मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2017
सत्र
सोमवार, दिनांक 24 जुलाई, 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
किसान
क्रेडिट
कार्ड अंतर्गत
किसानों की
साख का
निर्धारण
[सहकारिता]
1. ( *क्र. 1757 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत कितने किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड बने हुये हैं? सहकारी साख संस्थावार सूची उपलब्ध करावें। (ख) किसान क्रेडिट कार्ड अंतर्गत किसानों की साख निर्धारण हेतु क्या मापदण्ड एवं प्रक्रिया नियत है? क्या कृषि भूमि का सत्यापन कर साख निर्धारण किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मापदण्ड एवं प्रक्रिया के अनुरूप विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत क्या सभी साख संस्थाओं ने साख्ा निर्धारण किया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन जवाबदेह अधिकारियों द्वारा मॉनीटरिंग की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार साख्ा निर्धारण्ा न करने संबंधी कितनी शिकायतें विगत 03 वर्षों में अनुभाग स्तर पर या जिला स्तर पर प्राप्त हुईं हैं? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या राजस्व विभाग से समन्वय स्थापित कर साख्ा निर्धारण में विसंगतियाँ न हों, इस हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 27545, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थावार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला स्तरीय तकनीकी समूह द्वारा खरीफ एवं रबी फसलों के फसलवार प्रति हेक्टेयर ऋणमान निर्धारित किये जाते हैं। कृषकों द्वारा आवेदन में दी जाने वाली जानकारी के आधार पर उत्पादित की जाने वाली फसलों के रकबे एवं निर्धारित ऋणमान अनुसार कृषक की साख सीमा निर्धारित की जाती है। इस हेतु कृषि भूमि का सत्यापन नहीं किया जाता है। (ग) जी हाँ। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के शाखा प्रबंधकों द्वारा निर्धारित साख सीमा की समीक्षा की जाती है। (घ) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चम्बलेश्वर जलाशय की क्षमता में वृद्धि
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 2132 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बलेश्वर जलाशय कजार्डा को एक फीट ऊँचा उठाने का प्रस्ताव सर्वे के पश्चात् जल संसाधन विभाग नीमच द्वारा किस दिनांक को भेजा गया? (ख) उक्त प्रस्ताव पर प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है? (ग) उक्त प्रस्ताव को कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) चम्बलेश्वर जलाशय के वेस्ट वियर को एक फुट ऊँचा उठाकर जलाशय की क्षमता बढ़ाने के प्रस्ताव की साध्यता दिनांक 20.06.2017 द्वारा प्रदान की गई है। डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही मैदानी कार्यालयों में प्रचलित होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
समय-सीमा में सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 2234 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 4460, दिनांक 09.3.2017 के उत्तर (अ) में बतायी गयी 24 सड़कों की जो स्वीकृति प्रदान की गयी थी, में से अब तक दो ही सड़कें पूर्ण हो सकी हैं। शेष सड़कें अभी तक पूर्ण नहीं हुईं, जबकि समय-सीमा समाप्त होना बाकी है। उक्त सड़कों का निर्माण कब तक पूर्ण होगा? (ख) काटव खैरी से सुनपुरा मार्ग के निर्माण का कार्य अब तक प्रारंभ क्यों नहीं हुआ है? उक्त मार्ग का निर्माण कब तक किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
बांध एवं स्टॉप डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
4. ( *क्र. 1578 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत माछारेवा नदी, शेढ़ नदी, बारूरेवा नदी, सींगरी नदी, ऊमर नदी, कनेरा नदी एवं पतरूआ नाला पर जल संरक्षण के लिए बांध/स्टॉप डेम निर्माण की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या माछारेवा रेवा नदी पर कोदरास कला के पास ग्राम बुढैना में जल संरक्षण के लिए बांध प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इसका निर्माण कब तक कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भू-खण्ड विक्रय के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
5. ( *क्र. 1979 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 564, दिनांक 22.02.2017 के उत्तर (क) में बताया गया था कि दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने एवं भू-खण्ड के विक्रयपत्र शून्य करने संबंधी कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं एवं उत्तर (ख) एवं (ग) में बताया गया था कि दोषी प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध सहकारी सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही हेतु उपायुक्त सहकारिता जबलपुर को निर्देशित किया गया है, तो तथ्यों से अवगत होने के बावजूद एक ही सदस्य को दूसरे भू-खण्ड का विक्रय करने वाले प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध एफ.आई.आर. करने एवं अन्य कार्यवाही से उपायुक्त क्यों बच रहे हैं? नियमानुसार कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) उक्त भू-खण्ड विक्रय पत्र को शून्य कराने हेतु उपायुक्त द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, उप आयुक्त सहकारिता, जिला जबलपुर द्वारा पूर्व अध्यक्ष के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 76 (2) के अन्तर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं प्रशासक/प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दायर करने हेतु अधिनियम की धारा 76 (2) के अंतर्गत अंतिम आदेश जारी कर दिया गया है। (ख) भूखण्ड का विक्रय पत्र शून्य कराने हेतु न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 जबलपुर में वाद दायर कर दिया गया है, जिसका प्रकरण क्रमांक 184 ए/2017 है।
भोपाल संभाग में प्याज की खरीदी
[सहकारिता]
6. ( *क्र. 313 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा इस वर्ष भी प्याज की खरीदी की जा रही है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में कितने केन्द्रों पर किस-किस दर पर खरीदी की जा रही है? (ख) क्या प्याज की खरीदी विलम्ब से की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या कारण है? भोपाल संभाग में प्याज की फसल किस माह तक पूर्ण रूप से बाजार में आती है? (ग) भोपाल संभाग में विगत 03 वर्ष के दौरान प्याज का उत्पादन क्या रहा? जिलावार, वर्षवार ब्यौरा दें। (घ) गत वर्ष की गई प्याज खरीदी के दौरान कुल कितनी प्याज खरीदी गई और कितनी प्याज विक्रय की गई? खराब हुई प्याज का क्या निष्पादन किया गया? प्याज खरीदी, रख-रखाव, परिवहन पर खर्च की गई राशि का ब्यौरा दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, केन्द्रवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार, राशि रू. 800 प्रति क्विंटल की दर से। (ख) जी नहीं, माह मई से जून तक। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) 10,40,835.25 क्विंटल प्याज की खरीदी की गई एवं 2,78,098.23 क्विंटल प्याज का विक्रय किया गया। खराब हुई प्याज को नष्ट कर निष्पादन किया गया, प्याज खरीदी, रख-रखाव, परिवहन पर खर्च की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
चेटीखेड़ा बांध की प्रशासकीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
7. ( *क्र. 2085 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 21.03.2017 को विधान सभा में जल संसाधन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मान. मंत्री जी ने विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में 9950 हेक्टेयर की चेटीखेड़ा परियोजना हेतु रु. 330 करोड़ की स्वीकृति की घोषणा की थी, तो उक्त घोषणा के पश्चात क्या परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर राशि का आवंटन कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर राशि आवंटित कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांकित दिनांक तक श्योपुर जिले में सिंचाई का रकबा बढ़ाये जाने हेतु कौन कौन सी योजनाएं सर्वेक्षित हैं? इनमें से कौन-कौन सी योजनाएं साध्य पाई जाकर डी.पी.आर. तैयार की जा चुकी है? इनमें से किन किन योजनाओं की डी.पी.आर. प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन को भेजी जा चुकी हैं, कौन सी नहीं एवं क्यों? (घ) क्या विभाग विजयपुर में सिंचाई का रकबा बढ़ाने हेतु ग्राम गांवडी में लौड़ी नाला पर तालाब निर्माण हेतु सर्वेक्षण करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। चेटीखेड़ा मध्यम सिंचाई परियोजना (सूक्ष्म सिंचाई योजना) के लिए लागत रू. 370.73 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार की गई थी। विजयपुर नगरपालिका व जिले के ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए परियोजना प्रस्ताव पुनरीक्षित किया जाना प्रक्रियाधीन है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से प्रशासकीय स्वीकृति दी जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। वर्ष 2011 में कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार चयनित स्थल तकनीकी रूप से उपयुक्त नहीं होने के कारण साध्य नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को लिफ्ट इरीगेशन से जोड़ा जाना
[जल संसाधन]
8. ( *क्र. 2420 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम तलावड़ी, खेडली, मोगरा, कवड़ियाखेड़ा, कुडदीगपुरा, आवली, जोगदड़ी, भत्यारी, खडलाई को फाटा डेम से लिफ्ट इरीगेशन द्वारा कब तक जोड़ा जाएगा? (ख) इस संबंध में प्रश्नकर्ता के प्रमुख सचिव को प्रेषित पत्र डी.एन./170/एम.एल.ए./kushi, दिनांक 24.03.2017 पर प्रश्न दिनांक तक विभाग ने क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य की समय-सीमा देवें। (घ) यदि (ख) अनुसार कार्यवाही नहीं की है, तो कारण देवें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) फाटा डेम अर्थात जोबट परियोजना जल संसाधन विभाग के कार्य क्षेत्र में नहीं आती है। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 24.03.2017 अभिलेखों में प्राप्त होना नहीं पाया गया तथा ग्राम तलावड़ी, खेडली, मोगरा, कवड़ियाखेड़ा, कुडदीगपुरा, आवली, जोगदड़ी, भत्यारी, खडलाई को फाटा डेम से लिफ्ट ऐरिगेशन से जोड़ने संबंधी कोई प्रस्ताव जल संसाधन विभाग में विचारधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 1744 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जर्जर/खराब/नवीन सड़कों का निर्माण कराने से संबंधित कितने प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित हैं? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने प्रस्ताव दिये गये हैं, उन पर शासन ने कब-कब क्या कार्यवाही की है? कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कराने हेतु कब कितनी राशि की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई? वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुरावर से साहूखेड़ी, मेंगलादीप, कोटरीकलॉ होते हुये ग्राम ताजीपुरा तक की सड़क का प्रस्ताव शासन के पास है? यदि हाँ, तो उक्त सड़क कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तीन। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एन.डी.बी. योजना के अंतर्गत नरसिंहगढ़-बैरसिया मार्ग एवं बैरसिया-नरसिंहगढ़ मार्ग लंबाई 17.83 कि.मी. हेतु रूपये 37.19 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति शासन के पत्र दिनांक 01.12.2016 को प्रदान की गई। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों की कर्ज माफी
[सहकारिता]
10. ( *क्र. 637 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र सहित पूरे टीकमगढ़ जिले में संपूर्ण मध्यप्रदेश के किसानों पर भारी संकट है तथा को-ऑपरेटिव सोसायटियों एवं बैंकों के कर्ज से किसान परेशान है? क्या ऐसी समस्या को दृष्टिगत रखते हुये किसानों पर जो बैंकों एवं सोसायटियों का कर्ज है, क्या वह माफ किये जाने की शासन के पास कोई योजना है? यदि हाँ, तो किसानों के ऋण कब तक माफ कर देंगे? समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या खरगापुर विधान सभा के किसानों द्वारा कर्ज माफी के संबंध में दिनांक 14.06.2017 को मध्यप्रदेश के राज्यपाल महोदय के नाम ज्ञापन तहसीलदार पलेरा के माध्यम से दिया था? यदि हाँ, तो उस पर शासन द्वारा क्या विचार किया गया? यदि विचार किया गया तो खरगापुर विधानसभा सहित टीकमगढ़ जिले के एवं संपूर्ण मध्यप्रदेश के कृषकों के कर्ज कब तक माफ कर दिये जावेंगे? कर्ज/ऋण माफ करने की समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें कि किसानों के कर्ज ऋण क्यों माफ नहीं किये जा सकते हैं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) टीकमगढ़ जिले सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश के किसानों पर संकट नहीं है तथा को-ऑपरेटिव सोसायटियों एवं सहकारी बैंकों के कर्ज से किसान परेशान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा किसानों का ज्ञापन दिनांक 05.07.2017 को सचिव, म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण
[जनसंपर्क]
11. ( *क्र. 1739 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में राज्य एवं जिला तथा तहसील स्तरीय कितने अधिमान्य पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण किया गया? जिलेवार-तहसीलवार ब्यौरा क्या है। अधिमान्यता का मापदण्ड क्या है? (ख) मध्य प्रदेश संचार प्रतिनिधि कल्याण समिति का गठन कब हुआ तथा समिति ने वर्ष 2016 में कितने सहायता आवेदनों पर अनुशंसा की एवं कितनी राशि की तथा किस-किस की? पूर्ण ब्यौरा दें। (ग) वर्ष 2017 में किस-किस उदेश्य हेतु कितना अनुदान दिया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राज्य स्तरीय-1207, जिला स्तरीय-1672 एवं तहसील स्तरीय-612 का नवीनीकरण किया गया। नियमों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश संचार प्रतिनिधि कल्याण समिति का पुनर्गठन दिनांक 27.03.2017 को हुआ है वर्ष 2016 में 500 पत्रकारों को 96,39,302/- रूपये की सहायता उपलब्ध कराई गई। (ग) वर्ष 2017 में माधवराव सप्रे संग्रहालय को रूपये 10.00 लाख का वार्षिक रख-रखाव अनुदान स्वीकृत किया गया।
ग्वालियर लक्ष्मीगंज मंडी में विकास कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( *क्र. 764 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति लश्कर जिला ग्वालियर में लक्ष्मीगंज मंडी क्षेत्र में किस-किस मद से विकास कार्यों के लिए वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कितनी-कितनी राशि शासन या मंडी बोर्ड द्वारा किन-किन कार्यों के लिए स्वीकृत हुई है व कौन-कौन से कार्य हुए व वर्तमान में कौन से विकास कार्य चल रहे हैं? (ख) क्या मंडी प्रांगण में जिस क्षेत्र में कार्य हुए हैं, या हो रहे हैं, उस स्थान पर लक्ष्मीगंज मंडी के सब्जी व्यापारियों ने वहां पर कृषि उपज मंडी सचिव व जिलाधीश ग्वालियर को उस स्थान पर व्यापार दुकान न लेने का विरोध आवेदन देकर किया था? (ग) क्या ग्वालियर शहर स्मार्ट सिटी घोषित हुआ है व उसमें सब्जी व गल्ला मंडी को शहर से बाहर व्यापार करने का बिंदु है? क्या स्मार्ट शहर के तहत यह बिंदु मंडी प्रशासन की नजर में था या नहीं? (घ) अगर स्मार्ट शहर के तहत गल्ला या सब्जी व्यवसाय शहर की घनी बस्ती से बाहर ले जाने का बिंदु है, तब क्या मंडी प्रशासन ने शासन की राशि व्यर्थ नहीं खर्च करवाई? यदि हाँ, तो इसमें कौन दोषी है, क्या जहाँ यह विकास का कार्य करवाया है, वहां पर भारी वाहन ट्रकों के आवागमन का सुगम रास्ता है? स्पष्ट रूप से जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अपितु कलेक्टर ग्वालियर के अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक/बोर्ड/10447, दिनांक 05.03.2015 एवं अध्यक्ष, सब्जी व्यापार संघ ग्वालियर के पत्र दिनांक 18.07.2015 के माध्यम से उपरोक्त प्रांगण में विकास कार्य कराये जाने हेतु लेख किया गया है। (ग) जी हाँ। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत सब्जी व गल्ला मंडी को शहर से बाहर व्यापार करने का बिंदु योजना में शामिल नहीं है। (घ) स्मार्ट शहर के तहत गल्ला या सब्ज़ी व्यवसाय शहर की घनी बस्ती से बाहर ले जाने संबंधी कोई योजना नहीं है। वर्तमान में जहाँ विकास कार्य कराया जा रहा है वहां पर मंडी में शुरू से ही भारी ट्रकों के द्वारा सब्जी एवं गल्ला आता है तथा इसी मार्ग पर सेंट्रल वेयर हाउस, विपणन संघ एवं बीज निगम के गोदाम भी निर्मित हैं, जिनके समस्त ट्रकों का आवागमन इसी मार्ग से संचालित होता है।
महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 1933 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत (गढ़ीमलहरा से चन्द्रपुरा पहुंच मार्ग) मार्ग के निर्माण का अनुबंध किस दर पर, किन शर्तों के अधीन किस निर्माण एजेंसी से किया गया? अनुबंध की शर्तों के अनुसार कितनी चौड़ाई की कितनी लंबी सड़क कब तक बननी थी एवं मार्ग के मध्य कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन सी पुल-पुलियों का निर्माण होना था। (ख) उल्लेखित मार्ग के निर्माण में अभी तक कौन-कौन सी कितनी-कितनी सामग्री खनित कर उपयोग में लाई गई? उपयोग में लाई गई सामग्री की किस दर से कितनी रॉयल्टी वसूली गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग के घटिया एवं धीमे निर्माण की कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुईं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? उक्त मार्ग के निर्माण की गुणवत्ता की जाँच एवं निरीक्षण कब-कब किस-किस एजेंसी द्वारा किया गया एवं उसके निष्कर्ष क्या थे? क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के द्वारा ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 623 में रोड के क्षतिग्रस्त होने के चलते (क्षमता से अधिक भार लेकर भारी वाहनों का आवागमन) विभाग द्वारा सूचना के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) कोई शिकायत प्राप्त नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जी हाँ, खनिज विभाग छतरपुर द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन
[सहकारिता]
14. ( *क्र. 2492 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2016-17 में कितनी सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन लंबित थे, उनमें से कितनी संस्थाओं की निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण हो गई, कितनों की प्रक्रिया प्रचलित है? कितनों के प्रस्ताव निर्वाचन कार्यालय या रजिस्ट्रीकरण हेतु कार्यालय सहकारिता निर्वाचन प्राधिकारी में लंबित हैं? (ख) प्रदेश की कितनी संस्थाओं के निर्वाचन प्रस्ताव कार्यालय सहकारिता निर्वाचन प्राधिकारी के यहाँ विगत तीन माह से लंबित हैं और क्यों? (ग) म.प्र. के कितने जिलों में जिला पंजीयक सहकारिता तीन से अधिक वर्षों से पदस्थ हैं तथा कितने जिला पंजीयकों के विरूद्ध लोकायुक्त प्रकरण तथा कितने जिला पंजीयकों के विरूद्ध विभागीय जाँच लंबित हैं? (घ) उज्जैन संभाग में सहकारिता के क्षेत्र में कितने प्रकरण उच्च न्यायालय में लंबित हैं? जिलेवार जानकारी प्रदान करें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2016-17 में 387 सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन लंबित थे इनमें से 202 संस्थाओं की निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण हो गई है तथा 177 संस्थाओं का निर्वाचन प्रक्रियाधीन है। 08 संस्थाओं के निर्वाचन प्रस्ताव त्रुटिपूर्ण होने से रजिस्ट्रीकरण हेतु कार्यालय म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी में लंबित हैं। (ख) कार्यालय म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी में प्रदेश की 197 संस्थाओं के निर्वाचन प्रस्ताव सदस्यता सूची निर्धारित प्रारूप में न होने, आवेदन प्रारूप छ-2 अपूर्ण/अप्राप्त रहने, प्रस्ताव ठहराव एवं उपविधि संलग्न न होने, प्रक्रिया शुल्क अप्राप्त होने इत्यादि कारणों से विगत तीन माह से लंबित हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उज्जैन संभाग में माननीय उच्च न्यायालय में कुल 22 प्रकरण लंबित हैं, जिलेवार प्रकरण क्रमश: जिला उज्जैन के 08, मंदसौर के 07, नीमच का 01, शाजापुर के 05, रतलाम का 01, आगर-मालवा एवं देवास के निरंक हैं।
किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( *क्र. 1203 ) श्री अजय सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य को किस-किस वर्ष कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हुए? यह अवार्ड म.प्र. को किस-किस स्थान पर क्या-क्या उपलब्धियों के लिये प्राप्त हुआ? बिंदुवार विस्तृत विवरण दें। (ख) म.प्र. राज्य को वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा किस-किस नाम की कृषि उपज की खरीदी पर बोनस की राशि कितनी कम कर दी एवं बंद कर दी? वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान किस नाम की कृषि उपज पर केन्द्र सरकार के द्वारा कितनी राशि बोनस के रूप में राज्य शासन के द्वारा खरीदी के समय दी जाती थी? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वित्तीय वर्षों के दौरान किन-किन जिलों में किसानों के द्वारा आत्महत्या एवं आत्महत्या के प्रकरण हुये? माहवार, जिलेवार, प्रकरणवार, संख्यावार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित वित्तीय वर्षों में एवं आत्महत्या एवं हत्या के प्रयास के प्रकरणों में शासन द्वारा किस-किस प्रकरण में कितनी-कितनी सहायता राशि किन जिलों में कितने परिवारों को कब-कब दी? प्रकरणवार, राशिवार, जिलेवार, वित्तीय वर्षवार जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्याज भंडार गृह योजना का संचालन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
16. ( *क्र. 885 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में शाजापुर जिले में कौन-कौन सी किसान हितैषी योजनाएं लागू होकर संचालित की गई हैं? (ख) क्या शाजापुर जिले में विभाग द्वारा प्याज भंडार गृह (R.K.V.Y.) योजना संचालित है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से 2017 तक वर्षवार कितने प्याज भंडार गृह शासन द्वारा स्वीकृत किये गये? कितने पात्र किसानों को इसका लाभ दिया गया है? (ग) वर्ष 2017-18 में शाजापुर जिले में कितने प्याज भंडार गृह शासन ने स्वीकृत किये हैं? कितने किसानों को लाभ दिया गया है तथा कितने शेष हैं? (घ) वर्ष 2014 से 2017 तक जो किसान पंजीयन करा रहा है, उसे उक्त योजना में अपात्र क्यों माना गया है? स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन वर्षों में शाजापुर जिले में विभाग की संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शाजापुर जिले में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत प्याज भण्डार गृह परियोजना वर्ष 2015-16 से संचालित है। जिले को वर्ष 2015-16 में कोई लक्ष्य नहीं था। वर्ष 2016-17 में 741 पात्र कृषकों के 741 प्याज भण्डार गृह स्वीकृत किये गये। प्रश्न दिनांक तक 165 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। (ग) वर्ष 2017-18 में शाजापुर जिले में 48 प्याज भण्डार गृह स्वीकृत किये गये हैं। स्वीकृत प्याज भण्डारगृह निर्माणाधीन होने से प्रश्न दिनांक तक अनुदान का लाभ कृषकों को नहीं दिया गया है। (घ) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत प्याज भण्डार गृह निर्माण हेतु वर्ष 2014-15 में परियोजना लागू नहीं होने एवं वर्ष 2015-16 में जिले को लक्ष्य नहीं होने से पंजीयन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्ष 2016-17 में प्याज भण्डार गृह के किसी भी कृषक को अपात्र नहीं माना गया है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
17. ( *क्र. 1451 ) श्री सुदेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2014 से शासन द्वारा किसानों हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की गईं हैं? (ख) संचालित की जा रही योजनाओं में कृषक हितग्राहियों को क्या-क्या सुविधा तथा अनुदान दिये जा रहे हैं? योजनावार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) संचालित योजनाओं में विधानसभा क्षेत्र सीहोर के कितने-कितने कृषकगणों को किस-किस योजना अंतर्गत क्या सुविधा तथा अनुदान प्रदान किये गये? योजनावार लाभान्वित कृषकगणों की पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी स्थान सहित बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 75 का निर्माण
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 1476 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा सीधी से सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग-75ई का निर्माण कार्य पुल-पुलिया सहित अभी तक कितना हुआ है तथा कितना कार्य अधूरा है? (ख) सड़क निर्माण कार्य कब तक पूरा होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग में से म.प्र. सड़क विकास निगम को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा सौंपे गये भाग में से रीवा से सीधी लंबाई 57.8 कि.मी. का निर्माण कार्य पुल-पुलिया सहित पूर्ण हो चुका है एवं सीधी से सिंगरौली खण्ड रा.रा. क्र. 75ई लंबाई 102.6 कि.मी. का 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है एवं शेष प्रगतिरत है। (ख) सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है, मार्च 2018 तक पूर्ण होना संभावित है।
सड़क निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 2124 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पहरखा बुसौल जनपद पंचायत गंगेव जिला रीवा के रोड का कार्यादेश कब हुआ एवं अनुबंध क्रमांक क्या है? कार्य निर्धारित समय के अंदर हुआ कि नहीं उक्त कार्य पर मिट्टी का कार्य जमीन लेबल से कितनी ऊंचाई का होना चाहिए था? क्या इस मार्ग में पुरानी रोड थी, मिट्टी का कार्य प्राक्कलन अनुसार किया गया? (ख) प्रश्नांश्ा (क) के संदर्भ में पूर्व के कार्य का माप कराकर भुगतान एस.डी.ओ. एवं सब इंजीनियर के द्वारा संविदाकार से मिल कर किया गया है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) उक्त कार्य पर क्या सी.आर.एम. गिट्टीकरण कार्य पूरी चौड़ाई/मोटाई में किया गया है कि नहीं तथा रोड के कि.मी. 2/3 के नदी में पुल का अतिरिक्त मात्रा में कार्य स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में कौन दोषी है एवं दोषी के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कार्यादेश दिनांक 01.06.2016 को जारी किया गया है, अनुबंध क्रमांक 27/डी.एल./2015-16 है, जी नहीं, औसतन 50 से.मी. जी हाँ, जी नहीं। (ख) मिट्टी के कार्य के माप की जाँच प्रचलन में होने से अभी किसी को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। (ग) जी हाँ, जी हाँ 2/3 नहीं अपितु 3/2 पर स्थल के आवश्यकतानुसार। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में मिट्टी के कार्य के माप की जाँच प्रचलन में होने से अभी कोई जिम्मेदार नहीं है। पुलिया की स्वीकृति स्थल के आवश्यकतानुसार सक्षम अधिकारी से प्राप्त है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूकम्प पीड़ितों के ऋण पर ब्याज में छूट
[सहकारिता]
20. ( *क्र. 1511 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 22 मई, 1997 को जबलपुर में आये विनाशकारी भूकम्प से पीड़ित व्यक्तियों ने मकान की मरम्मत, सुधार व पुनर्निर्माण कराने हेतु सहकारी बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं से ऋण लिया था? इनमें ऐसे कितने बकायादार हैं, जिन्होंने ऋण की मूल राशि व ब्याज की किश्त का भुगतान नहीं किया है? इन पर मूलधन व ब्याज की कुल कितनी राशि बकाया है? (ख) प्रश्नांश (क) में कितने बकायादारों की मृत्यु हो गई है, कितने बकायादारों ने ऋण की एक भी किश्त का भुगतान नहीं किया है? शासन ने ऐसे बकायादारों से ऋण की राशि माफ करने का क्या प्रावधान रखा है? (ग) क्या शासन एक मुश्त समझौता योजना के तहत एक निर्धारित समयावधि में मूलधन की राशि जमा करने पर संपूर्ण ब्याज व वसूली प्रभार की छूट देने का लाभ प्रदान कराना सुनिश्चित करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। 2499, मूलधन रू. 1022.68 लाख व ब्याज रू. 2414.08 लाख बकाया है, इस प्रकार कुल रू. 3436.76 लाख राशि बकाया है। (ख) 90 बकायादारों की मृत्यु हो गई है एवं 1044 बकायादारों ने ऋण की एक भी किश्त का भुगतान नहीं किया है। जी नहीं। (ग) जी नहीं।
दलहन की समर्थन मूल्य पर खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
21. ( *क्र. 1239 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जी द्वारा माह जून 2017 में मूंग, उड़द, अरहर सहित कौन-कौन सी फसलें किस समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की घोषणा की गयी थी तथा प्रश्न दिनांक तक कितने मूल्य की कौन-कौन सी फसलें किस समर्थन मूल्य पर क्रय की गई हैं? (ख) फर्जी किसान बनकर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फसलें बेचने पर माह जून 2017 में कितने लोगों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये हैं? किसानों द्वारा कितनी मंडियों और क्रय स्थानों पर खरीदी में विलंब करने की शिकायतें की गई हैं तथा शासन द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। राज्य शासन के निर्देशानुसार दिनांक 05.06.2017 से भारत सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं बोनस पर मूंग, तुअर एवं उड़द की खरीदी मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ एवं मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा की गई है। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा 04.07.2017 की स्थिति में दलहन उपार्जन की मात्रा एवं खरीदी मात्रा की राशि के विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा प्रश्न दिनांक तक 67189 मे. टन अरहर रूपये 5050 प्रति क्विंटल की दर से कुल राशि रू. 339.30 करोड़ की क्रय की है। (ख) विभाग स्तर पर शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है।
अधिग्रहित भूमि की राशि का मुआवज़ा
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 2348 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोतरी दिनांक 09.3.2017 में मुद्रित प्रश्न संख्या 111, (क्रमांक 5201) के प्रश्नांश (ख) का उत्तर प्रकरण भू-अर्जन अधिकारी जिला पन्ना स्तर पर प्रचलन में है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है दिया गया है, तो क्या भू-स्वामियों की भूमि का अधिग्रहण पूर्ण कर अवार्ड राशि भू-स्वामियों को पन्ना भू-अर्जन अधिकारी द्वारा भुगतान कर दी गई। (ख) यदि हाँ, तो किस-किस को कितनी कितनी राशि दी गई? यदि नहीं, तो कब तक भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण कर राशि का भुगतान कर दिया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भू-स्वामियों की भूमि का अभी अधिग्रहण नहीं हुआ है, न ही कोई राशि भुगतान की गई है। (ख) कलेक्टर, पन्ना द्वारा भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 11 के अंतर्गत अधिसूचना प्रकाशन की कार्यवाही की जा चुकी है। भू-अर्जन हेतु शासकीय औपचारिकतायें पूर्ण करने के पश्चात् राशि भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। अतः राशि के भुगतान की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को फसल बीमा की राशि का मुआवजा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( *क्र. 43 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में भिण्ड जिले में किसानों के द्वारा फसल बीमा के प्रीमियम की कितनी राशि जमा करायी गई है एवं फसल खराब होने पर भिण्ड जिले की किन-किन तहसीलों के किसानों को कितनी-कितनी फसल बीमा राशि उपलब्ध करायी गई? (ख) क्या किसानों द्वारा फसल बीमा की प्रीमियम राशि जमा कराये जाने के बावजूद उनकी फसल प्राकृतिक आपदा आदि से खराब होने पर फसल बीमा की राशि मुआवजे के रूप में उपलब्ध नहीं करायी गई है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड जिले की किन-किन तहसीलों में वर्ष 2016-17 में कौन-कौन सी फसलें प्राकृतिक आपदाओं से खराब हुईं थी? (घ) वर्ष 2016-17 में म.प्र. में किसानों ने कितनी-कितनी राशि किन-किन बीमा कंपनियों को बीमा हेतु जमा की तथा प्रदेश में कितनी राशि बीमा कंपनियों ने किसानों को फसलों की क्षति होने पर भुगतान की?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[जल संसाधन]
24. ( *क्र. 2003 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 7670, दिनांक 31.03.2017 के उत्तर में प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये, कंडिकावार प्रश्नों का उत्तर न देकर मात्र जाँच प्रतिवेदन की प्रति देकर भ्रमित कर विशेषाधिकार का हनन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये प्रश्न के समस्त प्रश्नांश का पृथक-पृथक उत्तर देते हुये जाँच प्रतिवेदन दिनांक 29.10.2013 के निष्कर्ष/निर्देश अनुसार कार्यवाही कर प्रश्न का पूर्ण उत्तर दिलाया जायेगा? यदि नहीं, तो कंडिकावार प्रत्येक प्रश्नांश (क) पृथक-पृथक उत्तर देते हुये और प्रश्न का उत्तर दिनांक 31.03.2017 को न देने के कृत्य में विधानसभा को भ्रमित करने के लिये संबंधित दोषी उत्तरदायी के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उत्तर में यह स्वीकार किया गया है कि सेवा पुस्तिका में आदेश की सही प्रविष्टि करने का कार्य संबंधित कार्यालय प्रमुख द्वारा किया जाता है? क्या यह उत्तर सही एवं उचित है? यदि हाँ, तो क्या यह सही है कि चंद्रमणि मिश्रा ने दिनांक 27.08.2011 के आवेदन द्वारा प्रमुख अभियंता से अनुरोध किया था कि के.पी. वर्मा से वरिष्ठ हैं, अत: उसे प्रोफार्मा की पदोन्नति दी जाये? यदि हाँ, तो बतायें कि चंद्रमणि द्वारा जब कार्यालय को असत्य सूचना देकर अपनी पदोन्नतियां प्राप्त की हैं तो उसके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की जायेगी, जैसे कि प्रमुख अभियंता ने अपने आदेश क्रमांक 3238700/38/2013, 08.08.2016 द्वारा श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा को गलत सूचना देने के आरोप में निलंबित किया गया था और आदेश दिनांक 22.08.2016 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न क्रमांक 7670, दिनांक 31.03.2017 के उत्तर में दी गई जानकारी सही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। चंद्रमणि मिश्रा ने आवेदन दिनांक 27.08.2011 द्वारा प्रमुख अभियंता से अनुरोध किया कि वे श्री के.पी. वर्मा से वरिष्ठ हैं। अत: उन्हे मण्डल अधीक्षक के पद पर प्रोफार्मा पदोन्नति दी जावे। श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा, सहायक ग्रेड-3 को प्रमुख अभियंता के आदेश दिनांक 17.08.2015 द्वारा सहायक ग्रेड-3 के पद के न्यूनतम वेतन पर अवनत करने के दण्ड से दण्डित किया गया था। श्री वर्मा द्वारा दण्डादेश दिनांक 17.08.2015 को कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, केसली के संज्ञान में लाये बिना स्वयं का सहायक ग्रेड-1 के पद के वेतन निर्धारण हेतु आवेदन कार्यपालन यंत्री से हस्ताक्षर कराकर वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित किये जाने के कारण श्री वर्मा को कार्यालयीन आदेश दिनांक 08.08.2016 द्वारा निलंबित किया गया एवं पत्र दिनांक 22.08.2016 द्वारा आरोप पत्रादि जारी किये गये।
सहकारी संस्थाओं में नियुक्ति के मापदण्ड
[सहकारिता]
25. ( *क्र. 2435 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. के पत्र क्रमांक विधि/निर्वाचन/2006/07, भोपाल दिनांक 21.08.2006 से म.प्र. सहकारी अधिनियम 1960 की धारा 49 (8) को छोड़कर अन्य सभी धाराओं के अन्तर्गत नियुक्त प्रभारी अधिकारी संस्थाओं की उपविधियों एवं सेवा नियमों के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करने हेतु अधिकृत किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विपणन सहकारी संस्था अटेर में प्रभारी अधिकारी द्वारा अस्थाई रूप से 70/- प्रतिदिन के मान से नियुक्त किये गये विक्रेता अनियमित क्यों हैं व किस कारण उनकी सेवायें समाप्त की गई? (ग) यदि उन कर्मचारियों की नियुक्ति सही है तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) तत्कालीन प्राधिकृत अधिकारी द्वारा बिना अनुमति के अस्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। अत: आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/विप./वि.स.सं/2016/2399, भोपाल दिनांक 21.07.2016 के निर्देशानुसार अनियमित रूप से भर्ती कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गईं। (ग) जी नहीं, कर्मचारियों की नियुक्ति सही नहीं थी। अत: प्रश्नांश में दर्शित कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
आवंटित
भूमि पर किये
अतिक्रमण को हटाया
जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( क्र. 44 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की कृषि उपज मंडी समिति आलमपुर के अंतर्गत उपमण्डी दबोह को कितनी भूमि कब आवंटित की गई सर्वे क्रमांक रकबा, सहित बताते हुये आवंटन आदेश की प्रति दें? (ख) क्या कृषि उपज मंडी समिति आलमपुर एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों की सांठ-गांठ से करोड़ों रूपये मूल्य की शासकीय भूमि अतिक्रमणकर्ता को सौंपकर तथा न्यायालयों में प्रभावी कार्यवाही न कर अतिक्रमणकर्ता को लाभ पहुंचाया गया है? यदि नहीं, तो कलेक्टर भिण्ड द्वारा उपमंडी दबोह की बहुमूल्य भूमि को बचाने हेतु उच्च न्यायालय ग्वालियर में क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों? (ग) नगर परिषद् दबोह जिला भिण्ड के अंतर्गत शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल दबोह की सीमा के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 552 (भिण्ड भाण्डेर रोड) के किनारे कृषि उपमंडी दबोह एवं राजस्व/धर्मस्व विभाग के किस मंदिर की वर्ष 1947 में शासकीय भूमि थी वर्तमान में उक्त भूमि स्वामियों का नाम बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार राजस्व/धर्मस्व विभाग के अंतर्गत मंदिर से लगी हुई कृषि भूमि किस-किस अधिकारी के आदेश से श्री सरमनदास, श्री अमरदेव के बाद उनके पुत्र श्री गोपालकृष्ण, श्री विनोद, श्री राजेन्द्र के नाम कब नामांतरित की गई? (ड.) क्या अमरदेव एवं उनके पुत्रों नगर आलमपुर जिला भिण्ड की सीमा से लगी मंदिर की जमीन भी पुजारी बनकर लाखों रूपये में बेच दी है? यदि हाँ, तो क्या उच्च स्तरीय जाँच कराकर पुन: उक्त भूमि शासकीय घोषित की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : प्रश्नांश (क) से (ड.) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्टापडेमों का निर्माण
[जल संसाधन]
2. ( क्र. 69 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधानसभा अंतर्गत जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्वारी नदी पर स्टाप डेमों के निमार्ण किऐ जाने के लिए जनप्रतिनिधियों एवं शासन एवं विभागीय स्तर पर प्रस्ताव कब-कब भेजे गये? प्रश्नांकित दिनांक तक कौन-कौन से स्टापडेम विभाग द्वारा स्वीकृत कर दिये गऐ? नाम सहित जानकारी बतावें? (ख) प्रश्नांकित (क) की स्थिति में शासन एवं विभागीय स्तर पर जल संसाधन विभाग द्वारा उक्त स्टापडेमों के निर्माण हेतु स्वीकृत कर कब तक निर्माण करा दिया जाएगा? ? (ग) रामपुर घाटी के नीचे क्वारी नदी के पानी की भीषण कमी को देखते हुए यहाँ सिंचाई के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही शासन स्तर पर की हैं? क्या चेटीखेड़ा पर बांध बनाकर इस क्षेत्र में नहर निकालने हेतु विभाग द्वारा प्रस्ताव भेजकर कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो डी.पी.आर. बनाकर कब तक कार्य प्रारंभ करवा दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रामपुरघाट स्टापडेम की साध्यता स्वीकृति दिनांक 20.06.2017 द्वारा प्रदान की गई है। डी.पी.आर. प्राप्त होने के पश्चात निर्णय लिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष परियोजनाओं की साध्यता परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) क्वारी नदी पर चिन्हित रामपुरघाट स्टापडेम साध्यता स्वीकृति दिनांक 20.06.2017 द्वारा प्रदान की गई है। चेटीखेड़ा मध्यम सिंचाई परियोजना का डी.पी.आर. मुख्य अभियंता, बोधी में परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पुराने तालाबों का रख-रखाव
[जल संसाधन]
3. ( क्र. 70 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्टेट के समय के कितने तालाब हैं? नाम सहित जानकारी बतावें। वर्तमान में इसकी भौतिक स्थिति क्या है? कितने तालाबों द्वारा सिंचाई की जा रही है एवं कितने जीर्ण-शीर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जीर्ण-शीर्ण तालाबों के सुधार एवं मरम्मत हेतु क्या शासन द्वारा विभागीय स्तर पर कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कार्यवाही का विवरण बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सौंई नाला डुँगरावती पंचायत, ग्राम मांगरौल अंतर्गत डमखोरा तालाब, अमर खो में नवीन तालाब निर्माण, अनघोरा अंतर्गत महुआ खोह (नवीन) धोवनी पचेर तालाब वलसपुर तालाब, वामसौती के ग्राम भेंराखेरा तालाबों के मरम्मत, नवीन एवं जीर्णोद्धार कर इनके आसपास लगी भूमि को सिंचाईयुक्त बना दिया जाऐगा? इस हेतु शासन की क्या योजना है एवं इनका मरम्मत एवं जीर्णोद्धार कब तक करा दिया जावेगा? मांगरौत अंतर्गत डमखोरा, अनघोरा अंतर्गत महुआ खोह में नवीन तालाब कब तक स्वीकृत कर दिये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्टेट समय के 3 नहरी तालाब क्रमश: टोंगा, जबाहरगढ़ एवं कैमारा क्रियाशील है। निमज्जित तालाब क्रमश: बड़मन एवं नथ्थूपुरा चंबल नहर कमांड में आने से अनुपयोगी है। वक्सपुर तालाब क्षतिग्रस्त है। वर्तमान में निमज्जित तालाबों के सुधार एवं मरम्मत हेतु विभाग में कोई योजना प्रचलित नहीं है। (ग) जी नहीं। ग्राम अनधौरा में स्थित जबाहरगढ़ तालाब से 50 हे. क्षेत्र में रबी सिंचाई उपलब्ध कराई जाना प्रतिवेदित है। प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य ग्रामों में विभागीय मापदण्ड अनुसार स्थल उपयुक्त नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
उपवास पर व्यय राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
4. ( क्र. 86 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह जून 2017 में आयोजित किसान आंदोलन समाप्त करने हेतु माननीय मुख्यमंत्री भोपाल के दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठै थे? (ख) यदि हाँ, तो यह उपवास किस दिनांक से किस दिनांक तक चला और शासन के किस-किस विभाग द्वारा किस-किस निधि से टेंट, डेकोरेशन/लाईटिंग, खान-पान तथा प्रचार-प्रसार विज्ञापन आदि पर कुल कितनी-कितनी राशि व्यय हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 10.06.17 से 11.06.17 तक उपवास किया गया। माननीय मुख्यमंत्री जी की सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा उनके शयन कक्ष एवं शासकीय कार्य निष्पादन हेतु बैठक कक्ष का अस्थाई निर्माण मेसर्स भोपाल ग्लास एवं टेंट स्टोर, इतवारा रोड, भोपाल से कराया गया। जिसका देयक उनके द्वारा राशि रू. 88118.75 का प्रस्तुत किया है एवं मेसर्स, मिश्रा रेडियो एंड इलेक्ट्रीशियन 40, इतवारा रोड, भोपाल द्वारा राशि रू. 23,324.00 का देयक उनके द्वारा प्रस्तुत किया गया। देयक का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है।
विधान सभा क्षेत्र बड़वाहा में सड़क, पुल पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 98 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2016-17 एवं 2017 -18 में बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र में कितनी डामरीकृत सड़कें, पुल-पुलिया, कितनी-कितनी लागत की स्वीकृत की गई है. इसकी सूची दी जावें. (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा वित्त वर्ष 2016-17 एवं 2017 -18 में सड़कों एवं पुल पुलिया के कितने प्रस्ताव समय समय प्रस्तुत किये गए है. उसकी सूची दी जावे. (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जयंती माता पहुँच मार्ग के निर्माण हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई. चूँकि यहाँ लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रति वर्ष दर्शन हेतु आते है. क्या यह मार्ग चालू वित्त वर्ष स्वीकृत हो जावेगा. यदि हाँ, तो कब तक।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत कटरगांव-कड़ही पड़लिया मार्ग स्वीकृत हुआ है। स्वीकृत राशि रू. 69.51 करोड़ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जयन्ती माता मंदिर पहुंच मार्ग लंबाई 0.97 कि.मी. हेतु प्राक्कलन संभाग स्तर पर तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण स्वीकृति की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विभाग द्वारा संचालित कृषक हितैषी योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
6. ( क्र. 102 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा किसानो के हित की कौन- कौन सी योजनायें लागू हैं. उसकी सूची दी जावे. इन योजनाओं में शासन से कितने प्रतिशत की सब्सिडी किसानों की दी जाती है. पृथक-पृथक योजनावार सब्सिडी की जानकारी दी जावे. (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 963 दिनांक 17 मई 17 से तथा पत्र क्रमांक 949 दिनांक 12 मई 2017 से उप संचालक उद्यानिकी खरगोन से क्या-क्या आवश्यक जानकारी चाही गई है? क्या विभाग द्वारा जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? संदर्भित पत्र के बिंदु क्रमांक 1 एवं 2 तथा दूसरा पत्र के बिंदु क्रमांक 1 से 4 तक क्या जानकारी चाही गई थी, इस सम्बन्ध में चाही गई जानकारी का विवरण देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार चाही गई जानकारी विभाग द्वारा उपलब्ध करा दी गई है. यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्यों, विभाग द्वारा जानकारी न देने पर संबंधित के विरूद्ध जन प्रतिनिधियों को समय-समय पर जानकारी उपलब्ध न करने पर क्या दाण्डिक प्रावधान है. संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश (ख) अनुसार चाही गई जानकारी उप संचालक उद्यान, जिला खरगोन के पत्र दिनांक 22.06.2017 द्वारा उपलब्ध कराई गई है परन्तु कृषकवार जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं देने के कारण श्री के.के. गिरवाल, उप संचालक उद्यान जिला खरगोन को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। समय पर जानकारी उपलब्ध न कराने को अवचार मानकर संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान है। कारण बताओ सूचना पत्र का उत्तर प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
विधानसभा बण्डा में पुलों के निर्माण
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 137 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा में बहरोल चौकाभेड़ा, पातरीकोटा तथा दलपतपुर में आवागमन की सुविधा के लिए पुलों के निर्माण की स्वीकृति कब-कब प्रदान की गई है। (ख) उक्त स्थानों पर पुलों की निर्माण एजेन्सियों से किन-किन तारीखों में अनुबंध कराए हैं। प्रत्येक पुल के पूर्ण निर्माण की अंतिम तारीख क्या हैं? (ग) वर्तमान के उक्त पुलों के निर्माण की भौतिक स्थिति क्या है? यदि अपूर्ण हैं या कार्य बंद है तो क्या कारण है और कब तक निर्माण पूर्ण हो जावेगा? अनुबंधानुसार अपूर्ण निर्माण या बंद कार्य के लिए कौन दोषी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विधानसभा बण्डा अंतर्गत पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 138 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा में ग्राम गड़र से सहावन मार्ग पर पुल निर्माण के लिए शासन ने कितनी राशि का प्राक्कलन तैयार किया है? यह कार्य कब तक पूर्ण होना है? (ख) स्वीकृत प्राक्कलन में पुल निर्माण के अलावा कितनी लम्बाई-चौड़ाई तथा कितनी राशि का एप्रोच रोड बनना है? (ग) कितनी मोटाई का एप्रोच रोड बनना है तथा कितनी-कितनी मोटाई पर कौन-कौन सा मटेरियल का उपयोग किया जावेगा, ताकि तकनीकी स्तर पर गुणवत्ता बनी रहे? एप्रोच रोड का निर्माण कब तक पूर्ण हो जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय प्याज की खरीदी
[सहकारिता]
9. ( क्र. 158 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में प्याज की फसल की खरीदी किसानों से की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो जिलेवार कुल कितना प्याज, कितनी धनराशि से खरीदा गया तथा प्याज के भण्डारण, बारदान व परिवहन पर जिलेवार कितनी धनराशि का व्यय हुआ? (ग) क्या खरीदी पश्चात प्याज खराब हुई है? (घ) यदि हाँ, तो जिलेवार कुल कितनी प्याज, कितनी लागत की खराब हुई? (ङ) क्या सार्वजनिक प्रणाली के माध्यम से प्याज का विक्रय किया गया था? (च) यदि हाँ, तो कितनी धनराशि से कितने प्याज का जिलेवार विक्रय सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से हुआ तथा शासन को प्याज खरीदी से लेकर विक्रय तक में कुल कितने राजस्व की हानि हुई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। राशि रूपये 1,06,24,66,993.89 की हानि हुई है।
कृषकों को कृषि यंत्र की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
10. ( क्र. 206 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न कृषि यंत्रों के लिये कृषकों का ऑनलाईन पंजीयन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विकासखंड क्षेत्र पनागर एवं जबलपुर विकासखंड के बरेला के कितने कृषकों का योजना प्रारंभ से अब तक ऑनलाइन पंजीयन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कितने कृषक लाभान्वित हुये हैं? (घ) क्या शेष कृषकों को कृषि यंत्रों के लिये लाभान्वित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) विकासखंड क्षेत्र पनागर एवं जबलपुर विकासखंड के ग्राम बरेला में भारत सरकार द्वारा प्रसारित नवीन डी.बी.टी. निर्देशों के अंतर्गत अभी तक (2017-18) कुल 19 कृषकों का पंजीयन किया गया है। जिसमें पनागर विकासखंड के 19 कृषकों द्वारा पंजीयन कराया गया है। तथा जबलपुर विकासखंड के ग्राम बरेला में कोई भी कृषक पंजीयन नहीं कराया। कृषकों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। डी.बी.टी. व्यवस्था के दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) आवेदकों के प्रकरण प्रक्रियाधीन है। पात्र पाये जाने पर कृषकों को नियमानुसार अनुदान दिया जायेगा। (घ) जी हाँ। परीक्षण अनुसार पात्र पाये जाने पर किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत स्टॉप डेम निर्माण
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 207 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्टॉप डेम निर्माण होने से बारिश का पानी संग्रहित होकर जलस्तर बढ़ाता है? (ख) क्या बरेला क्षेत्र में पानी की सबसे अधिक समस्या है? (ग) क्या बरेला क्षेत्र के हिनौतिया भौई, सिलुआ पड़रिया, कुटैली, बैरागी, महगवां डूंगा, हिनौतिया बारहा, बम्हनी, पड़वार के नदी नालों पर स्टॉप डेम बनाने से इस क्षेत्र में जलस्तर बढ़ सकता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत स्टॉप डेम बनाने हेतु भेजे गये प्रस्ताव यथा (क्र.-1) अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग जबलपुर द्वारा कार्य. यंत्री ग्रा. यां. से. जबलपुर को दिनांक 12.03.15 को (क्र.-2) विधायक कार्यालय द्वारा जिला योजना अधिकारी जबलपुर को दिनांक 30.04.16 को तथा (क्र.-3) कार्य. यंत्री हिरण जल संसाधन संभाग जबलपुर को दिनांक 05.04.17 को भेजे गये प्रस्तावों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। पानी की अधिक समस्या से संबंधित जानकारी विभाग संधारित नहीं करता है। (ग) परियोजना की साध्यता पर निर्भर है। (घ) कार्यपालन यंत्री से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार परियोजनाएं तकनीकी दृष्टि से साध्य नहीं पाई गई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सरकार का उद्देश्य
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 288 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा के बजट सत्र 2017 में तारांकित प्रश्न संख्या-131 क्रमांक-3415 दिनांक 2 मार्च 2017 के माध्यम से पूछे गये प्रश्न के उत्तर में विभाग द्वारा ग्राम मीरखेड़ी से ग्राम हिरनखेड़ा मार्ग जो 29.7.2013 से कार्यादेश होने के बाद भी निर्माण के इंतजार में प्रश्न दिनांक तक भी लंबित पड़ा हुआ है? किसी को भी दोषी नहीं माना था? क्यों? (ख) यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्य करने हेतु बार-बार समयवृद्धि (31.5.2015) कर कार्य करने की अनुमति ठेकेदार को किन आधारों पर दी गयी तथा वे कौन से कारण थे जिसके आधार पर उक्त सड़क मार्ग बिना निर्माण पूर्ण किये म.प्र. ग्रामीण सड़क प्राधिकरण को 3.6.2015 को स्थानांतरित किया गया और फिर ऐसा क्या हुआ जिसके तहत ग्रामीण सड़क प्राधिकरण द्वारा पुन: लोक निर्माण विभाग को 26.10.2016 को उक्त सड़क मार्ग वापिस कर दिया? (ग) क्या यह बात सही नहीं है कि लोक निर्माण विभाग एवं म.प्र. ग्रामीण सड़क प्राधिकरण में कार्य करने वाले एक ठेकेदार को हानि से बचाने के लिये दोनों विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से इस तरह के आदेश जारी किये गये? पूरी जानकारी देवें? (घ) क्या मध्यप्रदेश सरकार का उद्देश्य ऐसे ठेकेदारों के हित में कार्य करना है या लोक हित में कार्य करना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रश्नाधीन मार्ग म.प्र.ग्रा.स.वि. प्राधिकरण की सूची में प्रस्तावित होने के कारण कार्य नहीं कराया गया। (ख) प्रश्नाधीन मार्ग के साथ और दो मार्ग (मसुरयाई तोडा एवं सिहोरा किल्लई) अनुबंध में सम्मिलित है ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने के कारण इन दोनों मार्गों को पूर्ण करने हेतु ठेकेदार को समयावृद्धि प्रदान की गई। मार्ग म.प्र.ग्रा.स.वि. प्राधिकरण की सूची में प्रस्तावित होने के कारण कार्य नहीं कराया गया। जिला सतर्कता एवं मूल्याकंन समिति की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार मार्ग इस विभाग को वापस किया गया। (ग) जी नहीं। शासन के निर्देशानुसार कि म.प्र.ग्रा.स.वि. प्राधिकरण में स्वीकृत सड़कों का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा न किया जावे। (घ) शासन का उद्देश्य लोक हित में काम करना है।
धामनोद से सुन्देरल मार्ग पर सड़क के पुनर्निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 338 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धामनोद से सुन्देरल तक सड़क का निर्माण किस वर्ष में किया गया था? सड़क निर्माण के बाद उसकी मरम्मत का कार्य अंतिम बार किस वर्ष में किया गया? (ख) क्या धामनोद से सुन्देरल तक की पूर्णतः जर्जर हो चुकी सड़क के पुनर्निर्माण के लिये या धामनोद से कालीबावडी व्हाया सुन्देरल तक सड़क निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित प्रस्तावों पर विचार कर उक्त रोड के पुनर्निर्माण या नवीन सड़क निर्माण की कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो उक्त सड़क का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृति के अभाव में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
घुघरी कटाव से जन-धन की हानि
[जल संसाधन]
14. ( क्र. 385 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 11-9-2016 को जनदर्शन यात्रा के दौरान में मा. मुख्यमंत्रीजी ने ग्राम खमतरा में ग्रामीणों की मांग पर ग्राम घुघरी के कटाव की घोषणा की है? (ख) प्रश्नकर्त्ता की पहल पर विगत 5 वर्षों की अवधि में किन तिथियों में किन्हीं विभागीय यंत्रियों एवं अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा बेलकुण्डनदी के तटवर्ती घुघरी ग्राम का अध्ययन व सर्वेक्षण किया है और वहां ग्रामीणों के मकान, मंदिर, सीमेंट रोड आदि के कटाव और उसकी गहरायी कितनी पायी है? (ग) प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 11-9-2016 मय फोटोग्राफ सहित मा. मुख्यमंत्रीजी को लिखकर कोई सुझाव दिया है, जिस पर विभाग के द्वारा कब क्या योजना बनायी गई व स्वीकृत करायी गई और क्रियान्वयन कराया गया है? विवरण देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) की घोषणा के बाद किन यंत्रियों के द्वारा नदी के जलप्रवाह का प्रत्यावर्तन, कटाव को पाटकर ग्राम को सुरक्षित करने की कितनी लागत की योजना बनाकर किस स्तर पर प्रस्तुत की है और कब स्वीकृति प्रदान कर निर्माण पूर्ण किया गया है? (ड.) क्या वर्षा व बाढ़ से यदि जन व धन की कोई क्षति होती है, तो प्रश्नांश (ख), (ग) एवं (घ) के किन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। विगत 5 वर्षों में प्रभारी उपयंत्री द्वारा दिनांक 02.04.2015 को तथा अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्डल, जबलपुर कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री द्वारा दिनांक 28.04.2015 को संयुक्त स्थल निरीक्षण किया जाना प्रतिवेदित है। मान. विधायक के साथ उपयंत्री द्वारा दिनांक 30.08.2016 को भी स्थल निरीक्षण किया गया है। सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 11.09.2016 अभिलेखों में प्राप्त होना नहीं पाया गया, अपितु मान. प्रश्नकर्ता का पत्र दिनांक 07.05.2017 मुख्य मंत्री कार्यालय के माध्यम से प्राप्त हुआ है। कटाव रोकने का प्रस्ताव अधीक्षण यंत्री जबलपुर द्वारा पत्र दिनांक 06.07.2017 द्वारा मुख्य अभियंता सिवनी को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति की स्थिति नहीं है। (ड.) डी.पी.आर. मैदानी कार्यालयों में परीक्षणाधीन होने से अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है।
महानदी के बसाडी-भदौरा में सेतु निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 391 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी, वि.खं. बडवारा के ग्राम बसाडी व भदौरा के मध्य सेतु निर्माण का फेज वन का प्राक्कलन रूपये 5.25 करोड़ और डी.पी.आर. रूपये 12.48 करोड़ शासन के अधीन विचाराधीन है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) सेतु का निर्माण आगामी पूरक बजट में सम्मिलित कर लिया जावेगा और शीघ्र ही प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सीमित होने के कारण स्वीकृत करना संभव नहीं।
राशि गबन के लिये दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने एवं राशि की वसूली
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 443 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्नोत्तरी दिनांक 23 मार्च, 2017 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक (7019) के उत्तर में बताया गया था कि जिन कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं, उन्हें गुणवत्तापूर्ण कराया जाना प्रतिवेदित होने से दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में त्योंथर उद्वहन योजना अंतर्गत कितनी-कितनी लंबाई की कहाँ से कहाँ तक के माईनर नहरों का निर्माण कितनी-कितनी लागत से किन-किन संविदाकारों द्वारा कब-कब कार्यादेश जारी कर कार्य कराया गया? कि प्रति देते हुए जानकारी वर्ष 2011 से प्रश्नांश तक की देवें, साथ ही इनमें से किन-किन कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गये? की प्रति भी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के माईनर नहरों के कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं शासन के मापदण्ड अनुसार अनुबंध की शर्तों के आधार पर कराये गये की जाँच कब-कब, किन-किन वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की गई एवं करायी गई जाँच प्रतिवेदन की प्रति के साथ विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्य मौके पर न कराकर संबंधित ठेकेदारों/संविदाकारों से सांठ-गांठ कर फर्जी बिल वाउचर के आधार पर अधिकारियों द्वारा राशि आहरित करवा दी गई, तो इसके लिये दोषियों से राशि की वसूली के साथ गबन का आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार तथा कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के परिशिष्ट-ब अनुसार है। परियोजना निर्माणाधीन होने से पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) माईनर नहरों का निर्माण कार्य मापदण्ड एवं अनुबंध में निहित शर्तों के अनुसार कराया गया है। प्रश्नांश में वर्णित कार्यों की कोई शिकायत प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित होने से जाँच कराने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। कार्यों का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) निविदाकार द्वारा किए गए कार्य का ही भुगतान किया जाना प्रतिवेदित होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किला रोड से लहार रोड मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( क्र.
484 ) श्री
नरेन्द्र
सिंह कुशवाह :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
भिण्ड में
किला रोड से
लहार रोड
चौराहा तक 1.30
कि.मी. लागत 361 लाख
से मार्ग का
निर्माण किया
जा रहा है? यदि
हाँ, तो
प्रश्नांश दिनांक
तक मार्ग का कितना
निर्माण हो
चुका है? कब तक मार्ग
पूर्ण होगा? (ख) क्या
मार्ग
निर्माण
पूर्ण होने की
अवधि जून 2017 थी? यदि
हाँ, तो
कार्य पूर्ण
क्यों नहीं
हुआ है, अद्यतन
जानकारी क्या
है? (ग)
प्रश्नांश
(क) के अंतर्गत
समय पर मार्ग
पूर्ण न होने
के लिये कौन
अधिकारी दोषी
हैं? क्या
उन पर कठोर
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ, तो कब
तक? अपूर्ण
मार्ग के कारण
लोगों को हो
रही परेशानी
के लिये क्या
उपाय किये
जायेंगे? (घ) मार्ग
निर्माण
पूर्ण करने
में क्या
कठिनाई उत्पन्न
हो रही हैं? मार्ग
कब तक पूर्ण
कर लिया
जायेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)
जी हाँ। प्रश्न
दिनांक तक 500 मीटर
लंबाई एवं 7.00 मीटर
चौड़ाई में
मार्ग
निर्माण हो
चुका है। मार्ग
दिनांक 31.03.2018 तक
पूर्ण होना
संभावित है। (ख)
जी हाँ। मार्ग
MPEB के
द्वारा
विद्युत
पोलों को शिफ्टिंग
करने में
विलंब होने, मार्ग
के बीच में
निर्माण व
अतिक्रमण
हटाने में
विलंब तथा
ठेकेदार
द्वारा धीमी
गति से कार्य
करने के कारण
विलंब हुआ। (ग) कोई
नहीं। प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता। ठेकेदार
को समय-समय पर
माइलस्टोन
अनुसार
कार्यप्रगति
बढ़ाये जाने
हेतु नोटिस
जारी किये गये, परन्तु
ठेकेदार
द्वारा कार्य
की प्रगति न
बढ़ाने के
कारण कार्य को
अनुबंध की
धारा 27.3
के तहत निरस्त
किया गया। मुख्य
अभियंता
लो.नि.वि. (उ) ग्वालियर
द्वारा
ठेकेदार को कारण
बताओ सूचना
पत्र जारी
किया गया। ठेकेदार
द्वारा
अधीक्षण
यंत्री लो.नि.वि.
मण्डल ग्वालियर
को अनुबंध पुनर्जीवित
करने हेतु
अनुरोध किया
है। (घ) मार्ग
निर्माण में
पोल शिफ्टिंग
एवं अतिक्रमण
हटाने में
कठिनाई उत्पन्न
हो रही है। मार्ग
दिनांक 31.03.2018 तक
पूर्ण कराये
जाने का लक्ष्य
है।
विजयगढ़ मुरम्या से स्टॉपडेम निर्माण
[जल संसाधन]
18. ( क्र. 553 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टोंकखुर्द तहसील अंतर्गत विजयगढ़ मुरम्या में स्टॉपडेम स्वीकृत हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) यदि स्वीकृत है तो कब तक इसका निर्माण कार्य शुरू होगा? यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ग) यदि कार्यवाही प्रचलित है तो जानकारी स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी नहीं। चिन्हित विजयगढ़ मुरम्या स्टॉपडेम का जलग्रहण क्षेत्र कम होने से परियोजना साध्य नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
सोनकच्छ के पीलिया खाल पर पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 560 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ से जलेरिया रोड पर स्थित पीलिया खाल पर पुल निर्माण हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है? हां या नहीं जानकारी दें। (ख) यदि नहीं, तो क्या क्षेत्रवासियों के हित में विभाग द्वारा उक्त पुल निर्माण की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या बारिश के दौरान उक्त पीलिया खाल पर पानी अधिक होने से आवागमन बंद हो जाता है? यदि हाँ, तो क्या आगामी बारिश तक उक्त खाल पर बड़ा पुल स्वीकृत किया जा सकेगा या नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। मार्ग लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत नहीं आता है अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन की ओर से वकील
[विधि और विधायी कार्य]
20. ( क्र. 583 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्जैन के विरूद्ध मान.उच्च न्यायालय (इंदौर खंडपीठ) में चल रहे प्रकरण में शासन की ओर से कौन-कौन वकील नियुक्त किए गए हैं? (ख) उपरोक्त प्रकरण में अभी तक कितनी तारीखें लगी हैं? इनमें नियुक्त वकीलों की उपस्थिति/अनुपस्थिति बतावें। प्रकरण की अद्यतन स्थिति भी बतावें? (ग) राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा दिनेश पिता मांगीलाल जैन के विरूद्ध आदेश पारित किया लेकिन विभाग द्वारा इस संबंध में मान.उच्च न्यायालय में केवियट क्यों नहीं लगाई गई कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बायपास सड़क निर्माण कार्य का प्रारंभ
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 638 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ प्रवास के दौरान माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा नगर बल्देवगढ़ में बायपास सड़क निर्माण स्वीकृत किये जाने की घोषणा की गई थी। (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय के स्वीकृति घोषणा के उपरांत बल्देवगढ़ बायपास सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ कब तक करा दिया जावेगा? समयावधि बतायें, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या मात्र स्वीकृति की घोषणा भर की गई है, निर्माण कार्य में शासन द्वारा किस प्रकार की योजना बनाई गई है और यदि योजना नहीं बनाई गई है तो कब तक बनाई जावेंगी। (घ) क्या डी.पी.आर. एवं कार्ययोजना बनाई जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब बनाई गई, यदि नहीं, तो क्यों नहीं बनाई गई, कारण स्पष्ट करें। तथा कब तक बायपास सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में बल्देवगढ़ बायपास मार्ग का डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रगति पर है। डी.पी.आर. की स्वीकृति हेतु केन्द्र शासन से प्राप्त होने के उपरांत निविदा की कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जी नहीं, शासन की योजना अनुसार डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही प्रगति पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रगति पर है, जिसके पूर्ण होते ही अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। वास्तविक समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्थायी वित्त समिति लोक निर्माण विभाग के क्रियाकलापों
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 650 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) P.W.D. द्वारा गठित स्थायी वित्त समिति के क्रियाकलाप क्या-क्या हैं व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या मार्गदर्शिका प्रचलन में है? (ख) P.W.D. खण्ड मुरैना द्वारा विधान सभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना से संबंधित लोक निर्माण कार्य जनवरी 2014 से मई 2017 तक कितने कार्य स्थायी वित्त समिति भोपाल को अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजे गये? की जानकारी कार्य विवरण, लागत मूल्य कार्य की दूरी आदि से अवगत करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कितने कार्य स्वीकृत व प्रक्रियाधीन है? जानकारी दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मार्गदर्शिका पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' के अनुसार।
विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 651 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में विगत 03 वर्षों में रोड निर्माण से संबंधित प्रश्नकर्ता द्वारा व PWD खण्ड मुरैना द्वारा निर्माणों से संबंधित कितने प्रस्ताव रोड स्वीकृति हेतु शासन को भेजे गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने कार्य पूर्ण, निर्माणधीन एवं कितने प्रक्रियाधीन हैं? (ग) प्रक्रियाधीन एवं अपूर्ण कार्यों की भी जानकारी, कार्य विवरण, दूरी लागत राशि आदि सहित विस्तार से बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दो प्रस्ताव। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
असिंचित ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( क्र. 679 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सी.आर.एस.सी. के बायीं ओर बसे तीन दर्जन से अधिक ग्रामों में वर्तमान तक सिंचाई सुविधा के अभाव के कारण इन ग्रामों की हजारों हेक्टेयर भूमि असिंचित रहने के कारण इनमें निवासरत ग्रामीण आर्थिक दृष्टि से दयनीय जीवन जीने को विवश हो रहे हैं। उन्हें कई कठिनाइयां आ रही हैं। (ख) उक्त कठिनाइयों के निवारण हेतु उपसंचालक कृषि श्योपुर द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत पार्वती उद्वहन सिंचाई योजना के निर्माण का प्रस्ताव श्योपुर जिले की डी.आई.पी. में संचालनालय को भेजा था, जिसे दिनांक 22.12.2016 को संपन्न राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदित भी किया जा चुका है। लेकिन ई.ई.डब्ल्यू.आर.डी. श्योपुर द्वारा प्रति हेक्टेयर लागत ज्यादा होने से योजना को असाध्य माना गया। (ग) यदि हाँ, तो कृषकों के हित में क्या शासन, लागत राशि के मापदण्डों को शिथिल करते हुए अथवा योजना की लागत वैकल्पिक तकनीक अपनाकर कम करके योजना को स्वीकृति प्रदान करने के उपरांत केन्द्र सरकार से इसे अनुमोदित करवाकर इसे बजट में शामिल करेगा तथा योजना का कार्य धरातल पर प्रारंभ करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग श्योपुर ने अपने पत्र क्रमांक 2041 दिनांक 5/7/2017 के माध्यम से अवगत कराया है कि चंबल नहर किनारे 35 ग्रामों को पानी प्रदाय करने हेतु पार्वती उद्वहन सिंचाई योजना प्रस्तावित थी। परन्तु प्रति हेक्टेयर लागत अधिक आने से योजना असाध्य हो गई एवं पार्वती नदी के चंबल अभ्यारण्य के अधिसूचित क्षेत्र की सीमा के अंतर्गत आने से कोई कार्य करने के पूर्व उच्चतम न्यायालय से स्वीकृति आवश्यक होगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
सड़क मार्ग का उन्नयन/उन्नतीकरण
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 680 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रेमसर मूंढला मुख्य जिला मार्ग यातायात एवं कृषि उत्पादन परिवहन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग है मार्ग की स्थिति कई भागों में अत्यंत खराब है, नतीजन नागरिकों को आवागमन में कठिनाइयाँ आती है? (ख) क्या राज्य योजना आयोग द्वारा श्योपुर जिले के मार्गों के निर्माण/उन्नयन हेतु जिला योजना में प्लान सिलिंग में पर्याप्त धनराशि का प्रावधान भी रखा गया है? (ग) क्या उक्त मार्ग पर वर्तमान यातायात घनत्व एवं सड़क मार्ग की सतह के खराब स्थिति के कारण नागरिकों को आ रही कठिनाइयों के मद्देनजर ई.ई.लो.नि.वि. श्योपुर द्वारा उक्त मार्ग के उन्नतीकरण हेतु 45 करोड़ का प्राक्कलन तैयार कर शासन/विभाग को प्रेषित किया गया है, इसे बजट में शामिल किये जाने हेतु कार्यवाही वर्तमान में प्रमुख अभियंता कार्यालय में प्रक्रियाधीन भी है यदि हाँ, तो क्या शासन क्षेत्र हित में उक्त प्रक्रियाधीन कार्यवाही को अविलंब पूर्ण करवाकर उक्त मार्ग के उन्नतीकरण कार्य को चालू वर्ष के अनुपूरक बजट में शामिल करके इसे शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जिला सेक्टर में नवीन स्वीकृति के लिये पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं है। (ग) वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 03, के शेष भाग के तहत रोड/नालियों का निर्माण
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 735 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुराने मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 03, पर फोरलेन निर्माण के दोरान शेष बचे भाग के तहत ग्राम खलघाट, धामनोद एवं गुजरी के आबादी क्षेत्र में सी.सी. रोड निर्माण व आबादी क्षेत्र से फोरलेन तक डामरीकरण कार्य स्वीकृत होकर प्रगतिरत है? (ख) यदि हाँ, तो आबादी क्षेत्र में स्वीकृत सी.सी. रोड निर्माण के साथ ही नाली निर्माण का प्रावधान भी स्वीकृत डी.पी.आर. में रखा गया है अथवा नहीं? क्या नागरिकों एवं क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों व प्रश्नकर्ता के द्वारा आबादी क्षेत्र में सर्वप्रथम नाली निर्माण करने का प्रस्ताव विभाग को दिया गया है अथवा नहीं? (ग) यदि हाँ, तो ग्राम खलघाट, धामनोद एवं गुजरी में नाली निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर कब तक नाली निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आदर्श किसान बीज उत्पादक सहकारी संस्था मर्या. सीहोरा कुरबाई
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
27. ( क्र. 828 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदर्श किसान बीज उत्पादक सहकारी संस्था मर्यादित सीहोरा कुरबाई जिला विदिशा को वर्ष 2013 से 2017 तक खरीफ एवं रबी फसलों का बीज विक्रय करने से कितनी बार कब-कब प्रतिबंधित किया गया अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उक्त संस्था का बीज अमानक स्तर का पाये जाने पर भी दुबारा बीज विक्रय की अनुमति कैसे और क्यों प्रदान कर दी जाती है? क्या शासन को अपने ही अधिकारी जिन्हें बीज का मानक स्तर जाँचने का अधिकार और पात्रता है उन पर विश्वास नहीं है? यदि विश्वास है तो फिर इस संस्था को अनुमति कैसे दे दी जाती है? (ग) क्या इस संस्था की जाँच उपरांत पदेन अनुज्ञप्ति अधिकारी (बीज) एवं उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास जिला विदिशा द्वारा दिनांक 10.3.17 के पत्र द्वारा बीज विक्रय भण्डारण हेतु जारी अनुज्ञप्ति संख्या 16 दिनांक 10.4.15 को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया था? यदि हाँ, तो ऐसे क्या कारण रहे कि कुछ दिन बाद ही संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास भोपाल द्वारा पुन: बहाल कर हजारों क्विंटल बीज की सप्लाई दे दी गई? (घ) यह कि उपरोक्त संस्था का पंजीयन कई दफा निलंबित हो चुका है क्या शासन द्वारा इनका पंजीयन स्थाई तौर पर निरस्त करने की कार्यवाही की जावेगी? जिससे किसानों के नुकसान को बचाया जा सके।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 तथा बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुये निहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ, बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 की धारा 16 के तहत अपीलीय अधिकारी सह संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, संभाग-भोपाल को अध्यक्ष, आदर्श किसान बीज उत्पादक सहकारी संस्था मर्यादित सीहोरा द्वारा दिनांक 22.03.2017 को अपीलीय आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिस पर सुनवाई के उपरान्त गुण-दोष के आधार पुन: उक्त संस्था की बीज अनुज्ञप्ति बहाल की गई, जिसके फलस्वरूप बीज की सप्लाई की गई। (घ) उक्त संस्था का पंजीयन मात्र एक बार दिनांक 10.03.2017 को निलंबित किया गया। जी नहीं, बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 तथा बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुये निहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है।
सागर जिले में किसानों को देय अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 861 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किसानों को देय विभिन्न योजनाओं का कितना अनुदान/भुगतान बकाया है? विकासखण्डवार एवं योजना घटकवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किसानों को राशि भुगतान क्यों नहीं की जा रही है? क्या शासन ने भुगतान पर रोक लगाई है? यदि नहीं, तो शासन से राशि प्राप्त होने पर भी संस्थाओं एवं किसानों को भुगतान नहीं करने वाले दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या वर्ष 2016-17 में किसानों को देय अनुदान राशि शासन ने सागर जिले को उपलब्ध करायी थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि, योजना घटकवार बतायें? यदि नहीं, तो किस योजना की कितनी राशि शासन से प्राप्त नहीं हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) शासन द्वारा भुगतान पर रोक नहीं लगाई गई है। डी.बी.टी. प्रणाली से कृषकों के बैंक खातें में भुगतान करने में भुगतान निम्नलिखित कारणों से लंबित है। 1. किसानों के बैंक खाता नंबर, आई.एफ.सी.ओ. कोड, आधार नंबर नहीं होने से असफल ई-पेंमेन्ट होने से किसानों के बैंक खाते में नहीं पहुँचा है। 2. जिला सेवा सहकारी समितियों द्वारा किसानों के बैंक खाता नंबर, आई.एफ.सी.ओ. कोड आधार नम्बर उपलब्ध न होना। 3. माह जून 2017 एवं माह जुलाई 2017 में आवंटन प्राप्त होना। 4. सी.सी.बी. द्वारा देयक वित्तीय वर्ष 2016-17 समाप्ति उपरान्त देयक प्रस्तुत किया जाना। 5. प्रदायक संस्थाओं द्वारा कृषकों के बैंक खाता नंबर, आई.एफ.सी.ओ. कोड आधार नंबर विलंब से/अप्राप्त होना। 6. जिला कोषालय का सर्वर दिनांक 28.03.2017 से खराब होने से। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
एन.एच.86 को फोरलेन किया जाना
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 862 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर से लेकर सांची तक के राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.86 को फोरलेन में तब्दील करने के लिये किसी प्रस्ताव को शासन द्वारा स्वीकृति दी गयी है? यदि हाँ, तो कहाँ से कहाँ तक का निर्माण प्रस्तावित है? इसकी लागत कितनी है तथा पूर्ण होने की समय-सीमा क्या है? (ख) क्या इस प्रस्ताव में सागर नगर से लेकर भोपाल के बीच का कुछ हिस्सा छोड़ दिया गया है? क्या शासन इस छूटे हुये हिस्से को शामिल करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन इस छूटे हुए मार्ग को फोरलेन निर्माण हेतु अलग से स्वीकृत करेगा और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) फोरलेन नहीं, अपितु टू-लेन विथ पेव्हड शोल्डर्स की स्वीकृति मध्यप्रदेश शासन नहीं भारत सरकार के द्वारा दी गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार।
सिरोंज से बासौदा रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 879 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज से बासौदा मुख्य रोड का निर्माण किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 21.03.2017 के द्वारा सिरोंज से बासौदा रोड निर्माण किये जाने के संबंध में ध्यानाकर्षण सूचना लगाई गई थी, उस पर शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त सड़क निर्माण कार्य को शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कब पूर्ण जानकारी देंवे? नहीं तो क्यों कब तक स्वीकृत किये जाने की संभावना है? स्वीकृत न किये जाने का क्या कारण है? स्वीकृति हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, न्यू डेव्हलपमेंट बैंक (एन.डी.बी.) की ऋण सहायता से करने हेतु रूपये 98.58 करोड़ की स्वीकृति दिनांक 01.12.2016 को जारी। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विदिशा जिले में सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 880 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्र में कहाँ से कहाँ तक विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कौन-कौन सी सड़कें बनाई गई? उनके नाम व खर्च की गई राशि सहित पृथक-पृथक बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसी कौन-कौन सी सड़कें हैं, जिनके निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं और कौन-कौन सी सड़कें हैं जिनके कार्य अधूरे है? कौन-कौन सी सड़कें हैं जो गुणवत्ताविहीन होने के कारण उखड़ गईं या जिनमें गड्ढे हो गये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। कोई नहीं, बनाई गई सड़कें मानक स्तर की है।
नदी/नालों पर पुलिया का निर्माण
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 886 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम लडावद नाले पर पुलिया निर्माण, ग्राम लालाखेड़ी गुर्जर में लखुन्दर नदी पर पुलिया एवं ग्राम लोहरवास नाले पर पुलिया निर्माण कार्य योजना शासन स्तर पर लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त ग्रामों की पुलिया निर्माण की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2017-18 में दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में मार्ग निर्माण एवं सेतु निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 907 ) श्री राजकुमार मेव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा जिला खरगोन (पश्चिम निमाड़) में विधानसभा क्षेत्रवार किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि के मार्ग निर्माण एवं सेतु निर्माण हेतु वर्ष 2016-17 में 2017-18 में स्वीकृति प्रदान की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दी जावे? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र महेश्वर में मार्ग निर्माण एवं सेतु निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कोई प्रस्ताव विभाग को प्रस्तुत किये गये है? यदि हाँ, तो कब-कब, किन-किन कार्यों के प्रस्ताव दिये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 की कार्य योजना में सम्मिलित किया गया है? क्या प्रस्तावों की डी.पी.आर. तैयार कराई गई है? यदि हाँ, तो कार्यवार विस्तृत जानकारी दी जावे? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में क्या प्रस्तावित मार्गों एवं सेतु निर्माण की स्वीकृति हेतु बजट में प्रावधान किये जाने हेतु सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एव 'अ-1' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना अंतर्गत तालाबों का निर्माण
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 908 ) श्री राजकुमार मेव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महेश्वर विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह में विभाग एवं प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने तालाबों के निर्माण अथवा अन्य सिंचाई योजना तैयार की जाकर प्रस्ताव स्वीकृति हेतु तैयार किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितनी योजनाएं कितनी राशि की स्वीकृत की गई? यदि नहीं,, की गई तो क्या कारण हैं? क्या विभाग द्वारा निर्मित तालाबों के रख-रखाव, नहरों का सुदृढ़ीकरण नवीन नहरों का निर्माण किये जाने हेतु कितना बजट प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजना में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह के लिये प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत एवं अन्य सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति एवं तालाबों के रख-रखाव, सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के पुन: निर्माण, नवीन नहरों के निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्ताव दिये गये एवं उन पर वर्तमान में क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में क्या विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कारण सहित स्थिति से अवगत करावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जल संसाधन विभाग में ए.आई.बी.पी., एस.एम.आई., आर.आर.आर. एवं केडवम के अंतर्गत कार्य कराए जाते हैं। महेश्वर विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत महेश्वर एवं बड़वाह में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक नई परियोजना का कोई भी प्रस्ताव स्वीकृत हेतु प्रस्तुत नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। तालाबों के रख-रखाव एवं सुदृढ़ीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है । शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता ।
मा.मुख्यमंत्री द्वारा किए गए उपवास की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
35. ( क्र. 923 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री द्वारा भोपाल में किसान आंदोलन के संबंध में किस दिनांक को किस समय से उपवास प्रारम्भ किया गया तथा किस दिनांक को किस समय उपवास समाप्त (खोला) किया गया इस अवधि में कौन-कौन सांसद, मंत्रीगण विधायक एवं उनके परिवार जन उपवास में शामिल हुये? (ख) उपवास स्थल पर टेंट, एसी कूलर, पंखे, फ्रिज एवं अन्य सम्पूर्ण विविध कार्य पर किये गये शासकीय खर्च की जानकारी दें तथा बतावें कि खर्च संबंधी राशि का भुगतान किस व्यक्ति (फर्म) संस्था को किस दर से किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपवास अवधि में मुख्यमंत्री जी ने कौन-कौन से शासकीय कार्य सम्पन्न किये तथा कितने किसान अथवा प्रतिनिधि मंडल (सदस्य संख्या भी बतावें) उनसे मिले तथा किस किसान अथवा प्रतिनिधि मंडल ने उनसे उपवास खत्म करने का अनुरोध किया नाम, गाँव का नाम, सहित बतावें? (घ) मुख्यमंत्री के उपवास किये जाने संबंधी नोटशीट की प्रति देवें तथा बतावें कि इस हेतु क्या महामहिम राज्यपाल से अनुमति ली गई तथा बतावें कि उपवास संबंधित विज्ञापन पर कितनी राशि खर्च की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा भोपाल में किसान आंदोलन के संबंध में दिनांक 10.06.17 को समय लगभग 11:30 बजे भेल दशहरा मैदान भोपाल में उपवास प्रारंभ किया गया तथा दिनांक 11.06.17 दोपहर 3:00 बजे उपवास खोला गया। उपवास स्थल पर आगंतुकों के आगमन का रिकार्ड संधारित नहीं किया गया। (ख) माननीय मुख्यमंत्रीजी के उपवास स्थल पर आमजन की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये नगरपालिका निगम भोपाल द्वारा स्थल के आस-पास साफ सफाई एवं पेयजल की व्यवस्था की गई थी। कानून व्यवस्था बनाये रखने एवं माननीय मुख्यमंत्रीजी की सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा उनके शयनकक्ष एवं शासकीय कार्य निष्पादन हेतु बैठक कक्ष का अस्थाई निर्माण मेसर्स भोपाल ग्लास एवं टेन्ट स्टोर इतवारा रोड भोपाल से कराया गया। जिसका देयक उनके द्वारा राशि रूपये 88,118.75 का प्रस्तुत किया गया है एवं मेसर्स मिश्रा रेडियो एंड इलेक्ट्रिकल्स 40, इतवारा रोड भोपाल द्वारा राशि रूपये 23,324.00 का देयक उनके द्वारा प्रस्तुत किया गया है। देयकों का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है। (ग) उपवास की अवधि में माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा वृक्षारोपण महाअभियान की समीक्षा, खरीफ की फसल की तैयारी की समीक्षा, हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा एवं ''स्कूल चलें हम'' एवं ''मिल बांचे हम अभियान'' की समीक्षा, शासकीय फाइलों का निष्पादन तथा किसानों एवं प्रतिनिधि मंडलों से भेंट की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान तथा प्रतिनिधि मंडल के लोग जिन में से 64 प्रतिनिधि मंडलों ने लिखित में किसानों की सार्वजनिक समस्याओं से जुड़े ज्ञापन दिये गये। जिन किसानों/प्रतिनिधि मंडलों ने मौखिक अनुरोध किया, उनकी जानकारी संधारित नहीं किये जाने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) संधारित अभिलेख के आधार पर जानकारी उपलब्ध नहीं है। उपवास संबंधित विज्ञापन पर व्यय राशि निरंक है।
टेण्डर प्रक्रिया
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 953 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग में निर्माण कार्य कराने हेतु ऑनलाईन टेण्डरिंग प्रक्रिया अपनायी जाती है व विभाग के द्वारा शासकीय दरों से कम दरों (ब्लो) पर टेण्डर स्वीकार किये जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में विभाग द्वारा कम दरों पर (ब्लोरेट) टेण्डर स्वीकार करने की क्या कोई अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकार्य अधिकतम ब्लो रेट की सीमा बतायी जावे और यदि यह सीमा निर्धारित नहीं की गई है तो क्या विभाग इस पर कोई विचार करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में क्या विभाग में ब्लो रेट के टेण्डर स्वीकार करने के कारण कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित होती है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस स्थिति को सुधारने के लिये अब तक क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? विवरण सहित बताया जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई सुविधा से वंचित ग्राम
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 954 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में नवनिर्मित राजापुर बांध (बरूआनाला) से निकलने वाली नहरों से प्रस्तावित कमाण्ड एरिया के कई गांव सिंचाई सुविधा से वंचित रह गये हैं? यदि हाँ, तो इसके प्रस्तावित एवं लाभान्वित तथा शेष रह गये गांवों की सूची कमाण्ड एरिया सहित दी जावे। साथ ही बतावें कि शेष रह गये गांवों में नहरों के निर्माण कार्य को अंतिम रूप कब तक दिया जा सकेगा? (ख) क्या ओरछा तहसील अंतर्गत राजघाट नहर परियोजना की नहरों से भी कई गांव लाभान्वित होने से वंचित रह गये हैं? यदि हाँ, तो उन गांवों के नाम बतायें तथा कारण भी बताया जावे कि उन गांवों में नहर का निर्माण क्यों नहीं किया जा सका है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में प्रश्नगत गांवों में सिंचाई सुविधा हेतु नहर विस्तार के लिये कोई सर्वेक्षण किया गया है? यदि नहीं, तो इन गांवों का सर्वेक्षण कब तक पूर्ण कर निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी में नव-निर्मित राजापुर बांध (बरूआनाला तालाब योजना) से निकलने वाली नहरें पूर्ण नहर हो पाने से दो गांव क्रमशः पोहाभाटा एवं पोहाखास आंशिक रूप से एवं निवाड़ीभाटा पूर्ण रूप से सिंचाई से वंचित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कमाण्ड क्षेत्र में सम्मिलित 10 ग्रामों के अतिरिक्त नहर विस्तार करने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (ख) राजघाट नहर परियोजना के अंतर्गत ओरछा तहसील में दतिया वाहक नहर से सिंचाई की जाती है जिसमें ओरछा डिस्ट्रीब्यूटरी की उपशाखाओं द्वारा कृषि हेतु जल प्रवाह किया जाता है। दोनों डिस्ट्रीब्यूटरी की निर्मित क्षमता 3383 हे. है। जिसमें कमाण्ड में आने वाले सभी ग्रामों को पानी दिया जा रहा है। कमाण्ड के अंतर्गत कोई भी ग्राम सिंचाई से वंचित नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
38. ( क्र. 1059 ) श्री हरवंश राठौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कब से लागू की गई है एवं प्रावधान क्या हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत क्या प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कार्ययोजना शासन को स्वीकृति हेतु कब भेजी गई एवं कार्ययोजना में कौन-कौन से कार्य सम्मिलित किए गए हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्र में नवीन तालाब, तालाबों के रख-रखाव, गहरीकरण जीर्णोद्धार, क्षतिगस्त स्टॉपडेमों की मरम्मत तथा सुदृढ़ीकरण एवं नहरों के निर्माण की स्वीकृति हेतु भी प्रस्ताव कार्ययोजना में सम्मलित किए गए हैं? (घ) उक्तानुसार भेजे गए प्रस्तावों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वर्ष 2016-17 से लागू है एवं वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक राशि रू. 2652.37 करोड़ के कार्यों का जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) में प्रावधान किया गया है। (ख) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत सागर जिले की जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) बनायी गई है। दिनांक 24.06.2016 को जिला योजना समिति से अनुमोदन उपरांत संचालनालय को दिनांक 21.09.2016 को प्राप्त हुई है,जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) में सम्मिलित कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। सभी कार्य जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) में सम्मिलित किये गये है। (घ) दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) का अनुमोदन किया जा चुका है। आगामी कार्यवाही प्रचलन में है।
खरीफ 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा की मुआवजा राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
39. ( क्र. 1070 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीमा कंपनियों को विषयांकित फसल के लिए किसानों द्वारा राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार द्वारा कितनी प्रीमियम की राशि दी जानी थी पृथक-पृथक बतायें? इनमें से कितनी-कितनी राशि बीमा कंपनियों को जमा कर दी गई है? इसकी भी जानकारी पृथक-पृथक दें? (ख) बालाघाट जिले में विषयांकित फसल के मुआवजे हेतु कितने कृषकों द्वारा बीमा कंपनी को विधिवत आवेदन किया गया? सहकारी सोसायटी अनुसार जानकारी दें? (ग) बालाघाट जिले में कितने किसानों के आवेदन बीमा कंपनियों द्वारा स्वीकृत कर फसल की नुकसानी का सर्वे करवाया गया? किसानों को दी गयी मुआवजा राशि के संबंध में जानकारी दें? (घ) समस्त प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद भी यदि किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली है तो इसके लिये शासन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा? क्या विषयांकित योजना को ऐच्छिक बनाने हेतु क्या शासन विचार करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम-रन्हाईकलां एवं कुकरावद के बीच नदी पर पुल/पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 1092 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 07/03/2017 को ग्राम रन्हाईकलां एवं कुकरावद के बीच नदी पर पुल/पुलिया निर्माण कराये जाने के संबंध में प्रस्तुत की गई याचिका पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) विभाग द्वारा उक्त स्थल पर पुल/पुलिया निर्माण कराये जाने के संबंध में कोई योजना अथवा प्रस्ताव पारित किया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त स्थल पर पुल/पुलिया का निर्माण कब तक कर लिया जावेगा? (घ) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रारंभिक सर्वेक्षण कराया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) वर्तमान में न तो स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है।
सुसरी नदी पर पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 1117 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम राखी बू में सुसरी नदी पर नवीन पुल निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के अनुसार कार्य स्वीकृत हो चुका हैं, तो कार्य कब तक प्रारम्भ हो जावेगा? विभाग के द्वारा वर्तमान में क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (ग) क्या वर्तमान में उक्त पुलिया का एक हिस्सा ध्वस्त हो जाने से लगभग 5-6 ग्रामों का सम्पर्क टूट चूका हैं व उन्हें 30-40 कि.मी. घूमकर जाना पड़ रहा हैं? क्या विभाग के द्वारा ग्रामीणों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो क्या एवं उसे कब तक अमल में लाया जावेंगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में निविदा का कार्य प्रक्रियाधीन होने से कार्य प्रारंभ की तिथि बताना संभव नहीं है चौथी बार निविदा आमंत्रित की गई है जो 17.07.2017 को खोली जाना है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। मार्ग एवं क्षतिग्रस्त विद्यमान पुल विभाग के अधीन नहीं। अत: प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
एम.डी.आर. मार्ग घोषित किया जाना
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 1133 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 3486 दिनांक 09 मार्च 2017 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) में क्या पूछा गया था कि एन.एच 7 मऊगंज एम.डी.आर. सड़क से मऊगंज घोघम पहुंच मार्ग हनुमना-बहरी-सीधी जिला मार्ग को जोड़ने वाले मार्ग की कुल लम्बाई 28.30 किमी. से गुजरने वाली 25817 जनसंख्या पूर्णत: ध्वस्त मार्ग से आवागमन कर रही है? इस मार्ग को एम.डी.आर. घोषित किये जाने हेतु मार्ग की कटेगरी बी का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, पुनर्निर्माण कराना आवागमन की दृष्टि से नितांत आवश्यक है? (ख) क्या मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग रीवा परिक्षेत्र रीवा का पत्र क्रमांक 592 दिनांक 01.05.2017 द्वारा मुरैठा से मझिगंवा मार्ग लंबाई 9.90 किलोमीटर अमहटा से पाँचर पहुंच मार्ग लंबाई 3.890 किलोमीटर, बीरादेई से पांती पहुंच मार्ग लंबाई 3 किमी. के मजबूतीकरण का प्राक्कलन प्रस्तुत कर मार्ग स्वीकृत कराये जाने हेतु प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण भवन मध्यप्रदेश भोपाल की ओर भेजा गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो (क) के प्रकाश में माननीय मंत्री जी द्वारा सदन में एम.डी.आर. मार्ग घोषित करने की घोषणा की गई थी? (घ) प्रश्नांश (क),(ख),(ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावे? घोषित एम.डी.आर. मार्ग एवं प्रश्नांश (ख) के मार्गों को कब तक बजट उपलब्ध कराकर पुनर्निर्माण कराया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। एम.डी.आर. घोषित किया जाना प्रस्तावित नहीं है। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। वर्तमान में न तो प्रस्तावित है और न ही किसी योजना में सम्मिलित है।
अधूरे निर्माण को पूरा कराया जाना
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 1134 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य्रपेदश सड़क विकास निगम रीवा द्वारा रीवा हनुमना फोरलेन का कार्य विन्ध्याचल एक्सप्रेस के द्वारा एवं मऊगंज से कटरा टू-लेन का निर्माण दिलीप बिल्डकॉन द्वारा एवं डी.बी.आर. कम्पनी द्वारा हनुमना-बहरी टू लेन का निर्माण कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो मऊगंज तहसील अन्तर्गत ग्राम पंचायत डगडौआ नं. 1 के सड़क के किनारे श्यामलाल मिश्रा के घर के पास नाली की खुदाई कर नाली का निर्माण एवं रीवा से हनुमना तक हैण्डपंप का प्रतिस्थापन का कार्य देवरा, बिझौली एवं अन्य स्थानों पर अभी बहुत शेष कार्य विन्ध्याचल एक्सप्रेस-वे द्वारा नहीं किया एवं ग्राम पंचायत हिड़वार के ग्राम ढढ़नी बस्ती में नाली खोदकर दिलीप बिल्डकॉन द्वारा छोड़ दिया गया तथा डी.बी.आर. द्वारा हनुमना नगर पंचायत एवं भुअरी आदि में नष्ट संरचनाओं का निर्माण प्रश्न दिनांक तक नहीं किये गये? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में प्रश्नकर्ता द्वारा उपरोक्त कार्य हेतु कई बार पत्राचार किया गया तथा श्यामलाल मिश्रा द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन में 8 जुलाई 2016 से 9 जून 2017 तक 4 बार शिकायत की गई, किन्तु निराकरण प्रतीक्षारत है? (घ) प्रश्नांश (क),(ख) एवं (ग) के प्रकाश में यदि कार्य पूर्ण किये गये हैं तो इसके लिए क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें? उपरोक्त कार्य कब तक पूर्ण कराये जावेंगे समय-सीमा बतावे? नहीं कराये जायेंगे तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) रीवा-हनुमना 4-लेन के कार्य में ग्राम डगडौआ, खटखरी, पन्नी, बहुती एवं बिझौली आदि गांवों में भू-अधिग्रहण के बाद भी नाली निर्माण में स्थानीय लोगों द्वारा विरोध जताने के कारण नाली निर्माण का कार्य अपूर्ण है। रीवा से हनुमना तक मार्ग पर बाधक हैण्डपंपों का प्रतिस्थापन भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार करा दिया गया है एवं मार्ग का निर्माण पूर्ण हो चुका है। ग्राम पंचायत हिडवार के ग्राम ढढ़नी में कच्ची नाली का निर्माण किया जाना था जो कि दिलीप बिल्डकॉन प्रा.लि. द्वारा किया गया है। अनुबंध के अनुसार हनुमना नगर पंचायत एवं भुअरी आदि में जी.व्ही.आर. कंपनी द्वारा किया गया कार्य पूर्ण है। (ग) सी.एम. हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत के निराकरण में भी शिकायतकर्ता को सूचित किया जा चुका है कि स्थल पर आबादी द्वारा जगह उपलब्ध न कराते हुये नाली निर्माण से रोका गया है। (घ) कार्य पूर्ण। अनुबंध के अनुसार मार्ग निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम 120 म.प्र. सिंचाई नियम 1974 में संशोधन प्रारूप
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 1184 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गजट नोटिफिकेशन क्र. 54 (जलसंसाधन विभाग) दिनांक 02/02/2012 में एक सूचना एवं संशोधन प्रारूप के माध्यम से यह पारित किया गया कि म.प्र. के किसान अपनी भूमि जो कि उद्वहन सिंचाई से सिंचाई कर रहे हैं वह माध्यम चाहे नदी, नाला, ट्यूबवेल या अन्य माध्यम हो, उनसे वही जल दर वसूल किया जो प्रवाह सिंचाई से वसूल किया जा रहा है? (ख) क्या यह संशोधन मात्र प्रारूप संशोधन या जिसमें सभी किसानों को 30 दिवस का समय उनकी दावे आपत्तियों के लिये पारित किया था? (ग) क्या इस प्रारूप संशोधन की आड़ में म.प्र. जल संसाधन विभाग ने जल दर वसूली की कार्यवाही शुरू कर दी है एवं करोड़ों रूपये की वसूली की जा रही है? (घ) क्या उक्त संबंध में विदिशा के किसानों द्वारा दिनांक 12.06.17 को मुख्य सचिव प्रमुख सचिव, जलसंसाधन विभाग विदिशा एवं मा. मुख्यमंत्री जी को संज्ञान में लाया गया था तथा प्रश्नकर्ता द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा था। यदि हाँ, तो उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जायेगी एवं किसानों से वसूली की कार्यवाही कब तक रोकी जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। गजट नोटिफिकेशन क्र. 54 दिनांक 02.02.2012 द्वारा प्रारूप संशोधन प्रकाशित किया गया था एवं सुझाव/आपत्तियों के लिए 30 दिवस का समय दिया गया था। गजट नोटिफिकेशन दिनांक 22.10.2012 के द्वारा नियम 120 में अंतिम संशोधन जारी किया गया है। राजपत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: प्रारूप संशोधन के आधार पर कोई कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। प्रमुख अभियंता से वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन चाहा गया है।
शासकीय या अशासकीय उपवास एवं खर्च की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 1205 ) श्री अजय सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 10 जून 2017 को माननीय मुख्यमंत्री भोपाल में किस स्थान पर शासकीय अथवा अशासकीय रूप से भोपाल में उपवास पर बैठे? स्पष्ट करें? (ख) उक्त उपवास के दौरान किन-किन विभागों की समीक्षा बैठकें हुई? किस-किस नाम/पदनाम के अधिकारी वहां किस-किस दिनांकों को मौजूद रहें? (ग) उक्त उपवास के दौरान किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? प्रश्नतिथि तक किस-किस मद में किस-किस को कितना भुगतान दे दिया गया हैं या देना बाकी हैं? (घ) उक्त उपवास के दौरान शासकीय रूप से व्यय की स्वीकृति किस दिनांकों को किस विभाग के किस नाम/पदनाम के अधिकारियों द्वारा दी? जारी सभी आदेशों की जानकारी उपलब्ध करायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी, भेल दशहरा मैदान भोपाल में शासकीय रूप से उपवास पर रहे। (ख) उपवास की अवधि में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा, ''वृक्षारोपण महाअभियान की समीक्षा'', किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग से संबंधित, ''खरीफ की फसल की तैयारी की समीक्षा'', चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत, ''हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा'' एवं स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित, ''मिल बांचे हम अभियान की समीक्षा'' एव अन्य शासकीय विभागों की फाईलों का निष्पादन किया गया। उपवास स्थल पर उपस्थित अधिकारियों के नाम एवं पदनाम संबंधी जानकारी संधारित नहीं किये जाने से दिया जाना संभव नहीं है। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी के उपवास के दौरान जिला प्रशासन द्वारा उनके शयन कक्ष एवं शासकीय कार्य निष्पादन हेतु बैठक कक्ष का अस्थाई निर्माण मेसर्स भोपाल ग्लास एवं टेंट स्टोर, इतवारा रोड भोपाल से कराया गया। जिसका देयक उनके द्वारा राशि रू. 88,118.75 किया गया है एवं मेसर्स, मिश्रा रेडियो एण्ड इलेक्ट्रीशियन 40, इतवारा रोड भोपाल, द्वारा राशि रू. 23,324.00 का देयक उनके द्वारा प्रस्तुत किया गया है। उक्त देयकों का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है। अत: प्रश्नांकित अवधि तक मदवार व्यय की जानकारी निरंक है तथा उपरोक्तानुसार राशि का भुगतान बकाया है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में भुगतान नहीं किया गया है।
मा.उच्च न्यायालय से पारित आदेशों का पालन
[सहकारिता]
46. ( क्र. 1224 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय में प्रचलित याचिका क्र. 16800/2011 एवं अन्य याचिकाओं में माननीय उच्च न्यायालय ने तिलहन संघ के सेवायुक्तों को 5वें एवं छठवें वेतनमान में निर्धारण करके याचिकाकर्ताओं को वेतन का भुगतान करने का निर्णय आदेश में पारित किया है? (ख) यदि हाँ, तो माननीय उच्च न्यायालय के आदेश में पारित निर्णय अनुसार शासन के विभाग कर्मचारियों को वेतन का भुगतान कर रहे हैं? यदि हाँ, तो विभागवार सूची उपलब्ध करायें? (ग) क्या शासन के कुछ विभाग माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में तिलहन संघ के सेवायुक्तों को 5वें एवं 6वें वेतनमान में निर्धारण करते हुए वेतन का भुगतान नहीं कर रहें है। यदि हाँ, तो विभागवार सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग ने माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश अनुसार समान प्रकरणों में निर्धारित अवधि अथवा 4 सप्ताह में माननीय न्यायालय के आदेश का पालन करने अथवा पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का निर्देश जारी किया है? यदि हाँ, तो इसके पालन में कितने विभाग (नामवार सूची) कार्यवाही प्रारंभ/पूर्ण कर चुके हैं। यदि नहीं, तो ऐसे विभागों के उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) याचिका क्रमांक 16800/2011 माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष अंतिम निर्णय हेतु लंबित है, अन्य याचिकाओं के संबंध में जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्याज खरीदी में अनियमितता
[सहकारिता]
47. ( क्र. 1289 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में किस दिनांक से कितनी दिनांक तक कितनी मात्रा में कितनी राशि का प्याज खरीदा गया? इस दौरान हम्माली, तुलाई, भंडारण परिवहन पर हुए व्यय की जानकारी जिलेवार देवें। (ख) प्याज खरीदी परिवहन की पूरी जानकारी देकर बतावें कि खरीदा गया प्याज किन स्थानों पर किन परिवहनकर्ताओं द्वारा पहुंचाया गया? खरीदी स्थान नाम, पहुंच स्थान नाम, परिवहनकर्ता फर्म का नाम, वाहन नंबर सहित देवें। इसके टेंडर की प्रमाणित प्रति टेंडर प्राप्तकर्ताओं के नाम सहित देवें? (ग) विगत वर्ष कुल कितना नुकसान शासन को उठाना पड़ा इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन ने क्या कार्यवाही की? इस वर्ष नुकसान न हो इसके लिए शासन ने क्या कदम उठाये हैं? (घ) इस वर्ष दिनांक 25.06.2017 तक खरीदे प्याज की जिलेवार जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दिनांक 04.06.2016 से 30.06.2016 तक, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार, परिवहनकर्ता फर्म, ट्रक वाहन नंबर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार, प्याज परिवहन हेतु टेण्डर आमंत्रित नहीं किये गये थे अपितु समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु निर्धारित परिवहन दरों पर परिवहन कार्य कराया गया। (ग) राशि रू. 1,06,24,66,993.89 प्याज की क्षरणशील प्रकृति होने एवं भण्डारण हेतु तकनीकी गोदाम न होने से क्षति हुई है जिसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शासन द्वारा उपार्जन अवधि के दौरान ही खपत वाले जिलों में एवं प्रदेश के बाहर नीलामी के माध्यम से विक्रय एवं उपार्जन करने वाले जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से प्याज का वितरण कराया गया है एवं उपार्जन अवधि के पश्चात उपार्जन वाले जिलों में नीलामी के माध्यम से एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरण की व्यवस्था की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार, शेष जानकारी संकलित की जा रही है।
नवीन सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
48. ( क्र. 1326 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत विगत 02 वर्षों में किन-किन सिंचाई परियोजनाओं के लिए साध्यता के आदेश जारी किए गए हैं? इनमें से किन-किन सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति हुई हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 681 दिनांक 19 जुलाई 2016 के उत्तरांश (ग) में क्षेत्रान्तर्गत 5 बैराज गुदरावन, छार्दा, देवपुर, पड़ाना एवं मेघाखेड़ी की साध्यता के आदेश जारी किए जाना एवं डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति की स्थिति नहीं आना बताया गया था तो क्या उक्तानुसार बैराज की डी.पी.आर. अंतिम स्थिति में आ गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति कब तक होगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रस्तावित बैराज की वर्तमान स्थिति का पृथक-पृथक पूर्ण विवरण देवें? कौन सी परियोजना किस स्तर पर, किस कारण से लंबित हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत विगत 02 वर्षों में 121 सिंचाई परियोजनाओं की साध्यता स्वीकृति के आदेश जारी किए गए। इनमें से 67 सिंचाई परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति दी जाना प्रतिवेदित है। जिलेवार, परियोजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) मेघाखेड़ी बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 20.09.2016 को जारी की जाकर निविदा स्वीकृत की जा चुकी है। प्रश्नांश में उल्लेखित गुदरावन, देवपुर एवं पाड़ना बैराज की डी.पी.आर. प्रक्रियाधीन है तथा छार्दा बैराज की डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में विवेचनाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
ऋण/अनुदान पर कृषि यंत्रों, दवाइयों एवं बीज का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
49. ( क्र. 1327 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा अनुदान पर किन-किन कृषि यंत्रों का एवं कीटनाशक या खरपतवार नाशक दवाइयों, खाद एवं बीज का प्रदाय किया जाता हैं? योजनावार पूर्ण प्रक्रिया, पात्रता सहित पूर्ण विवरण देवें? (ख) विभाग द्वारा ऋण उपलब्ध करा कर किन-किन कृषि यंत्रों का प्रदाय किया जाता हैं? योजनावार पूर्ण प्रक्रिया, पात्रता सहित पूर्ण विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित योजना अंतर्गत विगत 02 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने कृषकों को लाभान्वित किया हैं? क्या इसमें निर्धारित प्रक्रिया एवं पात्रता का पूर्ण पालन किया गया हैं? यदि हाँ, तो मानीटरिंग किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित योजना अंतर्गत विगत 02 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने कृषकों को लाभान्वित किया है? क्या बैंकों द्वारा आवश्यक सहयोग प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन बैंकों ने कितना-कितना ऋण दिया? बैंकवार पूर्ण विवरण देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नांश की शेष जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) से (ड.) की जानकारी एकत्र की जा रही है।
बनखेडी-उमरधा-सांडिया मार्ग के निर्माण
[लोक निर्माण]
50. ( क्र. 1332 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अन्तर्गत बनखेडी-उमरधा– सांडिया मार्ग का वर्क आर्डर किस दिनांक में हुआ? (ख) वर्क ऑर्डर के पश्चात आज दिनांक तक ठेकेदार को कितना कार्य किये जाने का लक्ष्य प्रदान किया गया था एवं वर्तमान में कितना कार्य किया गया? (ग) लक्ष्य के अनुसार यदि कार्य नहीं किया गया है तो क्या ठेकेदार पर कार्यवाही की जाना सुनिश्चित किया जावेगा? नहीं तो क्यों? (घ) क्या ठेकेदार द्वारा समय पर कार्य न करने व लक्ष्य प्राप्ति न होने के कारण विभाग द्वारा ठेकेदार को कोई नोटिस जारी किया गया? यदि हाँ, तो कौन-कौन से नोटिस जारी किये गये तथा इन नोटिसों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? नोटिसवार जानकारी प्रदान करें। (ड.) वर्तमान में ठेकेदार को किस-किस कार्य का कितना भुगतान किया जा चुका है तथा कितना भुगतान किया जाना शेष हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 30.06.2016 को हुआ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुबंध में प्रावधानित शर्तों के अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय आवासों की जानकारी
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 1335 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वारासिवनी नगर में कुल कितने शासकीय आवास है? संख्या सहित जानकारी देवें। (ख) क्या वारासिवनी नगर में अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा शासकीय आवास के पट्टे बांट दिये गये है? हां, या नहीं? (ग) उक्त अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ विभाग क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शासकीय आवास अधिकारियों/कर्मचारियों को पदस्थापना के दौरान रहने हेतु आवंटित किये जाते है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषि केबिनेट की बैठकों का आयोजन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
52. ( क्र. 1406 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा कृषि केबिनेट का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो कब और किन उद्देश्यों के लिए? क्या केबिनेट में सदस्य नामांकित किए गए हैं यदि हाँ, तो अध्यक्ष सहित सदस्यों की कृषि योग्यता, विशेषज्ञता का ब्यौरा दें? (ख) क्या कृषि केबिनेट के गठन के बाद बैठकों का आयोजन किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब, किन-किन विषयों पर चर्चा/निर्णय हुए/बैठकवार ब्यौरा दें? (ग) क्या कृषि केबिनेट में नीतिगत सुझावों को लिया गया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें तथा उन नीतियों पर अब तक क्या और किस स्तर पर पालन किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है।
किसानों का विदेश भ्रमण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
53. ( क्र. 1407 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा प्रश्न दिनांक से विगत 3 वर्ष के दौरान कृषि अध्ययन अथवा प्रदर्शन के लिए किसानों के दल विदेश भ्रमण पर भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो कब और किस देश में भ्रमण पर कितने किसान गए वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) क्या किसानों के दल के साथ कृषि अथवा अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी विदेश भ्रमण किया है? यदि हाँ, तो यात्रावार अधिकारियों के नाम सहित ब्यौरा दें? (ग) क्या शासकीय अधिकारियों ने पृथक व स्वतंत्र रूप से विदेश भ्रमण किया है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी ने किस प्रयोजन के लिए विदेश यात्रा की? यात्रावार वर्षवार ब्यौरा दें। (घ) क्या कृषक दल और अधिकारियों के विदेश भ्रमण का खर्च शासन द्वारा व्यय किया गया है? यदि हाँ, तो यात्रावार खर्च का ब्यौरा एवं किस मद से भुगतान किया गया? पूर्ण ब्यौरा दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। म.प्र. शासन के निर्देशानुसार ''मुख्यमंत्री विदेश अध्ययन यात्रा योजना'' मद के अंतर्गत वर्ष 2014-15 में मंडी बोर्ड की बोर्ड निधि से राशि रूपयें 64,37,040/- राशि का भुगतान शासन द्वारा अधिकृत एजेंसी एस.एफ.ए.सी. नई दिल्ली को किया गया।
कृषि विकास दर निर्धारण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
54. ( क्र. 1408 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा कृषि विकास दर निर्धारण के लिए वर्ष 2004-05, 2013-14 और 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कौन-कौन सी फसलों के उत्पादन के आंकड़े सम्मिलित किए गए थे? सम्मिलित आंकड़ों का वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दी गई सम्मिलित फसलों का उत्पादन का फसल ब्यौरा प्रदान करें एवं बोई गई फसलों का फसलवार वर्षवार बोनी का रकबा का ब्यौरा दें? (ग) कृषि विकास दर की गणना में शामिल विभिन्न वर्ग जैसे कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, वानिकी, मत्स्य पालन आदि का वर्गवार वर्षवार, उत्पादनवार ब्यौरा प्रदान करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है।
जमीन का हस्तांतरण
[जल संसाधन]
55. ( क्र. 1427 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग सिहोरा जिला जबलपुर के अधीन अनुपयोगी जमीन ख.नं. 1214/1 रकबा 0.101 एवं 1214/2 रकबा 1.023 को क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नगर पालिका सिहोरा को सार्वजनिक पार्क हेतु हस्तांतरण किये जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है तथा इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा 17/12/16 से प्रश्न दिनांक तक कई बार पत्राचार किये जा चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) नगर पालिका सिहोरा को कब तक जमीन हस्तांतरित कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) मान. प्रश्नकर्ता का पत्र दिनांक 24.04.2017 प्राप्त हुआ था। जल संसाधन विभाग द्वारा प्रश्नाधीन भूमि राजस्व विभाग को पत्र दिनांक 10.07.2017 द्वारा हस्तांतरित कर दी गई है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सतना वि.स. क्षेत्र में सड़कों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 1462 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधान सभा क्षेत्र में विभाग की कितनी सड़कें कहाँ-कहाँ स्वीकृत हैं? स्वीकृत सड़कों का नाम व लागत के साथ पूर्ण विवरण बतायें। (ख) कौन-कौन सी सड़कें पूर्ण हो गई है और कितनी सड़कें अपूर्ण हैं? सड़कें अपूर्ण रहने का क्या कारण है? (ग) प्रस्तावित सड़कें कब तक पूर्ण करा ली जावेंगी? विलम्ब के लिये दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) निश्चित तिथि बताना संभव नहीं। विलंब के लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समिति के सहायक सचिव की शिकायत
[सहकारिता]
57. ( क्र. 1531 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 10 दिनांक 22 फरवरी 2017 के संदर्भ में बताए कि ओंडेर सोसायटी के अध्यक्ष राजाबाबू दांगी द्वारा जब सहायक सचिव अरविंद शर्मा की शिकायत की तो उस पर कार्यवाही कर सहायक सचिव को हटाकर या वहाँ पूर्णकालीन सचिव भेजने के बजाय अध्यक्ष राजाबाबू दांगी को ही पद से हटा देने का क्या कारण हैं? (ख) उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (क) का परिशिष्ट तीन में बिन्दु 14 में सहायक सचिव अरविंद शर्मा के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई व भले न्यायालय से स्थगन मिला हो पर उन्हें गेहूँ वितरण से अलग कर वहाँ पूर्णकालीन सचिव क्यों नहीं भेजा जा रहा है तथा बाकी सभी बिन्दुओं में प्रश्नकर्ता के पत्र व शिकायतों पर औपचारिकताएँ पूरी कर कार्यवाही के लिये भेजने का लिखा है, उन सभी में आज तक क्या कार्यवाही हुई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या., ओंडेर के अध्यक्ष राजाबाबू दांगी द्वारा सहायक समिति प्रबंधक, श्री अरविंद शर्मा के विरूद्ध की गई शिकायत जाँच में अप्रमाणित पायी गई। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., गुना के अंतर्गत समिति प्रबंधकों के पदों की अत्यधिक कमी होने के कारण पूर्णकालिक सचिव की व्यवस्था नहीं की जा सकी। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या., ओंडेर के 7 संचालक सदस्य जिनमें अध्यक्ष श्री राजाबाबू दांगी भी शामिल हैं, 12 माह से अधिक अवधि के व्यतिक्रमी होने के कारण संस्था के संचालक मंडल को मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (12) के अंतर्गत हटाया गया है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या., ओंडेर के सहायक समिति प्रबंधक श्री अरविंद शर्मा के विरूद्ध खाद्य विभाग, जिला अशोकनगर द्वारा एफ.आई.आर दर्ज करायी गई। उक्त एफ.आई.आर. के विरूद्ध श्री अरविंद शर्मा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, ग्वालियर में दायर याचिका में माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., गुना में समिति प्रबंधकों के अत्यधिक कमी होने के कारण समिति में पूर्णकालिक समिति प्रबंधक की व्यवस्था नहीं की जा सकी। शेष सभी बिन्दुओं पर की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
फसल बीमा योजना का पंजीयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 1584 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फसल बीमा योजना संपूर्ण मध्यप्रदेश में लागू है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो फसल बीमा योजना में पंजीयन करवाये जाने हेतु नियम एवं योजना से प्राप्त होने वाले लाभ की जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर के कितने कृषकों द्वारा फसल बीमा योजना में पंजीयन कराया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जिन कृषकों का पंजीयन हुआ है उनमें से कितने कृषकों को योजना का लाभ प्रदान किया गया? सूची उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषकों को अनुदान राशि का भुगतान
[सहकारिता]
59. ( क्र. 1603 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल/सागर संभाग अन्तर्गत कृषक सहकारी समितियों से वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किसानों द्वारा कितना कितना बीज खरीफ एवं रबी की बोनी हेतु उठाया गया है। उक्त बीज पर प्रति क्विंटल शासन द्वारा कितना अनुदान कृषकों को दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समितियों द्वारा उठाये गये बीज पर मिलने वाले शासकीय अनुदान का शासन से कितने क्विंटल का क्लेम किया गया है? यदि हाँ, तो क्या अनुदान राशि का कृषकों के खाते में समायोजन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, तो कितनी अनुदान राशि कृषकों से वसूल की गई तथा कितना ब्याज उक्त राशि पर वसूला गया या लेना बाकी है? समितिवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो कृषकों को होने वाली अनुदान राशि की हानि के लिए कौन उत्तरदायी हैं एवं उनके ऊपर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) भोपाल एवं सागर संभाग के बीज उठाव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कृषकों को दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) शासन से अनुदान क्लेम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार, जानकारी एकत्र की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र के किसानों को मुआवजा वितरण राशि
[जल संसाधन]
60. ( क्र. 1610 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कुण्डालिया वृहद सिचाईं परियोजना का निर्माण किस दिनांक से प्रारम्भ होकर आज पर्यन्त तक कितने प्रतिशत कार्य हो चुका है? भौतिक एवं वित्तीय प्रगति से अवगत करावें? (ख) डूब क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के कुल कितने ग्राम प्रभावित हो रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत सारंगपुर तहसील के ग्राम कालापीपल एवं सामगीघाटा के डूब प्रभावित कृषकों को पूर्व में भू-अर्जन अधिकारी द्वारा चिन्हित किया गया था किन्तु अब उनमें से अधिकांश कृषकों एवं ग्रामवासियों को किस आधार पर अप्रभावित बताया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित ग्रामों में यदि जल भराव का स्तर कम किया गया है तो सम्पूर्ण बांध की डिजाईन एवं लागत में होने वाले परिवर्तन से नवीन लागत एवं डिजाईन के सापेक्ष तुलनात्मक जानकारी से अवगत करावे? (ड.) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत क्या डेम के जल भराव क्षेत्र के बिल्कुल समीप रहने वाले परिवारों को जहरीले जीव-जन्तुओं एवं जल भराव क्षेत्र में रहने से होने वाली बीमारियों से निपटने हेतु विभाग कोई सुविधाएं उपलब्ध कराएगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियोजना का कार्य दिनांक 05.05.2015 से प्रारंभ होकर दिनांक 30.06.2017 तक निर्माण कार्य एवं भू-अर्जन की लागत सहित रू. 984.35 करोड़ व्यय होकर भौतिक प्रगति 28.54 प्रतिशत है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत परियोजना के डूब क्षेत्र में 11 ग्राम प्रभावित होना प्रतिवेदित है। (ग) ग्राम कालापीपल एवं सामगीघाटा के डूब प्रभावित कृषकों की संपत्तियों का प्राथमिक सर्वेक्षण कार्य एजेंसी द्वारा किया गया था। विभागीय अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन किए जाने के आधार पर जो मकान जलाशय के अधिकतम जलस्तर (एम.डब्ल्यू.एल) तक की सीमा में डूब में आ रहे है, उनकों नियमानुसार डूब प्रभावित मान्य किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) परियोजना के रूपांकन एवं बांध के जल स्तर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। सर्वेक्षण कार्य हेतु निर्धारित एजेंसी द्वारा प्राथमिक सर्वे के पश्चात विभागीय सत्यापन में डूब में आने वाले मकानों की संख्या में परिवर्तन आना प्रतिवेदित है। (ड.) विभाग के अधीन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कानून व्यवस्था की शांति बहाली हेतु उपवास
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
61. ( क्र. 1644 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी दिनांक 10 एवं 11 जून 2017 को भोपाल के भेल दशहरा मैदान में उपवास करने हेतु अस्थाई टेंट/डोम आदि अत्यावश्यक व्यवस्थाओं के साथ बैठे थे? (ख) यदि हाँ, तो मा. मुख्यमंत्री जी को उपवास पर किन कारणों को लेकर बैठने को विवश होना पड़ा एवं किन परिस्थितियों में उपवास तोड़ा गया ब्यौरा दें? (ग) क्या मुख्यमंत्री जी का उपवास संघीय व्यवस्था के अनुकूल था या नहीं स्पष्ट करें एवं मा. महामहिम राज्यपाल महोदय, म.प्र. से उपवास पर बैठने के पहले अनुमति/सलाह ली गई थी? यदि हाँ, तो उन्होंने क्या सलाह दी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त अवधि में उपवास स्थल पर कौन-कौन से शासकीय कार्य संपादित किये गये? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त उपवास स्थल पर टेंट/डोम एसी आदि अन्य की व्यवस्था पर कितनी-कितनी राशि किस-किस मद से व्यय की गई? इस व्यवस्था हेतु कार्यादेश किस-किस को दिए गये थे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी, को किसान/किसान संगठनों द्वारा किसानों से संबंधित सार्वजनिक समस्याओं के शांतिपूर्ण निराकरण एवं प्रदेश में शांति का माहौल बनाये रखने हेतु उपवास पर बैठे एवं किसान संगठनों तथा गणमान्य जनप्रतिनिधियों के अनुरोध पर उपवास तोड़ना पड़ा। (ग) संधारित अभिलेख के आधार पर जानकारी उपलब्ध नहीं है। (घ) उपवास की अवधि में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वृक्षारोपण महाअभियान की समीक्षा, खरीफ की फसल की तैयारी की समीक्षा, हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा एवं ''स्कूल चलें हम'' एवं ''मिल बांचे हम अभियान'' की समीक्षा, शासकीय फाईलों का निष्पादन तथा किसानों एवं प्रतिनिधि मंडलों से भेंट की गई। (ड.) माननीय मुख्यमंत्री जी के उपवास स्थल पर आमजन की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये नगर पालिका निगम भोपाल द्वारा स्थल के आस-पास साफ सफाई एवं पेयजल की व्यवस्था की गई थी। कानून व्यवस्था बनाये रखने एवं माननीय मुख्यमंत्री जी की सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा उनके शयनकक्ष एवं शासकीय कार्य निष्पादन हेतु बैठक कक्ष का अस्थाई निर्माण मेसर्स भोपाल ग्लास एवं टेंट स्टोर इतवारा रोड भोपाल से कराया गया। जिसका देयक उनके द्वारा राशि रू. 88,118.75 का प्रस्तुत किया गया है एवं मेसर्स मिश्रा रेडियो एण्ड इलेक्ट्रिकल्स 40, इतवारा रोड भोपाल द्वारा राशि रू. 23,324.00 का देयक उनके द्वारा प्रस्तुत किया गया है। देयकों का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है।
समर्थन मूल्य पर खरीद
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
62. ( क्र. 1711 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2016-17 में जबलपुर जिला अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर अरहर (राहर) खरीदी हेतु केन्द्र खोले गये तथा खरीदी केन्द्रों में कब-कब किस-किस की किस दर से कितना-कितना दलहन (अरहर) समर्थन मूल्य पर खरीदा गया? केन्द्रवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में खरीदे गये अरहर का कितने कृषकों को कितना-कितना भुगतान किस प्रकार से किया गया तथा कितना भुगतान प्रश्न दिनांक तक शेष था? क्या कृषकों को अरहर खरीद पर दिये गये चेक खाते में पैसा न होने के कारण बाउंस हो रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है, समर्थन मूल्य पर अरहर खरीद का कृषकों का बकाया भुगतान किस प्रकार से कब तक कर दिया जावेंगा? (घ) प्रदेश में किन-किन कृषि उपज मंडियों में सिंघाड़ा गोटी का विक्रय होता है तथा इन मंडियों में वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी-कितनी मात्रा में सिंघाड़ा गोटियों का विक्रय हुआ, नीलामी की वर्षवार न्यूनतम बोली एवं अधिकतम बोली सहित सूची देवें? (ड.) क्या शासन अन्य कृषि उपज की तरह सिंघाड़ा गोटी ब्रिकी का भी समर्थन मूल्य घोषित करेगा तथा अन्य कृषि उत्पादन करने वाले सिंघाड़ा उत्पादक कृषकों को अधिक वर्ष या अल्पवर्ष की स्थिति में सिंघाड़ा उत्पादन प्रभावित होने पर मुआवजा राशि तथा फसल बीमा की सुविधा प्रदान करेगा। यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 में जबलपुर जिले में कृषि उपज मंडी में विपणन सहकारी समिति जबलपुर को केन्द्र स्थापित कर समर्थन मूल्य पर अरहर 8164.50 क्विंटल की खरीदी रूपये 5050/- प्रति क्विंटल की दर से क्रय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अरहर मात्रा की खरीदी 201 किसानों से की गई है एवं समर्थन मूल्य की दर अनुसार राशि रूपये 4,12,30,725/- (चार करोड़ बारह लाख तीस हजार सात सौ पच्चीस रूपये) का भुगतान किसानों को चेक के माध्यम से किया गया है। चेक बाउन्स की शिकायत प्रतिवेदित होना नहीं पाया गया। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदेश में जबलपुर संभाग अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति सिहोरा एवं कटनी में सिंघाड़ा गोटी का विक्रय होता है। प्रश्नांश (घ) की शेष जानकारी एकत्र की जा रही है। (ड.) जी नहीं। वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 1718 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग विभाग की पुस्तक में दर्ज हैं? इनकी लम्बाई तथा वर्तमान स्थिति क्या है? क्या पुस्तक में दर्ज सभी मार्गों पर डामरीकृत सड़क निर्माण हो गया है? यदि नहीं, तो ऐसे कितने मार्ग शेष बचे हैं जिन पर डामरीकृत सड़क का निर्माण किया जाना है? इसके लिए विभाग की क्या योजना है? (ख) क्या जो मार्ग विभाग की पुस्तक में दर्ज नहीं हैं उनका डामरीकरण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है? यदि नहीं, तो ऐसे मार्ग जहां ग्रामीणों का अधिक आवागमन है तथा ये मुख्य मार्ग से जुड़े हुए हैं इन्हें विभाग की पुस्तक में दर्ज किए जाने अथवा इन पर डामरीकरण सड़क बनाए जाने के क्या नियम हैं? (ग) विगत 5 वर्षों में सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग के ऐसे कितने पुराने रोड हैं जिनका संधारण विभाग या ठेकेदार द्वारा किया गया? कब व कितनी लम्बाई की सड़क का संधारण किसके द्वारा किया गया मय लागत जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। अपितु नवीन मार्गों को योजना मद में स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत विगत पाँच वर्षों में से वर्ष 2013-14 में रतलाम-सैलाना-बांसवाड़ा मार्ग लंबाई 43.58 कि.मी. का संधारण जोनल कान्ट्रेक्ट के तहत ठेकदार श्री जगदीश प्रसाद शर्मा अनुबंध क्रं. 45/2013 एवं कार्यादेश दिनांक 26.09.2013 में स्वीकृत राशि 69.65 लाख होकर मार्ग पर कुल राशि रूपये 25.45 लाख का व्यय किया गया है, जिसमें सैलाना विधानसभा क्षेत्र का भाग शामिल है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
64. ( क्र. 1719 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष २०१२-१३ से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किस किस योजनान्तर्गत लाभान्वित किया गया? इस पर कितना व्यय हुआ वर्षवार योजनावार मय लागत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभाग द्वारा उद्यानिकी मिशन अंतर्गत नीबू एवं संतरे के बगीचे लगाए जाने हेतु कृषकों को अनुदान दिया जाता है? इसकी पात्रता की क्या शर्तें हैं तथा इसमें शासन द्वारा दिए जाने वाले अंशदान की जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या आदिवासी बाहुल्य विकासखंड में विभाग द्वारा कोई विशेष योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावे? यदि नहीं, तो क्या विभाग इस संबंध में कोई कार्ययोजना बनाएगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत नींबू एवं संतरे के बगीचे लगाने हेतु अनुदान दिया जाता है। पात्रता की प्रमुख शर्त में कृषक के पास स्वयं की भूमि एवं सिंचाई का साधन होना तथा विभागीय पोर्टल पर आधार नम्बर के साथ ऑनलाईन पंजीयन/आवेदन आवश्यक है। सफलतापूर्वक रोपण होने पर निर्धारित इकाई लागत का 40 प्रतिशत अनुदान तीन वर्षों में 60:20:20 के अनुपात में देय है। (ग) आदिवासी बाहुल्य विकासखण्डों में अलग से कोई विशेष योजना संचालित नहीं है। विभाग में संचालित योजनाएँ ही आदिवासी बाहुल्य विकासखण्डों में लागू हैं, पृथक से कोई योजना संचालित करना विचाराधीन नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को सस्ती दरों पर कृषि उपकरण उपलब्ध करवाए जाना
[सहकारिता]
65. ( क्र. 1729 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2010 से 2013 के मध्य मध्यप्रदेश की विपणन सहकारी समिति को शासन द्वारा कृषकों को खेती हेतु सस्ती किराया दर पर कृषि उपकरण (ट्रेक्टर एवं सहायक उपकरण) उपलब्ध कराए गए है? भोपाल संभाग अंतर्गत किस समिति को कौन-कौन से उपकरण उपलब्ध करवाए गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त उपकरण प्रदाय वर्ष से वर्तमान वर्ष तक भोपाल संभाग अन्तर्गत किस किस विपणन सहकारी समितियों द्वारा किस किराया दर पर कृषकों को उपलबध कराये गये हैं? समिति को कितनी आय हुई है, समितिवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) वर्तमान में उक्त उपकरण कहाँ पर है? क्या वह चालू अवस्था में है, यदि नहीं, तो उक्त उपकरणों की अभी तक नीलामी की कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? समितिवार जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपकरणों की स्थिति एवं वर्तमान अवस्था विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि को गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में खर्च करना
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 1731 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र मांग संख्या 42 पर खर्च की जाने वाली राशि को गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में खर्च करने संबंधी प्रश्नकर्ता के शिकायत पत्र की जाँच हेतु प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अपने पत्र क्रमाक 47/566/16/3-25 भोपाल दिनांक 04/05/2016 के द्वारा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग भोपाल को पत्र पर जाँच कराने के साथ ही कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराने पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक शिकायत की जाँच किन अधिकारी द्धारा कराई गई, जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा संबंधित जिले में जाकर कब-कब जाँच की गयी, जाँच प्रतिवेदन कब प्राप्त हुआ, जाँच प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) शिकायत पत्र की जाँच हेतु कब आदेशित किया गया, क्या जाँच प्रतिवेदन विभाग को प्राप्त हुआ, यदि हाँ, तो शिकायतकर्ता को उपलब्ध नहीं कराने का क्या कारण रहा हैं? (घ) जाँच पूर्ण नहीं होने की स्थिति में विलम्ब का कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत की जाँच अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग सिवनी मण्डल सिवनी एवं अधीक्षण यंत्री सेतु मण्डल जबलपुर से कराई है। मुख्य अभियंता जबलपुर से दिनांक 16.03.2017 एवं मुख्य अभियंता सेतु भोपाल से दिनांक 26.05.2017 से प्रमुख अभियंता को प्राप्त हुई। दिनांक 06.06.2017 को जाँच प्रतिवेदन शासन को प्राप्त हुआ जो दिनांक 16.06.2017 को प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग को प्रेषित किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शिकायत की जाँच हेतु शासन के पत्र क्रमांक 13/3041/2016/19/यो भोपाल, दिनांक 08.06.2016 द्वारा आदेशित किया गया। जी हाँ। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सर्किट हाउस एवं रेस्ट हाउस कक्षों का संधारण
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 1735 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर शहर में लोक निर्माण विभाग के कितने सरकारी विश्राम भवन एवं विश्राम गृह कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त भवनों के प्रत्येक कमरों में क्या-क्या सुविधा उपलब्ध है? कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी इसकी देख-रेख हेतु लगे हैं? (ग) दिनांक 16 जून 2017 को ग्वालियर स्थित पी.डब्ल्यू.डी.के सर्किट हाउस के कौन-कौन से कक्ष किस-किस के लिए आरक्षित किए गए थे? कितने लोगों की उक्त तिथि में रुकने हेतु सूचना प्राप्त थी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण संभाग क्रमांक-1, ग्वालियर के अंतर्गत दो विश्राम भवन एवं दो विश्राम गृह है। एक उच्च विश्राम भवन-7 नं. चौराहा, मुरार में तथा दूसरा विश्राम भवन, गांधी रोड पर स्थित है। नवीन विश्राम गृह एवं पुराना विश्राम गृह, गांधी रोड पर स्थित है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में दर्शाये गये विश्राम भवनों एवं विश्राम गृहों में निम्नानुसार सुविधा उपलब्ध हैः- (1) उच्च विश्राम भवन मुरारः- इस भवन में चार कक्ष है एवं चारों कक्ष में टी.व्ही. फर्नीचर (सोफा) सहित वातानुकूलित है। (2) विश्राम भवन गांधी रोड :- इस विश्राम भवन में 06 कक्ष है एवं सभी कक्ष टी.व्ही. फर्नीचर (सोफा) सहित वातानुकूलित है। (3) नवीन विश्राम गृह गांधी रोड:- इस विश्राम गृह में 08 कक्ष है जिसमें सभी कक्ष सोफा सहित फर्नीचरयुक्त है तथा 07 कक्षों में पंखे एवं कूलर लगे हुये है। मात्र एक कक्ष क्रमांक-4 वातानुकूलित है। (4) पुराना विश्राम गृहः- इस विश्राम गृह में 07 कक्ष एवं 01 डारमेटरी हाल है। कक्ष क्रमांक 01, 02, 03, 04 एवं 05 फर्नीचर, सोफा सहित है तथा शेष 03 कक्ष फर्नीचर युक्त है। विश्राम गृह के 07 कक्षों में पंखे एवं कूलर लगे हुये है मात्र एक कक्ष क्रमांक- 04 वातानुकूलित है। (ग) दिनांक 16/06/2017 को ग्वालियर स्थित सर्किट हाउस के कक्षों का आवंटन संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर सूची में दर्शाये अनुसार किया गया था। इस संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
प्रदेश के सर्किट हाउस एवं रेस्ट हाउस में रुकने हेतु नियम
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 1736 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सर्किट हाउस एवं रेस्ट हाउस में रुकने हेतु क्या नियम हैं? इनमें कक्ष का आवंटन किस वरीयता क्रम में किया जाता है? सूची प्रदाय करें। (ख) प्रदेश के सर्किट हाउस एवं रेस्ट हाउस में कक्षों का आवंटन कौन अधिकारी करता है? (ग) मध्य प्रदेश विधानसभा सदस्य प्रदेश के किसी भी सर्किट हाउस एवं रेस्ट हाउस में रुकना चाहें तो उसे क्या करना होगा? उनको किस प्रकार की सुविधा प्रदाय की जाती है? किस वरीयता क्रम में कक्ष आवंटित किया जाता है। किस प्रकार का कक्ष आवंटित किया जाता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) म.प्र. के सर्किट हाउस एवं रेस्ट हाउस में रूकने हेतु म.प्र. विश्राम भवन/विश्राम गृह अधिभोग नियम 2001 है। जिसमें कक्ष आवंटन वरियता क्रम एवं सूची दर्शित है। (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार) (ख) प्रदेश के सर्किट हाउस में आरक्षण सामान्यतः जिला प्रशासन के अधिकृत अधिकारी एवं रेस्ट हाउस में आरक्षण लोक निर्माण विभाग के अधिकारी या जिला प्रशासन के अधिकारी द्वारा किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
स्टेट हाईवे एवं एम.डी.आर. सड़कों के कार्य
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 1740 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा वर्ष २०१५-१६, २०१६-१७ में किन-किन स्टेट हाईवे का सुदृढ़ीकरण, उन्नतीकरण अथवा नवीनीकरण किया कितनी राशि इन कार्यों पर व्यय हुई? (ख) एम.पी.आर.डी.सी. ने उपरोक्त अवधि में अधोसंरचना परियोजना क्रियान्वयन दिशा में क्या- क्या कार्य संपन्न कराए? (ग) उज्जैन संभाग के कितने एवं कौन-कौन से स्टेट हाईवे जर्जर स्थिति में हैं? इनके सुधार हेतु क्या कदम उठाये गये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. सड़क विकास निगम संभाग उज्जैन के अंतर्गत कोई भी राज्यमार्ग जर्जर स्थिति में नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के तहत दिये जाने वाले विज्ञापन
[जनसंपर्क]
70. ( क्र. 1748 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न जिलों में दिनांक 01-जुलाई-2017 तक दिये गये। विषयांकित विज्ञापनों की जानकारी, जिलेवार विज्ञापन देने वाले का नाम विज्ञापन की राशि सहित उपलब्ध कराये? (ख) बालाघाट जिले में विषयांकित के तहत उक्त दिनांक तक दिये गये विज्ञापनों की जानकारी पत्र-पत्रिकाओं के नाम तथा राशि सहित जानकरी दें? (ग) क्या बालाघाट सहित संपूर्ण प्रदेश में विषयांकित के मोनो का उपयोग करके भारतीय जनता पार्टी द्वारा विज्ञापन पार्टी के नाम से छपाकर सरकारी राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? (घ) बालाघाट जिले के ऐसे विज्ञापन जिनमें विषयांकित के मोनो का तो उपयोग किया गया है किन्तु विज्ञापन जारी करने वाले का नाम तक नहीं दिया गया है? ऐसे पत्र-पत्रिकाओं पर शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा क्या उनसे विषयांकित की शासकीय राशि वापस ली जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न में प्रारंभिक दिनांक की स्थिति उल्लेखित नहीं होने के कारण स्थिति स्पष्ट नहीं। जिलेवार प्रदर्शन विज्ञापन जारी नहीं किये जाते है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जनसंपर्क संचालनालय द्वारा डी तथा जी नम्बरों से प्रदर्शन/वर्गीकृत विज्ञापन जारी किये जाते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जंजाली से मधुसूदनगढ़ मार्ग की जाँच
[लोक निर्माण]
71. ( क्र. 1753 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में जंजाली से मधुसूदनगढ़ सड़क का निर्माण कब कराया गया तथा इसकी लागत क्या आई? (ख) निर्माण कार्य की गुणवत्ता तथा भुगतान का दायित्व किसका था, इस अवधि में पदस्थ मुख्य अभियंता का नाम बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क का निर्माण कार्य अत्यंत घटिया होने से कार्य पूर्ण होने के पश्चात् दो वर्ष में ही सड़क पूर्णतः समाप्त हो गई है? यदि हाँ, तो जवाबदेह मुख्य अभियंता के विरूद्ध लोकायुक्त में प्रकरण पंजीबद्ध होने के उपरांत शासन द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? इस सड़क का नवीन निर्माण कब तक कराया जावेगा? (घ) क्या उक्त सड़क के घटिया निर्माण कार्य को आज दिनांक तक प्रमुख सचिव द्वारा देखा गया है? यदि नहीं, तो क्या इस जाँच को दबाकर फर्जी पेंचवर्क किया जा रहा है। क्या वर्तमान में पेंचवर्क के नाम से भी लाखों का भ्रष्टाचार पीली मिट्टी तथा सूखा कोपरा डालकर किया जा रहा है। इस सड़क के घटिया निर्माण कार्य के लिये जवाबदेह मुख्य अभियंता तथा अमले पर वसूली का निर्धारण कब तक होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 01.02.2010 को आरंभ, दिनांक 28.02.2013 को पूर्ण हुआ तथा लागत राशि रू. 3419.16 लाख। (ख) अनुबंध (एस.बी.डी.) सेक्शन 3 के कण्डीशन आफ कान्टेक्ट की कंडिका 33 ''सी'' क्वालिटी कंट्रोल में निहित प्रावधान अनुसार किये गये कार्य की गुणवत्ता का दायित्व संबंधित इंजीनियर का है तथा किये गये कार्य के भुगतान का दायित्व अनुबंध की कंडिका 43 में निहित प्रावधान अनुसार इंजीनियर द्वारा देयक में सभी आवश्यकता कटौती का प्रमाण पत्र अंकित कर भुगतान हेतु एम्पलायर के पास प्रस्तुत करने का दायित्व है जिसे एम्पलायर द्वारा नियमानुसार अनुमोदन कर भुगतान हेतु इंजीनियर को निर्देशित किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, किन्तु अधिकांश भाग खराब हो गया है। दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रारूप आरोप पत्र चाहे गये है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। उपलब्ध अभिलेख अनुसार लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रभारी प्रमुख सचिव द्वारा दिनांक 11.10.2013 को समीक्षा/निरीक्षण किया गया। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मार्ग का परफारमेंस गारंटी के पूर्ण होने के पश्चात् आवश्यकतानुसार मार्ग को यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिये डामर, इमल्शन एवं बी.टी. मेटल से विभागीय गैंग द्वारा पेंच मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जाँच के निष्कर्ष अनुसार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
स्टॉप डेम निर्माण
[जल संसाधन]
72. ( क्र. 1758 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में नदी, खाल, नालों पर स्टॉप डेम के निर्माण प्रस्ताव 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक में कहाँ-कहाँ, प्रस्तावित किये गये है? विधानसभा क्षेत्रवार ब्यौरा दें? (ख) प्रस्तावित प्रश्नांश (क) के कितने-कितने प्रकरण अब तक स्वीकृत हुये है एवं कितने, किस कारण लंबित हैं? (ग) सिवनी जिले के सिवनी विधानसभा क्षेत्र के स्टॉप डेम स्वीकृतियों में विलंब का कारण व विलंब के लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? स्वीकृतियाँ कब तक प्राप्त होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) सिवनी जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र लखनादोन अंतर्गत भटेखारी स्टॉपडेम की साध्यता स्वीकृति दिनांक 03.05.2017 को प्रदान की गई है। वर्तमान में साध्यता स्वीकृति के कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी स्टॉपडेम प्रस्तावित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मुख्यमंत्री की घोषणा का क्रियान्वयन
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 1783 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 29.04.2017 को राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के ग्राम मउ (सुठालिया) के प्रवास के दौरान क्षेत्र की ग्राम सलेहपुर से कडियाहाट तक, ग्राम शमशेरपुरा से गांगाहोनी तक, ग्राम कानरखेड़ी से पार्वती पुल तक तथा ग्राम भगवतीपुर से मलावर तक सड़क निर्माण कराये जाने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त घोषणा के परिपालन में कार्यपालन यंत्री, लोकनिर्माण विभाग संभाग राजगढ़ सर्वेक्षण कर डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्तुत कर दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या, प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्गों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्तानुसार क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा की यथाशीघ्र पूर्ति हेतु उक्त मार्गों के निर्माण की स्वीकृति प्रथम अनुपूरक बजट 2017-18 में प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्ताव 2017-18 में इस कार्य को सम्मिलित किया जाना संभव नहीं हो सकेगा।
लघु सिंचाई परियोजनाओं का पुन: सर्वेक्षण
[जल संसाधन]
74. ( क्र. 1784 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत किन-किन शासकीय संसाधनों से कुल कितने हेक्टेयर भूमि का रकबा वर्तमान में सिंचित हो रहा है? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में कुल कृषि योग्य भूमि का सिंचाई रकबा अत्यंत अल्प है? ऐसी स्थिति में क्षेत्र में बड़ी संरचनाओं के निर्माण के लिये उपर्युक्त स्थल नहीं होने से क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों की भूमि पर छोटे-छोटे उपर्युक्त स्थल जिनका विभाग द्वारा समय-समय पर सर्वेक्षण कराया गया किंतु वर्तमान मानकों के अनुरूप न होने से साध्यता में पात्र नहीं पाये गये। (ग) क्या क्षेत्रीय किसानों को सिंचाई सुविधाओं का लाभ देने हेतु विभाग द्वारा असाध्य बताई गई जामी तालाब, पातलापानी तालाब, भगोरा तालाब, खेजडा महाराजा तालाब, अमानपुरा तालाब, बंजारी तालाब, नाहरगढ़ (बांसखों) तालाब, ह़यातपुरा तालाब, गांगाहोनी तालाब, बैलास तालाब, लुहारी तालाब, ग्राम टोडी-तेजाखेड़ी के मध्य पार्वती नदी पर बैराज लघु सिंचाई परियोजनाएं का पुन:सर्वेक्षण करवाऐगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो, क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित संसाधनों से 6841 हे. क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। (ख) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा का सिंचित रकबा निरा बोया रकबा 79881 हे. का 8.56 प्रतिशत है। विभाग द्वारा बड़े व छोटे बांधों के निर्माण हेतु स्थल का निरीक्षण किया गया। चयनित स्थल विभागीय मापदण्ड अनुसार नहीं होने से परियोजनाएं साध्य नहीं पाई गई। (ग) विभाग द्वारा असाध्य पाई गई जामी तालाब, पातलापानी तालाब, भगोरा तालाब, खेजड़ा महाराजा तालाब, अमानपुरा तालाब, बंजारी तालाब, नांहरगढ़ (बांसखों) तालाब, गांगाहोनी तालाब, बैलास तालाब, लुहारी तालाब सिंचाई का पुन: सर्वेक्षण कराना विचाराधीन नहीं है। हयातपुरा तालाब एवं ग्राम टोड़ी-तेजाखेड़ी के मध्य पार्वती नदी पर बैराज की साध्यता विभागीय पोर्टल में दर्ज नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
जल संरक्षण की योजनाएं
[जल संसाधन]
75. ( क्र. 1803 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा खाचरोद में लगातार गिरते जल स्तर के कारण यहां वर्तमान में जल संकट पैदा हो गया है एवं विभाग द्वारा इस क्षेत्र को डेन्जर झोन घोषित किया गया है? (ख) इस समस्या से निपटने के लिये शासन स्तर पर क्षेत्र के लिये जल संरक्षण हेतु क्या-क्या योजनायें बनायी गयी हैं? (ग) यदि योजना नहीं बनी तो कब तक बना ली जावेंगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। नागदा-खाचरोद में भू-जल के अत्यधिक दोहन के कारण असेसमेंट 2015 के अनुसार खाचरोद ब्लॉक सेमीक्रिटिकल जोन में वर्गीकृत है। (ख) एवं (ग) जल संसाधन विभाग द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पत्रकारों को पुरस्कार वितरण
[जनसंपर्क]
76. ( क्र. 1805 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रतिवर्ष प्रदेश भर के पत्रकारों से प्रविष्टियाँ आमंत्रित कर सम्भाग एवं प्रदेश स्तर पर पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान किया जाता है, किन्तु विगत कुछ वर्षों से प्रविष्टियाँ नहीं मंगाई जा रही है? उज्जैन जिले से प्रविष्टियाँ कब तक मंगवा ली जावेगी? (ख) वर्ष 2013 से आज तक शेष पत्रकारिता के इन पुरस्कारों को कब तक वितरित कर दिये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2015 के विज्ञापन जारी किये जा चुके है। वर्ष 2016 के विज्ञापन जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) वर्ष 2014 तक के सम्मान वितरित किये जा चुके है। शेष कार्यवाही प्रचलन में है।
बांध हेतु कैनाल निर्माण
[जल संसाधन]
77. ( क्र. 1813 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बीरपुर बांध व हनुमान बांध को पानी भरने के लिये रामपुर बांध व मामा साहब के बांध से पानी आने वाली केनाल बनाने या मरम्मत दुरूस्त करने का प्रस्ताव शासन के पास स्वीकृति के लिये विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव जल संसाधन विभाग ग्वालियर से कब आया था? दिनांक सहित बतावें? (ख) यदि प्रस्ताव विचारधीन है तो इतना समय लगने का क्या कारण हैं? कार्य कब तक पूरा हो जावेंगा? (ग) क्या बीरपुर बांध में कृषकों द्वारा खेती की जाती है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध अतिक्रण मुक्त करने की कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो दिनांक सहित बतावें? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जी हाँ। वीरपुर बांध डूब क्षेत्र के अतिक्रमणकारियों से भूमि को मुक्त कराने हेतु अनुविभागीय अधिकारी के.टी.एफ.सी. उपसंभाग क्रं. 3 रेहट द्वारा दिनांक 30.05.2016 से 15.06.2016 के मध्य नोटिस जारी किया जाना प्रतिवेदित है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ग्वालियर को पत्र दिनांक 23.06.2016 द्वारा सूची उपलब्ध कराते हुये सभी अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही हेतु लिखा गया। मुख्य अभियंता ग्वालियर द्वारा दिनांक 10.07.2017 को कलेक्टर ग्वालियर को अतिक्रमण हटाने हेतु पत्र लिखा गया है।
असवैधानिक आदेशों से भ्रष्टाचार एवं अनियमितताएं
[सहकारिता]
78. ( क्र. 1816 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मुरैना के महाप्रबंधक द्वारा सेवा संस्थानों के सहायक सचिवों एवं अन्य कर्मचारियों को संस्था के सचिव के स्वतंत्र प्रभार दे दिये गये? यदि हाँ, तो क्या यह वैधानिक है और संस्था के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं हैं? जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने आदेश जारी किये गये? (ख) क्या यह सही है कि सेवा सहकारी संस्था सुमावली में शैलेन्द्र सिंह सहायक सचिव को स्वतंत्र प्रभार दिया गया था? क्या वह आदेश संवैधानिक था? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें? (ग) सेवा सहकारी संस्था सुमावली में भ्रष्टाचार एवं अनियमिततओं के जिन मामलों पर श्री ओ.एन. शर्मा द्वारा जाँच संस्थित की गई थी, उसमें कौन-कौन बैंक कर्मचारी को दोषी पाया गया और उन पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? जाँच प्रतिवेदन सहित अद्यतन जानकारी दी जावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित जाँच के बाद कौन-कौन जाँच अधिकारियों द्वारा जाँच की गई, किस-किस को दोषी पाया गया और किस-किस को दोषमुक्त किया गया? समस्त जाँच प्रतिवेदन सहित अन्तिम जाँच प्रतिवेदन में दोषियों को किस आधार पर दोषमुक्त किया गया?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रकरण में जाँच आदेशित की गई है। शेष जाँच निष्कर्षाधीन। (ख) जी हाँ। उत्तरांश "क" अनुसार जाँच आदेशित की गई है। शेष जाँच निष्कर्षाधीन। (ग) श्री ओ.एन. शर्मा, अंकेक्षण अधिकारी के जाँच प्रतिवेदन में संस्था के संचालक मंडल, संस्था के समिति प्रबंधक श्री शेलेन्द्र सिंह, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मुरैना की शाखा जौरा के शाखा प्रबंधक श्री राम अवतार सिंह तोमर, कैशियर तथा पर्यवेक्षक को दोषी पाया गया। प्रकरण में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो शाखा ग्वालियर द्वारा प्रकरण क्रमांक 3/2014 दर्ज किया गया है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था, सुमावली के संचालक मंडल को दिनांक 04.03.2016 को सहकारी अधिनियम की धारा 53 (1) के अंतर्गत हटा दिया गया है। दोषी समिति प्रबंधक श्री शेलेन्द्र सिंह की मृत्यु हो चुकी है। विभागीय प्रतिवेदन के आधार पर बैंक द्वारा श्री मातादीन दंडोतिया, शाखा प्रबंधक जौरा से जाँच कराई गई जिसमें शाखा प्रबंधक श्री राम अवतार सिंह तोमर दोषी पाये गये परन्तु बैंक के केशियर एवं पर्यवेक्षक दोषी नहीं पाये गये। शाखा प्रबंधक श्री राम अवतार सिंह की विभागीय जाँच संस्थित की गई, विभागीय जाँच उपरांत श्री तोमर को बैंक द्वारा दोषमुक्त किया गया है। श्री ओ.एन. शर्मा, अंकेक्षण अधिकारी का जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार, शाखा प्रबंधक जौरा श्री मातादीन दंडोतिया का जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, सहायक महाप्रबंधक योजना/विकास जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, मुरैना का जाँच प्रतिवेदन दिनांक 18.12.2013 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार तथा श्री राम अवतार सिंह तोमर के दोषमुक्ति के आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार।
तिलहन संघ कर्मचारियों की वेतन विसंगति एवं संविलयन
[सहकारिता]
79. ( क्र. 1817 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तिलहन संघ के कर्मचारियों को वर्तमान में वेतन संबंधी विसंगति हैं वर्तमान में उन्हें कौन सा वेतनमान दिया जा रहा है और क्यों? (ख) क्या शासन द्वारा संघ के कर्मचरियों को अन्य विभागों में संविलयनं पदस्थ करने का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो अब तक कितने कर्मचारियों को अन्य विभाग में पदस्थ कर दिया गया हैं, ओर शेष कर्मचारियों को क्यों नहीं? (ग) वर्तमान में संघ के कर्मचारीगण वेतनमान विसंगति से वेतन न मिलने से दयनीय स्थिति में पहुंच गये हैं, क्या वेतनमान विसंगति का निराकरण किया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) संघ के शेष कर्मचारियों को अन्य विभाग में पदस्थी हेतु क्या-क्या कार्यवाहियां प्रचलित हैं और उन्हें कब तक अन्य विभाग में पदस्थ किया जा सकेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, चतुर्थ वेतनमान, तिलहन संघ दिनांक 12/11/2013 से परिसमापनाधीन होने से तथा परिसमापन दिनांक पर रूपये 507.06 करोड़ की संचित हानि होने से। (ख) जी हाँ, 726, शेष के संबंध में कार्रवाई प्रक्रियाधीन। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। (घ) संविलियन नीति अनुसार प्रकरणों का परीक्षण, विभिन्न विभागों से सीधी भर्ती के रिक्त पदों की जानकारी एकत्र करने तथा छानबीन समिति की बैठक आयोजन की कार्रवाई प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखाओं में चेकबुक एवं ए.टी.एम. की सुविधा
[सहकारिता]
80. ( क्र. 1838 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की कितनी शाखाएं हैं? शाखावार खातेधारकों की संख्या देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शाखाओं में जिन किसानों के खाते है उन में से कितने किसानों को चेकबुक प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शाखाओं में जिले के किसानों को कृषि उपयोगी लेन-देन करने के लिए क्या शत्-प्रतिशत किसानों को चेकबुक दी जावेगी तथा ए.टी.एम. सुविधा प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 16. शाखावार खातेदारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 6620 खाताधारक कृषकों को चेक बुक जारी की गई है। (ग) कृषि उपयोग हेतु लेन देन करने वाले खाताधारक कृषकों की मांग पर संबंधित शाखाओं द्वारा चेकबुक उपलब्ध कराई जा रही है। ग्राहकों को ए.टी.एम. सुविधा प्रदान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्याज हाउसों की अनुदान राशि का भुगतान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
81. ( क्र. 1839 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में शाजापुर जिले में कितने प्याज हाउस निर्माण करने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी? उनमें से कितने प्याज हाउस प्रश्न दिनांक तक बनकर तैयार हो गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी निर्मित प्याज हाउसों की अनुदान राशि का भुगतान क्या कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन किसानों को प्याज हाउस निर्माण कि प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी? उनमें से किन-किन ने प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्याज हाउसों कि अनुदान कि राशि किस किसान को कब किस खाते के माध्यम से दी गई? विकाखण्डवार जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन वर्ष में शाजापुर जिले में 1141 कृषकों को प्याज भण्डार गृह निर्माण हेतु कार्य आदेश जारी किये गये हैं, जिनमें से प्रश्न दिनांक तक 190 प्याज भण्डार गृह बनकर तैयार हो गये हैं। (ख) प्रश्न दिनांक तक निर्मित 190 प्याज भण्डार गृह में से 170 का अनुदान राशि का भुगतान किया जा चुका है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
तिलहन संघ सेवायुक्तों के सी.पी.एफ. की राशि जमा नहीं करना
[सहकारिता]
82. ( क्र. 1856 ) श्री रजनीश सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. तिलहन संघ से शासन के विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सेवायुक्तों का कान्ट्रब्यूटरी प्रोविडेंट फण्ड नियोक्ता/कर्मचारी राशि एस.बी.आई. बैंक में चालान से जमा करने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो कब से कब तक था। (ख) प्रश्नांश (क) कितने सेवायुक्तों की कान्ट्रब्यूटरी फण्ड जमा होना शेष है? (ग) प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ तिलहन संघ के जिन सेवायुक्तों की कान्ट्रब्यूटरी प्रोविडेन्ट फण्ड राशि संबंधित नियोक्ताओं ने जमा नहीं किया इस संबंध में शासन, संबंधित विभागों को निर्देशित करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) तिलहन संघ से शासन के विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्त पद पर पदस्थ सेवायुक्तों का कान्ट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड नियोक्ता/कर्मचारी राशि एस.बी.आई. बैंक में चालान से जमा करने के तिलहन संघ के निर्देश थे, म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र./सी/3-5/07/3/1, दिनांक 15.06.2007 से निर्देश है कि प्रतिनियुक्त की अवधि के दौरान संबंधित कर्मचारियों के कान्ट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड की राशि संबंधित विभाग/कार्यालय/आयोग द्वारा नियमित रूप से जमा की जायेगी जहां कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है। (ख) प्रतिनियुक्ति विभागों द्वारा संबंधित सेवायुक्तों को वेतन भुगतान किया गया है, वेतन से काटे गये ई.पी.एफ. एवं अन्य कटौत्रों की जानकारी संबंधित सेवायुक्तों को है। (ग) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र./सी/3-5/07/3/1, दिनांक 15.06.2007 से पूर्व से निर्देश है।
खंडवा-देढतलाई मार्ग पर वृक्षों की कटाई
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 1858 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा-देढतलाई सड़क मार्ग का निर्माण किस एजेन्सी द्वारा एवं कब किया गया है? कार्य आरंभ करने से कार्य पूर्ण होने तक संबंधित एजेन्सी द्वारा उक्त मार्ग पर कितने पेड़ों की कटाई की गई? (ख) एजेंसी द्वारा काटे गए कुल पेड़ों के विरूद्ध कितने पौधों का रोपण क्षतिपूर्ति के रूप में किया जाना था? एजेंसी द्वारा कितने पौधों का रोपण कहाँ-कहाँ एवं कब-कब किया गया? (ग) एजेंसी द्वारा क्षतिपूर्ति के रूप में रोपित पौधों में कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं? क्या इसका भौतिक सत्यापन एवं जाँच वन विभाग/राजस्व विभाग के अधिकारियों से कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) उक्त कार्य में लापरवाही एवं दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं पर्यावरण को क्षति पहुंचाने का प्रकरण दर्ज किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग का निर्माण मेसर्स खण्डवा एग्रोह पाथवेज, महू के द्वारा बी.ओ.टी. अनुबंध दिनांक 28.07.2011 के अंतर्गत दिनांक 30.06.2016 को पूर्ण किया गया है। निर्माण एजेन्सी द्वारा परियोजना के निर्माण में बाधक 471 नग पेड़ों की कटाई की गई है। (ख) एजेन्सी द्वारा वृक्षों को काटने हेतु के एवज में अनुबंध की शर्तों के अनुरूप 10 गुना पौंधे लगाये जाने थे। एजेन्सी द्वारा किये गये वृक्षारोपण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नियुक्त स्वतंत्र इंजीनियर के प्रतिवेदन अनुसार एजेन्सी द्वारा रोपित पौंधों में लगभग 60 प्रतिशत जीवित पाये गये है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मृत पौधों के स्थान पर पुन: पौधे लगाने हेतु निर्देश निवेशकर्ता को दिये गये है। पौधे लगाना तथा उनका संरक्षण निरंतर प्रक्रिया है। इसमें कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग का फोरलेन निर्माण
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 1870 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खंडवा-इन्दौर के मध्य टोल टैक्स बन्द होने से इस मार्ग पर यातायात का दबाव अत्यधिक बढ़ गया हैं? जिससे यह मार्ग बहुत ही कम समय में क्षतिग्रस्त हो गया हैं? (ख) यदि हाँ, तो इस मार्ग के रख-रखाव की जिम्मेदारी किस विभाग की हैं? क्या विभाग द्वारा इसका पालन किया जा रहा हैं? नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? (ग) क्या नेशनल हाईवे मुम्बई-आगरा एवं अन्य मार्ग के भारी वाहन टोल फ्री होने के कारण इस मार्ग से गुजर रहे हैं जिससे खंडवा-इन्दौर के मध्य प्रतिदिन दुर्घटनाओं से जनहानि हो रही हैं? (घ) क्या इस मार्ग के मध्य आने वाले नगरों में सदैव जाम की स्थिती बन रही हैं? इस मार्ग का निर्माण फोरलेन अथवा राष्ट्रीय राजमार्ग योजना अंतर्गत कब से आरंभ हो जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) उक्त मार्ग सैद्धांतिक रूप से नेशनल हाइवे घोषित हो चुका है वर्तमान मार्ग के रख-रखाव की जिम्मेदारी म.प्र.सड़क विकास निगम लि., की है। जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दुर्घटनाएं सड़क की वजह से नहीं हो रही है वरन यातायात नियमों का पालन ना करने के कारण हो रही है। (घ) ऐसी कोई सूचना विभाग को नहीं है। नेशनल हाइवेज अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रगति पर है। कार्य प्रारंभ की समय-सीमा बताना संभव नहीं।
जिला सहकारी कृषि ग्रामीण बैंक मर्यादित कर्मचारियों का वेतन
[सहकारिता]
85. ( क्र. 1878 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी कृषि ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित मुरैना के कर्मचारियों को एक वर्ष से भी अधिक समय से वेतन नहीं दिया गया है क्यों? उन्हें वेतन कब तक दिया जावेगा? (ख) क्या जिला बैंक के परिसमापक द्वारा कर्मचारियों को अग्रिम वेतन के निर्देश महाप्रबंधक को दिये गये थे। कर्मचारियों की भविष्य निधि भी समय से नहीं भेजी जा रही है क्यों? पूर्ण जानकारी जून 2017 की स्थिति में दी जावें? (ग) वर्तमान में उक्त जिला बैंक में कितने स्थाई कर्मचारी हैं? कितनों की अन्यत्र पदस्थापना 2015 से जून 2017 तक की जा चुकी है, पूर्ण जानकारी संख्या सहित दी जावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित, मुरैना के कर्मचारियों को माह जुलाई 2015 से सितम्बर 2015 तक की अवधि का एवं जुलाई 2016 से जून 2017 तक की अवधि का वेतन प्राप्त नहीं हुआ है। बैंक कर्मचारियों के द्वारा वेतन भुगतान हेतु पर्याप्त वसूली न करने के कारण। जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की लेनदारियों की वसूली के उपरांत परिसमापक द्वारा अन्य देनदारियों के साथ-साथ कर्मचारियों की शेष देनदारियों का भी यथासमय भुगतान किया जा सकेगा। (ख) जी हाँ। वेतन भुगतान हेतु पर्याप्त राशि की वसूली न होने के कारण वेतन के साथ-साथ सामान्य भविष्य निधि हेतु जमा की जाने वाली राशि भी बैंक द्वारा जमा नहीं की गयी है, कर्मचारियों द्वारा आवश्यक राशि की वसूली न करने के कारण। (ग) 48, निरंक।
अम्बाह-उसैद रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 1879 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के अम्बाह-उसैद घाट मार्ग के निर्माण का ठेका किस कंपनी को दिया गया था। कार्य आदेश किस दिनांक वर्ष में जारी किया गया एवं मार्ग के निर्माण की अनुमानित राशि क्या थी? (ख) क्या काफी अतंराल के बाद भी उक्त मार्ग के निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है? यदि हाँ, तो क्यों? जून 2017 तक कितना कार्य किया गया है, निर्माण की अंतिम समय-सीमा क्या थी? समय-सीमा समाप्त होने के बाद कंपनी पर पेनल्टी निर्धारित की गई है? आइटमबार पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) क्या निर्माण एजेंसी द्वारा अनेक पेटी ठेकेदारों से कार्य कराया गया था, जिसकी अनुमति या जानकारी विभाग को थी? उक्त मार्ग कब तक पूर्ण कराया जा सकेगा, जानकारी दें एवं समय-सीमा बताई जावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अम्बाह-उसैदघाट (अम्बाह-पिनाहट) मार्ग के निर्माण का ठेका मेसर्स सी.एम.एम. केटी कंस्ट्रक्शन (जे.वी.) इन्फ्राप्रोजेक्ट लि. इन्दौर को दिनांक 24 सितम्बर 2015 को दिया गया। कार्यादेश दिनांक 14.10.2015 को जारी किया गया, ठेके की कुल लागत रूपये 28.59 करोड़ है। (ख) जी नहीं। अनुबंधानुसार कार्य 13.10.2017 तक पूर्ण किया जाना है वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंधानुसार कार्य 13.10.2017 तक पूर्ण किया जाना है वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। अत: पेनल्टी निर्धारण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अनुबंधानुसार दिनांक 13.10.2017 तक पूर्ण किया जाना है।
प्रगतिरत भवनों की जानकारी
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 1900 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा अंतर्गत विकासखण्ड गंधवानी में शासकीय महाविद्यालय भवन, आई.टी.आई. भवन, कन्या शिक्षा परिसर भवन एवं विकासखण्ड बाग में कन्या शिक्षा परिसर भवन निर्माण कार्य प्रगतिरत है? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त भवनों की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध कराई जायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
दतिया जिले के रतनगढ़ माता मार्ग निर्माण कार्य की जाँच
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 1909 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की सैवढ़ा तहसील अंतर्गत आने वाले रतनगढ़ माता मंदिर मार्ग पर जो मुरम और मिट्टी डाली गई वह कहाँ से कितनी मात्रा में उठाई गई तथा कितनी मात्रा रोड निर्माण में डाली गई? (ख) क्या उक्त मिट्टी को उठाने बावत् खनिज विभाग से अनुमति ली गई थी? यदि हाँ, तो अनुमति कितनी मात्रा की ली गई, अनुमति पत्र एवं रायल्टी बुक की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये, विभाग से ठेकेदार के साथ हुये एग्रीमेन्ट की छायाप्रति, मूल्यांकन अधिकारी के नाम एवं पद के साथ-साथ उनका प्रतिवेदन की छायाप्रति जिसमें रोड पर प्रयोग की गई मिट्टी की मात्रा एवं गुणवत्ता के संबंध में स्पष्ट अभिमत हो, की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावें? (ग) क्या उक्त प्रयोग में ली गई मिट्टी का लेब परीक्षण कराया गया, यदि हाँ, तो उसकी कितनी सी.वी.आर.है रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (घ) क्या यह सत्य हैं कि मिट्टी उठाने बावत्, खनिज विभाग से अनुमति नहीं ली गई, और न ही मिट्टी की लेब टेस्टिंग कराई गई, ग्रामों में डाली गई सी.सी. रोड की लम्बाई, चौड़ाई, मोटाई निर्धारित मान से कम होने से रोड सकरा हो गया है साथ ही उसकी गुणवत्ता उचित नहीं है फलस्वरूप वह अभी से ध्वस्त होने लगा है यदि नहीं, तो उक्त बिन्दुओं पर सड़क की उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दतिया जिले की सेवढ़ा तहसील अंतर्गत आने वाले रतनगढ़ माता मंदिर मार्ग पर केवल मिट्टी उठायी गई, मिट्टी आराजी क्रं. 99 रक्वा 348 मौजा बसई मलक से अधिकृत अनुमति प्राप्त कर 289295.315 घन मीटर उठायी गई तथा 289295.315 घन मीटर मात्रा रोड निर्माण में डाली गई। (ख) उक्त मिट्टी उठाने के संबंध में अनुमति ली गई है तथा मिट्टी पर नियमानुसार रायल्टी देय नहीं है। ठेकेदार के साथ हुये अनुबंध की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (पृष्ठ क्रमांक 1 से 92 तक) अनुसार, मिट्टी प्राप्त करने की अनुमति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (पृष्ठ संख्या 93 से 109 तक) अनुसार, टेस्ट रिजल्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 (पृष्ठ संख्या 110 से 139 तक) अनुसार एवं क्यूब टेस्ट रिजल्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 (पृष्ठ संख्या 140 से 150 तक) अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रयुक्त मिट्टी का लेब परीक्षण कराया गया जिसका सी.बी.आर. 7 से अधिक है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 (पृष्ठ संख्या 110 से 139) अनुसार है। (घ) जी नहीं। मिट्टी उठाने की विधिवत अनुमति प्राप्त की गई तथा ग्राम मरसैनी में स्वीकृत कुल लंबाई 515.00 मी. में से मात्र 180 मीटर तथा ग्राम चरोखरा में स्वीकृत कुल लंबाई 270.00 मीटर में से मात्र 70 मीटर में उपलब्ध पूर्व सड़क की चौड़ाई में जो कि औसतन 4.00 मीटर है एवं शेष भाग की लंबाई में स्वीकृत चौड़ाई अनुसार 5.50 मीटर में ही सी.सी. कार्य कराया गया। सी.सी. की मोटाई मानकों के अनुरूप है। सी.सी. क्यूब टेस्ट परिणामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। गुणवत्ता उचित है। मार्ग की वर्तमान स्थित अच्छी है।
दतिया जिले के गोराघाट लांच सड़क निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 1911 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में गोराघाट लांच नवनिर्मित रोड पर जो मुरम और मिट्टी डाली गई है वह कहाँ से कितनी मात्रा में उठाई गई एवं कितनी मात्रा में रोड पर डाली गई? (ख) क्या उक्त मिट्टी को उठाने बाबत् खनिज विभाग से अनुमति ली गई थी? यदि हाँ, तो उक्त अनुमति की छायाप्रति, रॉयल्टी बुक की छायाप्रति, खनिज विभाग से मिट्टी की मात्रा (उठाने संबंधी) के संबंध में स्पष्ट उल्लेख तथा रोड में उपयोग मिट्टी की मात्रा बाबत् सक्षम अधिकारी प्रमाणीकरण, मूल्यांकन अधिकारी का प्रतिवेदन एवं निर्माण एजेंसी के साथ हुये एग्रीमेंट की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या उक्त प्रयोग में लाई गई मिट्टी की लेब टेस्टिंग कराई गई? यदि हाँ, तो उसकी कितनी सी.बी.आर. है? रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या यह सत्य है कि मिट्टी उठाने बाबत् खनिज विभाग से अनुमति नहीं ली गई और न ही मिट्टी की लेब टेस्टिंग कराई गई, डाली जा रही रोड में जगह-जगह हनीकोम है? पुलियों के निर्माण में घटिया क्वालिटी के पाईपों का उपयोग तथा पाइप के नीचे बिना बेस दिये पुलियों का निर्माण किया जा रहा है? फलस्वरूप रोड की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है? यदि नहीं,, तो उक्त बिंदुओं पर सड़क की गुणवत्ता की प्रश्नकर्ता के समक्ष जाँच कराई जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दतिया जिले के गोराघाट लांच नवनिर्मित रोड पर मिट्टी स्थानीय कृषकों के खेतों से एवं मुरम चिमघनएपिपरा पडौल से कुल 63830.34 घन मीटर उठायी गई है एवं कुल 63830.34 घन मीटर रोड पर डाली गयी है। (ख) जी हाँ। खेतों से मिट्टी उठाने हेतु किसानों से सहमति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार (पृ.क्रं. 1 से 5), मुरम उठाने हेतु खनिज विभाग की अनुमति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार (पृ.क्रं. 6 से 18), रायल्टी की रसीदें की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार (पृ.क्रं. 19 से 34), रायल्टी बुक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -4 अनुसार (पृ.क्रं. 35 से 87), मूल्याकंन बिल एवं एजेन्सी के साथ एग्रीमेंट की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार (पृ.क्रं. 88 से 163), (ग) जी हाँ। सिलेक्टेड स्वाईल की जोनल लेब ग्वालियर से टेस्टिंग करवाई गई है। प्रावधान अनुसार सी.बी.आर. 7 से अधिक है। टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार (पृ.क्रं. 164 से 172) (घ) जी नहीं। मुरम उठाने हेतु स्थानीय कृषकों की सहमति ली गई है। मिट्टी सिलेक्टेड स्वाईल की लेब टेस्टिंग कराई गई है। कहीं हनीकोम्ब नहीं है। पुलिया निर्माण में एन.पी.-4 पाईप का उपयोग किया जा रहा है। पाईप की एम.टी.सी. रिपोर्ट एवं बिल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार (पृ.क्रं. 173 से 176), पाईप के नीचे प्रावधान अनुसार ग्रेन्युलर मटेरियल फस्ट क्लास बेडिंग का उपयोग किया जा रहा है। मार्ग का निर्माण मानकों के अनुरूप किया जा रहा है। कार्य गुणवत्तायुक्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीज वितरण में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
90. ( क्र. 1934 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर कृषि विभाग द्वारा योजना अन्तर्गत कौन सा बीज कहाँ से प्राप्त किया तथा विकासखंडों में कितने कृषकों को कितना वितरित किया गया? (ख) जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर कृषि विभाग द्वारा योजनान्तर्गत जिले में कितने कृषकों को कितना चना बीज वितरित किया गया? वितरण न करने के क्या कारण थे? (ग) क्या छतरपुर जिले में किसानों को समय पर बीज पूर्व में नहीं दिया गया था, जिसका मुद्दा जिला योजना समिति छतरपुर की बैठक में भी सम्मानीय सदस्यों के द्वारा उठाया गया, क्या कारण है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या छतरपुर जिले में किसानों को समय पर बीज न मिलने के कारण कृषकों की पैदावार पर विपरीत प्रभाव पड़ा है, किसानों को शासन द्वारा समय बीज उपलब्ध न कराने के लिये किस स्तर के अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? विगत 03 वर्षों में निरीक्षण प्रतिवेदन का विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिला छतरपुर में किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा योजनान्तर्गत फलसवार एवं संस्थावार प्राप्त बीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। तथा विकासखण्डों में योजनान्तर्गत वितरित बीज की मात्रा तथा कृषक संख्या की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक जिला छतरपुर में विभागीय योजनान्तर्गत कुल 12176 कृषकों को कुल 5568.70 क्विंटल चना बीज वितरित किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिला के माननीय प्रभारी मंत्री एवं अध्यक्ष जिला योजना समिति जिला छतरपुर की अध्यक्षता में दिनांक 17-08-2016 को जिला योजना समिति की बैठक आयोजित की गई। उक्त बैठक के एजेण्डा अनुसार समीक्षा के दौरान समिति को अवगत कराया गया, कि इनके क्षेत्र में किसी भी किसान को बीज वितरित नहीं किया गया, उक्त बैठक में प्राप्त निर्देशों के परिपालन में विकासखण्डवार, फलसवार, योजनावार वितरित बीज की सूची माननीय सदस्यों को उपलब्ध कराई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार जिला छतरपुर में किसानों को विभागीय योजनान्तर्गत समय पर बीज उपलब्ध कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इटवा-कोहरा स्टॉप डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
91. ( क्र. 1961 ) श्री लखन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पथरिया जिला दमोह में इटवा-कोटरा स्टॉप डेम स्वीकृत किया गया हैं। यदि हाँ, तो कब? (ख) क्या इटवा-कोटरा स्टॉप डेम निर्माण हेतु टेंडर लगाये गये थे? यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी का नाम एवं लागत क्या थी? इसका एग्रीमेंन्ट किस तारीख में किया गया एवं कार्य कितने समय में पूर्ण होना था? समय-सीमा बतावें। (ग) क्या निर्माण एजेंसी द्वारा आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? कार्य समय-सीमा में प्रारंभ व पूर्ण न होने पर विभाग के अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या इटवा-कोटरा स्टॉप डेम बनाये जाने की योजना बनाने में कोई त्रुटि है? यदि हाँ, तो क्या योजना बनाने वाले पर कार्यवाही की जावेगी एवं आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ न होने की स्थिति में कार्य की लागत बढ़ने पर कौन जिम्मेदार रहेगा एवं राशि कहाँ से उपलब्ध करायी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 06.02.2016 को प्रदान की गई है। (ख) जी हाँ। मेसर्स चंद्रा निर्माण प्रायवेट लि. रायपुर। अनुबंधित राशि रू. 330.11 लाख। अनुबंध दिनांक 26.04.2016। कार्य पूर्णता की अवधि 12 माह थी। (ग) एवं (घ) जी हाँ, कार्य प्रारंभ कराये जाने पर नींव में हार्ड स्ट्राटा अनुमानित गहराई से अधिक गहराई में प्राप्त होने के कारण नींव में हार्ड स्ट्राटा की स्थिति का आंकलन कर ड्राइंग एवं डिजाईन पुनरीक्षण की कार्यवाही की जा रही है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मढ़कोलेश्वर पटा कम स्टॉप डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
92. ( क्र. 1962 ) श्री लखन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पथरिया जिला दमोह में कोपरा नदी पर मढ़कोलेश्वर पटा कम स्टॉप डेम बनाया गया? यदि हाँ, तो इसकी लागत क्या थी एवं ठेकेदार कौन था? (ख) क्या गत वर्ष बारिश में स्टॉप डेम के दोनों ओर कटाव हो गया? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार व अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या मढ़कोलेश्वर रपटा कम स्टॉप डेम के दोनों किनारों के कटाव को आज दिनांक तक नहीं भरा गया? यदि हाँ, तो इस लापरवाही में संबंधित ठेकेदार व अधिकारियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? समय-सीमा बताने और यदि कटाव को भर दिया गया तो क्या इसका टेण्डर किया गया या विभागीय कार्य करवाया गया? (घ) यदि टेण्डर किया गया तो किस दिनांक को एवं कितनी राशि का तथा कितनी निविदाएं आईं एवं कितने प्रतिशत में टेण्डर दिया गया और कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? यदि टेण्डर नहीं लगाया गया तो यह कटाव कैसे भरा जावेगा? अलग-अलग बताएं एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। कार्य की निविदा लागत रू. 278.30 लाख एवं ठेकेदार का नाम मां लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी, पन्ना है। (ख) से (घ) जी हाँ, अत्यधिक बारिश के कारण स्टॉप डेम के दोनों ओर कटाव हो गया था। इसकी विभागीय स्तर पर जाँच कराई गई है। प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार तकनीकी डिजाईन में खामियों हेतु जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किया जाना प्रकियाधीन है। वर्तमान में मढ़कोलेश्वर रपटा कम स्टॉप डेम के दोनों किनारों के कटावों को भर दिया गया है। इस कार्य हेतु दिनांक 24.04.2017 को रू. 6.78 लाख के कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गई। दो निविदायें प्राप्त हुई। न्यूनतम दर निविदाकार श्री अब्दुल अलीम की 9.00 प्रतिशत अधिक दर पर निविदा स्वीकृत कर कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों की गुणवत्ता की जानकारी
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 1964 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में रीवा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा रोडों/सड़कों के निर्माण के समय भारतीय सड़क कांग्रेस (आई.आर.सी.) के विनिर्देश 37-2001 के अनुसार क्या सतह की मोटाइयों का रूपांकन कर गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराये गए? सोल्डर निर्माण गुणवत्तापूर्ण एवं मिट्टी का परीक्षण कर निर्माण कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सड़कों में उनके जीवनकाल में गुजरने वाले वाणिज्य कर वाहनों की अनुमानित संख्या जिस पर सड़क का आधार टिकता है, कैल्फोर्निया बियरिंग अनुपात पर निर्भर करता है? निर्माण कार्य में मोटाई सीमित की जा सके? इस हेतु क्या उपाय किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) के विनिर्देशों (आई.आर.सी. 37-2001) के अनुसार स्टेण्डर्ड एक्सल (एम.एस.ए.) और आधार स्तर के सबग्रेड का पालन कर सड़कों का निर्माण कराया गया, यदि हाँ, तो सड़कें निर्धारित समय के पूर्व क्षतिग्रस्त क्यों हो गईं? कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के निर्देशों एवं नियमों का पालन करते हुये सड़कों का निर्माण वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक में रीवा जिला अंतर्गत किया गया, निर्मित सड़कों में से कौन-कौन सी सड़कें मुख्य जिला मार्ग अन्य जिला मार्ग, ग्रामीण मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं स्टेट हाईवे हैं? यह बतावें कि इन रोडों में से वाणिज्य कर वाहनों के वजन का आंकलन कर वाहनों के निकलने की अनुमति प्रदान की जाती है? अगर नहीं तो किन-किन वाहनों पर ओवर लोडिंग पर कितने प्रकरण कब-कब तैयार कर कार्यवाही की गई का विवरण वर्ष 2013 से प्रश्नांश तक का दें? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के अनुपालन में सड़कों/रोडों का निर्माण नहीं किया गया, जिससे रोडें क्षतिग्रस्त एवं टूट रही हैं। इसके लिए संबंधितों पर क्या कार्यवाही करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रूपाकंन भारतीय सड़क कांग्रेस के विनिर्देशों के अनुरूप किया गया, किन्तु सभी सड़कों का निर्माण विनिर्देशों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण नहीं कराया गया। (ख) जी हाँ। अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी का उपयोग कर मोटाई कम की जा सकती है। (ग) कुछ सड़कों का निर्माण विनिर्देशों के अनुरूप नहीं किया गया। अत: सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं, जिसमें जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के क्रमांक-7, 8, 12 एवं 13 का निर्माण विनिर्देशों के अनुरूप नहीं था। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार सड़कों का निर्माण किया गया। केवल रीवा से हनुमना रा.रा. क्रं. 7 चारलेन मार्ग पर भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी टोल अधिसूचना के परिपालन में टोल प्लाजा पर वाणिज्यकर वाहनों के वजन का आंकलन कर वाहनों के निकलने की अनुमति प्रदान की जाती है। मार्गों पर ओवर लोडिंग की जाँच करने का अधिकार टोल नोटिफिकेशन अनुसार निवेशक का है। ओवर लोडिंग के प्रकरण प्रावधान अनुसार 10 गुना टोल चार्ज लिया जाता है। ओवर लोडिंग पर प्रकरण तैयार करने की आवश्यकता नहीं है। अत: प्रकरण तैयार नहीं किये गये। (ड.) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 1972 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा देवास जिले की ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक एक विधान सभा क्षेत्र से दूसरी विधान सभा क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण से कौन-कौन से ग्रामीण क्षेत्र लाभान्वित हुए हैं? (ख) खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र से बुधनी विधान सभा क्षेत्र एवं बागली विधान सभा क्षेत्र लगा हुआ है। क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगाँव की ग्रामीण सड़कों को इन दोनों विधान सभा क्षेत्र की ग्रामों से जोड़ने वाली ग्रामीण सड़कों के निर्माण किये जाने हेतु स्वीकृति की गई हैं? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगाँव के निम्नांकित ग्रामीण क्षेत्र जैसे ग्राम गनोरा से बुधनी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम चिचली तक का मार्ग एवं पांगरा से बागली विधान सभा क्षेत्र के ग्राम भेसून व देवली से बागली विधान सभा के ग्राम डौगराखेड़ा तक के मार्ग की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) (1) देवास-नेवरी एम.डी.आर. मार्ग (2) बिजवाड-कांटाफोड-सतवास-खातेगाँव, एम.डी.आर. मार्ग का निर्माण प्रगतिरत होकर देवास-नेवरी मार्ग से देवास एक औद्योगिक नगर एवं देवास एवं हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जिससे राजोदा, बरखेड़ा, कोटापोई, सिरोलिया, बरोठा, नेवरी एवं आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र लाभान्वित होंगे एवं बिजवाड-कांटाफोड-सतवास-खातेगाँव, मार्ग जो कि खातेगाँव एवं बागली विधानसभा क्षेत्र को जोड़ता है, जिससे बिजवाड, सुन्दरेल, बंधावा, लौहार टापर गजाखेडी कांटाफोड़, लोहारदा, तीसरामील, हरीपुरा, सतवास, अटवास, छबरीया, गार्डी, पिपलकोटा, इन्द्रानगर, अजनास आगरदा आदि आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र लाभान्वित होंगे। (ख) बुधनी विधानसभा क्षेत्र को खातेगाँव विधानसभा क्षेत्र से जोड़ने वाली सड़कों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खातेगाँव विधानसभा की सड़कों को बागली एवं बुधनी विधानसभा क्षेत्र से जोड़ने हेतु कोई स्वीकृति प्राप्त नहीं है। (ग) वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की सीमितता के कारण स्वीकृति दिया जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 1973 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत देवास जिले में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक शासन द्वारा कितने कि.मी. तक की मुख्य सड़कों एवं ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के निर्माण करवाये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) कन्नौद खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जिन मुख्य सड़कों एवं ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों का निर्माण किया जाना है, उन सड़कों का निर्माण कार्य पूरा करवाये जाने की अवधि क्या है? (ग) खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र कर्व ग्रामीण क्षेत्र है जैसे बुहट से किलोदा मार्ग गनोरा से जाट मुहाई सवासडा से बरछा मार्ग बमनगाँव से इकलेश मार्ग पुरोनी से जियागाँव एवं नेमावर मैला मार्ग से तुरनाल तक की मार्गों का निमार्ण करवाये जाने हेतु कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार प्रश्नांश (क) अवधि में विभाग को कौन-कौन से ग्रामों में सड़क निर्माण किये जाने संबंधी प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) वित्तीय संसाधन की उपलब्धता सीमित होने के कारण स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) केवल बुहट से किलोदा मार्ग तथा नेमावर मेला मार्ग से तुरनाल मार्ग के प्रस्ताव अधीनस्थ कार्यालय को प्राप्त हुये।
पौधा रोपण कार्यक्रम की जाँच
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
96. ( क्र. 1980 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे पौधा रोपण कार्यक्रम के तहत जबलपुर स्थित उद्यानिकी विभाग द्वारा कितने पौधे किस-किस प्रजाति एवं किस्म के कहाँ से एवं किस-किस कीमत पर खरीदे गये? पौधों की जानकारी संख्यावार, प्रजातिवार, किस्मवार एवं राशिवार पृथक-पृथक रूप से कोटेशन एवं बिल सहित बताई जावे? (ख) वर्णित (क) की संस्था द्वारा क्रय किये गये पौधों में कितने पौधे मानक स्तर के हैं एवं कितने अमानक स्तर के? अमानक पौधों के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या जिन संस्थाओं से पौधे क्रय किये गये हैं वह दुगनी कीमतों में लिये गये व उसमें भारी मात्रा में कमीशन बाजी की गर्इ? क्या इसकी जाँच करवाई जाकर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? (ग) किस ट्रक में कितने पौधे आये एवं उनकी पौध ढुलाई क्षमता क्या थी? इसकी प्रमाणिकता दी जावे? क्या शासकीय रोपणियों एवं निज रोपणियों में पौध उत्पादन कार्य नहीं किया जाता? यदि किया जाता तो क्या इससे शास. रोपणियों की आय बढ़ती व स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता? क्या इस हेतु शासन प्रभावी कदम उठायेगा? (घ) जबलपुर में पौधों के लक्ष्य का निर्धारण किस आधार पर किया गया? कितने विभागीय पंजीयन किये गये? कितने रकबा के मनरेगा के प्रकरण बनाये गये एवं कितने के प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त की? यदि प्रकरण लक्ष्य अनुसार नहीं थे तो पौधे क्यों मंगवाये गये एवं कितने कृषकों के यहां कितने रकबा में पौध रोपण किया गया? सूची देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जबलपुर स्थित उद्यानिकी विभाग के कार्यालय द्वारा कोई भी पौधा क्रय नहीं किया गया है अपितु संचालनालय स्तर से पौधा क्रय किया गया है। क्रय पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पौधे का क्रय विभाग द्वारा निर्धारित कीमत पर किया गया है। अत: कोटेशन प्राप्त नहीं किये गये हैं। प्रश्न दिनांक तक प्राप्त बिल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार क्रय पौधे मानक स्तर के हैं। विभाग द्वारा निर्धारित कीमत पर पौधे क्रय किये गये हैं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश के प्रथम भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जबलपुर जिले की शासकीय रोपणियों में वर्ष 2016-17 में कुल 76392 पौधों का उत्पादन किया गया है। निजी रोपणियों में पौध उत्पादन की जानकारी विभाग में संधारित नहीं है। वर्ष 2016-17 में शासकीय रोपणियों में पौध उत्पादन क्षमता में वृद्धि हेतु जबलपुर जिले की रोपणी तेवर के उन्नयन हेतु शासन द्वारा राशि रूपये 40.82 लाख स्वीकृत की गई है, जिसके तहत 1.00 लाख पौधों का उत्पादन प्रतिवर्ष किया जाना प्रस्तावित है। पौध उत्पादन से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, साथ ही रोपणी की आय में भी वृद्धि होगी। (घ) राजस्व विभाग की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जबलपुर जिले में नर्मदा नदी के दोनों तटों पर कृषकों की उपलब्ध निजी भूमि 5948 हेक्टेयर के आधार पर पौध रोपण का लक्ष्य निर्धारण किया गया। 207 कृषकों का विभागीय पंजीयन किया गया। मनरेगा अंतर्गत 124.70 हेक्टेयर के प्रकरण बनाये गये तथा 89.85 हेक्टेयर के प्रकरणों में प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त की गई। मंगवाये गये 98301 पौधों में से 02 जुलाई 2017 को 71215 पौधों का एक साथ रोपण किया गया। शेष 27086 पौधों का रोपण कार्य मनरेगा एवं विभागीय योजना में जारी है। कृषकों के यहाँ किये गये पौध रोपण की रकबा सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
भूमि सिंचाई हेतु संचालित योजनाएं
[जल संसाधन]
97. ( क्र. 1993 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा वि.स. क्षेत्र में किसानों की भूमि सिंचाई हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? (ख) क्या शासन स्तर पर किसानों को सिंचाई सुविधा हेतु कोई नई योजना शासन स्तर पर विचाराधीन है? (ग) क्या म.प्र. शासन का संकल्प है कि हर खेत को पानी उपलब्ध हो सके। इस हेतु विभाग स्तर पर कोई योजना विचाराधीन है? (घ) गाडरवारा क्षेत्र में किसान अपने स्वयं के नलकूपों से सिंचाई करता है। भूजल नीचे जा रहा है, इसको दृष्टिगत रखते हुए शासन क्षेत्र में शीघ्र सिंचाई योजना संचालित हो इस पर विचार करें और जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) नर्मदा घाटी विकास विभाग से प्राप्त उत्तर अनुसार गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत रानी अवंतीबाई लोधी सागर के बायीं तट नहर की अमोदा टेल माईनर से अमोदा ग्राम में सिंचाई प्रस्तावित है, जिसका निर्माण कार्य प्रगति पर है। शक्कर वृहद सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. केन्द्रीय जल आयोग, भारत सरकार, नई दिल्ली में अनुमोदन हेतु प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग की कोई परियोजना संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
फसल खरीदी का उचित मूल्य निर्धारण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
98. ( क्र. 1994 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा क्षेत्र में बहुआयामी खेती होती है, जिसमें गन्ना, गेहूँ, धान के साथ-साथ दलहन का भी विपुल उत्पादन होता है, जिसमें दलहन फसल तुअर, चना, मसूर, मूंग आदि प्रमुख है, लेकिन इनको शासकीय मूल्य पर खरीदी की कोई व्यवस्था नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सरकार भविष्य में दलहन फसलों की समिति स्तर पर खरीदी करेगा? इस पर शासन कोई विचार करेगा? (ग) क्या फसल बोनी के पूर्व किसान को उपज का वाजिब मूल्य मिल सके इसके लिए शासन स्तर पर इसकी कोई नीति निर्धारित की जावेगी? (घ) फसल की खरीदी का उचित मूल्य किसान को मिल सके इसकी कोई गांरटी सरकार देगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा क्षेत्र में बहुआयामी खेती होती है, जिसमें गन्ना, गेहूँ, धान एवं दलहनी फसल तुअर, चना, मसूर एवं मूंग प्रमुख है। इसमें से गेहूँ, तुअर, मूंग, उड़द एवं धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है। जिले में इस वर्ष कृषि उपज मंडी गाडरवारा, सालीचौका, करेली, तेंदूखेड़ा में समर्थन मूल्य पर खरीदी का कार्य किया जा रहा है। खरीदी का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन, द्वारा केंद्र सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम, प्राईस स्टेबलाईजेशन फंड तथा बाजार हस्तक्षेप योजना में दलहन फसलों के एम.एस.पी. से नीचे जाने पर एन.ए.एफ.ई.डी./एफ.सी.ई./एस.एफ.एस.सी. के सहयोग से उक्त संबंध में केंद्र स्थापित कर खरीदी की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। (ग) प्रदेश में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के संबंध में अनुशंसायें देने के लिये म.प्र. कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग का गठन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) अनुसार है।
डी.पी.सी. की जानकारी
[जल संसाधन]
99. ( क्र. 2005 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्न क्रमांक 6502 दिनांक 23.03.2017 के उत्तर में प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये, कंडिकावार प्रश्नों का उत्तर न देकर, मात्र जाँच प्रतिवेदन की प्रति देकर भ्रमित कर विशेषाधिकार का हनन किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये प्रश्न के समस्त प्रश्नांश का पृथक-पृथक उत्तर देते हुये प्रश्न का पूर्ण उत्तर दिलाया जायेगा? यदि नहीं, तो कंडिकावार प्रत्येक प्रश्नांश का पृथक-पृथक उत्तर देते हुये और प्रश्न का उत्तर दिनांक 23.03.2017 को न देने के कृत्य में दोषी विधानसभा को भ्रमित करने के लिये संबंधित उत्तरदायी के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों। (ख) उपरोक्त प्रश्न के प्रश्नांश (ख) और (ग) का पृथक-पृथक उत्तर न देकर विधानसभा को गुमराह करने के साथ-साथ विधायक के विशेषाधिकार का हनन क्यों किया जा रहा है? पृथक-पृथक उत्तर देने से क्यों बचा जा रहा है? पृथक-पृथक उत्तर देते हुये कारण बतायें और इसके लिये दोषी कौन है? क्या उसके विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित कर अनुशासनिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जब न्यायालय के आदेश थे कि पुनर्विचार डी.पी.सी. की जाये तो बताया कि जल संसाधन विभाग के (1) आदेश क्रमांक एफ 3 (ए) 01/2007/पी-1/31 दिनांक 19.02.2018 (2) आदेश क्रमांक एफ 3 (ए) 95/2011/पी-1/31 दिनांक 02.01.2012 द्वारा जारी पदोन्नति आदेशों से संबंधित पुनर्विचार डी.पी.सी. क्यों नहीं की गई? बतायें और कब तक की जावेगी? यह भी बतायें कि यदि नहीं की जावेगी तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। प्रश्न क्रमांक-6502 के प्रश्नांश (ख) से (घ) तक का एकजाई रूप से पूर्ण उत्तर वस्तुस्थिति स्पष्ट करने दृष्टि से दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) मा. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा ग्रेडेशन सूची पुनरीक्षित किये जाने एवं परिणामी लाभ दिये जाने के आदेश दिये हैं। प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित आदेश दिनांक 19.02.2018 न होकर दिनांक 19.02.2008 है। उपरोक्त उल्लेखित आदेशों की रिव्यू डी.पी.सी. की आवश्यकता नहीं पाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 2012 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम असावती हरिपुरा कुरावन अजयपुर सड़क निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी कि.मी. की सड़क एवं कितनी राशि की स्वीकृत की है? (ख) विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त सड़क पर कितना कार्य किया जा चुका है? लंबाई व किए गए कार्य का नाम एवं खर्च की गई राशि की जानकारी देवें। (ग) विभाग द्वारा उपरोक्त रोड पर 75 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण होने के बावजूद क्या कोई दूसरे विभाग भी इस पर पुन: राशि स्वीकृत कर खर्च कर सकता है? (घ) वर्तमान में हरिपुरा से कुरावन रोड पर लोक निर्माण विभाग द्वारा खर्च कि गई राशि व सड़क की लंबाई बतावें। क्या इसे अन्य कोई दूसरी योजना के तहत बनाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय भवनों की स्थिति
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 2013 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अधीन कितने भवन कहाँ-कहाँ पर हैं एवं किस अधिकारी द्वारा आवास भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जाती है? (ख) उपरोक्त भवनों का निर्माण किस-किस वर्ष में हुआ था तथा भवन की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग के ऐसे कितने भवन हैं, जो कार्य हेतु अनुपयोगी स्थिति में है तथा जो कि डिसमेंटल होने लायक हैं? (घ) विभाग की सीतामऊ, नाहरगढ़ एवं अन्य जगह पर स्थित अनुपयोगी भवनों की जानकारी उपलब्ध करावें तथा कितने वर्षों से इनका उपयोग नहीं हो पाया है एवं इस जगह (भूमि) की भविष्य में उपयोग हेतु क्या योजना बनाई गई है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। स्वीकृति संबंधित विभाग के समक्ष अधिकारी द्वारा प्रदान की जाती है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
तलाबों का मरम्मतीकरण
[जल संसाधन]
102. ( क्र. 2026 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की तराना तहसील में कितने तालाब हैं? ग्रामवार ब्यौरा देवें। (ख) उक्त तालाबों की क्या स्थिति है? कितने मरम्मत योग्य हैं? (ग) ऐसे कितने बड़े तालाब हैं जिनका संचालन/संधारण सिंचाई विभाग के अधीन नहीं है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उक्त मरम्मत योग्य तालाबों का संधारण विभाग द्वारा कब तक करा दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) तराना तहसील में जल संसाधन विभाग के 11 तालाब निर्मित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्मित तालाबों में से 7 तालाब सुदृढ़ एवं सुरक्षित हैं तथा 4 तालाबों के स्ट्रक्चरों में मरम्मत कार्य कराना प्रतिवेदित है। (ग) एवं (घ) सभी छोटे-बड़े तालाबों का संचालन/संधारण जल संसाधन विभाग द्वारा किया जाता है। वर्तमान में मरम्मत से संबंधित कोई प्रस्ताव शासन के पास लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
तालाबों से सिंचाई की जानकारी
[जल संसाधन]
103. ( क्र. 2042 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष २००८ से प्रश्न दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा कितने नवीन तालाबों का निर्माण किया गया है? उन तालाबों से कितने क्षेत्रफल की सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? तालाबवार बतावें? (ख) क्या कुछ तालाबों में पानी नहीं रहता है और न ही उनसे सिंचाई होती है? इसके बावजूद भी जल संसाधन विभाग द्वारा गलत सिंचित रकबा प्रतिवेदित किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) से संबंधित तालाबों में वर्ष २०१२ से २०१६ तक कितने फिट पानी का भराव रहा एवं तालाब के भराव की क्षमता क्या है? तालाबवार, वर्षवार बतावें। (घ) क्या जल संसाधन विभाग पन्ना द्वारा कुछ तालाब ऐसे स्थान पर बनाये गये हैं जहाँ पानी की आवक बहुत कम है और शासन की राशि का दुरूपयोग किया गया है? क्या ऐसे तालाबों की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) गुनौर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक 09 तालाबों का निर्माण कार्य किया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। तालाबों में जल भराव वर्षा पर निर्भर होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मार्ग निर्माण हेतु भू-अर्जन
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 2043 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में किसानों की निजी भूमियों जिनसे सड़कें निर्मित कर दी गई हैं, उनके भू-अर्जन आपसी सहमति से क्रय नीति के अंतर्गत किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की भूमियों का क्रय नीति के अंतर्गत भू-अर्जन किया गया है? किसानवार, सड़कवार बतावें। (ख) क्या बिना भू-अर्जन किए किसी किसान की भूमि शासकीय उपयोग में ली जा सकती है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो पन्ना जिले में बिना भू-अर्जन के किसानों की भूमि से सड़कों का निर्माण किस आधार पर किया गया है? (ग) आपसी सहमति से क्रय नीति के अंतर्गत भू-अर्जन किए जाने पर कितने समय बाद संबंधित किसान को राशि दिए जाने का प्रावधान है? समय-सीमा में संबंधित किसानों को राशि उपलब्ध न कराने का क्या कारण है? लंबित राशियों का भुगतान संबंधित किसानों को कब तक कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार। (ख) जी नहीं। जब सड़क निर्माणाधीन थी उस समय किसी काश्तकार द्वारा आवेदन न किये जाने के कारण। (ग) एक वर्ष के अंदर। आवंटन प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आवंटन उपलब्ध होने पर भुगतान कर दिया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रकाशन मिडिया से संबंधित
[जनसंपर्क]
105. ( क्र. 2059 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसम्पर्क विभाग केवल कलेक्टर व एस.पी. की न्यूज ही अखबारों को जारी करता है? क्या जनसम्पर्क विभाग विधायकों की न्यूज समाचार भी जारी कर सकता है? (ख) क्या विधायक/सांसद के दौरे प्रवास सरकारी नहीं होते? (ग) क्या केवल अधिकारियों के दौरे या समीक्षा बैठकें ही सरकारी मानी जाती हैं? (घ) जनसम्पर्क विभाग उनको प्रसारित क्यों नहीं करता?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासकीय कार्यक्रमों/बैठकों में उपिस्थत माननीय मुख्यमंत्री जी, मंत्रि-परिषद के सदस्यों सहित माननीय सांसद/विधायक एवं अधिकारियों की उपस्थिति होने पर समाचार जारी किये जाते है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
सिंचाई हेतु तालाबों की स्थिति
[जल संसाधन]
106. ( क्र. 2060 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा में कितने लघु व मध्यम सिंचाई हेतु तालाब वर्तमान तक स्वीकृत हैं? कितने तालाबों के सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) स्वीकृत तालाबों में कितने पूर्ण/अपूर्ण या शुरू ही नहीं हो पा रहे हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पंधाना विधान सभा क्षेत्र में एक मध्यम सिंचाई परियोजना तथा एक लघु सिंचाई परियोजना स्वीकृत हैं। दो लघु सिंचाई परियोजनाएं क्रमश: कालदा एवं दीवाल के सर्वेक्षण कार्य पूर्ण है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त पलासी लघु सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। स्वीकृत तालाबों में से कोई भी कार्य पूर्ण नहीं है। भाम मध्यम सिंचाई परियोजना का कार्य वन भूमि के अधिग्रहण एवं वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु भूमि के हस्तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से अप्रारंभ होना प्रतिवेदित है।
पेयजल प्रदाय एवं निविदा की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
107. ( क्र. 2065 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी. एग्रो के माध्यम से पेयजल टेंकर का प्रदाय विभिन्न शासकीय विभागों सहित सांसद निधि/विधायक निधि अंतर्गत किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो, एम.पी.एग्रो के लिये टेंकर निर्माण करने वाली कौन-कौन सी फर्म/कंपनी रजिस्टर्ड हैं तथा पिछले पाँच वर्षों में इन फर्मों/कंपनियों द्वारा वर्षवार कितनी धनराशि के टेंकर एम.पी.एग्रो के लिये निर्मित किये गए। (ग) क्या दो या दो से अधिक इन फर्म/कंपनियों में एक ही व्यक्ति मालिक/पार्टनर होकर टेंकर सप्लाई की मोनोपॉली की जा रही है तथा क्या विभाग द्वारा इस तथ्य का परीक्षण किया गया? (घ) पिछले 5 वर्षों में कितनी टेंकर निर्माता फर्म/कंपनी द्वारा रजिस्ट्रेशन हेतु आवेदन दिया तथा उनमें से कितनों का रजिस्ट्रेशन एम.पी.एग्रो में हुआ है? (ड.) क्या एम.पी.एग्रो. द्वारा टेंकर की दरों के निर्धारण हेतु निविदा आमंत्रित करने के लिये प्रदेश में अन्य विभागों के अनुरूप ऑन-लाईन पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाया जाता है? (च) यदि नहीं, तो विभाग में निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता हेतु कौन सी विधियां/मापदण्ड अपनाए जाते हैं तथा टेंकरों की दर निर्धारित करने हेतु अंतिम बार निविदा कब आमंत्रित की गई थी तथा सालाना टेंकरों के मूल्यों का निर्धारण किस प्रकार से किया जाता है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) एम.पी.एग्रो के माध्यम से पेयजल टेंकर का प्रदाय विभिन्न शासकीय विभागों सहित सांसद निधि/विधायक निधि के अंतर्गत किया जाता है। (ख) एम.पी.एग्रो द्वारा फर्म/कंपनी रजिस्टर्ड नहीं की जाती अपितु मध्यप्रदेश राज्य विपणन संघ के द्वारा वॉटर टेंकर के दर निर्धारण हेतु निविदाएँ आमंत्रित कर दर प्रसारित की गई है। ऐसे निविदाकारों के साथ एम.पी.एग्रो द्वारा कार्य किया गया है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) निविदा दस्तावेज में प्रश्नांश अनुसार रोक का प्रावधान नहीं है, अत: इस प्रकार के तथ्यों के परीक्षण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निविदाकार फर्म के मालिक/पार्टनर की जानकारी उत्तरांश (ख) में है। सफल निविदाकार की दरें ही प्रसारित की जाती हैं। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार फर्म/कंपनी का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता है। विगत पाँच वर्षों में से वर्ष 2012-13, 2013-14 एवं 2015-16 में वॉटर टेंकर की दर निर्धारण हेतु आमंत्रित निविदाओं में भाग लेने वाले निविदाकारों एवं सफल निविदाकारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में टू-बिड निविदा एवं वर्ष 2015-16 में ई-टेंडर (ऑन-लाईन) टू-बिड निविदाएँ आमंत्रित की गई। (च) पारदर्शी प्रक्रिया अनुरूप निविदाएँ आमंत्रित की गई हैं, अंतिम बार वर्ष 2015-16 में ई-टेंडर (ऑन-लाईन) टू-बिड निविदाएँ आमंत्रित की गई थीं। सालाना टेंकरों के मूल्यों का निर्धारण अंतिम सफल निविदा के आधार पर किया जाता है।
फोर-लेन मार्ग पर दुर्घटनाओं की जानकारी
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 2066 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-नयागाँव फोर-लेन मार्ग के ग्राम लेबड़ से ग्राम मुल्थान तक के हिस्से में पिछले तीन वर्षों में कुल कितनी दुर्घटनाएं वर्षवार घटित हुईं तथा उनमें कितने लोग काल कवलित हुए? (ख) क्या विभाग द्वारा उक्त मार्ग के ग्राम लेबड़ से ग्राम मुल्थान के मध्य दुर्घटना आधिक्य वाले स्थानों का चिन्हांकन किया है? (ग) यदि हाँ, तो वो कौन-कौन से स्थान हैं? (घ) इस मार्ग पर चिन्हांकित दुर्घटना आधिक्य वाले स्थलों में से कौन-कौन से स्थल निर्माण में तकनीकी त्रुटियां के कारण निर्मित हुए हैं? (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में इस समस्या के निदान/मार्ग सुधार हेतु विभाग द्वारा क्या उपाय किये गये है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लेबड़-नयागाँव फोर-लेन मार्ग के ग्राम लेबड़ से ग्राम मुल्थान तक के हिस्से में पुलिस अधीक्षक, जिला-धार द्वारा प्रस्तुत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) धार जिले के कुल 5 ब्लैक स्पॉट संख्या 50, 51, 52, 53 एवं 54 जिसमें से बी.ओ.टी. योजना में निर्मित लेबड़-जावरा फोर-लेन मार्ग पर 2 ब्लैक स्पॉट संख्या 53 एवं 54 क्रमशः मुल्थान एवं नागदा चिन्हांकित किये गये। (घ) मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. योजना में स्वतंत्र सलाहकार की देख-रेख में हुआ है। कोई तकनीकी त्रुटि नहीं हुई है। जानकारी निरंक है। (ड.) उक्त चिन्हांकित ब्लैक स्पॉट एवं दुर्घटना संभावित स्थलों पर निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा भारत सरकार, भू-तल परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अन्तर्गत रोड मार्किंग की गई है साथ ही रोड स्टड, सोलर स्टड, रोड डिलिनेटर, हेज़र्ड मार्कर तथा साईन बोर्ड आदि सुरक्षात्मक उपाय किये गये हैं। निवेशकर्ता से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।
अनुपयोगी कानून को खत्म करने की समीक्षा
[विधि और विधायी कार्य]
109. ( क्र. 2074 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में विधि विभाग ऐसे कितने कानूनों को प्रदेश में अनुपयोगी मानता है, जिनका वर्तमान परिदृश्य में कोई उपयोग नहीं है, जिन्हें समाप्त करना उचित होगा। इन्हें खत्म करने की समीक्षा कब-कब, किस-किस सक्षम जिम्मेदार व्यक्ति/अधिकारी की उपस्थिति में की गई? उसमे क्या निर्णय निकला है? (ख) क्या केंद्र सरकार व अन्य प्रदेश की सरकारें भी अपने अनुपयोगी कानून नियमों को खत्म कर रही हैं? प्रदेश में अनुपयोगी कानून नियमों को खत्म करने की क्या प्रक्रिया है? (ग) गत 10 वर्षों में प्रदेश में कितने नवीन कानूनों का सृजन किया गया तथा कितने पुराने अनुपयोगी कानून/नियम खत्म किये गये? क्या प्रदेश के अनुपयोगी कानून नियमों को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार की सहमति आवश्यक है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) किसी भी अधिनियम को अनुपयोगी होने के कारण निरसित किए जाने का निर्णय विधि विभाग द्वारा नहीं लिया जाता है बल्कि अधिनियम के संबंधित प्रशासकीय विभाग द्वारा लिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) इस प्रश्नांश का प्रथम भाग मध्यप्रदेश राज्य के संदर्भ में नहीं है। अत: नहीं बताया जा सकता है। प्रदेश में अनुपयोगी अधिनियमों को निरसन विधेयक के माध्यम से विधान सभा में प्रस्तुत कर पारित कराया जाता है। (ग) गत 10 वर्षों में प्रदेश में 83 नवीन अधिनियमों का सृजन किया गया तथा 21 पुराने अनुपयोगी अधिनियम निरसित किये गए। प्रदेश के अनुपयोगी अधिनियमों को निरसित करने के लिए केन्द्र सरकार की सहमति आवश्यक नहीं है।
नदी जोड़ने की कार्ययोजना
[जल संसाधन]
110. ( क्र. 2078 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के बाद जल संसाधन विभाग द्वारा उज्जैन संभाग की किन-किन नदियों को जोड़ने की योजना बनाई गई है? (ख) क्या उक्त योजना हेतु DFR/DPR तैयार किये जाने हेतु सर्वेक्षण एव अनुसंधान (प्लान) मद अतंर्गत तैयार कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो अद्यतन स्थिति से अवगत करायें? (ग) उज्जैन संभाग में नदियों को जोड़ने हेतु कितनी-कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई? इनमें मंदसौर जिले की कौन-कौन सी नदियां शामिल हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) वर्ष 2015 के बाद जल संसाधन विभाग द्वारा उज्जैन संभाग के अंतर्गत नदियों को जोड़ने की कोई योजना न तो बनाई है और न ही प्रस्तावित है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रासंगिक मद के व्यय की जानकारी
[सहकारिता]
111. ( क्र. 2079 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक सहकारी समितियों के माध्यम से अनाज इत्यादि की खरीदी शासन द्वारा की जाती है और खरीदी केन्द्रों में प्रति क्विंटल १३ रूपये ५० पैसे अनाज तुलाई, बोरी सिलाई व्यय हेतु प्रासंगिक मद शासन द्वारा प्रदान किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो शहडोल जिले में अनाज खरीदी केन्द्रों पर विगत 3 वर्षों में प्रासंगिक व्यय में कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा चयनित सहकारी संस्थाओं द्वारा उपार्जन का कार्य किया जाता है। वर्ष 2016-17 में धान हेतु रू. 11.81 एवं गेहूँ हेतु रू. 12.78 प्रति क्विंटल की दर से प्रासंगिक व्यय शासन द्वारा प्रदाय किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कार्यों हेतु आवंटित राशि की जानकारी
[जल संसाधन]
112. ( क्र. 2080 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसील अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न् कार्यों के लिये शासन द्वारा राशि आवंटित की गई है। (ख) यदि हाँ, तो विगत जनवरी २०१४ से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? प्रत्येक कार्यवार कार्य की भौतिक स्थिति, व्यय की स्थिति, कार्य स्वीकृति, कार्य प्रारंभ एवं कार्य पूर्णता दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 2086 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर में विभाग द्वारा जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से सड़क, पुल, पुलिया निर्माण कार्य के प्रस्ताव कितनी-कितनी लागत के कब-कब स्वीकृति हेतु शासन को भेजे गए? वर्ष 2012 से जून 2017 तक विजयपुर विधानसभा में लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़कें कितनी-कितनी लागत की, कब-कब स्वीकृत की गयी? यदि नहीं, तो क्या यह शासन का पक्षपातपूर्ण रवैया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रस्तावों में से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के कब-कब स्वीकृत किये गए? इनमें से कौन-कौन से कार्य प्रारंभ है? कौन-कौन से अप्रारम्भ हैं एवं क्यों? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा मा. मंत्री जी, प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग श्योपुर को 1-केरका से सरजूपुरा-मसावनी रोड 2. श्यामपुर-धौरी बाबड़ी रोड नहर से काऊपुरा व्हाया रामोलापुरा, झोपड़ी 3. बरोली रोड से कतरनीपुरा, 4. टर्राखुर्द से भूतकछा, 5. काठोन रोड से दरिगंवा 6. गसवानी से बडोदाकलां 7. टेंटरा से धोबिनी मार्ग का पुनर्निर्माण 8. नगर विजयपुर में बायपास मार्ग निर्माण कार्य आदि सड़क मार्ग निर्माण को स्वीकृत किये जाने पत्र भेजे गए? यदि हाँ, तो इनमें से किन-किन मार्गों की स्वीकृति की कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? इन्हें कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'स' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'द' अनुसार है। जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'द' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
नहर निर्माण की जानकारी
[जल संसाधन]
114. ( क्र. 2090 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के त्योंथर उद्वहन सिंचाई हेतु बनाई गई नहर के पानी से खेतों की सिंचाई हेतु ग्राम बड़ागाँव में कितने किलोमीटर पक्की नाली का प्रावधान है तथा कितने किलोमीटर पक्की नाली बनाई गई है? (ख) ग्राम बड़ागाँव में मुख्य नहर निर्माण हेतु खसरावार कितने मीटर लम्बाई, चौड़ाई तथा कितने हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गई? किन-किन किसानों को (भूमि स्वामी) कितना-कितना मुआवजा भुगतान किया गया? (ग) ग्राम बड़ागाँव के ही किन-किन किसानों को कुएं का कितना-कितना मुआवजा भुगतान किया गया? उनमें से कितने कुंओं को नहर निर्माण में नहीं लिया गया, क्यों तथा कितने कुआं नहर निर्माण में होने के बावजूद यथावत हैं? कारण बतावें क्यों? अधिग्रहित कुआं निर्मित नहर के सेंटर से (मध्य बिंदु) से कितनी-कितनी दूरी पर है? (घ) ग्राम बड़ागाँव में आराजीवार बतावें कि कितनी चौड़ाई में नहर का निर्माण, कितने में नहर के उत्तर तथा कितने मीटर चौड़ाई में नहर के दक्षिण सड़क का निर्माण किया गया? कुल कितने-कितने चौड़ाई में खसरावार नहर (सड़क सहित) निर्माण किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) त्योंथर उदवहन सिंचाई योजना के अंतर्गत ग्राम बड़ागांव में केडवम के अंतर्गत कुल 26.5 कि.मी. पक्की नालियों के निर्माण का प्रावधान है। ग्राम बड़ागांव में अभी सिंचाई नाली के निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं होना प्रतिवेदित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। कुल 10 कुंओं का भुगतान हुआ है, जिसमें 2 कुएं नहर सेक्शन के मध्य आने के कारण निर्माण में लिया गया है तथा शेष 8 कुएं नहर के सेक्शन के बाहर, किन्तु नहर हेतु अर्जित कुल भूमि सीमा के अंदर होने के कारण यथावत होना प्रतिवेदित है। (घ) नहर की चौड़ाई रूपांकित सेक्शन में निर्धारित सी.बी.एल एवं खसरा स्थित ग्राउण्ड लेविल के अनुसार बदलती रहती है, जिसमें एक ही खसरे की लम्बाई में विभिन्न चौड़ाई की नहर का निर्माण होता है। निर्मित नहर में सड़क निर्माण का प्रावधान नहीं है, अपितु रूपांकित सेक्शन के अनुसार नहर के दायें तट पर 1.50 मी. चौड़ी नान सर्विस बैंक एवं बायें तट पर 6.20 मी. चौड़ी सर्विस बैंक प्रावधानित है, जिसके अनुसार निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है। खसरावार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है ।
सीमांकन कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 2094 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा तहसील के ग्राम पगढाल बस स्टेण्ड से रेल्वे स्टेशन के बीच सड़क निर्माण के पूर्व राजस्व विभाग से सीमांकन नहीं कराया गया है तथा एक तरफ से (बस स्टेण्ड से रेल्वे स्टेशन जाने में दायीं ओर) बिना अतिक्रमण हटाए ही सड़क का निर्माण कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है एवं कब तक प्रश्नांश (क) अनुसार सीमांकन कर अतिक्रमण हटा दिया जाएगा। (ग) क्या उक्त सड़क का निर्माण गुणवत्ता पूर्ण तय मानक अनुसार नहीं किया गया है एवं सड़क के दोनों ओर गिट्टीकरण न कर काली मिट्टी डाली गई है, जिससे वर्षा के दिनों में लोगों को आवागमन में असुविधा होगी? (घ) क्या उक्त मार्ग पर निर्मित पुलिया को असामाजिक तत्वों द्वारा मिट्टी डालकर बन्द कर दिया गया है, जिसके कारण बरसात का पानी रूकेगा और सड़क खराब होगी एवं किसानों की कृषि भूमि में पानी भरा रहेगा जिससे फसल की भी नुकसानी होगी। यदि हाँ, तो पुलिया की मिट्टी कब तक हटवा दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सीमाकंन कराया गया। जी नहीं, अतिक्रमण हटाकर सड़क निर्माण किया गया। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) मार्ग का निर्माण पूर्ण गुणवत्ता एवं मानक अनुसार किया गया है। काली मिट्टी का उपयोग नहीं किया गया है। वर्षा के दिनों में यातायात सामान्य रूप से जारी रहेगा। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उच्च स्तरीय पुल एवं सड़कों के निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 2102 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र की उच्च स्तरीय पुल एवं सड़कों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान करने के प्रस्ताव प्रमुख सचिव को दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्तावों पर विभाग ने अभी तक क्या कार्यवाही की है एवं कब-तक विभाग उक्त प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान करेगा? (ग) विभाग द्वारा मांग संख्या 42 आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की निधि से गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की सड़कों एवं पुलों का निर्माण किया जा रहा है, तो बैहर विधानसभा क्षेत्र की सड़कें एवं पुलों के प्रस्ताव आदिवासी उपयोजना क्षेत्र होने के कारण क्यों स्वीकृत नहीं किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
डामरीकरण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
117. ( क्र. 2104 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्डों (भीकनगाँव, झिरन्या) जोड़ने वाला मार्ग के मध्य में ग्राम खोई से लाईखेड़ी मार्ग का डामरीकरण कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदाय की जावेगी तथा इस मार्ग को डामरीकरण कार्य की स्वीकृति हेतु क्षेत्रीय विधायक द्वारा कौन-कौन से पत्र जारी किये गये हैं? जारी किये गये पत्रों पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या झिरन्या में माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा जिला योजना समिति की बैठक में उक्त मार्ग स्वीकृति हेतु प्रयास की घोषणा की गई थी? उसके पश्चात् शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नहरों के लाइनिंग कार्य की जाँच
[जल संसाधन]
118. ( क्र. 2105 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2013 के पश्चात् कितने तालाबों की नहरों का लाइनिंग कार्य किया गया है? कार्यवार स्वीकृत राशि एवं कार्य प्रारंभ की दिनांक सहित जानकारी देवें? क्या नहरों के लाइनिंग कार्य वर्तमान में क्षतिग्रस्त हो चुका है? हाँ, तो क्या कारण है? (ख) क्या प्राक्कलन अनुसार निर्धारित मात्रा में सही सामग्री उपयोग ठेकेदार द्वारा की गई होती तो यह स्थिति निर्मित होती और लाइनिंग कार्य गुणवत्ता विहिन निर्माण होने से ठेकेदारों या संबंधित मूल्यांकन/निरीक्षणकर्ता अधिकारियों पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? क्या दिनांक 22/02/2017 में प्रश्न क्रमंक 617 के उत्तर में समस्त क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत संबंधित ठेकेदार से कराने हेतु जवाब प्रस्तुत किया गया था। (ग) नहर के लाइनिंग कार्य की जाँच हेतु भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों का दल गठन किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2013 के पश्चात 11 तालाबों की नहरों का लाइनिंग कार्य किया गया है। कार्यवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 10 तालाबों की लाइनिंग कार्य अच्छी स्थिति में होना प्रतिवेदित है। केवल कालधा तालाब की लाइनिंग इस वर्ष माह जून 2017 में हुई। वर्षा में सायफन चोक हो जाने के कारण 6 मी. लम्बाई में क्षतिग्रस्त होना प्रतिवेदित है, जिसे निर्माण एजेंसी के व्यय पर रबी सिंचाई के पूर्व ठीक करा लिया जाएगा। (ख) लाइनिंग कार्य की गुणवत्ता निर्धारित मापदण्ड अनुसार होने से मूल्यांकन/निरीक्षणकर्ता अधिकारियों पर कार्यवाही की स्थिति नहीं है। जी हाँ। क्षतिग्रस्त नहर का सुधार कार्य ठेकेदार के व्यय पर तत्समय पूर्ण करा लिया जाना प्रतिवेदित है। (ग) इसकी आवश्यकता नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का मरम्मत कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 2125 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गंगेव जिला रीवा की मरम्मत हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई है तथा कितने का टेंडर लगाया गया तथा कार्य कब तक पूर्ण कर दिया गया एवं कार्य का संविदाकार कौन है? बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किस आईटम में कितनी-कितनी मात्रा टेंडर में प्रस्तावित है तथा अनुबंध अनुसार कौन-कौन से कक्ष में क्या-क्या कार्य किये गये हैं? अनुबंध की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किस-किस आईटम का भुगतान अभी तक कर दिया गया है तथा क्या गुणवत्ता के लिए प्रयुक्त आइटमों की टेस्टिंग कराई गई है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के लिए कौन अधिकारी दोषी है एवं उसके विरूद्ध निलम्बन एवं वसूली की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
खरीफ फसलों का प्रीमियम
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
120. ( क्र. 2128 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में 2015 में खरीफ फसलों का प्रीमियम बैंकों एवं सहकारी समीतियों द्वारा नहीं करने के कारण बीमा क्लेम से कितने किसान प्रभावित हुये हैं, इसकी किसानवार सूची, जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या उक्त किसानों ने बैंकों एवं सहकारी समितियों से ऋण लिया था? अगर ऋण लिया तो किसानों के ऋण से प्रीमियम क्यों नहीं काटा गया? बीमा कंपनी को प्रीमियम राशि क्यों जमा नहीं की गई है? क्या इसमें बीमा कंपनी से सांठ-गांठ की गई है? क्या कर्मचारियों द्वारा लापरवाही की गई है? (ग) क्या बीमा क्लेम से वंचित किसानों को राशि प्रदान की जावेगी? अगर हाँ, तो किसके द्वारा? बीमा कंपनी द्वारा या दोषी अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा? जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर कानूनी कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) नरसिंहपुर जिले के अन्तर्गत खरीफ 2015 फसलों का प्रीमियम जमा नहीं होने के कारण सहकारी समिति से 16 कृषक प्रभावित हुये। किसानवार सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त कृषकों द्वारा ऋण लिया गया था। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित नरसिंहपुर के अनुसार उत्तरांश (क) में उल्लेखित 16 कृषकों का प्रीमियम नहीं काटने का कारण समिति प्रबंधक की लापरवाही है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक नरसिंहपुर के अनुसार संबंधित समिति प्रबंधक से वसूल की जाकर प्रभावित कृषकों को राशि प्रदान की जावेगी। (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक नरसिंहपुर के अनुसार बैंक सेवा अधिनियम के तहत समिति प्रबंधक के विरूद्ध कार्यवाही बैंक स्टॉफ कमेटी के समक्ष प्रस्तावित की जावेगी।
उमर नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
121. ( क्र. 2129 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहपुर अंतर्गत ग्राम गरगटा से नयाखेड़ा के बीच उमर नदी पर पुल निर्माण की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी ने की थी। उक्त घोषणानुसार क्या पुल स्वीकृत हो चुका है? यदि हाँ, तो कब तक टेन्डर लगाया जावेगा? (ख) यदि टेन्डर लग चुका है, तो कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ हो जावेगा? (ग) पुल निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी नहीं, पुनरीक्षित स्वीकृति जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) पुनरीक्षित प्रस्ताव अनुसार पुल निर्माण हेतु रूपये 544.53 लाख की राशि स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है।
मार्ग को एम.डी.आर. सूची से विलोपित किया जाना
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 2135 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 4 जुलाई 2016 एवं 26 जून 2017 को प्रश्नकर्ता द्वारा मनासा कंजाडा मार्ग को प्रधानमंत्री सड़क योजना में निर्माण किए जाने हेतु मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग के एम.डी.आर. सूची से निरसित किए जाने हेतु पत्र प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग एवं मंत्री लोक निर्माण विभाग को लिखा गया था। उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त मार्ग को एम.डी.आर. सूची से कब तक हटा दिया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मार्ग को MDR की श्रेणी से विलोपित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभिन्न मार्गों पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 2136 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में सुसरी नदी पर, बंधारा खुर्द, आमदा, दोंदवाडा नांदियाबड और एकलबारा में ग्रामों के पहुँच मार्ग हेतु नदियों पर पुलों के कोई प्रस्ताव हैं? (ख) क्या उक्त स्थलों पर पुल निर्माण हेतु क्षेत्रीय विधायक द्वारा कोई प्रस्ताव दिए गए हैं? यदि हाँ, तो कब तथा प्रश्नकर्ता द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की हुई है? (ग) क्या उक्त स्थानों पर पुल नहीं होने के कारण जनता को आवागमन में असुविधा होती है? यदि हाँ, तो सुगम आवागमन हेतु क्या इन स्थानों पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो कारण बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
एप्रोच मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
124. ( क्र. 2137 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सड़क निर्माण के साथ एप्रोच मार्ग का निर्माण किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो खेतिया– सेंधवा मार्ग का कार्य पूर्ण हो जाने के उपरांत भी एप्रोच मार्ग का कार्य अधूरा है? छोटे–छोटे ग्राम एवं कालोनियों में जाने वाले रास्तों पर एप्रोच मार्ग का निर्माण नहीं होने से नागरिकों को असुविधा हो रही है? कब तक एप्रोच मार्ग का कार्य किया जावेगा? (ख) क्या नगर पानसेमल के वार्ड क्रमांक 03 कुम्हार गली की और जाने वाला रास्ता जिसमें कई छोटे-छोटे व्यापारी व्यवसाय कर अपनी आजीविका चलाते हैं, उक्त मार्ग पुलिया निर्माण हो जाने से बंद हो चुका है? जिसके कारण नागरिकों के द्वारा वैकल्पिक मार्ग की मांग की गई हैं। क्षेत्रीय विधायक के द्वारा भी उक्त सम्बन्ध में प्रस्ताव भेजे गए हैं? यदि हाँ, तो मार्ग का कार्य कब तक किया जावेगा? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, सड़क (सेंधवा-खेतिया) निर्माण के साथ मुख्य एवं प्रचलित एप्रोच मार्ग निर्माण किये जाने का प्रावधान अनुबंध के अन्तर्गत है, इस तरह के 19 जंक्शन व एप्रोच रोड विभिन्न लोकेशन पर अनुबंध के शेड्यूल ''बी'' अनुसार बनाई जानी थी। बड़े ग्रामों को प्रचलित एप्रोच रोड जो मुख्य सड़क से जुड़ती है (तथा जिस जगह पर पूर्व से सड़क निर्मित है) वह एप्रोच रोड बना दी गई है। सड़क अनुबंध में 19 जंक्शन व एप्रोच रोड का प्रावधान होने के विरूद्ध 19+24=43 जगह जंक्शन व एप्रोच रोड भूमि की उपलब्धता अनुसार अनुबंध के तहत निर्मित की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नगर पानसेमल के वार्ड क्र. 03 में कुम्हार गली की ओर जाने वाला रास्ता मुख्य सड़क के कि.मी. 44+514 पर निर्मित किये गये वृहद पुल के कारण अवरूद्ध हो गया है। नागरिकों द्वारा वैकल्पिक मार्ग की मांग को क्षेत्रीय विधायक महोदय के प्रस्ताव अनुसार अतिरिक्त कार्य के रूप में (चेंज ऑफ स्कोप) स्वीकृति प्रदान की गई है परन्तु पुल की रिटेनिंग वाल से लगी हुई भूमि पर (नदी के किनारे) अवैध निर्माण होने से एप्रोच रोड (सर्विस रोड 5.5 मी. चौड़ाई) का निर्माण नहीं हो सका है। प्रशासन द्वारा जमीन उपलब्ध कराते ही दांई ओर सर्विस रोड का निर्माण कर दिया जावेगा। समय-सीमा वर्तमान परिस्थिति में बताना संभव नहीं।
नदी-नालों पर बनाए गए स्टॉप डेम व तालाब
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
125. ( क्र. 2140 ) श्री रामसिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 10 मार्च, 2016 के प्रश्न क्रमांक 11 के संदर्भ में बताएं कि 2010 से 2014 में रतलाम जिले में किस-किस नदी या नाले पर कितनी लागत का प्रत्येक स्टॉप डेम या तालाब कृषि विभाग ने बनाया? (ख) स्थान, नाले का नाम आदि का विवरण देते हुए बताएं कि क्या इन स्टॉप डेम में भारी गाद को निकालने की कृषि विभाग योजना बनाएगा तथा उनके बनाने का उद्देश्य पूरा हो व क्षेत्र में जल स्तर बढ़े?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2010 से 2014 तक रतलाम जिले में 37 परकोलेशन टैंक, 7 लघुत्तम सिंचाई तालाब, 3 वाटर हार्वेस्टिंग टैंक एवं 2 स्टॉप डेम बनाये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शासकीय भूमि पर निर्मित संरचनाओं का कार्य पूर्ण होने के पश्चात पंचायतों को रख-रखाव हेतु हस्तांतरित कर दिया जाता है। स्टॉप डेम से गाद निकालने हेतु वर्तमान में विभाग में कोई भी योजना प्रस्तावित नहीं है।
वेयर हाउसों में रखी मण्डी जिन्स की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
126. ( क्र. 2157 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की समस्त मंडियों व उपमंडियों के अंतर्गत कितने प्रायवेट व शासकीय/सहकारी वेयर हाउस निर्मित हैं एवं कितने वर्तमान में संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त वेयर हाउसों में कितनी जिन्स/माल किसान व व्यापारियों का रखा है? दिनांक 01/4/2016 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करावें! (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त वेयर हाउसों में व्यापारियों द्वारा चुकाये गये मण्डी शुल्क का कितना कृषि उत्पाद रखा गया? व्यापारीवार, प्रो./फर्म का नाम, पता दिनांक, सहित मंडी में चुकाये गये मंडी शुल्क का सम्पूर्ण ब्यौरा व दिनांक सहित जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) छतरपुर जिले के क्षेत्रांतर्गत कृषि उपज मंडी समितियों एवं उपमंडियों में 112 प्रायवेट एवं 24 शासकीय वेयर हाउस निर्मित हैं। जिसमें से 103 संचालित हैं। (ख) प्रश्नागत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नागत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
नोटबंदी की अवधि में मण्डियों में व्यापार की स्थिति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
127. ( क्र. 2158 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 11/11/2016 से 31/01/2017 तक 24 हजार रूपये बचत खाता से एवं 50000/- रूपये चालू खाता से निकासी के आदेश थे? (ख) क्या छतरपुर जिले की समस्त मण्डियों में करोड़ों रूपये का व्यापार उक्त अवधि में किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उन समस्त व्यापारियों के नाम, फर्म का नाम, पता, लायसेंस नं. सहित बतावें। जिन्होंने इस राशि से अधिक भुगतान से अतिरिक्त अधिक राशि का व्यापार किया है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) की संपूर्ण जानकारी दिनांक 11/11/2016 से 31/01/2017 तक सूचीवार उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। क्रय-विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नियम विरूद्ध खरीदी कार्य पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
128. ( क्र. 2165 ) श्री मधु भगत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि जैविक खाद के लिये कृषि विभाग द्वारा बार-बार टेण्डर की तारीख बढ़ाई जा रही है? कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रदेश में जैविक खाद की कितनी राशि की किस मापदण्ड से खरीदी किया जाना हैं? (ग) क्या म.प्र. जैविक खाद बनाने वाली लघु इकाइयां म.प्र. भण्डार क्रय नियम को नजर अंदाज करते हुए एवं नियम विरूद्ध खरीदी की कार्यवाही की जा रही हैं? (घ) क्या जैविक खाद निर्माता जो कि प्रदेश से बाहर की इकाइयां हैं? उनसे म.प्र. भण्डार क्रय नियम विरूद्ध खरीदी का कार्य बाहर की इकाइयों को लाभ पहुँचाने को दिया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल द्वारा जैविक खाद खरीदी हेतु कोई टेंडर नहीं बुलाये जाते एवं न ही जैविक खाद की खरीदी की गई है, शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) एवं (घ) जी, नहीं।
अधूरी सिंचाई परियोजना का पुनर्निमाण
[जल संसाधन]
129. ( क्र. 2166 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किसी भी बांध सिंचाई परियोजना को स्वीकृति प्रदान करने किन-किन मापदण्डों का निर्धारण किया जाता है तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने पर सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने के लिये कौन-कौन से छूट का प्रावधान है? (ख) अधूरी सातनारी परियोजना बुढि़या गाँव बालाघाट को पुन: स्वीकृति प्रदान करने के लिये क्या पुन: सर्वे किया जावेगा या भविष्य में नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण उक्त बांध परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) क्या प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग द्वारा उक्त बांध के पुनर्निमाण के संबंध में अधीक्षण स्तरीय सिंचाई विभाग का एक दल बांध स्थल पर वस्तुस्थिति का जायजा लेने गया था जहाँ बांध न बनने की स्थिति में किसानों द्वारा जल समाधि लेने की बात की गई। तत्संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा उक्त रिपोर्ट के आधार पर मान. जल संसाधन मंत्री द्वारा बांध के पूर्णीकरण के संबंध में क्या निर्णय लिया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) किसी भी सिंचाई परियोजना की साध्यता उसके जल ग्रहण क्षेत्र में उपलब्ध जल की आवक, जीवित जल क्षमता, डूब क्षेत्र का प्रतिशत एवं प्रति हेक्टर लागत पर निर्भर होती है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लिये अलग से कोई मापदण्ड अथवा छूट निर्धारित नहीं है। (ख) एवं (ग) परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। प्रमुख अभियंता कार्यालय से निरीक्षण हेतु भेजे गए अधीक्षण यंत्री द्वारा परियोजना को संबंधित क्षेत्र के लिए उपयुक्त बताया गया है।
नहर निर्माण की जानकारी
[जल संसाधन]
130. ( क्र. 2169 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच बांध माचागोरा जिला-छिन्दवाड़ा में किन-किन नहरों का निर्माण टर्न-की पद्धति से किया जा रहा है? इन नहरों के निर्माण एजेंसी का नाम, पता, निर्माण अवधि, लागत राशि की जानकारी देते हुए यह बतावें कि कितने कमांड एरिया में नहर बनायी जानी थी? कितने कमांड एरिया में नहर बनायी जा रही है? कौन-कौन से कमांड छूट रहा है? ग्रामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिवनी ब्रांच, बखारी ब्रांच, नांदना, हरदुआ, धमनिया एवं टेल डिस्ट्रीब्यूटरी केनाल निर्माण की लम्बाई कितनी प्रस्तावित थी? कितना निर्माण हुआ, कितना शेष है? नहर प्रणाली में खुदायी कितनी होनी थी, कितनी हुई? नहरवार किलोमीटरवार जानकारी दें। इन नहरों में कुल कितनी माईनर नहरें बनायी जानी थीं? एजेंसी द्वारा कितनी माईनर बनायी गयी हैं और कितनी माईनर का निर्माण किया जावेगा? (ग) किन-किन नहरों में कितनी लम्बाई में लाइनिंग प्रस्तावित थी? एजेंसी द्वारा किस-किन नहरों की कितनी लम्बाई में निर्माण किया गया? कितना निर्माण होना शेष है? पूरे नहर प्रणाली में स्ट्रक्चर कितने बनने थे? कितने बनाये गये? कितने शेष हैं? शेष कहाँ-कहाँ पर बनाये जाने हैं? (घ) उपरोक्तानुसार कार्यों के लिए ठेकेदारों को अब तक कितनी राशि भुगतान की गई है? कितना किन कार्यों का भुगतान होना शेष है? नहरवार एजेंसीवार बतायें। क्या किन्हीं नहरों के स्ट्रक्चर अथवा लाइनिंग के गुणवत्ताहीन निर्माण के चलते टूटने-फूटने का मामला प्रकाश में आया है, तो क्या और कब? इसके लिए कौन लोग जिम्मेदार है? नहर निर्माण की वर्तमान प्रगति से अवगत कराते हुए यह बतावें कि नहर निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब', 'स', 'द' अनुसार है।
नहर निर्माण कार्य में प्रगति की स्थिति
[जल संसाधन]
131. ( क्र. 2170 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1083 दिनांक 05/12/2016 के उत्तर में बताया गया है कि पेंच बांध के नांदना, हरदुआ वितरण नहर हेतु नियुक्त एजेंसी के कार्य अवधि में वृद्धि के पश्चात भी निर्माण की प्रगति 18 प्रतिशत रही? अपेक्षित प्रगति लाने हेतु विभाग प्रयासरत है। कार्य संतोषप्रद न करने की स्थिति में गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी तो उक्त नहर के निर्माण की प्रगति लाने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किया गया? क्या उक्त नहर के निर्माण अवधि एवं वृद्धि की गयी? अवधि के पश्चात भी नहर निर्माण की प्रगति नगण्य है? हाँ, तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? समय रहते कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्त नहरों का अब तक कितना निर्माण किया गया? किन-किन निर्माण कार्यों हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि निर्माण एजेंसी को भुगतान की गयी? (ग) क्या स्थानीय अधिकारियों के मिली-भगत से निर्माण एजेंसी को निर्माण कार्य से अधिक का भुगतान किये जाने का मामला प्रकाश में आया है जिसके चलते ठेकेदार कार्य छोड़कर भागने की स्थिति में है? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों की कितनी राशि का अधिक भुगतान ठेकेदार को किया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। अपेक्षित प्रगति लाने हेतु विभाग द्वारा संबंधित एजेंसी से लगातार बैठकें एवं पत्राचार कर प्रगति बढ़ाने हेतु प्रयास किए गए हैं। जी हाँ। एजेंसी द्वारा नहर निर्माण कार्य नहीं किया जाना रहा है, जिसके लिए निर्माण एजेंसी स्वयं जिम्मेदार है। विभाग द्वारा पूर्व में ही एजेंसी का पंजीयन मुख्य अभियंता सिवनी के आदेश दिनांक 28.08.2015 द्वारा तीन वर्ष की समयावधि के लिए निलंबित किया गया एवं निविदा प्रतिस्पर्धा में भाग लेने से प्रतिबंधित किया गया। अनुबंध समाप्त करने की कार्यवाही हेतु पत्र दिनांक 07.07.2017 को विधिवत नोटिस जारी किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) उक्त नहरों में अद्यतन नांदना वितरक नहर में 70 प्रतिशत हरदुआ वितरक नहर में 65 प्रतिशत, खैरघाट उपवितरक नहर में 40 प्रतिशत खुदाई कार्य पूर्ण किया गया है। 2 कि.मी. लाइनिंग कार्य पूर्ण किया गया। पक्की संरचनाओं में 44 नग कार्य पूर्णता की ओर है, 5 नग कार्य 10 से 30 प्रतिशत तक पूर्ण किये गये हैं, किये गये निर्माण कार्यों का विस्तृत विवरण एवं भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) टर्न-की संविदा होने से भुगतान माईलस्टोन अनुरूप किए गए हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
त्रुटिपूर्ण मुआवजा निर्धारण करने वाले दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
132. ( क्र. 2172 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग छिन्दवाड़ा-सिवनी के निर्माण से मौजा चौरई के भूमि का त्रुटिपूर्ण मुआवजा निर्धारण एवं व्यक्ति विशेष को लाभ पहुँचाने की शिकायत लोकायुक्त जबलपुर को विगत तीन वर्षों के मध्य की गयी है? यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस के द्वारा शिकायत की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या उक्त शिकायत की जाँच की गयी है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी के द्वारा की गयी? जाँच में क्या पाया गया? जाँच प्रतिवेदन व निष्कर्ष से अवगत कराते हुए यह बतावें कि कौन-कौन दोषी पाये गये? (ग) यदि जाँच नहीं की गयी है तो क्यों? किस अधिकारी के पास कब से जाँच लंबित है? अब तक जाँच को लंबित रखने के क्या कारण है? क्या यह माना जाये कि जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा आरोपियों को प्रश्रय दिया जा रहा है? (घ) कब तक जाँच पूर्ण कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भौतिक सत्यापन तथा नवीन प्राकलन की स्वीकृति
[जल संसाधन]
133. ( क्र. 2183 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र एवं राज्य शासन की राशि से स्वीकृत एवं निर्मित तालाबों, नहरों तथा स्टॉप डेमों का भौतिक सत्यापन किया है? कितने स्टॉप डेम, तालाब और नहरें वर्तमान में गत वर्षांत में नष्ट हो गये? क्या उनकी मरम्मत करा दी गयी या करना है या निर्माण अधूरा है? कारण सहित बतायें। (ख) गुना जिले से विभाग एवं शासन को स्वीकृति हेतु कितने प्राक्कलन लंबित हैं? कितने डेमों, तालाबों और नहरों के निर्माण अधूरे हैं? कितने स्टॉप डेम, तालाब, नहरें नष्ट हो गयी हैं, फूट गये, जो विभाग ने बनाये थे? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? कब तक पालन होगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों में यदि शासन स्तर पर या विभाग स्तर पर कार्यवाही लंबित है या विभाग के जिम्मेदार अधिकारी दोषी हैं या घटिया निर्माण हुआ है, तो क्या विभाग उपरोक्त तथ्यों की जाँच कराकर कार्यवाही करेगा? (घ) क्या गुना जिले को प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में शामिल किया है? यदि हाँ, तो कितने प्राक्कलन बने और स्वीकृत हुये? यदि नहीं, तो कारण बतायें? गुना जिले को शामिल करेंगे? कौन-कौन से विभाग शामिल होगें? क्या गुना जिले में पर्याप्त स्टॉफ विभाग के पास है? नवीन परियोजनाएं कब तक चालू होंगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) गुना जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक निर्मित तालाबों, नहरों तथा स्टॉपडेमों का भौतिक सत्यापन विभागीय अधिकारियों द्वारा किया गया है एवं कोई संरचना क्षतिग्रस्त नहीं होना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। स्वीकृति हेतु लंबित प्रस्तावों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जी हाँ। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जल संसाधन विभाग की ए.आई.बी.पी., एस.एम.आई., आर.आर.आर एवं केडवम के अंतर्गत स्वीकृत कार्य कराए जाते हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का समन्वय किसान कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है। गुना जिले में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार हैं। जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सीमित बजट उपलब्धता के परिप्रेक्ष्य में नवीन कार्य सामान्यत: स्वीकृत नहीं किए जा रहे हैं। तकनीकी एवं वित्तीय दृष्टि से साध्य उपयुक्त प्रस्ताव प्राप्त होने पर राज्य मद से स्वीकृति हेतु विचार किया जाएगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उद्यानिकी फसलों के समर्थन मूल्य एवं क्रय-विक्रय हेतु व्यवस्था
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
134. ( क्र. 2184 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों, मसालों, फलों आदि को कोई समर्थन मूल्य केन्द्र या राज्य शासन द्वारा घोषित किया है? (ख) क्या मध्यप्रदेश की कृषि उपज मंडियों या अन्य साधन उद्यानिकी फसलों, मसालों, फलों के क्रय-विक्रय प्रत्येक मंडी तथा प्रत्येक जिले में खरीदी केन्द्र स्थापित है या करेंगे? (ग) क्या उद्यानिकी फसलों के उत्पादन हेतु केन्द्र या राज्य शासन किसानों को जिलेवार कोई अनुदान उपलब्ध कराता है या नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में तथ्यों की व्यवस्था हेतु विभाग में स्थापित करने के लिये कौन उत्तरदायित्व है? क्या म.प्र. में प्रत्येक मंडी स्तर पर उद्यानिकी फसलों के क्रय विक्रय हेतु विभाग व्यवस्था करेगा व कब तक?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी नहीं। (ख) मध्यप्रदेश में सभी 257 कृषि उपज मण्डियाँ मसालों के कृषि विपणन के लिए अधिकृत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार 170 कृषि उपज मंडियाँ फलों एवं सब्जियों के कृषि विपणन के लिए अधिकृत हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उद्यानिकी फसलों के उत्पादन हेतु केन्द्र एवं राज्य शासन की योजनाओं के अंतर्गत किसानों के आवेदन पर अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। (घ) उद्यानिकी फसलों का कच्चा उत्पाद नश्वर प्रकृति का है, इन उत्पादों का समर्थन मूल्य केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा घोषित करने की वर्तमान में कोई नीति नहीं है, लेकिन विशेष परिस्थिति में उत्तरांश (क) अनुसार बाजार हस्तक्षेप योजना के अंतर्गत प्याज हेतु खरीदी की व्यवस्था की गई है। उत्तरांश (ख) एवं (ग) अनुसार मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसल उत्पादन हेतु अनुदान एवं उद्यानिकी उत्पादों के क्रय-विक्रय की समुचित व्यवस्था है।
नहरों की लाइनिंग का गुणवत्ताहीन कार्य
[जल संसाधन]
135. ( क्र. 2204 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत कितने वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनायें संचालित हैं? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या इन परियोजनाओं में जो लाइनिंग एवं पक्कीकरण का कार्य हुआ है वह अत्यंत ही गुणवत्ताहीन है? यदि हाँ, तो इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने एवं गुणवत्ताहीन कार्य होने के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब तथा प्रश्नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) बायीं तट नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं तथा गुणवत्ताहीन कार्य होने से कौन-कौन अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्मेदार हैं? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुये क्या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत तवा वृहद परियोजना, डोकरीखेड़ा मध्यम एवं आमादेही तथा गुड्डीखेड़ा लघु सिंचाई परियोजनाएं संचालित हैं। (ख) जी नहीं। सोहागपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तवा बायीं तट की मुख्य नहर की चेन क्रमांक 0 से 770 के मध्य लाइनिंग कार्य की जाँच हेतु लिये गये सेम्पल की स्ट्रेंथ कुछ भाग में निर्धारित मापदण्ड से कम पाये जाने पर लाइनिंग तुड़वाकर ठेकेदार के व्यय पर पुन: लाइनिंग कराये जाने के निर्देश प्रमुख अभियंता द्वारा दिये गये हैं। दायीं तट मुख्य नहर का कार्य प्रारंभ है एवं मापदण्डों के अनुरूप कराया जा रहा है। (ग) कार्यों की प्रगति अथवा गुणवत्ता विषयक कोई पत्र शासकीय अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है। (घ) बायीं तट नहर के अमानक लाइनिंग कार्य के लिये संबंधित कार्यपालन यंत्री व अधीनस्थ अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रकियाधीन है।
जलाशय की नहरों का सीमेन्टीकरण
[जल संसाधन]
136. ( क्र. 2222 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन बैनगंगा संभाग बालाघाट के बौरीखेड़ा जलाशय की मेन केनाल क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे पर्याप्त सिचांई नहीं हो रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो मेन केनाल के सीमेन्टीकरण का प्राक्कलन किस स्तर पर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु लंबित पड़ा है? बताया जावे। (ग) यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जल संसाधन विभाग द्वारा बोरीखेड़ा जलाशय का सुदृढ़ीकरण तथा मेन केनाल का सीमेन्टीकरण की स्वीकृति कब तक जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदान कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जलाशय से पर्याप्त सिंचाई होना प्रतिवेदित है। विगत 5 वर्षों में परियोजना से की गई खरीफ सिंचाई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) नहर में कुछ स्थानों पर सीपेज अधिक होने के कारण लाइनिंग कार्य का प्रस्ताव विसंगतियों के निराकरण हेतु संभाग स्तर पर प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में सुदृढ़ीकरण का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
माईनर नहरों का सुधार कार्य
[जल संसाधन]
137. ( क्र. 2223 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग बैनगंगा संभाग बालाघाट के अधीन जल उपभोक्ता चिचोली के डोंगरिया एवं मोवाड़ माईनर क्षतिग्रस्त होने से एवं डोंगरिया के किसानों को सिंचाई का पानी विगत दो वर्षों से प्राप्त नहीं हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक डोंगरिया एवं मेवाड़ माईनर को दुरूस्त कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2015-16 में बैनगंगा प्रणाली की वारासिवनी शाखा नहर सहित मुख्य नहरों की एम.पी.डब्ल्यू.एस.आर.पी. मद से लाइनिंग कराने के उपरांत वारासिवनी शाखा नहर के अंतिम छोर तक विगत 2 वर्षों से पानी पहुंचाना प्रतिवेदित है । जल उपभोक्ता संथा को प्राप्त राशि से आवश्यक सुधार उपरांत लाभान्वित ग्रामों की आंशिक रकबे में विगत 2 वर्षों से जल प्रदाय किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस वर्ष सिंचाई प्रारंभ होने के पूर्व डोंगरिया एवं मेवाड़ माइनर नहरों का यथा आवश्यक मरम्मत/सुधार कार्य करा लिया जाएगा।
नहरों का सीमेंटीकरण एवं लाइनिंग कार्य
[जल संसाधन]
138. ( क्र. 2229 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत नहरों के सीमेंटीकरण/लाइनिंग कार्य हेतु शीतकालीन सत्र 2013 से निरंतर विधानसभा प्रश्न के माध्यम से मांग की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नहरों के सीमेंटीकरण एवं लाइनिंग व अन्य संबंधित कार्यों के लिए प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग ने भी संजय सरोवर परियोजना की नहरों का निरीक्षण किया है? यदि हाँ, तो नहरों के सीमेंटीकरण एवं लाइनिंग कार्य के लिए विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक इस पर क्या कार्य किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या संजय सरोवर परियोजना की नहरों का सीमेंटीकरण एवं लाइनिंग कार्य किया जाना है? यदि हाँ, तो कब तक कितनी राशि से सीमेंटीकरण कार्य किया जाना है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। प्रमुख सचिव जल संसाधन द्वारा संजय सरोवर परियोजना बांध एवं अपर तिलवारा नहर का निरीक्षण किया गया। समीक्षा बैठक दिनांक 05.03.2017 को दिए गए निर्देशानुसार संजय सरोवर परियोजना की नहरों के सीमेंटीकरण करने के प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। तात्कालिक आवश्यकता अनुसार भीमगढ़ मुख्य नहर चैन क्र. 0 से 49 व तिलवारा फीडर कैनाल की लाइनिंग की निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। (ग) संजय सरोवर परियोजना नहरों की लाइनिंग के कार्य की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय एवं राशि का आंकलन बता पाना संभव नहीं है।
फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
139. ( क्र. 2264 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में खरीफ फसल के लिये वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक फसल बीमा योजना के किसानों को फसल में नुकसान (क्षति) होने पर बीमा सहायता राशि प्राप्त करने की कोई योजना चलायी गई थी। उक्त योजना कौन-कौन सी फसलों एवं किन-किन क्षेत्रों पर लागू है? उल्लेख करें। उक्त नियम और निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला छतरपुर के विधानसभा क्षेत्र बड़ामलहरा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन एजेंसियों द्वारा कितने कृषकों को कितनी प्रीमियम राशि किस फसल के लिये किस अवधि में दी गई थी? उल्लेख करें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अविध में विकासखण्ड बड़ामलहरा के महाराजगंज एवं बंधा चमरोई के कृषकों द्वारा प्रीमियम जमा करने पर फसल बीमा योजना का लाभ दिया गया था? हाँ या नहीं? संख्या बताएं। (घ) प्रश्नांश (ग) यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? उक्त कृषकों को कब तक बीमा राशि प्रदान कर दी जावेगी।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश में खरीफ 2015 एवं रबी 2015-16 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू थी। खरीफ 2016 से प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है। खरीफ मौसम में पटवारी हल्का स्तर पर धान सिंचित, धान असिंचित, सोयाबीन, मक्का, बाजरा एवं अरहर, तहसील स्तर पर ज्वार, कोदो कुटकी, मूंगफली, तिल एवं कपास तथा जिला स्तर पर मूंग एवं उड़द फसलें अधिसूचित है। रबी मौसम में पटवारी हल्का स्तर पर गेहूँ सिंचित, गेहूँ असिंचित, चना एवं राई-सरसों, तहसील स्तर पर अलसी तथा जिला स्तर पर मसूर फसलें अधिसूचित हैं। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियम निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जिला छतरपुर में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना की क्रियान्वयन एजेन्सी एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड भोपाल थी। खरीफ वर्ष 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई जिसकी क्रियान्वयन एजेन्सी एच.डी.एफ.सी इरगो है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना में कृषकों द्वारा देय प्रीमियम दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र बड़ामलहरा की प्रश्नांकित अवधि की बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) प्रशनांकित अवधि में खरीफ 2015 हेतु तहसील बड़ामलहरा के पटवारी हल्का नंबर 6 ग्राम बंधा एवं पटवारी हल्का नंबर 28 ग्राम महाराजगंज में सोयाबीन फसल हेतु उपज में कमी नहीं पाई गई थी, अत: क्षतिपूर्ति देय नहीं है। खरीफ 2016 के लिये राज्यांश प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कम्पनियों को कर दिया गया है तथा दावा का भुगतान बीमा कम्पनी स्तर पर प्रक्रियाधीन है। रबी 2016-17 के 50 प्रतिशत राज्यांश प्रीमियम का अग्रिम भुगतान बीमा कम्पनियों को कर दिया गया है तथा बीमा कम्पनियों द्वारा दावा गणना प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुशासनात्मक कार्यवाही
[सहकारिता]
140. ( क्र. 2265 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में पदस्थ उपायुक्त सहकारिता संस्था छतरपुर वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कब से कब तक कहाँ एवं किस पद पर पदस्थ रहे? उक्त अधिकारी की म.प्र. शासन एवं प्रशासन को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? क्या प्राप्त शिकायतों की जाँच की गई थी? यदि हाँ, तो किस-किस जाँच प्रतिवेदन पर विभागीय मंत्री एवं विभागीय आयुक्त एवं अन्य अधिकारी द्वारा म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु कब किसके द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव को भेजा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त कार्यवाही प्रतिवेदन पर प्रमुख सचिव द्वारा कार्यवाही की गई थी? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कार्यवाही प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? उक्त की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही करने वाले प्रमुख सचिव के विरूद्ध कार्यवाही के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) छतरपुर में पदस्थ उप आयुक्त सहकारिता श्री अखिलेश कुमार निगम, दिनांक 01.01.2010 से 11.08.2010 तक दमोह जिले में सहायक पंजीयक सहकारी संस्थायें के पद पर, दिनांक 12.08.2010 से 01.02.2013 तक पन्ना जिले में सहायक पंजीयक सहकारी संस्थायें पन्ना के पद पर एवं 02.02.2013 से वर्तमान तक छतरपुर जिले में उप पंजीयक सहकारी संस्थायें छतरपुर के पद पर पदस्थ हैं। प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। आयुक्त सहकारिता से प्राप्त समस्त जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन होकर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फसल की सिंचाई हेतु पानी की व्यवस्था
[जल संसाधन]
141. ( क्र. 2281 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर शहर की आबादी को पेयजल की पूर्ति हेतु बहुत पुराना तिघरा बाँध जो पूरी तरह उसके कैचमेन्ट ऐरिया में वर्षा पर निर्भर है? यदि हाँ, तो इस तालाब के कैचमेन्ट ऐरिया में कम वर्षा होती है, तो क्या ककेटो, अपर ककेटो एवं पेहसारी डेम का पानी जो उक्त तालाब क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले कृषकों की फसलों की सिंचाई हेतु तथा हिम्मतगढ़ तालाब को भरने हेतु बनाये गये थे जिसका पानी कृषकों की फसलों की सिंचाई को रोक कर तिघरा डेम में लाया जाता है। यदि हाँ, तो क्या यह एक अस्थाई व्यवस्था है? यदि हाँ, तो क्या इससे उक्त तालाब क्षेत्र के तथा हिम्मतगढ़ तालाब क्षेत्र के कृषक अपनी फसलों की सिंचाई से वंचित रह जाते हैं? यदि हाँ, तो क्या तिघरा तालाब को पानी पूर्ति के लिये कोई स्थाई वैकल्पिक व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? स्पष्ट करें। (ख) क्या हिम्मतगढ़ तालाब जिसमें पानी भरने के लिये ककेटो, अपर ककेटो एवं पेहसारी डेम से लिंक किया गया था? क्या इस के जल-भराव से पानी रोक कर तिघरा डेम का भरा जाता है, जिससे इस तालाब क्षेत्र में आने वाले ग्राम जैसे हिम्मतगढ, गुर्जर वनवारी, रावत वनवारी, मऊछ, निकौडी, धिरौली, टोडा, रामनगर वनवार, उर्वा, वेरनी, पार, हनुमान टेकरी, सोनगढ़, इमलिया, ठाठी, सिमरिया, जखा, चैत, दुवहा, दुवई इत्यादि गाँव के कृषकों की फसलों की सिंचाई हेतु हिम्मतगढ तालाब में पानी भरने के लिये हर्सी हाई लेवल कैनाल से व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या इस क्षेत्र के कृषकों को सिंचाई के अभाव में पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा या इनकी फसलों की सिंचाई की कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। ग्वालियर शहर की आबादी की पेयजल आपूर्ति तिघरा बांध से की जाती है, तिघरा बांध के जलग्रहण क्षेत्र में अल्प या अवर्षा की स्थिति में अपर ककेटो, ककेटो एवं पेहसारी बांधों से पेयजल आपूर्ति की जाती है। वर्ष 1998-99 में इन बांधों से हिम्मतगढ़ बांध को सांकनून नहर के माध्यम से सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराने का प्रावधान था। मान. उच्च न्यायालय ग्वालियर द्वारा वर्ष 2009 में इन बांधों के पानी को ग्वालियर शहर के पेयजल हेतु आरक्षित रखे जाने के निर्णय के कारण उक्त प्रस्ताव को स्थगित किया गया। वर्तमान में तिघरा बांध में जल आपूर्ति हेतु अन्य कोई वैकल्पिक योजना विचाराधीन नहीं है। हर्सी उच्च स्तरीय नहर से हिम्मतगढ़ तालाब को भरने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
कृषि साख सहकारी सेवा समिति में भ्रष्टाचार
[सहकारिता]
142. ( क्र. 2282 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियाँ हैं? इनमें 1 जुलाई, 2017 की स्थिति में वर्गवार कितने-कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? समितिवार जानकरी उपलब्ध करावें। (ख) भितरवार विधान सभा क्षेत्र की कृषि साख सहकारी समिति चीनौर में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें। 31 मई, 2017 की स्थिति में उक्त संस्था द्वारा कितने किसानों पर कितना-कितना ऋण बकाया है? 1 जुलाई, 2017 की स्थिति में कितना-कितना कुल ऋण बकाया है, जो संस्था को अदा करना है? (ग) क्या कृषि साख सहकारी समिति चीनौर में कृषक गजेन्द्र सिंह पुत्र हरिज्ञान सिंह जिनकी मृत्यु 09/12/2008 को हो गई थी। क्या मृत्यु उपरांत भी उनके नाम से समिति कर्मचारियों द्वारा फर्जी तरीके से ऋण लेना बताया गया है? यदि नहीं, तो उक्त दिनांक के बाद से उनके खाते की प्रमाणित प्रति और उनके द्वारा कब-कब ऋण किस-किस कार्य से लेना बताया गया है? स्पष्ट करें। उनके पुत्र से उनकी फसल की उपज की बिक्री राशि उनकी मृत्यु दिनांक के बाद से जबरदस्ती कितनी-कितनी राशि कब-कब काटी गई है? संपूर्ण जानकारी दिनांकवार स्पष्ट करें। फर्जी तरीके से काटी राशि के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनका नाम स्पष्ट करें। क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? क्या फर्जी ऋण बताकर जो राशि उनके पुत्र से उनकी फसल की उपज बिक्री से काटी गई है? क्या उसको मय ब्याज के उनके पुत्र को वापिस किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 76 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित, चीनौर में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित, चीनौर का दिनांक 31.05.2017 की स्थिति पर 1557 किसानों पर रू. 11.59 करोड़ ऋण बकाया है तथा समिति को दिनांक 01.07.2017 की स्थिति पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, ग्वालियर को रू. 38.60 करोड़ अदा करना है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। ऋण खाते की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार तथा प्रमाणित सत्य प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। श्री गजेन्द्र सिंह की मृत्यु उपरांत की गई वसूली की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। खातेदार की मृत्यु उपरांत उसके वारिसों से संस्था की बकाया राशि की वसूली की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं। अतः राशि मय ब्याज के वापस किया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के प्रस्तावित कार्य
[जल संसाधन]
143. ( क्र. 2294 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनुपपूर अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित किये गये हैं? उनमें से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? वर्षवार, कार्यवार एवं विकासखण्डवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत समरार-बौदा, झिलमिल, बड़ी तुम्मी एवं सिंहपुर वेंकटनगर जलाशय के निर्माण की स्वीकृति एक वर्ष में प्रदान की जा चुकी है किन्तु अभी तक प्रारंभ नहीं किया जा सका है? स्थिति स्पष्ट करें। क्या इन जलाशयों के निर्माण में जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है, क्या उनको मुआवजा प्रदान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) क्या पुष्पराजगढ़ विधान सभा अंतर्गत ग्राम पंचायत कदमसरा/वेंकटनगर के पास जलाशय के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृत हो चुकी है? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर निर्माण कार्य करा दिया जावेगा? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश में उल्लेखित जलाशयों में जिन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा बिना भूमि का अधिग्रहण किये जलाशय का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है तथा मुआवजा की राशि संबंधित किसानों को प्रदान नहीं की गई है? क्या विभाग जाँच कराकर जाँच प्रतिवेदन की सिफारिश के अनुसार उनको दंडित करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के अंतर्गत समरार जलाशय, झिलमिल जलाशय एवं सिंहपुर डायवर्सन परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 23.02.2016 को तथा बड़ी तुम्मी जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 16.05.2016 को प्रदान की गई है। समरार जलाशय को छोड़कर शेष परियोजनाओं के कार्य प्रारंभ होना प्रतिवेदित है। समरार जलाशय का कार्य कृषकों के आपसी विरोध के कारण प्रारंभ नहीं हो सका है। अपितु समरार, झिलमिल एवं बड़ी तुम्मी जलाशय के अवार्ड पारित होकर भुगतान की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा की जा रही है। सिंहपुर डायवर्सन परियोजना का अवार्ड अनुमोदन हेतु कलेक्टर अनूपपुर को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत कदमसरा/वेंकटनगर के पास सिंहपुर डायवर्सन योजना की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) झिलमिल जलाशय, समरार जलाशय, बड़ी तुम्मी जलाशय के भू-अर्जन अवार्ड क्रमश: दिनांक 21.03.2017, 28.02.2017 को पारित किया गया है एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पुष्पराजगढ़ द्वारा पारित अवार्ड के अनुसार लगातार भुगतान किया जा रहा है। कार्य वहीं प्रारंभ किए गए हैं, जहाँ किसानों की सहमति है। समरार जलाशय का आंशिक भुगतान होने के बाद ही कुछ कृषकों द्वारा विरोध किए जाने के कारण आज दिनांक तक कार्य अप्रारंभ है। सिंहपुर डायवर्सन योजना में पक्की संरचनाओं का वहीं कार्य प्रारंभ कराया गया है, जहाँ या तो शासकीय भूमि है अथवा किसानों की सहमति है। बिना भू-अर्जन एवं किसानों की सहमति के बिना कहीं भी कार्य प्रारंभ नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
144. ( क्र. 2295 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में रबी एवं खरीफ की फसलों की हुई क्षति का आंकलन क्या प्रशासन व बीमा कंपनी के द्वारा करा लिया गया है? यदि हाँ, तो कितने कृषकों का बीमा किया गया है? उक्त जिले में कुल कितनी राशि फसल बीमा कृषकों को उपलब्ध कराई गई या कराई जानी है? यह राशि कब तक किसानों के खातों में अंतरित की जायेगी? (ख) जिला अनूपपुर में तहसीलवार कितने-कितने कृषकों को किन-किन फसलों की क्षति के बाद भी अब तक बीमा राशि किसानों को न दिये जाने के क्या कारण रहे हैं? (ग) पुष्पराजगढ़ विधान क्षेत्र के बीमित कृषकों को कितनी-कितनी राशि कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? पटवारी हल्कावार, कृषक संख्या एवं राशि की जानकारी उक्त वर्षों की उपलब्ध करायें। यह भी जानकारी उपलब्ध करायें कि फसल का बीमा किस वित्तीय संस्था द्वारा किया गया? संस्थावार किसानों की संख्या वसूली गई प्रीमियम का ब्यौरा दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सड़क विकास हेतु योजना एवं नीति
[लोक निर्माण]
145. ( क्र. 2300 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सड़क विकास को लेकर लोक निर्माण विभाग की क्या योजना एवं नीति है? क्या विभाग ने प्रतिदिन सड़क निर्माण का कोई न्यूनतम लक्ष्य निर्धारित किया है? यदि हाँ, तो क्या? लक्ष्य पूर्ति हेतु क्या कार्ययोजना है? प्रति उपलब्ध करायें। (ख) कटनी जिले में सड़क विस्तार लंबाई के अनुसार कितना-कितना है? विकासखण्डवार बताएं। कितना विस्तार 2002 के पूर्व का है एवं कितना-कितना विस्तार 2002 के बाद का है ? (ग) शासन के द्वारा कटनी जिले को सड़क निर्माण एवं मरम्मत हेतु पृथक-पृथक, कितना-कितना बजट आवंटित किया गया? वर्ष 2014-15 से वर्षवार बताएं। यह भी बताएं कि आवंटित बजट को विधानसभा क्षेत्रवार/विकासखण्डवार कितना-कितना व्यय किया गया? (घ) शासन एवं जिला प्रशासन को सड़क मरम्मत एवं निर्माण कार्यों में जनवरी, 2015 से कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं एवं क्या निराकरण किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। बजट एवं व्यय का अभिलेख संधारण विधानसभा क्षेत्रवार, विकास खण्डवार नहीं रखा जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'स-1' अनुसार है।
राशन की दुकानों में लंबित राशि की वसूली
[सहकारिता]
146. ( क्र. 2301 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के जिलों में राशन दुकानों का संचालन करने वाली कौन-कौन संस्थाओं के कौन-कौन कर्मचारियों पर जाँच के दौरान कितनी राशि की वसूली प्रस्तावित की? सक्षम अधिकारी ने कितनी राशि वसूली आदेशित की? कितनी राशि वसूली की गई? दिनांक 01.01.2009 से प्रकरणवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कौन संस्था कर्मचारी पर कितनी-कितनी राशि के प्रकरण निराकरण हेतु शेष है? इसके लिये कौन दोषी है। प्रकरणवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रकरणों में निराकरण उपरांत कितनी राशि किस कर्मचारी पर वसूली शेष है? वसूली शेष होने हेतु दोषी कौन है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में दोषियों के ऊपर शासन क्या कार्यवाही करेगा और कब?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) कटनी, जबलपुर, मण्डला, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा एवं बालाघाट जिले की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। डिण्डौरी एवं सिवनी जिले की जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। कार्यवाही प्रचलन में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) कार्यवाही प्रचलन में होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोकड़ पंजी (कैश बुक) की जानकारी
[लोक निर्माण]
147. ( क्र. 2318 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग डिण्डौरी द्वारा वर्ष 2015-16 से आज तक कब-कब किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? उसके रोकड़ पंजी (कैश बुक) की छायाप्रति बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के समय अनुसार लेखा परीक्षा एवं विभाग के द्वारा कब-कब ऑडिट किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है।
उसैथ घाट पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
148. ( क्र. 2327 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अम्बाह (जिला मुरैना) विधान सभान्तर्गत स्थित चंबल नदी पर उसैथ घाट पर पुल निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या उक्त पुल के निर्माण की वाइल्ड लाइफ एवं अन्य आवश्यक सभी विभागों से N.O.C. जारी होने के बावजूद भी आज तक पुल निर्माण की प्रक्रिया चालू नहीं की गई है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) क्या शासन उक्त स्थान पर पुल निर्माण करायेगा या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्तमान में बोरिंग कार्य पूर्ण, ड्राईंग डिजाईन का कार्य प्रगति पर। (ख) जी नहीं पुल की ड्राईंग डिजाईन एवं भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। अनुबंधानुसार अप्रैल 2020 तक। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नोटरी की नियुक्ति
[विधि और विधायी कार्य]
149. ( क्र. 2333 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की अम्बाह तहसील में नोटरी के रिक्त पद हेतु विधि और विधायी कार्य विभाग की अधिसूचना दिनांक 22/8/15 के संदर्भ में कितने अधिवक्ताओं ने आवेदन प्रस्तुत किय थे? अधिवक्तागणों का अनुशांसित पेनल किस दिनांक को शासन को प्राप्त हुआ? (ख) पैनल प्राप्त दिनांक से प्रश्न दिनांक तक नोटरी नियुक्त हेतु अधिवक्तागणों का साक्षात्कार की तिथि निर्धारित की जाकर साक्षात्कार आयोजित क्यों नहीं किया गया? (ग) क्या उक्त नोटरी नियुक्त नहीं होने से शासन को राजस्व की हानि नहीं पहुँची है? क्या शासन अम्बाह के अधिवक्तागणों को अधिसूचना दिनांक 22/8/2015 के संदर्भ में औपचारिक सूचना देकर साक्षात्कार आयोजित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) अधिसूचना दिनांक 22.08.2015 के संदर्भ में तहसील अम्बाह में रिक्त पद के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुरैना से दिनांक 20-11-2015 को कुल 15 अधिवक्ताओं का अनुशंसित पैनल प्राप्त हुआ है। (ख) केन्द्र सरकार द्वारा नोटरी नियम, 1956 के नियम 7-ए में किये गए संशोधन के प्रकाश में मध्यप्रदेश शासन ने नोटरी के पद पर नियुक्ति हेतु आवेदक अधिवक्ताओं को साक्षात्कार के लिए साक्षात्कार बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने के प्रक्रिया से छूट प्रदान की है। इसलिए साक्षात्कार आयोजित नहीं किये गये। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के आलोक में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पत्रकारों-लेखकों को मानदेय एवं अन्य सामग्री का प्रदाय
[जनसंपर्क]
150. ( क्र. 2337 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रशासकीय प्रतिवेदन 2016-17 में यह उल्लेख किया गया है कि 2016 में मुख्यमंत्री जी के 11 वर्ष पूर्ण होने पर प्रतिष्ठित लेखकों से लेख तथा आलेख एवं पत्रकारों से संपादकीय लिखवाये तथा उन्हें प्रकाशित करवाया है। क्या यह सही है? यदि हाँ, तो लेखकों एवं पत्रकारों के नाम तथा दिये गये? मानदेय राशि से अवगत करावें। (ख) पिछले पाँच वर्षों में कितने पत्रकारों से सम्पादकीय एवं लेख/आलेख लिखवाये? उनका नाम तथा मानदेय राशि की जानकारी दें तथा बतावें कि क्या यह परम्परा पत्रकारिता के आदर्श/मूल्यों के विपरीत नहीं है? (ग) पिछले पाँच वर्षों में विभिन्न प्रकार के विज्ञापन मद में कुल कितनी राशि खर्च की गई तथा किस-किस पत्रकारों तथा लेखकों को किस-किस कार्य के लिये कितना मानदेय या अन्य सामग्री यथा लेपटाप इत्यादि दिया गया? सूची देवें तथा दी गई सामग्री की कीमत बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि नहीं है या आंशिक ही सही है तो बतावें कि विधानसभा को गलत या अर्धसत्य जानकारी देकर उसकी अवमानना के लिये कौन जिम्मेदार है तथा जानकारी को पूर्व सत्य कर नया प्रशासकीय प्रतिवेदन पटल पर रखा जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। श्री महेश श्रीवास्तव, श्री सोमदत्त शास्त्री, श्री ओम प्रकाश मेहता एवं श्री रमेश शर्मा से गत 11 वर्षों के दौरान मध्यप्रदेश की प्रगति से संबंधित आलेख तैयार कराए गए। इन लेखकों को प्रति आलेख रूपये 4 हजार मानदेय दिया गया। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) व्यय राशि का विवरण निम्नानुसार :- वर्ष 2012-13 में रूपये 128.10 करोड़, वर्ष 2013-14 में रूपये 111.69 करोड़, वर्ष 2014-15 में रूपये 116.36 करोड़, वर्ष 2015-16 में रूपये 128.53 करोड़, वर्ष 2016-17 में रूपये 221.84 करोड़, विगत वर्षों में 824 पत्रकारों को लेपटाप क्रय करने हेतु उनके बैंक खाते में ई-पेमेन्ट के माध्यम से रूपये 40, 000/- के मान से भुगतान किया गया। (घ) सही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ऋण की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
151. ( क्र. 2338 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले तीन वर्षों में किसानों को फसल उत्पादन हेतु तथा उपकरण क्रय हेतु दिये गये ऋण की वर्षवार जानकारी दें तथा बतावें कि किस-किस बैंकिग तथा सहकारी बैंक संस्थान द्वारा कितने-कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि का ऋण वर्षवार दिया गया? (ख) पिछले तीन वर्षों में शासन द्वारा कितने किसानों का कितनी ऋण राशि माफ की गई तथा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऋण पर वर्षवार ब्याज पर दिये गये अनुदान की राशि बतावें? (ग) पिछले तीन वर्षों में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऋण की वसूली हेतु किसानों की कुल कितने रकबा जमीन कुर्क कर निलाम कर दी गई ? (घ) यदि वर्तमान में कृषकों पर बकाया तीन लाख तक का ऋण माफ कर दिया जाय तो कुल कितने हितग्राही होंगे तथा कुल माफ की गई ऋण राशि कितनी होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन के सदस्य की नियुक्ति
[सहकारिता]
152. ( क्र. 2342 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता अधिनियम के अनुसार जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन का सदस्य यूनियन के कार्यक्षेत्र का निवासरत होकर लघु वनोपज/तेंदूपत्ता संग्रहण (तोड़ने वाला) का कार्य करने वाला हो तथा संबंधित अनिवार्य रूप से बीमित व्यक्ति को ही सदस्य नियुक्त करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्राथमिक वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित मुडि़याखेड़ा (सांकल 28) के स्थान पर अवैध रूप से भोपाल निवासी तथा सत्तापक्ष के युवा जनप्रतिनिधि का नाम जोड़कर वनोपज जिला सहकारी यूनियन मर्यादित रायसेन का प्रतिनिधि बनाया गया था? यदि हाँ, तो इस नियम विपरीत कार्यवाही को निरस्त करने हेतु निर्वाचन अधिकारी जिला वनोपज संघ यूनियन मर्यादित रायसेन के समक्ष शिकायती आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन के द्वारा तथा शिकायतों पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध शासन क्या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रावधान के विपरीत कार्यवाही कर सदस्य एवं नियुक्त करने वालों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही करेगें? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन की उपविधि क्रमांक 5 (1) के अनुसार कोई भी पंजीकृत प्राथमिक वनोपज सहकारी संस्था तथा अन्य प्राथमिक सहकारी संस्था जो जिला संघ के कार्यक्षेत्र में कार्यरत है एवं अपनी सकल संग्रहित वनोपज का प्रदाय जिला संघ को करती हो, जिला संघ की साधारण सदस्य हो सकती है। उपविधि में बीमित व्यक्ति होना उल्लेखित नहीं है। (ख) जी नहीं, प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति मर्या. मुडि़याखेड़ा (जिला रायसेन) के निर्वाचन दिनांक 29.01.2012 को एवं जिला वनोपज सहकारी यूनियन रायसेन के निर्वाचन दिनांक 24.01.2013 को निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अंतर्गत सम्पन्न कराये गये, निर्वाचन प्रक्रिया अंतर्गत निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत आपत्तियों का निराकरण निर्वाचन कार्यक्रम अनुसार नियत दिनांक को उनके द्वारा किया जाकर की गई कार्यवाही का उल्लेख आवेदन पर अंकित किया जाता है, निर्वाचन अभिलेख निर्वाचन प्रक्रिया उपरांत सीलबंद कर रखे जाते हैं, निर्वाचन प्रक्रिया के विरूद्ध शिकायत की जाँच नहीं अपितु निर्वाचन विवाद प्रस्तुत करने का प्रावधान है, सहकारी अधिनियम के प्रावधान अंतर्गत उक्त निर्वाचन संबंधी कोई विवाद कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, रायसेन में प्रचलन में नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्षतिग्रस्त रोड एवं पुलिया का मरम्मत कार्य
[जल संसाधन]
153. ( क्र. 2349 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नागौद विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड उचेहरा के अंतर्गत ग्राम भर्री से सोहावाल मार्ग लगभग 2 किलोमीटर लंबाई है, जिसमें एक छोटी पुलिया का निर्माण कई वर्षों पूर्व किया गया था जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त है। जिसके कारण यातायात, आवागमन अवरूद्ध है तथा रोड की हालत भी खराब है। जिसके कारण 15 कि.मी. के क्षेत्रफल में आने वाले गाँवों के निवासियों को सतना एवं सोहावल जाने के लिए 15 कि.मी. की परिक्रमा करनी पड़ती है। क्या उक्त मार्ग एवं पुलिया की मरम्मत कर दी जाय तो तीन कि.मी. में ही यात्रा हो सकती है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त मार्ग की पुलिया मरम्मत एवं रोड मरम्मत किए जाने हेतु विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या प्रयास किए गए? विवरण दें। यदि नहीं, तो कब तक किए जायेंगे ताकि रोड एवं पुल को दुरूस्त किया जा सके।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) सतना जिले के नागौद विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड उचेहरा के अंतर्गत भर्रो से सोहावल मार्ग (कच्चा पैदल मार्ग) पर छोटी पुलिया का निर्माण कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा नहीं किया गया है । अपितु भर्रो से सोहावल मार्ग में सतना नदी पर जुझार घाट स्टाप डेम कम काजवे का निर्माण कराया जाना प्रतिवेदित है । निर्माण पश्चात उक्त सरंचना वर्ष 2005-06 में जल संसाधन विभाग द्वारा ग्राम पंचायत सोहोला को हस्तांतरित कर दी जाना प्रतिवेदित है। मरम्मत एवं रख-रखाव का दायित्व ग्राम पंचायत का है । अत: इस विभाग द्वारा कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति की जानकारी
[लोक निर्माण]
154. ( क्र. 2356 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सड़कों के निर्माण कार्य हेतु माह मार्च 2017 को प्रश्नकर्ता के माध्यम से प्राप्त पत्रों में उल्लेखित सड़कों के वर्षों से लंबित प्रस्तावों की क्या स्वीकृति जारी कर दी गई है? हाँ तो कब? नहीं तो क्यों? स्पष्ट कारणों का उल्लेख करते हुए जानकारी दें। (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत पहुँच मार्ग निर्माण बामखल दोगावां मुख्य मार्ग से सरवर देवला मार्ग तक लंबाई 0.980 कि.मी. बामखल फाटे से रामपुरा तक लंबाई 2.60 कि.मी. है। बिलखेड़ से रतनपुर व्हाया ककड़गाँव मार्ग बिलखेड़ से ककड़गाँव (लंबाई 2.60 कि.मी.) ककड़गाँव से रतनपुर (700 मीटर) पहुँच मार्ग निर्माण सिपटान मुख्य मार्ग से भुलगाँव पुल तक लंबाई 1.295 कि.मी. है एवं पहुँच मार्ग निर्माण अदलपुर बिटनेरा मार्ग से बडि़या तक लंबाई 1.00 कि.मी. तक के निर्माण कार्यों के लिए प्रश्नकर्ता के प्रश्न दिनांक तक तथा विभागीय मंत्री के माध्यमों से प्राप्त पत्रों के संदर्भ में उक्त सड़कों के निर्माण कार्यों के प्राप्त प्रस्तावों पर स्वीकृति जारी कर समय-सीमा में निर्माण कार्य नहीं कराये जाने के क्या कारण हैं? प्रश्नांकित दिनांक तक की अद्यतन स्थिति से कारणों सहित जानकारी दें। क्या यह सही है कि उक्त पत्र विभागीय मंत्री के माध्यम से विभाग को प्राप्त हुए? (ग) उपरोक्त वर्षों से लंबित प्रस्तावों में बार-बार लापरवाही करने के क्या कारण हैं? उक्त सड़कों के निर्माण कार्यों के प्रस्तावों पर कब तक स्वीकृति जारी कर निर्माण कार्य पूर्ण करा दिये जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। इसके अलावा दिनांक 03.08.2016 का एक पत्र जिसमें दो सड़कों के प्रस्ताव थे, MPRDCL में प्राप्त हुआ, दोनों सड़क कार्य MPRDCL से संबंधित नहीं थे। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अतिरिक्त सिंचाई हेतु राशि का आवंटन
[जल संसाधन]
155. ( क्र. 2357 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सिंचाई/अतिरिक्त सिंचाई हेतु नालों, तालाबों एवं नहरों के मरम्मत एवं जीर्णोद्धार हेतु कितनी-कितनी राशि के प्रस्ताव किस-किस दिनांक को कब-कब प्राप्त हुए और उक्त प्राक्कलनों की वस्तुस्थिति क्या है? प्रश्नांकित दिनांक तक की अद्तन स्थिति दें। (ख) क्या अमर बगवा से अतिरिक्त सिंचाई 95 हेक्टर के लिए राशि रूपये 86.29 लाख रूपये, धामनोद नाला से अतिरिक्त सिंचाई 82 हेक्टर के लिए राशि रूपये 81.39 लाख रूपये, डाबरी से अतिरिक्त सिंचाई 394 हेक्टर के लिए राशि 240.93 लाख रूपये एवं बांध, नहर सुधार कार्य बिलिदड़ से अतिरिक्त सिंचाई 166 हेक्टर के लिए राशि 91.74 लाख रूपये के प्राक्कलनों पर स्वीकृति दी गई? हाँ, तो कब? नहीं, तो क्यों? प्रश्न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति एवं विलम्ब के कारणों सहित उल्लेख करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में कितने-कितने पत्र प्रश्नकर्ता एवं उचित माध्यम से कब-कब प्राप्त हुए तथा उनके संदर्भ में उल्लेखित मांग अनुसार कार्यों को पूर्ण करने के लिए स्थल निरीक्षण, भौतिक सत्यापन, प्राक्कलन एवं प्रस्तावों पर विभागीय स्तर पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? दिनांकवार जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक अद्यतन स्थिति सहित दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी नहीं। सुदृढ़ीकरण के प्रस्ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन हैं। (ग) मान. प्रश्नकर्ता का एक पत्र प्राप्त होना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
गाटरघाट पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 2390 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि पूर्व के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 5232 दिनांक 08/03/2016 में जून 2017 तक कटनी नदी पुल का निर्माण पूर्ण होने का जवाब दिया गया था? यदि हाँ, तो कटनी नदी पुल निर्माण की वर्तमान स्थिति क्या है? किन कारणों से जून 2017 तक पुल निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है? (ख) क्या उक्त स्थल पर ही पूर्व से निर्मित पुल जर्जर हो जाने के कारण पुल से भारी वाहनों आवागमन रोक दिया गया था, जिसमें स्कूल एवं यात्री बसें भी शामिल थीं, जिसके कारण स्कूल बसों एवं अन्य बसों को 20 से 25 किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ा था? (ग) क्या मरम्मत उपरांत अगर पुन: पुराने पुल में कोई समस्या आती है तो बच्चों की स्कूल एवं अन्य यात्री बसों को अन्य मार्ग से आने जाने में 1 से 2 घण्टे का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ेगा? (घ) क्या म.प्र.लो.नि.वि. (ब्रिज) के द्वारा कटनी नदी (गाटरघाट) पर डी.पी.आर. तैयार करते हुए एक नवीन पुल निर्माण प्रस्तावित किया गया है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त संभावित संकट को देखते हुए काटरघाट पुल पर प्रस्तावित पुल को तत्काल स्वीकृति प्रदान करेगा ताकि पुल पर किसी संकट की स्थिति में वैकल्पिक मार्ग का निर्माण हो आये और जनता को भी आवागमन में परेशानी न हो?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। सुपरस्ट्रक्चर को छोड़कर शेष कार्य पूर्ण। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने एवं सुपरस्ट्रक्चर की ड्राईंग के अनुमोदन में विलंब के कारण। (ख) जी हाँ। पुराने पुल में कुछ क्षति होने के कारण पूर्व में यातायात पुल पर से रोका गया था, जिसके कारण स्कूल एवं अन्य बसों को लगभग 20 से 25 कि.मी. का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ता था। वर्तमान में यातायात चालू है। (ग) वर्तमान में पुराने पुल की मरम्मत कर दी गई है, ऐसी कोई समस्या आने की संभावना नहीं है। (घ) जी हाँ। (ड.) स्थायी वित्तीय समिति की 157वीं बैठक दिनांक 10.01.2017 में उक्त कार्य हेतु रूपये 295.90 लाख के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया है। बजट में शामिल होने के पश्चात ही अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी।
जलाशय एवं उनकी नहरों का मरम्मत कार्य
[जल संसाधन]
157. ( क्र. 2391 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुडवारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने जलाशय हैं? विगत 3 वर्षों में इन जलाशयों एवं उनकी नहरों के मरम्मत कार्य हेतु जल संसाधन विभाग को प्राप्त आवेदनों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? कितने आवेदनों का निराकरण किया जाकर किन-किन जलाशयों एवं नहरों का मरम्मत कार्य करवाया गया? किन व्यक्तियों के आवेदनों को निरस्त किया गया? कितने आवेदनों पर कार्यवाही लंबित है? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पिपरौध एवं घंघरीखुर्द के जलाशय की नहरों के मरम्मत कार्य हेतु विभाग को पत्र लिखे गये हैं। इन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गयी? बतायें। नहीं तो क्यों? (ग) जलाशय की नहरों के क्षतिग्रस्त होने से पानी के फालतू बहने, दुरूपयोग होने, सिंचाई का क्षेत्र कम हो जाने, फसल में पानी न लगने से फसल नष्ट होने एवं वर्षाकाल के प्रारंभ होने तथा अधिक से अधिक वर्षाजल के संग्रहण किये जाने संबंधी कारणों को ध्यान में रखते हुए क्या जलाशयों एवं नहरों की मरम्मत कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 5 जलाशय हैं। विगत 3 वर्षों में जलाशयों एवं उनकी नहरों के मरम्मत कार्य एवं मैदानी कार्यालयों में मान. प्रश्नकर्ता से प्राप्त आवेदन पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासन स्तर पर प्रस्ताव प्राप्त होने पर विचार किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उर्पाजन केन्द्रों की जाँच
[सहकारिता]
158. ( क्र. 2399 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं कटनी जिले में खाद्यान्न उपार्जन हेतु वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने एवं कौन-कौन उपार्जन केन्द्र किन सहकारी समितियों द्वारा कहाँ-कहाँ संचालित रहे? उपार्जन केन्द्रों के खरीदी प्रभारियों, कर्मचारियों एवं समिति प्रबंधकों के नाम सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उपार्जन केन्द्रों का किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा निरीक्षण किया गया, जाँच की गयी, केन्द्रों के निरीक्षण में क्या पाया? क्या प्रतिवेदन दिए गए और किन-किन खरीदी केन्द्रों को कब एवं क्यों निलंबित किया गया? बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत किन-किन उपार्जन समितियों, खरीदी प्रभारियों से कितने-कितने रूपये की राशि की वसूली अधिरोपित की गयी और वर्तमान में किन समितियों, खरीदी प्रभारियों से कितनी राशि वसूल किया जाना क्यों शेष है तथा राशि की वसूली के सक्षम प्राधिकारी द्वारा किये गए आदेश बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत कौन-कौन उपार्जन समितियों द्वारा खरीदी में की गयी अनियमिताओं की किन शासकीय सेवकों द्वारा जाँच की गयी? जाँच के क्या परिणाम थे? अनियमितताओं का किन-किनको जिम्मेदार पाया गया? अपचारियों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? प्रकरणवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत क्या निलंबित खरीदी केन्द्रों एवं खरीदी प्रभारियों पर शासन की राशि की वसूली बकाया होने, अनियमितताओं का दोषी पाए जाने पर भी आगामी समय में खरीदी कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो क्यों एवं किस नियम निर्देश के तहत क्या इसका संज्ञान लेते हुये कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बानसुजारा बांध पर किये जा रहे निर्माण कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
159. ( क्र. 2406 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला टीकमगढ़ में निर्माणाधीन बानसुजारा बांध कितनी लागत से किस एजेंसी के द्वारा बनाया जा रहा है? वर्तमान में पूर्ण-अपूर्ण की क्या स्थिति है? कार्य कब पूर्ण होना था? कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण है एवं इसके लिए कौन दोषी है? नाम सहित बतावें एवं बांध के मुख्य पक्के बांध (स्पिलवे) के निर्माण में कितने एस.डी.ओ./उपयंत्रियों को कार्य पर लगाया गया? अनुभागवार, नामवार, अधिकारीवार बतावें। (ख) क्या एक ही अनुविभागीय अधिकारी से पूरे स्पिलवे (पक्के बांध) का कार्य कराया गया है? अगर हाँ, तो ऐसा क्यों किया गया है? किस अधिकारी के द्वारा ऐसा आदेश नियम दिया गया? उस अधिकारी का नाम बतावें। मुख्य अभियंता के द्वारा चारों उप संभागों को कार्य आवंटित किया गया था, अगर हाँ, तो ऐसा किस अधिकारी के द्वारा एक ही अनुविभागीय अधिकारी से लगभग 100 करोड़ के निर्माण कार्य कराने के आदेश दिये गये? उस अधिकारी का नाम, पद बतावें एवं जिस अधिकारी के द्वारा मुख्य अभियंता का आदेश नहीं माना गया, उस पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा? बतावें। (ग) क्या पक्के बांध के अपस्ट्रीम में बांध से सटाकर नदी में जहाँ जल भराव क्षेत्र है को लगभग 300 मीटर लंबाई एवं 200 मीटर चौड़ाई में पत्थर मिट्टी से भर दिया गया है, तो ऐसा क्यों किया जा रहा है? किस अधिकारी के द्वारा ऐसा आदेश दिया गया है? नाम बतावें एवं ऐसी मिट्टी पत्थर को कब तक हटाया जायेगा? (घ) बांध सुजारा में निर्माण कार्य के लिये तकनीकी अधिकारी के द्वारा कब-कब जाँच की गई? उस अधिकारी का नाम, पद सहित एवं जाँच बिंदु का प्रतिवेदन बतावें एवं जिस अधिकारी के द्वारा निर्माण कार्यों एवं अन्य कार्यों में लापरवाही की गई है, उस पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा? बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला टीकमगढ़ में निर्माणाधीन बानसुजारा बाँध की भू-अर्जन एवं पुनर्वास सहित कुल लागत रू. 805.00 करोड़ है, जिसमें से शीर्ष कार्य मेसर्स के.व्ही.आर.पी.ई.एस. (जे.वी.) इंजीनियर्स प्रा.लि. द्वारा निविदा राशि रू.107.67 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। वर्तमान में कार्य 75 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। कार्य पूर्ण करने की तिथि 03.10.2015 थी एवं समयावृद्धि के साथ नवीन तिथि 30 जून 2018 है। डूब क्षेत्र में आने वाली वनभूमि एवं निजी क्षेत्र की भूमि का अधिग्रहण तथा बाँध की ऊँचाई में वृद्धि एवं ड्राईंग डिज़ायन में परिवर्तन व तद्नुसार स्वीकृति प्राप्ति के कारण विलंब हुआ है। अनुविभागीय अधिकारियों/उपयंत्रियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पक्के बाँध का कार्य सामान्यत: दो अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा संपादित किया जा रहा था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दिनांक 02.02.2016 के दौरान यह संज्ञान आने पर कि दो अनुविभागीय अधिकारी बाँध के स्पिलवे और हरपुरा सिंचाई एवं नदी तालाब जोड़ों परियोजना में संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं, अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा दोनों योजनाओं के लिए पृथक-पृथक अनुविभागीय अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिये गये थे। इसी परिप्रेक्ष्य में अधीक्षण यंत्री, राजघाट नहर मण्डल झाँसी द्वारा दिनांक 02.02.2016 को परियोजना के शीर्ष कार्य एवं हरपुरा योजना के लिए पृथक-पृथक अनुविभागीय अधिकारी को दायित्व सौंपने का आदेश दिया गया। यह व्यवस्था कार्यों के सुचारू संपादन की दृष्टि से की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) पक्के बाँध में अपस्ट्रीम से सटाकर वर्किंग प्लेटफार्म ठेकेदार द्वारा लगभग 80 मी. चौड़ाई का बनाया गया है जिसे बनाने में अनुपयोगी पत्थर के साथ बाँध के डूब क्षेत्र से खोदी गई मिट्टी का उपयोग किया गया है। यह सामग्री नदी के बेसिन या बाँध के डूब क्षेत्र से लाई गई है इसलिए इससे बाँध की जलभराव क्षमता में कोई अंतर नहीं पडेगा। यह एक सामान्य प्रकिया है जो ठेकेदार द्वारा कार्य संपादन हेतु अपनाई जाती है, जिसके लिए किसी अधिकारी द्वारा अनुमति प्रदान नहीं की जाती है। यह सामग्री सामान्यत: नहीं हटाई जा सकती क्योंकि बाँध की ऊँचाई बढ़ने के साथ यह क्षेत्र में जलमग्न हो जाता है, इसलिए शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण में विलंब की जानकारी
[लोक निर्माण]
160. ( क्र. 2412 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 7910 दि. 31-03-2017 में वर्णित मार्ग प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत पूर्ण हो गया है? (ख) इसी प्रश्न के (ख) उत्तर में वर्णित जाँच एजेंसी में जो जाँच की है। उसकी प्रमाणित प्रति देवें । (ग) प्रश्न (ख) में उल्लेखित जाँच रिपोर्ट पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) मार्ग निर्माण में विलंब के लिए उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 01.07.2017 तक कुल 88 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। (ख) गुणवत्ता की जाँच हेतु नियुक्त एजेन्सी मेसर्स इंडियन टेक्नोक्रेट प्रा.लि. द्वारा मार्ग की जाँच की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ए.डी.बी. पैकेज ''ओ'' के तहत चारो मार्ग (1) महिदपुर-पानबिहार-जीवाजी नगर मार्ग (2) देवास-नेवरी मार्ग (3) शाजपुर-बैरछा मार्ग (4) शाजापुर-दुपाडा-कानड-पचलाना-पिलवास-नलखेड़ा मार्ग की गुणवत्ता की जाँच एवं सतत् निगरानी के लिये नियुक्त स्वतंत्र सलाहकार मेसर्स इंडियन टेक्नोक्रेट प्रा.लि. भोपाल की उपस्थिति में निर्माण कार्य किया जा रहा है। निर्माण कार्य निर्धारित गुणवत्ता का होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मार्ग के निर्माण कार्य पूर्ण होने की निर्धारित तिथि 03.12.2017 है, जो समय-सीमा में निर्माण कार्य किया जा रहा है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों की विदेश यात्राओं की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
161. ( क्र. 2416 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत 3 वर्षों में किसान मेलों, रथों पर कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार बतावें। इनमें क्या किसानों को आत्महत्या से रोकने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाता है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में विभाग के कितने अधिकारी किन-किन कार्यक्रमों के लिए विदेश गए? उनकी सूची, अधिकारी का नाम, पद, समयावधि, स्थान नाम, संपूर्ण व्यय सहित देवें। इनके द्वारा दौरा प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति भी देवें। इस पर की गई कार्यवाही भी साथ में देवें। (ग) विगत 3 वर्षों में कितने किसान उपरोक्तानुसार विदेश गए? उनकी सूची नाम, पते सहित देवें। (घ) जब प्रदेश में किसान आत्महत्याओं में चिंताजनक बढ़ोत्तरी के बावजूद प्रश्नांश (ख) अनुसार अधिकारियों के विदेश दौरों पर सरकार ने रोक क्यों नहीं लगाई? कब तक इस पर रोक लगाई जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संस्था का अंकेक्षण
[सहकारिता]
162. ( क्र. 2417 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल की कामधेनु गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल का कार्यकाल समाप्त होने के उपरांत दिनांक 20.06.17 को प्रशासक नियुक्त किया गया है? इस आदेश की छायाप्रति दें। (ख) क्या कारण है कि प्रशासक ने दिनांक 21.06.17 को चुनाव कराने की अनुशंसा की जबकि प्रश्न क्र. 1176 दिनांक 22.02.17 के (घ) में बताया गया कि संख्या का वर्ष 2012 से 2015-16 तक का अंकेक्षण लंबित है व तत्कालीन संस्था अध्यक्षता के विरूद्ध कार्यवाही लंबित है? इस अनुशंसा की समस्त दस्तावेजों के साथ छायाप्रति देवें। (ग) क्या लंबित अंकेक्षण व चुनाव याचिका के बाद भी उपरोक्त चुनाव होंगे? ऐसा क्यों? अंकेक्षण व चुनाव याचिका के निपटारे के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) अंकेक्षण न होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, प्रशासक की नियुक्ति दिनांक 19.06.2017 को की गई। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) संस्था के प्रशासक ने संस्था के चुनाव कराने की अनुशंसा दिनांक 23.6.2017 को की है, पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो' अनुसार है। प्रश्न क्रमांक 1176 दिनांक 22.02.2017 के उत्तरांश (घ) में बताये अनुसार तत्कालीन संस्था अध्यक्ष के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 56 (3) के अन्तर्गत संस्थित कार्यवाही में सहायक पंजीयक (अंकेक्षण) सहकारी संस्थाएं, जिला भोपाल के द्वारा दिनांक 7.7.2017 को आदेश जारी कर संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष को आगामी 03 वर्ष की कालावधि के लिए अध्यक्ष पद धारण करने से निरर्हित कर दिया गया है, आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (ग) प्रशासक द्वारा प्रेषित निर्वाचन प्रस्ताव, उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल द्वारा प्रशासक को त्रुटियों के कारण वापस कर दिया गया है एवं माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 9458/2017 (अनिल गौड़ विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन) में पारित आदेश दिनांक 10.7.2017 के द्वारा संस्था के निर्वाचन की कार्यवाही आगामी सुनवायी तक प्रारंभ नहीं करने के संबंध में निर्देश दिये गये हैं, आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (1) के अनुसार संस्था का अंकेक्षण कराने का दायित्व संबंधित संस्था का है, अंकेक्षण नहीं कराने के कारण संस्था अध्यक्ष के विरूद्ध सहायक पंजीयक (अंकेक्षण) सहकारी संस्थाएं जिला भोपाल के द्वारा अधिनियम की धारा 56 (3) के अन्तर्गत आदेश पारित किया गया है। उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला भोपाल द्वारा संस्था के संचालक मंडल को अधिनियम की धारा 76 (2) के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पाँच'' अनुसार है।
लिफ्ट ऐरिगेशन जोड़ने संबंधी परियोजना
[जल संसाधन]
163. ( क्र. 2421 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव को दिए गए पत्र क्र. एन/166/MLA/KUKSHI दि. 24-03-17 पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ख) उपरोक्त पत्र में वर्णित प्रथम, द्वितीय, तृतीय लिफ्ट ऐरिगेशन कब तक बनाई जाकर संबंधित ग्रामों को जोड़ा जाएगा? समय-सीमा देवें। (ग) इसके लिए किस स्तर पर कितनी बैठकें आयोजित की गई एवं उनमें इस पर क्या निर्णय लिए गये? बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित मान. प्रश्नकर्ता का पत्र दिनांक 24.03.2017 अभिलेखों में उपलब्ध होना नहीं पाया गया। प्रश्नांश में वर्णित प्रथम द्वितीय एवं तृतीय लिफ्ट ऐरिगेशन से जोड़ने संबंधी कोई परियोजना जल संसाधन विभाग में विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
ड्रिप अनुदान योजनांतर्गत राशि का वितरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
164. ( क्र. 2424 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में समस्त ड्रिप अनुदान योजनान्तर्गत किस-किस कम्पनी को कितने-कितने कृषकों का कितने हेक्टेयर के लिए कितनी राशि दी गई? कम्पनी का नाम, कृषक संख्या, ड्रिप रकबा, राशि सहित सूची विधान सभा क्षेत्रवार देवें? (ख) इसके लिये हितग्राहियों की सूची का जिला पंचायत/कृषि समिति से कब किस बैठक में अनुमोदन कराया गया? उपरोक्त समयावधि के प्रत्येक अनुमोदन की प्रमाणित प्रति देवें। यदि नहीं/ कम अनुमोदन कराये गये तो इसके दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में त्रिस्तरीय पंचायती राज में से किसी एक स्तर से अनुमोदन प्राप्त कर जिला स्तरीय समिति से अनुमोदन कराया जाना था। प्रत्येक प्रकरण में संबंधित ग्राम पंचायत से अनुमोदन प्राप्त कर, जिला स्तरीय माइक्रो इरीगेशन समिति से दिनांक 18.11.2015 को अनुमोदन कराया गया। वर्ष 2016-17 की सूची का अनुमोदन अध्यक्ष कृषि स्थाई समिति जिला पंचायत बड़वानी से दिनांक 26.11.2016 तथा जिला स्तरीय कृषि स्थाई समिति की बैठक दिनांक 07.01.2017 में अनुमोदन कराया गया। अनुमोदन की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सूची अनुमोदित है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बड़वानी में ड्रिप अनुदान योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
165. ( क्र. 2425 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में बड़वानी विधान सभा क्षेत्र में विभिन्न ड्रिप अनुदान योजना से लाभांवित 05 हेक्टेयर एवं इससे अधिक रकबे वाले समस्त हितग्राहियों के प्रपत्र-एक, दो, पाँच, सात एवं आठ की छायाप्रति देवें। (ख) संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रेक्षत्र वानिकी भोपाल के पत्र क्र./उद्यान/PMKSY/24/2017-18/249 भोपाल, दिनांक 12.06.2017 के प्रति उत्तर में प्राप्त समस्त ड्रिप कंपनियों के बैंक स्टेटमेंट की छायाप्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार समयावधि में विभाग में पंजीकृत ड्रिप कंपनियों के बड़वानी जिले में स्थित समस्त सर्विस सेंटर के नाम, पता, डीलर का नाम व पता तथा तकनीशियन के नाम, पते सहित देवें। क्योंकि अनुबंध में इन तथ्यों का उल्लेख है? यदि बड़वानी जिले में यह व्यवस्थाएं नहीं हैं, तो इसके लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार व्यवस्थाएं न होने के लिये दोषी ड्रिप कंपनियों एवं अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) बड़वानी विधानसभा क्षेत्र में 05 हेक्टेयर या इससे अधिक रकबे के लाभांवित हितग्राही वर्ष 2015-16 में 03 एवं वर्ष 2016-17 में निरंक हैं। वर्ष 2015-16 में पंजीयन की प्रक्रिया ऑन-लाईन होने से प्रपत्र-एक की आवश्यकता नहीं है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी भोपाल का प्रश्नाधीन पत्र खरगोन जिले से संबंधित है, अत: बड़वानी जिले से संबंधित जानकारी नहीं बुलाई गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। बड़वानी जिले की प्रश्नाधीन जानकारी प्राप्त होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समितियों के पंजीयन की स्थिति
[सहकारिता]
166. ( क्र. 2443 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा सहकारिता विभाग में सहकारिता समितियों/उपभोक्ता भण्डार/अन्य समितियों के पंजीयन के क्या नियम व निर्देश हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में राजगढ़ जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अन्तर्गत सदस्य सहकारी समितियों/उपभोक्ता भण्डार/अन्य समितियाँ के नाम, पंजीयन क्रमांक, दिनांक व स्थान बतावें। (ग) क्या उक्त समितियों द्वारा उनका वार्षिक ऑडिट भी कराया जाता है? यदि हाँ, तो उक्त समितियों के विगत 5 वर्षों में ऑडिट संपन्न हुआ है या नहीं? स्थिति बताएं। (घ) उक्त पंजीकृत समितियों में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी समितियाँ पात्र और अपात्र हैं? उन सभी के नाम सहित जानकारी दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) नियम व निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित राजगढ़ के अंतर्गत सदस्य समितियों के नाम, पंजीयन क्रमांक व स्थान सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। संस्थाओं का वार्षिक ऑडिट कराया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो के कालम क्रमांक 5 अनुसार।
विभिन्न घटकों का घटिया निर्माण
[जल संसाधन]
167. ( क्र. 2450 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टिकारी जलाशय के समीप डब्ल्यू.बी.एम.रोड का निर्माण किया गया था, जो वर्तमान में पूर्णत: ध्वस्त हो गया है? जी-1, जी-2, सोल्डर निर्माण, जी.एस.सी. में अत्यंत घटिया कार्य किया गया है? घटिया कार्य के बावजूद निर्माण एजेंसी को प्रथम बिल में ही लगभग 22 लाख रूपये के भुगतान हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है? (ख) आर.बी.सी. नहर के निर्माण में तकनीकी मापदण्डों के विपरीत निर्माण कार्य किये जाने व अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से शासन को लाखों रूपये की हानि कराई जाने के मामले में क्या विस्तृत जाँच कराई जाएगी? क्या घटिया निर्माण के दोषियों पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही होगी? (ग) उक्त जलाशय के निर्माण में विभिन्न घटकों में ब्लास्टिंग कार्य बिना अनुमति किये गये ? सक्षम अनुमतियां प्राप्त नहीं की गई? इस संबंध में संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) टिकारी जलाशय के समीप डब्ल्यू.बी.एम. रोड का निर्माण किया गया था। जो आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है। अनुबंध में प्रावधानानुसार जी.एस.बी., जी-2, जी-3 तथा शोल्डर निर्माण का कार्य स्पेसिफिकेशन के अनुसार कराया गया था। प्रथम बिल राशि में रू. 21.62 लाख का भुगतान किया गया, जो कि नियमानुसार किया गया है। कार्य का अनुबंध जीवित है। अतः क्षतिग्रस्त डब्ल्यू.बी.एम. रोड को ठेकेदार से सुधार कराया जावेगा। (ख) आर.बी.सी. नहर के निर्माण में 1250 मी. कांक्रीट चैनल का कार्य किया जाना प्रतिवेदित है। कांक्रीट चैनल में हार्ड रॉक खुदाई कर 30 से.मी. मौटाई की बेस कांक्रीटिंग कर चैनल बनाया जाना था। वर्तमान में सत्यापन के दौरान कांक्रीट की मौटाई 22 से.मी. पाई गई। त्रुटिवश अधिक की गई भुगतान राशि रू. 6.46 लाख ठेकेदार के आगामी देयक से कटौती करा लिया जाएगा। प्रमुख अभियंता को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। (ग) उक्त जलाशय के विभिन्न घटकों से ब्लास्टिंग का कार्य संबंधित ठेकेदार द्वारा उसी व्यक्ति से कराये गये, जिसके पास ब्लास्टिंग कार्य की सक्षम अनुमति प्राप्त है। अतः संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
देवरी-रसेना मार्ग के निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
168. ( क्र. 2451 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी-रसेना मार्ग (देवरी वि.स. क्षेत्र) का निर्माण किस वर्ष किस एजेंसी द्वारा कितनी लागत से किया गया था? (ख) निर्माण से इतनी कम अवधि में मार्ग का पूर्णत: ध्वस्त हो जाने के क्या कारण है? इस मार्ग में क्वालिटी कंट्रोल का उत्तरदायित्व किसका था? (ग) क्या देवरी-रसेना मार्ग का घटिया निर्माण करने हेतु जिम्मेदार निर्माण एजेंसी व विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) देवरी रायसेन मार्ग लंबाई 10.80 कि.मी. का निर्माण वर्ष 12.07.2014 में श्री महेश गुरू ठेकेदार द्वारा राशि रू. 303.76 लाख की लागत से किया गया था। (ख) मार्ग ध्वस्त नहीं हुआ है किन्तु मार्ग का अधिकांश भाग क्षतिग्रस्त हुआ है, मापदण्डानुसार निर्माण न होने के कारण क्वालिटी कंट्रोल का उत्तरदायित्व विभागीय अधिकारी एवं ठेकेदार का था। (ग) जी हाँ। ठेकेदार की जमा राशि जप्त की गई एवं पंजीयन काली सूची में दर्ज किया गया है। दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में है।
ऋण वितरण एवं वसूली की जानकारी
[सहकारिता]
169. ( क्र. 2455 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में सहकारी समितियों द्वारा वर्ष २०१४-१५-, २०१५-१६, २०१६-१७ में किस समिति द्वारा कितने किसानों को कितना ऋण दिनांक को वितरण किया गया तथा वितरण किये ऋण में कितने ऋण की वसूली की गई। (ख) इसमें से डबरा विधान सभा क्षेत्र के किसानों की जानकारी पृथक-पृथक कर देवें। (ग) समिति द्वारा वितरण किये गये ऋण में कितना नगदी तथा कितना खाद एवं बीज के रूप में ऋण वितरण किया गया? पृथक-पृथक कर जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
दलहनी फसलों के उपार्जन की व्यवस्था
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
170. ( क्र. 2471 ) श्री मोती कश्यप : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी ने राज्य में उत्पादित मूंग, उड़द, अरहर आदि दलहनों के उपार्जन हेतु कोई समर्थन मूल्य घोषित किया है? (ख) क्या कटनी जिला की उमरियापान कृषि उपजमण्डी जिला जबलपुर की किसी कृषि उपजमण्डी के अधीन आती है और दोनों में गेहूँ व धान आदि का उपार्जन किया जाता रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) जिन्सों के उपार्जन हेतु जिला जबलपुर एवं कटनी की किन-किन कृषि उपजमण्डियों को उपार्जन केन्द्र बनाया गया है और वि.खं. ढीमरखेड़ा व उपकृषि उपजमण्डी उमरियापान से संबंधित कृषकों की फसलों के लिये किन स्थानों को उपार्जन केन्द्र बनाया गया है? (घ) क्या जिला कटनी के विकासखण्डों के कृषकों की प्रश्नांश (क) फसलों के उपार्जन हेतु कब से किस प्रकार की नियमित व्यवस्था बनाई गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। समर्थन मूल्य की घोषणा भारत सरकार द्वारा की जाती है। (ख) जी हाँ। कटनी जिला की उमरियापान कृषि उपज मंडी, जिला जबलपुर की सिहोरा कृषि उपज मंडी के अधीन थी, राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 23 जुलाई 2015 द्वारा उमरियापान मंडी को कृषि उपज मंडी समिति कटनी में सम्मिलित किया गया है। मंडी द्वारा कोई उपार्जन नहीं किया जाता है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
सिंहस्थ के दौरान राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों का आगमन
[जनसंपर्क]
171. ( क्र. 2493 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ महापर्व 2016 के दौरान विश्वव्यापी मेले को कवरेज करने के लिए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कितने पत्रकारों को कवरेज हेतु जनसंपर्क विभाग द्वारा आमंत्रित किया गया था? उनकी सूची उपलब्ध करावें। (ख) आमंत्रित पत्रकारों में से कितने पत्रकार उज्जैन पहुँचे? नामजद जानकारी प्रदान करे तथा आमंत्रित पत्रकारों को जनसंपर्क विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधा मुहैया कराई गई थी? (ग) जनसंपर्क विभाग की ओर से स्थानीय पत्रकारों के लिए शासन स्तर की क्या-क्या योजनाएं हैं और विभाग की ओर से किन-किन योजनाओं में स्थानीय पत्रकारों को क्या-क्या लाभ/सुविधा दी जा रही है।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जनसंपर्क विभाग द्वारा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार। (ग) जनसंपर्क विभाग की ओर से स्थानीय पत्रकारों के लिए अलग से कोई योजना लागू नहीं है।
स्व-सहायता समूह के ऋण वितरण में अनियमितता
[सहकारिता]
172. ( क्र. 2579 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पन्ना (म.प्र.) स्वर्ण जयंती स्वरोजगार योजना के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों के ऋण वितरण में गंभीर अनियमिततायें या गबन के कारण सहायक पंजीयक कार्यालय जिला पन्ना द्वारा तीन एफ.आई.आर. पवई अमानगंज व शाहनगर थाना में क्रमश: दिनांक 29.03.2012, 04.03.2014, 04.03.2014 को को-ऑपरेटिव बैंक पन्ना के संलिप्त बोर्ड सदस्यों एवं संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध पंजीबद्ध करवायी थी? यदि हाँ, तो इनमें कितनी-कितनी राशि का गबन किन-किन लोगों के ऊपर था और अभी तक दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या दि. 17.04.2017 को पुलिस अधीक्षक पन्ना द्वारा पुलिस महानिरीक्षक सागर को आरोपीगणों द्वारा शासन को 2.30 करोड़ रूपये की आर्थिक हानि पहुँचाने के कारण प्रकरणों की जाँच आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग भोपाल से करवाने हेतु पत्र लिखा है। यदि हाँ, तो उस पर अभी तक शासन ने क्या निर्णय लिया? (ग) 'अ' व 'ब' अनुसार 2012 से चल रही कार्यवाही कब तक पूर्ण कर दोषियों के विरूद्ध चालान न्यायालय में पेश कर दिया जायेगा? क्या जाँच की समय-सीमा निश्चित करेंगे? यदि करेंगे तो कब तक? शासन के करोड़ों रूपयों के गबन की निष्पक्ष जाँच हेतु क्या प्रकरण सी.बी.आई. को भेजेंगे? यदि भेजेंगे तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राष्ट्रीय बीमा राशि का बंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
173. ( क्र. 2892 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरीफ-2015 में गुना में राष्ट्रीय बीमा में 71 करोड़ 97 लाख 65 हजार लेकिन अशोकनगर में सिर्फ 45 हजार सात सौ रूपये तथा राजस्व पुस्तिका 6-4 के तहत गुना में 162.4 करोड़ दिया गया तथा अशोक नगर में सिर्फ 145 करोड़ दिया गया जबकि कुछ वर्ष पूर्व अशोक नगर गुना जिला का ही हिस्सा था। क्या अशोकनगर में इतनी कम धनराशि दी। क्योंकि समय पर अधिकारियों ने आंकड़े भेजकर मांग नहीं की तथा उन अधिकारियों की पहचान कर उन्हें दंडित किया जायेगा तथा किसानों की पुन: आंकलन कर उचित धनराशि देने पर विचार करेगा? (ख) क्या खरीफ फसल 2015 में दतिया जिले में सिर्फ 4 तथा अशोक नगर में 154 किसानों को बीमा राशि का भुगतान किया गया तथा प्रदेश भर में 20.50 लाख किसानों को बीमा का लाभ दिया गया जबकि प्रीमियम 28 लाख 75 हजार किसानों ने जमा कराया था तथा इसके सिद्ध नहीं होता कि प्रदेश में हर जिले में नुकसान हुई, फसल का सर्वे ठीक से नहीं किया गया तथा उच्च अधिकारियों के फसल नुकसान की सर्वे रिर्पोट को गंभीरता से लेकर अध्ययन नहीं किया? अत: जिम्मेदार लोगों की पहचान कर दंडित किया जायेगा व किसानों के नुकसान की भरपाई होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खनिज रॉयल्टी की जानकारी
[लोक निर्माण]
174. ( क्र. 3191 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के अंबापानी फाटा से खलीफाटा तक भागसुर से दानोद तक, नरावला से पानवा तक, दवाना से मदराण्या तक निर्माणाधीन/निर्मित मार्ग की निर्माणकर्ता फर्मों द्वारा इन मार्गों के निर्माण में लगने वाली रेत, गिट्टी की कितनी मात्रा कहाँ-कहाँ से क्रय की? कितनी रॉयल्टी कहाँ-कहाँ चुकाई? पूरी जानकारी फर्मवार दें। (ख) क्रय बिलों एवं रॉयल्टी रसीद की जानकारी की छाया प्रतियां भी देवें? (ग) संबंधित ग्राम पंचायतों से मुरम आदि अन्य जरूरी एन.ओ.सी. भी साथ में देवें? (घ) यदि फर्मों ने रॉयल्टी नहीं भरी है एवं ग्राम पंचातयों से एन.ओ.सी. नहीं लेकर कार्य किया है तो इसकी निगरानी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
व्यय एवं
प्राप्त
आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
1. ( क्र. 64 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिलान्तर्गत परियोजना संचालक आत्मा को वर्ष 15-16 से 17-18 तक किन-किन मदों में कितना-कितना आवंटन मदवार प्राप्त हुआ? (ख) विकासखण्डवार उन्नत कृषि यंत्र कितने वितरित किये गये तथा प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार पर विकासखण्डवार कितना-कितना व्यय किया गया दें? (ग) समस्त ब्यौरा मदवार कार्यवार एवं हितग्राही संख्यावार दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है।
सबलगढ़ शहर अंतर्गत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 72 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा सबलगढ़ शहर के बीचों-बीच क्या प्राक्कलन अनुसार डिवाईडर वाली रोड प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो ये कहाँ से कहाँ तक बनाई जा रही है? इसकी कुल लंबाई कितनी है? कुल कितनी चौड़ाई है, फुटपाथ कितना है? (ख) क्या उक्त रोड पूर्व में विभाग द्वारा पंचमुखी हनुमान से सेवाराम के बाग तक प्रस्तावित कर मंजूरी दी थी? यदि हाँ, तो इसे कब तक पूर्ण करा दिया जावेगा? (ग) क्या बिजली पोल शिफ्टिंग, ट्रांसफार्मर को रखने में ठेकेदार द्वारा मनमानी की जा रही है? सड़क के कार्य में एवं पोल शिफ्टिंग में एकरूपता न रखकर मनमानी तरीके से कार्य किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार पोल शिफ्टिंग एवं सड़क चौड़ीकरण में अनियमितता की जाँच करवाकर दोषी ठेकेदार/अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। चैनेज 66+200 से 71+864 तक। आर.ओ.डब्ल्यू. की उपलब्धतानुसार बनाई जा रही है। इसकी प्रस्तावित लंबाई 5.664 कि.मी. है। चार लेन (15 मीटर) चौड़ाई है एवं दोनों ओर 1.5 मीटर चौड़े फुटपाथ का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता दिनांक 16.11.2017 है। (ग) जी नहीं। बिजली पोल शिफ्टिंग, ट्रांसफार्मर रखने का कार्य ठेकेदार द्वारा म.प्र. मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा स्वीकृत प्राक्कलन एवं मापदण्डों के अनुरूप एवं सुपरविजन में आर.ओ.डब्ल्यू. के अनुसार ही कराया जा रहा है। सड़क का कार्य शासन द्वारा नियुक्त अथॉरिटी इंजीनियर के देखरेख में अनुबंध के प्रावधानों एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कराया जा रहा है। (घ) उपरोक्तानुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खरगोन अंतर्गत कृषकों को स्वीकृत प्रकरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
3. ( क्र. 103 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कृषकों को इन लाइन के कितने प्रकरण चालू वित्त वर्ष में स्वीकृत किये गए है. (ख) प्रश्नकर्ता के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1029 दिनांक 12 जून 2017 से क्या आवश्यक जानकारी चाही गई है, संदर्भित पत्र द्वारा वित्त वर्ष 2015 -16 एवं 16 -17 की विकास खंडवार किसानों की जानकारी तथा प्रपत्र 7 एवं 8 भी कम्पनीवार/ कृषकवार चाही गई थी. इसी प्रकार कृषकों के खाते में कृषक अंश आर.टी.जी.एस. क्रमांक जमा दिनांक आदि की जानकारी चाही गई थी और जो कम्पनी को मय बैंक स्टेटमेंट के प्रस्तुत उसकी भी कापी चाही गई थी. (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार चाही गई जानकारी विभाग द्वारा उपलब्ध करा दी गई है. यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्यों, विभाग द्वारा जानकारी न देने पर संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही एवं कब तक की जावेगी।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 में खरगोन जिले में 204 कृषकों के 372 हेक्टेयर में ड्रिप लाईन स्थापना हेतु कार्यादेश जारी किये गये है। (ख) प्रश्नाधीन पत्र द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारियाँ चाही गई थी जिसे उप संचालक उद्यान जिला खरगोन के पत्र क्रमांक 1503 दिनांक 06 जुलाई 2017 अनुसार उपलब्ध करा दी गई है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध करा दी गई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इंदौर इच्छापुर मार्ग का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 104 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर इच्छापुर मार्ग को पूर्व में बी.ओ.टी. में दिया गया था? क्या इंदौर इच्छापुर मार्ग के बी.ओ.टी. की अवधि 18 फरवरी 2017 को समाप्त हो गई है। यदि हाँ, तो उक्त अवधि समाप्त होने के बाद इस मार्ग का रख-रखाव किसके द्वारा किया जावेगा? क्या टोल बंद होने के बाद इस मार्ग पर परिवहन में वृद्धि हुई है तथा भारी वाहनों की भी संख्या बढ़ी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या मार्ग भी खराब हुआ है. टोल समाप्त अवधि बाद इस मार्ग के रख-रखाव पर विभाग द्वारा कितनी राशि व्यय की गई है? यदि दो साल तक फोर लेन मार्ग का निर्माण नहीं होता है तो इस मार्ग के रख-रखाव में शासन द्वारा चालू वित्त वर्ष में कितनी राशि व्यय हेतु प्रावधान किया गया है? (ग) इंदौर से इच्छापुर मार्ग दो राज्यों को जोड़ने वाला होने के साथ ही साथ सम्पूर्ण दक्षिण राज्य को जोड़ने वाला मार्ग है, इतना महत्व के मार्ग को शासन शीघ्र निर्माण कराये जाने के संबंध में क्या कार्यवाही कर रही है? क्या शासन द्वारा केंद्रीय सरकार को फोर लेन के (विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट) प्रस्ताव प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव कब कितनी राशि का भेजा है तथा स्वीकृति के सम्बन्ध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई? विस्तृत जानकारी देवे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा। जी हाँ। (ख) जी नहीं। कोई नहीं। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा रू. 39.99 लाख की स्वीकृति तात्कालिक रूप से संधारण हेतु स्वीकृत की गई है। (ग) जी हाँ। प्रस्ताव भारत सरकार के पास विचाराधीन है। जी हाँ। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा इन्दौर-इच्छापुर मार्ग का डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही प्रगति पर है। चूंकि आगामी कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की जाना है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
5. ( क्र. 182 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15, 15-16 एवं 16-17 में आगर जिला अंतर्गत अनुदान पर पैक हाऊस के कितने लक्ष्य आवंटित हुए थे? प्राप्त लक्ष्य से योजना अंतर्गत किन-किन कृषको को पैक हाऊस स्वीकृत किये जाकर आशय पत्र जारी किए? जारी आशय पत्रों की सत्यापित प्रति भी उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत पैक हाऊस का भौतिक सत्यापन कर किन-किन कृषकों/कम्पनियों को अनुदान भुगतान किया गया? भौतिक सत्यापन रिपोर्ट एवं भुगतान संबंधित दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कंपनियों को कोई अनुदान भुगतान नहीं किया गया है। कृषकों को भुगतान किये गये अनुदान की जानकारी उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
टिशू कल्चर लैब
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
6. ( क्र. 208 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर में टिशू कल्चर लैब स्थापित है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी स्थापित हैं एवं कितनी कार्यरत हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत टिशू कल्चर लैब में कितने पौधे तैयार किये गये? (घ) क्या तैयार किये गये पौधों से क्षेत्र की मांग पूरी हो जाती है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों/कर्मचारियों को क्रमोन्नति/पदोन्नति का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( क्र. 209 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा शासन के नियमानुसार अद्यतन सभी पात्र अधिकारियों/ कर्मचारियों को क्रमोन्नति/पदोन्नति का लाभ दिया गया है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कब तक कार्यवाही पूर्ण कर दी जावेगी? बतावे.
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) अधिकारियों/कर्मचारियों को समय-समय पर क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है। वर्तमान में पदोन्नति नियम 2002 निरस्त किया गया है तथा मान. सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका विचाराधीन है तथा मान. न्यायालय ने यथास्थिति बनाये रखने के आदेश दिये जाने के कारण पदोन्नति का लाभ नहीं दिया जा रहा है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
मृत्यु उपरांत स्वत्वों का भुगतान.
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
8. ( क्र. 216 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वत्वों के भुगतान एवं अनुकंपा नियुक्ति के लिये कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? (ख) क्या कृषि विभाग जबलपुर के स्वर्गीय राकेश पटेरिया, स्वर्गवास दिनांक फरवरी 2017 के स्वत्वों के क्लेम अभी तक लंबित हैं यदि हाँ, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सेवा सहकारी समिति के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
9. ( क्र. 271 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में श्री अखिलेश मिश्रा अध्यक्ष सेवा सहकारी समिति मर्यादित अमरपाटन जिला सतना द्वारा समिति में हुई अनियमितता के संबंध में कितनी शिकायतें, विभाग को जिला अधिकारियों एवं प्रदेश के अधिकारियों के यहां की गई? विवरण सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार की गई शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला स्तर पर 07 तथा प्रदेश स्तर पर 04 शिकायतें प्राप्त। विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
उज्जैन संभाग में किराए के भवन में संचालित शा. कार्यालय
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 298 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 की स्थिति में उज्जैन संभाग में कितने शासकीय कार्यालय किराए के भवन में चल रहे हैं तथा ऐसे कितने विभाग हैं जिनके लोक निर्माण विभाग के भवन गत 3 वर्षों से अनुपयोगी सिद्ध हो रहे हैं जिलेवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) संबंधी जिला कलेक्टरों द्वारा कब-कब लोक निर्माण विभाग के अनुपयोगी भवन में किराए के भवन में संचालित शा. भवनों को शिफ्ट करने के कौन-कौन से स्थल एवं विभाग के प्रस्ताव तैयार करवाकर सामान्य प्रशासन विभाग को भेजे या विभागीय तौर पर भवनों का अन्य विभाग में किराए से आदान-प्रदान किया गया, यदि नहीं, तो क्यों? 1 जनवरी 2015 के बाद की जानकारी देवें? (ग) विभागों को आपस में भवन या भूमि स्थानान्तरित करने की शासन (सामान्य प्रशासन विभाग) की क्या नीति है? उक्त संभाग में विभिन्न विभागों के पास कितने भवन कहाँ-कहाँ उपयोगी हैं कितने भवनों को मरम्मत के बाद ठीक कराया जा सकता है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) किराये के भवनों में चल रहे शासकीय कार्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं तीन वर्षों से अनुपयोगी भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) इस संबंध में जारी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार।
आवासीय भवनों का मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 390 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक लोक निर्माण विभाग खरगोन द्वारा मद 67-2216 एवं मद 67-2059 से आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों का मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य किन-किन भवनों में कितनी-कितनी राशि से क्या-क्या कार्य कराये गये वर्षवार कार्यवार सूची देवें। (ख) उक्त कार्यों की तकनीकी स्वीकृति की प्रति देवें। यदि नहीं, है तो कार्यवार कारण सहित बतायें। (ग) उक्त कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति देवें। यदि नहीं, है तो कार्यवार कारण सहित बतायें। (घ) उक्त कार्यों का मूल्यांकन/भौतिक सत्यापन कब-कब किया गया है? (ड.) विगत 3 वर्षों में मद-67-2059 में किये गये कार्यों की सूची कार्य का नाम व व्यय राशि सहित देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) तकनीकी स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ग) साधारण मरम्मत कार्यों में प्रशासकीय स्वीकृति आवश्यक नहीं, विशेष मरम्मत कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( क्र. 427 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना म.प्र. शासन द्वारा कब स्वीकृत की गई थी? इस योजना के क्या उद्देश्य हैं? (ख) जिला दमोह अंतर्गत इस योजना में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? नामवार, पतावार, राशिवार, एजेंसी सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना मध्यप्रदेश शासन द्वारा 44 जिले की जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) का दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन प्रदान किया गया था एवं शेष 7 जिले की जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) का दिनांक 27.05.2017 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन किया जा चुका है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उदेद्श्य, प्रदेश में ग्राम स्तर तक सिंचाई क्षेत्र निवेश को बढ़ाकर हर खेत को पानी पहुंचाना तथा उपलब्ध जल का उचित प्रबंध कर ''पर ड्राप मोर क्राप'' के लक्ष्य को प्राप्त करना है। (ख) दमोह जिले के अंतर्गत ए.आई.वी.पी. (वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजना) हर खेत को पानी, ''पर ड्राप मोर क्राप'', आई.डब्ल्यू.एम.पी. एवं मनरेगा आदि घटक अंतर्गत जल संसाधन विभाग, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, उद्यानिकी विभाग एवं ग्रामीण विकास विभागों के राशि रू. 706043.43 लाख के प्रस्तावित कार्य जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) में सम्मिलित होकर 16.04.2016 को संचालनालय में प्राप्त हुए है। जिसका दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन किया जा चुका है। नामवार, पतावार, राशिवार, एजेंसी सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भिण्ड विधान सभा क्षेत्र में मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 501 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत बजट वर्ष 2017.18 में भिण्ड कुम्हरोआ-भुजपुरा मार्ग निर्माण स्वीकृत किया गया है यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई क्या डी.पी.आर. तैयार होकर किस स्तर पर विचाराधीन है? मार्ग कब तक बनकर पूर्ण हो जायेगा? (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नयागांव से हार की जमेह कुल लंबाई 3 कि.मी. लोक निर्माण विभाग से बनाने हेतु प्रस्ताव किस स्तर पर विचाराधीन है? कब तक स्वीकृत हो जायेगा? (ग) क्या भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उमरी से मोतीपुरा उमरी से देवगढ़ तथा बाराकला से रूपसहाय का पूरा मार्ग निर्माण हेतु प्रस्ताव दिए गए थे, यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव किस स्तर पर किस अधिकारी के स्तर पर विचाराधीन है? मार्ग निर्माण के लिए प्रस्ताव कब स्वीकृत होगा? (घ) लोक निर्माण विभाग भिण्ड में निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ पर चल रहे हैं? कितना प्रतिशत निर्माण कार्य शेष हैं गुणवत्ता की जाँच किस स्तर पर किस अधिकारी द्वारा की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, दिनांक 29.06.2017 को प्रशासकीय स्वीकृति जारी। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल स्तर पर परीक्षणाधीन है। सीमित वित्तीय संसाधन होने से स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) ऊमरी से मोनीपुरा मार्ग का डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल में परीक्षणाधीन है। ऊमरी से देवगढ़ एवं बाराकला से रूप सहाय का पुरा मार्ग का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। भवनों की गुणवत्ता की जाँच एस.क्यू.सी. द्वारा की जा रही है।
अम्बाह ब्रांच कैनाल नहर की लाइनिंग का कार्य
[जल संसाधन]
14. ( क्र.
505 ) श्री
सत्यपाल
सिंह सिकरवार
: क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मुरैना
जिले की अम्बाह
ब्रांच कैनाल
पर अनुबंध
क्रं. 07
वर्ष 2012-13
एवं अनुबंध
क्रं. 05
वर्ष 2013-14,
अनुबंध
क्रं. 04
वर्ष 2013-14
में लाईनिंग
का कार्य
कहाँ-कहाँ
किया गया तथा
इनकी
अनुमानित
लागत क्या
थी। (ख) उक्त
कार्यों के
पूर्ण करने की
अवधि क्या थी, समय-सीमा
में कार्य
पूर्ण हुये या
नहीं,
समय-सीमा
बढ़ाने के क्या
कारण रहे? (ग) उक्त
कार्यों का
रिवाईज्ड स्टीमेट
किस अधिकारी
द्वारा भेजा
गया तथा किस
अधिकारी
द्वारा स्वीकृत
किया गया था
एवं विभाग
द्वारा
प्राइज एक्सीलेशन
बनाया गया था? अधिकारी
का नाम, दिनांक
सहित जानकारी
दी जावें।
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से
(घ) प्रश्नांश
में उल्लेखित
अनुबंध
क्रमांक-4 वर्ष 2013-14
अंबाह ब्रांच
कैनाल के
लाईनिंग
कार्य से संबंधित
न होकर डीजल
वाहन किराए पर
लेने से संबंधित
है। शेष दोनों
अनुबंधों से
संबंधित
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन
[सहकारिता]
15. ( क्र. 515 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना अशोकनगर जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी संस्थाओं के निर्वाचन कराये हैं? कितने पेंडिंग हैं? पेंडिंग के कारण क्या हैं? कौन सी संस्थाओं के निर्वाचन, निर्वाचन समय-सीमा के बाद कराये या पेंडिंग क्यों है? कारण सहित बतायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना निर्वाचन में सदस्य एवं प्रारंभिक वृहताकार सहकारी समिति एवं उनके प्रतिनिधि वर्ष 2015-16 में वर्ष 2016-17 में कौन-कौन ड्यू एवं ओवर ड्यू रहे हैं? (ग) क्या गुना जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक द्वारा प्रारंभिक वृहताकार संस्थाओं के ड्यू ओवर ड्यू निर्वाचन में किस आधार पर वर्णित किया और क्या वर्ष 2015-16 के निर्वाचन और 2016-17 के निर्वाचन में क्या अंतर था? क्यों पेंडिंग हुआ, कौन जिम्मेदार है? यदि निर्वाचन नहीं हो सका तो क्या विभाग उन संस्थाओं में नामिनेशन बोर्ड का गठन करेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों एवं संस्थाओं के प्रबंधक द्वारा एवं निर्वाचन में पक्षपात के कारण क्या विभाग दूसरी जाँच कराकर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) गुना, अशोकनगर जिले में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कार्यालय म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी द्वारा 184 सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन कराए हैं, 18 संस्थाओं के निर्वाचन प्रक्रियाधीन हैं, 20 संस्थाओं के निर्वाचन पेंडिंग हैं, पेंडिंग रहने का कारण सदस्यता सूची का त्रुटिपूर्ण होना, सूची के संबंध में शिकायतें एवं न्यायालयीन प्रकरण इत्यादि हैं, निर्वाचन प्रस्ताव प्राप्त होने पर यथासमय म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी द्वारा कराए गए हैं। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना का निर्वाचन वर्ष 2015-16 में नहीं होने से उत्तर अपेक्षित नहीं है वर्ष 2016-17 में कराए गए निर्वाचन में ड्यू एवं ओवरड्यू सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुना द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के ड्यू, ओवरड्यू की जानकारी संबंधित शाखा या संस्थाओं से प्राप्त कर दर्शाई गई है वर्ष 2015-16 में बैंक के निर्वाचन नहीं होने से शेष प्रश्नांश का उत्तर अपेक्षित नहीं। बैंक का निर्वाचन लंबित रहने का कारण रजिस्ट्रीकरण की कार्यवाही के संबंध में संयुक्त आयुक्त सहकारिता एवं अपीलीय अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना द्वारा सोसायटियों की पात्रता, अपात्रता के संबंध में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के विनिश्चय के विरूद्ध अपीलीय प्रकरणों का निराकरण निर्धारित तिथि में संभव नहीं होने के कारण रजिस्ट्रीकरण कार्यवाही स्थगित कर जाँच प्रतिवेदन चाहा गया, जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त रहने से बैंक का निर्वाचन लंबित रहा था। संयुक्त आयुक्त सहकारिता से जिला बैंक गुना की संशोधित सदस्यता सूची प्राप्त होने पर निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ की गई जिसमें 05 संचालक चुने गए, गणपूर्ति के अभाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित संचालक मण्डल का गठन नहीं हो सका। जी नहीं। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में बैंक की निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
अस्पताल चौराहा से बायपास तक रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 564 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ में अस्पताल चौराहा से बायपास तक रोड निर्माण हेतु विभाग के पास कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही चल रही है। (ख) क्या उक्त रोड की प्रशासनिक स्वीकृति जारी हो चुकी है? यदि नहीं,, तो क्यों नहीं तथा कब तक स्वीकृति जारी हो सकेगी? (ग) नगरवासियों व छात्राओं द्वारा विगत कई वर्षों से की जा रही अस्पताल चौराहा से बायपास तक रोड निर्माण की मांग कब तक पूर्ण हो सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण स्वीकृति हेतु किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार। (ग) वर्तमान में वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
खरगापुर विधान के ग्वाल सागर तालाब का भराव रान सुजारा से कराये जाना
[जल संसाधन]
17. ( क्र.
639 ) श्रीमती
चन्दा
सुरेन्द्र
सिंह गौर :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ग्वाल सागर
तालाब बल्देवगढ़
के
परिक्षेत्र
में जो कृषि
सिंचाई हेतु
नहर निकली
हुई है, उन ग्रामों
को वान सुजारा
की नहर से
वंचित रखा गया
है जिसमें
ग्राम
देवीनगर, छारकी, जरेरा, जिनागढ़, सुजानपुरा, भिलौनी, बनयानी, दुगीनगर, गनेशपुरा, झिनगुंवा
वैसा,
राजनगर
वनपुरा, करमासन, अहार, लडवांरी, कछयाखेरा, नारायणपुर, लुहरा, डुम्वार, चंइली
आदि ग्राम
हैं। क्या इन
ग्रामों के
किसानों की
फसलों की
सिंचाई हेतु
वान सुजारा की
नहर से या अन्य
लिप्टिंग की
सुविधा से बल्देवगढ़
ग्वाल सागर, तालाब
का जल भराव
करायेंगे यदि
हाँ,
तो कब तक
समयावधि
बतायें यदि
नहीं,
तो कारण स्पष्ट
करें?
(ख) क्या
बल्देवगढ़
ग्वाल सागर
तालाब के भराव
से वान सुजारा
की नहर से
वंचित
ग्रामों के
किसानों को
लाभ मिलेगा
तथा नगर बल्देवगढ़
में पेयजल की
सुविधा भी हो
जायेगी? क्या ग्वाल
सागर तालाब के
भराव की कोई
योजना शासन के
पास है? या नहीं
अवगत करायें?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) बानसुजारा
परियोजना की
नहरों के
सर्वेक्षण
अनुसार ग्राम
देवीनगर, छारकी, जटेरा, जिनागढ़, सुजानपुरा, लुहर्रा, बनयानी, दुर्गानगर, गनेशपुरा, झिनगुवां
वैसा,
राजनगर
वनपुरा, करमासन, अहार, लड़वारी, कछायाखेरा, नारायणपुर, लुहर्रा, डुम्बार, चंदूली
आदि ग्रामों
की भूमि
परियोजना के
कमाण्ड
क्षेत्र में
नहीं आ रही
है। इसलिए इन
ग्रामों को
बानसुजारा
परियोजना से
सिंचाई हेतु
पानी दिये
जाने का
प्रावधान
नहीं है। ग्वाल
सागर तालाब को
भी बानसुजारा
परियोजना से भरने
का कोई
प्रावधान
नहीं है।
बानसुजारा बॉंध
में अतिरिक्त
पानी न होने
एवं ग्वाल
सागर तालाब का
स्तर
बानसुजारा
नहर के तल से
लगभग 35
मी. ऊँचा होने
के कारण
बानसुजारा
नहर से भरा जाना
संभव नहीं है।
(ख) ग्वाल
सागर तालाब को
बानसुजारा से
भरने का प्रावधान
न होने के
कारण वंचित
ग्रामों को
लाभ मिलना
संभव नहीं है।
ग्वालसागर
तालाब को भरने
का कोई प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है।
मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( क्र. 655 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना से संबंधित क्या-क्या गतिविधियां कृषकों के हित में संचालित किये जाने का प्रावधान है व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या नियम निर्देश निर्मित किये गये हैं? (ख) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना के तहत कृषकों के हित में योजना प्रारंभ से 30 जून 2017 तक क्या-क्या कार्य किये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में योजना के तहत अजा.अजजा, ओ.बी.सी. व BPL कार्डधारियों को कोई विशेष राहत देने का प्रावधान है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं।
राष्ट्रीय कृषि मण्डी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
19. ( क्र. 656 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महामहिम राज्यपाल महोदय के अभिभाषण 21 फरवरी 2017 के दौरान बिन्दु क्र. 13 भोपाल की करौंद कृषि उपज मण्डी सहित प्रदेश की 21 कृषि मण्डी राष्ट्रीय कृषि मण्डी योजना से जुड़ गई इस वित्त वर्ष 2017-18 में तीस (30) और मण्डियों को योजना से जोड़ा जायेगा सभी जिलों में कृषि उपज मण्डियों में फल सब्जी के लिए आधुनिक प्लेटफॉर्म, क्लीनिंग गैस ग्रेडिंग गैस पैकेजिंग कोल्ड स्टोरेज, चेम्बर स्थापित किये जायेंगे का उल्लेख है? (ख) यदि हाँ, तो (क) में उल्लेखित 21 कृषि मण्डी एवं वित्त वर्ष में 30 और मण्डियों के नाम बताया जावे? (ग) क्या (ख) में उल्लेखित 21 व 30 मण्डियों में मुरैना एवं अम्बाह मण्डी जिला मुरैना सम्मिलित है? यदि नहीं, तो क्यों? कृषकों के हित में इन दोनों मण्डियों को कब तक जोड़ दिया जावेगा? निश्चित अवधि बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्रथम चरण में 20 एवं द्वितीय चरण में 30 मंडियों को जोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त 8 मंडियों के नाम भारत सरकार को भेजे गये हैं। उक्त 8 मंडिया वित्त वर्ष 2016-17 से राष्ट्रीय कृषि मंडी योजना का कार्य कर रही है। कृषि उपज मंडियों में आधुनिक रूप से सुसज्जित फल सब्जी मंडी निर्माण के अंतर्गत बहुउद्देशीय शेड (मल्टियूटिलिटी शेड) मल्टी परपज़ हॉल, कोल्ड स्टोरेज, रायपिंग यूनिट एवं कलर सार्टेक्स, ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग, वेस्ट डिस्पोजन आदि के साथ अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रदेश की कुल 58 मंडिया (20+ 30+ 8) राष्ट्रीय कृषि बाजार का कार्य कर रही है। योजना का क्रियान्वयन कर रही 58 मंडियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित (20+30) कुल 50 मंडियों में मुरैना एवं अम्बाह मंडी, जिला मुरैना सम्मिलित नहीं है। वर्ष 2016-17 में भेजे गये 08 नामों में कृषि उपज मंडी समिति मुरैना जिला मुरैना का नाम सम्मिलित है। कृषि उपज मंडी समिति अम्बाह जिला मुरैना का नाम योजना में सम्मिलित नहीं है। अम्बाह मंडी को भारत सरकार के निर्देश अनुरूप शेष मंडियों के साथ योजना में जोड़ने की कार्यवाही की जावेगी। अवधि बताना संभव नहीं है।
मार्ग निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 700 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारां. प्रश्न क्रमांक 1039 दिनांक 23.03.2017 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में स्वीकारा है कि श्योपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम ढोटी से ननावद व्हाया किलोरच मार्ग वर्तमान में क्षतिग्रस्त होकर जर्जर स्थिति में है इस कारण नागरिकों को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। (ख) क्या विभाग में क्षतिग्रस्त मार्गों को उन्नयन कराने हेतु शासन वचनबद्ध है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त मार्ग के उन्नयन कार्य को विभाग की प्राथमिकता में शामिल करवाएगा। (ग) क्या ई.ई.लो.नि.वि. श्योपुर द्वारा राशि 4.50 करोड़ के उन्नयन का प्रस्ताव तैयार कर शासन/विभाग को भेजा गया है जो वर्तमान में विभाग की स्थायी वित्तीय समिति में अनुमोदन हेतु प्रक्रियाधीन भी है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त मार्ग के प्रस्ताव को स्थायी वित्तीय समिति से अनुमोदित करवाकर इसे चालू वित्तीय वर्ष के अनुपूरक बजट में शामिल करके इसकी स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर प्राथमिकतानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्टॉप डेम की स्वीकृति
[जल संसाधन]
21. ( क्र. 701 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम गुरनावदा एवं उतनवाड़ में स्टॉप डेम निर्माण कार्य के प्रस्ताव ई.ई. जल संसाधन श्योपुर द्वारा तैयार कर स्वीकृति हेतु शासन/विभाग को कब भेजे इनकी लागत कितनी है? (ख) वर्तमान में उक्त कार्य के प्रस्ताव किस स्तर पर परीक्षणाधीन है? परीक्षण कार्य में कितना समय और लगेगा? (ग) क्या दोनों ग्रामों में स्टॉप डेमों के निर्माण उपरांत आस-पास के क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जावेगी, जल स्तर में वृद्धि होगी साथ ही मवेशियों के लिऐ पेयजल सुविधा भी सुलभ हो जावेगी। (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन जनहित में उक्त दोनों स्टॉप डेमों के प्रस्तावों के परीक्षण कार्य को यथाशीघ्र पूर्ण करवा कर इन्हें 2017-18 के अनुपूरक बजट में शामिल कर अविलम्ब इनकी स्वीकृति जारी करवायेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) साध्यता स्वीकृति हेतु गुरनावदा स्टॉप डेम लागत रू.499.00 लाख का प्रस्ताव दिनांक 02.05.2017 एवं उतनवाड़ स्टॉप डेम लागत रू.490.00 लाख का प्रस्ताव दिनांक 07.12.2016 को भेजा गया। गुरनावदा स्टॉपडेम के डी.पी.आर. बनाए जाने हेतु साध्यता आदेश दिनांक 07.06.2017 को निर्गत कर दिये गये है। उतनवाड़ स्टॉप डेम की लागत प्रति हे. रू.4.08 लाख आंकलित होने से परियोजना (विभागीय मापदण्ड रू.1.75 लाख प्रति हे.) असाध्य है। गुरनावदा स्टॉप डेम का डी.पी.आर. अंतिम नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
पुराने सिंचाई जलाशयों की नहरों की मरम्मत
[जल संसाधन]
22. ( क्र. 784 ) श्री प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के पुराने सिंचाई जलाशयों की नहरों की मरम्मत हेतु कितने प्रस्ताव वर्ष 2007 से प्रश्न दिनांक तक जल संसाधन विभाग/जल उपभोक्ता समिति के द्वारा स्वीकृति हेतु कितनी-कितनी लागत के प्रेषित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रस्तुत किये गये प्रस्ताव में से कितने प्रस्ताव स्वीकृत हुए और कितने अभी भी स्वीकृति हेतु विचाराधीन हैं? (ग) नहरों की मरम्मत समय पर न होने से कितना पानी व्यर्थ बह जाता है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग के पास नहर मरम्मत/जल संरक्षण हेतु कोई कार्ययोजना अथवा शासनादेश हैं? यदि हाँ, तो अभी तक उन पर अमल किये जाने हेतु विभागीय स्तर पर क्या पहल की गई है? (घ) क्या वर्ष 2007 से 2009 के मध्य प्राप्त प्रस्तावों में से अभी तक कितने प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) दमोह जिले के पुराने सिंचाई जलाशयों की नहरों की मरम्मत हेतु 11 प्रस्ताव वर्ष 2007 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत दमोह की ओर भेजे गये थे, जिनकी स्वीकृति प्राप्त हुई थी। योजनावार लागत का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नहरों की मरम्मत समय-समय पर की जाकर कृषकों को नहर के अंतिम छोर तक जल उपभोक्ता संथा के द्वारा पानी उपलब्ध कराया जाता है। अत: पानी व्यर्थ नहीं बहता है। पानी व्यर्थ बहने की जिम्मेदारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, नहरों की वार्षिक मरम्मत/रखरखाव हेतु राशि सिंचित रकबा अनुसार आवंटित की जाती है। उक्त राशि रकबा अनुसार ही जल उपभोक्ता संस्था को प्रदाय कर नहरों की मरम्मत/रखरखाव किया जाता है। (घ) जी नहीं वर्ष 2007 से 2009 के मध्य सिर्फ 11 प्रस्ताव नहर सुधार की स्वीकृति हेतु जिला पंचायत दमोह को स्वीकृति हेतु भेजे गए थे जिनकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( क्र. 887 ) श्री अरूण भीमावद : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है? कौन पात्रता रखता है? इस योजना के क्या नियम एवं प्रावधान हैं? (ख) क्या शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की कार्य योजना बनाई गई? यदि हाँ, तो कार्य योजना शासन को स्वीकृति हेतु कब प्रस्तुत की गई? कार्य योजना में कौन-कौन से कार्य सम्मिलित किये गये हैं? (ग) क्या शाजापुर विधानसभा क्षेत्र में नवीन तालाबों एवं इनके रख-रखाव, गहरीकरण, जीर्णोद्धार एवं सुदृढ़ीकरण की स्वीकृति हेतु प्रधानमंत्री कृषि योजना में सम्मिलित किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुसार भेजे गये प्रस्तावों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य, प्रदेश में ग्राम स्तर तक सिंचाई क्षेत्र निवेश को बढ़ाकर हर खेत को पानी पहुंचाना तथा उपलब्ध जल का उचित प्रबंध कर ''पर ड्राप मोर क्राप'' के लक्ष्य को प्राप्त करना है। योजना के अंतर्गत समस्त वर्ग के कृषक पात्रता रखते हैं। योजना के नियम एवं प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। शाजापुर विधान सभा क्षेत्र सहित शाजापुर जिले की जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) बनाई गयी एवं दिनांक 20.01.2017 को संचालनालय को प्राप्त हुई है। जिसका राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में दिनांक 27.05.2017 को अनुमोदन किया जा चुका है। जिले के अंतर्गत ए.आई.वी.पी. (वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजना) हर खेत को पानी, ''पर ड्राप मोर क्राप'', आई.डब्ल्यू.एम.पी. एवं मनरेगा आदि घटक अंतर्गत जल संसाधन विभाग, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, उद्यानिकी विभाग एवं ग्रामीण विकास आदि विभागों के राशि रू.1790.37 करोड़ के कार्य जिले की डी.आई.पी. में सम्मिलित कर प्रस्तावित किये गये है। योजना में सम्मिलित कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) का राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में दिनांक 27.05.2017 को अनुमोदन किया जा चुका है। आगामी कार्यवाही प्रचलन में है।
तालाबों का जीर्णोद्धार
[जल संसाधन]
24. ( क्र. 889 ) श्री अरूण भीमावद : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में विभाग के कितने तालाब हैं? (ख) तालाबों से सिंचित रकबा कितने हेक्टेयर है? (ग) शाजापुर जिले में जल संसाधन विभाग के कितने तालाबों में पानी भरा रहता है तथा कितने टूटे-फूटे स्थिति में पड़े हैं? (घ) शाजापुर जिले में टूटे-फूटे तालाबों के जीर्णोद्धार एवं मरम्मत हेतु विभाग की ओर से क्या तैयारी है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) 70 तालाब। 20,706 हे.। (ग) एवं (घ) सभी तालाबों में पानी भरा रहता है। कोई तालाब टूटी-फूटी स्थिति में नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर में फर्मों की धांधलियों पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( क्र. 976 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र की नवलखा कृषि सेवा केन्द्र महिदपुर, दिलीप ट्रेडिंग कंपनी महिदपुर, हसमुख ट्रेडर्स नारायण रोड महिदपुर द्वारा विगत 3 वर्ष में जमा किए ऑडिट रिपोर्ट की छायाप्रति देवें। (ख) नवलखा कृषि सेवा केन्द्र/दिलीप ट्रेडिंग कंपनी/हंसमुख ट्रेडर्स के संबंध में ICICI बैंक शाखा महिदपुर में केन्द्र/राज्य की एजेंसी द्वारा इनकी धांधलियों पर कार्यवाही की समस्त जानकारी देवें। ICICI बैंक द्वारा इन एजेंसियों से किए समस्त पत्र व्यवहार की छायाप्रति देवें। (ग) इन फर्मों की उपरोक्त धांधलियों पर विभाग ने अभी तक क्या कार्यवाही की है यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जाकर इनके लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित फर्मों का किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा विभागीय अंकेक्षण कार्य नहीं किया जाता है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही के अधिकार किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग को नहीं है।
मुख्यमंत्री जी के उपवास कार्यक्रम में व्यय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
26. ( क्र. 980 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जून 2017 में भोपाल में मान. मुख्यमंत्री जी के उपवास कार्यक्रम पर कुल कितना व्यय हुआ। समस्त व्यय की जानकारी कार्यवार फर्म/व्यक्तिवार, कुल भुगतान राशि, भुगतान हुआ/लंबित है की जानकारी देवें। किराये पर ली गई सामग्री की जानकारी पृथक से देवें। (ख) इस कार्यक्रम में मा. मुख्यमंत्री जी को कितने किसानों/किसान संगठनों ने मांग पत्र/ज्ञापन दिया। इनके नाम बतावें तथा सभी मांग पत्र/ज्ञापन की छायाप्रति देवें। इन पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) माह जून 2017 में उपवास पूर्व मा. मुख्यमंत्री जी ने जिन किसान संगठनों के साथ बैठक कर जो घोषणाएं की उनकी पूरी जानकारी देवें। उपवास पूर्व व उपवास समाप्ति के समय की समस्त घोषणाओं के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय/विभाग ने जो पत्र व्यवहार किया उसकी प्रमाणित प्रति देवें। (घ) उपरोक्त कार्यक्रम में क्रय की गई सामग्री वर्तमान में कहाँ उपयोग की जा रही है सामग्रीवार, स्थानवार बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी की सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा उनके शयन कक्ष एवं शासकीय कार्य निष्पादन हेतु बैठक कक्ष का अस्थाई निर्माण मेसर्स भोपाल ग्लास एवं टैंट स्टोर, इतवारा रोड, भोपाल से कराया गया। जिसका देयक उनके द्वारा राशि रू. 88,118.75 का प्रस्तुत किया है एवं मेसर्स, मिश्रा रेडियो एंड इलेक्ट्रीशियन 40, इतवारा रोड, भोपाल द्वारा राशि रू. 23,324.00 का देयक उनके द्वारा प्रस्तुत किया गया। उक्त देयकों का भुगतान आज दिनांक नहीं किया गया है। (ख) संधारित अभिलेख के आधार पर किसानों/किसान संगठनों द्वारा किसानों से संबंधित सार्वजनिक समस्याओं से संबंधित कुल 64 मांग पत्र/ज्ञापन दिये गये जो कि संबंधित विभागों की ओर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजे गये है। ज्ञापनों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। इसके अतिरिक्त उक्त कार्यक्रमों में कुल 774 व्यक्तिगत समस्याओं/मांगों से संबंधित आवेदन भी प्राप्त हुये है, जो कि संबंधित विभागों तथा जिलों के कलेक्टर/पुलिस अधीक्षक की ओर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजे गये है। (ग) संधारित अभिलेख अनुसार प्रश्नांकित अवधि में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भ्रमण तथा प्रारम्भिक सर्वे रिपोर्ट
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
27. ( क्र. 1019 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत उद्यानिकी विभाग खरगोन द्वारा वर्ष 2016-17 में ड्रिप अनुदान से लाभांवित कृषकों की आवेदन फाईल में लगे प्रपत्र-दो एवं प्रपत्र-पांच में दर्ज जानकारी की सूची हितग्राही के पंजीयन क्रमांक, नाम, फसल, जल स्त्रोत की स्थिति, विद्युत स्त्रोत की स्थिति सहित देवें। (ख) उक्त आवेदनों की फाईल में कृषक द्वारा सिंचाई हेतु जल का स्त्रोत क्या बताया गया है? प्रकरणवार नाम, जल के स्त्रोत प्रकार सहित सूची देवें। (ग) उक्त आवेदनों की फाईल में कृषक द्वारा विद्युत उपलब्धता/डीजल इंजन की हार्स पावर की स्थिति की सूची कृषक के नाम, पता सहित देवे। (घ) उपरोक्त आवेदन फाईल में संलग्न प्रपत्र-दो एवं प्रपत्र-पांच में दर्ज भ्रमण दिनांक तथा प्रारम्भिक सर्वे रिपोर्ट दिनांक सहित सूची हितग्राही के नाम व पता सहित देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत ड्रिप/स्प्रिंकलर स्थापना के आवेदन की प्रक्रिया ऑन लाईन होने से प्रश्नाधीन जानकारी की प्रविष्टि एवं सत्यापन ऑन लाईन किया जाता है। अत: प्रपत्र दो एवं पाँच के अभिलेख आवेदन फाईल में संधारित नहीं है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार जानकारी आवेदन फाईल में संधारित नहीं है।
सर्वाधिक अनुदान राशि प्राप्त कंपनियां
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
28. ( क्र. 1020 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्ष 2016-17 में पी.एम.के.एस.वाय. अंतर्गत ड्रिप अनुदान किस-किस कंपनी को कितने-कितने कृषकों का कितने हेक्टर रकबे के लिए कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? कंपनीवार नाम, कृषक संख्या, ड्रिप रकबा, राशि सहित सूची देवें। (ख) उक्त कंपनियों को अनुदान कितना दिया जाना था और कितना-कितना अनुदान प्रदान किया गया तथा कितने प्रतिशत अनुदान राशि को किन कारणों से रोका गया? उक्त रोकी गई राशि को कब, किस माध्यम से किन शर्तों पर प्रदान किया जावेगा? रोकी गई राशि की कंपनीवार सूची देवें। (ग) वर्ष 2016-17 की ड्रिप अनुदान अंतर्गत सर्वाधिक राशि प्राप्त प्रथम दो कंपनियों की सामग्री क्रयकर्ता कृषकों की सूची, उनके पंजीयन क्रमांक, कृषक अंश, अनुदान राशि सहित देवें। इन कंपनियों के कृषक अंश जमा संबंधी बैंक स्टेटमेंट की जानकारी देवें। (घ) बिंदु (ग) के कृषकों के प्रपत्र-सात एवं प्रपत्र-आठ का विवरण देवें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कुछ कृषकों के यहां कंपनियों द्वारा समस्त सामग्री प्रदाय कर दी गई थी किन्तु खेत खाली नहीं होने के कारण ड्रिप संयंत्र स्थापित नहीं हो पाये थे। ऐसे प्रकरणों की 20 प्रतिशत राशि रोकी गई थी। वर्तमान में सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं रोकी गई राशि के भुगतान हेतु देयक कोषालय में प्रस्तुत किये गये थे किन्तु त्रैमास में आवंटन न होने से भुगतान नहीं हुआ है। आगामी त्रैमास में आवंटन से राशि प्राप्त कर भुगतान किया जावेगा। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
जल आवर्धन योजना से विस्थापितों के पुनर्वास
[जल संसाधन]
29. ( क्र. 1057 ) श्री हरवंश राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जल आवर्धन योजना के क्रियान्वयन में विस्थापितों में पुनर्वास हेतु एवं मार्ग निर्माण के लिए क्या नीति निर्देश निर्धारित हैं? (ख) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जल आवर्धन योजना अंतर्गत स्वीकृत बांध/डेम के डूब क्षेत्र से प्रभावित विस्थापितों के पुनर्वास हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) कितने प्रभावित कृषकों को समुचित पुनर्वास शासन नियमानुसार वर्तमान तक नहीं हुआ, जिसके कारण कार्य बंद है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आदर्श पुनर्वास नीति वर्ष 2002 की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार निर्धारित है। (ख) बण्डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सिंचाई प्रयोजन हेतु निर्मित पगरा बॉंध के डूब क्षेत्र से प्रभावित विस्थापितों के पुनर्वास हेतु पुनर्वास स्थलों के आदर्श ग्रामों में प्रभावितों के प्लाट आवंटित कर मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत सड़क, नाली, बिजली, पेयजल, आंगनवाड़ी भवन, सामुदायिक भवन, प्राथमिक शाला, स्वास्थ्य केन्द्र, शमशानघाट आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही म.प्र.शासन की आदर्श पुनर्वास नीति वर्ष 2002 में निहित प्रावधानों के तहत हितग्राहियों को प्रदाय की जाने वाली परिवहन एवं अन्य अनुदान राशि के प्रकरण कलेक्टर जिला सागर को अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्डल सागर के पत्र दिनांक 25.05.2017 के द्वारा स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) पगरा बॉंध के डूब क्षेत्र से प्रभावित समस्त कृषकों को पुनर्वास स्थल पर समुचित रूप से पुनर्वासित किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषकों के अनुदान हेतु
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 1058 ) श्री हरवंश राठौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किसानों के कल्याण एवं कृषि विभाग हेतु विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं में कितने-कितने कृषकों को अनुदान की राशि खाते में जमा की गई है? यदि नहीं, तो किन-किन वर्षों की कितने कृषकों के खाते में राशि जमा नहीं कराई गई है? (ख) विभिन्न अनुदान योजनाओं में प्राप्त आवंटन के व्यय की सत्यापित जानकारी दिलाई जाए। (ग) अनुदान राशि विलंब में दोषी पाए गए किस-किस अधिकारी पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) सागर जिले को प्राप्त आवंटन व्यय की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) कृषकों को नियमानुसार अनुदान राशि का भुगतान किया गया। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सल्हना जलाशय से प्रभावितों को मुआवजा प्रदान करना
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 1114 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 14-2-2009 व 15-9-2009 को कलेक्टर कटनी एवं कार्यपालन यंत्री कटनी एवं दिनांक 27-1-2016 को प्रमुख अभियन्ता को सल्हना जलाशय के पीड़ित किसानों के संबंध में कोई लेख किया है? (ख) क्या विधानसभा सत्र दिनांक 14-3-2013 के प्रश्न संख्या 1 (क्र. 2760) की चर्चा में तदाशय के उद्भूत बिन्दु पर कि विकासखण्ड बडवारा के ग्राम सल्हना में निर्माणाधीन जलाशय में ग्राम सल्हना एवं मिडरा के 25 किसानों की भूमि डूब में आ रही है, पूर्व में निर्मित स्टापडेम तोड़ दिये जाने, खेतों की मिट्टी निकाले जाने से सारे खेत डूब गये हैं, कृषकों की भूमि का न तो भू-अर्जन किया गया है और न ही मुआवजा राशि प्रभावितों को प्रदान की गई है? पर विभागीय मंत्रीजी ने कृषकों को वर्तमान कलेक्टर रेट पर मुआवजा प्रदान किये जाने का कथन किया था? (ग) क्या किसी अवधि में सल्हना जलाशय का निर्माण रोक दिया गया है और योजना निरस्त कर दी गई है और इसके लिये क्या किसान जिम्मेदार है? (घ) क्या विगत 10 वर्षों से डूब से प्रभावित और अपनी खेती व आजीविका से वंचित कृषकों को कब तक मुआवजा प्रदान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। दिनांक 14.02.2009 का पत्र प्राप्त है तथा शेष दो पत्र अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है। (ख) जी नहीं। ग्राम सल्हना एवं मिडरा के क्रमंश: 5-5 किसानों की जमीन प्रभावित हुई है जिसके अर्जन एवं तत्पश्चात् मुआवजा करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रभावित भूमि का मुआवजा वितरित नहीं किया गया है। विभागीय मंत्री जी द्वारा कृषकों को वर्तमान कलेक्टर दर पर मुआवजा प्रदान किए जाने के कथन संबंधी अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (ग) जी हाँ। परियोजना की लागत विभागीय मापदण्ड रू.3.50 लाख से बढ़कर रू.8.23 लाख प्रति हे. हो जाने के कारण परियोजना असाध्य हो गई है। इसके लिए किसान जिम्मेदार नहीं है। (घ) परियोजना का निर्माण नहीं किया जा रहा है। अत: डूब से कोई कृषक प्रभावित नहीं है। पूर्व में निर्माण के दौरान प्रभावित ग्राम सल्हना एवं मिड़रा के 5-5 कृषकों की भूमि आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति के अंतर्गत करने के लिए सार्वजनिक सूचना का प्रकाशन दिनांक 05.06.2017 संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार कर दिया गया है। भू-अर्जन अवार्ड की कार्यवाही पूर्ण न होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
महानदी में बैराज बनाकर सिंचाई योजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 1115 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 11-9-2016 की जनदर्शन यात्रा में मा. मुख्यमंत्रीजी ने ग्राम बिजौरी, भुड़सा एवं खमतरा में महानदी से किस विधि से सिंचाई कराने की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में महानदी के किन-किन स्थलों का तकनीकी परीक्षण विभाग के किन स्तर के यंत्रियों द्वारा किया गया है और किस दिनांक को अपना प्रतिवेदन किसे प्रस्तुत कर अभिमत दिया गया है? (ख) क्या राज्य के बांध, बैराज, सेतु केवल वहीं ही निर्मित हैं, जहां बिल्कुल भी रेत नहीं पायी गई है और क्या जब महानदी के जिला कटनी खण्ड के दैगवां-महगवां से पथवारी के लगभग 45 कि.मी. खण्ड में कोई रेत खदानें नहीं हैं और न ही निकासी की जाती है, तब उसे बैराज के लिये किस आधार पर अनुपयुक्त पाया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) का तकनीकी परीक्षण विभाग के उच्च स्तरीय तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा किस दिनांक को कराया गया है और उनके द्वारा अपना कोई अभिमत दिया गया है? (घ) क्या मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा की पूर्ति की दिशा में प्रश्नांश (क) दल से परीक्षण कराकर सर्वेक्षण एवं डी.पी.आर. बनायी जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में महानदी के ग्राम भुड़सा, बिजोरी एवं खमतरा स्थलों का निरीक्षण तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्रियों द्वारा किया गया तथा दिनांक 20.10.2016 को अपना अभिमत मुख्य अभियंता को तथा मुख्य अभियंता का अभिमत दिनांक 23.12.2016 संलग्न परिशिष्ट अनुसार विभाग को भेजा गया। जी नहीं। परियोजना की स्वीकृति तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्डों पर परियोजना साध्य होने की स्थिति में दी जाती है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ग) एवं (घ) तकनीकी परीक्षण विभाग के अधीक्षण यंत्री द्वारा किया गया है अन्य किसी उच्च स्तरीय विशेषज्ञों द्वारा परीक्षण कराया जाना अपेक्षित नहीं है। एक परियोजना घुघरी कटाव को रोकने हेतु प्राक्कलन संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का विनियमितीकरण
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 1145 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल का पत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 07.03.2016 द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को 1 सितम्बर 2016 की स्थिति में स्थाई कर्मी (विनियमित) करने हेतु निर्देशित किया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या रीवा जिले में जल संसाधन के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, टायपिस्ट, कापिस्ट, रिफरेंसर, पंप ऑपरेटर, गेजरीडर जैसे अन्य पदों में लगातार 30 वर्ष से कुशल श्रेणी का वेतन भुगतान किया गया किन्तु अर्धकुशल श्रेणी में विनियमित किया गया है? (ग) क्या बाणसागर क्योटी नहर संभाग रीवा में 20 वर्ष से लगातार एक ही सीट में पदस्थ सहायक वर्ग-3 श्री सुरेन्द्र सिंह का प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा दिनांक 12 सितम्बर 2016 को मुख्य अभियंता नर्मदा ताप्ती कछार इन्दौर के लिये स्थानान्तरण हो चुका है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो (क) के प्रकाश में 1 सितम्बर 2016 की स्थिति में (विनियमित) किया जावेगा? प्रश्नांश (ख) के संबंध में कुशल श्रेणी में ही विनियमित किया जावेगा? प्रश्नांश (ग) के संबंध में शीघ्र कार्यमुक्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? इसके लिए कौन दोषी है? क्या दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक-एफ-5-1/2013/1/3 दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 द्वारा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को सितंबर 2016 की स्थिति में स्थाई कर्मी (विनियमित) करने हेतु निर्देशित किया गया। (ख) रीवा जिले में म.प्र. राजपत्र दिनांक 29.09.2014 द्वारा प्रकाशित श्रम आयुक्त इंदौर के निर्देशानुक्रम में कर्मचारियों को विनिर्दिष्ट श्रेणी में नियमानुसार वर्गीकृत किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) शासनादेश दिनांक 07.10.2016 द्वारा विनिर्दिष्ट कार्यवाही म.प्र. राजपत्र दिनांक 29.09.2014 में प्रकाशित श्रम आयुक्त इंदौर के निर्देशानुक्रम में नियमानुसार वर्गीकृत किया गया है। क्योटि नहर संभाग रीवा में कार्यरत् श्री सुरेन्द्र सिंह सहायक वर्ग-3 को स्थानांतरित स्थान हेतु कार्यमुक्त किया जा चुका है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्य स्वीकृत कर पूर्ण किया जाना
[जल संसाधन]
34. ( क्र. 1146 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.रा.रो.गा.परि. भोपाल का पत्र क्रमांक 444/पी.ए./सी.ओ.एम.एम.आर/ एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस./2017 भोपाल दिनांक 17.01.2017 के पालन में फील्ड चैनल नहर के निर्माण का कार्य रोजगार गांरटी योजना अंतर्गत कराये जाने का निर्देश प्राप्त हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो कार्यपालन यंत्री अपर पूर्वा नहर संभाग रीवा जल संसाधन रीवा के पृष्ठांकित पत्र क्रमांक 1437 दिनांक 24.03.2017 द्वारा लघु तालाबों में वितरण (फील्ड चैनल) नहर के निर्माण हेतु प्रस्ताव जिला पंचायत रीवा को भेजा गया है? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र मऊगंज -71 अंतर्गत बेलहा बांध, मदरावल तालाब, पीताम्बरगढ़, गोवर्धा, रकरी तालाब, नंदनपुर तालाब (बांध) को अभी हाल में ही पूर्ण कराया गया था, किन्तु इन बांधों में सीपेज एवं मेंढ़ बंधान का कार्य अत्यंत घटिया होने के कारण किसानों को सिंचाई की योजना अनुसार लाभ नहीं मिल पा रहा है? अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन उप संभाग हनुमना पत्र क्रमांक 366 दिनांक 15.05.2017 को बांधों के अनुरक्षण का प्राक्कलन तैयार कर कार्यपालन यंत्री रीवा की ओर भेजा गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में इसके लिये जिम्मेदार संबंधित उपयंत्री एवं एस.डी.ओ. को चिन्हित कर कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी? जिससे भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें तथा अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन के प्राक्कलन की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) विगत पॉंच वर्षों में पूर्ण किये गये तालाबों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उल्लेखित तालाबों से किसानों को सिंचाई का लाभ दिया गया। रकरी तालाब के डूब क्षेत्र में पानी का रिसाव होने के कारण तालाब सूख जाता है, जिससे इस योजना से सिंचाई नहीं हो पाती। यह सही है कि कुछ बॉंधों में स्लूस के पास पानी का रिसाव होता है, जिनके मरम्मत करने हेतु अनुरक्षण प्राक्कलन तैयार कर अनुविभागीय अधिकारी हनुमना द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र प्रस्तुत किया गया था। (घ) प्रश्नांश अनुसार परिलक्षित कमी के कारणों का अध्ययन किया जा रहा है, यदि मैदानी अधिकारियों की लापरवाही निरूपित हुई तो समुचित कार्यवाही अक्टूबर, 2017 तक किया जाना प्रतिवेदित है। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्राक्कलन की स्वीकृति दी जाकर कार्य पूर्ण करा लिया गया है।
दबोह-जगदीशपुरा-आलमपुर मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 1165 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड संभाग के अंतर्गत दबोह-जगदीशपुरा-आलमपुर मार्ग की निविदा कब और किस एजेंसी को कितनी लागत राशि की कितने किलोमीटर की कितनी अवधि में कार्य पूर्ण हेतु स्वीकृत की गई थी? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण मंत्री, प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता ग्वालियर को स्वीकृत 12 कि.मी. सड़क बजट में स्वीकृति अनुसार बनाने हेतु कब-कब पत्र लिखे? (ग) क्या तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री जी ने अपने पत्र क्रमांक 11/स्था/मंत्री लो.नि.विभाग/20 भोपाल दिनांक 05.01.2016 द्वारा प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल को 12 कि.मी. सड़क स्वीकृति अनुसार सड़क बनाने का आदेश दिया था? यदि हाँ, तो अभी तक सड़क पूर्ण न बनाने के क्या-क्या कारण हैं तथा सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण किया जायेगा? (घ) क्या लहार बाईपास मार्ग 2.20 कि.मी. का उन्नयनीकरण एवं चौड़ीकरण की निविदा स्वीकृत होने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक विद्युत पोल विभाग द्वारा न हटवाने तथा पूर्ण अतिक्रमण न हटवाने से 6 माह से अधिक समय से निर्माण कार्य बंद है? यदि हाँ, तो सड़क का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 02.11.2015 को मै. पूजा इंटरप्राईजेज भिण्ड को, लागत रूपये 551.17 लाख की, लंबाई 9.40 कि.मी. की, 15 माह। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। परीक्षण उपरांत पुनरीक्षित प्रस्ताव पर प्रशासकीय अनुमोदन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं। लहार बाईपास मार्ग लंबाई 2.20 कि.मी. के कुछ भाग में विद्युत पोल आने के कारण मार्ग निर्माण में व्यवधान आया था। परिक्षेत्रीय पत्र क्रं. 6023 दिनांक 13.06.17 से कार्यपालन यंत्री द्वारा वांछित 15 नग विद्युत पोल शिफ्टिंग की अनुमति एम.पी.ई.बी. से कराने हेतु दी गई है। पोल के हिस्सो को छोड़कर शेष भाग में कार्य प्रगतिरत है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 08.11.2017 तक है। मार्ग का निर्माण दिनांक 31.12.2017 तक पूर्ण होना संभावित है।
योजनांतर्गत प्राप्त आवंटन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
36. ( क्र. 1220 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग अंतर्गत सागर को वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन प्रदान किया गया था तथा विभाग द्वारा किन-किन साधनों पर कब-कब कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी एवं कितनी राशि लैप्स हुई अथवा समर्पित की गयी? जानकारी वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार, मदवार दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित वर्षों में विभाग द्वारा सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों के कितने-कितने किसानों को अनुदान/बीज/खाद्य दवाइयां उपलब्ध कराने में कितनी-कितनी राशि व्यय की है? जानकारी लाभांवित किसानों की संख्या सहित वर्षवार, ग्रामवार एवं मदवार दी जावे? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित वर्षों में विभाग द्वारा सुरखी विधानसभा क्षेत्र में प्याज भंडार गृह निर्माण/माईक्रो इरीगेशन योजना अंतर्गत किस-किस ग्राम के कितने किसानों को कितनी-कितनी राशि कब-कब अनुदान के रूप में दी गयी तथा क्या सभी निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन कराकर उन्हें संचालित करा दिया है? यदि नहीं, तो क्यों? कितने निर्माण कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण हैं और कितने अप्रांरभ?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्याज भण्डार गृह के सभी 04 हितग्राहियों के यहां निर्माण कार्य का भौतिक सत्यापन कराया जाकर अनुदान राशि जारी की जा चुकी है, कोई भी निर्माण कार्य अपूर्ण नहीं है।
जलाशयों का निर्माण
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 1221 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ, कितने-कितने जलाशयों, तालाबों आदि के निर्माण हेतु कितनी राशि की स्वीकृति दी गयी है? इनसे कितने-कितने जलाशयों का निर्माण कराया गया है? कितने जलाशयों का निर्माण शेष है? जानकारी वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार, जलाशयों के नामवार, स्वीकृत एवं व्यय राशि सहित दी जावे? (ख) सागर जिले में सिंचाई विभाग की पुस्तिका में दर्ज विगत 3 वर्षों में कितने जलाशय एवं तालाब ऐसे है जिनके संधारण, संचालन एवं मरम्मत पर राशि व्यय की गयी है? विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि कब-कब, किस-किस जलाशय पर किस-किस कार्य हेतु व्यय की है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
नवीन प्रशिक्षण संस्थान खोले जाना
[जनसंपर्क]
38. ( क्र. 1260 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा नये प्रशिक्षण संस्थान केन्द्र खोलने हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो नये प्रशिक्षण संस्थान खोलने हेतु किन-किन नियमों के तहत कितनी राशि जमा कर कब आवेदन किसके द्वारा आमंत्रित किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उल्लेखित नये प्रशिक्षण संस्थान खोलने हेतु कहाँ-कहाँ पर किन-किन संस्थाओं द्वारा कितनी राशि जमा कर किस दिनांक को आवेदन किये गये? सूची देवें। (घ) क्या प्रश्न दिनांक तक नये प्रशिक्षण केन्द्र नहीं खोले गये तथा आवेदनकर्ताओं द्वारा जमा की गई राशि वापिस नहीं की गई? यदि हाँ, तो नवीन प्रशिक्षण केन्द्र खोलने हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित कर एवं प्रतिभूमि राशि जमा कराने के पश्चात् भी इस संबंध में कोई निर्णय न लेने के क्या कारण है एवं नवीन प्रशिक्षण केन्द्र कब तक किस प्रकार प्रारंभ कर दिये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की अधिसूचना क्रमांक 2982 दिनांक 28.10.2016 एवं विश्वविद्यालय के रेग्यूलेशन क्रमांक 18/2008 के तहत शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश ''ख'' अनुसार है। (घ) कार्यवाही प्रचलन में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम करोंद खुर्द के कृषक को मुआवजा भुगतान
[जल संसाधन]
39. ( क्र. 1272 ) श्री विष्णु खत्री : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा परि.अता. प्रश्न क्रमांक 1381 दिनांक 05.12.2016 के उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा सम्राट अशोक सागर परियोजना (हलाली बांध) से प्रभावित कृषकों को मुआवजा राशि रू. 5,94,29,525 का भुगतान किये जाने की स्वीकृति दिये जाने का उल्लेख किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित राशि का भुगतान का कितने कृषकों को, खसरा नंबर की कितनी भूमि का मुआवजा दिया गया है? (ग) क्या ग्राम करोंद खुर्द के कृषक श्री प्रेमनारायण सिंह जी की भूमि जिसका खसरा नंबर 23/6 है की शेष मुआवजा राशि का भुगतान अभी तक लंबित है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो इस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है एवं संबंधित को कब तक मुआवजे की राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो संबंधित की अधिग्रहित भूमि की पूरी मुआवजा राशि का भुगतान हो गया है क्या?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ''क'' में दर्शित राशि रू.5,94,29,525/- में से रू.2,00,94,000/- का 10 कृषकों की 3.940 हे. भूमि का भुगतान किया गया। शेष कृषकों को भुगतान करने की कार्यवाही प्रगति पर है। (ग) ग्राम करोद खुर्द के कृषक श्री प्रेमनारायण सिंह की भूमि जिसका खसरा क्रमांक-23/6 है का भुगतान लंबित नहीं होना प्रतिवेदित है।
फसल बीमा के प्रकरणों का निराकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र.
1291 ) श्री
बाला बच्चन :
क्या किसान
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विभाग
द्वारा रबी 2015 के
फसल बीमा के
कितने प्रकरण
शासन/बीमा
कंपनियों को
भेजे गये? जिलेवार
बतावें। (ख) प्रधानमंत्री
फसल बीमा के
खरीफ 2016
एवं रबी 2016-17 के
प्रकरणों की
जानकारी भी
उपरोक्त (क) अनुसार
देवें? (ग) रबी
2015
का फसल बीमा
का कितना
भुगतान कितने
किसानों को
किया गय? जिलेवार
जानकारी
देवें। यदि यह
लंबित है तो क्यों? कब तक
इसका भुगतान
किया जाएगा? (घ) प्रधानमंत्री
फसल बीमा के
खरीफ 2016
एवं रबी 2016-17 के 25
प्रतिशत
भुगतान नियम
वाले कितने
प्रकरण शासन/बीमा
कंपनियों को
भेजे गये
जिलेवार
बतावें।
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय
कृषि बीमा
योजनांतर्गत
रबी वर्ष 2015-16
मौसम हेतु
दावे अनुमोदन
के लिये
एग्रीकल्चर
इंश्योरेन्स
कंपनी ऑफ
इंडिया
लिमिटेड
भोपाल द्वारा
उनके प्रधान
कार्यालय नई
दिल्ली को
भेजे गये है।
अनुमोदन
प्राप्त
होने की
क्षतिपूर्ति
राशि का
भुगतान नोडल बैंकों
के माध्यम से
पात्र कृषकों
को कर दिया
जावेगा। जिलेवार
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक पर
है। (ख) खरीफ 2016 एवं
रबी 2016-17
के बीमा आवरण
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो पर
है। (ग) उत्तरांश
(क) अनुसार। (घ)
खरीफ 2016
एवं रबी 2016-17 मौसम
हेतु जिलों से
25
प्रतिशत
भुगतान नियम
वाली कुछ
सूचनायें बीमा
कंपनियों को
प्राप्त हुई, जो
बीमा कंपनी स्तर
पर
प्रक्रियाधीन
है।
जिला मार्गों की स्वीकृति व निर्माण
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 1328 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में जिला योजना आगर द्वारा जिला योजना समिति के अनुमोदन से कौन-कौन से मार्गों के प्रस्ताव भेजे गए हैं? विवरण देवें? प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में जिला आगर अंतर्गत कौन-कौन से जिला मार्गों की डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है? प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) विगत 02 वर्षों में उज्जैन संभाग अंतर्गत किन-किन जिला मार्गों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अलावा प्रश्नकर्ता ने भी क्या विगत 03 वर्षों में जिला मार्गों में निर्माण, स्वीकृति हेतु अनुरोध किया है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित जिला मार्गों में निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब तक होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विगत 03 वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में जिला योजना समिति के माध्यम से लोक निर्माण विभाग के किसी मार्ग का निर्माण हेतु अनुमोदन नहीं हुआ है। (ख) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा (क) में वर्णित अवधि में जिला आगर अंतर्गत शाजापुर-दुपाड़ा-कानड़-पचलाना-पिलवास-नलखेड़ा एम.पी. एम.डी.आर. 11-13 मार्ग लंबाई 53.99 कि.मी. का जिला मार्ग की डी.पी.आर. तैयार किया जाकर प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 09.12.2014 को जारी हुई है। उक्त मार्ग ए.डी.बी. योजना में स्वीकृत होकर प्रगतिरत है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता दिनांक 04.12.2017 है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
संतरा प्रबंधन एवं प्रधानमंत्री माइक्रो सिंचाई योजना का क्रियान्वन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
42. ( क्र. 1329 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री माइक्रो सिंचाई योजना अंतर्गत अनुदान पर कृषकों को ड्रिप लाईन प्रदाय की जाती है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वित्तीय वर्षों में उक्तानुसार ड्रिप कितने कृषकों को प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न क्रमांक 1048 दिनांक 20 जुलाई 2016 के उत्तरांश (ख) में उल्लेखित किया गया था कि कृषि उद्योग विकास निगम द्वारा आगर जिले में संतरा प्रसंस्करण से जुड़े 37 उद्योगपतियों को संतरा उत्पादन/ प्रसंस्करण के लिये प्रेरित किया गया है? इन उद्योगपतियों की पूर्ण विवरण सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) अद्यतन स्थिति में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत या आगर जिला अंतर्गत संतरा प्रोसेसिंग प्लांट या प्रसंस्करण यूनिट को प्रारम्भ किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो कब तक प्रारम्भ होगा? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या स्वप्रेरणा से क्षेत्र में संतरे के बढ़ते उत्पादन को दृष्टिगत रखते हुए एवं कृषक हित में प्रोसेसिंग प्लांट या प्रसंस्करण यूनिट प्रारम्भ करने हेतु कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत कृषकों को ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिस्टम की स्थापना हेतु अनुदान प्रदाय किया जाता है। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वित्तीय वर्षों में 4327 कृषकों को ड्रिप प्रदाय की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन नहीं है, अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना निजी निवेशकों द्वारा की जाती है। आगर-मालवा में संतरा आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किये जाने हेतु दिनांक 26.10.2016 को विज्ञापन जारी किया गया, किन्तु निजी निवेशकों से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।
कुण्डा से गोटेगांव सी.सी. रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 1402 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में कुण्डा से गोटेगांव तक सी.सी. रोड निर्माण स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब प्रदान की गई एवं निर्माण की अंतिम तिथि कब तक है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जो निर्माण कार्य किया जा रहा है क्या उसकी जाँच विभागीय अधिकारियों के द्वारा की जा रही है? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब जाँच की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या जो सी.सी. सड़क का निर्माण किया जा रहा है, उसका कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ एवं सड़क उखड़ने लगी है, इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? क्या इन अधिकारियों/कर्मचारियों/ठेकेदार के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) कुण्डा से गोटेगांव सड़क का जो गुणवत्ताहीन कार्य किया जा रहा है क्या इसकी जाँच विभाग द्वारा की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। इस मार्ग निर्माण की स्वीकृति दिनांक 28.10.2015 को प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता की तिथि 10.12.2017 है। (ख) जी हाँ। निर्माण गुणवत्ता की जाँच विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमित की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं, सड़क कहीं भी नहीं उखड़ी है। प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी नहीं। निर्माण कार्य निहित प्रावधान एवं मापदण्डानुसार किया जा रहा है तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमित परीक्षण किये जा रहे है।
रेल्वे ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 1403 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत गोटेगांव में बाईपास पर रेल्वे ब्रिज निर्माण स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो इसका टेंडर कब हुआ? क्या ब्रिज निर्माण की निविदा निकाली गई? यदि हाँ, तो इसका अनुबंध कब एवं किससे किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या बाईपास पर ब्रिज निर्माण का अनुबंध होने के बाद भी कार्य अप्रारंभ है? इसका क्या कारण है? (ग) बाईपास पर रेल्वे ब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 05.10.2015 को। जी हाँ। अनुबंध दिनांक 04.01.2016 को मेसर्स अमर कंस्ट्रक्शन कम्पनी मेहसाना गुजरात से किया गया है। (ख) जी नहीं प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्माण कार्य जून 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
शासकीय आवास गृहों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 1414 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तुलसी नगर, भोपाल स्थित शासकीय आवास गृहों में वर्ष 2017 में छत पर डामरीकरण (टारफेल्ट) आवासों की बाहरी पुताई व अन्य मरम्मत संबंधी कार्यों हेतु कोई प्रस्ताव बजट आवंटन के लिये वित्त विभाग को भेजा गया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ख) उक्त आवास गृह में प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जायेंगे? (ग) क्या तुलसीनगर क्षेत्र में आवास गृह इसलिये भी रिक्त हैं कि उनके आवासों में उक्त दर्शित कार्य नहीं हो सके हैं? (घ) आवास गृहों में कार्य नहीं होने के फलस्वरूप जीर्ण-शीर्ण हो रहे आवासों की मरम्मत कब तक पूर्ण करा ली जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) आवास गृहों में आवश्यकतानुसार मरम्मत इत्यादि कार्य निरंतर कराये जा रहे है।
तिलहन संघ के सेवायुक्तों को वेतनमान का लाभ
[सहकारिता]
46. ( क्र. 1421 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. उच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरण 1826/2014 में तिलहन संघ के सेवायुक्तों को 5वीं एवं 6वां वेतनमान की अनुशंसाओं के अनुरूप वेतन का निर्धारण व भुगतान के संबंध में शपथ-पत्र सहकारिता सचिव ने दिया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ख) क्या शपथ पत्र में एक्सटेंड ऑफ बेनेफिट्स (Extend of Benifit) का लेख किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उच्च न्यायालय में प्रस्तुत शपथ पत्र के अनुसार तिलहन संघ के सेवायुक्तों को 5वें एवं 6वें वेतनमान का भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विभाग द्वारा उच्च न्यायालय में गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो यह गलती किस अधिकारी द्वारा की गई व उसके विरूद्ध क्या कार्रवाई की जा रही है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष अंतिम निर्णय हेतु लंबित होने से शपथ पत्र का ब्यौरा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
कूम्ही से कुकर्रा मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
47. ( क्र.
1431 ) श्रीमती
नंदनी मरावी :
क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सिहोरा
विधान सभा
क्षेत्रातंर्गत
विकासखण्ड
सिहोरा
अंतर्गत कूम्ही
सतधारा से
कुकर्रा तक 1.50
कि.मी. अत्यंत
जर्जर मार्ग
के निर्माण के
संबंध में क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा मुख्य
अभियंता लोक
निर्माण
विभाग जबलपुर
को पत्र क्र. 639
दिनांक 02/09/16 को लिखा
गया था? (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) मार्ग
निर्माण न
होने से बारिश
के समय आवागमन
भी बंद हो
जाता है। अत:
सड़क निर्माण
कार्य कराये
जाने की क्या
योजना है? योजना
की प्रति
उपलब्ध
करायें? कब तक कार्य
करा लिया
जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) :
(क) जी हाँ। (ख) कच्चा
मार्ग होने से
अत्यधिक
बारिश में
आवागमन बाधित
होता है।
प्रश्नांकित
मार्ग विभाग
के कार्यक्षेत्र
अंतर्गत नहीं
है, कार्यवाही
का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
जावरा तहसील में स्टॉप डेम की स्वीकृति
[जल संसाधन]
48. ( क्र. 1532 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा तहसील जिला रतलाम में जावरा पिपलोदा में रोजडी, मलेनी, चम्बल आदि नदियों पर स्टॉप डेम बनाने हेतु सर्वेक्षण कर कार्यवाही करेंगे? (ख) जावरा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ उपरोक्त व अन्य नदियों पर स्टॉपडेम कितनी लागत के कितनी सिंचाई के लिये स्वीकृत हुए तथा कितने विचाराधीन है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र''1'', ''2'' एवं ''3'' अनुसार है।
शिकायतों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
49. ( क्र. 1533 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 23 मार्च 2017 के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 3058 तथा 5 दिसम्बर 2016 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 33 के संदर्भ में बताए कि श्री रोहित गृह निर्माण सहाकरी संस्था मर्यादित भोपाल में श्री जे.के.जैन ने जो शिकायतें की है, उनके बिन्दुवार निराकरण के लिये क्या कार्यवाही की है, इसका विवरण देते हुए बताए कि यहां जो प्रशासक नियुक्त है, उनको रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित के अभिलेख प्राप्त हुए या नहीं। (ख) कब तक अभिलेख प्राप्त कर कार्यवाही कर दी जाएगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) श्री जे.के. जैन के द्वारा की गई शिकायतों की जाँच प्रक्रियाधीन है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संस्था में नियुक्त प्रशासक को संस्था के अभिलेख अप्राप्त है। (ख) अभिलेख जप्ती हेतु अनुविभागीय अधिकारी (शहर वृत्त) भोपाल के सर्च वारन्ट क्रमांक-01/अ.वि.अ./स.स./2016/भोपाल दिनांक 01.03.2016 के द्वारा संस्था के अभिलेख जप्ती हेतु सर्च वारन्ट जारी किया गया है। अभिलेखों की जप्ती नहीं होने के कारण कलेक्टर जिला भोपाल को आयुक्त सहकारिता के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/गृह निर्माण/2017/521 दिनांक 10.07.2017 से आवश्यक कार्यवाही हेतु लेख किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पोहरी में एग्रो सोल्यूशन सेंटर का निर्माण
[सहकारिता]
50. ( क्र. 1544 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत एग्रो सोल्यूशन सेंटर (डबल लॉक गोदाम) कब स्वीकृत हुआ? उसकी लागत एवं क्षमता क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या पोहरी विकासखण्ड में स्वीकृत एग्रो सोल्यूशन सेंटर (डबल लॉक गोदाम) के निर्माण हेतु टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो उक्त गोदाम का निर्माण कार्य कब से प्रारंभ कर दिया जावेगा? निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जाना है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत मुख्य सचिव, म.प्र. शासन की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की दिनांक 23.02.2016 को आयोजित बैठक में लिये गये निर्णय के अनुक्रम में म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा दिनांक 19.09.2016 को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है, लागत राशि रू.284.25 लाख एवं क्षमता 2000 मे. टन। (ख) जी हाँ, यथाशीघ्र, दिनांक 27.04.2018 तक।
भूमि अर्जन के पारित अवार्ड
[जल संसाधन]
51. ( क्र. 1605 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक विदिशा, रायसेन जिले में जल संसाधन विभाग की किस योजना के लिए किस ग्राम के कितने किसानों की निजी भूमि के अर्जन का अवार्ड किस दिनांक को पारित किया गया? अवार्ड आदेश की प्रति सहित बतावे। (ख) जनवरी 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक विदिशा, रायसेन जिले में किस योजना के लिए किस ग्राम के कितने किसानों ने आपसी सहमति से निजी भूमि विक्रय, भूमि विक्रय किए जाने की सहमति प्रदान की, कितने किसानों की निजी भूमि उपरोक्त अवधि में क्रय की, विभाग ने कितने किसानों की निजी भूमि क्रय किया जाना प्रस्तावित है? (ग) जनवरी 2014 से लागू भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 4 के अन्तर्गत किस प्रकरण में किस दिनांक को अधिसूचना का प्रकाशन किया गया, धारा 11 के अन्तर्गत किस दिनांक को अधिसूचना प्रकाशित की गई? (घ) जनवरी 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक किस योजना का किसके आदेश से किस दिनांक को किसके द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांतर्गत 2666 किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1, 2, 3'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांतर्गत 947, 667 तथा 280 किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' में दर्शित है। (ग) किसी अधिसूचना का प्रकाशन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' में दर्शित है।
निर्मित सड़कों को पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज करना
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 1606 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा, रायसेन, सागर, भोपाल एवं बैतूल जिले में लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनाई गई सड़कों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज नहीं करवाया जा सका है। (ख) यदि हाँ, तो विभाग ने किस अवधि में कौन-कौन सी सड़क बनाई इसमें से कौन सा मार्ग किसे अंतरित किया गया, कौन सा मार्ग वर्तमान में भी विभाग के नियंत्रण एवं प्रबंधन में ही है? (ग) विभाग द्वारा बनाई गई किस सड़क को पटवारी मानचित्र में एवं खसरा पंजी में दर्ज करवा लिया गया है, किस मार्ग को प्रश्नांकित दिनांक तक भी पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में किन-किन कारणों से दर्ज नहीं करवाया जा सका है। (घ) विभाग द्वारा बनाई गई सड़कें, विभाग द्वारा अन्तरित कर दी गई सड़कें पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में कब तक दर्ज करवाई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज कराने हेतु राजस्व विभाग से सहयोग प्राप्त, कार्यवाही की जा रही है अत: निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
रोहित गृह निर्माण समिति के विरूद्ध कार्यवाही ना होना
[सहकारिता]
53. ( क्र. 1633 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रोहित गृह निर्माण संस्था एवं अन्य सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं में अनियमितताओं की जाँच एस.टी.एफ. से कराने का निर्णय मार्च 2016 में लिया था? क्या शासन ने स्वीकार किया है कि रोहित गृह निर्माण संस्था सहित 92 सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं में भ्रष्टाचार व अनियमितताएं हैं? (ख) क्या उच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य सहकारी सतर्कता सेल ने रोहित गृह निर्माण संस्था में कार्यरत अनियमितताओं की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन मई 2014 में प्रस्तुत किया जिस पर कार्यवाही करने के आदेश दिनांक 19.01.2015 को उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल को दिये गये? क्या इस आदेश का पालन आज दिनांक तक हुआ? यदि नहीं, हुआ तो क्यों? यदि उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल ऐसा करने में असमर्थ है तो प्रकरण को एस.टी.एफ. को क्यों नहीं सौंपा गया? जाँच एजेंसी को कब तक सौंपा जायेगा? (ग) रोहित गृह निर्माण संस्था के अभिलेख जप्त क्यों नहीं किये जा रहे हैं? जप्ती न होने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? अभिलेख कब तक जप्त किये जायेंगे? यदि पुलिस और ए.डी.एम. असमर्थ हैं तो प्रकरण एस.टी.एफ. को क्यों नहीं सौंपा जा रहा? कब तक सौंपा जायेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी (शहर वृत्त) भोपाल के सर्च वारन्ट क्रमांक-01/अ.वि.अ./स.स./2016/भोपाल दिनांक 01.03.2016 के द्वारा संस्था के अभिलेख जप्ती हेतु सर्च वारन्ट जारी किया गया है। अभिलेखों की जप्ती नहीं होने के कारण कलेक्टर, जिला भोपाल को आयुक्त सहकारिता के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/गृह निर्माण/2017/521 दिनांक 10.07.2017 से आवश्यक कार्यवाही हेतु लेख किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
गृह निर्माण समिति द्वारा अनियमितता
[सहकारिता]
54. ( क्र. 1634 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी सोसायटी अधिनियम के अध्याय आठ - क की धारा 72-ख हुआ? (1) (च) का पालन वर्ष 2004 के प्रश्न तिथि तक के प्रत्येक वर्ष के अप्रैल माह में किया गया? यदि नहीं, हुआ तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? (ख) पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्यप्रदेश परिपत्र क्रमांक/गृ.नि./365 दिनांक 07.06.2006 में उल्लेखित निर्देशों का पालन क्या वर्ष 2005 से आज दिनांक तक के प्रत्येक वर्ष के अप्रैल माह में हुआ? नहीं हुआ तो इसके लिये दोषी कौन-कौन है? दोषियों के विरूद्ध आयुक्त सहकारिता ने क्या कार्यवाही की है? नहीं की तो क्यों नहीं की तथा कब तक की जायेगी? (ग) क्या भोपाल जिला कलेक्टर और उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल के निर्देश पर रोहित गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष व प्रबंधक ने फरवरी 2012 में लगभग 250 सदस्यों से लगभग 14 करोड़ रूपये इकट्ठे किये और इस राशि को खुर्दबुर्द कर दिया और इन सदस्यों को न तो भूखण्ड मिल रहे न ही राशि वापस हो रही? क्या उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल ने या रोहित संस्था के प्रशासक ने इस धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, षड़यंत्र के लिये ई.ओ.डब्ल्यू. लोकायुक्त पुलिस एस.टी.एफ. में एफ.आई.आर. दर्ज करायी? यदि नहीं, तो कब तक एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2004 में मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के अध्याय 8 (क) की धारा 72 (ख) (1) (च) के प्रावधान निम्नानुसार थे- यदि कोई सदस्य विहित समय के भीतर भूमि, विकास और संनिर्माण की लागत के ऐसे शेयर का संदाय करने में असफल रहता है, तो सोसाइटी ऐसी दर से ब्याज प्रभारित करेगी जिस पर कि गृह निर्माण सोसाइटी, गृह निर्माण वित्त पोषण प्राप्त कर रही है और दो वर्ष की कालावधि से परे व्यतिक्रम जारी रहने की दशा में वह यथास्थिति, भूखण्ड, निवासगृह या प्रकोष्ठ का आवंटन निरस्त कर देगी। तत्समय का प्रावधान सदस्य पर बंधनकारी था। प्रावधान अनुसार विभागीय कार्यवाही अपेक्षित नहीं थी। (ख) कार्यालयीन अभिलेखों के अनुसार पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्यप्रदेश का परिपत्र/गृह निर्माण/365, दिनांक 07.06.2006 को नहीं अपितु दिनांक 07.06.2005 को जारी किया गया है। परिपत्र के पालन में समस्त जिलों से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) उपायुक्त, सहकारिता जिला भोपाल द्वारा कलेक्टर जिला भोपाल की अध्यक्षता में रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु दिनांक 25.11.2011 को कलेक्टर के सभा कक्ष में बैठक हेतु सूचना पत्र जारी किया गया बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित भोपाल के प्रबंधक द्वारा दिनांक 30.11.2011 को उपायुक्त, सहकारिता जिला भोपाल को कलेक्टर जिला भोपाल की बेवसाईट पर प्रकाशन हेतु सदस्यों की सूची प्रेषित की गई। दिनांक 21.12.2011 को संस्था के अध्यक्ष श्री राम बहादुर द्वारा दैनिक भास्कर समाचार पत्र में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की गई जिसके बिंदु क्रमांक 01 में भूखण्ड पंजीयन हेतु 96 सदस्यों एवं भूखण्ड आवंटन हेतु 511 सदस्यों की सूची भोपाल जिले के बेवसाइट पर प्रकाशन होने का उल्लेख है, बिन्दु क्रमांक 02 में दिनांक 25.02.2012 तक भूखण्ड राशि रू. 90/- प्रतिवर्ग फीट एवं विकास शुल्क रू. 380/- प्रति वर्गफीट के मान से संस्था कर्यालय में डिमाण्ड ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करने का उल्लेख है। बिंदु क्रमांक 03 में संस्था के अध्यक्ष श्री रामबहादुर द्वारा संस्था के सदस्यों को कलेक्टर जिला भोपाल बेवसाइट पर नाम प्रकाशित करने एवं भूखण्ड तथा विकास शुल्क की राशि जमा करने का उल्लेख है। उपरोक्त सूचना के जारी होने के पश्चात सदस्यों द्वारा जमा राशि एवं उसका संस्था द्वारा किन मदों में उपयोग किया गया, का विवरण, संस्था के अभिलेख प्रशासक को उपलब्ध न होने के कारण एकत्रित एवं व्यय राशि की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। अभिलेख जप्ती हेतु अनुविभागीय अधिकारी ( शहर वृत्त) भोपाल के सर्च वारन्ट क्रमांक-01/अ.वि.अ./स.स./2016/भोपाल दिनांक 01.03.2016 के द्वारा संस्था के अभिलेख जप्ती हेतु सर्च वारन्ट जारी किया गया है अभिलेखों की जप्ती नहीं होने के कारण कलेक्टर जिला भोपाल को कार्यालयीन पत्र क्रमांक/गृह निर्माण/2017/521 दिनांक 10.07.2017 से आवश्यक कार्यवाही हेतु लेख किया गया है। संस्था के प्रशासक द्वारा दिनांक 12.02.2015 को तत्कालीन संस्था अध्यक्ष एवं प्रबंधक के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने हेतु थाना ऐशबाग में आवेदन पत्र दिया गया है।
उपवास पर खर्च राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
55. ( क्र.
1661 ) श्री
सचिन यादव :
क्या किसान
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि मध्यप्रदेश
में किसान
आंदोलन के
दौरान माननीय
मुख्यमंत्री
जी द्वारा
दिनांक 10 एवं 11 जून, 2017 में
उपवास किये
जाने के दौरान
आयोजन में कुल
कितनी राशि
खर्च हुई? मदवार
जानकारी दें?
किसान
कल्याण मंत्री
( श्री
गौरीशंकर
बिसेन ) : दिनांक
10.06.17
से 11.06.17
तक उपवास किया
गया। माननीय
मुख्यमंत्री
जी की सुरक्षा
व्यवस्था
को दृष्टिगत
जिला प्रशासन
द्वारा उनके
शयन कक्ष एवं
शासकीय कार्य
निष्पादन
हेतु बैठक
कक्ष का अस्थाई
निर्माण
मेसर्स भोपाल
ग्लास एवं टैंट
स्टोर, इतवारा
रोड, भोपाल
से कराया गया।
जिसका देयक
उनके द्वारा राशि
रू. 88118.75
का प्रस्तुत
किया है एवं
मेसर्स, मिश्रा
रेडियो एंड
इलेक्ट्रीशियन
40, इतवारा
रोड, भोपाल
द्वारा राशि
रू. 23,324.00
का देयक उनके
द्वारा प्रस्तुत
किया गया।
देयक का
भुगतान आज दिनांक
नहीं किया गया
है।
सैलाना विधानसभा में तालाब निर्माण
[जल संसाधन]
56. ( क्र. 1720 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा कितने कितने ओर कौन-कौन से तालाब निर्माण कार्य की साध्यता विभागीय वेबसाइड पर लोड की गई है? इनमें से कितने तालाब निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्राप्त हो गई है तथा कितने तालाबों की स्वीकृति शेष है? इनकी स्वीकृति किस स्तर पर लंबित है? कब तक इनकी स्वीकृति प्राप्त हो जाएगी? (ख) क्या विभाग द्वारा सैलाना विधानसभा क्षेत्र में करण नदी एवं तेलनी नदी पर दो बड़े तालाब निर्माण कार्य की योजनाएं चिन्हांकित की जाकर इनका सर्वे कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्या विभाग इस बाबत कोई पहल करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सर्वेक्षण कार्य हेतु तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई है। सर्वेक्षण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव रचनाधीन है।
सहकारी बैंकों द्वारा स्वीकृत प्रकरण
[सहकारिता]
57. ( क्र.
1721 ) श्रीमती
संगीता चारेल
: क्या राज्यमंत्री, सहकारिता
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
अंतर्गत
सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
कितनी सहकारी
बैंकें
संचालित हैं? इन
बैंकों के
माध्यम से
मुख्यमंत्री
आवास योजना के
कितने प्रकरण
स्वीकृत किए
गए हैं तथा कितने
प्रकरण
स्वीकृति
हेतु लंबित
हैं? प्रकरणों
के लंबित रहने
का क्या कारण
हैं? इसके
लिए कौन
जिम्मेदार है? (ख) प्रश्नांश
(क) के सम्बंध
में इन बैंकों
में वर्ष
२०१५-१६ एवं
२०१६-१७ में
कितनी राशी
फसल बीमा
योजनान्तर्गत
प्राप्त हुई
तथा कितने
किसानों को
फसल बीमा की राशि
का भुगतान
किया गया?
राज्यमंत्री, सहकारिता
( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क) जिला
सहकारी
केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित, रतलाम
की 03 शाखाएं
संचालित है। 459
प्रकरण
स्वीकृत किये
गये तथा
स्वीकृति
हेतु कोई भी
प्रकरण लंबित
नहीं है। शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होते। (ख) वर्ष
2015-16
में 434
कृषकों की
राशि रू. 25,56,113.04 तथा
वर्ष 2016-17
में 275
कृषकों की
राशि रू. 5,84,278.00
प्राप्त हुई
है। उक्त सभी
कृषकों को
राशि का
भुगतान किया
गया है।
निर्माण कार्य की निविदा दरें
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 1732 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा निर्माण कार्य की निविदा दरें, निर्माण स्थल की भौगोलिक स्थिति, स्थल के आस-पास सामान की उपलब्धता, मजदूरी दर, निर्माण सामग्री का बाजार मूल्य, ईंधन की दर के आधार पर स्वीकृत की जाती हैं? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिला बालाघाट के निर्माण कार्यों की सूची, स्वीकृत दर, ठेकेदार का नाम, कार्य का नाम, पूर्ण/अपूर्ण एवं स्वीकृतकर्ता अधिकारी की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या निविदा दरें अव्यवहारिक प्राप्त होने पर सफलतम निविदाकार से प्राप्त निविदा दर अनुसार अनुबंधित राशि एवं S.0.R. से 15% कम के अन्तर की राशि ली जाती हैं? (घ) क्या निर्माण कार्य की निविदा में अव्यवहारिक दरें प्राप्त होने पर ठेकेदार द्वारा कार्य के स्वरूप, निर्माण स्थल की परिस्थितियों, निर्माण सामग्री की उपलब्धता के आधार पर निविदा दर दी जाती है, जिन पर विचार कर प्रतिस्पर्धात्मक दर उचित पाये जाने की स्थिति में शासन हित में स्वीकृत की जाती हैं? यदि हाँ, तो एक ही जिले/तहसील/स्थान के जिन कार्यों में अव्यवहारिक दरें प्राप्त होने पर कार्य पूर्ण कर लिया जाता है, उसी तरह के दूसरे कार्यों पर उन्हीं जगह, उसी वर्ष और समय पर S.O.R. से अधिक दर किन कारणों से स्वीकृत की जाती हैं ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ, जी हाँ, निविदा स्वीकृति का निर्णय कार्य विशेष के संबंध में दरों के अलावा अन्य समस्त पहलुओं को ध्यान में रखते हुये प्रतिस्पर्धात्मक दर पर शासन हित में लिया जाता है।
लिपिक वर्गीय अमले का राज्य मंडी सेवा/मंडी बोर्ड सेवा में संविलियन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
59. ( क्र. 1733 ) श्री प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में कृषि उपज मंडी समिति में नाकेदार का वेतनमान लिपिकों से कम था पंरतु वर्ष 2006 से नाकेदारों का वेतनमान लिपिकों से अधिक कर दिया गया, जबकि मंडी बोर्ड भोपाल के आदेश परिपत्र क्र. 55/1166 दिनांक 23/10/1991 में स्पष्ट उल्लेख था कि पदनाम बदला जावेगा पंरतु वेतनमान नहीं बदला जावेगा फिर भी वेतनमान लिपिकों से अधिक किया गया? (ख) क्या लिपिकों का वेतनमान 2006 के अनुसार नाकेदारों से अधिक किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) सागर संभाग की मंडियों में पदस्थ सहायक ग्रेड - 02 व 03 भृत्य/चौकीदारों जो विगत 30-35 वर्षों से समितियों में कार्यरत हैं क्या उनको पदोन्नति के लाभ से वंचित रखा गया हैं जबकि समस्त 'ए' एवं 'बी' श्रेणी की मंडियों के मुख्य लिपिकों, अधीक्षकों, आदि के पद रिक्त हैं उसके बाद भी पदोन्नति का लाभ क्यों नहीं दिया गया? (घ) क्या सहायक उपनिरीक्षकों (नाकेदारों) का संविलियन बोर्ड सेवा में किया जा चुका हैं? जबकि नाकेदारों के अमले में साक्षर पाँचवी, आठवी उत्तीर्ण व्यक्तियों को सेवा में लिया गया है उन्हें पदोन्नति का लाभ भी दिया जा रहा हैं, जबकि लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को लाभ नहीं दिया जा रहा हैं, ऐसा क्यों? यदि लाभ दिया जावेगा तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति की सेवा में नाकेदार और लिपिक संवर्ग का वेतनमान समान था। म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम-1972 की धारा 26 के अंतर्गत राज्य मंडी बोर्ड सेवा का गठन किया गया। राज्य मंडी बोर्ड सेवा में कृषि उपज मंडी समितियों की सेवा के अंतर्गत सहायक उप निरीक्षक (नाकेदार) संवर्ग को आमेलित कर, राज्य मंडी बोर्ड सेवा विनियम 1998 दिनांक 13.07.1998 से प्रभावशील किये गये। वर्ष 2006 में इस संवर्ग के सेवकों को पद के अनुरूप दिनांक 07.01.2006 से वेतनमान परिवर्तित कर 4000-6000 किया गया है। परिपत्र दिनांक 23.10.1991 संचालनालय कृषि मंडी द्वारा जारी किया गया था, मंडी बोर्ड द्वारा नहीं। कृषि उपज मंडी समितियॉ तत्समय संचालनालय कृषि मंडी के अधीन थी। (ख) जी नहीं। क़ृषि उपज मंडी समितियों में पदस्थ लिपिक कर्मचारियों को राज्य शासन तथा राज्य मंडी बोर्ड सेवा में कार्यरत लिपिक कर्मचारियों के समान वेतनमान दिया जा रहा है। इस स्थिति में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। सागर संभाग की मंडियों में पदस्थ मंडी समिति सेवा के सहायक ग्रेड-2 एवं सहायक ग्रेड-3 भृत्य/चौकीदार संवर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति की पात्रता अनुसार पदोन्नति का लाभ दिया गया है। सागर संभाग में 'अ' वर्ग की 03 एवं 'ब' वर्ग की 04 मंडी समितियॉ है, जिनमें अधीक्षक का 01 पद मुख्य लिपिक के 02 पद एवं सहायक ग्रेड-2 के 11 पद भरे हुये है। समय-समय पर मंडी समितियों में पदोन्नति की गई है। प्रत्येक कृषि उपज मंडी समितियॉ स्वतंत्र स्थानीय निकाय होकर उनके नियोक्ता पृथक-पृथक है। एक मंडी से दूसरे मंडी में पदोन्नति कर पदस्थापना का प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं। राज्य मंडी बोर्ड सेवा में मंडी समिति के सहायक उप निरीक्षको का आमेलन किया गया है। सहायक उप निरीक्षक संवर्ग को राज्य मंडी बोर्ड सेवा विनियम- 1998 में पदोन्नति के लिये निहित प्रावधान- उच्चतर माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण या पूर्व का मेट्रिक पास अथवा मान्यता प्राप्त समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण, 06 वर्ष का सहायक उप निरीक्षक के पद की सेवा के उपरांत पदोन्नति का लाभ दिया जा रहा है। कृषि उपज मंडी समिति के लिपिक कर्मचारियों के पदोन्नति के संबंध में स्थिति प्रश्नांश 'ग' के उत्तर में स्पष्ट की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य एवं केन्द्र पोषित योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
60. ( क्र. 1737 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रदेश में राज्य पोषित योजनाओं के अंतर्गत उज्जैन संभाग के जिलों में किन-किन योजनांतर्गत कृषकों के हित में क्या-क्या कार्य करवाये? जिलेवार - तहसीलवार ब्यौरा दें। (ख) संभाग के किन-किन जिलों में प्रश्नांश (क) अंतर्गत योजनाऍ अब तक क्रियान्वित नहीं हो सकीं? तहसीलवार, कारणवार ब्यौरा दें। (ग) उपरोक्त योजनांतर्गत कितनें किसानों को कितनी सहायता रतलाम व उज्जैन जिले में वर्ष २०१३ से प्रश्न दिनांक तक दी गई? तहसीलवार ब्यौरा दे।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) संभाग के सभी जिलों में राज्य पोषित योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सहकारी विकास परियोजनाओं का क्रियान्वयन
[सहकारिता]
61. ( क्र. 1738 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम एवं राज्य शासन की वित्तीय सहायता से प्रदेश में कितनी और कौन-कौन सी एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाऍ किन-किन जिलों में संचालित हैं? (ख) प्रदेश के शेष जिलों में इनका संचालन क्यों नहीं है? (ग) वर्ष २०१३ से अब तक क्या-क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये थे? वर्षवार लक्ष्यवार प्राप्ति ब्यौरा दें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 17 एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाएं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) प्रदेश के शेष रहे तीन जिले क्रमश: दतिया, डिण्डोंरी एवं दमोह में संचालन किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
उद्यानिकी के विकास हेतु यंत्रीकरण योजना बाबत
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
62. ( क्र. 1746 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्यानिकी के विकास हेतु यंत्रीकरण को बढ़ावा देने की योजना विभाग में संचालित है? यदि हाँ, तो इसका उद्देश्य बतावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की जानकारी अनुसार उक्त योजना के तहत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 में नरसिंहगढ़ विधानसभा के कितने किसानों को लाभ दिया गया? किसान की संख्या, नाम/गांव का नाम सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत वर्ष 2017-18 में किन-किन ग्रामों के कितने किसानों को लाभ दिया जाना प्रस्तावित है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विभाग में उद्यानिकी के विकास हेतु यंत्रीकरण को बढ़ावा देने की योजना संचालित है। योजना का उद्देश्य संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) योजना का लाभ लेने के लिए कृषक को ऑनलाईन आवेदन करना होता है। ऑनलाईन प्राप्त आवेदनों में से लक्ष्य उपलब्धता अनुसार प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर आशय पत्र जारी किया जाता है तथा कार्योंपरांत अनुदान भुगतान किया जाता है। यंत्रीकरण योजना में वर्ष 2017-18 में नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 5 कृषकों को आशय पत्र जारी किये गये हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
63. ( क्र. 1747 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में फसल बीमा की कितनी प्रीमियम राशि कितने किसानों से ली गई? पटवारी हल्कावार/कृषक संख्या/प्रीमियम राशि सहित बतावें? (ख) क्या फसल बीमा के नवीन प्रावधानों के तहत नुकसान की स्थिति में प्रांरभ में 25% राशि दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में वर्षाकाल के प्रांरभ में अल्पवर्षा एवं सितम्बर में अतिवृष्टि होने पर विभाग द्वारा किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) सितम्बर के अतिवृष्टि के नुकसान के सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति देवें? इस भुगतान को कब तक कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 मौसम के अन्तर्गत नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र की पटवारी हल्कावार बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जी हाँ। इस हेतु जिला प्रशासन द्वारा अधिसूचना जारी की जाती है। तत्पश्चात ही योजना अनुसार क्षतिपूर्ति विकल्प के तहत कवर की जाती है। किन्तु खरीफ 2016 मौसम हेतु धार जिले के लिये जिला प्रशासन द्वारा कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) धार तहसील में पटवारी हल्का नं.107 के लिये सोयाबीन फसल हेतु जलभराव आपदा के लिये सूचना प्राप्त हुई थी, जिसका सर्वे जिला स्तर पर गठित हानि मूल्यांकन समिति द्वारा किया गया है जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सर्वे रिपोर्ट की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
0% ब्याज का लाभ लेने वाले कृषकों की जानकारी विषयक I
[सहकारिता]
64. ( क्र. 1749 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कृषकों को 0% ब्याज का लाभ लेने हेतु खरीफ तथा रबी की फसलों हेतु निर्धारित तिथियों की जानकारी दें? क्या यह तिथियाँ पूरी प्रदेश में समान हैं अथवा विभिन्न जिलों में होने वाली फसलों की बिक्री को देखते हुए निर्धारित की गयी हैं? जिलेवार जानकारी दें? (ख) क्या विभिन्न जिलों में होने वाली फसलों की बिक्री होने से पूर्व ही 0% ब्याज की निर्धारित तिथि समाप्त हो जाने के कारण कृषकों को पूर्ण ब्याज देने पर मजबूर होना पड़ता है? (ग) 0% ब्याज की अवधि में ऋण न पटाने की स्थिति में ब्याज के क्या नियम हैं? (घ) बालाघाट जिलें में विगत तीन वर्षों में खरीफ तथा रबी के सीजन अनुसार तथा सहकारी समितियों के अनुसार 0% ब्याज का लाभ लेने तथा लाभ न लेने वाले कृषकों की संख्या की जानकारी दें ?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश में कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज का लाभ लेने हेतु खरीफ के अल्पकालीन फसल ऋण की देय तिथि 28 मार्च एवं रबी के अल्पकालीन फसल ऋण की देय तिथि 15 जून निर्धारित है। यह तिथियां पूरे प्रदेश में समान है। अतः जिलेवार जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) दिनांक 28 मार्च से पूर्व सभी खरीफ फसलें तथा 15 जून के पूर्व सभी रबी की फसलें विक्रय हेतु बाजार में आ जाती है। अतः शून्य प्रतिशत ब्याज की निर्धारित तिथि समाप्त हो जाने के कारण कृषकों को पूर्ण ब्याज देने पर मजबूर होने की स्थिति उत्पन्न होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजनांतर्गत देय तिथि तक ऋण न पटाने की स्थिति में ऋण वितरण दिनांक से देय तिथि तक 3 प्रतिशत की ब्याज दर से तथा देय तिथि के पश्चात ऋण की भुगतान दिनांक तक व्यवसायिक दर से ब्याज प्रभारित करने का नियम है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
65. ( क्र. 1755 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग के माध्यम से सिवनी जिले में 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ है तथा किस-किस कार्य पर, कितना-कितना व्यय किया गया? वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत शासन की किन-किन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त वर्षों में हितग्राहियों को कितना अनुदान दिया गया? विधानसभावार एवं वर्षवार जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
बायपास सड़क की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 1756 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र की कौन-कौन सी सडकें जर्जर अवस्था में हैं? जिनका रख-रखाव लगभग पाँच वर्षों से नहीं हुआ है? सूची लम्बाई सहित अवगत करायें? (ख) मार्ग नगझर वाया बरघाट रोड, कंटगी रोड होकर खैरी टेक नागपुर रोड तक मार्ग को कब तक स्वीकृति देकर निर्माण करा लिया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु भेजा गया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उक्त प्रस्ताव पर कब तक विचार किया जायेगा तथा मार्ग की निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन मार्ग म.प्र. गृह निर्माण मण्डल सिवनी अंतर्गत है, हस्तांतरण की कार्यवाही प्रचलन में होने से वर्तमान में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही संभव नहीं। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्नांश की शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषक/हितग्राहियों को योजनांतर्गत लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
67. ( क्र. 1759 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्धारा कौन-कौन सी योजनाए वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक संचालित की जा रही हैं? योजनावार, मापदण्ड/अर्हता सहित विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में प्रदेश में कुल कितने कृषक/हितग्राहियों को कुल कितनी बीमा राशि का वितरण किया गया एवं कुल कितने कृषक/हितग्राही के द्वारा कुल कितनी राशि का बीमा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में कृषक/हितग्राहियों को विभाग द्वारा शासकीय बीज निगम एवं निजी बीज कम्पनियों से कितनी कितनी मात्रा में बीज उपलब्ध कराया गया? (घ) बालाघाट जिले में आत्मा परियोजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितना व्यय किया गया वर्षवार देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : प्रश्नांश (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पी.आर.ओ. के रिक्त पद
[जनसंपर्क]
68. ( क्र. 1774 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मास मीडिया/जनसंपर्क/पत्रकारिता में स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्री संबंधी कितने कोर्स कब से कहाँ-कहाँ चलाये जा रहे है। विगत 05 वर्षों में इस कोर्स में अध्ययन कर कितने छात्रों ने उत्तीर्ण किया? (ख) विगत 05 वर्षों में शासन द्वारा उक्त उत्तीर्ण छात्रों के लिए रिक्तियाँ (Vacancy) कब-कब किस विभाग में रिक्तियाँ (Vacancy) भर्ती किस माध्यम से निकाली गई, विभागवार सूची देवें। यदि इन छात्रों के लिए रिक्तियाँ (Vacancy) नहीं निकाली गई है तो कोर्स की उपयोगिता बतायें। (ग) प्रदेश के समस्त विभागों में से किस-किस विभाग में पी.आर.ओ. के पद स्वीकृत हैं, इनमें से किन-किन विभागों में पी.आर.ओ. पद कब से रिक्त हैं? विभागवार सूची देवें। (घ) उक्त कोर्सधारी छात्रों के रोजगार सृजन हेतु शासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवगठित राष्ट्रीय राजमार्ग-752 (बी) का निर्माण
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 1785 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के स्टेट हाईवे क्रमांक-14 ब्यावरा-मधूसूदनगढ़-सिरोंज मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग-752 (बी) घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या ब्यावरा शहरी सीमा से बाहर बायपास बनाया जावेगा तथा साथ ही विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के दूसरे नगर सुठालिया से गुजरते हुये उक्त राजमार्ग पर भी बायपास बनाने की कोई योजना है? यदि नहीं, तो सुठालिया नगर के अत्यंत संकीर्ण व व्यस्त मार्ग पर यातायात के दबाव का आंकलन कर यथाशीघ्र कोई निर्णय लिया जावेगा? (ख) उपरोक्तानुसार सुठालिया नगर में उपरोक्त मार्ग के दोनों तरफ आवासीय एवं व्यवसायिक बस्ती होने तथा सड़क के दोनों ओर वर्षों से खुदी पड़ी नालियों का निर्माण भविष्य में राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा कराया जावेगा अथवा यदि नगर परिषद् सुठालिया उक्त नालियों के निर्माण हेतु योजना बनाती है तो उक्त नगरीय क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग का कितना मीटर भाग छोड़कर निकाय कार्य कर सकेगा? अनापत्ति प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होने पर अधिकृत अधिकारी कौन रहेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, जी नहीं। जी हाँ। (ख) डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रगति पर है, जिसके अंतर्गत नालियों के निर्माण कार्य को प्रस्तावित किया जा रहा है। यदि नगर परिषद् सुठालिया उक्त नालियों के निर्माण कार्य करती है तो मुख्य अभियंता (क्षेत्रीय अधिकारी), सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भोपाल से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है।
नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला को प्रारंभ करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
70. ( क्र. 1786 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न क्रमांक 402 दिनांक 22 फरवरी 2017 के उत्तर में बताया गया था कि जिला राजगढ़ (ब्यावरा) में नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवनों में जल एवं विद्युत व्यवस्था के लिये किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक/डी/6/5/2014/14-3,दिनांक 25.01.2017 के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त हुई हैं? उक्त कार्य कराने हेतु तकनीकी/प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है। प्रदेश में विकासखंड स्तर पर स्थापित होने वाली नवीन 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं हेतु आवश्यक तकनीकी अमले/पदों के सृजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं नवीन स्थापित होने वाली मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को क्रियान्वित किये जाने हेतु आवश्यक संसाधन व तकनीकी अमले की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य के लिये कार्य योजना बनाई गई है। कार्य योजना की स्वीकृति उपरांत बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य तद्नुसार कराया जावेगा? यदि हाँ, तो उपरोक्त संबंध में क्या प्रश्न दिनांक तक सभी कार्यों व अमले की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो अभी तक विभाग द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासन किसानों को त्वरित लाभ प्रदान करने हेतु प्रश्नांश (क) वर्णित सभी प्रकियाधीन कार्यवाही, आवश्यक अमला एवं बाउण्ड्रीवाल की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवनों में जल एवं विद्युत व्यवस्था के लिये तकनीकी/प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाकर निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। राजगढ़ जिलें के ब्यावरा विकासखंड की नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में अस्थायी विद्युत कनेक्शन की व्यवस्था की गई है। नवीन 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं हेतु आवश्यक तकनीकी अमले हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं से मंडी प्रांगण से बाहर निर्मित हो रही है उनकी बाउन्ड्रीवाल निर्माण कार्य हेतु मंडी बोर्ड के अंतर्गत वित्त पोषण की कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों की कार्यवाही प्रकृति वृहद एवं सतत् स्वरूप होने के बावजूद प्राथमिकता से कार्यवाही की जा रही है, अस्तु समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
किसान सड़क निधि से स्वीकृत सड़कें
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
71. ( क्र. 1804 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा खाचरौद के किसान सड़क निधि में कितनी सड़कों को सम्मिलित कर लिया गया है एवं कितनी सड़कें प्रस्तावित हैं? (ख) सम्मिलित की गयी सड़कें कब तक स्वीकृत हो जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में विधान सभा क्षेत्र नागदा खाचरौद में किसान सड़क निधि के अंतर्गत निम्नानुसार :- (1) बेहलोला से चामुण्डा होते हुये 4.50 कि.मी. एवं (2) रूपखेड़ा तहसील खाचरौद से ग्राम धमोत्तर कुड़ेल नदी तक तहसील रतलाम 3.00 कि.मी. सड़क किसान सड़क निधि के अंतर्गत साधिकार समिति में रखे जाने वाले एजेण्डा की प्रस्तावित सूची में सम्मिलित की गई थी। (ख) वर्तमान में शासन के निर्देशानुसार उपरोक्त निधि से सड़क कार्य मंडी बोर्ड द्वारा नहीं कराये जाने की दशा में उपरोक्त वर्णित सड़क क्रं (1) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 69 दिनांक 06.01.17 से संलग्न माननीय विधायकों द्वारा प्रस्तावित सड़क कार्यों की सूची में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग, भोपाल को एवं सड़क क्रमांक (2) का प्रस्ताव कार्यालयीन पत्र क्रमांक-72 दिनांक 06.01.17 से सड़कों के प्रस्तावों की सूची ''म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण'' को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
72. ( क्र. 1818 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं और उन योजनाओं से कितने कृषक लाभान्वित हुये? विधानसभावार जानकारी दें? (ख) विधानसभा क्षेत्र जौरा में प्रश्नांश (क) अवधि में विभाग की योजनाओं से कितने किसानों को अनुदान/बीज/खाद/दवाईयाँ उपलब्ध कराई गयी? यंत्रीकरण योजना, प्याज भण्डारण गृह निर्माण योजना, माइक्रोइरीगेशन योजना से क्षेत्र में कितना-कितना अनुदान दिया गया हैं? लाभार्थियों की संख्या सहित राशि का विवरण दें। (ग) योजनाओं एवं प्रचार-प्रसार में होने वाले व्यय का भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया जाता हैं? प्रश्नांश (क) में वर्णित वर्षों का ब्यौरा भौतिक सत्यापन के अभिमत सहित विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में उपरोक्त योजनाओं में अनियमितताओं की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारियों को दोषी पाया गया हैं? उनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेंगी?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र जौरा में प्रश्नाधीन अवधि में विभाग की योजनाओं से 6948 किसानों को अनुदान/बीज/खाद्य/दवाईयाँ उपलब्ध कराई गई हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विभाग के जिला स्तर के उद्यान अधिकारी स्वयं आहरण एवं संवितरण अधिकारी हैं। व्यय पर नियंत्रण की जवाबदारी उनकी स्वयं की होती है। समय-समय पर योजनाओं में किये गये व्यय का अंकेक्षण महालेखाकार ग्वालियर के दल द्वारा किया जाता है। प्रश्नाधीन अवधि में योजनाओं में किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन योजना के प्रावधान अनुसार जिला स्तर के उद्यान अधिकारी, मैदानी क्षेत्रों के अधिकारी तथा संभागीय संयुक्त संचालक उद्यानिकी द्वारा सतत् रूप से नियमानुसार किया गया है, जिसमें कार्य होने की पुष्टि की गई है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में मुरैना जिला में उद्यानिकी योजनाओं में अनियमितता की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि विकास योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
73. ( क्र. 1821 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं अन्य किन-किन योजनांतर्गत कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों/कायक्रमों में व्यय हुई। योजनांतर्गत कौन-कौन सी गतिविधियां संचालित की गई? वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन योजना में कितने-कितने हितग्राही कृषक लाभांवित हुये? कितने कृषकों को अनुदान की कितनी राशि वितरित की गई? कितने पात्र हितग्राहियों को अनुदान की कितनी राशि वितरित नहीं की गई है एवं क्यों वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में लाभांवित कितने कृषकों को कितनी राशि के डीजल/विद्युत पंप व स्प्रिंकलर प्रदाय किये गये एवं इन्हें अनुदान की कितनी राशि वितरित की गई? इसकी जाँच कब किसने की है वर्षवार जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला जबलपुर को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं अन्य योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक कुल राशि रू. 3328.055 लाख आवंटित की गई एवं राशि रू.3117.873 लाख व्यय हुई। योजनान्तर्गत वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। योजनान्तर्गत कार्यों/कार्यक्रमों एवं गतिविधियों पर वर्षवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि अन्तर्गत योजनाओं में 294942 हितग्राही कृषक लाभाविन्त हुये एवं कृषकों को राशि रू.3077.627 लाख अनुदान के रूप में वितरित की गई। सभी पात्र हितग्राहियों को अनुदान की राशि वितरित की गई है। कोई भी पात्र कृषक अनुदान हेतु शेष नहीं है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में 104 लाभान्वित कृषकों को डीजल/विद्युत पम्प राशि रू.10.390 लाख अनुदान एवं 667 लाभान्वित कृषकों को स्प्रिंकलर राशि रूपये 66.7169 लाख अनुदान के रूप में वितरित की गई है। योजनान्तर्गत शिकायत प्रतिवेदित न होने से शेष का प्रश्न नहीं। योजना प्रावधान अनुसार भौतिक सत्यापन के उपरान्त अनुदान भुगतान किया गया है? वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '4' अनुसार है।
उप संचालक कृषि के विरूद्ध जाँच/कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 1852 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में पदस्थ उप संचालक कृषि के विरूद्ध वर्ष 2014 से अब तक किस प्रकार की शिकायत प्राप्त हुई है? (ख) दिनांक 31 मार्च 2017 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 7757 के उत्तर में जाँच संस्थित करने का उल्लेख है? जाँच किस स्तर तक पहुँची है। क्या उक्त अधिकारी दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए, अन्यत्र स्थानान्तरित करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' में दिये गये परिशिष्ट में श्री आशीष पाण्डे, तत्कालीन परियोजना संचालक आत्मा के विरूद्ध शिकायत की जाँच संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास शहडोल संभाग शहडोल द्वारा पूर्ण कर ली गई है। जाँच प्रतिवेदन परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शासन आदेश क्रमांक एफ-1ए/31/2017/14-1, दिनांक 30 जून 2017 द्वारा श्री पाण्डे, उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला अनूपपुर का स्थानांतरण उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सिंगरौली किया जा चुका है।
सहकारिता विस्तार अधिकारियों के कर्तव्य
[सहकारिता]
75. ( क्र. 1855 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विस्तार अधिकारियों के कर्तव्यों का निर्धारण किया गया है? यदि हाँ, तो कर्तव्यों की सूची की प्रमाणित छायाप्रति प्रदाय करें। (ख) सतना जिले के विकासखण्डों में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की अवधि में सहकारिता विस्तार अधिकारियों के पदों पर कौन-कौन कर्मचारी कब से कब तक पदस्थ रहे? कर्मचारीवार, विवरण उनकी पदस्थापना सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में उक्त अधिकारियों द्वारा कर्तव्य के पालन में समितियों की समय-समय पर जाँच-निरीक्षण किये गये? यदि हाँ, तो उनकी प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध कराये। यदि नहीं, तो जाँच न करने कारण बतायें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) पदस्थी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) जी नहीं, जाँच निरीक्षण न करने वाले सहकारिता विस्तार अधिकारियों के विरूद्ध स्पष्टीकरण प्राप्त करने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है।
कृषि विभाग द्वारा मास्टर ट्रेनर्स, किसान मित्र के प्रशिक्षण शिविर
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
76. ( क्र. 1889 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2016 एवं 2017 में मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण, कृषक किसान मित्र, मास्टर ट्रेनर्स, अशासकीय संगठनों के मास्टर्स प्रशिक्षण शिविर कहाँ-कहाँ कब लगाये गये? स्थान, माह, वर्ष, तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त कार्यक्रमों में कितने प्रशिक्षणार्थी सम्मिलित हुए विकासखण्डवार दें? (ग) उक्त कार्यक्रमों में कितनी धनराशि व्यय की गई। प्रशिक्षणवार विकासखंडवार जानकारी दें? (घ) क्या उक्त प्रशिक्षणों की जनप्रतिनिधियों को जानकारी सूचना दी गई थी? यदि हाँ, तो जनप्रतिनिधियों को दी गई जानकारी की छायाप्रति देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) आयोजित प्रशिक्षणो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं।
सड़क का डी.पी.आर. एवं प्राक्कलन अनुसार कार्य न किया जाना
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 1892 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ से मुरैना सड़क जो कि म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई जा रही है। डी.पी.आर. एवं प्राक्कलन अनुसार सबलगढ़ शहर में बनने वाली रोड की चौड़ाई कितनी है? क्या पूर्व में डी.पी.आर. एवं प्राक्कलन अनुसार चौड़ाई 14 मीटर थी? यदि हाँ, तो उक्त डी.पी.आर. एवं प्राक्कलन को संशोधन क्यों किया गया? (ख) प्रश्न (क) अनुसार शासन द्वारा पूर्व में प्रस्तावित डी.पी.आर. एवं प्राक्कलन में संशोधन करने वाले अधिकारी एवं किसकी अनुशंसा पर डी.पी.आर. एवं प्राक्कलन कम किया गया? उक्त अधिकारी का नाम, अनुशंसाकर्ता का नाम बतावें। (ग) क्या उक्त रोड जो शहर के बीचों बीच बनाई जा रही है उसे 14 मीटर बनाने हेतु जनप्रतिनिधियों द्वारा, पत्रकारों द्वारा आमजनता द्वारा शासन को कई पत्र लिखने के बाद भी स्थानीय प्रशासन एवं जनरल मैनेजर एम.पी.आर.डी.सी. की हठधर्मिता के कारण रोड को 14 मीटर नहीं बनाया जा रहा है? कारण बतावें। (घ) क्या आम जनता एवं जनप्रतिनिधियों एवं शहर के मध्य आवागमन की सुविधा को देखते हुए उक्त रोड को 14 मीटर कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। फिजीबलिटी रिपोर्ट एवं प्राक्क्लन अनुसार सबलगढ़ शहर में चैनेज 66+200 से 71+864 तक लंबाई 5.664 कि.मी. में बनने वाली रोड की चौडाई 2x7.5 केरेजवे + 2x1.5 फुटपाथ 1.5 मी मिडियन, 2x1.5 पेव्हड शोल्डर = 22.5 मीटर प्रावधानित है। जी नहीं। सबलगढ़ बसाहट क्षेत्र में भूमि तथा आर.ओ.डब्ल्यू की उपलब्धता अनुसार मार्ग चौड़ाई में संशोधन कर कार्य कराया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तत्कालीन मुख्य अभियंता श्री अनिल चंसोरिया द्वारा दिनांक 30.06.2016 को मार्ग का निरीक्षण किया गया एवं निरीक्षण के दौरान, अथोरिटी इंजीनियर (मेसर्स लॉयन इंजीनियरिंग कंसलटेंट) के टीम लीडर श्री धनराज नागदेव की अनुशंसा पर तथा निर्माण स्थल की विद्यमान परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुये संशोधन किया गया। (ग) शासन को मार्ग की चौडाई 14 मीटर बनाने हेतु जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों, आमजनता के द्वारा कोई पत्र प्राप्त नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) यातायात एवं जनता की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये सबलगढ़ नगर में 2 लेन पेव्हड शोल्डर के साथ चौडाई में मार्ग का निर्माण आर.ओ.डब्ल्यू की उपलब्धता के अनुसार कराया जा रहा है।
वि.ख. बाग में खनिअंबा सिंचाई तालाब की नहर पक्कीकरण करने
[जल संसाधन]
78. ( क्र. 1902 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के विकाखण्ड बाग में निर्मित खनिअंबा सिंचाई तालाब की नहर पक्कीकरण हेतु विभाग द्वारा शासन स्तर पर प्रस्ताव प्रेषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो खनिअंबा सिंचाई तालाब की नहर पक्कीकरण हेतु कब तक राशि स्वीकृत कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ख) जी हाँ। प्रस्ताव का परीक्षण प्रमुख अभियंता कार्यालय द्वारा किया जा रहा है। प्रस्ताव अंतिम नहीं किए जाने के कारण शेष जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
गंधवानी वि.स. मुख्यालय पर विश्राम गृह की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 1903 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा मुख्यालय में विश्राम गृह निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार गंधवानी मुख्यालय में विश्राम गृह की स्वीकृति कब तक दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। (ख) वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के दृष्टिगत समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
गंधवानी में न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
80. ( क्र. 1904 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की कार्ययोजना में नवीन तहसील मुख्यालय पर न्यायालय खोले जाने का प्रावधान हैं? (ख) यदि हाँ, तो धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में तहसील मुख्यालय गंधवानी पर नवीन न्यायालय खोलने हेतु प्रस्ताव कार्य योजना में सम्मिलित किया गया हैं? या नहीं? (ग) प्रश्नांकित (ख) अनुसार यदि हाँ, तो, कब तक नवीन न्यायालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की जावेंगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंडी बोर्ड में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
81. ( क्र. 1913 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2329 दिनांक 11.03.2015 के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट 'स' में अंकित आठ कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने बावत गठित कमेंटी में विचार हेतु बताया गया था? क्या कमेटी की बैठक हुई अथवा नहीं? यदि हुई तो इस बावत क्या कार्यवाही हुई? प्रोसिडिंग की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) मंडी बोर्ड द्वारा उक्त कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति बावत कर्मचारियों के कौन-कौन से दस्तावेज उनके विभाग से अथवा उनसे लिये थे? उन समस्त दस्तावेजों सहित उनके आवेदनों की छायाप्रतियॉ उपलब्ध कराई जावें? (ग) क्या मंडी बोर्ड द्वारा उक्त कर्मचारियों कोई साक्षात्कार अथवा उनके मूल दस्तावेजों की जाँच अथवा उनके आवेदन के संबंध में कोई पत्राचार किया गया? यदि हाँ, तो उसकी पावती की छायाप्रति यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या भविष्य में उक्त कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति के आवेदनों पर विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यो एवं किस आधार पर जानकारी उपलब्ध कराई जावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में प्रतिनियुक्ति की समीक्षा हेतु गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक दिनांक 23.03.2015 को हुई थी, परंतु विचाराधीन प्रतिनियुक्ति प्रकरणों में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के परिपत्र दिनांक 05.05.2009 में निर्धारित प्रक्रिया के पालन नहीं होने से समिति स्तर पर औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया। इसलिये कार्यवाही-विवरण (प्रोसेडिंग) उपलब्ध नहीं है। (ख) राज्य मंडी बोर्ड सेवा विनियम 1998 एवं इस कार्यालय के परिपत्र दिनांक 05.05.2009 के प्रावधान अंतर्गत प्रतिनियुक्ति के प्रकरणों की समीक्षा हेतु वांछित दस्तावेज एवं जानकारियॉ यथा-संबंधित का बायोडाटा, 05 वर्ष की गोपनीय चरित्रावली का श्रेणीकरण, नियमित कर्मी होने का प्रमाण-पत्र, प्रतिनियुक्ति पर सेवा देने हेतु संबंधित तथा विभाग/संस्था की सहमति, विभागीय जाँच/आपराधिक प्रकरण/लोकायुक्त प्रकरण/ई.ओ.डब्ल्यू. लंबित नहीं होने विषयक सतर्कता, प्रमाण-पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र इत्यादि लिये गये थे। प्रश्नागत 08 कर्मचारियों के आवेदन तथा उनके विभाग से प्राप्त दस्तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) जी नहीं। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के परिपत्र दिनांक 05.05.2009 में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवेदन प्राप्त नहीं होने से उन पर भविष्य में विचार नहीं किया जायेगा।
दतिया-सेवढ़ा मुख्य मार्ग के मरम्मती/डामरीकरण
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 1914 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया सेंवढ़ा रोड पर MPRDC द्वारा जो मरम्मतीकरण/डामरीकरण कराया जा रहा है वह किस दिनांक को स्वीकृत हुआ, उसकी लागत क्या है? उक्त कार्य की निर्माण एजेंसी कौन है? उसके कार्य पूर्ण होने की तिथि क्या है? ठेकेदार से एग्रीमेंट की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावें? (ख) वर्तमान में उक्त कार्य चालू है अथवा बंद है? यदि बंद है तो क्यों? क्या ठेकेदार द्वारा अपनी मनमर्जी से सही रोड पर डामरीकरण कर विभाग के कर्मचारियों के साथ सांठ-गांठ कर बार-बार भुगतान ले लिया जा रहा है? बीच-बीच में ध्वस्त और जर्जर रोड को छोड़ दिया गया है जिसके संबंध में कई बार शिकायत भी की गई है? यदि नहीं, तो क्या प्रश्नकर्ता के समक्ष किसी भी अधिकारी से उक्त रोड की जाँच कर करायेगें? (ग) क्या माननीय मंत्री महोदय उक्त रोड के निर्माण के संबंध में विभाग को उक्त मुख्य मार्ग का शीघ्रता से गुणवत्ता पूर्ण निर्माण हेतु निर्देशित करेंगे ताकि लोगों को आवागमन में सुविधा हो सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। ठेकेदार से एग्रीमेंट की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्तमान में कार्य बंद है। वर्षा के कारण सरफेस एवं गिट्टी गीली होने से कार्य बंद है। जी नहीं। जी नहीं। ठेकेदार अनुबंध के अनुसार कि.मी. 76 से 140 के मध्य सड़क नवीनीकरण का कार्य कर रहा है एवं विभाग द्वारा नियमानुसार किये गये कार्य का भुगतान किया गया है। इस मार्ग के ध्वस्त एवं जर्जर सड़क भागों की मरम्मत का कार्य ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। इन सड़क भागों की मरम्मत का कार्य पूर्ण होने के पश्चात् यहां भी सड़क नवीनीकरण किया जावेगा। कार्य अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार प्रगति पर है। अत: जाँच का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ग) मार्ग का बी.टी. नवीनीकरण कार्य गुणवत्तापूर्वक प्रगति पर है। शीघ्र ही यह कार्य पूर्ण हो जावेगा एवं आवागमन में सुविधा होगी।
दतिया जिले के कृषक बाजारों के संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
83. ( क्र. 1917 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कुल कितने कृषक बाजार कितनी-कितनी लागत राशि से कहाँ-कहाँ निर्मित कराये गये हैं? उक्त कृषक बाजारों का किस दिनांक को निर्माण कार्य पूर्ण हुआ? क्या उक्त बाजार विभाग को सुपुर्द कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को? (ख) क्या शासन के लाखों करोड़ों रूपये की योजना विभाग के कर्मचारी/अधिकारियों की लापरवाही के चलते बेकार एवं बंद पड़ी हैं? यदि नहीं, तो इन बाजारों को अभी तक विभाग के सुपुर्द कर इनका संचालन प्रारंभ क्यों नहीं हो पाया है? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या इन कृषक बाजारों के शीघ्र संचालन हेतु विभाग को पृथक से निर्देश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो इनका संचालन कब से तथा इनकी विभाग को सुपुर्दगी कब तक कर दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) 06 लघु कृषक बाजार निर्मित कराये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दतिया जिले के अंतर्गत कुल 06 लघु कृषक बाजारों को सहकारिता विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है। संचालन सहकारिता विभाग को करना है। लघु कृषक बाजार सुपुर्द किये जा चुके है। (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है।
पौधारोपण में अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
84. ( क्र. 1925 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा में उद्यानिकी विभाग द्वारा पिछले 3 वर्षों 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कितने-कितने पौधों का रोपण किया गया? (ख) क्या इस कार्य हेतु विभाग द्वारा कोई अनुदान प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो कितना-कितना अनुदान में प्रश्नांश (क) अवधि कितने लागों को प्रदान किया गया? (ग) विभाग की इस योजना से कितने ग्राम एवं कितने किसान लाभाविंत हुए?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 में 23325 वर्ष 2015-16 में 15839 एवं वर्ष 2016-17 में 7649 पौधों का रोपण किया गया है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2014-15 में 68 कृषकों को रूपये 8.82 लाख वर्ष 2015-16 में 31 कृषकों को रूपये 10.36 लाख एवं वर्ष 2016-17 में 13 कृषकों को रूपये 4.96 लाख का अनुदान प्रदान किया गया है। (ग) फल पौध रोपण से पिछले तीन वर्षों में 78 ग्रामों के 112 कृषक लाभांवित हुए हैं।
बड़नगर विधानसभा में चल रही परियोजना
[जल संसाधन]
85. ( क्र. 1930 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा में वर्तमान में विभाग की कौन-कौन सी योजना संचालित हो रही है। (ख) प्रश्नांश (क) विधान सभा क्षेत्र में जो कार्य चल रहे हैं वो विभाग के द्वारा संचालित किये जा रहे हैं या किसी एजेंसी के माध्यम के द्वारा किये जा रहे हैं? (ग) यदि निजी एजेंसी के द्वारा किये जा रहे हैं तो एजेंसी का नाम, कार्य का नाम, कार्य की लागत और कार्य करने की समय-सीमा की जानकारी प्रदान करें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में जल संसाधन संभाग, उज्जैन की कोई परियोजना क्रियांवयन अधीन नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कृषि मण्डी बोर्ड की सड़कें
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
86. ( क्र. 1949 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की महाराजपुर, चंदला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि मण्डी बोर्ड से कितनी सड़कों के निर्माण होना लंबित है? नाम, स्थानवार, राशिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त सड़कें कृषि मण्डी बोर्ड मद से कब तक स्वीकृत हो जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) छतरपुर जिले के तहत प्रश्नगत विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मंडी बोर्ड से सड़को का निर्माण होना लंबित नहीं है। अत: शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ऑनलाईन तथा ऑफलाईन निविदा जारी करने संबंधी
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 1956 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतिरिक्त परियोजना संचालक, लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) ठाटीपुर ग्वालियर द्वारा दिनांक 01.04.2017 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की कितनी निविदाएं जारी की गई? जारी की गई निविदाओं के क्रय में कितने आवेदकों से ऑनलाईन तथा ऑफलाईन आवेदन प्राप्त हुए? संख्या सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त निविदा आवेदनों में से कितने आवेदन किन-किन फर्मों के ऑन लाईन तथा ऑफलाईन सही पाए गए? किन-किन फर्मों से प्राप्त आवेदन किन-किन कारणों से अस्वीकृत किए गए? किन-किन फर्मों के आवेदकों के आवेदनों को सही मानकर कितनी-कितनी दरों पर किन-किन फर्मों को कार्यादेश जारी किए गए? ऑफलाईन पद्धति से प्राप्त निविदा आवेदनों की प्राप्ति पंजी की छायाप्रति उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ऑनलाइन संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं आफ लाइन संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) पात्र-अपात्र आवेदनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। पंजी की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
दमोह-पथरिया मार्ग पर अधूरे पड़े पुलों का सुधार
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 1963 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह-पथरिया मार्ग का निर्माण कराया गया? यदि हाँ, तो निर्माण वर्ष क्या है? क्या इस मार्ग का निर्माण पूर्ण हो चुका है? क्या मार्ग के बीच में पड़ने वाली कोपरा व सुनार नदी पर पुल निर्माण कार्य स्वीकृत है? यदि हाँ, तो किस वर्ष स्वीकृत किया गया एवं निर्माण की समय-सीमा क्या थी? (ख) क्या दमोह-पथरिया मार्ग पर पड़ने वाले दोनों पुलों के कार्य आज दिनांक तक अधूरे पड़े हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या इन पुलों के निर्माण कार्य को पूर्ण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2012 से 2016 मे। जी हाँ, सड़क निर्माण पूर्ण हो चुका है। जी हाँ। मार्ग निर्माण की स्वीकृति में पुलो का कार्य भी शामिल था। स्वीकृति दिनांक 04.10.2011 है, निर्माण की समयावधि दिनांक 07.12.2013 थी। (ख) जी हाँ। निवेशकर्ता कंपनी द्वारा वित्तीय व्यवस्था न कर पाने के कारण कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
दोषियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने बाबत्
[जल संसाधन]
89. ( क्र. 1967 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा खनिज विभाग के लघु खनिज अधिनियम के अनुसार कार्य में लघु खनिज के उपयोग पर ठेकेदारों के देयकों से निर्धारित दर पर रायल्टी के कटौती किये जाने के प्रावधान निहित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खनिज विभाग द्वारा मार्च 2013 में संशोधन आदेश जारी किया गया कि निर्माण कार्य में संलग्न खदान अनुमति धारक/ठेकेदार निर्माण कार्य में उपयोग कर रहे खनिज के लिए देयता न होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना पड़ेगा प्रावधानित है? ठेकेदारों के देयकों के अंतिम भुगतान के पहले लघु खनिज के उपयोग पर अदेयता प्रमाण पत्र कलेक्टर से प्राप्त करने बाबत् अनुबंध में शामिल करने के भी निर्देश थे, क्या इसका पालन हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यालय गंगा कछार जल संसाधन विभाग अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक में स्वीकृत कार्यों में से किन-किन ठेकेदारों/संविदाकारों से कितनी-कितनी रायल्टी की राशि कटौती उनके देयकों से की गई का विवरण देवें? यह भी बतावें कि कितने ठेकेदारों/संविदाकारों से अदेयता प्रमाण पत्र प्राप्त किये गए? अदेयता प्रमाण पत्र कलेक्टर से प्राप्त कर प्रस्तुत न करने पर किन-किन ठेकेदारों के अंतिम भुगतान को रोका गया, का विवरण देते हुए बतावें कि इनसे कितना रायल्टी की वसूली की गई, ये जानकारी उपरोक्तानुसार अवधि की दें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अगर रायल्टी संबंधित ठेकेदारों से नहीं वसूली गई, न ही अदेयता प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया, अंतिम देयकों का भुगतान भी कर दिया गया, रायल्टी न वसूलने के दोषी संबंधित अधिकारियों व ठेकेदारों से राशि वसूली ब्याज सहित करते हुए शासन के साथ धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध करायेंगे, करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। दिनांक 01.01.2014 से लागू निविदा प्रपत्र में हुऐ अनुबंधों से पूर्व के अनुबंधों में रायल्टी के कटौती किए जाने का एवं अदेयता प्रमाण पत्र कलेक्टर से प्राप्त करने का प्रावधान निहित था। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध गबन का प्रकरण पंजीबद्ध करायें जाने
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 1968 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी नवीन सड़कों के निर्माण/वर्तमान सड़कों के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण पर कितनी राशि किन-किन सड़कों/रोडों पर व्यय की गई? निर्माण बावत् कार्यादेश किन-किन संविदाकारों को किस शर्त एवं अवधि के लिए जारी किये गए? (ख) प्रश्नांश (क) की सड़कों/रोडों के प्राक्कलन म.प्र. निर्माण विभाग के मैन्युअल की कण्डिका 2.006 के अनुसार तैयार किये गए एवं कण्डिका 2.028 के पालन में तकनीकी स्वीकृति प्रदान करने के पूर्व संबंधितों द्वारा ड्रॉइंग के संदर्भ में सभी दस्तावेजों का अवलोकन कर जारी किये गए, प्राकलन एवं डिजाइन के सुदृढ़ीकरण के लिए दस्तावेजों का परीक्षण आवश्यक था? (ग) प्रश्नांश (क) की रोडों/सड़कों को प्रश्नांश (ख) के संबंधित अधिकारियों द्वारा सूक्ष्म परीक्षण कर प्राकलन एवं ड्रॉइंग दी गई, जिससे माननीय विधायक एवं सांसद के फर्जी हस्ताक्षर पर राशि आहरित कर गबन बगैर कार्य के किया गया, जिसकी जाँच टेक्नीकल दीपक असई द्वारा की गई, लेकिन जाँच में लीपापोती कर संबंधितों को बचाया गया? (घ) प्रश्नांश (क) की सड़कें गुणवत्ता विहीन एवं मौके पर चलने लायक नहीं बनाई गई, प्राकलन ड्रॉइंग, डिजाइन मैन्युअल अनुसार तैयार न कर उसी कार्य को बार-बार कराना दर्शाया गया, स्थल निरीक्षण न करना परिलक्षित होता हैं। इस तरह फर्जी बिल बाउचर एवं हस्ताक्षर कर राशि आहरित करने वालों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए राशि की वसूली करायेंगे? करायेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जी नहीं। स्थल निरीक्षण उपरांत ही प्राक्कलन ड्राईंग डिजाइन तैयार किया गया है। उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[जल संसाधन]
91. ( क्र. 1969 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पत्र क्रमांक 704 दिनांक 17.11.2016 के माध्यम से प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माननीय मंत्री जल संसाधन विभाग म.प्र. शासन एवं प्रभारी मंत्री रीवा को गुढ़ विधान सभा क्षेत्र के कार्यों की स्वीकृति बाबत पत्र लिखा गया? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो माननीय प्रभारी मंत्री रीवा ने प्रश्नांश (क) के पत्र पर ही जावक क्रमांक 2410 दिनांक 05.12.2016 को दर्ज कराकर कलेक्टर रीवा को स्वीकृति की अनुसंशा के साथ पत्र भेजा जो दिनांक 14.12.2016 को कलेक्टर रीवा के कार्यालय में संलग्न सहपत्रों सहित जमा किया गया एवं पावती प्राप्त की गई? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ, तो पत्र में संलग्न कार्यों की सूची अनुसार कितने कार्य गुढ़ विधान सभा क्षेत्र के स्वीकृत किये गए एवं उनके निर्माण हेतु राशि जारी की गई का विवरण देवें? अगर कार्य स्वीकृत नहीं किये गए तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुसार कार्य स्वीकृत नहीं किये गए एवं संबंधित विभागों को भी स्वीकृति हेतु नहीं लिखा गया, इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? साथ ही आवेदन पत्र अनुसार कार्यों की स्वीकृति कर राशि कब तक जारी करावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कलेक्टर रीवा के पत्र क्रमांक 553 दिनांक 26.12.2016 द्वारा जिला पंचायत रीवा को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया। (ग) एवं (घ) पत्र में उल्लेखित कार्य विभाग से संबंधित नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नदी नालों पर पुल/पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 1978 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगॉव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहॉ के लोगों को नदी नालों से होकर गुजरना पड़ता हैं क्या लोक निर्माण विभाग ऐसे नदी नलों पर पुल/पुलियाओं का निर्माण करवायें जाने हेतु विचार कर रहा हैं? (ख) खातेगॉव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत निम्नांकित नदी नाले ऐसे है जिन पर लोक निर्माण विभाग द्वारा पुल/पुलियाओं का निर्माण किया जाना नितान्त आवश्यक हैं। जैसे ग्राम तुरनाल से मुरझाल के बीच गौनी नदी पर कुडगॉव में जामनेर नदी पर ग्राम बड़दा से कांकरिया के बीच पुलिया का निर्माण होना अति आवश्यक है, जिसकी स्वीकृति कब तक प्राप्त होगी? (ग) उक्त पुल पुलियाओं की शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान किए जाने की स्थिति में क्या उक्त पुलियाओं पर रेलिंग लगाने का प्रावधान रहेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में सड़क निर्माण हेतु
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 1995 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में विभाग के पास कौन-कौन सी सड़कें चालू वित्त वर्ष में स्वीकृत हुई? कौन-कौन सी एवं कितनी सड़क के प्रस्ताव जनप्रतिनिधि द्वारा विभाग को प्राप्त हुये? (ख) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितनी सड़कें माननीय मुख्यमंत्री जी के प्रवास के दौरान बनाने की घोषणा हुई, वह सड़के कब तक बन जाएंगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) निमावर से संदूक मार्ग लंबाई 6.30 कि.मी. लागत रू. 421.50 लाख की स्वीकृति दिनांक 29.06.2017 को जारी। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है।
किसानों की फसलों का उचित मूल्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
94. ( क्र. 1996 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किसानों को खरीफ एवं रबी फसल की बोनी के पूर्व उर्वरक एवं बीज की मांग एवं आपूर्ति के लिए कोई व्यवस्था की जाती है? यदि नहीं, तो दो फसलों की बोनी के पूर्व किसानों से उर्वरक एवं बीज की मांग के अनुसार क्या विभाग अग्रिम भण्डारन की व्यवस्था करायेगा? (ख) नरसिंहपुर जिले में चालू खरीफ सीजन के कितने कौन-कौन से उर्वरक की मांग प्राप्त हुई? क्या विभाग द्वारा वांछित खाद्य की व्यवस्था एवं चालू बीजों की मांग में मांगनुसार व्यवस्था की जाएगी? (ग) क्या फसल बोनी के पूर्व किसान को उपज का वाजिब मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार व्यवस्था कर रही है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत किसानों को खरीफ एवं रबी फसलों की बोनी के पूर्व उर्वरक एवं बीजों की मांग एवं आपूर्ति के लिये उर्वरक एवं बीज की व्यवस्था की गई है। (ख) नरसिंहपुर जिलें में खरीफ सीजन 2017 में उर्वरकों की मांग एवं उपलब्धता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार एवं बीजों की मांग एवं उपलब्धता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ।
मण्डी बोर्ड भोपाल के कार्यपालन यंत्रियों के विरूद्ध शिकायत
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
95. ( क्र. 2001 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 के दौरान मण्डी बोर्ड भोपाल संभाग में पदस्थ कितने कार्यपालन यंत्रियों के विरूद्ध अनियमितताओं की शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में अनुशासनात्मक एवं निलंबन की कार्यवाही की गई? (ख) क्या श्री शिवकुमार उपाध्याय कार्यपालन यंत्री भोपाल संभाग को किसी प्रकरण में निलंबित किया गया था जिन्हें माननीय उच्च न्यायालय से भी कोई राहत नहीं मिली फिर भी निलंबित रहते हुये कार्यपालन यंत्री मण्डी बोर्ड जबलपुर के तकनीकी संभाग का कार्य संपादित कर रहे है तो क्या यह नियमानुकूल है? यदि नहीं, तो किसके आदेश से कार्य कर रहे हैं? (ग) श्री शिवकुमार उपाध्याय कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध और कितनी शिकायतें व अनियमितता की है? उनकी जाँच की स्थिति स्पष्ट करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। (ख) श्री शिवकुमार उपाध्याय कार्यपालन यंत्री मंडी बोर्ड भोपाल संभाग को सड़क निर्माण कार्य में उदासीनता के कारण आदेश दिनांक 30.05.2014 से निलंबित किया गया था, जिसके विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 13608/20014 में पारित अंतरिम स्थगन आदेश दिनांक 19.09.2014 के अनुपालन में मंडी बोर्ड के आदेश दिनांक 01.10.2014 द्वारा श्री शिवकुमार उपाध्याय, कार्यपालन यंत्री के निलंबन आदेश दिनांक 30.05.2014 को निष्प्रभावी किया गया तथा मंडी बोर्ड के आदेश दिनांक 21.10.2015 से प्रशासकीय आधार पर श्री उपाध्याय को कार्यपालन यंत्री जबलपुर के पद पर स्थानांतरित किया गया। (ग) श्री शिवकुमार उपाध्याय कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध 03 शिकायतें है, जिनकी जाँच की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
योजनाओं में लक्ष्य निर्धारित करने की प्रक्रिया
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
96. ( क्र. 2014 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा किसानों को कृषि विभाग द्वारा लाभ या सुविधाएं पहुचानें हेतु क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) शासन द्वारा किसानों को क्षेत्र में ऋण या अनुदान तथा अन्य सुविधाएं दी जाती है, उसका लक्ष्य तय करने की प्रक्रिया किसानों की संख्या/जनसंख्या, क्षेत्र के अनुसार या कोई अन्य तरीके से तय की जाती है? लक्ष्य (टारगेट) तय करने की प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में उक्त योजनाओं में हितग्राहियों की कितनी संख्या/लक्ष्य निर्धारित की गई थी? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में शासन कि योजनाओं से लाभांवित किसानों की संख्या तथा शासन द्वारा प्रदत्त् सुविधाओं की जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में शासन की योजनाओं से लाभान्वित किसानों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है तथा शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
योजनाओं में लक्ष्य निर्धारित करने की प्रक्रिया
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
97. ( क्र. 2015 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा किसानों को उद्यानिकी विभाग द्वारा लाभ या सुविधाएं पहुचानें हेतु क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) शासन द्वारा क्या किसानों को क्षेत्र में ऋण या अनुदान तथा अन्य सुविधाएं दी जाती है? उसका लक्ष्य तय करने की प्रक्रिया किसानों की संख्या/जनसंख्या, क्षेत्र के अनुसार या कोई अन्य तरीके से तय की जाती है? लक्ष्य (टारगेट) तय करने की प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में उक्त योजनाओं में हितग्राहियों की कितनी संख्या/लक्ष्य निर्धारित की गई थी? जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में शासन कि योजनाओं से लाभांवित किसानों की संख्या, स्थान तथा शासन द्वारा प्रदत्त् सुविधाओं की जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में कृषकों को योजना के प्रावधान अनुसार अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। संचालनालय स्तर से जिलों को योजनावार भौतिक वित्तीय लक्ष्यों का आवंटन उनकी क्षमता अनुसार ऑनलाईन किया जाता है। योजनाओं में कुछ लक्ष्य स्टेट पूल में रखे जाते हैं। जिले के लक्ष्य पूर्ण होने के उपरांत कृषकों की मांग अनुसार जिला स्तर के उद्यान अधिकारी द्वारा स्टेट पूल से लक्ष्य प्राप्त कर कृषकों को लाभान्वित किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
समितियों द्वारा बीज विक्रय करने के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
98. ( क्र. 2044 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में किसानों को बीज उपलब्ध कराने हेतु कितनी समितियां पंजीकृत हैं? इन समितियों के बीज उपलब्धता का स्त्रोत क्या है? कितने परीक्षण के बाद बीज किसान को उपलब्ध कराया जाता है? (ख) क्या प्रश्न (क) से संबंधित समितियों द्वारा सब्सिडी की राशि बीज क्रय करने वाले किसानों के बैंकखातों में अंतरित की जाती है? यदि हाँ, तो कितने किसानों के खातों में कितनी राशि का अंतरण किया गया? (ग) क्या प्रश्न (क) से संबंधित समितियों द्वारा स्थानीय बाजार व किसानों से अनाज खरीद कर बीज के रूप में विक्रय किया जा रहा है जिससे फसल की पैदावार बहुत कम हो रही है? इन समितियों के नियंत्रण की जवाबदेही किसकी है? क्या इसकी जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (घ) क्या यदि अप्रत्यक्ष रूप से किसान को अपने ही बीज को बोना है तो फिर महगे दामों पर समितियों से बीज क्रय करने की क्या आवश्यकता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) पन्ना जिले में किसानों को बीज उपलब्ध कराने हेतु 88 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों एवं 13 बीज उत्पादक सहकारी समितियां पंजीकृत है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का बीज उपलब्धता का स्त्रोत बीज निगम, बीज संघ एवं अन्य शासकीय/सहकारी संस्थायें है, जबकि पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारी समितियों का बीज उपलब्धता का स्त्रोत उनके द्वारा लिये गये बीज उत्पादन कार्यक्रम के कृषकों से प्राप्त बीज की मात्रा है। म.प्र.राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था भोपाल के द्वारा विभिन्न स्तरों पर भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानकों में निर्धारित मापदंडों के अनुसार बीज प्रक्षेत्र के निरीक्षण उपरान्त बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं में बीज नमूनों का भौतिक शुध्दता, अंकुरण, आर्द्रता, ओ.डी.व्ही. एवं बीज स्वास्थ्य परीक्षण आदि बीज परीक्षण में निर्धारित मानक स्तर का पाये जाने पर बीज की टैगिंग एवं पैकिंग के बाद किसान को बीज उपलब्ध कराया जाता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। इन समितियों के नियंत्रण की जवाबदेही सहकारिता विभाग की है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) इस प्रकार की स्थिति नहीं है।
फसल बीमा का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
99. ( क्र. 2045 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१५ एवं २०१६ में पन्ना जिले में कितने ऋणी कृषकों के बैंक खातों से कितनी-कितनी राशि काटकर फसल बीमा किया गया? तहसीलवार कृषक संख्या उपलब्ध करावें? (ख) पन्ना जिले में सूखे के कारण खरीफ वर्ष २०१५ में एवं रबी वर्ष २०१६ में फसल क्षति होने पर कितने किसानों को फसल बीमा का लाभ दिया गया? तहसीलवार, खरीफ एवं रबी मौसमवार कृषक संख्या बतावें? (ग) पन्ना जिले में वर्ष २०१५ में कितने बैंको द्वारा ऋणी किसानों के बैंक खातों से राशि काटकर फसल बीमा किया गया और कितने समय बाद वापस प्रीमियम राशि किसान के खातें जमा करा दी गई? क्या संबंधित बैंक द्वारा प्रीमियम राशि फसल बीमा करने के लिए काटी गई थी या किसानों के साथ बैंक द्वारा धोखा किया गया है? (घ) प्रश्न (ग) के संबंध में बैक द्वारा मात्र प्रीमियम राशि किसान के खाते में जमा कराने से क्या फसल बीमा का उद्देश्य पूरा हो जाता है? क्या ऐसे किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिलेगा? क्या यह बैंक एवं बीमा कंपनी की मिली भगत से किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं है? क्या इसकी जाँच कराई जाकर किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन संभाग में सहकारी समितियों में अनियमितता
[सहकारिता]
100. ( क्र. 2075 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग की कितनी सहकारी समितियों में वर्ष 2015-16 में कितने प्रकरण गबन अनियमितता के प्रकाश में आए तथा कितने दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रकरणों में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमे गबन राशि वसूली जा चुकी हैं? इनमें ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनमे जाँच उपरांत कर्मचारियों को दोषमुक्त किया गया? (ग) उक्त संभाग की उक्त अवधि में कितनी सहकारी समितियों का आडिट किया गया? कितनी संस्थाओं का प्रश्न दिनांक तक आडिट नहीं कराया गया एवं क्यों? (घ) उक्त अवधि में उक्त संभाग में कितनी नवीन संस्थाओं का रजिस्ट्रेंशन विभाग द्वारा किया गया, उसमें कितनी मृत हैं एवं कितनी कार्य कर रही है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 03 सहकारी संस्थाओं में 03 प्रकरण। 03 दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से शेष जानकारी निरंक है। (ग) उक्त अवधि में 6,355 संस्थाओं का अंकेक्षण किया गया तथा 15 संस्थाओं का अंकेक्षण शेष रहा। अंकेक्षण पूर्ण न होने का कारण संस्था द्वारा वित्तीय पत्रक एवं अभिलेख उपलब्ध नहीं कराना है। (घ) उक्त अवधि में संभाग में कुल 628 संस्थाओं का पंजीयन किया गया जिसमें से 473 संस्थायें कार्यरत तथा 155 संस्थायें अकार्यशील है।
रतलाम, मंदसौर जिले में किये गए कार्य
[जल संसाधन]
101. ( क्र. 2077 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उक्त विषयांकित जिलों में 1 जनवरी 2016 के पश्चात कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के विभाग द्वारा कराये गये? इनमें कितने कार्यों को लेकर किस-किस प्रकार की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ख) उक्त जिलों में किस-किस अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ 1 जनवरी 2015 के पश्चात किस-किस व्यक्ति संस्था द्वारा कब-कब शिकायत की गयी? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? (ग) उक्त जिलों में उक्त अवधि में विभाग द्वारा कितने कार्य स्वीकृत हुए कितने पूर्ण हुए कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों के पूर्ण नहीं होने के क्या कारण है? कब तक पूर्ण कर लिए जायेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1, 2 एवं 3'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4'' अनुसार है।
लाभान्वित कृषकों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
102. ( क्र. 2081 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तथा जयसिंहनगर तहसील में विकास हेतु शासन द्वारा राशि आवंटित की गई है। (ख) यदि प्रश्नांश 'क' हां, तो विगत जनवरी २०१४ से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है। वर्षवार कितने कृषकों को उपरोक्त आवंटित राशि से लाभांवित किया गया है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 2082 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 जनवरी से शहडोल लोक निर्माण संभाग अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न कार्यों के लिये किस-किस मद में कितनी राशि आवंटित की गई है? (ख) विगत जनवरी २०१४ से प्रश्न दिनांक तक आवंटित राशि में से किस-किस मद में व्यय की गई तथा क्या-क्या कार्य स्वीकृत किए गए कितने कार्य पूर्ण तथा कितने कार्य अपूर्ण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों की आय दोगुनी करने हेतु कार्य योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
104. ( क्र. 2087 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा आगामी 5 वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा क्या रोडमेप तैयार किया गया है? (ख) प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने के संबंध में सरकार द्वारा क्या-क्या निर्णय लिए गए हैं? कौन-कौन सी नयी योजनाएं या कार्यक्रम प्रारंभ किये गए हैं? (ग) क्या प्रदेश के किसानों द्वारा उनकी फसल की उत्पादित लागत मूल्य से डेढ़ गुना मूल्य दिलाये जाने की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो इस सम्बन्ध में शासन की क्या योजना है? क्या शासन ऐसे प्रावधान करेगा कि किसानों को उनकी फसल के उत्पादित लागत मूल्य से डेढ़ गुना मूल्य मिले?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा तैयार किये गये रोडमेप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। म.प्र. कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग का गठन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के तहत कृषि रथों का निर्माण एवं प्रचार प्रसार
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
105. ( क्र. 2088 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017 में आयोजित ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के तहत कृषि विभाग कृषि रथ तैयार कराये गए? यदि हाँ, तो कुल कितने कृषि रथ, किस उद्देश्य से तैयार कराये गए? इन कृषि रथों के निर्माण पर कुल कितनी राशि व्यय की गयी? किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? जिलेवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कृषि रथों के माध्यम से कहाँ-कहाँ, क्या-क्या गतिविधियों का आयोजन किया गया? कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदनों का निराकरण किया गया? कितने आवेदन निराकरण हेतु लंबित हैं? (ग) प्रदेश में मृदा परीक्षण हेतु कहाँ-कहाँ मृदा स्वास्थ्य परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गयी है? कहाँ-कहाँ मृदा परीक्षण हेतु किन-किन वैज्ञानिकों की नियुक्ति की गयी हैं? जिलेवार बतावें? (घ) प्रश्नाश (क) अनुसार श्योपुर जिले में मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कितने नमूने लिए गए? कितनों की जाँच की गयी? कितने जाँच में सही पाए गए? कितने कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गए? तहसीलवार बतावें? (ड.) प्रश्नाश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित अभियान की कृषि के क्षेत्र में क्या उपलब्धियां रहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्र की जा रही है।
टोलप्लाजा के अमित सिक्योरिटी एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 2091 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकासखंड हनुमाना स्थित मसुरिहा टोलप्लाजा के अमित सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा लगभग 35 मजदूरों से जबरन कार्य करने हेतु उन पर दबाव बनाया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उक्त मजदूरों द्वारा दिनांक 15.03.2017 को थाना हनुमना में जाकर शिकायत दर्ज कराई गई है? (ग) क्या स्थानीय किन्हीं नेताओं/दबंगों के दबाव में आकर पुलिस उलटा इन गरीब मजदूरों पर दबाव बनाकर कार्य करने हेतु मजबूर कर रहा हैं? (घ) क्या अमित सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा इन लेबरों से पिछले 13 माह से पी.एफ. के नाम पर हर महीने 1200/- रूपये वेतन में से काट लिया जाता है? क्यों कारण सहित बताएं? यदि अनैतिक तरीके से कटौती की जा रही है तो संबंधित एजेंसी के संचालक के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। म.प्र. सड़क विकास निगम लि. संभाग क्रमांक-1 रीवा द्वारा थाना प्रभारी, थाना हनुमना से जानकारी प्राप्त की गई। थाना हनुमना की पुलिस ने मुसरिहा टोल में जाकर दोनों पक्षों को विवाद न करने की समझाईश दी तथा मजदूरी एवं पी.एफ. के संबंध में मामला श्रम विभाग से संबंधित होने के कारण श्रम विभाग में जाकर निराकरण कराने को कहा गया। (घ) जी हाँ। ऐजिस कंपनी (अनुबंधकर्ता) से अनुबंधित अमित एजेंसी द्वारा नियमानुकूल पी.एफ. काटा जाता है। पी.एफ. काटा जाना श्रम विभाग के नियमों से संबंधित है। अतः तत्संबंध में शिकायत उपरांत नियमानुकूल कार्यवाही उनके द्वारा संपादित की जावेगी।
हरदा जिले में नहरों की लाईनिंग का कार्य
[जल संसाधन]
107. ( क्र. 2096 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा हरदा जिले में नहरों की लाईनिंग कार्य में ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखे जाने, तकनीकी अधिकारियों की टीम गठित कर लाईनिंग कार्य की जाँच कराई जाने, जाँच रिपोर्ट आने के पश्चात ही ठेकेदार को शेष भुगतान किये जाने, के संबंध में कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग जिला हरदा को लिखे गये पत्र क्रमांक 430 दिनांक 24.04.2017 जिसकी प्रतिलिपि प्रमुख अभियन्ता जल संसाधन विभाग भोपाल को प्रेषित की गई है एवं प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग भोपाल को लिखे गये पत्र क्रमांक 680 दिनॉंक 23.06.2017 जिसकी प्रतिलिपि मा. मंत्री महोदय, जल संसाधन विभाग, मुख्य सचिव, म.प्र. शासन भोपाल, प्रमुख अभियन्ता जल संसाधन, अधिक्षण यंत्री तवा नहर मंडल होशंगाबाद, कलेक्टर हरदा को प्रेषित की गई है पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश ''क'' अनुसार कार्य की जाँच तकनीकी अधिकारियों से कराई गई है? यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (घ) प्रश्नकर्ता को प्रश्नांश ''क'' अनुसार कार्य की तकनीकी स्वीकृति एवं सम्बधित ठेकेदार से किये गये एग्रीमेंट की छायाप्रति प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक उपलब्ध नहीं कराये जाने का क्या कारण है? कब तक उपलब्ध करा दिये जावेगें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। गुण-नियंत्रण अधिकारियों द्वारा की गई जाँच के प्रतिवेदनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) मा. विधायक द्वारा चाहे गये अभिलेखों की छायाप्रतियां दिनांक 28.06.2017 को कार्यपालन यंत्री द्वारा उपलब्ध करा दी गई है।
कम्प्यूटर पर कार्य करने वाले लिपिकों को एक अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ
[विधि और विधायी कार्य]
108. ( क्र. 2100 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के किस-किस न्यायालयीन निर्णय के प्रकाश के माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर एवं खंडपीठ इंदौर, ग्वालियर में कार्यरत सहायक ग्रेड-1, 2 एवं 3 व सेवानिवृत कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग, भोपाल के परिपत्र दिनांक 06.02.2006 के पैरा-9 के क्रम में एक वेतन वृद्धि स्वीकृत की गई है? (ख) क्या माननीय न्यायालय द्वारा शासन आदेश दिनांक-06.02.2006 के पैरा 9 की व्याख्या इस प्रकार की है कि ऐसे विभाग जहां कम्प्यूटर उपलब्ध हैं और उस विभाग में किसी भी कर्मचारी द्वारा एक वर्ष तक की अवधि तक कम्प्यूटर पर दैनिक निरन्तर कार्य किया या अभ्यास पूरा किया है तो ऐसे कर्मचारियों को एक अग्रिम वेतन वृद्धि स्वीकृत की जावेगी? यह वेतन वृद्धि प्रमाण-पत्र, प्रमाणीकरण के आधार पर स्वीकृत नहीं होगी अर्थात किसी भी कर्मचारी को प्रमाण-पत्र, प्रमाणीकरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित किये गये पत्र 6121 दिनांक 31.03.2017 पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की सूचना एवं पत्र की अभिस्वीकृति क्या प्रश्नकर्ता को प्रेषित की गई है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? प्रेषित पत्र पर कब तक कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के निम्नलिखित प्रकरणों में न्यायालयीन निर्णय के प्रकाश में उच्च न्यायालय, जबलपुर एवं खण्डपीठ इंदौर एवं ग्वालियर में कार्यरत सहायक ग्रेड-1, 2 एवं 3 व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग, भोपाल के परिपत्र दिनांक 06.02.2006 के पैरा-9 के क्रम में एक वेतन वृद्धि स्वीकृत की गई है:- 1- रिट पिटीशन क्रमांक12432/13 (महफूज अहमद विरूध्द शासन) 2- रिट पिटीशन क्रमांक 14002/16 (हेमंत सर्राफ विरूध्द शासन) 3- 10142/16 (अंचल खरे विरूध्द शासन) 4-10346/16 (प्रद्यूम्न बर्वे विरूध्द शासन) 5- 10717/16 (पुष्पेन्द्र कुमार जैन विरूध्द शासन) 6-10887/16 (श्रीमती मुक्ति मिश्रा विरूध्द शासन) 7- 10997/16 (यू.एस. दुबे विरूध्द शासन) 8-11207/16 (सुरेश कुमार रामजे विरूध्द शासन) 9- 11568/16 (रामपाल काछी विरूध्द शासन) (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 06.02.2006 के पैरा 9 के अनुसार ऐसे विभाग जहां कम्प्यूटर उपलब्ध है, में एक वर्ष में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने पर एक अग्रिम वेतन वृद्धि स्वीकृत की जाएगी। माननीय न्यायालय के आदेश के अनुसार ऐसे कर्मचारियों को एक अग्रिम वेतन वृद्धि की पात्रता के लिये किसी भी प्रमाण-पत्र पर निर्भरता की आवश्यकता नहीं है। (ग) प्रश्नकर्ता का पत्र 6121 दिनांक 31.03.2017 विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मण्डी बोर्ड के आय-व्यय की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
109. ( क्र. 2106 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत भीकनगांव, बमनाला, झिरन्या क्षेत्र में स्थापित मण्डियों में कितनी आय स्वरूप शुल्क प्राप्त हुआ तथा किस-किस माध्यम से शुल्क प्राप्त किया गया? कृपया वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 तक की जानकारी देवें? उपरोक्त प्राप्त शुल्क से कौन-कौन से निर्माण कार्य/प्रशासकीय मद एवं अन्य कार्यों मदों में व्यय किया गया कृपया मदवार/कार्यवार व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) वर्तमान में विकास कार्यों पर व्यय हेतु कितनी राशि मंडी बोर्ड के पास शेष है तथा क्या कार्य कराना प्रस्तावित है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मंडियों से राशि रू. 2061,11,135 शुल्क प्राप्त हुआ। मंडी शुल्क, अनुज्ञप्ति शुल्क, नगद एवं चैक के माध्यम से प्राप्त हुआ है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। मंडियों में निर्माण कार्य एवं अन्य मदों पर किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) विकास कार्यों के लिये राशि रू. 100.00 करोड़ का प्रावधान है। जिसके विरूद्ध प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन कार्यों का 35.61 करोड़ राशि विमुक्त की गई है। मंडी बोर्ड के पास उक्त मद में 64.39 करोड़ राशि शेष है। उक्त अवशेष राशि का व्यय स्वीकृत एवं वर्तमान में निमार्णाधीन कार्यों पर तथा मंडियों में अधोसंरचना विकास कार्यों पर कराया जाना प्रस्तावित है।
सब्जी मंडी एवं फल मंडी की नवीन व्यवस्था विषयक
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
110. ( क्र. 2117 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है नगरपालिका चंदेरी में सब्जी एवं फल मंडी सड़क पर लगती है? (ख) थोक सब्जी एवं फल मंडी को स्थान दिए जाने हेतु क्या कोई योजना शासन स्तर पर बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी एकत्र की जा रही है। (ख) चंदेरी में नवीन मंडी प्रांगण निर्माणाधीन है, कार्य पूर्ण होने पर पुरानी मंडी की जिंसो को नवीन प्रागंण में विपणन हेतु स्थानांतरित कर, पुराने रिक्त प्रांगण को थोक फल-सब्जी मंडी हेतु उपयोग करने पर विचार किया जा सकेंगा।
नवीन बांध का निर्माण
[जल संसाधन]
111. ( क्र. 2121 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर जिले एवं शिवपुरी जिले की सीमा पर उर नदी पर क्या कोई नवीन बांध बनाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है? (ख) यदि हाँ, तो क्या भूमि अधिग्रहण बिल के तहत किसानों से सहमति ली गयी है यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जो गांव इसके अंतर्गत आ रहे हैं उनके विस्थापन की क्या व्यवस्था की गयी है एवं किस प्रकार से जमीन का मुआवजा प्रदान किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, लोअर ओर परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। (ख) पर्यावरण स्वीकृति की प्रक्रिया अंतर्गत अलग-अलग स्थानों पर जन सुनवाई की गई एवं किसानों को इस परियोजना के बारे में बताया गया कि भू-अर्जन अधिनियम, 2013 के अनुसार मुआवजा भुगतान किया जावेगा। (ग) भू-अर्जन अधिनियम, 2013 व राज्य की आदर्श पुनर्वास नीति के अनुसार किसानों की सहमति की दशा में आपसी सहमति से भूमि क्रय की राज्य नीति के अनुसार भूमि का मुआवजा दिया जाएगा।
लिफ्ट केनाल के प्रोजेक्ट की जानकारी
[जल संसाधन]
112. ( क्र. 2122 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदेरी विकास खण्ड अंतर्गत राजघाट डेम से जो लिफ्ट केनाल का प्रोजेक्ट है वह कब तक आरंभ कर दिया जायेगा? (ख) इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों को सम्मिलित किया गया सूची सहित बतायें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) इस वित्तीय वर्ष के अगस्त माह में टेण्डर लगाये जाने की कार्यवाही की जाना प्रतिवेदित है। परियोजना के अंतर्गत लाभांवित ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बैकुण्ठपुर, देवास, लालगांव मार्ग के उन्नयन का कार्य पूर्ण होने की जानकारी
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 2126 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैकुण्ठपुर, देवास, लालगांव मार्ग उन्नयन के लिए कितने राशि की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है तथा उसके अतिरिक्त कितने राशि की पुनरीक्षित बजट स्वीकृति दी गई है? अनुबंध की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक प्राक्कलन के अनुसार किन-किन आइटमों में कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में लालगांव कश्वे (गांव) के कि. मी. 16/17 में क्या नाली निर्माण का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नाली निर्माण का कार्य कब तक पूरा करा दिया जायेगा? (घ) प्रश्नांश ''ख'' एवं ''ग'' के संदर्भ में कार्य की पूर्णता में देरी के लिए कौन जिम्मेदार है? उसके विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कोई नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनगवां से रघुराजगढ़ रोड के पैच मरम्मत की जाँच
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 2127 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनगवां से रघुनाथगंज रमपुरवा जिला रीवा के मार्ग के पैच मरम्मत के लिए कितने राशि की कार्यादेश जारी किया गया है? अनुबंध की प्रति के साथ संविदाकार की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में किस आदेश के तहत एन.आई.टी. के अनुसार कार्य हुआ कि नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के लिए कौन अधिकारी व संविदाकार दोषी हैं? दोषी के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) रू. 19.93 लाख का कार्यादेश जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संविदाकार का नाम मेसर्स मीनाक्षी कंस्ट्रक्शन बस स्टेण्ड मनगवां है। (ख) मार्ग पूर्णत: ध्वस्त होने के कारण अनुबंधित कार्य नहीं कराया गया। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई दोषी नहीं होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न नहीं उठता।
क्षतिग्रस्त मार्ग का सुधार
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 2130 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर- नरसिंहपुर- पिपरिया मार्ग पर दुल्हा देव से जबलपुर की ओर म.प्र.रोड डेव्लपमेंट कार्पों. द्वारा क्षतिग्रस्त मार्ग का सुधार कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस ठेकेदार द्वारा कार्य किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के द्वारा उक्त कार्य के संबंध में सुधार कार्य सही तरह से नियमानुसार न होने की शिकायत प्रबंध संचालक एम.पी. आर.डी.सी. भोपाल को की गई, यदि हाँ, तो उस पर क्यो कार्यवाही की गई? संपूर्ण विवरण देवे। (ग) सुधार कार्य में अनियमितता हेतु कौन दोषी है एवं उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। मेसर्स पी.एस. कंस्ट्रक्शन, लुधियाना (पंजाब) द्वारा मार्ग के 108 किलोमीटर में बी.टी. रिन्यूवल का कार्य किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में रबी एवं खरीफ की फसलों का बीमा राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
116. ( क्र. 2131 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के क्रेडिटधारी किसानों का वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में रबी एवं खरीफ की फसलों का बीमा किया गया था? यदि हाँ, तो किस कंपनी द्वारा किया गया? (ख) उक्त कंपनी द्वारा बीमा हेतु कितनी प्रीमियम वसूल किया गया? तहसीलवार जानकारी देंवे? (ग) क्या प्रभावित किसानों के बीमा के एवज में क्षतिग्रस्त फसलों की क्षतिपूर्ति के भुगतान हेतु प्रकरण लंबित है? यदि हाँ, तो कितने एवं क्यो? कब तक इनका भुगतान किसानों को कर दिया जाएगा? (घ) खरीफ 2015-16 में कितने लोगों ने ऋण लिया उनकी जानकारी देवें? कितने लोगों का प्रीमियम काटा गया है? कितने लोगों का प्रीमियम नहीं काटा गया है? यदि नहीं, काटा गया तो क्यों नहीं काटा गया? उनके नाम सहित जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रामपुरा जिला नीमच में सिविल न्यायालय भवन का निर्माण
[विधि और विधायी कार्य]
117. ( क्र. 2133 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल न्यायालय रामपुरा जिला नीमच में न्यायालय भवन बनाए जाने हेतु कितनी भूमि का आवंटन किस दिनांक को किया गया है? (ख) उक्त भवन निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) उक्त भवन का निर्माण अभी तक प्रांरभ न किए जाने के क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कलेक्टर नीमच के आदेश दिनांक 11.06.2011 के द्वारा रामपुर में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु सर्वे नंबर 444 पैकी रकबा 0.200 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। (ख) कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ग) राशि स्वीकृत न होने के कारण निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[जल संसाधन]
118. ( क्र. 2134 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुरा में गांधीसागर बांध के पानी रोकने हेतु जो रिंग वॉल बनाई गई है उसके बाहर कितनी भूमि सिंचाई विभाग के स्वामित्व की खुली पड़ी है? (ख) क्या उक्त खुली भूमि का उपयोग सिंचाई विभाग द्वारा किया जा रहा है? क्या उक्त भूमि पर कई व्यक्तियों द्वारा लगातार अतिक्रमण किया जाकर बहुमूल्य भूमि पर कब्जा किया जा रहा है? (ग) उक्त अतिक्रमण को रोकने के लिए कितने पत्र क्षेत्रीय विधायक द्वारा कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग नीमच एवं कलेक्टर जिला नीमच को लिखे गए हैं? उन पत्रों पर उक्त अधिकारियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है। (घ) यदि उक्त भूमि सिंचाई विभाग के प्रायोजन की नहीं है तो नगर परिषद् रामपुरा द्वारा नगर परिषद् भवन, बगीचे एवं विकास कार्यों हेतु उक्त भूमि की मांग किए जाने पर उसे आवंटित न किए जाने के क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 3.75 हे.। (ख) जल संसाधन विभाग द्वारा उक्त खुली भूमि का उपयोग स्थानीय नाले के बाढ़ के पानी को एकत्रित करने के लिए किया जाता है। यह सही है कि उक्त भूमि पर कई व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। (ग) उक्त भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए 03 पत्र मा. विधायक द्वारा कार्यपालन यंत्री तथा कलेक्टर जिला नीमच को लिखे गये थे, उन पत्रों पर विभाग द्वारा उक्त शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं को नोटिस जारी करने एवं अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) भूमि विभाग के उपयोग की है, अत: अन्य एजेंसी को आवंटित करने पर विचारण नहीं किया गया है।
माचक नहर परियोजना की खिरकिया 3 एल माईनर की लम्बाई बढ़ाये जाने
[जल संसाधन]
119. ( क्र. 2138 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खिरकिया, जिला-हरदा की माचक नहर परियोजना की 3 एल माईनर कहाँ से कहाँ तक स्वीकृत है। इसका निर्माण कहाँ से कहाँ तक किया गया है? (ख) क्या 3 एल माईनर का निर्माण कार्य 34 चेन तक कर कमाण्ड क्षेत्र के बीच में रोक दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उसका क्या कारण है और रोके गये निर्माण कार्य को कब प्रारंभ किया जावेगा और कब तक पूर्ण होगा? (घ) निर्माण कार्य अपूर्ण होने के कारण कितने कृषकों की कृषि भूमि सिंचाई से वंचित रह गई है। उन्हें कब तक सिंचाई का लाभ प्रदान किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) हरदा जिले की खिरकिया तहसील में खिरकिया नहर की 3 एल माईनर आर.डी. 0 से 1080 मीटर तक स्वीकृत है। इस माईनर का भू-अर्जन आर.डी. 0 से 990 मी. तक किया गया है, तदानुसार ही इस माईनर का निर्माण आर.डी. 0 से 990 मी. तक किया गया है। (ख) से (घ) 3 एल माईनर का निर्माण कार्य भू-अर्जन अनुसार आर.डी. 0 से 990 मीटर तक पूर्ण कराया जाना प्रतिवेदित है। आर.डी.990 मी. के पश्चात 22 कृषकों का लगभग 27 हे. कमाण्ड क्षेत्र शेष बचता है। इस शेष कमाण्ड क्षेत्र में माईनर के अंतिम छोर से सिंचाई नाली निर्माण उपरांत सिंचाई का लाभ प्रदान किया जाएगा। अत: शेष नहर के निर्माण की आवश्यकता नहीं है।
गांव की नाली निर्माण
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 2154 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के अंतर्गत देहरदा-ईसागढ़ मार्ग के ग्राम खतौरा, पीरोंठ एवं पचावली में सड़क की ऊँचाई अत्याधिक होने के कारण सड़क के दोनों तरफ साइड की गांव की नाली पानी निकासी हेतु निर्माण कराया जाना स्वीकृत/प्रस्तावित है? (ख) उक्त ग्रामों में साइड की गांव की नाली का निर्माण कब तक कराया जावेगा? जिससे बरसात का पानी गांव में न भर सकें और गांव में बाढ़ की स्थिति न बन सकें? निश्चित समयावधि बताएं? (ग) ग्राम खतौरा, पीरोंठ एवं पचावली में साइड की गांव की नालियों का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? अभी तक नाली निर्माण न कराए जाने के लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही एवं कब तक करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, यह नवनिर्मित सड़क की ऊँचाई पूर्व में निर्मित सड़क की ऊँचाई के अनुसार ही है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा देहरदा- ईसागढ़ मार्ग (एस.एच.-10) को विकसित करने का कार्य बी.ओ.टी. (टोल एवं एन्युटी) योजना में किया जा रहा है। इस कार्य के अन्तर्गत मार्ग पर स्थित ग्राम खतौरा, पीरोठ एवं पचावली के बस्ती क्षेत्र में नाली निर्माण का कार्य स्वीकृत है। यह कार्य सड़क की ऊँचाई के कारण नहीं वरन प्रारंभ से ही इस परियोजना में स्वीकृत है। (ख) उक्त ग्रामों में मार्ग के किनारे नाली निर्माण का कार्य करने हेतु कंसेशनायर मेसर्स गंगोत्री देहरदा-ईसागढ़ टोलवेज प्रा.लि. लखनऊ को निर्देशित किया गया है। कार्य पूर्ण करने हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) ग्राम खतौरा, पीरोंठ एवं पचावली में सड़क के किनारे अनुबंधानुसार नाली निर्माण करने हेतु कंसेशनायर को निर्देशित किया गया है। नाली निर्माण करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अभी तक नाली निर्माण न कराये जाने हेतु कंसेशनायर मेसर्स गंगोत्री देहरदा-ईसागढ़ टोलवेज प्रा.लि. लखनऊ दोषी है। दोषी कंसेशनायर से पेनल्टी की राशि वसूली हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
चंदेरी एवं मगांवली क्षेत्र के ग्रामों में स्वीकृत सिंचाई परियोजना से सिंचित रकबा
[जल संसाधन]
121. ( क्र. 2155 ) श्री रामसिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 9 मार्च, 2017 को ता.प्रश्न क्रमांक 1726 के संदर्भ में 389.77 करोड़ की 20000 हेक्टेयर की सिंचाई को चंदेरी तहसील के 6105 सिंचाई 24 गांव मुंगावली क्षेत्र के 53 गांव (सिंचाई 13895 हेक्टेयर) के गांवो के नाम, प्रत्येक गांव में होने वाली सिंचाई का रकबा बतावें? (ख) कब तक उक्त योजना का टेण्डर हो जाएगा व कार्य प्रारंभ हो जाएगा व कब तक पूरा करने की योजना हैं? (ग) क्या उपरोक्त गांवो में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से समन्वय कर पेयजल योजनाएं बनाने में भी सिंचाई विभाग सहयोग देगा? (घ) क्या उक्त दोनों नवीन मार्ग बन जाने से क्षेत्रीय जनता को व्यापक लाभ होगा एवं सुदूर सम्पर्क बढ़ेगा जैसे झांसी-कोटा मार्ग शिवपुरी-श्योपुर मार्ग से यू-टाईप के बजाए सीधे एच-टाईप में जुड़ जाएगा? जिसे ध्यान में रखते हुए क्या शासन यथाशीघ्र इन नवीन मार्गों की स्वीकृति प्रदान करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चंदेरी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के अंतर्गत लाभांवित ग्रामों एवं उनका रकबा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस वित्तीय वर्ष में अगस्त माह में टेण्डर लगाये जाने की कार्यवाही की जाना प्रस्तावित है निर्माण एजेंसी के निर्धारण करने के उपरांत तीन वर्ष में कार्य पूर्ण किये जाने की संभावना है। (ग) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा सहयोग चाहे जाने पर दिया जाएगा। (घ) प्रश्नांश इस विभाग से संबंधित नहीं है।
मण्डियों में गेहूं की खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
122. ( क्र. 2159 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मण्डियों में किसानों से माल/जिंस व्यापारी खरीदता है तो उसे 14 दिन में मण्डी शुल्क देना पड़ता है? (ख) क्या म.प्र. में सहकारी समितियों द्वारा गेहूं खरीदी किसानों से की जाती है तो समितियों द्वारा चार-चार माह में मण्डी शुल्क दिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार सहकारी समितियों द्वारा मण्डी शुल्क चुकाने में ऐसा क्यो किया जाता है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त समस्या का निराकरण कब तक किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 (क्रमांक 24 सन् 1973) की धारा 19 (ख) के अंतर्गत 14 दिवस की समयावधि में अथवा धारा 19 (6) एवं (4) के अंतर्गत परिवहन से पूर्व मंडी शुल्क जमा किया जाने का प्रावधानित है। (ख) राज्य शासन द्वारा ऐसी अधिसूचित कृषि जिंस जिनका समर्थन मूल्य घोषित है सहकारी समितियों के माध्यम से क्रय किया जाता है जिसमें शासन के निर्देशानुसार समाशोधन उपरांत सहकारी समितियों से मंडी फीस प्राप्त होती है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
चन्दला विधानसभा क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 2160 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग संभाग छतरपुर द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक चन्दला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किस-किस मार्ग के लिये मरम्मत हेतु राशि जारी की गई एवं उक्त राशि किस-किस मद से क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराये गये? (ख) वर्तमान में लोक निर्माण विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र चन्दला अंतर्गत कितनी रोड़ों/मार्गों का रख-रखाव किया जा रहा है उक्त मार्गों की वर्तमान में क्या स्थिति है सूची उपलब्ध करावें? (ग) वर्तमान में चन्दला विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभाग द्वारा किस कार्य एजेंसी से मरम्मत व रखरखाव आदि का कार्य कराया जा रहा है? ठेकेदार का नाम व पता, सहित जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार तथा म.प्र. सड़क विकास निगम के अन्तर्गत आदेश क्रमांक एफ 58/2/2016/19/यो/5142 दिनांक 04-9-2016 द्वारा निम्न मार्गों को नवीन राज्य मार्ग घोषित किया गया है:- 1- चंदला-सरवई-गौरिहार-चंद्रपुरा यूपी सीमा तक 2- चंयदला-बछौन 3-राजनगर-बछौन 4- गढीमलेहरा-लौंडी। उक्त मार्गों पर कोई भी संधारण या रख-रखाव का कार्य नहीं किया गया है। (ख) लोक निर्माण विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार तथा म.प्र. सड़क विकास निगम के अन्तर्गत एडीबी 5ए एम.पी.डी.आर.-2 –एस.पी., पैकेज-10 परियोजना के अंतर्गत चंदला विधानसभा क्षेत्र में राजनगर से बछौन मार्ग का निर्माण प्रचलन में है, मार्ग की 12.00 कि.मी. लंबाई चंदला विधानसभा क्षेत्र में आती है। (ग) लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत किसी भी एजेन्सी से मरम्मत व रख-रखाव का कार्य नहीं कराया जा रहा है तथा म.प्र. सड़क विकास निगम के अन्तर्गत एडीबी-5 के अंतर्गत राजनगर से बछौन मार्ग का निर्माण मेसर्स आई एल एण्ड एफएस ट्रसपोर्टेशन नेटवर्कस लि. मे. आई.एल. एण्ड एफ.एस. इंजीनियरिंग एण्ड कंस्ट्रक्शन कंपनी लि. (जेव्ही), प्लॉट नं. सी-22, जी ब्लॉक, बांद्रा, कुर्ला कॉम्प्लेक्स, वांद्रा ईस्ट, मुम्बई द्वारा किया जा रहा है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
124. ( क्र. 2167 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग का सेतु उप संभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से करवाये गये, नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विधानसभा क्षेत्रवार, विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं कितने अपूर्ण हैं उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें। अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें ब्लाक/जिला स्तर पर लिखित/मौखिक प्राप्त हुई शिकायतों का विवरण देते हुये बताये कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की गई एवं जाँच पश्चात क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग के अंतर्गत कार्य पूर्ण किये बिना कोई अधिक भुगतान नहीं किया गया है। वर्तमान में प्रगतिरत या कार्यों की अनुबंधित अवधि शेष है, दण्डात्मक कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभाग में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
125. ( क्र. 2168 ) श्री मधु भगत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.आर.डी. विभाग जिला बालाघाट में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये, नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विधानसभा क्षेत्रवार, विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस-किस कार्य को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक का चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया वर्षवार कार्यवार भुगतान की गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं, जिनके पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देवें। अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें ब्लॉक/जिला स्तर पर लिखित/मौखिक प्राप्त हुई? शिकायतों का विवरण देते हुए बतायें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की गई एवं जाँच पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत कोई कार्य अपूर्ण नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायते जिला स्तर पर तीन एवं राज्य स्तर पर एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
पेंच बांध माचागोरा के पुनर्वास में उपयोग पानी और खोदे गये नींव की जानकारी
[जल संसाधन]
126. ( क्र. 2177 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच बांध माचागोरा जिला छिंदवाड़ा के डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों में निवासरत नागरिकों को कहाँ-कहाँ पर कितने-कितने परिवारों को पुनर्वासित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में पुनर्वास के दौरान किन-किन व्यक्तियों के मकान निर्माण हेतु कितना फुट गहरा और चौड़ा व लम्बा नींव खुदवाया गया औन नींव खुदवाने के एवज में किसे कितनी राशि कब-कब भुगतान की गई? कॉलोनीवार, व्यक्तिवार जानकारी दें। (ग) क्या पुनर्वासित कॉलोनियों में परिवारों को उनके मकान निर्माण हेतु या पेयजल हेतु पानी का वितरण किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन कॉलोनियों के कितने परिवारों को कब कितनी मात्रा में पानी मकान निर्माण हेतु और कितना पानी पेयजल हेतु अब तक प्रदाय किया गया तथा इसके एवज में कितनी राशि कब किसे भुगतान की गयी? जल वितरण की रसीद व जल वितरण एवं भुगतान से संबंधित समस्त दस्तावेजों के विवरण सहित जानकारी दें। (घ) उक्त कार्य में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी एवं कौन-कौन सी एजेंसी किस अवधि में संलग्न थी? नाम, पदनाम एवं पता सहित जानकारी दें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं द अनुसार है।
नवीन सड़कों की स्वीकृति एवं पुरानी सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 2194 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत जिले की सीमा से अन्तर्राज्यीय सड़कों, अंतर जिला सड़कों के बमोरी तथा गुना ब्लॉक के अंतर्गत ग्रामीण सड़कों के कोई प्रस्ताव प्राक्कलन विभाग और शासन में लंबित है? यदि हाँ, तो कौन से? (ख) क्या गुना एवं बमोरी ब्लॉक की निर्मित सड़कों लोक निर्माण विभाग की सड़कों की मरम्मत वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनांक तक कराने हेतु कितनी सड़कें पेंडिंग है, कब तक करायेंगे? (ग) क्या गुना जिले लोक निर्माण की सड़कों प्र.म.ग्रा.यो. तथा प्रधानमंत्री सड़कों के बीच लिंक रोड बनाने के कोई प्रस्ताव विभाग द्वारा बनाये है, क्या विभाग लिंक रोड सड़कों के प्रस्ताव बनायेगा? कब तक बना कर उनकी स्वीकृति प्रदान करेंगे। (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित तथ्यों के प्रस्ताव यदि पेंडिंग है तो विभाग समीक्षा करके आवश्यकतानुसार कार्यवाही करेगा? क्या मरम्मत होने वाली सड़कों का उत्तरदायित्व निर्माण एजेंसी का है या विभाग का कौन उत्तरदायी है? क्या विभाग कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) गुना-अशोकनगर मार्ग के कि.मी. 1 एवं 2 में सड़क मरम्मत कार्य एवं बमोरी ब्लाक में गुना-फतेहगढ़-पारौन मार्ग पर कि.मी. 31 से 60 के मध्य चिन्हित स्थानों पर सड़क मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। ठेकेदार के द्वारा किये गये कार्यों के रख-रखाव का दायित्व अनुबंध शर्त अनुसार ठेकेदार है एवं विभाग के अधीन मार्गों के रख-रखाव का दायित्व विभाग का है। जी नहीं।
मजियादण्ड से डोंगरिया माइनर को 25 चैन आगे बढ़ाया जाये
[जल संसाधन]
128. ( क्र. 2224 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव सागर परियोजना जिला बालाघाट के अंतर्गत मुरझड़ डिस्ट्रीब्यूटरी के डोंगरिया माइनर का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। (ख) यदि हाँ, तो डोंगरिया तक पानी पहुंचाने हेतु 25 चैन की खुदाई कार्य कब तक किया जायेगा जिससे डोंगरिया तक पानी पहुंचाया जा सके। (ग) क्या मुरझड़ डिस्ट्रीब्यूटरी के अंतर्गत अमई केनाल वी 7 चैन खुदाई शेष है। (घ) यदि हाँ, तो कब तक 7 चैन खुदाई कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा करा लिया जावेगा।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। मुरझड़ डिस्ट्रीब्यूटरी के डोंगरिया माईनर तक पानी पहुंचाने हेतु 80 चैन में से 72 चैन का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाना प्रतिवेदित है। जिससे डोंगरिया ग्राम के अधिकांश क्षेत्र में सिंचाई हेतु पानी पहुंचाया जाता है। स्थानीय कृषकों के विरोध के कारण 25 चैन नहीं अपितु शेष 8 चैन का निर्माण कार्य शेष होने के कारण आंशिक रकबे में पानी नहीं पहुंचता है। (ग) से (घ) जी हाँ। मुरझड़ वितरक नहर के चैन क्रमांक-221 से निकलने वाली अमई माईनर की लंबाई 68 चैन है, जिसमें से 61 चैन तक नहर निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है। शेष 07 चैन की खुदाई का कार्य दिसंबर-2017 तक पूर्ण कर लिया जावेगा।
धनौरा विकासखंड की सड़कें
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 2231 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 मुख्य जिला सड़क योजना में केवलारी विधान सभा क्षेत्र की कितनी सड़कों को सम्मिलित किया गया है? इस योजना में कितनी सड़कें सम्मिलित करना प्रस्तावित है? (ख) विकासखण्ड धनौरा में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कितनी सड़कें कहाँ से कहाँ तक है? इन सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार विकासखण्ड धनौरा की सड़कें अत्यंत जर्जर हो चुकी है, जिनमें निर्माण कार्य व मरम्मत कार्य वर्षों से नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 2017-18 मुख्य जिला सड़क योजना में केवलारी विधानसभा क्षेत्र की कोई सड़क सम्मिलित नहीं है और न ही कोई प्रस्तावित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दो लाख रूपये से अधिक के कार्य
[जल संसाधन]
130. ( क्र. 2232 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र केवलारी में दिनांक 01.04.2013 से 31.03.2017 तक दो लाख रूपये से अधिक राशि वाले क्या-क्या कार्य किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त समयानुसार मेन्टेंस पर किस-किस स्थान पर किस-किस प्रकार के कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्रों का किस-किस नाम/पद नाम द्वारा जारी किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) प्रश्नांतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' एवं ''2'' अनुसार है।
गृह निर्माण समिति की भूमि का सीमांकन
[सहकारिता]
131. ( क्र. 2241 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्र. 610, दिनांक 22.02.2017 के उत्तरांश (ख) में बताया था कि तहसीलदार नजूल कोतवाली जबलपुर द्वारा दिनांक 03.02.2017 को 5 सदस्यीय दल का गठन उक्त भूमि के सीमांकन/कब्जे की जानकारी हेतु किया गया है? प्रतिवेदन अप्राप्त है? तो उक्त भूमि का सीमांकन कर सीमा चिन्हित कब तक की जावेगी एवं कब्जा प्रतिवेदन कब प्राप्त होगा? (ख) राजस्व नियमानुसार खसरों में नाम दर्ज होने की कितनी अवधि बाद राजस्व नक्शों में बटान (विभाजन रेखा) दर्ज हो जानी चाहिये? प्रश्नांश (क) की उक्त भूमि के राजस्व नक्शों में बटान (विभाजन रेखा) अब तक दर्ज क्यों नहीं हुई? कब तक होगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। तहसीलदार नजूल कोतवाली जबलपुर द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार शासकीय शिक्षक कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित जबलपुर का सीमांकन दिनांक 13.02.2016 को राजस्व विभाग द्वारा किया जाकर प्रमाणीकरण दिनांक 21.03.2016 को किया जा चुका है। सीमांकन उपरान्त सीमा चिन्हों की जानकारी संस्था प्रशासक को मौके पर दी जा चुकी है। कब्जा प्रतिवेदन अप्राप्त है। (ख) तहसीलदार नजूल कोतवाली जबलपुर द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार राजस्व नियमानुसार खसरे में नाम दर्ज होने के साथ-साथ ही नक्शे का बटांकन (विभाजन रेखा) दर्ज किये जाने का प्रावधान है। यदि किसी खसरे में बटांकन नहीं हुआ है तो आवेदक के आवेदन पत्र पर सीमा चिन्हों का मिलान किये जाने के उपरान्त बटांकन दर्ज कर दिया जाता है। शासकीय शिक्षक कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित जबलपुर द्वारा छोटे-छोटे भूखण्ड सदस्यों को विक्रय किये जाने एवं भूखण्डों का रकबा कम होने पर प्रचलित नक्शें के पैमाने पर बटांकन किया जाना संभव नहीं है। इस संबंध में आयुक्त सहकारिता के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/गृह निर्माण/2017/530 दिनांक 12.7.2017 से कलेक्टर जिला जबलपुर से वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन चाहा गया है, प्रतिवेदन अपेक्षित है।
लघु सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
132. ( क्र. 2251 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी वि.स. क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली परी चरगंवा बिजौरा लघु सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति हेतु शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो लघु सिंचाई योजनाओं को कब तक शासन को स्वीकृति प्रदान करेगा? (ख) बरगी वि.स. क्षेत्र की टेमर स्टाप डेम निर्माण परियोजना को स्वीकृति हेतु शासन को कब प्रेषित किया गया है? उक्त स्टॉप डेम के निर्माण की शासन कब तक स्वीकृति प्रदान करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) पटी चरगवां, बिजोरा बाँध परियोजना तथा टेमर नदी स्टॉप डेम सह-रपटा परियोजना के डी.पी.आर. बनाये जाने हेतु साध्यता आदेश दिनांक 12.07.2017 को निर्गत कर दिये गये हैं।
रमपुरी लघु सिंचाई परियोजना को स्वीकृत करने
[जल संसाधन]
133. ( क्र. 2252 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी वि.स. क्षेत्र के विकास कार्यों हेतु चरगंवा क्षेत्र की माननीय मुख्यमंत्री की घोषणाओं में सम्मलित लघु सिंचाई परियोजना, रमपुरी की स्वीकृति की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) उक्त परियोजना की शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) रमपुरी जलाशय योजना का कैचमेंट क्षेत्र मात्र 1.11 वर्ग कि.मी. होने के कारण परियोजना विभागीय मापदण्डों पर साध्य नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।
भूमि की जानकारी
[सहकारिता]
134. ( क्र. 2253 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 610 दि. 22/2/2017 के उत्तर (ख) की जानकारी में प्रतिवेदन अप्राप्त होने का लेख किया है? क्या उक्त प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो विवरण देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, तहसीलदार कोतवाली जबलपुर से सीमांकन प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है, संस्था की भूमि पर अतिक्रमण संबंधी प्रतिवेदन के संबंध में संस्था के प्रभारी अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि संस्था के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु आरक्षित 19,200 वर्गफुट भूमि में से लगभग 10,000 वर्गफुट भूमि पर अवैध अतिक्रमण है। प्राप्त सीमांकन प्रतिवेदन में संस्था की सीमाएं कहाँ से कहाँ तक है, की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से, संस्था के प्रभारी अधिकारी द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, कोतवाली जिला जबलपुर को सूचित किया गया है। संस्था की भूमि की सीमाएं स्पष्ट होने के पश्चात ही अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार। कलेक्टर जिला जबलपुर से वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन प्राप्त करने हेतु आयुक्त सहकारिता के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/गृह निर्माण/2017/537 दिनांक 13.7.2017 से जानकारी चाही गयी है।
किसानों को प्रदाय ऋण
[सहकारिता]
135. ( क्र. 2262 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा किसानों को बिना ब्याज के ऋण देने के नियम हैं? यदि हाँ, तो नियम की जानकारी उपलब्ध करावें? आदेश की प्रति देवें? (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छतरपुर द्वारा दिनांक 01.01.2014 से मार्च 2017 तक कितने किसानों को बिना ब्याज के कितनी-कितनी राशि का ऋण दिया गया हैं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) राज्य शासन द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालीन फसल ऋण दिये जाने की योजना संचालित है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
दोषियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
136. ( क्र. 2266 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4838 दिनांक 09.03.2017 में उत्तर दिया गया था कि उत्तरांश (ख) अनुसार जाँच आदेशित की गई है? उपायुक्त सहकारिता की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के समिति प्रबंधक का सीधे प्रभार देने के अधिकार नहीं है? शेष जाँच निष्कर्षाधीन है तो उक्त प्रकरण में जाँच के आदेश कब एवं किसके द्वारा दिये गये हैं? उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या जाँच करने वाले अधिकारी द्वारा जाँच कर कार्यवाही प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है? हां या नहीं। यदि हाँ, तो कार्यवाही प्रतिवेदन के प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों। क्या शासन विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा यदि हाँ, तो कब तक।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। दिनांक 28.02.2017 को कार्यालय आयुक्त सहकारिता द्वारा। जाँच हेतु जारी पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन अनुसार समिति प्रबंधक के पद का प्रभार तत्कालीन उप आयुक्त सहकारिता श्री अखिलेश निगम द्वारा दिया गया है, श्री निगम से स्पष्टीकरण प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बीज उत्पादन एवं कमीशन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
137. ( क्र. 2267 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की जिला छतरपुर में पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारी संस्थाये, समृद्धि बीज उत्पादक बिजावर, अंकुर बीज उत्पादक छतरपुर, जटाशंकर बीज उत्पादक महेबा, समितियों द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक फसल चक्र अनुसार वर्षवार कितना-कितना बीज उत्पादन का लक्ष्य लिया जाकर कितने किसानों से बीज क्रय किया गया था? क्या उक्त कृषकों को उनका कमीशन मुनाफा/अनुदान चेक से भुगतान किया गया? किसानों की वर्षवार संख्या व भुगतान राशि बताएं? (ख) उक्त समितियों द्वारा जून 2015 से जून 2017 तक कितना बीज डबल लॉक से और कितना बीज सीधा किसानों को उपलब्ध कराया गया? क्या किसानों द्वारा बीज संबंधी शिकायत कलेक्टर छतरपुर और सहकारिता व कृषि विभाग को की गई थी उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? क्या समितियों के द्वारा किसानों के साथ की जा रही धोखाधड़ी के संबंध में कार्यवाही की जा रही है यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या बीज उत्पादक समितियों को शासन से कमीशन प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो कितना?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जिला छतरपुर में पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारी संस्थायें, समृद्धि बीज उत्पादक बिजावर, अंकुर बीज उत्पादक छतरपुर, जटाशंकर बीज उत्पादक महेबा, समितियों द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक फसल चक्र अनुसार वर्षवार लिये गये बीज उत्पादन कार्यक्रम संबंधी एवं किसानों को भुगतान की गई अनुदान राशि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) उक्त समितियों द्वारा जून 2015 से जून 2017 तक किसानों को बीज उपलब्ध कराने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। जी हाँ किसानों द्वारा उक्त समितियों में से समृद्धि बीज उत्पादक एवं क्रय विक्रय सहकारी समिति बिजावर की शिकायत रबी वर्ष 2016-17 में किसानों में गेहूं बीज में कम अंकुरण के संबंध में विभाग को प्राप्त हुई थी। उक्त शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है जिसका विस्तृत विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) जी नहीं।
उद्यानिकी मिशन एवं राज्य घोषित योजना की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
138. ( क्र. 2268 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में राज्य उद्यानिकी मिशन योजना एवं राज्य पोषित योजनान्तर्गत मल्चिंग फिल्म लगाये जाने के क्या प्रावधान थे? इस योजना में उक्त वर्षों में कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि में उद्यानिकी मिशन योजना एवं राज्य पोषित योजना अंतर्गत मल्चिंग फिल्म लगाने के लिए एम.एग्रो. या संबंधित कंपनी को अनुदान राशि का भुगतान किया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में जिला मण्डला अंतर्गत विकासखण्डवार, पंचायतवार एवं वर्षवार लाभांवित हितग्राहियों की संख्या उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन योजना अंतर्गत मल्चिंग फिल्म लगाने के लिए निर्धारित इकाई लागत प्रति हेक्टेयर रूपये 32,000/- का 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 2 हेक्टेयर तक पात्र कृषकों को अनुदान का प्रावधान है। वर्ष 2014-15 में 2691, 2015-16 में 14117 एवं वर्ष 2016-17 में 1804 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन योजना में मण्डला जिले में कोई भी कृषक लाभांवित नहीं है।
थांवर परियोजना से सिंचाई किये जाने
[जल संसाधन]
139. ( क्र. 2269 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड नैनपुर में थांवर परियोजना से सिंचाई हेतु पानी पड़ोसी जिला बालाघाट को दिया जाता है? यदि हाँ, तो किस नियम के प्रक्रिया के तहत एवं क्यों? (ख) क्या थांवर परियोजना अंतर्गत सिंचाई का रकबा बढ़ाने की जनमांग के रूप में दाईतट नहर निर्माण, जांमगांव, ईश्वरपुर पंचायत क्षेत्र सहित संपूर्ण पठार क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था बनाने की मांग की गई है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित विभागीय कार्य योजना की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में जनता की मांग कब तक पूरी हो जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। मण्डला जिले के विधान सभा क्षेत्र मण्डला विकासखण्ड नैनपुर की थांवर परियोजना से खरीफ एवं रबी सिंचाई हेतु आवश्यक जल को सुरक्षित रखते हुए शेष उपलब्ध पानी से विषम परिस्थिति में ही मांग अनुसार बालाघाट जिले को पानी दिया जाता है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। परियोजना की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने के कारण जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
गौण खनिज एवं रायल्टी की जानकारी
[लोक निर्माण]
140. ( क्र. 2279 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिला अंतर्गत जबलपुर से मण्डला एवं बिछिया-चिल्पी सड़क मार्ग (NH-12A) के निर्माण का ठेका मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन के पास है? यदि हाँ, तो सड़क निर्माण हेतु आवश्यक मुरम एवं गिट्टी, पत्थर कहाँ से प्राप्त की जा रही है? ग्राम पंचायतवार, विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्माण कंपनी के द्वारा उक्त मुरम एवं पत्थर, गिट्टी की किस दर से एवं कितने घन मीटर की कितनी रायल्टी खनिज विभाग में जमा की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। मण्डला जिला अंतर्गत मण्डला से चिल्पी मार्ग खण्ड (पैकेज-3) रा.रा.-12 'ए' के कि.मी. 89/6 से कि.मी. 192/4 तक) का उन्नयन एवं सुद्दढ़ीकरण का कार्य मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन लि. भोपाल द्वारा किया जा रहा है। मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन लि. द्वारा पैकेज-3 हेतु प्राप्त की जा रही मुरूम, गिट्टी एवं पत्थर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
कृषि साख सहकारी समिति चीनौर में हुये भ्रष्टाचार की जाँच
[सहकारिता]
141. ( क्र. 2285 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की कृषि साख सहकारी समिति चीनौर में हुये भ्रष्टाचार की जाँच हेतु दल प्रभारी द्वारा सहायक पंजीयन (अंके) सहकारी संस्थायें जिला ग्वालियर को उनके संदर्भित पत्र क्र. कार्यालयीन पत्र क्र. 858 दिनांक 8/10/2013 के पालन में जो रिपोर्ट दी गई थी उसकी प्रति उपलब्ध करावें। उसमें कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी कितनी-कितनी राशि के लिये आरोपित दोषी पाये गये थे, उनके नाम, पद सहित स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रस्तुत रिपोर्ट दिनांक से प्रश्न दिनांक तक दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या-क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई? इसके लिये किस-किस वरिष्ठ अधिकारी द्वारा लापरवाही एवं दोषियों के बचाव हेतु जाँच रिपोर्ट में हेरा-फेरी की गई है, उनके नाम स्पष्ट करें? (ग) क्या अब दोषियों के प्रति एवं दोषियों के प्रति बचाव करने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रतिवेदन अनुसार श्री द्वारिका प्रसाद शर्मा समिति प्रबंधक, श्री सुरेश शर्मा सहायक, श्री सुरेन्द्र सविता भृत्य, तत्कालीन बैंक पर्यवेक्षक, तत्कालीन शाखा प्रबंधक तथा समिति का तत्कालीन संचालक मंडल संयुक्त रूप से राशि रू. 6,37,87,284.26 के लिए दोषी पाये गये है। (ख) दोषियों के विरूद्ध सहकारी अधिनियम की धारा 58-बी के अंतर्गत वसूली के प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जो विचाराधीन है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित, चीनौर के ऋण वितरण के संबंध में आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो, ग्वालियर शाखा द्वारा प्रकरण क्रमांक 252/10 दर्ज कर विवेचना की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों की जाँच कराने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
142. ( क्र. 2286 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी समिति लश्कर, ग्वालियर द्वारा कृषि उप-मण्डी मोहना में अभी वर्तमान में जो बाऊण्ड्रीवॉल, कम्पाउन्डवाल, एप्रोच डब्ल्यू.वी.एम. रोड, कार्यालय भवन, आंतरिक डब्ल्यू.बी.एम.सड़क या अन्य निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के किस-किस यंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री के सुपरवीजन में किस-किस ठेकेदार/ऐजेन्सी द्वारा निर्माण कराया जा रहा है तथा कराया गया है वर्तमान में इन निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जो निर्माण कार्य कराये गये है तथा कराये जा रहे हैं उन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बहुत ही ज्यादा खराब है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? क्या दोषी के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्या भोपाल से किसी वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष इन निर्माण कार्यों की जाँच कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब? (ग) कृषि उपज मंडी मण्डी लक्ष्मीगंज लश्कर के पीछे जो 86.36 लाख रूपये की लागत से निर्माण कराया गया था निर्माण किस दिनांक को पूर्ण हुआ उस दिनांक से प्रश्न दिनांक तक इस निर्माण का क्या उपयोग हुआ है? निर्माण बहुत ही खराब गुणवत्ता का था जो पूरी तरह उखड़ गया है तथा उखड़ रहा है इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/ अधिकारी दोषी है क्या इसकी जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में सभी निर्माण कार्य प्रगतिरत हैं तथा तकनीकी अधिकारियों के सुपरविजन में कार्य कराये जा रहे है। निर्माण कार्यों के मटेरियल का परीक्षण प्रयोगशाला में कराया गया है, टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर कार्य मानक स्तर का है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) कृषि उपज मंडी समिति लक्ष्मीगंज लश्कर सब्ज़ी मंडी प्रागंण में डब्ल्यू.बी.एम. रोड सह डामरीकरण निर्माण कार्य कराया गया है वह दिनांक 09.06.2016 को पूर्ण किया गया है, प्रांगण पूर्व से अविकसित था वर्तमान में उक्त प्रांगण में नवीन कार्य कराये जा रहे है तथा आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने को दृष्टिगत रखते हुये अन्य कार्य भी प्रस्तावित किये गये है। विकास कार्यों के पूर्ण होने पर ही उनका समुचित उपयोग किया जा सकेगा। उपरोक्त कार्य मानक स्तर का कराया गया है तथा वर्तमान में भौतिक स्थिति संतोषप्रद है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सहकारी बैंकों से लिये गये ऋण
[सहकारिता]
143. ( क्र. 2298 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा सहकारी बैंकों से लिये गये खाद एवं बीज खरीद पर कृषकों द्वारा लिये गये अल्पकालीन कृषि ऋणों को तय समयावधि में वापस जमा करने पर कर्ज की राशि पर 10 % छूट प्रदान करने की घोषणा वर्ष 2008 में की गई है? यदि हाँ, तो यह योजना कब से किन शर्तों के अधीन कहाँ-कहाँ पर प्रभावशील है? नियम एवं आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छूट योजना के अंतर्गत अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के किन-किन सेवा सहकारी समितियों के कृषक कितनी पात्रता रखते थे। उल्लेखित योजना के अंतर्गत लिये गये खाद-बीज खरीद ऋणों को किस समय-सीमा में अदा करने पर कृषकों को छूट की पात्रता थी? (ग) समय-सीमा में ऋण चुकता करने वाले पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन सेवा सहकारी समितियों के कितने कृषकों को 2014-15 से छूट प्रदान की गई? साथ ही यह बतायें कि किन-किन सेवा सहकारी समितियों के कितने कृषकों को कितनी राशि की छूट किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं, यह योजना रबी 2015-16 से प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से लिये गये अल्पकालीन फसल ऋण के वस्तु ऋण के भाग पर लागू है। योजना की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) समितिवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। कृषकों द्वारा खरीफ फसलों हेतु लिये गये ऋण की अदायगी 28 मार्च तथा रबी फसलों हेतु लिये गये ऋण की अदायगी 15 जून तक किये जाने पर ही योजनांतर्गत कृषक को छूट की पात्रता है। (ग) रबी 2015-16, खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 के लिए छूट प्राप्त करने वाले एवं नहीं करने वाले कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जिन कृषकों द्वारा अल्पकालीन फसल ऋण के नगद भाग एवं वस्तु ऋण का 90 प्रतिशत राशि निर्धारित देय तिथि तक अदा नहीं की गई है, वे योजनांतर्गत छूट प्राप्त करने से अपात्र है।
कार्यरत सहकारी समितियाँ
[सहकारिता]
144. ( क्र. 2299 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन सी प्रा. कृषि साख संस्थायें कार्यरत हैं? विकासखण्डवार एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) से संदर्भित कार्यरत विभिन्न सहकारी समितियों के माध्यम से वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं प्रश्न दिनांक तक कितनी धान की खरीदी की गई? धान की तौलाई, सिलाई, बोरा भराई एवं छलनी लगाने हेतु कितना व्यय हुआ समितिवार जानकारी उपलब्ध करायें? क्या उक्त कार्य किसानों द्वारा कराया गया या मजदूरों द्वारा कराया गया? यदि मजदूरों द्वारा यह कार्य कराया गया तो उनकी संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) धान खरीदी, मात्रा, तौलाई, सिलाई, बोरा भराई एवं छलनी लगाने में हुये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है, उक्त कार्य किसानों से नहीं अपितु मजदूरों से कराया गया है, मजदूरों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सदन में दिये गये आश्वासनों की पूर्ति
[सहकारिता]
145. ( क्र. 2302 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रश्न संख्या 108 (क्रमांक-1164) दिनांक 22.02.2017 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में आश्वासन पूर्ति के विषय में खाद्य विभाग को लिखे जाने का उल्लेख है? तो क्या शासन का दायित्व मात्र यह है कि 5 साल में मात्र पत्र लिख जाये? (ख) क्या संदर्भित प्रश्नांश (ग) के उत्तर में स्वीकार किया गया है कि 50 आरोपियों में से मात्र 6 को स्थगन प्राप्त है? शेष 44 से वसूली प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो बताएं कि भू-राजस्व की तरह वसूली में कितने वर्ष की प्रक्रिया निर्धारित है क्या आश्वासनधीन अवधि में प्रक्रिया और समयावधि का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इस हेतु कौन दोषी है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। आश्वासन पूर्ति के विषय में कलेक्टर कटनी द्वारा तहसीलदार विजयराघवगढ़, बड़वारा एवं बरही को वसूली अधिकारी नियुक्त किया गया है। वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। बकाया का भू-राजस्व के बतौर वसूली के लिए सिटीजन चार्टर के तहत कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
लंबित आश्वासनों की पूर्ति
[संसदीय कार्य]
146. ( क्र. 2303 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि शासन द्वारा सदन में दिये आश्वासनों की पूर्ति हेतु शासन की क्या नीति, योजना एवं प्रावधान है? जानकारी उपलब्ध करायें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : आश्वासनों की पूर्ति के संबंध में संसदीय कार्य नियमावली, मध्यप्रदेश विधान सभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम तथा मध्यप्रदेश विधान सभा अध्यक्ष के स्थायी आदेश में किए गए प्रावधानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
झिरियाडोल जलाशय के संबंध में
[जल संसाधन]
147. ( क्र. 2335 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत झिरियाडोल जलाशय का निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था? यदि हाँ, तो कब तथा कितनी राशि हुई स्वीकृत हुई थी? (ख) क्या कुछ निर्माण कार्य विभाग द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो कितना? इस डेम के सर्वे एवं किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) उक्त जलाशय का निर्माण कार्य किन कारणों से पूर्ण नहीं हुआ है तथा जलाशय निर्माण के क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत झिरियाडोल लघु जलाशय का निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था। विभाग द्वारा दिनांक 20.08.1979 को रू.21.52 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। (ख) एवं (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा आंशिक निर्माण कार्य किया गया था। योजना पर शीर्ष कार्य के अंतर्गत 60 प्रतिशत तथा नहर कार्य के अंतर्गत 40 प्रतिशत कार्य किया गया। डेम के सर्वे एवं विभिन्न कार्यों के व्यय की जानकारी तथा निर्माण कार्य पूर्ण न होने के कारणों का उल्लेख संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फसलों का उत्पादन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
148. ( क्र. 2339 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पिछले पाँच वर्षों में किस-किस प्रमुख फसल हेतु कितने रकबे में उत्पादन लिया गया तथा प्राप्त उत्पादन की मात्रा बतावे तथा बतावे कि किस-किस फसल में रकबे में तथा उत्पादन में कितने प्रतिशत की कमी या वृद्धि हुई? (ख) प्रदेश में 2014-15 से 2016-17 में किस-किस जिले में कितने रकबे में प्याज उत्पादन किया गया? उत्पादित प्याज की मात्रा उत्पादन किया गया उत्पादित प्याज की मात्रा बतावे तथा बतावे कि सामान्यतया एक-एक डमें कितना क्विंटल प्याज होता है? (ग) कृषि कर्मण पुरस्कार हेतु पिछले पाँच वर्षों में जो दस्तावेज, जानकारी पत्र इत्यादि केन्द्र सरकार को भेजे गये उसकी समस्त प्रतिलिपियां सीडी इत्यादि उपलब्ध करावें। (घ) कृषि विभाग में पिछले पाँच वर्षों में आर्थिक अनियमितता लोकायुक्त अथवा ई.ओ.डब्ल्यू. के छापे, भ्रष्टाचार आदि के कितने प्रकरण संज्ञान में, जाँच में, विभागीय कार्यवाही में ऑडिट रिपोर्ट में तथा केग की रिपोर्ट में आये उसकी जानकारी दे तथा प्रत्येक पर की गई विभागीय कार्यवाही बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बी.ओ.टी. योजना के संबंध में
[लोक निर्माण]
149. ( क्र. 2340 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.ओ.टी. योजना में संधारित कितनी सड़को को हालात प्रदेश में बहुत खराब है? इनका संधारण सही नहीं होने पर निवेशकों पर विगत तीन वर्षों में क्या कार्यवाही की गई? (ख) किस नियम के तहत नोटबंदी में टोल नाको से टोल वसूली बंद कराया गया था? इससे शासन को कितने राजस्व की हानि हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) अन्तर्गत कितने मार्गों पर कितने दिनों के लिये किन-किन कारणों से कब-कब टोल वसूली स्थगित की गई? (घ) टोल वसूली स्थगित करने पर निवेशकों को किन नियमों के तहत कितने दिन टोल अवधि बढ़ाई? इससे जनता पर कितनी राशि का अतिरिक्त बोझ आया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कोई नहीं। अनुबंधानुसार संधारण में कमी पाये जाने पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) निवेशकर्ता से हुये अनुबंध के ''फोर्स मेज्यूर'' आर्टिकल के प्रावधानुसार टोल नाकों से 22 ½ दिन के लिये टोल वसूली बंद कराया गया। इससे शासन को कोई राजस्व की हानि नहीं हुई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) कन्सेशन अनुबंध में प्रावधानित ''फोर्स मेज्यूर'' आर्टिकल में उल्लेखित कण्डिकाओं के तहत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र 'ब' में उल्लेखित अवधि की टोल अवधि बढ़ाई गई इस पर जनता पर कोई अतिरिक्त राशि का बोझ नहीं आया।
भ्रष्टाचार के चलते अपने चहेतों का उपकृत किया जाना
[जनसंपर्क]
150. ( क्र. 2343 ) श्री आरिफ अकील : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क विभागान्तर्गत मध्यप्रदेश माध्यम को वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन सरकारी कार्यक्रमों के आयोजनों के कार्यादेश कब-कब प्राप्त हुए हैं? कार्य का नाम, राशि सहित बतावें? (ख) क्या माध्यम द्वारा उक्त कार्यक्रमों को संपादित कराने हेतु ई निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यक्रमों के लिए किन-किन के द्वारा भाग लिया गया और किस-किस ठेकेदार/संस्था को कार्यादेश प्राप्त हुआ? (ग) क्या माध्यम मध्यप्रदेश द्वारा नियम कायदों को दर किनार करते हुए अधिकांश कार्यादेश विजन फोर्स देकर उपकृत किया गया है? जिसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है? यदि नहीं, तो क्या शासन द्वारा इसकी जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा सत्र नवम्बर-दिसम्बर 2016 में अतारांकित प्रश्न क्रमांक 110 माननीय श्री रामनिवास रावत द्वारा पूछे गए प्रश्न में उत्तर दिया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) ई-निविदा की आवश्यकता नहीं है। खुली निविदा के माध्यम से इम्पेनल्ड एवं न्यूनतम दरों का निर्धारण कर कार्यवाही की जाती है। (ग) नियमानुसार कार्य किया गया है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासन की राशि का दुरूपयोग किया जाना
[जनसंपर्क]
151. ( क्र. 2344 ) श्री आरिफ अकील : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसम्पर्क विभागान्तर्गत माध्यम म.प्र. के पैनल में कुल कितने प्रिंटिंग प्रेस और पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1867 के अंतर्गत पंजीकृत हैं? किन-किन प्रिंटरों का कब-कब पंजीयन किया गया, पंजीयन क्रमांक सहित उनके संचालकों के नाम व पते सहित बतावें? (ख) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में माध्यम म.प्र. को मध्यप्रदेश के किन-किन विभागों, निगम मण्डलों आदि के प्रिंटिंग कार्यादेश प्राप्त हुए यह कार्य कितनी-कितनी राशि से किस-किस पंजीकृत प्रिंटिंग से कब-कब कराए गए, उन्हें कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा इस प्रिंटिंग कार्य की एवज में म.प्र. माध्यम को कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार, विभागवार, कार्यवार बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश माध्यम के पैनल में पंजीकृत प्रिंटरों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1867 के अंतर्गत पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। 01 जनवरी, 2017 से निरंतर तक की अवधि में मुद्रण कार्यों के लिये 12 मुद्रकों का पंजीयन किया गया है जिसकी सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) 01 जनवरी, 2014 से 03.07.2017 तक की अवधि में कराये गये कार्यों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
152. ( क्र. 2345 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में सिवनी जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की योजनाओं में कितना आवंटन प्राप्त हुआ प्राप्त आवंटन के विरूद्ध व्यय का विवरण देवें? (ख) सिवनी जिले में उक्त अवधि में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये तथा ऐसे कितने कार्य हैं जिनका निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हुआ है। निर्माण कार्य पूर्ण न होने के क्या कारण हैं विवरण उपलब्ध करावें? (ग) वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में लखनादौन विधानसभा क्षेत्र में कितने कृषकों को विभाग की हितग्राही मूलक योजना में लाभांवित किया गया है? (घ) लखनादौन विधानसभा क्षेत्र में विभाग के मैदानी अमले में से किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें उक्त अवधि में प्राप्त हुई हैं तथा उन शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) विभाग को शिकायतें प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं। शेष का प्रश्न नहीं।
सहकारी समितियों के संबंध में
[सहकारिता]
153. ( क्र. 2346 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा सहकारी बैंकों से लिये गये खाद एवं बीज खरीद पर कृषकों द्वारा लिये गये अल्पकालीन कृषि ऋणों को तय समयावधि में वापस जमा करने पर कर्ज की राशि पर 10% छूट प्रदान करने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो यह योजना कब से किन शर्तों के अधीन कहाँ-कहाँ पर प्रभावशील है नियम एवं आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छूट योजना के अंतर्गत सिवनी जिले की लखनादौन विधानसभा क्षेत्र के किन-किन सेवा सहकारी समितियों के कृषक कितनी पात्रता रखते थे। उल्लेखित योजना के अंतर्गत लिये गये खाद-बीज खरीद ऋणों को किस समय-सीमा में अदा करने पर कृषकों को छूट की पात्रता थी? (ग) समय-सीमा में ऋण चुकता करने वाले लखनादौन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन सेवा सहकारी समितियों के कितने कृषकों को छूट प्रदान की गई। साथ ही यह बतायें कि किन-किन सेवा सहकारी समितियों के कितने कृषकों को कितनी राशि की छूट किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक अप्राप्त है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। यह योजना रबी 2015-16 से प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से लिये गये अल्पकालीन फसल ऋण के वस्तु ऋण के भाग पर लागू है। योजना की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) समितिवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कृषकों द्वारा खरीफ फसलों हेतु लिये गये ऋण की अदायगी 28 मार्च तथा रबी फसलों हेतु लिये गये ऋण की अदायगी 15 जून तक किये जाने पर ही योजनांतर्गत कृषक को छूट की पात्रता है। (ग) रबी 2015-16, खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 के लिए छूट प्राप्त करने वाले एवं नहीं करने वाले कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जिन कृषकों द्वारा अल्पकालीन फसल ऋण के नगद भाग एवं वस्तु ऋण का 90 प्रतिशत राशि निर्धारित देय तिथि तक अदा नहीं की गई है, वे योजनांतर्गत छूट प्राप्त करने से अपात्र है।
मंडी प्रागंण की बाउण्ड्रीवॉल ऊंची करने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
154. ( क्र. 2350 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की नागौद कृषि उपज मंडी प्रागंण की बाउण्ड्रीवॉल की ऊंचाई कम होने के कारण आये दिन कृषकों/व्यापारियों को कृषि उपज की चोरी होने की घटनाएं होना आम बात हो गई हैं। क्या बाउण्ड्रीवॉल ऊंची करने के लिए बार-बार अनेकों पत्र मंडी बोर्ड रीवा एवं भोपाल को लिखने पर भी प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो कृषकों एवं व्यापारियों की कृषि उपज की चोरी रोकथाम के लिए बाउण्ड्रीवॉल ऊंची करने की स्वीकृत कब तक प्रदान कर दी जावेंगी? यदि नहीं, तो क्यो?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सतना जिले की नागौद कृषि उपज मंडी प्रांगण में चोरी होने की शिकायतें प्राप्त होने पर मंडी नागौद के पत्र क्रमांक 725, 726 दिनांक 25.06.17 से बाउण्ड्रीवॉल ऊंची कराये जाने के परिपालन में कार्यपालन यंत्री तकनीकी संभाग, मंडी बोर्ड रीवा के पत्र क्रमांक 17-18/281 दिनांक 10.07.17 से तकनीकी स्वीकृति राशि रू. 2.02 लाख की जारी की गयी है। (ख) बाउण्ड्रीवॉल ऊंची करने की तकनीकी स्वीकृति पत्र क्रमांक 17-18/281 रीवा दिनांक 10.02.17 से जारी की गई।
शेडनेट हाउस का निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
155. ( क्र. 2351 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं कटनी जिले में शेडनेट हाउस का निर्माण वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ, किस-किस के द्वारा कितनी लागत से कराए गए तथा कितना-कितना अनुदान स्वीकृत कर अनुदान की राशि का भुगतान किया गया? किन-किन को नहीं, पृथक-पृथक विवरण दें। जिनको भुगतान किया जाना शेष है, उसके क्या कारण हैं? कटनी के सहायक संचालक उद्यानिकी से बहोरीबंद जिला कटनी के विधान सभा सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक 331, दि. 03.06.2017 से चाही गई जानकारी को एक प्रति प्रश्नकर्ता को भी उपलब्ध करावें। (ख) शेडनेट हाउस में उक्त जिलों के विधान सभा क्षेत्रों के सामान्य वर्ग एवं अ.जा. और अ.ज.जा. के हितग्राही को प्रश्नांकित अवधि में क्या-क्या आदान सामग्री के लिये अनुदान दिया गया तथा कितनी राशि का भुगतान किया गया? पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांकित अवधि में विभाग की अन्य योजनाओं में किस-किस योजना में कितने हितग्राहियों को कितना अनुदान दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित अवधि में यदि कोई शिकायतें किसी स्तर पर प्राप्त हुई हो तो शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन जिलों के विधानसभा क्षेत्रों में शेडनेट हाउस में आदान सामग्री के लिए अनुदान नहीं दिया गया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (घ) सतना एवं कटनी जिले में प्रश्नांश से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
156. ( क्र. 2353 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग उप संभाग त्यौंथर जिला रीवा में वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में रूपयें पाँच हजार या उससे कम के कितने सप्लाई आर्डर किस-किस सामग्री के लिये जारी किये गये? (ख) क्या उपरोक्त सप्लाई ऑर्डर का सत्यापन किया जाना संभव हैं? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ग) लोक निर्माण विभाग उप संभाग त्यौंथर जिला रीवा में वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 कुल कितने किलोमीटर सड़कों का विभागीय पेंच/बी.टी. पेंच मरम्मत कार्य कराया गया? सड़कों के नाम, दूरी, निर्माण एजेंसी का नाम सहित बतायें। (घ) विभागीय पेंच/बी.टी. पेंच मरम्मत कार्य के लिये कौन-कौन सी सामग्री किस-किस एजेंसी से कितनी-कितनी क्रय की गई हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) पाँच हजार या उससे कम के कोई भी सप्लाई आर्डर किसी भी सामग्री के लिए जारी नहीं किये गये है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
फसल बीमा के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
157. ( क्र. 2361 ) श्री सचिन यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किसानों को फसल बीमा प्रकरण बनाये जाने एवं फसल बीमा राशि का वितरण किये जाने की प्रक्रिया नियम/मापदण्ड एवं राज्य सरकार के दिशा-निर्देश क्या है ? (ख) प्रदेश में किसानों से विगत रबी फसल गेहूँ, चना आदि का उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्यों पर किसानों से उपज खरीदी के उपरांत तुरंत उनके बैंक खातों से कर्ज की राशि का कटौत्रा संबंधित किसानों की बिना सहमति के किया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह नियम प्रक्रिया के अंतर्गत है? नहीं तो कारण बतायें कि ऐसा क्यों किया गया? (ग) प्रदेश में किसानों की उपार्जित फसलों को समय पर समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ नहीं करने एवं खरीदी केन्द्रों में किसानों को हो रही परेशानियों को दूर करने में की जा रही लापरवाही के संबंध में क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बतायें नहीं तो क्यों? (घ) विगत 3 वर्षों में प्रतिवर्ष उपार्जित फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदी करने के उपरांत फसलों के रख-रखाव के अभाव में कितनी मात्रा में अनाज खराब व नष्ट हो रहा है और उससे प्रतिवर्ष राज्य सरकार कितनी राशि का घाटा हो रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) सहकारिता विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रदेश में किसानों से विगत रबी फसल अन्तर्गत समर्थन मूल्य पर गेहूँ के उपार्जन में जिन कृषकों पर समिति का बकाया ऋण अदायगी योग्य था, से ई-उपार्जन सॉफ्टवेयर में दी गई व्यवस्था अनुसार आपरेटर द्वारा सहमति ली जाकर विक्रय खाद्यान्न के विरूद्ध भुगतान योग्य राशि की 50 प्रतिशत तक की सीमा में राशि का कटौत्रा किया गया है किसी भी कृषक की बिना सहमति के कटौत्रा किया जाना सूचित नहीं है। (ग) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली फसलों की खरीदी समय पर प्रारंभ की गई। उपार्जन अवधि के दौरान प्रदेश में किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
जबलपुर जिला अंतर्गत निर्मित जलाशय एवं नहरे
[जल संसाधन]
158. ( क्र. 2372 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अंतर्गत कितनी रूपांकन सिंचाई क्षमता एवं जल भराव क्षमता वाले कौन-कौन से जलाशय कब-कब बनवाये गये थे? निर्मित नहरों की लंबाई सहित, तहसीलवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि वर्तमान समय में इन जलाशयों में कितना जल भराव होता है तथा कितने क्षेत्रफल की सिंचाई होती है? क्या नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुँचता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जलाशयों में प्राक्कलन अनुरूप जल भण्डारन न होने तथा रूपांकन सिंचाई क्षमता अनुसार कम सिंचाई होने एवं नहरों के अंतिम छोर तक पानी न पहुँचने के क्या कारण है तथा इन्हें दूर कर जलाशयों के शत्-प्रतिशत उपयोग करने हेतु शासन की क्या योजना है तथा उसे कितनी लागत से कब तक निर्मित किया जावेगा? (ग) वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार विभाग द्वारा दो लाख रूपये की लागत से कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से निर्माण कराये गये एवं कराये गये इन निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन कब किसके द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समय अवधि में विभाग की कब-कब घटिया निर्माण कार्य एवं नियम विरूद्ध कार्यों की कौन-कौन सी शिकायतें शासन स्तर पर प्राप्त हुई एवं इन प्राप्त शिकायतों पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ख) जलाशयों में प्राक्कलन अनुरूप जल भण्डारण हो रहा है, कृषकों द्वारा खरीफ हेतु पानी की माँग न होने के कारण सिंचाई कम हो रही है। नहरों के अंतिम छोर तक पर्याप्त पानी पहुंच रहा है, जलाशयों से जल का शत-प्रतिशत उपयोग किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2 तथा 3'' अनुसार है। घटिया निर्माण कार्य एवं नियम विरूद्ध कार्य संबंधी कोई शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वर्ष 2016-17 में अरहर एवं प्याज उपार्जन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
159. ( क्र. 2373 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चालू रबी विपणन वर्ष 2016-17 में सागर, जबलपुर एवं रीवा संभाग के जिलों में प्याज एवं अरहर की बोनी किस-किस तहसील के कितने-कितने हेक्टेयर क्षेत्र में की गई, उत्पादन कितना-कितना हुआ? विभाग एवं राजस्व विभाग के अभिलेखों के आधार पर पृथक-पृथक बतलावें। (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र में अरहर एवं प्याज उपार्जन केन्द्र कहाँ-कहाँ बनाये गये? जिन जिलों में उपार्जन केन्द्र नहीं है उनकी उपज खरीद की क्या व्यवस्था शासन स्तर पर की गई एवं उपार्जन केन्द्र विहीन जिलों की कितनी प्याज कहाँ-कहाँ किस माध्यम से उपार्जित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों में प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर प्रदेश में उपार्जित कितना-कितना प्याज भंडारित किया गया तथा कितना-कितना प्याज राशि दुकानों एवं खुले बाजार में विक्रय किया गया? (घ) क्या सतना जिले में विक्रय हेतु दो रेल्वे रेक की 5200 मैट्रिक टन प्याज राशन दुकान के स्थान पर दो व्यापारियों को बेचकर 1.69 करोड़ रूपये का अवैध लाभ पहुंचाया गया तथा पूर्व में भी रीवा जिले की राशन के खाद्यान्न के कई ट्रक उत्तर प्रदेश जाते पकड़े गये थे? (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर में यदि हाँ, तो तत्संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत करावें एवं यह भी बतलावें कि प्रदेश में प्याज एवं दलहन उपार्जन की जाँच में कहाँ-कहाँ क्या अनियमिततायें प्रश्न दिनांक तक पाई गई तथा उन पर शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन अनियमितताओं की जाँच लोकायुक्त या आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से करायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ठेकेदार पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
160. ( क्र. 2389 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न क्रमांक 6238 दिनांक 23 मार्च 2017 के परिप्रेक्ष्य में कार्यपालन यंत्री को निलंबित कर दिया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार घटिया निर्माण कार्यों में दोषी ठेकेदार के विरूद्ध भी क्या कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो क्या और नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्माण कार्यों की जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) द्वारा की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत अनुबंध के प्रावधानों अनुसार गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय विभाग के द्वारा कार्यवाही की जा सकेगी।
निर्माण कार्यों का निरीक्षण एवं क्षेत्राधिकार में भ्रमण
[लोक निर्माण]
161. ( क्र. 2401 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय आदेश क्रमांक एफ 58/1/11/यो/19, दिनांक 11.03.2011 से परफार्मेंस गारंटी के अंतर्गत आने वाले कार्यों के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो यह निर्देश क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2014-15 से कौन-कौन कार्य परफार्मेंस गारंटी के तहत स्वीकृत होकर कहाँ-कहाँ किये गये और किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा इन कार्यों का निरीक्षण किया गया और कार्यवार क्या-क्या निरीक्षण टीप एवं प्रतिवेदन दिए गए बतायें? (ग) क्या विभागीय आदेश क्रमांक 2139/प्र.स./लो.नि.वि./15, दिनांक 22.04.2015 से विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने क्षेत्राधिकार में सतत् भ्रमण एवं टूर डायरी प्रेषित करने के संबंध में निर्देश दिये गये हैं, हां तो यह निर्देश क्या है? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विभागीय अधिकारियों द्वारा टीकमगढ़ जिले में कब-कब दौरे किये गये इन शासकीय सेवकों द्वारा अपनी टूर डायरी उच्चाधिकारियों को कब-कब प्रेषित की गयी? शासकीय सेवकवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासकीय सेवकों द्वारा शासनादेशों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो कैसे स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र—1 अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है।
राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन लागू किया जाना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
162. ( क्र. 2403 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन लागू नहीं है जिससे मिशन द्वारा संचालित किसान हितैषी योजनाओं का मुरैना जिलों के किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है? म.प्र. राज्य में कितने जिलों में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन लागू है और कितनों में नहीं? (ख) राज्य में जिन जिलों में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन लागू है, उन जिलों में मिशन द्वारा किसानों के लिये क्या-क्या योजनाएं संचालित है और मिशन के अंतर्गत कितना मद वर्षवार प्राप्त होता है वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी दी जा सकेगी? (ग) क्या प्रदेश के अन्य जिलों में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के तहत तमाम योजनायें संचालित है, जिससे कृषि स्तर में सुधार हुआ है, लेकिन जिला मुरैना में उक्त मिशन लागू न किये जाने के क्या कारण है? क्या मुरैना जिला में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन लागू किया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं,, तो कारण स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के स्थान पर वर्तमान में एकीकृत बागवानी विकास मिशन कार्यरत है। मुरैना जिला एकीकृत बागवानी विकास मिशन में शामिल नहीं है, परन्तु मिशन के तहत फसलोत्तर प्रबंधन एवं विपणन ढॉचे की स्थापना जैसी गतिविधियों का लाभ मुरैना जिले में लिया जा सकता है। राज्य पोषित योजनाओं एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मुरैना जिले के कृषक लाभांवित हैं। एकीकृत बागवानी मिशन मध्यप्रदेश के 40 जिलों में लागू है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन वर्षों में मिशन से प्राप्त राशि की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
प्राप्त राशि (रूपये लाख में) |
2015-16 |
6750.00 |
2016-17 |
5936.67 |
2017-18 (प्रश्न दिनांक तक) |
1666.67 |
(ग) जी हाँ, परन्तु गैर मिशन जिलों में राज्य पोषित योजनाओं एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उद्यानिकी का विकास हुआ है। मुरैना सहित शेष अन्य जिलों में मिशन के तहत उद्यानिकी के समग्र विकास हेतु फसलोत्तर प्रबंधन एवं विपणन ढॉचे की स्थापना जैसी गतिविधियों का लाभ लिया जा सकता है। वर्ष 2014-15 में मुरैना जिले को मिशन में शामिल करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया था, जिसे भारत सरकार ने मान्य नहीं किया है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वान सुजारा बांध के निर्माण कार्यों के संबंध में
[जल संसाधन]
163. ( क्र. 2410 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में निर्माणाधीन वान सुजारा बांध कितनी लागत से किस एजेन्सी के द्वारा बनाया जा रहा है वर्तमान में पूर्ण अपूर्ण की क्या स्थिति है? कार्य कब पूर्ण होना था? कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण है? कारण सहित बतावे एवं बांध के मुख्य पक्के बांध (स्पिलवे) के निर्माण के कितने अनु.वि.अधिकारियों/उपयंत्रियों के कार्य पर लगाया गया, अधिकारिवार, नामवार, अनुभागवार बताने की कृपा करें? (ख) क्या एक ही अनुविभागीय अधिकारी से पूरे स्पिलवे (पक्के बांध का कार्य कराया गया है? अगर हां तो ऐसा क्यों किया गया है? इसके लिये कौन दोषी है मुख्य अभियन्ता के द्वारा चारों उप संभागों (अनुभाग) को कार्य आवंटित किया गया था, अगर हां तो किस अधिकारी के द्वारा एक ही अनुविभागीय अधिकारी से लगभग 100 करोड़ के निर्माण कार्य कराने के आदेश दिये गये? दिये गये उस अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बताने एवं जिस अधिकारी के द्वारा ऐसा किया गया है विभाग उस पर क्या कार्यवाही करेगा? अगर हां तो कब तक और क्या? (ग) क्या पक्के बांध के अपस्ट्रीम में बांध से सटाकर नदी में जहां जल भराव क्षेत्र है तो लगभग 300 मीटर लम्बाई एवं 200 मीटर चौड़ाई में पत्थर मिट्टी से भर दिया गया है, ऐसा क्यों किया जा रहा है? क्या यह मिट्टी और पत्थर वर्षां के पूर्व हटा लिये जायेंगे? अगर हां तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) वान सुजारा बांध में पत्थर मिट्टी भरने से जलभराव क्षेत्र कम नहीं होगा, अगर हां तो जिस अधिकारी के द्वारा ऐसा किया जा रहा है उसके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? अगर हां तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला टीकमगढ़ में निर्माणाधीन बानसुजारा बाँध की भू-अर्जन एवं पुनर्वास राशि कुल लागत रू. 805.00 करोड़ है जिसमें से शीर्ष कार्य मेसर्स के.व्ही.आर.पी.ई.एस. (जे.वी.) इंजीनियर्स प्रा.लि. द्वारा निविदा राशि रू. 107.67 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। वर्तमान में कार्य 75 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। कार्य पूर्ण करने की तिथि 03.10.2015 थी एवं समयावृद्धि के साथ नवीन तिथि 30 जून 2018 है। डूब क्षेत्र में आने वाली वनभूमि एवं निजी क्षेत्र की भूमि का अधिग्रहण तथा बाँध की ऊँचाई में वृद्धि एवं ड्राईंग डिज़ायन में परिवर्तन व तद्नुसार स्वीकृति प्राप्ति के कारण विलंब हुआ है। अनुविभागीय अधिकारियों/उपयंत्रियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पक्के बाँध का कार्य सामान्यत: दो अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा संपादित किया जा रहा था। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग दिनांक 02.02.2016 के दौरान यह संज्ञान आने पर दो अनुविभागीय अधिकारी बाँध के स्पिलवे और हरपुरा सिंचाई एवं नदी तालाब जोड़ों परियोजना में संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं, अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा दोनों योजनाओं के लिए पृथक-पृथक अनुविभागीय अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिये गये थे। इसी परिप्रेक्ष्य में अधीक्षण यंत्री, राजघाट नहर मण्डल झाँसी द्वारा दिनांक 02.02.2016 को परियोजना के शीर्ष कार्य एवं हरपुरा योजना के लिए पृथक-पृथक अनुविभागीय अधिकारी को दायित्व सौंपने का आदेश दिया गया। यह व्यवस्था कार्यों के सुचारू संपादन की दृष्टि से की गई है अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) पक्के बाँध में अपस्ट्रीम से सटाकर वर्किंग प्लेटफार्म ठेकेदार द्वारा लगभग 80 मी. चौड़ाई का बनाया गया है जिसे बनाने में अनुपयोगी पत्थर के साथ बाँध के डूब क्षेत्र से खोदी गई मिट्टी का उपयोग किया गया है। यह सामग्री नदी के बेसिन या बाँध के डूब क्षेत्र से लाई गई है इसलिए इससे बाँध की जलभराव क्षमता में कोई अंतर नहीं पड़ेगा। यह एक सामान्य प्रकिया है जो ठेकेदार द्वारा कार्य संपादन हेतु अपनाई जाती है जिसके लिए किसी अधिकारी द्वारा अनुमति प्रदान नहीं की जाती है। यह सामग्री सामान्यत: नहीं हटाई जा सकती क्योंकि बाँध की ऊँचाई बढ़ने के साथ यह क्षेत्र में जलमग्न हो जाता है, इसलिए शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कार्यरत कर्मचारियों के पी.एफ. की जानकारी
[लोक निर्माण]
164. ( क्र. 2411 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1153 दिनांक 22.02.2017 के (घ) उत्तर में जिन कर्मचारियों/श्रमिकों का पी.एफ. कटौत्रा का वर्णन किया गया है, उसमें बहुत से श्रमिकों का पी.एफ. विवरण नहीं दिया गया हैं, क्यों? (ख) क्या ऐसा इसलिए किया गया है कि प्रश्न के उत्तर में दर्शायें विवरणों में अत्यंत कम समय का और बेहद कम लोगों का पी.एफ. काटना बताया गया हैं? (ग) क्या मार्ग निर्माण प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक पी.एफ. नहीं काटने के कारण संबंधित फर्म द्वारा इसका विवरण नहीं दिया गया? श्रमिकों के हितो से खिलवाड़ करने के कारण कंपनी पर कब तक कार्यवाही की जायेगी ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कर्मचारी भविष्य निधि नियम सितम्बर 2014 अनुसार वेतन रू. 15000 से अधिक पाने वाले कर्मचारियों/श्रमिकों को ई.पी.एफ. कटौती/अंशदान अनिवार्य नहीं है, जिससे ई.पी.एफ. कटौती/अंशदान नहीं किया गया है। 9 कर्मचारियों के अनुपस्थित होने के कारण इनका ई.पी.एफ. अंशदान नहीं किया गया है। वेतन 15000 से अधिक पाने वाले कर्मचारियों/श्रमिकों को ई.पी.एफ. कटौती/अंशदान नियोक्ता के साथ आपसी सहमति से किया जा सकता है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में ड्रिप अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
165. ( क्र. 2414 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में समस्त ड्रिप अनुदान योजनांतर्गत किस-किस कंपनी को कितनी कृषकों का कितने हेक्टेयर के लिए कितनी राशि दी गई? कंपनी का नाम, कृषक संख्या, ड्रिप रकबा सहित विधानसभावार जानकारी वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्तानुसार .5 हेक्टेयर एवं इससे अधिक रकबे वाले समस्त हितग्राहियों को प्रपत्र-एक, दो, पाँच, सात एवं आठ की छायाप्रति देवें। इन हितग्राहियों के हितग्राही अंश, अनुदान राशि के बैंक स्टेटमेंट की छायाप्रति भी साथ में देवें। (ग) इनके लिए किस बैठक में अनुमोदन लिये गये? बैठकवार वर्षवार जानकारी प्रत्येक बैठक की छायाप्रति देवें। (घ) उज्जैन जिले में ड्रिप कंपनियों के कितने सर्विस सेंटर हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में पंजीयन की प्रक्रिया ऑन-लाईन होने से प्रपत्र-एक एवं वर्ष 2016-17 से सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑन-लाईन होने से प्रपत्र दो एवं पाँच स्वत: समाप्त हो गये हैं। वर्ष 2015-16 के प्रपत्र दो, पॉच, सात, आठ एवं वर्ष 2016-17 के प्रपत्र सात, आठ की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब एवं बैंक स्टेटमेंट की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (ग) जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति की बैठक में अनुमोदन लिया गया है। उक्त समिति की बैठक वर्ष 2015-16 में दिनांक 10.06.2015, 30.07.2015, 01.10.2015, 24.11.2015, 12.01.2016 एवं 30.03.2016 को तथा वर्ष 2016-17 में दिनांक 04.06.2016, 01.10.2016, 23.11.2016 एवं 28.02.2017 को आयोजित की गई। प्रत्येक बैठक का कार्यवाही विवरण की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है। (घ) उज्जैन जिले में ड्रिप कंपनियों के 7 सर्विस सेंटर हैं।
प्रदेश में कृषि की स्थिती
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
166. ( क्र. 2415 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 31.12.2003 को म.प्र. में सिंचाई का रकबा कितने हेक्टेयर था? (ख) प्रश्न दिनांक तक म.प्र. में सिंचाई का रकबा कितने हेक्टेयर था? (ग) दिनांक 01.04.2003 से दिनांक 31.05.2004 तक सोयाबीन, चना, गेहूँ, दलहन, तिलहन का उपार्जन कितना था? (घ) दिनांक 01.04.2016 से 30.06.2017 तक की अवधि का उपरोक्त (ग) अनुसार जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्र की जा रही है।
पत्रकारों की श्रद्धा निधि
[जनसंपर्क]
167. ( क्र. 2418 ) श्री बाला बच्चन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्ष में प्रदेश के पत्रकारों की श्रद्धा निधि योजना में प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने प्रकरण स्वीकृत हुए। (ख) इसके लिए गठित समिति की कब-कब बैठकें हुई? तिथिवार बतावें। (ग) यह भी बतावें कि लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विगत 3 वर्ष में कुल 106, आवेदन प्राप्त हुए। स्वीकृत प्रकरण की संख्या 43 है। (ख) बैठक क्रमश: दिनांक 14 अगस्त 2014, 17 जून 2015, 05 दिसम्बर 2015, 04 अक्टूबर 2016 एवं 5 जुलाई 2017। (ग) कोइ भी पात्र प्रकरण लंबित नहीं है।
सदस्यों की पात्रता का सत्यापन
[सहकारिता]
168. ( क्र. 2419 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 4598 दिनांक 31.03.16 के प्रश्नांश (घ) व प्रश्न क्रमांक 1180 दिनांक 22.02.17 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में विभाग ने माना था कि तत्कालीन उपायुक्त द्विवेदी व सहायक आयुक्त आर.एस. विश्वकर्मा द्वारा अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर पत्र क्रमांक गृ.नि. 12011/4957 दिनांक 28.11.11 जारी किया गया था? (ख) उक्त अवैध आदेश के क निरस्त कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो इस आदेश की छायाप्रति देवें। (ग) क्या (क) में उल्लेखित सहायक आयुक्त को कारण बताओं पत्र जारी कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा ?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। पत्र क्रमांक/गृह निर्माण/2011/4957 दिनांक 28.11.2011, तत्कालीन उपायुक्त, सहकारिता जिला भोपाल द्वारा जारी किया गया था। (ख) जी नहीं। उक्त आदेश को आवेदक द्वारा अपील में न्यायालय मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अधिकरण में प्रकरण दायर करने के कारण। (ग) जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
गोबर गैस संयंत्रों के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
169. ( क्र. 2422 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में गोबर गैस संयंत्रो के कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए वर्षवार, नामवार, ग्रामवार, सूची, अनुदान राशि सहित देवें। (ख) इनका निरीक्षण कब-कब किसने किया? निरीक्षण टीप सहित वर्षवार जानकारी देवें। (ग) इन सभी के वर्तमान भौतिक सत्यापन की छायाप्रति देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में गोबर गैस संयंत्र के कुल स्वीकृत प्रकरण 159 है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) उक्त प्रकरणों को निरीक्षण वर्ष 2014-15 में 70 वर्ष 2015-16 में 60 एवं 2016-17 में 29 प्रकरणों इस प्रकार कुल 159 का निरीक्षण एवं सत्यापन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा किया गया। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
इंदौर के आवास गृह के संबंध में
[लोक निर्माण]
170. ( क्र. 2423 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्षेत्रीय स्वा. एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केन्द्र इंदौर परिसर में डी एवं ई टाइप के कुल कितने आवास निर्मित हैं तथा किसको-किसको आवंटित है? (ख) क्या उक्त आवास वहाँ के अधिकारियों के पदनाम अनुसार ईयरमार्क है? यदि हाँ, तो क्या उन्हीं को आवंटित है? जिनके लिये वे ईयरमार्क किए गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त सभी डी एवं ई टाइप आवासों के रख-रखाव पर विगत 5 वर्षों में कितनी-कितनी धनराशि व्यय की गई वर्षवार एवं आवासवार ब्यौरा देवें? (घ) क्या उक्त आवासों के रहवासियों द्वारा आवास जर्जर होने एवं टपकने, पानी भरने संबंधी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
नमामि देवी नर्मदे यात्रा
[जनसंपर्क]
171. ( क्र. 2426 ) श्री रमेश पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा के लिये राज्य के एवं राज्य के बाहर के समस्त देशी, विदेशी हवाई अड्डों पर कितने होर्डिंग एवं अन्य प्रचार सामग्री लगाई गयी? हवाई अड्डा नाम, प्रचार सामग्री नाम उस पर व्यय राशि, भुगतान प्राप्त फर्म, नाम सहित देवें? (ख) रेडियो (एफ.एम. चैनल) इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया को इस यात्रा के संबंध में कितनी राशि के विज्ञापन दिये गये? चैनल का नाम एवं वर्णित समस्त मीडिया का नाम सहित प्रत्येक की राशि पृथक-पृथक बतावें? (ग) विदेशी समाचार पत्रों, पत्रिकाओं तथा देशी पत्रिकाओं कितनी राशि के विज्ञापन जारी किये गये? प्रत्येक का नाम सहित राशि बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कुल व्यय राशि रूपये 1,73,21,700/- जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रूपये 8,27,24,754/- जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) रूपये 1,30,74,000/- जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
172. ( क्र. 2427 ) श्री रमेश पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 के फसल बीमा क्लेम के कितने दावे शासन को प्राप्त हुए? (ख) इन दावों के समक्ष कितनी राशि का भुगतान कितने कृषकों को बीमा क्लेम के रूप में किया गया? खरीफ एवं रबी का पृथक-पृथक बतावें। (ग) यदि भुगतान नहीं किया गया है तो इसका कारण बतावें? यह भी बतावें कि बड़वानी विधान सभा क्षेत्र के कितने कृषकों से कितनी प्रीमियम राशि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 के लिए जमा करायी गई? (घ) कब तक फसल बीमा क्लेम का भुगतान कर दिया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आउट सोर्स के अंतर्गत रखे गये कर्मचारियों को कम वेतन दिया जाना
[लोक निर्माण]
173. ( क्र. 2430 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता एवं परियोजना संचालक (पी.आई.यू.) कार्यालय के अंतर्गत कम्प्यूटर डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर आउट सोर्स (कन्सलेटेंसी) के तहत रखे गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त आउट सोर्स की निविदाएं किन-किन फर्मों/कंपनी की स्वीकृत किन-किन शर्तों के अंतर्गत की गई है? अनुंबध की छायाप्रति संलग्न करें? (ग) क्या आउट सोर्स फर्मों/कंपनी के द्वारा अनुबंध में उल्लेखित प्रावधानों के विपरीत कम्प्यूटर डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को निर्धारित वेतन न दिया जाकर उन्हें कम वेतन दिया जा रहा है एवं अनुबंध के अनुसार उनका पी.एफ. एवं अन्य राशि का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त अनुबंध का पालन नहीं किये जाने की जाँच करायी जाकर संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही करने के साथ ही डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को अनुबंध में उल्लेखित शर्तों से कम वेतन दिये जाने की अंतर की राशि का भुागतान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं परिशिष्ट-1 व 2 अनुसार है। (ग) अनुबंधानुसार कम्प्यूटर/डाटा ऑपरेटरों का वेतन संविदाकार को भुगतान किया जाता है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध निर्वाचन प्रक्रिया रोकने
[सहकारिता]
174. ( क्र. 2437 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुलाई 2015 में उप आयुक्त सहकारिता जिला भिण्ड द्वारा अपने पत्र क्र. 170/09.07.15 से 11 पैक्स समतियों के निर्वाचन, निर्वाचन पूर्ण होने से पूर्व चुनाव प्रक्रिया निरस्त की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उप आयुक्त सहकारिता को चुनाव रोकने के अधिकार थे? (ग) क्या माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा उप आयुक्त सहकारिता का निर्वाचन निरस्त करने का आदेश निरस्त किया गया था, यदि हाँ, तो अनियमित एवं अधिकार न होते हुए चुनाव रोकने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ, अधिकार विहीन चुनाव रोकने वाले अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही विचाराधीन है।
विभाग के लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार/लापरवाही पर कार्यवाही
[सहकारिता]
175. ( क्र. 2440 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला भोपाल के अंतर्गत हजरत निजामुद्दीन गृह निर्माण सहकारी समिति से संबंधित शिकायतों की जाँच में सहकारिता विभाग की लोक सेवकों के विरूद्ध कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था कि और उसे निरस्त किया गया था यदि हाँ, तो वे कौन-कौन से प्रमाण अनुशासनिक प्राधिकारी ने पाये थे जिनके आधार पर कारण बताओं सूचना पत्र निरस्त किया गया था उन प्रमाणों की दस्तावेजी प्रमाण की छायाप्रति देवें। (ख) क्या उपरोक्त लोकसेवकों को जो आरोप पत्र जारी किये वह आरोप पत्र वर्गीकरण नियम 1966 के नियम 14 के तहत जारी किये गए है यदि हाँ, तो बतायें कि आरोप पत्र जारी होने के बाद बिना विभागीय जाँच के और बिना जाँच अधिकारी की नियुक्ति के पश्चात उसकी जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष के आधार पर आरोप पत्र निरस्त किये जाने का प्रावधान उक्त नियम की कौन से उपनियम हैं वर्गीकरण 1966 के नियम 14 में दी गई प्रक्रिया अपनाये तथा पूर्ण किये बिना आरोप पत्र निरस्त किया जाना क्या भ्रष्टाचार मिली भगत और सांठ-गांठ का प्रमाण नहीं है यदि नहीं, तो ऐसा नियम विरूद्ध क्यों किया गया बतायें। (ग) उपरोक्त गृह निर्माण सहकारी समिति से संबंधित कितनी और शिकायतें विभाग के पास लंबित है और जिनकी जाँच हुई और उनकी जाँच होने में कितनी अवधि लगी? कारण सहित बतायें क्या विभाग उपरोक्त लोक सेवकों के विरूद्ध वर्गीकरण नियम 1966 के प्रावधानुसार पुन: आरोप पत्र अथवा विभागीय जाँच प्रारंभ करेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, 3 लोक सेवकों को म.प्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 16 अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये थे, जिस पर प्राप्त उत्तर व सक्षम अधिकारी के समक्ष व्यतिगत सुनवाई के उपरांत सक्षम अधिकारी द्वारा दो लोक सेवकों के विरूद्ध नियम 16 अंतर्गत जारी कारण बताओ सूचना को निरस्त किया गया तथा एक लोक सेवक को दोषी पाये जाने के कारण म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 व 14 अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर विभागीय जाँच प्रारंभ की गई है। निरस्ती आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार एक लोक सेवक को म.प्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 व 14 के तहत आरोप पत्र जारी कर विभागीय जाँच प्रारंभ की गई है। सक्षम अधिकारी द्वारा दो लोक सेवकों को को नियम 16 अंतर्गत जारी कारण बताओं सूचना पत्र को विस्तृत एवं सकारण आदेश जारी कर निरस्त किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जाँच के निष्कर्षाधीन।
प्रश्न का भ्रामक अपूर्ण उत्तर देकर, विधायक के विशेषाधिकार को भंग करना
[जल संसाधन]
176. ( क्र. 2441 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 65 दिनांक 27 फरवरी 2015 के प्रत्येक प्रश्नांश का उत्तर पृथक-पृथक न देकर इकजाई क्यों दिया गया प्रत्येक प्रश्नांश का पृथक-पृथक उत्तर दें पृथक-पृथक उत्तर न देने का क्या कारण है? (ख) उपरोक्त प्रश्न के प्रश्नांश (क) पूछा गया था कि वर्ष 2012-2013-2014 में कौन-कौन से पदों में पदोन्नति समिति की बैठक नहीं की गई परंतु उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट में उन पदों का उत्तर दिया गया है। जिन पदों की डी.पी.सी. की गई थी अर्थात उत्तर भ्रामक और असत्य दिया गया। इसके लिये दोषी कौन है उनका नाम पद बतायें और क्या उसको दण्डित किया जायेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त अवधि में राज्य स्तर के कौन से पद कितनी संख्या में उच्च पद पर पदोन्नति से और सेवानिवृत्ति से अथवा अन्य किसी कारणों से रिक्त हुये पदनाम, संख्या प्रत्येक वर्ष की अलग-अलग बतायें। (घ) उपरोक्त प्रश्न में उल्लेखित सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 12.05.2014 में दिये गये निर्णयानुसार प्रमुख अभियंता ने शासन को निर्धारित प्रारूप में क्या जानकारी भेजी यदि हाँ, तो उसकी प्रति बतायें यदि नहीं, तो शासन के आदेश का पालन न करने का कौन जिम्मेदार है दोषी का नाम पदनाम बतायें। (ड.) उपरोक्त प्रश्न का उत्तर दिया गया है कि दूसरी बार डी.पी.सी. करने की आवश्यकता नहीं हुई थी क्या यह सही था यदि हाँ, तो बतायें कि पदोन्नति नियम 2000 में परिभाषित वर्ष 2012-2013-2014 में जिन पदों पर पदोन्नति हेतु डी.पी.सी. नहीं की गई थी वे पद कौन-कौन से है कितनी संख्या में पूर्व से रिक्त थे और उक्त अवधि में पदोन्नति से सेवानिवृत्ति से तथा अन्य कारणों से रिक्त हुये हैं।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजगढ़ में क्रय की गई निर्माण सामग्री की जानकारी
[लोक निर्माण]
177. ( क्र. 2444 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण संभाग राजगढ़ द्वारा विगत 3 वर्षों में क्या कोई निर्माण सामग्री सीधे बाजार से क्रय की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सामग्री? नाम व मात्रा बतावें। (ग) उक्त सामग्री जिस फर्म से क्रय की गई है? क्या वह फर्म या दुकान पंजीकृत है? (घ) यदि हाँ, तो फर्म का नाम, पंजीयन नहीं है तो कारण सहित बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जिले में कृषि महाविद्यालय खोले जाने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
178. ( क्र. 2445 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में कितने कृषि महाविद्यालय कब से और कहाँ-कहाँ पर संचालित है, बतावें? (ख) प्रदेश में उक्त संचालित कृषि महाविद्यालयों में कितने-कितने छात्र किस-किस विद्यालय में किस-किस कक्षा में अध्ययनरत है? (ग) क्या राजगढ़ जिले के जिला मुख्यालय पर कृषि महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) राजगढ़ जिले में कृषि महाविद्यालय खोले जाने की मांग है। वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की स्थिति के दृष्टिगत विचारण में नहीं है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सागर जिले की अधूरी सिंचाई परियोजनाएं
[जल संसाधन]
179. ( क्र. 2452 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित कितनी परियोजनायें है? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। कितनी परियोजनाओं पर वर्तमान में कार्य चल रहा है? (ख) सागर जिले की कौन-कौन सी योजनाये अधूरी पड़ी है? परियोजना का नाम व कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है बतावें? अधूरी परियोजनाओं में परियोजनावार कितना व्यय हुआ है? अपूर्ण कार्य का क्या कारण है? (ग) परियोजना स्वीकृति के समय वन भूमि संबंधी बाधाओं की अनदेखी क्यों की गई? इस हेतु कौन उत्तरदायी है? अधूरी परियोजनाओं की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति कितनी बार ली गई? (घ) क्या अधूरी परियोजनाओं पर किया गया व्यय व्यर्थ में किया गया? अदूरदर्शिता पूर्ण रवैये से शासन को करोड़ों का नुकसान किया गया? क्या उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही व योजना लागत की वसूली की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सागर जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा 128 सिंचाई परियोजनाएं निर्मित हैं। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। वर्तमान में 10 सिंचाई परियोजनाओं में कार्य प्रारंभ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) सागर जिले में एक योजना अधूरी पड़ी है, जिसका नाम निरन्दपुर जलाशय है, इसमें शीर्ष कार्य 92 प्रतिशत एवं नहर कार्य 85 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। इस अपूर्ण योजना पर राशि रू. 251.78 लाख का व्यय हुआ है। योजना के अपूर्ण होने का मुख्य कारण, मा. सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली द्वारा अभ्यारण क्षेत्र एवं राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्रों में वृक्षों की कटाई एवं निर्माण कार्यों पर दिनांक 14.02.2000 को रोक लगा दी गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) परियोजना स्वीकृति के समय वन भूमि संबंधी बाधाओं की अनदेखी नहीं की गई, तत्समय विधिवत रूप से वन विभाग की स्वीकृति ली गई थी। अत: इस कार्य हेतु कोई उत्तरदायी नहीं है। उक्त परियोजना की एक बार पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। (घ) जी नहीं, मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अभ्यारण क्षेत्र एवं राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्रों में वृक्षों की कटाई एवं ऐसे किसी निर्माण कार्य पर दिनांक 14.02.2000 को रोक लगाये जाने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारी संस्थाओं में प्राधिकृत अधिकारी कि नियुक्ति
[सहकारिता]
180. ( क्र. 2494 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की कितनी सहकारी संस्थाएं हैं जिनका निर्वाचित संचालक मण्डल भंग होकर उनमें प्राधिकृत अधिकारी विगत 6 माह से अधिक समय से नियुक्त है? (ख) प्राधिकृत अधिकारी की नियुक्ति कितने समय के लिए की जाती है या सहकारिता अधिनियम के अनुसार प्राधिकृत अधिकारी की नियुक्ति कितने समय के लिए की जा सकती है? (ग) उज्जैन जिले में जिन संस्थाओं में प्राधिकृत अधिकारियों को 6 माह से अधिक समय हो गया है? उन संस्थाओं में निर्वाचन प्रक्रिया क्यों प्रारंभ नहीं की जा रही है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 08 सहकारी संस्थाएं। (ख) मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49, 53 में प्रशासक नियुक्त करने के प्रावधान हैं तदनुसार प्रशासक की नियुक्ति 06 माह के लिए तथा बैंक की दशा में एक वर्ष के लिए, परन्तु विशेष परिस्थितियों में राज्य सरकार, लिखित में कारणों को अभिलिखित करते हुए प्रशासक की पदावधि कुल एक वर्ष से अनाधिक की कालावधि के लिए बढा सकेगा। (ग) जानकारी संलग्न परिशष्ट अनुसार है।
जनसंपर्क विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों का प्रशिक्षण
[जनसंपर्क]
181. ( क्र. 2495 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क विभाग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों को प्रशिक्षण के लिये कब-कब शिविर आयोजित किये गये जानकारी प्रदान करें तथा कितने पत्रकार लाभांवित हुये? (ख) जनसंपर्क विभाग के माध्यम से शासन की कल्याणकारी योजनाओं की ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार की क्या व्यवस्था है? क्या विभाग के द्वारा योजनाओं की जानकारी देने के लिये शिविर आयोजित हुये है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में शासन की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार दीवार लेखन, प्रदर्शनी, होडिंग्स, प्रचार रथ से किया जाता है। योजनाओं की जानकारी ग्रामीण क्षेत्रों में देने के लिए शिविर भी आयोजित किये जाते हैं।
फूड पार्क की स्थापना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
182. ( क्र. 3069 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में फूड पार्क बनाने हेतु क्या-क्या मापदण्ड तय किये गए हैं तथा 2013 से अब तक कहाँ-कहाँ फूड पार्क स्वीकृत व स्थापित हो चुके हैं? पूर्ण विवरण दें। (ख) रतलाम जिले में अनुसूचित जाति विधानसभा क्षेत्रों व अनुसूचित जन जाति बाहुल्य क्षेत्रों में सरकार फूड पार्क क्यों स्वीकृत नहीं कर रही है, जबकि यहाँ पर्याप्त भूमि व संसाधन है? कारण सहित ब्यौरा दें। (ग) क्या सरकार आलोट जिला रतलाम में फूड पार्क स्थापित करेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं नहीं तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) फूड पार्क स्थापना के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में फूड पार्क की स्थापना नहीं हुई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) फूड पार्क की स्थापना निजी निवेशक द्वारा की जाती है। फूड पार्क की स्थापना के आवेदन हेतु विज्ञापन प्रसारित किया गया प्रश्नाधीन क्षेत्र के लिये कोई आवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण फूड पार्क स्वीकृत नहीं किया गया है। (ग) फूड पार्क की स्थापना राज्य सरकार द्वारा नहीं की जाती, अपितु निजी निवेशक द्वारा की जाती है। आलोट जिला रतलाम में फूड पार्क की स्थापना के लिये कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है, अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।