मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्‍तर-सूची
दिसम्‍बर, 2021 सत्र


गुरुवार, दिनांक 23 दिसम्बर, 2021


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्‍तर



कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन को वेतनमान एवं स्‍थायीकरण

[उच्च शिक्षा]

1. ( *क्र. 1427 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं जबलपुर संभाग के शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति/सेल्‍फ फाईनेंस के अलावा कौन-कौन सी मद से क्या कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो इनका वर्तमान वेतन क्‍या है? संपूर्ण प्रदेश में कितने कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन हैं, कब से कार्यरत हैं और इनको कितने वर्ष का अनुभव प्राप्‍त है? अवधि, नाम, स्‍थान, योग्‍यता, महाविद्यालय के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (क) के संबंध में महाविद्यालय में कम्‍प्‍यूटर संकाय के विषय किस वर्ष से संचालित हुए हैं? (ग) विगत 3 वर्षों में कितने-कितने विद्यार्थी कम्‍प्‍यूटर संकाय विषय में हैं? सत्र 2019-20, 2020-21, 2021-22 में प्रवे‍शित विद्यार्थियों की संख्‍या बतावें। (घ) क्‍या कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन कर्मचारियों को वेतन कलेक्‍टर दर से भी कम दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या उन्‍हें भी कलेक्‍टर दर से वेतनमान दिया जायेगा? भविष्‍य में इन कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन कर्मचारियों को स्‍थायी करने की शासन की क्‍या योजना है? (ड.) क्‍या यह सत्‍य है कि उक्‍त कम्‍प्‍यूटर लैब टेक्‍नीशियन कर्मचारियों की ड्यूटी निर्वाचन एवं शासन के अन्‍य कार्यों में भी लगाई जाती है? यदि हाँ, तो किस के आदेश से?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18 से। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। नहीं। (ड.) जी नहीं।

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( *क्र. 1130 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 5668, उत्‍तर दिनांक 23 मार्च, 2021 के संदर्भ में नगरपरिषद मौ जिला भिण्‍ड में रखे गये श्रमिकों की जांच संभागीय संयुक्‍त संचालक से कराई जाने की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त जांच पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति संलग्‍न करते हुए जांच निष्‍कर्ष के आधार पर किन-किन के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या नगरपरिषद, मालनपुर में भी कर्मचारियों को रखा गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त कर्मचारियों को                                                               किन-किन की अनुशंसा पर रखा गया है तथा क्‍या इसकी अनुमति शासन से ली गई थी? यदि नहीं, तो क्‍या इसकी भी उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? उक्‍त कर्मचारियों के नाम एवं पते सहित पूर्ण सूची दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। नगर परिषद मालनपुर के पत्र क्रमांक 787/788, दिनांक 03/12/2021 से प्रेषित उत्‍तर अनुसार प्रशासक की स्‍वीकृति के आधार पर 22 दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों की नियुक्ति की गई है। दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के सक्षम स्‍वीकृति उपरांत रखे जाने की कार्यवाही किये जाने से, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खराब हुए ट्रांसफार्मर का सुधार कार्य

[ऊर्जा]

3. ( *क्र. 1255 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) मंडला जिले अन्‍तर्गत विकासखण्ड स्तर के विद्युत वितरण केन्द्र में खराब ट्रांसफार्मर के मेंटेनेंस हेतु कितने ट्रांसफार्मर स्टॉक में रखने का प्रावधान है तथा वर्तमान में स्‍टॉक में कितने ट्रांसफार्मर हैं? ट्रांसफार्मर खराब होने पर कितने दिनों में सुधार कार्य किये जाते हैं? (ख) मंडला जिले के ऐसे कितने ग्राम हैं, जहां विद्युत ट्रांसफार्मर वर्तमान में खराब हैं तथा उन्‍हें कितने दिनों में सुधारा जायेगा? समय पर सुधार कार्य न करने एवं स्‍टॉक में ट्रांसफार्मर न होने के कारण महीनों से ग्रामवासी अंधेरे में रहते हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही की जावेगी तथा स्‍टॉक में पर्याप्‍त ट्रांसफार्मर रखने के प्रावधान किये जावेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत, प्रश्‍नाधीन क्षेत्र सहित, किसी भी विद्युत वितरण केन्‍द्र पर वितरण ट्रांसफार्मर स्‍टॉक में रखने का कोई नियम नहीं है। तथापि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा रबी सीजन में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को शीघ्र बदलने हेतु संचालन-संधारण संभाग स्‍तर पर आवश्‍यकतानुसार इम्‍प्रेस्‍ट ट्रांसफार्मर जारी किये जाते है। वर्तमान रबी सीजन के दौरान मंडला संचालन-संधारण, संभाग में 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 3 एवं 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 2 वितरण ट्रांसफार्मरों को इम्‍प्रेस्‍ट में रखने का प्रावधान किया गया है। मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमनों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्‍यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्‍यालयों को छोड़कर अन्‍य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्‍क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्‍बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्‍थापना करना आवश्‍यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत उक्‍त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्‍थापना किये जाने की कार्यवाही की जाती है।                                         (ख) वर्तमान में मंडला जिले के अंतर्गत जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्‍या निरंक है, अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

संबल योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

4. ( *क्र. 1102 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बरघाट के बरघाट नगर परिषद के अंतर्गत संबल योजना के तहत वर्ष 2015 से 2021 तक कितने हितग्राहियों को कितनी अनुग्रह राशि शासन द्वारा स्वीकृत की गई और बरघाट नगर परिषद को कितनी राशि आवंटित की गई? स्‍पष्‍ट जानकारी प्रदान करें। (ख) बरघाट नगर परिषद द्वारा प्राप्त राशि में से कितने हितग्राहियों को राशि प्रदान की गई एवं कितने हितग्राहियों को राशि देना शेष है? (ग) बरघाट नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारियों की पी.एफ. की राशि तकरीबन 75 लाख का समायोजन प्रधानमंत्री आवास की राशि में हुआ है, साथ ही प्रधानमंत्री आवास की राशि हितग्राहियों को नहीं मिल पा रही है, अतः इन सभी अनियमितताओं के लिए कौन जिम्मेदार है और विभाग द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की गई या की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद बरघाट अंतर्गत संबल योजना के तहत 2015 से 2021 तक अनुग्रह सहायता राशि हेतु कुल 36 आवेदनों को स्वीकृत किया गया है। निकाय को शासन से 11 हितग्राहियों हेतु कुल 24,00,000/- (10 हितग्राही सामान्य मृत्यु सहायता राशि 20,00,000/- एवं 01 हितग्राही दुर्घटना मृत्यु सहायता राशि 4,00,000/-) प्राप्त हुआ है। (ख) नगर परिषद बरघाट द्वारा शासन से प्राप्त आवंटित राशि में से 08 हितग्राहियों को कुल 16,00,000/- की राशि प्रदान की जा चुकी है एवं 03 हितग्राहियों को राशि प्रदाय किया जाना शेष है। (ग) नगर परिषद बरघाट में कार्यरत कर्मचारियों की पी.एफ. राशि रू. 75 लाख न होकर यह राशि 59,50,049.00 है, का समायोजन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की राशि से किया गया है। उक्त अनियमितताओं के संबंध में जिला स्तरीय समिति द्वारा जांच कराई गई। जांच समिति द्वारा निकाय के पदाधिकारी श्री रंजीत वासनिक तत्कालीन अध्यक्ष नगर परिषद बरघाट, श्री भरत गजबे तत्कालीन राजस्व उपनिरीक्षक, नोडल अधिकारी पी.एम.ए.वाय. एवं उक्त अवधि में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा अनियमितता होना पाया गया। विभाग द्वारा संबंधितों के विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 65 दिनांक 28.06.2021 द्वारा संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, जबलपुर संभाग जबलपुर को प्रेषित किया गया है। जांच अनुसार नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारियों की ई.पी.एफ. राशि का समायोजन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की राशि में से किये जाने हेतु निकाय में तत्कालीन पदस्थ उत्तरदायी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निकाय द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन का परीक्षण संभागीय कार्यालय में प्रचलित है।

परिशिष्ट - "एक"

किसानों को सौर पम्‍प लगाने हेतु अनुदान

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

5. ( *क्र. 516 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश सरकार द्वारा छोटे किसानों हेतु सौर ऊर्जा पम्‍प लगाने के लिए अनुदान राशि देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो योजनान्‍तर्गत कितने प्रतिशत अनुदान दिया जाता है? सीहोर जिले में सोलर योजना अन्‍तर्गत गत दो वर्षों में कुल कितने किसान लाभान्वित हुए हैं? (ख) क्‍या उक्‍त योजना में किसानों की श्रेणियां निर्धारित की गई हैं? यदि हाँ, तो श्रेणी निर्धारण नियमावली की जानकारी एवं श्रेणी में आने वाले किसानों का पूर्ण विवरण देवें। (ग) उक्‍त योजना से विधानसभा क्षेत्र इछावर में वर्ष 2019 से अब तक कितने किसानों को लाभान्वित किया गया है एवं भविष्‍य में इस क्षेत्र हेतु उक्‍त योजना में श्रेणीवार किन-किन किसानों को लिया गया है?                                                                    (घ) कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए विभिन्‍न उपकरण, हौद निर्माण, डिग्‍गी निर्माण हेतु अनुदान देय है उसमें वर्तमान में कोई कटौती की गई है, यदि हाँ, तो कितनी? विभाग द्वारा किसानों के लिए राष्‍ट्रीय बागवानी मिशन के तहत क्‍या-क्‍या प्रावधान किये गये हैं? (ड.) प्रदेश में किसानों को                                      किस-किस कृषि योजना में कौन सा व कितना अनुदान मिलता है? प्रदेश सरकार कृषि विकास हेतु अनुसंधान द्वारा अधिकाधिक उपज लेने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित कर रही हैं? (च) प्रदेश में किसानों को बीज किट बांटने का क्‍या आधार है? जिला सीहोर में विगत पांच वर्षों में कितने किसानों को बीज किट का वितरण किया गया व बीज किट वितरण के क्‍या आधार रहे?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाभियान (PM-KUSUM) के घटक '''' के अतंर्गत प्रदेश में मुख्‍यमंत्री सोलर पम्‍प योजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत किसानों को खेतों की सिंचाई के लिये सोलर पंप संयंत्र स्‍थापित करने के लिये केन्‍द्र सरकार व राज्‍य सरकार से 30-30% अर्थात कुल 60% अनुदान प्रदान किया जाता है, साथ ही एग्रीकल्‍चर इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर फण्‍ड से सॉफ्ट लोन की सुविधा भी प्रदान की गई है। यह योजना प्रदेश के सभी जिलो में लागू है। सीहोर जिले में मुख्‍यमंत्री सोलर पंप योजना अतंर्गतगत दो वर्षों में कुल 238 किसान लाभान्वित हुये हैं, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है(ख) योजना के लिये राज्‍य के वे सभी कृषक पात्र है, जिनके पास कृषि हेतु विद्युत कनेक्‍शन नहीं है, योजनांतर्गत 5 एच.पी.क्षमता तक केवल डी.सी. तथा अधिक बड़े पम्‍पों की श्रेणी में ए.सी. व डी.सी. दोनों तरह के पम्‍प मान्‍य हैं। योजनांतर्गत राज्‍यांश की राशि 7.5 एच.पी.के सोलर पंप के देय राज्‍यांश तक ही अधिकतम सीमित है। (ग) विधानसभा क्षेत्र इछावर में वर्ष 2019 से अब तक 17 किसानों को लाभान्वित किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र इछावर सहित पूरे प्रदेश में यह योजना वर्ष 2024 तक लागू है तथा राज्‍य के कृषक, जिनके पास विद्युत कनेक्‍शन नहीं है इस योजना का लाभ लेने के पात्र हैं। (घ) संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी द्वारा संचालित सब मिशन ऑन एग्रीकल्‍चरल मेकेनाईजेशन योजना, राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना (कृषि यंत्रीकरण घटक) एवं राष्‍ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत कृषकों को उनके द्वारा क्रय किये गये कृषि यंत्रों पर अनुदान देय है। दिये जाने वाले अनुदान में कोई कटौती नहीं की गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। राष्‍ट्रीय बागवानी मिशन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है(च) सीहोर जिले में लघु, सीमान्‍त, अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग के कृषकों को प्राथमिकता देते हुए पहले आओ, पहले पाओ, के आधार पर बीज किट दिया जाता है, सीहोर में विगत पांच वर्षों में 24726 किसानों को बीज किट का वितरण किया गया।

सीवर लाइन डालने में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( *क्र. 1319 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2240, दिनांक 05.03.2021 के प्रश्‍नांश (ड.) का उत्‍तर दिया था कि दिनांक 31.03.2021 तक की समयावधि सीवर लाईन के कार्य की कार्य अवधि बढ़ाने की सहमति दी गई है तथा निर्धारित समयावधि पूर्ण होने पर अनुबंध के प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो दिनांक 31.03.2021 तक की अवधि में कार्य पूर्ण न करने पर क्‍या उक्‍त ठेकेदार की निविदा निरस्‍त की गई? यदि नहीं, की गई तो और कितना समय बढ़ाया गया तथा क्‍यों बढ़ाया? कितनी पेनाल्‍टी लगाई गई? पेनाल्‍टी किस रसीद क्रमांक दिनांक से जमा की गई? (ग) ठेकेदार एवं प्रोजेक्‍ट के नोडल अधिकारी नगर निगम की लापरवाही से एस.टी.पी. प्‍लांट दो बच्‍चों के गिरने पर मृत्‍यु के मामले में कंपनी के मालिक एवं नोडल अधिकारी नगर निगम के विरूद्ध थाने में प्राथमिकी क्‍यों दर्ज नहीं की गई? जबकि प्रश्‍नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक कटनी को पत्र क्रमांक 1099, दिनांक 30.10.2021 लिखकर दिनांक 02.04.2021 को पावती प्राप्‍त की गई थी, जिसमें जिन आरोपियों को बचाया गया, उनके विरूद्ध भी विवेचना कर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी? उक्‍त पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) पूरे शहर की रोड खोदी गई थी, किन्‍तु जिस तरह रोड थी? उस तरह नहीं बनाई गई, रोड रोटेशन कार्य गुणवत्‍तायुक्‍त नहीं किया गया, रोड रोटेशन के कार्य का भौतिक सत्‍यापन किस-किस उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री द्वारा किस-किस दिनांक को किया गया है? नामवार बताएं तथा रोड रोटेशन कब तक सही कर दिया जायेगा? (ड.) के.के. स्‍पन कंपनी का ठेका निरस्‍त करने हेतु श्री चन्‍द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) ने प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास एवं कलेक्‍टर कटनी/आयुक्‍त नगर निगम को अक्‍टूबर 2021 को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की थी, उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने, कोविड-19 महामारी तथा एस.टी.पी. की भूमि में परिवर्तन एवं भूमि आवंटन में कुछ विलंब होने के कारण कार्य पूर्ण न होने से, पेनाल्टी के अधिकार को सुरक्षित रखते हुये दिनांक 31.03.2022 तक समय वृद्धि की गई है। पेनाल्टी निर्धारित होने के उपरांत ठेकेदार के चल देयकों अथवा जमा बैंक गारंटी से कटौती की जावेगी। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ठेका कंपनी के दो साईट इंजीनियर एवं पर्यवेक्षण कंपनी (परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्श दाता- पी.एम.डी.सी.) के फील्ड इंजीनियर पर पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई है। विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (घ) शहर में खोदी गई सडकों को सीवर लाईन डालने के बाद अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार रोड रेस्टोरेशन का कार्य कराया जाता है। कुछ स्थानों में स्थल की परिस्थिति के दृष्टिगत डामरीकरण के स्थान पर सीमेंट कांक्रीट का कार्य कराया गया है। रोड रेस्टोरेशन के कार्यों का सत्यापन अनुबंध अनुसार इंजीनियर-इन-चार्ज (रेसीडेंट इंजीनियर-पी.डी.एम.सी.), असिस्टेंट रेसीडेंट इंजीनियर एवं फील्ड इंजीनियर पी.डी.एम.सी. के द्वारा किया गया है। नगर पालिक निगम, कटनी की ओर से भौतिक सत्यापन उपयंत्री- श्री प्रकाश दुबे,                                    श्री सुरेन्द्र मिश्रा एवं श्री अश्वनी पाण्डेय, सहायक यंत्री- श्री सुधीर मिश्रा तथा कार्यपालन                              यंत्री-श्री शैलेन्द्र शुक्ला एवं श्री शैलेश जायसवाल द्वारा किया गया है। विवरण संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। खुदाई पश्चात कार्य पूर्ण होने पर रेस्टोरेशन कार्य हेतु निर्देश दिये गये हैं।                                                           (ड.) श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री राजगुरू द्वारा प्रेषित पत्र के संबंध में आयुक्त नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा सीवरेज एण्ड सेप्टेज मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के इंजीनियर-इन-चार्ज (रेसीडेन्ट                                        इंजीनियर- पी.डीएम.सी.) को रोड रेस्टोरेशन के कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने, जिन स्थलों में सडक खराब हुई है उन्हें पुनः दुरूस्त कराने व रोड रेस्टोरेशन अनुबंध अनुसार ना होने पर राशि रोककर नगर पालिक निगम, कटनी को अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया है। कार्यस्थल, एस.टी.पी. निर्माण स्थल एवं अन्य गहरी खुदाई वाले स्थलों की विशेष सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने हेतु ठेकेदार व परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्श दाता (पी.एम.डी.सी.) को निर्देशित किया गया है।

परिशिष्ट - "दो"

दैनिक वेतन भोगियों का नियमितीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

7. ( *क्र. 734 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र.एफ 5-1/2013/1/3, भोपाल दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 के आदेशानुसार दिनांक 01 सितम्बर, 2016 तक के दै.वे.भो. तथा मस्टरकर्मियों को विनियमितीकरण योजना में शामिल किया जाना था, किन्तु नहीं किया गया? क्यों तथा स्पष्ट करें कि कब तक इन्हें भी उक्त योजना में लाभ दिया जावेगा? (ख) उज्जैन संभाग में विनियमितीकरण उपरान्त कितने दैनिक वेतनभोगी/मस्टरकर्मी जो वर्ष 2016 के पूर्व कब से कार्य कर रहे हैं? संख्‍या उपलब्ध करावें। क्या उक्त कर्मचारियों को भी स्थाईकर्मी बनाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नगरीय निकायों की पद सरंचना अनुसार ही निकाय में रिक्त पदों पर स्थायीकर्मी, दै.वे.भो., मस्टर कर्मचारि‍यों से कार्य लिया जाता है? यदि हाँ, तो क्या संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल का पत्र क्र.                                                                              शाखा-1/न.पा.परि/पी.ई.बी./2021-22/17461, दिनांक 12.10.2021 अनुसार पी.ई.बी. के माध्यम से नवीन भर्ती होने पर इन कर्मचारि‍यों का भविष्य क्या होगा? (घ) क्या पी.ई.बी. के माध्यम से नवीन भर्ती हेतु विभिन्न निकायों के कर्मचारि‍यों द्वारा विरोध प्रकट कर ज्ञापन दिए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन नवीन भर्ती पर रोक लगाते हुए पूर्व से कार्यरत स्थायीकर्मी, दै.वे.भो., मस्टर कर्मचारि‍यों को पात्रतानुसार रिक्त पदों पर नियमित करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3, दिनांक 07 अक्‍टूबर 2016 के अनुसार ऐसे दैनिक वेतनभोगी जो 16 मई 2007 को कार्यरत थे व दिनांक 01 सितंबर 2016 को भी कार्यरत हैं, को विनियमितीकरण करने का लाभ प्रदान किये जाने के निर्देश थे। प्रदेश की समस्‍त नगरीय निकायों में उक्‍त परिपत्र में दिये गये निर्देशानुसार पात्रता रखने वाले दैनिक वेतन भोगी/मस्‍टरकर्मीयों को विनियमितीकरण का लाभ दिया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उज्‍जैन संभाग की 67 नगरीय निकायों में 5231 दैनिक वेतनभोगी/मस्‍टरकर्मी वर्ष 2016 के पूर्व से कार्यरत है। उक्‍त सभी कर्मचारी दिनांक 16 मई 2007 से कार्यरत नहीं होने के कारण पात्रता नहीं होने से स्‍थायीकर्मी का लाभ नहीं दिया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। नगरीय निकायों की पद संरचना का संबंध स्‍थाईकर्मी से नहीं है। निकायों की कार्य आवश्‍यकता अनुसार समय-समय पर मस्‍टरकर्मी रखे जाकर मैदानी कार्य संपन्‍न कराया जाता है। संचालनालय के पत्र क्रमांक                                                    शाखा-1/स्‍था./न.पा.प./पी.ई.बी./21-22/17461, दिनांक 12/10/2021 के अनुसार पी.ई.बी. के माध्‍यम से नवीन भर्ती करने का कोई नई प्रकिया प्रांरभ नहीं का जा रही है, अपितु यह प्रक्रिया वर्ष 2016 से चली आ रही है। पी.ई.बी. के माध्‍यम से भर्ती प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है।                                         (घ) प्रश्‍न के पूर्वाद्ध के संबंध में उल्‍लेख है कि पी.ई.बी. के माध्‍यम से नवीन भर्ती हेतु विरोधस्‍वरूप ज्ञापन दिये जाने का तथ्‍य सही है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा वर्ष 2016 से पी.ई.बी. के माध्‍यम से की जाने वाली भर्ती प्रक्रिया के अनुक्रम में वर्तमान में रिक्‍त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया की जा रही है। यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है। अत: भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता।

24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय

[ऊर्जा]

8. ( *क्र. 768 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में विकासखण्‍ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में विद्युत विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं के तहत घरेलू उपयोग हेतु 24 घण्‍टे विद्युत की सप्‍लाई की जा रही है? (ख) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय के मुख्‍यालय गंधवानी, बाग एवं तिरला के राजस्‍व ग्रामों में गैर कृषि प्रयोजन हेतु कितने घंटे विद्युत की सप्‍लाई की जा रही है एवं किन राजस्‍व ग्रामों में 24 घंटे विद्युत सप्‍लाई नहीं की जा रही है? (ग) धार जिले के गंधवानी विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय गंधवानी, बाग एवं तिरला में कुल कितने घरेलू उपभोक्‍ता हैं? इनमें से कितने घरेलू उपभोक्‍ताओं के घर पर विद्युत मीटर लगे हुये हैं एवं कितने घरेलू उपभोक्‍ताओं के घर पर विद्युत मीटर नहीं लगे हुये हैं? संख्‍यात्‍मक जानकारी वितरण केन्‍द्रवार देवें। (घ) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय गंधवानी, बाग एवं तिरला में कितने घरेलू उपभोक्‍ताओं के घर पर विद्युत मीटर नहीं लगे होने के बाद भी उन्‍हें विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं, की संख्‍यात्‍मक जानकारी वितरण केन्‍द्रवार देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में विकासखंड गंधवानी, बाग एवं तिरला में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा अटल ज्योति अभियान के तहत गैर कृषि प्रयोजन हेतु, कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय के मुख्यालय-गंधवानी, बाग एवं तिरला के समस्त राजस्व ग्रामों में घरेलू सहित समस्‍त गैर कृषि प्रयोजनों हेतु, कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं ऐसा कोई भी राजस्व ग्राम नहीं है जिसमें 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा हो। (ग) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय गंधवानी, बाग एवं तिरला में क्रमशः 20107, 19063 एवं 8240 इस प्रकार कुल 47410 घरेलू उपभोक्ता हैं। इन घरेलू उपभोक्ताओं में से क्रमशः 20107, 19032 एवं 8002 उपभोक्ताओं के घरों पर विद्युत मीटर लगे हुए हैं तथा गंधवानी में निरंक, बाग में 31 एवं तिरला में 238 घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर विद्युत मीटर नहीं लगे हुए हैं। (घ) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत वितरण केन्‍द्र कार्यालय गंधवानी, बाग एवं तिरला में क्रमशः निरंक, 31 एवं 238 घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर विद्युत मीटर नहीं लगे हुए हैं, किन्‍तु उन्हें वर्तमान में लागू टैरिफ आदेश के प्रावधानों के अनुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं।

अनियमितता करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( *क्र. 1216 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा मनावर नगरपालिका में भ्रष्टाचार करने वाले मुख्य नगरपालिका अधिकारियों, अध्यक्षों को बचाया एवं अवैध लीजधारकों को प्रश्रय दिया गया है? प्रश्‍न दिनांक तक भी दोषियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही नहीं किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं। वर्तमान एवं पूर्व-अध्यक्षों तथा पूर्व-मुख्य नगरपालिका अधिकारियों के विरूद्ध                       किस-किस अधिनियम में प्रकरण दर्जकर कब कार्यवाही की जाएगी? (ख) नगरपालिका परिषद मनावर के पत्र क्रमांक 2095, दिनांक 18/06/2021 द्वारा रिपोर्ट में किन त्रुटि के दृष्टिगत संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास, इंदौर संभाग द्वारा विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी? संयुक्त संचालक द्वारा भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध मामला दर्ज कराने में देरी किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं।            (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) मामले में विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया जाकर अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता तथा नियमों-आदेशों की अवहेलना की गयी है? मनावर नगरपालिका में बड़ी संख्या में अवैध लीजधारकों को प्रश्‍न दिनांक तक भी प्रश्रय देने का                  विधि-सम्मत कारण बताएं। कब तक अवैध-लीज धारकों से नगरपालिका की भूमि मुक्त करा ली जाएगी? (घ) मनावर नगरपालिका के संबंध में कलेक्टर, धार को दिनांक 20/09/2021, 08/07/2021 एवं सी.एम.ओ. मनावर को दिनांक 09/04/2021 को किन-किन विषयों से प्रश्‍नकर्ता द्वारा ईमेल-पत्र भेजा गया? उक्त पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक भी कार्यवाही नहीं किए जाने का विधिसम्मत कारण बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में प्रकरण में जांच की कार्यवाही प्रचलित है तथा अंतिम रूप से उत्तरदायित्व निर्धारण नहीं होने के कारण किसी भी पदाधिकारी/अधिकारी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) संचालनालय के पत्र क्रमांक 20954 दिनांक 10.12.2021 द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, इंदौर संभाग इंदौर को उक्त प्रकरण में जांच कर प्रतिवेदन देने हेतु निर्देशित किया गया है। जांच प्रक्रियाधीन है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी एवं लीजधारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। शेषांश का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नही। प्रकरण में वर्तमान में कार्यवाही प्रचलित होने से शेष का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) 1. प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक द्वारा कलेक्टर जिला धार को मनावर नगर पालिका क्षेत्र बीडपुरा पंचायत और बालीपुर पंचायत अंतर्गत पत्थर/मिट्टी खनिज की खदानों का सीमांकन विषयक पत्र दिनांक 08.07.2021 मेल द्वारा प्रेषित किया गया। बीडपुरा पंचायत और बालीपुर पंचायत ग्रामीण क्षेत्र होकर नगर पालिका मनावर क्षेत्र में सम्मिलित नहीं है। 2. प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक द्वारा कलेक्टर जिला धार को मनावर नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने विषयक पत्र दिनांक 20.09.2021 मेल द्वारा प्रेषित किया गया। प्रकरण में की गई कार्यवाही की जानकारी उत्तरांश '''' अनुसार है। 3. प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद, मनावर को पत्र दिनांक 09.04.2021 से नगरपालिका मनावर के भंगार को षडयंत्र पूर्वक चोरी करने और चोरी को आश्रय देने के संबंध में प्रेषित किया गया, जिसके संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद, मनावर द्वारा पत्र क्रमांक 1514/2021 दिनांक 08.04.2021 से थाना मनावर को सूचना दी गई, थाना मनावर द्वारा पत्र क्रमांक 2239 दिनांक 15.07.2021 से भंगार चोरी के प्रकरण में अपराध क्रमांक 623/14/07/2021 धारा 406 भा.द.वि के आरोपी सोनाली श्रीवास्तव वार्ड क्रमांक 07, अरसद कुरैशी वार्ड क्रमांक 11 व पार्षद पति आशीष चौबे के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

नियम विरूद्ध निर्माण पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( *क्र. 1037 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले के नगर पंचायत सेमरिया अंतर्गत वार्ड क्र. 13 में रीवा-बीडा रोड में तत्‍पर पेट्रोल पम्‍प के बगल में रमचन्‍दी में बहुमंजि‍ला इमारत का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में यदि उत्‍तर जी हाँ तो उक्‍त बहुमंजि‍ला इमारत का निर्माण किसके द्वारा कराया जा रहा है? बहुमंजि‍ला इमारत के मालिक का नाम एवं पता, प्राक्‍कलन एवं मंजूर किये गये नक्‍शे की सत्‍यापित प्रति देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में इस बहुमंजि‍ला इमारत में कितने एफ.ए.आर. (ऊंचाई) तक‍ के निर्माण की मंजूरी है? इसमें कितने फ्लोर का निर्माण कराया गया है एवं कितना निर्माण कराना शेष है? पार्किंग की क्‍या व्‍यवस्‍था है? समस्‍त जानकारी की सत्‍यापित प्रति देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) श्रीमती नीलम मिश्रा पति श्री अभय मिश्रा व्‍हाइट हाउस अर्जुन नगर रीवा जिला रीवा (म.प्र.) प्राक्‍कलन मंजूरी के दस्‍तावेज की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) F.A.R. – 1.00 एवं ऊंचाई 12.18 मी. Floor – G+3 निर्माण कार्य जारी है, पूर्वी तथा पश्चिम दिशा के आंशिक भाग पर तीन फ्लोर का निर्माण कराया गया है। पार्किंग हेतु खुली भूमि रिक्‍त रखी गई है।

सफाई मित्रों को प्रोत्‍साहन राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( *क्र. 53 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इंदौर शहर के द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में हैट्रिक लगाए जाने पर राज्य सरकार द्वारा नगर पालिका निगम के सभी सफाई मित्रों को ₹ 5000 प्रति व्यक्ति प्रोत्साहन राशि दी गई थी एवं जब इंदौर शहर के द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में चौका लगाया गया तब भी प्रोत्साहन राशि दी गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि दी गई? यदि नहीं, तो क्‍यो नहीं दी गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान में इंदौर शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर ने फिर सफलता का पंच लगाया है तो क्‍या राज्य सरकार की ओर से इंदौर के सफाई मित्रों को प्रोत्साहन के रूप में राशि दी जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी राशि दी जायेगी? कब तक दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं दी जायेगी?                                          (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में नगर पालिक निगम में बढ़ते हुए क्षेत्रफल को ध्‍यान में रखते हुए सफाई मित्रों की नियुक्ति की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, स्‍वच्‍छता में संलग्‍न अन्‍य सहयोगी समूहों को पुरस्‍कार प्रदान किया गया है। (ख) स्‍वच्‍छ भारत मिशन के प्रावधानों में इस आशय के प्रावधान नहीं है। (ग) आदर्श कार्मिक संरचना में जनसंख्‍या के आधार पर सफाई मित्रों के रिक्‍त पदों की पूर्ति करने का निर्णय निकाय स्‍तर पर लिया जाता है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जनभागीदारी समितियों का गठन

[उच्च शिक्षा]

12. ( *क्र. 1124 ) श्री सुरेश राजे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                   (क) मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति का गठन एवं बैठक आयोजित करने तथा इस समिति को प्रदत्त अधिकार संबंधी आदेश की सत्यापित प्रति के साथ शासकीय वृंदासहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डबरा में जनभागीदारी समिति की बैठक पूर्व में किस दिनांक को आयोजित की गयी? क्या डबरा विधायक द्वारा प्राचार्य को जनभागीदारी समिति की बैठक आयोजित करने हेतु पत्र क्रमांक 231, दिनांक 26/07/2021 द्वारा लिखने के बाद भी बैठक आयोजित नहीं की गयी? (ख) शासकीय वृंदासहाय महाविद्यालय, डबरा में विगत 10 वर्षों से अभी तक जनभागीदारी मद से शैक्षणिक कार्य कौन-कौन से विषय हेतु अतिथि विद्वानों एवं गैर शैक्षणिक कार्य हेतु तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के किस-किस व्यक्ति को नियुक्त किया गया है? (ग) वर्ष 2015-16 से 2021-22 में शासकीय वृंदासहाय महाविद्यालय, डबरा को विभिन्न मदों (जनभागीदारी सहित) में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी? प्राप्त राशि से कौन-कौन से कार्य कितनी राशि से कराये गए तथा प्रश्‍न दिनांक तक मदवार कितनी राशि शेष है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति के गठन के संबंध में जारी मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 30.09.1996 की सत्यापित प्रति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। शासकीय वृंदासहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डबरा में जनभागीदारी समिति की बैठक माननीय विधायक के पत्र के पश्चात् दिनांक 10.11.2021 को आयोजित की गई थी। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।

 

स्‍वीकृत किये गये ट्रांसफार्मरों की जानकारी

[ऊर्जा]

13. ( *क्र. 786 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर, विभाग द्वारा स्‍वीकृत किये गये और कितने प्रस्तावित हैं? (ख) विधान सभा धरमपुरी में कई जगह ऐसी हैं, जहां ट्रांसफार्मर की ज्‍यादा आवश्‍यकता है, क्षेत्र के किसान इस समस्‍या से बहुत परेशान हैं। उन क्षेत्रों में कब तक ट्रांसफार्मर उपलब्‍ध करा दिये जाएंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 2 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 4 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये थे तथा प्रश्‍नाधीन क्षेत्रान्‍तर्गत 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 5 अतिरिक्‍त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य वर्तमान में प्रस्तावित हैं। (ख) वर्तमान में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में विभिन्‍न क्षमताओं के 1154 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनसे प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में सुचारु रुप से गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति की जा रही है। तथापि विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध भार एवं भविष्‍य में भार वृद्धि की संभावना के दृष्टिगत अतिरिक्‍त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापना के कार्य तकनीकी एवं वित्‍तीय साध्‍यता के अनुरूप स्‍वीकृत किये जाते हैं, जोकि एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की कमी के कारण विद्युत आपूर्ति प्रभावित होने संबंधी कोई भी समस्‍या म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

हवाई पट्टी की जांच

[लोक निर्माण]

14. ( *क्र. 1429 ) श्री विक्रम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सत्‍य है कि उपसंभाग सतना में पदस्‍थ उपयंत्री ए.के. निगम को हवाई पट्टी में भ्रष्‍टाचार के मामले में निलंबित किया गया था? रिक्‍त पद पर प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी, मझगवां के रिक्‍त पद पर प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी के पद पर पदस्‍थ किया गया था, लेकिन प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, उपसंभाग सतना में प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी को दिनांक 01/10/2021 को अश्‍वनी कुमार निगम को उपखण्‍ड टाउन एवं कोटर को उपयंत्री के पद पर पदस्‍थ किया गया था? इसके बाद मुख्‍य अभियंता रीवा द्वारा पत्र क्र. 2070, दिनांक 09/09/2021 तहत आदेश जारी कर दिया जो नियम विरूद्ध है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अगर सही है तो क्‍या एक प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी को दूसरे अनुविभागीय अधिकारी को उपयंत्री का प्रभार देने का अधिकार है? अगर है तो नियम की प्रति उपलब्‍ध करायें तथा जिस अधिकारी का जिस उपसंभाग से निलंबन होता है, उसी संभाग में पदस्‍थ नहीं किया जा सकता क्‍योंकि विभागीय जांच प्रभावित होती है, लेकिन मुख्‍य अभियंता रीवा ने उसी संभाग में पदस्‍थ किया है? क्‍या यह नियम के तहत है और यदि है तो नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) अगर सही है तो मुख्‍य अभियंता, रीवा जो नियम विरूद्ध पदस्‍थापना कर उक्‍त भ्रष्‍ट अधिकारी निगम द्वारा उक्‍त प्रभार के दौरान कितने बिल तैयार कर भुगतान प्रश्‍न दिनांक तक कराये हैं? उसका पूरा विवरण सहित बतायें तथा मुख्‍य अभियंता को दोषी मानते हुए तत्‍काल निलंबित कर देना चाहिए। नहीं करेंगे तो कारण सहित बतायें कि भ्रष्‍ट प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी ए.के. निगम को सतना जिले से हटाकर प्रश्‍नकर्ता को बतायें, नहीं हटायेंगे तो कारण सहित बतायें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, जी हाँ। जी नहीं, नियम विरूद्ध नहीं है। (ख) जी नहीं। श्री निगम को अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दूसरे अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार नहीं दिया गया अपितु उपयंत्री के रूप में उपखण्ड का प्रभार दिया गया है। जिस उपसंभाग से निलंबन होता है, उसी संभाग में पदस्थ न करने बावत् कोई नियम नहीं है। श्री निगम को जिस उपखण्ड में पदस्थ किया गया उस उपखण्ड के अंतर्गत हवाई पट्टी का कार्य ना होने से जांच प्रभावित होने का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। मुख्य अभियंता का आदेश दिनांक 09.09.2021 नियमानुसार है। (ग) उपरोक्त प्रश्‍नांश क एवं ख अनुसार। उपखण्ड टाउन एवं कोटर में पदस्थगी अवधि में तैयार किये गये देयक मय भुगतान संलग्न परिशिष्ट अनुसार। मुख्य अभियंता द्वारा नियमानुसार कार्यवाही किये जाने से दोषी मानकर निलंबित किये जाने का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तीन"

शासकीय सेवकों के विरुद्ध सामान्य कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

15. ( *क्र. 1332 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जहां दो या दो से अधिक शासकीय सेवक किसी मामले में संलिप्त होने पर उनके विरुद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियत्रंण तथा अपील) नियम-1966 के नियम-18 के अंतर्गत सामान्य कार्यवाही के निर्देश हैं? (ख) यदि हाँ, तो शासकीय स्वामी विवेकानन्द महाविद्यालय, नीमच में पदस्थ (श्रीमती) अशोका श्रीवास्तव, प्राचार्य एवं श्री जुगल किशोर शर्मा, प्रयोगशाला तकनीशियन को पृथक-पृथक अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा पृथक-पृथक दिनांकों में क्रमशः दिनांक 06.05.2015 एवं दिनांक 04.04.2010 को आरोप पत्रादि जारी करते हुए पृथक-पृथक जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए किन कारणों से नियम विरुद्ध जांच प्रक्रिया अपनाई गई? कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में आरोपित अधिकारी/कर्मचारी से कितनी राशि गबन की वसूल होना थी और कितनी राशि वसूल होना शेष है? अब तक राशि वसूल नहीं किये जाने के संबंध में कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं तथा उनके विरुद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दर्शाई गई हानि की वसूली के संबंध में क्या शासन इस प्रकरण का पुनरावलोकन कराते हुए वसूली की ठोस कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) डॉ. श्रीमती अशोका श्रीवास्‍तव, प्राचार्य एवं श्री जुगलकिशोर शर्मा, प्रयोगशाला तकनीशियन पर आरोप भिन्‍न-भिन्‍न होने के कारण                                            पृथक-पृथक अनुशासनिक अधिकारी द्वारा पृथक-पृथक जांच अधिकारी नियुक्‍त कर जांच कार्यवाही पूर्ण की गई है। अत: प्रकरण में नियम विरूद्ध जांच प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में आरोपित कर्मचारी श्री जुगल किशोर शर्मा, प्रयोगशाला तकनीशियन सेवक से रूपये 40,79,651/- की राशि वसूल होना थी। उसमें से रूपये 2,58,671/- की वसूली संबंधित को देय स्वत्वों से की जा चुकी है। संबंधित आरोपी कर्मचारी से रु. 38,20,980/- की वसूली शेष है। प्राचार्य, नीमच द्वारा शेष राशि की वसूली कर्मचारी की सामान्‍य भविष्‍य निधि से एवं राजस्व की भांति करने हेतु कलेक्टर, नीमच एवं तहसीलदार नीमच को पत्र लिखे गये है। (घ) पूर्व से ही हानि की वसूली कर्मचारी की सामान्‍य भविष्‍य निधि खाते से एवं भू-राजस्व की भांति करने हेतु कार्यवाही जारी है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

लोकार्पण कार्यक्रम में प्रोटोकाल उल्‍लंघन

[लोक निर्माण]

16. ( *क्र. 1220 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 24/11/2021 को तराना विधानसभा क्षेत्र के कायथा गाँव में विभाग द्वारा निर्मित पुल का लोकार्पण किया गया है? यदि हाँ, तो शिलालेख पर निर्वाचित क्षेत्रीय विधायक का नाम क्यों नहीं लिखा गया? (ख) विभाग द्वारा क्षेत्रीय विधायक को किस कारण से लोकार्पण कार्यक्रम के आमंत्रण से वंचित रखा गया? (ग) विभाग में संभाग, जिला, विकासखंड, तहसील स्तर पर प्रोटोकॉल पालन कराने का दायित्व किसे दिया गया है? लोकार्पण कार्यक्रम के आमंत्रण में अतिथियों को बुलाने का निर्धारण किसे दिया गया है? प्रोटोकॉल पालन के कौन से परिपत्रों में इस तरह के आचरण को लेकर अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान है? उस प्रावधान के अंतर्गत दोषी अधिकारी पर कब तक दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी? (घ) विभाग द्वारा उक्त दोषी अधिकारी के गोपनीय चरित्रावली में इस आचरण को कार्यालय के सी.आर. चैनल अनुसार अभिलेखित कर सामान्य प्रशासन की कार्मिक शाखा को प्रतिवेदन कब तक भेजा जाएगा?                                    (ड.) क्या विभाग ने इस लोकार्पण कार्यक्रम में निर्वाचित क्षेत्रीय विधायक के अलावा जनपद अध्यक्ष, ज़िला पंचायत अध्यक्ष को आमंत्रित किया था? यदि नहीं, तो संवैधानिक व्यवस्था को भंग करने वाले विभागीय प्रोटोकाल अधिकारी और जिम्मेदार अधिकारी पर अवमानना के इस कृत्य पर क्या कार्यवाही की जा रही है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 24.11.2021 को तराना विधानसभा के कायथा गांव में विभाग द्वारा निर्मित किसी भी पुल का लोकार्पण नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। कलेक्टर जिला उज्जैन का उत्तर संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '' के अनुसार लोकार्पण कार्यक्रम के किसी प्रकार के आमंत्रण पत्र किसी को भी वितरित नहीं किये गये। (ग) प्रोटोकाल निर्धारित करने का अधिकार विभाग को नहीं है। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश '' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में दोषी अधिकारी के गोपनीय चरित्रावली पर प्रतिकूल टीप अंकित करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) विभाग द्वारा लोकार्पण कार्यक्रम हेतु किसी प्रकार का आंमत्रण वितरित नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित                       नहीं होता।

परिशिष्ट - "चार"

 

मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट के यहां चल रहे प्रकरण

[पर्यावरण]

17. ( *क्र. 1283 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल निवासी महिदपुर रोड तह. महिदपुर जिला उज्‍जैन के प्रकरण जिसमें पर्यावरण विभाग ने मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट, उज्‍जैन के न्‍यायालय में वाद लगाया है, की अद्यतन स्थिति देवें। (ख) उपरोक्‍त प्रकरण में मान. न्‍यायालय के दिनांक 08.11.2021 के आदेश में उल्‍लेख है कि प्रकरण केंद्रीय आपराधिक पंजी में दर्ज किया जाए तो यह कर दिया गया है या नहीं? इसका अपराध क्रमांक भी देवें। (ग) इसी आदेश में अभियुक्‍तों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सूचना पत्र जारी करने का उल्‍लेख है, क्‍या यह सूचना पत्र जारी करके तामील करा दिया गया है? यदि हाँ, तो सूचना पत्र व तामीली पत्र की छायाप्रति देवें। (घ) यदि नहीं, तो कब तक सूचना पत्र जारी करके तामील कर दिया जाएगा? इसमें विलंब करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 8/11/2021 को अभियुक्त मेसर्स दिनेश पिता मॉगीलाल जैन के विरूद्व जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा-43,44 एवं 47 तथा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा-37, 38, 39 एवं 40 के उल्लघंन के फलस्वरूप अपराधों का संज्ञान लिया गया है एवं प्रकरण में बोर्ड द्वारा माननीय न्यायालय में आरसीटी क्रमांक 2949/2021 एवं 2948/2021 दिनांक 20/09/2021 को दायर किया गया है। अभियुक्तगण की उपस्थिति हेतु दिनांक 10/01/2022 को नियत किया गया है। (ख) जी हाँ। अपराध प्रकरण क्रमांक क्रमशः 169/21 धारा 379,414 भादवि एवं खनन अधिनियम, 1957 की धारा 4/21 है। (ग) दिनांक 10/12/2021 को सूचना पत्र तामिल कर दिया गया है। तामिली की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पांच"

नई शिक्षा नीति का क्रियान्‍वयन

[उच्च शिक्षा]

18. ( *क्र. 1417 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के क्रियान्‍वयन में म.प्र. में क्‍या-क्‍या कदम उठाये गये हैं? (ख) इस नीति के तहत प्रस्‍तावित स्‍वायत्‍त (वि.वि. से असम्‍बद्ध) उच्‍च शिक्षा संस्‍थान कितने स्‍थापित किये जा रहे हैं? रतलाम के शासकीय कॉलेजों के बारे में क्‍या योजना बनाई गई है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया। आयुक्त की अध्यक्षता में समन्वय प्रकोष्ठ का गठन किया गया। इसके साथ ही राज्य स्तरीय, संभाग स्तरीय एवं जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। महाविद्यालय स्तर पर प्राध्यापकों, विद्यार्थियों के लिए 10 दिवसीय प्रशिक्षण, नवीन शिक्षा नीति को लागू करने हेतु अधिनियम 14A 14B को जारी किया गया। केंद्रीय अध्ययन मंडल द्वारा 1000 से अधिक ऑनलाइन बैठक कर 85 विषयों के पाठ्यक्रमों का निर्माण किया गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नही। प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों की तरह रतलाम के शासकीय महाविद्यालय के लिए अधिनियम क्रमांक 14B के अनुसार कार्यवाही किए जाने के निर्देश हैं।

मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास के कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( *क्र. 1231 ) श्री तरबर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बंडा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद, बण्डा में मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के तहत वर्ष 2017-18 से 2018-19 तक दो वित्तीय वर्ष में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य निर्धारित कार्य अवधि एवं कार्य पूर्ण अवधि के बाद भी प्रारंभ नहीं किये गये? प्रारंभ नहीं किये जाने का क्या कारण है और इसके लिए कौन दोषी है? (ग) जो कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किये गये, उनके टेंडर निरस्त क्यों नहीं किये गये? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) क्या शासन अक्षत कंस्‍ट्रक्शन को आवंटित कार्य निरस्त करके अन्य सक्षम फर्म को अवसर देगा? यदि हाँ, तो कब?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क), (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छ:"

चीनौर से भितरवार व्हाया करईया रोड का निर्माण

[लोक निर्माण]

20. ( *क्र. 1152 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधान सभा क्षेत्र में चीनौर से भितरवार व्हाया करईया रोड बहुत ही जर्जर हालत में है? इस रोड के निर्माण हेतु प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा वर्ष 2008 से लगभग प्रत्येक सत्र में रोड की हालत को दृष्टिगत रखकर शीघ्र निर्माण कराये जाने हेतु प्रश्‍न लगाये जाते रहे हैं। इस रोड को कब तक स्वीकृत कराकर निर्माण करा लिया जावेगा? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 30 नवम्बर, 2021 की स्थिति में लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस यंत्री के सुपरवि‍जन में किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा कराये जा रहे हैं? उनकी प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। वर्तमान में किसी योजना में स्‍वीकृत न होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।

स्थानांतरित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्राप्‍त स्थगन

[नगरीय विकास एवं आवास]

21. ( *क्र. 712 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सन् 2020-21 में धार, नगर पालिका में शासन स्तर से स्थानांतरित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा माननीय न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया गया है?                                                (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर हाँ है तो क्या उक्त प्रकरणों में माननीय न्यायालय में स्थगन खारि‍ज करने हेतु विभाग द्वारा प्रतिउत्तर प्रस्तुत कर दिया गया है तथा माननीय न्यायालय में प्रकरण किस स्तर पर प्रचलित है? (ग) क्या वर्तमान में स्थगन प्राप्त अधिकारियों/कर्मचारियों का पूर्व में भी शासन स्तर से स्थानांतरण हुआ था तथा तब भी इन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्थगन प्राप्त किया था? यदि हाँ, तो क्या तत्कालीन समय में भी स्थगन पर विभाग द्वारा माननीय न्यायालय में प्रति उत्तर प्रस्तुत नहीं किये जाने से स्थगन के आधार पर ही संबंधित अधिकारी/कर्मचारी धार नगर पालिका में पदस्थ रहे हैं? (घ) क्या संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्थगन अवधि‍ में नगर के गरीब पात्र नगरवासियों के वितरण हेतु तैयार भूमि के पट्टे शाखा में दबा कर रखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों व पार्षदों को भ्रमित किया जा रहा था? जब तक की एक पार्षद द्वारा शाखा में जाकर स्वयं यह पट्टे व बस्ता परिषद की बैठक में नहीं लाये गये थे?                                                          (ड.) क्या इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय को शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्रवाई की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। माननीय न्‍यायालय द्वारा प्रकरण दिनांक07/12/2021 को निराकृत कर दिया गया है। (ग) जी हाँ। जी नही। विभाग द्वारा माननीय न्‍यायालय में यथासमय उत्‍तर प्रस्‍तुत किया गया था। (घ) संबंधित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा स्‍थगन अवधि में नगर के वर्ष 2018-2019 में लगभग 732 पात्र हितग्राहियों के पटटे वितरण की कार्यवाही में विलंब किया है। संभागीय संयुक्‍त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर से प्राप्‍त प्रतिवेदन में श्री अरविंद डोड राजस्‍व उप निरीक्षक नगर पालिका परिषद धार को लापरवाही बरतने के लिये उत्‍तरदायी बताया गया है। राजस्‍व उप निरीक्षक निकाय कर्मचारी है तथा उनके विरूद्व निकाय स्‍तर से ही कार्यवाही की जाना है। उक्‍त संबंध में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद धार को उपयुक्‍त कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है। पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है।

ग्राम पंचायतों को नगर परिषद का दर्जा प्रदान किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

22. ( *क्र. 1206 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत, इकलहरा को नगर परिषद बनाये जाने के संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय म.प्र. भोपाल के पत्र के आधार पर कार्यालय कलेक्टर, जिला छिंदवाड़ा द्वारा पत्र क्रमांक/233/जिशविअ/2021 छिंदवाड़ा, दिनांक 29.09.2021 तथा ग्राम पंचायत उमरेठ को नगर परिषद बनाये जाने के संबंध में पत्र क्रमांक/234/जिशविअ/2021 छिंदवाड़ा दिनांक 29.09.2021 जारी किया गया था। उन पत्रों पर संबंधित अधिकारी द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? अगर अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है तो उसका क्या कारण है? कब तक कार्यवाही को पूरा कर प्रस्ताव व आवश्‍यक दस्तावेज शासन/विभाग को प्रेषित कर दिये जायेंगे? (ख) ग्राम पंचायत, इकलहरा एवं ग्राम पंचायत, उमरेठ को नगर परिषद का दर्जा प्रदान किए जाने के संबंध में शासन/विभाग द्वारा कब तक आवश्‍यक कार्यवाही व अन्य औपचारिकताओं को पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) ग्राम पंचायत, इकलहरा एवं ग्राम पंचायत, उमरेठ को नगर परिषद का दर्जा कब तक प्रदान कर दिया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कलेक्टर जिला छिंदवाडा के पत्र क्रमांक 233/जिशविअ/2021 दिनांक 29.09.2021 एवं पत्र क्रमांक 234/जिशविअ/2021 दिनांक 29.09.2021 के परिप्रेक्ष्य में कार्यालय कलेक्टर के पत्र क्रमांक 341/जिशविअ/2021 दिनांक 7.12.2021 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परासिया से प्रस्ताव प्राप्त करने हेतु स्मरण-पत्र भेजा गया है। अतः उक्त स्थिति में शेषांश का प्रश्‍न ही नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

निर्माण स्वीकृति की शर्तों का उल्लंघन

[नगरीय विकास एवं आवास]

23. ( *क्र. 1188 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला नगर पालिका, छतरपुर क्षेत्र अंतर्गत बस स्टैंड, मस्जिद एवं सुलभ काम्‍पलेक्स के बीच रिक्शा स्टैंड स्थापित था? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उस पर भू-माफिया द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है? क्या उक्त रिक्शा स्टैंड को भू-माफिया से मुक्त कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या कार्यालय नगर पालिका, छतरपुर के पत्र क्रमांक/126, दिनांक 8/11/2021 एवं पत्र क्रमांक 5595, दिनांक 22/12/2020 को व्यवसाय भवन हेतु निर्माण स्वीकृति के उल्लंघन के संबंध में पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र जारीकर्ता अधिकारी का मूल पद एवं नाम बताएं। (घ) क्या शासन विधि सम्मत एवं समय सीमा पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं नगर पालिका छतरपुर द्वारा पत्र क्रमांक 126, दिनांक 08.11.2021 जारी नहीं किया गया है। मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी श्री ओमपाल सिंह भदौरिया द्वारा व्‍यवसाय भवन हेतु निर्माण स्‍वीकृति की शर्तों के उल्‍लंघन के संबंध में पत्र क्रमांक 5595, दिनांक 22.12.2020 को जारी किया गया है। (घ) प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

मार्ग का टेण्डर रिवाईज करने के संबंध में

[लोक निर्माण]

24. ( *क्र. 1119 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  भिण्ड जिले में SPTS सेंवड़ा (seonda) -पांडीर (pandir) -टेहनगूर (Tehangur) -सिंदौस (Sindhos) मार्ग के टेण्डर की लागत क्या थी? उसको पूर्ण करने का समय क्या था? क्या उक्त मार्ग के लागत को रिवाईज किया गया है? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत? विभाग के अनुसार टेण्डर को लागत के कितने प्रतिशत तक रिवाईज किया जा सकता है? क्या यह लागत को नियमानुसार रिवाईज किया गया है? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : प्रश्‍नांश लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से संबंधित है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से प्राप्‍त उत्‍तर पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

एम.डी.आर. सड़कों का निर्माण कार्य

[लोक निर्माण]

25. ( *क्र. 258 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत निर्मित सड़कें जो जिला मुख्यालय को जोड़ती है, उन्हें वर्ष 2016-17 के पश्चात एम.डी.आर. घोषित किया गया है, वह कौन-कौन सी सड़कें हैं? उनके नाम बतावें।                                               (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्तर में दर्शित सड़कों के संधारण का कार्य वर्ष 2016-17 के पश्चात कब-कब एवं कितनी-कितनी राशि का किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में दर्शित सड़कों में से विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत आने वाली सड़कों की दयनीय स्थिति है? यदि हाँ, तो उक्त सड़कों को चलने योग्य बनाने में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में दर्शित एम.डी.आर. सड़कों में से विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अंतर्गत आने वाली सड़कों का जीर्णोद्धार एवं मजबूतीकरण, टू लेन सड़क का निर्माण कब तक स्वीकृत किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2017 के पश्‍चात कोई सड़क एम.डी.आर. घोषित नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश '' के उत्‍तर में कोई मार्ग दर्शित नहीं होने से शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '' में कोई मार्ग दर्शित न होने से प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

 

 

 





भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर

स्‍वीकृत सड़कों का निर्माण

[लोक निर्माण]

1. ( क्र. 23 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 20202021 में विभाग द्वारा बजट में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से स्‍वीकृत किये गये? नाम, पता व राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करायी जावे व बजट में स्‍वीकृत आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करायी जावे। (ख) उक्‍त दोनों वर्षों में बजट में स्‍वीकृत कार्यों को एस.एफ.सी. की बैठक में रखकर प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्‍वीकृति की छायाप्रति उपलब्‍ध करायी जावे एवं कार्य की स्थिति बतायी जावे। यदि कार्यों की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी नहीं की गई तो क्‍यों? कब तक जारी की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार एवं बजट की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।

मड़ियादों को नगर पंचायत का दर्जा

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( क्र. 24 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नवीन नगर पंचायत गठन हेतु क्‍या योजना है? नियमावली की छायाप्रति उपलब्‍ध करायी जावे। प्रश्‍नकर्ता द्वारा पूर्व में मड़ियादों को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने हेतु विधान सभा में याचिका के माध्‍यम से अपनी बात रखी थी एवं कलेक्‍टर दमोह द्वारा शासन को प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया था, याचिका एवं प्रस्‍ताव पर आज दिनांक तक शासन स्‍तर से क्‍या कार्यवाही हुई? (ख) क्‍या 20 प्रतिशत राशि से जिला दमोह की हटा नगरपालिका एवं पटेरा नगर पंचायत अंतर्गत शासन स्‍तर पर प्रस्‍ताव लंबित हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्‍वीकृति प्रदाय की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा-5 ''नगरपालिका परिषदों तथा नगर परिषदों का गठन'' के अंतर्गत लघुत्तर नगरीय क्षेत्र के लिये नगर पालिका परिषद् तथा किसी संक्रमणशील क्षेत्र अर्थात ग्रामीण क्षेत्र से नगरीय क्षेत्र में संक्रमणगत क्षेत्र के लिये नगर परिषद् का गठन किये जाने का प्रावधान है। कलेक्टर दमोह के प्रस्तावानुसार ग्राम पंचायत मड़ियादों की वर्ष 2011 के अनुसार जनसंख्या 7923 है जो विभागीय अधिसूचना क्रमांक 64-एफ-1-19-2009-अठारह-3 भोपाल, दिनांक 27-12-2011 अनुसार जनसंख्या का मापदण्ड पूर्ण नहीं करने से ग्राम पंचायत मड़ियादों को नगर परिषद् का दर्जा दिया जाना संभव नहीं है। नियमावली की छायाप्रति जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नगरपालिका हटा से 02 कार्यों के प्रस्ताव क्रमश: पन्ना मार्ग से मछराई होते हुये मंदिर-मस्जिद चौराहे तक बीटी रिन्यूवल एवं नाली निर्माण कार्य (रूपये 40.04 लाख) तथा गांधी वार्ड हटा में बस स्टैण्ड से नाला पार करते हुये जनपद पंचायत के सामने तक सड़क एवं पुल निर्माण कार्य (रूपये 130.01 लाख), कुल राशि रूपये 170.05 लाख के प्राप्‍त हुए है। स्वीकृति वित्‍तीय संसाधन के अधीन होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। नगर परिषद् पटेरा को विशेष निधि (आरक्षित 20 प्रतिशत) मद से राशि स्वीकृति के संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये है।

इन्दौर नगर-निगम के मस्टर कर्मचारियों का विनियमितीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

3. ( क्र. 49 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर नगर-निगम पिछले 5 बार से स्वच्छता में पूरे देश में प्रथम स्थान पर है? यदि हाँ तो प्रथम स्थान पर आने पर नगर-निगम इन्दौर में कार्यरत सफाईकर्मी/मस्टरकर्मियों को क्या-क्या अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? (ख) क्या इन्दौर नगर-निगम में कार्यरत सफाईकर्मी/मस्टरकर्मी अत्यंत न्यूनतम वेतन पर कार्य कर रहे है? यदि हाँतो इनकी वेतन वृद्धि हेतु प्रयास किए जा रहे है? (ग) क्या इन्दौर नगर-निगम में कार्यरत सफाईकर्मी/मस्टरकर्मी को विनियमित करने का प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो इन्हें कब तक विनियमित किया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। इंदौर नगर निगम में कार्यरत स्‍थाई सफाई कर्मचारी/विनियमित सफाई कर्मचारी, मस्‍टर सफाई कर्मचारियों को वर्तमान में ईएसआईसी लागू योजना के साथ चिकित्‍सा बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के    साथ-साथ मौसमी सुविधाएं जैसे वर्षा ऋतु में बरसाती तथा कर्मचारियों को चिन्हित किये जाने हेतु पुरूष एवं महिलाओं को वर्दियाँ उपलब्‍ध कराई जा रही है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नगर पालिक निगम इंदौर को चुंगी क्षतिपूर्ति, स्टांप ड्यूटी, प्रवेश कर भुगतान के सम्‍बंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

4. ( क्र. 67 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार द्वारा नगर पालिक निगम इंदौर को चुंगी क्षतिपूर्ति, स्टांप ड्यूटी, प्रवेश कर आदि के लिए कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है कितने समय से नगर पालिक निगम इंदौर को भुगतान नहीं किया गया? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा नगर पालिक निगम को उक्‍त राशियों का भुगतान नहीं किया गया है? (ग) नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा ठेकेदारों को कितनी राशि का भुगतान के लिए कितनी राशि के बिल लंबित हैं? ठेकेदारों को कब तक भुगतान किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में नगर निगम, इन्‍दौर को चुंगी क्षतिपूर्ति (प्रवेश कर) एवं स्‍टांप डयूटी भुगतान एवं शेष राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नगर निगम इन्‍दौर को प्रश्नांश (क) अनुसार वित्‍तीय भुगतान प्राप्‍त आवंटन एवं व्‍यय सीमा अनुसार किया है। शेष राशि वित्‍त विभाग द्वारा निर्धारित व्‍यय सीमा अनुसार कोषालय से आहरण कर नगर निगम इंदौर को प्रदाय की जायेगी। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                 (ग) नगर निगम इंदौर में ठेकेदारों को लगभग राशि रूपये 3,12,02,89,819.00 का भुगतान किया जाना शेष है। ठेकेदारों को निगम की वित्‍तीय स्थिति अनुसार भुगतान की कार्यवाही प्रकियाधीन है। ठेकेदारों का भुगतान आय तथा आंवटन के अधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं।

परिशिष्ट - "सात"

केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रदाय राशि का दुरूपयोग

[ऊर्जा]

5. ( क्र. 86 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी द्वारा आई.पी.डी.एस. योजना का केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रदाय सामग्री इन्‍दौर ग्रामीण क्षेत्र मांगलिया की निजी कॉलोनी में लगी होना पाई गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो इसकी जांच कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कॉलोनी में मौके पर पंचनामा आदि कार्यवाही की गई थी? स्‍पष्‍ट करें। (ग) प.क्षे.वि.वि. कम्‍पनी द्वारा आई.पी.डी.एस. योजना अंतर्गत एक ही कार्य के बिलों में पुनरावृत्ति कर अधिक भुगतान कर कम्‍पनी को क्षति पहुंचाई गई है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कोई जांच प्रचलित है? स्‍पष्‍ट करें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में जांच में दोषियों पर क्‍या कोई कार्यवाही की जा रही है? क्‍या दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को नोटिस आदि जारी किये गये है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को नोटिस दिये गये? क्‍या जिन अधिकारियों/ कर्मचारियों को नोटिस दिये गये हैं वे सभी अधिकारी/कर्मचारी उसी शहर में कार्यरत हैं? क्‍या इससे जांच प्रभावित नहीं होगी? हां या नहीं? यदि हाँ, तो क्‍या उन्‍हें तत्‍काल अन्‍य जिले में पदस्‍थ कर स्‍पष्‍ट जांच कराई जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आई.पी.डी.एस. योजनान्‍तर्गत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी प्राप्‍त शिकायतों की जांच वर्तमान में प्रक्रियाधीन है तथा जांच पूर्ण होने के उपरांत ही प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित शिकायत के संबंध में सही एवं पूर्ण जानकारी दी जा सकेगी। (ख) प्राप्त शिकायत के आधार पर म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मैदानी अधिकारियों द्वारा इंदौर ग्रामीण के मांगलिया क्षेत्र की निजी कॉलोनी रामेश्‍वरधाम में मौका मुआयना कर निरीक्षण रिपोर्ट बनाई गई थी। वर्तमान में जांच प्रक्रियाधीन है। (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत आई.पी.डी.एस. योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई हैं। एक ही प्रकार की शिकायतें होने से समस्त शिकायतों की जांच सामूहिक रुप से करवाई जा रही है। प्रारंभिक जांच अनुसार कार्यों में कमी पाए जाने पर म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को क्षति होना परिलक्षित हुआ है तथापि एक ही कार्य की अधिक बिलों में पुनरावृत्ति किये जाने सहित जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जी हाँ, आई.पी.डी.एस. योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता पाये जाने पर संबंधित कार्मिकों के विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही आरंभ कर दी गई है, जिसके तहत नियमानुसार संबंधितों को नोटिस जारी किये गये हैं। उक्‍त कार्मिकों के नाम, पदनाम एवं पदस्‍थापना संबंधी विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जिन कार्मिकों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है वे पूर्व पदों पर पदस्थ नहीं है एवं अधिकांश कार्मिक उसी शहर में कार्यरत नहीं है। जी नहीं, नियमानुसार स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रुप से जांच कराई जा रही है अतः जांच प्रभावित होने का प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "आठ"

इन्दौर विकास प्राधिकरण के विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 155 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश में कितने प्रकरण और किस-किस योजना में और कब से विचाराधीन हैं? इन सभी पर अभी तक कितना विधिक व्यय हुआ है? (ख) इन्दौर विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में वर्ष 2010 से 2019 के मध्य कुल कितने प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय जिला न्यायालय से निराकृत हुए है? इन प्रकरणों की सूची और इनमें किसानों को दी गई मुआवजा राशि कितनी है और कितने किसानों में वितरित हुई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इंदौर विकास प्राधिकारी की विभिन्न योजनाओं में माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. के समक्ष वर्तमान में कुल 608 प्रकरण विचाराधीन है। इन सभी पर अभी तक कुल राशि रूपये 20,14,63,345/- का विधिक व्यय हुआ है। (ख) इंदौर विकास प्राधिकारी की विभिन्न योजनाओं में वर्ष 2010 से 2019 के मध्य कुल 1453 प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय जिला न्यायालय से निराकृत हुये है। न्यायालयवार प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इन प्रकरणों में माननीय न्यायालयों के आदेशानुसार कुल मुआवजा राशि रूपये 165,35,22,129/- कुल 339                                               भू-धारकों/किसानों को वितरित की गई है।

मदन महल-दमोह नाका फ्लाई ओवर के निर्माण के संबंध में

[लोक निर्माण]

7. ( क्र. 182 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या जबलपुर में निर्माणाधीन मदन महल-दमोहनाका फ्लाईओवर के वास्‍‍तविक मानचित्र में कुछ बदलाव किये गये है? यदि हाँ, तो क्‍या बदलाव हुये है? और अब तक उन बदलावों के कारण कितनी आपत्तियां प्राप्‍त हुई है? और वर्तमान में उन आपत्तियों की स्थिति क्‍या है? (ख) इस फ्लाई ओवर निर्माण में कितना भूमिग्रहण प्रस्‍तावित है? और इस प्रक्रिया से कितने परिवार और वाणिज्यिक संस्‍थान प्रभावित हुये है? भूमि अधिग्रहित लाभार्थियों को भूमि के एवज में दी जाने वाली राशि के भुगतान के संबंध में जानकारी देवें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।                    (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "नौ"

जबलपुर में नगरीय प्रशासन मद से स्‍वीकृत परियोजनायें

[नगरीय विकास एवं आवास]

8. ( क्र. 183 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जबलपुर में नगरीय प्रशासन मद से अब तक कितनी परियोजनाएं स्‍वीकृत की गई है? तत्बंध में विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या जबलपुर में आधे अधूरे नालों के निर्माण, गढ़ा में ओवरहेड पानी की टंकी एवं तालाबों के पुनरूद्धार की परियोजनाएं लंबित है? यदि हाँ, तो तत्बंधी ब्‍यौरा देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगमजबलपुर में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा स्‍वीकृत परियोजनाओं का विवरण:- 1. अमृत योजनांतर्गत (जल एवं सीवर) 2. प्रधानमंत्री आवास योजना 3. मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना। विस्‍तृत जानकारी अमृत योजनांतर्गत पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘‘’’ अनुसार है, प्रधानमंत्री आवास योजना पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘‘’’ अनुसार एवं मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘‘’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु गढ़ा अंतर्गत नवनिवेश कालोनी में 05 लाख गैलन क्षमता की एक उच्‍च स्‍तरीय टंकी का निर्माण कार्य नगर निगम द्वारा स्‍वीकृत किया गया है।

नगर परिषद् सिरमौर अंतर्गत स्वीकृत आवासों का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( क्र. 231 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् सिरमौर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कुल कितने आवास स्वीकृत किये गए थे? कुल ऐसे कितने स्वीकृत आवास हैं जिनकी अभी तक प्रथम किश्त जारी नहीं की जा सकी है? कारण सहित विवरण उपलब्ध करावें। (ख) नगर परिषद् सिरमौर अंतर्गत कुल ऐसे कितने आवास हैं जिनकी द्वितीय किश्त अभी तक लंबित है? क्यों? वित्तीय वर्ष में स्वीकृत आवासों के भुगतान की प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर‍ परिषद् सिरमौर अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कोई आवासीय परियोजना स्‍वीकृत नहीं है। उक्‍त प्रकाश में शेषांश निरंक है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। द्वितीय किश्त का भुगतान आवास निर्माण कार्य लिंटल स्तर तक पूर्ण होने पर जिओ-टैंगिंग के अनुसार किया जाता है। अतः जिन हितग्राहियों ने लिंटल स्तर तक निर्माण नहीं किया है, उनकी द्वितीय किश्त की राशि वांछित भौतिक प्रगति पूर्ण होने के उपरांत मुक्त हो सकेगी। आवास निर्माण की किश्तों के भुगतान की प्रक्रिया भौतिक प्रगति पर आधारित है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "दस"

खराब विद्युत केबिल एवं ट्रांसफार्मर को बदलने के संबंध में

[ऊर्जा]

10. ( क्र. 238 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) विकासखण्ड सिरमौर एवं जवा अंतर्गत ऐसे कितने स्थान हैं जहाँ विद्युत केबिल एवं वितरण ट्रांसफार्मर जले होने के कारण विद्य़ुत व्‍यवस्‍था बाधित हो रही है? वितरणग्‍ केन्‍द्रवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांक (क) के प्रकाश में ऐसे स्थलों में कब तक नवीन विद्युत केबिल एवं ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराये जा सकेंगे? (ग) विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत उपरवार, कंचनपुर सेंहुड़ा, कोनीकला की खराब विद्युत केबिल कब तक बदली जा सकेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विकासखण्ड सिरमौर एवं जवा में क्रमश: 37 एवं 18 स्‍थानों पर निम्‍नदाब विद्युत केबिल एवं क्रमश: 33 एवं 6 स्‍थानों पर वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गयी वितरण केन्‍द्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। उक्‍त विकासखण्‍डों के खराब केबिल वाले स्‍थानों पर समीप स्थित विद्युत अधोसंरचना से वैकल्पिक व्‍यवस्‍था कर सभी संबद्ध उपभोक्‍ताओं को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्‍त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण प्रचलित नियमानुसार इन्‍हें बदला नहीं गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित स्थानों पर जली/खराब निम्‍नदाब विद्युत केबिल को बदलने की कार्यवाही जारी है एवं उक्‍त कार्य को दो माह के अंदर पूर्ण किये जाने के प्रयास हैं। उत्‍तरांश (क) में दर्शाए गए शेष जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर बदला जा सकेगा, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत उपरवार, कंचनपुर, सेंहुड़ा एवं कोनीकला में जली/खराब केबिल में सुधार कार्य कर सभी विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से किया जा रहा है। तथापि खराब केबिल को बदलने की कार्यवाही की जा रही है, जिसे दो माह में पूर्ण किये जाने के प्रयास हैं।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

बी.एल.सी. हितग्राहियों को शेष राशि का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( क्र. 247 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कच्चे मकानों को तोड़कर पक्के मकानों का निर्माण हेतु नगर पालिक परिषद् दमोह के द्वारा बी.एल.सी. हेतु अलग-अलग डी.पी.आर. के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक मकानों के निर्माण हेतु कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं प्रतिवर्ष अनुसार हितग्राहियों की सूची बतावें? (ख) डी.पी.आर. 1, 2, 3, 4, 5 एवं 6 अंतर्गत कितने हितग्राहियों को ₹200000 दिए जा चुके हैं डी.पी.आर. के आधार पर सूची देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार डी.पी.आर. के आधार पर सभी हितग्राहियों को उनके खाते में शेष राशि ₹50000 दी जा चुकी है। यदि हाँसूची देवें? यदि नहीं तो कब तक दी जाएगी? ( घ) प्रश्नांश (ख) डी.पी.आर. सूची अनुसार डी.पी.आर. में के हितग्राहियों को शेष राशि कब तक दी जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त आवेदनों एवं स्वीकृत परियोजनाओं (डी.पी.आर.) की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार एवं हितग्राहियों की सूची की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश '''' के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' की जानकारी अनुसार केवल 05 डी.पी.आर. स्वीकृत है। परियोजनावार राशि रू. 2.00 लाख भुगतान किये गये हितग्राहियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार एवं सूची की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-1'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश '''' में उल्लेखित समस्त हितग्राहियों को राशि रू. 50,000/- प्रदान नहीं की गई है। अपितु कार्य पूर्णता की भौतिक प्रगति के आधार पर तृतीय किश्त (अंतिम किश्त) राशि रू. 50,000/- प्रदाय की गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार एवं सूची की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स-1'' अनुसार है। शेष हितग्राहियों हेतु शेष राशि की समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश '''' डी.पी.आर. सूची अनुसार हितग्राहियों को राशि निर्धारित स्तर तक कार्य पूर्ण होने के पश्चात भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर प्रदाय की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जल प्रदाय योजना की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

12. ( क्र. 260 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के नगर सारंगपुर की जल प्रदाय योजना का निर्माण कार्य किस दिनांक से प्रारंभ किया गया था? एवं किस दिनांक को पूर्ण हो चुकी है? जल प्रदाय योजना का प्रारंभ करने की दिनांक तथा पूर्ण करने की दिनांक बतावें? यदि कार्य पूर्ण हो गया हो तो क्या निर्माण एजेंसी को कार्य का अंतिम भुगतान हो चुका है? अंतिम भुगतान करने की तिथि बतावें?   (ख) यदि प्रश्नांश (क) के उत्तर में कार्य का अंतिम भुगतान नहीं किया गया है तो निर्माण एजेंसी के द्वारा क्या-क्या कार्य पूर्ण करवाना शेष है? तथा कितनी राशि के शेष है? शेष कार्य को कब तक पूर्ण करवाया जावेगा? एवं नगरवासियों को शुद्ध जल कब तक प्रदान कर दिया जावेगा? (ग) क्या मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा अधूरी नल-जल योजना का ठेकेदार से अधिग्रहित (Takeover) कर ली गई है? तो उस अधिकारी के विरुद्ध नियमानुसार प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं की गई है तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका सारंगपुर की जलप्रदाय योजना का कार्य दिनांक 27.02.2016 को प्रारंभ किया गया था। वर्तमान में योजना का कार्य प्रगतिरत होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष कार्य व शुद्ध जल की आपूर्ति का कार्य मार्च 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जी हाँ। तत्‍कालीन (सेवानिवृत्‍त) मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी को नियम विरूद्ध कार्यवाही करने के संबंध में प्रशासक नगरपालिका परिषद् द्वारा दिनांक 11.10.2021 को नोटिस जारी कर संभागीय कार्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल संभाग से जांच का अनुरोध किया गया है। संभागीय कार्यालय में जांच प्रचलन में है।

परिशिष्ट - "बारह"

आंतरी से भीलसैया रोड निर्माण

[लोक निर्माण]

13. ( क्र. 317 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किवित्‍तीय वर्ष 2021-22 के विधान सभा के बजट सत्र में विधान सभा क्षेत्र जौरा के आंतरी से भीलसैया तक का रोड निर्माण कार्य स्‍वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक इसकी टेण्‍डर प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों? कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जी हाँ, वित्‍तीय वर्ष 2021-22 के बजट में सम्मिलित ''कॉलेज रोड से भिलसैया मार्ग'' की प्रशासकीय स्‍वीकृति शासन द्वारा दिनांक 29.09.2021 को जारी की जा चुकी है। जी नहीं। कार्य प्रारम्‍भ नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

पावर हाउस की राख का उपयोग

[लोक निर्माण]

14. ( क्र. 328 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्र.क्र. 2283 दिनांक 5/3/2021 में विगत तीन वर्षों में राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 के जबलपुर लखनादौन ख.रा.रा.मा.क्र. 52 के ब्‍यावरा देवास अ-खण्‍ड, रा.रा.मार्ग 69 के अब्‍दुल्‍लागंज इटारसी खण्‍ड एवं रा.रा.मार्ग क्र. 12 के लालघाटी खण्‍ड में सतपुड़ा थरमल पावर स्‍टेशन सारनी से प्राप्‍त कुल 63761 मेट्रिक टन राख का उपयोग किया गया है जानकारी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7, मार्ग क्रमांक 52, मार्ग क्रमांक 69 एवं मार्ग क्रमांक 12 की डी.पी.आर. में कितनी-कितनी राख इम्‍बकमेन्‍ट में, फ्लाई ओवर, ओवर ब्रिज, पुल पुलिया में उपयोग किए जाने का प्रावधान किया गया है? (ग) डी.पी.आर. में किए गए प्रावधान के अनुसार पावर हाउस की राख का उपयोग सड़क निर्माण में नहीं किए जाने पर निर्माणकर्ता विभाग एवं उसके अनुबंधकर्ता के विरूद्ध राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं की हो तो कारण बतावें। कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग से सबंधित नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सबंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार।

नवीन विद्युत ग्रिड की स्वीकृति के सम्बन्ध में

[ऊर्जा]

15. ( क्र. 443 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यावरा विधानसभा के ग्राम अरनिया व पलासी में नवीन 33/11 केव्‍ही उपकेन्‍द्र स्‍वीकृत हुये हैं, यदि हाँ, तो स्वीकृति दिनांक सहित स्वीकृत आदेश बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो किस दिनांक को कार्य प्रारम्भ हुआ? प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति 33/11 केव्‍ही उपकेन्‍द्र में कितने प्रतिशत कार्य हो गया है? (ग) यदि (ख) अनुसार यदि कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? या पूर्ण नहीं हुआ? तो प्रारंभ नहीं होने, पूर्ण नहीं होने का कारण बताएं? (घ) विभाग स्वीकृत 33/11 केव्‍ही उपकेन्‍द्र को कब तक पूर्ण कर देगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अरनिया व पलासी में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र हेतु प्रशासकीय आदेश जारी नहीं किये गये हैं। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

सौभाग्‍य योजना अंतर्गत कराये गये कार्य

[ऊर्जा]

16. ( क्र. 481 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) विभाग द्वारा रीवा जिले में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत किस-किस क्षेत्र में क्‍या-क्‍या कार्य, किन ठेका कंपनियों से, कितनी-कितनी राशि के वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये हैं? उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? (ख) क्‍या रीवा जिले में सौभाग्‍य योजना अन्‍तर्गत प्रश्नांश (क) अवधि के समस्‍त कार्यों का भुगतान ठेका कंपनियों को कर दिया गया है? यदि हाँ, तो सूची देवें। यदि नहीं तो किनका भुगतान नहीं किया गया है, की जानकारी देवें। संबंधितों को भुगतान कब तक किया जावेगा? ठेका कंपनियों को भुगतान न किये जाने का क्‍या कारण है? (ग) क्‍या रीवा जिले में सौभाग्‍य योजना अन्‍तर्गत कराये गये सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं तो अपूर्ण कार्य एवं स्‍थान की जानकारी देवें। (घ) रीवा जिले के ग्राम सगरा, वार्ड-16 में वर्ष 2019 से अभी तक सौभाग्‍य योजना तथा अन्‍य किसी योजना अन्‍तर्गत कराये गये सभी कार्यों की जानकारी देवें। उन कार्यों में से पूर्ण कार्य/अपूर्ण कार्यों की जानकारी देवें व उनमें से कौन से कार्यों को किस दिनांक से चालू कर विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है? क्‍या वार्ड -16 में टूटे हुये तारों से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? क्‍या कोई अन्‍य कार्य कराया जाना है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जिला रीवा में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक सौभाग्य योजनांतर्गत कराये गये कार्यों की प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। योजनांतर्गत प्रस्तावित सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। (ख) जी नहीं, जिला रीवा में सौभाग्य योजनांतर्गत उक्त अवधि में कराये गये समस्त कार्यों का भुगतान ठेकेदार एजेंसियों को नहीं किया गया है। भुगतान हेतु शेष ठेकेदारों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। योजनांतर्गत किये गये कार्यों में अनियमितता की शिकायत की जांच प्रक्रियाधीन होने के कारण भुगतान नहीं किया गया है। जांच कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत शेष भुगतान किया जाना संभव हो सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                                              (ग) जिला रीवा में सौभाग्य योजना अंतर्गत प्रस्तावित सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। (घ) जिला रीवा के ग्राम सगरा वार्ड 16 में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक सौभाग्य योजना अंतर्गत लाईन विस्तार का कोई कार्य नहीं कराया गया है। उक्‍त अवधि में जिला क्रय समिति द्वारा विद्युतीकरण के कार्य कराये गये हैं जो पूर्ण हो चुके हैं एवं उनसे सतत् विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। जी नहीं, ग्राम सगरा के वार्ड क्र. 16 में टूटे हुये तारों से नहीं अपितु पूर्व स्थापित वर्तमान में संधारित विद्युत लाईनों से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। जी नहीं, ग्राम सगरा के वार्ड क्रं. 16 में वर्तमान में कोई अन्य कार्य कराया जाना प्रस्‍तावित नहीं है।

सेंधवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सीवरेज लाईन कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

17. ( क्र. 545 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सेंधवा शहर में सीवरेज लाइन कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है तथा सीवरेज परियोजना का कब तक कार्य पूर्ण होगा?                          (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये कार्य क्‍या समय-सीमा में पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित क्रियान्‍वयन एजेंसी के विरूद्ध अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) सेंधवा शहर की शिव कॉलोनी में शेष रहा सीवरेज लाईन का कार्य कब तक पूर्ण होगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अनुबंध अनुसार कार्य की कुल लागत राशि रूपये 78.55 करोड़ स्वीकृत की गई है जिसमें निर्माण एवं 10 वर्ष का संचालन संधारण सम्मिलित है। सीवरेज योजना का कार्य दिनांक 31.12.2022 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है।   (ख) जी नहीं। कोविड-19 के प्रकोप एवं विभिन्न कारणों से कार्य में विलंब हुआ है। ठेकेदार द्वारा किये गये विलम्ब के लिये चलित देयक में से अनुबंध के प्रावधानानुसार लिक्विडेटिड डैमैज़स के लिये कटौती की जा रही है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) शिव कॉलोनी के 80% भाग में कार्य हो चुका है, शेष भाग के लिये तकनीकी आंकलन किया जा रहा है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बी.पी.एल. कार्डधारक उपभोक्‍ता के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

18. ( क्र. 546 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् सेंधवा सीमान्‍तर्गत बी.पी.एल. कार्डधारक उपभोक्‍ताओं का सर्वे (सत्‍यापन) कार्य डोर-टू-डोर कब से कब तक चलाया गया? इसमें कितने कार्डधारक फर्जी/अपात्र पाये गये? इनमें से कितने उपभोक्‍ताओं के नाम काटे गये एवं कितने उपभोक्‍ताओं के नाम जोड़े गये तथा कितने नाम जोड़ना बकाया है एवं क्‍यों? कितने कार्डधारक उपभोक्‍ता के मुखिया के नाम का नाम परिवर्तित किया गया एवं कितने शेष हैं एवं क्‍यों? वार्डवार सितम्‍बर 2021 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) कार्डधारक कितने उपभोक्‍ता पात्रता पर्ची से वंचित हैं एवं क्‍यों? कितने उपभोक्‍ताओं का नाम खाद्यान्‍न वितरण करने वाली सूची में दर्ज न होने से खाद्यान्‍न से वंचित है तथा कितने उपभोक्‍ताओं का पात्रता पर्ची बनाकर उनके नाम खाद्यान्‍न वितरण करने वाली सूची में जोड़े गए हैं? वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत कितने कार्डधारक उपभोक्‍ताओं को आधार कार्ड रीडिंग से जोड़ा गया है एवं कितने कार्ड धारकों का नाम जोड़ना बाकी है एवं क्‍यों? वार्डवार मार्च 2020 से मार्च 2021 तक की जानकारी दें। (ग) नगरीय प्रशासन विभाग सेंधवा ने डोर-टू-डोर सर्वे कार्य मे लापरवाही करने भेदभाव पूर्वक नाम काटने अनियमितता करने की प्राप्‍त शिकायतों पर दोषी कर्मचारियों/ अधिकारियों पर कब क्‍या कार्यवाही की है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका सेंधवा सीमा क्षेत्रान्तर्गत बी.पी.एल.कार्डधारियों के उपभोक्ताओं का सर्वे (सत्यापन) कार्य डोर-टू-डोर वर्ष 2020 में चलाया गया, जिसमें 4979 कार्डधारक मौके पर निवासरत नहीं, आधार विहीन या अपात्र पाये गये। इनमें से 4979 उपभोक्ताओं के नाम काटे गये एवं 648 नाम जोड़े गये तथा किसी का नाम जोड़ना बकाया नहीं है। 17 कार्डधारक उपभोक्ताओं के मुखिया का नाम परिवर्तन एवं वार्ड परिवर्तन किया गया कोई शेष नहीं है। वार्डवार सितंबर 2021 तक की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्डधारक कोई उपभोक्ता पात्रता पर्ची से वंचित नहीं है। कोई भी उपभोक्ता का नाम खाद्यान्न वितरण करने वाली सूची में दर्ज न होने से खाद्यान्न से वंचित नहीं है तथा 2918 उपभोक्ताओं को पात्रता पर्ची बनाकर उनके नाम खाद्यान्न वितरण करने वाली सूची में जोड़े गये हैं। वन नेशन कार्ड योजना के तहत 42625 कार्डधारक उपभोक्ताओं को आधार सीडिंग से जोड़ा गया है एवं किसी भी कार्डधारक का नाम जोड़ना बाकी नहीं है। वार्डवार सितंबर 2021 तक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ग) नगरपालिका सेंधवा को डोर-टू-डोर सर्वे कार्य में किसी भी कर्मचारी द्वारा लापरवाही एवं भेदभाव पूर्वक नाम काटने की कोई अनियमितता नहीं पाई गयी और न ही कोई दोषी पाये गये इसलिये किसी भी कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मार्ग निर्माण

[लोक निर्माण]

19. ( क्र. 628 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बजट वर्ष-2021-22 में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से मार्गों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी? लम्बाई सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत मार्गों के निर्माण हेतु क्या राशि का प्रावधान कर दिया गया? यदि हाँ, तो इनका निर्माण किस प्रकार से कब तक प्रारम्भ होगा? यदि नहीं तो कब तक कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों के अलावा क्षेत्र अंतर्गत अन्य कौन-कौन से मार्गों का निर्माण होना आवश्यक है? इनके निर्माण के प्रस्ताव किस स्तर पर कहाँ लंबित हैं तथा उनकी स्वीकृति किस प्रकार से कब तक प्रदान कर मार्गों का निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्‍न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मार्गों का निर्माण निर्धारित प्रक्रिया से निविदा उपरांत कराया जायेगा। वर्तमान में निश्चित    समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्‍न प्रपत्र-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "तेरह"

कार्यरत संविदा एवं आउटसोर्स कर्मियों का नियमितीकरण

[ऊर्जा]

20. ( क्र. 654 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कर्मचारियों को नियमितीकरण किये जाने का कोई प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2019 में संविदा कर्मियों को नियमित करने एवं आउटसोर्स कर्मियों को संविदा नियुक्ति देने एवं अन्य समस्याओं के समाधान हेतु समिति का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त समिति द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करायें? (ग) क्या विद्युत विभाग में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों द्वारा कम वेतन एवं बिना किसी सुविधा के अपनी जान जोखिम में डालकर सेवायें प्रदान की जा रही हैं तथा समय-समय आउटसोर्स कर्मियों ने शासन को अपनी पीड़ा से अवगत भी कराया है? क्या शासन इन्हें संविदा नियुक्ति प्रदान करेगायदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, तथापि विद्युत कंपनियों में कार्यरत संविदा कार्मिक उक्‍त कंपनियों में प्रचलित ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधन नियम, 2018'' से शासित होते हैं, जिसमें सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में से निर्धारित प्रतिशत पद, संविदा कार्मिकों हेतु आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार, प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित मुद्दों के समाधान हेतु किसी समिति का गठन नहीं किया गया था, अपितु कर्मचारी संगठनों से प्राप्‍त गैर वित्‍तीय भार मांगों से संबंधित अभ्‍यावेदनों पर सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 09.02.2019 द्वारा विचार कर निर्णय लेने हेतु मंत्रि-परिषद् समिति का गठन किया गया था। जिसकी प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। समिति द्वारा बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 30.08.2019 द्वारा गठित मंत्रि-परिषद् समिति की सहायता के लिए एक उप समिति गठित की गई है। वर्तमान में मंत्रि-परिषद् समिति अस्तित्‍व में नहीं है। (ग) विद्युत कंपनियों द्वारा आवश्‍यकतानुसार बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्सियों के माध्‍यम से आउटसोर्स कार्मिकों का नियोजन किया जाता है। उक्‍त आउटसोर्स कार्मिक बाह्य स्‍त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्सियों के कर्मचारी होते हैं एवं उक्‍त कार्मिकों को बाह्य स्‍त्रोत एजेन्सियों द्वारा कलेक्‍टर दर से भुगतान तथा अन्‍य सुविधाएँ जैसे ई.पी.एफ., ई.एस.आई.सी. एवं बोनस का भुगतान किया जाता है। आउटसोर्स कार्मिक के पद के अनुरूप उनसे सेवा प्राप्‍त की जा रही है। विद्युत सुधार एवं रख-रखाव के कार्य से संबंधित आउटसोर्स कार्मिकों को आवश्‍यक सुरक्षा उपकरण उपलब्‍ध कराये जाते हैं। कार्य के दौरान घटित दुर्घटना से मृत्‍यु/विकलांगता से प्रभावित होने पर आउटसोर्स कार्मिकों को नियमानुसार आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "चौदह"

विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन सड़क/पुल एवं उन्‍नयन

[लोक निर्माण]

21. ( क्र. 731 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने नवीन सड़क निर्माण कार्य एवं उन्नयन कार्य के साथ ही पुल निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं? कार्यवार प्रस्तावित कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में प्रस्तावित सड़क/पुल एवं उन्नयन कार्यों हेतु विभागीय स्तर से स्वीकृति प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या शासन विधानसभा क्षेत्र विदिशा के ग्राम सांगई के पास नेमन नदी पर स्थित पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त पुल निर्माण कार्य जिसके कारण आवागमन अवरूद्ध हो गया है एवं ग्राम अंडिया सांगई से अहमदपुर सूरोद रोड प्रधानमंत्री सड़क तक सड़क निर्माण कार्य योजनांतर्गत बजट का प्रावधान स्वीकृत किए जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) ग्राम सांगई के पास नेमन नदी पर पुल का निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत नहीं है, अपितु जल संसाधन विभाग के अंतर्गत है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। ग्राम अंडिया सांगई से अहमदपुर मसौद रोड लंबाई 11.00 कि.मी. की स्थिति सामान्य है। कि.मी. 4 से 8 के नवीनीकरण की निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

नगरीय क्षेत्र में निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

22. ( क्र. 732 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर विदिशा स्थित वार्ड क्रमांक 39 टीलाखेडी एवं करैयाखेडा रोड बस्ती वार्ड क्रमांक 34 में पानी की टंकी निर्माण कार्य एवं सड़क निर्माण कार्य के साथ ही वार्ड क्रमांक 1 में स्ट्रीट लाईट एवं पुलिया निर्माण कार्य बजट में शामिल कर कब तक स्वीकृत किए जायेगे?         (ख) नगर विदिशा अंतर्गत अवैध कालोनियों में स्ट्रीट लाईट एवं सड़क, नाली निर्माण कार्य के लिए कोई प्रावधान है? यदि नहीं तो कारण सहित जानकारी दें। क्या शासन जनहित की दृष्टि से ऐसी कालोनियों में निर्माण कार्य कराये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विदिशा नगर के वार्ड क्रमांक 39 टीलाखेडी एवं वार्ड क्रमांक 34 करेयाखेडा रोड बस्‍ती के अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल एवं सड़क व्‍यवस्‍था एवं वार्ड क्रमांक 01 में स्‍ट्रीट लाईट व्‍यवस्‍था पूर्व से ही है, प्रश्‍नांकित क्षेत्रों का विस्‍तृत सर्वेक्षण उपरान्‍त आवश्‍यक होने पर नगरपालिका, विदिशा द्वारा पानी की टंकी, सड़क, स्‍ट्रीट लाईट एवं पुलिया के निर्माण हेतु बजट में प्रावधान कर नियमानुसार सक्षम स्‍वीकृति प्राप्‍त की जायेगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। कालोनी का निर्माण अनाधिकृत रूप से होने के कारण कोई प्रावधान नहीं है। जी हाँ। अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना के समुचित विकास को सुनिश्चित करने के लिए म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 के सुसंगत उपबन्‍धो में संशोधन कर दिए गए है, संशोधित उपबन्‍धों को विहित करने के लिए नियम बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आई.पी.डी.एस. स्कीम

[ऊर्जा]

23. ( क्र. 739 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत ट्रांसफार्मर, केबल आदि लगाए गए हैं? यदि हाँ, तो इन्‍दौर शहर वृत्‍त के किस-किस संभाग में ट्रांसफार्मर,केबल आदि लगाये गये हैं? (ख) लगाई गई सामग्री बाजार में विक्रय हेतु पहुँच गई है। क्या इसकी कोई विभागीय जांच या अन्य कोई जांच की गई? जांच एजेंसी का नाम एवं दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम तथा इससे कम्पनी को कितना नुकसान हुआ? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत संचालन/संधारण-वृत्‍त इंदौर शहर के उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम एवं मध्य शहर संचालन-संधारण संभागों में विद्युत ट्रांसफार्मर, केबल आदि लगाये गये हैं। (ख) जी नहीं, प्रारंभिक जाँच में ऐसे कोई तथ्‍य परिलक्षित नहीं हुए हैं। म.प्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत आई.पी.डी.एस. योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों में अनियमितता संबंधी विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई हैं। एक ही प्रकार की शिकायतें होने से समस्त शिकायतों की जांच सामूहिक रुप से करवाई जा रही है। शिकायतों की जांच के लिये अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच दल बनाये गये हैं, जिनमें कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री स्तर के अधिकारी शामिल है। इंदौर शहर वृत्त के अंतर्गत प्रारंभिक जांच में पाई गई अनियमितताओं हेतु प्रथम दृष्‍टया दोषी अधिकारियों के नाम एवं पदनाम की सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। इंदौर शहर वृत्‍त अंतर्गत उक्‍त अनियमितता में हुए नुकसान की सम्‍पूर्ण गणना विभागीय जांच पूर्ण होने के उपरांत की जा सकेगी, वर्तमान में विभागीय जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रारंभिक जांच में पाई गई अनियमितताओं हेतु प्रथम दृष्‍टया दोषी पाए गए अधिकारियों के विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जा रही है, जो कि वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

नागदा-खाचरौद क्षेत्र की रोडों की स्वीकृति

[लोक निर्माण]

24. ( क्र. 740 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री के पत्र क्रं. 2615/सीएमएस/एमएलए/212/2020, दिनांक 06/08/2020 व पत्र क्र. 591/सीएमएस/एमएलए/212/2021, दिनांक 12/01/2021 द्वारा नागदा-खाचरौद क्षेत्र में किसी भी योजना में स्वीकृति करने हेतू (1) नरेडी हनुमान से खाचरौद, (2) भैंसोला से घिनोदा मार्ग, (3) खुरमुण्डी से झिरमिरा, दिवेल होते हुए तारोद मार्ग कुल 3 सडकों के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव पर कार्यवाही करते हुए स्वीकृति हेतु प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग वित्त विभाग को प्रेषित किए गए थे? यदि हाँ, तो वित्त विभाग द्वारा उक्त रोडों की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं की गई तो क्यों? उक्त सड़कों की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र की कितनी सड़कों के प्रस्ताव वित्त विभाग के पास स्वीकृति हेतु लंबित हैं? सड़कों के नाम सहित विवरण दें। उक्त सड़कों का कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। वित्‍तीय संसाधन की उपलब्‍धता सीमित होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) कोई नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

वैध कालोनियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

25. ( क्र. 747 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वैध कॉलोनी निर्माण हेतु क्‍या-क्‍या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नियम के तहत जबलपुर/मंडला /डिण्‍डौरी में कुल कितनी कॉलोनी हैं? कॉलोनी की नाम, स्‍थान, कॉलोनी खसरा नं, रकवा बताएं एवं कितनी कॉलोनी नियमानुसार पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्‍त किये हैं, कितने प्रमाण पत्र प्राप्‍त नहीं किये हैं, कॉलोनीवार जानकारी दें। (ग) क्‍या म.प्र. के सभी कालोनी नियमानुसार हैं एवं पूर्ण हैं? अगर हाँतो बतावें मण्‍डला, डिण्‍डौरी, जबलपुर में कई कॉलोनियों ये सड़क, पार्किंग, नाली आदि की समस्‍या क्‍यों है? इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. में विकसित की जाने वाली कॉलोनियों का विकास करने की अनुमति म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के प्रावधान अंतर्गत जारी की जाती है। (ख) नगर निगम जबलपुर सीमा क्षेत्रान्‍तर्गत कॉलोनाईजर द्वारा निर्मित कुल 506 कॉलोनियां हैं कुल 313 कॉलोनियों द्वारा नियमानुसार पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्‍त किये हैं तथा 191 कॉलोनियों द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्‍त नहीं किये हैं। कॉलोनी का नाम, स्‍थान, कॉलोनी खसरा न. रकबा सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। जबलपुर, मण्‍डला एवं डिण्‍डौरी जिले की समस्‍त नगरीय निकायों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपूर्ण एवं अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाऍं उपलब्‍ध नहीं कराने पर नियमानुसार जिम्‍मेदारी तय की जाती है।

स्‍वीकृत पेयजल योजना की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

26. ( क्र. 756 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा ब्‍यावरा जिला राजगढ़ के नगर पालिका ब्‍यावरा व नगर परिषद् सुठालिया में पेयजल योजना स्‍वीकृत है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को स्‍वीकृत हुई? (ख) उक्‍त निकायों में पेयजल हेतु कहाँ-कहाँ से पानी लाया जा रहा है व प्रश्नांश (क) का उत्‍तर यदि हाँ, है तो प्रश्‍न दिनांक तक दोनों निकायों को कितनी-कितनी राशि दी गई? दिनांक सहित बतावें। (ग) क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक दोनों निकायों में कार्य शत् प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो निकायों में आठ दिनों में एक बार नल में पानी क्‍यों आ रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार यदि नहीं तो दोनों निकायों में पेयजल व्‍यवस्‍था कार्य कब तक पूर्ण होगा व प्रतिदिन आम जनता को पानी उपलब्‍ध होगा? समय-सीमा में कार्यपूर्ण न होने की स्थिति में दोषी कौन है व क्‍या कार्यवाही होगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका ब्‍यावरा की पेयजल योजना दिनांक 27.07.2015 एवं नगर परिषद् सुठालिया की पेयजल योजना 01.09.2015 को स्‍वीकृत की गई है। (ख) नगर पालिका ब्‍यावरा में पेयजल हेतु कुशलपुरा डेम तथा घोड़ापछाड़ नदी से एवं नगर परिषद् सुठालिया में पेयजल हेतु पार्वती नदी से पानी लाया जा रहा है। नगर पालिका ब्‍यावरा को उक्‍त योजनांतर्गत राशि रू 927.93 लाख तथा नगर परिषद् सुठालिया को राशि रू 1053.90 लाख की प्रदान की गई है। राशि जारी करने के दिनांक की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। नगर पालिका ब्‍यावरा में उक्‍त योजना का कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है, शेष कार्य प्रगति पर है तथा योजना पूर्ण होने पर प्र‍तिदिन जलापूर्ति की जाना लक्षित है। नगर परिषद् सुठालिया में योजना कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा निकाय द्वारा योजना के माध्‍यम से प्रतिदिन जलप्रदाय किया जा रहा है। जी नहीं, निकायों में 08 दिन में एक बार जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है, ब्‍यावरा की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट- ब अनुसार है। नगर परिषद् सुठालिया में प्रतिदिन जलप्रदाय किया जा रहा है। (घ) नगर पालिका ब्‍यावरा में पेयजल योजना को पूर्ण करने का लक्ष्‍य मार्च 2022 रखा गया है। योजना पूर्ण होने पर प्रतिदिन जलापूर्ति की जाकर आम जनता को पेयजल उपलब्‍ध कराया जाना लक्षित है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने के लिए संविदाकार के विरूद्ध नियमों के अधीन पैनाल्टी अधिरोपित करने की कार्यवाही प्रचलित है। नगर परिषद् सुठालिया में पेयजल योजना का कार्य पूर्ण हो गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सोलह"

कर्मचारियों को भार मुक्त करने का प्रावधान

[लोक निर्माण]

27. ( क्र. 762 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को स्थानांतरण के बाद भार मुक्त करने का क्या प्रावधान हैं? (ख) वित्तीय वर्ष 2020-21 से वर्तमान तक ऐसे कितने अधिकारी-कर्मचारी हैं जिनके स्थानांतरण हो चुके हैं लेकिन उन्हें अभी तक भार मुक्त नहीं किया गया है? यदि कर्मचारी का स्थानांतरण निरस्त नहीं हुआ है तो फिर उनकी भार मुक्ति को किस आधार पर रोका गया हैं? (ग) वित्तीय वर्ष 2020-21 से वर्तमान तक किस किस विभाग में कितने कर्मचारियों की भार मुक्ति को रोका गया है और किसके आदेश से? क्या ऐसा कोई प्रावधान है? यदि है तो उल्लेख करें। यदि नहीं तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्‍थानांतरण नीति अनुसार सामान्‍यत: स्‍थानांतरण आदेश जारी से 02 सप्‍ताह के अंदर भार मुक्‍त किये जाने का प्रावधान है। (ख) 90 अधिकारी/कर्मचारी, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार(ग) 90 अधिकारी/कर्मचारी, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। प्रपत्र '''' के कॉलम 07 में दर्शाये कारण विशेष से भारमुक्ति से रोका गया है। प्रशासनिक कारणों से कोई दोषी नहीं है।

नवीन विद्युत ग्रिड की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

28. ( क्र. 769 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की गंधवानी विधान सभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत ग्राम बाग में नवीन 132/33 के.व्‍ही.अति उच्‍चदाब उपकेन्‍द्र (रामपुरा-आगर) में एवं ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍थापित करना प्रस्‍तावित है? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो गंधवानी विधान सभा के बाग ब्‍लाक में अखाड़ा में नवीन विद्युत ग्रिड की स्‍वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी के अन्‍तर्गत 02 वित्‍तीय वर्ष              (2019-20 एवं 2020-21) में विभिन्‍न योजनाओं के अन्‍तर्गत 63 के.व्‍ही.ए. एवं 100 के.व्‍ही.ए. के कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये गये हैं? वर्षवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें।               (घ) गंधवानी विधानसभा अन्‍तर्गत बाग ब्‍लाक के किन ग्रामों में कम वोल्‍टेज की स्थिति बनी हुई है? यदि हाँ, तो इस हेतु क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) धार जिला अंतर्गत गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बाग में नवीन 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेंद्र (रामपुरा-आगर) की स्‍थापना का प्रस्‍ताव तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया तथा ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र की स्‍थापना का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। उक्‍त कार्य को केन्‍द्र शासन पोषित आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्‍त योजना की स्‍वीकृति उपरान्‍त वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार इस कार्य को स्‍वीकृत किया जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) धार जिला अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग कुक्षी में विभिन्‍न योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 10 एवं 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 35 वितरण ट्रांसफार्मर तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता का 01 एवं 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता का कोई भी ट्रांसफार्मर स्‍थापित नहीं किया गया। (घ) गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बाग ब्लाक के 31 ग्रामों में विद्युत वोल्टेज की समस्या है, जिसकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र का निर्माण किया जाना तकनीकी रुप से साध्य पाया गया है, जिसकी स्थापना के उपरांत उक्त ग्रामों की कम वोल्‍टेज की समस्या का समाधान हो जायेगा।

परिशिष्ट - "सत्रह"

नगर पंचायत भेड़ाघाट जबलपुर की एस.टी.पी. योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

29. ( क्र. 833 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कच्‍चा (रॉ) अपशिष्‍ट जल का प‍रीक्षण पांचों जगहों पर अलग-अलग होना चाहिए था? यदि हाँ, तो प्रत्‍येक स्‍थान के लिए पृथक परीक्षण क्‍यों नहीं किया गया? (ख) क्‍या पांचों क्‍लस्‍टरों के शोधन यंत्र की क्षमता भविष्‍य की जनसंख्‍या और पर्यटकों से परिवर्तनीय जनसंख्‍या के अनुसार कम है? यदि हाँ, तो ऐसा क्‍यों? यदि नहीं तो क्षमता किस आधार पर निर्धारित की गईगणना सूत्र मय दस्‍तावेज उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या सेल्‍फ क्‍लीनिंग नॉन स्‍कोरिंग (स्‍वत: साफ होने वाली मल निकासी की गति) में ढलान नियम का जगह-जगह उल्‍लंघन हुआ है, जिससे कहीं पर कम गति के बहाव के कारण पाइप जल्‍द ही चोक हो जाएगे या फिर अधिक गति बहाव की वजह से पाईप लीक होने लगेंगे एवं घरों के आउटलेट को सीवर लाइन से नियम अनुसार नहीं जोड़ा जा रहा है? यदि हाँ, तो कारण देवें। यदि नहीं तो इसका निरीक्षण किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्‍ध कराएं। (घ) क्‍या सीवर लाइन में ओपन चैनल फ्लो की बजाय, पाइप फ्लो द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो उचित कारण देवें। क्‍या इसका रख-रखाव कठिन एवं खर्चीला होगा? (ड.) क्‍या अधिकतर आउटलेट का लेवल ग्राउड लेवल से नीचे है और ट्रीट वाटर को खेती में उपयोग करने के लिए उसे पंप करने की योजना है एवं स्‍लेज/अवशिष्‍ट को अन्‍य स्‍थान पर ले जाकर ट्रीट करने का प्रस्‍ताव है? यदि हाँ, तो यह प्रक्रिया अव्‍यवहारिक और अधिक खर्चीली है एवं क्‍या बिजली कटौती से समस्‍या उत्‍पन्‍न नहीं होगी

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रत्येक स्थान के लिये पृथक परीक्षण किया गया है, अतः प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। क्षमता सी.पी.एच.ई.ई.ओ. मैन्युअल मे दिये गये प्रावधानानुसार जनसंख्या का आंकलन कर निर्धारित की गई है। गणना पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) सीवर सिस्टम में गति का निर्धारण सिस्टम के प्रकार एवं सी.पी.एच.ई.ई.ओ. मैन्युअल मे दिये गये प्रावधानानुसार किया गया है, जिसमें किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। सीवर के बहाव में किसी प्रकार की बाधा नहीं होगी। समस्त घरों से निकलने वाले अपषिष्ट पानी को सीवर सिस्टम से जोड़ने का प्रावधान निविदा में है तथा सिस्टम से नियमानुसार ही जोड़े जा रहे हैं। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड की परियोजना क्रियान्वयन इकाई, जबलपुर के उपयंत्री, सहायक परियोजना प्रबंधक (सहायक यंत्री स्तर) , उप परियोजना प्रबंधक (कार्यपालन यंत्री स्तर) , परियोजना प्रबंधक (अधीक्षण यंत्री स्तर) द्वारा योजना कार्यों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है, इसके साथ ही प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट की ओर से भी कार्यों का निरीक्षण किया जा रहा है। क्योंकि सीवर नेटवर्क का डिज़ाइन निर्धारित मानकों के अनुसार किया गया है एवं तदानुसार ही कार्य किया जा रहा है जिसका नियमित निरीक्षण कार्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के यंत्रियों द्वारा किया जाता है एवं यह नियमित प्रक्रिया है, पृथक से कोई जांच रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। (घ) जी हाँ। सीवर लाइन का प्रावधान केन्द्र शासन के शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत सी.पी.एच.ई.ई.ओ. के मैन्युअल के अनुसार किया गया है एवं सीवर लाइन अण्डर ग्राउण्ड ही होती है। ओपन चैनल फ्लो से तात्पर्य नालियों से है जिनमें अपशिष्ट पानी बहने से न केवल भूजल दूषित होने का खतरा है। साथ ही नगर का पर्यावरण भी दूषित रहेगा एवं ओपन चैनल में पनपने वाले कीटाणु यथा मच्छर एवं बदबू भी नगर में बीमारियों का कारण बनेंगे। जी नहीं। (ड़) सीवर सिस्टम अण्डर ग्राउण्ड है, अतः सभी आउटलेट्स ग्राउण्ड लेवल से नीचे हैं एवं ट्रीटिड पानी का उपयोग ग्रीन स्पेस, नर्सरी, घाट धुलाई, अग्निषमन आदि में किया जाना है जिसके लिये पंपिंग संभावित है, स्लज़ को एस.टी.पी. पर ही नियमानुसार ट्रीट कर लैण्डफिल पर भेजा जायेगा। यह प्रक्रिया निर्धारित मानकों के अनुसार है एवं किसी भी प्रकार से अव्यवहारिक एवं अधिक खर्चीली नहीं है। वर्तमान में राज्य शासन द्वारा 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।

निर्माण कार्यों का लोकार्पण

[लोक निर्माण]

30. ( क्र. 834 ) श्री संजय यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र में कितने निर्माण कार्य पी.आई.यू. द्वारा पूर्ण हो गये हैं, परन्‍तु उनका लोकार्पण नहीं हो पाया है? सूची उपलब्‍ध करावें। इन कार्यों का लोकार्पण क्‍यों नहीं किया जा रहा है? कब तक किया जावेगा? नवीन भवन बंद व अनुपयोगी होने पर जिम्‍मेदार पर कोई कार्यवाही होगी? (ख) बरगी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत गत तीन वर्षों में पी.आई.यू. द्वारा स्‍वीकृत समस्‍त प्रगतिरत निर्माण कार्यों को समय सीमा में नहीं किये जाने पर अनुबंध में क्‍या दण्‍ड/नियम है? समस्‍त अनुबंधों के अनुसार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अनेक निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाये हैं, तो निर्माण कार्यों में हुई देरी के लिये कौन उत्‍तरदायी है? समय सीमा में पूर्ण नहीं होने पर अनुबंधानुसार क्‍या कार्यवाही की गई? सूची उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित निर्माण कार्यों का समय-समय पर गुणवत्‍ता का निरीक्षण कब-कब, किस-किस अधिकारी के द्वारा किया गया एवं अधिकारी की जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्‍ध करावें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। इन पूर्ण कार्यों की जानकारी प्रशासकीय विभाग को दी जा चुकी है। लोकार्पण करवाने की कार्यवाही प्रशासकीय विभाग द्वारा की जाती है।अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कोई भी भवन बंद एवं अनुपयोगी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जाने पर अनुबंध की कण्डिका-15 की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द अनुसार एवं निरीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

पनागर में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना

[उच्च शिक्षा]

31. ( क्र. 851 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय पनागर में स्थापना वर्ष 1985 से को-एजुकेशन संचालित है? (ख) क्या शासकीय महाविद्यालय पनागर में 50 प्रतिशत से अधिक छात्राओं की संख्या है? (ग) क्या पनागर में शासकीय कन्या महाविद्यालय खोले जाने हेतु मापदण्ड पूरे होते हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या स्वीकृति दी जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है(ग) कन्या महाविद्यालय खोले जाने के सम्बंध में कोई मापदण्ड नहीं हैं। (घ) प्रश्नांश ’’’’ के संदर्भ में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अठारह"

शासकीय महाविद्यालय को स्नातकोत्तर का दर्जा दिया जाना

[उच्च शिक्षा]

32. ( क्र. 855 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में ऐसे कितने स्‍नातक महाविद्यालय हैं जिनमें आवश्यक अधोसंरचनायें उपलब्ध होने पर भी स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय का दर्जा नहीं दिया गया है? (ख) क्या शासकीय महाविद्यालय बरेला में उपलब्ध आवश्यक अधोसंरचनाओं की स्थिति में स्‍नातकोत्तर का दर्जा प्रदान किया जा सकता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन इस पर विचार करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जबलपुर संभाग में 74 शासकीय स्‍नातक महाविद्यालय संचालित हैं। महाविद्यालयों में उपलब्‍ध अधोसंरचना का संबंध महाविद्यालय को स्‍नातकोत्‍तर का दर्जा प्रदान किये जाने से नहीं है। (ख) स्‍नातकोत्‍तर में नवीन विषय प्रारंभ किये जाने के संबंध में विभागीय मापदण्‍ड अनुसार संबंधित विषय में स्‍नातक अंतिम वर्ष में न्‍यूनतम 100 विद्यार्थी अध्‍ययनरत होना अनिवार्य है। शासकीय महाविद्यालय, बरेला में स्‍नातक अंतिम वर्ष में हिन्‍दी में 142, अंग्रेजी में 16, राजनीति शास्‍त्र में 92, इतिहास में 92, भूगोल में 64, अर्थशास्‍त्र में 64 तथा वाणिज्‍य में 49 विद्यार्थी अध्‍ययनरत हैं। इस प्रकार शासकीय महाविद्यालय, बरेला में मात्र हिन्‍दी विषय में निर्धारित मापदण्‍ड की पूर्ति होती है। हिन्‍दी विषय में स्‍नातकोत्‍तर कक्षा प्रारंभ किये जाने संबंधी प्रस्‍ताव होने पर विचार किया जायेगा परन्‍तु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                                                 (ग) उत्‍तरांश ’’’’ अनुसार।

केन्‍द्रीय सड़क निधि से लंबित प्रस्‍ताव

[लोक निर्माण]

33. ( क्र. 963 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक केन्‍द्रीय सड़क निधि से बैतूल जिले में सड़क स्‍वीकृति हेतु लोक निर्माण विभाग की किन-किन सड़कों का प्रस्‍ताव राज्‍य शासन द्वारा भारत सरकार को कब-कब भिजवाये गये? (ख) भारत सरकार द्वारा उक्‍त अवधि में केन्‍द्रीय सड़क निधि से कौन-कौन सी सड़क निर्माण हेतु कितनी राशि स्‍वीकृत की गईकिन-किन सड़कों के प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु भारत सरकार के पास लंबित हैं? (ग) उक्‍त लंबित प्रस्‍तावों के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये? (घ) 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक केन्‍द्रीय सड़क निधि से सड़क स्‍वीकृति के संबंध में बैतूल जिले के किन-किन विधायकों/सांसदों के पत्र मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्‍त हुए? उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही गई?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोई नहीं। (ख) स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार एवं लंबित प्रस्तावों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अनुसार है। (ग) लंबित प्रस्तावों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा किए गए प्रयास पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍टअनुसार है।

कोविड प्रोटोकॉल के उल्‍लंघन में की गई वसूली

[नगरीय विकास एवं आवास]

34. ( क्र. 964 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोविड काल 2020-21 में 01 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक नगरपालिका बैतूल, आठनेर एवं बैतूल बाजार द्वारा कोविड प्रोटोकॉल उल्‍लंघन के कितने प्रकरण दर्ज किए गए हैं? उन पर कितनी-कितनी राशि का स्‍पॉट फाइन के रूप में वसूली गई? उसकी सूची नामवार, दिनांकवार, एम.पी.टी.सी.-6 के बुक क्रमांक एवं डुप्‍लीकेट छायाप्रति सहित उपलब्‍ध कराएं। (ख) क्‍या आठनेर नगर परिषद् द्वारा वसूली गई स्‍पॉट फाइन की मूल प्रति में 500 एवं कार्बन कॉपी (ऑफिस कॉपी) में 100 रूपये का फाईन दर्शाया गया हैजिससे शासन को 400 रूपये का प्रति फाइन नुकसान हुआ है। इस वित्‍तीय नुकसान के लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? कलेक्‍टर बैतूल द्वारा आज दिनांक तक उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद् आठनेर द्वारा कोविड प्रोटोकॉल के उल्‍लघंन के कुल 4 प्रकरण में प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। इस वित्‍तीय नुकसान के लिये जांच उपरांत श्री उमेश नायक, चौकीदार को दोषी पाया गया है। जिस पर कार्यवाही करते हुये रू. 5500/- अन्‍तर की राशि निकाय कोष में जमा कराया जाकर संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध लघु शास्ति आरोपित कर दण्डित किया गया है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

एन.डी.बी. प्रोजेक्ट योजना के अन्तर्गत स्वीकृति

[लोक निर्माण]

35. ( क्र. 969 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा केवलारी में एन.डी.बी. प्रोजेक्ट योजना के अन्तर्गत स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु पत्र क्रं.711ए/नि.स. सिवनी, दिनांक 22.10.2021 को प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को लिखा गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कारण बतायें। (ख) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सुनवारा पिण्डरई केवलारी, केवलारी डोब छींदा,एवं केवलारी उगली की सड़कों की स्वीकृति हेतु प्रोजेक्ट विभाग को भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) एन.डी.बी. के प्रोजेक्ट योजना को कब तक स्वीकृति जारी की जाकर कार्य कराया जावेगा?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बीस"

मार्गों का नवीनीकरण

[लोक निर्माण]

36. ( क्र. 970 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग भ/स जिला सिवनी को उगली गोरखपुर एवं बिछुआ सिद्धघाट मार्गों को नवीनीकरण में शामिल कर मरम्मत कार्य कराये जाने हेतु पत्र क्रं.604/नि.स. सिवनी दिनांक 04.09.2021 को पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या उक्त मार्गों को नवीनीकरण किये जाने के कोई प्रस्ताव मुख्य अभियंता लोक निर्माण को भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो कब भेजे गये? यदि नहीं तो क्यों नहीं भेजे गये? शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। कोई कार्यवाही नहीं की गई। वित्‍तीय संसाधन सीमित होने के कारण। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित विवरण के कारण। कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

शासकीय महाविद्यालय की स्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

37. ( क्र. 972 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत तहसील मुख्यालय बहोरीबंद एवं स्लीमनाबाद स्थित शासकीय महाविद्यालयों में बी.एस.सी. (कृषि विज्ञान) बी.एस.सी. डेरी टेक्‍नोलॉजी एवं कम्प्यूटर विषय की कक्षाएं प्रारंभ करने की मांग करते हुए प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर शासन स्तर पर किए पत्राचार पर कब किसने क्या कार्यवाही की? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मांग पर अग्रणी महाविद्यालय कटनी के प्राचार्य का अभिमत क्या थाबतलावें। प्राचार्य द्वारा अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर को तत्संबंध में प्रेषित पत्र की छायाप्रति देवे एवं यह भी बतलावें कि क्या शासन भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर योजना के अंतर्गत उल्लेखित कक्षाएं प्रांरभ करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर कटनी जिला अंतर्गत तहसील मुख्यालय रीठी में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोलने संबंधी की गई मांग पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें एवं यह भी बतलावें कि तत्संबंध में अग्रणी महाविद्यालय कटनी का अभिमत क्या है? शासन किस प्रकार से कब तक यहां नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में माननीय विधायक द्वारा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग को पत्र क्रमांक बी-94/दिनांक 14.03.2021 प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। उक्त पत्र पर कार्यालयीन पत्र क्रमांक 252/मु.मंत्री/योजना/2021 दिनांक 09.04.2021 द्वारा अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा जबलपुर संभाग से जानकारी मंगायी गयी। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ख) प्राचार्य शासकीय अग्रणी महाविद्यालय कटनी के अभिमत की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। स्‍थानीय आवश्‍यकता के अनुरूप महाविद्यालय उल्‍लेखित विषयों में जनभागीदारी/स्‍ववित्‍तीय योजना अन्‍तर्गत पाठ्यक्रम संचालन पर आगामी सत्र से विचार कर सकता है। (ग) पत्र क्रमांक 17/101/मु.मंत्री./आउशि/योजना/2020 दिनांक 08.01.2021 द्वारा अतिरिक्त संचालकों को पत्र प्रेषित किया गया है। प्राचार्य शासकीय अग्रणी महाविद्यालय, कटनी का रीठी में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने संबंधी अभिमत की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे       परिशिष्ट-04 अनुसार है। वर्तमान में सीमित वित्‍तीय संसाधनों के कारण रीठी में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।

 

वरिष्ठ न्यायालय में विभाग द्वारा अपील

[लोक निर्माण]

38. ( क्र. 1007 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्रकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3936 दिनांक 09/03/2021 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर में प्रपत्र-ब संलग्‍न में जिन-जिन दुकानों, भवनों एवं भूमि में विभाग के पक्ष में निर्णय पारित नहीं किया गया है, क्या उक्त निर्णय के संबंध में वरिष्ठ न्यायालय में विभाग द्वारा अपील करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय सीमा बताएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या शासन विधिसम्मत वरिष्ठ न्यायालय में अपील न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय सीमा बताएं ! यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या प्रपत्र-स में संलग्न सूची में किए गए अतिक्रमण व्यक्तियों से अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या शासन सक्षम अधिकारी द्वारा अतिक्रमणधारियों से अतिक्रमण मुक्त कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शासकीय अधिवक्ता से परामर्श कर अपील संबंधी कार्यवाही की जा रही है। (ख) गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। अतिक्रमण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश ’’’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

क्रेशन संचालाकों द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुँचायी जाना

[पर्यावरण]

39. ( क्र. 1012 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर की विधानसभा चंदला क्षेत्र अंतर्गत पत्थर, गिट्टी, ग्रेनाइट खदान एवं क्रेशर संचालकों द्वारा संचालित खदान मालिकों द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुंचाई जा रही है? (ख) प्रश्‍नांश "क" के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त संचालित खदानों पर सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कब कब किन-किन खदानों का निरीक्षण किया गया है? उल्लेख करें। (ग) उक्त खदानों पर निरीक्षणकर्ता द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन में किन-किन खामियों का उल्लेख किया गया है? निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (घ) क्या उक्त निरीक्षण प्रतिवेदन पर सक्षम अधिकारी द्वारा शासन के नियम अनुसार खदान संचालकों पर कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) क्या शासन विधिसम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय सीमा बताएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी नहीं। (ख) से (ड़) प्रश्नांश ‘‘‘‘ के उत्तर परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

माल गोदाम एवं शापिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

40. ( क्र. 1016 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत रेल्वे स्टेशन माल गोदाम के पास निर्मित कितनी दुकानों को कब तोड़कर रेल्वे की कितनी भूमि पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कराने की क्या योजना बनाई हैंइसके तहत कितनी दुकानों का निर्माण एवं अन्य कौन-कौन सा निर्माण कराना स्वीकृत/प्रस्तावित हैं? इसकी कुल लागत व अवधि कितनी हैं?          (ख) नगर निगम जबलपुर ने माल गोदाम स्थित निर्मित दुकानों को तोड़ने के पूर्व प्रभावित होने वाले दुकानदारों को क्या आश्वासन दिया था एवं उनके व्यवस्थापन रोजगार एवं व्यवसाय की    कहाँ-कहाँ पर क्या व्यवस्था की हैं? वर्तमान में इन प्रभावित दुकानदारों की स्थिति कैसी हैं?              (ग) नगर निगम जबलपुर ने प्रश्नांकित शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कराने हेतु रेल्वे की कितनी भूमि लेने एवं इसका हस्तांतरण कराने हेतु रेल्वे प्रशासन से कब क्या कार्यवाही कर कितनी भूमि का कब सीमांकन कराकर कितनी भूमि का हस्तांतरण कराया गया है? यदि नहीं ,तो क्यों? भूमि के हस्तांतरण कार्य में मूल बाधक समस्या क्या है तथा इसको कब तक हल कराकर शापिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कराकर प्रभावित दुकानदारों को दुकाने आवंटित की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी योजना के तहत रेल्वे स्टेशन माल गोदाम के पास निर्मित दुकानों को तोड़कर रेल्वे की भूमि पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण की योजना नगर निगम जबलपुर द्वारा नहीं बनाई गई है, अपितु नगर निगम जबलपुर द्वारा तोड़ी गई 25 दुकानों के पुनः निर्माण हेतु रेल्वे स्टेशन के समीप निगम स्वामित्व की भूमि पर G+3 शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण की योजना बनाई गई है। योजनान्तर्गत राशि रू. 163.24 लाख का पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किया जाकर निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) नगर निगम जबलपुर में माल गोदाम स्थित निर्मित दुकानों को तोड़ने के उपरांत प्रमाणिक 25 दुकानदारों के पुनर्व्यवस्थापन हेतु निगम द्वारा मेयर इन काउंसिल में प्रस्ताव क्रमांक 327 दिनांक 19.06.2017 पारित कर निर्णय लिया गया है। वर्तमान में दुकानदारों द्वारा प्रस्तावित स्थल के सामने ठेले लगाकर अस्थायी व्यापार किया जा रहा है। (ग) नगर निगम जबलपुर द्वारा शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण रेल्वे की भूमि पर नहीं करने से रेल्वे प्रशासन से कोई भूमि निगम के पक्ष में उक्त प्रयोजन हेतु हस्तांतरित नहीं कराई गई है। भूमि जिस पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जाना है के स्वामित्व के संबंध में रेलवे द्वारा आपत्ति लेने से निगम/रेल्वे विभाग द्वारा तहसीलदार के माध्यम से संयुक्त सीमांकन कराया गया है एवं रिपोर्ट अनुसार वरिष्ठ मण्डल अभियंता (मुख्यालय) पश्चिम मध्य रेल्वे, जबलपुर के पत्र क्रमांक/JBP/W/320/DB/LM/240 दिनांक 02.02.2021 के अनुसार नगर निगम जबलपुर को अपनी स्वयं की भूमि पर कमर्शियल कॉम्पलेक्स के निर्माण हेतु रेल्वे द्वारा सहमति प्रदान की गई। निर्माण कार्य के उपरांत प्रभावित दुकानदारों को दुकान आवंटन की कार्यवाही की जावेगी।

अवैध कालोनी पर रोक

[नगरीय विकास एवं आवास]

41. ( क्र. 1020 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 नवम्‍बर 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में किन-किन व्‍यक्तियों द्वारा अवैध कॉलोनी में प्‍लॉट बेचे जा रहे हैं? (ख) विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध कॉलोनियों में प्‍लाट बेचे जाने पर रोक क्‍यों नहीं लगाई जा रही है? क्‍या अवैध कॉलोनी के सभी प्‍लाट बिकने के बाद उस पर रोक लगाई जायेगी? (ग) रायसेन जिले में अवैध कॉलोनियों में सड़क एवं अन्‍य निर्माण कार्यों पर नगर पालिका द्वारा शासकीय राशि‍ क्‍यों व्‍यय की गई तथा क्‍या अवैध कॉलोनियों में शासकीय राशि व्‍यय करने वाले अधिकारियों से राशि वसूल की जायेगी? (घ) रायसेन जिले में अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले व्‍यक्तियों की संपत्ति जप्‍त कर उक्‍त राशि से अवैध कॉलोनियों में सड़क, बिजली तथा पानी की व्‍यवस्‍था की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बतायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) 15 अवैध कॉलोनाईजरों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के आदेश किये गये हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार कतिपय नगरीय निकायों द्वारा सक्षम स्‍वीकृति अनुसार लोक जन सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए मूलभूत प्रकृति के कार्य कराये गए हैं। अत: शेष का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।               समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

सामग्री क्रय में व्‍यय राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

42. ( क्र. 1021 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रशासक नियुक्‍त होने की दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में क्‍या-क्‍या कार्य कितनी राशि के कहाँ-कहाँ किस आधार पर स्‍वीकृत किये गये? (ख) रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में प्रशासक द्वारा नियुक्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में क्‍या-क्‍या सामग्री किन-किन व्‍यक्तियों से कब-कब क्रय की गई तथा उक्‍त क्रय की गई सामग्री का भौतिक सत्‍यापन किसने किया? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में क्रय की गई सामग्री गुणवत्‍तापूर्ण नहीं है तथा क्रय मात्रा से कम है? यदि हाँ, तो कारण बतायें तथा इसके लिए कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (क) , (ख) , (ग) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन माध्‍यमों से कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।      (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

आधुनिक यादगार शहीद स्मारक

[नगरीय विकास एवं आवास]

43. ( क्र. 1026 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने आजादी की लड़ाई और उससे जुड़ी हस्तियों, महापुरूषों, बलिदानियों की स्मृतियों को सहेजने, उनके सम्बंध में अध्ययन करने उनकी बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं लगाने हेतु एक विशाल आधुनिक यादगार शहीद स्मारक बनवाने की क्या योजना है? इस सम्बंध में शासन ने क्या योजना बनाई हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) नगर निगम जबलपुर एवं जिला प्रशासन ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत गोल बाजार स्थित शहीद स्मारक को आधुनिक यादगार बनाने, संवारने, अमर शहीदों की स्मृतियों को सहेजने उनकी बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं लगाने की क्या योजना बनाई है? यदि नहीं तो क्यों? वर्तमान में इस शहीद स्मारक का क्या उपयोग हो रहा है? इसमें सांस्कृतिक एवं कौन-कौन सी गतिविधियां संचालित हैं? इसका निर्मित एवं खुला परिसर का क्षेत्रफल कितना-कितना हैं? (ग) शहीद स्मारक के पूरे सर्किल की सड़कों, फुटपाथ व नालियों, पानी की निकासी की क्या स्थिति हैं? यहां की सड़कों को कितने मीटर चौड़ाई की स्मार्ट बनाने हेतु कब कितनी राशि की क्या योजना बनाई गई है एवं इनका कब तक निर्माण कराया जावेगा? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित शहीद स्मारक को आधुनिक यादगार बनाने संवारने, अमर शहीदों की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं लगाने उनकी स्मृतियों को सहेजने उनके सम्बंध में अध्ययन करने सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करने हेतु व्यापक कार्य योजना तैयार करवाकर आधुनिक यादगार शहीद स्मारक का निर्माण कराना सुनिश्चित करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग में कोई योजना संचालित नहीं है। मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा प्रतिमा स्थापना के संबंध में मार्गदर्शी निर्देश जारी किए गये हैं, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है।        (ख) नगर निगम जबलपुर एवं जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा इस प्रकार की कोई योजना वर्तमान में स्वीकृत नहीं की है। शहीद स्मारक ट्रस्ट, गोल बाजार द्वारा समय-समय पर प्रदर्शनियों, शादी समारोह एवं मेले का आयोजन किया जाता है। इसका निर्मित क्षेत्रफल-16000 वर्गफुट तथा खुला क्षेत्रफल-416580 वर्गफुट है। (ग) शहीद स्मारक के पूरे सर्किल के चारों ओर क्षतिग्रस्त बिटुमिनस सड़क है, जिसमें शहीद स्मारक की बाउंड्रीवॉल से लगकर क्षतिग्रस्त कच्ची नाली एवं क्षतिग्रस्त फुटपाथ है। इस सड़क की दूसरी ओर कोई नाली एवं फुटपाथ विद्यमान नहीं है। इस क्षेत्र में बारिश के समय जल भराव होता है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के संचालक मंडल द्वारा शहीद स्मारक के सर्किल एवं उस सर्किल से जुड़ी 10 सड़कों के विकास हेतु योजना पारित की है। योजना में सीमेंट कांक्रीट रोड, फुटपाथ, ड्रेन वर्क, अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रिफिकेशन, आदि सुविधाएँ रखी गयी हैं। शहीद स्मारक के पूरे सर्किल की सड़क की चौड़ाई 18 मीटर एवं अन्य जुडी सडकों की चौड़ाई पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार रखी गई है। जिसके अनुसार निविदा आमंत्रित कर राशि रूपये 31.34 (इकतीस करोड़ चौतिस लाख) का कार्यादेश जारी किया गया है। कार्य को पूर्ण करने की समयावधि 23.10.2022 है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार है।

कृषि पाठ्यक्रम के संचालन की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

44. ( क्र. 1031 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर व विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन को शासन द्वारा कृषि पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की अनुमति/निर्देश दिए गये हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंधी समस्त कार्यवाही के दस्तावेज, बैठक के निर्णय,आदेश,परिपत्र इत्यादि पटल पर रखें तथा उक्त कोर्स के संचालन हेतु संबंधित विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध भूमि, प्रयोगशाला, शिक्षक, मशीनरी आदि की जानकारी प्रदान करें। (ख) विश्वविद्यालय अथवा महाविद्यालयों द्वारा कृषि पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु प्रदेश में क्या-क्या अर्हताकारी मापदंड हैं? तत्संबंधी अधिनियम/नियम/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। वर्तमान में प्रदेश में कौन-कौन सी शिक्षण संस्थाएं कृषि डिप्लोमा/डिग्री पाठ्यक्रम का संचालन कर रही हैं? उन्हें कब कब अनुमति दी गयी है? अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या बगैर शिक्षकों की भर्ती/व्यवस्था किये, बगैर प्रयोगशाला व मशीनरी के कृषि जैसे महत्वपूर्ण कोर्स का संचालन प्रारम्भ किया जाना उचित है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। यदि नहीं, तो बगैर आवश्यक व्यवस्थाओं के कंडिका (क) में वर्णित विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि पाठ्यक्रम क्यों प्रारंभ किया गया है? इसके लिए कौन कौन दोषी है? (घ) क्या कृषि पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट अनिवार्य है? यदि हाँ, तो उक्त विश्वविद्यालय किस आधार पर बिना प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट के प्रवेश ले रहे हैं?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विश्‍वविद्यालय द्वारा पाठयक्रम का संचालन संबंधित अध्यादेश के माध्‍यम से किया जाता है। अध्यादेश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग अंतर्गत शिक्षण संस्थाओं (निजी/ शासकीय विश्‍वविद्यालय) की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। आई.सी.ए.आर. के पत्र दिनांक 05.09.2017 के परिप्रेक्ष्य में तथा विभाग द्वारा अनुमति आवश्यक नहीं है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त‍ विश्वविद्यालयों द्वारा पर्याप्त व्यवस्थायें सुनिश्चित की गई हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं                        होता है।

फ्लाय ओवर निर्माण कार्य से उत्पन्न समस्या

[लोक निर्माण]

45. ( क्र. 1032 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर में फ्लाय ओवर के निर्माणाधीन होने से व ठेकदार कंपनी की मनमानियों से आम जनमानस को आवागमन के दौरान किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) उक्त फ्लाय ओवर के अनुबंध के अनुसार सड़क को मोटरेबल रखने, संकेतक लगाने सहित जनमानस के आवागमन में प्रभाव डालने वाली अन्य शर्तों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? नागरिकों को हो रही परेशानियों हेतु कौन-कौन जिम्मेदार हैउन पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त फ्लाय ओवर को दमोह नाका चौक से आगे तक बनाये जाने की मांग को लेकर माननीय लोक निर्माण मंत्री को सौंपे गये पत्र एवं विधानसभा सत्र की बैठक में ध्यान आकर्षित कराये जाने के पश्चात् उक्त फ्लाय ओवर को दमोह नाका के स्थान पर गोहलपुर की ओर आगे बढ़ाए जाने पर कितनी लागत राशि का अतिरिक्त भार शासन पर आ रहा है? (घ) उक्त फ्लाय ओवर हेतु अधिग्रहित की गयी भूमियों के मुआवजे वितरण के संबंध में प्रभावित पक्षों को सुनने व उनकी शंकाओं को दूर करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, जगह-जगह पर सड़क सूचना पटल संकेतक लगाये गये हैं व आम जन मानस का आवागमन सुचारु रुप से बना रहे, इस हेतु आवश्यक व्यवस्थायें की गई हैं। (ख) जी नहीं, अनुबंध की शर्तों का पालन किया जा रहा है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) फ्लाई ओवर को दमोह नाका से गोहलपुर की ओर एवं पाटन रोड की ओर आगे बढ़ाये जाने पर शासन पर राशि रूपये 78.04 करोड़ का अतिरिक्त भार आयेगा।         (घ) भूमि अधिग्रहण में मुआवजे में वितरण के संबंध में प्रभावित पक्षों को सुनने एवं उनकी शंकाओं को दूर करने की कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय सक्षम प्राधिकारी है।

नियम विरूद्ध किए गए निर्माण के विरूद्ध कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

46. ( क्र. 1038 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरपालिक निगम रीवा में रीवा सिरमौर रोड अंतर्गत खुटेही में श्रीमती नीलम अभय मिश्रा द्वारा बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया गया है? इस बहुमंजिला इमारत के कितने एफ.ए.आर. (ऊंचाई) तक के निर्माण की मंजूरी है? इसमें कितने फ्लोर का निर्माण कराया गया है एवं कितना शेष है? पार्किंग की क्‍या व्‍यवस्‍था है? क्‍या भवन मालिक एवं विभाग के बीच             भू-तल एवं प्रथम तल को कम्‍प्रोमाइज करके पार्किंग के उपयोग हेतु सहमति दी गई है? यदि दी गई है तो उसकी सत्‍यापित प्रति देवें एवं यदि नहीं दी गई है तो उपरोक्‍तानुसार किये गये अवैध निर्माण के विरूद्ध विभाग द्वारा कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी? की गई कार्यवाही की सत्‍यापित प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में धारा 308 (क) के तहत क्‍या-क्‍या प्रावधान है? उक्‍त प्रावधान की सत्‍यापित प्रति देवें। क्‍या धारा 308 क के तहत कम्‍पाउंडिंग की जा सकती है एवं क्‍या समझौता के तहत प्रशमन किया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्‍या आज भी पार्किंग की समुचित व्‍यवस्‍था है? यदि नहीं तो पार्किंग की क्‍या व्‍यवस्‍था की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में क्‍या भूतल एवं बेसमेंट में पार्किंग के लिये विभाग द्वारा अनुज्ञा दी गई थी जिसमें भूमि स्‍वामी द्वारा भू-तल पर अनुज्ञा के विरूद्ध व्‍यव‍सायिक क्षेत्र का निर्माण करा लिया गया है? मात्र बेसमेंट में पार्किंग के लिये स्‍थान छोड़ा है? यदि हाँ, तो अनुज्ञा के विरूद्ध किये गये अवैध निर्माण के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉ, नगरपालिक निगम रीवा में सिरमौर रोड़ अंतर्गत खुटेही में श्रीमती नीलम मिश्रा द्वारा बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया गया है। इस बहुमंजिला इमारत 2.19 की एफ.ए.आर. के साथ 15 मी. ऊंचाई की मंजूरी प्रदान की गई थी, जो दिनांक 20 अक्‍टूबर 2022 तक मान्‍य है। इस भवन में बेसमेंट भूतल, के अतिरिक्‍त प्रथम तल से पंचम तल तक निर्माण किया गया है, भवन अनुज्ञा में पार्किंग व्‍यवस्‍था बेसमेन्‍ट एवं भूतल में प्रावधानित है। कार पार्किंग बेसमेंट में तथा दो पहिया वाहन पार्किंग, भूतल में अस्‍थाई कराई जा रही है। जी नहीं, भवन मालिक एवं विभाग के बीच प्रथम तल में पार्किंग का कोई समझौता नहीं किया गया है। भूतल में पार्किंग प्रावधानित है, एवं प्रथम तल पर स्‍वीकृत अनुसार व्‍यवसायिक निर्माण है। यहॉं पर अवैध निर्माण नहीं है। (ख) म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनिमय 1956 की धारा 308 के उक्‍त प्रावधान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हॉ, धारा 308 (क) के तहत कम्‍पाउंडिंग की जा सकती है। जी हाँ, नियमानुसार प्रशमन किया जा सकता है। (ग) बेसमेंट पार्किंग की समुचित व्‍यवस्‍था है। भूतल पर रैम्‍प बनाया जाना शेष है।                                  (घ) जी हॉ, बेसमेंट एवं भूतल में पार्किंग हेतु भवन अनुज्ञा जारी की गई थी। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। बेसमेंट में कार, दो पहिया वाहन पार्किंग एवं भूतल में दो पहिया वाहनों की पार्किंग भवन स्‍वामी द्वारा कराई जा रही है। स्‍थल पर भूतल में वर्तमान समय पर किसी प्रकार की व्‍यवसायिक गतिविधियां संचालित नहीं हैं। भूतल में पार्किंग प्रावधानित हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सड़कों का निर्माण और उनका रख-रखाव

[लोक निर्माण]

47. ( क्र. 1041 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की सरदारपुर तहसील में विभाग की सड़कों के निर्माण और उनके रख-रखाव का काम किस-किस एजेंसी द्वारा किया जाता है? (ख) किस किस एजेंसी के पास कितनी-कितनी लंबाई की कौन-कौन सी सड़कों के रख-रखाव का काम है? अलग-अलग विवरण दें एवं रख-रखाव की नियमावली की प्रति देवें। (ग) उपरोक्त सरकारी एजेंसियों को सड़क निर्माण और रख-रखाव किस आधार पर आवंटित किया जाता है? इनके समन्वय और निगरानी का काम किसके द्वारा किया जाता है? (घ) लाबरीया से दसई मार्ग के निर्माण का रख-रखाव प्रश्न दिनांक तक कब किया थाजानकारी देवें।

लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) धार जिले की सरदारपुर तहसील में लोक निर्माण विभाग की सड़कों के निर्माण और उनके रख-रखाव का कार्य दो एजेंसियो द्वारा किया जाता है :- 1. लोक निर्माण विभाग (भ/प) 2. म.प्र. सड़क विकास निगम। (ख) लोक निर्माण विभाग संभाग धार अंतर्गत सड़कों के रख-रखाव का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ एवं 'अ-1' में दर्शाया गया है। नियमावली पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ग) म.प्र. सड़क विकास निगम स्‍टेट हाईवे अथोरिटी होने से राज्‍य राजमार्ग संबंधी कार्य म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा किये जाते हैं, इसके अतिरिक्‍त अन्‍य श्रेणी के मार्ग आवश्‍यकता अनुसार शासन द्वारा म.प्र. सड़क विकास निगम अथवा लोक निर्माण विभाग (भ/प) को आवंटित किया जाता है। इनके समन्‍वय एवं निगरानी का काम विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जाता है। (घ) लाबरिया से दसई मार्ग की लंबाई 23.00 कि.मी. है। बरमण्डल से लाबरिया लंबाई 7.20 कि. मी. विभाग की पुस्तिका पर है। नवम्बर माह में विभाग द्वारा पेच रिपेयर कार्य किया गया है। शेष 15.80 कि.मी. वर्तमान में एम.पी.आर.आर.डी.ए. के रख-रखाव अंतर्गत है।

 

अधिक बिजली बिल की शिकायतें

[ऊर्जा]

48. ( क्र. 1044 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवम्बर 2021 तक निम्न दाब घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? माहवार, संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ख) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवम्‍बर 2021 तक निम्रदाब घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई, इनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ग) धार जिले के सरदारपुर वितरण केंन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवंबर 2021 तक निम्‍म्रदाब घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? इनमें से कितनी शिकायतें सही पाई गई एवं कितने उपभोक्‍ताओं को त्रृटि सुधार उपरांत मासिक बिल जारी किये गये की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (घ) क्या विभाग सालों से जानबूझकर अधिक मांग के गलत बिल देता है तथा जो शिकायत करता है उनकी राशि कम कर देता है तथा शेष से अधिक राशि वसूल रहा है? यदि नहीं तो बतावें कि निरंतर प्रतिमाह अधिक मांग के गलत बिल कम्प्यूटर पर कैसे बन रहे हैं? (ड.) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अन्‍तर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवंबर 2021 तक निम्‍म्रदाब घरेलू उपभोक्‍ताओं के बिजली बिलों की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई इनमें से कितनी शिकायतें सहीं पाई गई एवं कितने उपभोक्‍ताओं को त्रृटि सुधार उपरांत मासिक बिल जारी किये गये की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें एवं गलत बिल न आये उसके लिये क्‍या कदम उठाये गये?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) से (ग) धार जिले के सरदारपुर वितरण केन्‍द्र कार्यालय के अंतर्गत माह अप्रैल 2020 से माह नवंबर 2021 तक निम्‍नदाब घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों से संबंधित कुल 180 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। उक्‍त प्राप्‍त शिकायतों में से 121 शिकायतें सही पाई