितने उपभोक्‍तओं की शिकायत का निराकरण विद्युत कंपनी द्वारा कर दिया गया है? संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत मंदसौर जिले में  01 जनवरी, 2019 के पश्‍चात् बिजली के बिलों में अनियमितता की कुल कितनी शिकायतें विद्युत उपभोक्‍ता द्वारा की गयी? कितने उपभोक्‍ताओं की शिकायत का निराकरण विद्युत कंपनी द्वारा कर दिया गया? संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ग) मंदसौर जिले में माह अप्रैल 2019 में कितने-कितने पात्र विद्युत उपभोक्ताओं को शासन द्वारा स्‍वीकृत इंदिरा गृह ज्‍योति योजना के अंतर्गत कम विद्युत देयकों का लाभ दिया गया? (घ) वित्‍तीय वर्ष 2018-19 में राजस्‍व संभाग उज्जैन एवं इंदौर में ठेकेदारों द्वारा नियुक्‍त अप्रशिक्षित कर्मचारियों का प्रयोग बिल निर्माण एवं मीटर रीडिंग में किया जा रहा है? बिजली के बिलों में रीडिंग की गड़बड़ी के कारण विगत वित्‍तीय वर्ष 2018-19 में कितने ठेकेदारों को नोटिस देकर डिबार किया गया हैं? नाम सहित जानकारी देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी, 2019 के पश्‍चात् बिजली के बिलों में त्रुटियों की कुल 97223 शिकायत उपभोक्‍ताओं द्वारा की गयी। उक्त सभी 97223 शिकायतों का निराकरण पश्चिम क्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी द्वारा कर दिया गया है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत मंदसौर जिले में 01 जनवरी, 2019 के पश्‍चात् बिजली के बिलों में त्रुटियों की कुल 1568 शिकायतें विद्युत उपभोक्‍ताओं द्वारा की गयी। उक्त सभी 1568 शिकायतों का निराकरण पश्चिम क्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी द्वारा कर दिया गया है। (ग) मंदसौर जिले में माह अप्रैल 2019 की स्थिति में      1, 70, 977 पात्र विद्युत उपभोक्ताओं को राज्‍य शासन द्वारा स्‍वीकृत इंदिरा गृह ज्‍योति योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया गया, जिसमें से 1, 39, 783 उपभोक्‍ताओं को 100 यूनिट प्रतिमाह तक का विद्युत उपयोग करने पर 200 रूपये प्रतिमाह के स्‍थान पर 100 रूपये प्रतिमाह के बिल दिये गये है। (घ) जी नहीं। वित्‍तीय वर्ष 2018-19 में राजस्‍व संभाग उज्जैन एवं इंदौर में प्रशिक्षित नियमित कर्मचारियों द्वारा ही बिल प्रोसेसिंग का कार्य किया गया है एवं वर्तमान में भी कराया जा रहा है, विद्युत बिल प्रिटिंग का कार्य निविदा आधार पर चयनित एजेन्‍सी से एवं मीटर रीडिंग तथा पंचिंग का कार्य ऑउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से उपलब्ध करवाये गए कुशल एवं शिक्षित कार्मिकों से करवाया गया है/करवाया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में राजस्व संभाग उज्जैन एवं इंदौर में मीटर रीडिंग की गड़बड़ी के कारण किसी भी ठेकेदार को डिबार नहीं किया गया है।

इन्‍दौर संभाग के शासकीय विश्‍वविद्यालयों की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

80. ( क्र. 3985 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्‍दौर संभाग के शासकीय विश्‍वविद्यालयों के नाम तथा वर्ष 2014 से 2018 तक उससे पंजीकृत विद्यार्थियों की कुल संख्‍या वर्षवार बतावें तथा बताएं कि किस-किस विश्‍वविद्यालय से कितने शासकीय एवं निजी महाविद्यालय संबद्ध है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2018-19 में निजी विश्‍वविद्यालय में अध्‍ययनरत पंजीकृत विद्यार्थियों की विश्‍वविद्यालय अनुसार संख्‍या बतावें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) इंदौर संभाग में दो शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) निजी विश्‍वविद्यालयवार पंजीकृत विद्यार्थियों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''पैंतीस''

मार्ग पर वृक्षारोपण एवं अकारण मकानों को तोड़ा जाना

[लोक निर्माण]

81. ( क्र. 3995 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-जावरा, जावरा-नयागाँव, सैलाना-बांसवाड़ा, तथा रतलाम-बाजना-कुशलगढ़ मार्ग पर कितने-कितने पेड़ काटे गये तथा उसके बदले में 30 मई 2019 तक कितने-कितने पेड़ मार्ग पर लगाये गये? क्‍या लगाये गये पेड़ की मात्रा यथोचित है, तथा उन पेड़ों में से 30 मई तक जीवित पेड़ कितने-कितने हैं? (ख) क्‍या रतलाम बाजना रोड पर 104 फीट की फोरलेन के नाम पर 70 मकानों को 10 से 15 फीट तक तोड़ा गया? यदि हाँ, तो बतावें कि मकान किस विभाग द्वारा तोड़े गये तथा फोरलेन की दो डी.पी.आर. क्रमश: 18 करोड़ तथा 10 करोड़ की क्‍यों बनाई गई? दोनों की प्रति देवें। (ग) क्‍या सी.एम. हेल्‍पलाईन शिकायत क्रमांक 5404086 दिनांक 27.01.2018 में दिनांक 19.06.2019 को यह जवाब दिया गया कि जिला प्रशासन एवं रतलाम नगर निगम द्वारा क्षेत्र में संयुक्‍त कार्यवाही कर कुछ मकानों को तोड़ा गया? यदि हाँ, तो बतावें कि क्‍या 104 फीट चौड़ी फोरलेन के लिये क्‍या विभाग ने मकान तोड़ने हेतु प्रशासन को कहा? (घ) फोरलेन आज तक क्‍यों नहीं बना? विलंब की कितनी पेनाल्‍टी 30 मई 2019 तक ठेकेदार से वसूलना थी तथा कितनी वसूली गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लेबड़-जावरा मार्ग, जावरा-नयागाँव मार्ग तथा सैलाना बांसवाड़ा मार्ग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, तथा रतलाम-बाजना-कुशलगढ़ मार्ग पर कुल 24 पेड़ काटे गये। पेड़ काटने की अनुमति में निहित शर्त के अनुसार विभाग द्वारा 30000/- की राशि नगर निगम रतलाम को जमा की जा चुकी है। नगर निगम रतलाम द्वारा सूचित किया गया है कि सड़क निर्माण कार्य उपरांत मार्ग के सहारे वृक्षारोपण किया जावेगा। (ख) लोक निर्माण विभाग ने मकानों को नहीं तोड़ा, इन मकानों को नगर निगम रतलाम द्वारा तोड़ा गया। फोरलेन का डी.पी.आर. रू. 17.47 करोड़ का बनाया गया था, परन्‍तु           टू-लेन पूर्व में स्‍वीकृत रतलाम बाजना मार्ग में स्‍वीकृति होने के कारण केवल टू-लेन, मीडियन एवं नाली निर्माण हेतु राशि रू. 10.04 करोड़ का द्वितीय डी.पी.आर. बनाया गया है। दोनों डी.पी.आर. की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं।   (घ) वन विभाग की अनुमति प्राप्‍त नहीं होने, इलेक्ट्रिक पोल शिफ्टिंग एवं पेड़ कटाई का कार्य नहीं हो पाने से कार्य अधूरा है। विलंब के अंतिम निर्णय तक ठेकेदार के देयक से 10 लाख रूपये रोके गये हैं।

उपयंत्री के विरूद्ध कार्यवाही 

[जल संसाधन]

82. ( क्र. 4009 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्‍ड में जल संसाधन विभाग में श्री एल.पी. शर्मा उपयंत्री के विरूद्ध विभाग को-कब, कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुईं? इन शिकायतों पर विभाग द्वारा कब, क्‍या कार्यवाही की?           (ख) क्‍या प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग के पत्र क्र.33/3009/2188/2018/1213 भोपाल दिनांक 22.06.2018 के द्वारा अधीक्षक यंत्री निचला चम्‍बल मण्‍डल मुरैना को श्री एल.पी. शर्मा उपयंत्री के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायत का बिन्‍दुवार परीक्षण कर अपने स्‍तर से नियमानुसार अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो क्‍या अधीक्षक यंत्री ने कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग गोहद को शिकायत के बिन्‍दुओं की तथ्‍यात्‍मक जानकारी एकत्रित कर विवेचना करने के निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो इनके द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री गोहद द्वारा श्री एल.पी. शर्मा उपयंत्री को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? क्‍या यह दोनों अधिकरी भी भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त हैं? यदि हाँ, तो इन दोनों अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही करेंगे? यदि यह दोनों अधिकारी लिप्‍त नहीं हैं, तो इनके द्वारा         श्री एल.पी. शर्मा उपयंत्री के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायत पर कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? यदि की गई तो क्‍या?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) श्री एल.पी. शर्मा उपयंत्री के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायतें तथा की गई कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जाँच कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। (ग) जी नहीं, जी नहीं। दोनों अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। प्राप्‍त शिकायत की जाँच हेतु कार्यवाही की गई है, जो पूर्ण नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''छत्‍तीस''

भिण्‍ड एवं गोहद में स्‍वीकृत निर्माण कार्य

[जल संसाधन]

83. ( क्र. 4010 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन संभाग भिण्‍ड एवं गोहद के अन्‍तर्गत वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक किन-किन नवीन/मरम्‍मत कार्यों की स्‍वीकृति कब-कब कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से कार्य की प्राप्‍त हुई? वर्षवार नवीन एवं मरम्‍मत कार्य की अलग-अलग जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में प्रश्‍नावधि में स्‍वीकृत निर्माण/मरम्‍मत कार्य की निविदा कब-कब बुलाई गई? सफल निविदाकार की दर व नाम, SOR का वर्ष, कार्य की अवधि एवं गारण्‍टी अवधि स्‍वीकृतकर्ता अधिकारी का नाम एवं दिनांक, कार्यादेश का दिनांक सहित मदवार/योजनावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के तारतम्‍य जल संसाधन संभाग भिण्‍ड एवं गोहद में किये गये कार्यों की माप किस-किस उपयंत्री द्वारा दर्ज की एवं भौतिक सत्‍यापन किस-किस सहायक यंत्री के द्वारा कब-कब किया गया? कार्य मैन्‍युअल अनुसार किस-किस कार्यपालन यंत्री द्वारा कब-कब, कौन-कौन से कार्य का स्‍थल निरीक्षण कर माप पुस्तिका पर टीप अंकित की गई? यदि स्‍थल निरीक्षण कर टीप अंकित नहीं की गई तो क्‍यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्‍य में किन-किन कार्यों के प्राक्‍कलन में कितनी लागत बढ़ी? जानकारी दें। क्‍या प्रश्‍नावधि में स्‍वीकृत कार्यों का विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो निरीक्षण टीप संलग्‍न करें। क्‍या निरीक्षण टीप में पाई गई कमियों का निराकरण कर दिया गया है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1" एवं "अ-II" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब-1" एवं           "ब-II" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स-1" एवं "स-II" अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश में उल्‍लेखित कार्यों के प्राक्कलनों को न तो पुनरीक्षित किया गया और न ही लागत बढ़ी। जी हाँ। अधिकारियों द्वारा निरीक्षण टीप जारी करने के स्‍थान पर स्‍थल निर्देश दिए गए, अत: निरीक्षण टीप उपलब्‍ध कराना संभव नहीं है। रख-रखाव एवं नवीन कार्यों में कमियां नहीं पाई जाना प्रतिवेदित है।

राजघाट नहर, सिन्‍ध परियोजना एवं नदी पर बांध निर्माण कार्य

[जल संसाधन]

84. ( क्र. 4038 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजघाट नहर एवं सिंध परियोजना दतिया और नदी पर बांध निर्माण कार्य टर्न पर (स्‍टेट फण्‍ड) कार्य का प्राक्‍कलन (वास्‍तविक) 215 करोड़ से सी.ई. कार्यालय ग्‍वालियर से ओवर प्राक्‍कलन 265 करोड़ कर टेण्‍डर कॉल किये गये? (ख) क्‍या स्‍वीकृत टेण्‍डर सारथी कंस्‍ट्रक्‍शन ग्‍वालियर को दिया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या इस कंपनी को इसकी पात्रता थी तो किन नियमों के अंतर्गत दिया गया? क्‍या उक्‍त कम्‍पनी को कार्य करने की पात्रता न होने के बाद में कार्य दिया गया? (ग) क्‍या मुख्‍य अभियंता कार्यालय ग्‍वालियर द्वारा मार्च 2019 में बिना कार्य किये संबंधित फर्म को रूपये 50 करोड़ एडवान्‍स में भुगतान किया गया था? यदि हाँ, तो किन नियमों के अंतर्गत दिया गया? (घ) क्‍या शासन प्रश्नांश (क) से (ग) तक वर्णित अनियमितताओं की जाँच ई.ओ.डब्‍ल्‍यू., सी.बी.आई. से करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं, प्राक्‍कलित लागत रू. 285.88 करोड़ के विरूद्ध रू. 262.97 करोड़ की निविदा आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। निविदा पूर्व अर्हता के अंतर्गत भौतिक, तकनीकी एवं वित्‍तीय अर्हता पूर्ण करने तथा ठेकेदार द्वारा न्‍यूनतम राशि प्रस्‍तुत करने पर कार्य दिया गया। जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) कोई अनियमितता नहीं हुई। अत: किसी प्रकार की जाँच कराने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नईगढ़ी विकासखण्‍ड अंतर्गत रोडों का निर्माण

[लोक निर्माण]

85. ( क्र. 4056 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मनगवां विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत नईगढ़ी विकासखण्‍ड के अधीनस्‍थ लो.नि.वि. की कौन-कौन सी रोडें आवागमन की दृष्टि से अत्‍यन्‍त खराब हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्‍दर्भ में क्‍या गढ़-वन्‍धवा देवरी सेंगरान पहुंच मार्ग की रोडें एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा रोड निर्माण की स्‍वीकृति हेतु भेजी गई थी? यदि भेजी गई थी तो एजेन्‍सी निर्माण हेतु क्‍यों नहीं तैयार हुई? ज‍बकि उक्‍त रोडों का निर्माण कराया जाना आवश्‍यक है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सन्‍दर्भ में क्‍या उन खराब रोडों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा पुन: एम.पी.आर.डी.सी. की स्‍वीकृति प्रदान कर निर्माण कराये जाने हेतु बजट की स्‍वीकृति दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) कोई नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विकासखण्‍ड गंगेव अंतर्गत रोडों का निर्माण 

[लोक निर्माण]

86. ( क्र. 4057 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मनगवां विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत विकासखण्‍ड गंगेव के अधीनस्‍थ कौन-कौन सी रोडें अत्‍यन्‍त खराब हैं, जिससे आवागमन में काफी परेशानी होती है? क्‍या उन्‍हें बनवाया जाना आवश्‍यक है? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्‍दर्भ में क्‍या वेलवापैकान से जोड़ौरी सलैया होते हुए बैकुंठपुर मुख्‍य पहुंच मार्ग जिसकी लम्‍बाई लगभग 16 किलोमीटर है, की स्‍वीकृति शासन द्वारा दी जा चुकी है? यदि दी गई है तो अभी तक निर्माण कार्य प्रारम्‍भ क्‍यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्‍या उक्‍त खराब रोडों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा पुन: निर्माण एजेन्‍सी अधिकृत कर रोडों का निर्माण कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। जी नहीं। मार्ग मोटरेबल है। उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों से प्राथमिकतानुसार। (ख) जी हाँ। सातवीं बार निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) अनुसार।

अयोग्‍य व्‍यक्ति को बुनकर संघ का परिसमापक बनाया जाना 

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

87. ( क्र. 4076 ) श्री विश्वास सारंग : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संयुक्‍त संचालक, हाथकरघा संचालनालय के विरूद्ध अपराध छुपाकर षड़यंत्रपूर्वक शासकीय सेवा में प्रवेश पाने संबंधी विभागीय जाँच के चलते संचालक स्‍वास्‍थ्‍य सेवा से उद्दण्‍डतापूर्वक आचरण करने पर निलंबित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्‍या उक्‍त अधिकारी को स्‍थापना एवं वित्‍तीय मामलों के कार्य नहीं दिये जाने के निर्देश शासन ने जारी किये हैं? यदि हाँ, तो फिर उक्‍त अधिकारी को प्रतिबंधित कार्य क्‍यों सौंपे गये? नियम बतायें।             (ग) क्‍या प्रश्नांश (क), (ख) के तहत उक्‍त अधिकारी को निलंबित कर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण दें। नियम बतायें।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी हाँ। संयुक्‍त संचालक हाथकरघा को दिनांक 03/02/2018 को म.प्र. हेल्‍थ कार्पोरेशन लिमिटेड में आयोजित बैठक के दौरान उच्‍च अधिकारी के साथ अनुशासनहीनता एवं उद्दण्‍डता के आरोप में दिनांक 28/02/2018 को निलम्बित किया गया था। संयुक्‍त संचालक के विरूद्ध चल रही विभागीय जाँच की आगामी कार्यवाही माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर के आदेश दिनांक 06/11/2017 से स्‍थगित की गई है। संयुक्‍त संचालक के विरूद्ध जारी विभागीय जाँच एवं निलम्‍बन संबंधी कार्यवाही का आपस में कोई संबंध नहीं है।           (ख) शासन द्वारा पत्र दिनांक 23/12/2017 से आयुक्‍त हाथकरघा को संयुक्‍त संचालक, ग्रामोद्योग (तकनीकी) को स्‍थापना/वित्‍त संबंधित मामले नहीं सौंपे जाने के निर्देश जारी किये गये। तदोपरान्‍त तत्‍कालीन आयुक्‍त हाथकरघा द्वारा शासन निर्देशों के परिप्रेक्ष्‍य में संचालनालय के पत्र क्र. 67 दिनांक 06/01/2018 द्वारा संयुक्‍त संचालक हाथकरघा के माध्‍यम से स्‍थापना एवं वित्‍तीय मामलों से संबंधित नस्तियां प्रस्‍तुत न करने के निर्देश जारी किये गये। तत्‍कालीन आयुक्‍त हाथकरघा द्वारा कार्य की आवश्‍यकता एवं वरिष्‍ठता को दृष्टिगत रखते हुए, म.प्र. शासन, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग मंत्रालय के ज्ञापन क्र. एफ 1-22/2001/52-1 दिनांक 26/10/2002 के तारतम्‍य में संचालनालय के आदेश क्र.हा/स्‍था/3/2018-19/11 दिनांक 05/04/2019 से संयुक्‍त संचालक हाथकरघा के माध्‍यम से संचालनालय की समस्‍त नस्तियां प्रस्‍तुत करने के आदेश जारी किये गये।          (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बीहर नदी पर लिंक पुल का निर्माण

[लोक निर्माण]

88. ( क्र. 4093 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत मुड़ियारी से खड्डा मार्ग में बीहर नदी पर पुल न होने से गाँव के लोगों का इस पार से उस पार जाना बहुत कठिन होता है? क्षेत्रीयजनों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा इस बात को बहुत बार उठाया गया। क्‍या सरकार इस गंभीर एवं महत्‍वपूर्ण मसले में संज्ञान लेकर मुड़ियारी से खड्डा मार्ग में बीहर नदी के ऊपर लिंक पुल का निर्माण करायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सरकार कब तक लिंक पुल का निर्माण कराकर आम लोगों का जीवन सुगम/बहाल करेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। कोई मांग पत्र प्राप्‍त नहीं। विभागीय मार्ग न होने से, वर्तमान में न तो प्रस्‍तावित है और न ही स्‍वीकृत है। (ख) प्रश्नांश (क)' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विद्युत पोल पर तार लगाए जाना

[ऊर्जा]

89. ( क्र. 4098 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) ग्राम पंचायत खारी के अंतर्गत पोषक ग्राम कुडोपानी एवं पीपरवानी विकासखण्‍ड मण्‍डला में लगभग 1 वर्ष पूर्व विद्युत पोल लगाये गये हैं, लेकिन अभी तक तार क्‍यों नहीं लगाया गया है?  (ख) क्‍या विद्युत विभाग द्वारा बिना कनेक्‍शन के बिजली बिल भेजा जा रहा है? तार न लगाने और बिना कनेक्‍शन के बिजली बिल क्‍यों भेजा जा रहा है और कब तक तार लगाये जायेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, ग्राम पंचायत खारी के अंतर्गत ग्राम कुडोपानी एवं ग्राम पीपरवानी विकासखण्‍ड मण्‍डला में माह अक्‍टूबर-18 में विद्युत पोल लगाये गये थे। उक्‍त ग्रामों में स्‍थापित विद्युत पोलों में माह जुलाई-19 में तार लगाकर कार्य पूर्ण कर दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित ग्रामों में बिना विद्युत कनेक्‍शन के 4 व्‍यक्तियों को माह अप्रैल, 2019 में त्रुटिवश बिजली बिल जारी किये गये। उक्‍त त्रुटि संज्ञान में आने पर बिजली बिलों को माह जुलाई-19 में निराकृत कर उनकी राशि शून्‍य कर दी गयी है एवं उक्‍त चारों प्रकरणों में विधिवत विद्युत कनेक्‍शन प्रदान कर दिये गये हैं। प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित ग्रामों में पूर्व से खड़े विद्युत पोलों पर तार लगाए जाने का कार्य माह जुलाई-19 में पूर्ण कर दिया गया है।

पन्‍ना जिले में जलाशय एवं तालाब योजना

[जल संसाधन]

90. ( क्र. 4103 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पन्‍ना जिले में जल संसाधन विभाग अंतर्गत बिलखुरा जलाशय योजना, सिरस्‍वाहा जलाशय योजना एवं भितरी मुटमुरू तालाब योजना का कार्य कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्‍त कार्य का टेण्‍डर कब हुआ? किस संविदाकार को कार्य मिला? योजना का कार्य कब प्रारंभ हुआ? तीनों जलाशय योजना के बांध एवं नहरों का भू-अर्जन कब हुआ? स्‍वीकृति भू-अर्जन की सत्‍यापित प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में उपरोक्‍त बांध बनने के बाद कब फूटे एवं इन्‍हें किस संविदाकार ने कितनी लागत से कब बनाया? किस तरह से तीनों फूटे हुए बांध बनाये गये? विवरण सहित पृथक-पृथक स्‍पष्‍ट करें। बांध फूटने के बाद किस-किस संविदाकार को कालातीत किया गया? किस-किस को कब-कब बहाल किया गया? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। बांध फूटने का क्‍या कारण था? जाँच रिपोर्ट की सत्‍यापित प्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में किस-किस संविदाकार के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई? की गई कार्यवाही की सत्‍यापित प्रति देवें। इन संविदाकारों का अंतिम भुगतान हुआ या नहीं? यदि नहीं हुआ तो क्‍यों नहीं हुआ? बांध फूटने के बाद तत्‍कालीन किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? पृथक-पृथक अवगत करावें। (ड.) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्‍त कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्‍या है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ड.) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''', '''', एवं '''' अनुसार है। भू-अर्जन की प्रति, संविदाकारों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की प्रति, बांध फूटने के कारणों की जाँच प्रति एवं अधिकारियों/कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।

विभागीय योजनांतर्गत लाभान्वित हितग्राही

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

91. ( क्र. 4105 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा एवं सागर जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? हितग्राहियों के चयन की क्या प्रक्रिया है? विगत 3 वर्षों में  कितने-कितने लक्ष्य जिले को प्राप्त हुए? पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में हितग्राहियों को किस-किस कार्य के लिए कितनी-कितनी धनराशि/ऋण विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है? दोनों जिलों में विकासखण्डवार कितने हितग्राही/समूहों को कितनी ऋण की राशि उपलब्‍ध कराई गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्‍या सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में कम हितग्राहियों को सहायता/ऋण उपलब्ध करायी गयी? यदि हाँ, तो इसके पीछे क्या कारण हैं? क्या इसकी जाँच कराई जायेगी? आवेदकों से आवेदन किस प्रकार प्राप्त किए जाते हैं? इसका प्रचार-प्रसार कैसे किया जाता है, जिससे विभाग की योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा मिल सके?

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) हितग्राहियों को स्‍वरोजगार के लिये कुटीर एवं ग्रामोद्योग की स्‍थापना हेतु मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना में रूपये 10.00 लाख तक तथा आर्थिक कल्‍याण योजना में रूपये 0.60 लाख तक ऋण/सहायता उपलब्‍ध कराया जाता है। विकासखण्‍डवार स्‍वीकृत ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा संचालित मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना एवं मुख्‍यमंत्री आर्थिक कल्‍याण योजना में ऋण एवं सहायता हेतु आवेदन पत्र एम.पी. ऑनलाइन पोर्टल के माध्‍यम से ऑनलाइन प्राप्‍त होते हैं। सिरोंज एवं लटेरी से ऑनलाइन आवेदन कम प्राप्‍त होने से कम हितग्राहियों को सहायता एवं ऋण उपलब्‍ध कराया गया है। अत: जाँच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। योजनाओं का प्रचार-प्रसार लोक कल्‍याण शिविर एवं अन्‍त्‍योदय मेले, बैनर, पोस्‍टर एवं पम्‍पलेट के माध्‍यम से किया जाता है।

सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में निजी सौर ऊर्जा कम्‍पनियां

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

92. ( क्र. 4115 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में किन-किन निजी कम्‍पनियों द्वारा सौर ऊर्जा प्‍लांट लगाए गए हैं? उन कम्‍पनियों के नाम, प्‍लांट का स्‍थान एवं विद्युत क्षमता की जानकारी देवें।            (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में स्थित उपरोक्‍त कम्‍पनियों के मालिक का नाम तथा पते की जानकारी देवें। (ग) उपरोक्‍त कम्‍पनियों में नियुक्‍त क्षेत्रीय, जिला, संभाग एवं प्रदेश स्‍तर के अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम, पद की जानकारी देवें। (घ) उपरोक्‍त कम्‍पनियों द्वारा प्‍लांट स्‍थापित करने हेतु निर्धारित शर्तों अनुसार क्षेत्र में वृक्षारोपण सहित कौन-कौन से विकास कार्य करवाए हैं?

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में स्‍थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों के नाम, प्‍लांट के स्‍थान एवं विद्युत क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में स्थित कम्‍पनियों के मालिक के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है एवं उनके पते की जानकारी संबंधित कम्‍पनियों के पास है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।              (घ) कम्‍पनी अधिनियम-2013 की धारा-135 की उपधारा (1) में प्रावधानित कम्‍पनियों को अपने औसत लाभ का 2 प्रतिशत 'कार्पोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व' (सी.एस.आर.) में व्‍यय करना होता है। उक्‍त धारा-135 (1) उन कम्‍पनियों पर लागू होती है, जिनकी नेट वर्थ रूपये 500 करोड़ या उससे अधिक हो, अथवा टर्न ओवर रूपये 1000 करोड़ या उससे अधिक हो, या नेट लाभ रूपये 05 करोड़ या उससे अधिक हो। कम्‍पनियों से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार क्षेत्र की विकासक कम्‍पनियां उक्‍त नियम की परिधि में नहीं आती हैं। मेसर्स उजास एनर्जी लि. द्वारा स्‍वेच्‍छा से किये गये सी.एस.आर. कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

सुवासरा नगर में खेल मैदान हेतु भूमि का आरक्षण

[खेल और युवा कल्याण]

93. ( क्र. 4116 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा नगर में खेल मैदान हेतु कितनी भूमि सुरक्षित रखी गई है? खसरा नं., हेक्टेयर एवं स्थान की जानकारी देवें। (ख) नगर में खेल मैदान हेतु स्थान की सीमा को चिन्हित कर भूमि को सुरक्षित रखा गया है या नहीं? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) उपरोक्त अपूर्ण खेल मैदान खेल विभाग या नगर परिषद् दोनों में से किसके क्षेत्राधिकार में है? (घ) अपूर्ण खेल मैदान को पूर्ण करने हेतु शासन द्वारा कितनी राशि का प्राक्कलन तैयार किया गया है तथा कब तक राशि स्वीकृत कर दी जावेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) सुवासरा नगर में खेल मैदान हेतु नं. 1080/1, रकबा 1.066 हे. एवं सर्वे नं. 1081/1, रकबा 0.760 हे. कुल रकबा 1.826 हे. भूमि खेल विभाग मंदसौर के नाम आवंटित है। (ख) जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) खेल मैदान खेल और युवा कल्याण विभाग के क्षेत्राधिकार में है। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है।

घरेलू विद्युत उपभोक्‍ताओं से अवैध वसूली

[ऊर्जा]

94. ( क्र. 4127 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा घरेलू उपभोक्‍ताओं से घरेलू नवीन कनेक्‍शन करते समय मीटर स्‍थापना के मद में कितनी राशि जमा करवाई जाती है? क्‍या उपभोक्‍ताओं से मीटर का किराया भी लिया जाता है? यदि हाँ, तो कितना? (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत विद्युत मीटर जिन कंपनियों से क्रय किये जाते हैं? क्‍या उन मीटरों की गारंटी होती है? यदि मीटर ग्‍यारंटी अवधि में खराब हो जाता है, तो क्‍या उपभोक्‍ताओं से राशि वसूल की जाती है तथा कितनी राशि वसूल की जाती है? विगत वर्ष 2018-19 में गारंटी अवधि में खराब, जल मीटर बदलने के विरूद्ध उपभोक्‍ताओं से कितनी राशि जमा करवायी गयी? (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत मीटर के बराबर राशि जमा होने के पश्‍चात भी मीटर का किराया क्‍यों जमा करवाया जाता है? विगत वर्ष 2018-19 में मीटर रेन्‍ट के मद में कुल कितनी राशि उपभोक्‍ताओं को बिल की गयी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में उल्‍लेखित मीटर किराया, मीटर लगाने का चार्ज एवं मीटर खराब होने पर वसूली की गई राशि में से जो अनुचित राशि है, क्‍या वह उपभोक्‍ताओं को वापस की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर क्षेत्रान्‍तर्गत घरेलू उपभोक्‍ताओं से घरेलू प्रयोजन के नवीन कनेक्‍शन के विरूद्ध मीटर स्‍थापना मद में कोई राशि जमा नहीं कराई जाती। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निम्‍नदाब उपभोक्‍ताओं से मीटर किराया नहीं अपितु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमों के प्रावधानों के अनुसार स्‍थापित मीटर के प्रकार के अनुसार मीटरिंग प्रभार लिया जाता है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर क्षेत्रान्‍तर्गत विद्युत मीटर प्रदायकर्ता कम्‍पनियों द्वारा विद्युत मीटर की गारंटी दी जाती है। विद्युत मीटर गारंटी अवधि में खराब होने पर उपभोक्‍ताओं से मीटर की राशि वसूल नहीं की जाती, अपितु प्रदायकर्ता कंपनी द्वारा मीटर नि:शुल्‍क बदला जाता है। विगत वर्ष 2018-19 में गारंटी अवधि में खराब/जले मीटर बदलने के विरूद्ध उपभोक्‍ताओं से कोई भी राशि जमा नहीं कराई गई। (ग) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार घरेलू प्रयोजन के नवीन कनेक्‍शन हेतु उपभोक्‍ताओं से मीटर स्‍थापना के मद में कोई राशि जमा नहीं कराई जाती अपितु उपभोक्‍ताओं से म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमों के अनुरूप स्‍थापित मीटर के प्रकार के अनुसार मीटरिंग प्रभार लिया जाता है। उल्‍लेखनीय है कि मीटरिंग प्रभार का मीटर की लागत से कोई संबंध नहीं है। वित्‍तीय वर्ष 2018-19 में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उच्‍चदाब एवं निम्‍नदाब उपभोक्‍ताओं को कुल रू. 69.24 करोड़ की राशि मीटरिंग प्रभार मद में बिल की गई। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्‍ताओं से किसी भी प्रकार की अनुचित राशि वसूल नहीं की गई है। अत: उपभोक्‍ताओं को कोई राशि वापस किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - ''सैंतीस''

विद्युत वितरण कम्पनियों के पास जमा सुरक्षा निधि की राशि

[ऊर्जा]

95. ( क्र. 4128 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के पास विद्युत उपभोक्ताओं की कितनी सुरक्षा निधि की राशि जमा है? उपभोक्‍ताओं को इस सुरक्षा निधि पर कितने प्रतिशत ब्‍याज दिया जाता है? (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के अंतर्गत सिंचाई पंप उपभोक्ताओं की कितनी राशि सुरक्षा निधि के रूप में जमा है तथा विद्युत कंपनी द्वारा उपभोक्‍ताओं को सुरक्षा निधि पर ब्‍याज का समायोजन कब एवं कैसे किया जाता है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के पास माह मई-2019 की स्थिति में विद्युत उपभोक्ताओं की सुरक्षा निधि की जमा राशि की श्रेणीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त जमा राशि पर उपभोक्‍ताओं को 6.50 प्रतिशत की वार्षिक दर से ब्याज दिया जाता है। (ख) संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाए अनुसार म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के क्षेत्रान्तर्गत कुल 11, 95, 986 कृषि पंप उपभोक्ताओं की माह मई, 2019 की स्थिति में कुल रू. 6.38 करोड़ की सुरक्षा निधि की राशि जमा है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा गैर-कृषि विद्युत उपभोक्ताओं की जमा सुरक्षा निधि पर ब्याज का समायोजन उन्‍हें जारी होने वाले प्रत्येक माह के विद्युत देयकों में एवं कृषि उपभोक्ताओं की जमा सुरक्षा निधि की राशि का समायोजन उन्‍हें वर्ष में दो बार (माह अप्रैल एवं माह अक्टूबर) जारी किये जाने वाले विद्युत देयकों में किया जाता है।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

उद्योगों द्वारा जल एवं वायु प्रदूषण 

[पर्यावरण]

96. ( क्र. 4131 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में वर्तमान में कितने उद्योग संचालित हैं, जिनके द्वारा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु प्रदूषण के संबंध में विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत सम्मति/अनुमति प्राप्त की गई है एवं उक्त दी गई अनुमतियों का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के किस सक्षम अधिकारी द्वारा नवीनीकरण किया गया? उद्योगवार एवं जिलेवार प्रश्न-दिनांक तक की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित इंदौर संभाग में 01/01/2015 से प्रश्न दिनांक तक जिन उद्योगों द्वारा निकलने वाले जल का Zero Effluent Discharge का अनुपालन कर लिया गया है एवं जिन उद्योगों में इसका पालन नहीं किया गया उक्त उद्योगों के नाम एवं उनसे निकलने वाले प्रदूषित जल की कितनी मात्रा है? (ग) जिला धार के मनावर क्षेत्र में स्थापित अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं अन्य केन्द्र सरकार के संस्थानों से वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण के संबंध में कौन-कौन सी अनुमतियां प्राप्त की गईं हैं? समस्त अनुमतियों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। उक्त अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग के कारण होने वाले वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए जो तकनीक एवं संयंत्र लगाए गए हैं? उनकी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या इंदौर संभाग में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को सील करने एवं मनावर विधान सभा क्षेत्र स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण एवं किसानों की फसल नुकसान की जाँच कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों नहीं?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) इंदौर संभाग में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत सम्मति प्राप्त संचालित उद्योगों की संख्या 2595 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (घ) जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत उद्योगों को सील करने का प्रावधान नहीं है। तथापि प्रदूषण की स्थिति पाये जाने पर उद्योगों को उत्पादन प्रक्रिया बंद करने, विद्युत विच्छेद एवं उद्योगों को प्राप्त अन्य सुविधायें बंद किये जाने के निर्देश दिये जाने एवं वैधानिक कार्यवाही किये जाने के प्रावधान हैं। अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा प्रदूषण नियंत्रण हेतु आधुनिक तकनीक आधारित संयंत्र स्थापित किये गये हैं तथा प्रदूषण का स्तर मानक सीमा के भीतर पाया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु राज्य एवं केंद्र शासन की संचालित योजनाएं

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

97. ( क्र. 4132 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान में मध्यप्रदेश में राज्य शासन एवं केंद्र शासन की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हो रहीं हैं? विगत दो वर्षों में उक्त किन-किन योजनाओं के तहत क्या-क्या लाभ ग्रामीण क्षेत्र, क्या-क्या शहरी क्षेत्र एवं क्या-क्या लाभ अनुसूचित क्षेत्र के किन-किन लोगों को मिला? जिलावार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) विगत दो वर्षों में राज्य के कुल उत्पादित ऊर्जा का कितना प्रतिशत योगदान सौर ऊर्जा का है? जिलेवार जानकारी दें।              (ग) कितने राशि तक की सौर ऊर्जा परियोजना लगाने के लिए किसानों, ग्रामीणों एवं आदिवासियों को शासन कितनी सब्सिडी एवं कितना ऋण दे रहा है? उक्त सब्सिडी का कितना हिस्सा राज्य शासन का है एवं कितना केंद्र शासन का? पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) खेती-किसानी, घरेलू, रोजमर्रा के उपयोग हेतु सौर ऊर्जा से चलने वाले किन-किन उपकरणों पर ग्रामीण क्षेत्र, शहरी क्षेत्र एवं अनुसूचित क्षेत्र में कितना सब्सिडी एवं कितना ऋण राज्य एवं केंद्र शासन द्वारा दिया जा रहा है? पृथक-पृथक संपूर्ण जानकारी दें।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) म.प्र. शासन द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दृष्टि से प्रदेश में ग्रिड कनेक्‍टेड सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना हेतु सौर ऊर्जा परियोजनाएं क्रियान्‍वयन नीति 2012 लागू की गईं हैं, जिसके अन्‍तर्गत सम्‍पूर्ण प्रदेश में सार्वजनिक क्षेत्र की संस्‍थाओं/निजी इकाईयों द्वारा ग्रिड कलेक्‍टेड सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्‍थापित की जा रही हैं। इन परियोजनाओं से उत्‍पन्‍न बिजली का लाभ सम्‍पूर्ण प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र को मिला है। विभाग के अन्‍तर्गत म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा सभी जिलों में (1) रूफटॉप सौर फोटोवोल्‍टेइक पॉवर प्‍लांट कार्यक्रम, (2) सोलर पम्‍प कार्यक्रम, (3) सौर तापीय कार्यक्रम, (4) डी.डी.जी. कार्यक्रम, (5) अक्षय ऊर्जा शॉप कार्यक्रम, (6) सूर्यमित्र स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम, क्रियान्वित किए जा रहे हैं। कार्यक्रमों की विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विगत दो वर्षों में निगम द्वारा संचालित योजनाओं अन्‍तर्गत किये गये कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजनाओं/कार्यों का लाभ सभी श्रेणी के हितग्राहियों को प्राप्‍त करने की पात्रता है। योजनाओं/कार्यों और राज्‍य शासन द्वारा प्रदान की जा रही है। वित्‍तीय सहायता/अनुदान के पश्‍चात शेष राशि हितग्राही द्वारा वहन किये जाने पर योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाता है। (ख) म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है, जिसके अनुसार विगत दो वर्षों में यथा वर्ष 2017-18 में राज्‍य में सौर ऊर्जा का योगदान कुल ऊर्जा उत्‍पादन का 7.03% तथा वर्ष 2018-19 में 6.68% है। यह जानकारी जिलेवार देना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित योजना अन्‍तर्गत सभी वर्ग के किसानों को केन्‍द्र शासन व राज्‍य शासन से अनुदान की पात्रता व हितग्राही अंश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित योजनाओं के अन्‍तर्गत सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों पर ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र एवं अनुसूचित क्षेत्र में सभी वर्ग के हितग्राहियों (किसानों सहित) को केन्‍द्र शासन व राज्‍य शासन से अनुदान की प्रात्रता व हितग्राही अंश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।

बिजली कंपनी के नियमित अधिकारी/कर्मचारियों की संख्या में कमी

[ऊर्जा]

98. ( क्र. 4135 ) श्री महेश परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व सरकार के कार्यकाल में बिजली कंपनियों में काम करने वाले नियमित कर्मचारियों की संख्या 60 हज़ार से घटकर सिर्फ 34 हज़ार रह गयी है? यदि हाँ, तो इसके मुख्य कारण क्या रहे हैं?             (ख) क्या वर्तमान में म.प्र. में बिजली सरप्लस है किन्तु पूर्व सरकार के कार्यकाल में नियमित कर्मचारियों को भर्ती नहीं किये जाने के कारण उपभोक्ताओं तक बिजली पंहुचाने में समस्या हो रही है, तो कंपनी ने इस समस्या के निराकरण के लिए क्या कार्यवाही की? (ग) पूर्व सरकार के कार्यकाल में औपचारिक-अनौपचारिक रूप से बिजली को निरंतर उपभोक्ताओं तक पंहुचाने के लिए क्या रीति-नीति बनाई थी, जिससे बिजली व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए समस्या का निराकरण करने के क्या उपाय किये गए? (घ) क्या पूर्व सरकार की कमियों को सुधारने के लिए वर्तमान सरकार प्रयासरत है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध कराएं। (ड.) पूर्व सरकार के 15 वर्ष के कार्यकाल में नियमित कर्मचारियों की कमी के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर और उपभोक्ताओं की संख्या में कितनी वृद्धि हुई और पूर्व सरकार द्वारा कर्मचारियों से बिजली सप्लाई व्यवस्था कैसे संचालित की गयी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) तत्समय पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मण्डल में उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों की सन्-2002 में स्थापना के पूर्व लगभग 57801 कर्मचारी कार्यरत थे। सन 2005 से समस्त 06 विद्युत कंपनियों द्वारा स्वतंत्र रुप से कार्य प्रारम्भ किया गया। वर्ष 2006 से विद्युत कंपनियों द्वारा आवश्यकतानुसार सीमित मात्रा में नवीन भर्तियां शुरु की गईं। जून-2011 में विद्युत कंपनियों की संगठनात्मक संरचना राज्य शासन द्वारा स्वीकृत की गयी जिसमें नियमित/संविदा/आउटसोर्स आधार पर कुल 62996 पद स्वीकृत किए गए। संगठनात्मक संरचना की स्वीकृति के पश्चात विद्युत कंपनियों द्वारा वृहद स्तर पर नवीन भर्तियां की गयीं। वर्तमान में समस्त 06 विद्युत कंपनियों के तहत 34188 नियमित कार्मिक कार्यरत हैं। यद्यपि समस्त 06 कंपनियों में नियमित कार्मिकों की संख्या कम हुई है, परंतु इसके अतिरिक्‍त संविदा पर एवं बाह्य स्त्रोत से भी कार्मिक कार्य कर रहे हैं। वर्ष 2011 में अनुमोदित संगठनात्‍मक संरचना में कुल 36742 नियमित पद ही स्‍वीकृत किये गये थे। (ख) जी हाँ, वर्तमान में मध्यप्रदेश में विद्युत माँग की तुलना में विद्युत उपलब्धता अधिक है। स्‍वीकृत संगठनात्‍मक संरचना के रिक्‍त पदों पर कार्मिकों की भर्ती प्रारंभ करते हुए विगत 7 माहों में 426 भर्तियों की कार्यवाही की गई है। उपभोक्ताओं को सुचारु रुप से बिजली उपलब्‍ध कराई जा रही है, जिसके लिए विद्युत कंपनियों द्वारा नियमित कार्मिकों के साथ-साथ संविदा पर एवं आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से श्रमिकों को अनुबंधित कर कार्य संपादित कराए जा रहे हैं। (ग) पूर्व सरकार के कार्यकाल में गैर-कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय करने की नीति बनाई थी। विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण के लिए कॉल सेन्टर स्थापित किए गए थे। (घ) पूर्व सरकार के समय से लागू व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिये कॉल सेन्‍टरों का सुदृढ़ीकरण किया गया है और इसमें फ्यूल ऑफ कॉल के अतिरिक्‍त बिल में गड़बड़ी एवं वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने व जलने की शिकायतें भी ली जा रही हैं। प्रत्‍येक वितरण केन्‍द्र पर गलत बिलों के निराकरण हेतु समितियाँ गठित की गई हैं, जिनमें अशासकीय सदस्‍य भी शामिल हैं। प्रत्‍येक वितरण केन्‍द्र पर ट्रांसफार्मर तथा संधारण सामग्री सहित उपभोक्‍ता सेवा केन्‍द्र बनाये गये हैं। मेन्‍टेनेंस व्‍यवस्‍था में सुधार लाने के लिए अधिकारियों की एक समिति गठित कर अन्‍य राज्‍यों का दौरा कर मेन्‍टेनेंस व्‍यवस्‍था में सुधार की अनुशंसायें प्राप्‍त की जा रही हैं। (ड.) नियमित कर्मचारियों की कमी से इन्फ्रास्ट्रक्चर और उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि होने का कोई संबंध नहीं है। वित्तीय वर्ष 2003-04 से वित्तीय वर्ष 2018-19 तक अधोसंरचना और उपभोक्ताओं की संख्या में हुई वृद्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' (पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी), प्रपत्र-'' (म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी), प्रपत्र-'' (मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी),          प्रपत्र-'' (पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी) में दर्शाए अनुसार है। पूर्व सरकार के कार्यकाल से नियमित, संविदा एवं ऑउटसोर्स के माध्यम से नियुक्‍त कार्मिकों का युक्तियुक्‍तकरण कर बिजली सप्लाय व्यवस्था संचालित की जा रही है।

उज्जैन जिले में सड़क निर्माण की स्थिति

[लोक निर्माण]

99. ( क्र. 4136 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में विगत 05 वर्षों में लोक निर्माण विभाग की विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से कितनी सडकें बनाई गईं? क्या यह सडकें विभाग द्वारा बनाई गईं हैं या ठेकेदारों द्वारा सूची संलग्न करें। (ख) विभाग या ठेकेदारों द्वारा बनाई गई सड़कों के लिए क्या कोई निर्धारित संधारण इत्यादि की शर्त होती है? निर्माण की गई सड़कों के संधारण पर्यवेक्षण संबंधित कितनी शिकायतें विगत 3 वर्ष में विभाग को प्राप्त हुई या विभाग द्वारा स्वयं संज्ञान में ली गई? इन पर संबंधित दोषियों पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई और कितनी राशि वसूल की गई? (ग) क्‍या प्रदेश में सड़क निर्माण में लगने वाले खनिज, गौण खनिज एवं अन्य निर्माण सामग्री पर रॉयल्टी वसूल किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उज्जैन जिले में प्रयुक्त निर्माण सामग्री पर विगत 3 वर्ष में कितनी रॉयल्टी वसूल की गई? क्या यह राशि नियमानुसार ली गई या कोई रॉयल्टी चोरी का प्रकरण भी विभाग द्वारा बनाया गया? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का विवरण देवें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है।

बालाघाट जिले में पी.आई.यू. के कार्य

[लोक निर्माण]

100. ( क्र. 4139 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के पी.आई.यू. के कार्यपालन यंत्री 2016 से आज तक जिले के बाहर शासकीय कार्य हेतु कहाँ कहाँ, कब-कब गये? दिनांकवार/माहवार/वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्‍या जिले से बाहर शासकीय कार्य हेतु जाने पर कलेक्‍टर से अनुमति ली जाती है? यदि हाँ, तो कार्यपालन यंत्री पी.आई.यू. बालाघाट द्वारा कितनी बार अनुमति ली गई? अनुमति की छायाप्रति देवें। (ग) कार्यपालन यंत्री बालाघाट द्वारा 2016 से अब तक शासकीय कार्य हेतु कितना डीजल व्‍यय किया?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) जी हाँ, मौखिक। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। मौखिक अनुमति लेने के कारण छायाप्रति देना संभव नहीं। (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार।

तापमान वृद्धि के कारण एवं उपाय

[पर्यावरण]

101. ( क्र. 4148 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्ष के मई एवं जून माह के छतरपुर एवं नौगाँव नगर का अधिकतम तापमान कितना रहा? आंकड़े प्रदाय करें। (ख) छतरपुर एवं नौगाँव नगर के तापमान में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि के क्या कारण हैं? तापमान में वृद्धि के क्या दुष्प्रभाव होते हैं? उक्त तापमान वृद्धि को रोकने हेतु शासन स्तर पर क्या प्रयास किये जा रहे हैं? यदि नहीं तो क्यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) छतरपुर एवं नौगाँव नगर के माह मई एवं जून, 2015 से 2019 के अधिकतम तापमान से संबंधित आंकड़े मौसम विज्ञान केन्द्र, भोपाल द्वारा प्राप्त किये गये हैं, जो संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वैश्विक स्तर पर तापमान में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) का कारण प्राकृतिक एवं मानवीय गतिविधियां हैं। तापमान में वृद्धि से पर्यावरण पर तथा उस पर आश्रितों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस हेतु व्यापक जन जागृति व वृक्षारोपण से एक सीमा तक तापमान में वृद्धि को रोके जाने का प्रयास किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''उनतालीस''

नौगाँव-ईशानगर मार्ग का निर्माण

[लोक निर्माण]

102. ( क्र. 4149 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला अंतर्गत नौगाँव से ईशानगर मार्ग कितने किलोमीटर है? यह मार्ग कितनी विधान सभा क्षेत्र से गुजरता है? कितने गाँव इस मार्ग से जुड़ते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक को मार्ग की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक इस मार्ग के निर्माण, रख-रखाव में कितना व्यय कब किया गया? (घ) वर्तमान समय में मार्ग की जर्जर स्थिति को देखते हुए एवं मार्ग के महत्व को ध्यान में रखते हुए क्या मार्ग का पुनः निर्माण किया जा सकता है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) 23.60 कि.मी.। तीन विधान सभा क्षेत्र से। 10 गाँव। (ख) वर्तमान में कार्य प्रगति पर। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष जानकारी उत्‍तरांश (ख) अनुसार।

परिशिष्ट - ''चालीस''

बिजावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सड़क मार्ग

[लोक निर्माण]

103. ( क्र. 4150 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विभाग के कौन-कौन से मार्ग हैं? इन मार्गों के  रख-रखाव निर्माण में विगत 03 वर्षों में कितना व्यय किया गया? उक्त में से कितने मार्गों के निर्माण में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त हुई? शिकायतों की प्रश्न दिनांक को क्या स्थिति है? सभी मार्गों की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) क्षेत्रान्‍तर्गत विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से कार्य कितनी लागत से किये गए? कार्यों के संबंध में कितनी शिकायत प्राप्‍त हुई? कितने कार्यों का भुगतान प्रश्न दिनांक तक शेष है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। किसी भी मार्ग की निर्माण में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-। ' एवं 'अ-2' अनुसार है।

विभाग द्वारा प्रस्तावित परियोजनाएं 

[जल संसाधन]

104. ( क्र. 4152 ) श्री मनोज चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत डेम स्वीकृत करने की प्रक्रिया के नियम अधीन वर्ष 2010 से ऐसी कितनी परियोजना बनाई गईं, जो वर्तमान में भी प्रस्तावित है तथा स्वीकृति उपरांत भी पूर्ण नहीं हो पाई है? कितनी प्रस्तावित परियोजना स्वीकृति हेतु बोधी कार्यालय में लंबित हैं। (ख) हाटपिपल्या विधान सभा क्षेत्र में रामगढ़ तालाब पर वर्ष 2010 से प्रस्तावित परियोजना किस स्तर पर है? कितनी बार योजना का मूल्याकंन किया गया है व कितनी बार स्वीकृति हेतु शासन के पास भेजी गई है? वर्ष 2010 से 2019 तक योजना केवल प्रस्तावित क्यों है? शासन की ओर से वित्तीय स्वीकृति उपरांत भी डेम निर्माण का आदेश क्यों नहीं जारी किया जा रहा? प्रदेश में ऐसी कितनी परियोजनाएं हैं जिसमें शासन द्वारा लगातार पिछले 10 वर्षों से परिवर्तन हेतु परियोजना को प्रस्तावित रखा गया है?           (ग) रामगढ़ तालाब पर बनने वाले डेम के डूब क्षेत्र में आने से गाँवों में मूलभूत सुविधा नहीं मिल पा रही है, केवल परियोजना प्रस्तावित होने से विगत कई वर्षों से गाँवों में कोई भी विकास कार्य नहीं किया जा रहा है, प्रस्तावित परियोजनाओं पर लापरवाहीपूर्वक कार्य करने हेतु विभागवार किसकी जिम्मेदारी तय की जा सकती है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) 529 परियोजनाएं अपूर्ण होना प्रतिवेदित हैं। देवास जिले की कासरानी मध्‍यम सिंचाई परियोजना मुख्‍य अभियंता बोधी कार्यालय में परीक्षणाधीन है। (ख) रामगढ़ परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 20.08.2013 को रू. 3, 067.81 लाख की 1, 400 हे. सैच्‍य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई। निर्माण कार्य प्रारंभ करने के पूर्व भू-अर्जन प्रकरण बनाते समय यह पाया गया कि भू-अर्जन की लागत प्रशासकीय स्‍वीकृति राशि से अधिक आ रही है। अत: निर्माण कार्यवाही स्‍थगित की गई। परियोजना को विभागीय मापदण्‍ड के अनुरूप लाने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। परियोजना परीक्षणाधीन होने से स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। (ग) रामगढ़ परियोजना से एक मात्र चाकरपुरा ग्राम डूब से प्रभावित होना प्रतिवेदित है। परियोजना का पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रस्‍ताव निरंतर प्रक्रियात्‍मक होने से किसी भी अधिकारी पर जिम्‍मेदारी नियत करने की स्थिति नहीं है।

परिशिष्ट - ''इकतालीस''

लेबड़-नयागाँव मार्ग का त्रुटिपूर्ण निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

105. ( क्र. 4154 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-नयागाँव मार्ग अंतर्गत कौन ठेकेदार मार्ग का कौन सा हिस्सा किस नियम और शर्त के अंतर्गत किस दिनांक से टोल टैक्स वसूल करके चला रहे हैं? राज्य सरकार से हुये अनुबंध की प्रतिलिपि सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) उक्त मार्ग का अनुबंध हुआ है तब से इस मार्ग पर कितने लोगों की मृत्यु हो चुकी है? रोड सरफेस कंडीशन का सर्टिफिकेट क्या मार्ग पर सभी ग्राम पंचायतों और विधायकों से सत्यापित, हर महीने करवाकर राज्य शासन को देने का प्रावधान किया जावेगा? (ग) उक्‍त मार्ग के विगत 1 वर्ष की स्ट्रीट लाइट के बिलों का विवरण प्रस्तुत की जावे ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उन्होंने कहाँ-कहाँ नियम और शर्तों के अंतर्गत स्ट्रीट लाइट लगवाई और कहाँ नहीं? जहां नहीं लगवाई, वहां की नगर पंचायत और ग्राम पंचायत को ठेकेदार पर जुर्माना लगाकर क्‍या सारे विगत वर्षों के बिजली के बिल का भुगतान ब्याज सहित किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार। अनुबंध की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार। जी नहीं। कन्सेशन अनुबंध को संशोधित करने का प्रावधान नहीं है। (ग) लेबड़-जावरा मार्ग पर विगत 1 वर्ष में स्ट्रीट लाईट के बिलों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। जावरा-नयागाँव मार्ग पर अनुबंध में किसी भी प्रकार की स्ट्रीट लाईट लगाने का प्रावधान नहीं है। शेष का अनुबंध में प्रावधान नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

संबल योजना का क्रियान्वयन 

[श्रम]

106. ( क्र. 4155 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) बड़वानी विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना, संबल (नया सवेरा) योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ से मई 2019 तक प्राप्त प्रकरण, निराकृत एवं शेष प्रकरण तथा शेष रहने का कारण सहित ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें l (ख) क्या जनपद पंचायत बड़वानी के अंतर्गत कुछ प्रकरणों में गलत भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरणों की जानकारी देवें l            (ग) क्या इन प्रकरणों में अनियमितता के लिए विभाग प्रमुख व अन्य के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का विवरण देवें l क्या प्रकरण में सूक्ष्म जाँच की जाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 15 जून, 2019 तक के स्वीकृत प्रकरणों में राशि जारी हो चुकी है। उल्लेखित लंबित प्रकरणों में भुगतान की कार्यवाही निरंतरित है। (ख) जी हाँ। जनपद पंचायत बड़वानी के अंतर्गत ग्राम पंचायत सोन्दुल के 03 प्रकरणों में हितग्राहियों की मृत्यु पंजीयन के पूर्व हो चुकी थी। 1. स्व. श्री कैलाश पिता धनसिंग की मृत्यु उपरांत उनकी पत्नी श्रीमती रामकोर बाई। 2. स्व. श्री मोहन पिता मांगीलाल की मृत्यु उपरांत उनकी पत्नी श्रीमती सुभद्राबाई तथा 3. स्व. श्री श्याणा पिता रायसिंग की मृत्यु उपरांत उनकी पत्नी श्रीमती जमनाबाई को अनुग्रह सहायता हितलाभ रू. 2 लाख चेक के माध्यम से दिनांक 13.06.2018 को भुगतान किया गया था। (ग) उपरोक्त 03 प्रकरणों में राशि वसूल किये जाने तथा जिन कर्मचारी/अधिकारी द्वारा उपरोक्त त्रुटि की गई है, के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु सचिव मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल एवं प्रमुख सचिव श्रम द्वारा अर्द्धशासकीय पत्र कलेक्टर बड़वानी को भेजे गए हैं। पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है

देवास विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन कार्य

[लोक निर्माण]

107. ( क्र. 4157 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के कितने कार्य (सड़क व पुलिया) निर्माणाधीन हैं? (ख) जिन कार्यों के कार्यादेश विभाग द्वारा दिये गये हैं, वे कौन-कौन से कार्य हैं व उनको पूर्ण करने की अवधि क्‍या है? उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो गये हैं व कितने कार्य शेष हैं। (ग) यदि शेष हैं तो वे कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे। (घ) भोपाल चौराहे से बी.एन.पी. गेट नं. 2 तक के कार्य की क्‍या स्थिति है? क्‍या उक्‍त रोड को आधा खोदकर छोड दिया गया है, जिससे उस रोड पर स्थित निवासियों को परेशानी हो रही है? यदि हाँ, तो अधूरे निर्माण को पूर्ण करने के लिये विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) भोपाल चौराहे से बी.एन.पी. गेट नं. 2 तक मार्ग लंबाई 1.70 कि.मी. स्‍वीकृत है, लंबाई 0.65 कि.मी. में डामरीकृत मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं लंबाई 0.55 कि.मी. में वर्तमान मार्ग के दोनों ओर 2-2 मीटर चौड़ाई में हाउजिंग कर सबग्रेड का कार्य किया गया है। जी नहीं। कार्यवाही संबंधित विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '1' अनुसार है।

बिना एनरोलमेंट नंबर के अंकसूची जारी करने पर कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

108. ( क्र. 4162 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरकतउल्‍लाह विश्‍वविद्यालय भोपाल एम.ए. समाजशास्‍त्र अंतर्गत दिनांक 14.08.1990 को रोल नंबर 98484 पर छात्र के बिना एनरोलमेंट नंबर से मार्कशीट जारी करने के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए मार्कशीट कब तक निरस्‍त की जायेगी? जिस माइग्रेशन के आधार पर छात्र को परीक्षा में प्रवेश दिया, उसकी प्रति दें। (ख) क्‍या इसी छात्र को जीवाजी विश्‍वविद्यालय ग्‍वालियर ने पी.एच.डी. की उपाधि दिनांक 25.12.2011 को जारी कर दी, जबकि इसका एनरोलमेंट वर्ष 2017 में हुआ? वर्ष 2008 के जिस माइग्रेशन के आधार पर छात्र को विश्‍वविद्यालय के कोर्स में प्रवेश दिया, उसकी प्रति दें। (ग) बिना एनरोल किये छात्र को पी.एच.डी. उपाधि जारी करने के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उपाधि कब तक निरस्‍त की जायेगी? नहीं तो क्‍यों? (घ) जीवाजी विश्‍वविद्यालय उपरोक्‍त छात्र के 12 शोध प्रकाशनों की पुष्टि संबंधित विभाग को कब करायेगा? क्‍या इन प्रकाशनों को स्‍टैंडर्ड रिसर्च जरनल की मान्‍यता है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) छात्र के बिना एनरोलमेंट नंबर से अंकसूची जारी होने संबंधी प्रकरण में विश्‍वविद्यालय द्वारा जाँच समिति का गठन किया गया है। जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है। संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार जानकारी विश्‍वविद्यालय में संधारित नहीं है। (ख) जी नहीं। मात्र अधिसूचना जारी की गई है। विश्‍वविद्यालय में उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार 2008 के माइग्रेशन की प्रति उपलब्ध नहीं है। यह प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर में विचाराधीन है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में विचाराधीन है।

परिशिष्ट - ''बयालीस''

नवीन एवं पुरानी सड़कों का सुधार

[लोक निर्माण]

109. ( क्र. 4164 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग प्रदेश में नवीन सड़कों के निर्माण अथवा पुरानी सड़कों के सुधार कार्यों की स्‍वीकृति प्राथमिकता के अनुसार देगा अथवा राजनैतिक अनुशंसा के आधार पर? (ख) यदि निर्माण कार्यों को बजट में शामिल करने का निर्णय राजनैतिक अनुशंसा पर लिये जायेंगे तो अनुशंसा सभी दलों के जनप्रतिनिधियों की मान्‍य होगी अथवा सिर्फ सत्‍तारूढ़ दल से जुड़े राजनैतिक जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर कार्य स्‍वीकृत होंगे? (ग) यदि निर्माण कार्य प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुशंसा पर होंगे तो जहां सत्‍तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधि नहीं हैं, वहां की सड़कों की खराब स्थिति का जबावदार कौन होगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। विभाग में नवीन सड़के एवं पुरानी सड़कों के सुधार कार्यों की स्‍वीकृति के सुझाव जनप्रति‍निधियों की अनुशंसा एवं आमजन मानस की सुविधा को ध्‍यान में रखते हुये समग्र रूप से परीक्षण कर वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता के अनुरूप प्राथमिकता अनुसार जारी की जाती है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार।

अनूपपुर जिले में संचालित सिंचाई परियोजनाएं

[जल संसाधन]

110. ( क्र. 4169 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं प्रस्‍तावित हैं तथा इन प्रस्‍तावित सिंचाई योजनाओं की स्‍वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (ख) क्‍या अनूपपुर जिले में किसानों के खेतों को सिंचित किये जाने हेतु खेतों तक नहर पहुंचाने की विभाग द्वारा कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ यह योजना संचालित है? स्‍थानवार जानकारी उपलब्‍ध करावें।             (ग) अनूपपुर जिले के अंतर्गत ऐसे कितने जलाशय हैं जिनका उपयोग सिंचाई के लिये किया जाता है? जलाशय का नाम व कहाँ पर स्थित है? सिंचाई कार्य के लिये उपयोग में आने वाली नहरों के रख-रखाव पर वित्‍तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना व्‍यय किया गया? जलाशयवार नहरों के व्‍यय की जानकारी दें। (घ) उक्‍त क्षेत्र में ऐसे कितने जलाशय एवं छोटे-छोटे स्‍टॉप डेम हैं जो जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं एवं उनकी मरम्‍मत व रख-रखाव के लिये विभाग द्वारा कोई योजना बनाई गई है? ऐसे कितने बांध एवं स्‍टॉप डेम की शासन द्वारा स्‍वीकृति प्रदान की गई है और कहाँ बांध एवं स्‍टॉप डेम के निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने की क्‍या कोई अवधि निर्धारित की गई है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (घ) अनूपपुर जिले में जल संसाधन विभाग का कोई भी स्‍टॉप डेम संचालित नहीं है। जी हाँ। विभागीय जलाशयों में कराए गए मरम्‍मत कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक।

राजेन्‍द्रग्राम से कोतमा व्‍हाया जैतहरी मार्ग का निर्माण 

[लोक निर्माण]

111. ( क्र. 4173 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत राजेन्‍द्रग्राम से कोतमा व्‍हाया जैतहरी मार्ग कब स्‍वीकृत हुआ? इस मार्ग की लागत क्‍या थी तथा वर्क ऑर्डर कब जारी हुआ? वर्क ऑर्डर के पश्‍चात् निर्माण एजेंसी द्वारा कितना कार्य किया गया? कितना भुगतान किया गया? कितना कार्य शेष है?               (ख) राजेन्‍द्रग्राम से कोतमा व्‍हाया जैतहरी मार्ग का निर्माण कार्य किस एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है? क्‍या-क्‍या कार्य अब तक किया गया है? इस मार्ग पर कौन-कौन सी नदी नालों पर पुल का निर्माण कार्य किया जाना है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तैंतालीस''

नवीन मध्‍यम एवं लघु सिंचाई योजनाएं

[जल संसाधन]

112. ( क्र. 4174 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला अनूपपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सिंचाई विहीन ग्राम पंचायतों में नवीन मध्‍यम सिंचाई योजना एवं लघु सिंचाई योजना शासन की प्राथमिकता में शामिल है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में नवीन मध्‍यम सिंचाई योजना एवं लघु सिंचाई योजना स्‍वीकृत की गई हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किसानों को सिंचाई हेतु पानी देने का लक्ष्‍य क्‍या है? क्‍या निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण कर लिये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में संदर्भित योजनाओं हेतु कितनी राशि कब-कब स्‍वीकृत की गई एवं उक्‍त क्षेत्र की कितनी कृषि भूमि सिंचित होगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जी नहीं। सिंचाई परियोजनाओं का चयन प्राथमिकता के आधार पर न किया जाकर तकनीकी मापदण्‍डों के आधार पर किया जाता है। वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्‍वीकृत परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। परियोजनाएं निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराना लक्षित है।

परिशिष्ट - ''चौवालीस''

महाविद्यालय में विभिन्‍न पाठ्यक्रमों का संचालन

[उच्च शिक्षा]

113. ( क्र. 4181 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या परासिया विधान सभा क्षेत्र में स्थित शासकीय पेंचव्‍हेली स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय परासिया में एम.ए. अंग्रेजी साहित्‍य, एम.एस.सी भौतिक शास्‍त्र, एम.एस.सी वनस्‍पति शास्‍त्र, एम.एस.सी. प्राणीशास्‍त्र विभिन्‍न पाठ्यक्रम संचालित नहीं है? उपरोक्‍त पाठ्यक्रम संचालित नहीं होने के कारण क्षेत्र के विद्यार्थियों को अनेक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ता है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो विद्यार्थियों के हित को ध्‍यान में रखते हुए विभाग द्वारा शासकीय पेंचव्‍हेली स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय परासिया में उपरोक्‍त विषयों के पाठ्यक्रमों को प्रारम्‍भ किये जाने के संबंध में कार्यवाही की जायेगी और उपरोक्‍त विषयों के पाठ्यक्रमों की स्‍वीकृति शासकीय मद से विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?               (ग) शासकीय पेंचव्‍हेली स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय परासिया में वर्तमान में कितने पद रिक्‍त हैं और इन रिक्‍त पदों की पूर्ति विभाग द्वारा किये जाने के संबंध में कब तक कार्यवाही करते हुए रिक्‍त पदों की पूर्ति कर दी जायेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) प्रश्नांकित पाठयक्रम शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय में संचालित नहीं है। जी नहीं। विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु 30 कि.मी. की दूरी पर छिंदवाड़ा में दो शासकीय महाविद्यालय स्थापित हैं, जहाँ इन विषयों का अध्ययन विद्यार्थी कर सकते हैं। (ख) सीमित संसाधनों के कारण वर्तमान में शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय, परासिया में अतिरिक्त विषय एवं संकाय खोले जाने में कठिनाई है। (ग) शासकीय पेंचव्हेली महाविद्यालय, परासिया में शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत कुल 17 पद एवं अशैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत 06 पद रिक्त हैं। पद पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

सिंचाई संस्‍थाओं द्वारा कराये गए कार्य

[जल संसाधन]

114. ( क्र. 4184 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन संभाग मुरैना में कितनी सिंचाई संथाएं संचालित हैं? संथाओं का नाम, कोड, समिति अध्‍यक्ष व सभी सदस्‍यों के नाम व पते की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में वर्ष 2009 से 2016 तक कार्यरत सिंचाई संस्‍थाओं को कितनी-कितनी राशि दी जाकर क्‍या-क्‍या कार्य किस-किस एजेंसी के माध्‍यम से कराये गये हैं? कार्य का नाम, वर्ष, लागत, कार्य एजेंसी, कार्य का विवरण आदि की संपूर्ण जानकारी दें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) वर्णित सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? अथवा शेष हैं? पूर्ण-अपूर्ण की संपूर्ण जानकारी दें व बतावें कि अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) 15 संथाएं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के  प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के  प्रपत्र "ब" अनुसार है।

सौभाग्‍य योजना का क्रियान्‍वयन

[ऊर्जा]

115. ( क्र. 4189 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2011 के आधार पर प्रदेश में सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्‍य योजना) के पात्र हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा चुका है और कितने पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित हैं? (ख) सागर जिले के रहली विधान सभा क्षेत्र में सौभाग्‍य योजना के अंतर्गत अब तक कितने हितग्राहियों को लाभ दिया जा चुका है?             (ग) कितने पात्र हितग्राही अभी तक योजना के लाभ से वंचित हैं? वंचित हितग्राहियों को कब तक योजना का लाभ दे दिया जाएगा? (घ) क्‍या उक्‍त योजना के लक्ष्‍यों की पूर्ति समय-सीमा में कर दी जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों एवं कब तक की जा सकेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्‍य) के प्रावधानों के अनुसार खेतों/खलियानों में स्थित घरों एवं घुम्‍मकड़/अस्‍थाई श्रेणी की बसाहटों में निवासरत परिवारों को छोड़कर सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना, 2011 के आधार पर सभी पात्र 19, 84, 264 हितग्राहियों को सौभाग्‍य योजना का लाभ प्रदान किया जा चुका है एवं कोई भी पात्र हितग्रा‍ही योजना के लाभ से वंचित नहीं रहा है। (ख) सागर जिले के रहली विधान सभा क्षेत्र में सौभाग्‍य योजना के प्रावधानों के अनुसार योजनान्‍तर्गत कुल 7755 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। (ग) सौभाग्‍य योजना के प्रावधानों के अनुसार योजनान्‍तर्गत पात्र सभी हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा चुका है एवं योजनान्‍तर्गत कोई भी पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित नहीं रहा है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) सौभाग्‍य योजनान्‍तर्गत निर्धारित लक्ष्‍यों को निर्धारित समय-सीमा के पूर्व ही पूर्ण किया जा चुका है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

शासकीय महाविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रम

[उच्च शिक्षा]

116. ( क्र. 4190 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर जिले के रहली एवं गढ़ाकोटा महाविद्यालय में स्‍ववित्‍तीय आधार पर विज्ञान संकाय की स्‍नातक और कला संकाय के चार-चार विषयों की स्‍नातकोत्‍तर कक्षाएं वर्ष 2005 से संचालित हैं? यदि हाँ, तो इन दोनों महाविद्यालय में स्‍ववित्‍तीय आधार पर संचालित कक्षाओं को उच्‍च शिक्षा विभाग मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा कब तक टेकओवर कर लिया जायेगा? (ख) क्‍या शासकीय महाविद्यालय रहली व गढ़ाकोटा में स्वीकृत शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक पदों में से ज्‍यादातर पद रिक्‍त हैं? यदि हाँ, तो इन रिक्‍त पदों के विरूद्ध तथा दोनों महाविद्यालयों में अध्‍ययनरत विद्यार्थियों के मान से नवीन पदों की स्‍वीकृति व पदस्‍थापना कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्‍या सरकार द्वारा यह वचन दिया था कि प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालयों में वर्षों से कार्यरत अतिथि विद्वानों को नियमित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक नियमित किया जा सकेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) प्रश्‍नांकित महाविद्यालयों में संचालित स्‍ववित्‍तीय पाठ्यक्रमों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्तमान में स्‍ववित्‍तीय पाठ्यक्रमों को टेकओवर करने की कोई योजना नहीं है, अत: टेकओवर का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांकित महाविद्यालयों में स्‍वीकृत एवं रिक्‍त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पदपूर्ति के लिए निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण नवीन पदों की स्‍वीकृति में कठिनाई है। (ग) वचन-पत्र के बिन्‍दु क्रमांक 17.22 में उल्‍लेख है कि "अतिथि विद्वानों को रोस्‍टर के अनुसार नियमित करने की नीति बनाएंगे। शीघ्र ही वचन पत्र का पालन होगा।

परिशिष्ट - ''पैंतालीस''

दैनिक वेतन भोगियों का नियमितीकरण

[उच्च शिक्षा]

117. ( क्र. 4195 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर में संचालित शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्‍य महिला महाविद्यालय में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? क्‍या विभाग लंबे समय से कार्यरत इन दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? (ख) क्‍या उक्‍त महाविद्यालय के कई दैनिक वेतन भोगी एवं स्‍थायी कर्मियों को वर्षों से भुगतान नहीं किया गया है। यदि हाँ, तो किन-किन कर्मचारियों को कब से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है? कर्मचारीवार जानकारी दें। (ग) क्‍या विभाग उक्‍त महाविद्यालय में कार्यरत वेतन भोगियों के लंबित वेतन का भुगतान शीघ्र करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जबलपुर नगर में संचालित शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य महिला महाविद्यालय में कोई भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार उक्त महाविद्यालय में कोई भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। महाविद्यालय में कार्यरत दैनिक श्रमिकों को जिन्हें प्राचार्य द्वारा स्थाई कर्मी का दर्जा दिया गया है, उन्हें जिलाध्यक्ष द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार भुगतान किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

बिजली क्रय एवं विक्रय की जानकारी

[ऊर्जा]

118. ( क्र. 4196 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 तक एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा किस-किस फर्म/एजेन्‍सी से बिजली का क्रय किस दर पर किया गया? वर्षवार जानकारी दें। फर्मवार, वर्षवार किये गये भुगतान की जानकारी दें। (ख) उक्‍त अवधि में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा किस-किस प्रदेश या फर्म को बिजली बेची गई? किस-किस दर पर बेची गई और किस-किस अवधि में बेची गई? प्रदेश/कंपनीवार बताएं। (ग) वर्तमान में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को उपलब्‍ध विद्युत प्‍लांटों (केप्टिव एवं गैर-परंपरागत स्‍त्रोतों को छोड़कर) से बिजली की अनुबंधित क्षमता (मेगावॉट में) कितनी है और माह दिसंबर 2018 एवं मई 2019 में खपत कितनी है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विद्युत क्रय से संबंधित एजेन्‍सी, क्रय दर एवं भुगतान की फर्मवार/वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में विद्युत आपूर्ति के पश्‍चात् अतिशेष विद्युत विक्रय से संबंधित दर, अवधि एवं क्रेता की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के               प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) माह जून 2019 में एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को विद्युत प्‍लांट (कैप्टिव एवं गैर परंपरागत स्‍त्रोतों को छोड़कर) से उपलब्‍ध बिजली की अनुबंधित क्षमता 16405.32 मेगावॉट है। माह दिसंबर 2018 एवं मई 2019 में विद्युत खपत क्रमश: 7889.18 मिलियन यूनिट एवं 6760.94 मिलियन यूनिट है।

परिशिष्ट - ''छियालीस''

श्रम न्‍यायालय में विचाराधीन औद्योगिक प्रकरण

[श्रम]

119. ( क्र. 4202 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) उज्‍जैन जिले में प्रश्‍न दिनांक तक कितने उद्योगों के प्रकरण श्रम न्‍यायालय में विचाराधीन हैं, उद्योगवार, विधान सभा क्षेत्रवार देवें। (ख) दिनांक 01.01.18 से 31.05.19 तक उपरोक्‍तानुसार इन प्रकरणों में कितनी तारीखें लगीं? उद्योगवार बतावें। प्रकरण क्रमांक साथ में देवें। (ग) इन प्रकरणों में कितनी तारीखों में विभाग की ओर से वकील उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी प्रश्‍नांश (ख) अवधि अनुसार देवें।

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) उज्जैन जिले में प्रश्न दिनांक तक 22 उद्योगों के 28 प्रकरण श्रम न्यायालय में विचाराधीन हैं, उद्योगवार, विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1''''2'' अनुसार है। (ख) दिनांक 01.01.2018 से 31.05.2019 तक इन प्रकरणों में नियत तिथियों की उद्योगवार प्रकरण क्रमांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1''''2'' अनुसार है। (ग) प्रकरणों में विभाग की ओर से वकील उपस्थित नहीं होते हैं। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''सैंतालीस''

उद्योगों का निरीक्षण 

[पर्यावरण]

120. ( क्र. 4203 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन जिले में स्थित राईस मिल का दिनांक 01.01.17 से 31.05.19 तक विभाग के अधिकारियों ने कब-कब दौरा किया? (ख) इन निरीक्षण टीप पर क्‍या कार्यवाही की गई? इकाईवार बतावें। यदि नहीं की गई तो क्‍यों? इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें।            (ग) यह कार्यवाही कब तक की जाएगी? कार्यवाही लंबित रखने वाले अधिकारियों को शासन कब तक दंडित करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि की उज्‍जैन उत्‍तर, उज्‍जैन दक्षिण, खाचरौद विधान सभा क्षेत्र के समस्‍त निरीक्षण की टीप सभी प्रकार की इकाईयों की पृथक-पृथक वर्षवार जानकारी देवें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

कुलपति की नियुक्ति

[उच्च शिक्षा]

121. ( क्र. 4206 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धारा-52 लगाने के बाद उज्‍जैन विश्‍वविद्यालय में नये कुलपति की चयन प्रक्रिया की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्‍या धारा 52 लगाने के बाद कुलाधिपति स्‍वविवेक से कुलपति नियुक्‍त कर सकते हैं? यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें। (ग) क्‍या विभाग/राज्‍य शासन द्वारा भेजे पैनल में से ही कुलपति की नियुक्ति के लिए कुलाधिपति बाध्‍य होते हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या उज्‍जैन वि.वि. के कुलपति नियुक्ति में प्रश्नांश (ग) अनुसार प्रक्रिया का पालन किया गया? पूरी प्रक्रिया का विवरण देवें। क्‍या इस नियुक्ति में क्षेत्राधिकार का उल्‍लंघन हुआ है? यदि हाँ, तो कब तक ये नियुक्ति निरस्‍त कर दी जाएगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

शा. महाविद्यालयों में बायोमैट्रिक अटेंडेंस हेतु एंड्रॉयड टेबलेट्स का क्रय

[उच्च शिक्षा]

122. ( क्र. 4209 ) श्री सुनील सराफ : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-01-14 से 31-12-18 तक प्रदेश के कितने शासकीय महाविद्यालयों में बायोमैट्रिक अटेंडेंस के लिए एंड्रॉयड टेबलेट क्रय किए गए? वर्षवार चयन प्रक्रिया सहित पूरी जानकारी देवें। (ख) चयनित एवं टेंडर प्रक्रिया में शामिल फर्मों का तुलनात्‍मक चार्ट भी साथ में देवें, जिसमें टेबलेट फीचर्स, मूल्‍य एवं अन्‍य जानकारियां टेंडरवार देवें। (ग) क्‍या कारण है कि अधिक फीचर्स एवं कम मूल्‍य वाले एंड्रॉयड टेबलेट की उपेक्षा कर कम फीचर्स एवं अधिक मूल्‍य वाले टेबलेट क्रय किए गए? (घ) ऐसा करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें कि उन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) 01-01-14 से 31-12-18 तक प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों द्वारा क्रय किए गए एंड्रॉयड टेबलेट्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। टेबलेट के फीचर्स एवं वर्षवार चयन प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जिन महाविद्यालयों द्वारा एंड्रॉयड टेबलेट्स क्रय हेतु सीमित निविदा प्रक्रिया अपनाई गई, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

महाविद्यालयों की ऑडिट 

[उच्च शिक्षा]

123. ( क्र. 4210 ) श्री सुनील सराफ : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी, अनूपपुर, शहडोल जिले के समस्‍त शासकीय महाविद्यालयों की वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 के ऑडिट का विवरण जिलेवार महाविद्यालयवार, वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्‍त जिलों में उक्‍त अवधि में हुए समस्‍त क्रय एवं निर्माण कार्यों तथा प्रयोगशाला उन्‍नयन कार्यों पर किए गए की जानकारी भी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि ऑडिट नहीं कराया तो इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पंप कनेक्‍शन योजना का क्रियान्‍वयन

[ऊर्जा]

124. ( क्र. 4219 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या मुख्‍यमंत्री परमानेंट पंप कनेक्‍शन योजना जो 2019 मार्च के पूर्व चालू थी, बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्‍यों बंद की गई है? (ख) क्‍या योजना को चालू करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक जिला नरसिंहपुर, छतरपुर, सागर, दमोह के कितने किसानों को योजना का लाभ प्राप्‍त हुआ है? जिलेवार जानकारी प्रदान करें। (ग) मुख्‍यमंत्री परमानेंट पंप कनेक्‍शन योजना क्‍या थी? इसका पूर्ण विवरण प्रदान करें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) स्‍थाई विद्युत पंप कनेक्‍शन देने के साथ-साथ अस्‍थाई विद्युत पंप कनेक्‍शनों को स्‍थाई विद्युत पम्‍प कनेक्‍शनों में परिवर्तित करने की मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पंप कनेक्‍शन योजना सितम्‍बर 2016 में दी गई स्‍वीकृति अनुसार मात्र मार्च-2019 तक लागू थी। उक्‍त योजना बंद नहीं की गई है, अपितु योजना अवधि समाप्त हो जाने के कारण योजना के अंतर्गत नये आवेदन स्वीकृत नहीं किये जा रहे हैं। (ख) वर्तमान में योजना को नए रूप में लागू किये जाने हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। योजना प्रारंभ से दिनांक 30.06.19 तक नरसिंहपुर, छतरपुर, सागर एवं दमोह जिलों के किसानों को प्रदान किये गये स्‍थाई विद्युत पंप कनेक्‍शनों की जिलेवार संख्‍या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के                प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) नवीन स्‍थाई कृषि पम्प कनेक्‍शन एवं अस्थाई कृषि पम्प कनेक्‍शनों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्‍शन में परिवर्तित किए जाने हेतु राज्य शासन द्वारा ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्‍शन योजना'' दिनांक 06.09.2016 से लागू की गई थी। उक्त योजना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है।

मुख्‍य मंत्री कृषि अनुदान योजना

[ऊर्जा]

125. ( क्र. 4230 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मुख्‍यमंत्री कृषि अनुदान योजना कब से बंद की गयी है? बंद करने का क्‍या कारण है? कब तक इस योजना को चालू कर दिया जायेगा? (ख) ग्रामीण क्षेत्र के कृषि पंपों के अस्‍थाई उपभोक्‍ताओं को स्‍थाई बिजली कलेक्‍शन देने पर शासन क्‍या विचार कर रहा है? कब तक अस्‍थाई उपभोक्‍ताओं को कृषि पम्‍पों के लिए स्‍थाई बिजली कलेक्‍शन प्रदान कर दिए जायेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) स्‍थाई विद्युत पम्‍प कनेक्‍शन देने के साथ-साथ अस्‍थाई विद्युत पम्‍प कनेक्‍शनों को स्‍थाई विद्युत पम्‍प कनेक्‍शनों में परिवर्तित करने की मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पंप कनेक्‍शन योजना सितंबर 2016 में दी गई स्‍वीकृति अनुसार मात्र मार्च-2019 तक लागू थी। अत: उक्‍त योजना बन्‍द नहीं की गई, अपितु योजना की अवधि समाप्‍त हो जाने के कारण योजना अंतर्गत नये आवेदन स्‍वीकृत नहीं किये जा रहे हैं। वर्तमान में योजना को नए रूप में लागू किये जाने हेतु प्रस्‍ताव विचाराधीन है। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु योजना को नए रूप में लागू किये जाने हेतु प्रस्‍ताव विचाराधीन है, अत: वर्तमान में योजना के स्‍वरूप एवं अस्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शनों को स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शनों में परि‍वर्तित किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सड़क निर्माण में कार्य एजेंसियों के द्वारा की गई अनियमितताएं

[लोक निर्माण]

126. ( क्र. 4232 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नरयावली विधान सभा क्षेत्र में मध्‍यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन सागर द्वारा गढ़पहरा/बहेरिया/धामोनी सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सड़क निर्माण की लागत/प्राक्‍कलन/कार्य अवधि/कार्य एजेंसी का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में कार्य एजेंसी द्वारा कितना कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितना कार्य शेष रह गया है तथा कार्य एजेंसी द्वारा कब-कब, कौन-कौन सा कार्य किन-किन किलोमीटर में किया गया? (ग) क्‍या कार्य एजेंसी द्वारा सी.सी. रोड निर्माण कार्य में निर्धारित मापदंड डी.एल.सी. कार्य, पी.क्‍यू.सी कार्य आदि का ध्‍यान रखकर कार्य नहीं किया गया है? डी.एल.सी. कार्य की मोटाई अधिक एवं पी.क्‍यू.सी कार्य की मोटाई कम रखी गई है? (घ) सी.सी. रोड निर्माण कार्य करते समय डी.एल.सी. कार्य के बाद लगभग एक सप्‍ताह का अंतराल रखे जाने का प्रावधान है, परंतु कार्य एजेंसी द्वारा डी.एल.सी. कार्य के साथ पी.क्‍यू.सी कार्य कर दिया गया है जिससे सड़क की गुणवत्‍ता प्रभावित हुई है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त कार्य की उच्‍च स्‍तरीय जाँच एवं कार्य एजेंसी के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। यह मार्ग ए.डी.बी. एम.पी.डी.आर.-II एस.पी. पंचम चरण के अनुबंधित पैकेज क्रं.-8 के चार मार्गों में से एक है इस मार्ग की कुल लंबाई 35.33 कि.मी. है। पैकेज क्रं.-8 के कुल चार मार्गों के साथ संयुक्‍त मार्ग की कुल लागत 146.494 करोड़ है, कार्यावधि कुल 20 माह वर्षाकाल सहित है एवं कार्य एजेन्‍सी मे. के.सी.सी. बिल्‍डकॉन प्रा.लि. गुडगाँव हरियाणा है। (ख) 34.04 कि.मी. पूर्ण। 1.29 कि.मी. प्रगतिरत। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। एजेन्‍सी द्वारा डी.एल.सी. एवं पी.क्‍यू.सी. का कार्य निर्धारित मापदण्‍डानुसार किया गया है। प्रावधान के अनुसार मार्ग में डी.एल.सी. एवं पी.क्‍यू.सी. के कार्य की मोटाई क्रमश: 100 एम.एम. एवं 270 एम.एम. है। एजेन्‍सी द्वारा प्रावधान अनुसार कार्य का संपादन किया गया है। (घ) जी हाँ। जी नहीं, निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार कराया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा मार्ग के चैनेज कि.मी. 1+150 से चैनेज कि.मी. 1+450 (300 मीटर) बायीं ओर तथा चैनेज 3+985 से 4+210 (225 मीटर) बायीं ओर में बिना आर.एफ.आई. प्रस्‍तुत किये एवं सुपरविजन कंसलटेंट के संज्ञान में लाये डी.एल.सी., पी.क्‍यू.सी. का कार्य कर दिया गया जिस हेतु सुपरविजन कंसलटेंट द्वारा उक्‍त किये गये कार्य को अमान्‍य घोषित कर दिया गया है। इस प्रकार सड़क की गुणवत्‍ता प्रभावित नहीं हो रही है। अत: उच्‍च स्‍तरीय जाँच एवं कार्य एजेन्‍सी के विरूद्ध कार्यवाही की आवश्‍यकता नहीं।

ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य 

[ऊर्जा]

127. ( क्र. 4233 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी द्वारा फीडर सेपरेशन का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो गया है एवं किन-किन ग्रामों में शेष है? (ख) क्‍या फीडर सेपरेशन कार्य करने के पूर्व विभाग द्वारा आबादी/निवासरत परिवारों के संबंध में कोई सर्वे कार्य किया गया था, जिससे यह ज्ञात होता कि कई ग्रामों में अधिकांश आबादी खेतों में भी निवास कर रही है? (ग) यदि विभाग द्वारा ऐसा सर्वे कार्य नहीं किया गया और फीडर सेपरेशन कर दिया गया है तो नरयावली विधान सभा क्षेत्र के अधिकांश ग्राम मुहली, बडकुंआ, बेरखेड़ी, गंगाराम, खिरिया, बाछलोन, बरारू, पटकुई, गिदवानी, बदौना, अर्जनी, आमेट में अधिकांश परिवार खेतों में ही निवास करते हैं और उनका फीडर सेपरेशन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) यदि प्रश्नांश (ग) में उल्‍लेखित ग्रामों में फीडर सेपरेशन कर दिया गया है तो खेतों में निवासरत परिवारों को घरेलू विद्युत कनेक्‍शन से कब तक जोड़ा जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा आवश्‍यकतानुसार 11 के.व्‍ही. फीडरों को कृषि एवं गैर-कृषि फीडरों में विभक्‍त करने का कार्य किया गया है/किया जा रहा है। नरयावली विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त 107 ग्रामों को विद्युत प्रदाय कर रहे 11 के.व्ही. के सभी 12 मिश्रित फीडरों को 11 के.व्ही. कृषि एवं 11 के.व्ही. गैर कृषि फीडरों में विभक्त कर फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में किसी भी ग्राम हेतु फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया जाना शेष नहीं है। (ख) जी हाँ, फीडर विभक्तिकरण का कार्य संपादित करने के पूर्व सर्वे कार्य किया जाता है जिसके पश्चात् 11 के.व्ही. मिश्रित फीडरों को 11 के.व्ही. कृषि एवं 11 के.व्ही. गैर कृषि फीडरों में विभक्त कर कृषि कनेक्शनों एवं गैर कृषि कनेक्शनों को तकनीकी-वाणिज्यिक रूप से साध्यता के अनुसार 11 के.व्ही. कृषि फीडर एवं गैर कृषि फीडर से संबद्ध किया जाता है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाये अनुसार सर्वे के उपरांत नरयावली विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मुहली, बडकुंआ, बेरखेडी, गंगाराम, खिरिया, बाछलोन, बरारू, पटकुई, गिदवानी, बदौना, अर्जनी एवं आमेट में कृषि एवं गैर कृषि कनेक्शनों को तकनीकी-वाणिज्यिक साध्यता के अनुरूप कृषि फीडर एवं गैर कृषि फीडर से संबद्ध किया गया है। उपरोक्त ग्रामों में कुल 2498 गैर कृषि उपभोक्ताओं में से 2338 उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शनों को 11 के.व्ही. गैर कृषि फीडर से एवं शेष 160 उपभोक्ताओं के खेतों में निवास करने के कारण साध्‍यता अनुसार उनके विद्युत कनेक्शनों को 11 के.व्ही. कृषि फीडर से संबद्ध किया गया है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में खेतों में निवासरत परिवारों के आवासों को गैर कृषि फीडर से संबद्ध करने हेतु वर्तमान में कोई योजना उपलब्‍ध नहीं है। अतः वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अधूरे कार्य को पूर्ण किया जाना

[लोक निर्माण]

128. ( क्र. 4255 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में विभाग द्वारा जनवरी, 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस मद से, कौन से निर्माण कार्य केंद्र प्रदेश एवं जिले से कितनी-कितनी लागत के स्‍वीकृत किये गये एवं जिले में प्रदेश एवं केंद्र से कितनी राशि कब भेजी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि इनमें कार्य की स्‍वीकृति कितनी लागत की दी गयी थी? कार्यों के ऑनलाइन टेंडर कब-कब किये गये और किस-किस ठेकेदार को किस दर पर किसकी स्‍वीकृति से कार्य दिये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि ठेकेदार को कौन से निर्माण कार्य का कितना भुगतान किया गया है? उपरोक्‍त कार्यों को पूर्ण कराने की समयावधि क्‍या थी? किस ठेकेदार द्वारा समयावधि में कार्य नहीं कराए गए हैं? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) के आधार पर बताएं कि यदि अनुबंध की समय-सीमा में कार्य नहीं हुआ एवं निर्माण कार्य खराब हुआ तो संबंधित ठेकेदार से क्‍या पुन: इस कार्य को करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्‍यों? अगर स्‍वीकृत कार्य संबंधित ठेकेदार द्वारा अधूरा छोड़ दिया गया तो अधूरे कार्य को पुन: कब तक पूर्ण कराया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं '' अनुसार है। (घ) जी हाँ, अनुबंधित अवधि में कार्य पूर्ण न करने पर क्षतिपूर्ति अधिरोपित करने का प्रावधान है। कोई कार्य गुणवत्‍ताहीन नहीं कराया गया। किसी भी ठेकेदार द्वारा कार्य अधूरा नहीं छोड़ा गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नवीन संकायों की स्‍वीकृति

[उच्च शिक्षा]

129. ( क्र. 4256 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के जतारा, लिघौरा खास, पलेरा के महाविद्यालयों में कब से किस-किस के अधिकारी एवं कर्मचारियों के पद रिक्‍त हैं? निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि इन महाविद्यालयों में रिक्‍त पदों को कब तक भर दिया जावेगा? विभाग द्वारा रिक्‍त पदों को भरे जाने हेतु वर्तमान में की जा रही? कार्यवाही का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि जनवरी, 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि विभाग से किस-किस कार्य प्रायोजनार्थ हेतु भेजी गई है? किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी प्रश्‍न दिनांक तक राशि व्‍यय हुई है? वर्तमान में कितनी-कितनी राशि सभी मदों की शेष है? इन महाविद्यालयों में अभी किस-किस कार्य प्रयोजनार्थ कितनी-कितनी राशि की आवश्‍यकता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इनमें कौन-कौन से संकायों से छात्र-छात्राओं को अध्‍ययन कराया जा रहा है? क्‍या सभी में वाणिज्‍य एवं कृषि संकाय भी है? नहीं तो कब तक इन संकायों की स्‍वीकृति दे दी जावेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। द्वितीय श्रेणी के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं तृतीय श्रेणी के स्टाफ की कमी के कारण नियमित रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने में कठिनाई है। आउट सोर्स से स्वीकृत पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।            (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) शासकीय महाविद्यालय, पलेरा एवं जतारा में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य तथा शासकीय महाविद्यालय, लिघौरा में विज्ञान एवं कला के छात्र-छात्राओं को अध्ययन/अध्यापन कराया जा रहा है। जी नहीं। कृषि संकाय की स्वीकृति उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित महाविद्यालयों में नहीं दी जाती है। लिघौरा के आस-पास संचालित स्कूलों की 12 वीं कक्षा में वाणिज्य का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या नहीं होने के कारण शासकीय महाविद्यालय, लिघौरा में वर्तमान में वाणिज्य संकाय प्रारंभ करने में कठिनाई है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

 

 




 


भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


बिजली कनेक्शन का प्रदाय 

[ऊर्जा]

1. ( क्र. 87 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) क्या सौभाग्य योजना एवं दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना में विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत कितने कनेक्शन दिये हैं? कितने लंबित हैं?                                                                 (ग) क्या इन योजनाओं के समस्त कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाये गये हैं?                                     (घ) यदि नहीं तो ऐसी स्थिति में बिलिंग किस आधार पर की जा रही है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्‍य) एवं दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत विद्युत कनेक्‍शन दिये गये हैं।                                      (ख) विधान सभा क्षेत्र पनागर में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्‍य) के अंतर्गत 2862 एवं दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत 79 विद्युत कनेक्‍शन प्रदान किये गये हैं। उक्‍त योजनाओं के अंतर्गत कोई भी विद्युत कनेक्‍शन दिये जाने हेतु शेष नहीं है। (ग) जी हाँ, उक्‍त योजनाओं के अंतर्गत समस्‍त उपभोक्‍ताओं को मीटर स्‍थापित कर विद्युत कनेक्‍शन प्रदान किये गये हैं। (घ) उत्‍तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन योजनाओं में पनागर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत उपभोक्‍ताओं को मीटर स्‍थापित कर विद्युत कनेक्‍शन दिये गये हैं तथा मीटर में दर्ज खपत एवं लागू टैरिफ आदेश के अनुसार बिलिंग की जा रही है।

अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का निराकरण 

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

2. ( क्र. 88 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्‍यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड भोपाल में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण लंबित हैं? (ख) यदि हाँ, तो गत 2 वर्षों में प्राप्त प्रकरण एवं इनमें की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (ग) क्या पद रिक्त न होने पर अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जाती है? (घ) यदि हाँ, तो अनुकम्पा नियुक्ति देने हेतु नियम बनाने का क्या औचित्य है?

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) विगत दो वर्षों में अनुकंपा नियुक्ति का 01 प्रकरण प्राप्‍त हुआ है। पद रिक्‍त न होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति संबंधी कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ग) सामान्‍य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक सी 3-12/2013/1/3 दिनांक 29 सितम्‍बर 2014 की कंडिका 7.7 एवं 7.8 के प्रावधान अनुसार संबंधित विभागाध्‍यक्ष के यहाँ रिक्‍त पद उपलब्‍ध न हो तो अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र विभाग के अधीनस्‍थ विभागाध्‍यक्ष को भेजा जाएगा। यदि विभागाध्‍यक्ष या अन्‍य कार्यालयों में रिक्‍त पद न हो तो एवं दिवंगत परिवार में पैरा 10.1 अनुसार कोई विकल्‍प नहीं दिया हो तो रिक्‍त पद नहीं होने के प्रमाण पत्र के साथ उस जिले के कलेक्‍टर को भेजा जावेगा जिस जिले में दिवंगत शासकीय मृत्‍यु पूर्व पदस्‍थ था। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कनेरादेवी सिंचाई परियोजना से सिंचित क्षेत्र

[जल संसाधन]

3. ( क्र. 1425 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्या सागर विधान सभा क्षेत्र की कनेरादेवी जलाशय सिंचाई परियोजना बनाई गई थी? इस योजना में कितना क्षेत्र सिंचित किया जाना प्रस्तावित था? क्या योजनानुसार किसानों को सिंचाई का पूर्ण लाभ मिल रहा है? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित परियोजना की केनाल कितनी लम्बी है? क्या तालाब का कैचमेन्ट एरिया कम होने के कारण तालाब में भराव नहीं हो पा रहा है, जिससे प्रस्तावित भूमि की सिंचाई नहीं हो पा रही है। (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन तालाब का कैचमेन्ट एरिया बढ़ाये जाने हेतु कोई कार्य योजना बनाये जाने पर विचार करेगा और कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। 110 हेक्‍टर। जी हाँ, आंशिक। कैचमेंट एरिया में आबादी की बसाहट बढ़ने से जल की आवक कम होने के कारण। (ख) 1400 मीटर। जी हाँ। (ग) कैचमेंट एरिया शहरी क्षेत्र में होने के कारण बढ़ाया जाना संभव नहीं है।

आई.पी.डी.एस. योजना का कार्य

[ऊर्जा]

4. ( क्र. 1426 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में शासन की आई.पी.डी.एस. योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य किये जाना प्रस्‍तावित थे? योजना में कब और कितनी राशि की स्‍वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) क्‍या योजना की सूची में शामिल समस्‍त कार्य पूर्ण कर लिये गये है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य किये गये क्षेत्रवार कार्य सहित ब्‍यौरा देवें। (ग) यदि नहीं तो कौन-कौन से कार्य कराया जाना शेष रह गये है? कारण सहित बताएं। (घ) क्‍या नगर के कुछ क्षेत्रों में नवीन पोल्‍स व ट्रांसफार्मर लगाये जाना थे, जो नहीं लग पाये है? इसका क्‍या कारण है तथा कब तक लगाये जायेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सागर नगर में आई.पी.डी.एस. योजनान्‍तर्गत उप-पोषण एवं वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण, मीटरिंग, शासकीय भवनों में सोलर पैनल की स्‍थापना सहित विभिन्‍न कार्य किये जाने प्रस्‍तावित थे, जिनका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। सागर नगर हेतु आई.पी.डी.एस. योजनान्‍तर्गत रू.1600.26 लाख लागत राशि के कार्य की स्‍वीकृति दिनांक 15.11.2017 को प्रदान की गई है। (ख) एवं (ग) सागर शहरी क्षेत्र में प्रश्‍नाधीन आई.पी.डी.एस. योजना में प्रस्‍तावित/स्‍वीकृत कार्यों में से पूर्ण किये गये एवं लम्बित कार्यों की लम्बित रहने के कारण सहित जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, सागर नगर में आई.पी.डी.एस. योजनान्‍तर्गत नवीन पोल व ट्रांसफार्मर लगाये जाने के कुछ कार्य लंबित हैं, जिनके लंबित रहने के कारण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍तानुसार सभी लंबित कार्य प्रगति पर हैं तथा इन्‍हें माह सितम्‍बर, 2019 तक पूर्ण कराये जाने के प्रयास हैं।

परिशिष्ट - ''अड़तालीस''

देवास-बदनावर रोड के संबंध में

[लोक निर्माण]

5. ( क्र. 1556 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास-बदनावर रोड का वर्तमान में रख-रखाव किसके द्वारा किया जा रहा है? वर्तमान में यह सड़क किसके अंतर्गत है? उक्त सड़क के निर्माण के संबंध में शासन द्वारा कोई नीति बनाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में देवास-बदनावर सड़क का 4 लेन निर्माण का प्रस्ताव किस स्तर पर विचाराधीन है? क्या उक्त सड़क का 4 लेन निर्माण किया जाना है? अगर 4 लेन निर्माण होना है तो इसका कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) देवास बदनावर रोड का रख-रखाव वर्तमान में म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में यह सड़क म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''उन्चास''

लोक निर्माण द्वारा रोड का निर्माण

[लोक निर्माण]

6. ( क्र. 1686 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल-रायसेन-सॉची रोड जो नेशनल हाइवे का एक हिस्‍सा है इसके स्‍थापित रोड सदालतपुर-दरगाह-रायसेन गोपालपुर का निर्माण लोक निर्माण विभाग संभाग रायसेन द्वारा कराया जा रहा है तथा धन राशि एन.एच.ए.आई. द्वारा उपलब्‍ध कराई गई है? (ख) यदि हाँ, तो स्‍वीकृति की धन राशि दिनांक एवं टेन्‍डर एवं इत्‍यादि का विवरण देवें। क्‍या इस निर्माण कार्य के विवरण की जानकारी हेतु विभाग ने कोई बोर्ड लगाया है? यदि नहीं लगाया तो कब तक लगाया जायगा? जो शासन आदेश के अनुसार अनिवार्य है? (ग) क्‍या इस सदालतपुर-दरगाह-रायसेन रोड के चालू निर्माण के पूर्व नगर पालिका परिषद् रायसेन द्वारा कुछ निर्माण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या-क्‍या किसके आदेश से किस फन्‍ड से, निर्माण के समय रोड किसके आधिपत्‍य में था तथा क्‍या रोड का हस्‍तांतरण विधिवत हुआ था अथवा नहीं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अंतर्गत सभी बिन्‍दुओं की शासन जाँच करवाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

अपर ताप्‍ती योजना की विस्‍तृत जानकारी

[जल संसाधन]

7. ( क्र. 1706 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले की अपर ताप्‍ती योजना किस वर्ष में प्रस्‍तावित की गई थी, इस योजना की लागत व किस मद से बनाया जाना है? (ख) क्‍या उक्‍त योजना का सर्वे कर डी.पी.आर. बनाई गई है? यदि हाँ, तो प्रदान करें। (ग) उक्‍त योजना किन कारणों से लंबित है एवं उक्‍त योजना से कितने क्षेत्र को लाभ मिलेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) वर्ष 1964 की अंतर्राज्‍यीय बोर्ड की बैठक में। जल के बंटवारे, उपयोग एवं वित्‍तीय लागत पर म.प्र. एवं महाराष्‍ट्र राज्‍य की सहमति नहीं होने के कारण परियोजना लंबित है। महाराष्‍ट्र राज्‍य द्वारा डी.पी.आर. नहीं बनाये जाने से लागत, मद एवं लाभांवित क्षेत्र का विवरण दिया जाना संभव नहीं है।

भोपाल, जबलपुर मार्ग निर्माण 

[लोक निर्माण]

8. ( क्र. 1761 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                 (क) लो.नि.वि. अंतर्गत राष्‍ट्रीय राजमार्ग 12 भोपाल जबलपुर मार्ग पर कौन-कौन सी एजेन्‍सी कब से क्‍या-क्‍या कार्य कर रही है अनुबंध के अनुसार उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण होगा। (ख) किसानों को मुआवजा भुगतान की कितनी-कितनी राशि कब-कब एस.डी.एम. बरेली तथा गौहरगंज के किस-किस खाते में विभाग ने कब-कब जमा की। किन-किन किसानों को कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया। (ग) किन-किन किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान क्‍यों नहीं किया गया प्रकरणवार कारण बतायें? कब तक राशि का भुगतान होगा? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत ऐसे                                                                          कौन-कौन किसान है जिनकी भूमि पर सड़क निर्माण किया जा रहा है परन्‍तु उनके मुआवजा के प्रकरण क्‍यों नहीं बनाये उनके प्रकरण कब तक तैयार होंगे।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है।

स्‍टेडियम निर्माण कार्य 

[खेल और युवा कल्याण]

9. ( क्र. 1762 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 19 की स्थिति में रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ स्‍टेडियम, मिनी स्‍टेडियम तथा खेल मैदान का निर्माण संचालन विभाग द्वारा किया जा रहा है? उनमें क्‍या-क्‍या गतिविधियां सचांलित है। (ख) किन-किन स्‍थानों पर स्‍टेडियम खेल मैदान निर्माण कराये जाने की योजना है कहाँ-कहाँ भूमि उपलब्‍ध नहीं है? भूमि आवंटन के संबंध में क्‍या-क्‍या प्रयास/कार्यवाही की गई हैं? (ग) वर्ष 2017-18 से जून 2019 तक रायसेन जिले में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्‍त हुई। उक्‍त राशि किन-किन कार्यों में मदों में व्‍यय की गई?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जून 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में नवीन स्टेडियम, मिनी स्टेडियम तथा मैदान का निर्माण किया जाना प्रस्तावित नहीं है। विभाग द्वारा जिले में मात्र रायसेन में स्टेडियम का संचालन किया जा रहा है, जिसमें फुटबाल, हॉकी, बास्केटबाल, लॉनटेनिस, व्हालीबाल, एथेलेटिक्स, कबड्डी, खो-खो एवं ताईक्वांडो की गतिविधियां संचालित है। (ख) रायसेन जिले में विभाग द्वारा वर्तमान में कोई स्टेडियम, खेल मैदान निर्माण कराया जाना प्रस्तावित नहीं है और ना ही स्टेडियम खेल मैदान निर्माण हेतु भूमि आवंटन की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''पचास''

बांध निर्माण में भ्रष्‍टाचार पर कार्यवाही

[जल संसाधन]

10. ( क्र. 1874 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ढाना वीयर प्रोजेक्‍ट ढाना जिला दमोह के नाम से जिस बांध का निर्माण 261 लाख रूपये में किया गया है उसकी जाँच लोकायुक्‍त भोपाल द्वारा की जा रही है। (ख) उक्‍त बांध में भ्रष्‍टाचार-अनियमितता की शिकायत जल संसाधन विभाग दमोह एवं सागर में मार्च, 2018 में की गई थी। उक्‍त शिकायत पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ख) जी हाँ। जिला स्‍तर पर प्राप्‍त शिकायतों का संधारण शासन स्‍तर पर नहीं किया जाता है। शिकायत पर लोकायुक्‍त संगठन भोपाल द्वारा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

सिंचाई परियोजना की स्थिति

[जल संसाधन]

11. ( क्र. 1910 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत कई वर्षों से बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ जलाश्‍य निर्माण की मांग आमजन एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा की जाती रही है? तहसीलवार निर्माण स्‍थल के नाम सहित सूची देवें एवं उक्‍त मांगों पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करावें।                                                                               (ख) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर विगत वर्षों में सिंचाई हेतु जलाशय निर्माण हेतु विभाग द्वारा प्रारंभिक सर्वे कराया गया एवं कराये गये सर्वे में किन-किन योजनाओं को साध्‍य एवं किन-किन योजनाओं को किन कारणों से असाध्‍य पाया गया सूची देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित साध्‍य योजनाओं की वर्तमान स्थिति क्‍या है? इन योजनाओं का क्रियान्‍वयन कहाँ किस कार्यालय में लंबित है, इन योजनाओं के निर्माण की कार्ययोजना कब तक प्रारंभ होगी? (घ) वर्तमान समय में बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से जलाश्‍यों का निर्माण किन-किन निर्माण एजेन्सियों द्वारा कराया जा रहा है? अनुबंध की शर्तों के अनुरूप उपरोक्‍त निर्माण कार्य कितनी लागत से कब तक पूर्ण होने थे प्रश्‍न दिनांक तक निर्माण एजेन्सियों द्वारा कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये गये है तथा शेष निर्माण कार्यों को कितनी लागत से कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा। उपरोक्‍त निर्माण कार्यों की गुणवत्‍ता का निरीक्षण-परीक्षण                                      कब-कब किसके द्वारा किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। तहसीलवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के  प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) परियोजनाओं के विस्‍तृत सर्वे, साध्‍य, असाध्‍य परियोजनाओं तथा वर्तमान स्थिति का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। किसी भी परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति नहीं दिये जाने से निर्माण कार्य प्रारंभ किये जाने की समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (घ) निर्माणाधीन दो जलाशयों का विस्‍तृत विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के                                       प्रपत्र-स अनुसार है।

परिशिष्ट - ''इक्यावन''

नर्मदा नदी के क्षतिग्रस्त हो रहे पुल 

[लोक निर्माण]

12. ( क्र. 2234 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) खण्डवा (मोरट्क्का) एवं खरगोन (खेडीघाट) जिले को जोड़ने वाले नर्मदा नदी के पुल का निर्माण किस सन् में किया गया था? (ख) विभागीय गाइड-लाइन अऩुसार इस पुल को किस दिनांक तक उपयोग के योग्य माना गया है? उक्त अवधि के पश्चात् विभाग द्वारा नये पुल के निर्माण के लिये क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (ग) क्या राजमार्ग के इस पुल पर विगत 1-2 वर्षों से ए.बी. रोड के भारी मालवाहनों का ट्रेफिक डायवर्ट हो गया है? क्या यह पुल क्षमता से अधिक वजनी वाहनों का परिवहन सहन करने में सक्षम है? (घ) यदि नहीं तो क्या विभाग द्वारा परिवहन विभाग को नर्मदा पुल पर भारी वाहनों के अप्रत्याशित आवागमन से आई दरार एवं क्षतिग्रस्त होने की संभावना से अवगत कराया है? यदि नहीं तो क्यों? इस हेतु जिम्मेदार कौन है? (ड.) नर्मदा पुल के अचानक क्षतिग्रस्त होकर मार्ग अवरूद्ध हो जाने की दशा में कौन जिम्मेदार होगा? यात्रियों के लिये वैकल्पिक मार्ग की क्या व्यवस्था होगी? क्या लोक निर्माण विभाग व्यापक जनहित के इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (च) क्या इंदौर एवं बुरहानपुर से ऐसे मालवाहकों को प्रतिबंधित किया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) खण्‍डवा (मोरट्क्‍का) एवं खरगोन (खेडीघाट) जिले को जोड़ने वाले नर्मदा नदी के पुल का निर्माण 1958 में पूर्ण किया गया था। (ख) मेशनरी स्‍टोन आर्च ब्रिज लगभग 80 से 100 वर्ष तक के लिए उपयोगी है। उक्‍त पुल की उपयोगिता अवधि समाप्‍त नहीं हुई है, उक्‍त ब्रिज इन्‍दौर-इच्‍छापुर मार्ग पर स्थित होकर दिनांक 03.04.2018 को राष्‍ट्रीय राजमार्ग 347-बी.जी. घोषित किया गया है एवं भारत सरकार के अधीन एन.एच.ए.आई. द्वारा मार्ग पर यातायात के भारी दबाव को ध्‍यान में रखते हुए फोरलेन में चौड़ीकरण एवं ब्रिज निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। (ग) ए.बी. रोड से ट्रेफिक डायवर्ट होने की जानकारी संज्ञान में नहीं, परन्‍तु वाहनों की आंशिक वृद्धि देखी गई है। वर्तमान स्थिति तक भारी वाहनों से पुल को कोई क्षति नहीं हुई है एवं अच्‍छी स्थिति में है। (घ) नर्मदा नदी मोरट्क्‍का ब्रिज पर भारी यातायात से कोई क्षति नहीं हुई है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) वर्तमान में नर्मदा नदी पर बना मोरट्क्‍का ब्रिज अच्‍छी स्थिति में है, मार्ग अवरूद्ध होने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। जिसके लिए कोई भी जिम्‍मेदार नहीं है। यदि भविष्‍य में ब्रिज अचानक क्षतिग्रस्‍त होता है तो यात्रियों के लिये वैकल्पिक मार्ग की व्‍यवस्‍था नर्मदा नदी पर बना खलघाट ब्रिज एवं मण्‍डलेश्‍वर में बना ब्रिज स्थित है। शेष जानकारी उत्‍तरांश (ख) अनुसार। (च) इन्‍दौर एवं बुरहानपुर से मालवाहकों को प्रतिबंधित किये जाने की कोई योजना नहीं है।

 

महाविद्यालयों में व्‍याख्‍याताओं की कमी

[उच्च शिक्षा]

13. ( क्र. 2247 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के शासकीय महाविद्यालय कन्‍नौद और खातेगांव में विषयवार कितने व्‍याख्‍याताओं के पद स्‍वीकृत हैं एवं इन पदों के विरूद्ध कितने व्‍याख्‍याता कार्यरत है एवं कितने विषय के पद कितने समय से रिक्‍त हैं? (ख) क्‍या रिक्‍त पदों की पूर्ति अतिथि विद्वान के माध्‍यम से पूर्ण की जा रही है? यदि हाँ, तो कितने विषयों को अतिथि विद्वानों से पढ़वाया जा रहा है? विषयवार अतिथि विद्वानों की संख्‍या स्‍पष्‍ट करें। (ग) क्‍या कुछ विषयों में अतिथि विद्वान नहीं मिलने पर अध्‍यापन कार्य प्रभावित हो रहा है जिसके कारण विद्यार्थियों में रोष व्‍याप्‍त है? (घ) क्‍या इस नवीन शिक्षा सत्र में सभी रिक्‍त पदों पर भर्ती सुनिश्चित कर दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) देवास जिले के शासकीय महाविद्यालय, कन्नौद और खातेगांव में विषयवार प्राध्‍यापक/सहायक प्राध्‍यापक के स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, खातेगांव में 07 एवं शासकीय महाविद्यालय, कन्नौद में 07 अतिथि विद्वानों द्वारा अध्यापन कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न कराया जा रहा है। विषयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। रोष व्‍याप्‍त के संदर्भ में कोई जानकारी संज्ञान में नहीं है, यद्यपि कुछ विषयों में नियमित शिक्षक के सेवानिवृत्‍त होने, विषय में कार्यभार न होने, स्थाई प्राध्यापकों के स्थानांतरण एवं नियुक्‍त किये गये अतिथि विद्वान का पटवारी में चयन होने के कारण सत्रांत के पूर्व अतिथि विद्वान आमंत्रित नहीं किये जा सके हैं। (घ) सहायक प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''बावन''

मां तुझे प्रणाम योजना के संबंध में 

[खेल और युवा कल्याण]

14. ( क्र. 2248 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं में राष्‍ट्र प्रेम की भावना का संचार करने के उद्देश्‍य से ''मां तुझे प्रणाम योजना'' प्रारंभ की गई थी जिसके अंतर्गत छात्र-छात्राओं को राष्‍ट्रीय महत्‍व के स्‍थानों जैसे अटारी बार्डर, अंडमान सेलुलर जेल की सैर कराई जाती थी? (ख) क्‍या इस वित्‍तीय वर्ष में भी म.प्र. सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत युवाओं को किसी स्‍थान की सैर कराने की योजना है एवं क्‍या सरकार इस योजना का बजट बढ़ाकर और अधिक संख्‍या में प्रदेश के युवाओं को सीमाओं पर भेजना चाहती है? (ग) क्‍या विभाग भविष्‍य में प्रदेश के युवाओं को सैन्‍य बलों में भर्ती के प्रोत्‍साहन के लिये सैन्‍य छावनियों का भ्रमण कराने की किसी योजना पर विचार कर रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या इस बार के विभागीय बजट में एवं वार्षिक कार्ययोजना में इसके लिये प्रावधान किया जावेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

संस्‍थावार कराए गये कार्यों की सूची

[जल संसाधन]

15. ( क्र. 2272 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जिले के विधान सभा क्षेत्र 14 में कितने जल उपभोक्‍ता समितियां निर्वाचित है? संस्‍था का नाम सहित बतावें? (ख) इन संस्‍थाओं के द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य कराए जा सकते हैं?                                               (ग) संस्‍थावार कराए गए कार्यों की नाम सहित सूची/कार्यवार व्‍यय राशि सहित विवरण देवें?                                                    (घ) 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक संस्‍था को शासन द्वारा निर्माण कार्य हेतु कितना-कितना आवंटन प्राप्‍त हुआ? आय-व्‍यय का विवरण संस्‍थावार देवें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) (ग) एवं (घ) कुल 13 निर्वाचित संथाएं हैं। संथावार कार्यों का, आवंटन एवं व्‍यय का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।                                                                       (ख) वाटरकोर्स का निर्माण, जल संचालन एवं संधारण कार्य।

सिंधु नदी पर टेहनगुर-हिलुवा मार्ग पर पुल निर्माण

[लोक निर्माण]

16. ( क्र. 2305 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                        (क) भिण्‍ड जिले में सिंधु नदी पर टेहनगुर-हिलुवा मार्ग पर पुल निर्माण की स्‍वीकृति दी गई हैं? यदि हाँ, तो कब एवं पुल निर्माण हेतु कितनी राशि स्‍वीकृत की गई? (ख) क्‍या पुल निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो कब तक निविदा आमंत्रित की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। दिनांक 20.04.2018 को एवं राशि रूपये 2701.06 लाख। (ख) जी हाँ। प्रथम बार दिनांक 16.05.2018 (अधिक दर होने से निरस्‍त की गई) द्वितीय बार दिनांक 19.10.2018 (विधान सभा चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू होने से कार्यवाही निरस्‍त की गई) पुन: निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रिया में है।

स्‍वामित्‍व की भूमि पर पुलिस थाना भवन निर्माण

[जल संसाधन]

17. ( क्र. 2476 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बीजनवाडा तहसील पिपरिया जिला होशंगाबाद में स्थित मूल खसरा नं. 20 जल संसाधन विभाग के स्वामित्व की भूमि है? (ख) क्या विभाग द्वारा उक्त‍ भूमि का हस्तांतरण अन्य विभाग/पुलिस विभाग को नहीं किया गया है? (ग) क्या विभाग के स्वामित्व की भूमि पर बगैर सहमति/हस्तांतरण के पुलिस थाना स्टेशन रोड पिपरिया के भवन निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ है? क्या इस सबंध में विभाग द्वारा कोई आपत्ति दर्ज कराई है? यदि हाँ, तो क्‍या?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। न्‍यायालय आयुक्‍त, नर्मदा पुरम संभाग, होशंगाबाद में दिनांक 17.06.2019 को अपील प्रस्‍तुत की गई है।

स्‍वीकृत मार्ग की कार्ययोजना

[लोक निर्माण]

18. ( क्र. 2527 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्‍या रीवा जिले में लो.नि.वि. की रजहा-अकौरी-मौहरिया मार्ग लम्‍बाई 4.00 कि.मी. का कार्ययोजना मद अंतर्गत मांग संख्‍या 24.5054 में स्‍वीकृत है परन्‍तु कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण कलेक्‍टर रीवा से शिकायत करने पर अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग मण्‍डल रीवा को जाँच का आदेश दिया गया, जिसकी जाँच की जाकर निरीक्षण टीप पृष्‍ठ क्रमांक 894/कार्य./2017 रीवा, दिनांक 12.06.2017 प्रमुख अभियंता, मुख्‍य अभियंता, कलेक्‍टर रीवा, कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण को प्रेषित की गयी? निरीक्षण टीप की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या उक्‍त वर्णित निरीक्षण टीप में अधीक्षण यंत्री द्वारा प्रतिवेदित किया गया ABCD का रेखण श्‍मशान भूमि, देव स्‍थान एवं जल भराव के कारण ABCD के अंतिम छोर में 300 मीटर परिवर्तित कर अंतिम छोर के रेखण को पूर्व की छोर P.Q.R. Alignment पर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया, जिसके आधार पर कलेक्‍टर रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 495/भू-अर्जन/2017 रीवा, दिनांक 30.08.2017 द्वारा धारा 11 (संशोधित) पुनर्वास और पुन: व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के तहत प्रकाशन किया गया। तत्‍पश्‍चात 22.01.2018 को उक्‍त अधिनियम की धारा 19 के तहत भी प्रकाशन कर दिया गया और जमीनों का अधिग्रहण कर लिया गया परन्‍तु जानबूझकर मुआवजा का‍ वितरण नहीं किया गया? क्‍योंकि विभाग द्वारा ही सड़क निर्माण न हो इसका प्रयास किया जा रहा है। (ग) उक्‍त प्रश्‍नांकित सड़क का निर्माण कार्य कब तक शुरू कर दिया जायेगा और ग्रामवासियों को आवागमन की सुविधा उपलब्‍ध करा दी जायेगी तथा जिन अधिकारियों द्वारा उक्‍त मार्ग के निर्माण को रोकने के लिए अपने अधिकार का दुरूपयोग किया गया है उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। निरीक्षण टीप की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में दिनांक 22.01.2018 द्वारा सूचना प्रसारण विभाग भोपाल को प्रकाशन हेतु भेजा गया है। धारा-19 की कार्यवाही कलेक्‍टर रीवा एवं उप सचिव म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग के स्‍तर पर प्रचलन में होने के उपरांत वर्तमान में भूमि अधिग्रहण का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। अवार्ड पारित नहीं होने से, मुआवजा भुगतान का अभी प्रश्‍न नहीं उठता। जी नहीं। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में, भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण होने के पश्‍चात् एवं परिवर्तित एकरेखण की आवश्‍यक स्‍वीकृति शासन से प्राप्‍त होने के पश्‍चात् कार्य प्रारंभ हो सकेगा। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तिरेपन''

महाविद्यालयीन आवश्‍यकताओं के संबंध में

[उच्च शिक्षा]

19. ( क्र. 2565 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय भगत सिंह स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय जावरा, शासकीय महाविद्यालय कालूखेड़ा एवं शासकीय महाविद्यालय पिपलौदा में वर्तमान में कितने छात्र-छात्राओं ने प्रश्‍न दिनांक तक प्रवेश लिया? (ख) उक्‍त महाविद्यालयों के शैक्षणिक एवं अन्‍य कार्यों को भी किये जाने हेतु कौन-कौन से कितने पद स्‍वीकृत होकर स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पदस्‍थ हैं एवं कितने पद रिक्‍त पड़े हैं? (ग) महाविद्यालय जावरा की खुली पड़ी भूमि हेतु बाउण्‍ड्रीवाल, कालूखेडा महाविद्यालय हेतु बाउण्‍ड्रीवाल एवं पहुंच मार्ग तथा पिपलौदा महाविद्यालय हेतु भवन की आवश्‍यकता हेतु शासन/विभाग द्वारा क्‍या किया जा रहा है? (घ) वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 के अंतर्गत उक्‍त महाविद्यालयों में प्रतिभा किरण योजना, गांव की बेटी योजना एवं स्‍मार्टफोन दिये जाने की योजनाओं के माध्‍यम से कितने छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया अथवा किया जा रहा हैं? महाविद्यालयवार जानकारी प्रदान करें?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                                       (ग) शासकीय भगत सिंह स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय, जावरा की बाउण्ड्रीवाल एवं शासकीय महाविद्यालय, कालूखेडा की बाउण्ड्रीवाल, पहुंचमार्ग के संबंध में संबंधित महाविद्यालयों द्वारा निर्माण एजेन्सी से प्राक्‍कलन प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। प्राक्‍कलन के साथ पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर उपलब्ध बजट अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शासकीय महाविद्यालय, पिपलौदा के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समयावधि बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार

विभागीय कार्यों के संबंध में

[जल संसाधन]

20. ( क्र. 2566 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रतलाम जिला अन्‍तर्गत विभाग के अनेक सिंचाई तालाब एवं डेम आते हैं तथा उनके माध्‍यम से सिंचाई का कार्य संपादित किया जाता है, साथ ही कई स्‍थानों पर नहरों के माध्‍यम से भी सिंचाई कार्य किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अन्‍तर्गत ब्‍लॉकवार, तहसीलवार किस-किस प्रकार के तालाब एवं छोटे-बड़े डेम आते हैं? जो विभाग के अधीन होकर अथवा नहर स‍मि‍तियों के माध्‍यम से भी उनका संचालन किया जाता है? (ग) साथ ही इनके संरक्षण एवं संधारण हेतु मरम्‍मत से लेकर अन्‍य प्रकार के भी कार्य किये जाते हैं तो वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष                               2018-19 की अवधि तक उक्‍त स्‍थानों पर क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? (घ) उपरोक्‍त वर्षों में आवश्‍यकतानुसार डेम, ताला‍ब एवं नहरों की मरम्‍मत इत्‍यादि अन्‍य कार्यों हेतु वर्षवार कितनी-कितनी बजट राशि प्राप्‍त होकर प्राप्‍त राशि से क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? व्‍यय सहित कार्यवार, स्‍थानवार बताएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) 01 मध्‍यम तथा 103 लघु, कुल 104 सिंचाई परियोजनाएं हैं। परियोजनाओं से संबंधित प्रश्‍नाधीन विस्‍तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 तथा अनुसार है।

सागर जिले को आवंटित राशि 

[लोक निर्माण]

21. ( क्र. 2839 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा जनवरी, 2019 से अभी तक सागर जिले को कितना-कितना वित्तीय आवंटन, किन-किन मदों में उपलब्ध कराया गया? (ख) प्राप्त आवंटन से जिले में कौन-कौन से पूर्व निर्माणाधीन एवं कौन-कौन से नवीन निर्माण कार्य कराये जाना थे? वर्तमान में इन कार्यों की क्या स्थिति है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है।

सागर जिले को आवंटित राशि एवं कराये गए कार्य

[जल संसाधन]

22. ( क्र. 2841 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) विभाग द्वारा जनवरी 2019 से अभी तक सागर जिले को कितना-कितना वित्तीय आवंटन, किन-किन मदों में उपलब्ध कराया गया? (ख) प्राप्त आवंटन को जिले में कौन-कौन से पूर्व निर्माणाधीन, कौन-कौन से नवीन निर्माण कार्यों एवं सर्वे परीक्षण इत्यादि में कितना-कितना व्यय किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जनवरी 2019 से सर्वेक्षण मद में रूपये 09.90 लाख निर्माण मद में रूपये 11, 498.95 लाख तथा अनुरक्षण मद में रूपये 07.00 लाख वित्‍तीय आवंटन उपलब्‍ध कराया गया। (ख) आवंटन के विरूद्ध किये गये व्‍यय का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चउवन''

विद्युत शुल्क की बकाया राशि

[ऊर्जा]

23. ( क्र. 2889 ) श्री मनोज चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) संचालन-संधारण संभाग रतलाम में 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2019 तक की स्थिति में विद्युत देयकों के विरूद्ध कितना नगद राजस्‍व संग्रहण किया गया? (ख) संचालन-संधारण संभाग रतलाम में 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2019 तक की स्थिति में औद्योगिक एवं व्‍यवसायिक (गैर घरेलू) श्रेणी के उपभोक्‍ताओं को माहवार कितने विद्युत देयक कितनी राशि हेतु जारी किये गये इनमें से कितने विद्युत देयक संशोधित किये गये तथा संशोधन उपरान्‍त विद्युत देयकों में कितनी राशि की कमी हुई? संशोधन राशि से विद्युत कंपनी को कितनी राशि की हानि हुई? (ग) क्या संशोधित किए गए वि़द्युत देयकों हेतु राज्‍य शासन से अनुमति प्राप्‍त कर ली गई थी या नहीं? क्‍या संशोधित किए गए देयकों का सक्षम अधिकारी द्वारा परीक्षण किया गया था? ऐसे कितने उपभोक्‍ता हैं जिनके देयक संशोधित किये गये एवं शेष राशि की वसूली के लिए विद्युत कंपनी के अधिकारियों द्वारा क्‍या प्रयास किए गए? (घ) संचालन-संधारण संभाग रतलाम में 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2019 तक की स्थिति में क्‍या ऐसे प्रकरण भी मौजूद हैं जिनमें आर.आर.सी. दायर करने के पश्‍चात् भी संशोधन हुआ? यदि हाँ, तो कारण सहित विवरण देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) संचालन-संधारण संभाग रतलाम में 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2019 तक की स्थिति में विद्युत देयकों के विरूद्ध नगद राजस्‍व संग्रहण की राशि                                               रु.23075.16 लाख है। (ख) संचालन-संधारण संभाग रतलाम में 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2019 तक की स्थिति में औद्योगिक एवं व्‍यवसायिक (गैर घरेलू) श्रेणी के निम्‍नदाब उपभोक्‍ताओं को माहवार कुल 136158 (गैर घरेलू 114682 एवं औद्योगिक 21476) विद्युत देयक राशि रु. 3273.42 लाख (गैर घरेलू राशि रु. 2035.22 लाख एवं औद्योगिक राशि रु. 1238.20) के जारी किए गए, इनमें से 271 विद्युत देयकों जिनकी देय राशि रु. 52.42 लाख थी उन्हें संशोधित कर राशि रु. 27.81 लाख की गई। इस तरह कुल राशि रु. 24.61 लाख की कमी विद्युत देयकों में हुई। विद्युत देयकों में किए गए संशोधन नियमानुसार होने से पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को राजस्व हानि नहीं हुई। विद्युत बिल संशोधन की संख्या एवं उनकी राशि का माहवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार है। इसी अवधि में संचालन-संधारण संभाग रतलाम में उच्चदाब उपभोक्ताओं के औद्योगिक एवं व्यवसायिक (गैर घरेलू) श्रेणी के उपभोक्‍ताओं को माहवार कुल 599 विद्युत देयक राशि रु. 9774.82 लाख के जारी किए गए जिनकी संख्या एवं उनकी राशि का माहवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार है। उपरोक्त जारी किए गए देयकों में से कोई भी देयक संशोधित नहीं किया गया, अतः पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को किसी प्रकार की राजस्व राशि की हानि नहीं हुई। (ग) नियमानुसार आवश्‍यक नहीं होने से विद्युत देयकों में संशोधन हेतु राज्‍य शासन से अनुमति प्राप्‍त नहीं की गई। मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2013 के अध्याय 9 की कंडिका 9.11 (स) (छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार) जो कि विवादित/त्रुटिपूर्ण देयकों के संशोधन के संबंध में है, के अनुसार अनुज्ञप्तिधारी द्वारा उपभोक्ता को जाँच उपरान्त पुनरीक्षित देयक जारी करने तथा उपभोक्ता द्वारा भुगतान की गई अधिक राशि यदि कोई हो तो उसका समायोजन अनुज्ञप्तिधारी द्वारा अनुवर्ती देयकों में किये जाने का प्रावधान है एवं तद्नुसार कार्यवाही की गई है। जी हाँ, उक्‍त विद्युत बिलों में संशोधन के प्रकरणों का सक्षम अधिकारी द्वारा परीक्षण किया गया है। 271 विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत देयकों को संशोधित किया गया एवं समस्त 271 विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा संशोधित की गई राशि का भुगतान कर दिया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) संचालन-संधारण संभाग रतलाम में 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2019 तक की स्थिति में निम्नदाब उपभोक्ताओं का ऐसा कोई प्रकरण नहीं हैं जिनमें आर.आर.सी. दायर करने के पश्‍चात भी संशोधन हुआ हो। उच्चदाब उपभोक्ताओं के एक प्रकरण में मेसर्स बोरदिया केमिकल उच्चदाब उपभोक्ता ग्राम बिबडोद जिला रतलाम के संदर्भ में जारी की गई आर.आर.सी. की राशि में सक्षम अधिकारी, अतिरिक्‍त मुख्य अभियंता (वाणिज्य) इंदौर द्वारा प्रदान की गई अनुमति उपरांत स्थाई विच्छेदित उक्‍त उपभोक्ता हेतु विशेष योजना वर्ष 2016-17 के अंतर्गत लाभ दिया गया। मेसर्स बोरदिया केमिकल पर कुल बकाया राशि रु. 632666/- में से राशि रु. 241280/- का लाभ दिया जाकर राशि रु. 391386/- जमा करवाये गए।

 

पहुंच मार्ग का निर्माण 

[लोक निर्माण]

24. ( क्र. 2924 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत बैकुण्ठपुर से शाहपुर क्योंटी पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य विभाग द्वारा कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य हेतु विभाग द्वारा क्या अवधि निर्धारित की गई है? (ख) क्या कारण है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग का निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है? निर्माण कार्य की गुणवत्ता हेतु विभाग द्वारा क्या मानक तय किये गये हैं?                              (ग) उक्त महत्वपूर्ण मार्ग का निर्माण कब तक पूर्ण कराया जा सकेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

फीडर सेपरेशन का कार्य 

[ऊर्जा]

25. ( क्र. 2925 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के बैकुण्ठपुर सब स्टेशन अंतर्गत फीडर सेपरेशन का कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने फीडरों में अभी तक फीडर सेपरेशन का कार्य अधूरा है? अधूरे फीडर सेपरेशन के कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जा सकेगा? (ख) क्‍या बैकुण्ठपुर सब स्टेशन के अंतर्गत अभी तक जो विद्युतीकरण कार्य कराया जा चुका है वह गुणवत्ताविहीन है, कई विद्युत खंभे झुक गए हैं तथा तार खेतों में झूल रहे हैं जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है। यदि हाँ, तो क्या गुणवत्ताविहीन फीडर सेपरेशन के कार्य में संलग्न ठेकेदार एवं जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ग) कब तक ऐसे खराब कार्यों को सुधारा जा सकेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) रीवा जिले के बैकुण्ठपुर सबस्टेशन अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण के कार्य के तहत समस्त 4 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान में प्रश्नाधीन फीडर विभक्तिकरण का कोई भी कार्य अधूरा/शेष नहीं है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नाधीन कार्य सहित फीडर विभक्तिकरण के कार्य की गुणवत्ता सुनिश्‍चित करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट कन्सलटेन्ट की नियुक्ति की गई है, जो कि कार्य की मॉनीटरिंग, गुणवत्ता की जाँच तथा कार्यों का सुपरवीजन करते हैं। इसके अलावा कार्यों के सतत् रूप से सुपरवीजन के लिए वितरण कंपनी द्वारा पृथक से नोडल अधिकारी को पदस्थ किया गया है। उक्त प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट एजेंसी एवं नोडल अधिकारी वितरण कंपनी के संबंधित अधीक्षण अभियंता (संचालन/संधारण) जो कि इस योजना के कार्यकारी अधिकारी है, के निर्देशन में कार्यों को निष्पादित कराते हैं। कार्य के दौरान अथवा निरीक्षण के समय कार्य की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी/त्रुटि पाये जाने पर आवश्यक सुधार कार्य करवाकर उसका निराकरण सुनिश्‍चित किया गया है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं कार्य/निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों/ त्रुटियों के निराकरण के लिये आवश्यक कार्यवाही की गई है, तथापि प्रकरण विशेष संज्ञान में लाए जाने पर तत्काल आवश्यक सुधार कार्य किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।

विद्युत विभाग में सामग्री की गुणवत्ता की जांच

[ऊर्जा]

26. ( क्र. 2944 ) श्री राहुल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2017-18 से 30.05.19 तक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा ट्रांसफार्मर, केबिल (तार) बिजली के खंबे (सीमेंट) किस-किस कंपनी से किस दर से क्रय किये जाते है? क्रय की गई सामग्री की गुणवत्‍ता के क्‍या मानक हैं? किन अधिकारियों के द्वारा क्रय की गई सामग्री की गुणवत्‍ता की जाँच की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्रय की गई सामग्री अमानक होने के बाद भी यदि उपयोग की जाती है तो संबंधित सप्लायर/अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के सबंध में कोई नियम या कानून है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में दमोह जिले में विद्युत वितरण कंपनी में बिजली विभाग एवं ठेकेदारों के द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार सामग्री का उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो सामग्री किस-किस योजना में लगाई गई एवं योजना में कार्यरत ठेकेदारों की सूची नाम, पता सहित उपलब्‍ध करायें? (घ) क्या दमोह जिले में भी विद्युत विभाग में ठेकेदारों के द्वारा अमानक स्तर के ट्रांसफार्मर, केबिल एवं सीमेंट के पोल लगाये जा रहे है? यदि हाँ, तो उक्त ठेकदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराये। नहीं तो क्यों? क्या संबंधित दोषी ठेकेदारों/अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 से 30.05.2019 तक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा क्रय किये गये ट्रांसफार्मर, केबिल (तार) तथा बिजली के खंबे (सीमेंट) की प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार है। उक्त सामग्रियों का क्रय भारतीय मानक संस्थान द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया जाता है। उक्त क्रय की गई सामग्रियों के मानकों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार है। गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु सामग्री की निर्माणकर्ता फर्म के परिसर में ही वितरण कंपनी के अधिकारियों/थर्ड पार्टी एजेन्सी द्वारा प्री-डिलेवरी इंस्‍पेक्‍शन कराया जाता है, जिसके अंतर्गत निविदा की शर्तों के अनुसार सामग्री का परीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त सामग्री क्षेत्रीय भण्डार गृह में प्राप्त होने उपरांत रेण्डम सैंपलिंग कर इसका परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला से कराया जाता है तथा परीक्षण में भारतीय मानकों के अनुसार उचित गुणवत्‍ता पाए जाने पर ही सामग्री स्वीकार कर, उपयोग में लाई जाती है। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार विभिन्‍न स्‍तरों पर किये गये परीक्षण के उपरांत निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए जाने पर ही वितरण कंपनियों द्वारा सामग्री क्रय कर उपयोग में लाई जाती है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन अवधि में दमोह जिले में प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित सामग्री का सौभाग्‍य योजना, दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना, मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पंप कनेक्‍शन योजना एवं प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्यों में उपयोग किया गया है। उक्‍त योजनाओं के अन्‍तर्गत दमोह जिले में कार्यरत ठेकेदारों के नाम एवं पता सहित प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (घ) जी नहीं। अतः प्रश्‍न नहीं उठता।

शासकीय महाविद्यालयों में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[उच्च शिक्षा]

27. ( क्र. 3018 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालयों में रिक्‍त पदों हेतु विगत 5 वर्ष में मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षा आयोजित की गई थी यदि हाँ, तो किन-किन पदों हेतु परीक्षा आयोजित की गई थी? (ख) क्‍या आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा का परिणाम उच्‍च शिक्षा विभाग को सौंप दिया गया है तथा विभाग द्वारा चयनित उम्‍मीदवारों की पदस्‍थापना हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) वर्तमान में महाविद्यालयों में व्‍याख्‍याता ग्रंथपाल एवं क्रीड़ा अधिकारी के कितने पद रिक्‍त हैं? पदवार, रोस्‍टर सहित जानकारी देवें। (घ) महाविद्यालयों में व्‍याख्‍याता, ग्रंथपाल, क्रीड़ा अधिकारियों के रिक्‍त पदों पर म.प्र.लो.से.आयोग से चयनित उम्‍मीदवारों की नियुक्ति कब तक की जावेगी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। लोक सेवा आयोग के माध्यम से सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल एवं क्रीड़ा अधिकारियों के लिए परीक्षा आयोजित की गई। (ख) जी हाँ। लोक सेवा आयोग से चयनित उम्मीदवारों की पदस्थापना हेतु उनके दस्तावेजों के सत्यापन संबंधी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ग्रंथपाल एवं क्रीड़ा अधिकारियों की पदस्थापना संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। व्याख्याता श्रेणी का पद सिर्फ संस्कृत महाविद्यालय में है जो अराजपत्रित श्रेणी का पद है, इस पद पर लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्ति नहीं की जाती।

परिशिष्ट - ''पचपन''

मान्यता के बिना लॉ कालेज का संचालन

[उच्च शिक्षा]

28. ( क्र. 3090 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधि उपाधि के पाठ्यक्रम संचालित करने हेतु बार कौंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता होना आवश्यक है? (ख) क्या सिवनी जिले के ग्लोबल लॉ कालेज को बार कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता नहीं दी गयी है? यदि हाँ, तो उक्त कालेज किस आधार पर विधि पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है? (ग) बार कौंसिल ऑफ इंडिया कि मान्यता न होने के बाबजूद रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर द्वारा उक्त महाविद्यालय के छात्रों को विधि पाठ्यक्रम की परीक्षाओं में सम्मिलित क्यों कराया जा रहा है? (घ) विगत 5 वर्षों में, रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर द्वारा उक्त लॉ कालेज के कितने छात्र नामांकित किये गये? वर्षवार सूची देवें तथा उन छात्रों को प्रदान की गयी अंकसूचियों/उपाधियों की वैधानिकता स्पष्ट करें?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। बार कौंसिल से समय-सीमा में मान्यता प्राप्त करने के संस्था के शपथ पत्र के आधार पर विश्‍वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त कर महाविद्यालय विधि पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। (ग) शपथ पत्र के आधार पर विश्‍वविद्यालय द्वारा दी गयी संबद्धता से प्रवेशित छात्रों को विश्‍वविद्यालय द्वारा परीक्षाओं में सम्मिलित किया जाता है। इस संबंध में कुलसचिव, रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय, जबलपुर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जा रहा है। (घ) सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया से प्राप्त निर्देशानुसार कार्यवाही की जावेगी।

तकनीकी कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान की स्‍वीकृति 

[उच्च शिक्षा]

29. ( क्र. 3094 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय में तकनीकी कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु शासन द्वारा स्वीकृति दी गयी है? (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन की स्वीकृति के बिना रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय के तकनीकी कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान दिया जा सकता है? यदि नहीं तो उक्त विश्‍वविद्यालय के द्वारा किस आधार पर तकनीकी कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान दिया जा रहा है? (ग) मध्यप्रदेश शासन की अनुमति के बिना रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय के तकनीकी कर्मचारियों को उच्चतर वेतनमान देने में व्यय हुई राशि का वर्षवार विवरण देवें? क्या उक्त राशि वसूल की जावेगी? (घ) उक्त संदर्भ में क्या शासन को कोई शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गयी?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। विश्‍वविद्यालय के कार्यपरिषद द्वारा गठित समिति की अनुशंसा पर विश्‍वविद्यालय प्रशासन के स्वयं के निर्णय अनुसार। (ग) वर्षवार विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है, प्रकरण के परीक्षण हेतु अतिक्ति संचालक, उच्च शिक्षा सागर संभाग की अध्यक्षता में 05 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति के जाँच प्रतिवेदन एवं अनुशंसा अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। शिकायत की जाँच हेतु समिति गठित की गई है जिसका जाँच प्रतिवेदन अभी प्राप्त नहीं हुआ है।

परिशिष्ट - ''छप्पन''

नर्मदा-सुनार लिंक परियोजना 

[जल संसाधन]

30. ( क्र. 3109 ) श्री राहुल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                      (क) म.प्र.के बुन्देलखण्ड के भीषण जल संकट को देखते हुये भारत सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा विशेष संज्ञान में लेते हुये नर्मदा-सुनार नदी को आपस में लिंक करने के लिये म.प्र.के जल संसाधन विभाग से इस परियोजना पर विस्तृत अध्ययन करते हुये डी.पी.आर. तैयार करने के विशेष निर्देश दिये गये थे क्या म.प्र.शासन के जल ससांधन विभाग द्वारा डी.पी.आर. तैयार कर लिया गया है (ख) वर्तमान में म.प्र. में जल संकट और सूखे की स्थिति को देखते हुये इन्दौर में नर्मदा का जल 70 कि.मी. दूर से टनल के माध्यम से लाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर भोपाल में नर्मदा का जल 65 कि.मी. की दूरी से लाया जाकर परियोजना पर काम किया जा रहा है प्रधानमंत्री कार्यालय के मंशानुसार म.प्र. के दमोह लोकसभा क्षेत्र के सुनार नदी में नर्मदा का जल लिंक करने के लिये कोपरा से सुनार नदी मात्र 30 कि.मी. की दूरी तय करके इस परियोजना को सफल बनाया जाना था उक्त परियोजना पर आज दिनांक तक कितनी प्रगति हुई है इस परियोजना से जुड़े समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधन पूर्व में स्‍वीकृत परियोजनाओं के निर्माण हेतु अबद्ध होने के कारण प्रश्‍नाधीन परियोजनाओं पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही की स्थिति नहीं है।

रोड की गुणवत्‍ता के जाँच एवं पेमेंट का भुगतान

[लोक निर्माण]

31. ( क्र. 3139 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या M.P.R.D.C. द्वारा नीमच-रामपुरा रोड पर मनासा मजेजी पंप से गायत्री मंदिर रामपुरा रोड तक चल रहे निर्माण की गुणवत्ता बहुत घटिया है? (ख) क्‍या निर्माण की जाँच किसी थर्ड पार्टी          (स्वतंत्र एजेंसी) से करवाई जाएगी? जाँच की निष्पक्ष रिपोर्ट आने तक क्‍या ठेकेदार का पेमेंट रुकवाया जाएगा।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) पूर्व से ही थर्ड पार्टी अर्थात सुपरवीजन क्‍वालिटी कंट्रोल कंसलटेंट के द्वारा जाँच की जा रही है। अत: आवश्‍यकता नहीं है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍वीकृत एवं निर्माण कार्य की जानकारी

[लोक निर्माण]

32. ( क्र. 3140 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि मनासा विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के वर्तमान में चल रहे निर्माण के सम्बन्ध में स्वीकृत कार्य और निर्माण के समस्त जानकारी उपलब्ध कराई जावे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।

विद्युत व्‍यवस्‍था में सुधार

[ऊर्जा]

33. ( क्र. 3174 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                             (क) जबलपुर शहर क्षेत्रांतर्गत आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना के अंतर्गत विद्युत व्‍यवस्‍था में सुधार की क्‍या योजना बनाई? इसके तहत कितने किलो मीटर 11 के.व्‍ही. लाईन डालने, कितने वितरण ट्रांसफार्मर बदलने व कितने वितरण ट्रांसफार्मर लगाने का ठेका किस-किस एजेन्‍सी/कंपनी को कब, कितनी अवधि के लिये कितनी राशि में किन शर्तों पर दिया है? (ख) प्रश्‍नांकित योजना के तहत किस-किस एजेन्‍सी/कंपनी ने निर्धारित समयावधि के तहत प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं एवं कितने कार्य शेष हैं, कारण बतायें? दोषी एजेन्‍सी/कंपनी पर कब क्‍या कार्यवाही की गई? उक्‍त कार्य पूर्ण करने में कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कब किया गया?                                                   (ग) प्रश्‍नांश (ख) में कराये गये कार्यों की गुणवत्‍ता की जाँच किसने की है एवं कार्यों में क्‍या-क्‍या शिकायतें/अनियमितताएं पायी गई और तत्‍संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? बतलावें। क्‍या विद्युत कंपनी इसकी जाँच कराकर दोषी एजेन्‍सी व अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जबलपुर शहर सहित प्रदेश के चिन्हित शहरों में आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजनान्‍तर्गत सूचना प्रौद्योगिकी/कम्‍प्‍यूटर से संबधित कार्य यथा-बिलिंग सिस्‍टम का कम्‍प्‍यूटरीकरण, स्‍काडा के अंतर्गत 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्रों का केन्‍द्रीयकृत कंट्रोल सेंटर से संचालन एवं वितरण प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्यों की योजना बनाई गई थी जिसका उद्देश्‍य उपभोक्‍ताओं को गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराने हेतु प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य करते हुए वितरण हानियों में कमी लाना एवं उपभोक्‍ता सेवाओं में सुधार/विस्‍तार किया जाना था। उक्त योजनांतर्गत जबलपुर शहर में प्रस्तावित 11 के.व्ही. लाईनों के निर्माण, वितरण ट्रांसफॉर्मरों को बदलने एवं नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित करने के कार्य हेतु जारी किये गये ठेके से संबंधित प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार है। उक्‍त ठेके/ कार्यादेश की शर्तें पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित योजना में विभिन्‍न क्रियान्‍वयन एजेंसियों द्वारा किये गये कार्य की अवार्ड अनुसार निर्धारित अवधि, विलंब हेतु की गई कार्यवाही एवं कार्यपूर्णता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'’ अनुसार है। वर्तमान में उक्‍त कार्यादेश एवं योजना में उपलब्‍ध वित्‍तीय प्रावधानों के अनुसार शेष समस्‍त कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। विलंब हेतु दोषी क्रियान्‍वयन एजेंसी के विरूद्ध की गई कार्यवाही एवं उक्‍त कार्यों हेतु वर्ष 2011 से प्रश्‍न दिनांक तक किये गये भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कराये गये कार्यों के गुणवत्ता की नियमित जाँच वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर की गई हैं। योजनान्‍तर्गत कार्यों की गुणवत्‍ता में कमी होने तथा किये गये कार्यों में अनियमितता होने जैसी कोई शिकायत नहीं पाई गई है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

सरकारी भवनों में सोलर पैनल लगवाना

[खेल और युवा कल्याण]

34. ( क्र. 3175 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने प्रदेश में बिजली की खपत को कम करने व सरकारी भवनों में सोलर पैनल लगाने बाबत् क्‍या योजना बनाई है एवं इस संबंध में शासन ने कब क्‍या निर्देश जारी किये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रदेश शासन ने रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर को सौर ऊर्जा हेतु सोलर पैनल लगाने के लिए कब, कितनी राशि आवंटित की है? मूल योजना क्‍या है? इसके लिए विश्‍वविद्यालय के लिए किन-किन भवनों में सोलर पैनल लगाये जाने हैं? इस संबंध में विश्‍वविद्यालय प्रशासन ने कब, क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांकित विश्‍वविद्यालय जबलपुर में माहवार बिजली की औसत खपत कितनी है एवं बिजली बिल की कितनी राशि का भुगतान किया जाता है? सोलर पैनल के लगने से विश्‍वविद्यालय को माहवार कितनी राशि की बचत होगी? वर्ष 2017-18 से 2018-19 मार्च 19 तक माहवार भुगतान की गई बिजली बिल की राशि की जानकारी दें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

हॉकी के लिये टर्फ मैदान की जानकारी

[खेल और युवा कल्याण]

35. ( क्र. 3199 ) श्री अजय विश्नोई : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन शहरों में विगत 5 वर्षों में हॉकी के टर्फ मैदानों का निर्माण किया है? प्रत्‍येक की अलग-अलग लागत बतलायें तथा किस मैदान को खिलाड़ियों के खेलने के लिये उपलब्‍ध करा दिया गया और कौन सा मैदान अब तक खिलाड़ियों को खेलने हेतु उपलब्‍ध नहीं कराया गया है और क्‍यों? (ख) क्‍या विभाग यह जानता है कि टर्फ मैदान के मेन्‍टीनेंस के लिये साफ पानी का छिड़काव जरूरी है? यदि हाँ, तो साफ पानी के छिड़काव की व्‍यवस्‍था कहाँ-कहाँ की गयी है यदि नहीं हुई है तो क्‍यों नहीं हुई है और इससे मैदान को होने वाले नुकसान का जवाबदार कौन होगा? (ग) क्‍या दमोह में पानी की कमी के कारण टर्फ मैदान के जल जाने और क्षतिग्रस्‍त होने की संभावना बन गयी है? (घ) क्‍या जबलपुर में टर्फ मैदान की सिंचाई के लिये गंदे पानी का उपयोग हो रहा है जिससे खिलाड़ियों के बीमार होने की संभावना बन गयी है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) खेल विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में जबलपुर, होशंगाबाद, शिवपुरी, मंदसौर, ग्वालियर एवं दमोह में हॉकी टर्फ मैदानों का निर्माण किया गया है, प्रत्येक की अलग-अलग अनुमोदित लागत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी टर्फ मैदानों को खिलाड़ियों हेतु खेलने के लिये उपलब्ध करा दिया गया है। (ख) जी हाँ, सभी हॉकी टर्फ मैदानों पर साफ पानी के छिड़काव की व्यवस्था कर दी गई है। (ग) जी नहीं, हॉकी टर्फ मैदान में पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। (घ) जी नहीं, टर्फ मैदान की सिंचाई हेतु साफ पानी का उपयोग किया जाता है।

परिशिष्ट - ''सत्तावन''

कर्मचारियों को P.F. का भुगतान 

[ऊर्जा]

36. ( क्र. 3211 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. त्‍यौंथर संभाग में कुल कितने पूर्ववर्ती ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति के कर्मचारी पदस्‍थ है? (ख) पूर्ववर्ती समिति के कर्मचारियों के खाते में कटौती की गई ई.पी.एफ. की राशि उनके खाते में कब से जमा नहीं की जा रही है और क्‍यों? (ग) उक्‍त राशि जमा न करने के संबंध में कौन-कौन से अधिकारी दोषी है? (घ) ई.पी.एफ. की राशि खाते में जमा न होने के कारण ब्‍याज के लिये कौन जवाबदार होगा? (ड.) प्रत्‍येक कर्मचारी के खाते में कब तक ब्‍याज सहित ई.पी.एफ. की राशि खाते में जमा कर लेखा-जोखा सहित पास बुक कर्मचारी को उपलब्‍ध करा दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के अंतर्गत संचालन एवं संधारण संभाग, त्‍यौंथर में पूर्ववर्ती ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति सीधी के 2, रीवा के 3 एवं अमरपाटन के 3, इस प्रकार कुल 8 कार्मिक पदस्‍थ हैं। (ख) पूर्ववर्ती ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों के उक्‍त कर्मचारियों के वेतन से काटी गई ई.पी.एफ. की राशि उनके खातों में जमा की जा रही है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। (ड.) प्रश्‍नाधीन कार्मिकों के खाते में ई.पी.एफ. की राशि जमा हो रही है, जिसकी जानकारी कार्मिकों द्वारा उन्‍हें आवंटित यू.ए.एन. नंबर के माध्‍यम से ऑनलाईन डाउनलोड कर प्राप्‍त की जा सकती है।

नहरों के लाईनिंग के कार्य में गुणवत्‍ता न होना 

[जल संसाधन]

37. ( क्र. 3241 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत कितने वृहद/मध्‍यम/लघु सिंचाई परियोजनायें संचालित है? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्‍या इन परियोजनाओं में जो लाईनिंग एवं पक्‍कीकरण का कार्य हुआ है यह अत्‍यन्‍त ही गुणवत्‍ताहीन है? इस पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने एवं गुणवत्‍ताहीन कार्य होने के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कब क्‍या कार्यवाही की गई? विवरण सहित बतायें। (घ) बांई तट नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं तथा गुणवत्‍ताहीन कार्य होने कौन-कौन अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्‍मेदार है? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुए क्‍या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) तवा वृहद परियोजना डोकरी खेड़ा मध्‍यम तथा 03 लघु परियोजना आमादेही, हिनोतिया तथा गुड्डी खेड़ा संचालित है। (ख) लाईनिंग एवं पक्‍कीकरण का कार्य गुणवत्‍तापूर्वक कराया गया है जिस स्‍थान पर गुणवत्‍ताविहीन कार्य हुआ है वहां लाईनिंग के कार्य को तोड़कर ठेकेदार के व्‍यय पर पुन: लाईनिंग कार्य कराई गई। (ग) कार्य पूर्ण नहीं होने तथा गुणवत्‍ताहीन कार्य के संबंध में माननीय विधायक का कोई पत्र प्राप्‍त होना प्रतिवेदित नहीं होने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) बांयीं तट नहर की आर.डी. 6, 523 मीटर से 23, 470 मीटर के मध्‍य तीन स्‍थानों पर गुणवत्‍ता अनुसार कार्य नहीं पाया गया वहां लाईनिंग को तोड़कर संबंधित ठेकेदार मे.सोराठिया वेल्‍जी रत्‍ना एण्‍ड कम्‍पनी, बड़ोदा के व्‍यय पर पुन: गुणवत्‍तानुसार कार्य संपादित कराया गया। कार्य से संबद्ध शासकीय सेवकों को जाँच उपरान्‍त दोषी पाये जाने के फलस्‍वरूप प्रमुख अभियन्‍ता के दण्‍डादेश दिनांक 08.02.2018 द्वारा दण्डित कर                                    एक-एक वेतन वृद्धि रोकी गई।

खेतों का जबरन सिंचाई कर वसूलना

[जल संसाधन]

38. ( क्र. 3269 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या चम्‍बल नहर कमाण्‍ड ऐरिया (सिंचित क्षेत्र) में जल संसाधन विभाग द्वारा जिन खेतों की सिंचाई सम्‍भव नहीं उन खेतों के किसानों से सिंचाई कर जबरन वसूल किया जा रहा है। यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) क्‍या विभाग ऐसे असिंचित खेतों को सर्वें कर उनसे सिंचाई कर वसूलना बंद करेगा यदि हाँ, तो कब से?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

महाविद्यालय में रिक्‍त पदों की पूर्ति 

[उच्च शिक्षा]

39. ( क्र. 3301 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली के अंतर्गत महाविद्यालयों में कितने स्‍वीकृत पद रिक्‍त हैं? उक्‍त भर्ती के लिये कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्राचार्यों एवं प्रोफेसर के रिक्‍त पद पर कब तक भर्ती की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) सिंगरौली के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में कुल 214 पद स्‍वीकृत हैं, जिनमें से 169 पद रिक्‍त हैं। रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्राचार्यों एवं प्रोफेसरों के रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

राजमार्गों की जानकारी 

[लोक निर्माण]

40. ( क्र. 3302 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राष्‍ट्रीय राजमार्ग सीधी से सिंगरौली का निर्माण कार्य बंद है? यदि हाँ, तो इन्‍हें कब तक पूरा किया जावेगा? (ख) क्‍या इसकी निविदा निरस्‍त की गई थी। क्‍या निर्माण कार्य के लिये पुन: निविदा आमंत्रित की थी, यदि हाँ, तो यह निविदा किन्‍हें मिली है और यह कार्य कब तक प्रारंभ किये जावेंगे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में मार्ग का निर्माण कार्य बंद है। अत: मार्ग निर्माण पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) जी नहीं। जी नहीं, शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मार्गों का नवीनीकरण/नवीनी डामरीकरण का प्रस्‍ताव

[लोक निर्माण]

41. ( क्र. 3306 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में वर्ष 2018-19 में कुल कितने कि.मी. मार्गों के नवीनीकरण/नवीन डामरीकरण का प्रस्‍ताव स्‍वीकृत था? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में प्रस्‍तावित मार्गों का नवीनीकरण/ डामरीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है? क्‍या कुछ मार्गों का नवीनीकरण डामरीकरण का कार्य आवंटन के अभाव में नहीं किया गया है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) वर्ष 2019-20 में लोक निर्माण विभाग सिंगरौली में किन-किन मार्गों का नवीनीकरण डामरीकरण का प्रस्‍ताव है? क्‍या विधान सभा क्षेत्र देवसर-81 में आने वाली सड़कों की हालत काफी खराब है? यदि हाँ, तो कब तक कार्य पूर्ण कराया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                                              (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प‍रिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। जी नहीं, मार्ग मोटरेबल है, शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

पर्यावरण प्रदूषण के संबंध में 

[पर्यावरण]

42. ( क्र. 3307 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में क्‍या हिन्‍डालकों महान एल्‍यू‍मीनियम मेन्‍टल स्‍मेल्‍तल एवं केपटिप थर्माकोल प्‍लांट की ग्राम बरगवां तहसील देवसर जिला सिंगरौली में स्‍थापना हेतु पर्यावरण क्‍लीयरेंस में राखड़ डेम ग्राम दांगी में चिन्हित किया गया था? यदि हाँ, तो हिन्‍डालकों कंपनी ने ग्राम ओडगरी में राखड़ डेम का निर्माण पर्यावरण के उल्‍लंघन में मनमाने रूप से क्‍यों कर दिया गया? (ख) क्‍या उक्‍त राखड़ का निर्माण ग्राम ओडगरी में आदिवासी बस्‍ती स्‍कूल के 20 मी. समीप कराया गया है जिसमें 250 के करीब आदिवासी बच्‍चे पढ़ते हैं और उनको डेम में गिरने का खतरा बना रहता है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में ग्राम ओडगरी की कुल जनसंख्‍या 8500 है और 50 मी. की दूरी पर राखड़ डेम के निर्माण से वातावरण दूषित हो गया है खासतौर पर वायु प्रदूषण की अधिकारिता रहती है राखड़ डेम में प्‍लाई एस के निस्‍तारण से एवं अन्‍डर ग्राउण्‍ड खनिज से उनकी खेती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है एवं हैण्‍डपम्‍पों का पानी भी मरकरी युक्‍त होने से पीने योग्‍य नहीं रह गया है? हैण्‍डपंप के पानी में ई-कोली भी मिला है यदि हाँ, तो क्‍या‍ हिन्‍डालकों कंपनी अथवा शासन ने ग्रामीणों की व्‍यापक स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण कराया है? क्‍या निकटतम स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में हिन्‍डालकों की स्‍थापना के उपरांत टी.बी. ब्रोकाइटिस अस्‍थमा एवं अन्‍य श्‍वास संबंधी बीमारियों की एकाऐक मरीजों की वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो ग्राम ओडगरी में अवैधानिक रूप से निर्माण कराये गये राखड़ डेम को ग्राम गांगी में शिफ्ट कराया जाय जिससे ग्राम ओडगरी एवं समीप के आवासीय वाले ग्राम को प्रदूषण से मुक्ति मिल सके?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।                                        (ख) जी नहीं। उक्त राखड़ डेम का निर्माण ग्राम ओडगरी में आदिवासी बस्ती स्कूल से लगभग 500 मीटर की दूरी पर किया गया है। राखड़ बांध को पक्की बाउण्ड्रीवाल से घेरा गया है एवं डेम एरिया में जाने आने वाले सिक्योरिटी गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं अतः बच्चों के डेम में गिरने का खतरा नहीं है। (ग) उद्योग के आसपास वातावरणीय वायु गुणवत्ता निर्धारित मानकों में पाई जाती है। कृषि एवं भूमिगत पेयजल पर किसी प्रकार का विपरीत प्रभाव संज्ञान में नहीं आया है। ना ही हैण्‍डपम्‍पों में मरकरी या ई-कॉली पाये जाने की कोई जानकारी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला सिंगरौली से प्राप्त जानकारी अनुसार क्षेत्र में टी.बी., ब्रॉकाइटिस, अस्थमा एवं अन्य श्वास संबंधी बीमारियों के मरीजों में कोई वृद्धि प्रदर्शित नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

कोयले को सड़क मार्ग से लाना

[लोक निर्माण]

43. ( क्र. 3308 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में एस्‍सार पावर प्रोजेक्‍ट में उपयोग में आने वाले कोयले का परिवहन सड़क मार्गों से आता है और इनके पास दूसरी कोई सुविधा नहीं हैं। क्‍या सड़क मार्गों से परिवहन रोकने हेतु शासन कार्यवाही करेगा? (ख) क्‍या सड़क मार्गों से कोयला परिवहन करने के कारण मार्गों की स्थिति काफी खराब हो रही है व काफी दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। इसको रोकने के लिए शासन क्‍या कार्यवाही करेगा? विगत एक वर्ष से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितनी दुर्घटनाएं घटी हैं? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में ली गई भूमि के विस्‍थापितों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है और बाहरी व्‍यक्तियों को रोजगार दिया जा रहा है? यदि दिया गया है, तो पृथक-पृथक सूची उपलब्‍ध कराई जावे। (घ) क्‍या एस्‍सार पावर प्रोजेक्‍ट द्वारा कार्य संपादित कराने के लिए ठेकेदारों के माध्‍यम से ठेके पर दिया है? यदि हाँ, तो कितने ठेकेदार स्‍थानीय, भू-विस्‍थापित एवं अन्‍य प्रोजेक्‍ट प्रभावित व्‍यक्ति हैं एवं कितने ठेकेदार बाहर के हैं? विस्‍तृत लिस्‍ट एवं ठेके आवंटन तिथि की जानकारी एस्‍सार पावर प्रोजेक्‍ट आर. एण्‍ड आर. पॉलिसी के अंतर्गत कुल कितने भू-विस्‍थापित हुए हैं? उनमें से कितने को कंपनी में रोजगार दिलाया गया है? कितने विस्‍थापितों को टेम्‍प्रेरी रोजगार दिलाया गया है एवं कितने बाहरी व्‍यक्तियों को रोजगार दिया गया है? आर.एण्‍ड आर. पॉलिसी के अंतर्गत आने वाले विस्‍थापितों को कंपनी में रोजगार क्‍यों नहीं दिया जा रहा है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्‍नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्र अंतर्गत नहीं है अपितु एस्‍सार पावर लिमिटेड सिंगरौली के अधीन है। एस्‍सार पावर लिमिटेड सिंगरौली से प्राप्‍त जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्‍तरांश (क) अनुसार।

परिशिष्ट - ''अट्ठावन''

विद्युत सप्‍लाई अवरोध की जानकारी

[ऊर्जा]

44. ( क्र. 3330 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना शहर संभाग के अंतर्गत 11 के.व्‍ही. संभरकों में माह मई 2019 के विद्युत अवरोध तारीखवार/समयवार/अवधि कारण सहित बतावें। (ख) इस विद्युत अवरोध हेतु कौन-कौन से अधिकारी दोषी है? (ग) क्‍या दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? अगर हाँ तो क्‍या और कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सतना शहर संभाग के अंतर्गत 11 के.व्‍ही. फीडरों पर माह मई 2019 में हुए विद्युत व्‍यवधानों की तारीखवार/समयवार/अवधिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाये गये विद्युत व्‍यवधान तकनीकी कारणों,                                                  आंधी-तूफान एवं अत्‍यावश्‍यक सुधार/निर्माण/मेन्‍टेनेंस कार्य हेतु विद्युत लाईनों को बन्‍द किया जाना अपरिहार्य होने जैसी स्थितियों के कारण आये हैं। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

मार्ग का निर्माण समय पर न होना

[लोक निर्माण]

45. ( क्र. 3333 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखंड नागौद जिला सतना का धौरहरा-पनास-खम्‍हरिया पहुंच मार्ग किस योजना से कितनी लागत से स्‍वीकृत है? (ख) उक्‍त मार्ग का निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया, कब तक उक्‍त कार्य पूर्ण कराया जाना था, क्‍या उक्‍त अवधि में कार्य पूर्ण कराया गया यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) समयावधि में उक्‍त मार्ग के‍ निर्माण नहीं होने के लिये कौन-कौन उत्‍तरदायी हैं? उत्‍तरदायी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है अथवा कब तक की जाएगी एवं उक्‍त मार्ग का निर्माण कब तक पूरा करा दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''उनसठ''

शासकीय महाविद्यालयों को एक्‍सीलेंस कॉलेज घोषित करना 

[उच्च शिक्षा]

46. ( क्र. 3375 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के किन-किन जिले में कितने महाविद्यालयों को एक्सीलेंस कॉलेज घोषित किया गया है? (ख) प्रदेश के कितने एक्सीलेंस कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य कार्यरत है?                               (ग) यदि सभी एक्सीलेंस कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य कार्यरत नहीं है तो ऐसे कॉलेजों की अव्यवस्थाओं एवं अनियमितताओं में सुधार करने हेतु स्थायी प्रचार्यों को अन्य महाविद्यालयों में से स्थानांतरित कर कब तक सभी एक्सीलेंस कॉलेजों में रिक्त प्राचार्य के पद भरे जाएंगे?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) इंदौर जिले में 01, उज्जैन जिले में 02, रीवा जिले में 01, जबलपुर जिले में 01, ग्वालियर जिले में 02, सागर जिले में 01, मुरैना जिले में 01, होशंगाबाद जिले में 01 महाविद्यालयों को उच्च शिक्षा उत्कृष्टता केन्द्र/संस्थान के रूप में कार्य करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनके अतिरिक्त‍ भोपाल में 01 उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान संचालित है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में से 03 में स्थाई प्राचार्य कार्यरत हैं। (ग) प्राचार्य स्थायी हो हर संभव प्रयास किया जा रहा है। विभाग में प्राचार्यों की संख्या में कमी के कारण वर्तमान में स्थाई प्राचार्यों को पदस्थ करने हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जनभागीदारी समिति की विस्‍तृत जानकारी 

[उच्च शिक्षा]

47. ( क्र. 3409 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की खरगोन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली जनभागीदारी समितियों की विगत पाँच वर्षों किस माध्‍यम से आय हुई? आय की वर्षवार जानकारी दें।                                            (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्‍त आय का व्‍यय कहाँ-कहाँ किस आधार पर किया गया? उस व्‍यय की स्‍वीकृति की छायाप्रति देवें। (ग) जनभागीदारी समिति द्वारा प्राप्‍त राशि को व्‍यय करने के लिए शासन के क्‍या दिशा-निर्देश हैं?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 से 9 अनुसार है तथा व्यय की स्वीकृति की छायाप्रतियाँ पुस्‍तकालय में रखे परिशि‍ष्‍ट के प्रपत्र-10 से 73 के अनुसार हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-74 से 78 में उल्लेख के अनुसार है।

बिजली उत्‍पादन खपत की जानकारी और योजनाएं 

[ऊर्जा]

48. ( क्र. 3410 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जून 2016 से जून 2019 तक प्रदेश में कितनी अनुबंधित विद्युत क्षमता उपलब्‍ध है?                                        (ख) मध्‍यप्रदेश में पिछले पाँच वर्षों में कितनी बिजली खपत हुई वर्षवार, सूचीवार विस्‍तृत जानकारी देवें। (ग) मध्‍यप्रदेश में पिछले पाँच वर्षों में खपत के पश्‍चात शेष उत्‍पादित बिजली का क्‍या किया गया? यदि बेची तो किस (भाव) दर पर किसको?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) माह जून, 2016 से जून, 2019 तक प्रदेश में उपलब्‍ध अनुबंधित विद्युत क्षमता की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अनुसार है। (ख) प्रदेश में विगत पाँच वर्षों में विद्युत खपत की वर्षवार, श्रेणीवार सूची के साथ जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के                          प्रपत्र-अनुसार है। (ग) प्रदेश में विगत पाँच वर्षों में विद्युत आपूर्ति के पश्‍चात् अतिशेष विद्युत विक्रित की गई, जिसके क्रेता एवं दर की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अनुसार है।

परिशिष्ट - ''साठ''

नहर एवं डैम का घटिया निर्माण

[जल संसाधन]

49. ( क्र. 3419 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) क्‍या जल संसाधन विभाग के उमरिया संभाग के अंतर्गत बसाड़ व्‍यपवर्तन योजना के अंतर्गत नहर व डैम बनाने का कार्य मेसर्स सुशील दत्‍त पाण्‍डेय खरगोन को दिया गया था? उपरोक्‍त कार्य का किस दिनांक को कार्यादेश, किस दर पर, किस दिनांक तक कार्य समाप्‍त करने का जारी हुआ था? जारी कार्यादेशों की एक प्रति दें? (ख) कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन, उमरिया म.प्र. के द्वारा पत्र क्रमांक 873/व.ले.लि./2019 दिनांक 30.04.2019 को पत्र लिखकर कोई बैठक बुलाई गई थी? प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित निर्मित डैम में प्रश्‍नतिथि तक कितना पानी भरा है? डैम का कार्य कितने प्रतिशत पूरा हो चुका है? कितने प्रतिशत नहर का कार्य पूरा हो चुका है? कितना भुगतान ठेकेदार को विभाग द्वारा प्रश्‍नतिथि तक किया जा चुका है। (ग) क्‍या डैम घटिया स्‍तर का बनाया गया है? नहर का बहाव डैम की ओर है? नहर घटिया स्‍तर की बनी है? डैम में सीवेज की बहुत बड़ी समस्‍या है? अगर नहीं तो विभाग ने इस डैम के निर्माण से जुड़े किन-किन अधिकारियों को कब-कब किन कारणों से निलंबित किया है? (घ) क्‍या राज्‍य शासन करोड़ों रूपयों की लागत से बने इस घटिया स्‍तर के डैम निर्माण में हुये व्‍यापक भ्रष्‍टाचार जिसके कारण डैम का उपयोग शून्‍य प्रतिशत है, देखते हुये मुख्‍य/ अधीक्षण/कार्यपालन यंत्री को तत्‍काल निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। कार्यादेश दिनांक 08.10.2012 को, 1.08 प्रतिशत अधिक दर पर, दिनांक 07.04.2018 तक कार्य समाप्‍त करने का जारी हुआ था। कार्यादेश की प्रति संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍न तिथि तक एफ.आर.एल. 105.80 मीटर तक पानी भरा है। डैम का कार्य 100 प्रतिशत, नहर का कार्य 67 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। भुगतान की राशि रूपये 1090.38 लाख। (ग) जी नहीं। डैम गुणवत्‍तापूर्ण बनाया गया है। नहर का बहाव डैम की ओर नहीं है किन्‍तु नहर का लेवल कहीं-कहीं रूपांकित लेवल से ऊपर होने के कारण माईनर नं. 01 के आगे मुख्‍य नहर में पानी नहीं जा पाता है। नहर गुणवत्‍तापूर्ण बनी है। डैम से कोई सीपेज नहीं है। तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री, श्री ए.के.जैन को परियोजना के क्रियान्‍वयन में व्‍याप्‍त कमियों के कारण एवं किसानों को सिंचाई का समुचित लाभ न पहुंचने के कारण एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई। (घ) वर्तमान में 67 प्रतिशत नहर निर्मित है जिससे प्रतिवर्ष वर्षा के अनुरूप (व्‍यपवर्तन योजना होने के कारण) नहर से सिंचाई किए जाने से नहर का उपयोग शून्‍य नहीं है। अत: किसी को निलंबित कर विभागीय जाँच किए जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''इकसठ''

एन.एच. एवं बन रहे मार्ग, पुल-पुलियों एवं भवनों की जानकारी 

[लोक निर्माण]

50. ( क्र. 3443 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्रामीण/ नगरीय क्षेत्रों तथा राष्‍ट्रीय राजमार्गों का निर्माण व सड़क तथा पुल-पुलिया तथा शासकीय भवनों का निर्माण कितने मार्गों का निर्माण किया गया है? निर्माण कार्यों पर कितनी राशि का व्‍यय किया गया तथा निर्माण कार्य एजेंसी एवं ठेकेदार की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्‍ध करावें।                                                             (ख) विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में विभाग द्वारा किये गये सड़क, भवन निर्माण की वर्ष 2018-2019 की लागत राशि, निर्माण एजेंसी के ठेकेदारों के नाम सहित उपलब्‍ध करायें। (ग) वर्ष 2018-2019 के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की अपूर्ण कार्यों की जानकारी, अपूर्णता के कारण सहित उपलब्‍ध करावें। (घ) राष्‍ट्रीय राजमार्गों के पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी, अपूर्णता के कारण सहित उपलब्‍ध करावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' अनुसार एवं इसके अतिरिक्‍त उदयपुरा खरगोन, देवरी तथा बरेली में बायपास एवं पूर्नरेखण के कार्य प्रगति पर है एवं शहरी क्षेत्रों में ठेकेदार द्वारा अनुबंधानुसार संधारण का कार्य किया जा रहा है। (घ) एन.एच.-12 पर निर्माण कार्य प्रगतिरत है शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

बारना बांघी नहर संभाग बाड़ी की लाईनिंग का कार्य

[जल संसाधन]

51. ( क्र. 3444 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला रायसेन अंतर्गत बाड़ी अंतर्गत नहरों का लाईनिंग कार्य चल रहा है, यदि हाँ, तो कब, कहाँ तथा किस योजना के अंतर्गत तथा कितनी राशि से एवं किस एजेंसी ठेकेदार द्वारा उक्‍त कार्य सम्‍पन्‍न कराया जा रहा है? (ख) क्‍या बारना बांघी नहर को संपादित की गई, सी.सी. लाईनिंग के निर्माण कार्य के निरीक्षण प्रतिवेदन कार्यपालन यंत्री बारना बांघी नहर संभाग जिला रायसेन ने पत्र क्रमांक 01/64 दिनांक 22/05/2019 द्वारा घटिया एवं स्‍तरहीन कार्य किये जाने का उल्‍लेख किया गया है? (ग) अगर हाँ तो दोषी/अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) कब तक कार्यवाही की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन विस्‍तृत विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) ठेकेदार द्वारा की गई स्‍तरहीन लाईनिंग तोड़ दी गई है तोड़े गये कार्य का भुगतान नहीं किया गया है। संबंधित अनुविभागीय अधिकारी को कार्य से पृथक कर दिया गया है। (घ) कार्यवाही की जा चुकी है।

परिशिष्ट - ''बासठ''

प्रभारी प्राचार्य एवं अतिरिक्‍त संचालक की नियुक्ति का आधार 

[उच्च शिक्षा]

52. ( क्र. 3448 ) श्री संजय यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में जहां क्षेत्रीय कार्यालय में नियमित अतिरिक्‍त संचालक कार्यरत हैं तथा जहां नियमित प्राचार्य अथवा अतिरिक्‍त संचालक नहीं हैं वहाँ प्रभारी प्राचार्य अथवा प्रभारी अतिरिक्‍त संचालक किसके द्वारा नियुक्त किये जाते हैं और उसका आधार क्‍या है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत महाविद्यालय में वरिष्‍ठ प्राध्‍यापक अथवा क्षेत्रीय संभाग में वरिष्‍ठ प्राचार्य के रहते क्रमश: महाविद्यालय अथवा क्षेत्रीय संभाग कार्यालय में कनिष्‍ठ को क्‍यों प्रभारी बनाया जाता है?                                                          (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तहत क्‍या कनिष्‍ठ के प्राचार्य या अतिरिक्‍त संचालक का प्रभार देने की स्थिति में वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन का मूल्‍याकंन भी कनिष्‍ठ के द्वारा ही किया जाता है यदि हाँ, तो क्‍या यह सेवा आचरण नियम का उल्‍लंघन नहीं है इसे कब तक सुधार दिया जायेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) वर्तमान में जहाँ नियमित क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक एवं नियमित प्राचार्य नहीं हैं। वहां प्रभारी अतिरिक्त संचालक एवं प्रभारी प्राचार्य का प्रभार प्रशासकीय विभाग द्वारा अथवा उच्च शिक्षा, संचालनालय द्वारा वरिष्ठता/प्रशासकीय अनुभव/उपलब्धता के आधार पर प्रभार सौंपा जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर से स्पष्ट है कि प्रशासकीय अनुभव के आधार पर भी प्रभार सौंपा जाता है। (ग) गोपनीय प्रतिवेदन हेतु                                                 स्व-मूल्यांकन पत्रक का सत्यापन महाविद्यालयीन आई.क्यू.ए.सी. समिति एवं प्राचार्य द्वारा किया जाता है। प्रभारी अतिरिक्त संचालक के कनिष्ठ होने की स्थिति में गोपनीय चरित्रावली पर मतांकन आयुक्त द्वारा किया जाता है। ऐसी स्थिति में सेवा आचरण नियमों के उल्लंघन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

कर्मचारियों के नये भर्ती नियम बनाया जाना

[उच्च शिक्षा]

53. ( क्र. 3451 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (‍क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग व वित्‍त विभाग द्वारा संस्‍थानों के लिये उच्‍च शिक्षा विभाग के संचालनालय व शासकीय महाविद्यालयों के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों के नये भर्ती नियम बनाने हेतु आदेश जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या नये संशोधित भर्ती नियम बन गये हैं यदि हाँ, तो नये संशोधित नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं।

जनभागीदारी से संचालित पाठ्यक्रमों पर रोक 

[उच्च शिक्षा]

54. ( क्र. 3499 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या महाविद्यालयों में जनभागीदारी से संचालित पाठयक्रम पर शासन द्वारा रोक लगायी गयी हैं। यदि हाँ, तो कौन-कौन से पाठ्यक्रमों पर कब एवं क्‍यों? (ख) जनभागीदारी से संचालित ऐसे पाठयक्रम जिससे शासन पर आर्थिक व्‍यय नहीं होता ऐसे पाठ्यक्रमों को बंद करने का औचित्‍य क्‍या है। (ग) क्‍या शासन जनभागीदारी से संचालित नवीन  पाठ्यक्रमों को पुन: प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) क्‍या होशंगाबाद विधान सभा क्षेत्र के चारों शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी से संचालित पाठयक्रम बंद कर दिये गये हैं? (ड.) होशंगाबाद विधान सभा के चारों शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी से संचालित पाठयक्रम कब तक प्रारंभ होंगे? यदि नहीं तो क्‍यों?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। किन्‍तु उल्‍लेखनीय है कि प्रवेश नियम 2019-20 की कंडिका 2.5.5 के तहत शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी मद से संचालित स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों, जिनमें सत्र 2018-19 में स्नातक स्तर पर 25 से कम एवं स्नातकोत्तर स्तर पर 10 से कम विद्यार्थियों के प्रवेश हुए हैं एवं यदि संसाधनों में कमी/कठिनाई है तो ऐसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश पोर्टल पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही जिन महाविद्यालयों के पास पर्याप्त धनराशि/संसाधन उपलब्ध हैं, उनके प्रस्ताव के आधार पर परीक्षणोपरांत द्वितीय चरण से प्रवेश की अनुमति भी प्रदान की गयी है तथा पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।                  (ड.) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

श्रमोदय आवासीय विद्यालय के संबंध

[श्रम]

55. ( क्र. 3501 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या श्रम विभाग द्वारा श्रमोदय आवासीय विद्यालय प्रत्‍येक जिले में खोलने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक प्रत्‍येक जिले में श्रमोदय आवासीय विद्यालय खोले जायेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो लखनादौन जिला सिवनी आदिवासी तथा श्रमिक बाहुल्‍य क्षेत्र होने के कारण लखनादौन अथवा घंसौर जिला सिवनी में कब तक श्रमोदय आवासीय विद्यालय खोलने की योजना है? (ग) क्‍या श्रमोदय आवासीय विद्यालय में कार्यरत प्राचार्य, उप प्राचार्य, व्‍याख्‍याता, शिक्षक एवं अन्‍य कर्मचारी संकल्‍प पत्र के अनुसार नियमित पदों पर शासकीय सेवकों की भर्ती की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों नहीं।

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपिस्थत नहीं होता है। (ग) श्रमोदय आवासीय विद्यालय में सभी पद संविदा के पद हैं, कोई भी पद नियमित पद नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

जूडा नाला तालाब परियोजना का घटिया स्‍तर का निर्माण

[जल संसाधन]

56. ( क्र. 3513 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) क्‍या जूडा, नाला तालाब योजना विकासखण्‍ड हनुमना तहसील हनुमना ग्राम पंचायत क्षेत्र टटिहटा जिला रीवा में प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र मऊगंज में है? उक्‍त योजना का कितने हेक्‍टेयर क्षेत्रफल एवं भू-अर्जन डूब क्षेत्र में है? उक्‍त योजना की वर्तमान स्थिति प्रश्‍नतिथि तक क्‍या है? बिन्‍दुवार योजना अनुरूप विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में किस-किस ग्राम की कितने कृषकों/व्‍यक्तियों की, कितने-कितने हेक्‍टेयर (सिंचित/असिंचित) भूमि का अधिग्रहण                                                                        किन-किन दिनांकों/माह/वर्ष को करते हुये कितनी-कितनी राशि का मुआवजा अवार्ड पारित किया गया? प्रश्‍नतिथि तक कितने कृषकों/व्‍यक्तियों को कितनी राशि का मुआवजा किस ग्राम/भूमि/अन्‍य का नहीं दिया गया है? (ग) क्‍या उक्‍त योजना का बेस्‍ट बियर पूरी तरह लीक है? बरसात में पूरा पानी निकल जाता है? उक्‍त पानी अंतिम स्‍थान (टेल) तक कभी भी नहीं पहुंचता है? नहर एक ही स्‍थान पर टूट रही है? मुख्‍य नहर में बने सभी पक्‍के निर्माण पुलिया/वीआरबी/सुपर पैसेज इनका बेड लेवल सी.बी.एल. से बहुत ऊँचा है? (घ) प्रश्नांश (क) में क्‍या शासन उल्‍लेखित योजना में मुआवजे में हुई आर्थिक अनियमितताओं की निर्माण कार्यों में हुई अनियमितताओं की जाँच करवायेगा तथा क्‍या तत्‍काल सी.ई./एस.ई./ई.ई. को निलंबित किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ, 54.536 हेक्‍टर। वर्तमान में परियोजना की 2.065 एम.सी.एम. जीवित जल भराव क्षमता के विरूद्ध प्रश्‍न तिथि तक 0.929 एम.सी.एम. (45 प्रतिशत) जल की मात्रा संग्रहित हुई है। (ख) 05 ग्रामों के कृषकों की सिंचित/असिंचित भूमि अधिग्रहण, दिनांक सहित मुआवजा भुगतान तथा मुआवजा अवार्ड का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। पूर्ण मुआवजा भुगतान किये जाने से शेष मुआवजे का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) जी नहीं, वेस्‍ट बियर में आंशिक रिसाव है। जी नहीं, बांध के पूर्ण जल भराव के उपरांत अतिरिक्‍त पानी वेस्‍ट बियर से निकलता है। जी नहीं, जल उपलब्‍ध होने पर टेल तक पानी पहुंचाया जाता है। जी हाँ, मुख्‍य नहर की आर.डी. 60 मीटर पर प्रतिवर्ष नहर में आंशिक क्षति होती है जिसे जल उपभोक्‍ता संथा द्वारा ठीक कराया जाता है। मुख्‍य नहर में निर्मित सभी पक्‍की संरचनाएं स्‍वीकृत ड्राइंग के अनुरूप बनाई गई हैं। (घ) योजना के मुआवजे एवं निर्माण में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं की गई है। अत: किसी भी विभागीय अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता है।

परिशिष्ट - ''तिरेसठ''

बुंदेलखण्‍ड पैकेज और सिंचाई / पेयजल उपलब्‍धता के कार्य 

[जल संसाधन]

57. ( क्र. 3535 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) विगत 5 वर्षों में म.प्र. के बुंदेलखंड क्षेत्र में भारत सरकार और मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा सिंचाई सुविधाओं और पेयजल की उपलब्‍धता हेतु बुंदेलखंड पैकेज के तहत पन्‍ना जिले में कौन-कौन सी योजनाएं कब स्‍वीकृत की गयी थी? इन योजनाओं से किस-किस स्‍थान पर क्‍या-क्‍या कार्य कराये जाने स्‍वीकृत थे और क्‍या-क्‍या कार्य किए गये? (ख) म.प्र. के बुंदेलखण्‍ड क्षेत्र के जिलों में प्रश्नांश (क) अवधि में बुंदेलखंड पैकेज के तहत कौन-कौन से कार्य, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत से                                             कब-कब कराये गये और कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुये? वर्तमान में कौन-कौन से कार्य किन कारणों से अब तक अपूर्ण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) कार्यों की स्‍वीकृति प्राधिकारी द्वारा प्रदान की गयी? कार्यों को किस-किस ठेकेदार द्वारा किस नाम/पदनाम के विभागीय अधिकारी की देख-रेख में किया गया?                                 (घ) प्रश्नांश (क) कार्यों का भौतिक सत्‍यापन और गुणवत्‍ता परीक्षण किस-किस अधिकारी द्वारा                                    कब-कब किया गया एवं कार्यों के देयक कब-कब प्रस्‍तुत किये गए और कार्यों का ठेकेदार कंपनी को कब-कब, कितना-कितना भुगतान किया गया? (ड.) प्रश्‍नांश (ख) से (घ) के तहत क्‍या कार्यों में अनियमितताओं की जाँच की गयी तथा यदि हाँ, तो इन अनियमितताओं पर क्‍या कार्यवाही की गयी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ड.) विगत 05 वर्षों में मध्‍यप्रदेश के बुंदेलखण्‍ड क्षेत्र में भारत-सरकार और मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा सिंचाई सुविधाओं और पेयजल की उपलब्‍धता हेतु बुंदेलखण्‍ड पैकेज के तहत पन्‍ना जिले में कोई भी परियोजनायें स्‍वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होते हैं।

पर्यावरण संरक्षण के कार्य

[पर्यावरण]

58. ( क्र. 3536 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) पन्‍ना जिले में वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक पर्यावरण के संरक्षण और सुधार के क्‍या-क्‍या कार्य किस-किस योजना के तहत किस मांग/सुझाव और आवश्‍यकता के आधार पर किस नाम, पदनाम के सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब स्‍वीकृत किए गये? (ख) प्रश्नांश (क) किए गये कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गयी और कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गयी? कार्यों को किस-किस व्‍यक्ति/ठेकेदार/संस्‍था/विभाग द्वारा किस नाम/पदनाम के विभागीय अधिकारी की देख-रेख में किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) कार्यों का भौतिक-सत्‍यापन और गुणवत्‍ता परीक्षण किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया एवं कार्यों के देयक कब-कब प्रस्‍तुत किये गए? कार्यों का व्‍यक्ति/ठेकेदार/संस्‍था/विभाग को कब-कब एवं कितना-कितना भुगतान किया गया? (घ) प्रश्‍नांश (ख) से (घ) के तहत क्‍या कई गैर जरूरी कार्यों को मनमर्जी से स्‍वीकृति प्रदान कर कार्य कराएं गए और किन्‍हीं व्‍यक्ति/ठेकेदार/संस्‍था/विभाग को नियम विरूद्ध भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो क्‍या इन अनियमितताओं पर कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्‍या ऐसा न होना सत्‍यापित किया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) पर्यावरण विभाग के अंतर्गत पन्ना जिले में पर्यावरण संरक्षण एवं सुधार के लिये वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक पर्यावरण नियोजन समन्वय संगठन द्वारा समन्वय की जा रही स्वीकृत योजनाओं की जानकारी निम्नानुसार है :- पन्ना बायोस्फियर रिजर्व प्रबंधन योजना वर्ष 2015-16 - पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वीकृत परियोजना पन्ना बायोस्फियर रिजर्व प्रबंधन कार्ययोजना के अंतर्गत स्वीकृत योजना/ कार्य : क्षेत्र संचालक, पन्ना टाईगर रिजर्व को Conservation of biodiversity and rehabilitation of landscape कार्य के अंतर्गत उनके प्रस्ताव अनुसार वर्ष 2016-17 में 4 तालाबों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई थी। संचालक, विश्व प्रकृति निधि भारत (म.प्र. एवं छ.ग.) भोपाल कार्यालय को पन्ना जिले में तीन दिवसी02 प्रकृति शिविरों के आयोजन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई। राष्ट्रीय हरित कोर योजना- पन्ना जिले के 250 विद्यालयों एवं दो महाविद्यालयों में ईको क्लब की योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण संबंधित विभिन्न जनजागरूकता गतिविधियों का विद्यालय में गठित ईको क्लब के माध्यम से आयोजन किया जाता है। (ख) पन्ना बायोस्फियर रिजर्व प्रबंधन योजना वर्ष 2015-16  वर्ष 2017-18 में संचालक, विश्व प्रकृति निधि भारत (म.प्र. एवं छ.ग.) भोपाल कार्यालय को राशि रू. 3.966 लाख स्वीकृत कर दो प्रकृति शिविरों के आयोजन हेतु राशि रू. 2. 3796 लाख विमुक्त की गई एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त होने के पश्चात् शेष राशि रू.1.5864 लाख दिनांक 04.07.2019 को विमुक्त की गई। वर्ष 2018-19 में क्षेत्र संचालक, पन्ना टाईगर रिजर्व को Conservation of biodiversity and rehabilitation of landscape कार्य के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में स्वीकृत कुल राशि 40.00 लाख में से शेष कार्य हेतु राशि रू. 8.00 लाख विमुक्त की गयी। वर्ष 2019-20 में कोई राशि विमुक्त नहीं है। राष्ट्रीय हरित कोर योजना - इस योजना में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वीकृति के अनुरूप वर्ष 2017-18 में पन्ना जिले में राशि रू. 5000/- प्रति ईको क्लब के मान से कुल राशि रू. 12.50 लाख 250 विद्यालयों को प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त कार्यों/गतिविधियों के मूल्यांकन हेतु पन्ना जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को राशि रू. 10000/- विमुक्त की गई। वर्ष 2018-19 में पन्ना जिले में राशि रू. 5000/- प्रति ईको क्लब के मान से 250 विद्यालयों को कुल राशि रू. 12.50 लाख प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त कार्यों/गतिविधियों के मूल्यांकन हेतु पन्ना जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को राशि रू. 10000/- विमुक्त की गई। इसके साथ ही जिले के दो महाविद्यालयों को राशि रू. 5000/- के मान से कुल राशि रू. 10000/- विमुक्त की गई। वर्ष 2019-20 में कोई राशि विमुक्त नहीं है। (ग) पन्ना बायोस्फियर रिजर्व प्रबंधन योजना - क्षेत्र संचालक पन्ना टाईगर रिजर्व के पर्यवेक्षण में कार्य क्रियान्वित किये जाते हैं। राष्ट्रीय हरित कोर योजना - पन्ना जिला शिक्षा अधिकारी एवं ईको क्लब के मास्टर ट्रेनर के पर्यवेक्षण में कार्य क्रियान्वित किये जाते हैं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

अवैधानिक कृत्‍यों की जाँच एवं कार्यवाही

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

59. ( क्र. 3569 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के ग्राम बदवार में स्‍थापित सोलर पावर प्‍लांट के कार्य कितने पूर्ण हो चुके हैं? इनमें से बिजली का उत्‍पादन कितने यूनिट प्रतिदिन दिया जा रहा है? इसमें कार्य हेतु कितने शासकीय कर्मचारी एवं कितने ठेकेदारी प्रथा पर नियुक्‍त किए गए हैं, का विवरण नाम एवं पद सहित देवें? यह भी बतावें कि किन ठेकेदारों द्वारा कौन-कौन से कार्य किए जा रहे हैं? इसकी शर्त एवं अनुबंध की प्रति भी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पावर प्‍लांट से उत्‍पन्‍न होने वाली बिजली आस-पास के ग्राम पंचायतों एवं जिलों एवं नजदीकी क्षेत्रों को देने बावत् क्‍या कार्य योजना हैं, जबकि आस-पास के ग्राम पंचायत एवं क्षेत्र इसके प्रदूषण से प्रभावित है? (ग) पावर प्‍लांट में कितने स्‍थानीय लोगों को नौकरी दी गई, जिनकी जमीन ली गई उनके परिवारजनों को भी क्‍या नौकरी दी गई? का विवरण नाम एवं पते सहित देवें? अगर उनको नौकरी नहीं दी गई तो क्‍यों? साथ ही नजदीकी ग्राम पंचायतों के विकास बावत् शर्तों एवं नियमों अनुसार उनके विकास बावत् कितनी राशि कब-कब, किन-किन पंचायतों को दी गई या उनके विकास बावत् प्‍लांट द्वारा कराए गए कार्य का विवरण वर्षवार एवं पंचायतवार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के सोलर पावर प्‍लांट में कितने शासकीय कर्मचारी किस-किस विभाग के संलग्‍न होकर कार्य कर रहे हैं उनमें से मुख्‍य उत्‍तरदायित्‍व                                          किन-किन को सौंपे गए हैं? इनकी पदस्‍थापना किस दिनांक एवं समय से है? क्‍या इनके परिवर्तन बावत् भी कार्यवाही करेंगे, क्‍योंकि इनकी मिलीभगत से ठेकेदारों द्वारा बेरोजगारों एवं आमजन को परेशान एवं ठगी की कार्यवाही की जा रही है? (.) प्रश्नांश (क) से (घ) अनुसार संबंधितों पर कार्यवाही करावेंगे एवं निर्णय लेकर अवगत करावेंगे एवं ठेकेदारों पर श्रमिकों के साथ की जा रही मनमानी कम वेतन देकर अधिक कार्य लिए जाने पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) रीवा जिले के ग्राम बदवार में 750 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा पार्क में अद्यतन 730 मेगावाट क्षमता की परियोजना की कमीशनिंग हो चुकी है। परियोजना से 730 मेगावाट विद्युत का उत्‍पादन किया जा रहा है। परियोजना स्‍थापना का कार्य निजी क्षेत्र के माध्‍यम से किया जा रहा है, अत: इसमें शासकीय कर्मचारी नियुक्‍त नहीं किए गए है। यूनिट-1 का विकासक महिन्‍द्रा रिन्‍यूवेबल्‍स प्रायवेट लिमिटेड, यूनिट-2 का विकासक एक्‍में सोलर पावर जयपुर प्रायवेट लिमिटेड व यूनिट-3 का विकासक एरिन्‍सन क्‍लीन एनर्जी प्रायवेट लिमिटेड है। तीनों विकासकों द्वारा हस्‍ताक्षरित विद्युत विक्रय अनुबंध (पॉवर परचेस एग्रीमेंट) विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार पॉवर प्‍लांट से उत्‍पन्‍न होने वाली बिजली का अनुबंध म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट ट्रांसमिशन कम्‍पनी लिमिटेड से है, जिसके माध्‍यम से राज्‍य की विद्युत वितरण कम्‍पनियों को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। राज्‍य की विद्युत वितरण कम्‍पनियों द्वारा पूरे राज्‍य में विद्युत प्रदाय की जा रही है, जिसमें रीवा परियोजना के आस-पास के ग्राम पंचायत व जिले अन्‍य नजदीकी क्षेत्र भी शामिल हैं। म.प्र. राजपत्र में प्रकाशित दिनांक 20 जनवरी 2017 के औद्योगिक सेक्‍टर की सूची में बिन्‍दु क्र. 36 के अनुसार सभी प्रकार के सोलर फोटोवोल्‍टेक से उत्‍पादित विद्युत ''व्‍हाईट-केटेगरी' में वगीकृत है, जिनका आशय यह है कि सोलर पॉवर प्‍लांट से प्रदूषण नहीं फैलता है। विस्‍तृत जानकारी के लिए म.प्र. राजपत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) रीवा सोलर पॉवर प्‍लांट में स्‍थानीय लोगों को दिए गए रोजगार की जानकारी निम्‍नानुसार है :- (1) महिन्‍द्रा रिन्‍यूबल प्रायवेट लिमिटेड द्वारा 181 स्‍थानीय लोगों को मांग अनुसार रोजगार/नौकरी दी गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (2) एक्‍में सोलर पॉवर जयपुर प्रायवेट लिमिटेड द्वारा 199 स्‍थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (3) एरिन्‍सन क्‍लीन एनर्जी प्रायवेट लिमिटेड ने 170 स्‍थानीय लोगों को रोजगार दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। परियोजना के विकास हेतु निजी इकाई के द्वारा शासन के नियमानुसार स्‍थानीय व्‍यक्तियों से भूमि क्रय की गई है। निजी क्षेत्र की इकाइयों के द्वारा परियोजना के विकास हेतु आवश्‍यक एवं मांग अनुसार ही रोजगार निर्मित होते हैं। रीवा अल्‍ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा स्‍थानीय विकास कार्यों हेतु वर्ष 2017-18 में रूपये 7.50 करोड़ राशि कलेक्‍टर रीवा के माध्‍यम से दी गई हैं। वर्ष 2018-19 हेतु भी रूपये 7.50 करोड़ राशि देय है। उक्‍त के विरूद्ध कलेक्‍टर रीवा द्वारा कुल रूपये 9.5034 करोड़ राशि के विकास कार्यों की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के सोलर पॉवर प्‍लांट में कोई भी शासकीय कर्मचारी कार्य नहीं कर रहे है। (ड.) ठेकेदारों पर श्रमिक के साथ की जा रही मनमानी/कम वेतन की कोई भी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई।

दोषियों पर कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

60. ( क्र. 3573 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अवधेश प्रताप विश्‍वविद्यालय से सम्‍बद्ध सभी कॉलेजों में वर्ष 2016-17 से बी.ए., बी.एस.सी., बी.एड. एवं बी.एल.बी.एड. की परीक्षाओं का संचालन कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कितने विद्यार्थियों ने किन-किन कॉलेजों में प्रवेश लिया, प्रवेश उपरांत उनकी सेमेस्‍टरवार परीक्षाएं कब-कब आयोजित कराई गई? वर्तमान में वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों की कितनी सेमेस्‍टरों की परीक्षाएं प्रश्‍न दिनांक तक ली जा चुकी हैं, का विवरण वर्षवार एवं कॉलेजवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के विद्यार्थियों के सेमेस्‍टर की परीक्षाएं कब-कब ली गई, जबकि प्रवेश अनुसार परीक्षाएं अधिक होनी चाहिए थी लेकिन सेमेस्‍टर की परीक्षाएं दो कम ली गई क्‍यों?                                (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सेमेस्‍टर की परीक्षाएं कम लेने का कारण स्‍पष्‍ट करते हुए बतावें कि इसके लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं? जिम्‍मेदारों के ऊपर कौन-कौन सी कार्यवाही करेंगे?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं, वर्ष 2016-17 से संबंधित पाठ्यक्रमों में परीक्षाओं के संचालन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                                                    (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सत्र 2016-17 से 2018-19 की परीक्षाओं में एक सेमेस्टर का विलंब हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नवीन पाठ्यक्रम होने के कारण शिक्षा संकाय के अध्ययन मंडल एवं प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। विद्या परिषद की स्थायी समिति के अनुमोदन तथा परीक्षा योजना के निर्माण में प्रक्रियात्मक विलंब हुआ है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

जनभागीदारी से कार्यरत कम्‍प्‍यूटर आपरेटर 

[उच्च शिक्षा]

61. ( क्र. 3620 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. के शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी से नियुक्‍त कर्मचारी/ शिक्षक को सेवा अवधि में ब्रेक नहीं दिया जाता हैं? यदि दिया जाता है, तो कितने दिनों का?                          (ख) क्‍या सिवनी शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय में पिछले 5 वर्षों से जनभागीदारी निधि से कार्यरत कर्मचारियों को 1 दिन का भी ब्रेक नहीं दिया गया हैं? यदि हाँ, तो कारण बतावें।                                                       (ग) जनभागीदारी निधि से कार्यरत कम्‍प्‍यूटर आपरेटर सिवनी महाविद्यालय में कितने हैं?                                     (घ) बिना विज्ञापन एवं सेवा शर्तों के सिवनी शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय में कितने व्‍यक्ति किस पद पर किस दिनांक एवं कितने मानदेय पर कार्य कर रहे हैं?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) स्‍ववित्‍तीय आधार पर संचालित पाठ्यक्रमों की शिक्षण व्‍यवस्‍था हेतु शिक्षकों एवं अन्‍य स्‍टाफ की नियुक्ति/कार्यकाल का निर्धारण संबंधित महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति द्वारा किया जाता है। ये कर्मचारी लोक सेवक नहीं हैं तथा भर्ती नियमों के अनुसार किसी सेवा के भाग नहीं होते हैं अत: इनकी कार्यावधि में ब्रेक देने संबंधी निर्णय संबंधित महाविद्यालय की जनभागीदारी प्रबंधन समिति के क्षेत्राधिकार में है।                                                   (ख) जी नहीं, ब्रेक दिया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय, सिवनी में जनभागीदारी निधि से कोई कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर कार्यरत नहीं है।                                                          (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चौंसठ''

टोल नाके पर वाहनों से वसूली 

[लोक निर्माण]

62. ( क्र. 3623 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी से छपारा रोड पर निजी कम्‍पनी द्वारा बनाये गए टोल नाके पर वाहनों से शुल्‍क वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि वसूली की जा रही हैं? वाहनों के आधार पर वसूली जा रही राशि का ब्‍यौरा दें? (ख) क्‍या टोल नाके के 5 किलोमीटर की परिधि में आने वाले ग्रामों के निवासियों के वाहनों के लिए टोल अदायगी में राहत दिये जाने का कोई प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें? यदि नहीं तो इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की जायेगी और कब तक? (ग) सिवनी जिले के टोल वाली सड़कों की स्थिति जानने के लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाता हैं? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कब-कब, किस-किस अधिकारी ने निरीक्षण किया तथा क्‍या रिपोर्ट दी प्रश्‍नांकित दिनांक से विगत तीन वर्षों का ब्‍यौरा टोलवार, वर्षवार दें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार(ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जी हाँ। मध्यप्रदेश सड़क विकास के अन्तर्गत सिवनी जिले में लखनादौन-घंसौर मार्ग में अनुबंधानुसार लोकल निवासियों को टोल अदायगी में राहत का प्रावधान है। ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-’’1’’ अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जी हाँ। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के अन्तर्गत सिवनी जिले में लखनादौन-घंसौर मार्ग (बी.ओ.टी. टोल) निर्मित है। जिसका समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार

उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का पालन

[जल संसाधन]

63. ( क्र. 3675 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि माननीय उच्च न्यायालय बैंच इन्दौर द्वारा श्री अजय कुमार मेहरा विरुद्ध म.प्र. शासन एवं अन्य-3 के मामले में प्रस्तुत रिट पिटिशन क्रमांक 5052/2015 में किस दिनांक को निर्णय पारित किया गया है इसका अब तक पालन नहीं किये जाने का कारण बतायें। कब तक पालन कर लिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : निर्णय दिनांक 11.02.2017 को पारित किया गया। मान. उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ इंदौर द्वारा पारित निर्णय के उपरांत श्री अजय कुमार मेहरा को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने संबंधी प्रकरण का पुनर्परीक्षण कराया गया। अनुकम्‍पा नियुक्ति का प्रकरण कलेक्‍टर नीमच के पास प्रक्रियाधीन होने से निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

निर्माणाधीन एवं स्‍वीकृत सिंचाई योजनाएं

[जल संसाधन]

64. ( क्र. 3758 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ के विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कितनी-कितनी सिंचाई योजना संचालित हैं तथा उनके द्वारा कितने-कितने हेक्टेयर में सिंचाई की जा रही है? योजनावार सिंचित रकबे की जानकारी से अवगत करावें एवं कितनी योजनाएं निर्माणाधीन एवं कितनी योजना स्वीकृत हैं तथा कितनी योजनाएं स्वीकृति हेतु लंबित हैं? योजनाओं की नामवार जानकारी से अवगत करावें।                                               (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर का कृषि हेतु कितना रकबा है? उनके विरूद्ध सिंचाई योजनाओं से कितना रकबा सिंचित किया जा रहा है? उसके प्रतिशत से अवगत करावें?                              (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दर्शित सिंचित रकबे को ओर अधिक बढ़ानें हेतु क्‍या विभाग द्वारा कोई योजना प्रस्तावित की जा रही है? (घ) सारंगपुर विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन सी बड़ी नदीयां एवं कितने बड़े नाले निकल रहे है? उन पर विभाग द्वारा सिंचाई योजनाएं क्यों प्रस्तावित नहीं की जा रही है? कारण बतावें? (ड.) क्या कबूलपुर मध्यम परियोजना से सारंगपुर विधान सभा क्षेत्र को सिंचित नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं तो कारण बतावें। यदि हाँ, तो कितने क्षेत्रफल को पानी दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) संचालित 14 परियोजनाओं से 3, 332 हेक्‍टर क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है। सिंचित रकबे का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। कोई परियोजना निर्माणाधीन, स्‍वीकृत तथा लंबित नहीं है। (ख) कृषि योग्‍य कुल रकबा 77, 263 हेक्‍टर के विरूद्ध सिंचाई योजनाओं से 3, 332 हेक्‍टर रकबा सिंचित किया जा रहा है जिसका प्रतिशत 2.31 है। (ग) कोई योजना प्रस्‍तावित नहीं है। (घ) मुख्‍य रूप से कालीसिंध एवं नेवज नदियां तथा उतावली एवं काई मुख्‍य उप नदी निकल रही हैं जिन पर 14 परियोजनायें जल संसाधन विभाग द्वारा तथा 06 परियोजनायें अन्‍य विभागों द्वारा निर्मित होने से तकनी‍की मापदण्‍डों के अनुसार नई परियोजनाओं का निर्माण संभव नहीं है। अत: कोई प्रस्‍ताव नहीं है। (ड.) जी हाँ, क्‍योंकि परियोजना का डी.पी.आर. स्‍वीकृत नहीं है अत: सिंचाई का क्षेत्रफल बतलाया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पैंसठ''

रमौआ डेम में पानी भराव की व्‍यवस्‍था

[जल संसाधन]

65. ( क्र. 3831 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्‍वालियर में रमौआ डेम, अलापुर डेम में तकनीकी त्रुटि के कारण बरसात के पानी का भराव नहीं हो पाता है, पानी भरने के बाद खाली हो जाते हैं। यह डेम किसानों की सिंचाई के                                                                  साथ-साथ मुरार क्षेत्र की जनता की प्‍यास (पानी) बुझाने का काम भी कर सकते हैं, यह डेम खाली क्‍यों हो जाते हैं? (ख) क्‍या शासन इसकी जाँच कराकर डेम भरने की व्‍यवस्‍था करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ख) जी नहीं। जल ग्रहण क्षेत्र में भू-गर्भीय संरचना तथा जल ग्रहण क्षेत्र अवरूद्ध होने के कारण पूर्ण जल स्‍तर तक जल भराव नहीं हो पाता है। रमौआ डैम से प्राव‍धानित 3, 117 एवं अलापुर डैम से 1, 232 हेक्‍टर क्षेत्र में सिंचाई के उपरांत पेयजल हेतु अतिरिक्‍त जल की मात्रा शेष नहीं रहने से सिंचाई के साथ-साथ पेयजल दिया जाना संभव नहीं है। सिंचाई हेतु जल प्रदाय किये जाने के उपरांत डैम खाली हो जाने से किसी जाँच अथवा डैम भरने की व्‍यवस्‍था करने हेतु प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

ग्‍वालियर संभाग के डेमों की जानकारी 

[जल संसाधन]

66. ( क्र. 3832 ) श्री मुन्नालाल गोयल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर संभाग के अंतर्गत ग्‍वालियर जिले में कितने डेम कहाँ-कहाँ स्थित हैं? विगत 2 वर्षों में इनके मेन्‍टीनेंस पर प्रतिवर्ष कितनी राशि किस डिवीजन के द्वारा किस-किस कार्य में                                                     कब-कब व्‍यय की गई? इस कार्य को पूर्ण करने वाली एजेंसी का नाम, स्‍थानीय स्‍टाफ बताएं।                                                      (ख) जल संसाधन संभाग ग्‍वालियर में क्‍या-क्‍या कार्य गतिशील हैं तथा क्‍या-क्‍या मशीनें उपलब्‍ध हैं? कितना-कितना स्‍टाफ संभाग में कार्यरत हैं? इस पर कितनी राशि प्रतिमाह व्‍यय की जा रही है? (ग) यदि संभाग में कोई कार्य नहीं है तो स्‍टाफ को भुगतान करने का क्‍या कारण है? इसके लिये कौन दोषी है? इस प्रकरण में जाँच कर शासन कोई कार्यवाही करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) ग्‍वालियर जिले में स्थित डैम तथा विगत दो वर्षों में मेंटीनेंस पर किये गये व्‍यय, डिवीजन का नाम, कार्यों का विवरण, एजेंसी का नाम, स्‍टाफ की जानकारी से संबंधित विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) से (ग) जल संसाधन संभाग, ग्‍वालियर वर्ष 2016 से अस्तित्‍व में नहीं होने से शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

पम्‍पों का ऊर्जीकरण 

[ऊर्जा]

67. ( क्र. 3920 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पम्पों के ऊर्जीकरण हेतु अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा वित्‍त प्रेषित कार्यों के विरूद्ध वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन के कार्यों हेतु कितने प्रकरण स्‍वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्‍वीकृत प्रकरण में से कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है तथा कितने हितग्राहियों को किन-किन कारणों से प्रश्‍न दिनांक तक लाभान्वित किया जाना शेष है तथा इन्हें कब तक लाभान्वित किया जावेगा?                                         (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के अंतर्गत एवं उल्‍लेखित समयावधि में कितने कार्य शेष हैं? किन कारणों से शेष हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2015-16 से दिनांक 30.06.2019 तक अनुसूचित जनजाति विकास विभाग, कटनी से प्राप्‍त राशि से 145 स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन के कार्य स्‍वीकृत किये गये है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित स्‍वीकृत सभी 145 हितग्राहियों को स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन प्रदान कर लाभान्वित कर दिया गया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

रेल्वे फाटक पर ओव्हर ब्रिज निर्माण

[लोक निर्माण]

68. ( क्र. 3957 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद-नागदा के मध्य उमरनी रेल्वे फाटक पर व घिनौदा-खाचरौद के मध्य व नागदा गवर्नमेंट कॉलोनी रेल्वे फाटक पर ओव्हर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा कब प्रदान की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? पृथक-पृथक सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) खाचरौद-नागदा के मध्य उमरनी रेल्वे फाटक पर व घिनौदा-खाचरौद के मध्य व नागदा गवर्नमेंट कॉलोनी रेल्वे फाटक पर जनहित में प्रश्नकर्ता द्वारा ओव्हर ब्रिज बनाने के प्रस्ताव शासन को कब-कब प्रेषित किए थे? (ग) उपरोक्त तीनों ओव्हर ब्रिजों के निर्माण हेतु क्‍या टेण्डर आमंत्रित किए गए हैं? यदि हाँ, तो कब किए गए? कौन-कौन से टेण्डरों की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                                                                (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के स्‍तंभ 3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के स्‍तंभ 5 एवं 6 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''छियासठ''

सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

69. ( क्र. 3960 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा शासकीय कार्यालयों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो योजना का संपूर्ण विवरण प्रदाय करें? उज्जैन जिले की विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने हेतु शासन स्तर से इसमें किस तरह से सहयोग दिया जाता है और इसकी लागत क्या होती है? (ख) क्या शासकीय कार्यालयों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए राज्य शासन का प्रयास हो रहा है? यदि हाँ, तो सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने हेतु किस-किस एजेन्सी को कार्य दिया गया है? एजेन्सीवार, प्रोजेक्ट एवं लागत की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी हाँ। भारत शासन के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय एवं राज्‍य सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधीन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के माध्‍यम से प्रदेश में ग्रिड कनेक्‍टेड एवं ऑफ ग्रिड सोलर फोटोवोल्‍टेइक पावर प्‍लांट की स्‍थापना के कार्यक्रम को क्रियान्‍वित किया जा रहा है। शासकीय कार्यालयों में रूफटॉप सौर संयंत्रों की स्‍थापना हेतु राज्‍य शासन की ओर से कुल लागत का अधिकतम 20 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्‍ध है। भारत शासन द्वारा ग्रिड कनेक्‍टेड परियोजनाओं हेतु कुल लागत का 30 प्रतिशत अनुदान उपलब्‍ध कराया जाता है, लागू अनुदान पश्‍चात्, संयंत्रों की स्‍थापना शासकीय कार्यालयों में सुविधा एवं कार्य स्‍थल की उपयुक्‍तता अनुसार निम्‍नलिखित में से किसी एक वित्‍तीय मॉडल अनुसार कराई जा सकती है। पहला कैपेक्‍स (CAPEX)  मॉडल है, जिसमें कि हितग्राही संस्‍था के परिसर में लागू अनुदान पश्‍चात् शासकीय संस्‍था द्वारा किये गये शेष राशि की निवेश से निगम द्वारा संयंत्र स्‍थापना कराई जाती है। रूफटॉप सौर संयंत्रों की गतवर्ष निविदा के माध्‍यम से मानकीकृत लागत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। दूसरा रेस्‍को (RESCO) मॉडल है, जिसमें कि हितग्राही संस्‍था द्वारा बगैर किसी पूँजी निवेश के संयंत्र की स्‍थापना ''रेस्‍को'' (रिन्‍युवेबल एनर्जी सर्विस कंपनी) मॉडल पर विकासक इकाई के निवेश पर कराई जाती है। विकासक इकाई (रेस्‍को विकासक) द्वारा सौर संयंत्र से उत्‍पादित विद्युत का विक्रय निविदा के माध्‍यम से तय किये गये टैरिफ पर हितग्राही संस्‍था को किया जाता है। रेस्‍को मॉडल अंतर्गत निविदा के माध्‍यम से प्राप्‍त दर विद्युत वितरण कंपनियों की विद्युत दर की तुलना में काफी कम आती है। रेस्‍को निविदाओं में विभिन्‍न शासकीय भवनों में सौर संयंत्रों से उत्‍पादित विद्युत की प्राप्‍त न्‍यूनतम दरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उज्‍जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में भी यही व्‍यवस्‍था है। (ख) जी हाँ। शासकीय कार्यालयों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्‍थापित करने हेतु एजेंसीवार, प्रोजेक्‍ट क्षमता एवं लागत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सड़सठ''

प्रदेश में विद्युत लाइनों को भूमिगत करने का कार्य

[ऊर्जा]

70. ( क्र. 3963 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन राजस्‍व संभाग के किन-किन शहरों में सुरक्षा की दृष्टि से कौन से क्षेत्र में शिरोपरी विद्युत लाइनों को भूमिगत करने की योजना विद्युत कंपनी के पास लंबित है? वित्‍तीय वर्ष 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर शिरोपरी विद्युत लाइनों को भूमिगत लाइन में परिवर्तित कर दिया गया है? जानकारी देवें। (ख) उज्‍जैन राजस्‍व संभाग में 01 अप्रैल, 2016 से प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में भूमिगत लाइनों हेतु कितनी-कितनी राशि विद्युत कंपनी द्वारा स्‍वीकृत की गई? स्‍वीकृत प्राक्‍कलन अनुसार कितने किलोमीटर विद्युत लाइनों को भूमिगत करने का कार्य किया गया, कितना कार्य शेष है? जानकारी देवें। (ग) क्‍या मंदसौर शहर में भी विद्युत लाइनों को भूमिगत करने का प्रस्‍ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक? क्‍या इसके लिये विभाग ने बजट स्‍वीकृत कर दिया है? जानकारी देवें। (घ) उज्‍जैन राजस्‍व संभाग में 01 जनवरी, 2017 के पश्‍चात् कितने व्‍यक्तियों की मृत्‍यु अपने ही घर की छतों पर जा रही विद्युत लाइन के करंट लगने से हुई? क्‍या विद्युत कंपनी लगातार हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिये विद्युत लाइनों को भूमिगत करने की कोई ठोस योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो अवगत करायें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) उज्जैन राजस्व संभाग के किसी भी शहर में शिरोपरि विद्युत लाइनों को भूमिगत करने की कोई भी योजना म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पास लंबित/विचाराधीन नहीं है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उज्जैन राजस्व संभाग में 01 अप्रैल, 2016 से वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रश्‍न दिनांक तक शिरोपरि विद्युत लाइनों को भूमिगत करने हेतु कोई भी राशि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्वीकृत नहीं की गई है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, मंदसौर शहर में भी शिरोपरि विद्युत लाइनों को भूमिगत करने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उज्जैन राजस्व संभाग में 01 जनवरी, 2017 के पश्चात् 05 व्यक्तियों की मृत्यु घरों की छतों पर जा रही विद्युत लाइनों से करंट लगने के कारण हुई है। वर्तमान में विद्युत लाइनों को भूमिगत करने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। तथापि उल्‍लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय के लिये अधिसूचित विनियम दिनांक 02.09.2010 के अनुसार तकनीकी रूप से साध्‍य होने एवं आर.ओ.डब्‍ल्‍यू. की आवश्‍यकता पूरी होने की स्थिति में यदि कोई व्‍यक्ति पूर्व से स्‍थापित ओवरहेड लाइन में फेर बदल करवाना चाहता है तो उसे फेरबदल की संपूर्ण लागत वहन करने पर फेरबदल की अनुमति दी जाएगी।

म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित संगीत गायन परीक्षा

[उच्च शिक्षा]

71. ( क्र. 3980 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यू.जी.सी. के प्रपत्र विषय नेट पाठ्यक्रम में कोड क्र. 16 में हिन्दुस्तानी म्यूजिक (वोकल/इन्सट्रूमेंटल) दर्ज हैं, जिसका अर्थ संगीत (गायन) एवं संगीत (वादन स्वर वाद्य) है तथा संगीत (तबला) के लिये यू.जी.सी. प्रपत्र विषय एवं पाठ्यक्रम नेट कोड क्र. 98 में परकशन इन्स्ट्रूमेंट उल्लेखित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 विषय संगीत की चयन सूची क्रमांक 8172/41/2018 चयन सूची में संगीत (तबला) के अभ्यर्थी भी चयनित हो गये हैं। जो कि यू.जी.सी. की गाइड लाइन के अनुसार सही नहीं है? क्या संगीत विषय के अन्तर्गत संगीत (गायन) एवं संगीत (वादन स्वर वाद्य) को मान्य किया जायेगा? (ग) क्या म.प्र. लोकसेवा आयोग ने अपनी टीप क्र. 02 के अन्तर्गत “(3) परीक्षा का आयोजन मुख्य विषय में ही किया जायेगा, उल्लेख है? यदि हाँ, तो संगीत पद क्रमांक 37 एवं संगीत गायन पद क्रमांक 36 अलग-अलग विषय की क्यों आयोजित की गई है, जो अपने ही टीप का उल्लंघन करती है? कारण स्पष्ट किया जाये। (घ) क्या यू.जी.सी. के प्रपत्र विषय एवं पाठ्यक्रम नेट कोड क्रमांक 16 में वर्णित नियम के अनुरूप पद क्र. 37 एवं गायन पद क्र. 36 को एक विषय मानकर चयन सूची संसोधित कर जारी की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट किया जाये?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2017 की स्थिति में यू.जी.सी. की नेट परीक्षा हेतु जारी पाठ्यक्रमों में कोड क्र. 16 में सिर्फ ''संगीत'' उल्लेखित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। यह सही है कि ''संगीत'' में गायन व वादन दोनों समाहित है एवं यू.जी.सी. की नेट परीक्षा हेतु जारी पाठ्यक्रमों में कोड 98 में ''परकशन इन्स्ट्रूमेंट'' के समक्ष ''उपलब्ध नहीं'' (Not Available) अंकित है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।                                                                                                  (ख) जी हाँ। जी नहीं। चयन सूची क्रमांक 8172/41/2018 में संगीत विषय के अंतर्गत संगीत (तबला) के अभ्यर्थी चयनित हुए हैं, जो कि वर्ष 2017 की स्थिति में यू.जी.सी. के गाइड लाइन के अनुसार है। (ग) जी हाँ। उच्च शिक्षा विभाग में संगीत के अंतर्गत तीन विषयों संगीत, संगीत गायन, संगीत वादन के लिए पृथक-पृथक पद स्वीकृत हैं। चूंकि संगीत गायन व संगीत (गायन व वादन दोनों) विषयों में पद रिक्त थे, इसलिए इन्हीं विषयों के लिए पद विज्ञप्ति किए गए थे और तद्नुसार पृथक-पृथक परीक्षाएं आयोजित कर चयन सूची बनाई गई है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का उत्तर (ग) अनुसार।

राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर टोल शुल्‍क राशि तय करना

[लोक निर्माण]

72. ( क्र. 3986 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश से गुजरने वाले राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर टोल शुल्‍क हेतु बूथ बनाना, शुल्‍क राशि तय करना, कार्य अपूर्ण होने पर भी शुल्‍क वसूली की अनुमति देना आदि में राज्‍य शासन की कोई भूमिका नहीं है? क्‍या प्रदेश के नागरिकों के हित के लिये राज्‍य शासन कोई पत्र व्‍यवहार/कार्यवाही नहीं कर सकता है? (ख) राज्‍य शासन राष्‍ट्रीय राज्‍यमार्ग विभाग से जानकारी प्राप्‍त कर उपलब्‍ध करावें कि इंदौर अहमदाबाद राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर टोल बूथ समान दूरी पर क्‍यों नहीं लगाये गये तथा इंदौर से 27 किमी दूर बूथ पर 120 रू. कार से किस अनुसार वसूली की जा रही है?                                                                                                            (ग) रतलाम कुरालगढ़ टू-लेन कार्य अभी तक पूरा क्‍यों नहीं हुआ? क्‍या-क्‍या कार्य अधूरा है तथा इसमें बन रहे फोरलेन की दो अलग-अलग डी.पी.आर. क्रमश: 18 करोड़ तथा 10 करोड़ की क्‍यों बनाई गई? (घ) लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागांव फोरलेन पर टोल किस दिनांक तक किस अनुबंध के अनुसार वसूला जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। पत्र व्यवहार कर कार्यवाही कर सकते हैं। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वन विभाग की अनुमति प्राप्त न होने एवं इलेक्ट्रिक पोल शिफ्टिंग एवं पेड़ कटाई का कार्य नहीं होने के कारण कार्य अधूरा है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक बी-1185 के अनुक्रम में रतलाम (बाजना बस स्टेण्ड) से वरोठ माता मंदिर तक का मार्ग 7.00 मीटर, 7.00 मीटर चौड़ाई में मय मीडियन (1.50 मी. चौड़ाई) के डी.पी.आर. रू. 1747.06 लाख की तैयार कर स्वीकृत हेतु वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित किया गया था, परन्तु माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक बी-1017 में उक्त भाग में टू-लेन (7.00 मीटर चौड़ाई) पूर्व में स्वीकृत रतलाम बाजना मार्ग में सम्मिलित होने के कारण केवल अतिरिक्त टू-लेन, मीडियन एवं नाली निर्माण हेतु पृथक से डी.पी.आर. तैयार करने के निर्देश दिये गये, जिसके अनुक्रम में रूपये 1004.75 लाख की डी.पी.आर. तैयार की स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई। (घ) कंसेशन अनुबंध दिनांक 30.08.2007 के अनुसार लेबड़-जावरा फोरलेन मार्ग का टोल दिनांक 18.03.2033 तक तथा कंसेशन अनुबंध दिनांक 20.08.2007 के अनुसार जावरा-नयागांव फोरलेन मार्ग का टोल दिनांक 16.09.2033 तक कंसेशनायर द्वारा वसूला जायेगा।

परिशिष्ट - ''अड़सठ''

विद्युत खरीदी में अनियमितता

[ऊर्जा]

73. ( क्र. 3990 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                               (क) क्‍या पूर्व सरकार ने वर्ष 2010 से प्रदेश में सरप्‍लस विद्युत की घोषणा की? यदि हाँ, तो बतावें कि वर्ष 2011 से 2018 तक निजी क्षेत्र से कितनी-कितनी विद्युत क्रय की? सरप्‍लस के बाद विद्युत क्रय किये जाने के कारण बतावें? क्‍या खरीदी में 5000 करोड़ की अनियमितता प्रतिवर्ष हुई?                                                                                          (ख) वर्ष 2011 से 2018 तक की राजस्‍व प्राप्तियां बतावें। प्रतिवर्ष कितनी-कितनी वृद्धि हुई तथा 2003 की तुलना में 2018 में कितने प्रतिशत वृद्धि हुई? 2011 से 2018 में अनुमानत: तीन गुना वृद्धि के बाद भी विद्युत कम्‍पनियों के हानि के क्‍या कारण हैं? (ग) वर्ष 2011 से वर्ष 2018 तक का विद्युत कम्‍पनियों का कुल खर्च कितना है? दिसम्‍बर, 2018 में उत्‍पादित विद्युत किस भाव पड़ रही है तथा किस भाव औसतन विक्रय हुआ? निजी कंपनियों से खरीदी विद्युत का औसतन भाव बतावें? (घ) विद्युत कंपनियों की आय 6 साल में तीन गुना होने के बाद भी 15 से 20 हजार करोड़ की हानि किस मद के कारण हो रही है? क्‍या शासन 20 हजार करोड़ के प्रतिवर्ष घोटाला की उच्‍च स्‍तरीय जाँच करायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं। तथापि वर्ष 2011-12 से वर्ष 2018-19 तक एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रदेश की विद्युत व्‍यवस्‍था सुचारू एवं अनवरत रखने हेतु आवश्‍यकतानुसार निजी क्षेत्र की विद्युत उत्‍पादन इकाइयों से दीर्घकालीन अनुबंधों के तहत क्रय की गई विद्युत की वित्‍तीय वर्षवार मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। सरप्‍लस होने के बाद अनुबंधों के अतिरिक्‍त कोई विद्युत क्रय नहीं किया गया है। प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित अनियमितता संबंधी कोई प्रकरण अभी संज्ञान में नहीं आया है। (ख) वर्ष 2010-11 से वर्ष 2017-18 तक की विद्युत वितरण कंपनियों की राजस्‍व प्राप्तियों की, प्रतिवर्ष हुई राजस्‍व वृद्धि (प्रतिशत में) सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। चूंकि वर्ष 2003 में वितरण कंपनियाँ अस्तित्‍व में नहीं थी, अत: वर्ष-2003 की तुलना में वर्ष 2018 तक राजस्‍व की प्रतिशत वृद्धि की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। वितरण कंपनियों की हानि का मुख्‍य कारण तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियाँ, विद्युत क्रय की बढ़ी हुई लागत एवं राजस्‍व वसूली में कमी आदि है। (ग) वित्‍तीय वर्ष 2010-11 से वर्ष 2017-18 तक विद्युत वितरण कंपनियों का कुल खर्च रू. 2, 02, 846.70 करोड़ था। एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा दिसम्‍बर 2018 में क्रय की गई विद्युत का औसत भाव 3.32 रूपये प्रति यूनिट है। प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को आपूर्ति के उपरांत पंजीकृत ट्रेडरों/पावर एक्‍सचेंज के माध्‍यम से दिसम्‍बर 2018 में विक्रय की गई विद्युत का औसत भाव 3.69 रूपये प्रति यूनिट है। माह दिसम्‍बर 2018 में निजी कंपनियों से खरीदी गई विद्युत का औसत भाव 3.31 रूपये प्रति यूनिट है। (घ) उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार वितरण कंपनियों की हानियों का मुख्‍य कारण तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियाँ, विद्युत क्रय की बढ़ी हुई लागत, राजस्‍व वसूली में कमी आदि हैं। अंकेक्षित लेखों के अनुसार वर्ष 2017-18 में विद्युत वितरण कंपनियों की कुल हानियां मुख्‍यत: उक्‍त वर्णित कारणों से रूपये 5083.86 करोड़ है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में कोई जाँच कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।

परिशिष्ट - ''उनहत्तर''

हिन्‍दी, भोज तथा रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय में अनियमितताएं 

[उच्च शिक्षा]

74. ( क्र. 3999 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हिन्‍दी विश्‍वविद्यालय किस वर्ष से प्रारम्‍भ हुआ? क्‍या यह विश्‍वविद्यालय अपने मकसद में सफल नहीं रहा? यदि हाँ, तो क्‍या उसके स्‍वरूप में परिवर्तन किया जावेगा?                                                                                                    (ख) क्‍या विगत 5 वर्षों में भोज विश्‍वविद्यालय में परीक्षाओं में अनियमितता एवं फर्जीवाड़े तथा भर्ती में भ्रष्‍टाचार की शिकायतों की उच्‍च स्‍तरीय जाँच की जावेगी? (ग) क्‍या रानी दुर्गावती विश्‍वविद्यालय जबलपुर में भारी अनियमितता एवं धांधली के चलते धारा 52 के तहत कुलपति को हटाया जायेगा तथा इसके घोटाले की उच्‍च स्‍तरीय जाँच की जावेगी। (घ) विभाग प्रश्नांश (क) से (ग) में उल्‍लेखित विश्‍वविद्यालय में सुधार एवं इनकी गिरती साख को बचाने के लिये क्‍या नवाचार करेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) वर्ष 2011 से। जी हाँ। विश्‍वविद्यालय अपने मकसद को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभिन्‍न शिकायतों पर जाँच जारी है। (ग) प्राप्त शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।                                                                                        (घ) जी हाँ।

ऊर्जा खरीदी में अनियमितता की जाँच 

[ऊर्जा]

75. ( क्र. 4000 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                          (क) वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक प्रत्‍येक तिमाही की पहली तारीख को अधिकतम मांग एवं उस समय विभिन्‍न स्‍त्रोतों से प्राप्‍त विद्युत के आंकड़े मेगावाट में बतावें? प्रदेश के सभी शासकीय विद्युत उत्‍पादन संयंत्र की क्षमता क्‍या है तथा आलोच्‍य वर्ष में शासकीय ताप विद्युत उत्‍पादन संयंत्रों का सालाना औसत उत्‍पादन (पी.एल.एफ.) कितना प्रतिशत है एवं जल विद्युत संयंत्रों की सालाना उपलब्‍धता कितने प्रतिशत है? विद्युत गृहवार जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2014 से 2018 तक शार्ट टर्म एग्रीमेन्‍ट तथा लांग टर्म एग्रीमेंट से खरीदी गई विद्युत के विक्रेता (केप्टिव एवं गैर परंपरागत स्‍त्रोतों को छोड़कर) फर्म का नाम, पता, दर, खरीदी गई मात्रा, भुगतान की राशि की सूची देवें तथा बतावें कि किस फर्म से अनुबंध के अनुसार विद्युत क्रय न करने के बाद भी उनको भुगतान करना पड़ा? भुगतान राशि भी बतावें। (ग) क्‍या बाजार से महंगे दाम पर बिजली खरीदने के लिये मांग को 2014 से 2018 या उससे पहले भी काफी बढ़ा चढ़ा कर बताया जाता था? यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें? (घ) विद्युत खरीदी में, सामान खरीदी में, प्रतिवर्ष 20000 करोड़ की अनियमितता की क्‍या उच्‍च स्‍तरीय जाँच की जावेगी तथा रोकथाम के क्‍या कदम उठाये जावेंगे।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 तक प्रत्‍येक तिमाही की पहली तारीख को अधिकतम मांग एवं उस समय विभिन्‍न स्‍त्रोतों से प्राप्‍त विद्युत संबंधी जानकारी (मेगावाट में) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। प्रदेश में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं अन्‍य सभी शासकीय विद्युत उत्‍पादन संयंत्रों की क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। प्रश्‍नाधीन अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत उत्‍पादन संयंत्रों का वार्षिक पी.एल.एफ. पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है एवं जल विद्युत उत्‍पादन संयंत्रों की वार्षिक उपलब्‍धता का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। प्रदेश में स्‍थापित अन्‍य शासकीय जल विद्युत गृहों की वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक वार्षिक उपलब्‍धता का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ख) एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2014 से 2018 तक शार्ट टर्म एग्रीमेंट (केप्टिव एवं गैर परंपरागत स्‍त्रोतों को छोड़कर) के अंतर्गत कोई विद्युत क्रय नहीं की गई है। लांग टर्म एग्रीमेंट के अंतर्गत क्रय की गई विद्युत के विक्रेता (केप्टिव एवं गैर परंपरागत स्‍त्रोतों को छोड़कर) फर्म का नाम, पता, दर, खरीदी गई मात्रा, भुगतान की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'च-1' से 'च-3' अनुसार है। अनुबंध के अनुसार विद्युत क्रय न करने के बाद भी विक्रेता को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्‍न लागू नहीं है।                                                                  (घ) विद्युत एवं सामग्री क्रय निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाता है तथा प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित रू. 20000 करोड़ की अनियमितता संबंधी किसी प्रकार की शिकायत नहीं होने से अब तक जाँच आदेशित नहीं की गई है।

विभागीय कार्यवाही मूलक योजना पर प्राप्‍त अनुदान

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

76. ( क्र. 4012 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या केन्‍द्र/राज्‍य प्रवर्तित योजनाओं के माध्‍यम से शासन/विभाग द्वारा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के कार्य कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो दिनांक 01.01.2014 से प्रश्‍न दिनांक तक भिण्‍ड जिले में उपरोक्‍त योजनाओं के अंतर्गत कहाँ-कहाँ, कब-कब, कितनी-कितनी राशि के                                              क्‍या-क्‍या कार्य किये गए? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। हित मूलक योजना के आवेदन प्राप्‍त होकर उन पर कार्यवाही की गई, कितनी योजना में कितना अनुदान दिया गया? (ख) मुख्‍यमंत्री सोलर पम्‍प योजना क्‍या है, उसके अंतर्गत कितने आवेदकों द्वारा उस हेतु आवेदन दिए गए, इनमें से कितनों पर कार्यवाही की गई, कितने आवेदन शेष हैं, उन आवेदनों पर कार्यवाही न करने के क्‍या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के तारत्‍मय में नगर पालिक परिषद् भिण्‍ड में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के तहत कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत हैं, कौन-कौन से कार्य कराये गए है एवं कौन-कौन से कार्य शेष हैं?

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) केन्‍द्र सरकार की जवाहरलाल नेहरू सौर मिशन के अन्‍तर्गत प्रदेश में सौर पार्क विकास का कार्य, म.प्र. ऊर्जा विकास निगम एवं सोलर एनर्जी कार्पोरेशन का संयुक्‍त उपक्रम कंपनी रीवा अल्‍ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जिसके तहत 250 मेगावाट क्षमता की मंदसौर सौर पार्क परियोजना एवं 750 मेगावाट क्षमता की रीवा सौर परियोजना का विकास किया गया है। भिण्‍ड जिले के विधानसभा क्षेत्र में किये गये कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) मुख्‍यमंत्री सोलर पंप योजना में प्रदेश के किसानों को कृषि भूमि की सिंचाई के लिए 85 से 90 प्रतिशत तक अनुदान पर सोलर पंप संयंत्र उपलब्‍ध कराया जाता है। योजना के अन्‍तर्गत अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक प्रदेश के किसानों को दिये गये अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के तहत, नगर पालिका परिषद, भिण्‍ड में दिनांक 01.01.2014 से स्‍वीकृत कार्यों तथा शेष कार्यों की जानकारी निरंक है। नगर पालिका परिषद भिण्‍ड के क्षेत्र अन्‍तर्गत म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा स्‍थापित किये गये संयंत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सत्तर''

संबल योजना का क्रियान्‍वयन

[श्रम]

77. ( क्र. 4013 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश सरकार द्वारा असंगठित श्रमिकों के कल्‍याण हेतु संबल योजना लागू की गई है? यदि हाँ, तो कब से एवं उस योजना के अंतर्गत असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के क्‍या नियम हैं एवं इन्‍हें कौन-कौन सी सुविधायें प्राप्‍त हैं? संबल योजना से पूर्व असंगठित श्रमिकों के कल्‍याण हेतु म.प्र. शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित थीं? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में भिण्‍ड जिले में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में संबल योजना से पूर्व कितने असंगठित श्रमिकों का पंजीयन विभाग में था एवं संबल योजना लागू होने के बाद कितने नये श्रमिकों का पंजीयन हुआ? विधानसभा क्षेत्रावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्‍य में संबल योजना के अंतर्गत असंगठित श्रमिकों का पंजीयन करते समय श्रम एवं राजस्‍व विभाग के किस-किस स्‍तर के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कौन-कौन सी स्‍थल जाँच या प्रमाणित दस्‍तावेज के आधार पर इनको श्रमिक मानर पंजीयन किया? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्‍य में क्‍या फर्जी दस्‍तावेज के आधार पर श्रमिकों का पंजीयन करने वाले अधिकारी/कर्मचारी एवं पंजीयन कराने वाले व्‍यक्ति के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के नियम, योजना की जानकारी एवं योजनाओं में दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। संबल योजना के पूर्व असंगठित श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) योजना लागू होने के बाद ही श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। विधानसभा वार पंजीयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) असंगठित श्रमिकों का पंजीयन श्रम एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा नहीं किया जाता है। पंजीयन हेतु नगरीय निकायों में सी.एम.ओ. तथा ग्रामीण क्षेत्र हेतु सी.ई.ओ. जनपद पंचायत को पंजीयन हेतु अधिकृत किया गया है। आवेदक द्वारा स्व-घोषणा के माध्यम से दी गई जानकारी के आधार पर पंजीयन अधिकारियों द्वारा, अंसगठित श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। (घ) चूंकि, असंगठित श्रमिकों का पंजीयन, पंजीयन अधिकारियों द्वारा, आवेदक स्व-घोषणा के माध्यम से दी गई जानकारी के आधार पर किया गया है। अतः फर्जी दस्तावेज हेतु पंजीयन अधिकारी उत्तरदायी नहीं होंगे। अतः उनके द्वारा विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

हरदा जिले में नवीन सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

78. ( क्र. 4025 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) हरदा जिले में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत कितनी और कौन-कौन सी सड़कों के निर्माण की आवश्‍यकता है? (ख) उपरोक्‍त आवश्‍यकतानुसार विभाग द्वारा किन-किन नवीन सड़कों के प्रस्‍ताव शासन को कब-कब भेजे गए? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि प्रस्‍ताव नहीं भेजे गए तो क्‍यों इसके लिऐ कौन दोषी है? (घ) हरदा जिले में आवश्‍यकतानुसार सड़कों का निर्माण कब तक करा लिया जाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) कोई नहीं। (ग) सर्वे कार्य प्रक्रियाधीन। कोई दोषी नहीं। (घ) उत्‍तरांश (ग) उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

हण्डिया गुल्‍लास मार्ग का निर्माण

[लोक निर्माण]

79. ( क्र. 4026 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                              (क) हरदा जिले में ग्राम हण्डिया से गुल्‍लास मार्ग की स्‍वीकृति कब हुई थी? अभी तक यह मार्ग कम्‍पलीट क्‍यों नहीं हुआ? (ख) हण्डिया गुल्‍लास मार्ग की निविदा कितने की थी तथा कितना भुगतान ठेकेदार को अभी तक कर दिया गया? क्‍या हण्डिया गुल्‍लास मार्ग का निर्माण अधूरा है और भुगतान अधिक कर दिया गया? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? (ग) हण्डिया गुल्‍लास मार्ग कब तक पुल-पुलियाओं सहित कम्‍पलीट कर लिया जाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''इकहत्तर''

विद्युतीकरण व्‍यवस्‍था का सर्वेक्षण 

[ऊर्जा]

80. ( क्र. 4043 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                              (क) क्‍या तत्‍कालीन (भाजपा) सरकार द्वारा हर घर विद्युत सप्‍लाई की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इस हेतु वर्ष 2018 में सरकार द्वारा प्रदेश में सर्वे भी कराया गया? यदि हाँ, तो सर्वे एजें‍सियों का नाम बतावें व सर्वे के दौरान कितने ग्राम, मजरे-टोले विद्युत विहीन पाये गये, की संख्‍यात्‍मक जानकारी जिलावार घरों की संख्‍या सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्‍त जानकारी के अनुक्रम में विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी में कितने ग्राम, मजरे-टोले विद्युतविहीन पाये गये व इस सर्वे उपरांत क्‍या कार्यवाही हुई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्‍य) दिनांक 11.10.2017 से लागू की गई थी, जिसका उद्देश्‍य लास्‍ट माईल कनेक्टिविटी एवं आवश्‍यक विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य कर योजना के प्रावधानों के अनुसार हर घर को विद्युतीकृत करना था। (ख) मध्‍यप्रदेश में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों यथा-म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर द्वारा प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्‍य) के उद्देश्‍य/प्रावधानों के अनुसार घरों का ही सर्वे कार्य कराया गया था, ग्रामों एवं मजरों/टोलों का नहीं। वितरण कंपनियों द्वारा उक्‍त सर्वे हेतु किसी बाहरी एजेन्‍सी को अनुबंधित नहीं किया गया था, अपितु सर्वे विभागीय स्‍तर पर किये गये थे। उक्‍त सर्वे में जिलेवार अविद्युतीकृत पाए गए घरों की संख्‍या संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', '' एवं '' अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार दिमनी विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत भी ग्रामों/मजरों/टोलों का नहीं अपितु अविद्युतीकृत घरों का सर्वे किया गया था, जिसमें सर्वे उपरांत अविद्युतीकृत पाए गए समस्‍त 20602 घरों को कनेक्‍शन प्रदाय किये जा चुके हैं।

परिशिष्ट - ''बहत्तर''

मजरे टोलों का विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

81. ( क्र. 4044 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                               (क) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के हर गांव, मजरा-टोलों में विद्युत सप्‍लाई, विद्युतीकरण हेतु क्‍या नीति निर्धारित थी? क्‍या इस हेतु वर्तमान में कोई नवीन नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या नवीन (Latest) नीति के तहत विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी, जिला मुरैना के सभी ग्राम मजरे-टोलों में विद्युत सप्‍लाई हो रही है? (ग) क्‍या कुछ ग्राम, मजरे-टोले विद्युत सप्‍लाई/विद्युतीकरण से वंचित हैं, तो उनके विद्युतीकरण हेतु क्‍या कार्यक्रम प्रस्‍तावित है व उन्‍हें कब तक विद्युत उपलब्‍ध कराई जावेगी? (घ) शेष ग्राम, मजरे-टोले मोहल्‍लों में विद्युत सप्‍लाई नहीं होने के क्‍या कारण हैं व इस हेतु कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्‍तरदायी है व इस हेतु शासन उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेगा व कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में केन्‍द्र शासन द्वारा स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनान्‍तर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों के सघन विद्युतीकरण के कार्य किये गये। केन्‍द्र शासन की सौभाग्‍य योजनान्‍तर्गत उक्‍त योजनाओं में निर्मित विद्युत अधोसंरचना तथा लास्‍ट माईल कनेक्टिविटी/प्रणाली सुदृढ़ीकरण का कार्य करते हुए योजना के प्रावधानों के अनुसार शत-प्रतिशत घरों को विद्युतीकृत किया गया। उक्‍तानुसार वि‍द्युतीकृत क्षेत्रों में कृषि फीडरों के माध्‍यम से 10 घंटे प्रति‍दिन तथा गैर-कृषि फीडरों के माध्‍यम से 24 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय का प्रावधान किया गया। वर्तमान में भी उक्‍तानुसार विद्युतीकृत क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराया जा रहा है तथा विद्युतीकरण/विद्युत सप्‍लाई की अन्‍य कोई नई नीति नहीं बनाई गई है। (ख) वर्तमान में जिला मुरैना के विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत सभी विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों में उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित विनियमनों के अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) दिमनी विधानसभा क्षेत्र में सभी ग्राम/मजरे/टोले विद्युतीकृत हैं तथापि 4 ग्रामों एवं 5 मजरों/टोलों के सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है, जिसे दिनांक 30.09.2019 तक पूर्ण करने के प्रयास हैं। उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में लागू विनियमनों के अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) दिमनी विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों में लागू विनियमनों के अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत विहीन ग्राम

[ऊर्जा]

82. ( क्र. 4052 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिवनी मालवा के अंतर्गत कितने ग्राम विद्युत विहीन हैं? ग्रामों के नाम एव ग्राम की जनसंख्‍या तथा आवासों की संख्‍या बतावें? (ख) क्‍या विद्युत विहीन ग्रामों में बिजली पहुंचाने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो किस योजना अंतर्गत बिजली पहुंचाई जायेगी तथा कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सिवनी मालवा के अंतर्गत कोई भी ग्राम विद्युत विहीन नहीं है। उक्‍त विधानसभा क्षेत्र में कुल आबाद ग्रामों की संख्‍या 281 है एवं सभी 281 ग्राम विद्युतीकृत हैं। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मनगवां विधान क्षेत्रान्‍तर्गत पहुँच मार्गों का निर्माण

[लोक निर्माण]

83. ( क्र. 4060 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मनगवां विधान क्षेत्रान्‍तर्गत लो.नि.वि. की कौन-कौन सी सड़कें अत्‍यन्‍त खराब हैं, जिन पर आमजन मानस को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है?                                                                                                            (ख) प्रश्नांश (क) के सन्‍दर्भ में क्‍या मनगवां-मलकपुर तालाब से बुडवा, मनगवां बस्‍ती से बसेंड़ा, मनगवां तिवनी मोड़ से पिपरवार, गंगेव-घोपी पहरखा-से लालगॉव, गंगेव बजार से रेशम उद्योग माडल घोपी, क्‍योंटी से शाहपुर वाया बैकुंठपुर, भलुहई से माल तथा आंवी से तिवनी पहुँच मार्गों का निर्माण किया जाना आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो कब तक डी.पी.आर. प्राप्‍त कर स्‍वीकृति प्रदान करते हुए रोडों का निर्माण कार्य प्रारम्‍भ कर दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वित्‍तीय सीमा एवं उपलब्‍ध संसाधन के अनुरूप प्राथमिकता के क्रम पर विचार किया जा सकेगा।

हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी

[ऊर्जा]

84. ( क्र. 4106 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                                                      (क) सौभाग्य योजना के अंतर्गत विदिशा जिले को कितना आवंटन प्राप्त हुआ? सौभाग्य योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण के क्या-क्या कार्य कराये जाने थे? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में सौभाग्य योजना से ग्रामों/मजरों/टोलों में विद्युतीकरण के कौन-कौन से कार्य किये गये और हितग्राहियों को नि:शुल्क कनेक्शन प्रदान किए गए? विकासखण्डवार/ग्रामवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या लटेरी तहसील के ग्राम आरी, ताजपुरा, फतेहगढ़ और चंदेरी ग्रामों को एवं हितग्राहियों का सौभाग्य योजना का लाभ 30 जून, 2019 तक प्राप्त नहीं हुआ है, इसके पीछे एक कारण यह भी है कि उक्त ग्रामों को विद्युत प्रदाय गुना जिले के मधुसूदनगढ़ से होता है और संचालन एवं संधारण का कार्य लटेरी द्वारा होता है?                                                                                 (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या लटेरी तहसील के ग्राम महावन से 11 के.वी.ए. लाइन बिछाकर उक्त चारों ग्रामों को जोड़कर सौभाग्य योजना का लाभ दिया जावेगा, जैसा कि प्रस्ताव विभाग ने तैयार भी किया है? यदि हाँ, तो विद्युत प्रदाय कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सौभाग्‍य योजना के अंतर्गत विदिशा जिले हेतु रू. 19.91 करोड़ की राशि आवंटित हुई है। सौभाग्‍य योजना अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के घरों को लास्‍ट माईल क‍नेक्टिविटी उपलब्‍ध कराते हुए विद्युत कनेक्‍शन प्रदान किये जाने थे। उक्‍त लास्‍ट माईल कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु आवश्‍यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विकास/लाइन विस्‍तार के कार्य यथा-11 के.व्‍ही. उच्‍चदाब लाइन, निम्‍नदाब लाइन का विस्‍तार/निर्माण एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना के कार्य किये जाने थे। विदिशा जिले में सौभाग्‍य योजना के अंतर्गत प्रस्‍तावित सभी कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये जा चुके हैं, जिनका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्‍दर्भ में सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्‍डों में सौभाग्‍य योजना के अंतर्गत किये गये कार्यों की विकासखण्‍डवार/ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्रामों के हितग्राहियों को सौभाग्‍य योजना का लाभ दिनांक 30.06.2019 के पूर्व ही प्राप्‍त हो चुका है। पूर्व में प्रश्‍नाधीन ग्रामों को विद्युत प्रदाय लटेरी विद्युत वितरण केन्‍द्र के अंतर्गत 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र से निर्गमित 11 के.व्‍ही. फीडर से किया जाता था। लगभग 10 वर्ष पूर्व आरी नोवाबाद डेम बनने के कारण इन ग्रामों को विद्युत प्रदाय करने वाली 11 के.व्‍ही. लाइन डेम के भराव क्षेत्र में आने के कारण उक्‍त ग्रामों का विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्‍ही. मकसूदनगढ़ उपकेन्‍द्र से निर्गमित 11 के.व्‍ही. सुन्‍दरपुरा मिक्‍स फीडर से कर दिया गया था। वर्तमान में उक्‍त चारों ग्रामों का विद्युत प्रदाय गुना जिले के मकसूदनगढ़ के अंतर्गत 11 के.व्‍ही. सुन्‍दरपुरा कृषि फीडर से किया जा रहा है एवं संचालन एवं संधारण का कार्य लटेरी विद्युत वितरण केन्‍द्र द्वारा किया जा रहा है। (घ) प्रश्‍नाधीन ग्रामों की विद्युत सप्‍लाई लटेरी विद्युत वितरण केन्‍द्र के अंतर्गत 33/11 के.व्‍ही. लटेरी विद्युत उपकेन्‍द्र के निर्गमित 11 के.व्‍ही. लटेरी ग्रामीण घरेलू फीडर से जोड़ने के लिये 5 कि.मी. 11 के.व्‍ही. लाइन का कार्य प्रस्‍तावित किया गया है, जिसकी अनुमानित लागत राशि रू. 12.5 लाख होगी। वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता के अनुरूप उक्‍त कार्य को प्रारंभ किया जायेगा। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का विनियमितिकरण

[उच्च शिक्षा]

85. ( क्र. 4107 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश सतपुड़ा भवन भोपाल एवं अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा नर्मदापुरम संभाग भोपाल द्वारा म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-5-1/2013/1/13 भोपाल, दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 के पालन में अपने अधीनस्थ महाविद्यालयों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के विनियमितीकरण हेतु क्या निर्देश प्रदान किये गये हैं?                                           (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो नर्मदापुरम संभाग भोपाल के अंतर्गत आने वाले अग्रणी महाविद्यालयों के अधीनस्थ महाविद्यालयों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिक कर्मचारियों को विनियमित करने की कार्यवाही कर कितने कर्मचारियों को लाभांवित किया गया है एवं कितने कर्मचारियों को अभी तक लाभांवित नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में लाभ से वंचित कर्मचारियों को कब तक लाभान्वित कर दिया जावेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पृथक से कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। (ख) नर्मदापुरम संभाग भोपाल के अंतर्गत आने वाले अग्रणी महाविद्यालयों के अधीनस्थ महाविद्यालयों में कार्यरत् 13 दैनिक वेतन भोगी श्रमिक कर्मचारियों को विनियमित किया गया है एवं 11 कर्मचारियों को अभी तक लाभांवित नहीं किया गया है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कटनी जिले में दुकान स्थापना का पंजीयन

[श्रम]

86. ( क्र. 4113 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दुकान स्थापना पंजीयन के वर्तमान में क्या नियम और निर्देश लागू हैं एवं आवेदन किये जाने की क्या प्रक्रिया है और कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक है? आवेदनों का निराकरण कितने दिवस में किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कटनी जिले में दुकान स्थापना के नवीनतम नियम/निर्देश लागू होने के उपरांत कितने और कौन-कौन से आवेदन कब-कब प्राप्त हुये? किन आवेदनों को पात्र/सही/मान्य पाया जाकर कब निराकृत/डिस्पोज़ किया गया एवं किस नाम/पदनाम के सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब डिजिटल हस्ताक्षर किये गये? दिनांकवार, आवेदनवार बतायें। किन-किन आवेदनों पर किन कारणों से आपत्ति दर्ज की गयी और किन-किन आवेदनों को निरस्त/अमान्य किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत क्या पात्र/सही/मान्य किये गये आवेदनों को नियत अवधि में निराकृत नहीं किया गया और आवेदनों पर डिजिटल हस्ताक्षर आवेदनों का डिस्पोज़ल किये जाने के समय पर ही न कर बाद में किया जाता है, जिससे नियत अवधि में सेवा प्रदान नहीं की जा रही है? यदि हाँ, तो यह कार्यप्रणाली किस प्रकार नियमानुसार है? यदि नहीं, तो क्या ऐसा न होना प्रतिवेदित किया जायेगा? (घ) क्या दस्तावेजों की कमी के चलते आवेदनों पर आपत्ति दर्ज कर पुनः अज्ञात कारणों से उन्ही दस्तावेजों को सही मानकर आवेदनों को मान्य कर दिया जाता है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्या ऐसा न होना प्रतिवेदित किया जायेगा?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) नवीन दिशा-निर्देश दिनांक 03.07.2019 के पश्चात् प्रश्नांकित आवेदनों संबंधी कटनी जिले की लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। आपत्ति में आए आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। निरस्त आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है तथा निराकृत आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। इन आवेदनों पर सहायक श्रम पदाधिकारी श्री ब्रजेश तिवारी एवं श्री एम.के. गौतम द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर किये गए हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। आवेदक द्वारा आवेदन में निर्दिष्ट कमियों की पूर्ति करने पर पंजीयन जारी किया जाता है।

जुहला से जुहली मार्ग का डामरीकरण

[लोक निर्माण]

87. ( क्र. 4114 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनीनगर से मझगवां मुख्य सड़क पर जुहला से जुहली सड़क के मार्ग का डामरीकरण किये जाने का कार्य स्वीकृत किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) सड़क मार्ग निर्माण/डामरीकरण किए जाने हेतु विभाग द्वारा कोई निविदा कार्यवाही की गयी थी? यदि हाँ, तो कार्य की निविदा कब जारी की गयी थी, कार्यदेश कब जारी किया गया, निर्माण की समयावधि क्या थी और कार्य कब तक पूरा किया जाना था? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो समयावधि पूर्ण होने पर भी कार्य नहीं किये जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जुहला से जुहली सड़क मार्ग पर डामरीकरण का कार्य क्षेत्र की आवश्यकता के चलते प्राथमिकता से शीघ्र किया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। कार्य प्रगति पर है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तिहत्तर''

सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा प्‍लांट 

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

88. ( क्र. 4117 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा में मन्‍दसौर जिले के शासन के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं कार्यालय की जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में स्थित सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा के लगाए गए प्‍लांट तथा पावर ग्रिड, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग या ऊर्जा विभाग दोनों में से किसके क्षेत्राधिकार में है? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के कितने ग्रिड संचालित हैं तथा कितने नए ग्रिड की स्‍थापना की गई है? विद्युत क्षमता सहित जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा में सं‍चालित सौर ऊर्जा प्‍लांट एवं ग्रिडों पर नियुक्‍त अधिकारी एवं कर्मचारी तथा जिला, संभाग एवं प्रदेश के अधिकारियों की नाम, पद सहित जानकारी देवें।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) मंदसौर जिले में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत स्‍थापित मंदसौर कार्यालय में कुल 5 अधिकारी/कर्मचारी पदस्‍थ हैं, जिसमें जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी श्री एस.एल. बजाज, मैकेनिक श्री बालाराम राठौर एवं श्री संतोष तवंर, कनिष्‍ठ सहायक श्री महेश हनवत तथा हेल्‍पर श्री राजेन्‍द्र पंवार पदस्‍थ है। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि., मंदसौर का जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी कार्यालय, एल.आई.जी. ए-22, जनता कॉलोनी मंदसौर में स्थित है। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में स्थित सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा के प्‍लांट मध्‍यप्रदेश शासन के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा संरचित क्रमश: ''मध्‍यप्रदेश सौर ऊर्जा परियोजना नीति'' एवं ''पवन ऊर्जा परियोजना नीति'' के अंतर्गत स्‍थापित किये गये हैं। इन परियोजनाओं द्वारा विद्युत का विक्रय मध्‍यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी को किया जाता है, जो मध्‍यप्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग के अधीन है। पावर ग्रिड भारत शासन के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन कार्यरत शासकीय उपक्रम है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) सुवासरा विधानसभा में संचालित सौर ऊर्जा प्‍लांटों पर नियुक्‍त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उत्‍तरांश (ग) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ में उल्‍लेखित उपकेन्‍द्रों का संचालन ऊर्जा विभाग के अंतर्गत म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के परीक्षण संभाग, रतलाम द्वारा करवाया जा रहा है। म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में नियुक्‍त अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाएं 

[श्रम]

89. ( क्र. 4118 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                (क) श्रम विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं तथा विभाग की योजनाओं का लाभ किन-किन को दिया जाता है? (ख) विगत 2 वर्षों में मन्‍दसौर जिले में विभाग द्वारा करवाए गए कार्यों की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ग) विभाग में ग्राम से लेकर जिले के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पदों की जानकारी देवें तथा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र सहित जिले में नियुक्‍त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम, पद एवं मोबाईल नं. सहित जानकारी देवें?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्‍डल के अंतर्गत विभिन्न कल्याणकारी संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। मण्‍डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को योजनाओं का लाभ पात्रतानुसार दिया जाता है। साथ ही अपंजीकृत निर्माण श्रमिक को निर्माण कार्य के दौरान दुर्घटना में अपंगता अथवा मृत्यु की स्थिति में अनुग्रह सहायता एवं अंत्येष्टि सहायता दिये जाने की योजना प्रभावशील है। (ख) चाही गई जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चौहत्तर''

रिक्‍त पदों पूर्ति 

[उच्च शिक्षा]

90. ( क्र. 4125 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय नरसिंहगढ़ में कौन-कौन से पद स्‍वीकृत हैं एवं स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पद कब से किन कारणों से रिक्‍त हैं तथा रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु शासन द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त महाविद्यालय में स्‍वीकृत पदों में से आधे से अधिक पद लम्‍बे समय से रिक्‍त है तथा स्‍थायी प्राचार्य की भी पदस्‍थापना नहीं है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन छात्र-छात्राओं को गुणवत्‍तापूर्ण नियमित शिक्षा प्रदान करने के दृष्टिगत रिक्‍त पदों की पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) स्‍वीकृत एवं रिक्‍त पदों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। महाविद्यालयों में शैक्षणिक व्‍यवस्‍था प्रभावित न हो इसलिये अतिथि विद्वानों के माध्‍यम से शैक्षणिक कार्य संपन्‍न कराया जाता है। निश्चित अवधि बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पचहत्तर''

श्रमिकों के कल्‍याण हेतु संचालित योजनाएं

[श्रम]

91. ( क्र. 4126 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                       (क) शासन द्वारा श्रमिकों के हित संरक्षण एवं कल्‍याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं प्रश्‍न दिनांक तक संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में 01 जनवरी, 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत कितने श्रमिकों को किन-किन योजनाओं का लाभ                                                               कब-कब प्रदान किया गया है? सूची देवें। प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त योजनाओं में लंबित आवेदनों की संख्‍या व लंबित रहने का कारण स्‍पष्‍ट करें, कब तक लंबित आवेदनों का निराकरण करा दिया जावेगा? (ग) उपरोक्‍तानुसार उद्योगों/फैक्ट्रियों में कार्यरत श्रमिकों के हितकल्‍याण हेतु विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत उक्‍त अवधि में स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण, वेतन पुनरीक्षण व नियमानुसार अन्‍य हितों का लाभ दिलाने हेतु कब-कब, कहाँ-कहाँ शिविरों का आयोजन किया गया तथा उसमें कितने श्रमिकों को क्‍या-क्‍या लाभ दिया गया? सूची उपलब्‍ध करावें। क्‍या उक्‍त अवधि में श्रम पदाधिकारी द्वारा क्षेत्र में संचालित उद्योगों/फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब एवं निरीक्षण के दौरान क्‍या-क्‍या अनियमितताएं प्राप्‍त हुई तथा उनमें क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब                                                  की गई?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) शासन द्वारा श्रमिकों के हित संरक्षण हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ में लाभान्वित श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। 30 जून की स्थिति में समस्त प्रकरण पोर्टल पर स्वीकृत किया जा चुका है। अतः लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। (ग) उद्योगों एवं फैक्ट्रियों में कार्यरत श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण, वेतन पुनरीक्षण हेतु कोई शिविर नहीं लगाया गया है। उपरोक्त अवधि में श्रम पदाधिकारी द्वारा कोई निरीक्षण नहीं किया गया है।

महत्‍वपूर्ण मार्गों पर सड़क निर्माण की स्‍वीकृति

[लोक निर्माण]

92. ( क्र. 4129 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में दिनांक 15.12.2018 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? सूची देवें। (ख) क्‍या शाजापुर जिले में अभी भी कई गांव ऐसे हैं, जिनकी कनेक्टिविटी हाट बाजार, तहसील, अस्पताल, स्‍कूल, कॉलेज आदि से न होकर लंबी दूरी के मार्गों से है, जिनके कारण ग्रामीणों को 25 से 30 कि.मी. लंबी दूरी के मार्ग पर चलकर पहुंचना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या जनता की मांग पर ऐसे कच्चे मार्ग जो महत्‍वपूर्ण हैं, उन पर पक्‍की सड़क बनाने की योजना शासन ने बनाई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित व्‍यवस्‍था के लिये क्या दूबडिया से लाहरखेड़ा, कौहडिया से गुलाना, कैथलाय से धतुरिया, चौकी शाहपुर से खामखेड़ा पंथ, रायपुर से पटलावदा-कडवाला मुख्य सड़क (ढंड), बोल्दा से हडलाय कलां, गणेशपुर से मोहम्मदपुर (मछनाई), पोचानेर से हारूखेड़ी रणायल, पिपलोदा से करोंदी तक सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) 41 मार्गों की। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी हाँ, वर्तमान में जी नहीं। उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों के अनुसार प्राथमिकतानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में, जी नहीं।

परिशिष्ट - ''छिहत्तर''

कम्प्यूटर ऑपरेटरों को मानदेय का भुगतान 

[श्रम]

93. ( क्र. 4130 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                   (क) मध्‍यप्रदेश के समस्त जिले के श्रम विभागीय कार्यालय में कितने-कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर/डाटा ऑपरेटर किस अधिकारी के आदेश पर कब-कब से पदस्थ हैं तथा पूर्व एवं वर्तमान में उनकी क्या स्थिती है? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित कम्प्यूटर ऑपरेटरों/डाटा ऑपरेटरों का वेतन/मानदेय राशि भुगतान किस माध्यम से किया जाता रहा है? क्या सचिव म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल भोपाल द्वारा माह अगस्त 2016 में वेतन/मानदेय राशि भुगतान करने में कुछ परिवर्तन किया गया है? यदि हाँ, तो शासन के किस आदेश एवं किस श्रम नियमों के तहत ऐसा किया गया? यदि नियम विरुद्ध ऐसा किया गया तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मध्यप्रदेश के समस्त जिलों के श्रम विभागीय कार्यालयों में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्‍डल द्वारा कम्प्यूटर ऑपरेटर/डाटा ऑपरेटर पदस्थ नहीं किये गये हैं। मण्‍डल द्वारा चयनित आउटसोर्स एजेंसी द्वारा श्रम विभागीय कार्यालयों में कम्प्यूटर ऑपरेटर उपलब्ध कराये जाते हैं। आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से जिलों में उपलब्ध कराये गये कम्प्यूटर ऑपरेटर की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कम्प्यूटर ऑपरेटरों/डाटा ऑपरेटरों को वेतन का भुगतान मण्‍डल द्वारा चयनित आउटसोर्स एजेंसी द्वारा किया जाता है। जी नहीं। सचिव, म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्‍डल द्वारा माह अगस्त, 2016 में वेतन/मानदेय राशि भुगतान करने में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उक्त उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

विद्युत उत्पादन, खरीदी एवं खपत की जानकारी

[ऊर्जा]

94. ( क्र. 4133 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                         (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुल कितनी मिलियन यूनिट बिजली कमर्शियल, घरेलू एवं कृषि कार्य में खपत हो रही है? कंपनीवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) विगत 2 वर्षों में मध्यप्रदेश शासन के उपक्रम तथा अन्‍य स्‍त्रोतों (केप्टिव एवं गैर परंपरागत स्‍त्रोतों को छोड़कर) से क्रय की गई बिजली का विवरण देवें। (ग) प्रदेश को प्राप्‍त कुल जल विद्युत में कितने प्रतिशत बिजली इंदिरा सागर, सरदार सरोवर, ओंकारेश्वर परियोजना से प्राप्‍त हो रही है एवं कितनी छोटे जल विद्युत परियोजनाओं से प्राप्‍त हो रही है? पृथक-पृथक विगत दो वर्षों की वर्षवार जानकारी मिलियन यूनिट में उपलब्ध कराएं। (घ) सरदार सरोवर परियोजना से मध्यप्रदेश शासन को कितनी मेगावाट बिजली प्राप्त हो रही है एवं सरदार सरोवर परियोजना से उत्पादित बिजली का विक्रय हेतु किस राज्य एवं कंपनी से करार किया गया है। (ड.) क्या सरदार सरोवर परियोजना से मध्यप्रदेश शासन में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कोई विद्युत का उत्पादन या अन्य लाभ प्राप्त नहीं हुआ? यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश शासन विस्थापितों के पक्ष में दिये गये आदेशों के खिलाफ तत्कालीन सरकार द्वारा मध्यप्रदेश उच्च-न्यायालय व सर्वोच्च-न्यायालय में दाखिल की गई याचिकाएं वापस लेगी? (जैसा की वचन पत्र में आश्वासन दिया गया था)? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?  

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वर्तमान में (वर्ष 2018-19 के अनुसार) प्रदेश में कमर्शियल, घरेलू एवं कृषि कार्य में हो रही विद्युत खपत (मिलियन यूनिट में) की प्रदेश एवं कंपनीवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ख) एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में मध्‍यप्रदेश शासन के उपक्रम तथा अन्‍य स्‍त्रोतों (केप्टिव एवं गैर परंपरागत स्‍त्रोतों को छोड़कर) से क्रय की गई बिजली का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ग) प्रदेश को प्राप्‍त कुल जल विद्युत में से इंदिरा सागर, सरदार सरोवर, ओंकारेश्‍वर परियोजना से प्राप्‍त हो रही एवं छोटे जल विद्युत परियोजनाओं से प्राप्‍त हो रही विद्युत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (घ) वर्तमान में माह मई, 2019 एवं जून, 2019 में सरदार सरोवर परियोजना से प्राप्‍त औसत एवं अधिकतम प्राप्‍त बिजली की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

 

माह

 

औसत प्राप्‍त बिजली (मेगावाट में)

अधिकतम प्राप्‍त बिजली (मेगावाट में)

मई 2019

17.5

37.6

जून 2019

18.7

37.6

 

सरदार सरोवर परियोजना से उत्‍पादित विद्युत में मध्‍यप्रदेश शासन का अंश 57 प्रतिशत है, जो तदनुसार 826.5 मेगावाट होता है। मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा इसका आवंटन वर्तमान में एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी को किया गया है। सरदार सरोवर परियोजना से उत्‍पादित विद्युत में 27 प्रतिशत अंश महाराष्‍ट्र का एवं 16 प्रतिशत गुजरात का है। (ड.) उत्‍तरांश (घ) में उल्‍लेखानुसार सरदार सरोवर परियोजना से उत्‍पादित बिजली मध्‍यप्रदेश के अंश के अनुसार प्राप्‍त होती है, जो विद्युत उत्‍पादन में कमी होने पर अंश के अनुपात में घट जाती है। न्‍यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है, जिस पर आगामी कार्यवाही के संबंध में कोई भी निर्णय सभी बिन्‍दुओं पर सम्‍यक विचारोपरांत लिया जाएगा।

परिशिष्ट - ''सतहत्तर''

तात्याटोपे खेल स्टेडियम की जानकारी

[खेल और युवा कल्याण]

95. ( क्र. 4134 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित तात्याटोपे खेल स्टेडियम में दिनांक 01/01/2014 से प्रश्न-दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण एवं मरम्मत कार्य किस ठेकेदार एवं                                                                फर्म-कंपनी से कराया गया तथा इस हेतु प्राप्त की गई प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति की जानकारी उपलब्ध करावें तथा उक्त अवधि में क्रय की गई खेल-सामग्री एवं उपकरणों की जानकारी देवें। उक्त अवधि में प्राप्त समस्त ऑडिट आपत्तियों का विवरण भी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित स्टेडियम में कौन-कौन से निजी संस्थानों से एम.ओ.यू. कर कौन-कौन से पाठ्यक्रम एवं खेल संचालित किए जा रहे हैं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्टेडियम में किस खेल की फीस एवं आम नागरिकों से ट्रैक पर दौड़ने एवं स्टेडियम में प्रवेश हेतु कितना शुल्क प्रतिमाह या वर्षवार निर्धारित किया गया है? पिछले पाँच वर्षों में स्टेडियम में खेल के नाम पर एवं आम नागरिकों से किस नियम के अंतर्गत क्‍या-क्‍या शुल्क लिए जा रहे हैं तथा कितना शुल्‍क प्राप्‍त किया गया। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्टेडियम में उक्‍तावधि में हुए घोटाले एवं ऑडिट आपत्तियों की निष्पक्ष जाँच कराएंगे और स्टेडियम में आम युवा, नागरिक व खिलाड़ियों को नि:शुल्क प्रवेश देने के संबंध में आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?  

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

ई-टेण्डर घोटाले की जाँच 

[जल संसाधन]

96. ( क्र. 4137 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व सरकार के कार्यकाल में ई-टेण्डर घोटाला हुआ था? यदि हाँ, तो क्या इस प्रकरण के संबंध में ई.ओ.डब्ल्यू. में एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? यदि हाँ, तो क्रमांक एवं दिनांक क्या है?                                                                                   (ख) क्या ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो जाँच कब शुरू हुई? वर्तमान में जाँच की क्या स्थिति है? दोषियों तक जाँच पहुंचने में कितना समय लगेगा? (ग) क्या ई-टेण्डर घोटाले में हजारों करोड़ों की राशि का गबन किया गया है? यदि हाँ, तो इस प्रकरण में एंट्रेस कंपनी, ऑस्मो कंपनी, एम.पी.एस.ई.डी.सी. कंपनी की क्या भूमिका है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। अपराध क्रमांक 12/2019, दिनांक 10.04.2019(ख) जी हाँ। दिनांक 10.04.2019 से। वर्तमान में जाँच विवेचनाधीन होने से समयावधि बतलाया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रकरण विवेचनाधीन है। विवेचनाधीन होने से जानकारी दिया जाना विधि सम्‍मत नहीं है।

बाल श्रमिक उन्मूलन अभियान

[श्रम]

97. ( क्र. 4138 ) श्री महेश परमार : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बाल श्रमिक के रूप में, बालकों के शोषण का कोई कानून प्रचलित है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों में उज्जैन जिले में इस कानून के तहत कितनी निरोधात्मक कार्यवाहियां की गई? इन कार्यवाहियों में कितने नियोक्ताओं को दण्डित किया गया? यदि नहीं, तो क्या यह मान लिया जाए कि जिले में बाल श्रमिक नहीं है? (ख) बाल श्रमिक उन्नमूलन के लिए उज्जैन जिले में विगत 05 वर्षों से कितनी परियोजनाएं या कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो यह परियोजनाएं या कार्यक्रम शासकीय या किन अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? उनका विवरण प्रस्तुत करें (ग) क्‍या इन परियोजनाओं का कोई भौतिक मूल्यांकन किया गया? यदि हाँ, तो उसके परिणाम क्या हैं और यदि नहीं, तो सरकार इन परियोजनाओं के मूल्यांकन की क्या व्यवस्था कर रही है?                                                                                                  (घ) अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित परियोजनाओं के मापदण्ड क्या है और कार्यक्रम या परियोजनाएं इन संस्थाओं को उपलब्ध कराने के विषय में शासन द्वारा जारी नीति निर्देशों का पालन सुनिश्चित हुआ है या नहीं? उनका विवरण प्रस्तुत करें।

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। बाल श्रम की रोकथाम के लिए बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 प्रचलित है। विगत 5 वर्षों में उज्‍जैन जिले में 12 निरोधात्‍मक कार्यवाही की गई है। इन कार्यवाही में 5 नियोक्‍ताओं को दण्डित किया गया है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत 5 वर्षों से राष्‍ट्रीय बाल श्रम परियोजना, उज्‍जैन द्वारा कोई विशेष विद्यालय संचालित नहीं हैं। इसलिये परियोजना में कोई शासकीय अथवा अशासकीय संस्‍था कार्य नहीं कर रहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में विशेष विद्यालय संचालित नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''अठहत्तर''

पी.आई.यू. के माध्‍यम से कराये गये कार्य 

[लोक निर्माण]

98. ( क्र. 4140 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में पी.आई.यू. से कितने भवन निर्माणाधीन हैं? 2015 से अब तक की जानकारी देवें। (ख) कितने निर्माणाधीन भवन बनाये, कितने समय-सीमा के बाद या वर्तमान में निर्माणाधीन है? क्‍या नियम के तहत पेनाल्‍टी ली गई? यदि हाँ, तो कितने ठेकेदारों पर कितनी पेनाल्‍टी लगाई गई? (ग) परसवाड़ा/बैहर/लांजी विधानसभा में 2015 से अब तक कितने कार्य का मूल्‍यांकन/सत्‍यापन किया है? (घ) कार्यपालन यंत्री द्वारा निर्माण कार्य का परीक्षण कब-कब किया? जानकारी देवें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

लाईनिंग कार्य के संबंध में 

[जल संसाधन]

99. ( क्र. 4141 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाट जिले में लाईनिंग का कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से अब तक कितने कार्य किये गये? (ख) 2014 से अब तक मरम्‍मत के कितने कार्य कहाँ-कहाँ किये गये?                                                                                    (ग) बालाघाट जिले में कितने रेस्‍ट हाउस हैं? यदि जर्जर हालत में हैं, तो क्‍या मरम्‍मत करायी गई? कितने रेस्‍ट हाउस में खानसामा नहीं हैं? क्‍या कार्यवाही करेंगे? (घ) बालाघाट जिले में कितने लाईनिंग का प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर लम्बित है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। स्‍वीकृत 26 कार्यों का विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) 174 कार्यों का विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) 23 रेस्‍ट हाउस हैं। जी हाँ, मरम्‍मत कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। 16 रेस्‍ट हाउस में खानसामा नहीं है। जी नहीं। (घ) लाईनिंग का कोई प्रस्‍ताव लंबित नहीं है।

24 घंटे बिजली प्रदाय की जाना

[ऊर्जा]

100. ( क्र. 4143 ) श्री राम दांगोरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक घर 24 घंटे बिजली की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो                                                                         किन-किन गांव को इसमें जोड़ा गया है और ऐसे कौन-कौन से गांव हैं, जिनको जोड़ा नहीं गया है? सूची प्रदाय करें। (ख) जिला खण्‍डवा विद्युत विभाग में पंजीकृत ठेकेदार कौन-कौन हैं? खण्‍डवा जिले की पंधाना विधानसभा क्षेत्र में पिछले 5 वर्षों में किए गये कार्यों की क्‍या सूक्ष्मतम एवं विस्तृत जानकारी है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र पंधाना के अंतर्गत सभी 203 राजस्व ग्रामों के मुख्‍य आबादी क्षेत्र में 24 घंटे विद्युत प्रदाय की व्यवस्था है। तथापि उक्त 203 ग्रामों में से 41 राजस्व ग्रामों के 60 फलिये, जो कि मुख्य आबाद ग्राम से दूर विद्यमान हैं, को वर्तमान में 24 घंटे घरेलू फीडर से नहीं जोड़ा जा सका है। वर्तमान में उक्त 60 फलियों के विद्युत उपभोक्ताओं को सिंचाई फीडर के माध्यम से 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्‍त 41 राजस्व ग्रामों के 60 फलियों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। इन 60 फलियों को घरेलू फीडर से जोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराने का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत सम्मिलित है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराया जा रहा है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत खण्डवा जिले में संचालन-संधारण वृत्त खण्डवा में पंजीकृत 32 ठेकेदारों का उनके नाम एवं पंजीकृत श्रेणी अनुसार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। पंधाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पिछले 05 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के तहत किए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

विभाग द्वारा पिछले 5 वर्षों में कराए गए कार्य 

[लोक निर्माण]

101. ( क्र. 4144 ) श्री राम दांगोरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में पिछले 5 वर्षों में कितने निर्माण कार्य किए गए हैं?                                                                                     (ख) इन निर्माण कार्यों की मियाद कितनी है? क्या इनका रख-रखाव हो रहा है? (ग) क्या किसी निजी भूमि पर भी निर्माण कार्य हुआ है? यदि हाँ, तो वह भूमि किस मद की है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मकानों के उपर से निकल रही हाई टेंशन लाइन

[ऊर्जा]

102. ( क्र. 4158 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या देवास शहर में आवासीय कॉलोनियों के मकानों के ऊपर से हाई टेंशन लाइन जा रही है, जिससे कभी भी जान माल के नुकसान की संभावना बनी रहती है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या ऊर्जा विभाग द्वारा उक्‍त हाई टेंशन लाइन जो कि आवासीय क्षेत्र में मकानों के ऊपर से जा रही है, को शिफ्ट करने की कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उक्‍त हाई टेंशन लाइन की वजह से होने वाले जान माल के नुकसान का कौन जिम्‍मेदार रहेगा?  

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) देवास शहर में पूर्व से स्‍थापित विद्युत लाइनों के समीप असुरक्षित दूरी पर कुछ लोगों द्वारा मकानों का निर्माण किया गया है। विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित किये गये हैं, जिनके अनुसार विद्युत लाइनों के नीचे एवं लाइनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में उक्‍तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये निर्माणकर्ता को                                                                      समय-समय पर विद्युत लाइनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया गया है। (ख) वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत लाइनों के समीप कालांतर में किये गये असुरक्षित निर्माण के निर्माणकर्ताओं से आवेदन प्राप्‍त होने तथा तकनीकी रूप से विस्‍थापन साध्‍य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्‍ल्‍यू.) की आवश्‍यकता पूरी होने की स्थिति में विस्‍थापन का व्‍यय आवेदक द्वारा जमा करने पर इन विद्युत लाइनों के विस्‍थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है।                                                                                     (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। तथापि उक्‍त विद्युत लाइनों के नीचे/समीपस्‍थ किये गये अवैध निर्माण के कारण घटित किसी अप्रिय घटना की जिम्‍मेदारी स्‍वयं निर्माणकर्ता की होगी।

तालाबों/बांध की क्षतिग्रस्‍त बंधानों की मरम्‍मत

[जल संसाधन]

103. ( क्र. 4161 ) श्री राकेश गिरि : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या टीकमगढ़ में स्थित महेन्‍द्र सागर तालाब, वृन्‍दावन तालाब एवं राजेन्‍द्र सागर बांध (नागदा बांध) की बंधाने विगत वर्षों से जगह-जगह क्षतिग्रस्‍त हैं? बंधानों के ऊपर निर्मित पट्टी एवं पिचिंग टूटकर गिर गई है? (ख) यदि हाँ, तो बरसात में ज्‍यादा जल भराव की स्थिति में गंभीर दुर्घटना घटित होने की आशंका के बावजूद भी विभाग द्वारा अभी तक बंधानों की मरम्‍मत एवं पट्टी निर्माण का कार्य क्‍यों नहीं कराया गया? इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? जिम्‍मेदार अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक और क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्‍त तालाबों/बांध के बंधानों की मरम्‍मत एवं पिचिंग व पट्टी निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) महेन्‍द्र सागर तालाब की बंधान क्षतिग्रस्‍त नहीं है। बंधान के ऊपर निर्मित क्षतिग्रस्‍त पट्टी का सुधार कार्य कराया जा चुका है। वृन्‍दावन तालाब जल संसाधन विभाग के अधीन नहीं है। राजेन्‍द्र सागर बांध की मरम्‍मत एवं पिचिंग सुधार कार्य का प्राक्‍कलन मैदानी स्‍तर पर प्रारंभिक अवस्‍था में है। (ख) बरसात में एफ.टी.एल. पर जल भराव की स्थिति में कोई दुर्घटना घटित होने की आशंका नहीं है। प्रत्‍येक वर्ष निर्धारित प्रक्रिया अनुसार तालाबों की निरीक्षण कर आवश्‍यकतानुसार मरम्‍मत कार्य कराया जाता है। अत: कार्य नहीं कराये जाने का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की स्थिति नहीं है।                                                                                    (ग) प्राक्‍कलन मैदानी स्‍तर पर प्रारंभिक अवस्‍था में होने से स्‍वीकृति तथा कार्य पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।

शासकीय महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी 

[उच्च शिक्षा]

104. ( क्र. 4165 ) श्री अजय विश्नोई : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कुल कितने शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं? उनमें किस-किस विभाग के कितने-कितने शिक्षक पदस्‍थ हैं और किस-किस विभाग के शिक्षकों के पद रिक्‍त हैं? महाविद्यालय वार जानकारी दें। (ख) विभाग इन महाविद्यालयों में जहां रिक्‍त पदों की संख्‍या ज्‍यादा है, प्राथमिकता के आधार पर उन महाविद्यालय से शिक्षक स्‍थानान्‍तरित करेगा, जहां शिक्षकों की संख्‍या पर्याप्‍त है? यदि हाँ, तो कब से और यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ग) जबलपुर जिले के पाटन तथा कटंगी महाविद्यालय में रिक्‍त पदों की जानकारी दें और उन्‍हें भरने की विभाग की क्‍या योजना है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जबलपुर जिले में कुल 13 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 1 से 6 अनुसार है। (ख) स्‍थानांतरण नीति के तहत स्‍थानांतरण की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जबलपुर जिला अंतर्गत कटंगी में कोई शासकीय महाविद्यालय संचालित नहीं है। शासकीय महाविद्यालय, पाटन से संबंधित रिक्‍त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 7 एवं 8 अनुसार है। पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर प्रक्रिया है, इस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

विद्युत सब स्‍टेशनों में फीडर सेपरेशन का कार्य

[ऊर्जा]

105. ( क्र. 4170 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                         (क) अनूपपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक कितने फीडरों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो गया है? फीडरवार सूची उपलब्‍ध करावें। कितने फीडरों में फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण है तथा इसके लिये विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या इन कार्यों में प्रयुक्‍त सामग्री घटिया किस्‍म की लगी होने के कारण पशुधन अथवा जनधन हानि होने संबंधी शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) उक्‍त विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक 132 के.व्ही. के कितने विद्युत सब स्‍टेशन स्‍वीकृत हुये? इन सब स्‍टेशन के निर्माण हेतु क्‍या समयावधि तय की गई थी? (ग) उक्‍त विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍य मंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ से कितने प्रकरण स्‍वीकृत हुये? प्रकरण स्‍वीकृत होने के पश्‍चात् कितने किसानों के यहां वितरण ट्रांसफार्मर एवं लाइन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितना कार्य अपूर्ण है? कितने ट्रांसफार्मर लगना शेष हैं? (घ) क्‍या ऐसे भी कृषक हैं, जिन्‍होंने अनुदान राशि जमा कर दी है, उसके बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं लग गया है? यदि हाँ, तो कब तक ट्रांसर्फामर लगा दिये जायेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) अनूपपुर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत 11 के.व्‍ही. के 3 फीडरों यथा-मेडियारास, केल्‍होरी एवं लपटा के विभक्तिकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में स्‍वीकृत था, जिसे दिनांक 12.07.2019 तक पूर्ण किया जा चुका है। वर्तमान में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण का कोई भी कार्य अपूर्ण नहीं है। जी नहीं, उक्‍त कार्यों में निर्धारित मानकों के अनुरूप गुणवत्‍तापूर्ण सामग्री का उपयोग किया गया है तथा इस कार्य से पशुधन/जनधन हानि होने संबंधी कोई भी शिकायत प्रश्‍न दिनांक तक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कोई 132 के.व्‍ही. सब-स्‍टेशन स्‍वीकृत नहीं किया गया है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्‍त विधानसभा क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ से दिनांक 12.07.2019 तक 125 कृषकों हेतु कुल 115 प्रकरण स्‍वीकृत किये गये हैं। उक्‍त प्रकरण स्‍वीकृत होने के पश्‍चात् 57 प्रकरणों में 60 कृषकों के स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन हेतु वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापना एवं लाइन विस्‍तार का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा शेष 58 प्रकरणों के अंतर्गत 65 कृ‍षकों के स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन हेतु वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापना एवं लाइन विस्‍तार का कार्य प्रगति पर है, जिनमें 58 ट्रांसफार्मर लगाना शेष है। (घ) विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना के अंतर्गत 58 प्रकरणों में 65 कृषकों, जिनके द्वारा नियमानुसार अंश राशि जमा कर आवेदन दिया गया है, के स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन हेतु वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने सहित आवश्यक लाइन विस्‍तार का कार्य शेष है। उक्‍त शेष कार्य माह अगस्‍त-2019 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास हैं।

सड़कों का पेंचवर्क/मरम्‍मत कार्य

[लोक निर्माण]

106. ( क्र. 4171 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वित्‍तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन सड़कों का पेंचवर्क, मरम्‍मत कार्य किस एजेंसी से कराया गया? वर्षवार, सड़क का नाम, एजेंसी का नाम, भुगतान की गई राशि की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्‍या अनूपपुर जिले में उक्‍त अवधि में विभाग ने परफॉर्मेंस गारंटी वाली सड़कों का भी पेंचवर्क, मरम्‍मत कार्य किया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सड़कों का कारण सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) उक्‍त जिले में उक्‍त अवधि तक कितने नवीन मार्ग के प्रस्‍ताव प्राक्‍क्‍लन सहित स्‍वीकृति हेतु अथवा बजट में शामिल किये जाने हेतु शासन के पास भेजे गये हैं? भेजे गये प्रस्‍ताव पर कितने-कितने कार्य स्‍वीकृत व कितने प्रक्रियाधीन हैं, दोनों की अलग-अलग जानकारी उपलब्‍ध करावें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'ब-1' अनुसार। शासन स्‍तर पर प्रक्रियाधीन कोई नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सड़क निर्माण

[लोक निर्माण]

107. ( क्र. 4175 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ग्रामीण विधान सभा क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग की सड़कों के निर्माण कार्य के लिये क्‍या मापदण्‍ड हैं? नियमों की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन सी सड़कें लोक निर्माण विभाग के अधीन हैं एवं अनकी वर्तमान में क्‍या स्थिति है? सड़कवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित सड़कों में से कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण किया जाना है, इस हेतु संबंधित विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? प्रश्‍न दिनांक तक अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विभाग में ग्रामीण मार्ग निर्माण आई.आर.सी. के मापदण्‍ड अनुसार किये जाते हैं। IRC-37 की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '', एवं 'अ-1' अनुसार है।

खेल सामग्री क्रय करने हेतु आवंटित राशि

[खेल और युवा कल्याण]

108. ( क्र. 4176 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में विगत तीन वर्षों में विभाग द्वारा जिला खेल एवं युवक कल्‍याण विभाग को कितनी-कितनी राशि, किस कार्य हेतु, कौन सी खेल सामग्री का क्रय किये जाने हेतु प्रदान की है? क्‍या उक्‍त सामग्री के क्रय प्रक्रिया में शासन के नियमों का पालन किया गया है? (ख) क्रय की गई सामग्री को किनके माध्‍यम से कहाँ और कब वितरित किया गया? सामग्री प्राप्‍तकर्ता विकासखण्‍ड स्‍तरीय अधिकारी का नाम एवं पदनाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।                                          (ग) उक्‍त जिले में किन-किन खेलों के कोच उपलब्‍ध हैं तथा उनके वेतन भत्‍तों पर प्रतिवर्ष शासन द्वारा कितनी राशि व्‍यय की जा रही है, जिन खेलों के कोच (प्रशिक्षक) नहीं हैं, उनके लिये विभाग द्वारा कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों? विभिन्‍न खेलों में अब तक कितने खिलाड़ी अनूपपुर जिले के प्रदेश अथवा राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चयनित हुये हैं? (घ) जिले में                                                       कहाँ-कहाँ खेल मैदान, स्‍टेडियम स्‍वीकृत हैं? उनका निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) अनूपपुर जिले में विगत तीन वर्षों में विभाग द्वारा जिला खेल एवं युवक कल्याण विभाग को कितनी-कितनी राशि, किस कार्य हेतु संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जिले को खेल प्रशिक्षण केन्द्रों को खेल सामग्री योजना अंतर्गत खेल सामग्री क्रय करने हेतु राशि आवंटित की जाती है, जिसमें जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी द्वारा स्थानीय स्तर पर प्रचलित खेल की सामग्री आवश्यकतानुसार क्रय की जाती है। सामग्री क्रय में शासन नियमों का पालन किया गया है।                                                                                          (ख) क्रय की गई सामग्री को जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी द्वारा जिले में कार्यरत् खेल प्रशिक्षक, ग्रामीण युवा समन्वयक, खिलाड़ि‍यों को प्रशिक्षण हेतु वितरित की जाती है। विकासखण्ड में कार्यरत संविदा ग्रामीण युवा समन्वयक को खिलाड़ि‍यों के प्रशिक्षण हेतु खेल सामग्री दी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) अनूपपुर जिले में व्हॉलीबॉल का 01 एवं कबड्डी का 01 कोच (प्रशिक्षक) उपलब्ध है, उनके संविदा मानदेय पर वर्ष 2018-19 में रू. 4, 28, 328/- शासन द्वारा व्यय की गयी। जिले के लिए खेलों के कोच (प्रशिक्षक) नहीं है, उनके लिए विभाग द्वारा म.प्र. खेल प्राधिकरण के माध्यम से खिलाड़ि‍यों की संख्या व आवश्यक खेल अधोसंरचना, स्टेडियम एवं खेल मैदान को दृष्टिगत रखते हुए ''पे एण्ड प्ले'' योजना के तहत प्रशिक्षक नियुक्त करने की योजना संचालित है। अनूपपुर जिले में खिलाड़ि‍यों की संख्या इतनी नहीं है कि वहां ''पे एण्ड प्ले'' योजना संचालित नहीं की जावे। अनूपपुर जिले के प्रदेश स्तर पर 30 अथवा राष्ट्रीय स्तर पर 10 खिलाड़ी चयनित हुए हैं। (घ) जिले में खेल मैदान, स्टेडियम स्वीकृत नहीं हैं? अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

श्रमिकों को प्रदान की गई विभिन्‍न योजनाओं की जानकारी

[श्रम]

109. ( क्र. 4182 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                               (क) श्रमिकों के कल्‍याण हेतु शासन/विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? सम्‍पूर्ण योजनाओं की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्‍ध करायें। (ख) वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत विभाग द्वारा कितने श्रमिकों को कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है? लाभान्वित हितग्राहियों की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने श्रमिक पंजीकृत हैं? श्रमिकों के पंजीयन की क्‍या नियमावली है?                                                                                      (घ) क्‍या विभाग द्वारा पंजीकृत श्रमिकों को शासन की योजनाओं का लाभ समय अनुसार प्रदान किया जा रहा है? विगत 2 वर्षों से अनेकों श्रमिकों द्वारा समय-सीमा पर योजनाओं का लाभ विभाग द्वारा प्रदान नहीं किये जाने के संबंध में शिकायतें प्राप्‍त हो रही हैं, जिसका क्‍या कारण है?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, श्रम विभाग द्वारा असंगठित श्रमिकों के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। म.प्र. शासन श्रम विभाग द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिए गठित म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, द्वारा श्रमिकों के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। संगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के लिए गठित मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल द्वारा संचालित योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है एवं स्लेट पेंसिल उद्योग में कार्यरत श्रमिकों के लिए गठित मध्यप्रदेश स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के असंगठित श्रमिकों को प्रदान किये गये हितलाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार है तथा निर्माण श्रमिकों को प्रदाय हितलाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 6 अनुसार है। (ग) परासिया विधानसभा क्षेत्र में कुल 87594 असंगठित श्रमिक एवं 2094 निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं। 18 से 60 आयु वर्ग के श्रमिक पंजीयन हेतु पात्र हैं। योजना/प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 7 एवं 8 अनुसार है। (घ) जी हाँ। पंजीकृत श्रमिकों को समय-सीमा में योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है।

परासिया विधानसभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्‍थापना

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

110. ( क्र. 4183 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्‍थापना हेतु विभाग के क्‍या दिशा-निर्देश हैं?                                                                                                                                                                 (ख) क्‍या विधानसभा क्षेत्र परासिया अनुसूचित जाति बाहुल्‍य एवं भौगोलिक दृष्टि से काफी बड़ा क्षेत्र है तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से क्षेत्र में नवीन पवन ऊर्जा संयंत्र स्‍थापति किए जाने की काफी संभावना है? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा क्षेत्र में नवीन पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्‍थापना हेतु कार्यवाही करते हुए योजनाएं बनाई जायेंगी? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार नवीन पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्‍थापना हेतु विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही करते हुए, क्षेत्र का सर्वें कराकर, योजना बना ली जायेगी तथा कब तक नवीन पवन ऊर्जा संयत्रों की स्‍थापना कर दी जायेगी?

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) प्रदेश में पवन ऊर्जा संयंत्रों (परियोजनाओं) की स्‍थापना शासन की 'पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति 2012' के निहित प्रावधानों के अन्‍तर्गत निजी इकाइयों द्वारा की जाती है। (ख) जी हाँ। परंतु स्‍थल विशेष पर पवन ऊर्जा स्‍त्रोत की उपलब्‍धता के आंकलन एवं पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्‍थापना की साध्‍यता से संबंधित आवश्‍यक सर्वेक्षण के उपरांत ही पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्‍थापना की जा सकती है। उल्‍लेखनीय है कि प्रदेश में शासन की प्रोत्‍साहन नीति के प्रावधानों के अंतर्गत निजी इकाइयों द्वारा परियोजनाओं की स्‍थापना की जा रही है। विभाग द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना के प्रोत्‍साहन हेतु 'पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2012' लागू की गई है। निजी इकाइयां स्‍वयं स्‍थल का चयनकर पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना की अनुकूलता/साध्‍यता जानने हेतु यथा आवश्‍यक सर्वेक्षण करती है एवं परियोजना की साध्‍यता सुनिश्चित होने पर स्‍थापना की जाती है। (ग) निजी इकाइयों द्वारा पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना, स्‍थल विशेष पर उपलब्‍ध पवन ऊर्जा स्‍त्रोत के सर्वेक्षण के आधार पर परियोजना की तकनी‍की वित्‍तीय साध्‍यता पाये जाने पर ही की जाती है।

पेंशनरों के डी.ए. व तृतीय उच्‍च वेतनमान का लाभ

[ऊर्जा]

111. ( क्र. 4185 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी में अधिकारियों की पदोन्‍नति एवं तृतीय उच्‍च वेतनमान देने के नियम क्‍या हैं? कंपनी बनने से प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे कितने अधिकारियों को पिछली तारीखों में पदोन्‍नति दी गई, जिनकी वार्षिक गोपनीय चरित्रावली पिछली तारीखों में सुधारी गई हो, ऐसे अधिकारियों का नाम सहित विवरण दें? ऐसे कौन-कौन अधिकारी हैं, जिनकों तृतीय उच्‍च वेतनमान नहीं दिया जा सका और क्‍यों? (ख) म.प्र. विद्युत मण्‍डल की सभी कंपनियों में पेशनरों को पेंशन व अन्‍य भुगतान किये जाने की प्रक्रिया क्‍या है? विगत एक वर्ष में बढ़े हुए डी.ए. की प्रत्‍येक किश्‍तों का भुगतान मई 2019 तक कितने पेंशनरों के खाते में जमा हुआ है? प्रत्‍येक कंपनी के पेंशनरों की संख्‍या सहित विवरण दें। यह भी बतावें कि कब-कब, कितनी राशि इस हेतु बैंकों को दी गई व                                                                     कब-कब, कितनी-कितनी राशि बैंकों द्वारा पेंशनरों के खाते में अंतरित की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में अधिकारियों की पदोन्‍नति नियम पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं तृतीय उच्‍च वेतनमान देने के नियम पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कंपनी का गठन 01.07.2002 को हुआ था, परन्‍तु म.प्र. राज्‍य विद्युत मण्‍डल के कार्मिकों के ट्रांसमिशन कंपनी में अंतिम अंतरण एवं आमेलन की तिथि दिनांक 10.04.2012 तक अधिकारियों की पदोन्‍नति म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी नहीं अपितु म.प्र. राज्‍य विद्युत मण्‍डल द्वारा की जाती थी। इस तिथि के उपरांत प्रश्‍न दिनांक तक म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा पिछली तारीखों (Back Date) से 4 अधिकारियों को पदोन्‍नत किया गया है। ऐसे अधिकारी जिनकी गोपनीय चरित्रावली पिछली तारीखों में सुधारी गई हो, की जानकारी निरंक है। ट्रांसमिशन कंपनी में तृतीय उच्‍च वेतनमान संबंधी आदेश दिनांक 30.12.2015 में निहित प्रावधानों के अनुसार परीक्षणोपरांत निर्धारित न्‍यूनतम अर्हता पूर्ण न कर पाने के कारण 25 अधिकारियों को तृतीय उच्‍च वेतनमान प्रदान नहीं किया गया है। नाम एवं कारण सहित विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ख) मध्‍य प्रदेश विद्युत मण्‍डल टर्मिनल बैनेफिट ट्रस्‍ट द्वारा म.प्र. राज्‍य विद्युत मण्‍डल की सभी 6 उत्‍तरवर्ती कंपनियों को उनके मांग पत्र के अनुसार पेंशनरी लाभ की राशि (फण्‍ड) को उनकी कंपनी के खाते में माह के अंत में अंतरित किया जाता है। सभी उत्‍तरवर्ती कंपनियों द्वारा इस राशि को उसके पूरे राष्‍ट्र में निवासरत पेंशनरों के खाते में अंतरित करने एवं अन्‍य कार्य हेतु बैंकों से अनुबंध किया गया है। सभी उत्‍तरवर्ती कंपनियां, पेंशन भुगतान बाबत् अपनी-अपनी क्षेत्रीय लेखा इकाइयों/केन्‍द्रीय पेंशन/स्‍थापना कार्यालय से अनुबंधित बैंकों को उसी दिन अथवा अगले कार्य दिवस में यह पेंशन राशि (फण्‍ड) उपलब्‍ध कराती है। अनुबंधित बैंक, पेंशनरी लाभ की राशि, संबंधित पेंशनर के खाते में उसी दिनांक अथवा अगले कार्य दिवस में (तकनीकी व्‍यवधान न हो तो) अंतरित करता है। विगत एक वर्ष में (मई 2019 तक की अवधि तक) बढ़े हुए डी.आर. (महंगाई राहत) की किश्‍त पेंशनरों के खाते में जमा करने हेतु कंपनियों/बैंकों को दी गई राशि तथा कंपनियों के पेंशनरों की संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उत्‍तरांश में उल्‍लेखानुसार यह राशि बैंक में जमा होने के बाद, तकनीकी व्‍यवधान न हो तो उसी दिन या अगले कार्य दिवस को पेंशनर के खाते में अंतरित की जाती है।

अतिथि विद्वानों के मानदेय का भुगतान

[उच्च शिक्षा]

112. ( क्र. 4187 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में संचालित शासकीय/अर्द्धशासकीय विश्‍वविद्यालयों एवं उनके अधीन संचालित महाविद्यालयों में अतिथि विद्वान कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) उल्‍लेखित महाविद्यालयों में कार्यरत ऐसे अतिथि विद्वानों को मानदेय भुगतान किये जाने के संबंध में क्‍या विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किसी प्रकार के निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब और क्‍या निर्देश दिये गये हैं? (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित निर्देशों के अनुसार ही अतिथि विद्वानों को मानदेय दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस दर से भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक यू.जी.सी. के निर्देशों का पालन किया जावेगा? (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) उल्‍लेखित अतिथि विद्वानों को नियमित किये जाने का वचन सरकार द्वारा दिया गया था? यदि हाँ, तो इनके नियमितीकरण हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) इस संबंध में नीति बनायी जाना प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - ''उन्यासी''

आदिवासी उपयोजना की राशि से निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

113. ( क्र. 4188 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा आदिवासी उपयोजना और अनुसूचित जाति उपयोजना मद के लिए प्राप्‍त बजट से वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक लिये गये स्‍वीकृत किये गये कार्यों की सूची दें? (ख) आदिवासी उपयोजना और अनुसूचित जाति उपयोजना में वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक आदिम जाति और अनुसूचित जाति विभाग मुख्‍यालय को समीक्षा हेतु दी गई सतना जिले से सम्‍बंधित जानकारी का विवरण उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या सतना जिले में प्रश्‍नावधि में आदिवासी उपयोजना और अनुसूचित जाति उपयोजना की राशि से सड़क, पुल-पुलिया इत्‍यादि कार्य क्‍यों नहीं कराये गये, जबकि इस क्षेत्र में आदिवासी एवं अनुसूचित जाति बाहुल्‍य क्षेत्र विद्यमान है? (घ) वर्ष 2019-20 में आदिवासी और अनुसूचित जाति उपयोजना मद की राशि से विधान सभा क्षेत्र मैहर में क्‍या-क्‍या कार्य लिये जाना हैं? यदि नहीं, तो कारण बतावें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

नियम विरूद्ध परि‍वीक्षा अवधि समाप्‍त की जाना

[लोक निर्माण]

114. ( क्र. 4199 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तत्‍का. प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग के आदेश क्र. 303/049/पार्ट-2/2008/1336, दिनांक 31.05.2013 द्वारा सीधी भर्ती से दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर नियुक्‍त स्‍टेनोग्राफर/स्‍टेनोटायपिस्‍ट को नियुक्ति प्रदान की गई गयी थी? यदि हाँ, तो उपरोक्‍त आदेश के तहत स्‍टेनोग्राफर/स्‍टेनोटायपिस्‍ट पद पर नियुक्‍त कर्मचारियों द्वारा दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि 31.05.2015 को सफलता पूर्वक पूर्ण करने पर आदेश क्र. 03/049/2014/201-202, दिनांक 01.06.2016 के माध्‍यम से परिवीक्षा अवधि समाप्‍त की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या वर्तमान प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग द्वारा अपने आदेश क्र. 303/049/2014/पार्ट-2/1369, दिनांक 17.05.2019 के द्वारा वांछित अर्हता अर्जित करने के दिनांक अर्थात 31.07.2014 से दो वर्ष पश्‍चात् दिनांक 31.07.2016 से परिवीक्षा अवधि मानकर आदेश क्र. 303/049/2014/201-202, दिनांक 01.06.2016 को निरस्‍त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत एवं तत्‍कालीन प्रमुख अभियंता द्वारा जारी आदेश वर्ष दिनांक 01.02.2016 को समाप्‍त करने की आवश्‍यकता क्‍यों पड़ी? (ग) क्‍या उक्‍त त्रुटिपूर्ण आदेश को निरस्‍त किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। म.प्र. सेवा शर्तें नियम, 1961 के तहत। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

मुख्‍यमंत्री संबल योजनांतर्गत जानकारी का प्रदाय

[श्रम]

115. ( क्र. 4201 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                    (क) मुख्‍यमंत्री संबल योजना के अंतर्गत भोपाल जिले में हितग्राहियों एवं उनके परिवारजनों की सामान्‍य मृत्‍यु पर एवं दुर्घटना में हुई मृत्‍यु उपरांत मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि के कुल कितने प्रकरण लंबित हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्‍ध कराएं। हुजूर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संबल योजना के कुल कितने पंजीयन किये गये हैं एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) लंबित प्रकरणों के क्‍या कारण हैं? (ग) मुख्‍यमंत्री संबल योजना का नाम किन कारणों से बदला जा रहा है? (घ) विधानसभा निर्वाचन के उपरांत संबल योजना के अंतर्गत कुल कितने पंजीयन किये गये हैं? यदि पंजीयन नहीं किये गये, तो कृपया बताएं किन कारणों से पंजीयन नहीं किये जा रहे हैं?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के अंतर्गत सामान्य मृत्यु एवं दुर्घटना में हुई मृत्यु के उपरान्त मिलने वाली आर्थिक सहायता के प्रकरण प्रतिदिन पदाभिहित अधिकारियों द्वारा स्वीकृत किये जा रहे हैं। अत: लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। हुजूर विधानसभा के अंतर्गत 74,391 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है, पंजीयन हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मुख्यमंत्री जन कल्‍याण संबल योजना के अंतर्गत संचालित विभिन्‍न योजनाओं में देय हितलाभ राशि में वृद्धि एवं आवश्‍यक संशोधन कर नया सवेरा का नाम से संचालित करने का निर्णय लिया गया है। पूर्व में पंजीकृत श्रमिकों के पंजीयन को आधार सिडेड एवं मोबाईल से लिंक नहीं किया गया था। अत: मुख्यमंत्री जन कल्याण (नया सवेरा) के अंतर्गत असंगठित श्रमिकों के पंजीयन को आधार सिडेड एवं मोबाईल से लिंक किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) पंजीयन हेतु प्राप्त आवेदनों को आधार सिडेड एवं मोबाईल से लिंक किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण नवीन पंजीयन नहीं हो पाये।

खेल सामग्री का वितरण 

[खेल और युवा कल्याण]

116. ( क्र. 4204 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2015 से 31.01.2019 तक उज्‍जैन जिले में विभाग द्वारा कितनी सामग्री कहाँ-कहाँ वितरित की गई? सामग्री लिस्‍ट दिनांक सहित विधानसभावार, वर्षवार देवें। सामग्री प्राप्‍तकर्ता सूची, सामग्री नाम सहित साथ में देवें। (ख) क्‍या कारण है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में सामग्री बहुतायत में दी एवं कुछ में अल्‍प मात्रा में दी? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार दिए गए अनुदान की जानकारी भी देवें।

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

धार, खरगौन, बैतूल में महाविद्यालयों के ऑडिट की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

117. ( क्र. 4208 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार, खरगौन, बैतूल जिले के समस्‍त शासकीय महाविद्यालयों के वर्ष 2015-16,                                                                   2016-17 एवं 2017-18 के द्वारा कराए गए ऑडिट के ऑडिटकर्ता फर्म का नाम देवें? (ख) उपरोक्‍त जिलों में उक्‍त अवधि में हुये समस्‍त क्रय, प्रयोगशाला उन्‍नयन, निर्माण कार्यों पर हुए व्‍यय की जानकारी जिलेवार, महाविद्यालयवार, वर्षवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि ऑडिट नहीं कराया तो इसके जिम्‍मेदारों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) धार, खरगौन, बैतूल जिले के शासकीय महाविद्यालयों के वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 का वर्षवार एवं जिलेवार ऑडिट विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '', '' एवं '' अनुसार है। (ख) उपरोक्त जिलों में उक्त अवधि में हुए क्रय, प्रयोगशाला उन्नयन एवं निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '', '' एवं '' अनुसार है। (ग) उपरोक्त जिलों में जिन महाविद्यालयों का ऑडिट नहीं हुआ है, उनका ऑडिट कराये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

रेशम घोटाले पर कार्यवाही 

[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]

118. ( क्र. 4211 ) श्री सुनील सराफ : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 5505, दिनांक 09.03.2016 के उत्‍तर के पुस्‍तकालय परिशि‍ष्ट '''' में वर्णित प्रकरणों तथा (ख) उत्‍तर में वर्णित परिशिष्‍ट '''' के प्रकरणों की अद्यतन स्थिति देवें? कितने प्रकरण निराकृत हुए उन पर की कार्यवाही प्रकरणवार देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार संदर्भित प्रश्‍न के उत्‍तर में वर्णित अधिकारियों से संबंधित जाँच की अद्यतन स्थिति देवें? लोकायुक्‍त प्रकरण के संबंध में विभाग एवं लोकायुक्‍त कार्यालय के समस्‍त पत्राचार का विवरण देवें? (ग) यदि लोकायुक्‍त जाँच प्रारंभ नहीं हुई तो इसके जिम्‍मेदार विभागीय अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार(ख) श्री आर.के. श्रीवास्‍तव (सेवानिवृत्‍त) उप संचालक रेशम के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित है। जाँच अधिकारी की नियुक्ति के विरूद्ध मा. उच्‍च न्‍यायालय ने स्‍थगन दिया गया है। तत्‍कालीन आयुक्‍त के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित है। प्रकरण की जाँच लोकायुक्‍त द्वारा प्रा.जा. क्र. 77/2016 दर्ज कर विवेचनाधीन है। लोकायुक्‍त पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) उतरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सारणी महाविद्यालय में अनियमितता पर कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

119. ( क्र. 4212 ) श्री सुनील सराफ : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 3193, दिनांक 27.07.2017 के (ख) उत्‍तर में वर्णित जाँच प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? विभाग के आदेश क्रमांक 1374/2126/2017/38-1, दिनांक 19.07.2017 के परिप्रेक्ष्‍य में कितनी दीर्घ शास्ति लगाई गई एवं वसूली गई? (ख) उपरोक्‍तानुसार जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें? (ग) प्रश्‍न (क) अनुसार यदि दीर्घशास्ति नहीं वसूली गई तो इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्राचार्य को विभाग के पत्र क्र. 1374/2126/2017/38-1, दिनांक 19/07/2017 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ख) जाँच प्रतिवेदन दिनांक 14/07/2017 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍न (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चंदला विधान सभा अंतर्गत विद्युतविहीन ग्राम

[ऊर्जा]

120. ( क्र. 4215 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के चंदला विधान सभा क्षेत्र 49 में प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने गांव विद्युतविहीन हैं? विद्युतविहीन गांव की सूची उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्‍त गांव में विद्युत कब तक पहुंच जायेगी? (ग) चंदला विधान सभा अंतर्गत कुल कितने विद्युतकर्मी पदस्‍थ हैं, पदस्‍थापना दिनांक से अभी तक इनका कितनी बार स्‍थानांतरण हो चुका है? यदि स्‍थानांतरण कभी नहीं हुआ, तो कब तक होगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जिला छतरपुर के चंदला विधानसभा क्षेत्र 49 में वर्तमान में कोई भी ग्राम विद्युतविहीन नहीं है, अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधानसभा क्षेत्र चंदला क्षेत्रान्‍तर्गत कुल 54 विद्युतकर्मी पदस्‍थ हैं। पदस्‍थापना दिनांक से दिनांक 30.06.2019 तक उक्‍त विद्युतकर्मियों की प्रथम पदस्‍थापना एवं विगत वर्षों में हुई पदस्‍थापना से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विद्युतकर्मियों का स्‍थानान्‍तरण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा निर्धारित स्‍थानान्‍तरण नीति अनुसार किया जाता है। वर्तमान में उक्‍त विद्युतकर्मियों के स्‍थानान्‍तरण हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''अस्सी''

विभाग द्वारा जारी बजट की मदवार/वर्षवार जानकारी

[खेल और युवा कल्याण]

121. ( क्र. 4216 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2016 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा कितना बजट आया? मदवार वर्षवार ब्‍यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिले में कुल कितने खेल                              किन-किन माहों में खिलवाये जाते हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्‍या उक्‍त खेलों के लिए जिला स्‍तर पर प्रशिक्षण की व्‍यवस्‍था की गई है? यदि हाँ, तो जिले में कहाँ-कहाँ और यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (घ) छतरपुर जिले में किन-किन खेलों के लिए कितना-कितना सामान खरीदने हेतु अनुदान की राशि आती है? विगत 3 वर्षों से अभी तक किन-किन को किन-किन खेलों के लिए प्रदान की गई है?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा जारी बजट की मदवार वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                                                                                   (ग) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) छतरपुर जिले को खेल परिषद् को खेल सामग्री का क्रय योजना अंतर्गत खेल सामग्री क्रय हेतु राशि दी जाती है। विगत 3 वर्षों से अभी तक किन-किन को किन-किन खेलों के लिए प्रदान की गई, से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

शासकीय आवासों की मरम्‍मत पर व्‍यय राशि 

[लोक निर्माण]

122. ( क्र. 4218 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितना बजट स्‍वीकृत किया गया? वर्षवार व मदवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) लोक निर्माण विभाग छतरपुर द्वारा छतरपुर जिले में वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने शासकीय आवास बनाये गये हैं? केटेगिरी टाईप बने आवास की सूची उपलब्‍ध कराये। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार लोक निर्माण विभाग छतरपुर में शासकीय आवासों के मेंटेनेंस के लिए कुल कितना बजट वर्ष 2015 से वर्षवार प्रश्‍न दिनांक तक आया और उक्‍त बजट का व्‍यय कितने आवासों में कितना हुआ?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लोक निर्माण विभाग में जिलावार बजट स्‍वीकृत नहीं होता। वर्षवार मदवार प्राप्‍त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                                                                                       (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

रात्रि विश्राम, प्रसाधन एवं पेयजल की व्‍यवस्‍था

[पर्यावरण]

123. ( क्र. 4220 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन के वचन पत्र के विषय क्र. 06 में नर्मदा पथ का निर्माण तथा 15 कि.मी. पर परिक्रमावासियों को रात्रि विश्राम, प्रसाधन एवं पेयजल की व्‍यवस्‍था हेतु पर्यावरण मिशन का गठन किये जाने का उल्‍लेख है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या पर्यावरण मिशन का गठन कर लिया गया है, अगर नहीं तो कब तक गठन करेंगे? (ग) पर्यावरण मिशन की क्‍या शक्तियां होंगी? क्‍या कार्य होंगे?                                                                               (घ) नर्मदा पथ का निर्माण कितने कि.मी. हो चुका हैं? कितनी राशि खर्च की गई है? किन-किन स्‍थानों पर पथ का निर्माण कराया गया है? (ड.) नर्मदा पथ के किन-किन स्‍थानों पर प्रसाधानों एवं पेयजल की व्‍यवस्‍था कब की गई है? यदि नहीं, की गई है तो कब तक हो जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (ड.) वचन पत्र 2018 के बिंदु क्रमांक 30.1 में ''संजय गांधी पर्यावरण मिशन'' प्रारंभ किये जाने का उल्लेख है। वर्तमान में संजय गांधी पर्यावरण मिशन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। अतः प्रस्तावित मिशन के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

बदनावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रस्‍तावित योजनाएं

[जल संसाधन]

124. ( क्र. 4227 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी योजनाएं प्रस्‍तावित होकर स्‍वीकृति के लिए लंबित हैं? (ख) उक्‍त योजनाओं के टेंडर कब तक लगाकर कार्य प्रारंभ करवा दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ख) बदनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत परियोजना प्रस्‍तावित होकर स्‍वीकृति के लिये लंबित नहीं होने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

खेल एवं युवा कल्‍याण विभाग द्वारा संचालित योजनाएं 

[खेल और युवा कल्याण]

125. ( क्र. 4231 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जाती है? विवरण उपलब्‍ध करायें। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा, विकासखण्‍ड अंतर्गत विभाग की कौन-कौन सी योजनाओं को वर्तमान में अमल में लाया जा रहा है? विगत 3 वर्षों में लाभान्वित हितग्राहियों का संख्‍यात्‍मक विवरण दें। (ग) क्षेत्र में युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्‍साहित करने हेतु विगत 3 वर्षों में किन-किन योजनाओं की स्‍वीकृति प्रदान की गयी है तथा कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?

खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा खिलाड़ि‍यों को प्रशिक्षण, खिलाड़ि‍यों को प्रोत्साहन एवं युवा संधि को अनुदान योजना अंतर्गत विकासखण्ड स्तर पर ग्रामीण युवा केन्द्रों का संचालन, 'मां तुझे प्रणाम' योजना को अमल में लाया जा रहा है। विगत 3 वर्षों में लाभान्वित हितग्राहियों के संख्यात्मक विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) क्षेत्र के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने हेतु खिलाड़ि‍यों को प्रशिक्षण, 'युवा संधि अनुदान' योजना अंतर्गत मुख्यमंत्री कप का आयोजन, खिलाड़ि‍यों को प्रोत्साहन योजना अंतर्गत खेलवृत्ति, विधायक कप खेल-कूद प्रतियोगिता संचालित है।

शाला भवनों के निर्माण कार्यों की जानकारी 

[लोक निर्माण]

126. ( क्र. 4234 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. द्वारा कितने शाला भवनों के निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये गये? स्‍वीकृत कार्यों के नाम, लागत, कार्य पूर्ण करने की दिनांक तथा कार्य की प्रगति से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि के भवन निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण न होने एवं प्रारंभ न करने के कारणों से अवगत करावें तथा इसके लिए कौन उत्‍तरदायी है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित शालाओं की कार्य गुणवत्‍ता की जाँच कब-कब, किन-किन लैबों से की गई? क्‍या गुणवत्‍ता की जाँच करते समय विभिन्‍न लैबों से जाँच कराये जाने का ध्‍यान रखा गया है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

संबल योजना से वंचित हितग्राही

[श्रम]

127. ( क्र. 4245 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जुलाई, 2018 के पश्‍चात् मंदसौर जिले में संबल योजना के अंतर्गत कितने-कितने हितग्राहि‍यों को किस-किस तरह का योजना अंतर्गत लाभ प्राप्‍त हुआ तथा प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त योजना में कि‍तने प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें कार्ड द्वारा पंजीकृत होने के बावजूद भी लंबित हैं? क्‍या विधानसभा आचार संहिता के पश्‍चात् प्रश्‍न दिनांक तक इस योजना को रोक दिया था? यदि हाँ, तो किस निश्चित समय में पात्र हितग्राहि‍यों को कब तक योजना का लाभ दिया जायेगा? (ख) क्‍या विभाग द्वारा संबल योजना का नाम परिवर्तित कर नया सवेरा किया गया, इस योजना में                                                                                किस-किस तरह के लाभ हितग्राहियों को दिये जायेंगे? (ग) पूर्व संबल योजना के बिंदु एवं नवीन नया सवेरा योजना में ऐसे कौन-कौन से मुख्‍य बिंदु हैं, जिनमें हितग्राहियों को किनका लाभ मिलेगा तथा किनका नहीं तथा नवीन नया सवेरा योजना में कौन से नये बिंदुओं को सम्मिलित कर हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया जायेगा?

श्रम मंत्री ( श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मंदसौर जिले में 01 जुलाई, 2018 के पश्चात् 1239 हितग्राहियों को अंत्येष्टि सहायता योजनांतर्गत लाभ प्रदान किया गया। 864 हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता (सामान्‍य मृत्यु), 42 हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु) तथा 1 हितग्राही को स्थाई अपंगता की स्थिति में लाभ प्रदान किया गया। कोई प्रकरण लंबित नहीं है। निर्वाचन आचार संहिता के दौरान योजनाओं के अंतर्गत हितलाभ प्रदान करने पर कोई रोक नहीं लगाई गई थी। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                                                                                     (ग) योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिनके अंतर्गत पात्र हितग्राही को लाभ हितलाभ वितरण जारी है। पूर्व में जारी पंजीयनों के सत्यापन तथा पंजीयनों की आधार सीडिंग एवं मोबाईल से लिंकिंग की नवीन कार्यवाही प्रचलित है।

परिशिष्ट - ''इक्यासी''

सड़क निर्माण हेतु स्‍वीकृत राशि

[लोक निर्माण]

128. ( क्र. 4257 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की लोक निर्माण विभाग की ऐसी कौन-कौन सी सड़कें हैं, जो वर्तमान में कच्‍ची हैं? उन सड़कों के नाम, लंबाई लागत सहित विधानसभा क्षेत्रवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि विगत 3 वर्षों में इन सड़कों के निर्माण हेतु जिले से स्‍वीकृति दिलाने हेतु कब-कब डी.पी.आर. भेजे गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले के लो.नि.वि. के अन्‍तर्गत इनके अलावा कौन-कौन सी नदी पर एवं बड़े नाले पर पुल बनाने हेतु विगत 3 वर्ष से प्रश्‍न दिनांक के मध्‍य कितनी लागत के डी.पी.आर. कब भेजे गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क), से (ग) के आधार पर इन सड़कों के एवं पुलों के निर्माण कार्य हेतु विभाग राशि की स्‍वीकृत कब तक करेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) कोई नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) सड़कों की जानकारी निरंक, सेतु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

चंदेली तालाबों की मरम्‍मत 

[जल संसाधन]

129. ( क्र. 4258 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में कुल कितने चंदेली तालाब हैं, जो जल संसाधान विभाग के पास हैं? ऐसे तालाबों के नाम, ग्राम पंचायत जनपद पंचायत एवं नगरवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि इनमें से वर्तमान में कौन-कौन से तालाब पर किसका अधिकार है? इन चंदेली तालाबों में नदी से नहर द्वारा पानी भेजे जाने हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? विभाग क्‍या सभी तालाबों में पानी भेजने की योजना बनायेगा, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन तालाबों से कितनी-कितनी हेक्‍टर भूमि वर्तमान में सिंचित हो रही है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि चंदेली तालाबों के गहरीकरण मरम्‍मत कराने हेतु, विभाग के पास कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत करने हेतु प्रस्‍ताव डी.पी.आर. सहित जिले से जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब भेजे गये?

जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) टीकमगढ़ जिले में 75 एवं निवाड़ी जिले में 13 चंदेली तालाब, कुल 88 चंदेली तालाबों का विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) सभी 88 चंदेली तालाबों पर जल संसाधन विभाग का अधिकार है। हरपुरा नहर से नदी-तालाब जोड़ों योजना पूर्ण की गई है, जिससे 04 चंदेली तालाब मोहनगढ़, कुम्‍हैड़ी, अचर्रा, वृषभानपुरा तालाब जोड़े गये हैं। शेष में पानी भेजने की कोई भी योजना विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थि‍त नहीं होता है। (ग) सिंचित रकबे का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।                                                                                                                      (घ) विभाग द्वारा तालाबों का गहरीकरण नहीं कराया जाता है। मरम्‍मत कराने हेतु विभाग के पास जनवरी 2014 से स्‍वीकृति हेतु कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।