मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्‍तर-सूची
दिसम्‍बर, 2021 सत्र


गुरुवार, दिनांक 23 दिसम्बर, 2021


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्‍तर



कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन को वेतनमान एवं स्‍थायीकरण

[उच्च शिक्षा]

1. ( *क्र. 1427 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं जबलपुर संभाग के शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति/सेल्‍फ फाईनेंस के अलावा कौन-कौन सी मद से क्या कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो इनका वर्तमान वेतन क्‍या है? संपूर्ण प्रदेश में कितने कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन हैं, कब से कार्यरत हैं और इनको कितने वर्ष का अनुभव प्राप्‍त है? अवधि, नाम, स्‍थान, योग्‍यता, महाविद्यालय के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (क) के संबंध में महाविद्यालय में कम्‍प्‍यूटर संकाय के विषय किस वर्ष से संचालित हुए हैं? (ग) विगत 3 वर्षों में कितने-कितने विद्यार्थी कम्‍प्‍यूटर संकाय विषय में हैं? सत्र 2019-20, 2020-21, 2021-22 में प्रवे‍शित विद्यार्थियों की संख्‍या बतावें। (घ) क्‍या कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन कर्मचारियों को वेतन कलेक्‍टर दर से भी कम दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या उन्‍हें भी कलेक्‍टर दर से वेतनमान दिया जायेगा? भविष्‍य में इन कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन कर्मचारियों को स्‍थायी करने की शासन की क्‍या योजना है? (ड.) क्‍या यह सत्‍य है कि उक्‍त कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन कर्मचारियों की ड्यूटी निर्वाचन एवं शासन के अन्‍य कार्यों में भी लगाई जाती है? यदि हाँ, तो किस के आदेश से?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18 से। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। नहीं। (ड.) जी नहीं।

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( *क्र. 1130 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 5668, उत्‍तर दिनांक 23 मार्च, 2021 के संदर्भ में नगरपरिषद मौ जिला भिण्‍ड में रखे गये श्रमिकों की जांच संभागीय संयुक्‍त संचालक से कराई जाने की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त जांच पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति संलग्‍न करते हुए जांच निष्‍कर्ष के आधार पर किन-किन के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या नगरपरिषद, मालनपुर में भी कर्मचारियों को रखा गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त कर्मचारियों को                                                               किन-किन की अनुशंसा पर रखा गया है तथा क्‍या इसकी अनुमति शासन से ली गई थी? यदि नहीं, तो क्‍या इसकी भी उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? उक्‍त कर्मचारियों के नाम एवं पते सहित पूर्ण सूची दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। नगर परिषद मालनपुर के पत्र क्रमांक 787/788, दिनांक 03/12/2021 से प्रेषित उत्‍तर अनुसार प्रशासक की स्‍वीकृति के आधार पर 22 दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों की नियुक्ति की गई है। दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के सक्षम स्‍वीकृति उपरांत रखे जाने की कार्यवाही किये जाने से, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खराब हुए ट्रांसफार्मर का सुधार कार्य

[ऊर्जा]

3. ( *क्र. 1255 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) मंडला जिले अन्‍तर्गत विकासखण्ड स्तर के विद्युत वितरण केन्द्र में खराब ट्रांसफार्मर के मेंटेनेंस हेतु कितने ट्रांसफार्मर स्टॉक में रखने का प्रावधान है तथा वर्तमान में स्‍टॉक में कितने ट्रांसफार्मर हैं? ट्रांसफार्मर खराब होने पर कितने दिनों में सुधार कार्य किये जाते हैं? (ख) मंडला जिले के ऐसे कितने ग्राम हैं, जहां विद्युत ट्रांसफार्मर वर्तमान में खराब हैं तथा उन्‍हें कितने दिनों में सुधारा जायेगा? समय पर सुधार कार्य न करने एवं स्‍टॉक में ट्रांसफार्मर न होने के कारण महीनों से ग्रामवासी अंधेरे में रहते हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही की जावेगी तथा स्‍टॉक में पर्याप्‍त ट्रांसफार्मर रखने के प्रावधान किये जावेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत, प्रश्‍नाधीन क्षेत्र सहित, किसी भी विद्युत वितरण केन्‍द्र पर वितरण ट्रांसफार्मर स्‍टॉक में रखने का कोई नियम नहीं है। तथापि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा रबी सीजन में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को शीघ्र बदलने हेतु संचालन-संधारण संभाग स्‍तर पर आवश्‍यकतानुसार इम्‍प्रेस्‍ट ट्रांसफार्मर जारी किये जाते है। वर्तमान रबी सीजन के दौरान मंडला संचालन-संधारण, संभाग में 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 3 एवं 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 2 वितरण ट्रांसफार्मरों को इम्‍प्रेस्‍ट में रखने का प्रावधान किया गया है। मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमनों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्‍यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्‍यालयों को छोड़कर अन्‍य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्‍क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्‍बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्‍थापना करना आवश्‍यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत उक्‍त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्‍थापना किये जाने की कार्यवाही की जाती है।                                         (ख) वर्तमान में मंडला जिले के अंतर्गत जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्‍या निरंक है, अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

संबल योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

4. ( *क्र. 1102 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बरघाट के बरघाट नगर परिषद के अंतर्गत संबल योजना के तहत वर्ष 2015 से 2021 तक कितने हितग्राहियों को कितनी अनुग्रह राशि शासन द्वारा स्वीकृत की गई और बरघाट नगर परिषद को कितनी राशि आवंटित की गई? स्‍पष्‍ट जानकारी प्रदान करें। (ख) बरघाट नगर परिषद द्वारा प्राप्त राशि में से कितने हितग्राहियों को राशि प्रदान की गई एवं कितने हितग्राहियों को राशि देना शेष है? (ग) बरघाट नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारियों की पी.एफ. की राशि तकरीबन 75 लाख का समायोजन प्रधानमंत्री आवास की राशि में हुआ है, साथ ही प्रधानमंत्री आवास की राशि हितग्राहियों को नहीं मिल पा रही है, अतः इन सभी अनियमितताओं के लिए कौन जिम्मेदार है और विभाग द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की गई या की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद बरघाट अंतर्गत संबल योजना के तहत 2015 से 2021 तक अनुग्रह सहायता राशि हेतु कुल 36 आवेदनों को स्वीकृत किया गया है। निकाय को शासन से 11 हितग्राहियों हेतु कुल 24,00,000/- (10 हितग्राही सामान्य मृत्यु सहायता राशि 20,00,000/- एवं 01 हितग्राही दुर्घटना मृत्यु सहायता राशि 4,00,000/-) प्राप्त हुआ है। (ख) नगर परिषद बरघाट द्वारा शासन से प्राप्त आवंटित राशि में से 08 हितग्राहियों को कुल 16,00,000/- की राशि प्रदान की जा चुकी है एवं 03 हितग्राहियों को राशि प्रदाय किया जाना शेष है। (ग) नगर परिषद बरघाट में कार्यरत कर्मचारियों की पी.एफ. राशि रू. 75 लाख न होकर यह राशि 59,50,049.00 है, का समायोजन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की राशि से किया गया है। उक्त अनियमितताओं के संबंध में जिला स्तरीय समिति द्वारा जांच कराई गई। जांच समिति द्वारा निकाय के पदाधिकारी श्री रंजीत वासनिक तत्कालीन अध्यक्ष नगर परिषद बरघाट, श्री भरत गजबे तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक, नोडल अधिकारी पी.एम.ए.वाय. एवं उक्त अवधि में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा अनियमितता होना पाया गया। विभाग द्वारा संबंधितों के विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 65 दिनांक 28.06.2021 द्वारा संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, जबलपुर संभाग जबलपुर को प्रेषित किया गया है। जांच अनुसार नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारियों की ई.पी.एफ. राशि का समायोजन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की राशि में से किये जाने हेतु निकाय में तत्कालीन पदस्थ उत्तरदायी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निकाय द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन का परीक्षण संभागीय कार्यालय में प्रचलित है।

परिशिष्ट - "एक"

किसानों को सौर पम्‍प लगाने हेतु अनुदान

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

5. ( *क्र. 516 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश सरकार द्वारा छोटे किसानों हेतु सौर ऊर्जा पम्‍प लगाने के लिए अनुदान राशि देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो योजनान्‍तर्गत कितने प्रतिशत अनुदान दिया जाता है? सीहोर जिले में सोलर योजना अन्‍तर्गत गत दो वर्षों में कुल कितने किसान लाभान्वित हुए हैं? (ख) क्‍या उक्‍त योजना में किसानों की श्रेणियां निर्धारित की गई हैं? यदि हाँ, तो श्रेणी निर्धारण नियमावली की जानकारी एवं श्रेणी में आने वाले किसानों का पूर्ण विवरण देवें। (ग) उक्‍त योजना से विधानसभा क्षेत्र इछावर में वर्ष 2019 से अब तक कितने किसानों को लाभान्वित किया गया है एवं भविष्‍य में इस क्षेत्र हेतु उक्‍त योजना में श्रेणीवार किन-किन किसानों को लिया गया है?                                                                    (घ) कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए विभिन्‍न उपकरण, हौद निर्माण, डिग्‍गी निर्माण हेतु अनुदान देय है उसमें वर्तमान में कोई कटौती की गई है, यदि हाँ, तो कितनी? विभाग द्वारा किसानों के लिए राष्‍ट्रीय बागवानी मिशन के तहत क्‍या-क्‍या प्रावधान किये गये हैं? (ड.) प्रदेश में किसानों को                                      किस-किस कृषि योजना में कौन सा व कितना अनुदान मिलता है? प्रदेश सरकार कृषि विकास हेतु अनुसंधान द्वारा अधिकाधिक उपज लेने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित कर रही हैं? (च) प्रदेश में किसानों को बीज किट बांटने का क्‍या आधार है? जिला सीहोर में विगत पांच वर्षों में कितने किसानों को बीज किट का वितरण किया गया व बीज किट वितरण के क्‍या आधार रहे?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाभियान (PM-KUSUM) के घटक '''' के अतंर्गत प्रदेश में मुख्‍यमंत्री सोलर पम्‍प योजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत किसानों को खेतों की सिंचाई के लिये सोलर पंप संयंत्र स्‍थापित करने के लिये केन्‍द्र सरकार व राज्‍य सरकार से 30-30% अर्थात कुल 60% अनुदान प्रदान किया जाता है, साथ ही एग्रीकल्‍चर इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर फण्‍ड से सॉफ्ट लोन की सुविधा भी प्रदान की गई है। यह योजना प्रदेश के सभी जिलो में लागू है। सीहोर जिले में मुख्‍यमंत्री सोलर पंप योजना अतंर्गतगत दो वर्षों में कुल 238 किसान लाभान्वित हुये हैं, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है(ख) योजना के लिये राज्‍य के वे सभी कृषक पात्र है, जिनके पास कृषि हेतु विद्युत कनेक्‍शन नहीं है, योजनांतर्गत 5 एच.पी.क्षमता तक केवल डी.सी. तथा अधिक बड़े पम्‍पों की श्रेणी में ए.सी. व डी.सी. दोनों तरह के पम्‍प मान्‍य हैं। योजनांतर्गत राज्‍यांश की राशि 7.5 एच.पी.के सोलर पंप के देय राज्‍यांश तक ही अधिकतम सीमित है। (ग) विधानसभा क्षेत्र इछावर में वर्ष 2019 से अब तक 17 किसानों को लाभान्वित किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र इछावर सहित पूरे प्रदेश में यह योजना वर्ष 2024 तक लागू है तथा राज्‍य के कृषक, जिनके पास विद्युत कनेक्‍शन नहीं है इस योजना का लाभ लेने के पात्र हैं। (घ) संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी द्वारा संचालित सब मिशन ऑन एग्रीकल्‍चरल मेकेनाईजेशन योजना, राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना (कृषि यंत्रीकरण घटक) एवं राष्‍ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत कृषकों को उनके द्वारा क्रय किये गये कृषि यंत्रों पर अनुदान देय है। दिये जाने वाले अनुदान में कोई कटौती नहीं की गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। राष्‍ट्रीय बागवानी मिशन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है(च) सीहोर जिले में लघु, सीमान्‍त, अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग के कृषकों को प्राथमिकता देते हुए पहले आओ, पहले पाओ, के आधार पर बीज किट दिया जाता है, सीहोर में विगत पांच वर्षों में 24726 किसानों को बीज किट का वितरण किया गया।

सीवर लाइन डालने में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( *क्र. 1319 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2240, दिनांक 05.03.2021 के प्रश्‍नांश (ड.) का उत्‍तर दिया था कि दिनांक 31.03.2021 तक की समयावधि सीवर लाईन के कार्य की कार्य अवधि बढ़ाने की सहमति दी गई है तथा निर्धारित समयावधि पूर्ण होने पर अनुबंध के प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो दिनांक 31.03.2021 तक की अवधि में कार्य पूर्ण न करने पर क्‍या उक्‍त ठेकेदार की निविदा निरस्‍त की गई? यदि नहीं, की गई तो और कितना समय बढ़ाया गया तथा क्‍यों बढ़ाया? कितनी पेनाल्‍टी लगाई गई? पेनाल्‍टी किस रसीद क्रमांक दिनांक से जमा की गई? (ग) ठेकेदार एवं प्रोजेक्‍ट के नोडल अधिकारी नगर निगम की लापरवाही से एस.टी.पी. प्‍लांट दो बच्‍चों के गिरने पर मृत्‍यु के मामले में कंपनी के मालिक एवं नोडल अधिकारी नगर निगम के विरूद्ध थाने में प्राथमिकी क्‍यों दर्ज नहीं की गई? जबकि प्रश्‍नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक कटनी को पत्र क्रमांक 1099, दिनांक 30.10.2021 लिखकर दिनांक 02.04.2021 को पावती प्राप्‍त की गई थी, जिसमें जिन आरोपियों को बचाया गया, उनके विरूद्ध भी विवेचना कर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी? उक्‍त पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) पूरे शहर की रोड खोदी गई थी, किन्‍तु जिस तरह रोड थी? उस तरह नहीं बनाई गई, रोड रोटेशन कार्य गुणवत्‍तायुक्‍त नहीं किया गया, रोड रोटेशन के कार्य का भौतिक सत्‍यापन किस-किस उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री द्वारा किस-किस दिनांक को किया गया है? नामवार बताएं तथा रोड रोटेशन कब तक सही कर दिया जायेगा? (ड.) के.के. स्‍पन कंपनी का ठेका निरस्‍त करने हेतु श्री चन्‍द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) ने प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास एवं कलेक्‍टर कटनी/आयुक्‍त नगर निगम को अक्‍टूबर 2021 को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की थी, उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने, कोविड-19 महामारी तथा एस.टी.पी. की भूमि में परिवर्तन एवं भूमि आवंटन में कुछ विलंब होने के कारण कार्य पूर्ण न होने से, पेनाल्टी के अधिकार को सुरक्षित रखते हुये दिनांक 31.03.2022 तक समय वृद्धि की गई है। पेनाल्टी निर्धारित होने के उपरांत ठेकेदार के चल देयकों अथवा जमा बैंक गारंटी से कटौती की जावेगी। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ठेका कंपनी के दो साईट इंजीनियर एवं पर्यवेक्षण कंपनी (परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्श दाता- पी.एम.डी.सी.) के फील्ड इंजीनियर पर पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई है। विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (घ) शहर में खोदी गई सडकों को सीवर लाईन डालने के बाद अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार रोड रेस्टोरेशन का कार्य कराया जाता है। कुछ स्थानों में स्थल की परिस्थिति के दृष्टिगत डामरीकरण के स्थान पर सीमेंट कांक्रीट का कार्य कराया गया है। रोड रेस्टोरेशन के कार्यों का सत्यापन अनुबंध अनुसार इंजीनियर-इन-चार्ज (रेसीडेंट इंजीनियर-पी.डी.एम.सी.), असिस्टेंट रेसीडेंट इंजीनियर एवं फील्ड इंजीनियर पी.डी.एम.सी. के द्वारा किया गया है। नगर पालिक निगम, कटनी की ओर से भौतिक सत्यापन उपयंत्री- श्री प्रकाश दुबे,                                    श्री सुरेन्द्र मिश्रा एवं श्री अश्वनी पाण्डेय, सहायक यंत्री- श्री सुधीर मिश्रा तथा कार्यपालन                              यंत्री-श्री शैलेन्द्र शुक्ला एवं श्री शैलेश जायसवाल द्वारा किया गया है। विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। खुदाई पश्चात कार्य पूर्ण होने पर रेस्टोरेशन कार्य हेतु निर्देश दिये गये हैं।                                                           (ड.) श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री राजगुरू द्वारा प्रेषित पत्र के संबंध में आयुक्त नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा सीवरेज एण्ड सेप्टेज मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के इंजीनियर-इन-चार्ज (रेसीडेन्ट                                        इंजीनियर- पी.डीएम.सी.) को रोड रेस्टोरेशन के कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने, जिन स्थलों में सडक खराब हुई है उन्हें पुनः दुरूस्त कराने व रोड रेस्टोरेशन अनुबंध अनुसार ना होने पर राशि रोककर नगर पालिक निगम, कटनी को अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया है। कार्यस्थल, एस.टी.पी. निर्माण स्थल एवं अन्य गहरी खुदाई वाले स्थलों की विशेष सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने हेतु ठेकेदार व परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्श दाता (पी.एम.डी.सी.) को निर्देशित किया गया है।

परिशिष्ट - "दो"

दैनिक वेतन भोगियों का नियमितीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

7. ( *क्र. 734 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र.एफ 5-1/2013/1/3, भोपाल दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 के आदेशानुसार दिनांक 01 सितम्बर, 2016 तक के दै.वे.भो. तथा मस्टरकर्मियों को विनियमितीकरण योजना में शामिल किया जाना था, किन्तु नहीं किया गया? क्यों तथा स्पष्ट करें कि कब तक इन्हें भी उक्त योजना में लाभ दिया जावेगा? (ख) उज्जैन संभाग में विनियमितीकरण उपरान्त कितने दैनिक वेतनभोगी/मस्टरकर्मी जो वर्ष 2016 के पूर्व कब से कार्य कर रहे हैं? संख्‍या उपलब्ध करावें। क्या उक्त कर्मचारियों को भी स्थाईकर्मी बनाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नगरीय निकायों की पद सरंचना अनुसार ही निकाय में रिक्त पदों पर स्थायीकर्मी, दै.वे.भो., मस्टर कर्मचारि‍यों से कार्य लिया जाता है? यदि हाँ, तो क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल का पत्र क्र.                                                                              शाखा-1/न.पा.परि/पी.ई.बी./2021-22/17461, दिनांक 12.10.2021 अनुसार पी.ई.बी. के माध्यम से नवीन भर्ती होने पर इन कर्मचारि‍यों का भविष्य क्या होगा? (घ) क्या पी.ई.बी. के माध्यम से नवीन भर्ती हेतु विभिन्न निकायों के कर्मचारि‍यों द्वारा विरोध प्रकट कर ज्ञापन दिए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन नवीन भर्ती पर रोक लगाते हुए पूर्व से कार्यरत स्थायीकर्मी, दै.वे.भो., मस्टर कर्मचारि‍यों को पात्रतानुसार रिक्त पदों पर नियमित करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3, दिनांक 07 अक्‍टूबर 2016 के अनुसार ऐसे दैनिक वेतनभोगी जो 16 मई 2007 को कार्यरत थे व दिनांक 01 सितंबर 2016 को भी कार्यरत हैं, को विनियमितीकरण करने का लाभ प्रदान किये जाने के निर्देश थे। प्रदेश की समस्‍त नगरीय निकायों में उक्‍त परिपत्र में दिये गये निर्देशानुसार पात्रता रखने वाले दैनिक वेतन भोगी/मस्‍टरकर्मीयों को विनियमितीकरण का लाभ दिया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उज्‍जैन संभाग की 67 नगरीय निकायों में 5231 दैनिक वेतनभोगी/मस्‍टरकर्मी वर्ष 2016 के पूर्व से कार्यरत है। उक्‍त सभी कर्मचारी दिनांक 16 मई 2007 से कार्यरत नहीं होने के कारण पात्रता नहीं होने से स्‍थायीकर्मी का लाभ नहीं दिया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। नगरीय निकायों की पद संरचना का संबंध स्‍थाईकर्मी से नहीं है। निकायों की कार्य आवश्‍यकता अनुसार समय-समय पर मस्‍टरकर्मी रखे जाकर मैदानी कार्य संपन्‍न कराया जाता है। संचालनालय के पत्र क्रमांक                                                    शाखा-1/स्‍था./न.पा.प./पी.ई.बी./21-22/17461, दिनांक 12/10/2021 के अनुसार पी.ई.बी. के माध्‍यम से नवीन भर्ती करने का कोई नई प्रकिया प्रांरभ नहीं का जा रही है, अपितु यह प्रक्रिया वर्ष 2016 से चली आ रही है। पी.ई.बी. के माध्‍यम से भर्ती प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है।                                         (घ) प्रश्‍न के पूर्वाद्ध के संबंध में उल्‍लेख है कि पी.ई.बी. के माध्‍यम से नवीन भर्ती हेतु विरोधस्‍वरूप ज्ञापन दिये जाने का तथ्‍य सही है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा वर्ष 2016 से पी.ई.बी. के माध्‍यम से की जाने वाली भर्ती प्रक्रिया के अनुक्रम में वर्तमान में रिक्‍त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया की जा रही है। यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है। अत: भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता।

24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय

[ऊर्जा]

8. ( *क्र. 768 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में विकासखण्‍ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में विद्युत विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं के तहत घरेलू उपयोग हेतु 24 घण्‍टे विद्युत की सप्‍लाई की जा रही है? (ख) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय के मुख्‍यालय गंधवानी, बाग एवं तिरला के राजस्‍व ग्रामों में गैर कृषि प्रयोजन हेतु कितने घंटे विद्युत की सप्‍लाई की जा रही है एवं किन राजस्‍व ग्रामों में 24 घंटे विद्युत सप्‍लाई नहीं की जा रही है? (ग) धार जिले के गंधवानी विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय गंधवानी, बाग एवं तिरला में कुल कितने घरेलू उपभोक्‍ता हैं? इनमें से कितने घरेलू उपभोक्‍ताओं के घर पर विद्युत मीटर लगे हुये हैं एवं कितने घरेलू उपभोक्‍ताओं के घर पर विद्युत मीटर नहीं लगे हुये हैं? संख्‍यात्‍मक जानकारी वितरण केन्‍द्रवार देवें। (घ) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय गंधवानी, बाग एवं तिरला में कितने घरेलू उपभोक्‍ताओं के घर पर विद्युत मीटर नहीं लगे होने के बाद भी उन्‍हें विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं, की संख्‍यात्‍मक जानकारी वितरण केन्‍द्रवार देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में विकासखंड गंधवानी, बाग एवं तिरला में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा अटल ज्योति अभियान के तहत गैर कृषि प्रयोजन हेतु, कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय के मुख्यालय-गंधवानी, बाग एवं तिरला के समस्त राजस्व ग्रामों में घरेलू सहित समस्‍त गैर कृषि प्रयोजनों हेतु, कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं ऐसा कोई भी राजस्व ग्राम नहीं है जिसमें 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा हो। (ग) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय गंधवानी, बाग एवं तिरला में क्रमशः 20107, 19063 एवं 8240 इस प्रकार कुल 47410 घरेलू उपभोक्ता हैं। इन घरेलू उपभोक्ताओं में से क्रमशः 20107, 19032 एवं 8002 उपभोक्ताओं के घरों पर विद्युत मीटर लगे हुए हैं तथा गंधवानी में निरंक, बाग में 31 एवं तिरला में 238 घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर विद्युत मीटर नहीं लगे हुए हैं। (घ) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय गंधवानी, बाग एवं तिरला में क्रमशः निरंक, 31 एवं 238 घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर विद्युत मीटर नहीं लगे हुए हैं, किन्‍तु उन्हें वर्तमान में लागू टैरिफ आदेश के प्रावधानों के अनुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं।

अनियमितता करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( *क्र. 1216 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा मनावर नगरपालिका में भ्रष्टाचार करने वाले मुख्य नगरपालिका अधिकारियों, अध्यक्षों को बचाया एवं अवैध लीजधारकों को प्रश्रय दिया गया है? प्रश्‍न दिनांक तक भी दोषियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही नहीं किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं। वर्तमान एवं पूर्व-अध्यक्षों तथा पूर्व-मुख्य नगरपालिका अधिकारियों के विरूद्ध                       किस-किस अधिनियम में प्रकरण दर्जकर कब कार्यवाही की जाएगी? (ख) नगरपालिका परिषद मनावर के पत्र क्रमांक 2095, दिनांक 18/06/2021 द्वारा रिपोर्ट में किन त्रुटि के दृष्टिगत संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास, इंदौर संभाग द्वारा विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी? संयुक्त संचालक द्वारा भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध मामला दर्ज कराने में देरी किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं।            (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) मामले में विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया जाकर अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता तथा नियमों-आदेशों की अवहेलना की गयी है? मनावर नगरपालिका में बड़ी संख्या में अवैध लीजधारकों को प्रश्‍न दिनांक तक भी प्रश्रय देने का                  विधि-सम्मत कारण बताएं। कब तक अवैध-लीज धारकों से नगरपालिका की भूमि मुक्त करा ली जाएगी? (घ) मनावर नगरपालिका के संबंध में कलेक्टर, धार को दिनांक 20/09/2021, 08/07/2021 एवं सी.एम.ओ. मनावर को दिनांक 09/04/2021 को किन-किन विषयों से प्रश्‍नकर्ता द्वारा ईमेल-पत्र भेजा गया? उक्त पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक भी कार्यवाही नहीं किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में प्रकरण में जांच की कार्यवाही प्रचलित है तथा अंतिम रूप से उत्तरदायित्व निर्धारण नहीं होने के कारण किसी भी पदाधिकारी/अधिकारी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) संचालनालय के पत्र क्रमांक 20954 दिनांक 10.12.2021 द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, इंदौर संभाग इंदौर को उक्त प्रकरण में जांच कर प्रतिवेदन देने हेतु निर्देशित किया गया है। जांच प्रक्रियाधीन है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी एवं लीजधारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। शेषांश का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नही। प्रकरण में वर्तमान में कार्यवाही प्रचलित होने से शेष का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) 1. प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक द्वारा कलेक्टर जिला धार को मनावर नगर पालिका क्षेत्र बीडपुरा पंचायत और बालीपुर पंचायत अंतर्गत पत्थर/मिट्टी खनिज की खदानों का सीमांकन विषयक पत्र दिनांक 08.07.2021 मेल द्वारा प्रेषित किया गया। बीडपुरा पंचायत और बालीपुर पंचायत ग्रामीण क्षेत्र होकर नगर पालिका मनावर क्षेत्र में सम्मिलित नहीं है। 2. प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक द्वारा कलेक्टर जिला धार को मनावर नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने विषयक पत्र दिनांक 20.09.2021 मेल द्वारा प्रेषित किया गया। प्रकरण में की गई कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश '''' अनुसार है। 3. प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद, मनावर को पत्र दिनांक 09.04.2021 से नगरपालिका मनावर के भंगार को षडयंत्र पूर्वक चोरी करने और चोरी को आश्रय देने के संबंध में प्रेषित किया गया, जिसके संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद, मनावर द्वारा पत्र क्रमांक 1514/2021 दिनांक 08.04.2021 से थाना मनावर को सूचना दी गई, थाना मनावर द्वारा पत्र क्रमांक 2239 दिनांक 15.07.2021 से भंगार चोरी के प्रकरण में अपराध क्रमांक 623/14/07/2021 धारा 406 भा.द.वि के आरोपी सोनाली श्रीवास्तव वार्ड क्रमांक 07, अरसद कुरैशी वार्ड क्रमांक 11 व पार्षद पति आशीष चौबे के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

नियम विरूद्ध निर्माण पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( *क्र. 1037 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले के नगर पंचायत सेमरिया अंतर्गत वार्ड क्र. 13 में रीवा-बीडा रोड में तत्‍पर पेट्रोल पम्‍प के बगल में रमचन्‍दी में बहुमंजि‍ला इमारत का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में यदि उत्‍तर जी हाँ तो उक्‍त बहुमंजि‍ला इमारत का निर्माण किसके द्वारा कराया जा रहा है? बहुमंजि‍ला इमारत के मालिक का नाम एवं पता, प्राक्‍कलन एवं मंजूर किये गये नक्‍शे की सत्‍यापित प्रति देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में इस बहुमंजि‍ला इमारत में कितने एफ.ए.आर. (ऊंचाई) तक‍ के निर्माण की मंजूरी है? इसमें कितने फ्लोर का निर्माण कराया गया है एवं कितना निर्माण कराना शेष है? पार्किंग की क्‍या व्‍यवस्‍था है? समस्‍त जानकारी की सत्‍यापित प्रति देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) श्रीमती नीलम मिश्रा पति श्री अभय मिश्रा व्‍हाइट हाउस अर्जुन नगर रीवा जिला रीवा (म.प्र.) प्राक्‍कलन मंजूरी के दस्‍तावेज की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) F.A.R. – 1.00 एवं ऊंचाई 12.18 मी. Floor – G+3 निर्माण कार्य जारी है, पूर्वी तथा पश्चिम दिशा के आंशिक भाग पर तीन फ्लोर का निर्माण कराया गया है। पार्किंग हेतु खुली भूमि रिक्‍त रखी गई है।

सफाई मित्रों को प्रोत्‍साहन राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( *क्र. 53 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इंदौर शहर के द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में हैट्रिक लगाए जाने पर राज्य सरकार द्वारा नगर पालिका निगम के सभी सफाई मित्रों को ₹ 5000 प्रति व्यक्ति प्रोत्साहन राशि दी गई थी एवं जब इंदौर शहर के द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में चौका लगाया गया तब भी प्रोत्साहन राशि दी गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि दी गई? यदि नहीं, तो क्‍यो नहीं दी गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान में इंदौर शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर ने फिर सफलता का पंच लगाया है तो क्‍या राज्य सरकार की ओर से इंदौर के सफाई मित्रों को प्रोत्साहन के रूप में राशि दी जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी राशि दी जायेगी? कब तक दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं दी जायेगी?                                          (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में नगर पालिक निगम में बढ़ते हुए क्षेत्रफल को ध्‍यान में रखते हुए सफाई मित्रों की नियुक्ति की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, स्‍वच्‍छता में संलग्‍न अन्‍य सहयोगी समूहों को पुरस्‍कार प्रदान किया गया है। (ख) स्‍वच्‍छ भारत मिशन के प्रावधानों में इस आशय के प्रावधान नहीं है। (ग) आदर्श कार्मिक संरचना में जनसंख्‍या के आधार पर सफाई मित्रों के रिक्‍त पदों की पूर्ति करने का निर्णय निकाय स्‍तर पर लिया जाता है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जनभागीदारी समितियों का गठन

[उच्च शिक्षा]

12. ( *क्र. 1124 ) श्री सुरेश राजे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                   (क) मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति का गठन एवं बैठक आयोजित करने तथा इस समिति को प्रदत्त अधिकार संबंधी आदेश की सत्यापित प्रति के साथ शासकीय वृंदासहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डबरा में जनभागीदारी समिति की बैठक पूर्व में किस दिनांक को आयोजित की गयी? क्या डबरा विधायक द्वारा प्राचार्य को जनभागीदारी समिति की बैठक आयोजित करने हेतु पत्र क्रमांक 231, दिनांक 26/07/2021 द्वारा लिखने के बाद भी बैठक आयोजित नहीं की गयी? (ख) शासकीय वृंदासहाय महाविद्यालय, डबरा में विगत 10 वर्षों से अभी तक जनभागीदारी मद से शैक्षणिक कार्य कौन-कौन से विषय हेतु अतिथि विद्वानों एवं गैर शैक्षणिक कार्य हेतु तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के किस-किस व्यक्ति को नियुक्त किया गया है? (ग) वर्ष 2015-16 से 2021-22 में शासकीय वृंदासहाय महाविद्यालय, डबरा को विभिन्न मदों (जनभागीदारी सहित) में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी? प्राप्त राशि से कौन-कौन से कार्य कितनी राशि से कराये गए तथा प्रश्‍न दिनांक तक मदवार कितनी राशि शेष है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति के गठन के संबंध में जारी मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 30.09.1996 की सत्यापित प्रति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। शासकीय वृंदासहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डबरा में जनभागीदारी समिति की बैठक माननीय विधायक के पत्र के पश्चात् दिनांक 10.11.2021 को आयोजित की गई थी। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।

 

स्‍वीकृत किये गये ट्रांसफार्मरों की जानकारी

[ऊर्जा]

13. ( *क्र. 786 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर, विभाग द्वारा स्‍वीकृत किये गये और कितने प्रस्तावित हैं? (ख) विधान सभा धरमपुरी में कई जगह ऐसी हैं, जहां ट्रांसफार्मर की ज्‍यादा आवश्‍यकता है, क्षेत्र के किसान इस समस्‍या से बहुत परेशान हैं। उन क्षेत्रों में कब तक ट्रांसफार्मर उपलब्‍ध करा दिये जाएंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 2 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 4 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये थे तथा प्रश्‍नाधीन क्षेत्रान्‍तर्गत 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 5 अतिरिक्‍त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य वर्तमान में प्रस्तावित हैं। (ख) वर्तमान में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में विभिन्‍न क्षमताओं के 1154 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनसे प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में सुचारु रुप से गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति की जा रही है। तथापि विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध भार एवं भविष्‍य में भार वृद्धि की संभावना के दृष्टिगत अतिरिक्‍त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापना के कार्य तकनीकी एवं वित्‍तीय साध्‍यता के अनुरूप स्‍वीकृत किये जाते हैं, जोकि एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की कमी के कारण विद्युत आपूर्ति प्रभावित होने संबंधी कोई भी समस्‍या म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

हवाई पट्टी की जांच

[लोक निर्माण]

14. ( *क्र. 1429 ) श्री विक्रम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सत्‍य है कि उपसंभाग सतना में पदस्‍थ उपयंत्री ए.के. निगम को हवाई पट्टी में भ्रष्‍टाचार के मामले में निलंबित किया गया था? रिक्‍त पद पर प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी, मझगवां के रिक्‍त पद पर प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी के पद पर पदस्‍थ किया गया था, लेकिन प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, उपसंभाग सतना में प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी को दिनांक 01/10/2021 को अश्‍वनी कुमार निगम को उपखण्‍ड टाउन एवं कोटर को उपयंत्री के पद पर पदस्‍थ किया गया था? इसके बाद मुख्‍य अभियंता रीवा द्वारा पत्र क्र. 2070, दिनांक 09/09/2021 तहत आदेश जारी कर दिया जो नियम विरूद्ध है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अगर सही है तो क्‍या एक प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी को दूसरे अनुविभागीय अधिकारी को उपयंत्री का प्रभार देने का अधिकार है? अगर है तो नियम की प्रति उपलब्‍ध करायें तथा जिस अधिकारी का जिस उपसंभाग से निलंबन होता है, उसी संभाग में पदस्‍थ नहीं किया जा सकता क्‍योंकि विभागीय जांच प्रभावित होती है, लेकिन मुख्‍य अभियंता रीवा ने उसी संभाग में पदस्‍थ किया है? क्‍या यह नियम के तहत है और यदि है तो नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) अगर सही है तो मुख्‍य अभियंता, रीवा जो नियम विरूद्ध पदस्‍थापना कर उक्‍त भ्रष्‍ट अधिकारी निगम द्वारा उक्‍त प्रभार के दौरान कितने बिल तैयार कर भुगतान प्रश्‍न दिनांक तक कराये हैं? उसका पूरा विवरण सहित बतायें तथा मुख्‍य अभियंता को दोषी मानते हुए तत्‍काल निलंबित कर देना चाहिए। नहीं करेंगे तो कारण सहित बतायें कि भ्रष्‍ट प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी ए.के. निगम को सतना जिले से हटाकर प्रश्‍नकर्ता को बतायें, नहीं हटायेंगे तो कारण सहित बतायें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, जी हाँ। जी नहीं, नियम विरूद्ध नहीं है। (ख) जी नहीं। श्री निगम को अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दूसरे अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार नहीं दिया गया अपितु उपयंत्री के रूप में उपखण्ड का प्रभार दिया गया है। जिस उपसंभाग से निलंबन होता है, उसी संभाग में पदस्थ न करने बावत् कोई नियम नहीं है। श्री निगम को जिस उपखण्ड में पदस्थ किया गया उस उपखण्ड के अंतर्गत हवाई पट्टी का कार्य ना होने से जांच प्रभावित होने का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। मुख्य अभियंता का आदेश दिनांक 09.09.2021 नियमानुसार है। (ग) उपरोक्त प्रश्‍नांश क एवं ख अनुसार। उपखण्ड टाउन एवं कोटर में पदस्थगी अवधि में तैयार किये गये देयक मय भुगतान संलग्न परिशिष्ट अनुसार। मुख्य अभियंता द्वारा नियमानुसार कार्यवाही किये जाने से दोषी मानकर निलंबित किये जाने का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तीन"

शासकीय सेवकों के विरुद्ध सामान्य कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

15. ( *क्र. 1332 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जहां दो या दो से अधिक शासकीय सेवक किसी मामले में संलिप्त होने पर उनके विरुद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियत्रंण तथा अपील) नियम-1966 के नियम-18 के अंतर्गत सामान्य कार्यवाही के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो शासकीय स्वामी विवेकानन्द महाविद्यालय, नीमच में पदस्थ (श्रीमती) अशोका श्रीवास्तव, प्राचार्य एवं श्री जुगल किशोर शर्मा, प्रयोगशाला तकनीशियन को पृथक-पृथक अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा पृथक-पृथक दिनांकों में क्रमशः दिनांक 06.05.2015 एवं दिनांक 04.04.2010 को आरोप पत्रादि जारी करते हुए पृथक-पृथक जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए किन कारणों से नियम विरुद्ध जांच प्रक्रिया अपनाई गई? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में आरोपित अधिकारी/कर्मचारी से कितनी राशि गबन की वसूल होना थी और कितनी राशि वसूल होना शेष है? अब तक राशि वसूल नहीं किये जाने के संबंध में कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं तथा उनके विरुद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दर्शाई गई हानि की वसूली के संबंध में क्या शासन इस प्रकरण का पुनरावलोकन कराते हुए वसूली की ठोस कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) डॉ. श्रीमती अशोका श्रीवास्‍तव, प्राचार्य एवं श्री जुगलकिशोर शर्मा, प्रयोगशाला तकनीशियन पर आरोप भिन्‍न-भिन्‍न होने के कारण                                            पृथक-पृथक अनुशासनिक अधिकारी द्वारा पृथक-पृथक जांच अधिकारी नियुक्‍त कर जांच कार्यवाही पूर्ण की गई है। अत: प्रकरण में नियम विरूद्ध जांच प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में आरोपित कर्मचारी श्री जुगल किशोर शर्मा, प्रयोगशाला तकनीशियन सेवक से रूपये 40,79,651/- की राशि वसूल होना थी। उसमें से रूपये 2,58,671/- की वसूली संबंधित को देय स्वत्वों से की जा चुकी है। संबंधित आरोपी कर्मचारी से रु. 38,20,980/- की वसूली शेष है। प्राचार्य, नीमच द्वारा शेष राशि की वसूली कर्मचारी की सामान्‍य भविष्‍य निधि से एवं राजस्व की भांति करने हेतु कलेक्टर, नीमच एवं तहसीलदार नीमच को पत्र लिखे गये है। (घ) पूर्व से ही हानि की वसूली कर्मचारी की सामान्‍य भविष्‍य निधि खाते से एवं भू-राजस्व की भांति करने हेतु कार्यवाही जारी है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

लोकार्पण कार्यक्रम में प्रोटोकाल उल्‍लंघन

[लोक निर्माण]

16. ( *क्र. 1220 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 24/11/2021 को तराना विधानसभा क्षेत्र के कायथा गाँव में विभाग द्वारा निर्मित पुल का लोकार्पण किया गया है? यदि हाँ, तो शिलालेख पर निर्वाचित क्षेत्रीय विधायक का नाम क्यों नहीं लिखा गया? (ख) विभाग द्वारा क्षेत्रीय विधायक को किस कारण से लोकार्पण कार्यक्रम के आमंत्रण से वंचित रखा गया? (ग) विभाग में संभाग, जिला, विकासखंड, तहसील स्तर पर प्रोटोकॉल पालन कराने का दायित्व किसे दिया गया है? लोकार्पण कार्यक्रम के आमंत्रण में अतिथियों को बुलाने का निर्धारण किसे दिया गया है? प्रोटोकॉल पालन के कौन से परिपत्रों में इस तरह के आचरण को लेकर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान है? उस प्रावधान के अंतर्गत दोषी अधिकारी पर कब तक दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी? (घ) विभाग द्वारा उक्त दोषी अधिकारी के गोपनीय चरित्रावली में इस आचरण को कार्यालय के सी.आर. चैनल अनुसार अभिलेखित कर सामान्य प्रशासन की कार्मिक शाखा को प्रतिवेदन कब तक भेजा जाएगा?                                    (ड.) क्या विभाग ने इस लोकार्पण कार्यक्रम में निर्वाचित क्षेत्रीय विधायक के अलावा जनपद अध्यक्ष, ज़िला पंचायत अध्यक्ष को आमंत्रित किया था? यदि नहीं, तो संवैधानिक व्यवस्था को भंग करने वाले विभागीय प्रोटोकाल अधिकारी और जिम्मेदार अधिकारी पर अवमानना के इस कृत्य पर क्या कार्यवाही की जा रही है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 24.11.2021 को तराना विधानसभा के कायथा गांव में विभाग द्वारा निर्मित किसी भी पुल का लोकार्पण नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। कलेक्टर जिला उज्जैन का उत्तर संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '' के अनुसार लोकार्पण कार्यक्रम के किसी प्रकार के आमंत्रण पत्र किसी को भी वितरित नहीं किये गये। (ग) प्रोटोकाल निर्धारित करने का अधिकार विभाग को नहीं है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश '' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में दोषी अधिकारी के गोपनीय चरित्रावली पर प्रतिकूल टीप अंकित करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) विभाग द्वारा लोकार्पण कार्यक्रम हेतु किसी प्रकार का आंमत्रण वितरित नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित                       नहीं होता।

परिशिष्ट - "चार"

 

मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट के यहां चल रहे प्रकरण

[पर्यावरण]

17. ( *क्र. 1283 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल निवासी महिदपुर रोड तह. महिदपुर जिला उज्‍जैन के प्रकरण जिसमें पर्यावरण विभाग ने मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट, उज्‍जैन के न्‍यायालय में वाद लगाया है, की अद्यतन स्थिति देवें। (ख) उपरोक्‍त प्रकरण में मान. न्‍यायालय के दिनांक 08.11.2021 के आदेश में उल्‍लेख है कि प्रकरण केंद्रीय आपराधिक पंजी में दर्ज किया जाए तो यह कर दिया गया है या नहीं? इसका अपराध क्रमांक भी देवें। (ग) इसी आदेश में अभियुक्‍तों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सूचना पत्र जारी करने का उल्‍लेख है, क्‍या यह सूचना पत्र जारी करके तामील करा दिया गया है? यदि हाँ, तो सूचना पत्र व तामीली पत्र की छायाप्रति देवें। (घ) यदि नहीं, तो कब तक सूचना पत्र जारी करके तामील कर दिया जाएगा? इसमें विलंब करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 8/11/2021 को अभियुक्त मेसर्स दिनेश पिता मॉगीलाल जैन के विरूद्व जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा-43,44 एवं 47 तथा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा-37, 38, 39 एवं 40 के उल्लघंन के फलस्वरूप अपराधों का संज्ञान लिया गया है एवं प्रकरण में बोर्ड द्वारा माननीय न्यायालय में आरसीटी क्रमांक 2949/2021 एवं 2948/2021 दिनांक 20/09/2021 को दायर किया गया है। अभियुक्तगण की उपस्थिति हेतु दिनांक 10/01/2022 को नियत किया गया है। (ख) जी हाँ। अपराध प्रकरण क्रमांक क्रमशः 169/21 धारा 379,414 भादवि एवं खनन अधिनियम, 1957 की धारा 4/21 है। (ग) दिनांक 10/12/2021 को सूचना पत्र तामिल कर दिया गया है। तामिली की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पांच"

नई शिक्षा नीति का क्रियान्‍वयन

[उच्च शिक्षा]

18. ( *क्र. 1417 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के क्रियान्‍वयन में म.प्र. में क्‍या-क्‍या कदम उठाये गये हैं? (ख) इस नीति के तहत प्रस्‍तावित स्‍वायत्‍त (वि.वि. से असम्‍बद्ध) उच्‍च शिक्षा संस्‍थान कितने स्‍थापित किये जा रहे हैं? रतलाम के शासकीय कॉलेजों के बारे में क्‍या योजना बनाई गई है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया। आयुक्त की अध्यक्षता में समन्वय प्रकोष्ठ का गठन किया गया। इसके साथ ही राज्य स्तरीय, संभाग स्तरीय एवं जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। महाविद्यालय स्तर पर प्राध्यापकों, विद्यार्थियों के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण, नवीन शिक्षा नीति को लागू करने हेतु अधिनियम 14A 14B को जारी किया गया। केंद्रीय अध्ययन मंडल द्वारा 1000 से अधिक ऑनलाइन बैठक कर 85 विषयों के पाठ्यक्रमों का निर्माण किया गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नही। प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों की तरह रतलाम के शासकीय महाविद्यालय के लिए अधिनियम क्रमांक 14B के अनुसार कार्यवाही किए जाने के निर्देश हैं।

मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास के कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( *क्र. 1231 ) श्री तरबर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बंडा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद, बण्डा में मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के तहत वर्ष 2017-18 से 2018-19 तक दो वित्तीय वर्ष में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य निर्धारित कार्य अवधि एवं कार्य पूर्ण अवधि के बाद भी प्रारंभ नहीं किये गये? प्रारंभ नहीं किये जाने का क्या कारण है और इसके लिए कौन दोषी है? (ग) जो कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किये गये, उनके टेंडर निरस्त क्यों नहीं किये गये? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) क्या शासन अक्षत कंस्‍ट्रक्शन को आवंटित कार्य निरस्त करके अन्य सक्षम फर्म को अवसर देगा? यदि हाँ, तो कब?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छ:"

चीनौर से भितरवार व्हाया करईया रोड का निर्माण

[लोक निर्माण]

20. ( *क्र. 1152 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधान सभा क्षेत्र में चीनौर से भितरवार व्हाया करईया रोड बहुत ही जर्जर हालत में है? इस रोड के निर्माण हेतु प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा वर्ष 2008 से लगभग प्रत्येक सत्र में रोड की हालत को दृष्टिगत रखकर शीघ्र निर्माण कराये जाने हेतु प्रश्‍न लगाये जाते रहे हैं। इस रोड को कब तक स्वीकृत कराकर निर्माण करा लिया जावेगा? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 30 नवम्बर, 2021 की स्थिति में लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस यंत्री के सुपरवि‍जन में किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा कराये जा रहे हैं? उनकी प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। वर्तमान में किसी योजना में स्‍वीकृत न होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।

स्थानांतरित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्राप्‍त स्थगन

[नगरीय विकास एवं आवास]

21. ( *क्र. 712 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सन् 2020-21 में धार, नगर पालिका में शासन स्तर से स्थानांतरित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया गया है?                                                (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर हाँ है तो क्या उक्त प्रकरणों में माननीय न्यायालय में स्थगन खारि‍ज करने हेतु विभाग द्वारा प्रतिउत्तर प्रस्तुत कर दिया गया है तथा माननीय न्यायालय में प्रकरण किस स्तर पर प्रचलित है? (ग) क्या वर्तमान में स्थगन प्राप्त अधिकारियों/कर्मचारियों का पूर्व में भी शासन स्तर से स्थानांतरण हुआ था तथा तब भी इन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्थगन प्राप्त किया था? यदि हाँ, तो क्या तत्कालीन समय में भी स्थगन पर विभाग द्वारा माननीय न्यायालय में प्रति उत्तर प्रस्तुत नहीं किये जाने से स्थगन के आधार पर ही संबंधित अधिकारी/कर्मचारी धार नगर पालिका में पदस्थ रहे हैं? (घ) क्या संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्थगन अवधि‍ में नगर के गरीब पात्र नगरवासियों के वितरण हेतु तैयार भूमि के पट्टे शाखा में दबा कर रखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों व पार्षदों को भ्रमित किया जा रहा था? जब तक की एक पार्षद द्वारा शाखा में जाकर स्वयं यह पट्टे व बस्ता परिषद की बैठक में नहीं लाये गये थे?                                                          (ड.) क्या इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय को शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्रवाई की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। माननीय न्‍यायालय द्वारा प्रकरण दिनांक07/12/2021 को निराकृत कर दिया गया है। (ग) जी हाँ। जी नही। विभाग द्वारा माननीय न्‍यायालय में यथासमय उत्‍तर प्रस्‍तुत किया गया था। (घ) संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्‍थगन अवधि में नगर के वर्ष 2018-2019 में लगभग 732 पात्र हितग्राहियों के पटटे वितरण की कार्यवाही में विलंब किया है। संभागीय संयुक्‍त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर से प्राप्‍त प्रतिवेदन में श्री अरविंद डोड राजस्‍व उप निरीक्षक नगर पालिका परिषद धार को लापरवाही बरतने के लिये उत्‍तरदायी बताया गया है। राजस्‍व उप निरीक्षक निकाय कर्मचारी है तथा उनके विरूद्व निकाय स्‍तर से ही कार्यवाही की जाना है। उक्‍त संबंध में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद धार को उपयुक्‍त कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है।

ग्राम पंचायतों को नगर परिषद का दर्जा प्रदान किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

22. ( *क्र. 1206 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत, इकलहरा को नगर परिषद बनाये जाने के संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय म.प्र. भोपाल के पत्र के आधार पर कार्यालय कलेक्टर, जिला छिंदवाड़ा द्वारा पत्र क्रमांक/233/जिशविअ/2021 छिंदवाड़ा, दिनांक 29.09.2021 तथा ग्राम पंचायत उमरेठ को नगर परिषद बनाये जाने के संबंध में पत्र क्रमांक/234/जिशविअ/2021 छिंदवाड़ा दिनांक 29.09.2021 जारी किया गया था। उन पत्रों पर संबंधित अधिकारी द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? अगर अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है तो उसका क्या कारण है? कब तक कार्यवाही को पूरा कर प्रस्ताव व आवश्‍यक दस्तावेज शासन/विभाग को प्रेषित कर दिये जायेंगे? (ख) ग्राम पंचायत, इकलहरा एवं ग्राम पंचायत, उमरेठ को नगर परिषद का दर्जा प्रदान किए जाने के संबंध में शासन/विभाग द्वारा कब तक आवश्‍यक कार्यवाही व अन्य औपचारिकताओं को पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) ग्राम पंचायत, इकलहरा एवं ग्राम पंचायत, उमरेठ को नगर परिषद का दर्जा कब तक प्रदान कर दिया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कलेक्टर जिला छिंदवाडा के पत्र क्रमांक 233/जिशविअ/2021 दिनांक 29.09.2021 एवं पत्र क्रमांक 234/जिशविअ/2021 दिनांक 29.09.2021 के परिप्रेक्ष्य में कार्यालय कलेक्टर के पत्र क्रमांक 341/जिशविअ/2021 दिनांक 7.12.2021 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परासिया से प्रस्ताव प्राप्त करने हेतु स्मरण-पत्र भेजा गया है। अतः उक्त स्थिति में शेषांश का प्रश्‍न ही नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

निर्माण स्वीकृति की शर्तों का उल्लंघन

[नगरीय विकास एवं आवास]

23. ( *क्र. 1188 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला नगर पालिका, छतरपुर क्षेत्र अंतर्गत बस स्टैंड, मस्जिद एवं सुलभ काम्‍पलेक्स के बीच रिक्शा स्टैंड स्थापित था? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उस पर भू-माफिया द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है? क्या उक्त रिक्शा स्टैंड को भू-माफिया से मुक्त कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या कार्यालय नगर पालिका, छतरपुर के पत्र क्रमांक/126, दिनांक 8/11/2021 एवं पत्र क्रमांक 5595, दिनांक 22/12/2020 को व्यवसाय भवन हेतु निर्माण स्वीकृति के उल्लंघन के संबंध में पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र जारीकर्ता अधिकारी का मूल पद एवं नाम बताएं। (घ) क्या शासन विधि सम्मत एवं समय सीमा पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं नगर पालिका छतरपुर द्वारा पत्र क्रमांक 126, दिनांक 08.11.2021 जारी नहीं किया गया है। मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी श्री ओमपाल सिंह भदौरिया द्वारा व्‍यवसाय भवन हेतु निर्माण स्‍वीकृति की शर्तों के उल्‍लंघन के संबंध में पत्र क्रमांक 5595, दिनांक 22.12.2020 को जारी किया गया है। (घ) प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

मार्ग का टेण्डर रिवाईज करने के संबंध में

[लोक निर्माण]

24. ( *क्र. 1119 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  भिण्ड जिले में SPTS सेंवड़ा (seonda) -पांडीर (pandir) -टेहनगूर (Tehangur) -सिंदौस (Sindhos) मार्ग के टेण्डर की लागत क्या थी? उसको पूर्ण करने का समय क्या था? क्या उक्त मार्ग के लागत को रिवाईज किया गया है? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत? विभाग के अनुसार टेण्डर को लागत के कितने प्रतिशत तक रिवाईज किया जा सकता है? क्या यह लागत को नियमानुसार रिवाईज किया गया है? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : प्रश्‍नांश लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से संबंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्‍त उत्‍तर पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

एम.डी.आर. सड़कों का निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

25. ( *क्र. 258 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत निर्मित सड़कें जो जिला मुख्यालय को जोड़ती है, उन्हें वर्ष 2016-17 के पश्चात एम.डी.आर. घोषित किया गया है, वह कौन-कौन सी सड़कें हैं? उनके नाम बतावें।                                               (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्तर में दर्शित सड़कों के संधारण का कार्य वर्ष 2016-17 के पश्चात कब-कब एवं कितनी-कितनी राशि का किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में दर्शित सड़कों में से विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत आने वाली सड़कों की दयनीय स्थिति है? यदि हाँ, तो उक्त सड़कों को चलने योग्य बनाने में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में दर्शित एम.डी.आर. सड़कों में से विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अंतर्गत आने वाली सड़कों का जीर्णोद्धार एवं मजबूतीकरण, टू लेन सड़क का निर्माण कब तक स्वीकृत किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2017 के पश्‍चात कोई सड़क एम.डी.आर. घोषित नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश '' के उत्‍तर में कोई मार्ग दर्शित नहीं होने से शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '' में कोई मार्ग दर्शित न होने से प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

 

 

 





भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर

स्‍वीकृत सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

1. ( क्र. 23 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 20202021 में विभाग द्वारा बजट में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से स्‍वीकृत किये गये? नाम, पता व राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करायी जावे व बजट में स्‍वीकृत आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करायी जावे। (ख) उक्‍त दोनों वर्षों में बजट में स्‍वीकृत कार्यों को एस.एफ.सी. की बैठक में रखकर प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्‍वीकृति की छायाप्रति उपलब्‍ध करायी जावे एवं कार्य की स्थिति बतायी जावे। यदि कार्यों की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी नहीं की गई तो क्‍यों? कब तक जारी की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार एवं बजट की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।

मड़ियादों को नगर पंचायत का दर्जा

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( क्र. 24 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नवीन नगर पंचायत गठन हेतु क्‍या योजना है? नियमावली की छायाप्रति उपलब्‍ध करायी जावे। प्रश्‍नकर्ता द्वारा पूर्व में मड़ियादों को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने हेतु विधान सभा में याचिका के माध्‍यम से अपनी बात रखी थी एवं कलेक्‍टर दमोह द्वारा शासन को प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया था, याचिका एवं प्रस्‍ताव पर आज दिनांक तक शासन स्‍तर से क्‍या कार्यवाही हुई? (ख) क्‍या 20 प्रतिशत राशि से जिला दमोह की हटा नगरपालिका एवं पटेरा नगर पंचायत अंतर्गत शासन स्‍तर पर प्रस्‍ताव लंबित हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्‍वीकृति प्रदाय की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा-5 ''नगरपालिका परिषदों तथा नगर परिषदों का गठन'' के अंतर्गत लघुत्तर नगरीय क्षेत्र के लिये नगर पालिका परिषद् तथा किसी संक्रमणशील क्षेत्र अर्थात ग्रामीण क्षेत्र से नगरीय क्षेत्र में संक्रमणगत क्षेत्र के लिये नगर परिषद् का गठन किये जाने का प्रावधान है। कलेक्टर दमोह के प्रस्तावानुसार ग्राम पंचायत मड़ियादों की वर्ष 2011 के अनुसार जनसंख्या 7923 है जो विभागीय अधिसूचना क्रमांक 64-एफ-1-19-2009-अठारह-3 भोपाल, दिनांक 27-12-2011 अनुसार जनसंख्या का मापदण्ड पूर्ण नहीं करने से ग्राम पंचायत मड़ियादों को नगर परिषद् का दर्जा दिया जाना संभव नहीं है। नियमावली की छायाप्रति जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नगरपालिका हटा से 02 कार्यों के प्रस्ताव क्रमश: पन्ना मार्ग से मछराई होते हुये मंदिर-मस्जिद चौराहे तक बीटी रिन्यूवल एवं नाली निर्माण कार्य (रूपये 40.04 लाख) तथा गांधी वार्ड हटा में बस स्टैण्ड से नाला पार करते हुये जनपद पंचायत के सामने तक सड़क एवं पुल निर्माण कार्य (रूपये 130.01 लाख), कुल राशि रूपये 170.05 लाख के प्राप्‍त हुए है। स्वीकृति वित्‍तीय संसाधन के अधीन होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। नगर परिषद् पटेरा को विशेष निधि (आरक्षित 20 प्रतिशत) मद से राशि स्वीकृति के संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये है।

इन्दौर नगर-निगम के मस्टर कर्मचारियों का विनियमितीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

3. ( क्र. 49 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर नगर-निगम पिछले 5 बार से स्वच्छता में पूरे देश में प्रथम स्थान पर है? यदि हाँ तो प्रथम स्थान पर आने पर नगर-निगम इन्दौर में कार्यरत सफाईकर्मी/मस्टरकर्मियों को क्या-क्या अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? (ख) क्या इन्दौर नगर-निगम में कार्यरत सफाईकर्मी/मस्टरकर्मी अत्यंत न्यूनतम वेतन पर कार्य कर रहे है? यदि हाँतो इनकी वेतन वृद्धि हेतु प्रयास किए जा रहे है? (ग) क्या इन्दौर नगर-निगम में कार्यरत सफाईकर्मी/मस्टरकर्मी को विनियमित करने का प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो इन्हें कब तक विनियमित किया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। इंदौर नगर निगम में कार्यरत स्‍थाई सफाई कर्मचारी/विनियमित सफाई कर्मचारी, मस्‍टर सफाई कर्मचारियों को वर्तमान में ईएसआईसी लागू योजना के साथ चिकित्‍सा बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के    साथ-साथ मौसमी सुविधाएं जैसे वर्षा ऋतु में बरसाती तथा कर्मचारियों को चिन्हित किये जाने हेतु पुरूष एवं महिलाओं को वर्दियाँ उपलब्‍ध कराई जा रही है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नगर पालिक निगम इंदौर को चुंगी क्षतिपूर्ति, स्टांप ड्यूटी, प्रवेश कर भुगतान के सम्‍बंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

4. ( क्र. 67 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार द्वारा नगर पालिक निगम इंदौर को चुंगी क्षतिपूर्ति, स्टांप ड्यूटी, प्रवेश कर आदि के लिए कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है कितने समय से नगर पालिक निगम इंदौर को भुगतान नहीं किया गया? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा नगर पालिक निगम को उक्‍त राशियों का भुगतान नहीं किया गया है? (ग) नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा ठेकेदारों को कितनी राशि का भुगतान के लिए कितनी राशि के बिल लंबित हैं? ठेकेदारों को कब तक भुगतान किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में नगर निगम, इन्‍दौर को चुंगी क्षतिपूर्ति (प्रवेश कर) एवं स्‍टांप डयूटी भुगतान एवं शेष राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नगर निगम इन्‍दौर को प्रश्नांश (क) अनुसार वित्‍तीय भुगतान प्राप्‍त आवंटन एवं व्‍यय सीमा अनुसार किया है। शेष राशि वित्‍त विभाग द्वारा निर्धारित व्‍यय सीमा अनुसार कोषालय से आहरण कर नगर निगम इंदौर को प्रदाय की जायेगी। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                 (ग) नगर निगम इंदौर में ठेकेदारों को लगभग राशि रूपये 3,12,02,89,819.00 का भुगतान किया जाना शेष है। ठेकेदारों को निगम की वित्‍तीय स्थिति अनुसार भुगतान की कार्यवाही प्रकियाधीन है। ठेकेदारों का भुगतान आय तथा आंवटन के अधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं।

परिशिष्ट - "सात"

केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रदाय राशि का दुरूपयोग

[ऊर्जा]

5. ( क्र. 86 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी द्वारा आई.पी.डी.एस. योजना का केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रदाय सामग्री इन्‍दौर ग्रामीण क्षेत्र मांगलिया की निजी कॉलोनी में लगी होना पाई गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो इसकी जांच कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कॉलोनी में मौके पर पंचनामा आदि कार्यवाही की गई थी? स्‍पष्‍ट करें। (ग) प.क्षे.वि.वि. कम्‍पनी द्वारा आई.पी.डी.एस. योजना अंतर्गत एक ही कार्य के बिलों में पुनरावृत्ति कर अधिक भुगतान कर कम्‍पनी को क्षति पहुंचाई गई है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कोई जांच प्रचलित है? स्‍पष्‍ट करें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में जांच में दोषियों पर क्‍या कोई कार्यवाही की जा रही है? क्‍या दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को नोटिस आदि जारी किये गये है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को नोटिस दिये गये? क्‍या जिन अधिकारियों/ कर्मचारियों को नोटिस दिये गये हैं वे सभी अधिकारी/कर्मचारी उसी शहर में कार्यरत हैं? क्‍या इससे जांच प्रभावित नहीं होगी? हां या नहीं? यदि हाँ, तो क्‍या उन्‍हें तत्‍काल अन्‍य जिले में पदस्‍थ कर स्‍पष्‍ट जांच कराई जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आई.पी.डी.एस. योजनान्‍तर्गत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी प्राप्‍त शिकायतों की जांच वर्तमान में प्रक्रियाधीन है तथा जांच पूर्ण होने के उपरांत ही प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित शिकायत के संबंध में सही एवं पूर्ण जानकारी दी जा सकेगी। (ख) प्राप्त शिकायत के आधार पर म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मैदानी अधिकारियों द्वारा इंदौर ग्रामीण के मांगलिया क्षेत्र की निजी कॉलोनी रामेश्‍वरधाम में मौका मुआयना कर निरीक्षण रिपोर्ट बनाई गई थी। वर्तमान में जांच प्रक्रियाधीन है। (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत आई.पी.डी.एस. योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई हैं। एक ही प्रकार की शिकायतें होने से समस्त शिकायतों की जांच सामूहिक रुप से करवाई जा रही है। प्रारंभिक जांच अनुसार कार्यों में कमी पाए जाने पर म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को क्षति होना परिलक्षित हुआ है तथापि एक ही कार्य की अधिक बिलों में पुनरावृत्ति किये जाने सहित जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जी हाँ, आई.पी.डी.एस. योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता पाये जाने पर संबंधित कार्मिकों के विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही आरंभ कर दी गई है, जिसके तहत नियमानुसार संबंधितों को नोटिस जारी किये गये हैं। उक्‍त कार्मिकों के नाम, पदनाम एवं पदस्‍थापना संबंधी विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जिन कार्मिकों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है वे पूर्व पदों पर पदस्थ नहीं है एवं अधिकांश कार्मिक उसी शहर में कार्यरत नहीं है। जी नहीं, नियमानुसार स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रुप से जांच कराई जा रही है अतः जांच प्रभावित होने का प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "आठ"

इन्दौर विकास प्राधिकरण के विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 155 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश में कितने प्रकरण और किस-किस योजना में और कब से विचाराधीन हैं? इन सभी पर अभी तक कितना विधिक व्यय हुआ है? (ख) इन्दौर विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में वर्ष 2010 से 2019 के मध्य कुल कितने प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय जिला न्यायालय से निराकृत हुए है? इन प्रकरणों की सूची और इनमें किसानों को दी गई मुआवजा राशि कितनी है और कितने किसानों में वितरित हुई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर विकास प्राधिकारी की विभिन्न योजनाओं में माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. के समक्ष वर्तमान में कुल 608 प्रकरण विचाराधीन है। इन सभी पर अभी तक कुल राशि रूपये 20,14,63,345/- का विधिक व्यय हुआ है। (ख) इंदौर विकास प्राधिकारी की विभिन्न योजनाओं में वर्ष 2010 से 2019 के मध्य कुल 1453 प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय जिला न्यायालय से निराकृत हुये है। न्यायालयवार प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इन प्रकरणों में माननीय न्यायालयों के आदेशानुसार कुल मुआवजा राशि रूपये 165,35,22,129/- कुल 339                                               भू-धारकों/किसानों को वितरित की गई है।

मदन महल-दमोह नाका फ्लाई ओवर के निर्माण के संबंध में

[लोक निर्माण]

7. ( क्र. 182 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या जबलपुर में निर्माणाधीन मदन महल-दमोहनाका फ्लाईओवर के वास्‍‍तविक मानचित्र में कुछ बदलाव किये गये है? यदि हाँ, तो क्‍या बदलाव हुये है? और अब तक उन बदलावों के कारण कितनी आपत्तियां प्राप्‍त हुई है? और वर्तमान में उन आपत्तियों की स्थिति क्‍या है? (ख) इस फ्लाई ओवर निर्माण में कितना भूमिग्रहण प्रस्‍तावित है? और इस प्रक्रिया से कितने परिवार और वाणिज्यिक संस्‍थान प्रभावित हुये है? भूमि अधिग्रहित लाभार्थियों को भूमि के एवज में दी जाने वाली राशि के भुगतान के संबंध में जानकारी देवें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।                    (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "नौ"

जबलपुर में नगरीय प्रशासन मद से स्‍वीकृत परियोजनायें

[नगरीय विकास एवं आवास]

8. ( क्र. 183 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जबलपुर में नगरीय प्रशासन मद से अब तक कितनी परियोजनाएं स्‍वीकृत की गई है? तत्बंध में विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या जबलपुर में आधे अधूरे नालों के निर्माण, गढ़ा में ओवरहेड पानी की टंकी एवं तालाबों के पुनरूद्धार की परियोजनाएं लंबित है? यदि हाँ, तो तत्बंधी ब्‍यौरा देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगमजबलपुर में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा स्‍वीकृत परियोजनाओं का विवरण:- 1. अमृत योजनांतर्गत (जल एवं सीवर) 2. प्रधानमंत्री आवास योजना 3. मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना। विस्‍तृत जानकारी अमृत योजनांतर्गत पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘‘’’ अनुसार है, प्रधानमंत्री आवास योजना पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘‘’’ अनुसार एवं मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘‘’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु गढ़ा अंतर्गत नवनिवेश कालोनी में 05 लाख गैलन क्षमता की एक उच्‍च स्‍तरीय टंकी का निर्माण कार्य नगर निगम द्वारा स्‍वीकृत किया गया है।

नगर परिषद् सिरमौर अंतर्गत स्वीकृत आवासों का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( क्र. 231 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् सिरमौर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कुल कितने आवास स्वीकृत किये गए थे? कुल ऐसे कितने स्वीकृत आवास हैं जिनकी अभी तक प्रथम किश्त जारी नहीं की जा सकी है? कारण सहित विवरण उपलब्ध करावें। (ख) नगर परिषद् सिरमौर अंतर्गत कुल ऐसे कितने आवास हैं जिनकी द्वितीय किश्त अभी तक लंबित है? क्यों? वित्तीय वर्ष में स्वीकृत आवासों के भुगतान की प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर‍ परिषद् सिरमौर अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कोई आवासीय परियोजना स्‍वीकृत नहीं है। उक्‍त प्रकाश में शेषांश निरंक है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। द्वितीय किश्त का भुगतान आवास निर्माण कार्य लिंटल स्तर तक पूर्ण होने पर जिओ-टैंगिंग के अनुसार किया जाता है। अतः जिन हितग्राहियों ने लिंटल स्तर तक निर्माण नहीं किया है, उनकी द्वितीय किश्त की राशि वांछित भौतिक प्रगति पूर्ण होने के उपरांत मुक्त हो सकेगी। आवास निर्माण की किश्तों के भुगतान की प्रक्रिया भौतिक प्रगति पर आधारित है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "दस"

खराब विद्युत केबिल एवं ट्रांसफार्मर को बदलने के संबंध में

[ऊर्जा]

10. ( क्र. 238 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) विकासखण्ड सिरमौर एवं जवा अंतर्गत ऐसे कितने स्थान हैं जहाँ विद्युत केबिल एवं वितरण ट्रांसफार्मर जले होने के कारण विद्य़ुत व्‍यवस्‍था बाधित हो रही है? वितरणग्‍ केन्‍द्रवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांक (क) के प्रकाश में ऐसे स्थलों में कब तक नवीन विद्युत केबिल एवं ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराये जा सकेंगे? (ग) विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत उपरवार, कंचनपुर सेंहुड़ा, कोनीकला की खराब विद्युत केबिल कब तक बदली जा सकेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विकासखण्ड सिरमौर एवं जवा में क्रमश: 37 एवं 18 स्‍थानों पर निम्‍नदाब विद्युत केबिल एवं क्रमश: 33 एवं 6 स्‍थानों पर वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गयी वितरण केन्‍द्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। उक्‍त विकासखण्‍डों के खराब केबिल वाले स्‍थानों पर समीप स्थित विद्युत अधोसंरचना से वैकल्पिक व्‍यवस्‍था कर सभी संबद्ध उपभोक्‍ताओं को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्‍त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण प्रचलित नियमानुसार इन्‍हें बदला नहीं गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित स्थानों पर जली/खराब निम्‍नदाब विद्युत केबिल को बदलने की कार्यवाही जारी है एवं उक्‍त कार्य को दो माह के अंदर पूर्ण किये जाने के प्रयास हैं। उत्‍तरांश (क) में दर्शाए गए शेष जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर बदला जा सकेगा, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत उपरवार, कंचनपुर, सेंहुड़ा एवं कोनीकला में जली/खराब केबिल में सुधार कार्य कर सभी विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जा रहा है। तथापि खराब केबिल को बदलने की कार्यवाही की जा रही है, जिसे दो माह में पूर्ण किये जाने के प्रयास हैं।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

बी.एल.सी. हितग्राहियों को शेष राशि का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( क्र. 247 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कच्चे मकानों को तोड़कर पक्के मकानों का निर्माण हेतु नगर पालिक परिषद् दमोह के द्वारा बी.एल.सी. हेतु अलग-अलग डी.पी.आर. के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक मकानों के निर्माण हेतु कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं प्रतिवर्ष अनुसार हितग्राहियों की सूची बतावें? (ख) डी.पी.आर. 1, 2, 3, 4, 5 एवं 6 अंतर्गत कितने हितग्राहियों को ₹200000 दिए जा चुके हैं डी.पी.आर. के आधार पर सूची देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार डी.पी.आर. के आधार पर सभी हितग्राहियों को उनके खाते में शेष राशि ₹50000 दी जा चुकी है। यदि हाँसूची देवें? यदि नहीं तो कब तक दी जाएगी? ( घ) प्रश्नांश (ख) डी.पी.आर. सूची अनुसार डी.पी.आर. में के हितग्राहियों को शेष राशि कब तक दी जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त आवेदनों एवं स्वीकृत परियोजनाओं (डी.पी.आर.) की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार एवं हितग्राहियों की सूची की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश '''' के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' की जानकारी अनुसार केवल 05 डी.पी.आर. स्वीकृत है। परियोजनावार राशि रू. 2.00 लाख भुगतान किये गये हितग्राहियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार एवं सूची की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-1'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश '''' में उल्लेखित समस्त हितग्राहियों को राशि रू. 50,000/- प्रदान नहीं की गई है। अपितु कार्य पूर्णता की भौतिक प्रगति के आधार पर तृतीय किश्त (अंतिम किश्त) राशि रू. 50,000/- प्रदाय की गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार एवं सूची की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स-1'' अनुसार है। शेष हितग्राहियों हेतु शेष राशि की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश '''' डी.पी.आर. सूची अनुसार हितग्राहियों को राशि निर्धारित स्तर तक कार्य पूर्ण होने के पश्चात भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर प्रदाय की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जल प्रदाय योजना की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

12. ( क्र. 260 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के नगर सारंगपुर की जल प्रदाय योजना का निर्माण कार्य किस दिनांक से प्रारंभ किया गया था? एवं किस दिनांक को पूर्ण हो चुकी है? जल प्रदाय योजना का प्रारंभ करने की दिनांक तथा पूर्ण करने की दिनांक बतावें? यदि कार्य पूर्ण हो गया हो तो क्या निर्माण एजेंसी को कार्य का अंतिम भुगतान हो चुका है? अंतिम भुगतान करने की तिथि बतावें?   (ख) यदि प्रश्नांश (क) के उत्तर में कार्य का अंतिम भुगतान नहीं किया गया है तो निर्माण एजेंसी के द्वारा क्या-क्या कार्य पूर्ण करवाना शेष है? तथा कितनी राशि के शेष है? शेष कार्य को कब तक पूर्ण करवाया जावेगा? एवं नगरवासियों को शुद्ध जल कब तक प्रदान कर दिया जावेगा? (ग) क्या मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा अधूरी नल-जल योजना का ठेकेदार से अधिग्रहित (Takeover) कर ली गई है? तो उस अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई है तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका सारंगपुर की जलप्रदाय योजना का कार्य दिनांक 27.02.2016 को प्रारंभ किया गया था। वर्तमान में योजना का कार्य प्रगतिरत होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष कार्य व शुद्ध जल की आपूर्ति का कार्य मार्च 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जी हाँ। तत्‍कालीन (सेवानिवृत्‍त) मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी को नियम विरूद्ध कार्यवाही करने के संबंध में प्रशासक नगरपालिका परिषद् द्वारा दिनांक 11.10.2021 को नोटिस जारी कर संभागीय कार्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल संभाग से जांच का अनुरोध किया गया है। संभागीय कार्यालय में जांच प्रचलन में है।

परिशिष्ट - "बारह"

आंतरी से भीलसैया रोड निर्माण

[लोक निर्माण]

13. ( क्र. 317 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किवित्‍तीय वर्ष 2021-22 के विधान सभा के बजट सत्र में विधान सभा क्षेत्र जौरा के आंतरी से भीलसैया तक का रोड निर्माण कार्य स्‍वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक इसकी टेण्‍डर प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों? कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जी हाँ, वित्‍तीय वर्ष 2021-22 के बजट में सम्मिलित ''कॉलेज रोड से भिलसैया मार्ग'' की प्रशासकीय स्‍वीकृति शासन द्वारा दिनांक 29.09.2021 को जारी की जा चुकी है। जी नहीं। कार्य प्रारम्‍भ नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

पावर हाउस की राख का उपयोग

[लोक निर्माण]

14. ( क्र. 328 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्र.क्र. 2283 दिनांक 5/3/2021 में विगत तीन वर्षों में राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 के जबलपुर लखनादौन ख.रा.रा.मा.क्र. 52 के ब्‍यावरा देवास अ-खण्‍ड, रा.रा.मार्ग 69 के अब्‍दुल्‍लागंज इटारसी खण्‍ड एवं रा.रा.मार्ग क्र. 12 के लालघाटी खण्‍ड में सतपुड़ा थरमल पावर स्‍टेशन सारनी से प्राप्‍त कुल 63761 मेट्रिक टन राख का उपयोग किया गया है जानकारी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7, मार्ग क्रमांक 52, मार्ग क्रमांक 69 एवं मार्ग क्रमांक 12 की डी.पी.आर. में कितनी-कितनी राख इम्‍बकमेन्‍ट में, फ्लाई ओवर, ओवर ब्रिज, पुल पुलिया में उपयोग किए जाने का प्रावधान किया गया है? (ग) डी.पी.आर. में किए गए प्रावधान के अनुसार पावर हाउस की राख का उपयोग सड़क निर्माण में नहीं किए जाने पर निर्माणकर्ता विभाग एवं उसके अनुबंधकर्ता के विरूद्ध राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं की हो तो कारण बतावें। कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग से सबंधित नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार।

नवीन विद्युत ग्रिड की स्वीकृति के सम्बन्ध में

[ऊर्जा]

15. ( क्र. 443 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यावरा विधानसभा के ग्राम अरनिया व पलासी में नवीन 33/11 केव्‍ही उपकेन्‍द्र स्‍वीकृत हुये हैं, यदि हाँ, तो स्वीकृति दिनांक सहित स्वीकृत आदेश बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो किस दिनांक को कार्य प्रारम्भ हुआ? प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति 33/11 केव्‍ही उपकेन्‍द्र में कितने प्रतिशत कार्य हो गया है? (ग) यदि (ख) अनुसार यदि कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? या पूर्ण नहीं हुआ? तो प्रारंभ नहीं होने, पूर्ण नहीं होने का कारण बताएं? (घ) विभाग स्वीकृत 33/11 केव्‍ही उपकेन्‍द्र को कब तक पूर्ण कर देगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अरनिया व पलासी में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र हेतु प्रशासकीय आदेश जारी नहीं किये गये हैं। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

सौभाग्‍य योजना अंतर्गत कराये गये कार्य

[ऊर्जा]

16. ( क्र. 481 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) विभाग द्वारा रीवा जिले में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत किस-किस क्षेत्र में क्‍या-क्‍या कार्य, किन ठेका कंपनियों से, कितनी-कितनी राशि के वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये हैं? उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? (ख) क्‍या रीवा जिले में सौभाग्‍य योजना अन्‍तर्गत प्रश्नांश (क) अवधि के समस्‍त कार्यों का भुगतान ठेका कंपनियों को कर दिया गया है? यदि हाँ, तो सूची देवें। यदि नहीं तो किनका भुगतान नहीं किया गया है, की जानकारी देवें। संबंधितों को भुगतान कब तक किया जावेगा? ठेका कंपनियों को भुगतान न किये जाने का क्‍या कारण है? (ग) क्‍या रीवा जिले में सौभाग्‍य योजना अन्‍तर्गत कराये गये सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं तो अपूर्ण कार्य एवं स्‍थान की जानकारी देवें। (घ) रीवा जिले के ग्राम सगरा, वार्ड-16 में वर्ष 2019 से अभी तक सौभाग्‍य योजना तथा अन्‍य किसी योजना अन्‍तर्गत कराये गये सभी कार्यों की जानकारी देवें। उन कार्यों में से पूर्ण कार्य/अपूर्ण कार्यों की जानकारी देवें व उनमें से कौन से कार्यों को किस दिनांक से चालू कर विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है? क्‍या वार्ड -16 में टूटे हुये तारों से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? क्‍या कोई अन्‍य कार्य कराया जाना है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जिला रीवा में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक सौभाग्य योजनांतर्गत कराये गये कार्यों की प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। योजनांतर्गत प्रस्तावित सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। (ख) जी नहीं, जिला रीवा में सौभाग्य योजनांतर्गत उक्त अवधि में कराये गये समस्त कार्यों का भुगतान ठेकेदार एजेंसियों को नहीं किया गया है। भुगतान हेतु शेष ठेकेदारों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। योजनांतर्गत किये गये कार्यों में अनियमितता की शिकायत की जांच प्रक्रियाधीन होने के कारण भुगतान नहीं किया गया है। जांच कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत शेष भुगतान किया जाना संभव हो सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                                              (ग) जिला रीवा में सौभाग्य योजना अंतर्गत प्रस्तावित सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। (घ) जिला रीवा के ग्राम सगरा वार्ड 16 में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक सौभाग्य योजना अंतर्गत लाईन विस्तार का कोई कार्य नहीं कराया गया है। उक्‍त अवधि में जिला क्रय समिति द्वारा विद्युतीकरण के कार्य कराये गये हैं जो पूर्ण हो चुके हैं एवं उनसे सतत् विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। जी नहीं, ग्राम सगरा के वार्ड क्र. 16 में टूटे हुये तारों से नहीं अपितु पूर्व स्थापित वर्तमान में संधारित विद्युत लाईनों से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। जी नहीं, ग्राम सगरा के वार्ड क्रं. 16 में वर्तमान में कोई अन्य कार्य कराया जाना प्रस्‍तावित नहीं है।

सेंधवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सीवरेज लाईन कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

17. ( क्र. 545 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सेंधवा शहर में सीवरेज लाइन कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है तथा सीवरेज परियोजना का कब तक कार्य पूर्ण होगा?                          (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये कार्य क्‍या समय-सीमा में पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित क्रियान्‍वयन एजेंसी के विरूद्ध अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) सेंधवा शहर की शिव कॉलोनी में शेष रहा सीवरेज लाईन का कार्य कब तक पूर्ण होगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अनुबंध अनुसार कार्य की कुल लागत राशि रूपये 78.55 करोड़ स्वीकृत की गई है जिसमें निर्माण एवं 10 वर्ष का संचालन संधारण सम्मिलित है। सीवरेज योजना का कार्य दिनांक 31.12.2022 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है।   (ख) जी नहीं। कोविड-19 के प्रकोप एवं विभिन्न कारणों से कार्य में विलंब हुआ है। ठेकेदार द्वारा किये गये विलम्ब के लिये चलित देयक में से अनुबंध के प्रावधानानुसार लिक्विडेटिड डैमैज़स के लिये कटौती की जा रही है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) शिव कॉलोनी के 80% भाग में कार्य हो चुका है, शेष भाग के लिये तकनीकी आंकलन किया जा रहा है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बी.पी.एल. कार्डधारक उपभोक्‍ता के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

18. ( क्र. 546 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् सेंधवा सीमान्‍तर्गत बी.पी.एल. कार्डधारक उपभोक्‍ताओं का सर्वे (सत्‍यापन) कार्य डोर-टू-डोर कब से कब तक चलाया गया? इसमें कितने कार्डधारक फर्जी/अपात्र पाये गये? इनमें से कितने उपभोक्‍ताओं के नाम काटे गये एवं कितने उपभोक्‍ताओं के नाम जोड़े गये तथा कितने नाम जोड़ना बकाया है एवं क्‍यों? कितने कार्डधारक उपभोक्‍ता के मुखिया के नाम का नाम परिवर्तित किया गया एवं कितने शेष हैं एवं क्‍यों? वार्डवार सितम्‍बर 2021 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) कार्डधारक कितने उपभोक्‍ता पात्रता पर्ची से वंचित हैं एवं क्‍यों? कितने उपभोक्‍ताओं का नाम खाद्यान्‍न वितरण करने वाली सूची में दर्ज न होने से खाद्यान्‍न से वंचित है तथा कितने उपभोक्‍ताओं का पात्रता पर्ची बनाकर उनके नाम खाद्यान्‍न वितरण करने वाली सूची में जोड़े गए हैं? वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत कितने कार्डधारक उपभोक्‍ताओं को आधार कार्ड रीडिंग से जोड़ा गया है एवं कितने कार्ड धारकों का नाम जोड़ना बाकी है एवं क्‍यों? वार्डवार मार्च 2020 से मार्च 2021 तक की जानकारी दें। (ग) नगरीय प्रशासन विभाग सेंधवा ने डोर-टू-डोर सर्वे कार्य मे लापरवाही करने भेदभाव पूर्वक नाम काटने अनियमितता करने की प्राप्‍त शिकायतों पर दोषी कर्मचारियों/ अधिकारियों पर कब क्‍या कार्यवाही की है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका सेंधवा सीमा क्षेत्रान्तर्गत बी.पी.एल.कार्डधारियों के उपभोक्ताओं का सर्वे (सत्यापन) कार्य डोर-टू-डोर वर्ष 2020 में चलाया गया, जिसमें 4979 कार्डधारक मौके पर निवासरत नहीं, आधार विहीन या अपात्र पाये गये। इनमें से 4979 उपभोक्ताओं के नाम काटे गये एवं 648 नाम जोड़े गये तथा किसी का नाम जोड़ना बकाया नहीं है। 17 कार्डधारक उपभोक्ताओं के मुखिया का नाम परिवर्तन एवं वार्ड परिवर्तन किया गया कोई शेष नहीं है। वार्डवार सितंबर 2021 तक की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्डधारक कोई उपभोक्ता पात्रता पर्ची से वंचित नहीं है। कोई भी उपभोक्ता का नाम खाद्यान्न वितरण करने वाली सूची में दर्ज न होने से खाद्यान्न से वंचित नहीं है तथा 2918 उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची बनाकर उनके नाम खाद्यान्न वितरण करने वाली सूची में जोड़े गये हैं। वन नेशन कार्ड योजना के तहत 42625 कार्डधारक उपभोक्ताओं को आधार सीडिंग से जोड़ा गया है एवं किसी भी कार्डधारक का नाम जोड़ना बाकी नहीं है। वार्डवार सितंबर 2021 तक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ग) नगरपालिका सेंधवा को डोर-टू-डोर सर्वे कार्य में किसी भी कर्मचारी द्वारा लापरवाही एवं भेदभाव पूर्वक नाम काटने की कोई अनियमितता नहीं पाई गयी और न ही कोई दोषी पाये गये इसलिये किसी भी कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मार्ग निर्माण

[लोक निर्माण]

19. ( क्र. 628 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बजट वर्ष-2021-22 में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से मार्गों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी? लम्बाई सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत मार्गों के निर्माण हेतु क्या राशि का प्रावधान कर दिया गया? यदि हाँ, तो इनका निर्माण किस प्रकार से कब तक प्रारम्भ होगा? यदि नहीं तो कब तक कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों के अलावा क्षेत्र अंतर्गत अन्य कौन-कौन से मार्गों का निर्माण होना आवश्यक है? इनके निर्माण के प्रस्ताव किस स्तर पर कहाँ लंबित हैं तथा उनकी स्वीकृति किस प्रकार से कब तक प्रदान कर मार्गों का निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मार्गों का निर्माण निर्धारित प्रक्रिया से निविदा उपरांत कराया जायेगा। वर्तमान में निश्चित    समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्‍न प्रपत्र-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "तेरह"

कार्यरत संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों का नियमितीकरण

[ऊर्जा]

20. ( क्र. 654 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कर्मचारियों को नियमितीकरण किये जाने का कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2019 में संविदा कर्मियों को नियमित करने एवं आउटसोर्स कर्मियों को संविदा नियुक्ति देने एवं अन्य समस्याओं के समाधान हेतु समिति का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त समिति द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करायें? (ग) क्या विद्युत विभाग में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों द्वारा कम वेतन एवं बिना किसी सुविधा के अपनी जान जोखिम में डालकर सेवायें प्रदान की जा रही हैं तथा समय-समय आउटसोर्स कर्मियों ने शासन को अपनी पीड़ा से अवगत भी कराया है? क्या शासन इन्हें संविदा नियुक्ति प्रदान करेगायदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, तथापि विद्युत कंपनियों में कार्यरत संविदा कार्मिक उक्‍त कंपनियों में प्रचलित ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधन नियम, 2018'' से शासित होते हैं, जिसमें सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में से निर्धारित प्रतिशत पद, संविदा कार्मिकों हेतु आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार, प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित मुद्दों के समाधान हेतु किसी समिति का गठन नहीं किया गया था, अपितु कर्मचारी संगठनों से प्राप्‍त गैर वित्‍तीय भार मांगों से संबंधित अभ्‍यावेदनों पर सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 09.02.2019 द्वारा विचार कर निर्णय लेने हेतु मंत्रि-परिषद् समिति का गठन किया गया था। जिसकी प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। समिति द्वारा बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 30.08.2019 द्वारा गठित मंत्रि-परिषद् समिति की सहायता के लिए एक उप समिति गठित की गई है। वर्तमान में मंत्रि-परिषद् समिति अस्तित्‍व में नहीं है। (ग) विद्युत कंपनियों द्वारा आवश्‍यकतानुसार बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्सियों के माध्‍यम से आउटसोर्स कार्मिकों का नियोजन किया जाता है। उक्‍त आउटसोर्स कार्मिक बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्सियों के कर्मचारी होते हैं एवं उक्‍त कार्मिकों को बाह्य स्‍त्रोत एजेन्सियों द्वारा कलेक्‍टर दर से भुगतान तथा अन्‍य सुविधाएँ जैसे ई.पी.एफ., ई.एस.आई.सी. एवं बोनस का भुगतान किया जाता है। आउटसोर्स कार्मिक के पद के अनुरूप उनसे सेवा प्राप्‍त की जा रही है। विद्युत सुधार एवं रख-रखाव के कार्य से संबंधित आउटसोर्स कार्मिकों को आवश्‍यक सुरक्षा उपकरण उपलब्‍ध कराये जाते हैं। कार्य के दौरान घटित दुर्घटना से मृत्‍यु/विकलांगता से प्रभावित होने पर आउटसोर्स कार्मिकों को नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "चौदह"

विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन सड़क/पुल एवं उन्‍नयन

[लोक निर्माण]

21. ( क्र. 731 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने नवीन सड़क निर्माण कार्य एवं उन्नयन कार्य के साथ ही पुल निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं? कार्यवार प्रस्तावित कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्रस्तावित सड़क/पुल एवं उन्नयन कार्यों हेतु विभागीय स्तर से स्वीकृति प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासन विधानसभा क्षेत्र विदिशा के ग्राम सांगई के पास नेमन नदी पर स्थित पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त पुल निर्माण कार्य जिसके कारण आवागमन अवरूद्ध हो गया है एवं ग्राम अंडिया सांगई से अहमदपुर सूरोद रोड प्रधानमंत्री सड़क तक सड़क निर्माण कार्य योजनांतर्गत बजट का प्रावधान स्वीकृत किए जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) ग्राम सांगई के पास नेमन नदी पर पुल का निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत नहीं है, अपितु जल संसाधन विभाग के अंतर्गत है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। ग्राम अंडिया सांगई से अहमदपुर मसौद रोड लंबाई 11.00 कि.मी. की स्थिति सामान्य है। कि.मी. 4 से 8 के नवीनीकरण की निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

नगरीय क्षेत्र में निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

22. ( क्र. 732 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर विदिशा स्थित वार्ड क्रमांक 39 टीलाखेडी एवं करैयाखेडा रोड बस्ती वार्ड क्रमांक 34 में पानी की टंकी निर्माण कार्य एवं सड़क निर्माण कार्य के साथ ही वार्ड क्रमांक 1 में स्ट्रीट लाईट एवं पुलिया निर्माण कार्य बजट में शामिल कर कब तक स्वीकृत किए जायेगे?         (ख) नगर विदिशा अंतर्गत अवैध कालोनियों में स्ट्रीट लाईट एवं सड़क, नाली निर्माण कार्य के लिए कोई प्रावधान है? यदि नहीं तो कारण सहित जानकारी दें। क्या शासन जनहित की दृष्टि से ऐसी कालोनियों में निर्माण कार्य कराये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विदिशा नगर के वार्ड क्रमांक 39 टीलाखेडी एवं वार्ड क्रमांक 34 करेयाखेडा रोड बस्‍ती के अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल एवं सड़क व्‍यवस्‍था एवं वार्ड क्रमांक 01 में स्‍ट्रीट लाईट व्‍यवस्‍था पूर्व से ही है, प्रश्‍नांकित क्षेत्रों का विस्‍तृत सर्वेक्षण उपरान्‍त आवश्‍यक होने पर नगरपालिका, विदिशा द्वारा पानी की टंकी, सड़क, स्‍ट्रीट लाईट एवं पुलिया के निर्माण हेतु बजट में प्रावधान कर नियमानुसार सक्षम स्‍वीकृति प्राप्‍त की जायेगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। कालोनी का निर्माण अनाधिकृत रूप से होने के कारण कोई प्रावधान नहीं है। जी हाँ। अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना के समुचित विकास को सुनिश्चित करने के लिए म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 के सुसंगत उपबन्‍धो में संशोधन कर दिए गए है, संशोधित उपबन्‍धों को विहित करने के लिए नियम बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आई.पी.डी.एस. स्कीम

[ऊर्जा]

23. ( क्र. 739 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत ट्रांसफार्मर, केबल आदि लगाए गए हैं? यदि हाँ, तो इन्‍दौर शहर वृत्‍त के किस-किस संभाग में ट्रांसफार्मर,केबल आदि लगाये गये हैं? (ख) लगाई गई सामग्री बाजार में विक्रय हेतु पहुँच गई है। क्या इसकी कोई विभागीय जांच या अन्य कोई जांच की गई? जांच एजेंसी का नाम एवं दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम तथा इससे कम्पनी को कितना नुकसान हुआ? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत संचालन/संधारण-वृत्‍त इंदौर शहर के उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम एवं मध्य शहर संचालन-संधारण संभागों में विद्युत ट्रांसफार्मर, केबल आदि लगाये गये हैं। (ख) जी नहीं, प्रारंभिक जाँच में ऐसे कोई तथ्‍य परिलक्षित नहीं हुए हैं। म.प्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत आई.पी.डी.एस. योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई हैं। एक ही प्रकार की शिकायतें होने से समस्त शिकायतों की जांच सामूहिक रुप से करवाई जा रही है। शिकायतों की जांच के लिये अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच दल बनाये गये हैं, जिनमें कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री स्तर के अधिकारी शामिल है। इंदौर शहर वृत्त के अंतर्गत प्रारंभिक जांच में पाई गई अनियमितताओं हेतु प्रथम दृष्‍टया दोषी अधिकारियों के नाम एवं पदनाम की सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। इंदौर शहर वृत्‍त अंतर्गत उक्‍त अनियमितता में हुए नुकसान की सम्‍पूर्ण गणना विभागीय जांच पूर्ण होने के उपरांत की जा सकेगी, वर्तमान में विभागीय जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रारंभिक जांच में पाई गई अनियमितताओं हेतु प्रथम दृष्‍टया दोषी पाए गए अधिकारियों के विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जा रही है, जो कि वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

नागदा-खाचरौद क्षेत्र की रोडों की स्वीकृति

[लोक निर्माण]

24. ( क्र. 740 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री के पत्र क्रं. 2615/सीएमएस/एमएलए/212/2020, दिनांक 06/08/2020 व पत्र क्र. 591/सीएमएस/एमएलए/212/2021, दिनांक 12/01/2021 द्वारा नागदा-खाचरौद क्षेत्र में किसी भी योजना में स्वीकृति करने हेतू (1) नरेडी हनुमान से खाचरौद, (2) भैंसोला से घिनोदा मार्ग, (3) खुरमुण्डी से झिरमिरा, दिवेल होते हुए तारोद मार्ग कुल 3 सडकों के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव पर कार्यवाही करते हुए स्वीकृति हेतु प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग वित्त विभाग को प्रेषित किए गए थे? यदि हाँ, तो वित्त विभाग द्वारा उक्त रोडों की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं की गई तो क्यों? उक्त सड़कों की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र की कितनी सड़कों के प्रस्ताव वित्त विभाग के पास स्वीकृति हेतु लंबित हैं? सड़कों के नाम सहित विवरण दें। उक्त सड़कों का कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। वित्‍तीय संसाधन की उपलब्‍धता सीमित होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) कोई नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

वैध कालोनियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

25. ( क्र. 747 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वैध कॉलोनी निर्माण हेतु क्‍या-क्‍या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नियम के तहत जबलपुर/मंडला /डिण्‍डौरी में कुल कितनी कॉलोनी हैं? कॉलोनी की नाम, स्‍थान, कॉलोनी खसरा नं, रकवा बताएं एवं कितनी कॉलोनी नियमानुसार पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्‍त किये हैं, कितने प्रमाण पत्र प्राप्‍त नहीं किये हैं, कॉलोनीवार जानकारी दें। (ग) क्‍या म.प्र. के सभी कालोनी नियमानुसार हैं एवं पूर्ण हैं? अगर हाँतो बतावें मण्‍डला, डिण्‍डौरी, जबलपुर में कई कॉलोनियों ये सड़क, पार्किंग, नाली आदि की समस्‍या क्‍यों है? इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. में विकसित की जाने वाली कॉलोनियों का विकास करने की अनुमति म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के प्रावधान अंतर्गत जारी की जाती है। (ख) नगर निगम जबलपुर सीमा क्षेत्रान्‍तर्गत कॉलोनाईजर द्वारा निर्मित कुल 506 कॉलोनियां हैं कुल 313 कॉलोनियों द्वारा नियमानुसार पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्‍त किये हैं तथा 191 कॉलोनियों द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्‍त नहीं किये हैं। कॉलोनी का नाम, स्‍थान, कॉलोनी खसरा न. रकबा सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। जबलपुर, मण्‍डला एवं डिण्‍डौरी जिले की समस्‍त नगरीय निकायों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपूर्ण एवं अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाऍं उपलब्‍ध नहीं कराने पर नियमानुसार जिम्‍मेदारी तय की जाती है।

स्‍वीकृत पेयजल योजना की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

26. ( क्र. 756 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा ब्‍यावरा जिला राजगढ़ के नगर पालिका ब्‍यावरा व नगर परिषद् सुठालिया में पेयजल योजना स्‍वीकृत है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को स्‍वीकृत हुई? (ख) उक्‍त निकायों में पेयजल हेतु कहाँ-कहाँ से पानी लाया जा रहा है व प्रश्नांश (क) का उत्‍तर यदि हाँ, है तो प्रश्‍न दिनांक तक दोनों निकायों को कितनी-कितनी राशि दी गई? दिनांक सहित बतावें। (ग) क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक दोनों निकायों में कार्य शत् प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो निकायों में आठ दिनों में एक बार नल में पानी क्‍यों आ रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार यदि नहीं तो दोनों निकायों में पेयजल व्‍यवस्‍था कार्य कब तक पूर्ण होगा व प्रतिदिन आम जनता को पानी उपलब्‍ध होगा? समय-सीमा में कार्यपूर्ण न होने की स्थिति में दोषी कौन है व क्‍या कार्यवाही होगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका ब्‍यावरा की पेयजल योजना दिनांक 27.07.2015 एवं नगर परिषद् सुठालिया की पेयजल योजना 01.09.2015 को स्‍वीकृत की गई है। (ख) नगर पालिका ब्‍यावरा में पेयजल हेतु कुशलपुरा डेम तथा घोड़ापछाड़ नदी से एवं नगर परिषद् सुठालिया में पेयजल हेतु पार्वती नदी से पानी लाया जा रहा है। नगर पालिका ब्‍यावरा को उक्‍त योजनांतर्गत राशि रू 927.93 लाख तथा नगर परिषद् सुठालिया को राशि रू 1053.90 लाख की प्रदान की गई है। राशि जारी करने के दिनांक की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। नगर पालिका ब्‍यावरा में उक्‍त योजना का कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है, शेष कार्य प्रगति पर है तथा योजना पूर्ण होने पर प्र‍तिदिन जलापूर्ति की जाना लक्षित है। नगर परिषद् सुठालिया में योजना कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा निकाय द्वारा योजना के माध्‍यम से प्रतिदिन जलप्रदाय किया जा रहा है। जी नहीं, निकायों में 08 दिन में एक बार जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है, ब्‍यावरा की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट- ब अनुसार है। नगर परिषद् सुठालिया में प्रतिदिन जलप्रदाय किया जा रहा है। (घ) नगर पालिका ब्‍यावरा में पेयजल योजना को पूर्ण करने का लक्ष्‍य मार्च 2022 रखा गया है। योजना पूर्ण होने पर प्रतिदिन जलापूर्ति की जाकर आम जनता को पेयजल उपलब्‍ध कराया जाना लक्षित है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने के लिए संविदाकार के विरूद्ध नियमों के अधीन पैनाल्टी अधिरोपित करने की कार्यवाही प्रचलित है। नगर परिषद् सुठालिया में पेयजल योजना का कार्य पूर्ण हो गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सोलह"

कर्मचारियों को भार मुक्त करने का प्रावधान

[लोक निर्माण]

27. ( क्र. 762 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को स्थानांतरण के बाद भार मुक्त करने का क्या प्रावधान हैं? (ख) वित्तीय वर्ष 2020-21 से वर्तमान तक ऐसे कितने अधिकारी-कर्मचारी हैं जिनके स्थानांतरण हो चुके हैं लेकिन उन्हें अभी तक भार मुक्त नहीं किया गया है? यदि कर्मचारी का स्थानांतरण निरस्त नहीं हुआ है तो फिर उनकी भार मुक्ति को किस आधार पर रोका गया हैं? (ग) वित्तीय वर्ष 2020-21 से वर्तमान तक किस किस विभाग में कितने कर्मचारियों की भार मुक्ति को रोका गया है और किसके आदेश से? क्या ऐसा कोई प्रावधान है? यदि है तो उल्लेख करें। यदि नहीं तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्‍थानांतरण नीति अनुसार सामान्‍यत: स्‍थानांतरण आदेश जारी से 02 सप्‍ताह के अंदर भार मुक्‍त किये जाने का प्रावधान है। (ख) 90 अधिकारी/कर्मचारी, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार(ग) 90 अधिकारी/कर्मचारी, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। प्रपत्र '''' के कॉलम 07 में दर्शाये कारण विशेष से भारमुक्ति से रोका गया है। प्रशासनिक कारणों से कोई दोषी नहीं है।

नवीन विद्युत ग्रिड की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

28. ( क्र. 769 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की गंधवानी विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत ग्राम बाग में नवीन 132/33 के.व्‍ही.अति उच्‍चदाब उपकेन्‍द्र (रामपुरा-आगर) में एवं ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍थापित करना प्रस्‍तावित है? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो गंधवानी विधान सभा के बाग ब्‍लाक में अखाड़ा में नवीन विद्युत ग्रिड की स्‍वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी के अन्‍तर्गत 02 वित्‍तीय वर्ष              (2019-20 एवं 2020-21) में विभिन्‍न योजनाओं के अन्‍तर्गत 63 के.व्‍ही.ए. एवं 100 के.व्‍ही.ए. के कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये गये हैं? वर्षवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें।               (घ) गंधवानी विधानसभा अन्‍तर्गत बाग ब्‍लाक के किन ग्रामों में कम वोल्‍टेज की स्थिति बनी हुई है? यदि हाँ, तो इस हेतु क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) धार जिला अंतर्गत गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बाग में नवीन 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेंद्र (रामपुरा-आगर) की स्‍थापना का प्रस्‍ताव तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया तथा ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र की स्‍थापना का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। उक्‍त कार्य को केन्‍द्र शासन पोषित आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्‍त योजना की स्‍वीकृति उपरान्‍त वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार इस कार्य को स्‍वीकृत किया जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) धार जिला अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग कुक्षी में विभिन्‍न योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 10 एवं 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 35 वितरण ट्रांसफार्मर तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता का 01 एवं 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता का कोई भी ट्रांसफार्मर स्‍थापित नहीं किया गया। (घ) गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बाग ब्लाक के 31 ग्रामों में विद्युत वोल्टेज की समस्या है, जिसकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र का निर्माण किया जाना तकनीकी रुप से साध्य पाया गया है, जिसकी स्थापना के उपरांत उक्त ग्रामों की कम वोल्‍टेज की समस्या का समाधान हो जायेगा।

परिशिष्ट - "सत्रह"

नगर पंचायत भेड़ाघाट जबलपुर की एस.टी.पी. योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

29. ( क्र. 833 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कच्‍चा (रॉ) अपशिष्‍ट जल का प‍रीक्षण पांचों जगहों पर अलग-अलग होना चाहिए था? यदि हाँ, तो प्रत्‍येक स्‍थान के लिए पृथक परीक्षण क्‍यों नहीं किया गया? (ख) क्‍या पांचों क्‍लस्‍टरों के शोधन यंत्र की क्षमता भविष्‍य की जनसंख्‍या और पर्यटकों से परिवर्तनीय जनसंख्‍या के अनुसार कम है? यदि हाँ, तो ऐसा क्‍यों? यदि नहीं तो क्षमता किस आधार पर निर्धारित की गईगणना सूत्र मय दस्‍तावेज उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या सेल्‍फ क्‍लीनिंग नॉन स्‍कोरिंग (स्‍वत: साफ होने वाली मल निकासी की गति) में ढलान नियम का जगह-जगह उल्‍लंघन हुआ है, जिससे कहीं पर कम गति के बहाव के कारण पाइप जल्‍द ही चोक हो जाएगे या फिर अधिक गति बहाव की वजह से पाईप लीक होने लगेंगे एवं घरों के आउटलेट को सीवर लाइन से नियम अनुसार नहीं जोड़ा जा रहा है? यदि हाँ, तो कारण देवें। यदि नहीं तो इसका निरीक्षण किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्‍ध कराएं। (घ) क्‍या सीवर लाइन में ओपन चैनल फ्लो की बजाय, पाइप फ्लो द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो उचित कारण देवें। क्‍या इसका रख-रखाव कठिन एवं खर्चीला होगा? (ड.) क्‍या अधिकतर आउटलेट का लेवल ग्राउड लेवल से नीचे है और ट्रीट वाटर को खेती में उपयोग करने के लिए उसे पंप करने की योजना है एवं स्‍लेज/अवशिष्‍ट को अन्‍य स्‍थान पर ले जाकर ट्रीट करने का प्रस्‍ताव है? यदि हाँ, तो यह प्रक्रिया अव्‍यवहारिक और अधिक खर्चीली है एवं क्‍या बिजली कटौती से समस्‍या उत्‍पन्‍न नहीं होगी

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रत्येक स्थान के लिये पृथक परीक्षण किया गया है, अतः प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। क्षमता सी.पी.एच.ई.ई.ओ. मैन्युअल मे दिये गये प्रावधानानुसार जनसंख्या का आंकलन कर निर्धारित की गई है। गणना पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) सीवर सिस्टम में गति का निर्धारण सिस्टम के प्रकार एवं सी.पी.एच.ई.ई.ओ. मैन्युअल मे दिये गये प्रावधानानुसार किया गया है, जिसमें किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। सीवर के बहाव में किसी प्रकार की बाधा नहीं होगी। समस्त घरों से निकलने वाले अपषिष्ट पानी को सीवर सिस्टम से जोड़ने का प्रावधान निविदा में है तथा सिस्टम से नियमानुसार ही जोड़े जा रहे हैं। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड की परियोजना क्रियान्वयन इकाई, जबलपुर के उपयंत्री, सहायक परियोजना प्रबंधक (सहायक यंत्री स्तर) , उप परियोजना प्रबंधक (कार्यपालन यंत्री स्तर) , परियोजना प्रबंधक (अधीक्षण यंत्री स्तर) द्वारा योजना कार्यों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है, इसके साथ ही प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट की ओर से भी कार्यों का निरीक्षण किया जा रहा है। क्योंकि सीवर नेटवर्क का डिज़ाइन निर्धारित मानकों के अनुसार किया गया है एवं तदानुसार ही कार्य किया जा रहा है जिसका नियमित निरीक्षण कार्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के यंत्रियों द्वारा किया जाता है एवं यह नियमित प्रक्रिया है, पृथक से कोई जांच रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। (घ) जी हाँ। सीवर लाइन का प्रावधान केन्द्र शासन के शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत सी.पी.एच.ई.ई.ओ. के मैन्युअल के अनुसार किया गया है एवं सीवर लाइन अण्डर ग्राउण्ड ही होती है। ओपन चैनल फ्लो से तात्पर्य नालियों से है जिनमें अपशिष्ट पानी बहने से न केवल भूजल दूषित होने का खतरा है। साथ ही नगर का पर्यावरण भी दूषित रहेगा एवं ओपन चैनल में पनपने वाले कीटाणु यथा मच्छर एवं बदबू भी नगर में बीमारियों का कारण बनेंगे। जी नहीं। (ड़) सीवर सिस्टम अण्डर ग्राउण्ड है, अतः सभी आउटलेट्स ग्राउण्ड लेवल से नीचे हैं एवं ट्रीटिड पानी का उपयोग ग्रीन स्पेस, नर्सरी, घाट धुलाई, अग्निषमन आदि में किया जाना है जिसके लिये पंपिंग संभावित है, स्लज़ को एस.टी.पी. पर ही नियमानुसार ट्रीट कर लैण्डफिल पर भेजा जायेगा। यह प्रक्रिया निर्धारित मानकों के अनुसार है एवं किसी भी प्रकार से अव्यवहारिक एवं अधिक खर्चीली नहीं है। वर्तमान में राज्य शासन द्वारा 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।

निर्माण कार्यों का लोकार्पण

[लोक निर्माण]

30. ( क्र. 834 ) श्री संजय यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र में कितने निर्माण कार्य पी.आई.यू. द्वारा पूर्ण हो गये हैं, परन्‍तु उनका लोकार्पण नहीं हो पाया है? सूची उपलब्‍ध करावें। इन कार्यों का लोकार्पण क्‍यों नहीं किया जा रहा है? कब तक किया जावेगा? नवीन भवन बंद व अनुपयोगी होने पर जिम्‍मेदार पर कोई कार्यवाही होगी? (ख) बरगी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत गत तीन वर्षों में पी.आई.यू. द्वारा स्‍वीकृत समस्‍त प्रगतिरत निर्माण कार्यों को समय सीमा में नहीं किये जाने पर अनुबंध में क्‍या दण्‍ड/नियम है? समस्‍त अनुबंधों के अनुसार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अनेक निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाये हैं, तो निर्माण कार्यों में हुई देरी के लिये कौन उत्‍तरदायी है? समय सीमा में पूर्ण नहीं होने पर अनुबंधानुसार क्‍या कार्यवाही की गई? सूची उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित निर्माण कार्यों का समय-समय पर गुणवत्‍ता का निरीक्षण कब-कब, किस-किस अधिकारी के द्वारा किया गया एवं अधिकारी की जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्‍ध करावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। इन पूर्ण कार्यों की जानकारी प्रशासकीय विभाग को दी जा चुकी है। लोकार्पण करवाने की कार्यवाही प्रशासकीय विभाग द्वारा की जाती है।अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कोई भी भवन बंद एवं अनुपयोगी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने पर अनुबंध की कण्डिका-15 की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द अनुसार एवं निरीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

पनागर में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना

[उच्च शिक्षा]

31. ( क्र. 851 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय पनागर में स्थापना वर्ष 1985 से को-एजुकेशन संचालित है? (ख) क्या शासकीय महाविद्यालय पनागर में 50 प्रतिशत से अधिक छात्राओं की संख्या है? (ग) क्या पनागर में शासकीय कन्या महाविद्यालय खोले जाने हेतु मापदण्ड पूरे होते हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या स्वीकृति दी जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है(ग) कन्या महाविद्यालय खोले जाने के सम्बंध में कोई मापदण्ड नहीं हैं। (घ) प्रश्नांश ’’’’ के संदर्भ में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अठारह"

शासकीय महाविद्यालय को स्नातकोत्तर का दर्जा दिया जाना

[उच्च शिक्षा]

32. ( क्र. 855 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में ऐसे कितने स्‍नातक महाविद्यालय हैं जिनमें आवश्यक अधोसंरचनायें उपलब्ध होने पर भी स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय का दर्जा नहीं दिया गया है? (ख) क्या शासकीय महाविद्यालय बरेला में उपलब्ध आवश्यक अधोसंरचनाओं की स्थिति में स्‍नातकोत्तर का दर्जा प्रदान किया जा सकता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जबलपुर संभाग में 74 शासकीय स्‍नातक महाविद्यालय संचालित हैं। महाविद्यालयों में उपलब्‍ध अधोसंरचना का संबंध महाविद्यालय को स्‍नातकोत्‍तर का दर्जा प्रदान किये जाने से नहीं है। (ख) स्‍नातकोत्‍तर में नवीन विषय प्रारंभ किये जाने के संबंध में विभागीय मापदण्‍ड अनुसार संबंधित विषय में स्‍नातक अंतिम वर्ष में न्‍यूनतम 100 विद्यार्थी अध्‍ययनरत होना अनिवार्य है। शासकीय महाविद्यालय, बरेला में स्‍नातक अंतिम वर्ष में हिन्‍दी में 142, अंग्रेजी में 16, राजनीति शास्‍त्र में 92, इतिहास में 92, भूगोल में 64, अर्थशास्‍त्र में 64 तथा वाणिज्‍य में 49 विद्यार्थी अध्‍ययनरत हैं। इस प्रकार शासकीय महाविद्यालय, बरेला में मात्र हिन्‍दी विषय में निर्धारित मापदण्‍ड की पूर्ति होती है। हिन्‍दी विषय में स्‍नातकोत्‍तर कक्षा प्रारंभ किये जाने संबंधी प्रस्‍ताव होने पर विचार किया जायेगा परन्‍तु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                                                 (ग) उत्‍तरांश ’’’’ अनुसार।

केन्‍द्रीय सड़क निधि से लंबित प्रस्‍ताव

[लोक निर्माण]

33. ( क्र. 963 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक केन्‍द्रीय सड़क निधि से बैतूल जिले में सड़क स्‍वीकृति हेतु लोक निर्माण विभाग की किन-किन सड़कों का प्रस्‍ताव राज्‍य शासन द्वारा भारत सरकार को कब-कब भिजवाये गये? (ख) भारत सरकार द्वारा उक्‍त अवधि में केन्‍द्रीय सड़क निधि से कौन-कौन सी सड़क निर्माण हेतु कितनी राशि स्‍वीकृत की गईकिन-किन सड़कों के प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु भारत सरकार के पास लंबित हैं? (ग) उक्‍त लंबित प्रस्‍तावों के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये? (घ) 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक केन्‍द्रीय सड़क निधि से सड़क स्‍वीकृति के संबंध में बैतूल जिले के किन-किन विधायकों/सांसदों के पत्र मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्‍त हुए? उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोई नहीं। (ख) स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार एवं लंबित प्रस्तावों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार है। (ग) लंबित प्रस्तावों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा किए गए प्रयास पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍टअनुसार है।

कोविड प्रोटोकॉल के उल्‍लंघन में की गई वसूली

[नगरीय विकास एवं आवास]

34. ( क्र. 964 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड काल 2020-21 में 01 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक नगरपालिका बैतूल, आठनेर एवं बैतूल बाजार द्वारा कोविड प्रोटोकॉल उल्‍लंघन के कितने प्रकरण दर्ज किए गए हैं? उन पर कितनी-कितनी राशि का स्‍पॉट फाइन के रूप में वसूली गई? उसकी सूची नामवार, दिनांकवार, एम.पी.टी.सी.-6 के बुक क्रमांक एवं डुप्‍लीकेट छायाप्रति सहित उपलब्‍ध कराएं। (ख) क्‍या आठनेर नगर परिषद् द्वारा वसूली गई स्‍पॉट फाइन की मूल प्रति में 500 एवं कार्बन कॉपी (ऑफिस कॉपी) में 100 रूपये का फाईन दर्शाया गया हैजिससे शासन को 400 रूपये का प्रति फाइन नुकसान हुआ है। इस वित्‍तीय नुकसान के लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? कलेक्‍टर बैतूल द्वारा आज दिनांक तक उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद् आठनेर द्वारा कोविड प्रोटोकॉल के उल्‍लघंन के कुल 4 प्रकरण में प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। इस वित्‍तीय नुकसान के लिये जांच उपरांत श्री उमेश नायक, चौकीदार को दोषी पाया गया है। जिस पर कार्यवाही करते हुये रू. 5500/- अन्‍तर की राशि निकाय कोष में जमा कराया जाकर संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध लघु शास्ति आरोपित कर दण्डित किया गया है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

एन.डी.बी. प्रोजेक्ट योजना के अन्तर्गत स्वीकृति

[लोक निर्माण]

35. ( क्र. 969 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा केवलारी में एन.डी.बी. प्रोजेक्ट योजना के अन्तर्गत स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु पत्र क्रं.711ए/नि.स. सिवनी, दिनांक 22.10.2021 को प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को लिखा गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कारण बतायें। (ख) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सुनवारा पिण्डरई केवलारी, केवलारी डोब छींदा,एवं केवलारी उगली की सड़कों की स्वीकृति हेतु प्रोजेक्ट विभाग को भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) एन.डी.बी. के प्रोजेक्ट योजना को कब तक स्वीकृति जारी की जाकर कार्य कराया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बीस"

मार्गों का नवीनीकरण

[लोक निर्माण]

36. ( क्र. 970 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग भ/स जिला सिवनी को उगली गोरखपुर एवं बिछुआ सिद्धघाट मार्गों को नवीनीकरण में शामिल कर मरम्मत कार्य कराये जाने हेतु पत्र क्रं.604/नि.स. सिवनी दिनांक 04.09.2021 को पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या उक्त मार्गों को नवीनीकरण किये जाने के कोई प्रस्ताव मुख्य अभियंता लोक निर्माण को भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो कब भेजे गये? यदि नहीं तो क्यों नहीं भेजे गये? शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कोई कार्यवाही नहीं की गई। वित्‍तीय संसाधन सीमित होने के कारण। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित विवरण के कारण। कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

शासकीय महाविद्यालय की स्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

37. ( क्र. 972 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत तहसील मुख्यालय बहोरीबंद एवं स्लीमनाबाद स्थित शासकीय महाविद्यालयों में बी.एस.सी. (कृषि विज्ञान) बी.एस.सी. डेरी टेक्‍नोलॉजी एवं कम्प्यूटर विषय की कक्षाएं प्रारंभ करने की मांग करते हुए प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर शासन स्तर पर किए पत्राचार पर कब किसने क्या कार्यवाही की? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मांग पर अग्रणी महाविद्यालय कटनी के प्राचार्य का अभिमत क्या थाबतलावें। प्राचार्य द्वारा अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर को तत्संबंध में प्रेषित पत्र की छायाप्रति देवे एवं यह भी बतलावें कि क्या शासन भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर योजना के अंतर्गत उल्लेखित कक्षाएं प्रांरभ करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर कटनी जिला अंतर्गत तहसील मुख्यालय रीठी में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोलने संबंधी की गई मांग पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें एवं यह भी बतलावें कि तत्संबंध में अग्रणी महाविद्यालय कटनी का अभिमत क्या है? शासन किस प्रकार से कब तक यहां नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में माननीय विधायक द्वारा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग को पत्र क्रमांक बी-94/दिनांक 14.03.2021 प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। उक्त पत्र पर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 252/मु.मंत्री/योजना/2021 दिनांक 09.04.2021 द्वारा अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा जबलपुर संभाग से जानकारी मंगायी गयी। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ख) प्राचार्य शासकीय अग्रणी महाविद्यालय कटनी के अभिमत की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। स्‍थानीय आवश्‍यकता के अनुरूप महाविद्यालय उल्‍लेखित विषयों में जनभागीदारी/स्‍ववित्‍तीय योजना अन्‍तर्गत पाठ्यक्रम संचालन पर आगामी सत्र से विचार कर सकता है। (ग) पत्र क्रमांक 17/101/मु.मंत्री./आउशि/योजना/2020 दिनांक 08.01.2021 द्वारा अतिरिक्त संचालकों को पत्र प्रेषित किया गया है। प्राचार्य शासकीय अग्रणी महाविद्यालय, कटनी का रीठी में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने संबंधी अभिमत की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे       परिशिष्ट-04 अनुसार है। वर्तमान में सीमित वित्‍तीय संसाधनों के कारण रीठी में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।

 

वरिष्ठ न्यायालय में विभाग द्वारा अपील

[लोक निर्माण]

38. ( क्र. 1007 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्रकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3936 दिनांक 09/03/2021 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर में प्रपत्र-ब संलग्‍न में जिन-जिन दुकानों, भवनों एवं भूमि में विभाग के पक्ष में निर्णय पारित नहीं किया गया है, क्या उक्त निर्णय के संबंध में वरिष्ठ न्यायालय में विभाग द्वारा अपील करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय सीमा बताएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या शासन विधिसम्मत वरिष्ठ न्यायालय में अपील न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय सीमा बताएं ! यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या प्रपत्र-स में संलग्न सूची में किए गए अतिक्रमण व्यक्तियों से अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या शासन सक्षम अधिकारी द्वारा अतिक्रमणधारियों से अतिक्रमण मुक्त कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शासकीय अधिवक्ता से परामर्श कर अपील संबंधी कार्यवाही की जा रही है। (ख) गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। अतिक्रमण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश ’’’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

क्रेशन संचालाकों द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुँचायी जाना

[पर्यावरण]

39. ( क्र. 1012 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर की विधानसभा चंदला क्षेत्र अंतर्गत पत्थर, गिट्टी, ग्रेनाइट खदान एवं क्रेशर संचालकों द्वारा संचालित खदान मालिकों द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुंचाई जा रही है? (ख) प्रश्‍नांश "क" के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त संचालित खदानों पर सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कब कब किन-किन खदानों का निरीक्षण किया गया है? उल्लेख करें। (ग) उक्त खदानों पर निरीक्षणकर्ता द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन में किन-किन खामियों का उल्लेख किया गया है? निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (घ) क्या उक्त निरीक्षण प्रतिवेदन पर सक्षम अधिकारी द्वारा शासन के नियम अनुसार खदान संचालकों पर कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) क्या शासन विधिसम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय सीमा बताएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी नहीं। (ख) से (ड़) प्रश्नांश ‘‘‘‘ के उत्तर परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

माल गोदाम एवं शापिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

40. ( क्र. 1016 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत रेल्वे स्टेशन माल गोदाम के पास निर्मित कितनी दुकानों को कब तोड़कर रेल्वे की कितनी भूमि पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कराने की क्या योजना बनाई हैंइसके तहत कितनी दुकानों का निर्माण एवं अन्य कौन-कौन सा निर्माण कराना स्वीकृत/प्रस्तावित हैं? इसकी कुल लागत व अवधि कितनी हैं?          (ख) नगर निगम जबलपुर ने माल गोदाम स्थित निर्मित दुकानों को तोड़ने के पूर्व प्रभावित होने वाले दुकानदारों को क्या आश्वासन दिया था एवं उनके व्यवस्थापन रोजगार एवं व्यवसाय की    कहाँ-कहाँ पर क्या व्यवस्था की हैं? वर्तमान में इन प्रभावित दुकानदारों की स्थिति कैसी हैं?              (ग) नगर निगम जबलपुर ने प्रश्नांकित शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कराने हेतु रेल्वे की कितनी भूमि लेने एवं इसका हस्तांतरण कराने हेतु रेल्वे प्रशासन से कब क्या कार्यवाही कर कितनी भूमि का कब सीमांकन कराकर कितनी भूमि का हस्तांतरण कराया गया है? यदि नहीं ,तो क्यों? भूमि के हस्तांतरण कार्य में मूल बाधक समस्या क्या है तथा इसको कब तक हल कराकर शापिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कराकर प्रभावित दुकानदारों को दुकाने आवंटित की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी योजना के तहत रेल्वे स्टेशन माल गोदाम के पास निर्मित दुकानों को तोड़कर रेल्वे की भूमि पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण की योजना नगर निगम जबलपुर द्वारा नहीं बनाई गई है, अपितु नगर निगम जबलपुर द्वारा तोड़ी गई 25 दुकानों के पुनः निर्माण हेतु रेल्वे स्टेशन के समीप निगम स्वामित्व की भूमि पर G+3 शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण की योजना बनाई गई है। योजनान्तर्गत राशि रू. 163.24 लाख का पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किया जाकर निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) नगर निगम जबलपुर में माल गोदाम स्थित निर्मित दुकानों को तोड़ने के उपरांत प्रमाणिक 25 दुकानदारों के पुनर्व्यवस्थापन हेतु निगम द्वारा मेयर इन काउंसिल में प्रस्ताव क्रमांक 327 दिनांक 19.06.2017 पारित कर निर्णय लिया गया है। वर्तमान में दुकानदारों द्वारा प्रस्तावित स्थल के सामने ठेले लगाकर अस्थायी व्यापार किया जा रहा है। (ग) नगर निगम जबलपुर द्वारा शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण रेल्वे की भूमि पर नहीं करने से रेल्वे प्रशासन से कोई भूमि निगम के पक्ष में उक्त प्रयोजन हेतु हस्तांतरित नहीं कराई गई है। भूमि जिस पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जाना है के स्वामित्व के संबंध में रेलवे द्वारा आपत्ति लेने से निगम/रेल्वे विभाग द्वारा तहसीलदार के माध्यम से संयुक्त सीमांकन कराया गया है एवं रिपोर्ट अनुसार वरिष्ठ मण्डल अभियंता (मुख्यालय) पश्चिम मध्य रेल्वे, जबलपुर के पत्र क्रमांक/JBP/W/320/DB/LM/240 दिनांक 02.02.2021 के अनुसार नगर निगम जबलपुर को अपनी स्वयं की भूमि पर कमर्शियल कॉम्पलेक्स के निर्माण हेतु रेल्वे द्वारा सहमति प्रदान की गई। निर्माण कार्य के उपरांत प्रभावित दुकानदारों को दुकान आवंटन की कार्यवाही की जावेगी।

अवैध कालोनी पर रोक

[नगरीय विकास एवं आवास]

41. ( क्र. 1020 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में किन-किन व्‍यक्तियों द्वारा अवैध कॉलोनी में प्‍लॉट बेचे जा रहे हैं? (ख) विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध कॉलोनियों में प्‍लाट बेचे जाने पर रोक क्‍यों नहीं लगाई जा रही है? क्‍या अवैध कॉलोनी के सभी प्‍लाट बिकने के बाद उस पर रोक लगाई जायेगी? (ग) रायसेन जिले में अवैध कॉलोनियों में सड़क एवं अन्‍य निर्माण कार्यों पर नगर पालिका द्वारा शासकीय राशि‍ क्‍यों व्‍यय की गई तथा क्‍या अवैध कॉलोनियों में शासकीय राशि व्‍यय करने वाले अधिकारियों से राशि वसूल की जायेगी? (घ) रायसेन जिले में अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले व्‍यक्तियों की संपत्ति जप्‍त कर उक्‍त राशि से अवैध कॉलोनियों में सड़क, बिजली तथा पानी की व्‍यवस्‍था की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बतायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) 15 अवैध कॉलोनाईजरों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के आदेश किये गये हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार कतिपय नगरीय निकायों द्वारा सक्षम स्‍वीकृति अनुसार लोक जन सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए मूलभूत प्रकृति के कार्य कराये गए हैं। अत: शेष का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।               समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

सामग्री क्रय में व्‍यय राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

42. ( क्र. 1021 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रशासक नियुक्‍त होने की दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में क्‍या-क्‍या कार्य कितनी राशि के कहाँ-कहाँ किस आधार पर स्‍वीकृत किये गये? (ख) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रशासक द्वारा नियुक्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में क्‍या-क्‍या सामग्री किन-किन व्‍यक्तियों से कब-कब क्रय की गई तथा उक्‍त क्रय की गई सामग्री का भौतिक सत्‍यापन किसने किया? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में क्रय की गई सामग्री गुणवत्‍तापूर्ण नहीं है तथा क्रय मात्रा से कम है? यदि हाँ, तो कारण बतायें तथा इसके लिए कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (क) , (ख) , (ग) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन माध्‍यमों से कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।      (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

आधुनिक यादगार शहीद स्मारक

[नगरीय विकास एवं आवास]

43. ( क्र. 1026 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने आजादी की लड़ाई और उससे जुड़ी हस्तियों, महापुरूषों, बलिदानियों की स्मृतियों को सहेजने, उनके सम्बंध में अध्ययन करने उनकी बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं लगाने हेतु एक विशाल आधुनिक यादगार शहीद स्मारक बनवाने की क्या योजना है? इस सम्बंध में शासन ने क्या योजना बनाई हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) नगर निगम जबलपुर एवं जिला प्रशासन ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत गोल बाजार स्थित शहीद स्मारक को आधुनिक यादगार बनाने, संवारने, अमर शहीदों की स्मृतियों को सहेजने उनकी बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं लगाने की क्या योजना बनाई है? यदि नहीं तो क्यों? वर्तमान में इस शहीद स्मारक का क्या उपयोग हो रहा है? इसमें सांस्कृतिक एवं कौन-कौन सी गतिविधियां संचालित हैं? इसका निर्मित एवं खुला परिसर का क्षेत्रफल कितना-कितना हैं? (ग) शहीद स्मारक के पूरे सर्किल की सड़कों, फुटपाथ व नालियों, पानी की निकासी की क्या स्थिति हैं? यहां की सड़कों को कितने मीटर चौड़ाई की स्मार्ट बनाने हेतु कब कितनी राशि की क्या योजना बनाई गई है एवं इनका कब तक निर्माण कराया जावेगा? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित शहीद स्मारक को आधुनिक यादगार बनाने संवारने, अमर शहीदों की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं लगाने उनकी स्मृतियों को सहेजने उनके सम्बंध में अध्ययन करने सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करने हेतु व्यापक कार्य योजना तैयार करवाकर आधुनिक यादगार शहीद स्मारक का निर्माण कराना सुनिश्चित करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग में कोई योजना संचालित नहीं है। मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा प्रतिमा स्थापना के संबंध में मार्गदर्शी निर्देश जारी किए गये हैं, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है।        (ख) नगर निगम जबलपुर एवं जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा इस प्रकार की कोई योजना वर्तमान में स्वीकृत नहीं की है। शहीद स्मारक ट्रस्ट, गोल बाजार द्वारा समय-समय पर प्रदर्शनियों, शादी समारोह एवं मेले का आयोजन किया जाता है। इसका निर्मित क्षेत्रफल-16000 वर्गफुट तथा खुला क्षेत्रफल-416580 वर्गफुट है। (ग) शहीद स्मारक के पूरे सर्किल के चारों ओर क्षतिग्रस्त बिटुमिनस सड़क है, जिसमें शहीद स्मारक की बाउंड्रीवॉल से लगकर क्षतिग्रस्त कच्ची नाली एवं क्षतिग्रस्त फुटपाथ है। इस सड़क की दूसरी ओर कोई नाली एवं फुटपाथ विद्यमान नहीं है। इस क्षेत्र में बारिश के समय जल भराव होता है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के संचालक मंडल द्वारा शहीद स्मारक के सर्किल एवं उस सर्किल से जुड़ी 10 सड़कों के विकास हेतु योजना पारित की है। योजना में सीमेंट कांक्रीट रोड, फुटपाथ, ड्रेन वर्क, अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रिफिकेशन, आदि सुविधाएँ रखी गयी हैं। शहीद स्मारक के पूरे सर्किल की सड़क की चौड़ाई 18 मीटर एवं अन्य जुडी सडकों की चौड़ाई पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार रखी गई है। जिसके अनुसार निविदा आमंत्रित कर राशि रूपये 31.34 (इकतीस करोड़ चौतिस लाख) का कार्यादेश जारी किया गया है। कार्य को पूर्ण करने की समयावधि 23.10.2022 है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार है।

कृषि पाठ्यक्रम के संचालन की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

44. ( क्र. 1031 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर व विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन को शासन द्वारा कृषि पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की अनुमति/निर्देश दिए गये हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंधी समस्त कार्यवाही के दस्तावेज, बैठक के निर्णय,आदेश,परिपत्र इत्यादि पटल पर रखें तथा उक्त कोर्स के संचालन हेतु संबंधित विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध भूमि, प्रयोगशाला, शिक्षक, मशीनरी आदि की जानकारी प्रदान करें। (ख) विश्वविद्यालय अथवा महाविद्यालयों द्वारा कृषि पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु प्रदेश में क्या-क्या अर्हताकारी मापदंड हैं? तत्संबंधी अधिनियम/नियम/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। वर्तमान में प्रदेश में कौन-कौन सी शिक्षण संस्थाएं कृषि डिप्लोमा/डिग्री पाठ्यक्रम का संचालन कर रही हैं? उन्हें कब कब अनुमति दी गयी है? अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या बगैर शिक्षकों की भर्ती/व्यवस्था किये, बगैर प्रयोगशाला व मशीनरी के कृषि जैसे महत्वपूर्ण कोर्स का संचालन प्रारम्भ किया जाना उचित है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। यदि नहीं, तो बगैर आवश्यक व्यवस्थाओं के कंडिका (क) में वर्णित विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि पाठ्यक्रम क्यों प्रारंभ किया गया है? इसके लिए कौन कौन दोषी है? (घ) क्या कृषि पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट अनिवार्य है? यदि हाँ, तो उक्त विश्वविद्यालय किस आधार पर बिना प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट के प्रवेश ले रहे हैं?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विश्‍वविद्यालय द्वारा पाठयक्रम का संचालन संबंधित अध्यादेश के माध्‍यम से किया जाता है। अध्यादेश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग अंतर्गत शिक्षण संस्थाओं (निजी/ शासकीय विश्‍वविद्यालय) की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आई.सी.ए.आर. के पत्र दिनांक 05.09.2017 के परिप्रेक्ष्य में तथा विभाग द्वारा अनुमति आवश्यक नहीं है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त‍ विश्वविद्यालयों द्वारा पर्याप्त व्यवस्थायें सुनिश्चित की गई हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं                        होता है।

फ्लाय ओवर निर्माण कार्य से उत्पन्न समस्या

[लोक निर्माण]

45. ( क्र. 1032 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर में फ्लाय ओवर के निर्माणाधीन होने से व ठेकदार कंपनी की मनमानियों से आम जनमानस को आवागमन के दौरान किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) उक्त फ्लाय ओवर के अनुबंध के अनुसार सड़क को मोटरेबल रखने, संकेतक लगाने सहित जनमानस के आवागमन में प्रभाव डालने वाली अन्य शर्तों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? नागरिकों को हो रही परेशानियों हेतु कौन-कौन जिम्मेदार हैउन पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त फ्लाय ओवर को दमोह नाका चौक से आगे तक बनाये जाने की मांग को लेकर माननीय लोक निर्माण मंत्री को सौंपे गये पत्र एवं विधानसभा सत्र की बैठक में ध्यान आकर्षित कराये जाने के पश्चात् उक्त फ्लाय ओवर को दमोह नाका के स्थान पर गोहलपुर की ओर आगे बढ़ाए जाने पर कितनी लागत राशि का अतिरिक्त भार शासन पर आ रहा है? (घ) उक्त फ्लाय ओवर हेतु अधिग्रहित की गयी भूमियों के मुआवजे वितरण के संबंध में प्रभावित पक्षों को सुनने व उनकी शंकाओं को दूर करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, जगह-जगह पर सड़क सूचना पटल संकेतक लगाये गये हैं व आम जन मानस का आवागमन सुचारु रुप से बना रहे, इस हेतु आवश्यक व्यवस्थायें की गई हैं। (ख) जी नहीं, अनुबंध की शर्तों का पालन किया जा रहा है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) फ्लाई ओवर को दमोह नाका से गोहलपुर की ओर एवं पाटन रोड की ओर आगे बढ़ाये जाने पर शासन पर राशि रूपये 78.04 करोड़ का अतिरिक्त भार आयेगा।         (घ) भूमि अधिग्रहण में मुआवजे में वितरण के संबंध में प्रभावित पक्षों को सुनने एवं उनकी शंकाओं को दूर करने की कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय सक्षम प्राधिकारी है।

नियम विरूद्ध किए गए निर्माण के विरूद्ध कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

46. ( क्र. 1038 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरपालिक निगम रीवा में रीवा सिरमौर रोड अंतर्गत खुटेही में श्रीमती नीलम अभय मिश्रा द्वारा बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया गया है? इस बहुमंजिला इमारत के कितने एफ.ए.आर. (ऊंचाई) तक के निर्माण की मंजूरी है? इसमें कितने फ्लोर का निर्माण कराया गया है एवं कितना शेष है? पार्किंग की क्‍या व्‍यवस्‍था है? क्‍या भवन मालिक एवं विभाग के बीच             भू-तल एवं प्रथम तल को कम्‍प्रोमाइज करके पार्किंग के उपयोग हेतु सहमति दी गई है? यदि दी गई है तो उसकी सत्‍यापित प्रति देवें एवं यदि नहीं दी गई है तो उपरोक्‍तानुसार किये गये अवैध निर्माण के विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी? की गई कार्यवाही की सत्‍यापित प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में धारा 308 (क) के तहत क्‍या-क्‍या प्रावधान है? उक्‍त प्रावधान की सत्‍यापित प्रति देवें। क्‍या धारा 308 क के तहत कम्‍पाउंडिंग की जा सकती है एवं क्‍या समझौता के तहत प्रशमन किया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्‍या आज भी पार्किंग की समुचित व्‍यवस्‍था है? यदि नहीं तो पार्किंग की क्‍या व्‍यवस्‍था की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में क्‍या भूतल एवं बेसमेंट में पार्किंग के लिये विभाग द्वारा अनुज्ञा दी गई थी जिसमें भूमि स्‍वामी द्वारा भू-तल पर अनुज्ञा के विरूद्ध व्‍यव‍सायिक क्षेत्र का निर्माण करा लिया गया है? मात्र बेसमेंट में पार्किंग के लिये स्‍थान छोड़ा है? यदि हाँ, तो अनुज्ञा के विरूद्ध किये गये अवैध निर्माण के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉ, नगरपालिक निगम रीवा में सिरमौर रोड़ अंतर्गत खुटेही में श्रीमती नीलम मिश्रा द्वारा बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया गया है। इस बहुमंजिला इमारत 2.19 की एफ.ए.आर. के साथ 15 मी. ऊंचाई की मंजूरी प्रदान की गई थी, जो दिनांक 20 अक्‍टूबर 2022 तक मान्‍य है। इस भवन में बेसमेंट भूतल, के अतिरिक्‍त प्रथम तल से पंचम तल तक निर्माण किया गया है, भवन अनुज्ञा में पार्किंग व्‍यवस्‍था बेसमेन्‍ट एवं भूतल में प्रावधानित है। कार पार्किंग बेसमेंट में तथा दो पहिया वाहन पार्किंग, भूतल में अस्‍थाई कराई जा रही है। जी नहीं, भवन मालिक एवं विभाग के बीच प्रथम तल में पार्किंग का कोई समझौता नहीं किया गया है। भूतल में पार्किंग प्रावधानित है, एवं प्रथम तल पर स्‍वीकृत अनुसार व्‍यवसायिक निर्माण है। यहॉं पर अवैध निर्माण नहीं है। (ख) म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनिमय 1956 की धारा 308 के उक्‍त प्रावधान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हॉ, धारा 308 (क) के तहत कम्‍पाउंडिंग की जा सकती है। जी हाँ, नियमानुसार प्रशमन किया जा सकता है। (ग) बेसमेंट पार्किंग की समुचित व्‍यवस्‍था है। भूतल पर रैम्‍प बनाया जाना शेष है।                                  (घ) जी हॉ, बेसमेंट एवं भूतल में पार्किंग हेतु भवन अनुज्ञा जारी की गई थी। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। बेसमेंट में कार, दो पहिया वाहन पार्किंग एवं भूतल में दो पहिया वाहनों की पार्किंग भवन स्‍वामी द्वारा कराई जा रही है। स्‍थल पर भूतल में वर्तमान समय पर किसी प्रकार की व्‍यवसायिक गतिविधियां संचालित नहीं हैं। भूतल में पार्किंग प्रावधानित हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सड़कों का निर्माण और उनका रख-रखाव

[लोक निर्माण]

47. ( क्र. 1041 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की सरदारपुर तहसील में विभाग की सड़कों के निर्माण और उनके रख-रखाव का काम किस-किस एजेंसी द्वारा किया जाता है? (ख) किस किस एजेंसी के पास कितनी-कितनी लंबाई की कौन-कौन सी सड़कों के रख-रखाव का काम है? अलग-अलग विवरण दें एवं रख-रखाव की नियमावली की प्रति देवें। (ग) उपरोक्त सरकारी एजेंसियों को सड़क निर्माण और रख-रखाव किस आधार पर आवंटित किया जाता है? इनके समन्वय और निगरानी का काम किसके द्वारा किया जाता है? (घ) लाबरीया से दसई मार्ग के निर्माण का रख-रखाव प्रश्न दिनांक तक कब किया थाजानकारी देवें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) धार जिले की सरदारपुर तहसील में लोक निर्माण विभाग की सड़कों के निर्माण और उनके रख-रखाव का कार्य दो एजेंसियो द्वारा किया जाता है :- 1. लोक निर्माण विभाग (भ/प) 2. म.प्र. सड़क विकास निगम। (ख) लोक निर्माण विभाग संभाग धार अंतर्गत सड़कों के रख-रखाव का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ एवं 'अ-1' में दर्शाया गया है। नियमावली पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ग) म.प्र. सड़क विकास निगम स्‍टेट हाईवे अथोरिटी होने से राज्‍य राजमार्ग संबंधी कार्य म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा किये जाते हैं, इसके अतिरिक्‍त अन्‍य श्रेणी के मार्ग आवश्‍यकता अनुसार शासन द्वारा म.प्र. सड़क विकास निगम अथवा लोक निर्माण विभाग (भ/प) को आवंटित किया जाता है। इनके समन्‍वय एवं निगरानी का काम विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जाता है। (घ) लाबरिया से दसई मार्ग की लंबाई 23.00 कि.मी. है। बरमण्डल से लाबरिया लंबाई 7.20 कि. मी. विभाग की पुस्तिका पर है। नवम्बर माह में विभाग द्वारा पेच रिपेयर कार्य किया गया है। शेष 15.80 कि.मी. वर्तमान में एम.पी.आर.आर.डी.ए. के रख-रखाव अंतर्गत है।

 

अधिक बिजली बिल की शिकायतें

[ऊर्जा]

48. ( क्र. 1044 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवम्बर 2021 तक निम्न दाब घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? माहवार, संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ख) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवम्‍बर 2021 तक निम्रदाब घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई, इनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ग) धार जिले के सरदारपुर वितरण केंन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवंबर 2021 तक निम्‍म्रदाब घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? इनमें से कितनी शिकायतें सही पाई गई एवं कितने उपभोक्‍ताओं को त्रृटि सुधार उपरांत मासिक बिल जारी किये गये की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (घ) क्या विभाग सालों से जानबूझकर अधिक मांग के गलत बिल देता है तथा जो शिकायत करता है उनकी राशि कम कर देता है तथा शेष से अधिक राशि वसूल रहा है? यदि नहीं तो बतावें कि निरंतर प्रतिमाह अधिक मांग के गलत बिल कम्प्यूटर पर कैसे बन रहे हैं? (ड.) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवंबर 2021 तक निम्‍म्रदाब घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई इनमें से कितनी शिकायतें सहीं पाई गई एवं कितने उपभोक्‍ताओं को त्रृटि सुधार उपरांत मासिक बिल जारी किये गये की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें एवं गलत बिल न आये उसके लिये क्‍या कदम उठाये गये?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) से (ग) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अंतर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवंबर 2021 तक निम्‍नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों से संबंधित कुल 180 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। उक्‍त प्राप्‍त शिकायतों में से 121 शिकायतें सही पाई गई एवं उक्‍त सही पाई गई सभी शिकायतों का निराकरण कर इन सभी 121 उपभोक्‍ताओं को उनके बिलों में त्रुटि सुधार कर मासिक बिल जारी कर दिये गए हैं, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गयी माहवार संख्यात्मक जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।       (घ) जी नहीं, अपितु विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी वास्तविक विद्युत खपत एवं विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के प्रावधानों/निर्धारित विद्युत दरों के आधार पर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। कतिपय प्रकरणों में उपभोक्ता परिसर में लगे हुए विद्युत मीटर में खराबी आने पर, मानवीय त्रुटि के कारण मीटर रीडर द्वारा गलत मीटर रीडिंग दर्ज करने के कारण अथवा कम्प्यूटर में विद्युत खपत दर्ज करते समय त्रुटिवश अधिक खपत दर्ज हो जाने के कारण अधिक राशि के विद्युत देयक जारी हो जाते हैं। संबंधित कार्यालय में उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने पर ऐसी शिकायतों का तत्काल निराकरण कर विद्युत बिल में सुधार कर दिया जाता है। (ड.) धार जिले के सरदारपुर वितरण केंद्र कार्यालय के अंतर्गत माह अप्रैल-2020 से माह नवंबर-2021 तक निम्‍नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों से संबंधित कुल 180 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। उक्‍त प्राप्‍त शिकायतों में से 121 शिकायतें सही पाई गई एवं इनका निराकरण कर इन सभी 121 उपभोक्ताओं को बिल में त्रुटि सुधार कर मासिक बिल जारी कर दिये गये है। म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सही विद्युत बिल जारी किये जाने हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

फर्जी बिल वाउचर पर आहरित राशि की जांच

[लोक निर्माण]

49. ( क्र. 1046 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 265 दिनांक 12.08.2021 के उत्‍तर में शहडोल से रीवा एवं अन्‍य जिला मार्गों राष्‍ट्रीय राजमार्गों व ग्रामीण मार्गों से राशि व्‍यय की जानकारी दी गई लेकिन जानकारी अनुसार कार्य नहीं कराए गएफर्जी बिल वाउचर तैयार कर राशि आहरित कर ली गईइसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच कराकर क्‍या कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एडवोकेट मयंकधर द्विवेदी द्वारा विभिन्‍न विधान सभा में जिला स्‍तर से भेजे गये उत्‍तरों की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत चाही गई थी लेकिन मुख्‍य अभियंता लोक निर्माण विभाग एवं कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा जानकारी न देकर पत्र क्रमांक 2220 दिनांक 17.09.2021 के विधान सभा प्रक्रिया संचालन नियम का उल्‍लेख कर जानकारी नहीं दी गई, इसके लिये किन-किन पर जानकारी न देने का दोषी मानकर कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में बदवार से सीतापुर मार्ग में जलदर से वरसैता की रोड के साथ अन्‍य रोडों की जांच हेतु कार्यपालन यंत्री जिला पंचायत द्वारा अपने पत्र क्रमांक 4765 दिनांक 16.09.2021 के द्वारा जांच के निर्देश दिए गए, जांच की प्रति व संबंधित दोषियों पर की गई कार्यवाही की प्रति देवें। अगर जांच नहीं की गई उन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार रोडों की दी गई जानकारी में शहडोल जिले की बुड़वा से जनकपुर व ब्‍यौहारी से सपटा के निर्माण/मरम्‍मत बाबत् कितनी-कितनी राशियां कब-कब स्‍वीकृत की गई? अगर नहीं की गई तो कब तक स्‍वीकृत कर कार्य कराए जावेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) के रोडों में बदवार से सीतापुर मार्ग में बदवार से जलदर में कितनी लागत से कार्य कराया गयाइसके पूर्व इस रोड पर कब-कब कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? पूर्व में राशि देय होने के बाद भी कार्य नहीं कराए गए। 4-5 माह पूर्व इसी रोड पर पुन: राशि स्‍वीकृत कर कार्य कराए गए। पूर्व की राशि की वसूली के साथ जांच प्रतिवेदन के अनुसार दोषियों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? बतावें। अगर जांच पूरी नहीं की गई तो उस पर क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ। संबधित लोक सूचना अधिकारी द्वारा म.प्र. विधानसभा सचिवालय सूचना का अधिकार (प्रक्रिया फीस और लागत का विनियमन) नियम 2010 अन्तर्गत अधिनियम की धारा 28 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत जानकारी नहीं दी गई है। लोक सूचना अधिकारी द्वारा जानकारी न दिये जाने के संबंध में अपीलकर्ता को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत अपील करने का अधिकार है। (ग) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही से सम्‍बंधित नहीं है। (घ) प्रश्नांश रोडों में विशेष मरम्मत के अन्तर्गत केवल पुलियों का मरम्मत कार्य कराया गया है, जिनका विवरण पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। वित्तीय संसाधन की उपलब्धता अनुसार निर्माण कार्य कराया जावेगा। समय सीमा बताना संभव नहीं है। (ड.) प्रश्नाधीन बदवार से सीतापुर मार्ग में बदवार से जल्दर के बीच स्वीकृत कार्यों एवं व्यय राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। जी नहीं। कार्य कराये गये है। जी नहीं। दिनांक 21.06.2021 को मार्ग को मोटरेवल रखने के लिए मात्र पैंच मरम्मत का कार्य कराया गया था, तदोपरांत दिनांक 24.11.2021 को डामर नवीनीकरण/मूल डामरीकरण का कार्य कराया गया है। पूर्व की राशि वसूली का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

हितग्राहियों को आवास आवंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

50. ( क्र. 1047 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा व शहडोल के नगरपालिका निगमों, नगर पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास कितने स्‍वीकृत किए गए, का विवरण जिलावार नगरपालिका निगम व नगर पंचायतवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के स्‍वीकृत आवासों में से हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशियां कब-कब प्रदान की गई एवं कितनी राशि देना शेष है, तो क्‍यों? शेष राशि कब तक हितग्राहियों को दी जावेगी? बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के जिलों में नगरपालिक निगमों द्वारा प्रधानमंत्री आवास एच.पी. के तहत निर्मित की गई ई.डब्‍ल्‍यू.एस. के आवासों का आवंटन कितने लोगों को किया गया एवं कितने बनकर तैयार हो चुके हैं, का विवरण देते हुए बतावें कि जिन हितग्राहियों के द्वारा आवास प्राप्‍त हेतु निर्धारित राशि जमा की जा चुकी है उनमें से कितनों को आवास आवंटित किए गए एवं कितने शेष हैं? शेष को कब तक आवास आवंटित किए जावेंगे? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के स्‍वीकृत व आवंटित आवासों में शासन द्वारा कीमत 3,25,000/- बाद में तय की गई जिन हितग्राहियों द्वारा 4,75,000/- के मान से राशि जमा की गई, उन हितग्राहियों में से किन-‍किन को 1,50,000/- वापस किए गए का विवरण देते हुए बतावें कि जिन हितग्राहयों द्वारा बैंक से फायनेंस कर राशि नगर निगम को अदा की गई उनके खातों में 1,50,000/- रूपये कब भेजे गए? हितग्राहीवार जानकारी देवें। राशि न जमा करने से हितग्राहियों को 4,75,000/- पर ब्‍याज बैंक को अदा करना पड़ रहा है, इसके लिए किनको जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे? साथ ही हितग्राहियों के खाते में कब तक राशि वापस जमा करवा देंगे

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। शेष हितग्राहियों द्वारा पूर्ण राशि जमा करने के उपरांत आवासों का आवंटन किया जा सकेगा।              समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) निकाय ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत ए.एच.पी. घटक के 95 EWS हितग्राहियों को उनके बैंक खाते में राशि रू. 1,39,28,अंतर्गत एच.पी. घटक के 95 EWS हितग्राहियो के उनके बैंक खाते में राशि रू. 1,39,28,163.00 भेज दी है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है।

 

 

शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

51. ( क्र. 1057 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर तथा ग्राम निवेश रतलाम द्वारा वर्ष 2010 से नवम्बर 2021 तक रतलाम तथा सैलाना तहसील में जिन-जिन कालोनियों के नक्शे अनुमोदित किये हैं, उनकी जानकरी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में अनुमोदित किस-किस नक्शे में कालोनी के मध्य में सरकारी नाला एवं सरकारी जमीन पाई गई है तथा बतावें की नाले से लगी हुई जगह पर सड़क, बगीचा, बाउण्ड्रीवॉल, स्थाई निर्माण किया जा सकता है या नहीं? क्या नाले के मध्य से पचास-पचास फिट दोनों तरफ कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कालोनी में किस-किस कॉलोनाईजर को अनियमितता के सन्दर्भ में नोटिस दिये गये तथा क्या कार्यवाही की गई? दिये गये नोटिस तथा कॉलोनाईजर से प्राप्त उत्तर की प्रति देवें। (घ) अप्रैल 2020 से नवम्बर 2021 तक अतिक्रमण, अवैध निर्माण, शासकीय जमीन पर निर्माण आदि को लेकर विभिन्न धारा में कितने नोटिस दिये गये तथा कितनों पर कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) ग्राम बिरियाखेडी स्थित 150/17/1/1, 150 17/1/2, 150/17/2, 150/18/1/2, 150/52 एवं 155/2 तथा कस्बा रतलाम स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 937/9/1, 937/9/2, 937/ 10/2, 937/11/2, 932/3/1 की भूमियों के मध्य नाला पाया गया है। सड़क, एक सामाजिक अधोसंरचना का भाग होने के कारण सभी उपयोग में स्वीकार्य है,नाले से लगी भूमि पर बगीचे का विकास स्वीकार्य योग्य होता है। बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण अनुज्ञेय नहीं है। कतिपय व्यक्तियों द्वारा अपनी भूमि सुरक्षित करने हेतु बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण किया जाता है। किन्तु उक्त क्षेत्र में स्थाई निर्माण मान्य नहीं है। नाले के मध्य से पचास-पचास फिट दोनों तरफ कोई निर्माण नहीं किये जाने बाबत् प्रावधान नहीं है, अपितु नाले से न्यूनतम 9.00 मीटर दूरी तक दोनों और खुला क्षेत्र रखे जाने संबंधी प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनी में किसी भी कॉलोनाईजर को अनियमितता के सन्दर्भ में नोटिस नहीं दिये गये हैं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की शिकायतों का निराकरण

[ऊर्जा]

52. ( क्र. 1059 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) रतलाम जिले के सैलाना वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में माह अप्रैल, 2020 से माह नवंबर, 2021 तक निम्‍नदाब घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? माहवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ख) रतलाम जिले के सैलाना वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2020-21 मे माह अप्रैल, 2020 से माह, नवंबर 2021 तक निम्‍नदाब घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुईं? इनमें से कितने बिलों में सुधार कर शिकायतों का निराकरण किया गया की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ग) रतलाम जिले के सैलाना वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में माह अप्रैल, 2020 से माह नवंबर, 2021 तक निम्‍न दाब घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुईं? इनमें से कितनी शिकायतें सही पाई गई एवं कितने उपभोक्‍ताओं को त्रृटि सुधार उपरांत मासिक बिल जारी किये गये की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (घ) कृषकों पर बकाया की जानकारी                    31 अक्टूबर 2021 की स्थिति में बतावें तथा बतावें कि उन बकाया के समायोजन की कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ड.) 31 अक्टूबर 2021 तक निम्न दाब तथा उच्च दाब उपभोक्ताओं पर कुल बकाया कितना-कितना है तथा उसमें इसी अवधि के पिछले वर्ष से कितना प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) रतलाम जिले के सैलाना वितरण केंद्र कार्यालय के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह अप्रैल 2020 से माह नवंबर 2021 तक निम्‍नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की कुल 492 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनकी माहवार संख्यात्मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) रतलाम जिले के सैलाना वितरण केंद्र कार्यालय के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह अप्रैल 2020 से माह नवंबर 2021 तक निम्नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की कुल 492 शिकायतें प्राप्त हुई, इनमें से 453 शिकायतों में बिलों में सुधार कर शिकायतों का निराकरण किया गया, जिनकी माहवार संख्यात्मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) रतलाम जिले के सैलाना वितरण केंद्र कार्यालय के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह अप्रैल 2020 से माह नवंबर 2021 तक निम्‍नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की कुल 492 शिकायतें प्राप्त हुई, इनमें से 453 शिकायतें सही पाई गई एवं 453 उपभोक्ताओं को बिलों में त्रुटि सुधार कर मासिक बिल जारी किये गये, जिसकी माहवार संख्यात्मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (घ) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रांतर्गत दिनांक 31 अक्टूबर 2021 की स्थिति में कृषि प्रयोजन के विद्युत उपभोक्ताओं पर विद्युत देयकों की कुल बकाया राशि रु. 2233.88 करोड़ है। वर्तमान में उक्त बकाया राशि के समायोजन की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (ड.) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रांतर्गत दिनांक 31 अक्टूबर 2021 की स्थिति में निम्नदाब तथा उच्चदाब विद्युत उपभोक्ताओं पर कुल विद्युत देयकों की बकाया राशि क्रमशः रूपये 11621.61 करोड़ एवं रूपये 1900.61 करोड़ है। निम्‍नदाब विद्युत उपभोक्ताओं तथा उच्चदाब विद्युत उपभोक्ताओं की बकाया राशि में इसी अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में क्रमश: 4.84 प्रतिशत एवं 17.45 प्रतिशत, म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में क्रमश: 16.45 प्रतिशत एवं 14.53 प्रतिशत तथा म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में क्रमश: 20.42 प्रतिशत एवं 8.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

अनुमोदन उपरांत पुल एवं सर्विस रोड की ड्राइंग में परिवर्तन

[लोक निर्माण]

53. ( क्र. 1065 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा-खेतिया स्‍टेट हाईवे 36 पर पानसेमल के समीप गोमई नदी पर पुल एवं सर्विस रोड की एप्रुव्‍ड ड्राईंग एवं डी.पी.आर. की रिपोर्ट देवें। (ख) एप्रुव्‍ड मूल ड्राईंग को बदलने के अधिकार किसके पास हैं? इस संबंध में नीति नियम निर्देशों की प्रति देवें एवं सक्षम अधि‍कारी का नाम बताएं। (ग) सर्विस रोड की छायाचित्र प्रश्‍न दिनांक के पश्‍चात् की तिथि के देवें एवं बतावें की किस सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के पश्‍चात् मूल ड्राईंग को बदला गया है? (घ) यदि सक्षम अधिकारी के आदेश से स्‍थल परिवर्तन नहीं किया है तो, विभाग के किन अधिकारियों की मिली भगत से उक्‍त सर्विस रोड को बदला गया हैउनके नाम, पदनाम बतावें एवं क्या उन्‍हें निलंबित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) अनुबंधानुसार इंजीनियर इन्‍चार्ज के पास। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार एवं सक्षम अधिकारी इंजीनियर इन्‍चार्ज अर्थात संभागीय प्रबंधक, म.प्र. सड़क विकास निगम संभाग धार। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार एवं सक्षम अधिकारी इंजीनियर इन्‍चार्ज अर्थात संभागीय प्रबंधक, म.प्र. सड़क विकास निगम संभाग धार। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय सम्‍पत्ति नष्‍ट करने वालों के खिलाफ कार्यवाही

[लोक निर्माण]

54. ( क्र. 1066 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा स्‍टेट हाईवे पर नवनिर्मित ड्रेनेज सिस्‍टम को तोड़ने के संबंध में किस प्रक्रिया का पालन किया जाता है? उस प्रक्रिया कि विस्‍तृत जानकारी एवं उसे तोड़ने के आदेश जारी करने वाला सक्षम अधिकारी कौन है? (ख) क्‍या नगर पंचायत पानसेमल, जिला-बड़वानी में गोमाई नदी के पुल के समीप स्‍टेट हाईवे-36 पर सड़क के किनारों पर डी.पी.आर. एवं तकनीकी स्‍वीकृति उपरांत ड्रेनेज सिस्‍टम का निर्माण किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित स्‍थान पर ड्रेनेज सिस्‍टम को 25-30 मीटर पूरी तरह तोड़कर उसे पुन: मिट्टी व अन्‍य से भर दिया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में वस्‍तुस्थिति के छायाचित्र देवें एवं किस सक्षम अधिकारी के आदेश से उक्‍त ड्रेनेज सिस्‍टम को तोड़ा गया, उस आदेश की प्रति‍ देवें। तोड़ने में आने वाला खर्च से संबंधित दस्‍तावेज देवें।                              (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना तोड़ा गया है तो तोड़ने वाले का नाम बतावें एवं यदि मौखिक आदेश से तोड़ा गया है तो आदेश देने वाले अधिकारी का नाम बतावें। क्‍या विभाग जांच उपरांत उचित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग में म.प्र. सड़क विकास निगम राज्‍य राजमार्ग अथोरिटी है। अशासकीय/शासकीय संस्‍था द्वारा म.प्र. सड़क विकास निगम के अधिकार क्षेत्र की सड़कों पर किसी भी तरह का कार्य करने के पूर्व विधिवत अनुमति लेने का प्रावधान है। आवेदन के विधिक मापदण्‍ड के आधार पर अनुमति प्रदाय किये जाने हेतु मुख्‍य महाप्रबंधक, म.प्र. सड़क विकास निगम अधिकृत है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। छायाचित्र सम्‍बंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। तोड़ने हेतु म.प्र. सड़क विकास निगम से आदेश/अनुमति प्राप्‍त नहीं किया गया है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) संरचना तोड़ने हेतु म.प्र. सड़क विकास निगम से अनुमति प्राप्‍त नहीं की गई है। ऐसी स्थिति में नाम बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ, म.प्र. सड़क विकास निगम जांच कर नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही करेगा। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय महाविद्यालयों की स्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

55. ( क्र. 1071 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना के दिमनी विधानसभा क्षेत्र में छात्र-छात्राओं की उच्‍च शिक्षा के लिये कुल कितने महाविद्यालय कब-कब स्‍थापित किये गये? अगर नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है? दिमनी विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय खोलने हेतु कोई कार्य योजना उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) क्‍या दिमनी विधानसभा क्षेत्र में विगत कई वर्षों से छात्र-छात्राओं द्वारा शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो महाविद्यालय खोले जाने संबंधी प्रस्‍ताव विभाग द्वारा तैयार कर बजट में शामिल किया जावेगा? अगर हाँ, तो कब तकनहीं तो क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभागीय आदेश क्रमांक एफ 23-20/2021/38-2 दिनांक 27/09/2021 द्वारा दिमनी, जिला मुरैना में सत्र 2021-22 से शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जा चुका है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

कृषि हेतु विद्युत कनेक्‍शन का प्रदाय

[ऊर्जा]

56. ( क्र. 1072 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना के विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत दो वर्षों में कितने कृषि कनेक्शन किये गये हैं? कितने आवेदन जमा हुये, तथा इनमें से कितने-कितने कनेक्शन चालू किये गये हैं? संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ख) क्या मुरैना जिले में झूलते बिजली के तारों से हादसों के कारण जान-माल की हानि हो रही है? यदि हाँ, तो क्या म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्‍तर्गत मुरैना जिले के आबादी क्षेत्र के बीच से गुजर रही 33 के.व्‍ही. लाईन 11 के.व्‍ही. लाईन एवं एल.टी. लाईन की जगह प्‍लास्टिक कोटेड केबिल डालने का विचार रखती है? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों? (ग) क्या म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी विधानसभा क्षेत्र दिमनी के आबादी क्षेत्र में भूमिगत प्लास्टिक कोटेड केबिल डालने का विचार रखती है? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मुरैना जिले के विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत दो वर्षों यथा वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कृषि कार्य हेतु कुल 275 विद्युत संयोजन दिये गये हैं। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विगत दो वर्षों में कृषि कार्य के लिए विद्युत संयोजन हेतु कुल 277 आवेदन म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में प्राप्‍त हुए, जिनमें से 275 विद्युत संयोजन चालू किये गये हैं। शेष 2 आवेदकों में से 1 आवेदक की मृत्‍यु हो जाने के कारण नियमानुसार राशि जमा नहीं होने से आवेदन निरस्‍त किया गया है एवं 1 आवेदनकर्ता के विद्युत संयोजन हेतु लाईन विस्‍तार का कार्य प्रगति पर है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) तकनीकी/वित्‍तीय रूप से साध्‍य नहीं होने के कारण म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र हेतु भूमिगत केबिल बिछाने का कोई भी प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।

ग्वालियर क्षेत्र में निर्मित विन्‍डसर हिल्‍स टाउनशिप निर्माण में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

57. ( क्र. 1079 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में निर्मित टाउनशिप के बिल्डर सी.पी. इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा एसोटेक (नोयडा उ.प्र) द्वारा आवास देते समय टाउनशिप में स्वमिंग पूल, झील, बैडमिन्टन कोर्ट बनाकर देने का प्रत्येक आवासीय उपभोक्ता को अनुबंध किया था जो अभी तक उक्त कार्य पूर्ण नहीं किये गये हैं? नबम्बर 2021 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या यह बारह वर्षों के बाद भी कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र नगर निगम से प्राप्त नहीं किया गया? यदि हाँ, तो नगर निगम ग्वालियर द्वारा उक्त विल्डर के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या हाइराईज बिल्डिंग विन्डसर हिल्स में फायर फाईटिंग सिस्टम पूर्णत: कार्यरत नहीं होने से आगजनी की घटना से कभी भी व्यापक जन हानि की संभावना बनी रहती है? नगर निगम द्वारा अभी तक फायर ऑडिट क्यों नहीं किया? (घ) क्या टाउनशिप के सात सौ अठारह गृह स्वामियों के आवासीय व्यवस्था के मेन्टीनेन्स हेतु कॉलोनी वासियों द्वारा निर्वाचित समिति को सौंपने हेतु तीन वर्ष का नियम है जबकि कम्पनी दस वर्षों से भी अधिक समय हो जाने के बावजूद अवैध वसूली कर रही है? शासन द्वारा अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्‍न में उल्‍लेखित कॉलोनी विकासकर्ता बिल्‍डर तथा उपभोक्‍ता के मध्‍य उल्‍लेखित अनुबंध निकाय स्‍तर पर संधारित नहीं किया जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ख) जी हाँ, कार्य बिल्‍डर सी.पी. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर तथा एसोटेक के द्वारा नगर पालिका निगम, ग्‍वालियर से कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्‍त नहीं किया गया है। उक्‍त अनुक्रम में प्रश्‍नाधीन विन्‍डसर हिल्‍स टाउनशिप के बंधक रखे गए आवास मुक्‍त नहीं किए गए।                (ग) जी हाँ, नगर निगम ग्‍वालियर में सी.पी. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर तथा एसोटेक को राष्‍ट्रीय भवन संहिता भाग-चार के प्रावधान अनुसार अग्निशमन यंत्र स्‍थापित करने हेतु नोटिस जारी किए हैं जिसके उत्‍तर में बिल्‍डर ने फायर एन.ओ.सी. प्राप्‍त करने के लिए नगर निगम कार्यालय में आवेदन प्रस्‍तुत किया है जो प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं, म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम, 1998 में राजपत्र प्रकाशन दिनांक 06.11.2019 को किये गये संशोधन के नियम 12 (2) (आठ) अनुसार कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनांक को कॉलोनी के संधारण के लिये रहवासी कल्‍याण समिति को अंतरित किये जाने का प्रावधान है। उक्‍त कॉलोनी में रहवासी समिति का गठन नहीं हुआ है। निकाय के द्वारा बिल्‍डर को रहवासी समिति गठित करने के निर्देश दिये गये हैं।

विद्युत प्रदाय में अनियमितता

[ऊर्जा]

58. ( क्र. 1082 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या ग्‍वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में स्थित विन्‍डसर हिल्‍स टाउनशिप के बिल्‍डर कम्‍पनी द्वारा ऐसोटेक इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर कम्‍पनी के द्वारा म.प्र. विद्युत वितरण कम्‍पनी से एल.टी. कनेक्‍शन लेकर सात से अठारह आवासों को प्रीपेड बिजली स्‍वयं कम्‍पनी द्वारा वितरण की जा रही हैक्‍या शासन द्वारा उसके खिलाफ कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) क्‍या म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी द्वारा उक्‍त टाउनशिप के उपभोक्‍ताओं को विद्युत प्रदाय स्‍थानीय विद्युत केन्‍द्रों से की जा रही है जबकि टाउनशिप के उपभोक्ताओं के सि‍स्‍टम का नियंत्रण नोयडा उ.प्र. बिल्‍डर के कार्यालय से किया जा रहा है, क्‍यों? दिनांक 01.01.2019 के उपरांत उसकी शिकायतें कितनी बार हुईउस पर क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या टाउनशिप 718 आवासों के लिये 3543 कि.वॉ.               रू. 4500 प्रति कि.वॉ. वसूला गया है, जबकि एम.पी.ई.बी. से 196 आवासों हेतु 1060 कि.वॉ. लोड ही लिया गया है, बारह वर्षों में बिल्‍डर द्वारा टाउनशिप के उपभोक्‍ताओं से एक करोड़ से भी अधिक वसूली को न तो विद्युत विभाग में जमा किया, न ही आवासीय उपभोक्‍ताओं को वापस किया गया है, इस तरह बिल्‍डर विद्युत कम्‍पनी से धोखाधड़ी की गई, विभाग द्वारा अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नाधीन टाउनशिप के बिल्‍डर मेसर्स ऐसोटेक सी.पी. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर द्वारा 33 के.व्‍ही. उच्‍चदाब पर 700 के.व्‍ही.ए. का उच्‍चदाब कनेक्‍शन, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश की टैरिफ श्रेणी 6.2 (बल्‍क रेसीडेंशियल यूजर्स) के अंतर्गत लिया गया है। प्रश्‍नाधीन टाउनशिप में संचालन/संधारण शहर वृत्‍त ग्‍वालियर द्वारा कोई भी एल.टी. कनेक्‍शन प्रदाय नहीं किया गया है। उक्‍त टाउनशिप परिसर में बिल्‍डर कंपनी द्वारा रहवासियों को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्‍त टाउनशिप बिल्‍डर मेसर्स ऐसोटेक सी.पी. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर को उच्‍चदाब 33 के.व्‍ही. कनेक्‍शन म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश की टैरिफ श्रेणी 6.2 (बल्‍क रेसीडेंशियल यूजर्स) के अंतर्गत दिया गया है। उक्‍त टाउनशिप परिसर के निवासियों को बिल्‍डर कंपनी द्वारा उक्‍त उच्‍च दाब कनेक्‍शन से विद्युत प्रदाय की जा रही है। दिनांक 01.01.2019 के उपरांत प्रश्‍नाधीन टाउनशिप के एक उपभोक्‍ता द्वारा लोड बढ़ाये जाने को लेकर उक्‍त टाउनशिप के बिल्‍डर के विरूद्ध की गई एक शिकायत, दिनांक 06.07.2021 को म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय को प्राप्‍त हुई थी। तत्‍संबंध में महाप्रबंधक, शहर वृत्‍त ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 3435 दिनांक 15.07.2021 के माध्‍यम से संबंधित शिकायकर्ता को नियमानुसार जवाब प्रेषित कर दिया गया था, जिसकी छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन टाउनशिप के रहवासियों से म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई राशि जमा नहीं करवाई गई है। उच्‍चदाब विद्युत की टैरिफ श्रेणी 6.2 (बल्‍क रेसीडेंशियल यूजर्स) के तहत मेसर्स ऐसोटेक सी.पी. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर द्वारा नियमानुसार 33 के.व्‍ही. उच्‍चदाब पर 700 के.व्‍ही.ए. उच्‍चदाब विद्युत कनेक्‍शन निर्धारित शुल्‍क जमा किए जाने के उपरांत ही लिया गया है। वर्तमान में उक्‍त उपभोक्‍ता द्वारा संविदा मांग के अन्‍तर्गत ही विद्युत का उपयोग किया जा रहा है एवं उसके द्वारा विद्युत देयकों का भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा है। अत: बिल्‍डर पर किसी प्रकार की कार्यवाही म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जाना अपेक्षित नहीं है।

परिशिष्ट - "बाईस"

योजना मद के अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों का भुगतान

[लोक निर्माण]

59. ( क्र. 1087 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में योजना मद में चल रहे कार्यों के लंबित देयकों की जानकारी               15 दिसम्‍बर-2021 की स्थिति में कार्यों के तथा कन्‍स्‍ट्रक्‍शन कम्‍पनियों के नाम सहित बतायें।       (ख) समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने पर प्राईज वेरिएशन में छूट की प्रक्रिया की विस्‍तृत जानकारी देते हुये यह बतावें कि भुगतान में देरी से समय-सीमा में कार्य नहीं होने पर क्‍या शासन प्राईज वेरिएशन का लाभ कन्‍स्‍ट्रक्‍शन कम्‍पनियों को देगी? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) 10 करोड़ से कम लागत या ऐसे कार्य जिनकी समय-सीमा 11 माह तक होती है, उन कार्यों मे देरी का कारण यदि कन्‍स्‍ट्रक्‍शन कम्‍पनी के नियंत्रण से बाहर है तो क्‍या ऐसे कार्यों में भी प्राईज वेरिएशन का लाभ देने पर शासन विचार करेगा? यदि नहीं तो छोटे कार्यों में भुगतान न होने से समय-सीमा में कार्य न होने से ठेकेदार को हो रहे नुकसान की भरपाई कैसे होगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

बी.एड. में प्रवेश हेतु सी.एल.सी राउण्‍ड के संबंध में

[उच्च शिक्षा]

60. ( क्र. 1089 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अन्‍तर्गत के निजी बी.एड. महाविद्यालयों में वर्ष 2021-22 में प्रवेश हेतु द्वितीय अतिरिक्‍त चक्र के पश्‍चात रिक्‍त पदों की जानकारी देते हुए यह भी बतायें कि ऐसे कितने आवेदक हैं जिन्‍हें रजिस्‍ट्रेशन के बाद भी कोई कॉलेज नहीं मिला? (ख) क्‍या शासन निजी बी.एड. महाविद्यालयों में वर्ष 2021-22 की रिक्‍त सीटों पर सी.एल.सी. राउण्‍ड कराने पर विचार करेगा? (ग) अन्‍य सभी पाठ्यक्रमों में रिक्‍त सीटों को भरने हेतु सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइन के अनुसार सी.एल.सी. राउण्‍ड कराये जाते हैं लेकिन बी.एड. पाठ्यक्रमों में सी.एल.सी राउण्‍ड नहीं कराने के कृपया कारण स्‍पष्‍ट करें। (घ) विगत तीन वर्षों में निजी बी.एड कॉलेजों में एस.सी., एस.टी. वर्ग के छात्र-छात्राओं जिनका प्रवेश मात्र 5 हजार जमा करके हो जाता है, बीच में कालेज छोड़ने से कितनी सीटें रिक्‍त हुई? सत्र अनुसार तथा महाविद्यालय अनुसार जानकारी दें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। कुल 6055 आवेदकों को रजिस्ट्रेशन के बाद कोई कॉलेज नहीं मिला। (ख) जी नहीं।         (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण क्रमांक सिविल अपील 104/2012 में दिनांक 06/01/2012 को पारित निर्णय अनुसार एन.सी.टी.ई. के बी.एड. आदि पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु कॉलेज लेबल काउंसलिंगनहीं करायी जा सकती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है।

विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में सड़क मार्गों का निर्माण

[लोक निर्माण]

61. ( क्र. 1094 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 में कहाँ- कहाँ पर सड़क मार्गों के निर्माण कार्यों की कितनी लागत के कार्यों की स्वीकृति दी गई है? इनमें से                                            कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए हैं और कौन से कार्य अपूर्ण या अप्रारंभ हैं? इन कार्यों के लिए                                          कितनी-कितनी राशि जारी की गई? निर्माण कार्यों के लिए निर्माण एजेंसी किसे नियुक्त किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों का किस-किस निर्माण एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किया गया है? स्वीकृत कार्य अपूर्ण या अप्रारंभ होने का क्या कारण है? स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं जो राशि के अभाव में पूर्ण नहीं हुए या कार्य प्रारंभ नहीं हो सके? (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से सड़क मार्गों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति‍ लंबित है? कार्य लंबित होने का क्या कारण है? लंबित कार्यों को कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। स्‍वीकृति का निर्णय विभागीय बजट, वित्‍त विभाग द्वारा जारी सूचकांक आदि के आधार पर किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बरघाट नगर परिषद् की विभिन्न योजनाएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

62. ( क्र. 1103 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरघाट नगर परिषद् के अंतर्गत निर्माणाधीन मुख्यमंत्री मॉडल रोड जिस का कार्य प्रारंभ हो चुका था एवं इसकी प्रथम किश्‍त राशि तकरीबन 60 लाख नगर परिषद् को प्राप्त हो चुकी थी, उसके बावजूद भी तकरीबन 3 सालों से इस मॉडल रोड का निर्माण कार्य रुका हुआ है। कार्य कब तक प्रारंभ होगा एवं किन कारणों से अब तक कार्य रुका हुआ है? (ख) बरघाट नगर परिषद् के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों की द्वितीय किश्‍त की राशि अब तक प्राप्त नहीं हो पाई है, वह कब तक प्राप्त होगी? (ग) बरघाट नगर परिषद् में पिछले 4 सालों में कितने प्रधानमंत्री आवास एवं मुख्यमंत्री आवास के हितग्राहियों की शिकायतें दर्ज की गई हैं? उनकी सूची प्रदान करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। तत्‍कालीन परिषद् के कार्यकाल में, मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी द्वारा अनुदान राशि का अन्‍य मदों में भुगतान किये जाने से, ठेकेदार को भुगतान नहीं होने के कारण, कार्य रूका हुआ है। अनियमित भुगतान के संबंध में विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है। राशि की अनुपलब्‍धता एवं निकाय की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से, कार्य प्रारंभ होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) नगर परिषद् बरघाट में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में बी.एल.सी. घटक अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को द्वितीय किश्‍त की राशि शासन की गाइड-लाइन अनुसार, हितग्राहियों के आवास निर्माण की लिंटल लेवल तक निर्माण न करने के कारण प्राप्‍त नहीं हुई है। वांछित भौतिक प्रगति अनुसार कार्य करने के क्रम में, जिओ-टेगिंग के उपरांत हितग्राहियों को द्वितीय किश्‍त मुक्‍त की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

टोल वसूली में अनियमितता

[लोक निर्माण]

63. ( क्र. 1108 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड से जावरा तथा जावरा से नयागांव फोरलेन टोल सड़क की टोल वूसली की अंतिम दिनांक कौन सी है? प्रश्न दिनांक तक टोल प्रारंभ से कितनी राशि तथा कितने प्रति‍शत राशि वूसली जा चुकी है? (ख) क्या टोल वूसली की अवधि तय करने हेतु फिजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जाकर परियोजना की लागत के अनुरूप मार्ग पर यातायात गणना एवं भविष्य में यातायात के अनुमान के आधार पर वित्तीय व्यवहार्यता का आंकलन कर इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न्‍स द्वारा टोल अवधि तय की जाती है? यदि हाँ, तो उक्त फोरलेन में किस समिति/कंपनी ने निर्माण लागत से लगभग 4 गुना टोल वसूली अवधि तय करने का अव्यवहारिक आंकलन किया गया? विभाग ने इसकी समीक्षा कब-कब की? क्या‍ उक्त फोरलेन पर टोल वसूली अवधि को कम किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उक्त सड़क पर वर्तमान वसूली के आधार पर तय अवधि तक कुल कितना टोल वूसला जायेगा? क्या पूर्ण अवधि वसूला गया टोल निर्माण लागत का 4 से 5 गुना होगी? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी देवें। (घ) उक्‍त सड़क के निर्माण उपरांत टोल वसूली से प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने प्रतिशत टोल की वृद्धि हुई तथा अनुबंध अनुरूप कितना-कितना टोल प्रत्‍येक वाहनों पर किस-किस अनुपात में प्रतिवर्ष बढ़ाया गया?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लेबड़-जावरा तथा जावरा से नयागांव फोरलेन टोल सड़क की टोल वसूली की अंतिम तिथि दिनांक 27.04.2033 है। दिनांक 30.11.2021 तक कुल राशि रूपये 1632.68 करोड़ वसूली जा चुकी है। 70 प्रतिशत राशि वसूली जा चुकी है। (ख) जी हाँ। मेसर्स ईस्‍ट कंसल्‍टेंट एल.आर.पी. सी.सी. जे.व्‍ही. द्वारा आंकलन किया गया है। लेबड़ जावरा मार्ग पर अनुबंध की कंडिका-29 अनुसार नियत टारगेट ट्रेफिक दिनांक को ट्रेफिक गणना अनुसार टोल वसूली अवधि को कम अथवा ज्‍यादा किये जाने का प्रावधान है। अनुबंधित टारगेट ट्रेफिक दिनांक को ट्रेफिक गणना कराई गई जिस अनुसार फिजीबिलिटी रिपोर्ट में दर्शाये गये यातायात में कमी पाई गई है। जिस अनुसार अनुबंध में निहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जावेगी। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) भविष्‍य में होने वाली टोल वसूली का आकंलन वर्तमान में किया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तेईस"


लेबड-नयागांव अनुबंध के अनुसार आर.ओ.बी. का निर्माण

[लोक निर्माण]

64. ( क्र. 1109 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्रं 617 दिनांक- 30.12.2020 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया गया कि विभाग द्वारा जावरा-नयागांव फोरलेन मार्ग पर अनुबंध अनुसार जावद रोड के समीप अल्टा टैक सीमेंट फैक्ट्री द्वारा फोरलेन सड़क पर आर.ओ.बी. का निर्माण विक्रम सीमेंट कंपनी (वर्तमान में अल्ट्राटैक सीमेंट फैक्ट्री ) से कराये जाने को लेकर विभाग द्वारा बार-बार सीमेंट फैक्ट्री से पत्राचार किये गये, पत्राचार पर हुई कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा दिये गये निर्देश के बावजूद सीमेंट फैक्ट्री द्वारा उक्त आर.ओ.बी.नही बनाये जाने को लेकर फैक्ट्री के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या टोल निर्माता कंपनी और फैक्ट्री मालिक एवं विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सांठ-गांठ से लगभग 12 वर्ष बाद भी अनुबंध के बावजूद उक्त आर.ओ.बी. का निर्माण जनसुविधा हेतु टोल वसूली के बावजूद नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विक्रम सीमेंट कंपनी द्वारा स्‍वयं के व्‍यय पर आर.ओ.बी. निर्माण कराये जाने हेतु अनुमति मांगी गई थी। विभाग द्वारा सशर्त अनुमति प्रदाय की गई थी। (ख) चूंकि विक्रम सीमेंट कंपनी द्वारा स्‍वयं के व्‍यय पर आर.ओ.बी. बनाये जाने की अनुमति मांगी गई थी। अत: उनके द्वारा आर.ओ.बी. निर्माण न किये जाने पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्‍त आर.ओ.बी. का निर्माण निवेशकर्ता को बी.ओ.टी. (टोल) योजनांर्गत आवंटित परियोजना के कार्यक्षेत्र में सम्मिलित नहीं था। अत: निवेशकर्ता द्वारा परियोजना में सम्मिलित सभी कार्य एवं मार्ग निर्माण उपरांत टोल वसूली किया जाना तथा प्रश्‍नांकित आर.ओ.बी. निर्माण में संबंध स्‍थापित ही नहीं होता।

हितग्राहियों को आवास हेतु राशि का प्रदाय

[नगरीय विकास एवं आवास]

65. ( क्र. 1114 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि नगर पालिका कैलारस में 364 हितग्राहियों आवासों के लिए कलेक्टर महोदय से अनुमोदन प्राप्त होने के उपरांत भी आज दिनांक तक राशि नहीं भेजी गयी? विलम्ब के क्या कारण रहे? उक्त राशि कब तक भेजी जाकर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा सकेगा? (ख) नगर पालिका कैलारस में 127 पात्र हितग्राहियों को राजनैतिक विद्वेषवश अपात्र कर दिया गया है, इस सम्बंध में पुनः जांच हेतु कब-कब किस-किस के द्वारा आवेदन किये गये? प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यावाही की गयी? पुनः जांच प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं करायी गयी? क्या पुनः जांच करवाकर पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों? (ग) नगर पालिका कैलारस में विगत दो वर्षों से लगभग 400 हितग्राही पात्र है जो कलेक्टर के अनुमोदन प्रत्याशा में लाभ से वंचित है? अनुमोदन कब तक किया जा सकेगा? समय सीमा तय की गयी है? (घ) पूर्व में किरायेदारों के लिए बी.एल.सी. घटक जमीन आवंटित की गयी थी जो नदी के किनारे बहेड़ी होकर अनुपयोगी है? जिस सम्बंध में नगर पालिका द्वारा कलेक्टर को उपयुक्त अन्य जमीन के लिए भेजा गया प्रस्ताव विचाराधीन है? उपरोक्‍त जमीन कब तक आवंटित कर दी जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर परिषद् कैलारस में कलेक्टर जिला मुरैना द्वारा क्रमशः 323 एवं 37 कुल 360 हितग्राहियों की सूची अनुमोदित की गई थी। हितग्राहियों की पात्रता के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर संभागीय कार्यपालन यंत्री को जांच करने हेतु निर्देशित किया गया। संभागीय कार्यपालन यंत्री द्वारा जांच की जा रही है। जांच में अभी 104 हितग्राहियों को पात्र पाया गया जिसमें से 15 हितग्राहियों को प्रथम किश्त दी जा चुकी है। 89 हितग्राहियों को प्रथम किश्त भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है। शेष हितग्राहियों के संबंध में अभिलेख प्राप्ति व जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। हितग्राहियों के दस्तावेज अपूर्ण होने पर अपात्र घोषित किया गया है। अपात्र हितग्राहियों के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर पुनर्विचार हेतु निकाय द्वारा पत्र क्रमांक 1063 दिनांक 14.10.2021 से तहसीलदार कैलारस को अपात्र हितग्राहियों के अभिलेख भेजे गये हैं। जांच प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है। शिकायतकर्ता का नाम एवं शिकायत के दिनांक की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। चूंकि हितग्राहियों की पात्रता सुनिश्चित होना अनिवार्य है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नगर परिषद् कैलारस द्वारा 744 हितग्राहियों की सूची कलेक्टर जिला मुरैना को पत्र क्रमांक 1096 दिनांक 18.11.2021 से अनुमोदन हेतु भेजी गई है। परीक्षण प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) नगर परिषद् कैलारस के पत्र क्रमांक 1058 दिनांक 11.10.2021 द्वारा नहर के किनारे बहेडी में रकवा 5.936 हेक्टेयर भूमि बी.एल.सी. घटक के आवासहीन/भूमिहीन हितग्राहियों के लिये आवंटन हेतु प्रस्ताव न्‍यायालय कलेक्टर मुरैना में विचाराधीन है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

अनियमितताओं की शिकायतों की जांच

[नगरीय विकास एवं आवास]

66. ( क्र. 1117 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद् कैलारस में निर्माण कार्य एवं अन्य व्यय राशि की कितनी शिकायतें किस-किस जनप्रतिनिधि एवं अन्य शिकायतकर्ताओं द्वारा की गयी है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी को प्रस्तुत पत्र विभाग को प्राप्त होने के उपरांत भी गंभीर शिकायतों पर भी आज दिनांक तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी हैकार्यवाही में उदासीनता के क्या कारण रहे? (ग) फरवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद् कैलारस के समस्त निर्माण कार्य एवं अन्य व्यय मदों की जांच कराई जा सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) , (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में, परिषद् में तत्कालीन अधिकारियों द्वारा भारी स्तर पर भ्रष्टाचार एवं अनियमितता कर शासन की करोड़ों की राशि का दुरूपयोग किया गया है, जनप्रतिनिधियों की शिकायतों पर कार्यवाही न होने से अधिकारी निरंकुश एवं भ्रष्टाचारी हो गये हैं, जांच संस्थित कर वस्तु स्थिति स्पष्ट करने की कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी को अपने पत्र क्रमांक/क्‍यू/शि.आ./र.हा.जौ./ ‍बी.पी.एल.पी.5./ 2021 दिनांक 27/09/2021 द्वारा शिकायत प्रस्‍तुत की गई, जिसमें उल्‍लेखित शिकायत के अनुक्रम में श्री संतोष सिहारे प्रभारी मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद् कैलारस जिला मुरैना को संचालनालय के आदेश क्रमांक 17175 दिनांक 06/10/2021 से निलंबित किया गया। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संभागीय कार्यालय ग्‍वालियर को प्राप्‍त शिकायतों की जांच के संबंध में उनके पत्र क्रमांक 2763 दिनांक 18/10/2021, पत्र क्रमांक 3108 दिनांक 18/11/2021, पत्र क्रमांक 3095 दिनांक 16/11/2021 एवं पत्र क्रमांक 3225 दिनांक 30/11/2021 से मूल अभिलेख मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद् कैलारस से चाहे गये है। मूल अभिलेख प्राप्‍त होने पर शिकायत का परीक्षण कर तदोपरान्‍त आवश्‍यक कार्यवाही की जा सकेगी। श्रीमती अंजना बृजेश बंसल द्वारा की गई शिकायत के संबंध में संचालनालय के पत्र क्रमांक 11664 दिनांक 11/10/2021 एवं पत्र क्रमांक 12423 दिनांक 01/11/2021 द्वारा कलेक्‍टर जिला मुरैना को कार्यवाही कर प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराये जाने हेतु सूचित किया गया है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं, शिकायतों के संबंध में परीक्षण उपरान्‍त आवश्‍यक कार्यवाही प्रचलन में है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

ढोंचरा-गोपालपुरा का मार्ग निर्माण

[लोक निर्माण]

67. ( क्र. 1120 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में ढोंचरा-गोपालपुरा मार्ग के निर्माण के लिए W.M.M. प्लांट कहाँ स्थापित किया गया है? उक्त प्लांट से रोड की दूरी कितनी है? क्या प्लांट और रोड की दूरी निर्धारित मापदण्डों के अनुसार है? यदि नहीं तो इसके लिए कौन दोषी है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या उक्त मार्ग पर डम्बर करने के लिए बैचमिक्स प्लांट का उपयोग किया गया है? यदि नहीं तो किस प्लांट से इसका डम्बर किया जा रहा है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम वीकर तहसील भाण्‍डेर में। लगभग 110.00 कि.मी.। जी हाँ। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पहुँच मार्गों पर व्‍यय राशि

[लोक निर्माण]

68. ( क्र. 1125 ) श्री सुरेश राजे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के अधीन कौन-कौन से पहुंच मार्ग हैं? वर्ष 2018-19 से 2021-22 में डबरा क्षेत्र के कौन-कौन से रोड कितनी-कितनी राशी के स्वीकृत हुए हैं? इन्हें पूर्ण करने की अवधि क्या है तथा इन पर प्रश्न दिनांक तक कितनी राशी व्यय की गयी है पूर्ण/अपूर्ण एवं इनकी गारंटी अवधि कब तक है? (ख) वर्ष 2018-19 से 2021-22 में विधानसभा क्षेत्र 19 के अधीन पहुँच मार्गों में से गारंटी अवधि में अथवा गारंटी अवधि के बाद किस पहुँच मार्ग पर मरम्मत / पेंचवर्क पर कितनी-कितनी राशी किस मद से व्यय की गयी? वर्षवार एवं कार्यवार बतावें l (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित रोडों की स्‍वीकृत राशि के संदर्भ में शासन के किस आदेश / नियम के अनुसार तकनीकी स्वीकृत राशि से अधिक राशि‍ की प्रशासकीय स्वीकृति किस सक्षम अधिकारी द्वारा देने के अधिकार हैं? आदेश/नियम की सत्यापित प्रति देवें l (घ) डबरा विधानसभा क्रमांक 19 के अंतर्गत सिंधु नदी पर बने लांच-लिधोरा पुल, रतनगढ़ माता का पुल व अन्य पुल जो ध्वस्त हुए हैं वे कितनी राशि के तथा कब निर्मित हुए? उनकी गारंटी अवधि क्या थी तथा त्रासदी के बाद निर्माण कार्य की गुणवक्ता की जांच की गयी? यदि हाँ, तो विवरण प्रदान करें। यदि नहीं तो कारण बतावें l

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पहुंच मार्गों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे      प्रपत्र-अ अनुसार एवं वर्ष 2018-19 से 2021-22 में स्वीकृत मार्गों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1' एवं प्रपत्र-स अनुसार है।         (ग) जानकारी पुस्‍त्‍कालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-द अनुसार है।

संचालित पत्‍थर, गिट्टी, क्रेशर एवं उद्योग से पर्यावरण प्रदूषित होना

[पर्यावरण]

69. ( क्र. 1131 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले की गोहद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित क्रेशर एवं मालनपुर में स्‍थापित उद्योगों से क्रमश: निकलने वाली धूल-प्रदूषित जल आदि से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, जिसका प्रभाव मानव, पशु पक्षी एवं कृषि भूमि आदि पर पड़ रहा है? (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त किन-किन क्रेशर संचालकों एवं उद्योगों द्वारा वायु (प्रदू‍षण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 एवं जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 के अंतर्गत नियमानुसार सम्‍मति दी गई हैं एवं किन-किन क्रेशर संचालकों एवं उद्योगों के पास उक्‍त सम्‍मति नहीं है, उसके बावजूद क्रेशर एवं उद्योग क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी की मिलीभगत से संचालित है? क्‍या इसकी जांच कराई जाकर विधिसम्‍मत कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्‍या उक्‍त क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित क्रेशर से वायु प्रदूषण फैल रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या स्‍थल निरीक्षण कर उनके विरूद्ध विधिसम्‍मत कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) यदि विभाग का उत्‍तर नहीं है तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता की उपस्थिति में जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी नहीं। (ख) जिन क्रेशर संचालकों द्वारा सम्मति प्राप्त की गई है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा बिना सम्मति के संचालित कोई भी क्रेशर की सूची नहीं रखता है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। निर्धारित प्रक्रिया अनुसार ही जांच की जाती है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।


क्षतिग्रस्‍त विद्युत अधोसंरचना का निर्माण

[ऊर्जा]

70. ( क्र. 1139 ) श्री बाबू जण्‍डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) श्योपुर में वर्ष 2021 में आई भीषण बाढ़ से कौन-कौन सी विद्युत अधोसंरचनाएं/नष्ट/नुकसान हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्षतिग्रस्त/नष्ट हुए कौन-कौन से कार्य किन-किन ठेकेदारों से                कितनी-कितनी राशि से कराये गये? उक्त सभी कार्यों पर अभी तक कितना-कितना भुगतान किया गया विस्तृत एवं प्रमाणित रूप से अवगत कराएं। (ग) क्या यह सत्य है कि महाप्रबंधक                श्री आर.के.अग्रवाल द्वारा अपने चहेते बाहरी नजदीकी रिश्तेदार ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के उद्धेश्य से उक्त कार्य उनसे कराये गये हैं? यदि नहीं तो स्थानीय ठेकेदारों से उक्त कार्य क्यों नहीं कराये गये? (घ) क्या महाप्रबंधक श्री अग्रवाल के द्वारा अपनी पदस्थी से आज दिनांक तक उनके नजदीकी रिश्तेदार ठेकेदार श्री शिववल्लभ अग्रवाल को कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये हैं?कितना-कितना भुगतान उक्त कार्यों पर किया गया है? क्या श्री शिववल्लभ अग्रवाल के सभी 5 प्रतिशत सुपरवीजन योजना के कार्यों को नियमों की अनदेखी कर उर्जीकृत करा दिया गया है?प्रमाणित दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराएं। (ड.) सम्बन्धित ठेकेदार द्वारा उक्त सभी कार्य घटिया स्तर से कराये गये हैं? क्या शासन उक्त सभी कार्यों की जांच करायेगा? यदि हाँ तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) श्‍योपुर में वर्ष 2021 में आई भीषण बाढ़ से क्षतिग्रस्‍त नष्‍ट हुई विद्युत अधोसंरचनाओं का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश ‘’’’ में उल्‍लेखित श्‍योपुर जिला क्षेत्रांतर्गत क्षतिग्रस्‍त/नष्‍ट हुई विद्युत अधोसंरचना को पुन: व्‍यवस्थित किये जाने हेतु कराए गए कार्यों में से ठेकेदार एजेंसियों के माध्‍यम से कराए गये कार्यों से संबंधित प्रश्‍नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) जी नहीं, उक्‍त सभी कार्य कंपनी नियमानुसार कराये गये हैं, जिसमें पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' में दर्शाए अनुसार स्‍थानीय ठेकेदार एजेंसियाँ भी सम्मिलित हैं। (घ) महाप्रबंधक श्री आर.के. अग्रवाल की श्‍योपुर पदस्‍थापना अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक श्री शिववल्‍लभ अग्रवाल ठेकेदार द्वारा विभिन्‍न योजनांतर्गत किये गये कार्यों एवं भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। जी नहीं, श्री शिववल्‍लभ अग्रवाल ठेकेदार द्वारा 5 प्रतिशत सुपरविजन योजनांतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में 2 कार्य पूर्ण किये गए हैं, जिन्‍हें निर्धारित मापदण्‍ड एवं प्रक्रिया अनुसार पूर्ण करवाकर ही ऊर्जीकृत किया गया है। ठेकेदार श्री शिववल्‍लभ अग्रवाल द्वारा क्रियान्वित उक्‍त 5 प्रतिशत सुपरविजन योजना के कार्यों के अधिग्रहण/ ऊर्जीकरण संबंधी प्रमाणित दस्‍तावेज की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ड.) ठेकेदार श्री शिववल्‍लभ अग्रवाल द्वारा क्रियान्वित कार्य घटिया स्‍तर के होने के संबंध में कोई शिकायत म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। तथापि यदि कोई विशिष्‍ट शिकायत उक्‍त संबंध में माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय से प्राप्‍त होती है, तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।


नियम विरूद्ध कार्य कराने वाले पर कार्यवाही

[ऊर्जा]

71. ( क्र. 1140 ) श्री बाबू जण्‍डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 968 दिनांक 12 अगस्त 2021 पर क्या कार्यवाही हुई? अवगत करावें। (ख) क्या श्योपुर में पदस्थ प्रबंधक मानव संसाधन श्री गौरव पटोदिया विगत 09 वर्षों से पदस्थ होकर नियम विरूद्ध कार्यों को अंजाम दे रहे है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इनका स्थानांतरण क्यों नहीं किया जा रहा है? श्री पटोदिया का स्थानांतरण कब तक कर दिया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 197 दिनांक 14.09.2021 को श्री आरके अग्रवाल महाप्रबंधक के विरूद्ध शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन पर कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? कब तक की जावेगी? (घ) क्या श्री अग्रवाल द्वारा 33 के.व्ही. पाण्डोला लाईन पर अपने चहेते ठेकेदार श्री हिमांशु गोयल के द्वारा भ्रष्टाचार करते हुये नियमों को ताक पर रख बिना प्राक्कलन के 33 केव्ही पाण्डोला लाईन में 2 एच.बीम लगाकर लाईन को शिफ्ट करा दिया, जबकि यह 33 के.व्ही. का प्रकरण वरिष्ठ कार्यालय की जानकारी में भी है, महाप्रबंधक श्री आरके अग्रवाल एवं ठेकेदार श्री हिमांशु गोयल पर शासन के राजस्व के नुकसान और सुरक्षा को ताक पर रखकर किया गया है? नियम विरूद्ध किये गये कार्य के लिये महाप्रबंधक श्री आरके अग्रवाल के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक प्रमाणित दस्तावेजों से अवगत करावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा प्रश्‍न क्र. 968 दिनांक 12.08.2021 के तारतम्‍य में श्री गौरव पटौदिया, प्रबंधक (मानव संसाधन) संचालन/संधारण वृत्‍त श्‍योपुर के विरूद्ध अनियमितता/ नियम विरूद्ध कार्य किये जाने संबंधी प्राप्‍त शिकायत की म.प्र मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच की गई है। जांच में उक्‍त शिकायत निराधार पाई गई। अत: श्री गौरव पटौदिया के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित शिकायत पत्र में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं की जांच हेतु, क्षेत्रीय कार्यालय ग्‍वालियर द्वारा जांच संस्थित की जा चुकी है, जो कि वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। (घ) यह सही है कि श्री योगेश कुमार गर्ग पुत्र श्री शंभूदयाल गर्ग श्‍योपुर के परिसर में 33 के.व्‍ही पाण्‍डोला लाईन में 2 नंबर एच.बीम लगाकर लाईन को ऊंचा किया गया था, जिसके संज्ञान में आते ही भू-स्‍वा‍मी एवं ठेकेदार श्री हिमांशु गोयल के विरूद्ध लाईन से छेड़छाड़ करने के संबंध में सहायक प्रबंधक पाण्‍डोला वितरण केन्‍द्र द्वारा उनके पत्र क्रमांक 3217 दिनांक 22/07/2021 से थाना प्रभारी देहात थाना श्‍योपुर को आवेदन दिया गया है। तत्‍पश्‍चात् भू-स्‍वामी द्वारा पुन: आवेदन दिनांक 03/09/2021 के माध्‍यम से नियमानुसार लाईन को शिफ्ट करने हेतु निवेदन किया गया, जिस पर संबंधित उपमहाप्रबंधक द्वारा, 2 नंबर एच.बीम लगाकर बिना स्‍वीकृति क्रियान्वित किये गये कार्य से दुर्घटना की स्थिति को टालने एवं कंपनी की विद्युत लाईनों से परिसर की दूरी निर्धारित मानकों के अनुरूप रखने हेतु, 5% सुपरविजन योजना अंतर्गत प्राक्‍कलन ई.आर.पी. क्रमांक 729103 स्‍वीकृत कर नियमानुसार पूर्ण कराया जा चुका है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।


नवीन सड़क निर्माण की स्वीकृति

[लोक निर्माण]

72. ( क्र. 1143 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मान. मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विभाग द्वारा नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन सड़क मार्गों एवं सड़क मजबूतीकरण कार्य की स्वीकृति हेतु प्राक्कलन शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ तो सड़क मार्गों के नाम, लंबाई एवं लागत सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें।       (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन सड़क मार्ग परसोरिया से पड़रिया, बारछा से कर्रापुर, बदौना से बड़े तालाब तक, कर्रापुर पहुंच मार्ग में आर.सी.सी. नाली निर्माण कार्य, एप्रोच रोड परेड मंदिर के पास एवं मजबूतीकरण कार्य देवरी से कांचरी लुहारी मार्ग, सदर ग्यागंज गढ़पहरा श्यामपुरा मार्ग की स्वीकृति विभाग स्तर पर लंबित है? यदि हाँ तो लंबाई एवं लागत सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें।      (ग) क्या 01 करोड़ से कम राशि वाले प्राक्कलन शासन स्तर से स्वीकृति का प्रावधान है? यदि हाँ तो प्रश्नांश (ख) में वर्णित नवीन सड़क मार्ग एवं सड़क मजबूतीकरण कार्य जिनकी लागत 01 करोड़ से कम है को शासन स्तर से स्वीकृति प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये लागत 01 करोड़ से अधिक राशि वाले प्राक्कलन जो शासन स्तर से स्वीकृति हेतु लंबित हैं? उन पर विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या उपरोक्त सड़क मार्गों को अनुपूरक बजट में सम्मिलित किया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।        (ख) विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में शासन स्‍तर पर कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) शासन स्‍तर पर कोई भी प्राक्‍कलन स्‍वीकृति हेतु लंबित नहीं है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

73. ( क्र. 1144 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मान. मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों के सर्वे उपरांत आवास स्वीकृति के प्रकरण लंबित हैं? कितने हितग्राहियों के आवेदन सर्वे कार्य हेतु प्रश्न दिनांक तक लंबित हैं? वार्डवार जानकारी देवें। (ख) यदि सर्वे उपरांत आवास स्वीकृति हेतु प्रकरण लंबित हैं तो क्यों? जानकारी देवें एवं स्वीकृत आवास प्रकरणों में हितग्राहियों को प्रथम किश्‍त उनके बैंक खातों में कब तक समायोजित की जायेगी तथा प्रकरण जो सर्वे कार्य हेतु लंबित हैं उन पर विभाग द्वारा सर्वे कार्य कब तक कराया जायेगा? (ग) क्या नगर पालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकरोनिया में निवासरत आवासहीन/किराये के मकान में रह रहे निवासियों के लिए ए.एच.पी. घटक के तहत सिंगल आवास निर्माण हेतु नगर विकास रोड मैप (2021-2026) के तहत क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित ए.एच.पी. घटक के तहत सिंगल आवास निर्माण हेतु हितग्राहियों को विभाग कब तक आवास उपलब्ध करायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत सर्वे उपरांत प्रेषित समस्त पात्र हितग्राहियों की स्वीकृति हो चुकी है। निकाय में 1432 आवेदन सर्वे कार्य हेतु लंबित है। वार्डवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तर ’’’’ अनुसार कोई लंबित नहीं। जिओ-टैगिंग व अटैचमेंट कर हितग्राहियों को राशि का वितरण प्रक्रियाधीन है। सर्वे का कार्य प्रावधान अनुसार किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) निकाय में वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक अंतर्गत सिंगल आवास निर्माण की कोई भी योजना स्वीकृत अथवा प्रस्तावित नहीं है। (घ) उत्तरांश ’’’’ के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

जनकार्य बजट मद से कराये गये विकास कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

74. ( क्र. 1147 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में नगर पालिक निगम ग्वालियर क्षेत्रांतर्गत विधानसभा क्षेत्र 14-मुरार, 15-ग्वालियर, 16-ग्वालियर पूर्व, 17-ग्वालियर दक्षिण के सीमा क्षेत्रों में नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा जनकार्य बजट मद से दिनांक 01 जनवरी 2019 से 31 मार्च 2021 तक कराये गये विकास एवं निर्माण कार्यों की जानकारी के संबंध में आयुक्त नगर पालिक निगम ग्वालियर की ओर प्रेषित पत्र (1) क्र. 297 /विधा./17द.वि./2020-21 ग्वालियर दिनांक 07.08.2021 एवं (2) स्मरण पत्र क्र. 374 /विधा./17द.वि./2020-21 ग्वालियर दिनांक 25.09.2021 तथा (3) स्मरण पत्र क्र. 413 /विधा./17द.वि./2020-21 ग्वालियर दिनांक 16.11.2021 पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? कृपया विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) नगर पालिक निगम ग्वालियर में आय के समस्त शीर्ष/मद में दिनांक 01 जनवरी 2019 से 31 अक्टूबर 2021 तक प्राप्त आय एवं व्यय की मद के तहत प्रत्येक विधानसभावार कुल कितनी शीर्ष/मदवार आय प्राप्त हुई एवं उक्त प्राप्त शीर्ष/मदवार आय में से किन-किन कार्यों पर विधानसभा वार राशि व्यय की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम, ग्वालियर द्वारा प्रश्नकर्ता द्वारा उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही से पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार पत्र क्रमांक 29/21/3/3/जनकार्य/3118 दिनांक 08.12.2021 के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई गई है।         (ख) नगर निगम, ग्वालियर अंतर्गत आय का लेखांकन विधानसभावार नहीं किया जाता है। इसलिये विधानसभा वार आय-व्यय का पत्रक उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। संपूर्ण नगर निगम, ग्वालियर के आय-व्यय पत्रक पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

विभाग द्वारा जर्जर घोषित किये गये भवनों की जानकारी

[लोक निर्माण]

75. ( क्र. 1150 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कितने ऐसे शासकीय भवन हैं, जो दिनांक 31.10.2021 तक जर्जर घोषित किये गये हैं? उनका नाम, क्षेत्रफल, स्थान, जर्जर घोषित करने की दिनांक एवं वर्तमान स्थिति क्या है? जर्जर घोषित करने के बाद उस भवन का नियमानुसार उपयोग करना चाहिए या नहीं? यदि हाँ, तो किन परिस्थितियों में? (ख) क्या जर्जर घोषित भवन का उपयोग मरम्मत (रेनोवेशन) करने के बाद किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कितने वर्षों तक एवं किस सक्षम आदेश से? (ग) कितने भवनों का उपयोग मरम्मत कराने के बाद किया जा रहा है? मरम्मत कार्य पर किस समय कितनी राशि व्यय की गई? निर्माण एजेंसी कौन थी? ऐसे भवनों की मरम्मत पर 01 जनवरी 2019 से उत्तर दिनांक तक कितनी राशि किस सक्षम आदेश से व्यय की गई? प्रत्येक भवनवार पूर्ण विवरण बतायें। (घ) क्या जर्जर घोषित भवन में उत्तर दिनांक को भी कोई कार्यालय/ संस्था कार्यरत संचालित है? यदि हाँ, तो क्यों? प्रत्येक भवनवार पूर्ण विवरण बतायें। (ड.) क्या जर्जर घोषित भवनों में संचालित कार्यालय/संस्थाओं या लोक निर्माण विभाग द्वारा नवीन भवन निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? प्रत्येक भवनवार पूर्ण विवरण बतायें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जर्जर घोषित के बाद उपयोग नहीं करना चाहिए। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।         (ख) जर्जर घोषित भवन का (रेनोवेशन) नहीं किया जाता है। अतः उपयोग नहीं किया जा सकता। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी की भी मरम्मत नहीं कराई गई। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, कुछ भवनों में। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। नोटिस दिये गये है फिर भी रिक्त नहीं किये गये है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

इंदौर में एलिवेटर ब्रिज निर्माण के टेंडर में अनियमितता

[लोक निर्माण]

76. ( क्र. 1154 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा इंदौर में एलिवेटर ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो   किस-किस स्‍थान पर, कितनी-कितनी लागत का? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में एम.आई.जी. से लेकर नौलखा तक एवं नौलखा से भंवरकुआ तक एलिवेटर ब्रिज का टेंडर जारी हुआ है? यदि हाँ, तो उपरोक्‍त कार्य की तकनीकी स्‍वीकृति प्राप्‍त हो गई है? यदि हाँ, तो तकनीकी स्‍वीकृति के उपरांत    ई-टेण्‍डर जारी कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब और किस प्रादेशिक एवं राष्‍ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया है? (ग) उपरोक्‍त के संबंध में ई-टेण्‍डर में कितने निविदाकार सम्मिलित हुए? निविदाकर ने किस-किस दर पर उक्‍त कार्य के लिये प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किया? किस दिनांक को निविदा खोली गई, इस प्रक्रिया में कौन-कौन सम्मिलित हुआ? किस एजेन्‍सी को उक्‍त कार्य किस दर पर करने के लिये वर्क आर्डर जारी किया गया है? संपूर्ण कार्यवाही की प्रति दें। (घ) उपरोक्‍त के संबंध में सम्मिलित निविदाकारों के नाम, एजेंसी का नाम, पता, संपर्क नं. उनके द्वारा प्रस्‍तुत समस्‍त दस्‍तावेजों की प्रति दें। (ड.) उपरोक्‍त के संबंध में क्‍या कार्य प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ, तो क‍ब तक पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि कार्य में विलंब हो रहा है, तो कौन जिम्‍मेदार है एवं विलंब के क्‍या कारण है तथा इसका निराकरण कब तक किया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।

आई.पी.डी.एस. योजना के तहत कराये कार्यों में आर्थिक अनियमितताएं

[ऊर्जा]

77. ( क्र. 1155 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) भारत सरकार की आई.पी.डी.एस. योजना के तहत मध्‍यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्‍दौर क्षेत्रांतर्गत इंदौर, देवास, झाबुआ, धार, बड़वानी एवं उज्‍जैन जिलों में विद्युत अधोसंरचना विकास हेतु कितनी राशि स्‍वीकृत हुई थी, जिलेवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ म.प्र.पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि.इन्‍दौर क्षेत्रान्‍तर्गत आई.पी.डी.एस. योजना में विद्युत अधोसंरचना विकास हेतु किस-किस निविदाकारों को पूर्ण टर्नकी कॉन्‍ट्रेक्‍ट के आधार (TKC) पर कितनी-कितनी राशि के किस-किस जिले हेतु किस नियम प्रक्रिया के तहत कार्यादेश जारी किये गये है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्‍या नीरज मोहासे एवं पंकज मोहासे की फर्म को आई.पी.डी.एस. योजना के अन्‍तर्गत पूर्ण टर्नकी कॉन्‍ट्रेक्‍ट के आधार (TkC) पर आवंटित कार्य में फर्जी बिल लगाकर बिना कार्य किये करोड़ों रूपयों का भुगतान कर दिया गया है? उक्‍त योजना में इंदौर एवं देवास जिलों में उपरोक्‍त उल्‍लेखित निविदाकारों द्वारा सबसे ज्‍यादा कार्य किये गये है जिसमें अभिलेखों के अनुसार विद्युत पोल,विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर दर्शाये गये है लेकिन जमीन पर नहीं है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में घोटाले का गंभीर मामला मा. विभागीय मंत्री जी के संज्ञान में आने पर जांच के आदेश दिए गए थे? (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उक्‍त जांच किस स्‍तर के अधिकारियों से कराई जा रही है या कराई गई एवं जांच निष्‍कर्ष के आधार पर कितनी राशि का घोटाला सामने आया है और इसके लिए दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) केन्‍द्र सरकार की आई.पी.डी.एस. योजना के तहत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत इंदौर, देवास, झाबुआ, धार, बड़वानी एवं उज्जैन जिलों में विद्युत अधोसंरचना विकास हेतु संचालन/संधारण वृत्तवार स्वीकृत राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत आई.पी.डी.एस. योजना के दिशा-निर्देशों एवं उक्‍त योजना की नोडल एजेंसी-पावर फायनेंस कार्पोरेशन, (पी.एफ.सी.) भारत सरकार, न‍ई दिल्‍ली से प्राप्‍त दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्धारित निविदा प्रक्रिया के माध्‍यम से पूर्ण टर्नकी कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर पृथक पृथक जिलेवार लॉट बनाकर विभिन्न सफल निविदाकारों को कार्यादेश जारी किये गये हैं। जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गयी कार्यादेशों के निविदाकार, राशि एवं जिलो की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।    (ग) जी नहीं। प्रश्‍न में उल्‍लेखित फर्मों को आई.पी.डी.एस. योजनान्‍तर्गत पूर्ण टर्नकी कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर कोई कार्य आवंटित नहीं किया गया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में नहीं, अपितु प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित फर्मों के संबंध में प्राप्‍त अन्‍य शिकायतों की जांच हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया गया है। (ड.) उत्तरांश (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न नहीं उठता। तथापि उत्‍तरांश (घ) में उल्‍लेखित अन्‍य शिकायतों, जो कि प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित योजना से संबंधित नहीं है, की जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

बिना ई-टेण्‍डरिंग के विद्युत कार्य कराया जाना

[लोक निर्माण]

78. ( क्र. 1159 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग वि/यां संभाग क्रमांक-1 भोपाल द्वारा बिना ई-टेण्‍डरिंग के लाखों रूपए के कार्य कर अनियमितता किए जाने की जांच के संबंध में शासकीय इलेक्ट्रिकल कांट्रेक्‍टर्स एसोसिएशन भोपाल से प्राप्‍त शिकायती पत्र संलग्‍न कर जांच हेतु दिनांक 29.11.2021 को प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा था?           (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायती पत्र में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं में क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) उक्‍त कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध वर्तमान में कौन-कौन सी जांच प्रचलित है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, प्रश्न में उल्लेखित शिकायती पत्र दिनांक 29.11.2021 प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में कोई जांच प्रचलित नहीं है।

स्‍मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट को प्राप्‍त आवंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

79. ( क्र. 1165 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर को स्‍मार्ट सिटी घोषित होने के उपरांत जबलपुर को स्‍मार्ट सिटी बनाने की दिशा में कौन-कौन सी योजनाएं तैयार कर क्रियानवयन में हैं? योजनावार सूची दें।       कौन-कौन सी योजनांतर्गत कार्य पूर्ण / अपूर्ण / अप्रारंभ है, प्रारंभ से वर्तमान तक जानकारी देवें। (ख) जबलपुर स्‍मार्ट सिटी घोषित होने के उपरांत किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई है? योजनावार, मदवार आवंटन एवं व्‍यय की जानकारी दें। (ग) जबलपुर स्‍मार्ट सिटी योजनांतर्गत केंट विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 99 के लिये क्‍या-क्‍या कार्ययोजना बनाई गई है? केंट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्‍मार्ट सिटी योजना के तहत वर्तमान में कराये गये कार्यों की जानकारी देवें तथा आगामी प्रस्‍तावित कार्य योजना क्‍या है और इन्‍हें कब तक क्रियान्वित कराया जावेगा? विस्‍तृत जानकारी देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर स्मार्ट सिटी अंतर्गत प्रारंभ से वर्तमान तक पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार, प्रगतिरत (अपूर्ण) परियोजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार एवं अप्रारम्भ परियोजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) जबलपुर को स्मार्ट सिटी घोषित होने के उपरांत प्राप्त राशि एवं व्यय राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) जबलपुर स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत केंट विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 99 के लिए बनाई गई कार्य योजना की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। केंट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कराये गए कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार एवं प्रस्तावित कार्य योजना व प्रस्‍तावित क्रियान्‍वयन अवधि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है।

अमृत योजना के तहत टंकियों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

80. ( क्र. 1166 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या केंट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अमृत योजना के तहत पेयजल टंकियों का निर्माण कार्य स्‍वीकृत किया गया है? इन निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति क्‍या है? सूची सहित जानकारी देवें। (ख) क्‍या पूर्ण हो चुकी टंकियों से पेयजल व्‍यवस्‍था प्रारंभ कर दी गई है? यदि नहीं तो क्‍यों? टंकियों के निर्माण पूर्ण होने के उपरांत भी पेयजल व्‍यवस्‍था प्रारंभ होने में हो रहे विलंब हेतु शासन/प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है एवं कौन-कौन इसके लिए जिम्‍मेदार हैं? क्‍या संबंधित दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई है? (ग) केंट विधान सभा क्षेत्र के मानेगांव में अमृत योजनांतर्गत निर्मित टंकी निर्माण पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्‍त टंकी से पेयजल व्‍यवस्‍था सुचारू रूप से प्रारंभ कर दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्‍या पेयजल व्‍यवस्‍था प्रारंभ नहीं होने से क्षेत्रीयजनों को हो रही परेशानियों के लिए कौन-कौन जिम्‍मेवार हैं? विलंब हेतु उत्‍तरदायी व्‍यक्तियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई है? (घ) केंट विधान सभा में अमृत योजना अंतर्गत कौन-कौन सी टंकी निर्माण प्रस्‍तावित है, जिनका निर्माण कार्य प्रारंभ भी नहीं हुआ है और क्‍यों? सूची संलग्‍न करें। उक्‍त निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। केंट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अमृत परियोजना में स्‍वीकृत 03 उच्‍च स्‍तरीय टंकियां क्रमश: भौंगाद्वार, तिलहरी एवं मानेगांव में निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                         (ग) जी हाँ। केंट विधान सभा क्षेत्र में अमृत योजना अंतर्गत निर्मित उच्‍च स्‍तरीय टंकी से जलप्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी उत्‍तारांश (क) अनुसार है।

स्‍मार्ट मीटर लगाए जाने के संबंध में

[ऊर्जा]

81. ( क्र. 1176 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल में वर्ष 1998-99 में मेन्‍युअल मीटर की जगह इलेक्‍टॉनिक मीटर विद्युत उपभोक्‍ताओं के घरों में लगाए गए थे? (ख) क्‍या म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल में इलेक्‍टॉनिक मीटर की जगह एम.आर.डी.एम. और स्‍मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं? उपभोक्‍ताओं को उक्‍त स्‍मार्ट मीटर लगाने के लिए कितनी राशि का भुगतान करना पड़ेगा? (ग) म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड,भोपाल में क्‍या बार-बार विद्युत मीटर बदलने से राज्‍य शासन एवं विद्युत उपभोक्‍ताओं पर आर्थिक भार नहीं पड़ रहा है? यदि हाँ, तो एम.आर.डी.एम.एवं स्‍मार्ट मीटर लगाने की आवश्‍यकता क्‍यों पड़ी? (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में विगत दो वर्ष में स्‍मार्ट मीटर क्रय करने हेतु कब-कब निविदाएं आमंत्रित की गई एवं किस कंपनी को कितने विद्युत स्‍मार्ट मीटर क्रय किए जाने हेतु कितनी राशि के कब कार्यादेश जारी किए गए?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, विद्युत उपभोक्‍ताओं के परिसर में वर्ष        1998-99 से इलेक्‍ट्रो मैकेनिकल मीटर के स्‍थान पर इलेक्‍ट्रानिक मीटर लगाया जाना प्रारंभ किया गया था। (ख) एम.आर.डी.एम. किसी प्रकार का मीटर नहीं है। ए.एम.आर. (ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग) मीटरों की स्‍थापना उच्‍चदाब और हाई वेल्‍यु उपभोक्‍ताओं के परिसरों में की गई है। उपभोक्‍ताओं द्वारा देय मीटर किराये सहित विद्युत दरों का निर्धारण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है तथा वर्तमान में लागू टैरिफ आदेश अनुसार विद्युत उपभोक्‍ताओं को मीटर किराया देय नहीं है। (ग) विद्युत उपभोक्‍ताओं द्वारा खपत की गई विद्युत के सही मापन हेतु समय-समय पर उपलब्‍ध उन्‍नत तकनीक के आधार पर मीटरों की स्‍थापना के संबंध में निर्णय लिया जाता है जो कि विद्युत अनुज्ञाप्तिधारी द्वारा वास्‍तविक खपत के आधार पर राजस्‍व संग्रहण किये जाने हेतु आवश्‍यक है। समय-समय पर उपलब्‍ध उन्‍नत तकनीक के आधार पर उच्‍च गुणवत्‍ता के मीटरों की स्‍थापना में हुए व्‍यय का म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में यथोचित समायोजन किया जाता है। स्‍मार्ट मीटरों की स्‍थापना हेतु कार्यवाही विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 17.08.2021 के परिपालन में की जा रही है, जिससे न केवल विद्युत के अवैधानिक उपयोग को रोकने में सहायता मिलेगी अपितु विद्युत हानियों में कमी होने से इसका लाभ अप्रत्‍यक्ष रूप से सभी उपभोक्‍ताओं को मिलेगा। (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में केवल एक ही निविदा क्रमांक MD/MK/04 दिनांक 09.04.21 आमंत्रित की गई है जो कि प्रक्रियाघीन है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

विद्युत उत्‍पादन इकाइयों की मरम्‍मत पर व्‍यय राशि

[ऊर्जा]

82. ( क्र. 1178 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में ताप विद्युत एवं जल विद्युत इकाइयों की विद्युत उत्‍पादन क्षमता कितने-कितने मेगावाट है, एवं वर्तमान में उनमें से कितनी-कितनी क्षमता की विद्युत इकाइयां चालू हैं, जिनसे कितना-कितना विद्युत का उत्‍पादन किया जा रहा है? (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में प्रदेश में कुल कितने मेगावाट की खपत है एवं उनकी तुलना में कितनी बिजली का उत्‍पादन किया जा रहा है? (ग) क्‍या म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में विद्युत उत्‍पादन संयंत्रों की मरम्‍मत एवं मेंटेनेंस पर करोड़ों रूपए व्‍यय करने के उपरांत भी विद्युत उत्‍पादन इकाईयां ठप्‍प हो रही हैं? यदि हाँ, तो विगत दो माह में कौन-कौन से विद्युत इकाई से उत्‍पादन कितनी-कितनी अवधि के लिए बाधित रहा एवं उनकी मरम्‍मत/मेंटेनेंस पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? (घ) क्‍या अधिकारियों की लापरवाही एवं उदासीनता के चलते विद्युत उत्‍पादन इकाइयों की समुचित देख रेख एवं रख-रखाव के अभाव में‍ विद्युत इकाइयों में तकनीकी खराबी आ जाने से बार-बार बंद हो जाती हैं? यदि हाँ, तो क्‍या जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मध्‍यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में ताप विद्युत एवं जल विद्युत इकाइयों की विद्युत उत्‍पादन क्षमता एवं वर्तमान में क्रियाशील इकाईयां तथा इन इकाईयों से विद्युत उत्‍पादन का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) माह नवम्बर 2021 में प्रदेश में विद्युत की अप्रतिबंधित औसत मांग 12,677 मेगावाट रहीं एवं इसकी तुलना में औसत 12,677 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई। पूर्ति की गई 12677 मेगावाट विद्युत में, मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप एवं जल विद्युत गृहों का औसत उत्‍पादन 2270 मेगावाट रहा है। (ग) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में विद्युत उत्‍पादन संयंत्र तकनीकी कारणों से बंद होते हैं, जिन्हें आवश्यक सुधार के पश्चात पुन: क्रियाशील कर लिया जाता है। विगत दो माह (01-10-2021 से 30-11-2021 तक) में तकनीकी कारणों से ताप/जल विद्युत इकाईयों के बंद होने की अवधि एवं उनके सुधार कार्य पर व्‍यय की गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एवं अनुसार है। (घ) विद्युत उत्‍पादन संयंत्र तकनीकी कारणों से बंद होते हैं, जिन्हें आवश्यक सुधार के पश्चात् पुन: क्रियाशील कर लिया जाता है। चूंकि इकाईयां तकनीकी कारणों से बंद होती हैं, अत: इसमें किसी की भी लापरवाही अथवा समुचित देख-रेख के अभाव का तथा किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता है।

संबल योजना अंतर्गत पंजीकृत हितग्राहियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

83. ( क्र. 1184 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत सागर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया गया? क्या निर्धारित लक्ष्य अनुसार पंजीयन पूर्ण कर लिये गये है अथवा वर्तमान में पंजीयन किये जा रहे हैं? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है? (ख) क्या पंजीकृत सभी हितग्राहियों का सत्यापन कर लिया गया है? यदि नहीं तो कितने शेष है? शेष हितग्राहियों का सत्यापन कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? सत्यापन उपरान्त कितने हितग्राही पात्र तथा कितने अपात्र घोषित किये गये? क्या कुछ पात्र हितग्राहियों से बगैर संपर्क किये गैर मौजूदा अपात्र घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो शासन ऐसे पात्र हितग्राहियों का पुनः सत्यापन करायेगा तथा कब तक? यदि नहीं तो इसका क्या कारण है? (ग) सागर विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत कितने हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं में लाभ मुहैया कराया गया?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबंल) योजना अंतर्गत सागर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक 59,055 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है। हॉ, निर्धारित लक्ष्य अनुसार पंजीयन पूर्ण कर लिये गए है। (ख) पंजीकृत 59,055 हितग्राहियों में से 50,217 हितग्राहियों का सत्यापन कर लिया गया है, 8,838 हितग्राहियों का सत्यापन शेष है, शेष का सत्यापन 31/03/2022 तक पूर्ण कर लिया जाना लक्षित है। सत्यापन उपरांत 34,052 हितग्राही पात्र एवं 16,165 हितग्राही अपात्र पाये गए है। पात्र हितग्राहियों से बिना सम्पर्क किये अपात्र घोषित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) सागर विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबंल) योजना अंतर्गत संबंल अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु) - 432, संबंल अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु) में 38, संबंल अनुग्रह सहायता (आंशिक अपंगता) - 01 कुल 471 हितग्रहियों को योजना अंतर्गत लाभान्वित किया गया है।

शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण

[उच्च शिक्षा]

84. ( क्र. 1185 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत हजारों अतिथि विद्वान/क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपाल अनेक वर्षों से कार्य कर रहे हैं? इनका चयन म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन पूर्णतः पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा रिक्त पदों पर मेरिट के आधार पर किया गया है? यदि हाँ, तो अब तक नियमित न किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या शासन, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड आदि राज्यों में जिस तरह अस्थायी प्राध्यापकों को नियमित किया गया, उसी तरह मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वान/क्रीड़ा अधिकारी/ग्रंथपालों को रिक्त पदों के विरूद्ध नियमित करेगा, जिससे शिक्षण कार्य के साथ-साथ अकादमिक गतिविधियों का सुचारू रूप से संचालन हो सके? यदि हाँ, तो कब तक?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि विद्वान, क्रीड़ा अधिकारी व ग्रंथपाल व्‍यवस्‍था से संबंधित नीति विभागीय परिपत्र क्रमांक एफ       1-42/2017/38-1 दिनांक 17/12/2019 में नियमितीकरण का प्रावधान उल्‍लेखित नहीं है।        (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता।

नवीन नगर परिषद् भवन खरगापुर का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

85. ( क्र. 1189 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1844 दिनांक 05/03/2021 के (घ) उत्‍तर में ठेकेदार को निर्माण की राशि के शीघ्र भुगतान संबं‍धी आश्‍वासन दिया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या भुगतान हो गया है? (ख) यदि विधानसभा में दिये गये आश्‍वासन के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है तो क्‍यों एवं कब तक किया जावेगा? (ग) उक्‍त भुगतान में निरंतर विलंब के दौरान कोरोना काल में आर्थिक तंगी से इलाज न करा पाने के कारण ठेकेदार की मृत्‍यु हो जाने से परिजनों को हुई मानसिक एवं आर्थिक क्षति हेतु किस अधिकारी को उत्‍तरदायी ठहराया जावेगा एवं क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (घ) कथित न‍वीन नगर परिषद् भवन का निर्माण अनाधिकृत स्‍थल पर किये जाने के कारण विभाग द्वारा भवन निर्माण कार्य रोक दिया गया है जिससे शासन को होने वाली क्षति की प्रतिपूर्ति क्‍या गलत स्‍थल चयन करने वाले अधिकारी से की जावेगी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) ठेकेदार का निधन हो जाने के बाद उत्‍तराधिकार संबंधी कानूनी दस्‍तावेज कार्यालय में प्रस्‍तुत नहीं किये गये है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) निकाय स्‍तर पर भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) परिषद् प्रस्‍ताव क्रमांक 01 दिनांक 27.11.2019 से प्रकरण में सक्षम स्‍वीकृति प्रदान की गई थी। जिसके आधार पर निकाय द्वारा भवन निर्माण की कार्यवाही की गई। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नगरीय क्षेत्र के राष्ट्रीय राज्य मार्गों का चौड़ीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

86. ( क्र. 1192 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्रों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के समय चौड़ीकरण के क्षेत्र में आने वाली विद्युत लाइन / पोल की शिफ्टिंग के संबंध में क्या दिशा-निर्देश हैं?                                                (ख) नगरीय क्षेत्र छतरपुर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राज्य मार्गों 34 एवं 39 के चौड़ीकरण की अनुमति किन शर्तों के साथ किस अधिकारी ने प्रदाय की थी। क्या उक्त चौड़ीकरण सभी सक्षम अधिकारियों,विभागों से अनुमति उपरांत किया गया? उक्त चौड़ीकरण का कार्य दी गई शर्तों, नियमों के अधीन हुया? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में नगरपालिका छतरपुर के द्वारा सड़कों का चौड़ीकरण विद्युत लाइन/पोल के शिफ्टिंग के पूर्व किया गया यह किस नियम एवं किस अधिकारी की अनुमति से किया गया? (घ) नगरपालिका छतरपुर के द्वारा विद्युत लाइन / पोल की शिफ्टिंग के बिना ही सड़क का चौड़ीकरण किया गया? क्या यह उचित है? ऊर्जा विभाग द्वारा नगर पालिका छतरपुर को पोल शिफ्टिंग करने हेतु कई बार लेख करने के बाद भी शिफ्टिंग का कार्य अधूरा क्यों है? किस विभाग की गलती या लेटलतीफी के कारण ऐसा हुआ? (ङ) क्या छतरपुर पुलिस ने भी पोल शिफ्टिंग करने हेतु नगर पालिका लेख किया था? पोल शिफ्टिंग न होने से कितनी दुर्घटना हुई? इन दुर्घटना का जिम्मेदार कौन है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) तत्‍कालीन अध्‍यक्षीय परिषद् संकल्‍प क्र. 04 दिनांक 31.05.2018 द्वारा मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (द्वितीय चरण) अंतर्गत संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास से प्रदत्‍त तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 19.12.2017 अनुसार स्‍वीकृति दी गयी थी। शर्तें पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। जी नहीं। जी नहीं। अपितु लोक निर्माण विभाग से पत्र क्र. 4501 दिनांक 02.08.2018 से अनापत्ति चाहे जाने पर, कोई आ‍पत्ति प्राप्‍त नहीं होने से, कार्य कराया गया है। (ग) जी हाँ, कार्य अध्‍यक्षीय परिषद् की स्‍वीकृति अनुसार कराया गया है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ, पत्र प्राप्‍त हुये हैं। नगर पालिका के पोल शिफ्टिंग ठेकेदार द्वारा कार्य समय पर नहीं किये जाने से विलम्‍ब हुआ है। (ड.) जी हाँ। थाना सिविल लाईन छतरपुर के प्रतिवेदन अनुसार कोई दुर्घटना नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

महाराजा महाविद्यालय छतरपुर में छात्रों का प्रवेश एवं सुविधायें

[उच्च शिक्षा]

87. ( क्र. 1194 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्ववर्ती शासकीय स्वशासी महाराजा महाविद्यालय छतरपुर में किस वर्ष सबसे अधिक कितने छात्रों को प्रवेश दिया गया? इसका कुल कितना रकबा था। विभिन्न प्रयोजन हेतु कितने कक्ष निर्मित थे। (ख) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय छतरपुर में कितनी संकाय संचालित होगी? इनमे कितने छात्रों को प्रवेश मिलेगा? इन सभी छात्रों को पढ़ने, प्रयोगशाला आदि एवं विश्‍वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों, सेमिनार, अन्य गतिविधियों आदि हेतु कितने कक्षों की आवश्यकता होगी? अलग-अलग जानकारी प्रदाय करें। कितने कक्ष अभी उपलब्ध हैं? कितनों का निर्माण किया जाना है? जिन कक्षों का निर्माण होगा, वह कहाँ पर निर्मित होंगे? छात्रावास, अधिकारी/कर्मचारी आवासीय भवन, खेलकूद मैदान, पार्किंग, कैंटीन, गार्डन आदि हेतु कितना स्थान कहा पर आरक्षित किया गया है?                                          (ग) क्या पूर्ववर्ती शासकीय स्वशासी महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के परिसर, स्थान से महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय छतरपुर का सफलतापूर्ण संचालन किया जा सकता है?                                                           (घ) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय छतरपुर में प्रवेश की प्रक्रिया क्या होगी? प्रश्न दिनांक तक छतरपुर शहर में कोई अन्य शासकीय महाविद्यालय नहीं होने के कारण शहर के छात्र किस शासकीय महाविद्यालय में प्रवेश लेकर अध्ययन करेंगे?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सत्र 2021-22 में सर्वाधिक 12763 छात्र/छात्राओं को प्रवेश दिया गया। पूर्व महाविद्यालय का कुल रकबा 24.11 एकड़ था। विभिन्न प्रयोजनों हेतु 02 हाल सहित कुल 54 कक्ष निर्मित थे। (ख) वर्तमान में 06 संकाय संचालित हैं, जिसमें 12763 विद्यार्थी प्रवेशित हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। विश्‍वविद्यालयीन समस्त गतिविधियां वर्तमान में उपलब्ध 54 कक्षों में संचालित हैं। महाविद्यालय का चल/अचल सम्पत्ति सहित संविलियन होने के कारण वर्तमान में तत्‍काल अतिरिक्त निर्माण कार्य की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। विश्‍वविद्यालय का इसी परिसर से सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है।                                           (घ) प्रदेश के अन्य शासकीय विश्‍वविद्यालयों की भांति विद्यार्थी इस विश्‍वविद्यालय में प्रवेश ले सकेंगे। शासन के मार्गदर्शी नियमों के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया रहेगी।

परिशिष्ट - "उनतीस"

कटनी नगर में मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद से सड़क निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

88. ( क्र. 1197 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद से कटनी-नगर के जगन्नाथ-चौक से जुहला-रपटा तक कितनी-कितनी राशि से कहाँ से कहाँ तक क्या-क्या कार्य स्वीकृत किए गए,और स्वीकृत डी.पी.आर. के अब तक क्या-क्या कार्य पूर्ण हो चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) कार्य में कितनी राशि व्यय हुई, और कितनी राशि वर्तमान में शेष हैं? क्या जगन्नाथ-चौक से गर्ग-चौराहा तक के कार्यों को स्थगित/निरस्त किया गया हैं? क्या यह कार्य माननीय मुख्यमंत्री जी घोषणा अन्तर्गत था? तो शेष कार्य को कब तक एवं किस प्रकार पूर्ण किया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) कार्य का डी.पी.आर. तकनीकी सलाहकार ने तैयार किया था और नगर पालिक निगम-कटनी द्वारा दिनांक-04/04/2018 से किन-किन कार्यों की डी.पी.आर. किन-किन तकनीकी सलाहकारों से कितनी-कितनी राशि का भुगतान कर किस सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से बनवाई गई एवं इनमें से कितने कार्य प्रारम्भ/स्वीकृत हुए?क्या इन कार्यों हेतु बजट प्रावधान था? यदि नहीं तो डी.पी.आर. क्यों तैयार की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) कार्य अगर पूर्ण नहीं हुआ है? तो उसमें होने वाली दिक्कतों को क्या डी.पी.आर. बनाते समय ध्यान में नहीं रखा गया और क्या यह दिक्कतें कार्य प्रारम्भ होने के पश्चात उत्पन्न हुई हैं? यदि हाँ,तो कैसे? यदि नहीं तो इसके लिए कौन दोषी है? (ड) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत तकनीकी सलाहकार से डी.पी.आर. बनने के बाद और कार्य एवं राशि स्वीकृत होने पर भी सड़क का पूर्ण निर्माण न होने के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) व्‍यय राशि रू. 8.29 करोड़, शेष राशि रू. 3.93 करोड़। जी हाँ। जी नहीं, अपितु मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण में स्‍वीकृत था। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता तथापि निरस्‍त कार्य के स्‍थान पर स्‍वीकृत नवीन कार्य स्‍थल के कार्य को दिनांक 31.03.2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। डी.पी.आर. तैयार करने हेतु बजट में प्रावधान होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना स्‍वीकृति की शर्त क्र. 04 में, योजना के कार्य के दौरान सीवरेज एवं वाटर सप्‍लाई योजना के कार्यों में समन्‍वय स्‍थापित कर कार्य कराये जाने के निर्देश थे। कार्य स्‍थल पर पेयजल लाईन एवं सीवरेज लाईन का कार्य प्रचलित होने एवं सीवर लाईन की निर्माण एजेंसी द्वारा समय से कार्य नहीं किये जाने से सड़क निर्माण कार्य की प्रगति प्रभावित हुई है। इसके लिये कोई उत्‍तरदायी नहीं है। (ड.) सड़कों की डी.पी.आर. संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' में वर्णित स्‍थल के भवन एवं भूखण्‍ड स्‍वामियों द्वारा मान. उच्‍च न्‍यायालय में याचिका दायर कर स्‍थगन प्राप्‍त किया गया है। इस संबंध में नगर निगम कटनी द्वारा दिनांक 18.12.2021 को याचिकर्ताओं की व्‍यक्तिगत सुनवाई कर प्राप्‍त अभ्‍यावेदनों पर निर्णय किया गया है। प्रश्‍नाधीन स्‍थल के अंशभाग, दुबे कालोनी के समीप के भूमि स्‍वामी श्री आनंद भार्गव एवं अन्‍य द्वारा मान. उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में याचिका क्र. 25393/2012 द्वारा स्‍थगन प्राप्‍त किये जाने से कार्य में बाधा उत्‍पन्‍न हुई है। नगर निगम कटनी द्वारा मान.उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में केवियट क्र. 2283/2021 दिनांक 19.11.2021 लगाई गई है। मान. न्‍यायालय के स्‍थगन के कारण निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने से, कोई उत्‍तरदायी नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बरगी दायी तट नहर से कटनी नगर को पेयजल की आपूर्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

89. ( क्र. 1199 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी नहर से कटनी नगर को पेयजल की पूर्ति किये जाने के क्या प्रावधान हैं और माननीय मुख्यमंत्री जी के 06 फरवरी 2021 में कार्य के अतिशीघ्र पूर्ण करने के दिये गये निर्देशों के पश्चात कितना कार्य हो चुका है एवं शेष कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा?        (ख) क्या बरगी दायी तट नहर से कटनी बैराज में पानी नहीं मिलने के कारण कटनी नगर में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित हो रही है? यदि हाँ, तो बैराज में नहर से जलापूर्ति कब तक प्रारम्भ हो जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) से (ख) के परिप्रेक्ष्य में बरगी दायी तट नहर से बैराज में पानी पहुंचाये जाने के लिये समुचित निर्देश प्रदान कर कार्य को शीघ्र पूर्ण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बरगी की दांयी तट मुख्‍य नहर की आर.डी. 135.35 कि.मी. पर बने क्रास रेगुलेटर द्वारा 0.666 क्‍यूबिक मीटर जल नहर के द्वारा कटनी शहर के पेयजल हेतु प्रदाय किया जायेगा। माननीय मुख्‍यमंत्री जी के 06 फरवरी 2021 में कार्य को अतिशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश के पश्‍चात फरवरी 2021 से नवम्‍बर 2021 तक 1667 मीटर टनल खुदाई का कार्य किया जा चुका है। शेष कार्य जून 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ। बैराज से नहर से जलापूर्ति माह जून 2023 से प्रारंभ किया जाना लक्षित है। (ग) टनल निर्माण कार्य माह जून 2023 में पूर्ण होने के पश्‍चात दांयी तट मुख्‍य नहर की आर.डी. 135.35 किलोमीटर पर बने क्रास रेगुलेटर द्वारा 0.666 क्‍यूबिक मी. जल नहर के द्वारा बैराज में प्रदान किया जाना लक्षित है।

सड़क निर्माण में अनियमितता एवं नियम विरुद्ध भुगतान

[लोक निर्माण]

90. ( क्र. 1200 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिला अंतर्गत ग्राम सलवाह से अमरपुर सड़क मार्ग निर्माण हेतु विभाग द्वारा ठेकेदार के साथ किये गये अनुबंध में क्या क्या प्रावधान थे? अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराएं। ठेकेदार को कुल कितना भुगतान किया गया है? पूर्णता प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध करावें।        (ख) क्या उपरोक्त अनुबंध में डामर के कार्य हेतु बैच मिक्स डामर प्लांट लगाने का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो क्या ठेकेदार द्वारा बैच मिक्स डामर प्लांट लगाया गया था? यदि हाँ, तो ठेकेदार द्वारा उक्त प्लांट कहाँ लगाया गया था, उसके सत्यापन संबंधी दस्तावेज उपलब्ध करवाएं। यदि नहीं तो क्या ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण में हॉट मिक्स प्लांट के डामर का उपयोग किया? क्या विभाग द्वारा निर्धारित डामर प्लांट न लगाने के चलते ठेकेदार के भुगतान में कोई कटौती की गई? यदि हाँ, तो कितनी यदि नहीं तो क्या संबंधित अधिकारियों ने ठेकेदार द्वारा अनुबंध की शर्त का उल्लंघन करने के बाद भी पूरा भुगतान किया गया? (ग) सड़क निर्माण में अनेक स्थानों पर सोल्डर व नाली निर्माण का कार्य पूर्ण किये बिना ही ठेकेदार को कार्य का पूरा भुगतान किस नियम के तहत किया गया? क्या इसकी जांच करवाई जाएगी? दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मार्ग निर्माण हेतु किये गये अनुबंध के प्रावधान अनुबंध की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। ठेकेदार को रूपये 1737.25 लाख का भुगतान किया गया। पूर्णता प्रमाण पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है।          (ख) जी हाँ। ठेकेदार द्वारा अन्य ठेकेदार से बैच मिक्स प्लांट किराये पर लिया गया जो कि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 में दर्शित है। उक्त प्लांट सागर टोला डिण्डौरी में लगाया गया सत्यापन हेतु पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।          (ग) उपलब्ध कार्य स्थल में ही शोल्डर, नाली निर्माण का कार्य किया गया जिसका भुगतान किया गया। विस्तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्न ही नहीं उठता।

बिछिया विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

91. ( क्र. 1201 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिला अंतर्गत बिछिया विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक       कौन-कौन से सड़क मार्ग स्वीकृत किये गए हैं? स्वीकृत राशि, स्वीकृत तिथि, कार्य आदेश जारी होने की तिथि व कार्य पूर्णता की अवधि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) उपरोक्त में से जिन कार्यों को प्रश्न दिनांक से पूर्व पूर्ण हो जाना था, क्या वे सभी पूर्ण हो चुके हैं? जो मार्ग अपूर्ण हैं उनके अपूर्ण होने के क्या कारण हैं? इस हेतु संबंधित ठेकेदारों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है? इन अपूर्ण सड़क मार्गों को कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा? (ग) उपरोक्त में से ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं जिनके कार्य आदेश होने के बाद भी उनका निर्माण प्रारम्भ नहीं किया गया है या निर्माण में अपेक्षित प्रगति नहीं आ सकी है? प्रत्येक ऐसे कार्य की कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें।                               (घ) क्या ठेकेदारों द्वारा कार्य आदेश के बाद भी सही समय में कार्य प्रारंभ नहीं किये जाते हैं? नियमों का पालन न करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध विभाग द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है? क्या ऐसे ठेकेदारों का ठेका निरस्त करते हुए उन्हें ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही की जाएगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न ही नहीं उठता।

परिशिष्ट - "तीस "

आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी

[ऊर्जा]

92. ( क्र. 1208 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) अप्रैल 2018 से म.प्र.म.क्षे.वि.वितरण कम्पनी लिमिटेड के अंतर्गत विदिशा जिले में बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सियों के माध्यम से किन-किन एजेन्सियों को ठेका श्रमिकों की सेवाएं ली गई हैं? उनके एवज में एजेन्सियों को प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? एजेन्सी का नाम,मालिक/निदेशक का नाम,पता सहित जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। आउटसोर्स कर्मचारियों को नियुक्त करने के क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में कितने-कितने आउटसोर्स (ठेका) श्रमिक/ कम्प्यूटर ऑपरेटर/सब स्टेशन ऑपरेटर/लाइन हेल्पर/मीटर रीडर/सर्वेयर/ड्रायवर/चपरासी एवं अन्य पदों पर नियुक्ति किये गये? नाम,नियुक्ति दिनांक,वेतन सहित जानकारी उपसंभाग,संभाग एवं वृत्तवार जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उपरोक्त आउटसोर्स के कर्मचारियों को कितना-कितना भुगतान प्रतिमाह किया जाता है? आउटसोर्स कर्मचारी के नाम और भुगतान सूची उपलब्ध करावें। (घ) विदिशा जिले में कितने आउटसोर्स कर्मचारियों की शिकायत विद्युत उपभोक्ताओं एवं अन्य नागरिकों द्वारा की गई है? शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई एवं कितने आउटसोर्स कर्मचारियों को अनियमितता और कार्यों में लापरवाही के कारण पद से पृथक किया गया है? नाम सहित बतावें। (ङ) विदिशा जिले में वर्तमान में कितने आउटसोर्स कर्मचारियों की आवश्यकता है एवं कितने पदस्थ है तथा कितने पद रिक्त हैं? यदि पद रिक्त हैं तो इसके लिए उत्तरदायी कौन है? विद्युत वितरणवार जानकारी उपलब्ध करावें। (च) विदिशा जिले में एक ही उपकेन्द्र में आउटसोर्स के कर्मचारी कितने वर्ष से पदस्थ हैं? आउटसोर्स कर्मचारियों के एक ही वितरण केन्द्र में पदस्थ रहने क्‍या के नियम हैं? उपकेन्द्रवार जानकारी देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) दिनांक 01.04.2018 से दिनांक 30.11.2021 तक विदिशा जिले में म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन/संधारण, वृत्‍त विदिशा अंतर्गत बाह्य सेवा प्रदाता एजेन्सियों, जिनके माध्‍यम से ठेका श्रमिकों की सेवाएं ली गई, उनकी प्रश्‍नाधीन चाही गई नाम, पता, मालिक/निदेशक का नाम सहित भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र–'' अनुसार है। आउटसोर्स कार्मिकों की नियुक्ति, निविदा के नियम एवं शर्तों के तहत निर्धारित अर्हता अनुसार बाह्य स्‍त्रोत सेवाप्रदाता एजेंसी द्वारा की जाती है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में नियुक्‍त आउटसोर्स कार्मिकों हेतु निविदा क्र. 8765 दिनांक 18.02.2021 की कंडिका चार ''स्‍कोप ऑफ वर्क'' की उप कंडिका-तीन में वर्णित वांछित शैक्षणिक योग्‍यता/अन्‍य शर्तें निर्धारित हैं, जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।           (ख) संचालन/संधारण वृत्‍त विदिशा के अंतर्गत वर्तमान में कार्यरत आउटसोर्स कार्मिकों की प्रश्‍नाधीन चाही गई पदनाम सहित संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र–'' अनुसार है। उक्‍त आउटसोर्स कार्मिकों के नाम, नियुक्ति दिनांक, वेतन एवं उपसंभाग/संभाग/वृत्‍त कार्यालय सहित पदस्‍थापना के स्‍थान सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र–'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में कार्यरत आउटसोर्स कार्मिकों को समय-समय पर निर्धारित कलेक्‍टर रेट के अनुसार बाह्य स्‍त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी द्वारा वेतन का भुगतान किया जाता है। वर्तमान में बाह्य स्‍त्रोत सेवाप्रदाता कंपनी द्वारा उक्‍त कार्मिकों को दिये जा रहे वेतन से संबंधित प्रश्‍नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (घ) विदिशा जिला अंतर्गत किसी भी आउटसोर्स कार्मिक की शिकायत विद्युत उपभोक्‍ता या अन्‍य नागरिक द्वारा नहीं की गई है। तथापि अनियमितता एवं कार्यों में लापरवाही के कारण वर्तमान सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा सेवा से पृथक किये गए आउटसोर्स कार्मिकों की नाम सहित सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र–'' अनुसार है। (ड.) संचालन/संधारण वृत्‍त कार्यालय में आउटसोर्स कार्मिकों की आवश्‍यकता का आंकलन कार्य की मात्रा के आधार पर किया जाता है। संचालन/संधारण वृत्‍त विदिशा अंतर्गत आवश्‍यकतानुसार वर्तमान में 660 आउटसोर्स कार्मिक विभिन्‍न स्‍थलों पर कार्य कर रहे हैं, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। विदिशा जिले में वर्तमान में उक्‍त के अतिरिक्‍त अन्‍य आउटसोर्स कर्मचारियों की आवश्‍यकता नहीं हैं। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (च) विदिशा जिला अन्‍तर्गत संचालन/संधारण वृत्‍त विदिशा में विभिन्‍न स्‍थलों पर अधिकांश आउटसोर्स कार्मिक नवीन कार्यादेश के अनुसार दिनांक 01/04/2021 से पदस्‍थ हैं। आउटसोर्स कार्मिकों के एक ही वितरण केन्‍द्र में पदस्‍थ रहने के कोई नियम म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्रचलित नहीं है।


पवन एवं सौर ऊर्जा से संबंधित जानकारी

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

93. ( क्र. 1209 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2014 से मध्यप्रदेश में पवन एवं सौर ऊर्जा कम्पनियों द्वारा        किस-किस गांव में किस-किस सर्वे नंबर और कितने रकबे पर किस नियम के आधार पर        किस-किस कम्पनी ने किन तारीख को उद्योग/संयंत्र ईकाइयाँ स्थापित किये हैं? तहसील, जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सौर ऊर्जा-पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए भारत सरकार एवं म.प्र.सरकार के क्या-क्या नियम, निर्देश, मापदण्ड, प्रावधान प्रक्रिया, पॉलिसियां हैं? छायाप्रति सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में भारत एवं मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इन कम्पनियों को कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? कम्पनी का नाम, मालिक का नाम, राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कम्पनियों द्वारा कितनी मेगावाट बिजली का उत्पादन किया एवं किस मूल्य पर शासन/कम्पनियों को विक्रय की? अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा कम्पनियों एवं शासन द्वारा सौर ऊर्जा कम्पनियों को कितना-कितना भुगतान किया? इकाईवार, जिलावार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) भोपाल संभाग में अप्रैल 2014 से मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के तहत कितने कृषकों के आवेदन प्राप्त हुए हैं? एवं कितने कृषकों के सोलर पंप स्थापित कर दिये-गये हैं? तथा कितने शेष हैं? शेष कृषकों के सोलर-पंप कब-तक स्थापित कर दिये जावेंगे? आवेदन क्रमांक 20202021 दिनांक 25.06.2020 श्री बलवीर सिंह बघेल निवासी ग्राम सिद्दीकगंज तहसील सिरोंज के खेतपर सोलर पंप कब-तक लगा दिया जावेगा? तथा देरी लिए कौन उत्तरदायी हैं? (च) तहसील सिरोंज-लटेरी में सोलर संयंत्र, इकाई, प्लांट परियोजना कहाँ-कहाँ स्थापित हैं एवं किन-किन किसानों से भूमि क्रय की गई है एवं शासन द्वारा कितनी भूमि दी गई है? म.प्र. में सिमकोन पॉवर एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राईवेट लि. द्वारा कहाँ-कहाँ सोलर पार्क, संयंत्र, इकाई, प्लांट की स्थापना की गई है? कम्पनी का संचालक मण्डल एवं शासन से अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध करावें। इस कम्पनी द्वारा कितनी भूमि क्रय की गई है? विक्रय पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। भूमिका डायवर्सन कब-कब किया गया है? डायवर्सनों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। किन-किन विभागों से अनुमतियाँ ली गई हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) प्रदेश में पवन एवं सौर ऊर्जा परियोजनाएं नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा लागू पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2012 एवं सौर ऊर्जा परियोजना नीति-2012 के प्रावधानों के अतंर्गत स्‍थापित की गई है। दिनांक 01.04.2014 से स्‍थापित पवन ऊर्जा परियोजनाओं एवं सौर ऊर्जा परियोजनाओं की वांछित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के संदर्भ में सौर ऊर्जा पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना के संबंध में भारत सरकार एवं म.प्र.सरकार के नियम, निर्देश, मापदण्‍ड, पॉलिसियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है(ग) सौर ऊर्जा-पवन ऊर्जा परियोजनाओं के निजी विकासकों को अनुदान नहीं दिया जाता है। भारत सरकार के द्वारा जारी अल्‍ट्रा मेगा नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं हेतु जारी गाइड-लाइन के अनुसार सोलर पॉवर पार्क डेव्‍लपर को पार्क विकास हेतु किये गये वर्क्‍स के लिए रू.20 लाख/मेगावाट अथवा पार्क विकास लागत का 30 प्रतिशत जो भी कम हो, प्रदान किया जाता है तदानुसार प्रदेश की सोलर पॉवर पार्क विकास एजेंसी रीवा अल्‍ट्रा मेगा सोलर लि. को निम्‍नानुसार केन्‍द्रीय अनुदान प्राप्‍त हुआ है:- (1) 250 मेगावाट मंदसौर सोलर पार्क रूपये 25.23 करोड़ (नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी सी.एफ.ए.,) (2) 750 मेगावाट रीवा सोलर पार्क रूपये 76.33 करोड़ (नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी सी.एफ.ए.,) (3) 1500 मेगावाट आगर-शाजापुर सोलर       पार्क - रूपये 50.84 करोड़ (नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी सी.एफ.ए.,) ।       (घ) कंपनियों द्वारा मेगावाट बिजली उत्‍पादन की क्षमता की जानकारी पुस्‍ताकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। शासन द्वारा क्रय की गई विद्युत के संबंध में म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लि. से प्राप्‍त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। अन्‍य कंपनियों से विक्रय भुगतान एवं अनुबंध उनके मध्‍य व्‍यवसायिक संबंधों की निजता के दृष्टिगत जानकारी विभाग/म.प्र.पॉवर मैनेजमेंट लि. के स्‍तर पर उपलब्‍ध नहीं होती है। दस्‍तावेजों की वृहद मात्रा के दृष्टिगत सभी अनुबंध प्रतियां उपलब्‍ध कराया जाना व्‍यावहारिक नहीं है, चाहे जाने पर विशिष्‍ट अनुबंध म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लि. द्वारा उपलब्‍ध करवाए जा सकेंगे। सौर ऊर्जा-पवन ऊर्जा कंपनियों एवं म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लि. के मध्‍य संपादित अनुबंध की एक प्रति प्रारूप रूप में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। शासन द्वारा सौर ऊर्जा कंपनियों को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।                                               (ड.) भोपाल संभाग में अप्रैल 2014 से मुख्‍यमंत्री सोलर पंप योजना के तहत 6859 कृषकों के आवेदन प्राप्‍त हुए, 3938 कृषकों के खेतो पर सोलर पंप संयंत्र स्‍थापित कर दिये गये है तथा 2921 शेष है। योजनांतर्गत प्रदेश के शेष रहे पंजीकृत आवेदको (किसानों) के सोलर पंप संयंत्र की स्‍थापना हेतु अनुपूरक बजट में अतिरिक्‍त राशि रू.145 करोड़ की मांग प्रस्‍तावित की गई है। राज्‍य शासन व केन्‍द्र शासन से लक्ष्‍य व बजट की स्‍वीकृति प्राप्‍त होने पर योजनांतर्गत सोलर पम्‍पों की स्‍थापना जारी रहेगी। आवेदन क्रमांक 20202021, दिनांक 25.06.2020 श्री बलवीर सिंह बघेल निवासी ग्राम सिद्धीकगंज तहसील सिरोंज के द्वारा रू. 5000/- की राशि सहित योजनांतर्गत पंजीयन कराया गया है। शासन से लक्ष्‍य व बजट की स्‍वीकृति प्राप्‍त होने पर श्री बलवीर सिंह बघेल सहित सभी आवेदकों के खेतों पर योजनांतर्गत सोलर पंप की स्‍थापना जारी रहेगी। उक्‍त सोलर पंप की स्‍थापना में देरी के लिये कोई उत्‍तरदायी नहीं है। (च) तहसील सिरोज-लटरी में स्‍थापित सौर परियोजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। इन परियोजनाओं द्वारा शासन द्वारा कोई भी भूमि उपलब्‍ध नहीं कराई गई है। परियोजना हेतु क्रय की गई भूमि का विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। म.प्र.में सिमकोन पॉवर एण्‍ड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रायवेट लि.द्वारा स्‍थापित की गई सौर परियोजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। कंपनी के संचालक मंडल की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। कंपनी द्वारा परियोजना से उत्‍पादित विद्युत का विक्रय इंडियन एनर्जी एक्‍सचेंज में किया जा रह है, शासन से कोई अनुबंध नहीं किया गया है। परियोजना हेतु क्रय की गई भूमि का विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। अधिसूचना क्रमांक 40 दिनांक 28.08.2014 अनुसार भूमि डायवर्सन कराया जाना आवश्‍यक नहीं है, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग एवं ऊर्जा विभाग से प्राप्‍त अनुमतियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

सिटीपोर्शन सड़क निर्माण कार्य की स्‍वीकृति

[लोक निर्माण]

94. ( क्र. 1212 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 949 दिनांक 12 अगस्‍त 2021 के उत्‍तर अनुसार लोक निर्माण संभाग राजगढ़ अंतर्गत नगर नरसिंहगढ़ के भोपाल बायपास से छत्री चौराहे, बाराद्वारी होते हुए ब्‍यावरा बायपास तक लंबाई 4.00 कि.मी. ( सिटीपोर्शन नरसिंहगढ़ ) सी.सी.करण, पोल शिफ्टिंग डिवाईडर सहित सड़क निर्माण कार्य प्रथम अनुपूरक बजट वर्ष 2021-22 में प्रस्‍तावित था? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त मार्ग की प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति जारी कर दी गई हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करावें? यदि नहीं तो उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही किन कारणों से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन नगरवासियों को निर्बाध आवागमन की सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत द्वितीय अनुपूरक बजट वर्ष 2021-22 में उक्‍त मार्ग की स्‍वीकृति प्रदान करेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। उक्‍त कार्य बजट वर्ष 2021-22 में अपरीक्षित मद में प्रस्तावित था। वित्त विभाग के द्वारा इस कार्य को अनुपूरक बजट वर्ष 2021-22 में सम्मिलित नहीं किया गया। अतः विभाग द्वारा किसी प्रकार की स्वीकृति की कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। नवीन कार्य के प्रस्‍ताव सामान्‍यत: मुख्‍य बजट में प्रस्‍तावित किए जाते है।

कन्‍तोड़ बायपास सड़क निर्माण

[लोक निर्माण]

95. ( क्र. 1213 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लोक निर्माण विभाग संभाग राजगढ़ अंतर्गत ब्‍यावरा-विदिशा मार्ग पर नरसिंहगढ़ नगर के कन्‍तोड़ा बायपास पर 2 लेन सड़क निर्माण कार्य की स्‍वीकृति मुख्‍य बजट 2021-22 में प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त कार्य को प्रारंभ करवाने हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या विगत 10 वर्षों से पूर्णत: समाप्‍त हो चुके मार्ग पर पुन: आवागमन बहाल करने हेतु कब तक उक्‍त मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मुख्य बजट वर्ष 2021-22 में मात्र अंकित है, स्वीकृत नहीं। वित्त विभाग के द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 31.03.2017 के अनुक्रम में कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने हेतु विभाग की स्थाई वित्तीय समिति की स्‍वीकृति उपरान्‍त ही प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जा सकती है। (ख) सक्षम वित्‍तीय समिति से अनुमोदन होने पर, प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जा सकेगी। अत: निश्‍चि‍त समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।


मनावर विधानसभा की सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

96. ( क्र. 1217 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक भी मनावर बाईपास रोड का निर्माण नहीं कराने का क्या कारण है? मनावर शहर में बाईपास रोड बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं लोक निर्माण विभाग को प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कितने पत्र डिटेल्ड इस्टीमेट के साथ प्रेषित किए गए? यदि हाँ, तो अक्सर हो रही दुर्घटनाओं एवं लोगों की समस्याओं के मद्देनजर उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलित है? मनावर बाईपास रोड (12.4 कि.मी.) के लिए वर्तमान में कितनी राशि स्वीकृत है? कब तक बाईपास रोड का निर्माण प्रारंभ किया जाएगा? समय-सीमा सहित बताएं। (ख) मनावर-उमरबन-कालीबावड़ी-धामनोद मार्ग का निर्माण प्रश्न-दिनांक तक भी पूर्ण नहीं होने का विधिसम्मत कारण बताएं? पूर्ण होने की समय-सीमा बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) के मार्ग निर्माण का लक्ष्य-दिनांक विगत तीन वर्षों में कितनी बार बदला गया? उक्त सड़क निर्माण नहीं होने से लोगों को हो रही परेशानियों के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्यसचिव को प्रश्‍नकर्ता ने पत्र द्वारा कितनी बार अवगत कराया? परेशानियों के संबंध में कब तक परीक्षण कराकर पीड़ित लोगों को मुआवजा दिया जाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्राक्‍कलन परीक्षणाधीन होने से। माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्रों की जानकारी संलग्‍न प्रपत्र-अ अनुसार एवं माननीय मंत्री जी लोक निर्माण विभाग से प्राप्त पत्र की जानकारी संलग्‍न प्रपत्र-ब अनुसार है। कोई नहीं, शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) मार्ग का निर्माण कोविड-19 महामारी एवं ठेकेदार द्वारा किये गये कार्य का भुगतान समय पर नहीं होने के कारण। निरंतर पर्याप्त आवंटन उपलब्ध होने की स्थिति में दिनांक 30.06.2022 तक पूर्ण होना संभावित है। (ग) जी नहीं, उत्‍तरांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता

परिशिष्ट - "इकतीस"

ग्रिड, वाल्टेज और मानक स्तर की सामग्री का अभाव

[ऊर्जा]

97. ( क्र. 1221 ) श्री महेश परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तराना विधानसभा क्षेत्र में किसानों से ट्रांसफार्मर की पूरी राशि लेने के बाद भी मानक स्तर के ट्रांसफार्मर नहीं दिये जा रहे हैं? विभाग द्वारा पुरानी लाइन को ही बड़ी लाइन बनाकर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? इस कारण क्या आए दिन ट्रीपिंग, ट्रांसफार्मर की समस्या बढ़ती जा रही है? इस तकनीकी खामी के कारण कंपनी के कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? और अधिकारियों पर कार्यवाही विभाग कब तक करेगा? (ख) क्या तराना विधानसभा के ग्राम कड़ोदिया से झुमकी तक की 20 किमी की लंबी लाइन में ग्रिड नहीं है? ग्रिड को लेकर विभाग द्वारा दो या तीन बार सर्वेक्षण होने के बाद भी ग्रिड लगाने की कार्यवाही विभाग द्वारा आज दिनांक तक नहीं की गयी है? (ग) क्या किसानों से लगभग 30-35 हज़ार के मान से अलग-अलग पोल लगाने के लिए राशि वसूलने के बाद भी पुराने पोल लगाए जा रहे हैं? किसानों के साथ इस धोखाधड़ी को लेकर संबन्धित एजेंसी के दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) तराना विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित मानक स्‍तर के विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर नहीं लगाये जाने से संबंधित कोई भी मामला म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पूर्व से विद्यमान (पुरानी) निम्‍न दाब लाईन अथवा 11 के.व्‍ही. लाईन को उनकी तकनीकी क्षमता के अनुसार विस्तारित कर ही विद्युत प्रदाय किया जाता है। अत: यह कहना सही नहीं है कि प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में आये दिन ट्रीपिंग एवं वितरण ट्रांसफार्मर संबंधी समस्‍याएं बढ़ रही है। उपरोक्‍त के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) जी हाँ, तराना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कड़ोदिया से झुमकी तक की लगभग 20 किलोमीटर तक की 11 के.व्ही. विद्युत लाईन में अन्य कोई 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्‍द्र स्थापित नहीं है। ग्राम कड़ोदिया में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र की स्थापना हेतु प्राप्त प्रस्ताव का तकनीकी परीक्षण किया गया एवं उक्त प्रस्ताव तकनीकी रुप से साध्य पाया गया है। उक्त प्रस्ताव को केन्‍द्र शासन द्वारा वित्‍त पोषित आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है। उक्‍त योजना के स्वीकृत होने के उपरांत योजनान्‍तर्गत वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता तथा इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए उक्‍त प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी। (ग) जी नहीं, प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित शिकायत से संबंधित कोई भी मामला म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सड़क निर्माण

[लोक निर्माण]

98. ( क्र. 1224 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संगम चौराहा से खोब दरवाजा तक मार्ग डिवायडर मय सेटर लाईट एवं कांक्रीट शोल्डर के साथ चौड़ीकरण के लिए राशि स्वीकृत होकर प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत लोक निर्माण विभाग के द्वारा एजेन्सी अनुक्रमांक 82 एस.ए.सी दिनांक 10.02.2020 मेसर्स एन.एन.वी कंस्ट्रक्‍शन भोपाल निर्धारित की गई थी, परंतु लगभग 20 माह बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है इसके क्या कारण हैं? निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा? (ख) कोर्ट चौराहा से संगम चौराहा बड़नगर तक मध्यप्रदेश शासन अनुदान मांग 2019-20 मांग संख्या 24 लोक निर्माण कार्य, सड़क निर्माण मद 5054 क्र.03 सरल क्रमांक 312 उज्जैन-बड़नगर शहरीय क्षेत्र कोर्ट चौराहा बड़नगर से संगम चौराहा तक स्वीकृत किया गया है, उक्त मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, कार्य प्रारंभ किया गया था, परन्तु पूरी चौड़ाई एवं लंबाई में भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण कार्य वर्तमान में बंद है। मार्ग निर्माण हेतु पूरी लंबाई एवं चौड़ाई में भूमि उपलब्ध होने पर कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा। (ख) जी हाँ, वर्ष 2019-20 के बजट में सम्मिलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।


ग्राम अगरा में नवीन विद्युत सब स्टेशन का निर्माण

[ऊर्जा]

99. ( क्र. 1228 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्या शिवपुरी जिला अंतर्गत कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अगरा में नवीन 33/11 विद्युत सब स्टेशन के निर्माण की स्वीकृति हो चुकी है? यदि हाँ, तो कब? स्वीकृति आदेश की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या ग्राम अगरा में विद्युत सब स्टेशन निर्माण हेतु बजट आवंटन कर निर्माण कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की जा चुकी हैं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो अब तक बजट आवंटित क्यों नहीं किया गया? ग्राम अगरा में नवीन विद्युत सब स्टेशन के निर्माण हेतु कब तक बजट आवंटित कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, शिवपुरी जिला अंतर्गत कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अगरा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र के निर्माण किये जाने की स्‍वीकृति नहीं हुई है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

कृषकों को सिंचाई हेतु विद्युत प्रदाय

[ऊर्जा]

100. ( क्र. 1229 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या शिवपुरी जिला अंतर्गत कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कृषकों को सिंचाई हेतु प्रति दिवस 10 घण्टे प्रदाय की जा रही विद्युत वर्तमान समय में प्रत्येक 15 दिवस दिन में व 15 दिवस रात्रि के समय प्रदाय की जा रही है? क्या पंप फीडर से विद्युत प्रदाय का यह समय पूर्व में प्रत्येक 07 दिवस दिन में व 07 दिवस रात्रि के समय का निर्धारित था? समय चक्र के निर्धारण/परिवर्तन हेतु                 कौन-कौन अधिकारी सक्षम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कृषकों द्वारा रात्रि कालीन समय में सिंचाई हेतु मजदूर उपलब्ध नहीं होने से 15 दिवस के स्थान पर पूर्व की भांति प्रत्येक 07 दिवस दिन के समय एवं 07 दिवस रात्रि के समय विद्युत प्रदाय की मांग की जा रही है। क्या किसानों की उक्त परेशानी को ध्यान में रखकर विभाग विद्युत प्रदाय के समय चक्र में परिवर्तन कर 07-07 दिवस विद्युत प्रदाय किए जाने हेतु आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं सकारण उत्तर दें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में कृषि फीडरों पर माह नवंबर 2021 से प्रत्येक 15 दिवस, दिन में एवं 15 दिवस, रात्रि के समय 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया गया था, जिसे दिनांक 01.12.2021 से बदलकर पूर्व की भांति 7 दिवस, दिन में एवं 7 दिवस, रात्रि में कर दिया गया है। कृषि फीडरों से विद्युत प्रदाय के समय चक्र के निर्धारण/परिवर्तन सहित संपूर्ण प्रदेश हेतु विद्युत के प्रबंधन का कार्य प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की होल्डिंग कंपनी एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा किया जाता है। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में दिनांक 01.12.2021 से कृषि फीडरों से विद्युत प्रदाय का समय चक्र पूर्व की भांति 7 दिवस, दिन में एवं 7 दिवस, रात्रि के समय कर दिया गया है।


कृषि कार्य हेतु निर्धारित विद्युत प्रदाय

[ऊर्जा]

101. ( क्र. 1232 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि कार्य हेतु दस घण्टे थ्री फेस विद्युत प्रदाय की नीति शासन की है? (ख) क्या किसी कारण से विद्युत प्रवाह में अवरोध आने पर सुधार में जितना समय लगता है उतने समय की विद्युत प्रदाय की पूर्ति करने की योजना शासन की है? (ग) यदि हाँ, तो अवरोध में लगे समय की अतिरिक्त पूर्ति क्यों नहीं की जाती है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। ऐसी कोई योजना नहीं है। कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से आए विद्युत अवरोधों को छोड़कर उपभोक्‍ताओं को सामान्‍यत: निर्धारित अवधि हेतु विद्युत प्रदाय किया जाता है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना

[ऊर्जा]

102. ( क्र. 1234 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्‍तर्गत विद्युत वितरण व्‍यवस्‍था को सुचारू व प्रभावी बनाने हेतु 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्रों की स्‍थापना के क्‍या मापदंड हैं तथा अब तक रीवा जिले में कुल कितने सब-स्‍टेशन की स्‍थापना की गई है तथा रीवा जिले में आगामी                  सब-स्‍टेशनों के गठन की कार्य योजना क्‍या हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर सकारात्मक है, तो त्योंथर तहसील अंतर्गत वर्तमान विद्युत वितरण व्यवस्था अत्यधिक चिंताजनक होने से एवं जनसंख्या घनत्व तथा विद्युत उपयोगिता की दृष्टि से लंबे अंतराल से त्योंथर क्षेत्र में क्रमशः - चौरा, मांगी, सूती, एवं नेगुरा में नवीन सब स्टेशनों के निर्माण की मांग क्षेत्रीय जनमानस द्वारा की जा रही है विभाग द्वारा उपयोगिता की दृष्टि से समय-समय पर सर्वेक्षण व परीक्षण का कार्य भी किया जाता रहा है, क्या उपरोक्त सब स्टेशनों के निर्माण की विभागीय कार्य योजना विचाराधीन है? (ग) यदि हाँ, तो समय सीमा स्पष्ट की जाए।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अन्‍तर्गत विद्युत वितरण व्‍यवस्‍था को सुचारू व प्रभावी बनाने के लिये 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों की स्‍थापना की आवश्‍यकता का आंकलन 11 के.व्‍ही. फीडरों की लंबाई, उनसे संबद्ध भार एवं उनके अंतिम छोर पर वोल्‍टेज रेग्यूलेशन के विश्‍लेषण उपरांत किया जाता है। इस विश्‍लेषण हेतु ऐसे 11 के.व्‍ही. फीडर चयनित किये जाते हैं जिनकी लंबाई 30 कि.मी. से अधिक, संबद्ध भार 100 एम्‍पीयर से अधिक तथा अंतिम छोर पर वोल्‍टेज रेग्‍यूलेशन 9 प्रतिशत से अधिक हो। ऐसे फीडरों के विभक्तिकरण/इन्‍टर कनेक्‍शन के विकल्‍प पर विचार करने पर यदि फीडर के अंतिम छोर पर वोल्‍टेज रेग्‍यूलेशन निर्धारित मापदण्‍डों के अनुरूप नहीं आता है तो उस क्षेत्र में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना का कार्य वित्‍तीय उपलब्‍धता एवं इसी प्रकार के अन्‍य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में प्रस्‍तावित किया जाता है। रीवा जिले में मार्च, 2021 तक कुल 82 नम्‍बर 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों की स्‍थापना की गई है। आगामी वर्षों में प्रस्‍तावित नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों का विवरण निम्‍नानुसार है :-

क्रमांक

प्रस्‍तावित 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र का नाम

योजना का नाम

1

पी.टी.एस. रीवा

आर.डी.एस.एस. योजना

2

ग्राम चोरहटा

आर.डी.एस.एस. योजना

3

ग्राम चौरा

आर.डी.एस.एस. योजना

4

ग्राम ढौरी

आर.डी.एस.एस. योजना

5

ग्राम इटौरी (अंकेरी)

आर.डी.एस.एस. योजना

6

ग्राम सूती

आर.डी.एस.एस. योजना

 (ख) त्‍योंथर क्षेत्र अन्‍तर्गत चौरा, मांगी, सूती एवं नेगुरा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों की स्‍थापना हेतु तकनीकी परीक्षण कराया गया, जिसका विद्युत उपकेन्‍द्रों की आवश्‍यकता/ कार्ययोजना सहित विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत त्‍योंथर क्षेत्र में ग्राम चौरा एवं सूती में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों की स्‍थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्‍य पाया गया है, जिसे केन्‍द्र शासन पोषित आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। योजना की स्‍वीकृति उपरान्‍त वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार इन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों की स्‍थापना का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित                 समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

गुणवत्‍ता विहीन निर्माण कार्यों के दोषियों पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

103. ( क्र. 1236 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्र. 862 दिनांक 26.2.2021 के प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में नगर पालिका निगम मुरैना के नाला नं. 1 पर गणेशपुरा-ईदगाह से अम्‍बाह बाईपास पर भूमिगत नाला निर्माण एवं सी.सी. रोड का घटिया निर्माण कार्य स्‍वीकार करना बताया तथा सी.सी. रोड की गुणवत्‍ता की जांच करने हेतु समिति गठित की गई एवं गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही करना बताया गया? क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन दिया गया। यदि हाँ, तो उसमें कौन-कौन दोषी पाये गये और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन सहित जानकारी देवें। (ख) इसी तरह तारांकित प्रश्‍न क्र. 4681 दिनांक 23.3.2021 के प्रश्‍नांश (घ) के उत्‍तर में यह बताया गया कि नगर पालिक निगम मुरैना में नाला नं. 1 पर भूमिगत नाला निर्माण की शिकायत होने पर उसकी जांच के लिये संचालनालय नगरीय प्रशासन के आदेश क्र. 1341 दिनांक 11.2.2021 द्वारा भी जांच समिति गठित की गई? क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक जांच प्रतिवेदन संचालनालय नगरीय प्रशासन को प्राप्‍त हुआ? यदि हाँ, तो उसमें कौन-कौन दोषी पाये गये और उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही अभी तक क्‍यों नहीं की गई? जांच प्रतिवेदन सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) नाला नं. 1 पर घटिया भूमिगत नाला निर्माण एवं गुणवत्‍ता विहीन सी.सी. रोड निर्माण करने वाले ठेकेदार तथा निर्माण कार्यों का मूल्‍यांकन करने वाले उपयंत्री के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई एवं दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु प्रश्‍न में उल्‍लेखित कार्य भूमिगत नाला निर्माण एवं सी. सी. रोड निर्माण कार्य की जांच कराये जाने का लेख किया गया था एवं जांच समिति गठित की गई थी। जी हाँ। समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन दिया गया है, समिति के प्रतिवेदन में किसी को दोषी नहीं पाया गया है अपितु निर्माण कार्य में सुधार किये जाने की अनुशंसा करते हुए लेख किया गया है कि वर्णित सुधार कार्यों को कराने के लिए निर्माणकर्ता एजेंसी को सूचित किया जाये। निर्माणकर्ता एजेंसी को सुधार हेतु सूचित कर दिया गया है। जांच प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परि‍शिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। उत्‍तरांश (क) अनुसार है। (ग) जांच प्रतिवेदन के निष्‍कर्ष अनुसार किसी को दोषी नहीं पाया गया है जांच समिति द्वारा निर्माण कार्य में परिलक्षित कमियों को सुधार हेतु निर्माणकर्ता एजेंसी को आदेशित करने का लेख किया गया है। उक्‍त के प्रकाश में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सौन्‍दर्यीकरण के नाम पर व्‍यय की गई राशि की जांच

[नगरीय विकास एवं आवास]

104. ( क्र. 1237 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिका निगम मुरैना में जनता से जुड़े 4 बड़े प्रोजेक्‍ट-ट्रांसपोर्टनगर, व्‍ही.आई.पी. रोड निर्माण, सीवर लाईन एवं अतरसूमा में पी.एम.आवास निर्माण बजट की कमी के कारण बंद पड़े हुए हैं? यदि हाँ, तो सौंदर्यीकरण के नाम पर एम.एस. रोड के दोनों साइड खम्‍भे लगाकर एल.ई.डी. लाइटों पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) क्‍या एम.एस.रोड पर बनाये गए नवीन डिवाइडर में लगे खंभों पर पहले से ही 112 स्‍ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं? यदि हाँ, तो सड़क के दोनों तरफ खंभे लगाकर एल.ई.डी. लाइट लगाने की क्‍या आवश्‍यकता थी? क्‍या इसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जावेगी? (ग) क्‍या एम.एस.रोड पर पुराना डिवाइडर तोड़कर नया डिवाइडर बनाने एवं उस पर पौधे लगाने के नाम पर लगभग 40 लाख रूपये खर्च किये गये? यदि हाँ, तो क्‍या इसकी भी जांच कराई जाएगी? वर्तमान में डिवाइडर पर कितने पौधे जीवित हैं? (घ) नगरपालिका निगम मुरैना में जनता से जुड़े 4 बड़े प्रोजेक्‍ट - ट्रांसपोर्टनगर, व्‍ही.आई.पी. रोड निर्माण, सीवर लाईन एवं अतरसूमा में पी.एम.आवास निर्माण कार्य कब तक चालू कर दिये जाएंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। एम.एस.रोड के दोनों साइड स्‍ट्रीट लाईट के खंभे लगाकर एल.ई.डी. लाईटों पर राशि रू. 37.75 लाख का व्‍यय किया गया है। वर्तमान में शेष कार्य प्रचलित है। (ख) जी हाँ। एम.एस. रोड मुरैना नगर की मुख्य सड़क है, इसकी चौड़ाई 100 फिट से अधिक है तथा यह डिवाइडर युक्‍त सड़क है। पूर्व से डिवाइडर में लगे एच.टी./एल.टी. लाइन के विद्युत पोल्स पर सोडियम लेम्प लगाकर रात्रिकालीन प्रकाश की तात्कालिक व्यवस्था की गई थी। डिवाइडर में विद्युत खंभों में एच.टी./एल.टी. विद्युत लाइनों के कारण संधारण कर्मियों की जान को खतरा रहता है। एल.ई.डी. लाईट की तुलना में सोडियम लेम्प के प्रयोग से विद्युत की अधिक खपत होती है। अतः एम.एस. रोड पर सड़क के दोनों तरफ स्ट्रीट लाइट के खंभे लगाकर ऊर्जा दक्ष एल.ई.डी. लाईटें लगाने का कार्य कराया जा रहा है। इससे उर्जा व्‍यय में बचत होगी। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। वास्तविकता यह है कि एम.एस. रोड पर स्टेडियम गेट के सामने से गणेशपुरा की पुलिया तक पत्थर की चिनाई के पुराने जीर्ण-शीर्ण डिवाइडर को हटाकर उसके स्थान पर आर.सी.सी. की दो दीवारें निर्माण करायी जाकर मध्य भाग में मिट्टी फिलिंग करने के उपरांत कनेर आदि की पौधारोपण करायी गई है। जिससे डिवाइडर सुन्दर दिखने के साथ-साथ उस पर हरियाली बनी रहती है। इस कार्य पर राशि रू. 56.30 लाख का व्यय हुआ है। उल्लेखनीय है कि एम. एस. रोड पर वैरियर चौराहे से स्टेडियम के गेट तक तथा गणेशपुरा की पुलिया से सदर बाजार के चौराहे तक पुराने निर्मित डिवाइडर को उपयुक्त तथा उपयोगी होने के कारण नहीं हटाया गया। नवनिर्मित डिवाइडर की ऊँचाई लगभग 90 से.मी. होने के कारण आमजनता/पशुओं द्वारा डिवाइडर को क्रास करना बंद हो गया है जिससे यातायात में सुविधा हुई है तथा दुर्घटनाएं होने के अवसर घट गये है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में डिवाइडर पर 991 पौधे जीवित है। (घ) ट्रान्सपोर्ट नगर, स्ववित्त पोषित योजना है जिसके अन्तर्गत वाणिज्यक भूखण्डों का व्ययन कर वित्त की व्यवस्था की जाना है। ट्रान्सपोर्ट नगर की अधोसंरचना विकास का कार्य कोविड-19 महामारी के कारण रुका हुआ था जो वर्तमान में प्रगतिरत है तथा भूखण्ड़ों के व्ययन की कार्यवाही भी प्रचलित है। मुरैना शहर में विस्मिल संग्रहालय से बटालियन परिसर होकर ए.बी. रोड तक फोरलेन सड़क निर्माणाधीन है। एस.ए.एफ द्वारा भूमि संबंधी विवाद उत्पन्न करने के कारण बटालियन क्षेत्र में सड़क का कार्य रूका हुआ है। सीवर निर्माता ठेकेदार द्वारा सीवर लाईन बिछाने का कार्य तथा एस.टी.पी. निर्माण का कार्य पूर्ण करा दिया है। हाउस सर्विस कनेक्शन करने का कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है। अतरसुमा में पी.एम. आवास योजना अंतर्गत 1068 ई.डब्लू.एस. इकाईयों का निर्माण कराया जा रहा है, जिनमें से 288 का कार्य पूर्ण कराया जाकर 240 हितग्राही निवासरत है तथा 48 हितग्राहियों को शीघ्र ही गृह प्रवेश कराया जाना है। शेष 780 इकाईयों का कार्य प्रगतिरत है, साथ ही उक्त हितग्राहियों को वित्तीय संस्थान/बैंक से ऋण स्वीकृत कराने की कार्यवाही की जा रही है।

अर्द्धशासकीय नेहरू स्मारक स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय को शासनाधीन किए जाना

[उच्च शिक्षा]

105. ( क्र. 1243 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अब तक प्रदेश के कुल कितने अर्द्धशासकीय महाविद्यालयों को शासनाधीन (शासकीय) किया गया तथा यह भी स्पष्ट करें कि अर्द्धशासकीय महाविद्यालयों को शासनाधीन किए जाने का शासकीय मापदंड क्या है तथा उक्त संबंध में शासन की आगामी कार्य योजना क्या है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर सकारात्मक है अर्थात शासन द्वारा अर्द्धशासकीय महाविद्यालयों को शासनाधीन किए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है तो त्योंथर तहसील अंतर्गत वर्ष 1965 से संचालित एकमात्र अर्द्धशासकीय नेहरू स्मारक स्नातकोत्तर महाविद्यालय चाकघाट को शासनाधीन क्यों नहीं किया गया जबकि शासन द्वारा उक्त महाविद्यालय के अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों का वेतन प्रदाय किया जाता है साथ ही महाविद्यालय में भवन, प्रयोगशालाएं, छात्रावास एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है?   (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर सकारात्मक है तो संम्बधित महाविद्यालय को शासनाधीन कब तक किया जाएगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग अंतर्गत अर्द्धशासकीय महाविद्यालय की कोई श्रेणी नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश '''' एवं '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं                          होता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)

[नगरीय विकास एवं आवास]

106. ( क्र. 1247 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में कितने आवासहीन / कच्‍चे मकान वाले हैं जिनके पास भूमि के दस्‍तावेज / रजिस्‍ट्री न होने के कारण उनके प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवास स्‍वीकृत नहीं किये जा रहे है? कारण बतायें। (ख) 25 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत मकान के दस्‍तावेज अथवा मकान की रजिस्‍ट्री होने की स्थिति में ही आवास स्‍वीकृत किये जायेगे, इस संबंध में शासन के निर्देशों की प्रति दें। (ग) 25 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में कौन-कौन व्‍यक्ति कब कब से शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर रह रहे हैं तथा उनके प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवास स्‍वीकृत क्‍यों नहीं किये जा रहे हैं? कारण बतायें तथा उनके आवास कब तक स्‍वीकृत किये जायेंगे? (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवास स्‍वीकृति में भूमि के दस्‍तावेज / रजिस्‍ट्री / अतिक्रमण कार्यों की मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के पास सूची न होने जैसे विषय पर कार्यवाही के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों की निकायवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ’’’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ, शासन के निर्देशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। (ग) निकायवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ’’’’ अनुसार है। भूमि स्वामित्व संबंधी अभिलेखों के अभाव के कारण आवास स्वीकृत नहीं किये जा सके है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों तथा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- ’’’’ तथा ’’’’ अनुसार है। इस संबंध में निकायों द्वारा की जा रही कार्यवाही की जांच तथा समय-सीमा में निराकरण हेतु संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल संभाग भोपाल म.प्र. एवं परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण जिला-रायसेन म.प्र. को निर्देशित किया गया है।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा योजनाएं

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

107. ( क्र. 1248 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किसानों के कल्‍याण के लिए       कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? पात्रता एवं अनुदान की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) 25 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले के कितने किसानों के सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा कनेक्‍शन के आवेदन पत्र किस स्‍तर पर कब से एवं क्‍यों लंबित हैं? इसके लिए कौन दोषी है?        (ग) लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? (घ) 1 जनवरी 2021 से नवम्‍बर 2021 तक की स्थि‍ति में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उक्‍त पत्रों पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाभियान (PM-KUSUM) के घटक '' घटक '' एवं घटक '' के अतंर्गत कृषकों को स्‍वावलंबी बनाने के उद्देश्‍य से नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में योजनाएं लागू है, इन योजनाओं की जानकारी/विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र –'' अनुसार है।       (ख) प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाभियान (PM-KUSUM) के घटक '' के अतंर्गत प्रदेश में मुख्‍यमंत्री सोलर पम्‍प योजना लागू की गई है। दिनांक 25 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले के 1060 किसानों के सिचांई हेतु सौर ऊर्जा कनेक्‍शन के आवेदन पत्र लंबित है। केन्‍द्रांश (CFA-30% of system cost) एवं राज्‍य शासन के वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में आवंटित बजट से मिलान राज्‍यांश का उपयोग कर, योजनांतर्गत, प्रदेश में कुल 6763 (जिला रायसेन में 493 नग सहित) सोलर पम्‍प संयंत्रों की स्‍थापना की गई है। योजनांतर्गत रायसेन जिले के उक्‍त 1060 किसानों सहित, प्रदेश के शेष रहे पंजीकृत आवेदकों (किसानों) के सोलर पम्‍प संयंत्र की स्‍थापना हेतु अनुपूरक बजट में अतिरिक्‍त राशि रू.140 करोड़ की मांग प्रस्‍तावित की गई है। संयंत्रो की स्‍थापना में उक्‍त देरी के लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं है। (ग) भारत सरकार से सोलर पम्‍प संयंत्रों की दरें व चयनित ईकाइयों की सूची प्राप्‍त होने पर पर्याप्‍त बजट राशि उपलब्‍ध होने पर, पूर्ण हितग्राही अंश प्राप्‍त कर सोलर पम्‍प संयंत्रों की स्‍थापना की जाती है। सोलर पम्‍प संयंत्र स्‍थापित करने हेतु बजट में राशि उपलब्‍ध होने पर स्‍थापित किये जा सकेंगे। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।      (घ) 1 जनवरी 2021 से नवम्‍बर 2021 तक की स्थिति में माननीय मंत्री जी, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्राप्‍त पत्रों तथा उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

कन्‍या शिक्षा परिसर एवं एकलव्‍य भवन निर्माण

[लोक निर्माण]

108. ( क्र. 1258 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किजबलपुर संभाग में कितने स्‍थानों पर कन्‍या शिक्षा परिसर एवं एकलव्‍य आदर्श आवासीय विद्यालयों भवनों का निर्माण आपके विभाग से किया जा रहा है निम्‍नानुसार जानकारी दें।         (1) स्‍थान, विकासखण्‍ड, जिला, स्‍वीकृति दिनांक, राशि। (2) अनुबंध अनुसार कार्य अवधि, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, व्‍यय की गई राशि कार्यवार। (3) कितने कार्य है, जो समय पर पूर्ण हैं उनकी भौतिक स्थिति? (4) कितने कार्य है जो अपूर्ण या निर्माणधीन हैं विलम्‍ब का कारण, समय पर कार्य पूर्ण कराने के लिए विभाग ने कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की कार्यवार जानकारी दें।        (5) प्रत्‍येक निर्माण कार्य ठेकेदारों ने अधिक दर में या कम दर में लिया कार्यवार जानकारी दें।       (6) कौन-कौन से कार्य के लिए पुनरीक्षित प्राक्‍कलन तैयार किया गया, कार्यवार राशि सहित जानकारी दें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : कालम (1) से (6) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

मीटर वाचकों की जानकारी

[ऊर्जा]

109. ( क्र. 1265 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र कंपनी, जबलपुर के अंतर्गत सतना जिले में (संचा/संधा) संभागवार कुल कितने मीटर वाचक कार्यरत हैं एवं कितने वर्षों से कार्यरत हैं। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती के हिसाब से जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रत्‍येक मीटर वाचक से प्रत्‍येक माह में कुल कितने उपभोक्‍ताओं की मीटर रीडिंग/बिल वितरण का कार्य लिये जाने का प्रावधान है। पुराने मीटर वाचकों के स्‍थान पर नये मीटर वाचकों की भर्ती किस मापदण्‍ड से की गई? इसका क्‍या औचित्‍य है? इस कार्य हेतु पारदर्शिता सुनिश्चित की जावेगी? (ग) ठेका मीटर वाचकों के दैनिक मानदेय से जीएसटी की कटौती क्‍यों की जा रही है? वर्ष 2019 से अब तक की गई, जीएसटी की कटौती राशि क्‍या मीटर वाचक श्रमिकों के खाते में वापस की जायेगी? यदि हाँ, तो प्रति मीटर वाचक को कितनी राशि और कब तक वापस होगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) मीटर रीडिंग का ठेका सतना जिले में वर्ष 2019-20 एवं 20-21 के लिये किस कंपनी को दिया गया था, कंपनी द्वारा कितने मीटर वाचक इस कार्य हेतु लगाये गये थे? प्रत्‍येक श्रमिक से पीएफ मद में कितनी राशि कटौती की गई एवं ठेका कंपनी को कितनी राशि मीटर वाचक श्रमिक के खाते में जमा करायी गई? संपूर्ण जानकारी सूची सहित उपलब करावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के अंतर्गत सतना जिले में संचालन एवं संधारण संभागवार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में नियोजित मीटर वाचकों की संख्‍या पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। सभी मीटर वाचक बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्‍यम से माह, मार्च-2018 से मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण कार्य हेतु नियोजित हैं। (ख) प्रत्‍येक मीटर वाचक द्वारा प्रत्‍येक माह, शहरी क्षेत्र में अधिकतम 1500 मीटर रीडिंग/बिल वितरण एवं ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 1200 मीटर रीडिंग/बिल वितरण किये जाने का प्रावधान है। मीटर वाचक बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्‍यम से निविदा एवं अनुबंध की शर्तों के अनुसार नियोजित हैं। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) बाह्य सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्‍यम से नियोजित मीटर वाचकों के भुगतान से जी.एस.टी. कटौती नहीं की जा रही है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) सतना जिले के अन्‍तर्गत मीटर रीडिंग एवं अन्‍य कार्यों के लिये कार्मिक उपलब्‍ध कराए जाने हेतु वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 के लिए बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी मे. वर्ल्‍ड क्‍लास सर्विसेस लिमिटेड, इन्‍दौर को ठेका प्रदान किया गया था। वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में उक्‍त कार्य हेतु क्रमश: 127 एवं 183 कार्मिक नियोजित किये गये थे, जिनके पी.एफ. मद में राशि की कटौती एवं ठेका एजेंसी की मीटर वाचक श्रमिक के खाते में जमा कराई गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

 

रैगांव विधान सभा अंतर्गत सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

110. ( क्र. 1266 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के रैगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी सड़कों में निर्माण कार्य स्‍वीकृत हैं, एवं कौन-कौन सी सड़कों में निर्माण कार्य चल रहा है? सूची सहित उपलब्‍ध करायें।        (ख) रैगांव विधानसभा अंतर्गत विभिन्‍न सड़कों हेतु कितनी राशि की स्‍वीकृति‍ है, एवं किन-किन ठेकेदारों द्वारा कार्य संचालित किया जा रहा है, पूरी जानकारी राशि एवं ठेकेदार के नाम सहित उपलब्‍ध करायें? (ग) सड़कों के निर्माण, गुणवत्‍ता एवं निरीक्षण हेतु कौन-कौन से अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिम्‍मेदारी दी गई? नाम एवं पद सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें? (घ) स्‍वीकृत सड़कों के निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

सड़कों का निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

111. ( क्र. 1268 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र कसरावद में दिनांक 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कें खराब अवस्‍था में विद्यमान तथा सड़कों में सुरक्षा मानकों का भी ध्‍यान नहीं रखा गया है। इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्राप्‍त पत्रों के संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? उक्‍त क्षेत्र में निर्मित सड़कों का स्‍थल निरीक्षण कर कब तक सड़कों का रिपेयरिंग/नवीनीकरण आदि कार्यों का निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक पूर्ण कर दिया जायेगा?         (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में उक्‍त क्षेत्रांतर्गत सड़कों के निर्माण कार्यों के कितने प्रस्‍ताव विभागीय स्‍तर पर प्राप्‍त है। कितने स्‍वीकृत हैं, कितने कब से लंबित हैं और क्‍यों? तत्‍संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा कितने पत्र सड़कों के निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति हेतु प्राप्‍त हुए और उन पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्‍त प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति कब तक प्रदाय कर उक्‍त सड़कों के निर्माण कार्यों का पूर्ण करा लिया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पेच रिपेयर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे        प्रपत्र-अ, नवीनीकरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1' एवं निर्माण कार्य की विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-2' एवं ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-2' एवं ब अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।


अयोग्‍य अधिकारी की प्रतिनियुक्ति

[आयुष]

112. ( क्र. 1269 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍न क्र. 865 (तारांकित) 12/08/2021 के बिंदु (ग) के अनुसार उप कुल सचिव का वेतनमान व योग्‍यता धारित न करने के बावजूद भी डॉ. जे के गुप्‍ता को मध्‍यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्‍वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर उप कुल सचिव बनाया गया? (ख) यदि हाँ, तो किन अधिकारी द्वारा यह कार्य किया गया? (ग) डॉ. जे.के. गुप्‍ता के अलावा ऐसे कितने अधिकारी हैं जो अयोग्‍य होने के बावजूद भी वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर मध्‍यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्‍वविद्यालय में पदस्‍थ हैं? क्‍या इन्‍हें पृथक किया जायेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) आदेश चिकित्‍सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया है संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ग) चिकित्‍सा शिक्षा विभाग द्वारा जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

राजपुर विधान सभा क्षेत्र में बिजली आपूर्ति

[ऊर्जा]

113. ( क्र. 1275 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) राजपुर विधान सभा क्षेत्र में कृषि के लिये प्रदाय बिजली आपूर्ति का समय सायं 6.00 बजे के स्‍थान पर सायं 7.30 बजे क्‍यों कर दिया गया है? (ख) ऐसा किस आदेश के तहत किया गया है? आदेश की प्रति देवें। (ग) कब तक सायं 6.00 बजे की बिजली प्रदाय की पूर्ववर्ती व्‍यवस्‍था लागू कर दी जाएगी? (घ) यदि नहीं तो कारण बतावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रांतर्गत रबी सीजन की विद्युत मांग की आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं सौर ऊर्जा के माध्यम से उत्पादित विद्युत उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए कृषि फीडरों पर विद्युत प्रदाय हेतु संशोधित समय सारणी को दिनांक 08 नवंबर 2021 से लागू किया गया है। राजपुर विधानसभा क्षेत्र सहित बड़वानी जिले में कृषि प्रयोजन हेतु कृषि फीडरों पर विद्युत प्रदाय हेतु संशोधित समय सारणी का समय सायं 06 बजे के स्थान पर 7.30 बजे नहीं होकर निम्‍नानुसार है :-

बड़वानी वृत की विद्युत प्रदाय सारणी

कृषि फीडरों पर विद्युत प्रदाय हेतु समूह

ग्रुप-अ (घंटा/मिनिट)

ग्रुप-ब (घंटा/मिनिट)

ग्रुप-स (घंटा/मिनिट)

पूर्व समय सारणी

22:45-02:45

02:45-06:45

20:00-24:00

06:45-12:45

12:45-18:45

11:00-17:00

वर्तमान नवीन समय सारणी (08/11/21 से लागू )

23:00-3:00

03:00-07:00

01:00-05:00

09:00-15:00

15:00-21:00

11:00-17:00

(ख) प्रदेश में कृषि फीडरों से विद्युत प्रदाय के समय चक्र के निर्धारण/परिवर्तन सहित विद्युत के प्रबंधन का कार्य प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की होल्डिंग कंपनी एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जाता है। उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में कृषि फीडरों से विद्युत प्रदाय के समय चक्र में परिवर्तन म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के पत्र दिनांक 29.10.2021 में दिये गये निर्देश/आदेश के तहत किया गया है, जिसकी छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आगामी माहों में विद्युत मांग एवं आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा उपरांत एवं शीतकालीन वर्षा होने की स्थिति में विद्युत मांग में कमी आने पर कृषि फीडरों पर विद्युत प्रदाय पूर्ववर्ती व्यवस्था अनुसार लागू किये जाने के संबंध में विचार किया जा सकेगा। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

महिदपुर वि.स. क्षेत्र में ट्रांसफार्मर स्‍थापित किया जाना

[ऊर्जा]

114. ( क्र. 1284 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स. क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत 100 केवीए, 63 केवीए, 25 केवीए, 16 केवीए के कुल कितने ट्रांसफार्मर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में ओवरलोड हैं? इन्‍हें कब तक अंडरलोड कर दिया जाएगा?       (ख) वि.स. क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत ऐसे कितने मजरे टोले हैं जहां 24 घंटे विद्युत प्रदाय (घरेलू) के लिए ट्रांसफार्मर स्‍थापित नहीं हैं? इन स्‍थानों पर कब तक ट्रांसफार्मर स्‍थापित कर दिए जायेंगे?                                          (ग) क्‍या कारण है 5 एचपी के स्‍थायी कनेक्‍शन के लिए 6755 रू. व अस्‍थायी कनेक्‍शन के लिए 10591 रू. लिए जाते हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार कब तक इस विसंगति को दूर कर इसका समाधान किया जाएगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में 100 के.व्‍ही.ए. के 07, 63 के.व्‍ही.ए. के 02, 25 के.व्‍ही.ए. के 26 एवं 16 के.व्‍ही.ए. के निरंक, इस प्रकार से कुल 35 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं। उक्‍त ट्रांसफार्मरों से संबद्ध भार उनकी क्षमता के अनुरूप करने के लिये अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर की स्‍थापना/क्षमतावृद्धि का कार्य केन्‍द्र शासन से वित्‍त पोषित आर.डी.एस.एस. योजना में शामिल कर लिया गया है। योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार उक्‍त ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य किया जा सकेगा। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत कोई भी ऐसा मजरा/टोला नहीं है जहां पर घरेलू सहित गैर-कृषि उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय के लिये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) वैधानिक प्रावधानों के अनुसार विद्युत दरों के निर्धारण का अधिकार म.प्र.विद्युत नियामक आयोग को है। कृषि उपभोक्‍ताओं सहित समस्‍त विद्युत उपभोक्‍ताओं को राज्‍य शासन द्वारा देय सब्सिडी राशि का समायो‍जन कर, म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश अनुसार विद्युत बिल जारी किये जाते हैं। वर्तमान में म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 30.06.2021 को जारी टैरिफ आदेश में कृषि उपभोक्‍ताओं हेतु निर्धारित दरों के अनुसार, राज्‍य शासन द्वारा देय सब्सिडी के समायोजन के उपरान्‍त 5 अश्‍वशक्ति तक से स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन हेतु वार्षिक विद्युत बिल की राशि रू. 3750 (रू. 6755 नहीं) तथा 5 अश्‍वशक्ति तक के अस्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन हेतु 4 माह की अवधि के लिये विद्युत बिल की राशि रू. 10591 है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

कोतमा विधान सभा क्षेत्र की सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

115. ( क्र. 1287 ) श्री सुनील सराफ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा विधान सभा क्षेत्र में (1) बंजारी चौक बुड़हानपुर से NH-43 (2) ठोड़हा से बरक्‍ला (3) गढ़ी से पतरोडी मार्ग कब स्‍वीकृत हुये थे? इनकी लागत, कार्य पूर्णता: दिनांक सहित देवें। (ख) क्‍या कारण है कि उपरोक्‍त कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुए हैं? ये कब तक पूर्ण होंगे? (ग) D.M.F. (जिला खनिज निधि) से निर्मित हो रही - कोतमा फारेस्‍ट डिपो से बसखली तिराहे तक सड़क का काम अत्‍यंत धीमा क्‍यों है? यह कब तक पूर्ण होगा? (घ) प्रश्नांश (क) व (ग) अनुसार कार्य में विलंब के लिये उत्‍तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिये विभाग इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।     (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) विलम्‍ब हेतु कोई अधिकारी उत्‍तरदायी नहीं है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

भूमिहीनों को पट्टे का प्रदाय

[नगरीय विकास एवं आवास]

116. ( क्र. 1288 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोतमा नगर परिषद् जिला अनूपपुर द्वारा निर्मित शिवसागर तालाब निर्माण कार्यपूर्ण होने के कुछ समय बाद ही क्षतिग्रस्‍त हो गया, कारण बतावें। इसकी स्‍वीकृति दिनांक, लागत सहित देवें। इसकी निर्माणकर्ता फर्म नाम व इसके उत्‍तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित दवें। (ख) कब तक इसके दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी? कब तक इसका पुनर्निर्माण किया जाएगा? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या कारण है कि कोतमा नगर परिषद् जिला अनूपपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना की 1 करोड़ रूपये से अधिक राशि वापस हो गई? भूमिहीनों को पट्टा देने की प्रक्रिया क्‍यों नहीं की गई? कारण सहित देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के दोषियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो इन्‍हें संरक्षण देने का कारण देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के पत्र क्रमांक 10807 दिनांक 23/09/2021 अनुसार दिनांक 01/10/2021 से नवीन भुगतान प्रणाली लागू हो जाने से नगर पालिका कोतमा द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की शेष राशि को स्‍टेट नोडल के बैंक खाते में अंतरण किया गया है। निकाय से भूमिहीनों को पट्टा दिये जाने हेतु सर्वेक्षित सूची तहसीलदार कोतमा के समक्ष पात्रता परीक्षण हेतु विचाराधीन है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

भोपाल नगर निगम द्वारा किये गये कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

117. ( क्र. 1292 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के वार्ड 46 के ऋषिनगर में हाउसिंग फोर हाल के म‍कानों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण होगा और यदि नहीं तो क्‍यों? (ख) सत्र 2021 में भोपाल नगर निगम द्वारा किस-किस एजेंसी को होर्डिंग लगाने की अनुमति प्रदान की गई? सूची उपलब्‍ध करायें। क्या व्‍यक्तिगत लोगों को भी होर्डिंग लगाने की अनुमति प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध करायें तथा इससे नगर निगम को कितनी धन राशि प्राप्त हुई है? (ग) क्‍या भोपाल नगर निगम द्वारा पार्कों में भी सी-लान लगाने की अनुमति प्रदाय की गई है तथा इसके क्‍या मापदंड है? सुभाष एक्‍सीलेंस के सामने पार्क में सी-लान लगाने की भी अनुमति प्रदाय की गई है? सी-लान लगाने के क्‍या-क्‍या मापदंड हैं? (घ) भोपाल दक्षिण पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में वर्क आर्डर के बाद सी.एम.इन्‍फ्रा एस.डी.आर.एफ., विधायक निधी के कौन-कौन से कार्य प्रश्‍न दिनांक तक शुरू नहीं किए गए हैं? कारण व स्‍थान सहित बतावें। (ड.) भोपाल नगर निगम द्वारा न्‍यू मार्केट वार्ड 32 जोन क्र. 7 में पिंक पार्किंग (महिलाओं की गाड़ी खड़ी होने का स्‍थान) को क्‍यों बंद किया गया है? क्‍या एक निश्चित समय के बाद चालू किया जायेगा और यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्‍यों? (च) क्‍या भोपाल नगर निगम द्वारा वार्ड 32 जो क्र.7 में पूर्व से निर्मित व्‍यवसायिक स्‍थान, जैसे 45 चबूतरे, 36 चबूतरों की जगह पर बहुमंजिला कॉम्पलेक्स तैयार कर दुकानें विक्रय का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो छोटे-छोटे व्‍यवसायियों को हटाकर बहुमंजिला इमारत बनाने पर कितना खर्च किया गया और नगर निगम को इससे कितनी आय होगी? यह दुकानें किस-किस को विक्रय की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में ऋषि नगर हेतु हॉउसिंग फॉर ऑल अंतर्गत कोई भी योजना स्वीकृत नहीं है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2021 में भोपाल नगर निगम द्वारा होर्डिंग लगाने हेतु जिन एजेंसियों को अनुमति प्रदान की गई। उनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’अनुसार है। जी हाँ। व्यक्तिगत लोगों को भी होर्डिंग लगाने की अनुमति प्रदान की गई है। सूची मय राशि के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है।        (ग) नगर निगम भोपाल के अधीन पार्कों में उद्यान शाखा द्वारा शी-लाउंज लगाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। भोपाल स्मार्ट सिटी डेव्हपमेंट कॉ. लि. भोपाल द्वारा प्लेस मेकिंग कार्य अंतर्गत सुभाष एक्सलेंस स्कूल के सामने अनुपयोगी स्थल को विकसित किया गया था। उक्त स्थल पर भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड भोपाल द्वारा भोपाल स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट कॉ. लि. भोपाल एवं नगर पालिक निगम भोपाल के द्वारा सक्षम स्वीकृति प्राप्त करने के उपरांत शी-लाउंज निर्माण कार्य किया जा रहा है। स्वीकृति आदेश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। शी-लाउंज लगाने के मापदण्ड नगर पालिक निगम द्वारा जारी की गई निविदा में उल्लेखित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। (ड.) न्यू मार्केट वार्ड क्रमांक 32 में रिडेव्हलपमेंट योजना के तहत व्यवसायिक शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य किया जाना है। उक्त भवन में व्यवसाय कर रहे व्यवसायियों को अस्थाई रूप से वैकल्पिक स्थान पिंक पार्किंग में दिया गया है, ताकि वे अपना व्यवसाय निरंतर करते रहें। व्यवसायिक कॉम्पलेक्स का निर्माण पूर्ण होते ही इन व्यवसायियों को पुनः निर्धारित दुकानों में व्यवस्थापित किया जावेगा एवं पिंक पार्किंग पुनः पूर्व की तरह चलती रहेगी। (च) जी हाँ। 45 चबूतरे 36 चबूतरे की जगह पर व्यवसायिक कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिस पर वर्तमान तक किये गये व्यय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। जोन क्रमांक 7 वार्ड क्र. 32 में पूर्व से निर्मित व्यवसायिक स्थल 45 चबूतरे एवं 36 चबूतरे के स्थान पर नगर निगम भोपाल द्वारा नवीन व्यवसायिक भवन निर्मित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। 45 एवं 36 चबूतरों को हटाया नहीं गया है। अस्थाई रूप से उनका विस्थापन किया गया है। नवीन निर्मित होने वाले व्यवसायिक भवन में भूतल पर 45 दुकानदारों को अचल सम्पत्ति अंतरण नियम 2016 संशोधित दिनांक 04.05.2021 के नियम 10 व्यवस्थापन के अंतर्गत दुकानें दी गई है।

भोपाल दक्षिण-पश्चिम वि.स. क्षेत्र की सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

118. ( क्र. 1293 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में स्थित शासकीय भवन के रख-रखाव, ऐलाटमेंट का पावर किसके पास है? वर्तमान सत्र 2020-21, 2021-22 में कितने शासकीय आवास आवंटित हुए तथा रख-रखाव पर कितनी धन राशि स्‍वीकृत हुई और कितनी खर्च की गई? विवरण देवें। (ख) भोपाल के दक्षित-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के सत्र 2020-21, 2021-22 में कितनी सड़कें डामरीकरण व कितनी सड़कें सीमेंट कांक्रीट की बनाई गई? इन पर कितना खर्च हुआ? सड़कों के नाम सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कें उखड़ी हुई हैं एवं कितनी सड़कें क्षतिग्रस्‍त हैं एवं कितनी सड़कों की मरम्‍मत कर दी गई है? नामवार सूची उपलब्‍ध करावें। मरम्‍मत में कितना पैसा खर्च हुआ? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में क्षतिग्रस्‍त सड़कें कब तक बनाई जा सकेंगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-'स-1' एवं प्रपत्र-'स-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-'स-1' एवं प्रपत्र-'स-2' अनुसार क्षतिग्रस्‍त सड़कों में मरम्‍मत कार्य कर दिया गया।

उपयंत्रियों को समयमान वेतनमान एवं विभागीय जांचों निराकरण

[लोक निर्माण]

119. ( क्र. 1298 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.लो.नि.वि. (सिविल) अन्‍तर्गत भोपाल संभाग में ऐसे कितने उपयंत्री हैं, जिनकों 30 वर्ष सेवा पूर्ण होने पर भी 20 वर्ष तथा 28 वर्ष पर मिलने वाला समयमान/क्रमोन्‍नति का लाभ नहीं दिया गया है? सूची उपलब्‍ध कराने एवं इन्‍हें समयमान का लाभ कब तक दिया जायेगा? समयसीमा बताएं। (ख) क्‍या वर्ष 2012 से 2021 तक उपयंत्रियों, सहायक यंत्री का.पा. यांत्रियों की विभागीय जांचें पूर्ण कर जांच अधिकारियों ने जांच प्रतिवेदन शासन को उपलब्‍ध करवाई गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध कराएं तथा ऐसे कितने अधिकारी है, जिन्‍हें विभागीय जांचों का शासन स्‍तर से निराकरण नहीं होने के कारण पूर्ण पेंशन नहीं दी जा रही है? सूची उपलब्‍ध कराएं एवं शासन को प्राप्‍त विभागीय जांचों का अंतिम निराकरण कब तक किया जाएगा, समय-सीमा बताएं। (ग) क्‍या म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्र. 486/एफ-708/ 49/3/ 90 एवं ज्ञापन क्र. 248/278/1/3/ 94 दिनांक 27.06.94 का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो सकारण बताएं। विभागीय जांचों का निराकरण कब तक किया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (क) के ऐसे कितने उपयंत्री हैं जो सेवानिवृत्‍त हो गए हैं, जिन्‍हें समयमान, वेतनमान का लाभ प्रश्‍नांश दिनांक तक नहीं दिया गया है? उनकी सूची उपलब्‍ध कराएं एवं कब तक समयमान वेतनमान दिया जाएगा? (ड.) प्रमुख अभियंता को म.प्र. उच्‍च न्‍यायालय ग्‍वालियर द्वारा समयमान वेतनमान देने के आदेश 2015 से 2016 तक दिए, लेकिन आज प्रश्‍न दिनांक तक न्‍यायालयीन आदेशों का पालन नहीं किया गया? कब तक समयमान/वेतनमान दे दिया जाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भोपाल संभाग अन्तर्गत 30 वर्ष सेवा पूर्ण करने वाले कुल 6 उपयंत्रियों को 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर द्वितीय एवं 11 उपयंत्रियों को 28 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर तृतीय समयमान वेतनमान/क्रमोन्नत वेतन का लाभ प्राप्त नहीं हो पाया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र एवं अनुसार। समयमान वेतनमान/ क्रमोन्नत वेतनमान प्रदाय हेतु प्रक्रिया निरंतर प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी हाँ। अर्ध न्यायिक प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) भोपाल संभाग अन्तर्गत जानकारी निरंक। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।    (ड.) प्रश्नांश की जानकारी संकलित की जा रही है।

सौभाग्‍य योजनांतर्गत गांव तथा मजरा टोलों में ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना

[ऊर्जा]

120. ( क्र. 1299 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसील में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत गाँव तथा चिन्हित मजरा टोलों में ट्रांसफार्मर स्‍थापित किए गये? यदि हाँ, तो संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसील में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत गाँव तथा मजरा टोलों में ट्रांसफार्मर स्‍थापित करने के लिए कितने ठेकेदारों को कितने वर्क ऑर्डर दिए गएविवरण उपलब्‍ध कराएं। (ग) खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसील में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत गाँव तथा मजरा टोलों में जो ट्रांसफार्मर लगने थे वह भौतिक रूप से मौजूद हैं या नहीं? भौतिक रूप से सत्‍यापित ट्रांसफार्मर की संख्‍या उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसीलों में सौभाग्य योजना अंतर्गत चिन्हित ग्रामों/मजरों/टोलों में कुल 21 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में सौभाग्य योजना अंतर्गत चिन्हित ग्रामों/मजरों/टोलों में वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिये 09 ठेकेदार एजेन्सियों को 21 कार्यादेश जारी किये गए थे, जिनका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में सौभाग्य योजना अंतर्गत चिन्हित ग्रामों/मजरों/टोलों में स्‍थापित किए गए वितरण ट्रांसफार्मर भौतिक रूप से मौजूद है, भौतिक सत्‍यापन अनुसार इनकी संख्या 21 है।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

रोड के निर्माण कार्य की जानकारी

[लोक निर्माण]

121. ( क्र. 1311 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र क्षेत्रांतर्गत पिण्‍डरा-नकैला-बरौधा-जवारिन मार्ग जर्जर हालत में है, जिसको बनाने का वर्क ऑर्डर फरवरी 2020 में जारी किया गया था, फिर भी सड़क‍ निर्माण कार्य क्‍यों नहीं किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्य में प्र‍गति न होने पर विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई? इसके निर्माण पूर्ण होने की समय-सीमा क्‍या है? (ग) प्रश्नांश (क) , (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में विलंब का दोषी कौन है? उस पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी और कब तक?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मार्ग पर डामरीकृत सतह के नवीनीकरण का कार्य प्रगति पर है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) विलम्‍ब हेतु ठेकेदार दोषी है, सम्‍पूर्ण कार्य पूर्ण होने के उपरान्‍त गुणदोष के आधार पर अनुबंधानुसार अर्थदण्‍ड की राशि अधिरोपित की जावेगी।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

सीवर लाइन का कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

122. ( क्र. 1312 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के स्‍मार्ट सिटी सतना और पवित्र नगरी चित्रकूट में सीवर लाईन डालने का काम कब से चल रहा है तथा यह काम किन-किन कम्‍पनियों द्वारा किया जा रहा है?                                                                                                  (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कंपनी द्वारा नगरीय क्षेत्र के वार्डों के आंतरिक सड़कों की खुदाई करके छोड़ दिया गया जिसको बाद में मिट्टी से भर दिया गया, जिससे आवागमन के साथ ही स्‍थानीय निवासियों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इससे निजात दिलाने के लिए क्‍या कदम उठाये गए? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) के पवित्र नगरी चित्रकूट में सीवर लाईन डालने का काम कब तक पूरा किया जाएगा? विलम्‍ब के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी सतना में उतैली स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना साईट पर सीवर लाईन का कार्य मेसर्स शिवा इंजीनियरिंग सतना द्वारा 23.07.2021 से किया जा रहा है। नगर निगम सतना क्षेत्र में सीवर लाईन कार्य हेतु निविदा कार्यवाही गतिशील है। पवित्र नगरी चित्रकूट में सीवर लाईन डालने का कार्य मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा अनुबंधित फर्म मेसर्स चन्द्र निर्माण प्राईवेट लिमिटेड रायपुर द्वारा दिनांक 20.09.2017 से किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। नगरीय क्षेत्र चित्रकुट के वार्डों की आंतरिक सड़कों को खुदाई कर नहीं छोड़ा गया। आंतरिक सड़कों एवं गलियों में पुनर्निर्माण का कार्य संविदा अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार मूल रूप (सी.सी./बिटुमिन सरफेस) में किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र सतना में 05 किलोमीटर के विभिन्न स्थानों की मोटरेबल फिलिंग के विरूद्ध 2.3 किलोमीटर मोटरेबल फिलिंग की जा चुकी है। शेष कार्य प्रगतिरत है। (ग) पवित्र नगरी चित्रकुट में सीवर लाईन डालने का कार्य 31.03.2022 तक पूर्ण करने का पुनरीक्षित लक्ष्य है। परन्तु योजना के विभिन्न घटकों के निर्माण हेतु भूमि आवंटन एवं कोविड महामारी, संविदाकार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण विलम्ब हुआ। संविदाकार पर अनुबंध के नियमों के अनुसार कार्यवाही करने का                                            प्रावधान है।

फ्लाई ओव्‍हर गिरने की जांच

[लोक निर्माण]

123. ( क्र. 1320 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी जिले में वर्ष 2019 में लगभग 08 करोड़ की लागत से लमतरा फ्लाई ओवर कथालिया इंजीनियरिंग सर्विस कंपनी को ठेका एम.पी.आर.डी.सी. विभाग द्वारा दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो इतनी अल्‍प अवधि में फ्लाई ओवर गिर गया जिससे आवागमन प्रभावित है। उक्‍त फ्लाई ओवर गुणवत्‍ताहीन बनाने वाली कंपनी सुपरवीजन करने वाली कंपनी थीम इंजीनियरिंग तथा एम.पी.आर.डी.सी. कंपनी के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाकर जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) फ्लाई ओवर ब्रिज गिरने के बाद लमतरा से उमरिया तक कांक्रीट रोड प्रश्नांश (क) कंपनी द्वारा ही बनाई गई है जो जगह-जगह खराब हो गई जिसकी शिकायत श्री चन्‍द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) निवासी रचना नगर, कटनी द्वारा मुख्‍यमंत्री जी को दिनांक 27.10.2021 को की जाकर पावती प्राप्‍त की थी। प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा उक्‍त फ्लाई ओवर की शिकायत का पत्र क्रमांक 1097 दिनांक 30.10.2021 द्वारा माननीय महा‍महिम राज्‍यपाल महोदय को की गई थी। (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायतों की जांच दोषियों को हटाकर की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में जब तक फ्लाई ओवर एवं रोड का निर्माण पुन: नहीं होता तब तक टोल टैक्‍स लेना कब तक बन्‍द किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, अनुबंध दिनांक 08.04.2015 अंतर्गत कटनी से उमरिया कि.मी. 0 से 68/4 लंबाई 69.10 किमी तक 2 लेन पेव्‍हड शोल्‍डर का निर्माण मेसर्स कलथिया इंजीनियरिंग एण्‍ड कंसट्रक्‍शन लि., व मेसर्स पटेल इन्‍फ्रा. प्रा.लि. (जे.व्‍ही.) को दिया गया है। प्रश्‍नाधीन फ्लाई ओव्‍हर का निर्माण इसी अनुबंध का भाग था। (ख) जी नहीं, प्रश्‍नाधीन फ्लाई ओव्‍हर ब्रिज की केवल रिटेनिंग वॉल का एक हिस्‍सा क्षतिग्रस्‍त हुआ है एवं सर्विस रोड के माध्‍यम से आवागमन सुचारू रूप से चल रहा है। चूंकि उक्‍त निर्माण कार्य ठेकेदार की गारंटी अवधि में है। अत: क्षतिग्रस्‍त भाग का मरम्‍मत/पुनर्निर्माण ठेकेदार द्वारा ही भारतीय मानक के अनुरूप मेसर्स थीम इंजीनियरिंग कंसलटेंट के सुपरवीजन में स्‍वयं की लागत पर किया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) जी हाँ। लमतरा से उमरिया तक कांक्रीट रोड अनुबंध भाग होने के कारण प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में दर्शायी गई ठेकेदार द्वारा बनाई गई है, जिसकी भारतीय मानक अनुसार निर्धारित विधि अनुसार मरम्‍मत ठेकेदार द्वारा स्‍वयं की लागत पर किया जा रहा है।    (घ) निर्माण कार्य एवं मरम्‍मत कार्य अनुबंध में निहित प्रावधानों स्‍वीकृत विशिष्टियों तथा भारतीय मानक आईआरसी-एसपी-73-2007 के अनुरूप ही कराया गया/कराया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ड.) प्रश्‍नाधीन निर्मित मार्ग भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दिनांक 27.05.2021 को त्रिपक्षीय अनुबंध के तहत हस्‍तांतरित किया जा चुका है। उक्‍त मार्ग पर टोल वसूली भी भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा ही संचालित है। भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा संचालित टोल टैक्‍स की वसूली को रोका जाना इस विभाग के कार्यक्षेत्र में नहीं है।

नगर पालिका निगम भोपाल द्वारा डीजल क्रय

[नगरीय विकास एवं आवास]

124. ( क्र. 1329 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका निगम भोपाल उत्तर प्रदेश से डीजल क्रय करते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अगर हाँ तो उत्तर प्रदेश से क्रय डीजल के एवज में म.प्र. सरकार को लाखों रुपये टैक्स की हानि हो रही है, इसके लिए किसका उत्तरदायित्व है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार लाखों रुपये टैक्स की हानि की भरपाई हेतु विभाग की क्या योजना है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।।

राज्य आपदा प्रबंधन कोष के प्राप्त प्रस्तावों पर स्वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

125. ( क्र. 1334 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में राज्य आपदा प्रबंधन कोष (एस.डी.आर.एफ.) अंतर्गत किन-किन जिलों से कितनी-कितनी राशि के प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? जिलेवार निकायवार ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई निकायों में नीमच जिले से भी उक्त आशय के प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो निकायवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में नगर पालिका परिषद् नीमच द्वारा भी उक्त आशय के प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो प्रेषित प्रस्ताव पर कब तक शासन स्वीकृति प्रदान करते हुए निकाय क्षेत्र में आपदा प्रबंधन हेतु कार्य प्रारंभ कर दिये जावेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। नगर पालिका नीमच से प्राप्‍त प्रस्‍ताव की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चालीस"


ठेकेदार को अवैध भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

126. ( क्र. 1361 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. हरदोली बांध नगर पालिका परिषद् मुलताई जिला बैतूल में एस.के. लोखण्डे का ठेका समाप्‍त उपरांत एस.सी. नागपाल के ठेके प्रारंभ से निर्माण स्‍थल के यांत्रिकी लेवल यंत्र से दोनों ठेकेदारों के समक्ष विभाग द्वारा संयुक्‍त वास्‍तविक माप, क्‍या माप बुक में दर्ज किये गये? निकाय के दोनों ठेकेदारों को संयुक्‍त पत्राचार से क्‍या आहूत किया? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? प्रति दें। (ख) क्‍या हरदोली बांध निर्माण का भुगतान एस.सी. नागपाल ठेकेदार ड्राइंग जिला स्‍वीकृति के पूर्व किया? क्‍या 30/06/2019 को किया? यदि हाँ, तो बतायें। क्‍या ड्राइंग डिजाइन प्रशासकीय तकनीकी स्‍वीकृति प्राक्‍क्‍लन के शर्त क्रमांक-11 के अनुसार बोधी जल संसाधन विभाग से स्‍वीकृति एस.सी. नागपाल ठेकेदार द्वारा निविदा प्रपत्र पेज क्र.-60 सेक्‍शन कंडीशन ऑफ कॉन्‍ट्रेक्‍ट जनरल नियम 14 उपनियम (1) (2) (3) (4) पेज क्र.-62 अनुसार तैयार कर अनुमोदन कराया? यदि हाँ, तो प्रति दें। यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? क्‍या नागपाल ठेकेदार ने संचालनालय के पत्र क्र.-7614 दि. 26/07/2019 ड्राइंग डिजाइन स्‍वी‍कृति उपरांत निर्माण कार्य किया गया? यदि हाँ, तो बतायें। प्रति दें। क्‍या 30/06/2019 को रू. 1.5546208 करोड़ राशि का भुगतान का निर्माण माप, माप पुस्तिका में कैसे दर्ज किया? यदि हाँ, तो बतायें। ड्राइंग डिजाइन स्‍वीकृति पूर्व उक्‍त निर्माण कार्य कैसे किया? निविदा प्रपत्र में नियम शर्त बतायें। यदि हाँ, तो दोषी कौन-कौन है? (ग) श्री. एन.पी. मालवीय प्रमुख अभियंता/पीठासीन अधिकारी संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. द्वारा हरदोली बांध निर्माण में से एस.के. लोखण्डे ठेकेदार को अवार्ड क्र. 14429 दि. 27/12/2019 को राशि रू. 13079153 करोड़ (शब्‍दों में एक करोड़ तीस लाख उन्‍यासी हजार एक सौ तिरेपन रूपये) के भुगतान का संयुक्‍त वास्‍तविक माप अनुसार सी.एम.ओ. द्वारा प्रश्‍न तिथि एक भुगतान किया गया? क्‍या 27/12/2019 तिथि के उपरांत एस.के. लोखण्डे ठेकेदार को संयुक्‍त वास्‍तविक माप हेतु ठेका समाप्‍त निर्माण स्‍थल पर आहूत किया गया? यदि हाँ, तो पत्राचार बतायें। यदि नहीं तो क्‍या स्‍पष्‍टीकरण पत्र पीठासीन अधिकरी/प्रमुख अभियंता एवं ठेकेदार को तत्‍काल भेजा गया? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) से लेकर (ग) तक उल्‍लेखित प्रश्‍नों का विस्‍तृत उल्‍लेख करें। बिन्‍दुवार विवरण दें। शासन किस नाम/पदनाम के विरूद्ध अनियमितताओं पर कब तक, किस-किस अधिकारियों को दोषी मानता है/दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. हरदौली बांध, संविदाकार एस.के. लोखण्डे नगरपालिका परिषद्, मुलताई का ठेका निरस्ती के उपरांत निकाय के पत्र क्रमांक 1068 दिनांक 13.08.2018 से ठेकेदार एस.के. लोखण्डे को संयुक्त वास्तविक माप हेतु सूचित किया गया। किन्तु ठेकेदार एस.के. लोखण्डे स्वंय उपस्थित न होकर उनके प्रतिनिधि श्री प्रहलाद लोखण्डे मौका स्थल पर संयुक्त वास्तविक माप हेतु उपस्थित हुए। मौका स्थल पर निकाय के सहायक यंत्री उपयंत्री शासन द्वारा थर्ड पार्टी आर्वी एसोसिएट्स के फील्ड इंजीनियर एवं प्रहलाद लोखण्डे के समक्ष संयुक्त वास्तविक माप लिए जाकर माप पुस्तिका में दर्ज किए गये। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, जी नहीं। पूर्व अनुबंधित ठेकेदार मेसर्स एस.के. लोखण्डे के द्वारा ही बांध की संशोधित ड्राइंग डिजाइन तैयार कर आर.जी.पी.व्ही. इंजीनियरिंग कॉलेज से पुनरीक्षण करायी जाकर प्रस्तुत की गई, जिसे संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 7614 दिनांक 26.07.2019 से अनुमोदित की गई। उपरोक्‍त स्‍वीकृत ड्राइंग डिजाइन के अनुसार मेसर्स एस.सी. नागपाल ठेकेदार के द्वारा बांध निर्माण के वास्‍तविक कार्य के ही माप को माप पुस्तिका दर्ज कर तद्नुसार भुगतान किया गया। नियम शर्तें पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। श्री एन.पी. मालवीय प्रमुख अभियंता द्वारा संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल प्रकरण में पारित अवार्ड के संबंध में अपीलीय अधिकारी द्वारा पारित आदेश दिनांक 27.12.2019 के द्वारा "Claim for payment of work executed but not paid/incomplete final bill amount of claim on the count Rs. 1,30,79,153.97 के संबंध में निर्देशित किया गया है कि ''कार्य के वास्तविक माप के अनुसार कटौत्रा उपरांत भुगतान किए जाने का निर्णय दिया जाकर शेष क्लेम्स निरस्त किए गये है। ''ठेकेदार के द्वारा की जा रही भुगतान की मांग का कोई औचित्य नहीं है। चूंकि अनुबंध निरस्ती के उपरांत संयुक्त माप दिनांक 21.08.2018 को रिकार्ड किए गये थे। अतः पुन: संयुक्त वास्तविक माप दर्ज करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी उत्‍तारांश '', '' एवं '' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

हरदोली जलआवर्धन योजनांतर्गत कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

127. ( क्र. 1362 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. हरदोली जल आवर्धन योजना के पी.एच.ई. घटक निर्माण नगर पालिका परिषद् मुलताई जिला बैतूल में क्‍या पूर्व ठेकेदार एस.के.लोखण्‍डे का कार्यादेश क्र. 425 दिनांक 17.04.2013 का अनुबंधित ठेका निकाय द्वारा दिनांक 18.06.2019 को ठेका समाप्‍त किया? यदि हाँ, तो क्‍या (1) डी.आई. 150 मिमी. से 250 मिलीमीटर व्‍यास पाईप बिछाई हेतु निर्माण स्थल पर नाली खुदाई, राइजिंग मैन, फीडरमैन (2) एच.डी.पी.ई. पाईप 110 मि.मी. से 200 मिलीमीटर व्‍यास तक वितरण पाईप बिछाई हेतु निर्माण स्‍थल पर नाली खुदाई क्र. 1 से क्र. 2 का कौन-कौन से लैण्‍डमार्क/ड्राइंग डिजाईन स्‍वीकृति निर्माण स्‍थल चिन्हित, स्‍पष्‍ट प्रत्‍येक 5-5 मीटर की स्‍थल सीमा आर.डी. से निविदा अनुबंध नियमानुसार जमीन खुदाई पूर्व एवं खुदाई के बाद क्‍या उपयंत्री, ए.ई. एवं तकनीकी अधिकारियों द्वारा यांत्रिक लेवल यंत्र द्वारा लेवल लिये, यदि हाँ, तो प्रति दें। यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? क्‍या ठेका समाप्‍त उपरांत आदि एक्‍वा प्रा.लि. अपात्र ठेकेदार को ठेका दिया? क्‍या अनुबंध उपरांत उक्‍त ठेके में निर्माण स्‍थल के प्रारंभिक लेवल माप समाप्‍त ठेके के ठेकेदार के साथ संयुक्‍त वास्‍तविक माप लेवल यंत्र से लिये गये? यदि हाँ, तो प्रति दें। यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? (ख) क्‍या इनटेकवेल पम्‍प हाउस स्‍थल खुदाई के संयुक्‍त वास्‍तविक माप के साथ विद्युत सब-स्‍टेशन के ड्राइंग डिजाईन के माप, वाटर ट्रीटमेन्‍ट प्‍लान्‍ट के साथ विद्युत सब-स्‍टेशन स्‍थल ड्राइंग डिजाईन अनुसार माप क्रमश: निविदा पत्र नियम आर.डी. से शुरूआत से अंतिम संयुक्‍त वास्‍तविक माप एम.बी. में दर्ज किये? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? प्रति दें।          (ग) एस.के. लोखण्‍डे के ठेका समाप्‍त उपरान्‍त क्‍या ठेकेदार ने इन कम्‍पलीट फायनल बिल का दावा निकाय में प्रस्‍तुत किया? निकाय ने क्‍या निर्णय दिया? यदि हाँ, तो प्रति दें। यदि नहीं तो बतायें? निकाय में नियमानुसार रिवोकेशन के लिये आवेदन किया? क्‍या ठेकेदार ने निर्णय नहीं देने के उपरांत निविदा नियम शर्तानुसार अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के समक्ष रिवोकेशन आवेदन ठेका समाप्ति वापिस लेने एवं ठेके की रकम दावा कौन से ति‍थि में प्रस्‍तुत किया? क्‍या अधीक्षण यंत्री द्वारा समाप्‍त ठेके पर प्रश्‍नांकित ति‍थि तक निर्णय लिया? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक दोनों ठेकेदारों के समस्‍त पत्राचार विभाग के समस्‍त पत्राचार शुरूआत से प्रश्‍नांश तिथि तक बिन्‍दुवार उत्‍तर के साथ प्रति दें। शासन किस नाम/पदनाम के विरूद्ध अनि‍यमितताओं पर दोषी अधिकारियों पर कब तक क्‍या कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना के पी.एच.ई. घटक की अनुमोदित ड्राइंग डिजाइन के अनुसार पूर्व अनुबंधित ठेकेदार के द्वारा कार्य किया जा रहा था। ठेका समाप्ति उपरान्त मेसर्स आदि एक्वा प्रोजेक्टस प्रा.लि. के द्वारा भी पूर्व अनुमोदित ड्राइंग डिजाइन अनुसार ही कार्य किया जा रहा है। जी नहीं। विभिन्‍न डाया के डी.आ.ई./एच.डी.पी.ई. पाईप बिछाने के लिये पाईप के डाया एवं उसके उपर मानक अनुसार कवर रखते हुये खुदाई कर पाईप बिछाया जाता है। तद्नुसार कार्य कराया जा रहा है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं, मेसर्स आदि एक्वा प्रोजेक्ट को निविदा में पात्र पाये जाने नियमानुसार ठेका दिया गया है। चूंकि अनुमोदित ड्राइंग डिजाइन अनुसार कार्य कराया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ठेकेदार मेसर्स एस.के. लोखण्डे के द्वारा इंटेकवेल का खुदाई कार्य एवं इंटेकवेल के पम्प पर विद्युतीकरण कार्य नहीं करने के कारण माप दर्ज नहीं किया गया। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के माप दर्ज है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। मेसर्स एस.के. लोखण्डे के द्वारा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर विद्युतीकरण कार्य नहीं करने के कारण माप दर्ज नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। अनुबंध के आर्बिट्रेशन क्‍लाज-17 के अंतर्गत सक्षम अधिकारी नहीं होने से निकाय ने उक्त के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया। निकाय के द्वारा निर्णय नहीं लेने के उपरांत ठेकेदार के द्वारा पत्र दिनांक 12.09.2019 से अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई। अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के द्वारा दिनांक 06.04.2021 को दिये गये निर्णय की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

प्रभारी सी.एम.ओ. की नियुक्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

128. ( क्र. 1364 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाईकोर्ट इंदौर के आदेश डब्‍ल्‍यू.पी./14632/2020 दिनांक 23 अक्‍टूबर 2020 के पालन में शासन ने क्या निर्देश जारी किए हैं? अगर निर्देशों के विपरीत ऐसी कोई नियुक्ति की गई है तो उसे शासन हटाने हेतु क्‍या कार्यवाही की है? विवरण दें। (ख) नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग में नगर पालिका में रेग्‍युलर सी.एम.ओ. नियुक्‍त करने व प्रभारी सी.एम.ओ. की नियुक्ति पर रोक लगाने के माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश के बावजूद दिनांक 23 अक्‍टूबर 2020 के पश्‍चात प्रदेश में कहाँ-कहाँ प्रभारी सी.एम.ओ. की नियुक्ति किस-किस श्रेणी की नगर पालिका में की किस अधिकारी के आदेश पर की गई है? नगर पालिका के नाम सहित विवरण दें। (ग) उज्‍जैन जिले में किस-किस श्रेणी की नगर पालिकाओं में 01 अप्रैल 2020 से 29/11/2021 तक प्रभारी सी.एम.ओ. नियुक्‍त किए गए हैं? प्रभारी सी.एम.ओ. के नाम, उनके मूल पद, कार्य अवधि सहित सम्‍पूर्ण विवरण दें। (घ) प्रदेश में प्रभारी सी.एम.ओ. की नियुक्तियों के असंतोष में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? प्राप्‍त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? शिकायतों की छायाप्रति उपलब्‍ध कराते हुए                                 विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ इंदौर द्वारा याचिका क्रमांक 14632/2020 में दिनांक 23 अक्‍टूबर 2020 द्वारा पारित आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रदेश में पदोन्‍नति बाधित होने के कारण मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी के पदोन्‍नति के 191 पद रिक्‍त है। रिक्‍त पदों पर विभाग द्वारा मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी पद के पदोन्‍नति चैनल में आने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों यथा राजस्‍व अधिकारी, राजस्‍व निरीक्षक, राजस्‍व उप निरीक्षक, एवं कार्यालय अधीक्षकों को प्रभारी मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी के पद पर पदस्‍थापना की गई है। मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी पद के पदोन्‍नति चैनल में न आने वाले कर्मचारी/अधिकारी जो प्रभारी मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी के पद पर पदस्‍थ थे, उन्‍हें मध्‍यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश क्रमांक एफ      1-20/2020/18-1 दिनांक 23 सितंबर, 2020 द्वारा मूल पद पर प्रत्‍यावर्तित कर दिया गया है।      (ख) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) इस संबंध में प्राप्‍त शिकायत परिशिष्‍ट पर है, शिकायत नस्‍तीबद्ध की गई है।

सड़कों के निर्माण की स्‍वीकृति

[लोक निर्माण]

129. ( क्र. 1365 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि मुख्‍यमंत्री के पत्र क्र. 4120/सीएमएस/एमएलए/ 212/2020 दि. 12.11.2020, 590 दि. 12.01.2021, 1955 दि. 04.03.2021, 3963 दि. 12.08.2021, 4134 दि. 23.08.2021, 6421 दि. 01.10.2021, 1504 दि. 18.02.2021 द्वारा औद्योगिक क्षेत्र बिरलाग्राम को जोडने वाली रिंग रोड पर फाटक नं. 2 पर रेल्‍वे ओवर ब्रिज बनाने की स्‍वीकृति प्रदान करने हेतु दिए गए निर्देश अनुसार प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को प्रेषित किए गए थे? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा डी.पी.आर. बनाकर शासन को प्रेषित कर दी गयी है? शासन स्‍वीकृति हेतु क्‍या कार्यवाही कर रहा है? (ख) क्‍या यह सही है कि मुख्‍यमंत्री के पत्र क्र. 3585 /सीएमएस/एमएलए/ 212/2021 दिनांक 29.07.20214274 दि. 31.08.2021 द्वारा मुख्‍य जिला मार्ग नागदा-गिदगढ़-निनावटखेडा- किलोडिया- झिरमिरा-दिवेल-चंदोडिया-तारोद-मोकडी मार्ग लंबाई 24 कि.मी. को केन्‍द्रीय सड़क योजना अंतर्गत स्‍वीकृत करने हेतु प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को प्रेषित किए गए थे? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा डी.पी.आर. बनाकर शासन को प्रेषित कर दी गयी है? शासन स्‍वीकृति हेतु क्‍या कार्यवाही कर रहा है? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा मांग करने पर मुख्‍यमंत्री के पत्र क्र. 4099/सीएमएस/एमएलए/212/2020 दि. 11.11.2020, 4123 दि. 12.11.2020, 2615 दि. 06.08.2020, 591 दि. 12.01.2021, 1499 दि. 18.02.2021, 4100 दि. 11.11.2020, 4122 दि. 12.11.2020, 2614 दि. 12.01.2021, 586 दि. 12.01.2021, 1546 दि. 19.02.2021, 2067 दि. 13.03.2021 द्वारा नागदा-खाचरौद क्षेत्र की विभिन्‍न सड़कों के निर्माण की स्‍वीकृति के संबंध में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को निर्देश प्रदान किए गए थे? यदि हाँ, तो प्रमुख सचिव द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? प्रत्‍येक पत्र का अलग-अलग विवरण देते हुए स्‍वीकृति हेतु क्‍या कार्यवाही की गई है? पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) क्‍या यह सही है कि नागदा-खाचरौद दोनों तहसीलों को जोड़ने वाली 14 कि.मी. की रोड़ खराब होकर बड़े-बड़े गड्डे हो चुके है, के निर्माण एवं चौड़ीकरण हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? कब तक रोड को सुधार कर चौड़ीकरण कर दिया जाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) माननीय मुख्‍यमंत्री जी के पत्र क्र. 4120/सी.एम.एस./एम.एल.ए./02/12/2020, 590 दिनांक 12.01.2021, 3963 दिनांक 12.08.2021 एवं 4134 दिनांक 23.08.2021 प्राप्‍त हुये है। जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।    (घ) जी नहीं, मार्ग सुधार किया जा चुका है। कोई नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कन्‍या शाला के निर्माण कार्य की जानकारी

[लोक निर्माण]

130. ( क्र. 1373 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत बाबई विकासखण्‍ड में आचलखेड़ा शाला निर्माण एवं सोहागपुर नगर में कन्‍या शाला निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। इस कार्य की निविदा शर्तों में समयावधि क्‍या तय की गई थी? विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये। (ख) उक्‍त निर्माण हेतु निश्चित समयावधि में कार्य पूर्ण न कर पाने के कारण ठेकेदार/अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई है? विस्‍तृत जानकारी देवें। (ग) मेरे विधान सभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के पी.आई.यू. से दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक                                   कौन-कौन से निर्माण कार्य स्‍वीकृत हुये हैं? उनकी सूची, कार्य पूर्णता दिनांक एवं लागत की जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

टोल टैक्‍स के मापदण्‍ड व शर्तें

[लोक निर्माण]

131. ( क्र. 1374 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 69 औबेदुल्‍लागंज-बैतूल पर बनाये गये टोल टैक्‍स के संबंध में शासन द्वारा क्‍या मापदंड एवं शर्तें रखी गई हैं? एक टोल से दूसरे टोल की दूरी क्‍या है? नियमों की प्रति हिन्‍दी भाषा में उपलब्‍ध करावें। (ख) क्या यह सही है कि एन.एच. 69 औबेदुल्‍लागंज-बैतूल पर जो टोल टैक्‍स बनाये गये हैं, उसमें एक टोल औबेदुल्‍लागंज में बनाया गया है और दूसरा टोल बघवाड़ा शाहगंज तहसील बुधनी जिला सीहोर पर बनाया गया है? जिसकी दूरी एक टोल से दूसरे टोल तक मात्र 35 क‍ि.मी. है जबकि एन.एच.आई. की टोल शर्तों में एक टोल से दूसरे टोल की दूरी लगभग 70 कि.मी. की दूरी रहती है? इस मार्ग पर दो बार टोल टैक्‍स क्‍यों वसूला जा रहा है? (ग) क्‍या यह सही है कि एन.एच. 69 मार्ग पर बरखेड़ा बुधनी के बीच फारेस्‍ट एरिया का 12.5 कि.मी. मार्ग फोरलेन नहीं हुआ है फिर भी इस मार्ग का टोल लिया जा रहा है, यह किस आधार पर लिया जा रहा है?         (घ) वर्तमान में जो टोल बनाया गया है, क्‍या यह सही जगह बनाया गया है? होशंगाबाद से भोपाल के बीच में मात्र एक टोल बनना था लेकिन दो-दो टोल बना दिये गये हैं और उसके बाद भी मिसरोद से भोपाल आने के लिये नगर निगम क्षेत्र के बी.आर.टी.एस. की रोड है, उस हिसाब से भी दूरी होशंगाबाद से बुधनी होते हुये मिसरोद की दूरी लगभग 45 कि.मी. होती है। दो-दो टोल टैक्‍स होने के कारण जनता को अधिक टैक्‍स देना पड़ रहा है। इस स्थिति में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है ? क्‍या इस टोल को बंद किया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्‍त उत्‍तर पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार।

सड़क एवं पुल के निर्माण कार्य की जानकारी

[लोक निर्माण]

132. ( क्र. 1376 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा ग्राम आंकिया-डोंगरगांव के मध्‍य सड़क मार्ग का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं तो कार्य अपूर्ण रहने के क्‍या कारण हैं? (ख) गांव बरखेडा कलाँ के समीप लगभग 02 किलोमीटर की सड़क एवं पुल निर्माण कार्य अपूर्ण है? क्‍या विभाग की इस अपूर्ण कार्य को पूर्ण करने के लिये कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो इसकी समय-सीमा बताने का कष्‍ट करें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। ग्राम बरखेडा कलाँ में मार्ग हेतु भूमि का अधिग्रहण की कार्यवाही में कठिनाई आने से। (ख) जी हाँ, लगभग 1.60 किमी सड़क एवं एक पुल का निर्माण अपूर्ण है। जी हाँ। मार्ग अधिग्रहण पूर्ण न होने के कारण कार्य पूर्णता तिथि बताया जाना संभव नहीं है।

संचालन/संधारण संभाग कार्यालय की स्‍थापना

[ऊर्जा]

133. ( क्र. 1377 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नजीराबाद डी.सी. के ग्राम सूरजपुरा से चांदबड़ संभागीय कार्यालय की दूरी कितने किलोमीटर है एवं इस संभागीय कार्यालय से कितने ग्रामों का कार्य सम्‍पादित किया जाता है? (ख) क्‍या दूरी की अधिकता एवं लोक परिवहन की सुविधा की कमी होने के कारण उपभोक्‍ताओं को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता हैयदि हाँ, तो विभाग इस असुविधा को दूर करने की दृष्टि से कोई कार्ययोजना बना रहा है?                          (ग) उपभोक्‍ताओं की सुविधा की दृष्टि से क्‍या विद्युत मण्‍डल ग्राम ईंटखेड़ी सड़क/लाम्‍बाखेड़ा में अपने कार्यालय को बनाने का विचार कर सकता है? यदि नहीं तो कारण बतायें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्‍तर्गत संचालन/संधारण संभाग कार्यालय, भोपाल (चांदबड़ नहीं) से नजीराबाद वितरण केन्‍द्र के ग्राम सूरजपुरा की दूरी लगभग 84 कि.मी. है। संचालन/संधारण, संभाग भोपाल के अंतर्गत कुल 519 ग्राम हैं, जिसमें नजीराबाद वितरण केन्‍द्र के 135 ग्राम भी सम्मिलित हैं। (ख) जी नहीं, प्रश्‍नाधीन ग्राम के विद्युत उपभोक्‍ताओं के विद्युत संबंधी विभिन्‍न कार्य वितरण केन्‍द्र नजीराबाद कार्यालय में संपादित हो जाते हैं जो कि ग्राम से मात्र 8 कि.मी. दूर स्थित है। (ग) ईंटखेड़ी/लाम्‍बाखेड़ा में संचालन/संधारण संभाग कार्यालय बनाने का कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। उत्‍तरांश में दर्शाए अनुसार ग्राम सूरजपुरा के विद्युत उपभोक्‍ताओं के विद्युत संबंधी कार्य उनके निकटस्‍थ स्थित वितरण केन्‍द्र कार्यालय नजीराबाद से सुविधापूर्वक संपन्‍न किये जा रहे हैं।

सम्‍पत्तिकर की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

134. ( क्र. 1391 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा माह अप्रैल 2021 को माननीय मुख्‍यमंत्री एवं मुख्‍य सचिव मध्‍यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर यह मांग की थी कि नगरीय निकाय द्वारा रिहायशी मकानों को सम्‍पत्तिकर से मुक्‍त रखा जाये या बिल्डिंग परमि‍शन जारी करते समय जीवन में एक परिवार से एक बार ही सम्‍पत्तिकर लिया जाये? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या शासन जनहित को दृष्टिगत रखते हुए प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित सम्‍पत्तिकर न लिए जाने पर‍ विचार कर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अभी इस प्रस्ताव पर किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा का पालन नहीं किया जाना

[ऊर्जा]

135. ( क्र. 1392 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या यह सही है कि कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए घरेलू विद्युत उपभोक्‍ताओं के बिल जमा नहीं किए जाने संबंधी माननीय मुख्‍यमंत्री मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा घोषणा की गई थी?                                                   (ख) यदि हाँ, तो क्‍या यह भी सही है कि विभाग द्वारा भोपाल जिले के उपभोक्‍ताओं को समाधान योजना के तहत 60 प्रतिशत बिल जमा करने एवं 40 प्रतिशत राशि माफ किए जाने संबंधी 30 दिन की अवधि के नोटिस जारी किए जा रहे है? (ग) यदि हाँ, तो माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा का पालन नहीं करने वाले विभाग के जिम्‍मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही कर उपभोक्‍ताओं को राहत दिलवायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा का पालन नहीं करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु बिजली के पुराने बकाया बिलों की वसूली स्‍थगित रखने की माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा के तारतम्‍य में राज्‍य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्‍त घरेलू उपभोक्‍ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्‍त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्‍थगित कर, उक्‍तानुसार आस्‍थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 16.11.2021 द्वारा 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले घरेलू उपभोक्‍ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्‍त, 2020 तक की आस्‍थगित राशि (मूल बकाया एवं अधिभार की राशि) के भुगतान में, इन उपभोक्‍ताओं को राहत देने के उद्देश्‍य से 'समाधान योजना' लागू की गई है। उक्‍त योजना के निर्देशों के अनुरूप ही भोपाल जिले के विद्युत बिलों की आस्‍थगित राशि वाले विद्युत उपभोक्‍ताओं को सूचना प्रदान की जा रही है। (ग) प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा राज्‍य शासन के निर्देशों के अनुरूप ही घरेलू विद्युत उपभोक्‍ताओं से उनके विद्युत देयकों से संबंधित बकाया राशि को जमा कराने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

स्‍नातकोत्‍तर कक्षाएं प्रारम्‍भ किया जाना एवं नवीन कन्‍या महाविद्यालय की स्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

136. ( क्र. 1401 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के शासकीय महाविद्यालय राजनगर एवं लवकुश नगर में स्‍नातकोत्‍तर कक्षाएं किन-किन विषयों को प्रारम्‍भ करने की शासन से स्‍वीकृति दी गई है या शिक्षण सत्र 2022-23 में स्‍वीकृति दिये जाने की योजना है? (ख) क्‍या यह भी सत्‍य है कि आगामी शिक्षण सत्र 2022-23 में विश्‍व पर्यटक स्‍थल खजुराहो में कन्‍या स्‍नातक महाविद्यालय प्रारम्‍भ कर दिया जावेगा। यदि हाँ, तो किन-किन विषयों की स्‍वीकृति प्रदान की जा रही है? (ग) उपरोक्‍तानुसार (क) , (ख) के संबंध में कब-कब छात्रों के द्वारा, नागरिकों के द्वारा एवं क्षेत्रीय विधायक के द्वारा मांग पत्र शासन को भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। छतरपुर जिले के शासकीय महाविद्यालय राजनगर एवं लवकुश नगर में स्‍नातकोत्‍तर कक्षाएं प्रारम्‍भ करने की स्‍वीकृति नहीं दी है। न ही सत्र 2022-2023 में कोई योजना है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 10/08/2021 को पत्र क्रमांक 245/भोपाल/21 के द्वारा माननीय विधायक श्री कुँवर विक्रम सिंह द्वारा मांग-पत्र प्रेषित किया गया। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 735/151/मं/आउशि/यो/2021 दिनांक 06.09.2021 द्वारा अतिरिक्त संचालक सागर से जानकारी प्राप्त की गई है। परीक्षणोपरान्त वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण नवीन विषय खोले जाने में कठिनाई है।

विद्युत वितरण कंपनी के संभागीय कार्यालय की स्‍थापना

[ऊर्जा]

137. ( क्र. 1402 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.लि. द्वारा छतरपुर जिला अंतर्गत लवकुशनगर में संभागीय कार्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु 2019-20 में किन-किन लोगों ने मांग पत्र प्रेषित किये हैं? विवरण देवें।        (ख) यदि हाँ, तो क्‍या यह भी सही है कि लवकुशनगर में उपभोक्‍ताओं के मान से संभागीय कार्यालय खोले जाने की पात्रता है? यदि हाँ, तो कब तक प्रबंध संचालक/संभागीय कार्यालय संचालित कर दिया जायेगा? (ग) क्‍या यह भी सही है कि लवकुशनगर में कंपनी बनने के पूर्व विद्युत वितरण सहकारी समिति संचालित थी, तब संभागीय कार्यालय संचालित था? यदि हाँ, तो आगामी वित्‍तीय वर्ष में संभागीय कार्यालय प्रारंभ कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो कारण बतावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्‍तर्गत छतरपुर जिले के लवकुशनगर में संभागीय कार्यालय प्रारंभ किए जाने के संबंध में माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय का पत्र दिनांक 14.08.2019 प्राप्‍त हुआ था। (ख) लवकुशनगर में संभागीय कार्यालय खोले जाने के प्रस्‍ताव का परीक्षण कराया गया जो कि परीक्षण उपरान्‍त साध्‍य नहीं पाया गया है। अत: वर्तमान में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं हैं। (ग) जी हाँ, कंपनी बनने से पूर्व लवकुशनगर में ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति मर्यादित संचालित थी तथा तत्समय लवकुशनगर में प्रबंध संचालक, ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति मर्यादित का कार्यालय संचालित था। जी नहीं, लवकुशनगर में संभागीय कार्यालय खोले जाने का प्रस्‍ताव परीक्षण उपरान्‍त साध्‍य नहीं पाया गया है।

सड़क/सी.सी. रोड निर्माण कार्य की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

138. ( क्र. 1406 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 23.09.2020 के अता.प्र.सं. 22 (क्र. 239) के उत्‍तर (घ) में प्रियंका नगर के P-सेक्‍टर, जी-सेक्‍टर एवं पुलिस हाउसिंग सोसायटी में पी-109 से पी-104 एवं पी-96 से              पी-90 तक सी.सी. सड़क निर्माण कार्य की स्‍वीकृति बजट में दी गई है? (ख) यदि हाँतो क्‍या उक्‍त सड़क/सी.सी.रोड निर्माण एवं मूलभूत कार्य संपूर्ण P-सेक्‍टर में कब तक पूर्ण किये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्‍नांकित निर्माण कार्य नगर निगम, भोपाल के बजट में स्‍वीकृत नहीं है। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। बजट में प्रावधान एवं कार्य की सक्षम स्‍वीकृति न होने से निर्माण कार्य नहीं कराए गए है।

प्रदेश में बिजली का उत्‍पादन एवं मांग

[ऊर्जा]

139. ( क्र. 1407 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) प्रदेश में माह नवम्‍बर में विगत 3 वर्षों में बिजली की कितनी डिमांड थी व कितना उत्‍पादन था? जानकारी माहवार, वर्षवार देवें। (ख) प्रदेश में प्रश्‍न दिनांक को समस्‍त स्‍त्रोतों जैसे थर्मल, सोलर, विंड, जल आदि से कितनी बिजली उत्‍पादन का अनुबंध है? अनुबंधनकर्ता के नाम व कितनी बिजली का अनुबंध है व किस दर से तय है? टेबल फार्मेट में जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश 1 की अवधि में अनुबंधकर्ताओं से कितनी बिजली अनुबंध के तहत ली गयी व कितनी बिजली छोड़ी गई? बिजली की कुल कीमत कितनी थी? जानकारी देवें। (घ) क्‍या पूरे प्रदेश में किसानों को 5 घंटे से ज्‍यादा बिजली उपलब्‍ध नहीं हो पा रही है? माह नवम्‍बर में इंदौर, भोपाल, जबलपुर संभाग के कितने प्रतिशत गांव में 24 घंटे बिजली सिंचाई हेतु उपलब्‍ध करवाई गई? गांवों के नाम बताए जाएं।        (ड.) क्‍या शासन बिजली की दर बढ़ाने पर विचार कर रही है? यदि है तो कितनी? नहीं तो वर्तमान दरों में मंहगाई से राहत हेतु क्‍या कुछ दरों में कमी करके राहत देगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में माह नवंबर में विगत 3 वर्षों में विद्युत की मांग एवं उत्पादन की माहवार, वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रदेश में प्रश्‍न दिनांक तक समस्त स्रोतों जैसे ताप, जल, सौर, पवन आदि से विद्युत उत्पादन अनुबंध की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में अनुबंधकर्ताओं से विद्युत अनुबंध के तहत ली गयी एवं छोड़ी गयी विद्युत तथा विद्युत की कुल कीमत की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र–3 अनुसार है। (घ) जी नहीं, प्रदेश में कृषि कार्य हेतु कृषि फीडरों के माध्‍यम से प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रदेश में कृषि कार्य हेतु कृषि फीडरों से 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय का प्रावधान नहीं है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ड.) जी नहीं। विद्युत दरों का निर्धारण म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के कार्यक्षेत्र में आता है। तथापि राज्‍य शासन द्वारा विभिन्‍न श्रेणी के उपभोक्‍ताओं को सब्सिडी के माध्‍यम से विद्युत दरों में राहत प्रदान की जाती है।

मेट्रो प्रोजेक्‍ट एवं स्‍मार्ट सिटी के कार्यों की स्थिति

[नगरीय विकास एवं आवास]

140. ( क्र. 1408 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1141 दिनांक 12.08.21 की जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये तथा इंदौर तथा भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्‍ट का किस केटेगरी का कितना कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कितने प्रतिशत शेष है? (ख) नवम्‍बर 2021 की स्थिति में दोनो मेट्रो ट्रेन का कार्य समयावधि में पूर्ण होगा या नहीं तथा बतावें कि कंसलटेंट को 60052 करोड़ का भुगतान किसके द्वारा किया जायेगा तथा बतावें कि सेस्‍मीक झोन2 तथा सेस्‍मीक झोन 4 में निर्माण प्रक्रिया में क्‍या-क्‍या परिवर्तन होंगे? (ग) इंदौर, भोपाल स्‍मार्ट सिटी का कितना कार्य पूर्ण हो चुका है तथा अभी तक दोनों महानगरों में मेट्रो रेल तथा स्‍मार्ट सिटी के मद में कितना-कितना खर्च हो चुका है? क्‍या मेट्रो रेल तथा स्‍मार्ट सिटी का प्रोजेक्‍ट समयावधि में पूर्ण न होने से लागत राशि में वृद्धि होगी या नहीं यदि नहीं होगी तो कितनी होगी? (घ) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 3165 दिनांक 5 मार्च 2021 के खण्‍ड '''' के संदर्भ में बतावें कि इंदौर के पास दो एक्टिव भूगर्भीय फाल्‍ट कहा से गुजर रहे है, तथा वह निर्माणाधीन मेट्रो रेल से न्‍यूनतम तथा अधिकतम कितने मीटर/किलोमीटर दूर है तथा इंदौर में मेट्रो को सपोर्ट देने लायक राक का स्‍तर कितना नीचा है तथा यह किस आधार पर कहाँ गया हैक्‍या इंदौर में सारे पुल के निर्माण में डिजाइन सेस्‍मीक झोन 4 तथा सपोर्ट राक नीचे होने के आधार पर बनाई गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 1141, दिनांक 12.08.2021 की जानकारी संकलित की जा रही है। भोपाल मेट्रो रेल परियोजना का 2.03 प्रतिशत एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना का 1.02 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) नवम्‍बर 2021 की स्थिति में कार्य प्रगति पर है। कार्य को समयावधि में पूर्ण किया जाना लक्षित है। कंसलटेंट का भुगतान मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के द्वारा संपादित कार्य तथा अनुबंध में वर्णित शर्तों के अनुरूप किया जाना है। सेस्‍मीक झोन 2 तथा सेस्‍मीक झोन 4 में रूपांकन में प्रयुक्‍त तकनीकी पैरामीटर के मान में परिवर्तन होता है। निर्माण प्रक्रिया में कोई परिवर्तन सामान्‍यत: नहीं होता है। (ग) इंदौर स्‍मार्ट सिटी अंतर्गत पूर्ण हो चुके कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है एवं भोपाल स्‍मार्ट सिटी अंतर्गत पूर्ण हो चुके कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। SCM ग्रांट फंड अंतर्गत इंदौर स्‍मार्ट सिटी में दिनांक 30.11.2021 तक राशि रूपये 867.05 करोड़ तथा भोपाल स्‍मार्ट सिटी में राशि रूपये 985.59 करोड़ खर्च हो चुका है। इंदौर मेट्रो रेल परियोजना में दिनांक 30.11.2021 तक राशि रूपये 161.96 करोड़ तथा भोपाल मेट्रो रेल परियोजना में दिनांक 30.11.2021 तक राशि रूपये 330.42 करोड़,परियोजना में दिनांक 30.11.2021 तक राशि रूपये 330.42 करोड़ कु‍ल राशि रू. 492.38 करोड़ व्‍यय की जा चुकी है। कार्यादेश एवं संपादित अनुबंध के प्रावधान अनुसार कार्य किया जाता है। (घ) इंदौर शहर के पास से दो एक्टिव भूगर्भीय फाल्‍ट गुजर रहे हैं, संबंधित भूकम्‍प हैजर्ड मेप की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। इंदौर में मेट्रो पियर की बुनियाद हेतु राक का स्‍तर सामान्‍यत: 06 मीटर से 18 मीटर नीचे भूगर्भीय सर्वेक्षण तथा परीक्षण (ड्रिलिंग के बोरलॉग) के आधार पर किया गया है। इन्‍दौर में मेट्रो रेल अंर्तगत पुल निर्माण सहित पक्की संरचना का रूपांकन सेस्‍मीक झोन-4 में किये जाने का प्रावधान अनुबंध एवं निविदा शर्तों में किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास का आधिपत्‍य एवं आवास आवंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

141. ( क्र. 1411 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निगम के राहुल नगर रिवेरा टाउन में आवासों को पूर्ण करने हेतु कब-कब, क्‍या समय-सीमा, किन के आदेशों से कितनी-कितनी अवधि के लिए निर्धारित की गई थी? क्‍या       समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया? यदि हाँ, तो निर्माण एजेन्‍सी द्वारा ठेकेदार को डिबार कर धरोहर राशि राजसात की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? ठेकेदार को क्‍यों कार्य करने दिया जा रहा है? ठेकेदार से किये गये अनुबंध में वह किन-किन शर्तों का उल्‍लघंन कर रहा है? यदि हाँ, तो अनुबंध के विपरीत कार्य लिये जाने के लिये विभाग के कौन-कौन जिम्‍मेदार है? कब तक हितग्राहियों को फ्लेट का आधि‍पत्‍य सौंप दिया जायेगा तथा मूलभूत सुविधायें उस परिसर में क्‍या-क्‍या उपलब्‍ध कराई जा रही हैसंपूर्ण जानकारी समस्‍त संबंधित दस्‍तावेजों, नस्‍ती सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में हितग्राहियों को रजिस्‍ट्री सौंपे जाने हेतु बैंक से नोटिस जारी किये जा रहे है, जबकि निर्माण एजेन्‍सी, हितग्राही एवं ऋण प्रदाय बैंक का ट्रायपार्टी एग्रीमेन्‍ट है, फिर फ्लेटों की रजिस्‍ट्री क्‍यों नहीं कराई जा रही है? कारण सहित, हितग्राहियों के आवेदन, निगम के पत्र व्‍यवहार, विभागीय नोटशीट की छायाप्रति सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ग) उपरोक्‍त के संबंध में फ्लेट क्र. 104, डी-206-306 को विक्रय करने के लिये कब और क्‍या प्रक्रिया निर्धारित की गई? उक्‍त के संबंध में संपूर्ण जानकारी दें। सभी आवासों के क्रमांक सहित आवंटन सूची उनके द्वारा जमा राशि सहित दें।                                              (घ) उपरोक्‍त के संबंध में प्रधानमंत्री आवासों को ई-टेण्‍डर से बी.पी.एल. हितग्राहियों को उच्‍च कीमत पर दिये जाने का प्रावधान कहाँ से, किन नियमों से, किसकी अनुमति से, कि‍तने के आदेश से, किस प्रक्रिया के माध्‍यम से किया गया है? पृथक-पृथक बतायें। कितने विज्ञापन, कितने आवेदन, किस दर पर, किसको, पूर्ण प्रक्रिया के समस्‍त दस्‍तावेज दें। 

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) 1. राहुल नगर में आवासों को पूर्ण करने हेतु समय सीमा, आदेशों, अवधि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। 2. समय सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। 3. ठेकेदार की धरोहर राशि राजसात नहीं की गई है। परियोजना हेतु पूर्व में प्रस्तावित भूमि का आवंटन नहीं हो सका, इस कारण तय समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं हो सका। परियोजना हेतु नवीन प्रस्तावित स्थल (रिवेरा टाउन के समीप) पर भी झुग्गी बस्ती विद्यमान होने व उनको विस्थापित करने में समय लगा एवं कोरोना महामारी की पहली एवं दूसरी लहर के कारण कार्य स्थल पर विपरित परिस्थितियों एवं कोरोना महामारी की प्राकृतिक आपदा के कारण किसी व्यक्ति विशेष का दोष न होने के कारण ठेकेदार की धरोहर राशि राजसात न करते हुये ठेकेदार को नगर निगम भोपाल द्वारा Liquidate Damages का अधिकार सुरक्षित रखते हुये प्रोवीजनल समयावृद्धि प्रदान कर तीव्र गति से कार्य कराया जा रहा है। 4. ठेकेदार अनुबंध अनुसार किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं कर रहा है। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। 5. हितग्राहियों को पक्का रोड, पेय-जल, बिजली, सीवेज, पार्किंग, लिफ्ट, गार्डन, कवर्ड केम्पस इत्यादि मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा रही है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में फ्लेटों की रजिस्ट्री निरंतर की जा रही है। कार्यालय में कोई भी आवेदन रजिस्ट्री के लिये लंबित नहीं है। राहुल नगर परियोजना में हितग्राहियों द्वारा आज दिनांक तक लगभग 13 आवंटियों द्वारा रजिस्ट्री कराई जा चुकी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि जिला कलेक्टर भोपाल को शासन द्वारा                           फ्री-होल्ड किये जाने हेतु राजपत्र में रजिस्ट्री में छूट दिये जाने का उल्लेख होने से राहुल नगर के आवंटियों द्वारा संयुक्त रूप से आवेदन प्रस्तुत कर रजिस्ट्री में छूट दिये जाने की मांग की गई है। जिसे जिला कलेक्टर भोपाल को प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। आवासों के क्रमांक सहित आवंटन सूची जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत राहुल नगर पार्ट-1 परियोजना के नॉन-स्लम ई.डब्ल्यू.एस. आवास क्रमांक 104 का व्ययन ई-टेण्डर प्रक्रिया से नगर निगम भोपाल द्वारा किया गया है। प्रश्न के शेषांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''''                                      अनुसार है।


वितरण ट्रांसफार्मर सुधार का कार्य की जानकारी

[ऊर्जा]

142. ( क्र. 1412 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) वर्ष 2015 से 2020 तक की अवधि में म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी रेट कॉन्‍ट्रेक्‍ट अवार्ड के अंतर्गत किन-किन प्राइवेट फर्मों से वितरण ट्रांसफार्मर सुधार के लिये अनुबंध कब-कब, किन-किन शर्तों, कितनी-कितनी राशि के कितने-कितने वितरण ट्रांसफार्मर सुधारने के लिये किया गया था? वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) उक्‍त निजी फर्म जिनसे अनुबंध कर कार्य आवंटित किया गया था उनके द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य समय-सीमा में किया गया है? यदि नहीं तो किन-किन फर्मों ने समय-सीमा में कार्य नहीं किये और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? किन-किन फर्मों को कार्य का भुगतान कर दिया गया है तथा कितनी-कितनी को भुगतान किया जाना शेष है? (ग) क्‍या जिन फर्मों को अनुबंध कर कार्य आवंटित किया गया है उनमें से किन फर्म के संचालक का संबंध गुना जिले के महाप्रबंधक (जी.एम.) एस.पी. शर्मा (वर्तमान में एस.ई.) से है? क्‍या नियमानुसार विद्युत कंपनी के अधिकारी/कर्मचारी के परिजनों को विद्युत कंपनी में ठेकेदारी किये जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम सहित बतायें। यदि नहीं तो मेसर्स जीत इंडस्‍ट्रीस भरसूला चौराहा राघौगढ़, जिसके संचालक जितेन्‍द्र पुत्र एस.पी. शर्मा है जो कि तत्‍समय विद्युत विभाग गुना के एम.डी. थे के साथ किस आधार पर अनुबंध कर कार्य आवंटित किया गया है? क्‍या इस फर्म के द्वारा व्‍यापक स्‍तर पर अनियमितता की गई? जिसके संबंध में वसूली हेतु नोटिस भी जारी किये गये है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) वर्ष 2015 से 2020 तक की अवधि में म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में रेट कॉन्ट्रेक्ट अवॉर्ड के अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मर सुधार के लिए प्रायवेट फर्मों से किये गये अनुबंध की दिनांक, सुधारे गए ट्रांसफार्मरों की संख्‍या एवं राशि के विवरण सहित अनुबंधित प्रायवेट फर्मों की प्रश्‍नाधीन चाही गई फर्मवार/वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'', ''2'', ''3'', ''4'', ''5'', ''6'' तथा ''7'' अनुसार है। निविदा अनुबंध की मुख्य शर्तें पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-8 अनुसार हैं। (ख) जी हाँ, सामान्‍यत: कार्य समय-सीमा में किया गया है। किन्‍तु रेट कॉन्ट्रेक्ट अवॉर्ड के अंतर्गत अनुबंधित जिन फर्मों द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार समय-सीमा के अंतर्गत सुधार कार्य नहीं किया गया, उनके विरूद्व की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-9 में दर्शाए अनुसार है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''1'' से ''7'' तक दर्शाई गई प्रायवेट फर्मों में से मेसर्स प्रखर ट्रांसफार्मर इन्‍दौर के अतिरिक्‍त शेष सभी फर्मों द्वारा किये गये कार्यों का भुगतान कर दिया गया है। (ग) ग्वालियर क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में जिन फर्मों को अनुबंध कर कार्य आवंटित किया गया है, उनमें से किसी भी फर्म के संचालक का संबंध गुना वृत्त के महाप्रबंधक (चालू प्रभार) श्री एस.पी. शर्मा से नहीं है। वर्तमान में कंपनी के अधिकारी/कर्मचारी के परिजनों को विद्युत कंपनी में ठेकेदारी किये जाने के प्रावधान नहीं है। मेसर्स जीत इंडस्ट्रीज भरसूला चौराहा राघौगढ़, गुना जिसके संचालक श्री जीतेश शर्मा हैं, को तत्समय अनुबंध अनुसार वर्ष 2008 में फेल ट्रांसफार्मरों के सुधार कार्यों हेतु रेट कान्ट्रेक्ट अवार्ड जारी कर कार्य आवंटित किया गया था। उक्त फर्म द्वारा गारंटी अवधि वाले ट्रांसफार्मरों का सुधार कार्य समय सीमा में नहीं किया गया था। महाप्रबंधक (क्षेत्रीय भण्डार), गुना एवं महाप्रबंधक (क्षेत्रीय भण्डार) , ग्वालियर द्वारा देयता की राशि वसूलने हेतु जिला प्रशासन गुना को नोटिस जारी करने हेतु लेख किया गया एवं राशि रूपये 34,67,221/- वसूल की जा चुकी है।

गोल्‍ड कॉम्‍पलेक्‍स योजना का क्रियान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

143. ( क्र. 1418 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री की घोषणा के अनुपालन में रतलाम में गोल्‍ड कॉम्‍पलेक्‍स योजना के क्रियान्‍वयन की क्‍या स्थिति है? (ख) इस योजना के तहत बनने वाले 320 बिस्‍तरीय जिला चिकित्‍सालय का पुनर्निर्माण वातानुकूलित ऑडिटोरियम व अन्‍य निर्माण कार्यों को कब से प्रारंभ किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार रतलाम में प्रस्तावित गोल्ड कॉम्पलेक्स निर्माण की योजना की कार्यवाही रतलाम विकास प्राधिकरण रतलाम द्वारा की जा रही थी। यह कार्य कलेक्टर जिला रतलाम के आदेश दिनांक 03.12.2021 द्वारा म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल संभाग रतलाम को हस्तांतरित किया गया है। साधिकार समिति के निर्णयानुसार योजना हेतु आगामी कार्यवाही मण्डल द्वारा की जावेगी। (ख) उक्त योजनांतर्गत प्रस्तावित 300 बिस्तरीय नवीन चिकित्सालय शहर रतलाम का निर्माण मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में साधिकार समिति की बैठक दिनांक 04.10.2018 द्वारा निरस्त किया गया है, परन्तु सिविल सर्जन सह मुख्य अधीक्षक, रतलाम शहर में 300 बिस्तरीय नवीन चिकित्सालय बनाने की स्वीकृति प्रदान करने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, रतलाम विकास प्राधिकरण रतलाम के पत्र क्र. 76/2021, दिनांक 16.02.2021 द्वारा प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल से स्वीकृति चाही गयी है, स्वीकृति अपेक्षित है। उक्त योजनांतर्गत ऑफिसर कालोनी रतलाम में 111 शासकीय आवास एवं सामुदायिक भवन का निर्माण, जिला चिकित्सालय परिसर में 300 बिस्तरीय नवीन चिकित्सालय का निर्माण, 1000 सीटर ऑडिटोरियम ग्राम बंजली रतलाम का निर्माण एवं नवीन कलेक्टोरेट भवन के पास पार्ट बी. का निर्माण प्रस्तावित है। प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात आगामी कार्यवाही की जावेगी।

कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में स्‍वीकृत सड़कें

[लोक निर्माण]

144. ( क्र. 1422 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20, 2020-21 तथा 2021-22 के बजट तथा अनुपूरक बजट में कालापीपल विधानसभा के किस-किस मार्ग के लिये कौन-कौन सी सड़क कितनी राशि की स्‍वीकृत की गई थी? उनमें से किस सड़क का निर्माण हो चुका है? किस सड़क का निर्माण प्रक्रियाधीन है तथा किस सड़क का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ तथा अन्‍य कितनी राशि की स्‍वीकृत की गई? संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) बतावें कि कालापीपल विधानसभा में जिन सड़कों के निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई, उनकी अनुमानित राशि वर्षवार कितनी-कितनी है तथा क्‍या वह राशि का आवंटन विभाग को प्राप्‍त हो गया है तथा वर्तमान में वह किस मद में जमा है? (ग) बजट में स्‍वीकृत सड़क का निर्माण कितनी अवधि में प्रारंभ कर देना चाहिए, इसके लिये क्‍या नीति निर्देशक सिद्धान्‍त है? क्‍या स्‍वीकृति के बाद भी उसे दो-तीन वर्ष तक लंबित रखा जा सकता है? (घ) खण्‍ड (क) में उल्‍लेखित अवधि में कालापीपल विधानसभा क्षेत्र हेतु कुल कितनी सड़क स्‍वीकृत हुई थी तथा कितनी बनी, कितनी बनना प्रारंभ हुई तथा कितनी शेष हैंसड़क न बनने का कारण बतायें।        (ड.) खण्‍ड (घ) में उल्‍लेखित सड़क कब तक बना दी जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वीकृत कार्यों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट ‘‘’’ एवं बजट में अंकित कार्यों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट ’’’’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट ’’ अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति के अभाव में मद का उल्लेख नहीं किया जा सकता। (ग) बजट में अंकित कार्यों की सक्षम समिति से अनुमोदन उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने पर ठेका निर्धारण उपरांत ही सड़क निर्माण की प्रक्रिया की जाती है। कोई विशिष्ट नीति सिद्धांत नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) एवं (ड.) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट ‘‘’’ अनुसार है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

सड़क निर्माण में अनियमितता

[लोक निर्माण]

145. ( क्र. 1423 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल के कुरावर सड़क किस लागत से किस ठेकेदार द्वारा बनाई जा रही है? वर्क ऑर्डर किस दिनांक को जारी किया गया तथा अभी तक कितने प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है? (ख) क्‍या सड़क का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है तथा जो भी निर्माण कार्य हुआ है उसकी गुणवत्‍ता निम्‍न स्‍तर की है? सड़क निर्माण की विभाग के अधिकारी द्वारा समय-समय पर किये गये निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति देवें। (ग) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के विभिन्‍न केटेगरी की कौन-कौन सी वर्तमान में नवम्‍बर 21 तक निर्माणाधीन है तथा उसमें से कितनी सड़क अनुबंध में उल्‍लेखित समय सीमा में नहीं बनी है? (घ) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में हाल ही में निर्मित कौन-कौन सी सड़क ग्‍यारंटी अवधि में है तथा उनकी वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ड.) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में उन स्‍वीकृत सड़कों की सूची देवें जिनकी निर्माण प्रक्रिया अभी तक प्रारंभ नहीं हुई हैं तथा उसका कारण भी बतावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कालापीपल-कुरावर मार्ग राशि रू. 3973.11 लाख लागत से मे. केतन कन्स्ट्रक्शन कम्पनी अहमदाबाद गुजरात द्वारा बनाई जा रही है। कार्यादेश दिनांक 04.11.2015 को तथा मार्ग का लगभग 96.50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) जी हाँ, कार्य धीमी गति से चल रहा है तथा निर्मित मार्ग में से 2303 मीटर लम्बाई के कार्य की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाई गई है। शेष कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं मापदण्ड अनुसार किया गया है। कार्य की निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है एवं समय सीमा में 03 सड़क नहीं बनी है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स एवं        'स- 1' अनुसार है।

असंवैधानिक तरीके से एम.डी. की नियुक्ति

[ऊर्जा]

146. ( क्र. 1428 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. राज्‍य विद्युत मण्‍डल में कम्‍पनी के सिविल जनरेशन संकाय में 10 वर्ष सेवाकाल के बाद सहायक यंत्रियों को पदस्‍थ रहते हुये I.C.W.A. की डिग्री पास करने के बाद लेखाधिकारी की दो बार परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा में भाग लेकर कई उम्‍मीदवार चयनित हुये थे लेकिन वर्तमान एम.डी. श्री मंजित सिंह दोनों बार परीक्षा में असफल हो गए?        (ख) क्‍या श्री मंजित सिंह को फेल होने के पश्‍चात कम्‍पनी द्वारा असंवैधानिक तरीके से बगैर परीक्षा पास किये इनका सीधे वरिष्‍ठ लेखाधिकारी पद हेतु संविलियन कर दिया? राज्‍य विद्युत मण्‍डल की बगैर मीटिंग आहूत किये कुछ सदस्‍यों के हस्‍ताक्षर करवा लिये जबकि नियमानुसार विद्युत मण्‍डल की विधिवत मीटिंग होती थी एवं मीटिंग में सभी विषयों का एजेण्‍डा होता था तभी सभी सदस्‍य हस्‍ताक्षर पर अनुमोदन करते थे। इनके प्रकरण में बोर्ड के बगैर अनुसमर्थन के इनकी नियुक्ति मान्‍य कर ली गई विद्युत मण्‍डल के गठन से आज दिनांक तक ऐसा प्रकरण विद्युत मण्‍डल या किसी भी कम्‍पनी में नहीं हुआ। क्‍या इनको पद से हटाकर सरकार कमेटी गठित कर जांच करायेगी एवं दोषी पाने पर दण्डित करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, तत्‍कालीन मध्‍यप्रदेश विद्युत मंडल द्वारा अन्य संवर्ग से लेखा संवर्ग में नियुक्ति/पद परिवर्तन हेतु दो बार संपन्‍न चयन प्रक्रिया में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, के वर्तमान प्रबंध संचालक में असफल रहे। (ख) तत्‍कालीन मध्‍यप्रदेश विद्युत मंडल के तत्‍समय प्रभावी आदेश दिनांक 15.03.1980 में यह प्रावधान थे कि आई.सी. डब्‍ल्‍यू.ए.आई. डिग्री प्राप्‍त कार्मिक को उसके वर्तमान पद से लेखाधिकारी पद पर पदस्‍थ किये जाने पर विचार किया जाएगा। आई.सी.डब्‍ल्‍यू.ए.आई. की डिग्री प्राप्‍त होने, 10 वर्ष का तकनीकी कार्य अनुभव होने एवं कार्यपालन अभियंता (वरिष्‍ठ लेखाधिकारी के समकक्ष) का वेतनमान प्राप्‍त करने के बाद तत्‍कालीन म.प्र. विद्युत मंडल (बोर्ड) द्वारा लेखा संकाय की आवश्‍यकता के अनुरूप उनकी लेखा विषयक शैक्षाणिक योग्‍यता एवं अनुभव के दृष्टिगत मण्‍डल के सदस्‍य (वित्‍त), सदस्‍य (उत्‍पादन), सदस्‍य (सिविल), सदस्‍य (टी.एण्‍ड.डी.) एवं अध्‍यक्ष के अनुमोदनोपरान्‍त वरिष्‍ठ लेखाधिकारी के पद पर नियु‍क्‍त किये गये। विद्युत मंडल के गठन से आज तक ऐसा प्रकरण न होने के संबंध में एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी अथवा म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी में जानकारी उपलब्‍ध नहीं हैं। वर्तमान में श्री मंजीत सिंह को पद से हटाकर कमेटी गठित कर जांच करवाने एवं दोषी पाये जाने पर दण्डित किए जाने बाबत् कोई भी प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं।


प्रावधान अनुसार मार्ग का निर्माण

[लोक निर्माण]

147. ( क्र. 1430 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ नगर से निकलने वाला बाईपास क्‍या डी.पी.आर./स्‍टीमेट/सप्‍लीमेंट्री शेड्यूल में किये गये प्रावधान अनुसार पूर्ण हुआ है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं तो क्‍या-क्‍या कार्य डी.पी.आर./स्‍टीमेट/सप्‍लीमेंट्री शेड्यूल अनुसार पूर्ण नहीं हुये हैं? (ख) कंडिका (क) अनुसार कुछ कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं। कब तक कार्य पूर्ण हो जायेंगे? (ग) क्‍या राजगढ़ बाईपास में कुछ अतिरिक्‍त कार्य करने बाबत् वरिष्‍ठ कार्यालय से अधिकारियों की टीम ने निरीक्षण किया था? यदि हाँ, तो वरिष्‍ठ अधिकारियों की टीम के अनुसार अतिरिक्‍त कार्य कब तक प्रारंभ कर दिये जायेंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मार्ग का निर्माण अनुबंध के प्रावधानों तथा आई.आर.सी. के मापदण्‍डानुसार किया गया है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण किये गये है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार से स्‍वीकृति अप्राप्‍त है।

सड़कों के निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता

[लोक निर्माण]

148. ( क्र. 1434 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य विगत तीन वर्षों से किया जा रहा है? (ख) उक्‍त सड़कों की लागत क्‍या निर्धारित थी एवं उसमें कितनी वृद्धि समय-समय पर की गई है? सड़कवार जानकारी दें। (ग) उक्‍त सड़कों के निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता की जांच किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब की गई है एवं उसमें क्‍या-क्‍या कमियां पाई गई? (घ) इस संबंध में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) कार्य पूर्ण गुणवत्‍ता से किया गया है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आदेश का क्रियान्‍वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

149. ( क्र. 1435 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक F/4-111/2012/18-1 दिनांक 4.9.2012 की प्रति देते हुए बताएं कि उक्‍त आदेश किस संदर्भ में निकाला गया तथा क्‍या आदेश का पालन वर्तमान में भी हो रहा है अथवा नहींयदि पालन नहीं हो रहा है तो क्‍यों विधिसम्‍मत कारण बताएं। (ख) क्‍या (क) में संदर्भित आदेश के उपरांत इसी संदर्भ में कोई अन्‍य आदेश भी विभाग द्वारा जारी किया हैयदि हाँ, तो आदेश क्रमांक/दिनांक की जानकारी सहित प्रति उपलब्‍ध कराएं। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के आदेश के संदर्भ में सूचना के अधिकार के तहत अशरफ खान जिला अध्‍यक्ष कांग्रेस, पिछड़ा वर्ग विभाग भोपाल द्वारा जानकारी चाही गई थी तथा लोक सूचना अधिकारी सामान्‍य प्रशासन विभाग, नगरपालिका निगम, भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 730 दिनांक 18.10.21 द्वारा उक्‍त जानकारी हेतु उपायुक्‍त एवं नोडल अधिकारी, लोक सूचना कार्यालय नगरपालिका निगम भोपाल को पृष्‍ठांकन कर तदाशय की सूचना आवेदक को भी दी गई थी, यदि हाँ, तो उक्‍त जानकारी किस पत्र क्रमांक/दिनांक द्वारा उपलब्‍ध कराई गई, यदि नहीं तो क्‍यों? इस हेतु दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर कब तक जानकारी उपलब्‍ध कराई जावेगी? (घ) क्‍या उक्‍त आदेश के तारतम्‍य में वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक एल.एस.जी.डी. डिप्‍लोमा पास करने वाले कर्मियों को वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों कब तक दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा                             रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति

[ऊर्जा]

150. ( क्र. 1438 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) म.प्र. में बिजली बिल किस-किस दर से लगाई जा रही है? शहरी एवं ग्रामीण की पृथक-पृथक विस्‍तृत विवरण देवें। कांग्रेस (कमलनाथ) सरकार ने बिजली बिलों में काफी राहत देते हुए 100 यूनिट 100 रूपये बिजली‍ बिल निर्धारित की थी, इसे क्‍यों बंद कर दिया गया है? शासन क्‍या रियायती दर पर विद्युत को उपलब्‍ध करायेगी? (ख) सीधी एवं सिंगरौली जिले में वर्तमान में कितने विद्युत ट्रांसफार्मर जले हुए है इन्‍हें बदलने की शासन की क्‍या नीति है? कई महीनों से विद्युत ट्रांसफार्मर नहीं बदले गये है, इन्‍हें कब तक बदला जावेगा? यदि विद्युत ट्रांसफार्मर नहीं बदलने के लिए अधिकारी/कर्मचारी दोषी है तो उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? डी.सी. वार सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) सीधी एवं सिंगरौली जिले में विद्युतीकरण से अभी तक कितने टोले/मजरे शेष है तथा इनमें कब तक विद्युतीकरण का कार्य करा दिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश दिनांक 30.06.2021 के तहत् विभिन्‍न प्रयोजनों हेतु निर्धारित दरों/प्रावधानों के अनुसार बिलिंग की जा रही है। उक्‍त टैरिफ आदेश की ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र सहित विभिन्‍न प्रयोजनों हेतु विद्युत दर अनुसूची की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। पूर्व से लागू इंदिरा गृह ज्‍योति योजना बंद नहीं की गई है, अपितु वर्तमान में भी योजना से लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों की पात्रता शिथिल करते हुए और अधिक हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना में 150 यूनिट प्रतिमाह खपत वाले घरेलू उपभोक्‍ताओं की 100 यूनिट तक की खपत के लिये अधिकतम राशि रू. 100/- का विद्युत देयक जारी किया जा रहा है। वर्तमान में इसके अतिरिक्‍त राज्‍य शासन द्वारा प्रदेश में विभिन्‍न श्रेणी के विद्युत उपभोक्‍ताओं को रियायती दर पर विद्युत उपलब्‍ध कराई जा रही है, जिससे संबंधित आदेश की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) वर्तमान में सीधी एवं सिंगरौली जिलों में क्रमश: 69 एवं 57 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं, जिनकी वितरण केन्‍द्रवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरान्‍त फेल ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु पात्र होते है। पात्र होने पर मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमनों के अनुसार संभागीय मुख्‍यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्‍यालयों को छोड़कर अन्‍य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्‍क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्‍बर तक) 07 दिवस के अंदर वितरण ट्रांसफार्मर बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्‍थापना करने के निर्देश हैं। सीधी एवं सिंगरौली जिलों में उक्‍त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं किये जाने के कारण इन्‍हें नहीं बदला जा सका है, जिस हेतु कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। नियमानुसार विद्युत बिल की राशि जमा होने पर उक्‍त ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा। (ग) सीधी एवं सिंगरौली जिलों के अन्‍तर्गत विद्युतीकरण हेतु क्रमश: 1047 एवं 287 मजरे/टोले/बसाहटें शेष हैं। वर्तमान में विद्युतीकरण की कोई भी योजना संचालित नहीं है। तथापि आर.ई.सी. लिमिटेड, नई दिल्‍ली द्वारा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत 20 से अधिक घरों वाले मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु सशर्त राशि रू. 264 करोड़ की स्‍वीकृति माह अगस्‍त, 2021 में प्रदान की गई है। उक्‍त स्‍वीकृति अन्‍तर्गत केन्‍द्र सरकार से राशि/वित्‍तीय सहायता प्राप्‍त होने पर उक्‍त जिलों के चयनित मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना संभव हो सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

प्रदेश की पवन ऊर्जा परियोजनाएं

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

151. ( क्र. 1439 ) श्री अजय विश्नोई : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि प्रदेश सरकार पवन ऊर्जा का RPO पूरा करने प्रदेश के बाहर की पवन ऊर्जा परियोजनाओं से ऊर्जा खरीदती रही है और खरीद रही है, जिसमें पारेषण हानि होती है और पारेषण शुल्‍क भी देय होता है? (ख) क्‍या शासन प्रदेश की पवन ऊर्जा की अनुबंधित परियोजनाओं के प्रति गंभीरता अपना कर उनसे विद्युत क्रय करार करके प्रदेश में पवन ऊर्जा को प्रोत्‍साहन देगा ताकि प्रदेश में निवेश और रोजगार आये? (ग) य‍दि प्रश्नांश (ख) का जवाब हां है तो कृपया आगामी दो वर्षों की कार्ययोजना की जानकारी देने का कष्‍ट करें। यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? (घ) क्‍या शासन प्रदेश के निवेशकों की अनुबंधित पवन ऊर्जा योजनाओं को प्रदेश के बाहर के निवेशकों के मुकाबले प्राथमिकता देगा? यदि हाँ, तो कौन सी प्राथमिकता दी जावेगी?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) मध्‍यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लि. के अनुसार वर्तमान में RPO पूरा करने के लिए प्रदेश में स्थित पवन ऊर्जा से 2391 मेगावाट एवं प्रदेश के बाहर की परियोजनाओं के मात्र 50 मेगावाट का विद्युत क्रय दिनांक 30.04.2021 से किया जा रहा है, जिनमें कोई पारेषण हानि नहीं हो रही है और न ही पारेषण शुल्‍क देय है।         (ख) जी हाँ। प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना को प्रोत्‍साहन देने हेतु म.प्र शासन कृत संकल्पित है। मध्‍यप्रेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रदेश में स्थित पवन ऊर्जा की सभी अनुबंधित परियोजनाओं से लगातार विद्युत क्रय किया जा रहा है। पंजीकृत पवन ऊर्जा परियोजनाओं एवं नवीन परियोजनाओं हेतु निविदा आमंत्रित कर प्रतिस्‍पर्धात्‍मक पद्धति से प्राप्‍त न्‍यूनतम विद्युत क्रय दर/समय-समय पर लगातार आंकलन करते हुए मुख्‍यत: उपलब्‍ध विद्युत दरों के आधार पर विद्युत क्रय दर करार किया जाता है। मंत्रि-परिषद् के निर्णय दिनांक 09.11.2021 जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार निविदा में पवन ऊर्जा नीति-2012 में पंजीकृत परियोजनाओं को सहभागिता का अवसर दिये जाने का निर्णय लिया गया है। (ग) आगामी दो वर्षों हेतु वर्तमान में 750 मेगावाट क्षमता की पवन-सौर हायब्रिड परियोजना हेतु निविदा आमंत्रित करने की कार्यवाही प्रचलन मे है एवं आगामी वर्षों में भी आर.पी.ओ. आपूर्ति हेत पवन/पवन-सौर हायब्रिड परियोजनाओं की स्‍थापना हेतु निविदा प्रक्रिया के अनुसार प्राप्‍त न्‍यूनतम विद्युत क्रय दर पर एवं समय-समय पर लगातार आंकलन करते हुए मुख्‍यत: उपलब्‍ध विद्युत दरों के आधार पर क्रय दर करार किया जा सकेगा। (घ) जी नहीं। उपभोक्‍ताओं के हितों को ध्‍यान में रखते हुए, प्रतिस्‍पर्धात्‍मक पद्धति (निविदा प्रक्रिया) से प्राप्‍त न्‍यूनतम क्रय दर बोली/विद्युत दरों के आधार पर, परियोजना विकास हेतु विकासकों/निवेशकों को प्राथमिकता दी जाती है।

सड़कों एवं पुलों के स्‍वीकृत कार्य

[लोक निर्माण]

152. ( क्र. 1440 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृपया जानकारी देने का कष्‍ट करें कि बजट सत्र 2020-21 एवं 2021-22 में जबलपुर जिले की पाटन विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन सी सड़कों एवं पुलों के कार्य स्‍वीकृत हुये है? (ख) कृपया कार्यवार जानकारी प्रदान करे कि उनका निर्माण कब प्रारंभ होगा और कब तक पूर्ण हो जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

विद्युत करंट से मृत व्यक्ति के परिजनों को मुआवजा राशि का प्रावधान

[ऊर्जा]

153. ( क्र. 1492 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यदि किसी व्यक्ति की करंट लगने से मृत्यु हो जाती है तो शासन की ओर से मृत व्यक्ति के परिजनों को किसी प्रकार की मुआवजा राशि दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्र की तहसील शाहगढ़ के ग्राम सेमरा रामचन्द्र में वर्ष 2020 में 16 वर्षीय बालक कपिल की मृत्यु करंट लगने से हुई थी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और उसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या वह बालक जो अपनी गाय को खोजने जाता है और उसका सर तार से टकरा कर मृत्यु हो जाती है या बीला पोषक नहर के ठेकेदार जिन्होंने पहले से निकली हुई लाइन के नीचे 15 फीट ऊंचे मलवे का ढेर बनाया या विद्युत विभाग ने? (ग) पुलिस द्वारा उपरोक्त में से किसे दोषी बनाया गया है और उनके विरूद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, वितरण कंपनी में तत्‍संबंध में जारी आदेशों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है, जिसमें विद्युत दुर्घटना में मृत्‍यु होने पर एवं पात्रता पूर्ति पर मुआवजा दिए जाने के प्रावधान हैं। (ख) जी हाँ, 11 के.व्‍ही. लाईन के नीचे लगभग 15 फुट ऊंचे पोषक नहर के मलबे का ढेर लगा हुआ था, जिससे लगभग 10 फुट दूरी से खेतों में आने-जाने का रास्‍ता (पगडंडी) है तथा इस पगडंडी से सुगमतापूर्वक आवागमन किया जा सकता है किन्‍तु पगडंडी से हटकर मलबे के ढेर पर चढ़ने एवं विद्युत लाईन के संपर्क में आने से प्रश्‍नाधीन घातक विद्युत दुर्घटना घटित हुई है, जिसके लिये म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जिम्‍मेदार नहीं है। तथापि प्राप्‍त जानकारी अनुसार उक्‍त प्रकरण की जांच संबंधित म.प्र. पुलिस थाना बण्‍डा द्वारा की जा रही है। (ग) प्रश्‍नाधीन प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट क्र. 00095/2020, दि. 07.08.2020 संबंधित म.प्र. पुलिस थाना, बण्‍डा में दर्ज की गई है एवं वर्तमान में पुलिस द्वारा प्रकरण पर कार्यवाही/विवेचना प्रक्रियाधीन है।

झील सफाई एवं नाला ट्रेपिंग कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

154. ( क्र. 1503 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर झील सफाई एवं नाला ट्रैंपिंग कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्‍या थी? क्‍या यह सही है कि तालाब खाली करने एवं नाली से तालाब में पानी भरने का कार्य साथ-साथ चला? क्‍यों? (ख) तालाब से मिट्टी/गाद निकालने के कार्य का सत्‍यापन निगम/स्‍मार्ट सिटी कंपनी के          कौन-कौन से अधिकारियों के द्वारा किया गया? निगम कमिश्‍नर एवं स्‍मार्ट सिटी सी.ई.ओ.. के इस कार्य में क्‍या दायित्‍व थे? (ग) क्‍या यह सही है कि माननीय परिवहन व राजस्‍व मंत्री ने कार्यस्‍थल को देखकर कार्य की मंद गति पर नाराजगी व्‍यक्‍त की थी? जब तय समय में कार्य होना था तब कार्य करने के लिये अपर्याप्‍त संसाधन प्रशासनिक अधिकारियों की देख-रेख में क्‍यों लगाये गये?               15 जुलाई तक कितना कार्य शेष हैकितना व्‍यय किया गया? कितना व्‍यय होना था? (घ) क्‍या कार्य से अधिक व्‍यय हुआ है? अधूरे कार्य से किया गया खर्च व्‍यर्थ हुआ? निगम आयुक्‍त/स्‍मार्ट सिटी सी.ई.ओ. की उपेक्षा, लापरवाही, संलिप्‍तता से जनधन की हानि हुई है? क्‍या जांच सी.टी.ई. मु.अ. तकनीकी परीक्षक से होगी? दोषियों को दण्डित किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) लाखा बंजारा झील के जीर्णोद्धार व पुनर्विकास के कार्य हेतु अनुबंधानुसार 18 माह की समयावधि निर्धारित है। इसमें झील सफाई एवं नाला ट्रैंपिंग का कार्य सम्मिलित है, समयावधि निधार्रित है। इसमें झील सफाई एवं नाला ट्रैपिंग का कार्य सम्मिलित है जो झील खाली करने के उपरांत प्रारंभ किया गया। (ख) तालाब से मिट्टी/गाद निकालने के कार्य का सत्यापन संबंद्ध प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टैंट के एक्सपर्ट एवं स्मार्ट सिटी के अभियंताओं द्वारा किया जाता है। निगम कमिश्‍नर एवं स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ. के द्वारा आवश्‍यक दिशा-निर्देश एवं निरंतर कार्य की मॉनिटरिंग की जाती है। (ग) माननीय परिवहन व राजस्व मंत्री द्वारा 25 मई 2021 को स्थल निरीक्षण कर कार्य की गति बढ़ाये जाने हेतु निर्देश दिये थे। तय समय में कार्य के पिछड़ने हेतु आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा अनुबंधित फर्म को नोटिस दिये गये, कार्यपालन अधिकारी द्वारा अनुबंधित फर्म को नोटिस दिये गये, जिसके जवाब में फर्म द्वारा यह तर्क दिया था कि कोविड-19 महामारी एवं अप्रैल माह में ताउते तूफान के कारण हुई बारिश से कार्य बाधित हुआ। दिनांक 15 जुलाई 2021 तक 31% कार्य पूर्ण किये गये एवं 69% शेष कार्य प्रगतिरत् है तथा उक्त दिनांक तक राशि रू 23.00 करोड़ का फर्म को भुगतान किया गया। (घ) जी नहीं। कार्यालय कलेक्‍टर एवं जिला मजिस्‍ट्रेट के आदेश क्रमांक/330/एस.टी./2021 सागर दिनांक के आदेश क्रमांक/330/एस.टी./2021 सागर, दिनांक 21.05.2021 के द्वारा जांच समिति गठित की गई। जांच समिति द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गईजिसके अनुसार जितना कार्य किया गया उतना ही भुगतान हुआ। सागर स्मार्ट सिटी के द्वारा मुख्य अभियंता,सागर स्‍मार्ट सिटी के द्वारा मुख्‍य अभियंता तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) भोपाल को स्थल निरीक्षण करने हेतु कार्यालय पत्र क्रमांक/SSCL/2021 /873 सागर, निरीक्षण करने हेतु कार्यालय पत्र क्रमांक/SSCL/2021/873 सागर दिनांक 12.03.2021 के माध्यम से अनुरोध किया गया है।

सड़कों का निर्माण कार्य एवं उनका रख-रखाव

[लोक निर्माण]

155. ( क्र. 1504 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) सागर जिले अंतर्गत देवरी विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण और उनके रख-रखाव का कार्य करने के लिये वर्तमान में किस एजेंसी को निर्धारित किया गया है? (ख) लोक निर्माण विभाग के पास कितनी-कितनी लंबाई की कौन-कौन सी सड़क के रखाव का काम है? अलग-अलग विवरण दें। (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा उपरोक्‍त एजेंसियों को सड़क निर्माण और रख-रखाव किस आधार पर आवंटित किया जाता है? (घ) इनके समन्‍वय और निगरानी का काम किसके द्वारा किया जाता है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) सड़कों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित कर एजेंसी निर्धारित की जाती है। परफॉरमेंस गारन्टी के अन्तर्गत मार्गों का रख-रखाव संबंधित संविदाकार द्वारा किया जाता है तथा संधारण के अन्तर्गत मार्गों का रख-रखाव विभागीय श्रमिकों द्वारा तथा आवश्‍यकता अनुसार निविदा कार्यवाही कर, एजेंसी निर्धारित कर कराया जाता है। (घ) विभागीय अधिकारियों द्वारा किया                                 जाता है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

वर्षों पुराने पेड़ों को काटा जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

156. ( क्र. 1525 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि मध्‍यप्रदेश गृह निर्माण मण्‍डल भोपाल को अरेरा हिल्‍स स्थित खसरा क्र. 959/1 में से 5.15 एकड़ भूमि का ग्रीन मेडोज कालोनी बनाने हेतु आवंटन किया गया था? अगर हां तो ऐसे आदेशों पर की गई सम्‍पूर्ण कार्यवाही की छायाप्रतियां प्रदाय करें।        (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि यह 5.15 एकड़ भूमि खसरा नं. 959/1 में जब आवंटित हुई थी, तब इस खसरा नंबर की भूमि पूरी क्‍यों नहीं दी गई है? स्‍पष्‍ट बताएं एवं संपूर्ण फाईल की आदेश सहित छायाप्रतियां प्रदाय करें। इसमें कौन-कौन दोषी हैं? क्‍या कालोनी जहां बनी है वह वही भूमि है या अन्‍य स्‍थान पर? स्‍पष्‍ट बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि उपरोक्‍त कॉलोनी के पीछे उत्‍तर की ओर लगी खाली भूमि कितनी-कितनी सरकारी राजस्‍व की थी? जो किस परियोजनार्थ किसको कितनी राशि (राजस्‍व) पर कितनी भूमि आवंटित कर दी गई? संपूर्ण जानकारी दें। क्‍या कॉलोनी के पीछे जो पेड़ लगे हैं वह ग्रीन लैण्‍ड में हैं तो उनको क्‍यों काटा जा रहा है? उनको रूकवाया जायेगा तो कब तक? समय सीमा सहित बताएं। (घ) प्रश्नांश (क) , (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि रहवासी इस कॉलोनी के निवासियों को एक मुश्‍त राशि जमा करवाकर लीज रेन्‍ट जमा क्‍यों नहीं करवाया जा रहा है? यह भी बताएं कि वर्षों पुराने पेड़ों को काटने से रोका जावे। नगर निगम द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा                         रही है।

अप्रारंभ एवं अधूरे कार्यों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

157. ( क्र. 1526 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के नगरीय निकायों में जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक शासन से बनाए गए प्रशासकों द्वारा कितनी-कितनी राशि कब-कब और क्‍या-क्‍या क्रय कर व्‍यय की गई है? जो सामग्री क्रय की गई तो कितनी-कितनी और किससे और किस दर पर ली गई? कृपया सम्‍पूर्ण जानकारी बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि पूर्व में इन निकायों में जनवरी 2020 में प्रत्‍येक मद में कितनी-कितनी राशि थी और कब-कब, कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा इन मदों में प्राप्‍त हुई है और निकायों में आय प्राप्‍त हुई है? प्रश्‍न दिनांक तक इन निकायों में कितनी-कितनी राशि शेष रखी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि इसी समयावधि के बाद प्रश्‍न दिनांक तक इन निकायों ने कौन-कौन निर्माण कार्य कब-कब स्‍वीकृत किए थे? कितनी-कितनी लागत से किस दर पर किस ठेकेदार द्वारा कौन-कौन से निर्माण कराए गए हैं? संबंधित ठेकेदारों को किस उपयंत्री द्वारा माप-पुस्तिका पर बिल अंकित कर भुगतान कब-कब, कितनी-कितनी राशि का किस-किस के द्वारा किया गया है? स्‍वीकृत अप्रारंभ एवं अधूरे कार्य कौन-कौन से हैं और क्‍यों यह प्रारंभ कराएं जायेंगे तो कब तक और नहीं तो क्‍यों? संपूर्ण जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।

 

 

 






भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर



किसानों को बिजली प्रदाय

[ऊर्जा]

1. ( क्र. 27 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) मध्‍यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई हेतु एवं घरेलू उपयोग हेतु कितने घण्‍टे बिजली प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? शासन के आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करायी जावे। (ख) जिला दमोह अंतर्गत वर्ष 2020-21 में कितने विद्युत ट्रांसफार्मर जले व सुधारे गये या बदले गये? विद्युत ट्रांसफार्मरों की संख्‍या वितरण केन्‍द्रवार प्रदाय किये जाने की कृपा करें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राज्‍य शासन द्वारा दिनांक 14 मई 2010 को विधानसभा में संकल्‍प-2013 पारित किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के समस्‍त घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्‍ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्‍ताओं को कृषि प्रयोजन हेतु 8 घंटे (वर्तमान में राज्‍य शासन की मंशानुसार 10 घंटे) विद्युत प्रदाय किये जाने का समय नियत किया गया है। संकल्‍प-2013 एवं संबंधित दस्‍तावेज की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) दमोह जिले में वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में 1616 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुये थे, जिनमें से 320 वितरण ट्रांसफार्मर सुधारे गये तथा शेष 1296 वितरण ट्रांसफार्मर बदले गये, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गई वितरण केन्‍द्रवार संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –‘ अनुसार है।

अजनार नदी के सौंदर्यीकरण की कार्य योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( क्र. 60 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्‍यावरा विधानसभा में स्थित अजनार नदी के सौन्‍दर्यीकरण हेतु वर्ष 2019 में कार्य योजना तैयार कि गई थी, इस योजना का बजट क्‍या था? (ख) वर्तमान में उक्‍त कार्य योजना पर क्‍या-क्‍या कार्य हुआ व किस स्थिति में है? (ग) क्‍या नगरवासियों की इस गंभीर समस्‍या को ध्‍यान में रखते हुए उक्‍त कार्य योजना पर कार्य प्रारम्‍भ होगा यदि हाँ, तो कब तक?                     (घ) शहर के बीचों-बीच स्थित उक्‍त नदी से गंदगी व संक्रमण का खतरा है क्‍या सौन्‍दर्यीकरण का कार्य पूर्ण होगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्‍तरांश ‘‘’’ के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निकाय द्वारा अजनार नदी के सौन्‍दर्यीकरण हेतु कोई कार्य योजना तैयार नहीं की गई, शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। नदी की गंदगी एवं संक्रमण से संबंधित कोई भी शिकायत निकाय को प्राप्‍त नहीं हुई है। चूंकि निकाय द्वारा अजनार नदी के सौन्‍दर्यीकरण हेतु कोई कार्य योजना तैयार नहीं की गई है, अत: योजना के क्रियान्‍वयन का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नल जल योजना के तहत स्‍वीकृत बजट

[नगरीय विकास एवं आवास]

3. ( क्र. 63 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्‍यावरा विधानसभा में शहर ब्‍यावरा में नल जल योजना के तहत कितना बजट स्‍वीकृत हुआ है? (ख) नल जल योजना किस संस्‍था व ठेकेदार द्वारा कार्य करवाया जा रहा व कनेक्‍शन के दौरान क्षतिग्रस्‍त सड़कों की मरम्‍मत कौन करेगा व कब तक होगी?                          (ग) नल जल योजना के तहत शहर में कितने कनेक्‍शन पूर्ण हुए व कितने शेष हैं व पानी की सप्‍लाय कहां से की जा रही है? (घ) उक्‍त योजना की पूर्ण होने की समयावधि क्‍या रखी गई है? (ड.) वर्तमान में नगर ब्‍यावरा में घरों में कितने दिनों में नल में पानी आ रहा है? क्‍या भविष्‍य में प्रतिदिन नल में पानी देने की कार्य योजना बनाई गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ब्‍यावरा शहर की नल-जल योजना हेतु राशि रू. 927.93 लाख का बजट स्‍वीकृत हुआ है, जिसमें राशि रू. 281.93 लाख का अनुदान एवं राशि रू. 646.00 लाख का ऋण है। (ख) नल-जल योजना का कार्य मेसर्स जेनको बिल्‍डकॉन प्रा.लि. नई दिल्‍ली द्वारा किया जा रहा है। नल कनेक्‍शन के दौरान क्षतिग्रस्‍त सड़कों की मरम्‍मत का कार्य संविदाकार संस्‍था जेनको बिल्‍डकॉन प्रा.लि., नई दिल्‍ली द्वारा किया जायेगा। मरम्‍मत कार्य मार्च 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित किया गया है। (ग) नल-जल योजना के तहत पात्र हितग्राहियों के 4250 नल कनेक्‍शन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 1250 नल कनेक्‍शन पूर्ण होना शेष है। शहर में कुशलपुरा डेम एवं घोड़ापछाड़ डेम से जलप्रदाय किया जा रहा है। (घ) योजना को पूर्ण होने की समयावधि निविदा अनुसार 12 माह रखी गई थी। योजना का लगभग 10 प्रतिशत कार्य शेष होने से योजना को पूर्ण करने का लक्ष्‍य मार्च 2022 निर्धारित किया गया है। (ड.) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जी हाँ। योजना पूर्ण होने के उपरान्‍त प्रतिदिन जलप्रदाय किया जा सकेगा।

परिशिष्ट -"पैंतालीस"

इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 151 और 166 में भवन अनुज्ञा

[नगरीय विकास एवं आवास]

4. ( क्र. 68 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम के द्वारा सुपर कॉरिडोर पर इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 151 और 166 में भवन अनुज्ञा नहीं दी जा रही है? यदि हां तो क्यों नही दी जा रही है?                          (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्हीं योजनाओं में टी.सी.एस., इंफोसिस, यश टेक्नोलॉजी व अन्य को भवन अनुज्ञा किन नियमों के तहत दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उपरोक्त दोनों योजनाएं नगर निगम के भवन अनुज्ञा के पोर्टल पर दर्ज क्यों नहीं है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सुपर कॉरिडोर पर इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्र. 151166 में वर्तमान में नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा भवन अनुज्ञा नही दी जा रही है। क्योंकि इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा उक्त योजनओं में म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 12 (क) अनुसार योजनाओं के अंतरिक विकास कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र नही लिया गया है।                                       (ख) टी.सी.एस. एवं इन्फोसिस की भूमि विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र (SEZ) के अंतर्गत अधिसूचित होने के कारण इंदौर, नगर निगम द्वारा भवन अनुज्ञा प्रदान नही की गयी। यश टेक्नोलॉजी को म.प्र. आय.टी.आय.टी.ई.एस. एवं ई.एस.डी.एम. इन्वेटमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2016 के तहत नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा आई.टी. एवं एलाईड एक्टिविटीज हेतु किये गये संशोधन दिनांक 07.12.2018 के क्रम में नगर निगम इंदौर द्वारा भवन निर्माण अनुमति प्रदान की गयी। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उत्तर अनुसार प्राधिकारी द्वारा आंतरिक विकास कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र नही लिया गया होने से उक्त दोनों योजनाओं को भवन अनुज्ञा जारी नही है। अतः पोर्टल पर दर्ज नही है।


नगर निगम सीमा अंतर्गत खतरनाक भवनों को तोड़ना

[नगरीय विकास एवं आवास]

5. ( क्र. 75 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इन्‍दौर सीमा क्षेत्र अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में निगम द्वारा कितने खतरनाक भवनों को चिन्हित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पालिक निगम द्वारा चिन्हित खतरनाक भवनों) को तोड़ने की कार्यवाही निगम द्वारा की जाती है? यदि हां तो चिन्हित खतरनाक भवनों को तोड़ने से पूर्व निगम द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में निगम द्वारा खतरनाक मकानों को कितने दिनों में तोड़ना अनिवार्य है? क्‍या निगम द्वारा शहर के मध्‍य व्‍यस्‍ततम बाजारों, महारानी रोड पर स्थित खतरनाक भवनों को तोड़ने हेतु भी नोटिस दिये गये थे? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या किसी खतरनाक भवन का प्रकरण माननीय न्‍यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है? क्‍या न्‍यायालय द्वारा खारिज किये होने के पश्‍चात् भी खतरनाक भवन को तोड़ा नहीं जा रहा है? यदि हां तो खतरनाक भवन को तोड़ने की कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि नहीं तो क्‍यो नही?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कुल 235 भवन। (ख) जी हाँ। विधि अनुसार सूचना पत्र देकर भवन स्‍वामी से स्‍वयं रिपेयर करने अथवा खतरनाक भाग को हटाने की अपेक्षा की जाती है। अपालन की स्थिति में नगर निगम द्वारा भवन खाली कराया जाकर खतरनाक भाग को गिराने की कार्यवाही की जाती है। (ग) विधि अनुसार कोई समय सीमा नियत नहीं है। जी हाँ। (घ) जी हाँ। जी नहीं, अपितु नगर पालिक निगम द्वारा माननीय न्‍यायालय के निर्देशानुसार, भवन स्‍वामी और किरायेदार की सुनवाई की जाकर, भवन को रिक्‍त करवाकर तोड़ने का निर्णय लेते हुए, सूचना पत्र क्रमांक 653 दिनांक 10.11.2021 से उभय पक्षों को सूचित किया गया है। भवन स्‍वामी एवं किरायेदार द्वारा भवन रिक्‍त करने के पश्‍चात, भवन को तोड़ने की कार्यवाही की जा सकेगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

इन्दौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रं. 53 की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 156 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि इन्दौर विकास प्राधिकरण की योजना क्र. 53 फेज 2 ग्राम खजराना में कितनी भूमियॉं अधिग्रहित की गई है? रेरा में पंजीयन के बाद उक्त योजना में कितनी भूमियॉं विक्रय की गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक -53 ग्राम खजराना में समाविष्ट भूमियों के मुआवजे का अवार्ड भू-अर्जन अधिकारी, जिला इंदौर द्वारा क्रमशः दिनांक 03.06.1989 को कुल रकबा 11.627 हेक्टे. भूमि के लिए एवं दिनांक 03.10.1988 कुल रकबा 91.207 हेक्टे. भूमि के लिए तथा दिनांक 05.05.1994 को रकबा 8.258 हेक्टर भूमि के लिए पारित किया गया। रेरा पंजीयन के उपरांत एक भूखण्ड का व्ययन किया गया।

विद्युत कंपनियों का निजीकरण

[ऊर्जा]

7. ( क्र. 184 ) श्री तरूण भनोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की विद्युत कंपनियों के निजीकरण को लेकर सरकार कोई कदम उठाने जा रही है? यदि हां तो तत्‍संबंधी ब्‍यौरा देवें। (ख) सरकार के इस कदम से विद्युत कंपनियों में कार्यरत स्‍थाई एवं ठेका श्रमिक भी प्रभावित होंगे? यदि हां तो क्‍या इन कर्मचारियों की सेवा शर्तें भी प्रभावित होंगी, यदि नहीं तो इन कर्मचारियों को निजी कंपनियों में किन शर्तों पर रखे जाने का प्रावधान होगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) केन्‍द्र शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण हेतु प्रारूप स्‍टैण्‍डर्ड बिडिंग डॉक्‍यूमेंट राज्‍य शासन में अभिमत हेतु प्रेषित किया गया था। केन्‍द्र शासन से अंतिम स्‍टैण्‍डर्ड बिडिंग डॉक्‍यूमेंट प्राप्‍त नहीं हुआ। अत: वर्तमान में निजीकरण का स्‍वरूप कैसा होगा तथा इससे विभिन्‍न हितग्राहियों पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा, इस संबंध में बताया जाना संभव नहीं है। साथ ही यह भी उल्‍लेखनीय है कि प्रश्‍नाधीन आशय का कोई प्रस्‍ताव राज्‍य शासन के विचाराधीन नहीं है।

नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत नवीन भर्तियाँ

[नगरीय विकास एवं आवास]

8. ( क्र. 193 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरीय प्रशासन विभाग के अंतर्गत नई नियमित भर्तियां निकाली जा रही है, किंतु पूर्व में चयनित संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर सरकार क्‍या कार्यवाही कर रही है? (ख) क्‍या नई नियमित भर्तियों के विरोध में संविदा कर्मियों द्वारा शासन स्‍तर पर शिकायतें प्राप्‍त हुई है? यदि हां तो उनकी शिकायतों के निराकरण और नियमितीकरण को लेकर सरकार क्‍या कदम उठा रही है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत भरती प्रक्रिया वर्ष 2016 से निरंतर जारी है। मध्‍यप्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 4-51/2012/18-1 दिनांक 28/02/2014 एवं मध्‍य प्रदेश शासन,नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 4-52/2012/18-1 दिनांक 28/02/2014 द्वारा नगर पालिका परिषदों, नगर परिषदों, नगर पालिक निगमों की आदर्श कार्मिक संरचना की स्‍वीकृति प्रदान की गई है, जिसके अनुक्रम में संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के पत्र क्रमांक एक/स्‍था/110/16/भोपाल/3453 एवं पत्र क्रमांक 3455 दिनांक 08.03.2016 द्वारा नगरीय निकायों के सीधी भर्ती के तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के रिक्‍त पदों की पदपूर्ति के लिए समस्‍त संभागीय संयुक्‍त संचालकों एवं आयुक्‍त नगर पालिक निगमों से प्रस्‍ताव प्राप्‍त किये जाकर व्‍यावसायिक परीक्षा मंडल भोपाल के माध्‍यम से पदपूर्ति की कार्यवाही की गई है। तत्‍पश्‍चात संचालनालय पत्र क्रमांक शाखा 1/स्‍था/न.नि./पीईबी/21-22/17459 दिनांक 12.10.2021 एवं पत्र क्रमांक शाखा1/स्‍था/न.पा.परिषद/ पीईबी/21-22/17461 दिनांक 12.10.2021 द्वारा भरती प्रक्रिया करने के निर्देश दिये गये है। मध्‍यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक 1483/2503/2018/18-1 दिनांक 21.06.2018 द्वारा संविदा पर नियुक्‍त अधिकारियो/कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किए जाने के लिए सामान्‍य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी-5-2/2018/1/3 दिनांक 05.06.2018 द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार आवश्‍यक कार्यवाही करने के निर्देश प्रदेश की समस्‍त नगरीय निकायों को दिए गए है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नवीन सब स्टेशन स्थपित करने बावत

[ऊर्जा]

9. ( क्र. 206 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत डीसी पाडल्या माता एवं डीसी मऊ में अधिक विद्युत भार होने से दोनों डीसी में मोटर पंप लाइन नियमित नहीं चल पा रही है? यदि हां तो क्या डीसी पाडल्या माता में ग्राम खजुरिया घाटा में तथा डीसी मऊ अंतर्गत ग्राम जोगीपुरा में नवीन सब स्टेशन स्थापित किए जाने हेतु अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा मांग की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर यदि हां हो तो विभाग द्वारा सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले उक्त दोनों डीसी के अंतर्गत नवीन सब स्टेशन कब तक स्थापित किये जावेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वितरण केन्‍द्र पाडल्‍या माता एवं वितरण केन्‍द्र मऊ में कृषि फीडरों को समूहों में विभक्‍त कर उचित भार प्रबंधन सुनिश्चित करते हुये सामान्‍यत: सुचारू रूप से विद्युत प्रवाह किया जा रहा है। तथापि प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में 33/11 के.व्‍ही. पाडल्‍या माता विद्युत उपकेन्‍द्र से निर्गमित 11 के.व्‍ही. खजुरिया घाटा कृषि फीडर पर वोल्‍टेज रेग्‍यूलेशन तकनीकी मापदण्‍डों के अनुरूप नहीं है। जी हाँ, माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा ग्राम जोगीपुरा एवं ग्राम खजुरिया घाटा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना की मांग की गई है। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 33/11 के.व्‍ही. पाडल्‍या माता विद्युत उपकेन्‍द्र से निर्गमित 11 के.व्‍ही. खजुरिया घाटा कृषि फीडर पर वोल्‍टेज रेग्‍यूलेशन तकनीकी मापदण्‍डों के अनुरूप नहीं है। उक्‍त समस्‍या के निराकरण एवं भविष्‍य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत वितरण केन्द्र पाडल्या माता के अंतर्गत ग्राम खजुरिया घाटा के समीपवर्ती 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र लीमाचौहान में 1x3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता के एक अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 9 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन के इंटरकनेक्‍शन का कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है। उक्‍त कार्य को भारत सरकार द्वारा वित्‍त पोषित आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत सम्मिलित किया गया है। उक्‍त योजना में स्‍वीकृति उपरांत वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार उक्‍त कार्य किया जा सकेगा। उक्‍त कार्य पूर्ण होने पर ग्राम खजुरिया घाटा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र में स्‍थापना की आवश्‍यकता नहीं होगी। वितरण केन्‍द्र मऊ अंतर्गत ग्राम जोगीपुरा में नवीन 33/11के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं पाया गया है।

निलंबित अधिकारी कर्मचारियों की जानकारी

[ऊर्जा]

10. ( क्र. 246 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) सौभाग्य योजना के तहत तत्‍कालीन सरकार के तत्कालीन मंत्री द्वारा अनियमितता पाए जाने पर सदन में ही विद्युत विभाग के कुछ अधिकारियों को निलंबित किया गया था, उक्त संबंध में जांच की क्या स्थिति है? (ख) कतिपय अधिकारियों के अलावा कितने और अधिकारियों और लिप्त लोगों को निलंबित यह सेवा मुक्त किया गया है? (ग) सदन से निलंबित कतिपय अधिकारियों के द्वारा निलंबन के विरुद्ध लिए गए स्थगन प्रकरणों की क्या स्थिति है? (घ) स्थगन निरस्त कराने क्या-क्या प्रयास सरकार ने अभी तक किए हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मण्‍डला एवं डिंडौरी जिलों में सौभाग्‍य योजना अन्‍तर्गत क्रियान्वित कार्यों में पाई गई अनियमितता हेतु तत्‍कालीन सरकार के तत्‍कालीन मंत्री महोदय द्वारा सदन में ही म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रथम दृष्‍टया दोषी पाए गए दो अधिकारियों क्रमश: श्री टी.के. मिश्रा, तत्‍कालीन अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.) वृत्‍त मंडला एवं श्री अशोक निकोसे, तत्‍कालीन अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.) डिंडौरी को निलंबित किये जाने के निर्देश दिये गये थे। उक्‍त निलंबन आदेश के विरूद्ध उक्‍त अधिकारियों द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में रिट याचिका दायर की गई थी। जिसमें से श्री अशोक निकोसे, तत्‍कालीन अधीक्षण अभियंता, डिंडौरी के निलंबन आदेश को माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा निरस्‍त किया गया है एवं श्री टी.के. मिश्रा, तत्‍कालीन अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.) मंडला वर्तमान में निलंबित है। निलंबन उपरांत उक्‍त प्रकरणों में संबंधितों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच संस्थित की गई थी। 01 प्रकरण में अपचारी अधिकारी श्री टी.के. मिश्रा द्वारा आरोप पत्र निरस्‍त करने हेतु माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में रिट याचिका दायर की गयी थी। जिसमें माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर के द्वारा पारित निर्णय दिनांक 21.10.2021 के विरूद्ध कंपनी द्वारा रिट अपील दायर की गयी थी। रिट अपील पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर के द्वारा पारित निर्णय दिनांक 22.11.2021 में म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 14 के प्रावधान के अनुसार अनुशासनिक प्राधिकारी के अनुमोदन उपरांत आरोप पत्र जारी करने की स्‍वतंत्रता कंपनी को दी गयी है। श्री अशोक निकोसे द्वारा विभागीय जांच में उनके विरुद्ध जारी पूरक आरोप पत्र पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश दिनांक 07.04.2021 से आगामी सुनवाई तक स्‍थगन प्राप्‍त किया गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित अधिकारियों सहित, अधिकारियों/संबंधितों के विरूद्ध की गई निलंबन एवं सेवा मुक्‍त करने की कार्यवाही की प्रश्‍नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखानुसार मंडला एवं डिंडौरी जिलों में सौभाग्‍य योजनांतर्गत पायी गयी अनियमितताओं हेतु प्रथम दृष्‍टया दोषी पाये गए 02 निलंबित अधीक्षण अभियंताओं द्वारा निलंबन आदेश के विरूद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में पृथक-पृथक रिट याचिकाऍं दायर की गई थी। श्री टी.के. मिश्रा, अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.) वृत्‍त मंडला वर्तमान में निलंबित है एवं श्री अशोक निकोसे, अधीक्षण अभियंता (संचा./संधा.) वृत्‍त डिंडौरी द्वारा निलंबन आदेश के विरूद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में रिट याचिका दायर की गयी थी जिसमें माननीय न्‍यायालय द्वारा उनके निलंबन को निरस्‍त किया गया है। (घ) उक्‍त अधिकारियों के निलंबन के परिप्रेक्ष्‍य में उत्‍तरांश (ग) में उल्‍लेखानुसार एवं आरोप पत्रों पर प्राप्‍त स्‍थगन के परिप्रेक्ष्‍य में उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखानुसार कार्यवाही म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई है।

परिशिष्ट -"छियालीस"

भोपाल विकास प्राधिकरण के अंतर्गत निर्माण कार्य की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( क्र. 259 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 के पश्चात भोपाल विकास प्राधिकरण के अधीनस्थ निर्माण कार्य प्रगतिरत है? यदि हां तो कार्य का नाम, स्थान, कार्य की लागत, निर्माण एजेंसी का नाम एवं कार्य की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित कार्यों की प्रारंभ करने एवं कार्य को पूर्ण करने की तारीख, यदि कार्य पूर्ण करने की निर्धारित तिथि में भी कार्य पूर्ण नहीं किया गया हो तो विलंब के लिए ठेकेदार के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य का नाम- शा. स्वामी विवेकांनद महाविद्यालय सांरगपुर जिला राजगढ़ जिला राजगढ़ का निर्माण। स्थान-सारंगपुर। लागत 2,95,23,913.00/- निर्माण एजेंसी-भोपाल विकास प्राधिकरण भोपाल। भौतिक एवं वित्तीय प्रगतिः- कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा प्राप्त वित्तीय स्वीकृति अंतर्गत है। अन्तिम देयक परीक्षण में है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में कार्य प्रारंभ- दिनांक 10.09.2020, कार्य पूर्ण दिनांक 10.03.2021 दिनांक 10.09.2020 से 06 माह की अवधि में पूर्ण न होकर कोरोना महामारी (अपरिहार्य बाधाओं) एवं अन्य कारणों से दिनांक 10.11.2021 को पूर्ण कर दिनांक 25.11.2021 को आधिपत्य दिया जा चुका है।विलंब हेतु ठेकेदार पर किसी प्रकार की कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।

 


क्षतिग्रस्‍त सड़कों की मरम्‍मत

[लोक निर्माण]

12. ( क्र. 357 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा के विधानसभा क्षेत्र क्रमाक 145 बासौदा अन्‍तर्गत ब्‍लॉक बसौदा एवं ग्‍यारसपुर में विभाग के अन्‍डर में कुल कितनी सड़कें हैं? उनके नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में वर्णित इन सड़कों में कुल कितनी सड़कें पूर्ण क्षतिग्रस्‍त एवं आंशिक क्षतिग्रस्‍त हैं? नाम बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर में वर्णित पूर्ण क्षतिग्रस्‍त एवं आंशिक क्षतिग्रस्‍त सड़कों को दुरूस्‍त या निर्माण के लिये विभाग द्वारा क्‍या योजना है? प्रत्‍येक की अलग-अलग बतावें? (घ) क्‍या विभाग द्वारा चालू वित्‍तीय वर्ष में नवीन सड़क निर्माण के प्रस्‍ताव शासन को स्‍वीकृति हेतु भेजे गये हैं या भेजे जायेंगे? यदि हाँ तो उन सड़कों के नाम बतावें?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है, इसके अतिरिक्‍त म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत, गंजबासौदा-त्‍यौंदा-बागरोद मार्ग एवं गंजबासौदा-सिरोंज मार्ग है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

भवन निर्माण की अनुमति

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( क्र. 396 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही हैं कि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नगरपालिकाओं व नगर परिषदों में आवासीय व व्‍यवसायिक प्रयोजन से भवन निर्माण हेतु अनुमति प्रदान की जाती हैं यदि हां तो इस अनुमति हेतु क्‍या नियम हैं, नियमावली की सत्‍यप्रति देवें। (ख) क्‍या यह भी सही हैं कि प्रदेश की सभी नगर पालिकाओं व नगर परिषदों में एक ही नियम लागू हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्‍तर यदि न में है तो नगरपालिकाओं व नगर परिषदों में पृथक-पृथक नियम हेतु क्‍या आधार हैं? (घ) यदि इन नियमों के विरूद्ध इनकी अवहेलना व इन्‍हें अनदेखा करते हुये किसी अधिकारी द्वारा आवासीय व व्‍यवसायिक प्रयोजन से भवन निर्माण हेतु अनु‍मति दी जाती हैं, तो क्‍या दोषी पाये जाने पर उस अधिकारी पर शासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी यदि हां तो क्‍या?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 एवं भूमि विकास नियम 2012 के अधीन भवन अनुज्ञा प्रदान की जाती है। नियमावली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां। (ग) नगर पालिका एवं नगर परिषदों के लिये नियम एक समान होने से शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                                     (घ) किसी अधिकारी द्वारा नियम के विरुद्ध भवन निर्माण हेतु अनुमति प्रदान करने पर उक्‍त अधिकारी के विरुद्ध विहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाकर दोषी होने पर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जाती है।



पन्‍द्रहवें वित्‍त आयोग द्वारा नगरीय निकायों को स्‍वीकृत राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

14. ( क्र. 409 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्‍द्र सरकार द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2021-22 के लिये पन्‍द्रहवें वित्‍त आयोग द्वारा नगरीय निकायों की जनसंख्‍या वर्ष 2011 के आधार पर नान मिलीयन प्‍लस वाले नगरीय निकायों के लिए राज्‍य शासन को कितनी धनराशि स्‍वीकृत की गई एवं कितनी किश्‍तों में कब-कब धनराशि प्राप्‍त हुई? पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्‍नांक (क) के संदर्भ में नगरीय निकायों को किन-किन विकास कार्यों के लिये धनराशि प्राप्‍त हुई? उक्‍त राशि का विकास कार्यों के लिये क्‍या उपयोग किया गया? (ग) क्‍या वित्‍त आयोग के द्वारा जो धनराशि विकास कार्यों के लिये स्‍वीकृत की गई है उनमें नगरीय विकास एवं आवास विभाग एवं स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग के अंतर्गत ग्रामीण उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र एवं प्राथ‍मिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिये वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक स्‍वास्‍थ्‍य अनुदान हेल्‍थ ग्रान्‍ट प्रदान की गई है? जिसके द्वारा स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं में डायग्‍नोस्टिक सेवाओं का सुदृढ़ीकरण एवं ब्‍लॉक पब्लिक हेल्‍थ यूनिट का निर्माण एवं प्रबंधन तथा भवन विहीन स्‍थास्‍थ्‍य केन्‍द्र/प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र/सामुदायिक केन्‍द्रों का निर्माण किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में पन्द्रहवें वित्त आयोग अनुसार नान मिलीयन प्लस वाले नगरीय निकायों को निम्नानुसार अनुदान प्रदाय किया गया हैः-

सरल क्रमांक

आदेश दिनांक

राशि रूपये

अनुदान का प्रकार

1

22.06.2021

1,99,60,00,000

प्राथमिक (Untied)

2

20.09.2021

2,99,40,00,000

निर्दिष्ट (Tied)

 

 

 

उपरोक्तानुसार कुल राशि रू. 499.00 करोड़ नान मिलियन प्लस जनसंख्या वाले नगरीय निकायों को आवंटित की जा चुकी है। संबंधित आदेश प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 1. वित्तीय वर्ष 2021-22 में NMPC को प्राथमिक (Untied) अनुदान राशि. 1,99,60,00,000/- (राशि रूपये एक अरब निन्यानवे करोड़ साठ लाख मात्र) प्राप्त हुई। केन्द्र सरकार के आवंटन आदेश अनुसार प्रदाय राशि स्थापना एवं वेतन भत्तों को छोड़कर अन्य जरूरत के खर्चों पर व्यय की जा सकती है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार प्राप्त राशि का उपयोग पन्द्रहवें वित्त आयोग के निर्देशानुसार संविधान की 12 वीं अनुसूची में उल्लेखित विकास कार्यों पर किया गया है। 2. वित्तीय वर्ष 2021-22 में NMPC को प्राथमिक (Tied) अनुदान राशि रू. 2,99,40,00,000/- (राशि दो अरब निन्यानवे करोड़ चालीस लाख मात्र) प्राप्त हुई। केन्द्र सरकार के आवंटन आदेश अनुसार प्रदाय राशि का उपयोग समान अनुपात में पेयजल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु किया गया है। आदेश प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगरीय विकास एवं आवास विभाग को इस कार्य हेतु राशि प्राप्त नहीं हुई है एवं लोक स्वास्थ्य विभाग को वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य अनुदान हेतु ग्रांट भारत सरकार से प्राप्त हुई है।

शासकीय महाविद्यालय सेंधवा की प्राप्‍त शिकायत

[उच्च शिक्षा]

15. ( क्र. 550 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय सेंधवा की 1 अप्रैल 2018 से लेकर प्रश्‍न दिनां‍क तक अतिरिक्‍त संचालक कार्यालय इंदौर में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्राप्‍त शिकायतों में से कितनी शिकायतों पर जांच दल गठित किये हैं तथा जांच दल से कितने जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त हुए? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कितनी शिकायतों पर जांच लंबित है या प्रचलन में है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 05 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ख) 05 शिकायतों पर जांच दल गठित किये हैं। जांच दलों से 05 जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं। (ग) निरंक।

कृषकों को विद्युत सुविधा का विस्तार

[ऊर्जा]

16. ( क्र. 733 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा तहसील अंतर्गत कृषि क्षेत्र में धान का रकबा बढ़ने से एवं पूर्व से स्थापित सब स्टेशनों की क्षमता कम होने से किसानों को विद्युत की आपूर्ति पूर्ण रूप से नही की जा रही है? क्या विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों? (ख) क्या शासन विदिशा तहसील के कृषकों को विद्युत की सुविधा पर्याप्त रूप से उपलब्ध कराये जाने के क्रम में ग्राम लश्करपुर स्थित सब स्टेशन की क्षमता बढ़ाये जाने एवं ग्राम पंचायत बंधेरा अंतर्गत नवीन सब स्टेशन स्थापित कर कृषकों को विद्युत की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विदिशा तहसील के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में धान का रकबा बढ़ने से हुई भार वृद्धि की तुलना में स्‍थापित 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों की क्षमता पर्याप्‍त है तथा प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में कृषि कार्य हेतु कृषि फीडरों को समूहों में विभक्‍त कर निर्धारित अवधि हेतु उचित वोल्‍टेज पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।                                         (ख) ग्राम लश्‍करपुर स्थित 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की क्षमता बढ़ाये जाने एवं ग्राम पंचायत बंधेरा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना के कार्य तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

विधानसभा मुख्‍यालय पर विश्राम गृह की स्‍वीकृति

[लोक निर्माण]

17. ( क्र. 773 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा मुख्‍यालय में विश्राम गृह निर्माण कार्य की स्‍वीकृति हेतु क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गंधवानी मुख्‍यालय में विश्राम गृह की स्‍वीकृति कब तक दी जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) धार जिले के गंधवानी विधानसभा मुख्‍यालय में विश्राम गृह निर्माण कार्य का प्राक्‍कलन राशि रू. 103.05 लाख का स्‍थाई वित्‍तीय समिति की बैठक दिनांक 05.03.2018 में विचारार्थ प्रस्‍तुत किया गया था। बैठक में उक्‍त कार्य को समिति द्वारा स्‍वीकृति नही दी गई थी। (ख) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

विकसित कालोनियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

18. ( क्र. 774 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले में शासकीय एजेन्सियों एवं निजी कालोनाईजरों द्वारा कालोनियां विकसित की जा र‍ही हैं? यदि हां तो कालोनी विकसित करने की प्रक्रिया एवं गाईड लाईन की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हां तो भूमियों के डायवर्सन के आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें एवं किन-किन भूमियों का डायवर्सन किस उद्देश्‍य से किया गया? प्रत्‍येक कालोनी की संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) जहां कॉलोनी विकसति की गई है, उसमें वर्गवार भूमि का डायवर्सन किस भूमि का किया गया है? सर्वे नंबर सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। विकसित कालोनियों में गरीब समाज के कमजोर वर्ग के कितने-कितने प्‍लॉट आरक्षित किये गये हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सम्‍पूर्ण मध्‍यप्रदेश, जिसमें धार जिला भी सम्मिलित है, में विकसित की जाने वाली कॉलोनियों का विकास करने की अनुमति म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के प्रावधान अंतर्गत जारी की जाती है। (ख) एवं (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

फर्जी नामांतरण निरस्‍त कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( क्र. 785 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद सारंगपुर, जिला-राजगढ़ अंतर्गत नगरीय क्षेत्र सारंगपुर में भूखण्‍ड, भूमि एवं आवास क्रय-विक्रय किये जाने के उपरांत नामांतरण करवाने हेतु शासन के क्‍या नियम हैं? नियमानुसार किन-किन अभिलेखों की आवश्‍यकता होती है? (ख) सारंगपुर नगर परिषद में भूखंड/भवन क्रमांक-173 स्‍व.बसंतीलाल, पुरूषोत्‍तम सुनार पिता स्‍व.हजारीलाल का नामांतरण कब किया गया था? नामांतरण का वर्ष, क्षेत्रफल, नक्‍शा, चतुर्थसीमा की जानकारी से अवगत करावें। बसंतीलाल एवं पुरूषोत्‍तम सुनार के निधन उपरांत वारिसों के बंटवारे के पश्‍चात कितना-कितना भूखण्‍ड का नामांतरण किया गया है? भूखण्‍ड का क्षेत्रफल, नक्‍शा, चतुर्थसीमा की जानकारी से अवगत करावें। (ग) भूखण्‍ड क्रमांक 173 का 1/2 भाग में से कमलाबाई, महेश कुमार एवं श्री श्‍याम सोनी के द्वारा बंटवारा के उपरांत कितना-कितना भाग किसको विक्रय किया जाकर नामांतरण किया गया है? नामांतरण किये गये भूखण्‍ड/भवन का नक्‍शा, क्षेत्रफल, चतुर्थसीमा एवं रजिस्‍ट्री की जानकारी से अवगत करावें। (घ) कमलाबाई, महेशकुमार एवं श्‍याम सोनी पिता स्‍व. पुरूषोत्‍तम सोनी के द्वारा भवन क्रमांक 173 का 1/2 भाग में से 25बाई25 फिट कुल 625 वर्गफिट का प्‍लाट अधिकारियों की मिलीभगत से बिना किसी दस्‍तावेज के नियम के विरूद्ध शासकीय भूमि/नजूल की भूमि का ही नामांतरण किया गया है? क्‍या फर्जी नामांतरण को निरस्‍त कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश, नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 150 में हक के अंतरण की सूचना कब दी जाएगी प्रावधानित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निकाय के भवन/भूमि रिकार्ड अभिलेख अनुसार बसंतीलाल सोनी की मृत्यु के पश्‍चात उनकी पत्नी रामप्यारी बाई व उनके पुत्र क्रमश: ओम प्रकाश एवं दीपक कुमार के नाम से 1/2 भाग पैतृक संपत्ति का फौती नामांतरण वर्ष 2020 में किया गया। नगरपालिका सारंगपुर द्वारा प्रस्तुत जानकारी के साथ नक्शे की प्रति संलग्न की गई है जिसकी मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद, सारंगपुर द्वारा सत्यप्रतिलिपि हस्ताक्षरित है जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। नगर पालिका परिषद, सारंगपुर में संधारित भवन/भूमि पंजी में भूखण्ड/भवन क्रमांक 173 स्वर्गीय बंसतीलाल, पुरूषोत्तम सुनार पिता स्वर्गीय हजारी लाल का नामांतरण का वर्ष, क्षेत्रफल, नक्शा एवं चतुर्थसीमा की जानकारी दर्ज नही है। पुरूषोत्तम सुनार की मृत्यु उपरांत उनकी पत्नी कमलाबाई व उनके पुत्र क्रमशः महेश कुमार एवं श्‍याम कुमार के नाम से 1/2 भाग पैतृक संपत्ति का फौती नामांतरण वर्ष 1994-95 की पंजी में दर्ज है एवं क्षेत्रफल, नक्शा एवं चतुर्थसीमा की जानकारी निकाय अभिलेख में दर्ज नही है। (ग) भू-खण्ड क्र. 173 1/2 भाग में से कमलाबाई पति पुरूषोत्तम एवं महेश कुमार पिता पुरूषोत्तम द्वारा 910 वर्गफिट की रजिस्ट्री विक्रय पत्र दिनांक 21.10.2019 अनुसार श्‍याम कुमार पिता पुरूषोत्तम सोनी को विक्रय की गई है, जिसकी रजिस्ट्री विक्रय पत्र के आधार पर श्‍याम कुमार सोनी पिता पुरूषोत्तम सोनी भू-खण्ड/भवन क्र. 173 का 1/2 भाग 17.6 बाई 52 कुल 910 वर्गफिट का नामांतरण किया जाकर निकाय के भवन/भूमि पंजी वर्ष 2018-19 में दर्ज किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद, सारंगपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार कमला बाई, महेश कुमार एवं श्‍याम सोनी पिता स्व. पुरूषोत्तम सोनी के द्वारा भवन क्र. 173 का 1/2 भाग में से क्रेता सादिका सुल्लताना पति सैयद अतहर हुसैन एवं श्रीमती नसरीन जमाल पति सैयद जफर हुसैन को रजिस्ट्री विक्रय पत्र दिनांक 28.05.2014 अनुसार 25 बाई 25 कुल 625 वर्गफिट भू-खण्ड/भवन विक्रय किया गया है। विक्रय पत्र दिनांक 28.05.2014 के आधार पर निकाय द्वारा क्षेत्रफल 625 वर्गफिट भूमि का नामांतरण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विधान सभा प्रश्न में उल्लेखित शासकीय भूमि/नजूल भूमि पर कलेक्टर राजगढ़ से जानकारी चाही गई है, जानकारी प्राप्त होने पर नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही ही जावेगी।

बरगी विधान सभा के ग्रामीण अंचलों में सड़क निर्माण

[लोक निर्माण]

20. ( क्र. 841 ) श्री संजय यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                   (क) क्‍या विभाग को मुख्‍य अभियंता (मध्‍य क्षेत्र), लोक निर्माण विभाग जबलपुर का पत्र क्रमांक 6226 दिनांक 8-10-21 प्राप्‍त हो गया है? यदि हां तो उक्‍त पत्र में बरगी विधान सभा क्षेत्र की 5 सड़कों के प्राक्‍कलनों के तकनीकी स्‍वीकृति कर भोपाल आवश्‍यक कार्यवाही हेतु भेजी गई थी, पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? इन प्रस्‍तावों को नस्‍तीबद्ध करते हुए वापसी की कार्यवाही क्‍यों की जा रही है जबकि इन प्रस्‍तावों को शासन द्वारा भी मंगाया गया है? (ख) क्‍या विभाग को उक्‍त मार्गों की स्‍वीकृति हेतु मान. विभागीय मंत्री के कार्यालय जावक क्रमांक 3299 दिनांक 29-09-21 से पत्र प्राप्‍त हुआ है? यदि हां तो विभाग द्वारा उक्‍त मार्गों की स्‍वीकृति क्‍यों नहीं दी जा रही है, जबकि मार्गों की तकनीकी स्‍वीकृति जबलपुर कार्यालय से भी प्राप्‍त हो गई है? स्‍वीकृति कब तक जारी की जावेगी? (ग) बरगी विधान सभा क्षेत्र के 16 मार्गों के निर्माण हेतु विभागीय मंत्री के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1829 दिनांक 29-12-21 पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए किये गए पत्राचार/नस्‍ती/प्रस्‍तावों की प्रति उपलब्‍ध करावें।                                  (घ) विभाग में विधान सभा क्षेत्र बरगी अंतर्गत निर्माण कार्यों के कितने प्रस्‍ताव लंबित हैं? कितनों की तकनीकी स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई है एवं कितने ऐसे प्रस्‍ताव हैं जो स्‍वीकृत हो गए हैं परन्‍तु बजट के अभाव में निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सके हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। जिन निर्माण कार्यों की तकनीकी स्‍वीकृति विभाग को प्राप्‍त हुई है, उन निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति कब तक जारी की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। वित्त विभाग के द्वारा निर्धारित अनुमत्य सूचकांक के अंतर्गत स्‍वीकृति अप्राप्‍त है। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) पत्र दिनांक 29.12.2021 नहीं अपितु 29.12.2020 प्राप्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) म.प्र. सड़क विकास निगम संभाग जबलपुर के अंतर्गत बरगी विधान सभा क्षेत्र के तहत, अमन ढाबा से शहपुरा (पूर्व NH-12 का भाग) तक लंबाई 1.5 कि.मी. में विद्यमान मार्ग पर सीमेंट कांक्रीट मार्ग निर्माण कार्य (वन टाईम इनवेस्टमेंट के तहत) स्‍वीकृति अप्राप्‍त है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

बिजौरी (चरगवां) में नवीन शासकीय महाविद्यालय की वित्‍तीय स्‍वीकृति

[उच्च शिक्षा]

21. ( क्र. 842 ) श्री संजय यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) जिला जबलपुर के आदिवासी बाहुल्‍य चरगवां क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम बिजौरी में नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्‍थापना एवं संचालन की स्‍वीकृति के संबंध में उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा सहमति हेतु प्रस्‍ताव वित्‍त विभाग को भेजा गया है? यदि हां तो उक्‍त पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए किये गए पत्राचारों/नस्‍ती की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या उक्‍त महाविद्यालय हेतु बजट (वित्‍तीय वर्ष 2019-20 में नवीन मद के रूप में शामिल किया गया है) में पूर्व से ही प्रावधान है? यदि हां तो आदिवासियों की उपेक्षा करते हुए वित्‍त विभाग महाविद्यालय संचा‍लन एवं स्‍थापना के प्रस्‍ताव पर अपनी सहमति क्‍यों नहीं दे रहा है? (ग) जब महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु निर्धारित मापदण्‍ड की भी पूर्ति हो रही है तो बिजौरी में नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्‍थापना एवं संचालन की स्‍वीकृति के संबंध में वित्‍त विभाग से सहमति कब तक प्रदान की जावेगी? (घ) उक्‍त महाविद्यालय की स्‍वीकृति के संबंध में सहमति प्रदान करते हुए मान. वित्‍त मंत्री के कार्यालय जावक क्रमांक 1416, दिनांक 01.07.21 द्वारा प्रमुख सचिव वित्‍त को प्रेषित पत्र पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। चरगवां में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने के लिये सहमति हेतु प्रस्‍ताव विभाग द्वारा वित्‍त विभाग को प्रेषित किया गया है। वित्‍त विभाग की सहमति तथा मंत्रि-परिषद के अनुमोदन उपरांत आगामी कार्यवाही की जायेगी जिसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2019-20 की बजट पुस्तिका में नवीन मद के रूप में बिजोरी सम्मिलित नहीं है अपितु शहपुरा, विजयनगर एवं चरगवां उल्‍लेखित हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश का उत्‍तर उत्‍तरांश (क) अनुसार।

छिंदवाड़ा जिले में क्षतिग्रस्‍त पुलों के निर्माण

[लोक निर्माण]

22. ( क्र. 886 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छि़दवाड़ा जिले में सांख ग्राम और साजपानी ग्राम के बीच पेंच नदी पर बना पुल बाढ़ से बहने के बाद आवागमन बंद है इसके निर्माण के लिए विभाग ने अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) इसी तरह छिंदवाड़ा जिले में हलालखुर्द और बोलपेठ, पौमिया एवं बाढ़गांव के बीच पेंच नदी के पुल भी क्षतिग्रस्‍त है इनके लिए अभी तक की गई विभागीय कार्यवाही की जानकारी देवें।                       (ग) यदि प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो कार्यवाही कर पुल निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान कब तक की जाएगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                                     (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्‍वीकृति के संबंध में निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं।

परिशिष्ट -"सैंतालीस"

पेयजल की पाईप लाईन के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

23. ( क्र. 971 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल जिले के P-सेक्‍टर, प्रियंका नगर, कोलार रोड क्षेत्र में पेयजल की पाईप लाईन बिछाने का कार्य किया जा रहा है? यदि हां तो यह कार्य किस एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है एवं कितना कार्य किन-किन स्‍थानों पर किस स्‍तर पर किया गया है और कितना कार्य कराया जाना शेष है? (ख) पेयजल पाईप लाईन बिछाने के पश्‍चात रहवासियों के भवनों में जल कनेक्‍शन प्रदान करने संबंधी कार्य कब से प्रारंभ किया जायेगा? (ग) क्‍या पेयजल पाईप लाईन बिछाने के पश्‍चात क्षतिग्रस्‍त सड़कों का रेस्‍टोरेशन कार्य कहां-कहां करवाया गया है? ऐसे आवास जिनके सामने पूर्व से डामरीकृत/सी.सी. सड़क नहीं बनी है, उनमें पेयजल पाईप लाईन बिछाने के पश्‍चात सड़क का निर्माण किया जायेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम भोपाल के क्षेत्रान्‍तर्गत यह कार्य मेसर्स तापी प्रीस्‍ट्रेस्‍ड प्रोडक्‍टस लि. द्वारा कराया जा रहा है। पी-सेक्‍टर के उत्‍तरी दिशा में लगभग 1.5 कि.मी. पाईप लाईन बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं पी-सेक्‍टर के दक्षिणी भाग में लगभग 03 कि.मी. पाईप लाईन बिछायी जा चुकी है, जिसकी कनेक्टिविटी एवं टेस्टिंग का कार्य शेष है। (ख) पी-सेक्‍टर के उत्‍तरी दिशा के क्षेत्र में नल कनेक्‍शन प्रदाय किए गए है एवं जलप्रदाय किया जा रहा है एवं दक्षिणी भाग में बिछाई गयी पाईप लाईन की कनेक्टिवि‍टी एवं टेस्टिंग का कार्य आगामी तीन माह में पूर्ण होने के संभावना है, जिसके पश्‍चात इस क्षेत्र में नल कनेक्‍शन प्रदाय करने का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। (ग) पी-सेक्‍टर प्रियंका नगर के उत्‍तरी भाग में पाईप लाईन बिछाने के पश्‍चात खोदी गई सड़कों का रेस्‍टोरेशन कर पूर्ववत बना दिया गया है एवं दक्षिणी भाग की सड़कों में अस्‍थाई रेस्‍टोरेशन कर मोटरेवल बना दिया गया है। ऐसे आवास जिनके सामने पूर्व से डामरीकृत/सी.सी. सड़क नहीं बनी है उनमें भी पाईप लाईन बिछाने के पश्‍चात अस्‍थाई रेस्‍टोरेशन कर मोटरेवल कर दिया गया है, वर्तमान में यहा पक्‍की सड़क बनाने का कार्य स्‍वीकृत नहीं है, स्‍वीकृति उपरान्‍त कार्य कराया जाना संभव हो सकेगा। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

विधि विश्‍वविद्यालय का किराये के परिसर में संचालन

[उच्च शिक्षा]

24. ( क्र. 973 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) क्‍या धर्मशास्‍त्र विधि विश्‍वविद्यालय, जबलपुर वर्तमान में बी.एस.एन.एल. के किराये के परिसर से संचालित हो रहा है? विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना को कितने वर्ष हो चुके हैं? क्‍या विश्‍वविद्यालय का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, यदि हां तो कब से? यदि नहीं तो क्‍यों? (ख) क्‍या राज्‍य सरकार ने दिनांक 23.09.2020 को पृष्‍ठांकन आदेश क्रमांक एफ 1-07/2018/38-3, भोपाल दिनांक 23.09.2020 के माध्‍यम से विश्‍वविद्यालय परिसर के निर्माण के पहले चरण के लिये 99.85 करोड़ रूपये आवंटित किये हैं? (ग) क्‍या उक्‍त राशि जारी कर दी गई है? यदि नहीं तो इसके क्‍या कारण हैं? यदि हां किस दिनांक को? यदि नहीं तो इसके क्‍या कारण हैं? उक्‍त विश्‍वविद्यालय वर्तमान में बी.एस.एन.एल. के किराये के परिसर से कार्य करने की वजह से प्रत्‍येक वर्ष बी.एस.एन.एल. को कितने रूपये का भुगतान किया जा रहा है? (घ) क्‍या विश्‍वविद्यालय को राज्‍य सरकार द्वारा सीमित अनुदान प्रदान किया गया है? विश्‍वविद्यालय किराये पर होने के कारण प्रत्‍येक छात्र से ज्‍यादा फीस की वसूली की जा रही है? क्‍या DNLU के छात्रों से किसी भी अन्‍य राष्‍ट्रीय विधि विश्‍वविद्यालय के विपरीत छात्रावास शुल्‍क वसूला जा रहा है? (ड.) क्‍या राज्‍य सरकार ने विश्‍वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन एम.ओ.यू. पर दिनांक 05.04.2019 को हस्‍ताक्षर किये हैं? क्‍या विश्‍वविद्यालय के किराये का सीधे संबंधित प्राधिकरण को भुगतान किया गया है? क्‍या किराये के भवन पर चलने वाला उक्‍त विश्‍वविद्यालय गंभीर वित्‍तीय असुरक्षा में हैं? यदि हां तो इस वजह से छात्रों से उच्‍च शुल्‍क का भुगतान करने के बाद भी घटिया सुविधायें प्रदान की जा रही हैं? क्‍या उक्‍त विश्‍वविद्यालय की वर्तमान क्षमता के 250 छात्रों की और वर्तमान में विश्‍वविद्यालय में 360 से अधिक छात्र                                  नामांकित हैं?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। तीन वर्ष पांच माह। विश्‍वविद्यालय भवन के निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) विश्‍वविद्यालय निर्माण के लिए प्रथम चरण हेतु रूपये 99.85 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। (ग) जारी प्रशासकीय स्वीकृति के विरूद्ध रूपये 27 करोड़ का आवंटन दिनांक 12.05.2021 को जारी किया गया है। बी.एस.एन.एल. को प्रत्‍येक वर्ष लगभग रूपये 8.00 करोड़ की राशि किराए के रूप में भुगतान की जा रही है।                                           (घ) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। (ड.) जी नहीं। जी हॉ, विश्‍वविद्यालय द्वारा प्राधिकरण को भुगतान किया जाता है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं।

हितग्राहियों को भवन आवंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

25. ( क्र. 1013 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर अंतर्गत नगर पालिका एवं नगर परिषद में ए.एच.पी. योजना (प्रधानमंत्री आवास) अंतर्गत कितने भवन दिए जाने थे? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित भवन के लिए किन-किन हितग्राहियों द्वारा राशि को जमा की गयी है? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) क्या उक्त भवनों के लिए हितग्राहियों द्वारा राशि जमा करने के उपरांत भवन आवंटित किए गए हैं? यदि हां तो कब, किसको, किसके द्वारा? यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (घ) उक्त भवनों का निर्माण किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है? क्या उक्त निर्माण एजेंसी को विभाग द्वारा भुगतान दिया गया है? यदि हां तो कब कितना? उल्लेख करें। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे                                           परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -’’’’ अनुसार है। (ग) जी हां, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -’’’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -’’’’ अनुसार है।

लोक निर्माण विभाग के द्वारा कराए गये कार्य की जांच

[लोक निर्माण]

26. ( क्र. 1014 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में लोक निर्माण विभाग को वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक                                       किस-किस योजना की कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है ! (ख) क्या लोक निर्माण विभाग जिला छतरपुर के द्वारा प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में सड़क मरम्मत एवं सड़क बनाने हेतु नवीन कार्य कराए गए हैं? यदि हां तो क्या उक्त कार्य शासन के नियम अनुसार गुणवत्ता पूर्वक किए गए हैं? (ग) क्या उक्त कार्य की सक्षम अधिकारी द्वारा गुणवत्ता की जांच कराई गई थी? यदि हां तो जांच से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त कार्य एवं गुणवत्ता के संबंध में समीपवर्ती इलाकों में रहने वाले व्यक्तियों से कथन लेकर जांच की जावेगी? हां या नहीं? यदि हां तो कब तक समय सीमा बताएं?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ, प्रपत्र-'अ-1' एवं प्रपत्र-'अ-2' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ, कार्य गुणवत्ता पूर्वक किये गये है। (ग) विभागीय कार्यप्रणाली अनुसार कार्यों का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। निर्माण कार्यों के दौरान मापदण्‍डानुसार समस्त सामग्री का परीक्षण विभागीय प्रयोगशाला में कराया जाता है। परीक्षण में किसी भी प्रकार की कमी पाई जाती है तो संबंधित एजेंसी द्वारा ठीक कराया जाता है। (घ) कार्य नियमावली में इस प्रकार का प्रावधान नहीं है। अतः समय-सीमा का प्रश्न ही नहीं उठता।

वायु प्रदूषण से होने वाला दुष्‍प्रभाव

[पर्यावरण]

27. ( क्र. 1015 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के प्रमुख पांच बड़े शहरों की वायु प्रदूषण की स्थिति क्या हैं? इन शहरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार ए.क्यू.आई.पी.एम.पी.एस. का स्तर कितना है? हवा में कंटेंट का अधिकतम स्तर (प्रति घनमीटर) कितना है? इसका मानक स्तर क्या हैं? किन शहरों का वायु का सबसे खराब स्तर पाया गया हैं एवं इसका प्रमुख कारण क्या है? माह नवम्बर 2021 की दिनांकवार जानकारी दें। (ख) वायु नियंत्रण बोर्ड द्वारा वायु की गुणवत्ता की जांच के अनुसार जबलपुर शहर के किन-किन क्षेत्रों में हवा में कंटेंट की मात्रा (प्रति घनमीटर) पी.एम.पी.एस. नाइट्रोजन ऑक्साइड कार्बन कितनी पाई गई है? ए.आई.क्यू. का स्तर कितना पाया गया है? हवा की गुणवत्ता खराब होने से इसका मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता हैं? वायु प्रदूषण के स्तर पर नियंत्रण करने के लिये नगर निगम, वायु नियंत्रण बोर्ड एवं लोक निर्माण विभाग ने क्या प्रयास एवं उपाय किये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? वर्ष 2021 की माहवार जानकारी दें। (ग) क्या जबलपुर शहर की हवा की गुणवत्ता खराब होने का प्रमुख कारण हरियाली कम, सड़क निर्माण कार्य में वृक्षों की अंधाधुंध कटाई तथा वैकल्पिक पौधारोपण न करना, शहर की खराब सड़कें हैं? यदि हां तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? उन पर जिला प्रशासन एवं शासन ने क्या कार्यवाही की है एवं क्या निर्देश जारी किये हैं?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘‘‘ एवं ‘‘‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘‘‘ अनुसार है।                         (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘‘‘ अनुसार है।

नर्मदा समृद्धि कारीडोर (नर्मदा दर्शन पाथ वे) की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

28. ( क्र. 1017 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत नर्मदा समृद्धि कारीडोर, नर्मदा तट तिलवारा घाट से परसबाड़ा (तिलहरी भटौली) तक कुल कितने कि.मी. लम्बाई एवं कितने मीटर चौड़ाई की टाउन एंड कन्ट्री प्लानिंग के मास्टर प्लान में कब कितनी राशि की डी.पी.आर. तैयार कराकर स्वीकृति हेतु शासन की मूल योजना क्या है एवं शासन ने इसके लिए कब कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी हैं? (ख) क्या प्रस्तावित नर्मदा समृद्धि कारीडोर की चौड़ाई 60 मीटर से घटाकर 30 मीटर करने हेतु टाउन एंड कन्ट्री के मास्टर प्लान में दोबारा आपत्तियों को बुलाने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है? यदि हां तो इसकी चौड़ाई कम करने पर मूल योजना पर क्या प्रभाव पडे़गा? (ग) प्रस्तावित नर्मदा समृद्धि कारीडोर योजना को एन.एच.12ए. एवं एन.एच.7 चूल्हा गोलाई के पास मण्डला बायपास से जोड़ने पर शहर की यातायात पर क्या प्रभाव पड़ेगा तथा इसमें क्या सुधार होगा? (घ) क्या नर्मदा समृद्धि कारीडोर योजना को स्मार्ट सिटी योजना से छीनकर इसे जे.डी.ए. को सौंपी गई हैं यदि हां तो क्यों? इसका मूल योजना पर क्या प्रभाव पडे़गा? योजना की प्रस्तावित लागत व अवधि क्या हैं तथा इसका कब तक निर्माण कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत नर्मदा समृद्धि कॉरीडोर लम्बाई 9.2 कि.मी. एवं चौड़ाई 60.00 मीटर की डी.पी.आर. राशि रू. 260.29 करोड़ तैयार कराई गई है,जिसके संबंध में संचालक मण्डल स्मार्ट सिटी जबलपुर की बैठक दिनांक 14.08.2020 से योजना क्रियान्वयन नही करने बावत निर्णय लिया गया है। जबलपुर विकास योजना 2021 में तिलवारा से भटोली प्रस्तावित मार्ग की चौड़ाई (उपांतरण पश्‍चात) 30 मीटर है। जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा योजना हेतु कोई प्रशासकीय स्वीकृति शासन से नही ली गई है। (ख) तिलवारा से भटौली मार्ग की चौड़ाई के उपान्तरण के संबंध में शासन द्वारा सूचना का प्रकाशन किया जाकर आपत्ति/सुझाव प्राप्त किये गए है,द्वारा सूचना का प्रकाशन किया जाकर आपत्ति/सुझाव प्राप्‍त किये गये है। जिसका उपान्तरण राजपत्र में दिनांक 10.09.2021 को प्रकाशित किया गया है। जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा मूल योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जाने से इस पर होने वाले प्रभाव का आंकलन नही किया जा सकता है। (ग) जबलपुर विकास योजना 2021 में उपांतरित तिलवारा से भटौली मार्ग,तिलवारा से भटौली मार्ग, तिलवारा घाट से भटौली होते हुये बायपास मार्ग पर जुड़ता है। इससे यातायात शहरी क्षेत्र से न होकर उपांतरित मार्ग से सुगमता से मण्डला मार्ग पर परिवर्तित होने से शहरी क्षेत्र में यातायात का दबाव कम हो सकेगा। (घ) नर्मदा समृद्धि प्रोजेक्ट के निर्माण का कार्य JDA (जबलपुर विकास प्राधिकरण) को सौंपा गया है जिसके संबंध में आगामी कार्यवाही बावत प्रकरण संचालक मण्डल की बैठक में विचारार्थ रखा जाकर निर्णय लिया जावेगा। निर्णय होने तक योजना की प्रस्तावित लागत,लागत, अवधि व निर्माण की जानकारी दी जाना संभव नही है।

स्‍वीकृत कार्य प्रारंभ न होना

[लोक निर्माण]

29. ( क्र. 1024 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से नवम्‍बर 2021 की अवधि में मुख्‍य बजट तथा अनुपूरक बजट में रायसेन जिले में कौन-कौन सी सड़कें तथा पुल स्‍वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में स्‍वीकृत सड़क एवं पुल में किन-किन की निविदायें आमंत्रित की गई तथा किन-किन सड़क एवं पुल की निविदायें आमंत्रित नहीं की गई तथा क्‍यों कब तक निविदायें आमंत्रित की जायेगी? (ग) नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन सड़कों तथा पुल का निर्माण कार्य अपूर्ण है तथा क्‍यों? कार्यवार कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है? पूर्ण विवरण दें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है।

लंबित शिकायतों का निराकरण

[ऊर्जा]

30. ( क्र. 1025 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक रायसेन जिले अन्‍तर्गत मध्‍य क्षेत्र कंपनी के रायसेन एवं बरेली संभाग में जले एवं खराब ट्रांसफार्मर बदलने, विद्युत तार चोरी हो जाने के कारण दूसरा तार खींचने, सिंचाई हेतु पर्याप्‍त बिजली न मिलने, बोल्‍टेज की समस्‍या के निराकरण एवं अतिरिक्‍त भार के कारण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के संबंध में केन्‍द्रीयकृत नंबर 1912 तथा सी.एम. हेल्‍पलाईन पोर्टल पर कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? माहवार संख्‍या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में 30 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में कितनी शिकायतें लंबित हैं तथा क्‍यों? उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के संबंध में सी.एम. हेल्‍पलाईन पोर्टल केन्‍द्रीयकृत नंबर 1912 पर दर्ज शिकायतों पर विभाग के अधिकारियों द्वारा त्‍वरित कार्यवाही नहीं की जाती है? यदि हां तो क्‍यों कारण बतायें। (घ) 30 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन एवं बरेली संभाग के किन-किन ग्रामों के ट्रांसफार्मर कब से जले एवं खराब हैं उनको क्‍यों नहीं बदला जा रहा है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2021 से दिनांक 30 नवम्‍बर, 2021 तक रायसेन जिला अंतर्गत रायसेन एवं बरेली संचालन/संधारण संभागों में जले एवं खराब ट्रांसफार्मर बदलने, विद्युत तार चोरी हो जाने के कारण दूसरा तार खींचने, सिंचाई हेतु पर्याप्‍त बिजली न मिलने, वोल्‍टेज की समस्‍या के निराकरण एवं अतिरिक्‍त भार के कारण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के संबंध में केन्‍द्रीयकृत नंबर 1912 एवं सी.एम. हेल्‍पलाईन पोर्टल पर क्रमश: 3053 एवं 639 प्राप्‍त शिकायतों की माहवार जानकारी क्रमश: संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) दिनांक 30.11.2021 की स्थिति में उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित कोई भी शिकायत लंबित नहीं है अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) केन्‍द्रीयकृत नंबर 1912 एवं सी.एम. हेल्‍पलाईन पर दर्ज शिकायतों के निराकरण हेतु त्‍वरित कार्यवाही की जाती है। (घ) दिनांक 30 नवम्‍बर, 2021 की स्थिति में रायसेन संचालन/संधारण संभाग में 04 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष है, इन ग्रामों के नाम, ट्रांसफार्मर खराब होने की दिनांक सहित प्रश्‍नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। दिनांक 30 नवम्‍बर, 2021 की स्थिति में बरेली संचालन/संधारण संभाग में कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। उक्‍त 4 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण प्रचलित नियमानुसार इन्‍हें बदला नहीं गया है।

परिशिष्ट -"अड़तालीस"

प्राथमिक चिकित्सा उपचार पत्रोपाधि कोर्स का संचालन

[उच्च शिक्षा]

31. ( क्र. 1033 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा प्राथमिक चिकित्सा उपचार पत्रोपाधि कोर्स आरम्भ किया गया है? (ख) यदि हाँ तो क्या इस कोर्स के प्रबंधन का जिम्मा फर्स्ट एड काउंसिल आफ इंडिया (एफ.ए.सी.आई.) नामक एक निजी संस्था को दिया गया है? निजी संस्था को प्रबंधन का दायित्व देने का क्या कारण है? (ग) क्या यह सरकार की जानकारी में है कि इस कोर्स के सेंटर संचालक यह दावा कर रहे हैं कि इस कोर्स को करने वाले ग्रामीण इलाकों में क्लीनिक खोल सकते हैं और सर्दी, जुकाम, खांसी, मलेरिया, बुखार और टायफाइड जैसी अन्य बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार सेंटर संचालकों का दावा सही है? यदि सही नहीं है तो बेरोजगारों को भ्रमित करने वाले इस प्रचार को रोकने के लिए क्या किया गया है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्‍त संबंध में प्राप्‍त एक शिकायत को संज्ञान में लिया जाकर विश्‍वविद्यालय से प्राप्‍त जानकारी के परिप्रेक्ष्‍य में आवश्‍यक कार्यवाही की जा रही है। जी नहीं, इन्‍हें इलाज की पात्रता/ मान्‍यता नही है। (घ) जी नही। भ्रामक प्रचार रोकने के संबंध में विश्‍वविद्यालय द्वारा एक निजी संस्‍था को दिनांक 24/3/2021 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।

नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत चल रहे निर्माण/विकास कार्यों की वस्तुस्थिति

[नगरीय विकास एवं आवास]

32. ( क्र. 1034 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर क्षेत्र अंतर्गत चल रहे निर्माण/विकास कार्य वर्तमान में आर्थिक समस्या के कारण अधूरे पड़े हुए हैं, चल रहे हैं तथा कार्यों की वस्तुस्थिति क्या है?                                     (ख) विगत तीन वर्षों में नगर निगम जबलपुर द्वारा किन-किन निर्माण/विकास कार्यों के कार्यादेश जारी किये गये हैं? कार्यवार वर्तमान स्थिति बतावें तथा प्रश्न दिनांक तक कार्यवार हुए भुगतान की जानकारी देवें? (ग) वर्तमान में चल रहे शासकीय निर्माण/विकास कार्यों से नागरिकों को होने वाली असुविधाओं के लिए क्या-क्या उपाय किये गए हैं? कार्यवार बतावें। (घ) क्या स्मार्ट सिटी जबलपुर द्वारा एबीडी क्षेत्र के बाहर अनेक कार्य स्वीकृत कर प्रारम्भ किये गए हैं? यदि हां, तो क्या एबीडी क्षेत्र के विकास कार्य पूर्ण किये बिना क्षेत्र के बाहर स्मार्ट सिटी मद से कार्य कराया जाना उचित व नियमानुसार है? यदि हां तो नियम तथा शासन के निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर के लोककर्म में आर्थिक समस्‍या के कारण अधूरे पड़े हुये, चल रहे निर्माण/विकास कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। स्‍मार्ट सिटी अंतर्गत चल रहे निर्माण/विकास कार्य में कोई आर्थिक समस्‍या नहीं है। कार्यों की वस्‍तुस्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। (ग) नगर निगम जबलपुर द्वारा वर्तमान में कोई भी निर्माण/विकास कार्य चालू नहीं है, कार्य चालू नहीं होने से नागरिकों को होने वाली असुविधा व समस्‍याओं की स्थिति उत्‍पन्‍न नहीं है अपितु स्‍मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा वर्तमान में चल रहे निर्माण/ विकास कार्यों से नागरिकों को होने वाली असुविधाओं के लिए किये गये उपायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। स्‍मार्ट सिटी गाइडलाईन अनुसार पैन सिटी अंतर्गत संपूर्ण शहर में कार्य कराये जाने को दृष्टिगत रखते हुये संचालक मंडल से प्राप्‍त स्‍वीकृति अनुसार स्‍मार्ट सिटी द्वारा एबीडी क्षेत्र के बाहर किये जा रहे कार्य नियमानुसार है। निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है।

बिजली प्रहरियों की नियुक्ति

[ऊर्जा]

33. ( क्र. 1042 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी. पावर मैनेजमेंट कम्पनी द्वारा प्रदेश की तीनों बिजली कम्पनियों में बिजली चोरी रोकने के लिए बिजली प्रहरी की नियुक्ति किये जाने सम्बन्धी आदेश जारी किये गए हैं? (ख) यदि हाँ तो धार जिले में कितने बिजली प्रहरी नियुक्त किये गये हैं? (ग) 30 नवम्बर, 21 तक उपरोक्त जिले में बिजली प्रहरियों द्वारा बिजली चोरी के कितने मामले पकड़े गए और उन्हें इसके लिए कितना इंसेंटिव दिया गया?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 05.08.2021 द्वारा स्थानीय व्यक्तियों की सहभागिता से विद्युत हानि नियंत्रण एवं नगद राजस्व संग्रहण में वृद्धि के उद्देश्‍य से ''विद्युत प्रहरी'' योजना तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में प्रथमत: पायलेट प्रोजेक्‍ट के रूप में एक वर्ष की अवधि हेतु लागू की गई है। इस योजना के पायलेट प्रोजेक्‍ट में केवल भिण्‍ड, मुरैना, आगर, शाजापुर, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिला मुख्‍यालयों के ऐसे फीडरों/वितरण ट्रांसफार्मरों के समूह को सम्मिलित किया गया है, जिनमें विद्युत हानि 60% से अधिक है एवं शासकीय कनेक्‍शनों की संख्‍या कम है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में प्रश्‍नाधीन योजना धार जिले में लागू नहीं है। अतः प्रश्‍न नहीं उठता।

अधिकारि‍यों के विरूद्ध अभियोजन की स्‍वीकृति

[लोक निर्माण]

34. ( क्र. 1043 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त द्वारा अपनी विवेचना के आधार पर किन-किन अधिकारि‍यों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति करने हेतु अनुरोध किया है? उनका नाम, वर्तमान पद, प्रकरण क्रमांक, अनुरोध की दिनांक सहित सूची देवें तथा बतावें कि‍ स्वीकृति‍ लंबित होने का क्या कारण है? (ख) क्या तत्कालीन कार्यपालन यंत्री इन्दौर आनन्द राव के विरूद्ध माननीय मंत्री जी ने अभियोजन स्वीकृति‍ प्रस्ताव दिनांक 28.10.2020 को अनुमोदित कर दिया था, तथा विधी विभाग ने भी स्वीकृति‍ अनुमोदन कर दिया था? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ तो बतावें कि‍ अभियोजन स्वीकृति‍ का पत्र किस दिनांक को लोकायुक्त कार्यालय को प्रकरण क्रमांक 380/2016 के संदर्भ में भेजा गया? यदि अभी तक नहीं भेजा गया तो उसका कारण बतावें। (घ) क्या विभाग माननीय मंत्रीजी की स्वीकृति‍ के बाद भी पत्र भेजने में एक साल का विलंब कर सकता है तथा क्या मंत्री जी की स्वीकृति‍ के बाद उस स्वीकृति‍ को क्या निरस्त किया जा सकता है? (ड.) क्या विभाग भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने हेतु दृढ संकल्पि‍त है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) "आनंद रावके नाम से अभियोजन स्वीकृति प्रकरण लंबित नहीं है। लोक निर्माण विभाग में श्री आनंद प्रकाश राणे की अभियोजन स्वीकृति प्रकरण प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।                                                                               (ग) प्रश्नांश "कएवं "खके प्रकाश में प्रश्‍न उपिस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण में विलंब नहीं किया गया है। अभियोजन स्वीकृति के प्रकरणों में कार्यवाही सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 05.09.2014 अनुसार की जाती है। (ड.) जी हाँ।

परिशिष्ट -"उन्चास"

रोडो व स्‍टेडियमों का निर्माण

[उच्च शिक्षा]

35. ( क्र. 1052 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में संचालित महाविद्यालयों में से किन-किन विद्यालयों में बच्‍चों के खेलने हेतु स्‍टेडियमों का निर्माण कराया गया है एवं कितनों में कराए जाने बाबत् प्रस्‍ताव दिए गए है का विवरण म‍हाविद्यालय देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में संचालित महाविद्यालयों में बच्‍चों के आने जाने हेतु रोड/सड़कें महाविद्यालय के अंदर नहीं बनाई गई उनके निर्माण बाबत् क्‍या स्‍वीकृति प्रदान करावेंगे व कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ करा देवेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में ब्‍यौहारी विधान सभा क्षेत्र के अधिकांश महाविद्यालयों में परिसर के अंदर व बाहर रोडों का निर्माण न होने से बच्‍चों के आवागमन के साथ परिसर की शोभा प्रभावित हो रही है, इस बाबत क्‍या निर्देश जारी करेंगे व रोडों के निर्माण बाबत् राशि कब तक देंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार कार्यवाही न करने महाविद्यालयों में रोडों व स्‍टेडियमों का निर्माण न किए जाने के लिए किन-किन को जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे एवं निर्माण कार्य बाबत् राशि कब तक स्‍वीकृत करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शहडोल जिले के किसी भी महाविद्यालय में स्‍टेडियम का निर्माण नहीं कराया गया है और न ही स्‍टेडियम निर्माण हेतु कोई प्रस्‍ताव भेजा गया है।                                       (ख) शहडोल जिला अंतर्गत समस्‍त शासकीय महाविद्यालयों में सड़क निर्मित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ब्‍यौहारी विधान सभा क्षेत्र में 01 शासकीय महाविद्यालय ब्‍यौहारी संचालित है तथा महाविद्यालय तक सड़क निर्मित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जबरन बिल वसूली करने व मौके पर कार्य न करवाने वालों पर कार्यवाही

[ऊर्जा]

36. ( क्र. 1053 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 264 दिनांक 12.08.2021 में दिए गए उत्‍तर के साथ संलग्‍न परिशिष्‍ट अ, ब में कार्यों की जानकारी जो दी गई है उस अनुसार मौके पर कार्य होना नहीं पाया जा रहा है, इस पर क्‍या कार्यवाही उच्‍च स्‍तरीय समिति जांच हेतु गठित कर सत्‍यापन उपरांत कार्यवाही करावेंगे तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रपत्र ब अनुसार दी गई जानकारी अनुसार ट्रांसफार्मरों के बदलने उच्‍च क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाए जाने की जानकारी अनुसार कार्य नहीं किए गए क्‍या विद्युत आपूर्ति बाधित न हो व उच्‍च क्षमता का ट्रांसफार्मरों को लगाए जाने बावत् निर्देश जारी करेंगे तो कहां-कहां और कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में बिजली के बिलों की मनमानी वसूली हितग्राहियों के साथ की जाने पर क्‍या कार्यवाही करेंगे, माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा बिजली के बिलों में छूट बावत् निर्देश जारी किए गए लेकिन रीवा व शहडोल जिले के अधिकारियों द्वारा जबरन उपभोक्‍ताओं से बिल की पूरी वसूली की जा रही है, इस पर रोक लगाए जाने के साथ बिजली बिल वसूली बावत् जारी निर्देशों की प्रति भी देवें। (घ) क्‍या शहडोल संभाग व रीवा जिले में कार्यों के भौतिक सत्‍यापन के बाद मौके पर कार्य न होने पर संबंधित ठेकेदारों व ऐजेंसियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई व जांच हेतु समिति गठित की गई तो जांच की प्रति के साथ किन-किन को दोषी मानकर कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई बतावें? संविदाकारों के साथ अधिकारियों पर कार्यवाही क्‍यों प्रस्‍तावित नहीं की गई? उन पर कब तक कार्यवाही करेंगे?                                                (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्‍लेखित तथ्‍यों अनुसार कब तक कार्यवाही करावेंगे? साथ ही जांच में दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों/संविदाकारों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरणों के साथ राशि वसूली प्रस्‍तावित करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक-264 दिनांक 12.08.2021 में दिए गए उत्‍तर के संलग्‍नक प्रपत्र-'' एवं प्रपत्र-'' में क्रमश: रीवा एवं शहडोल जिलों में विभिन्‍न योजनान्‍तर्गत स्‍थापित ट्रांसफार्मरों के फेल होने तथा बदले जाने की जानकारी दी गई है। उक्‍त से स्‍पष्‍ट है कि उक्‍त प्रश्‍न क्रमांक-264 दिनांक 12.08.2021 में उल्‍लेखित कार्य करवाये गये हैं तथा स्‍थापित ट्रांसफार्मरों के फेल होने पर उन्‍हें नियमानुसार बदला गया है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रश्‍न क्रमांक-264 दिनांक 12.08.2021 के उत्‍तर के संलग्‍नक प्रपत्र-'' में शहडोल जिले में सौभाग्‍य योजना एवं दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना अंतर्गत लगाए गये ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने की दिनांक सहित इन्‍हें बदले जाने की दिनांक से संबंधित जानकारी दी गई है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत नियमानुसार ही विद्युत बिलों की वसूली की जाती है। राज्‍य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्‍त घरेलू उपभोक्‍ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्‍त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्‍थगित किया गया था एवं उक्‍तानुसार आस्‍थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। उपरोक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 16.11.2021 द्वारा 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले घरेलू उपभोक्‍ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्‍त, 2020 तक मूल बकाया राशि एवं अधिभार की आस्‍थगित राशि के भुगतान में, इन उपभोक्‍ताओं को राहत देने के उद्देश्‍य से 'समाधान योजना' लागू की गई है, जिसकी छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। रीवा एवं शहडोल जिलों में उपरोक्‍तानुसार कार्यवाही की जा रही है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) एवं (ड.) प्रश्‍नाधीन जिलों में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनान्‍तर्गत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी कोई भी शिकायत म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। रीवा जिले में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी प्राप्‍त शिकायत की जांच, जांच समिति गठित कर की गई है। जांच समिति से प्राप्‍त प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्‍टया दोषी पाए गए कुल 24 कार्मिकों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच संस्थित की गई है, जिनकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। वर्तमान में विभागीय जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शहडोल संभाग के अंतर्गत जिला उमरिया, शहडोल एवं अनूपपुर जिलों में सौभाग्‍य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी प्राप्‍त शिकायत के तारतम्‍य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच समिति गठित कर सैंपल स्‍वरूप 20 प्रोजेक्‍ट के तहत 20 क्रय आदेशों की जांच करवाई गई। प्रारंभिक जांचोपरांत बिल की गई राशि एवं भौतिक सत्‍यापन के अनुसार संपादित कार्य की लागत राशि में रूपये 9.33 लाख का अंतर पाया गया। तथापि उक्‍त राशि की वसूली संब‍ंधित ठेकेदार एजेन्सियों से पूर्व में ही की जा चुकी थी। शहडोल संभाग अंतर्गत सौभाग्‍य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों के संबंध में कोई विशिष्‍ट शिकायत प्राप्‍त होने पर जॉंचोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

परिशिष्ट -"पचास"

लेबड -नयागांव फोर लेन रोड की लागत से कई गुना वसूली

[लोक निर्माण]

37. ( क्र. 1058 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 956 दिनांक 12.08.2021 के सन्दर्भ में बताएं की फिजीबीलीटी रिपोर्ट में जो वार्षिक आय दिखाई गई है क्या उससे ज्यादा आय हो रही है? यदि हां तो लेबड जावरा तथा जावरा नयागांव में क्रमशः वर्ष 2010 से 2021 तथा 2009 से 2021 की वर्षवार फिजीबिलिटी रिपोर्ट में दिखायी गयी आय तथा वास्तविक आय की जानकारी दें तथा बतावें कि प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत अधिक आय हुई है। (ख) प्रश्नाधीन दोनों फोरलेन की फिजीबिलिटी रिपोर्ट में छ: प्रकार के वाहन की औसत दैनिक संख्या तथा औसत दैनिक राजस्व दिखाया गया है तथा वास्तविक यातायात की संख्या तथा औसत दैनिक राजस्व का उपरोक्त उल्लेखित वर्षों की सूची प्रदान करे। (ग) उपरोक्त दोनों 4 लेन पर प्रशाकीय स्वीकृति अनुसार लागत किस वर्ष की किस दिनांक तक वसूल हो गई थी तथा 30 नवम्बर 2021 तक टोल वसूली की गई राशि तथा प्रशासकीय स्वीकृति से टोल वसूली राशि का प्रतिशत कितना है? (घ) अनुबंध की धारा 29 के अनुसार लेबड जावरा 4 लेन पर 01 जून 2020 को वास्तविक ट्राफिक क्या पाया गया तथा जिन 07 दिनों का सेम्पलिंग ट्राफिक निकाला गया उससे सम्बन्धित समस्त दस्तावेज उपलब्‍ध कराएं।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) फिजीबिलिटी रिपोर्ट में वार्षिक आय का विवरण नहीं दर्शाया जाता अत: प्रश्‍न क्रमांक 956 दिनांक 12.08.2021 में भी फिजीबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार वार्षिक आय नहीं दर्शायी गई। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) लेबड़-जावरा मार्ग एवं जावरानयागांव मार्ग पर वास्‍तविक यातायात की संख्‍या पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। लेबड़-जावरा मार्ग एवं जावरानयागांव मार्ग पर औसत दैनिक टोल कलेक्‍शन की जानकारी निरंक। दैनिक टोल कलेक्‍शन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) अनुबंध की धारा 29 के अनुसार लेबड़ जावरा 4 लेन पर 01 जून 2020 को निवेशकर्ता द्वारा कराये गये सर्वे अनुसार पीसीयू 19138 तथा एम.पी.आर.डी.सी. के द्वारा मेसर्स ब्रिक्‍स इंजिनीयरिंग कंसल्‍टेंट एण्‍ड टेक्‍नोक्रेट प्रा.लि. द्वारा कराये गये सर्वे अनुसार पी.सी.यू. 21373 पाया गया, संबंधित ट्रेफिक सर्वे रिपोर्ट पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

उद्योगों द्वारा फैल रहे प्रदूषण पर कार्यवाही

[पर्यावरण]

38. ( क्र. 1060 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा उद्योगों को किस-किस केटेगरी / प्रकार के अनुमति पत्र /लाईसेंस प्रदान किये जाते हैं। उनकी फीस क्या-क्या है? आवेदन प्राप्त होने पर निर्णय कितने दिन में करना होता है? वर्ष 2019 से नवम्बर 2021 तक उज्‍जैन संभाग अन्‍तर्गत उक्त लाईसेंस हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये तथा कितने आवेदन निरस्त किये गये तथा कितनों को लाईसेंस दिया गया? उद्योग के नाम, आवेदन की दिनांक, निरस्ती की दिनांक तथा स्वीकृति की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) उज्जैन संभाग में किस-किस उद्योग से किस-किस प्रकार जल, ठोस, तथा गैस निकलती है? प्रदूषण की श्रेणी में आती है? उसमें प्रमुख 20 उद्योगों की सूची देवें तथा बतावें की वर्ष 2018 से नवम्बर 2021 तक निरीक्षण किस-किस दिनांक को किया गया तथा निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति देवें। (ग) प्रदूषण वाले प्रमुख उद्योग (खण्ड 2 अनुसार) के आस-पास की भूमि, जल, वायु, तथा मानव स्वास्थ्य की जांच कर उनमें उद्योगों के प्रदूषण से होने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है या नहीं, यदि नहीं तो क्यों? (घ) रतलाम में रखे हजारों टन जहरीला कचरा का निपटान तथा शहर तथा आसपास के गांवों में निकल रहे लाल पानी की समस्या के समाधान पर उठाये गये कदमों की जानकारी दें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘‘‘,‘‘‘‘ एवं ‘‘‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘‘‘ अनुसार है। (ग) आवश्यकतानुसार जांच अध्ययन किया जाता है। (घ) रतलाम में संग्रहित परिसंकटमय अपशिष्टों के रेमीडेशन एवं डिस्पोजल हेतु केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मेसर्स ई.आर.एम. कंसलटेंट गुड़गॉव को डी.पी.आर. बनाने का कार्य दिया गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, रतलाम से प्राप्त जानकारी अनुसार लाल पानी की समस्याग्रस्त प्रभावित 14 गांवों के सुरक्षित पेयजल हेतु मलेनी नदी पर गुणावद स्थित एनिकट पेयजल योजना लागत राशि रूपये 2594.00 लाख का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित भोपाल द्वारा किया जा रहा है।

संबल योजना के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

39. ( क्र. 1069 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग के समस्‍त नगरीय निकायों में दिनांक 01.01.21 से प्रश्‍न दिनांक तक संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता हेतु प्राप्‍त आवेदन, स्‍वीकृत आवेदन, लंबित आवेदनों की सूची निकायवार, हितग्राहीवार प्रस्‍तुत करें। (ख) इंदौर संभाग के समस्‍त नगरीय निकायों में संबल अपली के 01.01.21 से प्रश्‍न दिनांक कुल प्राप्‍त प्रकरण, स्‍वीकृत प्रकरण, अस्‍वीकृत प्रकरणों की निकायवार, हितग्राहीवार प्रस्‍तुत करें। (ग) नगर परिषद महेश्‍वर, जिला-खरगोन में आवेदक सलमा खान द्वारा दिनांक 13.09.2021 को प्रस्‍तुत अपील आवेदन पर क्‍या कार्यवाही की गई है एवं आज दिनांक तक हितग्राही को क्‍यों लाभ से वंचित किया गया है? (घ) नगर निगम बुरहानपुर में दिनांक 01.11.2021 को आवेदक फारूख मोहम्‍मद के द्वारा प्रस्‍तुत अपील पर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन देवें। क्‍या मृतक को गैर मौजूदा बताकर अपात्र किया है? यदि हां तो अपील में प्रस्‍तुत आधार पर आवेदक से आयु प्रमाण पत्र क्‍यों मांगा जा रहा है? (ड.) वित्‍त वर्ष 2017-18 से प्रस्‍तुत दिनांक तक नगर परिषद पानसेमल में पट्टा वितरण में कुल प्राप्‍त आवेदन, स्‍वीकृत आवेदन, अस्‍वीकृत एवं शेष की जानकारी हितग्राहीवार देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) नगर परिषद, महेश्वर में आवेदक सलमा खान द्वारा दिनांक 13.09.2021 को कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। अपितु इनके द्वारा पूर्व दिनांक 06.05.2019 को प्रस्तुत प्रकरण जनकल्याण संबल पोर्टल पर दर्ज किया गया है। जिसका स्वीकृति आदेश क्रमांक 97210 दिनांक 30.05.2019 पर दर्ज है। निकाय द्वारा पत्र क्रमांक/886/अ.श्र/2021 महेश्वर दिनांक 20.07.2021 तथा पत्र क्रमांक 1311/अ.श्र./2021 महेश्वर, दिनांक 12.11.2021 के माध्यम से अनुग्रह सहायता राशि हेतु श्रम पदाधिकारी जिला खरगोन से मांग की गई सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ’’’’ के क्रमांक 07 पर सलमा खान का नाम है। (घ) आवेदक मो. फारूख द्वारा प्रस्तुत अपील आवेदन पत्र की जांच की गई। आवेदन में संलग्न दस्तावेजों का अवलोकन किया गया। जिसमें मृतक रसीदा बेगम की आयु मतदाता परिचय पत्र अनुसार 60 वर्ष से अधिक पाई गई। जिसके पश्चात आवेदक मो. फारूख को कार्यालयीन पत्र क्र. 934 दिनांक 03.12.2021 के माध्यम से सूचित कर अवगत कराया गया है कि मृतक श्रमिक रसीदा बेगम की आयु संबंध में यदि आपके पास आयु संबंधी मान्य कोई अन्य प्रमाण-पत्र उपलब्ध हो तो इस कार्यालय को प्रस्तुत करें ताकि आपके प्रकरण में नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जा सके। सूचना पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है मृतक रसीदा बेगम संबल पंजीयन क्रमाक 141057638 जो की शासन निर्देशानुसार सत्यापन अधियान वर्ष 2019 के दौरान गैरमौजूदा होने से निरस्त किया गया है। मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अपील दिशा निर्देशानुसार श्रमिक की आयु 18 से 60 वर्ष के मध्य होना आवश्यक है। (ड.) नगर परिषद क्षेत्रांतर्गत पट्टों के आवेदन धारधाधिकार के तहत ऑनलाईन आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर दर्ज किये गये है। जिसके संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग पानसेमल प्राप्त जानकारी अनुसार नगरीय क्षेत्र पानसेमल के कुल 383 ऑनलाईन पोर्टल पर दर्ज हुए है, जिनमें से 33 आवेदनों की जांच पूर्ण की गई है, शेष की कार्यवाही प्रचलित है। पत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ’’’’ अनुसार है।

सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

40. ( क्र. 1073 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना के दिमनी विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़कें कहॉं-कहॉं तक, कितनी-कितनी लम्‍बाई की होकर निर्माण लागत क्‍या थी? प्रत्‍येक सड़क की अलग-अलग जानकारी देवें। (ख) जिला मुरैना में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत सड़कों के निर्माण हेतु कुल कितना बजट किस वर्ष में किस-किस कार्य हेतु भेजा गया? विगत 05 वर्षों की कार्यवाईज जानकारी देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में सड़क निर्माण हेतु 42 मार्गों के प्रस्‍ताव प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा पूर्व में प्रस्‍तुत किये गये हैं तथा सड़क निर्माण हेतु विभाग के अधिकारियों से निरंतर विगत 8-10 महीनों से पत्राचार किया जा रहा है। इन 42 मार्गों पर सड़क निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा? अगर नहीं, तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ, जी हाँ। खडेहार से माता का पुरा मार्ग की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जा चुकी है। शेष कार्य बजट में सम्मिलित नहीं होने से सड़क निर्माण कार्य संभव नहीं।

डी.पी.आर. एवं साईट प्‍लान बदलने से कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

41. ( क्र. 1075 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद के द्वारा लिये जाने वाले नीतिगत निर्णय के संबंध में क्‍या प्रक्रिया है? उस प्रक्रिया से संबंधित समस्‍त नीति नियम निर्देशों की प्रति देवें। (ख) लोक निर्माण विभाग के द्वारा अनुमोदित डी.पी.आर. एवं साईट प्‍लान को नगर परिषद के द्वारा किस प्रकार परिवर्तित किया जा सकता है, उक्‍त के संबंध में जारी नीति नियम निर्देशों की प्रति देवें। (ग) क्‍या नगर परिषद पानसेमल में गुमाई नदी पर निर्मित पुल के पास एम.पी.आर.डी.सी. के द्वारा डी.पी.आर. में स्‍वीकृत साइट प्‍लान को प्रश्नांश (क) एवं (ख) के नियम एवं निर्देशों के विपरित बदला गया है? (घ) नगर परिषद पानसेमल के पत्र क्र. 703 दिनांक 12.03.2021 के द्वारा लोक निर्माण विभाग को स्‍थान परिवर्तन करने एवं उसमें होने वाले व्‍यय को नगर पंचायत के माध्‍यम से भुगतान किये जाने के संबंध में लेख किया गया है? यदि हां तो प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर जांच के आदेश जारी किये जायेंगे? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका अधिनियम 1961 में उल्‍लेखित प्रावधान अनुसार नगर परिषद द्वारा नीतिगत निर्णय लिये जाते हैं। अधिनियम की प्रति पुस्तकालय में उपलब्‍ध है। (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई डी.पी.आर. को परिवर्तित करने के अधिकार नगर परिषद को प्राप्‍त नहीं हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अपितु नागरिकों एवं पार्षदों की मांग अनुसार मध्‍यप्रदेश रोड डेव्‍हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्‍थल परिवर्तन किया गया है। (घ) जी नहीं, अपितु नगर परिषद पानसेमल द्वारा क्रमांक 703 दिनांक 12.03.2021 से मध्‍यप्रदेश रोड डेव्‍हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड को पत्र लिखा जाकर, मध्‍यप्रदेश रोड डेव्‍हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा स्‍वीकृत पुलिया निर्माण के अतिरिक्‍त, पहुंच मार्ग एवं नाली निर्माण निकाय के द्वारा स्‍वयं के व्‍यय पर कराने का लेख किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।


शासन की स्‍वीकृति के बिना कर्मचारियों की नियुक्‍ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

42. ( क्र. 1081 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर, मुरैना जिले की नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषदों में वर्ष 2013 से नवम्‍बर 2021 तक कितने लोगों को दैनिक, नवासी दिन, अस्‍थाई कर्मचारियों को कार्य पर रखा गया है? नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषदवार संख्‍या, नाम सहित जानकारी दी जावे। (ख) क्‍या उक्‍त सफाईकर्मी, अन्‍य दैनिक भोगी, नवासी दिवसीय कर्मचारियों को शासन की स्‍वीकृति के बिना कार्य पर किन-किन अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को कार्य पर रखने का आदेश दिया गया था? (ग) शासन द्वारा दैनिक वेतन, नवासी दिन पर कर्मचारियों की नियु‍क्ति पर प्रतिबन्‍ध लगाया गया है? यदि हां तो उस तरह की प्रक्रिया के खिलाफ शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) (1) ग्‍वालियर जिले की नगरीय निकायों में वर्ष २०१३ से नवंबर २०२१ तक नगरपालिक निगम ग्‍वालियर में ११०१, नगरपालिका परिषद डबरा में ०४ नगरपरिषद भीतरवार में ११, नगरपरिषद मोहना में ११ अस्‍थाई दैनिक ८९ दिवस के लिये रखे गये हैं। नगरपरिषद आंतरी, बिलौआ, पिछोर में कोई दैनिक ८९ दिन, अस्‍थाई कर्मचारियों को कार्य पर नहीं रखा गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (2) मुरैना जिले की नगरीय निकायों में वर्ष २०१३ से नवम्‍बर २०२१ तक नगरपालक निगम मुरैना में ६१२, नगरपालिका परिषद पोरसा में ८२ एवं नगरपरिषद झुंडपुरा में १९ कर्मचारियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। शेष निकाय नगरपालिका परिषद अंबाह, सबलगढ जोरा एवं कैलारस में कोई दैनिक ८९ दिन, अस्‍थाई कर्मचारियों को कार्य पर नहीं रखा गया है। (ख) नगर पालिका निगम ग्‍वालियर एवं मुरैना में तत्‍कालीन निगम आयुक्‍त तथा नगर पालिका/नगर परिषद डबरा, भितरवार, मोहना, आंतरी, बिल्‍लौआ, पिछौर (ग्‍वालियर) पोरसा तथा झुंडपुरा में तत्‍समय पदस्‍थ मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी द्वारा अस्‍थाई कर्मचारी रखे जाने की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। जिनका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। मैदानी कार्य के विरूद्ध अस्‍थाई श्रमिक रखे जाने में प्रतिबंध नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नये महाविद्यालय खोलने एवं प्राचार्य तथा अध्‍यापकों की नियुक्ति

[उच्च शिक्षा]

43. ( क्र. 1083 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नये महाविद्यालय कितने खोले गये हैं? उनकी संख्‍या जिलावार नवम्‍बर 2021 की स्थिति में दी जावे। (ख) वर्ष 2021 में खोले गये महाविद्यालयों में कहां-कहां कितनी संकायों के विषय प्रथ‍म, द्वितीय वर्ष में लिये जावेंगे? जिलावार, महाविद्यालयवार संकायों के विषय सहित जानकारी दी जावे। (ग) उक्‍त खोले गये महाविद्यालयों के भवन निर्माण स्‍थान आवंटन हेतु राशि, स्‍थानों की चयन की स्‍वीकृति कितने महाविद्यालयों को की गयी? जिलावार महाविद्यालयों के नाम सहित जानकारी दी जावे। (घ) क्‍या नवीन महाविद्यालयों की स्‍वीकृति घोषणा के बाद उनमें पदस्‍थ प्राचार्य, विषयवार सहायक प्राध्‍यापकों की नियुक्ति एवं महाविद्यालयीन कार्यालय के कर्मचारियों की नियुक्ति कब तक की जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष, 2021 में म.प्र.शासन, उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ-23/2021/38-2 दिनांक 27.09.2021 द्वारा प्रदेश में 11 नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले गये हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-दो अनुसार है(ग) नवीन महाविद्यालयों की स्थापना के बाद संबंधित जिले के कलेक्‍टर से भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन के लिए अनुरोध किया गया है। (घ) नवीन महाविद्यालयों में सुचारू अध्यापन हेतु अतिथि विद्वानों की व्यवस्था है। नियमित प्राचार्य, विषयवार सहायक प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -"इक्यावन"

सौभाग्‍य योजना में हुई गडबड़ी की जांच

[ऊर्जा]

44. ( क्र. 1088 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी के अंतर्गत सौभाग्‍य योजना में हुई गड़बड़ी के बाद हुई जांच, दोषियों के खिलाप चार्जसीट जारी करने तथा जांच रिपोर्ट पर की गई कार्यवाही के संबंध में कृपया विस्‍तृत जानकारी देवें। (ख) उक्‍त योजना में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन घरों में बिना विद्युत कनेक्‍शन दिये कनेक्‍शन बता दिया गया उन घरों में प्रश्‍न दिनांक तक विद्युत कनेक्‍शन की स्थिति से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बिना घरेलू कनेक्‍शन दिये जो राशि निकाल ली गयी थी उसकी वसूली कैसे की गयी या कैसे वसूल की जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत सौभाग्‍य योजना में क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता के संबंध में प्राप्‍त शिकायतों की जांच, जांच समितियां गठित कर की गयी है। जांच समिति से प्राप्‍त जांच प्रतिवदेन के आधार पर प्रथम दृष्‍टया दोषी कार्मिकों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांचे संस्थित की गई है, जिनसे संबंधित विस्‍तृत विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत सौभाग्‍य योजना में क्रियान्वित कार्यों के संबंध में की गई जांच के प्राप्‍त जांच प्रतिवेदनों में कुछ जिलों में योजनांतर्गत घरों में दिये गये विद्युत कनेक्‍शनों की संख्‍या, भौतिक सत्‍यापन उपरांत कम पाए जाने का उल्‍लेख करते हुए इसका कारण योजनांतर्गत कई पूर्व से अवस्थित कनेक्‍शनों को पुन: दर्ज किया जाना एवं कई घरों में एक से अधिक विद्युत कनेक्‍शनों की प्रविष्टि दर्ज किया जाना पाया गया तथापि उक्‍त जिलों में सौभाग्‍य योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुरूप चिन्हित घरों में जो विद्युत कनेक्‍शन दिए गए थे, वे वर्तमान में भी विद्यमान हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजनांतर्गत वास्‍तविक से अधिक घरेलू कनेक्‍शन दर्शाते हुए किये गए रा‍शि के भुगतान की वसूली संबंधित ठेकेदारों से किया जाना प्रस्‍तावित है, जिस हेतु नोटिस जारी कर राशि की वसूली ठेकेदार एजेन्सियों के लंबित देयकों/जमा सुरक्षा निधि / आगामी देयकों से किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

परिशिष्ट -"बावन"


ऑनलाइन रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण पत्र

[लोक निर्माण]

45. ( क्र. 1090 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 9 मार्च-2021 को प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा किये तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 3639 के पूरक प्रश्‍न के दौरान माननीय लोक निर्माण मंत्री जी द्वारा 01 अप्रैल-2018 के पश्‍चात हुए निर्माण कार्यों के ठेकेदार द्वारा ऑनलाईन रायल्‍टी चुकता प्रमाण पत्र नहीं जमा करने पर अन्तिम भुगतान के समय नियमानुसार पेनाल्‍टी लेने हेतु कहा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्‍तर यदि हां है तो क्‍या ऑनलाइन रायल्‍टी चुकता प्रमाण पत्र जमा न करने पर अन्तिम भुगतान के समय बाजार दर से रायल्‍टी वसूलने के नियम तथा माननीय मंत्री जी के आश्‍वासन की अनदेखी करते हुए लोक निर्माण विभाग संभाग बालाघाट, बुदनी तथा होशंगाबाद संभागों में बिना बाजार दर पर रायल्‍टी की पेनाल्‍टी लगाये बिलों का अंतिम भुगतान कर दिया गया? (ग) पेनाल्‍टी न लगाने से शासन को हुई करोड़ो रूपये की राजस्‍व हानि की वसूली शासन कैसे करेगा तथा जिम्‍मेदार अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही करेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बिजली चोरी रोकने हेतु प्रहरी की नियुक्ति

[ऊर्जा]

46. ( क्र. 1095 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) क्या मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी द्वारा प्रदेश की तीनों बिजली कम्पनियों में बिजली चोरी रोकने के लिए बिजली प्रहरी की नियुक्ति किये जाने संबंधी आदेश जारी किये गए हैं?                                              (ख) यदि हाँ तो उज्जैन जिले में कितने बिजली प्रहरी नियुक्त किये गये हैं? इनकी नियुक्ति के लिए शासन के क्या नियम निर्देश हैं? (ग) 30 नवम्बर 2021 तक उपरोक्त जिले में बिजली प्रहरियों द्वारा बिजली चोरी के कितने मामले पकड़े गए और उन्हें इसके लिए कितना इंसेंटिव दिया गया?                                   (घ) इंसेंटिव देने के शासन के क्या नि‍यम निर्देश हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 05.08.2021 द्वारा स्थानीय व्यक्तियों की सहभागिता से विद्युत हानि नियंत्रण एवं नगद राजस्व संग्रहण में वृद्धि के उद्देश्‍य से ''विद्युत प्रहरी'' योजना तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में प्रथमत: पायलेट प्रोजेक्‍ट के रूप में एक वर्ष की अवधि हेतु लागू की गई है। इस योजना के पायलेट प्रोजेक्‍ट में भिण्‍ड, मुरैना, आगर, शाजापुर, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिला मुख्‍यालयों के ऐसे फीडरों/वितरण ट्रांसफार्मरों के समूह को सम्मिलित किया गया है, जिनमें विद्युत हानि 60% से अधिक है एवं शासकीय कनेक्‍शनों की संख्‍या कम है। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में प्रश्‍नाधीन योजना उज्‍जैन जिले में लागू नहीं है, अतः प्रश्‍न नहीं उठता। तथापि पायलेट प्रोजेक्‍ट अंतर्गत चयनित जिलों में ''विद्युत प्रहरी'' के चयन हेतु प्रक्रिया राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 05.08.2021 से जारी ''वि़द्युत प्रहरी'' योजना की कंडिका-4 में उल्‍लेखानुसार है, जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                                                     (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) उक्‍त योजना अंतर्गत चयनित एजेंसी/एजेंसियों (व्‍यक्ति/व्‍यक्तियों के समूह/स्‍व-सहायता समूह) को राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 05.08.2021 से जारी ''वि़द्युत प्रहरी'' योजना की कंडिका-8 के अनुरूप राशि देय होगी, जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

सड़कों एवं पुलों का निर्माण

[लोक निर्माण]

47. ( क्र. 1106 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बरघाट में पूर्व से स्वीकृत सड़कें जिनका निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो चुका था परंतु आज तक की स्थिति में इनका निर्माण कार्य नहीं हो पाया है, इनका निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र बरघाट में निम्न सड़कों का निर्माण कार्य होना अति आवश्यक है, कुरई ब्लॉक के अंतर्गत 1-खापा से सूखाडोंगरी, 2 -चिखला से बादलपार,3-पचधार से रीड्डी, 4-चिखली टोला से रीड्डी, 5-धनौली से पीटेस्वर, 6-जोगीवाड़ा से कटंगी बंजर,7-परासपानी से टिकारी, 8-चक्की खमरिया से शकरदा ये समस्त कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे? (ग) बरघाट ब्लॉक में निम्न सड़कों का निर्माण अति आवश्यक है 1-बम्हनी से ताखाला कला,2- कुडोपार से आमागढ़ 3- लोहारा से टिकारी 4- जोरावारी से चिरचिरा 5-पोनिया से लोहारा 6- मलारा से लाभांटोला जन्मखारी मार्ग एवं हिर्री नदी में कन्हरगाँव घोगरा टोल में पुल निर्माण अति आवश्यक है अतः ये निम्न सड़कें व पुल कब तक स्वीकृत हो जाएंगे?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं, कोई कार्यवाही संभव नहीं, शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं, कोई कार्यवाही संभव नहीं, शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"तिरेपन"

सागर ग्रीन हिल्स कॉलोनी में फ्लेटों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

48. ( क्र. 1107 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में अग्रवाल बिल्डर द्वारा कोलार में सागर ग्रीन हिल्स कॉलोनी का निर्माण किया गया है, इस कॉलोनी में उन्हें कितने फ्लैट और कितने बीएचके के फ्लैट निर्माण की अनुमति दी गई है, जिसमें एलआईजी एमआईजी ईडब्ल्यूएस और कितने बंगले सम्मिलित हैं? (ख) क्या यह कॉलोनी ग्रीन बेल्ट में बनाई गई है? यदि हां तो इन्हें पर्यावरण की अनुमति कैसे प्राप्त हो गई? इस कॉलोनी से संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्‍ध करवायें। (ग) क्या उक्त कॉलोनी में सभी मल्टियों में टेंट हाउस के नाम पर अतिरिक्त फ्लैट बनाकर बेचे गए हैं एवं साथ ही उनके सामने की छत भी बेचीं गई है? क्या बिल्डर को मल्टी की छत बेचने का अधिकार है और नहीं है तो इस पर क्या कार्रवाई की गई या की जावेगी? (घ) सागर ग्रीन हिल्स कॉलोनी में कितने किलोवाट का विद्युत कनेक्शन की अनुमति प्रदान की गयी है एवं वहां के ड्रेनेज प्लानिंग की एवं वेस्ट के सम्बन्ध में बिल्डर द्वारा क्या प्लान किया गया है, उसकी प्रति प्रदान करें एवं बिल्डर द्वारा अनियमितताएं की गयी है तो क्या कार्यवाही का प्रावधान है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा प्रश्‍नांकित कालोनी की भूमि पर आवासीय भूखण्‍ड विकास एवं बहुईकाई आवासीय विकास हेतु अनुज्ञा प्रदान कर अभिन्‍यास का अनुमोदन किया गया है। उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। कालोनी से संबंधित उपलब्‍ध दस्‍तावेज जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                                   (ग) म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 में मल्‍टी एवं टेंट हाऊस शब्‍द परिभाषित नहीं है, परन्‍तु प्रश्‍नांकित कालोनी के ब्‍लॉक ए, बी, सी एवं डी के बहुईकाई भवन है जिसमें निर्धारित ऊचांई के बाद तत्‍समय नगरपालिका परिषद कोलार द्वारा प्रदान की गई भवन निर्माण अनुमति के आधार पर बिल्‍डर द्वारा पेंटहाउस नाम से 4-4 कुल 16 अतिरिक्‍त फ्लेट बनाए गए है, इन अतिरिक्‍त 16 फ्लेट एवं इनके सामने की छत बेचने की जानकारी नगर निगम में उपलब्‍ध नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांकित कालोनी में विद्युत मंडल द्वारा 1384 KW/1730 KVA के विद्युत कनेक्‍शन की अनु‍मति प्रदान की गई है। कालोनी की भूमि पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण बिल्‍डर द्वारा केच ड्रेन के माध्‍यम से वर्षा जल के ड्रेनज की प्‍लानिंग की गई है एवं वेस्‍ट प्‍लानिंग के तहत कालोनी में सीवर लाईन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट स्‍थापित है। प्‍लान की प्रति नगर निगम में उपलब्‍ध न होने से प्रदान किया जाना संभव नहीं है। कालोनी में अनियमितताओं के गुणदोष के आधार पर की जाने वाली कार्यवाही म.प्र. नगरपालिका (कालोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तें) नियम 1998 में निर्दिष्‍ट है।

बड़ी पुलिया के समीप समानान्‍तरण ब्रिज का निर्माण

[लोक निर्माण]

49. ( क्र. 1110 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्रं 618 दिनांक- 30.12.2020 के प्रश्नांश (घ) के उत्त‍र में विभाग द्वारा बताया गया की ठेकेदार को धीमी गति से कार्य करने के संबंध में कारण पत्र सूचना पत्र जारी किया गया? क्या पत्र प्रेषित करने के बावजूद ठेकेदार द्वारा उक्त ब्रिज का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हां तो कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) क्या उक्त ब्रिज की कार्य पूर्ण करने की अवधि प्रशासकीय स्वी‍कृति जारी करने के बाद 730 दिवस थी? यदि हां तो उक्त अवधि में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण विभाग ने ब्रिज निर्माण कंपनी के खिलाफ क्या कार्यवाही की? (ग) उक्त ब्रिज का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। 21 प्रतिशत कार्य पूर्ण। (ख) जी हाँ। दिनांक 31.08.2021 को अनुबंधक का पंजीयन 2 वर्ष के लिए काली सूची में प्रतिस्‍थापित किया गया। (ग) उक्‍त ब्रिज का कार्य 31.03.2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।


मंदसौर की पवित्र नदी शिवना के शुद्धिकरण हेतु कार्ययोजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

50. ( क्र. 1111 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा घोषित पवित्र मंदसौर की शिवना नदी हेतु माननीय मुख्यीमंत्री जी ने गत वर्षों में शिवना शुद्धिकरण हेतु घोषणा की गई थी, माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा को लेकर विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) क्या‍ नगरपालिका मंदसौर द्वारा शिवना शुद्धिकरण को लेकर एक कार्ययोजना नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल को प्रेषित की है? यदि हां तो इस योजना पर की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) शासन द्वारा घोषित प्रदेश की पवित्र नदियों के शुद्धिकरण को लेकर गत 5 वर्षों में विभाग द्वारा क्या-क्या योजनायें तैयार की गई? क्या इन योजनाओं में मंदसौर की शिवना नदी सम्मिलित है यदि हां तो उक्त अविध में शिवना शुद्धिकरण को लेकर कितनी-कितनी राशि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा प्रदान की गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रदेश की नदियों के शुद्धिकरण हेतु की जा रही कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"चउवन"

आवंटन एवं व्यय की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

51. ( क्र. 1115 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक चम्बल संभाग मुरैना को कितनी-कितनी राशि बस्ती विकास कार्य एवं अन्य कार्यों हेतु आवंटित की गयी? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध धनराशि में से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में व्यय की गयी है? व्यय राशि का ब्‍यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में व्यय राशि के विरूद्ध जौरा विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं पूर्णता प्रमाणपत्र सहित ग्रामवार सूची उपलब्ध कराई जा सकेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) जौरा विधानसभा की नगरीय निकाय सीमा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।


विद्युत प्रहरी योजना

[ऊर्जा]

52. ( क्र. 1121 ) श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) विद्युत प्रहरी योजना शासन द्वारा किस नियम के तहत कहां-कहां लागू की गई है? इससे कम्पनी को क्या लाभ हुआ है? यदि लाभ नहीं हुआ तो क्या पुनः मण्डल बनाने की कवायद की जाएगी? यदि नहीं तो शासन की अगली योजना क्या है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 05.08.2021, जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, द्वारा स्‍थानीय व्‍यक्तियों की सहभागिता से विद्युत हानि नियंत्रण एवं नगद राजस्‍व संग्रहण में वृद्धि के उद्देश्‍य से ''विद्युत प्रहरी'' योजना तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में प्रथमत: पायलेट प्रोजेक्‍ट के रूप में एक वर्ष की अवधि हेतु लागू की गई है। इस योजना के पायलेट प्रोजेक्‍ट में भिण्‍ड, मुरैना, आगर, शाजापुर, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिला मुख्‍यालयों के ऐसे फीडरों/वितरण ट्रांसफार्मरों के समूह को सम्मिलित किया गया है, जिनमें विद्युत हानि 60% से अधिक है एवं शासकीय कनेक्‍शनों की संख्‍या कम है। उक्‍त योजना के अंतर्गत प्रथमत: पायलेट प्रोजेक्‍ट में सम्मिलित जिलों में से ऐसे जिले जिनमें योजना के प्रावधानों अनुसार विद्युत हानि अधिक है, को चयनित कर योजना के क्रियान्‍वयन की कार्यवाही आरंभ कर दी गई/की जा रही है। चूंकि योजना का क्रियान्‍वयन अभी प्रारंभिक चरण में है, अत: वर्तमान में योजना से हुए लाभ के संबंध में जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

कृषि पंपों पर बकाया राशि

[ऊर्जा]

53. ( क्र. 1123 ) श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कृषि पंपों पर 30 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में कितनी राशि बकाया है? राशि बकाया होने की वजह से आज दिनांक तक कितने कनेक्शन काटे गए?संख्‍यात्‍मक जानकारी प्रदान करें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) संचालन/संधारण, वृत्‍त भिंड में कुल 22545 कृषि पंप उपभोक्‍ताओं पर 30 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में कुल 15249.63 लाख रूपये की राशि बकाया है। राशि बकाया होने की वजह से दिनांक 30.11.2021 तक 521 कृषि पंप उपभोक्‍ताओं के विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेदित किये गये हैं।

जलावर्धन योजना पर व्‍यय राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

54. ( क्र. 1128 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 19 डबरा में नगर पालिका परिषद् डबरा शहर में पेयजल हेतु जल आवर्धन योजना किस वर्ष, कुल कितनी राशि की स्वीकृति हुयी जिसमें कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य किये जाने थे? डबरा के वार्डों में पेयजल हेतु डाली गयी पाइपलाइन का कार्य किस ठेकेदार/फर्म/संस्था द्वारा कराया गया एवं कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा कार्य पूर्ण कर किस दिनांक को यह योजना नगर पालिका डबरा को सौंपी गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या जलावर्धन योजना द्वारा पेयजल हेतु डबरा शहर में डाली गयी गुणवत्‍ताहीन पाइप लाईन नगर पालिका डबरा के आधिपत्य में सौंपने के पूर्व पानी की लाइन टेस्ट/जांच करने पर कई जगह से फूट गयी तथा निरंतर कई बार फूट रही है जिसकी मरम्मत किस मद की राशि से वर्षवार अभी तक कितनी-कितनी राशि नगर पालिका डबरा द्वारा अथवा ठेकेदार/फर्म/संस्था द्वारा व्यय की गयी? (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक पाइप लाईन की जांच की गयी? यदि हाँ तो दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही हुयी? यदि नहीं तो कारण बतावें l (घ) दतिया से डबरा की जनसँख्या अधिक है तथा (A) श्रेणी की कृषि मंडी है, फिर भी दतिया को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया है, डबरा को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कब तक शामिल किया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 19 डबरा अंतर्गत नगर पालिका परिषद, डबरा में पेयजल हेतु जल आवर्धन योजना वर्ष 2011-12 में कुल राशि रू. 1919.44 लाख की स्वीकृत हुई। योजना में सम्मिलित कार्यों का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। वार्डों में पेयजल हेतु डाली गयी पाईप लाईन का कार्य सारथी कंस्ट्रक्शन थाटीपुर ग्वालियर द्वारा कराया गया एवं ठेकेदार को किये गये भुगतान का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। सारथी कंस्ट्रक्शन द्वारा वर्ष 2015 में कार्य पूर्ण किया गया एवं हैंडओवर लिये जाने के संबंध में दिनांक 05.10.2016 को ठेकेदार द्वारा पत्र निकाय में प्रस्तुत किया गया था। स्थल निरीक्षण में कमियां पाई जाने के कारण अंतिम भुगतान रोकते हुये योजना को हैन्डओवर नहीं लिया गया। लंबित भुगतान के संबंध में संविदाकार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत याचिका में पारित आदेश अनुसार आर्बिटरेशन कमेटी के माध्यम से निराकरण हेतु निर्देशित किया गया। आर्बिटरेशन कमेटी से कार्यवाही अपेक्षित होने के कारण विधिवत हैन्डओवर होने की कार्यवाही नही की जा सकी। तत्समय नगर में भीषण जल संकट की स्थिति निर्मित होने से नागरिकों को पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु वर्ष 2018 से नगर पालिका परिषद, डबरा द्वारा उक्त योजना का संचालन/संधारण कार्य किया जा रहा है। (ख) डबरा शहर की जल आवर्धन योजनान्तर्गत सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पेयजल हेतु डबरा शहर में डाली गई पाईप लाईन की थर्ड पार्टी टेस्टिंग सीपेट भोपाल एवं ब्यूरो बैरिट्स महाराष्ट्र के द्वारा करायी गयी थी, परिणाम मानक अनुसार प्राप्त हुये। निकाय द्वारा उक्त योजना का संचालन/संधारण प्रारंभ करने के पूर्व पानी की पाईप लाईनों के टूटने एवं फूटने पर मरम्मत कार्य एवं होने वाले व्यय का वहन संबंधित कंपनी द्वारा किया गया है। योजनान्तर्गत डाली गई पाईप लाईन बार-बार क्षतिग्रस्त नहीं हो रही है, ना ही जल आपूर्ति बाधित हो रही है। यदाकदा सड़क निर्माण इत्यादि के कारण क्षतिग्रस्त होने की दशा में नगर पालिका द्वारा पेयजल व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन हेतु तत्काल मरम्मत करायी जाकर, निर्बाध रूप से जल प्रदाय किया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा कराये गये मरम्मत कार्य में वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में क्रमशः राशि रू. 4,67,648/-, रू. 7,25,950/- एवं रू. 6,01,715/- का व्यय किया गया है। ठेकेदार द्वारा किये गये व्यय की जानकारी निकाय में संधारित नहीं है। (ग) जल आवर्धन योजनातर्गत डाली गई पाईप लाइन की जांच सीपेट भोपाल एवं ब्यूरो बैरिट्स महाराष्ट्र के द्वारा करायी गयी थी, परिणाम मानक अनुसार प्राप्त होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।                                       (घ) स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत प्रदेश के सात शहरों का चयन स्मार्ट सिटी हेतु किया गया है, क्रमशः भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं सतना जिसमें दतिया शहर सम्मिलित नहीं है। भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी हेतु जारी दिशा-निर्देश के अनुक्रम में डबरा को स्मार्ट सिटी योजना में सम्मिलित किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट -"पचपन"

किसानों के खेतों में विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

55. ( क्र. 1129 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) विधानसभा क्षेत्र बैतूल में अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में किन-किन ग्रामों एवं कितने किसानों के खेतों में विद्युतीकरण का कार्य कराया गया है तथा उनमें से कितने कार्य पूर्ण और कितने कार्य अपूर्ण हैं? ग्रामवार एवं किसानों की संख्‍यावार जानकारी देंवे।                                               (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कराए गए कार्यों में किस-किस गांव एवं किसान के यहां कितने क्षमता के ट्रांसफॉर्मर लगाने का प्रावधान था तथा कितने क्षमता के ट्रांसफॉर्मर लगाए गए हैं? संख्यात्मक जानकारी देंवे। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के स्वीकृत लाईन एवं ट्रांसफॉर्मर में कितने ऐसे ट्रांसफॉर्मर हैं जो तकनीकी स्‍वीकृति नक्शा में चिन्हित स्थान में व क्षमता से कम लगाये गये हैं? सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के गलत स्थान व लोकल ट्रांसफॉर्मर लगाने वाले कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? क्या स्थान तथा कम क्षमता के लगाए गए ट्रांसफॉर्मरों की जांच कराऐंगे? यदि हां तो कब किस अधिकारी से?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बैतूल में माह अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत, पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की प्रश्‍नाधीन चाही गई ग्रामवार एवं किसानों की संख्‍यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है।                                             (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ग्रामवार/किसानवार प्रावधानित एवं लगाये गये ट्रांसफार्मरों की क्षमतावार संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में स्‍वीक़ृत नक्‍शे में चिन्हित स्‍थान से भिन्‍न स्‍थान पर विद्युत लाईन/ ट्रांसफार्मर लगाये जाने तथा कम क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाये जाने के संबंध कोई भी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (घ) उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न नहीं उठता।

नगरीय प्रशासन कर्मचारियों का नियमितीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

56. ( क्र. 1135 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल विधानसभा की नगरपालिका व नगर पंचायतों में विनियमित, संविदा, दैनिक मजदूर, मस्टर क्लर्क, कलेक्टर दर, आऊटसोर्स के कौन-कौन से कर्मचारी कब से पदस्थ हैं? जानकारी नामवार, पदवार, पदस्थापना नियुक्ति दिनांक व नियोक्ताकर्त्ता अधिकारी के नाम सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पदस्थ कर्मचारियों को नियमित करने का क्या प्रावधान है? नियमावली उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार नियमित होने से शेष रहे कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जावेगा समयावधि बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''''अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''''अनुसार है। (ग) निकायों में पद रिक्‍त होने पर ही संबंधित निकायों द्वारा शासन निर्देशों के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकेगी।                                                   समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

प्राकृतिक आपदा पर हुये व्‍यय की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

57. ( क्र. 1141 ) श्री बाबू जण्‍डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राकृतिक आपदा बाढ़ एवं अतिवृष्टि दिनांक 03.08.2021 से प्रश्न दिनांक तक                              किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय किया गया?कार्यवार?मदवार?जानकारी बतावें। (ख) नगर पालिका श्योपुर में कितने पात्र आवास हितग्राही है? उक्त पात्र हितग्राहि‍यों में से कितनों को आवास की राशि जारी की गयी है तथा अभी भी कितने पात्र हितग्राहि‍यों को राशि प्रदाय करना शेष है? हितग्राहीवार अवगत करावें। (ग) पात्र एवं वंचित शेष हितग्राहि‍यों को अभी तक राशि क्यों नहीं प्रदाय की गयी है? कारण बतावें अब उक्त हितग्राहियों को कब तक राशि प्रदाय कर दी जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? कारण बतावें। (घ) श्योपुर में आई भीषण तबाही के दौरान साफ-सफाई के दौरान कितने ट्रेक्टर, ट्रॉली सफाई कार्य में लगाये गये तथा इन पर कितना व्यय किया गया? (ड.) बाढ़ पीड़ितों को भोजन के पैकेट किस दर पर कितने? किस प्रतिष्ठान, किस हलवाई से क्रय कर कहां-कहां, किस-किस को किसके द्वारा वितरण किये गये? बाढ़ के दौरान पानी सप्लाई के नाम पर कितना व्यय कहां-कहां किया गया? (च) बाढ़ में किस-किस स्थान की कितनी सबमर्सिबल मोटर पेयजल सप्लाई की खराब हुई तथा उक्त मोटरें ठीक कराने के नाम पर व्यय किया गया?विस्तृत रूप से अवगत करावें। (छ) नगर पालिका क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुयी सड़कों, नालियों को कहां-कहां                                   कितनी-कितनी राशि से दुरूस्त कराया गया तथा कहां-कहां जेसीबी से मिट्टी भरायी गयी व किस स्थान पर मोरम, चुर्री तथा कहां-कहां नालियों पर लोहे के जाल डाले गये?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) नगर पालिका श्‍योपुर में कुल 3302 पात्र आवास हितग्राही है, जिनमें से 2650 हितग्राहियों को राशि प्रदाय की जा चुकी है। शेष 652 हितग्राहियों को राशि प्रदाय की जाना है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) पात्र एवं वंचित शेष हितग्राहियों द्वारा दस्‍तावेज पूर्ण नहीं किये जाने के कारण राशि प्रदाय नहीं की जा सकी है। उक्‍त हितग्राहियों से दस्‍तावेज चाहे गये है, पूर्ण दस्‍तावेज प्राप्‍त होते ही, जांच कर नियमानुसार राशि आवंटित की जावेगी। (घ) बाढ़ में आई तबाही के दौरान साफ-सफाई हेतु निकाय द्वारा 31 दिनों में कुल 358 ट्रेक्‍टर-ट्राली किराये पर लगाये गये जिनके बिल राशि रू. 465400/- के निकाय को प्राप्‍त हुए है, भुगतान किया जाना शेष है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।                                                 (च) बाढ़ के समय जिन वार्डों में समर्सिबल मोटरें खराब हुई थी, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। उनके स्थान पर 10 नवीन समर्सिबल मोटर पम्प क्रय कर डाली गई, जिस पर राशि रू. 649255/- का व्यय हुआ है। मोटर पम्प मरम्मत पर कोई व्यय नहीं हुआ है। (छ) नगरपालिका क्षेत्र में बाढ़ के समय सड़क व नालियों का कहीं भी मरम्मत नहीं किया गया है, न ही किसी स्थान पर मिट्टी, मुर्रम, चुर्री व जाल डाले गये है। इस पर किसी भी प्रकार का व्यय नहीं हुआ है।

क्षतिग्रस्‍त सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

58. ( क्र. 1142 ) श्री बाबू जण्‍डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राकृतिक आपदा बाढ़ एवं अतिवृष्टि के कारण माह अगस्‍त,2021 में श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में कितनी सड़के,पुल-पुलिया,रपटा क्षतिग्रस्त हुये? उक्त क्षतिग्रस्त हुई संरचनाओं में से कौन-कौन सी संरचनाओं का पुनर्निर्माण, मरम्मत दुरस्ती कार्य कितनी-कितनी राशि से कराया जा चुका है तथा कितनी संरचनाओं का कार्य शेष है? उक्त शेष संरचनाओं का कार्य कब तक करा दिया जावेगा?                                          (ख) क्या श्योपुर से सवाईमाधोपुर को जोड़ने वाली सड़क पर श्योपुर शहर के मध्य सलापुरा पर बने जीर्णशीर्ण एवं पुराने पुल पर अक्सर जाम लगा रहता है?यदि हां तो उक्त समस्या के समाधान हेतु शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हां तो क्या? शासन द्वारा उक्त स्थान पर नवीन पुल बनाया जायेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के द्वारा कौन-कौन सी नवीन सड़कें कितनी-कितनी राशि की स्वीकृत हैं?कितनी स्वीकृत होकर निर्माणाधीन हैं? उक्त सड़कों पर अभी तक कितना-कितना किस-किस सड़क पर व्यय किया गया है? (घ) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 122, दिनांक 26.06.2021 से विभाग को अवगत कराया जाकर विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में स्वीकृत होकर निर्माणाधीन सड़क मार्ग प्रेमसर से पच्चीपुरा को लिंक रोड ढोटी पच्चीपुरा से जोड़े जाने का अनुरोध किया था?यदि हां तो विभाग एवं शासन द्वारा उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो कारण बतावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-स एवं प्रपत्र-'स-1' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रशासकीय स्‍वीकृति अप्राप्‍त है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय कला महाविद्यालय में विज्ञान एवं वाणिज्य विषय की स्वीकृति

[उच्च शिक्षा]

59. ( क्र. 1145 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नरयावली अंतर्गत संचालित शासकीय कला महाविद्यालय नरयावली में कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं? कक्षावार जानकारी देवें। (ख) शासकीय कला महाविद्यालय नरयावली में वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कितने छात्र-छात्राओं ने कला संकाय में प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्रथम वर्ष में प्रवेश लिये छात्र-छात्राओं का कक्षा 12 वीं में कला, वाणिज्य एवं विज्ञान विषय से उत्‍तीर्ण कर प्रवेश लिया था? विषयवार छात्र-छात्राओं की संख्या की जानकारी देवें। (घ) यदि प्रवेश लिये अधिकांश छात्र-छात्राओं का कक्षा 12 वीं में विषय वाणिज्य एवं विज्ञान था तो क्या शासन छात्रों के हित में शासकीय कला महाविद्यालय नरयावली में वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय प्रारंभ करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-1 अनुसार है।                                                                     (ख) वर्ष 2020-21 में 153 छात्र-छात्राओं ने एवं वर्ष 2021-22 में 248 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। विभागीय मापदण्ड अनुसार निर्धारित छात्र संख्या कम होने के कारण वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय प्रारंभ किये जाने में                   कठिनाई है।

परिशिष्ट -"छप्पन"

स्कूल भवनों का निर्माण

[लोक निर्माण]

60. ( क्र. 1146 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. द्वारा कितने शासकीय स्कूल भवनों के निर्माण कार्य प्रारंभ किये गये? कार्यों के नाम, लागत, कार्य पूर्ण करने की दिनांक, कार्य की भौतिक स्थिति से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने शासकीय हाई स्कूल भवनों को निर्माण उपरांत विभाग प्रमुख/प्राचार्य को हस्तांतरित कर दिये गये हैं? शासकीय स्कूल के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने ऐसे शासकीय स्कूल हैं जिनका कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुआ है? अपूर्ण रहने का कारण एवं कब तक पूर्ण होगा? (घ) विभाग स्कूल भवनों का निर्माण कार्य समय से पूर्ण ना होने एवं निर्मित भवनों का स्कूल विभाग को ना हस्तांतरित/सौंपने के कारण अधिकांश शालाओं में अध्यापन कार्य में परेशानी हो रही है, जिसके लिये कौन उत्तरदायी है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) 08 स्‍कूल भवन शिक्षा विभाग को हस्‍तांतरित कर दिये गये है। प्रगतिरत कार्यों के अपूर्ण रहने का कारण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

61. ( क्र. 1148 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता द्वारा, आयुक्त नगर पालिक निगम ग्वालियर की ओर निगम द्वारा सम्पूर्ण जिला ग्वालियर एवं 17 ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित गतिविधियों एवं निगम के नियंत्रणाधीन विभाग/कार्यालयों में पदस्थ/कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना आदि के संबंध में जानकारी हेतु (1) पत्र क्र. 108 /विधा./द.वि./दिनांक 24.03.2021, स्मरण पत्र क्र. 202 /विधा./द.वि./दिनांक 05.06.2021 पत्र क्र. 373 /विधा./द.वि./दिनांक 25.09.2021, पत्र क्र. 412 /विधा./द.वि./दिनांक 16.11.2021 (2) पत्र क्र. 411 /विधा./द.वि./दिनांक 16.11.2021, (3) पत्र क्र. 288 /विधा./द.वि./दिनांक 03.08.2021, पत्र क्र. 372 /विधा./द.वि./दिनांक 25.09.2021, पत्र क्र. 414 /विधा./द.वि./दिनांक 16.11.2021, (4) पत्र क्र. 184 /विधा./द.वि./दिनांक 12.05.2021, एवं स्मरण पत्र क्र. 217 /विधा./द.वि./2020-21 दिनांक 05.06.2021, (5) पत्र क्र. 375 /विधा./द.वि./दिनांक 25.09.2021, स्मरण पत्र क्र. 410 /विधा./द.वि./दिनांक 16.11.2021, को प्रेषित किये गये, पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध करायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) :  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रदर्श-1, 2, 3, 4 एवं 5 अनुसार है।

आवासहीन परिवारों को आवासीय भू-खण्ड दिये जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

62. ( क्र. 1149 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्पूर्ण नगरीय क्षेत्र ग्वालियर में आवासहीन परिवारों हेतु आवास के लिये दिनांक 31.10.2021 की स्थिति में क्या-क्या योजनायें प्रचलित हैं? (ख) सम्पूर्ण नगरीय क्षेत्र ग्वालियर में निवासरत आवासहीन परिवारों को आवासीय भू-खण्ड का पट्टा दिये जाने हेतु पात्रता के लिये निर्धारित मापदण्ड क्या है? (ग) सम्पूर्ण नगरीय क्षेत्र ग्वालियर में निवासरत आवासहीन परिवारों को आवासीय भू-खण्ड का पट्टा दिये जाने हेतु पूर्व में सर्वे कब-कब कराया गया तथा कराये गये सर्वे अनुसार सभी पात्र हितग्राहियों को भू-खण्ड का पट्टा दिया जा चुका है या नहीं? यदि हां तो विधानसभावार सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं तो क्यों तथा उन्हें पट्टा दिये जाने की कार्यवाही पूर्ण की जायेगी? विधानसभावार सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या आवंटित भू-खण्ड पर संबंधित हितग्राही द्वारा अपना पक्का आवास बनाया गया है या नहीं? विधानसभावार सूची उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम ग्वालियर क्षेत्रांतर्गत दिनांक 31.10.2021 की स्थिति में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ए.एच.पी. घटक अंतर्गत ई.डब्ल्यू.एस. (स्लम) एवं (नॉन-स्लम) , एल.आई.जी., एम.आई.जी. तथा बी.एल.सी. घटक की योजनाएं प्रचलित है। (ख) से (घ) की जानकारी संकलित की जा रही है।

नगर निगम ग्वालियर के निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

63. ( क्र. 1153 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम मैं 2014 में निर्वाचित पार्षदों को किस दिनांक से पूर्व पार्षद माना गया है? 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 1 से 66 तक के वार्डों में क्या-क्या निर्माण कार्य कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति के किस-किस ठेकेदार/एजेंसी, किस-किस यंत्री/अधिकारी के सुपरविजन में किस-किस अधिकारी, जनप्रतिनिधि, या अन्य की अनुशंसा पर स्वीकृत कर निर्माण कराए गए हैं तथा कराए जा रहे हैं? निर्माण कार्यों की प्रश्न दिनांक की स्थिति में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता या अन्य किसी प्रकार की शिकायतें मिली हैं? यदि हां तो किस-किस निर्माण कार्य की क्या-क्या शिकायतें किस-किस व्यक्ति द्वारा की गई हैं? शिकायतों की फोटो प्रति दें। इन शिकायतों की किस अधिकारी द्वारा कब-कब जांच कराई गई? जांचकर्ता अधिकारी का नाम, पद बतावें। उनकी जांच में कोई कर्मचारी/यंत्री या ठेकेदार दोषी पाया गया? हां तो उनका नाम, पद तथा उनके विरुद्ध क्या दण्डात्मक कार्रवाई की गई है? (ग) ग्वालियर नगर पालिक निगम में 30 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, वर्तमान स्थान पर पदस्थापना दिनांक, उनका कार्यक्षेत्र, मुख्यालय सहित सम्पूर्ण जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम ग्‍वालियर परिषद का कार्यकाल दिनांक 09 जनवरी 2020 को पूर्ण हो जाने के उपरांत, दिनांक 10 जनवरी 2020 से निर्वाचित पार्षदों को पूर्व पार्षद माना गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर में उल्‍लेखित निर्माण कार्यों की गुणवत्‍ता एवं अन्‍य किसी प्रकार की कोई शिकायत प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

भवनों के लिए फायर एन.ओ.सी. अनि‍वार्य किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

64. ( क्र. 1163 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अस्‍पताल, स्‍कूल, कॉलेज, व्‍यवसायिक भवन, एवं बहुमंजिला भवन आदि के लिए फायर एन.ओ.सी. लिया जाना अनिवार्य है एवं जिन्‍होंने फायर एन.ओ.सी. ले ली है, उन्‍हें रिन्‍यु कराना अनिवार्य है? (ख) यदि हां तो इंदौर एवं भोपाल शहर में प्रश्नांश (क) अनुसार कितने-कितने भवनों की फायर एन.ओ.सी. नगर निगम भोपाल एवं इंदौर द्वारा जारी की गई है एवं कितनी एन.ओ.सी. जारी किया जाना शेष है? (ग) इंदौर, भोपाल शहर में कितने-कितने शासकीय एवं अशासकीय चिकित्‍सालय हैं, इनमें से कितनों ने फायर एन.ओ.सी. ली एवं कितनों ने नहीं ली है? जिन्‍होंने नहीं ली है उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या इन शहरों के उल्‍लेखित भवनों के लिए फायर एन.ओ.सी. न लिये जाने एवं अग्निशमन यंत्र नहीं लगाये जाने से आगजनी के हादसे होने पर जन-धन की हानि हुई है? यदि हां तो क्‍या शासन द्वारा सख्‍ती से फायर एन.ओ.सी. लेने एवं अग्निशमन यंत्र लगाने के निर्देश दिये जायेंगे? यदि हां तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम 87 (3) के प्रावधान अनुसार राष्‍ट्रीय भवन संहिता के भाग-4 की कंडिका 1.2 के तहत आने वाले सभी प्रकार के भवनों, जिसमें स्‍कूल, कॉलेज, व्‍यवसायिक एवं बहुमंजिला भवन सम्मिलित हैं, के लिये फायर एन.ओ.सी. लिया जाना आवश्‍यक है एवं जिन्‍होंने अस्‍थायी फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया है, उन्‍हें नवीनीकरण (रिन्‍यू) कराना भी आवश्‍यक है। (ख) एवं (ग) की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) आगजनी के हादसे होने पर जन-धन की हानि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। संचालनालय के पत्र दिनांक 06.06.2019, 06.07.2019, 09.05.2021 एवं शासन के पत्र दिनांक 24.12.201911.11.2021 द्वारा समुचित दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"सत्तावन"


अधिकारी/कर्मचारियों को आवंटित आवास

[लोक निर्माण]

65. ( क्र. 1164 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में लोक निर्माण विभाग के कितने एवं किस-किस टाइप के आवासगृह                                  कहां-कहां निर्मित हैं? इनमें से कितने एवं किस-किस टाईप के आवासगृह कब-कब से रिक्‍त हैं?                                                         (ख) उक्‍त आवास गृह वर्तमान में किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के नाम से आवंटित है एवं स्‍थानांतरण होने एवं सेवानिवृत्‍त होने के उपरांत भी किस-किस आवास गृह में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी, शासन द्वारा निर्धारित अवधि की छूट दिए जाने के बावजूद अभी भी आवास गृहों में निवासरत हैं? अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं आवास गृह का नाम सहित विवरण दें?                                           (ग) क्‍या इन विभागीय आवास गृहों को लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्‍त अन्‍य विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को भी आवंटित किया गया है? यदि हां तो किस नियम के तहत किस के आदेश से किन-किन आवास गृहों को कब-कब अन्‍य किन-किन विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को आवंटित किए गए? अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पदनाम एवं विभाग का नाम सहित पूर्ण विवरण दें। (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में अन्‍य विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों से कब तक आवास रिक्‍त कराए जाएंगे? यदि नहीं तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। (ग) जी हां। आवश्‍यकता अनुसार आवास आवंटित किये गये हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। (घ) प्रशनांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में विभाग द्वारा अन्‍य विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को आवंटित आवास को सेवानिवृत्‍त/स्‍थानांतरण/मृत्‍यु उपरांत रिक्‍त कराये जाएंगे। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सड़कों का निर्माण एवं मरम्‍मत कार्य

[लोक निर्माण]

66. ( क्र. 1170 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण (भ/स) संभाग क्रमांक 2 जबलपुर व राष्‍ट्रीय राजमार्ग संभाग जबलपुर को                                 किन-किन योजनामद में सड़कों का निर्माण चौड़ीकरण, मरम्‍मत, सुधार व रख-रखाव हेतु                                      कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि‍ व्‍यय हुई? वर्ष 2019-20 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कहां से कहां तक कितने कि.मी. तक की कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कब-कब किस एजेंन्‍सी से किन शर्तों पर कराया गया एवं कितनी राशि में कराया गया तथा कहां-कहां की कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण अपूर्ण/निर्माणाधीन/ अप्रारंभ है। इनकी कार्य अवधि व लागत क्‍या है? (ग) प्रश्नांश (क) में सड़कों का चौड़ीकरण मरम्‍मत सुधार कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? पीस वर्क व हस्‍तपावती पर कितनी-कितनी राशि में कौन-कौन से कार्य कब-कब, किस एजेन्‍सी से कराये गये? इन कार्यों की स्‍वीकृति कब किससे ली गई है?                                                (घ) राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्र. 12 ए जबलपुर से मंडला कहां से कहां तक कितने कि.मी. सड़क का कौन-कौन सा कार्य कब किस एजेन्‍सी से कितनी-कितनी राशि में कराया है एवं कौन-कौन सा कितना-कितना कार्य कब से अपूर्ण व निर्माणाधीन है? इसकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्‍या है? कार्य की गुणवत्‍ता की जांच कब-कब किस एजेन्‍सी ने की है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक-02 जबलपुर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं रा.रा. संभाग जबलपुर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक-02 जबलपुर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-ब एवं रा.रा. संभाग जबलपुर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-'ब-1' अनुसार है। (ग) लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक-02 जबलपुर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं रा.रा. संभाग जबलपुर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। पीस वर्क व हस्तपावती पर कोई कार्य नहीं कराये गये है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है।

निर्माण कार्यों की जानकारी

[लोक निर्माण]

67. ( क्र. 1175 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्रमांक 651 दिनांक 12 अगस्त 2021 के उत्तरमें (1) अमरोल से राजौआ मार्ग (2) सिमरियाटांका से ठाठी व्हाया उधो काचक (3) रावतबनवारी से गुनाहमार्ग (4) ककरधा से उर्वामार्ग (5) बड़का गाँव से सुभाषपुरा सभराई मार्ग (6) पनिहार-पगारा से बढ़पुरा मार्ग जिनके प्राक्‍कलन मु.अ. ग्वालियर के पत्र दिनांक 20 जनवरी 2020 से प्रमुख अभियन्ता को भेजे गये, उनके द्वारा अपने पत्र दिनांक 14 जुलाई 2021 को बिना किसी कार्रवाई के वापस किए गए? क्या यह भितरवार विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय नहीं है? यदि हां तो उक्त मार्गों को कब तक स्वीकृत कराकर निर्माण करा लिया जावेगा? एक निश्चित समय सीमा स्पष्ट करें।                                       (ख) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करईया एवं मोहना छात्रावास में क्षमतावर्धक कार्य, शासकीय महाविद्यालय चीनौर का भवन निर्माण, शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल चीनौर का शुद्धिकरण, घाटीगांव अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय का भवन निर्माण तथा नवीन हाई स्कूल भवन गड़ाजर यह निर्माण किन-किन अधिकारियों/यंत्रियों के सुपरवीजन मैं किस-किस ठेकेदार द्वारा कितनी-कितनी लागत से कराए जा रहे हैं तथा कराए गए हैं? प्रश्नकर्ता स्थानीय विधायक के क्षेत्र भ्रमण के दौरान आम नागरिकों द्वारा इनकी खराब गुणवत्ता निर्माण की शिकायतें की जाती हैं? प्रश्न दिनांक की स्थिति में इनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है?क्या इन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच प्रश्नकर्ता विधायक के साथ प्राक्‍कलन के अनुसार कराई जा सकती है? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, प्रथम स्‍तरीय प्राक्‍कलन होने से लौटाये गये है। जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पी.आई.यू. ग्‍वालियर के अंतर्गत भितरवार विधानसभा में शासन के नियमानुसार गुणवत्‍तायुक्‍त भवनों का निर्माण कार्य कराया गया है। जी हाँ। माननीय विधायक की मांग एवं सुविधा अनुसार।

परिशिष्ट -"अट्ठावन"

 

लहार विधानसभा क्षेत्र के सड़क/पुल का निर्माण

[लोक निर्माण]

68. ( क्र. 1180 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2020 से 31 मार्च 2021 तक भिण्‍ड जिले की लहार विधानसभा क्षेत्र में बजट/अनुपूरक बजट में कौन-कौन सी सड़कें एवं पुल शामिल किए गए? पुल व सड़कों के नाम व वर्ष सहित विवरण दें। (ख) उपरोक्‍त अवधि में सड़कें एवं पुल निर्माण हेतु कब-कब तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई एवं निर्माण कार्य प्रारंभ कराए जाने हेतु कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? प्रशासकीय स्‍वीकृति की प्रति उपलब्‍ध कराएं। (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में निविदा आमंत्रित करने के उपरांत क्‍या सड़क एवं पुलों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों एवं कब तक कार्य प्रारंभ कराया जाएगा? (घ) क्‍या माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा दिनांक 15.09.2021 को 1. लहार बायपास मार्ग का चौड़ीकरण लंबाई 2.20 कि.मी. 2. ग्राम इगुई से लहार अमायन मार्ग लंबाई लगभग 12.09 कि.मी. को एस.एफ.सी. में रखने के आदेश प्रदान किए थे? (ड.) यदि हां तो उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या एस.एफ.सी. में रखा जाकर स्‍वीकृति प्रदान की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं। वित्‍तीय सूचकांक एवं बजट उपलब्‍धता के अनुसार समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

बालाजी मिहोना एवं आलमपुर महाविद्यालय में स्‍वीकृत पद

[उच्च शिक्षा]

69. ( क्र. 1181 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के शासकीय महाविद्यालय लहार, बालाजी मिहोना एवं आलमपुर में किस-किस श्रेणी के कौन-कौन से, कितने-कितने पद स्‍वीकृत हैं एवं स्‍वीकृत पदों में से कितने एवं कौन-कौन से पद किन-किन कारणों से कब-कब से रिक्‍त हैं? महाविद्यालयवार विवरण दें। (ख) उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु जुलाई 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब पत्र लिखे गए एवं उन पत्रों के संदर्भ में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या उक्‍त महाविद्यालयों में लंबे समय से अनेक पद रिक्‍त होने से विद्यार्थियों के अध्‍यापन कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? यदि हां तो अभी तक पद पूर्ति नहीं किए जाने के क्‍या कारण हैं तथा कब तक रिक्‍त पदों की पूर्ति की जाएगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के महाविद्यालय में शैक्षणिक/अशैक्षणिक पदों की पूर्ति हेतु यथासमय समुचित कार्यवाही की गई है। शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों के विरूद्ध आवश्यकतानुसार अतिथि विद्वानों का आमंत्रण कर अध्यापन व्यवस्था सुचारू जारी है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"उनसठ"

बिजली प्रहरी के सम्बन्ध में

[ऊर्जा]

70. ( क्र. 1193 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) क्या एम.पी. पावर मैनेजमेंट कम्पनी द्वारा प्रदेश की बिजली कम्पनियों में बिजली चोरी रोकने के लिए बिजली प्रहरी की नियुक्ति किये जाने सम्बन्धी आदेश जारी किये गए हैं? (ख) यदि हाँ तो छतरपुर जिले में कितने बिजली प्रहरी नियुक्त किये गये हैं? सभी के नाम कार्य क्षेत्र उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में बिजली प्रहरियों द्वारा बिजली चोरी के कितने मामले                              कहाँ-कहाँ पकड़े गए और उन्हें इसके लिए कितना इंसेंटिव दिया गया?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 05.08.2021 द्वारा स्थानीय व्यक्तियों की सहभागिता से विद्युत हानि नियंत्रण एवं नगद राजस्व संग्रहण में वृद्धि के उद्देश्‍य से ''विद्युत प्रहरी'' योजना तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में प्रथमत: पायलेट प्रोजेक्‍ट के रूप में एक वर्ष की अवधि हेतु लागू की गई है। इस योजना के पायलेट प्रोजेक्‍ट में भिण्‍ड, मुरैना, आगर, शाजापुर, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिला मुख्‍यालयों के ऐसे फीडरों/वितरण ट्रांसफार्मरों के समूह को सम्मिलित किया गया है, जिनमें विद्युत हानि 60% से अधिक है एवं शासकीय कनेक्‍शनों की संख्‍या कम है। (ख) उक्‍त योजनान्‍तर्गत छतरपुर जिले में दो विद्युत प्रहरियों को नियुक्‍त किया गया है, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गयी नाम एवं कार्यक्षेत्र से संबंधित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) छतरपुर जिले में उक्‍त योजनान्‍तर्गत नियुक्‍त विद्युत प्रहरियों द्वारा दिनांक 01.12.2021 से कार्य प्रारंभ किया गया है। अद्यतन स्थिति में, उक्‍त विद्युत प्रहरियों द्वारा बिजली चोरी के पकड़े गए प्रकरणों एवं इंसेंटिव दिये जाने संबंधी जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट -"साठ"

विश्वविद्यालय की सभा (कोर्ट) के कार्य

[उच्च शिक्षा]

71. ( क्र. 1195 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविधालय छतरपुर में प्रश्नकर्ता को विश्वविद्यालय की सभा (कोर्ट) में निर्वाचित किया गया था? इस सभा (कोर्ट) का क्या कार्य है? (ख) विश्‍वविद्यालय द्वारा किसी अग्रणी महाविद्यालय को उसके सभी संसाधनों के साथ अधिग्रहित/ विलय कर उसे अपने में शामिल कर लेने के पूर्व उक्त सभा (कोर्ट) को किसी प्रकार की सूचना, चर्चा, सहमति, प्रस्ताव लिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर द्वारा महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के अधिग्रहण/विलय के पूर्व सभा (कोर्ट) को सूचना क्यों नहीं दी गई? किसी भी प्रकार की औपचारिक/अनौपचारिक चर्चा क्यों नहीं की गई? सभा (कोर्ट) के निर्वाचित सदस्यों को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा-22 में उल्‍लेखित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) तदाशय की कोई वैधानिक अनिवार्यता नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"इकसठ"

व्यवसायिक ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं विद्युत संयोजन

[ऊर्जा]

72. ( क्र. 1196 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं उद्योगों में ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं विद्युत संयोजन की क्या प्रक्रिया हैं, और उपभोक्ता को इस हेतु कितना-कितना शुल्क जमा करना होता हैं? क्या ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं विद्युत संयोजन की समयावधि नियत हैं? यदि हाँ, तो कितनी? नहीं तो क्यों?                                           (ख) कटनी जिले में विगत वर्ष 2020 से किन-किन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं उद्योगों में कितनी-कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर कब-कब लगाए गये? और विद्युत संयोजन किया गया? इन प्रतिष्ठानों/उद्योगों द्वारा ट्रांसफार्मरों हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब जमा की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) ट्रांसफार्मरों की स्थापना की स्वीकृति किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी गयी? किन-किन सक्षम अधिकारियों/कर्मचारियों के पर्यवेक्षण में कार्य कराया गया एवं किस ठेकेदार द्वारा ट्रांसफार्मर स्थापित किए गये और किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कार्यों का निरीक्षण किया गया एवं क्या प्रतिवेदन दिये गये? (घ) प्रश्नांश (ख) प्रतिष्ठानों/उद्योगों में किन्ही योजनाओं हेतु आवंटित ट्रांसफार्मरों की स्थापना की गयी? यदि हाँ, तो किस नियम एवं आदेश से? यदि नहीं तो क्या संबंधितों द्वारा ऐसा ना होना सत्यापित किया जायेगा? (ङ) क्या कटनी जिले में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं उद्योगों में शासकीय अनुदान योजनाओं के तहत आवंटित ट्रांसफार्मर स्थापित होना पाया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गयी और क्या प्रश्नांश (ख) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय अनुदान योजनाओं के ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाने की जांच और कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के द्वारा अधिसूचित म.प्र.विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदाय करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्र हेतु व्‍ययों तथा अन्‍य प्रभारों की वसूली) विनियम (पुनरीक्षण प्रथम) 2009 तथा उत्‍तरवर्ती संशोधन अनुसार व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठानों एवं उद्योगों में विद्युत संयोजन हेतु आवश्यक निम्‍नदाब लाईन आवेदक के स्‍वयं के व्‍यय पर खड़ी की जावेगी एवं उच्‍चदाब लाईन व ट्रांसफार्मर की स्‍थापना वितरण अनुज्ञप्तिधारी (वितरण कंपनी) द्वारा स्‍वयं की जावेगी जिसके लिये आवेदक से निम्‍नानुसार सप्‍लाई अफोर्डिग की राशि जमा कराई जायेगी -

क्र.

मांग किया गया भार (Requisitioned Load)

उपभोक्‍ताओं से वसूली योग्‍य विद्युत प्रदाय उपलब्‍धता प्रभार, सेवा तन्‍तुपथ की लागत पर पर्यवेक्षण प्रभारों को सम्मिलित कर (आवेदन पत्र की लागत, अनुबंध शुल्‍क तथा प्रतिभूति निक्षेप को छोड़कर)

1

3 किलोवॉट (एकल फेस) तक

रू. 300/- प्रति किलोवॉट अथवा उसका कोई अंश

2

3 किलोवॉट (तीन फेस) से अधिक परन्‍तु 10 किलोवॉट से अनाधिक

रू. 900+रू. 900 प्रति अतिरिक्‍त किलोवाट अथवा उसका कोई अंश जिसके अनुसार भार 3 किलोवॉट से अधिक हो।

 

 

 

3

10 किलो‍वॉट से अधिक परन्‍तु 25 किलोवॉट से अनाधिक

रू. 7,200+रू. 2,250 प्रति अतिरिक्‍त किलोवॉट अथवा उसका कोई अंश जिसके अनुसार 10 किलोवॉट से अधिक हो।

4

25 कि.वा. से ऊपर

रू. 40,950+रू. 3750 प्रति अतिरिक्‍त किलोवॉट अथवा उसका कोई अंश जिसके अनुसार 25 किलोवॉट से अधिक हो।

जी हाँ, ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना एवं विद्युत संयोजन हेतु 90 दिनों की समयावधि नियत है।                                         (ख) कटनी जिले में विगत वर्ष 2020 से विभिन्‍न व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठानों एवं उद्योगों में ट्रांसफार्मर स्‍थापित कर दिये गये विद्युत संयोजनों का स्‍थापित ट्रांसफार्मर की क्षमता, ट्रांसफार्मर स्‍थापना की दिनांक एवं जमा की गई राशि का दिनांक सहित व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठान/उद्योगवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना की स्‍वीकृति देने वाले सक्षम अधिकारी, पर्यवेक्षण करने वाले अधिकारी, निरीक्षण/सत्‍यापन करने वाले अधिकारी एवं कार्य करने वाले ठेकेदार की नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, किसी भी प्रतिष्‍ठान/उद्योग में किन्‍ही अन्‍य योजनाओं हेतु आवंटित ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ड.) कटनी जिले में व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठानों एवं उद्योगों में शासकीय अनुदान योजनाओं के तहत आवंटित ट्रांसफार्मर स्‍थापित होना नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

कटनी नगर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

73. ( क्र. 1198 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर में डोर-टू-डोर संग्रहित होने वाले कचरे के सेग्रिगेशन के क्या नियम हैं, और इसके लिए कटनी MSW कंपनी को किस प्रकार के वाहन, कर्मचारी एवं संसाधन की आवश्यकता हैं, और क्या कंपनी के पास उपरोक्त वाहन एवं संसाधन उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये, नहीं तो अब तक सेग्रिगेशन का कार्य किस प्रकार हो रहा था, स्पष्ट कीजिये।                                 (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक – 273, दिनांक - 28/12/2020 के प्रश्‍नांश (घ) के उत्तरानुसार MSW कंपनी पर पेनाल्टी अधिरोपित की गयी? यदि हाँ,तो कितनी? और क्या वर्तमान में कंपनी द्वारा सेग्रिगेशन का कार्य किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं तो क्यों और लगातार सेगीग्रेशन कार्य ना करने का संज्ञान क्यों नहीं लिया जा रहा हैं? (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक– 4139, दिनांक- 18/03/2021 के प्रश्‍नांश (घ) के उत्तरानुसार जन निजी भागीदार को नोटिस जारी किया गया हैं? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराइये और क्या वर्तमान में पुराने भंडारित कचरे का प्रसंस्करण होने लगा? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये, नहीं तो कारण बताइये। (घ) क्या प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अनुबंध एवं नियम विपरीत प्रचलित कार्यों और कार्यशैली की शासन स्तर से जांच एवं कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कटनी शहर में डोर टू डोर संग्रहित होने वाले कचरे के सेग्रिगेशन हेतु कटनी एम.एस.डब्‍ल्‍यू. कंपनी को म.प्र. ठोस अपशिष्‍ट नियम-2016 के अनुपालन करने का प्रावधान है। जिसके नियम 04 में सेग्रिगेशन के प्रावधान उल्‍लेखित है। जिसके अनुसार पृथक्‍कीकृत कचरा देना नागरिकों के दायित्‍व में सम्मिलित है। जिसका गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग प्रसंस्‍करण इकाई तक पहुँचाना एजेंसी का दायित्‍व हैं। जिस हेतु पार्टीशन युक्‍त वाहनों की आवश्‍यक्‍ता है। जी हां, कंपनी के पास पार्टीशन युक्‍त ऑटो टिपर एल.एम.वी. वाहन-42 नग एवं हाथ रिक्‍शा-09 नग के साथ 09 सुपरवाइजर एवं वाहन के साथ वाहन ड्राईवर-51 एवं हेल्‍पर-51 उपलब्‍ध है। (ख) जी हँ। कटनी एम.एस.डब्‍ल्‍यू. कंपनी पर दिनांक 28.12.2020 तक राशि रू. 5,97,053/- पेनाल्‍टी अधिरोपित की गई। जी हॉं वर्तमान में आंशिक रूप से सेग्रिगेशन का कार्य किया जा रहा है एवं कम्‍पनी द्वारा जो कमी की गई उसके लिये स्‍वतंत्र इंजीनियर द्वारा समय-समय पर नोटिस जारी किये जाकर पेनाल्‍टी भी अधिरोपित की गई है।                                                                         (ग) जी हाँ। जन निजी भागीदार को नोटिस जारी किया गया है। जी हाँ। कंपनी द्वारा पुराने भंडारित कचरे का प्रसंस्‍करण प्रारंभ कर दिया गया है जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है पुराने कचरे का प्रसंस्‍करण किये जाने की गति धीमी होने के कारण स्‍वतंत्र इंजीनियर द्वारा नोटिस जारी किये गए है। विवरण संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। एवं पेनाल्‍टी भी आरोपित की गई है। जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जन निजी भागीदारी परियोजना के संदर्भ में अंतर्निकाय अनुबंध के शेड्यूल-11 के बिन्‍दु क्रमांक 09 के अनुसार मॉनिटरिंग कमेटी का प्रावधान है, साथ ही अनुबंध के शेड्यूल-08 के बिन्‍दु क्रमांक 02 के अनुसार स्‍वतंत्र इंजीनियर नियुक्‍त कर मानीटरिंग सुनिश्चित की गई। जिनके कार्य एवं दायित्‍वों में योजना की निरंतर मॉनिटरिंग की व्‍यवस्‍था की गई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"बासठ"

पदमी रामनगर घुघरी सलवाह सड़क निर्माण

[लोक निर्माण]

74. ( क्र. 1202 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पदमी-रामनगर-घुघरी-सलवाह सड़क मार्ग की स्वीकृति कब की गई थी? स्वीकृति के पश्चात से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्त सड़क निर्माण हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभाग के साथ एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कब-कब पत्राचार किया गया एवं उन पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? पत्रों की प्रतियां सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। प्रश्‍नकर्ता के अतिरिक्त अन्य किस-किस के द्वारा पत्राचार किया गया? उनके नाम व पत्र दिनांक की जानकारी के साथ पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त सड़क निर्माण हेतु निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हां तो निविदा कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जाएगी एवं कार्य आदेश कब तक जारी कर दिए जाएंगे? क्या मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा इस सड़क निर्माण हेतु भूमिपूजन/शिलान्यास कर दिया गया है? यदि हां तो भूमिपूजन/शिलान्यास कब एवं कहाँ किया गया? कार्य कब तक प्रारम्भ किया जाएगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 04.05.2018 को। इसके पश्चात फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई गई एवं दिनांक 23.09.2021 को निविदा आमंत्रित की गई। वर्तमान में निविदा का तकनीकी मूल्यांकन कार्य प्रगति पर है। (ख) पत्र दिनांक 01.06.2019, 03.01.2020, 13.07.2021 तथा 20.09.2021 द्वारा मार्ग के संबंध में पत्राचार किया गया। उत्‍तरांश '' अनुसार निविदा आमंत्रित कर, वर्तमान में तकनीकी मूल्‍यांकन कार्य प्रगति पर है। पत्रों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                               (ग) जी हाँ। निविदाओं की मूल्यांकन की कार्यवाही प्रगतिरत है। निविदा कार्यवाही पूर्ण होने की एवं कार्यादेश जारी करने की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। जी हाँ। भूमि पूजन दिनांक 22.11.2021 को रामनगर, जिला मंडला में किया गया। कार्य प्रारंभ होने की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।

सौभाग्य योजना में की गई गड़बड़ियों पर कार्यवाही

[ऊर्जा]

75. ( क्र. 1203 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौभाग्य योजना अन्तर्गत मण्डला जिले में हुई गड़बड़ियों की शिकायत प्रश्‍नकर्ता द्वारा की गई थी? यदि हाँ तो उक्त पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। क्या इस पत्र के आधार पर तत्कालीन ऊर्जा मंत्री द्वारा जांच हेतु जो पत्र विभाग को लिखा गया था, उस पर क्या कार्यवाही की गई?                                        (ख) उपरोक्त जांच हेतु गठित टीम के द्वारा जो जांच की गई उसका सम्पूर्ण जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। क्या मण्डला जिले के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया है? यदि हां तो क्यों? कब तक कार्यवाही कर दी जाएगी? (ग) मण्डला जिला अंतर्गत विकासखंड मवई में स्वीकृत विद्युत वितरण केंद्र का संचालन कब से प्रारम्भ किया जाएगा? क्या यहां कनिष्ठ यंत्री की पदस्थापना की गई है? यदि नहीं तो कब तक कर दी जाएगी और केंद्र का संचालन कबसे प्रारम्भ कर दिया जाएगा? (घ) विकासखंड मवई अंतर्गत स्वीकृत उप केंद्र का कार्य अब तक प्रारम्भ नहीं हो पाने के क्या कारण हैं? क्या जिस क्षेत्र में इसका निर्माण होना है वह नक्सल प्रभावित क्षेत्र है और वहां बिजली की समस्या बनी रहती है? यदि हां तो क्या इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करवाया जाएगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हां। मंडला जिले में सौभाग्‍य योजनान्‍तर्गत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता की जांच हेतु प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक महोदय द्वारा तत्‍कालीन ऊर्जा मंत्री महोदय को पत्र प्रेषित किया गया था जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। जी हां, उक्‍त पत्र के आधार पर तत्‍कालीन ऊर्जा मंत्री महोदय द्वारा उनके पत्र क्रमांक 635 दिनांक 19.06.2019 से विभाग को जांच हेतु लेख किया गया था। तदोपरान्‍त विभाग के पत्र दिनांक 12.07.2019 से उक्‍त पत्र में उल्‍लेखित तथ्‍यों/बिन्‍दुओं पर जांच हेतु म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को निर्देशित किया गया था। उक्‍त निर्देश के परिपालन में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्‍त पत्र में उल्‍लेखित शिकायत की जांच कर बिंदुवार प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करने हेतु मुख्‍य अभियंता (ज.क्षे.) जबलपुर को पत्र दिनांक 26.07.2019 से लेख किया गया था। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित शिकायत की जांच हेतु जांच समिति गठित कर जांच की गयी। उक्‍त जांच समिति से प्राप्‍त सम्‍पूर्ण जांच प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। मंडला जिले के अंतर्गत सौभाग्‍य योजना के तहत् क्रियान्वित कार्यों में पायी गयी अनियमितताओं हेतु प्रथम दृष्‍टया दोषी पाये गये तत्‍कालीन अधीक्षण यंत्री (संचालन एवं संधारण) वृत मंडला एवं तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री (संचालन एवं संधारण) संभाग मंडला को निलंबित करते हुये उक्‍त कार्मिकों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच संस्थित की गयी है। विभागीय जांच कार्यवाही में तत्‍कालीन अधीक्षण यंत्री (संचालन एवं संधारण) वृत मंडला द्वारा उनके विरूद्ध जारी आरोप पत्र निरस्‍त करने हेतु माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में रिट याचिका दायर की गयी थी। जिसमें माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर के द्वारा पारित निर्णय दिनांक 21.10.2021 के विरूद्ध कंपनी द्वारा रिट अपील दायर की गयी थी। रिट अपील पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर के द्वारा पारित निर्णय दिनांक 22.11.2021 में मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 14 के प्रावधान के अनुसार अनुशासनिक प्राधिकारी के अनुमोदन उपरांत आरोप पत्र जारी करने की स्‍वंतत्रता कंपनी को दी गयी है। उक्‍त संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री (संचालन एवं संधारण) संभाग मंडला द्वारा निलंबन आदेश के विरुद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में रिट याचिका दायर की गयी थी जिसमें माननीय न्‍यायालय द्वारा निलंबन आदेश को निरस्‍त किया गया है। तदोपरान्‍त तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री (संचालन एवं संधारण) संभाग मंडला द्वारा उनके विरूद्ध जारी विभागीय जांच में माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर से स्‍थगन प्राप्‍त किया गया है। (ग) मंडला जिला अंतर्गत विकासखंड मवई में स्वीकृत विद्युत वितरण केन्द्र का संचालन दिनांक 26.12.2020 से प्रारंभ हो चुका है। वर्तमान में कनिष्ठ अभियंताओं की कमी के कारण वितरण केन्द्र के कार्य को संपादित करने हेतु कार्यपालन अभियंता (संचा.संधा.) बिछिया द्वारा आदेश दिनांक 30.11.2021 से कनिष्ठ अभियंता सिझौरा को अपने कार्य के अतिरिक्त वितरण केन्द्र मवई का कार्य संपादित करने हेतु आदेशित किया गया है। (घ) वर्तमान में विकासखण्‍ड मवई अन्‍तर्गत आने वाले ग्रामों में विद्यमान 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र मवई एवं कुडेला से विद्युत आपूर्ति की जा रही हैं। उक्‍त नक्‍सल प्रभावित/ सघन वन क्षेत्र में निर्बाध उच्‍च गुणवत्‍ता की विद्युत प्रदाय करने हेतु नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र खलौडी स्‍वीकृत हैं। उक्‍त नवीन विद्युत उपकेन्‍द्र निर्माण में 15 कि.मी 33 के.व्‍ही. विद्युत लाईन वन क्षेत्र से जाना प्रस्‍तावित है। लाईन विस्‍तार के लिए वन विभाग से अनुमति प्राप्‍त करने हेतु कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) बिछिया द्वारा दिनांक 14.10.2021 को अपर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (भू-प्रबंध) भोपाल म.प्र. को ऑन लाईन आवेदन किया गया है। वन विभाग से अनुमति प्राप्‍त होने के पश्‍चात ही विद्युत उपकेन्‍द्र का निर्माण कराया जाना संभव होगा।

प्रदूषण की रोकथाम हेतु कार्यवाही

[पर्यावरण]

76. ( क्र. 1204 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र परासिया में कोल इंडिया वेकोलि कंपनी की विभिन्न भूमिगत/ओपन कास्ट कोयला खदानें परासिया पेन्च क्षेत्र में संचालित है, इन खदानों में निरंतर कोयले के जलने से धुआं व जहरीली गैसों का रिसाव होता है, जिसके कारण पूरे आसपास के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में प्रदूषण फैलता है, और लोगों को तरह-तरह की बीमारियां होती है, प्रदूषण की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है? अभी तक विभाग द्वारा वेकोलि प्रबंधन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि पर्यावरण विभाग के द्वारा कार्यवाही नहीं की जाती है, तो इसका क्या कारण है और कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) वर्तमान में परासिया क्षेत्र के अन्तर्गत चार भूमिगत कोयला खदानें महादेवपुरी, विष्णुपुरी-2, माथनी, नेहरिया एवं एक ओपन कास्ट कोयला खदान उरधन संचालित है। सामान्यतः कोयले के खनन के पश्चात् इसका परिवहन किया जाता है एवं समस्त खदानों में आवश्यकता पड़ने पर कोयले का भण्डारण खदान परिसर में किया जाता है। कोयले का गरम होना एवं सुलगना, कोयले के स्व-हीटिंग के कारण होता है जो कि एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। कोयले के ताप को नियंत्रित करने के लिये खदान प्रबंधन द्वारा नियमित रूप से पानी का छिड़काव (अग्निशमन के रूप में) किया जाता है। इन खदानों का बोर्ड द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। भारत सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा जारी पर्यावरणीय स्वीकृति एवं बोर्ड द्वारा जारी सम्मति शर्तानुसार खदान प्रबंधन द्वारा समय-समय पर खदान क्षेत्र के आसपास के लोगों के लिये स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन किया जाता है। खदान क्षेत्र के आसपास प्रतिवर्ष सघन वृक्षारोपण किया जाता है। कार्यालय खंड चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,परासिया, जिला छिंदवाड़ा के पत्र क्रमांक 2021/ 1433,दिनांक 6/12/2021 के अनुसार कोयले के जलने से एवं उसके प्रदूषण से होने वाली बीमारी संज्ञान में नहीं है। (ख) विगत वर्षों में कोयले के जलने से उत्पन्न प्रदूषण संबंधी शिकायत म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्राप्त नहीं हुई है। अतः प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मार्ग के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण किए जाने व मार्गों की स्वीकृति

[लोक निर्माण]

77. ( क्र. 1207 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत स्वीकृत खिरसाडोह से सावरी मार्ग, साजवा से खारापिण्डरई मार्ग, कन्हरगांव से मानकादेहीकलां मुख्य मार्ग, चांदामेटा से जाटाछापर मार्ग, मेढ़ामल से नाईढाना चाकाढाना मार्ग, मानकादेहीकलां, गौमुख से दमुआ रैय्यत तक मार्गों का निर्माण कार्य विभाग द्वारा क्रियान्वयन एजेंसी के माध्यम से प्रारंभ कर दिया गया था, परन्तु लगभग डेढ़ वर्ष से उक्त सभी मार्गों का निर्माण कार्य बन्द पड़ा है और सभी मार्ग अपूर्ण है, जिसके कारण ग्रामीणजनों को अत्यंत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मार्गों का निर्माण कार्य बन्द होने का क्या कारण है? (ख) स्वीकृत मार्गों के निर्माण कार्य पुनः कब से प्रारंभ कराकर पूर्ण करा दिया जायेगा? उल्लेखित सभी मार्गों के निर्माण कार्य को पूर्ण कराने हेतु विभाग द्वारा क्या तिथि निर्धारित की गई थी? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 6 मार्गों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति के संबंध में मान. मंत्री महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2021/910 दिनांक 01.11.2021 तथा ग्राम बरूर से पैजनवाड़ा मार्ग पर पुल निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु अनुस्मरण पत्र 01 क्र.वि.स./परासिया127/ 2021/942 दिनांक 06.11.2021 को प्रेषित किए गये थे, जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? उक्त सभी निर्माण कार्यों की स्वीकृतियां कब तक प्राप्त हो जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। स्‍वीकृति के सम्‍बंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय महाविद्यालय लटेरी के छात्रावास के पदों की स्वीकृति

[उच्च शिक्षा]

78. ( क्र. 1210 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के शासकीय महाविद्यालय लटेरी का भवन एवं छात्रावास भवन एवं अन्य निर्माण कार्य कब स्वीकृत हुये हैं तथा भवन निर्माण कब पूर्ण हुआ? किस एजेन्सी द्वारा कार्य किया गया था? प्रशासकीय स्वीकृति छायाप्रति उपलब्ध करावें। वर्ष 2011 से शासकीय लालबहादुर शास्त्री महाविद्यालय सिरोंज में कौन-कौन से निर्माण कार्य, कब स्वीकृत हुए है? प्रशासकीय स्वीकृति उपलब्ध करावें एवं कितने निर्माण कार्य अधूरे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लटेरी महाविद्यालय का छात्रावास कब से संचालित किया जा रहा है? छात्रावास में कितने पद स्वीकृत किये गये हैं? यदि नहीं,तो क्यों? वर्ष 2014 में भवन का निर्माण पूर्ण हो गया है? तो छात्रावास का संचालन क्यों नहीं किया जा रहा है? छात्रावास कब-तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? छात्रावास में पद स्वीकृत करवाने हेतु प्रश्‍नकर्ता के कितने पत्र प्राप्त हुए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शासकीय महाविद्यालय लटेरी में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त हैं? एवं पद-पूर्ति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? पत्राचार की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) 1 अप्रैल 2014 से शासकीय महाविद्यालय एवं छात्रावास संचालन हेतु किस मद में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं किस-किस मद में व्यय की गई है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) 1 अप्रैल 2014 से प्रश्‍नांकित अवधि तक शासकीय महाविद्यालय लटेरी एवं शासकीय लालबहादुर शास्त्री महाविद्यालय सिरोंज में जनभागीदारी समिति की बैठकें कब-कब आयोजित की गई हैं? बैठकों में क्या-क्या निर्णय हुए? जनभागीदारी समिति की बैठक कितने माह में आयोजित करने का नियम है? आदेश/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि निर्धारित समय पर बैठकें आयोजित नहीं की गई? तो इसके लिए दोषी कौन है? (च) 1 अप्रैल 2014 से शासकीय महाविद्यालय लटेरी एवं LBS कॉलेज सिरोंज की जनभागीदारी समिति को कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं कितना-कितना व्यय किया गया है? ऑडिट रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विदिशा जिले के शासकीय महाविद्यालय लटेरी के भवन निर्माण की स्‍वीकृति दिनांक 10/03/2011 को प्रदान की गई है। भवन निर्माण दिनांक 06/06/2013 को पूर्ण हुआ। निर्माण एजेन्‍सी भोपाल विकास प्राधिकरण भोपाल थी। छात्रावास भवन निर्माण की स्‍वीकृति दिनांक 29/03/2012 को दी गई। निर्माण कार्य दिनांक 23/11/2014 को पूर्ण हुआ। निर्माण एजेन्‍सी भोपाल विकास प्राधिकरण भोपाल थी। वर्ष 2011 से शासकीय लाल बहादुर शास्‍त्री महाविद्यालय सिरोंज में विश्‍व बैंक परियोजना के अंतर्गत महाविद्यालय के प्रथम तल के निर्माण एवं रेनोवेशन की स्‍वीकृति पत्र क्र. 546/वि.बै.परि./2020 भोपाल दिनांक 22.05.2020 के माध्‍यम से प्रदान की गई तथा निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) शासकीय महाविद्यालय लटेरी के छात्रावास के संचालन हेतु मेनपॉवर की व्‍यवस्‍था कार्यालयीन पत्र क्रमांक 162/19/आ.उ.शि./निर्माण/शाखा-6/निर्माण/2020 दिनांक 22/02/2021 द्वारा सुनिश्चित की गई है। छात्रावास में पद स्‍वीकृत करवाने हेतु माननीय विधायक से एक पत्र प्राप्‍त हुआ है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासकीय महाविद्यालय लटेरी एवं शासकीय महाविद्यालय सिरोंज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 एवं 02 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। जनभागीदारी समिति की बैठक साधारणत: वर्ष में दो बार होगी, आवश्‍यकतानुसार परिषद की विशेष बैठक बुलाई जा सकेगी। आदेश/निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04 अनुसार है। समय-समय पर जनभागीदारी समिति की बैठक आयोजित की गई। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।                            (च.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-05 अनुसार है। शासकीय महाविद्यालय लटेरी में 1 अप्रैल 2014 से ऑडिट नहीं कराया गया है। शासकीय लाल बहादुर शास्‍त्री महाविद्यालय सिरोंज की 1 अप्रैल 2014 से अब तक प्राप्‍त राशि रूपये 3,13,35,417/-, व्‍यय राशि रूपये 1,52,97,208/-, वर्ष 2018-19 की ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-06 अनुसार है।

निर्माण कार्यों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

79. ( क्र. 1211 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2015 से विदिशा जिले की नगर पालिका परिषद् सिरोंज एवं नगर पंचायत लटेरी अंतर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? निकायवार, कार्यवार, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, कार्य की वर्तमान स्थिति सहित जानकारी का ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रश्‍नांकित दिनांक तक अधूरे पड़े हैं? उनकी स्वीकृति की तिथि व अधूरे रहने का कारण स्पष्ट करें, तथा संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी/ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब-तक की जावेगी? तथा निर्माण कार्य कब-तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (ग) नगर पालिका परिषद् सिरोंज एवं नगर पंचायत लटेरी निर्माण कार्यों के घटिया एवं गुणवत्ताविहीन निर्माण होने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? तथा कितनी शिकायतों की जाँच पूरी की जा चुकी है? व कितनों की जाँच होना शेष है? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त शिकायतों के संबंध में दोषियों के विरुद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच हेतु लंबित शिकायतों की जाँच कब-तक पूर्ण कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ङ) क्या नगर पंचायत लटेरी के निर्माण कार्यों की शिकायतें लोकायुक्त कार्यालय में हुई थी? यदि हां, तो लोकायुक्त कार्यालय द्वारा विभाग को कार्यवाही हेतु जांच प्रतिवेदन कब-प्राप्त हुआ एवं विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं? तो कब-तक की जावेगी? नगर पंचायत लटेरी में कितने कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है? क्या नियुक्तियाँ निर्धारित मापदण्डों अनुसार की गई हैं? यदि नहीं, तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? (च) नगर पालिका परिषद सिरोंज एवं नगर पंचायत लटेरी में राज्य आपदा प्रबंधन निधि (एस.डी.आर.एफ.) योजनांतर्गत शासन को कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए एवं कितनी राशि स्वीकृत की गई है? तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें।                                    (छ) एकीकृत नगरीय स्वच्छता कार्यक्रम के तहत नगर पालिका परिषद सिरोंज एवं नगर पंचायत लटेरी में सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालय निर्माण हेतु वर्ष 2011 में कितनी राशि स्वीकृत हुई थी? उसमें से कितने का निर्माण हुआ? कितने अधूरे हैं? कितने कार्य अप्रारंभ हैं? यदि कार्य अप्रारंभ है, तो इसके लिए दोषी कौन है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) नगर पालिका परिषद, सिरोंज में 02 एवं नगर परिषद, लटेरी में 01 शिकायत प्राप्‍त हुई है। किसी भी शिकायत की जांच पूर्ण नहीं हुई है। तीनों शिकायतों की प्रारंभिक जांच कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल संभाग के द्वारा की जा रही है। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ङ) जी हाँ, परन्‍तु की गई शिकायत पूर्णत: निर्माण कार्यों से संबंधित न होकर नगरपालिका अध्‍यक्ष द्वारा की गई अन्‍य अनियमतिताओं के संबंध में थी। लोकायुक्‍त सगंठन भोपाल की संभागीय सतर्कता समिति से दिनांक 07/05/2018 को जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त हुआ एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। जांच प्रतिवेदन एवं विभागीय कार्यवाही संबंधी दस्‍तावेजों की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्‍नांकित अवधि में नगर परिषद, लटेरी द्वारा कोई भी नियमित नियुक्ति नहीं की गई है, परन्‍तु लोकायुक्‍त कार्यालय के जांच प्रतिवेदन दिनांक 07.05.2018 के आधार पर यह पाया गया है कि, नगर परिषद लटेरी में 89 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी विभिन्‍न कार्यों के लिए रखे गए थे। जांच प्रतिवेदन में इन्‍हें अनियमित रूप से नियुक्‍त किया जाना पाया गया है। तत्‍कालीन नगरपालिका अध्‍यक्ष श्रीमति मीरादेवी सक्‍सेना एवं तत्‍कालीन मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी श्री शैलेन्‍द्र सिन्‍हा दोषी पाए गए है। तत्‍कालीन अध्‍यक्ष को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है एवं मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है। (च) नगर पालिका सिरोंज से 03 एवं नगर परिषद लटेरी से 04 कार्यों हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए है एवं वर्तमान तक इन कार्यों हेतु राशि स्‍वीकृत नहीं की गई है। कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (छ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''''                                                      अनुसार है।

विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

80. ( क्र. 1214 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 950 दिनांक 12 अगस्‍त 2021 के उत्‍तर अनुसार विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के नगर तलेन अंतर्गत ग्राम नाहली में 132/33 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र की स्‍वीकृति का प्रस्‍ताव म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्‍यालय में परीक्षणाधीन है? यदि हां तो प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त संबंध में अद्यतन स्थिति क्‍या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन जनहित में 132/33 के.व्‍ही. विद्युत केन्‍द्र नाहली की स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हां तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, भोपाल द्वारा विधानसभा क्षेत्र नरसिहंगढ़ के नगर तलेन अंतर्गत ग्राम नाहली में 132/33 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र निर्माण का प्रस्‍ताव, परीक्षण हेतु एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी एवं म.प्र.पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को दिनांक 10.11.2021 को प्रेषित किया गया। (ख) 132/33 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र का निर्माण ग्राम खजूरी तहसील नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़, जो कि ग्राम नाहली (तलेन) से लगभग 4 कि.मी दूर स्थित है, में वर्ष 2023-24 की योजना में शामिल है। उपकेन्‍द्र निर्माण हेतु भूमि का चयन शेष है। उपयुक्‍त भूमि की उपलब्‍धता के आधार पर खजूरी एवं नाहली के आस-पास स्‍थल चयन कर उपकेन्‍द्र निर्माण प्रस्‍तावित किया जायेगा।

लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति

[उच्च शिक्षा]

81. ( क्र. 1215 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय विभागीय मंत्रीजी के पत्र क्रमांक 159/20 एवं 160/20 दिनांक 06.08.2021 के परिपालन में विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालय नरसिंहगढ़ के महाविद्यालय भवन (अर्जुन महल) के जीर्णोद्धार, ऑडिटोरियम भवन, प्रयोगशाला भवन, अध्‍ययन कक्ष, कन्‍या छात्रावास निर्माण कार्य का प्राचार्य के माध्‍यम से लोक निर्माण पी.आई.यू. राजगढ़ से प्राक्‍कलन सहित पूर्ण प्रस्‍ताव चाहे गये थे? यदि हां तो क्‍या उपरोक्‍तानुसार पूर्ण प्रस्‍ताव प्राक्‍कलन सहित विभाग को प्राप्‍त हो चुके है? यदि हां तो प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍तानुसार प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति हेतु क्‍या कार्यवाही की गई?                                                (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन माननीय विभागीय मंत्रीजी के निर्देशों के परिपालन में उपरोक्‍त प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्राचार्य शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय नरसिंगढ़ जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 319, दिनांक 24/02/2021 द्वारा प्रस्‍तावित कार्यों में केवल 06 अतिरिक्‍त कक्षों के निर्माण का प्रस्‍ताव दिनांक 25/02/2021 को प्राप्‍त हुआ है। मध्‍यप्रदेश शासन उच्‍च शिक्षा विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 21-4/2015/38-2 दिनांक 29/06/2021 द्वारा 06 अतिरिक्‍त कक्षों के निर्माण हेतु राशि रूपये 353.09 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की जा चुकी है। 06 अध्‍ययन कक्षों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

आयुष महाविद्यालय जबलपुर के शिक्षकों की आरक्षण विरुद्ध नियुक्ति

[आयुष]

82. ( क्र. 1218 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्रमांक-2525 दिनांक 8-12-2017 के प्रश्नांश (क) उत्तर में समिति गठित करने का उल्लेख है? उक्त समिति कब गठित की गई? समिति में कौन-कौन सदस्य हैं? समिति ने कब-कब क्या प्रतिवेदन किसके समक्ष प्रस्तुत किया? प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? प्रति सहित ब्यौरा दें। प्रश्‍न क्रमांक-2525 के प्रश्नांश (ग) उत्तर में नियुक्ति"विधिक राय के आधार परउल्लेखित है, जबकि 4 याचिकाओं में से 2 याचिकाओं पर वर्तमान में भी माननीय उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश है तो क्या विधिक राय का अभिमत माननीय उच्च न्यायालय आदेश से महत्वपूर्ण है? क्या नियुक्ति हेतु विधिक अभिमत पर सा.प्र.वि. म.प्र. शासन एवं विधि विभाग से स्पष्ट अभिमत प्राप्त किया गया था? यदि नहीं तो माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश होने के कारण प्रश्‍न में उल्लेखित नियुक्तियों को कब तक समाप्त किया जाएगा? (ख) क्या आयुष महाविद्यालय जबलपुर में प्राध्यापक रीडर भर्ती हेतु 23318/10 जारी विज्ञापन में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी की सेवा संविदा पर लेने का ही प्रावधान था? यदि हाँ तो उक्त विज्ञापन के तहत चिकित्सकों की भर्ती हेतु प्रस्तुत आवेदन में डॉ निधि श्रीवास्तव द्वारा नियमित सेवा के विकल्प का चयन किया गया? उक्त आवेदन को स्क्रूटनी एवं चयन समिति द्वारा निरस्त नहीं किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं। इसके लिए किन-किन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा सहित बताएं।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। दिनांक 24/6/2017 को, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'''' अनुसार। प्रतिवेदन शासन को प्रस्‍तुत किया गया। प्रतिवेदन से सहमत होते हुए लंबित न्‍यायालयीन प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश दिये गये हैं। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) विज्ञापन सुस्‍पष्‍ट है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। विज्ञापन की प्रति संलग्न परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

परिशिष्ट -"तिरेसठ"

धार जिले में प्रदूषण-निगरानी

[पर्यावरण]

83. ( क्र. 1219 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला अंतर्गत वर्तमान में कितने प्रदूषणकारी उद्योग किस दिनांक से संचालित हो रहे हैं? उक्त उद्योगों से कितने प्रकार का रॉ-मेटेरियल/कचरा, जहरीला कचरा, जहरीला धुंआ इत्यादि कितनी मात्रा में उत्सर्जित होता है? तथा इसे कहां कैसे निष्पादित/डंप/क्लीन किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रॉ-मेटेरियल/कचरा, जहरीला कचरा, जहरीला धुंआ इत्यादि की जांच किस-किस सरकारी/गैर-सरकारी संस्था/बोर्ड/विभाग द्वारा किस-किस समय पर किए जाने का प्रावधान है? उक्त संस्था/बोर्ड/विभाग द्वारा धार जिले के समस्त उद्योगों का जनवरी 2019 से प्रश्‍न-दिनांक तक किए गए जांच की प्रति-सहित विवरण दें। जांच में अनियमित पाए गए उद्योगों पर लगाए गए फाईन की कॉपी भी सब्मिट करें। (ग) उद्योगों के रॉ-मेटेरियल/कचरा, जहरीला कचरा, जहरीला धुंआ इत्यादि जहां निष्पादित/डंप/क्लीन किया जाता है, वहां बसे लोगों को किस प्रकार से होने वाले नुकसान से अवगत कराने का क्या प्रावधान है? होने वाले नुकसान से बचाव के लिए क्या कार्यवाहियाँ वर्तमान में संचालित हैं? जिले में कहां-कहां किस प्रकार के प्रदूषण-नियंत्रक स्थापित किए गए हैं? (घ) मनावर में अल्ट्राटेक-कंपनी द्वारा रॉ-मटेरियल/कचरा/फैक्ट्री-वेस्टेज जैसे 200 टन जहरीला कचरा किस नियम के तहत किसकी निगरानी में प्रतिदिन मनावर क्षेत्र में डंप/निष्पादित किया जाता है? जनवरी 2018 से प्रश्‍न-दिनांक तक अल्ट्राटेक-कंपनी के किए गए प्रदूषण-जांच का प्रति-सहित विवरण दें। यदि नहीं किया गया तो विधि-सम्मत कारण बताएं।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) धार जिला अन्तर्गत लाल श्रेणी के प्रदूषणकारी उद्योगों तथा उनके संचालन दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। उद्योगों में लगने वाला रॉ-मटेरियल उत्सर्जित नही होता है अपितु उत्पादों के निर्माण में प्रयुक्त होता है। उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट परिसंकटमय (जहरीले कचरे) को प्राधिकृत रिसाइकलर इकाईयों या पीथमपुर, जिला धार स्थित कॉमन डिस्पोजल साईट मेसर्स पीथमपुर इण्डस्ट्रीयल वेस्ट मैनेजमेंट प्रा.लिमि. के माध्यम से निष्पादित किया जाता है। धार जिले के उद्योगों से वर्ष 2020-21 में उत्पन्न परिसंकटमय अपशिष्ट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। उद्योगों से निकलने वाले धुएं को चिमनियों से निष्कासन पूर्व उद्योगों में स्थापित नियंत्रण उपकरणों द्वारा निर्धारित मानकों तक शुद्धिकृत किया जाता है एवं जहरीला धुंआ निष्कासित नहीं किया जाता। (ख) परिसंकटमय अपशिष्टों की जांच उनके निपटानकर्ताओं/रिसाइकलर्स द्वारा की जाती है जबकि म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आवश्यकतानुसार प्रदूषणकारी उद्योगों से होने वाले धुंए के उत्सर्जन की जांच की जाती है। धार जिले के प्रदूषणकारी उद्योगों के धुंए की वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक किए गए जांच प्रतियॉं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। उद्योगों में अनियमितता पाये जाने पर फाईन का प्रावधान नहीं है। (ग) उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट परिसंकटमय (जहरीले कचरे) को प्राधिकृत रिसाइकलर इकाईयों या पीथमपुर, जिला धार स्थित कॉमन डिस्पोजल साईट मेसर्स पीथमपुर इण्डस्ट्रीयल वेस्ट मैनेजमेंट प्रा.लिमि. के माध्यम से निष्पादित किया जाता है। उद्योगों द्वारा उत्पन्न गैसों को प्रदूषण नियंत्रक उपकरणों से क्लीन किया जाता है जिस पर बोर्ड द्वारा सतत् निगरानी रखी जाती है, ताकि वहॉं बसे लोगों को किसी प्रकार का नुकसान न हो सके। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मनावर में अल्ट्राटेक कंपनी द्वारा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विभिन्न प्रकार के परिसंकटमय अपशिष्ट (जहरीले कचरे) हेतु जारी स्टेण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एस.ओ.पी.) के अनुसार व्यवस्था की स्थापना कर मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं सीमापार संचलन) नियम, 2016 के अन्तर्गत प्राधिकार प्राप्त कर परिसंकटमय अपशिष्ट (जहरीले कचरे) का निष्पादन अपनी सीमेंट क्लिन में को-प्रोसेसिंग/को-इंसीनेरेशन हेतु उपयोग किया जाता है, जिसकी निगरानी केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ऑनलाईन कन्टीन्युअस इमीशन मॉनिटरिंग सिस्टम (OCEMS) द्वारा की जाती है। जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक अल्ट्राटेक कंपनी के प्रदूषण की जांच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

समझौता योजना अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

84. ( क्र. 1222 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय निकाय द्वारा स्वीकृत मानचित्र से अतिरिक्त निर्माण में लागू समझौता योजना में कोरोना काल की भयावह स्थिति, महंगाई का भार और गंभीर आर्थिक मार के बाद आम नागरिकों को अवैध निर्माण का नोटिस देकर समझौता शुल्क की प्रक्रिया की आड़ में वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो वसूली की आड़ में पनप रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए व प्रभावितों को राहत देने के लिए क्या विभाग द्वारा F.A.R. का दायरा बढ़ाने की कोई योजना प्रस्तावित है? (ख) क्या समझौता शुल्क के अंतर्गत आम नागरिकों के हित में ऐसा कोई मध्यम मार्ग तय किया है जिससे आम नागरिकों पर आर्थिक भार भी ना हो और अतिरिक्त निर्माण की वैधता (सेटबेक को छोड़कर) मान्य हो सके? यदि हाँ, तो उस मापदंड की प्रमाणित प्रति देते हुए विवरण देवें। (ग) F.A.R. का दायरा बढ़ाने के लिए शासन द्वारा कौन-कौन सी बैठकों में क्या-क्या निर्णय लिए गए तथा चर्चा उपरांत समझौता शुल्क निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त निर्माण के वैधकरण के लिए क्या-क्या शर्तें निर्धारित की गयी जिससे आम नागरिकों के हित में समझौता संपादित कराया जा सके? प्रतियाँ देवें। (घ) क्या शहरों के आगामी मास्टर प्लान में F.A.R. का दायरा बढ़ाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितना?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, समझौता शुल्‍क नहीं लिया जाता है, अनाधिकृत निर्माण को विधि की सीमा के अंतर्गत प्रशमन शुल्‍क लेकर प्रशमन किया जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, योजनांतर्गत निर्धारित समय से पूर्व प्रक्रिया पूर्ण करने प्रशमन शुल्‍क में छूट का प्रावधान रखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) वर्तमान में इस प्रकार का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

तराना विधानसभा क्षेत्र के कायथा स्थित महाविद्यालय का भवन निर्माण

[उच्च शिक्षा]

85. ( क्र. 1223 ) श्री महेश परमार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) क्या कायथा महाविद्यालय में स्वयं का भवन नहीं होने कि वजह से क्षेत्र के लगभग 52 गाँव के छात्र-छात्राओं को समुचित उच्च शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) क्या महाविद्यालय का स्वयं का भवन नहीं होने से छात्र-छात्राओं को लायब्रेरी और प्रेक्टिकल लैब का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) क्या वराहमिहीर शासकीय विद्यालय के 2 कमरों में महाविद्यालय संचालित हो रहा है इस कारण कायथा के आसपास के 52 गाँव के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा से जुड़े सभी सुविधाओं और लाभों से वंचित होना पड़ रहा है? (घ) क्या उक्त सभी बिन्दुओं पर विभाग द्वारा प्रशासनिक प्रस्ताव मध्यप्रदेश शासन की ओर भेजे गए हैं? यदि नहीं तो प्रस्ताव नहीं भेजने के कारण क्या हैं? यदि प्रस्ताव भेजे गए हैं तो प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति देने में सरकार को क्या कठिनाई सामने आ रही है? (ङ) विभाग द्वारा शासन द्वारा निर्धारित अन्य संकाय का विस्तार करने के लिए कायथा स्थित महाविद्यालय में कार्यवाही कब तक करके युवाओं को लाभ पहुंचाने की कार्यवाही करेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शासकीय श्री वराहमिहीर उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय के 10 कमरों में शासकीय महाविद्यालय कायथा कला एवं विज्ञान संकाय के साथ संचालित हो रहा है। महाविद्यालय की कुल छात्र संख्‍या 356 है तथा वर्ष 2020-2021 में परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक रहा है। छात्र-छात्राओं को समुचित उच्‍च शिक्षा का लाभ मिल रहा है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शासकीय श्री वराहमिहीर उच्‍चतर माध्‍यमिक विद्यालय भवन के 10 कमरों में नियमित रूप से कक्षाएं संचालित होने से अध्‍यापन एवं प्रायोगिक कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है। (घ) अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 751 दिनांक 25/07/2018, 355 दिनांक 01/06/2019, 336 दिनांक 06/04/2021 द्वारा कलेक्‍टर जिला उज्‍जैन एवं अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 328 दिनांक 06/04/2021 द्वारा आयुक्‍त, उज्‍जैन संभाग को महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित कराए जाने हेतु पत्र लिखे जा चुके हैं। (ङ) महाविद्यालय में वर्तमान में कला एवं विज्ञान संकाय संचालित होने से युवाओं को अध्‍ययन का लाभ मिल रहा है। समय-सीमा बतायी जाना संभव                              नहीं है।

बडावदा-कलसी से दोतरु मार्ग निर्माण

[लोक निर्माण]

86. ( क्र. 1225 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बडावदा-कलसी से गुणावद-दोतरु मार्ग (मुख्य जिला मार्ग) लम्बाई 83 किलोमीटर, चोडिया 5.5 किलोमीटर स्वीकृत करने हेतु प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 206 दिनांक 02.03.2019 एवं पत्र क्रमांक 829 दिनांक 15.12.2019 के द्वारा रोड स्वीकृति की मांग कर बजट में सम्मिलित करने की मांग की गई थी? (ख) उक्त सड़क की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी कर दी जायेगी? सड़क निर्माण में कितना हिस्सा राज्य शासन एवं कितना हिस्सा केन्द्र शासन का रहेगा? (ग) बडावदा-कलसी मार्ग की स्वीकृति कब तक जारी कर दी जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्य वर्तमान बजट में सम्मिलित नहीं होने से किसी भी प्रकार की कार्यवाही संभव नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश '' अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

वित्तीय वर्ष में स्वीकृत सड़क एवं पुल का निर्माण

[लोक निर्माण]

87. ( क्र. 1230 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला अंतर्गत कोलारस विधानसभा क्षेत्र में गत वित्त वर्ष में स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य (1) लुकवासा से अनंतपुर, (2) लुकवासा से अटरूनी, (3) मेघोनाबड़ा से देपराई (अशोकनगर जिला) तथा मां निहाल देवी मार्ग पर ग्राम करौलानैनागिर के पास कूनो नदी पर पुल के निर्माण कार्य हेतु बजट आवंटन होकर कार्य प्रारंभ हो चुका है? उक्त सभी कार्यों की कितनी-कितनी लागत है?                                 (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि बजट में स्वीकृत होने के उपरांत भी निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अप्रारंभ है तो किन कारणों से निर्माण अभी तक प्रारंभ नहीं हो सका है? सकारण उत्तर दें तथा बताऐं कि बजट में स्वीकृत सभी सडकों एवं पुल का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट -"चौंसठ"



शाहगढ़ नगर के लिए पेयजल पूर्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

88. ( क्र. 1233 ) श्री तरबर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बंडा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शाहगढ़ नगर के लिए पेयजल पूर्ति हेतु वर्ष 2015-16 में अपर चंदिया तालाब से शाहगढ़ नगर तक 9.74 करोड़ की राशि से पाइप लाइन एवं टंकी निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्य हेतु स्वीकृत राशि का उपयोग कब और कितना किया गया? कार्य और राशि का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित जिस उद्देश्य को लेकर राशि स्वीकृत की गई थी, तो क्या उसकी पूर्ति हुई? यदि नहीं तो इसके लिए कौन दोषी है? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्य में हुये भ्रष्टाचार की जांच करवायेगा और शाहगढ़ नगर में पेयजल संकट को देखते हुये अधूरे कार्य को पूर्ण करवायेगा? यदि हां तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर परिषद शाहगढ़ की पेयजल पूर्ति हेतु अपर चंदिया तालाब पर आधारित जलप्रदाय योजना मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत राशि रू. 895.45 लाख की स्‍वीकृत की जाकर, निविदा उपरान्‍त राशि रू. 1195.51 लाख की वित्‍तीय स्‍वीकृति प्रदान की गई थी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हां। कार्य की प्रगति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पेयजल योजना का कार्य नियमानुसार किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। योजना अंतर्गत शेष अपूर्ण कार्यों के लिये पुनरीक्षित प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट -"पैंसठ"

विद्युत खम्‍भे को शिफ्ट करने एवं मीटर रीडिंग लेना

[ऊर्जा]

89. ( क्र. 1240 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुरैना शहर के वार्ड क्र.39 गोपालपुरा के जीवाराम की गली के बीचोबीच से विद्युत खम्‍भे को शिफ्ट करने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्र.559/2021 दिनांक 04.08.2021 महाप्रबंधक, म.क्षे.वि.वि.कं. मुरैना को दिया गया तथा वर्षाकालीन सत्र 2021 में दिनांक 10.08.2021 को विद्युत खंभे को शिफ्ट करने के लिये स्‍थानीय निवासियों की ओर से मेरे द्वारा याचिका भी लगाई गई। यदि हां तो प्रश्‍न दिनांक तक जीवाराम की गली के बीचोबीच लगे विद्युत खंभे को साइड में शिफ्ट क्‍यों नहीं किया गया?                                        (ख) मुरैना शहर के वार्ड क्रमांक 39 गोपालपुरा के जीवाराम की गली के बीचोबीच से विद्युत खम्‍भे साइड में कब तक शिफ्ट करा दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें।                                                    (ग) शहरी क्षेत्र मुरैना एवं बानमौर में घरेलू विद्युत उपभोक्‍ताओं के प्रत्‍येक मकान पर विद्युत मीटर में मीटर वाचक रीडिंग लेने क्‍यों नहीं जाते हैं और बिजली की आंकलित खपत ज्‍यादा दर्शाकर विद्युत बिल की राशि विद्युत भार से अधिक क्‍यों भेजी जा रही है? इसके लिये कौन दोषी है तथा उनके विरूद्ध कार्यवाही क्‍यों नहीं की जा रही है? घरेलू विद्युत उपभोक्‍ता के बिजली बिल में विद्युत भार अनुसार सुधार करके कब तक भेजे जावेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हां। जीवाराम की गली में लगे प्रश्‍नाधीन खंबे पर एल.टी. लाईन की एक स्पान की केबिल खिंची हुई है, जिससे 8 विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन भी संयोजित है। खंबा जिस गली में लगा है, वह मात्र 4 फीट चौड़ी है तथा खंबा शिफ्ट करने की स्थिति में वहां बने हुए मकानों से खंबे का क्‍लीयरेंस कम हो जाएगा, जिससे दुर्घटना की संभावना रहेगी। साथ ही उक्‍त खंबे से सम्‍बद्ध 8 उपभोक्‍ताओं को विद्युत प्रदाय की अन्‍य कोई वैकल्पिक व्‍यवस्‍था भी उपलब्‍ध नहीं है। इस प्रकार तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं होने के कारण उक्‍त खम्‍बे को शिफ्ट नहीं किया गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं होने के कारण प्रश्‍नाधीन खंबे को शिफ्ट किया जाना संभव नहीं है। उक्‍त स्थिति से माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय को अवगत करा दिया गया है, जिस पर उनके द्वारा संतुष्टि व्‍यक्‍त की गई है। (ग) शहरी क्षेत्र मुरैना एवं बानमोर में प्रत्‍येक घरेलू विद्युत उपभोक्‍ता के मकान पर स्‍थापित विद्युत मीटर की रीडिंग लेने के लिये मीटर वाचक जाते हैं। यह सही नहीं है कि विद्युत की आंकलित खपत ज्‍यादा दर्शाकर अधिक राशि के विद्युत बिल उपभोक्‍ताओं को भेजे जाते हैं। घरेलू उपभोक्‍ताओं की बिलिंग उनके द्वारा की गई खपत के आधार पर की जाती है एवं यदि त्रुटिवश किसी उपभोक्‍ता के मीटर की रीडिंग गलत अंकित हो जाती है तो इसका पुन: निरीक्षण कर विद्युत बिल में सुधार करते हुए दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। घरेलू विद्युत उपभोक्‍ताओं को विद्युत बिल उनके द्वारा की गई विद्युत खपत के आधार पर जारी किये जाते हैं, अत: भार अनुसार सुधार आवश्‍यक नहीं है।

ग्रामीण सड़कों को लोक निर्माण विभाग में जोड़कर निर्माण कराना

[लोक निर्माण]

90. ( क्र. 1241 ) श्री राकेश मावई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र मुरैना के ग्रामीण क्षेत्रों की 11 सड़कों को लो.नि.वि. में जोड़कर उनका निर्माण करने के लिये प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 429/2021 दिनांक 2.9.21 में प्रमुख अभियंता, लो.नि.वि. भोपाल को दिया? यदि हां तो प्रश्‍न दिनांक तक इन सड़कों को लो.नि.वि. में जोड़कर निर्माण करने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार पत्र में उल्‍लेखित सड़कों की तकनीकी स्‍वीकृति जारी कराई गई? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) पत्र में उल्‍लेखित सड़कों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति कब तक जारी कराकर निर्माण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। बजट में शामिल नहीं होने से प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी नहीं की गई। (ख) जी नहीं। वर्तमान में कोई प्राक्‍कलन तैयार नहीं किये गये है।                               (ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

91. ( क्र. 1251 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) रायसेन एवं बरेली संभाग में कितने ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं? मांग अनुसार कितने ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर लगाये जाना आवश्‍यक है तथा कब तक लगाये जायेंगे? (ख) अस्‍थायी पम्‍प कनेक्‍शनों को स्‍थायी पम्‍प कनेक्‍शन में परिवर्तित करने हेतु शासन की                                       क्‍या-क्‍या योजनायें हैं तथा किसानों को इस हेतु क्‍या-क्‍या करना पड़ता है? रायसेन एवं बरेली संभाग में 30 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में कितने अस्‍थायी पम्‍प कनेक्‍शन हैं इनको कब तक स्‍थायी कर दिया जायेगा? (ग) रायसेन एवं बरेली संभाग में वोल्‍टेज समस्‍या के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है? पूर्ण विवरण दें। (घ) रायसेन एवं बरेली संभाग में किसानों को माह नवम्‍बर 21 की स्थिति में सिंचाई हेतु कितने घंटे बिजली दी जा रही है? क्‍या किसानों को शासन के निर्देशों के अनुरूप बिजली नहीं मिल रही है? यदि हां तो विभाग के अधिकारियों ने क्‍या-क्‍या प्रयास/कार्यवाही की?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) दिनांक 30.11.2021 की स्थिति में रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों में कोई भी पावर ट्रांसफार्मर अतिभारित नहीं है तथा रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग अंतर्गत 84 वितरण ट्रांसफार्मर एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग अंतर्गत 13 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित है। इस प्रकार रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों में कुल 97 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित है, जिनमें से रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग में 58 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि एवं 26 अतिरिक्‍त वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने के कार्य तथा बरेली संचालन एवं संधारण संभाग में 13 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि किये जाने के कार्य आवश्‍यक हैं। उक्‍त 97 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों में से 27 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के कार्य को प्रशासनिक स्‍वीकृति दी जा चुकी है। शेष 70 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों हेतु आवश्‍यक कार्य वित्‍तीय उपलब्‍धता के आधार पर स्‍वीकृत किये जाने का निर्णय लिया जावेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) अस्‍थाई पंप कनेक्‍शन को स्‍थाई पंप कनेक्‍शन में परिवर्तित करने की राज्‍य शासन की कोई भी योजना क्रियाशील नहीं है। तथापि आवेदक को स्‍वयं के व्‍यय पर स्‍थाई पंप कनेक्‍शन देने का प्रावधान है। वर्तमान में अस्थाई कनेक्‍शन एल.टी.लाईन से 45 मीटर की दूरी पर स्थित होने पर स्‍थाई कनेक्‍शन हेतु आवेदन, खसरा खतोनी की प्रति, आधार कार्ड की प्रति एवं निर्धारित शुल्‍क जमा करने पर उपभोक्‍ता के आवेदन पर अस्‍थाई कनेक्‍शनों को स्‍थाई कनेक्‍शनों में परिवर्तित करने हेतु म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तत्‍काल कार्यवाही कर अविलंब ऑनलाईन संकल्‍प पोर्टल के माध्‍यम से प्रक्रिया पूर्ण कर कनेक्‍शन प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त ऐसे अस्थाई पम्‍प कनेक्‍शन जिसमें स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु लाईन विस्तार आवश्‍यक है, उनमें ऑनलाईन संकल्प पोर्टल अथवा ऑफलाईन मोड में आवेदन कर, स्‍वयं का ट्रांसफार्मर योजना (ओ.वाय.टी) में 3 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज जमा करने पर तथा शतप्रतिशत जमा योजना के अन्तर्गत आवेदन प्राप्‍त होने पर म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आवश्‍यक औपचारिकतायें पूर्ण करवाकर स्थाई कनेक्‍शन प्रदान किया जाता है। दिनांक 30.11.2021 की स्थिति में रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग में 377 एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग में 184 अस्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन है, जिन्‍हें उक्‍तानुसार कृषकों द्वारा आवेदन उपरान्‍त औपचारिकताएं पूर्ण करने पर कनेक्‍शन प्रदान करने की कार्यवाही की जा सकती है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग अंतर्गत वोल्‍टेज समस्‍या के निराकरण हेतु वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में सम्‍पादित किये गये/किये जा रहे कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों में किसानों को माह नवम्‍बर 21 की स्थिति में आकस्मिक रूप से आए व्‍यवधानों को छोड़कर सिंचाई हेतु प्रतिदिन 10 घंटे बिजली दी जा रही है। किसानों को राज्‍य शासन के निर्देशों के अनुरूप ही बिजली दी जा रही है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट -"छियासठ"


क्षतिग्रस्‍त सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

92. ( क्र. 1256 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग मण्‍डला अंतर्गत कितनी सड़कें कहां से कहां तक एवं कितने किलोमीटर की हैं? विकास खण्‍डवार पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी सड़क कच्‍ची, कितनी क्षतिग्रस्‍त हैं नाम जद सूची प्रदान करें तथा नवनिर्माण कार्य एवं सुधार कार्य हेतु क्‍या कार्ययोजना तैयार की गई है। (ग) यदि उक्‍त कच्‍ची एवं क्षतिग्रस्‍त सड़क के नवनिर्माण एवं सुधार कार्य हेतु कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की गई है तो क्‍या कारण है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है।                                  (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-स अनुसार है।

सड़कों का निर्माण और उनका रख-रखाव

[लोक निर्माण]

93. ( क्र. 1257 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश की राजधानी भोपाल में लोक निर्माण विभाग के अधिपत्‍य की सड़कों के निर्माण और उनके रख-रखाव का काम किस-किस एजेंसी द्वारा किया जाता है? (ख) किस-किस एजेंसी के पास कितनी-कितनी लंबाई की कौन-कौन सी सड़कों के रख-रखाव के काम हैं? अलग-अलग विवरण दें। (ग) उपरोक्त एजेंसियों को सड़क निर्माण और रख-रखाव किस आधार पर आवंटित किया जाता है? (घ) इनके समन्वय और निगरानी का काम किसके द्वारा किया जाता है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग के अधिपत्‍य की सड़कों के निर्माण और उनके रख-रखाव का कार्य निविदा प्रक्रिया उपरान्‍त निर्धारित अनुबंधित एजेन्‍सी द्वारा किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ग) निर्धारित एजेंसियों को कार्य निविदा प्रक्रिया द्वारा आवंटित किया जाता है। (घ) विभागीय अधिकारियों द्वारा किया                       जाता है।

स्‍नातक एवं स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालयों की व्‍यवस्‍था की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

94. ( क्र. 1259 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के जिला डिण्‍डौरी में कुल कितने शासकीय अशासकीय महाविद्यालय हैं? प्रत्‍येक महाविद्यालय का नाम, स्‍थान एवं वर्तमान में छात्र संख्‍या बताएं। (ख) क्‍या सभी महाविद्यालयों में उपयुक्‍त व्‍यवस्‍था जैसे भवन, फर्नीचर प्रोफेसर, लैब खेल मैदान, पानी, पहुंच मार्ग आदि है अगर हां तो बतावें चन्‍द्र विजय महाविद्यालय डिण्‍डौरी शास.महा. गाड़ासरई आदि स्‍थानों में उपयुक्‍त व्‍यवस्‍था क्‍यों नहीं है? कब तक उपयुक्‍त व्‍यवस्‍था होगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्‍यप्रदेश के जिला डिण्‍डौरी में 10 शासकीय महाविद्यालय एवं 01 अशासकीय महाविद्यालय संचालित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है(ख) जिले के सभी महाविद्यालयों में अध्‍यापन हेतु सहायक प्राध्‍यापक पद के विरूद्ध अतिथि विद्वानों की व्‍यवस्‍था है। साथ ही खेल मैदान, पेयजल एवं पहुँच मार्ग की व्‍यवस्‍था है। 06 नवीन महाविद्यालय वर्तमान में शासकीय स्‍कूलों में संचालित हैं। पांच महाविद्यालयों के पास भवन हेतु भूमि उपलब्‍ध है। 03 शासकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माणाधीन हैं। शासकीय चंद्रविजय महाविद्यालय डिण्‍डौरी एवं शासकीय महाविद्यालय गाडासरई में उपयुक्‍त व्‍यवस्‍था है।

परिशिष्ट -"सड़सठ"

प्रदूषण की जानकारी

[पर्यावरण]

95. ( क्र. 1260 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कहां-कहां प्रदूषण खतरे के निशान से ऊपर है? स्‍थानवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्‍थानों में प्रदूषण अधिक होने के क्या कारण हैं तथा इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? प्रदूषण को कब तक नियंत्रित किया जायेगा? (ग) वर्ष 2020-21 में कहां-कहां से प्रदूषण संबंधित शिकायत प्राप्‍त हुई? उसका क्‍या निराकरण हुआ शिकायतवार जानकारी दें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) प्रदेश के किसी भी स्थान में वायु प्रदूषण का स्तर वार्षिक औसत 200 वायु गुणवत्ता सूचकांक-मध्यम श्रेणी के ऊपर नहीं है। वर्ष 2020-21 के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश ‘‘‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कोई औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं होने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"अड़सठ"

दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही

[आयुष]

96. ( क्र. 1270 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍न क्र.- 864 (तारांकित) दिनांक 12.08.21 के तहत बिंदु क्र. ख व ग के अनुसार दोषी पाए गए अधिकारी का नाम बतायें व शिकायत के किन बिंदुओं पर इन्‍हें दोषी पाया गया बिंदु बतायें? (ख) क्‍या शिकायत के बिंदुओं पर दोषी पाए गए अधिकारी पर वर्तमान में क्‍या कार्य लिया जा रहा है व अब तक इन पर क्‍या कार्यवाही की गई?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) डॉ.जे.के. गुप्‍ता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार 05 बिन्‍दु सही परिलक्षित पाये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार कार्य लिया जा रहा है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार कार्यवाही की गई है।


दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही

[आयुष]

97. ( क्र. 1272 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 672 दिनांक 23.09.2020 के बिंदु (ग) के उत्‍तर अनुसार क्‍या जांच प्रतिवेदन का परीक्षण करा लिया गया है हां या नहीं प्रतिवेदन से अवगत करावें। (ख) यदि नहीं तो क्‍यों नहीं कराया गया व कब तक कराया जायेगा?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

इंदौर, भोपाल जिलों की कॉलोनियों में रेरा नियमों का पालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

98. ( क्र. 1276 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, भोपाल जिलों की कितनी कॉलोनियों के प्रस्‍ताव रेरा में लंबित है? कॉलोनी नाम, स्‍थान, प्रस्‍ताव प्रस्‍तुति दिनांक सहित जिलावार देवें। (ख) दिनांक 01.04.2020 से 30.11.2021 तक इंदौर, भोपाल जिले के कितने कॉलोनाईजरों पर विभाग ने दांडिक कार्यवाही की है? उपभोक्‍ताओं को राहत पहुँचाने के निर्देश दिए हैं की जानकारी पृथक-पृथक जिलावार देवें। उक्‍त अवधि के प्रत्‍येक आदेश/निर्देश की छायाप्रति जिलावार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कॉलोनाईजर नाम, कार्यवाही विवरण सहित जिलावार देवें। रेरा के आदेश/निर्देश के बाद कितने कॉलोनाईजरों ने उसका पालन नहीं किया है एवं पालन किया है की संपूर्ण जानकारी जिलावार देवें। (घ) रेरा के आदेश/निर्देश पालन न करने वाले कॉलोनाईजर्स पर कार्यवाही कब तक की जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) अधिनियम की धारा 40, 61, एवं 63 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। यह अर्ध न्यायिक प्रकृति की कार्यवाही है। अतः निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

स्‍वीकृत पदों व सामग्री क्रय संबंधी

[आयुष]

99. ( क्र. 1277 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) बड़वानी जिले में विभाग अन्‍तर्गत विभिन्‍न स्‍तरों पर कुल कितने पद स्‍वीकृत हैं? कितने रिक्‍त हैं, की जानकारी विधान सभावार देवें। (ख) ये पद कब से रिक्‍त हैं? इन्‍हें कब तक भर दिया जाएगा? (ग) दि. 01.04.20 से 30.11.2021 तक बड़वानी जिले में कुल कितनी सामग्री विभाग द्वारा किन फर्मों से क्रय की गई, की जानकारी फर्म नाम, जी.एस.टी. नंबर, भुगतान राशि, लंबित राशि सहित देवें।

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘’’ अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘’’ अनुसार है।

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को पुन: सेवा में लेना

[नगरीय विकास एवं आवास]

100. ( क्र. 1280 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिक निगम भोपाल में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को पुन: सेवा में लिये जाने बाबत् एक याचिका माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 777/2000 प्रस्‍तुत की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर द्वारा दिये गये आदेश की कंडिका 6 में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को पुन: सेवा में लेने के संबंध में क्‍या निर्देश दिये गये थे? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में आयुक्‍त नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को प्रेषित किये गये पत्र क्र.1417 दिनांक 26.09.2003 पत्र क्र. 1024 दिनांक 08.04.2005 पत्र क्र. 2086 दिनांक 25.08.2008, पत्र क्र.396 दिनांक 06.10.2020 पत्र क्र. 599 दिनांक 18.11.2020, डी.ओ. लेटर क्र. 279 दिनांक 11.05.2021 एवं पत्र क्र. 261 दिनांक 17.05.2021 में अब तक की गई जानकारी से अवगत कराएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’’’ अनुसार है। कार्यवाही प्रचलन में है।

महिदपुर नगर पालिका के निर्माण कार्य की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

101. ( क्र. 1285 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर नगर पालिका जिला उज्‍जैन द्वारा दि. 01-01-20 से 30-11-2021 तक कितने निर्माण कार्य स्‍वीकृत किए गए? कार्य नाम, स्‍थान, लागत सहित बतावें।                                (ख) उपरोक्‍तानुसार अवधि में 2 लाख रू. से कम व 1 लाख रू. से कम के कितने कार्य किन फर्मों/ व्‍यक्तियों को दिए गए? कार्य नाम, लागत, फर्म नाम सहित देवें। चयनित फर्म का चयन किस आधार पर किया गया? कार्यवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति कार्यवार बतावें। कितना भुगतान किन फर्मों का लंबित है, यह भी देवें। (घ) प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में प्रधानमंत्री आवास योजना की अद्यतन स्थिति, हितग्राही नाम, लंबित राशि सहित देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एवं अनुसार है। (घ) प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत बी.एल.सी. की स्‍वीकृत डी.पी.आर की अद्यतन स्थिति, पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार तथा स्‍वीकृत हितग्राहियों के नाम तथा उनकी लंबित राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है।

महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में सड़क निर्माण

[लोक निर्माण]

102. ( क्र. 1286 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में घटिया-जगोरी-खेड़ा खजूरिया मार्ग की लंबाई व लागत कितनी स्‍वीकृत थी और कितनी लंबाई का निर्माण हुआ और उसके लिए कितनी राशि का भुगतान किस फर्म को किया गया? (ख) क्‍या कारण है कि स्‍वीकृत लंबाई का कार्य पूर्ण हुए बिना सी.सी. जारी कर दी गई? इसे जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें। इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ग) शेष लंबाई का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा। यदि नहीं तो क्‍यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में घटिया-जगोरी-खेड़ा खजूरिया मार्ग की लंबाई 14.20 कि.मी. व लागत रू. 1257.88 लाख स्वीकृत थी एवं लंबाई 14.20 कि.मी. में कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जिसमें रू. 864.07 लाख का भुगतान तारकार्पेट प्रा.लि., छत्तीसगढ, दुर्ग को किया गया है। (ख) जी नहीं, स्वीकृत लंबाई 14.20 कि.मी. का कार्य पूर्ण होने के कारण सी.सी. जारी की गई है। अनुविभागीय अधिकारी श्री आर.के. मरमट द्वारा कार्य का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया है। किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्वीकृत लंबाई पूर्ण की जा चुकी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

इंदौर, राऊ व महू की कॉलोनियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

103. ( क्र. 1289 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवासा टाउनशिप बीजलपुर, अर्जुन नगर के पास इंदौर में कॉलोनाइजर द्वारा शासकीय भूमि से रास्‍ता निकालने, सरकारी पुलिया पर रास्‍ता बनाने पर अभी तक कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? इस पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ख) अवासा टाउनशिप बीजलपुर, अर्जुन नगर के पास इंदौर एवं लैंडमार्क ग्रीन, IIM के पास पीथमपुर रोड राऊ कॉलोनियों के विकास हेतु ली गई समस्‍त अनुमतियों TNCP अनुमति सहित देवें। लैंडमार्क ग्रीन कालोनी के कॉलोनाईजर्स द्वारा डायरी पर कितने प्‍लाट विक्रय किए गए की जानकारी देवें। इनके रेरा अनुमति भी साथ में देवें।                                           (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शायी कॉलोनियों में गरीब व कमजोर वर्ग के लिये कितने भूखण्‍ड छोड़े गए? कॉलोनीवार, भूखण्ड क्रमांक सहित देवें। इन कॉलोनियों के कुल भूखण्‍ड रकबा, प्‍लाट नंबर, पार्क व अन्‍य प्रावधानों के लिये रक्षित भूमि की जानकारी इनके भौतिक सत्‍यापन सहित देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार जानकारी रायल टाउन महू नीमच रोड, अग्रवाल एम्‍पायर महू के संदर्भ में भी देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) तहसील राऊ द्वारा शासकीय भूमि पर रास्‍ता निकालने व पुलिया पर रास्‍ता बनाने हेतु कलेक्‍टर कार्यालय, जिला इन्‍दौर द्वारा प्रकरण 05/अ-74/18-19 आदेश दिनांक 18.12.2018 एवं प्रकरण क्रमांक 16/अ-74/2009-10 आदेश दिनांक 30.03.2010 द्वारा अनुमति जारी की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) आवास टाउनशिप बीजलपुर अर्जुन नगर के पास इंदौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार एवं लैण्‍डमार्क ग्रीन कॉलोनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।                                                (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' एवं '''' अनुसार है।                                 (घ) रॉयल टाउन महू एवं अग्रवाल एम्‍पायर महू की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

नगर पालिका अंतर्गत कॉलोनियों में अनियमितता पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

104. ( क्र. 1290 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह नगर पालिका जिला खरगोन के अंतर्गत सौभाग्‍य केसरी, पुखराज, भंडारी ग्रीन्‍स, विनायक एवेक्‍यू महेश्‍वर रोड, सुराना नगर नर्मदा रोड कॉलोनियों के विकास हेतु की गई समस्‍त प्रक्रियाओं के दस्‍तावेजों की प्रमाणित प्रति TNCP अनुमति के साथ कॉलोनीवार देवें।                           (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कॉलोनियों में गरीब व कमजोर वर्ग के लिए कितने भूखण्‍ड छोड़े गये? कॉलोनीवार भूखण्‍ड क्रमांक सहित देवें। इन कॉलोनियों में कुल कितना भूखण्‍ड रकबा प्‍लाट, पार्क व अन्‍य प्रावधानों के लिए रखा गया, की जानकारी कॉलोनीवार देवें। (ग) विभाग के किस-किस अधिकारी ने ले-आउट एवं TNCP के प्रावधानों के तहत कार्य हुआ है, की जानकारी के लिए कब-कब निरीक्षण किया? निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रतियों सहित कॉलोनीवार देवें। (घ) निर्धारित प्रावधानों का उल्‍लंघन होने व गरीब कमजोर के प्‍लाट अन्‍यत्र विक्रय करने पर किन-किन कॉलोनियों पर कार्यवाही की गई? कॉलोनीवार जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जायेगी? इन कॉलोनियों की 'रेरा' अनुमति भी साथ में पृथक-पृथक देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बड़वाह नगर पालिका, जिला खरगोन के क्षेत्रांतर्गत स्थित पुखराज कॉलोनी एवं भण्‍डारी ग्रीन कॉलोनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। सौभाग्‍य केसरी, विनायक एवेन्‍यू महेश्‍वर रोड व सुराणा नगर नर्बदा रोड कॉलोनी निकाय क्षेत्रान्‍तर्गत स्थित नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) पुखराज कॉलोनी एवं भण्‍डारी ग्रीन कॉलोनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) पुखराज कॉलोनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है एवं भण्‍डारी ग्रीन कॉलोनी में विकास कार्य जारी है। (घ) पुखराज कॉलोनी एवं भण्‍डारी ग्रीन कॉलोनी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। कॉलोनी में निर्धारित प्रावधानों का उल्‍लंघन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

पर्यावरण पर प्रतिकूल असर

[नगरीय विकास एवं आवास]

105. ( क्र. 1295 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में बनने वाली स्‍मार्ट सिटी के लिये कितने पेड़ काटे गये हैं? संख्‍या बतावें। (ख) क्‍या पेड़ काटने से पर्यावरण पर कितना प्रतिकूल असर पड़ा है एवं इससे आस-पास रहने वाले रहवासियों के स्‍वास्‍थ्‍य पर कितना प्रतिकूल असर पड़ा है बतावें? (ग) पेड़ काटने से क्‍या ऑक्‍सीजन की कमी हुई अथवा नहीं बतावें। ऑक्‍सीजन की कमी से कितने लोगों की जान जा चुकी है एवं कितने लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है?                       (घ) स्‍मार्ट सिटी बनाने के लि‍ये कितने लोगों के घरों को तोड़ा गया है तथा उन्‍हें कहां विस्‍थापित किया गया है, बतावें। (ड.) भोपाल दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में वन भूमि को उजाड़ कर कलियासोत क्षेत्र में पक्‍के निर्माण कराये जा रहे हैं। क्‍या इसका असर पर्यावरण को प्रभावित करेगा बतावें।                                        (च) भोपाल बड़े तालाब के किनारे बसे गांव जैसे गोरा गांव, सेवनिया गौड़ के कैचमेन्‍ट क्षेत्र में नवीन कॉलोनियों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। कृपया बतावें? क्‍या यह निर्माण शासन की अनुमति से हो रहा है? यदि नहीं तो शासन स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल स्मार्ट सिटी द्वारा दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कुल 1990 पेड़ काटे गये हैं। (ख) भोपाल स्मार्ट सिटी द्वारा पेड़ काटने हेतु सक्षम अनुमति प्राप्त की गई हैं एवं वृक्ष कटाई के एवज में चार गुना वृक्षों के रोपण की कार्यवाही की गयी है। पर्यावरण एवं रहवासियों के स्वास्थ्य पर कितना असर पड़ा हैं, इस संबंध में पृथक से कोई अध्ययन नहीं कराया गया हैं। (ग) इस संबंध में पृथक से कोई अध्ययन नहीं कराया गया हैं। (घ) स्मार्ट सिटी एबीडी क्षेत्र में निर्माण हेतु लगभग 836 शासकीय आवासों को लोक निर्माण विभाग के द्वारा तोड़ा गया है। शासकीय आवासों में निवासरत कर्मचारियों को संपदा संचालनालय द्वारा वैकल्पिक शासकीय आवास आवंटित किये गये है। स्मार्ट सिटी एबीडी क्षेत्र में निर्माण के लिये कुल 182 झुग्गियों को विस्थापित किया गया है। झुग्गीवासियों का अस्थायी विस्थापन एबीडी क्षेत्र टी.टी. नगर की सीमा पर ट्रांजिट हाउस में किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोकता एवं भानपुर में आवास का विकल्प दिया गया है। (ड.) भोपाल दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में वन विभाग के नियंत्रित वन भूमि को उजाड़ कर कलियासोत क्षेत्र में पक्के निर्माण कार्य नही कराये गए। शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। (च) नगरपालिक निगम भोपाल द्वारा बड़े तालाब के किनारे बसे गौरा गांव, सेवानिया गौड़ गांव में नगर निगम की अनुज्ञा के बिना नवीन कॉलोनियों का निर्माण किये जाने से निर्माणकर्ताओं के विरुद्ध नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा रातीबड़ थाने में 43 शिकायत/एफ.आई.आर दर्ज कराने की कार्यवाही की गई है। ग्राम सेवनिया गौड़ में कुछ भूमि भोपाल विकास योजना 2005 के अंतर्गत अल्प घनत्व आवासीय भूमि उपयोग अंतर्गत हैं। अल्प घनत्व आवासीय भूमि उपयोग अंतर्गत 10 आवासीय इकाईयां/हेक्टेयर से स्वीकृति दी जा                                         सकती है।

छठवें वेतनमान एवं सातवें वेतनमान की प्रशिक्षण अवधि की अंतर राशि का भुगतान

[ऊर्जा]

106. ( क्र. 1297 ) श्री रक्षा संतराम सरोनिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 2017 में प्रशिक्षण के दौरान कार्मिकों को देय स्‍टाइपेंड को सातवें वेतनमान अनुसार प्रदान करने के निर्देश प्रदान किया है? (ख) यदि हां, तो क्‍या अंतर राशि का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं तो क्‍यों? मध्‍य क्षेत्र कंपनी द्वारा क्‍या अंतर राशि भुगतान की जा चुकी है? यदि नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर में सहायक प्राध्‍यापक व चौकीदार के रिक्‍त पद

[उच्च शिक्षा]

107. ( क्र. 1302 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय में चौकीदार का पद कब से रिक्‍त है? क्‍या लगभग 3000 छात्र संख्‍या वाले इस महाविद्यालय में रात्रि कालीन चौकीदारी की व्‍यवस्‍था जनभागीदारी से कार्यरत कर्मचारियों से ली जा रही है? यदि हां, तो स्‍थायी चौकीदार की व्‍यवस्‍था कब तक महाविद्यालय खिलचीपुर में की जाएगी? (ख) जनभागीदारी से कार्यरत कर्मचारियों को न्‍यूनतम मानदेय व ईपीएफ कटौत्रा के प्रावधान हैं? यदि हैं, तो प्रदेश के किन महाविद्यालयों में इनका न्‍यूनतम मानदेय से कम पारिश्रमिक व ईपीएफ कटौत्रा नहीं किया जा रहा है? इस हेतु संबंधित प्राचार्य पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी?                        (ग) क्‍या राजगढ़ जिले के सभी महाविद्यालयों में सहायक प्राध्‍यापक के पदों में बढ़ोतरी की गई है? यदि हां, तो महाविद्यालय खिलचीपुर में लगभग 3000 छात्र-छात्राओं होने के बावजूद भी सहायक प्राध्‍यापक के पदों में बढ़ोत्‍तरी क्‍यों नहीं की गई? महाविद्यालय खिलचीपुर में सहायक प्राध्‍यापक के पदों में कब तक बढ़ोत्‍तरी होगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर में चौकीदार का पद दिनांक 21.7.2017 से रिक्त है। जनभागीदारी समिति से कार्यरत व्यक्ति द्वारा चौकीदार का कार्य कराया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) महाविद्यालयों की जनभागीदारी समिति से कार्यरत व्यक्तियों को समिति के निर्णय अनुसार मानदेय एवं अन्‍य लाभ प्रदान किये जाते हैं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[आयुष]

108. ( क्र. 1303 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में आयुष विभाग के अंतर्गत कितने शासकीय आयुर्वेदि‍क औषधालय संच‍ालित हैं? उनमें पदस्‍थ कर्मचारियों की संख्‍या एवं रिक्‍त पदों की संख्‍या बताएं। (ख) विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत कितने शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय संचालित हैं? उनमें नियुक्‍त कर्मचारी एवं रिक्‍त पदों की संख्‍या बताएं। (ग) विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत शासकीय आयुर्वेदिक औषधालयों में क्‍या ऐसे शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय हैं, जिनमें वर्तमान में कोई भी कर्मचारी या अधिकारी नियुक्‍त नहीं होने से ताला लगा हुआ है? विवरण उपलब्‍ध कराएं। (घ) विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत आने वाले समस्‍त शासकीय आयुर्वेदिक औषधालयों के रिक्‍त पदों को भरने के लिये जो व्‍यवस्‍थाएं की जा रही है, उनका विवरण उपलब्ध कराएं।

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) 40 आयुर्वेद औषधालय एवं 1 आयुष विंग संचालित है। पदस्थ एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘’’ अनुसार है।                          (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘‘’’ अनुसार है। (ग) शासकीय आयुर्वेद औषधालय गागोरनी/कुलीखेड़ा में समस्त पद रिक्त होने से वैकल्‍पिक व्यवस्था में 3-3 दिवस औषधालय खोले जा रहे है। (घ) आयुष चिकित्सकों के पदों को भरने का प्रस्ताव म.प्र. लोक सेवा आयोग को प्रेषित किये जा चुके है। पैरामेडिकल संवर्ग के पदों को भरने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

जीर्ण-शीर्ण पुल-पुलियाओं का उन्‍नयन

[लोक निर्माण]

109. ( क्र. 1308 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन/विभाग खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पुरानी जीर्ण-शीर्ण पुल-पुलियाओं के उन्‍नयन हेतु कोई कार्य योजना बना रहा है? अगर हां तो कब तक? (ख) खातेगांव विधान सभा के ग्राम दुलवा से प्रधान मंत्री ग्राम सड़क बिजलगांव मार्ग तक ग्राम मुरझाल एवं ग्राम अकावल्‍या के नदी-नालों पर जो पुल-पुलिया है जिनका लेवल अत्‍यधिक नीचा होने से बाढ़ की स्थिति में उक्‍त ग्रामों का आवागमन अवरूद्ध हो जाता है। शासन इस पर क्‍या कार्यवाही करेगा?                                     (ग) खातेगांव विधान सभा के पिपलनेरिया से बुदनी विधान सभा के ग्राम छीपानेर तक एवं नयापुरा से ग्राम छीपानेर तक गोनी नदी पर पुल निर्माण किये जाने संबंधी शासन की क्‍या योजना है? (घ) खातेगांव विधान सभा के ग्राम बिजलगांव से पिपलनेरिया ग्राम तक कठेडी नदी भी पुल विहीन होने से लोगों की परेशानियों का सबब बना हुआ। इस पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                               (ख) प्रश्‍नांश में वर्णित मार्ग विभाग के अंतर्गत नहीं होने से पुल-पुलियों की स्थिति की जानकारी दी जाना संभव नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई योजना नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश में वर्णित मार्ग पर कठेडी नदी पर वर्तमान में कोई पुल प्रस्‍तावित नहीं है और न ही बजट में शामिल है। अत: कोई कार्यवाही संभव नहीं है।

कार्यपालन यंत्रियों एवं सहायक यंत्रियों की पदस्‍थापना

[लोक निर्माण]

110. ( क्र. 1314 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में कार्यपालन यंत्रियों एवं सहायक यंत्रियों के कितने पद स्‍वीकृत हैं एवं कितने भरे हैं? रिक्‍त पदों को भरने हेतु शासन स्‍तर से क्‍या प्रयास किया जा रहा है? प्रदेश में कितने कार्यपालन यंत्रियों एवं सहायक यंत्रियों को कार्यालयों में संलग्‍न कर रखा है एवं क्‍यों?                             (ख) शासन की नीति अनुसार क्‍या उपसंभागों में अनुविभागीय अधिकारी के पद पर सहायक यंत्रियों की पदस्‍थापना की जाएगी? क्‍या रीवा संभाग के सभी जिलों को मिलाकर कुल 16 उप संभागों में सिर्फ 06 उपसंभागों में सहायक यंत्रियों को पदस्‍थ किया गया है शेष 10 उप संभागों में वरिष्‍ठता सूची की अनदेखी की जा कर कनिष्‍ठ उपयंत्रियों को प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पद पर पदस्‍थ कर दिया गया है जबकि परिक्षेत्र एवं मण्‍डल कार्यालय रीवा में ही 13 सहायक यंत्रियों को संलग्‍न रखा गया है? यदि हां तो क्‍या विभाग द्वारा उक्‍त उपसंभागों में सहायक यंत्रियों की पदस्‍थापना की जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या वर्तमान में शासन स्‍तर से ही उप संभागों में उपयंत्रियों की प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पद पर पदस्‍थापना उपयंत्रियों की वरिष्‍ठता सूची की अनदेखी कर की जा रही है? यदि हां तो क्‍यों? ऐसे कितने उपयंत्रियों को प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी बना दिया गया है? इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है और संबं‍धित के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग में कार्यपालन यंत्री (सिविल) के 200, कार्यपालन यंत्री (वि./यां.) के 14, सहायक यंत्री (सिविल) के 540, सहायक यंत्री (वि./यां.) के 109 स्वीकृत पद के विरूद्ध क्रमशः 45, 10, 476 एवं 57 पद भरे हैं। सहायक यंत्री (सिविल) के पद पर भर्ती का प्रस्ताव लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। पदोंन्नति पर माननीय उच्चतम न्यायालय से स्थगन होने के कारण वर्तमान में पदोंन्नति के पद भरना संभव नहीं है। प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के विभिन्न कार्यालयों में 29 कार्यपालन यंत्री एवं 153 सहायक यंत्री शासकीय कार्यों के निष्पादन हेतु संलग्न है। (ख) जी हाँ। रीवा संभाग के अन्तर्गत रीवा, सीधी, सतना एवं सिंगरोली जिले में कुल 16 भवन/सड़क उपसंभाग है जिसमें से 06 उपसंभागों में नियमित सहायक यंत्री पदस्थ हैं एवं 10 उपसंभागों में यथासंभव वरिष्ठ उपयंत्रियों को प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी बनाया गया है। परिक्षेत्र, मण्डल कार्यालय, रीवा में कुल 11 सहायक यंत्री कार्यालयीन कार्य हेतु संलग्न है। रिक्त उपसंभागों में सहायक यंत्री की पदस्थापना समय-समय में की जाती है। शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता। (ग) विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 1-06/2004/स्था./19, दिनांक 13.04.2005 के प्रावधान अनुसार सामान्यतः उपसंभाग में वरिष्ठतम उपयंत्री को प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार सौंपा गया है।

चित्रकूट में 50 बिस्‍तरीय आयुष चिकित्‍सालय की स्‍थापना

[आयुष]

111. ( क्र. 1315 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले के चित्रकूट में स्थित महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्‍वविद्यालय में 50 बिस्‍तरीय आयुष चिकित्‍सालय की स्‍थापना की स्‍वीकृति दी जा चुकी है? यदि हां तो अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) चिकित्‍सालय स्‍थापना की कार्यवाही को कब तक पूर्ण किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में क्‍या विश्‍वविद्यालय प्रबंधन द्वारा जानबूझकर देरी की जा रही है? यदि हां तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जाएगी और कब तक?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। विश्वविद्यालय से राज्यांश प्राप्त होने की प्रत्याशा में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) समय सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्राथमिक चिकित्‍सा उपचार पत्रोपाधि कोर्स का संचालन

[उच्च शिक्षा]

112. ( क्र. 1316 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि हिंदी विश्‍वविद्यालय द्वारा प्राथमिक चिकित्‍सा उपचार पत्रोपाधि कोर्स आरंभ किया गया है? यदि हां तो क्‍या इस कोर्स के प्रबंधन का जिम्‍मा फर्स्‍ट एड काउंसिल ऑफ इंडिया (एफएसीआई) नामक एक निजी संस्‍था को दिया गया है, निजी संस्‍था को प्रबंधन का दायित्‍व देने का क्‍या कारण है और इसके लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई? (ख) क्‍या यह सरकार की जानकारी में है कि इस कोर्स के सेंटर संचालक यह दावा कर रहे है कि इस कोर्स को करने वाले ग्रामीण इलाकों में क्‍लीनिक खोल सकते है और सर्दी, जुकाम, खांसी, मलेरिया बुखार और टॉयफाइड जैसी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं? यदि नहीं तो बेरोजगारों को भ्रमित करने वाले इस प्रचार को रोकने के लिए क्‍या कदम उठाये गए?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हां। जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उक्‍त संबंध में प्राप्‍त एक शिकायत को संज्ञान में लिया जाकर विश्‍वविद्यालय से प्राप्‍त जानकारी के परिप्रेक्ष्‍य में आवश्‍यक कार्यवाही की जा रही है। जी नहीं, इन्‍हें इलाज की पात्रता/ मान्‍यता नहीं है। जी नहीं, भ्रामक प्रचार रोकने के संबंध में विश्‍वविद्यालय द्वारा एक निजी संस्‍था को दिनांक 24/3/2021 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।

अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

113. ( क्र. 1321 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर निगम क्षेत्र के किन-किन वार्डों में किस-किस द्वारा अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया गया? उक्‍त अवैध कॉलोनियों के निर्माण वार्ड में कौन-कौन उपयंत्री प्रभार में रहे, उन्‍होंने आयुक्‍त को उन अवैध कॉलोनियों के निर्माण के संबंध में कब-कब सूचित किया? दिए गए सूचना पत्र की सत्‍यापित प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवैध कॉलोनियों में से किन-किन के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई एवं किन-किन के विरूद्ध नहीं? जिनके विरूद्ध नहीं दर्ज कराई गई उनके विरूद्ध कब तक दर्ज करा दी जावेगी और अब तक क्‍यों दर्ज नहीं कराई गई? इसके क्‍या कारण हैं? (ग) विगत पांच वर्षों में अवैध कॉलोनियों में 1 से 2 लाख तक के क्‍या-क्‍या कार्य किस-किस वार्ड में किस-किस ठेकेदार से कराएं गए हैं तथा किस उपयंत्री द्वारा मूल्‍यांकन एवं भौतिक सत्‍यापन किया गया है? (घ) विगत पांच वर्षों में नगर निगम द्वारा 2 लाख से अधिक कीमत के निर्माण कार्य किस-किस वार्ड में कितनी कीमत के किस ठेकेदार द्वारा कराए गए हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। अवैध कॉलोनियों के निर्माण वार्ड के प्रभारी उपयंत्रियों द्वारा सूचित किया जाता हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के                    प्रपत्र-'''' अनुसार है। प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु आवश्‍यक दस्‍तावेज प्राप्‍त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे                                परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।


प्रधानमंत्री आवास योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

114. ( क्र. 1322 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 4008 दिनांक 23-03-2021 के प्रश्नांश (ख) में दिए गए उत्‍तर में प्रधानमंत्री आवास की प्रथम निविदा जो मे. गेनन डंकरले एण्‍ड कम्‍पनी की स्‍वीकृत हुई थी, जिसके अनुबंध न करने पर निविदा निरस्‍त कर अमानत राशि जप्‍त की थी, जिसमें 111.93 लाख की आर्थिक क्षति हुई थी? (ख) क्‍या प्रथम निविदाकार की याचिका क्रमांक W.P. No. 710/2017 में मान. हाईकोर्ट जबलपुर के निर्णय अनुसार अमानत राशि वापस की गई है, उस आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें तथा आदेश के विरूद्ध माननीय सर्वोच्‍च न्यायालय में अपील क्‍यों दायर नहीं की गई, जिसके कारण निगम/शासन को रूपये 111.93 की आर्थिक क्षति हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रश्‍न के प्रश्नांश (ग) के कार्य बंद होने एवं अन्‍य अनियमितताओं की जांच हेतु जांच समिति गठित करने की बात कही गई थी, जो जांच समिति गठित की गई हो उसकी प्रति उपलब्‍ध कराते हुए बताएं कि जांच प्रतिवेदन क्‍या प्राप्‍त हो गया या नहीं? यदि नहीं तो क्‍या जांच समय-सीमा में कराएंगे? (घ) कार्य कब से बंद है? क्‍या संबंधित ठेका निरस्‍त करने के लिए उसे कब तक मौका देंगे? साथ ही यह बताएं कि अभी तक जितना कार्य किया गया है उससे अधिक भुगतान किया गया तो उसके लिए कौन उत्‍तरदायी है? (ड.) प्रश्नांश (क) के प्रश्‍नांश (घ) में यह बताया है कि कटनी नगर निगम में बी.एल.सी. घटक के हितग्राही चयन/पात्रता/किस्‍त वितरण संबंधी शिकायतों के परीक्षण हेतु संयुक्‍त संचालक जबलपुर की अध्‍यक्षता में जांच करने के निर्देश दिए गए थे। क्‍या जांच हुई? पृथक-पृथक विवरण दें। यदि नहीं हुई तो कब तक कराएंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। उत्तर में 111.93 लाख का अधिक व्यय होगा लेख किया गया है। प्रकरण में माननीय हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुक्रम में प्रकरण पर तत्कालीन प्रमुख सचिव म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास के द्वारा जांच में निविदा प्रक्रिया को दोष पूर्ण पाकर संपूर्ण प्रक्रिया तथा उक्त निविदा में की गई आगामी कार्यवाही को निरस्त किये जाने का आदेश पारित किया था। उक्त प्रकाश में तदानुसार अनुबंध निष्पादित न होने से राशि रू. 111.93 लाख की क्षति नहीं हुई है। (ख) जी नहीं। माननीय हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में पारित आदेश दिनांक 02.03.2017 से प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, भोपाल को सुनवाई करते हुये प्रकरण का निराकरण किये जाने के आदेश दिये थे जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, भोपाल द्वारा प्रकरण पर सुनवाई कर निविदा प्रक्रिया को दोषपूर्ण पाते हुए आदेश दिनांक 25.04.2017 के द्वारा निविदाकार मे. गेनन डंकरले एंड कंपनी लिमिटेड, न्यू दिल्ली को ब्लैक लिस्ट किये जाने एवं ई.एम.डी.को राजसात किये जाने की कार्यवाही को शून्य किया गया एवं निविदाकार की ई.एम.डी. वापस किये जाने के आदेश दिये गये। उक्त आदेश के परिप्रेक्ष्य में मा. सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर नहीं की गई है।                 (ग) जी हां, नगर निगम कटनी में बिलहारी मोड झिन्झरी में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत निर्माणाधीन आवासीय इकाईयों के कार्य के संबंध में प्राप्त शिकायत के आधार पर निर्माणाधीन इकाईयों के कार्य के परीक्षण करने हेतु संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. द्वारा जांच समिति गठित की गई थी। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। उक्त जांच का जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है। जांच प्रतिवेदन अनुसार पूर्व के देयकों को आगामी देयक में संशोधित कर समायोजन की अनुशंसा से ठेकेदार ने असहमत होकर कार्य पुनः प्रारंभ नहीं किया है। इस विषय पर दिनांक 26.10.2021 को आयोजित समीक्षा बैठक में ठेकेदार की आपत्ति को नियमानुसार सुनवाई कर निराकरण के निर्देश आयुक्त, नगर पालिक निगम कटनी को दिये है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत झिन्झरी में बिलहारी मोड़ से लगी भूमि पर भवनों का निर्माण विगत दो वर्ष से बंद है, जिसके संबंध में ठेकेदार को समय-समय पर अनुबंध अनुसार नोटिस दिये गये है। ठेकेदार के संशोधित देयक के विरूद्ध अभी भुगतान कम राशि का किया गया है। अतः उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हां, जांच की कार्यवाही प्रचलित है।

गुणवत्ताविहिन सड़क निर्माण पर कार्यवाही

[लोक निर्माण]

115. ( क्र. 1325 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में स्थित लोक निर्माण विभाग भ/स संभाग क्रं. 01 के अन्तर्गत एक वर्ष के अन्दर कितनी सड़कें निर्मित की गई हैं? निर्मित सड़कों के पृथक-पृथक नाम बतायें। उक्त सड़कों को किस ठेकेदार एवं अधिकारी के द्वारा बनाई गई थी? उक्त सड़कें किस अवधि तक कब पूर्ण की गई है? यदि नहीं की गई है तो कारण सहित बतायें। (ख) निर्मित सड़कों के कितने देयकों का भुगतान संबंधित ठेकदारों को किया गया? क्या उक्त कार्यों को माप पुस्तिका में दर्ज नहीं किया गया है? यदि हां तो दिनांकवार तिथि बतायें। (ग) क्या विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा सड़कें पूर्ण होने के उपरांत कितने दिनों बाद प्रथम वार सड़कों का निरीक्षण/क्षति देखी गई है? क्या अधिकारी के द्वारा क्षति पाये जाने पर कोई कार्यवाही की थी? यदि हां तो कब? यदि नही तो क्यों? (घ) क्या दोषी अधिकारियों/ठेकेदार के विरूद्ध विभाग/शासन ने आज दिनांक तक कोई कार्यवाही की है? यदि नहीं तो क्यों? क्या गुणवत्ताहीन सड़कों के निर्माण करने के उपरांत किनार दब जाने तथा सड़क की सीलिंग परत भी क्षतिग्रस्त होने पर दोषियों पर शासन/विभाग क्या कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सभी कार्यों को माप पुस्तिका में दर्ज किया गया है। (ग) संभाग सिवनी के अंतर्गत ऐसा कोई प्रकरण नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही नहीं उठता है।

सड़क निर्माण में नाली निर्माण का प्रावधान

[लोक निर्माण]

116. ( क्र. 1331 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड द्वारा निर्मित मार्गों पर सुगम जल निकासी हेतु नाली निर्माण का प्रावधान है? अगर हाँ तो किस-किस श्रेणी का है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अलग-अलग सघन आबादी क्षेत्र में नाली निर्माण की श्रेणी भिन्न-भिन्न प्रकार की है तो उसके प्रकारों से अवगत कराएं l (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र देपालपुर अंतर्गत निर्मित मार्ग 1. सांवेर से गौतमपुरा 2. देपालपुर से सांवेर (व्हाया अटाहेडा, कछालिया) 3. आगरा से गिरोता मार्ग पर मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड द्वारा नाली निर्माण का प्रावधान है तो नाली निर्माण किस श्रेणी का है एवं कब तक पूर्ण होगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। आई.आर.सी. मानकों के अनुरूप तृतीयक (Tertiary) श्रेणी की नाली प्रावधानित है। (ख) आई.आर.सी. एस.पी. 42 एवं आई.आर.सी. एस.पी. 50 में सरफेस एवं सब सरफेस नाली का प्रावधान है। जो प्राथमिक (Primary) , द्वितीयक (Secondary) एवं तृतीयक (Tertiary) श्रेणी की होती है। (ग) जी हाँ, तृतीयक (Tertiary) श्रेणी की नाली निर्माण का प्रावधान है। कार्य प्रगति पर है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

शासकीय सेवकों द्वारा किये गये गबन की वसूली

[उच्च शिक्षा]

117. ( क्र. 1333 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश क्रमांक 1220-21 भोपाल, दिनांक 23.05.2017 के द्वारा श्री जुगल किशोर शर्मा, प्रयोगशाला तकनीशियन द्वारा राशि रुपये 40.80 लाख का गबन किये जाने से उसकी वसूली के आदेश प्रसारित किये गये थे? (ख) यदि हाँ तो राशि रुपये 40.80 लाख के गबन की राशि की वसूली हेतु किस अधिकारी को अधिकृत किया गया तथा अधिकृत अधिकारी द्वारा अब तक कितनी राशि की वसूली की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में अधिकृत वसूली अधिकारी के द्वारा राशि वसूल न किये जाने के फलस्वरुप संबंधित के विरुद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो कारण बतायें। (घ) गबन की गई राशि की वसूली कब तक शासकीय कोष में जमा करा दी जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) आयुक्त, उच्च शिक्षा द्वारा अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा उज्जैन संभाग को वसूली हेतु अधिकृत किया गया था। अतिरिक्त संचालक द्वारा राशि वसूली करने हेतु प्राचार्य, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नीमच को आदेशित किया गया था। प्राचार्य द्वारा राशि रूपये 2,58,671/- श्री जुगल किशोर शर्मा को देय स्वत्वों से वसूली की जा चुकी है। संबंधित को देय सामान्य भविष्य निधि की राशि से वसूली की कार्यवाही जारी है। शेष राशि की वसूली भू-राजस्व की भांति करने हेतु कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार नीमच को पत्र लिखे गये हैं। (ग) कलेक्टर, नीमच द्वारा भू-राजस्व संहिता की भांति वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।                                           (घ) श्री जुगल किशोर शर्मा को देय स्वत्वों से वसूल की गई राशि रूपये 2,58,671/- चालान द्वारा प्राप्ति शीर्ष 0202-01-103-0662 में दिनांक 07.12.2021 को जमा की गई है। शेष राशि की वसूली कलेक्टर, नीमच द्वारा भू-राजस्व संहिता की भांति वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।


निवाड़ी में डिवीजन कार्यालय प्रारम्भ करना

[लोक निर्माण]

118. ( क्र. 1335 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या निवाड़ी जिले का गठन दिनांक 01 अक्टूबर 2018 को हो चुका था? यदि हां तो प्रश्‍न दिनांक तक डिवीजन कार्यालय प्रारम्भ क्यों नहीं हो सका? (ख) क्या अभी भी स्थापना और वित्तीय कार्य टीकमगढ़ जिले से संचालित किया जा रहा है? यदि हां तो यह व्यवस्था निवाड़ी जिले में कब तक कर दी जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पद सृजन करने के बाद संभागीय कार्यालय प्रारंभ किया जावेगा। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निवाड़ी में जिला कार्यालय खोले जाना

[आयुष]

119. ( क्र. 1336 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) क्‍या निवाड़ी जिले का गठन दिनांक 01 अक्टूबर 2018 को हो चुका था? यदि हां तो प्रश्‍न दिनांक तक जिला कार्यालय प्रारम्भ क्यों नहीं हो सका? (ख) क्या अभी भी स्थापना और वित्तीय कार्य टीकमगढ़ जिले से संचालित किया जा रहा है? यदि हां तो यह व्यवस्था निवाड़ी जिले में कब तक कर दी जायेगी?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सहायक प्राध्यापकों के दस्तावेज सत्यापन

[उच्च शिक्षा]

120. ( क्र. 1337 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2017 में पास/सफल लगभग 605 आवेदकों को, सर्टिफिकेट सत्यापन के बाद भी दस्तावेजों की कमी सुधारने का मौका किन आधारों पर प्रदान किया गया?                                (ख) सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2017 के लिए क्या सिर्फ वस्तुनिष्ठ आधारित परीक्षा के माध्यम से चयन किया गया? (ग) सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2017 में अब तक कितने संशोधन किए गए? क्या राज्य लोक सेवा आयोग को किसी भी परीक्षा में संशोधन के असीमित अधिकार प्राप्त हैं? सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2017 में परीक्षा से पूर्व आवेदकों के दस्तावेजों का सत्यापन क्यों नहीं किया गया जबकि आयोग की अन्य परीक्षाओं में उक्त नियम का पालन किया जाता रहा है? (घ) सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2017 में नियुक्त सहायक प्राध्यापकों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए 2021 में लगभग 3 वर्ष बाद क्यों आदेश जारी किया गया?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 विभिन्न विषयों के सफल उम्मीमदवारों के दस्तादवेजों के भौतिक सत्यापन के दौरान जो कमी पाई गई थी, उन कमी की पूर्ति हेतु उन्हें अवसर प्रदान किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) सहायक प्राध्यापक भर्ती                                      परीक्षा-2017 में अब तक 17 संशोधन (शुद्धि पत्र) जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’’’ अनुसार है। संवैधानिक सीमाओं के अंतर्गत संशोधन के अधिकार आयोग को प्राप्त हैं। भर्ती परीक्षा में परीक्षा के पूर्व दस्तावेजों के सत्या‍पन का कार्य नहीं किया जाता है। साक्षात्कार पूर्व आवेदकों के दस्तावेजों के मूल अभिलेख से मिलान का कार्य किया जाता है। चूंकि सहायक प्राध्यापक परीक्षाओं में साक्षात्कार की प्रक्रिया विभाग के आदेश दिनांक 04.05.2018 के द्वारा विज्ञापन में जहां-जहां साक्षात्कार से संबंधित व्यवस्था का उल्लेख हुआ है, उन्हें विलोपित किया गया है। इस कारण साक्षात्कार प्रक्रिया आयोजित नहीं होने से आवेदकों के दस्तावेजों के सत्यापन का कार्य मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’’’ अनुसार है। (घ) दिव्यांग आरक्षण से प्रभावित विषयों में माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के परिपालन में जिन विषयों की संशोधित पुनरीक्षित चयन सूची मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा फरवरी-2021 में जारी की गई है, उन विषयों के अनुपूरक सूची के उम्मीदवारों के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया गया है।

यूजीसी योग्यताधारी अतिथि विद्वान का नियमितीकरण

[उच्च शिक्षा]

121. ( क्र. 1338 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग में 10 वर्षों से अधिक सेवा दे चुके यूजीसी योग्यताधारी अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण की क्या योजना है? (ख) अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण कब तक किया जायेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अतिथि विद्वानों से सं‍बंधित म.प्र. शासन की नीति संबंधी परिप‍त्र क्रमांक एफ 1-42/2017/38-1 दिनांक 17.12.2019 में नियमितीकरण का प्रावधान उल्‍लेखित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता।

पाईपलाईन हेतु अधिग्रहित भूमि का मुआवजा

[नगरीय विकास एवं आवास]

122. ( क्र. 1340 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत परियोजना कोलार रोड भोपाल के अन्तर्गत हिनौतिया आलम क्षेत्र में पाईप लाईन बिछाने के कार्य में निजी भूमि स्वामियों को मुआवजा दिये जाने हेतु मूल डी.पी.आर. में कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? यदि नहीं किया गया तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? निजी भूमि स्वामियों को मुआवजा राशि से क्यों वंचित रखा जा रहा है? (ख) मध्यप्रदेश हस्तांतरणीय विकास नियम 2018 अन्तर्गत विकास अधिकारों का हस्तांतरण प्रदान किये जाने की कार्यवाही किस तिथि तक पूर्ण हो जावेगी? इससे निजी भूमि स्वामियों को क्या-क्या लाभ/अधिकार प्राप्त होंगे? ग्राम एवं नगर निवेश, संचालनालय/विभाग को टीडीआर जारी करने का प्रस्ताव किस दिनांक को प्रेषित किया गया? वर्तमान में इसकी स्थिति क्या है? (ग) भूमि पर कार्य प्रारंभ तिथि से कार्य पूर्ण तिथि तक की अवधि सुखाधिकार से वंचित रखने हेतु भूमि स्वामियों को क्षतिपूर्ति की क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या राजस्व विभाग द्वारा निजी भूमि स्वामियों के पक्ष में उनकी भूमि का सीमांकन कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा एवं पाईप लाईन डालने से पूर्व की स्थिति में जिस प्रकार भूमि पर फेंसिंग एवं गेट लगे थे, उसी प्रकार फेंसिग कार्य शासन द्वारा कराया जायेगा? यदि हां तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अमृत योजना के अंतर्गत पाईप लाईन बिछाने के कार्य में डी.पी.आर. में मुआवजा राशि का प्रावधान नहीं किया गया है। इसके लिये कोई जिम्‍मेदार नहीं है। निजी भू-स्‍वामियों को मुआवजे के रूप में नगद राशि न दी जाकर मध्‍यप्रदेश शासन के हस्‍तांतरणीय विकास नियम 2018 अंतर्गत विकास अधिकारों के हस्‍तांतरण का प्रमाण पत्र दिये जाने हेतु नगर निगम द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को प्रस्‍ताव भेजा गया है। (ख) मध्‍यप्रदेश हस्‍तांतरणीय विकास अधिकार नियम 2018 अंतर्गत विकास अधिकारों का हस्‍तांतरण प्रदान किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। इससे निजी भूमि स्‍वामियों को मध्‍यप्रदेश हस्‍तांतरणीय विकास अधिकार नियम 2018 में उल्‍लेखित लाभ/अधिकार प्राप्‍त होगें। नगर तथा ग्राम निवेश, संचालनालय/विभाग को हस्‍तांतरणीय विकास अधिकार (टी.डी.आर) जारी करने का प्रस्‍ताव दिनांक 16.08.2021 को प्रेषित किया गया है। वर्तमान में संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में प्रकरण प्रचलित है। (ग) भूमिगत पाईप लाईन होने के कारण किसी प्रकार की कोई क्षति नहीं हुई है। पाईप लाईन को निजी                                         भू-स्‍वामियों द्वारा उपयोग की जाने वाली सड़क पर डाला गया है। फेसिंग कार्य शासन द्वारा कराये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की जानकारी

[ऊर्जा]

123. ( क्र. 1345 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग खरगोन के अन्‍तर्गत वर्तमान में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सूची, जिसमें उनके नाम, पता, मोबाइल नंबर, श्रमिक की श्रेणी सहित जानकारी देवें। (ख) संचालन-संधारण संभाग खरगोन के अन्‍तर्गत वर्तमान में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी कितने समय से वर्तमान में क्रियाशील आउटसोर्स बाह्य श्रमिक प्रदाता कंपनी में कार्यरत है एवं इस हेतु निविदा अनुबंध की शर्त अनुसार उसकी योग्‍यता के क्‍या मापदंड है बतावें एवं निविदा अनुबंध शर्तों की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) संचालन-संधारण संभाग खरगोन के अन्‍तर्गत वर्तमान में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी के वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में माह अप्रैल 2021 से माह अक्‍टूबर 2021 तक पीएफ भुगतान संबंधी श्रमिकवार सूची उपलब्‍ध करायें?(घ) संचालन-संधारण संभाग खरगोन के अन्‍तर्गत वर्तमान में कार्यरत आउटसोर्सिग कर्मचारियों के लिए हुए कार्यादेश एवं कार्य अनुबंध की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग खरगोन के अंतर्गत वर्तमान में बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्‍सी के माध्‍यम से 490 आऊटसोर्स कार्मिक कार्यरत हैं, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गयी नाम, पता, मोबाइल नंबर, श्रमिक की श्रेणी सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) संचालन-संधारण संभाग खरगोन के अंतर्गत वर्तमान में बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी मेसर्स जी.ए. डिजिटल वेब वर्ड प्रा.लि. दिल्ली के माध्यम से कार्यरत आऊटसोर्स कार्मिकों को कार्य पर रखे जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के                                      प्रपत्र-'' अनुसार है। निविदा अनुबंध की शर्त अनुसार उक्‍त आऊटसोर्स कार्मिकों की योग्यता के मापदंड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार तथा निविदा अनुबंध की शर्तों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) संचालन-संधारण संभाग खरगोन के अंतर्गत वर्तमान में कार्यरत आऊटसोर्स कार्मिकों के वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह अप्रैल 2021 से माह अक्टूबर 2021 तक पीएफ भुगतान संबंधी प्रश्‍नाधीन चाही गयी श्रमिकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (घ) संचालन-संधारण संभाग खरगोन के अंतर्गत वर्तमान में कार्यरत आऊटसोर्स कार्मिकों के लिए बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्‍सी को दिए गए कार्यादेशों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है एवं कार्य अनुबंध की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

प्रधानमंत्री आवास की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

124. ( क्र. 1346 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका क्षेत्र खरगोन में ऐसे कितने हितग्राही है जिन्होंने की प्रधानमंत्री आवास हेतु आवेदन नगर पालिका को किया है, परंतु उन्हें अभी तक भी आवास आवंटित नहीं हुआ है? उन सभी हितग्राहियों की सूची नाम, पता, मोबाइल नंबर, वार्ड नंबर नहीं मिलने का कारण सहित देवें। (ख) उक्त हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों ने आवास नहीं मिलने पर नगर पालिका, 181 सीएम हेल्पलाइन अन्य किसी जगह शिकायत की हैं। उन शिकायतों की वर्तमान में क्या स्थिति है? उनकी सूची देवें। (ग) खरगोन नगर पालिका क्षेत्र में ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनको की 2 वर्ष पूर्व पीएम आवास स्वीकृत हुआ था, परंतु प्रश्न दिनांक तक उन्हें प्रधानमंत्री आवास की पूरी किस्तें प्राप्त नहीं हुई हो? उनकी सूची नाम, पता, मोबाइल नंबर किस्त नहीं मिलने का कारण सहित देवें। (घ) खरगोन नगर पालिका क्षेत्र में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें की अपात्र कर दिया गया है, जबकि उनका कोई और मकान नहीं है, उनकी सूची देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका क्षेत्र खरगोन में प्रधानमंत्री आवास योजना (एएचपी) घटक अंतर्गत कुल 696 आवेदन प्राप्त हुये है, जिसमें से 336 हितग्राहियों को आवास का आवंटन अभी नहीं दिया गया है। हितग्राहियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक अंतर्गत कुल 03 हितग्राहियों द्वारा सीएम हेल्प लाईन पर शिकायत दर्ज की गई है, जिनके आवेदन अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा गठित सर्वेक्षण दल के सर्वेक्षण तथा अनुमोदन कार्यवाही में प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक अंतर्गत 02 वर्ष पूर्व तक 1890, 383, 610 एवं 1483 कुल 4366 हितग्राहियों के आवास स्वीकृत हुये है, जिनमें से 1046 हितग्राही को दी गई राशि का उपयोग नहीं किये जाने से आगामी किश्त आवंटित की जाना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक अंतर्गत कलेक्टर खरगोन द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के आधार से कुल 743 हितग्राहियों को विभिन्न कारणों से अपात्र किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है।

इन्दौर विकास प्राधिकरण की योजना क्र. 114 राजीव आवास विहार में अवैध कब्जे

[नगरीय विकास एवं आवास]

125. ( क्र. 1354 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण की योजना क्र. 114 स्थित राजीव आवास विहार में कुल कितने प्रकोष्ठ हैं? उक्त में से कितने मूल आवंटिती द्वारा किस्तों का भुगतान न किया जाकर प्रकोष्ठों को प्राधिकरण को समर्पित कर दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या समर्पित किए गए प्रकोष्ठों के आवंटिती द्वारा आवेदन करने के बाद भी आज तक अन्य लोगों के कब्जे वहॉं पर हैं? (ग) प्रकोष्ठ पर प्राधिकरण के कर्मचारियों की मिलीभगत से अन्य लोगों के कब्जे हो चुके हैं? उन कब्जों को कब हटाया जावेगा? (घ) इस संपूर्ण प्रक्रिया से प्राधिकरण को जो वित्तीय हानि हो रही है इसके लिए कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? ऐसे प्रकोष्ठ को विक्रय करने की कार्रवाई प्राधिकरण द्वारा क्यों नहीं की जा रही है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक-114 में स्थित राजीव आवास विहार में कुल 1016 प्रकोष्ठ है। किश्तों की चूक से निरस्त होने उपरांत उक्त में से 01 मूल आवंटिती श्री धीरज कुमार राठौर एवं ज्योति राठौर द्वारा किश्तों का भुगतान न किया जाकर प्रकोष्ठ को प्राधिकरण को समर्पित कर दिया गया है। सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ख) समर्पित किये गये प्रकोष्ठ के मूल आवंटिती श्री धीरज कुमार राठौर एवं ज्योति राठौर द्वारा प्रकोष्ठ का विक्रय अनुबंध लेख श्रीमति रेखा रोशन पति श्री रमेश रोशन के पक्ष में किया गया था, जो वर्तमान में प्रकोष्ठ पर काबिज है। (ग) यह कहना सही नहीं है कि, प्रकोष्ठ पर प्राधिकरण के कर्मचारियों की मिलीभगत से अन्य लोगों के कब्जे हो चुके है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) चूंकि प्राधिकारी का कोई कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। प्रकोष्ठ का कब्जा प्राप्त करने हेतु म.प्र. विकास प्राधिकरण की संपत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2018 के नियम 35 अनुसार म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही किये जाने के उपरांत प्रकोष्ठ के व्ययन की कार्यवाही की जावेगी।

परिशिष्ट -"उनहत्तर"

एक्‍वा प्रोजेक्‍ट प्रा.लि. को अपात्र होने के बाद भी पात्र घोषित कर भ्रष्‍टाचार

[नगरीय विकास एवं आवास]

126. ( क्र. 1363 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यूआईडीएसएसएमटी हरदोली जल आर्वधन योजना के पीएचई घटक, नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल की निविदा आमंत्रण एवं प्राप्‍त करने के लिए संविदाकार के लिए नियम व शर्तें, समान कार्य अनुभव, वित्‍तीय राशि, ऑडिट 5 वर्ष बैलेंस शीट एवं पात्रता हेतु क्‍या अर्हता है? क्‍या मेसर्स आदि एक्‍वा प्रोजेक्‍ट प्रा.लि. को उक्‍त योजना का ठेका दिया गया है? यदि हां तो क्‍या उक्‍त निविदाकार आमंत्रित निविदा में पात्र है? क्‍या प्रत्‍यक्ष फर्म के नाम समान प्रकार का पूर्णत: कार्य अनुभव प्रमाण-पत्र अर्हता पूर्ण करता है? यदि हां तो प्रमाण पत्रों की प्रति पात्रता हेतु दें? क्‍या उक्‍त फर्म अर्हता पूर्ण करता है? किस आधार पर उक्‍त निविदाकार को पात्र घोषित करके निविदा अर्हता में कार्यादेश जारी किया? यदि हां तो ठेकेदार के अर्हता संबंधित दस्‍तावेज दें? (ख) क्‍या पीएचई निविदा में सब कॉन्‍ट्रेक्‍टर को अंडरटेकिंग प्रमाण पत्र के आधार की अर्हता निविदा नियम में रखी गई थी? यदि हां तो निविदा नियम बताएं यदि नहीं तो नियम विरूद्ध निविदाकार को पात्र कैसे पाया गया? यदि हां तो क्‍यों? आदि एक्‍वा ठेके की प्रश्‍नांश तिथि तक के माप, माप बुक में दर्ज एवं रनिंग बिलों की प्रति दें? (ग) यूआईडीएसएसएमटी हरदोली जलआवर्धन योजना के पीएचई घटक, नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल के पूर्व ठेकेदार एस.के. लोखंडे कार्यादेश क्र. 425 दि. 17.04.2013 निविदा घटक के अंतर्गत निलंबित ठेके में विभिन्‍न घटक (1) डीआई पाईप नाली (2) एचडीपीई डिस्‍ट्रीब्‍यूशन नाली खुदाई (3) इन्‍टेकवेल पम्‍प हाउस खुदाई एवं विद्युत विभाग की सब स्‍टेशन की ड्राइंग डिजाईन माप (4) वाटर ट्रीटमेन्‍ट प्‍लांट एवं विद्युत विभाग की ड्राइंग डिजाईन माप क्‍या क्र. 1 से 4 तक क्रमश: शुरूआत व अंतिम माप बुक में दर्ज है? यदि हां तो प्रति दें। यदि नहीं तो क्‍यों? यह क्‍या नियमानुसार अतिआवश्‍यक नहीं था? नियम की प्रति दें। (घ) प्रश्नांश (क) से लेकर (ग) तक निविदा शर्तों का विस्‍तृत उल्‍लेख करें? बिन्‍दुवार उत्‍तर दें। शासन किस नाम/पदनाम के विरूद्ध अनियमितताओं पर कब तक दोषी अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) यूआईडीएसएसएमटी हरदौली जल आवर्धन योजना के पी.एच.ई. घटक की निविदा आमंत्रण में संविदाकार के लिए पात्रता हेतु अर्हता संबंधी शर्तें पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''‘अनुसार है। जी हाँ। अर्हता पूर्ण होने के कारण निविदाकार पात्र है। प्रमाण पत्रों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''‘अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) निविदाकार के द्वारा स्वयं के द्वारा किये गये कार्यों के साथ सब कान्‍ट्रेक्‍टर के रूप में किये गये कार्यों के भी शासकीय संस्‍था द्वारा प्रमाणित प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गये है। निविदाकार स्‍वयं द्वारा किये गये कार्यों के मान से निविदा शर्तों के अनुसार पात्र है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''‘अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। आदि एक्‍वा द्वारा किये गये कार्य के माप, माप पुस्तिका एवं रनिंग बिल की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''‘अनुसार है। (ग) यूआईडीएसएसएमटी हरदौली जल आवर्धन योजना के पी.एच.ई. घटक नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल के पूर्व ठेकेदार एस.के. लोखण्डे कार्यादेश क्रमांक 425 दिनांक 17.04.2013 निविदा घटक के अन्तर्गत निरस्त ठेके में डीआई पाईप लाईन लेइंग, एचडीपी डिस्ट्रीब्यूशन लेइंग के माप दर्ज है। ठेकेदार मेसर्स एस.के. लोखण्डे के द्वारा इंटेकवेल का खुदाई कार्य एवं इंटेकवेल के पम्प पर विद्युतीकरण कार्य नहीं करने से माप दर्ज नहीं किया गया। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के माप दर्ज है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। मेसर्स एस.के. लोखण्डे के द्वारा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर विद्युतीकरण कार्य नहीं करने से माप दर्ज नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) से लेकर (ग) तक निविदा शर्तों का विस्तृत उल्लेख पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।


नियम विरूद्ध बजट की मदों से राशि का स्‍थानांतरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

127. ( क्र. 1366 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका की बजट मदों में एक मद से दूसरे मद में राशि ट्रांसफर करने के क्‍या नियम एवं प्रक्रिया है? नियमों की कॉपी उपलब्‍ध कराते हुए विवरण दें। (ख) क्‍या यह सही है कि बजट में स्‍वीकृत मद की राशि दूसरी मद में राशि का स्‍थानांतरण नहीं किया जा सकता है? बजट मद अवैधानिक रूप से हस्‍तांतरण करने पर किस सी.एम.ओ. के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? विवरण दें। (ग) वर्ष 2015 से 27/11/2021 तक नागदा न‍गर पालिका में बीना सक्षम अधिकारी के अनुमति के एक बजट मद में से दूसरी बजट मद में कितनी निधि का ट्रांसफर किया गया है? मदवार, वर्षवार विवरण दें। नियम विरूद्ध ट्रांसफर की गई राशि का किस-किस कार्य में खर्च किया गया है? नाम सहित विवरण दें। (घ) खाचरौद नगर पालिका में 01 जनवरी 2021 से 27.11.2021 तक बि‍ना सक्षम अधिकारी के अनुमति के एक बजट मद में से दूसरी बजट मद में कितनी निधि का ट्रांसफर किया गया है? मदवार, वर्षवार विवरण दें। नियम विरूद्ध ट्रांसफर की गई राशि का किस-किस कार्य में खर्च किया गया है? नाम सहित विवरण दें। (ड.) नगर पालिका की संचित निधि का नगर पालिका नागदा-खाचरौद में बगैर सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर नियम विरूद्ध उपयोग किया गया है? यदि हां तो किन-किन कार्यों हेतु विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका के बजट मदों में एक मद से दुसरे मद में राशि ट्रांसफर करने हेतु म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 117 में परिषद को राशि ट्रांसफर करने हेतु प्रावधान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पी-01 अनुसार है (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 117 के अनुसार बजट अनुमानों में परिवर्तन किया जा सकता है। (ग) वर्ष 2015 से 27.11.2021 तक नागदा नगर पालिका में सक्षम प्राधिकारी से अनुमति प्राप्त कर ही एक बजट मद से दूसरी बजट मद अंतरित की गई है। जिसकी जानकारी निम्नानुसार हैः- (1) वर्ष 2015- पी.आई.सी. संकल्प क्रमांक 27 दिनांक 12.03.2015 मेला /स्वागत समारोह तथा वाहन मरम्मत मद में व्यय राशि में ’’’’ के पेरा 13 की राशि रू/- 15 लाख का अंतरण किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पी-02 अनुसार (2) वर्ष 2021- प्रशासन संकल्प क्रमांक 463 दिनांक 11.11.2021 से संपवेल निर्माण मद में 3.50 करोड़ व ओव्‍हरहेड निर्माण मद में 2.50 करोड का सड़क व अमृत बरसाती पानी की निकासी मद से अंतरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पी-03 अनुसार (घ) नगर पालिका परिषद खाचरौद में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के एक बजट मद में से दूसरी बजट मद में निधि का ट्रांसफर नहीं किया गया। नगर पालिका परिषद खाचरौद द्वारा सक्षम अधिकारी प्रशासक महोदय के संकल्प क्रमांक 16 दिनांक 01.03.2021 से दी गई 20.00 लाख की अनुमति के विरूद्ध आवश्यकतानुसार सीवरेज मद से स्वच्छता मिशन मद में राशि रू. 10.00 लाख ट्रांसफर किया तथा जिसका उपयोग स्वच्छता मिशन एवं स्वच्छता सामग्री क्रय में किया गया। संकल्प क्रमांक 16 दिनांक 01.03.2021 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पी-04 अनुसार नियम विरूद्ध राशि ट्रांसफर नहीं की गई है। (ड.) नगर पालिका नागदा-खाचरौद द्वारा 01.01.2021 से 27.11.2021 तक संचित निधि से राशि का उपयोग नहीं किया गया है।

निर्माण कार्य में विलंब करने पर भी कार्यवाही नहीं करना

[लोक निर्माण]

128. ( क्र. 1367 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित गर्वमेंट कॉलोनी रेल्‍वे फाटक एससी क्र. 103 पर रेल्‍वे ओव्‍हर ब्रि‍ज निर्माण का कार्य अभी तक प्रारंभ क्‍यों नहीं हुआ है? कार्य प्रारंभ नहीं करने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? विवरण दें। (ख) खाचरौद उमरनी फाटक रेल्‍वे समापार क्र. 102 व खाचरौद शहर में रेलवे समापार क्र. 98 में कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? कितना शेष है? पुल निर्माण में हो रहे विलंब में ठेकेदार के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? विवरण दें। (ग) सुरेल, सण्‍डावदा, मदगनी, पिपलोदा बागला मार्ग के कि.मी. 16/6 पर जलमग्‍नीय पुल के निर्माण की रिवाईज टेक्‍नीकल स्‍वीकृति प्रदान कर टेण्‍डर आमंत्रित कर किस कंपनी को कितनी कार्यावधि के कार्यादेश जारी किए गए है? विवरण दें। ठेकेदार द्वारा कार्य अभी तक क्‍यों प्रारंभ नहीं कि‍या गया है? (घ) प्रश्‍नकर्ता द्वारा मांग करने पर मुख्‍यमंत्री के पत्र क्र. 4192/सीएमएस/ एमएलए/212/2021 दिनांक 25/08/20213586 दिनांक 29/07/2021 द्वारा घोषित जिला मार्ग के मध्‍य गांव निनावटखेडा से किलोडिया के मध्‍य चंबल नदी पर उच्‍च स्‍तरीय पुल निर्माण हेतु आगामी अनुपूरक बजट में प्रावधान करने व डी.पी.आर. बनाने के आदेश प्रदान करने हेतु प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को प्रेषित किए गए थे? यदि हाँ,तो क्‍या डी.पी.आर. बनाकर स्‍वीकृति हेतु शासन को प्रेषित की गई है? विवरण दें। यदि नहीं तो डी.पी.आर. कब तक बना ली जायेगी। विवरण दें। (ड.) नायन चंबल नदी के पुल निर्माण का कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? कितना अपूर्ण है? समयावधि में कार्य न करने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई है तो क्‍यों? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? विवरण दें। (च) नागदा चंबल नदी से भगतपुरी तक 900 मीटर की रोड जो पूर्व में                                              नागदा-जावरा व खाचरौद रोड का हिस्‍सा थी के निर्माण हेतु विभाग द्वारा स्‍वीकृति हेतु क्‍या कार्यवाही की है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निजी स्वामित्व की भूमि का प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण कार्य की समानुपातिक प्रगति न होने के कारण अनुबंधक को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। अनुबंधक के अभ्यावेदन पर विचारोपरान्त दिनांक 31.12.2022 तक कार्य पूर्ण करने की अनुमति प्रदान की गई। (ख) खाचरौद उमरनी फाटक रेल्वे समपार क्र. 102 में 7% कार्य पूर्ण किया गया एवं 93 % कार्य शेष है। कार्य की समानुपातिक प्रगति न होने के कारण अनुबंधक को दिनांक 29.11.2021 को अनुबंध के प्रावधान अनुसार नोटिस जारी किया गया है। खाचरौद शहर में रेल्वे समपार क्र. 98 में 53% प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 47% कार्य शेष है। कार्य की समानुपातिक प्रगति न होने के कारण अनुबंधक को दिनांक 02.12.2021 को अनुबंध के प्रावधान अनुसार नोटिस जारी किया गया है। (ग) निविदा रामप्रकाश गुप्ता, इंदौर के पक्ष में स्वीकृत। एल.ए.ओ. जारी होना शेष। अत: शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। गांव निनावटखेडा से किलोडिया के मध्य चंबल नदी पर उच्‍चस्‍तरीय पुल निर्माण को वर्ष 2021-22 के अनुपूरक बजट में सम्मिलित करने हेतु प्राक्‍कलन परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्‍न का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) 64% कार्य पूर्ण हो चुका है, एवं 36% कार्य शेष है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। नदी के डाउन स्ट्रीम में ग्रेसिम उद्योग के स्‍टॉप डेम का पानी का लेवल मार्च अंत में कम होने के पश्चात ही कार्य करने हेतु मात्र 03 माह का समय मिल पाता है। साथ ही, कोविड-19 के कारण भी कार्य की प्रगति बाधित हुई है। किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (च) वर्तमान में यह मार्ग विभागीय संधारण में है एवं किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है।

देवास जिले के शासकीय महाविद्यालय

[उच्च शिक्षा]

129. ( क्र. 1368 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के किन-किन शासकीय महाविद्यालयों में वर्ष 2008-09 से 2020-21 तक ऐसे कितने कर्मचारी कार्यरत हैं, जो मुख्‍यालय पर न रहते हुए भी मकान भाड़े का लाभ ले रहे हैं? मकान भाड़े का लाभ किस नियम से ले रहे हैं? नियम उपलब्‍ध करावें। यदि कर्मचारी मुख्‍यालय पर रह रहे हैं तो क्या उन्‍होंने अपने मकान मालिक का प्रमाणित शपथ पत्र महाविद्यालय को उपलब्‍ध कराया है? यदि हां, तो प्रति दें। (ख) क्‍या यह सत्‍य है कि प्रश्‍नांकित कर्मचारी मुख्‍यालय पर न रहते हुये भी महाविद्यालय द्वारा उन कर्मचारियों को मकान भाड़े का लाभ दिया जा रहा है? यदि हां, तो क्‍यों? क्‍या विभाग ऐसे कर्मचारियों का परीक्षण कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) देवास जिला अंतर्गत महाविद्यालयों में पदस्‍थ कर्मचारी नियमानुसार/पात्रता अनुसार मकान किराया भत्‍ता मुख्‍यालय पर रहते हुए प्राप्‍त कर रहें है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

जनभागीदारी मद से क्रय सामग्री की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

130. ( क्र. 1369 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के किन-किन शासकीय महाविद्यालयों में विगत 05 शैक्षणिक वर्षों में जनभागीदारी के मद में कितनी आय एवं कितना व्‍यय किया गया है एवं जनभागीदारी के किन-किन मदों से क्‍या-क्‍या सामग्री क्रय की गई है? बिल व्‍हाउचरों की प्रमाणित छायाप्रति दें? (ख) क्‍या जनभागीदारी मद से सामग्री क्रय करना उचित था, क्रय की गई सामग्री की गुणवत्‍ता क्‍या थी? (ग) जनभागीदारी मद से क्रय की गई सामग्री का कहां-कहां, किन-किन मदों में उपयोग किया गया है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अनुसार है।


निगम को आर्थिक नुकसान पहुँचाया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

131. ( क्र. 1395 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है, कि भोपाल नगर निगम सीमा में संचालित अशासकीय अस्‍पताल/क्लिनिक से व्‍यवसायिक सम्‍पत्तिकर प्रतिवर्ष लिया जाता है? यदि हां तो किस-किसके स्‍वामित्‍व/संस्‍था के अस्‍पताल भवन अनुज्ञा के अनुसार कितने-कितने वर्गमीटर में निर्मित है? तथा बाद में भवन अनुज्ञा के अतिरिक्‍त कितने-कितने वर्गमीटर में निर्मित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि कौन-कौन से अस्‍पताल से किस-किस परिक्षेत्र के अनुसार                                      किस-किस दर से सम्‍पत्ति कर वर्ष 2015 से 2021 के मध्‍य वसूला गया? जोनवार, वार्डवार अस्‍पताल का नाम सहित वर्षवार बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क-ख) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि                                               किस-किस अस्‍पताल / क्लिनिक पर कितना-कितना सम्‍पत्तिकर भुगतान हेतु कब-कब से शेष है वर्षवार बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश की जानकारी वृहद स्तर की होने से विस्तृत सर्वेक्षण कराये जाने के पश्चात् ही उपलब्ध कराई जा सकेगी। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

132. ( क्र. 1396 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नेशनल लॉ इंस्‍टीट्यूट यूनिवर्सिटी भोपाल में बीए-एलएलबी (ऑनर्स) , क्लिनिकल एजूकेशन की मुख्‍य परीक्षा आदि में फेल छात्र जो रिपीट परीक्षा में भी सम्मिलित नहीं होने के बावजूद टेबुलेशन चार्ट में हेराफेरी कर अधिक नंबर देकर कई छात्रों को उत्‍तीर्ण कर फर्जी डिग्रियां प्रदाय किये जाने एवं स्‍टॉफ को फर्जी डिग्री के आधार पर नियम विरूद्ध पदोंन्‍नतियॉं प्रदान किये जाने संबंधी शिकायतों के आधार पर श्री अभय गोहिल मध्‍यप्रदेश हाई कोर्ट के सेवानिवृत्‍त जज से जांच कराई गई? (ख) यदि हां तो वर्ष 1999 से जांच में किन-किन छात्रों के नंबर बढ़ाकर उत्‍तीर्ण किया जाना तथा किन-किन को नियम विरूद्ध पदोंन्‍नति दिए जाने के मामले में कौन-कौन दोषी पाए गए? उनके विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? कारण सहित यह भी अवगत करावें कि जांच रिपोर्ट कब पेश की गई और उनकी जांच के क्‍या-क्‍या बिन्‍दु थे तथा जांच के क्‍या निष्‍कर्ष निकले?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ, किंतु स्टाफ को फर्जी डिग्री आधार पर कभी कोई पदोंन्नति नहीं दिए जाने से, जांच में यह बिंदु शामिल नहीं रहा। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। जांच में पदोंन्नति का बिंदु शामिल न होने से जानकारी निरंक है। जांच अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट दिनांक 28.2.2018 एवं 28.10.2018 को प्रस्तुत की गई। मामला सामान्य परिषद के समक्ष दिनांक 19.11.2021 को रखा गया, कार्यवृत्त अप्रकाशित है।

परिशिष्ट -"सत्तर"

बिजली बिलों की शिकायत

[ऊर्जा]

133. ( क्र. 1409 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                         (क) मध्‍यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अन्‍तर्गत वित्‍तीय माह नवंबर 2018 एवं माह अक्‍टूबर 2021 की स्थिति में कितने निम्‍नदाब विद्युत उपभोक्‍ता है तथा उन पर कितना विद्युत देयक देय था बतावें? (ख) मध्‍यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्‍दौर के अन्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में माह अप्रैल 2021 से माह नवंबर 2021 तक विद्युत बिलों संबंधी कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई थी इनमें से कितनी शिकायतें सही पाई गई माहवार जानकारी देवें?                                      (ग) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1143 दिनांक 12.08.2021 अनुसार पश्चिम क्षेत्र वितरण कम्‍पनी में मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक 3,25,525 शिकायतें प्राप्‍त हुई जो कुल बिलों का 0.65 प्रतिशत है क्‍या यह संख्‍या अधिक नहीं है तथा कितने प्रतिशत शिकायतों को विभाग उचित एवं समाप्‍त मानता है क्‍या उतनी शिकायतें हमेशा आती रहेगी। (घ) मध्‍यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर के अन्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2019-20 से वित्‍तीय वर्ष 2020-21 तक बिल सुधार की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई इनमें वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में शिकायतों में कितने प्रतिशत कमी अथवा वृद्धि परिलक्षित हुई वर्षवार जानकारी देवें तथा अधिक बिल की शिकायतों में कमी लाने के लिये क्‍या प्रयास किये गये?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत माह नवंबर 2018 की स्थिति में कुल निम्नदाब विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या 5379486 थी एवं बकाया राशि रु. 868.28 करोड़ है तथा माह अक्टूबर 2021 की स्थिति में कुल निम्नदाब विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या 5669291 थी एवं बकाया राशि रु. 2246.12 करोड़ है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह अप्रैल 2021 से माह नवंबर 2021 तक समस्त प्रयोजन के विद्युत बिलों संबंधी कुल 142555 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से कुल 98848 शिकायतें सही पाई गई। सही पाई गई शिकायतों का समाधान पूर्वक निराकरण किया गया है, जिसका माहवार विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।                                                        (ग) उपभोक्‍ताओं को सुचारू रूप से गुणवत्‍तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराते हुए खपत की गई विद्युत का आंकलन कर विद्युत बिल उपभोक्‍ताओं को पहुँचाना एवं बिल की राशि वसूल करना एक वृहद प्रकिया है जिसमें कुछ अपरिहार्य कारणों जैसे- मीटर में तकनीकी त्रुटि होने, मीटर रीडर/कर्मचारी द्वारा भूलवश मीटर की गलत रीडिंग लेने, बिलिंग सिस्‍टम में त्रुटिपूर्ण रीडिंग दर्ज होने, आदि कारणों से जारी बिल में त्रुटि होने की संभावना रहती है। अत: शिकायतों का आना स्‍वाभाविक है, जिनकी संख्‍या पर टिप्‍पणी नहीं की जा सकती तथापि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड का सभी उपभोक्ताओं को संतोषप्रद सेवाएँ प्रदान करते हुए शिकायतों की संख्या न्यूनतम बनाये रखने एवं प्राप्त शिकायतों का समाधान पूर्वक निराकरण किये जाने का प्रयास रहता है। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 में क्रमशः कुल 305621 एवं 332620 बिल सुधार की शिकायतें प्राप्त हुई। वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 26999 (8.83 प्रतिशत) शिकायतें अधिक है। कंपनी क्षेत्रांतर्गत अधिक बिल की शिकायतों में कमी लाने के लिये किये गये प्रयासों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

परिशिष्ट -"इकहत्तर"

राष्‍ट्रीय विधि संस्‍थान विश्‍वविद्यालय भोपाल

[उच्च शिक्षा]

134. ( क्र. 1410 ) श्री जितू पटवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्‍ट्रीय विधि संस्‍थान विश्‍वविद्यालय भोपाल में विगत 2 वर्षों में विद्यार्थियों को पास करने एवं पूर्व विद्यार्थियों की अंकसूची में हेरफेर के संबंध में गठित जांच समिति की रिपोर्ट पटल पर कब रखी जाएगी? ऐसे समस्‍त प्रकरण जिनमें अनुत्‍तीर्ण विद्यार्थियों को उत्‍तीर्ण किया गया है उनकी कितनी संख्‍या थी एवं उन्‍हें किन परि‍स्थितियों में उत्‍तीर्ण किया गया है? यह स्‍पष्‍ट किया जाए व उनका नाम व वे कहां कार्यरत है? (ख) वे समस्‍त विद्यार्थी बी.ए. एलएलबी ऑनर्स एवं अन्‍य पाठ्यक्रमों में अध्‍ययनरत थे तथा बाद में सामान्‍य परिषद के निर्णय से उत्‍तीर्ण घोषित एवं इनके द्वारा पूर्व में ही फर्जी अंकसूची के आधार पर उत्‍तीर्ण एवं विभिन्‍न शासकीय नौकरियों एवं अन्‍य रोजगार को प्राप्‍त कर लिया गया था ऐसी स्थिति में क्‍या फेल परंतु फर्जी अंकसूची को आधार मानते हुए पास हुए होने पर इन्‍हें शासकीय एवं अन्‍य संस्‍थाओं से प्राप्‍त नौकरी से बाहर किया जाएगा। क्‍या इनके द्वारा योग्‍य आवेदकों के हक को नहीं छि‍ना गया इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? इस हेतु संस्‍थान क्‍या कार्यवाही कर रहा है? (ग) देश के अन्‍य विधि संस्‍थानों में इस तरह की लापरवाही आगे न हो इसके लिए क्‍या कदम उठाए गए भोपाल के विधि संस्‍थान द्वारा अनुत्‍तीर्ण विद्यार्थियों को किस नियम एवं प्रक्रिया के तहत उत्‍तीर्ण करने की कार्यवाही की गई विस्‍तृत जानकारी दें? इस तरह की प्रक्रिया में क्‍या अधिनियम नियमों एवं निर्देशों का पालन किया गया यह भी स्‍पष्‍ट करें? (घ) क्‍या अनुत्‍तीर्ण विद्यार्थी को 1 अंक से अधिक ग्रेस मार्क्‍स देने का अधिकार है अथवा नहीं किस नियमों के तहत 1 अंक से अधिक का ग्रेस मार्क्‍स भोपाल विधि संस्‍थान में दिए गए है उसकी भी जानकारी विद्या‍र्थीवार, श्रेणीवार एवं कक्षावार, विषयवार दी जाए, क्‍या विधि संस्‍थान भोपाल की सामान्‍य परिषद को इस तरह की किसी कार्यवाही के अधिकार है? यदि हां तो इसका स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया जाए और यदि नहीं तो इसके विरूद्ध जांच बिठाई जाएगी? क्‍या यह व्‍यापम के समान ही नया घोटाला है। (ङ) इस तरह के राष्‍ट्रीय स्‍तर के संस्‍थानों में पास एवं फेल होने के लिए परीक्षा से संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों रजिस्‍ट्रार के विरूद्ध जांच प्रशासनिक कार्यवाही एवं उचित दंड दिया जाएगा एवं इस कार्य में दोषी कुलपति एवं रजिस्‍ट्रार की जिम्‍मेदारी तय की जाएगी।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) अधिनियम में तदाशय का कोई उल्लेख नहीं है। जांच में सम्मिलित छात्रों की संख्या 226 थी। छात्रों को सामान्य परिषद की अनुशंसा पर विशेष परीक्षा का अवसर प्रदान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट‍-अ अनुसार। संबंधित छात्रों के कार्यरत संबंधी जानकारी संस्थान को नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जांच रिपोर्ट में अनुशंसित सुझावों अनुसार सुधारात्मक कार्यवाही संस्था न द्वारा की जा रही है। सामान्य परिषद द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार कार्यवाही की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) अधिनियम की धारा-12 में उल्लेखित प्रावधान अनुसार सामान्य परिषद द्वारा छात्र हित में लिए गए निर्णय अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ङ) प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

विद्युत मांग आपूर्ति, विद्युत उत्‍पादन-खपत, विद्युत खरीदी-विक्रय

[ऊर्जा]

135. ( क्र. 1413 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक ग्रीष्‍म, वर्षा, शीतकाल में प्रदेश में विद्युत की सतत् उपलब्‍धता को लेकर विभाग में विद्युत की कितनी-कितनी मांग रही? मांग के अनुरूप विद्युत की आपूर्ति कितनी-कितनी की गई? मांग और आपूर्ति की व्‍यवस्‍था किस-किस प्रकार से किस-किस योजना, परियोजना, किस-किस संयंत्रों सहित संपूर्ण जानकारी का गोशवारा बनाकर पृथक-पृथक ब्‍यौरा दें। (ख) उपरोक्‍त के संबंध में प्रदेश में कितना विद्युत उत्‍पादन किया जा रहा है? उत्‍पादित बिजली में से कितनी बिजली प्रदेश को कितनी बिजली अन्‍य राज्‍यों को अथवा भारत सरकार के उपक्रमों को दी जा रही है? पृथक-पृथक संपूर्ण ब्‍यौरे का गोशवारा बनाकर दें। (ग) उपरोक्‍त के संबंध में सरकार द्वारा कितनी बिजली किस दर पर किस-किस एजेंसी से, किस-किस दर पर कब-कब खरीदी एवं किस दर से किस-किस एजेंसी को किस-किस दर पर कब-कब विक्रय की जा रही है? पृथक-पृथक ब्‍यौरा गोशवारा बनाकर दें। (घ) प्रदेश में स्थित म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति किस-किस एजेंसी से, कितनी मात्रा में, एवं किस दर पर लिया गया है? क्‍या पूर्ति नहीं होने की स्थिति में अन्‍य एजेंसी से मांग की पूर्ति की जा रही है? यदि हां तो एजेंसी परिवर्तन के क्‍या नियम हैं? खरीदी में नियमों की अनदेखी करने के लिये कौन जिम्‍मेदार हैं?             (ड.) विद्युत संकट को रोकने के लिये विभाग की क्‍या कार्ययोजना है एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्‍या है तथा उसकी पूर्ति कब तक कर ली जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रदेश में विद्युत उपलब्‍धता‍ एवं विद्युत की मांग के अनुरूप विभिन्‍न ताप विद्युत, जल विद्युत, आणविक, नवकरणीय ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा के संयंत्रों से की गई आपूर्ति का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रदेश में माह नवंबर 2021 की स्थिति में उत्‍पादित विद्युत का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्तमान में यथा माह नवंबर में बैंकिंग के तहत कि‍सी भी अन्य प्रदेश को उत्पादित विद्युत नहीं दी जा रही है। अपितु, अति शेष विद्युत उपलब्धता को पॉवर एक्सचेंजो के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है। पॉवर एक्सचेंजो के माध्यम से विक्रय की गई विद्युत किस प्रदेश को दी गई है इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं रहती है।                                 (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्‍न दिनांक तक क्रय की गई विद्युत एवं विक्रित विद्युत का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) प्रदेश में स्थित म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति कोल प्रदाय अनुबंध के अनुसार मेसर्स कोल इंडिया की सहायक कंपनियाँ मेसर्स साउथ इस्टर्न कोल फील्‍ड्स लिमिटेड, मेसर्स वेस्टर्न कोल फील्‍ड्स लिमिटेड एवं मेसर्स नॉर्दन कोल फील्‍ड्स लिमिटेड द्वारा की जाती है। 20 मार्च 2020 से दिनांक 30 नवम्बर 2021 तक की स्थिति में म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा ताप विद्युत संयंत्रों हेतु मेसर्स कोल इंडिया की सहायक कंपनियों मेसर्स साउथ इस्टर्न कोल फील्‍ड्स लिमिटेड, मेसर्स वेस्टर्न कोल फील्‍ड्स लिमिटेड एवं मेसर्स नॉर्दन कोल फील्‍ड्स लिमिटेड से लिये गये कोयले की मात्रा एवं उनकी दरें कोल कंपनीवार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–5 अनुसार है। म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत संयंत्रों को कोयले की मांग की पूर्ति मेसर्स कोल इंडिया की सहायक कंपनियों द्वारा कोल प्रदाय अनुबंध के अनुसार की जा रही है। कोल इंडिया की सहायक कंपनियों द्वारा पूर्ति नहीं होने की स्थिति में किसी अन्‍य एजेंसी से पूर्ति नहीं की जा रही है। अत: एजेंसी परिवर्तन के नियम एवं कोयला खरीदी में नियमों की अनदेखी करने का प्रश्‍न ही नहीं उठता है। (ड.) प्रदेश में विद्युत की निरंतर बढ़ती हुई मांग की पूर्ति हेतु विद्युत उत्पादन में क्षमतावृद्धि की प्रक्रिया एक सतत कार्य है। प्रदेश में राज्य क्षेत्र, केन्द्रीय क्षेत्र, निजी क्षेत्र और नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों के साथ किए गए दीर्घ अवधि के विद्युत क्रय अनुबंधों के माध्यम से वर्तमान में 21401 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता उपलब्ध है, जो कि विद्युत की वर्तमान मांग की पूर्ति के लिए पर्याप्त है। आगे के वर्षों की विद्युत मांग की पूर्ति के लिए विद्युत उत्पादन क्षमतावृद्धि की कार्ययोजना के विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। इन परियोजनाओं के क्रियाशील होने पर आगे के वर्षों में भी विद्युत की मांग के अनुसार उसकी पूर्ति किए जाते रहना संभव रहेगा।

सड़कों से धूल हटाने के लिये किये गये उपाय

[नगरीय विकास एवं आवास]

136. ( क्र. 1414 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल में नगर पालिका निगम के अन्‍तर्गत कितने कि.मी. सड़कें आती है? इसमें निगम, सी.पी.ए., पी.डब्‍ल्‍यू.डी. की कितनी-कितनी, किस-किस प्रकार की (सी.सी. डामरीकृत, आर.सी.सी.) आती है? (ख) उपरोक्‍त के संबंध में बरसात में खराब हुई सड़कों की जानकारी विभाग को कैसे प्राप्‍त हुई? मरम्‍मत का कार्य किस-किस के द्वारा, कब-कब कितनी-कितनी लागत, किस-किस एजेन्‍सी से करवाया गया? माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने भी इस संबंध में संज्ञान लिया है? यदि हां तो उनके निर्देशों के पालन में क्‍या किया गया? यदि नहीं तो कौन-कौन जिम्‍मेदार है? (ग) उपरोक्‍त के संबंध में राजधानी को धूल मुक्‍त करने के संबंध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही, किसके द्वारा कब-कब, किस-किस प्रकार से कितनी-कितनी राशि की, कहां-कहां कराई गई? क्‍या राजधानी को धूल मुक्‍त कर दिया गया है? यदि नहीं तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? धूल मुक्‍त करने के अभियान में कुल कितनी राशि किस-किस कार्य पर, कहां-कहां, किस-किस को कब-कब भुगतान की गई? (घ) नगरीय प्रशासन मुख्‍यालय, नगर पालिका निगम भोपाल हाऊसिंग बोर्ड मुख्‍यालय एवं भोपाल कार्यालय टी.एन.सी.पी., बी.डी.ए. रेरा एवं सी.पी.ए. में कितने अधिकारी/कर्मचारी कब से प्रतिनियुक्ति एवं एक ही स्‍थान पर 5 वर्षों से अधिक समय से पदस्‍थ हैं? कार्यालयवार पृथक-पृथक सूची दें। समय सीमा समाप्‍त होने के बाद भी वेतन भुगतान किस आधार पर क्‍यों किया जा रहा है? संबंधितों की सेवायें उनके मूल विभाग को कब तक सौंपी जायेगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा                         रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना में मूलभूत सुविधाओं व रजिस्‍ट्री

[नगरीय विकास एवं आवास]

137. ( क्र. 1415 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अन्‍तर्गत नगर पालिका निगम भोपाल द्वारा राहुल नगर रिवेरा टाउन में निर्माणाधीन आवासों को जिस स्‍थान पर बनाया जा रहा है वह कुल कितनी भूमि है, जिसमें कवर्ड कैंपस का निर्माण हो रहा है? कुल भूमि में से कितनी भूमि पर आवास निर्माण कार्य किया जा रहा है, कितनी भूमि में अन्‍य मूलभूत कार्य (मुख्‍य सड़क पार्क, मंदिर, वाकिंग एरिया, क्‍लब हाऊस इत्‍यादि) कितनी भूमि पर वृक्षारोपण, विद्युत स्‍टेशन, पानी की टंकी सहित अन्‍य कार्य प्रस्‍तावित हैं? कितनी भूमि शेष है? उसका क्‍या उपयोग किया जा रहा है? मूलभूत सुविधा नहीं होने से वहां रहने वाली रहवासियों के मूलभूत अधिकारों का हनन नहीं होगा? यदि हां तो कौन जिम्‍मेदार है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या राहुल नगर का नक्‍शा/अभिन्‍यास ग्राम तथा नगर निवेश स्‍वीकृत है? यदि हां तो स्‍वीकृत नक्‍शा/अभिन्‍यास की प्रति संलग्‍न करें और क्‍या स्‍वीकृत अभिन्‍यास से हटकर नियम विरूद्ध निर्माण कार्य किये जाने की योजना है। यदि हां तो किस आधार पर स्‍पष्‍ट करें। (ग) उपरोक्‍त के संबंध में क्‍या भविष्‍य में अन्‍य आवासों के निर्माण की योजना है? यदि हां तो उसकी अनुमति कब और किससे लेकर की जा रही है? क्‍या उसका रजिस्‍ट्रेशन रेरा में हो गया है यदि हां तो कब? यदि नहीं तो किस आधार पर निर्माण की प्‍लानिंग की जा रही है? (घ) उक्‍त कितने आवासों की रजिस्‍ट्री हो गई है, कितनों की किन कारणों से शेष है? रजिस्‍ट्री हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुये हैं? उन पर कब और क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत के ए.एच.पी. घटक अन्तर्गत नगर पालिक निगम भोपाल को राहुल नगर में कुल 11,276 वर्ग मीटर भूमि उपलब्‍ध है। कुल भूमि में से 3058.42 वर्ग मीटर भूमि पर आवास निर्माण कार्य किया जा रहा है। 4498.58 वर्ग मीटर भूमि पर अन्य मूलभूत सुविधाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। 1118 वर्गमीटर भूमि पर वृक्षारोपण (पार्क में) एवं 118 वर्ग मीटर सर्विस एरिया प्रस्तावित है। परियोजना में विद्युत स्टेशन नही है। कोई भूमि शेष नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। परियोजना स्थल पर बिजली, पानी, सीवरेज, पार्किंग, पार्क, कवर्ड केम्पस जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है। शेषांश का प्रश्‍न उत्पन्न नही होता है। (ख) जी हाँ। नगर तथा ग्राम निवेश से स्वीकृत नक्शा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। राहुल नगर पार्ट-1 के समीप भविष्य में राहुल नगर पार्ट-1, फेस-2 आवासीय परियोजना प्रस्तावित है। उक्त परियोजना के निर्माण की अनुमति प्रशासक नगर पालिक निगम भोपाल के संकल्प क्रमांक 1072 दिनांक 13.09.2021 द्वारा प्रदाय की गई है। वर्तमान में परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। (घ) राहुल नगर परियोजना में कुल 336 आवासों के सापेक्ष आज दिनांक तक 13 आवंटियों को रजिस्ट्री कराई जा चुकी है। 323 शेष आवंटियों द्वारा रजिस्ट्री कराई जानी शेष है। राहुल नगर के आवंटियों द्वारा संयुक्त रूप से आवेदन प्रस्तुत कर फ्री-होल्ड (भूमि स्वामी हक) पर रजिस्ट्री में छूट दिये जाने की मांग की गई है जिसे जिला कलेक्टर भोपाल को आवश्यक निर्णय हेतु प्रस्तुत किया गया है। रजिस्ट्री करवाने हेतु आज दिनांक तक कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।

सी.पी.ए. बंद करने के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

138. ( क्र. 1416 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि प्रदेश के मा. मुख्‍यमंत्री जी ने राजधानी परियोजना (सी.पी.ए.) भोपाल को तत्‍काल बंद करने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त घोषणा कब और कहां पर किन कारणों से की गई थी? (ग) क्‍या उक्‍त घोषणा के पालन में सी.पी.ए. बन्‍द कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों? स्‍पष्‍ट करें और कब तक बंद कर दिया जायेगा? (घ) सी.पी.ए. में वर्तमान में कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत है, बंद होने की स्थिति में उनकी सेवायें कहां-कहां मर्ज की जायेगी? (ड.) सी.पी.ए. की अचल सम्‍पत्ति कहां पर कितनी-कितनी है एवं कितनी संपत्ति पर अवैध कब्‍जा किसके द्वारा किया गया है? उक्‍त संपत्ति का खसरा रकबा सहित पूर्ण ब्‍यौरा दें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा राजधानी परियोजना प्रशासन को बंद करने के निर्देश दिए हैं। (ख) उक्‍त निर्देश भोपाल नगर की विभिन्‍न सड़कों की स्थिति की समीक्षा बैठक दिनांक 20.08.2021 में दिये गये थे। (ग) जी नहीं, उक्‍त संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) राजधानी परियोजना प्रशासन में नियमित 225 अधिकारी/कर्मचारी, 153 कार्यभारित कर्मचारी, 1172 स्‍थाईकर्मी, वनमण्‍डल में नियमित 30 अधिकारी/कर्मचारी एवं गैस राहत संभाग क्रमांक-1 में 19 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं। विघटन किए जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (ड.) अचल संपत्ति का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। कोई अवैध कब्‍जा नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"बहत्तर"

अवैध कालोनियों को नियमित करने के नियम

[नगरीय विकास एवं आवास]

139. ( क्र. 1419 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. की सात हजार से अधिक अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिये विधान सभा द्वारा पारित अधिनियम के अनुरूप नियम/उपनियम बन गये है? यदि नहीं तो कब तक बन जायेंगे? (ख) रतलाम में वर्ष 2018 में वैध की गई कॉलोनियों में 20 करोड़ रूपयों के विकास कार्य प्रारंभ कर दिये गये थे। लेकिन हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद उन्‍हें रोक दिया गया था। अब उन्‍हें पुन: कब प्रारंभ किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. नगरपालिका विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 म.प्र. राजपत्र में दिनांक 12 अगस्‍त, 2021 को प्रकाशित किया जा चुका है। संशोधित विधेयक, 2021 के उपबन्‍धों को विहित करते हुए मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 म.प्र. राजपत्र में दिनांक 21 सितम्‍बर, 2021 को प्रकाशित कर आपत्ति या सुझाव आमंत्रित किये गये हैं। नियम प्रभावशील होने के पश्‍चात सक्षम प्राधिकारियों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही प्रारंभ की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार नियम प्रभावशील होने के पश्‍चात सक्षम प्राधिकारियों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही प्रारंभ की जा सकेगी।

भू-सम्‍पदा विनियामक में प्राप्‍त शिकायतें

[नगरीय विकास एवं आवास]

140. ( क्र. 1424 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-सम्‍पदा विनियामक प्राधिकरण की धारा 31 के तहत वर्ष 2017 नवम्‍बर 2021 तक वर्षवार कुल कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा इस अवधि में कुल कितनी परियोजनाओं का पंजीयन किया गया? प्राप्‍त कुल शिकायतों में उत्‍तर दिनांक व कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया? तथा कितनी परियोजना के संप्रवर्तक पर क्षतिपूर्ति लगाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) उल्‍लेखित परियोजनाओं में से कितनी परियोजना पर शिकायतें प्राप्‍त हुई? ऐसी कितनी परियोजना है जिसके खिलाफ 10 से ज्‍यादा शिकायतें प्राप्‍त हुई? तथा ऐसी कितनी परियोजना है जिन्‍होंने 60 दिवस में अथवा बढ़ाई हुई अवधि में निर्णायक अधिकारी के आदेश का पालन नहीं किया। ऐसी परियोजना का नाम, संप्रवर्तक का नाम, पता सहित सूची देवें। (ग) यदि किसी परियोजना की संप्रवर्तक निर्णायक अधिकारी के आदेशों का लगातार उल्‍लंघन करे तो उस पर क्‍या कार्यवाही की जाती है? भोपाल, इंदौर, रतलाम में स्‍वीकृत परियोजना के नाम उनके विरूद्ध प्राप्‍त शिकायतों की संख्‍या संप्रवर्तक के नाम सहित सूची देवें तथा बतावें की अगर लगातार निर्णायक के आदेश का उल्‍लंघन क्‍या दण्‍डात्‍मक कार्यवाही हैं परियोजना का पंजीयन निरस्‍त किया जायेगा अथवा नहीं?                                    (घ) भोपाल में किस-किस स्‍वीकृत परियोजना के खिलाफ धारा 31 में कितनी-कितनी शिकायत प्राप्‍त हुई तथा किस-किस परियोजना के संप्रवर्तक निर्णायक अधिकारी के आदेश का पालन नहीं किया। उस पर क्‍या कार्यवाही होगी विस्‍तृत जानकारी देवें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्षवार प्राप्त शिकायत एवं इसमें निराकृत प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। उक्त अवधि में कुल 3042 परियोजना पंजीकृत हुई है। न्याय निर्णायक अधिकारी द्वारा कुल 88 संप्रवर्तकों पर क्षतिपूर्ति लगाई गई है। (ख) कुल 368 परियोजनाओं की शिकायत प्राप्त हुई। कुल 41 परियोजनाओं के विरूद्ध 10 से ज्यादा शिकायत प्राप्त हुई। परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। न्याय निर्णायक अधिकारी के आदेश का पालन न करने वाली 150 परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। (ग) अधिनियम की धार 7 एवं 61 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। सम्प्रवर्तकों से वसूली के लिए अधिनियम की धारा 40 के अंतर्गत आर.आर.सी. जारी की जाकर कलेक्टर्स को वसूली के लिए भेजी जाती है। भोपाल, इन्दौर एवं रतलाम में प्राप्त 1458 शिकायतों की परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’'’’ अनुसार है। न्याय निर्णायक अधिकारी के आदेश का उल्लंघन होने पर प्राधिकरण द्वारा अधिनियम की धारा-61 के अंतर्गत शस्तियॉं अधिरोपित की जाती है। परियोजना का पंजीयन निरस्त किए जाने की धारा-7 की कार्यवाही अर्धन्यायिक स्वरूप की है। अतः परियोजना निरस्ती के संबंध में पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। (घ) परियोजनावार प्राप्त कुल 1102 शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार। कुल 75 परियोजनाओं में न्याय निर्णायक अधिकारी के आदेश का पालन नहीं किया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’’’’ अनुसार है। सम्प्रवर्तकों के विरूद्ध कण्डिका-ग में दर्शाए अनुसार कार्यवाही की जाती है, जो अर्ध न्यायिक स्वरूप की होती है।

राजगढ़ नगर में नवीन बाई-पास निर्माण

[लोक निर्माण]

141. ( क्र. 1431 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र के आधार पर राजगढ़ नगर से निकलने वाले राष्‍ट्रीय राज्‍य मार्ग के‍ लिए नवीन बाई-पास निर्माण के संबंध में भारत सरकार तथा मध्‍यप्रदेश सरकार के मध्‍य पत्राचार हुआ? यदि हां तो समस्‍त पत्राचार की प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर यदि हां है तो नवीन बाई-पास स्‍वीकृति का प्रस्‍ताव क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा भारत सरकार को प्रेषित कर दिया? यदि हां तो जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) का उत्‍तर नहीं है तो प्रस्‍ताव कब तक भारत सरकार को स्‍वीकृति हेतु प्रेषित कर दिया जायेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                       (ख) जी हाँ। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा पत्र क्रमांक 21269 दिनांक 12.03.2020 को प्रस्‍ताव मुख्‍य अभियंता एवं क्षेत्रीय अधिकारी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट -"तिहत्तर"

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण क.लि. की स्‍थानांतरण नीति

[ऊर्जा]

142. ( क्र. 1436 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की क्र.अ.स./पूर्व क्षेत्र/स्‍था-3/430 दिनांक 11/01/2011 स्‍थानांतरण नीति क्‍या है? (ख) क्‍या कंपनी स्‍थानांतरण नीति के अनुसार जिला नरसिंहपुर में कितने J.E., A.E., A.S., S.E. स्‍तर के अधिकारी पदस्‍थ है? जानकारी प्रदान करें।                                 (ग) नरसिंहपुर जिले के कौन से कनिष्‍ठ अभियंता (JE) गृह जिले 2011 से एक ही विद्युत वितरण केन्‍द्र बरमान में पदस्‍थ है? क्‍या कंपनी के स्‍थानांतरण नीति अनुसार एक ही कर्मचारी वितरण केन्‍द्र में इतने लम्‍बे समय तक रह सकता है? अगर कर्मचारी पदस्‍थ है तो इसके लिये कौन जबावदार है? जानकारी प्रदान करें। (घ) नरसिंहपुर जिले में कौन सहायक अभियंता (AE) से कार्यपालन अभियंता (EE) के बाद 2011 से आज दिनांक तक S.E. कार्यालय नरसिंहपुर में पदस्‍थ है? क्‍या पूर्व कनिष्‍ठ अभियंता (JE) एवं कार्यपालन अभियंता (EE) (का 2 बार स्‍थानांतरण हो चुका है और रिलीव नहीं किया गया है इसके लिये कौन दोषी है कारण सहित जानकारी प्रदान करें ?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में आदेश दिनांक 11.01.2011 से लागू स्‍थानांतरण नीति की छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                                          (ख) नरसिंहपुर जिले के क्षेत्रांतर्गत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति में 22 जे.ई., 14 ए.ई. एवं 01 एस.ई. (चालू प्रभार) कार्यरत हैं। (ग) नरसिंहपुर जिले में श्री पी.के. लोधी, कनिष्‍ठ अभियंता वितरण केन्‍द्र बरमान में दिनांक 12.08.2011 से पदस्‍थ हैं। जी नहीं। श्री पी.के. लोधी, कनिष्‍ठ अभियंता को म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक 7699 दिनांक 28.09.2020 द्वारा वितरण केन्‍द्र बरमान से स्‍थानांतरित कर अधीक्षण अभियंता संचालन/संधारण वृत्‍त, पन्‍ना के प्रशासनिक नियंत्रण में पदस्‍थ किया गया था। तथापि नरसिंहपुर जिले में कनिष्‍ठ अभियंता के स्‍वीकृत 29 पद के विरूद्ध मात्र 22 कनिष्‍ठ अभियंता कार्यरत होने के कारण प्रशासनिक व्‍यवस्‍था के दृष्टिगत श्री पी.के. लोधी, कनिष्‍ठ अभियंता को कार्यमुक्‍त नहीं किया जा सका है। (घ) नरसिंहपुर जिले में श्री आनन्‍द सिंह बघेल, सहायक अभियंता कार्यालय अधीक्षण अभियंता, संचालन/संधारण वृत्‍त नरसिंहपुर में दिनांक 26.10.2009 से पदस्‍थ है। कंपनी के आदेश क्रमांक 1797 दिनांक 20.02.2021 द्वारा श्री आनन्‍द सिंह बघेल, सहायक अभियंता को स्‍थानांतरित कर कार्यपालन अभियंता संचालन/संधारण संभाग, त्‍यौंथर का चालू प्रभार सौंपा गया था। तदोपरांत कंपनी के आदेश क्रमांक 3961 दिनांक 04.06.2021 द्वारा उपरोक्‍त आदेश में संशोधन करते हुए                                    श्री आनन्‍द सिंह बघेल, सहायक अभियंता को कार्यपालन अभियंता (प्रवर्तन) , सतना का चालू प्रभार सौंपा गया। नरसिंहपुर जिले में कनिष्‍ठ अभियंता के 29 एवं सहायक अभियंता के 17 पद स्‍वीकृत हैं, जिनके विरूद्ध 22 कनष्ठि अभियंता एवं 14 सहायक अभियंता कार्यरत हैं। नरसिंहपुर जिले में कनिष्‍ठ अभियंता एवं सहायक अभियंता की कमी के कारण प्रशासनिक व्‍यवस्‍था के दृष्टिगत                                                  श्री पी.के. लोधी, कनिष्‍ठ अभियंता एवं श्री आनन्‍द सिंह बघेल, सहायक अभियंता को कार्यमुक्‍त नहीं किया जा सका है। वर्तमान में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण उपरोक्‍त दोनों कार्मिकों को कार्यमुक्‍त किये जाने में कठिनाई है। आदर्श आचार संहिता की समाप्ति उपरांत                                           श्री पी.के. लोधी, कनिष्‍ठ अभियंता एवं श्री आनन्‍द सिंह बघेल, सहायक अभियंता को कार्यमुक्‍त किया जाना संभव हो सकेगा।

परिशिष्ट -"चौहत्तर"

नवीन राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति

[उच्च शिक्षा]

143. ( क्र. 1437 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति क्‍या है? (ख) नवीन राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति क्‍या वर्ष 2020-21 से 2021-22 लागू की जावेगी या की गई है? (ग) नवीन राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति एवं पूर्व की शिक्षा नीति में क्‍या भिन्‍नता है? जानकारी प्रदान करें। (घ) नवीन राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति से छात्रों को क्‍या-क्‍या अतिरिक्‍त लाभ प्राप्‍त होंगे जानकारी प्रदान करें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना है। यह नीति भारत की परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों के आधार को बरक़रार रखते हए, 21वीं सदी की शिक्षा के लिए लक्ष्यों के संयोजन में शिक्षा व्यवस्था, उसके नियमन और गवर्नेंस सहित सभी पहलुओं के सुधार और पुनर्गठन प्रस्तावित करती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू कर दी गई है।                                 (ग) पूर्व की शिक्षा नीतियों में मुख्य रूप से शिक्षा तक पहुँच के मुद्दों पर बल दिया गया था। नवीन राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति में गुणवत्तापूर्ण, समान अवसर देने वाली, समावेशी, बहुविषयक शिक्षा, अंतर संकायी और संस्थागत स्वायत्तता बढ़ाने वाली उच्च शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का समावेश प्रमुखता से किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं परिशिष्ट-3 अनुसार है।                                                      (घ) नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थियों को अंतर-संकायी पाठ्यचर्या के विकल्प, अनिवार्य रोजगारोन्मुखी (वोकेशनल) कोर्सेस, बहु-आगम, बहु-निर्गम, विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली (CBCS) के साथ मापदंड आधारित ग्रेडिंग प्रणाली का लाभ प्राप्त होगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

जबलपुर जिले के महाविद्यालयों की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

144. ( क्र. 1441 ) श्री अजय विश्नोई : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के सिहोरा, पाटन तथा मझौली के महाविद्यालयों में कौन-कौन से विषय की पढ़ाई हो रही है? (ख) कृपया उक्‍त महाविद्यालयों के शिक्षकों के स्‍वीकृत, कार्यरत एवं रिक्‍त पदों की जानकारी भी देने का कष्‍ट करें। (ग) क्‍या विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में उच्‍च शिक्षा के शिक्षकों के‍ रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-1 अनुसार है।                                (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-2 अनुसार है(ग) कुल 76 स्वीकृत शैक्षणिक पदों के विरूद्ध 49 नियमित शिक्षक तथा 23 अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। इस प्रकार कुल 72 शिक्षक कार्यरत होने से अध्यापन व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है। अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट -"पचहत्तर"

आयुष विभाग द्वारा विद्यालयों के छात्रों को योग शिक्षा

[आयुष]

145. ( क्र. 1442 ) श्री अजय विश्नोई : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सच है कि आयुष विभाग ने प्रदेश के विद्यालयों के छात्रों को योग की शिक्षा दिलाने के लिये किसी संस्‍था को ठेका दिया हुआ है? यदि हां तो कृपया संस्‍था का नाम तथा ठेके की शर्तों की जानकारी देने का कष्‍ट करें। (ख) कृपया जानकारी देवें कि ठेकेदार फर्म ने प्रदेश में कितने योग शिक्षक किन शर्तों पर अनुबंधित किये है और उन योग शिक्षकों की शैक्षणिक योग्‍यता/योग सीखने की योग्‍यता क्‍या है? (ग) कृपया यह जानकारी भी देवें कि अनुबंधित शिक्षकों पर आयुष विभाग का क्‍या नियंत्रण है क्‍या विभाग योग शिक्षकों से योग शिक्षण के अलावा अन्‍य विभागीय कार्य भी ले रहा है अथवा ले सकता है? (घ) क्‍या यह सच है प्रश्‍नकर्ता विधायक ने शासन को पत्र दिनांक 25.10.2021 के द्वारा योग से संबंधित जानकारी मांगी थी। यह जानकारी कब तक दे दी जावेगी?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                                  (ख) प्रश्‍नांश ‘‘’’ के उत्‍तर के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। पत्र प्राप्त न होने की स्थिति में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बिजली कंपनियों में बिजली चोरी रोकने के लिये बिजली पहरी की नियुक्ति

[ऊर्जा]

146. ( क्र. 1505 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सच है कि एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों में बिजली चोरी रोकने के लिए बिजली प्रहरी की नियुक्ति किये जाने संबंधी आदेश जारी किये गये हैं?                        (ख) यदि हां तो सागर जिले में कितने बिजली प्रहरी किस समयावधि में नियुक्‍त किये गये हैं?                             (ग) 30 नवम्‍बर 21 तक उपरोक्‍त जिले में बिजली प्रहरियों द्वारा बिजली चोरी के कितने मामले पकड़े गए और उन्‍हें इसके लिए कितना इंसेंटिव दिया गया?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 05.08.2021 द्वारा स्थानीय व्यक्तियों की सहभागिता से विद्युत हानि नियंत्रण एवं नगद राजस्व संग्रहण में वृद्धि के उद्देश्‍य से ''विद्युत प्रहरी'' योजना तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में प्रथमत: पायलेट प्रोजेक्‍ट के रूप में एक वर्ष की अवधि हेतु लागू की गई है। इस योजना के पायलेट प्रोजेक्‍ट में भिण्‍ड, मुरैना, आगर, शाजापुर, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिला मुख्‍यालयों के ऐसे फीडरों/वितरण ट्रांसफार्मरों के समूह को सम्मिलित किया गया है, जिनमें विद्युत हानि 60% से अधिक है एवं शासकीय कनेक्‍शनों की संख्‍या कम है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में प्रश्‍नाधीन योजना सागर जिले में लागू नहीं है, अतः प्रश्‍न नहीं उठता।

देवरी नगरीय क्षेत्र में स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

147. ( क्र. 1506 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले अंतर्गत देवरी नगरीय क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2021-22 तक स्‍वीकृत कार्यों की वर्षवार, मदवार जानकारी उपलब्‍ध कराते हुए अवगत करावें कि पूर्ण/अपूर्ण की समयावधि क्‍या है? (ख) प्रश्‍नांक (क) अनुसार क्‍या स्‍वीकृत कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) किन-किन निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण कार्यों को आज दिनांक तक पूर्ण नहीं किया गया? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवाही प्रतिवेदन/आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें एवं कार्य की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत कार्यों की ओपन निविदा दर क्‍या है? निविदा की समयावधि पूर्ण हो जाने के बाद भी कार्यों को पूर्ण नहीं किया गया है, ऐसी निर्माण एजेंसियों के विरूद्ध संबंधित द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्‍यों? कार्यों के प्रति लापरवाही करने वाले जिम्‍मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिश्ष्टि अनुसार है। जो कार्य अभी पूर्ण नहीं हुए हैं, उनके विलंब के संबंध में विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

 

स्‍वीकृत सड़कों की निविदाएं आमंत्रित करना

[लोक निर्माण]

148. ( क्र. 1527 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि वर्ष 2020 एवं वर्ष 2021 में सड़कों का निर्माण हेतु पर्याप्‍त बजट राशि का प्रावधान किया गया था? अगर हां तो टीकमगढ़, निवाड़ी जिले के विकास हेतु सड़कों के निर्माण हेतु कौन-कौन सी सड़कें बजट में स्‍वीकृत की गई थी? कृपया उनके नाम, लम्‍बाई एवं चौड़ाई सहित बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रश्‍न दिनांक तक इन जिलों के सड़कों की निविदाएं क्‍यों आमंत्रित नहीं की गई है? एवं इनकी एस.एफ.सी. में कब प्रशासकीय स्‍वीकृति हुई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि उपरोक्‍त सड़कों का निर्माण कार्य प्रारंभ कराने कब तक सम्‍पूर्ण कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि दोनों जिलों में जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्य कितनी-कितनी लागत के किस ठेकेदार द्वारा किस दर पर कराए गए हैं और कितना-कितना भुगतान हो चुका है? और इसी प्रकार कौन-कौन से कार्य प्रगतिरत हैं।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-’’’’ अनुसार है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदायें आमंत्रित की गई है शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-’’’’ अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में निवाड़ी जिले में दो सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हुई है जिनके कार्य शीध्र प्रारंभ कराये जाने के प्रयास किये जा रहे है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। टीकमगढ़ जिले के किसी भी कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है, अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-’’’’ अनुसार है।

आयुष कर्मचारियों की मांगों का निराकरण करना

[आयुष]

149. ( क्र. 1528 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2009 में संविदा से कितने आयुष कर्मचारियों को नियमित किया गया है? उनके नाम एवं पद एवं पदस्‍थापना स्‍थान जिले सहित बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक के माध्‍यम से कौन-कौन से आयुष कर्मचारियों को उनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक से किस आधार पर नियमित किया गया है? प्रदेश में कितने आयुष कर्मचारियों के द्वारा उनकी प्रथम संविदा नियुक्ति से नियमित करने हेतु माननीय उच्‍च न्‍यायालय में याचिका दायर की गई है?                     (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा विभाग नियमितीकरण के संबंध में विभाग को क्‍या-क्‍या निर्देश दिए गए हैं? याचिकावार बताएं कि प्रश्‍न दिनांक तक विभाग ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि क्‍या तत्‍कालीन आयुष मंत्री ने प्रश्‍न क्र. 4222 दिनांक 24 जुलाई 2019 के उत्‍तर में बताया गया था कि कम्‍पाउंडर की प्रथम संविदा नियुक्ति से नियमित करने हेतु आश्‍वासन दिया गया था कि कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? अगर हां तो प्रश्‍न दिनांक तक आयुष कर्मचारियों को उनके प्रथम संविदा नियुक्ति दिनांक से विभाग द्वारा नियमित करने की क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार। माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्‍य में एवं शासन के निर्देशानुसार। प्राप्‍त जानकारी अनुसार 128 कर्मचारियों द्वारा याचिकाएं दायर की गयी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार(ग) माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्‍य में एवं शासन के निर्देशानुसार कार्यवाही की गई। (घ) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।