मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 24 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
टाउनशिपों/कॉलोनियों
के लिये विद्युत
अधोसंरचना का
विकास
[ऊर्जा]
1. ( *क्र. 4302 ) श्री राजेश सोनकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर वृत्त के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में (फरवरी-2017 तक) कितनी नई टाउनशिपों/कॉलोनियों के कॉलोनाईजरों को उनकी विकसित की जा रही टाउनशिपों/कॉलोनियों में विद्युत अधोसंरचना विकसित किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? माह जनवरी-2017 की स्थिति में इन्दौर जिला अन्तर्गत शहर वृत्त इन्दौर में कितने घरेलू विद्युत मीटर खराब/बन्द हैं? (ख) इन्दौर शहर वृत्त के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में (फरवरी-2017 तक) कितनी नई टाउनशिपों/कॉलोनियों के कॉलोनाईजरों द्वारा कितनी राशि किस-किस मद में जमा कराई गई? शहर वृत्त इन्दौर के अन्तर्गत माह फरवरी-2017 की स्थिति में माह जनवरी में बदले जाने हेतु शेष मीटरों में से घरेलू उपभोक्ताओं के कितने खराब/बन्द विद्युत मीटर बदल दिये गये हैं और कितने बदले जाने हेतु शेष हैं? (ग) इन्दौर शहर वृत्त के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में (फरवरी-17 तक) कॉलोनाईजर द्वारा विद्युत अधोसंरचना एवं कॉलोनी विद्युतीकरण हेतु कितने प्राक्कलन स्वीकृत कराये गये हैं एवं उसमें से कितनी कॉलोनियों में कार्य पूर्ण होकर उक्त कॉलोनियों को विद्युत कंपनी को सौंप दिया गया है एवं कितनी कॉलोनियों को विद्युत कंपनी को सौंपा जाना/कनेक्शन दिया जाना शेष है? (घ) इन्दौर शहर वृत्त के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में (फरवरी-2017 तक) कॉलोनाईजर द्वारा विद्युत अधोसंरचना एवं कॉलोनी विद्युतीकरण हेतु कितने प्राक्कलन, कितने विद्युत भार के स्वीकृत कराये गये उसमें से कितनी कॉलोनियों में कार्य पूर्ण होकर कार्यपूर्णता की प्रमाणिकता विद्युत कंपनी के किस स्तर के अधिकारी ने निरीक्षण कर की क्या उक्त शेष कॉलोनियों के संबंध में नागरिकों द्वारा कोई विद्युत संबंधी शिकायत की गई? यदि हाँ, तो दोषी कॉलोनाईजर पर विद्युत कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) इन्दौर शहर वृत्त के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 (फरवरी-2017 तक) में 17 नई टाउनशिपों/कॉलोनियों के लिये विद्युत अधोसंरचना विकसित किये जाने हेतु कॉलोनाइजरों को स्वीकृति प्रदान की गई है। माह जनवरी-2017 की स्थिति में शहर वृत्त इन्दौर के अंतर्गत बन्द एवं खराब घरेलू विद्युत मीटरों की संख्या 6217 थी। (ख) इन्दौर शहर वृत्त के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 (फरवरी-2017 तक) में 17 नई टाउनशिपों/कॉलोनियों हेतु विद्युत अधोसंरचना विकसित किये जाने हेतु कॉलोनाईजरों द्वारा मदवार जमा की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन्दौर शहर वृत्त के अंतर्गत माह फरवरी-2017 में, माह जनवरी-2017 की स्थिति में बदले जाने हेतु शेष कुल 6217 बन्द एवं खराब घरेलू विद्युत मीटरों में से 2992 मीटर बदले गये एवं 3225 मीटर बदले जाने हेतु शेष हैं। (ग) इन्दौर शहर वृत्त के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 (फरवरी-2017 तक) में 17 नई टाउनशिपों/कॉलोनियों हेतु विद्युत अधोसंरचना विकसित किये जाने के लिये 17 प्राक्कलन स्वीकृत किये गये हैं। उक्त में से 2 कॉलोनियों के कार्य पूर्ण होने के उपरांत उन्हें म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर को सौंप दिया गया है। कतिपय कारणों से 15 कॉलोनियों के कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण उन्हें पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को सौंपा जाना शेष है। (घ) इन्दौर शहर वृत्त के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 (फरवरी-2017 तक) में 17 नई टाउनशिपों/कॉलोनियों हेतु विद्युत अधोसंरचना विकसित किये जाने के लिये कुल 29169 किलोवॉट विद्युत भार के 17 प्राक्कलन स्वीकृत किये गये। उक्त में से 2 कॉलोनियों के कार्य पूर्ण होने के उपरांत पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के संबंधित सहायक यंत्री ने उनका निरीक्षण कर कार्य पूर्ण होना प्रमाणित किया है। जी नहीं। कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
2. ( *क्र. 5545 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में सौर ऊर्जा से कितना विद्युत ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है वर्ष 2010 से प्रश्नांकित दिनांक तक किन-किन निजी कम्पनियों से कितनी कितनी क्षमता के सौर ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं के एम.ओ.यू. कब कब हस्ताक्षरित हुए? इनमें से कौन कौन सी परियोजना में कितना कितना विद्युत उत्पादन हो रहा है? किन-किन परियोजनाओं का निर्माण कार्य जारी है? किन परियोजनाओं का निर्माण किस कारण से अप्रारम्भ है? जिन परियोजनाओं का निर्माण कार्य जारी है, उनमें उत्पादन कब तक प्रारंभ हो जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन कंपनियों द्वारा एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किये हैं क्या उनको जमीन शासन द्वारा उपलब्ध कराई है? यदि हाँ, तो कितनी कितनी जमीन, कहाँ कहाँ, किस दर पर? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन हो रहा है, उनमें विद्युत उत्पादन की दर प्रति यूनिट क्या है? उक्त विद्युत ऊर्जा उत्पादन इकाईयों द्वारा कितने मिलियन यूनिट विद्युत किस दर पर शासन को विक्रय की गई, निम्न विवरण सहित बतावें – कम्पनी का नाम, स्थान, उत्पादन क्षमता (मेगावाट में), विक्रय की गई विद्युत (मिलियन यूनिट में), दर प्रति यूनिट, कुल राशि सहित वर्षवार जानकारी दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में सौर ऊर्जा से 800 मेगावाट क्षमता का विद्युत उत्पादन हो रहा है। वर्ष 2010 से आज दिनांक तक 02 निजी कम्पनियों से एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किये गये हैं, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। दोनों परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। इन परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में प्रस्तुत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
मातृत्व योजना का लाभ
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( *क्र. 7053 ) सुश्री मीना सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा संचालित इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का लाभ अनूपपुर जिले में कितने हितग्राहियों को प्रदान किया जा चुका है। विधानसभा क्षेत्रवार हितग्राहियों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभाग द्वारा इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का लाभ शासन द्वारा जारी नियमावली के आधार पर हितग्राहियों को समय-सीमा में प्रदान किया जा रहा है। अगर नहीं तो कारण बतायें। (ग) क्या विभाग द्वारा इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना में हितग्राहियों को लाभान्वित करने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। यदि हाँ, तो पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा जिन हितग्राहियों को योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया गया है क्या उन हितग्राहियों की प्रोत्साहन राशि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को प्रदान की जा चुकी है? (घ) अगर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को प्रोत्साहन राशि अभी तक प्रदान नहीं की गई है तो इसका कारण बतावें? साथ ही कब तक उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान कर दी जायेगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना अनूपपुर जिले में संचालित नहीं है। अतः हितग्राहियों की संख्या दिये जाने का प्रश्न ही नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रदेश के 2 जिले सागर एवं छिंदवाड़ा में योजना का लाभ शासन द्वारा जारी नियमावली के आधार पर हितग्राहियों को समय-सीमा में प्रदान किया जा रहा हैI (ग) जी हाँ, विभाग द्वारा इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना में एक हितग्राही को संपूर्ण राशि मिलने के उपरांत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 200/- रूपये एवं सहायिका को 100/- रूपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। अनूपपुर जिलें में इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना संचालित नहीं है। शेष का प्रश्न नहीं है। (घ) इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना अनूपपुर जिले में संचालित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोअर गोई, इंदिरा सागर परियोजना में कार्यरत श्रमिक
[नर्मदा घाटी विकास]
4. ( *क्र. 7102 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 1381 दिनांक 23.02.2017 के (ख) उत्तर में वर्णित लोअर गोई परियोजना में निर्माणकर्ता कंपनी द्वारा कर्मचारियों/श्रमिकों के पी.एफ. कटौत्री का अंशदान करना माना है? अत: इन कर्मचारियों/श्रमिकों के नाम, पी.एफ. नंबर, इनका अंशदान, नियोक्ता अंशदान की जानकारी माहवार देवें। विगत 3 वर्षों का कंपनी का सेलरी स्टेटमेंट भी देवें। (ख) बड़वानी जिले में इंदिरा सागर परियोजना में कार्यरत श्रमिकों/कर्मचारियों के नाम, उनके पी.एफ. नंबर, इनका अंशदान, नियोक्ता अंशदान की जानकारी माहवार विगत 3 वर्षों की देवें? विगत 3 वर्ष का कंपनी का सेलरी स्टेटमेंट भी देवें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के दायित्व
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
5. ( *क्र. 6564 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा जनहित में क्या-क्या कार्य किये जाने के क्या प्रावधान हैं व कार्यों को मूर्त रूप देने हेतु विभाग द्वारा क्या मार्गदर्शिका अपनाई जाती है व उसके कार्यान्वयन हेतु क्या निर्देश/आदेश प्रचलन में हैं, की प्रति सहित जानकारी दी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत तीन वर्ष में कितनी राशि जिला मुरैना को प्राप्त हुई व उक्त राशि से क्या-क्या कार्य किये गये। (ग) क्या प्रदाय राशि में से माननीय विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्रों में अनुशंसा सहित प्रस्ताव भेजने की पात्रता है व इस हेतु क्या नियम हैं? (घ) विधानसभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में विगत तीन वर्ष में कितने कार्य जनहित में किये गये, विवरण दिया जावे? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा जनहित में किए जाने वाले कार्य एवं उन कार्यों के संबंध में आवश्यक प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। निर्देश-आदेश की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) पृथक से कोई राशि जिलों को नहीं दी जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। हितग्राही अंश एवं केन्द्र/राज्य शासन के अनुदान पर आधारित योजनाओं पर विगत तीन वर्षों में मुरैना जिले में किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। तथापि प्रस्तावित कार्यों हेतु हितग्राही अंश की आवश्यकता होगी व उक्त की उपलब्धता पर कार्य कराए जा सकेंगे। (घ) विधानसभा क्षेत्र दिमनी, जिला मुरैना में विगत 3 वर्षों में पेयजल हेतु निम्नानुसार सोलर पम्प की स्थापना का कार्य किया गया है :- 1. ग्राम-दलजीत का पुरा, 2. ग्राम-मलवसई, 3. शासकीय अनुसूचित जाति कन्या आश्रम नवाली, 4. शासकीय अनुसूचित जाति कन्या आश्रम दिमनी। इसके अतिरिक्त 224 नग एल.ई.डी. बल्ब का विक्रय किया गया है।
प्राचीन मंदिरों का पर्यटन के रूप में विकास
[पर्यटन]
6. ( *क्र. 6149 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासन द्वारा प्राचीन मंदिरों एवं दर्शनीय स्थलों को पर्यटन के रूप में विकसित किये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कटनी जिले की विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत ग्राम बांधा में राधाकृष्ण मंदिर, ग्राम मुहास में हनुमान मंदिर, ग्राम बिलहरी में गयाकुण्ड स्थान एवं पुष्पावती नगरी, ग्राम तिगवां एवं बड़गांव में प्राचीन शिलालेख है, क्या इन्हें पर्यटन के रूप में विकसित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 1960, दिनांक 19.01.2017 पर क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी नहीं। स्थल विशेष को पर्यटन के रूप में विकसित किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पत्र विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित आगंनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( *क्र. 6966 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन से ग्रामों में आंगनवाड़ी केंन्द्र नहीं हैं? (ख) क्या ऐसे ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ करने हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन हैं एवं कितने किराये के भवनों में संचालित हैं? (घ) क्या भवन विहिन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए भवन की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बाल विकास परियोजना नरसिंहपुर के 01 ग्राम तथा बाल विकास परियोजना करेली के 27 ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा जनसंख्या के निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति होने पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति दी जाती है। नरसिहंपुर विधानसभा क्षेत्र के उक्त 28 ग्रामों में निर्धारित मापदण्ड अनुसार जनसंख्या न होने के कारण आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित नहीं है। (ग) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 70 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवन में, 120 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय विभाग भवन में तथा 64 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित हैं। (घ) भवन विहीन 184 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 16 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति शासन से प्राप्त हो गई। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है, अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
विद्युत का उत्पादन
[ऊर्जा]
8. ( *क्र. 7145 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा विगत 10 वर्षों में अशासकीय/निजी संस्थाओं (केप्टिव, गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों को छोड़कर) से कितने विद्युत क्रय अनुबंध (पी.पी.ए.) किये गये? वितरण सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) ऐसे कितने प्लांट आज दिनांक तक संचालित हैं और उनसे वर्ष 2012-13 से दिसम्बर 2016 तक कितना विद्युत क्रय किया गया है एवं किस दर पर? विवरण सहित सूची उपलब्ध करायें। (ग) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड का प्रति वर्ष विद्युत उत्पादन तथा उन वर्षों में प्रति इकाई (यूनिट) औसत उत्पादन लागत कितनी है? विगत तीन वर्षों (2013-14, 2014-15 एवं 2015-16) की जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा विगत 10 वर्षों में अशासकीय/निजी संस्थाओं (केप्टिव, गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों को छोड़कर) से विद्युत क्रय अनुबंध (पी.पी.ए.) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) संचालित पॉवर प्लांट्स एवं वर्ष 2012-13 से दिसंबर 2016 तक विद्युत क्रय एवं दर संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड का वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 का प्रति वर्ष विद्युत उत्पादन तथा इन वर्षों में प्रति इकाई (यूनिट) औसत उत्पादन लागत निम्नानुसार है :-
वर्ष |
ताप विद्युत उत्पादन (मिलियन यूनिट में) |
जल विद्युत उत्पादन (मिलियन यूनिट में) |
प्रति इकाई औसत उत्पादन लागत (रू. प्रति यूनिट) |
2013-14 |
16196.4 |
3673.4 |
3.32 |
2014-15 |
16909.3 |
2749.8 |
4.12 |
2015-16 |
18601.8 |
1962.3 |
4.25 |
श्योपुर जिले में फीडर सेपरेशन योजना अंतर्गत किये गये कार्य
[ऊर्जा]
9. ( *क्र. 6450 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में फीडर सेपरेशन योजना कब प्रारंभ हुई तब से वर्तमान तक कितने व कौन-कौन से ग्रामों को योजना में शामिल किया गया, में से कौन-कौन से ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हुआ? किन-किन ग्रामों में नहीं हुआ तथा क्यों? कब तक पूर्ण कराये जावेंगे। (ख) उक्त में से जिन ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है, उनमें घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया तथा अब भी कई ग्रामों में खम्भे नहीं गड़े, कहीं तार नहीं खिंचे, जहां दोनों कार्य हो गये वहाँ ट्रांसफार्मर नहीं लगे, जहां लगे वहां खराब पड़े हैं, इन्हें नहीं बदला जा रहा है, इसका कारण बतावें? (ग) क्या उक्त योजना के तहत जिले में 527 ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण होना था, वह नहीं हुआ? वर्तमान तक 166 ग्रामों में ही यह कार्य पूर्ण हो पाया नतीजन जिले के घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है एवं वे योजना के लाभ से वंचित बने हुये हैं? (घ) क्या शासन पूर्ण हो चुके ग्रामों में विद्युतीकरण कार्यों की गुणवत्ता व कार्यों के अपूर्ण रहने के कारणों की जाँच करायेगा तथा शेष अविद्युतीकरण ग्रामों में विद्युतीकरण के कार्य एक निश्चित समय-सीमा में पूर्ण करवायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्योपुर जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना दिनांक 20.08.2011 से प्रारम्भ हुई थी, जिसमें फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु 527 ग्राम सम्मिलित थे। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु अवार्ड ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर लिमिटेड को जारी किया गया था। उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा 134 ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया गया, किन्तु निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं कर पाने के कारण उसका अवार्ड निरस्त कर दिया गया। शेष 393 ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण के कार्यों के लिए पुन: निविदा प्रक्रिया उपरांत टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स विकरान इंजीनियरिंग एण्ड एक्जिम प्रा.लि. को अवार्ड जारी किया गया है। वर्तमान तक उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा 102 ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 291 ग्रामों का कार्य शेष है। उक्तानुसार उक्त योजना में शामिल, पूर्ण एवं शेष ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त शेष ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य निर्धारित समयावधि नवम्बर 2017 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (ख) फीडर विभक्तिकरण योजना में उपयोग की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता की जाँच एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में कराई जाती है। जाँच में सामग्री निर्धारित मानक स्तर के अनुरूप पाए जाने पर ही उपयोग में ली जाती है। उक्त योजना में जिन ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण के कार्य पूर्ण किये गये हैं, उनमें निर्धारित प्रावधानों के अनुसार ही कार्य किये गये हैं तथा शेष कार्यों हेतु पुन: निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित ठेकेदार एजेन्सी को अवार्ड जारी किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 35 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर शत-प्रतिशत राशि बकाया होने के कारण नहीं बदले जा सके हैं, जिन्हें नियमानुसार बकाया राशि जमा होने के उपरांत बदलने की कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) प्रश्नाधीन फीडर विभक्तिकरण के कार्य (विद्युतीकरण के नहीं) 527 ग्रामों में किये जाने थे, जिनमें से वर्तमान तक 236 ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 291 ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य शेष है, जिसे पूर्ण किये जाने की निर्धारित समयावधि नवम्बर, 2017 है तथा प्रश्नाधीन सभी ग्रामों में विभक्त किये गये/मिश्रित फीडरों के माध्यम से कृषि एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं को निर्धारित समयावधि हेतु विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) फीडर विभक्तिकरण योजना में प्रश्नाधीन कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये निरीक्षण हेतु थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी को अनुबंधित किया गया है, जिनके साईट इंजीनियरों द्वारा कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए निरीक्षण किया जाता है तथा निरीक्षण उपरांत कार्यों में कमी पाये जाने पर संबंधित ठेकेदार एजेंसी से आवश्यक सुधार कार्य कराए जाते हैं। थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेन्सी द्वारा इंगित त्रुटियों के निराकरण उपरांत ही ठेकेदार एजेन्सी के बिलों का भुगतान किया जाता है। अत: कार्यों की गुणवत्ता की जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है। प्रश्नाधीन शेष कार्य निर्धारित समयावधि नवम्बर 2017 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जायेंगे।
लाड़ली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
10. ( *क्र. 6920 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा बालिकाओं के प्रोत्साहन हेतु लाड़ली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त योजना के प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक शहडोल जिले के प्रत्येक महिला एवं बाल विकास परियोजना अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं में योजना अंतर्गत कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन विद्युत ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
11. ( *क्र. 2799 ) श्री अरूण भीमावद : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रूलकी एवं ग्राम मेवासा सहित आसपास के लगभग 20-25 ग्रामों में विद्युत निम्न दाब की गंभीर समस्या होने से सिंचाई कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन किसानों की इस गंभीर समस्या पर विचार कर रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त स्थानों पर नवीन विद्युत ग्रिड स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान करेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्तमान में ग्राम रूलकी एवं उसके आस-पास के ग्रामों को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बेरछा से निर्गमित 11 के.व्ही. चैसला कुल्मी कृषि फीडर से सिंचाई हेतु सुचारु रुप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। तथापि रबी सीजन 2016-17 में 11 के.व्ही. चैसला कुल्मी फीडर पर अधिकतम भार 165 एम्पीयर एवं अंतिम बिन्दु पर वोल्टेज रेग्यूलेशन (व्ही.आर.) 20.04 प्रतिशत दर्ज हुआ है। 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बेरछा से निर्गमित 11 के.व्ही. चैसला कुल्मी फीडर की कुल लम्बाई 14.45 कि.मी. है तथा इससे संबद्ध क्षेत्र में कम वोल्टेज की समस्या के निदान हेतु इस फीडर के विभक्तिकरण के लिये 4 कि.मी 11 के.व्ही. लाईन के निर्माण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत स्वीकृत है। उक्त कार्य पूर्ण होने के पश्चात नवीन 11 के.व्ही. चैसला कुल्मी फीडर एवं पुराने 11 के.व्ही. चैसला कुल्मी फीडर पर भार क्रमशः 65 एम्पीयर एवं 100 एम्पीयर रहेगा एवं अंतिम सिरे पर वोल्टेज रेग्यूलेशन क्रमशः 6.0 एवं 7.0 प्रतिशत रहेगा। इस प्रकार प्रश्नाधीन क्षेत्र में कम वोल्टेज की समस्या का निराकरण हो जायेगा। रबी सीजन 2016-17 में 11 के.व्ही. चैसला कुल्मी फीडर पर माह अक्टूबर-16 से फरवरी-17 तक औसतन 9 घंटे 39 मिनिट प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया गया है। ग्राम मेवासा एवं उसके आस-पास के ग्रामों को वर्तमान में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मझानिया से निर्गमित 11 के.व्ही. सुनेरा-मेवासा कृषि फीडर से सिंचाई हेतु सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। रबी सीजन 2016-17 में 11 के.व्ही. सुनेरा-मेवासा कृषि फीडर पर अधिकतम भार 165 एम्पीयर एवं अंतिम बिन्दु पर वोल्टेज रेग्यूलेशन (व्ही.आर.) 8.05 प्रतिशत दर्ज हुआ है, जो कि नियत सीमा में है। रबी सीजन 2016-17 में 11 के.व्ही. सुनेरा-मेवासा फीडर पर माह अक्टूबर-16 से फरवरी-17 तक औसतन 9 घंटे 27 मिनिट प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम रूलकी एवं आस-पास के ग्रामों में रबी सीजन में कम वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बेरछा से निर्गमित 11 के.व्ही. चैसला कुल्मी फीडर के विभक्तिकरण के लिये दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 4 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन के निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त स्थानों पर वर्तमान में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित करने की तकनीकी रुप से आवश्यकता नहीं है।
घोषित वोल्टेज अनुसार विद्युत की सप्लाई
[ऊर्जा]
12. ( *क्र. 6960 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता के अध्याय तीन के अंतर्गत घोषित वोल्टेज एवं विद्युत सप्लाई की जाती है? यदि हाँ, तो सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सभी वितरण केन्द्रों में तीन वर्षों की औसत खपत की वर्षवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में घोषित वोल्टेज यदि कम है, तो क्या विभाग उस क्षेत्र में नये उपकेन्द्र स्थापित करेगा? (ग) क्या उपभोक्ताओं को घोषित वोल्टेज एवं विद्युत सप्लाई देने के लिये विभाग बाध्य है, तभी बिल वसूल करने का हकदार है? यदि हाँ, तो कौन जिम्मेदार है? (घ) सिवनी जिले के विद्युत सप्लाई करने वाली विद्युत कंपनी की गत तीन वर्षों की सी.ए.जी. द्वारा अंकेक्षण रिपोर्ट एवं प्रश्नांश (क), (ख), (ग) की कार्यवाही रिपोर्ट पटल पर रखें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, सिवनी विधानसभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अध्याय 3 के अन्तर्गत घोषित वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय किया जाता है। सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सभी वितरण केन्द्रों में विगत 3 वित्तीय वर्षों में कुल विद्युत खपत की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सभी ग्रामों में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अध्याय 3 के अन्तर्गत घोषित वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। तथापि भविष्य में भार वृद्धि के दृष्टिगत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत पीपरडाही में एवं आई.पी.डी.एस. योजनांतर्गत अशोक नगर (सिवनी) में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है। (ग) उपभोक्ताओं को घोषित वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय करने के लिये वितरण कंपनियाँ म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 में निहित प्रावधानों के अनुसार कटिबद्ध हैं एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश के अनुसार ही बिल जारी कर विद्युत प्रदाय संहिता 2013 में निहित प्रावधानों के अनुसार वसूली की कार्यवाही की जाती है। इस प्रकार वैधानिक प्रावधानों के अनुरूप ही प्रश्नाधीन क्षेत्र में कार्यवाही की जा रही है, अत: किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) सिवनी जिले के अन्तर्गत मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विद्युत वितरण का कार्य किया जा रहा है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 के वार्षिक लेखों की प्रति सी.ए.जी की अंकेक्षण रिपोर्ट सहित विधानसभा के पटल पर क्रमश: दिनांक 24.03.2015 एवं दिनांक 27.07.2016 को रखी जा चुकी है तथा वर्ष 2015-16 के वार्षिक लेखों की प्रति सी.ए.जी. की अंकेक्षण रिपोर्ट सहित विधानसभा के पटल पर रखने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
दतिया जिले में पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
13. ( *क्र. 5015 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दतिया जिले में स्थित आंगनवाड़ियों में बच्चों को स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार दिया जा रहा है? (ख) क्या शासन के नियमों के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों से बच्चों की उपस्थिति संख्या सुपरवाईजर से प्रमाणित होने के उपरांत ही संबंधित आपूर्तिकर्ता को भुगतान किया जाना चाहिये? क्या स्व-सहायता समूहों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का कोई सगा संबंधी नहीं होना चाहिये? (ग) क्या दतिया जिले के सेवढ़ा/भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के कई आंगनवाड़ियों के स्व-सहायता समूहों को सुपरवाईज़र के उपस्थिति प्रमाणित कराये बिना दर्ज संख्या से अधिक बच्चों की राशि का भुगतान किया जा रहा है? (घ) भाण्डेर/सेवढ़ा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों के दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक भुगतान किये गये पोषण का विवरण आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सुपरवाईजरों द्वारा दिये गये उपस्थिति पत्रकों का विवरण उपलब्ध कराएं। साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्रों को पोषण आहार आपूर्तिकर्ता समूहों के नाम की सूची उपलब्ध करायें तथा यह भी प्रमाणित करें कि इन समूहों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के कोई सगे संबंधी नहीं हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। विभागीय निर्देशानुसार दतिया जिले में स्व-सहायता समूह के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को पोषण आहार दिया जा रहा है। (ख) राज्य शासन के निर्देशानुसार स्व-सहायता समूहों द्वारा प्रस्तुत जानकारी के आधार पर परियोजना अधिकारी द्वारा अभिप्रमाणित एवं संकलित कम्प्यूटरीकृत देयक के आधार पर भुगतान किया जाता है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। दतिया जिले की सेवढ़ा एवं भाण्डेर परियोजना में आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज एवं उपस्थिति के मान से ही भुगतान किया जाता है। दर्ज संख्या से अधिक उपस्थिति का भुगतान नहीं किया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है।
पाँच वर्षों से अधिक अवधि से पदस्थ अधिकारियों का अन्यत्र स्थानांतरण
[नर्मदा घाटी विकास]
14. ( *क्र. 5805 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नर्मदा घाटी विकास विभाग में पदस्थ कितने कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री पिछले पाँच वर्षों से एक ही संभाग/मण्डल में पदस्थ हैं? जानकारी उनके नामवार, उनके संभाग में पदस्थी दिनांकवार बताई जावे। (ख) क्या शासन की स्थानांतरण नीति के अन्तर्गत प्रथम श्रेणी के अधिकारियों को तीन वर्ष से अधिक एक ही स्थान पर नहीं रखने संबंधी शासन के निर्देश हैं? (ग) यदि वर्णित (ख) हाँ तो वर्णित (क) के अधिकारी जो विगत पाँच वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं, उन्हें कब तक हटाया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ, स्थानांतरण नीति 2015 में उल्लेख है, परन्तु अनिवार्यता नहीं है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में कार्यपालन यंत्रियों/अधीक्षण यंत्रियों की सेवायें अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर ली जाती हैं। वर्तमान में प्राधिकरण में अभियंताओं की कमी है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
शासकीय महाविद्यालय धनेटा पोरसा में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
15. ( *क्र. 3818 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शा. महाविद्यालय धनेटा पोरसा जिला मुरैना, ग्राम धनेटा से कितनी दूरी पर स्थित है? (ख) क्या ग्राम धनेटा से कॉलेज तक विद्युत विभाग द्वारा बिजली के पोल नहीं डाले गये हैं, जिसके कारण आज दिन तक धनेटा पोरसा शा. महाविद्यालय विद्युत विहीन है? विद्युत व्यवस्था न होने से शास. कम्प्यूटर तथा अन्य आवश्यक उपकरण अनुपयोगी पड़े हुए हैं। (ग) क्या शासन छात्र-छात्राओं के हित को ध्यान में रखते हुए ग्राम धनेटा से शासकीय महाविद्यालय (दूरी लगभग 500 मीटर) तक पोल गाड़कर डी.पी. रखवाकर विद्युत व्यवस्था करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) शासकीय महाविद्यालय धनेटा पोरसा, जिला मुरैना ग्राम धनेटा से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। (ख) शासकीय महाविद्यालय धनेटा के विद्युतीकरण हेतु अधोसंरचना विकसित करने का कार्य नियमानुसार ''अ'' श्रेणी के विद्युत ठेकेदार से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सुपरविज़न में महाविद्यालय प्रशासन द्वारा कराया जाना था, लेकिन महाविद्यालय प्रशासन द्वारा उक्त कार्य न करवाकर निम्न दाब लाईन से ही तात्कालिक समय में निम्न दाब कनेक्शन प्राप्त कर दिनांक 30.09.2005 से विद्युत का उपयोग किया जा रहा था। उक्त कनेक्शन की सर्विस लाईन जलने/खराब होने पर महाविद्यालय प्रशासन द्वारा सर्विस लाईन नहीं बदलवाने के कारण माह जून 2016 से विद्युत प्रदाय बंद है। उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा दिनांक 14.08.2015 को लाईन विस्तार कार्य एवं 25 के.व्ही.ए. क्षमता का एक वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने हेतु आवेदन दिया गया, जिस पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय द्वारा दिनांक 06.01.2016 को राशि रू. 249719/- का प्राक्कलन स्वीकृत कर सुपरविज़न चार्ज एवं सर्विस टैक्स की राशि रू. 15,714/- का माँग पत्र जारी किया गया था, लेकिन आवेदक द्वारा उक्त राशि जमा नहीं करने के कारण प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही नहीं की जा सकी। पुन: दिनांक 26.09.2016 को महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा प्राक्कलन स्वीकृति हेतु आवेदन दिया गया, जिसके अनुसार उक्त कार्य नगरपालिका परिषद के द्वारा कराया जाना था, परन्तु प्राक्कलित राशि लगभग रू. 2.75 लाख होने के कारण नगरपालिका परिषद द्वारा उक्त कार्य करवाने में असमर्थता बतायी गई एवं उनके पास उक्त मद में मात्र रू. 2 लाख की राशि उपलब्ध होने के कारण पुन: पूर्व से स्थापित 100 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर से निम्नदाब लाईन का लगभग 0.4 कि.मी. का विस्तार कार्य करने हेतु राशि रू. 1,94,496/- का प्राक्कलन स्वीकृत कर प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय धनेटा को कनिष्ठ यंत्री पोरसा के द्वारा सुपरविज़न चार्ज एवं अन्य प्रभार की राशि रू. 13,250/- का मांग पत्र दिनांक 04.03.2017 को जारी किया गया है। उक्त राशि आज दिनांक तक जमा नहीं कराई गई है। (ग) प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय धनेटा को कनिष्ठ यंत्री पोरसा के द्वारा सुपरविज़न चार्ज एवं अन्य प्रभार की राशि रू. 13,250/- का माँग पत्र दिनांक 04.03.2017 को जारी किया गया है। राशि जमा होने के उपरांत उक्त कार्य ''अ'' श्रेणी के विद्युत ठेकेदार के माध्यम से महाविद्यालय/प्रशासन नगरपालिका परिषद के द्वारा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सुपरविजन में करवाया जावेगा। अत: कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताना संभव नहीं।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
16. ( *क्र. 6744 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 31 जनवरी 2017 को ब्यावरा नगर में आयोजित एन.एच.ए.आई. के फोरलेन भूमिपूजन कार्यक्रम एवं जिला स्तरीय अंत्योदय मेले में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के संबंध में कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा अपने पत्र क्रमांक/11427/एस.सी. 2/2017 राजगढ़ दिनांक 04.02.2017 से प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल को आवश्यक कार्यवाही हेतु जानकारी प्रेषित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त घोषणाओं पर आवश्यक व त्वरित कार्यवाही हेतु किन-किन विभाग प्रमुखों को क्या दिशा-निर्देश दिये गये हैं? निर्देशों की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उपरोक्तानुसार माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के परिपालन की कोई समय-सीमा निर्धारित की गई? यदि हाँ, तो क्या?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना स्थित रिफाइनरियों से बाहर भेजा गया खाद्य तेल
[वाणिज्यिक कर]
17. ( *क्र. 5366 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना वाणिज्यकर जाँच नाके से मुरैना की रिफाइनरियों में वर्ष 2015-16 में कितनी मात्रा में खाद्य तेलों को बाहर से मंगाया गया? (ख) क्या वाणिज्यकर जाँच चौकी मुरैना की क्रूड ऑयलों की प्रविष्टियों मार्गों पर स्थित अन्य प्रदेशों की जाँच चौकियों से भिन्न है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्या शासन इन प्रविष्टियों की सत्यता की जाँच हेतु कोई प्रावधान बनायेगा? (ग) उक्त समयावधि में मुरैना रिफाइनरियों से कितनी मात्रा में रिफाइण्ड खाद्य तेल की कितनी मात्रा बाहर भेजी गई।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मुरैना वाणिज्यिक कर, जाँच नाके से मुरैना की रिफाइनरियों में वर्ष 2015-16 में रू. 3905462145.00 का खाद्य तेल बाहर से बुलाया गया। जाँच चौकी पर किसी कमोडिटी का रिकॉर्ड मात्रात्मक आधार पर संधारित नहीं किया जाता है। (ख) वाणिज्यिक कर जाँच चौकी मुरैना की क्रूड ऑयलों की प्रविष्टियों मार्गों पर अन्य प्रदेशों की जाँच चौकियां अवस्थित नहीं होने से प्रविष्टियों की सत्यता की जाँच करने की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (ग) उक्त समयावधि में मुरैना रिफाइनरियों से रू. 2024284034.00 का रिफाइंड खाद्य तेल बाहर भेजा गया है। किसी कमोडिटी का रिकार्ड मात्रात्मक आधार पर संधारित नहीं किया जाता है।
दतिया जिलांतर्गत अवैध शराब की बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
18. ( *क्र. 5672 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कितने व्यक्तियों को कितनी-कितनी अवैध शराब देशी/विदेशी विक्रय करने का प्रकरण बनाकर उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) देशी/विदेशी मदिरा ठेकेदारों को शासन द्वारा किसी शासकीय प्रतिष्ठान से उपलब्ध कराई जाती है या किसी निजी प्रतिष्ठान अथवा ठेकेदार से यानि खुले बाजार से? (ग) क्या आबकारी विभाग ठेकेदारों के माध्यम से एक लायसेंस से 4-5 दुकानें नगर में तथा पुलिस के साथ समझौता कर थाने के अंतर्गत आने वाले समस्त ग्रामों में मदिरा का अवैध बिक्री का कारोबार करवा रहा है? यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की जाँच प्रश्नकर्ता के समक्ष कराई जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) आबकारी विभाग द्वारा जिला दतिया में वर्ष 2015-16 में कुल 640 प्रकरण एवं वर्ष 2016-17 में माह फरवरी 2017 अंत तक कुल 668 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। दर्ज प्रकरणों में जप्त की गई मदिरा की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, दर्ज प्रकरणों में आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। (ख) दतिया जिले में देशी मदिरा का प्रदाय शासकीय देशी मद्य भाण्डागार दतिया से एवं विदेशी मदिरा का प्रदाय शासकीय विदेशी मद्य भाण्डागार ग्वालियर से किया जाता है। (ग) आबकारी विभाग दतिया द्वारा जिले में विदेशी मदिरा के फुटकर विक्रय हेतु 15 एवं देशी मदिरा के फुटकर विक्रय हेतु 54 लायसेंस एवं 02 एफ.एल. 3 लायसेंस जारी किये गये हैं। लायसेंसशुदा दुकानों से ही मदिरा का विक्रय किया जाता है। इसके अतिरिक्त कहीं भी मदिरा विक्रय की अनुमति नहीं दी गई है, अवैध मदिरा विक्रय की सूचना प्राप्त होने पर आबकारी विभाग/पुलिस विभाग द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की जाती है।
ताप विद्युत गृह हेतु कोयले की खरीदी
[ऊर्जा]
19. ( *क्र. 7036 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1377, दिनांक 23.02.2017 के संदर्भ में बतायें कि सिंगाजी, अमरकंटक व सतपुड़ा ताप विदयुत गृह हेतु पिछले 05 वर्षों में वॉश्ड कोल (धुला कोयला) हेतु कब कब टेंडर (निविदा) किये गये, किन-किन पेपरों में विज्ञप्ति दी गई, की प्रति उपलब्ध कराते हुए बतायें कि उन टेंडरो में किन-किन कंपनियों ने हिस्सा लिया, कितनी कंपनियों को डिसक्वालिफाई किया गया, उसके क्या कारण थे व किस-किस कंपनियों ने क्या-क्या रेट उन टेंडरों में डाले? टेबल रूप में टेंडरवार व प्लांटवार जानकारी देवें। (ख) मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर को किये गये काउंटर ऑफर की समस्त प्रक्रिया व शर्तें उपलब्ध कराये बिना टेंडर के इस कंपनी को क्या कार्यादेश दिया गया? वहीं दूसरी कंपनियों से काउंटर ऑफर के लिये गये रेट की प्रति भी उपलब्ध करायें। (ग) पिछले 2 वर्षों से आज दिनांक तक ए.सी.बी. इंडिया व स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर के कितने धुला कोयला की जाँच की गई व कितने सेंपल उसमें अमानक पाये गये? अमानक पाये जाने पर कितना दंड शासन ने दोनों कंपनियों पर लगाया व हुये नुकसान की भरपाई सरकार ने कंपनियों से कैसे वसूल की? आदेशों की प्रति व कितनी-कितनी राशि वसूली गई की, राशि कंपनीवार बतायें। (घ) बतायें कि विगत 5 वर्षों में किन-किन कंपनियों को किन-किन नियम के अंतर्गत किन-किन शर्तों के साथ कितने कितने समय के लिए एक्सटेंशन दिया गया? एक्सटेंशन किन परिस्थितियों के कारण बार-बार दिया गया, की भी जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रथम बार श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह, खण्डवा में वॉश्ड कोयला (धुला हुआ) प्रदाय करने हेतु दिनांक 20-04-2015 को निविदा (टी.एस. 55) जारी की गई थी। निविदा हेतु विज्ञप्ति मध्य प्रदेश शासन की “ई प्रोक्योरमेंट वेबसाइट” के अतिरिक्त नवभारत टाईम्स नई दिल्ली, दैनिक भास्कर, रायपुर एवं नवभारत, बिलासपुर में भी प्रकाशित की गई। निविदा प्रकाशन हेतु जारी किये गये पत्र एवं निविदा विज्ञप्ति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। इस निविदा में निम्नलिखित कंपनियों ने टेंडर जमा किये- (1) मेसर्स ए.सी.बी. इंडिया लिमि., गुड़गाँव। (2) मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर लिमि., नई दिल्ली। (3) मेसर्स एस.वी. पॉवर प्राइवेट लिमि., हैदराबाद। (4) मेसर्स मारूति क्लीन कोल एंड पॉवर लिमि., रायपुर। इस निविदा में भाग लेने वाली उक्त चार कंपनियों में से दो कंपनियाँ यथा मेसर्स एस.वी. पॉवर प्राइवेट लिमि., हैदराबाद तथा मेसर्स मारूति क्लीन कोल एंड पॉवर लिमि., रायपुर, को निविदा की निर्धारित अर्हताएं पूर्ण न करने पर डिसक्वालीफाई किया गया, जिसके प्रमुख कारण पिछले तीन वित्तीय वर्षों में औसतन 1.8 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयले की धुलाई की मात्रा का कार्यानुभव, धनात्मक नेटवर्थ एवं रूपये 25 करोड़ औसत टर्न ओवर न होना था। मेसर्स ए.सी.बी. इंडिया लिमि., गुड़गाँव एवं मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर लिमि., नई दिल्ली द्वारा टेंडर में डाली गयी दरें, टेबल रूप में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' अनुसार है। इसके उपरांत श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह हेतु धुले हुए कोयले के प्रदाय हेतु निविदा (टी.एस. 63) दिनांक 07-06-2016 को जारी की गई थी, जिसकी विज्ञप्ति भी मध्य प्रदेश शासन की “ई प्रोक्योरमेंट वेबसाइट” के अतिरिक्त टाईम्स ऑफ इंडिया, नई दिल्ली एवं देशबंधु, रायपुर में प्रकाशित की गई। निविदा विज्ञप्ति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार है। इस निविदा के विरूद्ध किसी भी फर्म द्वारा ऑफर नहीं दिया गया। अत: निविदा को निरस्त कर दिया गया। तदुपरांत दिनांक 09-09-2016 को श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी हेतु धुले हुये कोयले के प्रदाय हेतु निविदायें (टी.एस. 65 एवं टी.एस. 66) आमंत्रित की गई। वॉश्ड कोयला (धुला हुआ) प्रदाय करने हेतु इन दोनों निविदाओं की संयुक्त विज्ञप्ति मध्य प्रदेश शासन की “ई प्रोक्योरमेंट वेबसाइट” के अतिरिक्त स्टेटसमेन, नई दिल्ली एवं स्वदेश, रायपुर में प्रकाशित की गई। निविदा प्रकाशन हेतु जारी किये गये पत्र एवं निविदा विज्ञप्ति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-3' अनुसार है। श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह, खण्डवा हेतु निम्नलिखित कंपनियों ने टेंडर जमा किये- (1) मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर लिमि., नई दिल्ली। (2) मेसर्स हिन्द एनर्जी एवं कोल बेनेफिस्यिशन (इं.) लिमि., बिलासपुर। (3) मेसर्स ए.सी.बी. इंडिया लिमि., गुड़गाँव। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी हेतु निम्नलिखित कंपनियों ने टेंडर जमा किये- (1) मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर लिमि., नई दिल्ली। (2) मेसर्स महावीर कोल वाश्रीज़ प्राइवेट लिमि., बिलासपुर। (3) मेसर्स ए.सी.बी. इंडिया लिमि., गुड़गाँव। दोनों निविदाओं में किसी भी कंपनी को डिसक्वालीफाई नहीं किया गया। उक्त सभी निविदाओं में विभिन्न कंपनियों द्वारा प्रस्तुत की गई दर टेबल रूप में टेण्डरवार एवं प्लांटवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-2' एवं 'ब-3' अनुसार हैं। अमरकंटक ताप विद्युत गृह हेतु वॉश्ड कोल नहीं लिया गया है। (ख) निविदा दिनांक 20.04.2015 (टी.एस. 55) के विरूद्ध मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर लिमि., नई दिल्ली (एल-2 बिडर) को निविदा की कंडिका क्रमांक-6.1 (छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है) में निर्धारित प्रक्रिया के तहत, मेसर्स ए.सी.बी. इंडिया लिमि., गुड़गाँव (एल-1 बिडर) द्वारा दी गयी कुल लेण्डेड दर पर काउंटर आफर के आधार पर कार्यादेश दिया गया। इस टेण्डर में किसी दूसरी कंपनी से काउंटर आफर के रेट नहीं लिये गये वरन एल-1 बिडर द्वारा उध्दत लेण्डेड दर पर टेंडर के प्रावधानों के अनुसार मेसर्स स्पेक्ट्रम को काउंटर आफर दिया गया। उक्त कंपनी (मेसर्स स्पेक्ट्रम) को निविदा में वर्णित प्रक्रियानुसार आदेश जारी किये गये। (ग) विगत दो वर्षों से प्रश्न दिनांक तक मेसर्स ए.सी.बी. इंडिया लिमि., गुड़गाँव एवं मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर लिमि., नई दिल्ली द्वारा भेजे गये वॉश्ड कोल की प्रत्येक कोल रैक के कोयले की जाँच की गई है। जाँच के उपरांत निर्धारित मानकों के अनुसार मासिक औसत आधार पर कोयला प्राप्त न होने की स्थिति में कार्यादेश की शर्तों के अनुसार कंपनियों पर दण्ड अधिरोपित किया जाता है। यह दण्ड उनके बिल से काटा जाता है तथा अलग से आदेश प्रसारित नहीं किया जाता है। कोयले की गुणवत्ता की जाँच में माह मार्च 2016 की एक रैक का सेम्पल छोड़कर बाकी सभी सेम्पल मानक स्तर पर आदेश की कंडिकाओं के अनुरूप पाये गये हैंI माह मार्च 2016 में फर्म मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर लिमि., नई दिल्ली के देयक से दंडस्वरूप रूपये 37054/- की राशि काटी गई है। उपरोक्त के अलावा समस्त ताप विद्युत गृहों में उक्त दोनों कंपनियों द्वारा प्रदाय किये गये कोयले की गुणवत्ता कार्यादेश में दर्शाये गये मानक स्तर की पाई जाने के कारण, कोई भी अतिरिक्त दण्डात्मक राशि मेसर्स ए.सी.बी. इंडिया लिमि., गुड़गाँव एवं मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर लिमि., नई दिल्ली से नहीं वसूली गई है। (घ) विगत पाँच वर्षों में से वर्ष 2015-16 में ही म.प्र.पॉ.ज.कं.लि. द्वारा प्रथम बार वॉश्ड कोल प्रदाय हेतु कार्यादेश मेसर्स ए.सी.बी. इंडिया लिमि., गुड़गाँव एवं मेसर्स स्पेक्ट्रम कोल एंड पॉवर लिमि., नई दिल्ली को दिये गये। उक्त कार्यादेश को शर्त बिन्दु क्रमांक-5.1 (छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' पर उपलब्ध है) के अनुसार विद्युत गृह की आवश्यकता को देखते हुए सिर्फ एक बार 6 माह के लिये दिनांक 19-01-2017 तक बढ़ाया गया था।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
20. ( *क्र. 289 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल में लोकसेवा गारण्टी अधिनियम लागू है? (ख) यदि हाँ, तो छिन्दवाड़ा में पिछले 03 वर्षों में अधिनियम के अंतर्गत कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं? (ग) प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया है और कितने लंबित हैं? यदि आवेदन पत्र लंबित हैं तो क्या कारण है, लंबित आवेदन पत्रों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल की तीनों उत्तरवर्ती विद्युत वितरण कंपनियों में ''म.प्र. लोकसेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010'' लागू है। (ख) ''म.प्र. लोकसेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010'' के अंतर्गत, छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2014 में 3729 वर्ष 2015 में 2088 तथा वर्ष 2016 में 1955 आवेदन, विभिन्न सेवाओं हेतु प्राप्त हुए हैं। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार विगत 3 वर्षों में प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( *क्र. 6378 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा-त्योंथर जिला रीवा के पत्र पृ.क्र/म.बा.वि./निरी./2016-17/1727 त्योंथर दिनांक 14.07.2016 द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र गडरगवां की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा केन्द्र का संचालन अपने घर में किये जाने पर आपत्ति करते हुये आदेशित किया गया कि पत्र प्राप्ति के दूसरे कार्य दिवस से प्राथमिक शाला गडरगवां में संचालित करना सुनिश्चित करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गडरगवां को दिनांक 22.07.2016 को प्राप्त हो गया है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र के निर्देश/आदेश का पालन क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किया गया? (घ) यदि नहीं, तो शासनादेश के अनुरूप वरिष्ठ कार्यालय के निर्देश का पालन न करने के लिये आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गडरगवां को अवचार का दोषी मानते हुये अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पत्र क्र./मबावि/निरीक्षण/2016-17/1726 त्योंथर दिनांक 14/07/2016 का पालन करते हुये आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन प्राथमिक विद्यालय गडरगवां में संचालित किया गया था। केन्द्र संचालन हितग्राही समूह के अनुरूप न होने से शिकायत के अवलोकन में संयुक्त संचालक एकीकृत बाल विकास सेवा रीवा संभाग रीवा द्वारा निरीक्षण किया गया तथा पत्र क्र./संयु.संचा./स्था./एबाविसे/2016/777 दिनांक 03/10/2016 के निर्देशानुसार रामलखन यादव के मकान में निर्माणाधीन नवीन शासकीय केन्द्र के पास संचालित कराया गया था। वर्तमान में शासकीय आंगनवाड़ी भवन में आंगनवाड़ी केन्द्र गडरगवां का संचालन किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार जानकारी होने से कोई दोषी नहीं है। अतः शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत मीटरों की स्थापना
[ऊर्जा]
22. ( *क्र. 6937 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत शासन/विभाग एवं कम्पनी द्वारा विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु स्थाई एवं अस्थाई कनेक्शन दिए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो बतायें कि जिला अंतर्गत वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने स्थाई एवं अस्थाई कनेक्शन दिए गए? (ग) जानकारी दें कि क्या उपरोक्तानुसार दिए गए विद्युत आपूर्ति कनेक्शनों पर सभी स्थानों पर मीटर भी लगाए गए हैं? जिनकी रीडिंग समय-समय पर की जाती है? (घ) यदि हाँ, तो स्पष्ट करें कि विगत एक वर्ष में मीटरों की जाँच कब-कब की गयी, जहां पर मीटर नहीं हैं, वहां पर बिल किस प्रकार दिए जा रहे हैं? बिलों की राशि में भारी अंतर आ रहा है तो इस हेतु क्या किया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा रतलाम जिले के अंतर्गत स्थाई एवं अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं। (ख) रतलाम जिले के अंतर्गत वर्ष 2012-13 से माह फरवरी-2017 तक कुल 87237 स्थाई एवं 89566 अस्थाई कनेक्शन दिये गये हैं। (ग) जी नहीं। स्थाई एवं अस्थाई कृषि प्रयोजन (सिंचाई) हेतु दिये गये विद्युत कनेक्शनों पर मीटर नहीं लगाये गये हैं। इसके अतिरिक्त अन्य प्रयोजनों हेतु प्रदाय किये गये स्थाई एवं अस्थाई विद्युत कनेक्शनों पर मीटर लगाये गये हैं, जिनकी रीडिंग प्रतिमाह ली जाती है। (घ) विद्युत उपभोक्ताओं के मीटरीकृत संयोजनों की प्रतिमाह मीटर वाचक द्वारा रीडिंग लेने के दौरान प्रथम दृष्टया भौतिक जाँच की जाती है। मीटर बन्द/खराब होने की स्थिति में मीटर रीडर द्वारा मीटर डायरी में संबंधित टीप अंकित की जाती है। इसके अतिरिक्त औचक निरीक्षण के दौरान संयोजनों की जाँच में भी विद्युत मीटर की जाँच की जाती है। इसके अतिरिक्त संबंधित उपभोक्ता द्वारा भी शिकायत करने पर विद्युत मीटर की जाँच की जाती है। मीटरों की जाँच करना एक सतत् प्रक्रिया है। अतः यह बताना संभव नहीं है कि मीटरों की जाँच कब-कब की गई। गैर-कृषि प्रयोजनों के उपभोक्ताओं के स्थाई संयोजनों पर मीटर नहीं होने की स्थिति में अथवा मीटर बंद/खराब/जला होने की स्थिति में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका 8.35 के प्रावधानों के अनुसार विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। स्थाई एवं अस्थाई कृषि प्रयोजनों के संयोजनों पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार निर्धारित खपत/फ्लेट रेट से बिलिंग की जाती है। कतिपय प्रकरणों में विद्युत बिलों की राशि के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर जाँच उपरांत उचित समाधानकारी कार्यवाही की जाती है।
इंदिरा सागर परियोजना अंतर्गत नहर निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
23. ( *क्र. 3060 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना के अंतर्गत बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नकर्ता द्वारा नहर निर्माण के लिए ग्राम जूनापानी एव खंगवाडा के मध्य से ग्राम घोसली के अनुसूचित जाति एव जनजाति वर्ग के किसानों के सिंचाई के लिए वर्ष 2013 से वर्तमान तक मुख्य सचिव, कार्यालय प्रमुख, मुख्य अभियंता, सनावद को कितनी बार पत्र लिखे गए हैं उसकी तिथिवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राप्त पत्रों पर विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को कब कब उत्तर दिया गया? यदि प्रश्नकर्ता के पत्रों का उत्तर नहीं दिया तो उसके क्या कारण रहे हैं? जनप्रतिनिधियों के पत्रों के उत्तर दिए जाने के शासन के क्या नियम हैं? नियम की प्रति देवें। विभाग द्वारा उत्तर न दिए जाने पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतावें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) में जो निर्माण की स्वीकृति की कार्यवाही चाही है, उसकी अद्यतन जानकारी देवें। स्वीकृति कब तक हो जावेगी, नहीं तो कारण बतावें.
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) उपाध्यक्ष, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को संबोधित एवं मुख्य अभियंता, इंदिरा सागर परियोजना (नहरें) सनावद को पृष्ठांकित पत्र क्रमांक क्रमश: 173 दिनांक 07.04.2016 एवं 481 दिनांक 13.09.2016 प्राप्त हुए हैं। (ख) मुख्य अभियंता, इंदिरा सागर परियोजना (नहरें) सनावद के पत्र क्रमांक/कार्य/158069/भाग-8/2016/4715 दिनांक 14.10.2016 द्वारा। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) सनावद वितरण शाखा की माईनर क्रमांक एम-18 का ग्राम घोसली के पास शेष बचे हुये क्षेत्र के स्थल निरीक्षण में पाया गया कि नहर के जल स्तर से कमाण्ड का लेवल ऊँचा है। अत: विस्तारीकरण संभव नहीं है।
विधान सभा क्षेत्रों में भूमिपूजन/लोकार्पण के नियम
[सामान्य प्रशासन]
24. ( *क्र. 5061 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत कार्यों का भूमिपूजन (शिलान्यास) लोकार्पण करने का क्या नियम है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या विभाग ने कोई दिशा निर्देश जारी किया है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? सीधी एवं सिंगरौली जिले में यदि निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है तो क्या जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि की जायेगी तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत उपकेन्द्रों पर सिविल कार्यों में अनियमितताएं
[ऊर्जा]
25. ( *क्र. 5976 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.टी.सी. मुरैना द्वारा नये विद्युत उपकेन्द्रों पर सिविल कार्य जैसे कि नियंत्रण कक्ष, बोरबेल, बाउण्ड्री फेंसिंग कार्य, मुरम व मेटल फिलिंग आदि के कार्य ठेकेदार द्वारा कराये गए हैं? यदि हाँ, तो अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक ठेकेदारों के नाम एवं उनके कार्यों से अवगत कराते हुए ई.पी.एफ. नं., सर्विस टेक्स नं. आदि से अवगत कराया जा सकेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों के कार्यादेश प्राक्कलन तथा मात्रा देयकों एवं पास किए गए बिलों के विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त कार्यों में संलग्न कुछ ठेकेदारों के परिजन या निकट संबंधी रिश्तेदार तत्कालीन कार्यवाही के समय एस.टी.सी. मुरैना में पदस्थ थे, जिनके द्वारा संबंधित ठेकेदार को फायदा पहुंचाया गया है, काम मानक अनुरूप नहीं हुआ है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित समयावधि में एस.टी.सी. मुरैना एवं सर्किल ऑफिस में पदस्थ अधिकारियों से सांठ-गांठ करके टेण्डर प्रकिया को दूषित कर चहेते ठेकेदारों को टेण्डर देकर कार्य करवाये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो टेण्डर प्रकिया की संपूर्ण कार्यवाही उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के एस.टी.सी. संभाग, मुरैना द्वारा अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक कराए गये सिविल कार्यों का ठेकेदारों के नाम, उनके द्वारा किये गये कार्य का विवरण तथा उनके ई.पी.एफ. नंबर एवं सर्विस टैक्स नंबर संबंधित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में वर्णित कार्यों के कार्यादेश, प्राक्कलन, मात्रा देयकों एवं पास किये गये बिलों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन कार्य जिन ठेकेदारों से कराए गए उनके परिजन या निकट संबंधी रिश्तेदारों की तत्समय एस.टी.सी. संभाग, मुरैना में पदस्थ होने की जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। एस.टी.सी. संभाग, मुरैना द्वारा अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनांक तक किये गये सिविल कार्यों हेतु निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुये निविदा सूचना का समाचार पत्रों में प्रकाशन किया जाकर न्यूनतम दर प्रस्तुत करने वाले निविदाकर्ता को ही कार्यादेश जारी किये गये हैं। प्रश्नाधीन पूर्ण किये गये कार्य मानक स्तर के हैं। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में टेण्डर प्रक्रिया की संपूर्ण कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
ऊर्जा
विभाग के स्वीकृत
अपूर्ण कार्य
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 202 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के संचालन संधारण संभाग बागली एवं कन्नौद में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में फरवरी-2017 तक केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किन योजनाओं में कार्य स्वीकृत किये गये हैं? योजना स्वीकृति कार्य प्रारंभ करने एवं कार्य पूर्ण का दिनांक बतावें। (ख) देवास जिले के संचालन संधारण संभाग बागली एवं कन्नौद में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में फरवरी-2017 तक केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जिन योजनाओं में कार्य स्वीकृत हुए हैं उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके है कितने कार्य अपूर्ण हैं यदि कार्य अपूर्ण है तो अपूर्ण होने के कारण बतावें? इन कार्यों को पूर्ण कराने हेतु विद्युत कंपनी ने क्या कार्यवाही की? (ग) देवास जिले के संचालन संधारण संभाग बागली एवं कन्नौद में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में फरवरी-2017 तक केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जिन योजनाओं में कार्य स्वीकृत हुए हैं उन कार्यों का भौतिक सत्यापन किस स्तर के अधिकारी द्वारा किया गया है? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किये जाऐंगे समय-सीमा बतावें? (घ) क्या अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों के कारण कृषकों एवं आमजनों को विभाग की सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) देवास जिले के संचालन/संधारण संभाग बागली एवं कन्नौद में वर्ष 2015-16 में राज्य शासन द्वारा वित्त पोषित कृषक अनुदान योजना, एस.एस.टी.डी. योजना (विभागीय), एस.एस.टी.डी. योजना (निविदा के माध्यम से) एवं स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना में कार्य स्वीकृत किये गये तथा केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना स्वीकृत की गई है। इन योजनाओं की स्वीकृति दिनांक, कार्य प्रारंभ करने की दिनांक एवं कार्य पूर्ण करने की दिनांक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-01, अ-02, अ-03 एवं अ-04 अनुसार है। वर्ष 2016-17 में फरवरी-2017 तक राज्य शासन द्वारा वित्त पोषित कृषक अनुदान योजना, एस.एस.टी.डी. योजना (विभागीय), एस.एस.टी.डी. योजना (निविदा के माध्यम से), स्वंय का ट्रांसफार्मर योजना एवं मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना में कार्य स्वीकृत किये गये है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब-01, ब-02, ब-03, ब-04 एवं ब-05 अनुसार है। (ख) देवास जिले के संचालन संधारण संभाग बागली एवं कन्नौद में वर्ष 2015-16 में एवं 2016-17 में फरवरी-2017 तक केन्द्र सरकार एवं राज्य शासन द्वारा वित्त पोषित जिन योजनाओं में कार्य स्वीकृत हुए है उनमें से पूर्ण कार्यों का विवरण उत्तरांश (क) में वर्णित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-01, अ-02, अ-03, अ-04 एवं ब-01, ब-02, ब-03 एवं ब-04 अनुसार तथा अपूर्ण कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स-01, स-02, स-03 एवं द-01, द-02, द-03, द-04, द-05 अनुसार है। कार्यों के अपूर्ण रहने का प्रमुख कारण पहुँच मार्ग की अनुपलब्धता, खेतों में फसल खड़ी होना इत्यादि है। ओ.व्हाय.टी. योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य संबंधित आवेदक द्वारा पूर्ण कराये जाते है, अतः इनकी पूर्णता, संबंधित आवेदक पर निर्भर करती है। एस.एस.टी.डी. योजना (निविदा आधारित) के अंतर्गत कार्यादेश अनुसार संबंधित कार्य दिनांक 03/11/2017 तक पूर्ण किये जाने है। अपूर्ण कार्यों को सम्पादित कराने हेतु वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर समय-समय पर समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाये जाते है एवं निविदा आधारित कार्यों के लिए संबंधित निविदाकार फर्म को कार्य शीघ्र सम्पादित करने हेतु निर्देशित किया जाता है। (ग) प्रश्नाधीन कार्यों का भौतिक सत्यापन संबंधित सहायक यंत्री/कार्यपालन यंत्री (एस.टी.सी.) द्वारा किया जाता है। पहुँच मार्ग की उपलब्धता के अनुसार अपूर्ण कार्य पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जावेंगे, अत: निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है तथापि मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत लंबित कार्यों को आवेदक द्वारा राशि जमा करने के उपरांत निर्धारित समयावधि 270 दिवस में पूर्ण कर दिया जाएगा। (घ) जी नहीं। अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों के कारण कृषकों एवं आमजनों को विभाग की सुविधाओं से वंचित नहीं होना पड़ रहा है क्योंकि सम्पूर्ण क्षेत्र में उपलब्ध अधोसंरचना के माध्यम से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कृषक अनुदान योजना/मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत आवेदन देने वाले कृषकगण सामान्यतः अस्थाई सिंचाई पम्प कनेक्शन लेकर अपनी सिंचाई संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति कर लेते है।
इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
2. ( क्र. 622 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर आरडी 96 से 107 के बीच नहर निर्माण की निर्माण कंपनी के.डी.एस. को हुए कथित भुगतान और निर्माण कंपनी द्वारा नहर निर्माण के अधूरे कामों की शिकायत के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई। यदि कोई कार्यवाही की गई तो इस संबंध में हुए वरिष्ठ कार्यालय व ठेकेदार के मध्य हुए पत्राचार की प्रति देवें। (ख) उक्त निर्माणकर्ता कंपनी पर खनिज रॉयल्टी बकाया होने के बावजूद हुए भुगतान एवं धरोहर राशि भी जारी करने का कारण बतायें। (ग) उक्त निर्माणकर्ता कंपनी के विरूद्ध शिकायत की जाँच किसके द्वारा कब-कब की गई? जाँचवार जाँच प्रतिवेदन के विवरण सहित सूची देवें। (घ) अधीक्षण यंत्री द्वारा उक्त निर्माणकर्ता कंपनी के कार्यों की जाँच में दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) निर्माण एजेंसी को भुगतान में अनियमितता के कारण श्री यू.के.पटसारिया कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है और सेवानिवृत्त कार्यपालन यंत्री श्री एन.के.तिवारी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने हेतु प्रकरण मंत्रि-परिषद् के आदेशार्थ है। एजेंसी को अधूरे निर्माण के भुगतान की स्थिति नहीं है। दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही के लिये निर्माण एजेंसी से पत्राचार नहीं किया जाता। (ख) अंतिम देयक से बकाया राशि की वसूली की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) निर्माणकर्ता कंपनी के कार्यों की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिला उत्पीड़न रोकने हेतु राज्य स्तरीय समिति का गठन
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( क्र. 1456 ) श्री प्रताप सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कामकाजी महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप राज्यस्तरीय समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो इस समिति का गठन कब किया गया है तथा इस समिति के सदस्य कौन-कौन हैं एवं समिति की बैठकें कब-कब आयोजित की गई? (ख) समिति के समक्ष अभी तक महिला यौन उत्पीड़न की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा प्राप्त शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया है एवं कितने शिकायती प्रकरण किन-किन कारणों से निराकरण हेतु शेष हैं, उनका निराकरण कब तक किया जावेगा? (ग) विगत 5 वर्ष में मध्यप्रदेश मंत्रालय में महिला यौन उत्पीड़न को रोकने एवं उसके समाधार हेतु गठित समिति के पास अब तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उनमें से कितनों का निराकरण हुआ एवं कितनी शेष हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
परित्याग किये गये बच्चों की जानकारी तथा शासन से प्राप्त राशि
[महिला एवं बाल विकास]
4. ( क्र. 1743 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला बाल विकास विभाग द्वारा परित्याग बच्चों को राशि प्रदाय पालन पोषण योजना के तहत की जाती है? यदि हाँ, तो खरगापुर विधानसभा सहित टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने बच्चों को राशि प्रदाय की गई? नामवार एवं ग्रामवार संपूर्ण जानकारी दें तथा किन संस्थाओं के माध्यम से दी गई है। (ख) क्या खरगापुर विधानसभा में परित्यागता बच्चों का पूर्ण परीक्षण करा लिया गया है या शेष है? कुल कितने बच्चे परीक्षण के दौरान पाये गये है तथा उक्त सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया विकासखण्ड सहित दिनांक सहित एवं अधिकारी के नाम सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा इस योजना के संबंध में परीक्षण कराया था और गंभीर अनियमितताएं पाई गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के समक्ष इस पूरे प्रकरण की गंभीरता पूर्वक जाँच करायेंगे और जाँच उपरांत दोषी पाये जाने वाले अधिकारी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या खरगापुर विधान में शेष जो ऐसे परित्यागता वाले बच्चे हैं जिन्हें इस योजना से लाभ नहीं मिला है, उसका पुन: परीक्षण करा कर लाभ देगें? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत देख-रेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बालकों को पालन-पोषण देख-रेख कार्यक्रम के तहत लाभान्वित किया जाता है परित्यक्त बच्चे भी इस श्रेणी में आते हैं। टीकमगढ़ जिले में इस श्रेणी के बच्चों को पालन पोषण योजना के तहत राशि प्रदाय की जाती है। टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2013 से 126 बच्चों को राशि प्रदाय की गई। किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 74 में विहित प्रावधान अनुसार बच्चों की पहचान प्रकट नहीं की जा सकती है। राशि सीधे बच्चे एवं पालक के संयुक्त खाते में जमा की गई है किसी संस्था के माध्यम से नहीं दी गई है। (ख) योजना के तहत परित्यक्त बच्चों का परीक्षण एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में परित्यागता बच्चों का परीक्षण समय-समय पर किया जाता है। खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में पालन-पोषण देखरेख कार्यक्रम के तहत 16 आवेदन प्राप्त हुए थे। परीक्षण उपरांत कुल 6 लाभान्वित बच्चों में परित्यक्त (परित्यागता) बच्चों की संख्या 01 है। सत्यापन करने वाले कर्मचारियों की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) प्रश्न दिनांक तक योजना के तहत अनियमितता की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुए है अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नवीन दिशा निर्देशों के तहत पात्र बच्चों को कार्यक्रम का नियमानुसार लाभ दिया जायेगा। यह सतत् प्रक्रिया है।
राजीवगांधी विद्युतीकरण योजना के तहत ग्रामों में बिजली पहुंचाई जाना
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 1744 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत स्वीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण किया जाना शेष हैं? यदि हाँ, तो शेष ग्रामों की जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो इस आशय की जानकारी दें कि किन-किन ग्रामों में विद्युतीकरण कब किया गया? क्या जिन ग्रामों को विद्युतीकृत किया गया है क्या वर्तमान में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शेष ग्रामों में कहीं पर खंबे मात्र लगाकर छोड़ दिया, कहीं पर खंबे लगाकर केबिल डाल दी, बिजली सप्लाई नहीं की जा रही है और बिल देना प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ, तो कारण बतायें कि ऐसा किस कारण से हो रहा हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें? (ग) क्या शेष कार्य 06 माह में पूरा करा देंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें तथा नगरीय क्षेत्रों के मोहल्लों में बिजली लगाये जाने का क्या नियम है, जैसे पलेरा बगारभाटा में बिजली नहीं है वहां पर किस तरह बिजली पहुंचाई जावेगी? संपूर्ण जानकारी नियम सहित बतायें एवं पलेरा के बगार भाटा में बिजली कब तक लगा देगें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, खरगापुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत स्वीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण के कार्यों में से कोई भी कार्य किया जाना शेष नहीं है। उक्तानुसार किये गये ग्रामों के विद्युतीकरण/सघन विद्द्युतीकरण के कार्यों की दिनांकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ, जिन ग्रामों में उक्तानुसार विद्युतीकरण का कार्य किया गया है, उन सभी ग्रामों में वर्तमान में विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्र के योजनांतर्गत स्वीकृत सभी ग्रामों का विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण कार्य करने के उपरान्त किये गये विद्युत प्रदाय के विरूद्ध नियमानुसार उपभोक्ताओं को बिल दिये जा रहे है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। नगर पंचायत पलेरा का वार्ड क्र.3 बगारभाटा नगरीय क्षेत्र में होने के कारण ग्रामीण विद्युतीकरण की प्रश्नाधीन योजना में शामिल नहीं है। नगरीय क्षेत्र सहित सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदाय करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली हेतु अधिसूचित विनियम 2009 (आर.जी.-31 (1) वर्ष 2009) के प्रावधानों के अनुसार आवेदक द्वारा राशि जमा कराए जाने पर विद्युतीकरण का कार्य किये जाने का प्रावधान है। उक्त विनियमों के अनुसार आवश्यक राशि जमा कराए जाने पर प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युतीकरण का कार्य किया जा सकेगा, अत: इस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अमानक स्तर के केबल के कारण ग्रामों में विद्युत सप्लाई बंद होना
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 1807 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने ग्रामों में कौन-कौन सी योजना में कितनी-कितनी राशि से अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य होना शेष हैं? इनमें कब तक विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्रातंर्गत आने वाले ग्रामों जैसे-कोपीझोला, पीपरदौन, पंड्रापानी, चिरईडोंगरी, हिर्रीटोला में विद्युतीकरण कार्य में अमानक स्तर का तार (केबल) का उपयोग किया गया जिसके कारण विगत 6 महीनों से विद्युत सप्लाई बंद है एवं वर्षों बाद विद्युत आने के बाद भी यहां निवासरत आदिवासी ग्रामीण अंधेरे में जीवन यापन कर रहें? यदि हाँ, तो इसका जिम्मेवार कौन हैं? दोषी के विरूद्ध इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक की अवधि में, शेष अविद्युतीकृत 10 ग्रामों में से 8 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं 2 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य आई.ए.पी.योजना के अंतर्गत पूर्ण किया जा चुका है, जिसका ग्रामवार, योजनावार, विद्युतीकरण, कार्य की लागत राशि एवं कार्य पूर्णता की दिनांक सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार विधानसभा क्षेत्र केवलारी के सभी अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत ग्राम कोपीझोला, पीपरदौन, पंड्रापानी, चिरईडोंगरी एवं हिर्रीटोला के विद्युतीकरण कार्य में अमानक स्तर के केबल का उपयोग नहीं किया गया है अपितु एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में जाँच कराए जाने के उपरांत निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप पाए जाने पर ही केबल सहित विद्युत सामग्री का उपयोग विद्युतीकरण के कार्यों में किया गया है। उक्त ग्रामों में विद्युत प्रदाय बंद होने की शिकायत दिनांक 26.01.2017 को प्राप्त हुई थी, जिसमें यह पाया गया कि 11 के.व्ही. लाईन का केबल ज्वाइंट खराब होने के कारण केबल का कुछ भाग जल गया था, जिसे दिनांक 19.02.2017 को ठीक कर दिया गया है। वर्तमान में उक्त ग्रामों का विद्युत प्रदाय चालू है। अत: उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी के दोषी/जिम्मेदार होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
महिला एवं बाल विकास में पदस्थ कर्मचारी
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 2111 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग में कुल कितने कर्मचारी हैं? संविदा सुपरवाइजर की संख्या कितनी है? (ख) विभाग में कितने कर्मचारियों के पद, कितने समय से किस कारण रिक्त हैं? क्या शासन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति रिक्त पदों पर करने का प्रावधान कर रहा है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) संविदा सुपरवाइजर्स कब तक स्थायी किये जाएंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग में एकीकृत बाल विकास सेवा प्रभाग में 3442, महिला सशक्तिकरण प्रभाग में 578 एवं एकीकृत बाल विकास सेवा तथा महिला सशक्तिकरण प्रभाग के सम्मिलित कैडर में कुल 2436 कर्मचारी कार्यरत है। वर्तमान में कुल 552 संविदा सुपरवाइजर कार्यरत है। पदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। पदोन्नति, त्यागपत्र, सेवानिवृत्ति से समय-समय पर पद रिक्त होते रहते है। वर्तमान स्थिति में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति के प्रकरणों में यथास्थिति का आदेश दिए जाने के कारण पदोन्नति न होने से भी पद रिक्त है। सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल के माध्यम से कार्यवाही की जा रही है। जी हाँ, पर्यवेक्षकों के रिक्त पदों के 50 प्रतिशत पदों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से भर्ती किए जाने का प्रावधान है। इस हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल के माध्यम से भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) संविदा सुपरवाइजर्स को सीधे स्थाई किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। विभागीय भर्ती नियम अनुसार संविदा सुपरवाइजर्स को प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा आयोजित परीक्षा में सम्मिलित होकर चयनित होने पर ही नियमित किए जाने का प्रावधान है।
झाबुआ उत्सव
[संस्कृति]
8. ( क्र. 2130 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में दिनांक 20 दिसम्बर 2016 से 31 दिसम्बर 2016 तक झाबुआ उत्सव मनाये जाने हेतु शासन द्वारा कोई स्वीकृति दी गई थी? अगर नहीं दी गई तो झाबुआ उत्सव किसके आदेश से और किस एन.जी.ओ. के माध्यम से खेल मैदान पर लगाया गया? (ख) झाबुआ उत्सव जिस एन.जी.ओ. के माध्यम से लगाया गया उस एन.जी.ओ. द्वारा क्या खेल मैदान पर समतलीकरण करवाया गया? अगर नहीं तो खेल मैदान पर झाबुआ उत्सव मनाने से पूर्व शासन द्वारा खेल मैदान के संबंध में कोई शर्त या नियम नहीं बताये गये थे? (ग) खेल मैदान पर हुए नुकसान हेतु शासन खेल मैदान के संरक्षण एवं आगे ऐसे आयोजन हेतु प्रतिबंध लगायेगा? यदि हाँ, तो कब तक ताकि खेल मैदान खिलाड़ियों हेतु सुरक्षित रह सकें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) झाबुआ जिले में 20 दिसम्बर, 2016 से 31 दिसम्बर, 2016 तक झाबुआ उत्सव मनाये जाने हेतु शासन द्वारा कोई स्वीकृति नहीं दी गई. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
विकासखण्ड जवा अंतर्गत अतरैला विद्युत सब स्टेशन का लंबित निर्माण
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 2384 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा की ग्राम पंचायत अतरैला में 220/132 के.वी. का विद्युत सब स्टेशन प्रस्तावित था जिसका भूमि पूजन सन् 2014 में किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि इतना लंबा समय व्यतीत हो जाने के पश्चात भी उक्त सब स्टेशन का निर्माण प्रारंभ नहीं हो सका? (ख) उक्त विद्युत सब स्टेशन के निर्माण पूर्णता की अवधि विभाग द्वारा क्या निर्धारित की गई है? समय-सीमा बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विकासखण्ड जवा की ग्राम पंचायत अतरैला में 220/132 के.व्ही. का नहीं तथापि 132/33 के.व्ही. का एक उपकेन्द्र जायका योजनान्तर्गत स्वीकृत है जिसका भूमि पूजन सन् 2014 में किया गया था। जायका (जापान) द्वारा ट्रांसमिशन कार्यों के लिए ऋण प्रदान किया जा रहा है, जिसमें इस उपकेन्द्र निर्माण के कार्य को भी शामिल किया गया है। जायका वित्त पोषित परियोजना के कार्यों का क्रियान्वयन जायका द्वारा निर्धारित मार्गदर्शिका के अनुसार किया जाना है। परियोजना हेतु जायका (जापान) से ऋण अनुबंध किया जाकर निविदा संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसके उपरांत न्यूनतम निविदाकार टर्न-की ठेकेदार द्वारा निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। (ख) उक्त उपकेन्द्र निर्माण की पूर्णता की अवधि कांट्रेक्ट अवार्ड जारी करने की तिथि से 24 माह होगी। उत्तरांश (क) के अनुसार निविदा संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। योजना के अनुसार उपकेन्द्र का निर्माण वित्तीय वर्ष 2019-20 में पूर्ण होना प्रस्तावित है।
अवैध शराब की बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
10. ( क्र. 2491 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्र में अवैध शराब ब्रिक्री के कारण असामाजिक तत्वों द्वारा आमजन के साथ गुण्डागर्दी एवं हत्या जैसी घटनायें हो रही हैं? (ख) अवैध शराब ब्रिक्री रोकने के लिये शासन ने गत एक वर्ष में कब-कब, कहाँ-कहाँ कार्यवाही की है एवं कितनी शराब जब्त की है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत उन स्थानों पर पुन: शराब की बिक्री हो रही हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री के कारण असामाजिक तत्वों द्वारा गुण्डागर्दी एवं हत्याएं जैसी कोई घटना प्रकाश में नहीं आई है। (ख) पनागर विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री को रोकने हेतु आबकारी एवं पुलिस विभाग द्वारा विगत एक वर्ष में 577 प्रकरण कायम किए गए, जिसमें 2126.95 लीटर हाथ भट्टी मदिरा एवं 1386.70 लीटर देशी मदिरा एवं 1 बॉटल विदेशी मदिरा जप्त की गई। आबकारी विभाग द्वारा की गई कार्यवाही के दिनांक एवं स्थान की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कायम किए गए प्रकरणों के स्थानों पर पुन: शराब की बिक्री न हो इस हेतु निरंतर गश्त एवं उपलंभन कार्य किया जा रहा है एवं समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही की जाती है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( क्र. 2492 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों ने आवेदन दिये? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितने हितग्राहियों के आवेदन स्वीकृत किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? (घ) कितने हितग्राहियों को अभी तक लाभ नहीं मिला?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 4498 हितग्राहियों ने आवेदन दिये। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत 4498 हितग्राहियों के आवेदन स्वीकृत किये गये। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत 4498 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
पर्यटन विकास को प्रोत्साहित करना
[पर्यटन]
12. ( क्र. 2953 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ करौंदी जिला कटनी ने अपने पत्र दिनांक 12-12-2015 द्वारा किन्हीं विधायक को संसूचित करते हुये कलेक्टर कटनी अ.वि.अ. व तहसीदार ढ़ीमरखेड़ा तथा सांसद शहडोल को संसूचित करते हुए केन्द्र (मध्य स्थान) को सुधारने व संवारने मरम्मत करने, रंगरोगन करने, उद्यान व वृक्षारोपण करने, रंगीन विदयुत व्यवस्था बनाने की अनुमति की मांगी की है और जो किन्हीं दिनांक को प्रदान कर दी गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) ने किन्हीं को संसूचित करते हुये दिनांक 21-12-2015 को प्रश्नांश (क) के अधिकारियों को किन्हीं संचालित गतिविधियों का लेख करते हुये उक्त किन्हीं कार्य की अपेक्षा की है? (ग) क्या प्रश्नकर्त्ता ने किसी को प्रेषित पत्र दिनांक 9-1-2016 में दर्शित पर्यटन विकास की किन्हीं योजनाओं के साथ संलग्न पत्रों सहित कलेक्टर कटनी एवं रीजनल मैनेजर पर्यटन जबलपुर को अपने पत्र दिनांक 24-1-2016 में लेख कर कोई अपेक्षा किये जाने पर उनके द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के द्वारा स्वयं के व्यय पर किये जाने को तत्पर संस्थान के साथ अद्वितीय पर्यटन विकास की योजना बनाकर क्रियान्वयन करायेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ ग्राम करौंदी का पत्र दिनांक 15.12.2015 एवं माननीय विधायक महोदय द्वारा पत्र दिनांक 24.01.2016 लिखा गया है। पर्यटन नीति 2016 के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर विकास हेतु संसाधन जुटाने, समन्वय एवं क्रियान्वयन करने के लिए जिला पर्यटन संवर्धन परिषद् के गठन का प्रावधान किया गया है। उक्त पत्रों पर जिला पर्यटन संवर्धन परिषद् में विचार किया गया है। (घ) उतरांश ''ग'' अनुसार।
माइक्रोइरीगेशन योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
13. ( क्र. 2954 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री ने दिनांक 10.08.2016 को ढ़ीमरखेड़ा व सिलौड़ी तथा दिनांक 11.09.2016 को बड़वारा व खमहारा और दिनांक 15.10.16 को पानउमरिया की जनदर्शन यात्रा में किन्हीं ग्रामों के खेतों तक सिंचाई जल पहुंचाने की घोषणा के अनुरूप किसी अनुमानित राशि की कोई योजना बनवायी है? (ख) योजना का क्रियान्वयन कब तक प्रारंभ कर पूर्ण कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) ढ़ीमरखेड़ा सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 01/02/2017 को राशि रूपये 256.16 करोड़ की सैच्य क्षेत्र 15,000 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा प्रदाय करने के लिये दी गई है। निविदा आमंत्रित की गई है। बड़वारा-स्लीमनाबाद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. बनाने के निर्देश मैदानी अधिकारियों को दिए गए हैं। परियोजना का संभावित सैच्य क्षेत्र 35,000 हेक्टेयर होकर लागत लगभग रूपये 600.00 करोड़ अनुमानित है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सलैयाकलां-धामोनी में विद्युत सब स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 3213 ) श्री हरवंश राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 में सलैयाकलां-धामोनी में पं. दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत विद्युत सब स्टेशन की स्वीकृति प्रदान की गई थी। स्वीकृति उपरांत वर्तमान में निविदा प्रक्रिया प्रारंभ हुई है या नहीं? (ख) यदि निविदा प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई है तो कब तक प्रारंभ होगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 नहीं अपितु वर्ष 2015-16 में सलैयाकलां-धामोनी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत स्वीकृत किया गया है। जी हाँ वर्तमान में उक्त कार्य सहित योजना का समस्त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
राष्ट्रीय राजमार्ग व राजकीय राज्यमार्ग पर शराब दुकानों का संचालन
[वाणिज्यिक कर]
15. ( क्र. 3723 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग व राजकीय राज्यमार्ग पर अंग्रेजी व देशी शराब की दुकानें मार्ग से 500 मीटर की दूरी पर संचालित करवाने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो इन्दौर संभाग में इन राज्य मार्गों पर संचालित अंग्रेजी व देशी शराब की दुकानों की सूची उपलब्ध करावें व वर्तमान में इन मार्गों से कितनी दूरी पर संचालित हो रही हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित शराब की दुकानें माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार मार्ग से 500 मीटर की दूरी पर संचालित नहीं हो रही हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। इन्दौर संभाग में इन राज्य मार्गों पर संचालित देशी एवं विदेशी शराब दुकानों एवं वर्तमान में इन मार्गों से उक्त दुकान की दूरी संबंधी जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त मदिरा दुकानों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जिले के राज्य राजमार्ग से 500 मीटर के अधिक दूरी पर आपत्ति रहित स्थल पर दिनांक 01.04.2017 से स्थापित की जायेगी। इस हेतु आवश्यक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विद्युत विभाग द्वारा मेंटीनेंस कार्य
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 3762 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में विद्युत कार्यों के मेंटीनेंस हेतु शासन से आवंटन प्राप्त होता है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में कितनी राशि का आवंटन मिला? (ख) क्या प्राप्त आवंटन से गुना जिले में मेंटीनेंस के कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ तथा कौन-कौन से ग्रामों में। (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र बमोरी में भी मेंटीनेंस के कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्रामों में एवं कौन-कौन से कार्य, क्यों? इस मेंटीनेंस में पुराने तारों को भी बदला गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। अपितु गुना जिले में संचालन एवं संधारण वृत्त, गुना को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव कार्यों के लिये राशि उपलब्ध कराई जाती है। विगत दो वर्षों में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव के कार्यों के लिए रू. 169.09 लाख की राशि गुना जिले के लिये आवंटित की गई है। (ख) जी हाँ। विगत 2 वर्षों में गुना जिले के अंतर्गत कराए गए रख-रखाव के कार्यों की स्थान/फीडरवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 एवं अ-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। विगत 2 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र बमोरी के अंतर्गत कराए गए रख-रखाव के कार्यों की, कार्य के विवरण सहित ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1 एवं ब-2 अनुसार है। उक्त रख-रखाव के कार्यों के अंतर्गत आवश्यकतानुसार पुराने तार को बदलने का कार्य भी किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत सप्लाई एवं विद्युत लाईन का स्थानांतरण
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 3918 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवास विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम चकदेही, कापा समरहाटोला में विद्युत लाईन ग्राम मेहदवानी से जुड़ी हुई हैं ये ग्राम सुदूर जंगलों के बीच में है और मेहदवानी से दूरी अत्याधिक है इन ग्रामों में विद्युत लाईन हमेशा बंद रहती है बारिश के समय में तो तीन महीने पूरी तरह बंद रहती है। (ख) इन ग्रामों की विद्युत लाईन बंद रहने की समस्या विगत विधानसभा सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण एवं शून्यकाल में आने के बाद भी अभी तक यहाँ पर विद्युत व्यवस्था सुचारू ढंग से सही संचालित नहीं है, क्या इन ग्रामों में विद्युत व्यवस्था व्यवस्थित कर सुचारू ढंग से प्रदाय करने हेतु दिशा निर्देश जारी करेंगे, इन ग्रामों को मेहदवानी से कब तक हटा दिया जावेगा. (ख) कौआडोंगरी, जारगी जारगा बिलगढ़ा औढ़ारी आदि ग्रामों की विद्युत लाईन सप्लाई को आडोंगरी से ही की जावेगा।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों को 33/11 के.व्ही. मेहदवानी उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. मटियारी फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन ग्रामों को सामान्यत: सतत् रूप से विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जाता है, किन्तु इन ग्रामों के सुदुर वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण, विशेषकर वर्षाकाल में आंधी-तूफान आने से विद्युत लाईन फाल्ट होने की स्थिति में कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रवाह अवरूद्ध होता है, जिसे पहुँच मार्ग सुगम होने पर शीघ्र ही सुधार कर विद्युत प्रदाय पुन: चालू कर दिया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है, अत: इस हेतु पृथक से दिशा-निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन ग्रामों की वर्तमान विद्युत व्यवस्था 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मेहदवानी से हटाकर अन्यत्र किये जाने का कोई भी प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ग) वर्तमान में प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों को विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. लिंगापौडी उपकेन्द्र से निर्गमित कौआडोंगरी फीडर से किया जा रहा है, जो कि स्थानीय भौगोलिक संरचना के अनुरूप उचित है।
अन्य राज्यों के प्रतियोगिता हेतु संख्या का निर्धारण
[सामान्य प्रशासन]
18. ( क्र. 4023 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार के विभागों में नियुक्ति हेतु आयोजित होने वाली प्रतियोगी परिक्षाओं में अन्य राज्यों के प्रतियोगियों के लिए कोई बंधन अथवा नियुक्ति का कोई प्रतिशत निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत? (ख) क्या अन्य राज्यों में वहां के बेरोजगारों के हित में होने वाली नियुक्तियों की प्रतियोगी परिक्षाओं में म.प्र. के बेरोजगारों के लिए कुल पदों में 05 प्रतिशत का प्रावधान है? (ग) क्या म.प्र. का पाठ्यक्रम अन्य प्रांतों की तुलना में सरल एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप नहीं है? इसमें गुणात्मक सुधार के क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) क्या प्रदेश में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं होने से अन्य राज्यों के प्रतियोगियों के नियुक्ति पा जाने के कारण म.प्र. में बेरोजगारी बढ़ रही है? यदि हाँ, तो क्या म.प्र. सरकार प्रदेश के युवा बेरोजगारों के हित में कोई निर्णय लेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अन्य राज्यों से संबंधित। (ग) म.प्र. की प्रतियोगी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम विभागों की आवश्यकता के अनुरूप निर्धारित किये जाते है तथा इसमें सतत् संशोधन किये जाने की निरंतर प्रक्रिया है। (घ) राज्य शासन की सेवाओं में सीधी भर्ती के पदों पर प्रदेश के उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष एवं मध्यप्रदेश के बाहर के आवेदकों के लिए आयु-सीमा 35 वर्ष रखी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विदयुतीकरण कार्य में अनियमितता
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 4228 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन परिक्षेत्र में ए.डी.बी.पी.पी.आर. 34 योजनान्तर्गत वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक विदयुतीकरण के क्या-क्या कार्य कराये गये? (ख) क्या ठेकेदार/फर्म से कोई बैंक ग्यारंटी/एफ.डी.आर. जमा की गई थी? (ग) क्या अनुबंध में लाईनलास कम करने एवं मेन्टेनेंस की कोई शर्त निर्धारित थी? यदि हाँ, तो क्या? (घ) क्या कार्य पूर्ण उपरांत लाइनलॉस कम हुआ? यदि नहीं, तो उक्त ठेकेदार/फर्म को किस आधार पर भुगतान किया गया? (ड.) क्या अनुबंध शर्तों के अनुसार विदयुत सामग्री गुणवत्ता पूर्ण पाई गई? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है क्या उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन जिले (उज्जैन परिक्षेत्र) में ए.डी.बी.पी.पी.आर. 34 योजनान्तर्गत वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक जिले के 14 छोटे नगरों में 11 के.व्ही. लाईन, 25 के.व्ही.ए. एवं 63 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों पर मीटरिंग इक्युपमेंट्स की स्थापना, निम्नदाब से उच्चदाब में परिवर्तन एवं रि-कंडक्टरिंग के कार्य किये गये। (ख) निविदा अनुबंध की शर्तों एवं नियमों के अनुसार ठेकेदार एजेन्सी से कान्ट्रेक्ट परफार्मेंस गारंटी की कुल रू. 2,43,40,895 की राशि बैंक गारंटी के रूप में जमा कराई गई। (ग) जी हाँ, निविदा अनुबंध की शर्तों एवं नियमों में लाइन लॉस कम करने एवं मेन्टेनेन्स की शर्तें निर्धारित थी, जिसके अनुसार लाइन लॉस निर्धारित सीमा तक कम नहीं होने पर ठेकेदार एजेन्सी के बिलों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्टी स्वरूप राशि काटे जाने का प्रावधान था। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (घ) जी हाँ। कार्य पूर्ण होने के उपरांत जिन नगरों का लाइन लॉस कम हुआ है उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। ठेकेदार एजेन्सी को अनुबंध की शर्तों के अनुसार भुगतान किया गया एवं जिन नगरों में निर्धारित सीमा तक लाइन लॉस कम नहीं हुआ, उनके विरूद्ध लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में 1,16,91,664 रू. की राशि काटी गई। (ड.) जी हाँ, निविदा अनुबंध की शर्तों एवं नियमों अनुसार विद्युत निर्माण सामग्री निर्धारित मानकों के अनुरूप पाई गई। विद्युत सामग्रियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु अनुबंध की शर्तों के अनुसार विद्युत सामग्रियों के नमूनों का एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में परीक्षण कराया गया तथा परीक्षण रिपोर्ट में सामग्री की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए जाने पर ही उसका उपयोग किया गया। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
ग्रामों में विद्युत आपूर्ति बंद होना
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 4229 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की तराना तहसील में विगत दो वर्षों से कितने एवं कौन-कौन से ग्रामों की विद्युत प्रदाय बंद की गई है? उसका क्या कारण है? (ख) क्या तहसील के विभिन्न ग्रामों में विद्युत मीटर रीडिंग के आधार पर बिल जारी किये जा रहे है? यदि हाँ, तो प्रत्येक माह एवरेज बिल जारी करने का क्या कारण है? (ग) जिन ग्रामों में लम्बे समय से विद्युत प्रदाय बंद की गई है उन ग्रामों के उपभोक्ताओं को नियमित बिल जारी करने का क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उज्जैन जिले की तराना तहसील में विगत दो वित्तीय वर्षों (2014-15 एवं 2015-16) में किसी भी ग्राम का विद्युत प्रदाय बन्द नहीं किया गया है अपितु उक्त क्षेत्र में 3 ग्रामों यथा सिद्धीपुर निपानिया, सादीखेड़ी एवं नाहर खेड़ी में स्थापित सभी 7 वितरण ट्रान्सफार्मर फेल हो गये थे तथा इनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत देयकों की राशि जमा नहीं करने के कारण शत्-प्रतिशत राशि बकाया होने से इन वितरण ट्रान्सफार्मरों को बदला नहीं जा सका है। उक्त तीनों ग्रामों में स्थापित कुल 7 वितरण ट्रांसफार्मरों की वितरण केन्द्रवार फेल होने की दिनांक सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, उज्जैन जिले की तराना तहसील के समस्त ग्रामों में कृषि श्रेणी को छोड़कर समस्त श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं, जिनके मीटर चालू हैं, को वास्तविक मीटर रीडिंग के आधार पर ही विद्युत देयक जारी किये जा रहे है। केवल मीटर खराब/बन्द/दोषपूर्ण होने की स्थिति में ही उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका 8.35 के प्रावधानों के अनुसार औसत खपत के आधार पर बिल दिये जाते है। (ग) ऐसे उपभोक्ता जिनका कनेक्शन विद्युत देयक की राशि का भुगतान नहीं करने के कारण अस्थाई रूप से विच्छेदित है, उन उपभोक्ताओं को शेष बकाया राशि एवं म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2013, में वर्णित निम्नदाब के उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय हेतु मानक अनुबंध में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार देय न्यूनतम प्रभारों आदि का प्रतिमाह विद्युत देयक जारी किया जाता है।
कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत फीडर सेपरेशन के तहत फीडर चालू करना
[ऊर्जा]
21. ( क्र. 4243 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनवरी 2017 की स्थिति में फीडर सेपरेशन के तहत फीडर सेपरेशन का कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन फीडरों का किन-किन ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य कब पूर्ण किया गया है इनमें से कौन-कौन से फीडर कब-कब चालू किए गए? (ख) क्या फीडर सेपरेशन के तहत जिन फीडरों का कार्य पूर्ण हो चुका है वह फीडर प्रश्न दिनांक की स्थिति में चालू नहीं है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से फीडर क्यों चालू नहीं है? उक्त फीडर कब तक चालू किए जावेंगे? कार्य पूर्ण फीडर सेपरेशन से कौन-कौन सा कितना मटेरियल कब चोरी हो गया है? (ग) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से फीडर सेपरेशन का कार्य किया जाना प्रस्तावित/शेष है? उक्त फीडर सेपरेशन कार्य कब तक पूर्ण कर चालू कर दिए जावेंगे? (घ) क्या फीडर सेपरेशन के कार्य पूर्ण हेतु कोई अवधि निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो वह अवधि क्या थी? निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण क्यों नहीं किए गए? निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण न करने के लिए किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जनवरी 2017 की स्थिति में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत 29 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। फीडरवार एवं ग्रामवार फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किये जाने एवं विद्युत प्रदाय चालू किये जाने संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के तहत जिन फीडरों का कार्य पूर्ण हो चुका है, उन सभी फीडरों से कार्य पूर्ण होने की दिनांक से विद्युत प्रदाय चालू है। प्रश्नाधीन कार्यपूर्णता वाले 11 के.व्ही. रामगढ़ फीडर के चोरी गये मटेरियल की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
फीडर का नाम |
सामग्री |
मात्रा |
चोरी की दिनांक |
1. |
11 के.व्ही. रामगढ़ फीडर |
कंडक्टर |
2.72 कि.मी. |
01.10.2016 |
11 के.व्ही. व्ही. क्रॉस आर्म |
02 नम्बर |
|||
11 के.व्ही. टॉप क्लेम्प |
02 नम्बर |
|||
11 के.व्ही. पिन इंसुलेटर |
09 नम्बर |
वर्तमान में रामगढ़ फीडर से विद्युत प्रदाय चालू है। (ग) कोलारस विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 11 के.व्ही. के 27 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य किया जाना शेष/प्रस्तावित है, जिसकी फीडरवार जानकारी संलग्न प्ररिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। उक्त शेष/प्रस्तावित कार्यों को जून 2017 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। (घ) जी हाँ, फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण करने हेतु प्रभावी तिथि 29.8.2011 से 18 माह की अवधि निर्धारित की गई थी। ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एन.सी.सी. लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा विभिन्न कारणों यथा–पर्याप्त श्रमिक एवं सामग्री उपलब्ध नहीं कराया जाना, राईट ऑफ वे की समस्या, आदि के कारणों से निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं हुए है। उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण उसके द्वारा प्रस्तुत देयकों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्टीस्वरूप रू. 3.72 करोड़ की राशि काटी गई है।
शिशु गृह, बाल गृह एवं बालिका गृह में की गई व्यापक अनयिमितताओं की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 4244 ) श्री रामसिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शिवपुरी नगर में शिशु गृह, बाल गृह एवं बालिका गृह नवम्बर 2016 की स्थिति में संचालित थे? यदि हाँ, तो इसका संचालन किस संस्था द्वारा कब से कहाँ पर किया जा रहा था? शिशु बाल, बालिका गृह के संचालन के लिए लागू गाइडलाइन/नियम/निर्देश की प्रति संलग्न कर जानकारी दें? कि इनमें किन-किन नियमों को पालन संस्था द्वारा नहीं किया जा रहा था? (ख) क्या उक्त शिशु बाल, बालिका गृह के संचालन हेतु संचालक संस्था को आर्थिक सहायता/अनुदान दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त संस्था को नवम्बर 2016 तक कितना अनुदान वर्षवार दिया गया? यह अनुदान किस-किस उद्देश्य हेतु कितना-कितना व्यय किया गया? (ग) क्या शिशु गृह, बाल गृह एवं बालिका गृह एक ही भवन में संचालित थे और उसी भवन में वह संचालक के पिता और भाई निवास करते थे? यदि हाँ, तो क्या भवन किराया एक ही भवन भुगतान हुआ? अथवा अलग-अलग भवन का? इन भवनों का निरीक्षण/सत्यापन किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? (घ) क्या शिवपुरी में संचालित शिशु, बाल एवं बालिका गृह को दिए गए अनुदान में व्यापक पैमाने पर अनियमितता की गई? दिए गए अनुदान का विभाग द्वारा लेखे एवं भुगतान का सत्यापन किस अधिकारी ने किया? क्या शासन संस्था द्वारा किए गए व्यापक अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जाँच कराकर कार्यवाही करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। शिवपुरी नगर में शिशुगृह एवं बालगृह वर्ष 2016 की स्थिति में शकुंतला परमार्थ समिति शिवपुरी द्वारा टी.वी. टावर के पास पटेल नगर शिवपुरी में दिनांक 26/09/2011 से एवं बालगृह का संचालन दिनांक 29/01/2013 से पटेल नगर शिवपुरी में किया जा रहा था। गाइड लाइन/नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। संस्था द्वारा शिशुगृह, बालगृह सम्बन्धी गाइड लाइन का पालन किया जा रहा था। (ख) जी हाँ। संस्था को नवम्बर 2016 तक दिए गए अनुदान की वर्षवार गृहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अनुदान का व्यय निवासरत बालकों के देख-रेख एवं संरक्षण हेतु किया गया है। (ग) जी नहीं। शिशुगृह एवं बालगृह पृथक-पृथक किराये के भवन में संचालित थे। जी नहीं। बालगृह किराये के भवन में ऊपरी मंजिल पर संचालित था एवं संचालिका के पिता एवं भाई भवन में निचली मंजिल में संचालिका के साथ निवासरत थे। दोनों गृह के भवनों का निरिक्षण/सत्यापन सम्बन्धी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। दिए गए अनुदान के संबंध में चार्टर्ड एकाउंटेंट से ऑडिट कराया गया है। ऑडिट रिपोर्ट में कोई अनियमितता प्रतिवेदित नहीं हुई है। अतः जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नर्मदा घाटी विकास परियोजनाएँ
[नर्मदा घाटी विकास]
23. ( क्र. 4423 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा मध्यप्रदेश में नर्मदा घाटी विकास परियोजना के तहत योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कुल कितनी परियोजनाओं का कार्य किया जा रहा है? (ख) क्या नर्मदा घाटी विकास के तहत परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो परियोजनावार, लागतवार ब्यौरा पिछले 5 वर्षों का दें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार योजनाओं का कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी परियोजनाएं अपूर्ण हैं? उनके अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं? क्या अपूर्ण परियोजनाओं की लागत में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो परियोजनावार लागत वृद्धि का ब्यौरा पिछले 5 वर्षों का दें। (घ) क्या नर्मदा घाटी विकास की कुछ परियोजनाओं का कार्य पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ, 19 परियोजनाओं का। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) अपूर्ण परियोजनाओं की जानकारी एवं लागत में वृद्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विभाग वृहद परियोजनाओं का निर्माण करता है। वृहद परियोजनाओं की स्वीकृति के पश्चात वन-भूमि के उपयोग की अनुमति, पर्यावरण स्वीकृतियाँ, भू-अर्जन एवं पुनर्वास की अनुमतियों में समय लगता है। निर्माण कार्य शुरू होने के पश्चात पूर्ण होने में पाँच से दस वर्ष का समय लगता है। परियोजनाओं के क्रियान्वयन के पूर्व एवं उसके दौरान न्यायालयीन स्थगन, जन विरोध, भू-अर्जन, भू-गर्भीय संरचना, निर्माण एजेन्सी की क्षमता एवं दक्षता तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता आदि कारणों से निर्माण में समय लगना स्वाभाविक है। (घ) जी नहीं।
जनसम्पर्क निधि से स्वीकृत राशि लेप्स होना
[सामान्य प्रशासन]
24. ( क्र. 4807 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा अन्तर्गत विधायक द्वारा अनुशंसित अनुदान ग्रहीताओं को कलेक्टर जिला गुना द्वारा राशि स्वीकृत कर एजेन्सी सी.ई.ओ. जनपद पंचायत को चाचौड़ा को किस दिनांक को प्रशासकीय स्वीकृति आदेश उपलब्ध कराया गया? पुनर्वांटन आदेश किस दिनांक को जारी कर संबंधित सी.ई.ओ. चाचौड़ा को किस दिनांक को उपलब्ध कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृति आदेश के अनुसार क्या अनुदान ग्रहीताओं को राशि का वितरण क्यों नहीं किया गया? सी.ई.ओ. चाचौड़ा द्वारा रूपये 125000.00 की मांग कब-कब की गई, उन मांग पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? कितने पत्र लंबित रखे गये? (ग) क्या मार्च 2016 में स्वीकृत अनुदान का वितरण संबंधितों को कब तक किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश 'क' में वर्णित पुनर्वांटन आदेश विलंब से सी.ई.ओ. को उपलब्ध कराने वाले एवं सी.ई.ओ. मांग पत्रों पर कार्यवाही न करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चाचौड़ा को प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक 882 दिनांक 17.03.2016 को जारी की गई थी तथा पुनर्वांटन आदेश दिनांक 18.03.2016 को जारी कर सी.ई.ओ. जनपद पंचायत चाचौड़ा को उपलब्ध कराया गया। (ख) दिनांक 25.03.2016 को वित्त विभाग द्वारा बिल प्रस्तुत करने की सुविधा समाप्त कर दिये जाने के कारण जनपद द्वारा उक्त राशि आहरण नहीं की जा सकी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चाचौड़ा द्वारा राशि रू. 1.25 लाख की मांग दिनांक 15.09.2016 एवं पत्र दिनांक 04.01.2017 द्वारा की गई। वित्तीय वर्ष समाप्त होने के कारण भुगतान संभव नहीं था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मार्च 2016 में स्वीकृत अनुदान में से वर्ष 2016-17 में माननीय विधायक द्वारा भजन कीर्तन मंडली समिति चक हिंगोनी को 7500/- रूपये की अनुशंसा की है। जिनकी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अन्य हितग्राहियों की अनुशंसा नहीं की गई। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित कर्मचारी के वेतनमान में अंतर का आंकलन
[वित्त]
25. ( क्र. 4980 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित कर्मचारी के वेतनमान में अंतर का आंकलन वित्त विभाग किस मापदंड के आधार पर करता है। किस-किस विभाग में प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित कर्मचारी के वेतनमान में क्या अंतर है। (ख) म.प्र.वेतन पुनरीक्षित वेतन नियम 1990 में लेखापाल/गणक संवर्ग में लेखा प्रशिक्षित के लिए/लेखा अप्रशिक्षित के लिए क्या क्या वेतनमान स्वीकृत थे एवं वेतन पुनरीक्षित वेतन नियम 1998 में नियम 10 के अनुसार क्या विशेष वेतन स्वीकृत किया था। (ग) म.प्र.वेतन पुनरीक्षित वेतन नियम 2006 में लेखापाल (लेखा प्रशिक्षित के लिए/लेखा अप्रशिक्षित के लिए) के वेतनमान में किन किन कारणों से एकरूपता लाई गई है। (घ) वित्त विभाग एनी संवर्ग के प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित कर्मचारी के अलग-अलग वेतनमान जारी करते आया है, उस स्थिति में लेखापाल संवर्ग में लेखा प्रशिक्षित के लिए/लेखा अप्रशिक्षित के लिए अलग-अलग वेतनमान न होने का क्या कारण है, बतावें। भोपाल जिले के किस-किस जिले में किस-किस विभाग में लेखा प्रशिक्षित लेखापाल कार्यरत है। संख्यात्मक जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शासकीय सेवकों के वेतनमानों का निर्धारण समय-समय पर राज्य शासन द्वारा गठित वेतन आयोग/समिति द्वारा किये गये आंकलनों के आधार पर होता है। म.प्र.पुनरीक्षित वेतनमान 2009 में प्रशिक्षित व अप्रशिक्षित संवर्ग वन रक्षक संवर्ग के वेतनमानों में अंतर है जो कि क्रमश: ग्रेड वेतन रूपये 1800 एवं रू. 1900 है। (ख) म.प्र.वेतन पुनरीक्षण नियम 1990 में लेखापाल/गणक संवर्ग के लिये लेखा प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित के लिये क्रमश: 1320-2040 एवं 1200-2040 वेतनमान रहा है। वेतन पुनरीक्षण नियम, 1998 के नियम 10 के अनुसार पात्रता नहीं होने से लेखापाल संवर्ग को विशेष वेतन स्वीकृत नहीं किया गया था। (ग) म.प्र.वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 प्रशिक्षित व अप्रशिक्षित लेखापाल के लिये वेतनमान में एकरूपता म.प्र.वेतन पुनरीक्षण नियम, 1998 के परिणामस्वरूप रहा है। (घ) उपर्युक्त ''ग'' अनुसार। भोपाल जिले के अंतर्गत अन्य कोई जिला नहीं होने से प्रश्नांश की जानकारी नहीं दी जा सक रही है।
ऊर्जा विभाग द्वारा की गई खरीदी की जानकारी
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 5039 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 के दौरान विभाग द्वारा किस मद से कितनी राशि व्यय कर कितनी मात्रा (संख्या) में किस दर पर क्या-क्या सामग्री किस नाम/पते वाली फर्मों/संस्थाओं/अन्य से कब-कब खरीदी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में सामग्री खरीदी के लिये क्या-क्या प्रक्रियायें अपनाई गयी? किस-किस को, किस सामग्री हेतु कितनी-कितनी राशि का कब-कब, किस प्रकार से, किस दर से भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आयोजन हेतु खरीदी के लिए कब-कब निविदायें निकाली गयी? उन्हें किन-किन नाम के अखबारों में किस-किस दिनांकों को प्रकाशित कराया गया? किस-किस सामग्रियों के लिये निविदायें प्रकाशित नहीं करायी गयी? उन्हें किस दर पर, कितनी मात्रा में खरीदा गया? भुगतान किस-किस को कब-कब, कितना-कितना किया गया? (घ) क्या खरीदी गयी सभी सामग्रियों का दरवार क्या ऑडिट कराया गया? कराये गये ऑडिट की एक रिपोर्ट दें? अगर नहीं कराया गया तो क्यों कारण दें? नियम बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिंहस्थ-2016 के दौरान म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा सिंहस्थ मद में क्रय की गई सामग्री की मात्रा, दर, सामग्री प्रदायकर्ता फर्मों/संस्थाओं के नाम/पते, सामग्री क्रय पर व्यय राशि (सामग्री का मूल्य) एवं क्रय दिनांक संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब', 'स', 'द' एवं 'ग' अनुसार है। (ख) उत्तरांश “क” में उल्लेखित सिंहस्थ आयोजन हेतु निविदा प्रक्रिया का पालन करते हुए सामग्री क्रय की गई है। क्रय की गई सामग्री हेतु भुगतान प्राप्त करने वाली फर्मों एवं भुगतान की गई राशि संबंधी प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब', 'स', 'द', 'इ' एवं 'ग' अनुसार है। समस्त फर्मों/संस्थाओं को क्रय की गई सामग्री के विरुद्ध भुगतान इलेक्ट्रानिक अंतरण/चेक के माध्यम से किया गया है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सामग्री क्रय हेतु निविदा जारी करने की तिथि संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब', 'स', 'द', 'इ' एवं 'ग' अनुसार है। क्रय नियमों के अनुसार रू. पाँच लाख से अधिक के अनुमानित क्रय हेतु दो समाचार पत्रों में निविदा प्रकाशन आवश्यक है। तदनुसार समाचार पत्र प्रकाशन संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' एवं 'ब' अनुसार है। उक्त सीमा से कम राशि के क्रय आदेश हेतु निविदा का समाचार पत्रों में प्रकाशन नहीं किया गया तथा अन्य माध्यमों, यथा पोर्टल/एम.पी. आन-लाइन, नोटिस बोर्ड के माध्यम से निविदायें आमंत्रित की गई। संबंधित विवरण (फर्म का नाम/दर/मात्रा/भुगतान) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब', 'स', 'द', 'इ' एवं 'ग' अनुसार है। (घ) जी नहीं। खरीदी गई सामग्री का दर आधारित ऑडिट नहीं कराया जाता है। अतः ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। कंपनी के क्रयादेशों का ऑडिट नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कार्यालय द्वारा किया जाता है। उक्त ऑडिट नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्तियाँ, सेवा की शर्तें) अधिनियम-1971 के प्रावधानों के अंतर्गत सम्पादित किया जाता है।
संस्थाओं की प्रदेश के ऊपर बकाया कर्ज की जानकारी
[वित्त]
27. ( क्र. 5045 ) श्री अजय सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के द्वारा वित्तीय वर्ष 13-14, 14-15, 15-16 एवं 16 प्रश्नतिथि तक कितनी- कितनी राशि का, किस मद में उपयोग हेतु कर्ज, किन किन संस्थाओं से किस ब्याज दर पर किन शर्तों पर लिया? माहवार/वर्षवार/कर्जवार/संस्थावार/मदवार/राशिवार ब्याज दर बार/शर्तवार विवरण दें? (ख) मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार सामान्य बजट के अलावा कब-कब कितनी राशि का अनुपूरक बजट सदन में रखा वर्षवार/माहवार/राशिवार दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार वित्तीय वर्षों में राज्य शासन का बजट घाटा कितनी कितनी राशि का था? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार प्रदेश का ग्रास स्टेट डोमिस्टिक प्रोडक्ट (जी.एस.डी.पी.) कितना रहने का अनुमान लगाया जा रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा वित्त लेखे अनुसार वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में शुद्ध ऋण क्रमशः रूपये 5536.18 करोड़, रूपये 10996.99 करोड़ एवं रूपये 15124.94 करोड़ लिया गया। संबंधित वर्षों के वित्तीय लेखों में उधार तथा अन्य दायित्वों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्नावधि तक के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से प्राप्त न होने के कारण कर्ज की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। महालेखाकार के द्वारा प्रेषित वित्त लेखा के भाग– 2 में वर्षवार, संस्थावार, मदवार, राशिवार, ब्याज दरवार लिये गये कर्ज का विवरण, विधानसभा के पुस्तकालय में अवलोकनीय है। (ख) मध्य प्रदेश शासन द्वारा सामान्य बजट के अलावा निम्न अवधि में निम्न राशि का अनुपूरक बजट सदन में प्रस्तुत किया गया :-
तालिका – अ
(राशि करोड़
में)
वित्तीय वर्ष |
प्रथम अनुपूरक अनुमान |
द्वतीय अनुपूरक अनुमान |
तृतीय अनुपूरक अनुमान |
चतुर्थ अनुपूरक अनुमान |
|
|||
|
राशि |
तिथि |
राशि |
तिथि |
राशि |
तिथि |
राशि |
तिथि |
2013-14 |
32,70,07,90,500 |
जुलाई 2013 |
70,71,73,21,600 |
जनवरी 2014 |
7,45,93,58,300 |
मार्च 2014 |
- |
- |
2014-15 |
86,51,68,32,000 |
दिसम्बर 2014 |
108,52,01,90,000 |
मार्च 2015 |
- |
- |
- |
- |
2015-16 |
85,91,21,22,300 |
जुलाई 2015 |
84,07,65,04,840 |
नवम्बर 2015 |
58,89,71,13,000 |
दिसम्बर 15 |
16,27,70,06,400 |
मार्च 2016 |
2016-17 |
143,67,54,24,900 |
जुलाई 2016 |
94,30,91,00,387 |
दिसम्बर 2016 |
- |
- |
- |
- |
(ग) वर्ष 2013-14, 2014-15
एवं 2015-16
में राज्य
शासन का
राजकोषीय
घाटा क्रमशः
रूपये 9881.29 करोड़, रूपये
11651.59
करोड़ एवं
रूपये 14064.71 करोड़
था। (घ) वर्ष 2013-14, 2014-15
एवं 2015-16
में राज्य
शासन का ग्रास
स्टेट
डोमेस्टिक
प्रोडक्ट क्रमशः
रूपये 450900 करोड़, रूपये
508006
करोड़ एवं
रूपये 565053 करोड़
था। वर्ष 2016-17
में ग्रास
स्टेट
डोमेस्टिक
प्रोडक्ट का
बजट अनुमान
रूपये 713676 करोड़
एवं
पुनरीक्षित
अनुमान रूपये 645602
करोड़
अनुमानित है।
वित्त विभाग द्वारा बजट आवंटन
[वित्त]
28. ( क्र. 5098 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में किन-किन विभागों को किस-किस योजना एवं कार्य के लिए कितना-कितना बजट आवंटन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित बजट का विभागवार खर्च का ब्यौरा दें? (ग) क्या आंवटित बजट का विभाग द्वारा पूर्ण खर्च नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या बजट का पूर्ण खर्च न करने से कोई योजना/कार्य प्रभावित हुआ है? यदि हाँ, तो ब्यौरा देवें? यदि बजट की आवश्यकता नहीं थी तो मांग का क्या औचित्य है बतावें? (घ) बजट खर्च नहीं होने से अधूरी रही योजनाओं एवं कार्यों के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो ब्यौरा देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में विनियोग लेखा वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 अनुसार बजट प्रावधान किया गया। संबंधित विनियोग लेखे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2016-17 में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा अभी विनियोग लेखा तैयार नहीं किया गया है। अत: जानकारी दी जानी संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश "क'' अनुसार संबंधित विनियोग लेखों में खर्च का ब्यौरा निहित है। (ग) विभागों द्वारा बजट आवंटन का उपयोग योजना के दिशा-निर्देशों एवं कार्य में व्यय अनुसार किया जाता है। बजट का पूर्ण खर्च न करने से योजना/कार्य के प्रभावित होने संबंधी प्रकरण वित्त विभाग द्वारा प्रत्यक्षत: के संज्ञान में नहीं आते है। संबंधित विभाग से बजट की आवश्यकता के आंकलन उपरांत ही बजट प्रावधान किये जाते है। (घ) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा अंकेक्षण किया जाता है। यदि किसी अंकेक्षण टीप में तत्संबंध में कोई तथ्य संज्ञान में आता है, तो निर्धारित प्रक्रियानुसार कार्रवाई की जाती है।
बिजली के तारों का मरम्मत एवं ट्रांसफार्मर स्थापित विषयक
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 5142 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 34 (क्रमांक 483) दिनांक 6.12.2016 के उत्तर 'क' और 'ख' में शासन द्वारा रीवा जिले के ग्राम सगरा वार्ड क्रमांक 16 में बिजली के तारों का मरम्मत एवं ट्रांसफार्मर पुन: स्थापित कर बिजली आपूर्ति बहाल किया जाने का जवाब दिया है जबकि आज दिनांक तक तारों की मरम्मत एवं ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किये गये है और बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की क्यों? (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र में कब तक वास्तविक रूप से बिजली के तारों की मरम्मत एवं ट्रांसफार्मर स्थापित कर बिजली आपूर्ति बहाल की जाएगी यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विधानसभा सत्र दिसम्बर, 2016 में अतारांकित प्रश्न क्रमांक 483 दिनांक 06.12.2016 के उत्तर में प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी दी गई थी। वर्तमान में रीवा जिले के ग्राम सगरा वार्ड क्रमांक 16 में विद्युत लाईन पूर्णत: व्यवस्थित हैं तथा इनसे सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि उक्त ग्राम में दिनांक 19.11.2016 को स्थापित किया गया वितरण ट्रांसफार्मर दिनांक 28.02.2017 को फेल हो गया था जिसे दिनांक 03.03.2017 को बदलकर विद्युत प्रदाय बहाल कर दिया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू है तथा उपभोक्ताओं द्वारा किसी भी प्रकार की विद्युत संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
किसानों के विरूद्ध बनाये गये प्रकरण
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 5189 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज/लटेरी क्षेत्र में विद्युत विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में किसानों के विरूद्ध कितने प्रकरण किन-किन लोगों के विरूद्ध झगड़े के प्रकरण बनाये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (ख) अनुसार दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों पर किन-किन सक्षम अधिकारियों के द्वारा जाँच की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विगत तीन वर्षों में किसानों/उपभोक्ताओं द्वारा मारपीट करने, गाली गलोच करने, कंपनी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने एवं शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने आदि विभिन्न विवादों से संबंधित 7 प्रकरणों में पुलिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जिसका आरोपी के नाम सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित सभी प्रकरण पुलिस विवेचना/न्यायालयीन प्रक्रियाधीन है, अत: पृथक से जाँच कराया जाना आवश्यक नहीं है।
आंनद मंत्रालय खोलने का उद्देश्य
[आनन्द]
31. ( क्र. 5285 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवनिर्मित आंनद मंत्रालय खोलने का क्या उद्देश्य है इस विभाग द्वारा लोगों को आनंद की अनुभूति हो सरकार इस हेतु क्या-क्या प्रयास कर रही है? (ख) क्या सरकार इस हेतु जनता के सुझाव भी मांग रही है? (ग) इस विभाग द्वारा लोग भाई-चारे के साथ मिलकर अच्छे कार्य करें आंनद की अनुभूति करें? क्या इसके लिये प्रशिक्षण देने की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो योजना का विवरण देंवे। (घ) क्या इस योजना के अंतर्गत बुद्धिजीवियों, धर्माचार्यों, प्रबुद्धजनों के प्रबोधन कार्यक्रम कराकर लोगों को सद्भाव एवं आनंद हेतु प्रेरित किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग के उद्देश्य संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। विभाग द्वारा इस संबंध में आनंद उत्सव, आनंदम, अल्पविराम एवं आनंद सभा कार्यक्रम निर्धारित किय गये है। आनंद उत्सव का आयोजन दिनांक 14 जनवरी, 2017 से 21 जनवरी, 2017 के मध्य में आयोजित किया गया। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा अपनी वेबसाइट के माध्यम से इच्छुक व्यक्तियों का आनंदक एवं आनंदम सहयोगी के रूप में पंजीयन कराया जा रहा है। आनंद विभाग द्वारा चुने हुए आनंदम सहयोगियों हेतु ''अल्पविराम'' कार्यक्रम के प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है। ''अल्पविराम'' कार्यक्रम का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (घ) वर्तमान में विभाग ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।
स्थायी पंप कनेक्शन योजना
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 5286 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्थाई पंप कनेक्शन योजना के अंतर्गत किसानों को स्थाई पंप कनेक्शन देने हेतु विभाग की क्या योजना है योजना से शत्-प्रतिशत किसान लाभांवित हो सकें इस हेतु विभाग क्या प्रयास कर रहा है एवं कौन-कौन किसान इस योजना के पात्र हैं? (ख) क्या इस योजना में विगत दो वर्ष पूर्व अटूट बंधन योजना जिसमें एक हजार फुट की दूरी तक के किसान स्थायी पंप कनेक्शनधारी हो गये थे क्या उनको भी इस योजना में सम्मिलित कर लाभांवित किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि किसानों को इस योजना में शामिल नहीं किया जाता है तो क्या उनके खेतों में विद्युत लाइन एवं ट्रांसफार्मर लगाने की व्यवस्था होगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) प्रदेश में कृषि को लाभ का धंधा बनाने की मंशा से कृषकों को कम लागत पर स्थायी पंप कनेक्शन प्रदान करने के लिये दिनांक 6.9.16 से ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' आरंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में लघु एवं सीमांत कृषकों (दो हेक्टेयर से कम भूमि धारक) में से अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग एवं सामान्य वर्ग के कृषकों से क्रमश: रूपये 5 हजार एवं रूपये 7 हजार तथा दो हेक्टेयर से अधिक भूमि धारक कृषकों द्वारा रूपये 11 हजार प्रति हॉर्स पावर की दर से राशि जमा कराने पर स्थायी पंप कनेक्शन दिऐ जा रहे है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पूर्व में जारी की गई ''अटूट बंधन योजना'' के स्थायी पंप कनेक्शनों, जिन्हें उक्त योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है, को छोड़कर प्रदेश के सभी कृषक योजनांतर्गत अंशराशि जमा कर लाभान्वित हो सकते हैं। योजना का लाभ 3 हॉर्स पावर एवं 3 हार्स पॉवर से अधिक भार वाले पंप कनेक्शनों को दिया जावेगा। (ग) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा दिनांक 01.02.14 को लागू की गई ''अटूट बंधन योजना'' में शामिल उपभोक्ताओं को स्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं के समान पूरे वर्ष बिजली तथा स्थायी पंप कनेक्शन के समान सब्सिडी प्रदान की जा रही है। उक्त लाभ के दृष्टिगत उक्त योजना में शामिल कृषकों से पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संपादित अनुबंध की शर्त के अनुसार कृषक को अपने खर्चे से या राज्य शासन की कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत अंश राशि जमा कर छ: माह के अंदर उनके खेतों में विद्युत लाईन एवं ट्रांसफार्मर लगाने संबंधित प्रस्तावित कार्य को स्वयं पूर्ण करवाना था। उक्त परिप्रेक्ष्य में दिनांक 06.09.16 को आरंभ की गई ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना'' में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा लागू की गई ''अटूट बंधन योजना'' के तहत प्रदान किये गये पंप कनेक्शनों को शामिल नहीं किया गया है। अत: ''अटूट बंधन योजना'' के अंतर्गत पंप कनेक्शन को अस्थाई से स्थाई किये जाने हेतु लगने वाली विद्युत लाईनों एवं ट्रांसफार्मरों की व्यवस्था कृषकों को अपने स्वयं के व्यय से करनी होगी।
घोषणाओं को पूर्ण होना
[सामान्य प्रशासन]
33. ( क्र. 5316 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ महापर्व के अंतर्गत आयोजित वैचारिक महाकुंभ में मुख्यमंत्री जी ने क्या-क्या घोषणाएं ग्राम पंचायत निनौरा तहसील उज्जैन में दिनांक 05.12.2016 को की थी घोषणावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत की गई घोषणाओं में से आज दिनांक तक घोषित घोषणाओं में से कितनी पूर्ण हो चुकी हैं और कितनी बची हैं? (ग) क्या की गई घोषणाओं के संदर्भ में मुख्यमंत्री जी को ग्राम सरपंच निनौरा तहसील उज्जैन की तरफ से दिनांक 05.12.2016 को स्मरण पत्र भेजा गया था यदि हाँ, तो पत्र पर क्या कार्यवाही हुई? (घ) सम्पूर्ण घोषित घोषणा पर कोई कार्य नहीं होने की जिम्मेदारी किस अधिकारी की है और लापरवाही के लिए उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांकित दिनांक को कोई घोषणा नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जी हाँ। पत्र में उल्लेख अनुसार कोई घोषणा नहीं की गयी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाडली लक्ष्मी योजना की फीडिंग
[महिला एवं बाल विकास]
34. ( क्र. 5329 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले की परियोजनाओं में कितने ऑपरेटर योजना के तहत किन-किन परियोजनाओं में पदस्थ हैं एवं किन-किन परियोजनाओं में कार्यरत ऑपरेटर द्वारा ऑनलाईन फीडिंग का कार्य किस दिनांक से प्रारंभ किया गया हैं? (ख) विगत एक वर्ष में परियोजनाओं में कितने फार्म ऑनलाईन दर्ज किये गये परियोजनावार, माहवार, ऑनलाईन फीडिंग की गई तथा कितने फॉर्म आउटसोर्स के माध्यम से ऑनलाईन फीड कराये गये? कितने हितग्राहियों को लाडली लक्ष्मी योजना के प्रमाण पत्र वितरित किये गये? (ग) फार्म फीडिंग एवं प्रमाण पत्र हेतु शासन द्वारा कितना आवंटन प्राप्त हुआ? फीडिंग एवं प्रमाण पत्र हेतु कितनी राशि आउटसोर्स से फीडिंग हेतु भुगतान किया गया? (घ) यदि फार्म फीडिंग का कार्य आउट सोर्स एजेंसी से कराया जाता है तो उक्त अवधि में आपरेटर द्वारा क्या कार्य कराया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सागर जिले की परियोजनाओं में 11 ऑपरेटर पदस्थ है। परियोजनावार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। जिला अंतर्गत आने वाली समस्त 16 परियोजनाओं में कार्यरत ऑपरेटरों के मार्गदर्शन में ऑनलाईन डाटा फीडिंग आदि योजना संबंधी कार्य दिनांक 01/06/2015 से किये जा रहे है। (ख) विगत एक वर्ष में कुल 48592 फार्म ऑनलाईन दर्ज किये गये है। परियोजनाओं की परियोजनावार ऑनलाईन फीडिंग एवं हितग्राहियों को वितरित प्रमाणपत्रों की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) फार्म फीडिंग एवं प्रमाणपत्र हेतु शासन द्वारा 1781730.00/- रुपये आवंटन प्राप्त हुआ। फार्म फीडिंग एवं प्रमाणपत्र हेतु रुपयें 1457760.00/- शासन के निर्देशानुसार भुगतान किये गये। (घ) ऑपरेटर द्वारा योजना प्रारंभ वर्ष से योजना संबंधी आवेदनों का एकत्रीकरण, लाडली लक्ष्मी योजना के आवेदन पत्रों में संलग्न दस्तावेजों का परीक्षण एवं अपने समक्ष में ही आवेदनों के दस्तावेजो की स्केनिंग, ऑनलाईन डाटा फीडिंग, प्रमाणपत्र जनरेट कराये जाकर प्रमाणपत्र को ए-4 साईज में कलर प्रिन्ट कर लेमिनेट या प्लास्टिक फोल्डर तैयार कराकर प्रदाय कराने संबंधी कार्य कराया जा रहा है। इसके अलावा हितग्राही को प्रमाणपत्र वितरण का कार्य एवं पुराने राष्ट्रीय बचत पत्रो का एकत्रीकरण/संधारण कर पोस्ट आफिस से निधि में राशि अंतरण करवाने का कार्य एवं अन्य कार्यालयीन दायित्वों का निर्वहन इनके द्वारा किया जा रहा है।
कुपोषण के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
35. ( क्र. 5341 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर जिले में वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कब कब कहाँ कहाँ कुपोषित बच्चे पाये गये तथा इनके पोषण हेतु क्या-क्या कार्य किए गए तथा इनमें से कितने बच्चों की मृत्यु हुई वर्षवार सूची देवें? (ख) विधानसभा की बैठक दिनांक 6 दिसंबर 2016 को तरांकित प्रश्न संख्या 23 क्रमांक 700 के उत्तर में मुख्यमंत्री जी द्वारा कुपोषण पर श्वेत पत्र जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है बतलाया गया था इस संबंध में हुई प्रगति से अवगत करावे एवं कुपोषण के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में दिया गया निर्णय क्या है तथा आने वाले समय में कुपोषण से मृत्यु होने पर किये दंडित करने की बात कही गई है? (ग) प्रदेश में कुपोषण की दर देश के अन्य प्रदेशों से अधिक रहने के क्या कारण है तथा इसकी रोकथाम हेतु शासन स्तर पर क्या प्रयास कर कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही है? प्रश्नांकित अवधि में कहाँ-कहाँ पर कुपोषण से मृत्यु होने पर किसके द्वारा कब जाँच कराई गई तथा इसमें किसे दोषी पाया गया तथा दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जबलपुर जिले में प्रश्नांकित अवधि में पाये गये 05 वर्ष तक के कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार हैं। कुपोषित बच्चों के पोषण हेतु किये गये कार्यों से संबंधित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार हैं। जिले में कुपोषण से किसी भी बच्चे की मृत्यु प्रतिवेदित नहीं हुई हैं। (ख) कुपोषण पर श्वेत पत्र जारी करने की कार्यवाही प्रचलन में है। जी हाँ श्योपुर जिले के परिप्रेक्ष्य में माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर द्वारा जारी अन्तरिम आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार हैं। (ग) शिशु एवं बाल आहार पूर्ति संबंधी व्यवहारों के प्रति प्रचलित कुरीतियों एवं भ्रांतियां, बच्चों को लंबी अवधि तक केवल स्तनपान कराना एवं 6 माह उपरांत शिशु को उपरी संपूरक आहार प्रारंभ न करना, महिला साक्षरता दर में कमी होने से बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी देखभाल में अभाव, व्यक्तिगत स्वच्छता एवं वातावरण की स्वच्छता पर समुदाय का कम ध्यान, शौचालय के उपयोग के संबंध में अरूचि, बाल भोजन में विविधता का अभाव, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध ऊर्जायुक्त भोज्य पदार्थों के संबंध में अनभिज्ञता, झोलाछाप डॉक्टर एवं स्थानीय ओझा द्वारा झाड़-फूंक पर अधिक विश्वास, परिवार नियोजन साधनों के संबंधों में अज्ञानता व कुल प्रजनन दर अधिक होना इत्यादि प्रदेश में कुपोषण अधिक रहने के संभावित कारण हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों में 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। कुपोषण की रोकथाम हेतु आई.सी.डी.एस. एवं अटल बिहारी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। अतिकम वजन वाले बच्चों को थर्डमील का प्रदाय एवं चिन्हित ग्रामों में स्नेह शिविरों का आयोजन किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों में से चिन्हित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित किया जाता है। अतिकम वजन वाले बच्चों के पोषण की देखभाल जनसमुदाय, जनप्रतिनिधियों एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा जिम्मेदारी लिये जाने हेतु स्नेह सरोकार कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की वर्तमान में संख्या का आंकलन करने हेतु विशेष वजन अभियान का आयोजन 01 नवम्बर 2016 से 28 फरवरी 2017 तक किया गया। इस अभियान में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों द्वारा बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया गया। इस अभियान में चिन्हित कम वज़न एवं अतिकम वज़न के बच्चों के पोषण स्तर में सतत् सुधार तथा फॉलोअप हेतु विशेष पोषण अभियान का प्रांरभ किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुपोषण की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार हैं। कुपोषण से मृत्यु न होने से जाँच एवं कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।
वेतनमान के संबंध में
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 5342 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान समय में म.प्र.पा.जन.क.लि. में कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों को क्रमश: प्रथम द्वितीय एवं तृतीय उच्च वेतनमान देने के क्या नियम एवं मापदंड है? कर्मचारियों की श्रेणीवार बतलावें एवं क्या उल्लेखित वेतनमान की तीनों श्रेणियों का भुगतान आवश्यक रूप से ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों को देना अनिवार्य है, जिनके पात्रता के बावजूद पदोन्नति नहीं हो पाई है? (ख) पूर्व में मूल रूप से म.प्र. विद्युत मंडल में प्रथम नियुक्ति प्राप्त कर्मचारी/अधिकारी जो तीनों श्रेणी के वेतनमान प्राप्त करने के पात्र हो चुके हैं तथा ऐसे कर्मचारी जिन्होंने विद्युत मंडल में अपना सेवा काल क्रमश: 9 वर्ष 18 वर्ष 25 वर्ष एवं 30 वर्ष का पूर्ण कर लिया है लेकिन उन्हें नियमानुसार क्रमश: प्रथम द्वितीय तथा तृतीय वेतनमान नहीं दिया जा रहा है इन्हें प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उच्च वेतन मान प्रश्न दिनांक तक प्रदान न करने के क्या कारण है तथा इन्हें उल्लेखित उच्च वेतनमान किस प्रकार से कब तक प्रदान कर दिया जावेगा? (ग) क्या कपंनी में पदस्थ ऐसे कर्मचारी जिन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त कर चतुर्थ या तृतीय श्रेणी से उन्नतिकर कनिष्ठ अभियंता का पद प्राप्त किया करने के पश्चात ही उनकी सेवा की अवधि उच्च वेतनमान में जोड़ी जा रही है न की प्रथम नियुक्ति दिनांक से जबकि राज्य शासन प्रथम नियुक्ति दिनांक से उनकी सेवा अवधि जोड़ती है क्या उक्त विसंगति को समाप्त किया जावेगा यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्तमान में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारीयों को 9/18/25 वर्ष की सेवा के पश्चात प्रथम/द्वितीय उच्च वेतनमान तथा 30 वर्ष की सेवा के पश्चात तृतीय उच्च वेतनमान, पदोन्नति हेतु पात्र होने, अन्य अर्हतायें पूर्ण करने तथा संबंधित कार्मिक के निर्धारित प्रपत्र में उच्च वेतनमान हेतु विकल्प चुनने की स्थिति में प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। तत्संबंधी सभी श्रेणी के कार्मिकों हेतु लागू आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। उक्त तीनों उच्च वेतनमान दिए जाना अनिवार्य नहीं है बल्कि, संबंधित द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये जाने तथा निर्धारित शर्तें पूर्ण किये जाने पर उच्च वेतनमान प्रदान किये जाने का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित आदेशों के अनुसार निर्धारित प्रपत्र एवं विकल्प का चयन करने तथा निर्धारित सेवा एवं शर्तें पूर्ण किये जाने के उपरांत उच्च वेतनमान दिया जाता है। निर्धारित सेवा व शर्तों को पूरा करने पर म.प्र. राज्य विद्युत मंडल से अंतरित व कंपनी के पात्र कार्मिक को नियमानुसार आवेदन करने पर उच्च वेतनमान दिया जाना एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) उच्च वेतनमान संबंधी आदेशों के अनुसार किसी कर्मचारी की सीधी भर्ती के पद पर खुला चयन/लेटरल इंडक्शन द्वारा नियुक्ति होने की स्थिति में तृतीय उच्च वेतनमान हेतु सेवा की गणना उक्त पद से की जाती है एवं कर्मचारी द्वारा पदोन्नति चैनल के अलावा अन्य पद पर की गई सेवा को उच्च वेतनमान हेतु गणना में सम्मिलित नहीं किया जाता है। यही प्रावधान शासन के नियमों में भी है, अत: कोई विसंगति नहीं है।
विभाग में कार्यरत कर्मचारी
[महिला एवं बाल विकास]
37. ( क्र. 5356 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला बाल विकास विभाग में द्वितीय श्रेणी या उससे अधिक कितने अधिकारी वर्तमान में पदस्थ हैं। (ख) द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी की गृह जिले में पदस्थापना के संबंध में क्या नियम हैं? (ग) वर्तमान में छतरपुर जिले में कितने राजपत्रित अधिकारी गृह जिला होने के बावजूद पदस्थ हैं? (घ) क्या यह नियम का उल्लंघन है यदि हो तो ऐसे अधिकारियों की पदस्थापना गृह जिले से बाहर कब की जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग में द्वितीय श्रेणी या उससे वरिष्ठ स्तर के कुल 824 अधिकारी वर्तमान में पदस्थ है। (ख) द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी की गृह जिले में पदस्थापना के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 15/04/2015 को जारी स्थानांतरण नीति की कंडिका 8.16 में उल्लेख है कि ''किन्ही भी कार्यपालिक अधिकारी/कर्मचारी को उनके गृह जिले में स्थानांतरण के द्वारा अथवा पदोन्नति की स्थिति में सामान्यत: पदस्थ न किया जाए, किंतु अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाओं के प्रकरणों में उनके गृह जिलों में स्थानांतरण किया जा सकेगा।'' (ग) वर्तमान में छतरपुर जिले में 02 परियोजना अधिकारी (श्री अशोक विश्वकर्मा एवं श्रीमती प्राची सिंह चंदेल) एवं 02 खण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी (श्रीमती नीलिमा सिंह एवं श्रीमती ममता वैद्य) कुल 04 राजपत्रित अधिकारी गृह जिले में पदस्थ है। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के उत्तर में उल्लिखित अधिकारियों को उनकी पारिवारिक परिस्थितियों के कारण गृह जिले में पदस्थ किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना नगर में साझा चूल्हा, मध्यान्ह भोजन का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
38. ( क्र. 5367 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले के नगर मुरैना से आंगनवाड़ी, प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयें में साझा चूल्हा, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2015-2016 की वितरण व्यवस्था किस संस्था, समूह को दी गई है। (ख) उक्त समयावधि में कितने, समूहों, संस्थाओं, द्वारा भोजन वितरण के टेण्डर डाले उनके नाम, पते, दिनांक तथा किन-किन समाचार पत्रों को विज्ञापन दिये गये समाचार पत्रों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) वर्ष 2015-16 में उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों, प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों में बालक, बालिकाओं की उपस्थिति कितने प्रतिशत रही, शिक्षा विभाग द्वारा माहवार जानकारी कब-कब महिला बाल विकास को प्राप्त हुई। (घ) उक्त समयावधि में साझा चूल्हा, मध्यान्ह भोजन पर कितनी राशि खर्च की गई वर्षवार राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मुरैना जिले के नगर मुरैना में आंगनवाड़ी केन्द्रों, प्राथमिक विद्यालयों में सांझा चूल्हा, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2015-16 में वितरण व्यवस्था पुष्पक महिला स्व-सहायता एवं कामगारी महिला संघ गणेशपुरा मुरैना को दी गई है। (ख) मुरेना जिले के नगर मुरैना में एकीकृत रसोई प्रणाली व्यवस्था क्रियान्वित होने से उक्त समयावधि वर्ष 2015-16 में किसी भी समूह, संस्था द्वारा भोजन वितरण के टेण्डर नहीं डाले गये। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों में 3-6 वर्ष तक के बालक, बालिकाओं की उपस्थिति का प्रतिशत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों में बालक, बालिकाओं की उपस्थिति का प्रतिशत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (घ) उक्त समयावधि में मुरैना नगर के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर शहरी पोषण आहार में राशि रू. 2,17,62,222/- व्यय की गई एवं प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना में खर्च की गई राशि रूपये 95,11,540/- है।
विद्युत संभाग में उपभोक्तओं से अवैध वसूली एवं श्रमिकों को समय पर वेतन भुगतान न करना
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 5429 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के विद्युत संभाग लहार में 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कुशल अकुशल कर्मचारी किस किस विद्युत वितरण केन्द्र पर कार्यरत है एवं किस-किस ठेकेदार द्वारा मासिक वेतन (पारिश्रमिक) पर कार्यरत हैं? (ख) क्या यह सच है कि लहार संभाग में कार्यरत श्रमिकों से विद्युत कंपनी के अधिकारी अवैध रूप से विद्युत उपभोक्ताओं से वसूली करायी जाती है? यदि हाँ, तो जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्त अवधि में कितने श्रमिकों को कार्य से हटाया गया? (घ) लहार संभाग में कुशल ओर अकुशल श्रमिक एवं नियमित लाईनमेन, हेल्पर आदि को 01 जुलाई 2016 से 15 फरवरी, 2017 तक प्रतिमाह वेतन भुगतान न करने का कारण एवं मडोरी विद्युत उपकेन्द्र पर कार्यरत हेल्पर लाईनमेन एवं श्रमिकों को वेतन भुगतान न करने का कारण बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भिण्ड जिले के संचालन एवं संधारण संभाग लहार में प्रश्नाधीन अवधि में सेवा प्रदाता के माध्यम से कलेक्टर रेट के अनुसार मासिक वेतन पर रखे गये कुशल एवं अकुशल श्रमिकों का वितरण केन्द्रवार एवं सेवा प्रदाता एजेन्सीवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) ठेका श्रमिकों को भिण्ड वृत्त की संगठनात्मक संरचना के अंतर्गत सेवा प्रदाता के माध्यम से रखा गया है। ठेका श्रमिकों का नियोजन सेवाप्रदाता के द्वारा किया जाता है एवं उन्हें हटाने संबंधी कार्यवाही भी सेवाप्रदाता द्वारा ही की जाती है। प्रश्नाधीन अवधि में सेवाप्रदाता द्वारा 18 ठेका श्रमिकों को हटाया गया है। (घ) लहार संचालन एवं संधारण संभाग में नियमित कर्मचारियों-लाईनमेन, लाईन हेल्पर आदि का वेतन प्रतिमाह, उनकी कार्य पर उपस्थिति अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा उनके बैंक खाते में जमा कराया जाता है। ठेका श्रमिकों के वेतन का भुगतान माह में उनकी उपस्थिति अनुसार सेवा प्रदाता द्वारा किया जाता है। अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित कर्मचारियों को छोड़कर सभी कर्मचारियों को नियमित वेतन का भुगतान प्रतिमाह किया गया है। बायोमेट्रिक पद्धति में तकनीकी समस्या के कारण मण्डोरी उपकेन्द्र के एक कर्मचारी को दो माह के वेतन का विलंब से भुगतान किया गया है।
सतना जिले में विद्युत सुरक्षा प्रावधानों को लागू करना
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 5450 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में विद्युत वितरण का कार्य म.प्र.पू.क्षे.वि.वि. कम्पनी द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो म.प्र. शासन के अंतर्गत ऊर्जा विभाग द्वारा सहायक यंत्री विद्युत सुरक्षा पदस्थ हैं, जिनके अधीनस्थ विद्युत निरीक्षक भी पदस्थ हैं? (ख) क्या सतना जिले में उक्त विभाग की गतिविधि शून्य है जिस कारण जिले में विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा विद्युत संबंधी प्रावधानों के विषय में निरीक्षण या प्रकरण नहीं बनाए जाते हैं, इस कारण जिले की जनता विद्युत मण्डल के ऊपर निर्भर है? (ग) क्या कम्पनी द्वारा सुरक्षा प्रावधानों की अनदेखी करने के कारण विद्युत उपभोगताओं को परेशानी उठानी पड़ती है तथा सतना जिले में जनहानि एवं धनहानि हो रही है? क्या रैगाँव विधान सभा क्षेत्र में ट्रांसफार्मर असुरक्षित हैं एवं विद्युत लाइन कहीं-कहीं खुली है? (घ) क्या विद्युत सुरक्षा की समीक्षा शासन द्वारा निर्धारित समिति, जिसके अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं, के द्वारा की जाती है? यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस दिनांक को की गई, यदि नहीं, की गई तो क्यों? क्या विद्युत सुरक्षा विभाग की गतिविधि संचालित करने हेतु निर्देश दिए जाएंगे ताकि विद्युत प्रावधानों की समीक्षा हो सके?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, सतना जिले में विद्युत वितरण का कार्य म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाता है। म.प्र. शासन के ऊर्जा विभाग के अंतर्गत एवं मुख्य अभियंता (विद्युत सुरक्षा) एवं मुख्य विद्युत निरीक्षक के प्रशासनिक नियंत्रण में सतना जिले में सहायक यंत्री (विद्युत सुरक्षा) एवं सहायक विद्युत निरीक्षक का कार्यालय है, जिसके अधीनस्थ विद्युत निरीक्षक पदस्थ नहीं है। (ख) जी नहीं, विद्युत सुरक्षा कार्यालय द्वारा वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत स्थापनाओं के निरीक्षण सहित विद्युत सुरक्षा से संबंधित दायित्वों के निर्वहन हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाती है। जबकि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत वितरण व्यवस्था से संबंधित दायित्वों का निर्वहन किया जाता है। (ग) जी नहीं, सतना जिले में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत सुरक्षा संबंधी प्रावधानों का पालन किया जाता है तथा समय-समय पर विद्युत सुरक्षा नियमों का प्रचार-प्रसार भी किया जाता है। सतना जिले में कंपनी द्वारा विद्युत सुरक्षा संबंधी प्रावधानों के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना की स्थापना नहीं किये जाने से जनहानि/धनहानि का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। रैगांव विधानसभा क्षेत्र में ट्रांसफार्मर एवं विद्युत लाईनें विद्युत सुरक्षा संबंधी प्रावधानों/मापदण्डों के अनुरूप लगाई गई हैं। (घ) विद्युत सुरक्षा की समीक्षा हेतु राज्य शासन द्वारा कोई समिति नहीं बनाई गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता। विद्युत सुरक्षा गतिविधियों की मानिटरिंग मुख्य अभियंता (विद्युत सुरक्षा) द्वारा की जाती है तथा राज्य शासन द्वारा भी विद्युत निरीक्षकालय की समय-समय पर समीक्षा की जाती है।
कटनी में हवाई पट्टी का निर्माण
[विमानन]
41. ( क्र. 5453 ) श्री मोती कश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी में हवाईपट्टी के निर्माण हेतु किसी ग्राम के किन्हीं खसरों की किन्हीं रकबों की कोई भूमि किसी अवधि में संरक्षित की गई है? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) भूमि पर हवाई पट्टी बनाना सुनिश्चित कर लिया गया है? (ग) क्या जिला कटनी में किन्हीं प्रकार के खनिजों पर आधारित उद्योगों की स्थापना की प्रबल संभावनायें हैं? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) स्थान पर कब तक हवाई पट्टी का निर्माण कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान परिदृश्य में अभी बताया जाना संभव नहीं हैं। (घ) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कार्यरत ठेकेदार व श्रमिकों का पंजीयन
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 5531 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला खंडवा अंतर्गत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की मुख्य कंपनी व सबलेट कंपनियों का श्रम विभाग से पंजीयन कराया है? यदि हाँ, तो सूची दें? कौन कौन सी कंपनी/ठेकेदार बिना पंजीयन के कार्यरत हैं? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की है? (ख) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना द्वारा सिक्युरिटी गार्ड, साफ-सफाईकर्मी एवं अन्य श्रमिकों के लिए टेंडर बुलाये गए हैं? उसमे प्रत्येक एजेंसी को कितने श्रमिक रखने का प्रावधान है? टेंडर लेने वाले ठेकेदारों/एजेंसी एवं उनके द्वारा रखे गए श्रमिकों की सूची दें? (ग) क्या परियोजना में स्किल्ड, अनस्किल्ड और सेमिस्किल्ड श्रमिकों को पारिश्रमिक कितनी राशि देने का प्रावधान है? यह राशि श्रमिक के खाते में दी जाती है या नगद?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। उपरोक्त परियोजना के अंतर्गत कार्यरत कंपनियों की सूची जिनका पंजीयन हुआ है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ अनुसार है। मेसर्स एस. ग्रुप सिहोर एवं मेसर्स डी.एन.इन्टरप्राइजेस बिरसिंहपुर द्वारा अनुज्ञप्ति प्राप्त नहीं की गई है। इसके अलावा 20 से कम श्रमिक नियोजन वाली कंपनियों को पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती है, ऐसे अपंजीकृत संस्थानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ख’ अनुसार है। संविदा श्रमिक अधिनियम 1970 में प्रावधानानुसार 20 अथवा 20 से अधिक नियोजन वाली संविदा संस्थान द्वारा अनुज्ञप्ति प्राप्त की जाती है। जिन ठेकेदारों/संस्थानों ने अनुज्ञप्ति प्राप्त नहीं की है, उक्त संस्थानों को अनुज्ञप्ति प्राप्त करने हेतु निर्देशित किया गया है, जो कि प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में टेंडर अनुसार प्रत्येक एजेंसी द्वारा श्रमिक रखने के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग-1' अनुसार है। ठेकेदारों द्वारा नियोजित किये गये श्रमिकों की सूची म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा संधारित नहीं की जाती है। अत: ठेकेदार/एजेंसी द्वारा प्रस्तुत श्रमिकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग-2' अनुसार है। (ग) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में राज्य शासन द्वारा न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अंतर्गत जारी न्यूनतम मजदूरी दर के अनुसार पारिश्रमिक का भुगतान किये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में म.प्र.शासन द्वारा दिनांक 01.10.2016 से जारी न्यूनतम मजदूरी दर से पारिश्रमिक दिया जा रहा है, जो कि अकुशल, अर्द्ध-कुशल एवं कुशल श्रमिक हेतु क्रमश: रू.267, रू. 300 एवं रू.353 प्रतिदिन है। अधिकांश श्रमिकों के पारिश्रमिक का भुगतान उनके बैंक खाते में किया जाता है, किन्तु जिन श्रमिकों का बैंक खाता नहीं है, उन्हें नगद भुगतान किया जा रहा है।
देशी/विदेशी शराब की बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
43. ( क्र. 5673 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा आबकारी विभाग अतंर्गत देशी/विदेशी मंदिरा विक्रय के लाइसेंस देने के उपरांत संबंधित ठेकेदार को मदिरा विक्रय करने बावत दुकान खोलने के संबंध में क्या निर्देश/नियम है छायाप्रति उपलब्ध कराई जावें? (ख) क्या स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे पर दुकाने संचालित की जा सकती हैं यदि नहीं, तो दतिया जिले में कौन-कौन सी दुकाने स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे पर कब से संचालित हो रही हैं इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की इन्हें कब तक हटाया जायेगा यदि हाँ, तो हाईवे से कितनी दूरी पर इन दुकानों का संचालन किये जाने के नियम है? (ग) क्या धार्मिक स्थानों के पास इन दुकानों का संचालन किया जा सकता है यदि हाँ, तो कितनी दूरी पर दतिया जिले में संचालित दुकानों के आसपास कितनी दूरी तक (निर्धारित मान) धर्मिक स्थल नहीं है विकासखण्डवार/दुकानवार जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) क्या दतिया जिले में शासन के नियमों के विरूद्ध स्टेट हाईवे नेशनल हाईव तथा धार्मिक स्थलों के निकट मदिरालयों का संचालन वर्षों से किया जा रहा है विभाग के अधिकारियों द्वारा शासन के नियमों का खुलेआम मिली भगत कर निजी स्वार्थ को देखते हुये उल्लंघन कराया जा रहा है यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की जाँच कराई जावे यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है उनके खिलाफ कब और क्या कार्यवाही की जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) देशी/विदेशी मदिरा विक्रय लाइसेंस उपरांत ठेकेदार को मदिरा विक्रय करने बाबत् दुकान खोलने के संबंध में निर्देश/नियम विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) वर्तमान में स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे के मध्य बिन्दु से कम से कम 100 मीटर दूरी पर मदिरा दुकान स्थापित करने का प्रावधान है। दतिया जिले में वर्तमान में नेशनल हाईवे पर 100 मीटर से अधिक दूरी पर 08 मदिरा दुकानें एवं स्टेट हाईवे पर 100 मीटर से अधिक दूरी पर 22 मदिरा दुकानें संचालित हो रही हैं, जिसकी सूची विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। वर्ष 2017-18 में स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे पर स्थित सभी मदिरा दुकानों को मार्ग के बाहरी किनारे से 500 मीटर से अधिक की दूरी पर संचालित किये जाने हेतु दिनांक 01.04.2017 से आपत्ति रहित स्थल पर स्थापित करने के नियम/निर्देश है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 55 दिनांक 06.02.2015 में दुकानों की अवस्थिति की कंडिका (2) (ख) एवं स्पष्टीकरण (ख) में स्पष्ट प्रावधानित है। जिसके पंजीबद्ध धार्मिक स्थान से 50 मीटर से अधिक दूरी पर दुकान का संचालन किया जा सकता है, दतिया जिले में धार्मिक स्थल से 50 मीटर से कम दूरी पर कोई भी मदिरा दुकान संचालित नहीं है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
44. ( क्र. 5710 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्रीजी द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की जाती हैं। (ख) यदि हाँ, तो क्षेत्र के गरोठ भानपुरा विकासखण्ड में पिछले 2 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। अधूरी घोषणाओं को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। घोषणाओं का क्रियान्वयन एक सतत् प्रक्रिया है निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आई.पी.डी.एस. योजना के संबंध में
[ऊर्जा]
45. ( क्र. 5714 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में आई.पी.डी.एस योजना प्रभावशील है? यदि हाँ, तो क्या विधानसभा क्षेत्र सागर में यह योजना संचालित है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ख) क्या सागर शहर में विदयुत वितरण हेतु एस्सेल पॉवर को फ्रेंचाईजी दिये जाने के कारण उपरोक्त योजना से सागर नगर वंचित रह गया था यदि हाँ, तो क्या वर्तमान परिस्थितियों में जब एस्सेल का अनुबंध शासन द्वारा खत्म कर दिया है क्या आई.पी.डी.एस. योजना सागर शहर में लागू की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र सागर में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शहर संभाग सागर का क्षेत्र एवं संचालन-संधारण संभाग सागर के मंगलगिरी एवं भाग्योदय 11 के.व्ही. फीडर का क्षेत्र आते हैं। आई.पी.डी.एस. योजना की डी.पी.आर. तैयार किये जाने के समय शहर संभाग सागर क्षेत्र की विद्युत वितरण व्यवस्था का कार्य फ्रेंचाइजी कंपनी मेसर्स एस्सेल पावर को दिया गया था। अत: तत्समय सागर शहर संभाग को आई.पी.डी.एस. योजना में शामिल नहीं किया गया था। तथापि सागर विधानसभा क्षेत्र के संचालन-संधारण संभाग सागर के अंतर्गत मंगलगिरी एवं भाग्योदय 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध क्षेत्र को योजना के प्रावधानों के अनुसार आई.पी.डी.एस. योजना में शामिल किया गया है। (ख) उत्तरांश 'क' में दर्शाए अनुसार शहर संभाग सागर, आई.पी.डी.एस. योजना में शामिल नहीं किया जा सका था तथापि वर्तमान में फ्रेन्चाईजी एजेंसी मेसर्स एस्सेल पॉवर का अनुबंध समाप्त होने के पश्चात सागर नगर को आई.पी.डी.एस.योजना में शामिल करने हेतु रू. 16.25 करोड़ की डी.पी.आर. बनाकर प्रस्ताव पावर फायनेन्स कार्पोरेशन लिमिटेड, दिल्ली को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। स्वीकृति प्राप्त होने पर उक्त योजना सागर शहर में लागू की जा सकेगी, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राजघाट डेम पर पर्यटन स्थल बनाया जाना
[पर्यटन]
46. ( क्र. 5715 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर जल प्रदाय योजना के अन्तर्गत बनाये गये राजघाट डेम के समीप पर्यटन की असीम सम्भावनायें है इस बात को दृष्टिगत रखते हुए क्या कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है यदि हाँ, तो कितनी राशि का है एवं कब तक स्वीकृति मिल जायेगी? (ख) यदि इस तरह का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है तो इस क्षेत्र में पर्यटन की प्रचुर संभावनाओं को देखते हुए कोई प्रस्ताव बनाकर शासन के द्वारा स्वीकृत किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में पर्यटन निगम में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवन के सम्बंध में
[महिला एवं बाल विकास]
47. ( क्र. 5760 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले में कुल कितने आगनवाड़ी केंद्र हैं? उनमें से कितने भवनविहीन हैं? जनपदवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) भवनविहीन आंगनवाड़ी केंद्र के लिए किराये के भवन या अन्य शासकीय भवन में संचालन के क्या नियम हैं? क्या किराये से लिये गये भवनों में बच्चों के बैठने की ठीक व्यवस्था है? ऐसे कितने भवन हैं, जहां बच्चे ठीक से नहीं बैठ सकते तथा भोजन आदि की व्यवस्था भी ठीक ढंग से नहीं चल सकती? किराये से लिए गए भवनों को वर्ष २०१३-१४ से आज दिनांक तक किस किस को कितनी कितनी राशि का भुगतान किया गया? जनपदवार जानकारी प्रदान करें। (ग) ऐसे भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर भवन निर्माण की क्या योजना है? कब तक भवन निर्माण कर लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रतलाम जिले में 1720 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 404 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र, इस प्रकार कुल 2124 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। भवनविहीन (किराये पर/अन्य शासकीय भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों की जनपदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार हैं। (ख) भवनविहीन (किराये पर/अन्य शासकीय भवनों में संचालित) आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -‘ब’ अनुसार हैं। जी हाँ। किराये से लिये गये समस्त भवनों में बच्चों के बैठने की व्यवस्था एवं भोजन आदि की व्यवस्था ठीक हैं। वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक किराये भुगतान की जनपदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार हैं। (ग) ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के अभिसरण से, जिलों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर विभाग द्वारा आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृतियां दी गई हैं। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
विभाग द्वारा महिलाओं और बालकों के कल्याण के लिए संचालित योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
48. ( क्र. 5761 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा में विभाग द्वारा वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक महिलाओं और बालकों के कल्याण के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? इनमें कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? राशि का व्यय किन-किन कार्यों में किया गया? योजनान्तर्गत कितनी किशोरी बालिकायें, महिलायें व बच्चे लाभान्वित हुये? योजनावार वर्षवार आवंटित राशि व व्यय राशि की जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांकित किन-किन परियोजनाओं में कितने दिवसीय शिविरों का आयोजन कहाँ पर किसने किया एवं इन शिविरों के आयोजन पर किन कार्यों में कितनी राशि व्यय हुई इसका सत्यापन कब किसने किया? (ग) प्रश्नांकित आयोजन शिविरों में कितनी किशोरी बालिकायें, महिलायें व बच्चे लाभान्वित हुये एवं इन्हें कितने मूल्य की कौन सी सामग्री का वितरण किसने तथा इसका सत्यापन किसने किया? (घ) क्या शासन शिविरों के आयोजन में की गई वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरूपयोग, सामग्री की खरीदी व वितरण की जाँच कराकर दोषी परियोजना अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स''अनुसार है। (घ) शासन शिविरों के आयोजन में की गई वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरूपयोग, सामग्री की खरीदी व वितरण की कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से जाँच का प्रश्न ही नहीं है।
सीधी भर्ती में अन्तरप्रांतीय व्यक्तियों को रोजगार
[सामान्य प्रशासन]
49. ( क्र. 5773 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन में सीधी भर्ती के लिये क्या नियम हैं? (ख) क्या प्रदेश में सीधी भर्ती में अंतरप्रान्तीय लोगों के लिये फ्री फॉरऑल किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (ग) क्या देश के सभी प्रान्तों में सीधी भर्ती हेतु अंतरप्रान्तीय व्यक्तियों को फ्री फॉरऑल किया जाता है? यदि नहीं, तो मध्यप्रदेश में फ्री फॉरऑल करने का क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रत्येक विभाग के सीधी भरती के सेवा भरती नियम पृथक-पृथक है। (ख) वर्ष 1997 में राज्य शासन की सेवाओं में भर्ती हेतु आयोजित परीक्षाओं में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को हायर सेकेण्डरी या स्नातक परीक्षा मध्यप्रदेश स्थित विद्यालय/महाविद्यालय से उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया गया था। रिट याचिका क्रमांक 502/98 श्री रितेश कुमार शर्मा विरूद्व म.प्र.शासन एवं अन्य में प्रशासनिक अधिकरण द्वारा पारित आदेश दिनांक 02.12.97 एवं या.क्र.4611/99 में मा.उच्च न्यायालय म.प्र.जबलपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक 4.1.2006 के अनुपालन में वर्ष 1997 के आदेश दिनांक 08.10.2008 द्वारा निरस्त किये गए है। (ग) अन्य राज्यों से संबंधित। उत्तरांश (ख) अनुसार।
पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन व नवकरणीय ऊर्जा के कार्य
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
50. ( क्र. 5794 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नवीन व नवकरणीय ऊर्जा के अंतर्गत पंधाना विधानसभा में कौन-कौन से कार्य हुए हैं एवं कौन-कौन से प्रस्तावित हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के अन्तर्गत पंधाना विधान सभा क्षेत्र में किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पंधाना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चिरबेल के अन्तर्गत मेसर्स स्काई पावर इंडिया लिमिटेड की 50-50 मेगावाट क्षमता की 2 परियोजनाएं पंजीकृत हैं।
सहायक प्राध्यापकों के चयन में अनियमितताएं
[सामान्य प्रशासन]
51. ( क्र. 5826 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापकों की चयन हेतु विज्ञापन क्रमांक 11/चयन/2003 दिनांक 10.07.2003 विज्ञापन क्रमांक-5 दिनांक 19.06.2006 एवं विज्ञापन क्रमांक-4 दिनांक 29.09.2008 जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो उक्त विज्ञापनों में निर्धारित शैक्षणिक अर्हता/योग्यता के अनुसार ही आवेदन पत्र स्वीकार किये गये थे? (ग) क्या उक्त वांछित चाही गई शैक्षणिक योग्यता के विरूद्ध प्राप्त आवेदनों को स्वीकार कर परीक्षाएं आयोजित कराकर चयन किया गया है? यदि हाँ, तो निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के विरूद्ध किन-किन का चयन किस आधार पर किया गया? क्या यह चयन नियमानुकूल है, यदि हाँ, तो नियम की प्रति दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ख) जी हाँ। (ग) विज्ञापन में दी गई शैक्षणिक अर्हता के अनुरूप ही चयन की कार्यवाही की गई। निर्धारित शैक्षणिक अर्हता के विरूद्ध किसी का भी चयन नहीं किया गया है। चयन प्रक्रिया नियमानुकूल है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सबला योजना के तहत प्रशिक्षण
[महिला एवं बाल विकास]
52. ( क्र. 5854 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सबला योजना अंतर्गत प्रशिक्षण दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस संबंध में जारी दिशा निर्देश क्या हैं? निर्देशों/आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) बैतूल जिले में सबला योजना कब से लागू है, इस योजना के तहत योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यवसायिक प्रशिक्षणों का कब-कब आयोजन किया गया है? परियोजनावार वर्षवार एवं स्थानवार जानकारी दें? (ग) इनमें से कितने व्ही.टी.पी द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को एम.पी.सी.वेट द्वारा आयोजित परीक्षा में उत्तीर्ण हाने के बाद भुगतान किया गया वर्षवार संख्या एवं भुगतान की जानकारी दें? क्या कुछ प्रशिक्षणार्थियों को परीक्षा में नहीं सम्मिलित किए जाने के बाद भी व्ही.टी.पी. को भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितना-कितना एवं क्यों वर्षवार जानकारी दें? (घ) क्या एम.पी.सी.वेट द्वारा आयोजित परीक्षा में सम्मिलित कराए बिना ही भुगतान किया जाना योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार सहीं है? यदि नहीं, तो क्या शासकीय धन के अनियमित भुगतान प्राप्त करने वाले व्ही.टी.पी से शासकीय धन की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। निर्देशों/आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) बैतूल जिले में सबला योजना वर्ष 2011-12 से लागू है, योजना के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कुल 36 व्यवसायिक प्रशिक्षणों का आयोजन किया गया है। परियोजनावार वर्षवार एवं स्थानवार आयोजित किये गये प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी हेतु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) किसी भी व्ही.टी.पी. द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद भुगतान नहीं किया जाता है। अपितु एम.पी.सी.वेट. द्वारा परीक्षा में उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों की राशि का भुगतान संबंधित व्ही.टी.पी. को किया जाता है एवं अनुत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों की राशि का भुगतान व्ही.टी.पी. को विभाग द्वारा किया जाता है। जी हाँ, व्ही.टी.पी. को प्रशिक्षणार्थियों को परीक्षा में सम्मिलित नहीं किये जाने के बाद भी भुगतान किया गया है। व्ही.टी.पी. को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी हाँ संबंधितों से अनियमित भुगतान की वसूली हेतु नोटिस जारी किया गया है। वसूली की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री की घोषणा
[सामान्य प्रशासन]
53. ( क्र. 5870 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्रीजी, धार विधानसभा के उज्जैनी औद्योगिक क्षेत्र में दिनांक 08 नवम्बर 2015 को पधारे थे? यदि नहीं, तो किस दिनांक को पधारे थे? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा मंच से घोषणाएँ की गई? घोषणाओं को अंकित कर कलेक्टर कार्यालय जिला धार द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को तत्कालीन समय में पत्र के माध्यम से उपलब्ध करवा दी गई थी? (ग) यदि नहीं, तो क्या पत्राचार में विलम्ब के कारण लंबित रही घोषणाओं को वर्तमान में कलेक्टर कार्यालय धार द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध करवाया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मंच से कोई घोषणा नहीं की गई। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन 30/11 के. व्ही. ग्रीड की स्वीकृति
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 5894 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झिरन्या पहाड़ी क्षेत्र में विगत समय से विदयुत लाईन में वोल्टेज की समस्या निर्मित होती है तथा सभी ग्रामीण वासियों द्वारा तितरान्या में नवीन 33/11 के ग्रिड की मांग की जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा वर्तमान में स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या म.प्र.प. क्षेत्र वितरण कंपनी लिमिटेड खरगोन वृत्त द्वारा कार्यपालक निदेशक (पू.क्षेत्र) म.प्र.प. क्षेत्र वि.वि.कं.लि., इन्दौर को वर्ष 2016-17 में प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजनान्तर्गत स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा गया है? (घ) यदि हाँ, तो वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या ग्रामीण क्षेत्रवासियों की गंभीर समस्याओं को देखते हुए तितरान्या नवीन 30/11 के व्ही. ग्रिड की स्वीकृति प्रदाय की जावेगी? हाँ तो समयावधि बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। ग्राम तितरान्या में नवीन 33/11 उपकेन्द्र का निर्माण कार्य किया जाना तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। (ख) ग्राम तितरान्या में नवीन 33/11 उपकेन्द्र के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में प्रदान की जा सकेगी। (ग) जी हाँ। (घ) झिरन्या पहाड़ी क्षेत्र को विद्युत प्रदाय कर रहे 33 के.वी. चिरिया उपकेन्द्र में 600 के.वी.ए. आर के बंद कैपेसिटर बैंक को इस रबी मौसम में चालू किया गया, जिससे वर्तमान में इस क्षेत्र में बेहतर वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय संभव हुआ है। उपकेन्द्र स्थापित करने के संबंध में उत्तरांश ''ख'' में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की जायेगी। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
सम्पूर्ण ग्राम कि विद्युत विच्छेद करने की व्यवस्था में परिवर्तन करना
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 5895 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष में कुल कितने ग्रामों में घरेलू विद्युत बिल बकाया होने से सम्पूर्ण ग्राम की विद्युत विच्छेद कर दी गई है या ट्रांसफार्मर जल जाने के उपरान्त बदले नहीं गये हैं तथा बतायें कि क्या कारण होने से विच्छेद की गई है? (ख) जिन ग्रामों में सम्पूर्ण विद्युत व्यवस्था बंद की गई उन ग्रामों में पेयजल हेतु नल-जल योजना का संचालन एवं मवेशियों के लिये हौज में पानी डालने हेतु वैकल्पिक क्या व्यवस्था होती है? (ग) क्या वर्तमान में फीडर सेपरेशन होने के पश्चात् जिन व्यक्तियों द्वारा घरेलू बिल राशि जमा की है उनके कनेक्शन विच्छेद नहीं किए जाते? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण ग्राम की विद्युत विच्छेद होने पर उनके घर की विद्युत भी बंद हो जाती है? यदि हाँ, तो उन उपभोक्ताओं का क्या दोष है? जो नियमित विद्युत बिल भरने के उपरान्त सम्पूर्ण ग्राम की विद्युत बंद होने से उन्हें भी अंधेरे में जीवन व्यतीत करने पर मजबूर होना पड़ता है? क्या भविष्य में इस प्रकार की व्यवस्था में सुधार किया जा सकता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष में कुल 7 ग्रामों में शत्-प्रतिशत विद्युत उपभोक्ताओं पर घरेलू विद्युत बिलों की राशि बकाया होने के कारण सम्पूर्ण ग्राम का विद्युत प्रदाय बंद किया गया है। भीकनगांव विधानसभा में कोई भी फेल ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित 7 ग्रामों से 5 ग्रामों में कोई भी जल प्रदाय कनेक्शन (वाटर वर्क्स कनेक्शन) नहीं है। केवल 2 ग्रामों में जल प्रदाय कनेक्शन हैं जो कि कृषि फीडर से संयोजित है एवं उन फीडरों पर विधिवत विद्युत आपूर्ति की जा रही है। (ग) जी हाँ, विद्युत देयक का भुगतान करने वाले विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शन विच्छेदित नहीं किये जाते हैं। जिन उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिलों का भुगतान नहीं किया जाता है उन्हें नियमानुसार सूचना के उपरांत उनके द्वारा बिलों का भुगतान नहीं करने पर विद्युत संयोजन विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है। उत्तरांश (क) अनुसार केवल शत्-प्रतिशत विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा घरेलू बिलों का भुगतान नहीं करने पर ही उक्त ग्रामों की विद्युत आपूर्ति बंद की गई है। उक्तानुसार की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में घरेलू बिल का भुगतान करने वाले उपभोक्ता का विद्युत प्रवाह बाधित नहीं होता है, अत: उक्त व्यवस्था में किसी प्रकार के परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है।
सबला योजना शुरू करने के विषय में
[महिला एवं बाल विकास]
56. ( क्र. 5939 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सबला के नाम से प्रदेश में कोई योजना संचालित है? यदि हाँ, तो किन जिलों में नाम? (ख) योजना में वितरण कि जाने वाली सामग्री का नाम एवं उसके क्या मापदण्ड है? (ग) क्या देवास जिले में योजना संचालित है यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या देवास जिले योजना शुरू करने हेतु क्या कार्यवाही प्रस्तावित है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। सबला योजना प्रदेश के 15 जिलों में क्रमशः भोपाल, राजगढ़, भिण्ड, श्योपुर, इंदौर, झाबुआ, नीमच, सागर, टीकमगढ़, दमोह, रीवा, सीधी, जबलपुर, बालाघाट एवं बैतूल जिलों में संचालित है। (ख) सबला योजना में वितरित की जाने वाली सामग्री का नाम एवं उसके मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ”अ“ एवं “ब“ पर है। (ग) जी नहीं। सबला योजना अंतर्गत जिलों का निर्धारण भारत सरकार द्वारा किया गया है। जिसमें देवास जिला सम्मिलित नहीं है। (घ) सबला योजना क्रियान्वयन एवं संचालन निर्देश भारत सरकार द्वारा किये जाने से देवास जिले में सबला योजना शुरू करने के संबंध में राज्य स्तर से कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है।
सुपरविजन प्रकिया द्वारा विद्युत कार्य
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 5978 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१४-१५ से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ग्वालियर क्षेत्रान्तर्गत सुपरविजन प्रक्रिया के अन्तर्गत कितने कार्य कराये गए या कराये जा रहे हैं संख्या बतायें? (ख) क्या म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा सामग्री क्रय हेतु बेण्डर्स अधिकृत किए गए हैं? यदि हाँ, तो उन्हें अधिकृत करने का आधार क्या हैं अधिकृत करते वक्त लिए गए वांछित दस्तावेजों के विवरण से अवगत कराया जावे? (ग) क्या कुछ बेण्डर्स/ठेकेदारों द्वारा ओ.वाई.टी. योजना एवं अन्य कार्यों में किसानों को विदयुत सामग्री न देते हुए फर्जी बिल देकर कमीशन के रूप में रकम बसूल रहे हैं और ठेकेदारों द्वारा स्थानीय स्तर पर खरीदकर विदयुत सामग्री ट्रांसफॉर्मर आदि लगाये जा रहे हैं जो मानक के अनुरूप स्टार रेटिंग के नहीं है इस प्रकार का कोई प्रकरण विभाग के संज्ञान में आया है। (घ) यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या कार्यों की जाँच कराई जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा ग्वालियर क्षेत्रान्तर्गत सुपरविजन योजना/प्रक्रिया के अंतर्गत कुल 18410 कार्य स्वीकृत किये गये, जिनमें से 17817 कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं एवं 593 कार्य शेष हैं। (ख) जी हाँ। वेण्डर द्वारा म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में पंजीकरण कराने के लिए आवेदन के साथ फैक्ट्री के दस्तावेज, जिसमें फैक्ट्री का क्षेत्रफल, फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारी एवं उनकी शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, सामग्री की टाईप टेस्ट रिपोर्ट एवं उपकरणों आदि का ब्यौरा देना होता है। उक्त जानकारी/दस्तावेज जमा कराने के उपरांत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा तृतीय पक्ष निरीक्षण इकाई से फैक्ट्री का फिजीकल इन्सपेक्शन कराया जाता है। फैक्ट्री इन्सपेक्शन रिपोर्ट संतोषप्रद होने पर नियमानुसार वेण्डर अप्रूवल दिया जाता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं, ग्वालियर क्षेत्र के अंतर्गत ठेकेदारों द्वारा ओ.वाई.टी. योजना एवं अन्य कार्यों में किसानों को विद्युत सामग्री न देते हुए फर्जी बिल देकर कमीशन के रूप में रकम वसूलने संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। तथापि श्योपुर वृत्त के अंतर्गत ओ.वाई.टी. योजनान्तर्गत पाँच ठेकेदारों द्वारा स्थानीय स्तर पर अमानक स्तर की सामग्री क्रय कर लगाया जाना पाया गया है। उक्त ठेकेदारों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए उनका पंजीयन रद्द कर दिया गया है।
लाडली लक्ष्मी योजना
[महिला एवं बाल विकास]
58. ( क्र. 6017 ) श्री लखन पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में लाडली लक्ष्मी योजना कब से लागू की गई है पूरे म.प्र. में आज प्रश्न दिनांक तक कुल कितने लोग लाभान्वित हुए है। अलग-अलग जिलेवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस योजना में योजना के लागू होने से आज तक शासन द्वारा कितनी राशि खर्च की जा सकी है। व इस योजना में आज प्रश्न दिनांक बनी लाडली लक्ष्मी को पूर्णांक पर कितनी राशि शासन द्वारा दी जावेगी। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस योजना में दमोह जिले से लाभान्वित लोगों की संख्या विकासखंडवार बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) म.प्र. लाड़ली लक्ष्मी योजना 1 अप्रैल 2007 से लागू की गई है। मध्यप्रदेश में कुल 2457877 लोग लाभान्वित हुये है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस योजना में योजना के लागू होने से आज तक शासन द्वारा राशि रूपये 5198.85 करोड़ खर्च हुई है। इस योजना में आज दिनांक बनी लाड़ली लक्ष्मी को पूर्णांक पर कुल राशि रूपये 118000/- शासन द्वारा प्रदान की जावेगी। जिसमें छात्रवृत्ति की राशि भी सम्मिलित है। (ग) दमोह जिले में कुल 40895 लोग लाभान्वित हुये है। विकासखंडवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है।
सिंचाई हेतु वितरण की स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
59. ( क्र. 6033 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदिरा सागर परियोजना की नहरों के माध्यम से कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अंजनी माता वितरण शाखा बनाने का प्रस्ताव प्रस्तावित है? हां, तो बतायें नहीं तो क्यों तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) क्या कठोर उद्वहन सिंचाई योजना के कमांड क्षेत्र के अंतर्गत सिंचाई हेतु अंजनी माता का क्षेत्र हैं? यदि हाँ, तो कैसे? भौतिक सत्यापन कर प्रश्नांकित दिनांक तक तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) क्या अंजनी माता कमांड क्षेत्र को कठोर उद्वहन सिंचाई योजना का कमांड क्षेत्र मानकर प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रस्तावित प्रस्ताव की कार्यवाही में विलंब किया गया है? हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा देते हुए संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के पद, नाम सहित जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही पूर्ण कर कब तक प्रस्ताव की स्वीकृति जारी की जायेगी?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन कमाण्ड क्षेत्र कठोरा उद्वहन सिंचाई परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र में आने से। (ख) से (घ) जी हाँ। कठोरा उद्वहन सिंचाई योजना के कमाण्ड क्षेत्र के अंतर्गत अंजनी माता क्षेत्र के सैच्य क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
आदिवासी क्षेत्र के ग्रामों में बिजली व्यवस्था हेतु
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 6034 ) श्री सचिन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के बलखड़ महू बैड़ा, दुर्गा कालोनी, पागाखेड़ी नया नगर, खडकवानी नया नागर, मकुन्दपुरा ग्राम लेण्डीपुरा, डाबरी पुराखेड़ा, हिरापुर कैरिया फल्या, जामन्या फाल्या, कमोदवाडा भनगांव बैड़ी, अदलपुरा आदिवासी बस्ती एवं अदलपुरा कुमाहर मोहल्ला में बिजली उपलब्ध एवं सुचारू व्यवस्था हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा प्राप्त पत्रों के उपरांत भी प्रश्नांकित दिनांक तक उक्त कार्य नहीं करने के क्या कारण हैं? (ख) विगत 3 वर्षों में उक्त ग्रामों में बिजली व्यवस्था सुचारू ढंग से उपलब्ध कराये जाने के लिए कब-कब, किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्थल निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन किया गया और प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में क्या उक्त ग्रामों की बिजली समस्याओं को दूर कर दिया गया है हाँ तो बतायें नहीं तो? कारणों सहित तत्संबंधी ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांकित (क) में दर्शित ग्रामों में कब तक बिजली सुचारू ढंग से उपलब्ध करा दी जायेगी एवं सभी कार्यों को पूर्ण कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के प्रश्नांश में उल्लेखित मजरों/टोलों/बस्तियों में से बलखड़ महू बैड़ा, दुर्गा कालोनी, पागाखेड़ी नया नगर, डाबरी पुराखेड़ा, हिरापुर कैरिया फल्या, जामन्या फाल्या, कमोदवाड़ा भनगांव बैड़ी, अदलपुरा आदिवासी बस्ती एवं अदलपुरा कुमाहर मोहल्ला के विद्युतीकरण का कार्य माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्राप्त पत्रों के उपरांत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल कर लिया गया है। उक्त कार्य सहित खरगोन जिले हेतु योजना स्वीकृत हो चुकी है तथा योजनान्तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स वोल्टॉज लिमिटेड मुम्बई को दिनांक 14.12.2016 को अवार्ड जारी किया, योजनान्तर्गत सर्वे का कार्य प्रगति पर है। (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 3 वर्षों में प्रश्नाधीन उल्लेखित मजरों/टोलों/बस्तियों में से खडकवानी नया नगर एवं मकुन्दपुरा ग्राम लेण्डीपुरा का कार्य पूर्ण कर दिया गया है एवं शेष मजरों/टोलों/बस्तियों के कार्य हेतु पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित नोडल अधिकारी एवं क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा ठेकेदार एजेंसी मेसर्स वोल्टॉज लिमिटेड मुम्बई के इंजीनियरों के साथ भौतिक सत्यापन कर सर्वे किया जा रहा है। वर्तमान में सर्वे कार्य प्रगति पर है अत: वर्तमान में प्रश्नाधीन चाही गई भौतिक सत्यापन/सर्वे की दिनांकवार/अधिकारीवार जानकारी वर्तमान में दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन शेष कार्यों सहित योजना में सम्मिलित कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी को दिये गये अवार्ड की दिनांक 14.12.2016 से 2 वर्ष की अवधि अर्थात दिनांक 13.12.2018 तक पूर्ण किया जाना है।
सबला योजना अंतर्गत प्रशिक्षण में अनाधिकृत एजेंसियों को भुगतान की जाँच एवं कार्यवाही
[महिला एवं बाल विकास]
61. ( क्र. 6057 ) श्री तरूण भनोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में सबला योजना संचालित है? योजना प्रारंभ से अभी तक प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि परियोजनावार एवं गतिविधिवार ब्यौरा देवें? (ख) वर्णित (क) की योजना में व्यवसायिक परीक्षण हेतु मद में किन-किन एजेंसियों से प्रशिक्षण दिलाये जाने का प्रावधान है? जानकारी एजेंसियों के नामवार बताई जावें? यदि एम.पी.सी. वेट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है तो इससे संबंधित दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु परीक्षण एजेंसी को भुगतान किसके द्वारा किया जाता है एवं भुगतान पूर्व किन-किन दस्तावेजों के आधार पर प्रशिक्षण की पुष्टि की जानी है? (घ) वर्णित (ख) में जारी दिशा-निर्देशों का पालन न कर किन-किन प्रशिक्षण एजेंसियों को भुगतान किया गया है? किन-किन अधिकारियों द्वारा किन-किन एजेंसियों को अनियमित रूप से भुगतान किया है? इस अनियमितता के लिये दोषी अधिकारियों पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सबला योजना प्रदेश के 15 जिलों में क्रमशः भोपाल, राजगढ़, भिण्ड, श्योपुर, इंदौर, झाबुआ, नीमच, सागर, टीकमगढ़, दमोह, रीवा, सीधी, जबलपुर, बालाघाट एवं बैतूल जिलों में संचालित है। योजना प्रारंभ से अभी तक प्राप्त आंवटन एवं व्यय राशि परियोजनावार एवं गतिविधिवार ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) व्यवसायिक परीक्षण मद से प्रशिक्षण दिलाये जाने वाली एजेंसी जो व्ही.टी.पी. के अंतर्गत पंजीकृत है, उनसे प्रशिक्षण दिलाये जाने का प्रावधान है। एजेंसी की नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। जी हाँ व्यवसायिक प्रशिक्षण एम.पी.सी.वेट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है इससे संबंधित दिशा-निर्देश की प्रति संलग्न है। (ग) व्यसायिक प्रशिक्षण हेतु परीक्षण एजेंसी को भुगतान परियोजना अधिकारियों द्वारा किया जाता है। किशोरियों का ऑनलाईन पंजीयन, आई.डी. बैन्च का टी.बी.एन., बैन्च का ए.बी.एन., परीक्षा लेने वाली एजेन्सी का नाम एवं भौतिक सत्यापन के द्वारा प्रशिक्षण की पुष्टि की जाती है। (घ) वर्णित (ख) में जारी दिशा-निर्देशों का पालन न कर अधिकारियों द्वारा जिन प्रशिक्षण एजेंसियों को भुगतान किया गया है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। अनियमित भुगतान करने वाले अधिकारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र में किये जा रहे कार्य
[पर्यटन]
62. ( क्र. 6116 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में कौन कौन से कार्य संचालित किये जा रहे हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में राजाबाबू, बाबरिया डेम एवं बाललीधा धाम आश्रम (बरहटा), में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु शासन की कोई मंशा है यदि हाँ, तो कब तक यहां निर्माण कार्य कर दिया जावेगा। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त तीनों स्थानों पर रेस्ट हाउस, पहुंच मार्ग, नेचर पार्क, बुटेनिकल गार्डन निर्माण हेतु अपने पत्र क्र 781 दिनांक 13.2.2016 को पत्र लिखा था उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई अवगत करावें।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) वर्तमान में कोई कार्य संचालित नहीं किये जा रहे है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित कार्यों का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) बजट के अभाव में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
आउटसोर्स पर विद्युत कर्मी नियुक्ति
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 6136 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विद्युत विभाग में तृतीय श्रेणी तकनीकी कर्मचारियों का कार्य आउटसोर्स पर नियुक्त विद्युत कर्मियों से कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उसमें नियुक्ति हेतु पात्रता शर्तों में एक शर्त यह भी है कि केवल म.प्र. की आई.टी.आई से उर्त्तीण छात्र लिया जावेगा? भले ही वह म.प्र. का मूल निवासी ही क्यों हो? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ में है तो जिन छात्रों ने यह सोचकर देश की अन्य अच्छी आई.टी.आई में प्रवेश लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किया कि संपूर्ण देश में केवल आई.टी.आई का पाठयक्रम एक है और परीक्षा भी एक है, फिर उन छात्रों को इस तुगलकी फरमान से विद्युतकर्मी बनने से क्यो रोका जा रहा है? (ग) क्या आउटसोर्स पर विद्युत विभाग में डिप्लोमा/डिग्री पात्रता वाले पदों पर भी प्रश्नांश (क) की शर्त लागू है? यदि नहीं, तो केवल सर्टीफिकेट कोर्स वाले पदों पर ही क्यो थोपी जा रही है? क्या यह नैसर्गिक न्याय के विपरीत नहीं है? क्या ऐसा प्रतिबंध लगाने का नियम विधानसभा में बनाया गया अथवा केबीनेट ने निर्णय लिया? जानकारी दी जावे। (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर नहीं में है तो प्रश्नांश (क) के तुगलकी शर्त लगाने के लिए कौन जिम्मेदार है और यह शर्त कब तक समाप्त कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत तृतीय श्रेणी तकनीकी कर्मचारियों का कार्य, आउटसोर्सिंग के माध्यम से भी कराया जा रहा है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत सबस्टेशन ऑपरेटर एवं लाईन अटेण्डेण्ट श्रेणी के तकनीकी कार्य निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चयनित सेवा प्रदाता द्वारा उपलब्ध कराये गये मानव बल से कराये जा रहे है। उपरोक्त मानव बल उपलब्ध कराने हेतु जारी निविदा एवं अनुबंध अनुसार न्यूनतम वांछित योग्यता 10 वीं पास एवं 2 वर्षीय आई.टी.आई./एस.सी.व्ही.टी. (म.प्र. शासन से मान्यता प्राप्त) है। जबकि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत तृतीय श्रेणी के तकनीकी पदों के लिए सेवा प्रदाता के माध्यम से मानव बल प्रदान करने हेतु म.प्र. शासन से मान्यता प्राप्त आई.टी.आई./एस.सी.व्ही.टी. (म.प्र. शासन से मान्यता प्राप्त) की शर्त नहीं रखी गई है। (ख) उत्तरांश 'क' में दर्शाये गये तकनीकी कार्यों हेतु सामान्यत: आवश्यक मानव बल स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होता है एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत प्राय: स्थानीय स्तरों पर आई.टी.आई. संस्थान विद्यमान है, जिससे आवश्यकता की पूर्ति हो जाती है। (ग) आउटसोर्स के अंतर्गत किसी भी पद के लिए डिप्लोमा/डिग्री धारक का नियोजन नहीं किया जाता, अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश 'ग' एवं वितरण कंपनियों द्वारा उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार निर्धारित अर्हता अनुसार तृतीय श्रेणी तकनीकी कर्मचारियों को सेवा प्रदाता के माध्यम से रखे जाने हेतु की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अवैध शराब विक्रय में कर की चोरी
[वाणिज्यिक कर]
64. ( क्र. 6150 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अवैध शराब का विक्रय रोकने हेतु शासन की क्या नीति, नियम एवं निर्देश हैं? क्या इन नियम, नीतियों का पालन कटनी जिले में किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कटनी जिले में कहाँ-कहाँ अवैध शराब विक्रय, भण्डारण हुआ है और आबकारी एक्ट अंतर्गत कितने प्रकरण दर्ज हुये? सम्पूर्ण जिले में गाँव-गाँव अवैध शराब बिक्री हेतु कौन उत्तरदायी है? इन मामलों को कब माननीय न्यायालयों में प्रस्तुत किया गया? किन-किन प्रकरणों का निराकरण कराया गया? वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) सम्पूर्ण जिले में गाँव-गाँव बिक रही अवैध शराब, अवैध भण्डारण आदि के संबंध में क्या विभाग विशेष निर्देश देकर, अभियान चलाकर, समुचित कार्यवाही करेगा? अभियान एवं कार्ययोजना की जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विगत 3 वर्षों में जनता, जनप्रतिनिधियों ने किन-किन दुकानों को हटाने की मांग की है? उन पर अब तक विभाग ने क्या कार्यवाही की है? (ड.) प्रश्नांकित मामले में प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 395 दिनांक 01/06/2016 एवं 421 दिनांक 09/06/2016 एवं 463 दिनांक 15/06/2016 के संदर्भ में क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार, तिथिवार, पृथक-पृथक विवरण दें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत अवैध शराब का विक्रय, भण्डारण, परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण रखे जाने हेतु अधिनियम की धारा 34 (1) (2) धारा 36, धारा 54 एवं धारा 49 में प्रावधानित है। इसका जिला कटनी में भी पालन किया जाता है। (ख) कटनी जिले में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के तहत वर्ष 2015-16 में 1723 तथा वर्ष 2016-17 में फरवरी 2017 तक 1116 प्रकरण कायम किये गये हैं। अधिनियम के अन्तर्गत अवैध शराब का विक्रय करने वाले व्यक्ति उक्त कृत्य के लिये स्वयं जिम्मेदार होते हैं, जिनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। वृत्तवार कायम किये गये प्रकरणों एवं माननीय न्यायालय में निराकरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक 6-ब/अप./2016-17/248 दिनांक 29.07.2016 के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में दिनांक 01.08.2016 से 15.08.2016 तक की अवधि में शराब के अवैध निर्माण, परिवहन, विक्रय धारण आदि गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये गये थे, जो निरंतर कटनी जिले में भी है। (घ) विगत 03 वर्षों में जनता, जनप्रतिनिधियों ने 03 मदिरा दुकानों को हटाने की मांग की है- (1) देशी मदिरा दुकान नई बस्ती, (2) देशी मदिरा दुकान गड़ढा टोला, (3) देशी मदिरा दुकान कटनी कैम्प। उक्त वर्णित तीनों मदिरा दुकानें मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 06 फरवरी 2015 में दुकानों की अवस्थिति के नियम 2 के अन्तर्गत स्थापित होना पायी गयी है। (ड.) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 395 दिनांक 01.06.2016 में प्राप्त शिकायत की जाँच आबकारी उप-निरीक्षक वृत्त बहोरीबंद से कराई गई। प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार गवाहों के समक्ष वृंदावन बर्मन आत्मज कटोरा बर्मन उम्र 40 वर्ष के रिहायशी मकान की गवाहों के समक्ष विधिवत् तलाशी लेने पर देशी मदिरा के 12 पाव बरामद कर आरोपी के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) (क) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर मौके पर उपस्थित गवाहों के समक्ष पंचनामा बनाया गया एवं आबकारी उप निरीक्षक को तत्संबंधी गतिविधियों पर निगरानी रखने हेतु निर्देशित किया गया। प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 421 दिनांक 09.06.2016 एवं पत्र क्रमांक 463 दिनांक 15.06.2016 जिला कार्यालय में आना नहीं पाये गये हैं।
निर्धारित समयावधि में कार्य
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 6201 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग अंतर्गत किसानों को खेती के उपयोग हेतु राशि जमा करने पर निर्धारित समयावधि में ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? इन प्रावधानों के तहत सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिनांक १ जनवरी २०१५ से प्रश्न दिनांक तक ऊर्जा विभाग में कितने-कितने किसानों ने ट्रांसफार्मर लगवाये जाने हेतु आवेदन दिये थे? (ख) प्रश्नांश कंडिका (क) अनुसार आवेदित किसानों में से कितने-कितने किसानों को निर्धारित समयावधि में राशि जमा करने पर ट्रांसफार्मर उपलब्ध करा दिये गये हैं और कितने किसान को प्रश्न दिनांक तक राशि जमा करने के उपरांत समय-सीमा निकलने के बाद भी ट्रांसफार्मर की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की है? उनके नाम, आवेदन पत्र देने का दिनांक, राशि जमा करने के दिनांक सहित पूरी जानकारी दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रतीक्षारत कृषकों को अब तक ट्रांसफार्मर उपलब्ध न कराने के लिये कौन जवाबदार है? किसानों को कब तक ट्रांसफार्मर की उपलब्धता सुनिश्चित की जावेगी तथा विलंब करने के लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, कृषक अनुदान योजना, जिसे वर्तमान में दिनांक 6.09.2016 से लागू मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना में समाहित कर लिया गया है, के अंतर्गत योजना के प्रावधानों के अनुसार कृषकों द्वारा अंश राशि जमा कराये जाने पर शेष राशि राज्य शासन/वितरण कंपनी द्वारा उपलब्ध कराते हुए, आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर निर्धारित समयावधि में स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दिनांक 01.01.2015 से 28.02.2017 तक 374 कृषकों द्वारा स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन लगवाये जाने हेतु आवेदन दिये गये थे। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत 331 कृषकों के स्थाई कृषि पम्प कनेक्शनों के कार्य आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर स्थापित कर निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर दिये गये है तथा 43 कृषकों के कार्य किया जाना शेष है। उक्त शेष 43 कृषकों को पम्प कनेक्शन देने हेतु ट्रांसफार्मर लगाये जाने के कार्य आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या, फसल खड़ी होने आदि कारणों को छोड़कर निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उक्त शेष प्रकरण निर्धारित समयावधि के अंदर के है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रतिक्षारत कृषकों को ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराने हेतु निर्धारित समय-सीमा अभी समाप्त नहीं हुई है। किसानों की फसल कटने के उपरांत खेत खाली होने पर एवं आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या नहीं आने पर निर्धारित समय-सीमा के अंदर शेष बचे कृषकों को आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर लगाये जाने सहित स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जावेगा। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
ग्रामों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 6226 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के विधान सभा क्षेत्र बिछिया के अन्तर्गत कितने ग्राम ऐसे हैं, जहां आज दिनांक तक विद्युतीकरण नहीं किये गये हैं। ऐसे ग्रामों की जानकारी दें। (ख) क्या बिछिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत अनेकों ग्राम ऐसे हैं जहाँ पर सिर्फ विद्युत लाइन पहुँचाई गई है, लेकिन सम्पूर्ण ग्रामों में विस्तार नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार विद्युत विहीन ग्रामों में एवं प्रश्नांश (ख) के अनुसार अपूर्ण ग्रामों में शत्-प्रतिशत विद्युतीकरण कराया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मण्डला जिले के विधानसभा क्षेत्र बिछिया के अन्तर्गत 3 ग्राम यथा-ग्राम भिमौरी, ग्राम मनौरी एवं ग्राम उमरिया अविद्युतीकृत ग्राम है। (ख) बिछिया विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के प्रावधानों के अनुसार अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण तथा 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। उक्त योजनांतर्गत 100 से कम आबादी वाले मजरों/टोलों/बसाहटों का कार्य सम्मिलित नहीं था, अत: इनके विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अविद्युतीकृत ग्रामों यथा ग्राम भिमौरी एवं ग्राम मनौरी के विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त ग्रामों के सघन वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण इनके विद्युतीकरण का कार्य वन विभाग से अनुमति प्राप्त होने के उपरांत किया जा सकेगा। शेष अविद्युतीकृत वनग्राम उमरिया के विद्युतीकरण का कार्य गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। उक्त तीनों ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराने के प्रयास किये जायेंगे तथापि वर्तमान में कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 100 से कम आबादी वाले मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार भविष्य में किया जाना संभव हो सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 6231 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. संभाग वारासिवनी के अंतर्गत ग्राम बड़पानी एवं नीमटोला (चाकाहेटी) में अतिरिक्त ट्रासंफार्मर की आवश्यकता है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक बड़पानी एवं नीमटोला (चाकाहेटी) में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगा दिये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संचालन एवं संधारण संभाग वारासिवनी के अंतर्गत ग्राम बड़पानी में स्थापित 5 वितरण ट्रांसफार्मरों में से एक वितरण ट्रांसफार्मर पर वर्तमान में संबद्ध भार एवं निकट भविष्य में संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत एक अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की आवश्यकता है। किंतु ग्राम नीमटोला (चाकाहेटी) में वर्तमान में अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम बड़पानी में अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य आगामी वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार शामिल कर किया जाना संभव हो सकेगा।
महिला बाल विकास विभाग में चल रही अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 6246 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक विकासखण्डवार कितने-कितने कुपोषित बच्चे चिन्हांकित किये गये हैं तथा इन चिन्हांकित बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिये क्या कलेक्टर छतरपुर से कार्ययोजना अनुमोदित कराई है तथा इन कार्ययोजना अनुसार माहवार तथा विकासखण्डवार एन.आर.सी. में कितने-कितने बच्चे भर्ती कराये गये हैं तथा वर्तमान में इन चिन्हित बच्चों का कुपोषण दूर कर दिया है अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) जिले में कितने में जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं महिला बाल विकास अधिकारियों के पदों पर जूनियर सहायक संचालक पदस्थ हैं? वरिष्ठता के आधार पर इन पदों पर सहायक संचालकों को क्यों पदस्थ नहीं किया गया? अन्य ऐसी कौन सी मजबूरी रही है कि वरिष्ठ को उपेक्षित कर कनिष्ठ अधिकारियों को जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं महिला एवं महिला बाल विकास अधिकारी बनाया गया है? (ग) छतरपुर जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका के कितने-कितने पद रिक्त हैं तथा इनकी पूर्ति कब तक कर ली जावेगी। यदि विगत एक वर्ष में कार्यकर्ता व सहायिका के रिक्त पद भरे गये हैं, तो विकासखण्डवार चयनित सूची उपलब्ध करावें। चयनित उपरांत कार्यकर्ता, सहायिका को विकासखण्डवार परियोजना अधिकारियों द्वारा ज्वाईनिंग कितने को करवाई गई व कितनों को नहीं? कब तक ज्वाईनिंग करायेंगे? आगामी तारीख सहित बताएं। (घ) उक्त विंसगति/मापदण्ड के लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उसे हटाकर उसके विरूद्ध विभागीय जाँच कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी तथा उक्त विसंगति को कब तक दूर कर लिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2015-16 में 86724 बच्चे कम वजन के एवं 3788 बच्चे अतिकम वजन के चिन्हांकित किये गये तथा 2016-17 में 92170 बच्चे कम वजन के एवं 4995 बच्चे अतिकम वजन के चिन्हांकित किये गये हैं, जिनकी जानकारी विकासखण्डवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। जी हाँ चिन्हांकित कुपोषित बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन के तहत् कलेक्टर छतरपुर से कार्ययोजना अनुमोदित कराई गई है। चिन्हांकित कुपोषित बच्चों में कुपोषण दूर करने हेतु रोस्टर अनुसार माहवार एवं विकासखण्डवार एन.आर.सी. में भर्ती कराये गये बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। वर्ष 2015-16 में चिन्हांकित कम वजन के 86724 बच्चों में 50899 बच्चे सामान्य श्रेणी में एवं अतिकम कम वजन के 3786 बच्चों में से 2479 बच्चे मध्यम श्रेणी में 870 बच्चे सामान्य श्रेणी में आये तथा वर्ष 2016-17 में कम वजन के 92170 बच्चों में से 53484 बच्चे सामान्य श्रेणी में एवं अतिकम कम वजन के 4995 बच्चों में से 2685 बच्चे मध्यम श्रेणी में एवं 1298 बच्चे सामान्य श्रेणी में आये। (ख) प्रश्नाश (क) में प्रतिवेदित छतरपुर जिले में प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर वरिष्ठ सहायक संचालक पदस्थ हैं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) छतरपुर जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के कुल 103 पद, सहायिका के कुल 82 पद एवं उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के कुल 50 पद रिक्त हैं। जिसकी पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में हैं। विगत एक वर्ष में कार्यकर्ता/सहायिका के रिक्त पदों पर किये गये चयन की जानकारी विकासखण्डवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। चयनित सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की विकासखण्डवार परियोजना अधिकारियों द्वारा पदों पर उपस्थिति दर्ज करा लिया गया हैं, कोई भी चयनित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ज्वाईनिंग हेतु शेष नहीं हैं। (घ) अधिकारियों की पदस्थापना में कोई विसंगति होने से शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जिला छतरपुर में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
69. ( क्र. 6247 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले की जनपद पंचायत नौगाँव, लवकुशनगर, गौरिहार में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र, उपकेन्द्र स्वीकृत हैं? कितने केन्द्रों पर भवन स्वीकृत हो चुके हैं? स्वीकृति उपरांत निर्माण एजेन्सियों को प्रश्न दिनांक तक प्रथम किश्त के रूप में कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को जारी की गई? जानकारी देवें। (ख) कितने भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं और कितने भवनों के निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? कितने केन्द्र भवन विहीन हैं? आंगनवाड़ी केन्द्र कितने जर्जर स्थिति में हैं? जर्जर स्थिति होने के कारण कितने भवनों की (नवीनीकरण) रिवाइज निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की गई है? जानकारी देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छतरपुर जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत नौगाँव, लवकुशनगर एवं गौरीहार में कुल 657 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 65 उप आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं। इनमें से 417 आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु भवन स्वीकृत हैं, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुरूप स्वीकृत कुल 417 आंगनवाड़ी भवनों में से 293 आंगनवाड़ी भवनों के कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा 124 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य अपूर्ण हैं, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। जनपद पंचायत नौगाँव, लवकुशनगर एवं गौरीहार अंतर्गत कुल 305 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये पर/अन्य शासकीय भवनों में संचालित) हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार है। इन जनपद पंचायतों में वर्तमान में कुल 08 आंगनवाड़ी भवन जर्जर स्थिति में हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘द’ अनुसार है। इन आंगनवाड़ी भवनों के नवीनीकरण हेतु कोई राशि जारी नहीं की गई है।
विद्युत उत्पादन तथा क्रय की जानकारी
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 6287 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत उत्पादन हेतु मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की कितनी इकाइयाँ हैं तथा कहाँ-कहाँ हैं? इन इकाइयों से विद्युत उत्पादन कब से प्रारंभ हुआ है? इन इकाइयों से वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितना-कितना विद्युत उत्पादन हुआ एवं इन वर्षों में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की औसत प्रति इकाई विद्युत उत्पादन लागत क्या रही? (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कुल कितनी बिजली की आवश्यकता थी? आवश्यकता के विरुद्ध कितनी बिजली की आपूर्ति की गई? म.प्र. विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा कितनी बिजली विक्रित की गई एवं विक्रय से कितनी राशि प्राप्त हुई एवं इन वर्षों में वितरण कंपनियों को अंकेक्षित लेखा के आधार पर कितना लाभ एवं घाट हुआ? (ग) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में शासकीय उपक्रम में कितनी बिजली ली गई तथा निजी क्षेत्र (केप्टिव एवं गैर-परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों को छोड़कर) से बिजली किस-किस कंपनी से कितनी ली गई एवं किस दर से कंपनियों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? बताएं एवं उक्त अवधि में पूल के माध्यम से कितनी बिजली बेची गई और किस दर में बेची गई, किसको बेची गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत उत्पादन हेतु म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की स्थापित इकाइयाँ तथा इन इकाइयों से विद्युत उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ”1” अनुसार है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप एवं जल विद्युत इकाइयों का वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कुल उत्पादन एवं इन वर्षों में औसत प्रति इकाई विद्युत उत्पादन लागत का विवरण निम्नानुसार है :-
वर्ष |
ताप
विद्युत
उत्पादन |
जल
विद्युत
उत्पादन |
प्रति इकाई औसत उत्पादन लागत (रू. प्रति यूनिट) |
2014-15 |
16909.3 |
2749.8 |
4.12 |
2015-16 |
18601.8 |
1962.3 |
4.25 |
(ख) प्रदेश में विद्युत की मांग के अनुरूप विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मध्य प्रदेश की कुल बिजली की आवश्यकता क्रमशः 57014.51 मिलियन यूनिट एवं 64148.66 मिलियन यूनिट थी और आपूर्ति भी क्रमशः 57014.51 मिलियन यूनिट एवं 64148.66 मिलियन यूनिट की गयी। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में क्रमशः 15620.07 मिलियन यूनिट एवं 16908.13 मिलियन यूनिट विक्रित की गयी। विक्रित की गयी बिजली के विरूद्ध क्रमशः राशि रू. 7850 करोड़ एवं राशि रू. 9384 करोड़ प्राप्त हुए। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर को अंकेक्षित लेखों के आधार पर कुल घाटा क्रमशः रू. 1060.85 करोड़ एवं रू. 1207.01 करोड़ हुआ। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में क्रमशः 13350 मिलियन यूनिट एवं 14712 मिलियन यूनिट विक्रित की गयी। विक्रित की गयी बिजली के विरूद्ध क्रमशः रू. 6021 करोड़ एवं रू. 6915 करोड़ प्राप्त हुए। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल को अंकेक्षित लेखों के आधार पर कुल घाटा क्रमशः रू. 2728 करोड़ एवं रू.2597 करोड़ हुआ। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में क्रमशः 12613.05 मिलियन यूनिट एवं 13891.19 मिलियन यूनिट विक्रित की गयी। विक्रित की गयी बिजली के विरूद्ध क्रमशः रू. 6779.65 करोड़ एवं रू. 7366.12 करोड़ प्राप्त हुए। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को अंकेक्षित लेखों के आधार पर वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में क्रमशः रू. 1161.58 करोड़ एवं रू. 1616.91 करोड़ की हानि हुई है। (ग) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में शासकीय उपक्रमों एवं निजी क्षेत्र से ली गई बिजली एवं भुगतान की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं बिजली विक्रय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। पॉवर एक्सचेंज के माध्यम से विक्रित विद्युत के खरीददार का पता नहीं हो पाता है। अत: उक्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।
नवीन विद्युत स्टेशनों की स्वीकृति
[ऊर्जा]
71. ( क्र. 6315 ) श्रीमती ममता मीना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.म. क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लि. भोपाल के गठन को 10 वर्ष से अधिक हो गये हैं? यदि हाँ, तो लेखा महानियंत्रक रिपोर्ट (सी.ए.जी.) ऑडिट रिपोर्ट पटल पर रखी गयी? यदि नहीं, तो कौन उत्तरदायी है? (ख) क्या कम्पनी द्वारा गुना जिले में गत दो वर्षों में केन्द्र एवं राज्य की योजनाओं में 220 के.व्ही.ए. 132 के.व्ही.ए. एवं अन्य छोटे विद्युत सब-स्टेशनों के कितने प्रस्ताव स्वीकृत हुए पेंडिंग हैं? क्षेत्रीय आपूर्ति अनुसार किन क्षेत्रों में डिमाण्ड है? कब तक पूर्ती होगी? (ग) क्या विभाग विषय में वर्णित कंपनी को विद्युत आपूर्ति एवं विद्युत वोल्टेज की पूर्ति के लिये घोषित तथ्य मांग अनुसार आर्थिक सहायता की आपूर्ति करेगा? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की पूर्ति के लिये विभाग और कम्पनी में कौन जिम्मेदार है? कारण सहित विवरण दें। क्या विभाग दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सी.ए.जी.) द्वारा प्रतिवर्ष म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के वार्षिक लेखों का अंकेक्षण किया जाता है तथा अंकेक्षण रिपोर्ट वार्षिक प्रतिवेदन में समाहित कर प्रतिवर्ष विधानसभा के पटल पर रखी जाती है। अद्यतन स्थिति में वर्ष 2014-15 तक किये गये अंकेक्षण की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी जा चुकी है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा गुना जिले में गत दो वर्षों में मांग में वृद्धि होने के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत किये गये विद्युत उपकेन्द्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। क्षेत्र में स्वीकृत भार एवं भविष्य में विद्युत मांग में संभावित वृद्धि के दृष्टिगत उपकेन्द्रों की स्वीकृति प्राथमिकता के आधार पर, तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धता के अनुसार की जाती है जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। तदानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में उपकेन्द्रों के प्रस्तावित कार्यों को स्वीकृत कर कार्य पूर्ण किये जा रहे हैं, जिनका उपकेन्द्रवार एवं क्षेत्रवार (स्थानवार) जहाँ बढ़ी हुई माँग के अनुरूप उपकेन्द्र प्रस्तावित किया गया है, का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त स्वीकृत उपकेन्द्रों का कार्य वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप किया जा रहा है, जिसे पूर्ण करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्नाधीन उपकेन्द्रों के प्रस्तावित कार्यों को स्वीकृत कर कार्य पूर्ण किये जा रहे हैं तथापि वितरण कंपनियों को विभिन्न मदों में अनुदान/सहायता एवं वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने हेतु राज्य शासन की गारंटी दी जाती है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों में सरलीकरण
[सामान्य प्रशासन]
72. ( क्र. 6338 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण एवं अधिक संख्या में लंबित प्रकरणों को देखते हुए नियमों में सरलीकरण का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो कब कार्यवाही होगी? (ख) आगर जिलान्तर्गत अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुकंपा नियुक्ति नियम का सरलीकरण एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) 05 प्रकरण।
अस्थाई विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 6364 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर की विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत धसान नदी में सीमावर्ती कृषकों को अस्थायी विद्युत कनेक्शन दिये जाते थे? हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो बाँध सुजारा परियोजना की स्वीकृति के उपरांत सीमावर्ती कृषकों को आज तक विद्युत कनेक्शन वर्ष 2016 एवं 2017 दिये गये हैं, हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कितनों को? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। क्या शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा। यदि हाँ, तो कब तक? क्या शासन संबंधित विभाग को निर्देशित करेगा कि कृषकों को पूर्ववत् अस्थायी विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाते रहेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) बाँध सुजारा परियोजना की स्वीकृति के उपरांत धसान नदी के सीमावर्ती कृषकों को वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में फरवरी-17 तक अस्थाई कनेक्शन दिये गये हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल 56 एवं वित्तीय वर्ष 16-17 में फरवरी-17 तक कुल 51 अस्थायी पम्प कनेक्शन दिये गये हैं। वर्तमान में धसान नदी पर अस्थायी पम्प कनेक्शन दिये जाने हेतु राज्य शासन द्वारा कोई रोक नहीं लगाई गई है। आवेदन प्राप्त होने पर अस्थाई कनेक्शन दिये जा रहे हैं। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध शिकायत
[महिला एवं बाल विकास]
74. ( क्र. 6408 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नरसिंहगढ़ स्थित एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना कार्यालय में पदस्थ श्री योगेश शर्मा सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध क्षेत्र की कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकायों द्वारा अश्लील व्यवहार व रिश्वत मांगे जाने संबंधी शिकायतें प्रस्तुत की गई हैं? जानकारी दें। (ख) यदि प्रश्न की कंडिका (क) का उत्तर यदि हाँ है, तो शिकायत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक श्री योगेश शर्मा सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? दिनांकवार की गई कार्यवाही से अवगत करावें व चेतावनी पत्र/कारण बताओ पत्र आदि की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) की जानकारी अनुसार यदि श्री योगेश शर्मा सहायक ग्रेड-3 दोषी है, तो श्री शर्मा के खिलाफ स्थानांतरण/निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही कब तक क्या की जावेगी? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, की जावेगी तो क्यों नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। श्री योगेश शर्मा सहा. ग्रेड-3 के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ अनुसार है। (ख) क्र.1 पर वर्णित शिकायत के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी नरसिंहगढ़ द्वारा आदेश क्र.3975 दिनांक 18/07/16 द्वारा जाँच दल गठित किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ख’ अनुसार। जाँच दल द्वारा पत्र क्र.695 दिनांक 09.08.16 द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ग’ अनुसार। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी नरसिंहगढ़ के पत्र क्र.4945 दिनांक 17/08/16 द्वारा श्री योगेश शर्मा सहायक ग्रेड-3 को चेतावनी पत्र जारी किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘घ’ अनुसार। शेष में जाँच कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में अंकित शिकायत क्र.1 के संबंध में जाँच समिति द्वारा जाँच प्रतिवेदन में अश्लील व्यवहार या यौन शोषण जैसी शिकायत सिद्ध होना नहीं पाया गया किन्तु श्री योगेश शर्मा को अपने अधिकारी/कर्मचारियों एवं महिला कर्मचारियों के प्रति सम्मानजनक व्यवहार करने की हिदायत देने बाबत् अनुशंसा की गई है। समिति की अनुशंसा के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी नरसिंहगढ़ के पत्र क्र.4945 दिनांक 17/08/16 द्वारा श्री योगेश शर्मा, सहायक ग्रेड-3 को चेतावनी पत्र जारी कर पुनः इस प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने संबंधी चेतावनी दी गई। शेष शिकायतों की जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
निर्वाचित विधायक की अवमानना व विशेषाधिकार का हनन
[सामान्य प्रशासन]
75. ( क्र. 6412 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्तर पर होने वाले शासकीय कार्यक्रम में जिसमें जो कि मा. केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार व मान. मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन की अध्यक्षता एवं कर कमलों से आयोजित हो, उसमें क्या जिले के समस्त विधायकों के नाम एक समान रूप से ही शासन द्वारा प्रेषित आमंत्रण पत्र में तथा शासन द्वारा उस संबंध के समाचार पत्रों के विज्ञापन में आना चाहिए? शासकीय नियम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर क्या 31 जनवरी, 2017 राजगढ़ जिले में आयोजित किए गए शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रम में क्या प्रश्नकर्ता विधायक का नाम भी शासकीय आमंत्रण पत्र तथा समाचार पत्र के विज्ञापन में था? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) का उत्तर यदि नहीं है, तो क्या प्रश्नकर्ता विधायक के साथ भेदभाव/विशेषाधिकार हनन/अवमानना का प्रकरण है? यदि हाँ, तो शासन इस संबंध में क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना दिनांक 23 दिसम्बर 2011 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) ग्राम मोहनीपुरा जिला राजगढ़ में दिनांक 31 जनवरी 2017 को आयोजित जिला स्तरीय अन्त्योदय मेला कार्यक्रम में आमंत्रण पत्र में प्रश्नकर्ता सदस्य का नाम था। उक्त कार्यक्रम में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3 का शिलान्यास एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 12 का लोकार्पण कार्यक्रम भी शामिल था। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भारत सरकार का उपक्रम है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत लाड़लियों का पंजीयन
[महिला एवं बाल विकास]
76. ( क्र. 6413 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल प्रदेश में कितनी लाड़लियों का पंजीयन किया गया? जिलेवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग द्वारा वर्तमान में पंजीकृत लाड़लियों को पोस्ट ऑफिस वाले पुराने प्रमाण-पत्र वापस प्राप्त कर नवीन प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त संशोधन किस दिनांक से प्रभावशील हुआ है? (ग) उपरोक्तानुसार प्रदेश के किन-किन जिलों में नवीन संशोधन अनुसार लाड़लियों को नवीन प्रमाण-पत्र प्रदान कर दिये गये हैं तथा कौन-कौन से जिलों की किन-किन परियोजनाओं में नवीन प्रमाण-पत्र किन कारणों से नहीं दिये गये हैं तथा विभाग द्वारा उक्त संबंध में उदासीन कार्यवाही हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक शेष नवीन प्रमाण-पत्रों का वितरण करा दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग द्वारा संचालित लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल प्रदेश में 2457877 लाड़लियों का पंजीयन किया गया है, जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त संशोधन दिनांक 24/12/2014 से प्रभावशील हुआ है। विभागीय निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रदेश अंतर्गत 2457877 पंजीकृत लाड़लियों में से 2396000 बालिकाओं को 51 जिले की 453 परियोजनाओं के द्वारा प्रमाण-पत्र वितरित किये गये हैं। शेष 61877 पंजीकृत बालिकाओं को प्रमाण-पत्र वितरित किये जाने की प्रक्रिया सतत् रुप से जारी है।
राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 6451 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना कब प्रांरभ हुई? योजना के प्रारंभ दिनांक से वर्तमान तक किन-किन ग्रामों को शामिल किया गया, की सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त में से किन-किन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हुए किन-किन ग्रामों में नहीं व क्यों? कब तक पूर्ण कराये जावेंगे? कार्यों को अपूर्ण रखने हेतु उत्तरदायियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिन-जिन ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है उनमें से कई ग्राम ऐसे हैं, जिनमें वर्तमान तक खंभे नहीं गड़े, तार नहीं खिचे, जहाँ ये कार्य हो चुके हैं वहां ट्रांसफार्मर या तो लगा नहीं है अथवा लगाये जाने की स्थिति में महीनों से खराब पड़े हैं। इनको कब तक बदला जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त योजना में शामिल विद्युतीकरण हो चुके ग्रामों में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया, इस कारण बिजली व्यवस्था बार-बार प्रभावित होती है। इन सभी कारणों से उपभोक्ताओं को करोड़ों रूपये व्यय करने के बावजूद विद्युत सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्या शासन कराये गये कार्यों की गुणवत्ता की जाँच करायेगा तथा अविद्युतीकृत ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य निश्चित समय-सीमा में पूर्ण करवायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्योपुर जिले में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी को दिनांक 31.12.2009 को अवार्ड जारी किया गया, जिसमें सम्मिलित 475 ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी को दिनांक 26.02.2015 को अवार्ड जारी किया गया, जिसमें सम्मिलित 252 मजरों/टोलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित 475 ग्रामों में से 143 ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत राशि के अंतर्गत पूर्ण हो सके हैं। शेष 332 ग्रामों एवं 4 पूर्व से विद्युतीकृत ग्रामों सहित कुल 336 ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य फीडर विभक्तिकरण योजना में शामिल किया गया है। वर्तमान में उक्त कार्य प्रगति पर है एवं इस कार्य को निर्धारित समयावधि नवंबर 2017 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जायेंगे। 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित 252 मजरों/टोलों में से 191 मजरों/टोलों में विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत राशि के अंतर्गत पूर्ण हो सके हैं। शेष 61 मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल किया गया है। वर्तमान में उक्त योजनान्तर्गत सर्वे कार्य प्रगति पर है एवं उक्त कार्य निर्धारित समयावधि 18.05.2019 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जायेंगे। उक्तानुसार कार्य पूर्ण/शेष ग्रामों तथा कार्य पूर्ण/शेष मजरों/टोलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। कार्य अपूर्ण रहने का कारण उक्त योजना में राशि की सीमित उपलब्धता रहा है, अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन योजनाओं के अंतर्गत जिन-जिन ग्रामों/मजरों/टोलों में कार्य किया गया है, उनमें योजना के प्रावधानों के अनुसार समस्त कार्य पूर्ण किये गये हैं एवं कोई कार्य किया जाना शेष नहीं है। तथापि 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में स्थापित 34 ग्रामों के 75 फेल वितरण ट्रांसफार्मर इनसे संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले नहीं जा सके हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा कराए जाने पर उक्त ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही की जा सकेगी। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में उपयोग की जाने वाली सामग्री की जाँच एन.ए.बी.एल. द्वारा प्रमाणित प्रयोगशाला से करवाई जाती है तथा जाँचोपरांत सामग्री मानक स्तर के अनुरूप पाये जाने के उपरान्त ही उसका उपयोग किया जाता है। अत: सामग्री की गुणवत्ता के कारण विद्युत प्रदाय बार-बार प्रभावित होने एवं उपभोक्ताओं को विद्युत सुविधा का लाभ नहीं मिलने का प्रश्न नहीं उठता। कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए वितरण कंपनी के नोडल अधिकारी के अतिरिक्त थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी नियुक्त की गई है, जिसके साईट इंजीनियरों द्वारा कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है तथा कार्य में त्रुटि पाए जाने पर संबंधित ठेकेदार एजेंसी से उसका निराकरण कराया जाता है। गुणवत्ता की जाँच हेतु उक्त निर्धारित प्रक्रिया के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है। शेष ग्रामों/मजरों/टोलों में कार्य प्रगति पर है एवं इसे निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराने के प्रयास किये जायेंगे।
विद्युत की मांग आपूर्ति एवं खरीदी
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 6499 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार की विद्युत की मांग वर्ष 2013-2014 से माहवार बतावें। इसमें राज्य सरकार द्वारा अपनी स्वयं की बिजली जिसमें राज्य सरकार का अधिपत्य है। स्थापित क्षमता बतावें, जैसे कि पॉवर जनरेटिंग कम्पनी के ताप एवं जल राज्य शासन के जल विद्युत गृह द्वारा कितनी बिजली इसी कार्यकाल में माहवार वर्षवार उपलब्ध करायी गई। यह विद्युत मांग की आपूर्ति किये जाने का माहवार वर्षवार कितने प्रतिशत था? (ख) राष्ट्रीय ताप से कितने का आवंटित व अनावंटित कोटे का आवंटन प्रश्नांश (क) अवधि का बतावें एवं कितने मेगावाट/मिलियन यूनिट प्राप्त की गई एवं इस हेतु बिजली कितने प्रति यूनिट के हिसाब से कुल कितने राशि राष्ट्रीय ताप को प्रदाय की गयी? (ग) म.प्र. में स्थापित प्रायवेट कम्पनियों प्रायवेट कम्पनियों जिनसे खरीदी हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किये गये। वर्तमान में जिन कम्पनियों से बिजल प्राप्त की जाती है, प्रोफार्मा में जानकारी बतावें। 1. विद्युत उत्पादन कम्पनी का नाम 2. कम्पनी की स्थापित क्षमता 3. विद्युत उत्पादन प्रारंभ करने की तिथि 4. म.प्र. सरकार एवं कम्पनी के बीच प्राप्त बिजली की अनुबंधित मात्रा 5 . अनुबंधित मात्रा के आधार पर प्राप्त बिजली की प्रति यूनिट कीमत एवं मात्रा 6. अनुबंधित मात्रा से अतिरिक्त क्रय की गयी बिजली की प्रति यूनिट दर मात्रा एवं कुल भुगतान राशि 7. कुल कितने उत्पादन कम्पनी से मिलियन/मेगावाट बिजली माहवार वर्षवार प्राप्त की गई मात्रा बतावें 8. उत्पादित कम्पनी को सरकार द्वारा माहवार वर्षवार कितनी राशि भुगतान की गयी। (घ) इसके अतिरिक्त उपरोक्त अवधि में श्रेणी जैसे प्रायवेट ट्रेडर्स से लघु अवधि से क्रय बिजली की जानकारी बतावें साथ ही अन्य श्रेणी सोलर ऊर्जा एवं अन्य संसाधनों से प्राप्त की गई बिजली का विवरण प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राज्य की वर्ष 2013-14 से विद्युत की मांग संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। प्रदेश में स्थित म.प्र. शासन के जल विद्युत गृहों (म.प्र.पां.ज.कं.लि. को छोड़कर) की विद्युत इकाइयों की उत्पादन क्षमता निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
विद्युत गृह का नाम |
इकाई क्षमता |
इकाइयों की संख्या |
कुल उत्पादन क्षमता |
1 |
इंदिरा सागर जल विद्युत गृह |
125 मेगावाट |
8 |
1000 मेगावाट |
2 |
ओंकारेश्वर जल विद्युत गृह |
65 मेगावाट |
8 |
520 मेगावाट |
3 |
बरगी बायीं तट नहर जल विद्युत गृह (एन.वी.डी.ए.) |
5 मेगावाट |
2 |
10 मेगावाट |
4 |
इंदिरा सागर बायीं तट नहर जल विद्युत गृह (एन.वी.डी.ए.) |
5 मेगावाट |
3 |
15 मेगावाट |
म.प्र.पा.ज.कं.लि. की ताप एवं जल विद्युत इकाइयों की स्थापित क्षमता पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' (क) अनुसार है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप एवं जल तथा राज्य शासन के जल विद्युत गृहों द्वारा वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 (माह जनवरी 17 तक) में माहवार वर्षवार उपलब्ध करायी विद्युत तथा कुल विद्युत आपूर्ति के विरूद्ध प्रतिशत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' (ख) अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम से आवंटित व अनावंटित कोटे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम उपक्रमों से प्राप्त की गई विद्युत एवं प्रति यूनिट के अनुसार भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) म.प्र. में स्थापित प्रायवेट कंपनियों जिनसे विद्युत खरीदी हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किये गये तथा प्राप्त की गई विद्युत तथा भुगतान का माहवार वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' एवं ''6'' अनुसार है। (घ) उपरोक्त अवधि में अन्य श्रेणी जैसे प्रायवेट ट्रेडर्स (सोलर इत्यादि) से लघु अवधि हेतु क्रय की गई विद्युत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''7'' अनुसार है।
प्रश्न क्रमांक 3379 अतारांकित दि. 3.3.2016 के उत्तर से संबंधित
[संस्कृति]
79. ( क्र. 6550 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3379, दिनांक 03.03.2016 के उत्तर भाग (क) एवं (ख) में उल्लेखित विवरण के अनुसार प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) यदि नहीं, तो क्यों व इस अतिमहत्वपूर्ण करैरा किले के अनुरक्षण को कब तक मूर्तरूप दे दिया जायेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत कार्ययोजना वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 100.00 लाख का डी.पी.आर. करैरा किले के अनुरक्षण कार्य हेतु तैयार किया गया. जिसके तकनीकी परीक्षण उपरांत तकनीकी स्वीकृति आदेश दिनांक 08/03/2017 को जारी किया गया. (ख) तकनीकी स्वीकृति जारी की जा चुकी है. निविदा संबंधी कार्यवाही पूर्ण किये जाने उपरांत अनुरक्षण कार्य प्रारम्भ किया जावेगा.
अविद्युतीकृत गाँवों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
80. ( क्र. 6565 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में कितने गाँव अविद्युतीकृत अर्थात बिना बिजली के हैं, की ग्रामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अविद्युतीकृत गाँव किन कारणों से वंचित हैं? (ग) गाँवों में विद्युत व्यवस्था करने हेतु प्रश्नकर्ता विधायक, ग्राम पंचायत व अन्य रहवासियों द्वारा मांग की गई व उन पर क्या कार्यवाही हुई, की जानकारी दी जावे। (घ) अविद्युतीकृत गाँवों में ऊर्जा विभाग एवं माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार कि कोई ग्राम, मजरे, टोले विद्युत व्यवस्था के अभाव में नहीं रहेगा? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र-07 दिमनी जिला मुरैना में कब तक शत्-प्रतिशत क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय एवं ग्राम पंचायत गूंज के ग्रामवासियों द्वारा मजरा, गढ़ी में विद्युत व्यवस्था के संबंध में मांग की गई है। उक्त मजरे के विद्युतीकरण का कार्य वर्तमान में अपूर्ण है। उक्त कार्य पूर्व में ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर्स लि. के द्वारा फीडर विभक्तिकरण योजनांतर्गत किया जाना था। कार्य में विलंब किये जाने के परिप्रेक्ष्य में उक्त ठेकेदार एजेन्सी का कार्यादेश निरस्त करने के कारण उक्त कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। अत: उक्त मजरे के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत सम्मिलित किया गया है। वर्तमान में उक्त योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार दिमनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत 100 एवं 100 से अधिक जनसंख्या वाले मजरों/टोलों/बस्तियों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया जाना प्रस्तावित है, जिस हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष कार्य भविष्य में वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप कराए जा सकेंगे। अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मंगल दिवसों के आयोजन हेतु उपलब्ध राशि
[महिला एवं बाल विकास]
81. ( क्र. 6584 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रो में मंगल दिवस यथा-गोदभराई, अन्नप्राशन आदि के आयोजन किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस हेतु वित्तीय व्यवस्था क्या हैं? (ख) आगर जिला अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आयोजनों हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ था? प्राप्त आवंटन के विरूद्ध किन-किन कार्यों हेतु कितना व्यय किया गया? (ग) क्या परियोजना कार्यालय सुसनेर एवं नलखेड़ा द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों की मॉनिटरिंग की गई? यदि हाँ, तो तत्संबंधी विवरण उपलब्ध करावें? किए गए व्यय का अंकेक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो अंकेक्षण रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कब कराया जावेगा? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत मंगल दिवस के आयोजन हेतु आमजन से आर्थिक या अन्य प्रकार का सहयोग प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो प्राप्त सहयोग की आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। माह के प्रथम चार मंगलवार को रूपये 50 प्रति मंगलवार के मान से रूपये 200 प्रतिमाह प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र का प्रावधान है। (ख) जिला आगर अंतर्गत वर्णित अवधि में प्राप्त आवंटन व्यय एवं गतिविधिवार व्यय का विवरण परिशिष्ट संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। परियोजना सुसनेर एवं नलखेड़ा की आंगनवाड़ी केन्द्रों के भ्रमण के समय परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक एवं ई.सी.सी.ई. समन्वयकों द्वारा निरीक्षण किया गया है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में मंगल दिवस के आयोजन के हितग्राहियों संबंधी पंजी संधारित है, जिसका उक्तानुसार भ्रमण के समय निरीक्षण किया जाता है। नियमानुसार नियमित अंकेक्षण में महालेखाकार ग्वालियर द्वारा परियोजना सुसनेर का फरवरी 2017 में एवं परियोजना नलखेड़ा में दिसम्बर 2016 में अंकेक्षण किया गया है, जिसकी टीप प्राप्त होना अपेक्षित है। मंगल दिवस अंकेक्षण की रिपोर्ट पृथक से प्राप्त न होने के कारण दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न नहीं।
जिला निर्वाचन, स्थानीय एवं उप निर्वाचन कार्यालयों में पदों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
82. ( क्र. 6670 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के प्रत्येक जिलों के जिला, स्थानीय एवं उप निर्वाचन कार्यालयों में कौन-कौन से पद स्वीकृत, कौन-कौन से पद रिक्त हैं तथा कितने कार्यरत हैं? (ख) राजगढ़ जिले के जिला, स्थानीय एवं उप निर्वाचन कार्यालयों में कार्यरत स्टॉफ की जानकारी उनके नाम, पदनाम, पदस्थापना स्थल एवं दिनांक सहित बतावें। (ग) क्या राजगढ़ जिले के जिला, स्थानीय एवं उप निर्वाचन कार्यालयों में आउट सोर्सिंग से पद स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो एजेन्सी का नाम उपलब्ध कराये गये कर्मचारियों के नाम, पदनाम, शैक्षणिक योग्यता एवं मानदेय सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या राजगढ़ जिले के जिला, स्थानीय एवं उप निर्वाचन कार्यालयों में उक्त पदों के अतिरिक्त अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी अटैच किया गया है? यदि हाँ, तो उनके नाम, पदनाम, मूल पदस्थापना स्थल एवं अवधि कब से कब तक के लिये? बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज फर्जी बच्चों की जाँच
[महिला एवं बाल विकास]
83. ( क्र. 6721 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला ग्वालियर की विधान सभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक 06 माह से 03 वर्ष तक एवं 03 से 06 वर्ष तक के कितने बच्चों की संख्या दर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जिन बच्चों के नाम शासकीय विद्यालय/निजी विद्यालयों में दर्ज है, उन्हीं बच्चों के नाम आंगनवाड़ी केन्द्रों में भी दर्ज है? ऐसे कितने बच्चों के नाम दो-दो स्थान पर दर्ज किये जाकर शासकीय योजनाओं को लाभ दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या एक ही बच्चे का नाम दो संस्थाओं में दर्ज होने पर विभाग द्वारा कोई पहचान पत्र/आई.डी. बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं, तो क्यों नहीं? स्पष्ट करें। (घ) क्या विधानसभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत पर्यवेक्षक/परियोजना अधिकारी द्वारा आंगनवाड़ी लगने के समय निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अवधि में किन-किन पर्यवेक्षक/परियोजना अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया तथा क्या-क्या अनियमितता पाईं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक 06 माह से 03 वर्ष तक एवं 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के कुल बच्चों की दर्ज संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों में से 856 बच्चे शासकीय एवं निजी विद्यालयों में दर्ज हैं, निजी विद्यालयों में दर्ज बच्चों को पोषण आहार का लाभ नहीं दिया जाता हैं। शासकीय विद्यालय एवं आंगनवाड़ी केन्द्र दोनों में दर्ज बच्चे जिस भी संस्था में उपस्थित होते हैं, उसी संस्था में उन्हें मध्यान भोजन/सांझा चूल्हा का लाभ मिलता है। (ग) प्रदेश में प्रत्येक बच्चे का आधार आई.डी. बनाने की कार्यवाही की जा रही हैं, यह सतत् चलने वाली प्रक्रिया हैं। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं हैं। (घ) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र भितरवार अंतर्गत परियोजना-गिर्द (बरई) तथा परियोजना भितरवार में पदस्थ पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी द्वारा निरीक्षण किये जाते हैं। प्रश्नांश (क) अवधि में पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी द्वारा किये गये निरीक्षण एवं पाई गई अनियमितता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
चिटफण्ड कम्पनियों को बन्द करने का कारण
[वित्त]
84. ( क्र. 6722 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में म.प्र. में किस-किस चिटफण्ड कम्पनियों को किस-किसकी अनुमति से कितनी अवधि के लिये लायसेन्स दिया गया था? किस-किस चिटफण्ड कम्पनी से सरकार द्वारा कितना-कितना टैक्स वसूला गया है? किस दिनांक से किस चिटफण्ड कम्पनी को किस कारण से किस के आदेश से क्यों बन्द कर दिया गया है? (ख) चिटफण्ड कम्पनियों को बन्द करते समय निवेशकों का कितना रूपया कम्पनियों में जमा था? जिलेवार जानकारी दें। बन्द करने के दिनांक से निवेशकों का कितना-कितना रूपया कम्पनियों द्वारा वापिस किया गया है? जिलेवार जानकारी दें। यदि उनका दिनांक से निवेशकों को पैसा वापिस नहीं किया तो क्यों? क्या निवेशक कहीं दोषी थे? इस कारण उनका पैसा वापिस नहीं किया जा रहा? यदि नहीं, तो फिर उनका पैसा किस कारण वापिस नहीं किया गया है? इसके लिये कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों के प्रति कोई कठोर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ,? तो क्या और कब तक? अब कब तक निवेशकों जमा रूपया वापिस करा दिया जावेगा? (ग) म.प्र. में चिटफण्ड कम्पनियों में बन्द दिनांक की स्थिति में कितने अभिकर्ता थे? पढ़े-लिखे युवा अभिकर्ता जिन्होंने कम्पनियों के नियमों के तहत अपना भरोसा देकर निवेशकों से हजारों, लाखों-करोड़ों रूपया चिटफण्ड-कम्पनियों में निवेशकों से निवेश कराया गया? इसके लिये वह कहीं दोषी थे? यदि नहीं, तो अब निवेशकों द्वारा जमा रूपया वापिस न मिलने के कारण इनसे झगड़ा या अभद्रता की जा रही है, तो क्या सरकार इन अभिकर्ताओं के साथ न्याय कर जमा रूपया निवेशकों को वापिस कराकर इन बेरोजगार अभिकर्ताओं को रोजगार दिलायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश में दि-चिट-फण्ड्स एक्ट, 1982 (वर्ष 1982 का संख्या 40) के प्रावधानों के तहत राज्य शासन द्वारा चिट शुरू करने अथवा संचालित करने हेतु स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है और न ही पंजीकृत की गई है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना
[संस्कृति]
85. ( क्र. 6745 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में लोक संस्कृति एवं लोक कलाओं के प्रति कलाकरों की गहन रूचि है, किंतु लोक संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन एवं लोक कलाओं के संचालन व मंचन हेतु उपयुक्त स्थल न होने के कारण प्रतिभाएं कुंठित होकर निरंतर निराशा के गर्त में है? (ख) यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ जिले के सबसे बड़े स्थान ब्यावरा नगर में ऐसी लोक कलाओं व प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिये विभाग द्वारा कोई सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना की जावेगी?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी नहीं. लोक संस्कृति रूचि की गहनता का क्षेत्र होता ही है. इसलिए लोक कलाओं की प्रतिभाओं के कुंठित होने का औचित्य उपस्थित नहीं होता है. (ख) जी नहीं.
सिंचाई हेतु विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 6779 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत सिंचाई सुविधा हेतु पर्याप्त विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा चुके हैं? यदि नहीं, तो क्यों? शेष स्थानों पर कब तक स्थापित किये जावेंगे? प्रस्तावित शेष स्थानों की जानकारी देवें। (ख) वर्ष २०१३-१४ से वर्तमान तक शासन योजना अनुसार अ.जा./ अ.ज.जा. वर्ग को सिंचाई हेतु कितने विद्युत ट्रांसफार्मर प्रदाय किये जा चुके हैं, कितने शेष हैं? शेष लोगों को कब तक विद्युत ट्रांसफार्मर उपलब्ध करा दिए जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र बदनावर के अंतर्गत कृषि कार्य हेतु स्थापित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या वर्तमान में उन पर संयोजित कुल स्थाई एवं अस्थाई भार के अनुसार पर्याप्त है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) विधानसभा क्षेत्र बदनावर में राज्य शासन की योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 में फरवरी-2017 तक अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन के आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सम्पादित कराये गये कार्यों में कुल 121 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। फरवरी-2017 की स्थिति में प्रश्नाधीन कोई भी कार्य शेष नहीं है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
झुके हुए विद्युत पोल एवं झूलते हुए तारों को ठीक करना
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 6780 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र बदनावर अंतर्गत फील्ड में अधिकांशतः विद्युत पोल झुके हुए हैं तथा फील्ड एवं ग्रामीण क्षेत्रों की आवासीय बस्तियों में ११ के.व्ही. की लाईन के झूलते हुए तार दृष्टिगोचर हो रहे हैं, इनसे कभी भी बड़ी दुर्घटना संभावित हैं। (ख) उक्त झूलते पोल एवं तारों को कब तक ठीक कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। बदनावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत लाईनों के पोल झुके होने एवं तार ढीले होने/झूलते हुए होने के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही करते हुए विद्युत पोलों/तारों को निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप व्यवस्थित कर विद्युत लाईनों के संधारण का कार्य किया जाता है। प्रतिवर्ष मानसून पूर्व एवं मानसून उपरांत विद्युत लाईनों के संधारण का कार्य किया जाता है, जिसके तहत प्रश्नाधीन उल्लेखित विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने के कार्य भी संपादित कराये जाते हैं। वर्तमान में कुछ स्थानों पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत नवीन सड़क का निर्माण होने से पूर्व से स्थापित उच्चदाब एवं निम्नदाब लाईनों की ऊँचाई निर्धारित सुरक्षित मापदंड से कुछ कम हो गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत नवीन सड़क का निर्माण करने वाले शासकीय विभाग को, उक्त लाईनों को निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप व्यवस्थित करने हेतु किये जाने वाले कार्य के लिये जमा योजना के अन्तर्गत प्राक्कलन तैयार कर सुपरविजन चार्ज 5 प्रतिशत एवं उस पर देय 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स की राशि जमा करने हेतु मांग पत्र जारी किये जा चुके हैं। उक्त कार्य महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक-तीन, धार द्वारा संपादित किया जाना है। (ख) बदनावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संज्ञान में लाये गये शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय बस्तियों के झूलते हुऐ 11 के.व्ही. लाईन के तारों को संधारण कार्य के दौरान निर्धारित मापदंडों के अनुसार सुरक्षित ऊँचाई पर व्यवस्थित कर दिया गया है। प्रतिवर्ष मानसून पूर्व एवं मानसून उपरांत विद्युत लाईनों के किये जाने वाले संधारण कार्य के अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में मानसून पूर्व संधारण का कार्यक्रम तैयार कर माह अप्रैल-2017 में कार्य किया जाना लक्षित है। महाप्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक-तीन, धार द्वारा उत्तरांश (क) में उल्लेखित कार्य जमा योजना के अंतर्गत मांग-पत्र अनुसार राशि जमा करने के उपरांत किया जा सकेगा, अत: उक्त कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत परियोजनाओं से निकलने वाली राखड़ के उपयोग हेतु निर्देश
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 6783 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना एवं सतपुड़ा ताप विद्युत परियोजना में कितनी इकाईयां हैं एवं उनमें कितना कोयला खपत होता है? औसतन कितनी राख बनती है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार दोनों परियोजनाओं से निकली राखड़ के अधिक से अधिक उपयोग हेतु क्या राज्य सरकार द्वारा स्थानीय लोक निर्माण विभाग से बनने वाली रोड, अथवा ईंट-भट्टे, कृषि कार्य, नए सिविल निर्माण एवं अन्य सभी विभाग जहां निर्माण कार्य कराए जाते हैं, संबंधित विभाग प्रमुख, कमिश्नर, जिला कलेक्टर, अधिकारी को निर्देशित करेंगे? (ग) क्या सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के खंडवा जिले के तथा सतपुड़ा ताप विद्युत परियोजना के बैतूल जिले के आस-पास के जिलों में उक्त राखड़ के उपभोक्ताओं की सूची उपलब्ध कराएं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में क्रमश: दो एवं छ: इकाइयाँ संचालन में हैं। इन विद्युत गृहों में कोयले की मासिक औसत खपत एवं बनने वाली राख की मासिक औसत मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी से निकली राखड़ के उपयोग हेतु राज्य सरकार द्वारा केन्द्र शासन एवं राज्य शासन के उन सभी विभागों, जहां राखड़ के उपयोग की संभावना होती है, को राखड़ के अधिक से अधिक उपयोग हेतु निर्देशित किया गया है ताकि सड़क निर्माण, ईंट-भट्टे, कषि कार्य, नये सिविल निर्माण आदि में राखड़ का अधिकतम उपयोग हो सके। विद्युत गृह से निकली राखड़ का उपयोग सुनिश्चित करने, इसमें आ रही कठिनाईयों के निराकरण एवं राख के उपयोग की निगरानी करने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 05 जुलाई 2011 से प्रमुख सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा राखड़ के उपयोग से सम्बद्ध संस्थानों, उपक्रमों एवं विभागों को राखड़ के उपयोग हेतु निर्देशित किया गया है एवं इसकी समीक्षा की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खण्डवा एवं उसके आस-पास के जिलों में राखड़ उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इसी प्रकार सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी जिला बैतूल तथा उसके आस-पास के जिलों में राखड़ उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलना
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 6840 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज-71 अन्तर्गत बिजली विभाग द्वारा जले हुए ट्रांसफार्मरों को बदलकर दूसरे ट्रांसफार्मर नहीं लगाये जा रहे हैं, जिससे किसानों की फसल चौपट हो रही है और इन जले हुए ट्रांसफार्मरों से लोगों को लगातार बिजली के बिल दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या जले हुए ट्रांसफार्मर क्षेत्रों में उपभोक्तओं की बिजली के बिल से राहत प्रदान की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में कार्यालय अधीक्षण यंत्री (संचा./संधा.) रीवा एवं कार्यपालन यंत्री (संचा./संधा.), मऊगंज को लिखे गये पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें? नहीं की गई तो क्यों, की जावेगी तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में विधानसभा क्षेत्र के गाँव गौरी, भुवरी, खोड़वानी, ढ़ावा तिवरियान, करकचहा, बराव, भाठी, सेंगर, बरहटा अहिवरन टोला, पकरा, ढडनी, मुदरिया चौवान इत्यादि जले हुए ट्रांसफार्मरों को शीघ्र बदला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? अब तक क्यों नहीं बदले गये? कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) के प्रकाश में इन अनियमितताओं के लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ अब तक क्या कार्यवाही की गई? क्या मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल द्वारा विधानसभा क्षेत्र-71 में जले हुए ट्रांसफार्मरों की समीक्षा कर बदले जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। क्या इन तारीख से प्रश्नकर्ता को अवगत एवं बुलाया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज-71 के अंतर्गत जले/खराब ट्रांसफार्मर को नियमानुसार उनसे संबद्ध 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने पर बदला जा रहा है। साथ ही फेल ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं को यथा संभव वैकल्पिक व्यवस्था कर निकटस्थ दूसरे ट्रांसफार्मर से विद्युत प्रदाय भी उपलब्ध कराया जाता है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार निर्धारित वैधानिक प्रावधानों के अनुसार उपभोक्ताओं को बिल दिये जा रहे हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में कार्यपालन अभियंता (संचालन एवं संधारण) मऊगंज कार्यालय को पत्र प्रेषित किये गये हैं, जिन पर नियमानुसार की गई कार्यवाही का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का पत्र क्र. एवं दिनांक |
विषय |
कार्यवाही विवरण |
1 |
607, |
ग्राम-सहगनकला के फेल ट्रांसफार्मर को बदलने के संबंध में |
दिनांक 14.07.2015 को ग्राम-सहगनकला के 25 के.व्ही.ए. क्षमता के फेल ट्रांसफार्मर को, बकाया राशि जमा होने के उपरांत दिनांक 03.08.15 को बदल दिया गया है। |
क्र. |
माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का पत्र क्र. एवं दिनांक |
विषय |
कार्यवाही विवरण |
2 |
608, |
ग्राम-बरौही पटेलान के फेल ट्रांसफार्मर को बदलने के संबंध में |
दिनांक 28.06.15 को ग्राम-बरौही पटेलान के 25 के.व्ही.ए. के फेल ट्रांसफार्मर को, बकाया राशि जमा होने के उपरांत दिनांक 02.07.15 को बदल दिया गया है। |
उल्लेखनीय है कि माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा चाही गई कार्यवाही पत्र प्राप्ति के पूर्व ही कर दी गई थी। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम-गौरी, भुवरी, खोडवानी, बरांव, भाठी सेंगर, पकरा ढडनी एवं मुदरिया चौवान के जले ट्रांसफार्मरों की नियमानुसार बकाया राशि जमा होने के उपरांत बदल दिया गया है तथा ग्राम-ढावा तिवरियान, करकचहा एवं बरहठा अहिवरन टोला में कोई भी ट्रांसफार्मर फेल नहीं है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। उल्लेखनीय है कि जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने पर नियमानुसार फेल ट्रांसफार्मर बदलने संबंधी कार्यवाही की जाती है। उक्त परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र मऊगंज-71 में फेल ट्रांसफार्मरों को बदलने की समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में फेल ट्रांसफार्मरों को बदलने की समीक्षा/अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
खराब मीटरों को बदलने एवं एवरेज बिलिंग की जानकारी
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 6894 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खराब मीटर, बंद मीटर, जल चुके मीटरों को बदले जाने की क्या समय-सीमा निर्धारित है? ऐसे मीटर धारक उपभोक्ताओं को कितने माह तक एवरेज बिलिंग किय जाने के क्या नियम हैं? प्रति सहित बतावें। (ख) बैतूल एवं विदिशा जिले में 6 माह के किस-किस माह में उपभोक्ताओं को मीटर बंद होने, मीटर खराब होने, मीटर जल जाने के कारण एवरेज बिलिंग की गई? इसमें ऐसे कितने उपभोक्ता हैं जिन्हें तीन माह या उससे अधिक माह से एवरेज बिलिंग की जा रही है? (ग) तीन माह या उससे अधिक माह की एवरेज बिलिंग किय जाने की छूट किस कानून की किस धारा के किस नियम की किस कंडिका में दी गई है? तीन माह या उससे अधिक की बिलिंग के लिये किस अधिकारी की क्या जिम्मेदारी निर्धारित की गई है? (घ) तीन माह या उससे अधिक की एवरेज बिलिंग बंद किये जाने के सम्बन्ध में क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) लोक सेवा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना दिनांक 10.04.2013 के अनुसार खराब/बंद/जले मीटर को बदलने की समय-सीमा, शहरी क्षेत्र हेतु 22 दिवस एवं ग्रामीण क्षेत्र हेतु 37 दिवस निर्धारित की गई है। खराब/बंद/जले मीटर वाले उपभोक्ताओं की औसत बिलिंग मीटर बदलने के माह तक की जाती है। मीटर खराब/बंद/जले होने की स्थिति में औसत बिलिंग हेतु खपत का आंकलन म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंण्डिका क्रमांक 8.35 के अनुसार किया जाता है। लोक सेवा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना दिनांक 10.04.2013 एवं म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.35 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) बैतूल एवं विदिशा जिलों के अंतर्गत विगत 6 माहों में माहवार उपभोक्ताओं के मीटर बंद/खराब होने अथवा जल जाने के कारण की जा रही औसत बिलिंग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। बैतूल जिले में 3484 एवं विदिशा जिले में 3107 उपभोक्ताओं की तीन माह या उससे अधिक अवधि से औसत बिलिंग की जा रही है। (ग) मीटर बंद/खराब/जला होने की स्थिति में औसत बिलिंग म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका क्रमांक 8.35 के प्रावधानों के अनुसार पूर्व तीन मासिक रीडिंग चक्रों के आधार पर ली गई रीडिंग के मासिक औसत के आधार पर की जाती है, जिसमें तीन माह या उससे अधिक की अवधि होने पर औसत बिलिंग बंद किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। तथापि मीटरों की उपलब्धता के आधार पर बंद/खराब/जले मीटर नियमानुसार क्रमश: बदले जा रहे हैं, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मांग संख्या 41 में प्राप्त आवंटन
[महिला एवं बाल विकास]
91. ( क्र. 6901 ) श्री संजय उइके : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग को प्राप्त मांग संख्या 41 में आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की निधि के व्यय हेतु कौन-कौन सा निर्धारित क्षेत्र हैं एवं क्या मापदण्ड हैं? (ख) क्या बालाघाट जिले को वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मांग संख्या 41 में प्राप्त राशि से किन-किन योजना में कितनी-कितनी राशि विकासखण्डवार/विधान सभावार व्यय की गयी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मांग संख्या 41 में आदिवासी क्षेत्र उपयोजना अंर्तगत प्राप्त राशि को आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा निर्धारित आदिवासी क्षेत्रों में विभाग की संचालित योजनाओं के लिये मापदण्ड अनुसार व्यय किया जाता है। मापदंण्ड से संबंधित जानकारी आदिम जाति कल्याण विभाग से संबंधित है। बालाघाट जिले के अर्न्तगत आदिवासी उपयोजना क्षेत्र अर्न्तगत बैहर, बिरसा एवं परसवाड़ा विकासखण्ड आते हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
लिपिक संवर्गों की वेतन विसंगति
[वित्त]
92. ( क्र. 6902 ) श्री संजय उइके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पाण्डेय वेतनमान में निम्न श्रेणी शिक्षक एवं अन्य समकक्ष कर्मचारियों एवं निम्न श्रेणी लिपिकों का वेतनमान समान था? (ख) चौधरी वेतनमान (01-04-1981) पुनरीक्षित (01-01-1986) नवीन पुनरीक्षित (01-01-1986) वेतनमान (01-01-1996) एवं वर्तमान में प्रचलित वेतनमान (01-01-2006) में प्रश्नांश (क) के दोनों पदों के वेतनमान में विसंगति उत्पन्न हो गई है? कारण बतावें। (ग) क्या शासन भविष्य में (01-01-2016) के वेतनमान में लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति का निराकरण करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) यह सही है कि दिनांक 1-4-81,1-1-86, 1-1-96 एवं 1-1-2006 के वेतन पुनरीक्षणों में दोनों पदों के वेतनमान समान नहीं है, परन्तु यह स्थिति विसंगति की श्रेणी में नहीं है। वेतनमानों से संबंधित निर्णय विशेष परिस्थितियों को दृष्टिगत रखा जाकर राज्य शासन द्वारा लिया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवंटित राशि एवं व्यय की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
93. ( क्र. 6921 ) श्री रामपाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग को कार्यालयीन संचालन सहित अन्य कार्यों हेतु राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक शहडोल जिले को विभिन्न मदों से कितनी राशि आवंटित की गई है? प्राप्त आवंटित राशि का व्यय किस-किस कार्य हेतु किया गया है? वर्षवार बताएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) शहडोल जिले को वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों में राशि आवंटित की गई है। आवंटन के विरूद्ध व्यय किये गये राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पोषण आहर का वितरण करने वाली संस्थाएं
[महिला एवं बाल विकास]
94. ( क्र. 6930 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी आंगनवाडि़यां हैं तथा इनमें पोषण आहार का वितरण किस संस्था के द्वारा किया जाता है? (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 3 वर्षों में पोषण आहार वितरण करने पर कितने राशि का भुगतान किस-किस संस्था को किया गया? (ग) क्या वितरण करने वाली संस्थाओं में संदर्भ में बड़नगर विधानसभा से शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या और अभी तक उस पर क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ियों की संख्या निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
बाल विकास परियोजना का नाम |
आंगनवाड़ियों की कुल संख्या |
1. |
बड़नगर-1 |
195 |
2. |
बड़नगर-2 |
148 |
|
कुल |
343 |
विभाग के निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से संचालित की जाती है। (ख) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। बाल विकास परियोजना बड़नगर-1 एवं बड़नगर-2 अंतर्गत कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायिका पद की नियुक्ति की अर्हता
[महिला एवं बाल विकास]
95. ( क्र. 6940 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्रों में सहायिका पद की नियुक्ति हेतु क्या-क्या अर्हता है? तलाकशुदा आवेदिकाओं के लिए प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए सक्षम अधिकारी कौन होगें? पदनाम बताएं। (ख) क्या शाजापुर जिले के शुजालपुर एवं कालापीपल ब्लाक में वर्ष 2015 एवं 2016 में चयन प्रक्रिया में गलत चयन को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो तकालशुदा आवेदिकाओं के चयन प्रक्रिया में गलत चयन की शिकायतें कहाँ-कहाँ के आंगनवाड़ी केन्द्रों की प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायतों का क्या नियमानुसार निराकरण कर दिया गया है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग के ज्ञाप क्रमांक/एफ-3-2/06/50-2 भोपाल दिनांक 10/07/2007 के अनुसार आंगनवाड़ी सहायिका की नियुक्ति हेतु अर्हताएं संलग्न परिशिष्ट पर है। तलाकशुदा आवेदिकाओं के संबंध में सक्षम न्यायालय द्वारा पारित आदेश मान्य किया जाता है। विभिन्न धर्मों/समुदायों में तलाक प्रक्रिया भिन्न-भिन्न होने से सक्षम अधिकारी विशेष के पदनाम का उल्लेख किया जाना संभव नहीं है। (ख) शाजापुर जिले के शुजालपुर एवं कालापीपल ब्लॉक में वर्ष 2015 एवं वर्ष 2016 में गलत चयन के संबंध में प्राप्त शिकायातों की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक होने से अन्य कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
ग्रामों में 24 घंटे विद्युत सुविधा
[ऊर्जा]
96. ( क्र. 6943 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के प्रत्येक ग्राम/फलिये तक 24 घण्टे विद्युत सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु अटल ज्योति योजना अंतर्गत सर्वे करवाकर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो 24 घण्टे विद्युत सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु चिन्हित किये गये ग्रामों में धार जिले में किन-किन ग्राम/फलियों को शामिल किया गया है तथा कहाँ पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? किन ग्रामों में कार्य प्रारंभ होना शेष है? विद्युत सुविधा से वंचित ग्रामों में कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अटल ज्योति योजना, कोई योजना नहीं अपितु एक अभियान था जिसके अंतर्गत प्रदेश के राजस्व ग्रामों के मुख्य आबाद क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं सहित प्रदेश के सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना है। उक्तानुसार 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु विद्यमान अधोसंरचना से यदि ग्राम के साथ कोई मजरा/टोला भी संयोजित है, तो उसे भी 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना है। उक्त अभियान के तहत कोई भी विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जाना प्रस्तावित नहीं था। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) धार जिले के अंतर्गत 24 घंटे विद्युत सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु चिन्हित किये गये 213 राजस्व ग्रामों व 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले कुल 2454 फलियों/मजरों को राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना/दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में शामिल किया गया है। इनमें से 213 राजस्व ग्रामों व 763 फलियों/मजरों में कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित कर प्रारंभ कर दिया गया है, जिनकी सूची क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। किसी भी राजस्व ग्राम में कार्य प्रारंभ होना शेष नहीं है। शेष 1691 फलियों/मजरों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत शामिल किया गया है। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स युबिटेक प्रायवेट लिमिटेड फरीदाबाद को दिनांक 21.01.2017 को अवार्ड जारी किया गया है तथा कार्य पूर्णता की समयावधि 21.01.2019 तक है। उक्त 1691 फलियों/मजरों में कार्य प्रारंभ होना शेष है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
MPPSC द्वारा चयनित डिप्टी कलेक्टर्स
[सामान्य प्रशासन]
97. ( क्र. 6950 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2011 बैच के डिप्टी कलेक्टर्स जिनका चयन MPPSC द्वारा किया गया का अंतिम परिणाम MPPSC द्वारा किस तिथि में घोषित किया गया तथा चयनित डिप्टी कलेक्टर्स की सूची उपलब्ध कराएं। (ख) विषयांकित डिप्टी कलेक्टर्स की प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं कितने समय तक संधारित रखी गयीं तथा उन्हें कब नष्ट किया गया? क्या विषयांकित चयनित डिप्टी कलेक्टर्स की उत्तर पुस्तिकाओं को सार्वजनिक होने से बचाने के लिए ही उत्तर पुस्तिकाओं को संधारित करने की अवधि में 2011 में ही परिवर्तन कर तीन माह कर दी गयी? यदि नहीं, तो ऐसा करने का कारण स्पष्ट करें? (ग दिनांक 27.09.2011 तथा दिनांक 19.10.2011 की बैठक में लिये गये निर्णय प्रोस्पेक्टिव (Prospective) है या रेट्रास्पेक्टिव (Retrospective) है? प्रस्तावों तथा लिये गये निर्णयों तथा निर्णयों के क्रियान्वयन संबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध करायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अंतिम परिणाम दिनांक 28.10.2010 को घोषित किया गया। चयन सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रारंभिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं एक वर्ष एक माह तक संधारित की गई। तत्पश्चात् दिनांक 16.12.2011 को नष्ट की गई। जी नहीं, आयोग के निर्णय अनुसार विनिष्टीकरण की कार्यवाही की गई जो कि कार्यालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत निरंतर की जाने वाली कार्यवाही है। (ग) प्रोस्पेक्टिव है। प्रस्ताव एवं निर्णय की प्रतियां तथा उनके क्रियान्वयन संबंधी आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब' अनुसार।
सिंचाई सुविधा हेतु नहरों का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
98. ( क्र. 6955 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा नर्मदा नदी से जुड़े और भी कई ग्रामों को नहर से जोड़कर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने की योजना बनाकर सर्वे एवं नहर निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो नहर के माध्यम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु चिन्हित किये गये ग्रामों में धार जिले के किन-किन ग्रामों को नहर से जोड़ने की योजना में शामिल किया गया है तथा कहाँ-कहाँ पर सर्वे एवं नहर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? (ग) किन ग्रामों में कार्य प्रारंभ होना शेष है? धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के नर्मदा नहर की सिंचाई सुविधा से वंचित ग्रामों में कब तक सर्वे एवं नहर निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्लेखित जिन ग्रामों में नहर निर्माण अप्रारंभ है, उनमें निर्माण वर्ष 2017-18 में प्रारंभ करने का लक्ष्य है।
ओवर लोड एवं खराब ट्रांसफार्मर बदले जाना
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 6967 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर एवं गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में ट्रांसफार्मर ओवर लोड हैं? विधान सभावार जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या ओवर लोड के कारण ट्रांसफार्मर खराब होते हैं, कितने ग्रामों के टांसफार्मर ओवर लोड के कारण जल कर खराब होते हैं? किन-किन ग्रामों में ट्रांसफार्मर कब से खराब पड़े हैं, जानकारी ट्रांसफार्मरवार प्रदान करें। (ग) कितने ग्रामों के ट्रांसफार्मर चोरी हुए हैं? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। खराब ट्रांसफार्मर कब तक बदल दिए जावेंगे? (घ) कितने सब-स्टेशन ओवर लोड चल रहे हैं? क्या ओवर लोड सब-स्टेशनों को अपग्रेड या नई सब-स्टेशन बनाने की कोई योजनाएं हैं? अगर हाँ, तो जानकारी प्रदान करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) वर्तमान में अस्थाई कनेक्शनों का भार बढ़ने के कारण नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में 30 ट्रांसफार्मर एवं गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र में 23 ट्रांसफार्मर अतिभारित है, जिनकी विधानसभा क्षेत्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में माह फरवरी तक कोई भी ट्रांसफार्मर ओवर लोड के कारण फेल नहीं हुआ है। दिनांक 9.3.17 की स्थिति में नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र एवं गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अन्य कारणों से 19 ट्रांसफार्मर फेल हैं। जिनकी ग्रामवार, क्षमतावार फेल होने की दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। उक्त ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान नहीं किये जाने के कारण इन्हें बदला नहीं जा सका है। (ग) वर्ष 2016-17 में दिनांक 9.3.17 तक प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत 13 ट्रांसफार्मर चोरी हुए हैं जिनकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। चोरी हुये उक्त वितरण ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र के फेल ट्रांसफार्मर उनसे संबद्ध 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 40 प्रतिशत जमा होने के उपरांत बदले/स्थापित किये जा सकेंगे। (घ) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र एवं गोटेगाँव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 220, 132 तथा 33 के.व्ही. उपकेन्द्रों में से कोई भी उपकेन्द्र वर्तमान में ओवर लोड नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
पर्यटन विभाग द्वारा प्रदत्त मोटर बोट
[पर्यटन]
100. ( क्र. 6969 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2013 के पश्चात उज्जैन संभाग में कहाँ-कहाँ किन-किन संस्थाओं को किन-किन शर्तों नियमों नीति पर कितनी-कितनी मोटर-बोट (पेडल एवं पम्प) उपलब्ध कराई गई थी? इनमें कितनी मोटर बोट कहाँ-कहाँ संचालित हो रही हैं? (ख) उपरोक्त मोटर बोट के संचालन कराये जाने की क्या नीति अपनाई गयी? क्या संचालन के लिए लायसेंस आवश्यक है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त अवधि में कहाँ-कहाँ के लिए कितने लायसेंस प्रदान किये गए तथा कितने स्थल के लायसेंस किस कारण से प्रदान नहीं किये गये? (ग) क्या मंदसौर शहर को भी दो मोटर बोट प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो कब? क्या प्रदत्त मोटर बोट का संचालन हुआ? यदि हाँ, तो संचालित करने वाली संस्था, व्यक्ति के नाम सहित जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्ष 2013 के पश्चात क्षिप्रा नदी उज्जैन के रामघाट पर नावों का संचालन करने के लिये निविदा प्रक्रिया अपनायी गयी थी। पूर्व में लायसेंस देने की प्रक्रिया प्रचलन में नहीं थी। नवीन पर्यटन नीति-2016 के अंतर्गत जल क्षेत्रों में नाव आदि को लायसेंस प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था
[पर्यटन]
101. ( क्र. 6971 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर-उज्जैन संभाग के विभन्न पर्यटन स्थलों पर 1 जनवरी 2015 के पश्चात विभिन्न कारणों से कितनी मृत्यु कहाँ-कहाँ हुई? व्यक्ति, स्थल के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त पर्यटन स्थल की सुरक्षा को लेकर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या युवाओं में बढ़ते सेल्फी क्रेज के बाद पर्यटन स्थल के निश्चित बिन्दुओं पर फोटोग्राफी प्रतिबन्धित की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उज्जैन, इंदौर संभाग के कौन-कौन से पर्यटन स्थल को विभाग सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक मानता है? क्या यहाँ वर्षभर सुरक्षा कर्मचारी की नियुक्ति विभाग द्वारा की गई है? प्रदेश में छोटे-छोटे पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने हेतु विभाग की क्या नीति है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) इन्दौर-उज्जैन संभाग के पर्यटन स्थलों पर 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न कारणों से खरगोन जिले में 14, इन्दौर जिले में 13, खण्डवा जिले में 29, उज्जैन जिले में 61 एवं बुरहानपुर जिले में 2 लोगों की मृत्यु हुई। इन जिलों के पर्यटक स्थलों के नाम एवं मृतकों के नाम का पृथक-पृथक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पर्यटन स्थलों पर नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था स्थानीय प्रशासन द्वारा स्थानीय आवश्यकता अनुसार की जाती है। फोटोग्राफी/सेल्फी इत्यादि पर प्रतिबंध के संबंध में भी स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जाता है। (ग) पर्यटन नीति के अंतर्गत सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक स्थलों का किसी पर्यटन स्थल सूचीबद्ध करने का कोई प्रावधान नहीं है। स्थानीय प्रशासन सुरक्षा की दृष्टि से पर्यटन स्थलों पर आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध कराता है। प्रदेश के विकास के लिए नवीन पर्यटन नीति 2016 प्रभावशील है।
ट्रांसफार्मर परिवहन पर खर्च की जानकारी
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 6980 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड क्षेत्र संभाग शुजालपुर में अक्टूबर 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने फेल ट्रांसफार्मर बदले गये, वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें? (ख) संचालन-संधारण संभाग शुजालपुर के अन्तर्गत फेल ट्रांसफार्मरों को शुजालपुर संभागीय मुख्यालय से स्थापित लोकेशन तक परिवहन कर लाने व ले जाने का कार्य विद्युत कंपनी का है या उपभोक्ता का? यदि कंपनी का है, तो उपलब्ध वाहन द्वारा माह के दौरान समस्त कार्यों हेतु किया गया चालन पर माह अप्रैल-2016 से फरवरी-2017 तक कितना व्यय किया गया? राशि बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खर्च यदि कम्पनी का है, तो फिर उपभोक्ताओं से क्यों परिवहन करवाया जाता है? क्या जाँच कराकर उपभोक्ताओं को परिवहन का खर्च दिलवाया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अंतर्गत संचालन एवं संधारण संभाग, शुजालपुर में माह अक्टूबर-2016 से फरवरी-2017 तक फेल हुए कुल 771 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 737 वितरण ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं, जिनकी वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संचालन एवं संधारण संभाग, शुजालपुर के अंतर्गत फेल वितरण ट्रांसफार्मरों को शुजालपुर संभागीय मुख्यालय से ट्रांसफार्मर की स्थापना की लोकेशन तक परिवहन कर लाने ले जाने का कार्य म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर का है, उपभोक्ता का नहीं। माह अप्रैल-2016 से माह फरवरी-2017 तक समस्त परिवहन कार्यों में संलग्न म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के वाहनों पर कंपनी द्वारा कुल राशि रू. 8.91 लाख का व्यय किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित खर्च पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ही वहन किया गया है। तथापि रबी सीजन में कतिपय प्रकरणों में संबंधित कृषकों द्वारा सिंचाई की आवश्यकता के दृष्टिगत फेल ट्रांसफार्मर रबी सीजन हेतु निर्धारित समयावधि 72 घंटे से पूर्व बदलवाने के लिये वितरण कंपनी के संसाधनों का उपयोग न करते हुए स्वेच्छा से, लाईन कर्मचारी के माध्यम से स्वयं के वाहन से परिवहन किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी प्रकार की जाँच कराए जाने अथवा परिवहन खर्च का भुगतान उपभोक्ता को करने का प्रश्न नहीं उठता।
निर्धारित मापदण्ड के विपरीत शासन की राशि का दुरूपयोग
[संस्कृति]
103. ( क्र. 7012 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के विभाग, निगम, मण्डल व बोर्ड के अधिकारियों तथा कर्मचारियों सहित अध्यक्ष/चैयरमेन और विभागीय मंत्री जी के विदेश दौरे किए जाने के कोई मापदण्ड निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि वर्ष २०१२ से २०१६ की अवधि में मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी के किन-किन अधिकारियों, कर्मचारियों व माननीय मंत्री जी द्वारा कब-कब किन-किन उद्देश्य के चलते कितनी-कितनी राशि व्यय कर विदेश यात्राएं की गई? नाम व पद सहित यह अवगत करावें कि जिन उद्देश्य के चलते विदेश यात्राएं की गईं, उससे विभाग को कब-कब क्या-क्या लाभ हुआ वर्षवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्ररिप्रेक्ष्य में निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति हेतु कौन-कौन से दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने होते हैं और विदेश यात्रा करने वाले किन-किन के द्वारा कौन-कौन से दस्तावेज प्रस्तुत किए गए तथा किस आधार पर शासन द्वारा अनुमति दी गई? क्या अधिक राशि व्यय करने वालों के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही करते हुए शासन की राशि की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उत्तरदायित्वों का निर्वहन न करने वालों पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
104. ( क्र. 7018 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में हो रहे अवैध शराब की बिक्री में रोक हेतु शासन के क्या नीति, नियम एवं निर्देश हैं। क्या नियम एवं नीतियों का पालन रीवा जिले में किया जा रहा है। यदि हाँ, तो बतावें, अगर नहीं, तो रीवा जिले में हो रहे अवैध शराब एवं मादक पदार्थों के बिक्री के लिये कौन-कौन जवाबदार हैं? विगत एक वर्ष में जवाबदारों के ऊपर अपने दायित्वों के निर्वहन न करने पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मान. उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में राष्ट्रीय राजमार्ग पर संचालित शराब की कितनी दुकाने हैं? उनके हटाने/जगह परिवर्तन बाबत् कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही की हैं? इन दुकानों को कब हटाया गया? अगर नहीं हटाया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक में रीवा जिले में कहाँ-कहाँ अवैध शराब के विक्रय भण्डारण पर आबकारी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किये गये का विवरण देवें? इनमें से कितने प्रकरणों का मान. न्यायालय में प्रस्तुत किया गया तथा किन-किन प्रकरणों में कितनी राशि का अर्थदण्ड न्यायालय द्वारा आरोपित किया गया? बतावें। (घ) रीवा जिले के गाँव-गाँव में बिक रही अवैध शराब/मादक पदार्थों के बिक्री के लिये संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई। अवैध बिक्री एवं भण्डारण के रोकने बाबत् शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? अगर नहीं, तो क्यों? जिले में अवैध रूप से हो रहे शराब एवं मादक पदार्थों की बिक्री न रोक पाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत अवैध शराब का विक्रय, भण्डारण, परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण रखे जाने हेतु अधिनियम की धारा 34 (1) (2) धारा 36, धारा 54 एवं धारा 49 में प्रावधानित है। इसका जिला रीवा में भी पालन किया जाता है। अधिनियम के अन्तर्गत अवैध शराब का विक्रय करने वाले व्यक्ति उक्त कृत्य के लिये स्वयं जिम्मेदार होते हैं, जिनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला रीवा के राष्ट्रीय राजमार्ग पर 31 मदिरा दुकानें संचालित हैं। इन दुकानों को माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार राष्ट्रीय राजमार्ग से 100 मीटर दूरी पर स्थापित कर संचालित किया जाना था। उक्त दुकानें वर्तमान में 100 मीटर से अधिक दूरी पर संचालित हैं। मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 55 दिनांक 06 फरवरी 2015 अनुसार नगर निगम, नगरपालिका तथा नगर पंचायत की परिसीमा में स्थित दुकानों पर 100 मीटर दूरी के आदेश से छूट प्रदान की गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में रीवा जिले में अवैध शराब का विक्रय, भण्डारण पर आबकारी एक्ट के तहत 738 प्रकरण दर्ज किये गये/माननीय न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरणों/माननीय न्यायालय द्वारा अर्थदण्ड की जानकारी क्रमश: विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो, तीन एवं चार अनुसार है। (घ) रीवा जिले के आबकारी दलों द्वारा अवैध शराब/मादक पदार्थों के बिक्री करने वाले अपराधियों के विरूद्ध विधिवत् कार्यवाही कर 738 प्रकरण बनाये गये हैं। आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक 6-ब/अप./2016-17/248 दिनांक 29.07.2016 के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में दिनांक 01.08.2016 से 15.08.2016 तक की अवधि में शराब के अवैध निर्माण, परिवहन, विक्रय धारण आदि गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से विशेष अभियान चलाकर कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये गये थे, जो निरंतर रीवा जिले में भी है। इस प्रकार अवैध शराब एवं मादक पदार्थों की बिक्री पर प्रभावी नियंत्रण रखा जाता है। अतएव कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना
[महिला एवं बाल विकास]
105. ( क्र. 7031 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी २०१४ से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा संचालित इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना का लाभ अनूपपुर जिले में कितने हितग्राहियों को प्रदान किया जा चुका है? विधानसभा क्षेत्रवार हितग्राहियों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभाग द्वारा इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना का लाभ शासन द्वारा जारी नियमावली के आधार पर हितग्राहियों को समय-सीमा में प्रदान किया जा रहा है? अगर नहीं, तो कारण बतायें? (ग) क्या विभाग द्वारा इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना में हितग्राहियों को लाभांवित करने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा जिन हितग्राहियों को योजना के अंतर्गत लाभांवित किया गया है? क्या उन हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को प्रदान की जा चुकी है? (घ) अगर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को प्रोत्साहन राशि अभी तक प्रदान नहीं की गई है? इसका कारण बतायें। साथ ही यह भी बतायें कि कब तक उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान कर दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) इन्दिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना अनूपपुर जिले में संचालित नहीं है। अतः हितग्राहियों की संख्या दिये जाने का प्रश्न ही नहीं हैं। (ख) जी हाँ। प्रदेश के 2 जिले सागर एवं छिंदवाड़ा में योजना का लाभ शासन द्वारा जारी नियमावली के आधार पर हितग्राहियों को समय-सीमा में प्रदान किया जा रहा हैI (ग) जी हाँ, विभाग द्वारा इन्दिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना में एक हितग्राही को संपूर्ण राशि मिलने के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 200/- रूपये एवं सहायिका को 100/- रूपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। अनूपपुर जिले में इन्दिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना संचालित नहीं है। शेष का प्रश्न ही नहीं है। (घ) इन्दिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना अनूपपुर जिले में संचालित नहीं है। शेष का प्रश्न ही नहीं है।
स्थायी कनेक्शन के संबंध में
[ऊर्जा]
106. ( क्र. 7044 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा के विद्युत केन्द्र ढेरा में श्री राजीव लोचन मिश्र ग्राम डिघौल के घरेलू कनेक्शन क्रमांक ५३४७११-७१-६-९०७७१९४ बिल क्रमांक २२५८४२ बिल राशि रूपये २२५८४.०० रूपये दिनांक १३.१२.२०१६ को जमा कर स्थायी कनेक्शन विच्छेद करने हेतु आवेदन/शपथ-पत्र दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित सर्विस कनेक्शन को क्या स्थायी कनेक्शन विच्छेद किया गया? यदि हाँ, तो किस दिनांक को यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। (ग) उपभोक्ताओं के स्थायी कनेक्शन विच्छेद आवेदन के बाद भी कनेक्शन विच्छेद न कर लगातार बिल देना उपभोक्ता को परेशान करने की श्रेणी में आता है? इस परिप्रेक्ष्य में कौन दोषी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, रीवा जिले के विद्युत वितरण केन्द्र ढेरा के अंतर्गत श्री राजीव लोचन मिश्र ग्राम डिघौल के घरेलू कनेक्शन क्रमांक 534711-71-6-9077194 के बिल की राशि रू. 22584 दिनांक 13.12.2016 को जमा की गई थी तथा दिनांक 26.12.2016 को उक्त उपभोक्ता ने कनेक्शन विच्छेदित किये जाने हेतु आवेदन पत्र दिया था। (ख) उक्त सर्विस कनेक्शन दिनांक 30.12.2016 को स्थाई रूप से विच्छेदित कर दिया गया था। (ग) प्रश्नाधीन कनेक्शन दिनांक 30.12.2016 को विच्छेदित कर दिया गया था तथा त्रुटिवश बिलिंग प्रणाली में कनेक्शन का स्थाई विच्छेदन दर्ज नहीं होने के कारण बिल जारी होता रहा, जिसे त्रुटि सुधार कर दिनांक 05.03.2017 को वापस ले लिया गया है। तथापि प्रकरण की जाँच कर दोषी के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों की राशि ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
107. ( क्र. 7062 ) पं. रमेश दुबे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले के विकासखण्ड बिछुआ में विगत २ वर्षों में किस-किस मद से कहाँ-कहाँ पर आंगनवाड़ी भवन कितनी-कितनी राशि से स्वीकृत किये गये हैं? निर्माण एजेंसी कौन है? स्वीकृति आदेश की प्रति सहित जानकारी दें? (ख) इन स्वीकृत भवनों में से कौन-कौन से भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? कहाँ-कहाँ पर निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, तो क्यों? कहाँ-कहाँ पर निर्माण कार्य अधूरा है? अपूर्ण निर्माणाधीन भवनों की प्रगति एवं जिन भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, उन भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होने के कारण स्पष्ट करते हुए यह बतावें कि कब तक इन भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा? (ग) क्या विकासखण्ड बिछुआ के ग्राम पंचायत पानाथावडीमाल, उल्हावाडी, सुरंगी, मोया, करेल, खैरीमाली, गोनी, लोहारबतरी में कुल १२ आगंनवाडी केन्द्र के भवन स्वीकृत है किंतु निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध नहीं कराने के कारण निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है? (घ) यदि हाँ, तो इन स्वीकृत भवनों के निर्माण की राशि किसके पास है? ग्राम पंचायतों को अभी तक उपलब्ध नहीं कराने के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं? क्या शासन जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही तथा ग्राम पंचायतों को राशि अविलंब उपलब्ध कराकर निर्माण कार्य प्रारंभ कराने का आदेश देगा? नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड बिछुआ अंतर्गत विगत 02 वर्षों में स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) विकासखंड बिछुआ अंतर्गत स्वीकृत 43 आंगनवाड़ी भवनों में से 04 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, 11 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन है, शेष 28 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य अप्रारंभ हैं, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराया जाता हैं। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं हैं। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुरूप स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों की राशि संचालनालय, पंचायतराज भोपाल के पास उपलब्ध हैं। संचालनालय, पंचायतराज भोपाल द्वारा स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों की राशि का ई-पेमेंट तत्समय तकनीकी खामी के कारण विफल हो गया था। इस संबंध में संचालनालय, पंचायतराज भोपाल द्वारा उल्लेखित तकनीकी खामी को दूर करते हुए कोषालय के माध्यम से ई-पेमेंट द्वारा ग्राम पंचायतों के खातों में राशि पुनः जमा की गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
108. ( क्र. 7063 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के किन-किन के अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण किस-किस स्तर पर कब से किन कारणों से किस लिए लंबित हैं? (ख) छिंदवाड़ा जिले में कुल कितने पद कब से रिक्त हैं? विभागवार जानकारी देते हुए यह बतावें कि पद रिक्त होने के पश्चात भी रिक्त पदों पर समय पर अनुकंपा नियुक्तियां प्रदान नहीं करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या शासन छिंदवाड़ा जिले के अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों की समीक्षा कर एक निश्चित समय-सीमा में रिक्त पदों पर अनुकंपा नियुक्तियां प्रदान करने का आदेश प्रसारित करेगा तथा साथ ही इन लंबित प्रकरणों में समय पर नियुक्तियां की जा रही हैं या नहीं, की मॉनिटरिंग करने के निर्देश देगा? नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। जिन संवर्गों में पद रिक्त हैं, उन संवर्गों के आवेदन पत्र प्राप्त नहीं होने से नियुक्ति नहीं की गई। (ग) अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों की नियमित मॉनिटरिंग जिला स्तर पर की जा रही है, संवर्गवार रिक्त पदों के लिये आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में ही अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा सकती है। शेषाश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ल्ड क्लास सर्विस प्रोवाइडर को दिये ठेके
[ऊर्जा]
109. ( क्र. 7072 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी भोपाल द्वारा वर्ल्ड क्लास सर्विस प्रोवाइडर को कितने समय का ठेका, कितनी राशि का दिया है? इसमें कौन-कौन से जिले शामिल हैं? जिलों के नाम, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त कंपनी द्वारा ट्रांसफार्मर उतारना, लाइन उखाड़ना, जोड़ना तथा नगरों, कस्बों में मीटर रीडिंग का कार्य किया गया? इन कार्यों की कितनी शिकायतें विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त हुई है? (ग) क्या उक्त ठेकेदार कंपनी द्वारा जो मीटर रीडिंग हेतु युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है, उनसे पैसे लिये जा रहे हैं तथा उन्हें विभाग में स्थाई नौकरी का आश्वासन दिया जा रहा है? इस अनियमितता के लिये कौन दोषी है? उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चयनित सेवाप्रदाता मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड को 2 वर्ष का ठेका दिया गया है तथा अनुबंध की शर्तों में 1 वर्ष के लिए अवधि विस्तार का प्रावधान है। उक्त ठेके के संबंध में चाही गई प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) सेवाप्रदाता कंपनी मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस प्रायवेट लिमिटेड द्वारा उपलब्ध कराये गये मानव बल से अनुबंध अनुसार कार्य कराए गए हैं, जिनमें मुख्यत: 33/11 के.व्ही. सब-स्टेशन के संचालन एवं संधारण के कार्य, मीटर रीडिंग, 11 के.व्ही. एवं एल.टी.लाईन के संचालन एवं संधारण से जुड़े कार्य जिनमें प्रश्नाधीन उल्लेखित कार्य भी सम्मिलित हैं, कम्प्यूटर पर किये जाने वाले कार्य, सुरक्षा एवं हाऊस कीपिंग से संबंधित कार्य आदि सम्मिलित हैं। सेवाप्रदाता कंपनी मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विस प्रायवेट लिमिटेड द्वारा रखे गये श्रमिकों के विरूद्ध विभिन्न कार्यालयों में 10 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिन पर नियमानुसार कार्यवाही की गई है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
माईनर एवं सब-माईनर नहरों की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
110. ( क्र. 7079 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक रानी आवंति बाई बांई तट नहर अंतर्गत पाटन, मझोली, शहपुरा तहसील की कौन-कौन सी माईनर एवं सब-माईनर नहरों की मरम्मत एवं सफाई कार्य हेतु J.C.B. मशीनों का कहाँ-कहाँ पर कब-कब कितनी राशि खर्च कर उपयोग किया गया? (ख) क्या रानी आवंति बाई लोधी सागर बांई तट नहर योजना अंतर्गत पाटन एवं शहपुरा तहसीलों की माईनर एवं सब-माईनर नहरों की लाईनिंग का कार्य लगभग १०० करोड़ की लागत से कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उपरोक्त निर्माण कार्यों का अनुबंध कब किस निर्माण एजेंसी से कितनी राशि का किया गया तथा अनुबंध की शर्तों के अधीन उपरोक्त निर्माण कार्य कब पूरे होने हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित माईनिंग कार्य हेतु प्राक्कलन अनुसार किस-किस निर्माण सामग्री का किस मात्रा में प्रयोग किया जाना है? यह भी बतलावें की प्राक्कलन अनुसार C.C. के पहले किस स्तर की कितनी मोटी मुरम की पर्त बनाई जानी है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संबंध में उल्लेखित निर्माण कार्य हेतु प्रश्न दिनांक तक किस-किस निर्माण कार्यों में कितना भुगतान किया गया? इन कार्यों की गुणवत्ता परीक्षण कब किसके द्वारा किया गया तथा (क) अवधि में गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्यों की कितनी शिकायतें शासन स्तर पर प्राप्त हुईं एवं प्राप्त शिकायतों पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। रूपये 40.01 करोड़ के कार्य प्रगति पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन लाईनिंग कार्य के लिये 32 निर्माण एजेन्सियों से अनुबंध किए गए है। लाईनिंग कार्य के लिए विभिन्न अनुबंधों में अनुबंधित अनुमानित सामग्री यथा सीमेन्ट, रेत, गिट्टी, पानी एवं एल.डी.पी.ई. फिल्म आदि की मात्राओं की जानकारी एकीकृत कर संधारित करने की व्यवस्था नहीं है। लाईनिंग के लिए सी.एन.एस. की मोटाई आवश्यकतानुसार भिन्न-भिन्न स्थानों पर 30 सेंटीमीटर से 60 सेंटीमीटर तक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। प्राप्त शिकायत में तथ्यों का उल्लेख न होने के कारण शिकायत नस्तीबद्ध की गई है।
अस्थायी विद्युत कनेक्शन की जानकारी
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 7090 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा रिहायशी भवनों के निर्माण अथवा अन्य प्रयोजनों के विद्युत के अस्थायी कनेक्शन दिए जाते हैं? यदि हाँ, तो भवन निर्माण के लिए अस्थायी विद्युत कनेक्शन की कितनी राशि जमा कराने का प्रावधान है? (ख) क्या भवन निर्माण के लिए दिए गए अस्थायी विद्युत कनेक्शनों से बिल की राशि फिक्स रूप से वसूली जाती है या मीटर रीडिंग के मान से? प्रति यूनिट कितनी राशि तय की गई है? (ग) सीहोर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में भवन निर्माण हेतु कितने अस्थायी विद्युत कनेक्शन प्रदान किए गए हैं? विगत 2 वर्ष का ब्यौरा माहवार प्रदान करें। (घ) सीहोर शहर में घरेलू अस्थायी विद्युत कनेक्शनों को स्थायी किए जाने के प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो क्यों? विगत 2 वर्ष का ब्यौरा दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। भवन निर्माण हेतु अस्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने के लिए म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश दिनांक 5 अप्रैल, 2016 में अस्थाई कनेक्शन हेतु प्रयोज्य दर एल.वी. 1.2 (i) अनुसार ऊर्जा प्रभार, मीटर किराया एवं नियमानुसार विद्युत शुल्क को समाहित कर अस्थाई विद्युत कनेक्शन की राशि आवेदक से जमा कराने का प्रावधान है। आवेदक द्वारा चाहे गये भार एवं प्रतिदिन उपयोग अवधि अनुसार उक्त प्रभारों को सम्मिलित करते हुए प्राक्कलित देयक राशि का, अस्थाई संयोजन को जोड़ने के पूर्व अग्रिम रूप से आवेदक को भुगतान करना होता है। अस्थाई संयोजन के विच्छेदन के समय इस राशि को अंतिम देयक में समायोजित किया जाता है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश दिनांक 5 अप्रैल, 2016 में भवन निर्माण के लिये अस्थाई कनेक्शन हेतु प्रयोज्य दर एल.वी. 1.2 (i), मीटर किराया एवं विद्युत प्रभार हेतु निम्नानुसार राशि जमा कराने के प्रावधान है :-
अस्थाई/वितरण ट्रांसफार्मर मीटरीकृत संयोजन |
ऊर्जा प्रभार (पैसे प्रति यूनिट) शहरी क्षेत्र/ग्रामीण क्षेत्र) |
मासिक
स्थाई
प्रभार |
अन्य प्रभार |
||
शहरी |
ग्रामीण |
मीटर किराया |
विद्युत शुल्क (प्रतिमाह उपयोग की गई विद्युत के ऊर्जा प्रभार की राशि का प्रतिशत) |
||
स्वयं के गृह निर्माण हेतु अस्थाई संयोजन (अधिकतम एक वर्ष की अवधि हेतु) |
790 |
प्रत्येक एक किलोवाट के स्वीकृत, संयोजित या अभिलिखित भार, इनमें से जो भी सर्वाधिक हो, के लिए रू. 370 |
प्रत्येक एक किलोवाट के स्वीकृत, संयोजित या अभिलिखित भार, इनमें से जो भी सर्वाधिक हो, के लिए रू. 285 |
सिंगल फेस-रू. 10 थ्री फेस-रू. 25 |
100 यूनिट तक 9%100 यूनिट से अधिक 12% |
अस्थाई संयोजन के लिये, ऊर्जा प्रभारों हेतु रू. 1000/- प्रति संयोजन प्रति माह के न्यूनतम प्रभार लागू होंगे तथा झुग्गी-झोपड़ी समूहों हेतु वितरण ट्रांसफार्मर मीटर द्वारा विद्युत प्रदाय हेतु कोई भी न्यूनतम प्रभार लागू नहीं होंगे। (ग) सीहोर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में भवन निर्माण हेतु विगत 2 वर्षों में कुल 461 अस्थाई संयोजन प्रदान किये गये हैं, जिनका माहवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन उपयोग हेतु दिये गये अस्थाई विद्युत कनेक्शन को विच्छेदन करने के उपरान्त नियमानुसार आवश्यक अधोसंरचना उपलब्ध होने एवं आवेदन प्राप्त होने पर स्थाई घरेलू कनेक्शन दिया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में सीहोर शहर में स्थाई घरेलू कनेक्शन हेतु कोई भी आवेदन लंबित नहीं है।
हिंसा पीड़ित महिलाओं को संरक्षण
[महिला एवं बाल विकास]
112. ( क्र. 7091 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा संचालित महिला सशक्तिकरण योजना में वन स्टॉप सेक्टर व ऊषा किरण योजना के तहत महिलाओं को क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की जाती हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या हिंसा पीड़ित महिलाओं को भी सुविधाएं प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान भोपाल एवं सीहोर जिले में कितनी महिलाओं को लाभ दिया गया वर्षवार जिलेवार ब्यौरा दें? (ग) क्या महिला हिंसा को लेकर शासन और केंद्र शासन द्वारा किसी प्रकार का सर्वे कराया गया है? यदि हाँ, तो कब और किस संस्था से सर्वे किया गया और उसके परिणाम क्या रहे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) योजना अंतर्गत समस्त प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को आश्रय, चिकित्सा सुविधा, पुलिस सहायता एवं कानूनी परामर्श तथा पुनर्वास की सुविधायें उपलब्ध करवायी जायेंगी। (ख) हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराधों की जानकारी म.प्र. पुलिस विभाग की वेबसाइट mppolice.gov.in पर उपलब्ध होने से।
अधूरे संधारण कार्यों की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
113. ( क्र. 7103 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्र.क्र. 1588 दिनांक 06.12.16 के (क) उत्तर में वर्णित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) व (ब) में संधारण के अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होगें? (ख) क्या कारण है कि भोपाल की फर्म द्वारा 21 में से 17 संधारण कार्य ही करवाये गये? 4 कार्य क्यों नहीं करवाये? ये कार्य कब तक करवाये जाएंगे? संबंधित फर्मों द्वारा अधूरे कार्य करने पर इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) इन कार्यों के लंबित रहने के उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन (सि) 328/2002 में पारित आदेश दिनांक 08/02/2017 के पालन में सरदार सरोवर जलाशय में जल भरने से विस्थापन के पूर्व परियोजना के सभी पुनर्वास स्थलों में संधारण कार्य पूर्ण कराया जाना लक्षित है। (ख) एवं (ग) प्रश्नाधीन 21 में से 4 पुनर्वास स्थल पर बसाहट नहीं होने से तत्समय कार्य आवश्यक नहीं होने के कारण नहीं कराए गए। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
11 के.व्ही. फीडरों के माध्यम से विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
114. ( क्र. 7111 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों एवं उससे संबंधित कस्बों में वित्तीय वर्ष 2015-16 में 11 के.व्ही. फीडरों के माध्यम से मासिक औसतन कितने घंटे विद्युत प्रदाय की गई? माहवार जानकारी देवें? (ख) क्या कारण है कि ग्रामों एवं उससे जुड़े कस्बों में बहुत कम विद्युत प्रदाय किया जाता है? (ग) उपरोक्त व्यवस्था को कब तक सुधार कर 24 घंटे बिजली प्रदाय किया जाएगा? ग्राम तलावड़ी में 24 घंटे विद्युत सप्लाई के तार टूटे हुए हैं? इन्हें कब तक दुरूस्त कर पुन: 24 घंटे विद्युत सप्लाई प्रांरभ कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के समस्त 172 राजस्व ग्रामों एवं उनसे संयोजित मजरों/टोलों में वित्तीय वर्ष 2015-16 में गैर-कृषि 11 के.व्ही. फीडरों के माध्यम से मासिक औसतन 23 घण्टे 32 मिनट 53 सेकण्ड विद्युत प्रदाय किया गया है, जिसकी माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के समस्त 172 राजस्व ग्रामों एवं उनसे संयोजित मजरों/टोलों को आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनसें संयोजित मजरों/टोलों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। तथापि वर्तमान में जो मजरे/टोले राजस्व ग्राम से संयोजित नहीं है तथा जिन्हें वर्तमान में 11 के.व्ही. सिंचाई फीडरों के माध्यम से 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, उनमें से 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों को चिन्हित कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय करने हेतु उनके विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत किया जाना प्रस्तावित किया गया है। उक्त कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी द्वारा माह जनवरी-2019 तक पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित है। जी हाँ वर्तमान में ग्राम तलावड़ी में 24 घण्टे विद्युत प्रदाय कर रहे फीडर के तार टूटे हैं। फसलों के कट जाने के उपरांत उक्त कार्य प्राथमिकता के आधार पर 15 अप्रैल-2017 तक पूर्ण कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जायेगा।
विश्व आदिवासी दिवस एवं बिरसा मुंडा जयंती पर अवकाश
[सामान्य प्रशासन]
115. ( क्र. 7112 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस व 15 नवम्बर बिरसा मुंडा जयंती पर सार्वजनिक अवकाश शासन कब तक घोषित करेगा? (ख) सभी प्रमुख समाजों के आराध्यों एवं महापुरूषों की जयंती पर प्रदेश में अवकाश घोषित है लेकिन म.प्र. में (क) अनुसार आदिवासी समाज से संबंधित अवकाश घोषित नहीं किए है, क्यों? (ग) इसके लिए कब तक प्रस्ताव स्वीकृत अवकाश घोषित किए जाएंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस एवं 15 नवम्बर को बिरसा मुंडा जंयती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं है। बिरसा मुंडा का शहीद दिवस एवं बिरसा मुंडा जयंती पर पृथक-पृथक ऐच्छिक अवकाश की सूची में शामिल है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आबकारी एक्ट की धारा 34 के अंतर्गत दर्ज प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
116. ( क्र. 7132 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश आबकारी एक्ट की धारा 34 अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में कुल कितने प्रकरण संस्थित किए गए? (ख) उपरोक्त में से इंदौर संभाग में कितने प्रकरण दर्ज हुए? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में मेसर्स ऐसोसिएटेड अल्कोहल एंड ब्रेवरीज लिमिटेड बड़वाह के कितने ट्रक अवैध शराब के पकड़े गए एवं इस संबंध में संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्य प्रदेश में, मध्य प्रदेश आबकारी एक्ट की धारा 34 के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में फरवरी अंत तक कुल 65343 प्रकरण संस्थित किए गए हैं। (ख) उत्तरांश (क) में अंकित प्रकरणों में से इन्दौर संभाग एवं संभाग के जिलों में कुल 28909 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ग) वित्तीय वर्ष 2016-17 में मेसर्स ऐसोसिएटेड अल्कोहल एण्ड ब्रेवरीज लिमिटेड बड़वाह आसवनी का एक ट्रक क्रमांक एम.पी. 09 के.डी. 2461 पुलिस थाना सिमरोल जिला इन्दौर द्वारा 1000 पेटी बॉम्बे स्पेशल व्हिस्की तथा वाहन जप्त कर अपराध क्रमांक 0415/2016 पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (2) का प्रकरण कायम किया जाकर उक्त प्रकरण में वाहन चालक विनोद पिता खिलावन मांझी उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम बरबरी थाना रंका जिला गढवा झारखण्ड को आरोपी बनाया गया है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।
आबकारी प्रकरण
[वाणिज्यिक कर]
117. ( क्र. 7665 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१६-१७ में सहायक आयुक्त कार्यालय, जिला इंदौर द्वारा कितने आबकारी लायसेंसियों के विरूद्ध पी-८ के प्रकरण बनाए गए? दुकानवार, ठेकेदारवार, प्रकरणवार जानकारी दें। (ख) इंदौर जिले में ही धारा ३४ (२) के तहत कितने प्रकरण दर्ज किए गए किस-किस के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किए गए? कितनी मात्रा में किस-किस स्थान से कितनी-कितनी सामग्री जब्त की गई एवं न्यायालय में कितने चालान पेश किए गए?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कार्यालय सहायक आयुक्त आबकारी, जिला इन्दौर द्वारा 5058 विभागीय प्रकरण पी-8 आबकारी लायसेंसियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किये गये। दुकानवार, ठेकेदारवार, प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक इन्दौर जिले में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 (संशोधित 2000) की धारा 34 (1) क (2) के अंतर्गत कुल 356 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये, जिनमें से 250 प्रकरणों के चालान माननीय न्यायालय में पेश किये गये। उक्त प्रकरणों में 22063.35 बल्क लीटर देशी मदिरा, 17795.79 बल्क लीटर विदेशी मदिरा स्प्रिट, 369.55 बल्क लीटर विदेशी मदिरा बीयर तथा 875 बल्क लीटर हाथ भट्टी मदिरा तथा अवैध मदिरा परिवहन में प्रयुक्त 100 दोपहिया, 9 तीन पहिया एवं 22 चार पहिया वाहन जप्त किये गये। जप्त सामग्री, आरोपी, जप्ती स्थान की प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
ई-रजिस्ट्री
[वाणिज्यिक कर]
1. ( क्र. 103 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में ई-रजिस्ट्री चालू की गई है? (ख) क्या इसमें पॉवर बेकअप की व्यवस्था का प्रावधान हैं? (ग) यदि हाँ, तो पॉवर बेकअप की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? (घ) यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पॉवर बेकअप की व्यवस्था की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( क्र. 209 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवास जिले के बागली विधान सभा क्षेत्र के बागली परियोजना घाट नीचे परियोजना, में लाड़ली लक्ष्मी योजना 2006 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्रश्नांश परियोजनाओं की आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितनी बालिकाओं को योजना में लाभ दिया गया? कितनी बालिकाओं को योजना के द्वारा एन.सी.सी. प्रदान की गई है? आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) में योजना के लाभ हेतु कितनी बालिकाओं के माता-पिता के द्वारा आवेदन दिया गया था? प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र की सूची उपलब्ध करायें? किये गये आवेदन में से कितनी पात्र थी? कितनी बालिकाएं है? अपात्र थी, केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) परियोजनाओं में अनेकों पात्र बालिकाओं को लापरवाही के कारण 2006 से प्रश्नांकित दिनांक तक लाभ नहीं मिल पाया है? अगर हाँ तो लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी व पात्र बालिकाओं को योजना का लाभ कब तक दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) देवास जिले के बागली विधानसभा क्षेत्र के बागली घाट नीचे परियोजना, में लाड़ली लक्ष्मी योजना 2006 से प्रश्नांकित दिनांक तक 2341 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत लाभान्वित किया गया है सभी 2341 बालिकाओं को एन.एस.सी./प्रमाण पत्र प्रदान किये गये है। आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) में योजना के लाभ हेतु 2341 बालिकाओं के माता-पिता के द्वारा आवेदन दिये गये है। प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र की सूची उपलब्ध किये गये आवेदन में से 2341 पात्र तथा अपात्र की केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) 2006 से प्रश्नाकित दिनांक तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की लापरवाही से 1 पात्र हितग्राही को लाभ नहीं मिल पाया था। लापरवाही करने वाली आंगनवाड़ी केन्द्र इमलीपुरा की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बसकुंवर को पद से पृथक किया गया। पात्र हितग्राहियों को शासन के नियमानुसार योजना का लाभ दिया जा रहा है।
स्वीकृत परियोजना कार्यालय प्रारंभ करना
[महिला एवं बाल विकास]
3. ( क्र. 217 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवास जिले में कुल कितने परियोजना कार्यालय स्वीकृत हैं और कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं, नवीन परियोजना कार्यालय प्रारंभ किये जाने के क्या प्रावधान हैं? (ख) बागली विकासखण्ड की उदयनगर तहसील में घाटनीचे परियोजना के नाम से कोई परियोजना पृथक से प्रारंभ की गई है? अगर हां, तो कब से प्रारंभ की गई है, प्रश्नांकित दिनांक तक कार्यालय कहाँ पर संचालित हैं, कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी, अधिकारी कौन-कौन से हैं व कब से कार्य कर रहे हैं? (ग) क्या प्रश्नांकित (क), (ख) परियोजना की आंगनवाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ता सहायिकाओं को बैठकों हेतु 40 से 60 K.M. दूर बागली जाना होता है? अगर हां, तो यदि कोई प्रावधान किया हो तो बतावें व घाटनीचे परियोजना का कार्यालय कब तक स्वीकृत स्थान (उदयनगर) पर प्रारंभ होगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) देवास जिले में कुल 09 बाल विकास परियोजना कार्यालय निम्नानुसार स्थानों पर संचालित है :-
क्रमांक |
स्वीकृत परियोजना कार्यालय का नाम |
स्थान जहाँ संचालित है |
1. |
देवास शहर |
देवास |
2. |
देवास दक्षिण |
देवास |
3. |
देवास ग्रामीण |
देवास |
4. |
सोनकच्छ |
सोनकच्छ |
5. |
टोंकखुर्द |
टोंकखुर्द |
6. |
कन्नौद |
कन्नौद |
7. |
खातेगॉव |
खातेगॉव |
8. |
बागली आदिवासी |
बागली |
9 |
बागली घाट |
बागली |
भारत शासन से नवीन परियोजना की स्वीकृति प्राप्त होने पर परियोजना कार्यालय प्रारंभ किया जाता है। (ख) जी नहीं। बागली विकासखंड की उदयनगर तहसील में घाटनीचे नाम से कोई परियोजना पृथक से प्रारंभ नहीं की गई है। जिला देवास में बागली घाट परियोजना वर्ष 2009-10 में स्वीकृत हुई है। जिसका कार्यालय विकासखंड स्तर पर बागली में संचालित है। कार्यालय में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
अधिकारी/कर्मचारी का नाम |
पद |
पदस्थी दिनांक |
1. |
श्रीमती कमला मालवीय |
पर्यवेक्षक |
01.04.2009 |
2. |
श्रीमती उषा पण्डया |
पर्यवेक्षक |
01.04.2009 |
3. |
श्रीमती दीपिका कापसे |
पर्यवेक्षक |
29.04.2015 |
4. |
श्रीमती माया मौर्य |
संविदा पर्यवेक्षक |
01.04.2009 |
5. |
श्री विनोद पाटीदार |
ई.सी.ई.समन्वयक |
16.03.2016 |
6. |
श्री राकेश ढोलिया |
भृत्य |
17.09.2012 |
(ग) जी नहीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मासिक बैठक सेक्टर स्तर पर ही आयोजित की जाती है। विकासखंड स्तर पर आयोजित कोई महत्वपूर्ण बैठक/प्रशिक्षण हेतु कार्यकर्ताओं को यदाकदा ही बुलाया जाता है। आंगनवाड़ी सहायिकाओं को सामान्यतः बैठकों में विकासखंड स्तर पर नहीं बुलाया जाता है। विभाग के निर्देशानुसार बागली परियोजना विकासखंड स्तर पर संचालित है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आई.ए.एस./आई.पी.एस. के स्वीकृत पद
[सामान्य प्रशासन]
4. ( क्र. 947 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग में राज्य के लिए कितने आई.ए.एस., आई.पी.एस. के कितने पद स्वीक़ृत हैं? (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में वर्तमान में कितने पद भरे हैं तथा कितने रिक्त हैं एवं उन पदों पर कौन-कौन पदस्थ है वर्गवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में आरक्षित वर्ग के कितने अधिकारियों को आज दिनांक तक मैदानी पदस्थापना नहीं मिली हैं। पदस्थापना न दिये जाने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश 'ग' के संदर्भ में जिन अधिकारियों को मैदानी पदस्थापना नहीं दी गयी है,क्या उन्हें मैदानी पदस्थापना दी जायेगी यदि हाँ, तो कब तक दी जावेगी एवं प्रश्न दिनांक तक कितने आई.ए.एस./आई.पी.एस प्रतिनियुक्ति पर कब से कब तक के लिए भेजे गए?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य में आई.ए.एस. के 439 तथा आई.पी.एस. के 305 पद स्वीकृत हैं। (ख) वर्तमान में आई.ए.एस. के 344 पद भरे हैं एवं 95 पद रिक्त हैं तथा आई.पी.एस. के 252 पद भरे एवं 53 पद रिक्त हैं। इन पदों पर पदस्थ आई.ए.एस तथा आई.पी.एस. अधिकारियों की वर्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर है। (ग) आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. अधिकारियों की मैदानी पदस्थापना प्रशासनिक आवश्यकताओं एवं जनहित में की जाती हैं वर्गवार पदस्थापनाएं नहीं की जाती हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार वर्ग के आधार पर पदस्थानाएं नहीं की जाती हैं, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता तथापि सभी भाप्रसे अधिकारियों को सेवाकाल में कोई ना कोई मैदानी पदस्थापना अवश्य प्राप्त हो जाती है। प्रतिनियुक्ति के पद पर पदस्थ आई.ए.एस. के 34 तथा आई.पी.एस. के 31 अधिकारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' पर है। भारत सरकार, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा यथा आवश्यकता प्रतिनियुक्ति संबंधी नियमों के तहत प्रतिनियुक्ति अवधि में वृद्धि अथवा कमी की जा सकती है।
आवंटित राशियों की जानकारी
[वित्त]
5. ( क्र. 1005 ) श्री सचिन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार द्वारा मार्च, 1993 से मार्च, 2003 तक के वर्षों के दौरान आवंटित धनराशि का वर्षवार ब्यौरा क्या है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार द्वारा मार्च 1993 से 2003 तक के वर्षों के दौरान आवंटित धनराशि का ब्यौरा निम्नानुसार है : -
केन्द्र सरकार से प्राप्त वर्षवार अनुदान राशि का विवरण
(राशि हजार में)
वर्ष |
राशि |
1993-94 |
13077250 |
1994-95 |
12571170 |
1995-96 |
11628141 |
1996-97 |
13001948 |
1997-98 |
13476163 |
1998-99 |
15232473 |
1999-2000 |
16778525 |
2000-2001 |
15198795 |
2001-2002 |
14911202 |
2002-2003 |
18616320 |
2003-2004 |
17731383 |
भवन विहीन
आंगनवाड़ी
केन्द्रों
की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
6. ( क्र. 1118 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा महिला एवं बालिकाओं के विकास हेतु आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विभागीय होकर सर्व साधन सम्पन्न होना चाहिये? जिससे शासन द्वारा देय सुविधाएं उन्हें प्राप्त हो सके? (ख) यदि हाँ, तो क्या जिला शिवपुरी के विधान सभा क्षेत्र करेरा में सभी जगह आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय हैं? (ग) क्या (ख) में वर्णित सभी स्थानों पर भवन न होकर कुछ केन्द्र किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो उनकी जानकारी केन्द्र का नाम, केन्द्र क्रमांक, भवन मालिका का नाम व किराया, ग्राम एवं पंचायत का नाम सहित दी जावें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में वर्णित भवनों के निर्माण हेतु संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा भवन निर्माण हेतु पहल की थी? यदि हाँ, तो उन पर शासन द्वारा क्या निर्णय लिए गये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विभागीय होकर सर्व साधन संपन्न होना चाहिये, लेकिन आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जिला शिवपुरी के विधानसभा क्षेत्र करेरा में संचालित 282 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 15 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये विभागीय भवन तथा 267 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये विभागीय भवन उपलब्ध नहीं हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्र करेरा अन्तर्गत कुल संचालित 282 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 155 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन (किराये पर) है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ अनुरूप विधानसभा क्षेत्र करेरा में किराये के भवनों में संचालित 15 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए है। जिले के प्रस्ताव के अनुक्रम में विधानसभा क्षेत्र करेरा अन्तर्गत मनरेगा योजना के अभिसरण से 15 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गयी हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं को देय यात्रा भत्तों का भुगतान
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 1287 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कार्यकर्ताओं को निम्न श्रेणी लिपिक को देय यात्रा भत्तों के अनुसार एवं सहायिकाओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के समान देय यात्रा भत्तों के समान यात्रा भत्ता देने का निर्धारण क्या शासन द्वारा कर रखा है? (ख) उज्जैन जिले में विगत एक वर्ष में कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को विभाग द्वारा निश्चित यात्रा देयक का भुगतान किया गया? (ग) यदि किसी को भी अभी तक यात्रा भत्ता नहीं दिया गया तो क्यों नहीं दिया गया? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? उक्त फण्ड को कहाँ खर्च किया गया है? यदि यात्रा भत्ता नहीं दिया गया तो कब से देना प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) उज्जैन जिले में विगत एक वर्ष में 311 ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 21 ऑगनवाड़ी सहायिकाओं को यात्रा भत्ते का भुगतान किया गया है। (ग) यात्रा देयकों का भुगतान संबंधित द्वारा देयक प्रस्तुत करने एवं बजट उपलब्धता के आधार पर किया जाता है। संबंधित द्वारा यात्रा देयक प्रस्तुत करने एवं बजट उपलब्धता के आधार पर भुगतान होने से लागू नहीं। उक्त फण्ड को यात्रा भत्ते पर खर्च किया गया। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
बी.पी.एल. सूची में गलत ढंग से नाम जोड़े जाना
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( क्र. 1436 ) श्री हरवंश राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के चयन के दौरान तहसील अंतर्गत बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम अंकित किए गए हैं? (ख) क्या बी.पी.एल सर्वे सूची में नाम अंकित होने के फलस्वरूप आवेदनकर्ताओं के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के चयन हुए हैं? सूची उपलब्ध कराई जाए? (ग) उक्त चयन प्रक्रिया में चयनित कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं बी.पी.एल. सूची में अंकित करने हेतु पटवारी हल्का द्वारा प्रदाय अंक एवं रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराई जाए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के चयन के दौरान तहसील अंतर्गत बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम अंकित नहीं किये गए है। (ख) बी.पी.एल. के अंकों के आधार पर आवेदकों को नियुक्ति दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चयन प्रक्रिया में कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं को बी.पी.एल. सूची में अंकित करने पटवारी हल्का द्वारा प्रदायित अंक एवं रिपोर्ट संबंधी जानकारी निरंक है।
संस्कृत महोत्सव को कैलेंडर में सम्मिलित करना
[संस्कृति]
9. ( क्र. 1467 ) श्री प्रताप सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित होने वाले कौन-कौन सांस्कृतिक महोत्सव प्रदेश शासन के संस्कृति कैलेंडर में सम्मिलित किया गया है? शासन द्वारा सूची में शामिल सांस्कृतिक उत्सवों को क्या-क्या सुविधाएं/अनुदान उपलब्ध कराया जाता हैं? (ख) दमोह जिले में जबेरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नोहटा ग्राम में वर्ष 2016 से आयोजित होने वाले नोहटा महोत्सव को प्रदेश शासन के सांस्कृतिक कैलेंडर में शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो कब? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उसके क्या कारण रहे हैं? (ग) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रम को राज्य सूची में सम्मिलित किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा गत वर्ष से लगातार पत्र के माध्यम से राज्य सरकार से निवेदन किया है, उन पर अभी तक क्या निर्णय लिया गया है?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) दमोह जिला में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक मृदंगाचार्य नाना साहब पानसे की स्मृति में तीन दिवसीय संगीत समारोह, बकायन जिला दमोह एवं संत कंवरराम जयंती का आयोजन म.प्र.शासन, संस्कृति विभाग के कैलेंडर में शामिल है. कार्यक्रमों के स्वरूप के अनुसार आयोजन/व्यय किया जाता है. (ख) जी नहीं. सांस्कृतिक कैलेंडर वर्षभर के कार्यक्रमों का सूचीकरण मात्र है, जिसे प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से तैयार किया जाता है. नहीं करने के पीछे कोई कारण नहीं है. (ग) राज्य सूची जैसी व्यवस्था/प्रक्रिया विभागीय गतिविधि का हिस्सा नहीं है. सभी आयोजनों को कैलेंडर में सम्मिलित करना संभव नहीं है.
जन शिकायत निवारण हेतु सुनवाई
[सामान्य प्रशासन]
10. ( क्र. 1477 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य में आम जनता की शिकायतों के निराकरण एवं सुनवाई हेतु जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो दमोह जिले में कितनी शिकायतें जनसुनवाई के दौरान जनवरी 2014 से प्रश्नांकित तिथि तक प्राप्त हुई हैं? (ग) प्राप्त शिकायतों में से जबेरा विधान सभा क्षेत्र की कितनी शिकायतों की सुनवाई की जाकर कितने आवेदनों को निरस्त किया गया तथा कितने आवेदनों में पीडि़त पक्षकार को राहत उपलब्ध करवाई गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) कुल 3897 आवेदन प्राप्त हुये। (ग) प्राप्त आवेदनों में से जबेरा विधान सभा क्षेत्र के 580 आवेदनों पर सुनवाई की जाकर, 337 आवेदनों का निराकरण राजस्व विभाग द्वारा किया जाकर आवेदकों को सूचित किया गया तथा शेष 243 आवेदनों का निराकरण जिला पंचायत, म.प्र. विद्युत मण्डल वन विभाग, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, सहकारिता विभाग द्वारा किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फीडर सेपरेशन के कार्य
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 1479 ) श्री प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में विद्युत फीडर सेपरेशन का कार्य कब प्रारंभ किया गया था तथा उसकी समाप्ति की अवधि क्या थी? क्या नियत समयावधि में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण रहा है? फीडर सेपरेशन का कार्य किस कंपनी को स्वीकृत किया गया है। (ख) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कंपनी द्वारा स्वीकृत तिथि से किन-किन ग्रामों में कितना कार्य पूर्ण किया है? जहां कार्य पूर्ण हो गया है वहां के विद्युत फीडर सुचारू रूप से संचालित हैं? यदि हाँ, तो बतलावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या कंपनी द्वारा जो प्रश्नांश (ख) के ग्रामीण अंचलों में ट्रांसफार्मर एवं केबिल डाली जा रही है वह गुणवत्ताविहीन होने के कारण बारबार जल कर नष्ट हो रही है? प्रश्न दिनांक तक कितने स्थापित ट्रांसफार्मर एवं कितनी लंबाई की केबिल वायर जलकर नष्ट हो गयी है? क्या केबिल वायर एवं ट्रांसफार्मर जलने से कृषकों एवं ग्रामीणजनों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कंपनी द्वारा स्थापित किये जा रहे ट्रांसफार्मर एवं डाली जाने वाली केबिल की गुणवत्ता की जाँच किसके द्वारा कब-कब की गई? उस अधिकारी का नाम पद सहित बतलावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दमोह जिले में उत्तर (संचा/संधा) संभाग क्षेत्रान्तर्गत फीडर विभक्तिकरण का कार्य प्रारंभ होने की प्रभावी तिथि 29.08.2011 एवं दक्षिण (संचा/संधा) संभाग क्षेत्रान्तर्गत फीडर विभक्तिकरण का कार्य प्रारंभ होने की प्रभावी तिथि 14.09.2011 थी। उक्त कार्य प्रारंभ करने की प्रभावी तिथि से 18 माह की अवधि में पूर्ण किया जाना था। जी नहीं, ठेकेदार एजेंसियों द्वारा विभिन्न कारणों यथा-आवश्यकतानुसार पर्याप्त श्रमिक व सामग्री उपलब्ध नहीं कराए जाने, राईट ऑफ वे की समस्या आदि के कारण कार्य में विलंब हुआ है। प्रगति संतोषजनक नहीं होने के कारण दमोह (उत्तर) संचालन एवं संधारण संभाग में टर्नकी कान्ट्रेक्टर मेसर्स के.एम.जी. एटूजेड प्रा.लि. नोयडा का अनुबंध दिनांक 25.01.16 को निरस्त कर दिया गया था तथा पुन: निविदायें आमंत्रित कर शेष कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एथोस पॉवर, गुडगांव को कार्यादेश दिनांक 20.07.16 को जारी किया गया है, जिसके द्वारा कार्य आरंभ करने की प्रभावी तिथि 28.09.2016 थी। दमोह (दक्षिण) संचालन एवं संधारण संभाग में मेसर्स न्यू मार्डन टेक्नोमेक प्रा.लि. मयूरभंज को दिनांक 10.08.2011 को अवार्ड जारी किया गया था। (ख) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना में ठेकेदार एजेंसी द्वारा पूर्ण किये गये कार्यों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ, जिन फीडरों पर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो गया है, उन गैर कृषि फीडरों पर 24 घंटे एवं कृषि फीडरों पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी द्वारा ग्रामीण अंचलों में गुणवत्तापूर्ण ट्रांसफार्मर एवं केबिल लगाये गये हैं। निम्नदाब केबिल एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता सम्बद्धभार के अनुरूप निर्धारित की गई है। निम्नदाब केबिल एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की गुणवत्ता की जाँच एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में किये जाने के उपरांत ही उसका उपयोग किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक 122 ट्रांसफार्मर तथा 34.5 कि.मी. केबिल जले अथवा खराब हुए है जिन्हें गारण्टी अवधि के अंदर जलने/खराब होने पर ठेकेदार एजेंसी द्वारा बदला गया है अत: किसी को नुकसान होने या किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता। फीडर विभक्तिकरण योजना में स्थापित किये जा रहे ट्रांसफार्मरों एवं केबिल की गुणवत्ता की जाँच की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी का जाँचकर्ता संस्थान के नाम, जाँचकर्ता अधिकारी के नाम एवं जाँच दिनांक सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उक्त जाँच शासन से मान्यता प्राप्त जाँच संस्थान मेसर्स एरडा बडोदरा, वॉपकोस गुडगांव, राईटस मुम्बई एवं टाटा प्रोजेक्ट, हैदराबाद के अधिकृत अधिकारियों द्वारा की गयी है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में पौष्टिक आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( क्र. 1745 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को पौष्टिक आहार दिये जाने हेतु वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा कितनी राशि का व्यय किया गया है तथा धरातल पर अधिकारियों द्वारा कितने टूर प्रोग्राम किये गये? क्या उस दौरान मौके पर गंभीर अनियमितता पाई गई? यदि हाँ, तो विकासखण्डवार ग्रामवार विवरण उपलब्ध कराएंगे? (ख) क्या कई स्थानों पर बच्चों को उक्त पौष्टिक आहार नाश्ता आदि नहीं दिया जाता है? उसकी निगरानी करने हेतु वर्ष 2015 से 2016 प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन अधिकारी क्षेत्र में जाते रहे, विकासखण्डवार ग्रामवार संपूर्ण जानकारी से अवगत करायें? (ग) क्या जिन केन्द्रों पर अनियमितताएं पाई गई उन केन्द्र संचालकों को नोटिस जारी किये गये क्या? यदि हाँ, तो कितने केन्द्र संचालकों को नोटिस दिये गये तथा नोटिस के जबाव में जो उत्तर प्राप्त हुआ उसमें क्या कार्यवाही हुई वस्तुस्थिति से अवगत करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) टीकमगढ़ जिले में खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्व-सहायता समूहों के माध्यम से बच्चों को पौष्टिक आहार दिए जाने हेतु वर्ष 2013-14 से 16-17 तक पोषण आहार मद में व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। खरगापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत धरातल पर अधिकारियों द्वारा पलेरा विकासखण्ड में 245 एवं बल्देवगढ़ विकासखण्ड में 305 टूर प्रोग्राम किये गये। टूर के दौरान पलेरा विकासखण्ड में मौके पर 12 समूहों की गंभीर अनियमिततायें पाई गई। ग्रामवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले में खरगापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड पलेरा में 12 स्थानों पर पौष्टिक आहार नाश्ता आदि नहीं दिए जाने की शिकायत प्राप्त हुई जिसकी निगरानी परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 में की गई। विकासखण्डवार, ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जिले में खरगापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड पलेरा में 12 केन्द्रों में समूह द्वारा पोषण आहार वितरण न करने की शिकायत सही पाये जाने पर समूहों को पृथक किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
सूखा होने के कारण बिजली के बिल माफ किये जाना
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 1746 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष खरगापुर विधान के किसानों द्वारा जो रवि की फसलें बोई हैं जिस पर बिजली नहीं मिलने और ट्रांसफार्मर न होने के कारण बिजली प्राप्त नहीं हुई है, जिससे कृषि फसल अच्छे से नहीं हो पाई तो क्या एक वर्ष के बिजली के बिल माफ करेंगे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) क्षेत्र में बिजली के बिलों की वसूली करने हेतु कुर्की की जा रही हैं? किसानों की घरेलू सामाग्री छीनी जा रही है? ऐसी स्थिति में कुर्की बंद कराये जाने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में कृषि उपभोक्ताओं को कृषि फीडरों के माध्यम से तकनीकी खराबी/प्राकृतिक आपदा के कारण हुए आकस्मिक व्यवधानों एवं संधारण कार्य हेतु आवश्यक होने जैसे अपरिहार्य कारणों को छोड़कर 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। तथापि फेल ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का न्यूनतम 40 प्रतिशत अथवा सम्बद्ध उपभोक्ताओं में से 75 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का भुगतान किये जाने पर वितरण ट्रांसफार्मर बदले जाने का प्रावधान है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 26 फेल वितरण ट्रांसफार्मर सम्बध्द उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिलों की बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के कारण बदले जाने हेतु शेष हैं। नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा होने पर इन ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा। वर्तमान में बिजली के बिल माफ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में बकाया राशि की वसूली हेतु नियमानुसार ड्यूज रिकव्हरी एक्ट के तहत् कुर्की सहित आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत बकाया राशि की वसूली हेतु की जा रही कार्यवाही को रोकने का प्रश्न नहीं उठता।
लाड़ली लक्ष्मी योजना
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 1809 ) श्री रजनीश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी में लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं? उनमें कितनी लड़कियों को पात्र माना गया है और कितने को अपात्र माना गया है वर्षवार विवरण देवें? (ख) आपात्र किये जाने का क्या कारण है? (ग) क्या नियमानुसार सभी प्राप्त लाड़ली लक्ष्मी को उम्र के हिसाब से योजना के अनुसार लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो अभी तक कितने रूपये की एन.एस.सी. हितग्राहियों को प्रदान की जा चुकी है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी में लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक 7262 आवेदन पत्र प्राप्त हुये है। उनमें 7256 को पात्र माना गया है और 6 को अपात्र माना गया है। वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) योजना की पात्रता व शर्तें पूर्ण न होना। (ग) जी हाँ। योजनान्तर्गत हितग्राहियों को राशि रूपये 10.75 करोड़ की एन.एस.सी. प्रदान की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्राप्त राशि
[सामान्य प्रशासन]
15. ( क्र. 1810 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गरीब परिवारों एवं गंभीर रोग से पीडि़त व्यक्तियों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि के कितने आवेदन प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों पर विचार कर राशि स्वीकृत की गई? कितनों में नहीं तथा क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 47 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। (ख) कुल 28 हितग्राहियों को कुल राशि 15,50,000/- (पन्द्रह लाख पचास हजार)। शेष आवेदन पत्र विचारोपरांत नस्तीबद्ध किये गये।
व्यापारियों के विरूद्ध बनाये गये प्रकरणों का निराकरण
[वाणिज्यिक कर]
16. ( क्र. 1823 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले में कितने व्यापारियों के विरूद्ध प्रकरण बनाये गये इसमें से कितने प्रकरण में क्या निर्णय आये, कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) वर्ष 2016 में खरगोन जिले के पंजीकृत व्यापारियों की संख्या वर्ष 2016 में निरस्त पंजीयन संख्या वर्तमान में निष्क्रिय पंजीयन संख्या बतायें? (ग) मेसर्स एग्रोलिडर पाईपस एण्ड प्रोडक्टस प्रा. लि. खरगोन एवं मेसर्स लक्ष्य एग्रो इंडस्ट्रीज लि. खरगोन की विभाग को प्राप्त अंतिम 2 ऑडिट रिपोर्ट और बेलेंसशीट का विवरण एवं इनके द्वारा जमा किये गये विगत दो वर्षों की वाणिज्यकर की राशि कंपनीवार बतायें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले में 22 व्यापारियों के विरूद्ध प्रकरण बनाए गए। प्रकरणों में लिए गए निर्णय एवं वर्तमान कार्यवाही के संबंध में विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) वर्ष 2016 में खरगोन जिले में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 4990 है। वर्ष 2016 में निरस्त पंजीयन संख्या 511 है। वर्तमान में निष्क्रिय पंजीयन संख्या 905 है। (ग) व्यवसाई मेसर्स एग्रोलीडर पाईप्स एण्ड प्रोडक्ट प्रा. लिमि. खरगोन के द्वारा वर्ष 2014-15 की ऑडिट रिपोर्ट एवं बैलेन्सशीट प्रस्तुत की गई है। परन्तु वर्ष 2015-16 की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं है। उक्त व्यवसाई द्वारा अवधि 2014-15 एवं 2015-16 में जमा कर की राशि निरंक है। व्यवसाई मेसर्स लक्ष्य एग्रो इंडस्ट्रीज लि. खरगोन के द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की ऑडिट रिपोर्ट एवं बैलेन्सशीट प्रस्तुत की गई है। उक्त व्यवसाई द्वारा अवधि 2014-15 में जमा कर की राशि निरंक है। वर्ष 2015-16 में रूपये 0.92 लाख का कर जमा किया गया है।
शासकीय अस्पतालों के विद्युत देयक की बकाया राशि
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 2435 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले के शासकीय अस्पतालों के विद्युत देयक अस्पतालों में राशि के अभाव में कई महिनों से जमा नहीं किये गये हैं व कई अस्पतालों के विद्युत कनेक्शन भी विद्युत विभाग द्वारा काटे गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो, विभाग इसके लिये क्या कार्यवाही कर रहा हैं? स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) इन्दौर जिले के अंतर्गत शासकीय अस्पतालों के 39 विद्युत संयोजनों पर रू. 19.06 लाख की राशि बकाया है। उक्तानुसार विद्युत बिलों की राशि बकाया होने के बावजूद जनसाधारण को उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सेवाओं की निरंतरता की आवश्यकता के दृष्टिगत इन विद्युत संयोजनों को विच्छेदित नहीं किया गया है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा संबंधित चिकित्सा अधिकारियों एवं जिला प्रशासन से विद्युत बिलों की बकाया राशि जमा कराये जाने का अनुरोध किया गया है, जिसके तारतम्य में कंपनी के क्षेत्रीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है कि फण्ड आवंटित होते ही विद्युत बिलों की बकाया राशि जमा करवा दी जायेगी।
योजनांतर्गत सिंचाई क्षेत्र
[नर्मदा घाटी विकास]
18. ( क्र. 2493 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास संभाग क्रमांक-1 पनागर के अंतर्गत क्या नहरों की क्षमता के अनुरूप खेतों में पानी पहुँचाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कितने क्षेत्र में कोलावा से एवं कितने में वॉटर कोर्स फील्ड चैनल से पानी जा रहा है? (ग) विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कितना-कितना सिंचित क्षेत्र है? योजनावार बतावें। (घ) सिंचित क्षेत्र के अनुरूप सिंचाई ना होने का क्या कारण है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) पनागर में संभाग क्रमांक-1 नहीं अपितु संभाग क्रमांक-2 कार्यरत है, जिसमें नहरों की क्षमता के अनुरूप खेतों में पानी पहुँचाया जा रहा है। (ख) कोलाबा से 15,900 हेक्टेयर क्षेत्र में तथा वॉटर कोर्स/फील्ड चैनल से 1,400 हेक्टेयर में पानी जा रहा है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) परियोजना कार्य निर्माणाधीन होकर पूर्ण नहीं होने के कारण।
नर्मदा घाटी विकास की योजनाएं
[नर्मदा घाटी विकास]
19. ( क्र. 2494 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा में गत तीन वर्षों में सिंचाई क्षेत्र बढ़ाने हेतु योजनायें बनाई गई हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृत योजनाओं की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की कितनी योजनाओं में कार्य किया गया? कितने ग्राम लाभान्वित हुये? कितनी योजनायें लंबित हैं एवं क्या कारण है?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन अवधि में पनागर विधानसभा में बरगी की नहर प्रणाली के कार्यों को पूर्ण कराया गया है और नहर प्रणाली में आवश्यकतानुसार सुधार कराए गए हैं। राशि रूपये 620.96 लाख व्यय की गई है। लाभान्वित ग्रामों के सैच्य क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कोई नवीन परियोजना स्वीकृत नहीं की गई है।
अनुकम्पा नियुक्तियों से संबंधित
[सामान्य प्रशासन]
20. ( क्र. 2574 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिवपुरी के राजस्व, जल संसाधन, लोक निर्माण, गृह विभाग में विगत 3 वर्षों में कितने कार्यरत शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों की मृत्यु हुई। इनमें से कितने व्यक्तियों की उनके वारिसानों को नियुक्ति दी जा चुकी है। क्या कुछ प्रकरण शेष है तो उनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार की गई अनुकम्पा नियुक्तियों की जानकारी तहसील करैरा व नरवर की अलग से दी जावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में कुछ प्रकरण शेष है तो उनकी नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ट्रासफार्मरों
की जानकारी
[ऊर्जा]
21. ( क्र. 2900 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर 200, 100, 132, 63, 25 के.व्ही.ए. के प्राप्त हुये हैं? उनकी संख्या सहित प्रश्न दिनांक की स्थिति में जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या ट्रांसफार्मर के लाट एरिया स्टोर में प्राप्त होने की दिनांक से गारंटी पीरियड निकल जाने के बाद उन्हें उपयोग के लिये फील्ड में प्रदाय ही नहीं किया जाता? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) हरदा जिले के अंतर्गत टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में किसानों द्वारा आवेदन करने पर कितने ट्रांसफार्मरों की स्वीकृति उपरांत विगत 5 वर्षों में विभिन्न योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक स्थापना की गई योजनावार संख्या की जानकारी दें? (घ) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में कितने ट्रांसफार्मर बदलने हेतु प्रस्तावित हैं? विगत 5 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र टिमरनी में कितने ट्रांसफार्मर खराब हुये हैं उनकी संख्या बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) हरदा जिले में विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक 200 के.व्ही.ए. के 115, 100 के.व्ही.ए. के 1103, 63 के.व्ही.ए. के 1206 एवं 25 के.व्ही.ए. के 3109, इस प्रकार कुल 5533 वितरण ट्रांसफार्मर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय भण्डार के माध्यम से उपलब्ध कराए गए हैं। (ख) ट्रांसफार्मर के लाट क्षेत्रीय भण्डार में प्राप्त होने की दिनांक से गारंटी पीरियड निकलने के पूर्व ही ट्रांसफार्मरों को फील्ड में प्रदाय किया जाता है ताकि गारंटी पीरियड में ट्रांसफार्मर खराब होने की स्थिति में प्रदायकर्ता कंपनी से इसके सुधार/बदलवाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा सके। (ग) हरदा जिले के अंतर्गत टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में किसानों द्वारा आवेदन करने पर 1590 ट्रांसफार्मरों को स्वीकृति उपरांत विगत 5 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में स्थापित किया गया है। उक्त में से अनुदान योजना के तहत 1136 एवं स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के तहत 454 ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये है। (घ) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कोई भी फेल ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। विगत 5 वर्षों में टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में 895 ट्रांसफार्मर खराब हुए है, जिन्हें बदला जा चुका है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना
[महिला एवं बाल विकास]
22. ( क्र. 2955 ) श्री मोती कश्यप : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र बड़वारा अंतर्गत किन जनपद पंचायतों के किन ग्रामों और उनके टोलों व बस्तियों में कितने आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की किन जनपदों के किन ग्रामों, टोलों, बस्तियों में से किनमें आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाना आवश्यक है? (ग) क्या 11 सितम्बर, 2016 को प्रश्नांश (क) क्षेत्र के बड़वारा से खमरिया की जनदर्शन यात्रा में मा. मुख्यमंत्री ने बिझौरी, खमरिया ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की घोषणा की है? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र कब तक खोल दिये जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़ावरा अंतर्गत जनपद पंचायत बड़ावरा एवं ढीमरखेड़ा की पंचायतों के ग्रामों और उनके टोलो व बस्तियों में 384 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 60 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिनांक 11 सितम्बर 2016 को ग्राम पंचायत बड़ावरा के ग्राम पंचायत बिजौरी में 01 नवीन मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र एवं जनपद पंचायत खम्हरिया में 01 आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की घोषणा की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में ग्राम बिजौरी में 01 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति दिनांक 13.12.2016 को शासन द्वारा दी जा चुकी है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जिला कटनी से नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव प्राप्त होने पर तथा जनपद पंचायत खम्हरिया में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा ग्राम खम्हरिया में 01 नवीन आंगनाड़ी केन्द्र खोले जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजा जावेगा। नवीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के पूरा होने पर दी जाती है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
ज्ञापनों पर की गई कार्यवाही
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 3206 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ एवं पावर इंजीनियर एसोसिएशन द्वारा दो वर्षों में कितने एवं कौन-कौन से ज्ञापन किस संबंध में दिये? ज्ञापनवार ब्यौरा दें. (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) पर शासन द्वारा की गई ज्ञापनवार कार्यवाही की पूर्ण जानकारी दें. (ग) प्रश्नांश (क) के ज्ञापनों पर सरकार कब पूर्ण कार्यवाही करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ एवं पॉवर इंजीनियर्स एण्ड इम्पलाईज एसोसिएशन (पॉवर इंजीनियर एसोसिएशन नहीं) द्वारा दो वर्षों में दिये गये ज्ञापनों की संख्या एवं ज्ञापन किस संबंध में दिये गये की कंपनीवार जानकारी निम्नानुसार है - (1) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को 12 ज्ञापन प्राप्त हुए जिनमें से 06 म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ एवं 06 पॉवर इंजीनियर्स एण्ड इम्पलाईज एसोसिएशन के प्राप्त हुए है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (2) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल को केवल 01 ज्ञापन म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ का प्राप्त हुआ है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (3) म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को कुल 18 ज्ञापन प्राप्त हुए है जिसमें से 12 ज्ञापन म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ के एवं 06 ज्ञापन पॉवर इंजीनियर्स एण्ड इम्पलाईज एसोसिएशन के हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (4) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को कुल 04 ज्ञापन प्राप्त हुए है, जो सभी पॉवर इंजीनियर्स एण्ड इम्पलाईज एसोसिएशन के हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (5) म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को कुल 16 ज्ञापन प्राप्त हुए है जिसमें से 12 ज्ञापन म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ के एवं 04 ज्ञापन पॉवर इंजीनियर्स एण्ड इम्पलाईज एसोसिएशन के हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। (6) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर को कुल 12 ज्ञापन प्राप्त हुए है जिनमें से म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ के 05 ज्ञापन एवं पॉवर इंजीनियर्स एण्ड इम्पलाईज एसोसिएशन के 07 ज्ञापन हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार है। (ख) म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ एवं पॉवर इंजीनियर्स एण्ड इम्पलाईज एसोसिएशन द्वारा दो वर्षों में दिये गये ज्ञापनों पर की गई कार्यवाही की कंपनीवार जानकारी निम्नानुसार है - (1) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को कुल 12 ज्ञापन प्राप्त हुए थे जिन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-01' अनुसार है। (2) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल को केवल 01 ज्ञापन म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ का प्राप्त हुआ था जिन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-01' अनुसार है। (3) म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को कुल 18 ज्ञापन प्राप्त हुए थे जिन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-01' अनुसार है। (4) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को कुल 04 ज्ञापन प्राप्त हुए थे जिन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द-01' अनुसार है। (5) म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को कुल 16 ज्ञापन प्राप्त हुए थे जिन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई-01' अनुसार है। (6) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर को कुल 12 ज्ञापन प्राप्त हुए थे जिन पर की गई की कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ-01' अनुसार है। (ग) प्राप्त ज्ञापनों पर सक्षम स्तर पर विचार करते हुए नियमानुसार कार्यवाही की गई। बिन्दुओं पर संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर कार्यवाही की जाना संभव होगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
स्थायी जाति प्रमाण पत्र का प्रदाय
[सामान्य प्रशासन]
24. ( क्र. 3443 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग संवर्ग के अध्ययनरत् बच्चों के स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनवाये जाने हेतु विभागीय अधिकारियों से सामंजस्य पूर्ण कार्य करने हेतु निर्देश दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो माह जुलाई 2016 की स्थिति में सागर संभाग में जिलेवार कुल कितने अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ावर्ग के बच्चों के स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दी जावें? (ग) क्या कार्य के प्रति रूचि न रखने के कारण स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाने का कार्य बहुत पिछड़ गया है, लक्ष्य के अनुपात में प्रगति अत्यन्त धीमी हैं? (घ) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि 31 दिसम्बर 2016 की स्थिति में लक्ष्य के विरूद्ध सागर संभाग अन्तर्गत जिलेवार कुल कितने-कितने अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग संवर्ग के विद्यार्थियों के स्थायी जाति प्रमाण पत्र बना दिये गये हैं? कितने शेष हैं? शेष बच्चों के प्रमाण पत्र कब तक बना दिये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाडि़यों में पोषण आहर वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
25. ( क्र. 3541 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014 से आज दिनांक तक प्रदेश की आंगनवाडि़यों से आई पोषण आहर की मांग एवं केन्द्रीय प्रदाय का वर्षवार ब्यौरा क्या है? (ख) पोषण आहार हेतु आंगनवाडि़यों में बच्चों की संख्या एवं आहार हेतु बच्चों की संख्या का सत्यापन पोषण आहार प्रदाय से पूर्व उपरोक्त अवधि में कब-कब किया गया? क्या इसमें अंतर पाया गया? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ और कितना? आलोट विधान सभा क्षेत्र की जानकारी दें? (ग) वर्ष २०१4 से अब तक सप्लाई कंपनियों को कितनी-कितनी राशि, कितने पोषण आहार सप्लाय पर दी गई? क्या समस्त भुगतान सरकार के निर्धारित नियमों व मापदण्डानुसार किये गये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विभाग के निर्देशानुसार वर्तमान में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन के रूप में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था एम.पी.एग्रो के माध्यम से तथा 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को ताजा पका भोजन एवं नाश्ता पूरक पोषण आहार के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से एवं शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से संचालित की जाती हैं। टेकहोम राशन हेतु एम.आई.एस. सिस्टम के माध्यम से आनलाईन प्रतिमाह मॉग जनरेट की जाती है। उक्त जनरेट की गई मांग के आधार पर प्रतिमाह एम.पी.एग्रो को प्रदाय आदेश जारी किया जाता है। प्रदाय की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) पूरक पोषण आहार हेतु आंगनवाडि़यों में बच्चों की संख्या एवं आहार हेतु बच्चों की संख्या का सत्यापन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिमाह किया जाता है। इसके साथ ही वर्ष 2014 में पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी के द्वारा एवं 2015 से प्रति आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण के पंचनामें तैयार किये जाते है तथा वर्ष 2016 से परियोजना कार्यालय में पोषण आहार प्राप्त होने पर तहसीलदार द्वारा समक्ष पंचनामा तैयार किया जाता है। आलोट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बच्चों की संख्या,पोषण आहार की मांग एवं अंतर के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। पूरक पोषण आहार प्रतिमाह निर्धारित मात्रा में प्रदाय किया जाता है। पोषण आहार के प्रदाय अंतर में कमी/आधिक्य मात्रा का समायोजन आगामी प्रदाय आदेशों में किया जाता है यह एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया हैं। (ग) वर्ष 2014 से माह दिसम्बर 16 तक टेकहोम राशन पर व्यय की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। जी हाँ। पूरक पोषण आहार के देयकों का भुगतान निर्धारित मापदण्ड एवं राज्य शासन के नियमों के तहत् किया जाता है।
विद्युत लाईन बदलना
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 3781 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बमोरी के अंतर्गत जो 50 वर्षों से विद्युत लाईन लगी है। क्या उसको बदलने का शासन के पास कोई प्रस्ताव है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कब तक लाईन बदलने का कार्य प्रारंभ किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के अन्तर्गत इस कार्य के लिये विभागीय जाँच करायी जायेगी। अथवा किसी कम्पनी या ठेकेदार कार्य कराया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बामोरी में विद्युत लाईनों सहित विद्युत अधोसंरचना के कार्य विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत गत वर्षों में पूर्ण किये गये हैं। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्षा ऋतु के पूर्व एवं पश्चात् नियमित रूप से कराये जाने वाले रख-रखाव के कार्यों के अंतर्गत एवं समय-समय पर आवश्यकतानुसार पूर्व से विद्यमान विद्युत लाईनों के तार एवं खम्भे बदले जाते हैं, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। उक्त प्रक्रिया के अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में भी विद्युत लाईनों के रखरखाव का कार्य कर आवश्यकतानुसार सुधार कार्य कराया जाता है अत: इस हेतु पृथक से अन्य कोई कार्यवाही किया जाना आवश्यक नहीं होने से ततसंबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश ''क'' में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्व से विद्यमान विद्युत लाईनों के तार एवं खम्भे बदलने के कार्य एक सतत प्रक्रिया के अंतर्गत किये जा रहे हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं विद्युत वितरण कंपनी के मैदानी स्टाफ द्वारा किये गये विद्युत लाईनों के रखरखाव कार्य का संबंधित अधिकारी द्वारा समय-समय पर निरीक्षण कर किए जाने के परिप्रेक्ष्य में इस हेतु किसी प्रकार की जाँच कराया जाना अथवा प्रश्नाधीन कार्य किसी अन्य एजेंसी से कराए जाने का प्रश्न नहीं उठता।
आंगनवाड़ी क्षेत्र में केन्द्र प्रवर्तित सुकन्या योजना अन्तर्गत प्राप्त आवेदन
[महिला एवं बाल विकास]
27. ( क्र. 3907 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा आंगनवाड़ी क्षेत्र में केन्द्र प्रवर्तित सुकन्या योजना अन्तर्गत हितग्राहियों के आवेदन भरवाये गये थे? यदि हाँ, तो जनवरी-2016 से प्रश्न पूछे जाने तक कितने फार्म भरवाकर हितग्राहियों को डाकघर में खाता खुलवा कर पास-बुक उपलब्ध कराई गई? विधानसभावार संख्या स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ऐसे कई हितग्राहियों से फार्म व राशि तो प्राप्त कर ली गई, किन्तु डाक घर में खाते खुलवा कर पास बुक संबंधित हितग्राहियों को उपलब्ध नहीं कराई गई हैं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व विधानसभावार ऐसे प्रकरणों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या विगत दो वर्षों में इन्दौर जिले में प्रश्नांश (ख) अनुसार ऐसी कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं, किन्तु आज तक इसका निराकरण नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो कारण बतावें व इस संबंध में कौन जिम्मेदार है एवं संबंधित के विरूध्द विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? स्पष्ट करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार भारतीय डाक विभाग की सुकन्या योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से योजना की प्रगति हेतु 45763 हितग्राहियों के फार्म भरवाकर खाते खुलवाए गए एवं उन्हें पासबुक उपलब्ध कराई गई है। डाकघर द्वारा विधानसभावार खाते नहीं खोले गये है। जिले की समस्त विधानसभा क्षेत्रों में कुल 45763 खाते खोले गये है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार हितग्राहियों से राशि प्राप्त कर, उनसे फार्म भरवाए गये है तथा उन्हें पासबुक उपलब्ध कराई गई है। 196 हितग्राहियों के फार्म अपूर्ण होने से उन्हें मनीआर्डर के माध्यम से राशि रू. 204000/- लौटाये गये है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) विगत दो वर्षों में इन्दौर जिले अन्तर्गत 45 शिकायतें प्राप्त हुई है एवं सभी शिकायतों का निराकरण डाकघर इन्दौर द्वारा कर दिया गया है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
स्वशासी चिकित्सकों/अधिकारियों को वित्तीय अधिकार प्रदान करने विषयक
[वित्त]
28. ( क्र. 3967 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन के वित्त विभाग द्वारा स्वशासी नियमों के तहत कार्यरत चिकित्सकों/अधिकारियों को वित्तीय अधिकार प्रदान करने के प्रावधान/नियम क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इन्दौर जिला अन्तर्गत पिछले 02 वर्षों में किन-किन स्वशासी चिकित्सकों/अधिकारी को वित्तीय अधिकार दिये गये हैं? सूची उपलब्ध कराये?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) म.प्र.वित्तीय अधिकार पुस्तिका भाग-2-1995 एवं समय समय पर जारी किये गये अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामान्य काम समान वेतन
[सामान्य प्रशासन]
29. ( क्र. 4090 ) श्री नीलेश अवस्थी, श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समान काम समान वेतन की शासन की नीति रही है तथा इस संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की सिविल अपील क्र. 213/2013 के साथ अन्य अपीलों सामान्य काम सामान्य वेतन का निर्णय 26 अक्टूबर 2016 को पारित हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो पारित आदेश क्या है? प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सामान्य काम करने के पश्चात् भी कम मानदेय में कार्य करना संविदा कर्मियों की मजबूरी माननीय उच्च न्यायालय द्वारा बतायी गयी है? यदि हाँ, तो क्या शासन माननीय न्यायालय के निर्णय को सही मानते हुए सैद्धांतिक तौर पर लागू करने पर सहमत है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या प्रदेश में विभिन्न विभागों अंतर्गत जिला, तहसील ब्लाक स्तरीय कार्यालयों में संविदाकर्मियों का चयन प्रतियोगिता के आधार पर किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या इन संविदाकर्मियों को राज्य शासन के समकक्ष अधिकारियों/ कर्मचारियों के समक्ष समान वेतन भत्ते न देना उनकी मजबूरी का फायदा लेना नहीं है? यदि हाँ, तो शासन इसके सुधार हेतु कब तक क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) दिनांक 26 अक्टूबर, 2016 को पारित आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। नियमित कर्मचारी एवं संविदाकर्मियों के नियम/सेवा शर्तें पृथक-पृथक होने से भर्ती प्रक्रिया, वेतन व अन्य सुविधाएं भिन्न-भिन्न होती हैं। संविदाकर्मी आवश्यकतानुसार अल्प अवधि के लिए नियुक्त किये जाते हैं। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदोन्नति में आरक्षण मामले में सर्वोच्च न्यायालय में अपील
[सामान्य प्रशासन]
30. ( क्र. 4155 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पदोन्नति में आरक्षण नियम 2002 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा निरस्त करने संबंधी फैसले के खिलाफ माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई है? (ख) उक्त प्रकरण में सरकार की ओर से पैरवी करने के लिये शासकीय महाधिवक्ता/ सोलिसिटर जनरल के अतिरिक्त किन-किन निजी अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई है? नाम सहित विवरण दें। (ग) उक्त प्रकरण में शासन द्वारा नियुक्त किये गये निजी अधिवक्ताओं को प्रति सुनवाई/तारीख पर कितनी राशि भुगतान किया जाना तय किया गया है? अभी तक कितनी राशि प्रदान की जा चुकी है तथा भविष्य में कितनी राशि किस मद से प्रदान की जायेगी? क्या उक्त राशि का बजट में प्रावधान किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। मद ''मांग संख्या-01-लेखा शीर्ष-2052-सामान्य सेवाएं-90-सचिवालय-4327-31-व्यावसायिक सेवाओं हेतु अदायगियां-003-अभिभाषकों की फीस'' से आवश्यकतानुसार प्रदान की जावेगी। बजट में चार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शासन द्वारा लिए गए कर्ज एवं कर/शुल्क की जानकारी
[वित्त]
31. ( क्र. 4256 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के उपर जनवरी 2017 की स्थिति में कोई कर्ज है? यदि हाँ, तो कितना कर्ज है? उक्त कर्ज किन-किन से किस-किस ब्याज दर पर किस प्रयोजन/उद्देश्य हेतु कब-कब कितनी अवधि के लिए लिया गया? लिए गए कर्ज पर कुल कितना वार्षिक ब्याज देय है? (ख) क्या जिस प्रयोजन/उद्देश्य हेतु शासन ने कर्ज लिया है? उन प्रयोजन/उद्देश्य के विपरीत वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 प्रश्न दिनांक तक की अवधि में राशि का उपयोग किया गया? यदि हाँ, तो कितनी राशि का उपयोग कब एवं किस प्रयोजन/उद्देश्य के लिए किया गया? (ग) क्या जिस प्रयोजन/उद्देश्य के लिए शासन ने जो कर्ज लिया है वह कार्य पूर्ण हो गए है? यदि हाँ, तो पूर्ण कार्य कौन-कौन से है? जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित कर्ज राशि शासन द्वारा कब तक अदा कर दी जावेगी? लिया गया कर्ज प्रदेश में औसतन प्रति व्यक्ति कितना कर्ज आता है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश के ऊपर वित्त लेखे अनुसार 31 मार्च 2016 की स्थिति में रूपये 1,11,101.10 करोड़ का कर्ज था। संस्थावार कर्ज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जो विधानसभा पुस्तकालय में अवलोकनीय है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल राशि रूपये 8090.88 करोड़ का ब्याज भुगतान किया गया है। वर्ष 2016-17 में जनवरी 17 के लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन द्वारा विकास कार्यों के लिये कर्ज लिया जाता है। वित्तीय वर्ष 2015-16 के वित्त लेखे अनुसार कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जो विधानसभा पुस्तकालय में अवलोकनीय है। (घ) शासन द्वारा राजकोषीय प्रबंधन नियम 2005 के प्रावधानों की सीमा तक प्रतिवर्ष ऋण लिया जाता है। उत्तोरत्तर ऋण पर देय ब्याज को नियत तिथियों पर भुगतान हेतु समुचित बजट प्रावधान प्रतिवर्ष किया जाता है। ऋण लेना एक सतत् प्रक्रिया है एवं इसका निपटान भी सतत् जारी रहेगा। जनगणना के आंकड़े एक दशक में जारी होते हैं। वर्ष 2011 की जनगणना को दशकीय वृद्धि दर 20.30 प्रतिशत अनुसार प्रक्षेपित करने पर वर्ष 2016 की जनगणना 8.02 करोड़ होती है। राज्य पर 31 मार्च 2016 की स्थिति में कुल ऋण 1,11,101.10 करोड़ था, इस मान से प्रति व्यक्ति कर्ज रूपये 13853 है। प्रदेश में 31 मार्च 2016 की स्थिति में प्रतिव्यक्ति कर्ज रूपये 13853 है।
कार्य संविदा कर्मी/मीटर वाचक/लाईन परिचालक का नियमितीकरण
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 4518 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश विद्युत विभाग कंपनी में कार्यरत संविदा कर्मचारी/कर्मीयों (मीटर वाचक एवं संवीदाकर्मी) के संबंध में लेबर एक्ट के अनुसार कौन-कौन से पात्रता तथा सुविधायें दी जा रही है? (ख) उक्त कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों के संबंध में नियमितीकरण करने हेतु मा.मुख्यमंत्री द्वारा किस प्रकार की और कब घोषणाएं की गई हैं? घोषणाओं के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या क्रिन्यावयन किया गया है? यदि हाँ, तो विस्तृत बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या 6 वर्ष की अवधि कार्यरत संविदाकर्मियों नियम एवं शर्तों के विपरीत कार्यमुक्त किया जा रहा है, जबकि यह लेबर एक्ट में प्रावधान के विपरित है? (घ) क्या 6 वर्ष की अवधि कार्यरत संविदाकर्मियों के नियम एवं शर्तों के विपरीत कार्यमुक्त किया जा रहा है, जबकि यह लेबर एक्ट में प्रावधान के विपरीत है? (ड.) शासन ऊर्जा मंत्रलाय के पत्र क्रमांक 9159/12/05 भोपाल दिनांक 27.12.2013 जन संकल्प 2013 में बिजली कंपनी को निर्देशित प्रवधानों का कब तक पालन कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विद्युत कंपनियों में संविदा कार्मिकों हेतु ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा शर्तें) नियम 2016'' लागू किये गये हैं जिनमें यथा योग्य लेबर एक्ट के प्रावधान समावेशित हैं। यथा-प्रथम अनुबंध पर स्वीकृत मानदेय में वर्षवार वृध्दि, बोनस, अनुज्ञा शुल्क भुगतान के साथ आवास गृह का आवंटन (उपलब्धता के आधार पर), पात्रतानुसार यात्रा भत्ता, अवकाश/प्रसूति अवकाश/संचार/वाहन भत्ता/दुर्घटना चिकित्सा सुविधा इत्यादि सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। मीटर वाचक योजना में ठेका पद्धति (बाह्य स्त्रोत प्रदाता) के माध्यम से मीटर वाचकों को अनुबंधित किया जाता है। ठेका अनुबंध की शर्तों में श्रम प्रावधानों को पालन करने संबंधी निर्देश हैं। (ख) विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कदम उठाये जाने का लेख जन संकल्प 2013 में किया गया है। कंपनियों में ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा शर्तें) नियम 2016'' लागू किये गये हैं। इन नियमों के अनुसार, कतिपय शर्तों एवं निबंधनों के साथ, संविदा कार्मिक योग्यता के आधार पर 60 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकते हैं। उक्त नियमों में नियमितीकरण किए जाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। यह भी लेख है कि माननीय उच्च न्यायालय मुख्य पीठ जबलपुर ने संविदा कार्मिकों को नियमित किये जाने (अनुतोष) विषयक रिट याचिकाएं/अपील, दिनांक 18.3.2016 को खारिज कर दी गई है। (ग) एवं (घ) विगत 6 वर्षों की अवधि में कंपनियों द्वारा लेबर एक्ट के प्रावधानों के विपरीत किसी भी योग्य संविदाकार्मिक को कार्यमुक्त नहीं किया गया है। संविदा कार्मिक ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा शर्तें) नियम 2016'' से निगमित है। संविदा अवधि समाप्त होने पर संविदा अनुबंध स्वत: समाप्त हो जाता है। तदापि आवश्यकता एवं योग्यता के आधार पर संविदाकार्मिकों को पुन: अनुबंधित किया जाता है। (ड.) म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग के पत्र दिनांक 27.12.2013 में जनसंकल्प 2013 में ''वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति के कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कदम उठाने'' बाबत् लेख है। विद्युत कंपनियों में राज्य शासन द्वारा अनुमोदित ''संविदा सेवा (अनुबंध एवं सेवा शर्तें) नियम 2016'', दिनांक 30 जुलाई 2015 से लागू कर संविदाकार्मिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु कदम उठाये जा चुके है। इन नियमों में योग्यता एवं आवश्यकता के आधार पर 60 वर्ष की आयु तक संविदा पर कार्य करने के प्रावधान निहित हैं।
नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत
[सामान्य प्रशासन]
33. ( क्र. 4625 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री स्वेच्दानुदान मद से आर्थिक सहायता एवं बीमारी के उपचार हेतु कितने आवेदन पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को स्वीकृति हेतु प्राप्त हुये हैं? (ख) मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से उपरोक्तानुसार कितने आवेदकों को आवेदन को कितनी-कितनी राशि दी गई है तथा कितने आवेदकों का उपचार कराया गया है? (ग) कितने आवेदन पत्र वर्तमान में लंबित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 1250 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। (ख) कुल 237 हितग्राहियों को कुल राशि रूपये 87,05,600/- (सत्यासी लाख पाँच हजार छ: सौ) स्वीकृत की गई तथा 197 हितग्राहियों का उपचार कराया गया। (ग) कोई आवेदन पत्र लंबित नहीं है।
प्रोटोकॉल का पालन
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 4628 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्री, सांसदों, विधायकों के लिए प्रोटोकॉल के संबंध में दिशा निर्देश राजपत्र में प्रकाशन हुए हैं? राजपत्र की सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या राजपत्र में प्रकाशित सूची में 24वें अनुक्रमांक पर सांसद के बाद विधायक एवं उसके बाद राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त को रखा गया है? यदि हाँ, तो इसके अनुसार विधायकों का स्थान राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त से ऊपर हैं। (ग) क्या उपरोक्तानुसार प्रोटोकॉल का पालन आदेश प्रदेश के जिलों/ब्लॉक में किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों तथा क्या सरकार इस संबंध में कड़े दिशा-निर्देश जारी करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। राजपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) क्रमांक 24 पर संसद सदस्य, मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य, नगर निगम के महापौर एवं मध्यप्रदेश राज्य के मंत्री अथवा राज्यमंत्री की समकक्ष हैसियत वाले निर्वाचित गणमान्य व्यक्ति को क्रमश: रखा गया है। (ग) जी हाँ। इस संबंध में पुन: जारी निर्देश दिनांक 26.9.2016 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'' अनुसार है।
अटल ज्योति एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 4629 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना कब से प्रारंभ की गई है? उक्त योजनान्तर्गत क्या-क्या कार्य कराये जाने थे? योजनान्तर्गत नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में स्वीकृत की गई थी? योजनावार एवं ग्रामवार जानकारी दें? (ख) क्या उक्त योजना से ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को लाभ हुआ है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी दें? क्या उक्त कार्यों हेतु निविदा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण कर दिया गया है? ठेकेदार का नाम और स्वीकृति दिनांक एवं राशि सहित बतावें? (ग) यदि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या ठेकेदार को पूर्ण भुगतान किया गया है? कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना 10वीं पंचवर्षीय योजना के तहत् वर्ष 2005 में आरंभ की गई थी। राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत सभी अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण, 100 एवं 100 से अधिक जनसंख्या वाले टोलों/मजरों के विद्युतीकरण सहित पूर्व से विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण तथा उक्तानुसार विद्युतीकृत ग्रामीण क्षेत्र के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान किये जाने थे। राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 93 मजरे/टोलों एवं 164 ग्रामों में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत किये गये थे, जिनकी ग्राम/मजरा/ टोलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना से ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों को लाभ हुआ है तथापि उल्लेखनीय है कि इस योजना में कृषि कार्य हेतु पंप कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान नहीं था। राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत् नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले 93 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण एवं 164 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के 7898 हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान किये गये है। इन कार्यों हेतु निविदा जारी की गई थी जिसका प्रकाशन स्थानीय स्तर के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में किया गया था। राजगढ़ जिले हेतु स्वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सम्मिलित नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र का सभी कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स सिम्पलेक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लि. कोलकाता द्वारा पूर्ण कर दिया गया है। राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र सहित राजगढ़ जिले हेतु रू. 85.87 करोड़ राशि की योजना की स्वीकृति आर.ई.सी. लिमिटेड से दिनांक 16.12.11 को प्राप्त हुई थी। (ग) राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत् स्वीकृत प्रश्नाधीन कार्य ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स सिम्पलेक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लि. कोलकाता द्वारा पूर्ण कर दिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। प्रश्नाधीन योजनांतर्गत राजगढ़ जिले हेतु ठेकेदार एजेन्सी को उसके द्वारा प्रस्तुत देयकों का क्रमश: भुगतान किया जा रहा है, किन्तु योजनांतर्गत ठेकेदार एजेन्सी को पूर्ण भुगतान नहीं किया गया है।
अटल ज्योति योजना एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 4640 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में अटल ज्योति योजना एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना कब से प्रारंभ की गई है। उक्त दोनों योजना के अंतर्गत क्या-क्या कार्य कराये जाने का प्रावधान था। (ख) यदि हाँ, तो नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में अटल ज्योति योजना एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना स्वीकृत की गई थी। योजनावार एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त दोनों योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को लाभ हुआ है, यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी दें। क्या उक्त कार्य हेतु निविदा जारी की गई थी। यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण करा दिया गया है। कार्य एवं स्थान का नाम, ठेकेदार का नाम और स्वीकृति दिनांक एवं राशि बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अटल ज्योति योजना, कोई योजना नहीं अपितु एक अभियान था, जिसका उद्देश्य प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना वर्ष 2005 से आरंभ की गई थी तथा 10वीं, 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में उक्त योजना के अंतर्गत जिलेवार परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई थी। विभिन्न योजना अवधि में स्वीकृत उक्त योजना के प्रारंभ की तिथि एवं इनके अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों के प्रावधान की जानकारी निम्नानुसार है:-
योजना |
प्रारंभ (स्वीकृति) की तिथि |
प्रावधान |
10वीं |
दिसंबर-05 |
योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 300 एवं 300 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य करते हुए सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिया जाना है। |
11वीं |
मार्च-08 |
योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों का सघन विद्युतीकरण का कार्य करते हुए सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिया जाना है। |
12वीं |
सितंबर-13 |
(ख) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत स्वीकृत ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के ए.पी.एल. एवं बी.पी.एल. उपभोक्ताओं को विद्युत सुविधा लाभान्वित करने के लिए आवश्यक लाईन विस्तार किया गया है। योजना में बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गए हैं। उक्त कार्यों हेतु निविदा जारी की गई थी। 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य संबंधित टर्न-की ठेकेदार द्वारा पूर्ण कर दिया गया है। गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित/पूर्ण कार्यों की योजनावार एवं कार्य के स्थान/ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के नरसिंहपुर जिले के कार्यों हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स रोहणी इलेक्ट्रिकल, मुबंई को दिनांक 26.12.2009 को राशि रू. 4192 करोड़ का अवार्ड जारी किया गया था,जिसका कार्य उक्त ठेकेदार एजेंसी द्वारा दिनांक 31.12.2014 पूर्ण कर लिया गया था।
सहायक प्रबंधक पद पर कनिष्ठों को चालू प्रभार दिया जाना
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 4704 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. में मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक, उप महाप्रबंधक, प्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक के कितने पद स्वीकृत, कितने पद रिक्त हैं? कितने पद नियमित एवं चालू प्रभार से भरे गए हैं? पदवार जानकारी दें। (ख) नियमित पदोन्नति एवं चालू प्रभार देने के क्या-क्या नियम, मापदंड, पात्रता है? चालू प्रभार कितनी समयावधि तक किन नियमों के तहत दिया जा सकता है? (ग) दिनांक 31-01-17 की स्थिति में चालू प्रभार वाले महाप्रबंधक, उप महाप्रबंधक एवं प्रबंधक से सम्बंधित वरष्ठिता सूची का क्रमांक अधिकारी का नाम पद मंडल/कंपनी में प्रथम नियुक्ति दिनांक वर्तमान पद पर नियुक्ति दिनांक चालू प्रभार देने का दिनांक लंबित कारण बताओं सूचना/आरोप पत्र की संख्या की जानकारी पदवार दी जावे? (घ) क्या शासन/कंपनी में सामान पद होने के बावजूद कम वेतनमान/कम वरिष्ठता वाले अधिकारी को वरिष्ठ अधिकारी का चालू प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा किस किस को प्रभार दिया गया है? क्या यह नियम के विपरीत है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ड.) चालू प्रभार देते समय उस अधिकारी के विरुद्ध कितने कारण बताओ सूचना पत्र/आरोप पत्र लंबित थे प्रत्येक की जानकारी दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में मुख्य महाप्रबंधक, उप मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक, उपमहाप्रबंधक, प्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक के स्वीकृत एवं नियमित तथा चालू प्रभार से भरे गए पदों तथा रिक्त पदों की पदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नियमित पदोन्नति म.प्र. पदोन्नति नियम, 2002 के अनुसार की जा रही थी, किन्तु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश दिनांक 30.04.2016 के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 12.05.2016 को यथास्थिति के निर्देशों के तारतम्य में पदोन्नति संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालक मंडल की 36वीं बैठक दिनांक 30.09.2009 में पारित निर्णय के अनुसार प्रबंध संचालक को चालू प्रभार की अवधि के संबंध में पूर्ण अधिकार दिये गये हैं। चालू प्रभार हेतु मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी परिपत्र क्र.7368 दिनांक 24.08.2013, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की शक्ति प्रत्यायोजन पुस्तिका चतुर्थ संस्करण प्रस/मक्षे/प्रशासन-पीजीआर/13778, दिनांक 20.01.2014 के संबंधित अंश एवं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालक मण्डल की 36वीं बैठक दिनांक 30.09.2009 में पारित निर्णय की प्रति, जिनमें चालू प्रभार दिये जाने संबंधी नियम/मापदण्ड/पात्रता/अवधि का उल्लेख है, क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वरिष्ठता सूची दिनांक 01.01.2015 की स्थिति में अद्यतन है। प्रश्नाधीन चाही गई विभिन्न पदों पर चालू प्रभार संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र ई-1, ई-2, ई-3 एवं ई-4 अनुसार है। (घ) जी हाँ, किन्तु चालू प्रभार के माध्यम से म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा किसी भी कार्मिक की वरिष्ठता प्रभावित नहीं हुई है न ही किसी अधिकारी के कानूनी अधिकारों का हनन हुआ है। जहाँ तक चालू प्रभार का प्रश्न है यह एक प्रशासनिक व्यवस्था है, जिसके आधार पर समान वेतनमान एवं समान वरिष्ठता रखते हुए उच्च पद का चालू प्रभार दिया जाता है। यह व्यवस्था पूर्णत: प्रशासनिक होती है, जिसमें किसी की भी वरिष्ठता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। कंपनी की अधिकार प्रत्यायोजन पुस्तिका के अनुसार प्रबंध संचालक की अनुमति से चालू प्रभार के आदेश जारी किये जाते हैं। जी नहीं, कंपनी के नियमानुसार ही कार्यवाही की गई है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ड.) प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र ई-1, ई-2, ई-3 एवं ई-4 अनुसार है।
लोक मंथन कार्यक्रम का आयोजन एवं उस पर व्यय राशि
[संस्कृति]
38. ( क्र. 4706 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की राजधानी भोपाल में दिनांक 12-13 एवं 14 नवम्बर 2016 को लोक मंथन कार्यक्रम किस उद्देश्य को लेकर आयोजित किया गया था? यह कार्यक्रम किस संस्था के द्वारा आयोजित था? कार्यक्रम की नोडल एजेंसी कौन सा विभाग था? (ख) उक्त कार्यक्रम का आयोजन किस इवेंट मैनेजमेंट कंपनी से कराया गया? आयोजन के किस किस कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं आयोजक संस्था द्वारा इस कार्यक्रम पर कितनी राशि व्यय की गई?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) प्रदेश की राजधानी भोपाल में दिनांक 12, 13 एवं 14 नवम्बर, 2016 को लोकमंथन देशकाल स्थिल पर राष्ट्र सर्वोपरि विचारकों एवं कर्मशीलों का राष्ट्रीय विमर्श लोकमंथन के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग भारत भवन एवं प्रज्ञा प्रवाह के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था. कार्यक्रम की नोडल एजेंसी संस्कृति विभाग है. (ख) मध्यप्रदेश माध्यम भोपाल के लिए मेसर्स विजन फोर्स भोपाल द्वारा इवेंट संबंधी कार्य कराया गया. कार्यक्रम आयोजन पर अभी तक व्यय की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार.
पेट्रोल और डीजल के दामों के सम्बंध में
[वाणिज्यिक कर]
39. ( क्र. 4748 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दाम अन्य प्रदेशों से ज्यादा है? (ख) यदि नहीं, तो इन पर वर्तमान में कितना वेट लग रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अन्य राज्यों की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (ख) पेट्रोल, डीजल पर कर का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शराब दुकानें बन्द की जाना
[वाणिज्यिक कर]
40. ( क्र. 4749 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या नर्मदा नदी के किनारे शराब दुकानें बन्द कर दी गयी हैं? यदि हाँ, तो कितनी? पूरे प्रदेश में कब तक बंद होगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : जी नहीं। नर्मदा नदी के किनारे के शहरों में 05 किलोमीटर तक की दूरी में संचालित 66 देशी/विदेशी मदिरा दुकानें दिनांक 01 अप्रैल 2017 से बंद की जा रही है। पूरे प्रदेश में देशी/विदेशी मदिरा दुकानें बंद किये जाने संबंधी वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अनुकंपा नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
41. ( क्र. 5026 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी. 5-1/2016/1/3, भोपाल दिनांक 31.08.2016 को कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि सेवा से वेतन पाने वाले कर्मचारियों की सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में शासन के समस्त विभागों को परिपत्र/निर्देश जारी किए हैं कि दिनांक 31.08.2016 के पश्चात् मृत्यु होने वाले कर्मचारियों के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति पर विचार किया जाना है और दिनांक 31.08.2016 के पूर्व के मृत्यु होने वाले कर्मचारियों के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों पर पूर्व की भांति प्रावधान अनुसार कार्यवाही यथावत रहेगी यानि प्रभावशील दिनांक के बाद के प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दिया जाना है? (ख) यदि हाँ, तो यह अवगत करावें कि क्या प्रभावशील दिनांक 31.08.2016 के पूर्व विशेषकर 1- नगरीय प्रशासन एवं आवास विभागान्तर्गत राजधानी प्रशासन एवं 2-जलसंसाधन विभाग के मृतक कार्यभारित कर्मचारियों के मद आश्रित अनुकंपा नियुक्ति हेतु कई वर्षों से प्रयासरत है और उन्हें समय पर अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं मिल रहा। क्या विलंब की स्थिति में वह कुछ समय पश्चात् आयु अधिक हो जाने के कारण अनुकंपा नियुक्ति के पात्र नहीं रहेंगे? (ग) यदि हाँ, तो इस दिशा में क्या कार्यवाही विभाग करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। दिनांक 31.08.2016 से ही कार्यभारित एवं आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले दिवंगत कर्मचारियों के आश्रित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता होगी। इसके पूर्व के प्रकरणों पर दिनांक 29.09.2014 को जारी निर्देशानुसार अनुकंपा अनुदान की पात्रता होगी। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश राज्य के ऊपर कर्ज की जानकारी
[वित्त]
42. ( क्र. 5046 ) श्री अजय सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य के ऊपर प्रश्नतिथि तक कितनी राशि का कर्ज होना अनुमानित है? 31 मार्च 2002 तक की स्थिति में मध्यप्रदेश के ऊपर कितनी राशि का कर्जा किस-किस का था? संस्थावार/ राशिवार दें। (ख) मध्यप्रदेश राज्य के ऊपर 31 मार्च 2016 तक कि स्थिति में किस-किस का कितनी राशि का कर्ज था? संस्थावार/राशिवार दें? 31 मार्च 2016 तक शासन कितनी राशि का ब्याज किस-किस को अदा कर रहा था? बिन्दुवार विवरण दें। (ग) मध्यप्रदेश को 31 मार्च 2017 तक की स्थिति में किस-किस का कितनी राशि का कितना ब्याज देना अनुमानित है? (घ) मध्यप्रदेश के 01 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2016 तक केन्द्र सरकार से कितनी राशि का अनुदान किस-किस में प्राप्त हुआ? प्रदेश को एक अप्रैल 2003 से 31 मार्च 2003 तक केन्द्र सरकार से कितनी-कितनी राशि का अंश एवं अनुदान किस मद में प्राप्त हुआ?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्न तिथि तक की जानकारी महालेखाकार द्वारा लेखे तैयार न होने से देना संभव नहीं है। मध्य प्रदेश राज्य के ऊपर 31 मार्च 2016 की स्थिति में रूपये 1,11,101.10 करोड़ का कर्ज था। 31 मार्च 2002 की स्थिति में मध्य प्रदेश शासन पर कुल कर्जा रूपये 23883.61 करोड़ था। संस्थावार/राशिवार विवरण संबंधित वर्षों के वित्त लेखों में विधानसभा के पुस्तकालय में अवलोकनीय है। (ख) मध्य प्रदेश राज्य के ऊपर 31 मार्च 2016 की स्थिति में संस्थावार/राशिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में शासन द्वारा कुल 8090.88 करोड़ राशि का ब्याज भुगतान किया गया था। (ग) 31 मार्च 2017 तक कुल 11540.73 करोड़ राशि का ब्याज भुगतान किया जाना अनुमानित है। संस्थावार/मदवार ब्यौंरा नियंत्रक महा लेखा परीक्षक द्वारा वर्ष 2016-17 के वित्त लेखे तैयार नहीं करने के कारण दिया जाना संभव नहीं है। (घ) नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा वर्ष 2016-17 के वित्त लेखे तैयार नहीं करने के कारण जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2002-03 में केन्द्र सरकार द्वारा राशि रूपये 1861.63 करोड़ की राशि मध्य प्रदेश राज्य को प्रदाय की गई।
विभाग द्वारा व्यय की गई राशि की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
43. ( क्र.
5049 ) श्री
अजय सिंह :
क्या महिला
एवं बाल विकास
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी
कि (क) सिंहस्थ
2016
के दौरान
विभाग द्वारा
किस मद से
कितनी राशि व्यय
कर कितनी
मात्रा (संख्या)
में किस दर पर
क्या-क्या
सामग्री किस
नाम/पते वाली
फर्मों/संस्थाओं/अन्य
से कब-कब
खरीदी? (ख) प्रश्नांश
(क) में वर्णित
आयोजन में
सामग्री
खरीदी के लिये
क्या-क्या
प्रक्रियायें
अपनाई गयी? किस-किस
को किस
सामग्री हेतु
कितनी-कितनी
राशि का किस
प्रकार से
भुगतान किया
गया? (ग)
प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
आयोजन हेतु
खरीदी के लिए
कब-कब निविदायें
निकाली गयी? उन्हें
किन-किन नाम
के अखबारों
में किस-किस
दिनांकों को
प्रकाशित कराया
गया? किस-किस
सामग्रियों
के लिये
निविदायें
प्रकाशित
नहीं करायी गई? उन्हें
किस दर पर
कितनी मात्रा
में खरीदा गया? भुगतान
किस-किस को
कब-कब,
कितना-कितना
किया गया? (घ) क्या
खरीदी गयी सभी
सामग्रियों
का दर वार क्या
आडिट कराया
गया? अगर
नहीं कराया
गया तो क्यों
कारण दें।
नियम बतायें।
महिला एवं
बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना चिटनिस
) : (क) से (घ) सिहस्थ
2016
जिला उज्जैन
की जानकारी
निरंक है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
44. ( क्र. 5059 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ २०१६ के लिये विभाग को कितनी कितनी राशि किस किस कार्य को किये जाने हेतु किस मद में कब कब आवंटित की गई? राशिवार/मदवार/आवंटनवार/माहवार/वर्षवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में कितनी -कितनी राशि किस किस कार्य पर कब-कब व्यय की गई? कार्यवार/राशिवार/मदवार/माहवार/वर्षवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में किस मद की कितनी राशि को दूसरे मद में किन कारणों से कब कब व्यय किया गया? राशिवार/ मदवार/माहवार/वर्षवार विवरण दें? (घ) एक मद में आवंटित राशि को दूसरे में व्यय किये जाने हेतु किस-किस सक्षम कार्यालयों की अनापत्ति (एन.ओ.सी.) ली जानी नियमानुसार अत्यावश्यक थी? प्रकरणवार/राशिवार/मदवार जानकारी दें? ली गई सभी एन.ओ.सी. की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सिंहस्थ 2016 के लिए मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर को कुल 177.33 करोड़ रूपये विभिन्न कार्यों हेतु (ट्रांसमिशन कार्यों सहित) आवंटित किये गये थे। तत्संबंधी मदवार/वर्षवार/माहवार आवांटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) सिंहस्थ 2016 में किये गए कार्यों पर व्यय की गई राशि की कार्यवार/मदवार/माहवार/वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी एवं मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सिंहस्थ 2016 के मद में प्राप्त राशि को किसी अन्य मद में व्यय नहीं किया गया। अत: प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जानकारी अपेक्षित नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में अपेक्षित नहीं है।
लिपिकों का शाखा परिवर्तन
[सामान्य प्रशासन]
45. ( क्र. 5076 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश है कि शासकीय कार्यालयों में कार्यरत लिपिकों की शाखा परिवर्तन तीन से पाँच साल में किया जाय? (ख) क्या शासन का उक्त आदेश सीधी जिले के राजस्व विभाग में लागू नहीं है। कार्यालय कलेक्टर सीधी के अधीन कार्यरत लिपिक सहायक वर्ग-2 एवं सहायक वर्ग-3 एक ही शाखा में 10-10 वर्षों से कार्यरत है जबकि तीन या पाँच वर्ष में शाखा परिवर्तन होना चाहिये। (ग) यदि शासन के आदेश का पालन नहीं हो रहा है तो इसका जिम्मेदार कौन है? यदि नहीं, किया गया है तो कब तक शाखा परिवर्तन की कार्यवाही की जायेगी। यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 की कंडिका 8.7 में शासकीय सेवकों के एक ही स्थान पर 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किये जाने के निर्देश है। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानांतरण किया जा सकता है उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। स्थानांतरण नीति सभी विभागों के लिये लागू है। कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर द्वारा प्रशासकीय आधार पर स्थानांतरण एवं शाखा परिवर्तन किये जाते हैं। शेषांश उपस्थित नहीं होता।
संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण एवं अनुकंपा नियुक्ति
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 5180 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले सहित प्रदेश में ऊर्जा विभाग द्वारा विगत वर्षों में संविदा आधार पर कितने कर्मचारियों की भर्ती की गई है? ये कर्मचारी किस-किस पद एवं वेतनमान पर भर्ती किये गए? भर्ती/ नियुक्ति के पूर्व इनके साक्षात्कार व लिखित परीक्षाएं आयोजित कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या मध्यप्रदेश ऊर्जा विभाग के पत्र क्रमांक 9195/12/2005 भोपाल दिनांक 7.12.2013 जन संकल्प 2013 में बिजली कंपनी में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित करने संबंधी निर्देश जारी किये गये थे? (ग) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की मृत्यु उपरांत उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने के प्रावधान निहित हैं? अगर हैं तो किन-किन पदों में कार्य करने वाले कर्मचारियों की मृत्यु पर उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाती है और कौन से ऐसे पद के कर्मचारी है, जिनकी मृत्यु पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जाती, क्यों? अगर ऐसा प्रावधान है तो सभी कर्मचारियों के नौकरी के दौरान हुई मृत्यु उपरांत उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति बाबत् निर्णय लेंगे? हाँ तो कब तक बतावें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को प्रश्नांश (घ) के अनुसार नियमित करने की सरकार की योजना है? साथ ही नियमित ऊर्जा विभाग के अन्य कर्मचारियों की भांति इनको भी शासन द्वारा मिलने वाली सभी सुविधाए उपलब्ध करायेंगे? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
पारस चन्द्र
जैन ) : (क) विद्युत
कंपनियों में
भर्तियां
जिला स्तर पर
नहीं बल्कि
कंपनी स्तर
पर की जाती
है। कंपनियों
द्वारा
संविदाकार्मिकों
की भर्ती किये
जाने संबंधी
पदवार विवरण
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
संविदा पदों
पर भर्तियां
किसी वेतनमान
में नहीं की
जाती है, अपितु
संविदाकार्मिकों
को प्रतिमाह
निर्धारित
मानदेय/पारिश्रमिक
दिया जाता है।
आवश्यकतानुसार
नियुक्ति के
पूर्व
साक्षात्कार/लिखित
परीक्षा या
ऑनलाइन
परीक्षा
आयोजित की
जाती हैं। विवरण
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
म.प्र.शासन, ऊर्जा
विभाग के पत्र
क्र. 9195/12/2005,
भोपाल
दिनांक 07.12.2013 में जन
संकल्प 2013 के
परिप्रेक्ष्य
में वस्तुत:, विद्युत
वितरण
कंपनियों में
संविदा
नियुक्ति में
कार्यरत
कर्मचारियों
के
नियमितीकरण सहित
सभी समस्याओं
के निराकरण
हेतु त्वरित
कदम उठाये
जाने का लेख
है। (ग) विद्युत
कंपनियों में
कार्यरत
नियमित कर्मचारियों
की मृत्यु
उपरांत उनके
पात्र
आश्रितों को
अनुकम्पा
नियुक्ति
देने के
प्रावधान
हैं। अनुकम्पा
नियुक्ति
नीति के
अनुसार
दिवंगत
कार्मिक प्रशिक्षु, तदर्थ
अथवा संविदा
या बाह्य स्त्रोत
एजेंसी के
माध्यम से
कार्यरत हो, तो
उनके
आश्रितों को
अनुकम्पा
नियुक्ति
दिये जाने का
कोई प्रावधान
नहीं हैं। अत:
शेष प्रश्नांश
लागू नहीं है।
(घ) कंपनियों
में स्वीकृत
संविदा पदों
पर संविदा
कार्मिकों को
अनुबंधित
किया जाता है।
ऐसे कार्मिक ''संविदा
सेवा (अनुबंध
तथा सेवा
शर्तें) नियम 2016'' से
निगमित होते
हैं तथा
नियमों में
इनको नियमित
करने संबंधी
कोई प्रावधान
नहीं है।
संविदा
कार्मिकों को
संविदा
नियमों में
वर्णित सुविधाएं
(उपलब्धता के
आधार पर)
प्रदान किये
जाने के
प्रावधान
हैं। अत:
प्रश्न नहीं
उठता।
परिशिष्ट
- ''बारह''
नरसिंहपुर जिले में आंगनवाड़ी केन्द्र के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
47. ( क्र. 5287 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में आंगनवाड़ी केन्द्र की जिला स्तर पर एवं जनपद स्तर पर क्या-क्या योजनाएं किस-किस स्तर पर संचालित की जाती हैं एवं कुपोषण दूर करने के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं तथा कुपोषण के मामले में प्रदेश की तुलना में जिला नरसिंहपुर की क्या स्थिति है स्पष्ट जानकारी देवें? (ख) जिस उद्देश्य से विभाग की योजनाएं संचालित होती हैं समाज में और भी विश्वास बढ़े इसके लिये विभाग क्या प्रयास कर रहा है बताने का कष्ट करें? (ग) क्या योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु विभाग आंगनवाड़ी स्तर से लेकर जिला स्तर तक क्या प्रयास करता है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) नरसिंहपुर जिले में विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से आई.सी.डी.एस. योजना, मंगल दिवस कार्यक्रम, अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, सुपोषण अभियान, स्नेह सरोकार आदि कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है। बच्चों में व्याप्त कुपोषण के निवारण हेतु 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार प्रदाय, अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन, सुपोषण अभियान, स्नेह सरोकार, पंचवटी से पोषण न्यूट्री कार्नर आदि गतिविधियाँ संचालित की जा रही है। वर्ष 2015-16 में एन.एफ.एच.एस.-4 सर्वे अनुसार प्रदेश में कुल कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 42.8 पाया गया है, जिसमें नरसिंहपुर जिले में यह प्रतिशत 35.3 है। (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता है। समय-समय पर आयोजित ग्राम सभाओं में भी योजनाओं की जानकारी दी जाती है। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा आंगनवाड़ी चलो अभियान चलाकर समुदाय को आंगनवाड़ी केन्द्रों से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे है। स्नेह सरोकार कार्यक्रम अंतर्गत समुदाय, जनप्रतिनिधियों द्वारा अतिकम वजन वाले बच्चों के पोषण स्तर के सुधार की जिम्मेदारी ली जा रही है, जिससें समाज बच्चों के पोषण स्तर के प्रति जागरूक हो रहा है। बच्चों की माताओं में पोषण जागरूकता के प्रयास किये जा रहे है। शासकीय योजनाओं के प्रति समाज में विश्वास बढ़ाने हेतु कार्यशालाएं, संगोष्ठी, रैली, दीवार लेखन फ्लैक्स, होर्डिंग्स लगाये जाते हैं। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के माध्यम से समय-समय पर कार्यक्रम का प्रसारण कराया जाता है साथ ही ब्रोशर, पम्पलेट, बुकलेट का भी वितरण किया जाता है। (ग) जी हाँ। आंगनवाड़ी स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ग्राम में गृहभेंट के माध्यम से, आंगनवाड़ी केन्द्र में आयोजित कार्यक्रमों एवं मंगल दिवस आयोजन में उपस्थित जनसमुदाय को योजनाओं की जानकारी दी जाती है। योजनाओं के पोस्टर एवं पम्पलेट के माध्यम भी प्रचार प्रसार किया जाता है। जिला स्तर पर, विकासखण्ड स्तर पर एवं ग्राम स्तर पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में विभागीय प्रदर्शनी का आयोजन कर जनसमुदाय को जानकारी प्रदान की जाती है।
वर्षवार विद्युत उत्पादन
[ऊर्जा]
48. ( क्र. 5312 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पा.ज.कं.लि. के सभी जल विद्युत गृहों के वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक माहवार एवं वर्षवार विद्युत उत्पादन मिलियन यूनिट में बतायें एवं प्रत्येक वर्ष का पी.यू.एफ. भी बतावें। (ख) राज्य शासन के सभी जल विद्युत गृहों का भी जब से विद्युत गृह उत्पादन देना प्रारंभ किये हैं, उनकी तिथियां बतायें साथ ही वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक माहवार वर्षवार विद्युत उत्पादन मिलियन यूनिट में बतावें। (जैसे कि इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, सरदार सरोवर आदि) सरदार सरोवर परियोजना के उत्पादन से म.प्र. के हिस्से में उपर्युक्त तिथि से माहवार वर्षवार म.प्र. को कितनी बिजली प्राप्त हुई। (ग) राज्य शासन के जल विद्युत गृहों की विद्युत इकाइयों का उत्पादन कब से प्रारंभ हुआ तब से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन द्वारा म.प्र.वि.म. को बिजली प्रति यूनिट किस दर पर बेची गई और भविष्य में आगामी वर्षों में यह दरें कब तक लागू रहेगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी जल विद्युत गृहों का वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 (फरवरी 17 तक) तक के माहवार एवं वर्षवार विद्युत उत्पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” (1 से 5) अनुसार है। जल विद्युत गृहों हेतु पी.यू.एफ. की गणना नहीं की जाती, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) राज्य शासन के जल विद्युत गृहों यथा इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर (एन.व्ही.डी.ए.) एवं बरगी नहर (एन.व्ही.डी.ए.) तथा सरदार सरोवर जल विद्युत गृह से विद्युत उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि एवं वर्ष 2013-14 से फरवरी 2017 तक माहवार वर्षवार विद्युत उत्पादन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” एवं प्रपत्र “स” अनुसार है। सरदार सरोवर परियोजना से वर्ष 2013-14 से मध्यप्रदेश के हिस्से में प्राप्त बिजली की माहवार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित जल विद्युत गृहों से उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। इन विद्युत गृहों से एम.पी. पॉवर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा स्त्रोतवार क्रय की गई विद्युत औसत दर (अद्यतन उपलब्ध) एवं आगामी वर्षों के लिए लागू दरों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “द” अनुसार है।
मुरैना जिले में साहित्य, कलाकार और उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता
[संस्कृति]
49. ( क्र. 5370 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2016 में साहित्यकारों कलाकारों के आश्रित परिवारों के कितने आवेदन सहायता हेतु प्राप्त हुए? उनके नाम, संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त आर्थिक सहायता के कितने प्रकरणों को संस्कृति विभाग द्वारा सहायता योग्य माना एवं किन-किन प्रकरणों में सहायता राशि स्वीकृत की गई है? नाम राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) वर्तमान में कितने प्रकरण लंबित हैं तथा उनका निराकरण कब तक किया जावेगा।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) वर्ष 2016 में मुरैना जिले के साहित्यकारों, कलाकारों के आश्रित परिवारों के कोई आवेदन सहायता हेतु प्राप्त नहीं हुए हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैकलॉग के निर्धारण हेतु समितियों का गठन
[सामान्य प्रशासन]
50. ( क्र. 5443 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा संभाग स्तर एवं जिला स्तर पर बैकलॉग के निर्धारण हेतु समितियों का गठन किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 2003 से बैकलॉग निर्धारण हेतु शासन स्तर पर संभाग व जिला स्तर पर बैकलॉग समितियों की बैठक आयोजित की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में समितियों की बैठक में क्या अजाक्स के प्रतिनिधियों को बुलाना आवश्यक है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में पिछले 03 वर्षों में इन्दौर जिले में कितनी बैठकें आयोजित की गई? क्या इनमें बैकलॉग के रिक्त पदों का आंकलन एवं निर्धारण किया गया? यदि हाँ, तो कितने रिक्त पदों का निर्धारण संधारित किया गया? विधान सभा क्षेत्रवार संख्या से अवगत करायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) कोई बैठक आयोजित नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बड़वारा वि.स. क्षेत्र के विद्युतविहीन ग्रामों का विदुतीकरण
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 5452 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 की स्थिति में वि.स. क्षेत्र बड़वारा के वि.खं. बडवारा, कटनी व ढीमरखेड़ा के कोई ग्राम विद्युत विहीन रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के किन ग्रामों को किन वर्षों में विद्युतीकृत किया गया है और किन कारणों से विद्युतीकृत नहीं हो पाये हैं? (ग) क्या वि.खं. ढीमरखेड़ा का ग्राम गौरी किस अवधि में विद्युतीकृत कर दिया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) (ग) को शत-प्रतिशत विद्युतीकृत कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, वर्ष 2014 की स्थिति में विधानसभा क्षेत्र बडवारा अंतर्गत विकासखंड बडवारा के 5, विकासखण्ड कटनी के निरंक एवं विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के 9 आबाद ग्राम अविद्युतीकृत थे। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ग्रामों को वर्षवार विद्युतीकृत किये जाने की जानकारी एवं शेष ग्रामों का विद्युतीकरण कार्य लंबित होने के कारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विकासखण्ड ढीमरखेड़ा के ग्राम गौरी को वर्ष 2015-16 में विद्युतीकृत कर दिया गया है। (घ) जी हाँ, प्रश्नाधीन शेष 3 अविद्युतीकृत ग्राम आरक्षित वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण इन ग्रामों को गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युतीकृत किये जाने का कार्य नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किया जाना प्रस्तावित है।
बिना लोकार्पण तथा भूमिपूजन के कार्य प्रारंभ होना
[सामान्य प्रशासन]
52. ( क्र. 5508 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने शासकीय भवन, सडकों, तालाबों (स्टॉप डेम) एवं अन्य प्रकार का निर्माण किया गया है? विभागवार स्थान बतावें। (ख) उपरोक्त बताये गये स्थानों में से किन-किन स्थानों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण के कार्यक्रम कराये गये एवं कितने स्थानों के बिना भूमिपूजन एवं लोकार्पण के कार्य प्रारम्भ हो चुके हैं? (ग) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र के कितने स्थानों पर किस-किस को शासकीय कार्यक्रमों में अतिथि बनाया गया है? विकासखंडवार बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयकर विभाग से प्राप्त नोटिस
[सामान्य प्रशासन]
53. ( क्र. 5575 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अतारांकित प्रश्न संख्या 84 (क्रमांक 1149) दिनांक 6 दिसम्बर 2016 के जवाब में आयकर विभाग से कोई जानकारी प्राप्त नहीं होने की बात स्वीकारी गयी है? क्या विभाग आयकर विभाग से भारतीय प्रशासनिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा सहित अन्य शासकीय अधिकारियों पर आयकर नोटिसों की जानकारी तथा आय के स्त्रोतों की जानकारी मंगवायेगा? (ख) जिन सूचनाओं अथवा स्रोतों के आधार पर ये नोटिस जारी हुए हैं, आयकर विभाग से मांगकर क्या विभाग उन सभी कार्यों की जाँच करवाकर अधिकारियों की भूमिका का पता लगाकर उन पर कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। आयकर से संबंधित समस्त कार्यवाही भारत सरकार, वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र का विषय है। राज्य शासन द्वारा आयकर नोटिस आय के स्त्रोतों आदि की जानकारी उक्त मंत्रालय से आहूत कर आयकर नोटिस के संदर्भ में कोई जाँच करवाने जैसी कोई व्यवस्था विहित नहीं है। यदि आयकर विभाग किसी अधिकारी विशेष के बारे में कोई तथ्य राज्य शासन के संज्ञान में लाता है तो राज्य के स्तर पर किसी कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत होगा।
रीवा संभाग में विद्युत विभाग के पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में नियुक्तियों में जानकारी
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 5584 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में विद्युत विभाग के पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितने सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता एवं अन्य तकनीकी कर्मचारियों की संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग मंत्रालय के पत्र क्र. 9159/12/05/भोपाल दिनांक 27-12-2013 के एवं जनसंकल्प 2013 के पत्र द्वारा संविदा कर्मियों को नियमित करने का आदेश व पत्र प्रसारित हुये हैं? यदि हाँ, तो पत्रों/अदेशों का विवरण देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में पदांकित कर्मियों के नियुक्ति में अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ावर्ग आरक्षण नियमों का पालन किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त संविदा कर्मियों को आरक्षण नियमों का पालन करते हुये कब तक नियमित कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में संविदा नियुक्ति हेतु कार्यवाही संभाग स्तर पर नहीं अपितु कंपनी स्तर पर की जाती है। वर्ष 2010-11 से वर्तमान तक म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता एवं अन्य तकनीकी कर्मचारियों की संविदा आधार पर की गई नियुक्ति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) ऊर्जा विभाग, मध्यप्रदेश शासन के पत्र क्रमांक 9159/2013/तेरह/05/भोपाल दिनांक 27.12.2013 के साथ संलग्न किये गये जनसंकल्प 2013 में विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कदम उठाये जाने का उल्लेख किया गया है। ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन के उक्त पत्र दिनांक 27.12.2013 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम 2016 लागू किए गए हैं। इन नियमों में संविदा कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण करते हुए इन कार्मिकों को उनके कार्य की योग्यता के आधार पर अधिकतम 60 वर्ष की आयु तक संविदा पर कार्य करने की सुविधा प्रदान की गई है। अत: पृथक से कोई कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
विदयुत कनेक्शनों का प्रदाय एवं सुधार कार्य
[ऊर्जा]
55. ( क्र. 5627 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि.अता.प्र.सं. 97 (क्रमांक 2073) दिनांक 28/07/2015 के प्रश्नांश (क) का उत्तर ''प्रत्येक डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स से अधिकतम सिंगल फेज के 09 तथा थ्री फेज के 03 कनेक्शन प्रदाय किये जा सकते हैं'' एवं प्रश्नांश (ग) का उत्तर ''डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स से निर्धारित संख्या से अधिक कनेक्शन नहीं दिये गये हैं'' दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या कटनी नगर में डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्सों से निर्धारित क्षमता से अधिक विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने एवं भ्रामक जानकारी प्रदाय करने के लिये जवाबदेही तय की जायेगी? यदि हाँ, तो कैसे एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्या सक्षम प्राधिकारी ऐसा ना होने का सत्यापन करेंगे? (ग) मुडवारा विधानसभा अतंर्गत विदयुत लाइनों में सुधार हेतु कितने कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं? विद्युत सुधार की शिकायत प्राप्त होने के पश्चात् कितने समय में सुधार किये जाने का प्रावधान है? दिनांक 01/01/2017 से कितनी शिकायतें कब प्राप्त हुईं और शिकायत प्राप्त होने के कितने समय पश्चात् सुधार कार्य किया गया? शिकायतवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) विदयुत लाइनों में सुधार कार्य करने वाले कर्मियों को क्या-क्या सुरक्षा/उपकरण, वाहन उपलब्ध कराये जाने के प्रावधान है? क्या निर्धारित उपकरण एवं वाहन उपलब्ध कराये गये हैं? हाँ तो क्या-क्या? विवरण देंवे, नहीं तो क्यों एवं इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) कटनी शहर में निर्धारित मापदण्ड के अनुसार ही विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, अत: भ्रामक जानकारी दिये जाने तथा जवाबदेही तय करने का प्रश्न नहीं उठता। कटनी वृत्त में पदस्थ नोडल अधिकारी (आर.ए.पी.डी.आर.पी.) पूर्व क्षेत्र ने ठेकेदार द्वारा लगाये गये डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स एवं प्रदाय किये गये कनेक्शनों की संख्या की जाँच कर निम्नानुसार दर्शाई दिनांकों में फीडरों की जाँच/सत्यापन किया गया है:-
क्रमांक |
फीडर का नाम |
जाँच का सत्यापन का दिनांक |
1 |
मानसरोवर फीडर |
24.12.12 |
2 |
सिटी-3 फीडर |
01.07.14 |
3 |
इण्डस्ट्रीयल फीडर |
20.9.13 |
4 |
कछगवां फीडर |
15.04.13 |
5 |
माधवनगर फीडर |
29.11.13 |
6 |
सिटी-2 फीडर |
14.06.13 |
7 |
गायत्रीनगर फीडर |
15.06.13 |
8 |
सिटी-4 फीडर |
01.09.13 |
9 |
सिटी-6 फीडर |
21.01.15 |
(ग) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कटनी शहर में विद्युत लाईनों में सुधार कार्य हेतु 65 विभागीय स्थाई लाईन कर्मचारी एवं आर-ए.पी.डी.आर.पी. में ठेके पर 13 (30 दिवस हेतु तथा आवश्यकतानुसार अवधि बढ़ायी जाती है) अर्धकुशल कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके साथ ही मानसून पूर्व एवं मानसून पश्चात् विद्युत लाइनों एवं ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव कार्य हेतु अतिरिक्त मानव दिवस पर कार्य हेतु 12 (30 दिवस हेतु तथा आवश्यकतानुसार अवधि बढ़ायी जाती है) अर्धकुशल कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं। विद्युत संबंधी शिकायतें प्राप्त होने पर शहरी क्षेत्र में अधिकतम 24 घण्टे के अंदर सुधार किये जाने का प्रावधान है। दिनांक 01.01.17 से दिनांक 08.03.17 तक कुल 2747 शिकायतें प्राप्त हुयी हैं, जिनका निर्धारित समयावधि में सुधार कार्य कर निराकरण किया गया है। उक्त शिकायतों का शिकायतवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विद्युत लाईनों में सुधार कार्य करने वाले लाईन कर्मचारियों को नियमानुसार हेलमेट, हैण्ड ग्लब्ज, कटिंग प्लायर, टेस्टर, स्क्रू ड्राइवर, डिस्चार्ज रॉड, झूला, सीढ़ी, ट्राली, टॉर्च, टूल बैग, जूते आदि उपलब्ध कराये जाते हैं। इसके अलावा चार लैडर जीप, एक 407 पिकअप, एक 207 लैडर जीप एवं एक कैम्पर वाहन की भी व्यवस्था की गई है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
जनसुनवाई के दौरान लंबित शिकायत
[सामान्य प्रशासन]
56. ( क्र. 5647 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा में वर्ष 2015-16, 2016-17 में जनसुनवाई के दौरान कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और कितनी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है व कितनी शिकायतें लंबित हैं? (ख) लंबित शिकायतों के निराकरण होने के क्या कारण हैं, क्या लंबित शिकायतों का निराकरण किया जा सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्र जौरा में वर्ष 2015-16, 2016-17 में जनसुनवाई के दौरान कुल 1228 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, 866 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है, 362 शिकायतें लंबित हैं। (ख) लंबित शिकायतों के निराकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी हाँ।
इंदिरा सागर परियोजना अन्तर्गत डूब प्रभावित जमीनों का अधिग्रहण एवं मुआवजा वितरण
[नर्मदा घाटी विकास]
57. ( क्र. 5653 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना (पुनासा डेम) अन्तर्गत हरदा एवं खंडवा जिले के कई ग्राम जिनका कि अधिग्रहण नहीं किया गया है, जल भराव होने से वहाँ की जमीनें दलदल होकर कृषि योग्य नहीं रह गई है, जिससे लोगों को प्रतिवर्ष लाखों रूपयों का नुकसान हो रहा है व उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है तो क्या उक्त डूब प्रभावित जमीनों का भी अधिग्रहण कर सम्बन्धितों को उसका मुआवजा दिया जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जल भराव के कारण जमीनें दलदल होने से कई जीव जन्तु एकत्र हो गये हैं। मच्छर आदि का प्रकोप उक्त क्षेत्र में बढ़ गया है व लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका विपरीत असर हो रहा है तो शासन स्तर से डूब क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) इंदिरा सागर परियोजना (पुनासा डेम) से शासन को प्रतिमाह व प्रतिवर्ष कितनी आय हो रही है व प्राप्त आय को किस मद में कहाँ-कहाँ पर व्यय किया जा रहा है? विगत तीन वर्षों की जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (ग) जी नहीं, जमीनें दलदल होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं। (घ) बांध एन.एच.डी.सी. के नियंत्रण में है, जिसमें राज्य शासन की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। राज्य शासन को एन.एच.डी.सी. से गत तीन वर्षों में प्राप्त लाभांश निम्नानुसार है :-
वर्ष |
राज्य शासन को प्राप्त लाभांश |
2014-15 |
56.65 करोड़ |
2015-16 |
113.30 करोड़ |
2016-17 |
195.87 करोड़ |
प्राप्त लाभांश राज्य शासन के राजस्व मद में जमा होता है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रदेश में देशी एवं विदेशी शराब दुकानें
[वाणिज्यिक कर]
58. ( क्र. 5664 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार प्रदेश में देशी एवं विदेशी शराब पीने वालों के लिये केशलेस की व्यवस्था अनिवार्य करेगी? (ख) क्या सरकार द्वारा प्रदेश में देशी एवं विदेशी शराब की बिक्री बंद करने के निर्णय के लिये विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो शराब की बिक्री कब तक बंद कर दी जावेगी? (ग) नर्मदा किनारे कितनी देशी एवं विदेशी शराब की कितनी दुकाने बंद की जा रही है? नर्मदा नदी के पास के जिलेवार सूची उपलब्ध करावें। नर्मदा नदी से कितनी-कितनी दूरी पर कितनी देशी एवं विदेशी शराब की दुकानें कितनी दूरी पर हैं? सूची उपलब्ध करावें। (घ) नर्मदा नदी से कम दूरी वाली देशी एवं विदेशी शराब दुकानों में गये वित्तीय वर्ष मूल्य कितना था एवं आगामी वित्तीय वर्ष आरक्षित मूल्य कितना रखा है? जिलेवार सूची उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रदेश में देशी/विदेशी मदिरा दुकानें बंद किये जाने संबंधी वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) नर्मदा किनारे 42 देशी व 24 विदेशी इस प्रकार कुल 66 मदिरा दुकानें दिनांक 01.04.2017 से बंद की जा रहीं है, जिलेवार दुकानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (घ) नर्मदा नदी से कम दूरी वाली देशी एवं विदेशी शराब दुकानों में पिछले वित्तीय वर्ष के आरक्षित मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
सिरमौर विधानसभा अंतर्गत डेल्ही में संचालित शिवम स्व-सहायता समूह के लंबित देयकों का भुगतान
[महिला एवं बाल विकास]
59. ( क्र. 5796 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवम स्व-सहायता समूह डेल्ही महिला एवं बाल विकास परियोजना सिरमौर में पोषण आहार वितरण का कार्य कर रहा है, क्या यह सच है कि समूह के वर्ष 2009 एवं 2010 के लंबित देयकों का भुगतान नहीं किया गया? (ख) यदि हाँ, तो उक्त भुगतान के लंबित होने का क्या कारण है? यह कि उक्त लंबित भुगतान संबंधित स्व-सहायता समूह को कब प्रदाय किया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। शिवम स्व-सहायता समूह डेल्ही द्वारा बाल विकास परियोजना सिरमौर में पोषण आहार वितरण का कार्य किया जा रहा है। समूह के वर्ष 2009 के देयकों का भुगतान 90 प्रतिशत किया गया है एवं 10 प्रतिशत भुगतान शेष है। वर्ष 2010 के देयकों का भुगतान नहीं किया गया है। (ख) शिवम स्व-सहायता समूह द्वारा प्रदाय पोषण आहार वितरण की जानकारी मातृ सहयोगिनी समिति द्वारा सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण वर्ष 2009 की 10 प्रतिशत की राशि तथा वर्ष 2010 के देयकों की पूर्ण राशि रोकी गई थी। वर्तमान में समूह से जानकारी अप्राप्त है, निर्धारित जानकारी प्राप्त होने पर सक्षम स्वीकृति उपरान्त भुगतान की कार्यवाही नियमानुसार की जायेगी।
वित्त सेवा के कनिष्ठ अधिकारियों के वरिष्ठ वेतनमान की समयावधि
[सामान्य प्रशासन]
60. ( क्र. 5803 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सर्विस सेवा के अंतर्गत वर्ग-1 की श्रेणी में कौन-कौन से पद पर चयन किया जाता है? क्या इस श्रेणी के चयनित अधिकारियों का वेतनमान समान होता है? यदि हाँ, तो नियुक्ति के बाद शासन द्वारा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को चार वर्ष में और वित्त सेवा के चयनित अधिकारियों को छ: वर्ष में अगला वरिष्ठ वेतनमान (चयन वेतनमान) स्वीकृत करने में शासन द्वारा भेदभाव क्यों रखा जाता है? क्या शासन की नीति यह न्यायसंगत है? (ख) क्या शासन राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के समान चयन वेतनमान की अवधि चार वर्ष निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या वित्त सेवा के अधिकारियों को भी चयन वेतनमान (सिलेक्शन ग्रेड) की अवधि चार वर्ष करने पर शासन विचार करेगा? (ग) वित्त सेवा के अंतर्गत वरिष्ठ वेतनमान के कितने पद कब से रिक्त हैं? क्या रिक्त पद समयावधि छ: वर्ष होने के कारण रिक्त पदों की पूर्ति नहीं हो सकी? यदि हाँ, तो क्या समयावधि चार वर्ष पूर्ण होने पर इन पदों की पूर्ति की जा सकती है? यदि हाँ, तो सेवा अवधि छ: वर्ष के स्थान पर चार वर्ष की सेवा मान्य करने हेतु मध्यप्रदेश वित्त सेवा भर्ती नियम में शासन आवश्यक संशोधन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सर्विस सेवा के अंतर्गत वर्ग-1 की श्रेणी के पदों का चयन नहीं किया जाता है। मध्यप्रदेश वित्त सेवा भर्ती नियम 1965 की अनुसूची 4 (2) के अनुसार 6 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर वरिष्ठ वेतनमान तथा अनुसूची 4 (3) के अनुसार वरिष्ठ श्रेणी में 4 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर प्रवर श्रेणी वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश वित्त सेवा वरिष्ठ वेतनमान के 106 पद विगत एक वर्ष से रिक्त हैं। 06 वर्ष की अर्हतादायी सेवा पूर्ण करने वाले अधिकारी फीडर कैडर में उपलब्ध न होने से पूर्ति नहीं हो सकी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
असत्य बिजली के बिलों का प्रदाय करने एवं विदयुत प्रदाय व्यवस्था
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 5835 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 सितम्बर 2016 से 31 जनवरी 2017 तक भिण्ड जिले के लहार विधान सभा क्षेत्र नगरीय, ग्रामीण क्षेत्र में विदयुत प्रवाह प्रतिदिन कितने-कितने घंटे प्रदाय करने के म.प्र.म.क्षे.वि. वितरण कंपनी द्वारा किये जाने के निर्देश हैं? (ख) 132 के.व्ही. लहार एवं रौन से लहार विधान सभा क्षेत्र में 1 दिसम्बर 2016 से 31 जनवरी 2017 तक किस-किस फीडर से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र एवं किसानों को सिंचाई हेतु औसत कितने घण्टे विद्युत प्रदाय की गई? (ग) लहार विधान सभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक सिंचाई पंपों की बकाया राशि के कितने प्रकरण वसूली हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किये तथा कितने वसूली हेतु विचाराधीन है? (घ) क्या विदयुत संभाग लहार में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों तथा भिण्ड में पदस्थ उप महाप्रबंधक विजिलेंस श्री जयप्रकाश नागर द्वारा किसानों पर असत्य व फर्जी प्रकरण बनाकर वसूली की जा रही है? यदि नहीं, तो ग्राम अजनार में अनेक किसानों पर चक्की चलाने के असत्य प्रकरण बनाने की जाँच की जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में लहार विधानसभा क्षेत्र सहित भिण्ड वृत्त के समस्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी खराबी/प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक व्यवधानों एवं संधारण कार्य हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर कृषि कार्यों हेतु 10 घंटे एवं गैर कृषि कार्यों हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) 132 के.व्ही. उपकेन्द्र लहार एवं 132 के.व्ही. उपकेन्द्र रौन से लहार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.12.2016 से दिनांक 31.01.2017 तक 11 के.व्ही. फीडरों से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में की गई माहवार औसत विद्युत प्रदाय की फीडरवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बकाया राशि की वसूली हेतु प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये जाते तथापि लहार विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में सिंचाई पंपों के विद्युत चोरी/अनियमितता के 89 प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये तथा पूर्व के ऐसे 36 अन्य प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र के विद्युत पंपों के विद्युत चोरी/अनियमितता संबंधी कुल 125 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। (घ) जी नहीं। ग्राम अजनार में अवैध रूप से आटा चक्की चलती पाये जाने पर विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत नियमानुसार 5 प्रकरण बनाये गये हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता।
टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रातामाटी में सब स्टेशन
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 5838 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम रातामाटी में सब-स्टेशन स्वीकृत हुआ है? यदि हाँ, तो कब स्वीकृत हुआ? वर्तमान में क्या स्थिति में है व स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र टिमरनी के वनग्रामों में किन-किन ग्रामों में बिजली प्रदाय की जा रही है व कितने घंटे प्रदाय की जा रही है? फीडरवार जानकारी देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र टिमरनी के किन-किन वनग्रामों में बिजली व्यवस्था नहीं है व उन वनग्रामों में बिजली प्रदाय व्यवस्था कब तक करा दी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) विधानसभा क्षेत्र टिमरनी के सभी वन ग्रामों में तकनीकी खराबी एवं प्राकृतिक आपदा के कारण आए आकस्मिक व्यवधानों तथा संधारण कार्य हेतु आवश्यक होने जैसे अपरिहार्य कारणों को छोड़कर गैर कृषि कार्यों हेतु 24 घन्टे तथा कृषि कार्यों हेतु 10 घन्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त वनग्रामों की 11 के.व्ही. फीडरवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र टिमरनी के अंतर्गत समस्त वन ग्राम विद्युतीकृत हैं। अत: प्रश्न का शेष भाग आवश्यक नहीं है।
टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिराली सब-स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 5839 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम सिराली में विगत वर्षों में कभी सब-स्टेशन स्वीकृत हुआ था? क्या यदि हाँ, तो कब? (ख) ग्राम सिराली सब-स्टेशन स्वीकृत हुआ था तो आज दिनांक तक स्थापित क्यों नहीं किया गया? क्या ग्राम सिराली में स्वीकृत सब-स्टेशन स्थानांतरण कर हरदा विधानसभा क्षेत्र ग्राम सुल्तानपुर में कर दिया गया? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या सिराली सब-स्टेशन को ग्राम सुल्तानपुर में स्थानांतरण करने में विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत है कि जाँच कर उन पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ग्राम सिराली में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र पूर्व से ही स्थापित है, इसके अतिरिक्त इस ग्राम में अन्य किसी 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र अथवा अति उच्चदाब के किसी भी अन्य उपकेन्द्र के कार्य की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (ख) उत्तराश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा जाँच कराये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत विहीन मंजरो में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 5896 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितनी ऐसी बस्तियां/मजरे/टोले हैं, जहां पर वर्तमान तक घरेलू विद्युत नहीं है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) इन मजरे/टोले/बस्तियों में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्य योजना तैयार की गई है? क्या इन मजरे टोलों के विद्युतीकरण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? हाँ तो इन्हें विद्युतीकरण पूर्ण कराने हेतु कितनी समयावधि लगेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 184 राजस्व ग्रामों में चिन्हित 651 मजरे/टोले/बस्तियाँ (फाल्या) है, जहाँ वर्तमान में विद्युतीकरण नहीं हुआ है। उक्त 184 राजस्व ग्रामों के चिन्हित 651 अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बस्तियों (फाल्यों) की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 184 राजस्व ग्रामों के चिन्हित 651 मजरों/टोलों/बस्तियों (फाल्यों) के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। उक्त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स वोल्टाज प्रा.लि. मुम्बई को दिनांक 14/12/2016 को अवार्ड जारी किया गया है। निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त कार्य को पूर्ण करने की समयावधि अवार्ड दिनांक से 02 वर्ष अर्थात दिनांक 14.12.2018 तक निर्धारित है।
निर्माण कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
65. ( क्र. 5901 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत नगर पंचायत भीकनगांव में निर्माण कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में प्रोटोकॉल के उल्लंघन के संबंध में पूर्व में कोई शिकायत दर्ज की गई थी? उस पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या इस प्रकार की किसी भी विधानसभा सदस्य के साथ पुनरावृत्ति न हो, इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर कोई कार्यवाही शासन द्वारा प्रस्तावित की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
7 दिवसीय अवधि में पत्रों पर की गई कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
66. ( क्र. 5934 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी सीतामउ व गरोठ एवं जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सीतामउ व गरोठ तहसीलदार सीतामउ, शामगढ़, सुवासरा को प्रश्नकर्ता विधायक के कार्यालय में प्रेषित पत्रों की जानकारी उपलब्धय करावें? (ख) उपरोक्त प्रेषित पत्रों पर समस्त अधिकारियों द्वारा की गई? कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) उपरोक्त अधिकारियों द्वारा समय-सीमा 7 दिवस में लिखे गए पत्रों की दिनांक व की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (घ) समस्त प्रेषित पत्रों का जवाब व निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें। समय-सीमा में निराकरण नहीं होने पर दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के जिला कलेक्टर में 51, जिला पंचायत में 05, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गरोठ में 02, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सीतामउ में 02, जनपद पंचायत सीतामउ में 35, जनपद पंचायत गरोठ में 14, तहसीलदार सीतामउ में 04, तहसीलदार शामगढ़ में 06 एवं तहसीलदार सुवासरा में 05 इस प्रकार कुल 124 पत्र प्राप्त हुए। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लिपिक संवर्ग की विसंगतियों को दूर करना
[वित्त]
67. ( क्र. 5959 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले लिपिक कर्मचारी कम से कम वेतनमान में काम कर रहे हैं? यदि हाँ, तो शासन इनके वर्षों पुरानी वेतन विसंगती कब तक दूर करेगा? (ख) क्या म.प्र. शासन के विभिन्न विभागों में शासन की योजनाओं का पूर्ण क्रियान्वयन कराने वाले लिपिक कर्मचारियों द्वारा अपनी वेतन विसंगति दूर करने के संबंध में माननीय न्यायालय की शरण ली गई है। यदि हाँ, तो क्या शासन माननीय न्यायालय के निर्णय द्वारा वेतन विसंगति को दूर करेगी? (ग) म.प्र. शासन 65000 लिपिक कर्मचारियों की वेतन विसंगति कब तक दूर करेगा एवं नवीन वेतनमान कब तक देगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) यह एक सतत् प्रक्रिया है। वेतन विसंगति ज्ञात होने पर विसंगति दूर करने की आवश्यक कार्यवाही की जाती है। (ख) जी हाँ। रिट पिटीशन क्रमांक 6555/13 लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ विरूध्द म.प्र.शासन प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
सागर जिले के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
68. ( क्र. 5998 ) श्री हर्ष यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15 से दिनांक 31-01-17 तक कितनी फर्मों/कंपनियों पर कर चोरी/कर न चुकाने के प्रकरण लंबित हैं? (ख) यह भी बतावें कि उपरोक्त फर्मों/कंपनियों पर शास्ति कितनी आरोपित की गई। कितनी वसूली की गई? जिन फर्मों/कंपनियों पर राशि वसूली शेष हैं, उनसे कब तक वसूली कर ली जावेगी? (ग) सागर जिले में बिना टिन नंबर व्यापार कराने वाली कितनी फर्मों पर दिनांक 01-01-13 से 31-01-17 तक कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सागर जिले में प्रश्नगत अवधि में 60 फर्मों/कम्पनियों पर कर चोरी/कर न चुकाने के प्रकरण लंबित हैं। (ख) उक्त फर्मों पर आरोपित शास्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ए'' में दर्शाई गई है। जिन फर्मों/कंपनियों पर राशि वसूली शेष हैं, उनके प्रकरण सागर जिले (सागर एवं बीना वृत्त) में विभिन्न स्तर पर विभागीय कार्यवाही में हैं। राशि वसूली का कार्य एक वैधानिक सतत् प्रक्रिया है। अत: निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सागर जिले में बिना टिन नम्बर व्यापार करने वाले 257 फर्मों पर प्रश्नगत अवधि में कार्यवाही की गई। इनमें से 43 व्यवसाइयों को पंजीयन जारी किया गया तथा शेष 214 व्यवसाइयों पर कर दायित्व नहीं आने से प्रकरण नस्ती किए गए। फर्मवार तथा वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''बी'' अनुसार है।
बौद्ध विश्वविद्यालय सांची के भवन निर्माण में विलंब संबंधी
[संस्कृति]
69. ( क्र. 6003 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बौद्ध विश्वविद्यालय सांची कहाँ लगता है तथा उस मकान का मालिक कौन है एवं कितना किराया प्रतिमाह दिया जाता है? कब से किराया दिया जा रहा है माहवार, राशिवार प्रश्न दिनांक तक जानकारी देवें? किरायानामा का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) वर्तमान में कितने छात्र अध्ययनरत है तथा कितने छात्र छात्रावासों में निवासरत है उनके नाम एवं पते उपलब्ध करावें? छात्रावास का मासिक किराया, भोजन एवं अन्य व्यवस्था का कितना चार्ज लिया जाता है? (ग) विश्वविद्यालय के भवन निर्माण की स्वीकृति दिनांक लागत कार्य पूर्णता दिनांक सहित बतावें? यह भी बतावे की अभी तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है? कितनी राशि आहरित का जा चुकी है? कार्य पूर्णता में विलंब के कारण बतावें? (घ) क्या धीमी गति से कार्य करके वर्तमान मकान मालिक को लाभ पहुंचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? कार्य कब तक पूर्ण होगा? समय-सीमा देवें? कार्य विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) सॉची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय वर्तमान में ग्राम-बारला, सॉची जिला-रायसेन में लगता है. भवन स्वामी शिव गोमती जन कल्याण समिति, रायसेन है एवं उसे प्रतिमाह किराया राशि रूपये 5,63,650+भारत सरकार के नियमानुसार सेवाकर दिया जाता है भवन स्वामी को माह जनवरी, 2015 से निरन्तर किराया+भारत सरकार के नियमानुसार सेवाकर दिया जा रहा है. किराये की माहवार, राशिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार. भवन-परिसर को किराये पर लेने हेतु शिव गोमती जन कल्याण समिति एवं विश्वविद्यालय के मध्य, कलेक्टर द्वारा निर्धारित किराये के आधार पर तीन वर्ष हेतु किरायानामा दिनांक 31/12/2014 को संपादित किया गया है. (ख) वर्तमान में विश्वविद्यालय में 48 छात्र अध्ययनरत है. विश्वविद्यालय के छात्रावासों में कुल 09 विद्यार्थी निवासरत हैं. उसके नाम पते संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार. छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थी से सेमेस्टर के आधार पर हास्टल फीस ली जाती है. हॉस्टल फीस प्रमाण-पत्र/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के विद्यार्थी हेतु हॉस्टल फीस राशि रूपये 900 प्रति सेमेस्टर एवं एम.फिल./पी.एच.डी. विद्यार्थी हेतु राशि रूपये 1200 प्रति सेमेस्टर निर्धारित है. विद्यार्थियों हेतु मैस प्रभार राशि रूपये 3000/- प्रतिमाह निर्धारित है. (ग) विश्वविद्यालय के भवन की डिजाइनिंग का कार्य किया जा रहा है, तदोपरांत भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति दी जाती है. वर्तमान में विश्वविद्यालय के भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं दी गयी है, भवन निर्माण हेतु शासन से राशि स्वीकृत नहीं है. (घ) जी नहीं. निर्माण कार्य की स्वीकृति नहीं दी गई है. निर्माण कार्य हेतु राशि उपलब्ध नहीं है. अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों में पेयजल एवं सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
70. ( क्र. 6042 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्राम भटटीयाण खुर्द, ढाबा एवं सादडबने में पेयजल के साथ सिंचाई का पानी उपलब्ध कराये जाने की कार्ययोजना क्या है? सिंचाई योजना सहित तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त ग्रामों में पेयजल एवं सिंचाई का पानी उपलब्ध कराये जाने में विलंब के क्या कारण है? (ग) उक्त आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में पेयजल एवं सिंचाई हेतु पानी कब तक उपलबध करा दिया जायेगा और किस योजना के अंतर्गत? भौतिक सत्यापन कर तत्संबंधी ब्यौरा दें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) से (ग) नर्मदा घाटी विकास विभाग की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनप्रतिनिधियों के संबंध में प्रोटोकाल का पालन
[सामान्य प्रशासन]
71. ( क्र. 6043 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में सांसदों, विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों के संबंध में प्रोटोकाल का पालन करने के नियम/दिशा-निर्देश एवं मापदण्ड क्या है? (ख) उक्त जनप्रतिनिधियों को निर्वाचित क्षेत्र व जिलों में शासकीय एवं विभागीय व अन्य कार्यक्रमों में प्रोटोकाल के तहत बुलाये जाने के नियम व मापदण्ड क्या हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिपालन में कोई अनियमितताएं एवं लापरवाही की जाती है तो संबंधितों के विरूद्ध शासन स्तर पर क्या कार्यवाही किए जाने के प्रावधान हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों को शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित करने तथा उनके शिष्टाचार संबंधी पूर्व से ही सामान्य प्रशासन विभाग के समुचित एवं पर्याप्त कार्यकारी निर्देश हैं। यदि कोई अधिकारी/कर्मचारी इन निर्देशों की अवहेलना करता है तो उनका यह कृत्य उन पर लागू आचरण या सेवा नियमों के अंतर्गत अवचार समझा जावेगा एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के निर्देशों का उल्लंघन होने पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत कार्यवाही के भी समुचित प्रावधान हैं।
स्व-सहायता समूह द्वारा पोषण आहार वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
72. ( क्र. 6048 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के हजारों स्व-स्हायता समूहों को बन्द कर एक ही बड़े समूह द्वारा पोषण आहार वितरण कराकर छोटे-छोटे समूहों को लाभ से वंचित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में कार्यरत छोटे-छोटे स्वसहायता समूहों के लिये शासन क्या योजना बना रहा है। (ग) यदि हाँ, तो, कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन आंगनवाडि़यों में नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
73. ( क्र. 6095 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एव बाल विकास विभाग अंतर्गत बड़वाहा में कितनी नवीन आंगनवाड़ी स्वीकृत हुईं हैं? इन स्वीकृत आंगनवाडि़यों में स्वीकृत पद अनुसार पद पूर्ति हेतु कब ज्ञापन कब जारी किया गया? कब चयन किया जाकर चयनितों की सूची निकाली गई. चयनित अभ्यर्थिंयो के विरूद्ध किस-किस वार्ड में कितनी-कितनी आपत्ति आई है? आपत्तिकर्ता के नाम बताये। (ख) प्रश्न क के अनुसार प्राप्त आपत्ति पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा प्राप्त आपत्ति का कैसा निराकरण किया गया है. नवीन स्वीकृत आंगनवाड़ी में चयनित आवेदकों के आवेदन तथा संलग्न किये गए आवश्यक प्रप्रत्रों की प्रति देवें। (ग) महिला एवं बालविकास विभाग में नवीन स्वीकृत आंगनवाड़ी में चयन किये गए उम्मीदवारों में की गई अनियमितताओं के बारे में प्रश्नकर्ता द्वारा क्या विभाग को की गई शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि की गई तो जानकारी देवें। यदि नहीं, की गई तो कार्यवाही कब तक की जावेगी? उसकी समय-सीमा बताई जावे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) परियोजना बड़वाह अन्तर्गत 11 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हुए है। संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा भोपाल के पत्र क्र./ आईसीडीएस/2016/2092 दिनांक 03/10/2016 तथा कार्यालय बाल विकास परियोजना अधिकारी बड़वाह द्वारा क्र./641/स्था./आईसीडीएस/2016-17 दिनांक 14/10/2016 के द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञप्ति का प्रकाशन कराया गया। चयन हेतु दिनांक 07/02/2017 को अंतिम सूची जारी की गई। चयनित अभ्यर्थियों के विरूद्ध वार्डों से कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं उठता है। । (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में आपत्ति संबंधी जानकारी निरंक है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ दिनांक 10/02/2017 के पत्र द्वारा शिकायत प्राप्त हुई है। जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है।
ट्रांसफार्मर रिपेयर करने के सम्बंध में
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 6105 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा शासन स्तर पर वर्ष 2015-16 एवं 16-17 में प्रश्न दिनांक तक जले/खराब ट्रांसफार्मर को ठीक/रिपेयर करनें का ठेका किस किस कम्पनी/एजेन्सी दिया गया? किस दर किन-किन शर्तों के आधार पर दिया गया है? उक्त एजेन्सी/कम्पनी को कितने-कितने ट्रांसफार्मर रिपेयर/ठीक करने हेतु कितनी कितनी राशि का भुगतान किया गया? एजेन्सीवार, कम्पनीवार विवरण से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश “क” अनुसार जिला राजगढ़ की विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत किन-किन वि.वि. केन्द्रों पर कितनी कितनी केपेसिटी के ट्रांसफार्मर जले/खराब होने के पश्चात् रिपेयर/ठीक करायें गयें? ग्यारण्टी अवधि में ट्रांसफार्मर जले/खराब होने के लिये कौन जिम्मेदार है? ग्यारण्टी अवधि में अतिरिक्त व्यय के लिये दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जले/खराब ट्रांसफार्मर को पुनः रिपेयर/ठीक कराने में शासन का अतिरिक्त व्यय वहन किया गया एवं ट्रॉसपोर्ट पर अधिक व्यय किया गया तथा हितग्राहियों का अतिरिक्त समय लगा उसके लिये कौन जिम्मेदार है? शासन ऐसे दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही करेगा? समय-सीमा से अवगत करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) राज्य शासन स्तर पर ऊर्जा विभाग द्वारा नहीं अपितु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी रेट कान्ट्रेक्ट अवार्ड क्रमांक एम.डी./एम.के/04/पी.II/टी.एस.-365/1616 दिनांक 30.10.2014 से वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक गारंटी अवधि के पश्चात् जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को सुधरवाने का कार्य करवाया गया है। रेट कान्ट्रेक्ट की दर एवं शर्तों की जानकारी सहित मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उक्त आदेश दिनांक 30.10.2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। रेट कान्ट्रेक्ट अवार्ड अनुसार क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक भोपाल एवं ग्वालियर के द्वारा ट्रांसफार्मर रिपेयर एजेन्सियों से सुधरवाये गये ट्रांसफार्मरों की संख्या, भुगतान की राशि का एजेंसीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार जिला राजगढ़ के विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर सहित मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत गारंटी अवधि के पश्चात् जले एवं खराब ट्रांसफार्मरों को सुधरवाने का कार्य क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधकों के द्वारा किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वितरण कंपनी के क्षेत्रीय भण्डार गृहों में सभी वृत्तों से प्राप्त गारंटी अवधि के पश्चात् जले/खराब ट्रांसफार्मरों में से सुधारने योग्य ट्रांसफार्मरों का कार्य ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग एजेंसी को दिया जाता है। अत: तत्संबंधी जानकारी वितरण केन्द्रवार/विधानसभा क्षेत्रवार/ट्रांसफार्मर की क्षमतावार दिया जाना संभव नहीं है। रेट कान्ट्रेक्ट की शर्तों के अनुसार गारंटी अवधि में ट्रांसफार्मरों के जलने एवं खराब होने पर सुधार करवाने की जिम्मेदारी संबंधित रिपेयरिंग एजेंसी की है। अत: गारंटी अवधि में जले/खराब ट्रांसफार्मरों के सुधरवाने में अतिरिक्त व्यय किये जाने, किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूध्द कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, उत्तरांश (ख) के अनुसार जले/खराब ट्रांसफार्मर को गारंटी अवधि में पुन: रिपेयर कराने की जिम्मेदारी संबंधित एजेंसी की होती है। संबंधित एजेंसी द्वारा क्षेत्रीय भंडार से जले/खराब ट्रांसफार्मर प्राप्त कर, सुधार उपरान्त पुन: क्षेत्रीय भंडार में जमा किये जाते है। ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने पर नियमानुसार उसे निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया जाता है अत: कोई हितग्राही प्रभावित नहीं होता। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत सब स्टेशन के संबंध में
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 6119 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने विद्युत सब स्टेशन स्थापित किये गये सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र. 462 दिनांक 25.11.2016 में ग्राम कमोद, पिपरिया एवं पांजरा में 33 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन बनाये जाने हेतु पत्र लिखा था उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई अवगत करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा उमरिया (श्रीनगर) में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य पूर्ण किया गया। यह उपकेन्द्र वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्थापित किया गया। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पत्र क्रमांक 462, दिनांक 25.11.16 से ग्राम कमोद एवं ग्राम पिपरिया (पांजरा) में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बनाये जाने हेतु लेख किया गया है। ग्राम कमोद में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु तकनीकी परीक्षण किये जाने पर उक्त कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। ग्राम पिपरिया (पांजरा) में विद्युत उपकेन्द्र बनाये जाने के प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है। तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार उक्त उपकेन्द्र की स्थापना हेतु कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा।
भाण्डेर विधानसभा में सांस्कृतिक महोत्सव कराने बावत्
[संस्कृति]
76. ( क्र. 6137 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ सांस्कृतिक महोत्सव के अंतर्गत कौन-कौन से कार्यक्रम कराये गये और उन पर कितनी राशि व्यय हुई? (ख) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में सांस्कृतिक महोत्सव कराने की जनप्रतिनिधि की मांग पर संस्कृति विभाग ने बजट न होने का कारण बताते हुए कार्यक्रम कराने में असमर्थता व्यक्त की थी, किंतु उसके बाद उसी वित्त वर्ष में दूसरे स्थानों पर कार्यक्रम संपन्न कराये गये। इस प्रकार जनप्रतिनिधि को गुमराह किया गया, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम कराने हेतु कितनी बार विधायक द्वारा पत्र लिखे, विधानसभा प्रश्न लगाया, किंतु अभी तक कार्यक्रम क्यों संपन्न नहीं कराये जा रहे हैं। (घ) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के भाण्डेर, उनाव एवं सालोन बी में कब तक सांस्कृतिक महोत्सब कराये जावेंगे?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) दतिया जिले में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक सम्पन्न सांस्कृतिक महोत्सव एवं उन पर किये गये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार. (ख) विगत वर्ष 2015-16 में सिंहस्थ योजना के अंतर्गत पूर्व निर्धारित कार्यक्रम बडोनी में तथा पंचांग में सम्मिलित कार्यक्रम दतिया में किये गये. अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ग) गत वर्ष भाण्डेर के आसपास लगभग 6-7 कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं. कार्यक्रमों के आयोजनों का निर्धारण विधानसभावार नहीं किया जाता है. (घ) इस वित्तीय वर्ष में उनाव में 17 एवं 18 मार्च, 2017 को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
भाण्डेर विधानसभा में विद्युत व्यवस्था बावत्
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
77. ( क्र. 6138 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के तहत 1 जनवरी 2015 से अभी तक कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुऐ हैं और वर्तमान में उनकी भौतिक स्थिति क्या है? (ख) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न (क) के स्वीकृत कार्यों की निर्माण ऐजेंसी कौन है और उसका सुपरवीजन कौन कर रहा है? (ग) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नवीन कार्यों के बारे में जानकारी देने एवं जवाबदारी लेने में दतिया विद्युत विभाग के अधिकारी कतराते हैं फिर यहां के विद्युत विभाग के कार्यों के संबंध में कौन सा विभाग और अधिकारी अधिकृत है? (घ) क्या दतिया का विद्युत विभाग केवल आंकलित अवैध बिल बसूली के लिए ही अधिकृत है अन्य कार्यों के लिये उसकी कोई जवाबदारी नहीं है? क्या वि.वि.कं.लि. बनने से म.प्र.शासन के नियमों से अधिकारी/कर्मचारियों को जिम्मेदारी पूर्वक कार्यों न करने की छूट मिल गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) दतिया जिले में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के 1 जनवरी 2015 से स्वीकृत कार्य एवं उनकी भौतिक स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के तहत 1 जनवरी 2015 से स्वीकृत कार्य, भौतिक स्थिति, स्थापना एजेन्सी एवं सुपरविजन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लि. के द्वारा कराये जाने वाले नवीन कार्यों/योजनाओं के संबंध में अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को तत्काल जानकारी उपलब्ध करायी जाती है तथा नवीन योजनाओं का समाचार पत्रों/पेम्पलेटों आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जाता है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के अन्तर्गत कराये जाने वाले विद्युत कार्यों हेतु विभिन्न स्तर पर जवाबदारी सौंपी गई है जिनका पालन संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लि. के अन्तर्गत दतिया जिले में उपभोक्ताओं को नियमानुसार ही बिल दिये जा कर राशि जमा करायी जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही एवं प्रोटोकाल के उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
78. ( क्र. 6151 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा निर्धारित रोस्टर के अनुसार विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत आयोजित शासकीय कार्यक्रमों में क्षेत्रीय विधायकों को आमंत्रित किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले की बहोरीबंद विधानसभा के अंतर्गत नवीन माध्यमिक शाला उदयपुरा के भूमि पूजन समारोह में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित नहीं किये जाने के लिये दोषी कौन है? क्या जिले द्वारा प्रोटोकाल का उल्लंघन किया गया है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा जिले के विभिन्न विभागों/शासकीय कार्यालयों को प्रेशर पत्रों की अभिस्वीकृति तो प्राप्त होती है, किन्तु उन पत्रों पर वास्तविक कार्यवाही लंबित रहती है? क्यों? कारण बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पर्यटन स्थलों पर सैलानियों को सुविधा उपलब्ध कराना
[पर्यटन]
79. ( क्र. 6164 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में कौन-कौन से पर्यटन स्थल शासनाधीन हैं तथा उनमें पर्यटकों के लिये कौन-कौन सी सुविधायें मुहैया कराई जाती हैं? पर्यटन स्थलों के नाम व पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधा की जानकारी दी जावे। (ख) क्या अम्बाह एवं मुरैना तहसील अन्तर्गत स्थित मितावली, पढावली वटेश्वरा, शनिचरा आदि-आदि स्थानों पर पर्यटन विभाग की ओर से पीने के पानी, गाइड, सुरक्षाकर्मी, चाय, नाश्ते की केंटीन तथा उक्त स्थलों पर ठहरने की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ख) में वर्णित सुविधाएं कब तक पर्यटकों के लिये मुहैया करा दी जावेगी?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) पर्यटन नीति-2016 में पर्यटन स्थलों को शासनाधीन करने का प्रावधान नहीं है। स्थानीय आवश्यकताओं एवं बजट की उपलब्धता के आधार पर पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं का विकास किया जाता है। (ख) जी नहीं। शेष उत्तरांश ''क'' अनुसार। (ग) परियोजाना स्वीकृत होने की स्थिति में ही कार्रवाई संभव है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
शासकीय सेवा में भर्ती नियम
[सामान्य प्रशासन]
80. ( क्र. 6165 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में शासकीय सेवा में भर्ती होने हेतु कितने जीवित बच्चे होने पर आवेदन अपात्र माना जाता है तथा उक्त नियम कब से लागू हुआ है, नियमावली उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या शासन प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियम के तहत भर्ती हुए है इस आशय का शपथ पत्र, उक्त नियम लागू होने के बाद से नियुक्त सभी कर्मचारियों से प्राप्त करेगा, यदि हाँ, तो कब तक तत्संबंधी आदेश जारी कर दिये जावेंगे, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) नियुक्ति हेतु आवेदन प्राप्त करते समय ही उक्त आशय का शपथ-पत्र लिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बाल कल्याण समिति की नियमित बैठकें एवं उनका मानदेय
[महिला एवं बाल विकास]
81. ( क्र. 6167 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला सशक्तीकरण द्वारा संचालित किशोर न्याय अधिनियम के तहत गठित बाल कल्याण समिति की वर्ष में कितनी बैठकें करने का प्रावधान है? किशोर न्याय अधिनियम २०१६ की प्रति दी जावे? (ख) क्या म.प्र. के कुछ जिलों में बाल कल्याण समितियों की बैठकें प्रावधान के मुताबिक नियत की गई बैठकों से कम बैठकें हो रही हैं? यदि हाँ, तो मुरैना जिले में वर्ष २०१६ में कुल कितनी बैठकें आयोजित की गई हैं? कम बैठकें आयोजित कराने का दोषी कौन है? दोषी के प्रति क्या कार्यवाही की जावेगी तथा वर्तमान वर्ष 2017 में कब से निर्धारित बैठकें प्रारंभ कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समिति के सदस्यों को प्रति बैठक कितना-कितना मानदेय देने का प्रावधान है? क्या 1500 रूपये प्रति बैठक प्रति सदस्य के स्थान पर मुरैना में 1000 रूपये ही मानदेय दिया जा रहा है? क्या उपयुक्त महिला सशक्तीकरण अधिकारी का ध्यान कम मानदेय एवं कम बैठकें आयोजित होने के बारे में दिलाने के बावजूद भी समिति सदस्यों को पूरा मानदेय नहीं दिया जा रहा है, इसके लिये भी दोषी कौन है तथा कब तक समिति सदस्यों को पूरा मानेदय दिलाया जा सकेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 28 (1) के अनुसार बाल कल्याण समिति वर्ष में 240 (20 प्रतिमाह) बैठकें करेगीं। किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) नियम, 2016 के नियम 07 अनुसार राज्य शासन द्वारा समिति की बैठकों की संख्या 144 (12 प्रति माह) प्रतिवर्ष निर्धारित की गई हैं। किशोर न्याय अधिनियम 2016 अस्तित्व में नहीं है। (ख) जिलों में निम्नानुसार बैठकें आयोजित की जा रही हैं। मुरैना जिले में वर्ष 2016 (जनवरी 2016 से दिसम्बर 2016 तक) बाल कल्याण समिति की कुल 93 बैठकें आयोजित की गयीं। 11 दिवस में शासकीय अवकाश होने से बाल कल्याण समिति द्वारा बैठकें आयोजित नहीं की गई है। प्रावधान अनुसार बैठकों का आयोजन होने से कम बैठकें आयोजन के संबंध में कोई उत्तरदायी नहीं है। वर्ष 2017 में उक्त वर्णित प्रावधानुसार बाल कल्याण समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं। (ग) समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत भारत सरकार के वित्तीय मापदंडों के अनुसार बाल कल्याण समिति के सदस्यों को प्रति बैठक 1000/- मानदेय दिये जाने का प्रावधान है। किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) नियम, 2016 में बाल कल्याण समिति के सदस्यों को प्रति बैठक 1500/- रूपये दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत निर्धारित दर से मानदेय दिया जा रहा है। समिति की बैठकों के आयोजन के संबंध में एवं मानदेय भुगतान के संबंध में अनियमितता नहीं है। भारत सरकार को राशि में वृद्धि किये जाने के संबंध में लिखा जा रहा है तदनुसार मानदेय की राशि बढ़ाई जा सकेगी।
नवीन विद्युत कनेक्शन संस्थित करने
[ऊर्जा]
82. ( क्र. 6175 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय बजरंग ट्रेडर्स नया बाजार पटैरिया गली का जिला सागर का विद्युत कनेक्शन विभाग द्वारा विच्छेदित कर दिया गया है? (ख) यदि विद्युत कनेक्शन बिना सूचना के विच्छेद कर दिया गया है तो क्यों? (ग) क्या कार्यालय मुख्य अभियंता (सागर क्षेत्र) म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.लि. सागर द्वारा जय बजरंग ट्रेडर्स सागर के आवेदन पर पुन: विद्युत कनेक्शन संस्थित करने हेतु पत्र क्रमांक 5581-82 दिनांक 19 नवम्बर 2015 को लेख किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो जय बंजरंग ट्रेडर्स में नवीन विद्युत कनेक्शन संस्थित नहीं किया गया है तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जय बजरंग ट्रेडर्स, नया बाजार, पटैरिया गली, सागर के नाम से कोई विद्युत कनेक्शन नहीं है। अत: विद्युत कनेक्शन विच्छेदित करने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) मुख्य अभियंता, सागर क्षेत्र के पत्र क्रमांक 5581-82 दिनांक 19.11.2015 द्वारा प्रश्नाधीन उल्लेखित प्राप्त आवेदन पर कार्यवाही हेतु तत्कालीन सागर शहर फ्रेंचाइजी मेसर्स एस्सेल विद्युत वितरण प्रायवेट लिमिटेड, सागर के व्यवसाय प्रमुख को लेख किया गया था। (घ) उत्तरांश (ग) में वर्णित पत्र में श्री सच्चानंद पंजवानी तनय श्री सोमनदास, जय बजरंग ट्रेडर्स, को नया कनेक्शन जारी करने बाबत निर्देश दिये गये थे जिसके परिपालन में व्यवसाय प्रमुख मेसर्स एस्सेल विद्युत वितरण प्रायवेट लिमिटेड सागर द्वारा कार्यवाही करते हुए नये कनेक्शन का आवेदन निरस्त किये जाने की सूचना श्री पंजवानी को दी थी, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि उनके द्वारा जिस परिसर में कनेक्शन चाहा गया है, नियमानुसार उस परिसर पर उनके स्वामित्व संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गये हैं। परिसर पर आवेदक के स्वामित्व संबंधी दस्तावेज के अभाव में विद्युत कनेक्शन दिया जाना संभव नहीं है।
विभाग की निविदा दरों के संबंध में
[पर्यटन]
83. ( क्र. 6181 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में पर्यटन विकास विभाग द्वारा विगत पिछले तीन वर्षों से माह फरवरी 2017 तक कितने कार्यों की निविदा जारी की गई है? (ख) विभाग में आई निविदा दरें पी.डब्ल्यू.डी. की एस.ओ.आर. से कितनी भिन्न है? (ग) विभाग को प्राप्त निविदा दरें जो विभाग ने स्वीकृत की हैं, वे कितनी व्यवाहारिक हैं एवं विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है? जानकारी देवें। (घ) क्या विभाग द्वारा एस.ओ.आर. से कम निविदा दरें कार्य गुणवत्ता का ध्यान रख पायेंगी? क्या विभाग गुणवत्तापूर्ण कार्य इन दरों पर करा पायेगा?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) 11 कार्यों की निविदा जारी की गई। (ख) विभाग में आई निविदा दरे पी.डब्ल्यू.डी. की एस.ओ.आर. से 8.20% से 37.01% कम है। (ग) 3 निविदायें व्यवहारिक दर पर स्वीकृत है। शेष 8 निविदाओं में लोक निर्माण विभाग के आदेश क्रमांक 5788 दिनांक 25/10/2011 एवं आदेश क्रमांक 2418 दिनांक 02/05/2016 के अनुसार निविदा प्रतिशत के अन्तर की परफॉरमेंस गारंटी जमा कराकर स्वीकृत की गई। (घ) जी हाँ।
ऑनलाइन फार्म फीडिंग
[महिला एवं बाल विकास]
84. ( क्र. 6185 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले की परियोजनाओं में कितने ऑपरेटर योजना के तहत किन-किन परियोजनाओं में पदस्थ हैं एवं किन-किन परियोजनाओं में कार्यरत ऑपरेटरों द्वारा ऑनलाइन फार्म फीडिंग का कार्य किस दिनांक से प्रारंभ किया गया है? (ख) परियोजनाओं में कितने फॉर्म ऑनलाइन दर्ज किये गये परियोजनावार माहवार ऑनलाइन फीडिंग की गई तथा कितने फार्म आउटसोर्स के माध्यम से ऑनलाइन फीड कराये गये। कितने हितग्राहियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण-पत्र वितरित किये गये? (ग) फार्म फीडिंग एवं प्रमाण-पत्र हेतु शासन द्वारा कितना आवंटन प्राप्त हुआ। फीडिंग एवं प्रमाण-पत्र हेतु कितनी राशि आउटसोर्स से फीडिंग हेतु भुगतान किया गया एवं कब-कब किया गया फार्म के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (घ) यदि फार्म फीडिंग का कार्य आउटसोर्स एजेंसी से कराया गया है तो उक्त अवधि में ऑपरेटर द्वारा क्या कार्य कराया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सागर जिला अंतर्गत परियोजनाओं में पदस्थ ऑपरेटर सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर है। कार्यरत ऑपरेटरों के मार्गदर्शन में ही लाड़ली लक्ष्मी के आवेदनों के दस्तावेजो की स्केनिंग, ऑनलाइन डाटा फीडिंग आदि कार्य दिनांक 01/06/2015 से किये जा रहे है। (ख) सागर जिला अंतर्गत संचालित समस्त 16 परियोजनाओं में कुल 83891 फार्म ऑनलाइन दर्ज किये गये है। परियोजनाओं की परियोजनावार ऑनलाइन फीडिंग एवं हितग्राहियों को वितरित प्रमाण-पत्रों की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर है। (ग) फार्म फीडिंग एवं प्रमाण-पत्र हेतु रुपये 3530070/- (रूपये पैतीस लाख तीस हजार सत्तर मात्र) आवंटन प्राप्त हुआ। फार्म फीडिंग एवं प्रमाण-पत्र हेतु रुपयें 2354100/- (रूपये तैवीस लाख चौवन हजार सौ मात्र) आउटसोर्स से फीडिंग हेतु भुगतान की गई। फर्म की सूची एवं भुगतान की गई तिथि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ पर है। (घ) ऑपरेटर द्वारा योजना प्रारंभ वर्ष से योजना संबंधी आवेदनों का एकत्रीकरण, लाड़ली लक्ष्मी योजना के आवेदन पत्रों में संलग्न दस्तावेजों का परीक्षण एवं समक्ष में ही आवेदनों के दस्तावेजो की स्केनिंग, ऑनलाइन डाटा फीडिंग, प्रमाण-पत्र जनरेट कराये जाकर प्रमाण-पत्र को ए-4 साईज में, कलर प्रिन्ट कर लेमिनेट या प्लास्टिक फोल्डर प्रदाय कराने संबंधी कार्य कराया जा रहा है। इसके अलावा हितग्राही को प्रमाण-पत्र वितरण का कार्य एवं पुराने राष्ट्रीय बचत पत्रों का एकत्रीकरण/संधारण कर पोस्ट आफिस से निधि में राशि अंतरण करवाने का कार्य एवं अन्य कार्यालयीन दायित्वों का निर्वहन इनके द्वारा किया जा रहा है।
आंगनवाड़ी भवन की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
85. ( क्र. 6208 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने आंगनवाड़ी भवन एवं नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ, किस-किस ग्राम में स्वीकृत किये गये हैं? सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों को किस-किस की अनुशंसा के आधार पर स्वीकृत किया गया है वर्षवार अनुशंसा सहित पूरी सूची देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नवीन स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर एवं आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ’क’ अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र एवं आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण में प्राप्त स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालित योजनाओं का सत्यापन
[महिला एवं बाल विकास]
86. ( क्र. 6310 ) श्रीमती ममता मीना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गत 05 वर्षों से गुना जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? कितने नवीन केन्द्र खुलना हैं? क्या इन वर्षों में वर्षवार कितने बच्चे ब्लॉकवार कुपोषित है वह कौन से आंगनवाड़ी में निवासरत हैं। (ख) क्या विभाग द्वारा 05 वर्षों से संचालित सभी योजनाओं एवं स्व-सहायता समूहों के सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं सी.ए.जी. ऑडिट हुआ है। यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो कारण बतायें कौन जिम्मेदार है। (ग) क्या प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित लक्ष्यों की आपूर्ति एवं संचालन कौन करता है? बच्चों का खाद्यान्न वितरण के लिये कौन जिम्मेदार है? समीक्षा के बाद कार्यवाही हेतु उत्तरदायी कौन है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित लक्ष्यों की समीक्षा विभाग के पास है या नहीं? गत 05 वर्षों में किस योजना में कितना वर्षवार फण्ड खर्च किया? फिर कुपोषित बच्चों के लिए कौन उत्तरदायी है? क्या विभाग कोई नया प्लान लागू करेगा ताकि कोई कुपोषित ना रहे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) गुना जिले में विगत 05 वर्षों से 1125 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 393 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। वर्तमान में जिले में 101 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं नवीन 41 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हुये है, जिनकी प्रारंभ की कार्यवाही प्रचलन में है। वर्षवार, संधारित परियोजानावार चिन्हित कुपोषित बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। अतिकम वजन वाले बच्चों का नामवार संधारण किया जाता हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ख) योजनाओं एवं स्व-सहायता समूहों के कार्यों का भौतिक सत्यापन विभागीय अधिकारियों द्वारा तथा ऑडिट ए.जी.एम.पी. ग्वालियर द्वारा किया जाता है। जून 2012 से अप्रैल 2016 तक का ऑडिट किया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के द्वारा किया जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज 3 से 6 वर्ष के बच्चों को सांझा चूल्हा कार्यक्रम अन्तर्गत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पोषण आहार का वितरण कराया जाता है तथा 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों को (रेडी टू ईट फूड) एम.पी.एग्रो के द्वारा प्रदायित टेक होम रॉशन का वितरण किया जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्र का पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन क्षेत्रीय पर्यवेक्षक एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से किया जाता है। पोषण आहार वितरण न होने के लिये विकासखंड स्तर पर परियोजना अधिकारी तथा जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी उत्तरदायी है। (घ) जी हाँ। वर्णित तथ्यों की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के पास है, गत् 05 वर्षों में विभिन्न योजनाओं अन्तर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। कुपोषण हेतु कई कारक जिम्मेदार होते है यथा अपर्याप्त भोजन, स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपलब्धता/पहुंच, आर्थिक संरचना, संसाधन की कमी, अनुचित आहार-व्यवहार, बीमारियां, परिवार में सदस्यों की संख्या, रोजगार की कमी, सामाजिक कुरीतिया, शिक्षा का अभाव आदि। अतः किसी व्यक्ति विशेष को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की वर्तमान में संख्या का आंकलन करने हेतु विशेष वज़न अभियान का आयोजन 01 नवम्बर 2016 से 28 फरवरी 2017 तक किया गया। इस अभियान में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों द्वारा बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया गया। इस अभियान में चिन्ह्ति कम वज़न एवं अतिकम वज़न के बच्चों के पोषण स्तर में सतत् सुधार तथा फॉलोअप हेतु विशेष पोषण अभियान का प्रांरभ किया गया है।
आरक्षित वर्ग को अनुदान योजनांतर्गत ट्रांसफार्मर का प्रदाय
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 6402 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए शासन द्वारा अनुदान योजनांतर्गत पंप उर्जीकरण हेतु ट्रांसफार्मर प्रदाय किये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो उक्त योजनांतर्गत किन-किन हितग्राहियों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जाता है? (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में योजनांतर्गत सिंगरौली जिले के चितरंगी अंतर्गत कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ कब से दिया जा रहा है वर्ष २०१५-१६ से प्रश्न दिनांक तक में जिले के ग्रामीणों द्वारा कितने आवेदन प्रस्तुत किये गये है? (ग) प्राप्त आवेदनों में से कितने हितग्राहियों को आज दिनांक तक ट्रांसफार्मर प्रदाय किये जा चुके हैं? (घ) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में लंबित आवेदनों को कब तक में निराकृत किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, कृषक अनुदान योजना जिसे वर्तमान में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत समाहित कर दिया गया है, के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में अनुसूचित जाति/जनजाति सहित सभी वर्गों के कृषकों को आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में प्रश्नाधीन योजना के अंतर्गत सिंगरौली जिले के चितरंगी में 4 स्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, जिनमें से 3 पम्प कनेक्शन दिनांक 01/04/2013 को एवं एक पम्प कनेक्शन दिनांक 04/12/2016 को प्रदान किया गया है। जिला सिंगरौली के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक स्थायी पम्प कनेक्शन हेतु 32 कृषकों के आवेदन प्राप्त हुये हैं जिसमें से 18 कृषकों के लाईन विस्तार के कार्य पूर्ण कर एवं आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर स्थापित कर उन्हें स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान कर दिये गये है। (घ) प्रश्नाधीन लंबित 14 आवेदनों में से 7 कृषकों के लाईन विस्तार के कार्य प्रगति पर हैं जिन्हें योजनांतर्गत निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाना संभावित है। 5 कृषकों द्वारा आवश्यक अंश राशि जमा कराए जाने सहित औपचारिकताएँ पूर्ण नहीं की गई है, अत: इनके कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। 1 कृषक के प्रकरण में सर्वे का कार्य किया जा रहा है तथा 1 कृषक के प्रकरण में प्राक्कलन में प्रावधान गलत होने के कारण पुनरीक्षित प्राक्कलन की स्वीकृति हेतु कार्यवाही की जा रही है, अत: उक्त दोनों प्रकरणों में प्राक्कलन स्वीकृति के पश्चात् योजनांतर्गत निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करने की कार्यवाही की जाएगी।
प्रमुख स्थलों को पर्यटन विभाग में जोड़ना
[पर्यटन]
88. ( क्र. 6416 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अत्यंत प्राचीन ऐतिहासिक, रमणीय व प्राकृतिक स्थल 1, साकाश्याम जी मंदिर 2 नरसिंहगढ़ में छोआ महादेव मंदिर (3), बड़ा महादेव मंदिर (4), कोटरा स्थित माता मंदिर (5), शैलचित्र (6) चिड़ीखौ अभ्यारण आदि को पर्यटन विभाग में सम्मिलित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक सम्मिलित किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त स्थलों के रख-रखाव, सौन्दर्यीकरण के लिये पूर्व में कोई राशि स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो किस-किस स्थल के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ग) उक्त स्थलों में बड़ी संख्या में श्रृद्धालु और दर्शक आते है तथा मेलों एवं भण्डारों का आयोजन होता है? क्या शासन उक्त श्रृद्धालुओं की सुविधा एवं विभाग को आय हो सके इसके लिऐ पर्यटन विभाग में सम्मिलित कर उक्त स्थानों पर उनके सौन्दर्यीकरण हेतु विभिन्न निर्माण कार्य जैसे धर्मशाला, पेयजल व्यवस्था और पार्क आदि निर्माण कराये जायेंगे यदि हाँ, तो कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये जावेंगे और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी नहीं। स्थान विशेष को पर्यटन विभाग में शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित साकाश्याम जी मंदिर में रख-रखाव सौन्दर्यीकरण के लिये गजीबो, बैंचेस, लाईट स्थापित की जाकर साइनेजेज का कार्य कुल रू. 5.50 लाख लागत से किया गया है। (ग) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्वाचित विधायको निर्वाचन के समय जिला निर्वाचल कार्यालय में संलग्नीकरण
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 6417 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के निर्वाचित विधायकों को लिपिकीय सुविधा प्रदान करने हेतु शासकीय कर्मचारी (लिपिक) दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या विधान सभा निर्वाचन की आदर्श आचार संहिता की तिथि घोषित होने के पश्चात भी उक्त निज सहायक मा. विधायक के साथ ही संलग्न रहते है? यदि नहीं, तो उक्त आचार संहिता में माननीय विधायकों के निज सहायकों को मूल विभाग वापस भेजे जाने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या राजगढ़ जिले में विधान सभा निर्वाचन २०१३ की आदर्श आचार संहिता की तिथि घोषित होने के बाद तत्समय माननीय विधायकों के संलग्न निज सहायकों को उनके मूल विभाग वापस न किया जाकर जिला निर्वाचन कार्यालय में संलग्न किया गया? यदि हाँ, तो किस नियम प्रकिया के तहत निर्वाचन कार्यालय में संलग्नीकरण किया गया? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के प्रावधानों के विपरित निज सहायकों का जिला निर्वाचन कार्यालय में संलग्नीकरण किये जाने से उन्हें पृथक-पृथक विकासखंड में पदस्थ होने से प्रतिदिन जिला मुख्यालय आने जाने में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में कठिनाईयां आती है? यदि हाँ, क्या शासन राजगढ़ जिले में सामान्य प्रशासन विभागों के प्रावधानों अनुसार मूल विभागों में वापसी करने संबंधी आदेश प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उनको अतिरिक्त वेतन TA DA व आवासीय सुविधा प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शेषांश के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनांक 19/05/95 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। विधान सभा निर्वाचन 2013 की आचार संहिता की तिथि घोषित होने के बाद माननीय विधायकों के संलग्न निज सहायकों को निर्वाचन एवं प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से जिला निर्वाचन कार्यालय में उपस्थित होने हेतु आदेशित किया गया। (ग) जी नहीं, निर्वाचन कार्यालय में संलग्न कर्मचारियों को जिला मुख्यालय पर उपस्थित रहकर ही कार्य करना होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
90. ( क्र. 6424 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकासखंड सेवढ़ा की तहसील इंदरगढ़ में कौन-कौन से ग्राम व कौन-कौन से वार्ड में आंगनवाड़ी केंद्र खुले हैं, इनमें कौन-कौन कार्यकर्ता हैं तथा कौन-कौन सहायिकायें हैं, इन केन्द्रो पर ०१ अप्रैल २०१५ के उपरांत किस-किस दिनांकों को कितना-कितना खाद्यान विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया? केन्द्रवार सूची सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या इंदरगढ़ के वार्ड क्रमांक ११ में आंगनवाड़ी सहायिका की नियुक्ति की गई है जिससे उसे डायर्वोस के १० अंक अतिरिक्त दिये गये है? यदि हाँ, तो क्या डायवोर्स कोर्ट से हुआ है यदि नहीं, तो उसे किस आधार पर अतिरिक्त बोनस अंक दिये गये? (ग) क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में किसी प्रकार की कटोत्री की गई है यदि हाँ, तो किस आधार पर किस की कितनी-कितनी की गई है नियम की छायाप्रति के साथ साथ सूची उपलब्ध करायें? (घ) क्या भर्तियों (नियुक्तियों) में फर्जी दस्तावेज तैयार कर लगाकर पात्र लोगो को नौकरियां दी गई, फलस्वरूप पात्र उम्मीदवार वंचित रह गये पात्रों को दूसरे व तीसरे नंबर पर रखा गया क्या उक्त संपूर्ण प्रकरण की निष्पक्ष जाँच कर दोषियों को सजा दिलायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विभाग द्वारा केन्द्रों को दिनांक 01. अप्रैल 2015 के उपरान्त उपलब्ध कराये गये खाद्यान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। (ख) इन्दरगढ़ के वार्ड क्र. 11 में आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर श्रीमती रीना साहू पिता श्री मनमोन साहू की नियुक्ति की गई है इनके द्वारा आवेदन पत्र के साथ संलग्न दस्तावेज में डायवोर्स संबंधी शपथ पत्र संलग्न है। साथ ही नगर अध्यक्ष एवं पार्षद द्वारा हस्ताक्षरित पंचनामा भी डायवोर्स प्रमाणीकरण हेतु संलग्न किया गया है। उक्त दस्तावेजों के आधार पर खण्डस्तरीय चयन समिति द्वारा श्रीमती रीना साहू को तलाकशुदा के 10 अंक प्रदान किये गये है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में किसी भी प्रकार की कटोत्री नहीं की गई है अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका हेतु नियमानुसार पात्र अभ्यर्थियों का ही चयन किया गया है। अतः शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
डिजीटल मीटरों के संबंध में
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 6458 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक गोदरेज एण्ड वॉयर्स मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी मुम्बई द्वारा कितने डिजीटल मीटर उपभोक्ताओं के घरों पर लगाये, की संख्या बतावें? (ख) क्या उक्त लगाये गये 10 हजार मीटर बहुत घटिया क्वालिटी के हैं, इनके लगाने के चंद महिनों बाद ही 6 हजार मीटर स्वत: ही खराब हो गये 1500 मीटर अपने आप जल गये जबकि इनकी गांरटी पीरियड 5 वर्ष थी शेष बचे मीटर वास्तविक बिजली खपत से ज्यादा रीडिंग बता रहे है तद्नुसार ही बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को मनमाने बिजली बिल जारी कर उपभोक्ताओं को आर्थिक बोझ लाद रही है? (ग) जिले के उपभोक्ताओं द्वारा उक्त मीटरों की उक्त स्थिति से विद्युत कंपनी को अवगत कराकर उन्हें बदलवाने हेतु आवेदन करने के उपरांत भी विद्युत/ठेकेदार कंपनी द्वारा इन्हें बदला नहीं जा रहा है? (घ) क्या शासन उक्त मीटरों की जाँच कराएगा व उन्हें शीघ्र बदलवाएगा तथा उपभोक्ताओं द्वारा वर्तमान तक बिजली बिल की अधिक राशि जमा करने की स्थिति में इस अधिक राशि को आगामी महिनों के बिलों में समायोजित कराने के निर्देश बिजली कंपनी को जारी करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक, मेसर्स गोदरेज एण्ड वॉयस मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी, मुम्बई द्वारा आर.ए.पी.डी.आर.पी. एवं ए.डी.बी. (स्मॉल टाउन) योजनाओं के अंतर्गत 9548 डिजिटल मीटर उपभोक्ताओं के परिसरों में लगाये गये हैं। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) अनुसार श्योपुर जिले में लगाये गये मीटरों में से वर्तमान तक 2342 मीटर खराब हुये हैं एवं 264 मीटर संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा स्वीकृत भार से अधिक भार का उपयोग करने के कारण मीटर पर क्षमता से अधिक भार आने एवं मीटर से छेड़छाड़ करने से जल गये हैं। शेष मीटरों में वास्तविक विद्युत खपत के आधार पर ही रीडिंग दर्ज हो रही है एवं तदनुसार ही उपभोक्ताओं को विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मेसर्स गोदरेज एण्ड वॉयस मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी मुम्बई, द्वारा 5 वर्ष की ग्यारंटी वाले उक्त मीटर अधिकृत वेण्डर से ही क्रय किये गये हैं एवं एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला से परीक्षण उपरांत मानक स्तर के अनुरूप पाये जाने पर ही उपयोग में लाये गये हैं। (ग) श्योपुर जिले के अंतर्गत मेसर्स गोदरेज एण्ड वॉयस मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी, मुम्बई द्वारा उत्तरांश 'ख' में दर्शाये गये 2342 बंद/खराब डिजिटल मीटरों में से 2088 मीटर बदल दिये गये हैं एवं शेष 254 मीटरों को बदलने की कार्यवाही की जा रही है। प्रश्नाधीन जले हुए 264 मीटरों को नियमानुसार उपभोक्ताओं द्वारा, निर्धारित राशि जमा कराने के उपरान्त मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बदल दिया गया है। (घ) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार प्रश्नाधीन मीटरों को परीक्षणोपरान्त निर्धारित मानकों के अनुरूप पाए जाने पर ही उनका उपयोग किया गया है, अत: इस संबंध में अन्य कोई जाँच कराया जाना आवश्यक नहीं है। उत्तरांश 'ग' में दर्शाए अनुसार श्योपुर जिले में मेसर्स गोदरेज एण्ड वॉयस मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी, मुम्बई द्वारा लगाये गये मीटरों में से बंद/खराब मीटरों को बदलने की कार्यवाही त्वरित रूप से की जा रही है तथा सभी जले हुए मीटरों को बदल दिया गया है। उपभोक्ताओं से मीटर में दर्ज वास्तविक खपत के आधार पर नियमानुसार विद्युत बिलों की राशि जमा करवाई जा रही है अत: आगामी महीनों के बिलों में उक्त राशि का समायोजन करने का प्रश्न नहीं उठता।
आंगनवाड़ी केन्द्र के भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
92. ( क्र. 6459 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, में से कितने केन्द्र स्वयं के/किराये के/शासकीय/अन्य स्थानों पर संचालित हैं, की संख्या तहसीलवार बतावें। भवन विहिन केन्द्रों हेतु वर्ष 2008-09 से 2016-17 तक किस 2 मद से कितने भवन स्वीकृत किये, का नाम, स्वीकृत राशि, एजेन्सी व कार्य पूर्ण करने की अवधि वर्ष/केन्द्रवार बतावें। (ख) उक्त में से कौन-कौन से भवन निर्धारित अवधि में पूर्ण/कितने समयावधि के पश्चात भी अप्रारंभ/अपूर्ण पड़े हैं व क्यों, इन्हें प्रारंभ/पूर्ण कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कब-कब एजेन्सियों को पत्र लिखे, की प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (ग) जिले में वर्तमान में 1184 संचालित केन्द्रों में से 902 केन्द्र विभागीय/अन्य शासकीय भवनों में 272 केन्द्र किराये के असुविधाजनक एक-एक कमरों में संचालित हैं इस कारण बच्चों, किशोरी बालिकाओं व धात्री महिलाओं को कठिनाईयां आ रही हैं, के बावजूद संबंधित विभागीय अमले द्वारा उक्त अप्रांरभ/अपूर्ण भवनों को पूर्ण कराने हेतु कोई प्रयास वर्तमान तक नहीं किये गये। (घ) क्या शासन उक्त भवनों के निर्माण कार्यों को पूर्ण कराने में हुए विलम्ब के कारणों की जाँच कराएगा व निर्माण कार्यों को एक निश्चित समय-सीमा में पूर्ण कराएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में 1180 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिनमें से स्वयं के (विभागीय भवन), किराये के, शासकीय/अन्य स्थानों पर संचालित आंगनवाड़ी भवनों की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। वर्ष 2008-09 से 2016-17 तक स्वीकृत भवन के संबंध में विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ अनुरूप स्वीकृत सभी आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका हैं, कोई भवन अप्रारंभ नहीं हैं। पूर्ण/अपूर्ण भवनों की जानकारी एवं आंगनवाड़ी भवनों को विभाग द्वारा पूर्ण कराने के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार है। (ग) जिले में वर्तमान में 1180 संचालित केन्द्रों में से 953 केन्द्र विभागीय/अन्य शासकीय भवनों में तथा 227 केन्द्र किराये के केन्द्रों में संचालित हैं। 110 केन्द्रों को किराये के भवनों से विभागीय/अन्य शासकीय भवनों में हस्तांतरित किया गया हैं एवं कई भवनों के निर्माण कार्य प्रगतिरत हैं, निर्माण कार्य पूर्ण होने पर ही इन भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन संभव होगा। (घ) निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों में से अधिकांश भवनों के निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत/नगर पालिका (विजयपुर ब्लॉक में लघु उद्योग निगम को छोड़कर) हैं। कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के माध्यम से भवनों के शीघ्र निर्माण के प्रयास किये जा रहे हैं। निश्चित समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
विभाग के निर्देशों का पालन न होना
[सामान्य प्रशासन]
93. ( क्र. 6472 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सा.प्र.वि. (शासकीय कर्मचारी कल्याण संगठन) के ज्ञापन क्रमांक एफ 2-33/94/क.क./1-15, दिनांक 13 जुलाई 1994 और अनुगामी पत्र क्रमांक एफ 2-33/94/क.क./1-15, दिनांक 13 नवम्बर 1995 पर संबंधित विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (क) से संबंधित विभाग के कार्यालय द्वारा पत्र क्रमांक स्था/93/4912, दिनांक 08/12/93 द्वारा क्या मार्गदर्शन चाहा गया था? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश का पालन न करने के क्या कारण हैं? पालन कब तक कर लिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत इकाइयों की उत्पादन क्षमता
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 6500 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में बिजली उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश के स्वयं के संसाधन जैसे कि म.प्र. शासन एवं म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्पनी की सभी ताप एवं जल विद्युत इकाइयों की स्थापित उत्पादन क्षमता बतावें। साथ ही इन इकाइयों से वर्षभर माहवार वास्तविक रूप से कितने मेगावाट/मिलियन यूनिट बिजली प्राप्त हो रही है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में प्रदेश में निर्धारित बिजली प्रदाय करने हेतु राष्ट्रीय ताप आवंटित एवं अनआवंटित कोटा का कितने मेगावाट क्रय अनुबद्ध है एवं वास्तविक रूप से प्राप्त बिजली वर्ष 2015-2016 से 2016-17 (दिसम्बर 2016 तक) तक बतावें? इसी प्रकार एम.ओ.यू. के द्वारा प्रदेश में स्थापित प्राइवेट कंपनी, प्राइवेट फर्मों से शार्ट टर्म खरीदी एवं अन्य सभी स्त्रोत (गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों को छोड़कर) जिनसे बिजली क्रय अनुबंध किया गया प्रोफार्मा में बतावें (1) फर्म का नाम (2) बिजली माहवार वर्षवार प्राप्त करना है (3) प्रति यूनिट दर (4) किये गये अनुबंध के अनुसार क्रय न करने अर्थात सरेंडर बिजली करने पर कितनी पेनाल्टी/ अधिभार एवं अन्य कोई भी राशि चुकाना होगा? गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों के लिये स्त्रोतवार जानकारी वर्ष 2015-16 से 2016-17 (दिसम्बर2016 तक) यथा सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा बायोमास एवं बायोगैस का विवरण प्रोफार्मा में बतावें (1) स्त्रोत का प्रकार (2) वर्तमान स्थापित क्षमता (3) वर्षवार क्रय? (ग) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक बिजली क्रय अनुबंध के अनुसार बिजली क्रय न करने अर्थात ड्रान करने एवं सरेन्डर बिजली करने माहवार वर्षवार कितने मेगावाट/मिलियन यूनिट की गई एवं इसकी कितनी राशि किन-किन कंपनियों को पेनाल्टी/अधिभार एवं सरचार्ज के रूप में इसी अवधि में पावर मैनेजमेंट कंपनी को चुकानी पड़ी साथ ही यह भी बतावें कि इसी अवधि में केन्द्रीय स्तर पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को वर्षवार औसत कितने घंटे विद्युत प्रदाय किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मध्यप्रदेश शास०न (म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को छोड़कर) की जल विद्युत इकाइयों की स्थापित क्षमता निम्नानुसार है :-
क्र. |
विद्युत गृह का नाम |
इकाई क्षमता |
इकाइयों की संख्या |
कुल उत्पादन क्षमता |
1 |
इंदिरा सागर जल विद्युत गृह |
125 मेगावाट |
8 |
1000 मेगावाट |
2 |
ओंकारेश्वर जल विद्युत गृह |
65 मेगावाट |
8 |
520 मेगावाट |
3 |
बरर्गा बायीं तट नहर जल विद्युत गृह (एन.वी.डी.ए.) |
5 मेगावाट |
2 |
10 मेगावाट |
4 |
इंदिरा सागर बायीं तट नहर जल विद्युत गृह (एन.वी.डी.ए.) |
5 मेगावाट |
3 |
15 मेगावाट |
म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी की ताप एवं जल विद्युत गृहों की इकाइयों की स्थापित क्षमता तथा इन इकाइयों एवं म.प्र. शासन की जल विद्युत इकाइयों से वर्षवार माहवार प्राप्त विद्युत संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय ताप विद्युत गृहों से प्रदेश को आवंटित एवं अनआवंटित कोटा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। इसी प्रकार एम.ओ.यू. के द्वारा प्रदेश में स्थापित निजी उत्पादकों से विद्युत क्रय अनुबंधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 (दिसंबर-16 तक) प्राप्त हुई विद्युत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। गैर परंपरागत स्त्रोतों से प्राप्त विद्युत व अन्य विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द'-1 अनुसार है। अनुबंध के अनुसार विद्युत क्रय नहीं करने पर फिक्सड चार्ज देय होता है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में क्रय अनुबंध के अनुसार विद्युत क्रय न करने अर्थात ड्रा न करने एवं सरेन्डर की गई मेगावाट/ मिलियन यूनिट की वर्षवार/माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' अनुसार है। इस हेतु पेनाल्टी/अधिभार/सरचार्ज के रूप में इसी अवधि में पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा देय राशि के संबंध में जानकारी निरंक है। तथापि अनुबंधित क्षमता के अनुरूप केपिसिटी चार्ज देय होता है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को वर्षवार औसत विद्युत प्रदाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
आनंद विभाग की गतिविधियों से संबंधित
[आनन्द]
95. ( क्र. 6554 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनन्द विभाग के क्रियाकलापों हेतु क्या नीति उद्देश्य हैं व उनके क्रियान्वन हेतु क्या दिशा/ निर्देश है? (ख) आनन्द विभाग के गठन से जनवरी 2017 तक विकासखण्ड करैरा व नरवर जिला शिवपुरी में क्या-क्या गतिविधियां हुई बताया जावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग के नीति उद्देश्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2-अ, प्रपत्र-2-ब, प्रपत्र-2-स एवं प्रपत्र-2-द अनुसार है। (ख) आनंद विभाग के गठन के पश्चात शिवपुरी जिले में आनंद उत्सव के अंतर्गत दिनांक 14 जनवरी, 2017 से 21 जनवरी, 2017 में विकासखण्ड करैरा के 66 ग्राम पंचायतों के 22 समूहों तथा विकासखण्ड नरवर के 64 ग्राम पंचायतों के 21 समूहों में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं खेलकूद की गतिविधियां संपन्न की गई।
राज्य महिला आयोग की नीति विषयक
[महिला एवं बाल विकास]
96. ( क्र. 6555 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा राज्य महिला आयोग का गठन कब किया गया व आयोग द्वारा महिलाओं के उत्थान हेतु क्या नीति निर्मित की है? नीति के कार्यान्वयन हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित है? (ख) विगत 03 वर्षों में प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोग को मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितनी धनराशि कार्यकलापों हेतु दी गई? (ग) उपरोक्त (ख) में देय राशि में से कितनी राशि जिला शिवपुरी को प्राप्त हुयी व उस राशि में से विकासखण्ड करैरा व नरवर को कितनी-कितनी राशि दी गई? प्रदाय राशि में से विकाखण्ड करैरा व नरवर में महिलाओं के उत्थान हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु दी गई जानकारी विकासखण्डवार दी जावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) म.प्र. राज्य महिला आयोग का गठन मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग अधिनियम 1995 के अधीन 23 मार्च 1998 को किया गया उक्त अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर सौंपे गए कृत्यों का पालन आयोग द्वारा किया जाता है। पृथक से नीति निर्मित किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) आयोग द्वारा संपादित किये जाने वाले कार्यकलापों जैसे सेमिनार/कार्यशालाओं एवं यात्रा, दूरभाष, पेट्रोल/डीजल, अनुरक्षण व्यय, परामर्श सेवाए, प्रचार-प्रसार आदि हेतु विगत 3 वर्षों में निम्नानुसार राशि प्रदान की गई:- वर्ष 2014-15 – राशि रूपये 5953000/- वर्ष 2015-16 - राशि रूपये 7639200/- एवं वर्ष 2016-17 – राशि रूपये 2092300/- (ग) विभाग द्वारा आयोग को महिलाओं के हित में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में कार्यशाला/शिविर आयोजन व प्रचार-प्रसार हेतु राशि दी जाती है। इस वित्तीय वर्ष में कार्यशाला/शिविर हेतु राशि रूपये 27500/- मात्र का आवंटन प्राप्त हुआ है एवं जिला शिवपुरी विकासखंड करेरा व नरवर हेतु पृथक से कोई राशि प्रदाय नहीं की गयी है।
मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग के दायित्वों
[महिला एवं बाल विकास]
97. ( क्र. 6573 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा विगत तीन वर्ष में चंबल संभाग अंतर्गत किन-किन जिलों का भ्रमण किया व आयोग को महिलाओं से संबंधित उनके आर्थिक, शैक्षणिक सशक्तिकरण, शासकीय महिलाओं के दूर अंचल स्थानों पर शासकीय सेवाओं में पदस्थ महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से उनको उचित स्थानों पर पदांकन की व्यवस्था एवं रोजगार आदि संबंधी कितने सुझाव प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में चम्बल संभाग मुरैना, जहां महिलाओं संबंधी विविध प्रकार की अनेक समस्याओं से ग्रसित होकर व उनकी सुरक्षा की दृष्टि से आयोग को कितनी जानकारी प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त जानकारी के पालन में शासन द्वारा क्या-क्या उनके हित में निर्णय लिए गए? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो इसे मूर्त रूप कब तक दिया जावेगा? इस हेतु निर्धारित समय-सीमा भी बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) म.प्र. राज्य महिला आयोग द्वारा विगत 3 वर्ष में चंबल संभाग अंतर्गत मुरैना एवं भिण्ड जिलों का भ्रमण किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार आयाग को उक्त जिलों से महिलाओं के सुदूर अंचलों में पदांकन अथवा रोजगार संबंधी सुझाव प्राप्त नहीं हुये है। (ख) आयोग के छठवें गठन में चंबल संभाग के मुरैना जिले से महिलाओं की समस्या से संबंधित 55 प्रकरण प्राप्त हुये है जिसमें से 32 प्रकरणों पर संयुक्त बैंच द्वारा सुनवाई की गई है। (ग) महिलाओं की विविध समस्याओं के निराकरण हेतु आयोग द्वारा नीतिगत बैठक का आयोजन कर शासन की ओर अनुशंसाएँ भेजी जाती है इस वर्ष भेजी जाने वाली अनुशंसाएँ आयोग में विचाराधीन है।
विभाग की कार्ययोजना
[आनन्द]
98. ( क्र. 6585 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा नवाचारी विभाग का गठन कर ऐतिहासिक कदम उठाया हैं, इसके माध्यम से गतिविधियों को आयोजित करने हेतु क्या कार्य योजना हैं? (ख) क्या आनन्द विभाग अंतर्गत कार्यों के क्रियान्वन हेतु वॉलेन्टियर्स तैयार किये जावेंगे? यदि हाँ, तो क्या प्रक्रिया नियत की गई है? (ग) क्या समस्त विभागों के कर्मचारियों का सहयोग गतिविधि या कार्यक्रम आयोजन में लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कर्मचारी चयन की या जवाबदेही तय करने हेतु क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई हैं? (घ) जनप्रतिनिधियों को आनन्द विभाग की गतिविधियों से जोड़ने के लिये कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से नवाचारी विभाग के नवाचारी कार्यों के लिये इस ओर विचार कर कार्ययोजना बनाई जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आनंद विभाग के अंतर्गत आनंद उत्सव, आनंदम, अल्पविराम तथा आनंदसभा कार्यक्रम निर्धारित किये गये है। (ख) जी हाँ, आनंद विभाग के अंतर्गत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु स्वयं सेवक कार्यकर्ताओं को आनंदक के रूप में पंजीकृत किया जा रहा है। तथा विभाग द्वारा आनंदकों के समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। राज्य आनंद संस्थान की वेबसाइट www.anandsansthanmp.in पर इच्छुक व्यक्ति आनंदक के रूप में अपना पंजीयन करा सकते है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) जनप्रतिनिधि आनंदक एवं आनंदम सहयोगी के रूप में अपना पंजीयन कराकर आनंद विभाग की गतिविधियों में सहयोग कर सकते है। शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
सारनी पावर हाउस की यूनिट क्रमांक 10
[ऊर्जा]
99. ( क्र. 6609 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारनी पावर हाउस की यूनिट क्रमांक 10 की स्थापित क्षमता कितनी है इससे किस दिनांक से उत्पादन प्रारम्भ किया गया, इस यूनिट के निर्माण पर कितनी लागत आई। (ख) गत 6 माह में यूनिट को किन कारणों से कितने दिन बंद रखा, वार्षिक सधारण के समय कितनी लागत से कौन-कौन सा कार्य करवाया गया वार्षिक सधारण के बाद यूनिट को किस दिनांक से उत्पादन के लिए चालू किया गया। (ग) चालू किए जाने के दिनांक से प्रश्नांकित दिनांक तक यूनिट से कितनी बिजली का उत्पादन हुआ, यूनिट को पूरे लोड पर चलाया जाकर पूरी बिजली का उत्पादन नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है इससे कितनी आर्थिक हानि उठानी पड़ी। (घ) यूनिट के वार्षिक सधारण के बाद पूरा उत्पादन नहीं लिए जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है उसके विरूद्ध किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक कार्यवाही नहीं की गई कब तक जिम्मेदारी निर्धारित कर कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी की यूनिट क्रमांक 10 की स्थापित क्षमता 250 मेगावाट है। इस यूनिट से दिनांक 18.08.2013 से वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ हुआ। इस यूनिट के निर्माण में कुल रू. 1630.78 करोड़ की लागत आई है। (ख) विगत छ: माह में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी की यूनिट क्रमांक 10 बंद रहने के कारण एवं अवधि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। यह यूनिट दिनांक 20.08.2016 से 28.09.2016 तक वार्षिक रख-रखाव हेतु बंद रही। इस दौरान कराये गये कार्यों एवं उन पर व्यय का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। वार्षिक रख-रखाव के पश्चात यूनिट को दिनांक 28.09.2016 को पुन: क्रियाशील किया गया। (ग) वार्षिक रख-रखाव के पश्चात दिनांक 28.09.2016 से माह फरवरी 2017 तक 579.65 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ। इकाई के वार्षिक रख-रखाव कार्य के दौरान ई.एस.पी. में आवश्यक सुधार कार्यों की मात्रा एवं तकनीकी जटिलता की वजह से इकाई को आंशिक भार पर चालू किया गया तथा ई.एस.पी. के बचे हुए कार्यों के पूर्ण होने पर दिनांक 02.12.2016 से 08.12.2016 तक इकाई को पी.जी. टेस्ट हेतु बंद किया गया, परंतु जाँच के दौरान ई.एस.पी. में तकनीकी सुधार की और आवश्यकता परिलक्षित हुई, अत: प्रदेश में विद्युत की मांग के दृष्टिगत इकाई को आंशिक भार पर पुन: चालू किया गया। आवश्यक सुधार कार्यों के पूर्ण होने पर इकाई को दिनांक 11.02.2017 से 20.02.2017 तक बंद कर सफलतापूर्वक पी.जी. टेस्ट किया गया और दिनांक 20.02.2017 से इसे आवश्यकतानुसार पूर्ण भार पर चलाया जा रहा है। आंशिक भार पर चलाये जाने के कारण वाणिज्यिक हानि का आंकलन वित्तीय वर्ष के अंत में किया जाना संभव होगा। (घ) उत्तरांश ''ग'' में उल्लेखानुसार तकनीकी कारणों से इकाई को आंशिक भार पर चलाया गया था, अत: किसी की जिम्मेदारी का प्रश्न ही नहीं उठता।
बिना अनुमति अपील विड्रा करना
[सामान्य प्रशासन]
100. ( क्र. 6649 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. आर्थिक अपराध/प्रकोष्ठ ई.ओ. डब्ल्यू भोपाल द्वारा क्रमांक 18/06 शासन विरूद्ध मोहन सिंह बुन्देला में मुख्य न्यायालय धार के दोषमुक्त के निर्णय के विरूद्ध शासन ने सत्र न्यायालय धार के समक्ष अपील प्रस्तुत करने का क्या निर्णय लिया था? (ख) उस निर्णय के पालन में जिला सत्र न्यायालय धार के समक्ष सी.जी.एम. के निर्णय दिनांक 13.09.12 के विरूद्ध दिनांक 12.12.2012 को क्या अपील प्रस्तुत की गई थी? क्या दिनांक 13.12.2012 को तत्कालीन लोक अभियोजक श्री चौधरी जी ने अपील वापस लेने का आवेदन प्रस्तुत करने पर अपील दिनांक 15.12.2012 को लोक अदालत में निरस्त की गई थी? (ग) यदि यह सही है तो शासन से बिना अनुमति अपील विड्राल करने संबंधी पद के दुरूपयोग करने बावत ई.ओ.डब्ल्यू. भोपाल के पत्र दिनांक 22.08.2016 को तत्कालीन लोक अभियोजक श्री बी.एल. चौधरी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही प्रचलित की गई हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) जी हाँ। ई.ओ.डब्ल्यू. में प्रारंभिक जाँच क्रमांक 30/16 दिनांक 23/07/2016 को पंजीबद्ध की गयी है।
राजगढ़ जिले सहित ठेके के कर्मचारियों
[ऊर्जा]
101. ( क्र. 6671 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. कम्पनी में राजस्व अधिकारी की भर्ती निकाली गई है? यदि हाँ, तो कितने पदों के लिये? (ख) क्या उक्त भर्ती में विभाग में ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों कम्प्यूटर ऑपरेटरों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है? क्यों। (ग) क्या विभाग में ठेके पर कार्यरत कर्मचारी कम्प्यूटर आपरेटरों को जिन्हे 3 वर्ष से अधिक अपनी सेवाये देते हो गया है, ठेकेदार एवं शासन द्वारा भविष्य में उनके लिये नई योजना बनाई जायेगी जिससे वह कम्पनी के अन्तर्गत सेवा प्रदान कर सके? यदि बनाई जावेगी क्या और कब तक। (घ) क्या विभाग द्वारा ठेका कर्मचारियों के वेतन एवं पी.पी.एफ. का भुगतान समय पर हो रहा है? यदि हाँ, तो बतावें। और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत राजस्व अधिकारी का पद पदोन्नति से भरा जाने वाला पद है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा निविदा के माध्यम से सेवाप्रदाता का चयन कर विभिन्न कार्यों हेतु मानवबल नियोजित किया जाता है, जिसके लिये अनुबंध की शर्तों अनुसार सेवाप्रदाता द्वारा प्रत्येक माह पारिश्रमिक का भुगतान संबंधित ठेका कर्मचारियों को किया जाता है एवं ई.पी.एफ. (पी.पी.एफ. नहीं) का कटौत्रा किया जाता है।
सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं को अनुदान
[संस्कृति]
102. ( क्र. 6729 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं को अनुदान हेतु चयनित किये जाने एवं प्रदान किये जाने की क्या प्रक्रिया एवं नियम है और किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किन अनुशंसाओं के आधार पर किया जाता है? संस्कृति विभाग ग्वालियर में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है, उनका नाम, पद, पदस्थापना, दिनांक एवं मुख्यालय स्पष्ट करें? (ख) ग्वालियर जिले में वर्ष २०१४-१५ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन संस्थाओं को किन-किन आयोजनों हेतु वर्षवार कितना-कितना अनुदान किस-किस की अनुशंसा पर किस नियम के तहत स्वीकृत किया गया? संस्था का नाम, पता, पंजीयन एवं संचालक मण्डल की जानकारी सहित बतायें? क्या उन संस्थाओं द्वारा अनुदान हेतु कोई आवेदन किया गया था? यदि नहीं, तो किस आधार पर अनुदान स्वीकृत किया गया? (ग) प्रश्नांश 'ख' के तहत इन संस्थाओं द्वारा कहाँ-कहाँ एव कब-कब क्या कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, कार्यक्रमवार व्यय रशि का पूर्ण विवरण बतायें एवं क्या संस्था द्वारा व्यय की गई राशि का परीक्षण एवं सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नांश 'ख' से 'ग' के परिप्रेक्ष्य में क्या संस्थाओं के चयन एवं अनुदान राशि के उपयोग में नियमानुसार कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या सक्षम प्राधिकारी ऐसा होने का सत्यापन करेंगे?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
सूचना के अधिकार अंतर्गत प्राप्त पत्र पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
103. ( क्र. 6730 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूचना के अधिकार के नियम की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) ग्वालियर दक्षिण विधान सभा क्षेत्र एवं भितरवार विधान सभा क्षेत्र की दोनों नगर परिषदों एवं ग्राम पंचायतों में विगत 3 वर्षों में कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा कितने आवेदनों का निराकरण कर सूचना प्रदान की गई एवं कितने आवेदन शेष हैं? (ग) क्या उपरोक्त विभाग द्वारा समय-सीमा में जानकारी नहीं दी गई, यदि हाँ, तो क्या उन पर कोई कार्यवाही की गई है, यदि की गई है तो की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
104. ( क्र. 6746 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने हेतु विभाग द्वारा पूर्व में सर्वे कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या ब्यावरा तहसील में सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना हेतु ब्यावरा-गुना मार्ग पर एन.एच.-3 से पूर्व दिशा में ग्राम कानेड़ तक बडी मात्रा में अनुपजाऊ भूमि उपलब्ध है, जो राजस्व विभाग के पास शासकीय भूमि के रूप में दर्ज है? (ख) यदि हाँ, तो बढ़ती ऊर्जा की आवश्यकता के दृष्टिगत ऐसे संयंत्र स्थापित करने का विभाग द्वारा निर्णय लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। राजगढ़ जिले के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में सौर ऊर्जा संयंत्र हेतु विभाग द्वारा सर्वेक्षण कार्य नहीं कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त करना
[महिला एवं बाल विकास]
105. ( क्र. 6747 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले में कितने कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में चिन्हित किये गये बच्चों में से कितने बच्चें कुपोषण से मुक्त हुये तथा कितने बच्चें कुपोषण से मुक्त नहीं हुये? कुपोषण से मुक्त न होने का क्या कारण है तथा इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) उपरोक्तानुसार ऐसे कितने कुपोषित बच्चें है जो पिछले लम्बे समय से कुपोषित है तथा उनके संदर्भ में विभाग वर्तमान में क्या कार्यवाही कर रहा है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) वर्ष 2015-16 से जनवरी 2017 तक राजगढ़ जिले में कम वजन के 25136 तथा अतिकम वजन के 3629 कुल 28765 बच्चों को चिन्हित किया गया है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्य में चिन्हित किये गये बच्चों में से 6319 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुये है तथा शेष 22446 बच्चे कम एवं अतिकम वजन की श्रेणी में है। अपर्याप्त भोजन, स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता/पहुँच एवं उनका उपयोग न करना, आर्थिक संरचना, संसाधनों की कमी, अनुचित आहार-व्यवहार, बीमारियां, परिवार में सदस्यों की संख्या, रोजगार की कमी, सामाजिक कुरीतिया, शिक्षा का अभाव इत्यादि कारण कुपोषण के लिए जिम्मेदार है। ऐसी स्थिति में किसी भी अधिकारी को कुपोषण हेतु जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। (ग) राजगढ़ जिले में वर्तमान में 8670 बच्चें कम वजन में एवं 902 बच्चें अतिकम वजन की श्रेणी में है। बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु वृद्धि निगरानी के माध्यम से कम वजन एवं अतिकम वजन वाले बच्चों का चिन्हांकन किया जाता हैं तथा चिन्हांकित गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण प्रबंधन हेतु पोषण पुर्नवास केन्द्र में संदर्भित किया जाता हैं। बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार हेतु एकीकृत बाल विकास सेवा योजनांतर्गत पूरक पोषण आहार प्रदाय एवं थर्ड मील उपलब्ध कराया जाता हैं। स्नेह सरोकार कार्यक्रम में स्थानीय प्रबुध्द नागरिकों द्वारा देखभाल की जिम्मेदारी ली जाकर उनके माता-पिता को नियमित पोषण परामर्श दिया जाता है पंचवटी से पोषण कार्यक्रम के अंतर्गत कुपोषित बच्चों के परिवारों को सूक्ष्म पोषक तत्वों से युक्त पदार्थ उपलब्ध कराये गये हैं एवं इनके उत्पादों के उपयोग हेतु जागरूकता हेतु कार्य किया जा रहा है। अतिकम वजन बच्चों की अधिक संख्या वाले चिन्हित ग्रामों में सुपोषण अभियान का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 12 दिवसीय शिविर एवं फॉलोअप के मध्यम से बच्चे की माता को पोषण संबंधी व्यवहारों का सहभागी प्रदर्शन किया जाता है। विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की वर्तमान में संख्या का आंकलन करने हेतु विशेष वजन अभियान का आयोजन 01 नवम्बर 2016 से 28 फरवरी 2017 तक किया गया। इस अभियान में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पर्यवेक्षकों द्वारा बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया गया। इस अभियान में चिन्हित कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों के पोषण स्तर में सतत् सुधार तथा फॉलोअप हेतु विशेष पोषण अभियान का प्रारंभ किया जा रहा है।
पवन ऊर्जा संयंत्र केन्द्र लगाने
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
106. ( क्र. 6767 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षैत्र नागदा-खाचरौद के कितने स्थानों पर पवन ऊर्जा संयंत्र केन्द्रों की स्थापना की योजना प्रस्तावित है? ये केन्द्र कब तक स्थापित हो जावेंगे? (ख) सेदरी, नारेली, डोडीया एवं बड़ावदा के मगरे पर पवन ऊर्जा संयत्र लगाने की क्या योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में निजी इकाइयों द्वारा 3 पवन ऊर्जा परियोजनाएं, जिनकी कुल क्षमता 45 मेगावाट है, पंजीकृत की गयी हैं। पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 में प्रावधानित समय-सीमा के अनुसार इनकी स्थापना किया जाना अपेक्षित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम सेदरी, नारेली, डोडीया एवं बड़ावदा में मेसर्स ग्लोबल पावरनेट प्रा.लि., मुम्बई द्वारा 12 मेगावाट क्षमता परियोजना एवं मेसर्स एन.एस.एल. रिन्युवेबल पावर प्रा.लि., नई दिल्ली द्वारा 45 मेगावाट क्षमता परियोजना पंजीकृत है।
मजरों-टोलों एवं नवीन आवासीय बस्तियों को २४x७ प्रदाय
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 6781 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स. क्षेत्र बदनावर अंतर्गत शासन की मंशानुसार समस्त मजरों-टोलों एवं ग्राम के नजदीक नवीन आवासीय बस्तियों को २४x७ प्रदाय की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? इन मजरों-टोलों एवं नवीन आवासीय बस्तियों को कब तक २४x७ विद्युत प्रदाय की जा सकेगी? ऐसे समस्त मजरों-टोलों एवं नवीन आवासीय बस्तियों की जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) उपभोक्ताओं के घरों में विद्युत मीटर होने के बाद भी कम्पनी द्वारा औसत बिल प्रदाय किया जाकर मनमानी राशि कंपनी द्वारा वसूल की जा रही है? (ग) कंपनी द्वारा की जा रही अवैध वसूली क्या शासन के द्वारा बंद की जाकर अवैध रुप से वसूल की गयी राशि पीड़ित उपभोक्ताओं को लौटाई जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर के अंतर्गत समस्त 172 राजस्व ग्रामों एवं इन ग्रामों के चिन्हित 510 मजरों/टोलों/आवासीय बस्तियों में से 403 ऐसे मजरे/टोलों/ आवासीय बस्तियों जो कि गैर-कृषि फीडरों पर संयोजित है, को 24x7 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। शेष 107 मजरों/टोलों/बस्तियों जो कि 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले हैं, के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में प्रस्तावित किया गया है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। उल्लेखनीय है कि बदनवार विधानसभा क्षेत्र में 100 से कम आबादी वाला कोई भी चिन्हित मजरा/टोला/बस्ती विद्युतीकरण/24 घंटे विद्युत प्रदाय की सुविधा से वंचित नहीं है। इन 107 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार ऐजेन्सी मेसर्स यूबीटेक फरीदाबाद को दिनांक 21.01.2017 को अवार्ड जारी किया गया है, जिसकी कार्य पूर्णता अवधि दिनांक 21.01.2019 तक है। कार्य पूर्णता उपरान्त इन शेष 107 मजरों/टोलों/बस्तियों में क्रमश: घरेलू उपयोग हेतु 24 घन्टे विद्युत प्रदाय की सुविधा दी जायेगी। (ख) जी नहीं, ऐसे उपभोक्ता जिनके मीटर बन्द/खराब है उन उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका 8.35 के प्रावधानों के अनुसार औसत खपत का निर्धारण कर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश के अनुसार बिलिंग की जाती है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
नवीन विद्युत ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 6782 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र बदनावर अंतर्गत ग्राम टकरावदा, बालोदा तथा ग्राम गरडावद में नवीन विद्युत ग्रिड स्थापना की मांग की गयी थी? उक्त ग्रिड की स्थापना/निर्माण का कार्य कब प्रारंभ किया जावेगा? कार्य की प्रगति से अवगत करावें। (ख) बिजली की सुगम उपलब्धता हेतु बदनावर विधान सभा के अन्य किन ग्रामों में ग्रिड की स्थापना प्रस्तावित की गयी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन उपकेन्द्रों में से ग्राम टकरावदा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। उक्त उपकेन्द्र सहित योजनांतर्गत कार्य टर्न की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स युबिटेक प्रा. लि. फरीदाबाद को दिनांक 21.1.2017 को अवार्ड जारी किया गया है तथा अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त ठेकेदार एजेन्सी को दो वर्ष की समयावधि में अर्थात् 21.01.2019 तक कार्य पूर्ण करना है। ग्राम बालोदा को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बोराली से निर्गमित 11 के.व्ही. बालोदा फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिस पर वर्तमान में विद्युत भार एवं वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित सीमा में है एवं वर्तमान में इस क्षेत्र में वोल्टेज की कोई समस्या नहीं है। अत: ग्राम बालोदा में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना किये जाने की तकनीकी रूप से आवश्यकता नहीं है। ग्राम गरडावद को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र पचलाना से निर्गमित 11 के.व्ही. गरडावद फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिस पर वर्तमान में विद्युत भार एवं वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित सीमा में है एवं वर्तमान में इस क्षेत्र में वोल्टेज की कोई समस्या नहीं है। अत: ग्राम गरडावद में भी 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना किये जाने की तकनीकी रूप से आवश्यकता नहीं है। (ख) विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु आवश्यकतानुसार बदनावर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में ग्राम टकरावदा के अतिरिक्त, ग्राम बखतगढ़ में भी नवीन 33/11 के.व्ही., 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य स्वीकृत है। उक्त उपकेन्द्र सहित योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स युबिटेक प्रा.लि. फरीदाबाद को दिनांक 21.1.2017 को अवार्ड जारी किया गया है। बदनावर विधानसभा क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र काछी बडोदा में अतिरिक्त 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत हुआ है तथा वर्तमान में यह कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत ग्राम पान्दा में भी 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र में पावर ट्रांसफार्मर की 3.15 एम.व्ही.ए. से 5 एम.व्ही.ए. क्षमता वृद्धि का कार्य भी दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुआ है।
सिंगाजी ताप विद्युत गृह में पदस्थ अधीक्षण यंत्री (सिविल) के कार्यों की जाँच
[ऊर्जा]
109. ( क्र. 6785 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में पदस्थ अधीक्षण यंत्री सिविल श्री हरिशरण गुप्ता, म.प्र.वि. मंडल में ज्वाइनिंग से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ, किस-किस पद पर पदस्थ रहे एवं सिंगाजी में कब से पदस्थ हैं? इनके द्वारा सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना सिविल कार्यों से संबधित क्या क्या कार्य कराए गए हैं? इनके द्वारा कराये सभी कार्यों की गुणवत्ता की जाँच करवाएंगे? (ख) क्या सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की नव निर्मित कॉलोनी के निवास भवन एवं सार्वजानिक भवन का निर्माण काफी घटिया तरीके से कराया गया है? साथ ही कॉलोनी के रोड नाली निर्माण का भी कार्य काफी घटिया स्तर का कराया गया है? क्या उक्त सभी कार्यों की जाँच स्वतंत्र एजेंसी से करवाएंगे? क्या मकान में रहने वाले कॉलोनी वासी के बयान दर्ज कर जाँच कराई जावेगी।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा में पदस्थ अधीक्षण अभियंता (सिविल) श्री हरि शरण गुप्ता के म.प्र. विद्युत मंडल में ज्वाइनिंग से प्रश्न दिनांक तक जहाँ-जहाँ, जिस पद पर पदस्थ थे, से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। श्री हरिशरण गुप्ता श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा में दिनांक 22.03.2010 से पदस्थ हैं। उनके द्वारा श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में सिविल कार्यों से संबंधित जो कार्य कराये गये हैं, की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। सिविल कार्यों के संबंध में लेख है कि कराये गये कार्यों हेतु निर्माण कार्य कराने वाली विभिन्न कंपनियों द्वारा स्वयं की परीक्षण प्रयोगशालायें कार्यस्थल पर स्थापित की गयी थीं एवं ठेके के प्रावधानों के अनुसार, गुणवत्ता के अनुसार कार्य किये गये थे। अत: कार्यों की गुणवत्ता की पृथक से जाँच आवश्यक नहीं है। (ख) जी नहीं, कॉलोनी के निवास भवन, सार्वजनिक भवन, रोड एवं नाली निर्माण के कार्य विभिन्न निर्माण कम्पनियों द्वारा ठेके के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित मापदंड के अनुसार पूर्ण कराये गये हैं। अत: इन कार्यों की स्वतंत्र एजेंसी से जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में मकान में रहने वाले कॉलोनी वासियों के बयान दर्ज करने की भी आवश्यकता नहीं है।
यौन उत्पीड़ित गर्भवती किशोरियों के पुर्नवास
[महिला एवं बाल विकास]
110. ( क्र. 6841 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में यौन उत्पीड़ित किशोरियों के लिये उनका संरक्षण, विकास एवं समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिये बहुआयामी प्रयास हेतु निजी एवं शासकीय केन्द्र की स्थापना की गई है? यदि हाँ, तो यौन उत्पीड़ित गर्भवती किशोरियों के लिये उपचार के प्रयास किये गये है? यदि हाँ, तो उस संस्था या केन्द्र का नाम बतावें? यदि नहीं, तो इतने महत्वपूर्ण कार्य की ओर शासन का ध्यान अब तक नहीं गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे किशोरियों की निजता को सम्पूर्ण तौर पर सुरक्षित रखते हुए उनके शिक्षण तथा स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखने के लिए एवं अपातकालीन चिकित्सा सुविध प्रदान करने के लिए अब तक क्या योजना बनाई गई है उस योजना से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में यौन उत्पीड़ित गर्भवती किशोरियों की संख्या वर्ष 2016-17 में प्रदेश में कितनी है? इनके पुर्नवास हेतु क्या-क्या प्रयास किये गये बतावें? कितनी बच्चियों का पुर्नवास किया। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के प्रकाश में राज्य शासन द्वारा जिला चिकित्सालय में ऊषा-किरन नाम से केन्द्र प्रारंभ किया गया है? जिसमें किशोरियों को संरक्षण दिया जा सके? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ प्रारंभ है? यदि नहीं, तो कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ. समस्त प्रकार की हिंसा से पीड़ित बालिकाओं और महिलाओं के लिये प्रदेश में संशोधित उषा किरण योजना अंतर्गत तथा भारत सरकार की वन स्टॉप सेन्टर योजना के तहत वन स्टॉप सेंटर स्थापित किये गए है। वन स्टॉप सेंटर पर आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था की गई है। (ख) किशोरियों की शिक्षण व्यवस्था तथा आश्रय के लिये बालिका गृहों की स्थापना की गई है। आपातकालीन चिकित्सा के लिये वन स्टॉप सेंटर/उषा किरण केंद्र स्थापित किये जा रहे है। (ग) जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2016-17 में यौन उत्पीड़ित गर्भवती किशोरियों की संख्या 27 है. जिनमे 17 बलिकाओं का पुनर्वास बालिका गृह/आश्रय गृह में एवं 10 बलिकाओं का पारिवारिक पुनर्वास किया गया। (घ) वन स्टॉप सेंटर जिले क्रमशः ग्वालियर, उज्जैन, सतना, रीवा, इंदौर, खंडवा, देवास, सिंगरौली, कटनी, बुरहानपुर, जबलपुर, सागर, शहडोल, होशंगाबाद, रतलाम, भोपाल, छिंदवाडा, मुरैना में प्रारंभ किये गए है। शेष जिलों में आगामी वित्तीय वर्षों में प्रारंभ किये जायेगे। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लालबाग परिसर में सुविधा घर व अन्य सुविधा
[पर्यटन]
111. ( क्र. 6862 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पर्यटन विकास निगम द्वारा इन्दौर स्थिति लालबाग परिसर में सुविधा घर पेयजल व्यवस्था, पाथवे, बाउन्ड्रीवाल, पार्किंग, बोरिंग आदि का निर्माण की व्यवस्था कर रहा है? (ख) उक्त प्रस्ताव कब का है और उस पर दिनांक 31.01.17 तक कौन-कौन से निर्माण हो चुके हैं? (ग) अगर निर्माण अधुरे है अथवा प्रारंभ नहीं हुए तो क्या कारण हैं?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्ताव दिनांक 14.08.2013 का है जिसके अंतर्गत लालबाग परिसर में सुविधा घर, पेयजल व्यवस्था, पाथवे, बाउन्ड्रीवाल, पार्किंग, बोरिंग के कार्य पूर्ण किये गये है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
साली-सोयला में लिप्ट इरीगेशन से पानी ले जाने
[नर्मदा घाटी विकास]
112. ( क्र. 6891 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को साली एवं सोयला में मान परियोजना दायी तट नहर से लिफ्ट इरीगेशन से पानी सिंचाई हेतु ले जानी की स्वीकृति हेतु मांग की गई है? (ख) क्या गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ब्लाक गंधवानी में मान परियोजना से दायीं तट नहर में पर्याप्त मात्रा में निचले क्षेत्रों में सिचाई के लिये पानी छोड़ा जाता है। (ग) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त नहर के माध्यम से ग्राम पंचायत साली एवं सोयला में लिफ्ट इरीगेशन से सिंचाई के लिये पानी ले जाने के लिये विभाग द्वारा शासन को प्रस्ताव भेजा गया है? (घ) यदि है तो स्वीकृति कब तक मिल जायेगी और यदि प्रस्ताव नहीं भेजा गया है तो कब तक भेज दिया जावेगा।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कमाण्ड में आने वाले ग्रामों में सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी छोड़ा जाता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। दोनों प्रश्नाधीन क्षेत्रों में लिफ्ट सिंचाई योजना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
मुख्य सचिव कार्यालय से प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
113. ( क्र. 6893 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव कार्यालय ने प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र सम्बंधित विभागों को पत्र क्रमांक 4759 एवं पत्र क्रमांक 4760 दिनांक 16 जुलाई 2015, पत्र क्रमांक 4976 दिनांक 25 जुलाई 2015, पत्र क्रमांक 8388 दिनांक 27 नवम्बर 2015, पत्र क्रमांक 509 दिनांक 22 जनवरी 2016 को प्रेषित किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो मुख्य सचिव भोपाल को प्रश्नकर्ता के द्वारा किस पत्र क्रमांक से किस विषय पर प्रेषित पत्र किस विभाग के किस अधिकारी को किस निर्देश के साथ प्रेषित किया गया? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को पत्र लिखकर चाही गई जानकारी उपलब्ध करवाये जाने के संबंध में किस-किस दिनांक को आदेश, निर्देश, पत्र जारी किये हैं? जानकारी उपलब्ध नहीं करवाए जाने पर किस-किस कार्यवाही के निर्देश दिए हैं? (घ) मुख्य सचिव कार्यालय प्रश्नकर्ता के पत्रों पर चाही गई जानकारियां कब तक प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) संबंधित विभागों को प्रश्नकर्ता सदस्य को कृत कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रोटोकाल का पालन
[सामान्य प्रशासन]
114. ( क्र. 6904 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कार्यक्रमों/लोकार्पण/भूमिपूजन/सार्वजनिक कार्यक्रमों में बैठक व्यवस्था एवं आमंत्रण पत्र में नाम प्रोटोकाल के मुताबिक रखने के निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रोटोकाल हेतु जारी निर्देश में किन-किन पदधारी राजनेताओं/अधिकारियों को सम्मिलित किया गया है? उसकी जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रोटोकाल का पालन नहीं करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही का प्रावधान है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों को शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित करने तथा उनके शिष्टाचार संबंधी पूर्व से ही सामान्य प्रशासन विभाग के समुचित एवं पर्याप्त कार्यकारी निर्देश हैं। यदि कोई अधिकारी/कर्मचारी इन निर्देशों की अवहेलना करता है तो उनका यह कृत्य उन पर लागू आचरण या सेवा नियमों के अंतर्गत अवचार समझा जावेगा एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के निर्देशों का उल्लंघन होने पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत कार्यवाही के भी समुचित प्रावधान हैं।
देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
115. ( क्र. 6905 ) श्री संजय उइके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में देशी एवं विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री की दुकानों/एकल समूहों की शर्तों एवं प्रक्रिया के अधीन आरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाकर मदिरा दुकानों का निष्पादन टेण्डर के माध्यम से किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रदेश के मदिरा दुकानों का जो आरक्षित मूल्य था उसका कुल जिलेवार आरक्षित मूल्य कितना था? उसके विरूद्ध कितनी राशि में टेण्डर का निष्पादन किया गया? (ग) क्या वर्ष 2016-17 में कई चरणों में टेण्डर आमंत्रण के बाद कम दर पर ठेकेदारों द्वारा मदिरा दुकान ली गयी जिससे शासन को करोड़ों रूपयों की हानि हुई एवं ठेकेदारों को फायदा पहुंचा? (घ) तो क्या विभाग ठेकेदारों की मनमानी रोकने कोई कदम उठाने का विचार करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रदेश के मदिरा दुकानों का जो आरक्षित मूल्य था उसका कुल जिलेवार आरक्षित मूल्य एवं टेण्डर से प्राप्त राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विभागीय कार्य
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 6913 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु वर्ष-2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई और प्राप्त/आवंटित राशि का किन-किन कार्यों/कार्यक्रमों में कब-कब एवं किस-किस मद में कितना-कितना व्यय किया गया? (ख) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से कोटेशन एवं ऑफलाइन टेंडर पद्धति से और दो लाख रूपये से कम राशि के क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर कराये गये एवं क्या सामग्री क्रय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) किये गये कार्यों एवं सामग्री क्रय करने हेतु दिये गये कार्यादेश, उपयोगिता/सत्यापन प्रमाण-पत्र एवं कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र किस नाम, पदनाम के अधिकारी द्वारा दिये गये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कटनी जिले में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को, विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु वर्ष 2013-14 से दिनांक 28.02.17 तक कोई भी राशि पृथक से आवंटित नहीं की गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कोटेशन एवं ऑफलाइन टेंडर पद्धति से म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा 2 लाख रूपये से कम राशि का कोई भी कार्य नहीं कराया गया है। तथापि कलेक्टर कटनी द्वारा जिला क्रय समिति के माध्यम से एस.ओ.आर. दर पर ऑफलाइन टेंडर पद्धति से उक्त अवधि में प्रश्नाधीन कराए गये कार्यों का स्थान एवं स्वीकृत राशि सहित वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कोटेशन एवं ऑफलाइन टेंडर पद्धति से कोई भी सामग्री क्रय नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कोटेशन एवं ऑफलाइन टेंडर पद्धति से कोई भी सामग्री क्रय नहीं की गई है। मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कोटेशन एवं ऑफलाइन टेंडर पद्धति से वर्षवार कराये गये कार्यों का कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी के नाम एवं पद पदनाम सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।
विधायकों के निज सहायक
[सामान्य प्रशासन]
117. ( क्र. 6922 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश विधान सभा सदस्यों को निज सहायक की सुविधा का लाभ प्रदान किया जाता है। तथा वर्तमान में विधानसभा में अधिकतर कार्य प्रश्न प्रस्तुति इत्यादि ऑनलाइन प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो सदस्यों को निज सहायक केवल नियमित कर्मचारियों को ही रखने की बाध्यता है तथा उक्त कार्य हेतु केवल लिपिक से ही कराये जा सकते हैं? (ग) क्या कलेक्टर शहडोल द्वारा डाटा एंट्री ऑपरेटर जिला मलेरिया कार्यालय शहडोल को प्रश्नकर्ता सदस्य के निज सहायक हेतु तैनात किया गया था? यदि हाँ, तो उसकी वापसी क्यों की गई और कम्यूटर का ज्ञान रखने वाले निज सहायक की व्यवस्था क्यों नहीं की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ ए 10-15/94/एक (1) दिनांक 19 मई 1995 अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। लोक सभा उप निर्वाचन 2016 आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के कारण प्रश्नकर्ता सदस्य के निज सहायक को मूल विभाग के लिए वापस किया गया तथा माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य की इच्छानुसार श्री नरेन्द्र कुमार तिवारी, सहायक ग्रेड-3 कार्यालय वन मण्डलाधिकारी, उत्तर शहडोल से सहमति प्राप्त कर प्रश्नकर्ता सदस्य के निज सहायक के रूप में संलग्न किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु आवंटित राशि
[संस्कृति]
118. ( क्र. 6923 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा लोक कला को बढ़ावा देने सहित अन्य सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों को बनाये रखने के लिये विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो शहडोल जिले में वर्ष २०१४-१५ से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्यक्रम आयोजित किये गये? उक्त कायक्रमों में कितनी राशि किस कार्य हेतु व्यय की गई? व्यय की प्रक्रिया क्या थी? शासन के समस्त नियम निदेर्शों सहित संपूर्ण व्यय की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आदर्श आंगनवाड़ी योजना
[महिला एवं बाल विकास]
119. ( क्र. 6928 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग की आदर्श आंगनवाड़ी योजना क्या है? क्या इस योजना के अंतर्गत आंगनवाड़ियों का चयन कर उनको आर्थिक मदद या सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। (ख) यदि हाँ, तो बड़नगर विधानसभा में पिछले 3 वर्षों में कौन-कौन सी आंगनवाड़ी को आदर्श आंगनवाड़ी के रूप में चयनित किया गया है। (ग) चयनित आदर्श आंगनवाड़ी में क्या-क्या कार्य विभाग के द्वारा कराये गये हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आदर्श आंगनवाड़ी के अन्तर्गत प्रदेश के चुने हुये आंगनवाड़ी केन्द्रों को बच्चों की रूचि के अनुरूप आकर्षक एवं बाल सुलभ केन्द्र के रूप में विकसित कर आई.सी.डी.एस. की सेवाओं को बेहतर रूप से हितग्राहियों को दिया जाता है। जी हाँ, राज्य स्तर पर बजट की उपलब्ध्ता के आधार पर आवंटन उपलब्ध कराया जाता है। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 03 वर्षों में परियोजना बड़नगर क्रमांक 1 में क्रमशः बग्रेड क्र-2, खरसौदकला क्र-7 एवं जलोदिया क्र-1 तथा परियोजना बड़नगर क्रमांक 2 में क्रमशः बेलेड़ी क्र-5, चिकली क्र-2, सुवासा क्र-1, पलवा क्र-2 में आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित करने हेतु चयनित किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आनंद विभाग के गठन का मुख्य उद्देश्य
[आनन्द]
120. ( क्र. 6929 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनंद विभाग के गठन का मुख्य उद्देश्य क्या है तथा यह किस-किस विभाग में कार्य करेगा? (ख) क्या कोई सामाजिक संस्था भी आनंद विभाग में प्रेरक के तौर पर जुड़ सकते हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रक्रिया क्या है।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आनंद विभाग के गठन का उद्देश्य संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आनंद विभाग की गतिविधियों का संचालन अन्य विभागों में भी चरणबद्ध तरीके से करना प्रस्तावित है। (ख) सामाजिक संस्थाओं को आनंद विभाग में प्रेरक के तौर पर जोड़े जाने हेतु वर्तमान में कोई निर्देश नहीं है।
देशी और अंग्रेजी शराब की दुकानों की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
121. ( क्र. 6931 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी देशी और अंग्रेजी शराब की दुकाने कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं? पूर्ण पता बतावें। (ख) इनमें से कितनी दुकानें शैक्षणिक स्थल, अस्पताल के पास हैं या रहवासी इलाके में हैं? (ग) क्या इन दुकानों के संचालन को लेकर कोई शिकायत प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) बड़नगर तहसील में आबकारी अधिकारी की मिली भगत से डायरी के माध्यम से अवैध शराब की बिक्री हो रही है पिछले 3 वर्षों में अवैध शराब को लेकर कितने प्रकरण बनाये गये।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 21 देशी मदिरा दुकानें एवं 06 विदेशी मदिरा कुल 27 मदिरा दुकानें हैं। देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानें जहां-जहां पर संचालित है, उसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त दुकानों में से कोई भी दुकान शैक्षणिक स्थल या अस्पताल के पास संचालित नहीं है। उक्त दुकानें संलग्न परिशिष्ट में अंकित गांवों अथवा गांव के बाहर संचालित है। (ग) दो दुकानों क्रमश: पीरझलार एवं बड़नगर को हटाने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिनकी जाँच करने पर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के प्रावधान अनुसार आपत्तिरहित स्थल पर संचालित होना पाई गई। (घ) जी नहीं। बड़नगर तहसील में आबकारी अधिकारी की मिलीभगत से डायरी के माध्यम से अवैध शराब की बिक्री का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। पिछले 03 वर्षों अर्थात वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कुल 364 अवैध शराब के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है।
विभागीय कार्यों का निष्पादन
[महिला एवं बाल विकास]
122. ( क्र. 6938 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजना का क्रियान्वयन शासन/ विभाग द्वारा रतलाम जिले में लगातार किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो शासन/विभागीय व्यवस्थाओं के साथ ही अन्य पंजीकृत व्यवस्थाओं, अनुबंधित व्यवस्थाओं एवं एन.जी.ओ. इत्यादि को किसी अन्य प्रकार से क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो रतलाम जिलांतर्गत वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/विभागीय योजनाएं एवं कार्यों का निष्पादन किन-किन व्यवस्थाओं के माध्यम से किस-किस प्रकार किया जा रहा है? (घ) उपरोक्त कार्यों हेतु उपरोक्त वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना बजट किस प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत 18 वर्ष तक की आयु के देख-रेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बालकों की देख-रेख हेतु रतलाम जिले में एक शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह एवं दो बालगृह एन.जी.ओ. के माध्यम से अनुबंध कर संचालित किये जा रहे हैं। (ग) समेकित बाल संरक्षण योजना का संचालन शासकीय अमले एवं एन.जी.ओ के साथ अनुबंध कर किया जा रहा हैं। (घ) जारी किये गये बजट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करना
[ऊर्जा]
123. ( क्र. 6939 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण का कार्य निरंतर चल रहा है तथा केबलीकरण का कार्य साथ-साथ किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रो में कई स्थानों पर विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर एवं बड़ी छोटी डी.पी.स्थल, यातायात एवं आम जीवन हेतु खतरनाक स्थिति में है? (ग) यदि हाँ, तो खुले स्थानों पर आवासीय मकानों से लगे एवं मुख्य आवागमन के मार्गों पर लगे उपरोक्तानुसार डी.पी. ट्रांसफार्मर, नंगे एवं खुले विद्युत तार क्या जनता हेतु खतरनाक होकर दुर्घटनाओं की सम्भावना लिए हुए नहीं है? (घ) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त उल्लेखित विसंगतियों को दूर कर समाप्त किये जाने हेतु शासन/ विभाग एवं कम्पनी द्वारा किन-किन स्थानों को चिन्हित कर क्या किया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगरीय क्षेत्र में कोई कार्य नहीं चल रहा है अपितु इसके ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण का कार्य निरंतर चल रहा है तथा केबलीकरण का कार्य साथ-साथ किया जा रहा है। उक्त कार्य राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना/दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया/किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
लांजी अंतर्गत फीडर सेपरेशन
[ऊर्जा]
124. ( क्र. 6952 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा विषयांकित के संबंध में कार्यालय अधीक्षण यंत्री (संचा/संधा,), सिवनी एवं कार्यपालन यंत्री (संचा/संधा,) बालाघाट से कब-कब पत्राचार किया गया? बार-बार फीडर सेपरेशन के संबंध में विभाग को लिखे जाने के बावजूद फीडर सेपरेशन का काम प्रारंभ न होने का क्या कारण है? (ख) विधानसभा क्षेत्र लांजी में जिन फीडरों पर फीडर सेपरेशन का काम नहीं हुआ है यह काम कब तक प्रारंभ हो जाएगा? क्योंकि फीडर सेपरेशन न होने से कृषकों द्वारा चौबीस घंटे भूमिगत जल का दोहन किया जाता है जिससे ग्रीष्मकाल में पीने के पानी की समस्या उत्पन्न होती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा विधानसभा क्षेत्र लांजी में फीडर विभक्तिकरण के कार्य के संबंध में कार्यपालन अभियंता (संचालन/संधारण) बालाघाट एवं अधीक्षण अभियंता (संचालन/संधारण) सिवनी कार्यालय से कोई पत्राचार नहीं किया गया है। तथापि उल्लेखनीय है कि फीडर विभक्तिकरण योजना में विधानसभा क्षेत्र लांजी के चयनित एवं स्वीकृत समस्त 9 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार फीडर विभक्तिकरण योजना में विधानसभा क्षेत्र लांजी के चयनित सभी फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। लांजी विधानसभा क्षेत्र के अन्य फीडरों में कृषि भार कम होने/शहरी फीडर होने के कारण उन्हें फीडर विभक्तिकरण योजना में शामिल नहीं किया गया है। तथापि इन फीडरों से भी सिंगल फेजिंग कर कृषि भार को नियंत्रित किया जा रहा है।
कंपनियों तथा फैक्ट्रियों पर बकाया वाणिज्यिक कर की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
125. ( क्र. 6953 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15,2015-16 एवं 2016-17 में ऐसे कितने व्यवसायिक तथा व्यापारिक प्रतिष्ठान, कंपनियों तथा फैक्ट्रियां हैं जिन पर पच्चीस लाख या उससे अधिक वाणिज्यिक कर बकाया होने का नोटिस जारी किया गया? उनमें से विषयांकित कितनों द्वारा बकाया राशि जमा कर दी गयी तथा कितनों पर अब भी यह राशि कितनी बकाया है? (ख) विषयांकित में नोटिस जारी होने के पश्चात बकाया वाणिज्यिक करों का यदि सेटलमेंट हुआ हो तो उसकी जानकारी दें। सेटलमेंट के पश्चात भी जिनके द्वारा वाणिज्यिक कर न जमा किया गया हो उनकी भी जानकारी दें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में पच्चीस लाख या उससे अधिक वाणिज्यिक कर बकाया के लिए 1516 बकायादारों को नोटिस जारी किए गए। उनमें से 856 बकायादारों से राशि रूपये 1890.28 करोड़ जमा कराई गई है शेष 660 बकायादारों पर रू. 1971.52 करोड़ की राशि बकाया है। (ख) विषयांकित व्यवसाइयों को बकाया राशि हेतु नोटिस जारी होने के पश्चात बकाया वाणिज्यिक कर का किसी भी व्यवसायी का सेटलमेंट नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिला सशक्तिकरण कार्यकर्ता की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
126. ( क्र. 6958 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला एवं विकासखण्ड स्तर के परियोजना कार्यालयों में जिस प्रकार महिला सशक्तिकरण अधिकारी एवं बाल विकास अधिकारी की पृथक-पृथक पद स्थापना की गई है? क्या इसी प्रकार प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों में भी महिला सशक्तिकरण के कार्य हेतु पृथक से कार्यकर्ता की नियुक्ति की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो कब तक तथा यदि नहीं, तो क्या केन्द्रों में बाल विकास के कार्यक्रमों एवं महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु कोई समय अवधि निर्धारित की गई है, अथवा कोई योजना प्रस्तावित है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में महिला सशक्तिकरण के कार्य हेतु पृथक से कार्यकर्ता की नियुक्ति के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी होने से शेष का प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता है। लाड़ली लक्ष्मी योजना का योजनावार कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु समयावधि निर्धारित है।
माण्डव में पर्यटन विकास हेतु कार्ययोजना
[संस्कृति]
127. ( क्र. 6959 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माण्डव नगरी को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो इसके तहत माण्डव क्षेत्र में क्या-क्या विकास एवं मनोरंजन के साधन विकसित किये जाना प्रस्तावित है? विस्तृत कार्ययोजना बतावें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) एवं (ख) जी नहीं।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
128. ( क्र. 6962 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा सिवनी जिले के चारों विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब भ्रमण किया गया? (ख) उक्त अवधि में भ्रमण के दौरान मान. मुख्यमंत्री जी ने क्या-क्या घोषणाएं की थी? विधानसभावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में की गई किन-किन घोषणाओं पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा कितनी घोषणाएं शेष हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
ऊर्जा विकास निगम द्वारा प्रदाय LED बल्ब
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
129. ( क्र. 6968 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में 1 जनवरी 2015 के पश्चात ऊर्जा विकास निगम द्वारा कहाँ-कहाँ, कितने-कितने LED बल्ब उपभोक्ताओं को कुल कितनी-कितनी राशि के प्रदान किये गये? स्थलवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश "क" संदर्भित LED बल्बों में निगम द्वारा कितने वर्ष की गारंटी दी गयी थी? क्या LED बल्बों के खराब होने पर गारंटी अवधि में नये LED बल्ब देने का प्रावधान नियमानुसार था? यदि हाँ, तो मंदसौर जिले में कुल कितने खराब बल्बों को गारंटी समयावधि में परिवर्तित किया गया? (ग) क्या मंदसौर जिले में भारी मात्रा में विभिन्न स्थलों से LED बल्ब निगम द्वारा बेचे गये, किन्तु वर्तमान में गारंटी समय में खराब बल्बों को जिले में कही भी परिवर्तित नहीं किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को भारी परेशनी का सामना करना पड रहा है? ऐसी कितनी शिकायतें विभाग के पास लंबित हैं, उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि विभाग द्वारा गारंटी समय के खराब LED बल्बों को परिवर्तित किया जा रहा है तो मंदसौर जिले में कहाँ-कहाँ, सेंटर स्थल के नाम सहित जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) उजाला योजना के अन्तर्गत एनर्जी इफीशियेन्सी सर्विसेस लिमिटेड (EESL), जो कि ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों की एक संयुक्त उद्यम कम्पनी है, के माध्यम से उपभोक्ताओं को दिनांक 30.04.2016 से 30.11.2016 तक एल.ई.डी. बल्ब के वितरण का कार्य रूपये 85/- प्रति बल्ब के दर से किया गया। निविदा में प्राप्त दरों में कमी आने के कारण दिनांक 01.12.2016 से रूपये 65/- प्रति बल्ब के दर से वितरण किया जा रहा है। EESL से प्राप्त जानकारी अनुसार मंदसौर जिले में अब तक राशि रूपये 2,01,57,910 के 2,51,618 एल.ई.डी. बल्ब वितरित किए गए हैं। स्थलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) EESL द्वारा एल.ई.डी. बल्ब में तीन वर्ष की रिप्लेसमेंट वारंटी दी गई है। एल.ई.डी. बल्बों के खराब होने पर नए एल.ई.डी. बल्ब देने का प्रावधान है। मंदसौर जिले में अब तक 9,450 एल.ई.डी. बल्ब बदले गए है। (ग) प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में कोई शिकायत लंबित नहीं है। यदि खराब बल्बों के बदले न जाने संबंधी जानकारी प्राप्त होती है, तो तत्काल निर्देश जारी किए जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मंदसौर जिले में सभी पोस्ट ऑफिस, केबिल विजन अक्षय ऊर्जा शॉप, सहकारी संस्थाओं व विक्रय केन्द्र द्वारा खराब हुए बल्बों को बदला जा रहा है।
नयागांव चौकी पर अनियमितता की शिकायतों पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
130. ( क्र. 6970 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2013 के पश्चात नीमच जिले की नयागांव वाणिज्य कर चौकी पर पदस्थ किन-किन अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ, किस-किस व्यक्ति, संस्था द्वारा अवैध वसूली या अन्य प्रकार की शिकायत कब-कब की गई? उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या उक्त अवधि में नीमच के तत्कालीन कलेक्टर ने चौकी से 1600 अवैध स्टीगर बेरियर से जप्त किये? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई वर्तमान में इन अधिकारी कर्मचारी की पदस्थापना किस पद पर कहाँ-कहाँ है? (ग) क्या उक्त बेरियर पर अनियमितता एव अवैध वसूली को लेकर लगातार शिकायत सामाजिक संस्थाओं, जनप्रतिनिधि एव नागरिको द्वारा की जा रही हैं? यदि हाँ, तो जिला प्रशासन नीमच एव वाणिज्य कर विभाग द्वारा संयुक रूप से बैठक आयोजित कर इन अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त अवधि में, उक्त चौकी में, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा कितना-कितना राजस्व वसूला गया? क्या प्रत्येक वर्ष की राजस्व राशि से विभाग संतुष्ट है? विभाग द्वारा किस-किस अधिकारी की उपस्थिति में इसकी समीक्षा की गयी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यदि हाँ, तो समीक्षा बैठक के निर्णय का विवरण उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 1 जनवरी 2013 के पश्चात् नीमच जिले की वाणिज्यिक कर जाँच चौकी पर पदस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों एवं उन पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ए'' में दर्शाई गई है। (ख) उक्त अवधि में जिला कलेक्टर, नीमच द्वारा वाणिज्यिक कर जाँच चौकी से किसी भी प्रकार का कोई स्टिकर जप्त नहीं किया गया है। वाणिज्यिक कर जाँच चौकी से कोई स्टिकर जप्त नहीं होने से किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करने की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (ग) वाणिज्यिक कर जाँच चौकी, नयागांव के संबंध में विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनके संबंध में विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाही की गई है। प्राप्त शिकायतों एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ए'' अनुसार है। (घ) जाँच चौकी पर वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा कर एवं शास्ति के रूप में वसूल राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-बी पर अवस्थित है। प्रत्येक वर्ष की प्राप्त राजस्व राशि से विभाग संतुष्ट है। संभागीय उपायुक्त रतलाम संभाग द्वारा नियमित मासिक बैठक में जाँच चौकी द्वारा प्राप्त राजस्व की समीक्षा करते हुए मौखिक निर्देश दिए जाते हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहियका की नियुक्ति
[महिला एवं बाल विकास]
131. ( क्र. 6974 ) श्री गोपाल परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर जिले में परियोजना अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केंद्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र में कौन-कौन कार्यकर्ता एवं सहायिका कार्यरत हैं? प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों में कितने बच्चों को पोषण आहार दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आंगनवाड़ी भवनों की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो कब तक भवनों की व्यवस्था की जाएगी (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए वर्ष 2015- 16 एवं 2016-17 में कितनी राशि किस-किस मद में प्राप्त हुई है तथा कितनी राशि व्यय की गई है? उक्त अवधि में कितना पोषण आहार प्राप्त हुआ और कितना-कितना वितरित किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) आगर जिले में 04 बाल विकास परियोजनाओं अन्तर्गत 658 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 95 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। उक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में 634 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 636 आंगनवाड़ी सहायिकायें तथा 95 उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में 242 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवन में, 110 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में तथा 87 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। 74 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये है जो निर्माणाधीन है। 155 आंगनवाड़ी भवन निर्माण प्रस्तावित है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) बजट आवंटन आंगनवाड़ी केन्द्रवार प्राप्त नहीं होता है। बजट का आवंटन परियोजना/जिला कार्यालय को प्राप्त होता है। प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है तथा प्राप्त पोषण आहार एवं वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
[वित्त]
132. ( क्र. 6975 ) श्री गोपाल परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2006 में भोपाल जिले अंतर्गत कितने-कितने कर्मचारियों द्वारा किन नियमों के तहत सशर्त स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु आवेदन शासन आदेश संलग्न कर सेवानिवृत्ति चाही गयी? कितने कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति देकर विभाग द्वारा भुगतान किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बिना कारण बताये विभाग द्वारा नियम बदल कर कितनी वसूली की गयी? यदि हाँ, तो क्यों? क्या शासन नियम अनुसार कर्मचारी को बदलने एवं वसूली की सहमति ली जाना उचित नहीं था? यदि उचित है तो क्यों नहीं ली गयी? उसके लिए कौन जवाबदार है? शासन ने क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो कर्मचारी को हुई आर्थिक नुकसान की शासन भरपाई करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग के पास नियमों की जानकारी नहीं थी तो बिना नियमों के स्वयं सेवानिवृत्ति क्यों दी गयी? इस पूरे प्रकरण में कर्मचारी दोषी है या विभाग?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2006 में भोपाल जिले के अंतर्गत मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के नियम 42 (1) (क) के तहत् स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु निर्धारित प्ररूप-28 के प्रावधानों अनुसार केवल 01 कर्मचारी द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाही गयी थी। 01 कर्मचारी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति उपरांत स्वत्वों का भुगतान नियमानुसार किया जा चुका है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश "क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरगी बांध टनल का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
133. ( क्र. 6976 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बरगी बांध टनल खोदने में होने वाले विलम्ब का क्या कारण है व इसको खोदने हेतु कितनी-कितनी राशि का ठेका किस-किस व्यक्ति या कंपनी को दिया गया व इसमें आ रही बाधाओं को कब तक दूर कर लिया जावेगा? (ख) प्रश्नाश (क) से संबंधित बरगी बांध का पानी सतना एवं रीवा जिलें में ले जाने हेतु पहाड़ों में जो टनल खोदी जा रही है, उससे दोनों जिलों में कुल कितनी सिंचाई होगी? (ग) बरगी बांध कब पूरा हुआ तथा उसमें किस-किस जिलें में कितनी-कितनी सिंचाई होगी या हो रही है व वहां पर जो नहरें बनाई गई हैं उनकी लंबाई चौड़ाई बताते हुए बताएं कि उन्हें कब तक पक्का कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) विलंब के कारण निम्नलिखित है:- (1) कार्यस्थल पर प्रथम टनल बोरिंग मशीन का विलंब से पहुँचना। (2) भू-गर्भीय जटिलता, सिंक होल का बनना व कार्बन मोनोआक्साइड गैस का उत्सर्जन होना। (3) टनल बोरिंग मशीन में आई तकनीकी खराबी व टनल बोरिंग मशीन के कटिंग टूल्स का बार-बार क्षतिग्रस्त होना। (4) ठेकेदार के स्वयं के वित्तीय प्रबंध में कमी। टनल निर्माण हेतु ठेका रूपये 799.00 करोड़ का मेसर्स पटेल-एस.ई.डब्ल्यू (संयुक्त उपक्रम) हैदराबाद को दिया गया है। नैसर्गिक बाधाओं को छोड़कर सभी बाधाएं दूर कर ली गई हैं। (ख) परियोजना से टनल के बाद 1,63,187 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। (ग) बरगी बांध वर्ष 1988 में पूर्ण हुआ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
रजिस्ट्री में अनियमितता की जाँच
[वाणिज्यिक कर]
134. ( क्र. 6989 ) श्री मधु भगत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2003 से प्रश्न दिनांक तक जमीनों की रजिस्ट्री का निर्धारित बाजार भाव क्षेत्र खुरसोड़ी में खसरा क्रमांक 383 प.ह.नं. 20 में क्या है वर्षवार जानकारी प्रदाय करें? समय-समय पर इस क्षेत्र में बाजार हेतु क्या संशोधन किये गये है? (ख) क्या यंचलाल पिता मुन्नालाल गौंड, श्रीमती मीराबाई पति मुन्नालाल गौंड जो कि अशिक्षित एवं दिव्यांग है कि खेती की जमीन जिसका बाजार भाव लगभग 30 लाख रूपये प्रति एकड़ है, जो ग्राम सुरसोड़ी तहसील जिला बालाघाट में खसरा क्रमांक 383/1ग में स्थित है। कम बाजार मूल्य 1 लाख 13 हजार 5 सौ प्रति एकड़ दर्शा कर रजिस्ट्री कर ली गई? उक्त रजिस्ट्री राजस्व निरीक्षक तीलकचंद घौरमारे की पत्नी सुलोचना घौरमारे द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर कार्यवाही करवाई गई, जिसमें एक ओर राजस्व शुल्क की चोरी की गई एवं अशिक्षित दिव्यांगों के साथ धोखाधड़ी की गई। उक्त अनियमितताओं के लिये दोषियों पर दण्डात्मक/ अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) क्या आवेदक यंचलाल एवं मीराबाई द्वारा कलेक्टर बालाघाट को शिकायत की गई? शिकायत पर क्या कार्यवाही हुई? कार्यवाही का विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम खुरसोडी की गाईड लाईन दरों में वर्ष 2002-03 के पश्चात गत वर्ष की तुलना में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। (ख) जी नहीं। गाईड-लाईन वर्ष 2012-13 के अनुसार उक्त भूमि का बाजार मूल्य 5,60,000 X 0.202 हैक्टेयर = 1,13,120/- (एक लाख तेरह हजार एक सौ बीस रूपये) आकलित होता है। जबकि प्रतिफल राशि 1,13,500/- (एक लाख तेरह हजार पाँच सौ रूपये) पर मुद्रांक एवं पंजीयन शुल्क चुकाया गया है। (ग) कार्यालय कलेक्टर, बालाघाट के माध्यम से इस कार्यालय को आवेदक यंचलाल द्वारा प्रस्तुत कोई भी शिकायती आवेदन प्रेषित किया जाना नहीं पाया गया।
कार्यों की जानकारी
[वित्त]
135. ( क्र. 6990 ) श्री मधु भगत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कार्यरत मैगनीज ऑर इण्डिया लिमिटेड (MOIL) अंतर्गत चल रही मैंगनिज खदान के लाभांश की कितनी-कितनी राशि म.प्र. शासन को वर्ष २०१३ से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई तथा यह राशि किस-किस कार्य के लिए खर्च की गई वर्षवार, कार्यवार ब्यौरा देवें? (ख) क्या मैंगनिज आर इण्डिया लिमिटेड से प्राप्त लाभांश की राशि म.प्र. सरकार को खदान के आसपास के ग्रामों के विकास कार्यों के लिए खर्च की जानी चाहिए? यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में कार्यरत इन खदानों के आसपास के किस-किस ग्राम में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि वर्ष २०१३ से प्रश्न दिनांक तक खर्च की गई? (ग) जिले में कार्यरत भारत सरकार के उपक्रमों से प्राप्त लाभांश की राशि से स्वास्थ्य शिविर एवं एम्बुलेंस आदि की क्या व्यवस्थाएं हैं? क्या यह सुविधाएं बालाघाट जिले की जनता को प्राप्त हो रही हैं? यदि हाँ, तो उक्त अविध में प्रदाय की गई सुविधाओं का ब्यौरा देवें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मैगनीज ऑर इण्डिया लिमिटेड (MOIL) अंतर्गत चल रही मैगनीज खदान में लाभांश वर्ष 2013 से वर्ष 2015-16 तक जमा राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त राशि राज्य की संचित निधि का भाग होती है। जिसके अंतर्गत राशि का खर्च विधायिका द्वारा पारित विनियोग अनुसार किया जाता है। (ख) बालाघाट जिले में कार्यरत मैगनीज ऑर इण्डिया लिमिटेड से प्राप्त लाभांश राज्य की संचित निधि का हिस्सा है एवं संचित निधि से विधायिका द्वारा पारित विनियोग अनुसार राशि व्यय की जाती है। (ग) प्रश्नांश "ख'' अनुसार।
शासन की राशि का दुरुपयोग
[संस्कृति]
136. ( क्र. 7011 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी अधिनियम में उर्दू लेखकों की किताबें कमीशन पर क्रय करने एवं लायब्रेरी को आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने हेतु कोई मापदण्ड निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराते हुये अवगत करावें कि प्रतिनियुक्ति अवधि अधिकतम कितने वर्ष के लिए निर्धारित है और प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद पदस्थ रखने जैसी लापरवाही के लिए किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही करने का प्रावधान हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष २०१२ से २०१६ की अवधि में मध्यप्रदेश उर्दू अकेदमी द्वारा उर्दू लेखकों की किताबें मापदण्ड के विपरीत जाकर अधिक दर पर अधिक किताबे क्रय की गई? यदि नहीं, तो उक्तावधि में किन-किन लेखकों से कितने-कितने कमीशन पर कितनी-कितनी किताबे क्रय की गई लेखक का नाम वर्षवार कमीशन की राशि सहित यह भी अवगत करावे कि वर्ष २०१० से २०१६ की अवधि में भोपाल, बुरहानपुर सहित प्रदेश की अन्य किन-किन उर्दू लायब्रेरियों को कितनी-कितनी आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई लायब्रेरियों के रजिस्ट्रेशन नंबर आडिट रिपोर्ट की प्रतियां वर्षवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि मापदण्ड के विपरीत अपने चहेते लायब्रेरियन व लेखकों को वित्तीय लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शासन की राशि का दुरूपयोग करने वालो के विरूद्ध कार्यवाही करेंगें? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक यदि नहीं, तो क्यों? उर्दू अकादमी की सचिव को कितने वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया था और उन्हें अवधि समाप्त होने के पश्चात उनके मूल विभाग में वापिस नहीं करने के लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित यह अवगत करावें कि उर्दू अकादमी से पूर्व किस-किस विभाग में कितने-कितने वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति पद पर पदस्थ रहीं विभागवार पदस्थी अवधि सहित बतावें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है.
नियमों को दरकिनार करते हुए खुलेआम भ्रष्टाचार किया जाना
[वाणिज्यिक कर]
137. ( क्र. 7015 ) श्री आरिफ अकील : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2011 से 2015 की अवधि में भोपाल के तत्कालीन वरिष्ठ जिला पंजीयक अधीनस्थों का कार्य आवंटन उनकी सेवा शुल्क वसूली अनुसार ही करने तथा गोपनीय चरित्रावली भी लेन देन के अनुसार लिखते रहे है के मामले उजागर हुए है तथा विभाग को शिकायतें प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो इस प्रकार बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्या उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच कराकर कार्यवाही करेंगें? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं वर्ष 2011 में दो शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनकी जाँच कराई गई। जाँच में शिकायतें निराधार पाई गई। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही किये जाने का प्रश्न निर्मित नहीं होता।
संबधितों के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
138. ( क्र. 7020 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सूचना के अधिकार की द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग मध्यप्रदेश भोपाल में किये जाने के प्रावधान निहित है। द्वितीय अपील के आवेदन राज्य सूचना आयोग में वर्ष २०१४-१५ से प्रश्नांश तक में कितने लंबित हैं, की जानकारी जिलेवार देवें? (ख) प्रश्नांश 'क' के द्वितीय अपील के कितने आवेदनों का निराकरण वर्ष २०१४-१५ से प्रश्नांश दिनांक तक में किये गये निर्णय में किनकों दोषी मानकर दण्डित किया गया? दण्ड का प्रकार बतावें दण्ड के रूप में शासन को कितने राजस्व की प्राप्ति हुई? (ग) प्रश्नांश 'क' की अपीलों का निराकरण राज्य सूचना आयोग द्वारा समय पर नहीं किया गया तो उस पर क्या कार्यवाही की जावेगी? इसके लिये किनकों जवाबदार मानकर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? द्वितीय अपीलों के निराकरण की समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है? निर्धारित समय पर अपीलों का निराकरण क्यों नहीं हो रहे बतावें? (घ) प्रश्नांश 'क' की द्वितीय अपीलों का प्रश्नांश (ग) अनुसार समय पर निराकृत कराये जाने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? अपीलों का समय पर निराकरण न करने के लिये जिम्मेदारों के ऊपर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। आयोग में वित्तीय वर्षवार जानकारी संधारित नहीं होती। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा-19 में आयोग द्वारा द्वितीय अपीलों के निराकरण के लिए समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[ऊर्जा]
139. ( क्र. 7022 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में विद्युत कंपनी द्वारा वर्ष 2014-15 में माह जनवरी-17 तक मेंटेनेन्स/सुधार कार्य हेतु कितनी राशि जिले को प्रदान की गयी? प्रदान की गयी राशि के विरूद्ध कौन-कौन से कार्य किये गये? कार्य किन निविदाकारों से कितनी-कितनी राशि के करवाये गये? क्या कार्य समय पर पूर्ण हुए? यदि नहीं, तो कितनी राशि अतिरिक्त व्यय हुयी बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की समय-सीमा निर्धारित की गयी थी यदि हाँ, तो क्या थी एवं जिले में अधीक्षण अभियंता (संचा/संधा) एवं कार्यपालन अभियंता (संचा/संधा) कार्यालयों में पोल एवं तार टूटने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी क्या उनका निराकरण कर दिया गया हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में रीवा जिले के अन्तर्गत बिजली के पोल एवं टूटे हुए तारों के लटकने/झुकने से कितने जानवरो/मनुष्यों की मृत्यु हुई विवरण वितरण केन्द्रवार देवे क्या मृत्यु उपरांत संबंधितों के परिवारजनों को राहत राशि दी गयी? यदि हाँ, तो कब कितनी राशि? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित मेंटेनेन्स/सुधार कार्य कराये बिना बिलों का भुगतान किया गया है यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगे तथा प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मृतक जानवर एवं मनुष्यों के परिवारजनों को सहायता राशि नहीं दी गयी है तो उसके लिए दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगें यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड द्वारा रीवा जिले में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 तक वर्षवार मेन्टेनेन्स/सुधार हेतु आवंटित की गई राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार है:- वर्ष 2014-15 – रू. 4.87 करोड़ वर्ष 2015-16 – रू. 5.36 करोड़ वर्ष 2016-17 – रू. 3.41 करोड़। वर्ष 2014-15 से माह जनवरी-17 तक वर्षवार स्वीकृत राशि के विरूद्ध ट्रांसफार्मरों एवं लाईनों के मेन्टेन्स/सुधार के कार्य कराये गये। इस मद से आवश्यक सामग्री संबंधित क्षेत्रीय भण्डार गृह से प्राप्त की जाती है एवं प्राप्त लाईन मटेरियल से लाईनों का सुधार कार्य किया जाता है। ठेकेदारों के माध्यम से कराए गए विद्युत लाईनों के मेन्टेनेंस/सुधार कार्य हेतु सामग्री वितरण कंपनी द्वारा प्रदाय की जाती है तथा ठेके के माध्यम से सिर्फ आवश्यकतानुसार श्रमिक, पंजीकृत लेबर कान्ट्रेक्टर के माध्यम से लिए जाते हैं। पॉवर एवं वितरण ट्रांसफार्मरों का मेंटेनेंस/सुधार कार्य अधिकांशतया: वितरण कंपनी द्वारा ही किया जाता है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत रीवा जिले में प्रश्नाधीन अवधि में ठेकेदारों के माध्यम से उक्त निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कराए गए लाईनों के मेंटेनेंस/सुधार कार्यों का निविदाकारवार, व्यय की गई राशि सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। रख-रखाव का कार्य निर्धारित अवधि में लेबर कांट्रेक्ट के माध्यम से पूर्ण कराया गया है एवं इसमें किसी भी प्रकार की समय वृद्धि नहीं की गयी है, अत: अतिरिक्त राशि व्यय किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) विद्युत लाईनों के मेन्टेनेंस/सुधार का कार्य वर्षा पूर्व (प्री-मानसून) एवं वर्षा पश्चात् (पोस्ट मानसून) वर्ष में दो बार कराया जाता हैं। जिला रीवा क्षेत्रान्तर्गत क्षेत्रीय संचालन-संधारण कार्यालयों में पोल एवं तार टूटने की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में रीवा जिले के अंतर्गत बिजली के पोल एवं तार टूटने/झुकने से मृत हुये जानवरों/मनुष्यों का वितरण केन्द्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। वर्ष 2015-16 में मृत्यु उपरांत 1 व्यक्ति के परिजनों को दिनांक 6.11.15 को 1.5 लाख रूपये की राशि प्रदान की गई एवं वर्ष 2016-17 में मृत हुये 2 व्यक्तियों के परिजनों से आवश्यक दस्तावेज चाहे गये हैं। आवश्यक दस्तावेज प्राप्त होने पर नियमानुसार राशि देने की कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। उत्तरांश (ग) में उल्लेखानुसार वर्ष 2016-17 में मृतक व्यक्तियों के परिवारजनों से आवश्यक दस्तावेज चाहे गये हैं तथा दस्तावेज प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत नियमानुसार राशि प्रदान की जावेगी। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
अटल ज्योति योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
140. ( क्र. 7034 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में फीडर विभक्तिकरण एवं राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना कब से प्रारंभ की गई है? उक्त दोनों योजनाओं के अन्तर्गत क्या-क्या कार्य कराये जाने का प्रावधान है? (ख) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के किन-किन फीडरों में फीडर विभक्तिकरण योजना एवं राजीव गाधी ग्रामीण विद्युयतीकरण योजना स्वीकृत की गई थी, योजनावार, फीडरवार एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत क्या उक्त दोनों योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को लाभ हुआ हैं? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी दें क्या उक्त कार्य हेतु निविदा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण करा दिया गया है कार्य एवं स्थान का नाम, ठेकेदार नाम ओर स्वीकृति दिनांक एवं राशि बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रदेश में फीडर विभक्तिकरण योजना वर्ष 2010 से प्रांरभ की गई थी। फीडर विभक्तिकरण योजना में कृषि उपभोक्ताओं के विद्युत भार को घरेलू तथा अन्य उपभोक्ताओं के विद्युत भार से अलग करने के लिए 33/11 के.व्ही. उप-केन्द्रों से निकलने वाले 11 के.व्ही. ग्रामीण फीडरों के विभक्तिकरण हेतु नये फीडरों का निर्माण कर, ग्रामीण गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे विद्युत आपूर्ति अलग-अलग 11 के.व्ही. फीडरों से प्रदाय करना है। उक्त योजना में मुख्यत: 11 के.व्ही. लाईनों का निर्माण, नये 25 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, आवश्यकतानुसार वर्तमान में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की शिफ्टिंग, निम्न दाब लाईनों के कन्डक्टर को ए.बी. केबल से बदलने का कार्य तथा इनर्जी मीटर की स्थापित करने का कार्य किये जाने का प्रावधान है। राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना वर्ष 2005 से आरंभ की गई थी तथा 10वीं, 11वीं एवं 12वीं, पंचवर्षीय योजना में उक्त योजना के अंतर्गत जिलेवार परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई थी। विभिन्न योजना अवधि में स्वीकृत उक्त योजना के प्रारंभ की तिथि एवं इसके अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों के प्रावधान की जानकारी निम्नानुसार है:-
योजना |
प्रारंभ (स्वीकृति) की तिथि |
प्रावधान |
10वीं |
दिसंबर-05 |
योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 300 एवं 300 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य करते हुए सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिया जाना। |
11वीं |
मार्च-08 |
योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों का सघन विद्युतीकरण का कार्य करते हुए सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिया जाना है। |
12वीं |
सितंबर-13 |
(ख) अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण का कार्य स्वीकृत नहीं है तथा उक्त विधानसभा क्षेत्र में 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत स्वीकृत ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण का कार्य नहीं किया गया है। 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत प्रश्नाधीन ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू ए.पी.एल एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले बी.पी.एल. हितग्राहियों को विद्युत सुविधा का लाभ हुआ है। उक्त योजनाओं के अंतर्गत कृषि पंप कनेक्शन प्रदान किये जाने का कोई प्रावधान नहीं था। योजनांतर्गत आवश्यक लाईन विस्तार कर गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये। जी हाँ उक्त कार्य हेतु 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा जारी की गई थी। 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत सफल निविदाकर मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स को जिला अनूपपुर के ग्रामीण क्षेत्र में विद्युतीकरण के कार्य हेतु दिनांक 26.12.2009 को राशि रू. 26.59 करोड़ का अवार्ड जारी किया गया था, जिसका कार्य उक्त ठेकेदार एजेन्सी द्वारा दिनांक 31.03.2013 को पूर्ण किया जा चुका है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत सफल निविदाकार मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स को जिला अनूपपुर के ग्रामीण क्षेत्र में विद्युतीकरण के कार्य हेतु दिनांक 06.09.2014 को राशि रू. 36.41 करोड़ का अवार्ड जारी किया गया था जिसकी कार्य पूर्णता की निर्धारित तिथि माह फरवरी-17 थी वर्तमान में कार्य प्रगति पर है जिसे अप्रैल 2017 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है।
आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
141. ( क्र. 7035 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला उमरिया अंतर्गत विगत दो वर्षों में कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं कितने मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं सूची उपलब्ध करायें? (ख) विधानसभा क्षेत्र मानुपर अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के पास स्वयं के भवन हैं एवं कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित हैं एवं इस हेतु शासन की ओर से कितनी राशि केन्द्र स्थापना से लेकर वर्तमान तक किराये के रूप में व्यय की जा चुकी है? (ग) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आगंनवाडी केन्द्र प्रारंभ किये जाने के मापदंड क्या हैं आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन स्वीकृति हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? (घ) विधानसभा क्षेत्र मानुपर अंतर्गत वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य प्रचलित हैं एजेंसीवार एवं कार्य की प्रगतिवार जानकारी उपलब्ध करायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला उमरिया के वर्ष 2014-15 में 26 एवं वर्ष 2016-17 में 17 आंगनवाड़ी केन्द्र 01 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) विधानसभा मानपुर के अंतर्गत 232 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में तथा 09 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। केन्द्र की स्थापना से लेकर वर्तमान में शासन द्वारा कुल 13,49,640.00 राशि किराये के रूप में व्यय की जा चुकी है। (ग) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत करने हेतु जनसंख्या के निम्नानुसार मापदण्ड निर्धारित किये गये है :-
(अ) |
आंगनवाड़ी केन्द्र :- |
|
1.1 |
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु |
:- 400-800 (एक केन्द्र) |
|
|
:- 800-1600 (दो केन्द्र) |
|
|
:- 1600- 2400 (तीन केन्द्र) |
|
|
(इसके पश्चात प्रति 800 की जनसंख्या पर एक केन्द्र) |
1.2 |
आदिवासी क्षेत्र हेतु |
:- 300-800 (एक केन्द्र) |
(ब) |
मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र |
|
1.1 |
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु |
:- 150-400 (एक मिनी केन्द्र) |
1.2 |
आदिवासी क्षेत्र हेतु |
:- 150-300 (एक मिनी केन्द्र) |
आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों पर उपलब्धता पर निर्भर है। (घ) विधानसभा क्षेत्र मानपुर के अंतर्गत वर्तमान में 24 आंगनवाड़ी भवनो के निर्माण कार्य प्रचलित है। एजेंसीवार एवं कार्य की प्रगतिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
बिना धुला कोयले को ५ वर्षों में चारों प्लांट का आवंटन
[ऊर्जा]
142. ( क्र. 7042 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. १३७७ दिनांक २३.२.२०१७ के संदर्भ में बताये W.C.L. (वेस्टर्न कोल लिमिटेड) से कितने टन (बिना धुला) का कोटा विगत ५ वर्षों में प्रदेश के चारो प्लांटो को आवंटित किया गया था व आवंटित कोटे के विरूद्ध कितना-कितना कोयला प्लांटो द्वारा उठाया गया वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में बताये विगत ५ वर्षों में चारों ताप विद्युत गृह में कितना-कितना कोयला जलाया गया व कितना स्टाक में रहा वर्षवार प्लांटवार बतायें? (ग) चारों प्लांटो को किये गये धुले कोयले की विगत ५ वर्षों में किस-किस अधिकारी द्वारा गुणवत्ता व स्टाक का भौतिक सत्यापन किया तीनो प्लांटो की वर्षवार जानकारी अलग-अलग टेबल में देवे व अधिकारियों द्वारा की गई टीप का विवरण भी उपलब्ध करायें? (घ) धुले कोयले के एनालिसिस किस-किस पद्धति से होता है रेकवार पिछले २ वर्ष की एनालिसिस रिपोर्ट में ASH प्रतिशत आर्वता प्रतिशत और GCV का टेस्ट रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मेसर्स डब्ल्यू.सी.एल. (वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमि.) से दो ताप विद्युत गृहों यथा अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई एवं संजय गाँधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर के लिये बिना धुले कोयले का कोई भी आवंटन नहीं किया गया है। मात्र दो यथा सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी एवं श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा के लिये मेसर्स डब्ल्यू.सी.एल. से विगत 5 वर्षों में बिना धुले कोयले की प्लांटवार वर्षवार आवंटित मात्रा एवं प्रदाय की गई मात्रा निम्नानुसार है :-
मात्रा मीट्रिक टन में
ता.वि.गृ. |
सतपुड़ा ताप वि.गृ., सारणी |
श्री सिंगाजी ताप वि.परि., खण्डवा |
||
वर्ष |
आवंटित मात्रा |
प्रदाय की गई मात्रा |
आवंटित मात्रा |
प्रदाय की गई मात्रा |
2012-13 |
6600000 |
5430053 |
निरंक |
निरंक |
2013-14 |
6600000 |
4556011 |
निरंक |
45580 |
2014-15 |
7434011 |
4826573 |
निरंक |
75881 |
2015-16 |
6953421 |
4869849 |
450977 |
940991 |
2016-17 |
4347467 |
1791603 |
1588724 |
381739 |
वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना को मेसर्स डब्ल्यू.सी.एल. का सारनी ताप विद्युत गृह को आवंटित बिना धुला कोयला स्थानांतरित किया गया। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार विगत 5 वर्षों में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी एवं श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा में मेसर्स डब्ल्यू.सी.एल. से प्राप्त प्लांटवार एवं वर्षवार कोयले की खपत एवं स्टाक की मात्रा निम्नानुसार है :-
मात्रा मीट्रिक टन में
ता.वि.गृ. |
सतपुड़ा ताप वि.गृ., सारणी |
श्री सिंगाजी ताप वि.परि., खण्डवा |
||
वर्ष |
कोयले की खपत |
स्टॉक |
कोयले की खपत |
स्टॉक |
2012-13 |
5436386 |
354207 |
निरंक |
निरंक |
2013-14 |
4909837 |
367499 |
302682 |
14199 |
2014-15 |
5516838 |
27305 |
1564877 |
133600 |
2015-16 |
4526093 |
658739 |
3019705 |
596539 |
2016-17 |
2421568 |
179858 |
1532225 |
95882 |
विभिन्न कोल कंपनियों से प्राप्त कोयले का भण्डारण अलग-अलग नहीं किया जाता है, अत: उपरोक्त तालिका में दर्शाये गये स्टाक एवं जलाये गये कोयले की मात्रा में मेसर्स साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमि. (एस.ई.सी.एल.लि.) से प्राप्त कोयले की मात्रा भी सम्मिलित है। (ग) धुले कोयले की गुणवत्ता का परीक्षण उस प्लांट के कोल सैम्पलिंग विभाग में पदस्थ वरिष्ठ रसायनज्ञों एवं पाली रसायनज्ञों द्वारा किया जाता है, जिसका विवरण इस कार्य हेतु निमित्त लॉग बुक में दर्ज किया जाता है उसके लिए कोई टीप नहीं लिखी जाती है। धुले कोयले का भण्डारण बिना धुले हुए कोयले के साथ ही किया जाता है। प्लांट में प्राप्त सभी तरह का कोयला एक ही स्टाक में उपलब्ध रहता है, जिसका मासिक आधार पर भौतिक सत्यापन उस प्लांट के मुख्य अभियंता द्वारा बनाई गई एक स्थायी समिति द्वारा किया जाता है। सभी प्लांटों में उपलब्ध कोयले के स्टाक के मासिक भौतिक सत्यापन के लिये बनाई गई समितियों का विवरण विद्युत गृहवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (घ) प्राप्त धुले कोयले का एनालिसिस (विश्लेषण) भारतीय मानक (आई.एस.-436-भाग-1) के अनुसार किया जाता है। विगत 2 वर्ष में विभिन्न विद्युत गृहों में प्राप्त धुले हुए कोयले की रेकवार एनालिसिस रिपोर्ट, जिसमें विद्युत गृहवार एश प्रतिशत, आद्रता प्रतिशत और जीसीवी की जानकारी सम्मिलित है पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
संविदा कर्मचारियों को नियमितिकरण
[ऊर्जा]
143. ( क्र. 7043 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.वि.वि.क.लि. के द्वारा सन २०१० से २०१३ के मध्य सहायक यंत्री, कनिष्ठ यंत्री, लाईन परिचालक, परीक्षण सहायक एवं प्रबंधक एच.आर. के पदो पर संविदा भर्ती की गई है? (ख) क्या राज्य शासन के नियमों/मापदण्डों अथवा संविदा अनुबंध शर्तों के अनुसार उपरोक्तानुसार नियुक्त संविदा कर्मचारियों का नियमितिकरण तीन वर्ष के पश्चात किया जाना था? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि में नियुक्त संविदा कर्मचारियों को नियमित किया गया है? यदि हाँ, तो कब आदेश प्रति उपलब्ध करावे एवं नहीं तो अनुबंध शर्तों के अनुसार वर्तमान तक नियमित क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र एवं म.प्र. शासन ऊर्जा विभाग मंत्रालय के पत्र ९१५९/१२/०५ भोपाल दिनांक २७.१२.२०१३ को जारी जनसंकल्प २०१३ में बिजली विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किये जाने का वादा किया गया है? (ड.) यदि हाँ, तो घोषणा पत्र एवं विभागीय जनसंकल्प पत्र २०१३ पर वर्तमान तक अमल क्यों नहीं किया गया? कारण बताते हुये यह भी बतावे कि क्या राज्य शासन द्वारा अपने किये गये वादो को अमल में लाया जाकर संविदा कर्मचारियों को नियममित किया जावेगा? हाँ तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में सहायक यंत्री, कनिष्ठ यंत्री, लाईन परिचारक (परिचालक नहीं) एवं प्रबंधक एच.आर. के पदों पर संविदा भर्ती की गयी थी। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में परीक्षण सहायक के पद पर संविदा भर्ती नहीं की गयी है। (ख) जी नहीं। संविदा कार्मिकों की भर्ती हेतु पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी विज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि विज्ञापित पद पूर्ण रूप से संविदा प्रकृति के है एवं इन पदों पर किसी को नियमित नहीं किया जावेगा। तदनुसार उक्त पदों पर अनुबंधित संविदा कार्मिकों द्वारा संपादित संविदा अनुबंध में भी नियमित नहीं किये जाने बावत् शर्त सम्मिलित थी। वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति पर कार्यरत कार्मिकों की सेवा शर्तों के संबंध में राज्य शासन के अनुमोदन उपरांत संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम 2016, लागू किये गये हैं, जिनमें संविदा कार्मिकों को नियमित किये जाने का प्रावधान नहीं है। उल्लेखनीय है कि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर में विभिन्न पदों पर अनुबंधित संविदा कार्मिको द्वारा राज्य शासन एवं कंपनी के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के समक्ष रिट याचिकाएं दायर कर, उन्हें सेवा में नियमित किए जाना निवेदित किया गया था। माननीय उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ द्वारा संविदा कार्मिकों द्वारा दायर विभिन्न रिट याचिकाओं पर एक समान आदेश दिनांक 14.10.2015 पारित कर, उन्हें निरस्त कर दिया गया था। उक्तानुसार रिट याचिकाएं निरस्त किए जाने से व्यथित होकर अभ्यावेदकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, युगलपीठ इंदौर के समक्ष रिट अपीलें दायर की गई थी, जो कि माननीय उच्च न्यायालय, मुख्य पीठ जबलपुर, को स्थानांतरित कर दी गई थी तथा इन्हें माननीय उच्च न्यायालय, मुख्य पीठ जबलपुर द्वारा आदेश दिनांक 18.03.2016 पारित कर, खारिज कर दिया गया था। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी नहीं, अपितु जनसंकल्प 2013 में विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कदम उठाये जाने का उल्लेख है। (ड.) उत्तरांश (घ) के तारतम्य में राज्य शासन के अनुमोदन उपरांत विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम 2016, लागू किये गये है। इन नियमों में संविदा कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण करते हुए इन कार्मिकों को उनके कार्य की योग्यता के आधार पर अधिकतम 60 वर्ष की आयु तक संविदा पर कार्य करने की सुविधा प्रदान की गई है। अत: पृथक से कोई कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
144. ( क्र. 7054 ) सुश्री मीना सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में अटल ज्योति योजना एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना कब से प्रारंभ की गई है। उक्त दोनों योजना के अंतर्गत क्या-क्या कार्य कराये जाने का प्रावधान था? (ख) यदि हाँ, तो उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में अटल ज्योति योजना एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना स्वीकृत की गई थी। योजनावार एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त दोनों योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को लाभ हुआ है। यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी दें। क्या उक्त कार्य हेतु निविदा जारी की गई थी। यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण करा दिया गया है। कार्य एवं स्थान का नाम, ठेकेदार का नाम और स्वीकृति दिनांक एवं राशि बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अटल ज्योति योजना, कोई योजना नहीं अपितु एक अभियान था, जिसका उद्देश्य प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घन्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घन्टे विद्युत प्रदाय किया जाना है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना वर्ष 2005 से आरंभ की गई थी तथा 10वीं, 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में उक्त योजना के अंतर्गत जिलेवार परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई थी। विभिन्न योजना अवधि में स्वीकृत उक्त योजना के प्रारंभ की तिथि एवं इनके अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों के प्रावधान की जानकारी निम्नानुसार है :-
योजना |
प्रारंभ (स्वीकृति) की तिथि |
प्रावधान |
10वीं |
दिसंबर-05 |
योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 300 एवं 300 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य करते हुए सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिया जाना था। |
11वीं |
मार्च-08 |
योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित ग्रामों का सघन विद्युतीकरण का कार्य करते हुए सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिया जाना है। |
12वीं |
सितंबर-13 |
(ख) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत स्वीकृत ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के ए.पी.एल. एवं बी.पी.एल. उपभोक्ताओं को विद्युत सुविधा से लाभान्वित करने के लिए आवश्यक लाईन विस्तार की गई। योजना अंतर्गत बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं। उक्त कार्यों हेतु निविदा जारी की गयी थी तथा टर्न की ठेकेदारों द्वारा कार्य पूर्ण कर लिया गया है। मानपुर विधानसभा क्षेत्र में किये गये प्रश्नाधीन कार्यों की योजनावार एवं कार्य के स्थान/ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के उमरिया जिले के कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स के.ई.आई. नई दिल्ली को दिनांक 26.11.2010 को राशि रू. 21.11 करोड़ का अवार्ड जारी किया गया था, जिसका कार्य उक्त टर्न की ठेकेदार द्वारा दिनांक 31.03.2014 को पूर्ण कर दिया गया है।
आंगनवाडि़यों की स्वीकृति
[महिला एवं बाल विकास]
145. ( क्र. 7055 ) सुश्री मीना सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला उमरिया अंतर्गत विगत दो वर्षों में कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं कितने मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं सूची उपलब्ध करायें? (ख) विधानसभा क्षेत्र मानपुर अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों के पास स्वयं के भवन हैं एवं कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित हैं एवं इस हेतु शासन की ओर से कितनी राशि केन्द्र स्थापना से लेकर वर्तमान तक किराये के रूप में व्यय की जा चुकी है। (ग) नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किये जाने के मापदण्ड क्या हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन स्वीकृति हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित हैं। (घ) विधानसभा क्षेत्र मानपुर अंतर्गत वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य प्रचलित हैं एजेंसीवार एवं कार्य की प्रगतिवार जानकारी उपलब्ध करायें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिला उमरिया के वर्ष 2014-15 में 26 एवं वर्ष 2016-17 में 17 आंगनवाड़ी केन्द्र 01 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) विधानसभा मानपुर के अंतर्गत 232 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में तथा 09 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। केन्द्र की स्थापना से लेकर वर्तमान में शासन द्वारा कुल 13,49,640.00 राशि किराये के रूप में व्यय की जा चुकी है। (ग) भारत सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत करने हेतु जनसंख्या के निम्नानुसार मापदण्ड निर्धारित किये गये है :-
(अ) |
आंगनवाड़ी केन्द्र :- |
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1.1 |
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु |
:- 400-800 (एक केन्द्र) |
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:- 800-1600 (दो केन्द्र) |
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:- 1600- 2400 (तीन केन्द्र) |
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(इसके पश्चात प्रति 800 की जनसंख्या पर एक केन्द्र) |
1.2 |
आदिवासी क्षेत्र हेतु |
:- 300-800 (एक केन्द्र) |
(ब) |
मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र |
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1.1 |
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु |
:- 150-400 (एक मिनी केन्द्र) |
1.2 |
आदिवासी क्षेत्र हेतु |
:- 150-300 (एक मिनी केन्द्र) |
आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों पर उपलब्धता पर निर्भर है। (घ) विधानसभा क्षेत्र मानपुर के अंतर्गत वर्तमान में 24 आंगनवाड़ी भवनो के निर्माण कार्य प्रचलित है। एजेंसीवार एवं कार्य की प्रगतिवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
निर्माण कार्यों का भूमिपूजन नहीं कराया जाना
[ऊर्जा]
146. ( क्र. 7064 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में निर्माण कार्यों का भूमिपूजन व लोकार्पण माननीय विधान सभा सदस्यों से कराये जाने के क्या कोई आदेश निर्देश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो आदेश निर्देश की प्रति सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में यह बतावें कि ग्राम बेलखेडा एवं ग्राम बीझावाडा विकास खण्ड चौरई जिला छिंदवाडा में निर्मित किये गये विद्युत उपकेंद्रो को प्रश्नकर्ता से भूमिपूजन एवं लोकापर्ण क्यों नहीं कराया गया? (ग) शासन के स्पष्ट आदेश निर्देश होने के पश्चात भी प्रश्नकर्ता से उक्त निर्मित विद्युत उपकेन्द्रों का भूमिपूजन व लोकापर्ण नहीं कराने के लिए शासन किन्हें जिम्मेदार मानता है? (घ) क्या शासन आदेशो निर्देशों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों/ कर्मचारियों की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र. शासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार- ''निर्माण कार्यों का भूमिपूजन व लोकार्पण अनिवार्यत: माननीय विधानसभा सदस्य से कराये जाने के निर्देश नहीं है। परन्तु आयोजित किये जाने वाले शासकीय कार्यक्रमों तथा शिलान्यास, उद्घाटन आदि में क्षेत्र के माननीय सांसदों तथा माननीय विधायकों को महत्व दिये जाने एवं आमंत्रित किये जाने तथा यदि माननीय सांसदों एवं माननीय विधायकों के क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में शिलालेख लगाए जाते हैं तो ऐसी शिलाओं में उनके नाम अनिवार्य रूप से अंकित किये जाने के निर्देश है।'' (ख) जिला छिंदवाड़ा के विकासखण्ड चौराई के क्षेत्रांतर्गत ग्राम बेलखेडा एवं ग्राम बीझावाडा में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य क्रमश: दिनांक 4.2.16 एवं दिनांक 25.5.16 को पूर्ण कर इन्हें ऊर्जीकृत कर दिया गया था। उक्त उपकेन्द्रों के भूमिपूजन/ लोकार्पण हेतु कोई कार्यक्रम/आयोजन नहीं किया गया था, अत: माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से उक्त उपकेन्द्रों का भूमिपूजन/लोकार्पण नहीं करवाया जा सका। (ग) एवं (घ) प्रश्नाश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन कार्य के लिये भूमिपूजन/लोकार्पण संबंधी कोई आयोजन नहीं किये जाने के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता।
अधिक क्षमता के कनेक्शन जारी करने से ट्रांसफार्मर्स खराब होना
[ऊर्जा]
147. ( क्र. 7071 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छिंदवाड़ा के विधानसभा क्षेत्र चौरई क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर कितनी भार क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर किस योजनान्तर्गत कब स्थापित किये गये है? वितरण केन्द्रवार ग्रामवार स्थानवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित स्थापित किए वितरण ट्रांसफार्मरों से कितने स्थाई पम्प कनेक्शन एवं अस्थायी कनेक्शन प्रदान किये गये हैं? (ग) उक्त स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से जून २०१६ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन वितरण ट्रांसफार्मरों को जलने व खराब होने के कारण कब-कब बदला गया? स्थानवार ग्रामवार विकासखण्डवार जानकारी दें? (घ) क्या स्थापित किये विद्युत ट्रांसफार्मर्स की भार क्षमता से अधिक का स्थाई और अस्थाई कनेक्शन दिये जाने के कारण विद्युत ट्रांसफार्मर्स बार-बार जलने व खराब होने के कारण विद्युत कनेक्शनधारियों को दोहरी आर्थिक क्षति होती है? क्या शासन विद्युत ट्रांसफार्मर्स से अधिक भार क्षमता का स्थायी व अस्थायी विद्युत कनेक्शन जारी करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही के साथ ही इन कारणों से विद्युत ट्रांसफार्मर्स खराब होने से उपभोक्ताओं को हुई क्षति का आंकलन कर उन्हें क्षतिपूर्ति देने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला छिंदवाड़ा के विधानसभा क्षेत्र चौरई क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक वर्क प्लान 2016-17 के अंतर्गत 14 एवं कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत 116 इस प्रकार कुल 130 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं। उक्तानुसार स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों की वितरण केन्द्रवार, ग्रामवार, स्थानवार, क्षमतावार स्थापित किये जाने की दिनांक सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित स्थापित किये वितरण ट्रांसफार्मरों से 171 स्थायी तथा 67 अस्थायी पम्प कनेक्शन प्रदान किए गए। (ग) उक्त स्थापित किए गए वितरण ट्रांसफार्मरों में से जून 2016 से दिनांक 07.03.17 तक 6 वितरण ट्रांसफार्मरों को जलने/खराब होने के कारण बदला गया। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदले जाने की दिनांकवार स्थानवार, ग्रामवार एवं विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों से उनकी क्षमता के अनुसार ही स्थायी/अस्थायी कनेक्शन दिये जाते हैं। अत: किसी अधिकारी के जिम्मेदार होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने के विभिन्न तकनीकी/गैर तकनीकी कारण यथा- शार्ट सर्किट, ट्रांसफार्मर के अंदर आंतरिक खराबी, बाहरी व्यक्तियों द्वारा छेड़छाड़ आदि होते है। ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने की स्थिति में पात्रतानुसार निर्धारित समयावधि में ट्रांसफार्मर बदले जाते हैं अत: उपभोक्ताओं को आर्थिक क्षति पूर्ति देने का प्रश्न नहीं उठता।
मुरैना जिले में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
148. ( क्र. 7075 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना का प्रारंभ कब से कहाँ-कहाँ किया गया है तहसीलवार जानकारी दी जावें। (ख) वर्ष 2016 में उक्त योजना के तहत कितने सोलर पंप किन-किन किसानों को प्रदाय किये गये उनकी संख्या एवं स्थान सहित जानकारी दी जावें। (ग) उक्त योजना के तहत सोलर पंप स्थापित करने हेतु जिले में कितने किसानों/विभाग द्वारा सोलर पर पंप स्थापित किये हैं? जिले में उक्त योजना के विलंब के क्या कारण रहे तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं। योजना प्रारंभ नहीं की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पम्प प्रदाय नहीं किए गए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
149. ( क्र. 7078 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी आवंति बाई लोधी सागर परियोजना अंतर्गत जबलपुर संभाग में कौन-कौन से सहायक यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी, कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री की पदस्थापना एक ही स्थल पर तीन वर्ष एवं एक ही संभाग/मंडल में ५ वर्ष से अधिक समय से है बतलावें सूची देवें? (ख) शासन के एक ही स्थल पर अधिकारियों/कर्मचारियों के पदस्थ रहने के क्या नियम हैं? नियम की छायाप्रति देवें एवं उपरोक्त नियमों के विपरीत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कौन-कौन से अधिकारी पदस्थ है एवं नियम विपरीत अधिक समय से एक ही स्थल/संभाग में पदस्थ अधिकारियों का अन्यत्र पारदर्शिता के तहत किया जायेगा उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों के विरूद्ध शासन स्तर पर कब, कौन-कौन सी शिकायतें किसके द्वारा प्रेषित की गई एवं इन प्राप्त शिकायतों पर कब, किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शिकायतो की जाँच कब किस आदेश पर किसके द्वारा प्रारंभ की गई एवं क्या इन शिकायतों की जाँच के समय जिनके विरूद्ध जाँच की जाना थी उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित कर जाँच की गई या उसी स्थल पर पदस्थी के समय जाँच की गई? कितनी शिकायतों की जाँच प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हुई एवं किस-किस शिकायत की जाँच किन कारणों से अभी तक अपूर्ण है? जाँच में विलंब का दोषी कौन है? क्या शासन दोषियों पर कार्यवाही करेगा? उत्तर यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। स्थानांतरण नीति 2015-16 में अनिवार्यता नहीं है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण का अपना स्वयं का केडर नहीं होने के कारण विभाग के कार्य संचालन हेतु अन्य संबंधित विभागों से अधिकारियों की सेवाएँ प्रतिनियुक्ति पर प्राप्त कर पदस्थापना की जाती है। विभाग में स्वीकृत पदों के मान से अधिकारियों की सेवायें प्रतिनियुक्ति पर प्राप्त न होने के कारण उपलब्ध अमले से ही कार्य लिया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
रानी अवंतिबाई लोधी सागर बॉई तट नहर योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
150. ( क्र. 7080 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंतिबाई लोधी तट नहर योजना अन्तर्गत कहाँ-कहाँ पर कितने सभागीय कार्यालय स्थापित हैं बतलावें एवं यह भी बतलावें की कार्यालय कार्यपालन यंत्री बॉई तट नहर संभाग क्रमांक दो बरगी हिल्स जबलपुर द्वारा वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का किन-किन फर्मों को फोटी कार्य हेतु भुगतान किया गया सप्लाई आदेश क्रमांक दिनांक फर्म का नाम व्यय राशि सहित वर्षवार सूची देवें?। (ख) पाटन विधानसभा अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों के कितने कृषकों द्वारा पानी की मांग की गई तथा कितने कृषकों से अनुबंध कर कितना राजस्व वसूला गया बतलावें? (ग) पाटन विधानसभा अंतर्गत मझौली एवं पाटन तहसीलों में कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से जल उपभोक्ता संथा क्रियाशील है? वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पाटन एवं मझौली तहसील अंतर्गत जल उपभोक्ता संथा एवं काडा द्वारा कहाँ, कितनी लागत से कितनी राशि से कराये गये तथा क्या इन कार्यों की गुणवत्ता का परीक्षण, गुणवत्ता विहीन निर्माण की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। कार्य गुणवत्ता विहीन होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
हटाये गये विद्युत खम्बे एवं लाईन पुन: लगाने
[ऊर्जा]
151. ( क्र. 7081 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम सरोंद तहसील पाटन जिला जबलपुर स्थित विद्युत वितरण केन्द्र बोरिया द्वारा विनय पटेल के खेत से लगे ट्रांसफार्मर से क्रमश: दिलीप पटेल, महेन्द्र पटेल एवं संतोष पटेल को 5H.P के विद्युत कनेक्शन पूर्व से दिये जा रहे थे? (ख) दो वर्ष पूर्व बेलखाडू, सरोंद, रोसरा मार्ग निर्माण के कारण क्या इस मार्ग के किनारे लगे हुये खम्बे विद्युत तार सहित निकाल दिये गये थे, जिस वजह से प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 5H.P के तीनों विद्युत कनेक्शन की सर्विस लाईन प्रभावित हुई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो यह बतलावें कि मार्ग निर्माण के कारण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्युत कनेक्शनों की सर्विस लाइनों को कब अलग कर कब विद्युत कनेक्शन, खम्बे शिफ्ट कर पुन: जोड़ दिये गये? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के संदर्भ में यह बतलावें कि क्या कारण है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 5H.P के तीन विद्युत कनेक्शनों में से क्रमश: दिलीप पटेल, महेन्द्र पटेल के पंप कनेक्शन खम्बे गडा कर चालू कर दिये गये? परंतु संतोष पटेल का 5H.P का विद्युत कनेक्शन सर्विस क्रमांक 444460-99-11-1147912 हेतु तीन खम्बे गाड़कर विद्युत तार न खींचने की वजह से स्थाई सुविधा से वंचित रह गये, जबकि उपभोक्ता से निश्चित विद्युत बिल लगतार वसूला जा रहा है? बतलावें एवं यह भी बतलावें कि किस प्रकार से कब तक उपभोक्ता के पंप कनेक्शन स्थल तक विद्युत लाईन खींच दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, दो वर्ष पूर्व बेलखाडू, सरोद, रोसरा मार्ग निर्माण का कार्य किया गया था, जिसके कारण इस मार्ग के किनारे लगे हुये खम्बे, विद्युत तार सहित निकाले गये थे एवं सड़क निर्माण के दौरान नवीन एच.बीम. लगाई गई थी जिससे विद्युत लाईनों के तारों की सड़क से ऊर्ध्वाधर दूरी निर्धारित मापदण्ड़ों के अनुरूप रहे। सड़क निर्माण के कार्य के दौरान उक्त तीनों विद्युत कनेक्शनों की सर्विस लाईन प्रभावित हुई थी, जिन्हें पुन: जोड़कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया गया था। (ग) मार्ग निर्माण के समय पुराने खंभे निकालने के दौरान ही नवीन खंभे लगाये गये थे एवं उसी समय पंप उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू कर दिया गया था। उक्त प्रक्रिया में अल्पावधि हेतु ही सुरक्षा के दृष्टिगत विद्युत प्रदाय बंद किया गया था। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 5 एच.पी. के तीनों विद्युत कनेक्शन जो कि श्री दिलीप पटेल, श्री महेन्द्र पटेल एवं श्री संतोष पटेल के नाम से थे, पुराने खंभे निकाल कर नवीन खंभे से चालू कर दिये गये थे। उक्त तीनों कनेक्शन पूर्व में भी इन्हीं खंभों से संचालित हो रहे थे। श्री संतोष पटेल के 5 एच.पी. के विद्युत कनेक्शन (सर्विस क्रमांक 444460-99-11-1147912) हेतु न तो सड़क निर्माण के पूर्व तीन खंभे उनके पंप तक लगे थे और न ही सड़क निर्माण के पश्चात तीन नवीन खंभे श्री संतोष पटेल के खेत तक पंप कनेक्शन हेतु लगाये गये। अपितु श्री संतोष पटेल का सड़क निर्माण के पूर्व जिस खंभे से विद्युत कनेक्शन था, उसी खंभे से उनकी सर्विस लाईन जोड़कर विद्युत कनेक्शन चालू किया गया। उक्त परिप्रेक्ष्य में संतोष पटेल के पंप कनेक्शन के स्थल तक तीन विद्युत खंभे एवं लाईन खीचनें का प्रश्न नहीं उठता। उक्त सभी उपभोक्ताओं को नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं।
विमान सेवाओं के संबंध में
[पर्यटन]
152. ( क्र. 7094 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा किन-किन हवाई रूट पर घरेलू विमान सेवाओं की प्रांरभ करने की दिशा में प्रयास किए हैं? (ख) विगत 3 वर्ष के दौरान किन-किन स्थानों के बीच हवाई सेवाएं प्रांरभ हुई हैं? (ग) क्या शासन द्वारा प्रदेश के विभिन्न शहरों के बीच हवाई सेवा के लिए किसी कंपनी को प्रति उड़ान सीट आरक्षित करने का करार किया है? यदि हाँ, तो कंपनीवार कितनी-कितनी सीट कहाँ-कहाँ की उड़ान के लिए आरक्षित है एवं प्रति सीट कितनी राशि दी जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार आरक्षित सीटों पर किन-किन वर्ग के अधिकारियों को यात्रा की सुविधाएं दी गई? ब्यौरा दें?
राज्यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विगत 03 वर्षों के दौरान किसी स्थान के बीच हवाई सेवा प्रारंभ नहीं हुई। (ग) जी नहीं। शासन द्वारा प्रदेश के विभिन्न शहरों के बीच हवाई सेवा के लिये प्रति उड़ान सीट आरक्षित नहीं की गयी है अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय अधिकारी कर्मचारियों का स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
153. ( क्र. 7095 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले के शासकीय कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों को शिकायतों पर स्थानांतरित किया हैं? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान सीहोर जिले में कितने अधिकारी व कर्मचारी शिकायत के आधार पर स्थानांतरित किए गए हैं? (ख) क्या विगत 3 वर्ष के दौरान सीहोर जिले में पदस्थ राजपत्रित वर्ग के अधिकारियों के खिलाफ अनियमितता एवं आमजनों से अभद्रता करने की शिकायतें सामने आई हैं? यदि हाँ, तो किन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ब्यौरा दें। (ग) क्या सीहोर जिले में पदस्थ अनेक अधिकारियों को 3 वर्ष से अधिक समय हो चुका है? यदि हाँ, तो कौन-कौन राजपत्रित अधिकारी तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं? (घ) क्या शासन 3 वर्ष से अधिक समय से जमे अधिकारियों का स्थानांतरण करने जा रहा हैं? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यो?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सीहोर जिले में विगत 03 वर्ष के दौरान शिक्षा विभाग के 03 अधिकारियों को शिकायत के आधार पर स्थानांतरित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। 63 राजपत्रित अधिकारी 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 की कंडिका 8.7 में 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किये जाने के निर्देश है। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानांतरण किया जा सकता है उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
154. ( क्र. 7113 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुकंपा नियुक्ति के नियम जिसमें 7 वर्ष तक आवेदन करने का प्रावधान है की छायाप्रति देवें? (ख) जिन घरों में आश्रित छोटे हो या नाबालिक हो तथा 7 वर्ष की अवधि पार करने के बाद वयस्क हो, उनकी स्थिति क्या होगी? (ग) ऐसे प्रकरणों के लिए प्रावधान कब तक निर्धारित कर दिए जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 29.09.2014 को जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) निर्देश दिनांक 29.09.2014 की कण्डिका 3.2 के परन्तुक अनुसार।
जानकारी का प्रदाय
[नर्मदा घाटी विकास]
155. ( क्र. 7115 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के पुनर्वास स्थलों पर विगत 3 वर्षों में कितने संधारण कार्य एवं कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए? कार्यवार, राशिवार जानकारी देवें? (ख) नमामी देवी नर्मदें यात्रा के तहत कितने कार्य स्वीकृत किए गए? उपरोक्त (क) अनुसार बतावें? (ग) यदि (क) व (ख) अनुसार कार्य स्वीकृत नहीं किए तो कारण बतावें? इसके लिए कितने प्रस्ताव जिले एवं प्रदेश स्तर पर भेजे गए? इस संबंध में समस्त पत्राचार की विवरण देवें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा कोई कार्य स्वीकृत नहीं किए गए हैं। (ग) झा आयोग द्वारा पुनर्बसाहट स्थलों की जाँच प्रक्रियाधीन होने के कारण निर्माण कार्य विगत 3 वर्षों में नहीं कराये गये।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों की मांगो
[सामान्य प्रशासन]
156. ( क्र. 7123 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संस्थापक अध्यक्ष स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी महासंघ भोपाल द्वारा विभिन्न माध्यमों द्वारा २६.९.२००८ एवं उसके उपरांत शासन/विभाग को अपनी २७ सूत्रीय मांगो के संबंध में ज्ञापन मांग पत्र प्रेषित किये गये है? क्या सा.प्र.वि. मंत्रालय वल्लभ भवन के पत्र क्रमांक ११८४/१४४६/२००८/१/१ दिनांक ११.११.०८ द्वारा इस संबंध में कार्यवाही भी की गई है? (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में बतावें कि संघ की २७ सूत्रीय मांगों के निराकरण हेतु वास्तविक रूप से बिंदुवार क्या-क्या कार्यवाही किस-किस विभाग द्वारा की गई है? बिंदुवार निराकरण की स्थिति क्या है? विभिन्न विभागों द्वारा मांगो के संबंध में की गई कार्यवाही का संपूर्ण विवरण प्रतिलिपियों सहित उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी हाँ (ख) मांग पत्र के बिन्दु क्रमांक 1,2,3,5,11,12,18,19,20,21,22,24,27 का शासन द्वारा परीक्षण किया गया, नियमों में प्रावधान नहीं होने से कार्यवाही की जाना संभव नहीं थी। बिंदु क्रमांक 15 के संबंध में कलेक्टरों द्वारा सेनानियों के उत्तराधिकारियों के प्रमाण-पत्र बनाये जाते हैं। बिंदु क्रमांक 8,16,23,25,26,का संबंध भारत सरकार गृह मंत्रालय नई दिल्ली से होने से उन्हें विभागीय पत्र क्रमांक 887/175/2008/1/13 दिनांक 27/08/2008 द्वारा भेजे गये (संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र क अनुसार) बिंदु क्रमांक 4,6,7,9,10,13,14,17 का संबंध शासन के स्कूल शिक्षा विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, संसदीय कार्य विभाग, स्थानीय शासन, राजस्व विभाग,आवास एवं पर्यावरण विभागों से होने से उन्हें विभागीय पत्र क्रमांक 886/175/2008/1/13 दिनांक 27/08/2008 द्वारा उन्हें आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजे गये (संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ख अनुसार)।