मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022
सत्र
शुक्रवार, दिनांक 25 मार्च, 2022
भाग-1
स्थायी
आदेश 13-क के
अंतर्गत
तारांकित
प्रश्नोत्तर,
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के
रुप मॆं
परिवर्तित
स्वास्थ्य
बीमा के
हितग्राहियों
के क्लेम का
भुगतान बावत
[वित्त]
1. ( क्र. 55 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या वित्त
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जबलपुर जिले
में विगत 2 वर्षों
में कोरोना से
पीड़ित व्यक्तियों
को बीमा
कंपनियों
द्वारा क्लेम
के भुगतान
नहीं किये गये
हैं? (ख) क्या
शासन ऐसी बीमा
कंपनियों के
विरूद्ध कार्यवाही
करेंगा? (ग) प्रश्नांश
(क) के अंतर्गत
क्या क्लेम
प्राप्त न
होने वाले हितग्राहियों
के लिये बीमा
कंपनियों से
भुगतान कराने
हेतु
कार्यवाही की
जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो
क्यों?
वित्त
मंत्री ( श्री
जगदीश देवड़ा )
: (क) भारत
के संविधान के
अंतर्गत
सातवीं
अनुसूची की
कंडिका 43 एवं 47
अनुसार बीमा
संबंधी
विषयों के ऊपर
सम्पूर्ण
प्राधिकारिता
केन्द्र
शासन की है। अत:
इस संबंध में
शिकायतों का
निराकरण केन्द्र
सरकार/केन्द्र
सरकार द्वारा
प्राधिकृत
संस्थाओं
द्वारा किया
जाना
अपेक्षित है। (ख)
एवं (ग) प्रश्नांश
"क" के उत्तर
के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सिविल हॉस्पिटल ब्यावरा के स्वीकृत पदों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( क्र. 203 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा शहर वर्तमान में जिले का सबसे बड़ा शहर है व आसपास के कई गांव लगे हुए हैं। सिविल हॉस्पिटल ब्यावरा में कुल कितने पद स्वीकृत हैं व कितने पद भरे हुए हैं व कितने पद रिक्त हैं? समस्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार शेष रिक्त पदों पर कब तक पूर्ति की जाएगी? (ग) हॉस्पिटल नेशनल हाईवे से लगा होने के कारण आए दिन एक्सीडेंट केस आते रहते हैं क्या इसे ट्रामा सेंटर बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त हॉस्पिटल में क्या 500 बेड स्वीकृत किए जा सकते हैं? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) जी हाँ, जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) विभाग
रिक्त पदों की
पूर्ति हेतु
निरंतर प्रयास
कर रहा है
परंतु प्रथम
श्रेणी
विशेषज्ञों
के समस्त पद
पदोन्नति से
भरे जाने के
प्रावधान के
कारण एवं
पदोन्नति के
संदर्भ में
माननीय
उच्चतम
न्यायालय में
माह मई 2016
से प्रचलित
प्रकरण के
कारण प्रथम
श्रेणी विशेषज्ञ
व अन्य श्रेणी
के पदोन्नति
के पदों की
पदोन्नति की
प्रक्रिया
विलंबित है। चिकित्सकों
के सीधी भरती
के रिक्त पदों
की पूर्ति की
कार्यवाही
लोक सेवा आयोग
के माध्यम से
निरंतर जारी
है। राष्ट्रीय
स्वास्थ्य
मिशन के
माध्यम से संविदा
चिकित्सकों
की तथा बंध-पत्र
के अनुक्रम में
चिकित्सकों
की पदस्थापना
की कार्यवाही उपलब्धता
अनुसार
निरंतर की
जाती है। पैरामेडिकल
संवर्ग के
कर्मचारियों
की भरती मध्यप्रदेश
प्रोफेशनल
एक्जामिनेशन
बोर्ड के
माध्यम से तथा
प्रदेश
अंतर्गत
शासकीय नर्सिंग
कॉलेजों से
उत्तीर्ण
स्टॉफ नर्सों
की नियुक्ति
की कार्यवाही
निरंतर की
जाती है। शत-प्रतिशत
पदपूर्ति
हेतु निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव
नहीं है। (ग) जी
नहीं,
विभागीय
आदेश क्रमांक 12-15/2017/सत्रह/मेडि-तीन
दिनांक 07.02.2018 द्वारा
प्रदेश के 51 जिलों
के जिला
चिकित्सालयों
में ट्रामा
यूनिट की
स्थापना की गई
है। वर्तमान
में उप जिला
स्तरीय
संस्थाओं में
ट्रामा
सेन्टर बनाये
जाने का
प्रावधान
नहीं है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) सिविल
अस्पताल
ब्यावरा जिला
राजगढ़ में
विगत 03
वर्षों की बैड
आक्यूपेंसी
के आधार पर
उन्नयन की
पात्रता नहीं
है।
परिशिष्ट
- "एक"
आयुष्मान भारत योजना के तहत चिन्हित अस्पताल
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( क्र. 302 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले की चारों विधान सभा में आयुष्मान योजना के अंतर्गत कौन-कौन से अस्पताल किन-किन बीमारियों के लिए चिन्हित किये गये हैं? सूची उपलब्ध कराएं। जिले में योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक किन-किन अस्पतालों में कितने मरीजों का आयुष्मान भारत योजना में इलाज हुआ तथा कितनी राशि व्यय हुई? (ख) बड़वानी जिले की चारों विधान सभा में 01 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने बच्चे जिनकी उम्र 2 माह से 10 वर्ष की है, मृत्यु हुई है? मृतक बच्चों के नाम, पिता का नाम, उम्र, पता सहित जानकारी दें। क्या मृतक बच्चों की मृत्यु कुपोषण के कारण हुई है? यदि हाँ, तो क्या उनके स्वास्थ्य परीक्षण कब-कब कराये गये तथा स्वास्थ्य लाभ क्यों नहीं हो सका? मृतक बच्चों में कुपोषण के अलावा क्या अन्य बीमारी रही? यदि हाँ, तो बीमारियों का नाम बतावें तथा उनका इलाज किन-किन चिकित्सकों द्वारा किया गया? क्या चिकित्सक बाल रोग विशेषज्ञ थे? यदि हाँ, तो उनके नाम तथा पदस्थापना अस्पताल का नाम, पता बतावें। (ग) बड़वानी जिले की चारों विधान सभा में आयुष्मान योजना के तहत वर्ष 2020-21, 2021-22 में कितनी राशि किस अस्पताल को आवंटित की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अवधि में 609 बच्चों की मृत्यु हुई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश अवधि में किसी भी अस्पताल को कोई राशि आवंटित नहीं की गई है।
सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए नीति आयोग के निर्देश
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( क्र. 383 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के खाली पदों को भरने और बाकी स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए अक्टूबर-2021 में नीति आयोग द्वारा सरकार को कोई रिपोर्ट और निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो नीति आयोग की रिपोर्ट की प्रति बतावें। (ग) क्या सरकार द्वारा नीति आयोग के निर्देशों पर क्रियान्वयन के लिए कोई कार्यवाही की है? (घ) यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वरोजगार के लिये हितग्राहियों के आवेदन की स्थिति
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
5. ( क्र. 673 ) श्री तरूण भनोत : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के आरंभ होने के बाद प्रश्न दिनांक तक जबलपुर जिले में स्वरोजगार स्थापित करने के लिए जिला उद्योग केन्द्र में कुल कितने हितग्राहियों के आवेदन मिलें? प्रत्येक हितग्राही का नाम, चाहे गये ऋण की राशि और आवेदन करने की तारीख बतावें। (ख) उपरोक्त में कौन-कौन से आवेदन किस-किस बैंक को किस-किस तारीख को भेजे गये? (ग) प्रश्न दिनांक तक कुल कितने और कौन-कौन से हितग्राही को कितना-कितना ऋण स्वीकृत हुआ? (घ) क्या सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित किया है? क्या लक्ष्य पूरा हुआ हैं? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण हैं?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय वर्ष 2021-22 में जबलपुर जिले के लिये 170 प्रकरणों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निर्धारित लक्ष्य 31 मार्च 2022 तक के लिये है, अत: शेष प्रश्नांश का वर्तमान स्थिति में उत्तर दिया जाना संम्भव नहीं है।
एनीमिया मुक्त भारत योजना के अंतर्गत बजट का आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( क्र. 689 ) श्री
तरूण भनोत : क्या
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
यह सही है कि
केन्द्र
सरकार द्वारा
वित्त बजट-2021-22
अंतर्गत
एनीमिया मुक्त
भारत योजना के
लिये बजट का
आवंटन किया
गया था? (ख) यदि हाँ, तो, केन्द्र
द्वारा
प्रावधानित
बजट की कुल
राशि कितनी थी
और उस बजट के
उपयोग की विस्तृत
जानकारी दें?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) जी
हाँ। (ख) एनीमिया
मुक्त भारत
योजना हेतु
कुल
प्रावधानित
बजट राशि 90.86 करोड़
थी। दिनांक 10 मार्च
की स्थिति में
प्राप्त बजट
के उपयोग की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है।
ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( क्र. 692 ) श्री
तरूण भनोत : क्या
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
यह सही है कि
प्रदेश के
ग्रामीण
क्षेत्रों में
स्वास्थ्य
एवं उपस्वास्थ्य
केन्द्रों
पर स्वीकृत
चिकित्सकों
और स्टॉफ के
उपलब्ध न होने
को लेकर
शिकायतें मिल
रही हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) यदि हाँ, तो प्रदेश
भर के ग्रामीण
क्षेत्रों
में स्वास्थ्य
एवं उपस्वाथ्य
केन्द्रों
पर शासन
द्वारा स्वीकृत
पदों और उपलब्ध
चिकित्सकों
की संख्यात्मक
जानकारी दें। (ग)
क्या जबलपुर
जिले के
ग्रामीण
क्षेत्रांतर्गत
स्वास्थ्य
एवं उपस्वास्थ्य
केन्द्रों
की कुल संख्या, उनमें
चिकित्सकों
और स्टॉफ के
स्वीकृत पद
एवं उनकी वास्तविक
उपलब्धता की
संख्यात्मक
जानकारी दें।
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है।
स्कूल एवं आंगनवाड़ी केंद्रों पर पेयजल व्यवस्था हेतु किए जा रहे कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
8. ( क्र. 1230 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले के विकासखंड सोंडवा, कट्ठीवाड़ा और अलीराजपुर के किन-किन ग्रामों की स्कूलों और आंगनवाड़ियों में पेयजल व्यवस्था हेतु कितने कार्य कहाँ-कहाँ पर स्वीकृत है? सूची सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कितने कार्य पूर्ण तथा प्रगतिरत है? पूर्ण तथा प्रगतिरत कार्यों की कितनी-कितनी राशि संबंधित ठेकेदारों को भुगतान की जा चुकी है? क्या पूर्ण व प्रगतिरत कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया है यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है नाम पदनाम व विभाग सहित जानकारी देवें। पूर्ण कार्यों के राशि भुगतान की संस्थावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य ऐसे स्थानों पर पूर्ण कर दिए गए हैं जहां पर बिजली कनेक्शन और बोरवेल में पानी उपलब्ध नहीं है। ग्रामवार जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है।
डबरा सिविल अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
9. ( क्र. 1252 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत कई वर्षों से डबरा सिविल अस्पताल पर स्थायी रूप से स्त्री रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना नहीं की गयी है जिस कारण प्रसूताओं को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए अविलम्ब स्त्री रोग विशेषज्ञ की स्थापना की जाएगी l यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें l (ग) विगत 8 वर्ष से अधिक समय से ENT विशेषज्ञ डॉ. आशा सिंह डबरा सिविल अस्पताल में पदस्थ है जो अस्पताल परिसर में ड्यूटी समय में निजी प्रैक्टिस करने का कार्य कर रही हैं जिसकी समय-समय पर आमजन तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायतें की गयी हैं। इसके उपरान्त भी इनका तबादला क्यों नहीं किया जा रहा है कारण बतावें l (घ) केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी द्वारा ICU के लिए धनराशि प्रदान करने के उपरान्त भी सिविल अस्पताल डबरा का ICU आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हो सका है? इसका क्या कारण स्पष्ट करें l वर्तमान में उस धनराशि की स्थिति क्या है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) स्त्री रोग चिकित्सक की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला ग्वालियर द्वारा सप्ताह में 03 दिवस मूल पदस्थापना स्थल सिविल अस्पताल डबरा में कार्य संपादित किए जाने हेतु डॉ.मेमूना खातून को आदेश दिनांक 14.03.2022 के द्वारा आदेशित किया गया है। (ग) सिविल अस्पताल डबरा में पदस्थ ई.एन.टी. विशेषज्ञ डॉ आशा सिंह को निजी प्रैक्टिस करने के संबंध में कार्यालय आयुक्त, ग्वालियर संभाग द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 14.01.2022 को जारी किया गया था एवं संबंधित चिकित्सक द्वारा दिनांक 27.01.2022 को जवाब प्रस्तुत किया गया है, प्रकरण परीक्षणाधीन है। प्रकरण में जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। (घ) जी हाँ। मेडिसिन विशेषज्ञ के अभाव में आई.सी.यू. संचालन में कठिनाई हो रही है। केन्द्रीय मंत्री माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी द्वारा आई.सी.यू. के लिए कुल 26.67 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें वेंटीलेटर 9,65,000/- रूपये, ईको-कार्डियोग्राफी कलर डाप्लर 9,97,000/-रूपये, ई.सी.जी. मशीन 65,000/- रूपये तथा रिनोवेशन कार्य में 2,22,516/- रूपये का उपयोग किया गया।
रोजगार सृजन कार्यक्रम में व्याप्त विसंगतियां
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
10. ( क्र. 1417 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा रोजगार सृजन हेतु कौन-कौनसी योजनायें संचालित की जा रही हैं प्रत्येक योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान करें? (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में कुक्षी विधान सभा से कितने आवेदन प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम हेतु प्राप्त हुए? आवेदनकर्ता का नाम, ट्रेड, इकाई की कुल लागत इत्यादि की विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन से उद्यमियों को योजनान्तर्गत लाभान्वित किया गया? कितने आवेदन वित्तीय संस्थाओं के पास, किस कारण से लंबित हैं? लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा। लंबित आवेदनों के लिए कौन दोषी है और शासन दोषियों पर क्या कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में, कितने आवेदन निरस्त किये गये? प्रकरणवार कारण स्पष्ट करें?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) एम.एस.एम.ई. विभाग द्वारा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना संचालित की जाती है, इस योजना का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश अवधि में प्राप्त आवेदनों का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
वर्ष |
प्राप्त आवेदन |
नाम, ट्रेड, लागत आदि |
1 |
2019-20 |
13 |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। |
2 |
2020-21 |
45 |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। |
3 |
2021-22 |
45 |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। |
(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क', 'ख' एवं 'ग' अनुसार है। लंबित आवेदनों पर कार्यवाही/निराकरण सतत् प्रक्रिया है, जिसे बैंक द्वारा निरंतर किया जाता है। बैंक राज्य शासन के अधीन नहीं है तथापि बैंकों से संबंधित शिकायत/समस्याओं आदि के लिए जिला स्तरीय परामर्श-दात्री समिति में समीक्षा की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क', 'ख' एवं 'ग' अनुसार है।
कालोनियों का रख-रखाव मरम्मत की स्थिति
[नर्मदा घाटी विकास]
11. ( क्र. 1537 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध बायी तट नहर संभागों में निर्मित कालोनियों के लिये कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की संभागवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांकित किन-किन संभागों में कहां-कहां पर निर्मित कालोनियों में किस-किस टाइप के कितने-कितने आवास हैं। इनके रख-रखाव, मरम्मत, पुनर्निर्माण आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किस-किस टाइप के कितने-कितने आवास, जर्जर, खण्डहर व उपयोग हीन हो गये हैं? (ग) प्रश्नांकित किन-किन कालोनियों में कितने सेवानिवृत्ति व स्थानांतरित कर्मचारियों/अधिकारियों ने आबंटित आवास खाली नहीं किया है आवासों को खाली करवाने हेतु कब क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांकित कालोनियों में निवासरत कर्मचारियों/अधिकारियों पर आवास किराये, विद्युत, पेयजल एवं अन्य राशि वसूल करना बकाया है राशि की वसूली हेतु क्या कार्यवाही की गई हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। संबंधितों को समय-समय पर आवास खाली करने हेतु नोटिस जारी किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कटंगा कालोनी बरगी हिल्स जबलपुर के 54, शहपुरा कालोनी के 13 एवं रानी अवंती बाई लोधी सागर बरगी कालोनी क्रमांक-2, गोटेगांव के 01 अधिकारी/कर्मचारी से राशि की वसूली बकाया है। समय-समय पर राशि की वसूली हेतु नोटिस जारी किये गये हैं।
प्रदेश के 89 ट्राइबल ब्लॉकों में पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
12. ( क्र. 1613 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 89 ट्राइबल ब्लॉकों में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तियों को किन-किन योजनाओं के तहत पेयजल सुविधा दिया गया? वर्तमान में कितने व्यक्ति पेयजल सुविधा प्राप्त है, कितने वंचित हैं? ब्लॉकवार वर्षवार पृथक-पृथक ब्यौरा देवें? (ख) वित्त-वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 में पी.एच.ई. विभाग को ट्राइबल सब-प्लान से कितनी राशि किन-किन योजनाओं में आवंटित की गई? कितनी राशि कहां-कहां खर्च की गई? वर्षवार, ब्लाकवार पृथक-पृथक ब्यौरा देवें? (ग) जनवरी 2019 से प्रश्न-दिनांक तक अलीराजपुर जिले में किन-किन ग्रामों में किन-किन योजनाओं के तहत कितने व्यक्तियों को पेयजल सुविधा प्रदान की गई, कितने वंचित हैं? व्यक्तियों के नाम सहित ग्रामवार, वर्षवार पृथक-पृथक ब्यौरा देवें? 100% आबादी को पेयजल सुविधा प्रदान करने का क्या योजना और लक्ष्य निर्धारित है? (घ) अलीराजपुर जिले में वित्त-वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 में पी.एच.ई. विभाग को ट्राइबल सब-प्लान से कितनी राशि किन-किन योजनाओं में आवंटित की गई? कितनी राशि कहां-कहां खर्च की गई? वर्षवार, ग्रामवार, योजनावार पृथक-पृथक ब्यौरा देवें। (ङ) वित्त वर्ष 2022-23 में ट्राइबल सब-प्लान से पी.एच.ई. विभाग को कितनी राशि किन-किन योजनाओं में आवंटित करने का प्रस्ताव है? उक्त में से कितनी राशि अलीराजपुर जिले के लिए प्रस्तावित हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
विधायक निधि के अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
13. ( क्र. 1685 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल विधानसभा अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में विधायक निधि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये है? स्वीकृत कार्यों को कितने दिवसों में पूर्ण कराए जाने के निर्देश हैं एवं इसका दायित्व किस अधिकारी को प्राप्त है? नियम व आदेश उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने कार्य पूर्ण है और कितने कार्य अप्रारंभ व अपूर्ण है? अप्रारंभ/अपूर्ण रहने का कारण बताये। उक्त अप्रारंभ/अपूर्ण कार्य एजेंसी द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी राशि आहरित कर ली है? राशि आहरण के बाद भी कार्य क्यों प्रारंभ/पूर्ण नहीं कराया? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अप्रारंभ/अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करवाने के लिए जवाबदार अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास एवं कार्यवाही की गई? (घ) उक्त अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्य कब तक पूर्ण होंगे? इस हेतु जिला योजना अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत तथा कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा व मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ङ) शासन के निर्देशों के बाद भी विधायक निधि से स्वीकृत कार्य में स्थल पर बोर्ड क्यों नहीं लगाये जा रहे हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) कार्यवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार स्वीकृत कार्यों को 1 अथवा 2 सीजन में पूर्ण कराये जाने का प्रावधान है। कार्यों को पूर्ण कराये जाने का दायित्व का उल्लेख मार्गदर्शिका की कंडिका 4.5 में निहित है। नियम एवं आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार 175 कार्य पूर्ण है, 25 कार्य अपूर्ण एवं 53 कार्य अप्रारंभ है। कार्यों के अप्रारंभ एवं अपूर्ण रहने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ के कालम क्र. 7 में दर्ज है। राशि आहरण एवं कार्य की वर्तमान स्थिति और अपूर्णता का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) कलेक्टर द्वारा टी.एल. बैठकों में निर्माण कार्यों के संबंध में संबंधित क्रियान्वयन एजेन्सियों की समीक्षा की जाती है, अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण करवाने के लिए क्रियान्वयन एजेन्सी को निर्देश दिये गये है। (घ) विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब के सरल क्रमांक 1 अनुसार है। (ड.) विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब के सरल क्रमांक 2 अनुसार है।
औषधि अनुज्ञप्तियां प्रदत्त करने की प्रक्रिया
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 1702 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य एवं औषधि नियंत्रक कार्यालय तृतीय पक्षीय दस्तावेजों के आधार पर औषधि अनुज्ञप्ति प्रदत्त करता है? यदि हाँ, तो तृतीय पक्षीय कौन से दस्तावेज स्वीकार किये जाते है? दस्तावेजों के विवरण देवें? (ख) क्या खाद्य एवं औषधि नियंत्रक कार्यालय द्वारा प्रश्न दिनांक तक अनुभव प्रमाण पत्र गलत पाए जाने के आधार पर खुदरा एवं थोक औषधि अनुज्ञप्ति निरस्त की गयी है? यदि हाँ, तो, औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम कि किस धारा के अंतर्गत? दस्तावेजों के विवरण सहित बतावें? (ग) क्या खाद्य एवं औषधि नियंत्रक कार्यालय द्वारा अनुभव प्रमाण पत्र से सम्बधित दस्तावेजों में त्रुटि पाए जाने पर जारी कारण बताओ नोटिस के प्रति उत्तर के साथ प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्र जारी करता द्वारा दिए गए शपथ-पत्र द्वारा कार्य अनुभव की स्वीकारता के बावजूद क्या खुदरा एवं थोक औषधि अनुज्ञप्ति प्रदाता के विरुद्ध कार्यवाही कि जा सकती है? यदि हाँ, तो, किस प्रकार की कार्यवाहियां की जा सकती है, औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम कि किस धारा के अंतर्गत? दस्तावेजों के विवरण सहित जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) खाद्य एवं औषधि नियंत्रक कार्यालय लायसेंस प्रदाय हेतु प्राप्त आवेदन में अंकित, नियमानुसार आवश्यक अर्हताधारी तृतीय पक्षीय सक्षम व्यक्ति के एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति बाबत् प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर औषधि अनुज्ञप्ति प्रदत्त करता है। सक्षम व्यक्ति से संबंधित दस्तावेजों सहित अन्य आवश्यक दस्तावेजों का अनुज्ञप्तिवार विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) कारण बताओ सूचना पत्र के उत्तर के साथ संलग्न दस्तावेजों के समुचित जांच/परीक्षण/विश्लेषण तथा गुणदोष के आधार पर विस्तृत परीक्षणोपरांत अनुज्ञप्तिधारी के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकती है। लायसेंस निलंबन/निरस्तीकरण की कार्यवाही औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 66 के अंतर्गत की जा सकती है। नियम की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
कोविड-19 के उपचार के लिये अधिकृत शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 1884 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से जनवरी, 2022 तक कितने शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों को कोविड-19 के उपचार के लिये अधिकृत किया गया और उनमें कितने मरीजों का उपचार किया गया एवं उन पर कितना व्यय हुआ। उक्त व्यय किसके द्वारा वहन किया गया। (ख) कोविड-19 की महामारी को दृष्टिगत रखते हुए विभाग एवं शासन ने प्रदेश में स्थित अस्पतालों के उन्नयन/सर्व सुविधायुक्त बनाने हेतु क्या-क्या प्रयास किये, जिलेवार बतावें? (ग) क्या इन सभी चिकित्सालयों में शुद्ध बैक्टीरिया रहित ट्रिटेट पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। यदि नहीं, तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे। (घ) क्या म.प्र. के प्रायमरी हेल्थ सेंटर, जिला चिकित्सालय, अन्य शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सालयों में आगजनी की घटना को रोकने हेतु स्वचलित अग्निशामक यंत्र लगाये गये हैं। नहीं तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2020 से जनवरी 2022 तक 13 शासकीय एवं 10 अशासकीय महाविद्यालयों को कोविड-19 के उपचार के लिये अधिकृत किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
हैंडपंपों के सुधार कार्य हेतु दिये टेण्डरों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
16. ( क्र. 1917 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक खराब पड़े हुए हैण्डपम्पों के सुधार हेतु कब-कब निविदायें आमंत्रित किये गये? किस-किस एजेंसीज को कब-कब हैण्डपम्प सुधार हेतु टेण्डर दिये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार निविदाओं का क्या मूल्य निर्धारित किया गया? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें व किन-किन एजेंसियों को निविदायें दी गई? सूचीबद्ध जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुरैना की चाइल्ड इंटेंसिव केयर यूनिट से संबंधित जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( क्र. 1918 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिला में चाइल्ड इंटेंसिव केयर यूनिट कार्यरत है? पिछले तीन वर्षों में इनमें कितने नवजात शिशुओं का उपचार किया गया तथा उनमें से कितने मृत हुये? सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार चाइल्ड इंटेंसिव केयर यूनिट मुरैना में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? सूची उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। मुरैना जिला अस्पताल में संचालित एस.एन.सी.यू. में उपचारित एवं मृत नवजात शिशुओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) मुरैना जिला अस्पताल में संचालित एस.एन.सी.यू. में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की स्थापना हेतु शासन के प्रयास
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
18. ( क्र. 1944 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की स्थापना, व्यापार इत्यादि को प्रोत्साहित करने हेतु शासन द्वारा इस दिशा में क्या प्रयास किया जा रहा है। (ख) वर्ष 2016 से जनवरी 2022 तक म.प्र. शासन के कौन-कौन से शासकीय, अर्द्ध शासकीय, निगम, मण्डल, बोर्ड आदि द्वारा म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से किन-किन आयटमों की खरीदी की गई। राशि, विभागवार एवं प्रदायकर्ता की विभागवार सूची उपलब्ध कराएं। (ग) म.प्र. राजपत्र दिनांक 31/07/2015 भाग-4 (ग) एवं म.प्र. राजपत्र 17/12/2018 के अनुसार परिशिष्ट-अ में आरक्षित आयटमों के बारे में राजपत्र में स्पष्ट है कि आरक्षित वस्तुओं की खरीदी म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से ही की जावेगी। राजपत्र पृष्ठ क्रमांक 507 एवं 511 (19) द्वारा इन आरक्षित वस्तुओं को निविदा के माध्यम से क्रय नहीं किया जावेगा परंतु शासन के विभिन्न विभाग इसके विपरित क्रय कर रहे हैं। क्या विभाग ने म.प्र. शासन के अधीन समस्त विभागों को कोई निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों।
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) विभाग द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की स्थापना, व्यापार इत्यादि को प्रोत्साहित करने हेतु ''म.प्र. एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2021'', विभागीय आधिपत्य के औद्योगिक क्षेत्रों में रियायती दरों पर भू-आवंटन हेतु ''मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम, 2021'' और स्टार्टअप परिस्थिति की तंत्र के विकास हेतु ''स्टार्टअप नीति 2022'' जारी की गई है। (ख) वर्ष 2016 से जनवरी 2022 तक म.प्र. शासन के शासकीय, अर्द्धशासकीय, निगम, मण्डल, बोर्ड आदि द्वारा म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के पत्र क्रमांक 6-9/2015/अ-73, दिनांक 05.09.2018 से मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के माध्यम से क्रय हेतु सामग्री आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त किया गया है। साथ ही म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के नियम 34 में नियमों का उल्लंघन मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत कदाचरण माना जायेगा, का प्रावधान है।
महाकाल मंदिर को दान में मिली जमीन को विकास कार्य के बहाने बेचने के षड़यंत्र
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
19. ( क्र. 1972 ) श्री महेश परमार : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पूर्व में प्रश्नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्न क्रमांक 2739 बैठक दिनांक 10/03/2021 को मंदिर की ज़मीनों पर कब्जों को लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाया था? क्या इसमे हिंदू मंदिरों की जमीन हड़पने का षडयंत्र की शंका जाहिर की थी? क्या उसमें इंदौर टेक्सटाइल से लेकर हीरामील ताकायमी जमीन, शासकीय जमीन पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद हिंदू सनातन धर्म के मंदिरों की जमीन बेचे जाने पर आपत्ति ली गयी थी? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि सरकार महाकाल मंदिर को दान में मिली ज़मीनों पर बेचने के प्रस्ताव ला रही है? (ख) क्या सरकार के पास महाकाल मंदिर के विकास कार्यों के लिए राशि नहीं है? जबकि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के तहत महाकाल मंदिर के विकास के लिए भी राशि प्राप्त होती है? (ग) क्या पूर्व की कमलनाथ सरकार ने महाकाल विस्तार के प्रोजेक्ट के लिए 300 करोड़ कि राशि स्वीकृत की थी? यदि हाँ, तो वर्तमान सरकार में ऐसे क्या कारण रहे कि मंदिरों कि शासकीय भूमि को बेचकर मंदिर का विकास कार्य कराना पड़ रहा है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्योग लगाने हेतु निवेश राशि
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
20. ( क्र. 2279 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021- 22 में कितने शासकीय उद्योग लगाए गए तथा कितने प्राइवेट उद्योग लगाए गए हैं? (ख) शासकीय एवं प्राइवेट उद्योगों में निवेश की गई राशि क्या है? अलग-अलग बतावें। (ग) इन शासकीय एवं प्राइवेट उद्योगों में कितने लोगों को रोजगार मिला अलग-अलग बतावें। (घ) वर्ष 2022-23 की औद्योगिक नीति क्या है?
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) विभाग द्वारा स्वयं उद्योग नहीं लगाए जाते है अपितु उद्योगों की स्थापना हेतु प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन दिया जाता है। भारत सरकार के पोर्टल अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिसम्बर, 2021 अंत तक पंजीकृत प्रायवेट उद्यमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार विभाग के अधीन एमपी इंडस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. द्वारा संधारित औद्योगिक क्षेत्रों तथा कार्य क्षेत्र जिलों में वित्तीय वर्ष 2021-22 में वर्तमान तक कोई शासकीय उद्योग नहीं लगाये गये है तथा 112 निजी उद्योग स्थापित किए गये है। उद्योगवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिसम्बर, 2021 अंत तक पंजीकृत प्रायवेट उद्यमों में निवेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार उद्योगों में निवेश की गई राशि का उद्योगवार विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में समाहित है। (ग) वित्तीय वर्ष 2021-22 में दिसम्बर, 2021 अंत तक पंजीकृत प्रायवेट उद्यमों में रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार स्थापित उद्योगों में उपलब्ध कराये गये रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में समाहित है। (घ) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा म.प्र. एम.एस.एम.ई. विकास नीति 2021 लागू की गई है, जो वर्तमान में प्रचलित है। नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार वर्तमान में उद्योग संवर्धन नीति-2014 (यथा संशोधित-2021) प्रभावशील है।
लंबित शिकायतों की जांच के सम्बन्ध में
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 2283 ) श्री मनोज चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल के द्वारा जनवरी 2018 से लेकर जनवरी 2022 तक रतलाम जिले की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समस्त मूलतः प्रेषित शिकायतों पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कितनी शिकायतों पर जांच की गई। एवम जांच में क्या निष्कर्ष निकला? (ख) कितनी शिकायतें कार्यवाही के लिये पुनः आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल भेजी गई? (ग) कितनी शिकायतें अभी भी कार्यवाही के अभाव में लंबित है? अभी तक लंबित शिकायतों में जाँच नहीं करने के लिये आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के द्वारा कितनी बार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पुनः सूचित (स्मरण) करवाया गया है। (घ) कितनी शिकायतें अभी लंबित है। लंबित रहने का कारण क्या है। शिकायतवार जानकारी दें। जांच लंबित रखने वाले अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कारण बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में कुल 04 शिकायत आवेदन पत्र मूलत: प्रेषित किये गये है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कोविड-19 में मृतकों के आश्रितों को मिलने वाली मुआवजा राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
22. ( क्र. 2301 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में कोविड-19 महामारी अंतर्गत प्रथम एवं दूसरी लहर में लोगों की मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो विकासखण्डवार, पंचायतवार एवं नामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या कोरोना काल में मृतकों के आश्रितों को मुआवजा राशि दिये जाने हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो जारी किये गये दिशा निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं यह भी बतावें कि कोविड-19 से मृतकों के आश्रितों को धार जिले में किन-किन आश्रितों को कितनी-कितनी मुआवजा राशि कब-कब दी गई? विकासखण्डवार, पंचायतवार एवं नामवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या धार जिले में कोविड-19 में शासकीय अस्पतालों में कोविड के मरीजों के उपचार हेतु जिला अस्पताल एवं अस्पतालों में दवाईयां एवं अन्य सामग्रियों हेतु शासन द्वारा राशि आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई थी? वर्षवार बतावें एवं यह भी बतावें की आवंटित की गई राशि में किन-किन दवाईयों एवं अन्य सामग्रियों के क्रय हेतु कितनी-कितनी राशि का व्यय किया? व्यय की गई राशि का विकासखण्डवार ब्यौरा देवें? (घ) क्या कोविड-19 महामारी में गंधवानी विधानसभा से अन्य शहरों/राज्यों में मजदूरी करने गये हुये मजदूरों को शासन द्वारा लाने की व्यवस्था की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन राज्यों/शहरों से किन-किन वाहनों द्वारा किन-किन विकासखण्डों के किन-किन ग्राम पंचायतों के किन-किन मजदूरों को लाया गया है? शहरों/राज्य के नाम, वाहन का प्रकार व रजिस्ट्रेशन नंबर, विकासखण्डवार, पंचायतवार एवं नामवार सूची उपलब्ध करावें तथा मजदूरों को लाने में उपयोग किये वाहनों में व्यय की गई राशि की वाहनवार जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। धार जिले में कोविड-19 महामारी अंतर्गत प्रथम लहर में 71 एवं दूसरी लहर में 245 लोगों की मृत्यु हुई है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के परिपत्र क्रमांक-आई.डी.एस.पी./2020/666, दिनांक 19.05.2020 एवं मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ/IDSP/2020/सत्रह/मेडि-1045, दिनांक 03.07.2020 में दिये गये निर्देशानुसार कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की सूचना गोपनीय रखी जाना है। परिपत्र एवं आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। कोरोना काल में मृतकों के आश्रितों को मुआवजा राशि दिये जाने हेतु दिशा-निर्देश की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। धार जिले में कोविड-19 से मृतक वर्ष 2021 में 201 एवं वर्ष 2022 में 269 के आश्रितों को 50,000/- की अनुग्रह राशि दी गई। संक्रमित मरीजों की सूचना गोपनीय रखी जाना है। परिपत्र एवं आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सिविल सर्जन धार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी धार को आवंटित की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। आवंटित की गई राशि में दवाईयों एवं अन्य सामग्रियों के क्रय हेतु व्यय की गई राशि का वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। दवाईयों एवं अन्य सामग्रियों का क्रय विकासखंडवार न होकर एकजाई जिला स्तर पर किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संकलित न की जाकर धार जिले की जानकारी संकलित की गई है। जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान एवं अन्य राज्यों से आये तथा प्रवासी मजदूर उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा तथा अन्य राज्यों को गये। मजदूरों को लाने एवं भेजने के लिये 292 बसों का उपयोग किया गया। धार जिलें में प्रवासी मजदूरों को लाने एवं ले जाने में परिवहन पर कुल राशि 9670575/- का व्यय किया गया। शहरों/राज्य के नाम, वाहन के प्रकार व रजिस्ट्रेशन आदि की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
सरकारी जमीन विक्रय से संबंधित नियम
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
23. ( क्र. 2339 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकारी जमीनों के विक्रय हेतु संबंधित विभाग द्वारा जमीन से विक्रय संबंधित कोई नियम/अधिनियम प्रचलन में हैं? तो प्रति देते हुए जानकारी में रकबा क्रमांक, क्षेत्रफल, स्थान विवरण (चतुर्थ सीमा सहित) बतावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के तहत् कोई विक्रय हेतु स्वीकृति ली गई हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति की प्रति प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। नियम/अधिनियमों में रकबा, क्षेत्रफल एवं स्थान के सबंध में उल्लेख नहीं है। (ख) जी हाँ। लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा अनुपयोगी सम्पत्तियों निर्वर्तन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
वाणिज्यिक कर के वृत्त कार्यालय सेंधवा में अधिकारियों की नियुक्ति
[वाणिज्यिक कर]
24. ( क्र. 2426 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्यिक कार्यालय वृत्त सेंधवा में अधिकारियों/कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं? इनमें कितने भरे तथा कितने रिक्त हैं? क्या विगत 3 वर्षों में अपीलीय अधिकारी (जी.एस.टी. एवं नेट अधिनियम के अतंर्गत) की स्थायी नियुक्ति की गई थी? जिससे व्यापारी/कर सलाहकारों को अपील सुनवाई हेतु इंदौर जाना पड़ता है? क्या शासन अपीलीय प्राधिकारी की नियुक्ति कब तक करेगा? (ख) क्या वाणिज्यिक कर सेंधवा वृत्त में व्यवसायियों की संख्या एवं राजस्व प्राप्ति अन्य वृत्तों की तुलना में सबसे अधिक है? परन्तु अधिकारियों के स्वीकृत पद रिक्त होने से व्यवसायियों एवं कर सलाहकरों की समस्या तथा कार्य निष्पादन में विलम्ब होता है? क्या शासन उक्त समस्याओं के निदान हेतु कोई व्यवस्था करेगा एवं कब तक? (ग) सेंट्रल जी.एस.टी. के लिए व्यापारियों एवं कर सलाहकारों को सेंट्रल कार्यालय खण्डवा जाना पड़ता है? सेंट्रल कार्यालय सेंधवा के नाम से खण्डवा में संचालित किया जा रहा है क्यों? सेंधवा में सेंट्रल कार्यालय कब से प्रांरभ किया जाएगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वाणिज्यिक कर कार्यालय वृत्त सेंधवा में अधिकारियों/कर्मचारियों के 55 पद स्वीकृत हैं। इनमें 27 पद भरे तथा 28 पद रिक्त हैं। वाणिज्यिक कर विभाग में वृत्त स्तर पर अपीलीय कार्यालय स्थापित नहीं है। अत: सेंधवा में अपील प्राधिकारी की स्थायी नियुक्ति किए जाने की कोई स्थिति नहीं है। वृत्त सेंधवा के अपील प्रकरणों के निराकरण हेतु संभागीय उपायुक्त संभाग खण्डवा अपील प्राधिकारी के रूप में अधिकृत हैं। श्री एस.के.जोशी उपायुक्त के 31 दिसम्बर, 2021 में सेवानिवृत्त होने के बाद खण्डवा संभाग के सभी अपील प्रकरण श्री आर.के.सलूजा, अपीलीय उपायुक्त इंदौर संभाग-2 को हस्तांतरित किए गए हैं। (ख) वाणिज्यिक कर सेंधवा वृत्त में व्यवसायियों की संख्या 4198 है। वर्ष 2021-22 में माह फरवरी, 2022 तक का कुल राजस्व रूपये 55.95 करोड़ है, जो अन्य वृत्तों की तुलना में सबसे अधिक नहीं है। सेंधवा वृत्त में 01 वाणिज्यिक कर अधिकारी, 02 सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी, 03 वाणिज्यिक कर निरीक्षक एवं 01 कराधान सहायक कार्यकारी अधिकारी/कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं। अत: कार्य निष्पादन में विलंब जैसी स्थिति नहीं है। व्यवसायियों एवं कर सलाहकारों की ओर से किसी समस्या अथवा कार्य निष्पादन में विलम्ब संबंधी जानकारी संज्ञान में नहीं लायी गई है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित नहीं है।
स्वास्थ्य एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र के प्रस्ताव
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( क्र. 2440 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली विधानसभा से स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र के कितने प्रस्ताव भेजे गये हैं भेजे गये प्रस्ताव स्वीकृत हो गये? कि नहीं यदि नहीं, तो कब तक होगें? (ख) जो स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हैं वहां पर ANM एवं स्टाफ नर्स पूर्ति हो गयी है कि नहीं? नहीं तो कब तक होगी? सूची सहित जानकारी देवें? (ग) जहां पर स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हैं उसका भवन निर्माण हो चुका है? यदि नहीं, तो कब तक होगा? जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला स्वास्थ्य समिति सिंगरौली के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली के 02 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 05 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना/उन्नयन के प्रस्ताव प्राप्त हुये थे, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर निर्णय लिया जाकर मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 12-22/2021/सत्रह/मेडि-3, भोपाल दिनांक 23.09.2021 द्वारा ग्राम चरगोड़ा में 06 बिस्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भवन उन्नयन/निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी हैं। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सिगरौंली अंतर्गत 1 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चरगोड़ा निर्माणाधीन है, 06 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवनविहीन है जिनके निर्माण के लिये सीमित वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होने से अभी निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (ख) अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है।
सैलाना विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा लगाये गये ट्यूबवेल की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
26. ( क्र. 2555 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक खोदे गये ट्यूबवेल की जानकारी स्थान, गांव, कुल लागत, वर्षवार सूची देवें। ट्यूबवेल ड्रीलिंग ठेकेदार फर्म का नाम, तथा ड्रीलिंग की दर की वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ठेकेदार फर्म की ड्रीलिंग मशीन संबधी जानकारी देवें तथा वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक किये गये खनन की गहराई इत्यादी की जानकारी देवें। (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी नलजल योजना किस दिनांक से प्रारम्भ हुई तथा इनके पूर्ण करने का दिनांक अनुबंध अनुसार क्या थी? कौन सी योजना किस दिनांक को पूर्ण हुई तथा नल किस दिनांक को चालू हुये कौन-कौन सी योजना निर्माणाधीन है? विलम्ब के लिये ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक कितने हैण्डपम्पों की मरम्मत, किस ठेकेदार द्वारा की गई तथा कितना भुगतान किस दिनांक को किया गया? वर्षवार सूची देवें। इस मद में किये गये कुल भुगतान की वर्षवार राशि बतावें। (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ट्यूबवेल में जीवित ट्यूबवेल की संख्या क्या है तथा मोटर एवं हैण्डपम्प लगाये गये ट्यूवबेल की गांव अनुसार सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) 234, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाना
[वाणिज्यिक कर]
27. ( क्र. 2607 ) श्री संजय शुक्ला : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व प्रश्न क्रमांक 38 (क्र. 1598) दिनांक 17/07/19 वाणिज्यकर विभाग द्वारा प्रश्न के जवाब में मासिक तौजी का सत्यापन क्यों नहीं किया गया? तौजी सत्यापन हेतु निर्धारित प्रकिया अनुसार आंकलन न करने वाले विभागीय अधिकारियों पर विभागीय समीक्षा पूर्ण की जा चुकी है? यदि हाँ, तो क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन को राजस्व की क्षति पहुँचाने वाले ठेकेदारों से शेष राशि प्रश्न दिनांक तक वसूली जा चुकी है? यदि हाँ, तो ठेकेदारों से दण्ड सहित राशि वसूली गई? स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभागीय जांच आयुक्त के पास विचाराधीन है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो जांच कब तक पूर्ण कर दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? जांच कितने समय में पूर्ण की जानी थी? जांच में विलंब के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन दोषी अधिकारी कहां-कहां पदस्थ हैं? दोषी अधिकारियों को निलंबन से कब बहाल किया गया? क्या अधिकारियों की बहाली से जांच प्रभावित नहीं होगी? क्या दोषी पाये जाने पर अधिकारियों को तत्काल निलंबन अथवा सेवा से पृथक किया जाकर अर्थदण्ड सहित राशि वसूली जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश शासन वाणिज्यिक कर विभाग के आदेश क्रमांक-बी-7 (ए) 20/2017/2/पांच दिनांक 23 जून 2018 के द्वारा तौजी सत्यापन हेतु निर्धारित प्रक्रियानुसार पालन न करने वाले विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की जाकर विभागीय जांच आयुक्त मध्यप्रदेश शासन को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया। उक्त आदेश में संशोधन किया जाकर, शासन आदेश पृ.क्र.- बी-7 (ए) 20/2017/2/पांच दिनांक 25 मई 2021 से श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्वत, आई.ए.एस. भा.प्र.से. (सेवानिवृत) को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। विभागीय जांच वर्तमान में प्रचलित होकर प्रक्रियाधीन है। विभागीय जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निष्कर्ष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन को राजस्व की क्षति पहुँचाने वाले ठेकेदारों से प्रकरण में समाहित कुल राशि 41,65,21,890/- में से प्रश्न तिथि तक रूपये 22,16,06,432 की राशि संबंधित ठेकेदारों/लायसेंसियों से वसूल की गई है एवं रूपये 19,57,21,828/- की बकाया राशि वसूल की जानी है। बिंदुवार जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। कलेक्टर इन्दौर द्वारा बकाया राशि की वसूली म.प्र. भू राजस्व, संहिता-1959 की धारा 146 के प्रावधानों के अनुसार संबंधित बकायादारों को आर.आर.सी.जारी कर वसूली की कार्यवाही की जा रही है। जिसका विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन वाणिज्यिक कर विभाग के आदेश क्रमांक- बी-7 (ए) 20/2017/2/पांच दिनांक 23 जून 2018 से विभागीय जांच संस्थित की जाकर विभागीय जांच आयुक्त मध्यप्रदेश शासन को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया था। तदुपरांत शासन आदेश पृ.क्र.- बी-7 (ए) 20/2017/2/पांच दिनांक 25 मई 2021 से श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्वत, आई.ए.एस. भा.प्र.से. (सेवानिवृत) को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया जाकर, जांच कार्यवाही 06 माह की समयावधि में पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन भेजने हेतु निर्देशित किया गया है। विभागीय जांच प्रकरण में सुनवाई शीघ्र संपादित कराया जाकर जांच प्रतिवेदन शीघ्र उपलब्ध कराने हेतु विभागीय पत्र दिनांक 03.09.2020, 23.09.2020, 05.01.2021 एवं 04 फरवरी 2021 द्वारा आयुक्त, विभागीय जांच वल्लभ भवन भोपाल को लिखा गया। विभागीय जांच आयुक्त के पत्र दिनांक 18.06.2020 एवं 31.08.2020 द्वारा विभागीय साक्षी एवं अपचारीगण सहित कम से कम कुल 10 व्यक्ति उपस्थित होने से कोविड-19 महामारी एवं सोशल डिस्टेसिंग को दृष्टिगत रखते हुये जांच कार्यवाही में कठिनाई का उल्लेख किया गया। जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रथम दृष्ट्या अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में बरती गई लापरवाही हेतु संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। उपरोक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को शासन आदेश दिनांक 10 जनवरी 2018 से निलंबन से बहाल किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-पांच अनुसार है। जांचकर्ता अधिकारी से जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
कोविड बाल कल्याण योजना से लाभान्वित बच्चों की संख्या
[महिला एवं बाल विकास]
28. ( क्र. 2653 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश बाल प्रायोजन (स्पान्सरशिप योजना) फोस्टर केयर (मध्यप्रदेश पालन पोषण देख-रेख) मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना के अंतर्गत रायसेन जिले में कितने बच्चों को लाभांवित किया जा रहा हैं? विकासखण्डवार संख्या बतायें तथा उनको क्या-क्या सुविधायें दी जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की योजनाओं में बच्चों को लाभान्वित करने हेतु दिनांक 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मुख्यमंत्री जी तथा जिले के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) की योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश बाल प्रायोजन (स्पांसरशिप), फोस्टर केयर (मध्यप्रदेश पालन पोषण देख-रेख), मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना के अंतर्गत रायसेन जिले में 192 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा हैं। विकासखंडवार एवं प्रदाय सुविधा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) प्रश्नांश (क) की योजनाओ में बच्चों को लाभान्वित करने हेतु दिनांक 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले को माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह विधानसभा क्षेत्र क्र. 143 सिलवानी जिला रायसेन के पत्र कमांक 942 दिनांक 09.09.2021, 988 दिनांक 19.09.2021, 1027 दिनांक 24.09.2021 एवं 1227 दिनांक 09.11.2021 प्राप्त हुए। (ग) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले को माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह विधानसभा क्षेत्र क्र. 143 सिलवानी जिला रायसेन के कुल 4 पत्र प्राप्त हुए हैं। पत्रों में उल्लेखित 13 बालकों में से 03 बालकों को निजी स्पांसरशिप योजना अंतर्गत लाभान्वित किये जाने का निर्णय बाल कल्याण समिति द्वारा लिया गया है। शेष को अपात्र घोषित किया गया है। अनुमोदित 03 बालकों में से 01 बालक को राशि प्रदान की गयी है, शेष प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रश्नांश (क) की योजनाओं के लिए विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों यथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया एवं विभिन्न राज्य स्तरीय तथा जिला स्तरीय कार्यक्रम के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा हैं।
पदोन्नति में आरक्षण पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
29. ( क्र. 2654 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में शासन के द्वारा निर्णय क्यों नहीं लिया जा रहा है? कारण बतायें तथा कब तक निर्णय लिया जायेगा? (ख) फरवरी, 2022 की स्थिति में पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में मान. उच्च न्यायालय तथा मान. सर्वोच्च न्यायालय के क्या-क्या दिशा निर्देश हैं? (ग) पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में गठित मंत्री-मण्डलीय उपसमिति की कब-कब बैठक हुई तथा उसमें क्या-क्या निर्णय हुआ? (घ) पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में अधिकारी/कर्मचारी संगठनों द्वारा क्या-क्या सुझाव दिये गये तथा उन पर शासन के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 30.04.2016 के विरूद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर एस.एल.पी में दिनांक 12.05.2016 को ''यथास्थिति'' के पारित आदेश के कारण। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) मंत्री समूह की बैठक दिनांक 15.09.2021, 21.09.2021, 23,09.2021, 18.01.2022, 27.01.2022, 03.02.2022 एवं 08.02.2022 को संपन्न हुई। एक संगठन से सुझाव प्राप्त होना शेष है प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी।
ग्राम रामा बालोदा में पानी की टंकी का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
30. ( क्र. 2808 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम रामा बालोदा में नल-जल योजना के अंतर्गत पानी कि टंकी का निर्माण कार्य स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृति वर्ष, कार्य कि लागत के साथ स्वीकृति आदेश कि प्रति देवें। (ख) पानी की टंकी के निर्माण के लिए स्वीकृति के पश्चात निर्माण कार्य का दायित्व किस एजेंसी को दिया गया है? एजेंसी को कार्य पूर्ण करने की कितनी अवधि निर्धारित की गयी है? इस संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन देवें। (ग) निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकृति कब जारी हुई? प्रतियाँ देवें। तकनीकी स्वीकृति के उपरांत किस यंत्री, उपयंत्री को मॉनिटरिंग का कार्य सौंपा गया? (घ) वर्तमान में निर्माण कार्य की स्थिति क्या है? कब तक कार्य पूर्ण होने का लक्ष्य है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश '' क'', '' ख '' एवं '' ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति के नियम
[सामान्य प्रशासन]
31. ( क्र. 2822 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संविदा कर्मचारियों की नीति में संविदा कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन का 90 प्रतिशत वेतन दिये जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो? प्रावधान से जो संविदा कर्मचारी/अधिकारी 10 वर्षों से अधिक समय से काम कर रहा है उसका भी वही वेतन और जो नई संविदा नियुक्ति होगी उसको भी वही वेतन दिया जाएगा? (ग) इस संविदा नीति में 10 वर्षों से अधिक समय से संविदा पर कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिये कोई ध्यान रखा गया है? यदि नहीं, रखा गया तो सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी इस विसंगति को दूर करने के लिये क्या उपाय करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक करेंगे? नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र क्रमांक, सी-5-2/2018/1-3, दिनांक 05 जून, 2018 की कण्डिका 1.14.5 में वेतनमान एवं कण्डिका 1.14.2 में वार्षिक वेतन वृद्धि का प्रावधान है। यह शासन का नीतिगत निर्णय है। (ग) परिपत्र दिनाक 05 जून, 2018 के पालन में 20 प्रतिशत पद संविदा कर्मचारियों हेतु पृथक से सभी आरक्षण नियमों का समावेश कर पद आरक्षित किये गये हैं।
अधिकारियों/कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर स्वत्वों का भुगतान
[वित्त]
32. ( क्र. 2870 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के अधिकारियों/कर्मचारियों को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त होने पर स्वत्वों के भुगतान के क्या नियम हैं? किन-किन स्वत्वों के भुगतान हेतु क्या अवधि निर्धारित है? शिवपुरी जिले में 01 अप्रैल 2021 से कुल कितने अधिकारी/कर्मचारी किन-किन दिनांकों को सेवानिवृत्त हुए हैं? क्या उन सभी कर्मचारियों के पेंशन भुगतान आदेश (पी.पी.ओ.) जारी किए जाकर उनके सभी स्वत्वों का भुगतान हो चुका है? यदि नहीं तो किन-किन कर्मचारियों के पी.पी.ओ. सहित कौन-कौन से स्वत्वों का भुगतान किन कारणों से लंबित है? विभागवार, विकासखण्डवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों को पेंशन भुगतान आदेश तथा स्वत्वों का भुगतान उनके विभाग द्वारा समय पर पेंशन प्रकरण तैयार न करने के कारण अथवा पेंशन एवं कोषालय विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पेंशन प्रकरणों में अनावश्यक लगाई आपत्ति के कारण विलंब से जारी/भुगतान हुए हैं या अब भी लंबित हैं? ऐसे सभी कर्मचारियों की विभागवार नाम एवं पद सहित जानकारी दें? क्या इस हेतु दोषी कार्यालय प्रमुख तथा उनके अधीनस्थ कर्मचारियों सहित पेंशन एवं कोषालय विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है ब्यौरा दें? यदि नहीं तो क्यों नहीं की गई सकारण उत्तर दें। ऐसे लंबित सभी प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्त विभाग का परिपत्र क्रमांक 9-2/2019/नियम/चार दिनांक 16 अक्टूबर 2019 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रीवा जिले के अंतर्गत बौद्ध स्तूप देउर कोठार का संरक्षण एवं संवर्धन
[पर्यटन]
33. ( क्र. 2900 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिले अंतर्गत बौद्ध स्तूप देउर कोठार में पर्यटन विकास की दृष्टि से विभाग की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो बौद्ध स्तूप देउर कोठार जो कि पुरातात्विक दृष्टि से रीवा जिले में एकमात्र पुरातात्विक स्थल है इसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अब तक विभाग द्वारा कब-कब कितना बजट आवंटित किया गया तथा आवंटित बजट के उपयोगिता के परीक्षण के लिए समय-समय पर विभागीय प्रगति की स्थिति स्पष्ट की जाये। (ख) प्रश्नांश (क) का प्रत्युत्तर सकारात्मक हैं, तो यह स्पष्ट किया जाए कि बौद्ध स्तूप देउर कोठार में पर्यटक के बढ़ावा की दृष्टि से पर्यटक आवास की समुचित व्यवस्था है, यदि नहीं, तो क्या वर्तमान बजट में उक्त स्थल पर पर्यटक आवास के निर्माण जनहित में यथाशीघ्र कराए जाने की माननीय मंत्री महोदय द्वारा उद्घोषणा की जाएगी? अन्यथा कोई समय-सीमा तय की जाएगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रत्युत्तर सकारात्मक होने की दिशा में माननीय मंत्री महोदय कृपया स्पष्ट करें कि बौद्ध स्तूप देउर कोठार को सामरिक महत्व की दृष्टि से संवर्धन हेतु विभागीय प्राथमिकतायें सुनिश्चित की जाएगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ, देउर कोठार के संरक्षण संवर्धन के लिए स्वदेश दर्शन योजनांतर्गत स्वीकृत एवं व्यय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बौद्ध स्तूप देउर कोठार म.प्र. शासन पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा संरक्षित स्मारक नहीं है। बौद्ध स्तूप देउर कोठार स्मारक भारतीय पुरातत्वीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित किया गया स्मारक है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार कार्य संपादित किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजौद जलप्रदाय योजना के कार्य का निरीक्षण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
34. ( क्र. 2950 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4175 दिनांक 19.03.2021 के संदर्भ में मान डेम समूह योजना तथा राजौद एवं नर्मदा लोअर समूह योजना तथा राजौद जल प्रदाय योजना में शासन तथा ठेकेदार के मध्य हुए अनुबंध की जानकारी देवें। (ख) राजौद जल प्रदाय योजना के कार्यादेश की जानकारी देवें तथा बतावें की कार्य किस दिनांक तक पूर्ण करना है तथा न होने की स्थिती में पेनल्टी किस अनुसार लगाई जावेगी? 20 फरवरी 2022 तक कितना प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ तथा ठेकेदार को कुल कितना भुगतान किया जा चुका है। (ग) राजौद जलप्रदाय योजना के कार्य का निरीक्षण किस दिनांक को किस अधिकारी द्वारा किया गया? बतावें कि अनुबंध की शर्तों के विपरीत क्या पाया गया तथा उसके लिये ठेकेदार को क्या पत्र दिया गया? (घ) राजौद जल प्रदाय योजना में कार्य की गुणवत्ता ठीक नहीं होने की लगातार समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई है, इस संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कदम उठाये गये तथा अनुबंध के अनुसार कार्य की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने हेतु क्या निर्देश दिये गये? (ड.) राजौद जल प्रदाय योजना किस एजेन्सी के फण्ड से बनाई जा रही है तथा उसकी शिकायत उस एजेन्सी के किस पते पर किस अधिकारी को की जा सकती है? एजेन्सी का पता तथा अधिकारी का नाम बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मान डेम एवं नर्मदा लोअर समूह जल प्रदाय योजना की डी.पी.आर. को जल जीवन मिशन के मापदंड़ अनुसार पुनरीक्षित किया गया है, तथा वर्तमान में केवल राजस्तरीय योजना स्वीकृति समिति से अनुमोदन प्राप्त किया गया है, अत: अभी अनुबंध किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। राजौद जल प्रदाय योजना की अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 10.01.2023 तक, विलंब होने पर अनुबंध में दिये गये प्रावधान अनुसार पेनाल्टी लगाई जायेगी। 20 फरवरी 2022 तक योजना का कार्य 50.48 प्रतिशत पूर्ण हुआ है, ठेकेदार को रू. 28.13 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। (ग) राजौद जल प्रदाय योजना के कार्य के अंतर्गत अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है तथा निरीक्षण रिपोर्ट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। निरीक्षण में अनुबंध अनुसार कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया, निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति/सूचना ठेकेदार को समय-समय पर दी गई। (घ) राजौद समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के संदर्भ में निर्माण, कार्य का परीक्षण, संबंधित सुपरविजन एवं गुणवत्ता नियंत्रण कंसलटेंसी एवं थर्ड पार्टी इंसपेक्शन एजेंसी के माध्यम से कराया गया जिसमें कार्य की गुणवत्ता अनुबंध के अनुसार ही पायी गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) राजौद जल प्रदाय योजना मध्यप्रदेश निगम द्वारा ''जल जीवन मिशन'' फण्ड से बनाई जा रही है। जल-जीवन मिशन अंतर्गत स्थानीय स्तर पर शिकायत, कार्यालय मध्यप्रदेश जल निगम, परियोजना क्रियान्वयन इकाई, इंदौर के पते पर महाप्रबंधक को की जा सकती है, एजेंसी का पता मध्यप्रदेश जल निगम परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पी.आई.यू.), मूसाखेड़ी इंदौर (म.प्र.) है तथा उक्त पी.आई.यू. में वर्तमान में अधिकारी (महाप्रबंधक) श्री जे.पी.गनोते पदस्थ हैं।
शासकीय अस्पतालों में टेण्डर प्रकिया
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
35. ( क्र. 3042 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या NHM द्वारा दिनांक 28/05/2021 को प्रदेश के शासकीस अस्पतालों में विभिन्न प्रकार के लैब परीक्षण करने बावत् टेण्डर निकाला था? यदि हाँ, तो टेण्डर की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) उक्त टेण्डर में प्रतिभागी समस्त निविदाकारों की अर्हता संबंधी दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) उक्त टेण्डर में क्या सफल निविदाकार द्वारा टेण्डर की अर्हता की शर्तों की पूर्ति की गई हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें, यदि नहीं, तो स्पष्ट करें कि अर्हता पूर्ण न रखने वाली निविदा किस आधार पर सफल घोषित की गई? इस संबंध में हुई शिकायत की प्रति तथा उस पर की गई कार्यवाही का विवरण दें। (घ) क्या शासन अपूर्ण अर्हता की निविदाकार को सफल घोषित करने के आदेश को निरस्त करेगा? कब तक? (ड.) क्या अपूर्ण अर्हता की निविदाकार को शिकायत उपरांत भी सफल निविदा घोषित करने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर शासन कार्यवाही करेगा और कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है, शिकायत में उल्लेखित तथ्य प्रमाणित न होने के कारण शिकायत नस्तीबद्ध की गई। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
36. ( क्र. 3050 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल निगम द्वारा रायसेन जिले के विकासखण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के ग्रामों में जल-जीवन मिशन के अंतर्गत नर्मदा नदी, बीना बांध, बारना बांध तथा सेमरी जलाशय से समूह जल प्रदाय योजना बनाई जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस नदी/बांध से किन-किन ग्रामों की समूह जल प्रदाय योजना बनाई गई हैं? (ग) उक्त योजना का कार्य कब तक प्रारंभ होगा तथा इस संबंध में विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा रायसेन जिले के विकासखंड बैगमगंज एवं सिलवानी के 401 ग्रामों हेतु जल-जीवन मिशन अंतर्गत नर्मदा नदी, बारना बांध तथा सेमरी जलाशय आधारित 03 समूह जल प्रदाय योजनाओं की डी.पी.आर. बनाई जा रही है। बीना बांध से कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) डी.पी.आर. तैयार किये जाने का कार्य प्रगतिरत है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मंदसौर, रतलाम नीमच जिलों में अमानक दवाइयों की बिक्री
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
37. ( क्र. 3082 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में नकली, सब-स्टेण्डर्ड व अमानक दवाईयों के कुल कितने नमूने जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक लिये गये एवं कितने नमूने जांच के लिए विभिन्न लैब में भेजे गये? भेजे गए नमूनों में कितनों की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है कितनों की किन कारणों से लंबित है? क्या रतलाम, मंदसौर जिले में ज्यादातर मामलों में नमूने लेबोरेटरी तक भेजे ही नहीं जा रहे हैं और अधिकारियों द्वारा दुकानदारों से अनियमितता कर प्रकरण का निदान किया जा रहा है एसी कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई? समस्त प्रकरणों की सूची उपलब्ध कराए? (ख) वर्तमान में नकली, अमानक व सब स्टेण्डर्ड दवाईयों की जांचों हेतु कितनी लेबोरेटरी कहाँ-कहाँ सचांलित हैं? (ग) प्रदेश में उक्त अवधि में नकली व अमानक दवाईयों के प्रकरणों में सक्षम न्यायालय में कुल कितने चालान उक्त अवधि तक प्रस्तुत किये गये? उनमें कितनों का निराकरण क्या हुआ जानकारी देवें? (घ) क्या रतलाम, मंदसौर, नीमच जिलों में अधिकारियों की लापरवाही के चलते नकली, सब स्टेण्डर्ड, अमानक दवाईयां लगातार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बेची जा रही हैं जिसमें मुख्य रुप से शहर में ही बन रही नकली गर्भ-निरोधक गोलियां शामिल हैं? यदि नहीं, तो कब-कब 1 जनवरी 2018 के पश्चात किस-किस सक्षम अधिकारी ने इन जिलों का अकस्मात निरीक्षण किया? दिनांकवार निरीक्षण की जांच रिपोर्ट की जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
38. ( क्र. 3087 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक जल-जीवन मिशन के तहत सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएँ स्वीकृत की गई हैं? योजनाओं के नाम, राशि सहित विकासखण्डवार, वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त नल-जल योजनाओं में से कितनी पूर्ण हुई है? कितनी अपूर्ण हैं? कितनी अप्रारंभ हैं? अपूर्ण एवं अप्रारंभ के क्या कारण हैं? बतावें तथा अपूर्ण एवं अप्रारंभ नल-जल योजनाओं को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? अपूर्ण एवं अप्रारंभ के लिए उत्तरदायी ठेकेदार एवं अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त नल-जल योजनाओं का निर्माण किस-किस फर्म, संस्था, ठेकेदार, व्यक्ति द्वारा किस दिनांक से किया जा रहा है? योजना की लागत, वर्कआर्डर दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, भुगतान की राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) नल-जल योजनाओं के गुणवत्तापूर्ण कार्य कराये जाने के विभाग की क्या कार्ययोजना है? विभाग द्वारा किन-किन अधिकारियों से योजनाओं का निरीक्षण करवाया जाता है? क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन ठेकेदारों एवं अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है? (ड.) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजना से कितने घरों में कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं? जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्न ''क'' के संदर्भ में 04 योजनाएं पूर्ण हुई है। 86 योजनाएं अपूर्ण अर्थात प्रगतिरत है एवं 25 नल-जल प्रदाय योजना अप्रारंभ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मुख्यत: करोना महामारी एवं अन्य विविध कारणों से कार्य की प्रगति बाधित हुई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) नल-जल योजनाओं के गुणवत्तापूर्ण कार्य कराये जाने हेतु विभागीय अधिकारी तथा तृतीय पक्ष एजेंसी के द्वारा समय-समय पर कार्य की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है। गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य से संबंधित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र में जल-जीवन मिशन योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत परिवार को उपलब्ध कराये गये नल कनेक्शन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
नल-जल योजना का कार्य समय-सीमा में पूर्ण न किया जाना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
39. ( क्र. 3098 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 01 अप्रैल 2020 से 15 फरवरी 2022 की अवधि में किन-किन ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री नल-जल योजना कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत की गई है? (ख) उक्त किन-किन ग्राम पंचायतों की योजनाओं का कार्य किन कारणों से अपूर्ण अथवा प्रारंभ ही नहीं किये गये है। (ग) उक्त स्वीकृत योजनाओं का कार्यादेश किस-किस फर्म/ठेकेदार को किन-किन शर्तों एवं किस अवधि में पूर्ण करने हेतु दिया गया था? (घ) उपरोक्तानुसार क्या ठेकेदार द्वारा अनुबंध के मापदण्ड के अनुसार एवं समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने के लिए क्या कार्यवाही की गई एवं क्या विभागीय अधिकारी दोषी है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में कोई भी मुख्यमंत्री योजना स्वीकृत नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। तथापि जल-जीवन मिशन के अन्तर्गत 76 नल-जल योजनाएं स्वीकृत है जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' में दर्शाए अनुसार जल-जीवन मिशन की नलजल योजनाओं के संबंध में वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
संभाग एवं जिलों में स्थित महत्वपूर्ण परिसम्पत्तियों का विक्रय
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
40. ( क्र. 3127 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन द्वारा प्रदेश के संभाग एवं जिलों में स्थित अति महत्वपूर्ण परिसम्पत्तियों का विक्रय किया जा रहा है? शासन का उद्देश्य एवं नीति क्या है। फरवरी 2022 की स्थिति में जानकारी दी जावें। (ख) क्या जिस प्रक्रिया से सम्पत्तियों का विक्रय किया जा रहा है वह दोषपूर्ण व शासन को राजस्व की हानि एवं आम जनता को खरीददारी से वंचित कर, पूंजीपतियों को लाभ की नीति है? (ग) ग्वालियर/चम्बल संभाग में किन-किन सम्पत्तियों का विक्रय हो चुका है? कितनों का विक्रय शेष है? क्या कुछ सम्पत्तियों का विक्रय कलेक्टर रेट से भी कम मूल्य पर किया गया है? सभी परिसम्पत्तियों का स्थान, रेट सहित जानकारी दी जावें। (घ) क्या शासन उक्त सम्पत्तियों को शासन की संस्थाओं के माध्यम से आमजनों को विक्रय करने की नीति बनायेगा ताकि राजस्व भी अधिक प्राप्त हो व आमजनों को सम्पत्ति खरीद का लाभ भी मिलेगा? जानकारी दी जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 08/10/2020 द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति द्वारा विभाग के पोर्टल पर विभाग/कलेक्टर द्वारा इंद्राज एवं विभाग द्वारा अनुमोदित परिसम्पत्तियों में से साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत प्रस्ताव में प्रबंधन हेतु परिसम्पत्तियों का चयन किया जाता है। परिसम्पत्तियों के प्रबंधन से सबंधित प्रस्ताव पर प्रस्तुत विकल्पों में से बेहतर विकल्प का चयन एवं अनुशंसा की जाती है जब यह पाया जाता है सम्पत्ति का अन्य कोई प्रबंधन/उपयोग नहीं किया जाना है तब ही सम्पत्ति का निर्वर्तन किये जाने पर साधिकार समिति द्वारा विचार किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। (ग) विक्रय की गई परिसम्पत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार एवं साधिकार समिति द्वारा चयनित और विक्रय हेतु शेष सम्पत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। साधिकार समिति द्वारा मंत्रिपरिषद से अनुमोदित मापदंड के अनुसार निर्धारित रिजर्व मूल्य से कम मूल्य पर किसी भी परिसम्पत्ति का विक्रय नहीं किया गया है। (घ) परिसम्पत्तियों का विक्रय ई-टेण्डर कम ई-ऑक्शन के माध्यम से किया जाता है जिसमें किसी भी आम जन/फर्म द्वारा भाग लिया जाता है।
ग्वालियर/चम्बल संभाग के विभिन्न अस्पतालों में शिशु मृत्यु दर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 3128 ) डॉ.
सतीश सिकरवार
: क्या
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) ग्वालियर/चम्बल
संभाग के
विभिन्न
अस्पतालों
में वर्ष 2020, 2021, फरवरी 2022 तक
कितने शिशु
बाल एवं 10 वर्ष तक के
बालक-बालिकाओं
की मृत्यु हुई
है? जिलावार
जानकारी दी
जावे। (ख) क्या
सम्भागों के
विभिन्न
अस्पतालों
में स्त्री
रोग विशेषज्ञ
एवं शिशु बाल
रोग विशेषज्ञ
चिकित्सकों
की कमी है? कितने
पद स्वीकृत
हैं? कितने
पद कहाँ रिक्त
हैं? रिक्त
पदों पर
नियुक्तियां
कब तक कर दी
जावेगी? (ग) क्या शासन
की नीति शिशु
मृत्यु दर पर
नियंत्रण
करने की है? रोग
विशेषज्ञ
चिकित्सकों
के अभाव में
इस पर नियंत्रण
कैसे होगा? वर्तमान
में संभाग में
शिशु बाल
मृत्यु दर, उक्त
समय में क्या
रही है? पूर्ण
जानकारी दी
जावे। (घ) शासन
द्वारा
ग्रामीण
क्षेत्रों के
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों पर
इन मृत्युदरों
की गणना की
क्या
प्रक्रिया
रही है? जिला
मुख्यालय, संभाग
मुख्यालयों
पर इसकी गणना (गिनती)
कैसे की गई? पूर्ण
जानकारी दी
जावे।
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) ग्वालियर/चम्बल
संभाग में हुई
बच्चों के मृत्यु
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ख) जी हाँ, स्वीकृत
एवं रिक्त
पदों की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है। विशेषज्ञ
के पद 100
प्रतिशत
पदोन्नित से
पूर्ति किये
जाने का प्रावधान
है, वर्ष 2016 से
पदोन्नति का
प्रकरण
माननीय उच्च न्यायालय
में विलंबित
होने के कारण
प्रदेश में
विशेषज्ञ के
पदों की पद
पूर्ति नहीं
की जा सकी है। निश्चित
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है। (ग) जी
हाँ। मृत्यु
दर में कमी
लाये जाने
हेतु राज्य
स्तर से शिशु
रोग चिकित्सक
वॉक-इन-इन्टरव्यू
के माध्यम से
संविदा आधार
पर नियुक्त
किये जा रहे
हैं एवं जिले
में कार्यरत
चिकित्सकों
को बच्चों के
उपचार के
संबंध में
आवश्यक
प्रशिक्षण
प्रदान किया
जा रहा है, जिससे
शिशु एवं बाल
मृत्यु दर में
कमी लायी जा
सके। भारत
सरकार द्वारा
राज्य स्तर के
शिशु एवं बाल
मृत्यु दर के
आंकड़ें जारी
किये जाते हैं, संभाग
स्तर के आंकड़े
भारत सरकार
द्वारा जारी
नहीं किये
जाते हैं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) भारत
सरकार द्वारा
जारी एस.आर.एस.
में केवल राज्य
स्तर के आंकड़े
जारी किये
जाते हैं एवं
उक्त
प्रक्रिया
भारत सरकार
स्तर से की
जाती है। अतः
ग्रामीण
क्षेत्रों के
प्राथमिक
स्वास्थ्य
केन्द्रों, जिला
मुख्यालय एवं
संभाग
मुख्यालयों
पर गणना तथा
प्रक्रिया के
संबंध में
जानकारी दिया
जाना संभव
नहीं है।
सिंचाई एवं पेयजल समस्याओं का निराकरण
[नर्मदा घाटी विकास]
42. ( क्र. 3168 ) श्री
शशांक
श्रीकृष्ण
भार्गव : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राष्ट्रीय जल
विकास अभिकरण
से म.प्र. सरकार
के अनुबंध
अंतर्गत सन् 2024 तक
म.प्र. राज्य
द्वारा मॉ
नर्मदा नदी के
जल का उपयोग
म.प्र. राज्य
द्वारा किया
जायेगा एवं
शेष जल अन्य
राज्यों को
आवंटित किया
जायेगा? (ख) प्रश्नांश
(क) यदि हाँ तो
क्या शासन
नर्मदा नदी से
5
एम.सी.एम जल
प्रतिदिन 3 माह (90 दिन) करीब 5 एम.सी.एम.
जल नर्मदा नदी
से बेतबा नदी
में छोड़े
जाने के संबंध
में योजना
तैयार कर उक्त
योजना को
यथाशीघ्र अमल
में लाने के
संबंध में
कार्यवाही
करेगा? (ग) क्या प्रश्नकर्ता
द्वारा
नर्मदा नदी से
बेतवा नदी में
कम खर्च में
अधिकतम
किसानों को
सिंचाई की
सुविधा एवं
शहर विदिशा व
रायसेन के साथ
ही मार्ग में
पड़ने वाले
गांव की पेयजल
समस्या के
निराकरण हेतु
माननीय
मुख्यमंत्री
म.प्र.शासन को 24 जनवरी 2022 को
पत्र क्रमांक 801/2021-22 के
माध्यम से
उक्त योजना की
स्वीकृति
हेतु अनुरोध
किया था? (घ) प्रश्नांश
(ग) यदि हाँ, तो
विदिशा एवं
रायसेन जिले
की सिंचाई
हेतु मकोडिया
बांध की साध्य
नहीं पाई गई, इसके
विकल्प
स्वरूप वर्ष 2019 में
शासन द्वारा
नर्मदा नदी से
जल छोड़े जाने
की योजना के
संबंध में
कार्यवाही की
मांग की गई थी? यदि
हाँ, तो
उक्त क्रम में
क्या
कार्यवाही की
गई? नहीं तो
क्यों?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) राष्ट्रीय
जल विकास अभिकरण
नहीं अपितु
नर्मदा जल
विवाद न्यायाधिकरण
द्वारा पारित
अवार्ड
अनुसार मध्यप्रदेश
राज्य को
आवंटित 18.25 एम.ए.एफ. जल
का उपयोग वर्ष
2024 तक
किया जाना है।
(ख) वर्तमान
में विभाग के
अंतर्गत इस
संबंध में कोई
योजना प्रस्तावित
नहीं है। (ग) एवं
(घ) कार्यालयीन
अभिलेख
अनुसार पत्र
विभाग में
प्राप्त
नहीं हुआ है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
लोकायुक्त मामलों में अभियोजन स्वीकृति
[सामान्य प्रशासन]
43. ( क्र. 3180 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 5 वर्षों में लोकायुक्त द्वारा कितने मामले पंजीबद्ध किये गये हैं तथा कितने मामलों में संबंधितों के विरुद्ध शासन द्वारा अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति जारी की जा चुकी है? क्या उन मामलों में माननीय न्यायालयों में चालान प्रस्तुत किये जा चुके हैं? विभागवार पूर्ण ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में पंजीबद्ध किन-किन मामलों में माननीय न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किया जा चुका है? ऐसे मामलों में क्या विभाग द्वारा सक्षम न्यायालय में अपील की गई है? यदि हाँ, तो तत्सबंधी ब्योरा दें। नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) में लंबित अभियोजन स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विशेष पुलिस स्थापना (लोकायुक्त) द्वारा विगत 05 वर्षों में 1312 मामले पंजीबद्ध किये गये है तथा 383 मामलों में संबंधितों के विरूद्ध शासन द्वारा अभियोजन चलाये जाने की स्वीकृति जारी की जा चुकी है, जिसमें से 355 मामलों में माननीय न्यायालयों में चालान प्रस्तुत किये जा चुके है, 23 मामलों में चालानी कार्यवाही की जा रही है तथा 05 मामले परीक्षणाधीन है। पूर्ण ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में पंजीबद्ध जिन 10 मामलों में माननीय न्यायालय द्वारा दोष मुक्त किया जा चुका है। उन प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। दोषमुक्ति के 10 मामलों में से 05 मामलों में संगठन द्वारा सक्षम न्यायालय में अपील प्रस्तुत की जा चुकी है, 03 मामलों में अपील प्रस्ताव विधि विभाग को प्रेषित किया गया है, 01 मामले में अपील संबंधी कार्यवाही की जा रही है तथा 01 मामले में अपील योग्य आधार उपलब्ध नहीं होने से अपील न करने का निर्णय लिया गया है। अपील संबंधी ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' के कालम नम्बर-06 में अंकित है, अपील नहीं करने का कारण कालम 07 में अंकित है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गैर व्यवसायिक वाहनों का विभाग में अटैचमेंट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
44. ( क्र. 3181 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न क्रमांक 2911 दिनांक 10/03/2021 के प्रश्नांश (ग) के संबंध में यह उत्तर दिया गया था कि, जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा इन वाहनों की खुली ई-निविदा का न्यूनतम दर पर अनुबंध वाहनों का उपयोग किया गया? क्योंकि इस क्षेत्र में व्यवसायिक वाहनों की अनुपलब्धता होने से गैर व्यवसायिक वाहनों का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारु रुप से संचालित करने के लिए किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में शासन को शिकायत प्राप्त हुई तथा उस पर जांच कमेटी का गठन किया जाकर जांच कमेटी द्वारा अपना प्रतिवेदन दिनांक 31/05/2021 को प्रस्तुत कर दिया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार कितनी राशि का भ्रष्टाचार होना पाया गया तथा इस राशि की किस प्रकार से दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों से वसूली की जावेगी? (घ) क्या गैर व्यवसायिक वाहनों का उपयोग व्यवसायिक वाहनों के रुप में किये जाने पर शासन को हुई राजस्व हानि के संबंध में संबंधित वाहन स्वामियों से परमिट, कर, फिटनेस, समझौता शुल्क आदि की राशि वसूल की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और किस प्रकार से वसूल की जावेगी? नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रस्तुत प्रतिवेदन में उल्लेखित राशि रू.52.99 लाख दर्शायी गयी है। वसूली योग्य राशि का आंकलन किया जा रहा है। (घ) वाहन स्वामियों से राजस्व हानि के रूप में रू.12,967/- की वसूली की जा चुकी है। शेष वसूली की कार्यवाही प्रचलित है।
प्रदेश में मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर के निर्माण की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 3246 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत सिविल विंग के द्वारा प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर बनाने हेतु वर्ष 2019 में निविदाएं आमंत्रित की गई थीं? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन जिला चिकित्सालयों में ऑपरेशन थियेटर बनाये जाने हेतु किस फर्म की निविदा स्वीकृत की जाकर कार्यादेश किन शर्तों के साथ कब दिए गए थे? (ग) उक्त थियेटर का कार्य किस-किस जिले में पूर्ण कर लिया गया है एवं कितने कार्य अपूर्ण किस कारण से हैं? निर्माण फर्म को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस आधार पर किया गया है? (घ) क्या उक्त शर्त/अनुबंध के अनुसार संबंधित फर्म द्वारा समय-सीमा में स्वीकृत ड्राइंग एवं मटेरियल गुणवत्ता के अनुसार कार्य नहीं किया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या उक्त फर्म को ब्लैकलिस्ट किया जाकर अनुबंध अनुसार कितनी राशि की पेनाल्टी लगाई जाकर वसूली की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत वर्ष 2019 में प्रदेश के कुल 29 जिला चिकित्सालयों में मॉडयूलर ऑपरेशन थियेटर स्थापित किए जाने हेतु निविदा आमंत्रित कर कार्यादेश लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत निविदा प्रपत्र की शर्त्तों के आधार पर जारी किए गये थे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। निर्माण फर्मों को भुगतान लोक निर्माण विभाग की दर अनुसूची एवं मेन्यूअल के प्रावधान अनुसार किया गया है। (घ) जी नहीं। कार्य स्वीकृत मानचित्र एवं गुणवत्ता के अनुसार कराया गया है। अनुबंधानुसार कार्यवार अतिरिक्त समयावृद्धि की स्थिति एवं तदानुसार अधिरोपित अर्थदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विमान एवं हेलीकॉप्टर का रख-रखाव
[विमानन]
46. ( क्र. 3255 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार के पास स्वयं के कौन-कौन से विमान एवं हेलीकॉप्टर है यह विमान एवं हेलीकॉप्टर कब-कब तथा कितनी-कितनी राशि के कहां-कहां से किस-किस कंपनी के खरीदे गये थे? इनकी संचालन लागत क्या-क्या थी? किन-किन विमानों एवं हेलीकॉप्टरों ने अब तक कुल कितने-कितने घंटों की उड़ानें भरी हैं? इन विमान एवं हेलीकॉप्टरों के रख-रखाव एवं मरम्मत पर कुल कितनी राशि व्यय की गई है? ऐसे कितने विमान/हेलीकॉप्टर हैं जो कि अनुपयोगी हैं? (ख) उक्त विमानों एवं हेलीकॉप्टरों को 23 मार्च 2020 से 20 फरवरी 2022 तक की अवधि में राज्य एवं राज्य के बाहर विमानतल/स्टेट हेंगर पर लेंडिंग करने और विमान/हेलीकॉप्टर को स्टे करने पर किराये के रूप में कुल कितनी राशि व्यय हुई है? (ग) उक्त किन-किन विमानों एवं हेलीकॉप्टर का बीमा कराया गया है? किन-किन का किन कारणों से बीमा नहीं कराया गया है? (घ) क्या गत वर्ष ग्वालियर में राज्य सरकार का विमान क्रैश हुआ था? यदि हाँ, तो क्या इस विमान का बीमा कराया गया था? यदि नहीं, तो क्यों और क्या विमान क्रैश की जांच कराई है? यदि हाँ, तो जांच निष्कर्ष के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कुल राशि रूपये 11,51,272/- (ग) हेलीकॉप्टर का बीमा कराया गया है। बीमा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन थी, इसी बीच विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से बीमा नहीं हो पाया। (घ) जी हाँ। बीमा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन थी, इसी बीच विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से बीमा नहीं हो पाया। एयरक्राफ्ट दुर्घटना संबंधी जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो द्वारा की गई। रिपोर्ट में आये निष्कर्षों के आधार पर आगामी कार्यवाही की जावेगी।
कोतमा जिला अनूपपुर में कर अपवंचन पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
47. ( क्र. 3319 ) श्री सुनील सराफ : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजकुमार शुक्ला निवासी कोतमा जिला अनूपपुर के टिन नंबर की जानकारी देवें। GST विधान जारी होने के पूर्व इनके द्वारा अंतिम तीन वर्षों की विवरणिकाओं की प्रमाणित प्रतियां देवें? (ख) GST विधान जारी होने के पश्चात् तथा इनके द्वारा GST नंबर लिया गया, यदि हाँ, तो उक्त नंबर व प्रश्न दिनांक तक इनके द्वारा भरी विवरणिकाओं की प्रमाणित प्रतियां देवें? यदि नहीं, लिया तो विभाग ने इसके लिए इन्हें कितने नोटिस दिये व अन्य कार्यवाही क्या की? (ग) क्या विभाग ने जिला पंचायत अनूपपुर से जानकारी प्राप्त कर GST विधान लागू होने के बाद राजकुमार शुक्ला द्वारा किये कार्य पर कोई कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जाएगी? सर्कल अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान न देने के क्या कारण हैं? यदि जिला पंचायत अनूपपुर से जानकारी प्राप्त नहीं की है तो कब तक की जाएगी? कब तक राजकुमार शुक्ला की पूरी जानकारी लेकर विभाग उनके द्वारा किए कर अपवंचन पर पेनाल्टी लगाकर राशि वसूलेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) श्री राजकुमार शुक्ला, निवासी कोतमा जिला अनूपपुर वेट अधिनियम के तहत दिनांक 20.09.2016 से 30.06.2017 तक पंजीयत रहे हैं। इन्हें वेट अधिनियम के तहत टिन 23119197039 जारी था। इस अवधि में उनके द्वारा विवरणिकाएं प्रस्तुत नहीं की गई हैं। (ख) श्री राजकुमार शुक्ला द्वारा जीएसटी विधान के अधीन दिनांक 05.09.2019 से जीएसटी नंबर 23GIBPS8126J2ZY मे.दीप सप्लायर के नाम से लिया गया है। माल और सेवा कर अधिनियम के तहत विवरणियां जीएसटीएन पोर्टल पर ऑनलाईन प्रस्तुत किए जाने का प्रावधान है। व्यवसायी द्वारा सितम्बर, 2019 से फरवरी, 2022 तक की अवधि के लिए निरंक ऑनलाईन विवरणिकाएं प्रस्तुत की गई हैं। (ग) वाणिज्यिक कर विभाग के अनूपपुर वृत्त कार्यालय द्वारा पत्र क्रमांक 271, 272 दिनांक 07.03.2022 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत कोतमा से प्रश्नांश में उल्लेखित व्यवसायी के संबंध में जानकारी चाही गयी है। जानकारी प्राप्त होने पर समुचित विश्लेषण पश्चात यदि कोई विसंगति पाई जाती है तो माल एवं सेवाकर अधिनियम के प्रावधानों के अधीन कार्यवाही की जा सकेगी।
नियम विरूद्ध कार्यदेश जारी करने वालों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
48. ( क्र. 3378 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल व रीवा संभाग में संचालित शासकीय अस्पतालों में सुरक्षा कर्मियों, सफाई कर्मियों सहित अन्य कार्यों हेतु कर्मचारियों की नियुक्ति कर प्रायवेट कम्पनियों द्वारा कार्य लिये जा रहे हैं, तो किन-किन अस्पतालों में कब से विवरण पृथक-पृथक अस्पतालवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अस्पतालों में कम्पनियों को कार्यादेश कब-कब, किन-किन शर्तों पर दिये गये की प्रति देते हुए बतावें कि इनकी अवधि क्या है? कार्यरत कर्मचारीवार विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को प्रश्नांश (ख) अनुसार जो वेतन दिया जा रहा है क्या शासन के मापदण्ड अनुसार है? शासन द्वारा वेतन निर्धारण बावत क्या आदेश जारी किये हैं? आदेश की प्रति बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) के कार्यरत कर्मचारियों को शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार वेतन का भुगतान न कर उनका आर्थिक शोषण करने वालों पर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करावेंगे एवं इनको शासन के आदेश के अनुक्रम में वेतन भुगतान बावत निर्देश जारी करेंगे? इस तरह के अनियमित कार्य अनुबंध के शर्तों से हट कर कार्य करने वाली कम्पनियों को कार्य से पृथक करेगें? तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संचालनालय द्वारा जारी गाईडलाइन टेंडर डाक्यूमेंट की शर्तों पर प्रतिवर्ष की अवधि के लिये टेंडर किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। के अनुरूप कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान किये जाने के निर्देश है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राज्य के कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता दिया जाना
[वित्त]
49. ( क्र. 3470 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में पदस्थ राज्य के कर्मचारियों को वर्तमान में कितने प्रतिशत मंहगाई भत्ता प्रदान किया जा रहा हैं? (ख) क्या राज्य के कर्मचारियों एवं केन्द्रीय कर्मचारियों को सामानांतर मंहगाई भत्ता दिया जा रहा हैं? (ग) यदि नहीं, तो केन्द्रीय कर्मचारी के समान राज्य के कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता दिये जाने की शासन स्तर पर क्या योजना है? राज्य कर्मचारियों को केन्द्र के समान कब तक मंहगाई भत्ता प्रदाय किया जाएगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश में पदस्थ राज्य के कर्मचारियों को वर्तमान में 20 प्रतिशत मंहगाई भत्ता प्रदान किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। (ग) राज्य शासन अपने वित्तीय संसाधनों के आधार पर निर्णय लेता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गाड़ गंगा नदी का सौंदर्यीकरण
[पर्यटन]
50. ( क्र. 3471 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा राजगढ़ जिले के अंतर्गत नगर खिलचीपुर में स्थित गाड़ गंगा नदी के सौंदर्यकरण हेतु घाट निर्माण, पार्क निर्माण, साईकिलिंग ट्रेक, फुटपाथ निर्माण एवं मल-जल प्रणाली विकास कार्य हेतु पत्राचार किया गया? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? उक्त निर्माण कार्य हेतु कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) राजगढ़ जिले के अंतर्गत खिलचीपुर, कुण्डलिया डेम तथा जीरापुर डेम के विभिन्न विकास कार्यों के संबंध में कार्य योजना तैयार की गई है। कार्य के औचित्य, पर्यटकों की संख्या तथा बजट की उपलब्धता के आधार पर कार्यों की स्वीकृति दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
51. ( क्र. 3489 ) श्री राकेश मावई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में कोतवार डैम से जल निगम द्वारा पीने का शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु किस-किस ग्राम पंचायत में कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य कराये जा रहे हैं तथा इन कार्यों की निर्माण एजेंसी कौन है? उनकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न दिनांक तक किस-किस ग्राम पंचायत में क्या-क्या कार्य किये जा चुके हैं, तथा उनका मूल्यांकन कितनी-कितनी राशि का किया गया है एवं ये कार्य कब तक पूर्ण किये जा सकेंगे? मूल्यांकन राशि सहित पंचायतवार जानकारी देवें। (ग) क्या यह भी सही है प्रश्नांश (ख) अनुसार किये गये कार्य एस्टीमेट अनुसार नहीं किये जा रहे है। पाइप लाईन पर्याप्त गहराई तक नहीं डाली जा रही है। जगह-जगह पाईप लाईन टूट रहीं है। तथा गांवों की प्रत्येक गली में प्रत्येक घर तक पाईप लाईन नहीं डाली जा रही है और प्रत्येक घर में नल भी नहीं लगाये गये हैं यदि हां/नहीं तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी और क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगें? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कोतवार डैम से दतेहरा समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत 18 ग्राम पंचायतों के 22 ग्रामों में नल-जल योजना के कार्य कराये जा रहे है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना के समस्त ग्रामों हेतु एकजाई प्राक्कलन है। ग्राम पंचायतवार प्राक्कलन एवं मूल्यांकन नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्य एस्टिमेट अनुसार कराये जा रहे है। पाइप-लाइन बिछाने का कार्य निर्धारित मानक अनुसार गहराई पर किया गया है, हार्ड पत्थर आने के कारण जहां कम गहराई में पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया गया है, उसे हाइड्रोटेस्टिंग के उपरांत अनुबंध के अनुसार चारो तरफ सीमेंट कांक्रीट से इनकेस किया जावेगा। बिछाई गयी पाइप लाइन का हाइड्रोटेस्टिंग का कार्य प्रगतिरत है, टेस्टिंग में लीकेज पाये जाने पर सुधार कार्य प्रगतिरत है। योजना का पाइप लाइन बिछाने एवं घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने का कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है, अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश के पेंशनर्स को मंहगाई राहत एवं एरियर्स का भुगतान
[वित्त]
52. ( क्र. 3530 ) श्री
मेवाराम जाटव
: क्या
वित्त मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश के
पेंशनरों 31
प्रतिशत
मंहगाई राहत
दी जा रही है़? यदि
हाँ, तो कब
से और यदि
नहीं,
तो
क्यों नहीं? क्या
जुलाई 2019
से सितम्बर 2021 तक
प्रदेश सरकार
द्वारा
कोरोना काल
में पेंशनर्स
को मंहगाई
राहत दी गई है? (ख) क्या
जनवरी 2006
से 31
अगस्त 2008
तक का छठवें
वेतनमान का
एरियर कोर्ट
के आदेश होने
के बाद भी
क्यों रोका
गया है? क्या
जनवरी 2016
से 31 मार्च
2018 तक का
सातवें
वेतनमान का
एरियर प्रदेश
के पेंशनरों
को प्रदाय
किया है? यदि हाँ, तो कब-कब
एवं नहीं तो
क्यों नहीं
एवं प्रदेश सरकार
पेंशनरों को
उक्त एरियर्स
कब देगी? (ग) प्रदेश
सरकार म.प्र.
पुनर्गठन
अधिनियम 2000 की छठी
अनुसूची की
धारा 49
जिसमें
पेंशनर्स को
स्वत्वों को
प्रदाय किये
जाने हेतु
म.प्र. एवं छ.ग.
दोनों
प्रदेशों को
एक दूसरे की
सहमति का
इंतजार करना
पड़ता है? क्या ये
अधिनियम
समाप्त किया
जाएगा? (घ) क्या
मानननीय
सर्वोच्च
न्यायालय के
निर्णय दिनांक
08.07.2019 के
अनुसार
पेंशनर्स की
आयु 80 वर्ष
प्रारम्भ होते
ही 20 प्रतिशत
अतिरिक्त
पेंशन दिए
जानेका
प्रावधान है? यदि
हाँ, तो
क्या
पेंशनर्स को
उक्त अवधि से
लाभान्वित किया
गया अथवा नहीं?
वित्त
मंत्री ( श्री
जगदीश देवड़ा )
: (क) वर्तमान
में प्रदेश के
पेंशनर्स को
छत्तीसगढ़
राज्य से
सहमति के
अनुक्रम में 17
प्रतिशत मंहगाई
राहत दी जा
रही है। राज्य
सरकार अपने
वित्तीय
संसाधनों के
आधार पर
मंहगाई राहत
देने का निर्णय
लेता है। (ख) वित्त
विभाग के
परिपत्र
क्रमांक एफ 9-2/2009/आर/चार
दिनांक 03-08-2009 द्वारा
छठवें
वेतनमान का
लाभ 01
सितम्बर 2008 से देय
है एवं वित्त
विभाग के
ज्ञापन
क्रमांक एफ 9-2/2018/R/IV दिनांक
11 जून 2018
द्वारा
सातवें
वेतनमान का
लाभ माह
अप्रैल 2018 से देय है। अत:
32 माह
एवं 27 माह
के एरियर्स की
स्थिति
निर्मित नहीं
होती है। (ग) जी
हाँ। भारत
सरकार का
अधिनियम होने
से टिप्पणी
की जाना संभव
नहीं है। (घ) वित्त
विभाग के
परिपत्र
क्रमांक एफ 9-2/2009
दिनांक 03 अगस्त 2009 से
जारी आदेश 80वां
वर्ष प्रारंभ
होते ही 20 प्रतिशत
अतिरिक्त
पेंशन दिये
जाने का
प्रावधान है। वर्तमान
में यही व्यवस्था
लागू है।
विधायक स्वेच्छानुदान में हितग्राहियों के नाम परिवर्तन करने के प्रावधान
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
53. ( क्र. 3544 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक स्वेच्छानुदान निधि अंतर्गत जारी किये गये चेकों में हितग्राही के नाम में परिवर्तन किये जाने हेतु क्या नियम हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) अनुसार नाम परिवर्तन का नियम नहीं है तो क्या इस नियम का पालन सभी जिलों में किया जा रहा है? (ग) जबलपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 के पूर्व चेकों में नाम परिवर्तन किया जाता था? यदि हाँ, तो वर्तमान में परिवर्तन क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) यदि नाम परिवर्तन का नियम नहीं है तो क्या यह सही है कि हितग्राही की मृत्यु होने पर अथवा अन्य कारणों से चेक नाम परिवर्तन न होने से चेक की राशि लेप्स हो जाती है? यदि हाँ, तो क्या परिवर्तन का नियम बनाने का प्रावधान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधायक स्वेच्छानुदान योजना के अंतर्गत जारी किये गये चैकों में हितग्राहियों के नामों में परिवर्तन का प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। वर्तमान में शासन के नियमों का पालन किया जा रहा है। (घ) हितग्राही की मृत्यु होने अथवा अन्य कारणों से चेकों में नाम परिवर्तन न होने की दशा में राशि लैप्स नहीं हो रही है, अपितु यह अदाता बैंक मैं जमा रहती है। वर्तमान में नियमों में परिवर्तन का प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला मुरैना में नीलाम हुई सम्पत्तियों की जानकारी
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
54. ( क्र. 3563 ) श्री राकेश मावई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा मुरैना जिले में किस-किस विभाग की कौन-कौन सी सम्पत्ति कितने-कितने रूपये में किन-किन को नीलाम कर विक्रय की गई? सम्पत्तिवार नीलाम राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें? क्या मुरैना बस स्टेण्ड जमीन नीलामी की राशि के लगभग 67 करोड़ रूपये मुरैना शहर के विकास के लिए दिये जाएंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार नीलाम की गई सम्पतियों की राशि यहां प्रचलित बाजार मूल्य से काफी कम प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? मुरैना में खुले में ही नीलामी क्यों नहीं की गई? कारण सहित बताएं? (ग) क्या विधान सभा चुनाव 2018 व उप चुनाव 2020 में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा कैलारस में शुगर फैक्ट्री चालू कराने की घोषणा की गई? यदि हाँ, तो शुगर फैक्ट्री कैलारस की मशीनरी को लोक परिसम्पति विभाग द्वारा नीलाम करके क्यों बेचा गया? कारण सहित जानकारी देवें? (घ) क्या म.प्र.शासन के परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग ने शुगर फैक्ट्री की मशीनरी नीलाम के बाद अब इसकी 250 बीघा जमीन नीलाम करने की तैयारी प्रारंभ कर दी है? यदि हाँ, तो कर्मचारियों एवं व्यापारियों के लगभग 35-40 करोड़ के स्वत्वों का भुगतान कैसे और कौन करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परिसम्पत्ति के निर्वर्तन से प्राप्त राशि शासन के राजस्व खाते में अंतरित की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। मंत्रिपरिषद के अनुमोदित मापदण्ड के अनुसार साधिकार समिति के अनुसार निर्धारित रिजर्व मूल्य से उच्चतम मूल्य प्राप्त हुये है। परिसम्पत्तियों का निर्वर्तन ई-टेण्डर कम ई-ऑक्शन के माध्यम से किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा शुगर फैक्ट्री की जमीन नीलाम नहीं की जा रही है।
शराब के दामों में विसंगति रोकने हेतु शासन की कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
55. ( क्र. 3630 ) श्री कमलेश जाटव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्पूर्ण जिले में एक ही ब्रान्ड की शराब अलग-अलग दामों पर शासन की अनुबंधित अंग्रेजी/देशी शराब की दुकानों से क्यों बेची जा रही है? क्या जिले में शराब के दामों की विसंगति, रोकने हेतु शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या जिले में शराब बिक्री के लिये अनुबंधित ठेकेदारों द्वारा उनको प्रदत्त दुकानों के अतिरिक्त कमीशन-बेस पर ग्रामीण क्षेत्रों में किसी अन्य व्यक्तियों द्वारा अंग्रेजी/देशी शराब को स्टॉक कर बेचने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम/निर्देश उपलब्ध करावें एवं यदि नहीं, तो जिले के समस्त ग्रामीण-क्षेत्रों में कमीशन-बेस पर अवैध रुप से ठेकेदारों द्वारा अन्य व्यक्तियों के माध्यम से शराब की बिक्री क्यों की जा रहीं है? क्या शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रदेश की किस-किस स्टलरी फैक्ट्री द्वारा शराब के उत्पादन में उपयोग होने वाले किन-किन आवश्यक सामग्री को किस-किस एजेन्सियों/कम्पनियों से किस-किस दाम में प्रतिमाह खरीदा जाता है? किस-किस नाम से शराब का उत्पादन किया जाता है? जिसमें से किन-किन नामों की शराब को किस-किस दामों में प्रदेश की शासकीय दुकानों पर बिकने हेतु प्रदाय किया जाता है तथा कौन-कौन से नामों की शराब को केवल एक्सपोर्ट ही किया जाता है? सूची सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गोहद (जिला भिण्ड) में नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
56. ( क्र. 3640 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-13 गोहद, (जिला भिण्ड) में नल-जल योजना की क्या स्थिति है? क्षेत्र खारे पानी की समस्या से पीड़ित है। नल जल योजना का कितना काम हुआ है? खारे पानी की समस्या से क्षेत्रवासियों को निजात दिलाने के लिए सरकार के पास क्या योजना है? (ख) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जिम्मेवार अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करेंगे कि मेरे क्षेत्र की जनता को आने वाली गर्मियों में पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए उचित कदम उठाये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत खारे पानी की समस्या वाले ग्रामों के लिये नल-जल योजना स्वीकृत की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा आगामी ग्रीष्म ऋतु में संभावित सकंट के निपटने हेतु कार्य योजना तैयार की गई है। पेयजल समस्या को दृष्टिगत रखते हुये आवश्यकतानुसार नलकूप खनन, हैंडपंप सुधार, सिंगल फेस सब मोटर पंप स्थापना, राइजर पाइप बढ़ाने आदि के कार्य किये जाते है।
जल-जीवन मिशन योजना में व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
57. ( क्र. 3720 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा धरमपुरी में कितनी पंचायतों में जल-जीवन मिशन अंतर्गत नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा आज दिनांक तक कितने ग्रामो में नल-जल योजना प्रारम्भ हो चुकी है? (ख) विधान सभा अंतर्गत ग्रामवार कितना-कितना व्यय हो चुका है तथा पानी की उपलब्धता कितनी है तथा कितने परिवार उक्त योजना से लाभान्वित होंगे (ग्रामवार जानकारी देवें)? (ग) जल-जीवन मिशन अंतर्गत जिन ग्रामों में नल-जल योजनाओं का कार्य किया गया है वह किन ठेकेदारों से करवाया गया है नाम सहित जानकारी देवें, तथा ठेकेदारों को आज दिनांक तक कितना भुगतान कर दिया गया है? क्या कार्य पूर्ण हो चुका है या अपूर्ण है तो कारण सहित बतावें? (घ) ग्रामवार लाभान्वित परिवारों की संख्या उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 19 पंचायतों के अन्तर्गत 19 नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। 72 ग्रामों में नल-जल याजनाओं के कार्य प्रारंभ होकर वर्तमान में प्रगतिरत है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सीहोर जिले अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
58. ( क्र. 3724 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले अंतर्गत सन् 2019 से 2021 तक कितने स्वास्थ्य केन्द्र नये एवं उन्नयन किये गये है? (ख) यदि नवीन या उन्नयन स्वास्थ्य केन्द्रों को किये गये है तो आष्टा विकासखंड में कितने नवीन स्वास्थ्य केन्द्र एवं उन्नयन 2019 से 2021 तक कहां-कहां किये गये। (ग) आष्टा क्षेत्र में कई आस-पास 8-10 गांव आते हैं उनमें स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) नवीन स्वास्थ्य केन्द्र या उन्नयन स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति दिलवाने की कृपा करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला स्वास्थ्य समिति जिला सीहोर के माध्यम से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर आष्टा क्षेत्र अंतर्गत नवीन स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन के प्रस्ताव, (सूची में सम्मिलित है) जिन पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर निर्णय लिया जा सकेगा। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
ओंकारेश्वर परियोजना से सिंचित क्षेत्र
[नर्मदा घाटी विकास]
59. ( क्र. 3731 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओंकारेश्वर परियोजना के द्वितीय तथा चतुर्थ चरण की नहरों का कार्य कब प्रारंभ हुआ तथा कार्य पूर्ण होने का दिनांक क्या था? (ख) क्या नहरों का कार्य पूर्ण हो चुका है यदि नहीं, तो कितना प्रतिशत कार्य शेष बचा है? (ग) क्या परियोजना का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है। यदि हाँ, तो किस दिनांक को? (घ) इस परियोजना में महेश्वर विधानसभा क्षेत्र का कितना सिंचाई का क्षेत्र है। आज दिनांक तक कितने रकबे में पानी दिया जा रहा है एवं कितना रकबा शेष है? (ड.) क्या परियोजना की नहरों की मरम्मत की गई है। यदि हाँ, तो क्षेत्रवार, वर्षवार कितनी धनराशि व्यय की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। नहरों की मरम्मत जल उपभोक्ता संथाओं द्वारा की गई है। संथावार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
नल-जल योजनाओं के पूर्ण होने के मापदण्ड
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
60. ( क्र. 3732 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. जल निगम द्वारा बागोद, नांदिया, पिपल्या ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना में कितने ग्राम सम्मिलित हैं, यह योजना पूर्ण हो गई है? इसकी लागत कितनी हैं? (ख) ग्राम में नल-जल योजना का पूर्ण होने का मापदण्ड क्या है? (ग) क्या ग्रामों में नल-जल योजना के लिये पक्के सी.सी. रोड खोदे गये हैं, यदि हाँ, तो उन्हें पुन: निर्माण की क्या व्यवस्था की गई हैं? (घ) वर्ष 2019-20 में तत्कालीन मंत्रीजी द्वारा इस योजना की जांच के आदेश दिये गये थे। हाँ तो क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बागोद नादिया पिपल्या ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना में 64 ग्राम सम्मिलित है। जी हाँ। स्वीकृत लागत रूपये 75.08 करोड़ है। (ख) ग्राम के प्रत्येक परिवारों को क्रियाशील घरेलू कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल की सतत् आपूर्ति के साथ साथ अनुबंध के अनुसार योजना के समस्त कार्य पूर्ण किये जाना। (ग) जी हाँ। अनुबंध अनुसार ठेकेदार द्वारा सड़कों को पूर्व स्थिति अनुसार करना है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गलत इलाज के कारण नाबालिक के ब्रेन डेड की घटना की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
61. ( क्र. 3750 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 04/07/2021 को चड़ाव से गिरकर दुर्घटना ग्रस्त हुई 17 वर्षीय बालिका यास्मिन के ऑपरेशन के लिए मेवाड़ा हॉस्पिटल उज्जैन ने इलाज के लिए रुपए जमा करवाए थे? यदि हाँ, तो क्या कारण रहा ऑपरेशन थियेटर में ले जाने के 02 घंटे के बाद ऑपरेशन से मना करते हुए अन्यत्र रेफर करने को कहा गया? (ख) क्या मयूर हॉस्पिटल इंदौर में उक्त मरीज को भर्ती किया गया? क्या मयूर हॉस्पिटल इंदौर ने, मेवाड़ हॉस्पिटल उज्जैन के गलत इलाज के चलते मरीज का ब्रेन डेड होना बताया? क्या इस गंभीर हालत के लिए मेवाड़ हॉस्पिटल उज्जैन को दोषी करार देते हुए एफ.आई.आर. दर्ज़ की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) मेवाड़ हॉस्पिटल उज्जैन के प्रशासन ने उदयपुर के हॉस्पिटल के अस्पताल में मरीज का इलाज कराने के लिए क्या आंशिक सहयोग अपनी गलती को छिपाने के लिए किया था? यदि हाँ, तो मेवाड़ हॉस्पिटल अपने ज़िम्मेदारी को मानते हुए सहयोग करना क्यों बंद कर दिया? क्या शासन इस मामले में जांच उपरांत कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। यह कहना सही नहीं है कि ऑपरेशन थियेटर में ले जाने के 02 घंटे बाद ऑपरेशन से मना करते हुए अन्यत्र रेफर करने को कहा गया, वरन वस्तुस्थिति यह है कि उक्त मरीज कु. यास्मिन पिता सिकन्दर को दिनांक 04/07/2021 को रात्रि लगभग 11 बजे मेवाड़ हॉस्पिटल, उज्जैन में भर्ती कराया गया था। क्लीनिकल परीक्षण एवं एम.आर.आई. में उक्त के रीढ़ की हड्डी के एल-3, डी-12 तथा एल-5 लेवल पर कम्प्रेशन फ्रेक्चर तथा स्पाईनल कॉर्ड पर हल्का दबाव होने की पुष्टि उपरान्त, उपचारक चिकित्सक द्वारा स्टेबिलाईजेशन सर्जरी हेतु मरीज के परिजनों से ऑपरेशन एवं एनेस्थेसिया के दौरान संभावित जटिलताओं के संबंध में लिखित सहमति प्राप्त की गई थी। तदोपरान्त दिनांक 06/07/2021 को ऑपरेशन के पूर्व दी जाने वाली जर्नल एनेस्थेसिया देने के पश्चात कु. यास्मिन को एनेस्थेसिया जनित जटिलता- सर्जिकल एम्फाई सीमा उत्पन्न हुई, जिसका तात्कालिक प्रबंधन किया गया था। तत्पश्चात दिनांक 07/07/2021 को उक्त रोगी को झटके आने एवं विगत 12 घंटे की यूरिन आउटपुट अत्यंत कम होने के कारण रोगी के गंभीर स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए मल्टी-स्पेशेलिटी केयर हेतु अन्यत्र रेफर किया गया एवं मरीज को मयूर हॉस्पिटल इंदौर ले जाने की सलाह दी गई। (ख) जी नहीं। मयूर हॉस्पिटल के चिकित्सकों द्वारा रोगी के उपचार में रोजाना 40-50 हजार रूपए प्रतिदिन व्यय होने की संभावना बताए जाने से कु. यास्मिन पुत्री सिकंदर को परीजनों द्वारा एम.वाई हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त मरीज का ब्रेन डेमेज हो चुका है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। मरीज की आर्थिक स्थिति को देखते हुए मानवता के नाते मरीज को उदयपुर भेजा गया था। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रकरण के संबंध में गठित जांच दल द्वारा दिए गए अभिमत के आधार पर कलेक्टर उज्जैन द्वारा दिए गए निर्देश के तारतम्य में प्रबंधक, मेवाड़ हॉस्पिटल जिला उज्जैन को कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उज्जैन के पत्र क्र./शिकायत/2022/2635 दिनांक 04/03/2022 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है जिसका प्रतिवाद उत्तर अपेक्षित है।
हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में परिवर्तित करने की योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
62. ( क्र. 3751 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी के वि.ख. वारासिवनी एवं खैरलांजी में स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से कितने एवं कहां-कहां उप-स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हो रहे है? वर्तमान स्थिति में उक्त उप-स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों की स्थिति तथा अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वीकृत/कार्यरत/रिक्त पदों की जानकारी देवें? (ख) क्या यह सही है कि प्रदेश में उप-स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में परिवर्तित करने की योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो वि.ख. वारासिवनी एवं खैरलांजी के कौन-कौन उप-स्वास्थ्य एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को इस योजना में चिन्हित किया गया है तथा कौन-कौन से उप-स्वास्थ्य एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को इस योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है? सम्मिलित नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स योजना में क्या-क्या सुविधायें विकसित किये जाने का प्रावधान है? क्या योजना के अनुरूप वि.ख. वारासिवनी एवं खैरलांजी के समस्त हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स को सर्वसुविधायुक्त कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स में क्या-क्या सुविधायें विकसित की गई है? यदि नहीं, तो उपरोक्त चिन्हित हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स को योजना के अनुरूप अभी तक सर्वसुविधायुक्त नहीं किये जाने का क्या कारण है एवं कब तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। सभी उपस्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को चरणबद्ध रूप से इस योजना में सम्मिलित किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अधोसंरचना संबंधी विकसित की जाने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। चिन्हित हेल्थ वेलनेस सेन्टर को योजना के अनुरूप चरण बद्ध रूप से विकसित करने का कार्य किया जा रहा है, कार्य अतिशीघ्र पूर्ण किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
वेतन निर्धारण आदेश में विसंगति
[वित्त]
63. ( क्र. 3841 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति व संविलियन दोनों सेवायुक्तों को 5वां व 6वां वेतनमान देने के संबंध में वित्त विभाग पत्र/आदेश क्रं.496/2031/2018 दिनांक 23.3.19 में भ्रम/विसंगति की स्थिति उत्पन्न है? क्या पत्र के प्रथम पैरा में प्रतिनियुक्ति वालों को वेतनमान दिये जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया जा चुका है, उल्लेखित है जबकि तृतीय पैरा में संविलियन वालों को एक ही वृत्त में दोनों को दिशा-निर्देश होने के कारण कोष लेखा व अन्य विभागों में अनुमोदन की विसंगति है, क्या यह सही है? क्या इस संबंध में पृथक-पृथक आदेश जारी करेंगे? नहीं तो क्यों नहीं? (ख) वित्त विभाग अंतर्गत संस्थागत वित्त एवं स्थानीय निधि संपरीक्षा में किन-किन (अ) अंतर्गत सेवायुक्तों को पांचवां वेतनमान का लाभ/गणना लाभ वेतन निर्धारण में प्राप्त है? किन-किन को नहीं? क्या कारण है? स्पष्ट करें। वाणिज्यिक कर विभाग से कितने प्रकरण वित्त विभाग के अनुमोदन हेतु प्राप्त हुए? प्रकरणवार विवरण दें। नाम, पद, वेतनमान निराकरण की स्थिति बतायें। (ग) तिलहन संघ से वित्त, वाणिज्यिक कर व अन्य विभागों में कार्यरत ( प्रतिनियुक्ति ) रहे व 2010 या इससे पूर्व सेवानिवृत्त सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान लाभ स्वीकृत है अथवा नहीं? क्या इन्हें भी संविलियन नीति 2013 अनुसार पांचवे वेतनमान का लाभ दिया जावेगा या राज्य शासन के सेवायुक्तों के अनुसार? स्पष्ट करें। भ्रम व विसंगति दूर करेंगे? (घ) तिलहन संघ सेवायुक्तों में लगभग 200-300 याचिकायें उच्च न्यायालयों में वेतनमान हेतु दर्ज की हैं, वित्त विभाग के संज्ञान में कितने प्रकरण आये हैं? याचिकावार विवरण दें। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी उच्च न्यायालय के निर्णय का ही पालन करने को कहा है, ऐसी स्थिति में तिलहन संघ/शासन को करोड़ों व्यय पैरवी में क्यों खर्च कर रहे हैं? तिलहन संघ सेवायुक्तों को अलग से वेतन निर्धारण का आदेश क्यों? क्या जरूरत थी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) आदेश दिनांक 23.03.2019 सुस्पष्ट है। जी हाँ। आदेश दिनांक 23.03.2019 का पैरा-3 सुस्पष्ट है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संचालनालय संस्थागत वित्त में तिलहन संघ के संविलियन किए गए समस्त 08 कर्मचारियों को पांचवा वेतनमान का लाभ/गणना लाभ वेतन निर्धारण में प्राप्त नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक सी-3/6/2016/01/03 दिनांक 23.08.2016 में दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र के आधार पर शासन में संविलियन दिनांक से छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण करते हुए लाभ दिया गया। स्थानीय निधि संपरीक्षा के अंतर्गत तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर रहे सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान का लाभ/गणना लाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। वाणिज्यक कर विभाग से वित्त विभाग को प्राप्त प्रकरणों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) तिलहन संघ से वित्त, वाणिज्यक कर व अन्य विभागों में कार्यरत (प्रतिनियुक्ति) रहे, को सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 12 अगस्त 2013 एवं सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 23 अगस्त, 2016 अनुसार वेतन निधार्रण संबंधित विभागों द्वारा किया जाता है। वित्त विभाग का परिपत्र दिनांक 23.03.2019 के पैरा-3 अनुसार वेतन निर्धारण किये जाने के निर्देश हैं, जो कि संविलियन नीति 2013 पर आधारित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) तिलहन संघ सेवायुक्तों द्वारा उच्च न्यायालय में दायर अधिकतर याचिकाओं में सहकारिता विभाग को प्रथम पक्षकार बनाया गया है। सहकारिता विभाग के माध्यम से ही वित्त विभाग के समक्ष प्रकरण आये है। याचिकाकर्ताओं द्वारा अधिकतर प्रकरणों में राज्य शासन के शासकीय सेवकों के अनुसार पांचवे व छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण कर एरियर्स की राशि चाही जाने के कारण राज्य शासन को पैरवी करना आवश्यक हो गया है।
राजपत्र के अनुसार की गई कार्यवाही की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
64. ( क्र. 3842 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय इंदौर में वर्ष 2015 से वर्ष 2017 की अवधि में शराब कारोबारियों के द्वारा कूटरचित बैंक चालानों के माध्यम से शराब दुकानें चलाने पर विधिक कार्यवाही किये जाने के संबंध में कलेक्टर इंदौर ने आबकारी आयुक्त को अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 2238 दिनांक 27.02.2018 लिखा था जो कि मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 18.01.2017 की कंडिका 37.6 एवं कंडिका 37.7 के अंतर्गत शराब कारोबारियों के द्वारा निर्धारित अवधि से अत्यधिक विलंब से जमा करवाई गयी राशि को नगद में समायोजित करने का प्रावधान है, अतिरिक्त महाधिवक्ता इंदौर के द्वारा पत्र क्रमांक/डी.ओ./120 दिनांक 04.01.2018 के माध्यम से कलेक्टर इंदौर की दी गई विधिक सलाह के पृष्ठ क्रमांक 10 पर स्पष्ट रूप से कंडिका क्रमांक 36.4 का उल्लेख करते हुए विलंब से प्रत्याभूत ड्यूटी जमा करवाने पर उस प्रत्याभूत ड्यूटी को नगद में समायोजित करने की विधिक सलाह राजपत्र की कंडिका के अनुसार दी है? (ख) इसी प्रकार वरिष्ठ लेखापरीक्षा अधिकारी एसआरए-11 कार्यालय महालेखाकार भोपाल ने पत्र जावक क्रमांक/62 दिनांक 21.04.2017 से सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय इंदौर की ऑडिट रिपोर्ट कलेक्टर इंदौर को भेजी है। इस ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार भी बैंक चालान में कूटरचना करके विलंब से जमा करवाई गई लायसेंस फीस की मदिरा प्रदाय नहीं की जा सकती हैं, स्पष्ट रूप से लिखा है। उसके उपरांत भी उपायुक्त आबकारी (आर) कार्यालय आबकारी आयुक्त ग्वालियर के द्वारा इस संबंध में दिनांक 05.03.2018 को एकल नस्ती आबकारी आयुक्त को लिखकर कूटरचित बैंक चालान से प्रदाय की गई मदिरा को नियमित किए जाने का अनुमोदन किया, जिस पर आबकारी आयुक्त, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर और मंत्री ने भी हस्ताक्षर किए। क्या ये राजपत्र को कैबिनेट द्वारा निर्धारित करने के अनुसार किया गया है? (ग) राजपत्र के अनुसार राशि नगद में समायोजित नहीं की गई? क्या मदिरा नियमित करने का निर्णय राजपत्र निर्धारण करने एवं परिवर्तन करने के अधिकार के अनुसार किया गया है? क्या इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी ली गयी है? अगर नहीं तो कौन-कौन अधिकारी दोषी है? उनके नाम और पदनाम बतावें। यह आपराधिक साजिश रच कर शासन को 41, 73, 73, 670 करोड़ के राजस्व की हानि पहुंचाने वाले आरोपी शराब कारोबारियों को मदद करने/आर्थिक मदद पहुंचाने की श्रेणी में क्या और कैसे नहीं आता है? जानबूझकर आपराधिक साजिश रच कर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाने वाले शराब कारोबारियों ने राजपत्र वर्ष 2015, 2016, 2017 के अनुसार निर्धारित अवधि तीन दिन के उपरांत जमा करवाई गई राशि को नगद में समायोजित क्यों नहीं की गई है? (घ) क्या इस संबंध में विभाग को शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनकी प्रतियां, निराकरण एकल नस्ती, विधिक राय, कलेक्टर इंदौर के पत्र एवं इस संबंध में लिखी गयी समस्त नोटशीटों एवं समस्त पत्राचार, समस्त आदेश, अंतिम निराकरण आदेश की प्रतिलिपियां देवें एवं बतावें कि क्या आरोपी ठेकेदारों ने निर्धारित अवधि उपरांत जमा करवाई गई राशि को राजपत्र के अनुसार नगद में समायोजित किया जावेगा या नहीं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयुष्मान योजना का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 3846 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर में आयुष्मान योजना के अंतर्गत कितने कार्ड बने हैं? (ख) जबलपुर में चालू वित्तीय वर्ष में 31 जनवरी, 2022 तक आयुष्मान योजना के मरीजों के उपचार के लिये कितनी-कितनी राशि किस-किस अस्पताल को भुगतान की गई? (ग) आयुष्मान योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में जबलपुर में कितनी शिकायतें किस-किस अस्पताल के विरूद्ध आई और शासन द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को निजी व शासकीय अस्पतालों में उपचार में आ रही कठिनाईयों और अतिरिक्त राशि वसूलने की शिकायतों के संबंध में क्या कोई निगरानी समिति बनाई गयी है? यदि हाँ, तो उसकी संपूर्ण जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जबलपुर में आयुष्मान योजना के अंतर्गत कुल 818414 कार्ड बने हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्राप्त शिकायतों पर दोष सिद्ध होने पर सम्बद्ध अस्पतालों के विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यवाही की गई है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
66. ( क्र. 3847 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केण्ट विधानसभा के अंतर्गत सिविल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या कितनी है? (ख) अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ डॉक्टर्स, स्टॉफ नर्स एवं अन्य स्टॉफ की जानकारी विस्तार से देवें। (ग) किन केन्द्रों में कौन से डॉक्टर्स, स्टॉफ नर्स एवं अन्य स्टॉफ की कमी है? (घ) अगर कमी है तो उनकी पूर्ति कब तक की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) केण्ट विधानसभा अंतर्गत 01 सिविल अस्पताल, 04 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 02 सिविल डिस्पेंसरी एवं 04 उप स्वास्थ्य केन्द्र है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। (घ) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
अत्याधुनिक प्रसव केन्द्र विकसित करने की योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
67. ( क्र. 3856 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मातृ स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की दृष्टि से सिविल अस्पताल वारासिवनी को अत्याधुनिक प्रसव केन्द्र में विकसित करने की योजना में चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो इस योजना के अंतर्गत सिविल अस्पताल वारासिवनी में क्या-क्या सुविधायें विकसित की गयी हैं? इसमें कितनी राशि व्यय की गई हैं? (ख) अत्याधुनिक प्रसव केन्द्र योजना में क्या-क्या सुविधायें विकसित किये जाने का प्रावधान है? क्या योजना के अनुरूप सिविल अस्पताल वारासिवनी में समस्त सुविधायें विकसित कर ली गई हैं? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि अत्याधुनिक प्रसव केन्द्र योजना में चिन्हित सिविल अस्पताल वारासिवनी को आज पर्यन्त सर्वसुविधायुक्त नहीं किया जा सका है? कब तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) क्या अत्याधुनिक प्रसव केन्द्र में महिला चिकित्सक की नियुक्ति नितांत आवश्यक है? यदि हाँ, तो अत्याधुनिक प्रसव केन्द्र के रूप में विकसित सिविल अस्पताल वारासिवनी को महिला चिकित्सक विहीन रखे जाने का क्या कारण है? महिला चिकित्सक की नियुक्ति के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है एवं कब तक नियुक्ति कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, लक्ष्य कार्यक्रम अंतर्गत प्रसव कक्ष एवं मेटरनिटी ऑपरेशन थियेटर उन्नत किये जाने हेतु सिविल अस्पताल वारासिवनी को वर्ष 2021-22 में चिन्हित किया गया है। उक्त योजना के अंतर्गत वारासिवनी में प्रसव कक्ष का उन्नयन, नर्सिंग स्टेशन का निर्माण, एक्लेम्पिशया/हाई रिस्क प्रसव निगरानी कक्ष का निर्माण एवं गलियारे का उन्नयन किया गया है। उक्त कार्य हेतु 4.25 लाख की राशि का व्यय किया गया है। (ख) लक्ष्य कार्यक्रम अंतर्गत लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर/नर्सिंग स्टेशन, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, ट्राएज, वेटिंग एरिया आदि सुविधाएं विकसित किये जाने का प्रावधान है। प्रसव कक्ष का उन्नयन, नर्सिंग स्टेशन का निर्माण एवं एक्लेम्पिशया/हाई रिस्क प्रसव निगरानी कक्ष का निर्माण तथा गलियारे का उन्नयन कर लिया गया है। शेष कार्य आगामी तीन माह में पूर्ण कर लिया जाएगा। (ग) जी नहीं। वर्तमान में डॉ. श्रुति बिसेन, नियमित पी.जी.एम.ओ. स्त्री रोग विशेषज्ञ संस्था में पदस्थ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
68. ( क्र. 3858 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन ने सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा दैनिक वेतनभोगी/मस्टरकर्मी/आउटसोर्स कर्मचारी के नियमितीकरण के प्रावधान के निर्देश सभी विभागों को दिये हैं? यदि हाँ, तो उन प्रावधान के परिपालन में उज्जैन संभाग के सभी विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी/ मस्टरकर्मी/आउटसोर्स कर्मचारी को नियमितीकरण की क्या व्यवस्था दी है? क्या भर्ती परीक्षा में अतिरिक्त अंक दिये जाने का प्रावधान है?क्या पदों का आरक्षण दिया जाएगा? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही की है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? नाम, पद, पदस्थापना नियुक्ति दिनांक, नियोक्ता अधिकारी कार्यानुभव वर्ष के साथ नियमितीकरण की प्रक्रिया से अवगत कराएं। कितने कर्मचारियों को नियमित किया जा चुका है? कितने शेष हैं? (ग) शेष बचे सेवायुक्तों को कितनी अवधि तक नियमित किया जाएगा? (घ) उज्जैन संभाग के सभी विभागों ने डाइनिन वेतन भोगियों के नियमितीकरण को लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन के किन परिपत्रों पर किन कर्मचारियों को नियमितीकरण किया जाने के प्रस्ताव एवं कार्यवाही संपादित की है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक, एफ-5-3/ 2006/1-3, दिनांक 16 मई, 2007 एवं समसंख्यक ज्ञाप दिनांक 8.2.2008, 6.9.2008 एवं 14.9.2014 द्वारा दैनिक वेतनभोगी, अस्थायी कर्मचारियों का नियमितीकरण के संबंध में सभी विभागों को निर्देश जारी किये गये हैं। इन निर्देशों में उज्जैन संभाग के लिए पृथक से कोई व्यवस्था नहीं दी गई। मस्टरकर्मी एवं आउटसोर्स कर्मचारी के नियमितीकरण के संबंध में भी कोई व्यवस्था नहीं दी गई है। इसके अतिरिक्त सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक, एफ-5-1/2013/1/3, दिनांक 7.10.2016 द्वारा कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के लिए ''स्थायी कमिर्यों'' को विनियमित करने के संबंध में योजना लागू कर सभी विभागों को कार्यवाही के निर्देश जारी किये गये हैं। इस सेवा में कार्यरत कर्मियों को भर्ती परीक्षा में अतिरिक्त अंक दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। पदों का आरक्षण दिये जाने के संबंध में शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संभागान्तर्गत जिला देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर मालवा की जानकारी संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा निरंक प्रतिवेदित की गई है। कलेक्टर, जिला शाजापुर एवं उज्जैन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नई आबकारी नीति बनाने हेतु प्राप्त सुझाव
[वाणिज्यिक कर]
69. ( क्र. 3866 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को पिछले पांच वर्षों में आबकारी नीति बनाने के लिये जनता से सुझाव प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो सुझाव देने वाले का नाम बतावें तथा उनकी प्रति देवें। इस संबंध में विभाग द्वारा सुझावकर्ता को भेजे गये पत्र की प्रति देवें। (ख) शराब की तस्करी के अवैध शराब के परिवहन, नकली होलोग्राम की शराब के, अन्य विभिन्न प्रकार के वर्ष 2016 से 2021 तक कितने-कितने प्रकरण पाये गये और उसमें किस-किस डिस्टलरी की भागीदारी पायी गयी? (ग) दिनांक 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में प्रदेश में कार्यरत डिस्टलरी के नाम, मालिक भागीदार के नाम तथा वर्ष 2016 से वर्ष 2021 तक उत्पादन का नाम तथा मात्रा बतावें तथा बतावें कि प्रश्नाधीन अवधि में उक्त डिस्टलरी में से किस-किस डिस्टलरी में क्या-क्या अनियमितता पायी गयी तथा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या राजस्थान और असम सरकार ने सागर और भिण्ड की दो डिस्टलरी के संचालकों पर फर्जी दस्तावेज बनाकर शराब तस्कारी करने के आदेश दिये हैं? यदि हाँ, तो डिस्टलरी के नाम तथा की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ड.) क्या अधिकारियों एवं डिस्टलरी के गठजोड़ से परेशान होकर शराब व्यापारी ने दुकानों के ठेके लेने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं? यदि हाँ, तो बतावें कि व्यापारियों के बिन्दु क्या हैं तथा उसका समाधान कैसे किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों के वेतन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
70. ( क्र. 3888 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के वेतन के 90 प्रतिशत के बराबर वेतन देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इस संबंध में किन-किन विभागों को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया? तत्सम्बन्धी आदेश उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या एन.एच.एम. के संविदा कर्मियों को अब तक इस वेतन का लाभ नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इस सम्बंध में ग्वालियर खंडपीठ द्वारा सरकार को एक माह में 90 प्रतिशत वेतन देने के प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश दिए गए थे? यदि हाँ, तो माननीय न्यायालय के आदेश के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा समस्त विभागों को निर्देशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी के लिये 05 जून 2018 को जारी संविदा कर्मचारियों की नीति का लाभ नियमित कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन का 90 प्रतिशत वेतन के सबंध में प्रकरण तैयार कर नस्ती वित्त विभाग को प्रस्तुत की गई थी, वित्त विभाग द्वारा परामर्श दिया गया कि कोविड-19 की परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुये विभागीय प्रस्ताव पर विचार आगामी वित्तीय वर्ष किये जाने का परामर्श हेतु लेख किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को रू. 1000 से 4000/- तक वित्त विभाग की सहमति से अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन भत्ता (स्वास्थ्य) जून-2021 पेड जुलाई-2021 से प्रदान किया गया। 90 प्रतिशत के प्रस्ताव को वित्त विभाग द्वारा फिलहाल प्रतीक्षारत रखा गया है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शराब के ठेकों का नवीनीकरण
[वाणिज्यिक कर]
71. ( क्र. 3889 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आबकारी एक्ट धारा 34/2 में आरोपितों को शराब ठेका दिए जाने के सम्बंध में विभाग के क्या नियम हैं? वर्तमान में प्रदेश में ऐसे कितने ठेकेदार हैं जिनके विरुद्ध 34/2 के प्रकरण कायम हुए हैं? क्या वर्ष 2022-23 के लिए इनके ठेकों का नवीनीकरण किया जाएगा? यदि हाँ, तो कारण बताएं। यदि नहीं, तो ऐसे समूहों की जिलेवार सूची उपलब्ध कराएं, जिनके लायसेंस इस वजह से नवीनीकरण नहीं किये जायेंगे? (ख) क्या यह सही है कि मण्डला जिला अंतर्गत अंजनियाँ समूह के वर्तमान लाइसेंसी ठेकेदार के विरुद्ध आबकारी एक्ट की धारा 34/2 का मामला होने के बाद भी वर्ष 2017-18 में इन्हें ठेका दिया गया एवं तब से लेकर वर्ष 2021-22 तक इसका नवीनीकरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन दोषी है? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? क्या उक्त ठेकेदार के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने के कारण कोतवाली थाना मण्डला पुलिस के द्वारा ठेकेदार का लायसेंस निरस्त करने हेतु जिला आबकारी अधिकारी मण्डला को पत्र को लिखा गया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इसमें क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त करने व वर्ष 2022-23 में नवीनीकरण नहीं करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी प्रमुख सचिव व मण्डला कलेक्टर को पत्र दिया गया है? यदि हाँ, तो इसमें क्या कार्यवाही की गई है या की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि का आवंटन
[सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम]
72. ( क्र. 3904 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग में उद्योगों की स्थापना हेतु कहाँ-कहाँ कितनी भूमि शासन द्वारा विभाग को आवंटित की गई है तथा शासन द्वारा कितनी राशि का निवेश किया गया है? वर्तमान में किन-किन जिलों में उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि आरक्षित किये जाने की प्रकिया प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांश (क) में उद्योगों की स्थापना हेतु किन-किन जिलों में उद्यमियों को भूमि आवंटित की जा चुकी है तथा उद्यमियों की कोई मांग न होने के कारण औद्योगिक क्षेत्र हेतु विकसित भूमि प्रश्न दिनांक तक रिक्त पड़ी हुई है, जिसके कारण शासन की कितनी राशि का निवेश निष्प्रयोजित हुआ है? जिलेवार ब्यौरा दें। (ग) क्या नीमच जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योग स्थापना हेतु पर्याप्त मात्रा में भूमि उपलब्ध होने के उपरान्त भी उद्योगों की स्थापना हेतु नवीन औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने हेतु शासन से भूमि आवंटन की मांग प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो किन-किन उद्योगों की स्थापना हेतु शासन की किस नीति के तहत उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि आवंटन की मांग की जा रही है? (घ) क्या नीमच, विधानसभा अंतर्गत उद्योगों की स्थापना हेतु शासन से चाही गई भूमि शहरी क्षेत्र से लगी हुई है? यदि हाँ, तो क्या यह क्षेत्र के पर्यावरण की दृष्टि से हानिकारक होगा?
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) भूमि अविकसित होने के कारण आवंटित नहीं हुई है। भूमि अविकसित है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 के परिशिष्ट 'डी' अनुसार अविकसित भूमि पर क्लस्टर की स्थापना हेतु भूमि की मांग की जा रही है। (घ) जी नहीं। चाही गई भूमि शहरी क्षेत्र से लगी हुई नहीं है।
कौशल विकास योजनांतर्गत दक्ष युवाओं की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 3907 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल उन्नयन योजना अंतर्गत स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित विभिन्न कोर्सेस तथा जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, इमरर्जेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन, फार्मेसी असिस्टेंट, मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन आदि को विभाग मान्यता प्रदान करता है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के क्रम में प्रशिक्षित युवाओं को विभाग में विभिन्न शासकीय नियुक्तियों में क्या कोई प्रावधान है? (ग) यदि नहीं, तो क्या इस प्रकार प्रशिक्षित युवाओं को स्वास्थ्य क्षेत्र के निजी चिकित्सालयों, लेबोरेट्रीस, नर्सिंग होम्स में नियुक्तियां मिल सकती हैं? यदि हाँ, तो किन पदों पर नियुक्ति प्रदान की जा सकती है व पात्रता संबंधी क्या प्रावधान है? यदि नहीं तो क्या विभाग इस हेतु प्रावधान निर्मित करेगा? (घ) क्या कोरोना काल में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सी.एच.ओ.) के प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षणार्थी भी निजी चिकित्सालयों/नर्सिंग होम्स में नियुक्ति प्राप्त कर सकते हैं? यदि हाँ, तो किन पदों पर, इस संबंध में क्या प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्या विभाग इस हेतु प्रावधान निर्मित करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। प्रधानमंत्री कौशल उन्नयन योजना मूलत: कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार की योजना है। उक्त योजना अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित विभिन्न कोर्सेस यथा जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, इमरर्जेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन, फार्मेसी असिस्टेंट, मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन आदि को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, म.प्र. द्वारा मान्यता देने संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिए गए उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्वास्थ्य क्षेत्र के निजी चिकित्सालयों, लेबोरेटरी, नर्सिंग होम्स में जनरल डयूटी असिस्टेंट, इमरर्जेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन, फार्मेसी असिस्टेंट, मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नीशियन की नियुक्ति म.प्र. उपचर्या गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम एवं नियम अंतर्गत विनियमित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, विभाग की ऐसी कोई योजना नहीं है। (घ) जी नहीं। कोरोना काल में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सी.एच.ओ.) के प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षणार्थी निजी चिकित्सालयों/नर्सिंग होम्स में नियुक्ति प्राप्त नहीं कर सकते हैं। भारत सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सी.एच.ओ.) की पदस्थापना केवल उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तरीय हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स पर ही की जायेगी। अत: विभाग द्वारा इस हेतु कोई प्रावधान निर्मित नहीं किया जायेगा।
शाला त्यागी बालिकाओं हेतु टेकहोम राशन का प्रदाय
[महिला एवं बाल विकास]
74. ( क्र. 3980 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 11-14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के लिये वर्ष 1920-21 से 2021-22 तक बजट प्रावधान तथा वास्तविक व्यय की सूची देवें तथा बतावें कि टेकहोम राशन के हितग्राहियों की वर्षवार संख्या क्या है? (ख) शाला त्यागी बालिकाओं के लिये प्रतिवर्ष 2018-19 के लिये बजट प्रावधान 224.67 करोड़ था उसके स्थान पर कुल व्यय मात्र 55.47 करोड़ ही क्यों हुआ तथा क्या टेक होम राशन प्रदाता को बी.पी.एल. की दर से खाद्यान्न प्रदान किया जाता है। यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में लिखित वर्ष में दिये गये खाद्यान्न की मात्रा बतावें। (ग) क्या रतलाम जिले में शाला त्यागी बालिका प्रदायित टी.एच.आर. हितग्राहियों की संख्या वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक क्रमशः 3466, 2284 तथा 9050 है। यदि हाँ, तो संख्या वर्षवार इतना परिवर्तन क्यों है तथा वर्ष 2020-21 में 9050 हितग्राही का व्यय 1.20 करोड़ की गणना कैसे की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2018-19 से योजना में परिवर्तन होने के कारण 11 से 18 वर्ष के स्थान पर केवल 11 से 14 वर्ष तक की शाला त्यागी बालिका को ही टेकहोम राशन दिया जाना था। इस कारण से प्रावधानित राशि के विरूद्ध कम व्यय हुआ। जी हाँ। खाद्यान्न की मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी उपयोजना की राशि का उपयोग
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
75. ( क्र. 3981 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में विभिन्न स्तर के शासकीय अस्पतालों की शहर/गांव अनुसार वह कितनी-कितनी क्षमता के हैं तथा उन सभी में डॉक्टर तथा पैरामेडिकल स्टाफ के पद मार्च 2022 अनुसार कितने हैं तथा कितने पद खाली हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभिन्न केटेगरी के शासकीय अस्पतालों में वर्ष 2016 से 2021 वर्ष तक कितने-कितने आउटडोर तथा इन्डोर मरीज का इलाज किया गया तथा इलाज के दौरान कितने मृत हुये? वर्षवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्पतालों को वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक किस-किस मद में, किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई तथा कितनी भेजी गई? प्रत्येक वर्ष के लिये विभिन्न मद में राशि का आवंटन किस अनुसार किया जाता है? अस्पताल प्रशासन द्वारा भेजी गई मांग अनुसार या अस्पताल की केटेगरी अनुसार बतावें। (घ) रतलाम जिले में आदिवासी उपयोजना क्षेत्र सैलाना तथा बाजना में सिविल अस्पताल का निर्माण क्यों नहीं किया गया तथा इन दोनों क्षेत्र में सामान्य राशि तथा आदिवासी उपयोजना की राशि कितनी-कितनी वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक दी गई? (ड.) क्या वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक आदिवासी उपयोजना की राशि का उपयोग जिला चिकित्सालय रतलाम में किया गया? यदि हाँ, तो कितना तथा क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। विभिन्न मदों में राशि का आवंटन अस्पताल प्रशासन शाखा द्वारा प्रदाय मापदण्डों के आधार पर किया जाता है एवं समय-समय पर जिले की मांग एवं उपलब्धता के आधार पर किया जाता है। (घ) रतलाम जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सैलाना एवं बाजना का सिविल अस्पताल में उन्नयन न होने के कारण निर्माण कार्य कराया जाना संभव नहीं है तथा उक्त दोनों क्षेत्र में सामान्य राशि तथा उपयोजना की राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ड.) वर्ष 2016-2017 से 2021-2022 तक आदिवासी उपयोजना की राशि का उपयोग जिला चिकित्सालय रतलाम में नहीं किया गया है।
शासन/विभाग के निर्देशों का पालन
[सामान्य प्रशासन]
76. ( क्र. 4056 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 568, दिनांक 18.03.2020 के प्रश्नांश (ख) से (ड.) की जानकारी एकत्रित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो एकत्रित जानकारी बताइए और उद्भूत तथ्यों पर की गयी कार्यवाही से अवगत कराइए। (ख) पन्ना जिले में जिला स्तरीय एवं पवई विधानसभा अंतर्गत विगत 03 वर्षों में किन-किन शासकीय कार्यक्रमों का आयोजन किस-किस विभाग एवं कार्यालय द्वारा कब-कब किया गया? कार्यक्रमों में कौन-कौन जनप्रतिनिधि अतिथि के तौर पर शामिल हुये और किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया? क्या इन कार्यक्रमों में प्रश्नकर्ता को भी अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया और कार्यक्रमों की सूचना दी गयी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं किसके द्वारा और कब-कब? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इस पर कोई कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या विभाग के पत्र दिनांक 08.10.2020 से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संदर्भ में सुशासन सेक्टर में कार्यवाही आंरभ करने के निर्देश दिए गए हैं? यदि हाँ, तो यह निर्देश क्या थे और निर्देशों के पालन में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) निर्देशों का पन्ना जिले में पालन किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो कैसे और किन आदेशों/निर्देशों के अध्यधीन? कार्यालय/ विभागवार बताइये। (ड.) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशानुसार नागरिक सुविधाओं और योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो विगत 02