मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र


मंगलवार, दिनांक 23 मार्च, 2021


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर



मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषक पंप कनेक्‍शन योजना का क्रियान्‍वयन

[ऊर्जा]

1. ( *क्र. 6261 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पंप कनेक्‍शन योजना प्रारंभ कर अस्‍थाई पंप कनेक्‍शन मुक्‍त बनाने के लिए योजना लागू की थी, जिसे सरकार ने बंद कर दिया है तथा जिनके आवेदन लंबित थे, उनका भी कार्य न कराते हुये उनके द्वारा जमा की गई राशि वापस करने हेतु निर्देशित किया गया है? (ख) उक्‍त योजना पुन: कब तक प्रारंभ की जावेगी? अगर नहीं तो क्‍या इससे कृषकों का कृषि क्षेत्र में नुकसान नहीं हो रहा है एवं भविष्‍य में नहीं होगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित क्षेत्रान्‍तर्गत उक्‍त योजना हेतु शासन द्वारा कितनी राशि आवंटित की गई थी तथा कितनी राशि व्‍यय की गई? शेष राशि किसके अनुमोदन से किस कार्य में व्‍यय की गई/की जा रही है एवं क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। कृषकों को सिंचाई प्रयोजन हेतु स्‍थायी पंप कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु ''मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना'' की अवधि योजना लागू करते समय दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर उक्‍त योजना बंद हुई है। वितरण कंपनी अंतर्गत उक्‍त योजना के तहत जिन कृषकों द्वारा योजना समाप्ति की दिनांक 31.03.2019 के पश्‍चात अंश राशि जमा कराई गई है, उन आवेदकों से प्राप्‍त राशि को वापिस करने के निर्देश दिये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित योजना को पुन: प्रारंभ किये जाने संबंधी कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। जी नहीं। वर्तमान में कृषकों द्वारा स्‍वीकृत प्राक्‍कलन की शत-प्रतिशत राशि जमा कर अथवा सहमति पत्र देकर 3 प्रतिशत सुपरविजन राशि जमा कर '''' श्रेणी के ठेकेदार द्वारा लाईन विस्‍तार का कार्य कराने के बाद स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन प्राप्‍त किया जा सकता है। उक्‍त के अतिरिक्‍त राज्‍य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश में ''मुख्‍यमंत्री सोलर पम्‍प योजना'' आरम्‍भ की गई है, जिसका क्रियान्‍वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है।                                                      (ग) मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पंप कनेक्‍शन योजना अन्‍तर्गत योजना प्रारंभ से योजना समाप्‍त होने की दिनांक तक की अवधि में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को राज्‍य शासन द्वारा उपलब्‍ध कराई गई एवं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा व्‍यय की गई राशि का वर्षवार विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्‍त प्राप्‍त राशि का पूर्ण उपयोग योजनान्‍तर्गत कार्यों में किया गया है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता है।

परिशिष्ट - "एक"

अशोकनगर विधान सभा क्षेत्र में विद्युत ट्रांसफार्मरों की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

2. ( *क्र. 1921 ) श्री जजपाल सिंह जज्‍जी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर विधान सभा क्षेत्र में कितने ग्राम, टोले मजरे विद्युतीकरण से वंचित हैं? कौन-कौन से टोले मजरों में विद्युतीकरण का कार्य वर्तमान में चल रहा है? (ख) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अशोकनगर में कुल कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित हैं? वितरण केन्‍द्रवार, क्षमतावार संख्‍या बतावें (ग) क्‍या वर्तमान में हुये उपचुनाव अशोकनगर में पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल ग्राम मसीदपुर, करैयाराय, फतेहपुर, कजराई एवं भादौन में विद्युत सब-स्‍टेशन स्‍वीकृति की कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि नहीं, तो उक्‍त चुनावी घोषणा पर कब तक अमल होगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत सभी राजस्‍व ग्राम एवं उनके संसूचित मजरे/टोले विद्युतीकृत हैं एवं वर्तमान में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में किसी भी मजरे/टोले में विद्युतीकरण का कार्य नहीं चल रहा है। (ख) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत कुल 7041 विदयुत वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित हैं, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गई वितरण केन्‍द्रवार एवं क्षमतावार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। ग्राम-मसीदपुर, करैयाराय, फतेहपुर, कजराई एवं भादौन में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं पाया गया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "दो"

व्यापाम परीक्षाओं की सी.बी.आई. द्वारा जांच

[गृह]

3. ( *क्र. 5526 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 413, दिनांक 17.03.2020 के खण्ड (ख) के सन्दर्भ में बताएं कि क्या शिकायतकर्ता पत्र में विभिन्न परीक्षाओं का उल्लेख को अलग-अलग लिपीबद्ध जाँच करने में विभाग सक्षम क्यों नहीं है, क्या विभाग के इस तरह की कार्यवाही से सारे खतरे उठा कर शिकायत करने वाले निरूत्‍साहित नहीं होंगे? इसी प्रकार की नस्तीबद्ध की गई 60 शिकायतों की प्रति देवें तथा उनकों नस्तीबद्ध किये जाने की आदेश की प्रति देवें? (ख) प्रश्नाधीन प्रश्न के खण्ड (घ) के सन्दर्भ में सी.बी.आई. से प्राप्त जानकारी की प्रति देवें तथा बतावें की उत्तर में यह कहा गया कि‍ सी.बी.आई. 2004 से 2011 की जाँच नहीं कर रही है तो सी.बी.आई. ने हाल ही में 2011 के फर्जीवाड़े का चालान कैसे पेश किया? (ग) म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक 1277/CMS/PRS/2019, दिनांक 01.08.2019 की प्रति देवें तथा बतावें कि 2008 से 2011 में किस सम्पुष्टि कारक साक्ष्‍य का अभाव था तथा 2012 और 2013 में पी.एम.टी. परीक्षा को लेकर जो F.I.R. दर्ज की गई है। उसकी प्रति देवें। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 412, दिनांक 17.03.2020 के खण्ड (ग) के सन्दर्भ में बताएं कि पूर्व विधायक पारस सकलेचा के बयान डेढ़ साल पहले दर्ज हुए थे, अभी तक जाँच क्यों पूर्ण नहीं हुई तथा कब तक पूर्ण होगी।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शिकायत पत्र की जाँच आवेदन पत्र में उल्लेखित शिकायत के बिन्दुओं के आधार पर की जाती है। अगर आवेदन पत्र में विभिन्न परीक्षाओं संबंधित शिकायत की जाती है, तो सभी शिकायत बिन्दुओं पर जाँच की जाती है। 60 शिकायतें प्रक्रिया अनुसार जाँच उपरांत नस्तीबद्ध की गईं। विभागीय प्रक्रिया अनुसार नस्तीबद्ध की गई हैं। पृथक से आदेश जारी नहीं किया जाता है। (ख) सी.बी.आई. से प्राप्त पत्र में प्रश्न संबंधित जानकारी का उद्धरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। 2008 से 2011 में सम्पुष्टि कारक साक्ष्य का अभाव था,                                                             जैसे-नकल करना, अनुचित साधन का प्रयोग करना, साल्वर बैठाना, प्रतिरूपण का प्रयोग करना, ओ.एम.आर. शीट खाली छोड़ना, पैसों का लेनदेन करना आदि। एस.टी.एफ. में उपलब्ध रिकॉर्ड अनुसार पी.एम.टी. परीक्षा से संबंधित दर्ज 03 प्रकरण की एफ.आई.आर. की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। म.प्र. के विभिन्न जिलों में दर्ज एफ.आई.आर. की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) शिकायत जाँच वर्तमान में प्रचलित है।

विधानसभा क्षेत्र त्योंथर अंतर्गत नवीन महाविद्यालय की स्थापना

[उच्च शिक्षा]

4. ( *क्र. 1097 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा की लोक व्यापीकरण के लिए नवीन महाविद्यालयों की स्थापना एवं संचालन के शासन के मापदण्‍ड क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रत्युत्तर में त्योंथर के क्षेत्रीय जनमानस की आकांक्षाओं के अनुरूप एवं अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा से लाभान्वित किए जाने के लिए शासन द्वारा रायपुर में नवीन महाविद्यालय की स्थापना का लक्ष्य क्या है? यदि वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है तो लोक महत्व के इस विषय पर नवीन महाविद्यालय की स्थापना के संबंध में स्थिति स्पष्ट की जाये? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के प्रत्युत्तर में जनहित में नवीन महाविद्यालय की स्थापना आगामी शैक्षणिक सत्र में किया जाना उचित होगा।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।                                         (ख) प्रस्ताव विचाराधीन नहीं। निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति न होने के कारण रायपुर में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तीन"

नागदा संभाग अन्‍तर्गत वोल्‍टेज ड्रॉप की समस्‍या का निराकरण

[ऊर्जा]

5. ( *क्र. 6214 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) नागदा संभाग के अन्‍तर्गत अतिभारित किन-किन ग्रीडों पर वर्तमान में कितने-कितने एम.वी.ए. ट्रांसफार्मर की और आवश्‍यकता है? इस हेतु विभाग से प्राप्‍त मांग पत्र पर शासन द्वारा क्‍या-क्‍या स्‍वीकृति प्रदान की गई है? (ख) विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों में वोल्‍टेज ड्रॉप की समस्‍या है, के निराकरण हेतु बेरछा रोड ग्रीड, कलसी, संदला बड़ागांव ग्रीड पर 5 एम.वी.ए. का अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर व नागदा नगर में लगभग 5 नग 200 के.व्ही.ए. के अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर की मांग की है? यदि हाँ, तो क्‍या स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) नागदा शहर में वर्तमान में 11 के.व्ही. की कितनी खतरनाक लाईनों में केबल डालना शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा तथा पूर्व में कितनी लाईनों में केबल डाल दी गई? (घ) नागदा के मेहतवास क्षेत्र में 200 पोल-शीर्ण होने के कारण बदलने व चेतनपुरा में 20 नये पोल लम्‍बे-लम्‍बे गाले के कारण लगाना आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कब तक स्‍वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? कारण सहित विवरण दें। (ड.) क्या विधानसभा क्षेत्र में 117 विद्युत ट्रांसफार्मर अत‍िभारित हैं? स्‍थान का नाम, ट्रांसफार्मर की क्षमता सहित विवरण देते हुए अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर स्‍थापित करने अथवा ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने हेतु क्‍या कार्यवाही की है? (च) ट्रांसफार्मर संबंधी निम्‍न दाब लाईन का संधारण कितने वर्षों से नहीं हुआ है? क्‍या शासन द्वारा इसके संधारण हेतु कोई योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों? (छ) वर्ष 2020-21 में रबी सीजन में क्षेत्र के 145 किसानों को अस्‍थाई कनेक्‍शन प्रदान करते हुए 21 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर किराये पर दिये थे? यदि हाँ, तो विभाग किसानों को स्‍थाई कनेक्‍शन प्रदान करते हुए किराये के ट्रांसफार्मर को स्‍थाई रूप से लगाने हेतु क्‍या कार्यवाही कर रहा है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी नहीं, नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में वोल्टेज की समस्या नहीं है। तथापि विद्युत प्रदाय की गुणवत्‍ता में सुधार हेतु नागदा बैरछा रोड पर अतिरिक्त 5 एम.व्ही.ए. पावर ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य एवं ग्राम संदला में अतिरिक्त 3.15 एम.व्‍ही.ए. पावर ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। ग्राम कलसी में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र पर अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बड़ागांव पर वर्तमान में 3 पावर ट्रांसफार्मर स्थापित होने से स्थान के अभाव के कारण अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापित करना संभव नहीं है, किन्तु ग्राम संदला में अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना से 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र बड़ागांव का भार भी कम किया जावेगा। उक्त साध्य कार्यों को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुये स्वीकृत किया जा सकेगा। नागदा नगर में 5 नग 200 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं। इन वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध भार को कम करने हेतु 100 के.व्ही.ए. क्षमता के 5 नग अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य के प्रस्ताव का तकनीकी परीक्षण किया जा रहा है, तकनीकी रूप से साध्य पाए जाने पर एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुये इन कार्यों को स्वीकृत किया जा सकेगा। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नागदा शहर में 1.2 किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन में केबल डाल दी गई है, जिसके तहत 11 के.व्ही. आर.एस.डब्‍ल्‍यू. फीडर पर 0.60 किलोमीटर एवं 11 के.व्ही. खाचरौद फीडर पर 0.60 किलोमीटर केबल डाली गई। उक्‍त के अतिरिक्‍त वर्तमान में नागदा शहर में 11 के.व्‍ही. की अन्‍य किसी लाईन पर केबल डालने का कार्य आवश्‍यक नहीं है। (घ) जी नहीं, प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित कार्य की तात्कालिक आवश्यकता नहीं है। उल्‍लेखनीय है कि विद्युत लाईनों का संधारण आवश्यकता अनुसार समय-समय पर किया जाता है।                                                                     (ड.) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 117 अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से 3 नग ट्रांसफार्मरों के कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जिनमे से 02 नग विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों का कार्य (01 नग की क्षमतावृद्धि एवं 01 नग अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना कार्य) पूर्ण कर दिया गया है एवं 01 नग अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर का कार्य फसल खड़ी होने के कारण लंबित है। शेष 114 नग अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य है। उक्त साध्य कार्यों को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुये स्वीकृत किया जा सकेगा। उक्त 117 नग विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थान एवं क्षमतावार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (च) नागदा संचालन-संधारण संभाग के अंतर्गत ट्रांसफार्मर संबंधी निम्नदाब लाईनों का संधारण आवश्यकता अनुसार समय-समय पर किया जाता है। इस कार्य हेतु पृथक से किसी योजना की आवश्‍यकता नहीं है। (छ) जी हाँ, वर्ष 2020-21 में रबी सीजन में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र के 145 किसानों को अस्थाई कनेक्शन प्रदान करते हुए 21 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर किराये पर दिये गये थे। किराये के ट्रांसफार्मर को स्थाई रूप से लगाने हेतु शासन की कोई योजना वर्तमान में प्रचलन में नहीं है।

तहसील बहरी में महाविद्यालय की स्‍थापना

[उच्च शिक्षा]

6. ( *क्र. 3494 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सीधी जिले में विकासखण्‍ड सिहावल अन्‍तर्गत तहसील बहरी में महाविद्यालय की आवश्‍यकता है, सिहावल से दूरी 30 कि.मी. व बहरी से सीधी की दूरी 30 कि.मी. है तथा आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र है? यदि हाँ, तो कब तक महाविद्यालय खोला जायेगा? (ख) बार-बार मांग के बावजूद भी बहरी में महाविद्यालय क्‍यों नहीं खोला जा रहा है? कारण सहित बतायें कब तक बहरी में महाविद्यालय खोला जावेगा? (ग) सिहावल (बमुरी) महाविद्यालय में कितने पदों की स्‍वीकृति है? स्‍वीकृत भरे, रिक्‍त पदों की जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये? कब तक रिक्‍त पदों पर पदस्‍थापना की जावेगी? (घ) सिहावल (बमुरी) महाविद्यालय में केवल बी.ए. की कक्षाएं संचालित हो रही हैं, बी.एससी. एवं बी.कॉम. कक्षाएं संचालित नहीं होने से छात्र-छात्राओं को अध्‍ययन हेतु जिला मुख्‍यालय सीधी जाना पड़ता है, कब तक सिहावल (बमुरी) महाविद्यालय में बी.एससी. एवं बी. कॉम. की कक्षाएं संचालित किये जाने संबंधी समुचित आदेश जारी किया जावेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। बहरी में 01 अशासकीय मुकुन्द महाविद्यालय, बहरी संचालित है तथा बहरी से 27 कि.मी. दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, देवसर एवं 30 कि.मी. दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, सिहावल संचालित है, जहां पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति न होने के कारण महाविद्यालय नहीं खोला जा रहा है। 30 कि.मी. की दूरी में शासकीय/अशासकीय महाविद्यालय संचालित नहीं होना चाहिये तथा कैचमेंट एरिया में कम से कम 500 से अधिक विद्यार्थी होना चाहिये। वर्तमान में संसाधनों के अभाव में बहरी में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ग) स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) सिहावल के कैचमेंट एरिया अंतर्गत संचालित हायर सेकेण्डरी स्कूलों में वाणिज्य संकाय में विद्यार्थी संख्या निरंक होने के कारण कक्षायें प्रारंभ नहीं की जा सकती हैं। वर्तमान में संसाधनों के अभाव में बी.एससी की कक्षायें प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है।

परिशिष्ट - "चार"

नगर पालिक निगम रीवा में सीवर लाईन का कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

7. ( *क्र. 5983 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम रीवा में सीवर लाईन बिछाने का कार्य किस नाम/पते वाली कम्‍पनी को किन-किन शर्तों के तहत किस दर पर क्‍या-क्‍या कार्य करने, कितने समय-सीमा में कार्य समाप्‍त करने कार्यादेश जारी हुये? किस दिनांकों से कार्य शुरू हुये? प्रश्‍नतिथि तक ठेकेदार कम्‍पनी को किस-किस मद या क्‍या-क्‍या कार्य पूर्ण करने पर कितना-कितना भुगतान किया जा चुका है? मदवार/कार्यवार/भुगतान/राशिवार/माहवार/वर्षवार/निगमवार जानकारी उपलब्‍ध करायें (ख) क्‍या सीवर लाईन बिछाने में जो सड़कें या क्रांक्रीट क्षतिग्रस्‍त होते हैं, उन्‍हें सीवर लाईन बिछाने के पश्‍चात् पुन: जैसे पहले थी, वापस उस स्‍वरूप में (as it is) करने की जिम्‍मेदारी ठेकेदार की है? क्‍या कार्य की शर्तों में इसका उल्‍लेख है? क्‍या रीवा में जिन कॉलोनियों में या अन्‍य जगहों पर जहां सीवर लाईन डल गई है, वहां पर क्‍या ठेकेदारों द्वारा सीवर लाईन बिछाने के बाद पुन: उस सड़क/स्‍थान को (as it is) वापस बना (निर्मित) कर दिया गया है? अगर हाँ तो किस-किस स्‍थान/कॉलोनी के बना (निर्मित) कर दी गयी सड़कों का किस-किस स्‍थान में, क्‍या-क्‍या नाम के, किस-किस वार्ड क्रमांक के                                              कितनी-कितनी लंबाई के, किस-किस प्रकार के (सी.सी./आर.सी.सी./डामर रोड/अन्‍य सभी प्रकार) के कार्यों का कितना-कितना भुगतान कब-कब किस दर पर करते हुये, किस-किस नाम/फर्म/अन्‍य/को किया गया? राशिवार/माहवार/वर्षवार में? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित शर्तों में खुदाई के बाद, खुदाई के पश्‍चात (as it is) पुरानी स्थिति में सड़कें/अन्‍य स्‍थान को वापस करने/ठीक/कार्य/मरम्‍मत करने का भुगतान पूर्व (पहले) गुणवत्‍ता/उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी करने का विवरण उपलब्‍ध कराते हुये बतायें कि किस-किस नाम/पदनाम ने स्‍थल का भौतिक निरीक्षण कर स्‍थलों पर कार्य पूर्ण होने पर (खुदाई के पश्‍चात्) सड़कें वापस (as it is) पुन: ठीक हो गई हैं, के प्रमाण-पत्रों पर हस्‍ताक्षर किये?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम रीवा में सीवर लाईन बिछाने का कार्य मेसर्स के.के. स्‍पन इंडिया प्रा.लि., नई दिल्‍ली को अनुबंध में वर्णित शर्तों के तहत लम्‍प-सम अनुबंध राशि रू. 201.04 करोड़ पर सीवर लाईन नेटवर्क तैयार करने, 07 नग सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट का निर्माण एवं रीवा नगर के 42000 घरों में हाउस सीवरेज कनेक्‍शन हेतु दिया गया था। अनुबंध की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उक्‍त कार्य हेतु                                             समय-सीमा 36 माह की थी, जिमसें 02 बार समय वृद्धि प्रदान की जा चुकी है, अर्थात दिनांक 31.03.2021 तक का समय कार्य हेतु प्रदाय है। कार्य प्रारंभ का दिनांक 18.11.2016 है। प्रश्‍न तिथि तक ठेकेदार को कुल राशि रू. 49.03 करोड़ का भुगतान हुआ है। जिसमें से राशि रू. 19.93 करोड़ मोबलाइजेशन एडवांस एवं शेष राशि रू. 29.10 करोड़ सड़क में सीवर लाईन डालने, रेस्‍टोरेशन कार्य, मेनहोल निर्माण, आई.सी. चेम्‍बर निर्माण कार्य के विरूद्ध किया गया है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ, सीवर लाईन बिछाने में जो सड़के या कांक्रीट क्षतिगस्‍त होती है उसके पुराने रूवरूप में करने की जिम्‍मेदारी ठेकेदार की है। जी हाँ, कार्य की शर्तों में इसका उल्‍लेख है। जी हाँ, रीवा में जिन कालोनी में सीवर लाईन डल गई है वहॉ पर ठेकेदार द्वारा पुन: उस सड़क/स्‍थान को वापस बना दिया गया है। अभी तक कुल 120 किमी. सड़क का रिस्‍टोरेशन किया जा चुका है। शेष का कार्य प्रगति पर है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित शर्तों में खुदाई के पश्‍चात् पुरानी स्थिति में सड़के/अन्‍य स्‍थान को वापस ठीक/कार्य/मरम्‍मत करने का कार्य प्रगतिरत होने के कारण गुणवत्‍ता/उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी नहीं है। कार्य का भौतिक सत्‍यापन शासन द्वारा नियुक्‍त कंसल्‍टेंट (प्रोजेक्‍ट डेवलपमेंट एण्‍ड मैनेजमेंट कंसल्‍टेंट) की है। जिसके रेजीडेंट इंजीनियर श्री अर्जुन सिंह चौहान, असिस्‍टेंट रेजीडेंट इंजीनियर श्री जिया खान, श्री विनीत सिंह, श्री अविनाश कुशवाहा,                                    श्री रतन तिवारी, श्री विलास द्धिवेदी, श्री जयवर्धन सिंह चंदेल एवं मटेरियल इंजीनियर श्री सोमदत्‍त वाजपेयी द्वारा किया जाता है।

मुरैना जिलांतर्गत प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

8. ( *क्र. 6115 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में विगत तीन वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने आवासों के निर्माण का लक्ष्‍य था? (ख) उक्‍त में से कितने आवासों का निर्माण पूर्ण कर कितने व्‍यक्तियों को आवास सुपुर्द किये जा चुके हैं? (ग) क्‍या विभाग द्वारा इन योजनाओं में लोगों को आवास देने में लापरवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो सरकार को अब तक ऐसी कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं तथा इन शिकायतों पर सरकार द्वारा क्‍या कार्यवाही की गयी है? (घ) सरकार को मुरैना जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी और अनियमितता की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुईं तथा सरकार द्वारा उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ड.) सरकार आवास विहीन लोगों को सस्‍ते आवास दिलवाने के लिए क्‍या-क्‍या प्रयास कर रही है? अवग‍त करावें। नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं, शिकायतों संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) आवास विहीन परिवारों को सस्ते आवास देने के लिये, प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत ए.एच.पी. घटक, बीएलसी घटक तथा सी.एल.एस.एस. घटक अंतर्गत योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। अभी तक प्रदेश में 8.21 लाख आवासों की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है व इसमें मुरैना जिले के नगरीय निकायों के द्वारा 7,282 आवास स्वीकृत करवाये गये है।

परिशिष्ट - "पांच"

किसान आन्दोलन के दौरान दर्ज प्रकरणों की वापसी

[गृह]

9. ( *क्र. 6172 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                  (क) वर्ष 2017 में प्रदेश में हुए किसान आन्दोलन के दौरान किस-किस जिले में कितने-कितने किसानों पर प्रकरण दर्ज किया गया? (ख) क्या पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार ने खण्ड (क) में उल्लेखित प्रकरणों को वापस लिये जाने का आश्वासन दिया था तथा इस संदर्भ में कार्यवाही भी प्रचलन में थी? यदि हाँ, तो बताएं कि प्रकरण वापस लेने की प्रक्रिया कि अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) क्या शासन खण्ड (क) में उल्लेखित प्रकरणों को वापस लेने की प्रक्रिया को आरम्भ रखना चाहता है या इस प्रक्रिया को रोकना चाहता है? (घ) क्या यह सरकार खण्ड (क) में उल्लेखित सारे प्रकरणों को वापस लेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (‍क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नगरपालिका सेवा में संविदा नियुक्ति के नियम

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( *क्र. 4647 ) श्री बाबू जण्‍डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका सेवा में संविदा पर लगाने के शासन के क्या नियम हैं? विज्ञप्ति जारी किये बिना किसी भी व्यक्ति को संविदा पर नियुक्त किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम बतावें? (ख) नगरपालिका श्योपुर नवम्बर 2020 से फरवरी 2021 तक कितने लोगों को संविदा पर लगाया है नाम, पिता का नाम, पता, उम्र, आधारकार्ड नम्बर सहित जानकारी देवें (ग) नवम्बर 2020 से नियुक्त कर्मचारियों को कितनी राशि का अभी तक कितना भुगतान किया गया है एवं किस नियम से भुगतान किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्‍या न.पा.प. श्योपुर में की गई नियुक्ति नियम विरूद्ध है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा जिम्मेदारों के विरूद्ध शासन स्तर से कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। जी नहीं। (ख) उक्त अवधि‍ में किसी भी कर्मचारी को संविदा पर नहीं लगाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता है।

ब्‍यौहारी नगर पंचायत क्षेत्र में सर्व सुविधायुक्‍त बस स्‍टेंड का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

11. ( *क्र. 6247 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के ब्‍यौहारी नगर पंचायत क्षेत्र में बस स्‍टैण्‍ड का निर्माण कब कराया गया? अगर नहीं कराया गया तो क्‍यों? इसके निर्माण बावत् शासन की क्‍या कार्ययोजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में नगर पंचायत क्षेत्र ब्‍यौहारी अन्‍तर्गत सर्व सुविधा हेतु नवीन बस स्‍टैण्‍ड के निर्माण बावत् कब तक राशि जारी करावेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में अगर बस स्‍टैण्‍ड का निर्माण नहीं कराया गया, यात्रियों को आवागमन में परेशानी हो रही है, जबकि शासकीय भूमि उपलब्‍ध है, तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों के आधार पर नवीन सर्व सुविधा युक्‍त नवीन बस स्‍टैण्‍ड के निर्माण बावत् राशि कब तक उपलब्‍ध करा देंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) शहडोल जिले की ब्‍यौहारी नगर परिषद क्षेत्रान्‍तर्गत जिला दण्‍डाधिकारी शहडोल द्वारा खसरा क्रमांक 1919/1 के आंशिक भाग, एक एकड़ में बस स्‍टेण्‍ड हेतु भूमि आवंटित की गई थी तथा म.प्र. परिवहन विभाग द्वारा अधिसूचना क्रमांक                22-12-83 दिनांक 22.09.1982 द्वारा बस स्‍टेण्‍ड ब्‍यौहारी घोषित किया गया है। उपरोक्‍त भूमि विवादित होने के कारण भूमि विवाद का प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में एफए 28/2001 प्रचलित है, जिसके कारण शहडोल जिले की नगर परिषद ब्‍यौहारी में कोई स्‍थायी बस स्‍टेण्‍ड का निर्माण नहीं कराया गया है। नगर परिषद ब्‍यौहारी में स्‍थायी बस स्‍टेण्‍ड निर्माण की कोई कार्य योजना नहीं है। पर्याप्‍त बजट आवंटन उपलब्‍ध होने पर स्वीकृति पर विचार किया जा सकेगा। (ख) नगर परिषद ब्‍यौहारी में स्‍थायी बस स्‍टेण्‍ड निर्माण की कोई कार्य योजना नहीं है। पर्याप्‍त बजट आवंटन उपलब्‍ध होने पर स्वीकृति पर विचार किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में बस स्‍टेण्‍ड हेतु आवंटित (विवादित) भूमि का प्रकरण माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में प्रकरण क्रमांक एफए 28/2001 प्रचलित होने के कारण स्‍थायी बस स्‍टेण्‍ड का निर्माण नहीं कराया गया है। अत शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवास स्वीकृति‍ में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

12. ( *क्र. 5136 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 से 2020 तक प्रधानमंत्री योजना अंतर्गत कालापीपल नगर परिषद पोलायकला सीहोर नगर पालिका द्वारा कितने आवास स्वीकृत हुए? क्या स्वीकृत प्रकरणों में अपात्र लोगों को भी योजना का लाभ मिला या नहीं? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) कालापीपल एवं सीहोर नगर पालिका अंतर्गत पी.एम. आवास योजना में कितने अपात्रों ने शासन को कर्मचारियों के साथ सांठ-गांठ कर क्या गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लिया गया? अपात्रों को क्या पी.एम. आवास योजना अंतर्गत राशि स्वीकृत की गई यदि की गई है तो क्यों? अपात्र व्यक्तियों से शासकीय योजना का गलत तरीके से लाभ लिये जाने पर क्‍या विभाग द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत आवासों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अपात्र लोगों को योजनांतर्गत लाभांवित किये जाने संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1''अनुसार है। (ख) सीहोर नगर पालिका में 9 अपात्र हितग्राहियों को राशि स्वीकृत की गई थी। ऐसे अपात्र हितग्राहियों का नाम निरस्त कर उनसे वसूली तथा नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। नगर परिषद् कालापीपल तथा पोलायकलां में किसी भी अपात्र हितग्राही को लाभ दिये जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है।

परिशिष्ट - "छ:"

इंदौर/ग्‍वालियर संभाग में वायु प्रदूषण की स्थिति

[पर्यावरण]

13. ( *क्र. 6275 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक इंदौर एवं ग्‍वालियर संभाग में वायु प्रदूषण का क्‍या-क्‍या कारण है? किस-किस के द्वारा, कहां-कहां पर, कितना-कितना प्रदूषण फैलाया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में इसकी रोकथाम हेतु क्‍या कार्य योजना एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्‍या है? पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कारण परिलक्षित होने पर कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही, किस-किस के विरूद्ध, किस-किस प्रकार की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में क्‍या विभागीय अधोसंरचना एवं जाँच उपकरण पर्याप्‍त नहीं है? यदि हाँ, तो किस प्रकार से वायु प्रदूषण रोकथाम के कार्य किये जा रहे हैं? (ड.) वायु में कौन-कौन से तत्‍वों की अधिकता से वायु प्रदूषण होता है? संभाग/जिलेवार पृथक-पृथक बतायें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) इन्दौर व ग्वालियर संभाग में वायु प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत वाहनों से उत्सर्जित धुआँ तथा परिवहन जनित धूल है। इसके अलावा विकास कार्यों के तहत् चल रहे विभिन्न निर्माण कार्य, सड़कों की खुदाई, कचरा जलाने व कृषि क्षेत्र में पराली जलाई जाना आदि भी वायु प्रदूषण के संभावित स्त्रोत हैं। इन्दौर व ग्वालियर संभाग में मार्च-2020 से फरवरी-2021 तक की अवधि में वायु प्रदूषकों का औसत स्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वायु गुणवत्ता के आधार पर इन्दौर व ग्वालियर शहर को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली द्वारा ''नॉन अटेन्मेन्ट सिटी'' की श्रेणी में रखा गया है। इन शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु एक्शन प्लान बनाये गये हैं, जिसका क्रियान्वयन किया जा रहा है। एक्शन प्लान का क्रियान्वयन मुख्य रुप से नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा प्रेषित जानकारी अनुसार भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 हेतु इंदौर शहर को रुपये 50.5 करोड़ तथा ग्वालियर शहर हेतु रुपये 25.5 करोड़ की प्रथम कि‍श्‍त आवंटित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में एक्शन प्लान अनुसार वायु गुणवत्ता के उन्नयन हेतु कार्यवाही जारी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी उत्तरांश () अनुसार है।

नगर पालिका गोहद एवं मौ में मस्‍टर रोल पर रखे गये श्रमिक

[नगरीय विकास एवं आवास]

14. ( *क्र. 5668 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के नगर पालिका गोहद एवं मौ में वर्तमान में मस्‍टर रोल पर कार्यरत किन-किन कुशल एवं अर्द्धकुशल श्रमिकों को किस-किस कार्य हेतु किस-किस की अनुशंसा पर मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी द्वारा कब कब से रखा गया है? इन श्रमिकों के नाम, पते एवं उम्र सहित संपूर्ण ब्‍यौरा दें (ख) क्‍या उक्‍त रखे गये श्रमिकों में से अधिकांश श्रमिक इन नगर पालिका क्षेत्र से बाहर के हैं, जो कि बिना काम के मात्र वेतन ही प्राप्‍त कर रहे हैं? यदि नहीं, तो क्‍या इसकी जाँच स्‍थानीय विधायक की उपस्थिति में कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?                                                        (ग) क्‍या जो श्रमिक बिना काम के वेतन ले रहे हैं, उन्‍हें हटाया जाकर उत्‍तरदायी नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद गोहद जिला भिण्‍ड में कोई कुशल एवं अर्द्ध कुशल श्रमिक नहीं रखे गये हैं। नगर परिषद मौ जिला भिण्‍ड में रखे गये श्रमिकों की जाँच संभागीय संयुक्त संचालक ग्वालियर संभाग से कराई जा रही है।                                            (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) नगरपरिषद मौ जिला भिण्‍ड में रखे गये श्रमिकों की जाँच संभागीय संयुक्त संचालक, ग्वालियर संभाग से कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्ष अनुसार कार्यवाही की जायेगी।

सागर जिलांतर्गत महिलाओं पर अत्‍याचार के दर्ज प्रकरण

[गृह]

15. ( *क्र. 6289 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) मध्‍यप्रदेश में विभिन्‍न मामलों में सागर जिले में दिनांक 03 जनवरी, 2020 से 31 जनवरी, 2021 तक की अवधि में महिलाओं पर अत्‍याचार के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? इनमें से कितने प्रकरण माननीय न्‍यायालय में पेश किये गये एवं कितनों को सजा मिली? (ख) उक्‍त समयावधि में महिलाओं से ब्‍लैकमेलिंग के कितने प्रकरण दर्ज हुए? संख्‍यात्‍मक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित कितने प्रकरण में दिनांक 01 जनवरी, 2020 से 31 जनवरी, 2021 तक की अवधि में ब्‍लैकमेलिंग के कारण कितनी महिलाओं ने आत्‍महत्‍या की? इनमें ऐसे प्रकरण कितने हैं, जिनके सोशल मीडिया पर अश्‍लील फोटो एवं वीडियो वायरल होने के कारण महिलाओं ने आत्‍महत्‍या की? (घ) प्रकरण में कितने अपराधियों को पकड़ा गया और कितने अपराधी अब भी पुलिस की गिरफ्तारी से बाहर हैं? संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश में सागर जिले में विभिन्न मामलों में दिनांक 03 जनवरी, 2020 से 31 जनवरी, 2021 तक की अवधि में महिलाओं पर अत्याचार के कुल 997 प्रकरण दर्ज किये गये। इनमे से 755 प्रकरण माननीय न्यायालय में पेश किये गये एवं 27 प्रकरणों में सजा मिली। (ख), (ग) एवं (घ) जानकारी निरंक है।

नर्मदा नदी का संरक्षण

[नगरीय विकास एवं आवास]

16. ( *क्र. 352 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में माँ नर्मदा में किन-किन शहरों का सीवेज/गंदा नाले का पानी औद्योगिक इकाइयों का अपशिष्‍ट बिना शुद्धिकरण के मिल रहा है? (ख) नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु क्‍या-क्‍या कार्य योजना तैयार की गई है तथा इस हेतु राज्‍य शासन द्वारा भारत सरकार से किन-किन कार्यों हेतु विगत तीन वर्षों में कितनी राशि की मांग की गई? प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि प्राप्‍त हुई? (ग) नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये? पूर्ण विवरण दें                                 (घ) प्रश्‍नांश (ग) में स्‍वीकृत कौन-कौन से कार्य कब पूर्ण हुये तथा कौन-कौन से कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं, उक्‍त कार्य क‍ब तक पूर्ण होंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश में किसी भी औद्योगिक इकाई का अपशिष्‍ट नर्मदा में नहीं मिलता है। सीवेज/नालों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु स्‍वीकृत कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु विगत तीन वर्षों में विभाग द्वारा राशि की मांग नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु कराये जा रहे कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                                                    (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

जबलपुर जिले में बिजली चोरी के प्रकरण

[ऊर्जा]

17. ( *क्र. 4927 ) श्री संजय यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) जबलपुर जिले में बीते 5 वर्ष में बिजली चोरी के कितने प्रकरण बने? इनसे कुल कितनी राशि की बिलिंग की गई? जानकारी दी जावे। (ख) क्‍या बिलिंग की राशि के अनुसार वसूली हुई? नहीं तो क्‍यों? कितने मामले न्‍यायालय में हैं और कितने विभागीय स्‍तर पर निराकृत हैं? लोक अदालत के माध्‍यम से कितने उपभोक्‍ता इस अवधि में लाभांवित हुए? उनसे कितनी राशि ली गई कितनी रियायत दी गई? क्‍या इससे वितरण कंपनियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, जिसका खामियाजा आम उपभोक्‍ताओं को महंगी बिजली खरीदकर चुकाना पड़ रहा है? (ग) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत सौभाग्‍य योजना में अभी किन-किन जिलों में जाँच जारी है? क्‍या प्रारंभिक जाँच में किसी तरह की गड़बड़ी उजागर हुई है? यदि हाँ, तो उसमें दोषी कौन-कौन है? क्‍या उनके खिलाफ वसूली की कार्यवाही की जा रही है? जाँच को पूरा होने में कितना वक्‍त और लगेगा?                                                                                             (घ) क्‍या वित्‍तीय हानि और भ्रष्‍टाचार के मामले में मैदानी अमले के अलावा मुख्‍य महाप्रबंधक स्‍तर के अधिकारियों की जवाबदेही तय नहीं की गई है? इसके अलावा इस योजना में समय से पूर्व कार्य करने वाले कितने अभियंताओं को वितरण कंपनी से क्‍या-क्‍या पुरुस्‍कार अवार्ड/राशि दी गयी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत जबलपुर जिले में विगत पाँच वर्षों यथा वित्तीय वर्ष 2016-17 से वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक बिजली चोरी के कुल 19859 प्रकरण दर्ज हुए, जिनमें राशि रू. 3222.86 लाख की बिलिंग की गई। (ख) उक्‍त दर्ज किये गए चोरी के 19859 प्रकरणों में से 10922 प्रकरणों में राशि रू. 1585.24 लाख की वसूली की गई है। न्‍यायालय में विचाराधीन होने एवं कम्‍पनी स्‍तर पर वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण शेष प्रकरणों में राशि वसूल किया जाना बाकी है। कुल 4516 प्रकरण न्‍यायालय में दर्ज किये गये हैं तथा कुल 5098 प्रकरण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्‍तर पर निराकृत किये गये हैं। लोक अदालत के माध्‍यम से 5824 प्रकरणों में राशि रू. 750.48 लाख उपभोक्‍ताओं से ली गयी है तथा राशि रू. 242.16 लाख की रियायत प्रदान की गई है। उक्‍त प्रकरणों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। राष्‍ट्रीय एवं राज्‍य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा राज्‍य शासन के निर्देशों के अनुसार लोक अदालत के माध्‍यम से विद्युत अधिनियम की धारा 126, 135 एवं 138 के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्‍व एवं सरचार्ज राशि में छूट दी जाती है। लोक अदालत के माध्‍यम से निराकृत प्रकरणों से प्राप्‍त राशि से कंपनी की आय में वृद्धि होती है और इससे उपभोक्‍ता टैरिफ दर में वृद्धि नहीं होती है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में सौभाग्‍य योजना अंतर्गत किये गए कार्यों में कथित रूप से अनियमितता की विभिन्‍न माध्‍यमों से प्राप्‍त शिकायतों हेतु जाँच कार्यवाही की गई है/की जा रही है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के अन्‍तर्गत मंडला, डिंडौरी, सीधी, सिंगरौली, सतना, छिंदवाड़ा, सागर (देवरी तहसील) एवं दमोह (हटा तहसील) जिलों में योजनांतर्गत किये गए कार्यों की जांच, जाँच दल गठित कर कराई गई है, विभागीय जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं रीवा, अनूपपुर, उमरिया एवं शहडोल जिलों में जाँच दल गठित कर जाँच कराई जा रही है, जो वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। प्रार‍ंभिक जाँच प्रतिवेदन अनुसार 11 के.व्‍ही. विद्युत लाईन, निम्‍नदाब लाईन एवं अन्‍य सामग्री पारित किए गए देयकों से कम मात्रा में लगना, पोल कांक्रीटिंग नहीं होना, मीटर-कम-प्रोटेक्‍शन बॉक्‍स नियमानुसार नहीं लगना, नए कनेक्‍शन में आर्मर्ड केबल के स्‍थान पर अन आर्मर्ड केबल लगना, बिना कनेक्‍शन दिए कनेक्‍शन दिखाया जाना, कनेक्‍शनों में अर्थिंग नहीं पाया जाना इत्‍यादि की गड़बड़ी पायी गयी है। जाँच प्रतिवेदन अनुसार प्रथमदृष्‍टया दोषी पाए गए कार्मिकों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। जाँच प्रतिवेदनों के आधार पर प्रथमदृष्‍टया दोषी पाए गए कार्मिकों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है, जो वर्तमान में प्रकियाधीन है। विभागीय जाँच के अंतिम निष्‍कर्ष प्राप्‍त होने के उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जाँच दल द्वारा प्रस्‍तुत जाँच प्रतिवेदन में प्रथमदृष्‍टया दोषी पाए गए कार्मिकों के नाम में मुख्‍य महाप्रबंधक स्‍तर के अधिकारी के नाम सम्मिलित नहीं है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। सौभाग्‍य योजना के कार्य समय से पूर्व पूर्ण करने पर संबंधित 275 अभियंताओं को नगद पुरूस्‍कार/प्रशस्ति पत्र एवं शील्‍ड प्रदान किए गए हैं।

नर्मदा नदी को पूर्णत: प्रदूषणमुक्‍त करने हेतु प्रस्‍तावित कार्ययोजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

18. ( *क्र. 5528 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में नर्मदा नदी पर कितने-कितने नगरों के कितने-कितने नाले/नालियाँ/सीवर/औद्योगिक अपशिष्ट मिल कर जल को प्रदूषित कर रहे हैं? (ख) नर्मदा नदी में नाले/नालियाँ/सीवर/औद्योगिक अपशिष्ट मिलने से रोकने व प्रदूषण मुक्त करने हेतु विगत 10 वर्ष से आज दिनांक तक क्या-क्या कदम उठाये गयें हैं? कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी है।                                                                (ग) क्या नर्मदा नदी को जीवित इकाई का दर्जा दिए जाने संबंधी प्रक्रिया लंबित है? यदि हाँ, तो लंबित रहने के कारण बतावें तथा उसे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) नर्मदा नदी को पूर्णत: प्रदुषण मुक्त करने हेतु शासन की क्या कार्य योजना है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश में किसी भी औद्योगिक इकाई का अपशिष्‍ट नर्मदा में नहीं मिलता है। सीवेज/नालों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) मध्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दूषित जल के नर्मदा नदी में निस्‍सारण पर जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा–25/26 के तहत उपयुक्‍त दूषित जल उपचार संयंत्रों की स्‍थापना करवाकर उद्योगों के परिसर से बाहर शून्‍य निस्‍त्राव की स्थिति बनाई गई है तथा माँ नर्मदा में औद्योगिक दूषित जल निस्‍त्राव पर प्रभावी रूप से रोक लगाई गई है। विगत 10 वर्षों से आज दिनांक तक नर्मदा नदी को प्रदू‍षण मुक्‍त करने के लिए स्‍वीकृत कार्यों एवं राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) उपलब्‍ध जानकारी के अनुसार, जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नर्मदा नदी को पूर्णतः प्रदूषण मुक्त करने हेतु शासन द्वारा विभिन्‍न योजनाओं के अंतर्गत सीवर लाईन बिछाने एस.टी.पी. का निर्माण कार्य एवं घरों के हाउस कनेक्शन का कार्य किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप नालों में सीवेज का गंदा पानी स्वतः ही प्रवाहित होना बंद हो जावेगा एवं इन नालों में मात्र वर्षा जल ही प्रवाहित होगा।

नगर पालिका निगम द्वारा कार्यों को पूर्ण किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( *क्र. 4654 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 128/28-12-2020, 493/29-9-2020, में नगर निगम द्वारा अविलंब कार्य पूर्ण कराने का लेख किया गया था, अगर हाँ तो कार्य प्रगति की जानकारी कार्यवार देवें? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) अनुसार सांईनगर पतेरी की रोड नाली, प्रभात विहार में 11 के.व्ही. लाइन संकरी रोड की वजह से किनारे विस्थापित करने, राजेन्द्र नगर गली नम्बर 5 में रोड एवं नाली निर्माण करने, वार्ड 37 में रोड निर्माण आदि का कार्य शामिल था, अगर हाँ तो कौन-कौन से कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं और कौन-कौन से कार्य अभी प्रारंभ नहीं किये गये, प्रारंभ न करने का कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्य आश्वासन के बावजूद अभी तक अवधि समाप्त हो जाने पर कार्य क्यों पूर्ण नहीं किये गये? कारण विवरण सहित देवें                                                                                                          (घ) उपरोक्त कार्य कब तक प्रारंभ कराकर पूर्ण कराये जायेंगे एवं विलम्बता के लिये कौन दोषी है उसके विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 128/28.12.2020 एवं प्रश्‍न क्रमांक 493/29.09.2020 के उत्‍तर दिनांक 18.12.2020 में नगर निगम द्वारा कार्य समय-सीमा में कराये जाने का लेख किया गया हैकार्य प्रगति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी उत्‍तरांश (खअनुसार है। (घ) कार्य पूर्ण करने में आ रही बाधाओं को दूर कर कार्यों को पूर्ण कराने की कार्यवाही की जा रही है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कार्य प्रगतिरत हैशेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सात"

सीधी बस दुर्घटना की जाँच

[गृह]

20. ( *क्र. 5802 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                           (क) क्‍या सीधी में एक सीमेन्‍ट कम्‍पनी के कारण एक मुख्‍य मार्ग दिसम्‍बर 11 फरवरी, 2021 से 16 फरवरी, 2021 तक बंद था तथा इस अवधि में उस मार्ग से गुजरने वाला सारा यातायात बाण सागर बांध की प्रमुख नहर के पास बने हुए मिट्टी के गीले रास्‍ते से गुजारा गया? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्‍तर यदि हाँ, तो बतावें कि जिला प्रशासन द्वारा सीमेन्‍ट कम्‍पनी द्वारा अवरूद्ध किये मार्ग को चालू करवाने का प्रयास क्‍यों नहीं किया गया तथा नहर में हुई दर्दनाक घटना के बाद मात्र 3 घण्‍टे में कैसे चालू हो गया? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) से यह स्‍पष्‍ट है कि सीमेन्‍ट कम्‍पनी और जिला प्रशासन कि मिली भगत से जान बूझकर गम्‍भीर लापरवाही की गई, जिससे 55 लोगों को जिसमें 42 बेरोजगार युवा थे, अपनी जान से हाथ धोना पड़ा? (घ) क्‍या कलेक्‍टर, एस.पी. तथा सीमेन्‍ट कम्‍पनी के मालिकों पर धारा 304-A में प्रकरण दर्ज किया जायेगा तथा मृतक के परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा दिया जायेगा? यदि दोनों का उत्‍तर नहीं तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

टोन्‍स हाईडल प्रोजेक्‍ट सिरमौर हेतु अधिग्रहित भूमि

[ऊर्जा]

21. ( *क्र. 6295 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                 (क) क्‍या टोन्‍स हाईडल प्रोजेक्‍ट के लिए सिरमौर सहित अन्‍य जगह के किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन तहसीलों की कुल कितनी भूमि अधिग्रहण की गई थी? क्‍या अधिगृहण की गई सम्‍पूर्ण भूमि का उपयोग प्रोजेक्‍ट के लिये किया जा रहा है? (ख) टोन्‍स हाईडल प्रोजेक्‍ट सिरमौर के लिए रीवा-सतना जिलों में अधिग्रहित की गई कुल भूमि में से प्रोजेक्‍ट में अनुपयोगी भूमि को क्‍या उनके भू-स्‍वामियों को वापिस किये जाने का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो इसके क्‍या मापदण्‍ड तय किये गये थे? कब तक कितने भू-स्‍वामियों को उनकी जमीन वापिस की गई है? कितनों को नहीं और क्‍यों? कब तक भूमि वापिस की जायेगी? (ग) प्रोजेक्‍ट में अनुपयोगी भूमि कहां-कहां की कितनी कितनी है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। टोंस हायडल प्रोजेक्‍ट के लिये तत्‍कालीन मध्‍य प्रदेश विद्युत मण्‍डल द्वारा रीवा जिले के अंतर्गत तहसील हुजूर, सिरमौर, जवा एवं सेमरिया तथा सतना जिले के अंतर्गत तहसील रामपुर बघेलान एवं कोटर तथा सीधी जिला अंतर्गत तहसील रामपुर नैकिन की कुल 4818.377 हेक्‍टेयर भूमि अधिग्रहित की गयी थी। जी नहीं। (ख) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि टोंस बैराज की ऊंचाई रूपांकन के अनुसार 282.52 मीटर के स्‍थान पर 280.5 मीटर यथावत रखी जाए एवं इस निर्णय के परिप्रेक्ष्‍य में डूब से अप्रभावित क्षेत्र की भूमि जो कि वर्तमान में टोंस जल विद्युत परियोजना जिला रीवा के नाम से अंकित है, को मूल भू-स्‍वामियों को वापिस करने के लिये राजस्‍व विभाग द्वारा म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के सहयोग से कार्यवाही की जाये। निर्णय अनुसार डूब से अप्रभावित क्षेत्र को चिन्‍हांकित कर भूमि के मूल भू-स्‍वामियों तथा उनके विधिक वारिसों को राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र खण्‍ड-एक, क्रमांक-4 में दी गयी प्रक्रिया का पालन करते हुये ऐसे भू-स्‍वामियों/वारिसों से, भू-अर्जन अधिनियम 1894 के अंतर्गत कार्यवाही करते हुये, उनकी भूमि के अर्जन के समय उन्‍हें भुगतान की गयी प्रतिकर राशि वापिस प्राप्‍त कर भूमि लौटाई जानी है। अभी तक 36 ग्रामों में से 10 ग्रामों के 112 काश्‍तकारों द्वारा प्रतिकर की राशि जमा की गई है एवं 12 काश्‍तकारों को भूमि वापिस की गई है। शेष प्रकरणों में भूमि नामांतरण की कार्यवाही प्रचलन में है। जिन जमीनों के प्रकरण तैयार कर राजस्‍व विभाग को प्रस्‍तुत किये हैं, उनमें से अधिकांश प्रकरणों में भू-स्‍वामियों द्वारा प्रतिकर की राशि जमा नहीं की गई है, राशि जमा किये जाने पर आगामी कार्यवाही संभव होगी। जिन भू-स्‍वामियों द्वारा प्रतिकर राशि जमा की गई है, उनकी भूमि वापसी की कार्यवाही की जा रही है। भू-स्‍वामी या उनके वारिसों को भूमि वापिस की जाना है। अधिकांश भू-स्‍वामी फौत हो चुके हैं, इसलिए उनके वारिसों का निर्धारण विधिक प्रक्रिया से किया जा रहा है, जिनसे प्रकरण, न्‍यायालयों में विचाराधीन है। विधिक वारिसों के निर्धारण के पश्‍चात् भूमि वापिस की जा सकेगी। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) टोंस हायडल प्रोजेक्‍ट सिरमौर के अंतर्गत टोंस बराज के डूब से अप्रभावित सतना जिले की तहसील रामपुर बघेलान में 202.079 हेक्‍टेयर एवं तहसील कोटर में 646.199 हेक्‍टेयर भूमि अनुपयोगी है।

नगर निगम, बुरहानपुर द्वारा अमृत योजना का कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

22. ( *क्र. 2960 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम बुरहानपुर के द्वारा अमृत योजना का कार्य किया जा रहा है? डी.पी.आर. में योजना के पूर्ण होने की दिनांक क्‍या है? वर्तमान में उक्‍त योजना पर कितना कार्य कहां-कहां और क्‍या-क्‍या कार्य हुआ है, कि‍ पूर्ण जानकारी क्रमवार सूची अनुसार बताएं और कितना भुगतान किया जा चुका है और किस दिनांक को पूर्ण होकर चालू हो जायेगी? (ख) उक्‍त योजना में जो रोड खोदकर रिपे‍यरिंग किया जा रहा है? क्‍या इसमें पूर्ण रोड का नवीनीकरण किया जाना शामिल है या सिर्फ पेंचवर्क करना शामिल है? (ग) इस योजना में क्‍या-क्‍या कार्य सम्मिलित हैं, उसकी लागत क्‍या है, संपूर्ण विवरण प्रदान करें एवं इस योजना में क्‍या-क्‍या कार्य होना शेष है कि सूची प्रदान करें एवं कब तक पूर्ण होगा।  

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। निविदा सूचना अनुसार कार्य पूर्ण होने की दिनांक 16.02.2020 है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। संबंधित एजेंसी को राशि रू. 90.77 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। एजेंसी द्वारा दिनांक 31.12.2020 को योजना पूर्ण होकर चालू है। (ख) जी नहीं। योजनान्‍तर्गत रोड को पूर्व की अवस्‍था के अनुरूप रिस्‍टोर किया जाना शामिल है। (ग) इस योजना में सम्‍मलित कार्यों एवं लागत की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। योजना दिनांक 31.12.2020 को पूर्ण हो जाने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "आठ"

सड़क निर्माण में पावर हाऊस की राख का उपयोग

[पर्यावरण]

23. ( *क्र. 5618 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सड़क निर्माण में पावर हाऊस की राख के उपयोग से संबंधित भारत सरकार के राजपत्र में दिनांक 27 जनवरी, 2016 को प्रकाशित अधिसूचना में क्‍या-क्‍या प्रावधान दिया है, इस प्रावधान का पालन करवाए जाने के सबंध में पार्यावरण विभाग एवं म.प्र. राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्‍या कार्यवाही की है? (ख) राज्‍य के किस स्‍थान पर वर्तमान में थरमल पावर हाऊस का संचालन किसके द्वारा किया जा रहा है, उसमें से किस पावर हाऊस से सड़क निर्माण हेतु राख प्रदाय के संबंध में क्‍या-क्‍या व्‍यवस्‍था की है? (ग) म.प्र. राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गत दो वर्षों में सड़क निर्माण में राख का उपयोग नहीं किए जाने पर कितने प्रकरण किस-किस के विरूद्ध पंजीबद्ध किए कितने प्रकरण न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किए, कितने प्रकरण वर्तमान में लंबित हैं?                                          (घ) भोपाल संभाग में सड़क निर्माण में राख का उपयोग नहीं किए जाने पर सड़क निर्माण करने वालों के विरूद्ध म.प्र. राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल क्‍या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) कोयला एवं लिग्नाईट आधारित पावर हाउस की राख के उपयोग से संबंधित भारत सरकार के राजपत्र दिनांक 27.01.2016 द्वारा मूल अधिसूचना दिनांक 14.09.1999 को संशोधित किया गया, जिसके द्वारा सड़क निर्माण में राखड़ के उपयोग के दायरे को ताप विद्युत गृह के 100 कि.मी. की परिधि से बढ़ाकर 300 कि.मी. किया गया। यह भी अंतःस्थापित किया गया कि सड़क निर्माण में राखड़ के परिवहन की लागत का वहन 100 कि.मी. तक संबंधित ताप विद्युत गृह द्वारा एवं 100 से 300 कि.मी. तक का परिवहन की लागत का वहन उपयोगकर्ता एवं ताप विद्युत गृह के बीच समान रूप से अंश भाजित किया जावेगा, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत बनने वाली सड़कों में फ्लाई एश के प्रयोग हेतु 300 कि.मी. की परिधि में परिवहन की लागत का वहन ताप विद्युत गृह द्वारा किया जावेगा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी सड़क संनिर्माण का संविदाकार, सड़क निर्माण में एश का उपयोग करता है, सड़क संनिर्माण के लिए संबद्ध प्राधिकारी संविदाकार को किए जाने वाले संदाय को तापीय विद्युत संयंत्र से एश के प्रदाय के प्रमाणीकरण के साथ जोड़ेगा तथा विभिन्न संनिर्माण परियोजनाओं का अनुमोदन करने वाले सभी राज्य प्राधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि ताप विद्युत गृह एवं संनिर्माण अभिकरण या संविदाकारों के बीच फ्लाई एश या फ्लाई एश आधारित उत्पादों के उपयोग के लिए परस्पर समझ ज्ञापन या अन्य कोई ठहराव किया जावे। तत्संबंध में पर्यावरण विभाग एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने समय-समय पर निर्माण कार्य विभागों को पत्रों, बैठकों, कार्यशालाओं के माध्यम से अवगत कराया जाता है। इस हेतु दिनांक 05.07.2011 को राज्य स्तरीय बहुविभागीय मॉनिटरिंग समिति का भी गठन किया गया है, जिसकी समय-समय पर बैठकें भी होती हैं एवं समीक्षा की जाती है। म.प्र. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा परिवहन व्यय की प्रतिपूर्ति न करने पर सतपुड़ा थर्मल पावर स्टेशन, सारणी, जिला बैतूल के विरूद्ध दिनांक 19.06.2019 को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 15, 16 के अन्तर्गत न्यायिक दण्‍डाधिकारी जिला बैतूल के न्यायालय में वाद दायर किया है, जो माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (घ) राज्य में सड़क निर्माण कार्य कराने वाले सभी शासकीय एवं अर्द्ध शासकीय विभाग फ्लाई एश अधिसूचना के अनुपालन हेतु अपने उत्तरदायित्व से अवगत हैं तथा सड़क या फ्लाई ओवर एंबेंकमेंट निर्माण के तकनीकी विषयों पर निर्णय लेने हेतु सक्षम है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी अनुसार उनके द्वारा भोपाल संभाग अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 69 के अब्दुल्‍लागंज-इटारसी खण्‍ड एवं राष्ट्रीय राजमार्ग-12 के लालघाटी-मुबारकपुर खण्‍ड एवं राष्ट्रीय राजमार्ग-52 के ब्यावरा-देवास खण्‍ड में सतपुड़ा थर्मल पावर सारणी से प्राप्त राख का उपयोग किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "नौ"

भोपाल के बड़े तालाब में मिलने वाले सीवेज नाले पर रोक

[नगरीय विकास एवं आवास]

24. ( *क्र. 5413 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर के बड़ा तालाब द्वारा शहर के नागरिकों को प्रतिदिन कितना पेयजल किन-किन क्षेत्रों में आपूर्ति की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित तालाब के कुल कितने (सीवेज मिला हुआ) नाले मिल रहे हैं? इनका विवरण कॉलोनियों के नाम तथा अनट्रीटेड सीवेज पानी के मात्रा सहित बताया जाये? (ग) शासन एवं नगर निगम भोपाल द्वारा इन नालों को रोकने की, क्‍या योजना है और इस पर कब तक रोक लगा दी जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                                   (ग) अमृत योजनान्‍तर्गत, सीवरेज परियोजना के माध्‍यम से क्षेत्रों में सीवेज पाईप लाईन बिछाने, पंप हाउसों एवं एस.टी.पी. के निर्माण कार्य प्रगति पर है। उक्‍त कार्यों को दिनांक 31.03.2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। कार्य पूर्ण होने के पश्‍चात् तालाब में मिलने वाले सीवेज की रोकथाम हो सकेगी।

भोपाल रेलवे स्‍टेशन पर हटाये गये अतिक्रमण

[नगरीय विकास एवं आवास]

25. ( *क्र. 4670 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 28.11.2020 को भोपाल मुख्‍य रेलवे स्‍टेशन के प्‍लेटफार्म 06 के तरफ के अतिक्रमण को हटाया गया था? यदि हाँ, तो रिक्‍त कराई गई भूमि के खसरे की जानकारी वर्तमान में भूमि किसके नाम पर दर्ज है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा कार्यवाही के बाद स्‍टे दिया गया था? (ग) क्‍या अतिक्रमण संबंधी कोई भी शिकायत प्रशासन को भूमि स्‍वामी द्वारा नहीं की गई थी? (घ) क्‍या अतिक्रमण हटाने से पूर्व कब्‍जाध‍ारियों को किसी प्रकार का कोई भी नोटिस जारी नहीं किया गया था? यदि हाँ, तो इस प्रकार नियम विरूद्ध बल पूर्वक कब्‍जे हटाने की कार्यवाही करने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, प्‍लेटफार्म नं. 06 की तरफ से रिक्‍त कराई गई भूमि का खसरा क्रमांक 675/1/1 मद शासकीय म‍हकमा फायनेंस रकबा 1.1370 हेक्‍ट. शासकीय दर्ज है। (ख) जी हाँ। मान. उच्‍च न्‍यायालय द्वारा प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में डब्‍ल्‍यू.पी. नम्‍बर 19280/2020 में स्‍टे दिया गया है। (ग) चूंकि भूमि स्‍वा‍मी शासन है, इसलिये शिकायत का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता। (घ) नगर पालिक निगम भोपाल भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा अतिक्रमण हटाने हेतु कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। नगर निगम भोपाल द्वारा बिना अनुमति किये गये अवैध निर्माण पर निरंतर अधिनियम की धारा 302 (1) 307 (2) के प्रावधान अंतर्गत कार्यवाही की जाती है जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

 

 

 







भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


विद्युत कंपनियों के निजीकरण से शासन को हो रही क्षति

[ऊर्जा]

1. ( क्र. 760 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. सरकार को केन्‍द्र सरकार द्वारा विद्यत कंपनियों के निजीकरण हेतु जारी स्‍टैण्‍डर्ड बिड डॉक्‍यूमेंट (एस.बी.डी.) दिया गया है तथा आठ महीने की समयावधि के भीतर निजीकरण करने हेतु कहा गया है? यदि हाँ, तो म.प्र. सरकार का इस संबंध में क्‍या विचार है एवं वह क्‍या करना चाहती है स्‍पष्‍ट करें? (ख) क्‍या प्रदेश सरकार ट्रांसमिशन कंपनी के निजीकरण हेतु शुरू किये गये टी.बी.सी.बी. को वापस लेगी? पूरा विवरण देवें। (ग) क्‍या पूर्व में भी प्रदेश सरकार द्वारा सागर एवं उज्‍जैन को निजी कंपनियों को सौंपने का प्रयास किया गया था, इनकी व्‍यवस्‍था किन-किन कंपनियों को सौंपी गई थी क्‍या वह सफल रही थी? यदि हाँ, तो उसे जारी क्‍यों नहीं रखा गया? यदि नहीं, तो फिर यह निजीकरण क्‍यों किया जा रहा है? (घ) निजीकरण की दशा में क्‍या घरेलू, कृषि, औद्योगिक एवं व्‍यवसायिक बिजली महंगी नहीं होगी? स्‍पष्‍ट करें। निजीकरण की दशा में निजी कम्‍पनियों की विद्युत दरों पर शासन का किस प्रकार नियंत्रण रहेगा क्‍या इस संबंध में शासन द्वारा कोई नीति निर्धारित की गई है। (ड.) निजीकरण की स्थिति में वर्तमान में कार्यरत कमर्चारी जैसे विद्युत मंडल के कंपनी के आउटसोर्स के, संविदा के तथा पेंशनर के भुगतान का दायित्‍व किसका होगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) केन्‍द्र शासन से विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण हेतु अंतिम स्‍टैण्‍डर्ड बिडिंग डॉक्‍यूमेंट प्राप्‍त नहीं हुआ है, अपितु इस संबंध में विचार-विमर्श एवं विभिन्‍न हितग्राहकों के अभिमत प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से स्‍टैण्‍डर्ड बिडिंग डॉक्‍यूमेंट का प्रारूप प्राप्‍त हुआ था, जिसमें निजीकरण की प्रक्रिया के विभिन्‍न चरणों एवं उनसे संबंधित अनुमानित समयावधि का उल्‍लेख किया गया है जिसके आधार पर संपूर्ण प्रक्रिया चरणबद्ध रूप में आठ सप्‍ताह में पूर्ण किया जाना अनुशंसित/प्रस्‍तावित/उल्‍लेखित है। वर्तमान में राज्‍य शासन के समक्ष निजीकरण का प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) राष्‍ट्रीय विद्युत नीति, 2016 के प्रावधान अनुसार प्रदेश की कुछ पारेषण परियोजनाओं को टैरिफ आधारित प्रतिस्‍पर्धात्‍मक बोली (TBCB) प्रक्रिया के माध्‍यम से क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत अति उच्‍चदाब विद्युत उपकेन्‍द्रों/लाईनों के निर्माण संबंधी नवीन कार्यों को शामिल किया गया है। उक्‍तानुसार वैधानिक प्रावधानों के अन्‍तर्गत की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।         (ग) निजीकरण नहीं अपितु विद्युत वितरण एवं खुदरा आपूर्ति के कार्य के लिये निर्धारित अवधि हेतु फ्रेंचायजी अनुबंधित की गई थी। सागर शहर एवं उज्‍जैन शहर में विद्युत वितरण एवं खुदरा आपूर्ति हेतु प्रतिस्‍पर्धात्‍मक बोली के आधार पर दिनांक 10.05.2012 को 15 वर्ष की अवधि हेतु क्रमश: मेसर्स एस्‍सेल वि.वि.प्रा. लि., सागर एवं मेसर्स एस्‍सेल वि.वि. प्रा.लि., उज्‍जैन फ्रेंचायजी चयनित की गई थीं किन्‍तु फ्रेंचायजी अनुबंध की शर्तों के पालन में असफल रहने पर इनके अनुबंध समाप्‍त किये गये। उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) एवं (ड.) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

जनभागीदारी मद प्रदाय राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

2. ( क्र. 1783 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में पब्लिक के सहयोग से जनसुविधाओं के विस्तार हेतु जनभागीदारी मद में विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है? वर्षवार बताएँ। (ख) सागर नगर में जनभागीदारी राशि से कब-कब तथा कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? (ग) क्या जनभागीदारी राशि कम मात्रा में प्रदाय की जा रही है, जिससे जो निर्माण कार्य प्रचलन में है वह अधूरे पड़े है? क्या शासन जानभागीदारी मद से कराये जाने वाले कार्यों हेतु पर्याप्त राशि मुहैया करायेगा तथा कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर जिले के समस्‍त नगरीय निकायों में से नगर पालिक निगम सागर में पब्लिक के सहयोग से जनसुविधाओं के विस्‍तार हेतु जनभागीदारी मद से विगत तीन वर्षों में प्रदाय की गयी राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। शेष निकायों में उक्‍त मद से कोई कार्य नहीं कराया गया है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जनभागीदारी राशि कम मात्रा में प्रदाय नहीं की जा रही है। जनभागीदारी की राशि 50 प्रतिशत जनता से प्राप्‍त होने पर प्रकरण तैयार किया जाता है। शेष 50 प्रतिशत की राशि जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग के माध्‍यम से स्‍वीकृति उपरांत प्राप्‍त होती है। जो कार्य 2017-18 एवं 2018-19 में प्रचलन में थे वह पूर्ण हो चुके है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "दस"

शासकीय नेहरू महाविद्यालय अशोकनगर में स्‍वीकृत पदों की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

3. ( क्र. 1923 ) श्री जजपाल सिंह जज्‍जी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय नेहरू महाविद्यालय अशोकनगर में शासन द्वारा कितने पद किस-किस मद से स्‍वीकृत किये गये हैं? (ख) स्‍वीकृत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर वर्तमान में कितने पदों की पूर्ति हुई है यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) प्रश्‍न दिनांक तक यदि इन पदों की पूर्ति आउटसोर्स से नहीं हुई है तो क्‍या शासन अन्‍य मदों से पदों की पूर्ति करेगा यदि हाँ, तो शासन की क्‍या योजना है और कब तक पद पूर्ति की जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय नेहरू महाविद्यालय, अशोक नगर में राजपत्रित एवं अराजपत्रित संवर्ग में शासन द्वारा स्वीकृत पदों की  जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय नेहरू महाविद्यालय, अशोक नगर में तृतीय श्रेणी के 09 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 04 पद भरे हैं तथा 05 पद रिक्त हैं एवं चतुर्थ श्रेणी में 05 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 03 पद भरे हैं और 02 रिक्त हैं। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

नल-जल योजना के क्रियान्‍वयन में अनियमितताएं

[नगरीय विकास एवं आवास]

4. ( क्र. 1926 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल के अन्‍तर्गत परियोजना क्रियान्‍वयन इकाई सागर में ए.डी.बी. पोषित कुल कितनी नल-जल योजना स्‍वीकृत की गई, जिनकी भौतिक एवं वित्‍तीय स्थिति से अवगत करायें। (ख) स्‍वीकृत योजनाओं को पूर्ण करने की निर्धारित समय-सीमा क्‍या थी कब तक पूर्ण किये जायेंगे। यदि समय-सीमा बढ़ाई गई तो क्‍यों। (ग) नल- जल योजना पैकेज 6 ए खजुराहों राजनगर में करोड़ों के घोटालों एवं भ्रष्‍टाचार के संबंध में शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं, प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करें। (घ) नल-जल योजना पैकेज 6ए खजुराहों राजनगर में पाईप लाईन बिछाने हेतु नगर पंचायत की टूटी-फूटी रोड का पुन: निर्माण कब तक पूर्ण किये जायेंगे। (ड.) नल-जल योजना पैकेज 6 ए खजुराहों राजनगर से संबंधित परियोजना प्रबंधक एवं टाटा कन्‍सलटेन्‍सी द्वारा कार्य गुणवत्‍ता एवं कार्य सुरक्षा हेतु कब कब निरीक्षण किये गये?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल के अंतर्गत, परियोजना क्रियान्वयन इकाई सागर में ए.डी.बी. वित्त पोषित कुल 04 नलजल योजना स्वीकृत की गई है। भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र "ब" अनुसार है।             (ग) नल-जल योजना पैकेज – 6ए खजुराहो व राजनगर में करोड़ों के घोटालों एवं भ्रष्टाचार के संबंध में कोई शिकायत संज्ञान में नहीं है। (घ) पैकेज- 6 ए खजुराहो एवं राजनगर में कुल 222.97 कि.मी. पाइप लाइन डाला जाना प्रस्तावित है। वर्तमान स्थिति तक 111.96 कि.मी. पाइप लाइन डाली जा चुकी है, इसमें 92.548 कि.मी. रोड का स्थाई रोड रेस्टोरेशन कर दिया गया है। योजना पूर्ण होने के साथ ही रोड रेस्टोरेशन का कार्य भी पूर्ण हो जावेगा। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।

अंतिम मूल्‍यांकन के लंबित प्रकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

5. ( क्र. 2306 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में पूर्ण कौन-कौन से कार्य अंतिम मूल्‍यांकन हेतु किस स्‍तर पर कब से क्‍यों लंबित है? (ख) पूर्ण कार्यों के अंतिम मूल्‍यांकन के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं तथा किस-किस अधिकारी की  क्‍या-क्‍या जवाबदारी है? (ग) रायसेन जिले में पूर्ण कार्यों को अंतिम मूल्‍यांकन न होने के लिए  कौन-कौन अधिकारी जवाबदार हैं तथा पूर्ण कार्यों का अंतिम मूल्‍यांकन कब तक होगा? (घ) पूर्ण कार्यों को अंतिम मूल्‍यांकन न होने की स्थिति में किस-किस ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि का भुगतान होना शेष है? निकायवार जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) पूर्ण कार्यों के अंतिम मूल्‍यांकन के संबंध में मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (लेखा एवं वित्‍त) नियम 2018 के नियम 113114 एवं 115 द्वारा तथा अधिकारियों की जवाबदारी हेतु नियम 111 से दायित्‍व व जवाबदारी प्रावधानित की गई है नियमों की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ग) रायसेन जिले की 11 नगर पालिका एवं परिषदों में से 04 निकाय- रायसेनबाड़ी, मण्‍डीदीप एवं सांची में पूर्ण कार्यों के अंतिम मूल्‍यांकन हेतु कोई प्रकरण शेष नहीं है, 07 निकायों के पूर्ण कार्यों के अंतिम मूल्‍यांकन निकायवार जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। इन नगरीय निकायों में कार्यों के अंतिम देयककार्यपूर्ति रिपोर्ट एवं कार्यपूर्ति प्रमाण-पत्र तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है। समया‍वधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) अं‍तिम मूल्‍यांकन की गणना न होने के कारण शेष राशि बताया जाना संभव नहीं है। निकायवार जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है।

बसों की खरीदी में अनि‍यमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

6. ( क्र. 2342 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बी.सी.एल.एल.) ने वर्ष 2013 से 20 नग लो फ्लोर ए.सी. बसें किस कम्‍पनी की व किस दर पर खरीदी थी। खरीदी गई बसें क्‍या वर्ष 2010 की निर्मित थी? (ख) क्‍या बी.सी.एल.एल. ने 3 वर्ष पुरानी बसें खरीदने से पहले बस की दरों को कम करने के लिये कोई निगोशियेशन किया था? यदि नहीं, तो क्‍यों तथा 3 वर्ष पुरानी निर्मित बस खरीदने का क्‍या औचित्‍य था क्‍या यह नियमानुकूल एवं शासन राजस्‍व हित में था यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है, उनके पद सहित नाम बतायें? (ग) वर्ष 2013 में बी.सी.एल.एल. द्वारा खरीदी गई बसों में करोड़ों रूपये का अतिरिक्‍त भुगतान और भ्रष्‍टाचार करने के संबंध में विभाग को कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं, संबंधित शिकायतों पर विभाग ने अब तक क्‍या कार्यवाही की है, यदि कार्यवाही नहीं की तो क्‍यों व कब तक की जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा जवाहरलाल नेहरू राष्‍ट्रीय शहरी मिशन (जे.एन.एन.यू.आर.एम.) योजना अंतर्गत केन्‍द्र शासन द्वारा प्रदत्‍त स्‍वीकृति अनुसार बस प्रोक्‍योरमेंट योजना अंतर्गत विधिवत प्रक्रिया पूर्ण कर कुल 225 नग बसों हेतु मेसर्स टाटा मोटर्स को दिनांक 09.11.2009 कार्यादेश जारी कर खरीदी गई। उक्‍त 225 नग बसों में से 20 नग लो-फ्लोर ए.सी. बसें राशि रू. 60.87 लाख (मूल लागत राशि रू. 46.65 लाख तथा राशि रू. 14.22 लाख समस्‍त कर एक्‍ससाईज ड्यूटी, सेस, परिवहन, वेट एवं एन्‍ट्री टैक्‍स सहित) प्रति बस के मान से खरीदी गई थी। जी हाँ। दिनांक 09.11.2009 को जारी कार्यादेश अंतर्गत खरीदी गई बसों के चेचिस वर्ष 2010 के निर्मित थे। (ख) जी नहीं। नेगोशियेशन का कोई प्रावधान नहीं था। उक्‍त बसों का वर्ष 2012 में प्रोटोटाईप इन्‍सपेक्‍शन उपरांत वर्ष 2013 में बसें प्राप्‍त की गई एवं बी.आर.टी.एस. कारीडोर निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत बी.आर.टी.एस. कारीडोर में 20 नग           लो-फ्लोर ए.सी. बसों का सितम्‍बर 2013 से संचालन प्रारम्‍भ किया। अत: शेष का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता हैं। (ग) बी.सी.एल.एल. को दो शिकायत प्राप्‍त हुई है। नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा खरीदी गई 20 नग लो-फ्लोर ए.सी. बसों के संबंध में कोई भी अतिरिक्‍त भुगतान या अनियमितता नहीं की गई है। उक्‍त शिकायतों पर अतिरिक्‍त भुगतान एवं अनियमितता नहीं किये जाने की वस्‍तुस्थिति का तत्‍थात्‍मक प्रतिवेदन संबंधित को प्रेषित किया जा चुका है। अत: शेष का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

देवास नगर पालिक निगम में स्‍वच्‍छता अधिकारी की पदस्‍थापना

[नगरीय विकास एवं आवास]

7. ( क्र. 2953 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास नगर पालिक निगम में स्‍वच्‍छता निरीक्षक, सहायक स्‍वच्‍छता अधिकारी एवं स्‍वच्‍छता अधिकारी के कितने पद स्‍वीकृत है? इन पदों की शैक्षणिक योग्‍यता क्‍या निर्धारित की गई है? इन पदों के विरूद्ध कितनी अधिकारी पदस्‍थ है? नाम पदवार सहित बताया जाय।                 (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पदों पर प्रतिनियुक्ति पर (अन्‍य नगर पालिक निगम) से          कितने-कितने अधिकारी किस-किस पद पर पदस्‍थ है? मूल पद एवं नाम सहित बताया जाय?              (ग) क्‍या यह सही है कि माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर माह दिसम्‍बर 2020 द्वारा किसी अधिकारी को पद से पदानवत (हटाने) करने हेतु आदेश दिया है? यदि हाँ, तो निगम प्रशासन द्वारा अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (अ) जानकारी संलग्न परिशि‍ष्ट  अनुसार है। (ख) देवास नगरपालिक निगम में प्रश्नांश (क) के पदों पर कोई भी अन्य नगरपालिक निगम से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा श्री सूर्यप्रकाश श्रीवास्तव के विरूद्ध प्रचलित प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू ए 799/2010 में आदेश पारित किये हैं। उक्त प्रकरण में संबंधि‍त द्वारा पुन: डबल बेंच माननीय उच्च न्यायालय में प्रकरण क्रमांक आर.पी. 28/2021 दायर किया है। जिसमें पक्ष समर्थन की कार्यवाही प्रचलित है।

परिशिष्ट - "बारह"

ताप विद्युत गृहों को प्राप्‍त कोयले के ग्रेड में परिवर्तन

[ऊर्जा]

8. ( क्र. 3006 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. पॉवर जेनरेटिंग कम्‍पनी लिमिटेड के ताप गृहों में कोल इंडिया से प्राप्‍त होने वाले कोयले के ग्रेड में परिवर्तन होता रहता है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या कोयले के ग्रेड में परिवर्तन के आधार पर कोल इंडिया को अतिरिक्‍त राशि प्रदान की जाती है अथवा राशि वसूली जाती है? (ग) कृपया विगत पाँच वर्षों की ताप विद्युत गृहवार/वर्नवार कोयले के ग्रेड में प‍रिवर्तन के कारण अतिरिक्‍त देय राशि अथवा अतिरिक्‍त वसूली जाने वाली राशि का विवरण दें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में ताप विद्युत गृहों में प्राप्‍त कोयले के ग्रेड में हुए परिवर्तन के कारण मध्‍य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा अतिरिक्‍त देय राशि अथवा वसूली जाने वाली राशि का विवरण ताप विद्युत गृहवार  संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार  है।

परिशिष्ट - "तेरह"

अमृत मिशन अंतर्गत पार्क एवं हरित योजना की धीमी गति

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( क्र. 3332 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के तहत उज्जैन संभाग में किन-किन जिलों में पार्क एवं हरित क्षेत्र विकास योजना स्वीकृत की गई है? योजना प्रारंभ वर्ष एवं कार्य पूर्ण होने की तिथि के संबंध में जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई योजना क्या नीमच शहर में भी क्रियांवित की गई है? यदि हाँ, तो इस योजना अंतर्गत क्रियांवित क्षेत्र स्कीम नम्बर 34 एवं जवाहर नगर पार्क तथा सिटी पार्क के संबंध में क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा कब-कब कार्य प्रारंभ कराया गया तथा कार्य पूर्णता की तिथि से अवगत करायें।            (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शाये कार्यों के अंतर्गत समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित क्रियांन्वयन एजेंसी के विरुद्ध कोई वैधानिक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराई जावे। (घ) अनुबंध अनुसार तय समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के संबंध में क्या शासन ऐसी क्रियान्‍वयन एजेसिंयों को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। स्‍कीम नम्‍बर 34 एवं जवाहर नगर में योजना का कार्य वर्ष 2018 में प्रारंभ होकर दिनांक 18.03.2020 को पूर्ण हो चुका है। सिटी पार्क में योजना के प्रारंभ होने का वर्ष 2018 तथा पूर्ण होने की संभावित तिथि 31.12.2021 बताई गई है। (ग) जी हाँ। नगर पालिका परिषद नीमच से प्रस्‍तुत जानकारी अनुसार योजना क्र. 34 एवं जवाहर नगर पार्क में विलंब से पूर्ण किये जाने पर निविदा शर्तों अनुसार डिले पेनल्‍टी राशि रू. 0.47 लाख अधिरोपित की गई है। सिटी पार्क निर्माण कार्य में पशु हाट व्‍यवसायों द्वारा न्‍यायालयीन वाद व्‍यवहार न्‍यायाधीश  वर्ग-2 नीमच प्रकरण क्र. 52ए/2015 के निर्णय दिनांक 14.07.2017 प्रचलित होकर विगत 01 वर्ष से कार्य बंद है। निर्णय दिनांक 14.07.2017 के आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी उत्‍तरांश '' अनुसार है।

अमृत मिशन अंतर्गत पेयजल योजना की धीमी गति

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( क्र. 3333 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के तहत उज्जैन संभाग में किन-किन जिलों में पेयजल योजना स्वीकृत की गई है? योजना प्रारंभ वर्ष एवं कार्य पूर्ण होने की तिथि के संबंध में जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में नीमच शहर में स्वीकृत योजना पर अब तक कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? क्या किया गया भुगतान राज्य स्तरीय तकनीकी समिति/संभागीय स्तर पर गठित समिति के निरीक्षण उपरान्त किया गया है? यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध कराया जावे। (ग) नीमच शहर में क्रियान्वित पेयजल योजना अंतर्गत स्वीकृत योजना लागत राशि के विरुद्ध संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी को राशि रुपये 1194.00 लाख का भुगतान अब तक किया जा चुका है? यदि हाँ, तो अब तक कितने घरों को इस योजना से जोड़ा गया है तथा कितने घर योजना के लाभ से वंचित है? (घ) योजना अंतर्गत वर्तमान में क्या कार्य होना शेष है, उसकी लागत राशि का ब्यौरा दें। समय-सीमा में योजना पूर्ण न होने के कारण क्रियान्वयन एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा इसके लिये  कौन-कौन दोषी है। दोषियों के विरुद्ध क्या कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) नीमच शहर में स्‍वीकृत योजना पर अब तक राशि रू. 1194.00 लाख का भुगतान किया जा चुका है। जी नहीं। अमृत योजना के क्रियान्‍वयन हेतु परियोजना विकास एवं प्रबंधन परामर्शदाता (पी.डी.एम.सी.) नियुक्‍त है। पीडीएमसी के रेसीडेन्‍ट इंजीनियर के निरीक्षण एवं अनुमोदन उपरांत ही भुगतान किया गया है। (ग) जी हाँ। अनुबंध अनुसार स्‍वीकृत सभी घरों को योजना से जोड़ा जा चुका है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। समय-सीमा में योजना क्रियान्‍वयन नहीं होने के कारण निविदा शर्तों के अनुसार क्रियान्‍वयन एजेंसी के विरूद्ध राशि रू. 78.50 लाख की पेनाल्‍टी अधिरोपित की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चौदह"

परमिट कैंसिल करवाये बगैर बिजली सप्लाई से हुई दुर्घटना

[ऊर्जा]

11. ( क्र. 3418 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2020 से फरवरी 2021 तक          किस-किस जगह पर परमिट कैंसिल करवाये बगैर बिजली सप्लाई चालू किये जाने के कारण लाईनमैन/सहायक लाईनमैन या अन्य व्यक्तियों को करंट लगने से जनधन की क्षति हुई है तथा उक्त दुर्घटनाओं में कब-कब, किस-किस व्यक्ति को करंट लगा है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित दुर्घटनाओं में विभाग के किस-किस कर्मचारी ने लापरवाही करते हुये बगैर परमिट कैंसिल किये लाईन चालू की है तथा घायल व्यक्तियों के उपचार की व्यवस्था कैसे की गई और उसके लिए तत्काल खर्च किस मद से किसके द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित दुर्घटनाओं के दोषी कर्मचारीयों के विरुद्ध आज तक क्या कार्यवाही की गई तथा 5 फरवरी 2021 को पचोर में हुई दुर्घटना में किस अधिकारी द्वारा किससे कितने समय का परमिट लिया था और दुर्घटना किस समय घटित हुई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ जिले के सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2020 से फरवरी 2021 तक की अवधि में किसी भी कर्मचारी द्वारा परमिट कैंसिल कराये बगैर बिजली सप्‍लाई चालू नहीं की है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। दिनांक 5 फरवरी 2021 को श्री विशाल नरगावे सहायक यंत्री, संचालन-संधारण उपसंभाग पचोर द्वारा 33 के.व्‍ही. इं‍डस्ट्रियल फीडर पर परमिट नं. 176/53, दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर लिया गया था, जिसे दोपहर 4 बजकर 45 मिनट पर निरस्‍त किया गया। दोपहर 3.45 बजे बन्‍द लाईन में निकटवर्ती 33 के.व्‍ही. पचोर फीडर के कारण इन्‍डेक्‍शन करेंट आने से प्रश्‍नाधीन अघातक विद्युत दुर्घटना घटी थी।

ऊर्जा विभाग कार्यरत संविदा कर्मियों का नियमितीकरण

[ऊर्जा]

12. ( क्र. 3455 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत संविदा नियुक्ति में कार्यरत कर्मचारियों को नियमितीकरण किये जाने का कोई प्रस्ताव विभाग के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत  वर्ष 2019 में संविदा कर्मियों को नियमित करने एवं आउटसोर्स कर्मियों को संविदा नियुक्ति देने एवं अन्य समस्याओं के समाधान हेतु समिति का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त समिति द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करायें? (ग) क्‍या पूर्व विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्‍तर्गत  कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों द्वारा कम वेतन एवं बिना किसी सुविधा के अपनी जान जोखिम में डालकर सेवाये प्रदान की जा रही है। क्या शासन इन्हें संविदा नियुक्ति प्रदान करेगा तथा कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में संविदा नियुक्ति में कार्यरत कार्मिकों को नियमित किए जाने का कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। उल्‍लेखनीय है कि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में कार्यरत संविदा कार्मिक कंपनी में प्रचलित ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधन नियम, 2018'' से शासित होते हैं जिसके अनुसार सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में संविदा कर्मिकों हेतु पद आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में बाह्य स्त्रोत सेवाप्रदाता कंपनियों द्वारा आउटसोर्स कार्मिकों को निविदा की शर्तानुसार श्रमायुक्‍त इंदौर द्वारा समय-समय पर पुनरीक्षित वेतन दरों के अनुसार पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है एवं आवश्‍यकतानुसार सुरक्षा संसाधन उपलब्‍ध कराए जाते है। उक्‍त आउटसोर्स कार्मिकों को संविदा नियुक्ति प्रदान करने संबंधी कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

ऊर्जा विभाग के संविदा कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना लाभ

[ऊर्जा]

13. ( क्र. 3456 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमी. भोपाल को ई.पी.एफ/राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है तथा पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमी. जबलपुर एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमी. इन्दौर को उक्त लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसका क्या कारण है? क्या शासन शेष दोनों विद्युत वितरण कंपनियों को ई.पी.एफ./राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिलायेगा तथा कब तक? (ख) क्या शासन के ई.पी.एफ./राष्ट्रीय पेंशन योजना कटौत्री संबंधी नियम तीनों विद्युत वितरण कंपनियों पर ऊर्जा विभाग द्वारा जारी एक समान संविदा नियम 2018 लागू है, परन्तु केवल मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संविदा कर्मियों से ई.पी.एफ. कटौत्री की जा रही है, शेष से नहीं? इसका क्या कारण है? (ग) क्या म.प्र. की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में वर्ष 2012 से 2018 तक NPS कटौत्री की गई एवं वर्ष 2018 के बाद इसे बंद कर दिया गया। इसका क्या कारण है तथा संविदा कर्मियों से कटौत्री की गई राशि किस मद में जमा की गई अथवा उक्त राशि संविदा कर्मियों को उनके अनुबंध समाप्ति पश्चात वापिस लौटाई गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) एवं  (ख) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत कंपनी कैडर के नियमित कार्मिकों को राष्‍ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। वितरण कंपनियों में कार्यरत संविदा कार्मिक उक्‍त कंपनियों में प्रचलित ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम, 2018'' के अन्‍तर्गत शासित होते हैं। उक्‍त संविदा सेवा नियम में संविदा कार्मिकों को राष्‍ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में वर्ष 2011 में स्‍वीकृत संगठनात्‍मक संरचना के विरूद्ध भर्ती किये गये संविदा कार्मिकों को प्रारंभ से ही कर्मचारी भविष्‍य निधि (ई.पी.एफ.) में पंजीकृत कराया गया था। तत्पश्‍चात सहायक भविष्‍य निधि आयुक्‍त क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल के पत्र दिनांक 19.07.2018 से म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्‍त निर्देश ''भविष्‍य निधि सदस्‍य को एक बार भविष्‍य निधि सदस्‍यता प्राप्‍त होने के पश्‍चात्, सदस्‍य का वेतन रू. 15000/- से अधिक होने पर भी भविष्‍य निधि सदस्‍यता निरस्‍त नहीं की जा सकती। ऐसी परिस्थिति में भविष्‍य निधि सदस्‍य का अंशदान अधिकतम रू. 15000/- के वेतन पर कटौत्रा किया जाना अनिवार्य है'' के अनुपालन में मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पूर्व में पंजीकृत संविदा कार्मिकों को ई.पी.एफ. की सुविधा का लाभ तद्नुसार दिया जा रहा है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में ई.पी.एफ. सुविधा प्राप्‍त करने हेतु अधिकतम वेतन की सीमा रू. 15000/- प्रतिमाह होने से किसी भी संविदा कार्मिक को ई.पी.एफ. की सुविधा हेतु पंजीकृत नहीं किया जा सकता है।         (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्‍तर्गत वर्ष 2012 से वर्ष 2018 तक की अवधि में कार्यरत संविदा कार्मिकों को राष्‍ट्रीय पेंशन योजना का कटौत्रा किया गया। तत्पश्‍चात् वितरण कंपनियों में संविदा कार्मिकों हेतु ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम, 2018'' लागू किये गये। उक्‍त संविदा सेवा नियम में संविदा कार्मिकों को राष्‍ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं हैं। संविदा कार्मिकों के वेतन से काटी गई राशि एवं कंपनी की अंश राशि सहित उनके एन.पी.एस. खाते (PRAN) में जमा की गई। जिसका प्रबंधन नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड (NSDL) द्वारा किया जाता है। संविदा कार्मिकों को उक्‍त जमा राशि की वापसी उनके द्वारा आवेदन दिये जाने पर नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड (NSDL) द्वारा नियमानुसार उनके बैंक खाते में सीधे वापस दी जावेगी। म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्‍तर्गत कार्यरत संविदा कार्मिकों को एन.पी.एस. का लाभ नहीं दिया गया।

थाना बैकुण्ठपुर अंतर्गत वाहन दुर्घटना में दर्ज प्राथमिकी पर कार्यवाही

[गृह]

14. ( क्र. 3555 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि दिनांक 30 नवंबर 2020 को थाना बैकुण्ठपुर अंतर्गत कंदैला मोड़ में घटित वाहन सड़क दुर्घटना में मृतक के परिवार के द्वारा चिन्हित किये गए वाहन को आज दिनांक तक जप्त क्यों नहीं किया गया? (ख) थाना बैकुण्ठपुर में दर्ज प्राथमिकी रिपोर्ट में अभी तक कोई गिरफ्तारी न किये जाने का क्या कारण है? दुर्घटना कारित करने वाले वाहन को जब्त कर वाहन चालक की गिरफ्तारी कब तक की जा सकेगी? (ग) यह कि थाना बैकुण्ठपुर में दर्ज उपरोक्त प्राथमिकी रिपोर्ट पर कार्यवाही करने में लापरवाही करने वाले जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 30.11.2020 को कंदैला मोड ग्राम माडौ में हुई सड़क दुर्घटना के संबंध में सूचनाकर्ता चंद्रशेखर कुशवाहा पिता रामसजीवन कुशवाहा उम्र 39 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 7 बैकुण्ठपुर की रिपोर्ट पर थाना बैकुण्ठपुर में 374/2020 धारा 279, 337, 304 ए ताहि. पंजीबद्ध किया गया है, प्रकरण में रजनीश कुशवाहा पिता सुखलाल साकेत उम्र 18 वर्ष निवासी बैकुण्ठपुर अपने अन्य रिश्तेदार सुनील कुशवाहा पिता राम बहोर कुशवाहा उम्र 31 वर्ष निवासी उमरी तथा घायल रवि कुशवाहा पिता कमलेश कुशवाहा उम्र 18 वर्ष निवासी उतैली जिला सतना के नवा गांव मोटर सायकल से जा रहे थे कि रात्रि 09.20 बजे बोलेरो वाहन क्रमांक MP17CB-5288 से घटित सड़क दुर्घटना में रजनीश कुशवाहा पिता सुखलाल साकेत उम्र 18 वर्ष निवासी बैकुण्ठपुर की मृत्यु हो गई थी एवं सुनील कुशवाहा पिता राम बहोर कुशवाहा उम्र 31 वर्ष निवासी उमरी तथा घायल रवि कुशवाहा पिता कमलेश कुशवाहा उम्र 18 वर्ष निवासी उतैली जिला सतना घायल हो गये थे। प्रकरण विवेचनाधीन है जिसमें साक्ष्य संकलित किये जा रहे है एवं घायलों की मेडिकल रिपोर्ट, बेडहेड टिकिट अप्राप्त होने से एवं चिन्हित वाहन के दस्तयाब न होने से जब्ती नहीं की जा सकी। (ख) चिन्हित वाहन क्रमांक MP17CB-5288 का चालक अभी तक चिन्हित न होने से गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। प्रकरण विवेचनाधीन है चिन्हित वाहन की जब्ती एवं चालक को चिन्हित कर गिरफ्तारी का प्रयास जारी है। (ग) प्रकरण विवेचनाधीन है अब तक विधिसंगत कार्यवाही की जा रही है। शेष कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कर माननीय न्यायालय में पेश किया जायेगा। विवेचना में कोई लापरवाही नहीं की गई है। अतः किसी अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई है।

विकासखण्ड जवा में बदले गए ट्रांसफार्मरों की जाँच

[ऊर्जा]

15. ( क्र. 3561 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जुलाई 2020 से 31 दिसंबर 2020 की अवधि में (त्‍यौंथर) जवा एवं अतरैला डी.सी. में कुल कितने ट्रांसफार्मर खराब हुए, कुल कितने परिवर्तित किये गए? स्थलवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्‍या विकासखण्ड जवा अंतर्गत ट्रांसफार्मर जल जाने की शिकायतें लगातार आती रहती हैं, यदि हाँ, तो ऐसे घटिया किस्म के ट्रांसफार्मर किस कंपनी के द्वारा सप्लाई किये जाते हैं तथा कुल कितनी राशि उक्त कंपनी को वित्तीय वर्ष 2020-2021 में भुगतान की गई है? ट्रांसफार्मर सप्लाई करने वाली कंपनी के द्वारा कितनी अवधि की गारंटी दी जाती है? क्या गारंटी अवधि में बदले गए ट्रांसफार्मर का पुनः भुगतान किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) विकासखण्ड जवा अंतर्गत कितने अवैध कनेक्शनों के विरुद्ध विभाग के द्वारा कार्यवाही प्रस्तावित की गई? पंचायतवार विवरण उपलब्ध करावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) रीवा जिले के त्‍यौंथर संचालन-संधारण संभाग के जवा एवं अतरैला वितरण केन्‍द्र अन्‍तर्गत 01 जुलाई 2020 से 31 दिसम्‍बर 2020 की अवधि में क्रमश: 122 एवं 112 ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए एवं उक्‍त सभी जले/खराब ट्रांसफार्मर बदल दिये गये है, जिनकी स्‍थानवार सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विकासखण्‍ड जवा अन्‍तर्गत सामान्‍य रूप से ट्रांसफार्मर फेल होने की सूचना प्राप्‍त होती है, जिस पर नियमानुसार बदलने की कार्यवाही की जाती है। वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने का मुख्‍य कारण तेज आंधी तूफान, आकाशीय बिजली तथा अनाधिकृत रूप से बिजली का उपयोग करना आदि है। ट्रांसफार्मरों का क्रय वितरण कंपनी द्वारा संपूर्ण कंपनी क्षेत्र हेतु किया जाता है तथा भण्‍डार गृह में विभिन्‍न कंपनियों से क्रय किये गये ट्रांसफार्मर उपलब्‍ध होते हैं जो कि आवश्‍यकता अनुसार क्षेत्रीय कार्यालयों को उपलब्‍ध कराए जाते हैं। अत: किसी क्षेत्र विशेष में किस कंपनी से क्रय किये गये ट्रांसफार्मर आवश्‍यकतानुसार लगाए/बदले गए हैं, इसकी पृथक से जानकारी संधारित नहीं की जाती। प्रदायकर्ता फर्मों द्वारा सामान्‍यत: ट्रांसफार्मरों की 3 वर्ष की गारंटी दी जाती है तथा इस अवधि में खराब होने पर प्रदायकर्ता द्वारा इनका सुधार नि:शुल्‍क किया जाता है। तथापि क्षेत्रीय कार्यालयों से गारंटी अवधि पूर्ण होने के बाद खराब हुए ट्रांसफार्मरों को विभिन्‍न रिपेयरकर्ता फर्मों से रिपेयर करवाकर क्षेत्रीय भण्‍डारगृह में प्राप्‍त किया जाता है। भण्‍डार गृहों में प्राप्‍त सभी रिपेयर्ड वितरण ट्रांसफार्मरों की टेस्टिंग की जाती है तथा इनकी गारंटी अवधि 18 माह होती है। गारंटी अवधि में फेल होने वाले ट्रांसफार्मरों को पुन: रिपेयर किये जाने पर संबंधित फर्म को भुगतान नहीं किया जाता है। विकास खण्‍ड जवा के अंतर्गत जले/खराब ट्रांसफार्मरों को रिपेयर करने वाली फर्मों को वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में दिनांक 15.3.21 तक भुगतान की गई राशि का फर्म के नाम सहित विवरण  पुस्‍तकालय  के रखे  परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) विकासखण्‍ड जवा के अन्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में 76 अवैध कनेक्‍शनों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई है जिसका पंचायतवार विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

विद्युत ट्रांसफार्मर के परिवहन पर व्‍यय राशि

 [ऊर्जा]

16. ( क्र. 3678 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने विद्युत ट्रांसफार्मर जलने या किसी अन्य कारणवश चल नहीं पाये? विद्युत वितरण केन्द्रवार, भारक्षमता, स्थान, दिनांकवार जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने-कितने विद्युत ट्रांसफार्मर को वितरण केन्द्र से स्थापित स्थान तक लाने ले जाने के परिवहन में           कितनी-कितनी राशि का भुगतान कंपनी द्वारा किया गया? वितरण केन्द्रवार, वर्षवार किस-किस को कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई? जानकारी देवें। (ग) क्या एम.पी.पॉवर मेनेजमेंट कम्पनी लिमि.जबलपुर का परिपत्र क्र. 158 दिनांक 05.03.2018 के द्वारा वितरण केन्द्र से विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित स्थान तक परिवहन करने का भाडा कम्पनी द्वारा वहन करने के आदेश है? यदि हाँ, तो फिर विद्युत ट्रांसफार्मर का परिवहन किसानों के वाहन से क्यों कराया गया? कारण सहित स्पष्ट करें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 310, 63 के.व्ही.ए. क्षमता के 81, 100 के.व्ही.ए. क्षमता के 123 एवं 200 के.व्ही.ए. क्षमता के 14, इस प्रकार कुल 528 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं एवं वर्ष  2020-21 में प्रश्‍न दिनांक तक 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 260, 63 के.व्ही.ए. क्षमता के 79, 100 के.व्ही.ए. क्षमता के 108 एवं 200 के.व्ही.ए. क्षमता के 7 इस प्रकार कुल 454, वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए, जिन्‍हें संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की राशि जमा करने पर निर्धारित अवधि में बदल दिया गया है। उक्‍त फेल विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की वितरण केन्द्रवार, क्षमतावार (भार क्षमता नहीं) स्थानवार, फेल होने की दिनांकवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार  है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में प्रश्‍नाधीन अवधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को स्‍थापना के स्‍थान से वितरण केन्‍द्र लाने एवं नए/सुधार किये हुए वितरण ट्रांसफार्मर को वितरण केन्‍द्र से स्‍थापना स्‍थल तक ले जाने का कार्य म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के वाहनों से ही किया गया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जी हाँ। उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन वितरण ट्रांसफार्मरों के परिवहन का कार्य म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के वाहनों से ही किया गया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

ऊर्जा विभाग में अनियमितता की जांच

[ऊर्जा]

17. ( क्र. 3750 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) मुरैना वन के अंदर राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत मेसर्स बजाज इलेक्‍ट्रीकल कंपनी द्वारा अत्‍यंत घटिया किस्‍म का जो विद्युतीकरण कार्य कि‍या गया है जिसकी अनेक शिकायतें की गई एवं दैनिक समाचार पत्रों में भी समाचार प्रकाशित हुए के आधार पर कंपनी स्‍तर से पाँच सदस्‍यीय जाँच कमेटी बनायी गई? यदि हाँ, तो क्‍या जाँच कमेटी द्वारा पत्र क्र. 370 दिनांक 20.003.2020 से मुख्‍य महा प्रबंधक ग्‍वालियर को जाँच रिपोर्ट दी गयी? यदि हाँ, तो उस जाँच के आधार पर दोषी के विरूद्ध अब तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या जाँच रिपोर्ट को नजर अंदाज करते हुए संबंधित ठेकेदार को प्रस्‍तुत बि‍लों का भुगतान कर कंपनी को करोड़ों रूपयों का आर्थिक नुकसान किया है? यदि ऐसा है तो बिल भुगतान करने वाले अधिकारी के प्रति कब तक दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जा सकेगी? समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ग) क्‍या मेसर्स बजाज इलेक्‍ट्रीकल कंपनी द्वारा रिटेन्‍सन एवं सुरक्षा राशि काटकर बिल प्रस्‍तुत किए थे? यदि हाँ, तो मात्र पाँच प्रतिशत राशि को रोक कर कंपनी की आर्थिक हानि की पूर्ति संभव है जबकि बजाज कंपनी द्वारा 50 प्रतिशत घटिया किस्‍म का काम किया है जिससे कंपनी का ही शत्-प्रतिशत नुकसान हो रहा है? क्‍योंकि घटिया कार्य से पूरी विद्युतीकरण संरचना ध्‍वस्‍त हो रही है? यदि हाँ, तो दोषी का पता लगाकर दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मुरैना प्रथम संभाग के अंतर्गत मुरैना का सम्‍पूर्ण शहरी क्षेत्र आता है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल कंपनी द्वारा सम्‍पूर्ण मुरैना जिले हेतु प्रावधानित कार्यों में से 16 नं.मजरे टोलों में विदयुतीकरण के कार्य कराये गये जिसमें पृथक से घटिया किस्‍म के कार्यों संबंधी कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई। अपितु मुरैना जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विदयुतीकरण योजना बारहवां प्‍लान के अंतर्गत मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल कंपनी मुम्‍बई द्वारा क्रियान्वित कार्यों के संबंध में लोकायुक्‍त कार्यालय मध्‍य प्रदेश भोपाल को प्राप्‍त शिकायत जा.प्र. 1107/17 के संबंध में लोकायुक्‍त कार्यालय से प्राप्‍त पत्र क्रमांक 6094/जा.प्र./1107/17 दिनांक 07.08.2018 एवं मुख्‍य महाप्रबंधक (ग्रामीण परियोजना) कार्या. प्रबंध संचालक भोपाल द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुक्रम में 5 सदस्‍यीय जाँच कमेटी मुख्‍य महाप्रबंधक (ग्‍वा.क्षे.) ग्‍वालियर के आदेश क्रमांक 6912-13 दिनांक 11.09.2019 के माध्‍यम से गठित की गई। जी हाँ, उक्‍तांकित आदेश से गठित जाँच कमेटी द्वारा जाँच रिपोर्ट उनके पत्र क्रमांक 370 दिनांक 20.03.2020 से मुख्‍य महाप्रबंधक ग्‍वालियर को दी गई। जाँच रिपोर्ट का स्‍वरूप अति वृहद एवं अत्‍यधिक तकनीकी होने के कारण अध्‍ययन करने में समय लग रहा है एवं म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कपंनी द्वारा इसका परीक्षण प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं। (ख) जी नहीं, जाँच रिपोर्ट को नजर अंदाज करते हुए संबंधित ठेकेदार के प्रस्‍तुत बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं। (ग) जी नहीं, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल कंपनी द्वारा रिटेंशन एवं सुरक्षा राशि काटकर बिल प्रस्‍तुत नहीं किये गये थे। मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल कंपनी के कार्यों की जाँच के संबंध में उत्‍तराश () में दर्शाये अनुसार जाँच रिर्पोट परीक्षाधीन है। परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

युवा बेरोजगारों को 100 दिन का रोजगार

[नगरीय विकास एवं आवास]

18. ( क्र. 3814 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने युवा बेरोजगारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्‍ध कराने हेतु मुख्‍यमंत्री रोजगार योजना कब शुरू की हैं, इसके तहत युवाओं के लिये ट्रेनिंग की क्‍या व्‍यवस्‍था की गई एवं इसके संचालक की जिम्‍मेदारी किन-किन विभागों को सौंपी गई? वर्तमान में योजना की क्‍या स्थिति हैं? (ख) प्रश्‍नांकित योजना के तहत नगर निगम जबलपुर सीमान्‍तर्गत कितने युवा बेरोजगारों ने पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन कराया? इसमें से चयनित कितने-कितने युवाओं को किन-किन संस्‍थाओं के माध्‍यम से किन-किन ट्रेडों में कितने दिवसीय प्रशिक्षण दिलाया गया? वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांकित प्रशिक्षण प्राप्‍त कितने युवाओं को 100 दिन के रोजगार के पारिश्रमिक की किस मान से कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितने युवाओं को कब से पारिश्रमिक की कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितने युवाओं को कब से पारिश्रमिक की कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया है एवं क्‍यों? इस संबंध में शासन के क्‍या निर्देश हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश शासन द्वारा युवा बेरोजगारों को 100 दिवस का अस्थाई रोजगार उपलब्ध कराने हेतु "मुख्यमंत्री स्वाभिमान योजना" दिनांक 09 फरवरी 2019 से प्रारंभ की गई। इसके तहत युवाओं को प्रारंभिक 10 दिन की ऑन-जॉब ट्रेनिंग नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नगरीय निकायों के माध्यम से एवं शेष 90 दिवस की ट्रेनिंग तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदाय करने की व्यवस्था की गई। वर्तमान में योजना अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण संचालित नहीं है। (ख) योजना अंतर्गत नगर पालिक निगम जबलपुर सीमा अंतर्गत 12296 युवा बेरोजगारों ने पोर्टल पर पंजीयन कराया। इसमे से 5820 युवाओं द्वारा नगर पालिक निगम जबलपुर में योजना अंतर्गत पोर्टल के माध्यम से ई-केवाईसी उपरांत ऑनबोर्डिंग कराई गई जिसमे से 1412 युवाओं को तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण प्रदाय किया गया। वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की संस्थावार एवं ट्रेडवार जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''  अनुसार है। (ग) योजना अंतर्गत प्रशिक्षित 1412 युवाओं में से 944 पात्र युवाओं को राशि रू. 4000 प्रतिमाह के मान से उपस्थिति के आधार पर कुल राशि रू. 6591183/- का भुगतान किया गया। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '' (पृ.क्र. 1 से 15 तक) अनुसार है। योजना अंतर्गत प्रशिक्षण में 100 दिवसों में से न्यूनतम 70 दिवस की उपस्थिति सुनिश्चित न करने के कारण अपात्र पाये गये 468 युवाओं को पारिश्रमिक की राशि का भुगतान नहीं किया गया। शासन के निर्देश  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '' अनुसार है।

तिराहे-चौराहों का विकास

[नगरीय विकास एवं आवास]

19. ( क्र. 3815 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्‍मार्ट योजना के तहत शहर की यातायात व्‍यवस्‍था में आवश्‍यक सुधार लाने, जाम की समस्‍या से निजात पाने, दुर्घटनाओं को रोकने हेतु तिराहों, चौराहों को विकसित करने संवारने की क्‍या योजना बनाई है? किन-किन तिराहों- चौराहों को चिन्हित कर इनकी डिजाइन कब किस कंसलटेंट एजेंसी से कितनी राशि में तैयार कराई हैं? इसमें किन बातों का विशेष ध्‍यान रखा गया हैं? किन-किन तिराहों-चौराहों का निर्माण/विकास कब किस एजेंसी से           कितनी-कितनी राशि में कराया गया है? (ख) प्रश्‍नांकित चिन्हित किन-किन तिराहों चौराहों पर यातायात को नियंत्रित करने, दुर्घटनाओं को रोकने ट्रैफिक सिंग्‍नल, आई.टी.एस.एस. सिस्‍टम व लाईट की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था की गई है तथा कहां-कहां पर पर्याप्‍त व्‍यवस्‍थाएं नहीं की गई है एवं क्‍यों?            (ग) प्रश्‍नांकित किन-किन तिराहों-चौराहों पर जाम की समस्‍या बनी हुई है? कहां-कहां पर वाहन चालकों को वाहनों की गति को नियंत्रित करने, टर्न लेने में असुविधा एवं दुर्घटनाएं हो रही है? इसका प्रमुख कारण क्‍या है? वर्तमान में बंदरिया चौराहा, रद्दी चौकी, नागस्‍थ चौक की यातायात की स्थिति क्‍या हैं? जाँच किसने की हैं? क्‍या शासन इन चौराहों के निर्माण व विकास कार्य में यातायात नियमों का पालन न करने व दुर्घटनायें होने के लिये दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर में स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत 15 तिराहों-चौराहों का विकास कार्य किया गया है। चिन्हित तिराहों/चौराहों की डिजाईन कन्सलटेंट एजेंसी, निर्माण कार्य एवं एजेंसी को किये गए भुगतान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ  अनुसार है। (ख) चिन्‍हित तिराहों-चौराहों जहां ट्रैफिक सिंग्नल, आई.टी.एम.एस. सिस्टम एवं लाईट की व्यवस्था की गई की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  अनुसार है। स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत चिन्हित सभी तिराहों/चौराहों पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत चिन्हित तिराहों/चौराहों का निर्माण एवं विकास कार्य मुताबिक डिजाईन अनुसार किया गया है। इन तिराहों-चौराहों पर टर्न लेने, वाहनों की गति को नियंत्रित करने की समुचित व्यवस्था है एवं जाम की समस्या नहीं है। चौराहों पर किये गए विकास कार्य से कोई दुर्घटना नहीं हुई है। बंदरिया चौराहा, रद्दी चौकी, नागस्थ चौक का यातायात सुचारू है एवं यातायात की जाँच समय-समय पर यातायात पुलिस द्वारा की जाती है। चिन्हित चौराहों के विकास कार्य में यातायात के नियमों का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

स्‍वयं का ट्रासफार्मर योजना के मापदण्‍ड

[ऊर्जा]

20. ( क्र. 3997 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्‍वयं का ट्रांसफार्मर योजना में व्‍यक्तिगत तथा कृ‍षकों के समूह में ट्रांसफार्मर लगाये जाने की योजना में क्‍या-क्‍या शर्तें मापदण्‍ड हैं तथा किस हेतु किसान को क्‍या-क्‍या कार्यवाही करना पड़ती हैं, पूर्ण विवरण दें। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में बरेली एवं रायसेन संभाग में प्रश्नांश (क) से संबंधित कितने आवेदन पत्र कब से किस हेतु किस स्‍तर पर क्‍यों लंबित हैं तथा उनका कब तक निराकरण होगा? पूर्ण विवरण दें। (ग) क्‍या अस्‍थायी कृषि पंप कनेक्‍शनों को भी पूर्व से देय ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की रियायत दी गई? यदि हाँ, तो कि‍सानों को कितने हार्स पावर के कनेक्‍शन के लिए कि‍तने माह का कितना शुल्‍क निर्धारित है तथा पूर्व में कितना शुल्‍क लगता था? (घ) अस्‍थायी कृषि पंप कनेक्‍शनों को स्‍थायी करने की विभाग की क्‍या योजना है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) कृषक द्वारा व्‍यक्तिगत रूप से एवं कृषकों के समूह द्वारा स्‍वयं का ट्रांसफार्मर लगाए जाने की योजना से संबंधित शर्तों/मापदण्‍डों की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। उक्‍त योजना के अंतर्गत कृषक अथवा कृषकों के समूहों द्वारा कृषि पम्‍प कनेक्‍शन प्राप्‍त करने हेतु म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अनुमोदित '' श्रेणी के ठेकेदार का चयन कर एवं संकल्प पोर्टल पर स्व-जनरेट माँग पत्र अनुसार राशि जमा कर ट्रांसफार्मर स्थापना/लाईन विस्तार का कार्य पूर्ण कराया जाकर कार्य पूर्णता रिपोर्ट म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय में प्रेषित कर कनेक्शन प्राप्त किया जाता है। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में संचालन-संधारण संभाग रायसेन एवं संचालन-संधारण संभाग बरेली में कृषि पम्‍प कनेक्‍शन के लिये स्वयं का ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये जाने हेतु क्रमश: 11 एवं 30 आवेदन, आवेदकों द्वारा निर्धारित राशि का भुगतान नहीं किये जाने के कारण लंबित है। उक्‍त आवेदन लंबित रहने की अवधि का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स  अनुसार है। आवेदकों द्वारा निर्धारित राशि का भुगतान करने एवं निर्धारित औपचारिकताएं पूर्ण किये जाने के उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी, जिस हेतु समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।           (ग) जी हाँ, अस्थाई कृषि पंप कनेक्‍शनों को भी पूर्व से ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की रियायत दी जा रही है। कृषि पम्‍प उपभोक्‍ताओं से विभिन्‍न हार्सपॉवर के कनेक्‍शन हेतु विभिन्‍न अवधि के लिये पूर्व एवं वर्तमान में लिये जाने वाले शुल्‍क का विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के  प्रपत्र-द-1 एवं द-2 अनुसार है। (घ) अस्‍थाई कनेक्‍शन को स्‍थाई कनेक्‍शन में परिवर्तित करने हेतु कोई भी योजना संचालित नहीं है। तथापि म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 29.09.2018 में निहित प्रावधान के अनुसार ऐसे कृषक जिनके कृषि पम्‍पों के संयोजन बिन्‍दु विदयुत वितरण कंपनी की विद्यमान निम्‍न दाब लाईन से 45 मीटर की परिधि में हैं, को ऑनलाईन स्‍थाई कनेक्‍शन दिये जाने की दृष्टि से कंपनी के कृषि संकल्‍प पोर्टल में एक अलग श्रेणी ''अस्‍थाई से स्‍थाई संयोजन'' का प्रावधान किया गया है। परिपत्र के प्रावधान अनुसार वर्णित श्रेणी के संयोजनों से आवेदन शुल्‍क की राशि रू. 5/- मात्र आवेदन के साथ लिये जाने तथा सुरक्षा निधि की राशि रू. 1500/- एवं अनुबंध स्‍टाम्‍प शुल्‍क की राशि रू. 500/- उपभोक्‍ता के प्रथम बिल में जोड़े जाने का प्रावधान है।

प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु चयनित भूमि

[नगरीय विकास एवं आवास]

21. ( क्र. 4008 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य किस-किस घटक के अंतर्गत चल रहा है? प्रधानमंत्री आवास निर्माण हेतु किस-किस विभाग की भूमि का चयन किया गया है? पृथक-पृथक विवरण दें। किस-किस विभाग की भूमि पर नि‍र्माण हो रहा है?                 (ख) प्रश्नांश (क) के आवासों के निर्माण हेतु वर्ष 2016-17 में जो निविदा स्‍वीकृत थी, में क्‍या दरें थी तथा इन्‍हीं आवासों के लिए इसके पूर्व जो निविदा आमंत्रित की थी, उसमें क्‍या दरें प्राप्‍त हुई। क्‍या जिस निविदा में कम दरें प्राप्‍त हुई थी उन्‍हें निरस्‍त करते हुये अधिक दर कि निविदा स्‍वीकृत की गई? दोनों में कितना अंतर था तथा शासन को इससे कितना अधिक व्‍यय करना पड़ेगा? इस अधिक व्‍यय करने के लिए किसे जिम्‍मेदार माना गया है? (ग) झिंझरी में बन रहे प्रधानमंत्री आवास के चल रहे निर्माण कार्य के निरीक्षण एवं सुपरवीजन के कार्य को एजीस (EGIS) कंपनी द्वारा नगर निगम को इस आशय का पत्र देकर नि‍रीक्षण कार्य रोक दिया है और मनमानी कार्य बिना सुपरवीजन के चल रहा है? क्‍या बिना सुपरवीजन के जो निर्माण किए गए हैं? उतने कार्यों के देयकों के भुगतान को रोका जावगा? यदि हाँ, तो कब तक बताएं तथा ठेकेदार के विरूद्ध कब और क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (घ) नगर पालिका निगम कटनी सीमा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास के बी.एल.सी. घटक के प्रारंभ दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक हितग्राहियों के कुल कितने आवेदन प्राप्‍त हुये एवं कितने आपात्र पाये गये, अपात्र पाये गये आवेदनों में अपात्र होने के क्‍या कारण थे आवेदनवार विवरण दें एवं कुल कितने पात्र हितग्राहियों को प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी किश्‍तें प्रदान की गई? हितग्राहीवार सूची दें एवं योजना प्रारंभ से अब तक बी.एलसी घटक के पात्र अपात्र करने एवं किश्‍तों के भुगतान समय से न करने की कुल कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? उक्‍त शिकायत पर की गई कार्यवाही की प्रति दें। यदि नहीं, की गई तो क्‍यों कारण बताएं। गलत भुगतान के कुल कितने प्रकरण प्राप्‍त हुये। क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक गलत किया भुगतान वापस प्राप्‍त कर लिया गया।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) वर्ष 2016-17 में प्राप्त न्यूनतम दर 2.91 प्रतिशत अधिक मे. गेनन डंकरले एण्ड कम्पनी की स्वीकृत हुई थी। निविदाकार द्वारा कार्य का अनुबंध न करने के कारण निविदा निरस्त करते हुये अमानत राशि राजसात की गई थी। पुनः आमंत्रित निविदा में प्राप्त न्यूनतम निविदा दरें मे. बी.आर.पी. एसोशियेट्स भोपाल की 3.90 प्रतिशत अधिक आईएसएसआर-2012 स्वीकृत की गई थी पूर्व में स्वीकृत दरें 0.99 प्रतिशत कम थी, जिसमें राशि रू.111.93 लाख का अधिक व्यय होगा। प्रथम निविदाकार की याचिका क्र. डब्ल्यूपी 710/2017 में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय के अनुपालन में अमानत राशि वापसी की गई है जिससे किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हा। झिंझरी में विगत लगभग एक वर्ष से अधिक समय से कार्य बंद है, उक्त स्थल पर अनियमितताओं की जाँच हेतु जाँच के निर्देश दिये गये है। जाँच समिति द्वारा जाँच की जा रही है, जिसका प्रतिवेदन प्राप्त होने पर यथायोग्य कार्यवाही की जा सकेगी। उपरोक्त अवधि में कोई कार्य न होने से सुपरविजन नहीं किया जा रहा है न ही किसी भी प्रकार का भुगतान किया गया है। संविदाकार के कार्य बन्द रखा जाने के कारण निकाय ने ठेका समाप्त करने एवं निर्माण स्थल पर कार्य करने से पृथक करने हेतु सूचना पत्र जारी किया है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार हितग्राहियों का नगरीय निकाय द्वारा सर्वेक्षण किया जाकर सूची तैयार किये जाने का प्रावधान है। नगर पालिक निगम कटनी, द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बीएलसी घटक अन्तर्गत वर्ष 2017 से जनवरी 2019 तक योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार 08 डी.पी.आर. तैयार कराई गई, जिनमें हितग्राहियों की संख्या 6554 है। जिसमें 885 हितग्राही अपात्र पाये गये है। जिनकी सूची  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट के प्रपत्र ''  अनुसार है। जनवरी 2019 के पश्चात प्राप्त 2308 आवेदनों एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। नगर पालिक निगम कटनी द्वारा योजनान्तर्गत शासन से समय-समय पर प्राप्त राशि पात्र हितग्राहियों के खातें में अंतरित की गई राशि का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स-1'  अनुसार है। कार्यालयीन अभिलेखों के अनुसार कुल 52 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें शिकायतकर्ताओं से संपर्क किया जाकर शिकायतों के संबंध में वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए निराकरण कराया गया। इसी तरह योजनान्तर्गत हितग्राहियों द्वारा सी.एम. पोर्टल पर कुल 1137 शिकायतें की गई हैं, जिनके संबंध में शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर वस्तु स्थिति की जानकारी से अवगत कराकर 1008 शिकायतों का निराकरण सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल पर दर्ज कराया गया है तथा इन्हीं शिकायतों में से 09 शिकायतों के निराकरण से शिकायकर्ता को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है, जिसकी प्रतियां पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। कटनी नगर निगम में बी.एल.सी. के हितग्राही चयन/पात्रता/किश्त वितरण संबंधी शिकायत के परीक्षण हेतु संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग-जबलपुर की अध्यक्षता में जाँच समिति गठित कर जाँच के निर्देश दिये गये है।

लंबित भुगतान का निराकरण

[ऊर्जा]

22. ( क्र. 4267 ) श्री सुनील सराफ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अमरंकटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर को सी.एच.पी. 210 मेगावाट तथा C.T.D. के संविदाकार कार्यादेश संख्‍या 001-04/sep/Che/wo-288/3283 दि. 09-10-19 तथा 001-04/sep/chp/ wo-259/1533 दि. 29-06-19 तथा 001-04/sep/chp/wo-278/2594 दि. 30-08-2019 के द्वारा श्रमिकों को साप्‍ताहिक अवकाश की राशि नहीं दी जा रही है त‍था राशि की मांग करने पर सेवा से पृथक किया जा रहा है? chp210 मेगावार एवं C.T.D के संविदाकारों द्वारा 01-01-2016 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने श्रमि‍कों को कितनी राशि साप्‍ताहिक अवकाश के मद में दी है वर्षवार बतावें? (ख) उपरोक्‍तानुसार जिन श्रमिकों को साप्‍ताहिक अवकाश की राशि नहीं मिली है उन्‍हें लंबित भुगतान कब तक किया जाएगा? उनके नाम, राशि सहित जानकारी देवें। (ग) दि. 01-1-18 से 31-12-2020 तक कितने श्रमिकों को निलंबित तथा सेवा से पृथक किया गया है? इनकी सूची वर्षवार देवें। इन्‍हें कब तक सेवा में वापस लिया जाएगा? (घ) कार्यपालन अभियंता एवं Chp के सहायक अभियंता कब से पदस्‍थ है? नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें। विगत 3 वर्षों में इनकी कितनी शिकायतें कहां-कहां की गई? उन पर की गई कार्यवाही सहित देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नाधीन कार्यादेशों के अंतर्गत श्रमिकों को न्‍यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अन्‍तर्गत श्रमायुक्‍त म.प्र.शासन इन्‍दौर द्वारा समय-समय पर जारी पुनरीक्षित न्‍यूनतम वेतन दरों के आधार पर मासिक वेतन का भुगतान किया जाता है। इस अधिनियम के अन्‍तर्गत यदि किसी सन्‍दर्भ में एक दिन का वेतन संगणित करना हो तो देय मासिक वेतन को 26 का भाग देकर संगणित किया जाता है। साप्‍ताहिक अवकाश हेतु पृथक से भुगतान का प्रावधान नहीं है अपितु न्‍यूनतम वेतन की दरों में साप्‍ताहिक अवकाश (विश्राम दिवस) का पारिश्रमिक सम्मिलित है। श्रमिकों को साप्‍ताहिक अवकाश प्रदान किया जाता है। राशि मांगने पर किसी भी श्रमिक को कार्य से पृथक नहीं किया गया है। उक्‍त के परिप्रेक्ष्‍य में सी.एच.पी. 210 मेगावाट एवं सी.टी.डी. के संविदाकारों के द्वारा दिनांक 01.01.2016 से प्रश्‍न दिनांक तक साप्‍ताहिक अवकाश के मद में पृथक से कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में लागू नहीं। अत: जानकारी निरंक है। (ग) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के अंतर्गत संचालित ठेकों में श्रमिकों का नियोजन ठेकेदारों के द्वारा किया जाता है। दिनांक 01.01.2018 से 31.12.2020 तक की अवधि में ठेकेदार द्वारा कुल 06 श्रमिकों को कार्य से पृथक किया गया है। पृथक किये गये श्रमिकों की वर्षवार सूची  संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार  है। इन श्रमिकों में से चार श्रमिकों के द्वारा औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत पीठासीन अधिकारी माननीय श्रम न्‍यायालय, शहडोल में प्रकरण दायर किया गया जो कि विचाराधीन है। प्रकरण पर माननीय न्‍यायालय के निर्णय के अनुसार उचित कार्यवाही की जावेगी। दो श्रमिकों पर संबंधित ठेकेदार द्वारा थाना चचाई में प्राथमिकी दर्ज की गई है, पुलिस कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत उचित कार्यवाही की जावेगी। श्रमिक श्री रवि तिवारी को उसकी अनुशासनहीनता एवं कार्य के दौरान लापरवाही बरतने तथा अन्‍य साथी कार्मिकों के साथ दुर्वव्‍यवहार करने के कारण, जिससे दुर्घटना हो सकती थी, ठेकेदार द्वारा कार्य से पृथक किया गया है। श्रमिक के दुर्वव्‍यवहार के कारण इसे पुन: कार्य पर नहीं लिया जा सकता है। (घ) मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के सीएचपी 210 मेगावाट अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में पदस्थ अभियंताओं की जानकारी निम्‍नानुसार है– (1) श्री व्‍ही.एम. पाठक, कार्यपालन अभियंता दिनांक 31/08/2016 से प्रभार में है। (2) श्री मनीष दौलतानी, सहायक अभियंता दिनांक 02/03/2010 से पदस्‍थ हैं। (3) श्री राजीव कुमार प्रजापति, सहायक अभियंता दिनांक 15/03/2018 से पदस्‍थ हैं। (4) श्री रूद्र प्रताप सिंह परमार, सहायक अभियंता दिनांक 14/07/2020 से पदस्‍थ हैं। इन अभियंताओं के विरूद्ध किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: इन पर किसी कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं है।

परिशिष्ट - "सोलह"

भिण्‍ड जिले में सड़क का रेस्‍टोरेशन/मरम्‍मत कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

23. ( क्र. 4303 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के लहार, मिहोना, आलमपुर एवं दबोह नगर में कितनी-कितनी लागत की पेयजल योजना का कार्य चालू है एवं वर्तमान में प्रगतिरत किस-किस पेयजल योजना का कितना-कितना कार्य हो गया है एवं कितना-कितना कार्य शेष है तथा किस-किस योजना में  कितना-कितना भुगतान किया जा चुका है? (ख) क्‍या पेयजल योजनाओं हेतु पाईप लाईन डालने के लिए उक्‍त शहरों के अन्‍दर से रोड की खुदाई की गई है एवं खुदाई के बाद संबंधित ठेकेदार द्वारा रेस्‍टोरेशन/मरम्‍मत का कार्य नहीं कराया गया है, जिससे नागरिकों को आवागमन में काफी कठिनाई हो रही है एवं धूल के कारण लोगों में श्‍वास की बीमारियां हो रही हैं? (ग) यदि हाँ, तो पाईप लाईन हेतु रोड की खुदाई के बाद रोड की मरम्‍मत/रेस्‍टोरेशन कार्यों हेतु अनुबंध अनुसार क्‍या-क्‍या प्रावधान हैं एवं अनुबंध के प्रावधानों के अनुरूप क्‍या ठेकेदार द्वारा रोडों का रेस्‍टोरेशन/मरम्‍मत कार्य नहीं कराये जाने के लिए जिम्‍मेदार अधिकारी एवं ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या उक्‍त योजनाओं के पाईप लाईन का टेस्टिंग कार्य हो चुका है? यदि नहीं, तो टेस्टिंग कार्य पूर्ण कर आम नागरिकों को कब तक पेयजल उपलब्‍ध करा दिया जायेगा? नगरपालिका/परिषद वार बतायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भिण्ड जिले के नगर परिषद लहार में रू. 60.69 करोड़, नगर परिषद मिहोना में रू. 28.53 करोड़, नगर परिषद आलमपुर में रू. 26.16 करोड़ एवं नगर परिषद दबोह में रू. 31.66 करोड़ की पेयजल योजना का कार्य चालू है। वर्तमान में प्रगतिरत पेयजल योजना में कितना-कितना कार्य हुआ है एवं कितना कार्य शेष है उसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। नगर परिषद लहार में रू. 24.67 करोड़, नगर परिषद मिहोना में            रू. 11.33 करोड़ नगर परिषद आलमपुर में रू. 11.57 करोड़ एवं नगर परिषद दबोह में रू. 8.65 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। पाइप लाइन डालने हेतु रोड की खुदाई की गई। खुदाई के बाद संबंधित ठेकेदार द्वारा रोड को तुरंत मोटरेबल कर दिया जाता है। जिससे आम नागरिकों को आवागमन में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है एवं धूल उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है। (ग) अनुबंध अनुसार पाइप लाइन हेतु रोड की खुदाई के बाद ठेकेदार को यथास्थिति में रोड की मरम्मत कराये जाने का प्रावधान है। अनुबंध के प्रावधानों के अनुरूप ठेकेदार द्वारा रोड रेस्टोरेशन का कार्य किया जा रहा है। जिसके लिए कोई अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्मेदार नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगर परिषद लहार में 106338 मी., नगर परिषद मिहोना में 52056 मी., नगर परिषद आलमपुर में 31351 मी. एवं नगर परिषद दबोह में 36632 मी. पाइप लाईन की हाइड्रोटेस्टिंग की जा चुकी है। नगर परिषद लहार में अनुमानित दिनांक 31.08.2021 तक, नगर परिषद मिहोना, आलमपुर एवं दबोह में अनुमानित दिनांक 31.08.2021 तक पेयजल उपलब्ध कराया जाना लक्षित है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

डूब प्रभावित ग्रामों के पुनर्वास हेतु मूलभूत सुविधायें

[ऊर्जा]

24. ( क्र. 4314 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की विधानसभा क्षेत्र कसरावद के ग्राम लेपा, अमलाथा, भटटीयाण बुजुर्ग, ससावड, तेलियाव, मलगांव और नहारखेड़ी महेश्‍वर जल विद्युत परियोजना के डूब प्रभावित ग्रामों के पुनर्वास स्‍थलों पर मूलभूत सुविधाओं के अन्‍तर्गत विद्युतीकरण नहीं कराये जाने के कारण उक्‍त ग्रामीण पुनर्वास स्‍थलों पर विस्‍थापित नहीं हुए है। इस संबंध में शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (ख) ग्रामीण पूर्ववत स्‍थानों पर ही निवासरत हैं, परन्‍तु इन ग्रामों में मूलभूत सुविधाओं के अन्‍तर्गत विद्युतीकरण की सुविधा उपलब्‍ध कराना शासन द्वारा क्‍यों बंद की गई है इस लापरवाही में शासन द्वारा संबधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी। (ग) उक्‍त ग्रामों में मूलभूत सुविधाओं के अन्‍तर्गत विद्युतीकरण हेतु शासन द्वारा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर को कितनी-कितनी राशि उपलब्‍ध कराई गई है और कितनी-कितनी राशि के कार्य डूब प्रभावित ग्रामों की श्रेणी में होने के कारण भी राशि का उपयोग नहीं किया जा रहा है ऐसा क्‍यों? क्‍या म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर द्वारा विद्युतीकरण हेतु उपलब्‍ध कराई गई राशि का उपयोग विद्युतीकरण कार्यों हेतु कर लिया है अथवा नहीं जानकारी देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) खरगोन जिले की विधानसभा क्षेत्र कसरावद के ग्राम लेपा, ससावड, तेलियाव, मलगांव और नहारखेड़ी महेश्वर जल विद्युत परियोजना के डूब प्रभावित ग्रामों के पुनर्वास स्थलों पर मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत बाह्य विद्युतीकरण का कार्य निजी क्षेत्र की कंपनी, श्री महेश्वर हायडल पावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा पूर्ण किया जाकर म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर को हस्तांतरित किया जा चुका है एवं 11 केव्ही लाइन, निम्नदाब लाइन एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर चालू स्थिति में है। ग्राम अमलाथा एवं भटटीयाण बुजुर्ग के पुनर्वास स्थल चिन्हित नहीं किये गये हैं अत: बाह्य विद्युतीकरण का कार्य नहीं कराया गया है। उपरोक्त उल्लेखित ग्रामों में किये गये विद्युतीकरण कार्य की स्थिति की जानकारी  संलग्न  परिशिष्ट अनुसार  है। अत: यह कहना उचित नहीं है कि विद्युतीकरण नहीं कराये जाने से ग्रामीण पुनर्वास स्‍थल पर विस्‍थापित नहीं हुए हैं। अत: शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं। (ख) पूर्ववत स्थान जैसे ग्राम लेपा, अमलाथा, भटटीयाण बुजुर्ग, ससावड, तेलियाव, मलगांव और नहारखेड़ी की मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत विद्युतीकरण की सुविधाएं सुचारु रुप से पूर्ववत चालू है। अतः प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित ग्रामों का बाह्य विद्युतीकरण का कार्य निजी क्षेत्र की कंपनी श्री महेश्‍वर हाइडल पावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा ही कराया जाना है एवं समस्‍त राशि उनके द्वारा व्‍यय की जानी है न की शासन द्वारा। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर को केवल सुपरविजन चार्जेस 5 प्रतिशत एवं उस पर देय 10.30 प्रतिशत सर्विस टैक्स की राशि का ही भुगतान प्राप्त हुआ है। अत: शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं।

परिशिष्ट - "अठारह"

किसानों को सिंचाई हेतु 8 घंटे बिजली का प्रदाय

[ऊर्जा]

25. ( क्र. 4408 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रदेश के किसानों को सिंचाई हेतु 24 घंटे में से कितने घंटे बिजली दी जा रही है? (ख) क्‍या प्रदेश के किसानों को 6-7 घंटे ही बिजली सिंचाई हेतु मिल पा रही है? क्‍या इस कारण से रात में लाईट न होने के कारण तारों की चोरी एवं ट्रान्‍सफार्मरों से तेल चोरी हो रही है? (ग) क्‍या रात्रि में बिजली न मिलने के कारण किसानों के साथ सर्पदंश तथा चोरियों की घटनायें हो रही है। क्‍या समस्‍याओं के निराकरण हेतु शासन रात्रि में एक या दो फेस बिजली किसानों को देगी? (घ) क्‍या शासन द्वारा प्रदेश में 8 घंटे बिजली किसानों को सिंचाई हेतु देने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में किसानों को सिंचाई हेतु तकनीकी व्‍यवधानों को छोड़कर सामान्‍यत: प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। माह दिसम्‍बर 2020, जनवरी 2021 एवं फरवरी 2021 में प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा कृषि फीडरों पर किये गये औसतन प्रतिदिन विद्युत प्रदाय का विवरण निम्‍नानुसार है :-

माह

कृषि फीडरों पर विद्युत प्रदाय के औसत घण्‍टे (घण्‍टे : मिनिट)

पूर्व क्षेत्र

पश्चिम क्षेत्र

मध्‍य क्षेत्र

दिसम्‍बर-20

09:50

09:51

9:55

जनवरी-21

09:50

09:52

9:52

फरवरी-21

09:52

09:54

9:54

(ख) जी नहीं, प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा विगत 3 माहों में कृषि फीडरों पर किये गये औसतन प्रतिदिन विद्युत प्रदाय की अवधि का विवरण उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार है। विद्युत प्रणाली से संबद्ध भार के प्रबंधन के दृष्टिगत कृषि फीडरों के समूह बनाकर दिन में भिन्‍न-भिन्‍न अवधि में नियमानुसार 10 घण्‍टे विद्युत प्रदान सुनिश्चित किया जाता है किन्‍तु चोरी की घटनाओं का संबंध उक्‍तानुसार भार प्रबंधन हेतु निर्धारित की गई विद्युत प्रदाय की अवधि से नहीं है।              (ग) प्रदेश में किसानों सहित समस्‍त उपभोक्‍ताओं को घरेलू उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) राज्‍य शासन द्वारा दिनांक 14 मई 2010 को विधानसभा में संकल्प 2013 पारित किया गया था जिसके तहत कृषि प्रयोजन हेतु 8 घंटे (वर्तमान में राज्‍य शासन की मंशानुसार 10 घंटे) तथा अन्‍य प्रयोजन हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। संकल्प 2013 की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।

रिक्‍त पदों की पूर्ति

[ऊर्जा]

26. ( क्र. 4409 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) निवाड़ी एवं टीकमगढ़ जिले में बिजली विभाग में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद स्‍वीकृत हैं? पदों के विरूद्ध किस-किस श्रेणी के कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्‍थ हैं? कितने पद रिक्‍त हैं? (ख) कब तक रिक्‍त पदों की पूर्ति कर दी जावेगी? क्‍या रिक्‍त पदों के कारण कर्मचारी कम होने से बिजली सप्‍लाई एवं अन्‍य कार्य बाधित हो रहे हैं? (ग) उक्‍त जिलों में किस स्‍थान/गांवों में बिजली के तार टूटे हैं? कब से कब टूटे तारों को जोड़ दिया जायेगा? निवाड़ी एवं टीकमगढ़ जिले की बिजली सप्‍लाई टूटे तारों एवं खराब ट्रांसफार्मरों की कितनी शिकायतें विगत 3 वर्षों में प्राप्‍त हुईं? इन शिकायतों के निराकरण हेतु कब-कब क्‍या प्रयास किये गये एवं कितनी शिकायतें दूर की गईं एवं कितनी शेष हैं? (घ) क्‍या तारों के टूटने एवं बिजली सप्‍लाई की समस्‍या वर्तमान में पूरे प्रदेश में है? यदि हाँ, तो कहां-कहां? कब तक उक्‍त समस्‍याओं का निराकरण किया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर की स्‍वीकृत संगठनात्‍मक संरचना में तत्‍समय जिला टीकमगढ़ (निवाड़ी क्षेत्र सहित) हेतु पद स्‍वीकृत किये गए, निवाड़ी जिला निर्मित नहीं हुआ था। निवाड़ी जिला बनने के पश्‍चात संचालन एवं संधारण संभाग पृथ्‍वीपुर का मुख्‍यालय जिला निवाड़ी में किया गया है। तद्नुसार संचालन-संधारण संभाग पृथ्‍वीपुर के अंतर्गत आने वाले समस्‍त कार्यालय एवं संचालन-संधारण संभाग एवं वृत्‍त टीकमगढ़ में श्रेणीवार स्‍वीकृत पदों की संख्‍या, पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारी की संख्‍या एवं रिक्‍त पदों का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार  है। (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग, म.प्र.शासन के पत्र क्रमांक एफ-7-53/2019/आ.प्र/एक दिनांक 04.01.2020 के साथ संलग्‍न अधिसूचना दिनांक 24.12.2019 के माध्‍यम से आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग (EWS) के उम्‍मीदवारों हेतु 10 प्रतिशत आरक्षण एवं अन्‍य पिछड़ा वर्ग के उम्‍मीदवारों को 27 प्रतिशत आरक्षण हेतु शामिल करने के लिये मॉडल रोस्‍टर जारी किया गया है। उक्‍त मॉडल रोस्‍टर के अनुसार स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध श्रेणीवार कार्यरत कर्मचारियों एवं रिक्तियों की गणना कर राज्‍य शासन के अनुमोदन उपरांत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा भर्ती की कार्यवाही की जावेगी। तथापि जिला निवाड़ी एवं टीकमगढ़ में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्‍त पदों के विरूद्ध जिला टीकमगढ़ में 300 एवं जिला निवाड़ी में 133 बाह्य स्‍त्रोत कार्मिकों के माध्‍यम से विद्युत संबंधी समस्‍याओं का निराकरण एवं अन्‍य कार्य संपन्‍न कराया जा रहा है। (ग) वर्तमान में प्रश्‍नाधीन जिलों में कही भी बिजली के तार टूटे हुए नहीं हैं। टीकमगढ़ जिले में विगत तीन वर्षों में टूटे तारों की कुल 674 शिकायतें प्राप्त हुयी, उक्‍त सभी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया हैं, जले/खराब ट्रांसफार्मरों से संबंधित कुल 1989 शिकायतें प्राप्त हुयी थीं, जिसमें से 1984 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है एवं शेष 05 शिकायतों से संबंधित जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर, संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण, बदलने हेतु शेष हैं। निवाड़ी जिले में विगत तीन वर्षों में टूटे तारों की कुल 169 शिकायतें प्राप्त हुयी, उक्‍त सभी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया हैं, जले/खराब ट्रांसफार्मरों से संबंधित कुल 590 शिकायतें प्राप्त हुयी थीं, जिसमें से 584 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है एवं शेष 06 शिकायतों से संबंधित जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं। (घ) जी नहीं, तारों के टूटने एवं बिजली सप्‍लाई की समस्‍या प्राय: आंधी तूफान/अतिवृष्टि एवं अन्‍य प्राकृतिक आपदाओं के कारण होती है जिन्‍हें त्‍वरित सुधार कार्य कराकर सतत् विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किया जाता है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

कार्यशाला में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

27. ( क्र. 4412 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम मुरैना के गाड़ी अड्डा (कार्यशाला) में फिक्‍स वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों एवं स्‍वास्‍थ्‍य शाखा में कार्यरत कर्मचारियों तथा पम्‍प चालकों की जानकारी प्रदान करने बाबत् आयुक्‍त नगर निगम मुरैना को प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य ने पत्र क्र.125/2021 दिनांक 20-01-2021 दिया गया? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक जानकारी उपलब्‍ध क्‍यों नहीं कराई गई? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ख) नगर निगम मुरैना के गाड़ी अड्डा (कार्यशाला) में कितने कर्मचारी/चालक कार्यरत हैं? उनके नाम, पिता का नाम, पता सहित जानकारी देवें। स्‍वास्‍थ्‍य शाखा में कितने कर्मचारी फिक्‍स वेतन, मस्‍टर दैनिक वेतन भोगी तथा स्‍थाई वेतन पर कहां-कहां कब से कार्यरत हैं? उनकी वार्डवार नाम, उपनाम सहित जानकारी देवें। (ग) वर्तमान में नगर निगम मुरैना में कितने पम्‍प चालक कब से किस-किस पम्‍प पर कार्यरत हैं? उनके नाम, पिता का नाम एवं पता सहित जानकारी देवें। (घ) वित्‍तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर निगम मुरैना से कौन-कौन सी लाईट कब-कब कहां से कितनी-कितनी राशि में खरीदी गई एवं कहां पर लगाई गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी वृहद स्वरूप की होने के कारण तैयार करने में समय लगा। पत्र क्रमांक 24 दिनांक 08/03/2021 के द्वारा जानकारी दी जा चुकी है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

संजय गांधी ताप विद्युत गृह में कोयले का प्रदाय

[ऊर्जा]

28. ( क्र. 4422 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंगपुर में 51 करोड़ रूपये का कोयला प्रदाय हेतु अल्‍टरनेटिव पाथ से इर्नागो कंपनी द्वारा बनाया गया है तथा क्‍या इससे कोयले की रैक जल्‍दी खाली हो जाती है एवं अनावश्‍यक लगने वाले डैमेज से बचा जा सकता है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांकित पाथ से वर्तमान में चालू अवस्‍था में है? यदि है तो इसके चालू होने के पश्‍चात डैमेज में कोई कमी आई है? (ग) प्रश्‍नांकित पाथ से प्रारंभ होने से दो वर्ष पूर्व एवं प्रारंभ होने से आज दिनांक तक अद्यतन माहवार होने वाले डैमेज का विवरण बतायें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। तथापि प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित राशि रू. 51 करोड़ नहीं अपितु रू. 48.90 करोड़ है। (ख) आल्‍टरनेटिव कोल पाथ का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है एवं ट्रायल प्रगति पर है। आल्‍टरनेटिव कोल पाथ पूर्ण क्षमता (भार) पर चलने के उपरान्‍त ही डेमरेज में कमी परिलक्षित हो सकेगी। (ग) उत्‍तरांश (ख) में इंगित अनुसार प्रश्‍नांकित पाथ का ट्रायल अगस्‍त-2020 से चल रहा है एवं परफॉर्मेन्‍स गारंटी टेस्‍ट किया जाना शेष है। जो अप्रैल, 2021 में प्रस्‍तावित है। प्रश्‍नांकित पाथ के पूर्ण क्षमता पर चलने के उपरान्‍त ही डेमरेज में कमी के संबंध में निष्‍कर्ष निकालना उचित होगा। प्रश्‍नांकित अवधि में वेगन ट्रिपलर पर खाली की गई कोयला रेक पर रेलवे द्वारा अधिरोपित डेमरेज चार्जेस का माहवार विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "बीस"

पुल निर्माण पर व्‍यय राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

29. ( क्र. 4427 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर के कोलार उपनगर (दामखेड़ा बस्‍ती के निकट) कलियासोत नदी पर विगत 2 वर्ष पूर्व एक कांक्रीट सीमेंट के पुल का निर्माण कराया गया है? इस पुल के निर्माण पर कितनी राशि व्‍यय की गई है? (ख) क्‍या इस पु‍ल के निर्माण कार्य को कलियासोत डेम के नीचे किनारे-किनारे में पूर्व से प्रभावशील सड़क से जोड़कर चूना भट्टी चौराहे तक जोड़ा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या इस पुल को आगे चूना भट्टी चौराहे से जोड़ने में कोई अवरोध है? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो निर्माण कार्य में इतना विलंब क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि रूपये 5,97,99,459.00 व्यय की गई। (ख) जी हाँ। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) भोपाल से अनापत्ति प्राप्त होने पर निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। निश्चित समय बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) भोपाल से अनापत्ति प्रतीक्षित है।

अवैध खनन के प्रकरण में दर्ज एफ.आई.आर.

[गृह]

30. ( क्र. 4428 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मध्‍यप्रदेश में 01.04.2020 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध रेत खनन, गिट्टी मुरम कारोबारियों के मध्‍य गैंगवार होने और गोली चलने के कितने-कितने प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है।  (ख) उपरोक्‍त अवधि में अवैध कारोबार में संलिप्‍त लोगों द्वारा प्रशासनिक, पुलिस, वन विभाग के कर्मियों के ऊपर हमले किये जाने के कितने-कितने प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की गई।          (ग) प्रश्‍नांश (क) और (ख) के अनुसार दर्ज एफ.आई.आर. पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्‍त अवधि में अवैध खनन में संलिप्‍त खनन माफिया के हमलों से कितने कर्मियों की मौत हुई। कितने घायल हुए और दोषियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अवैध रेत खनन, गिट्टी, मुरूम कारोबारियों के मध्य गैंगवार होने और गोली चलने की कोई घटना घटित नहीं हुई है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

संबल योजना अंतर्गत पंजीकृत हितग्राहियों का सत्‍यापन

[नगरीय विकास एवं आवास]

31. ( क्र. 4570 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत सागर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों का पंजीयन किया गया? क्या निर्धारित लक्ष्य अनुसार पंजीयन पूर्ण कर लिये गये है अथवा वर्तमान में पंजीयन किये जा रहे? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?            (ख) क्या पंजीकृत सभी हितग्राहियों का सत्यापन कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कितने शेष है? शेष हितग्राहियों का सत्यापन कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? सत्यापन उपरान्त कितने हितग्राही पात्र तथा कितने अपात्र घोषित किये गये? क्या कुछ पात्र हितग्राहियों से बगैर संपर्क किये गैर मौजूदा अपात्र घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो शासन ऐसे पात्र हितग्राहियों का पुनः सत्यापन करायेगा तथा कब तक? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? (ग) सागर विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत कितने हितग्राहियों को किन-किन योजनाओं में लाभ मुहैया कराया गया? (घ) क्या सागर नगर निगम में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि के बड़ी संख्या में प्रकरण स्वीकृत होने के उपरान्त बजट के अभाव में सहायता राशि प्रदत्त नहीं की गई है? क्या शासन शीघ्र इन हितग्राहियों को लाभ दिलाये जाने हेतु राशि उपलब्ध करायेगा तथा कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, सागर द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल 58489 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है। निर्धारित लक्ष्य अनुसार पंजीयन पूर्ण कर लिए गए है। वर्तमान में नगर पालिक निगम द्वारा पोर्टल बंद होने के कारण हितग्राहियों का पंजीयन नहीं किया जा रहा है। (ख) नगर पालिक निगम द्वारा हितग्राहियों का पूर्ण सत्यापन नहीं हो पाया है। कुल 12766 श्रमिकों का सत्यापन शेष है। सत्यापन का कार्य जारी है, सत्यापन में कुल 30385 श्रमिक पात्र एवं 15338 श्रमिक अपात्र पाये गये है। नहीं, वार्ड प्रभारियों द्वारा श्रमिकों से संपर्क करने पर वार्ड में श्रमिक न मिलने पर अपात्र किये गये हैं। हाँ, जानकारी प्राप्ति उपरांत जाँच में अपात्र श्रमिकों का पुन: सत्यापन किया जा सकता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। वर्तमान में भौतिक सत्यापन में अपात्र श्रमिकों का पुन: सत्यापन का कार्य जारी है। (ग) सागर विधानसभा क्षेत्र में नगर पालिक निगम द्वारा अनुग्रह सहायता योजनांतर्गत कुल 80 श्रमिकों को लाभ प्रदान किया गया है। (घ) हाँ, नगर पालिक निगम द्वारा 307 प्रकरण स्वीकृत किये गये, जिसमें से 227 प्रकरण बजट अभाव के कारण लंबित है। यथा शीघ्र लाभ उपलब्ध कराया जायेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सड़क सुरक्षा समिति के गठन का नियम

[गृह]

32. ( क्र. 4580 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सड़क सुरक्षा समिति के गठन के क्या नियम हैं और किन आधारों पर समिति सदस्यों का चयन होता हैं? क्या कटनी-जिले में सड़क सुरक्षा समिति गठित हैं? हाँ, तो समिति का गठन कब किया गया? समिति के कौन-कौन सदस्य हैं और किन-किन विशेषज्ञता/योग्यताओं से इन्हे सदस्य नियुक्त किया गया हैं? (ख) कटनी-जिले में जनवरी-2019 से सड़क सुरक्षा समिति की कब-कब बैठक आयोजित हुई? बैठकवार क्याक्या निर्णय लिए गए? पारित अनुसंशाओं के क्रियान्वन/पालन की ज़िम्मेदारी किन-किन शासकीय सेवकों एवं कार्यालयों/विभागों की थी? (ग) प्रश्नांश () क्या समिति द्वारा की गयी अनुसंशाओं/निर्णयों का पालन किया गया? हाँ, तो पालन में की गयी कार्यवाही का विवरण बताइये। (घ) क्या कटनी-नगर के मुख्य बाजार क्षेत्रों में अव्यवस्थित पार्किंग एवं यातायात में अवरोध की समस्या व्याप्त हैं? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? इस समस्या के निदान हेतु विगत 02 वर्षों में क्या-क्या प्रयास और कार्यवाही की गयी और क्या परिणाम परिलक्षित हुये? (ङ) थाना-यातायात,कटनी में रैंकवार शासकीय सेवकों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? कितने और कौन-कौन शासकीय सेवक वर्तमान में पदस्थ/कार्यरत हैं? कितने पद रिक्त हैं?                                   (च) प्रश्नांश () से (ड.) के परिप्रेक्ष्य में क्या कटनी नगर में यातायात और वाहन पार्किंग की समस्या के निदान के लिए कोई कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही की जाएंगी? हाँ,तो किस प्रकार और कबतक? नहीं,तो क्यों?

(गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ग) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी हाँ। शहर के मुख्य बाजार-सुभाष चौक, बरहीनाका, सराफा बाजार, झण्डा बाजार, कमानिया गेट थाना तिराहा (गांधी द्वार), घण्टा घर क्षेत्र में वाहनों के लिये पार्किंग स्थल का आभाव है। शहर के मुख्य बाजार में व्यवसायिक क्षेत्र होने के कारण प्रतिदिन दुकानों के सामने लोडिंग-अनलोडिंग का कार्य किया जाता है। मार्ग सकरा होने के कारण यातायात में अवरोध तथा जाम की स्थिति निर्मित होती है। पार्किंग स्थल उपलब्ध कराने, वाहनों की लोडिंग-अनलोडिंग हेतु निश्चित समय निर्धारित करने, शीघ्र-अतिशीघ्र टांसपोर्ट नगर की शुरूआत करने एवं शहर में नो-पार्किंग में खड़े वाहनों पर कार्यवाही करने के लिए एक छोटी क्रेन मय चालक तथा नगर निगम का अमला उपलब्ध कराने हेतु संबंधित विभागों को आदेशित करने हेतु कलेक्टर को पत्राचार किया गया है। (ङ) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (च) शहर वासियों के हित में तथा उनके वाहनों के सुचारू आवागमन हेतु बाजार क्षेत्र के विभिन्न मार्गों पर कुछ स्थान वाहन पार्किंग हेतु चिन्हित किये गये जो निम्नानुसार हैः- गोल बाजार (रामलीला मैदन) :- उक्त स्थल बाजार क्षेत्र के वाहनों की पार्किंग के लिये पार्किंग स्थल घोषित करने, सुभाष चौक के समीन शासकीय भूमि पर फूल विक्रताओं द्वारा अवैध अतिक्रमण कर लिया गया है जिसे हटाया जाकर उक्त स्थल वाहन पार्किंग स्थल घोषित करने तथा शहर के मख्य बजार-बहरी नाका, सराफा बाजार, झण्डा बजार, कमानिया गेट थाना तिराहा (गांधी द्वार), घण्टा क्षेत्र में वाहनों के लिये पार्किंग स्थल उपलब्ध कराये जाने संबंधी कार्ययोजना बनाई जाकर कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

नगर पालिक निगम इन्‍दौर द्वारा किये गये विकास कार्य की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

33. ( क्र. 4613 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर नगर पालिक निगम इन्‍दौर द्वारा निगम सीमा अंतर्गत विभिन्‍न विधानसभा क्षेत्रों अंतर्गत आने वाले वार्डों में विगत 03 वर्षों में क्‍या-क्‍या विकास कार्य कराये गये? विधानसभावार जोनवार, वार्डवार जानकारी उपलब्‍ध कराये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कार्य 03 वर्षों में स्‍वीकृत हुए, कितने कार्य पूर्ण हो चुके है? कितने कार्य निर्माणाधीन है? विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने कार्यों के कार्यादेश जारी किये गये, कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने कार्य अपूर्ण है एवं विधानसभा क्षेत्र के समीप वार्ड 18,1935 में कुछ कार्य के कार्यादेश जारी होने के उपरांत भी कार्य अपूर्ण है? अपूर्ण होने का क्‍या कारण है? स्‍पष्‍ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कार्यादेश जारी होने से कितने समय-सीमा में कार्य पूर्ण किया जाना प्रस्‍तावित होता है? कार्यों के पूर्ण नहीं होने का क्‍या कारण है? क्‍या कोई अधिकारी/ठेकेदार जिम्‍मेदार है? हाँ या नही? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 4958 कार्य स्वीकृत हुये है, 3957 कार्य पूर्ण हो चुके है। 538 कार्य निर्माणाधीन है। शेष अप्रारंभ है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रत्येक कार्य को पूर्ण करने की समय-सीमा पृथक-पृथक होती है, जो प्रत्येक कार्यादेश में अंकित की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के कॉलम 09 अनुसार है। सामान्य परिस्थितियों में निर्धारित            समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर संबंधित अधिकारी/ठेकेदार की जबावदेही निर्धारित की जाती है। अपूर्ण कार्यों को आवश्यकतानुसार यथाशीघ्र पूर्ण कराये जायेंगे, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

समयमान/वेतनमान का लाभ दिया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

34. ( क्र. 4614 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगमो में 20 वर्षों से कार्यरत् कर्मचारियों को क्या समयमान/वेतनमान का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किस आधार पर उक्त समयमान/वेतनमान दिया जायेगा? कर्मचारियों के चरित्रावली सत्यापन सम्‍बंधित कार्य जोनल अधिकारी स्तर के अधिकारी द्वारा ही सत्यापन कराया जाकर आगामी कार्यवाही क्यों नहीं कराई जा रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में चरित्रावली सत्या्पन उच्चाधिकारियों द्वारा सत्या‍पन कराये जाने के कारण क्या कर्मचारियों को समयमान/वेतनमान जारी करने में विलम्ब हो रहा है?            (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर आये अधिकारी शासन द्वारा घोषित दरों के अतिरिक्त अन्य लाभ ले रहे है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) .प्र.शासन, वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 24 जनवरी 2008 एवं दिनांक 30 सितंबर 2014 के आधार पर दिया जायेगा। कार्यालय प्रमुख अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा प्राधि‍कृत अधि‍कारी द्वारा गोपनीय चरित्रावली पर अंतिम मतांकन की कार्यवाही की जा रही है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं।

नियम विरूद्ध हरिजन एक्‍ट की कार्यवाही

[गृह]

35. ( क्र. 4656 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या सामान्य बर्ग के व्यक्तियों द्वारा भी हरिजन एक्ट का उपयोग किया जा सकता है, अनु.जाति जनजाति कल्याण थानों में किनकी रिपोर्ट दर्ज की जाती है, हरिजन एक्ट किस दशा में एवं किस पर लगता है पूर्ण जानकारी शासनादेशों सहित देवें? (ख) क्या सतना जिले में पुलिस की लापरवाही के चलते सामान्य वर्ग के ग्राम करसरा के व्‍यक्तियों द्वारा दिनांक 21/1/2021 को हरिजन कल्याण थाना सतना में झूठी रिपोर्ट की गई,जिसकी जांच/विवेचना भी की जा रही है? जबकि प्रकरण नियम विपरीत है? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी तहसील रघुराजनगर प्रकरण क्रमांक 1189/2006-07 में पारित निर्णय का पूर्ण पालन प्रश्‍न दिनांक तक नहीं कराया गया है? यदि नहीं, तो प्रकरण में पारित निर्णय अनुसार दर्ज कराये गये एफ.आई.आर. की प्रति देवें एवं बतावें कि प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? अभी तक कार्यवाही न करनें के लिये उत्‍तरदायी कौन है, उन पर क्‍या और कब तक में कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार प्रकरण में दोषी लोकसेवकों पर कब तक कार्यवाही करते हुये प्रकरण क्रमांक 1189/2006-07 में पारित निर्णय का पूर्ण पालन कराया जाकर, नियम विरूद्ध हरिजन एक्ट की कार्यवाही को समाप्त, किया जावेगा? क्‍या उपरोक्‍त प्रकरण नाजायज ढंग से झूठी रिपोर्ट कराने पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (‍क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भोपाल आई.एस.बी.टी. से संचालित वॉल्‍वों एवं सूत्र सेवा बसें

[नगरीय विकास एवं आवास]

36. ( क्र. 4671 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधनी के आई.एस.बी.टी. से संचालित होने वाली सूत्र सेवा एवं वाल्‍वों बसों में डीजल किन-किन रूटों पर किस-किस डीजल पंप से लिया जाता है? जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में दिनांक 01 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक गाड़ि‍यों में भराये गये डीजल बिल वाहनों के नंबर सहित किस डीजल पंप से डीजल भराया गया है? (ग) क्‍या दिनांक 02 फरवरी 2021 को सूत्र सेवा एवं वाल्‍वों बसों में पानी के टैंकर जैसे दिखने वाले टैंकर में डीजल भरकर बसों में फीलिंग के लिये लाया गया था जिसको मीडिया के हस्‍तक्षेप के बाद बी.सी.सी.एल.एल. के सीएओ एवं कलेक्‍टर भोपाल के निर्देश पर 700 लीटर डीजल सहित जप्‍त किया गया था? उक्‍त जप्‍त टैंकर किस तेल कंपनी से अनुबंधित था? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में डीजल परिवहन हेतु संबंधित विभाग/तेल कंपनी से अनुमति ली गई थी? यदि नहीं, तो उपरोक्‍त मामले में कौन-कौन जिम्‍मेदार है और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) राजधानी के आई.एस.बी.टी. से संचालित होने वाली बी.सी.एल.एल. से अनुबंधित सूत्र-सेवा अंतर्गत दो बस आपरेटर क्रमश: श्री दुर्गम्‍बा ट्रान्‍सवे प्राईवेट लिमिटेड और मेसर्स चार्टड स्‍पीड प्राईवेट लिमिटेड है। दोनों ऑपरेटर द्वारा किस डीजल पंप से डीजल लिया जाता है, इसकी जानकारी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। वाल्‍वों बसों के बस ऑपरेटर मेसर्स चार्टड स्‍पीड प्रायवेट लिमिटेड द्वारा 02 फरवरी, 2021 को डीजल टैंकर में डीजल भरकर लाया गया था, जिसकों जप्‍त किया गया था। उक्‍त बस ऑपरेटर मेसस चार्टड स्‍पीड प्रायवेट लिमिटेड द्वारा पेट्रोलियम कंपनी रिलायंन्‍स इंड्रस्‍ट्रीज लिमिटेड का डीजल मोबाईल डिस्पेंसिंग यूनिट के माध्‍यम से प्राप्‍त किया जाता है। उक्‍त जप्‍त टैंकर किसी भी तेल कंपनी से अनुबंधित नहीं था। (घ) जी नहीं। उपरोक्‍त मामले में बस ऑपरेटर मेसर्स चार्टड स्‍वीड प्रायवेट लिमिटेड जिम्‍मेदार है। उक्‍त ऑपरेटर को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी करते हुए बी.सी.एल.एल. द्वारा राशि रूपये 5000/- की पेनाल्‍टी अधिरोपित की गई है।

ई-टेण्‍डर घोटाले की जाँच में दोषियों पर कार्यवाही

[गृह]

37. ( क्र. 4680 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक ई-टेण्‍डर, घोटले में किन-किन विभागों के कितनी-कितनी लागत के कितने टेण्‍डरों में टेम्‍परिंग (छेड़छाड़) करने के ठोस सबूत प्राप्‍त हुये तथा इन टेण्‍डरों में कुल कितनी राशि का घोटाला किस-किस के द्वारा कब किया गया एवं अभी तक कितने और किन-किन टेण्‍डरों की टेम्‍परिंग में किस-किस के विरूद्ध कहां एफ.आई.आर. दर्ज की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किये गये ई-टेण्‍डर घोटाले में ई.डी. तथा ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. एवं अन्‍य जाँच एजेंसि‍यों द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या जाँच की गई एवं जाँच उपरांत किन-किन के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन की प्रतियों सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जाँच में किन-किन कंस्‍ट्रक्‍शन कम्‍पनियों तथा किस-किस विभाग के कौन-कौन से अधिकारियों के नाम सम्मिलित पाये गये एवं उनके विरूद्ध अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? कम्‍पनीयों के नाम अधिकारियों के नाम सहित विभागों के नाम की जानकारी देवें। (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार ई-टेण्‍डर घोटाले में टेम्‍परिंग करने के बाद भी इन टेण्‍डरों अनुसार किसी कम्‍पनी द्वारा कोई काम किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी कम्‍पनी द्वारा कहां-कहां पर कार्य किया गया है? कम्‍पनी का नाम एवं कार्य सहित जानकारी देवें?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (‍क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आई.पी.डी.एस. योजना में विद्युतीकरण

[ऊर्जा]

38. ( क्र. 4813 ) श्री मनोज चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) विधानसभा क्षेत्र आलोट के अंतर्गत आईपीडीएस योजना में विद्युतीकरण के कार्य हेतु माह फरवरी 2021 तक ऑनलाइन/ऑफलाइन टेंडर, कब-कब जारी हुए एवं इस प्रक्रिया में कितने निविदाकारों ने भाग लिया एवं कार्यादेश किस निविदाकार को दिया गया जानकारी उपलब्‍ध कराएं? (ख) विधानसभा क्षेत्र आलोट के अन्‍तर्गत  आई.पी.डी.एस. योजना के क्रियान्‍वयन हेतु शासन से स्‍वीकृत पत्र और किन मानक बिंदुओं पर कार्य किया जा रहा है जानकारी देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र आलोट के अन्‍तर्गत आई.पी.डी.एस. योजना के क्रियान्‍वयन हेतु शासन से स्‍वीकृत राशि की जानकारी और अब तक कितनी राशि का भुगतान माह फरवरी 2021 तक किया गया है जानकारी देवें? (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के संदर्भ में संबंधित मुख्‍य विद्युत सामग्री यथा विद्युत पोल,कंडक्‍टर,केबल,ट्रांसफार्मर किस प्रदायकर्ता फर्म से क्रय की गई जानकारी देवें? (ड.) विधान सभा क्षेत्र आलोट के अन्‍तर्गत आई.पी.डी.एस. योजना के विद्युतीकरण के कार्य का सुपरविजन किन-किन अधिकारी/कर्मचारी की देखरेख में किया गया कार्य में प्रयुक्‍त विद्युत सामग्री के मानको की जाँच किन-किन अधिकारी के द्वारा की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र आलोट के अंतर्गत आई.पी.डी.एस. योजना में विद्युतीकरण के कार्य हेतु वर्ष 2018-19 में 41, वर्ष 2019-20 में 45 तथा वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक 2 टेंडर जारी हुए एवं निविदा प्रक्रिया में भाग लेने वाले निविदाकारों तथा सफल निविदाकारों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। सभी निविदाएं नियमानुसार ऑफलाइन जारी की गई हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र आलोट के अंतर्गत आई.पी.डी.एस. योजना के क्रियान्वयन हेतु स्वीकृति भारत सरकार के उपक्रम पॉवर फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड नई दिल्ली (योजना की नोडल एजेंसी) के पत्र क्रमांक 37082 दिनांक 16.03.2016 के माध्यम से प्राप्त हुई है। पत्र की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार  है। निविदा दस्तावेजों में उल्लेखित सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीइए) द्वारा परिभाषित, मानकों के आधार पर कार्य किया गया है। (ग) विधानसभा क्षेत्र आलोट के अंतर्गत आई.पी.डी.एस. योजना में आलोट, ताल एवं बड़ावदा शहरों के लिए कुल राशि रु. 653.09 लाख स्वीकृत की गई है तथा उक्त शहरों में किये गये कार्यों के विरूद्ध माह फरवरी 2021 तक राशि रु. 375.04 लाख का भुगतान किया गया है। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के संदर्भ में मुख्य विद्युत सामग्री यथा-विद्युत पोल, कंडक्टर (विद्युत तार), केबल एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जिस प्रदायकर्ता फर्म से क्रय किये गये उसकी जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'', '', '' एवं '' अनुसार है। उक्त सामग्री आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर द्वारा संपूर्ण कंपनी क्षेत्र में विभागीय स्तर पर किये गये कार्य हेतु क्रय की गई है। (ड.) आलोट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आलोट, ताल एवं बड़ावदा शहरों में आई.पी.डी.एस. योजना में विद्युतीकरण के कार्य विभागीय तौर पर किये गये है। आलोट एवं ताल के विद्युतीकरण के कार्यों का सुपरविजन        श्री कल्पेश औदिच्य, सहायक यंत्री (एसटीसी) रतलाम, श्री एस.एन. वर्मा, कार्यपालन यंत्री (एसटीसी) उज्जैन एवं श्री अय्यूब खान, सहायक लाईनमेन एसटीसी उपसंभाग रतलाम द्वारा किया गया है। बड़ावदा शहर के किये गये कार्यों का सुपरविजन श्री नवीन ढोले, सहायक यंत्री, जावरा, श्री एस.के. सूर्यवंशी, कार्यपालन यंत्री जावरा तथा श्री भगवतीलाल, लाईन इंस्पेक्टर द्वारा किया गया है। कार्य में प्रयुक्त मुख्य विद्युत सामग्री यथा-विद्युत पोल, कंडक्टर, केबल एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के मानकों की जाँच निर्माता कंपनी के कार्य स्थल पर म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सक्षम अधिकारियों द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत की गयी है। जाँचकर्ता अधिकारियों के नाम  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'', '', '' एवं '' में समाहित है।

स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत किये गये कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

39. ( क्र. 4822 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर में बहने वाली स्वर्ण रेखा नदी (नाला) के उत्थान के लिये आज तक मध्यप्रदेश शासन द्वारा कब-कब किस-किस योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि व्यय की गई?              (ख) स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत स्वर्ण रेखा को लेकर क्या योजना है एवं उसके लिए कुल कितनी राशि का निर्धारण किया गया है। उक्त परियोजना के तहत स्वर्ण रेखा पर अब तक किये गये कार्यों का विवरण एवं उनकी वर्तमान स्थिति क्या हैं? (ग) 17-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत कुल कितनी मल्टीलेवल पार्किंग किन-किन स्थानों पर बनाई जानी है। उसके संबंध में खर्च सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) 17-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में स्मार्ट सिटी एवं नगर निगम, ग्वालियर द्वारा कितनी पार्किंग एवं मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण होकर उपयोग की जा रही हैं? उनकी निर्माण लागत एवं अब तक प्राप्त आय की जानकारी उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्वर्ण रेखा नदी (नाला) के उत्थान के लिए योजनावार व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ  अनुसार है।               (ख) स्मार्ट सिटी परियोजना अन्तर्गत स्वर्ण रेखा के उन्नयन कार्य हेतु राशि रू. 40.34 करोड़ को प्रावधान का निर्धारण किया गया है। अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) 17- ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में स्मार्ट सिटी परियोजना अन्तर्गत वर्तमान में महाराज बाड़ा क्षेत्र में एक मल्टीलेवल कार पार्किंग लागत राशि रू. 60.00 करोड़ की बनायी जा रही है एवं गांधी मार्केट में मल्टीलेवल बेसमेंट पार्किंग, पी.पी.पी. (पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप) मोड पर बनाई जाना प्रस्तावित है। (घ) 17- ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में स्मार्टसिटी एवं नगर निगम द्वारा निर्माण होकर उपयोग की जा रही पार्किंग एवं मल्टीलेवल पार्किंग, निर्माण लागत व प्राप्त आय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  अनुसार है।

परिशिष्ट - "बाईस"

अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण की जानकारी

[ऊर्जा]

40. ( क्र. 4823 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावे?           (ख) क्या शासन द्वारा अक्टूबर 2020 में विधान सभा के कुछ सीटों पर हुए उपचुनाव से पहले ग्वालियर जिले में कुछ अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण के लिए राशि उपलब्ध कराते हुए स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी कॉलोनियों के लिए कितनी-कितनी राशि दी गयी? (ग) ग्वालियर जिले में कितनी अवैध कॉलोनियां हैं विधानसभा क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावें। शेष कॉलोनियों के लिए अब तक स्वीकृति दी जावेगी बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या अधिकारियों द्वारा इन कॉलोनियों के अलावा और भी कॉलोनियों को स्वीकृत किया गया हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत बतावें? यदि नियम के विरूद्ध स्वीकृत किया गया हैं तो इन स्वीकृति में कौन-कौन आधिकारी दोषी हैं और इन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) अवैध कॉलोनियों के परिप्रेक्ष्‍य में अनिवेशित/असंगठित बस्तियों जैसे गन्‍दी बस्‍ती क्षेत्र, गन्‍दी बस्‍ती क्षेत्रों के अतिरिक्‍त अधिसूचित क्षेत्र, घोषित की गई अवैध कॉलोनियां एवं असंगठित बस्तियों में विद्युत लाईन डालने एवं विद्युत कनेक्‍शन दिये जाने के प्रावधान मध्‍य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के विनियम आर.जी.-31 दिनांक 02.09.2009 के अध्‍याय 4 के (ड.) की कंडिका क्रमांक 4.5.1. एवं 4.5.2 में निहित है, जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ, सितम्‍बर 2020 में ग्‍वालियर जिले में सी.एम. मॉनीटरिंग व '' प्‍लस श्रेणी प्रकरणों के समाधान के अनुक्रम में विधानसभा क्षेत्र 15-ग्‍वालियर एवं विधानसभा क्षेत्र 16-ग्‍वालियर की अवैध/असंगठित बस्तियों हेतु कुल राशि रूपये 985.82 लाख की एकजाई स्‍वीकृति राज्‍य शासन के पत्र दिनांक 02.09.2019 द्वारा दी गई थी। (ग) प्राप्‍त जानकारी अनुसार ग्‍वालियर जिले में विधानसभा क्षेत्रवार अवैध कॉलोनियों की संख्‍या निम्‍नानुसार है :-

क्रमांक

विधानसभा क्षेत्र का नाम

अवैध कॉलोनियों की संख्‍या

1

15- ग्‍वालियर

111

2

16- ग्‍वालियर

270

3

17- ग्‍वालियर दक्षिण

160

4

14- ग्‍वालियर ग्रामीण

118

5

डबरा

59

6

भितरवार

03

                 कुल योग:- ग्‍वालियर जिला

721

 

 

 

 

 

 

 

 

उपरोक्‍त अवैध कॉलोनियों की विधानसभा क्षेत्रवार सूची पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेष कॉलोनियों की स्‍वीकृति दिये जाने का निर्णय वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार किया जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) शहर वृत्‍त ग्‍वालियर में उत्‍तरांश (ख) अनुसार अवैध/असंगठित बस्तियों के विद्युतीकरण हेतु राज्‍य शासन द्वारा उपलब्‍ध कराई गई राशि की वित्‍तीय सीमा में विधानसभा क्षेत्र 16-ग्‍वालियर के अन्‍तर्गत 08 नबंर अतिरिक्‍त अवैध/अविकसित कॉलोनियों का कार्य, जिसकी कुल लागत राशि रू. 73.23 लाख है, उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित स्‍वीकृति से, संबंधित शर्तों के अनुरूप, स्‍वीकृत किया गया है। उक्‍त 8 अतिरिक्‍त अवैध/अविकसित कॉलोनियों का कार्य म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी रेग्‍युलेशन आर.जी. 31 के प्रावधानों के तहत किया गया है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

शस्‍त्र लाईसेंस की स्‍वीकृति

[गृह]

41. ( क्र. 4833 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में प्रश्‍न दिनांक तक कितने शस्‍त्र लाईसेंस एवं नामांतरण स्‍वीकृत किये गये है? धार जिले में विधानसभावार, नामवार, दिनांकवार एवं पते सहित सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) भिण्‍ड एवं मुरैना जिले में प्रश्‍न दिनांक तक कितने शस्‍त्र लाईसेंस है? उसके अनुपात में धार जिले में कितने लाईसेंस स्‍वीकृत किये गये है? (ग) गंधवानी विधानसभा में पुलिस विभाग की एनओसी के पश्‍चात भी धार कलेक्‍टर द्वारा शस्‍त्र लाईसेंस एवं नामांतरण के कितने प्रकरण विचाराधीन रखे है? गंधवानी विधानसभा के प्रकरणों की नाम सहित सूची उपलब्‍ध करावें एवं गंधवानी विधानसभा के शस्‍त्र लाईसेंस कब तक स्‍वीकृत कर दिये जायेंगे? समय-सीमा बतावें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खिलचीपुर नगर में अतिक्रमण विरोधी मुहिम

[नगरीय विकास एवं आवास]

42. ( क्र. 4861 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खिलचीपुर नगर में नगर पंचायत द्वारा अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई गई है? यदि हाँ, तो क्‍या इसमें शासन के नियमानुसार प्रक्रिया का पालन किया गया? यदि हाँ, तो प्रक्रिया का स्‍पष्‍ट उल्‍लेख करें। यदि प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, तो क्‍यों नहीं किया गया? (ख) इस मुहिम में कितने अति‍क्रमणकारियों का अतिक्रमण हटाया गया? क्‍या इन पर पूर्व से प्रकरण दर्ज थे, जिनमें सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश पारित किए गये थे? यदि हाँ, तो प्रकरणवार आदेशों की प्रति उपलब्‍ध कराएं। यदि नहीं, तो किस आधार पर अतिक्रमण हटाये गये? (ग) पुराना एन.एच. जो खिलचीपुर नगर से गुजरता है, उसका रख-रखाव संधारण किस विभाग के अन्‍तर्गत है? क्‍या अतिक्रमण मुहिम में संबंधित विभाग के कर्मचारियों द्वारा रोड की दूरी नापकर चिन्हित की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी दूरी का अतिक्रमण हटाया गया? यदि नहीं, तो नियमों का पालन नहीं करने पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी? (घ) क्‍या कुछ स्‍थानों पर उच्‍च न्‍यायायलय एवं आयुक्‍त भोपाल संभाग के आदेशों को न मानते हुए मौके पर मौजूद अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से कार्यवाही की गई? (ड.) क्‍या खिलचीपुर पटवारी हल्‍का में सर्वे क्रमांक 218, 220, 221 में अतिक्रमण हटाने के वक्‍त सक्षम न्‍यायालय के आदेश अधिकारियों के अवलोकन हेतु दिए गए थे? यदि हाँ, तो कौन से न्‍यायालय का क्‍या आदेश था?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर में अतिक्रमण हटाने हेतु म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187, 212, 223 अनुसार खिलचीपुर नगर में दिनांक 03 फरवरी 2021 से विधिवत मुनादी कराई जाकर अवैध रूप से बिना अनु‍मति से शासकीय भूमि पर किये गये अवैध निर्माण एवं अस्‍थाई अतिक्रमण को आंशिक रूप से हटाया गया है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) इस मुहिम में कुल 76 अतिक्रमणकारियों के अतिक्रमण हटाये गये। जी नहीं, इस प्रकार के कोई भी अतिक्रमण नहीं हटाये गये जिन पर पूर्व से प्रकरण दर्ज थे एवं सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश पारित किये गये थे। दिनांक 03 फरवरी 2021 से पुरे नगर में विधिवत मुनादी कराई जाकर अवैध रूप से बिना अनुमति से शासकीय भूमि पर‍ किये गये अवैध निर्माण एवं अस्‍थाई अतिक्रमण को सूचना दिया जाकर अतिक्रमण आंशिक रूप से हटाया गया है। (ग) पुराना एन.एच. जो खिलचीपुर नगर से गुजरता है, उसका रख-रखाव एवं संधारण लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत है। जी नहीं, अतिक्रमण मुहिम में लोक निर्माण विभाग (एन.एच. डिवीजन) के कर्मचारी शामिल नहीं थे। नगर में यातायात व्‍यवस्‍था एवं जल निकासी व्‍यवस्‍था को ध्‍यान में रखकर शासकीय भूमि पर बिना अनु‍मति के अवैध रूप से बनी दुकान, गुमटी, प्‍लेटफार्म अथवा शेड को आंशिक रूप से हटाया गया। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। ऐसे कोई स्‍थान नहीं है जिन पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय एवं आयुक्‍त भोपाल संभाग के आदेश का पालन न करते हुये कार्यवाही की गई है। (ड.) जी नहीं, खिलचीपुर पटवारी हल्‍का में सर्वे क्रमांक 218, 220, 221 में अतिक्रमण हटाने के वक्‍त सक्षम न्‍यायालय का इस बावत कोई आदेश प्राप्‍त नहीं हुआ है। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बी.एल.सी. घटक के अंतर्गत आवास की‍ स्‍वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

43. ( क्र. 4904 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की समस्‍त नगरीय निकायों में प्रश्‍न दिनांक तक बी.एल.सी. घटक के अंतर्गत कितने आवास स्‍वीकृत किए गए? कितने आवेदन स्‍वीकृति हेतु किस स्‍तर पर लंबित हैं? कारण सहित निकायवार जानकारी देवें। (ख) क्‍या निकायों द्वारा भूमिहीन हितग्राहियों को देने हेतु शासकीय भूखण्‍ड अधिगृहित किये गये हैं? यदि हाँ, तो इनका खसरा नंबर, रकबा व अधिग्रहण दिनांक बतावें। क्‍या भूखंड विहीन हितग्राहियों को पट्टे प्रदान कर दिए गए हैं? यदि नहीं, तो क‍ब तक पट्टे प्रदान कर दिए जाएगें? निकायवार बतावें। (ग) निकायों में नजूल एवं शासकीय भूमियों में निवासरत हितग्राहियों के कितने आवेदन लंबित हैं? क्‍या इन्‍हें आवास योजना का लाभ दिया जाएगा? (घ) पूर्ण हो चुके एवं अधूरे निर्मित आवासों के हितग्राहियों की संख्‍या बतावें जिनकी आंशिक राशि रोकी गई है? इन्‍हें कब तक शेष राशियों का भुगतान किया जाएगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं, ऐसे रहवासी जो कि आवास हेतु प्रतिबंधित भूमि पर निवासरत है अथवा आवासहीन है, को सर्वे कर पात्रता तथा नियमों के अनुसार आवासीय पट्टा दिये जाने हेतु निर्देश दिये गये है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जिला प्रशासन द्वारा दिये गये पट्टों की निकायवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। पात्रता होने तथा भारत सरकार से डी.पी.आर. स्वीकृत होने की स्थिति में रहवासियों को लाभ दिया जा सकेगा। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। हितग्राहियों को द्वितीय तथा तृतीय किश्त भौतिक प्रगति के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के दिशा-निर्देशों के आधार पर जारी की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तेईस"

टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग द्वारा अनुमोदित ले-आउट

[नगरीय विकास एवं आवास]

44. ( क्र. 4965 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भूमिस्वामी एवं कालोनाईजर्स द्वारा स्कूल गार्डन पानी की टंकी विद्युत सब स्टेशन ईडब्लूएस एलआईजी आवास आदि सार्वजनिक उपयोग की जगह न छोड़कर पूरी जमीन की प्लाटिंग कर बेच दी जाती हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत जबलपुर जिले में कितनी कालोनियां हैं जहाँ सार्वजनिक उपयोग की जगह न छोड़कर पूरी जमीन बेच दी गई है? ऐसी अवैध कालोनियों के नाम बतावें? (ग) क्या टी एण्ड सी पी द्वारा ले-आउट में स्कूल गार्डन पानी की टंकी विद्युत सब स्टेशन ईडब्लूएस एलआईजी आवास हेतु जमीन आरक्षित करते हुये अनुमोदन दिया जाता है? (घ) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत सार्वजनिक उपयोग की जगह लेआउट में दर्ज करने से अवैध कालोनियों पर स्वत: रोक लग जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जबलपुर जिले के नगरीय क्षेत्रों में जिन कॉलोनियों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए है वहाँ कालोनाईजर द्वारा सार्वजनिक उपयोग की जगह न छोड़कर पूरी जमीन बेच देने का कोई प्रकरण नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। नगर तथा ग्राम निवेश के संबंधित कार्यालय द्वारा विकास योजना तथा म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के प्रावधानानुसार अभिन्यास में सामुदायिक सुविधा एवं सेवा हेतु भूमि आरक्षित की जाती है एवं म.प्र.नगर पालिका (कालोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम, 1998 एवं म.प्र. ग्राम पंचायत (कॉलोनियों का विकास) नियम, 2014 के प्रावधानों अनुसार ई.डब्ल्यू.एस. एल.आई.जी. आवास हेतु प्रावधान किया जाता है। (घ) जी नहीं। सामान्यतः प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सार्वजनिक उपयोग के स्थान, वैध कॉलोनियों में आरक्षित किये जाते है जबकि अवैध कालोनी का विकास करने वाले व्यक्तियों द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश से अभिन्यास अनुमोदन नहीं कराया जाता है।

नगर निगम जबलपुर के अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

45. ( क्र. 4974 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर के अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त के द्वारा भ्रष्टाचार एवं आय से अधिक अर्जित संपत्ति के मामले दर्ज किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो गत 10 वर्षों में किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या मामले कब-कब दर्ज किये गये? (ग) प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। (घ) प्रकरणों में विवेचना प्रचलित होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - "चौबीस"

जुन्नारदेव अंतर्गत महाविद्यालयों में स्‍नाकोत्‍तर की कक्षाएं खोली जाना

[उच्च शिक्षा]

46. ( क्र. 4978 ) श्री सुनील उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जुन्नारदेव एवं तामिया में शिक्षा में गुणवत्ता, सुधार एवं विद्यार्थियों के हित में स्‍नातकोत्‍तर की कक्षाएं खोलने हेतु शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब? (ख) क्या विधानसभा जुन्नारदेव में नवेगांव एवं देलाखारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं महाविद्यालय खोलने हेतु विचार करेंगे? (ग) तामिया एवं जुन्नारदेव में कृषि संकाय वर्ग विज्ञान की कक्षाएं स्‍वीकृत करने हेतु विचार करेंगे? (घ) महाविद्यालय तामिया, जुन्नारदेव में स्वीकृत पदों के अनुरूप रिक्त पदों पर कब तक पदस्थापना की जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। निर्धारित मापदण्ड अनुसार स्नातक स्तर पर संचालित विषय में वनस्‍पति शास्‍त्र विषय को छोड़कर विद्यार्थी संख्या कम होने तथा सीमित संसाधनों के कारण स्नातकोत्तर की कक्षाएं आरंभ किये जाने में कठिनाई है। सीमित संसाधनों के कारण तामिया में स्नातकोत्तर की कक्षाएं आरंभ किये जाने में कठिनाई है। (ख) जी नहीं। नवेगांव से 30 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, दमुआ संचालित है। जहां पर नवेगांव कैचमेंट एरिया के विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। वर्तमान में संसाधनों के अभाव में नवेगांव में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। देलाखरी के कैचमेंट एरिया के अंतर्गत विद्यार्थी संख्‍या कम होने के कारण निर्धारित मापदण्‍डों की पूर्ति न होने से देलाखरी में नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा कृषि संकाय का अध्यापन संबंधी पाठ्यक्रम संचालित नहीं किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

प्रदेश में ई नोटिस के यातायात चालान

[गृह]

47. ( क्र. 5068 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर भोपाल सहित मध्यप्रदेश के जिन शहरों में ई-नोटिस भेजकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों से अर्थदंड वसूला जा रहा है, उन शहरों में ई-नोटिस भेजकर प्रारम्भ तिथि से प्रश्न दिनाक तक वसूला गया अर्थदंड अब तक किस-किस शहर में कितना-कितना वसूला गया, राशि को किस नाम/मद के बैंक खातों में जमा की गयी और जमा कितनी राशि उपयोग किस-किस कार्य के लिए किये गया? (ख) प्रदेश के किस शहर में ई नोटिस से अर्थदंड वसूलने का शासनादेश/राजपत्र/नोटिफिकेशन जारी किया गया? क्या परिवहन एक्ट के अनुसार लागू किया जा सकता है? आदेश जारी करने के पूर्व कितने ई-चालन से वैधानिक वसूली मानी जा सकती है या अवैधानिक मानी जायेगी? (ग) जिन शहरों में ई-नोटिस से अर्थदंड की राशि वसूली जा रही है, उन शहरों में यातायात सिग्नल लगाने/अपडेट करने/बदलने और ख़राब होने और रख-रखाव पर वर्षवार कितनी राशि किस व्यक्ति संस्थान को दी? फर्म के संचालक का नाम बतावें? (घ) उक्त यातायात सिंग्नल खाराब होने/बंद होने या सही कार्य नहीं करने पर मेंटेनेंस करने वाली संस्था/व्यक्ति या सिंग्नल लगाने वाली संस्था/फर्म/व्यक्ति पर अर्थ दंड लगाया हो या ब्लैक लिस्टेड करने सहित अन्य कार्यवाही की हो तो उन आदेशों की प्रतिलिपि देवें?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जिला इन्दौर में समय-समय पर यातायात सिग्नल के खराब/बंद होने पर अर्थदण्ड हेतु सबंधित फर्म के देयकों पर अनुबंध की शर्त के अनुसार 2.38 लाख रू. का कटौत्रा किया गया है। शेष अन्य जिलों में एजेंसी द्वारा मेंटेनेंस/संधारण उपरांत अर्थदण्ड ब्लैक लिस्टेड की कार्यवाही निरंक है।

कोचिंग संस्थाओं द्वारा वसूली के नियम

[नगरीय विकास एवं आवास]

48. ( क्र. 5086 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर में IIT/NIIT परीक्षाओं की छात्र-छात्राओं को तैयारी करवाने की कितनी संस्थाएं कार्यरत है, सूची देवें। (ख) इन कोचिंग संस्थाओं को नियन्त्रित करने की कोई नीति यदि है तो उप्लब्ध कराये और यदि नहीं, है तो क्या शासन कोचिंग इंडस्ट्री को नियन्त्रित करने हेतु कोई नीति बनाएगा। (ग) उक्त कोचिंग संस्थाओं की फीस को किस प्रकार नियन्त्रित किया जाता है।  (घ) क्‍या कल्पवृक्ष कोचिंग, गीता भवन इंदौर द्वारा छात्र-छात्राओं से एकमुश्त एडवांस फीस वसूली हेतु दबाव बनाया जा रहा है एवं कोरोना काल में कक्षायें न लगने के बावजूद वसूली गयी लाखों रुपये की फीस न तो वापस की जा रही है और न ही कम की जा रही है इस संबंध में शासन का क्या पक्ष है स्पष्ट करें। कोरोना गाईड लाईन के पालन के संबंध में इस संस्था का कितनी बार और किस प्रकार का अवलोकन करवाया गया है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विभाग में राज्‍य या निकाय स्‍तर पर ऐसी कोई सूची संधारित नहीं की जाती है। (ख) विभाग में कोचिंग संस्‍थाओं को नियन्त्रित करने की कोई नीति नहीं है। (ग) एवं (घ) प्रश्‍नाशं '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अधिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का विनियमितीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

49. ( क्र. 5097 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिक निगम कटनी में 600 से अधिक दैनिक वेतन भोगी श्रमिक (मस्‍टर) कार्यरत है उनकी सूची, नाम, पता, प्रथम नियुक्ति दिनांक, किस कार्य हेतु रखा गया, 600 दैनिक वेतन श्रमिकों को रखे जाने हेतु कब-कब, किस सक्षम अधिकारी एवं एम.आई.सी. द्वारा स्‍वीकृत दी गई? इन 600 दैनिक वेतन श्रमिकों को क्‍यों विनियमित नहीं किया गया? कब करेंगे बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) कटनी नगर पालिक निगम में ऐसे दैनिक वेतन कर्मचारी है जिनके द्वारा सेवाकाल में 10 एवं 20 वर्ष पूर्ण कर लिया गया है  परंतु उन्‍हें विशेष भत्‍ता प्रतिमाह 1500 एवं 2500 रू का भुगतान नहीं दिया जा रहा है? दिया जावेगा तो कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बताएं। (ग) नगर पालिक निगम कटनी के किस किस पेंशनर कर्मचारियों को विगत एक वर्ष से पेंशन नहीं दी जा रही हैं उन्‍हे पेंशन का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। नगरपालिक निगम कटनी के आदेश दिनांक 11/01/2021 के द्वारा विनियमितीकरण किये जाने हेतु छानबीन समिति का गठन किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) .प्र. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी (सेवा की शर्तें) नियम 2013 निरस्त होने से विशेष भत्ता का प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। पेंशनरों द्वारा जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर पेंशन जारी कर दी जायेगी। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

हिन्‍दी ग्रन्‍थ अकादमी में कागज खरीदी में अनियमितता

[उच्च शिक्षा]

50. ( क्र. 5171 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हिन्‍दी ग्रन्‍थ अकादमी भोपाल में वर्ष 2019-20 में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों का नि:शुल्‍क पुस्‍तकें प्रदान किए जाने हेतु कितनी मात्रा में कागज खरीदी का टेण्‍डर जारी किया था? कागज खरीदी हेतु कब-कब किस-किस समाचार पत्र में टेण्‍डर की विज्ञप्ति जारी की गई एवं किन-किन के निविदा फार्म प्राप्‍त हुए एवं किस फर्म/संस्‍था की निविदा स्‍वीकृत कर उसे कितनी मात्रा में कागज प्रदाय किए जाने हेतु कब कार्यादेश दिया गया? फर्म का नाम सहित पूर्ण विवरण दें? (ख) उक्‍त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या बिना जरूरत के भी कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान 600 टन कागज खरीदा जाकर लगभग तीन करोड़ का भुगतान किया जाकर शासन को वित्‍तीय हानि पहुंचाई गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या गंभीर वित्‍तीय अनियमितता की जाँच कराकर उत्‍तरदायित्‍वों के विरूद्ध कार्यवाही करने के साथ ही कमीशन के रूप में संबंधितों से मिली राशि की वसूली की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या जाँच कराई जाकर, जाँच निष्‍कर्षों के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2019-20 में 1000 मैट्रिक टन कागज क्रय हेतु   ई-निविदा जारी की गई थी। शेष  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

इन्‍द्रा गृह ज्‍योति योजना

[ऊर्जा]

51. ( क्र. 5244 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छतरपुर जिले में संपूर्ण लॉकडाउन के कारण कमर्शियल बिजली उपभोक्‍ताओं की दुकानें/कारोबार बंद रहे? ऐसे उपभोक्‍ताओं से मीटर किराया के अलावा बिजली बिल क्‍यों लिया गया? जिलो में ऐसे कितने उपभोक्‍ता को बिल दिये? वितरण केन्‍द्रवार संख्‍या बतायें। (ख) छतरपुर जिलों में इन्‍द्रा गृह ज्‍योति योजना अन्‍तर्गत  वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में मार्च 2020 तक कितने उपभोक्‍ता लाभांवित हुए? वितरण केन्‍द्रवार बतायें। क्‍या इन्‍द्रा गृह ज्‍योति योजना का लाभ वर्तमान में विद्युत उपभोक्‍ताओं को दिया जा रहा है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) लॉकडाउन अवधि में भी आवश्यक सेवाओं से संबंधित दुकानें एवं कारोबार संचालित रहे हैं। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश अनुसार उपभोक्ता द्वारा विद्युत खपत नहीं किये जाने पर भी न्यूनतम राशि का बिल जारी करने का प्रावधान है। छतरपुर जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में आवश्‍यक सेवाओं वाले उपभोक्‍ताओं सहित समस्‍त व्‍यावसायिक (गैर-घरेलू) श्रेणी के उपभोक्‍ताओं को लॉकडाउन अवधि में उक्‍तानुसार नियमों के अनुरूप बिजली के बिल जारी किये गये हैं। छतरपुर जिले में लॉकडाउन अवधि के दौरान व्‍यावसायिक (गैर-घरेलू) श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को जारी किये गये बिलों की प्रश्‍नाधीन चाही गई वितरण केन्‍द्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले में प्रश्‍नाधीन योजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 में माह मार्च 2020 की स्थिति में एवं वर्ष 2020-21 में माह जनवरी-2021 की स्थिति में लाभान्वित उपभोक्ताओं की वितरण केन्द्रवार संख्या  संलग्‍न परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार  है। जी हाँ।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

मनावर नगर पालिका का बजट

[नगरीय विकास एवं आवास]

52. ( क्र. 5256 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर नगर पालिका अंतर्गत कितने वार्षिक टर्न ओवर वाले कितने व्‍यापारी किस रूप में पंजीकृत हैं? किस प्रकार से कौन-कौन सा कितना टैक्‍स किस संस्‍था/विभाग को चुकाते हैं? तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दें। (ख) मनावर नगर पालिका अंतर्गत कितनी अवैध कॉलोनी हैं? विगत 3 वर्षों में किन अवैध कॉलोनियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? किनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई किनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही लंबित है? अवैध कॉलोनाईजरों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करने वाले जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) मनावर नगर पालिका अंतर्गत किन-किन मद में दर्ज कितनी भूमि पर किन-किन लोगों का अवैध कब्‍जा है? कितनी जमीन राजस्‍व की है? अवैध कब्‍जाधारियों पर विगत 3 वर्षों में क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो विधिसम्‍मत कारण बताएं। (घ) मनावर नगर पालिका अंतर्गत अवैध कब्‍जा हटाने के लिए नगर पालिका मनावर, एसडीएम मनावर, कलेक्‍टर धार एवं माननीय मुख्‍यमंत्री/मंत्री को प्रश्‍नकर्ता द्वारा विगत 2 वर्षों में कितने पत्र प्रेषित किए गए? प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक भी कार्यवाही नहीं किए जाने के विधिसम्‍मत कारण बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मनावर नगर पालिका अंतर्गत व्यापारियों के पंजीयन का प्रावधान वर्तमान में नहीं है अतएव शेष जानकारी संधारित नहीं है।            (ख) नगर पालिका मनावर में उपलब्ध रिकार्ड अनुसार कुल 61 अवैध कालोनी है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। समस्त अवैध कॉलोनाईजर को निकाय द्वारा पत्र क्रमांक 1583 दिनांक 03.06.2016, पत्र क्रमांक 2308 दिनांक 06.08.2019, पत्र क्रमांक 2545 दिनांक 29.08 2019 पत्र क्रमांक 1113 दिनांक 23.03.2020 पत्र क्रमांक 330 दिनांक 22.01.2021 के माध्यम से कालोनी बिना विकास अनुमति, बिना कॉलोनाईजर लायसेंस एवं बिना टीएनसीपी से नक्शा पास कराये बिना तथा मूलभूत सुविधाओं के बिना अवैध कॉलोनी काटे जाने के संबंध में सूचना-पत्र समय समय पर जारी किये गये हैं। चूंकि समस्त अवैध कॉलोनाईजर के खिलाफ कार्यवाही प्रचलित है इसलिये शेष का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर पालिका मनावर अंतर्गत व्यवसायिक 6.815 हेक्टेयर जमीन है एवं पड़त 3.092 हेक्टेयर जमीन है जिस पर सभी अवैध कब्जाधारियों का वर्तमान में पूर्ण रिकार्ड उपलब्ध नहीं है जिसके लिये सर्वे किया जा रहा है। नगर पालिका सीमा अंतर्गत राजस्व विभाग की 150.131 हेक्टेयर जमीन है। अवैध कब्जाधारियों में से वर्तमान में निकाय की पूर्व में दी गई लीज की भूमि सर्वे क्रमांक 233, 235/1, 235/2, 236/2, 237, 238, 236, 233, 235 पर 77 प्लाट में से 11 पर निकाय का अधिपत्य हो गया है तथा शेष को सूचना पत्र जारी किये गये। नगर पालिका की विभिन्न मदों में दर्ज भूमि की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। नगर पालिका मनावर सीमा क्षेत्र अंतर्गत राजस्व की जमीन  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) नगर पालिका मनावर को प्रश्न कर्ता द्वारा पत्र क्रमांक पत्र सं./621/एम.पी.-एम. एल.ए./2020 दिनांक 03.09.2020 के पत्र अवैध अतिक्रमण हटाने हेतु पत्र प्राप्त हुआ। पत्र प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार सूचना पत्र जारी किये तत्‍पश्‍चात दिनांक 20.01.2021 को नगर पालिका एवं प्रशासन की टीम के द्वारा 48 चिन्हित अतिक्रमण हटाये जाने की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है।

सीधी जिले के पास हुई सड़क दुर्घटना

[ऊर्जा]

53. ( क्र. 5390 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी में दिनांक 16.02.2021 को जो दुर्घटना घटित हुई उस नहर का निर्माण किस वर्ष में किस ठेकेदार द्वारा किया गया? उस नहर के पास सड़क निर्माण किस ठेकेदार द्वारा किस विभाग की ओर से किया गया? अगर दोनों की एजेंसी विभाग है तो उसकी डी.पी.आर. की प्रति देवें? नहीं तो नहर की डी.पी.आर. की प्रति देवें? (ख) क्‍या नहरों के पास ठीक लगी हुई सड़क इण्डियन रोड कांग्रेस शासन के नियमों के अनुकूल है यदि नहीं, तो फिर यह सड़क क्‍यों बनाई गयी? पहले सड़क बनी की पहले नहर बनी? नियम के विपरीत सड़क बनी या नियम के विपरीत नहर बनी? (ग) प्रदेश में किस-किस बांध की प्रमुख नहरों के पास कितने-कितने किलोमीटर सड़क है? क्‍या इस संदर्भ में सुरक्षा के कदम उठाये जायेंगे? नहरों के पास 5 फिट ऊंची दीवाल बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्‍यों? (घ) क्‍या यह सही है कि बस नहर में गिरने के 1.20 मिनिट बाद पानी को रोका गया? यदि तत्‍काल पानी को रोक दिया जाता तो यात्रियों की जान बचाई जा सकती थी? इसके लिये कौन दोषी हैं?

र्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) बाणसागर जलाशय से निकलने वाली मुख्‍य (संयुक्‍त जल वाहिनी) नहर की कुल 36.57 कि.मी. है। इसका निर्माण प्रारंभिक वर्षों में वर्ष 1978 से 1993 तक (15 वर्ष) जल संसाधन विभाग द्वारा किया गया परन्‍तु नहर के कार्य पूर्ण न हो पाने के कारण इस नहर के खंड कि.मी. 22 से कि.मी. 36.57 के कार्य वर्ष के कार्य वर्ष 1985 तथा कि.मी. 0 से कि.मी. 22 तक के कार्य 1993 में तत्‍कालीन म.प्र. विद्युत मंडल को शासन द्वारा सौंपे गये। तदानुसार संयुक्‍त जल वाहिनी के शेष कार्य वर्ष 1993 से वर्ष 2000 के बीच (07 वर्ष) म.प्र. विद्युत मण्‍डल द्वारा पूरे किये गये। संयुक्‍त जल वाहिनी के निर्माण कार्य म.प्र. मण्‍डल के विभिन्‍न ठेकेदारों के माध्‍यम से कराये गये। इनमें से कि.मी. 10.76 से कि.मी. 12.71, मेसर्स लक्ष्‍मी कंस्‍ट्रक्‍शन, कि.मी. 12.71 से कि.मी. 15.61, मेसर्स एस.ई.डब्‍ल्‍यू, हैदराबाद तथा कि.मी. 15.61 से कि.मी. 19.00, मेसर्स पी.सी.पी.एल., नई दिल्‍ली के माध्‍यम से कराया गया। संयुक्‍त जल वाहिनी निर्माण के साथ नहर की देख-रेख एवं रख-रखाव हेतु दाएं तट पर निरीक्षण मार्ग का निर्माण भी तत्‍कालीन म.प्र. विद्युत मण्‍डल द्वारा उपर्युक्‍त ठेकेदारों के माध्‍यम से कराया गया था। निरीक्षण मार्ग का निर्माण भी जन परिवहन हेतु नहीं किया गया था परन्‍तु जिला प्रशासन, सीधी द्वारा संयुक्‍त जल वाहिनी के कि.मी. 12.40 से 19 कि.मी. (लम्‍बाई 6.60 कि.मी.) में म.प्र. ग्रामीण सड़क प्राधिकरण द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत निरीक्षण मार्ग का उन्‍नयन करने हेतु वर्ष 2002 में अनुरोध किया गया था जिसे तत्‍कालीन म.प्र.राज्‍य विद्युत मण्‍डल द्वारा विभिन्‍न शर्तों के साथ स्‍वीकार किया गया। शर्तों में मुख्‍यत: (i) सुरक्षा कारणों से सड़क पर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित होगा। (ii) यह सड़क नहर के समांतर निर्मित है तथा नहर में 185 घन मीटर/सेकंड का प्रवाह रहता है। अत: भविष्‍य में घटित होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिये मध्‍यप्रदेश शासन जिम्‍मेदार होगा। (iii) निरीक्षण मार्ग एवं नहर के बीच कोई सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं किया गया है, अत: जन सुरक्षा हेतु सड़क निर्माण करने वाले विभाग को सुरक्षा दीवार का निर्माण करना होगा। हल्‍के वाहनों एवं जनता की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी मध्‍यप्रदेश शासन की होगी। उक्‍त सड़क का निर्माण (उन्‍नयन) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा मेसर्स कैमोर इंजीनियरिंग, शांति निकेतन, सतना रोड, अमरपाटन, जिला-सतना द्वारा वर्ष 2014 में कराया गया था। नहर एवं सड़क निर्माण की एजेंसी क्रमश: जल संसाधन विभाग, तत्‍कालीन म.प्र. विद्युत मण्‍डल एवं म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा उक्‍त सड़क की डी.पी.आर. उपलब्‍ध नहीं कराई जा सकी है। संयुक्‍त जल वाहिनी बाणसागर बहुउद्देशीय अंतर्राज्‍यीय परियोजना का एक अंश है जिसकी डी.पी.आर. तत्‍कालीन सिंचाई विभाग द्वारा बाणसागर परियोजना के नाम से बनाई गई थी। पृथकत: संयुक्‍त जल वाहिनी की डी.पी.आर. नहीं बनाई गई है। अत: नहर की डी.पी.आर. की कॉपी उपलब्‍ध करा पाना संभव नहीं है। तत्‍कालीन म.प्र. विद्युत मण्‍डल द्वारा हस्‍तांतरण उपरांत मात्र संयुक्‍त जल वाहिनी के शेष कार्य पूर्ण कराये गये थे।           (ख) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास निगम के अनुसार नहर के पास की सड़क इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों के अनुकूल बनाई गई थी। उल्‍लेखनीय है कि उक्‍त सड़क का उन्‍नयन जन परिवहन हेतु प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत किया गया था। पहले नहर का निर्माण वर्ष 2000 में किया गया था, जिसके साथ भारतीय मानकों अनुसार निरीक्षण पथ रख-रखाव हेतु तत्‍कालीन म.प्र.विद्युत मण्‍डल द्वारा बनाया गया था, परन्‍तु शासन के अनुरोध पर वर्ष 2014 में जन परिवहन हेतु सड़क का उन्‍नयन ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत किया गया था। सड़क एवं नहरों का निर्माण प्रचलित नियमानुसार किया गया है। (ग) रीवा जिले की बाणसागर बहुउद्देश्‍यीय अंतर्राज्‍यीय परियोजना के अन्‍तर्गत 36.57 कि.मी. लम्‍बी संयुक्‍त जल वाहिनी के किनारे रख-रखाव हेतु निरीक्षण पथ का निर्माण कराया गया है जिसमें से मात्र 6.60 कि.मी. की उपरोक्‍त लम्‍बाई में नहर किनारे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का निर्माण म.प्र.ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया है। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, सीधी द्वारा सूचित किया गया है कि सड़क के किनारे गार्ड स्‍टोन इंडियन रोड कांग्रेस के नियमानुसार लगाये गये हैं। 5 फीट ऊंची दीवाल बनाये जाने का कोई प्रावधान नहीं है तथा नहर के रख-रखाव में ऐसी दीवाल का निर्माण बाधा उत्‍पन्‍न करेगा। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी संबंधित विभाग द्वारा एकत्रित की जा रही है। (घ) बस के नहर में गिरने की सूचना प्रात: 8.09 बजे मिलने पर तत्‍काल प्रात: 8.10 बजे बाणसागर बांध से नहर का जल प्रवाह बंद कर दिया गया था। 36.57 कि.मी. लम्‍बी संयुक्‍त जल वाहिनी एवं 6.00 कि.मी. लम्‍बी पॉवर चैनल में भरे हुये जल को खाली करने में समय लगा। मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा राहत कार्य अविलम्‍ब शुरू कर दिया गया था। नहर में पानी की गहराई कम होते ही दुर्घटना के कुछ घंटों के अंदर बस को गहरे पानी से बाहर निकाल लिया गया था। जल प्रवाह रोकने का कार्य न्‍यूनतम अवधि में संपादित हुआ है अत: जल प्रवाह रोके जाने में देरी का प्रश्‍न नहीं है।

नाले पर से अतिक्रमण हटाए जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

54. ( क्र. 5427 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या होशंगाबाद रोड भोपाल स्थित दीप स्‍नेह नगर आवासीय कॉलोनी के समीप जाटखेड़ी नाले पर (अरण्‍या वैली हाउसिंग सोसायटी) द्वारा किए गए अतिक्रमण को लोकायुक्‍त में की गई शिकायत के बाद हटा दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त सोसायटी द्वारा नगर निगम तथा नगर एवं ग्राम निवेश के अधिकारियों से मिलीभगत कर पुन: पक्‍का निर्माण कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है? (ग) उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में दीप स्‍नेह नगर कालोनी के         ले-आउट में नाले की चौड़ाई कितने मीटर अंकित है? (घ) क्‍या यह सत्‍य है कि अमृत योजना के तहत उक्‍त नाले को पक्‍का बनाए जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो पक्‍का नाला कब तक बनाया जाएगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। भवन अनुज्ञा शाखा, नगर निगम भोपाल द्वारा मान. लोकायुक्‍त कार्यालय में स्‍नेह नगर कॉलोनी में नाले के किनारे स्थित भूखंड स्‍वामियों द्वारा किये गये अवैध निर्माण के संबंध में सामान्‍य शिकायत प्राप्‍त होने पर उक्‍त अवैध निर्माण को हटाया गया था। (ख) जी नहीं। (ग) दीप स्‍नेह नगर कॉलोनी के ले-आउट में नाले की चौड़ाई 6 मीटर रखी गई है। (घ) अमृत योजना के तहत उक्‍त नाले को पक्‍का बनाये जाने की योजना तैयार की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

तथ्‍यों को छुपाकर कर शासकीय सेवा हासिल किया जाना

[गृह]

55. ( क्र. 5443 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) ग्‍वालियर जिले के थाना झांसी में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 449/2013 दिनांक 20.10.2013 किस-किस के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया अत: उसमें उनके विरूद्ध आई.पी.सी. की कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं? क्‍या यह सही है कि उक्‍त संगीन अपराध के आरोपी की माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने वर्ष 2014 में अग्रिम जमानत निरस्‍त कर दी थी? यदि हाँ, तो क्‍या यह भी सही है कि उक्‍त आरोपी ने शासकीय सेवा में सहायक अध्‍यापक के पद पर पदस्‍थ होने के लिए तथ्‍यों को छुपाकर धोखाधड़ी की थी? (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश में यदि हाँ, तो क्‍या आरोपी के विरूद्ध दुबारा अपराध पंजीबद्ध किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों और कब तक अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा? (ग) क्‍या उपरोक्‍त संबंध में दतिया निवासी श्री जयेन्‍द्र सिंह सोमवंशी ने माह फरवरी, 2020 में अपर कलेक्‍टर दतिया को आरोपी के विरूद्ध ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही करने की मांग की गई थी तथा तत्‍कालीन आयुक्‍त, ग्‍वालियर श्री ओझा ने भी मामले की जाँच कराने का आश्‍वासन दिया था?          (घ) यदि हाँ, तो अभी तक पुन: षडयंत्र कर शासकीय सेवा करने के आरोपी के विरूद्ध कार्यवाही न करने के कौन उत्‍तरदायी हैं एवं उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (‍क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

इन्दौर में पलासिया एवं महालक्ष्मी नगर क्षेत्र में लग रहे अवैध मोबाईल टॉवर

[नगरीय विकास एवं आवास]

56. ( क्र. 5502 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मोबाईल टॉवर के रेडिएशन से रहवासियों को विभिन्न समस्याएं जैसे सरदर्द, त्वचा की समस्या एवं कैंसर जैसी घातक बीमारीयां हो रही है? यदि हाँ, तो रहवासी क्षेत्रों में लगातार नए मोबाईल टॉवर क्यों लगाए जा रहे है? (ख) क्या इन्दौर के पलासिया एवं महालक्ष्मी नगर जैसे सघन क्षेत्र में मोबाईल टॉवर लगाए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो किसकी अनुमति से लगाए जा रहे हैं? रहवासियों के विरोध के बावजूद इन्हें क्यों लगाया जा रहा है? अनुमति देने वाले अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कब की जावेगी? (ग) इन अवैध मोबाईल टॉवरों को कब हटाया जावेगा? भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, मोबाईल टॉवर के रेडियेशन से किसी प्रकार की बीमारियों के संबंध में वैज्ञानिक/चिकित्‍सीय प्रमाणित जानकारी उपलब्‍ध नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हां। नीति ''मध्‍यप्रदेश में दूरसंचार सेवा/इन्‍टरनेट सेवा/अवसंरचना प्रदाताओं द्वारा वायर लाईन या वायरलेस आधारित वाईस या डाटा पहुंच सेवाएं उपलब्‍ध कराने के लिये अवसंरचना की स्‍थापना को सुगम बनाने की नीति- 2019'' के निर्धारित प्रावधानों/मापदण्‍ड एवं शर्तों के आधार पर सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से मोबाईल टॉवर लगाये जा रहे हैं। शासन नीति के अन्‍तर्गत अनुमति होने से कार्यवाही का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।               (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के क्रम में जानकारी निरंक है। शासन नीति के अन्‍तर्गत निर्धारित शर्तों की पूर्णता के उपरांत अनुमति दी जाती है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जबलपुर में जलप्लावन की समस्या

[नगरीय विकास एवं आवास]

57. ( क्र. 5529 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर में किन-किन क्षेत्रों में प्रतिवर्ष बारिश के दौरान जलप्लावन की स्थिति निर्मित होती है? (ख) क्या JNNURM योजना अंतर्गत निर्मित नालों का आकार छोटा होने के कारण भी जलप्लावन की भयावह स्थिति निर्मित होती है? इस हेतु नगर निगम जबलपुर की आगामी क्या कार्य योजना है? (ग) जबलपुर में प्रतिवर्ष बारिश के दौरान जलप्लावन की स्थिति निर्मित होने के बावजूद नगर निगम उसका समाधान करने में विफल रहा है? इसका जिम्मेदार कौन-कौन है?              (घ) इस वर्ष बारिश में जलप्लावन की स्थिति निर्मित न हो इस हेतु निगम की आगामी क्या कार्य योजना है? विस्तृत विवरण देवें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर में प्रतिवर्ष वर्षा के कारण जलप्लावन के क्षेत्र निश्चित नहीं हैं, आंशिक समय में जहां अतिवृष्टि होती है, तब अल्प समय के लिये वर्षा जल से अतिवृष्टि वाले स्थान पर प्रभाव होता है। (ख) जी नहीं। जबलपुर शहर की वर्षा जल निकासी की परियोजना वर्ष 2008 में बनाई गई थी, जिसमें जबलपुर शहर के प्रमुख 05 बड़े नाले एवं इनके सहायक 128 नालों को परियोजना में शामिल किया गया था। परियोजना बनाने के लिए सभी प्रमुख नालों का कैचमेंट एरिया, कन्टूर के माध्यम एवं विगत 25 वर्षों के रेनफाल डाटा का आंकलन करते हुए CPHEEO द्वारा निधारित मापदण्डों के अनुसार नालों का आकार निर्धारित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। सामान्य से अधिक वर्षा होने की स्थिति में पानी निकासी हेतु अवरूद्ध मार्गों को मशीनों एवं श्रमिकों के माध्यम से खोले जाने की कार्यवाही तत्काल की जाती है तथा वर्षा बंद होने के कुछ समय बाद ही पानी की निकासी निश्चित कर ली जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्षा काल के पूर्व नगर निगम द्वारा सभी बड़े नाला/नालियां/कन्जरवेंसियों की सफाई कराई जाती है। साथ ही पानी निकासी को अवरूद्ध करने वाले कारणों का समाधान करने की कार्यवाही भी की जाती है। इस वर्ष भी शहर के समस्त नाला/नालियां/कन्जरवेंसियों की सफाई का कार्य वर्षा पूर्व पूर्ण कर लिया जाना लक्षित है।

कोलार थाना क्षेत्र में बलात्‍कार की घटना

[गृह]

58. ( क्र. 5546 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 16 जनवरी 2021 को कोलार थाना क्षेत्र में बलात्‍कार की घटना घटित हुई? यदि हाँ, तो पीड़ि‍ता की रिपोर्ट थाने में किस दिनांक को दर्ज हुई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या टी.आई द्वारा पीड़ि‍त के साथ हुए दरिन्‍दगी की रिपोर्ट दर्ज न कर सिर्फ छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज किया गया? यदि हाँ, तो टी.आई. के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या टी.आई. कोलार थाने का सस्‍पेंशन आर्डर विभाग द्वारा निकाला गया था? यदि हाँ, तो किस के आदेश से निरस्‍त किया गया? (घ) क्‍या घटना के मुख्‍य आरोपी को कोलार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था? यदि हाँ, तो कब? क्‍या पुलिस के द्वारा मुख्‍य अभियुक्‍त से पूछताछ कर छोड़ दिया गया? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या कोलार थाने के टी.आई. द्वारा मुख्‍य आरोपी को संरक्षण दिया जाकर फर्जी व्‍यक्ति को आरोपी बनाया गया? यदि हाँ, तो मुख्‍य आरोपी को कब तक गिरफ्तार कर लिया जायेगा? (ड.) क्‍या पीड़िता को शासन द्वारा आर्थिक सहायता दी गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 16 जनवरी 2021 को कोलार थाना क्षेत्र में बलात्कार की घटना घटित नहीं हुई थी। पीड़िता की रिपोर्ट एम्स अस्पताल बागसेवनिया भोपाल से सूचना प्राप्त होने पर दिनांक 17/01/2021 को 06:30 बजे देहाती नालसी के माध्यम से छेड़छाड़ एवं मारपीट की घटना पीड़िता के बताये अनुसार दर्ज की गई थी। (ख) पीड़िता के बताये अनुसार की वह रात करीब 08 बजे जूस सेंटर के पास एक अज्ञात लड़के ने कमेंट कर बुरी नियत से हाथ पकड़कर धक्का दिया जिससे पीड़िता रोड किनारे गड्ढे में गिर गई आरोपी द्वारा मारपीट की गई। उक्त देहाती नालसी के आधार पर थाना कोलार में असल अपराध क्र. 57/21 धारा 354, 354, 323 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में साक्ष्यों के आधार पर धारा 307,376, 511 भा.द.वि. बढ़ाई गई है। समुचित समय पर अपराध में धारा की वृद्धि न किये जाने पर थाना प्रभारी कोलार एवं विवेचक को रक्षित केंद्र संबद्ध किया गया है। (ग) विभाग से थाना प्रभारी कोलार का निलम्बन आदेश नहीं हुआ। (घ) अज्ञात आरोपी की पतासाजी हेतु निरंतर प्रयास किए जाकर समस्त साक्ष्य संकलन एवं विश्लेषण के आधार पर आरोपी अनिल बोरकर पिता कविराज बोरकर निवासी न्यू अम्बेडकर नगर कोलार द्वारा अपराध घटित करना पाया गया। आरोपी को दिनांक 08/02/2021 को गिरफ्तार किया जाकर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध है। प्रकरण में मुख्य आरोपी को पुलिस द्वारा न तो छोड़ा गया और न ही कोई संरक्षण प्रदान किया गया। (ड.) आर्थिक सहायता का विषय पुलिस से संबधित नहीं है।

नगर सुधार न्यास का नगर निगम में विलय

[नगरीय विकास एवं आवास]

59. ( क्र. 5566 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर सुधार न्यास का विलय 01.08.1994 को नगर निगमों में हो गया तथा उसकी सारी आस्ती, शास्ति तथा दायित्व नगर निगम में समाहित हो गये तो फिर प्रदेश की किस-किस नगर निगम में नगर सुधार न्यास के नाम पर नामान्तरण शुल्क, नगर सुधार न्यास की शर्तों के उल्लंघन पर पेनल्टी, अतिरिक्त अधिभार इत्यादि कई प्रकार का शुल्क वसूला जा रहा है। (ख) म.प्र. भूमि अंतरण अधिनियम 2016 के अनुसार शुल्क क्या अधिनियम लागू होने के बाद की अवधि में किया जाएगा या उससे पहले की अवधि में लिया जाएगा, बतावें कि किस-किस नगर निगम में अधिनियम 2016 के नाम पर 2016 से पहले का भी शुल्क इसके अनुसार वसूला गया है। (ग) नगर निगम भंग होने के बाद किस-किस नगर निगम में लीज पट्टे की अवधि बढ़ाने के कितने-कितने आवेदन उत्तर दिनांक तक लंबित है तथा उनका निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा है। जनता को बैंक ऋण लेने में तथा भवन बनाने में हो रही परेशानी का निदान कैसे होगा।            (घ) रतलाम नगर निगम में 01.08.1994 के बाद से नगर सुधार न्यास के नाम पर नामान्तरण, शर्तों के उल्लंघन आदि के नाम पर उत्तर दिनांक तक वसूली गयी राशि की जानकारी दें तथा बतावें कि क्या यह अवैध वसूली अभी भी जारी है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है।           (ग) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नगर निगम, रतलाम में दिनांक 01.08.1994 के बाद से वर्तमान वित्त वर्ष तक वसूल की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। यह राशि तत्कालीन नगर सुधार न्यास तथा निगम परिषद निर्णय अनुसार व लीज पट्टों की शर्तों अनुसार वसूल की गई साथ ही वर्तमान में म.प्र. नगरपालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम, 2016 अनुसार गणना कर राशि की वसूली की जा रही है। न्यास निर्णय, मेयर इन काउंसिल एवं परिषद ठहराव की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

ग्वालियर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कराये गये निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

60. ( क्र. 5584 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति के किस-किस मद के कितनी-कितनी दर पर स्वीकृत कर कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, किस मद से कितनी दर पर स्वीकृत कर किस ठेकेदार/एजेन्सी को कब वर्क आर्डर दिया गया था? निर्माण कार्य किस-किस कर्मचारी, अधिकारी/यंत्री के सुपरवीजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं उक्त निर्माण कार्यों की प्रश्न दिनांक तक भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य है जिनकी खराब गुणवत्ता या अन्य कारणों से 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक शिकायतें की गई है, शिकायतकर्ता का नाम,पता, शिकायत पत्र की छायाप्रति दें। क्या शिकायतों की जाँच कराई गई है? यदि हाँ? तो जाँच कमेटी में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी रखे गये थे? उनका नाम, पद बतावें। क्या जाँच में कोई कमी पाई गई थी? यदि हाँ? तो किस-किस कार्य में क्या-क्या कमी थी? अलग-अलग कार्य वार बतावें? इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी या निर्माण एजेन्सी/ठेकेदार दोषी थे उनका नाम,पद बतावें। क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है या की जावेगी? यदि हाँ? तो क्या और कब तक? यदि नहीं? तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य, मद, वित्तीय स्वीकृति ठेकेदार का नाम कार्य की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ  अनुसार है। अधिकारी/यंत्री जिनके द्वारा निर्माण कार्य का सुपरवीजन किया गया है एवं किया जा रहा है की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  अनुसार है। (ख) 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य के सम्बंध में प्राप्त शिकायत, शिकायतकर्ता का नाम/पता, शिकायत की जाँच, जाँच कमेटी के सदस्य, जाँच का निष्कर्ष के संबंध में जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-स  अनुसार है। जाँच में दोषी नहीं पाये जाने एवं एक शिकायत में जाँच गतिशील होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

निर्माण कार्य संबंधी

[नगरीय विकास एवं आवास]

61. ( क्र. 5585 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार, ऑतरी, पिछौर एवं विलौआ नगर परिषद में             1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या निर्माण कार्य, कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति के किस-किस निर्माण एजेन्सी/ठेकेदार द्वारा किस-किस अधिकारी/यंत्री के सुपरवीजन में किस-किस स्थान पर कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं वर्तमान में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या हैं? क्या जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनका लोकार्पण कराया गया है यदि हाँ? तो किस-किस जनप्रतिनिधि के अतिथि‍ में एवं कब-कब यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम,पद बतावें। क्या दोषियों पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ? तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? अब कब तक लोकार्पण करा दिया जावेगा? (ख) भितरवार, ऑतरी, पिछौर, विलौआ नगर परिषद में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक जनकल्याण की कौन-कौनसी योजनायें चलाई गई हैं तथा चलाई जा रही है उन योजनाओं में कितने हितग्राही को क्या-क्या लाभ दिया है? (ग) भितरवार, ऑतरी, पिछौर, विलौआ नगर पालिका में           कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्‍थ है? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र 'अनुसार है। जानकारी के परिप्रेक्ष्‍य में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  'अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  'अनुसार है।

सिविल वर्क की टी.एस. एवं एप्रुवल के अधिकार

[ऊर्जा]

62. ( क्र. 5619 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य शासन की म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कम्‍पनी लिमिटेड में मैकेनिकल इंजीनियर एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों को कितनी लागत तक के सिविल कार्य की टी.एस. दिए जाने एवं इन कार्यों की फाईनेंशियल एप्रुवल दिए जाने का क्‍या-क्‍या अधिकार दिया गया है। (ख) राज्‍य शासन की म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में सिविल कार्य करवाए जाने एवं उनकी एम.बी. रिकार्ड करने का मैकेनिकल इंजीनियरों एवं इलेट्रिकल इंजीनियरों को क्‍या अधिकार दिया है इनसे संबंधित डी.ओ.पी. एवं प्रोक्‍योरमेंट मैनुअल की किस कंडिका में क्‍या-क्‍या उल्‍लेख कर क्‍या-क्‍या प्रावधान किया है।  (ग) सारनी पावर हाऊस एवं सिंगाजी पावर हाऊस में गत दो वर्षों में कितनी लागत के कितने सिविल कार्यों की मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों ने टी.एस. प्रदान की, फाईनेंशियल एप्रुवल प्रदान की, एम.बी. रिकार्ड की पृथक-पृथक बतावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राज्‍य शासन की मध्‍यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में मैकेनिकल इंजीनियर एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों द्वारा सिविल कार्यों की तकनीकी स्‍वीकृति (टी.एस.) दिए जाने एवं फाईनेंशियल एप्रुवल दिये जाने का प्रावधान नहीं है।            (ख) मध्‍यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी में सिविल कार्य सिविल संभाग में पदस्‍थ अभियंताओं द्वारा कराया जाता है एवं कंपनी की शक्ति प्रदाय पुस्तिका-2017 (डी.ओ.पी.) की कंडिका-3.22 एवं 3.23 के अनुसार एम.बी. रिकार्ड करने हेतु सहायक अभियंता/कार्यपालन अभियंता एवं समकक्ष अधिकारी अधिकृत हैं। कंपनी की शक्ति प्रदाय पुस्तिका-2017 की कंडिका-1.3 के नोट-2 के अनुसार सिविल कार्यों की प्रशासनिक स्‍वीकृति हेतु कार्यपालक निदेशक/मुख्‍य अभियंता (सिविल) एवं उच्‍च अधिकारी अर्थात निदेशक, प्रबंध निदेशक, बिजनेस कमेटी, कंपनी का निदेशक मंडल (BOD) अधिकृत है। इसी प्रकार कंपनी की शक्ति प्रदाय पुस्तिका-2017 की कंडिका-2.2 के द्वारा सिविल कार्यों की तकनीकी स्‍वीकृति के अधिकार भी कार्यपालक निदेशक/मुख्‍य अभियंता (सिविल) को है। शक्ति प्रदाय पुस्तिका-2017 की कंडिका-3.3 के अनुसार निविदाएं आमंत्रित करने की स्‍वीकृति के अधिकार कार्यपालक निदेशक/मुख्‍य अभियंता (सिविल) तथा इनसे उच्‍च अधिकारियों को एवं शक्ति प्रदाय पुस्तिका-2017 की कंडिका-3.15 के अनुसार निविदाओं को स्‍वीकृत करने के अधिकार अधीक्षण अभियंता (सिविल) से लेकर कार्यपालक निदेशक/मुख्‍य अभियंता (सिविल), मुख्‍य वित्‍तीय अधिकारी की सलाह पर तथा उच्‍च अधिकारियों अर्थात निदेशक, प्रबंध निदेशक, बिजनेस कमेटी तथा कंपनी के निदेशक मंडल (BOD) को है। (ग) सारनी पावर हाउस एवं श्री सिंगाजी पावर हाउस में विगत 02 वर्षों में सिविल कार्यों के लिए मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों द्वारा तकनीकी स्‍वीकृति अथवा फाइनेंशियल एप्रुवल प्रदान नहीं किए गये हैं। अत: शेष प्रश्‍न लागू नहीं होता है।

नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

63. ( क्र. 5724 ) श्री महेश परमार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्या मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वानों को नियमित भर्ती के कारण विस्थापित किया गया है? यदि हाँ, तो विषयवार संख्या बताते हुए विस्थापित अतिथि विद्वानों को सेवा में वापिस लेने की एवं निश्चित अवधि निर्धारित कर अतिथि विद्वानों को पुनः सेवा में लेने के लिए क्या निर्णय हुआ है? (ख) क्या मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम 1990 नियम की कंडिका 14 एवं 15-अ-ई (1, 2, 3, 4) में वर्णित प्रावधानों के तहत संविलियन एवं नियमन अतिथि विद्वानों को कब तक किया जाएगा? (ग) क्या वर्ष 2017 में सहायक प्राध्यापक, बैकलॉग एवं सीधी भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था? यदि हाँ, तो बैकलॉग चयन सूची एवं निर्णय समिति के द्वारा चयनित उम्मीदवारों की सूची देवें। (घ) क्या स्थानांतरण नीति के अंतर्गत प्रदेश के अन्य विभागों में उच्‍च शिक्षा विभाग से 15 से 25 वर्ष तक राज्य स्तर पर ओ.एस.डी., पदोन्नत प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, स्पोर्ट ऑफिसर, प्रयोगशाला तकनीशियन शामिल नहीं है? यदि हैं, तो 15 से 25 वर्षों तक वो वहीं हैं और अन्य कार्मिक एक से चार वर्ष में ही स्थानांतरित हो जाते हैं? इस प्रकार की भेदभाव पूर्ण के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। विषयवार विस्थापित अतिथि विद्वानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विस्थापित अतिथि विद्वानों के संबंध में मध्‍यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी नीति-निर्देश क्र. एफ 1-42/2017/38-1, भोपाल, दिनांक 17.12.2019 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। (ख) अतिथि विद्वानों का चयन राज्य शासन के परिपत्र क्रमांक एफ 1-42/2017/38-1, दिनांक 17.12.2019 द्वारा जारी नीति-निर्देश अनुसार किया जाता है। इस नीति में अतिथि विद्वानों को नियमित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। स्‍थानांतरण नीति सभी पर समान रूप से लागू होती है।

महिलाओं के साथ होने वाले छेड़-छाड़ के मामले

[गृह]

64. ( क्र. 5760 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पुलिस विभाग द्वारा भोपाल शहर में महिलाओं के साथ होने वाले छेड़-छाड़ के मामले को लेकर कोई सर्वे एक जनवरी, 2020 से 31 दिसमबर, 2020 के अवधि को लेकर किया गया है? यदि हाँ, तो सर्वे करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम एवं पद बताया जाये। यदि कोई एन.जी.ओ. अथवा एजेंसी का सहयोग लिया गया हो तो उसका भी विवरण दिया जाये। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित सर्वे का विवरण थानावार घटते क्रम में दिया जाये। (ग) क्‍या सर्वे टीम ने घटनाओं को रोकने के लिये कोई सुझाव दिया है। यदि हाँ, तो उसका विवरण देते हुये यह बताया जाये कि इसे कब तक क्रियान्वित कर दिया जायेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस विभाग के द्वारा इस प्रकार के सर्वे का कार्य संपादित नहीं किया गया है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '' के तारतम्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध कालोनियों के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

65. ( क्र. 5774 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कौन-कौन से कॉलोनियां अवैध है? उक्‍त अवैध कॉ‍लोनियों में आवासीय प्‍लॉट की बिक्री पर रोक लगाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा विगत 5 वर्षों में      क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) रायसेन जिले में किन-किन स्‍थानों पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण हो गया है? उक्‍त अवैध कॉलोनियों में मकान बनाकर रह रहे व्‍यक्तियों को बिजली, पानी एवं सड़क की सुविधा उपलब्‍ध कराने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?       (ग) रायसेन जिले के नगरीय क्षेत्र में किन-किन अवैध कॉलोनियों में संबंधित नगरपालिका द्वारा कहाँ-कहाँ किस आधार पर सड़क का निर्माण किया तथा उक्‍त कॉलोनियों में ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत कनेक्‍शन क्‍यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) रायसेन जिले की उक्‍त अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु विभाग के द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) निकायवार अवैध कॉलोनियों की जानकारी संकलित की जा रही है, अवैध कॉलोनियों में आवासीय प्‍लॉट की बिक्री पर रोक लगाने के लिए विभाग के नियमों में प्रावधान नहीं है। यद्यपि नगरपालिका अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर अवैध कॉलोनी बनाने वाले व्‍यक्तियों के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही कर अवैध कॉलोनी में प्‍लॉट की बिक्री को हतोत्‍साहित किया जाता है। (ख) निकायवार अवैध कॉलोनियों की जानकारी संकलित की जा रही है, अवैध कॉलोनियों के मकानों में बिजली एवं पानी के संयोजन के लिए म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण, निर्बन्‍धन तथा शर्तें) नियम, 1998 के नियम 15-ख के प्रावधान हैं जिसके तहत अवैध कॉलोनी के रहवासी निर्धारित प्रारूप में सक्षम प्राधिकारी को आवेदन प्रस्‍तुत कर सकते हैं, अवैध कॉलोनी में सड़क की सुविधा उपलब्‍ध कराने के प्रावधान न होने से विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निकायवार जानकारी संकलित की जा रही है, ऊर्जा विभाग द्वारा अवैध कॉलोनियों के रहवासियों को अस्‍थाई विद्युत कनेक्‍शन दिए जाते हैं। (घ) राज्‍य शासन द्वारा अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए नगरपालिका अधिनियम में संशोधन की कार्यवाही की जा रही है जो प्रक्रियाधीन है।

सड़क दुर्घटना की जानकारी

[गृह]

66. ( क्र. 5803 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 2014-15 से जनवरी, 2021 तक कुल कितनी सड़क दुर्घटना हुई हैं? इनमें से कितनी-कितनी राष्‍ट्रीय राज्‍य मार्ग, BOT तथा OMT के तहत निर्मित तथा विभागीय सड़कों पर हुई? वर्षवार बताएं। (ख) खण्‍ड (क) की दुर्घटनाओं में किस-किस मार्ग की दुर्घटना में कितने लोग घायल हुये तथा कितने लोगों की मृत्‍यु हुई? क्‍या यह सही है कि टोल बूथ की सड़कों पर हुई दुर्घटना में मृतकों का प्रतिशत अन्‍य सड़कों की तुलना में ज्‍यादा है? (ग) खण्‍ड (क) की उल्‍लेखित अवधि में प्रदेश में सड़क दुर्घटना के लिये प्रदेश का स्‍थान देश में देश के अन्‍य राज्‍यों की तुलना में किस क्रम पर है तथा मृतकों कि संख्‍या में किस क्रम पर है? वर्षवार बताएं। (घ) प्रदेश में सड़क दुर्घनाओं में बेतहाशा वृद्धि को लेकर माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के मद्देनजर दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये क्‍या-क्‍या कार्य किये गये? (ड.) क्‍या प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का अध्‍ययन करने के लिये विशेषज्ञों की कोई समिति बनाई गई है या किसी IIT को इस कार्य के लिये अनुबंधित किया गया है? यदि हाँ, तो उनकी रिपोर्ट की प्रति देवें। यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार।                      (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार। जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (घ) 1. समय-समय पर यातायात नियमों के प्रति जागरूकता अभियान चलाये गये। 2. सड़क सुरक्षा सप्‍ताह/माह के दौरान शहर के प्रमुख चौराहों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को यातायात के नियमों की समझाईश दी गयी। 3. दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में अधिक से अधिक यातायात संकेतक बोर्ड लगाये गये हैं। 4. जिन स्थानों पर 500 मीटर की दूरी पर लगातार 03 वर्ष की अवधि में सड़क दुर्घटनाएं घटित होती है, जिनमें 10 व्यक्तियों की मृत्यु हुई हो ऐसे स्थानों को ब्लैक स्पॉट मानकर सड़क निर्माण एजेंसी के साथ मिलकर भ्रमण कर दुर्घटना के कारणों को पता कर उन पर परिशोधन हेतु संबंधित सड़क निर्माण एजेंसियों को पत्राचार किया जाता है। राज्य मार्ग एवं राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ने वाली ग्रामीण सड़कों के जोड़ पर स्पीड ब्रेकर एवं यातायात संकेतक बोर्ड हेतु संबंधित सड़क निर्माण एजेंसियों को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराकर सुधारात्मक कार्य किये गये हैं। 5. मोटर व्हीकल एक्ट के तहत समय-समय पर अभियान चलाकर शराब पीकर वाहन चालकों की ब्रीथ एनालाईजर के माध्यम से चैकिंग कर चालानी कार्यवाही की गई। 6. सड़क सुरक्षा समिति की बैठक समय-समय पर आयोजित की जा रही है।      7. शहर में भारी वाहनों का प्रवेश निषेध प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 11.00 बजे तक किया गया है।      8. जिले के स्कूल एवं कॉलेजों में राज्य शासन द्वारा चलाये गये शिक्षा अभियान के तहत                     छात्र-छात्राओं एवं स्टाफ को यातायात नियमों को प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। 9. शहर के प्रमुख तिरहों-चौराहों पर यातायात नियम संबंधी बैनर लगाये एवं पम्पलेटों का वितरण कराया गया।      (ङ) जी नहीं। विशेषज्ञों की समिति बनाया जाना विचाराधीन है।

परिशिष्‍ट - "सत्ताईस"

अपराध प्रकरण की विधिक संवीक्षा

[गृह]

67. ( क्र. 5830 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लोक अभियोजना संचालनालय मध्‍यप्रदेश द्वारा दिनांक 15.04.2019 को अपने पत्र क्रमांक/लोक अभि.संचा./विधि/2100/2019 को एक परिपत्र एवं संलग्‍न संवीक्षा प्रारूप पी-1 के अनुसार अभियोग पत्र/खात्‍मा/खारिजी अंतिम प्रतिवेदन के संबंध में संवीक्षाकर्ता को अपना स्‍पष्‍ट अभिमत देने संबंधी विस्‍तृत निर्देश दिये गये हैं। यदि हाँ, तो उसकी छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या थाना टी.टी. नगर भोपाल में दर्ज अपराध क्रमांक 0811/2019 आई.पी.सी. 457, 380, चोरी के प्रकरण में उक्‍त प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित परिपत्र के परिपालन में खारिजी प्रकरण क्रमांक 06/2020 प्रस्‍तुत किये जाने के पूर्व उक्‍त आपराधिक प्रकरण की विधिक संवीक्षा (स्‍क्रूटनी) कराई गई? यदि हाँ, तो उक्‍त विधिक संवीक्षा (स्‍क्रूटनी) फार्म की एवं उक्‍त विधिक संवीक्षा (स्‍क्रूटनी) के उपरांत संवीक्षाकर्ता द्वारा खारिजी कता किए जाने के संबंध में अपने दिये गये स्‍पष्‍ट अभिमत की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या यह सत्‍य है कि उक्‍त प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अपराध क्रमांक 0811/2019 में विधिक संविक्षा कराए जाने हेतु एवं दोषपूर्ण अनुसंधान, अपूर्ण विवेचना की अग्रिम विवेचना कराए जाने हेतु मूल फरियादी द्वारा दिनांक 12.1.2021 को पुलिस महानिदेशक, ए.डी.जी., सी.आई.डी. पुलिस मुख्‍यालय भोपाल को विभिन्‍न आवेदन पत्र दिये एवं लोक अभियोजन संचालनालय के महानिदेशक को प्रार्थना पत्र दिये। यदि हाँ, तो उक्‍त समस्‍त प्रार्थना पत्र पर सदन में उत्‍तर दिये जाने के दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या न्‍यायहित में उक्‍त आपराधिक प्रकरण में दस लाख रूपये से अधिक की चोरी के प्रकरण में नामजद आरोपियों को बचाने के लिए दोषपूर्ण अनुसंधान करने वाले समस्‍त विवेचना अधिकारी एवं पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही करते हुए पुन: ए.डी.जी., सी.आई.डी. पुलिस मुख्‍यालय स्‍तर पर सी.आई.डी. जाँच कराएंगे या विधिक संवीक्षा स्‍क्रूटनी कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) संचालनालय द्वारा स्‍क्रूटनी के संबंध में दिनांक 15.04.2019 को जारी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है एवं उक्‍त परिपत्र का आनुषांगिक परिपत्र दिनांक 04.10.2019 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ख) प्रकरण में खारिजी विधि अनुसार तैयार की गई जो माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। छायाप्रति दी जाना विधिसम्मत नहीं है। (ग) जी हाँ। आवेदन पत्र उप पुलिस महानिरीक्षक (शहर), भोपाल एवं पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) भोपाल को अग्रेषित किया गया। मूल फरियादी द्वारा दिनांक 12.01.2021 को प्रस्तुत कथित आवेदन पत्र अभिलेख पर उपलब्ध नहीं है। आनुषांगिक आवेदन दिनांक 30.01.2021 को परीक्षण हेतु जिला अभियोजन कार्यालय भोपाल भेजे जाने पर अवगत कराया गया है कि प्रकरण में खारिजी माननीय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। जिस पर गुण दोषों पर निर्णय माननीय न्यायालय को लेना है। जिला अभियोजन अधिकारी भोपाल द्वारा दिया गया अभिमत पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) विवेचना उपरांत प्रकरण का अंतिम प्रतिवेदन खारिजी के रूप किया जाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। यह प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

इप्‍का लेबोरेटरीज में दुर्घटनाओं की जानकारी

[गृह]

68. ( क्र. 5890 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम स्थित इप्‍का लेबोरेटरीज में पिछले 07 सालों में किस-किस प्रकार की दुर्घटनाओं पर कौन-कौन सा प्रकरण दर्ज किया गया? प्रकरण क्रमांक, दिनांक, दुर्घनाओं का स्‍वरूप, आरोपी का नाम, धारायें सहित सूची देवें। (ख) पिछले 07 सालों में रतलाम स्थित इप्‍का लेबोरेटरीज में हुई दुर्घटनाओं में कितने व्‍यक्ति मारे गये तथा कितने घायल हुये? सभी का नाम, पिता का नाम, उम्र, पद, स्‍थायी एवं अस्‍थायी कर्मचारियों सहित सूची देवें। (ग) भारतीय पेनल कोर्ट के तहत किसी कंपनी में दुर्घटना में मृत्‍यु होने पर कौन जिम्‍मेदार है तथा किस पर प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिये तथा बतायें कि इप्‍का में श्रमिकों की मृत्‍यु पर किस-किस मालिक, अधिकारी पर किस-किस धारा में किस-किस नियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया? (घ) क्‍या यह सही है कि इप्‍का लेबोरेटरीज में अस्‍थायी दैनिक श्रमिक को ऐसी मशीनों पर कार्य कराया जाता है जहां जान-माल की खतरे की संभावना ज्‍यादा होती है ?यदि हाँ, तो बतायें कि पिछले 07 सालों में कितने अस्‍थायी श्रमिक मृत तथा घायल हुये तथा उन्‍हें कितना-कितना मुआवजा दिया गया?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (‍क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विद्युत मीटर लगाये जाने के नियम

[ऊर्जा]

69. ( क्र. 5902 ) श्री राम दांगोरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर के अन्‍तर्गत संचालन-संधारण संभाग पंधाना में विद्युत उपभोक्‍ताओं के विद्युत मीटर लगाये जाने के क्‍या नियम हैं? खण्‍डवा जिले के किन-किन शहरों एवं ग्रामों में ऐसा किया गया है? (ख) यदि नहीं, तो पंधाना नगर में सारे उपभोक्‍ताओं के मीटर घर के बाहर सड़कों पर पेटियों में क्यों लगाए गए हैं? क्या यह पेटियां आपके विभाग द्वारा मीटर लगाने हेतु खरीदी गई थीं या अन्य किसी कार्य हेतु? (ग) यदि नहीं, तो उक्‍त पेटियों पर विभाग को कितना खर्चा आया एवं जिस प्रोजेक्ट के लिए खरीदी गई थी? उस प्रोजेक्ट का क्या हुआ? (घ) पंधाना नगर में लगाई गई मीटर पेटियां इतने नीचे व बिना किसी सुरक्षा के क्‍यों लगा दी गई हैं, जिससे बारिश व अन्‍य समय में जानवरों व इंसानों को करंट लग रहा है? क्‍या इसकी जाँच करायेंगे एवं जिम्‍मेदार अधिकारी के विरूद्ध उचित कार्यवाही करेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2013 के अध्याय 8 की कंडिका 8.7 एवं 8.9 के अनुसार विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत मीटर सामान्‍यत: उपभोक्‍ता के परिसर में बाउण्‍ड्रीवॉल के अंदर भवन की बाहरी दीवार पर सुरक्षा एवं मीटर रीडिंग की सुविधा के दृष्टिगत स्‍थापित करने एवं उचित गुणवत्‍ता की दीवार उपलब्‍ध नहीं होने पर पोल/पोल पर स्‍थापित मीटर बॉक्‍स में लगाये जाने के प्रावधान हैं। उक्‍त कंडिकाओं की छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। खण्डवा जिले में जिला मुख्यालय खण्डवा पर 75, पंधाना नगर में 2600, पुनासा में 24, मूंदी में 18 एवं औंकारेश्वर में 23 तथा अटूटखास ग्राम में 02 विद्युत संयोजनों के मीटर पोल पर/पोल पर स्थापित मीटर बॉक्स में लगे हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) के प्रावधान अनुसार पंधाना नगर में 3450 विद्युत उपभोक्ताओं में से 2600 विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत मीटर पोल पर स्थापित मीटर बॉक्स में लगाए गए हैं। उक्‍त मीटर बॉक्स (पेटियाँ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा नहीं अपितु तत्कालीन ग्रामीण विद्युत सहकारी समिति मर्यादित पंधाना प्रबंधन द्वारा विद्युत मीटर लगाने हेतु खरीदी गई थीं। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) पंधाना नगर में लगाए गए मीटर बॉक्स मानक ऊंचाई पर स्थापित हैं ताकि मीटर वाचन सुगमता से हो सके तथा इनकी स्‍थापना किये जाने में सुरक्षा मापदण्‍डों का पालन किया गया है। इन मीटर बॉक्‍सों से विद्युत दुर्घटना की कोई घटना संज्ञान में नहीं है। अतः किसी प्रकार की जाँच कराए जाने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्‍ट - "अट्ठाईस"

इंदौर मेट्रो रेल परियोजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

70. ( क्र. 5907 ) श्री पारस चन्‍द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इंदौर नगर में मेट्रो रेल की स्‍थापना का कार्य प्रारंभ किया गया है?            (ख) क्‍या इंदौर नगर का इंदौर नगर की ओर तथा इंदौर का उज्‍जैन नगर की ओर विस्‍तार होने से इनके बीच की दूरी कम होती जा रही है? (ग) क्‍या उज्‍जैन नगर धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विश्‍व स्‍तरीय महत्‍वपूर्ण नगर है? यहां तक इंदौर मेट्रो का विस्‍तार करने से पर्यटन औद्योगिक तथा व्‍यावसयिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। (घ) इंदौर मेट्रो का उज्‍जैन तक विस्‍तार कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। इंदौर मेट्रो रेल परियोजना का कार्य दिनांक 30.11.2018 को शहरी कार्य एवं आवास मंत्रालय भारत सरकार की स्‍वीक़ृति उपरांत, प्रांरभ किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। उज्‍जैन नगर धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्‍वपूर्ण है किन्‍तु वर्तमान में इंदौर मेट्रो परियोजना एक ही शहर इंदौर के भीतरी परिवहन के लिये ही प्रस्‍तावित है व निर्माणाधीन है न कि दो शहरो के बीच। (घ) उपरोक्‍त '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

विकास कार्यों हेतु दी जाने वाली राशि में कटौती

[नगरीय विकास एवं आवास]

71. ( क्र. 5966 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरीय प्रशासन विभाग मध्‍यप्रदेश भोपाल द्वारा नगर परिषद् लहार को विकास कार्यों हेतु दी जाने वाली राशि में कटौती कर अप्रैल, 2019 से 72, 81000 एवं वर्ष 2020-21 में पुन: नगर परिषद् लहार/नगरपालिका के विकास कार्य के लगभग 32 लाख रूपये की राशि निकाय के विद्युत देयक के नाम पर काट ली गई है? (ख) यदि हाँ, तो लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा आवर्धन योजना का कार्य निम्‍न स्‍तर पर होने से टेस्टिंग में जगह-जगह पाईप से पानी लीकेज होने तथा वॉटर टैंक भरने पर पानी रिसने (बहाव) के कारण नगर परिषद् लहार द्वारा उक्‍त जल आवर्धन योजना को आधिपत्‍य में नहीं लिया गया था और न ही विद्युत विभाग से नगर परिषद् लहार द्वारा पम्‍पों का कनेक्‍शन लिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो नगर परिषद् लहार ने विद्युत विभाग में कनेक्‍शन हेतु कब आवेदन प्रस्‍तुत किया? आवेदन दिनांक एवं आवेदन की प्रति संलग्‍न करें। जब नगर परिषद्/नगरपालिका लहार द्वारा विद्युत कनेक्‍शन लिया ही नहीं तो फिर विद्युत देयक के नाम पर विकास कार्यों की राशि काटे जाने के क्‍या कारण हैं एवं इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्‍मेदार हैं एवं असत्‍य बिलों के नाम पर विकास काटे जाने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) नगर परिषद् लहार/नगरपालिका लहार ने कब-कब विद्युत विभाग द्वारा दिए गए असत्‍य बिजली बिल के भुगतान न करने बाबत् आयुक्‍त नगरीय विकास एवं आवास विभाग को पत्र लिखे गए?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी से प्राप्‍त बकाया राशि की सूची अनुसार नगरीय निकायों की बकाया राशि का भुगतान नगरीय निकायों को प्राप्‍त होने वाले अनुदान एवं क्षतिपूर्ति राशि से सक्षम अनुमोदन उपरांत विद्युत वितरण कंपनी को भुगतान की गई है, सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) नगर परिषद्, लहार द्वारा जल आवर्धन योजना हेतु विद्युत कनेक्‍शन हेतु कोई आवेदन नहीं किया गया है और न ही कोई शुल्‍क जमा की गई है। मध्‍यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी से प्राप्‍त बकाया राशि की सूची पर प्राप्‍त सक्षम अनुमोदन से विद्युत वितरण कंपनी को भुगतान किया गया है शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्‍यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी से प्राप्‍त बकाया राशि की सूची पर प्राप्‍त सक्षम अनुमोदन से विद्युत वितरण कंपनी को भुगतान किया गया है।

परिशिष्‍ट - "उनतीस"

हितग्राहियों को भवन/भू-खण्‍ड का आवंटन

[नगरीय विकास एवं आवास]

72. ( क्र. 5968 ) श्री आरिफ अक़ील, श्रीमती मनीषा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निशातपुरा पन्‍ना नगर बैरसिया रोड जूनियर एम.आई.जी भवन हेतु गृह निर्माण मण्‍डल में पंजीकृत आवेदकों को आज दिनांक तक मण्‍डल द्वारा भवन उपलब्ध क्‍यों नहीं कराये गये? (ख) क्‍या शासन ऐसे आवेदकों को उक्‍त परियोजना में पंजीकरण अनुसार भवन उपलब्‍ध नहीं कराने की स्थिति में है तो नगर निगम भोपाल सीमा के अंतर्गत संचालित अन्‍य आवासीय योजना के अंतर्गत भवन/भू-खण्‍ड शेष बचे आवेदकों को उनके द्वारा पंजीकरण अनुसार भवन का मूल्‍य के आधार पर उपलब्‍ध कराने के आदेश देगा? यदि क्षेत्रफल से अधिक का भू-खण्‍ड/भवन आवेदकों को उनकी मांग अनुसार आवंटित किया जाता है तो अधिक क्षेत्रफल का मूल्‍य वर्तमान दर से तथा शेष का मूल्‍य पंजीयन के समय निर्धारित मूल्‍य के आधार पर आवंटित करने की कार्यवाही करेगा? (ग) विगत कई वर्षों से तीन हितग्राहियों को भवन/भू-खण्‍ड आवंटित नहीं करने के लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करते हुए पंजीकृत हितग्राहियों को शासन भवन/भू-खण्‍ड आंवटित करने के आदेश देने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) निशातपुरा पन्ना नगर बैरसिया रोड भोपाल में मण्डल द्वारा एम.आई.जी. स्वतंत्र भवनों की योजना की भूमि यातायात भूमि उपयोग के अंतर्गत होने के कारण उक्‍त योजना निरस्त की गई एवं निरस्त योजना में आवास उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ख) जिन पंजीयनकर्ताओं द्वारा ब्याज सहित राशि लेने से इंकार किया गया, ऐसे पंजीयनकर्ताओं को मण्डल द्वारा उक्‍त परियोजना में भवन उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। मण्डल द्वारा मण्डल की अन्य आवासीय योजना में शेष पंजीयनकर्ता पंजीयन कराकर मण्डल के मूल्य के आधार पर भवन/भूखण्ड प्राप्‍त कर सकते हैं, उनके द्वारा जमा पंजीयन राशि एवं किश्त की राशि पर मण्डल द्वारा नियमानुसार ब्याज सहित समायोजन किया जावेगा। शेष पंजीयनकर्ताओं को उनकी मांग अनुसार उनके द्वारा पंजीकृत क्षेत्रफल से अधिक भवन/भूखण्ड आवंटित किया जा सकता है, पंजीयनकर्ताओं को उनके द्वारा जमा पंजीयन राशि एवं किश्त की राशि पर मण्डल नियमानुसार ब्याज सहित समायोजन किया जावेगा। (ग) योजना में पंजीकृत आवेदकों को योजना निरस्ती के कारणों का उल्लेख किया जाकर राशि ब्याज सहित वापस की गई। पंजीकृत आवेदकों में से वर्तमान में तीन आवेदकों द्वारा ब्याज सहित राशि वापस लेने से इंकार किया गया है। मण्डल में आज दिनांक तक उक्‍त तीनों पंजीयनकर्ताओं की राशि जमा है, तीनों पंजीयनकर्ताओं को राशि वापस प्राप्‍त किये जाने हेतु आवेदन मण्डल को प्रेषित करने बाबत् लिखा जा रहा है। साथ ही प्रश्‍नाधीन स्थल के लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर मण्डल द्वारा निर्मित डुप्लेक्‍स भवनों में से रिक्त भवन का चयन कर मण्डल नियमानुसार राशि जमा कर प्राप्‍त कर सकने बाबत् पत्र व्यवहार किया जा रहा है। इन पंजीयनकर्ताओं को मण्डल द्वारा निरस्त योजना में डुप्लेक्स भवन उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। तीन हितग्राहियों को भवन/भूखण्ड न आवंटित होने में किसी अधिकारी का दोष नहीं है। अतः कार्यवाही करने का प्रश्‍न ही उत्पन्न नहीं होता है।

प्रतिनियुक्तियां समाप्‍त कर विभागीय अधिकारियों की पदस्‍थापना

[ऊर्जा]

73. ( क्र. 5982 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विद्युत कंपनियों में महाप्रबंधक एच.आर.ए. राजस्‍व विभाग के अधिकारी प्रतिनियुक्ति कर उनके ऊपर आवश्‍यक खर्च व्‍यय किया जा रहा है? इनके पक्ष में प्रत्‍येक अधिकारी को किये गये एक वर्ष का खर्च/व्‍यय विवरण देवें। (ख) क्‍या इन राजस्‍व अधिकारियों को विद्युत कं‍पनियों की कार्यप्रणाली का अनुभव रहता हैं जिससे उनके द्वारा गुण दोष को समझकर आरोप पत्र या दण्‍ड प्रसारित करते हैं? क्‍या प्रतिनियुक्ति से कंपनियों को अ‍ार्थिक भार नहीं पहुंचाया जा रहा है?                 (ग) प्रतिनियुक्तियां समाप्‍त कर विभाग के योग्‍य अधिकारियों को इस पद पर पदस्‍थ किया जाये तो क्‍या इस बचत से विद्युत पेंशनरों को बंद की गई 25 प्रतिशत विद्युत छूट प्रांरभ नहीं की जा सकती हैं? (घ) कृपया यह बतावें कि वर्ष भर में (वर्ष 2020-21) इनसे क्‍या-क्‍या कार्य लिया गया तथा इनकी प्रतिनियुक्ति कब तक समाप्‍त की जावेगी? नहीं तो विवरण सहित कारण बतायें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश की विद्युत कंपनियों में महाप्रबंधक (मा.संसा. एवं प्र./एच.आर.ए.) के पद पर राजस्‍व विभाग से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी नियुक्‍त नहीं किये गये हैं। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण के लिये व्‍यय की गई राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

74. ( क्र. 5984 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका निगम रीवा में स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण कार्य के लिये वित्‍तीय वर्ष 01/04/2018 से प्रश्‍नतिथि के दौरान, किस-किस स्‍थान पर, क्‍या-क्‍या कार्यों के लिये, कितनी-कितनी रा‍शि, किस-किस मद में व्‍यय करने के लिये आई एवं व्‍यय की गई? स्‍थानवार/कार्यवार/राशिवार/ मदवार/माहवार/वर्षवार/भुगतान प्राप्‍तकर्ता के नाम/पते व राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करायें।               (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समयानुसार सामूहिक शौचालय कॉम्‍पलेक्‍स का निर्माण किस-किस स्‍थान पर, कितनी-कितनी राशि व्‍यय कर, किस-किस को कितना-कितना भुगतान देकर (ठेकेदार का नाम/पता) किया गया? माहवार/वर्षवार/राशिवार जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित नगरपालिका निगम में एवं वर्णित समयानुसार किस-किस नाम के ठेकेदारों को पुताई/मरम्‍मत/दरवाजे/ खिड़की अन्‍य सभी कार्यों के लिये जो कार्यादेश जारी किये गये उसका विवरण दें। किस-किस ठेकेदारों को उसके क्‍या व किस दर के कार्य पर कितना-कितना भुगतान किया गया, उसकी कार्यवार/दरवार/भुगतान की गई राशिवार/माहवार/वर्षवार जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित किये गये कार्यों की प्रश्‍नतिथि‍ तक स्‍थल पर भौतिक स्थिति क्‍या है? किस नाम/पदनाम के द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्रों एवं गुणवत्‍ता प्रमाण पत्रों को जारी किया है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (घ) भौतिक स्थिति उपयुक्‍त है, शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

प्राध्यापकों का अकादमिक ग्रेड-पे संशोधन

[उच्च शिक्षा]

75. ( क्र. 5989 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्राध्यापकों का अकादमिक ग्रेड-पे संशोधित किये जाने का आदेश माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अपास्त कर दिया गया है, फिर भी सीधी भर्ती एवं पदोन्नत प्राध्यापकों को अलग-अलग अकादमिक ग्रेड-पे दिया जा रहा है, यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन के बाद भी मृत एवं सेवानिवृत्त प्राध्यापकों से अकादमिक ग्रेड-पे के अन्तर की राशि 12% चक्रवृद्धि ब्याज की दर से वसूली जा रही है, जो कि मूलधन से कई गुना अधिक है? (ग) क्या इस अधिक भुगतान प्राप्‍त करने में संबंधित प्राध्यापकों का कोई दोष है? यदि नहीं, तो उच्च शिक्षा विभाग इसे रोकने के लिए क्या कार्यवाही करने जा रहा है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। सीधी भर्ती के प्राध्यापकों द्वारा दायर याचिका क्रमांक WP 5787/13 में पारित स्थगन आदेश दिनांक 08.04.2013 के अनुपालन में सीधी भर्ती एवं पदोन्नत प्राध्यापकों को अलग-अलग अकादमिक ग्रेड-पे दिया जा रहा है। (ख) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में संस्थित याचिका WP 17382/2012 (एस.) में पारित निर्णय दिनांक 08.01.2013 के अनुपालन में शासन के पत्र दिनांक 11.01.2013 द्वारा वसूली की कार्यवाही स्थगित रखी गई है। (ग) जी नहीं। अधिक भुगतान प्राप्‍त करने वाले प्राध्यापकों को मध्‍यप्रदेश शासन उच्‍च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक एफ-1-03/2013/38-1 दिनांक 11.01.2013 के तहत अधिक भुगतान की राशि की वसूली स्थगित रखते हुए छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण शासन के आदेश दिनांक 14.09.2012 के परिपालन में नियमानुसार किया गया है। वर्तमान में प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

भू-उपयोग परिवर्तन पर दर्ज आपत्तियों का निराकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

76. ( क्र. 6014 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021 के पहले कितने भू-उपयोग परिवर्तन के प्रस्ताव उज्जैन शहर से नगर निवेश के माध्यम से मध्यप्रदेश शासन को गए? (ख) उक्‍त कितने प्रस्तावों पर कौन-कौन सी भूमियों के लिए मध्यप्रदेश शासन ने भू-उपयोग परिवर्तन की अनुशंसा करते हुए कितनी-कितनी राशि का भू-राजस्व निर्धारित किया? (ग) क्या उज्जैन विकास योजना 2035 के ड्राफ्ट्स में मध्यप्रदेश शासन की अनुशंसित भूमियों को भू-परिवर्तन के लिए राजस्व वसूली किए बिना शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन को राजस्व का नुकसान पहुंचाने के लिए उक्‍त भूमियों को क्यों शामिल किया जा रहा है? क्या वर्ष 2021 के मास्टर प्लान अनुसार आवासीय भूमियों का पूर्ण उपयोग हो पाया है? यदि नहीं, तो उक्‍त ड्राफ्ट्स में बिना राजस्व वसूली के उक्‍त भूमियों को शासन को आर्थिक नुकसान पहुँचाने के लिए क्यों शामिल किया जा रहा है? (घ) क्या उज्जैन विकास योजना ड्राफ्ट्स 2035 में पूर्व में लालपुर क्षेत्र, कस्बा उज्जैन, भेरुगड़ के भू-उपयोग परिवर्तन पर राजस्व जमा कराने से पहले किया गया परिवर्तन से शासन को आर्थिक नुकसान पहुँचाने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाहियां की गयी? (ङ) उक्‍त योजना की समस्त बैठक के एजेंडे, निर्णय, संक्षेपिका के साथ सभी बिन्दुओं का पालन प्रतिवेदन देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) शासन ने किसी भी प्रकरण में भू-उपयोग परिवर्तन की अनुशंसा नहीं की है, अतः शासन द्वारा भू-राजस्व निर्धारित नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 एवं म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश नियम, 2012 में यह प्रतिबंध नहीं है, कि जिन भूमियों के लिये धारा 23 (क) (1) (क) एवं (ख) के अंतर्गत भूमि उपांतरण की कार्यवाही विचाराधीन है, उन भूमियों को विकास योजना पुनर्विलोकन में शामिल नहीं किया जावेगा। भारत सरकार की अमृत योजना की उप योजना के अंतर्गत जी.आई.एस. आधारित विकास योजना तैयार करने के उद्देश्य से म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 18 (1) सहपठित धारा 23 (1) में प्रावधान है कि संचालक स्वप्रेरणा से विकास योजना के पुनर्विलोकन का कार्य हाथ में ले सकेगा। अतः उज्जैन विकास योजना 2021 का पुनर्विलोकन कर व्यापक जनहित को दृष्टिगत रखते हुये उज्जैन विकास योजना 2035 प्रारूप में वर्ष 2035 तक नगर की भावी आवश्यकताओं का आंकलन कर निवेश क्षेत्र में नगरीय क्षेत्र से लगी हुई कृषि भूमियों को विभिन्न भू-उपयोगों में शामिल किया गया है, इस प्रकार की कार्यवाही निवेश क्षेत्र में भविष्य की जनसंख्या वृद्वि को दृष्टिगत रखते हुये की जाती है। उक्‍त कार्यवाही अधिनियम की धारा 23 (1) के प्रावधानों के अनुरूप की गई है। विकास योजना पुनर्विलोकन से अंगीकृत विकास योजना के भू-उपयोगों में उन्नयन होना सामान्य प्रक्रिया है, अतः यह कथन गलत है कि, विकास योजना पुनर्विलोकन से शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचा है। (घ) चूंकि उज्जैन विकास योजना प्रारूप 2035 में लालपुर क्षेत्र, कस्बा उज्जैन, भेरूगढ़ के भू-उपयोग परिवर्तन पर राजस्व जमा कराने संबंधी कार्यवाही शासन में प्रचलन में है। उज्जैन विकास योजना 2035 प्रारूप संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों द्वारा अधिनियम में निहित प्रावधानों के अंतर्गत तैयार किया गया है। प्रारूप 2035 पर अधिनियम, 1973 की धारा 18 एवं 19 की आगामी कार्यवाहियां शेष हैं। अतः कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उक्‍त योजना से संबंधित समस्त बैठक के एजेंडे, निर्णय, संक्षेपिका की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

भूमि अधिग्रहण के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

77. ( क्र. 6017 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा चौपाटी स्थित बोरदा, बन्नाखेड़ा तहसील जावरा के सर्वे नंबर 224, 225 एवं 226 पर नगरपालिका जावरा का बस, ऑटो व तांगा स्टैंड सहित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तथा आवासीय कॉलोनी स्थित है? (ख) यदि हाँ, तो विगत वर्षों में किस नियम प्रक्रिया के माध्यम से उपरोक्त स्थल के विभिन्न निर्माण कार्यों के निर्माण किए जाने हेतु अनुमति प्रदान की गई, जिसमें निजी स्वामित्व के आवासीय एवं व्यवसायिक निर्माण कार्य भी हैं तथा नगरपालिका परिषद् जावरा द्वारा निर्मित बस स्टैंड शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी सम्मिलित हैं? (ग) क्या उपरोक्त सर्वे नंबर प्रारंभ से विवादित होकर अंतिम स्वामित्व का निर्धारण न तो शासन विभाग और न ही सक्षम न्यायालय द्वारा किया जा सका है? (घ) यदि हाँ, तो क्यों न विगत कई वर्षों से जन-जन के द्वारा एवं विभिन्न जनप्रतिनिधियों के द्वारा रिक्त पड़ी अघोषित स्वामित्व की भूमि का भूमि प्रयोजन शहर की आगामी विकास कार्यों हेतु एक पक्षीय शासन द्वारा अथवा नगरपालिका परिषद् जावरा द्वारा अधिग्रहित कर जनहित में विकास के जनकार्य वहां पर किए जा सके, इस हेतु कार्रवाई क्यों न करें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु सर्वे क्र. 226/2 रकबा 1.012 हे. पर बस स्‍टेण्‍ड तथा सर्वे क्र. 226/3 एवं 226/4 रकबा 0.885 हे. पर आवासीय कॉलोनी निर्मित है। सर्वे क्र. 224, 225 एवं 226/1 विवादित है। (ख) म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अंतर्गत सर्वे क्र. 226/2 के रकबा 1.012 हे. पर बस स्‍टेण्‍ड सह शॉपिंग कॉम्‍पलेक्‍स निर्मित है। सर्वे क्र. 226/3 रकबा 0.632 हे. एवं 226/4 रकबा 0.253 हे. पर अध्‍यक्ष श्री नगर गृह निर्माण सहकारी समिति संस्‍था ग्राम बन्‍नाखेड़ी जावरा द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश जावरा से मानचित्र अनुमोदन उपरांत कॉलोनी का निर्माण किया गया है। (ग) सर्वे क्र. 226/1 एवं 224 वाद ग्रस्‍त होने से मान. सिविल न्‍यायालय जावरा में प्रकरण लंबित है। (घ) मान. न्‍यायालय के निर्णय उपरांत, निर्णय के परिप्रेक्ष्‍य में कार्यवाही की जा सकेगी। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रेत खनन से पर्यावरण को नुकसान

[पर्यावरण]

78. ( क्र. 6027 ) श्री संजीव सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड एवं ग्वालियर जिले में रेत की कितनी खदानें संचालित हैं? ये खदानें            किन-किन कम्पनी के अधीनस्थ संचालित हैं? क्या इन खदानों को संचालित करने के लिए पर्यावरण विभाग व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति ली गई है? अनुमति देने की क्या नियम व शर्तें हैं? क्या खनन संचालक/संज्ञानात्मक संसाधन एजेंसियों द्वारा राष्ट्रीय हरित न्यायालय (एन.जी.टी.) के आदेश अनुसार खदानें संचालित की जा रही हैं? क्या इन खदानों के संचालन से पर्यावरण का नुकसान हो रहा है? (ख) क्‍या एन.जी.टी. आदेश के विरूद्ध क्या बिना जी.पी.एस. लगे वाहनों से रेत की ढुलाई की जा रही है? क्या संचालित रेत खदानों पर जियो टैगिंग की जा रही है? रात के समय निगरानी के लिए फ्लड लाईट और बोट का उपयोग किया जा रहा है? रेत ढुलाई वाहनों के वजन मापने के लिए रास्ते में मापक यंत्र लगाए गए हैं?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) भिण्ड जिले में 06 एवं ग्वालियर जिले में 22 रेत की खदानें संचालित हैं, जो कि क्रमशः मेसर्स पावर मेक प्रोजेक्ट लि. तथा एम.पी. सेल्स कार्पोरेशन के अधीनस्थ संचालित हैं। जी हाँ। ई.आई.ए. नोटिफिकेशन, 2006 के अन्तर्गत पर्यावरण स्वीकृति तथा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अन्तर्गत सम्मति प्राप्‍त करने के नियम हैं एवं अनुमति पर्यावरण वन मंत्रालय तथा जलवायु परिवर्तन नई दिल्ली द्वारा जारी गाइड लाइन्स के दिशा-निर्देशों का पालन करने की शर्त के आधार पर दी जाती है। माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा समय-समय पर पारित आदेशों के पालनार्थ रेत खदानों द्वारा पर्यावरण संरक्षण की कार्यवाही की जाती है एवं खदानों के संचालन से पर्यावरण के नुकसान जैसी स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। (ख) वाहनों में जी.पी.एस. लगाये जाने, जियो टैगिंग किये जाने, रात के समय निगरानी के लिये फ्लड लाइट और बीट का उपयोग किये जाने एवं रेत ढुलाई वाहनों के वजन मापने के लिए रास्ते में मापक यंत्र लगाये जाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं है।

सूत्र सेवा योजना का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

79. ( क्र. 6028 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड शहर में अमृत योजना के तहत सूत्र सेवा योजना संचालित है? उक्‍त योजना के मूल उद्देश्य क्या है एवं योजना प्रारंभ करने के लिए टेण्डर कब लगाए थे? उनमें           किन-किन फर्मों/कम्पनियों ने भाग लिया था? जिस फर्म/कम्पनी के टेण्डर स्वीकृत किए गए उसके द्वारा कितनी बसें संचालन हेतु खरीदी गईं? (ख) क्या मध्यप्रदेश राज्य शासन को यह अधिकार है कि केन्द्र सरकार की अमृत योजना के मूल उद्देश्यों के विपरीत सब्सिडी प्रदाय शहरी मार्गों की सिटी बसों को गैर शहरी मार्गों (एक शहर से दूसरे शहर तक) संचालित करने बाबत् सूत्र सेवा के अंतर्गत योजना बना सके? (ग) भिण्ड में कम्पनी के द्वारा कितनी बसें संचालित की जा रही है? उक्‍त बसें किन-किन रूटों पर संचालित हैं? क्या परिवहन विभाग किराया सूची के अनुसार इन बसों का किराया यात्रियों से अधिक लिया जा रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, योजना का मूल उद्देश्य लोक परिवहन व्‍यवस्‍था को सुदृढ़ करना है। इस योजना हेतु निकाय द्वारा टेण्‍डर दिनांक 02.11.2017 को लगाये गये थे। जिसमें दो निविदाकार क्रमश: शिवाशीष ट्रेडिंग एवं धर्मेन्‍द्र ट्रेवल्‍स द्वारा भाग लिया गया। धर्मेन्‍द्र ट्रेवल्‍स द्वारा वर्तमान तक 16 बसें संचालन हेतु खरीदी गयी हैं। (ख) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा केन्‍द्र सरकार की अमृत योजना के मूल उद्देश्यों के विपरीत कोई योजना नहीं बनाई है, अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भिण्‍ड में कम्‍पनी के द्वारा वर्तमान में 12 बसें संचालित की जा रही हैं। जो निम्‍नांकित रूटों पर संचालित हैं:-

क्र.

रूटों का विवरण

बसों की संख्‍या

1

भिण्‍ड से ग्‍वालियर

06

2

फूप से मेहगांव

02

3

अटेर से ग्‍वालियर

02

4

लहार से ग्‍वालियर

02

जी नहीं, परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित किराया सूची के अनुसार इन बसों का किराया यात्रियों से लिया जा रहा है।

रेरा की कार्यवाहियां

[नगरीय विकास एवं आवास]

80. ( क्र. 6083 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्‍यक्ष मध्‍यप्रदेश भू-सम्‍पदा विनियामक प्राधिकरण भोपाल को खनिज मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल ने पत्र क्रमांक 318/20 दिनांक 3 फरवरी, 2020 किस संबंध में लिखा, रेरा ने अवैध खनन, अवैध परिवहन एवं रॉयल्‍टी अपवंचन को हतोत्‍साहित करने के संबंध में प्रश्‍नांकित दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? (ख) अध्‍यक्ष मध्‍यप्रदेश भू-सम्‍पदा विनियामक प्राधिकरण भोपाल ने पत्र क्रमांक 1945/रेरा/2020 दिनांक 13 फरवरी, 2020 को किन-किन गतिविधियों को हतोत्‍साहित किए जाने के संबंध में किस-किस विषय पर किसे पत्र लिखा। (ग) परियोजनाओं के संबंध में रेरा को क्‍या-क्‍या अधिकार किस धारा में दिए गए है? परियोजनाओं से संबंधित किस-किस गतिविधि को हतोत्‍साहित करने के संबंध में रेरा को किन कार्यवाहियों के क्‍या-क्‍या अधिकार दिए हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माननीय श्री प्रदीप जायसवाल द्वारा निजी बिल्डर्स/डेवलपर्स द्वारा प्राक्कलन में उल्लेखित अनुसार खनिज संपदा की मात्रा पर देय रॉयल्‍टी की वसूली अनिवार्य किये जाने के परिप्रेक्ष्य में आवश्यक निर्देश जारी करने विषयक पत्र लिखा गया था। विषय वस्तु खनिज विभाग से संबंधित है, रेरा अधिनियम में इस विषय से संबंधित कोई प्रावधान नहीं है। (ख) पत्र प्रबंध संचालक म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड, जबलपुर को लिखा गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) रेरा अधिनियम की धारा 03, 04, 05, 06, 07, 08, 09, 32, 34, 35, 36, 37, 39, 59, 60, 61, 62, 63, 67, एवं 85 में प्राधिकरण को कार्यवाहियों संबंधी अधिकार प्राप्‍त है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है

विद्युत संबंधी समस्‍याओं का निराकरण

[ऊर्जा]

81. ( क्र. 6116 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. विद्युत मण्‍डल में जिला मुरैना में लाइन इंस्‍पेक्‍टर, लाइनमेन, असिस्‍टेंट लाइनमेन, लाइन हेल्‍पर एवं कार्यालय सहायक के कितने पद स्‍वीकृत है तथा वर्तमान में स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध वर्तमान के कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) क्‍या लाइन इंस्‍पेक्‍टर, लाइनमेन एवं अन्‍य पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्‍या काफी कम होने से विद्युत संबंधी समस्‍याओं का निराकरण समय पर नहीं हो पा रहा हैं। रिक्‍त पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं? अगर हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या विद्युत मण्‍डल मुरैना में ट्रान्‍सफार्मर, विद्युत पोल अन्‍य विद्युत सामग्री ले जाने हेतु वाहनों की संख्‍या काफी कम है। अगर हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है? अगर हाँ, तो क्‍या? नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की स्‍वीकृत संगठनात्‍मक संरचना (ओ.एस.) के अनुसार मुरैना वृत्‍त (जिला मुरैना) के अंतर्गत प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित संवर्गों के कुल 668 पद स्‍वीकृत है तथा वर्तमान में उक्‍त स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध 276 (नियमित एवं संविदा) कर्मचारी कार्यरत है। संवर्ग/पदवार स्‍वीकृत एवं कार्यरत कर्मचारियों की संख्‍यात्‍मक जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त मुरैना वृत्‍त में बाह्य स्‍त्रोत मेनपावर प्रदाता फर्म के माध्‍यम से 357 कुशल/अकुशल आउटसोर्स कार्मिक कार्यरत है जिनकी श्रेणीवार/संवर्गवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी लिमिटेड के मुरैना वृत्‍त में लाइन इंस्‍पेक्‍टर, लाइनमेन एवं अन्‍य पदों पर कार्यरत नियमित कर्मचारियों की संख्‍या कम है किन्‍तु रिक्‍त पदों के विरूद्ध आउटसोर्स के माध्‍यम से कुशल/अकुशल कार्मिकों को नियुक्‍त कर विदयुत संबधी समस्‍याओं का निराकरण समय पर कराया जा रहा है। सामान्‍य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक एफ-7-53/2019/आ.प्र/एक दिनांक 04.01.2020 के साथ संलग्‍न अधिसूचना दिनांक 24.12.2019 के माध्‍यम से आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग (EWS) के उम्‍मीदवारों हेतु 10 प्रतिशत आरक्षण एवं अन्‍य पिछड़ा वर्ग के उम्‍मीदवारों को 27 प्रतिशत आरक्षण हेतु शामिल करने के लिये मॉडल रोस्‍टर जारी किया गया है। उक्‍त मॉडल रोस्‍टर के अनुसार स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध श्रेणीवार कार्यरत कर्मचारियों एवं रिक्तियों की गणना कर राज्‍य शासन के अनुमोदन उपरांत म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा भर्ती की कार्यवाही की जावेगी। (ग) मुरैना वृत्‍त के अंतर्गत विद्युत सामग्री के परिवहन हेतु स्‍वीकृत प्रावधान के अनुरूप वाहन उपलब्‍ध है। अत: शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं।

परिशिष्‍ट - "तीस "

होम्‍योपैथिक चिकित्‍सक की नियुक्ति

[आयुष]

82. ( क्र. 6125 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या बालाघाट एवं मण्‍डला जिले में आयुष चिकित्‍सक एवं होम्‍योपैथिक चिकित्‍सक के पद स्‍वीकृत हैं? (ख) यदि हाँ, तो कितने पद स्‍वीकृत है, कितने पद भरे हैं, कितने पद रिक्‍त हैं? वर्गवार/श्रेणीवार/महिला वर्ग/पुरूष वर्ग सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या एन.आर.एच.एम. भर्ती 2013-14 में मण्‍डला जिला हेतु आयुष चिकित्‍सक के विज्ञापित पुरूष, महिला वर्गवार क्रमशः 18-18 पदों के विरूद्ध केवल 14 तथा 06 पद ही भरे गये हैं? (घ) क्‍या शेष पदों के विरूद्ध होम्‍योपैथिक पिछड़ा वर्ग महिला श्रेणी की आ‍वेदिका कु. अणीमा बहिरे ने माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेशानुसार अभ्‍यावेदन कर उपरोक्‍त श्रेणी अन्‍तर्गत नियुक्ति की मांग की है? यदि हाँ, तो अद्यतन स्थिति क्‍या है?

राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। (ख) एन.आर.एच.एम. एवं आयुष विभाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार

आयुर्वेद औषधियों की उपलब्धता

[आयुष]

83. ( क्र. 6126 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या बालाघाट जिले में संचालित आयुर्वेद औषधालयों में मांग पत्रानुसार आयुर्वेद औषधियां विभाग द्वारा उपलब्‍ध नहीं कराई जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो औषधियां उपलब्‍ध नहीं कराने के क्‍या कारण है? औषधालयों में औषधि नहीं होने के कारण मरीजों की संख्‍या में निरन्‍तर गिरावट आ रहीं है? इन औषधालयों में मांग पत्रानुसार कब तक औषधि उपलब्‍ध कराई जावेगी?

राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं, राज्य बजट एवं भारत सरकार योजनांतर्गत प्राप्‍त राशियों से आयुर्वेद औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। (ख) उत्तर '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। उत्तर '''' अनुसार।

पेयजल संकट का निराकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

84. ( क्र. 6127 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद् तेंदूखेड़ा में नर्मदा जल संवर्धन पेयजल योजना के पूर्ण न होने के कारण नगर में पेयजल संकट है तथा नगर वासियों को नियमित पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक नर्मदा जल संवर्धन योजना का कार्य कितना पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा एवं समय पर कार्य पूर्ण न होने पर क्रियान्वयन एजेंसी पर क्या कार्यवाही की गई है।              (ग) नर्मदा जल संवर्धन पेयजल योजना प्रारंभ होने तक नगर वासियों के पेयजल संकट के निराकरण एवं नगर वासियों को नियमित पेयजल प्राप्‍त हो सके इसके लिये शासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर परिषद् तेन्दुखेड़ा द्वारा वर्तमान में 15 वार्डों में 16 नग ट्यूबवेलों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जाती है, अपितु ट्यूबवेलों के जलस्तर नीचे गिर जाने के कारण पानी की सप्लाई एक दिन छोड़कर की जा रही है। (ख) म.प्र. अर्बन डेवपलमेंट कंपनी द्वारा क्रियान्वित सात शहरों की समूह जल आवर्द्धन परियोजना के अंतर्गत नगर परिषद् तेंदूखेड़ा की जल आवर्द्धन योजना का कार्य 68 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। योजनान्तर्गत घटकवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष कार्य दिसम्बर 2021 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। निर्धारित समय अवधि में कार्य पूर्ण न करने पर ठेकेदार को अनुबंध के प्रावधानानुसार विभाग द्वारा समय-समय पर नोटिस दिए गए हैं एवं विलंब हेतु प्रावधिक रूप से एल.डी. की राशि रोकी गई है। (ग) जी हाँ। नगर परिषद् तेंदूखेड़ा द्वारा क्रियान्वित पेयजल सप्लाई के लिए नवीन बोर खनन हेतु निविदाएं बुलाई गई हैं एवं आवश्यकता पड़ने पर टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जाती है।

परिशिष्‍ट - "इकतीस"

अस्‍थाई कनेक्‍शन का स्‍थाई कनेक्‍शन में परिवर्तन

[ऊर्जा]

85. ( क्र. 6134 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) अस्‍थाई कनेक्‍शन को स्‍थाई कनेक्‍शन कोई योजना वर्तमान में संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के विवरण केंद्र अनुसार कनेक्‍शन की सूची प्रदान करें। (ग) क्‍या इस प्रक्रिया हेतु कोई शुल्‍क लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) अस्‍थाई कनेक्‍शन को स्‍थाई कनेक्‍शन में परिवर्तित करने हेतु कोई भी योजना संचालित नहीं है। तथापि म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 29.09.2018 में निहित प्रावधान के अनुसार ऐसे कृषक जिनके कृषि पम्‍पों के संयोजन बिन्‍दु विदयुत कंपनी की विद्यमान निम्‍न दाब लाइन से 45 मीटर की परिधि में हैं, को ऑनलाइन स्‍थाई कनेक्‍शन दिये जाने की दृष्टि से कंपनी के कृषि संकल्‍प पोर्टल में एक अलग श्रेणी ''अस्‍थाई से स्‍थाई संयोजन'' का प्रावधान किया गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्णित परिपत्र की श्रेणी में विदयुत वितरण केन्‍द्रवार जनवरी 2020 से अद्यतन स्थिति में 512 स्‍थायी पंप कनेक्‍शन प्रदान किये गये जिनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) में वर्णित परिपत्र के प्रावधान अनुसार वर्णित श्रेणी के संयोजनों से आवेदन शुल्‍क की राशि रू. 5/- मात्र आवेदन के साथ लिये जाने का प्रावधान है तथा सुरक्षा निधि रू. 1500/- एवं अनुबंध स्‍टाम्‍प शुल्‍क की राशि रू. 500/- उपभोक्‍ता के प्रथम बिल में जोड़े जाने का प्रावधान है।

आई.पी.एस. अधिकारियों पर लोकायुक्‍त/ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. द्वारा कार्यवाही

[गृह]

86. ( क्र. 6137 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में पदस्‍थ आई.पी.एस. अधिकारियों पर वर्ष 2005 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने अधिकारियों पर लोकायुक्‍त/ई.ओ.डब्‍ल्‍यू द्वारा कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उन अधिकारियों के नाम, प्रकरण सहित, कार्यवाही का वर्ष विस्‍तृत ब्‍यौरा सहित बतावें। (ग) किन-किन अधिकारियों की जाँच पूरी हो गई है, कितने अधिकारियों की जाँच जारी है एवं कितने अधिकारियों की जाँच पर खात्‍मा लगाया जा चुका है? (घ) क्‍या कुछ अधिकारियों की जाँच विधान सभा की लोक लेखा समिति की अनुशंसा पर की गई थी? यदि हाँ, तो जाँच में खात्‍मा लगाने से पूर्व जाँच की रिपोर्ट विधान सभा पटल पर रखी जाती है? यदि हाँ, तो कितने अधिकारियों की रिपोर्ट विधान सभा पटल पर रखी जा चुकी है? नाम, प्रकरण सहित बतावें। (ड.) विधान सभा के पटल पर अभी तक कितने अधिकारियों की जाँच रिपोर्ट प्रस्‍तुत की जा चुकी है? किस विधायक की अनुशंसा पर लोकायुक्‍त जाँच हुई थी? नाम सहित बतावें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रदेश में महिलाओं पर हुये अत्‍याचारों के प्रकरण

[गृह]

87. ( क्र. 6138 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) मध्‍यप्रदेश में विभिन्‍न मामलों में दिनांक 1 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 तक की अवधि  में महिलाओं पर अत्‍याचार के प्रकरण कितने दर्ज किये गये? इनमें से कितने प्रकरण माननीय न्‍यायालय में पेश किए गये एवं कितनों को सजा मिली? (ख) उक्‍त अवधि में महिलाओं से ब्‍लैक मेलिंग के कितने प्रकरण दर्ज हुये? संख्‍यात्‍मक जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) संदर्भित कितने प्रकरण में दिनांक 1 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 तक की अवधि में ब्‍लैक मेलिंग के कारण कितनी महिलाओं ने आत्‍महत्‍या की? इनमें ऐसे प्रकरण कितने हैं जिनके सोशल मीडिया पर अश्‍लील फोटो एवं वीडियो वायरल होने के कारण महिलाओं ने आत्‍महत्‍या की? (घ) प्रकरण में कितने अपराधियों को पकड़ा गया और कितने अपराधी अब भी पुलिस की गिरफ्तारी से बाहर है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश में विभिन्न मामलों में दिनांक 01 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 तक की अवधि में महिलाओं पर अत्याचार के 29632 प्रकरण दर्ज हुए है। जिनमें से 22257 प्रकरण माननीय न्यायालय में पेश किये गये एवं 40 प्रकरणों में सजा मिली। (ख) उक्‍त अवधि में महिलाओं से ब्लेक मेलिंग के 26 प्रकरण दर्ज हुए। (ग) 01 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 तक की अवधि में ब्लेक मेलिंग के कारण 03 महिलाओं ने आत्महत्या की। सोशल मीडिया पर अश्‍लील फोटो एवं विडियो वायरल होने के कारण महिलाओं के द्वारा की गई आत्महत्या की जानकारी निरंक है। (घ) 26 अपराधियों को पकड़ा गया। 06 अपराधी पुलिस की गिरफ्तारी से बाहर है।

थाना प्रभारी के पद हेतु शासन के दिशा-निर्देश

[गृह]

88. ( क्र. 6141 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना प्रभारी के पद हेतु शासन के क्‍या दिशा-निर्देश है? अति संवेदनशील पुलिस थाने में प्रभारी के पद पर किस रेंक का अधिकारी को नियुक्‍त किया जाता है? (ख) क्‍या जिला जबलपुर का थाना-शहपुरा, अति संवेदन शील थाना है? इस थाने में उप निरीक्षक (एस.आई) रैंक के पुलिस अधिकारी को थाना प्रभारी बनाया जाना उचित है? यदि हाँ, तो स्‍पष्‍ट करें। (ग) जिला जबलपुर का थाना शहपुरा, अति संवेदन शील थाना में वर्तमान थाना प्रभारी कब से पदस्‍थ है? इस थाने को लंबे समय तक उप निरीक्षक स्‍तर के अधिकारी से थाना प्रभारी के पद पर रखे जाने से जन सुरक्षा खतरे में नहीं आवेगी? (घ) क्‍या जन सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए उक्‍त थाने में थाना प्रभारी के पद पर निरीक्षक रैंक के अधिकारी की नियुक्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस मैन्‍युअल एवं रेग्‍युलेशन्‍स के कण्डिका 579 में थाना प्रभारी के पद के दायित्‍वों का उल्‍लेख है, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। थाना प्रभारी का पद निरीक्षक अथवा उप निरीक्षक स्‍तर का होता है। (ख) जी नहीं। थाना शहपुरा में पुलिस रेग्‍युलेशन के प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुए थाना प्रभारी के पद पर उप निरीक्षक की पदस्‍थापना की गई।  (ग) जिला जबलपुर के थाना शहपुरा में उप निरीक्षक श्री सी.एम. शुक्‍ला दिनांक 27.07.2020 से पदस्‍थ है। उप निरीक्षक पद के अधिकारी की पदस्‍थापना के कारण जन सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। (घ) थाना शहपुरा के थाना प्रभारी द्वारा जन सुरक्षा का पूर्ण ध्‍यान रखा जा रहा है। पुलिस विभाग अंतर्गत पुलिस रेग्‍युलेशन के पैरा-72 में संशोधन उपरांत तद्नुसार उच्‍च पद का प्रभार देने की कार्यवाही प्रचलन में है। शीघ्र ही उच्‍च पद का प्रभार दिये जाने की कार्यवाही के बाद यथा संभव पूर्ति का प्रयास किया जावेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्‍ट - "बत्तीस"

श्रमिकों को साप्‍ताहिक अवकाश की राशि का भुगतान

[ऊर्जा]

89. ( क्र. 6147 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के सी.एच.पी. 210 मेगावॉट तथा सी.टी.डी. के संविदाकार कार्यादेश संख्‍या 001-04/ser/chp/wo-288/3283 दिनांक 09.10.2019 एवं 001-04/ser/chp/wo-259/ 1533 दिनांक 29.06.2019 एवं 001-04/ser/chp/wo-278/2594 दिनांक 30.08.19 के द्वारा कार्यरत संविदाकारों द्वारा उनके अधीन श्रमिकों को साप्‍ताहिक अवकाश की राशि दी जा रही है, यदि हाँ, तो जिन-जिन श्रमिकों को यह राशि प्रदान की गई, उनके नाम पता सहित राशि की जानकारी एवं राशि प्रदान करने की प्रक्रिया (नगद या खाते में) की विस्‍तृत जानकारी प्रदान करें। (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिन श्रमिकों को साप्‍ताहिक अवकाश की राशि नहीं दी गई है, उनके नाम, पता सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। इन्‍हें कब तक इस राशि का भुगतान कर दिया जायेगा? वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने श्रमिकों को बिना विभागीय व कानूनी कार्यवाही के कार्य से पृथक किया गया है? उनके नाम, पता सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। जिन श्रमिकों को बिना विभागीय कार्यवाही के कार्य से पृथक किया गया, उन्‍हें कब तक कार्य में वापस लिया जायेगा? (ग) संयंत्र के अतिरिक्‍त मुख्‍य अभियंता (ईंधन एवं प्रबंधन) व उप महाप्रबंधक मानव संसाधन सी.एच.पी. में वर्तमान में कौन पदस्‍थ हैं एवं कब से पदस्‍थ हैं? क्‍या इनके विरूद्ध समय-समय पर अनेक शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों की जाँच किन से व कब-कब कराई गई? जाँच में क्‍या तथ्‍य पाये गए व क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या यह सही है कि अधीक्षण अभियंता संचालन 3 में ज्‍योति मिश्रा, मनोज मिश्रा एवं ऊषा प्रगति इंटरप्राइजेज चचाई के द्वारा अपने परिवार के लोगों के नाम श्रमिकों के रूप में डालकर शासन को लाखों रूपये की क्षति पहुंचाई गई? यदि हाँ, तो इस विषय पर क्‍या जाँच कार्यवाही की गई? (घ) श्रमिक कार्यों हेतु जारी की जाने वाली निविदाओं में श्रमिकों को संरक्षण उपकरण प्रदाय करने की शर्त डाली जाती है या नहीं? यदि हाँ, तो क्‍या ठेकेदार द्वारा श्रमिकों को संरक्षण उपकरण प्रदाय किये जाते हैं? यदि हाँ, तो किन-किन ठेकेदार द्वारा किन-किन श्रमिकों को ये उपकरण प्रदान किये हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में प्रश्‍नाधीन कार्यादेशों के अंतर्गत श्रमिकों को न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत श्रमायुक्त, म.प्र.शासन, इंदौर द्वारा समय-समय पर जारी पुनरीक्षित न्यूनतम वेतन दरों के आधार पर मासिक वेतन का भुगतान किया जाता है। इस अधिनियम के अंतर्गत यदि किसी संदर्भ में एक दिन का वेतन संगणित करना हो तो देय मासिक वेतन को 26 दिन का भाग देकर संगणित किया जाता है। इसमें साप्ताहिक अवकाश हेतु पृथक से भुगतान का प्रावधान नहीं है, अपितु न्यूनतम वेतन दरों में साप्ताहिक अवकाश का पारिश्रमिक सम्मिलित है। श्रमिकों को साप्‍ताहिक अवकाश प्रदान किया जाता है। अत: पृथक से साप्‍ताहिक अवकाश की राशि देय होने का प्रश्‍न नहीं उठता है। शेष प्रश्‍न लागू नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के अंतर्गत संचालित ठेका कार्यों में श्रमिकों का नियोजन ठेकेदारों के द्वारा किया जाता है। वर्ष 2018 से 2020 की अवधि में ठेकेदार द्वारा पृथक किये गये श्रमिकों की वर्षवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। इन श्रमिकों में से चार श्रमिकों के द्वारा औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत पीठासीन अधिकारी माननीय श्रम न्‍यायालय, शहडोल में प्रकरण दायर किया गया जो कि विचाराधीन है। प्रकरण पर माननीय न्‍यायालय के निर्णय के अनुसार उचित कार्यवाही की जावेगी। दो श्रमिकों पर संबंधित ठेकेदार द्वारा थाना चचाई में प्राथमिकी दर्ज की गई है, पुलिस कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत उचित कार्यवाही की जावेगी। श्रमिक श्री रवि तिवारी को उसकी अनुशासनहीनता एवं कार्य के दौरान लापरवाही बरतने तथा अन्‍य साथी कार्मिकों के साथ दुर्व्‍यवहार करने के कारण, जिससे दुर्घटना हो सकती थी, ठेकेदार द्वारा कार्य से पृथक किया गया है। श्रमिक के दुर्व्‍यवहार के कारण इसे पुन: कार्य पर नहीं लिया जा सकता है। (ग) अतिरिक्‍त मुख्‍य अभियंता (ईंधन एवं प्रबंधन) के पद पर श्री एल.एम. तिवारी, दिनांक 14.08.2020 से प्रभार में हैं एवं सी.एच.पी. में कोई भी उप महाप्रबंधक, मानव संसाधन पदस्‍थ नहीं है। अतिरिक्‍त मुख्‍य अभियंता (ईंधन एवं प्रबंधन) के विरूद्ध किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है, अत: जाँच एवं कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं है। अधीक्षण अभियंता संचालन 3 वृत्‍त के अंतर्गत टरबाईन एवं उसके आस-पास के परिक्षेत्र की साफ-सफाई हेतु मेसर्स प्रगति इंटरप्राइजेज नहीं अपितु प्रगति कंस्‍ट्रक्‍शन द्वारा 19.09.2012 से 18.09.2013 की अवधि में कार्य संपन्‍न कराया गया, जिसके प्रोपराईटर श्री मनोज मिश्रा थे। अधीक्षण अभियंता (संचालन)-3 अमरकंटक ताप विद्युत गृह द्वारा की गई जाँच में प्रोपराईटर श्री मनोज मिश्रा, श्रीमती ज्‍योति मिश्रा एवं ऊषा पिता/पति श्री कृष्‍णकांत द्वारा कार्यादेश अंतर्गत कार्य संपादन में संलग्‍नता पाई गई तथा जाँच प्रतिवेदन में प्रोपराईटर एवं उसके परिवार के सदस्‍यों द्वारा स्‍वयं कार्य संपादन करना, कार्यादेश के नियमों का उल्‍लंघन करना नहीं पाया गया। (घ) जी हाँ। वर्तमान में ठेकेदारों द्वारा सुरक्षा उपकरण श्रमिकों को प्रदाय किए जाते हैं। विभिन्न ठेकेदारों द्वारा सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जाने की नाम सहित जानकारी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करने के लंबित प्रस्‍ताव

[ऊर्जा]

90. ( क्र. 6149 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में तकनीकी रूप से साध्‍य पाये गये नवीन विद्युत सब स्‍टेशन बनाने, नया पावर ट्रांसफार्मर लगाने तथा पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करने हेतु कितने प्रस्‍ताव फंड की कमी के कारण लंबित है? (ख) शासन (मध्‍यप्रदेश) GSDP का 4% तथा सशर्त 9% अर्थात कुल 4.9% लोन ले चुका है जिसमें सशर्त .9% लोन का कितना हिस्सा ऊर्जा क्षेत्र के लिए उपलब्‍ध कराया गया?  (ग) ऊर्जा क्षेत्र में खर्च करने की शर्त में इतनी बड़ी राशि लोन लेने के बावजूद प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्य क्‍यों लंबित है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में दर्शाये गये क्षेत्र में वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक पूर्ण कराये गये या प्रस्‍तावित कार्यों की जानकारी अनुमानित लागत सहित देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) बालाघाट जिले में नवीन विद्युत सब स्‍टेशन की स्‍थापना, नये पावर ट्रांसफार्मर लगाने तथा पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करने का तकनीकी रूप से साध्‍य पाया गया, कोई भी प्रस्‍ताव फंड की कमी के कारण लंबित नहीं है। (ख) वित्‍त विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार भारत शासन द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में राज्‍यों को जी.एस.डी.पी. के 1 प्रतिशत अतिरिक्‍त ऋण लेने की व्‍यवस्‍था ऊर्जा, खाद्य, नगरीय विकास एवं उद्योग क्षेत्र में सुधार होने की शर्त पर दी गई थी। प्रत्‍येक क्षेत्र में हुए सुधार के आधार पर जी.एस.डी.पी. के 0.25 प्रतिशत ऋण की पात्रता निर्धारित की गई थी। मध्यप्रदेश में खाद्य, नगरीय विकास एवं उद्योग क्षेत्र में शत्-प्रतिशत सुधार एवं ऊर्जा क्षेत्र में आंशिक सुधार के आधार पर जी.एस.डी.पी. के कुल 0.9 प्रतिशत अतिरिक्‍त ऋण लेने की अनुमति भारत शासन द्वारा दी गई है। तथापि, भारत शासन द्वारा इस प्रकार लिए गए अतिरिक्‍त ऋण के किसी क्षेत्र विशेष में अंतिम उपयोग (end use) के संबंध में कोई बंधन प्रतिपादित नहीं किए गए हैं। राज्‍य शासन द्वारा यदि अतिरिक्‍त ऋण लिया जाएगा तो यह राज्‍य के सामान्‍य संसाधन के रूप में उपलब्‍ध होगा। (ग) प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में राज्‍य शासन द्वारा आवंटित बजट के अनुसार तकनीकी रूप से साध्‍य अति आवश्‍यक कार्य स्‍वीकृत किये जाते हैं। बालाघाट जिले में तकनीकी रूप से साध्‍य कोई कार्य स्‍वीकृति हेतु लंबित नहीं है। (घ) बालाघाट जिले में प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक पूर्ण कराये गये एवं प्रस्‍तावित/स्‍वीकृत कार्यों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाये अनुसार है।

परिशिष्‍ट - "तैंतीस"

कटनी नगर सुधार न्यास की योजनाओं का संचालन

[नगरीय विकास एवं आवास]

91. ( क्र. 6159 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक नगरपालिक निगम कटनी द्वारा तत्कालीन नगर सुधार न्यास से मिली योजनाओं की किस-किस अधिग्रहित या अधिग्रहण के लिए लंबित भूमि को छोड़ा गया है? इन योजनाओं या भूमियों को छोड़े जाने के आधार क्या थे? क्या राज्य शासन से अनुमति ली गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्‍न (क) अंतर्गत क्या किसी भी माननीय न्यायालय आदेश अंतर्गत भूमि छोड़ी गई है? यदि हाँ, तो संबंधित माननीय न्यायालय के आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्‍न (क) अंतर्गत यह भी बताएं कि अगर माननीय न्यायालय के आदेश से तत्कालीन सुधार न्यास की अधिग्रहित या लंबित अधिग्रहित कार्यवाही की कोई भूमि छोड़ी गई है तो क्या माननीय न्यायालय के आदेश पर कोई विधिक राय ली गई थी? यदि हाँ, तो विधिक राय की प्रति भी उपलब्ध कराएं (घ) प्रश्‍न (क) अंतर्गत यह भी बताएं कि वर्तमान में नगरपालिक निगम कटनी के पास तत्कालीन नगर सुधार न्यास कटनी की कौन-कौन सी योजनाएं एवं अधिग्रहित या लंबित कार्यवाही की भूमि से शेष है एवं उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है? अन्य प्रकरणों में न्यायालय के आदेशों के अनुसार क्या इन योजनाओं पर भी अग्रिम कार्यवाही की जाएगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक नगरपालिक निगम कटनी द्वारा नगर सुधार न्यास से मिली किसी भी योजनाओं की अधिग्रहित या अधिग्रहण के लिए लंबित भूमि को छोड़ा नहीं गया है और न ही शासन से स्वीकृति ली गई। अपितु माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर में योजना क्रमांक 03 की भूमि से संबंधित याचिका क्रमांक 1286/2013 में आदेश दिनांक 31.03.2015 में पारित किया गया है जानकारी पुस्‍तकालय में  रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "ए" अनुसार है। उक्‍त आदेश के विरूद्ध नगरपालिक निगम कटनी द्वारा रिट पीटिशन क्रमांक 209/2015 में आदेश दिनांक 11.08.2015 पारित किया गया जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "बी" अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 1286/2013 में आदेश दिनांक 02.12.2015 पारित किया गया जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "सी" अनुसार है। मेयर-इन-काउसिंल के प्रस्ताव क्रमांक 10 दिनांक 17.09.2018 में लिये गये निर्णय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "डी" अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर के उपरोक्त आदेशानुसार मेयर-इन-काउंसिल के प्रस्ताव क्रमांक 10 दिनांक 17.09.2018 के अनुसार याचिकाकर्ता को कोई आपत्ति नहीं होने से सूचना दी गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "ई" अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में योजना क्रमांक 03 की भूमि से संबंधित याचिका क्रमांक 1286/2013 में आदेश दिनांक 31.03.2015 पारित किया गया, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "ए" अनुसार है। उपरोक्त आदेश के विरूद्ध नगरपालिक निगम कटनी द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 209/2015 में आदेश दिनांक 11.08.2015 पारित किया गया जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "बी" अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 1286/2013 में आदेश दिनांक 02.12.2015 पारित किया गया जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "सी" अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 1286/2013 में पारित आदेश दिनांक 31.03.2015 नगर निगम कटनी द्वारा प्रस्तुत रिट अपील क्रमांक 209/2015 में पारित आदेश 11.08.2015 याचिका क्रमांक 1286/2013 में पारित आदेश दिनांक 02.12.2015 के संबंध में निगम अधिवक्ता श्री अपर्ण जे. पवार से राय ली गई है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "एफ" अनुसार है।                   (घ) नगरपालिक निगम कटनी के पास तत्कालीन नगर सुधार न्यास से प्राप्‍त योजनायें क्रमांक 01 से 25 है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र "जी" अनुसार है। जिनमें से 10 योजनाओं की भूमि अधिग्रहित है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''एच'' अनुसार है। शेष 15 योजनाओं में भूमि अधिग्रहण संबंधी कार्यवाही नहीं हुई है। अन्य प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रत्येक प्रकरण की विषय वस्तु के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।

प्रकरण की उच्च स्तरीय एवं निष्पक्ष जांच

[गृह]

92. ( क्र. 6162 ) श्री सुनील उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित प्रकरण में मृतक को स्वयं के घर से बहला फूसलाकर जबरदस्ती कौन/कहाँ/कैसे/किसलिये ले गये? शव कहाँ मिला? घटना स्थल मालिक का ब्यौरा/क्या नाम है/घटना में कितने व्यक्ती सम्मिलित हैं/रूपयों के लेनदेन से योजनाबद्ध घटना घटित की? घटित, घटना स्थल/स्थान के स्वामी क्या आदतन अपराधी प्रवृत्ति के हैं? हाँ तो क्या पंजीबद्ध कार्यवाही की? यदि नहीं तो कब तक करेंगे? (ख) क्या मृतक के शव का पोस्टमार्टम सगे/रिश्तेदार/घर के लोगों के समक्ष हुआ? शव परीक्षण प्रतिवेदन रिपोर्ट पर स्वयं घर के लोगों के हस्ताक्षर हैं, यदि हाँ, तो बतायें। नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या शव संदिग्ध अवस्था में पाया गया था? यदि हाँ, तो फोरेंसिक जाँच की गई? शव का विसरा परीक्षण रिपोर्ट बतायें। क्या घटना के संदिग्ध आरोपी बनाये हैं? हाँ तो बतायें। नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्या मृतक की पत्‍नी ने घटना की उच्च स्तरीय जाँच हेतु आवेदन दिया था? प्रथम दृष्‍ट्या शव का शरीर काला/नीला, मुख में दांत टूटे थे? यदि हाँ, तो सम्पर्ण पत्राचार केस डायरी की एक प्रति दें। (ङ) प्रश्‍नांश (क) से (घ) में वर्णित सत्य प्रति दें। उच्च स्तरीय जाँच एवं अपराधियों पर एफ.आई.आर. की कार्यवाही कब तक होगी? कौन-कौन-सी अपराधिक धाराओं में प्रकरण दर्ज होगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। मृतक भीमराव पिता गुलाबराव घोड़की निवासी सावंगी को किसी भी व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर जबरदस्ती नहीं ले जाया गया था। मृतक ग्राम सावंगी के शंकर लोखंडे के पोल्ट्री फार्म पर चौकीदारी करने प्रतिदिन जाता था। घटना दिनांक को भी मृतक पोल्ट्री फार्म में ही था। जहां उसकी मृत्यु हुई है। शंकर लोखंडे थाना मुल्ताई के रिकार्ड के अनुसार आदतन अपराधी प्रवृत्ति का नहीं हैं। पुलिस द्वारा मर्ग जाँच जारी है। (ख) जी हाँ। मृतक भीमराव घोड़की का पोस्टमार्टम उसके पिता श्री गुलाबराव घोड़की, भाँजा शंकर लोखंडे एवं अन्य ग्रामीणों की उपस्थिति में हुआ हैं। शव परीक्षण प्रतिवेदन पर मृतक भीमराव के परिजनों के हस्ताक्षर है। (ग) पुलिस द्वारा मर्ग जाँच जारी है। जाँच में आए तथ्यों के आधार पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। (घ) जी हाँ। दिए गए आवेदन में लिखे बिंदुओं की जाँच, मर्ग-जाँच में की जा रही है। जाँच जारी है, केस डायरी दी जाना संभव नहीं है। (ङ) मर्ग की जाँच अभी जारी है। जाँच उपरांत साक्ष्यानुसार विधि-सम्मत कार्यवाही की जावेगी।

छिन्दवाड़ा जिले में विश्‍वविद्यालय की स्थापना

[उच्च शिक्षा]

93. ( क्र. 6163 ) श्री सुनील उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या विगत वर्षों में छिन्दवाडा जिलें में एक विश्‍वविद्यालय की स्थापना की गई? अगर की गई तो कितना बजट स्वीकृत किया गया एवं आज दिनांक तक कितना बजट व्यय किया गया?            (ख) यूनीवर्सि‍टी स्थापना हेतु कितना राजस्व रकबा निर्माण हेतु प्रदाय किया गया? वर्तमान में कितने महाविद्यालयों किन-किन जिलों के इस विश्‍वविद्यालय से संचालित हो रहे हैं? (ग) वर्तमान में महाविद्यालयों में कितने प्रध्यापकों के पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्‍त हैं? विषयवार जानकारी देवें कि‍ रिक्‍त पद कब तक भरे जायेंगे? (घ) महाविद्यालय में कार्यरत अतिरिक्‍त विद्वानों को मासिक कितना मानदेय दिया जा रहा है? उनके नियमितीकरण हेतु माननीय मंत्री विचार करेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2020-21 में राशि रू 2.00 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है एवं राशि रू 2.00 करोड़ का व्यय किया गया। (ख) छिन्‍दवाड़ा विश्‍वविद्यालय, छिन्‍दवाड़ा के भवन निर्माण हेतु 48.562 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। विश्‍वविद्यालय से 04 जिलों के कुल 138 महाविद्यालय सम्बद्ध हैं, जिसमें सिवनी के 22, बालाघाट के 29, छिन्‍दवाड़ा के 37 तथा बैतूल के 50 महाविद्यालय सम्मिलित हैं। (ग) सम्बद्ध महाविद्यालयों में प्राध्यापकों के कुल 57 पद स्वीकृत हैं तथा 46 पद रिक्त हैं। विषयवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।              (घ) महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों को रू 1500/- प्रति कार्य दिवस, वास्तविक कार्य दिवसों की गणना के आधार पर भुगतान किया जाता है। अतिथि विद्वानों के चयन हेतु जारी नीति-निर्देश में उन्हें नियमित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।

विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

94. ( क्र. 6168 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या म.प्र.म.क्षे.वि.वि. कंपनी लिमिटेड वृत्‍त राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के नगर तलेन अंतर्गत ग्राम नाहली पर 132x33 के.व्‍ही. विद्युत ग्रिड (सब-स्‍टेशन) की स्‍वीकृति का प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त संबंध स्‍वीकृति हेतु अद्यतन स्थिति क्‍या हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र दिनांक 21.01.2021 से उक्‍त 132x33 के.व्‍ही. विद्युत ग्रिड (सब-स्‍टेशन) की अविलंब स्‍वीकृति हेतु माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय से विशेष अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक विद्युत ग्रिड की स्‍वीकृति हेतु कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्‍या? बतावें।              (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में अल्‍प वोल्‍टज, तार टूटना, अनियमित विद्युत आपूर्ति आदि समस्‍याओं से स्‍थाई निजात दिलाने हेतु ग्राम नाहली पर 132x33 के.व्‍ही. विद्युत ग्रिड (सब-स्‍टेशन) स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड वृत्‍त राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के नगर तलेन अंतर्गत ग्राम नाहली में 132/33 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र की स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍ताव पर म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में माननीय विधायक द्वारा मुख्‍यमंत्री जी को संबोधित दिनांक 21.01.2021 के लिखे जिस पत्र का संदर्भ दिया है वह अभिलेख अनुसार वस्‍तुत: 26.02.2021 को प्रेषित पाया गया है। उक्‍त विषय पर उत्‍तरांश (क) अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में 132/33 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र नाहली की स्‍थापना हेतु परीक्षण उपरांत, साध्‍य पाये जाने पर, वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार इसी प्रकार के अन्‍य कार्यों की वरीयता क्रम में स्‍वीकृति की कार्यवाही की जायेगी।

रेरा नियमों के अंतर्गत कॉलोनियों का विकास

[नगरीय विकास एवं आवास]

95. ( क्र. 6169 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन स्‍थानों पर वैध एवं अवैध कॉलोनियां स्थित हैं तथा रियल स्‍टेट रेगुलेरिटी ऑथोरिटी (रेरा) अंतर्गत कितने ठेकेदार व एजेन्‍सी पंजीकृत हैं? नाम पते सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में राजगढ़ जिले में प्रश्‍न दिनांक तक रेरा नियमों के अंतर्गत कब-कब, कितनी समयावधि में किन-किन कॉलोनियों के विकास हेतु अनुमति प्रदान की गई है तथा क्‍या नियमानुसार निर्धारित समयावधि में कॉलोनियां विकसित कर दी गई हैं? यदि नहीं, तो नियम शर्तों के उल्‍लंघन करने से किन-किन ठेकेदार व एजेन्सियों के विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई एवं प्रश्‍न दिनांक तक अवैध रूप से निर्मित           किन-किन कॉलोनियों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या राजगढ़ जिले में रेरा नियम व शर्तों के अधीन निर्धारित समय-सीमा में कॉलोनी निर्माण व अन्‍य सुविधाएं विकसित करने का कार्य पंजीकृत संस्‍थाओं व ठेकेदारों द्वारा नहीं किया जा रहा है, जिससें उपभोक्‍ताओं के हितों का हनन हो रहा है? यदि हाँ, तो निर्धारित समय-सीमा में कॉलोनी विकसित करवाने एवं अवैध कॉलानियों के विरूद्ध विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले में 17 भू-सम्पदा परियोजनाएं, रेरा में पंजीकृत हैं, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वैध एवं अवैध कॉलोनी से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''ब एवं '''' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं, परिशिष्‍ट '''' की जानकारी के अनुसार रेरा अधिनियम के तहत पंजीकृत कॉलोनियों में कॉलोनाईजर द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कॉलोनी निर्माण एवं अन्य सुविधाएं विकसित करने का कार्य किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं के हितों के हनन की संभावना नहीं है। विकास अनुमति प्राप्‍त कॉलोनियों को निर्धारित समय-सीमा में विकसित करवाने एवं अवैध कॉलोनियों के विरूद्ध सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।

शासकीय महाविद्यालय का भवन निर्माण

[उच्च शिक्षा]

96. ( क्र. 6174 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय उमरबन जिला धार द्वारा महाविद्यालय के संबंध में विभाग आयुक्त भोपाल, संचालक इंदौर संभाग एवं अग्रणी महाविद्यालय धार, कलेक्टर धार को किन-किन विषयों से संबंधित किस दिनांक को कितने पत्र प्राप्‍त हुए? उक्‍त किन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ख) प्रश्‍न दिनांक तक भी महाविद्यालय उमरबन के लिए भवन एवं आवासीय परिसर निर्माण की स्वीकृति नहीं मिलने, राशि आवंटित नहीं करने का क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है? कब तक भवन एवं आवासीय-परिसर निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा? समय-सीमा सहित ब्यौरा दें। यदि नहीं, किया जाएगा तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) वर्तमान में महाविद्यालय का संचालन किन वजहों से कहाँ हो रहा है? क्या वर्तमान महाविद्यालय संचालन परिसर में आदर्श शौचालय, पेयजल, पर्याप्‍त फर्नीचर, प्रायोगिक कक्षाओं, छत पंखा, कम्‍प्यूटर तथा तृतीय-श्रेणी कर्मियों का अभाव है? उक्‍त अभाव के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन दोषी है? कब तक उक्‍त वस्तुओं को उपलब्ध कराया जाएगा। (घ) क्या शासन उक्‍त बुनियादी सुविधाओं, भवन एवं आवासीय परिसर से महाविद्यालय के छात्रों को वंचित रखना चाहता है? यदि नहीं, तो भवन निर्माण की स्वीकृति तथा राशि जारी करने एवं उक्‍त बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) शासकीय महाविद्यालय उमरबन जिला धार के भवन निर्माण का प्रस्‍ताव दिनांक 05/12/2020 को स्‍थायी वित्‍तीय समिति की बैठक में प्रस्‍तुत किया गया, किन्‍तु सीमित बजट होने से प्रस्‍ताव पर विचार नहीं किया जा सका। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) महाविद्यालय का स्‍वयं के भवन नहीं होने से, छात्रहित में महाविद्यालय जनपद परिषद् भवन में संचालित हो रहा है। भवन में शौचालय, पेयजल, फर्नीचर तथा प्रायोगिक कक्षाओं की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था है। महाविद्यालय में स्‍वीकृत तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के पद पदोन्‍नति, स्‍थानांतरण एवं आउटसोर्स के माध्‍यम से भरे जाने का प्रावधान है। प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्‍ट - "चौंतीस"

झूठी एफ.आई.आर. दर्ज करने पर अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही

[गृह]

97. ( क्र. 6175 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या थाना राजपुर जिला बड़वानी में दिनांक 15/02/2021 एवं दिनांक 19/02/2021 को मुन्ना मोरे के खिलाफ किस मामले में किस सबूत-गवाह के शिनाख्त करने के पश्चात किस-किस धाराओं में एफ.आई.आर. दर्ज की गई? मामले के सबूत-गवाह की शिनाख्त करने वाले अधिकारी का नाम, पद एवं सबूत-गवाह की प्रति सहित ब्यौरा दें। (ख) झूठी एफ.आई.आर. दर्ज करने पर किस अधिकारी के खिलाफ किन नियमों के तहत क्या कार्यवाही करने का प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? उक्‍त प्रावधानों के तहत बड़वानी जिले में कितने अधिकारियों के खिलाफ जनवरी 2019 से       प्रश्‍न दिनांक तक किस दिनांक को क्या कार्यवाही की गई? तहसीलवार ब्यौरा दें। (ग) प्रदेश में आदिवासियों पर एफ.आई.आर. के ऐसे कितने मामले हैं, जिनमें आरोपी को संबंधित कोर्ट ने बरी/दोषमुक्त किया? जनवरी 2019 से प्रश्‍न-दिनांक तक की जिलेवार ब्यौरा दें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के कितने मामले में पुलिस द्वारा सबूतों-गवाहों की शिनाख्त कर एफ.आई.आर. दर्ज की गई? यदि सबूतों-गवाहों की शिनाख्त नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। बिला शिनाख्त के एफ.आई.आर. दर्ज करने वाले उक्‍त अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? तत्संबंधी ब्यौरा दें। यदि अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं की गई तो विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक कार्यवाही की जाएगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुन्ना मोरे एवं अन्य तीन आरोपियों के विरुद्ध थाना राजपुर जिला बड़वानी में अप.क्रं. 64/2021 धारा 452, 294, 323, 336, 506, 34 भा.दं.वि. में दिनांक 15.02.2021 को फरियादी श्री नितेश उर्फ मितेश रोमडे, की रिपोर्ट पर उप निरीक्षक वीर बहादुर सिंह द्वारा एवं अप.क्रं. 68/2021 धारा 354, 354 (क) (1) (आई), 457, 34 भा.दं.वि. दिनांक 20.02.2021 को फरियादिया ममता बामनिया की रिपोर्ट पर उप निरीक्षक त्रिवेणी राजपूत द्वारा पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण विवेचनाधीन होने से शेष जानकारी दिया जाना विधिसम्मत नहीं है। (ख) ऐसे मामलों में संबंधित त्रुटिकर्ता अधिकारी के विरुद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 12 (2) एवं 13 (1) के अधीन अनुशासनात्मक कार्यवाही कर विभागीय जाँच कार्यवाही संपादित की जा सकती है। जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में जिला बड़वानी की तहसील पानसेमल में दिनांक 19.10.2020 को स.उ.नि. अजीज शेख की उक्‍त संबंध में त्रुटि/लापरवाही प्रथम दृष्‍ट्या दृष्टिगोचर होने के फलस्वरुप स.उ.नि. अजीज शेख तत्कालीन पदस्थ थाना खेतिया के विरुद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जाँच क्रमांक 08/2020 संस्थित की गई। विभागीय जाँच उपरांत गुण दोष के आधार पर स.उ.नि. अजीज शेख के विरुद्ध अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के तहत संज्ञेय अपराध की सूचना प्राप्‍त होने पर एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु सबूत गवाहों की शिनाख्त की आवश्यकता नहीं होती है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्‍ट - "पैंतीस"

निर्माण कार्यों में अनियमितताओं की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

98. ( क्र. 6178 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा एवं अन्य जनों के द्वारा भी नगर परिषद् पिपलोदा के द्वारा वर्ष 2010 -11 से लेकर 2019- 20 तक के हुए निर्माण कार्यों की अनियमितताओं की जाँच की मांग की गई है? (ख) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा पत्रों के साथ संलग्न उपरोक्त वर्षों में उल्लेखित विभिन्न अनियमितताओं, नियम विरुद्ध कार्य, गलत आवंटन एवं अवैध भुगतान किए जाने संबंधी तथ्यात्मक जानकारियां प्रेषित कर लगातार जाँच की मांग कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने हेतु ध्यान आकर्षित किये जाने के तारतम्‍य में शासन/विभाग द्वारा तत्संबंधी क्या-क्या कार्यवाहियां की? (ग) क्‍या संबंधितों के विरुद्ध लोकायुक्त अथवा अन्य और कोई भी सक्षम जाँच संस्थित कर अधिकारियों को दंडित व जनप्रतिनिधियों को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायतों पर कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलित है। जाँच के निष्‍कर्षों के आधार पर विभाग द्वारा निर्णय लिया जायेगा।

महाविद्यालय की भूमि का सीमांकन

[उच्च शिक्षा]

99. ( क्र. 6179 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जावरा नगर स्थित भगतसिंह शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की भूमि का सीमांकन किस वर्ष में किसकी उपस्थिति में किया जाकर किस शासन विभाग की पंजी में पंजीबद्ध किया गया है? (ख) जानकारी दें कि महाविद्यालय की कुल कितनी भूमि होकर उक्‍त भूमि पर किस-किस प्रकार का निर्माण कार्य किया गया है व कितनी शेष रिक्त भूमि महाविद्यालय के आधिपत्य में आकर शासनाधीन है? (ग) क्या महाविद्यालय की संपूर्ण सीमांकित भूमि का सीमांकन किए जाने के पश्चात अथवा पूर्व में बाउण्‍ड्रीवॉल या अन्य किसी माध्यम से संरक्षण, सुरक्षा हेतु उपाय किए गए हैं? (घ) क्या महाविद्यालय को आवंटित संपूर्ण भूमि शासन/विभाग अंतर्गत आकर शासनाधीन है अथवा महाविद्यालय भूमि पर किसी अन्य प्रकार व प्रयोजन के निर्माण कार्य किए गए अथवा अतिक्रमण इत्यादि है? संपूर्ण जानकारी से अवगत कराएंl

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) भगतसिंह शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय जावरा की भूमि का सीमांकन वर्ष 2016 में क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक, राजस्व अमले, महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं कर्मचारी की उपस्थिति में किया जाकर पंजीबद्ध किया गया। (ख) महाविद्यालय में कुल 5.8000 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। (सर्वे नम्बर 50/1 में 5.00 हेक्टेयर एवं सर्वे नम्‍बर 52 में से 0.8000 हेक्टेयर) सर्वे नम्बर 50/1 की 5.000 हेक्टयर में से 4460 वर्ग मीटर भूमि पर महाविद्यालय का मुख्य भवन, वाणिज्य खण्ड, नव निर्मित भवन, रसायन प्रयोगशाला आदि निर्मित हैं शेष पर खेल मैदान है। महाविद्यालय को शेष आवंटित सर्वे नम्बर 52 की 0.8000 हेक्टेयर भूमि रिक्त है। (ग) सीमांकित भूमि की सुरक्षा हेतु महाविद्यालय के मुख्य भवन के सामने बाउण्ड्रीवॉल तथा शेष भूमि पर सीमेंट पोल के सहारे काटेदार तार की फेसिंग निर्मित है। (घ) जी हाँ। महाविद्यालय को आवंटित शासकीय भूमि पर अन्य प्रकार के प्रयोजन हेतु कोई निर्माण कार्य/अतिक्रमण नहीं है।

पर्यावरण की सुरक्षा हेतु बचाव एवं सरंक्षण

[पर्यावरण]

100. ( क्र. 6184 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में संचालित 6 बड़े सीमेन्ट उद्योग हैं, जो जिले की खनिज संसाधन का उपयोग कर रहे हैं, तो क्या इन उद्योगों से पर्यावरण की सुरक्षा/बचाव हेतु किसी प्रकार का विशेष पैकेज या उपकरण प्रदाय है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो कब तक दी जावेगी? पर्यावरण की सुरक्षा हेतु कितना वार्षिक बजट प्रस्तावित/स्वीकृत हुआ है? जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) सतना जिले में संचालित सभी क्रेशर, खदानें (सभी प्रकार के प्राप्‍त मिनरल्स की) व भंडार क्या पर्यावरण विभाग के सभी नियमों या गाइडलाइंस के अनुरूप हैं? यदि हाँ, तो सभी की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करें और यदि किसी भी प्रकार की कमियां है तो उनके संचालन से आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? उसकी जानकारी प्रस्तुत करें। (ग) क्या सीमेन्ट उद्योग द्वारा माइनिंग निर्धारित मापदण्ड से अधिक किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या माइनिंग पर अंकुश लगाते हुए कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या अधिक गहराई में माइनिंग करने के लिए विस्फोटक का प्रयोग कर निर्धारित मापदण्ड से अधिक माइनिंग करने से नजदीकी क्षेत्रों का जल स्तर काफी कम हुआ है? यदि हाँ, तो इसके बचाव के लिए क्या कार्यवाही की जावेगी?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा/बचाव हेतु किसी प्रकार का विशेष पैकेज या उपकरण या वार्षिक बजट प्रस्तावित/स्वीकृत नहीं किया जाता है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

निवाड़ी में जिला कार्यालय की स्‍थापना

[आयुष]

101. ( क्र. 6185 ) श्री अनिल जैन : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्या विभाग द्वारा निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय खोले जाने एवं आवश्यक पदों के सृजित करने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन स्तर से क्या क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाहियों के पत्र क्रमांक दिनांक एवं विवरण सहित बताते हुए इस सम्बंध में अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) निवाड़ी जिले में विभाग के कितने-कितने पद स्वीकृत एवं भरे है? पदवार एवं मुख्यालयवार संख्या बतायी जाये। साथ ही यह बतावें कि जिले में रिक्त पदों पर पदस्थापना कब तक की जा सकेगी?

राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। आयुक्‍त आयुष से जिला निवाड़ी में जिला आयुष कार्यालय खोले जाने के संबंध में प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ था। प्रस्‍ताव पर वित्‍त विभाग की स्‍वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में वित्‍त विभाग की पृच्‍छा दिनांक 10.03.2021 के क्रम में पुनरीक्षित प्रस्‍ताव भेजे जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस संबंध में संचालनालय आयुष से प्राप्‍त प्रस्‍ताव पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं वित्‍त विभाग की पृच्‍छा के क्रम में विभाग द्वारा पुनरीक्षित प्रस्‍ताव मॉगे जाने हेतु जारी पत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) निवाड़ी जिले में विभाग के स्‍वीकृत एवं भरे पदों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

आदर्श महाविद्यालय का भवन निर्माण

[उच्च शिक्षा]

102. ( क्र. 6200 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदर्श महाविद्यालय छतरपुर के भवन निर्माण हेतु कहाँ पर भूमि आवंटित की गई है?                 (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में आवंटित भूमि में भवन निर्माण होने पर वन विभाग या अन्य विभाग द्वारा आपत्ति उठाई गई है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा किस प्रकार की आपत्ति किस आधार पर उठाई गई है?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आदर्श महाविद्यालय, छतरपुर के भवन निर्माण हेतु ग्रामहमा में भूमि आवंटित की गई है। (ख) जी हाँ। वन विभाग द्वारा आवंटित भूमि के कुछ हिस्से को ब्लॉक मैप एवं वन मानचित्र के आधार पर वन भूमि होने संबंधी आपत्ति उठाई गयी है।

पेबर ब्‍लॉक लगाये जाने से संबंधित

[नगरीय विकास एवं आवास]

103. ( क्र. 6204 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर निगम द्वारा दिनांक 01.01.17 से 31.01.21 तक किन-किन स्‍थानों पर पेबर ब्‍लॉक लगाए गए? स्‍थान नाम, लागत, स्‍वीकृति दिनांक, पूर्णता दिनांक सहित वर्षवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवधि में ऐसे कितने स्‍थान हैं जहां पूर्व से पेबर ब्‍लॉक लगे थे? उन्‍हें हटाकर नए पेबर ब्‍लॉक लगाए गए, उनकी सूची भी देवें। यह कब लगे थे? यह भी बतावें।               (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार हटाए गए पेबर ब्‍लॉक का क्‍या किया गया? इसकी जानकारी स्‍थलवार, वर्षवार देवें। (घ) क्‍या कारण है कि पेबर ब्‍लॉक बार-बार लगाये गए? इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) पेवर ब्‍लॉक बार-बार नहीं लगाये गये हैं अपितु विभिन्‍न कारणों से क्षतिग्रस्‍त होने पर इनकी मरम्‍मत कराई जाती है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बस स्‍टैण्‍ड के संबंध में चल रहे प्रकरण की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

104. ( क्र. 6206 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर बस स्‍टैण्‍ड के संबंध में चल रहे प्रकरण क्रमांक 552/2015 ग्राम गौगापुर के प्रकरण में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी तारीखें लगी? शासकीय अधिवक्‍ता कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी तारीखवार देवें। (ख) इस प्रकरण में स्‍टे कब-कब से लगा है? इसे वेकेंट कराने के लिए विभाग ने अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? जानकारी देवें। क्‍या कारण है कि जनहित का यह मुद्दा जो कि माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ इंदौर के समक्ष विचाराधीन है पर अभी तक स्‍टे वेकेंट नहीं कराया जा सका है? (ग) स्‍टे वेकेंट न होने के जिम्‍मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम की जानकारी देवें। (घ) कब तक स्‍टे वेकेंट करा लिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उद्योगों से विद्युत बिल की वसूली

[ऊर्जा]

105. ( क्र. 6207 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन जिले में कितने उद्योग की विद्युत बिल की राशि तीन माह से अधिक समय से लम्बित है? उद्योग नाम, लंबित राशि कितने समय से लम्बित है? बतावें। (ख) इस वसूली के लिए विभाग  द्वारा किये गए प्रयासों की जानकारी भी देवें। (ग) संचालन-संधारण संभाग महिदपुर में कितनी अवैध कॉलोनियों में विगत तीन वित्‍तीय वर्षों (2017-18, 2018-19 एवं 2018-20) में कितने बिजली कनेक्‍शन दिए गए हैं? उनकी सूची स्‍थान नाम सहित देवें। (घ) किस नियम के तहत इन कॉलानियों में कनेक्‍शन दिये गए? उस नियम की प्रमाणित प्रति भी देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) उज्जैन जिले में स्थापित 173 उद्योगों के विद्युत बिल की राशि 3 माह से अधिक अवधि से बकाया है। उक्‍त उद्योगों के नाम, बकाया राशि एवं बकाया होने की दिनांक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) संधारण-संचालन वृत्त उज्‍जैन में उद्योगों के बकाया बिलों की वसूली हेतु मध्यप्रदेश ड्यूज रिकवरी एक्ट-1961 (डी.आर.ए.) के तहत कार्यवाही की जा रही है। (ग) संचालन-संधारण संभाग महिदपुर में विगत तीन वित्तीय वर्षों (2017-18, 2018-19 एवं 2019-20) में 20 अवैध कॉलोनियों में कुल 265 विद्युत कनेक्शन (वर्ष 2017-18 में 68, वर्ष 2018-19 में 106 एवं वर्ष 2019-20 में 91) दिए गए हैं, जिनकी वर्षवार, नामवार एवं स्‍थानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।        (घ) उत्‍तरांश (ग) में उल्लेखित कनेक्शन मौके पर विद्यमान विद्युत अद्योसंरचना एवं तकनीकी साध्यता के आधार पर अवैध कॉलोनी के रहवासियों को दिये गये हैं। तथापि अवैध कॉलोनी में विद्युतीकरण एवं कनेक्शन देने हेतु मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाइन प्रदाय करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्रों हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) विनियम (पुनरीक्षण प्रथम) 2009 में कंडिका 4.5.1 एवं 4.5.2 में प्रावधान सम्मिलित हैं जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

रिक्‍त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्‍थाई कर्मियों की नियुक्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

106. ( क्र. 6215 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग का पत्र क्रमांक एफ-1-134/2017/18-1 दिनांक 01/08/201, सामान्‍य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 07/10/2016 कर कंडिका 2 एवं परिशिष्‍ट (अ) अनुसार प्रचलित प्रकरण में नगरपालिका नागदा/खाचरौद के रिक्‍त पदों हेतु निकाय में पदस्‍थ स्‍थायी कर्मियों को नियमित क्‍यों नहीं किया जा रहा है? (ख) संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्‍यप्रदेश भोपाल का पृष्‍ठांकित क्रमांक/ वीडियो/कान्‍फ्रेसिंग/संनप्रवि/2019/7451 दिनांक 15/04/2019 एवं पत्र क्रमांक/स्‍था/एक/ स्‍थायीकर्मी/ नियु./2019/13905 भोपाल दिनांक 07/08/019 द्वारा आदर्श कर्मिक संरचना के अनुसार चतुर्थ श्रेणी के पदों पर निकाय में पदस्‍थ कर्मचारियों को रिक्‍त पदों पर नियमितीकरण की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो नागदा व खाचरौद नगरपालिका के कर्मचारियों के हित में क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) नागदा/खाचरौद नगरपालिका में ऐसे कितने कर्मचारी हैं, जिनके स्‍थायी किए जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है? अस्‍थायी कर्मचारियों के नाम, पद सहित विवरण दें। इन्‍हें कब तक स्‍थायी कर दिया जायेगा? पृथक-पृथक नामवार, पदवार विवरण दें। (घ) नागदा नगरपालिका में कितने कुशल व अकुशल अस्‍थायी कर्मचारी हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका नागदा एवं खाचरौद में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर स्थाई कर्मियों को नियमित करने संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।  (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) नगरपालिका नागदा में 02 कुशल, 01 अर्द्धकुशल तथा 12 अकुशल कर्मचारी हैं।

परिशिष्‍ट - "छत्‍तीस"

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

107. ( क्र. 6217 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन एवं नगरीय विकास विभाग के अंतर्गत नगरपालिका निगम, नगरपालिका एवं नगर परिषद् में दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की क्‍या मार्गदर्शिका या नियम निर्देश हैं की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) नगर परिषद् बामोर जिला मुरैना में प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कार्यरत कर्मचारियों को कब तक नियमित कर दिया जावेगा(ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कर्मचारियों को प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनांक तक क्‍यों नियमित नहीं किया गया? (घ) नगर परिषद् बामोर जिला मुरैना में दैनिक वेतन भोगी व संविदा एवं नियमित पदस्‍थ कर्मचारियों के नाम, पद आदि सहित जानकारी दी जावे।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 07 अक्टूबर 2016 अनुसार कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के विनियमितीकरण उपरांत स्थायीकर्मी की श्रेणी दिये जाने का प्रावधान है तथा स्थायी कर्मियों को चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पद पर नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। इस प्रकार दैनिक वेतन भोगी श्रमिक को सीधे नियमित किये जाने का प्रावधान नहीं है। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 05 जून 2018 अनुसार संविदा पर नियुक्त अधि‍कारियों/कर्मचारियों को संविदा कर्मियों के लिये आरक्षि‍त किये गये सीधे भर्ती के नियमित पदों पर पारदर्शी एवं प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के माध्यम से चयन किये जाने का प्रावधान है। परिपत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) नगर परिषद् बामौर में कोई संविदा कर्मचारी नियुक्त नहीं है तथा दैनिक वेतन भोगी को सीधे नियमित किये जाने के प्रावधान न होने के कारण शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

छात्रवृत्ति वितरण की जांच

[उच्च शिक्षा]

108. ( क्र. 6218 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला मुरैना म.प्र. में शासकीय महाविद्यालय में वर्ष 2007-08 से वर्ष 2012-13 के मध्‍य छात्र-छात्राओं को वितरित की जाने वाली छात्रवृत्तियों में घोटाले हुए थे? यदि हाँ, तो इस प्रकरण की जाँच हेतु शासन प्रशासन द्वारा जाँच दल नियुक्‍त कर जाँच के आदेश दिये थे? (ख) यदि हाँ, तो जाँच दल एजेंसी का नाम बताते हुए प्रतिवेदन की प्रति दी जावे। (ग) क्‍या जाँच दल द्वारा 07-08 वर्ष में भी शासन प्रशासन को जाँच प्रतिवेदन से अवगत नहीं कराया गया? यदि हाँ, तो क्‍यों? कारण बताते हुए क्‍या शासन प्रशासन अन्‍य एजेंसी से जाँच करायेगा व कब तक?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। मुरैना जिले के शासकीय महाविद्यालय में सत्र 2007-08 से 2012-13 के मध्‍य कोई छात्रवृत्ति घोटाला नहीं हुआ। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अपहृत को छुड़वाने की कार्यवाही

[गृह]

109. ( क्र. 6221 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत समय में ग्राम सुसारी तह. कुक्षी जिला धार की नाबालिग लड़की का गुजरात में अपहरण होने पर म.प्र. पुलिस द्वारा इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) कब तक म.प्र. पुलिस गुजरात पुलिस से सामंजस्‍य स्‍थापित कर अपहृत को छुड़वाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गुमशुदा पार्वती पिता हीरालाल उम्र 21 साल नि. ग्राम सुसारी (तह. कुक्षी जिला धार ) प्राप्‍त जानकारी के अनुसार अपने परिवार के साथ ग्राम भैसादंड गुजरात में खेती मजदूरी करने गई थी, जो बिना बताए कही चली गई है। रिर्पोट पर थाना धोल जिला जामनगर गुजरात में गुम इंसान क्र. 05/21 दिनांक 12.02.21 दर्ज कर जाँच प्रक्रियाधीन है।            (ख) थाना कुक्षी द्वारा गुजरात पुलिस से लगातार सम्पर्क स्थापित कर गुमशुदा पार्वती की दस्तयाबी प्रक्रियाधीन है।

अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि

[ऊर्जा]

110. ( क्र. 6222 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में 25 के.व्‍ही.ए., 63 के.व्‍ही.ए. के कितने ट्रांसफार्मर ओव्‍हर लोड हैं और कहाँ-कहाँ पर हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) कब तक इन्‍हें अण्‍डर लोड कर दिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 04 एवं 63 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 02 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं, जिनकी ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्लेखित सभी 06 अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य को वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता/प्राथमिकता को दृष्टिगत रखते हुए स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।

परिशिष्‍ट - "सैंतीस"

पर्यावरण की अवैध एन.ओ.सी.

[पर्यावरण]

111. ( क्र. 6225 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला में ऐसी कितनी फैक्‍ट्री एवं क्रेशर एवं मॉंस की दुकानें हैं, जिन्‍हें पर्यावरण की एन.ओ.सी. दी गयी है? वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी दें। (ख) क्‍या क्रेशर लगाने की स्‍वीकृति ऐसी दी गयी है जिसमें पर्यावरण प्रभावित होता है? जैसे ग्राम पंचायत सीहोर, जनपद पंचायत नरवर जिला शिवपुरी में दी है। (ग) पर्यावरण की एन.ओ.सी. दिये जाने के नियम प्रक्रिया क्‍या हैं? प्रपत्रों सहित जानकारी दें। (घ) क्‍या शिवपुरी जिला में अधिकांशत: ऐसे एन.ओ.सी. दी जिनमें पर्यावरण प्रभावित होता है, जिससे क्षेत्र की जनता में काफी रोष है?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एन.ओ.सी. नहीं दी जाती, अपितु जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अन्तर्गत सम्मति दिये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' के कॉलम 03 अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) (सम्मति) मध्यप्रदेश नियम 1975 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) मध्यप्रदेश नियम, 1983 के अन्तर्गत उद्योगों को सम्मति प्राप्‍त करने की प्रक्रिया का उल्लेख है, जिस हेतु बोर्ड द्वारा ऑनलाइन सशुल्क आवेदन करने, स्थल निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर स्थापना सम्मति एवं तत्पश्‍चात उत्पादन सम्मति पर विचार किया जाता है। सम्मति दिये जाने के नियम प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ग्राम एवं मजरों-टोलों में विद्युत व्‍यवस्‍था

[ऊर्जा]

112. ( क्र. 6226 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या शिवपुरी जिलें के मजरों टोलों में आबादी वाली केबिल लाइन डाली गयी  है? क्‍या कुछ ग्राम व मजरे टोले ऐसे हैं जहां पर आबादी वाली लाईट की व्‍यवस्‍था नहीं है और कटौती वाली लाईट है? जिससे ग्रामीणों को सही समय तक बिजली नहीं मिलती? (ख) विकासखण्‍ड नरवर की ग्राम पंचायत सीहोर के मजरा खड़देरा में आज दिनांक तक आबादी वाली लाइन क्‍यों नहीं बिछायी गयी?                          (ग) क्‍या ग्राम खड़देरा के लिये केबिल डालकर आबादी वाली लाइन दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों, ज‍बकि वहां पर खम्‍बे खड़े है? (घ) क्‍या करैरा विधानसभा के कई ग्राम ऐसे हैं जहां पर बिजली केबिल में नहीं पहुँचाई गई है? यदि हाँ, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी जिले के सभी राजस्‍व ग्रामों एवं उनके संसूचित मजरों/टोलों के गैर-कृषि उपभोक्‍ताओं को सामान्‍यत: केबिल/तार डालकर 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। तथापि शिवपुरी जिले के 127 ग्रामों/मजरों की विद्युत आपूर्ति घरेलू फीडर के स्‍थान पर मिक्‍स फीडर द्वारा की जा रही है, जिनकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शिवपुरी जिले में किसी भी फीडर (कृषि अथवा गैर कृषि) पर विद्युत कटौती नहीं की जा रही है।              (ख) विकासखण्‍ड नरवर की ग्राम पंचायत सीहोर के अंतर्गत खड़देरा नाम से कोई राजस्‍व ग्राम अथवा मजरा टोला नहीं है, अपितु खड़देरा नाम से बसाहट है जिसमें लगभग 30-35 मकान सड़क किनारे निर्मित हैं। उक्‍त बसाहट में दो घरेलू विद्युत कनेक्‍शन विद्यमान है, जिन्‍हें निकटस्‍थ कृषि फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इस प्रकार की बसाहटों को आबादी फीडर के माध्‍यम से विद्युतीकृत करने हेतु वर्तमान में कोई योजना स्‍वीकृत नहीं है। भविष्‍य में विद्युतीकरण की योजना उपलब्‍ध होने पर तकनीकी एवं वित्‍तीय साध्‍यता के अनुरूप ऐसी बसाहटों को आबादी फीडर के माध्‍यम से विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराये जाने पर निर्णय लिया जायेगा। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) करैरा विधानसभा में ऐसा कोई राजस्‍व ग्राम नहीं है जिसका विद्युतीकरण नहीं किया गया है।

परिशिष्‍ट - "अड़तीस"

स्मार्ट सिटी एवं मिनी स्मार्ट सिटी योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

113. ( क्र. 6227 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश के कितने शहरों में स्‍मार्ट सिटी/मिनी स्‍मार्ट सिटी बनाई जा रही है? सूची उपलब्‍ध करावें। स्‍मार्ट सिटी/मिनी स्‍मार्ट सिटी चयन में भारत सरकार एवं मध्‍यप्रदेश सरकार की क्‍या गाइड-लाइन व दिशा-निर्देश हैं? आदेशों/दिशा-निर्देशों/मापदण्‍डों की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। विभाग द्वारा स्‍मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत भोपाल में स्‍मार्ट सिटी बनाने के लिये क्‍या-क्‍या कार्य किये जा रहे हैं? कार्य का नाम, ठेकेदार का नाम सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या स्‍मार्ट रोड एवं बुलेवार्ड स्‍ट्रीट का निर्माण स्‍मार्ट सिटी योजना के तहत किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य कितनी लागत से किये जा रहे हैं? कितने अपूर्ण हैं?                       (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में दोनों सड़कों के सौंदर्यीकरण एवं विद्युतीकरण के कार्य के लिये कितना-कितना भुगतान किया गया? सभी कार्यों की सूची उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्‍या सौंदर्यीकरण के लिये पौधे व अन्‍य सामग्री क्रय की गई है? साथ ही यह भी बतावें कि दोनों सड़कों में सौंदर्यीकरण के लिये कितनी प्रजाति एवं कितनी संख्‍या में पौधे लगाये गये हैं और किस दर एवं किस संस्‍था एवं कंपनी से पौधे/पेड़ क्रय किये गये हैं? नाम, भुगतान राशि एवं बिलों सहित समस्‍त जानकारी उपलब्‍ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी योजना में मध्यप्रदेश के 07 शहरों एवं मिनी स्मार्ट सिटी योजना के तहत 13 का चयन किया गया है। स्मार्ट सिटी एवं मिनी स्मार्ट सिटी शहरों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत भारत सरकार एवं मिनी स्मार्ट सिटी अंतर्गत म.प्र. सरकार द्वारा जारी गाइड-लाइन/आदेश/दिशानिर्देश/मापदंडों की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। भोपाल शहर में स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत किये जा रहे कार्य, ठेकेदार का नाम सहित पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) जी हाँ। स्मार्ट रोड एवं बुलेवार्ड स्ट्रीट का निर्माण भोपाल स्मार्ट सिटी अंतर्गत किया गया है। स्मार्ट रोड के तहत वर्तमान दिनांक तक राशि रू 43.30 करोड़ एवं बुलेवार्ड रोड का वर्तमान दिनांक तक राशि रू 40.29 करोड़ का भुगतान किया गया है। उक्‍त दोनों सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। (ग) भोपाल स्मार्ट सिटी द्वारा स्मार्ट रोड एवं बुलेवार्ड स्ट्रीट पर सौंदर्यीकरण एवं विद्युतीकरण के कार्य के लिए किये गये भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है एवं उक्‍त दोनों सड़कों पर किये गये कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। (घ) जी हाँ। दोनों सड़कों में सौंदर्यीकरण के लिए लगाये गये पेड़/पौधों की प्रजाति, संख्या एवं दर की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। एजेंसी का नाम एवं भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

रिक्‍त पदों की पूर्ति

[गृह]

114. ( क्र. 6228 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) भोपाल, रायसेन, सीहोर जिलों में पुलिस बल के अंतर्गत किन-किन थानों में पुरूष एवं महिला उप निरीक्षक किन-किन तिथियों से किन-किन थानों एवं पुलिस लाइनों में पदस्‍थ हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में पदस्‍थ उप निरीक्षकों के विगत 3 वर्षों में किन-किन थानों में स्‍थानांतरण, पदस्‍थापना, निलंबन व संशोधन किन-किन तिथियों में किस-किस के किये गये हैं? वर्षवार, थानेवार जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में अनेक उप निरीक्षक विगत 3 वर्ष से एक ही थाने में पदस्‍थ हैं और कुछ उप निरीक्षक के स्‍थानांतरण बार-बार विभिन्‍न थानों में किए गए हैं? इसके पीछे क्‍या कारण हैं? क्‍या जिन पर कोई दोष या आरोप न हो तो लम्‍बे समय से पदस्‍थ उप निरीक्षक को पहले स्‍थानांतरित करना चाहिए, बाद में पदस्‍थ उप निरीक्षक को, स्‍थानांतरित करना चाहिए, इसके पीछे क्‍या कारण हैं? क्‍या वरिष्‍ठ अधिकारी इन स्‍थानांतरणों का                निरीक्षण-परीक्षण नहीं करते हैं अथवा जान-बूझकर अनेदखा किया जाता है? क्‍या दोषियों पर कार्यवाही होगी? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त जिलों के किन-किन थानों में महिला उप निरीक्षकों की पदस्‍थी नहीं हैं? साथ ही क्‍या एक ही थाने में एक से अधिक महिला उप निरीक्षक पदस्‍थ हैं? ऐसी असमानतायें क्‍यों हैं? महिला उप निरीक्षकों के विगत 3 वर्षों के स्‍थानांतरण आदेश, संशोधन किये गये आदेश की थानेवार पदस्‍थी की जानकारी दें एवं जो अधिकारी वर्षों से एक ही थाने में पदस्‍थ हैं, उनकी सूची भी उपलब्‍ध करावें। (ड.) विदिशा जिले के अनुविभाग सिरोंज एवं लटेरी में कितने पद स्‍वीकृत हैं? कितने पद रिक्‍त हैं तथा कितने रिक्‍त पदों के विरूद्ध पदस्‍थापना है? रिक्‍त पदों की पदपूर्ति कब तक कर दी जावेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जिला अंतर्गत स्‍थानांतरण जिले की कानून व्‍यवस्‍था को दृष्टिगत रखते हुये एवं पदस्‍थ अधिकारी की उपयुक्‍ता को ध्‍यान में रखते हुये प्रशासनिक दृष्टिकोण से जिले के संबंधित वरिष्‍ठ अधिकारियों के निर्णय उपरांत स्‍थानांतरण किये जाते हैं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार। कई वर्षों से एक ही थाने में कोई भी अधिकारी पदस्‍थ नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-य अनुसार। विभाग में पदों का रिक्‍त होना और भरना एक निरंतर चलने वाली प्रकिया है, अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

भू-माफिया पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

115. ( क्र. 6237 ) श्री राम दांगोरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गणेश नगर बावड़िया कला होशंगाबाद रोड भोपाल पर शासन से विधिवत अनुमति के साथ कोई होटल (TGI Insignia) निर्माण हुआ है? यदि हाँ, तो कितने वर्ग मीटर की अनुमति दी गई थी? (ख) संबंधित स्‍थान पर कितना निर्माण हुआ है? क्‍या कोई अतिक्रमण भी है? यदि हाँ, तो किस-किस स्‍थान पर है? क्‍या निरीक्षण की प्रतिलिपी उपलब्‍ध करायेंगे? (ग) क्‍या संबंधित अतिक्रमण को हटाने के लिये SDM कोलार द्वारा कोई आदेश दिया था? यदि हाँ, तो तत्‍कालीन कलेक्‍टर द्वारा किस अधिकार से उक्‍त आदेश के निरस्‍त किया? (घ) क्‍या संबंधित मामले में शासकीय भूमि को मुक्‍त करायेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। 919.19 वर्गमीटर निर्माण हेतु भवन अनुमति क्रमांक NC5313-36-062019 दिनांक 21-06-2019 दी गई थी। (ख) संबंधित स्‍थान पर ग्राउंड+2 तलों पर लगभग 919.19 वर्गमीटर का स्‍थाई निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्‍त तृतीय तल पर लगभग 390 वर्गमीटर पर अस्‍थाई डोम/शेड का निर्माण किया गया है। जहां तक अतिक्रमण का प्रश्‍न है होटल के बांई ओर स्थित मार्ग की भूमि पर अतिक्रमण कर ग्राउंड+2 तलों में प्रत्‍येक तल पर लगभग 72 वर्गमीटर निर्माण किया गया है, इसके अतिरिक्‍त होटल के पीछे स्थित सर्विस लेन की भूमि पर लगभग 28 वर्ग मीटर में अतिक्रमण कर शेड/रूम का निर्माण किया गया है। नि‍रीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।            (ग) जी हाँ। एस.डी.एम. कोलार के न्‍यायालय में प्रकरण क्रमांक 399/बी121/20-21 दिनांक                 05-11-2020 से अतिक्रमण हटाने के लिए आदेश पारित किया गया है। तत्‍कालीन कलेक्‍टर द्वारा उक्‍त आदेश को निरस्‍त नहीं किया गया है अपितु न्‍यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत प्रचलित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) न्‍यालयीन प्रक्रिया का पालन कर भूमि मुक्‍त कराने की कार्यवाही की जावेगी।

गुणवत्‍ता विहीन सामग्री क्रय करने पर जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[उच्च शिक्षा]

116. ( क्र. 6248 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में संचालित स्‍नातक व स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालयों में वर्ल्‍ड बैंक/रूसा द्वारा विभिन्‍न तरह के फर्नीचरों की सप्‍लाई की गई? इन सामग्रियों की कीमतें क्‍या हैं? पृथक-पृथक सामग्री की बतावें। यह भी बतावें कि सप्‍लाई के पूर्व इनके गुणवत्‍ता की जाँच किन सक्षम अधिकारियों द्वारा की गई, के पदनाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रदान की गई सामग्री क्रय नियमों का पालन कर सप्‍लाई कराई गई एवं इनकी कीमत किन आधारों पर तय की गई? कीमत तय करने या निविदा पद सामग्री सप्‍लाई हेतु निर्देश जारी किये गये तो इसकी भी जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के संबंध में प्रदाय की गई सामग्री गुणवत्‍ता विहीन एवं शासन में मापदण्‍डों से हटकर क्रय की गई जो सामग्री गुणवत्‍ता विहीन व उपयोग लायक नहीं हैं? इसकी उच्‍च स्‍तरीय जाँच करायेंगे तो कब तक एवं दोषियों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्‍नांश (क) की प्रदाय की गई सामग्री गुणवत्‍ता विहीन एवं मानक मापदण्‍ड से हटकर घटिया उपयोग लायक नहीं है? इसके लिये किन-किन को जिम्‍मेदार मानकर उन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? क्‍या राशि गबन का प्रकरण मानकर आपराधिक प्रकरण गबन के दर्ज करावेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। विश्व बैंक परियोजना से महाविद्यालयों को प्रदाय फर्नीचर तथा सामग्रियों की कीमतें संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। प्रदाय पूर्व सामग्रियों की गुणवत्ता की जाँच लघु उद्योग निगम से चयनित तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी द्वारा किया गया है। तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी इस प्रकार है- 1. आई.आर. क्लास सिस्टम एंड सॉल्‍यूशन प्राईवेट लिमिटेड, 2. एस.जी.एस. इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, 3. डॉ. अमीन कंट्रोल्स प्राईवेट लिमिटेड,                    4. एम.ए.एन.आई.टी., भोपाल (ख) लघु उद्योग निगम द्वारा अखिल भारतीय ई-टेंडरिंग के माध्‍यम से निविदा जारी कर न्यूनतम दर निर्धारित की गई है- निविदा का नाम एवं निविदा क्रमांक क्रमश: निम्‍नानुसार है- 1. डीलक्स स्टील फर्नीचर- के.ई. 18036-, 2. डीलक्स फर्नीचर- के.ई. 18049-,                3. मोड्यूलर एवं लैब फर्नीचर-के.ई. 18051-, 4. कोम्पेक्टर मोबाईल शेल्विंग सिस्टम-के.ई.18039-ए. (ग) सामग्री गुणवत्तापूर्ण एवं लघु उद्योग निगम के द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार क्रय की गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तर '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्‍ट - "उनतालीस"

प्रदेश के न्‍यायालयों में महिला जजों की कमी

[विधि और विधायी कार्य]

117. ( क्र. 6258 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या प्रदेश इंडिया जस्टिस रिपोर्ट वर्ष 2020 के अनुसार माह नवंबर 2019 की स्थिति में अधीनस्‍थ न्‍यायालयों में महिला जजों की संख्‍या 27 प्रतिशत थी जबकि माह अगस्‍त 2020 की स्थिति में म.प्र. उच्‍च न्‍यायालय में महिला जजों की संख्‍या केवल 10 प्रतिशत थी? यदि हाँ, तो इसका कारण क्‍या है और क्‍या इन पदों पर लिंग समानता/संवेदनशीलता के संबंध में कोई अध्‍ययन किया गया है? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या इंडिया जस्टिस रिपोर्ट वर्ष 2020 के अनुसार वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में लोक अदालतों के द्वारा निपटाए गए मामलों की संख्‍या में भारी कमी आई है? यदि हाँ, तो इसका क्‍या कारण है? (ग) शासन लोक अदालतों के माध्‍यम से प्रकरणों को अधिकाधिक संख्‍या में निपटाकर न्‍यायालयों का बोझ कम करने की दिशा में क्‍या कर रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) वर्ष 2019 में लोक अदालत में कुल निराकृत प्रकरण 2, 45, 842 थे। वर्ष 2020 में लोक अदालत में कुल निराकृत प्रकरण 1, 20, 297 थे। वर्ष 2019 में 04 नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया था, जबकि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण संपूर्ण लॉकडाउन होने से वर्ष 2020 में कुल 02 नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा सका। इसके बावजूद भी वर्ष 2020 में ई-लोक अदालत एवं मासिक लोक अदालत के माध्‍यम से प्रकरणों का निराकरण किया गया। (ग) लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु सुदूर क्षेत्रों में वृहद प्रचार-प्रसार, लोक अदालत के आयोजन के पूर्व               प्री-सिटिंग के माध्‍यम से प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रयास किया जाता है। लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु विडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से बैठकों का आयोजन, सोशल मीडिया के माध्‍यम से लोक अदालत का प्रचार-प्रसार एवं शासन द्वारा लोक अदालत में छूट प्रदान कर अधिक से अधिक प्रकरणों के निपटारे का प्रयास किया जाता है। वर्ष 2020 में न्‍यायालय के लंबित 4371 प्रकरणों का निपटारा मीडिएशन के माध्‍यम से किया गया है। वर्ष 2020 में 07 ऑनलाइन सामुदायिक मीडिएशन प्रशिक्षण द्वारा समुदाय के प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है। सामुदायिक मीडिएशन केन्‍द्रों में प्रशिक्षित सामुदायिक वॉलेंटियर द्वारा समुदाय के विवादों का निराकरण न्‍यायालय में जाने के पूर्व ही सामुदायिक स्‍तर पर किया जा रहा है, जिसकी निगरानी जिला प्राधिकरणों द्वारा की जा रही है।

प्रदूषण की रोकथाम के प्रबंध

[पर्यावरण]

118. ( क्र. 6262 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओरियन्‍ट पेपर मिल अमलाई संस्‍था द्वारा हो रहे प्रदूषण के रोकथाम हेतु क्‍या-क्‍या प्रबंध किये गये हैं? इस संबंध में विभाग के क्‍या निर्देश हैं? (ख) यदि पुख्‍ता प्रबंध नहीं किया गया है, तो क्‍या राज्‍य शासन द्वारा अपशिष्‍ट पदार्थ को बहाने हेतु अनुमति दी गई है? क्‍योंकि पुख्‍ता अपशिष्‍ट पदार्थ से सोन नदी प्रदूषित होती जा रही है। (ग) ओरियन्‍ट पेपर मिल द्वारा वृहद पैमाने पर यूकेलिप्टिस (नीलगिरी) वृक्ष लगाया जा रहा है, जिससे भू-जल स्‍तर नीचे होता जा रहा है, गिरते भू-जल स्‍तर को रोकने हेतु संस्‍था द्वारा क्‍या-क्‍या उपाय किये जा रहे हैं?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समय-समय पर जारी सम्मति की शर्तों के परिपालनार्थ औद्योगिक प्रकिया से निस्तारित दूषित जल के उपचार का प्रबंध उद्योग द्वारा एक्टीवेटेड स्लज प्रोसेस पर आधारित 20500 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन क्षमता के अत्याधुनिक दूषित जल उपचार संयत्र के द्वारा किया जा रहा है। उद्योग द्वारा घरेलू दूषित जल के उपचार हेतु 1000 क्यूबिक मीटर/प्रतिदिन क्षमता के एम.बी.बी.आर. पद्धति (मूविंग बेड बायो रिएक्टर) पर आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गई है। उपचारित दूषित जल का उपयोग लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में एच.आर.टी.एस. सिस्टम के तहत विकसित वृक्षारोपण की सिंचाई कार्य हेतु किया जा रहा है। उद्योग के पावर हाउस से उत्पन्न फ्लाई ऐश का उपयोग कर उपचारित नि:स्त्राव में रंग की मात्रा में कमी लाने हेतु एक नया प्लांट भी उद्योग द्वारा बोर्ड के निर्देश पर लगाया जा रहा है। बोर्ड द्वारा उद्योग को निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी तरह का नि:स्त्राव परिसर से बाहर नहीं जाये। वायु प्रदूषण का नियंत्रण आधुनिक एवं उच्च दक्षता के वायु प्रदूषक उपकरणों ई.एस.पी. एवं बैग फिल्टर्स द्वारा किया जाता है।              (ख) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार उद्योग द्वारा राष्ट्रीय महत्व की संस्था राष्ट्रीय पर्यावरणीय अभियांत्रिकीय शोध संस्थान (नीरी), नागपुर के मार्गदर्शन में उपचारित औद्योगिक दूषित जल का उपयोग करने हेतु लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में यूकेलिप्टिस (नीलगिरी) के वृक्ष लगायें है एवं क्षेत्र में भू-जल स्तर गिरने जैसी स्थिति नहीं है। भू-जल स्तर बढ़ाने हेतु मेसर्स ओरियन्ट पेपर मिल द्वारा मिल एवं आस-पास के क्षेत्र में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पिट भी विकसित किये गये हैं।

अपूर्ण कार्यों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

119. ( क्र. 6266 ) श्री तरबर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/01/2018 से लेकर बण्‍डा नगर पंचायत में ऐसे कितने टेंडर हैं जिनका कार्य आज तक नहीं हुआ और उनके टेंडर का निरस्‍त करने का भी समय निकल गया? यदि हाँ, तो कितने ऐसे टेंडर हैं? (ख) यदि टेंडरों का कार्य कराने का समय निकल गया और उन्‍हें निरस्‍त नहीं किया गया तो उसमें दोषी कौन है और दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) जिन टेंडरों का समय निकल गया है उन्‍हें कब तक निरस्‍त किया जायेगा और उन्‍हीं कार्यों के नये टेंडर कब तक लगाए जावेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) दिनांक 01/01/2018 से लेकर नगर परिषद् बण्‍डा में ऐसे 08 कार्य है, जिनका कार्य आज तक पूर्ण नहीं हुआ है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) 08 टेंडर जिनका कार्य समय-सीमा में नहीं किया गया है, के संबंध में विलंब के कारण को दृष्टिगत रखते हुए कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सायबर अपराध की अद्यतन स्थिति

[गृह]

120. ( क्र. 6276 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल एवं ग्‍वालियर संभाग में कब-कब, किस-किस प्रकार के,                कितने-कितने सायबर अपराध के प्रकरण पंजीबद्ध, कितने आवेदन थानों से अथवा अन्‍य विभागों एवं जाँच एजेन्सियों से प्राप्‍त हुये हैं? संभागवार, जिलेवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कितने प्रकरण पूर्णत: निराकृत कर दिये हैं? कितने, किस-किस कारण से शेष हैं?                (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या फरियादी से जाँच के नाम पर शुल्‍क लिया जाता है? यदि हाँ, तो कितना, कब से, किस-किस प्रयोजन से? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में जनवरी-फरवरी 2021 में रायसेन जिले में दर्ज सायबर अपराध की अभिस्‍वीकृति क्र. ''22102210093132'' में विभाग द्वारा कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही, किस-किस के द्वारा, कितने-कितने दिवस में की गई? कब तक फरियादी को न्‍याय मिल जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार।     (ग) फरियादी से जाँच के नाम पर कोई शुल्‍क नहीं लिया जाता है। (घ) 1. आवेदक की शिकायत प्राप्‍त होने पर दिनांक 17.02.2021 को तत्‍काल अमेजन कंपनी को मेल कर प्रोडक्‍ट डिलीवरी रोकने एवं आवेदक के साथ धोखाधड़ी के पैसे वापिस करने हेतु लिखा गया था जिसका जवाब अमेजन कंपनी द्वारा दिनांक 03.03.2021 को भेजा गया जिसमें किसी ताहिर नाम के व्‍यक्ति को दिनांक 22.02.2021 को अमेजन कंपनी द्वारा गति संस्‍था के नाम से प्रोडक्‍ट डिलीवरी करना बताया।                 2. आवेदक के बैंक से स्‍टेटमेंट हेतु पत्र लेख किया गया है। 3. अमेजन कंपनी से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रोडक्‍ट की डिलीवरी आगरा चौक कैंप बाजार पलवल में की गई है। 4. गति संस्‍था से जानकारी प्राप्‍त की जा रही है। किस व्‍यक्ति को कहाँ प्रोडक्‍ट डिलीवर किया गया है। 5. जाँच निरन्‍तर जारी है, जानकारी मिलने पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी।

भुगतान की जाँच

[ऊर्जा]

121. ( क्र. 6280 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. एस.टी.सी. कार्यालय जिला रीवा में विद्युतीकरण कार्य हेतु वित्‍तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कराए गए कार्यों की सूची पी.ओ. सहित प्रदान करें। (ख) उपरोक्‍त कार्यों में कितने फीडर सेपरेशन, एडिशनल ट्रांसफार्मर रखने एवं एस.एम.सी. का कार्य किया गया एवं इस कार्य पर कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) उपरोक्‍त कार्य में उपकरणों की निकासी हेतु कितने गेट पास जारी किए गए? (घ) उपरोक्‍त कार्य की मॉनिटरिंग एवं भुगतान की कोई जाँच की गई अथवा नहीं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत एस.टी.सी. संभाग जिला रीवा को विद्युतीकरण कार्य हेतु वित्‍तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में कोई कार्यादेश नहीं दिया गया। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।            (ख) एस.टी.सी. संभाग जिला रीवा द्वारा वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में फीडर सेपरेशन योजनांतर्गत फीडर सेपरेशन का कोई भी कार्य नहीं कराया गया एवं न ही किसी राशि का भुगतान किया गया है तथा एस.ए.एम.सी. (सप्‍लाई अफोर्डिंग एण्‍ड मिसलीनियस चार्जेस) एवं अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर स्‍थापना के कराए गये कार्यों एवं उनके विरूद्ध किये गये भुगतान का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शाये अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'में दर्शाये गये कार्यों की मॉनिटरिंग/पर्यवेक्षण संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा करने के उपरांत ही देयकों का भुगतान किया गया है।

परिशिष्‍ट - "चालीस"

उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा की जानकारी

[गृह]

122. ( क्र. 6282 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2011 में प्रतीक्षा सूची से कम अंक वाले अभ्यर्थियों को सीधे जिला पुलिस बल में पदस्‍थ कर दिया गया था जबकि प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों से अधिक अंक प्राप्‍त करने वाले अभ्‍यर्थियों को उप निरीक्षक वि.स.बल का पद दिया गया है? (ख) उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2011 के प्रतीक्षा सूची से अधिक अंक वाले अभ्‍यर्थियों को मा. उच्‍च न्‍यायालय म.प्र. के आदेश के पालन में वर्ष 2015 में चयन समिति द्वारा उप निरीक्षक जिला पुलिस बल के पद पर पदस्‍थ किया गया है एवं प्रतीक्षा सूची वाले अभ्‍यर्थी भी उप निरीक्षक जिला पुलिस बल के पद से उप निरीक्षक वि.स. बल पद पर पदस्‍थ किये गये थे? क्‍या उक्‍त चयन समिति के आदेश का पूर्णत: पालन हुआ है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या प्रतीक्षा सूची वाले अभ्‍यर्थी एवं चयन समिति वर्ष 2015 द्वारा अपग्रेट किए गये अभ्‍यर्थी उप निरीक्षक जिला पुलिस बल के पद पर पदस्‍थ हैं? (घ) क्‍या उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2011 में प्रतीक्षा सूची से बनाए गये उप निरीक्षक जिला पुलिस बल से अधिक अंक प्राप्‍त करने वाले अभ्‍यर्थी प्‍लाइन कमांडर के पद पर पदस्‍थ होकर कार्यरत हैं? यदि हैं तो इन अभ्‍यर्थियों को उप निरीक्षक जिला पुलिस बल के पद पर संवर्ग परिवर्तन करने के संबंध में क्‍या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ड.) क्‍या वर्तमान में उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2011 में विज्ञापित उप निरीक्षक जिला पुलिस बल के पदों से अधिक अभ्‍यर्थी उप निरीक्षक जिला पुलिस बल के पद पर पदस्‍थ हैं? यदि हाँ, तो इस विसंगति को कब तक दूर किया जावेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। पूर्व में प्रतीक्षा सूची के चयनित अभ्यर्थियों को जो पद रिक्त हुये थे, उनके विरूद्ध नियुक्ति दे गई थी, जिस कारण कुछ प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को अधिक अंक पाने वाले मुख्य सूची के अभ्यर्थियों से उच्चतर प्राथमिकता के पद संवर्गों पर नियुक्ति प्राप्‍त हो गई है। उपरोक्त दोष को सुधार करते हुये प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों के पद संवर्गों में परिवर्तन किया गया और उनके मेरिट में पाए स्थान के आधार पर उन्हें जिला पुलिस बल से विसबल में पदस्थ किया गया। (ख) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में चयन समिति द्वारा पद संवर्गों में सुधार किया गया था, जिस कारण मेरिट के आधार पर कुछ अभ्यर्थियों को उच्चतर प्राथमिकता के पद संवर्गों में परिवर्तन आदेश जारी किए गए। जी हाँ। जी हाँ। उक्‍त आदेश के पालन में पूर्व के दोष को सुधार करते हुये मेरिट सूची में पाए स्थान के आधार पर पद संवर्गों में परिवर्तन किए गए। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। चूंकि अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को उच्चतर प्राथमिकता के संवर्ग पद पर परिवर्तन किये गये और जिला पुलिस बल में ऐसे अभ्यर्थी वर्तमान में पदस्थ है, परन्तु जिन प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवारों को कमतर प्राथमिकता के पद संवर्गों पर आमद देनी थी उन्होंने इसके पालन के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्‍त कर लिया जिसकी अपील वर्तमान में प्रचलन में है। (घ) जी नहीं। प्रतीक्षा सूची से बनाये गये उप निरीक्षकों को उनको प्राप्‍त कम अंक के आधार पर विसबल में पद परिवर्तन के आदेश जारी किये गये थे, परन्तु उन्होंने उक्‍त पद स्थापना पर आमद देने के पूर्व कमतर प्राथमिकता के पद संवर्गों पर परिवर्तन के उपरोक्त निर्णय के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका लगाकर स्थगन आदेश प्राप्‍त किया। उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के विरूद्ध रिट अपील माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रचलन में है। (ड.) जी हाँ। परन्तु ऐसा इस कारण है कि जिन संख्याधिक उप निरीक्षक जिला पुलिस बल का पद परिवर्तन कर, विशेष सशस्त्र बल किया गया था उस आदेश के विरूद्ध प्रभावित अभ्यर्थियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्‍त कर लिये, जिस कारण वे संख्याधिक जिला पुलिस बल के पदों पर वर्तमान में पदस्थ हैं। माननीय उच्च न्यायालय के उक्‍त स्थगन आदेश के विरूद्ध अपील प्रचलन में हैं। निर्णय आने पर इस विसंगति को दूर कर लिया जायेगा।

मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्‍ट संचालन की अनुमति

[नगरीय विकास एवं आवास]

123. ( क्र. 6283 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल एवं इंदौर शहर में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्‍ट संचालन की अनुमति केन्‍द्र सरकार ने कब-कब दी थी? (ख) उक्‍त दोनों प्रोजेक्‍ट कितनी-कितनी लागत के हैं एवं इनका कार्य कब-कब प्रारंभ किया गया तथा उक्‍त दोनों कार्यों की पूर्ण होने की अवधि क्‍या-क्‍या है और कितने-कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है? (ग) क्‍या राजधानी भोपाल में मेट्रो मेन श्रीधरन ने शहर की घनी बस्तियों को देखते हुए यहां पर अंडर ग्राउंड रूट पर काम न करने की सलाह ही थी? चूंकि इससे अधिक व्‍यय होने की संभावना थी, इसकी जगह एलीवेटेड रूप पर मेट्रो चलाने की सलाह दी थी? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त सलाह को मान्‍य किया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल एवं इंदौर शहर में मेट्रो ट्रेन परियोजना की स्वीकृति शहरी कार्य एवं आवास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिनांक 30.11.2018 को दी गई थी। (ख) परियोजना की लागत एवं अन्य जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                (ग) अंडर ग्राउंड रूट के संबंध में श्री श्रीधरन की कोई सलाह म. प्र. मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के दस्तावेजों में उपलब्ध नहीं है। घनी आबादी वाले क्षेत्र में पुनर्स्थापन एवं पुनर्वास की लागत अत्यधिक आती है। अत: डी.पी.आर. सलाहकार एवं जनरल कंसल्टेंट की अनुशंसा के अनुसार मेट्रो के आवश्यक हिस्से को अंडर ग्राउंड रखा गया है। (घ) उपरोक्त (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही नहीं उठता।

परिशिष्‍ट - "इकतालीस"

महाविद्यालयों भवन हेतु स्‍वीकृत राशि

[उच्च शिक्षा]

124. ( क्र. 6285 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के शासकीय महाविद्यालयों को जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक               कितनी-कितनी राशि भवन निर्माण हेतु कब-कब स्‍वीकृत की गई है? इसमें छात्र-छात्राओं को बैठने हेतु कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत कर भवन निर्माण कराना अति आवश्‍यक है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि विभाग को इस जिले में संचालित कॉलेजों से कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी भवन राशि की मांग की जा रही है? ऐसे कौन-कौन से कॉलेज हैं जिनके पास स्‍वयं का भवन नहीं हैं? बताएं। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की जा सकेगी? यह कॉलेज कितनी-कितनी राशि के भवन बनाने हेतु छात्र-छात्राओं के मापदण्‍ड के आधार पर पात्रता में आते हैं? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि भवनों के लिए राशि स्‍वीकृत की जावेगी तो कब तक?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक टीकमगढ़ जिले के केवल एक शासकीय महाविद्यालय (शासकीय महाविद्यालय, बल्‍देवगढ़) को भवन निर्माण हेतु 617.82 लाख की स्‍वीकृति दिनांक 25/02/2021 को प्रदान की गई। इस स्‍वीकृत निर्माण कार्य एवं राशि में छात्र-छात्राओं के बैठने हेतु पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था शामिल है। (ख) (1) विद्यार्थी संख्‍या, संचालित संकाय एवं भूमि आवंटन हो जाने के आधार पर शासकीय महाविद्यालय लिधौरा एवं मोहनगढ़ में से प्रत्‍येक के लिए राशि रूपये 617.82 लाख की राशि के भवन निर्माण की प्रात्रता है। (2) टीकमगढ़ जिले के जिन शासकीय महाविद्यालयों के पास स्‍वयं के भवन नहीं हैं, उनकी जानकारी निम्‍नानुसार है:- 1. शासकीय महाविद्यालय, मोहनगढ़, 2. शासकीय महाविद्यालय, लिधौरा, 3. शासकीय महाविद्यालय, बल्‍देवगढ़। (ग) जानकारी प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

माफियाओं विरूद्ध कार्यवाही

[गृह]

125. ( क्र. 6290 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) मध्‍यप्रदेश के किन-किन जिलों में विगत एक वर्ष में किन माफिया के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई? जिलेवार विवरण प्रस्‍तुत करें। (ख) क्‍या सरकार ने माफिया की कोई परिभाषा बनाई है? यदि हाँ, तो वह क्‍या है? (ग) जिलो में किस-किस तरह के माफियाओं को चिन्‍हित किया गया है तथा उसका मापदण्‍ड क्‍या है? (घ) विभिन्‍न विभागों से संबंधित माफियाओं के सांठ-गांठ रखने वाले अधिकारियों पर क्‍या कोई कार्यवाही की गई है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रयोगशाला उपकरण की निविदा

[उच्च शिक्षा]

126. ( क्र. 6293 ) श्री सुरेश राजे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) उच्‍च शिक्षा विभाग में विश्‍व बैंक परियोजना में सहायक प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर (APD) कौन है? क्‍या इनकी पदस्‍थापना म.प्र. शासन के नियमानुसार हुई या नहीं? पदस्‍थ अधिकारी कब से प्रतिनियुक्ति पर हैं और क्‍या अपनी मूल सेवा शैक्षणिक कार्य से विमुक्‍त हैं और शासन इन्‍हें कब तक इनकी मूल सेवा में पदस्‍थ करेगा? (ख) विभाग द्वारा प्रयोगशाला उपकरण की निविदा म.प्र. लघु उद्योग निगम के माध्‍यम से प्रकाशित निविदा क्र. 20015-A एवं 20016-A में दर्शित शर्तों में कुल आईटम/सामग्री में 25% आईटम की दरें प्रस्‍तुत करना अनिवार्य है? म.प्र. भंडार क्रय नियम 2015 एवं संशोधित नियम 2018 के किस नियम के तहत बनाई गई है? संपूर्ण जानकारी मय प्रक्रिया सहित उपलब्‍ध करायें। भंडार क्रय नियमों के तहत कार्यवाही नहीं होने की दशा में, निविदा को कब तक निरस्‍त किया जायेगा? (ग) विश्‍व बैंक परियोजना में चयनित 200 महाविद्यालयों के अतिरिक्‍त बिना चयनित महाविद्यालयों को किस नियम के तहत सामग्री उपलब्‍ध करायी जा रही है?              (घ) नियम विरूद्ध कार्य के लिए जिम्‍मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी और कब तक?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विश्व बैंक परियोजना में APD का पद सृजित नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रयोगशाला उपकरण हेतु जारी निविदा की शर्तें इस कार्यालय द्वारा तय नहीं की गई हैं। निविदा की प्रक्रिया म.प्र. लघु उद्योग निगम द्वारा म.प्र. भण्डार क्रय नियम के प्रावधान अनुसार की गई है। (ग) परियोजना अंतर्गत चिन्हित 247 महाविद्यालयों में ही सामग्री उपलब्ध कराई गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तर '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

फरार अपराधियों की गिरफ्तारी

[गृह]

127. ( क्र. 6296 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) प्रश्‍न क्रमांक 192 दिनांक 21/09/2020 एवं प्रश्‍न क्रमांक 471 दिनांक 21/12/2020 में अपराधियों के गिरफ्तार न होने की जानकारी दी गई है तो अपराधों की कायमी अवधि वर्ष 2014, 2016, 2019 में होने के उपरांत भी राजधानी भोपाल क्षेत्र में निवासरत अपराधियों की गिरफ्तारी प्रश्‍न दिनांक तक न होने का क्‍या कारण है? (ख) उपरोक्‍त प्रकरणों में विवेचना/अनुसंधान अधिकारी कौन-कौन है? उनके द्वारा कब-कब से विवेचना की जा रही है? प्रकरणवार जानकारी दें तथा अपराधियों की पतासाजी के लिये क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई? दिनांकवार, कार्यवाहीवार, पृथक-पृथक अपराधवार बतावें। इनकी गिरफ्तारी में किस प्रकार की अड़चनें आ रहीं है तथा उन्‍हें दूर करने के लिये क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई। (ग) क्‍या संबंधितों की फरार होने की स्थिति में उनकी सम्‍पत्ति को अटैच किये जाने संबंधी कार्यवाही किये जाने पर विभाग विचार कर रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या चिनार रियल्‍टी लिमिटेड के श्री सुनील मूलचंदानी एवं अन्‍य के विरूद्ध विगत तीन माह के भीतर भी कोई प्रकरण दर्ज किया गया है यदि हाँ, तो क्‍या एवं उक्‍त प्रकरणों में गिरफ्तारी के क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये हैं? (ड.) उक्‍त प्रकरणों में लिप्‍त अपराधियों की नामवार जानकारी देते हुए बतावें कि उनकी गिरफ्तारी कब तक कर ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार।             (ग) जी हाँ। (घ) एवं (ड.) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार।

परिशिष्‍ट - "बयालीस"

लंबे समय तक एक ही पद पर पदस्‍थी

[ऊर्जा]

128. ( क्र. 6297 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) कार्यालय प्रबंध संचालक, म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में मुख्‍य महाप्रबंधक (प्रोजेक्‍ट) के पद पर कौन अधिकारी कब से पदस्‍थ हैं? उक्‍त अधिकारी पूर्व में कब-कब और कितनी-कितनी अवधि के लिये उक्‍त पद पर पदस्‍थ रहे हैं? (ख) एक ही पद पर इतनी लंबी अवधि तक पदस्‍थ रखे जाने का क्‍या कारण है? कब तक उनका स्‍थानांतरण अन्‍यत्र किया जायेगा?                (ग) उक्‍त अधिकारी के विरूद्ध सेवाकाल में किस-किस के द्वारा कब-कब क्‍या शिकायत की गई? उन शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की? शिकायतवार जानकारी दें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में कार्यालय प्रबंध संचालक म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल में मुख्‍य महाप्रबंधक (प्रोजेक्‍ट) के पद पर श्री राजू डेहरिया, मुख्‍य महाप्रबंधक दिनांक 30.06.2020 से पदस्‍थ है। उक्‍त अधिकारी की पूर्व में उक्‍त पद पर पदस्‍थी की प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।  (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अधिकारी की पदस्‍थापना कार्य की आवश्‍यकता एवं उपयुक्‍तता के आधार पर की गई है। कार्य की महत्‍ता के दृष्टिगत वर्तमान में मुख्‍य महाप्रबंधक (शहरी एवं ग्रामीण परियोजना) के स्‍थानांतरण के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उक्‍त अधिकारी के विरूद्ध सेवाकाल में श्री एम.सी. बंसल जे.पी.सी.एफ.टी., भोपाल से विभिन्‍न कार्यालयों को संबोधित तीन शिकायती पत्र माह मई-2018 की विभिन्‍न तिथियों में प्राप्‍त हुये जिनमें विभिन्‍न परियोजनाओं के क्रियान्‍वयन के संबंध में शिकायत की गई थी, जिनका विवरण (पत्रों की प्रति) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उक्‍त शिकायती पत्रों के संबंध में मुख्‍य महाप्रबंधक (ग्रामीण एवं शहरी परियोजना) से जानकारी प्राप्‍त कर प्राप्‍त जानकारी का म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा गठित जाँच समिति द्वारा परीक्षण कराया गया। म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा गठित जाँच समिति द्वारा उक्‍त शिकायतों की जाँच में पाई गई तथ्‍यात्‍मक स्थिति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

आयुष विभाग अंतर्गत औषधि निर्माण

[आयुष]

129. ( क्र. 6300 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी औषधि निर्माण इकाइयां पंजीकृत होकर कहाँ-कहाँ संचालित हैं? (ख) उक्‍त इकाइयों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? जाँच में क्‍या-क्‍या कमियां पाई गई एवं उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई है? इकाईवार जानकारी दें। (ग) मुख्‍यालय स्‍तर से इन इकाइयों का नियंत्रणकर्ता अधिकारी कौन हैं एवं उनके द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? (घ) क्‍या औषधियों की गुणवत्‍ता की जाँच हेतु ग्‍वालियर में शासकीय लैब संचालित है? (ड.) यदि हाँ, तो गुणवत्‍ता की जाँच शासकीय लैब में न कराते हुए प्रायवेट लैब में कराने का क्‍या कारण हैं? यह किसके निर्देश पर किया गया?

राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार(ख) जिला आयुष अधिकारी पदेन ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा फर्म के नवीनीकरण एवं नवीन अनुज्ञा के समय निरीक्षण किया जाता है। कोई नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुज्ञापन प्राधिकारी। कभी नहीं। (घ) जी हाँ। (ड.) प्रायवेट लैब से जाँच नहीं कराई जा रही। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मैरिज गार्डन एवं शादी हॉल संचालन हेतु शासन के दिशा-निर्देश

[नगरीय विकास एवं आवास]

130. ( क्र. 6301 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में मैरिज गार्डन, शादी हॉल के संचालन हेतु कौन-कौन सी अनुमतियां आवश्‍यक हैं। शासन द्वारा हाल ही में क्‍या निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) भोपाल जिलांतर्गत एयरपोर्ट रोड एवं गांधी नगर क्षेत्र में कौन-कौन से मैरिज गार्डन, शादी हॉल संचालित है। (ग) उक्‍त मैरिज गार्डन, शादी हॉल कितनी-कितनी भूमि पर संचालित हैं। भूमि के खसरा क्रमांक, पटवारी हल्‍का नंबर एवं संचालकों के नाम, पते सहित पूर्ण जानकारी दें। (घ) किस-किस मैरिज गार्डन/शादी हॉल द्वारा प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कौन-कौन सी अनुमति कब-कब प्राप्‍त की गई है? अनुमतियों का विस्‍तृत विवरण दें। (ड.) क्‍या उक्‍त मैरिज गार्डन/शादी हॉल पूर्णत: नियमानुकूल संचालित हैं। यदि नहीं, तो इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में कोई शिकायतें प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा एवं उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? शिकायतवार जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल, क्षेत्र में नगर निगम क्षेत्रांतर्गत मैरिज गार्डन/शादी हॉल संचालन हेतु नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-10-08/2014/18-2 दिनांक 29-03-2014 द्वारा नगर निगम उज्‍जैन (विवाह स्‍थल का पंजीयन) उपविधियां 2013 प्रदेश के सम्‍पूर्ण नगरीय निकाय में लागू की गई थीं, इन उपविधियों के प्रावधान अनुसार भोपाल नगर निगम सीमांतर्गत मैरिज गार्डन/शादी हॉल के संचालन हेतु उपविधि क्रमांक-14 अंतर्गत विवाह स्‍थल (उपयोग एवं उपभोग) पंजीयन की अनुमति, उपविधि क्रमांक 10 अनुसार अग्निशमन की अनुमति/अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्‍यकता होती है। शासन द्वारा हाल ही में मध्‍यप्रदेश नगरपालिक (विवाह स्‍थल का पंजीयन एवं उपभोग) आदर्श उपविधियां 2020 को लागू किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।  (ख) से (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। कोई शिकायत प्राप्‍त न होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

समस्‍याओं हेतु दिये गये अभ्‍यावेदन का निराकरण

[विधि और विधायी कार्य]

131. ( क्र. 6583 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जन सामान्‍य द्वारा अपनी समस्‍याओं के निराकरण हेतु तथा शासकीय कर्मचारियों द्वारा अपने अधिकारियों को अपने सर्विस मेटर के निराकरण के लिए जो आवेदन दिए जाते हैं, इनका निराकरण न होने के कारण जन सामान्‍य तथा सरकारी कर्मचारियों को हाईकोर्ट जाना पडता है? (ख) क्‍या यह भी सही है कि हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद भी जन सामान्‍य तथा कर्मचारियों की समस्‍याओं का निराकरण नहीं होता तथा हाईकोर्ट में उन्‍हे अवमानना पिटीशन दायर करना पडता है तथा हाईकोर्ट के हस्‍तक्षेप के बाद निराकरण हो पाता है? (ग) विगत दो वर्षों में हाईकोर्ट में जन सामान्‍य तथा सरकारी कर्मचारियों द्वारा किन-किन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना पिटीशन दायर की गयी? (घ) क्‍या यह सही है कि अवमानना पिटीशन का जवाब देते समय संबंधित अधिकारियों को पचपन सौ रूपये, अपने निजी खर्च करने होते हैं, किन्‍तु ये राशि वे शासकीय मद से या अपने अधीनस्‍थ कर्मचारियों के माध्‍यम से जमा करते हैं? क्‍या शासन इन सभी मामलों की समीक्षा कर यह सुनिश्चित करेगा कि बिना हाईकोर्ट के हस्‍तक्षेप के जन सामान्‍य तथा सरकारी कर्मचारियों की समस्‍या का निराकरण हो सके?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आवासीय भूमि को कृषि भूमि में बदले जाने से उत्‍पन्‍न स्थिति

[नगरीय विकास एवं आवास]

132. ( क्र. 6695 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिलांतर्गत ग्राम बड़ियाकिमा तहसील बिचोली हप्‍सी एवं ग्राम बड़ा बांगड़दा, तहसील मल्‍हारगंज, जिला इंदौर जिले की भूमि जो कि इंदौर के वर्ष 2008 से दिनांक 22.05.2012 तक की अवधि में आवासीय उपयोग हेतु स्‍थल अनुमोदन संयुक्‍त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला इंदौर ने किया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त ग्राम की कौन-कौन सी भूमि के सर्वे क्रमांकों को आवासीय अनुमोदन किया था? भूमि का सर्वे क्रमांक, रकबा सहित बतावें। (ग) क्‍या यह सही है कि वर्तमान में उक्‍त भूमि को विभागीय अधिकारियों द्वारा आवासीय भूमि के प्रयोजन को परिवर्तित किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (घ) क्‍या उक्‍त भूमि का परिवर्तन नियम/आदेशों के विरूद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कराकर उक्‍त भूमि को पुन: आवासीय प्रयोजन हेतु घोषित किया जायेगा एवं संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम बड़ियाकिमा एवं ग्राम बड़ा बांगड़दा में नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय इंदौर द्वारा वर्ष 2008 से 22/5/2012 तक की अवधि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। भूमि उपयोग में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है

परिशिष्‍ट - "तैंतालीस"

इंदौर की आवासीय भूमि का कृषि भूमि में परिवर्तन

[नगरीय विकास एवं आवास]

133. ( क्र. 6696 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम बड़ियाकिमा तहसील बिचोली हप्‍सी जिला इंदौर की भूमि सर्वे क्रमांक 298, 282/1, 283/1 एवं अन्‍य रकबा 20.664 हेक्‍टेयर भूमि पर आवासीय उपयोग हेतु स्‍थल अनुमोदन संयुक्‍त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला इंदौर के पत्र क्रमांक 5132 दिनांक 04.10.2008 द्वारा स्‍वीकृत किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त साइट प्‍लान की अवधि दिनांक 03.10.2011 तक 3 वर्ष तक मान्‍य थी जो संयुक्‍त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश के पत्र क्रमांक 2641/एस.पी.:319/08 न.ग्रा.नि./2011 इंदौर दिनांक 22/05/2021 के अनुसार उक्‍त साइट प्‍लान समयावधि एक वर्ष के लिए बढ़ाई गई थी? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या वर्तमान में संयुक्‍त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश जिला इंदौर के रिकॉर्ड अनुसार भूमि सर्वे क्रमांक 298, 275, 274, 311/1, 270/1 कुल रकबा 7.532 हेक्‍टेयर भूमि कृषि उपयोग हेतु है जबकि इस विभाग द्वारा संपूर्ण सर्वे नंबर की भूमि का आवासीय उपयोग हेतु स्‍थल अनुमोदन किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो विभाग के अधिकारियों द्वारा कूटरचना कर भूमि के सर्वे नंबर को परिवर्तित कर कृषि उपयोग दर्शाया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन उक्‍त अनियमितताओं की निष्‍पक्ष जाँच करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कार्यालय के पत्र क्रमांक 5132 दिनांक 04.10.2008 के द्वारा स्वीकृत अभिन्यास की समयावधि तीन वर्ष अर्थात 03/10/2011 तक मान्य थी। कार्यालय के पत्र क्रमांक-2641 दिनांक 22/05/2012 द्वारा दिनांक 04/10/2011 से दिनांक 03/10/2012 तक तथा पत्र क्रमांक-6054 दिनांक 19/07/2013 के द्वारा पुनः दिनांक 02/10/2013 तक कुल दो वर्षों हेतु समयावधि बढ़ाई गई थी। (ग) जी हाँ। इन्दौर विकास योजना, 2021 के रंगीन मानचित्र के अनुसार भूमि सर्वे क्रमांक-298, 275, 274, 311/1, 270/1, कुल रकबा 7.532 हेक्टेयर भूमि का भू-उपयोग कृषि उपयोग हेतु दर्शित है, शेष प्रश्‍नांश का उत्तर उत्‍तरांश (ख) के अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 







भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


विद्युत प्राइवेटीकरण पर प्रतिबंध

[ऊर्जा]

1. ( क्र. 66 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) मध्‍यप्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण कराये जाने के क्‍या कोई निर्देश हैं। यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध कराई जावे एवं तत्‍संबंध में कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के जबलपुर मुख्‍यालय में दिये गये ज्ञापनों पर शासन कोई विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्‍या किसानों के हित में पूर्व में संचालित किसान विद्युतीकरण योजना को पुन: चालू कराये जाने की कोई योजना है यदि हाँ, तो उक्‍त योजना कब तक पुन: चालू करा दी जावेगी जिससे किसानों को उक्‍त योजना का लाभ प्राप्‍त हो सके।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) कृषकों को सिंचाई प्रयोजन हेतु स्‍थायी पंप कनेक्‍शन प्रदान करने हेतु ''मुख्‍यमंत्री स्‍थाई कृषि पम्‍प कनेक्‍शन योजना'' (किसान विद्युतीकरण योजना नहीं) की अवधि योजना लागू करते समय दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर उक्‍त योजना बंद हुई है। उक्‍त योजना को पुन: प्रारंभ किये जाने संबंधी कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं हैं। वर्तमान में कृषकों द्वारा शत-प्रतिशत राशि जमा कर अथवा सहमति पत्र देकर 3 प्रतिशत सुपरविजन राशि जमा कर '''' क्‍लास ठेकेदार द्वारा लाईन विस्‍तार का कार्य कराने के बाद कनेक्‍शन प्राप्‍त किया जा सकता है। उक्‍त के अतिरिक्‍त राज्‍य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार प्रदेश में ''मुख्‍यमंत्री सोलर पम्‍प योजना'' आरम्‍भ की गई है, जिसका क्रियान्‍वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है।

महाविद्यालय खोलने की प्रशासकीय स्‍वीकृति

[उच्च शिक्षा]

2. ( क्र. 1045 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत धनौरा विकासखंड में महाविद्यालय खोलने हेतु शासन/ विभाग के द्वारा किस आदेश के तहत प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड धनौरा में महाविद्यालय के लिये शासन/विभाग के द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत वित्तीय स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो कब तक वित्तीय स्वीकृति के आदेश जारी किये जावेंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान नहीं की गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नवीन पानी की टंकी का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

3. ( क्र. 1528 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर ब्‍यावरा, जिला-राजगढ़ में वर्तमान में पानी स्टोरेज हेतु टंकिया बनी हुई हैं? क्या वह पर्याप्त हैं? यदि नहीं, तो भोपाल बाईपास पर नवीन टंकी निर्माण के लिए कोई योजना शासन द्वारा तैयार की गई है? (ख) यदि नहीं, तो कब तक बनाई जाएगी? उक्त टंकी की राशि कब तक स्वीकृत की जाएगी तथा उक्त निर्माण कब तक प्रारंभ किया जाएगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। वर्तमान में ब्‍यावरा नगर में 04 पानी की टंकियां क्षमता क्रमश: बस स्‍टैण्‍ड 1000 कि.ली., मेला ग्राउण्‍ड 1000 कि.ली., बखतपुरा 1000 कि.ली. एवं कर्मचारी कॉलोनी में 450 कि.ली. के माध्‍यम से नगरवासियों को जलप्रदाय किया जा रहा है। नगर के बाहरी क्षेत्र के विस्‍तारिकरण को दृष्टिगत रखते हुए एवं वार्ड क्र. 01 मुल्‍तानपुरा क्षेत्र का विकास होने के कारण भोपाल बायपास पर 01 नवीन पानी की टंकी क्षमता 1000 कि.ली. की आवश्‍यकता है। वर्तमान में निकाय की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण पानी की टंकी निर्माण हेतु कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की गई है। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शहर में पेयजल सप्लाई की लाइन

[नगरीय विकास एवं आवास]

4. ( क्र. 2030 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर ब्यावरा में घोड़ापछाड़ से ब्यावरा शहर तक पेयजल सप्लाई लाइन पूर्व में लगवाई हुई थी किंतु फोर लाइन निर्माण के दौरान सप्लाई लाइन क्षतिग्रस्त होने पर नगर पालिका ब्यावरा द्वारा उक्त सप्लाई लाइन का टेंडर किया गया था उक्त टेंडर किस संस्था व ठेकेदार द्वारा लिया गया व टेंडर की राशि कितनी थी? (ख) उक्त कार्य की समय-सीमा क्या थी? (ग) जो पाईप लाईन डाले व लगाए जाने थे वहां पुराने पाइप का उपयोग किया गया है क्या टेंडर में जो पाइप लगाए जाने थे वह पाइप वास्तव में सप्लाई लाइन के अंदर डाले गए हैं? यदि हाँ, तो उक्त कमेटी बनाकर वास्तविकता की जाँच करवाएंगे एवं यदि नहीं, तो संबंधित के विरुद्ध क्या कार्रवाई होगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) घोड़ापछाड़ से ब्‍यावरा शहर तक पेयजल सप्‍लाई लाईन पूर्व में डाली गई थी, जिसे फोरलेन निर्माण के समय उक्‍त पाईप लाईन को एन.एच.ए.आई. द्वारा ही बदला गया है। नगरपालिका, ब्‍यावरा द्वारा उक्‍त कार्य हेतु कोई निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एन.एच.ए.आई. द्वारा पाईप बदलने की समय-सीमा दिनांक 12.04.2019 थी। उक्‍त पाईप लाईन का कार्य एन.एच.ए.आई. द्वारा निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया गया है। (ग) एन.एच.ए.आई. द्वारा नवीन पाईपों को डाला गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

अधिकारियों की एक ही स्थान पर पदस्थापना

[ऊर्जा]

5. ( क्र. 2032 ) श्री विशाल जगदीश पटेल, सुश्री कलावती भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कम्पनी में दो श्रेणी के अभियंता डिग्री धारक एवं डिप्लोमाधारक है। बी.ई. डिग्रीधारक अभियंता सहायक यंत्री से अतिरिक्त मुख्य अभियंता बनकर एक ही ताप एवं जल विद्युत गृहों में 20-30 वर्षों से पदस्थ हैं। डिप्लोमा धारक कम्पनी में कनिष्ठ यंत्री से अधीक्षण यंत्री तक ही पदोन्‍नत हो पाते हैं। ऐसे अभियंता, कनिष्ठ यंत्री, सहायक यंत्री कार्यपालन अभियंता या अधीक्षण यंत्री पद पर पदस्थ है एवं 20-30 वर्षों से एक स्थान पर पदस्थ है, डिग्रीधारक अभियंता एवं डिप्लोमाधारक अभियंता की सूची पृथक-पृथक उपलब्ध करायी जाये, ऐसे अभियंता जिनके स्थानान्तरण किये गये कार्यमुक्त नहीं हुये या समस्त कार्यकाल में 6 माह से 1 वर्ष तक ही मात्र अन्य स्थान पर पदस्थ रहे हैं इनके स्थानान्तरण एवं स्थानान्तरित को कब तक कार्य मुक्त किया जायेगा समय-सीमा बतावें। क्या ऐसे अभियंताओं के स्थानान्तरण किये जायेंगे नहीं तो क्यों।                        (ख) प्रश्नांश (क) (1) एक ही ताप एवं जल विद्युत गृहों में 20-30 वर्षों से लगातार पदस्थ है। (2) 20-30 वर्षों में 6 माह या 1 वर्ष के लिये अन्य ताप एवं जल विद्युत गृहों में पदस्थ रह चुके हैं। (3) ऐसे अभियंताओं जिनके स्थानान्तरण किये गये कार्य मुक्त नहीं किया गया? पृथक-पृथक सूची बनाकर स्थानान्तरण करने एवं कार्यमुक्त करने की कार्यवाही करेंगे। कब तक कार्यवाही करेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ,। जी नहीं, बी.ई. डिग्री धारक सहायक अभियंता समय-समय पर वरिष्‍ठता आधार पर उच्‍च पद पर पदोन्‍न‍त होते हैं तथा प्रशासनिक आवश्‍यकता, तकनीकी क्षमता एवं विद्युत गृह के सुचारू संचालन हेतु उन्‍हें विद्युत गृह में निरंतर पदस्‍थ रखा जाता है अथवा प्रशासनिक दृष्टि से अन्‍य विद्युत गृहों/मुख्‍यालयों में आवश्‍यकता होने पर उनका स्‍थानांतरण भी किया जाता है। जी हाँ, कंपनी नियमानुसार कनिष्‍ठ यंत्री के पद पर नियुक्‍त अभियंता अधीक्षण अभियंता पद तक पदोन्‍नत किये जाते हैं। 20-30 वर्षों से एक स्‍थान पर पदस्‍थ डिग्रीधारक अभियंता एवं डिप्‍लोमाधारक अभियंता की पदवार सूची पृथक-पृथक संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। तकनीकी रूप से दक्ष एवं अनुभवी कार्मिकों की एक ही जगह पदस्‍थापना होने से विद्युत गृह के सुचारू संचालन में सहजता रहती है तथा संयंत्रों की फाल्‍ट आदि का समाधान भी शीघ्र होता है। अत: प्रशासनिक आवश्‍यकता के दृष्टिगत जब तक अतिआवश्‍यक न हो, इन्‍हें स्‍था‍नांतरित किया जाना विद्युत गृह के सुचारू संचालन में बाधा उत्‍पन्‍न कर सकता है। कुछ प्रकरणों में स्‍थानान्‍तरण होने के पश्‍चात भी विद्युत गृह के सुचारू संचालन एवं प्रशासनिक आवश्‍यकता के दृष्टिगत कार्मिक द्वारा संपादित किये जा रहे कार्यों के पूर्ण होने उपरांत अथवा उसकी आवश्‍यकता को दृष्टिगत रख उनको कार्यमुक्‍त किया जाता है। (ख) जी नहीं उत्‍तरांश (क) में दर्शाए गए आधार पर ही इनका भी स्‍थानांतरण किया जाएगा। शेष प्रश्‍न लागू नहीं है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

पदस्थापना एवं स्थानांतरण में भेदभाव

[ऊर्जा]

6. ( क्र. 2033 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पावर जनरेटिंग इन कंपनी द्वारा दिनांक 1.1.2020 की स्थिति में अस्थाई वरिष्ठता सूची अधीक्षण अभियंता (उत्पादन) पी.बी. 4 वेतन सवर्ग ओ-3 वेतन बेंड में लेवल-11 जारी वरिष्ठता सूची में वरिष्ठता को नकारते हुए कनिष्ठ अपात्र लोगों को मुख्य अभियंता का प्रभार जबलपुर मुख्यालय एवं ताप विद्युत गृह में दिया गया हैइस कारण वरिष्ठ लोगों में असंतोष है, यदि हाँ, तो इसमें सुधार कर वरिष्ठता के आधार पर मुख्य अभियंता पद पर पदस्थापना की जायेगीl                                      (ख) क्या सही है कि 30-35 वर्षों की पूर्व सेवाकाल में मात्र 6 माह से 1 वर्ष अन्य ताप विद्युत गृह में पदस्थ रहकर सहायक यंत्री से अतिरिक्त मुख्य अभियंता पद में पदोन्नति पाकर एक ही ताप विद्युत गृह में पदस्थ है एवं 2 वर्ष से अधिक सेवाकाल शेष हैं, ऐसे अधिकारियों की सूची बनाकर तत्काल अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जायेगासाथ ही क्या सभी स्थानांतरित अधिकारियों को तत्काल कार्य मुक्त किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कं.लि. में मुख्‍य अभियंता स्‍तर के अधिकारियों की कमी होने के कारण निचले पद पर कार्यरत अधिकारियों को तकनीकी विशेषज्ञता एवं उपयुक्‍तता के आधार पर मुख्‍य अभियंता पद का चालू प्रभार प्रदान किया गया है। उच्‍च पद का चालू प्रभार देते समय कंपनी की प्रशासनिक आवश्‍यकता एवं कार्मिक की कार्यकुशलता, वरिष्‍ठता तथा वार्षिक गोपनीय चरित्रावलियों को देखा जाता है। चालू प्रभार एक अस्‍थाई व्‍यवस्‍था है एवं चालू प्रभार दिये जाने में किसी भी कार्मिक की वरिष्‍ठता प्रभावित नहीं होती है। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं। (ख) विद्युत गृह के सुचारू संचालन एवं प्रशासनिक आवश्‍यकता के दृष्टिगत कार्मिकों को स्‍थानांतरित किया जाता है। तकनीकी रूप से दक्ष एवं अनुभवी कार्मिकों की, एक ही ताप विद्युत गृह में पदस्‍थापना से विद्युत गृह के सुचारू संचालन में सहजता रहती है तथा संयंत्रों में फाल्‍ट आदि का समाधान शीघ्र करने में उनका अनुभव काम आता है। अत: विगत काफी समय से एक ही विद्युत गृह में पदस्‍थ ऐसे कार्मिकों के स्‍थानांतरण भी इन्‍हीं आधार पर किए जाएंगे, पृथक से सूची बनाकर स्‍थानांतरण की आवश्‍यकता नहीं है। स्‍थानांतरण होने के पश्‍चात् कार्मिक द्वारा संपादित किये जा रहे कार्यों के पूर्ण होने तथा प्रशासनिक आवश्‍यकतानुसार उन्‍हें कार्यमुक्‍त किया जाता है। शेष कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।

नगर निगम अधिकारियों के विरुद्ध जॉच

[नगरीय विकास एवं आवास]

7. ( क्र. 3388 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं देवास नगर पालिक निगम में पिछले पाँच वर्ष में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध शासन को क्‍या-क्‍या शिकायत प्राप्‍त हुई तथा उन पर अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गयी। वर्षवार/बिन्‍दुवार अलग-अलग बताया जाये। (ख) नगर पालिक निगम भोपाल के आयुक्‍त द्वारा अपने पत्र क्रमांक-25/सा.प्र.वि./2021 दिनांक 6 फरवरी, 2021 को प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को पत्र लिखकर किसी अधिकारी को तत्‍काल निलंबन करने का अनुरोध किया है। यदि हाँ, तो अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गयी बिन्‍दुवार बताया जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अनुसार उक्‍त अधिकारी कब-कब कहां-कहां पदस्‍थ रहे और क्‍या-क्‍या शिकायत शासन को प्राप्‍त हुई अभी तक उन शिकायतों में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गयी बिन्‍दुवार निश्चित समय-सीमा बताई जाये।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्राप्त शिकायतों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। आयुक्त नगर निगम भोपाल द्वारा श्री एस.पी. श्रीवास्तव स्वास्थ्य अधिकारी (प्रतिनियुक्ति पर) को सौंपे गये दायित्वों से हटकर बिना सक्षम स्वीकृति के कार्य करने, शासकीय कार्य में व्यवधान डालने, स्वेच्छाचारिता तथा निगम हित में कार्य नहीं करने पर निलंबित किये जाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) श्री एस.पी. श्रीवास्तव स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम देवास, दुर्ग, रतलाम, जबलपुर, खण्डवा, उज्जैन में पदस्थ रहे है। वर्तमान में नगर निगम भोपाल में दिनांक 24.10.2011 से पदस्थ है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

विजयाराजे सिंधिया डिग्री कॉलेज के विभिन्‍न पाठ्यक्रम

[उच्च शिक्षा]

8. ( क्र. 3405 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भाण्‍डेर में संचालित विजयाराजे सिंधिया डिग्री कॉलेज के विभिन्‍न पाठ्यक्रमों में लगभग 800 से 1000 छात्र अध्‍ययनरत हैं? (ख) क्‍या छात्र संख्‍या एवं पाठ्यक्रम के आधार पर प्राध्‍यापकों के पद शासन द्वारा नियत एवं स्‍वीकृत हैं? (ग) कितने स्‍वीकृत पद प्रश्‍न दिनांक तक रिक्‍त हैं? (घ) उक्‍त रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) समस्‍त स्‍वीकृत 14 पद रिक्‍त हैं, जिनके विरूद्ध अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। (घ) शेष प्रश्नांश के संबंध में समयावधि बताया जाना संभव नहीं।

प्रदेश के केंटोनमेंट क्षेत्र

[नगरीय विकास एवं आवास]

9. ( क्र. 3434 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्थित केंटोनमेंट (सैन्‍य क्षेत्र) कहां-कहां हैं? इनकी आबादी सहित जानकारी देते हुए बतावें कि इन पर नियंत्रण किसका होता है? (ख) क्‍या 1954 में लोकसभा में पारित प्रस्‍ताव क्रमांक 141 में केंटोंनमेंट समाप्‍त करने का प्रस्‍ताव परित हुआ था? (ग) यदि हाँ, तो इस पर की गयी कार्यवाही की जानकारी दें? (घ) जानकारी दें कि केंटोनमेंट क्षेत्र में भूमि के क्रय/ विक्रय का अधिकार किसको है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश के इंदौर जिला अंतर्गत महू छावनी परिषद जनसंख्या 81183, होशंगाबाद जिला अंतर्गत छावनी परिषद, पचमढ़ी जनसंख्या 12062, जबलपुर जिला अंतर्गत छावनी परिषद, जबलपुर जनसंख्या 72257, ग्वालियर जिला छावनी परिषद, मुरार जनसंख्या 48646 एवं सागर जिला अंतर्गत छावनी परिषद, सागर जनसंख्या 40513 में केन्टोनमेंट (सैन्य क्षेत्र) स्थित है। इन पर भारत सरकार रक्षा मंत्रालय का नियंत्रण है।                                           (ख) असंबद्ध। (ग) उत्तरांश-'''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) केन्टोनमेंट क्षेत्रों में स्थित भूमि को बिना भारत सरकार रक्षा मंत्रालय की पूर्व अनुमति के क्रय-विक्रय नहीं किया गया है।

अमृत योजना की स्‍वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

10. ( क्र. 3450 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद में अमृत योजना कब स्‍वीकृत की गयी, इसमें कौन-कौन से काम, कितनी लागत से कितने समय में होना था। इसकी समय-सीमा कब-कब बढ़ाई गयी।                                                   (ख) योजनान्‍तर्गत कितने किलोमीटर पाईप लाईन बिछाई जाना थी, कितनी बिछाई गयी, क्‍या सभी बिछाई गयी पाईप लाईन में पानी आ रहा है यदि नहीं, तो क्‍यों। (ग) पाईप लाईन हेतु खोदी गयी सड़कों की मरम्‍मत खोदने के कितने दिन में की जाना थी। क्‍या सभी सड़कों की मरम्‍मत की गयी यदि नहीं, तो क्‍यों व कब होगी। (घ) अमृत योजना के कौन से कार्य जून, 2020 की स्थिति में कौन से पूर्ण, अपूर्ण है, योजना का कार्य कब तक पूरा होगा। समय पर कार्य पूरा न होने के कारण इसकी लागत में कितनी वृद्धि में क्‍या इस संबंध में जवाबदेही सुनिश्चित की जावेगी। (ड.) क्‍या योजना में इंटकवेल मोटर एवं रॉ-वाटर लाइन को सम्मिलित किया गया। यदि नहीं, तो क्‍यों।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                                 (ग) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ड.) योजना में इन्‍टेक वेल मोटर एवं रॉ-वाटर लाईन सम्मिलित नहीं है। यह कार्य पूर्व में यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनांतर्गत किया गया है।

नगर निरीक्षक द्वारा गलत शपथ पत्र देना

[गृह]

11. ( क्र. 3451 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इटारसी में वर्ष 2019-20 में नगर निरीक्षक रहे श्रीआर.एस.चौहान के खिलाफ पुलिस थाना जी.आर.पी. (बीजी) ग्‍वालियर में प्रकरण क्रमांक 95/2011 (धारा 302, 201, 202, 120-बी) दर्ज हैं।                            (ख) उक्‍त अधिकारी के खिलाफ, कौन-कौन से थाने में, किन धाराओं में कितने प्रकरण दर्ज हैं।                              (ग) उक्‍त अधिकारी के खिलाफ किन-किन प्रकरणों में कब से विभागीय जाँच प्रचलित है एवं किस में क्‍या निर्णय हुए? प्रत्‍येक की जानकारी दें। (घ) क्‍या शासन की जानकारी में यह तथ्‍य है, कि उक्‍त अधिकारी द्वारा वर्ष 2020 में प्रदेश के किन्‍हीं न्‍यायालयों में अपना सर्विस रिकार्ड बेदाग एवं अविवादित रहने के संबंध में शपथपत्र दिया था। यदि हाँ, तो उक्‍त शपथपत्र में दी गयी जानकारी सही है या गलत। (ड.) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरण में किसी न्‍यायालय द्वारा निर्णय दिया जा चुका है। यदि हाँ, तो क्‍या। क्‍या इस निर्णय की अपील की गयी। यदि हाँ, तो कब। यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यालयीन रिकार्ड अनुसार श्री आर.एस.चौहान के खिलाफ 01 प्रकरण पुलिस थाना जी.आर.पी. (बीजी) ग्‍वालियर में प्रकरण क्रमांक 95/2011 (धारा 302, 201, 202, 102-बी) दर्ज है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(घ) निरीक्षक राघवेन्‍द्र सिंह चौहान के द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में प्रस्‍तुत याचिका क्रमांक 7430/2020 के बिन्‍दु क्रमांक 5.4 में स्‍वयं का सर्विस रिकार्ड बेदाग एवं अविवादित रहने का उल्‍लेख किया है। इस संबंध में पृथक से कोई शपथ पत्र प्रस्‍तुत किये जाने का तथ्‍य सामने नहीं आया है। रिकार्ड के आधार पर निरीक्षक राघवेन्‍द्र सिंह चौहान के बेदाग नहीं होने के संबंध में पूर्व में हुई विभागीय कार्यवाही का उल्‍लेख याचिका के विरोध में विभाग की ओर से प्रस्‍तुत जबावदावा में किया गया था। माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर के द्वारा आदेश दिनांक 07.07.2020 के माध्‍यम से निरीक्षक राघवेन्‍द्र सिंह चौहान के द्वारा दायर उक्‍त याचिका निरस्‍त की गई है। (ड.) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरण में अपर सत्र न्‍यायाधीश जिला ग्‍वालियर म.प्र. प्रकरण क्रमांक 325/12 दिनांक 30.01.2018 को पारित निर्णय में निरीक्षक आर.एस.चौहान व अन्‍य अभियुक्‍तगण के विरूद्ध आरोप प्रमाणित न होने से आरोपों से दोषमुक्‍त किया गया है। प्रकरण में अतिरिक्‍त लोक अभियोजन अधिकारी ग्‍वालियर के अभिमत के अनुसार ''प्रकरण में साक्षियों का सहयोग नहीं होने परिस्थितिजन्‍य साक्ष्‍यों की कड़ी का समर्थन नहीं मिलने तथा कोई भी प्रत्‍यक्ष या परिस्थि‍तिजन्‍य साक्ष्‍य साबित न होने से जिससे प्रकरण में बल मिलने की संभावना नहीं होने'' से अपील माननीय उच्‍च न्‍यायालय में नहीं की गई है।

परिशिष्ट - "छियालीस"

संबल योजना में आवेदन पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

12. ( क्र. 3452 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना में श्रीमती आशा यादव पत्‍नी स्‍व. राजेश यादव आत्‍मज शिवनारायण यादव द्वारा सहायता संबंधी आवेदन नगर पालिका इटारसी को दिनांक 03.06.2019 को किया गया आवेदन सत्‍यापन कर श्रम विभाग को प्रेषित किया गया था। (ख) क्‍या श्रीमती आशा यादव के प्रकरण सहित अन्‍य प्रकरणों का श्रम विभाग के पत्र क्रमांक 583/श्रम विभाग/2020, भोपाल दिनांक 16.07.2020 के निर्देश पर दिनांक 30.07.2020 के द्वारा पुन: सत्‍यापन किया जा चुका है। (ग) जानकारी दें आशा यादव पत्‍नी स्‍व. राजेश यादव आत्‍मज शिवनारायण यादव को कब तक मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना में कब तक राशि मिल सकेगी। इसमें विलंब के क्‍या कारण हैं। क्‍या इस संबंध में जवाबदेही सुनिश्चित की जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में श्रीमती आशा यादव आत्मज शिवनारायण यादव द्वारा सहायता संबंधी आवेदन नगर पालिका इटारसी को दिनांक 03.06.2019 को किया गया, प्राप्त हुआ है। जिसका प्रथम सत्यापन निकाय द्वारा दिनांक 01.08.2019 को किया गया। (ख) जी हाँ। म.प्र. शासन, मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 583/श्रम विभाग/2020 भोपाल दिनांक 16.07.2020 के अनुसार मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) की अनुग्रह सहायता योजनांतर्गत स्वीकृत किंतु लंबित भुगतान प्रकरण के पुनः सत्यापन की कार्यवाही में प्रकरण मृतक श्रमिक श्री राजेश यादव पिता श्री शिवनारायण यादव का पुनः सत्यापन पोर्टल पर दिनांक 30.07.2020 को निकाय स्तर से किया जा चुका है। (ग) प्रकरण में बजट उपलब्ध न होने से राशि जारी करने की कार्यवाही नहीं की जा सकी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

भवन अनुज्ञा स्‍वीकृति के विपरीत हो रहे निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

13. ( क्र. 3472 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक सतना के नगर निगम क्षेत्रान्‍तर्गत जनवरी, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक भवन अनुज्ञा आवासीय/व्‍यावसायिक स्‍वीकृति किए जाने हेतु कितने आवेदन आनलाइन एवं ऑफलाइन प्राप्‍त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में संबंधित नगर निगमों में अवैध निर्माण, स्‍वीकृ‍त मानचित्र भवन अनुज्ञा के विपरीत कुल कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में नगर पालिक निगम सतना में अवैध निर्माण/स्‍वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण को तोड़ने हेतु किन-किन को नोटिस जारी किए गये और क्‍या उन नोटिस जारी होने के पश्‍चात संबंधित द्वारा स्‍वयं निर्माण को तोड़ा गया था, नगर निगम ने तोड़ा या तोड़ा जाना शेष है, पृथक-पृथक विवरण दें। (घ) जिन क्षेत्रों में प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) की शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं, उस क्षेत्र के प्रभारी उपयंत्री कौन थे, जिनके क्षेत्र में इस तरह के अवैध निर्माण/भवन अनुज्ञा के विपरीत निर्माण कार्य हुए है, उस उपयंत्री के विरूद्ध कब क्‍या कार्यवाही करेंगे? (ड.) कटनी नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत डर्वी होटल जिसको तोड़े जाने हेतु अंतिम सूचना पत्र कब जारी किया गया था? उसकी प्रति दें। अभी तक नहीं तोड़ने के क्‍या कारण हैं? यदि संबंधित द्वारा नहीं तोड़ा गया तो नगर निगम कटनी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों और कब तक कार्यवाही करेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम सतना क्षेत्रांतर्गत जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक भवन अनुज्ञा आवासीय/व्‍यवसायिक स्‍वीकृत किये जाने हेतु कुल 469 ऑनलाईन आवेदन प्राप्‍त हुए जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। भवन अनुज्ञा के ऑफलाईन आवेदन निरंक है। (ख) प्रश्‍नांश की अवधि में नगर निगम सतना में अवैध निर्माण, स्‍वीकृत मानचित्र के विपरीत कुल 50 शिकायतें प्राप्‍त हुई। (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में नगर पालिक निगम सतना में अवैध निर्माण/स्‍वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण को तोड़ने हेतु कुल 50 व्‍यक्तियों को नोटिस जारी किये गये जिसकी सूची जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। नोटिस जारी होने के पश्‍चात अवैध निर्माणकर्ता/अतिक्रमणकर्ता श्रीम‍ती सतीश सूरी पत्‍नी स्‍व. श्री राजकुमार सूरी रीवा रोड द्वारा स्‍वयं अवैध निर्माण को तोड़ा गया था, नगर निगम द्वारा अवैध निर्माणकर्ता/अतिक्रमणकर्ता श्री मो. अतीक मंसूरी उर्फ सिकंदर तनय श्री मो. निजामुद्धीन मैहर रोड द्वारा किये गए अवैध निर्माण/अतिक्रमण को तोड़ा गया। शेष प्रकरणों में गुणदोष के आधार पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। संबंधित अधिकारियों द्वारा इस तरह के अवैध निर्माणों का संज्ञान लेते हुए तत्‍संबंध में निगम कार्यालय में सूचनाए दी गई, सूचनाओं के आधार पर अवैध निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध निगम कार्यालय द्वारा नोटिस जारी किये गये है, नियमानुसार अवैध निर्माण के विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) कटनी नगर निगम क्षेत्रांतर्गत डर्बी होटल तोड़ने हेतु अंतिम सूचना पत्र दिनांक 20.10.2020 को जारी किया गया था, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। भवन स्वामी द्वारा उक्त भवन के प्रशमन हेतु म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 308 (क) के तहत आवेदन प्रस्तुत किया गया था तथा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष याचिका क्रमांक 4016/2021 प्रस्तुत की गई थी। भवन स्वामी द्वारा प्रस्तुत प्रशमन आवेदन निरस्त किया जा चुका है तथा माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 04/03/2021 एवं म.प्र. नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत विधि सम्मत कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

विद्युत ट्रांसफार्मर स्ट्रक्चर शिफ्ट कराना

[ऊर्जा]

14. ( क्र. 3497 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) क्या ग्राम तेदुनी पोस्ट चौखडी, तहसील जवा, जिला रीवा का ट्रांसफार्मर स्ट्रक्चर शिफ्ट हेतु सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2013-14 में सांसद निधि से राशि रूपये 34,500/- स्वीकृत किया गया था? (ख) यह कि उक्त कार्य आज दिनांक तक किस कारण से नहीं कराया गया? (ग) सांसद निधि से राशि प्राप्त होने के बाद भी कार्य नहीं कराये जाने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई एवं कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ ग्राम तेदुनी पोस्‍ट चौखडी, तहसील जवा जिला रीवा में ट्रांसफार्मर स्‍ट्रक्‍चर शिफ्ट करने हेतु ''सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना'' अंतर्गत वर्ष 2013-14 में सांसद निधि से राशि रूपये 34,500/- स्‍वीकृत की गई थी। (ख) उक्‍त कार्य आरंभ करने का प्रयास किया गया था किन्‍तु ग्राम के दो गुटों में जमीनी विवाद होने के कारण कार्य किया जाना संभव नहीं हो सका। (ग) कार्य स्‍थल पर ग्रामीणजनों का आपसी विवाद होने के कारण कार्य नहीं किया जा सका, जिसके लिए विभाग का कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। जब तक ग्रामीणजनों द्वारा आपसी सुलह नहीं कर ली जाती तब तक उक्‍त कार्य किया जाना संभव नहीं है।

अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण

[उच्च शिक्षा]

15. ( क्र. 3501 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कांग्रेस सरकार द्वारा अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण हेतु कैबिनेट में केटेगरी अनुसार प्रस्‍ताव लाया गया था, क्‍या वर्तमान सरकार द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या अतिथि विद्वानों की नियमितीकरण की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक नियमितीकरण की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) सभी फालेन आउट अतिथि विद्वानों को कब तक व्‍यवस्‍था में ले लिया जावेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कांग्रेस सरकार द्वारा अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण हेतु कैबिनेट में कोई प्रस्‍ताव नहीं लाया गया। अतिथि विद्वानों की नियुक्ति परिपत्र क्र. एफ 1-42/2017/38-1, भोपाल, दिनांक 17.12.2019 अनुसार की जाती है, जिसमें नियमितिकरण का प्रावधान नहीं है। (ख) जानकारी प्रश्नांश '''' के उत्तर अनुसार है। (ग) फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी नीति/निर्देश क्रमांक एफ 1-42/2017/38-1, भोपाल, दिनांक 17.12.2019 के अंतर्गत कार्यवाही सतत् प्रचलन में है।

जल यंत्रालय एवं विद्युत देयक

[नगरीय विकास एवं आवास]

16. ( क्र. 3511 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश की नगर पालिका ब्यावरा में कितने जल यंत्रालय स्थापित हैं व इन पर विद्युत मोटरें, उपकरण संचालन हेतु प्रतिमाह वित्तीय वर्ष 2017 से वर्ष 2020 में कितनी- कितनी राशि के विद्युत देयक प्राप्त हुए हैं वह भुगतान किए गए हैं? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2017 से वर्ष 2020 में प्रतिमा इन जल यंत्रालयों के संचालन हेतु विद्युत देयक प्राप्त हुए हैं इनके भुगतान उपरांत भी भारी-भरकम व्यय किया गया है? उक्त जलयंत्रालय पर प्रतिमाह विद्युत बिलों के अतिरिक्त मशीनों, मोटरों को चलाने पर प्रतिमा होने वाले डीजल व्यय की जानकारी देवें।                             (ग) जब नगरपालिका ब्यावरा के जल यंत्रालयों पर प्रतिमाह भारी-भरकम राशि के विद्युत बिल प्राप्त हो रहे थे तो विद्युत प्रवाह अवरुद्ध के नाम पर किए गए डीजल व्यय का क्या औचित्य था क्या यह संस्था को नुकसान पहुंचाने की श्रेणी में आता है? (घ) नगर पालिका ब्यावरा के जल यंत्रालयों के संचालन पर विद्युत देयकों की प्रतिमाह भुगतान की जाने वाली राशि व प्रतिमाह डीजल व्यय की जाँच कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका, ब्‍यावरा में दो जल यंत्रालय क्रमश: कुशलपुरा एवं घोड़ापछाड़ डेम पर स्‍थापित है। विद्युत मोटरों व उपकरणों के संचालन हेतु वित्‍तीय वर्ष 2017 से वर्ष 2020 तक प्रतिमाह विद्युत देयकों व भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वित्‍तीय वर्ष 2017 से वर्ष 2020 तक प्रतिमाह विद्युत देयकों के अतिरिक्‍त जल यंत्रालयों पर मशीनों, मोटरों को चलाने पर प्रतिमाह होने वाले डीजल व्‍यय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) नगर पालिका, ब्‍यावरा द्वारा नगर में जल प्रदाय व्‍यवस्‍था प्रभावित न हो, इस हेतु विद्युत प्रवाह अवरूद्ध होने पर जनरेटर का उपयोग जल यंत्रालयों पर जल उपलब्‍धता सुनिश्चित कराने हेतु किया जाकर नगर की पेयजल व्‍यवस्‍था संचालित की जाती है। विद्युत के अभाव में जल यंत्रालयों पर जनरेटर में डीजल का व्‍यय होता है। यह कार्यवाही जनहित में होने से संस्‍था को नुकसान पहुंचाने की श्रेणी में नहीं आती है। (घ) नगर पालिका, ब्‍यावरा द्वारा जल यंत्रालय के संचालन पर होने वाले विद्युत खपत को म.प्र., विद्युत क्षेत्र कम्‍पनी द्वारा प्रस्‍तुत देयकों के आधार पर भुगतान किया जाता है एवं प्रतिमाह डीजल पर होने वाले व्‍यय का लेखा परीक्षण कर ऑडिट उपरांत भुगतान किया जाता है। उपरोक्‍त के परिप्रेक्ष्‍य में भुगतान में अनियमित्‍ता नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के सम्बन्ध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

17. ( क्र. 3512 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश की नगर पालिका ब्यावरा के लिए स्वीकृत मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना में कितनी राशि की वित्तीय प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है योजना पूर्ण की समयावधि क्या थी? (ख) क्या मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना में घटिया स्तर की पाईप लाईन बिछाने का कार्य पूरे नगर में किया जा रहा है जो लगातार फूट रही है क्या कार्यपालन यंत्री स्तर के अधिकारी इन फूटी हुई पाईप लाईन के कारणों की जाँच करेंगे साथ ही खुदाई के दौरान निकलने वाले पुराने मजबूत पाईप लाईन के पाइप कहां हैं, इसका रिकॉर्ड नगरपालिका में संधारित है? यदि हाँ, तो क्या पुराने पाइपो, डी ज्‍वांइटो सामग्री की उपलब्धता की जाँच कराएगा की वे कहां है?                             (ग) नगर पालिका ब्यावरा में वर्ष 2017 से 2019-20 में पानी समय पर न मिलने संबंधित कितनी शिकायत नागरिकों द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई विवरण देवें। (घ) नगर में योजना में कितने किलोमीटर पाइप लाईन स्वीकृत हुई है? कितना पाईप एमबी में दर्ज किया गया है, जिला कलेक्टर के यहां संबंधित फर्म द्वारा कितने किलोमीटर पाईप का एक्साईज़ ड्यूटी माफ़ी का प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है, इसकी जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें। यदि तीनों में भिन्नता है तो इस फर्जीवाड़े के लिए कौन-कौन लोग दोषी हैं क्या विभाग इन दोषियों पर कार्रवाई करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका ब्‍यावरा के लिये मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजना में राशि रू. 922.51 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति पत्र क्र. 11193 दिनांक 16.10.2015 एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति राशि रू.979.11 लाख की पत्र क्रमांक 16137 दिनांक 30.12.2016 द्वारा प्रदान की गई है। योजना पूर्ण करने की समयावधि 12 माह वर्षाकाल छोड़कर निर्धारित की गई थी। (ख) जी नहीं। निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार ही पाईप लाईन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। पाईप लाईन फूटने की कोई भी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। पाईप लाईन का सतत निरीक्षण निकाय के इंजीनियर एवं थर्ड पार्टी एस.क्‍यू.सी. द्वारा किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। पाईप लाईन खुदाई के दौरान पुरानी पाईप लाईन को नहीं निकाला जा रहा है, बल्कि पुरानी पाईप लाईन के समानांतर नवीन पाईप लाईन डाली जा रही है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर पालिका ब्‍यावरा में वर्ष 2017 से 2019-20 तक पानी समय पर न मिलने संबंधित नागरिकों द्वारा सी.एम. हेल्‍पलाईन पर कुल 107 शिकायत दर्ज की गई। दर्ज करायी गई सभी शिकायतों का निराकरण निकाय द्वारा किया जा चुका है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ब्‍यावरा नगर में मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत 107 कि.मी. लम्‍बाई की पाईप लाईन स्‍वीकृत हुई है। वर्तमान तक माप-पुस्तिका में 93 कि.मी. लम्‍बाई में पाईप लाईन दर्ज की गई है। कार्य के ठेकेदार द्वारा 75 कि.मी. लम्‍बाई के पाईप का एक्‍साईज ड्यूटी माफी का प्रमाण-पत्र प्राप्‍त किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मध्यप्रदेश विद्युत मंडल में पदस्‍थ अधिकारिगण

[ऊर्जा]

18. ( क्र. 3581 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि म.प्र. पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्‍दौर में प्रथम श्रेणी स्‍तर के कौन-कौन से अधिकारी वर्तमान पदस्‍थापना में कब से पदस्‍थ हैं कि जानकारी देवें? उक्‍त पदस्‍थापना अवधि में प्रथम श्रेणी अधिकारियों में से यदि कोई अधिकारी भ्रष्‍टाचार या किसी अन्‍य प्रकरण में दोषी पाया गया है तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई है बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत कार्पोरेट कार्यालय इंदौर में प्रथम श्रेणी स्तर के 52 अधिकारी, कार्यपालक निदेशक (इ.क्षे.) इंदौर कार्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण में प्रथम श्रेणी स्‍तर के 73 अधिकारी एवं मुख्य अभियंता (उ.क्षे.) उज्जैन कार्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण में प्रथम श्रेणी स्‍तर के 29 अधिकारी, इस प्रकार कुल 154 प्रथम श्रेणी स्‍तर के अधिकारी कार्यरत हैं, जिनकी वर्तमान पदस्‍थापना की पदस्‍थी दिनांक सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'', '' एवं '' अनुसार है। उपरोक्त समस्त 154 प्रथम श्रेणी अधिकारियों में से मुख्य अभियंता (उ.क्षे.) उज्जैन कार्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले 02 अधिकारी विभागीय कार्यों में अनियमितता के प्रकरणों में दोषी पाये गये, जिनके नाम एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

अनुदान राशि की जानकारी

[ऊर्जा]

19. ( क्र. 3677 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जिला राजगढ़ अंतर्गत बी.पी.एल. परिवार, अ.जा./जनजाति वर्ग तथा कृषकों के कल्याण के साथ ही अन्य वर्ग के लोगों को विद्युत वितरण कम्पनी के माध्यम से विद्युत सब्सीडी (अनुदान) दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो किस-किस वर्ग के किन-किन कार्यों हेतु किस प्रकार की कितनी-कितनी सब्सीडी विद्युत संयोजन कार्यों से लेकर विद्युत वितरण तक किस प्रकार दी जाती है? (ग) कृषकों से लेकर उद्योगों एवं बी.पी.एल. परिवार के साथ ही अ.जा./जनजाति वर्ग तथा अन्य वर्ग के कल्याण हेतु किन-किन कार्यों हेतु किस प्रकार से प्रति यूनिट की अन्तर की राशि एवं विद्युत संयोजन पर कितने-कितने अनुदान राशि दी जाती है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आदिमजाति एवं अनु.जाति कल्याण विभाग द्वारा पम्पों के ऊर्जाकरण योजनान्तर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? वर्षवार कार्य के भौतिक एवं वित्तीय स्थिति से विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी देवे? (ड.) पाईप लाईन अनुसार प्रदाय राशि के कार्य पूर्ण कर हितग्राहीयों को लाभान्वित कर पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिये गये है? यदि नहीं, तो, कब तक लाभान्वित किया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में नवीन विद्युत संयोजन पर कोई अनुदान नहीं दिया जाता है। अपितु विभिन्‍न श्रेणी के उपभोक्‍ताओं को भिन्‍न-भिन्‍न प्रयोजन हेतु उपयोग की जा रही विद्युत हेतु राज्‍य शासन की विभिन्‍न योजनाओं/निर्देशों के अनुसार विद्युत देयकों में अनुदान दिया जाता है। उक्‍त योजनाओं/निर्देशों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) घरेलू, सिंचाई, उद्योग इत्‍यादि प्रयोजन हेतु उपयोग की जा रही विद्युत के देयकों में अनुदान की राशि से संबंधित प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1', 'ब-2', 'ब-3' एवं 'ब-4' अनुसार है। (घ) राजगढ़ जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग से पंपों के ऊर्जीकरण योजनान्तर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को मात्र वर्ष 2018-19 में रूपये 130.37 लाख की राशि प्राप्त हुई थी, जिससे सभी 56 हितग्राहियों के पंप ऊर्जीकरण के कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं, जिनकी प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ड.) उत्‍तरांश (घ) अनुसार राजगढ़ जिले हेतु प्राप्‍त राशि के अंतर्गत सभी कार्य पूर्ण कर हितग्राहियों को लाभांवित कर दिया गया है। कार्य पूर्णता हेतु हितग्राहियों को अलग से प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया प्रचलन में नहीं है।

विभाग की कार्य योजनाएं

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

20. ( क्र. 3753 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में नवीन एवं नवकरणीय विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी कार्य योजनाएं संचालित हैं? इन योजनाओं में सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि का अनुदान दिया जाता है? जवाब प्रस्‍तुत करें? (ख) क्‍या रीवा में विश्‍व का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्‍लांट स्‍थापित है? यदि हाँ, तो क्‍या इससे उत्‍पन्‍न हो रही बिजली राज्‍य को मिल रही है? यदि नहीं, तो उत्‍पादित बिजली का उपभोक्‍ता कौन है?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत म.प्र.ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा मुरैना जिले सहित प्रदेश के सभी जिलों में वर्तमान में निम्‍नलिखित योजनाएं संचालित है, मुख्‍यमंत्री सोलर पंप योजना, योजनांतर्गत सरकार द्वारा दी जा रही अनुदान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। रूफटॉप सौर फोटोवोल्‍टाईक पावर प्‍लांट की स्‍थापना, योजनांतर्गत सरकार द्वारा वर्तमान में कोई अनुदान नहीं दिया जा रहा है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत कार्यालय आयुक्‍त द्वारा मुरैना जिले में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार, MNRE की अल्‍ट्रा मेगा सोर पॉवर प्रोजेक्‍ट योजना के अंतर्गत मुरैना सौर पार्क विकसित किया जाना है। (ख) जी नहीं। तथापि रीवा परियोजना विश्‍व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। परियोजना से उत्‍पादित 750 मेगावाट क्षमता बिजली में से 651 मेगावाट बिजली राज्‍य की विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लि. तथा 99 मेगावाट बिजली दिल्‍ली मेट्रो कंपनी को विक्रय की जा रही है।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

जल प्रदूषण वायु प्रदूषण की रोकथाम

[पर्यावरण]

21. ( क्र. 3754 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना के विधान सभा क्षेत्र सुमावली में स्‍थापित औद्योगिक इकाइयों द्वारा जल एवं वायु प्रदूषण किया जा रहा है, क्‍या इनके विरुद्ध विगत 5 वर्षों में कोई कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कब-कब किसके द्वारा जानकारी देवें? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी नहीं। जिला मुरैना के विधानसभा क्षेत्र सुमावली में 3 प्रमुख प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयां बोर्ड में पंजीकृत है। वर्तमान में इन सभी इकाइयों से प्रदूषण नियंत्रण में हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जेल प्रहरियों पर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही

[जेल]

22. ( क्र. 3758 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) क्‍या राज्‍य शासन द्वारा जेल विभाग में मंत्री परिषद की बैठक में फार्मासिस्‍ट के पद समाप्‍त किए गए? पद समाप्‍त क्‍यों किए गए, किस आधार पर किए गए? (ख) जेल विभाग द्वारा जेल प्रहरियों के द्वारा जेल में अनुचित सामग्री पहुँचाने के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करते हुए उनकी सेवा समाप्‍त करने के आदेश दिए गए? वर्ष 2018 से कितने जेल प्रहरियों को जेल विभाग द्वारा सेवा समाप्ति के आदेश दिए गए? सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार जेल विभाग द्वारा कितने जेल प्रहरियों को सेवा समाप्ति के बाद पुन: अपील के द्वारा सेवा में लिया गया? सूची उपलब्‍ध करावें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जेल चिकित्‍सालय के व्‍यावहारिक कार्यों में फार्मासिस्‍ट ग्रेड-2 की तुलना में मेलनर्स अधिक उपयोगी होने के कारण मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 22 दिसम्‍बर, 2020 में फार्मासिस्‍ट ग्रेड-2 के 34 पद समर्पित कर मेलनर्स के 30 पद सृजित किए जाने के प्रस्‍ताव स्‍वीकृत किये गये। (ख) जी हाँ। जेल में अनुचित सामग्री पहुंचाने के विरूद्ध नियमानुसार दण्‍डात्‍मक कार्रवाई करते हुए वर्ष 2018 से 18 प्रहरियों की सेवा समाप्‍त करने के आदेश दिए गए। सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जेल प्रहरियों की सेवा समाप्ति के बाद नियमानुसार अपील स्‍वीकृत होने के उपरांत पुन: 03 प्रहरियों को वापस सेवा में लिया गया। सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं दी जाना

[आयुष]

23. ( क्र. 3803 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) लोक सूचना अधिकारी, आयुष संचालनालय भोपाल को माह सितम्‍बर, 2020 से दिसम्‍बर, 2020 की अवधि में कब-कब, किस-किस संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा (6) (1) के अन्‍तर्गत निर्धारित आवेदन-पत्र में प्राप्‍त हुए हैं? (ख) उक्‍त प्राप्‍त आवेदन पत्रों में से किस-किस की जानकारी दी तथा किस-किस की किन कारणों से जानकारी नहीं दी बतायें।

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) से (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार

सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी

[गृह]

24. ( क्र. 3819 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) जिला जबलपुर में राज्‍य व राष्‍ट्रीय राजमार्गों, नगर निगम जबलपुर सीमांतर्गत घटित कितनी सड़क दुर्घटनाओं में कितने-कितने पुरूष, महिलाओं, बच्‍चों की मृत्‍यु हुई, कितने घायल व अपंग हुये हैं? इनमें से कितनी दुर्घटनाओं में हेलमेट न लगाने, वाहन लापरवाही व तेजगति से चलाने, शराब पीकर चलाने, यातायात नियमों का पालन न करने से कितने पुरूष/महिलाओं, टूव्‍हीलर वाहन चालक युवक युवतियों की मृत्‍यु हुई है? वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की माहवार जानकारी दें।                                (ख) प्रश्नांश (क) में शहरी क्षेत्र व राज्‍य तथा राष्‍ट्रीय राजमार्गों में चिन्हित किन-किन ब्‍लैक स्‍पाटों, घनी बस्‍ती वाले क्षेत्रों में वाहनों की गति को नियंत्रित करने दुर्घटनाओं को रोकने हेतु सुरक्षात्‍मक क्‍या-क्‍या उपाय किये गये हैं? इससे दुर्घटनाओं में कितने प्रतिशत की कमी/वृद्धि हुई है?                                        (ग) यातायात पुलिस विभाग जबलपुर में स्‍वीकृत व पदस्‍थ स्‍टॉफ की क्‍या स्थिति है? सड़क दुर्घटनाओं को रोकने नियंत्रित करने हेतु आधुनिक कौन-कौन से संसाधन, मशीनरी व सुविधाएं नहीं है एवं क्‍यों? इसके लिये जिला प्रशासन व शासन ने क्‍या प्रयास किये है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने, नियंत्रित करने हेतु यातायात पुलिस जबलपुर के पास पर्याप्त संसाधन, मशीनरी व सुविधाऐं उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

भूजल संरक्षण

[नगरीय विकास एवं आवास]

25. ( क्र. 3820 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने वर्षाकालीन व भूजल के संरक्षण व इसको बचाने हेतु क्‍या योजना बनाई हैं? इसके लिये कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई है? बतलावें। वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें।                          (ख) प्रश्‍नांकित (क) में कहां-कहां पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम विकसित करने में किये गये हैं तथा इस पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई हैं तथा कहां-कहां पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम विकसित करने की क्‍या योजना है? इसकी अवधि व लागत क्‍या है? (ग) नगर निगम जबलपुर ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम को लेकर जनजागरूकता हेतु क्‍या प्रयास किये हैं? कितने आवासीय, सामाजिक भवनों, धार्मिक स्‍थलों के परिजनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम विकसित किये गये हैं? बतलावें। सूची दें। वर्ष 2020-21 की जानकारी दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा भू-जल संरक्षण हेतु निगम भवनों, स्‍कूलों एवं सामुदायिक भवनों आदि में 200 नग वॉटर हार्वेस्टिंग यूनिट लगाने की निविदा आमंत्रित कर कार्यादेश जारी किया गया हैं। नगर निगम जबलपुर द्वारा भवन निर्माण स्‍वीकृति के समय प्रत्‍येक भवन स्‍वामी से रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम लगाये जाने के लिये राशि जमा करायी जाना एवं सिस्‍टम लगाये जाने के पश्‍चात, भवन स्‍वामी को वापस किया जाना प्रावधानित हैं। भू-जल संरक्षण के लिये वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक वर्षवार बजट प्रावधान एवं व्‍यय की गयी राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '' अनुसार है। (ख) नगर निगम जबलपुर द्वारा 85 नग वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम विकसित किए गए हैं। अभी तक इस पर रू. 10.86 लाख राशि व्‍यय हुई है। स्‍थल सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '' अनुसार है। कार्य की लागत रूपये 93.01 लाख होकर 31 मार्च 2021 तक हैं। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

मोबाइल टॉवर के संबंध में

[गृह]

26. ( क्र. 3981 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन गृह विभाग के परिपत्र क्रमांक 987/753/10/दो/सी-1 भोपाल दिनाक 04.03.2010 द्वारा डिफेंस सेटेलाईट कंट्रोल सेंटर अयोध्‍या नगर के 1 कि.मी. की परिधि में सुरक्षा के दृष्टि से लगाये जाने वाले प्रतिबंध के संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही करने हेतु प्रमुख सचिव आवास एवं पर्यावास विभाग मंत्रालय भोपाल को निर्देशित किया गया है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग के आदेश क्रमांक एफ-3-7/2009/32 भोपाल दिनांक 05.12.2011 द्वारा डिफेंट सेटेलाटाईट कंट्रोल सेंटर को केन्‍द्र बिन्‍दु मानते हुये नियंत्रित क्षेत्र में जी प्‍लस 1 से अधिक ऊंचाई के नये निर्माण की अनुमति प्रदान नहीं करने का निर्देश जारी किया गया है? (ग) क्‍या अयोध्‍या नगर जी सेक्‍टर सेंट थामस स्‍कूल के पीछे घनी आबादी के बीच स्थित खेल मैदान/पार्क जहां विवादित टावर की स्‍थापना की गई डिफेंस सेटेलाईट कंट्रोल सेंटर अयोध्‍या नगर के 1 कि.मी. की परिधि में आता है? (घ) क्‍या गृह विभाग एवं नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपरोक्‍त आदेश/निर्देश विरुद्ध कलेक्‍टर कामताव भोपाल द्वारा अयोध्‍या नगर 'जी' सेक्‍टर सेंट थामस स्‍कूल के पीछे घनी आबादी के बीच में स्थित खेल मैदान में लगभग जी प्‍लस 5 से अधिक ऊंचा का टावर लगाने की अनुमति दी गई है? (ड.) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) हाँ तो नियम विरुद्ध टावर लगाने की दी गई अनुमति को संशोधित कर लोकहित नियमहित एवं न्‍यायहित में स्‍थापित किया गया लगभग 5 मीटर ऊँचा टावर पूर्व प्रस्‍तावित स्‍थल जोनल कार्यालय क्रमांक-16 नगर पालिक निगम भोपाल के रिक्‍त परिसर में स्‍थानांतरित करने की कार्यवाही की जावेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हां। (ग) मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा/इंटरनेट सेवा/अवसंरचना प्रदायताओं द्वारा वायर लाईन या वायरलेस आधारित वाई या डाटा पहुंच सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने हेतु नीति 2019 के अंतर्गत मोबाईल टॉवर अधोसंरचना निर्माण की अनुमति दी गई है। संरचना खेल मैदान के किनारे में है। अनुविभागीय अधिकारी गोविंदपुरा भोपाल के प्रतिवेदन दिनांक 12.03.2021 अनुसार टॉवर 01 कि.मी. की परिधि में है। (घ) उपरोक्त नीति के अंतर्गत खेल मैदान में टॉवर अधोसंरचना निर्माण करने की अनुज्ञा जारी नहीं की गई है। कंपनी द्वारा अनुज्ञा प्राप्त कर अधोसंरचना निर्माण उपरांत टॉवर लगाया गया है। संरचना खेल मैदान के किनारे में है। (ड.) शासन की नीति की कण्डिका 16 अंतर्गत अनुज्ञापन अधिकारी द्वारा मोबाईल टॉवर लगाने एवं टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्‍चर के संबंध में जनशिकायतों के निराकरण के लिए राज्य स्तरीय समिति के अनुमोदन उपरांत निर्धारित रीति अनुसार किसी भी संरचना एवं संनिर्माण को हटाने के लिए सशक्त होगा।

मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

27. ( क्र. 3999 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्‍तर्गत रायसेन जिले की किन-किन नगर पालिकाओं तथा नगर परिषदों में फरवरी 2021 की स्थिति में योजना का कार्य अपूर्ण है तथा क्‍यों? (ख) अनुबंध अनुसार उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण होना था? अनुबंध अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक ठेकेदार द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किये जा चुके है तथा उनको किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया?                 (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों में अनियमितता एवं गड़बडि़यों की किन-किन माध्‍यमों से शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) की योजनाओं का कार्य कब तक पूर्ण होगा तथा नागरिकों को कब से पानी मिलने लगेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रायसेन जिले की 11 नगरीय निकायों में से 08 नगरीय निकायों में मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजना क्रियान्वित की जा रही है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। रायसेन जिले में संचालित मुख्‍यमंत्री शहरी पेयजल योजना में से 04 योजनायें पूर्ण की जाकर पेयजल प्रदाय किया जा रहा है एवं शेष 04 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) नगरीय निकाय औबेदुल्‍लागंज, सुल्‍तानपुर एवं सिलवानी में शिकायत प्राप्‍त हुई थी, जिसमें नगर परिषद औबेदुल्‍लागंज द्वारा शिकायत का निराकरण कर दिया गया है। नगर परिषद सुल्‍तानपुर को दिनांक 17.02.2021 को शिकायत प्राप्‍त हुई है, जो परीक्षणाधीन है। नगर परिषद सिलवानी में शिकायत के परिप्रेक्ष्‍य में दिनांक 01.11.2020 से राशि रू. 10,000/- प्रतिदिन की पेनाल्‍टी अधिरोपित की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                  (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

होमगार्ड सैनिकों के संबंध में

[गृह]

28. ( क्र. 4214 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या होमगार्ड के सैनिकों को दिनांक 16.11.1967 से स्‍थाई करने के आदेश है व भर्ती नियम 1961 में क्‍या यह उल्‍लेख है कि एक विभाग में दो भर्ती के नियम हैं यदि नहीं, तो कुछ होमगार्ड को नियिमत कर दिया गया और कुछ नहीं क्‍यों और जो नियमित नहीं किये गये है उन्‍हें कब तक नियमित किया जायेगा। (ख) विभाग के अधिकारी कर्मचारी को पेंशन, ग्रेज्‍युटी, अवकाश का पैसा मिलता है जबकि होम गार्ड सैनिकों को क्‍यों नहीं दिया जाता है और यदि दिया जायेगा तो कब तक? (ग) क्‍या हाईकोर्ट के आदेश जिसमें कहा गया है कि पुलिस के आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक का वेतनमान होमगार्ड के आरक्षक व प्रधान आरक्षक को दिया जाय किन्‍तु प्रधान आरक्षक को वेतनमान नहीं दिया जा रहा है क्‍या यह सही है यदि हाँ, तो क्‍यों नहीं दिया जा रहा? (घ) पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं होमगार्ड के कर्मचारियों की सुविधाओं में क्‍या विसंगति है यदि हाँ, तो विसंगतियों को कब तक दूर किया जायेगा यदि नहीं, तो क्‍यों? (ड.) क्‍या होमगार्ड सैनिकों का फरवरी 2013 से 2017 तक डी.ए. का एरियर शेष है यदि हाँ, तो कब तक भुगतान किया जायेगा? (च) क्‍या होमगार्ड सैनिकों के वेतन निधि से कोई भवन बनाया जा रहा है यदि हाँ, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। भर्ती नियम-1961 नहीं है। किसी भी स्वयं सेवी होमगार्ड सैनिकों को नियमित नहीं किया गया है। (ख) म.प्र. सिविल सेवायें (पेंशन) नियम-1976 के अनुसार शासकीय सेवक के अर्हतादायी सेवा पूर्ण होने पर पेंशन, ग्रेज्युटी दिये जाने का प्रावधान है, किन्तु होमगार्ड जवानों के स्वयं सेवी होने के कारण उन्हें पेंशन, ग्रेज्युटी की पात्रता नहीं है। होमगार्डस जवानों के वेतन सहित अवकाश स्वीकृत के संबंध में होमगार्डस मुख्यालय के पत्र दिनांक 09.10.2013 में दिए गये प्रावधान अनुसार नगर सैनिक को 30 दिन की लगातार सेवा पूर्ण करने पर वेतन सहित 2-1/2 (ढाई दिन) अवकाश की पात्रता है तथा अधिकतम 90 दिनों का अवकाश जमा होने पर एक बार में 60 दिन की अवधि के लिये जिला सेनानी एवं 60 दिन से अधिक अवधि के लिये संभागीय सेनानी को वेतन सहित अवकाश स्वीकृत किए जाने हेतु प्राधिकृत किया गया है। (ग) स्वयं सेवी होमगार्ड सैनिकों के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 04.05.2016 के पालन में मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग के आदेश दिनांक 05.07.2017 द्वारा पुलिस विभाग के आरक्षक के न्यूनतम वेतन के समरूप मानवेतन का भुगतान किया जा रहा है तथा समय-समय पर शासन के निर्देशानुसार महगाई भत्ता की बढ़ोत्तरी की जाती है। उक्त शासनादेश में भोजन भत्ता के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। इसके अतिरिक्त रैंक वाइज स्वयं सेवी होमगार्ड सैनिक से स्वयं सेवी कम्पनी कमाण्डर तक रूपये-6/- प्रतिदिन की दर से प्रतिमाह मानवेतन के साथ भुगतान किया जाता है। (घ) पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं होमगार्ड के अधिकारी कर्मचारी की सुविधाओं में निम्नानुसार विसंगतियां हैं- पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी को पोष्टिक आहार भत्ता, विशेष पुलिस भत्ता, 13 माह का वेतन, 15 दिवस का विशेष अवकाश, स्वास्थ्य सुरक्षा के तहत 8 लाख तक प्रतिवर्ष उपचार, आवास सुविधा एवं परोपकार निधि (मृत्यु उपरांत) 01 लाख तक की राशि दिया जाता है। उक्त सुविधायें होमगार्ड के अधिकारी कर्मचारी को प्राप्त नहीं है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) जी नहीं।

 

किसानों को प्रदान रियायत

[ऊर्जा]

29. ( क्र. 4253 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) संचालन-संधारण वृत देवास के अन्‍तर्गत किसानों को कृषि कार्य हेतु विगत 02 वित्‍तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में माह जनवरी 2021 तक में कितने घंटे थ्री फेस पर औसत विद्युत प्रदाय किया जा रहा था कि माहवार जानकारी देवें? कृषि प्रयोजन हेतु विगत 02 वर्षों की विद्युत दरे बतावें? (ख) संचालन-संधारण संभाग कन्‍नौद के अन्‍तर्गत विगत 02 वित्‍तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में माह जनवरी 2021 तक कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं कितने नवीन विद्युत वितरण ट्रासफार्मर कृषि कार्य हेतु स्‍थापित किये गये की वर्षवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ग) संचालन-संधारण संभाग कन्‍नौद में कृषकों को अनुसूचित जाति/जनजाति,लघु/सीमांत के आधार पर कृषि पंप के देयकों में किस प्रकार की छूट प्रदाय की गई है। कृषकों के खराब/जले विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदलने की वर्तमान में क्‍या व्‍यवस्‍था है बतावें? (घ) देवास जिले में विगत 02 वित्‍तीय वर्ष (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में माह जनवरी 2021 तक विभिन्‍न योजनाओं में कृषि प्रयोजन हेतु कितने किलोमीटर 11 के.व्‍ही. लाइन कितने नग नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की स्‍थापना की गई की जानकारी संचालन-संधारण संभागवार बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण वृत्त देवास के अंतर्गत किसानों को कृषि कार्य हेतु विगत 02 वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) में एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह जनवरी 2021 तक थ्री फेस पर औसतन प्रति‍दिन विद्युत प्रदाय की अवधि की माहवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। कृषि प्रयोजन हेतु विगत दो वर्षों की विद्युत दरों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है।                                              (ख) संचालन-संधारण संभाग कन्नौद के अंतर्गत विगत 02 वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह जनवरी 2021 तक कृषि कार्य हेतु कुल 76 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई एवं कुल 687 नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये, जिनकी वर्षवार संख्यात्मक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                                    (ग) संचालन-संधारण संभाग कन्नौद में अनुसूचित जाति/जनजाति के 01 हेक्टेयर या 01 हेक्टेयर से कम कृषि भूमि एवं 5 अश्‍वशक्ति तक के स्वीकृत भार वाले कृषि पंप उपभोक्ताओं को उनके देयकों की संपूर्ण राशि की छूट प्रदान की जाती है तथा यह राशि राज्‍य शासन द्वारा अनुदान के रूप में सीधे म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को उपलब्‍ध कराई जाती है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुसार कृषि कार्य हेतु स्‍थापित जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितंबर तक) 07 दिवस के अंदर बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्‍थापना किये जाने का नियम है। कृषि कार्य हेतु स्‍थापित वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध कृषक उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर, उक्‍तानुसार उल्‍लेखित अवधि में ट्रांसफार्मर प्रा‍थमिकता के आधार पर बदल दिया जाता है। (घ) देवास जिले में विगत 02 वित्तीय वर्षों (2018-19 एवं 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह जनवरी 2021 तक विभिन्न योजनाओं में कृषि प्रयोजन हेतु स्थापित 11 के.व्ही. लाईनों एवं नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की संचालन-संधारण संभागवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

अमरकंटक ताप विद्युत गृह के श्रमिकों का भुगतान

[ऊर्जा]

30. ( क्र. 4265 ) श्री सुनील सराफ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह जिला-अनूपपुर म.प्र. के अधीक्षण अभियंता सेवाऐं के अंतर्गत सी.एच.पी. पार्ट-2 ऑपरेशन में 6-07-2020 से 19-10-2020 तक अवधि की अल्‍पकालीन निविदा में सेवा शर्तों का पालन नहीं किया गया क्‍यों? (ख) क्‍या कारण है कि मेसर्स जी.एस. कंस्‍ट्रक्‍शन द्वारा किसी भी ठेका श्रमिक को सेफ्टी प्रदान नहीं की गई? 15 अगस्‍त, 2020 के दिन कार्य पर न आने पर भी भुगतान की पात्रता रहती है फिर भी श्रमिकों को इस दिवस का भुगतान नहीं किया गया क्‍यों? (ग) इस फर्म को किये समस्‍त भुगतानों की जानकारी तिथिवार देवें? (घ) इन्‍हें किये भुगतान में कितना T.D.S. काटा गया की जानकारी भुगतानवार देवें। यदि T.D.S. नहीं काटा गया तो इसका कारण बतावें। ऐसा करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु प्लांट को सुचारू रूप से संचालित करने के लिये दिनांक 06/07/2020 से नहीं अपितु दिनांक 06/09/2020 से 19/10/2020 तक की अवधि हेतु अल्पकालीन निविदायें सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के साथ एवं नियमों के पालन के साथ जारी की गई थी। निविदा चयन प्रक्रिया में प्रस्‍ताव के सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदन के पश्चात निविदायें आमंत्रित की गयी तथा सेवा शर्तों का पालन करते हुये न्‍यूनतम दरों वाली फर्म को कार्यादेश जारी किया गया। (ख) उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में मेसर्स जी.एस. कंस्ट्रक्शन को 06/09/2020 से 19/10/2020 तक जारी कार्यादेशों की अवधि काफी कम थी, जिससे फर्म द्वारा सुरक्षा उपकरण प्रदान नहीं किये गये थे। अत: उक्‍त फर्म को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। इकाई के वार्षिक रखरखाव (दिनांक 23/07/2020 से दिनांक 20/08/2020) के दृष्टिगत उक्‍त फर्म को 06 कुशल एवं 09 अर्द्धकुशल श्रमिक लगाने हेतु निर्देशित किया गया था। इन सभी 15 श्रमिकों को कार्यादेश के अनुसार 15 अगस्त 2020 का भुगतान किया गया है। (ग) मेसर्स जी.एस. कंस्‍ट्रक्‍शन को सी.एच.पी. 2 ऑपरेशन में दिनांक 06/07/2020 से दिनांक 19/10/2020 तक की अवधि में कार्यादेशों के विरूद्ध पारित किये गये देयकों का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मेसर्स जी.एस. कंस्ट्रक्शन को प्रश्‍नाधीन कार्यादेशों के तहत किये गये समस्‍त भुगतान तथा टी.डी.एस. कटौती, की जानकारी उत्‍तरांश (ग) के परिशिष्‍ट अनुसार है। नियमानुसार टी.डी.एस कटौती होने के परिप्रेक्ष्‍य में किसी कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता है।

परिशिष्ट - "उन्चास"

निविदा में नियमों का पालन

[ऊर्जा]

31. ( क्र. 4266 ) श्री सुनील सराफ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला-अनूपपुर के अधीक्षण अभियंता सेवाओं के अंतर्गत सी.एच.पी. पार्ट-2 के आपरेशन में 20-10-2020 से 15-12-2020 अवधि की अल्‍पकालीन निविदा के चयन में नियमों का पालन क्‍यों नहीं किया गया? पूरी चयन प्रक्रिया की जानकारी देवें। (ख) क्‍या कारण है कि मे. एम.के. ट्रेडर्स द्वारा श्रमिकों को सेफ्टी प्रदान नहीं की गई? (ग) इनके द्वारा दीपावली व गुरूनानक जयंती के अवकाश का श्रमिकों को भुगतान नहीं किया गया है क्‍यों? यह भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? समय-सीमा देवें? (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार फर्म को किए समस्‍त भुगतानों की तिथिवार जानकारी देवें। कितना T.D.S. काटा गया इसकी जानकारी भुगतानवार देवें। यदि T.D.S. नहीं काटा गया तो ऐसा करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिये उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई, जिला अनूपपुर के अधीक्षण अभियंता सेवाऐं के अंतर्गत सी.एच.पी. पार्ट-2 के सुचारू संचालन हेतु दिनांक 20/10/2020 से 15/12/2020 की अवधि के लिए अल्‍पकालीन निविदायें सक्षम प्राधिकारी की स्‍वीकृति एवं नियमानुसार जारी की गई थी। सक्षम अधिकारी के अनुमोदन से आमंत्रित की गयी निविदाओं में न्‍यूनतम दरों के आधार पर कार्यादेश जारी कर चयन प्रक्रिया संपादित की गई।                                 (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स कैम्‍प चचाई द्वारा दिनांक 20/10/2020 से 15/12/2020 की अल्‍प अवधि के लिये जारी कार्यादेश में श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण प्रदान नहीं किये जा सके, जबकि उन्‍होंने श्रमिकों का बीमा करवाया था। मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स द्वारा उक्‍त आदेशों के विरूद्ध श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण प्रदान नहीं किये गए, अत: उन्‍हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है। (ग) मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स कैम्‍प चचाई द्वारा सभी श्रमिकों को दीपावली एवं गुरूनानक जयंती के अवकाश का भुगतान दिनांक 16/02/2021 को कर दिया गया है। शेष प्रश्‍न लागू नहीं होता है। (घ) मेसर्स एम.के. ट्रेडर्स कैम्‍प चचाई को प्रश्‍नाधीन अवधि में किये गये समस्‍त भुगतान एवं टी.डी.एस. कटौती की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

देयक क्रमांक

दिनांक

कुल राशि (रू.)

टीडीएस

शुद्ध राशि

देयक पारित दिनांक

1.

37

03/11/2020

1,99,184

1688

197496

02/02/2021

2.

39

20/11/2020

1,97,296

1672

195624

25/02/2021

3.

40

01/12/2020

1,97,296

1672

195624

25/02/2021

4.

45

20/12/2020

1,99,921

1695

198226

25/02/2021

टी.डी.एस. कटौती नियमानुसार होने के परिप्रेक्ष्‍य में किसी पर कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता है।

कोल इंडिया को देय राशि का विवरण

[ऊर्जा]

32. ( क्र. 4425 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप विद्युत गृहवार कोयले की ग्रेड घटने या बढ़ने से मिलने वाली राशि या कोल इंडिया को देय राशि का विवरण ताप विद्युत गृह का नाम वर्ष                               2016-17 से वर्ष 2020-21 के वित्‍तीय वर्ष अनुसार प्रतिमाह प्राप्‍त कोयला मेट्रिक टन, ग्रेडवार मेट्रिक कितनी अधिक राशि कोल इंडिया से लेना या देना है, आदि की जानकारी दें। (ख) कोल इंडिया से कुल कितनी राशि लेना है या कोल इंडिया को कितनी राशि देना है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मध्‍य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के सभी ताप विद्युत गृहों में प्राप्‍त कोयला, ग्रेड घटने या बढ़ने से मिलने वाली राशि या कोल इंडिया लिमिटेड को देय राशि का विवरण ताप विद्युत गृहवार माहवार/वर्षवार वित्‍तीय वर्ष 2016-17 से वित्‍तीय वर्ष 2020-2021 (जनवरी तक) की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्‍य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों को कोल इंडिया लिमिटेड से कुल कितनी राशि लेना है एवं कुल कितनी राशि देना है का विवरण जनवरी 2021 की स्थिति में निम्‍नानुसार है :-

क्र.

ताप विद्युत गृह

कम ग्रेड का कोयला प्राप्‍त होने पर कोल इंडिया से किये गये दावों के विरूद्ध बची हुई अप्राप्‍त राशि जो कोल इंडिया से लेना है। (रू.)

अधिक ग्रेड का कोयला प्राप्‍त होने पर कोल इंडिया द्वारा मांगी गई राशि के विरूद्ध बची हुई राशि जो कोल इंडिया को देना है। (रू.)

1

अमरकंटक ता.वि.गृ. चचाई

38,74,88,154.00

00.00

2

संजय गांधी ता.वि.गृ. बिरसिंहपुर

335,95,06,076.00

00.00

3

सतपुड़ा ता. वि. गृ. सारनी

45,16,14,184.00

60,33,34,631.00

4

श्री सिंगाजी ता. वि. गृ. खंण्‍डवा

103,47,37,317.00

9,80,28,851.00

उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त, दिनांक 03.03.2021 की स्थिति में मध्‍य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा क्रय किये गये कोयले हेतु रू.1,037/- करोड़ का भुगतान कोल इंडिया लिमिटेड को देना शेष है, जो कि फंड की कमी के कारण नहीं किया जा सका है।

कंपनी द्वारा कार्य का प्रारंभ

[ऊर्जा]

33. ( क्र. 4426 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या vyamtechnoligy प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कार्य करने हेतु 40 करोड़ रूपये के आदेश दिये गये थे? क्‍या कंपनी ने कार्य प्रारंभ कर दिया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍यों?                                          (ख) प्रश्‍नांकित कंपनी ने कार्य प्रारंभ नहीं किया तो क्‍या वर्तमान एम.डी. जो बतौर वरिष्‍ठ लेखाधिकारी कार्य देख रहे है उनके गैर जिम्‍मेदाराना कार्य के लिए विभाग क्‍या कार्यवाही करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मध्‍य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा मेसर्स व्‍यामटेक प्रायवेट लिमिटेड को संपूर्ण एम.आई.एस. के कार्य करने हेतु अनुबंधित किया गया था। जिसकी अनुबंध राशि 37.93 करोड़ थी। जी हाँ। कंपनी द्वारा दिनांक 12.03.2012 को अनुबंध निष्‍पादन के उपरांत कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं। (ख) जी नहीं, मेसर्स व्‍यामटेक प्रायवेट लिमिटेड द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। यह कार्य 10 माह की अवधि में पूर्ण किया जाना था तथापि वे 29 माह उपरान्‍त भी कार्य पूर्ण करने में असफल रहे। उक्‍त के दृष्टिगत म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्यादेश को निरस्‍त किया गया तथा मेसर्स व्‍यामटेक द्वारा दी गई प्रतिभूति राशि को राजसात किया गया। मेसर्स व्‍यामटेक द्वारा प्रकरण में न्‍यायालय एवं मध्‍यस्‍थता अभिकरण में वाद दायर किए गए जिनमें मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के पक्ष सही पाए गए। अनुबंधित कंपनी की अक्षमता एवं अकर्मण्‍यता के कारण अनुबंध रद्द किया गया है। अत: किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं है।

गुना नगर में सीवर लाइन के कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

34. ( क्र. 4436 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना नगर में सीवर लाइन के कार्य की समय-सीमा क्‍या थी? यह कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? (ख) सड़क खुदाई उपरांत खुली छोड़ दी जाती है जिससे दुर्घटना हो रही है जबकि नियमानुसार इसे अगले कार्य दिवस में ही फिलिंग करना होता है? (ग) प्रश्नांश (ख) में लेट लतीफी को जिम्‍मेदार अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) गुना शहर में सीवर लाईन की समय-सीमा कार्यादेश से 24 माह थी जो कि दिनांक 20.11.2018 को समाप्‍त हो चुकी है। यह कार्य दिनांक 31.03.2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षि‍त है। (ख) सड़क खुदाई उपरांत सीवर पाईप लाईन डालने के पश्‍चात तत्‍काल सड़क को आवागमन योग्‍य कर दिया जाता है। शहर में पाईप लाईन खुदाई के कारण कोई दुर्घटना नहीं हुई है। (ग) विलंब के लिए ठेकेदार पर पेनाल्‍टी का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सहायक प्राध्‍यापकों को वरिष्‍ठ वेतनमान का लाभ

[उच्च शिक्षा]

35. ( क्र. 4445 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के शासकीय महाविद्यालयों में कितने महाविद्यालय ऐसे हैं जिनमें स्‍थायी प्राचार्य हैं? (ख) कितने महाविद्यालय ऐसे हैं जिसमें वरिष्‍ठतम प्राध्‍यापक के पास प्राचार्य का प्रभार है?                                          (ग) कितने महाविद्यालय ऐसे हैं जिसमें कनिष्‍ठ प्राध्‍यापक को चार्ज दिया है और क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 31 महाविद्यालय। (ख) 370 महाविद्यालय। (ग) 55 महाविद्यालय हैं। वरिष्‍ठ प्राध्यापकों की शिकायतों, स्‍वास्‍थ्‍य कारणों, विभागीय जाँच तथा प्रशासकीय व्‍यवस्‍थाओं के सुचारू संचालन के परिप्रेक्ष्‍य में कनिष्‍ठ प्राध्‍यापकों को प्रभार दिया गया है।

 

अवैध तरीके से अधिक विद्युत देयक का प्रदान

[ऊर्जा]

36. ( क्र. 4450 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने किसानों को कृषि पम्प हेतु कितने-कितने एच.पी. के विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं? वितरण केन्द्रवार, ग्रामवार हितग्राही की संख्‍या एवं उनको प्रदाय एच.पी. कनेक्शन की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने किसानों को कृषि विद्युत पम्पों के कनेक्शन का लोड 3एच.पी. से 5एच.पी., 5एच.पी. से 7.5एच.पी., 7.5एच.पी. से 10एच.पी. तथा अन्य एच.पी. का लोड बढ़ाया गया है? लोड नापने वाले अधिकारी का नाम, दिनांक तथा हितग्राही के कितने एच.पी. के लोड को कितने एच.पी. का लोड किया गया है, की जानकारी केन्द्रवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार संख्‍यावार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार हितग्राही का एच.पी. लोड नापने हेतु किस-किस वितरण केन्द्र को किलोवॉट मीटर मशीन कब-कब प्रदाय की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार विभागीय अधिकारियों के द्वारा कृषि पम्पों के लोड नापने हेतु अवैध तरीके से क्लेम मीटर का उपयोग कर कितने किसानों के कृषि कनेक्शनों का एच.पी. बढ़ाया गया है? जिससे की किसानों से अवैध तरीके से बढ़ाये गये देयक से अधिक राशि जमा कराई जा सके तथा शासन स्तर से भी मिलने वाली सब्सीडी की राशि ले सके? क्या उक्त सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक 12369 किसानों को कृषि पम्प हेतु नवीन विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गए हैं, जिनकी वितरण केन्द्रवार, ग्रामवार हितग्राही की संख्या एवं विद्युत भार सहित प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में प्रश्‍नाधीन अवधि में निरीक्षण के उपरांत पाये गये उपभोक्‍ता के वास्‍तविक संबद्ध भार के अनुरूप एवं उपभोक्‍ता द्वारा दी गई टेस्‍ट रिपोर्ट के आधार पर 4671 किसानों के विद्युत पम्पों के कनेक्शन का लोड 3 एच.पी. से 5 एच.पी., 5 एच.पी. से 7.5 एच. पी., 7.5 एच.पी. से 10 एच.पी. तथा अन्य एच.पी. का लोड बढ़ाया गया है। लोड नापने वाले अधिकारी के नाम सहित ऐसे प्रकरणों की प्रश्‍नाधीन चाही गई वितरण केन्द्रवार, ग्रामवार, हितग्राहीवार, दिनांकवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार हितग्राही का विद्युत भार मापने हेतु टाँग टेस्टर (किलोवाट मीटर नहीं) दिनांक 18.09.2013 से वितरण केन्द्र सारंगपुर, पाड़ल्यामाता, मऊ, पचोर, खुजनेर एवं छापीहेड़ा में उपलब्ध है। (घ) निरीक्षण के उपरान्‍त पाये गये वास्‍तविक संबद्ध भार के आधार पर या आवेदक द्वारा दी गई टेस्‍ट रिपोर्ट के आधार पर ही बिल दिये जा रहे हैं। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

विशाल पदयात्रा के आयोजन में प्रशासन की अनदेखी

[गृह]

37. ( क्र. 4483 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) क्‍या पांढुरणा से जामसावली हनुमान मंदिर के लिये विशाल पदयात्रा का आयोजन होता है। इस वर्ष भी कोविड-19 के चलते पदयात्रा सांकेतिक रूप कोरोना के नियमों का पालन करते हुये पदयात्रा आयोजित होना था, जिसकी प्रशासन को विधिवत सूचना कर दी गई थी परंतु प्रशासन के द्वारा आयोजक समिति को बिना सूचना दिये सार्वजनिक रूप से पदयात्रा को रोकने का प्रयास किया गया। यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) प्रशासन के जिम्‍मेदार अधिकारियों पर सख्‍त कार्यवाही करेंगे?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पांढुरना से जामसावली हनुमान मंदिर के लिए पदयात्रा का आयोजन होता रहा है। पदयात्रा को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया बल्कि इस वर्ष कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने हेतु आम नागरिकों में जागरूकता के लिए सामाजिक दूरी बनाये रखने, मास्‍क पहनने, बार-बार हाथ धोने तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के संबंध में नगर में मुनादी कराई गई थी। पदयात्रा समिति द्वारा सांकेतिक रूप से पदयात्रा भी निकाली गई थी। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार कोई प्रशासनिक अधिकारी जिम्‍मेदार नहीं है।

संविदा कर्मचारियों का नियमितिकरण

[ऊर्जा]

38. ( क्र. 4577 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत वितरण कंपनी संविदा भर्ती नियम 2018 के अनुसार नवीन नियमित भर्ती में सहायक अभियंता संविदा को 25 प्रतिशत सीट आरक्षित कर पश्चिम क्षेत्र इन्दौर एवं मध्य क्षेत्र भोपाल द्वारा परीक्षा आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो इसके परिणाम आज दिनांक तक घोषित न किये जाने का क्या कारण है? जबकि इसी प्रावधान के तहत संविदा लाईन कर्मचारियों, संविदा परीक्षण सहायकों, संविदा कनिष्ट अभियंता एवं संविदा प्रोग्रामर को नियमित किया जा चुका है? क्या शासन रोके गये परीक्षा परिणामों को शीघ्र घोषित कराये जाने हेतु कार्यवाही करेगा तथा कब तक?                      (ख) क्या उक्त परीक्षा परिणाम का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस हेतु विभाग द्वारा इसके निराकरण हेतु कब -कब तथा क्या-क्या कदम उठाये गये?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर अन्‍तर्गत भर्ती प्रक्रिया पर माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ, इंदौर द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 21412/2018 में आदेश दिनांक 05.10.2018 के माध्यम से आगामी आदेश तक रोक लगायी गई है। इसी प्रकार म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल अंतर्गत भर्ती प्रक्रिया पर माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 13349/2018 में आदेश दिनांक 27.06.2018 के द्वारा याचिका के अंतिम निराकरण होने तक परिणाम घोषित किये जाने हेतु स्थगन आदेश जारी किया गया है। म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर द्वारा वर्ष 2018 में लाईन परिचारक (वितरण) एवं कनिष्‍ठ यंत्री (वितरण) की सीधी भर्ती की गई थी जिसमें कोई वैधानिक बाधा उत्‍पन्‍न नहीं होने के कारण नियुक्तियां प्रदान की गई थी। म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल द्वारा परीक्षण सहायक एवं कनिष्‍ठ यंत्री की नियमित भर्ती हेतु पृथक से विज्ञापन प्रकाशित किया गया था जिसमें कोई भी वैधानिक बाधा उत्‍पन्‍न नहीं होने के कारण नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी हैं। म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर में उक्त याचिका माह फरवरी 2020 में माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ, इंदौर से मुख्य पीठ जबलपुर में स्थानांतरित हो चुकी है तथा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में विचाराधीन है तथा कोविड-19 के कारण माननीय उच्च न्यायालय में फिजिकली सुनवाई नहीं होने से याचिका में सुनवाई नहीं हो रही है। उल्लेखनीय है कि रिट याचिका क्रमांक 21412/2018 में कंपनी तथा विभाग की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत किया जा चुका है साथ ही स्टे आर्डर वेकेट किये जाने के संबंध में भी आवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। इसी प्रकार म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के अंतर्गत माननीय उच्च न्‍यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक 13349/2018 में कंपनी की ओर से नियुक्त अधिवक्ता द्वारा दिनांक 25.08.2018 को वकालत नामा प्रस्तुत किया जाकर दिनांक 09.01.2019 को कंपनी के पक्ष में जवाब दावा प्रस्तुत किया गया है, प्रकरण आज पर्यन्त माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

प्रभार शुल्क लागू किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

39. ( क्र. 4617 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. की नगर निगमों, नगर पालिकाओं व नगर परिषदो में उपभोक्ता जल प्रभार एवं उपभोक्ता स्वच्छता प्रभार शुल्क लागू किया जा रहा है? (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) अनुसार उपभोक्ता जल प्रभार शुल्क नगर में पेयजल नल कनेक्शनधारियों से एवं स्वच्छता प्रभार शुल्क मकान मालिकों/सम्पति धारकों से वसूल किया जावेगा? या किसी अन्य से? (ग) प्रश्नांश दिनांक तक रतलाम जिले अन्‍तर्गत की किन-किन नगर निगम, नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदो द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार उपभोक्ता जल प्रभार शुल्क एवं उपभोक्ता स्वच्छता प्रभार शुल्क लागू करने हेतु प्रतिमाह दोनों का कितना-कितना प्रस्तावित किया गया है। सूची उपलब्ध करावें। वर्तमान में निकायों में जलकर व स्वच्छता कर की प्रतिमाह प्रत्येक नल व प्रत्येक घर पर कितनी-कितनी दर से राशि वसूल की जा रही है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) में दिया गया उपभोक्ता प्रभार शुल्क किस आधार पर निर्धारित किया गया है, क्या इसके लिए कोई रोस्टर तैयार किया गया है यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश '''' में उल्लेखित उपभोक्ता प्रभार शुल्क संबंधित सेवा पर उपगत वार्षिक व्यय के आधार पर मध्यप्रदेश नगर पालिका (जलप्रदायमल-जल तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं के लिये उपभोक्ता प्रभार) नियम, 2020 के अनुसार निर्धारित किया गया है। इसके लिये कोई रोस्टर तैयार नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पचास"

अधिकारी/कर्मचारी की पदवार संख्‍या

[गृह]

40. ( क्र. 4666 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के अधीन कितने विभाग हैं विभागीय पद संरचनानुसार गृह विभाग अंतर्गत कितने-कितने पद किस-किस संवर्ग के स्‍वीकृत किये गये थे? विभागीय संवर्ग स्‍वीकृत पदवार समाप्‍त किये गये पदवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्‍वीकृत पदों में से कितने-कितने पद रिक्‍त हैं और कब से? संवर्ग श्रेणीवार वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में रिक्‍त पदों में से कितने-कितने किस संवर्ग के पद भरे गये? विभागवार वर्षवार बताये नहीं भरे गये तो क्‍यों कारण बतायें। भरे जायेंगे तो कब तक? पद नहीं भरे जाने पर जवाबदारी किसकी है? (घ) क्‍या प्रश्नांश (ख) रिक्‍त पदों को भरने के लिए समयावधि निश्चित है? नहीं तो क्‍यों? कारण बतायें। नहीं तो रिक्‍त पदों का भरने के लिए समय अवधि का नियम है या बनाया जायेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विद्यानगर फेस 3 का डायवर्सन

[नगरीय विकास एवं आवास]

41. ( क्र. 4676 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल विकास प्राधिकरण ने विद्यानगर फेस 3 का बिना डायवर्सन, एन.ओ.सी. आवंटन कराये टी.एन.सी.पी. से नक्‍शा अनुमोदित कराया था? यदि हाँ, तो इस नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिए कौन दोषी है? (ख) विद्यानगर फेस 2 और फेस 3 में निजी किसानों, भू-स्‍वामियों से भूमि लेकर विकास शुल्‍क के लिये क्‍या अलग-अलग प्रकार से कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्‍या यह प्रक्रिया नियम संगत थी? यदि नहीं, तो पृथक-पृथक नीति बना के फेस 2 से विकास शुल्‍क लेने के और फेस 3 से नहीं लेने के लिये कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (ख) परिप्रेक्ष्‍य में विद्यानगर फेस 3 होशंगाबाद रोड में प्‍लाट नं 14, 15 एवं 16 किनके नाम पर आवंटित हुआ? क्‍या उपरोक्‍त प्‍लॉट नंबरों पर भोपाल विकास प्राधिकरण के अधिकारियों पर जबरन कब्‍जा कराए जाने संबंधी शिकायत प्राप्‍त हुई थी? यदि हाँ, तो उन अधिकारियों के नाम बताएं एवं उन पर प्रश्‍न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (घ) जिन प्‍लाट धारकों से योजना के अंतर्गत अनुबंध किया गया एवं उक्‍त प्‍लाट धारकों से भूमि के बदले विकास शुल्‍क के रूप में अग्रिम भुगतान लिये जाने के बावजूद समय-सीमा में कॉलोनी का डेवलपमेंट नहीं होने पर उनको आज दिनांक तक कितना ब्‍याज या गया।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। विद्या नगर चरण-3 योजना का अभिन्यास म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 धारा-28 सहपठित धारा-27 के अंतर्गत नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा अनुमोदित किया गया है। म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 धारा-50 के अंतर्गत अधिसूचित योजना में निहित भूमि के अर्जन की प्रकिया तथा उसका डायवर्सन नगर तथा ग्राम निवेश से अभिन्यास अनुमोदन के पश्चात की जा सकती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हां। जी हां। यह प्रक्रिया प्राधिकारी मण्डल द्वारा विद्या नगर चरण-2 एवं विद्या नगर चरण-3 के भू-स्वामियों से पृथक-पृथक सहमति प्राप्त कर आपसी करार से अनुबंध निष्पादन की कार्यवाही की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विद्या नगर चरण-3, योजना होशंगाबाद रोड पर भूखण्ड कमांक-14, 15, 16 की आवंटन सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त प्लाट नम्बरों पर प्राधिकरण के अधिकारियों पर जबरन कब्जा कराये जाने संबंधी कोई शिकायत कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विद्या नगर चरण-3, योजना में भूखण्ड धारकों से अनुबंध किया जाकर भूमि के बदले में विकास शुल्क के रूप में कोई भी राशि अग्रिम के रूप में नहीं ली गई है। चूंकि भूखण्ड धारकों से कोई भी धन राशि प्राप्त नहीं की गई है। अतः किसी भी प्रकार का ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है।

परिशिष्ट - "इक्यावन"

राजधानी परियोजना द्वारा पार्कों के रखरखाव

[नगरीय विकास एवं आवास]

42. ( क्र. 4677 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल मध्‍य विधानसभा क्षेत्र के अरेरा कॉलोनी ई-1 से ई-6 तक के किन-किन पार्कों का रखरखाव राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में पार्कों के रखरखाव की अनुमति प्रमुख सचिव नगरीय आवास एवं विकास से ली गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराएं। यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा माह अप्रैल 2020 से माह दिसम्‍बर 2020 तक नरेला, गोविन्‍दपुरा एवं हुजूर विधानसभा क्षेत्रों के लिए आमंत्रित की गई निविदाओं की प्रशासनिक स्‍वीकृति प्रति उपलब्‍ध कराएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा ई-1 से ई-6 तक पार्कों का रख-रखाव किया जाता है, जो निम्नानुसार हैः-1. ई-2 नर्सरी, 2. ई-5, अरेरा कॉलोनी स्थित पार्क (पार्क क्र.-1), 3. ई-5, अरेरा कॉलोनी स्थित पार्क (पार्क क्र.-2), 4. गणेश मंदिर के पास का पार्क, 5. पार्क क्रमांक-1, पार्क क्रमांक-2, पार्क क्रमांक-3, 6. ई-1 पार्क का रख रखाव किया जाता है। (ख) जी हाँ, स्वीकृति की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ग) कोई प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है।

परिशिष्ट - "बावन"

घटिया निर्माण कार्यों की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

43. ( क्र. 4681 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर निगम मुरैना को वर्ष 2017-18 से 31 दिसम्‍बर 2020 तक प्राप्‍त बजट एवं निर्माण कार्यों की जानकारी देने बावत आयुक्‍त नगर निगम मुरैना को प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 40, दिनांक 17/12/2020 एवं 132, दिनांक 25/01/2021 दिये? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक जानकारी क्‍यों नहीं दी गई? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? क्‍या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?                             (ख) नगर निगम मुरैना को वर्ष 2017-18 से 31 दिसम्‍बर 2020 तक शासन से कितना बजट                           कब-कब प्राप्‍त हुआ तथा इस अवधि में कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस योजना से कहां-कहां पर स्‍वीकृत कराकर पूर्ण करायें गये और कौन-कौन से अपूर्ण है एवं इनकी निर्माण एजेंसी कौन-कौन हैं? इन सभी निर्माण कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति कितनी-कितनी राशि की है तथा इन कार्यों का किस-किस उपयंत्री ने किस आधार पर मूल्‍यांकन किया एवं कार्यों की भौतिक स्थिति क्‍या हैं? वर्षवार, कार्यवार जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस ठेकेदार/निर्माण एजेंसी को किस आधार पर कितना-कितना भुगतान किया गया तथा कितने ठेकेदार/निर्माण एजेंसी के भुगतान शेष हैं उनका भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (घ) क्‍या प्रश्नांश (ख) किये गये कार्यों की जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो किससे, कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) पत्र क्रमांक 40, दिनांक 17/12/2020 प्राप्त हुआ है, पत्र क्रमांक 132, दिनांक 25/01/2021 प्राप्त नहीं हुआ है। चाही गई जानकारी निर्माण, जलप्रदाय, स्थापना, स्टोर, वर्कशाप, विद्युत, स्वास्थ्य, लेखा एवं वित्त आदि शाखाओं से संबंधित एवं वृहद स्वरूप की होने से संकलित करने में विलंब हो रहा है, जानकारी संकलित की जा रही है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) बजट की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। 172 ठेकेदार/निर्माण ऐजेंसी के भुगतान शेष हैं, निकाय में उपलब्ध राशि अनुसार भुगतान किया जा रहा है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) नगर पालिक निगम, मुरैना में नाला नम्बर 01 पर भूमिगत नाला निर्माण कार्य की शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच के लिए संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के आदेश क्रमांक 1341, दिनांक 11-02-2021 द्वारा जाँच समिति गठित की गई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नगर पालिका द्वारा गुणवत्ता विहिन कार्य करना

[नगरीय विकास एवं आवास]

44. ( क्र. 4702 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 19 नवम्बर 2020 को नगर पालिका परिषद् नागदा के विभिन्न निर्माण कार्यों का केन्द्रीय मंत्री गेहलोतजी, सांसद फिरोजियाजी व विधायक गुर्जर के आतिथ्य के साथ वार्ड क्रं. 18 के गली नं. 1,2,3,4,5 के डामरीकरण कार्य का भूमिपूजन हुआ था जिसके पश्चात ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया था एक गली में कार्य प्रारंभ करने के बाद ठेकेदार को किस आदेश के तहत काम करने से रोका गया? क्या वार्ड क्रं. 18 के रहवासियों द्वारा कोई शिकायत की गई थी? यदि नहीं, तो कार्य क्यों रोका गया? यदि हाँ, तो शिकायत का विवरण दें। रहवासी की शिकायत पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) न.पा. नागदा द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से यह अवगत कराया गया कि ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताविहिन कार्य किया जा रहा है? गुणवत्ताविहिन कार्य करने पर ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? नगर के अन्य वार्डों में भी ठेकेदार द्वारा घटिया डामरीकरण कार्य किया गया था? समाचार पत्रों में रहवासियों द्वारा घटिया डामरीकरण की शिकायत पर ठेकेदार के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण देवें। घटिया निर्माण कार्य करने पर ठेकेदार का भुगतान रोकने व पेनाल्टी लगाने की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भूमि पूजन 19 नवंबर 2020 को नहीं अपितु 19 दिसंबर 2020 को हुआ था। गली नं. 01 में कार्य करने के पश्‍चात मशीन में खराबी के कारण, ठेकेदार द्वारा स्‍वयं कार्य बंद कर दिया गया था, कार्य बंद करने हेतु निकाय द्वारा ठेकेदार को कोई आदेश नहीं दिया गया है। जी नहीं, अपितु समाचार पत्रों में गुणवत्‍ताहीन कार्य की शिकायत प्राप्‍त होने पर, निकाय द्वारा ठेकेदार को नोटिस दिया गया है। (ख) उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में निकाय के पत्र क्र. 972 दिनांक  04.02.2021 से, ठेकेदार को नोटिस दिया गया है। जी हाँ। निकाय के पत्र क्र. 195 दिनांक  08.01.2021 एवं पत्र क्र. 821 दिनांक  30.01.2021 से, ठेकेदार को नोटिस दिये गये हैं। समया‍वधि में कार्य पूर्ण न करने तथा गुणवत्‍ताविहीन कार्य करने के संबंध में, अनुबंध की शर्तों के अनुसार, कार्यवाही प्रचलित है। ठेकेदार को प्रश्‍नाधीन कार्य के विरूद्ध वर्तमान में कोई भुगतान नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

एम.आर.-10 रोड बनाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

45. ( क्र. 4703 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा सम्पूर्ण एमआर-10 रोड किस उद्देश्य को लेकर तथा किस मद के व्यय से कब निर्मित की गई थी? उसके एक भाग बायपास से रेडिसन चौराहे तक के हिस्से के निर्माण के वर्कआर्डर का विवरण तथा उस भाग के निर्माण पर हुए व्यय के प्रमाण प्रस्तुत करें। (ख) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश नियम 2012 के संशोधित नियम 19 के उप नियम 23 (बी) के तहत इंदौर विकास प्राधिकरण की (0-10 प्रतिशत) तक व्यय के प्रभावित समस्त योजनाओं की सूची तथा प्राधिकरण द्वारा उन योजनाओं पर किये गये व्यय की राशि को दर्शाते हुए प्रस्तुत करें। (ग) इंदौर प्राधिकरण द्वारा अपने संकल्प क्रमांक 55 दिनांक 13/03/2020 से जो 5.84 करोड़ की राशि का व्यय योजना 171 पर संधारित किया है उस व्यय की सूची प्रस्तुत करें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा एम.आर.-10 मार्ग इन्दौर विकास योजना में प्रावधानित होने एवं विकास योजना का क्रियान्वयन करने के उद्देश्य से वर्ष 1977 से 2013 के मध्य विभिन्न चरणों में निर्मित की गई थी। इसका निर्माण योजना एवं गैर योजना मद से किया गया था। उसके एक भाग बायपास से रेडिसन चैराहे तक के हिस्से के निर्माण के वर्क आर्डर की छायाप्रति एवं निर्माण पर किये गये व्यय की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश नियम, 2012 के संशोधित नियम 19 के उप नियम 23 (बी) के तहत इन्दौर विकास प्राधिकरण की क्रियान्वित योजनाऐं (0-10 प्रतिशत) तक व्यय की सूची एवं प्राधिकरण द्वारा योजनाओं पर किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा अपने संकल्प क्रमांक-55 दिनांक 13.03.2020 द्वारा योजना क्रमांक 171 पर संधारित व्यय राशि रू. 5.84 करोड़ का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

नगर परिषद जोबट अन्तर्गत किये गये कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

46. ( क्र. 4806 ) सुश्री कलावती भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले की नगर परिषद जोबट में किन-किन स्थानों पर पेवर (ब्लाक) लगाये जाने हेतु नगर परिषद जोबट द्वारा निविदा जारी की गई थी? यदि हाँ तो निविदा में किस फर्म को पात्रता दी जाकर कार्य आदेश दिया गया था? निविदा संबंधी जानकारी देवें।                         (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पात्र फर्म को कार्य आदेश अनुसार कितनी लागत के पेवर (ब्लाक) और कितने समय में लगाने हेतु अनुबंध किया गया था? क्या संबंधित फर्म द्वारा अनुबंध में किये गये समय-सीमा में पेवर (ब्लाक) नहीं लगाये गयें है? यदि हाँ तो फर्म के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है। (ग) क्या फर्म द्वारा लगाये पेवर (ब्लाक) के सेम्पल प्रयोग शाला अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग इन्दौर को सैम्पल भेजे गये थे और दिनांक 30/08/19 को अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग इन्दौर द्वारा निर्धारित स्पेसिफिकेशन में सही क्वालिटी के नहीं होने से कार्य को तत्काल बन्द करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ तो इसके बाद भी फर्म द्वारा कार्य करवाया जाकर उसे पूर्ण राशि का भुगतान किया जा चुका है इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या निगम व शासन के निर्देशों के विरूद्ध कार्य कराये जाने वाले अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर परिषद जोवट द्वारा नगर के विभिन्न स्थानों पर पेवर ब्लॉक लगाने हेतु निविदा जारी की गई थी। ठेकेदार लक्ष्मण गोविन्द पाटीदार को कार्यादेश दिया गया। ऑनलाईन निविदा क्रमांक 62949 दिनांक 18.07.2018 से जारी की गई। (ख) ठेकेदार लक्ष्मण गोविन्द पाटीदार को लागत राशि रू. 25.91 लाख के कार्य निर्धारित समयावधि 06 माह में पूर्ण करने हेतु अनुबंध किया गया। जी नहीं, कार्य समयावधि पूर्ण हो गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उक्त कार्य की गुणवत्ता की जाँच एक्रोपोलिस इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी लैब इन्दौर से कराया जाकर प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर निकाय द्वारा भुगतान किये जाने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

मजरों एवं टोलों में विद्युतीकरण व्यवस्था

[ऊर्जा]

47. ( क्र. 4811 ) श्री मनोज चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मजरे एवं टोलों में विद्युतीकरण व्यवस्था हेतु शासन या केंद्र सरकार की कोई योजना है यदि हाँ, तो योजना से सम्बन्धित सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं।                                         (ख) विधानसभा क्षेत्र आलोट अंतर्गत आलोट एवम जावरा तहसील में मजरे टोलों में विद्युत व्यवस्था हेतु क्या विभाग द्वरा प्रस्ताव प्रेषित/तैयार किए गए हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराएं। (ग) विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने मजरे टोले हैं जिनमें विद्युतीकरण की वर्तमान में कोई व्यवस्था नहीं है सूची उपलब्ध कराएं। (घ) उक्त मजरों टोलों में विद्युत व्यवस्था शासन द्वारा कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, विद्युतीकरण कार्य हेतु वर्तमान में राज्‍य शासन अथवा केन्‍द्र शासन की कोई भी योजना प्रचलन में नहीं है। (ख) विधानसभा क्षेत्र आलोट के अंतर्गत आलोट एवं जावरा तहसील में समस्‍त राजस्‍व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य किया जा चुका है। अत: वर्तमान में अन्‍य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

पुलिस बल में कमी

[गृह]

48. ( क्र. 4829 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) प्रदेश में अंतिम बार पुलिस विभाग के निरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं आरक्षकों के पद पर कब भर्ती की गई थी, पृथक-पृथक पद संख्‍या एवं भर्ती वर्ष बताएं? (ख) वर्तमान में इन्‍दौर संभाग प्रत्‍येक जिले में स्‍वीकृत पुलिस बल की तुलना में कितना बल पुलिस थानों पर उपलब्‍ध हैं जिलेवार स्‍वीकृत बल एवं उपलब्‍ध बल की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) पुलिस बल की कमी के कारण अपराध नियंत्रण एवं कानून व्‍यवस्‍था की सुचारू स्थिति निर्मित करने में क्‍या-क्‍या कठिनाइयां विभाग को आ रही है बताएं क्‍या काम का अत्‍यधिक दबाव पुलिसकर्मियों को बीमार बना रहा है? (घ) क्‍या विभाग अतिशीघ्र पुलिस विभाग के रिक्‍त पदों को शीघ्र भरने की कार्यवाही करेगा।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस विभाग में सूबेदार/उप निरीक्षक संवर्ग की अंतिम बार भर्ती वर्ष 2017 में की गई थी, जिसमें 602 उम्‍मीदवार चयनित हुये थे। पुलिस विभाग में आरक्षकों की अंतिम बार भर्ती वर्ष 2017 में की गई थी, 14026 उम्‍मीदवार चयनित हुये थे। पुलिस विभाग में निरीक्षक की सीधी भर्ती नहीं की जाती है। (ख) वर्तमान में इंदौर संभाग के प्रत्‍येक जिले में पुलिस बल की स्‍वीकृत, उपलब्‍ध एवं रिक्‍त पदों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(ग) पुलिस बल की कमी भर्ती प्रक्रिया के माध्‍यम से पूर्ण की जाती है, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अपराध नियंत्रण एवं कानून व्‍यवस्‍था में कोई कठिनाई नहीं है। यह कहना सही नहीं है कि पुलिस बल की कमी के कारण अत्‍यधिक दबाव के कारण बीमार हो रहे है। (घ) आरक्षक स्‍तर पर शीघ्र रिक्‍त पदों को भरने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - "तिरेपन"

अखाड़ा में नवीन विद्युत ग्रीड स्‍वीकृत करना

[ऊर्जा]

49. ( क्र. 4835 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत ग्राम बाग में 132/33 के.व्‍ही. अति उच्‍चदाब उपकेन्‍द्र (रामपुरा-आगर) में एवं ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र स्‍थापित करना प्रस्‍तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो गंधवानी विधानसभा बाग ब्‍लाक में अखाड़ा में नवीन विद्युत ग्रीड की स्‍वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें? (ग) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी के अन्‍तर्गत विगत 02 वित्‍तीय वर्ष (2018-19 एवं 2019-20) में विभिन्‍न योजनाओं के अन्‍तर्गत 63 के.व्‍ही.ए.. एवं 100 के.व्‍ही.ए.. के कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये गये है वर्षवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें? (घ) गंधवानी विधानसभा अन्‍तर्गत बाग ब्‍लाक के किन ग्रामों में कम वोल्‍टेज की स्थिति बनी हुई है यदि हाँ, तो इस हेतु क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ प्रश्‍नाधीन स्‍थल पर 132 के.व्‍ही. अति उच्‍चदाब उपकेन्‍द्र का तकनीकी परीक्षण प्रक्रियाधीन है। ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र की स्‍थापना का प्रस्‍ताव तकनीकी रूप से साध्‍य पाया गया है। वित्‍तीय संसाधन उपलब्‍ध होने पर एवं इसी प्रकार के अन्‍य कार्यों की वरीयता के दृष्टिगत कार्य को स्‍वीकृत किया जा सकेगा।                                 (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार निश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं। (ग) धार जिले के अंतर्गत मध्‍यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संचालन-संधारण संभाग कुक्षी के अंतर्गत विभिन्‍न योजनाओं के अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2018-19 में 63 के.व्‍ही.ए.. के 19 एवं 100 के.व्‍ही.ए. के 21 तथा वित्‍तीय वर्ष 2019-20 में 63 के.व्‍ही.ए. के 10 एवं 100 के.व्‍ही.ए. के 35 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये गये है। (घ) गंधवानी विधानसभा अंतर्गत बाग ब्‍लाक के 31 ग्रामों में विद्युत वोल्‍टेज की समस्‍या है। ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। निराकरण हेतु 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र बाग से निर्गमित 11 के.व्‍ही. टकारी सिंचाई फीडर, जिस पर कम विद्युत वोल्‍टेज की समस्‍या वाले 8 ग्राम हैं, के विभक्तिकरण हेतु प्रस्‍ताव को तकनीकी रूप से साध्‍य पाया गया है। वित्‍तीय संसाधन उपलब्‍ध होने पर एवं इसी प्रकार के अन्‍य कार्यों की वरीयता के दृष्टिगत इस कार्य को स्‍वीकृत किया जा सकेगा। शेष 23 ग्रामों में कम वोल्‍टेज की समस्‍या के निराकरण हेतु प्रस्‍ताव तैयार किये जा रहे हैं। उक्‍त प्रस्‍तावों के तकनीकी परीक्षण के उपरांत साध्‍य पाये जाने पर तदानुसार कार्यवाही की जायेगी।

परिशिष्ट - "चउवन"

विद्युतविहीन ग्रामों में विद्युत सप्‍लाई

[ऊर्जा]

50. ( क्र. 4849 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम है जो आज दिनांक तक विद्युतविहीन है? सूची उपलब्‍ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन ग्रामों में कंपनी अथवा विभाग कब तक विद्युत सप्‍लाई का कार्य पूर्ण होगा? (ग) विद्युतविहीन ग्रामों में विद्युत पहुंचाने की क्‍या-क्‍या कार्य योजना है और उस कार्ययोजना पर कब तक अमल हो जावेगा जानकारी उपलब्‍ध करावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ के अंतर्गत समस्‍त राजस्‍व ग्राम विद्युतीकृत है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

वरिष्‍ठता सूची का प्रकाशन

[उच्च शिक्षा]

51. ( क्र. 4934 ) श्री संजय यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा प्रत्‍येक विभाग को सेवा के सदस्‍यों की संवर्गवार वरिष्‍ठता सूची प्रतिवर्ष प्रकाशित करने के लिए नियम/निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा प्राध्‍यापक संवर्ग के 704 पदों की वरिष्‍ठता सूची क्‍यों नहीं घोषित की गई है?                                          (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा उक्‍त वरिष्‍ठता सूची के शीघ्र प्रकाशन के लिए क्‍या कार्यवाही की जाएगी? वरिष्‍ठता सूची का प्रकाशन कब तक क‍र दिया जाएगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। प्राध्यापक संवर्ग के 704 पदों की वरिष्ठता सूची तैयार करने का कार्य प्रचलित है। (ख) प्राध्‍यापक संवर्ग की वरिष्‍ठता सूची का प्रकाशन शीघ्र किया जाएगा।

 

सीवर लाईन की सफाई

[नगरीय विकास एवं आवास]

52. ( क्र. 4966 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्र. 75 की सीवर लाइन सफाई के लिए पूर्व से नियुक्त श्रमिकों को जनवरी 2021 से हटा दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? कारण बतावें? (ग) क्या उक्त सीवर लाइन से 3000 मकान जुड़े हैं? (घ) यदि हाँ, तो सफाई हेतु क्या व्यवस्था की जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वार्ड क्रमांक 75 की सीवर लाईन सफाई के लिये कोई श्रमिक नियुक्त नहीं है। सफाई का कार्य मशीनों के द्वारा किया जाता है।                                                     (ख) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) सीवर लाईन की सफाई मशीनों के द्वारा की जा रही है।

स्वीकृत सड़कों का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

53. ( क्र. 4967 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांतर्गत गत 3 वर्षों के दरम्यान 17 करोड़ रू. के सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत हुये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कोई भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुये हैं? यदि हाँ, तो कारण बतावें? कब तक निर्माण प्रारंभ होंगे? (ग) क्या गत 3 वर्ष पूर्व निर्मित सड़कों की राशि रू. 9 करोड़ ठेकेदारों को भुगतान नहीं की गई हैं? (घ) क्या ठेकेदार भुगतान न मिलने के कारण कार्य नहीं कर रहें हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत नगर निगम सीमा में विभिन्न वार्डों के अंतर्गत कुल 15.75 करोड़ रूपये के कार्य गत 3 वर्ष में स्वीकृत हुये है। (ख) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं हुए है। कोरोना काल के कारण नगर निगम की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। गत 3 वर्षों में राशि रूपये 7,60,05,733 का भुगतान हुआ है। (घ) ठेकेदारों का भुगतान वित्तीय संसाधन, आय पर आधारित होता है, इसी अनुसार निगम द्वारा भुगतान एवं ठेकेदारों द्वारा कार्य किया जाता है।

मरीजों एवं परिजनों के रूकने की व्यवस्था

[नगरीय विकास एवं आवास]

54. ( क्र. 4973 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित मेडिकल कॉलेज में रैन बसेरा में जगह कम होने के कारण बाहर खुले आसमान एवं टीन शेड में मरीज एवं परिजन रूकते हैं? (ख) यदि नहीं, तो बतायें मरीजों एवं परिजनों के लिये कितने रैन बसेरा है एवं उसमें कितने लोगों के रहने की क्षमता हैं? (ग) क्या मेडिकल कॉलेज जबलपुर में आने वाले मरीज एवं उनके परिजन असुरक्षा एवं अव्यवस्थाओं के बीच रहते हैं? (घ) क्या मरीजों के रूकने के लिये सुरक्षित व्यवस्था की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, मेडिकल कॉलेज रेन बसेरा में मरीजों व परिजनों हेतु क्षमता अनुरूप स्थान उपलब्ध है। मरीजों एवं परिजनों के बाहर खुले आसमान एवं टीन शेड में रूकने संबंधी कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। (ख) मरीजों एवं परिजनों हेतु नगर पालिक निगम अंतर्गत दो रैन बसेरा यथा मेडिकल कॉलेज व एल्गिन हॉस्पीटल उपलब्ध है। जिसमें क्षमता के अनुरूप 25 महिला एवं 25 पुरूषों के रहने की व्यवस्था है। (ग) ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। (घ) आवश्यकता अनुसार व्यवस्था की जाती है।

चोरी गये ट्रान्‍सफार्मरों एवं जले ट्रान्‍सफार्मरों पर कार्यवाही

[ऊर्जा]

55. ( क्र. 5006 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र रैगॉंव अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनें ट्रान्‍सफार्मर किन-किन ग्रामों/बस्तियों के चोरी गये हैं, और अभी तक लगाये नहीं गये हैं, जानकारी संभाग/वितरण केन्‍द्र/ ग्राम/स्‍थल सहित वर्षवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित चोरी गये ट्रान्‍सफार्मर कब तक पुन: लगाये जावेंगे अभी तक न लगाये जाने का स्‍पष्‍ट कारण बतायें? (ग) क्‍या इन चोरी गये ट्रान्‍सफार्मरों को बदलने हेतु क्‍या ट्रासफार्मर क्षेत्रीय भण्‍डार से निकासी कर लिये गये हैं और वहां पर नहीं लगाये गये हैं, अगर हाँ तो ये ट्रान्‍सफार्मर कहां चले गये और किसकी अनुमति से दूसरी जगह लगाये गये हैं? (घ) क्‍या ट्रान्‍सफार्मर चोरी चले जाने से विद्युत समस्‍या से प्रभावित उपभोक्‍ताओं की बिलिंग बंद कर दी गई है,या चालू है, अगर चालू है तो क्‍यों, क्‍या इस बिलिंग डिमांड को वापस ली जावेगी, नहीं तो कारण बतावें? (ड.) रैगॉंव विधानसभा में 6 माह से अधिक समय से कहां-कहां के ट्रान्‍सफार्मर जले हैं, जिनको आज तक बदला नहीं गया है, उनकी ग्रामवार सूची देवें एवं कारण बतावें? विभाग द्वारा उक्‍त स्‍थलों/ग्रामों के जले ट्रान्‍सफार्मरों के कारण बाधित विद्युत आपूर्ति होने पर बिना विद्युत के किस आधार पर बिलिंग डिमांड जारी किये जा रहे हैं, कब तक जले ट्रान्‍सफार्मरों को बदला जावेगा, साथ ही इस प्रकार विद्युत बाधित रखने के दोषियों पर क्‍या और कब तक में कार्यवाही की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधान सभा क्षेत्र रैगांव अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक 28 ट्रांसफार्मर चोरी हुये हैं, जिनमें से 05 ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले नहीं गए हैं। उक्‍त ट्रांसफार्मरों की संचालन-संधारण संभागवार, वितरण केन्‍द्रवार, ग्रामवार, स्‍थलवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित चोरी गए 28 ट्रांसफार्मरों में से 23 ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं तथा 5 ट्रांसफार्मर नियमानुसार संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा होने के उपरांत बदल दिये जावेंगे। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्‍नाधीन चोरी गए 28 ट्रांसफार्मरों में से 23 स्‍थलों के ट्रांसफार्मर पुनर्स्‍थापित करने हेतु क्षेत्रीय भण्‍डार से आहरित कर स्वीकृत स्थान पर ही लगाये गए हैं, दूसरी जगह लगाये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। शेष 5 स्‍थलों हेतु बकाया राशि के कारण पात्रता नहीं होने से, ट्रांसफार्मर क्षेत्रीय भण्‍डार से आहरित नहीं किये गये हैं। (घ) जी नहीं, संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा समीप में स्थापित नेटवर्क से विद्युत् उपयोग किया जा रहा है जिसके कारण उनकी बिलिंग बंद नहीं की गई है। अत: बिलिंग डिमांड वापिस किए जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (ड.) विधान सभा क्षेत्र रैगांव अन्तर्गत 6 माह से अधिक समय के 9 जले/खराब/फेल ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले नहीं गए हैं जिनकी ग्रामवार सूची  संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा समीप में स्थापित नेटवर्क से विद्युत् उपयोग किया जा रहा है जिसके कारण उनकी बिलिंग बंद नहीं की गई है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर पात्रता की श्रेणी में आने पर बदल दिए जावेंगे उक्‍त के परिप्रेक्ष्‍य में किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "पचपन"

विद्युत कम्‍पनी का निजीकरण

[ऊर्जा]

56. ( क्र. 5043 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्य‍प्रदेश शासन विद्युत कम्पनियों का निजीकरण करना चाह रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युत कम्पनियों को प्रदेश में पिछले 10 वर्षों में कहां-कहां पर आर्थिक नुकसान हुआ है? क्‍या किसानों/आम उपभोक्ताओं को शासन से दी जाने वाली सब्सिडी आदि बंद हो जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या निजी कम्‍पनी को स्‍लेब/केटेगरी अनुसार अलग-अलग दरों के स्थान पर एक्जाई अधिक लाभ वाले टेरिफ प्लान लागू करने का अधिकार दिया गया है? क्या‍ कृषकों से ट्रांसफार्म्‍स, नई व पुरानी लाईनों का मेन्टेनेंस मीटर व अन्य कार्यों का व्यवसायिक दरों से वसूली का प्रावधान भी शामिल किया गया है? हाँ या नही? यदि हाँ, तो क्या इससे कृषकों, उपभोक्ताओं पर अधिक भार नहीं आयेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में निजी कम्पनी द्वारा कर्मचारियों के पेंशन आदि का प्रावधान क्‍या है? वर्षों से विद्युत कम्पनियों में आउटसोर्स पर कार्यरत् कर्मचारियों को क्या निजी कम्पनी में नियुक्तियां दी जायेगी? क्या नि‍जी कम्पनियों में भी इनकी सेवायें यथावत् चालू रहेगी? क्या निजी कम्पनियों में शासन के सभी सिविल सेवा रूल्स लागू रहेंगे? अनुकम्पा नियुक्तियां यथावत् चालू रहेगी अथवा नही? स्पष्ट जानकारी देवें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।                                    (ख) प्रदेश में तीन विद्युत वितरण कंपनियाँ कार्यरत हैं जिनमें से म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर अंकेक्षित लेखों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2010-11 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक की अवधि में केवल वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2019-20 में लाभ के अतिरिक्त अन्य समस्त वर्षों में घाटे में कार्य कर रही है तथा म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल एवं म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर, अंकेक्षित लेखों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2010-11 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक की अवधि में निरंतर घाटे में कार्य कर रही हैं। उत्‍तरांश (क) के सन्‍दर्भ में विद्युत उपभोक्‍ताओं को विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 65 अनुसार राज्‍य शासन द्वारा दी जा रही सब्सिडी को बंद करने का प्रस्‍ताव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार निजीकरण संबंधी कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं होने से प्रश्‍न नहीं उठता। तथापि प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों (निजी कंपनी नहीं) हेतु विद्युत की दरें विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 62 के अनुसार मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित की जाती हैं। (घ) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

शासकीय आवास आंवटन के नियम

[गृह]

57. ( क्र. 5069 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के गृह विभाग के अन्तर्गत आने वाले राजपत्रित एवं गैर राजपत्रित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवास के संबंध में क्या नियम हैं? उक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शासकीय आवास दिये जाने के क्या मापदण्ड हैं? (ख) म.प्र. अभियोजना विभाग, गृह विभाग के अन्तर्गत आता है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो उक्त विभाग के आधिकारियों को शासकीय आवास दिये जाने के संबंध में क्या नियम बनाए गए हैं एवं अब तक कुल कितना आवंटन किया गया हैं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग के अंतर्गत आने वाले राजपत्रित एवं गैर राजपत्रित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये भोपाल स्थित आवास आवंटन नियम 2000 के नियम 5 (1), (5), (6) है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शासकीय आवास दिये जाने के संबंध में गृह (सामान्य) विभाग के शासन आदेश क्रमांक एफ-1-138/97/दो-ए (3) दिनांक 12.10.2000 द्वारा 'एफ' श्रेणी के आवास की पात्रता के लिये राजपत्रित होना आवश्यक है। नियम की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां। मध्यप्रदेश अभियोजन विभाग के अंतर्गत कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों को भोपाल स्थित शासकीय आवास आवंटन नियम 2000 के अंतर्गत मध्यप्रदेश अभियोजन विभाग में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी के लिये नियमों में पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। सामान्य नियम जो बने हैं, वही नियम अभियोजन शाखा के लिये भी लागू है।

परिशिष्ट - "छप्पन"

आवासीय योजनाओं की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

58. ( क्र. 5070 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा वर्तमान में कुल कितनी आवासीय योजनाएं निर्माणाधीन हैं? (ख) ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा शिवपुरी लिंक रोड पर बसाई जाने वाली महादजी नगर कॉलोनी के कुल भवनों, निर्माण लागत एवं हितग्रहियों की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। उक्त कॉलोनी में अब तक किए गए निर्माण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) मुक्त जमीन के नोटीफाइड किए जाने एवं उक्त जमीन के निर्माण कार्यों के उपयोग के संबंध में जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा नोटिफाइड जमीन के आस-पास के कितने दायरे की भूमि पर प्राईवेट कॉलोनी नहीं बसाई जा सकती हैं? उक्त कॉलोनी की नोटिफाइड जमीन पर कितनी अवैध कॉलोनियां काटी गई एवं कितने निर्माण कार्य अवैध तौर पर किए गए तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर विकास प्राधिकरण की वर्तमान में कुल 05 आवासीय योजना योजनाएं निर्माणाधीन है। (ख) ग्वालियर विकास प्राधिकरण की शिवपुरी लिंक रोड पर बसाई जाने वाली महादजी नगर कॉलोनी में कुल भवनों की संख्या 189 है। जिसकी निर्माण लागत रूपये 201,58 लाख है। हितग्राहियों की सम्पूर्ण जानकारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उक्त कॉलोनी में ई.डब्ल्यू.एस. भवन, सड़क, सीवर लाईन एवं विद्युतीकरण आदि निर्माण कार्य किये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित भूमि पर प्राईवेट कॉलोनी नहीं बनाई जा सकती है। योजना की भूमि जो कृषकों/भूमि स्वामियों द्वारा प्राधिकरण को आपसी समझोते द्वारा प्रदाय नहीं की गई है, उक्त भूमि पर निम्न अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही है:- 1. संस्कृत बिल्डर्स एवं कॉलोनाईजर्स। 2. लोकमान्य गृह निर्माण समिति एवं सुदर्शन रियल स्टेट। 3. प्रीतम पुत्र गजराज सिंह। 4. देव गृह निर्माण समिति। 5. धर्मेन्द्र, जितेन्द्र, पुत्रगण मोहरसिंह यादव, निवासी चिरवाई। 6. मनोज जैन अध्यक्ष, हायर एज्युकेशन सोसायटी जैन कॉलेज परिसर एवं अन्य। 7. आनंद अग्रवाल पुत्र रामबाबू अग्रवाल, निवासी सिंधी कॉलोनी ग्वालियर। उक्त अवैध कॉलोनियों में मौके पर सड़क निर्मित कर भूखण्ड विकसित किये गये हैं। कुछ भूखण्डों पर भवन निर्माण भी किया गया है। उक्त के विरूद्ध नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम-1973 की धारा 37 (2) के तहत कार्यवाही सक्षम प्राधिकारी संयुक्त संचालक नग्रानि ग्वालियर द्वारा की जा रहीं हैं।

अवैधानिक रूप से नक्‍शे की स्‍वीकृति

[नगरीय विकास एवं आवास]

59. ( क्र. 5102 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के नगर निगम क्षेत्रान्‍तर्गत नदी एवं नाले से कितनी दूरी में भवन अनुज्ञा दिये जाने के प्रावधान है? प्रावधान की प्रति उपलब्‍ध करावे तथा किस-किस भवन स्‍वामी को विगत पाँच वर्षों में नदी एवं नाले के किनारे से कितनी-कितनी दूरी का आंकलन कर भवन अनुज्ञा दी गई पृथक-पृथक वर्षवार, वार्डवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या श्रीमती सरिता पति श्री सुमित अग्रवाल को खसरा नं. 763/2 क्षेत्रफल 0.5000 हेक्‍टेयर जो पीरबाबा के पहले नदी के किनारे भवन अनुज्ञा जारी की गई है? यदि हाँ, तो भवन अनुज्ञा जो जारी की है। उसकी प्रति तथा संबंधित का आवेदन पत्र तथा उपयंत्री के स्‍थल निरीक्षण की टीप की प्रति दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में जारी की गई भवन अनुज्ञा क्‍या अवैधानिक है यदि हाँ, तो भवन अनुज्ञा निरस्‍त करते हुये भवन कब तोड़ा जावेगा यदि हाँ, तो कब तक बताऐं। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विगत पाँच वर्षों में जो शिकायतें शासन एवं प्रशासन को प्राप्‍त हुई है शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कटनी जिले के नगर निगम क्षेत्रांतर्गत, कटनी विकास योजना 2021 अनुसार नदी के तटीय क्षेत्र से दोनों ओर 50 मी. का क्षेत्र खुला रखे जाने का प्रावधान है तथा भूमि विकास नियम 2012 अनुसार यदि स्‍थल, जल निकाय/जल स्‍त्रोत के उच्‍चतम जल स्‍तर से 09 मीटर और नदी के मामले में 15 मीटर की दूरी के भीतर हो या जैसा निकाय रेखांक में विहित हो, उस स्‍थल का उपयोग भवन निर्माण के रूप में नहीं किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। विगत पाँच वर्षों में नदी एवं नाले के किनारे से दूरी का आंकलन कर जारी भवन अनुज्ञा की पृथक-पृथक वर्षवार, वार्डवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हॉं, भवन अनुज्ञा की प्रति, आवेदन पत्र तथा उपयंत्री के स्‍थल निरीक्षण की टीप की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में वि‍गत पाँच वर्षों में प्राप्‍त शिकायतों का विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

बिना अनुमति निर्माण पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

60. ( क्र. 5103 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1412 अतारांकित सत्र मार्च 2020 के पाईप लाईन में दिए गए परिशिष्‍ट में 922 बिना अनुमति एवं अनुमति विपरीत निर्माणकर्ताओं पर विगत एक वर्ष में क्‍या कार्यवाही की गई एवं उक्‍त के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई, भवन स्‍वामीवार कार्यवाहीवार विवरण दें। (ख) यदि नहीं, की गई तो कार्यवाही ना करने के लिये निगम के कौन-कौन से अधिकारी, कर्मचारी दोषी है? उनके नाम, पदनाम सहित बताएं एवं नियमानुसार कार्यवाही न करने पर निगम को प्राप्‍त होने वाले समझौता शुल्‍क, अनुज्ञा शुल्‍क एवं विधिक शुल्‍क की हानि के दोषियों पर कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी तथा 922 निर्माण किस उपयंत्री के क्षेत्र में किस वर्ष में हुए है, पृथक-पृथक बताएं। (ग) वर्ष 2019-2020 एवं 2020-2021 में नगर पालिक निगम एवं जिला प्रशासन को बिना अनुमति निर्माण एवं अनुमति विपरीत निर्माण की कुल कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें। यदि प्राप्‍त शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो विलंब के लिए निगम के कौन से अधिकारी कर्मचारी दोषी है? उन पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी एवं उक्‍त अवधि के आवक रजिस्‍टर की प्रति शिकायत चिन्हित करते हुये उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित 922 बिना अनुमति एवं अनुमति विपरीत निर्माण को क्षेत्रीय उपयंत्री, समयपाल, अतिक्रमण निरीक्षक एवं अतिक्रमण अधिकारी द्वारा कार्यवाही न करने व अवैध निर्माण होने देने के दोषी है। यदि दोषी है तो उन पर क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी। यदि नहीं, की जावेगी तो क्‍यों एवं चिन्हित 922 बिना अनुमति एवं अनुमति विपरीत निर्माण कब तक हटा दिये जावेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रेषित 922 सूचना पत्रों के प्रकरणों का परीक्षण किया गया है तथा पाया गया कि 360 भवन स्‍वामियों को तत्‍समय उद्भुत विधान सभा प्रश्‍न के उत्‍तर हेतु व्‍यक्तिगत सुनवाई तथा दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये थे। उपरोक्‍त भवन लगभग 50 वर्ष पुराने हैं। मिशन चौक से रेल्‍वे स्‍टेशन तक दोनों ओर निर्मित भवनों का रिकार्ड अत्‍यंत पुराना होने के कारण उपलब्‍ध नहीं है। शेष प्रकरणों का परीक्षण कर अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही प्रचलन में है। उक्‍त के संबंध में श्री विकास कुमार बाझल द्वारा दिनांक 19.10.2020 एवं 11.08.2020 को अवैध तथा अनुमति विपरीत निर्माणों को हटाने हेतु आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किया गया है। भवन स्‍वामीवार कार्यवाही पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) उत्तरांश '' अनुसार परीक्षण कर कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उक्त निर्माणों के कतिपय प्रकरणों के निर्माण वर्ष की स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। जिससे क्षेत्रीय उपयंत्री की जानकारी स्पष्ट नहीं हैं प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। (ग) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में आवक पंजी अनुसार बिना अनुमति निर्माण तथा अनुमति विपरीत निर्माण की कुल 77 शिकायतें प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शिकायतों पर अधिनियम के प्रावधानों तथा उचित जाँच उपरांत कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश '' अनुसार प्रकरणों का परीक्षण किया जा रहा है। दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। अवैध निर्माणों एवं अनुमति विपरीत निर्माणों का मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कृषि कार्य के अस्‍थायी विद्युत कलेक्‍शन

[ऊर्जा]

61. ( क्र. 5119 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की गंधवानी विधानसभा में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कृषि कार्य के लिये अस्‍थायी कनेक्‍शन दिया जाता है? यदि हाँ, तो कनेक्‍शन देने के क्‍या नियम है? (ख) क्‍या अस्‍थायी कनेक्‍शन के लिये कम पानी वाले स्‍त्रोत जैसे नाला, छोटी नदी कुंआ जिनमें वर्षाकाल के बाद एक माह तक ही पानी रहता है? ऐसे स्‍थानों पर अस्‍थायी कनेक्‍शन के लिये पृथक से नियम है? (ग) शासन द्वारा कृषि कार्य के लिये अस्‍थायी विद्युत कनेक्‍शन के लिये कितनी राशि वसूली जा रही है? गंधवानी विधानसभा में गंधवानी, बाग एवं तिरला ब्‍लाक में विगत 3 वर्षों के दौरान कुल कितने अस्‍थायी कनेक्‍शन दिये गये है? ब्‍लाकवार, ग्रामवार एवं कृषकों की संख्‍यावार जानकारी उपलब्‍ध करावे।                                        (घ) प्रश्‍नांकित (ख) अनुसार एक से दो माह तक पानी की उपलब्‍धता वाले क्षेत्र में किसानों को राहत देने के लिये कंपनी की क्‍या योजना है? व्‍यौरा देवे। यदि नहीं, तो इस दिशा में कब तक कार्यवाही की जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। कृषि कार्य के लिये अस्थाई विद्युत कनेक्शन प्राप्त करने हेतु कृषक को अपनी भूमि के मालिकाना हक के प्रमाण के साथ संबंधित विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय में आवेदन करना होता है और यदि विद्युत वितरण कंपनी के पास आवेदित स्थान पर उपभोक्ता द्वारा चाहे गये विद्युत कनेक्‍शन के संबद्ध विद्युत भार के अनुरूप विद्युत अद्योसंरचना की उपलब्धता हो तो प्रचलित विद्युत टैरिफ के अनुसार राशि जमा करने पर विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अस्थाई विद्युत कनेक्शन आवेदक को प्रदान किया जाता है।                                   (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्थानों पर अस्थाई विद्युत कनेक्शन जारी करने के पृथक से कोई नियम नहीं है, अपितु मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी वर्ष 2020-21 के टैरिफ आदेश के टैरिफ शेडयूल एलवी-5 के ''नियम एवं शर्तें'' के अंतर्गत बिंदु क्रमांक 1.4, जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है, के अनुरूप कृषि उपभोक्‍ता हेतु सभी अस्थाई विद्युत कनेक्शन तीन माह के लिए जारी किये जायेंगे तथा उपभोक्ता द्वारा मांगे गए विद्युत भार के अनुसार तीन माह की बिलिंग राशि अग्रिम रुप से जमा करवाई जायेगी। यदि इससे कम समय में उपभोक्ता के जल स्त्रोत में पानी खत्म हो जाता है और उपभोक्ता इस बाबत् संबंधित कार्यालय को सूचित करता है तो उपभोक्ता के अस्थाई विद्युत कनेक्शन का मौका मुआयना करने पर यदि उपभोक्ता की सूचना सही पाई जाती है तो अंतिम बिल में जमा राशि का समायोजन किया जाता है। (ग) कृषि कार्य के लिए अस्थाई विद्युत कनेक्शन हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी प्रचलित विद्युत टैरिफ के अनुसार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों हेतु पंप के भार, विद्युत फेस (सिंगल फेस एवं थ्री फेस) एवं अवधि के अनुसार राशि जमा कराई जाती है। उक्‍तानुसार जमा कराई जाने वाली राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। गंधवानी विधानसभा में गंधवानी, बाग एवं तिरला ब्लॉक में विगत वर्ष 2017-18 में क्रमशः 1163, 1222 एवं 535 इस प्रकार कुल 2920 अस्थाई विद्युत कनेक्शन, वर्ष 2018-19 में क्रमशः 720, 903 एवं 518 इस प्रकार कुल 2141 अस्थाई विद्युत कनेक्शन एवं 2019-20 में क्रमशः 929, 1556 एवं 563 इस प्रकार कुल 3048 अस्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये है, जिनकी ग्रामवार एवं ब्लॉकवार संख्या की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में तथा इस तथ्‍य के दृष्टिगत की कृषकों से, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ का मात्र 8 प्रतिशत ही वसूल किया जाता है, अन्‍य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।

नाले एवं सड़क पर अतिक्रमण

[नगरीय विकास एवं आवास]

62. ( क्र. 5138 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल स्थित शाहपुरा सी सेक्‍टर में नाले एवं सड़क पर अतिक्रमण कर मकान बनाया गया है? (ख) उक्‍त अति‍क्रमणों के संबंध में कुल कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? क्‍या इन अतिक्रमणों में आवास क्रमांक C-320-B भी है? (ग) क्‍या यह सही है कि अनेकों शिकायतें प्राप्‍त होने के बावजूद केवल नोटिस चस्‍पा कर खानापूर्ति की गई, अतिक्रमण को नहीं हटाया गया है?                                    (घ) यदि हाँ, तो अतिक्रमणकर्ता/दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) शाहपुरा 'सी' सेक्‍टर में नाले एवं सड़क पर अवैध निर्माण कर मकान बनाया जाना नहीं पाया गया है। (ख) नगर पालिक निगम भोपाल, में प्रश्‍नाधीन स्‍थल के संबंध में कोई शिकायत लंबित नहीं है। जी नहीं। भवन क्रं.- C-320-B पर श्रीमती ज्‍योति जैन, पत्नि श्री विनोद कुमार सिंघई, शाहपुरा को कार्यालय द्वारा भवन अनुमाति क्रं.- 265, दिनांक 20.06.2008 जारी की गई है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। अवैध निर्माण के संबंध में शिकायत प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) उपरोक्‍त के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अनुकम्‍पा नियुक्ति किया जाना

[गृह]

63. ( क्र. 5153 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पुलिस विभाग, उज्‍जैन में आरक्षक के पद पर पदस्‍थ स्‍व. हीरालाल भिण्‍डे, पिता सुखलाल भिण्‍डे निवासी पडि़याल तहसील डही जिला-धार की वर्ष 1988 में मृत्‍यु होने के बाद आज तक इनके परिवार को कोई लाभ नहीं दिए गये? (ख) कब तक इनके परिजनों को ये लाभ प्रदान कर दिए जाएंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) स्‍व. हीरालाल भिण्‍डे को दिनांक 26.02.1986 को पुलिस विभाग से डिस्‍चार्ज किये जाने के उपरांत मिलने वाले देय स्‍वत्‍व विभागीय भविष्‍यनिधि का अंतिम भुगतान रू. 4149/- किया गया है। स्‍व. हीरालाल भिण्‍डे की मृत्‍यु विभाग में सेवारत रहते हुये नहीं हुयी है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्नांश (ख) उपस्थित नहीं होता है।

नगर पालिक निगम अंतर्गत लीज प्रकरणों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

64. ( क्र. 5229 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा निगम सीमा में शामिल सम्‍पत्तियों को कब-कब किन-किन को लीज पर दी है? लीज शर्तें क्‍या थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या नगर पालिक निगम को लीज पर दी गई सम्पत्तियों के दस्तावेज गायब होने की शिकायतें हुई है? किन-किन सम्पत्तियों के लीज सम्बंधित प्रकरण की फाईले विभाग के पास उपलब्ध‍ नहीं है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जमीनों की लीज दस्तावेज गायब होने पर कौन जिम्मेदार है? क्या दोषियों पर निगम प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में निगम सीमा अंतर्गत खातीपुरा, रीगल चौराहा से लगी रीगल टॉकीज के पास की भूमि कब से किन लीज धारकों को लीज पर दी गई थी? क्या इनकी लीज समाप्त होने के पश्चात् भी लीज धारकों द्वारा अतिक्रमण कर व्यवसाय किया जा रहा है? खातीपुरा 5- 6 एम.जी. रोड कब लीज पर दिया गया था? इसकी लीज शर्तें क्या थी? क्या निगम द्वारा यहां पर कोई नक्शा स्वीकृत किया गया है? लीज संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र (Noc) जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो नक्शा किस आधार पर स्वीकृत किया गया? निगम अफसरों की क्या भूमिका रही?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगमइंदौर द्वारा निगम सीमा में शामिल सम्पत्तियों को कब-कब किन-किन को लीज पर दी गई की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं लीज शर्तों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तराश-'''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) रीगल चौराहे पर लगी रीगल टॉकीज के पास की भूमि वर्ष 1935 से किराये पर तथा 1971 से लीज पर होमी रागीना को दी गई। निगम द्वारा लीज ग्रहिता को लीज पर भूमि का कब्जा निगम को देने हेतु जारी सूचना पत्र से असन्तुष्ट होने पर लीज ग्रहिता द्वारा माननीय जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। वर्तमान में उक्त भूमि के संबंध में प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वर्तमान में भूमि का कब्जा संबंधित लीज धारक का होकर उस पर अस्थाई गुमटीनुमा निर्माण कर उपयोग किया जा रहा है। खातीपुरा 5/6 पुराना मकान नम्बर 21 की 1680 वर्गफिट भूमि 1942 में 99 वर्ष के लिए श्री नारायण पिता श्री जगन्नाथ को दिये जाने संबंधी प्रमाण उपलब्ध है। उक्त लीज भूमि पर किसी प्रकार की अनापत्ति जारी नहीं की गई है। जी हाँ। खातीपुरा मकान नम्बर 5 गली नम्बर 6 पर मानचित्र स्वीकृत किया गया है। भवन निर्माण अनुज्ञा ऑनलाईन पर प्राप्त आवेदन एवं संलग्न स्वामित्व संबंधी पंजीकृत अभिलेखों के आधार पर प्रदान की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

जिला अशोकनगर के अपराध क्र. 108 पर कार्यवाही

[गृह]

65. ( क्र. 5253 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) थाना बहादुरपुर जिला अशोकनगर के अपराध क्र. 108 की प्रथम सूचना प्रतिवेदन में क्‍या फरियादी द्वारा हमराह पिता के साथ होना बताया गया है? (ख) क्‍या फरियादी के साथ उस समय उसका पिता उपस्थित था या पुलिस द्वारा स्‍वयं से हमराह पिता लेख किया गया? (ग) क्‍या मृतक खुमान को ग्‍वालियर चिकित्‍सालय में भर्ती करने का लेख किया गया? मृतक खुमान की मृत्‍यु इलाज के दौरान होने पर उसका शव परीक्षण ग्‍वालियर चिकित्‍सालय में ही क्‍यों नहीं कराया गया? किस कारण से शव परीक्षण अशोकनगर में कराया गया? (घ) क्‍या मृतक को चिकित्‍सकों द्वारा सही समय पर समुचित उपचार दिया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।


उपचुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित होने एवं मृत्‍यु

[गृह]

66. ( क्र. 5260 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) कोरोना के खिलाफ जंग में इमरजेंसी सेवाओं, जैसे स्‍वास्‍थ्‍य, सुरक्षा, चुनाव ड्यूटी में तैनात शासकीय सेवकों/कर्मचारियों/अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने एवं उससे मौत होने पर उसके आश्रितों को विशेष अनुदान का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो सतना जिले के किन-किन कर्मचारियों को इसका लाभ दिया गया? नामवार विभागवार अनुदान राशि एवं अन्‍य सुविधाएं (यदि दी हो) बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में होमगार्ड विभाग में पदस्‍थ रमाकांत शुक्‍ला की उपचुनाव 2020 में ड्यूटी लगाई गई थी जिसके बाद भोपाल में चिरायु अस्‍पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्‍यु हुई, तो कोरोना वारियर्स को मिलने वाली अनुदान राशि उनके परिजनों को क्‍यों नहीं दी गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हां। सतना जिले में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की कोविड 19 के संक्रमण से अथवा कोविड-19 की रोकथाम हेतु सेवा प्रदान करने के दौरान घटित किसी आकस्मिक दुर्घटना से मृत्यु नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) म.प्र. शासन राजस्व विभाग के पत्र दिनांक 26.09.2020 के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्धा कल्याण योजना की समयावधि दिनांक 31.10.2020 तक नियत थी। चूंकि सैनिक स्व. श्री रमाकान्त शुक्ला पिता श्री राम कुमार शुक्ला की मृत्यू दिनांक 25.11.2020 को हुई है। जो कि उक्त योजना अवधि में नहीं है। अतएव मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्वा कल्याण योजना के तहत अनुदान राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी।

पंचवर्षीय योजनाओं में परियोजनाओं की लागत हेतु स्‍वीकृति

[ऊर्जा]

67. ( क्र. 5394 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर के अन्‍तर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 11 वीं एवं 12 वीं पंचवर्षीय योजना में कितनी परियोजनाएं कितनी लागत की स्‍वीकृत की गई थी? स्‍वीकृत परियोजना के तहत विद्युत कंपनी के अन्‍तर्गत किन-किन वृत्‍तों में कार्य कराये गये एवं कितने हितग्राही लाभांवित हुए वृत्‍तवार जानकारी देवें? (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर को राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्‍तर्गत केन्‍द्र सरकार की एजेंसी आर.ई.सी.लिमिटेड से कितनी राशि ली जाना शेष है?                           (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्‍दौर के अन्‍तर्गत सौभाग्‍य योजना का वित्‍तीय वर्ष 2020-21 का लक्ष्‍य एवं लक्ष्‍य के विरूद्ध प्राप्‍त उपलब्‍धि की जानकारी दें? (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर के अन्‍तर्गत इंदिरा किसान ज्‍योति योजना में 10 हार्सपॉवर तक के स्‍थाई कृषिपम्‍प विद्युत उपभोक्‍ताओं को वित्‍तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में माह जनवरी 2021 तक में कुल लाभांवित किसानों की वृत्‍तवार संख्‍या बतावें? इस योजना में कितनी राशि राज्‍य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनी इन्‍दौर को सब्सिडी के रूप में दी जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना-आर.ई. (पूर्ववर्ती राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना) में 11वीं पंचवर्षीय योजना में रु. 658.39 करोड़ लागत राशि की कुल 11 परियोजनाएं तथा 12वीं पंचवर्षीय योजना में रु. 257.44 करोड़ लागत राशि की कुल 8 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई थी। उक्त स्वीकृत परियोजनाओं के तहत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत विभिन्न वृत्तों के नाम जहाँ कार्य संपादित कराये गये एवं वृत्तवार लाभांवित हितग्राहियों की संख्‍या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत उक्‍त योजना हेतु केन्‍द्र सरकार द्वारा नियुक्‍त नोडल एजेंसी आर.ई.सी. लिमिटेड नई दिल्ली से रु. 79.32 करोड़ की राशि ली जानी शेष है। (ग) म.प्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना के समस्त कार्य मार्च 2019 में ही पूर्ण किये जा चुके हैं। अतः प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं                                           2020-21 में माह जनवरी 2021 तक की अवधि में इंदिरा किसान ज्योति योजना में लाभान्वित हुए 10 हार्सपॉवर तक के स्थाई कृषि पम्प विद्युत उपभोक्ताओं की वृत्तवार संख्या संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। इंदिरा किसान ज्योति योजना में वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में माह जनवरी 2021 तक राज्‍य शासन द्वारा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को क्रमशः राशि रु. 2696.70 करोड़ तथा राशि रु. 1188.17 करोड़ प्रदान की गई है।

परिशिष्ट - "सत्तावन"

 

भोपाल नगर निगम में टेण्‍डर का प्रावधान

[नगरीय विकास एवं आवास]

68. ( क्र. 5414 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल द्वारा निर्माण कार्यों के इस्‍टीमेटड कॉस्‍ट से कितने प्रतिशत नीचे तक का टेण्‍डर स्‍वीकृत किये जाने का प्रचलन अथवा प्रावधान है? विवरण देते हुए इसका आधार एवं नियम की प्रति भी उपलब्‍ध कराई जाये। (ख) क्‍या यह सही है कि प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित टेण्‍डर स्‍वीकृत हो जाने पर कार्य की गुणवत्‍ता पर प्रभाव नहीं पड़ता? यदि नहीं, तो नगर निगम भोपाल द्वारा इसके नियंत्रण के लिये क्‍या व्‍यवस्‍था की गई है? (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित गुणवत्‍ता नियंत्रण हेतु कोई एजेन्‍सी हायर की गई है? यदि हाँ तो उसका पूर्ण विवरण दिया जाये।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल में निर्माण कार्यों के इस्‍टीमेंटेड कॉस्‍ट से निम्‍न दर स्‍वीकृत किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है अपितु म.प्र., नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 में किये गये संशोधन (अकाउंट एंड फायनेंस) नियम 2018 अंतर्गत निविदा स्‍वीकृति हेतु निर्धारित प्रक्रिया अपनाई जाती है। म.प्र.नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के उपनियम 252 अंतर्गत गठित निविदा समिति की अनुशंसा पर प्राप्‍त दरों को स्‍वीकृत/ अस्‍वीकृत करने का निर्णय संबंधित सक्षम प्राधिकारियों द्वारा लिया जाता है। नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, नगर निगम भोपाल में निविदा समिति की अनुशंसा उपरांत सक्षम प्राधिकारियों (आयुक्‍तमेयर इन काउंसिल, निगम परिषद एवं राज्‍य स्‍तरीय तकनीकी समिति) द्वारा दरें स्‍वीकृत की जाती है। स्‍वीकृत दरों के अनुरूप तकनीकी अमले द्वारा निर्माण कार्यों की गुणवत्‍ता पर नियंत्रण किया जाता है। (ग) जी नहींउत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विश्‍वविद्यालयों की नेक ग्रेडिंग

[उच्च शिक्षा]

69. ( क्र. 5415 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि नई शिक्षा नीति के तहत् यू.जी.सी. ने उच्‍च शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार के प्रदेश के विश्‍वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को सत्र 2022 के लिये राष्‍ट्रीय मूल्‍यांकन एवं प्रत्‍यापन परिषद (नैक) से मान्‍यता लेना अनिवार्य कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश की प्रतिलिपि दी जाये। (ख) क्‍या भोपाल सम्‍भाग स्थित (निजी एवं शासकीय दोनों) विश्‍वविद्यालय एवं महाविद्यालयों ने विगत पाँच वर्षों में प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित परिषद से मान्‍यता प्राप्‍त किया है? यदि हाँ, तो उनकी जानकारी दी जाये? (ग) क्‍या यह सही है कि सत्र 2022 में जो विश्‍वविद्यालय एवं महाविद्यालय नैक की मान्‍यता प्राप्‍त नहीं करेंगे उन्‍हें छात्रों के प्रवेश लेने से वंचित कर दिया जायेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जी नहीं।

एन्‍टी माफिया मुहिम की जानकारी

[गृह]

70. ( क्र. 5466 ) श्री सुरेश राजे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाल ही में प्रदेश में चलाई गई एन्‍टी माफिया मुहिम के तहत ग्‍वालियर जिले में क्‍या कोई कार्यवाही की गई, यदि हाँ, तो माफियाओं का तय करने का मापदंड क्‍या था? जिला ग्‍वालियर में उक्‍त कार्यवाही के तहत कितने माफियाओं को चिन्हित किया गया था? नामवार सूची उपलब्‍ध करायें। (ख) इस मुहिम के दौरान कुल कितने लोगों को नोटिस जारी किये गये, किन-किन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) जो माफिया इस मुहिम से बच गये, उसका क्‍या कारण था? यदि ढील या लापरवाही बरती गई है तो इस हेतु कौन अधिकारी दोषी है? क्‍या उन पर कोई कार्यवाही होगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विकास कार्यों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

71. ( क्र. 5510 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.गृह निर्माण अद्योसंरचना विकास मण्डल/विकास प्राधिकरण द्वारा उज्जैन नगर में कहां-कहां पर कब से कौन-कौनसी कॉलोनियां विकसित की हैं और वर्तमान में कहां-कहां पर प्रस्तावित हैं? कॉलोनी विकसित करने के लिए क्या मापदण्ड हैं? उज्जैन नगर में ऐसे कितने उपभोक्‍ता हैं जिनके भवन/भूखण्ड की रजिस्ट्रीयां होना बाकी है? सूची देवें। रजिस्ट्री नहीं होने का क्या कारण है? (ख) उज्जैन में कितने उपभोक्‍ता के कौन-कौन से प्रकरण के निराकरण के कब से लंबित है? प्रकरण लंबित होने का क्या कारण है? क्या लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए मण्डल एवं प्राधिकरण द्वारा लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है? यदि हाँ तो कब-कब और कहां-कहां इनका आयोजन किया गया है? यदि नहीं, किया गया तो क्यों? स्पष्ट करें। (ग) क्या मण्डल/ प्राधिकरण द्वारा जनहित में उपभोक्‍ताओं के लंबित प्रकरणों के निराकरण एवं आय बढ़ाने के लिए शीघ्र ही लोक अदालतों का आयोजन प्रारंभ किया जा रहा है? यदि हाँ तो कब से?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल/उज्जैन विकास प्राधिकरण उज्जैन द्वारा उज्जैन में विकसित कॉलोनियों एवं प्रस्तावित कॉलोनियों की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु कॉलोनी/नगर विकास स्कीम, नगर तथा ग्राम निवेश से अभिन्यास स्वीकृत कराकर उसके मापदण्ड अनुसार विकसित की जाती है। मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल/उज्जैन विकास प्राधिकरण उज्जैन में क्रमश: 08 एवं 716 उपभोक्ता है, जिनके भवन/भूखण्डों की रजिस्ट्री होना शेष हैजानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सूची के रिमार्क कॉलम में रजिस्ट्री नहीं होने का कारण उल्लेखित है। (ख) लंबित प्रकरणों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍‍‍ट के प्रपत्र-स पर है। लंबित होने का कारण सूची के रिर्माक कॉलम में उल्लेखित है। जी नहीं, मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल/ उज्जैन विकास प्राधिकरण उज्जैन द्वारा लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु समय-समय पर उपभोक्ता शिविर आयोजित कर उन्हें लीज नवीनीकरण नामांतरण बकाया शुल्क जमा करने एवं लीजडीड पंजीयन हेतु उपभोक्ताओं को अवगत कराते हुए समस्याओं का निराकरण किया जाता है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍‍‍‍‍नांश ख के परिप्रेक्ष्‍य में मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल/ उज्जैन विकास प्राधिकरण उज्जैन द्वारा जनहित में संबंधित कॉलोनियों में उपभोक्ता शिविर आयोजित किये गये है एवं भविष्य में भी ऐसे उपभोक्ता शिविर समय-समय पर आयोजित किये जायेंगे।

शासकीय भूमि पर कालोनी का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

72. ( क्र. 5527 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना जिला रतलाम के कमला नेहरू मार्ग पर नवकार डेवलपर्स द्वारा नगर एवं ग्राम सुधार न्यास द्वारा दी गई अनुमति तथा स्वीकृत नक्शे की प्रति देवें। भूमि के डायवर्सन हेतु दिये गये आवेदन तथा दी गई अनुमति की प्रति देवें। (ख) प्रश्‍नाधीन कालोनी की रेरा की अनुमति कालोनाईजर लाईसेन्स की अनुमति स्वीकृत नक्‍शे की प्रति देवें तथा बतावें कि उक्त कालोनी के बीच में कोई नाला या शासकीय जमीन तो नहीं है यदि है तो उसकी जानकारी दें।                           (ग) प्रश्‍नाधीन जमीन के आसपास क्या शासकीय जमीन एवं सरकारी रास्ता है यदि हाँ, तो बतावें की कालोनाईजर ने शासकीय जमीन का कुछ हिस्से पर अतिक्रमण तो नहीं किया है तथा रास्ते को बन्द तो नहीं कर दिया है। (घ) क्या यह सही है कि कालोनाईजर द्वारा आस-पास की शासकीय जमीन पर कब्जाकर शासकीय जमीन पर कालोनी की सड़क बनाने तथा शासकीय नालों को बन्द करने का कार्य प्रशासन की मिली भगत से किया है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) सैलाना द्वारा अभिलेखागार की जमा सूची से प्रश्‍नांकित दस्‍तावेज की उपलब्‍धता के संबंध में शोध करवाया गया है परन्‍तु वर्तमान में दस्‍तावेज की प्रतियां उपलब्‍ध न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) कॉलोनाईजर द्वारा प्रश्‍नांकित कॉलोनी के रेरा पंजीयन हेतु आवेदन प्रस्‍तुत किया गया है वर्तमान में कॉलोनी का रेरा पंजीयन लंबित है, कॉलोनाईजर लाईसेंस की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है तथा अनुमोदित अभिन्‍यास की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रश्‍नांकित कॉलोनी के बीच कोई नाला या शासकीय जमीन नहीं है। (ग) प्रश्‍नांकित कॉलोनी की भूमि के पास शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1653 है जिस पर निकाय द्वारा सी.सी.रोड का निर्माण कराया गया था। जी नहीं, शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण को कॉलोनाईजर द्वारा स्‍वयं हटा लिया गया है एवं शासकीय मार्ग बन्‍द नहीं है। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध कालोनी निर्माण में कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

73. ( क्र. 5530 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 11168 दिनांक 31/07/2020 के पालन में सक्षम अधिकारी के द्वारा अवैध कालोनी निर्माण के संबंध में श्रीमती अमीता जसपाल सिंह अरोरा व अन्य के विरुद्ध म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (क) एवं (ख) के अंतर्गत अभी तक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं कराये जाने के क्या कारण है? (ख) उक्त पत्रानुसार जाँच में दोषी पाए गये तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष एवं अन्य के विरुद्ध राशि रूपये 2697104 की शासकीय राशि का अवैध रूप से पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग कर निजी लाभ अर्जित करने वालों के विरुद्ध अभी तक अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध क्यों नहीं कराया गया है? (ग) सक्षम प्राधिकारी के द्वारा अभी तक की गयी सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी मय अभिलेखों के सदन के पटल पर रखी जावे। (घ) उपरोक्त मामले में कार्यवाही कि फाइल कितने कितने दिन किस-किस अधिकारी के पास लंबित रही? उन पर क्या क्या कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रकरण में विभाग द्वारा श्रीमती अमीता जसपाल सिंह अरोरा को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं अन्‍य सेवकों के विरूद्ध विभागीय जाँच करने का निर्णय लिया गया है। प्रश्‍नांकित धाराओं में इस प्रकरण को पंजीबद्ध करने के संबंध में प्रावधान नहीं हैं। (ख) उत्‍तरांश '' अनुसार कार्यवाही प्रचलित होने के कारण प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (घ) प्रकरण की नस्‍ती किसी अधिकारी के पास लंबित न होने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना मद में अनियमितता पर कार्यवाही

[नगरीय विकास एवं आवास]

74. ( क्र. 5573 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र रैगॉंव के नगर पंचायत कोठी में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना मद से कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं? स्‍वीकृत कार्यों के स्‍वीकृत आदेश सहित कार्य की लागत एवं कार्य पूर्ण की जानकारी देवें। (ख) क्‍या नगर पंचायत कोठी में मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना मद से डिवाइडर, रोड एवं पुलिया का निर्माण कार्य स्‍वीकृत किया गया था, कार्य की लागत स्‍वीकृत के समय क्‍या थी? कार्य प्रगति सहित पूर्ण जानकारी दें। (ग) क्‍या संबंधित उपयंत्री के द्वारा इस्‍टीमेट अनुसार गलत ले आउट करने के कारण बस स्‍टैण्‍ड से लेकर दीन सहाय संस्‍था तक के रोड, पुलिया, डिवाइडर का कार्य रूका हुआ है? पोस्‍ट आफिस के सामने उक्‍त पुलिया के निर्माण न हो पाने के कारण मेन रोड में लोगों का आवागमन बाधित है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो दोषी उपयंत्री जिसके द्वारा गलत लेआउट किया गया, जिसके कारण निकाय को इस्‍टीमेट से अधिक राशि का व्‍यय भार उत्‍पन्‍न हुआ है एवं बस स्‍टैण्‍ड के मेन रोड का आवागमन पुलिया निर्माण न होने के कारण आमजनता के लिये खतरा बना हुआ है, का निलंबन करते हुये कब तक जाँच कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र'''' अनुसार है।                     (ग) जी नहीं, अपितु स्‍वीकृत प्राक्‍कलन में पुलिया की चौड़ाई कम होने एवं फिलिंग कार्य न होने के कारण कार्य वर्तमान में बंद है। जी नहीं। (घ) जी नहीं। उपयंत्री द्वारा स्‍वीकृत प्राक्‍कलन अनुसार ले आउट दिया गया है। कार्य स्‍थल की स्थिति अनुसार पुलिया की चौड़ाई बढ़ने से कार्य की लागत में वृद्धि हो रही है, पुनरीक्षित स्‍वीकृति की कार्यवाही परीक्षणाधीन है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अट्ठावन"

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ग्वालियर में प्राप्त वित्तीय राशि

[नगरीय विकास एवं आवास]

75. ( क्र. 5586 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना वित्तीय आवंटन किस-किस मद में वित्तीय वर्ष वाईज प्राप्त हुआ है? उस आवंटन को किस-किस रूप में उपयोग किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लेडीज पार्क, राजमाता हॉकी स्टेडियम एवं नेहरू पार्क में प्रोजेक्ट प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी वित्तीय राशि किस-किस वित्तीय वर्ष में प्राप्त हुई है और प्राप्त राशि किस-किस रूप में खर्च की गई है तथा की जा रही है? निर्माण कार्यों में एवं मेन्टीनेन्स के कार्यों में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी दर पर कब-कब स्वीकृत कर किस-किस ठेकेदार/ऐजेन्सी द्वारा किन-किन कर्मचारियों, अधिकारियों/यंत्रियों के सुपरवीजन में कराये गये है तथा कराये जा रहे हैं? उनकी प्रश्न दिनांक की स्थिति में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ग) क्या प्रश्न (ख) में कुछ निर्माण कार्यों का कार्य तथा भुगतान पूर्व में नगर निगम द्वारा किया गया था? पुनः उन्हीं कामों का भुगतान स्मार्ट सिटी के द्वारा नवीन निर्माण कार्य कराया हुआ बताकर पुनः डबल भुगतान लिया गया है? यदि नहीं, तो क्या इसकी जाँच कराई जावेगी? (घ) ग्वालियर स्‍मार्ट सिटी में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी तथा श्रमिक पदस्‍थ हैं, उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक सहित सम्पूर्ण विवरण दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार प्राप्त आवंटन, मद एवं आवंटन के उपयोग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) लेडीज पार्क, राजमाता हॉकी स्टेडियम एवं नेहरू पार्क में प्रोजेक्ट प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक वित्तीय वर्षवार प्राप्त राशि, व्यय की गई/ की जा रही राशि, निर्माण एवं मेन्‍टेनेंस कार्य का विवरण, स्वीकृत किये गए कार्य, दर, ठेकेदार/एजेंसी का नाम एवं सुपरवीजन कार्य देख रहे अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं '' अनुसार है। (ग) जी नहीं। स्थल पर आवश्यकता एवं परियोजना में प्रावधान अनुसार स्मार्ट सिटी द्वारा निर्माण कार्य कराया गया है जिस पर कोई डबल भुगतान नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) ग्वालियर स्मार्ट सिटी में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी तथा श्रमिकों के नाम, पद, पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है।

जेलों में पदस्थ अधीक्षक-उप-अधीक्षक के सम्बन्ध में

[जेल]

76. ( क्र. 5587 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) ग्‍वालियर संभाग की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी किस-किस जेल में प्रश्न दिनांक की स्थिति में रखे गये हैं? जेल का नाम, जिला, टोटल कैदी रखे जाने की क्षमता, वर्तमान में रखे गये कैदियों की संख्या, क्षमता से अधिक रखे गये कैदियों की संख्या बतावें? क्या शासन इन अतिरिक्त कैदियों के रखने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) मध्यप्रदेश की ऐसी कौन-कौन सी जेल या उप-जेल है जिन में जेल-अधीक्षक या उप-अधीक्षक अपनी पदस्थापना दिनांक से 3 वर्ष से अधिक एक ही जेल या उप-जेल में पदस्थ हैं? उनके नाम, पद तथा जेल एवं उप-जेल तथा जिले का नाम बतावें? क्या 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ जेल या उप-जेल अधीक्षक को अन्यथा स्थानान्तरण किया जावेगा? यदि हाँ? तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) ग्वालियर केन्द्रीय जेल एवं डबरा उप-जेल में कोरोना काल में किस-किस कैदी को कितनी-कितनी अवधि के लिये किस दिनांक से किस दिनांक तक कुल कितने दिनों के लिये प्रश्न दिनांक तक कोरोना के कारण छोड़ा गया था? उन कैदियों के नाम, पिता/ पति का नाम, किस धारा में कितने दिनों/वर्षों की सजा हुई है, कैदी का पता सहित पूर्ण विवरण दें। प्रश्न दिनांक को कौन-कौन कैदी कोरोना के कारण अभी भी जेल से किस दिनांक तक बाहर है? उनका नाम, पता वतावें? (घ) ग्वालियर केन्द्रीय जेल एवं डबरा उप-जेल में कौन-कौन कर्मचारी/ अधिकारी पदस्थ है? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक बतावें?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्‍वालियर संभाग की जेलों की आवास क्षमता, परिरूद्ध बंदियों की संख्‍या एवं आवास क्षमता से अधिक परिरूद्ध बंदियों की संख्‍या पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रदेश की जिन जेलों में ओव्‍हरक्राउडिंग है, उनकी ओव्‍हरक्राउडिंग की स्थिति को ध्‍यान में रखकर वित्‍तीय उपलब्‍धता के अनुसार नए बैरकों के निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। स्‍थानांतरण से प्रतिबंध शिथिल होने उपरांत सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी किये जाने पश्‍चात् स्‍थानांतरण नीति अनुसार विचार किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) केन्‍द्रीय जेल ग्‍वालियर एवं उप जेल डबरा में कोरोना काल में छोड़े गये बंदियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है।                (घ) केन्‍द्रीय जेल ग्‍वालियर एवं उप जेल डबरा में पदस्‍थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

सी.एस.आर. के तहत कार्य

[ऊर्जा]

77. ( क्र. 5628 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्‍पनी द्वारा संचालित पावर हाऊस से संबधित सी.एस.आर के तहत कौन-कौन सा कार्य किए जाने का वर्तमान में क्‍या प्रावधान है किस पावर हाऊस को प्रतिवर्ष सी.एस.आर. के तहत कितनी लागत का कार्य करना आवश्‍यक है। (ख) गत दो वर्षों में किस पावर हाऊस से सी.एस.आर. के तहत कितनी लागत का कौन सा कार्य किस स्‍थान पर किया, किस-किस कार्य का प्रस्‍ताव पावर हाऊस प्रबन्‍धन में इस अवधि में बनाया वह कार्य किन कारणों से नहीं किया गया। (ग) पावर हाऊस प्रबन्‍धन को सी.एस.आर. का कार्य किए जाने की छूट किस कानून की किस धारा के तहत प्रदान की गई है किस धारा के तहत कितनी राशि का उपयोग सी.एस.आर. के तहत करना आवश्‍यक है।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) कंपनी एक्‍ट 2013 के प्रावधानों के अनुसार मध्‍यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा सी.एस.आर. पालिसी जारी की गई है, जिसके अंतर्गत कंपनी मुख्‍यालय एवं विद्युत गृहों के 15 किलो मीटर के दायरे में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, आजीविका विकास, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, अधोसंरचना का निर्माण एवं विकास, पर्यावरण बचाओ एवं संधारण, आपदा प्रबंधन, खेल एवं सांस्‍कृतिक गतिविधियों को प्रोत्‍साहन तथा सशक्तिकरण श्रेणी के अंतर्गत कार्य करवाए जाने के प्रावधान है। कंपनी की सी.एस.आर. कमेटी को परियोजना के 15 किलो-मीटर दायरे के बाहर के भी विशिष्‍ट प्रकरण अनुमोदन के अधिकार हैं। सी.एस.आर. फंड का 80% विभिन्‍न विद्युत गृहों में एवं शेष 20% कंपनी मुख्‍यालय अंतर्गत सी.एस.आर. गतिविधियों में खर्च किए जाने के प्रावधान हैं। (ख) विगत दो वर्षों में सी.एस.आर. के अंतर्गत संपादित कार्यों का विवरण निम्‍नानुसार है:-

क्र.

विद्युत गृह/सी.एस.आर. अंतर्गत कार्य का स्‍थल

कार्य का विवरण

सी.एस.आर. मद पर खर्च वित्‍तीय वर्ष 2019-20 (रू.)

सी.एस.आर. मद पर खर्च वित्‍तीय वर्ष 2020-21 (रू.)

1

संजय गांधी ताप, विद्युत गृह, बिरसिंहपुर

विद्यालय अनुदान

1,59,52,000/-

2,00,00,000/-

2

सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी

विद्यालय अनुदान

1,72,31,058/-

2,08,35,753/-

3

श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह, खण्‍डवा

पेयजल व्‍यवस्‍था, ट्रेनिंग प्रोग्राम, बच्‍चो की कापी, पुस्‍तकों का वितरण, सड़क नवीनीकरण

67,87,000/-

--

4

मुख्‍यालय, जबलपुर

विद्यालय अनुदान

7,50,000/-

--

5

ग्‍वालियर

नगर निगम में स्‍ट्रीट लाईट

--

13,46,500/-

जिन प्रस्‍तावों पर सी.एस.आर. अंतर्गत कार्यवाही नहीं की गई एवं कार्यवाही नहीं किए जाने का कारण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्‍यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी अंतर्गत किसी भी विद्युत गृह को सी.एस.आर. का कार्य किए जाने की छूट प्रदान नहीं की गई है। सी.एस.आर. पालिसी, 2016 की कंडिका 07 के अनुसार विगत तीन वर्षों के दौरान कंपनी द्वारा प्रतिधारित आय के औसत की दो प्रतिशत राशि सी.एस.आर. मद में खर्च की जाना है।

परिशिष्ट - "उनसठ"

पावर हाऊस की राख का उपयोग

[ऊर्जा]

78. ( क्र. 5629 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्‍पनी जबलपुर वर्तमान में किस-किस स्‍थान पर कितने मेगावाट के थर्मल पावर हाऊस का संचालन कर रही है इसमें से औसतन प्रतिदिन किस पावर हाऊस से कितनी राख निकली है उसके संग्रहण के लिए क्‍या व्‍यवस्‍था है? (ख) किस पावर हाऊस से निकली कितनी राख गत दो वर्षों में सड़क निर्माण कार्यों के लिए प्रदाय की इस संबंध में भारत सरकार के राजपत्र में दिनांक 27 जनवरी 2016 को प्रकाशित अधिसूचना में क्‍या प्रावधान किया है। (ग) दिनांक 27 जनवरी 2016 को प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार सड़क निर्माण हेतु राख प्रदाय किए जाने का क्‍या कारण रहा है इसके लिए शासन किसे जिम्‍मेदार मानता है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा संचालित सभी ताप विद्युत गृहों से संबंधित प्रश्‍नांश में चाही गई जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। ताप विद्युत गृहों से निकली राख का संग्रहण राखड़ बांध एवं साइलों में किया जाता है। (ख) सड़क निर्माण कार्यों के लिये मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई से वित्तीय वर्ष 2019-20 में 4021 मीट्रिक टन एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 (28 फरवरी तक) 2805 मीट्रिक टन तथा संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर से वित्तीय वर्ष                               2019-20 में 8327 मीट्रिक टन एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 (28 फरवरी तक) में 4562 मीट्रिक टन राख प्रदान की गई है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी तथा श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, दोंगलिया से गत 02 वर्षों में सड़क निर्माण कार्यों के लिये राख प्रदाय नहीं की है। भारत सरकार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 25/01/2016 के पैरा 2 (ख) (10) में सड़क निर्माण हेतु राख प्रदाय किए जाने के संबंध में प्रावधान है कि कोयला या लिग्‍नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र से 100 किलोमीटर की परिधि के भीतर सड़क संनिर्माण परियोजनाओं या ऐश आधारित उत्‍पादों के संनिर्माण के लिए या कृषि संबधित क्रियाकलापों में मृदा अनुकूलक के रूप में उपयोग के लिए ऐश के परिवहन की लागत ऐसे कोयला या लिग्‍नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र द्वारा वहन की जाएगी और 100 किलोमीटर की परिधि से परे और 300 किलोमीटर की परिधि के भीतर ऐसे परिवहन की लागत को उपयोगकर्ता और कोयला या लिग्‍नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र के बीच समान रूप से अंश भाजित की जाएगी। उक्‍त अधिसूचना के पैरा 2 (ख) (14) के अनुसार कोयला या लिग्‍नाइट आधारित तापीय विद्युत संयंत्र, 300 किलोमीटर की परिधि के भीतर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन सड़क संनिर्माण परियोजनाओं और भवनों, सड़कों, बांधों और तटबंधों के संनिर्माण को अंतर्वलित करने वाले सरकार के आस्ति सृजन कार्यक्रमों के स्‍थल तक ऐश के परिवहन की संपूर्ण लागत का वहन करेगा। उल्‍लेखनीय है कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्तमान में प्रचलित ताप विद्युत गृहों द्वारा राख के निपटान संबंधी प्रावधानों का परीक्षण कर प्रचलित अधिसूचना को संशोधित किया जाना प्रक्रियाधीन है। इस हेतु प्रारूप अधिसूचना जारी की गई है। प्रारूप अधिसूचना में ताप विद्युत गृहों द्वारा राख के निपटान के प्रावधान वर्तमान में प्रचलित प्रावधानों से भिन्‍न है। (ग) सड़क निर्माण कार्यों के लिये अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई एवं संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर से जिन एजेंसियों को राख प्रदाय की गई उन्होंने अपने स्वयं के व्यय पर राख परिवहन किया है। भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 25/01/2016 के अनुसार राख प्रदान की गई है। अत: इसके लिए कोई जिम्‍मेदार नहीं है।

परिशिष्ट - "साठ"

माननीय सांसद व विधायकों द्वारा निरीक्षण कार्य

[संसदीय कार्य]

79. ( क्र. 5661 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) माननीय सांसद व विधायकों को संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में निरीक्षण करने के किन-किन विभागों में अधिकार हैं व क्‍या संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के अतिरिक्‍त अन्‍य क्षेत्रों में भी निरीक्षण कर सकते हैं अ‍थवा नहीं? निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियां हेतु शासन को क्‍या कार्यवाही अर्थात प्रतिवेदन प्रस्‍तुत कर सकते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में माननीय सांसद व विधायकों के निरीक्षण हेतु शासन द्वारा कोई नियम अधिनियम प्रचलन में हो तो उसकी भी जानकारी भी दी जावे।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रचार-प्रसार के नाम पर आर्थिक अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

80. ( क्र. 5671 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम छिंदवाड़ा द्वारा वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में किस-किस संबंध में प्रचार-प्रसार जैसे होर्डिंग, फ्लेक्‍स-बैनर, पोस्‍टर, वॉलपेंटिंग आदि पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? उक्त प्रचार-प्रसार का कार्य किस-किस फर्म/एजेंसी से कराया गया तथा किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान उक्‍त कार्यों के लिये किया गया और कितने कार्यों का भुगतान किया जाना शेष हैं? (ख) उक्‍त प्रचार-प्रसार के लिये नियमानुसार अनुमति प्राप्‍त की गई थी? यदि अनुमति प्राप्‍त नहीं की गई तो किस आधार पर उक्त राशि व्‍यय की गई और इसके लिये कौन-कौन उत्‍तरदायी है? क्‍या उनके विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्‍या उपरोक्‍त प्रचार-प्रसार कार्य के लिये टेंडर आमंत्रित किये गये थे? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों के टेंडर आमंत्रित किये गये थे तथा किन-किन कार्यों के टेंडर किन-किन कारणों से आमंत्रित नहीं किये गये थे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। किसी भी कार्य का भुगतान किया जाना शेष नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट में वर्षवार कराये गये समस्‍त कार्यों की नियमानुसार अनुमति प्राप्‍त की गई थी। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। उपरोक्‍त प्रचार-प्रसार कार्यों के लिए नियमानुसार टेण्‍डर आमंत्रित किये गये थे। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नियम विरूद्ध कार्य करने पर कोई भी कार्यवाही ना होना

[नगरीय विकास एवं आवास]

81. ( क्र. 5697 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पूर्व विधायक श्री सुरेन्‍द्र सिंह गहरवार के साथ प्रतिनि‍धि मंडल बिरसिंहपुर नगर पंचायत में प्रभारी सी.एम.ओ. द्वारा सेमरिया सुन्‍दरा स्‍टेट हाईवे 52 पर अवैध अतिक्रमण कर सड़क की चौड़ाई कम करते हुये दुकानों का निर्माण किये जाने, शासकीय कन्‍या हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल की भूमि पर भू-माफियाओं का कब्‍जा हटाये जाने, प्रियांशी मैरिज गार्डन द्वारा शासकीय भूमि पर किये गये अवैध अतिक्रमणों को हटाये जाने, बिरसिंहपुर नगर पंचायत की सीमा में खाली शासकीय भूमि पर भवन मरम्‍मत के नाम पर भवन बनाने का फर्जी अधिकार पत्र जारी कर प्‍लांट आवंटित कर घर अवैध रूप से बनवा देने सहित दर्जनों शिकायतों को लेकर कलेक्‍टर सतना से मिला एवं लिखित में पत्रों सहित ज्ञापन दिये गये? (ख) प्रभारी सी.एम.ओ. बिरसिंहपुर नगर पंचायत की क्‍या-क्‍या शिकयतें एवं पूर्व विधायक सुरेन्‍द्र सिंह गहरवार एवं अन्‍य के द्वारा प्रश्‍नतिथि तक राज्‍य शासन/आयुक्‍त नगरीय विकास/जिला प्रशासन/एस.डी.एम. कार्यालय में लंबित है? प्रश्‍नतिथि तक कब व क्‍या कार्यवाही किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से की गई? (ग) बिरसिंहपुर नगर पंचायत क्षेत्र की सीमा के अंतर्गत किस आराजी क्रमांकों एवं कितने रकबे वाली शासकीय एवं सार्वजनिक निस्‍तार की भूमियों पर किस नाम के द्वारा अतिक्रमण कब से किया हुआ है? भूमिवार/ प्रकरणवार दें? कब तक अतिक्रमण मुक्‍त कराया जायेगा? अतिक्रमणकर्ता के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवैध अतिक्रमण सहित अन्‍य विषयों पर हुये अवैध कार्यों पर शासन कब तक कार्यवाही कर प्रभारी सी.एम.ओ. को तत्‍काल नि‍लंबित कर विभागीय जाँच संस्थित करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। ऐसा कोई लिखित पत्र कलेक्‍टर कार्यालय में प्राप्‍त नहीं है। (ख) शासन में नगर परिषद बिरसिंहपुर जिला-सतना में पदस्‍थ प्रभारी मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, श्री अम्बिका प्रसाद पाण्‍डेय के विरूद्ध अनियमितता की जाँच किये जाने के संबंध में शिकायतकर्ता श्री धनीराम प्रजापति अ‍ध्‍यक्ष नगर परिषद बिरसिंहपुर जिला-सतना से प्राप्‍त हुआ था। प्राप्‍त शिकायतों पर संभागीय संचालक रीवा संभाग से संचालनालय के पत्र क्रमांक 4232 दिनांक 25.02.2021 के द्वारा बिन्‍दुवार जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है।                             (ग) तहसीलदार बिरसिंहपुर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार बिरसिंहपुर नगर क्षेत्रांतर्गत शासकीय आराजी नं. 15/1/, 23/1/‍, आ.न.-9, आ.न. 33 एवं आ.न. 34 कुल रकवा 6.331 हे. के. अंश रकवा 0.862 हे. में अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रामकों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। म.प्र.भू. संहिता के विहित प्रावधान अंतर्गत कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) कलेक्‍टर महोदय के आदेश क्रमांक 55 दिनांक 18.01.2021 द्वारा श्री अम्बिका पाण्‍डेय, मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, बिरसिंहपुर को निलंबित किया जा चुका है। निलम्‍बन आदेश को याचिका क्र. 1756/2021 निर्णय दिनांक 27.01.2021 से मान. उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर द्वारा स्‍थगित किया गया है।

परिशिष्ट - "इकसठ"

मण्‍डला जिले आयुष चिकित्‍सक होम्‍योपैथिक की जानकारी

[आयुष]

82. ( क्र. 5769 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में आयुष चिकित्‍सक होम्‍योपैथिक डॉक्‍टर के कितने पद स्‍वीकृत है? उनमें से कितने पद भरे गये है? वर्तमान में कितने पद किस-किस वर्ग/श्रेणी के रिक्‍त है? रिक्‍त पदों की जानकारी पुरूष-महिला वर्ग/श्रेणीवार बतायें (ख) क्‍या एन.आर.एच.एम. भर्ती 2013-14 में मण्‍डला जिला हेतु आयुष चिकित्‍सक के विज्ञापित पुरूष, महिला वर्गवार क्रमश: 18-18 पदों के विरूद्ध केवल 14 तथा 6 पद ही भरे गये है? (ग) क्‍या शेष रिक्‍त पदों के विरूद्ध होम्‍योपैथिक पिछड़ा वर्ग महिला श्रेणी की आवेदिका कुमारी अणीमा बहिरे ने माननीय उच्‍च न्‍यायायलय के आदेशानुसार अभ्‍यावेदन कर उपरोक्‍त श्रेणी अंतर्गत नियुक्ति की मांग की है? यदि हाँ, तो अद्यतन स्थिति क्‍या है?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) एन.आर.एच.एम. एवं आयुष विभाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार(ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। एन.आर.एच.एम. से प्राप्‍त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार

महाविद्यालयों के पास उपलब्‍ध भूमि

[उच्च शिक्षा]

83. ( क्र. 5779 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के किन-किन शासकीय महाविद्यालयों के पास कितनी-कितनी भूमि है तथा उक्‍त भूमि पर किस-किस व्‍यक्ति/संस्‍था द्वारा अतिक्रमण कर कब्‍जा कर लिया गया है?                    (ख) महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा उक्‍त अतिक्रमण रोकने तथा अतिक्रमण होने के समय           क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें। (ग) क्‍या शासकीय महाविद्यालय उदपुरा की भूमि पर अनेक वर्षों से गरीब व्‍यक्ति झुग्‍गी बनाकर निवास कर रहे है यदि हाँ, तो किस-किस व्‍यक्ति द्वारा कब से कब्‍जा कर झुग्‍गी बनाकर रह रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के झुग्‍गी वासियों के व्‍यवस्‍थापन अथवा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आवास निर्माण हेतु कलेक्‍टर रायसेन एवं विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिन व्‍यक्तियों द्वारा शासकीय महाविद्यालय, उदयपुरा की भूमि पर कब्‍जा किया गया है, उनकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इन सभी व्‍यक्तियों द्वारा वर्ष 2004 से कब्‍जा किया गया है। (घ) अतिक्रमणकारियों का कब्‍जा हटाने के संबंध में विस्‍थापन हेतु भूमि के चयन की कार्यवाही जिला कलेक्‍टर स्‍तर पर प्रचलन में है।

परिशिष्ट - "बासठ"

महिलाओं पर किये गये अत्‍याचार की जानकारी

[गृह]

84. ( क्र. 5808 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गुना के बांसखेड़ी गांव में गर्भवती महिला को अमानवीय तरीके से प्रताड़ित करने वाले राजनैतिक दल के लोग है तथा उन्‍हें बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है तथा उन्‍हें थाने में जमानत दे दी गई? (ख) खण्‍ड (क) के प्रकरण पर किस धारा में किस थाने में किन-किन लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया तथा कितनों की उत्‍तर दिनांक तक गिरफ्तार किया गया? (ग) अप्रैल 2020 से 20 फरवरी, 2021 तक महिलाओं पर विभिन्‍न प्रकरण के हुये अत्‍याचारों पर दर्ज प्रकरणों की धारा अनुसार संख्‍या बतावें तथा कौन-कौन सी धारा क्‍यों लगाई जाती है? (घ) क्‍या भोपाल में 16 जनवरी को युवती के साथ दरिंदगी करने वाला उत्‍तर दिनांक तक नहीं पकड़ा गया? क्‍या इस दरिंदगी पर कोलार थाने पर मात्र छेड़छाड़ का मामला दर्ज हुआ? यदि हाँ, तो बतावें कि इस सरकार में महिलाओं की सुरक्षा किस प्रकार की जावेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला गुना के ग्राम बांसखेडी गांव में गर्भवती महिला को अमानवीय तरीके से प्रताड़ित करने वाले किसी राजनैतिक दल के लोग नहीं है। पीड़िता को प्रताड़ित करने वाले उसके ससुराल ग्राम बांसखेड़ी के लोग है। उन्हें बचाने का कोई प्रयास नहीं किया गया। आरोपियों को थाने से कोई जमानत नहीं दी गई है। (ख) पीड़िता को प्रताड़ित किये जाने पर थाना सिरसी पर दिनांक 11.02.2021 को अपराध क्रमांक 19/21 धारा 323, 294, 506, 34 भादवि का दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान धारा 342, 365, 354 भादवि बढ़ाई गई। प्रकरण में 05 आरोपी 1- (ससुर) गुंजारिया बारेला 2- (जेठ) कुमार सिंह उर्फ कुंवर सिंह 3- (जेठ) केपी सिंह बारेला 4- (जेठ) रतन बारेला 5- बुन्दा उर्फ गुण्डा बारेला को दिनांक 16.02.2021 को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया एवं 03 विधि विवादित किशोरों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिला भोपाल में 16 जनवरी 2021 की घटना उपरांत आरोपी अनिल बोरकर पिता कविराज बोरकर निवासी न्यू अम्बेडकर नगर कोलार को दिनांक 08/02/2021 को गिरफ्तार किया गया एवं पीड़िता के बताए अनुसार अपराध दर्ज किया गया है। विवेचना के दौरान प्रकरण में साक्ष्यों के आधार पर धारा 307,376,511 भा.द.वि. बढ़ाई गई है। महिला की सुरक्षा हेतु, सार्वजनिक स्थल, महिलाओं के कार्यस्थल, स्कूल, कालेजों एवं सुनसान इलाकों के आस-पास एवं शहर में भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में निरंतर निर्भया मोबाईल तथा पुलिस पेट्रोलिंग की जा रही है।

परिशिष्ट - "तिरेसठ"

रेनोवेशन के किये गये कार्य की जानकारी

[ऊर्जा]

85. ( क्र. 5809 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यह कि अप्रैल, 2005 से आज दिनांक तक मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के सतपुड़ा सारनी, अमरकंटक चचाई एवं संजय ताप बिजलीघर बि‍रसिंहपुर की किन-किन इकाइयों के रेनोवेशन किया गया? दिनांक वर्ष सहित पृथक-पृथक किये गये कुल खर्च की यूनिट वाइज बताया जाय साथ ही यह भी जानकारी दी जाय कि RENOVATION की गई कौन-कौन से थर्मल इकाइयों से बिजली उत्‍पादन किस-किस दिनांक से विद्युत उत्‍पादन नहीं हो रहा और वर्तमान में उनकी स्थिति क्‍या है? क्‍या उन्‍हें स्‍क्रैप डाउन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उसमें प्रत्‍येक यूनिट की कितनी राशि प्राप्‍त हुई? (ख) यह कि अमरकंटक ताप बिजलीघर चचाई एवं सतपुड़ा ताप बिजली घर सारनी की किन-किन इकाइयों को स्‍क्रैप डाउन किया गया है दिनांक और वर्ष के साथ उससे कितनी राशि में किसे-किसे बेचा गया, साथ ही सतपुड़ा की 6, 7, 8 एवं 9 नम्‍बर यूनिट को क्‍या स्‍क्रैप डाउन किये जाने की कोई योजना है यदि हाँ, तो उन इकाइयों से विगत पाँच वर्षों में वर्षवार कितना PLF रहा और पूर्व में इनके रेनोवेशन पर पृथक-पृथक वर्षवार कुल कितनी राशि खर्च की गई? जानकारी में बताएं। (ग) यह बताएं कि भविष्‍य में मध्‍यप्रदेश जेनकों के किन-किन ताप बिजली घरों की किन-किन यूनिटों का रेनोवेशन किये जाने का प्रस्‍ताव/योजना है इन पर कुल कितनी रा‍शि खर्च होगी तथा इन इकाइयों को कब तक स्‍क्रैप डाउन किया जाने की योजना संभावित है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के विद्युत गृह क्रमांक 2 की इकाई क्रमांक 3 एवं 4 में अप्रैल 2005 से वर्ष 2012 के मध्य किये गये रेनोवेशन कार्य से संबंधित वांछित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- में दर्शायी गई है। वर्तमान में इन इकाइयों को डिस्मेंटल किया जा रहा है तथा विक्रय राशि का विवरण भी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- “ में दर्शाया गया है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में रेनोवेशन के कार्य नहीं किये गये हैं। अपितु सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी की इकाई क्रमांक 6,7,8 एवं 9 में आवश्यकताजनित आधुनिकीकरण एवं नवीनीकरण के कार्य कराये गये हैं।          (ख) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी की इकाइयों के स्क्रैप डाउन की वांछित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“” अनुसार है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी की इकाई क्रमांक 6, 7, 8 एवं 9 को सेवानिवृत्त करने का प्रस्ताव विचाराधीन हैं। वर्तमान में इकाई क्र. 6 और 7 से राज्य भार प्रेषण केन्द्र के निर्देशानुसार विद्युत उत्पादन किया जा रहा है एवं इकाई क्र. 8 और 9 को क्रमशः दिनाकं 29-02-2020 एवं 24-02-2020 से बंद रखा गया है। इकाइयों को स्क्रैप डाउन किये जाने का निर्णय, सेवानिवृत्ति के निर्णय के उपरांत लिया जायेगा। सतपुडा ताप विद्युत गृह सारनी की इकाई क्रमांक 6, 7, 8 एवं 9 का विगत 5 वर्षों का वर्षवार संयंत्र उपयोगिता घटक (पीएलएफ) का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-” में दर्शाया गया है। सतपुडा ताप विद्युत गृह सारनी की इकाई क्रमांक 6, 7, 8 एवं 9 में रेनोवेशन के कार्य नहीं कराये गये हैं अपितु इन इकाइयों में आवश्यकताजनित आधुनिकीकरण एवं नवीनीकरण के कार्य कराये गये हैं, जिन पर खर्च की गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ में दर्शाया गया है। (ग) मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर की इकाई क्रमांक-1, 2 3 एवं 4 (4X210 मेगावाट) में रेनोवेशन का कार्य आगामी वर्षों में किया जाना प्रस्तावित है जिसकी अनुमानित लागत लगभग रू. 1260 करोड़ संभावित है। वर्तमान में इन इकाइयों को स्‍क्रैप डाउन किये जाने की कोई योजना नहीं है।

 

नगर निगम भोपाल अंतर्गत डाली गई पाईप लाईन

[नगरीय विकास एवं आवास]

86. ( क्र. 5835 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत परियोजना कोलार रोड भोपाल के अंतर्गत हिनौतिया आलम क्षेत्र में निजी भूमि में डाली गई पाईप लाईन के पूर्व निजी भूमि स्‍वामियों को नियमानुसार भूमि अधिग्रहण कर उन्‍हें मुआवजा राशि का भुगतान क्‍यों नहीं किया जा रहा है? क्‍या अधिग्रहण करने से पूर्व भूमि स्‍वामियों की सहमति के बिना ही पाईप लाईन डालने की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं की गई? शासन उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित करेगा? (ख) क्‍या नगर निगम भोपाल द्वारा इस संबंध में कलेक्‍टर भोपाल एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), कोलार रोड, भोपाल को प्रभावित निजी भूमि स्‍वामियों को तत्‍काल नियमानुसार मुआवजा देने के प्रस्‍ताव कब-कब दिये गये, आज दिनांक तक मुआवजा प्रकरण निराकरण न करने के क्‍या कारण हैं? शासन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) कोलार रोड को शीघ्र मुआवजा देने के आदेश प्रदान करेगा? जिससे हितग्राहियों को मुआवजा मिल सके? (ग) निजी भूमि में बनी सड़क जिसका उपयोग पाईप लाईन में हुआ है उसके स्‍थान पर पुन: सी.सी. रोड कब तक बनाया जावेगा ताकि निजी भूमि हितग्राहियों को इसका लाभ मिल सके?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत परियोजना के अंतर्गत भोपाल नगर निगम द्वारा कोलार तहसील हिनौतिया आलम क्षेत्र में बिछाई जा रही पेयजल पाईप लाईन के एलायनमेंट में आ रही निजी भमि के संबंधित भूमि स्वामियों को नियमानुसार भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा राशि दिये जाने संबंधी कार्यवाही प्रचलित होने के कारण भुगतान नहीं किया जा रहा है। अधिग्रहण करने की कार्यवाही से पूर्व शासन की आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति अंतर्गत भूमि स्वामियों की सहमति बनाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी एवं नगर निगम भोपाल द्वारा प्रयास किये गये, परन्तु सभी भू-स्वामियों की सहमति न हो पाने के कारण पेयजल परियोजना व्यापक जनहित एवं समय-सीमा को दृष्टिगत रखते हुये पाईप लाईन डालने की कार्यवाही की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा इस संबंध में कलेक्टर भोपाल एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोलार रोड भोपाल को प्रभावित निजी भूमि स्वामियों से आपसी सहमति बनाने एवं सहमति न बन पाने के कारण आवश्यक भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही किये जाने हेतु दिनांक 01.02.2020, 22.06.2020, 03.07.2020 एवं 06.08.2020 को प्रस्ताव दिये गये। भू-अर्जन संबंधी मामले की निर्धारित तिथियों पर सुनवाई हेतु संबंधित भू-स्वामियों की कोविड-19 महामारी के कारण उपस्थिति नगण्य रहने से मुआवजा प्रकरणों का निराकरण नहीं हो सका। वर्तमान में नगर निगम भोपाल की आर्थिक तंगी को दृष्टिगत रखते हुये मध्यप्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के म.प्र हस्तांतरणीय विकास नियम-2018 अंतर्गत बिना नगद मुआवजे के संबंधित हितग्राहियों को मुआवजे के रूप में विकास अधिकारों का हस्तांतरण (टी.डी.आर.) प्रदाय किये जाने हेतु प्रकरण नगर तथा ग्राम निवेश विभाग में प्रचलित होने कारण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), कोलार रोड को मुआवजा देने के आदेश प्रदान करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुबंध में विहित प्रावधानों एवं शासन के नियमानुसार कार्य पूर्ण होने के उपरांत सड़क मरम्मत कराया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सीहोर जिले के नगरीय निकाय में स्‍वीकृत निर्माण कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

87. ( क्र. 5847 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले के नगरीय निकाय में वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-2021 में क्‍या-क्‍या निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये गये? (ख) क्‍या नगर पालिका आष्‍टा में कसाईपुरा मोहल्‍ला का गंदा पानी पाईप लाईन द्वारा बाहर किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो किस योजना द्वारा पाईप लाईन एवं किस मद से व कितनी राशि स्‍वीकृत कराई गयी है? (घ) आष्‍टा नगर पालिका द्वारा नगर के रोड, पाईप लाईन किस मद द्वारा स्‍वीकृत कर निर्माण कार्य किये गये?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जी नहीं अपितु कसाईपुरा मोहल्‍ला का गंदा पानी ओपन ड्रेनेज सिस्‍टम के माध्‍यम से बाहर किया जा रहा है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

अमृत योजनांतर्गत किए गए कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

88. ( क्र. 5866 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर शहर का चयन अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) में किया गया था? यदि हाँ तो इस योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य किए जा सकते हैं?              (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में छतरपुर नगरीय क्षेत्र में इस योजनांतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितना बजट प्राप्त हुआ? इस बजट से क्या-क्या एवं किस प्रकार के कार्य किए जाने प्रस्तावित थे? जलापूर्ति, सीवरेज सुविधाएं और सेप्टेक प्रबंधन, बाढ़ को कम करने के लिए वर्षा जल नाले, पैदल मार्ग, गैर मोटरीकृत और सार्वजनिक सुविधाएं, पार्किग स्थल, पार्को, मनोरंजन केन्द्रो के निर्माण एवं उन्नयन हेतु क्या कार्य किए गए, कितने प्रगतिरत है, कितने प्रस्तावित है? कितना व्यय हुआ? उक्त कार्यों के अतिरिक्त योजनांतर्गत प्राप्त बजट से कौन से कार्य किए गए एवं कितनी राशि का अन्य मदों में उपयोग किया गया?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। अमृत योजना अंतर्गत छतरपुर में पेयजल परियोजना एवं पार्क निर्माण के कार्य किये जा रहे है। (ख) आज दिनांक तक निकाय को राशि रू. 49.40 करोड़ प्राप्‍त हुये है। इस बजट से पेयजल परियोजना एवं पार्क निर्माण कार्य कराया जाना प्रस्‍तावित है। जिसमें राशि रू. 43.36 करोड़ व्‍यय किया गया है। अमृत योजना की राशि अन्‍य मद में व्‍यय नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

इन्दौर जिले में सायबर क्राईम

[गृह]

89. ( क्र. 5873 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्‍मण सिंह गौड़ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में साईबर के कई प्रकरण आरक्षी केन्द्रों में लंबित हैं, हाँ तो किस-किस आरक्षी केन्द्र पर दिनांक 01/01/2018 से थानेवार दिनांक 10/02/2021 तक के प्रकरणों की संख्या बतावें? (ख) क्या आरक्षी केन्द्र जूनी इन्दौर में कौन-कौन से प्रकरण 01/01/2018 से 10/02/2021 तक पंजीबद्ध किये गये और इनमें से किस-किस प्रकरण में आरोपी की गिरफ्तारी हुई, बाकि प्रकरण में की गई दिनांकवार प्रगति बतावें अगर आरोपियों का पता चला तो उनके नाम भी बतावें? (ग) एफ.आई.आर. क्र. 86 दिनांक 05/03/2020 में पंजीयन दिनांक से 01/02/2021 तक दिनांकवार कार्यवाही बतावें। कौन-कौन आरोपी है? (घ) प्रकरणों में आरोपी का पता चला गया हो तो गिरफ्तारी नहीं होने का कारण बतावें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार।

स्मार्ट सिटी परियोजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

90. ( क्र. 5874 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्‍मण सिंह गौड़ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में केन्द्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना प्रचलित है। इस योजना में म.प्र. के कितने शहरों का चयन प्रश्न दिनांक तक हुआ है? उनकी सूची उपलब्ध करावें             (ख) क्या इस योजना में केन्द्र शासन व राज्य शासन द्वारा राशि प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो कितना-कितना अंश केन्द्र व राज्य शासन का दिया जाता है? किस शहर को किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है? इसकी जानकारी सूचीबद्ध रूप से उपलब्ध करावें। (ग) क्या वर्तमान में किसी शहर को दी जाने वाली कोई राशि केन्द्र या राज्य शासन की ओर से चयनित शहरों को प्रदान करना लंबित है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें कितनी राशि लंबित है व लंबित राशि का कारण बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। स्मार्ट सिटी योजना में मध्यप्रदेश के सात शहरों का चयन हुआ है। चयनित शहरों की सूची संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना में केन्द्र शासन एवं राज्य शासन द्वारा समान रूप से 50-50 प्रतिशत अंश दिया जाता है। स्मार्ट सिटी शहरों को वर्षवार प्रदाय की गयी राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत राशि के विरूद्ध राज्य शासन द्वारा मैचिंग ग्रांट के रूप में राशि स्मार्ट सिटी को प्रदान की जाती है। स्मार्ट सिटी शहरों को प्रदान की जाने वाली लंबित राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। स्मार्ट सिटी शहरो में राशि उपलब्धता, उनके द्वारा प्रस्तुत उपयोगिता प्रमाण-पत्र एवं बजट प्रावधान अनुसार स्मार्ट सिटी को राशि मुक्त की जाती है।

परिशिष्ट - "चौंसठ"

मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं आर्थिक कल्याण ऋण योजना

[नगरीय विकास एवं आवास]

91. ( क्र. 5876 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्‍मण सिंह गौड़ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं आर्थिक कल्याण ऋण योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19, 2019-20 में कितने हितग्राहियों का ऋण स्वीकृत हुआ है एवं कितने हितग्राही के खाते में स्वीकृत ऋण राशि हस्तांतरित हुई है? (ख) क्या जो हितग्राहियों योजना से लाभान्वित हुये है उक्त हितग्राहियों को योजना अंतर्गत राज्य शासन द्वारा लागू की गई सब्सिडी का लाभ लाभान्वित हितग्राही के खातों में हस्तांतरित की गई है, तो स्पष्ट जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों लंबित है, का स्पष्ट कारण बतायें? (ग) क्या उक्त योजना अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों को स्वीकृत ऋण पर लगने वाले ब्याज पर दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ कितने लाभान्वित हितग्राहीयों को मिला है? जिन हितग्राहियों को नहीं मिला उनकी जानकारी कारण सहित उपलब्ध करावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इन्‍दौर जिले में मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना एवं मुख्‍यमंत्री आर्थिक कल्‍याण योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में 4299 हितग्राहियों का ऋण स्‍वीकृत हुआ है। जिसमें से 3218 हितग्राहियों के खाते में स्‍वीकृत ऋण राशि हस्‍तांतरित की गई है। जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट (पृष्‍ठ क्र.1 एवं 2) अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्‍त हितग्राहियों को योजना अंतर्गत 3218 हितग्राहियों के खाते में बैंको द्वारा सब्सिडी राशि हितग्राहियों के खाते में हस्‍तांतरित की गई है। शेष 1081 हितग्राहियों के खातो में हस्‍तांतरित की गई, सब्सिडी की जानकारी बैंको से अप्राप्‍त है। जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट (पृष्‍ठ क्र.1 एवं 2) अनुसार है। (ग) जी हाँ। वित्‍तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में 2860 हितग्राहियों को ब्‍याज अनुदान का लाभ प्राप्‍त हुआ है। शेष 204 हितग्राहियों को ब्‍याज अनुदान बैंको द्वारा दिये जाने की कार्यवाही की जा रही है। जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट (पृष्‍ठ क्र.1 एवं 2) अनुसार है।

परिशिष्ट - "पैंसठ"

रतलाम, मंदसौर जिले के मैरिज गार्डन में अनियमितता

[नगरीय विकास एवं आवास]

92. ( क्र. 5891 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, मंदसौर जिलों में कितने-कितने मैरिज गार्डन कहां-कहां पर नगरीय निकाय में दर्ज हैं तथा बतायें कि क्‍या सभी मैरिज-गार्डन में नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा दी गई अनुमति के नियमानुसार कार्य हुआ है अनुमति की प्रतिलिपि देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित मैरिज-गार्डन पर नियमानुसार भवन का निर्माण हुआ है या नहीं सूची देवें कि किस-किस पर नियमानुसार काम हुआ है तथा किस-किस मैरिज गार्डन पर नियमों के विपरीत कार्य हुआ है भवन निर्माण की दी गई अनुमति की प्रतिलिपि उपलब्‍ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित मैरिज गार्डन पर ठोस कचरे के निष्‍पादन की तथा वेस्‍टेज जल के निकासी की क्‍या व्‍यवस्‍था है क्‍या अधिकांश मैरिज गार्डन सरकारी नालियों में कचरा पानी बहा रहे हैं जिससे आस-पास के रहवासियों को बीमारियों एवं दुर्गंध का सामना करना पड़ता है यदि हाँ, तो बताये कि इस संदर्भ में 1 जनवरी 15 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस मैरिज गार्डन को नोटिस दिये गये तथा उन पर क्‍या कार्यवाही की गई जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित मैरिज गार्डन पर वाहन पार्किंग की क्‍या व्‍यवस्‍था है तथा क्या ये नक्‍शे में बताये गये अनुसार पार्किंग कर रहे है किस-किस मैरिज-गार्डन पर पार्किंग का चलते आयोजन में किस-किस अधिकारी ने निरीक्षण किया तथा उसकी क्या रिपोर्ट विभाग में प्रस्तुत की गयी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

रतलाम इप्का लेबोरेटीज से प्रदूषण

[पर्यावरण]

93. ( क्र. 5892 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम इप्का लेबोरेटीज में ठोस अपशिष्‍ठ में क्‍या-क्‍या हानिकारक चीजे निकलती है तथा उनका निराकरण किस-किस प्रकार किया जाता है विभाग द्वारा पिछले 5 सालों में इसका परीक्षण किस-किस दिनांक को किया गया इसके निष्कर्ष से अवगत कराये?          (ख) क्‍या इप्का लेबोरेटीज द्वारा दूषित जल को कंपनी के अंदर खुदे हुए ट्यूबवेल तथा कंपनी के आस-पास सहकारी नालो में डाल रही है तथा विभाग द्वारा पिछले 5 सालों में परीक्षण के दौरान जिसमें वेस्‍ट नाली में मछली डालकर परीक्षण करने पर मछली मरी हुई पाई गई, यदि हाँ तो बतायें कि इसके दूषित जल के निष्‍पादन की प्रक्रिया की उक्‍त अवधि में कब-कब जाँच की गई, उसके निष्कर्ष से अवगत करायें? (ग) बताये कि लेबोरेटीज द्वारा जो गैस वायुमंडल में छोड़ी जा रही है उसमे कौन-कौन से जहरीले तत्‍व कितनी-कितनी मात्रा में हैं तथा उससे मानव स्‍वास्‍थ्‍य एवं पशु-पक्षी तथा प्रकृति पर क्‍या-क्‍या हानि हो रही है, इस संबंध में उक्‍त अवधि में की गई जाँच के निष्कर्ष की प्रति देवें? (घ) खंड (क) से (ग) तक लेबोरेटीज के प्रदूषण पर उक्‍त अवधि में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा आस-पास के गांव वालों से इप्का लेबोरेटीज के दूषित जल और गैस के कारण भूमि की उत्‍पादकता के कम होने, मानव स्‍वास्‍थ्‍य पर गंभीर बीमारियां होने आदि के बारे में प्राप्‍त शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गई?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) रतलाम स्थित मेसर्स इप्का लेबोरेट्रीज से उत्पन्न होने वाले ठोस अपशिष्टों में जो परिसंकटमय अथवा हानिकारक है उनके संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है तथा विगत पांच सालों में इन अपशिष्टों का परीक्षण प्लाट नं. 104 औद्योगिक क्षेत्र नं.- 2 पीथमपुर जिला-धार स्थित म.प्र. वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट द्वारा किया जाता है। परीक्षण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, उद्योग द्वारा दूषित जल को कम्पनी के अंदर खुदे हुए ट्यूबवेल तथा कम्पनी के आस-पास सहकारी नालों में नहीं डाला जाना पाया गया है। जी नहीं, वेस्ट की नाली में मछली डालकर परीक्षण नहीं किया जाता है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।           (ग) उद्योग में स्थापित 05 बॉयलर एवं इन्सीनिरेटर की चि‍मनियों से गैसीय प्रचालक सल्फर डॉयआक्साईड, नाईट्रोजन के ऑक्साईड्स, कार्बन डॉयआक्साईड एवं कार्बन मोनो ऑक्साईड इत्यादि प्रमुख प्रदूषक उत्सर्जित होते हैं, जिनकी वायु मापन गुणवत्ता प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। मानव स्वास्थ्य एवं पशुओं पर विपरीत प्रभाव पड़ने संबंधी जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार लागू नहीं। रतलाम के आस-पास मृदा में पी.एच. मान तथा इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी सामान्य पाई गई है एवं उत्पादकता पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं है। आस-पास के गांव वालों से प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

प्रबंधन द्वारा केडर कार्मिकों को उच्‍च वेतनमान

[ऊर्जा]

94. ( क्र. 5951 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल द्वारा दिनांक 01/01/2016 से 7वां वेतन आयोग लागू किया गया है, लेकिन इससे जुड़े हुए भत्ते एवं सुविधाएं पुनरीक्षित/रीवार्डज्‍ड नहीं की गई हैं। यह कब तक पुनरीक्षित किए जावेंगे? (ख) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल द्वारा डॉक्‍टर, सी.ए./आई.सी.डब्‍ल्यू.ए. आदि प्रोफेशनलों की सेवाएं कार्मिकों के रूप में ले रहे हैं अत: इनका अव्‍यवसायिक भत्ते (एनपीए अलाउंस) के पुनरीक्षित/रिवीजन की पॉलिसी कब तक बनायेगी? (ग) मध्‍यप्रदेश राज्‍य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती कंपनी म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल मुख्‍यालय प्रबंधन द्वारा केवल बोर्ड द्वारा नियुक्‍त कार्मिकों का उच्‍च पद पर चालू प्रभार के आदेश जारी किए जा रहे हैं, जबकि कंपनी द्वारा नियुक्‍त वरिष्‍ठ कार्मिकों को इससे वंचित क्‍यों रखा जा रहा है तथा कंपनी द्वारा केडर के कार्मिकों को भी प्रथम उच्‍च वेतनमान दिया जा चुका है एवं प्रत्‍येक संवर्गों/केडर के 100 से अधिक पद रिक्‍त हैं? (घ) क्‍या म.प्र. क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल फायरमेन को भी कंपनी तकनीकी कर्मचारी मानती हैं यदि हाँ, तो उन्‍हें अन्‍य कर्मचारियों की भॉति सीआफ-अतिकाल भत्ता आदि का भुगतान की पॉलिसी क्‍यों जारी नहीं की जा रही है? (ड.) ऊर्जा विभाग की बिजली कंपनियों में कार्यरत कार्मिक संगठन पॉवर इंजीनियर एवं एम्‍पलाईज एसोसिएशन द्वारा की जा रही मांगों का निराकरण म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल प्रबंधन एवं संचालक मंडल द्वारा क्‍यों नहीं किया जा रहा है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में तत्संबंध में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) जी हाँ, म.प्र. मध्य क्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा डाक्‍टरों तथा सी.ए./आई.सी.डब्‍ल्‍यू.ए. की सेवाएँ कार्मिको के रूप में ली जा रही है। म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्र. प्र.स./म.क्षे./प्रं-मा.सं-V 8152 दिनांक 07.09.2018 के माध्यम से नियमित रूप से कार्यरत डाक्‍टरों को दिनांक 31-12-2015 से पे-बेन्‍ड के न्‍यूनतम वेतन स्‍तर के 25 प्रतिशत के बराबर अव्‍यवसायिक भत्‍ते (एन.पी.ए. अलाउंस) का भुगतान भविष्‍यलक्षी प्रभाव से दिया जा रहा है। कंपनी अन्‍तर्गत सी.ए./आई.सी.डब्‍ल्‍यू.ए. प्रोफेशनल कार्मिकों को एन.पी.ए. अलाउंस देने का कोई प्रावधान नहीं है एवं वर्तमान में उक्‍त कार्मिकों को एन.पी.ए. अलाउंस देने हेतु कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी नहीं, वर्तमान में पदोन्‍नति पर रोक लगी होने के कारण म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत चालू प्रभार संबंधी व्‍यवस्‍था प्रचलन में है। कंपनी अंतर्गत म.प्र.विद्युत मंडल/म.प्र.राज्‍य विद्युत मंडल द्वारा नियुक्‍त कार्मिकों के साथ ही आवश्‍यकतानुसार कंपनी द्वारा नियुक्त किये गये कार्मिकों को भी उपयुक्‍तता सह वरिष्‍ठता के आधार पर कंपनी कार्यों की आवश्‍यकता के दृष्टिगत उच्‍च पद का चालू प्रभार दिया गया है। कंपनी द्वारा नियुक्‍त वरिष्‍ठ कार्मिकों को उच्‍च पद का चालू प्रभार से वंचित नहीं रखा गया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में फायरमेन का कोई पद स्‍वीकृत नहीं है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ड.) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पॉवर इंजीनियर एवं एम्‍पलाईज एसोसिएशन द्वारा की जा रही मांगो के निराकरण हेतु नियमों के अन्‍तर्गत यथा-संभव कंपनी द्वारा विचार कर निराकृत किया जाता है।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग से नियम विरूद्ध प्राप्‍त किया जाना

[ऊर्जा]

95. ( क्र. 5962 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर परिषद लहार जिला भिण्‍ड ने मार्च, 2019 तक प्रतिमाह विद्युत बिलों की सम्‍पूर्ण राशि का प्रतिमाह भुगतान कर प्रति तीन माह में विभाग से नोड्यूज प्राप्‍त किया था? यदि हाँ, तो लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग भिण्‍ड की असफल योजना होने पर नगर परिषद् लहार को लाखों रूपये के असत्‍य बिल क्‍यों भेजकर बिलों की वर्ष 2020-21 में 32 लाख की राशि नगरीय विकास एवं आवास विभाग से क्‍यों प्राप्‍त की? (ख) नगर परिषद् लहार ने उक्‍त योजना में म.प्र.क्षे.वि.वि.कं. संभाग लहार में कब आवेदन दिया तथा आवेदन प्रस्‍तुत करने की रसीद प्रस्‍तुत करें? (ग) क्‍या ऊर्जा विभाग के लहार कार्यालय में बिना कनेक्‍शन तथा बिना नलकूपों को चालू होने के फर्जी बिलों पर लाखों रूपये की मांग करने की उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जाकर अवैध वसूली की गई राशि कब तक वापिस कर दी जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) 27 जनवरी, 2021 को विधानसभा क्षेत्र विकास की समीक्षा बैठक में नगर पालिका लहार के जिला भिण्‍ड ने मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी के प्रस्‍ताव पर असत्‍य बिलों को समाप्‍त करने का निर्णय उप महाप्रबंधक की उपस्थिति में निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो उत्‍तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, नगर पालिका लहार जिला भिण्‍ड द्वारा माह मार्च-2019 तक प्रतिमाह विद्युत बिलों की सम्‍पूर्ण राशि का भुगतान नहीं किया है। म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में उपलब्‍ध अभिलेखों अनुसार यह पुष्टि होना भी नहीं पाया गया है कि नगर पालिका लहार ने प्रति तीन माह में म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लहार कार्यालय से नोड्यूज प्राप्‍त किया था। म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लहार कार्यालय द्वारा नगर पालिका लहार को किसी भी प्रकार के असत्‍य बिल नहीं भेजे गये हैं। वर्ष 2020-21 में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नगर पालिका लहार के नल जल योजनाओं/विद्युत कनेक्‍शनों के बिलों से संबंधित बकाया राशि के भुगतान हेतु माह जनवरी 2021 में राशि रू. 12.99 लाख एवं माह फरवरी-2021 में राशि रू. 12.99 लाख इस प्रकार कुल रूपये 25.98 लाख की राशि विद्युत बिल के भुगतान बावत प्रदाय की गयी, जिसका समायोजन नगर पालिक लहार के विद्युत बिलों की बकाया राशि में किया गया है। (ख) लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रि‍की विभाग की लहार शहर में पूर्ण की गई नल जल योजना में दिये गये कनेक्‍शनों के लिये आवेदन नगर पालिका लहार द्वारा तत्‍कालीन कनिष्‍ठ यंत्री लहार वितरण केन्‍द्र में दिये गये थे। लम्‍बी समयावधि होने के कारण उक्‍त विद्युत कनेक्‍शनों की फाइले वर्तमान में म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय के अभिलेखों में नहीं मिल पा रही हैं। (ग) जी नहीं, म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लहार कार्यालय द्वारा नगर पालिका लहार के विद्युत कनेक्‍शनों के विरूद्ध नियमित रूप से विद्युत बिल दिये गये हैं एवं नगर पालिका लहार से उक्‍त विद्युत कनेक्‍शनों के विरूद्ध विद्युत बिल की राशि समय-समय पर प्राप्‍त हुई है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) वर्ष 2019-20 में नगर पालिका लहार के क्षेत्रांतर्गत नल जल योजना/अन्‍य के 34 कनेक्‍शन विद्यमान थे। वर्ष 2020-21 में दिनांक 27 जनवरी 2021 को विधानसभा क्षेत्र विकास समिति की समीक्षा बैठक में नगर पालिका लहार, जिला भिण्‍ड के मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के प्रस्‍ताव पर नगर पालिका लहार के अंतर्गत 9 विद्युत कनेक्‍शनों का मौका स्‍थल निरीक्षण कराकर वितरण कंपनी नियमानुसार उनमें से 8 विद्युत कनेक्‍शन स्‍थाई रूप से विच्‍छेदित किये गये हैं एवं उक्‍त 9 कनेक्‍शनों में से 1 कनेक्‍शन सुचारू रूप से चालू है। उक्‍तानुसार की गई कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - "छियासठ"

नवीन नगर परिषद् रौन का गठन

[नगरीय विकास एवं आवास]

96. ( क्र. 5967 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के अंतर्गत नवीन नगर परिषद् रौन के गठन में सम्मिलित ग्रामों की वर्ष 2011 के अनुसार अलग-अलग जनसंख्‍या बताएं? (ख) नवीन नगर परिषद् रौन विधानसभा क्षेत्र मेहगांव के अन्‍तर्गत होने के बाद लहार विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? सम्मिलित ग्रामों के नाम व जनसंख्‍या सहित विवरण दें? (ग) नवीन नगर परिषद् रौन विधानसभा मेहगांव के अंतर्गत आने के बाद भी लहार विधानसभा क्षेत्र के निवासियों की भावना के विपरीत नगर परिषद् रौन का गठन करने के विरूद्ध नागरिकों द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय ग्‍वालियर में याचिका प्रस्‍तुत की है? यदि हाँ, तो न्‍यायालय के आदेश आने तक रौन नगर परिषद् के गठन की प्रक्रिया रोकी जा सकेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या लहार विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को नगर परिषद् रौन से अलग कर पूर्वानुसार ग्राम पंचायत में रखा जाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : () जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार।    (ख) नगर परिषद रौन में लहार विधान सभा क्षेत्र के ग्राम-विरखड़ी, चचाई, जगन्नाथपुरा, हमीरपुरा को सम्मिलित किया गया है जिसमें विरखड़ीचचाई की जनसंख्या 4312 तथा जगन्नाथपुरा, हमीरपुरा, की जनसंख्या 3857 है। (ग) जी हां। न्यायालय आदेशानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के आलोक में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है।

परिशिष्ट - "सड़सठ"

जबलपुर ट्रांसपोर्ट नगर में अनियमितता

[गृह]

97. ( क्र. 5979 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में जबलपुर स्थित चंडाल भाटा ट्रांसपोर्ट नगर में भूखंडो के आवंटन/नामान्‍तरण की           कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्राप्‍त शिकायतों पर      क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गयी हैं जाँच के क्‍या-क्‍या निष्‍कर्ष प्राप्‍त हुए हैं, किस-किस पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये? (ग) क्‍या ट्रांसपोर्ट नगर में ऐसे व्‍यक्ति भी भूखंडों में काबिज हैं जो मूल रूप से ट्रासंपोर्ट व्‍यवसायी नहीं हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो क्‍या इस संबंध में EOW, लोकायुक्‍त नगर निगम जबलपुर द्वारा कोई जाँच की गयी है? यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस के द्वारा जाँच की गयी तथा जाँच पश्‍चात क्‍या कार्यवाही की गयी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (‍क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन

[नगरीय विकास एवं आवास]

98. ( क्र. 6000 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद शहपुरा जबलपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक कितने हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया? DPR वाइज जानकारी देवें एवं योजना प्रारंभ से वर्तमान तक योजना प्रभारी नोडल कौन-कौन, कब-कब रहे?              (ख) उक्त योजनान्तर्गत कितने हितग्राहियों के नाम कलेक्टर से अनुमोदित कराये गये और उनमें से कौन-कौन योजना अंतर्गत लाभान्वित हुए और कितनों को लाभ मिला? कलेक्टर अनुमोदित सूची लाभान्वितों की उपलब्ध करावें। (ग) नगर पंचायत में कार्यरत अविवाहित दैनिक कर्मचारियों को किस नियम के आधार पर इस योजना का लाभ दिया गया? (घ) वार्ड नंबर 4, 5 शासकीय भूमि पर किसकी सक्षम स्वीकृति से 5 एकड़ भूमि पर 800 लोगों के आवास बनाये गये हैं अतः भूमि पर बनाई गयी कालोनी का कॉलोनाइजर कौन है और किस अधिकार से इस अवैधानिक कॉलोनी का निर्माण किया गया? (ङ) नगर पंचायत शहपुरा के बाहर रहने वाले लोगों को किस नियम के तहत आवास योजना का लाभ दिया गया? (च) शासन द्वारा निकाय को किस DPR के कितने हितग्राहियों की राशि प्रदाय की गयी और नगर पंचायत द्वारा किस हितग्राहियों को कितनी किश्त की कितनी राशि कब-कब प्रदाय की गयी? (छ) हितग्राहियों को एक मुश्त 1.5 लाख रूपयें की राशि किस नियमानुसार उपलब्ध करायी गयी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। लाभान्वित हितग्राहियों की पात्रता के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर जाँच के निर्देश दिये गये है। (ग) हितग्राहियों के चयन, अपात्रता व राशि वितरण के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर संयुक्त संचालक, जबलपुर संभाग की अध्यक्षता में जाँच समिति गठित की गई है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। जाँच किये जाने के निर्देश दिये गये है।             (ड.) जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है। (च) शासन द्वारा निकाय को डीपीआर-वार प्रदाय राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। निकाय के द्वारा हितग्राहियों को प्रदाय की गई किश्तों के संबंध में जाँच के आदेश दिये गये है। (छ) जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है।

इन्दौर की भाग्या काकड़ की सड़क का निर्माण

[नगरीय विकास एवं आवास]

99. ( क्र. 6035 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर नगर पालिका निगम के ज़ोन क्र. 17 वार्ड 19 के अंतर्गत श्रीराम भरोसे के मकान से भाग्या काकड़ तक सी.सी. रोड निर्माण कार्य चल रहा है? (ख) यदि हाँ तो निर्माणाधीन प्रक्रिया में क्या-क्या कार्य पूर्ण हो चुका है और क्या-क्या कार्य शेष है? उक्त सड़क का कार्यादेश किस दिनांक को जारी हुआ एवं किस दिनांक को कार्य प्रारंभ हुआ? निर्माण कार्य कब पूर्ण होना था? (ग) निर्माण कार्य में देरी के लिए कौन जिम्मेदार है? निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, कार्य शुरू किया था विवाद की स्थिति उत्पन्न होने से वर्तमान में नहीं चल रहा है। (ख) स्थल पर खुदाई व सबग्रेड का कार्य किया गया है एवं बेस कांक्रीट व एम-40 ग्रेड की सीमेंट कांक्रीट टॉप लेयर का कार्य शेष है। कार्यादेश दिनांक 06.03.2019 को जारी हुआ एवं दिनांक 18.08.2019 को कार्य प्रारंभ हुआ। कार्यादेश के अनुसार कार्य पूर्ण होने की अवधि 05.11.2019 निर्धारित थी परन्तु नगर निगम द्वारा कोविड एवं लॉकडाउन की वजह से दिसम्बर 2020 नियत की गई थी। (ग) निर्माण स्थल की भूमि के स्वामित्व संबंधी विवाद की स्थिति उत्पन्न होने के कारण समय पर कार्य प्रारंभ नहीं हो सका, जिसके निराकरण के लिए नगर निगम स्तर से कार्यवाही निरंतर प्रचलन में होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भूमि स्वामित्व संबंधी विवाद का निराकरण होने के पश्चात कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।

श्री पुरूषोत्‍तम सनोडिया चौकीदार (भृत्‍य) के नियमितीकरण

[उच्च शिक्षा]

100. ( क्र. 6037 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के शासकीय स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय सिवनी के आदेशानुसार पुरूषोत्‍तम सनोडिया की नियुक्ति दिनांक 01.01.1984 को दैनिक वेतन पर की गई थी? क्‍या संबंधित की समस्‍या के संबंध में मध्‍यप्रदेश शासन उच्‍च शिक्षा विभाग, मंत्रालय भोपाल को रजिस्‍टर्ड पत्र प्राप्‍त हुआ है यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्‍त पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई?                          (ख) क्‍या उच्‍च शिक्षा विभाग के पत्र दिनांक 04.08.2011 द्वारा संबंधित की आयु दिनांक 01.10.1989 को 32 वर्ष 07 माह दर्शाई गई है। विभाग ने आवेदक की आयु की गणना पूर्व नियुक्ति तिथि से क्‍यों नहीं की स्‍पष्‍ट कारण बतावें। क्‍या संस्‍था प्रमुख द्वारा संबंधित की जानकारी छुपाई गई? (ग) महाविद्यालय सिवनी का आदेश दिनांक 05.10.1989 द्वारा संबंधित दैनिक वेतन कर्मचारी की सेवायें चौकीदार के रिक्‍त पद पर जिला अध्‍यक्ष, द्वारा निर्धारित दर पर अग्रिम आदेश नियुक्ति चौकीदार/भृत्‍य के पद पर की गई है। संबंधित की प्रथम नियुक्ति को जन्‍म तिथि क्‍या थी? सेवा पुस्तिका की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या विभाग संबंधित कर्मचारी को दिनांक 01.10.1989 से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की सेवायें 10 वर्ष पूर्ण आक. निधि भृत्‍य का वेतनमान 2550-55-2660-3200 में स्‍वीकृति प्रदान करेगा? क्‍या विभाग पुन: प्रकरण का परीक्षण कर आदेश जारी करेगा। यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) श्री पुरूषोत्तम सनोड़िया को 01/01/1984 को माली का कार्य करने हेतु अशासकीय निधि से 8.50/- रूपये प्रतिदिन की दैनिक मजदूरी पर रखा गया था। जी हां, प्राप्‍त अभ्‍यावेदन परीक्षणाधीन है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। श्री सनोड़िया दिनांक 01/01/1984 से 10/03/1988 तक अशासकीय मद से दैनिक मजदूरी पाते रहे एवं दिनांक 11/03/1988 से 30/03/1989 तक तत्कालीन प्राचार्य द्वारा इन्हें कार्य पर नहीं रखा गया। दिनांक 01/10/1989 से आकस्मिक निधि/नैमेत्तिक मद से कलेक्टर दर पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में कार्यरत रहे। इसके पूर्व चूंकि अशासकीय मद से इन्हें मजदूरी का भुगतान किया जाता था। अतः इस अवधि में आवेदक की आयु की गणना नहीं की गयी। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। श्री सनोड़िया को स्थायी कर्मी का लाभ देने के पश्चात् इनकी सेवा पुस्तिका दिनांक 28/02/2020 को बनाई गयी थी। श्री पुरूषोत्तम सनोड़िया द्वारा प्रस्तुत सातवीं कक्षा की अंकसूची के आधार पर इनकी जन्मतिथि सेवापुस्तिका में अंकित की गयी, जो 12/02/1958 है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. एफ 5/1/2013/1/3, दिनांक 07 अक्टूबर, 2016 के अनुसार श्री पुरूषोत्तम सनोड़िया के आवेदन के आधार पर इन्हें कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के लिये स्थायीकर्मियों को विनियमित करने की योजना का लाभ पूर्व में ही प्राचार्य शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, सिवनी के आदेश क्रमांक 526/2020 सिवनी दिनांक 26/02/2020 के द्वारा दिया जा चुका है। श्री सनोड़िया को 01 सितंबर, 2016 से स्थायीकर्मी की श्रेणी दी गयी एवं अकुशल श्रेणी वेतनमान 4000-80-7000 में दिनांक 01/10/89 से 01/09/2016 तक 26 वर्षों की वेतनवृद्धि़ 80x26= 2080 जोड़कर वेतन निर्धारण कर दिनांक 01/09/2016 से 01/09/2019 तक की स्थिति में वेतनवृद्धि का लाभ दिया जा चुका है। सेवानिवृत्ति के उपरांत इन्हें उपादान का भुगतान एवं समस्त एरियर्स का भुगतान किया जा चुका है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5, 6, 7 तथा 8 अनुसार है।

लोक परिसर बेदखली के संबंध में

[गृह]

101. ( क्र. 6070 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश लोक परिसर बेदखली अधिनियम 1974 की धारा-3 के अनुसार प्रत्‍येक जिले में लोक बेदखली के लिए धारा-3 के अनुसार नाम, निर्दिष्‍ट सक्षम प्राधिकारी का प्रावधान गजट अधिसूचना के द्वारा किया जाना प्राविधिक है? यदि हाँ, तो बड़वानी जिले के लिए जारी सक्षम प्राधिकारी की नियुक्ति वाली गजट अधिसूचना की प्रति दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) की रीति से किसी प्रकार की कोई नियुक्ति नहीं की गई थी तो इस दशा में दिनांक 21/01/2021 को राजस्‍व प्रकरण संख्‍या 01/अ-20 (1)/2020-21 में कलेक्‍टर बड़वानी द्वारा पारित आदेश क्‍या अवैध एवं अपास्‍त किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्‍यों नहीं? इस संबंध में राजस्‍व विभाग की विधि शाखा का अभिमत क्‍या है? (ग) क्‍या मध्‍यप्रदेश लोक परिसर बेदखली अधिनियम के तहत बेदखली की कार्यवाही में दो साक्षियों की उपस्थिति में किसी परिसम्‍पत्ति का कब्‍जा, जब्‍तीनामा बनाया जाकर सक्षम प्राधिकारी द्वारा लिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो बड़वानी जिला मुख्‍यालय पर प्रश्नांश (ख) की कार्यवाही में बनाया गया जब्‍तीनामा पर किस सक्षम प्राधिकारी के हस्‍ताक्षर हैं, इसकी पुष्टि हेतु जब्‍ती पंचनामें की प्रति देवें। (घ) क्‍या प्रश्नांश (ख) की कार्यवाही कलेक्‍टर ने की है एवं प्रश्‍नांश (ग) की कार्यवाही कलेक्‍टर के अतिरिक्‍त अन्‍य ने की है? यदि हाँ, तो बिना सक्षम प्राधिकार के किसी परिसर में सम्‍पत्ति जब्‍ती पत्रक बनाया या सम्‍पत्ति का अवैधानिक व्‍यय करना भादेवि की धारा 380 के तहत अपराध है? यदि हाँ, तो शासन इस अनियमि‍तता पर क्‍या संज्ञान लेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विद्युत कनेक्‍शन दिये जाने का प्रावधान

[ऊर्जा]

102. ( क्र. 6086 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) कॉलोनियों, आवासीय काम्‍प्‍लेक्‍स, आवासीय परियोजनाओं में विद्युत लाईन डालने एवं विद्युत कनेक्‍शन दिए जाने के संबंध में क्‍या प्रावधान प्रचलित है? वैध एवं अवैध कॉलोनियों, काम्‍प्‍लेक्‍स एवं परियोजना की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) विद्युत लाईन डालने एवं विद्युत कनेक्‍शन दिए जाने के पूर्व किस-किस विभाग की अनुमति या अनापत्ति प्राप्‍त किए जाने की कार्यवाही की जाती है? यह कार्यवाही मध्‍यप्रदेश विद्युत आपूर्ति कोड 2013 की किस कंडिका में उल्‍लेखित किस प्रावधान के तहत की जाती है? (ग) भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन एवं मण्‍डला जिले में किस अवैध कॉलोनी एवं अवैध परियोजना में किसके द्वारा विद्युत लाईन डालने एवं विद्युत कनेक्‍शन दिए जाने की कार्यवाही की गई उसके विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) वैध कॉलोनियों, आवासीय काम्‍प्‍लेक्‍स, आवासीय परियोजनाओं में विद्युत लाईन डालने एवं विद्युत कनेक्‍शन दिए जाने के संबंध में प्रावधान मध्‍य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के विनियम आरजी-31 दिनांक 02.09.2009 के अध्‍याय 4 के (ब) की कंडिका 4.1.3 एवं 4.1.4 एवं मध्‍य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अध्‍याय 4 के (बी) की कंडिका 4.23 से 4.29 तथा (सी) की कंडिका 4.30, 4.31 एवं 4.32 में निहित है, जिनकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एवं '' अनुसार है। अवैध कॉलोनियों के परिप्रेक्ष्‍य में अनिवेशित/असंगठित बस्तियों जैसे गंदी बस्‍ती क्षेत्र, गंदी बस्‍ती क्षेत्रों के अतिरिक्‍त अधिसूचित क्षेत्र, घोषित की गयी अवैध कॉलोनियां एवं असंगठित बस्तियों में विद्युत लाईन डालने एवं विद्युत कनेक्‍शन दिये जाने के प्रावधान मध्‍य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के विनियम आरजी-31 दिनांक 02.09.2009 के अध्‍याय 4 के (ड.) की कंडिका 4.5.1 एवं 4.5.2 में निहित है, जिनकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) मध्‍य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के विनियम आरजी-31 दिनांक 02.09.2009 के अध्‍याय 4 के (ब) की कंडिका 4.1.3 के बिन्‍दु क्र. (i) के अनुसार राज्‍य शासन में विनियम, यथा ''मध्‍यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के अंतर्गत विकसित एक कालोनी में आवासीय/घरेलू उपयोग हेतु अथवा 'मध्‍यप्रदेश प्रकोष्‍ठ स्‍वामित्‍व अधिनियम, 2000'' के अंतर्गत परिभाषित भवन की विद्युत प्रदाय व्‍यवस्‍था हेतु, वितरण अनुज्ञप्तिधारी कॉलोनी के अनुमोदित अभिन्‍यास (लेआउट) के अंतर्गत भूखण्‍ड/अपार्टमेंटों की संख्‍या तथा आकार अथवा अपार्टमेंट/काम्‍पलेक्‍स के अनुमोदित भवन नक्‍शे के अनुसार, यथास्थिति, भार का प्राक्‍कलन करेगा। इसके अतिरिक्‍त मध्‍य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 4.10 जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है, के तारतम्‍य में घरेलू/गैर घेरलू निम्‍नदाब विद्युत कनेक्‍शन हेतु आवश्‍यक अभिलेख/अनापत्ति से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) भोपाल, सीहोर, विदिशा रायसेन एवं मंडला जिले के कॉलोनियों में नियम विरूद्ध कार्य नहीं किया गया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

भू-सम्‍पदा अधिनियम 2016

[नगरीय विकास एवं आवास]

103. ( क्र. 6089 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 मई, 2017 से लागू भू-सम्‍पदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 की किस-किस धारा में प्राधिकरण को किसी आवासीय परियोजना में विद्युत कनेक्‍शन दिए जाने से रोक लगाने के निर्देश विद्युत कम्‍पनी को दिये जाने का क्‍या-क्‍या अधिकार दिया जाकर किस धारा में क्‍या-क्‍या उल्‍लेख किया है? (ख) मध्‍यप्रदेश भू-सम्‍पदा विनियामक प्राधिकरण भोपाल ने अपने पत्र क्रमांक 1945/रेरा/2020 दिनांक 13 फरवरी, 2020 को किस-किस ऊर्जा कम्‍पनी को विद्युत आपूर्ति या विद्युत कनेक्‍शन से संबंधित क्‍या-क्‍या निर्देश दिए? यह निर्देश देने का अधिकार रेरा को किस धारा में दिया जाकर क्‍या-क्‍या उल्‍लेख किया है? (ग) अवैध परियोजनाओं को हतोत्‍साहित करने के लिए, दण्डित करने के लिए (रेरा) को क्‍या-क्‍या अधिकर सौंपे गये हैं उन अधिकारों का उपयोग करने की बजाय विद्युत आपूर्ति पर रोक लगाने का क्‍या कारण रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भू-सम्पदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 में इस प्रकार के प्रावधान नहीं है। (ख) भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण मध्यप्रदेश का पत्र क्रमांक-1945 दिनांक 13/02/2020 संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त पत्र के द्वारा भू-सम्पदा क्षेत्र की रेरा अधिनियम की परिधि में आने वाली परियोजनाओं को विद्युत आपूर्ति दिये जाने के पूर्व यह पुष्टि कराये जाने का अनुरोध किया है कि रेरा में पंजीकृत है, ताकि अवैध परियोजनाओं को हत्तोसाहित किया जा सके। उक्त पत्र में भू-सम्पदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 की धारा-3 का उल्लेख किया है। (ग) रेरा अधिनियम की धारा 03, 04, 05, 06, 07, 08, 09, 32, 34, 35, 36, 37, 39, 59, 60, 61, 62, 63, 67, एवं 85 में प्राधिकरण को कार्यवाहियों संबंधी अधिकार प्राप्त है। इन्ही अधिकारों में से धारा 3 (2) (क) के अंतर्गत अपंजीकृत तथा अवैध परियोजनाओं को हतोत्साहित करने के लिए विद्युत आपूर्ति संबधी उक्त पत्र लिखा गया है।

परिशिष्ट - "अड़सठ"

न्‍यायालयों में रिक्‍त आशुलिपिकों के पद

[विधि और विधायी कार्य]

104. ( क्र. 6113 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्‍बल संभाग अन्‍तर्गत विभिन्‍न न्‍यायालयों में वर्तमान में हिन्‍दी आशुलिपिकों के किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद कहां-कहां पर रिक्‍त हैं? जिलेवार अवगत करावें। (ख) आशुलिपिकों के रिक्‍त पदों को भरने हेतु सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा हैं? अगर हाँ, तो कब तक? अगर नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कारागृहों में बन्‍द कैदियों से आपत्तिजनक सामग्री

[जेल]

105. ( क्र. 6114 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में कारागृहों से मोबाइल हेण्‍ड सेट, सिम व अन्‍य आपत्तिजनक सामग्री मिलने की घटनाओं में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही हैं? जेल पर प्रहरी तैनात रहने के बाद भी आपत्तिजनक सामग्री का जेल के अन्‍दर पहुँचाना एक गंभीर विषय है। इसकी रोकथाम के लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे है। अगर हाँ, तो क्‍या? नहीं तो क्‍यों? (ख) विगत दो वर्षों में प्रदेश की किस-किस जेल का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया हैं एवं जेलों में कैदियों से क्‍या-क्‍या वस्‍तुएं कितनी-कितनी मात्रा में पाई गई? इनकी रोकथाम हेतु विभाग द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं? नहीं तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2018-19 के पश्‍चात् वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में मोबाइल हेण्‍ड सेट, सिम व अन्‍य आपत्तिजनक सामग्री मिलने की घटनाओं में कमी हुई है। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जेलों पर तैनात प्रहरी आपत्तिजनक वस्‍तुओं की रोकथाम हेतु ड्यूटी पर सतर्क रहते है। वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 की अवधि में आपत्तिजनक सामग्री पाये जाने की घटना में 91 दोषी जेल कर्मियों को दण्डित किया गया है। आपत्तिजनक सामग्री की रोकथाम के लिये समय-समय पर महानिदेशक, जेल द्वारा निर्देश जारी किये गये है, जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) विगत दो वर्षों में प्रदेश की जेलों पर किये गये निरीक्षण एवं निरीक्षणकर्ता अधिकारियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। निरीक्षण के दौरान जेलों से कोई आपत्तिजनक वस्‍तुएं प्राप्‍त नहीं हुई है। आपत्तिजनक वस्‍तुओं की रोकथाम हेतु महानिदेशक, जेल द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किये गये है, जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

उज्‍जैन नगर निगम महापौर और मेयर इन काउंसिल की जाँच

[नगरीय विकास एवं आवास]

106. ( क्र. 6118 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धारा 335 के अंतर्गत कौन-कौन से विषयों में महापौर और मेयर इन काउंसिल ने आम नागरिकों से सलाह लेकर निर्णय लिए है? यदि नहीं, लिए है, तो उक्त धारा के अंतर्गत कौन-कौन से विषयों में आम नागरिकों से सलाह लेना बंधनकारी है? बंधनकारी होने के उपरांत भी यदि 05 वर्षों में उक्त अधिनियम का बार बार उल्‍लंघन किया है तो महापौर और मेयर इन काउंसिल पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) क्या महापौर और मेयर इन काउंसिल ने वार्ड समिति का गठन किया है? क्या पार्षदों की परामर्शदात्री समिति गठित की गयी है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों में कितने जाँच प्रकरणों पर उक्त समितियों ने कार्यवाही की? प्रत्येक बैठक का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (ग) क्या धारा 71,72 और 335 के अंतर्गत आम नागरिकों से सलाह लेकर अथवा वार्ड समिति/परामर्शदात्री समितियों से सलाह लेकर कौन-कौन से निर्णय लिए गए? उनकी वर्षावार कार्यसूची देवें और प्रत्येक बैठक का कार्यवाही विवरण प्रस्तुत करें। (घ) कार्यवाही विवरण अनुसार क्या प्रशासकीय अमले ने निर्णयों का पालन किया है? यदि किया है तो, निगमायुक्त द्वारा विगत 05 वर्षों की वर्षवार पालन प्रतिवेदन और अभिमत सहित विस्तृत रिपोर्ट पटल पर रखें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम, अधिनियम 1956 की धारा 335 में अनुज्ञा के बिना पर्चों का चिपकाये जाने से संबंधित हैं, जो प्रश्‍नाशों से संबंधित नहीं होने से शेषांश की जानकारी निरंक है। (ख) जी हां। उक्त समितियों के समक्ष जाँच प्रकरण प्रचलित नहीं रहे हैं वार्ड समितियों एवं सलाहकार समिति के 5 वर्षों के कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित धारायें प्रश्‍न की विषय वस्तु से संबंधित नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                      (घ) सलाहकार समितियों एवं वार्ड (झोन) समितियों की अनुशंसा के क्रम में नियमानुसार कार्यवाही की गई है जिसका उल्लेख कार्यवाही विवरण के साथ ही किया गया है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

कर वसूली एवं वसूली मद से उपयोग की गयी राशि का लेखा जोखा

[नगरीय विकास एवं आवास]

107. ( क्र. 6119 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर निगम के राजस्व विभाग के द्वारा कुल कितने कर आम नागरिक से वसूल किए जाते है? उन करों को जनकल्याण के लिए कौन-कौन सी मद में कौन-कौन से कार्यों के लिए खर्च किया जाता है? निर्धारित मापदंड एवं वित्तीय चार्ट प्रस्तुत करें। (ख) क्या उज्जैन नगर निगम के सिटीजन चार्टर के अनुसार अनुज्ञप्तियाँ दी जाती है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों में कौन-कौन से कार्यों के लिए चार्टर के कितने बिन्दुओं पर कितनी अनुज्ञप्तियाँ किन-किन परयोजनों के लिए जारी की गयी? वर्षवार विवरण प्रस्तुत करें। (ग) नगर निगम की परिवहन शाखा में कौन-कौन सी योजनाओं में सिंहस्थ 2004 से वर्तमान तक कितने परिवहन खरीदे और वर्तमान में कितने परिवहन उज्जैन नगर निगम के काम आ रहे है? कितने परिवहन वर्कशॉप में खड़े है और कितने परिवहनों का उपयोग न होने के कारण अपलेखन किया जा चुका है? (घ) उज्जैन नगर निगम को भोजनालय, निवास गृह, दरिद्रालय की स्थापना, उद्यान आदि की कितनी सौगाते विगत 05 वर्षों में दी गयी है और किन मदों में दी गयी है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।          (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम, उज्जैन में दीनदयाल रसोई केन्द्र के प्रथम चरण के तहत विगत 05 वर्षों में क्रमशः दिनांक 08 अप्रैल 2017 में 02 एवं दिनांक 26 फरवरी 2021 में 03 अतिरिक्त केन्द्रों का संचालन दीनदयाल रसोई मद अन्तर्गत प्रारंभ किया गया है। उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित कोठी महल के समीप अटल अनुभूति उद्यान एवं इस्‍कॉन मंदिर के पीछे विकसित राजीव गांधी उपवन का हस्तांतरण नगर पालिक निगम, उज्जैन को किया गया है, जिसका संधारण उद्यानों के विकास मद से किया जाता है।

भिण्ड जिले में डकैत संग्रहालय

[गृह]

108. ( क्र. 6123 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में पुलिस विभाग द्वारा डकैत संग्रहालय बनाना प्रस्तावित है? इस प्रस्तावित संग्रहालय के लिए राज्य शासन द्वारा कोई बजट आवंटित किया गया है? (ख) इस संग्रहालय के निर्माण हेतु क्या राज्य शासन से अनुमति ली गई है? जिले में डकैत संग्रहालय बनाने के पीछे शासन की क्या मंशा है?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भिण्ड में प्रस्तावित आयुर्वेदिक औषधालय

[आयुष]

109. ( क्र. 6124 ) श्री संजीव सिंह : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या भिण्ड जिले में राज्य सरकार द्वारा आयुर्वेदिक औषधालय प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इस दिशा में क्या-क्या कदम उठाये गये? (ख) उक्त औषधालय कितने बेड और कितनी लागत से कब तक बनकर तैयार होगा?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

धार्मिक स्‍थलों के विद्युत बिल के संबंध में

[ऊर्जा]

110. ( क्र. 6139 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र वि.वि.कं.लि. में स्थित धार्मिक स्‍थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारों में सभी जगह पर विद्युत मीटर लगाये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त धार्मिक स्‍थलों पर लगे हुए विद्युत मीटरों द्वारा दिए बिलों का भुगतान प्रति यूनिट क्‍या है?           (ग) क्‍या धार्मिक स्‍थलों के लिए दिए गए बिलों का भुगतान और सामान्‍य बिलों का भुगतान में भिन्‍नता है? यदि हाँ, तो चूंकि धार्मिक स्‍थलो में आय के साधन कम या सीमित होते है इसलिए क्‍या शासन द्वारा धार्मिक स्‍थलों से विद्युत बिलों का भुगतान न कराये जाने हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नाधीन प्रयोजन हेतु म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए जारी टैरिफ आदेश में वर्णित टैरिफ शेड्यूल एल.व्‍ही.-1 के अनुसार बिल जारी किये जाते हैं जिसका विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।               (ग) जी नहीं। ऐसी कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है।

प्रदेश में रेत खनन, गिट्टी, मुरम कारोबारियों के मध्‍य गैंगवार

[गृह]

111. ( क्र. 6140 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मध्‍यप्रदेश में 01/04/2020 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध रेत खनन, गिट्टी मुरम कारोबारियों के मध्‍य गैंगवार होने और गोली चलने के कितने-कितने प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की गई?           (ख) उपरोक्‍त अवधि में अवैध कारोबार में संलिप्‍त लोगों द्वारा प्रशासनिक व पुलिस और वन विभाग कर्मियों के ऊपर हमले किये जाने के कितने-कितने प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज की गई? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अनुसार दर्ज एफ.आई.आर. पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? पूर्ण ब्‍यौरा दें। (घ) उपरोक्‍त अवधि में अवैध खनन में संलिप्‍त खनन माफिया के हमलों में से कितने-कितने कर्मियों की मौत हुई? कितने घायल हुये? दोषियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अवैध रेत खनन, गिट्टी, मुरूम कारोबारियों के मध्य गैंगवार होने और गोली चलने की कोई घटना घटित नहीं हुई है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "उनहत्तर"

लहार विधान सभा क्षेत्र में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र

[ऊर्जा]

112. ( क्र. 6146 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) भिण्‍ड जिले की लहार विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍वीकृत है तथा प्रश्‍नकर्ता द्वारा कब-कब माननीय मंत्री ऊर्जा को कहां-कहां उपकेन्‍द्रों की स्‍वीकृत की मांग बावत् पत्र लिखे? (ख) मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण केन्‍द्र संभाग के अंतर्गत लहार में गंदे नाले के समीप 33/11 के.व्‍ही. का स्‍वीकृत उपकेन्‍द्र भवन अधूरा निर्माण तथा स्‍टील के अनेकों पोल लगाने के बाद भी अभी तक प्रारंभ न करने का कारण बतायें? आज तक इस उप केन्‍द्र के निर्माण में कितनी राशि व्‍यय की जा चुकी है? (ग) राजस्‍व विभाग से उक्‍त केन्‍द्र हेतु कितनी भूमि आवंटित करायी गई? सर्वे क्रमांक व रकवा सहित बतायें? उपरोक्‍त उपकेन्‍द्र का शेष कार्य कब तक पूर्ण कराकर प्रारंभ कर दिया जाएगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) भिण्‍ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कुल 15 स्‍थलों यथा- लहार, श्‍यामपुरा, जमुहा, मडोरी, मिहोना, मछण्‍ड, रायपुरा, काथा, रौन, गोरई, मानगढ, असवार, रावतपुरा, दबोह एवं आलमपुर में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र स्‍वीकृति उपरांत स्‍थापित किये जा चुके हैं। माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा जुलाई 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में दिनांक 27.01.2021 को पत्र क्रमांक 126 के माध्‍यम से कांकसी सरकार मंदिर के पास ग्राम अरूसी में तथा ग्राम जैतपुरा मढी या ग्राम बोहारा में नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्रों के कार्य की स्‍वीकृति हेतु अनुरोध किया गया है। (ख) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लहार संभाग में गंदे नाले के समीप (प्रोग्रेसिव स्‍कूल के पास) नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र का कार्य आई.पी.डी.एस. योजनांतर्गत स्‍वीकृत था, जिसका क्रियान्‍वयन टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मैसर्स डी कन्‍ट्रोल कंपनी के माध्‍यम से कराया जा रहा था। उक्‍त ठेकेदार एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया था, किन्‍तु ठेकेदार एजेंसी की आंतरिक समस्‍याओं के दृष्टिगत कार्य को बंद कर दिया गया था। तदोपरांत म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्‍त ठेकेदार एजेंसी को जारी अवार्ड टर्मिनेट कर दिया गया है। ठेकेदार एजेंसी द्वारा किये गये अधूरे कार्य हेतु न तो कोई देयक प्रस्‍तुत किया गया है एवं न ही म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई भुगतान किया गया है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र हेतु राजस्‍व विभाग से सर्वे क्रमांक 1268/1 की 50x50 मीटर की चरनोई उपयोग की भूमि आवंटित कराई गई है। उक्‍त प्रस्तावित 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र के स्थान पर एक अतिरिक्त 5 एम.व्ही.ए. क्षमता का पॉवर ट्रांसफार्मर लहार 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र पर स्थापित किया गया है, जिससे प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: उक्‍त निर्माणाधीन विद्युत उपकेन्‍द्र की आवश्‍यकता नहीं होने से कोई अन्‍य कार्यवाही वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।

घुघरी जिला मण्‍डला में महाविद्यालय खोले जाना

[उच्च शिक्षा]

113. ( क्र. 6148 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी बाहुल्‍या जिला मण्‍डला में वर्तमान में कौन-कौन से महाविद्यालय कहां-कहां संचालित है? प्रत्‍येक में पढ़ाये जाने वाले संकायों की जानकारी दवें। कौन-कौन महाविद्यालय वर्तमान में भवन विहीन है एवं अन्‍य भवनों में संचालित है? जिन महाविद्यालयों में भवन नहीं हैं, उनके भवन कब तक निर्माण कर लिये जायेगे? समय-सीमा बतायें। (ख) मण्‍डला जिले के आदिवासी बाहुल्‍य विकासखण्‍ड घुघरी में महाविद्यालय खोले जाने की मांग किन-किन के द्वारा कब-कब की गई है? क्‍या इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा अनेक बार पत्राचार किया है, यदि हाँ, तो उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या जिला प्रशासन (कलेक्‍टर) द्वारा विकासखंड घुघरी में महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्‍ताव विभाग को भेजा गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रस्‍ताव पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या विकासखंड घुघरी में आदिवासी विद्यार्थियों को उच्‍च शिक्षा प्रदान करने हेतु महाविद्यालय खोला जावेगा? (घ) क्‍या यह सही है कि विकासखंड घुघरी अंतर्गत प्रतिवर्ष हजारों विद्यार्थी 12वीं उत्‍तीर्ण कर उच्‍च शिक्षा अध्‍ययन के लिए प्रतीक्षित रहते है? यदि हाँ, तो उनमें से कितने विद्यार्थी घुघरी में महाविद्यालय न होने से उच्‍च शिक्षा से वंचित रह जाते है? इस पर विभाग क्‍या कार्यवाही करेगा?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मण्डला जिले में 08 शासकीय महाविद्यालय संचालित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रकरण पर अतिरिक्त संचालक जबलपुर से जानकारी संकलित की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यालयीन परीक्षणोपरांत पाया गया कि निर्धारित मापदण्ड अनुसार 20-30 कि.मी. की दूरी पर कोई महाविद्यालय संचालित नहीं होना चाहिये। घुघरी से 30 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय भुआबिछिया संचालित है। जहॉ पर कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय संचालित है। अतः घुघरी कैचमेंट एरिया के विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। (घ) वर्तमान में संसाधनों के अभाव में घुघरी में नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।

परिशिष्ट - "सत्तर"

बाजार भाव से रायल्‍टी की पेनाल्‍टी

[नगरीय विकास एवं आवास]

114. ( क्र. 6152 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या समस्‍त नगरीय क्षेत्रों में विषयांकित आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है तथा ठेकेदारों से बिना आनलाईन रायल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र लिये तथा बिना बाजार भाव से रायल्‍टी की पेनाल्‍टी लिये भुगतान किया जा रहा है? (ख) यदि नहीं, तो जबलपुर तथा भोपाल नगर निगम क्षेत्र में 01 अप्रैल 2018 के बाद कराये गये समस्‍त निर्माण कार्यों के आनलाईन रायल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या शासन समस्‍त नगरीय क्षेत्र में विषयांकित आदेश के परिपालन संबंधी जाँच करायेगा तथा परिपालन न होने पर तथा बाजार भाव से रायल्‍टी की पेनाल्‍टी न लेने वाले अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। नगरीय निकायों में रॉयल्टी राशि की कटौती करने के पश्चात् ही देयकों का भुगतान किया जाता है। अंतिम देयक भुगतान के समय रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में देयकों से काटी गई राशि शासन मद में जमा की जाती है। (ख) नगर पालिक निगम, जबलपुर तथा भोपाल क्षेत्रांतर्गत दिनांक 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक ठेकेदारों के द्वारा ऑनलाइन रॉयल्टी चुकता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किये जाने पर उनके देयकों से रॉयल्टी की राशि काटी गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "इकहत्तर"

कर का अधिरोपण और वसूली

[नगरीय विकास एवं आवास]

115. ( क्र. 6160 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर में संचालित कैल्डरिज इंडिया रिफेक्ट्री के आधिपत्य एवं स्वामित्व की कितनी-कितनी शासकीय और भूमि स्वामी हक की भूमि और कितने और       कौन-कौन से भवन और संयंत्र निर्मित और कार्यालय नगर पालिक निगम, कटनी के अभिलेखों में दर्ज हैं? (ख) प्रश्नांश (क) वर्ष 2006-07 एवं 2013-14 में संयंत्र/भवनों और भूमियों पर कितना-कितना कर अधिरोपित किया एवं लिया गया और वर्ष 2013-14 से अब तक वर्षवार किस-किस मद में कितना-कितना कर अधिरोपित किया और प्राप्त किया गया? (ग) वर्ष 2006-17 में संयंत्र/भवनों एवं भूमियों के एसीसी रिफैक्ट्री वर्क्स लिमिटेड से एसीई रिफैक्ट्री वर्क्स लिमिटेड को और वर्ष 2013-14 में कैल्डरिज इंडिया रिफेक्ट्री को स्वामित्व के हस्तांतरण/नामांतरण पर कितना-कितना शुल्क प्राप्त कर स्वामित्व परिवर्तन की क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) संयंत्र/भवनों/ भूमियों के संबंध में प्रस्तुत विवरण के तथ्यों का वर्ष 2006-07 से कार्यालय नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा जांच/परीक्षण और भौतिक सत्यापन किया गया हैं? यदि हाँ, तो कब-कब एवं किस-किसके द्वारा और जाँच में क्या पाया गया? क्या प्रतिवेदन दिये गए? नहीं तो क्यों?                                        (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या कैल्डरिज इंडिया रिफेक्ट्री के आधिपत्य एवं स्वामित्व के संयंत्रों/भवनों एवं भूमियों के संबंध में प्रस्तुत विवरणी एवं अधिरोपित और लिए जा रहे कर में विसंगतियों के चलते, इसकी सक्षम प्राधिकारियों से जांच/परीक्षण एवं वसूली दंडात्मक कार्यवाही के आदेश/निर्देश दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक नहीं, तो क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कटनी नगर में संचालित ऐस कैल्डरीज लिमिटेड के कुल 7.671 हेक्टेयर (76736.20 वर्ग.मी.) भूमि में वर्ष 1996-97 की कर पंजी में भवन क्रमांक 404 से 404/567 तक भवन, कार्यालय, गेस्ट हाउस, केन्टीन, क्लब, अस्पताल, सोसायटी, बंगला, बैंक, पोस्ट ऑफिस, स्कूल, खाली मैदान एवं फैक्ट्री इत्यादि कुल 568 इकाइयों नगर पालिक निगम, कटनी के अभिलेख में दर्ज है। निगम अभिलेखों में शासकीय एवं भूमि स्वामी हक की भूमि पृथक-पृथक दर्ज नहीं है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) वर्ष 2006-07 में कुल राशि 279163/- एवं वर्ष 2013-14 में 889800/- कर अधिरोपित किया गया एवं लिया गया तथा वर्ष 2013-14 से वर्ष 2019-20 तक मदवार जमा राशि के विवरण, की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) संयंत्र/भवनों एवं भूमियों को ए.सी.सी. लिमिटेड कटनी रिफैक्टरी वक्र्स से ऐस कैल्डरीज लिमिटेड के नाम हस्तांतरण/नामांतरण करने हेतु दिनांक 07.07.2008 को नामांतरण आवेदन प्रस्तुत किया गया था। नामांतरण आवेदन के साथ विलम्ब शुल्क 700/-, प्र.नि.शु. 250/- एवं सत्यापन शुल्क-95/- कुल एक हजार पैंतालिस रूपया प्राप्त किया गया था। प्राप्त आवेदन पर इश्तेहार विज्ञप्ति जारी पश्‍चात निर्धारित समयावधि में कोई आपत्ति प्राप्त नहीं होने पर आयुक्त की स्वीकृति दिनांक 05.09.2008 को नामांतरण/संशोधन कर पंजी में दर्ज किया गया है। (घ) वर्ष 2006-07 से 2009-10 तक नगर पालिक निगम कटनी में स्वकर निर्धारण प्रक्रिया प्रभावशील नहीं थी एवं वर्ष 2010-11 से नगरपालिक निगमकटनी में स्वकर निर्धारण प्रक्रिया लागू की गई तथा ऐस कैल्डरीज लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत स्वकर निर्धारण विवरणी के आधार पर कर जमा कराया गया है। मध्यप्रदेश नगर पालिका (भवनों/भूमियों के वार्षिक भाडा मूल्य का अवधारण) नियम, 1997 के अन्तर्गत नियम-10 के अधीन प्राप्त विवरणी में अंकित जानकारी सही नहीं है या शंकास्पद है या किसी अन्य कारण से वार्षिक भाडा मूल्य का पुनर्निधारण आवश्‍यक समझा जाता है तब अधिनियम के उपबंध के अनुसार संबंधित अधिकारी द्वारा प्रस्तुत विवरणी की जाँच की कार्यवाही की जा सकेगीपरन्तु प्रावधान अनुसार कार्यालय में प्रस्तुत विवरणियों में से 10 प्रतिशत की फेरफार को ध्यान में नहीं लिया जायेगा। तदानुसार ऐस कैल्डरीज लिमिटेड की विवरणी का पृथक से जांच/परीक्षण नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

आर्युवैदिक चिकित्सा पद्धति से उपचार

[आयुष]

116. ( क्र. 6161 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्युवैदिक चिकित्सा पद्धति से उपचार के लिए शासन द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाओं/कार्यक्रमों का संचालन/क्रियान्वन किया जा रहा है और क्या आगामी समय में इस पद्धति से उपचार की सुगमता एवं उपलब्धता के लिए कोई योजना बनाई जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या? विवरण दीजिये। (ख) क्या विभाग द्वारा पंचकर्म एवं वेलनेस केंद्र संचालित किए जाते हैं? यदि हाँ, तो इन केन्द्रों में उपचार की क्या-क्या सुविधाये उपलब्ध होती हैं और किस प्रकार एवं किन मांग एवं आवश्यकता तथा मापदंडो से इन केन्द्रों को स्वीकृत/प्रारम्भ किया जाता हैं? (ग) कटनी जिले में विभागीय कौन-कौन शासकीय सेवक, किन-किन पदों पर कब से पदस्थ/कार्यरत हैं और इनके क्या कार्यदायित्व हैं? विभाग द्वारा संचालित शासकीय औषधालयों में चिकित्सा की कौन-कौन सुविधायें वर्तमान में उपलब्ध हैं एवं किन-किन बीमारियों का उपचार किया जाता हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) कटनी जिले में वर्ष 2019-20 से अब तक किन-किन योजनाओं/कार्यक्रमों का संचालन/क्रियान्वन किया गया? इस अवधि में किस-किस रोग की कितनी-कितनी और कौन-कौन सी दवा, कितनी मात्रा में जिले को और औषधालयों को प्राप्त हुई और क्या मरीजों को बाजार से दवा क्रय करनी होती हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ङ) कटनी जिले की भौगोलिक संरचना एवं देश-प्रदेश के मध्य में होने तथा यातायात की सुगम उपलब्धता का परीक्षण कराकर कटनी में वेलनेस तथा पंचकर्म केंद्र प्रारम्भ किए जाने की स्वीकृति प्रदाय की जायेंगी? यदि हैं, तो किस प्रकार और कब तक?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) आयुष विभाग की योजनाएं राष्ट्रीय आयुष मिशन, एन.आर.एच.एम., आयुष महाविद्यालय, स्व. पं. उद्धवदास मेहता वैद्य शास्त्री आयुष सेवा सम्मान पेंशनर्स को दवाईयां एलोपैथी चिकित्सालय में आयुष विंग की स्थापना नवीन आयुष औषधालय की स्थापना। कार्यक्रम-आयुष रोग नियंत्रण/योग वेलनेस, हेल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्र आयुष विंग औषधालय, चिकित्सालय से चिकित्सा एवं औषधि प्रदान करना। (ख) जी हां। भारत सरकार के मापदण्ड अनुसार। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''''अनुसार। दायित्व की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''''अनुसार। सुविधायें एवं बीमारियों का उपचार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार(घ) उत्तरांश (क) अनुसार। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''''अनुसार। जी नहीं। (ड.) जी हां। वर्तमान में 03 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर भारत सरकार की योजनानुसार प्रारंभ किये गये है।

पर्यावरण संरक्षण हेतु पर्यावरण मिशन का गठन

[पर्यावरण]

117. ( क्र. 6164 ) श्री सुनील उईके : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण हेतु पर्यावरण मिशन का गठन किया जावेगा? प्रत्येक पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र के वार्डवार पर्यावरण संरक्षण समितियों का गठन कर पर्यावरण एवं प्रदूषण जनभागीदारी बढ़ाई जावेगी। (ख) क्‍या सड़कों के किनारे, नदी नालों के किनारे एवं शासकीय कैम्पसों में पर्यावरण प्रदूषण रोकने हेतु छायादार एवं फलदार सुबादार एवं औषधियां पौधों का वृक्षारोपण करने की कोई योजना है जिससे लोगों को स्व रोजगार के साथ फलदार वृक्षों एवं फल प्राप्त हो। (ग) प्रदेश में ऐसी कितनी नदियाँ है जो प्रदूषित हो चुकी है एवं प्रदूषण को मुक्त करने हेतु राज्य सरकार द्वारा क्‍या कोई योजना है? (घ) शहरों एवं ग्रामों में पर्यावरण प्रदूषण रोकने हेतु नेहरों, मेढ़ों एवं खाली जगह पर प्रदूषण एवं पर्यावरण सुधार हेतु प्रदूषण रोधी वृक्षों का रोपण किया जायेगा?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) पर्यावरण मिशन गठन के संबंध में वर्तमान में कोई नवीन निर्देश प्राप्त नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मापन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश की प्रमुख नदियों की जल गुणवत्ता मापन का कार्य मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रतिमाह किया जाता है। जल गुणवत्ता के आधार पर प्रदेश की 22 नदियों के कुछ भाग प्रदूषित क्षेत्र घोषित किये गये है। इन नदियों के प्रदूषित क्षेत्रों को प्रदूषण मुक्त करने हेतु कार्य योजनाएं बनाई गई है। कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य संबंधित विभागों के समन्वय से प्रगति पर है। योजनाओं में मुख्य रूप से नगरों से उत्पन्न घरेलू दूषित जल उपचार हेतु उपचार संयंत्र स्थापित किये जा रहे है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आयुर्वेदिक औषधालयों में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[आयुष]

118. ( क्र. 6166 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 2512 दिनांक 17 जुलाई 2019 के उत्‍तर अनुसार विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत आयुर्वेदिक औषद्यालयों में रिक्‍त पदों एवं आवश्‍यक संसाधनों की पूर्ति हेतु प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन आयुर्वेदिक औषद्यालयों में कौन-कौन से पदों की पूर्ति एवं क्‍या-क्‍या आवश्‍यक संसाधन उपलब्‍ध करवाऐ गये? औषद्यालयवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आयुर्वेदिक औषद्यालय झाडला एवं सींका के 32 लाख की लागत से भवन बने हुये हैं, लेकिन उक्‍त औषद्यालयों के संचालन हेतु स्‍टॉफ एवं आवश्‍यक संसाधन उपलब्‍ध नहीं है। इसके अतिरिक्‍त पीपल्‍यारसोड़ा एवं रोसलाजागीर आयुर्वेदिक औषद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मी व कम्‍पाउंडर के सहारे संचालन किया जा रहा है। अमले के अभाव में नरसिंहगढ़ आयुर्वेदिक औषद्यालय एवं यूनानी औषद्यालय भी बंद है? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा रिक्‍त पदों की पूर्ति करने के स्‍थान पर यहॉ पदस्‍थ आयुर्वेदि‍क चिकित्‍सा अधिकारियों का स्‍थानांतरण अन्‍यत्र कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा उक्‍त अभाव ग्रस्‍त आयुर्वेदि‍क औषद्यालयों के सुव्‍यवस्थित संचालन हेतु रिक्‍त पदों की पूर्ति एवं आवश्‍यक संसाधन उपलब्‍ध कराये जावेंगे, यदि हाँ, तो कब तक?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) नवीन आरक्षण अनुसार रोस्टर का संधारण कर लोक सेवा आयोग एवं पी.ई.बी. से पदपूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हां। जी हां। जी हां। यूनानी औषधालय बंद है, आयुर्वेद औषधालय से ड्यूटी लगाकर संचालन किया जा रहा है। पदपूर्ति सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पार्वती नदी पर जल प्रदूषण

[पर्यावरण]

119. ( क्र. 6167 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विगत पाँच वर्षों में राजगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी अंतर्गत पार्वती नदी में निरंतर बढ़ रहे जल प्रदूषण की रोकथाम हेतु विगत 5 वर्षों में कब-कब, किन-किन अधिकारियों के द्वारा पार्वती जल की जांच/परीक्षण किया गया एवं जाँच नमूने किन-किन प्रयोगशालाओं में कब-कब भेजे गये तथा विभाग को क्‍या-क्‍या जाँच रिपोर्ट कब-कब प्राप्‍त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विगत 5 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक पार्वती नदी के जल में कितने प्रतिशत जल प्रदूषित होना पाया गया तथा नदी के प्रदूषण को रोकने हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी में विंध्‍याचल डिस्‍टलरी ओसवाल, आदि उद्योगों द्वारा रसायनिक कचरा/गंदा पानी पार्वती नदी में निरंतर प्रवाहित किया जा रहा हैं, जिससें नदी में प्रदूषण स्‍तर में निरंतर वृद्धि होकर पानी पीने से ग्रामवासी रोग ग्रस्‍त हो रहे हैं? यदि हाँ, तो क्‍या शासन इस संबंध में कोई ठोस कदम उठाएगा? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) पार्वती नदी के जल की पीलूखेड़ी स्थित जल प्रदाय इन्टेक वेल के अपस्ट्रीम एवं डाउनस्ट्रीम पर किये गये गुणवत्ता मापन के विश्‍लेषण परिणाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-0203 अनुसार है। नदी का जल प्रदूषित नहीं पाया गया है। पीलूखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों में दूषित जल उपचार संयंत्र स्थापित कराए गये हैं, जिनमें उद्योग से उत्पन्न दूषित जल का उपचार किया जाता है तथा उपचार उपरांत उद्योग में विभिन्न प्रयोजन हेतु पुर्नउपयोग किये जाने एवं शून्य जल निस्त्राव की शर्त रखी गई है। (ग) जी, नहीं। औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी से पीने के पानी से होने वाली बीमारियों से संक्रमित मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर में नहीं आ रहे है एवं न ही संस्था को किसी भी बीमारी की सूचना प्राप्त हुई है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चौधरी वेतन आयोग

[गृह]

120. ( क्र. 6170 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चौधरी वेतन आयोग के अनुक्रम में गृह विभाग द्वारा दिनांक 28.08.2000 को पुलिस बल के कार्यपालिक बल (एम) हेतु उपयुक्त वेतनमान के आदेश विभागीय मंत्री के अनुमोदन से जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ तो आदेश क्रमांक/पदवार/वेतनमान विवरण बताये। (ग) प्रश्नागत (अ) और (ब) हाँ तो उक्त आदेश को स्थगित तथा निरस्त करने का आदेश क्रमांक/दिनांक अवगत कराये।              (घ) प्रश्नागत (स) उक्त गृह मंत्रालय के निरस्ती आदेश को उच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक डब्लू.पी. 8108/2003 से निरस्त आदेश को अपास्त कर दिया था?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार(ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार(घ) जी हाँ।

एन.जी.ओ. संचालक के पास जानवरों का रख-रखाव

[नगरीय विकास एवं आवास]

121. ( क्र. 6171 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल कितने कुत्तो की नसबंदी की गई जानवरो के रख-रखाव में खर्च की राशि का जिलेवार विवरण देवें किस एन.जी.ओ. को कितनी राशि, किस कार्य के लिये भुगतान की गई? (ख) एन.जी.ओ. संचालक के पास जानवरो के रख-रखाव के क्या साधन स्थान है? बताएं। राशि भुगतान करने की क्या प्रक्रिया और क्या नियम है? बताएं। कोई शिकायत प्राप्त हुई हो तो उस पर की गई जाँच रिपोर्ट और कार्यवाही आदेश की प्रति देवें। (ग) वर्ष 2010 से 2021 की अवधि में इन्दौर संभाग में कितने व्यक्तियों को कुत्तो द्वारा काटने पर रेबिज के इंजेक्शन लगाए, क्या इंजेक्शनों की आपूर्ति सभी शहरो/कस्बो के अस्पताल में हमेशा समय पर रहती है या विलम्ब हुआ है तो क्या कारण है?                       (घ) सप्ताह में हर दिन रेबिज के इंजेक्शन लगाने की सुविधा उपलब्ध है या सप्ताह कितने दिन सुविधा उपलब्ध रहती है। उक्त अवधि में अब तक किस शहर/कस्बे में कितनी राशि के रेबिज इंजेक्शन लगाए जा चुके है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इन्दौर संभाग अंतर्गत नगरीय निकायों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल 1,11,371 कुत्तों की नसबंदी की गई तथा रख-रखाव पर कुल राशि रूपये 7,90,49,880 व्यय किये गये की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।            (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

अनुसूचित क्षेत्र के जेल एवं कैदी संस्‍था

[जेल]

122. ( क्र. 6176 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) संविधान के अनुच्छेद 244 (1) के अंतर्गत प्रदेश के अधिसूचित क्षेत्रों में कितनी जेलें हैं, उन जेलों में कितने कैदियों को रखा जा सकता है? पृथक-पृथक जेलवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) के जेलों में वर्तमान में कितने कैदी हैं? कितने कैदी सजा प्राप्त हैं, कितने विचाराधीन हैं? जातिवार-वर्गवार ब्यौरा दें। (ग) जेलों में यदि कैदियों की संख्या अधिक है तो क्या सेंट्रल जेल बनाने का प्रावधान है? (घ) पुलिस द्वारा किसी मामले में पकड़े गए किसी आरोपी के जाति का उल्लेख सार्वजनिक तौर पर अथवा मीडिया को किस नियम के तहत बताया जाता है? यदि कोई नियम नहीं है तो जाति का उल्लेख करने वाले पुलिसकर्मियों/संबंधित अधिकारियों पर किस नियम के तहत क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है? (ड.) धार, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगोन, बैतूल जिलों एवं 89 आदिवासी विकासखंडों में जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मामलों में पुलिसकर्मियों/संबंधित अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक तौर अथवा मीडिया के समक्ष आरोपियों के जाति का उल्लेख किया गया?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 15 जेलेंजानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कैदियों की कुल संख्‍या का वर्गवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार एवं जातिवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) अनुसूचित क्षेत्र में केन्‍द्रीय जेल बड़वानी कार्यरत है, शेष जेलों की बंदी संख्‍या मानक अनुसार न होने से उन्‍हें केन्‍द्रीय जेल बनाने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है। (घ) एवं (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

धार जिलांतर्गत प्रदूषणकारी उद्योग

[पर्यावरण]

123. ( क्र. 6177 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला अंतर्गत वर्तमान में कितने प्रदूषणकारी उद्योग किस दिनांक से संचालित हो रहे हैं? उक्त उद्योगों के क्या उत्सर्जन मानदंड किस नियम के तहत निर्धारित किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) उद्योंगों के उत्सर्जन मानदंड की जाँच एवं निगरानी किस एजेंसी/संस्था द्वारा कितने अंतराल पर किया जाता है? जनवरी-2018 से प्रश्न-दिनांक तक धार जिला अंतर्गत समस्त प्रदूषणकारी उद्योगों के उत्सर्जन मानदंड की किए गए जांच-निगरानी की रिपोर्ट का विवरण तिथिवार दें। मानदंड पूरा न करने वाले उद्योगों के विरुद्ध किन-किन नियम/अधिनियमों के तहत प्रकरण किस-किस न्यायालय में प्रचलित हैं। पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) उद्योगों से उत्सर्जित प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की जाँच हेतु वर्तमान में क्या प्रावधान है? जनवरी-2018 से प्रश्न-दिनांक तक धार जिला अंतर्गत किस क्षेत्र के कितने लोगों की जाँच कब-कब की गई? (घ) प्रश्नांश (क) उद्योगों से उत्सर्जित प्रदूषण से पर्यावरण एवं लोगों पर क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है? ऐसे उद्योगों के आसपास रहने वाले लोगों को किन बिमारियों से ग्रस्त होने की संभावना रहती है? बचाव के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है? (ङ) प्रश्नांश (क) अन्‍तर्गत जनवरी-2018 से प्रश्न-दिनांक तक पर्यावरण-मानदंडों के उल्लंघन के कितनी शिकायतें किसके द्वारा प्राप्त हुईं? कितने मामले एम.पी.पी.सी.बी. एवं अन्य संस्थाओं द्वारा दर्ज किए गए? उक्त मामलों पर क्या कार्यवाही की गई?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जिला धार अन्तर्गत संचालित प्रदूषणकारी लाल श्रेणी उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की अनुसूची-1 उद्योग विशेष से संबंधित उत्सर्जन के मानक निर्धारित किये हैं, अनुसूची-टप के भाग डी में सामान्य उत्सर्जन मानक निर्धारित किये गये हैं एवं अनुसूची-टप्प में राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता मानक निर्धारित किये गये हैं। (ख) उद्योगों के उत्सर्जन मापदण्ड की जांच का कार्य बोर्ड की क्षेत्रीय प्रयोगशाला इन्दौर द्वारा आवश्यकतानुसार किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उद्योगों के विरूद्ध दायर न्यायालयीन प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।              (ग) उद्योगों से उत्सर्जित प्रदूषक निर्धारित मानकों से अधिक होने पर परिवेशीय वायु की गुणवत्ता प्रभावित होती है जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है इस हेतु समय-समय पर परिवेशीय वायु की गुणवत्ता की निगरानी की जाती है। जिले में स्थापित उद्योगों से मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। सामान्य बीमारी के मरीजों का उपचार स्थानीय स्वास्थ्य संस्था, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व जिला अस्पताल में किया जाता है। (घ) इससे COPD, Lungs Cancer, ARI, Silicosis  आदि रोग हो सकते हैं। इसके बचाव हेतु उत्सर्जन को मानक सीमा में रखना आवश्यक है जिसके लिये उद्योगों में वायु प्रदूषण नियंत्रण के आवश्यक उपकरण स्थापित कराये जाते हैं।                         (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

प्रस्तावित विकास कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

124. ( क्र. 6180 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर की बढ़ती जनसंख्या एवं लगातार बढ़ते जा रहे आवासीय क्षेत्रों के कारण निरंतर जनकार्य एवं जन आवश्यकताएं बढ़ती जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा शासन/विभाग का ध्यान आकृष्ट कर एस.डी.आर.एफ. योजना अंतर्गत कार्ययोजना की स्वीकृति व विशेष निधि में कार्यों की स्वीकृति हेतु आग्रह किया है? (ग) यदि हाँ, तो विशेष निधि अंतर्गत (1) जावरा भीमाखेडी फाटक से अजमेरी गेट तक रोड चौड़ीकरण, डिवाइडर, आदि कार्य (2) खेल सुविधा हेतु इंडोर स्टेडियम निर्माण के साथ ही एस.डी.आर.एफ. योजना अंतर्गत नगर के मध्य से होकर बहने वाले गंदे नाले पर विभिन्न आवश्यक निर्माण कार्यों की स्वीकृति चाही गई है? (घ) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा अपनी तकनीकी, प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति बाबत क्या- क्या कार्यवाही कर इन्हें वर्तमान बजट में सम्मिलित कर स्वीकृति हेतु सम्मिलित किया जा रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जी हां। (घ) जावरा भीमाखेड़ी फाटक से अजमेरी गेट तक रोड चौड़ीकरण, डिवाईडर कार्य एवं इन्‍डोर स्‍टेडियम की तकनीकी स्‍वीकृति संभागीय अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्‍जैन संभाग द्वारा प्रदान की गई है। उक्‍त प्रस्तावों पर पर्याप्त बजट आवंटन होने पर स्वीकृति हेतु विचार किया जा सकेगा। नगर पालिका जावरा के हाथी खाना क्षेत्र में, पीलिया खाल पर, पुलिया निर्माण एवं रिटेनिंग वॉल निर्माण लागत राशि रू. 175.35 लाख के प्रस्ताव को एसडीआरएफ के तहत स्‍वीकृति हेतु राहत आयुक्‍त कार्यालय को प्रेषित किये गये है। एस.डी.आर.एफ. मद अन्तर्गत प्राप्त प्रस्तावों के संबंध में राज्य कार्यपालिक कार्यकारणी समिति की बैठक दिनांक 05.09.2020 को सम्पन्न हुई है। भारत सरकार से अंतिम गाईड लाईन की प्राप्ति पर, प्रस्तुत प्रस्‍तावों परदिशा-निर्देश अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।

महाविद्यालयीन कार्यों की जानकारी

[उच्च शिक्षा]

125. ( क्र. 6181 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर स्थित भगतसिंह शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय होकर महाविद्यालय में प्रति वर्ष प्रवेशित छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो महाविद्यालय की परिसीमा में बने प्राचार्य निवास, प्राध्यापक निवास, कर्मचारी निवास एवं बाहरी छात्र -छात्राओं हेतु बना छात्रावास इत्यादि के भवन अत्यंत जीर्णशीर्ण एवं पुराने होकर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं?                           (ग) प्राचार्य निवास एवं अन्य भवन व छात्रावास ध्वस्त कर नवीन भवनों व नवीन छात्रावास भवन हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है व कब तक इन्हें स्वीकृति दी जाकर नवीन भवन बनाए जाएंगे? (घ) प्रतिभावान विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों हेतु यहा एकमात्र खुला मैदान है इसे ओपन स्टेडियम के रूप में बनाए जाने हेतु कब तक स्वीकृति दी जाएगी तथा इसी के साथ संपूर्ण महाविद्यालय परिसर की भूमि पर बाउंड्रीवाल बनाए जाने हेतु स्वीकृति कब तक मिल सकेगी?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

दैनिक वेतन एवं तदर्थ रुप से नियुक्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी का नियमितीकरण

[नगरीय विकास एवं आवास]

126. ( क्र. 6182 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री राजेश प्रताप सिंह आत्मज श्री जयनन्दन सिंह वर्ष 1991-92 से मोहर्रिर के पद पर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रुप में नगर परिषद उचेहरा में कार्य कर रहे हैं। नगर परिषद उचेहरा के आदेश क्र. 435/नियमित/76 दिनांक 08/07/96 द्वारा मोहर्रिर के पद पर 2 वर्ष की परि‍वीक्षा पर भृत्य के पद पर नियुक्ति दी गई? (ख) क्या म.प्र. शासन कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग (वेआप्र) के ज्ञापन क्र./-एफ-16/1988/1/वेआप्र/89, दिनांक 09/01/90 के द्वारा यह निर्देश जारी किए गए थे, कि दिनांक 31.12.88 तक दैनिक वेतन अथवा तदर्थ रुप से नियुक्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी को ही नियमितीकरण करने के निर्देश हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) सही है तो श्री राजेश प्रताप सिंह की उक्‍त आदेश के विरूद्ध नियमितीकरण की नियुक्ति क्यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) श्री राजेश प्रताप सिंह को नगर परिषद उचेहरा के आदेश दिनांक 08/07/1996 द्वारा मोहर्रिर के पद पर नियुक्ति दी गई। (ख) जी हाँ। (ग) शासन आदेश दिनांक 09/02/1999 द्वारा नियुक्ति निरस्त किये जाने पर श्री राजेश द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में या0क्र0 1128/99 दायर की गई थी। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा शासन आदेश दिनांक 09/02/1999 निरस्त करके समक्ष में सुनवाई कर निर्णय लिये जाने के निर्देश दिये गये थे। समक्ष में सुनवाई कर शासन आदेश दिनांक 20/09/2011 द्वारा नियुक्ति आदेश निरस्त किया गया। उक्त आदेश के विरूद् श्री राजेश द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में या0क्र0 16665/2011 दायर की गई। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया जो कि वर्तमान में निरंतर है। प्रकरण का अंतिम निराकरण नहीं हुआ है।

अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सूची एवं नियमावली

[नगरीय विकास एवं आवास]

127. ( क्र. 6183 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम सतना अन्तर्गत कितने कर्मचारी/अधिकारी कई वर्षों से पदस्थ है, इनकी सूची पदवार एवं नियमावलीवार उपलब्ध कराएं। (ख) नगर पालिक निगम सतना अन्तर्गत कितने संविदा कर्मचारी नियुक्त हैं एवं किस-किस पद का दायित्व प्राप्त है, इनकी सूची एवं नियुक्ति की नियमावली उपलब्ध कराएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

हाईटेंशन लाईनों की शिफ्टिंग किया जाना

[ऊर्जा]

128. ( क्र. 6186 ) श्री अनिल जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवगठित जिला निवाड़ी के नगरीय निकाय ओरछा, निवाड़ी एवं पृथ्वीपुर में वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक बिछाई गई 11 के.व्‍ही. लाईने बस्तियों से घिरे जाने के कारण गंभीर दुर्घटनाओं की सम्‍भावनायें बढ़ गई है यदि हाँ, तो क्‍या इस संबंध में शासन की कोई कार्य योजना तैयार की गई है कृपया वितरण केन्‍द्रवार कार्य योजना से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि कोई कार्य योजना नहीं है तो जन असुविधाओं को देखते हुये हाईटेंशन लाईनों को शिफ्ट करने की कार्य योजना कब तक तैयार की जा सकेगी समय-सीमा बतावें। (ग) प्रश्‍नागत लाईनों से प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित क्षेत्र में वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन जगह पर जन धन हानि हुई है? क्षतिपूर्ति राशि सहित जानकारी दी जावे।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जिला निवाड़ी के नगरीय निकाय ओरछा, निवाड़ी एवं पृथ्‍वीपुर क्षेत्रांतर्गत 11 के.व्‍ही. विद्युत लाईनों की स्‍थापना के कार्य निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार किये गये किन्‍तु कतिपय प्रकरणों में कालांतर में आवास निर्मित होने के कारण विद्युत लाईनों की आवासों से दूरी निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार नहीं है। विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्‍चात संशोधित किया गया हैं, जिनके अनुसार विद्युत लाईनों के नीचे एवं लाईनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्‍तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबंधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण के विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय संबंधी विनियम के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्‍यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्‍यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्‍थापन साध्‍य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्‍ल्‍यू.) की आवश्‍यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्‍थापित करने हेतु स्‍वीकृत प्राक्‍कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्‍वयं '' श्रेणी के ठेकेदार से इन विद्युत लाईनों के विस्‍थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित वैधानिक प्रावधानों के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2019-20 से दिनांक 28 फरवरी 2021 तक की अवधि में विद्युत दुर्घटना से कोई जन हानि नहीं हुई है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

योजनाओं का क्रियान्‍वयन

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

129. ( क्र. 6187 ) श्री अनिल जैन : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में प्रधानमंत्री कुसुम योजना में किसानों से भूमि लिये जाने हेतु सहमति प्राप्त की गई है यदि हाँ, तो सब स्टेशनवार कृषक संख्या एवं रकवा बतावें। साथ ही बतावें कि जिले में योजना का क्रियान्वयन कब तक प्रारम्भ हो सकेगा। (ख) क्या निवाड़ी जिले में मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना में किसानों के ऑनलाईन पंजीयन कराये गये यदि हाँ, तो योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक पंजीकृत किसानों की संख्या, जमा राशि की जानकारी देते हुये बताया जाये कि इनमें से किन-किन के सोलर पम्प स्थापित किये गये और कितने शेष है? की सूची भी पृथक से दी जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार शेष रह गये किसानों के सोलर पम्प स्थापना में विलम्ब का कारण बताते हुये इस बावत् विभाग द्वारा समस्या के समाधान हेतु की गई कार्यवाही के विवरण व इन किसानों के सोलर पम्प कब तक स्थापित हो सकेंगे? समय-सीमा बतायी जावे। (घ) क्या निवाड़ी जिले में उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अमला पर्याप्त नहीं है यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस संबंध में क्या कोई पहल की जा रही है?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री कुसुम योजना घटक '' अंतर्गत इच्‍छुक किसानों से योजना क्रियान्‍वयन हेतु भूमि लीज पर दिये जाने/स्‍वविकास हेतु प्राप्‍त सहमति की अभिव्‍यक्ति की सब-स्‍टेशनवार कृषक संख्‍या एवं रकबा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजना के क्रियान्‍वयन हेतु निविदा प्रक्रिया जारी है। (ख) जी हाँ। निवाड़ी जिले में मुख्‍यमंत्री सोलर पम्‍प योजना अंतर्गत कुल 241 किसानों द्वारा पंजीकरण कराया गया, जिस हेतु रूपये 5000 प्रति पम्‍प पंजीयन राशि जमा कराई गई है, जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पंजीकृत किसानों में से 75 किसानों के सोलर पंप स्‍थापित किये गये जिसकी किसानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। 58 किसानों की पूर्ण अंश राशि जमा होकर स्‍थापना हेतु कार्यादेश जारी किया जा चुका है, किसानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। शेष 108 पंजीकृत सोलर पम्‍प की किसानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। (ग) शेष किसानों द्वारा शेष पूर्ण अंश राशि जमा नहीं कराई गयी है, जिसके कारण सोलर पंप की स्‍थापना में विलंब हुआ है, शेष राशि जमा कराने पर वर्ष 2021-2022 में शासन के दिशा-निर्देशानुसार उत्‍तरांश (ख) अनुसार शेष 108 सोलर पंपों की स्‍थापना कराई जा सकेगी। (घ) जी हाँ। निवाडी जिले का अतिरिक्‍त प्रभार, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी, दतिया को सौंपा गया है। शेष अमले हेतु प्रदेश स्‍तर पर पहल की जा रही है।

ट्रांसफार्मर के लोड के संबंध में

[ऊर्जा]

130. ( क्र. 6201 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर के घरेलू एवं कृषि फीडरों पर वर्ष 2019-20 में कितना पीक लोड रहा है? उक्‍त फीडरों में कितनी क्षमता के कितने वितरण ट्रांसफार्मर लगे हैं, उक्‍त ट्रांसफार्मर घरेलू एवं कृषि का कितना लोड वहन कर सकते है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रत्येक फीडरों में दिनांक 31.01.2021 की स्थिति में कितने स्‍थायी एवं अस्‍थायी कनेक्‍शन हैं? क्‍या विद्युत कनेक्‍शन लेने वाले कृषि उपभोक्‍ताओं को स्‍वयं के व्‍यय से तार एवं विद्युत पोल की व्‍यवस्‍था करनी होती है अथवा शासन की तरफ के कोई मदद की जाती है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अन्‍तर्गत घरेलू एवं कृषि फीडरों पर वर्ष 2019-20 में दर्ज पीक लोड एवं उक्‍त फीडरों पर स्‍थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावार संख्‍या का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उक्‍त ट्रांसफार्मर घरेलू एवं कृषि सहित अन्‍य सभी श्रेणी का लोड मिलाकर अपनी क्षमता के बराबर का भार वहन कर सकते हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित फीडरों से दिनांक 31.01.2021 की स्थिति में संबद्ध स्‍थायी एवं अस्‍थायी कनेक्‍शनों की फीडरवार संख्‍या पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शाये अनुसार है। कृषि कार्य हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी रेगुलेशन-आर.जी. 31-2009 की कंडिका 4.2.6 के अनुसार लाईन विस्‍तार हेतु संपूर्ण लागत राशि आवेदक द्वारा भुगतान करने पर अथवा वैकल्पिक तौर पर आवेदक द्वारा स्‍वीकृत प्राक्‍कलन राशि का 3 प्रतिशत सुपरवीजन चार्ज जमा कर अनुमोदित '''' श्रेणी के अनुज्ञप्ति प्राप्‍त ठेकेदार के माध्‍यम से आवेदक कार्य करा सकता है। स्‍थाई घरेलू कनेक्‍शन हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी रेग्‍यूलेशन आर.जी. 31-2009 की कंडिका 4.1 (अ) में दर्शाये अनुसार आवेदक द्वारा एल.टी. लाईन की लागत राशि जमा करने पर कनेक्‍शन प्राप्‍त किया जा सकता है। उक्‍त विनियमों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

पुलिस अधीक्षक उज्‍जैन को दिए पत्र

[गृह]

131. ( क्र. 6208 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) रूपसिंह पंवार द्वारा दिनांक 03/11/2020 को पुलिस अधीक्षक उज्‍जैन को दिए पत्र पर प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवाही क्‍यों नहीं की गयी है? (ख) क्‍या कारण है कि नीलगंगा थाना उज्‍जैन से संबंधित इस प्रकरण में जांचकर्ता अधिकारी श्री राजाराम चौहान द्वारा प्रकरण में अनावश्‍यक विलम्‍ब किया जा रहा है? लगभग तीन माह बाद भी फरियादी के आवेदन पत्र पर कार्यवाही नहीं करके इनके द्वारा दूसरे पक्ष को लाभ पहुँचाया जा रहा है। क्‍या कारण है कि दूसरे पक्ष के हस्‍ताक्षर नमूना प्रश्‍न दिनांक तक नहीं लिये गए हैं? (ग) ऐसा कृत्‍य करने वाले जांचकर्ता अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा जिससे कि ऐसी घटना भविष्‍य में न हो सके? (घ) कब तक दूसरे पक्ष के हस्‍ताक्षर नमूना लेकर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जाँच प्रगति पर है। (ख) जाँच रिपोर्ट के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी। (ग) जांचकर्ता की लापरवाही नहीं पाई गई है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी प्रश्नांश (ख) में समाहित है।

ताप विद्युत गृहों को फ्लाई ऐश का विक्रय

[पर्यावरण]

132. ( क्र. 6209 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्रमांक 712 (अतारांकित) दिनांक 23.09.2020 के अनुसार (ग) उत्‍तर में बताया है कि ब्रिक्‍स व ब्‍लाक निर्माण के लिए शासन द्वारा निर्धारित दर पर ताप विद्युत गृहों को प्‍लाय ऐश विक्रय किया जाना है? इस उतर के तहत विगत तीन वर्षों ग्रेसिम इण्‍डस्‍ट्रीज लिमिटेड नागदा में एवं केमिकल डिवीजन नागदा जं. द्वारा किन-किन को कितना-कितना प्‍लाय ऐश विक्रय किया गया फर्म नाम भाड़ा सहित वर्षवार जानकारी देवें? (ख) यदि नहीं, दिया गया है एवं नियम का पालन नहीं किया गया तो इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों के नाम पदनाम सहित देवें। (ग) कब तक विभाग इसकी अनदेखी करने पर इन अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) विगत तीन वर्षों में ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. (एसएफडी) नागदा द्वारा विक्रित की गई फ्लाई एश के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि. केमीकल डिवीजन में फ्लाई एश उत्पन्न नहीं होती। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

जले-फुके ट्रांसफार्मर

[ऊर्जा]

133. ( क्र. 6219 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) जले फुके व अन्‍य कारणों से बंद ट्रांसफार्मर बदलने हेतु क्‍या कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो इस हेतु शासन प्रशासन के नियम/निर्देश आदि प्रचलन में है तो उनकी प्रति दी जावे। (ख) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ जिला मुरैना के अंतर्गत क्षेत्र में वर्तमान स्थिति में कितने ट्रांसफार्मर बंद हैं? यदि हाँ, तो कब से व किन-किन कारणों से बंद हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ में कहां-कहां जले फुके ट्रांसफार्मर है? उनका विवरण फीडर वाइज ग्राम का नाम, स्‍थान, बंद होने की तारीख, वर्ष आदि से अवगत करावें व उन्‍हें कब तक प्रारंभ/बदल दिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 12.11.2012 को अधिसूचित पुनरीक्षित वितरण अनुपालन मापदण्‍डों के अनुसार शहरी क्षेत्र में संभागीय मुख्‍यालय में 12 घंटे तथा अन्‍य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्र में मानसून सीजन के दौरान (माह जुलाई से सितम्‍बर तक) 07 दिवस में तथा शुष्‍क मौसम में 03 दिवस में जले/‍खराब वितरण  ट्रांसफार्मर को बदलने अथवा  विद्युत प्रदाय की पुनर्स्‍थापना किये जाने का नियम है। उक्‍त नियमों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। राज्‍य शासन के निर्देशानुसार जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्‍ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर उक्‍तानुसार निर्धारित समय-सीमा में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को प्राथमिकता पर बदले जाने के निर्देश हैं। राज्‍य शासन के उक्‍त निर्देशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ जिला मुरैना में वर्तमान में 09 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध शतप्रतिशत उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं। (ग) प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर इन वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा, जिस हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के कार्य

[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]

134. ( क्र. 6220 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा देयक सुविधायें द्वारा कृषकों औद्योगिक इकाइयों व घरेलू हितग्राहियों का क्‍या-क्‍या सुविधायें देने के प्रावधान हैं व गतिविधियों के क्रियान्‍वयन हेतु यदि कोई गाइड लाइन प्रचलन में है तो उसकी प्रति दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जनवरी 2017 फरवरी 2021 तक जिला मुरैना में क्‍या-क्‍या गतिविधियों का संचालन हुआ तो विवरण अलग-अलग कार्यक्रम व वर्षवार दिया जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार संचालित गतिविधियों के तहत विधानसभा क्षेत्र 03 सबलगढ़ जिला मुरैना की जानकारी वर्षवार, कार्यवार विवरण आदि सहित दी जावे यदि कार्य नहीं हुये तो कारण बतावें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा प्रदेश में ''मुख्‍यमंत्री सोलर पंप योजना'' क्रियान्वित की जा रही है। योजना क्रियान्‍वयन हेतु जारी दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. शासन, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2012, सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2012, लघु जल आधारित परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2012, बायोमास आधारित परियोजना क्रियान्‍वयन नीति-2011 एवं सौर रूफटॉप संयंत्रों की स्‍थापना की सुविधा हेतु म.प्र. विकेन्‍द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति-2016 के प्रावधानों के अंतर्गत निजी ईकाइयों/कृषकों औद्योगिक इकाइयों व घरेलू हितग्राहियों को प्रोत्‍साहन एवं सुविधाएं देने के प्रावधान है। नीतियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में जनवरी-2017 से फरवरी 2021 तक मुरैना जिले में स्‍थापित संयंत्रों/संचालित गतिविधियों की कार्यक्रमवार व वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। मुरैना जिले में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार, एम.एन.आर.ई. की अल्‍ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्रोजेक्‍ट योजना के अंतर्गत जिले में मुरैना सौर पार्क, क्षमता 1400 मेगावाट की स्‍वीकृत दिनांक 13.01.2021 के विकास की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र 03 सबलगढ़, जिला-मुरैना में स्‍थापित संयंत्रों/संचालित गतिविधियों की कार्यक्रमवार व वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। सौर पार्क हेतु विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ में 3174 हेक्‍टेयर भूमि आरक्षित की गई है। जिसके परीक्षण की कार्यवाही राजस्‍व विभाग जिला मुरैना में प्रक्रियाधीन है।

प्रोटोकाल उल्‍लंघन के संबंध में

[नगरीय विकास एवं आवास]

135. ( क्र. 6223 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी एवं डही नगर पंचायत क्षेत्रान्‍तर्गत दिनांक 01 अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने शिलान्‍यास कितने लोकार्पण किए गए? उनमें प्रश्‍नकर्ता को आमंत्रण न देने का कारण क्‍या है? (ख) ऐसा करके प्रोटोकाल का उल्‍लंघन करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि के समस्‍त आमंत्रण पत्रों की प्रमाणित प्रति देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) डही नगर परिषद में उक्त अवधि‍ में शि‍लान्यास/लोकार्पण के कार्यक्रम नहीं किये गये हैं। कुक्षी नगर परिषद में उक्त अवधि‍ में भूमि पूजन के 03 कार्यक्रम किये गये हैं। माननीय विधायक महोदय को कार्यालयीन पत्रों द्वारा सादर आमंत्रित किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दो कार्यक्रमों के आमंत्रण पत्र नहीं छपवाये गये हैं। एक कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र की प्रति संलग्न परिशि‍ष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "बहत्तर"

उपजेल की स्‍थापना

[जेल]

136. ( क्र. 6224 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के अन्‍तर्गत कुक्षी में उपजेल की स्‍थापना अभी तक नहीं हो पाई है, इसकी स्‍थापना के लिये विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किये गये हैं? (ख) कब तक इसकी स्‍‍थापना की जावेगी?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। उपयुक्‍त भूमि आवंटित कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। (ख) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

विदिशा जिले में वैध/अवैध कॉलोनियों की जानकारी

[नगरीय विकास एवं आवास]

137. ( क्र. 6229 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा के नगर सिरोंज एवं लटेरी में वर्तमान में कितनी वैध/अवैध कॉलोनियां स्थित हैं? उक्‍त वैध/अवैध कॉलोनियों के खसरा क्रमांकों, कुल रकबे की जानकारी पृथक-पृथक वैध/अवैध कॉलोनी की उपलब्‍ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अवैध कॉलोनियों को दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक जिला कलेक्‍टर, संबंधित एस.डी.एम. एवं संबंधित नगरीय निकाय के प्रमुख द्वारा कब-कब चिन्हित किया गया? प्रश्‍नांकित दिनांक तक कितने अवैध कॉलोनी निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही हुई? (ग) क्‍या मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय ग्‍वालियर खंडपीठ द्वारा अवैध कॉलोनी निर्माताओं के विरूद्ध वर्ष 2019 में आदेश जारी किये गये? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवैध कॉलोनी निर्माताओं के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्‍या विदिशा जिले के नगर सिरोंज एवं लटेरी की सभी अवैध कॉलोनियों की जाँच कराते हुए दोषी भू-माफिया, बिल्‍डर पर एफ.आई.आर. दर्ज कराएंगे एवं अवैध कॉलोनियां को वैध मानकर उनमें मूलभूत सुविधा, सीवेज, सड़क, पानी की व्‍यवस्‍था कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं अवैध कॉलोनी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ, सक्षम प्राधिकारी द्वारा नगरपालिका अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी। कार्यवाही प्रचलित है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, सक्षम प्राधिकारी द्वारा नगरपालिका अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी। जी नहीं, अवैध कॉलोनी को वैध नहीं माना जा सकता परन्‍तु राज्‍य शासन द्वारा अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए नगरपालिका अधिनियम में संशोधन की कार्यवाही की जा रही है अधिनियम में संशोधन के पश्‍चात नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

थानों में कर्मचारियों की पदस्‍थापना

[गृह]

138. ( क्र. 6230 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पुलिस मुख्‍यालय भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक पुमु/3/कर्मिक/210/2021, दिनांक 15/01/2021 के द्वारा प्रदेश के थानों में कर्मचारियों की पदस्‍थापना के संबंध में निर्देश/आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो जारी आदेशों की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किसी एक थाने में किसी भी अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्‍थापना सामान्‍यत: 4 वर्ष और 5 वर्ष से अधिक न हो, यदि ऐसे निर्देश हैं तो विदिशा जिले में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी थानों/अनुविभाग कार्यालयों में अवधि पूर्ण होने के उपरांत भी पदस्‍थ हैं? उनको कब तक अन्‍य थानों में पदस्‍थ किया जावेगा? क्‍या किसी अधिकारी/कर्मचारी का थाना/अनुविभाग से स्‍थानांतरण होता है तो उसे पुन: उसी स्‍थान पर पदस्‍थ करने हेतु 3 वर्ष का अंतराल होना आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्‍ध कराये कि कर्मचारी/अधिकारी 3 वर्ष के अंतराल से पूर्व ही पुन: उसी स्‍थान पर पदस्‍थ किय गये हैं?                         (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्‍या जिला और रेंज अधिकारियों द्वारा जारी किये गये निर्देश का पालन कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों और कब तक पालन कर लिया जावेगा(घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में 20 मार्च 2021 की स्थिति में विदिशा, जिले में 3 वर्षों से अधिक एक ही स्‍थान पर पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारियों की सूची उपलब्‍ध करावें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार(ख) जिला विदिशा में कोई भी ऐसे पुलिस अधिकारी/कर्मचारी नहीं हैं जो लगातार 05 वर्ष से अधिक समय होने के उपरांत भी उसी थानो में पदस्‍थ हैं। उक्‍त अवधि पूर्ण न होने से प्रश्‍नांश से संबंधित शेष अंश उपस्थित नहीं होता है। यदि कर्मचारी का थाने में कार्यकाल 05 वर्ष से अधिक नहीं रहा है तो उसे उसी पद पर उसी थाने में वापस पदस्‍थ किया जा सकता है, परंतु पृथक पद पर पुन: पदस्‍थापना में कम से कम 03 वर्ष का अंतराल आवश्‍यक है। आरक्षक से उप निरीक्षक के पद पर किसी भी कर्मचारी की एक अनुविभाग में विभिन्‍न पदों पर कुल पदस्‍थापना अवधि 10 वर्ष से अधिक नहीं हो सकती है। जिला विदिशा में कोई भी कर्मचारी/अधिकारी 03 वर्ष के अंतराल से पूर्व ही पुन: उसी स्‍थान पर पदस्‍थ नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिला और रेंज अधिकारियों द्वारा जारी किये गये निर्देश का पालन कर लिया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार

मंदाकिनी नदी में हो रहे प्रदूषण

[पर्यावरण]

139. ( क्र. 6231 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ध्‍यानाकर्षण सूचना क्रमांक 36, दिनांक 24.02.2021 में दिए गए उत्‍तर एवं चर्चानुसार मंदाकिनी नदी में चित्रकूट क्षेत्र को नदियों का गंदा पानी मिलने से स्‍नान योग्‍य नहीं है? ध्‍यानाकर्षण में उत्‍तर में मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चित्रकूट के निकट मंदाकिनी नदी में धारों पर जल नमूनों की जाँच की जाती है? इस तरह का उत्‍तर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में मंदाकिनी नदी के जल के कितने नमूने कब-कब लिए गए? कब-कब परीक्षण किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में जल गुणवत्‍ता भारतीय मानक 2296 के तहत बी ग्रेड देने में क्‍या-क्‍या मापदण्‍ड दिये, मापदण्‍ड की प्रति उपलब्‍ध करायें। (घ) चित्रकूट नगर परिषद क्षेत्रान्‍तर्गत कितने होटल प्रस्‍तावित हैं? किन-किन के द्वारा सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट लगाए गए हैं, किन-किन में नहीं? जिनके द्वारा नहीं लगाए गए क्‍या उनके होटल लाइसेंस निरस्‍त किए जायेंगे तथा उक्‍त क्षेत्र में पर्यावरण एन.ओ.सी. किन-किन के द्वारा नहीं ली गई? यह भी बताएं। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में मंदाकिनी नदी को प्रदूषण से मुक्‍त कराने हेतु क्‍या-क्‍या प्रयास करेंगे और कब तक?

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 36 दिनांक 24/02/2021 में दिये गये वक्तव्य अनुसार मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चित्रकूट के निकट मंदाकिनी के 08 घाटों पर जल नमूनों की जांच की जाती है, जिसमें सामान्यतः जल गुणवत्ता भारतीय मानक 2296 के तहत श्रेणी 'बी' में पाई जा रही है जो स्नान के लिये उपयुक्त है। (ख) विगत 05 वर्षों में लिये गये मंदाकिनी नदी के जल नमूनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) मापदण्ड की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ड.) मंदाकिनी नदी को प्रदूषण से मुक्त करने हेतु म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा रू. 28.35 करोड़ की सीवरेज परियोजना क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत 47 लाख लीटर क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माणाधीन है जिसका प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं द्वितीय चरण का कार्य प्रगति पर है जिसके सितम्बर 2021 तक पूर्ण होने का लक्ष्य है। वर्तमान में अस्थायी घरेलू दूषित जल उपचार व्यवस्था नगर परिषद चित्रकूट के माध्यम से स्थापित करायी गई है व प्राथमिक उपचार किया जा रहा है।

जिलाबदर की कार्यवाही

[गृह]

140. ( क्र. 6234 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) सीहोर जिले में विगत 3 साल में पुलिस द्वारा कितने अपराधियों पर जिलाबदर की कार्यवाही किस के आदेश पर प्रस्‍तावित की गई? प्रस्‍तावित की गई जिलाबदर की कार्यवाही में आज दिनांक तक कुल कितने लोगों को जिलाबदर किया गया? संख्‍यात्‍मक विवरण दें। (ख) क्‍या सीहोर जिले में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर ऑनलाईन रिश्‍वत लेने के आरोप हैं? यदि हाँ, तो मामले में कब शिकायत हुई एवं किस के द्वारा हुई? कब से जाँच प्रचलन में है? सम्‍पूर्ण जानकारी दस्‍तावेज सहित देवें। दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या सीहोर जिले में वाहन चोरी, चेन स्‍नेचिंग एवं चोरी के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं? यदि हाँ, तो चोर गिरोह पर पुलिस द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? पिछले 5 वर्ष में वाहन चोरी के कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।           (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार

परिशिष्ट - "तिहत्तर"

प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग एवं महिलाओं के विरूद्ध बढ़ते अपराध

[गृह]

141. ( क्र. 6235 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इंडिया जस्टिस रिपोर्ट वर्ष 2020 के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जातियों के विरूद्ध अपराधों की संख्‍या में प्रदेश देश में दूसरे स्‍थान पर आता है? यदि हाँ, तो इस स्थिति को सुधारने के लिये क्‍या कदम उठाये गये? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्‍यूरों के अनुसार वर्ष 2016, 2017 एवं 2018 में लापता बच्‍चों के मामले में मध्‍यप्रदेश देश में पहले स्‍थान पर रहा है तथा लापता महिलाओं की संख्‍या देश में तीसरे स्‍थान पर रही है? यदि हाँ, तो प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि पास्‍को कानून के अंतर्गत सभी पात्र प्रकरण पुलिस द्वारा पंजीकृत किए जाते हैं? यदि हाँ, तो इन प्रकरणों में क्‍या कदम उठाए गये हैं? (ग) पुलिस व न्‍यायिक संस्‍थाओं को इस बिन्‍दु पर सशक्‍त करने हेतु शासन की क्‍या योजना है? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं, तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अनुमति अनुरूप विकास एवं निर्माण नहीं किया जाना

[नगरीय विकास एवं आवास]

142. ( क्र. 6236 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्‍टर्लिंग ग्‍लोब बिल्‍डर्स भोपाल द्वारा भोपाल शहर में कहां-कहां, कितने-कितने आवासीय प्रकोष्‍ट बनाने हेतु टी.एन.सी.पी. एवं नगर निगम (समस्‍त) से अनुमति मांगी? कितने निर्माण हेतु वांछित अनुमति प्रदान की गई है? (ख) स्‍टर्लिंग ग्‍लोव बिल्‍डर्स द्वारा नगर निगम भोपाल के बाबड़िया कलॉ क्षेत्र में स्‍टर्लिंग ग्‍लोब ग्रांड आवासीय परिसर बनाने हेतु अनुमति नगर एवं ग्राम निवेश भोपाल एवं नगर निगम भोपाल से प्राप्‍त की है प्रति उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या उक्‍त स्‍टर्लिंग ग्‍लोब ग्रांड आवासीय परिसर हेतु दी गई अनुमति अनुसार बिल्‍डर द्वारा विकास एवं निर्माण नहीं किये हैं? आज तक किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया एवं कब? यदि हाँ, तो निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो क्‍यों एवं कब तक जाँच की जावेगी?                   (घ) यदि स्‍टर्लिंग ग्‍लोब बिल्‍डर्स भोपाल द्वारा अनेक आवासीय परिसरों में अनुमति अनुसार निर्माण एवं विकास नहीं कराये तो क्‍या विभाग उक्‍त बिल्‍डर के समस्‍त आवासीय परिसरों का निरीक्षण करवायेंगी? यदि हाँ, कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्‍टर्लिंग ग्‍लोब बिल्‍डर्स भोपाल को स्‍टर्लिंग ग्‍लोब ग्रांड प्रोजेक्‍ट नाम से भोपाल के ग्राम बावडिया कलॉ में खसरा क्रमांक 460/4/2/GHA, 460/4/2/GA, 460/4/2/KHA, 460/4/2/ka, 460/3/2/4ka (Old) 460/3/2/4 (NEW) 460/3/2/4/KHA (OLD) 460/3/2/9 (NEW), 460/3/2/4GA (OLD) 460/3/2/10 (NEW) 460/5/1/1, 460/5/1/3, 460/5/1/4 रकबा 1.26 हेक्‍टेयर पर 211 आवासीय प्रकोष्‍ट बनाने हेतु भवन अनुमति मांगी गई थी जो कि भवन अनुज्ञा क्रमांक 3352 दिनांक 07-01-2014 द्वारा प्रदान की गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) उक्‍त स्‍टर्लिंग ग्‍लोब ग्रांडआवासीय परियोजना हेतु दी गई अनुमति के आधार पर बिंगए एवं बी भाग का विकास अनुमति एवं भवन अनुमति के आधार पर किया गया है। स्‍थल पर चल रहे विकास/निर्माण कार्य का निरीक्षण दिनांक 12-03-2021 को नगर निगम भोपाल की भवन अनुज्ञा शाखा के उपयंत्री द्वारा किया गया जिसमें स्‍थल पर विकास/निर्माण कार्य प्रदत्‍त अनुज्ञा के अनुसार पाया गया। नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 29 (3) के अंतर्गत संशोधित विकास कार्य प्रगति पर हैं। निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) स्‍टर्लिंग ग्‍लोब बिल्‍डर्स भोपाल के द्वारा प्रदेश में आवासीय परिसरों में अनुमति अनुसार निर्माण एवं विकास नहीं कराये जाने के संबंध में विभाग को जानकारी प्राप्‍त होने पर उक्‍त बिल्‍डर्स के समस्‍त आवासीय परिसरों का निरीक्षण कराया जा सकेगाउत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

जैम पोर्टल से क्रय सामग्री का भुगतान

[नगरीय विकास एवं आवास]

143. ( क्र. 6244 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका इटारसी के द्वारा वर्ष 2018 में जेम पोर्टल से क्‍या-क्‍या सामग्री किस फर्म/संस्था से किस दर पर क्रय की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्रय सामग्री किस ति‍थि को प्राप्‍त की गई है? (ग) जेम पोर्टल के माध्‍यम से सामग्री प्राप्‍त होने के कितने समय उपरांत भुगतान किए जाने का प्रावधान है? भुगतान तय समय-सीमा में नहीं होने पर प्रदाय दाता फर्म को क्‍या सुविधाएं दी जाती हैं? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार क्‍या नगर पालिका इटारसी ने वर्ष 2018 में क्रय की गयी सभी सामग्री का भुगतान प्रदायदाता संस्‍था/फर्म को कर दिया है। यदि नहीं, तो किन-किन का भुगतान शेष है? भुगतान शेष रहने का क्‍या कारण है? क्‍या भुगतान में लापरवाही करने वाले अधिकरी/कर्मचारी को चिन्हित कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ड.) जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश की ऐसी कितनी निकाय हैं जहां जेम प्रोर्टल के माध्‍यम से सामग्री क्रय उपरांत फर्म/संस्‍था का भुगतान शेष रहने का क्‍या कारण है? कब तक भुगतान किया जाएगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जेम पोर्टल के माध्‍यम से सामग्री प्राप्‍त होने के उपरांत 10 दिवस में भुगतान किये जाने का प्रावधान भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय, नई दिल्‍ली के परिपत्र दिनांक 3 जुलाई 2020 द्वारा निर्धारित किया गया है, 10 दिवस में भुगतान नहीं करने की स्थिति में विलंबित राशि पर 1 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से ब्‍याज के भुगतान किये जाने का प्रावधान निर्धारित है। नियमों से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।   (घ) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में नगर पालिका, इटारसी द्वारा वर्ष 2018 में 34 संस्‍था/फर्म से सामग्री क्रय की गई, जिसमें 28 संस्‍था/फर्म को भुगतान कर दिया गया है, नगर पालिका, इटारसी में जेम पोर्टल के माध्‍यम से सामग्री क्रय उपरांत भुगतान शेष के संबंध में संबंधित फर्म/संस्‍था की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। संबंधित संस्‍था/फर्म का भुगतान, तकनीकी समस्‍या, कोरोनाकाल तथा निर्वाचन के कारण समय पर नहीं हो पाया। निकाय का कोई भी अधिकारी/कर्मचारी इस हेतु दोषी नहीं है, अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                     (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

वर्ष 2019-20 में दर्ज प्रकरणों की जानकारी

[गृह]

144. ( क्र. 6245 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2019 एवं 2020 में धारा 420, 306, 302 ताहि में धारा 173 (08) एवं धारा 482 CRPC के तहत कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अपराध क्र., धारा, आरोपियों का नाम, गिर‍फ्तारी, फरारी का कारण तथा विवेचना/कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी दी जाए। (ग) धारा 482 जा.फौ. किन परिस्थितियों में लगाई गयी है तथा पुलिस द्वारा पृथक किए जाने का क्‍या प्रयास किया गया है? राज्‍य परिलेख शाखा भेजे गए दस्‍तावेज का दिनांक तथा दस्‍तावेज प्राप्‍त होने का दिनांक आदि की जानकारी प्रदाय की जाए।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।  (ग) धारा 482 सी.आर.पी.सी. का संबंध किसी अपराध में प्रथम सूचना पत्र में लगाई जाने वाली धाराओं से नहीं है। अतः पुलिस द्वारा लगाने अथवा पृथक करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

आवासीय भवनों का निर्माण

[गृह]

145. ( क्र. 6255 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) शहडोल जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्‍यौहारी अंतर्गत स्‍थापित थाना ब्‍यौहारी, थाना सीधी, थाना पपौधा जो कई वर्षों से संचालित है, लेकिन वहां पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों के रहने के लिये आवासीय मकान/भवन नहीं है? भवन निर्माण बाबत क्‍या निर्देश जारी करेगे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवासीय भवन/मकान के निर्माण बाबत अगर राशि जारी की गई, निर्माण नहीं किये गये तो क्‍यों? अगर राशि जारी नहीं की गई तो कब तक जारी की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में थानों में पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों के आवासीय भवन के निर्माण बाबत राशि जारी न करने एवं निर्माण में किये गये विलम्‍ब के लिये किन-किन को जिम्‍मेदार मानेगें? इन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे एवं निर्माण बाबत राशि कब तक जारी करा देंगे? नहीं तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हां। मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना अंतर्गत पुलिस की समस्त इकाइयों में आवासगृहों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। जिसमें जिला शहडोल के लिये तृतीय चरण में मैदानी अधिकारी के 08 अराजपत्रित अधिकारी के 24 एवं आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक के 96 इस प्रकार कुल 128 आवासगृह निर्माण की प्रक्रिया प्रचलन में है, जिनका निर्माण जिला मुख्यालय स्तर पर किया जावेगा। (ख) जी नहीं। उक्त योजना में पर्याप्त राशि प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं। (ग) आवासीय भवनों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। प्रश्‍‍‍न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

आवासीय भवनों का निर्माण

[विधि और विधायी कार्य]

146. ( क्र. 6256 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या शहडोल जिले के ब्‍यौहारी विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत सिविल न्‍यायालय संचालित है। यदि हाँ, तो कब से इनमें कार्यरत माननीय न्‍यायाधीशों/अधिकारियों/कर्मचारियों के निवास बावत् आवासीय भवन की सुविधा है? अगर नहीं तो क्‍यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित सिविल न्‍यायालय के माननीय न्‍यायाधीशों/अधिकारियों/कर्मचारियों के आवासीय भवन निर्माण हेतु क्‍या राशि उपलब्‍ध कराई गई तो कब बतावें? अगर नहीं कराई गई तो क्‍यों? करा दी जायेगी तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में माननीय न्‍यायाधीशों/अधिकारियों/कर्मचारियों के रहने बावत् आवासीय भवन के निर्माण बावत् आज तक राशि जारी न करने के लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों अनुसार कार्यवाही न करने अपने कर्तव्‍य के प्र‍ति उदासीन रहने के जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? साथ ही कब तक आवासीय भवन बावत् राशि उपलब्‍ध करा देवेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हां। वर्ष 1925 में मुंशिफ मजिस्ट्रेट की पदस्थापना की गई तथा दिनांक 23.01.2017 से नवनिर्मित न्यायालय भवन में न्यायालय संचालित है। ब्यौहारी में पूर्व से निर्मित एक आवासीय भवन, वर्ष 2004 में एक अन्य आवासीय भवन वर्ष 2008 में एक आवासीय भवन इस प्रकार कुल 03 नग शासकीय आवासीय भवन उपलब्ध हैं। पूर्व में ब्यौहारी में न्यायिक कर्मचारियों के लिये आवासीय भवनों के निर्माण हेतु भूमि आवंटित नहीं की गई थी। तत्पश्चात कलेक्टर शहडोल के आदेश दिनांक 18.02.2019 के द्वारा न्यायिक अधिकारियों/ कर्मचारियों के लिये आवासीय भवन के निर्माण हेतु भूमि आवंटित की गई है। (ख) जी नहीं। म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिनांक 23.02.2019 के द्वारा ब्यौहारी जिला शहडोल में न्यायिक अधिकारियों के लिये 01 नग डी-टाईप, राशि रू. 69.40 लाख, 02 नग ई-टाईप, राशि रूपये 128.40 लाख एवं 01 नग एफ-टाईप, राशि रूपये 52.51 लाख के प्राक्कलन प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये है। उक्त प्राक्कलन अन्य प्रस्तावों के साथ दिनांक 09, 10 एवं 20 नवम्बर, 2020 को आयोजित मूल्यांकन समिति की बैठक में रखा गया था, उक्त प्रस्ताव को समिति द्वारा राशि अधिक होने के कारण परीक्षण कर पुनः प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कोई भी नहीं। वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 10 मार्च, 2019 में निर्धारित सूचकांक से अधिक की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी किये जाने एवं बजट के अभाव में। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 10 मार्च, 2019 में निर्धारित सूचकांक से अधिक की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी किये जाने एवं बजट के अभाव में।

फर्जी तरीके से रजिस्‍ट्री कराने वालों के विरूद्ध प्रकरण

[गृह]

147. ( क्र. 6257 ) श्री राकेश मावई : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बृजेन्‍द्र सिंह गुर्जर पुत्र श्री गोपाल सिंह निवासी टी.एस.एस. कॉलेज के पास गणेशपुरा मुरैना में जिला विदिशा, तहसील शमशाबाद के ग्राम हड़ा में अपनी भूमि सर्वे क्रं. 234, 239, 240 कुल रकबा 8.246 हेक्‍टेयर की फर्जी तरीके से हस्‍ताक्षर बनाकर गलत तरीके से दूसरे व्‍यक्तियों ने रजिस्‍ट्री कराने के संबंध में थाना प्रभारी शमशाबाद को दिनांक 23.09.2019 को प्रकरण दर्ज कराने का आवेदन दिया? यदि हाँ, तो थाना प्रभारी द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि की फर्जी तरीके से रजिस्‍ट्री कराने के संबंध में आरोपियों पर कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक विदिशा को दिनांक 24.09.2019 एवं 03.03.2020 को तथा अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक भोपाल को दिनांक 02.02.2021 को बृजेन्‍द्र सिंह गुर्जर द्वारा आवेदन पत्र दिए गए? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार गलत तरीके से फर्जी रजिस्‍ट्री कराने वालों के विरूद्ध कब तक जाँच करके 420 का अपराध दर्ज कर कार्यवाही करेंगे?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हां। आवेदक शिकायत देने के बाद मूल दस्तावेजों के साथ कथन देने हेतु उपस्थित नहीं हो रहा है, इस कारण जाँच नहीं हो सकी है। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ म.प्र. ग्वालियर में अनावेदक अशोक कुमार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ ग्वालियर में डब्ल्यू.पी.नं. 13266/20 दायर किये जाने पर माननीय न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 21.09.2020 के द्वारा आगामी सुनवाई तक प्रकरण में स्थगन आदेश जारी किया गया है। प्रकरण उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में विचाराधीन है। (ख) जी हां। प्रश्नांश (क) में जानकारी समाहित है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) में समाहित है।

सौभाग्‍य योजना/अन्‍य विद्युत प्रदाय योजनाओं की जानकारी

[ऊर्जा]

148. ( क्र. 6263 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ अंतर्गत सौभाग्‍य योजना/अन्‍य विद्युत प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत कितने ग्राम दिनांक 1 जनवरी 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक नहीं जुड़े हैं? उनकी सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में कितने ग्राम पात्रता रखते हैं तथा किस कारण से योजना के लाभ से वंचित रहे? सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्‍य में शेष बचे ग्राम कब तक योजना से जुड़ जायेंगे? इससे संबंधित कार्ययोजना की जानकारी उपलब्‍ध करावें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ अंतर्गत विभिन्‍न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अन्‍तर्गत चिन्हित ग्रामों/मजरों/टोलों/ बस्तियों में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण तथा सौभाग्‍य योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अंतर्गत चिन्हित सभी अविद्युतीकृत घरों को विद्युतीकृत करने का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

महाविद्यालय में अन्‍य संकाय प्रारंभ किये जाना

[उच्च शिक्षा]

149. ( क्र. 6269 ) श्री राम दांगोरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या पंधाना स्थित शास. महाविद्यालय का नाम प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र के स्‍थानीय स्‍वतंत्रता सैनानी शहीद जननायक टंट्या भील के नाम पर करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) सिंगोट में शासकीय महाविद्यालय हेतु 6.5 एकड़ जमीन महाविद्यालय हेतु संरक्षित है, क्‍या सिंगोट के विद्यार्थियों हेतु महाविद्यालय की सौगात देंगे? (ग) पंधाना शास. महाविद्यालय में सिर्फ आर्ट विषय संचालित हो रहा है। अन्‍य विषय न होने से हजारों विद्यार्थी खण्‍डवा जाते हैं क्‍या बी.एस.सी., बी.कॉम, बीएसडब्‍ल्‍यू, एमएसडब्‍ल्‍यू, एम.ए. हिस्‍ट्री, पॉलिटीकल साइंस विषय प्रारंभ करवाएंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, पंधाना का नाम स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी शहीद जननायक टंट्या भील के नाम पर करने संबंधी कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) महाविद्यालय सिंगोट हेतु जिला कलेक्टर द्वारा कोई भूमि आवंटित नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, पंधाना से 22 किलोमीटर की दूरी पर श्री नीलकंठेश्वर शासकीय महाविद्यायल, खण्डवा एवं 23 किलोमीटर की दूरी पर माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय कन्या महाविद्यालय, खण्डवा संचालित है। इन महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर बी.ए, बी.कॉम, बी.एससी एवं स्नातकोत्तर स्तर पर इतिहास, राजनीति विज्ञान विषयों की कक्षाएं संचालित हैं, जहां पर विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। वर्तमान में संसाधनों के अभाव में शासकीय महाविद्यालय, पंधाना में नवीन विषय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है।

पर्यावरण प्रदूषण समस्‍या

[पर्यावरण]

150. ( क्र. 6274 ) श्री राम दांगोरे : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा में कुल कितने उद्योग धंधे है जिनसे पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) पंधाना और डोल्‍हार के मध्‍य में स्थित सोया‍बीन प्‍लांट क्‍या पर्यावरण संबंधित मापदण्‍डों का पालन कर रहा हैं? (ग) क्‍या संबंधित सोयाबीन प्‍लांट का भौतिक निरीक्षण का आदेश देंगे? (घ) पर्यावरण को प्रदूषित करने के बदले में क्‍या सभी उद्योग धंधों द्वारा पौधे लगाये गये है यदि हाँ, तो कहां और कब लगाये गये, विवरण उपलब्‍ध करावें।

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीपसिंह डंग ) : (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्थित सभी उद्योगों से पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण की स्थिति में होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हां। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।               (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौहत्तर"

राहुल नगर फेज-1 में निर्माणाधीन आवास

[नगरीय विकास एवं आवास]

151. ( क्र. 6277 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत नगर निगम भोपाल द्वारा राहुल नगर फेज-1 में निर्माणाधीन आवासों की संख्‍या कितनी-कितनी, किस-किस टाईप के आवास, कितने-कितने मंजिल, कितनी बिल्डिंग में, किस-किस स्‍थान पर हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जिस स्‍थान पर प्रोजेक्‍ट पर कार्य संपादित किया जा रहा है, वह भूमि किस-किस विभाग के पास कब-कब से कितनी-कितनी है, उसमें से कितनी भूमि का उपयोग कब-कब, किस-किस प्रायोजन से किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रोजेक्‍ट की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्‍वीकृति कब-कब, कितनी-कितनी, किस-किस कार्य के लिये, किस-किस सक्षम अधिकारी से ली गई? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रोजेक्‍ट लागू होने से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस एजेंसी को किस-किस कार्य के लिये, कितना-कितना, कब-कब, किस-किस प्रकार से भुगतान किया गया है? नाम, पता, एजेंसी का नाम सहित पृथक-पृथक बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रोजेक्‍ट के लक्ष्‍य के अनुरूप कब-कब, कितना-कितना कार्य, किस-किस के द्वारा क्‍या-क्‍या किया गया? लक्ष्‍य में विलंब के क्‍या कारण हैं? कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं? जिम्‍मेदारों पर कब और क्‍या कार्यवाही की जायेगी? लक्ष्‍य प्राप्ति कब तक होगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन भूमि शासकीय दर्ज है, इस भूमि पर झुग्गी बस्तियां निर्माण हो गई थी व पूर्व में कोई उपयोग नहीं किया गया है। (ग) राहुल नगर पार्ट-01 प्रोजेक्ट में आवास एवं अधोसरंचना निर्माण हेतु माननीय मेयर-इन-कौंसिल नगर निगम भोपाल के संकल्प क्रमांक-05 दिनांक 27.05.2017 के माध्यम से प्रशासकीय एवं संकल्प क्रमांक-07 दिनांक 21.11.2017 के माध्यम से वित्तीय स्वीकृति ली गई है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ड.) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' तथा '''' अनुसार है। विलंब के लिये कोई जिम्मेदार नहीं है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्य पूर्ण करने की समयावधि 31 मई 2021 लक्षित है।

परिशिष्ट - "पचहत्तर"

अध्‍ययनरत छात्रों से लिये जा रहे शपथ/घोषणा पत्र

[उच्च शिक्षा]

152. ( क्र. 6278 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं ग्‍वालियर संभाग में क्‍या विश्‍वविद्यालय, स्‍वायत्‍तशासी अंतर्गत विश्‍वविद्यालय एवं महाविद्यालय के विभिन्‍न संकायों में पृथक-पृथक संकाय से अध्‍ययन करने वाले छात्रों से शपथ/घोषणा पत्र मांगे जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस-किस कार्यालय के किस-किस नियम/प्रक्रिया के तहत पृथक-पृथक स्‍पष्‍ट करें। (ख) शिक्षण सत्र 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में क्‍या विश्‍वविद्यालय द्वारा शासकीय/अर्द्धशासकीय/अशासकीय/ स्‍वायत्‍तशासी महाविद्यालयों के नियमित एवं स्‍वाध्‍यायी छात्रों से निर्धारित प्रारूप में शपथ/घोषणा पत्र जमा करने हेतु नियम/निर्देश जारी किये गये? यदि हाँ, तो कब-कब, क्‍या-क्‍या, किस-किस महाविद्यालय को, किस-किस संकाय हेतु? विश्‍वविद्यालय, महाविद्यालयवार पृथक-पृथक प्रारूप सहित संपूर्ण ब्‍यौरा दें। (ग) उपरोक्‍त के तारतम्‍य में क्‍या शपथ/घोषणा पत्र निर्धारित राशि के स्‍टाम्‍प पर नोटरी कराकर ही जमा किया जाना है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि के स्‍टाम्‍प पर, किस-किस संकाय के लिये, किस-किस प्रारूप में, किस-किस नियम से? (घ) उपरोक्‍त के संबंध में सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा शपथ/घोषणा पत्र के संबंध में नियमों में शिथिलता प्रदान कर नियम/निर्देश जारी किये है? यदि हाँ, तो विश्‍वविद्यालय एवं महाविद्यालय द्वारा उनका पालन किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो विश्‍वविद्यालय एवं महाविद्यालय द्वारा शपथ/घोषणा पत्र की सही जानकारी नहीं होने से छात्रों के साथ हो रही लूट के लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है, जिम्‍मेदारों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही, कब तक की जायेग? यदि नहीं, तो क्‍यों? भविष्‍य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिये क्‍या-क्‍या प्रयास कब तक किये?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश शासन, उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक 949/2020/सी.सी./2020/अड़तीस, दिनांक 31/07/2020 की कंडि़का 2.2 अनुसार शासकीय/अनुदान प्राप्‍त अशासकीय/निजी अशासकीय महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रवेश के समय मूल अंकसूची/मूल स्‍थानांतरण प्रमाण-पत्र के अभाव में निर्धारित प्रपत्र में वचन-पत्र प्राप्‍त किये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। उच्‍च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक 949/2020/सी.सी./2020/अड़तीस, दिनांक 31/07/2020 के माध्‍यम से समस्‍त महाविद्यालयों के लिये निर्देश जारी किये गये हैं। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी हाँ, पालन किया जा रहा है। इस संबंध में विभागीय स्तर पर कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।

 

अनुकम्‍पा नियुक्ति प्रदाय

[ऊर्जा]

153. ( क्र. 6284 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न क्र. 274 अनुकम्‍पा नियुक्ति प्रदाय हेतु सदन में 22.09.2020 को प्रश्‍न किया गया था? जिसमें स्‍व. श्री हबीब खां लाईन परिचालक की लाश कुएं में मिली थी और 30.02.2005 से 02.04.2005 के बीच की अवधि में मृत्‍यु बताई गई थी। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि पोस्‍टमार्टम 03.04.2005 को हुआ था तो मृत्‍यु प्रमाण पत्र कब का किस तारीख का माना जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि मोहम्‍मद रिजवान के पिता स्‍व. श्री हबीब खां की मृत्‍यु के प्रमाण पत्र 02.04.2005 एवं 03.04.2005 दो दिए गए हैं तो उसमें उनके पुत्र की क्‍या गलती है? जिसके पिता की हत्‍या हुई थी तो क्‍या विभाग इसमें रूचि लेकर एक मृत्‍यु प्रमाण पत्र हेतु प्रयास नहीं कर सकता है? क्‍या विभाग नियम अनुसार संबंधित विभागों में पत्र लिखकर एक मृत्‍यु प्रमाण पत्र बनवाएगा तो कब तक? विभाग द्वारा ऐसे पत्रों की जानकारी का उत्‍तर भी मोहम्‍मद रिजवान ने विभाग को बार-बार समय पर दिया है। जो जानकारी प्रश्‍न दिनांक तक नहीं दी गई है, वह स्‍पष्‍ट बताएं क्‍या-क्‍या हैं? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि विभागीय अधिकारियों द्वारा कब तक अनुकम्‍पा नियुक्ति प्रकरण में विशेष रूचि लेकर नियम अनुसार मृतक के वारिस मोहम्‍मद रिजवान को अनुकम्‍पा नियुक्ति देने के प्रकरण का निराकरण करेगा।

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। उक्‍त प्रश्‍न के उत्‍तरांश (ख) में यह उल्‍लेख किया गया था कि लाईन परिचारक, स्‍व. श्री हबीब खां की लाश दिनांक 03.04.2005 को महीपत यादव के कुआं पर ग्राम-मौथी में मिली थी तथा ग्राम बाबई के चौकीदार की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात व्‍यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. क्रमांक-153/05 दिनांक 23.04.2005 को दर्ज की गई थी, जिसमें मृत्‍यु दिनांक 30.03.2005 से दिनांक 02.04.2005 के बीच की अवधि में होना दर्शाया गया था। (ख) शव परीक्षण प्रतिवेदन रिपोर्ट के आधार पर स्‍व. श्री हबीब खां का पोस्‍टमार्टम दिनांक 03.04.2005 को किया जाना उल्‍लेखित है, जो कार्यालय सहायक सर्जन/चिकित्‍सालय सहायक, जतारा द्वारा जारी है। स्‍व. हबीब खां के पुत्र श्री मोहम्‍मद रिजवान द्वारा अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रस्‍तुत आवेदन पत्रों के साथ, कार्यालय रजिस्‍ट्रार (जन्‍म-मृत्‍यु) जिला टीकमगढ़ द्वारा पुस्‍तक क्रमांक-89567अनुक्रमांक-4478323 को जारी प्रथम मृत्‍यु प्रमाण पत्र, जिसमें मृत्‍यु दिनांक 02.04.2005 का लेख है तथा द्वितीय मृत्‍यु प्रमाण-पत्र पुस्‍तक क्रमांक-88473 अनुक्रमांक-4423601 जिसमें मृत्‍यु दिनांक 03.04.2005 का लेख है प्रस्‍तुत किया गया एवं साथ ही एफ.आई.आर. क्रमांक-153/05 दिनांक 23.04.2005 में मृत्‍यु दिनांक 30.03.2005 से दिनांक 02.04.2005 के बीच में होना दर्शाया है। (ग) उल्‍लेखनीय है कि श्री मोहम्‍मद रिजवान द्वारा अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रस्‍तुत आवेदनों/पत्रों के साथ स्‍व. श्री हबीब खाँ के दो अलग-अलग मृत्‍यु प्रमाण-पत्र प्रस्‍तुत किये गये, जिनमें मृत्‍यु दिनांक क्रमश: 02.04.2005 एवं 03.04.2005 उल्‍लेखित है। स्‍व. श्री हबीब खाँ की मृत्‍यु दिनांक में पाई गई भिन्‍नता के संबंध में स्‍पष्‍टीकरण हेतु कार्यपालन अभियंता (सं./सं.) टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक-4874 दिनांक 16.02.2016 एवं पत्र क्रमांक-968 दिनांक 26.05.2018 के द्वारा श्री रिजवान को लेख किया गया किंतु उक्‍त संबंध में मोहम्‍मद रिजवान द्वारा कोई भी स्‍पष्‍टीकरण प्रस्‍तुत नहीं किया गया और न ही उनके द्वारा म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से तत्संबंध में कोई जानकारी मांगी गई। स्‍व. श्री हबीब खां के उपरोक्‍त दोनों में से किसी भी मृत्‍यु प्रमाण पत्र की तिथि को मान्‍य कर लिये जाने की स्थिति में भी उनके पुत्र मोहम्‍मद रिजवान को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नियमानुसार नहीं है। अत: म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संबंधित विभाग से स्‍व. श्री हबीब खां के मृत्‍यु प्रमाण-पत्र के संबंध में पत्राचार किया जाना प्रासंगिक नहीं है। (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र‍ विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में तत्समय लागू अनुकंपा नियुक्ति नीति, 2013 (संशोधित) एवं अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 के बिंदु क्र. 1.2 के अनुसार '' ऐसे कार्मिक जिनकी मृत्‍यु दिनांक 15.11.2000 के पश्‍चात किंतु दिनांक 10.04.2012 के पूर्व म.प्र. राज्‍य विद्युत मंडल/कंपनी का कार्य करते समय आकस्मिक दुर्घटना, विद्युत दुर्घटना, हमलावरों द्वारा हत्‍या अथवा कार्य करते समय वाहन दुर्घटना के कारण हुई हो, के आश्रित परिवार के एक सदस्‍य को कंडिका 2 एवं 3 में वर्णित पात्रता की शर्तों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है। '' स्‍व. श्री हबीब खां,लाईन परिचारक दिनांक 30.03.2005 तक कार्यालय कनिष्‍ठ अभियंता, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, चंदेरा, जिला टीकमगढ़ में विभागीय कार्य पर उपस्थित थे। इनके परिजनों द्वारा 02 मृत्‍यु प्रमाण पत्र प्रस्‍तुत किये गये हैं, जिनमें मृत्‍यु दिनांक 02.04.2005 एवं 03.04.2005 अंकित है, इससे स्‍पष्‍ट होता है कि स्‍व. श्री हबीब खां की मृत्‍यु कंपनी में कार्य करते हुये नहीं हुई है, जिस कारण से मोहम्‍मद रिजवान पिता स्‍व. श्री हबीब खां अनुकंपा नियुक्ति नीति- 2013 (संशोधित) एवं अनुकंपा नियुक्ति नीति -2018 में किये गये प्रावधान अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्र नहीं पाये गये।

सर्वोच्‍च न्‍यायालय आदेशानुसार प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित

[आयुष]

154. ( क्र. 6286 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष विभाग में ऐसे कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी हैं, जिनको सर्वोच्‍च न्‍यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के आधार पर प्रथम नियुक्ति दिनांक से नि‍यमितीकरण किये के आदेश दिए गए थे और आदेश के परिपालन में प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित किए गए हैं तो कौन-कौन? ऐसे न्‍यायालय के आदेश की एवं जिसको किया गया है, उसके आदेशों का क्रमांक/दिनांक बताएं।                (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि विभाग में ऐसे कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी हैं, जिन्‍होंने प्रश्नांश (क) के आधार पर प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमितीकरण करने की मांग की है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जो आयुष कर्मचारी संघ की मांगों के निराकरण हेतु नस्‍ती लंबित है, उसका निराकरण किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक एवं सर्वोच्‍च न्‍यायालय के आदेश का पालन कराते हुए प्रथम नियुक्ति दिनांक से कर्मचारियों को नियमित किया जावेगा?

राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''''अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''''अनुसार(ग) आयुष कर्मचारी संघ की मांगो पर कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

नगरीय निकायों के रिक्‍त पद की पूर्ति

[नगरीय विकास एवं आवास]

155. ( क्र. 6287 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की नगरीय निकायों में प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने और किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी के पद सृजित हैं? किस-किस से कब से भरे हैं? नाम, पद बताते हुए निकाय में किस-किस के पद कब से रिक्‍त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएँ कि रोस्‍टर के आधार पर पद सृजित करने रिक्‍त पदों को भरने हेतु प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि सभी स्‍वीकृत रिक्‍त पदों को कब तक भरा जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगरीय निकायों द्वारा आय-व्यय स्थापना व्यय तथा आर्थिक स्थि‍ति को दृष्टिगत रखते हुए पदपूर्ति का निर्णय लिया जाता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

छठवें व सातवें वेतनमान लागू किया जाना

[ऊर्जा]

156. ( क्र. 6288 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन वित्‍त विभाग के आदेश विद्युत कंपनियों में लागू होते हैं? यदि नहीं, तो छठवें व सातवें वेतनमान संबंधी आदेशों को विद्युत कंपनियों में किस नियम के तहत लागू किया गया है? यदि हाँ, तो वित्‍त विभाग के पत्र क्रमांक एफ/8/2009/नियम/चार, दिनांक 20/08/2009 को विद्युत कंपनियों में लागू क्‍यों नहीं किया गया? (ख) क्‍या ह्यूमन कैपीटल मैन्‍युअल एवं वेजेस एवं अलाउंस मैन्‍युअल को लागू करना सही था? यदि सही तो वापिस क्‍यों किया गया? यदि सही नहीं था तो कंपनी कर्मियों को उनकी नियुक्ति दिनांक से छठवें वेतनमान का लाभ एरियर सहित कब तक दिया जायेगा? (ग) विद्युत कंपनियों के कर्मियों की वेतन विसंगति दूर करने के लिए मई 2019 में कोई बैठक हुई थी? बैठक में लिये निर्णयों पर क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, मध्‍य प्रदेश शासन, वित्‍त विभाग के आदेश आवश्‍यकता अनुसार यथावश्‍यक संशोधनों सहित कंपनियों के संचालक मंडल के अनुमोदन से ग्राह्य किए जाते हैं। छठवां वेतनमान तत्‍कालीन म.प्र.राज्‍य विद्युत मण्‍डल द्वारा तथा सातवां वेतनमान उत्‍तरवर्ती कंपनियों द्वारा अपने संचालक मंडल के अनुमोदन उपरांत यथा आवश्‍यक संशोधनों सहित लागू किया गया है। वित्‍त विभाग के पत्र क्रमांक एफ/8/2009/नियम/चार, दिनांक 20.08.2009 के संबंध में भी उपरोक्‍त प्रक्रिया का ही पालन किया गया है। (ख) कंपनियों द्वारा अपने गठन उपरांत आवश्‍यकता के दृष्टिगत कंपनी स्‍तर पर कार्मिकों की नियुक्तियां की गई। ऐसे नियु‍क्‍त कार्मिकों की सेवा शर्तों एवं वेतन भत्‍तों के निर्धारण हेतु ह्यूमन केपिटल मैन्‍युअल एवं वेजेस एंड एलाउन्‍स मैन्‍युअल को राज्‍य शासन के निर्देशों के अनुक्रम में संचालक मंडल के अनुमोदन उपरांत उत्‍तरवर्ती कंपनियों में लागू किया गया। कंपनी द्वारा नियुक्‍त कार्मिकों के अभ्‍यावेदन पर विचारोपरान्‍त राज्‍य शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुक्रम में उत्‍तरवर्ती कंपनियों द्वारा संचालक मंडल के अनुमोदन से इन दोनों मैन्‍युअल को दिनांक 31.08.2013 से Cease to operate किया गया। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं। (ग) उत्‍तरवर्ती विद्युत कंपनियों में मानव संसाधन से संबंधित मामलों में नीतिगत रूप से एकरूपता लाने बावत् समिति की माह मई 2019 में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया था कि कंपनी कैडर के कार्मिकों के वेतन निर्धारण के विषय में मध्‍य एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा यह ध्‍यान रखा जाये कि Unintentional स्‍टेपिंग-अप के प्रकरण निर्मित न हों। तदनुसार कार्यवाही की जा रही है।

चिटफंड कंपनियों की जानकारी

[गृह]

157. ( क्र. 6291 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) मध्‍यप्रदेश के सागर संभाग में विभिन्‍न मामलों में 01/04/2020 से 31/01/2021 तक की अवधि में आम लोगों से ठगी करने पर कितनी चिटफंड कंपनियों पर एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? (ख) जिन चिटफंड कंपनियों पर एफ.आई.आर. हुई है, उनमें से कितनी चिटफंड कं‍पनियों पर माननीय न्‍यायालय में प्रकरण पेश किये गये? कितने प्रकरण लंबित है? संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ग) प्रदेश के कौन-कौन से जिलों में चिटफंड कंपनियों पर कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं और कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई? संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार।         (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार

परिशिष्ट - "छिहत्तर"

शासकीय स्‍नातक महाविद्यालय

[उच्च शिक्षा]

158. ( क्र. 6292 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) शासकीय स्‍ना. महाविद्यालय नरसिंहपुर में प्रभारी प्राचार्य के रूप में किस व्‍यक्ति की नियुक्ति किसके आदेश पर हुई? क्‍या नियुक्ति के दौरान शासन द्वारा निर्धारित नियम निर्देशों का पालन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रभारी प्राचार्य द्वारा अतिरिक्‍त संचालक जबलपुर को एक ही समय में तीन अलग-अलग प्रकार की सीनियरटी लिस्‍ट भेजी गई? प्रोफेसर द्वारा शिकायत करने पर अतिरिक्‍त संचालक, जबलपुर व आयुक्‍त ने कोई कार्यवाही अभी तक क्‍यों नहीं की? क्‍या एक समय में तीन प्रकार की सीनियरटी लिस्‍ट हो सकती है? (ग) प्रभारी प्राचार्य कागजों में मुख्‍यालय नरसिंहपुर दिखा रहे है, जबकि प्रतिदिन गाडरवारा से आवागमन किया जा रहा है उपरोक्‍त मामले की निष्‍पक्ष जाँच होनी चाहिए। प्रभारी प्राचार्य नरसिंहपुर द्वारा मकान का भत्‍ता लिया जा रहा है, जो यह वित्‍तीय गड़बड़ी का मामला है। कोरोना काल के दौरान शासन के निर्देशानुसार किसी भी कर्मचारी को सेवा से पृथक नहीं करना था, तब भी महाविद्यालय नरसिंहपुर से श्रीमति रजनी साहू को पृथक किया गया है, क्‍यों?

उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) डॉ. आर.के. चौकसे, प्राध्यापक, वाणिज्य की नियुक्ति अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, जबलपुर संभाग, जबलपुर के आदेश क्रमांक 511/2019, दिनांक 08.03.2019 द्वारा की गई है। जी हाँ। (ख) जी नहीं। महाविद्यालय में नियमित प्राचार्य पदस्थ न होने के कारण प्राचार्य पद का प्रभार भिन्न-भिन्न कालखण्डों में अलग-अलग प्राध्यापकों को दिया गया है। प्रश्नांकित वर्णित शिकायत आज दिनांक तक प्राप्त नहीं है। (ग) डॉं. आर.के. चौकसे, प्रभारी प्राचार्य की सेवा पुस्तिका में स्थाई निवास का पता गाडरवारा, जिला नरसिंहपुर अंकित है। प्रभारी प्राचार्य नरसिंहपुर मुख्यालय स्थित धनारे कालोनी, प्रताप नगर, गली नं. 12 में निवास करते है। प्रभारी प्राचार्य द्वारा गृह भाड़ा भत्ता नियमानुसार लिया जा रहा है। महाविद्यालय द्वारा कोरोना काल में किसी भी कर्मचारी को नौकरी से पृथक नहीं किया गया है। श्रीमती रजनी साहू महाविद्यालय में नियमित सेवा की कर्मचारी नहीं थी।

डबरा जेल की स्थिति

[जेल]

159. ( क्र. 6294 ) श्री सुरेश राजे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में डबरा जेल में कितने कैदी निरूद्ध हैं व उक्‍त जेल की क्षमता कितने कैदियों की है? (ख) क्‍या जेल में स्‍थान अभाव, स्‍नानागार, शौचालय आदि पर्याप्‍त न होने से कैदियों को परेशानी का सामना करना होता है, जिसमें उनके स्‍वास्‍थ्‍य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है? (ग) डबरा जेल में कैदियों की संख्‍या के अनुरूप सुविधा विस्‍तार, स्‍नानागार, शौचालय आदि की व्‍यवस्‍था के लिये विभाग क्‍या प्रयास कब तक करेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 04/03/2021 की स्थिति में डबरा जेल में 196 कैदी निरूद्ध हैं व जेल की क्षमता 248 कैदियों की है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।              (ग) जेल में कैदी संख्‍या के अनुरूप आवास क्षमता, स्‍नानागार एवं शौचालयों की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था है।

नगर निगम भोपाल में कार्यरत अमला

[नगरीय विकास एवं आवास]

160. ( क्र. 6298 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल में वर्तमान में कुल कितने मुख्‍य अभियंता, अधिक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री कार्यरत है? इनमें से कितने कार्यपालन यंत्रियों को अधीक्षण यंत्री का कितने सहायक यं‍त्रियों को कार्यपालन यंत्री का कितने उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का प्रभार दिया गया है? क्‍या सभी प्रभार वरिष्‍ठता अनुसार दिये गये है? (ख) क्‍या नगर निगम में अधीक्षण यंत्री स्‍तर के 4 एवं कार्यपालन यंत्री स्‍तर के 12 से अधिक वरिष्‍ठ अनुभवी इंजीनियर कार्यरत होने के बावजूद अशोक पवार को सेवानिवृत्ति के पश्‍चात एक पद उपर अधीक्षक यंत्री पद पर संविदा नियुक्ति दी गई है? पवार के लोकायुक्‍त एवं ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. में नगर निगम से संबंधित कितने प्रकरण विचाराधीन है? क्‍या यह नियुक्ति शासन के नियम विरूद्ध नहीं है? क्‍या इससे नियम की खराब वित्‍तीय स्थिति पर अतिरिक्‍त भार नहीं पड़ेगा। नगर निगम ने उपलब्‍ध वरिष्‍ठ अनुभवी इंजीनियरों का उपयोग क्‍यों नहीं किया? अगर इसमें अनियमितता है तो इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है उसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या संविदा में नियु‍क्‍त अधिकारी को वित्‍तीय अधिकार देने का प्रावधान है, संविदा नियुक्ति के बाद से पवार ने कितनी राशि के भुगतान मंजूर किये? (घ) क्‍या यह सही है कि पवार के कार्यकाल में निम्‍न श्रेणी लिपिक बलविंदर पाल, अहुलिवालिया को शासन के नियम विरूद्ध सहायक यंत्री एवं उपयंत्री पद का प्रभार दिया गया जिसकी शिकायतें हुई, शिकायतों पर नगर निगम द्वारा अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ड.) क्‍या यह सही है कि पवार के कार्यकाल में जेड. ए. खान सहायक यंत्री मूल विभाग पी.एच.ई. प्रतिनियुक्ति आदेश के बिना नगर निगम में कार्य कर रहे है जिनको कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिया हुआ है? यदि नहीं, तो जुलाई 2017 से दिनांक 05/03/2020 तक किस आदेश के तहत कार्य किया? इस संबंध में हुई शिकायतों पर नगर निगम ने अभी तक क्‍या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्‍यों? (च) क्‍या यह सही है कि जेड. ए. खान सहायक यंत्री मूल विभाग पी.एच.ई. ने दूरस्‍थ शिक्षा कार्यक्रम के माध्‍यम से इंजीनियरिंग की डिग्री ली जिसको माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने आमान्‍य किया है और दी गई पदोन्‍नति वापस करने के निर्देश है इस संबंध में हुई शिकायतों पर नगर निगम द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? इस प्रकार के अक्षम इंजीनियर की नगर निगम में आवश्‍यकता क्‍यों है उसको मूल विभाग में वापस क्‍यों नहीं किया गया?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशि‍ष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। 03 कार्यपालन यंत्रियों को अधीक्षण यंत्री का प्रभार 13 सहायक यंत्रि‍यों को कार्यपालन यंत्री का प्रभार तथा 15 उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का प्रभार दिया गया है। मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधि‍नियम 1956 की धारा 55 अंतर्गत निगम आयुक्त द्वारा कार्य की आवश्यकता के दृष्टिगत दक्षता एवं कार्यकुशलता के आधार पर अस्थाई रूप से प्रभार दिये गये हैं। (ख) जल कार्य विभाग में कार्य की आवश्यकता एवं अनुभव के आधार पर श्री अशोक पवार को संविदा नियुक्ति दी गई है। वर्तमान में लोकायुक्त में कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में एक शि‍कायत विचाराधीन है। शि‍कायत नस्तीबद्ध करने की अनुशंसा के साथ प्रतिवेदन भेजा गया है। संविदा नियुक्ति नियम विरूद्ध नहीं है। संविदा नियुक्ति रिक्त पद के विरूद्ध की गई है। अत: अति‍रिक्त वित्तीय भार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वरिष्ठ अनुभवी इंजीनियरों से योजनाओं एवं अन्य आवश्यक कार्य कराये जा रहे हैं। अनियमितता नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधि‍नियम 1956 की धारा 69 (4) के अंतर्गत आयुक्त को शक्तियां प्रत्यायोजित करने का प्रावधान है। रूपये 14179.53/- लाख के देयक नगरनिगम की लेखा शाखा में प्रस्तुत किये गये हैं। (घ) जी हां। श्री बलविंदर पाल अहलूवालिया द्वारा डिप्लोमा किये जाने पर आदेश दिनांक 18/06/2008 द्वारा उपयंत्री का कार्य आवंटित किया गया है। वर्तमान में श्री अहलूवालिया से सहायक यंत्री/उपयंत्री का कार्य नहीं लिया जा रहा है। श्री अहलूवालिया के विरूद्ध शि‍कायत तथ्यहीन एवं निराधार पाई गई। (ड.) जी नहीं। अपितु श्री जेड.. खान सहायक यंत्री मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रि‍कीय विभाग के आदेश के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में आदेश दिनांक 22/12/2018 से कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिया गया है। श्री जेड.. खान की प्राप्त शि‍कायत निराधार होने के कारण नस्तीबद्ध की गई । अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) जी नहीं। मान. उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर की रिट याचिका क्रमांक 12992/2018, 18413/2018 एवं 18112/2018 में दिनांक 04/11/2019 को निर्णय पारित किया गया है जिसमें मान. उच्‍च न्‍यायालय द्वारा इंस्‍टीटयूट ऑफ सिविल इंजीनियर्स (इंडिया) लुधियाना की उपाधि को दूरस्‍थ शिक्षा के अंतर्गत अर्जित उपाधि नहीं माना गया है। इसके अतिरिक्‍त उक्‍त संस्‍थान द्वारा दिनांक 31/05/2013 के पूर्व की सभी उपाधियों को शासकीय सेवा के लिए उपयुक्‍त माना गया है। श्री जेड.ए. खान की फाईनल अंकसूची दिनांक 18/02/2012 होने से मान्‍य योग्‍य है। उपरोक्‍त शिकायत के संबंध में श्री के.के. सोनगरिया, प्रमुख अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रि‍की विभाग द्वारा अवर सचिव, मध्‍यप्रदेश शासन, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय को प्रेषित पत्र क्रमांक 5021/शिका/बी-201/प्र.अ./लो.स्‍वा.यां./2020 भोपाल दिनांक 31/07/2020 एवं मुख्‍य अभियंता, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग भोपाल परिक्षेत्र भोपाल के पत्र क्र. 04/शिका/मु.अ./लो.स्‍वा.यां.वि./परिक्षेत्र भोपाल दिनांक 01/01/2021 पत्रों की छायाप्रतियां संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' पर है।

परिशिष्ट - "सतहत्तर"

आम चुनावों में सामान के देयकों का भुगतान

[विधि और विधायी कार्य]

161. ( क्र. 6299 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) विधानसभा आम चुनाव वर्ष 2013 एवं 2018 तथा लोकसभा आम चुनाव 2014 एवं 2019 हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय/कलेक्‍टर कार्यालय/जिला निर्वाचन आयोग, इंदौर द्वारा टेंट के सामान हेतु किस-किस संस्‍था को टेंडर के माध्‍यम से कार्य सौंपा गया था? (ख) उक्‍त कार्य हेतु किस-किस संस्‍था द्वारा कितनी-कितनी राशि का देयक कब-कब प्रस्‍तुत किये गये? (ग) क्‍या उक्‍त देयकों का भुगतान कर लिया गया है, यदि हाँ, तो कब? (घ) यदि नहीं, तो इतनी अधिक अवधि से भुगतान लंबित रखने का क्‍या कारण है? इस हेतु कौन उत्‍तरदायी हैं? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) देयकों का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा आम चुनाव वर्ष 2013 एवं लोक सभा आम चुनाव वर्ष 2014 में टेन्‍ट के समान हेतु मेसर्स चौपडा इन्‍टरप्राईजेस को टेंडर के माध्‍यम से कार्य सौंपा गया था, इसी प्रकार विधानसभा आम चुनाव वर्ष 2018 एवं लोकसभा आम चुनाव वर्ष 2019 में मेसर्स अशोक टेन्‍ट हाउस को टेंडर के माध्‍यम से कार्य सौंपा गया था। (ख) 1. विधानसभा आम चुनाव वर्ष 2013 मेसर्स चौपडा इन्‍टरप्राईजेस द्वारा कुल 19 देयक की राशि रूपये 3024103/- के प्रस्‍तुत किये गए थे, जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। 2. लोक सभा आम चुनाव वर्ष 2014 मेसर्स चौपडा इन्‍टरप्राईजेस द्वारा कुल 33 देयक राशि रूपये 5279482/- के प्रस्‍तुत किये गए थे, जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। 3. विधानसभा आम चुनाव वर्ष 2018 मेसर्स अशोक टेन्‍ट हाउस द्वारा कुल 60 देयक राशि रूपये 12433583/- के प्रस्‍तुत किये गए थे, जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। 4. लोक सभा आम चुनाव वर्ष 2019 के लिए मेसर्स अशोक टेन्‍ट हाउस द्वारा कुल 84 देयक राशि रूपये 21290809/- के प्रस्‍तुत किये गए थे, जिसकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) 1. विधानसभा आम चुनाव वर्ष 2013 मेसर्स चौपडा इन्‍टरप्राईजेस को राशि रूपये 366340/- का भुगतान किया गया है। 2. लोक सभा आम चुनाव वर्ष 2014 मेसर्स चौपडा इन्‍टरप्राईजेस को राशि रूपये 384942/- का भुगतान किया गया है। 3. विधानसभा आम चुनाव वर्ष 2018 मेसर्स अशोक टेन्‍ट हाउस को राशि रूपये 2250000/- का भुगतान किया गया है। बिन्‍दु क्रमांक 1 से 3 के भुगतान की देयकवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।  4. लोक सभा आम चुनाव वर्ष 2019 के लिए मेसर्स अशोक टेंट हाउस का भुगतान शेष है।                  (घ) निर्वाचन संबंधी लाईट, माईक एवं टेंट शामियाना कार्य हेतु कलेक्‍टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी एवं आयुक्‍त, इंदौर संभाग, इंदौर की भुगतान संबंधी अधिकारिता के अंतर्गत टेंट शामियाना के वेण्‍डर को भुगतान किया जा चुका है। कलेक्‍टर, इंदौर से विधानसभा आम चुनाव वर्ष 2013 एवं लोक सभा आम चुनाव वर्ष 2014 का प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ था व्‍यय निर्धारित सीमा से अधिक होने तथा प्री ऑडिट आपत्तियों को निराकरण न करने के कारण मूलत: वापिस किये गए है जो आज दिनांक तक प्राप्‍त नहीं हुए है। विधानसभा आम चुनाव 2018 का प्रस्‍ताव कलेक्‍टर, इंदौर से प्राप्‍त नहीं हुआ है। लोक सभा चुनाव 2019 का प्रस्‍ताव दिनांक 03.03.2021 को कार्यालय में प्राप्‍त हुआ है। कार्यवाही प्रचलन में है। (ड.) कार्यवाही प्रचलन में है।

आयुष विभाग में भर्ती

[आयुष]

162. ( क्र. 6302 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र 6-1/2002/आ.प्र./एक दिनांक 18.01.18 एवं एफ 7-22/2019/आ.प्र./एक 30.05.2019 द्वारा प्रदेश के बैगा/सहरिया/स‍हरिया एवं मारिया जनजाति वर्ग के लोगों को नियुक्ति प्रदान करने हेतु राजपत्र का प्रकाशन किया गया है? (ख) आयुष विभाग में औषधालय/चिकित्‍सालयों में चतुर्थ श्रेणी के कितने पद रिक्‍त हैं? जिलेवार सूची उपलब्‍ध करावें               (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के पालन में आयुष विभाग ने इस जनजाति वर्ग के अभ्‍या‍र्थियों द्वारा प्रदेश के आयुष औषधालयों/चिकित्‍सालयों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्‍त पदों पर नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किये गये है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) के पालन में प्रश्‍न (ख) में उल्‍लेखित उम्‍मीदवारों को आयुष विभाग में चतुर्थ श्रेणी के रिक्‍त पदों पर नियुक्ति हेतु पात्रता है? यदि हाँ, तो नियुक्ति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''''अनुसार(ग) जी हां। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''''अनुसार(घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

आयुष सचिवालय में उप संचालक के पद

[आयुष]

163. ( क्र. 6303 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष संचालनालय में उप संचालक के कितने पद स्‍वीकृत हैं? (ख) उक्‍त स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कितने उप संचालक कार्यरत हैं? (ग) कौन-कौन उप संचालक कितने-कितने समय से संचालनालय में पदस्‍थ हैं? (घ) शासकीय निर्देशों के विरूद्ध इतनी लंबी अवधि तथा एक ही स्‍थान पर पदस्‍थ रखे जाने का क्‍या औचित्‍य है? (ड.) कब तक उनका स्‍थानांतरण कर दिया जायेगा?

राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) 05 उप संचालक के पद स्वीकृत है।                          (ख) एवं (ग) संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार(घ) कार्य व्यवस्था की दृष्टि से। (ड.) वर्तमान में पदोन्‍नति पर प्रतिबंध होने से एवं शासकीय कार्य संपादन की आवश्‍यकता के दृष्‍टिगत स्‍थानांतर का कोई प्रस्‍ताव नहीं है।

परिशिष्ट - "अठहत्तर"

पुलिस विभाग के कार्मिकों को उच्च पद का कार्यवाहक प्रभार

[गृह]

164. ( क्र. 6596 ) श्री महेश परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस रेगुलेशन पैरा संख्या 72 में आवश्यक संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो समयमान वेतनमान की पात्रता संबंधी शर्त किस आधार पर रखी गयी है? संबंधित आदेश, निर्देश, परिपत्र, अधिसूचना की प्रतियाँ देवें। (ख) क्या पुलिस मुख्यालय भोपाल ने GOP क्रमांक 148/2021 के पैरा संख्या 5.1 में समयमान वेतनमान की पात्रता संबंधी शर्त, के कारण कौन-कौन से प्रतिकूल प्रभाव वर्ष 2011 या उसके बाद पदोन्नत हुए सैकड़ों पदोन्‍नति हेतु पात्र उप निरीक्षकों पर पड़ेगा। (ग) क्या उच्च पद निरीक्षक का कार्यवाहक प्रभार प्राप्त किए बिना ही सेवानिवृत्‍त होने से पुलिसकर्मियों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा? यदि पड़ेगा तो पुलिस विभाग आवश्यक संशोधन करने के लिए कब मसौदा तैयार करेगा? (घ) क्या समयमान वेतनमान की शर्त पुलिस विभाग में उच्च पद का कार्यवाहक प्रभार दिये जाने के लिए समानता लाने और प्रोत्साहन बढ़ाने के उद्देश्य से हटायी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वरिष्‍ठ एवं सह उपयुक्‍त कर्मचारियों को उनकी सेवा संबंधी रिकार्ड के आधार पर उच्‍चतर पद पर कार्यभार देने हेतु समयमान-वेतनमान की पात्रता रखी गई है। संशोधित पुलिस रेग्‍युलेशन पैरा-72 एवं तदोपरांत जारी जी00पी0 148/21 दिनांक 10.02.2021 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) जी नहीं। क्‍योकि उच्‍चतर पद पर उपलब्‍ध पदों की संख्‍या अनुसार कार्यभार प्रभार दिया जाना है। इसलिये किसी योग्‍य एवं पात्र अधिकारी/कर्मचारी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडेगा। (ग) जी नहीं। कार्यवाहक प्रभार देने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: पुलिस कर्मियों के मनोबल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडेगा, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

मनावर नगर पालिका के विकास कार्य

[नगरीय विकास एवं आवास]

165. ( क्र. 6606 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक नगरपालिका मनावर जिला धार द्वारा विकास कार्य हेतु किस एजेंसी के माध्यम से कितनी डी.पी.आर. तैयार करवाई गई? डी.पी.आर. बनाने वाली एजेंसियों को कुल कितना भुगतान किस-किस दिनांक को किया गया? वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) क्या शासन द्वारा उक्त कार्य के लिए मापदंड तय किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उसी मापदंड के आधार पर एजेंसियों को डी.पी.आर. का काम दिया गया? यदि हाँ, तो वर्षवार ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) नगरपालिका मनावर जिला धार अप्रैल 2018 से प्रश्न-दिनांक तक सरकार विशेष निधि से विकास के लिए कितनी राशि कौन-कौन से कार्य हेतु स्वीकृत की गई? वर्षवार ब्यौरा दें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ, जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "उन्यासी"