मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
गुरूवार, दिनांक 23 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पुल-निर्माण
की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
1. ( *क्र. 1618 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 56, (क्रमांक 503) दिनांक 05 दिसम्बर, 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में माननीय विभागीय मंत्री महोदय द्वारा बताया गया था कि खिलचीपुर व्हाया सेमलीकलां से रामगढ़ मार्ग पर ग्राम बटेडिया में छापी नदी पर, ग्राम लिम्बोदा से कुंडालिया मार्ग पर तथा ग्राम काशीखेड़ा में छापी नदी पर पुल निर्माण कार्य वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता के कारण स्वीकृत नहीं किया जा सका है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में उक्त पुलों के निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त स्थानों पर पुल निर्माण कार्य का आगामी मुख्य बजट में प्रावधान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। तीनों पुल कार्यों के डी.पी.आर. तैयार कर बजट में सम्मिलित करने की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न में वांछित अनुसार बजट में सम्मिलित करने की कार्यवाही की गई है।
चंबल नदी पर वृहद डेम का निर्माण
[जल संसाधन]
2. ( *क्र. 5598 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के नागदा शहर में ग्रेसिम उद्योग द्वारा चम्बल नदी पर क्रमबद्ध 4 स्टॉप डेमों का निर्माण कराया गया था? क्या वर्तमान में ग्रेसिम, केमिकल डिवीजन, लेंसेक्स उद्योग, नागदा नगर, खाचरौद नगर एवं रेल्वे की आवश्यकताएं काफी बढ़ जाने के कारण इन डेमों से पूर्ति नहीं हो पा रही है, इस कारण ग्रीष्मकाल में उद्योग बन्द हो जाते हैं? साथ ही इन छोटे डेमों में पर्याप्त जल नहीं होने से किसानों को सिंचाई भी नहीं करने दी जाती है, जिससे किसानों की फसलें भी प्रभावित होती हैं? (ख) क्या उपरोक्त समस्याओं के निवारण के लिये चम्बल नदी पर एक वृहद डेम के निर्माण की अत्यंत आवश्यकता है? (ग) वृहद डेम निर्माण करने के लिये शासन द्वारा क्या योजना बनाई जा रही है? यदि योजना नहीं बनाई गयी है तो कब तक बना ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) चंबल नदी पर कोई वृहद परियोजना प्रस्तावित नहीं है। उज्जैन जिले के नागदा खाचरौद क्षेत्र में सिंचाई, पेयजल एवं औद्योगिक उपयोग के लिये जल कमी की पूर्ति हेतु चंबल नदी की सहायक बागेड़ी नदी पर नागदा नगर से 18 कि.मी. अपस्ट्रीम में चंदवासला परियोजना की साध्यता स्वीकृति प्रदान कर डी.पी.आर. बनाने के निर्देश दिये गये हैं।
सी.आर.एफ. मद से निर्मित सड़कें
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 5184 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार के सी.आर.एफ. मद से लोक निर्माण विभाग को विगत 3 वर्षों में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि से डिंडौरी जिले में (क) अवधि में विभाग अन्तर्गत किन मार्गों का निर्माण कार्य कब प्रारम्भ हुआ? कार्य कब पूर्ण हुआ? कार्य पर कितना व्यय हुआ? (ग) सी.आर.एफ. के मद से लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित कौन-कौन सी सड़कों की पुन: मरम्मत व निर्माण किया जा रहा है? कितनी राशि स्वीकृत की गयी तथा स्वीकृत राशि में कितनी राशि व्यय की गयी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 2014-15 में रूपये 180.99 करोड़, वर्ष 2015-16 में रूपये 209.69 करोड़ तथा वर्ष 2016-17 में रूपये 128.80 करोड़। (ख) विगत तीन वर्षों में डिण्डोरी संभाग के अंतर्गत सी.आर.एफ. मद में कोई कार्य स्वीकृत नहीं है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सहकारी बैंकों से राशि आहरण की सीमा
[सहकारिता]
4. ( *क्र. 5374 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में जिला सहकारी बैंक संचालित किये गये हैं? यदि हाँ, तो नोटबंदी में उपभोक्ताओं को राशि आहरण के प्रतिबंध की सीमा सभी बैंकों के समान ही लागू की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या जिला सहकारी बैंक की शाखाएं ब्लॉक मुख्यालयों पर संचालित हैं, जहां पर राशि का लेन-देन किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या सरकारी बैंक की शाखाएं बचत बैंक के रूप में सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामों में संचालित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में ब्लॉक मुख्यालय पर स्थित सहकारी बैंक से बचत खाते हेतु प्रश्न दिनांक के समय 24 हजार रूपये हफ्ता के आहरण हेतु लिमिट निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या इन बचत बैंकों में बहुत सारे ग्रामीण उपभोक्ताओं के खाते खुले हुए हैं? यदि हाँ, तो प्रत्येक खातेधारी को अपने खाते से आहरण हेतु 24 हजार रूपये प्रति हफ्ता आहरण सीमा निर्धारित है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के प्रकाश में सहकारी समिति बचत बैंक किस प्रकार से सभी खातेदारों को प्राप्त 24 हजार में वितरण किया जा रहा है? स्पष्ट करें। क्या ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को 24 हजार आहरण की सीमा से वंचित रखा जा रहा है? इसके लिये कौन दोषी हैं? क्या सहकारी समिति बचत बैंक को भी प्रत्येक उपभोक्ता को आहरण सीमा 24 हजार रूपये हफ्ता की पूर्ति कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ड.) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) एवं (घ) के प्रकाश में ग्रामीण क्षेत्रों के दूर-दराज इलाकों में जहां सहकारी बचत बैंक संचालित हैं, वहां उन्हें प्रतिदिन एवं शादी ब्याह हेतु पैसा सीमा के अंदर भी प्राप्त नहीं हो रहा है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं की जावेगी तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। उपभोक्ताओं की परेशानी के लिये कौन जिम्मेदार है? स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश के 51 जिलों में 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक संचालित हैं। जी हाँ। (ख) जी हाँ, ब्लॉक मुख्यालय के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर भी संचालित हो रही हैं। जी नहीं, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखाएं बचत बैंक के रूप में समितियों के माध्यम से ग्रामों से संचालित नहीं हैं। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की समस्त शाखाओं के लिये भारतीय रिजर्व बैंक से निर्धारित प्रतिदिन की आहरण सीमा रूपये 24 हजार निर्धारित थी, परन्तु बचत बैंकों पर बीआर एक्ट लागू नहीं होने से उनके खातेदारों को खाते से आहरण की कोई सीमा निर्धारित नहीं थी। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के खाते में प्रति सप्ताह रूपये 24 हजार की आहरण सीमा लागू होने के कारण बचत बैंक के ग्राहकों को मांग अनुरूप राशि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के बचत बैंक के सभी खातेदारों को राशि रूपये 24 हजार प्रति सप्ताह वितरण करने में समर्थ नहीं थी, क्योंकि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के खाते में प्रति सप्ताह रूपये 24 हजार की आहरण सीमा लागू थी। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वर्तमान में रूपये 24 हजार प्रति सप्ताह आहरण की सीमा के स्थान पर रूपये 50 हजार प्रति सप्ताह कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के खाते में प्रति सप्ताह रूपये 24 हजार एवं वर्तमान में रूपये 50 हजार की आहरण सीमा लागू होने के कारण बचत बैंक के ग्राहकों को मांग अनुरूप राशि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। अतः किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से कराए गए कार्य में अनियमितता
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 6914 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक निधि से शा.प्रा.शाला खैबरलाइन-कटनी में प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 23.03.2015 द्वारा 10.00 लाख से नवीन भवन निर्माण्ा हेतु एवं 23.10.2015 द्वारा 45 हजार राशि डिसमेंटलिंग कार्य हेतु प्रदान की गई थी और विभाग द्वारा राशि 8.93 लाख से भवन एवं 1.07 का विद्युतीकरण कार्य का प्राक्कलन तैयार किया गया था? यदि हाँ, तो प्राक्कलन का विवरण और किये गये कार्य के कार्यादेश, माप पुस्तिका (एम.बी.) एवं किये गये भुगतान के देयक उपलब्ध करायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के तहत प्रदत्त 10.45 लाख की राशि में से विभाग को 7.53 लाख की राशि ही सर्वर के माध्यम से प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो कारण बतायें? (ग) क्या उपरोक्त 7.52 लाख की राशि से ही भवन निर्माण कार्य विभाग द्वारा करा लिया गया? यदि हाँ, तो प्राक्कलन में क्या परिवर्तन किये गये? किये गये परिवर्तन से प्रश्नकर्ता विधायक को क्यों नहीं अवगत कराया और विधायक विकास निधि से अनुशंसित किये गये कार्यों को कराये जाने एवं सदस्य विधानसभा को अवगत कराने संबंधी शासनादेश क्या हैं? (घ) प्रश्नांश (क) से (घ) के तहत अनुशंसित कार्य के निर्माण एवं राशि के उपयोग की कार्यवाही किस प्रकार सही है? राशि कम प्राप्त होने की जानकारी प्रदाय न करने, विकास निधि की पूर्ण राशि का उपयोग न करने, निर्माण अपूर्ण रहने, राशि लेप्स होने का कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इस अनियमितता पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्राक्कलन अनुसार प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रश्न में चाही शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3, 4 अनुसार है। (ख) किये गये कार्य के अनुसार राशि 7.53 लाख का आहरण किया गया है। (ग) जी नहीं। भवन निर्माण में सिविल कार्य पूर्ण, विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर, प्राक्कलन में कोई परिवर्तन नहीं। अत: शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही आवश्यक नहीं।
मंदसौर-नीमच जिले में संचालित ए.डी.जे. कोर्ट
[विधि और विधायी कार्य]
6. ( *क्र. 5923 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर-नीमच जिले में कितने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ए.डी.जे. कोर्ट संचालित हैं एवं स्थापना वर्ष की जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त संचालित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ए.डी.जे. कोर्ट में आवश्यक मूलभूत सुविधाएं तथा न्यायालय भवन, न्यायाधीश आवास, गृह जेल/उपजेल स्टॉफ के पदों की पूर्ति सब सुविधा है या कौन-कौन सी कमी है? जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त मंदसौर-नीमच जिले में प्रत्येक ए.डी.जे. कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में कितने-कितने गांव हैं तथा ए.डी.जे. कोर्ट से सबसे अधिक दूरी पर कौन सा गांव स्थित है? गांव का नाम व दूरी सहित जानकारी देवें। (घ) सीतामऊ न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोर्ट में कितने गांव सम्मिलित हैं, सबसे अधिक दूरी वाला गांव कौन सा है? गांव का नाम व दूरी सहित जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( *क्र. 5897 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को ड्रिप/स्प्रिंकलर/मोटर पंप क्रय करने पर शासन द्वारा सब्सिडी देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वह कितनी राशि है? पृथक-पृथक बतायें। सब्सिडी किसके खाते में जमा होगी? किसान या सप्लाय करने वाली कंपनी? इस संबंध में जारी निर्देशों की प्रतिलिपी उपलब्ध करावें। (ख) किसानों द्वारा कृषक अंश जमा करने के उपरान्त किसान स्वयं अपनी इच्छा से ड्रिप/स्प्रिंकलर/मोटर पंप क्रय करना चाहे तो किसानों के सीधे बैंक खाते में सब्सिडी की राशि जमा हो सकती है? यदि हाँ, तो नियमावली की प्रतिलिपी उपलब्ध करावें? नहीं तो क्यों? किसानों को कंपनी द्वारा ड्रिप/स्प्रिंकलर/मोटर पंप क्रय करने पर कितनी मात्रा में सामग्री एवं कौन सी गुणवत्ता की उपलब्ध करायी जाती है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। योजनावार सब्सिडी देने के पृथक पृथक प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। यंत्रों पर किसानों द्वारा स्वयं अपनी इच्छा से शासन द्वारा पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं के माध्यम से क्रय करने की स्थिति में हितग्राही को देय अनुदान उसके बैंक खाते में सीधे (डी.बी.टी.) जमा किया जावेगा। मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम/मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित से सामग्री क्रय करने की स्थिति में यदि हितग्राही द्वारा केवल कृषक अंश की राशि जमा कर सामग्री क्रय की गई है तो अनुदान राशि का भुगतान संबंधित संस्था के बैंक खाते में सीधा किया जावेगा। इस संबंध में जारी निर्देशों की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। निर्देशों/नियमावली की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार किसानों द्वारा स्वयं अपनी इच्छा से शासन द्वारा पंजीकृत अधिकृत विक्रेताओं के माध्यम से क्रय करने की स्थिति में हितग्राही को देय अनुदान उसके बैंक खाते में सीधे (डी.बी.टी.) जमा किया जावेगा। मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम/मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित से सामग्री क्रय करने की स्थिति में यदि हितग्राही द्वारा केवल कृषक अंश की राशि जमा कर सामग्री क्रय की गई है तो अनुदान राशि का भुगतान संबंधित संस्था के बैंक खाते में सीधा किया जावेगा। किसानों को कंपनी द्वारा ड्रिप/स्प्रिंकलर/मोटर पंप क्रय करने पर संबंधित योजना के प्रचलित निर्देशों में उल्लेखित मात्रा में सामग्री आई.एस.आई. मार्क एवं निर्धारित गुणवत्ता की उपलब्ध कराई जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजना का संचालन
[जल संसाधन]
8. ( *क्र. 2076 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी/सिंगरौली जिलांतर्गत विधानसभा क्षेत्र धौहनी में कितनी लघु एवं मध्यम सिंचाई योजनायें संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बकिया बांध, कोड़ार बांध एवं जमधर बांध तथा वरचर बांध की मुख्य नहरों के पक्कीकरण आर.आर.आर. के माध्यम से कराये जाने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो उसकी स्वीकृति कब तक प्रदान कर निर्माण कार्य कराया जायेगा? यदि नहीं, तो आर.आर.आर. के तहत क्या शामिल किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लघु सिंचाई योजनाओं से संबंधित जीर्णोद्धार हेतु कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जीर्ण-शीर्ण माइनर नहरों का मरम्मत कार्य कराये जाने की क्या योजना है? क्या मरम्मत कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित परियोजनाओं में नहरों के पक्कीकरण करने का कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) एवं (घ) पूर्व में स्वीकृत जीर्णोद्धार कार्यों की स्थिति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। लघु सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार कराने का कोई नवीन प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
वेयर हाउसिंग में कराये गये कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( *क्र. 6238 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले की मंडी/उपमंडी प्रांगणों में बुन्देलखण्ड परियोजना के तहत वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन में अधिकारियों के द्वारा निर्माण कार्य कराया गया है? (ख) क्या वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के इंजीनियरों द्वारा मण्डी/उपमंडी में घटिया निर्माण कार्य कराए गए हैं एवं इस संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ग) मंडी/उपमंडी प्रांगणों में घटिया निर्माण कार्य होने के कारण किन-किन मंडियों द्वारा आज दिनांक तक निर्मित कार्यों का आधिपत्य नहीं लिया गया है? (घ) घटिया निर्माण कराने वाले तकनीकी अधिकारियों के विरूद्ध आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि की जावेगी तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जी हाँ, शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में निर्माण कार्यों में गुणवत्ता संबंधी जाँच मुख्य तकनीकी परीक्षक संगठन द्वारा की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरान्त गुण-दोष के आधार पर संबंधित संस्था द्वारा कार्यवाही की जावेगी।
आई.सी.डी.पी. योजना अंतर्गत गोदाम निर्माण
[सहकारिता]
10. ( *क्र. 5860 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में आई.सी.डी.पी. योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2011-12 से प्रश्न दिनांक तक गोदाम निर्माण हेतु भूमि आवंटन के लिए किन-किन समितियों से प्रस्ताव, कलेक्टर बालाघाट के समक्ष आये हैं? (ख) कौन-कौन सी समितियों को भूमि आवंटित कर गोदाम निर्माण हेतु कितनी राशि कब प्रदान की गई है? (ग) भूमि आवंटन में घास एवं छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि में गोदाम निर्माण में अवरोध उत्पन्न होने से किन-किन समितियों को भूमि आवंटन नहीं किया गया है? समितिवार जानकारी देवें। (घ) क्या शासन स्तर पर उक्त मद परिवर्तन कर गोदाम निर्माण हेतु विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) 11 समितियों को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (घ) वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत आवश्यक कार्यवाही प्रावधानित है।
मझगवां सघन बस्ती में राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 3265 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 की अवधि में कटनी-अनूपपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 78 के अंतर्गत तहसील बड़वारा के ग्राम मझगवां में बायपास निर्माण हेतु कृषकों के द्वारा मा. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत किये गये किसी वाद और पुनरीक्षण याचिका पर किसके पक्ष में किन्हीं दिनांकों को कोई निर्णय दिये गये हैं? (ख) क्या कलेक्टर कटनी के परामर्श पर निर्माण एजेन्सी द्वारा मझगवां के मध्य से जाने वाले सकरे मार्ग पर सैकड़ों वर्ष से निवास कर रहे ग्रामीणों के आवासों को ध्वस्त कर वर्तमान प्रचलित मार्ग का निर्माण किया जाना वैधानिक है? (ग) क्या विभाग द्वारा जनविरोध के विध्वंस को बचाते हुए दायीं दिशा की शासकीय व बंजर पड़ी कृषकों की भूमि से बायपास का निर्माण कराकर ग्रामीणों को राहत प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। ग्राम मझगवां बायपास में भू-अर्जन प्रक्रिया पूर्ण न हो पाने के कारण व परियोजना को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली, भारत सरकार द्वारा निर्धारित अनुबंधानुसार समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु अथॉरिटी इंजीनियर के अभिमत पर विद्यमान मार्ग का निर्माण मझगवां के मध्य से विद्यमान मार्ग पर कार्य किया जा रहा है। विद्यमान मार्ग में पर्याप्त चौड़ाई उपलब्ध है व विभाग द्वारा कुछ ही जगहों पर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण तोड़कर निर्माण संभव होगा। (ग) जी नहीं। मार्ग निर्माण विद्यमान सड़क सीमा में किया जा रहा है अतः विरोध की कोई स्थिति नहीं है।
जबलपुर-भोपाल सड़क मार्ग का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 6282 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत आने वाले जबलपुर-भोपाल (NH-12) मार्ग के जबलपुर से प्रश्नकर्ता के गाँव बेलखेड़ा तक विगत एक वर्ष में सुधार, रख-रखाव के क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से किन-किन ठेकेदारों से कराये गये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) रोड का एक वर्ष से सुधार कार्य नहीं होने के कारण सड़क गड्ढों में तब्दील हो गयी है? मात्र 50 कि.मी. यात्रा में उक्त रोड पर 3 घंटे का समय लग रहा है? क्या शासन उक्त जर्जर मार्ग का सुधार शीघ्र कराने के निर्देश MPRDC को देगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। मार्ग की मरम्मत म.प्र. रोड़ डेव्हलपमेंट कार्पो.लि. द्वारा जारी है। जबलपुर से हिरन नदी तक विद्यमान मार्ग पर चारलेन में उन्नयन हेतु केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री की घोषणा का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
13. ( *क्र. 5160 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आष्टा विधान सभा क्षेत्र में माननीय मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की थी कि झीकडी मनीपुरा तालाब की पाल बढ़वाई जायेगी? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक घोषणा पर कार्य क्यों नहीं हुआ? (ग) कब तक कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा? इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 25.01.2016 को की गई घोषणा क्र. बी-1558 है। घोषणा के परिप्रेक्ष्य में सर्वेक्षण कार्य किया गया। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है।
घूघस सिघौरा नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
14. ( *क्र. 7073 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना में घूघस-सिघौरा नदी पर पुल निर्माण कार्य क्यों बंद किया गया है? फरवरी 2017 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) उक्त पुल निर्माण की स्वीकृत राशि कितनी थी? कितनी राशि अभी तक खर्च की जा चुकी है? कौन सी कम्पनी कार्य कर रही है? कितना प्रतिशत निर्माण कार्य किया जा चुका है? (ग) अभी तक कितना कार्य कराया जा चुका है? क्या उक्त पुल के निर्माण की शासन द्वारा वैकल्पिक योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) निर्माणाधीन पुल के डाउनस्ट्रीम में जल संसाधन विभाग द्वारा बैराज का निर्माण स्वीकृत होने के कारण पुल डूब क्षेत्र में आने से। वर्तमान में पुल निर्माण कार्य बंद है। (ख) रू. 645.85 लाख। रू. 107.27 लाख। मेसर्स चम्बल डेवलपर्स ग्वालियर। लगभग 18 प्रतिशत। (ग) लगभग 18 प्रतिशत कार्य पूर्ण। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में पुल एवं पहुंच मार्ग के निर्माण हेतु वैकल्पिक कार्य योजना तैयार करने की कार्यवाही संबंधित विभागों के संयुक्त समन्वय से की जावेगी।
बांध सुजारा परियोजना से विस्थापितों का पुनर्वास
[जल संसाधन]
15. ( *क्र. 5209 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में बांध सुजारा बांध परियोजना में जिन गाँवों की जमीन डूब क्षेत्र में प्रभावित हुई उन प्रभावितों को जहां पुनर्वासित किया जा रहा है, वहाँ मूलभूत अधोसरंचना के अंतर्गत क्या-क्या निर्माण कार्य हुये हैं और अब तक क्या-क्या किये जा चुके हैं? अलग-अलग बसाहटों की स्पष्ट जानकारी दें। (ख) नवीन बसाहटों में कब तक निर्धारित मापदण्डों के तहत निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) शासन के निर्धारित मापदण्डों के अधीन निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाना चाहिये? अवधि बताये तथा पुनर्वास की शर्तों के अधीन प्रश्न दिनांक तक निर्माण न कर पाने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही निरूपित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विस्थापित परिवारों के लिये टीकमगढ़ जिले में 02 पुनर्वास कॉलोनी, नवीन पुरैनिया एवं नवीन दरगुंआ बनाई जा रही है। नवीन पुरैनिया कॉलोनी में प्राथमिक शाला भवन, माध्यमिक शाला भवन, सामुदायिक भवन, आंगनवाड़ी भवन, मन्दिर, शान्तिधाम, पेयजल हेतु पानी की टंकियाँ, डब्ल्यू.बी.एम. सड़क, जल निकासी हेतु नालियाँ, विद्युत व्यवस्था आदि निर्माण कार्य 95 प्रतिशत तक पूर्ण कराये जा चुके हैं एवं नवीन कॉलोनी दरगुंआ में प्राथमिक शाला भवन, सामुदायिक भवन, आंगनवाड़ी भवन, मन्दिर, शान्तिधाम, पेयजल हेतु पानी की टंकियाँ, डब्ल्यू.बी.एम. सड़क, जल निकासी हेतु नालियाँ आदि के कार्य 50 प्रतिशत पूर्ण होकर प्रगतिरत हैं। (ख) नवीन पुरैनिया में मार्च 2017 तक तथा नवीन दरगुंआ में मई 2017 तक निर्माण कार्य पूर्ण होना संभावित है। (ग) इस वर्ष बाँध में जल भराव 311 मीटर तक होने की संभावना है। इस स्तर तक जल भराव के पूर्व प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी। पुनर्वास कॉलोनियों के अधोसंरचना निर्माण संबंधी अब तक की कार्यवाही संतोष-जनक होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है।
उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक दवाइयों की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( *क्र. 6924 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड बड़नगर में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विभागीय अधिकारियों के द्वारा कितनी दुकानों से उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक दवाइयों के नमूने जाँच कराने हेतु लिये गये? (ख) कितनी दुकानों के लायसेंस निरस्त हुए, कितने व्यापारियों को चेतावनी दी गई, कितने व्यापारियों एवं दुकानों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? (ग) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विकासखण्ड बड़नगर में कितने व्यापारियों को नये लायसेंस जारी किये गये तथा किस अधिकारी द्वारा जारी किये गये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विकासखण्ड बड़नगर में वर्ष 2014-15 में 41 लायसेंसधारी से एवं 2015-16 में 48 लायसेंसधारी से विभागीय अधिकारियों के द्वारा उर्वरक बीज एवं कीटनाशक दवाइयों के नमूने जाँच कराने हेतु लिये गये। (ख) वर्ष 2014-15 में 10 लायसेंसधारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर अमानक नमूने के शेष स्कंध का विक्रय प्रतिबंधित किया गया। जिनमें से 03 लायसेंसधारी के लायसेंस निरस्त किये गये तथा 02 लायसेंसधारी के लायसेंस निलंबित किये गये। वर्ष 2015-16 में 06 लायसेंसधारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर अमानक नमूने के शेष स्कंध का विक्रय प्रतिबंधित किया गया। जिनमें से 01 लायसेंसधारी का लायसेंस निरस्त किया गया तथा 01 लायसेंसधारी का लायसेंस निलंबित किया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
दो लाख रू. से कम लागत वाले कार्य
[जल संसाधन]
17. ( *क्र. 5790 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकास खंड बाड़ी एवं उदयपुरा में वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक 2 लाख रू. से कम राशि वाले क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विकास खंड में उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर किस-किस स्थान पर, किस-किस प्रकार के कार्यों पर, कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' एवं 'ख' अनुसार है।
अनुदान योजनाओं का क्रियान्वन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
18. ( *क्र. 6102 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुदान पर नेट हाऊस, पैक हाऊस निर्माण योजनान्तर्गत आगर एवं शाजापुर जिले हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक कितना-कितना लक्ष्य निर्धारित था? लक्ष्य के विरूद्ध कितने हितग्राहियों को नेट हाऊस, पैक हाऊस स्वीकृत किये गये? वित्तीय वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। उक्त के अलावा शाजापुर एवं आगर जिले में उद्यानिकी विभाग की अन्य कौन-कौन सी अनुदान योजनायें संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों ने स्वयं निर्माण कार्य करवाया? कितने हितग्राहियों के निर्माण कार्य अनुबंध अंतर्गत कम्पनियों/निजी एजेन्सियों द्वारा किये गये? किन-किन कार्यों में आशय पत्र जारी नहीं किए गए हैं व किन कारणों से? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्मित नेट हाऊस, पैक हाऊस में से किन-किन के अनुदान भुगतान कर दिये गये हैं? किनके अनुदान भुगतान लंबित हैं व किस कारण से? क्या समीक्षा कर लंबित अनुदान भुगतान को शीघ्र भुगतान कराने एवं लंबित कार्यों को शीघ्र प्रारम्भ कराने हेतु ठोस कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? (घ) वित्तीय वर्ष 2017-18 में आगर जिला अंतर्गत नेट हाऊस, पैक हाऊस निर्माण एवं अन्य अनुदान योजनाओं हेतु क्या लक्ष्य निर्धारित हैं? लक्ष्य पूर्ति हेतु क्या रणनीति बनाई गई है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) आगर एवं शाजापुर जिले में नेट हाउस/पैक हाउस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। हितग्राहियों की वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अन्य योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित हितग्राहियों में से पैक हाउस के 21 हितग्राहियों ने स्वयं निर्माण कार्य किया है। शेडनेट हाउस के 68 हितग्राहियों ने अनुबंध अंतर्गत चयनित कंपनियों से निर्माण कार्य कराया है। प्राप्त सभी आवेदनों के आशय पत्र जारी कर दिये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार 17 शेडनेट हाउस के भुगतान बजट आवंटन न होने के कारण लंबित हैं। समीक्षा की गई है। बजट के पुनर्विनियोजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है बजट प्राप्त होने पर भुगतान किया जायेगा। कोई कार्य लंबित नहीं है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) लक्ष्य पूर्ति की रणनीति यह है कि विभाग के पोर्टल पर ऑन लाईन प्रस्तुत आवेदनों में से जिले हेतु निर्धारित न्यूनतम लक्ष्य उपयोग होने के बाद राज्य स्तर पर पूल से जिले द्वारा लक्ष्य लेकर पात्र कृषकों को प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर चयन किया जाता है। आगर जिले में प्रश्नाधीन योजना में वित्तीय वर्ष 2017-18 के ऑन लाईन लक्ष्य 1 अप्रैल 2017 के बाद उपलब्ध होगें।
पॉली हाउस की स्वीकृति
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
19. ( *क्र. 4069 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में 01.01.2015 से 01.01.2017 तक कितने पॉली हाऊस स्वीकृत किये गये? माहवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त समयावधि के स्वीकृत पॉली हाऊसों को कितना अनुदान स्वीकृत किया गया एवं आज दिनांक तक कितना अनुदान वितरित किया गया, प्रत्येक प्रकरण के संबंध में बतायें। (ग) स्वीकृत पॉली हाऊस कितने मीटर के थे एवं वितरित पॉली हाऊस कितने मीटर के हैं? क्या सभी प्रकरणों का भौतिक सत्यापन किया गया है? क्या स्वीकृत से कम निर्माण पर पूर्ण अनुदान राशि वितरित करने वाले अधिकारियों पर शासन कोई कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) स्वीकृत/वितरित पॉली हाउस के आकार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 2 पूर्ण रूप से निर्मित पॉली हाउस का भौतिक सत्यापन किया गया, जो स्वीकृत अनुसार है। शेष 6 पॉली हाउस निर्माणाधीन होने से भौतिक सत्यापन नहीं होने एवं अनुदान वितरण नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टोल नाके पर मापदण्डों के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं की पूर्ति की जाना
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 5962 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के फुलारा में संचालित टोल नाके का संचालन शासन द्वारा तय मापदण्डों के अनुरूप नहीं किया जा रहा है? उपरोक्त टोल नाके पर जो कर्मचारी खड़े रहकर वसूली करते हैं, वे अक्सर नशे की हालत में रहते हैं, जिनके द्वारा गुण्डागर्दी करते हुए आमजनों व जनप्रतिनिधियों को जानबूझकर परेशान करते हुए विवाद की स्थिति निर्मित की जाती है? क्या यह उचित है? क्या टोल प्लाजा में जो कर्मचारी कार्यरत हैं, क्या उन सभी कर्मचारियों को पुलिस वेरीफिकेशन कराने के बाद नियुक्त किया गया है? (ख) क्या टोल नाके पर तय मापदण्डों के अनुसार आवश्यक सुविधायें प्रदान की जाना चाहिए। अगर हाँ तो फुलारा के उक्त टोल नाके पर ना तो शौचालय की सुविधा है और ना ही पेयजल की व्यवस्था है एवं एम्बुलेंस में कोई मेडिकल स्टॉफ भी मौजूद नहीं रहता है? उपभोक्ताओं को निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप आवश्यक सुविधायें प्रदान नहीं की जा रही हैं, तो क्या इसकी जाँच कर उचित कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या जिस जगह पर टोल नाका स्थित होता है, उसके आसपास के लगभग 20 कि.मी. की दूरी पर निवासरत स्थानीय लोगों के वाहनों के मासिक पास बनाये जाने का प्रावधान है? अगर हाँ तो विगत एक वर्ष में उपरोक्त टोल नाके में अभी तक कितने स्थानीय लोगों को मासिक पास बनाये गये हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : यह सड़क भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास है। उनसे प्राप्त उत्तर के अनुसार जानकारी निम्नानुसार है :- (क) सिवनी जिले के फुलारा में संचालित टोल नाके का संचालन शासन द्वारा तय मापदण्ड के अनुरूप ही किया जा रहा है। जी नहीं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। फुलारा टोल प्लाजा में टोल एजेंसी के साथ हुए करार के अनुसार शौचालय एवं पेयजल की सुविधा प्रदान की जा रही है। घटना प्रबंधन (Incident Management) हेतु नियुक्त की गई कंपनी द्वारा एम्बुलेंस की सुविधा माह दिसंबर, 2016 से प्रारंभ की गई थी। प्रारंभिक समय में मेडिकल स्टॉफ के सक्रिय होने में कुछ कठिनाइयों का सामना किया गया था, जिन्हें दूर किया गया। वर्तमान में एम्बुलेंस में मेडिकल स्टॉफ उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। वर्तमान में कार्यरत टोल कंपनी का करार दिनांक 10.10.2016 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ हुआ। करार उपरांत माह दिसंबर 2016 से 02 मार्च, 2017 तक कुल 131 मासिक पास बनाये गये।
नदी किनारे बसे ग्रामों में पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 3919 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवास विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बहुत से ग्राम नदियों के किनारे बसे हुये हैं, यहां के ग्रामवासियों को नदियों में पुल नहीं होने के कारण पैदल नाव आदि से पार कर आवागमन करना पड़ता है, जिससे इन्हें बहुत अधिक परेशानी हो रही है? लगभग 20 से 25 ग्रामों के ग्रामवासियों को बारिश के दिनों में नदी में अत्यधिक बाढ़ आ जाने के कारण अपने ही ग्रामों में कैद रहने को मजबूर होना पड़ता है? (ख) क्या ग्राम चिमका, टोला बसगढ़ी, बढ़झर, झिंगराघाट, बुढ़नेर, कोबरीखुर्द, बालई, घुघरी वनग्राम जो कि नदी के किनारे हैं, इन ग्रामों में पुल निर्माण की अत्यंत आवश्यकता है। क्या इन ग्रामों में पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेंगे? (ग) यदि हाँ, तो कब तक और इन ग्रामों में पुल का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के स्तम्भ 8 के अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के स्तम्भ 8 के अनुसार है।
कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों को वेतन भुगतान
[सहकारिता]
22. ( *क्र. 5326 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीकृत सहकारी संस्थायें मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक 1368, दिनांक 19.05.2016 को कृषि सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों के संबंध में संशोधन पत्र जारी किया गया था? (ख) क्या सागर जिले में जिला सहकारी बैंक मर्यादित एवं पंजीयक कार्यालय एवं प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों द्वारा उक्त आदेश के तहत कर्मचारियों को वेतन वितरण किया जा रहा है? (ग) यदि सागर जिले में प्राथमिक सहकारी समितियों द्वारा पदस्थ कर्मचारियों जैसे सहायक प्रबंधक विक्रेता, लिपिक, चौकीदारों को निर्धारित वेतन प्रदाय नहीं किया जा रहा है? तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है एवं कब तक वितरण किया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) सागर जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक तथा उपायुक्त सहकारिता कार्यालय द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों को वेतन भुगतान नहीं किया जाता है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेशानुसार कर्मचारियों को वेतन एवं भत्ते संस्था के संचालक मण्डल द्वारा संस्था की देय भुगतान क्षमता एवं अन्य निर्धारित मापदण्ड अनुसार संस्था की पात्रता के अंतर्गत दिया जायेगा, परंतु कर्मचारियों को निर्धारित कलेक्टर दर से प्रतिमाह पारिश्रमिक दिया जा सकेगा, प्रावधानित है। सागर जिले में प्रश्नांश (क) के आदेश के परंतुक अनुसार कर्मचारियों को निर्धारित कलेक्टर दर से प्रतिमाह पारिश्रमिक के स्थान पर प्रश्नांश (क) के आदेशानुसार संस्था की देय भुगतान क्षमता एवं अन्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार संस्था की पात्रता अंतर्गत वेतन दिया जा रहा है। (ग) सागर जिले में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा अपने कर्मचारियों को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश के अंतर्गत संस्था की देय भुगतान क्षमता एवं अन्य निर्धारित मापदंडों के अनुसार वेतन भुगतान किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
ट्यूबवेल उत्खनन कार्य हेतु स्वीकृत राशि
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 6382 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र विकास निधि 2016-17 से लोक निर्माण विभाग उपसंभाग त्योंथर जिले को विश्राम गृह त्योंथर एवं चाकघाट में ट्यूबवेल उत्खनन एवं सबमर्सिबल पंप हेतु क्रमश: 1-1 लाख रूपये दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों हेतु जिला योजना समिति रीवा से विभाग को कब कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) क्या उपरोक्त कार्य पूर्ण करा लिये गये? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक ट्यूबवेल उत्खनन का कार्य पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) आयुक्त, आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के पत्र दिनांक 17.01.2017 से प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को रू. 2.00 लाख की राशि प्राप्त हुई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। एजेन्सी नियत नहीं। एजेन्सी नियत किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। कार्य मई 2017 तक कराने का लक्ष्य है।
विधान सभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत संचालित मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( *क्र. 3225 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत कितनी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं और विगत दो वर्ष में कितने किसानों के खेतों की मिट्टी का परीक्षण किया गया है? (ख) इन मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं से किसानों को क्या लाभ मिला है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) खण्डवा जिले में विभागीय एक मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित है, जिसमें पंधाना विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ जिले के अन्य समस्त कृषकों के खेतों की मिट्टी के नमूनों का परीक्षण किया जाता है। पंधाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 02 वर्षों में वर्ष 2014-15 में 6081 एवं 2015-16 में 4043 कुल 10124 किसानों के खेत की मिट्टी के नमूनों का परीक्षण किया जाकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराये गये हैं। (ख) मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में मृदा नमूनों का परीक्षण कर मृदा में उपलब्ध पोषक तत्वों का स्तर तथा मृदा की अम्लीय/क्षारीय प्रकृति ज्ञात की जाती है। मृदा नमूनों के विश्लेषण उपरांत विश्लेषण परिणाम के आधार पर संबंधित कृषक को फसल अनुसार पोषक तत्वों/उर्वरकों की मात्रा की अनुशंसा के साथ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराये गये हैं। स्वाइल हेल्थ कार्ड में फसल अनुसार अनुशंसित पोषक तत्वों/उर्वरकों का कृषकों द्वारा उपयोग किये जाने से फसलों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है तथा मृदा की उर्वरता बनाये रखने/सुधार में मदद मिलती है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( *क्र. 4774 ) श्री अजय सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीधी अंतर्गत विगत 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न तिथि तक कृषि विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित रही हैं? योजनावार, विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना के अन्तर्गत जिले के किस-किस विकासखण्ड के कितने किसानों को क्या-क्या लाभ दिया गया है? कृपया विकासखण्डवार योजनावार, किसान की संख्या सहित जानकारी दें। (ग) जिला सीधी के अन्तर्गत 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न तिथि तक किसानों के लिये कितने बीज का भण्डारण किया गया? योजनावार, फसलवार मात्रा की जानकारी विकासखण्डवार दें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं में कितने किसानों को कितना-कितना बीज प्रदाय किया गया है? विकासखण्डवार, जिन्सवार, किसानों की संख्यात्मक जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
दस लाख से
अधिक के ऋणों
की संख्या
[सहकारिता]
1. ( क्र. 39 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में सहकारिता विभाग में पूर्व महाप्रबंधक के कार्यकाल में रूपये दस लाख से अधिक के ऋण कितने व्यक्तियों को वितरण किया गया है? नाम पता और किस उद्देश्य से दिया गया है वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार दिए गए ऋण में से कितना ऋण वर्षवार वसूल हो चुका है और कितना वसूल होना शेष है। शेष राशि वसूल न होने के क्या कारण है, राशि वसूल न होने पर विभाग ने क्या कार्यवाही की है। (ग) क्या प्रश्न (क) के अनुसार ऋण में वितरण महाप्रंबधक के विरुद्ध कोई गंभीर जाँच चल रही है अथवा जाँच पूर्ण हो चुकी है? यदि पूर्ण हो चुकी तो क्या दंड दिया गया यदि नहीं, तो जाँच कब पूर्ण हो जावेगी उसकी समय-सीमा बताई जावे। क्या पूर्व महा प्रबंधक के सेवानिवृत्त के पूर्व उनके स्वत्वों का भुगतान (ग्रेच्युटी,पी.पी.एफ आदि) हो चुका है यदि हाँ, तो किस अधिकारी के द्वारा किया गया है,क्या जाँच पूर्ण न होने के पूर्व ये भुगतान कर सकते हैं? (घ) यदि हाँ, तो नियम की प्रति दी जावे यदि नहीं, तो वह अधिकारी जिन्होंने भुगतान किया है उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन में पदस्थ पूर्व महाप्रबंधक के कार्यकाल में रूपये 10 लाख से अधिक के ऋण 73 व्यक्तियों को स्वीकृत एवं वितरित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष राशि में से कतिपय ऋणी सदस्यों की ऋण अवधि शेष होकर ऋण नियमित है, 17 ऋण प्रकरणों में ऋण कालातीत हो गये हैं। कालातीत ऋणी सदस्यों से शेष वसूली करने हेतु बैंक द्वारा सूचना पत्र जारी किये गये है तथा कतिपय प्रकरणों में वसूली हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 64 के अंतर्गत न्यायालय में प्रकरण लगाये गये है। (ग) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित ऋण प्रकरणों के संबंध में कोई जाँच नहीं चल रही है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, भुगतान स्वयं पूर्व महाप्रबंधक द्वारा प्राप्त कर लिया गया था, कर्मचारी सेवानियम के प्रावधानों के अंतर्गत जाँच प्रकरण लंबित होने पर स्वत्वों का भुगतान नहीं किया जाता है। (घ) कर्मचारी सेवानियम प्रावधानों के अंतर्गत जाँच प्रकरण लंबित होने पर स्वत्वों का भुगतान नहीं किया जाता है। भुगतान पूर्व महाप्रबंधक द्वारा स्वयं प्राप्त कर लिया गया था। भुगतान पूर्व महाप्रबंधक द्वारा स्वयं प्राप्त कर लेने के संबंध में जाँच आदेशित की गई है, शेष जाँच निष्कर्षाधीन।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके स्वत्वों का समय-सीमा में भुगतान
[सहकारिता]
2. ( क्र. 180 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक शाखा खरगोन अंतर्गत विगत ३ वर्षों में कितने कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उपरांत उनके स्वत्वों के भुगतान उनके अधिवार्षिकी पूर्ण करने के दिनांक से कितने दिनों के भीतर कौन-कौन सी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विभाग के किसी कर्मचारी के लंबित स्वत्वों के भुगतान के बारे में अनुरोध पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो कितने पत्र लिखे गए हैं एवं विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद उनके स्वत्वों के भुगतान के क्या नियम है? यदि विलम्ब से भुगतान होता है तो क्या कर्मचारी को कोई क्षतिपूर्ति की जाती है? (घ) यदि हाँ, सेवानिवृत्त कर्मचारी को समय पर भुगतान न होने पर संबंधित दोषी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध द्वारा शासन क्या कार्यवाही की जावेगी और कब की जावेगी, समय-सीमा बताई जावे तथा कब तक उनके स्वत्वों का भुगतान कर दिया जाएगा, विलम्ब का कारण सहित जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक शाखा खरगोन में नहीं अपितु जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक खरगोन में विगत 3 वर्षों में 23 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। दो पत्र। जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक खरगोन को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये। सेवानिवृत्ति पर स्वत्वों का भुगतान जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक कर्मचारी सेवानियम के अनुसार किया जाता है। जी नहीं। (घ) जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक खरगोन द्वारा दिये गये ऋणों के विरूद्ध वसूली नहीं कर पाने के कारण सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर भुगतान नहीं किया जा सका। वर्तमान में उपरोक्त बैंक परिसमापनाधीन है एवं परिसमापक द्वारा वसूली के पश्चात वरीयता के आधार पर देनदारियों का यथासंभव भुगतान किया जायेगा।
नवीन पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 1038 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 23 (क्रमांक 605) दिनांक 21.07.2016 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया है कि श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम नयागांव-शाहपुरा के मध्य गुजर रही सीप नदी के दाहिने व बायीं ओर कराहल व श्योपुर तहसील के विद्यमान दर्जनों ग्रामों के नागरिकों को दोनों ओर के ग्रामों में जाने आने हेतु 22 से 38 कि.मी. की दूरी साधनों के अभाव में तय करना पड़ती है इस कारण उन्हें कठिनाई होती है? तो क्या उक्त कठिनाई का हल तभी संभव है जब नयागांव-शाहपुरा के मध्य सीप नदी पर नवीन पुल का निर्माण करा दिया जावे पुल निर्माण उपरांत न केवल दूरी कम हो जावेगी बल्कि नागरिकों को सीधे आवागमन की सुविधा भी उपलब्ध हो जावेगी इस हेतु नागरिक मांग भी कर रहे है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन क्षेत्रीय नागरिकों के हित के मद्देनजर उक्त नवीन पुल निर्माण कार्य की डी.पी.आर. तैयार करवाएगा तथा इसे बजट में शामिल कर डी.पी.आर. को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत न होने से पुल निर्माण की कार्यवाही की जाना संभव नहीं है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 1039 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम ढोटी से ननावद व्हाया किलोरच मार्ग वर्तमान में क्षतिग्रस्त होकर जर्जर स्थिति में हैं इस कारण ग्रामीणों को आवागमन में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करने के कारण मार्ग का उन्नतिकरण कराया जाना नितांत आवश्यक हैं क्योंकि ये मार्ग क्षेत्र का व्यस्ततम एवं महत्वपूर्ण मार्ग भी है? (ख) क्या उक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए ई.ई. लो.नि.वि. श्योपुर द्वारा उक्त मार्ग के उन्नतीकरण हेतु 4 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. भोपाल को भेजा भी जा चुका हैं। (ग) क्षेत्रीय नागरिकों को बेहतर आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु क्या शासन उक्त मार्ग के उन्नतीकरण कार्य को आगामी बजट में शामिल करके उक्त प्रस्ताव को यथाशीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, विभागीय श्रमिकों एवं उपलब्ध संसाधनों से मार्ग को यातायात हेतु सुगम बनाया हुआ है। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्मित स्टॉप डेम का घटिया निर्माण
[जल संसाधन]
5. ( क्र. 1448 ) श्री प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुंदेलखण्ड पैकेज से निर्मित कोटखेड़ा ग्राम के समीप अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण होने से 85 लाख रूपये से अधिक की लागत से निर्मित स्टॉप डेम महज अनुपयोगी बनकर रह गया है, कृषकों को सिंचाई हेतु पानी नहीं मिल रहा है? (ख) क्या घटिया निर्माण होने के कारण पहले वर्ष में ही दीवारों से पानी रिसने लगा था? यदि हाँ, तो उसी समय उल्लेखित तकनीकी त्रुटि में सुधार कार्य संबंधित ठेकेदार से क्यों नहीं करवाया गया, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? ठेकेदार को निर्माण कार्य का सम्पूर्ण भुगतान कब किया गया था? कार्य का मूल्यांकन एवं सी.सी. जारी किस दिनांक को की गई थी? मूल्यांकनकर्ता एवं सी.सी. जारी किये जाने वाले अधिकारी का नाम एवं पता बतलावें? (ग) क्या प्रदेश शासन प्रश्नांश (क) उल्लेखित स्टॉप डेम के घटिया निर्माण की जाँच उच्चस्तरीय समिति से करवायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कार्य की सी.सी. दिनांक 30.04.2012 को जारी किया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण की घटिया सामग्री का प्रदाय
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 1449 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रहली-झलौन-तेन्दूखेड़ा-व्हाया-पाटन-जबलपुर मार्ग का निर्माण एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा कराया जा रहा है, इसकी प्रशासनिक स्वीकृति कितनी राशि की जारी की गई है? मार्ग के डी.पी.आर. की एक प्रति भी उपलब्ध करावें। (ख) मार्ग का निर्माण किस ठेकेदार/कम्पनी द्वारा किया जा रहा है तथा किस अधिकारी की देख-रेख में किया जा रहा है? उसका नाम, पता एवं पद सहित बतलावें? प्रश्न दिनांक तक कहाँ से कहाँ तक मार्ग का निर्माण किस स्तर पर किया जा चुका है? (ग) क्या मार्ग निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग पाये जाने पर घटिया लाल गिट्टी को प्रतिबंधित किये जाने एवं मौके के स्थल निरीक्षण उपरांत वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 920 दिनांक 09/01/2017 से संभागीय प्रबंधक सागर से अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो अभी तक क्यों नहीं अवगत कराया गया? (घ) यदि मार्ग निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है तो उसे प्रतिबंधित किये जाने एवं जनता के पैसों के दुरूपयोग को रोकने की किसकी जिम्मेदारी बनती है? क्या शासन स्वयं संज्ञान में लेकर उल्लेखित मार्ग की जाँच हेतु वरिष्ठ शासन स्तर के अधिकारियों को भेजकर वस्तुस्थिति ज्ञात करेगा तथा दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों/ठेकेदार के विरूद्ध उचित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। रू. 219.62 करोड़। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। संभागीय प्रबंधक के पत्र क्र. 2104 दिनांक 03.02.2017 द्वारा अवगत कराया गया है। (घ) मार्ग निर्माण में अनुबंध एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप सामग्री का ही उपयोग किया जा रहा है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भू-जल स्तर गिरावट का आंकलन
[जल संसाधन]
7. ( क्र. 1498 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र के बरेला क्षेत्र अंतर्गत डूंडी, बीजापुरी, मलारा, तिलहरी, सिहोरा, सरोरा, आदि लगभग सभी ग्रामों में भू-जल स्तर गिरावट खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा इन ग्रामों के भू-जल स्तर गिरावट का आंकलन किया गया हैं? (ग) यदि हाँ, तो ग्रामवार जानकारी देवें? (घ) क्या ऐसे संकटपूर्ण स्थिति वाले ग्रामों के लिये कोई योजना है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पनागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा चयनित स्थाई अवलोकन कूपों के आधार पर वर्ष 2014-15 में किये गये भू-जल पुर्नआकंलन के अनुसार उक्त क्षेत्र सुरक्षित श्रेणी में वर्गीकृत है। (ख) से (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों का अलग से भू-जल स्तर का आंकलन नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पनागर विधानसभा क्षेत्र के तालाबों का रख-रखाव
[जल संसाधन]
8. ( क्र. 1499 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र अंर्तगत तालाबों के गहरीकरण व क्षतिग्रस्त तालाबों के मरम्मत की योजना हैं? (ख) यदि हाँ, तो तालाबवार विवरण देवें? (ग) यदि नहीं, तो क्या इन तालाबों के नहरों का पानी अंतिम छोर तक पहुँचेगा? (घ) क्या रख-रखाव न होने से सिंचाई क्षमता में कमी नहीं होगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जल संसाधन विभाग द्वारा तालाबों का गहरीकरण का कार्य नहीं किया जाता है। प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में कोई सिंचाई जलाशय क्षतिग्रस्त नहीं होना प्रतिवेदित होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
जिला सहकारी बैंक गुना द्वारा ऋण वसूली
[सहकारिता]
9. ( क्र. 1532 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2015-16 में जिला सहकारी बैंकों द्वारा प्रदाय किये गये ऋण की वसूली स्थगित किये जाने के निर्देश दिये गये थे अथवा अल्पावधि कृषि ऋणों को मध्यावर्ती ऋण में परिवर्तन किये जाने के निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो जिला सहकारी बैंक गुना की विभिन्न शाखाओं द्वारा किस आधार पर कृषकों से ऋण की राशि की ब्याज सहित वसूली गेहूँ की खरीदी के भुगतान से काटी गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित ऋण की वसूली करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) राज्य शासन द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के प्रावधान अनुसार प्राकृतिक आपदा से फसल प्रभावित होने के कारण खरीफ 2015 में वितरित अल्पकालीन फसल ऋण को फसल क्षति के आधार पर मध्यकालीन ऋण में परिवर्तन किये जाने के निर्देश दिये गये थे। (ख) कृषक सदस्यों की सहमति के आधार पर। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन सड़क निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 1622 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर अंतर्गत एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा खिलचीपुर से सुसनेर मार्ग का निर्माण कितनी लागत से कब कराया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित मार्ग वर्तमान में अत्यंत जीर्ण-शीर्ण होकर निरंतर आवागमन अवरूद्ध एवं दुर्घटनाओं का पर्याय बना हुआ है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा उक्त मार्ग का मरम्मत कार्य भी कराया गया था? यदि हाँ, तो मरम्मत कार्य की लागत एवं एजेंसी का नाम सहित जानकारी देवें एवं क्या संबंधित एजेन्सी द्वारा अमानक स्तर का कार्य कराये जाने से उक्त मार्ग की अवस्था जस की तस है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा उक्त मार्ग के जीर्णोद्धार एवं संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या शासन उक्त मार्ग पर नवीन सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा खिलचीपुर अंतर्गत एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा खिलचीपुर-सुसनेर मार्ग का निर्माण लागत रूपये 26.34 करोड़ से दिनांक 30.06.2007 को पूर्ण कराया गया। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विषयांकित मार्ग दिनांक 14.06.2016 से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं.-752 बी घोषित होने से भारत सरकार द्वारा भविष्य में कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
जिला सहकारी बैंक की प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
[सहकारिता]
11. ( क्र. 1727 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिला सहकारी बैंक व विभिन्न शाखाओं की कितनी शिकायतें पिछले 05 वर्षों से लंबित हैं तथा किस-किस अधिकारी पर क्या-क्या आरोप है तथा किस-किस व्यक्ति ने शिकायतें की है? उनका विवरण देते हुये बताएं कि उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) होशंगाबाद भिण्ड रीवा व अन्य किस-किस जिला बैंक में केन्द्र सरकार द्वारा दी गई ऋणबंदी में कितने पात्र सदस्यों की ऋण माफी नहीं हुई तथा कितने अपात्र लोगों की ऋण माफी हो गई तथा इस हेतु किस-किस की जिम्मेदारी तय कर क्या कार्यवाही हुई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) बैंक से संबंधित शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रदेश की 38 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
फसल बीमा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( क्र. 1756 ) श्री लखन पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैंकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों के खातों से उनकी बंधक भूमि पर बीमा की राशि स्वत: आहरित कर ली जाती है? (ख) यदि हाँ, तो बैंकों द्वारा प्रीमियम की राशि आहरित करने के पूर्व क्या किसानों से उनके द्वारा बोई गई फसल की जानकारी ली जाती है? यदि नहीं, तो फसल का बीमा किस फसल का बोया जाना मान कर किया जाता है तथा यदि बैंक द्वारा बीमित की गई फसल से भिन्न फसल मौके पर किसान ने बोई है तो ऐसी स्थिति में प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने पर क्या किसान को कंपनी से बीमा का लाभ मिलेगा? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? (ग) यदि किसान द्वारा अधिसूचित फसल से भिन्न कोई फसल बोई गई है या कोई फसल नहीं बोई गई तो बैंक द्वारा कृषक के बैंक खाते से प्रीमियम की राशि किस आधार पर आहरित की जाती है? ऐसी स्थिति में यदि किसान बीमा क्लेम करता है जो जिले में अधिसूचित नहीं है एवं फसल की क्षति होती है तो क्या उसे बीमा का लाभ दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्या बीमा प्रीमियम का स्वत: आहरण करना उचित है? किसान द्वारा प्रीमियम जमा करने के बाद भी बीमा का लाभ न मिलने के लिए जिम्मेदार कौन माना जायेगा एवं किसान को उसकी क्षतिपूर्ति किससे मिलेगी? (घ) असफल बुआई का बीमा अपने आप में विरोधाभाषी है इसमें 72 घंटों के अंदर बीमा कंपनी को सूचना देनी होती है जबकी अऋणी कृषक का बीमा बिना बोनी प्रमाण पत्र के नहीं होता है, इस स्थिति में अऋणी कृषक को बीमा का लाभ कैसे दिया जावेगा, जबकि उसका बीमा किया ही नहीं गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अनुसार जो किसान बैंक से ऋण लेता है उनके लिये योजना अनिवार्य है एवं जो किसान बैंक से ऋण नहीं लेता है उनके लिये योजना वैकल्पिक है। यदि कोई किसान शासन द्वारा बीमांकन हेतु चयनित क्षेत्र में चयनित फसल में ऋण लेता है तो बैंकों का दायित्व होता है कि वह उन किसानों की फसलों का अनिवार्य आधार पर बीमा करें। (ख) किसान जब बैंक से ऋण स्वीकृत कराता है तो वह बैंक में बोई जाने वाली फसल का उल्लेख करता है और वह फसल उस जिले/तहसील/पटवारी हल्के में बीमांकन हेतु शासन द्वारा अधिसूचित की गई है तो बैंक उक्त किसान की फसल का बीमा प्रीमियम काटकर अनिवार्य आधार पर बीमा कंपनी को भेजता है। यदि किसान फसल बदलता है तो यह किसान का दायित्व है कि वो बैंक को सूचित करे ताकि परिवर्तित फसल के आधार पर उसका बीमा किया जा सके, ताकि क्षति होने पर तदानुसार क्षतिपूर्ति की जा सके। जो फसल अधिसूचित नहीं है, अथवा जिसका प्रीमियम जमा नहीं हुआ है उनका बीमा लाभ मिलने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार। (घ) असफल बुआई की स्थिति में अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल के कुल रकबे के 75 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त होने पर यह जोखिम लागू होगा। इस प्रावधान के अंतर्गत बीमित राशि का अधिकतम 25 प्रतिशत भुगतान किया जावेगा तथा प्रभावित बीमित इकाई में दावा राशि भुगतान होने पर बीमा स्वत: निरस्त हो जावेगा तथा इसके उपरांत संबंधित बीमित इकाई में संबंधित फसल के लिये अन्य कोई दावा मान्य नहीं होगा। योजना के प्रावधान अनुसार जिला प्रशासन के संयुक्त दल की फसल स्थिति रिपोर्ट एवं अन्य सूचनाओं के आधार पर जिला कलेक्टर द्वारा क्षति की अधिसूचना जारी की जायेगी। तदानुसार प्रभावित कृषकों को दावा राशि का भुगतान किया जायेगा। अत: ऋणी एवं अऋणी कृषकों द्वारा प्रीमियम जमा करने की दिनांक से यह प्रावधान लागू होता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 1954 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का ब्यौरा क्या है? उक्त योजना कब से लागू की गई? ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) योजनांतर्गत रतलाम- उज्जैन एवं मंदसौर जिले की कितनी एवं कौन-कौन सी योजनाएं प्रस्तावित एवं स्वीकृति हेतु लंबित तथा कितनी व कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत हो चुकी है? पूर्ण ब्यौरा जिलेवार, तहसीलवार दें। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत वर्ष २०१७ का जिला तथा तहसीलवार प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों का लक्ष्य क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य ग्राम स्तर पर सिंचाई क्षेत्र में निवेश को बढ़ाकर हर खेत को पानी उपलब्ध कराना तथा उपलब्ध जल का प्रबंधन कर ''पर ड्राप मोर क्राप'' के लक्ष्य को प्राप्त करना है। उक्त योजना वर्ष 2015-16 से संचालित है। (ख) प्रश्नांश (क) योजनांतर्गत रतलाम, उज्जैन एवं मंदसौर जिलों की प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अंतर्गत जलाशय निर्माण, नहरों का पक्कीकरण एवं वाटरकोश निर्माण, फार्म पॉण्ड, चेक डेम, अरदन चेक डेम, स्टॉप डैम, नाला बंधान, परकोलेशन टैंक इत्यादि जल संरक्षण के कार्य जिले की डी.आई.पी. में प्रस्तावित है। रतलाम एवं मंदसौर जिले की जिला सिंचाई योजना (डी.आई.पी.) का दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। उज्जैन जिले की डी.आई.पी. का जिले के माननीय प्रभारी मंत्री से अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। जिला योजना समिति उज्जैन से अनुमोदन उपरांत राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की आगामी बैठक में अनुमोदन हेतु रखा जाना प्रस्तावित है। जिलावार, विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत वर्ष 2017 का प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिलों में लक्ष्य की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है।
नर्मदा नदी पर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 2125 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के ग्राम छीपानेर से सिहोर जिले के ग्राम बड़ी छीपानेर के मध्य नर्मदा नदी पर पुल निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? कार्य कब स्वीकृत व प्रांरभ हुआ था व देरी का क्या कारण है? (ख) उक्त पुल निर्माण का कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या है व कब तक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में अंकित पुल निर्माण पर कुल कितनी राशि व्यय होना है व सम्बन्धित कार्य एजेन्सी को अभी तक कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है। (घ) उक्त पुल निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचें जाने के संबंध कब-कब किस अधिकारी अथवा एजेन्सी द्वारा निरीक्षण किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 2127 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा हरदा क्षेत्रान्तर्गत नगर हरदा, खिरकिया एवं ग्राम भिरंगी में रेल्वे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य की प्रचलित योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) ब्रिज निर्माण में राज्य शासन एवं केन्द्र शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की जाना है व कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) क्या सम्बन्धित कार्य एजेन्सी को कार्यादेश जारी कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो कब तक कार्यादेश जारी कर दिये जावेंगे व निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या-क्या है? (घ) उक्त निर्माण कार्यों के प्रारंभ होने में देरी के लिये कौन जिम्मेदार है? सम्बन्धित जिम्मेदार पर क्या कोई कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा हरदा क्षेत्रान्तर्गत नगर हरदा में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-59 ए के कि.मी. 147/10 पर स्थित एल.सी. नंबर-2014 पर आर.ओ.बी. प्रस्तावित है। भारत सरकार सड़क परिवहन मंत्रालय एवं राजमार्ग नई दिल्ली द्वारा आर.ओ.बी. हरदा के फिजीबिलिटी स्टडी एण्ड डी.पी.आर. बनाने का कार्य जिन्दल कन्सोर्टियम नई दिल्ली को दिया गया। इनके द्वारा पुनरीक्षित जनरल एरेन्जमेंट ड्राईंग दिनांक 03.03.2017 को रेल्वे विभाग को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत की गई है। वर्तमान में खिरकिया एवं ग्राम भिरंगी में रेल्वे ओव्हर ब्रिज का निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में कोई जिम्मेदार नहीं अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( क्र. 2131 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा कृषि को उन्नत करने एवं किसानों के कल्याण हेतु अनेक योजनाएं बनाई जाकर उन पर कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो झाबुआ जिला अंतर्गत वर्तमान में किन-किन योजनाओं/परियोजनाओं का क्रियान्वयन शासन/विभाग एन.जी.ओ. एवं अन्य विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से किया जा रहा है? (ग) उपरोक्त योजनाओं हेतु वर्तमान में बजट स्वीकृत होकर क्या कार्य कराये गये? कितना आवंटन प्राप्त हुआ? कितने कार्य अपूर्ण रहे? (घ) उपरोक्त क्रियान्वित योजनाओं में आवंटन व्यय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 तक की स्थिति से अवगत करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
तालाबों का जीर्णोद्धार
[जल संसाधन]
17. ( क्र. 2309 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न क्र. 461 दि. 5 दिसम्बर, 2016 के उत्तर में 77 तालाब जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बतायें गये? (ख) क्या चंदेल कालीन तालाबों की स्थिति खराब है और उन पर अतिक्रमण कर लिया गया तथा पानी भी बह जाता है? (ग) बुन्देलखण्ड में पानी की समस्या के समाधान हेतु विभाग द्वारा छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना के तालाबों के जीर्णोद्धार हेतु क्या शासन ने कोई योजना बनाई है? (घ) यदि हाँ, तो क्या नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कुछ तालाबों के बंधान में मकान इत्यादि का अतिक्रमण लगभग 50 वर्ष पूर्व से होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में नवीन अतिक्रमण नहीं किया गया है तथा तालाब से कोई पानी व्यर्थ नहीं जाता है। (ग) एवं (घ) जिला छतरपुर के 03 विकासखण्ड क्रमशः छतरपुर, नौगांव एवं राजनगर के कुल 14 चंदेलकालीन तालाबों के पुनरूद्धार का प्रस्ताव राष्ट्रीय भू-जल प्रबंधन सुधार योजना (NGWMIS) के अंतर्गत भारत सरकार, जल संसाधन विभाग को दिनांक 26.09.2016 को प्रेषित किया गया है। तालाब पुनरूद्धार का अन्य कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं।
सड़क निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 2339 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र के रोडों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा सचिव लोक निर्माण म.प्र. शासन को दिनांक 9/12/16 को पत्र दिया था? (ख) क्या छतरपुर से बाई पास रोड विक्रमपुर तथा राजनगर से महोबा रोड़ की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो किस कंपनी द्वारा रोड तैयार कराया जावेगा? प्रशासकीय स्वीकृति सहित उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अनुदान योजनाओं अंतर्गत भण्डार गृह निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
19. ( क्र. 2577 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुदान योजनांतर्गत पॉली हाउस, नेट हाउस, प्याज भण्डार हाउस निर्माण के क्या प्रावधान है? (ख) रतलाम जिले व विशेषकर आलोट विधानसभा क्षेत्र में वर्ष २०१३ से दिसम्बर २०१६ तक कितने प्रकरण उपरोक्त प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृत हुए? कितने आवेदन आए? कितने प्रकरण लंबित हैं? किस कारण वर्षवार, क्षेत्रवार ब्यौरा दें। (ग) आलोट विधानसभा क्षेत्र में वर्ष २०१७ में पॉली हाउस, प्याज भण्डार गृह, नेट हाउस निर्माण का लक्ष्य क्या है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) प्रश्नाधीन योजनाओं के प्रावधान संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्यों का निर्धारण नहीं किया जाता, अपितु जिलेवार किया जाता है। विभाग के पोर्टल पर ऑनलाईन प्रस्तुत आवेदनों में से जिले हेतु निर्धारित न्यूनतम लक्ष्य उपयोग होने के बाद राज्य स्तर पर पूल से जिले द्वारा लक्ष्य लेकर पात्र कृषकों को प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर चयन किया जाता है। प्रश्नांश की योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2017-18 के ऑनलाईन लक्ष्य 1 अप्रैल 2017 के बाद उपलब्ध होंगे।
मार्गों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 2595 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किस-किस मार्ग के लिए मरम्मत हेतु राशि जारी की गई एवं उक्त राशि में किस-किस मद से क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराये गये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में लोक निर्माण विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी रोडों का रख-रखाव किया जा रहा है? उन रोडों की वर्तमान में क्या स्थिति है? सूची उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
विश्राम गृहों की मरम्मत
[जल संसाधन]
21. ( क्र. 2652 ) श्री रजनीश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग अंतर्गत जिला सिवनी में कितने विश्राम गृह (रेस्ट हाउस) हैं? कौन-कौन से विश्राम गृह कौन-कौन से अधिकारियों के प्रभार में हैं? नाम एवं पद नाम सहित विधान सभावार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन विश्राम गृहों के रख-रखाव/मरम्मत कार्य के लिये वर्ष 2010 से 2016 तक किन-किन विश्राम गृहों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? आवंटित राशि से क्या-क्या कार्य कराये गये हैं? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत रूमाल जलाशय एवं ढूंटी डेम जलाशय के विश्राम गृह, मरम्मत व रख-रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो गये हैं? क्या उक्त दोनों विश्राम गृह के मरम्मत कार्य के लिये विभाग द्वारा राशि स्वीकृत नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या शासन की मंशा इन कीमती धरोहरों को नष्ट करने की है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) 08 निरीक्षण गृह। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। ढूंटी निरीक्षण गृह का आवश्यक रख-रखाव/मरम्मत का कार्य वार्षिक अनुरक्षण मद में प्राप्त राशि से कराया जाना प्रतिवेदित है। जी नहीं।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( क्र. 2653 ) श्री रजनीश सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों को वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में रबी एवं खरीफ की फसलों का बीमा किया गया था? यदि हाँ, तो किस कंपनी द्वारा कितने किसानों का बीमा किया गया था? कंपनी का नाम बतायें एवं उक्त कंपनी द्वारा कितनी राशि का प्रीमियम सिवनी जिले के किसानों से वसूल किया गया था, तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) क्या प्रभावित किसानों को बीमा के एवज में क्षतिग्रस्त फसलों की क्षतिपूर्ति का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस मापदण्ड से भुगतान किया गया है? कितनी राशि का भुगतान किया गया है? तहसीलवार बतायें? (ग) क्या केवलारी विधानसभा अन्तर्गत तहसील विकासखण्ड छपारा के प.हं.न 40 के कृषकों से खरीफ (2015-16) फसल की बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया है यदि हाँ, तो क्यों? इसका जिम्मेदार कौन है? जिम्मेवार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सिवनी जिले के किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों का वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में रबी एवं खरीफ की फसलों का बीमा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) खरीफ 2015 मौसम में सिवनी जिले के लिये कुल क्षतिपूर्ति राशि रू. 900810227 का भुगतान कुल 54047 पात्र कृषकों को किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत क्षतिपूर्ति प्रक्रिया जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रबी 2015-16 एवं खरीफ 2016 मौसम हेतु क्षतिपूर्ति प्रक्रियाधीन है। (ग) खरीफ 2015 मौसम में तहसील छपारा में सोयाबीन फसल हेतु 41 पात्र कृषकों को कुल दावा राशि रू.1534929 का भुगतान नोडल बैंकों के माध्यम से किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गृह निर्माण संस्थाओं की अनियमितताओं के बारे में
[सहकारिता]
23. ( क्र. 3058 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न दिनांक 5 दिसम्बर 2016 को अतारांकित प्रश्न संख्या 1, (क्रमांक 33) के उत्तर में 2179 गृह निर्माण संस्थाओं में से 1100 में अनियमितताओं की जाँच की प्रगति बताते हुए अभी तक का विवरण दें। खासतौर से रोहित गृह निर्माण संस्था में 2004-05 से आज तक ऑडिट नहीं होने तथा 1500 वैध सदस्यों के बाद बने अवैध सदस्यों की सदस्यता व अभी तक हुई सभी कार्यवाही निरस्त करने की शिकायतों पर शासन ने क्या कार्यवाही की? (ख) रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल के बारे में श्री जे.के. जैन 272 मारवाडी रोड भोपाल तथा अन्य किस-किस ने मुख्य सचिव 03.10.2013 व वर्तमान मुख्य सचिव तथा सहकारिता विभाग के अधिकारियों को क्या शिकायतें कब-कब पिछले 5 वर्षों में किस-किस व्यक्ति ने की? नाम पते सहित कार्यवाही विवरण दें। (ग) वर्ष 2003 में सहकारी सोसायटी अधिनियम में संशोधन कर अध्याय 8 (क) सहकारी गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के लिये विशेष उपबंध काँग्रेस के समय जोड़ा गया तथा इसके प्रावधान दिनांक 30 जनवरी 2003 को लागू हुए उसका विवरण देते हुए बताएं कि इन प्रावधानों की अनदेखी क्यों की गई? (घ) कब तक उपरोक्त शिकायतों की जाँच जैसा कि मंत्री जी ने एस.टी.एफ. से कराने की की थी, कराई जाएगी? (ड.) रोहित गृह निर्माण के सदस्यों व पदाधिकारियों के नाम तथा पता देवें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) सत्र दिसम्बर 2016 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 33 में 92 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के द्वारा हितग्राहियों के साथ प्लाट आवंटन में भ्रष्टाचार व अनिमितताओं के कारण मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के अध्याय 8 (क) के तहत 123 प्रकरण दर्ज किये गये थे, 94 प्रकरणों का निराकरण किया गया, 29 प्रकरण निराकरण हेतु प्रक्रियाधीन है। रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल के अभिलेख संस्था प्रशासक को प्राप्त न होने के कारण शेष प्रश्नांश पर कार्यवाही संभव नहीं है। (ख) श्री जे.के. जैन तथा अन्य व्यक्तियों के द्वारा पिछले 05 वर्षों में की गई शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम में संशोधन कर जोडे गये अध्याय 8 (क) के प्रावधानों का पालन करते हुये उत्तरांश ''क'' अनुसार दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) गंभीर अनियमितता करने वाली गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में वर्णित प्रावधानों के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के अपराधों एवं उनके लिये निर्धारित शास्तियों हेतु विभागीय अधिकारियों को अधिकार प्रत्यायोजित किये गये है। (ड.) रोहित गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल में संचालक मण्डल के स्थान पर प्रशासक नियुक्त है, प्रशासक को संस्था के अभिलेख प्राप्त न होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
बांध के ओवरफ्लो के कारण नुकसान का मुआवजा
[जल संसाधन]
24. ( क्र. 3420 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत टिकारी बांध के ओवरफ्लो पानी के तेज बहाव के कारण ग्राम खमकुआ में किसानों को फसलों एवं खेती का नुकसान हो गया था? जिसका स्थल निरीक्षण नायब तहसीलदार सुरखी द्वारा किया जाकर कलेक्टर सागर को 07 अगस्त 2016 को प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या नायब तहसीलदार सुरखी द्वारा अपने प्रतिवेदन में बांध के ओवरफ्लो के कारण मौके पर उपस्थित कृषकों को मौसम के खुलते ही सर्वे कराकर फसलों एवं खेती के नुकसान का मुआवजा दिलाये जाने का ओवरफ्लो का पानी नहर बनाकर नाले में पानी डाले जाने का एवं पुल बनवाये जाने का आश्वासन देकर प्रतिवेदन में लेख किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि क्या किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा दिया जा चुका है और क्या टिकारी बांध के ओवरफ्लो पानी को नाले में डाले जाने एवं पुल बनवाये जाने की दिशा में भी कोई कार्यवाही की गयी है? (घ) यदि हाँ, तो क्या और कब और यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? क्या किसानों को विगत वर्ष की भांति इस वर्ष की नुकसान उठाना पड़ेगा? यदि नहीं, तो पीड़ित किसानों को कब तक न्याय मिल जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर जिला सागर द्वारा उपलब्ध कराये गये उत्तर अनुसार नायब तहसीलदार सुरखी द्वारा बाँध के ओवरफ्लो के कारण मौके पर उपस्थित कृषकों को मौसम के खुलते ही सर्वे कराकर फसलों एवं खेती के नुकसान का मुआवजा दिलाये जाने का आश्वासन दिया गया था। ओवरफ्लो का पानी नहर बनाकर नाले में डाले जाने एवं पुल बनवाये जाने का आश्वासन नहीं दिया गया था, किन्तु यह माँग कृषकों द्वारा की गई थी, जिसका प्रतिवेदन में उल्लेख था। (ग) एवं (घ) कलेक्टर जिला सागर द्वारा उपलब्ध कराये गये उत्तर अनुसार ग्राम खमकुआँ के 65 कृषकों को रू. 2,62,790/- की राशि स्वीकृत कर ई-पेमेंट के माध्यम से कृषकों के खाते में भुगतान करने की कार्यवाही की जाना प्रतिवेदित है। टिकारी बाँध के ओवरफ्लो को मूल नाले में प्रत्यावर्तित करने के लिये एवं पूर्व में ओवरफ्लो को जिस नाले में डाला गया है उस पर पुल बनाने हेतु सर्वेक्षण कार्य का प्राक्कलन तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। किसानों को अगली वर्षा में फसल नुकसान न हो इसके लिये आवश्यक व्यवस्था करने का प्रयास किया जायेगा।
ग्राम घुघरी का कटाव रोकना
[जल संसाधन]
25. ( क्र. 3537 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील ढीमरखेड़ा के ग्राम घुघरी की किसी नदी से हुए कटाव से कितने मार्ग, मकान, धार्मिक स्थल और कितने मीटर तट किस रूप में प्रभावित हुए हैं? (ख) क्या वर्ष 2014 से 2017 की किन तिथियों में प्रश्नकर्त्ता और किन अधिकारियों ने प्रश्नांश (क) स्थल का कितनी बार निरीक्षण कर कोई निदान प्रस्तावित किया है? (ग) क्या दिनांक 11-9-2016 को किसी ग्राम के कार्यक्रम में मा. मुख्यमंत्री द्वारा प्रश्नांश (क), (ख) के संबंध में की गई घोषणा और दिनांक 27-12-2016 को ढीमरखेड़ा विकासखण्ड की समीक्षा बैठक में आश्वासन अनुसार विभागीय कार्यपालन यंत्री ने प्रश्नकर्त्ता से कोई चर्चा कर किसी लागत की कोई ऐसी योजना प्रस्तावित की है, कि जो कटाव को पाटकर ग्राम तल से समतल बनायी जा सके? (घ) क्या किन्हीं खसरों की किसी रकबे की भूमि से जल प्रवाह प्रत्यावर्तन पर संबंधित किन्हीं कृषकों से कोई सहमति पत्र प्राप्त किया गया है और उनकी क्षति की पूर्ति हेतु विवादहीन किस प्रकार की योजना बनायी है और क्या किसी उच्चाधिकारियों द्वारा कभी परीक्षण कर अनुमोदित किया है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) योजना को कब तक स्वीकृत कर क्रियान्वित कर दिया जावेगा?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) नायब
तहसीलदार, उमरियापान
जिला-कटनी से
प्राप्त
प्रतिवेदन की
प्रति संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) दिनांक
02.04.2015
को प्रभारी
उपयंत्री श्री
आर.के.परौहा
एवं दिनांक 28.04.2015
को श्री
पी.के.शर्मा
अधीक्षण
यंत्री, जल संसाधन
मण्डल जबलपुर, श्री
आर.के.सबनानी
कार्यपालन
यंत्री, श्री
पी.के.जैन
अनुविभागीय
अधिकारी, श्री
आर.के.परौहा
उपयंत्री एवं
श्री
ए.के.पाण्डेय
उपयंत्री
द्वारा
संयुक्त स्थल
निरीक्षण
किया गया। माननीय
विधायक महोदय
द्वारा
दिनांक 30.08.2016 को स्थल
निरीक्षण
किया गया
जिसमें
प्रभारी उपयंत्री
उपस्थित थे। तकनीकी
प्रस्ताव
परीक्षणाधीन
है। (ग) जी
हाँ। (घ) एवं (ड.)
जी हाँ। 06 कृषकों से
सहमति पत्र प्राप्त
किया जाना
प्रतिवेदित
है। प्रस्ताव
परीक्षणाधीन
होने के कारण
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
परिशिष्ट
- ''आठ''
रीवा जिले में निर्मित नहरों की जाँच बावत्
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 3553 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 11/03/2016 के प्रश्न क्रमांक 2391 में चाही गयी जानकारी में जिन कार्यों के सम्बन्ध में कार्य प्रगति में है कि जानकारी दी गई है, उन कार्यों की जानकारी संविदाकारवार, कार्यवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने कार्य करारनामे की शर्तों के अनुसार नहीं किये गये है, उनकी सूची कार्यवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कौन अधिकारी अथवा संविदाकार दोषी हैं, दोषी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निरंक। (ग) उत्तरांश-'ख' अनुसार कोई अधिकारी/संविदाकार दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
नव गठित जिलों में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की स्थापना करना
[सहकारिता]
27. ( क्र. 3595 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुख्यालय स्तर पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की स्थापना के लिये जिले में कितने पंजीकृत किसानों की संख्या का होना आवश्यक है? उक्त आशय के यदि कोई नियम शासन द्वारा जारी किये गये हैं तो प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) दिनांक 01.04.1999 से प्रदेश में नवगठित जिलों में से किन-किन जिलों के द्वारा अविभाजित जिलों से पृथक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की स्थापना करने बाबत प्रस्ताव शासन को कब-कब प्राप्त हुए हैं तथा प्राप्त प्रस्तावों पर शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) नव गठित जिलों में अब तक जिला मुख्यालय स्तर पर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक की स्थापना नहीं होने के कारण क्या प्रशासनिक एवं दूरस्थ क्षेत्र के किसानों को बैंक संबंधी कार्यों के निराकरण के लिये अनावश्यक रुप से असुविधाओं का सामना करना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या शासन किसानों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए कब तक नवगठित जिलों के जिला मुख्यालय पर पृथक से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की स्थापना करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के गठन हेतु पंजीकृत किसानों की संख्या की आवश्यकता के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मुरैना से नवगठित श्योपुर जिले में बैंक गठन, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन से नवगठित बड़वानी जिले में बैंक गठन तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद से नवगठित हरदा जिले में बैंक गठन का प्रस्ताव आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक को प्राप्त हुआ था। प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत तीनों प्रस्ताव भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित मापदंड की पूर्ति नहीं करने से अमान्य किये गये। (ग) जी नहीं, नवगठित जिलों में वर्तमान जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखाएं होने तथा नोडल अधिकारी नियुक्त करने से कृषकों को सुविधाएं नवगठित जिले में उपलब्ध कराई जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय निर्मित भवनों का विभागवार संचालन
[जल संसाधन]
28. ( क्र. 3651 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी नगर परिषद् के वार्ड क्र ०९ में बहुउद्देशीय बाण सागर परियोजना के विस्थापितों को प्लाट आवंटित कर न्यू बरौंधा नामक बस्ती बसायी गयी है और उक्त बस्ती में चिकित्सालय, विद्यालय, छात्रावास सहित अन्य शासकीय भवन निर्मित हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त बस्ती में उपरोक्त भवन किस विभाग द्वारा संचालित कराये जा रहे हैं? प्रत्येक भवन कितनी राशि व्यय कर कब निर्मित कराये गए थे और उक्त भवन प्रश्न दिनांक तक संबंधित सुविधा हेतु संचालित कराये जा रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक संचालित कराये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्मित भवनों को जल संसाधन विभाग द्वारा दिनांक 01.09.2011 को नगर परिषद् ब्यौहारी को हस्तान्तरित कर दिया गया है। संबंधित भवनों में आवश्यक सुविधाओं का संचालन करने का दायित्व जिला प्रशासन/नगर परिषद् ब्यौहारी के अंतर्गत होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना के चेयरमेन की नियुक्ति
[सहकारिता]
29. ( क्र. 3711 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी बैंक मर्यादित गुना में निर्वाचित चेयरमेन का पद कब से रिक्त है? रिक्त चेयरमेन पद की पूर्ति हेतु निर्वाचन कब तक कराया जावेगा? पूर्व चेयरमेन के निधन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक निर्वाचन क्यों नहीं कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार चेयरमेन का पद रिक्त होने के कारण शासन द्वारा संबंधित जिले के कलेक्टर को अस्थायी रूप से कब तक के लिये बैंक का चेयरमेन बनाया गया है? क्या यह सहकारी समितियों के निर्वाचन संबंधी प्रावधानों के अनुसार तर्क संगत है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना के पूर्व चेयरमेन की मृत्यु दिनांक के पश्चात निर्वाचित समिति सदस्यों के बीच से अध्यक्ष का निर्वाचन न कराये जाने के लिये दोषी कौन है? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार चेयरमेन का निर्वाचन कब तक कराएगा एवं निर्वाचन न करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद बीज वितरण
[सहकारिता]
30. ( क्र. 3850 ) श्री सुदेश राय : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यदि किसी किसान की भूमि तथा उसका निवास स्थान अलग-अलग जिले में है तो खाद बीज कहाँ से उपलब्ध कराया जाता हैं? (ख) किसानों को वितरण किये जाने हेतु सोसायटी को खाद बीज का आवंटन किस आधार पर होता है तथा इसकी परिधि क्या होती है और वही किसान जब सोसायटी की परिधि में आता है किन्तु वह किसी अन्य जिले में निवास करता है तो उसको खाद बीज से वंचित क्यों किया जाता है, जबकि उसकी कृषि भूमि उसी सोसायटी की परिधि में आती है? (ग) विगत एक वर्ष में विकासखण्ड सीहोर में ऐसे कितने कृषक हैं जिनकी खेती विकासखण्ड सीहोर में है किन्तु उनका निवास स्थान अन्य जिले में है तथा वह खाद बीज से वंचित रह गये हैं? ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी बतावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की उपविधि क्रमांक 5 (2) (i) के अनुसार किसान जिस सहकारी संस्था के कार्यक्षेत्र में निवास करता है उसी संस्था का सदस्य बनाया जा सकता है एवं उसी संस्था से के.सी.सी. स्वीकृत होकर खाद, बीज का ऋण प्राप्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं अन्य प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को परमिट जारी कर सदस्य कृषक को खाद, बीज उपलब्ध करा सकती है। (ख) सदस्य किसानों को खाद, बीज ऋणमान के आधार पर उनकी कृषि भूमि को देखते हुये उपलब्ध कराया जाता है तथा संस्था को मांग अनुसार खाद, बीज उपलब्ध कराया जाता है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं अपने सदस्यों को खाद, बीज उपलब्ध कराती है। शेष उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) सीहोर विकासखंड में अधीक्षक भू-अभिलेख कार्यालय के अभिलेख अनुसार कुल 44,639 कृषक है, जिनमें से प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कायक्षेत्र के स्थायी निवासी कृषक 41,223 को सदस्य बनाया गया है, जिन्हें नियमानुसार खाद, बीज उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे कृषक जिनकी भूमि विकासखंड सीहोर में है, निवास अन्य जिले में करते हैं तथा खाद, बीज से वंचित रह गये हैं, की जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
मकरोनिया वाया सिविल लाईन मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 3932 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सागर जिले के मकरोनिया वाया सिविल लाईन जीरो माईल्स तक के मार्ग के मजबूतीकरण एवं सौन्दर्यीकरण की घोषणा की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) प्रस्तावित मार्ग के मजबूतीकरण की लम्बाई एवं लागत कितनी है? सौन्दर्यीकरण की लागत कितनी है तथा कौन-कौन से घटक शामिल किये गये हैं? (ग) प्रश्नाधीन कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं।
संजय ड्राइव मार्ग का उपयोग
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 3933 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संजय ड्राइव मार्ग का उपयोग जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय, मुख्य बस स्टैण्ड, बीड़ी कामगार अस्पताल, संभाग एवं जिले के प्रमुख कार्यालयों के साथ-साथ यात्री बसों एवं अन्य वाहनों के आवागमन में किया जा रहा है, जिससे इस मार्ग पर अत्यधिक वाहनों का दबाव बना हुआ है? (ख) क्या शासन संजय ड्राइव के बहुउपयोगी मार्ग पर यात्री बसों, अन्य वाहनों तथा पैदल राहगीरों के आवागमन को सुरक्षित बनाये जाने को लेकर टू-लेन मार्ग के रूप में उन्नयन कराये जाने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। मार्ग के टू लेन चौड़ीकरण हेतु पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं है।
क्षतिग्रस्त सड़कों का सुधार
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 4051 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 112 अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में वर्तमान में कौन-कौन सी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं? (ख) क्षतिग्रस्त सड़कों की कितनी-कितनी राशि का प्राक्कलन तैयार किया गया है? (ग) क्षतिग्रस्त सड़कों का कब तक सुधार किया जावेगा ताकि आम जनता को आवागमन में सुविधा हो सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत मार्गों का निर्माण निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कराया जाना प्रस्तावित है।
पी.आई.यू. द्वारा निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 4052 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी-खैरलांजी के नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शासन द्वारा परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पी.आई.यू.) विभाग में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कोई निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त वर्षों में लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) द्वारा निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के करवाये गये हैं वर्षवार निर्माण कार्य के नाम, स्थान का नाम, लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) उक्त निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गये हैं? (घ) यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य अधूरे पड़े हैं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे? उक्त कार्य अधूरे रहने का क्या कारण है? अधूरे कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बलराम तालाब निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
35. ( क्र. 4070 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में 2016-17 में कितने बलराम तालाबों की स्वीकृति हुई? कितने राशि जारी की गई? कितने बलराम तालाब बन चुके हैं? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) क्या बलराम तालाबों के निर्माण किये बिना ही राशि निकाल ली गई तथा बलराम तालाब आज दिनांक तक नहीं बन पाया? यदि हाँ, तो कितने बलराम तालाब हैं जो आज दिनांक तक नहीं बन पाए, हितग्राही के नाम व पंचायत के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) सत्र 2016-17 में सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में कितने बलराम तालाबों की स्वीकृति हुई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में नवीन बलराम तालाबों की स्वीकृति जारी नहीं की गई है, अपितु सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के लिये राशि रू. 24,04,400 जारी की जाकर पूर्व वर्षों के 56 अपूर्ण बलराम तालाबों को पूर्ण किया गया है। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं है। (ग) वर्ष 2016-17 में नवीन बलराम तालाबों की स्वीकृति जारी नहीं की गई है।
दलौदा मंडी को स्वतंत्र दर्जा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
36. ( क्र. 4694 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम, नीमच जिले में कितनी उप मंडियों को स्वतंत्र दर्जा प्राप्त मंडी कब-कब घोषित कर दिया गया है? (ख) क्या मंदसौर दलौदा उपमंडी पूर्ण रूप से स्वतंत्र दर्जा प्राप्त कर चुकी है? यदि हाँ, तो कब से? (ग) क्या दलौदा मंडी को मंदसौर मंडी से आस्तियाँ एवं दायित्व बंटवारे में धन राशी अपेक्षित थी? यदि हाँ, तो कितनी? शासन ने कौन से वर्ष, दिनांक को राशि स्वीकृति का आदेश जारी किया? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या राशि दलौदा मंडी को प्राप्त हो गई है? यदि नहीं, तो विलम्ब का कारण बतायें? विलम्ब के लिए कौन अधिकारी दोषी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मन्दसौर, जिले की कृषि उपज मंडी समिति मन्दसौर की उपमंडी दलौदा, शामगढ़ की उपमंडी गरोठ एवं सुवासरा की उपमंडी सीतामऊ को राज्य शासन की अधिसूचना से स्वतंत्र मंडी घोषित किया गया है। जिला रतलाम एवं नीमच के अंर्तगत किसी भी उपमण्डी को स्वतंत्र मंडी घोषित नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। कृषि उपजमंडी समिति मन्दसौर जिला-मंदसौर की उपमंडी दलौदा को राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 27.08.2012 से स्वतंत्र मंडी का दर्जा दिया जा चुका है। (ग) जी हाँ। दलौदा मंडी को मन्दसौर मंडी से बंटवारे में धनराशि रूपये 6,01,88,592/- अपेक्षित थी। म.प्र. शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा वर्ष 2016 दिनांक 20 अक्टूबर को स्वीकृति आदेश जारी किये गये, आदेश की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ।
भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित हितग्राही सम्मेलन
[जनसंपर्क]
37. ( क्र. 4701 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 04-12-16 को भोपाल के जम्बूरी मैदान में हितग्राही सम्मेलन/मेला/प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त आयोजन में किस-किस योजना के हितग्राहियों को आमंत्रित किया गया था एवं इस आयोजन का उद्देश्य क्या था? हितग्राहियों को इस आयोजन से क्या लाभ प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भोपाल में हुए आयोजन में किन-किन जिलों से किन-किन योजनाओं के कितने-कितने हितग्राही सम्मिलित हुए?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं छतरपुर के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
38. ( क्र. 4842 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 55 (2) , 56 (3) , 53, 64 एवं 64 (2.5) के अतंर्गत कितने प्रकरण लंबित व दर्ज किये गये? आवेदक दिनांक व प्रकरणवार सूची दें? (ख) क्या मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के अतंर्गत न्यायालय उप पंजीयक को प्रकरणों में एक पक्षीय स्थगन एवं निर्णय के अधिकार प्राप्त हैं यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों में एक पक्षीय बगैर अनावेदक के जबाव प्राप्त कर निर्णय पारित किये गये हैं? सूची दें। (ग) उक्त अधिकारिता विहीन आदेश पारित करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) दर्ज व लबित प्रकरणों की धारावार संख्या निम्नानुसार है -
धारा |
दर्ज प्रकरण |
लंबित प्रकरण |
धारा 55 (2) |
30 |
06 |
धारा 64 |
06 |
02 |
धारा 64 (2) (पाँच) |
13 |
03 |
धारा 53 |
160 |
05 |
धारा 56 (3) |
339 |
125 |
प्रकरणवार विवरण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की आवश्यकता नहीं।
छतरपुर जिल के उपपंजीयक के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
39. ( क्र. 4843 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत उपार्जन करने वालों समितियों के विरूद्ध क्या कोई शिकायत मध्यप्रदेश शासन सचिव सहकारिता को की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत को जाँच प्रतिवेदन का विवरण देवें? (ख) जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा उपार्जन करने वाले दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु क्या उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? (ग) क्या उपार्जन केन्द्रों के समय जिले के उपपंजीयक एवं प्रशासक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित छतरपुर एक ही अधिकारी थे और उनके द्वारा कमीशन खोरी कराकर संस्थाओं में अवैधानिक खर्चें डलवाकर कमीशन की राशि को हड़पा गया? उक्त दोषी कर्मचारियों के साथ-साथ जिले के उप पंजीयक एवं तत्कालीन प्रशासक के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, दिनांक 07.09.2015 को प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा शिकायत की गई थी, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) जी हाँ, जी नहीं, प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित शिकायत में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है। उप पंजीयक छतरपुर द्वारा संस्थाओं के दोषी कर्मचारियों को राशि जमा करने हेतु पत्र जारी किये गये तथा संस्था के संचालक मण्डल को कर्मचारियों के विरूद्ध सेवा नियमों के अंतर्गत कार्यवाही हेतु लेख किया गया, मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 58 'बी' के अंतर्गत प्रकरण तैयार करने हेतु अंकेक्षकों को निर्देशित किया गया है, बैंक के तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक एवं शाखा प्रबंधक घुवारा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या. छतरपुर को लिखा गया। उप पंजीयक एवं तत्कालीन प्रशासक के संबंध में प्रश्नांकित शिकायत एवं जाँच प्रतिवेदन में ऐसा कोई उल्लेख नहीं होने से उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय बंगलों की साज-सज्जा के नाम पर शासन की राशि का दुरूपयोग
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 5021 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री सहित मंत्रीगण के शासकीय बंगलों की साज-सज्जा के नाम पर शासन की राशि का दुरूपयोग किया गया है? (ख) यदि नहीं, तो वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस उत्सव-त्यौहारों व अन्य आयोजन के शुभावसर पर शासन की कितनी-कितनी राशि व्यय कर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री सहित मंत्रीगण के शासकीय बंगलों की रंगाई, पुताई, लाईट/डेकोरेशन व अन्य साज-सज्जा के नाम पर किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई मुख्यमंत्री, मंत्रीगण के नाम सहित वर्षवार बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कीटनाशक में अनियमितता हेतु गठित जाँच टीम की रिपोर्ट
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
41. ( क्र. 5063 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को अनुदान पर कीटनाशक, दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं? यदि हाँ, तो सीधी एवं सिंगरौली जिले हेतु प्रश्न दिनांक तक क्रय एवं प्रदाय कीटनाशक का विवरण दें। (ख) गंभीर अनियमितता के कारण एम.पी. स्टेट एग्रो के आर्डर को समाप्त कर डी.एम.ओ. को भंडार की जिम्मेदारी सौंपी जाने का कारण व शासकीय नियम बतायें। (ग) क्या दिसम्बर 2016 में संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास रीवा द्वारा जाँच टीम का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो जाँच के परिणाम व की गई कार्यवाही का विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। सीधी एवं सिंगरौली में वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक प्रदाय कीटनाशक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एक एवं दो अनुसार है। (ख) सीधी एवं सिंगरौली जिलों में किसानों को अनुदान पर कीटनाशक दवाइयों के वितरण के कार्य में अनियमितता की जाँच के आदेश संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा जारी किए गए हैं। (ग) जी हाँ, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पेंच व्यपवर्तन योजना का पानी कुरई विकासखंड क्षेत्र में पहुंचाना
[जल संसाधन]
42. ( क्र. 5082 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में महत्वांकाक्षी पेंच व्यपवर्तन योजना से पानी नहरों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है, क्या सिवनी जिले के आदिवासी क्षेत्र कुरई विकासखंड के किसानों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा? इसके लिए क्या भविष्य में कोई कार्ययोजना है? (ख) सिवनी जिले में बैनगंगा नदी का उद्गम स्थल ग्राम मुंडारा है जहां से होकर हिर्री नदी भी प्रवाहित होती है, क्या इस नदी के माध्यम से पेंच व्यपवर्तन योजना के तहत पानी डाला जाकर सुकला डेम तक पहुंचाया जा सकता है? इस कार्य के लिए विभाग के पास कोई कार्ययोजना है? यदि है तो आगे क्या प्रयास होने जा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) जी हाँ। पेंच परियोजना का पानी सुकता बाँध तक पहुँचाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
आत्मा योजना के तहत कराये गए कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
43. ( क्र. 5083 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कृषि विभाग अंतर्गत आत्मा योजना के तहत वर्ष 2014 से वर्तमान तक कृषक प्रशिक्षण, कृषक भ्रमण, कृषि विज्ञान मेला, किसान संगोष्ठि, प्रदर्शन, फार्म स्कूल कलाजत्था के माध्यम से किसानों तक कृषि की नवीनतम तकनीक पहुंचाने हेतु कौन-कौन से कार्य विभागीय तौर पर किये गये है? इन कार्यों हेतु वर्षवार कितना बजट प्राप्त हुआ था? (ख) वर्ष 2014 से वर्तमान तक कृषक प्रशिक्षक, कृषक भ्रमण, कृषि विज्ञान मेला, किसान संगोष्ठि, प्रदर्शन, कार्यक्रम के नाम पर विभाग द्वारा सिवनी जिले में किए गए आयोजन में व्यय की गई राशि की वर्षवार जानकारी प्रदान करें। वर्ष 2014 से वर्तमान तक कितने किसान हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत वर्ष 2014 से वर्तमान तक एक्सटेंशन गतिविधियां आयोजित करने हेतु सिवनी जिले में कितनी वित्तीय सहायता प्रशिक्षण हेतु प्राप्त हुई है? इस राशि से सिवनी जिले में भ्रमण क्षमता विकास प्रशिक्षण नवाचार, कार्यशाला आदि गतिविधियों का संचालन किया गया है, यदि हाँ, तो इन गतिविधियों में शामिल होने वाले किसानों की संख्या व गतिविधि संचालन में व्यय की गई राशि की जानकारी कार्यक्रमवार पृथक-पृथक देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
अलीराजपुर जिले अंतर्गत साकडी से वखतगढ़ रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 5114 ) श्री नागर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री द्वारा आलीराजपुर जिले के सोण्डवा प्रवास के समय साकडी से वखतगढ़ सड़क निर्माण की घोषणा की गई थी? यदी हाँ तो उक्त घोषणा की तिथि बतायें। (ख) उक्त घोषणा के पालन में कब कब क्या कार्यवाही की गई, तिथिवार बतायें। (ग) उक्त घोषणा अनुसार कार्यवाही की गई तो साकडी से वखतगढ़ सड़क निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जावेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)
जी हाँ। दिनांक
13.08.2015
को। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
वर्तमान में
कार्य
प्रारंभ करने
की समय अवधि बताना
संभव नहीं है।
परिशिष्ट
- ''सोलह''
भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 5215 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के कृषि विभाग के भ्रष्टाचारों के संबंध में सुनील पटेरिया की दिनांक 12/01/2008 को की गई शिकायत पर कार्यालय मुख्यमंत्री निवास म.प्र. के नोटशीट क्रमांक/11421/अ.स.मु./2008 दिनांक 01/02/2008 से चर्चा उपरांत कार्यवाही करने के निर्देश विभाग को दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की प्रति सहित बतावें और यदि नहीं, तो क्यों? जाँच लंबित रहने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या संचालक कृषि भोपाल के पत्र क्रमांक 356 दिनांक 07/10/2008 के संदर्भ में संयुक्त संचालक कृषि होशंगाबाद का पत्र क्रमांक 2266 दिनांक 12/02/2015 में दिनांक 18/08/2011 को गठित जाँच दल से एक माह में जाँच प्रतिवेदन चाहा था? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें यदि नहीं, तो जाँच प्रतिवेदन लंबित रहने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या शासन दोषी अधिकारियों पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत कराएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विदिशा कार्यकाल में उप संचालक कृषि द्वारा विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2286 दिनांक 20/07/2011 के संबंध में पत्र क्रमांक 5522-23 दिनांक 07/07/2011 से संचालनालय भोपाल को जानकारी देने के बाद एम.पी.एग्रो विदिशा के विरूद्ध कीटनाशक का अवैध व्यापार पर दण्डात्मक कार्यवाही करने के स्थान पर दिनांक 14/07/2011 को नया कीटनाशक का लायसेन्स जारी किया गया? यदि हाँ, तो इस अनियमितता के विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक संबंधित उप संचालकों एवं एम.पी.एग्रो. मैनेजर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) श्री सुनील पटेरिया द्वारा की गई कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई, अपितु श्री सुनील पटेरिया की दिनांक 12.1.2008 को की गई शिकायत प्राप्त हुई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संबंध में संचालक कृषि भोपाल के पत्र क्रमांक 356 दिनांक 7.10.2008 के संदर्भ में नहीं अपितु संचालनालय के पत्र क्रमांक अ-5/सी-3/7-01/1356 दिनांक 7.10.2008 द्वारा संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास भोपाल संभाग भोपाल को जाँच सौंपी गई थी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पथरिया किन्द्रहो-जेरठ मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 5322 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा पथरिया में पथरिया-किन्द्रहो-जेरठ मार्ग का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो निर्माण एजेन्सी व लागत क्या थी? (ख) मार्ग पर Crust design में CRMB की Thick एस्टिमेट में कितनी करना तय थी। क्या CRBM की THICK एस्टिमेट के अनुसार ली गई है? क्या सही है कि CRBM की THICK कार्यस्थल पर कम पाई गई व कई कि.मी. में CRMB की लेयर ही नहीं है। यदि हाँ, तो किन कारणों से कम पाई गई या Thickness की कमी की गयी। (ग) क्या पथरिया किन्द्रहो-जेरठ मार्ग के कई रनिग बिलों में विभाग के सब- इंजीनियर, एस.डी.ओ. के बिना हस्ताक्षर के भुगतान किये गये क्या इस प्रकार भुगतान करने का कोई नियम है तो बतावें। (घ) क्या पथरिया-किन्द्रहो-जेरठ मार्ग का कार्य अपूर्ण होने की स्थिति पर भी फाईनल दिखाया गया व एस.ई. द्वारा पेनाल्टी डिसाईड कर भुगतान कर दिया गया तो क्या ऐसे भुगतान करने का कोई नियम है? (ड.) क्या एस्टिमेट में निर्धारित कास्ट के हिसाव से कार्य स्थल के प्रत्येक किमी की Thickness की जाँच कराई जावेगी एवं प्रश्नांश (क) (ख) (ग) (घ) के परिप्रेक्ष्य में की गई अनियमितताओं के आधार पर क्या जवाबदार अधिकारियों व निर्माण एजेन्सी पर कोई कार्यवाही की जावेगी तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। मेसर्स अर्जित कंस्ट्रक्शन जबलपुर निर्माण एजेन्सी एवं राशि रू. 2193.86 लाख लागत थी। (ख) मार्ग के एस्टीमेट में क्रस्ट 230 एमएम (5.5 मीटर चौड़ाई में) एवं शोल्डर में 100 एमएम थी। जी हाँ। जी नहीं केवल 4400 मीटर लं. शोल्डर में नहीं पाई गई। ठेकेदार द्वारा कार्य मानक अनुसार न करने के कारण। (ग) जी हाँ, तृतीय, चतुर्थ एवं पाँचवे चल देयकों में बिना उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी के हस्ताक्षर के भुगतान हुये है, जी नहीं। (घ) जी नहीं, कार्य पूर्ण होन के उपरांत। जी हाँ। (ड.) जाँच उपरांत निर्माण एजेन्सी पर कार्यवाही की गई एवं राशि रू. 1704561/- का भुगतान ठेकेदार को नहीं किया गया है। विस्तृत जाँच के निर्देश जारी किये गए है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्रियान्वयन संबंधी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
47. ( क्र. 5379 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद कितने कृषकों का फसल बीमा किया है? कितनी प्रीमियम राशि किसानों द्वारा जमा की गई है? जिलेवार रबी एवं खरीफ के संदर्भ में पृथक-पृथक बतावें। (ख) कृषक अंश, राज्य अंश, केन्द्र अंश, के रूप कितनी प्रीमियम राशि किस-किस कंपनी को दी गई? रबी एवं खरीफ के संदर्भ में पृथक-पृथक देवें। इस योजना के प्रारंभ होने के पूर्व के 2 वर्षों की जानकारी प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार देवें। (ग) खरीफ मौसम में प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति के फलस्वरूप कितनी बीमा राशि कितने कृषकों को दी गई? जिलेवार बतावें। 1 से 500 रू.500 से 1000 रू. की बीमा राशि कितने कृषकों को दी गई? जिलावार बतावें। (घ) रबी फसल की जानकारी भी प्रश्नांश (ग) अनुसार देवें। क्या कारण है प्रीमियम की तुलना में बीमा राशि कम दी गई या निर्धारित नियमानुसार नहीं दी गई? इस पर निगरानी के लिए नियुक्त दोषी अधिकारियों एवं बीमा कंपनियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत कृषक अंश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अनुसार एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कम्पनी ऑफ इंण्डिया लिमिटेड भोपाल को दी गई। राज्यांश एवं केन्द्रांश का भुगतान प्रक्रियाधीन है। इस योजना के प्रारम्भ होने के पूर्व राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू थी जिसकी क्रियान्वयन एजेन्सी एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कम्पनी ऑफ इंण्डिया लिमिटेड भोपाल थी। योजनांतर्गत कृषकों से प्राप्त प्रीमियम शामिल कर दावो का भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा किया जाता है शेष दावो का भुगतान राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा बराबर अनुपात में वहन किया जाता है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) खरीफ 2016 मौसम हेतु दावों की गणना प्रक्रियाधीन है। (घ) रबी 2016-17 मौसम हेतु दावों की गणना प्रक्रियाधीन है।
बैंक शाखाओं में नगदी के परिवहन के लिए वाहन का क्रय
[सहकारिता]
48. ( क्र. 5433 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा के संचालक मंडल ने जनवरी 2015 की बैठक में बैंक शाखाओं में नगदी के परिवहन के लिए वाहन (कैश व्हीकल) क्रय करने का प्रस्ताव पारित कर बैंक के अध्यक्ष को उक्त वाहन क्रय करने के लिए अधिकृत किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रस्ताव के क्रियान्यवयन में कैश व्हीकल न खरीदते हुए इनोवा का टाप एण्ड मॉडल क्रय कर लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या उक्त वाहन का उपयोग नगदी परिवहन के लिए न हो कर बैंक के अध्यक्ष स्वयं के उपयोग में ले रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या यह सार्वजनिक धन/संपत्ति के दुरूपयोग का मामला है? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., विदिशा के संचालक मंडल की बैठक दिनांक 21.01.2015 को विषय क्रमांक 12 में बैंक की ऋण वसूली, शाखा एवं संस्थाओं के पर्यवेक्षण हेतु व शाखाओं की सिलक व्यवस्था के लिए एक नवीन वाहन बैंक की पात्रता अनुसार वाहन निधि में प्रावधानित राशि के अंतर्गत क्रय करने का निर्णय लिया जाकर बैंक अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी को स्टैण्डर्ड कम्पनी का वाहन क्रय करने के लिए अधिकृत किया गया था। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार पारित निर्णय के आधार पर बैंक द्वारा इनोवा कम्पनी का वाहन क्रय किया गया है। (ग) बैंक के विस्तृत कार्यक्षेत्र का निरीक्षण, सतत् सम्पर्क हेतु तथा समय-समय पर विभिन्न बैंकिंग क्षेत्र में आयोजित आवश्यक बैठक, ऋण वसूली की समीक्षा करने हेतु बैंक अध्यक्ष द्वारा वाहन का उपयोग किया जाता है। (घ) उत्तरांश ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कार्यालयों के हो रहे जर्जर भवन
[लोक निर्माण]
49. ( क्र. 5472 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा गोटेगांव में समस्त विभागों के विभागीय कार्यालय एक ही स्थान में बनाये जाने हेतु स्वामी विवेकानन्द विभागीय परिसर निर्माण हेतु पत्राचार किया था? उस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : जी हाँ, डी.पी.आर. दिनांक 03.12.2016 को कलेक्टर नरसिंगपुर को प्रेषित। स्वीकृति अपेक्षित।
विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत महत्वपूर्ण मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
50. ( क्र. 5523 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 98, (क्रमांक 7471) दिनांक 29 मार्च 2016 के उत्तर में बताया गया था कि विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ग्राम कानेड़ से तेलीगांव एवं कानरखेड़ी से पार्वती ब्रिज सड़क मार्ग से वंचित है तो प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्गों को सड़क मार्ग से जोड़ने हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2017 ब्यावरा नगर में एन.एच.ए.आई. के फोरलेन भूमिपूजन कार्यक्रम एवं जिला स्तरीय अंत्योदय मेले में माननीय मुख्यमंत्री जी एवं माननीय विभागीय मंत्री जी को पत्र सौंपकर ग्राम कानरखेड़ी से पार्वती ब्रिज 3 कि.मी., ग्राम कडियाहाट से सलेहपुर 3 कि.मी., ग्राम शमशेरपुरा से गांगाहोनी 4 कि.मी., ग्राम भगवतीपुर से मलावर 5 कि.मी. सड़क निर्माण कार्य की मांग की गई? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्गों की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उपरोक्त मार्गों के निर्माण कराये जाने से ग्रामीणजनों को अत्याधिक दूरी वाले मार्गों से आवागमन न कर अत्यंत सुगम आवागमन प्राप्त हो सकेगा? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त मार्गों की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। सक्षम समिति के अनुमोदन पश्चात बजट में सम्मिलित करने की कार्यवाही की जावेगी। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी एवं माननीय लोक निर्माण विभाग मंत्री कार्यालय से निर्देश प्राप्त नहीं हुये है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। सक्षम समिति के अनुमोदन पश्चात बजट में सम्मिलित करने की प्रक्रिया की जावेगी। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत सम्मिलित प्रस्तावों की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
51. ( क्र. 5524 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत विभाग द्वारा अभियान चलाकर नवीन स्टॉप डेम निर्माण, नवीन तालाब निर्माण, तालाब/स्टॉप डेम मरम्मत आदि कार्यों हेतु ग्रामों में स्थल को चिन्हित कर उचित माध्यम से प्रस्ताव प्राप्त किये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्तावों में ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से कार्य सम्मिलित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त प्रस्तावों की स्वीकृति हेतु अद्यतन स्थिति क्या है? कब तक उक्त प्रस्तावों में स्वीकृति एवं उक्त कार्ययोजना धरातल पर आकार ले सकेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राप्त प्रस्तावों को जिले की डी.आई.पी. में सम्मिलित कर दिनांक 22.12.2016 को राज्य स्तरीय मंजूरी समिति की बैठक में अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। सम्मिलित कार्यों का क्रियान्वयन डी.आई.पी. में उल्लेखित अवधि अनुसार संबंधित विभागों द्वारा किये जावेंगे।
धार जिले में किसानों की फसलों की अनुदान राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
52. ( क्र. 5661 ) श्री उमंग सिंघार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पत्र क्र./बी-8-6/2015/14-2 दिनांक 10/06/2016 में शासन द्वारा एन.एफ.एस.एम., एन.एम.ओ.ओ.पी., आत्मा योजनाओं में डी.बी.टी. स्कीम लागू की गयी है। जिकसे बिन्दु 8.2 में चयनित किसानों के खातों में 50 प्रतिशत राशि एडवांस जमा किया जाना प्रावधानित है? यदि हाँ, तो क्या धार जिले में किसानों के खातों में एडवांस राशि जमा की गई? फसल प्रदर्शनी में बीज के अलावा अन्य आदान सामग्री किसानों को लाइसेंस धारक विक्रेताओं से क्रय करके बिल प्रस्तुत करने पर सीधे किसानों के बैंक खातों में अनुदान दिया जायेगा? क्या वर्ष खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 में किसानों के यहाँ डाले गये फसल प्रदर्शनों में किसानों के खातों में अनुदान राशि का भुगतान धार जिले में कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जावेगा? विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? (ख) क्या 50 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को योजनाओं में बांटी जानी वाले सामग्री के नमूने लेकर परीक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो धार जिले में लिये गये नमूनों की संख्या एवं अमानकों पर की गयी कार्यवाही से अवगत कराते हुये बतावें? (ग) विधान सभा परि.अता. प्र.सं. 6 (क्र. 102) 10 दिसंबर 2014 में अमानक उर्वरक पर 24 एवं अमानक बीज पर 12 एफ.आई.आर. बेचने वाले संस्थाओं पर किये जाने की जानकारी दी थी। यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें? यदि नहीं, तो कार्यवाही में विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है, नाम एवं पद सहित बताएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। धार जिले में किसानों के खातों में एडवांस राशि जमा नहीं की गयी है। फसल प्रदर्शन में बीज के अलावा अन्य आदान सामग्री पर किसान द्वारा लाइसेंस धारी विक्रेताओं से सीधे सामग्री क्रय कर बिल प्रस्तुत करने पर अनुदान उनके बैंक खातों में जमा किया जावेगा। धार जिले में आत्मा योजना अंतर्गत डाले गये फसल प्रदर्शनों में किसानों द्वारा बीज के अलावा अन्य आदान सामग्री क्रय कर बिल प्रस्तुत किये जाने से राशि उनके खातों में भुगतान की गई। रा.खा.सु.मि. एवं एन.एम.ओ.ओ.पी. में डाले गये प्रदर्शनों में किसानों द्वारा बीज के अलावा अन्य आदान सामग्री क्रय कर बिल प्रस्तुत करने पर उनके खातों में राशि का शीघ्र भुगतान किया जावेगा। (ख) जी हाँ। धार जिले में बीज के 5 एवं उर्वरक के 2 कुल 7 नमूने लिये गये। अमानक नमूनों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिसम्बर 2014 में अमानक उर्वरक पर 24 एफ.आय.आर. बेचने वाली संस्थाओं पर जिलों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा अमानक बीज पर 12 एफ.आय.आर. बेचने वाली संस्थाओं पर जिलों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। नियमानुसार कार्यवाही होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा प्रीमियम की राशि की वसूली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
53. ( क्र. 5692 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रबी 2016 अंतर्गत उज्जैन संभाग में कितने हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं, चना एवं सरसों फसल की बोवनी की गई है? जिलेवार ब्यौरा दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शाई गयी अवधि में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत निर्धारित फसलवार ऋणमान (Scale of finance) अनुसार ही ऋणी एवं अऋणी किसानों से फसल बीमा प्रीमियम की राशि वसूल की जा रही है? यदि हाँ, तो किसानों से अब तक कितने हेक्टेयर क्षेत्र के लिये कितनी राशि बीमा प्रीमियम के रूप में वसूल की गई है। बीमा प्रीमियम का फसलवार, क्षेत्रफलवार ब्यौरा दें। (ग) नीमच जिले में किसानों से फसल बीमा प्रीमियम की राशि निर्धारित फसलवार ऋणमान (Scale of finance) अनुसार वसूल नहीं करने बाबत् कोई शिकायत जिला प्रशासन को प्राप्त हुई है? (घ) यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायत के परिप्रेक्ष्य में अब तक क्या कार्यवाही की गयी।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत जिले में निर्धारित फसल ऋणमान के अनुसार ही सभी कृषकों से फसल बीमा प्रीमियम राशि ली जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) नीमच जिले में किसानों से फसल बीमा प्रीमियम की राशि निर्धारित फसलवार, ऋणमान अनुसार वसूल नहीं करने बाबत शिकायत जिला प्रशासन को प्राप्त हुई है जो कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबंधित होने से कलेक्टर द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को निराकरण हेतु प्रेषित की गई उनके द्वारा शिकायत के संबंध में प्रस्तुत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
गांधीसागर जलाशय से सिंचाई से वंचित ग्रामों के लिए योजना
[जल संसाधन]
54. ( क्र. 5709 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधीसागर बांध से लगे हुए कुल कितने ग्राम हैं जो सिंचाई से वंचित हैं इन ग्रामों की सिंचाई के लिए विभाग ने कोई योजना बनाई है? किन किन ग्रामों को जोड़ा जा रहा है (ख) कुल कितने ग्राम हैं जो गांधीसागर जलाशय से लगे हुए हैं परतु इन ग्रामों को सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) क्या शासन ऐसे वंचित ग्रामों के लिए कोई योजना बनाकर इन ग्रामों को सिंचाई हेतु जोड़ेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) गांधी सागर जलाशय से लगे 118 ग्राम हैं जो सिंचाई से वंचित हैं। वर्तमान में गरोठ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना निर्माणधीन है तथा शामगढ़-सुवासरा परियोजना विचाराधीन है। इन दोनों परियोजनाओं से उपरोक्त 118 ग्रामों में कुल 48 ग्राम लाभांवित होंगे। लाभांवित ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शेष 70 ग्रामों के लिए अभी कोई कार्य योजना नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नवीन सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 5723 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्रामों को लोक निर्माण विभाग द्वारा पक्की सड़क से नहीं जोड़ा गया है? ग्रामवार जानकारी बतावें? विगत दो वर्षों में इन ग्रामों को पक्की सड़क से जोड़ने हेतु विभाग द्वारा शासन को कब प्रस्ताव भेजे गए? यदि नहीं, तो विभाग इन सड़कों को जोड़ने हेतु कब तक प्रस्ताव भेजेगा? (ख) सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है? ग्रामवार जानकारी बतावें। कितनी सड़कें ऐसी हैं जिनका कार्य अधूरा है? ग्रामवार जानकारी बतावें। कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग द्वारा भेजे गए नवीन सड़कों को कब तक मंजूर कर दिया जावेगा एवं कब तक कार्य पूर्ण करा दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 54 ग्रामों। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं भेजे गये प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अनुपयोगी मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 5736 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अन्तर्गत दुलहा तालाब से जैतहरी मुख्य पहुंच मार्ग लम्बाई 5 कि.मी. की प्रशासकीय स्वीकृत दिनांक 01/04/2003 को राशि रूपये 246.77 लाख हुई थी तथा उक्त कार्यादेश क्रमांक 3372-73/25913 अनुबंध अनुसार कार्यपूर्ण करने की तिथि 24/04/2014 थी? उक्त मार्ग किस कार्यपालन यंत्री तथा संविदाकार के द्वारा किया गया है? (ख) उक्त मार्ग निर्माण में कुल कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? क्या इतनी राशि व्यय के बाद भी सड़क की उपयोगिता नहीं हैं? (ग) क्या अनूपपुर के भूमाफिया को उपकृत करने का प्रयास किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग का भौतिक सत्यापन उच्च अधिकारियों से कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, दिनांक 01.04.2003 को नहीं, अपितु 01.04.2013 को। कार्य पूर्ण करने की तिथि 24.07.2014 थी। श्री बी.के. विश्वकर्मा कार्यपालन यंत्री एवं मेसर्स पी.के. त्रिपाठी संविदाकार द्वारा कार्य किया गया है। (ख) रूपये 184.97 लाख। 4.20 कि.मी. मार्ग का उपयोग किया जा रहा है शेष शुरूआत के 128 मी. में एवं मध्य छोर के 625 मीटर कुल 753 मीटर में निजी भूमि है जिसे प्राप्त करने के लिये कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनूपपुर को पत्राचार किया गया किन्तु भू-स्वामियों द्वारा भूमि देने से इंकार किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पहुँच मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 5751 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग के पास पहुँच मार्ग निर्माण कराने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले शासकीय हाई स्कूल/हायरसेकण्ड्री स्कूल नौघई, सतापाडाकला, सिहोद, दैयरपुर, सुमेरदांगी, त्योंदा, गुन्नोठा, बरखेडागंभीर व अन्य के शाला भवनों का निर्माण ग्राम की बस्ती से लगभग 1-2 किलो मीटर दूरी पर परियोजना क्रियान्वयन इकाई लोक निर्माण विभाग संभाग विदिशा द्वारा कराया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शालाओं में पहुँच मार्ग न होने से छात्रों को बारिश के समय आवागमन में असुविधा होती है? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि सही है तो विगत वर्षों में जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री द्वारा उक्त शालाओं में पहुँच मार्ग निर्माण कराने का आश्वासन दिया था? यदि हाँ, तो उक्त शालाओं में विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार कर पहुँच मार्ग का निर्माण करवाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) से (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ जिला योजना समिति की बैठक दिनांक 23.09.15 में प्रभारी मंत्रीजी के निर्देश अनुसार पहुंच मार्ग निर्माण हेतु प्राक्कलन दिनांक 16.11.15 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा को प्रेषित किये गये है। स्वीकृति अपेक्षित। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रायसेन जिले में दो लाख रूपये से ज्यादा के कार्य
[जल संसाधन]
58. ( क्र. 5791 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में दिनांक 1.4.2013 से प्रश्न तिथि तक 2 लाख रूपये से ज्यादा राशि वाले क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेंस पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में मेंटेनेंस पर रू.518.81 लाख व्यय किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' में उल्लेखित कार्यों पर रू.26,170.93 लाख व्यय की जाना प्रतिवेदित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पंधाना से निहालवाडी के टाउन पोर्सन के सीमेंट कांक्रीट के कार्य
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 5792 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पंधाना से निहालवाडी के टाउन पोर्सन के सीमेंट कांक्रीट 1.23 कि.मी. का कार्य हो चुका है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग इसे भौतिक रूप से सत्यापित करा सकता हैं? (ग) यदि नहीं, तो यह कब तक होगा? (घ) विगत 5 वर्षों से क्यों पुराना डामर रोड ही दुरुस्त हो जाता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जी हाँ। भूतल परिवहन मंत्रालय भारत सरकार के मापदण्ड, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
अधिग्रहित भूमि का किसानों को मुआवजा
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 5824 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले अंतर्गत जखमौली-राठौरन की मढ़ैया मार्ग तथा सिंध नदी पर पुल कितनी लागत का एवं कब स्वीकृत किया गया? इस मार्ग के निर्माण हेतु शासन से प्रशासकीय स्वीकृति कब एवं कितनी राशि की प्राप्त हुई थी? (ख) उक्त मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण करने की समयावधि अनुबंधानुसार क्या थी एवं वर्तमान में कितना कार्य किया जा चुका है एवं कितना कार्य किन-किन कारणों से शेष है? (ग) क्या उक्त मार्ग हेतु जिन किसानों की कृषि भूमि अधिग्रहित की गई है उन किसानों को मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो अभी तक मुआवजा वितरण नहीं किए जाने के क्या कारण हैं? कब तक मुआवजा का वितरण किया जाएगा? (घ) दबोह-जगदीशपुरा-संसीगढ़-आलमपुर मार्ग कितनी लागत से कितनी लंबाई का स्वीकृत किया गया? (ड.) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या माननीय मंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा टीप क्र. 11/स्था./मंत्री, लो.नि.वि./2016 भोपाल दिनांक 05.1.2016 के माध्यम से प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को दबोह-जगदीशपुरा-संसीगढ़-आलमपुर मार्ग जो 12 कि.मी. स्वीकृत है को पूरा 12 कि.मी. बनाए जाने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो उक्त निर्देश के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सिंध नदी पर पुल की लागत रू. 1126.07 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 29.01.2012, पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 2410.73 लाख की दिनांक 14.07.2014 को जारी की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) दबोह जगदीशपुरा संसीगढ़ आलमपुर मार्ग 612.69 लाख की लागत से 12.00 कि.मी. लंबाई का स्वीकृत है। (ड.) जी हाँ। प्रमुख अभियंता कार्यालय के पत्र क्रमांक 4489 दिनांक 24.12.2016 द्वारा दो अतिरिक्त बिन्दुओं की जानकारी मांगी गई। संभाग कार्यालय से वांछित जानकारी परिक्षेत्रीय कार्यालय में परीक्षणाधीन है।
गुणवत्ताहीन सड़क की जाँच
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 5843 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले की तहसील सरई अंतर्गत वर्ष 2015-16 में ग्राम पंचायत निगरी में जगत चौराहा से द्रोपती सिंह के घर तक विभाग द्वारा सड़क का निर्माण कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त सड़क किस ठेकेदार द्वारा बनाई गई है, ठेकेदार का नाम एवं पूर्ण होने की अवधि सहित जानकारी देवें। (ग) क्या उक्त सड़क जिस ठेकेदार द्वारा बनाई गई है वह घटिया सड़क निर्माण कार्य किया है, जो मात्र छः महीने में उखड गई है? यदि हाँ, तो उक्त ठेकेदार के विरुद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या उक्त सड़क में पुलिया निर्माण हेतु विधायक मद से राशि दी गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त पुलिया भी घटिया बनाई गई है? क्या उक्त दोनों कार्य की मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजकर उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषी ठेकेदार से वसूली की कार्यवाही करते हुए ब्लेक लिस्ट में नाम शामिल किया जाएगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री अरूण कंस्ट्रक्शन द्वारा। कार्य दिनांक 15.06.2015 को पूर्ण किया गया है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
प्रधान मंत्री कृषि सिंचाईं योजनांतर्गत अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
62. ( क्र. 5857 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत स्प्रिंकलर एवं पाईप हेतु अनुदान दिए जाने के नियम एवं प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो कितने स्प्रिंकलर एवं कितने पाईप हेतु कितने प्रतिशत अनुदान दिया जाता है? निर्देशों की प्रति सहित जानकारी दें। (ख) क्या बैतूल जिले में वर्ष २०१५-२०१६ एवं २०१६-२०१७ में प्रश्न दिनांक तक कितने किसान/हितग्राही को कितने कितने स्प्रिंकलर एवं कितने कितने पाईप के लिए कितना-कितना अनुदान दिया गया तथा अनुदान किस रूप में दिया गया नगद अथवा सामग्री वर्षवार जानकारी दें। (ग) क्या स्प्रिंकलर एवं पाईप की दरों का निर्धारण किया गया है? यदि हाँ, तो इनकी दरें क्या हैं तथा दर निर्धारण के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई? (घ) क्या जो दरें विभाग द्वारा निर्धारित की गई हैं वे बाजार दर से अधिक है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन योजना में स्प्रिंकलर हेतु प्रति हितग्राही 0.40 हेक्टेयर से अधिकतम 5 हेक्टेयर तक रकबे के आधार पर निर्धारित इकाई लागत पर कृषक श्रेणी एवं वर्ग की पात्रता अनुसार अनुदान दिया जाता है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं ब अनुसार है। (ख) अनुदान का भुगतान स्प्रिंकलर एवं पाईप की संख्या के आधार पर नहीं दिया जाता अपितु रकबे के आधार पर दिया जाता है। बैतूल जिले में वर्ष 2015-16 में 21 कृषक हितग्राहियों को 31.500 हेक्टेयर हेतु राशि रूपये 3,76,181/- एवं वर्ष 2016-17 में 183 कृषक हितग्राहियों को 242.627 हेक्टेयर हेतु राशि रूपये 49,05,750/- का अनुदान ई-भुगतान के माध्यम से किया गया है। (ग) स्प्रिंकलर एवं पाईप की दरें पृथक-पृथक निर्धारित नहीं हैं, अपितु प्रति हेक्टेयर के मान से इकाई लागत निर्धारित है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 में जारी दिशा-निर्देश अनुसार पोर्टेबल स्प्रिंकलर के लिए प्रति हेक्टेयर राशि रूपये 19,600/- की इकाई लागत निर्धारित है। (घ) भारत सरकार द्वारा निर्धारित इकाई लागत गुणवत्ता को ध्यान में रखकर तय की गई है, जो बाजार दर के समरूप है।
सहकारी संस्थाओ में ऋण राशि जमा करने के अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अप्रैल करना
[सहकारिता]
63. ( क्र. 5899 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं द्वारा प्रदान किए गये ऋण राशि की जमा करने के अंतिम तिथि म.प्र. शासन द्वारा 28 फरवरी निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि, राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित होती है परन्तु सहकारी बैंकों की अंतिम तिथि 28 फरवरी निर्धारित की गई है? (ख) किसान 28 फरवरी को सम्पूर्ण ऋण राशि कैसे जमा कर पायेंगे जबकि उनकी रबी की फसल आने में मार्च का महिना लग सकता है? (ग) क्या शासन इस पर विचार कर इसकी समयावधि 02 माह बढ़ाकर 31 अप्रैल की जा सकती है? जिससे किसान डिफाल्टर होने से बच सकें तथा अतिरिक्त ब्याज का बोझ किसान पर न आयें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश में खरीफ सीजन में वितरित ऋण की वसूली को जमा करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी 2017 थी, जिसे बढ़ाकर दिनांक 23.02.2017 को 28 मार्च, 2017 की गई है। खरीफ सीजन की वसूली खरीफ फसल के बाजार में आने के आधार पर तय की जाती है। इसी प्रकार रबी सीजन हेतु रबी फसल के बाजार में आने के आधार पर ड्यू डेट 15 जून निर्धारित है। (ख) खरीफ फसल बाजार में माह नवम्बर-दिसम्बर तक आ जाती है इसी कारण खरीफ सीजन हेतु ड्यू डेट 28 फरवरी थी, जो उत्तरांश 'क' अनुसार 28 मार्च की गई है। रबी फसल माह मार्च तक बाजार में आती है, इसी कारण से रबी सीजन हेतु ड्यू डेट 15 जून निर्धारित है। (ग) खरीफ सीजन हेतु ड्यू डेट 30 अप्रैल नहीं की जा सकती क्योंकि खरीफ सीजन हेतु ऋण वितरण 01 अप्रैल से प्रारंभ होता है और अल्पावधि कृषि ऋण केवल 12 माह तक के लिये होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
बजट में राशि स्वीकृति की जानकारी
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 5926 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 1 वर्ष में मन्दसौर जिले के पी.डब्यू्.डी. विभाग को किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि बजट सत्र में स्वीकृत की गई है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) विगत 2016 के अनुपूरक बजट में मन्दसौर जिले के पी.डब्यू्.डी. विभाग को किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) विगत 2016 के अनुपूरक बजट में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र हेतु पी.डब्यू्.डी. विभाग को राशि स्वीकृत की गई है या नहीं? यदि स्वीकृत की गई है तो राशि बतावें? (घ) विभाग द्वारा अनुपूरक बजट में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकास कार्यों को सम्मिलित क्यों नहीं किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) मुख्य बजट सत्र 2016-17 में मंदसौर जिले अंतर्गत प्रगति चौराहे से रेल्वे फाटक तक फोरलेन मार्ग निर्माण कार्य शामिल किया गया, जिसकी लागत राशि रूपये 189.94 लाख है। यह कार्य मंदसौर विधानसभा अंतर्गत है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) सीमित वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता होने के कारण।
नए बांध बनाना
[जल संसाधन]
65. ( क्र. 5974 ) श्री विष्णु खत्री : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2014 से दिसंबर 2016 के मध्य बैरसिया विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से छोटे बड़े बांधों के निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई है? इसमें भू-अर्जन की लागत, फलदार वृक्षों की संख्या सहित विवरण उपलब्ध करावें. (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत ग्राम गुनगा, मनीखेड़ी, कलारा एवं गंगा-पिपल्या में नवीन सिंचाई सुविधा विकसित करने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिए गए पत्र के तारतम्य में जल संसाधन विभाग मंत्रालय भोपाल ने दिनांक 21 मार्च 2016 को जारी किए गए पत्र में उपरोक्त स्थलों पर नए बांध बनाने के संबंध में कारण सहित असमर्थता व्यक्त की है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, है तो क्या भू अर्जन की लागत अधिक होने के कारण अथवा मात्र 50-60 सागौन/फलदार वृक्षों के अथवा डब्ल्यू.बी.एम. मार्ग के अथवा एल.टी. विद्युत लाइन के डूब में आने के कारण भविष्य में कास्तकारों को बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराए जाने से वंचित रखा जावेगा. (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित कारणों से यदि नवीन बांधों का निर्माण प्रतिबंधित किया जा रहा है तो विभाग किन आधारों पर नवीन बांधों अथवा सिंचाई संरचनाओं का निर्माण प्रस्तावित करेगा? विवरण प्रदान करें.
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में बैरसिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किसी परियोजना के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) से (घ) जी हाँ। पत्र में उल्लेखित परियोजनाएं प्रथम दृष्टया वित्तीय मापदण्ड पर साध्य नहीं पाई गई थी। परियोजनाओं की साध्यता उसके तकनीकी मापदण्ड जैसे कैचमेंट एरिया, जीवित जल भराव क्षमता, डूब क्षेत्र का प्रतिशत, प्रभावित वन भूमि की मात्रा, सैच्य क्षेत्र आदि तथा निर्धारित वित्तीय मापदण्ड पर निर्भर है।
आगरा बाम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग/एन.एच. 03 फोरलेन पर हुई दुर्घटनाएं
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 5988 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्ष में आगरा बाम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग/एन.एच. 03 फोरलेन पर मानपुर के समीप भेरूघाट में फोरलेन निर्माण से अब तक कितनी दुर्घटनाएं हुई है वर्षवार जानकारी देवें? (ख) मानपुर स्थित भेरूघाट में हुई दुर्घटनाओं में अब तक कितने व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है व कितने व्यक्ति घायल हुए है वर्षवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) दुर्घटनाओं में अब तक कितने वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। क्षतिग्रस्त वाहनों हेतु कितना बीमा क्लेम स्वीकृत किया गया है। वर्षवार बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
आगरा बाम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग/एन.एच. 03 फोरलेन पर तकनीकी त्रुटियों का सुधार
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 5989 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगरा बाम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग/एन.एच. 03 फोरलेन पर मानपुर के समीप भेरूघाट में स्थित तकनीकी त्रुटियों के सुधार हेतु विगत 03 वर्षों में जन प्रतिनिधियों के द्वारा कितने प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किये गये हैं? (ख) मानपुर के पास भेरूघाट में स्थित तकनीकी त्रुटियों के सुधार हेतु प्रेषित प्रस्तावों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
सागर जिला सहकारी बैंक संबंधी
[सहकारिता]
68. ( क्र. 5997 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सागर में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को छोड़कर तथा बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में दिनांक 31.1.17 तक रूपये 15 लाख एवं उससे अधिक राशि के कितने ऋण प्रकरण प्रचलन में हैं खाताधारकों की संख्या ऋण राशि सहित बतावें? (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सागर द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को छोड़कर तथा बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा सागर जिले में कितनी फर्मों एवं संस्थाओं को कितनी राशि के दिये गये ऋण प्रचलन में हैं फर्मवार संस्थावार जानकारी राशि सहित देवें? इन ऋण खातों में विगत एक वर्ष की जमा राशि भी माहवार किश्तवार बतावें? (ग) प्रश्न (ख) अनुसार जानकारी में यह भी बतावें कि इन फर्मों संस्थाओं ने इसके लिए ऋणदाता संस्थाओं के पास मॉर्टगेज के रूप में क्या रखा है? फर्मवार/संस्थावार जमीन/फ्लेट/मकान की जानकारी क्षेत्रफल सहित देवें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., सागर में दिनांक 31.01.2017 पर रूपये 15 लाख एवं उससे अधिक राशि के 03 ऋण प्रकरण राशि रूपये 2,47,97,639/- के बकाया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में राशि रूपये 15 लाख से अधिक के ऋण प्रकरण नहीं है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या., सागर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विगत एक वर्ष में केवल दो संस्थाओं द्वारा राशि जमा की गई है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा फर्म/संस्था को ऋण वितरण नहीं किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के कर्मचारियों का संविलियन
[सहकारिता]
69. ( क्र. 6000 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की 38 जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के परिसमापन के फलस्वरूप कितने कर्मचारियों का संविलियन अन्य संस्थाओं में कर दिया गया? कितने कर्मचारियों का संविलियन शेष है? (ख) जिन कर्मचारियों का संविलियन शेष है उनका संविलियन कब तक कर लिया जायेगा? उपरोक्त बैंकों के बकाया वेतन भुगतान की जानकारी बैंकवार देवें? कर्मचारियों के लंबित वेतन का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) समझौता योजना में ऋण लेते समय कृषक से वसूली गई 5 प्रतिशत अंश राशि कृषक के खाते में समायोजित कयों नहीं की जा रही है? यह राशि कब तक समयोजित कर ली जाएगी? (घ) कितने लोगों की एफ.डी.इन बैंकों में प्रश्न दिनांक तक जमा हैं? इन्हें भुगतान न करने वाले अधिकारियों पर कब तक शासन कार्यवाही कर इन लोगों को राशि दिलवाएगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) किसी कर्मचारी का संविलियन नहीं किया गया है। 1032 कर्मचारी। (ख) संविलियन किये जाने की समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवश्यक राशि की वसूली किये जाने पर परिसमापक द्वारा नियमानुसार वेतन से संबंधित देनदारियों का यथा-संभव निराकरण किया जा सकेगा। (ग) मूलधन जमा के साथ अंशपूंजी समायोजित नहीं करने के निर्देश है। अंशपूंजी का निराकरण बैंक परिसमापक द्वारा सहकारी अधिनियम/नियम के अन्तर्गत बैंक के अन्य दायित्वों के निराकरण के साथ किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) 4123 सावधि निक्षेप। पर्याप्त वसूली होने पर संबंधित परिसमापकों द्वारा नियमानुसार सावधि निक्षेप की देयताओं का यथा-संभव निराकरण किया जा सकेगा, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
किसानों को कर्ज माफी करना
[सहकारिता]
70. ( क्र. 6018 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड कटंगी जिला बालाघाट के ग्राम बम्हनी में सहकारिता विभाग द्वारा उद्वहन सिंचाई समिति बनाकर सहकारी समिति बम्हनी द्वारा ऋण दिया गया था जो कृषकों द्वारा लिया गया ऋण सहकारी समिति बम्हनी को नहीं लौटाया गया हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन कृषकों पर कितना-कितना ऋण बकाया है? नाम बताया जावें। (ग) क्या सहकारिता विभाग कृषकों से मूलधन की राशि तथा मूलधन का ब्याज लेकर कृषकों को ऋण से मुक्त करने पर विचार करेगा? (घ) क्या उद्वहन सिंचाई योजना में शामिल किसानों को करीब 20 वर्ष से खाद्य बीज इत्यादि का ऋण नहीं मिल रहा हैं तथा शासन सहकारिता विभाग की योजनाओं से वंचित है? यदि हाँ, तो शासन ऋण से ग्रसित कृषकों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विकासखंड कटंगी, जिला बालाघाट के ग्राम बम्हनी में उद्वहन सिंचाई समिति के कृषक सदस्यों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित, बम्हनी द्वारा ऋण दिया गया था जो कृषकों द्वारा नहीं लौटाया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सहकारिता विभाग स्तर पर ऋण मुक्त करने की कोई योजना नहीं है, परन्तु ऋणी कृषक चाहे तो वर्तमान में लागू एकमुश्त समझौता योजना/लोक अदालत के माध्यम से समिति के साथ समझौता कर लाभ उठा सकता है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश 'ग' अनुसार ऋणी कृषक कालातीत ऋण जमा कर शासन की योजनाओं का लाभ ले सकता है।
तालाबों के रख-रखाव व निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
71. ( क्र. 6031 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक साडली, बारदेवला एवं अम्बादड तालाबों के नहरें पक्की किये जाने के लिए खरगोन जिले से किस-किस कार्य योजनान्तर्गत प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गए? जनवरी 2015 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गए? कौन-कौन से लंबित है एवं क्यों? स्वीकृति की राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें? कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात अभी तक किस कारण से अप्रांरभ? (ख) प्रश्नांकित (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा शासन एवं विभागीय स्तर पर जल संसाधन विभाग को उक्त कार्य एवं निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण है? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत हेतु प्रक्रियाधीन है? कौन-कौन से स्वीकृत है? कार्य योजनान्तर्गत कार्यवार नाम सहित बतावें? (ग) उपरोक्त समयावधि के अतंराल में उक्त कार्यों का पूर्ण नहीं होना तत्संबंधी ब्यौरा क्या हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) प्रश्न में उल्लेखित अवधि में प्रश्नाधीन परियोजनाओं की नहरे पक्की करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1/2/3/4 अनुसार है।
स्टॉप डेमों का निर्माण करना
[जल संसाधन]
72. ( क्र. 6032 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक देवला, कन्डगांव, नागरला स्टॉपडेमों के निर्माण कार्य किये जाने के लिए खरगोन जिले से किस-किस कार्य योजनान्तर्गत प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गए? जनवरी 2017 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गए? कौन-कौन से लंबित है एवं क्यों? स्वीकृति की राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें? कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात अभी तक किस कारण से अप्रांरभ? (ख) प्रश्नांकित (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा शासन एवं विभागीय स्तर पर जल संसाधन विभाग को उक्त कार्य एवं निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण है? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत हेतु प्रक्रियाधीन हैं? कौन-कौन से स्वीकृत है? कार्य योजनान्तर्गत कार्यवार नाम सहित बतावें? (ग) उपरोक्त समयावधि के अतंराल में उक्त कार्यों का पूर्ण नहीं होना तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नाधीन देवला एवं कन्नड़गाँव बैराज के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक।
हर्ष गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित जबलपुर में अवैध कब्जा
[सहकारिता]
73. ( क्र. 6059 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हर्ष गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित जबलपुर का वर्ष 1999 में परिसमापन कर, तहसीलदार पनागर को परिसमापक नियुक्त किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 1999 में तहसीलदार पनागर को परिसमापक बनाये जाने की स्थिति में तब हर्ष गृह निर्माण सहकारी समिति की अचल सम्पत्ति कितनी थी कितने आवास स्थल (प्लाट) रजिस्ट्री होकर किनके मालकाना हक में थे? कितने रकबे के कौन-कौन से कितने प्लाट रिक्त स्थिति में तहसीलदार पनागर के संरक्षण में थे? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खाली प्लाटों पर अवैध कब्जे की किस-किस ने कब-कब किसकी शिकायतें शासन स्तर पर की एवं इन प्राप्त शिकायतों पर शासन द्वारा कब किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन हर्ष गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित जबलपुर में किये गये अवैध अतिक्रमणों को हटाने एवं दोषियों पर कानूनी कार्यवाही करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं एवं क्या माननीय न्यायालय द्वारा तत्संबंध में कोई आदेश पारित किये गये है यदि हाँ, तो वे आदेश क्या थे एवं उन पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) संस्था को दिनांक 13.05.2005 को परिसमापन में लाया गया। तहसीलदार पनागर को दिनांक 25.05.2009 को परिसमापक नियुक्त किया गया। (ख) तहसीलदार पनागर को वर्ष 2009 में परिसमापक बनाये जाने की स्थिति में संस्था के पास कुल 97 भूखण्ड थे, 85 भूखण्डों की रजिस्ट्री कराई गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार, 12 भूखण्डों की रजिस्ट्री करना शेष था, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार, संस्था के पास मात्र पार्क/खेल-कूद का मैदान संरक्षण में था। (ग) प्राप्त शिकायतों एवं शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (घ) अवैध अतिक्रमण के संबंध में संस्था परिसमापक एवं तहसीलदार पनागर द्वारा कार्यवाही की जा रही है। भूखण्ड क्रमांक 50 पर अनाधिकृत रूप से कब्जा करने की शिकायत के संबंध में तहसीलदार पनागर द्वारा दिनांक 15.12.2016 को स्थगन आदेश जारी किया गया है। अंतिम आदेश पारित करने हेतु दिनांक 24.03.2017 नियत की गई है।
निजी बीज उत्पादन संस्थाओं से लिए गए बीज की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 6068 ) श्री रामसिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2015 एवं 2016 में निजी बीज उत्पादन संस्थाओं से विभागीय योजनाओं में बीज लिया गया? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी संस्थाओं से कितना गेहूँ चना, सरसों का बीज वर्षवार जानकारी देवें? क्या उक्त बीज मानक स्तर का एवं उचित गुणवत्ता का था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्थाओं के सदस्यों द्वारा उपरोक्त बीज उत्पादन हेतु प्रजनक बीज लिया हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ से कौन-कौन सा कितना-कितना उक्त श्रेणी का बीज लिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित संस्थाओं के सदस्यों में वर्ष 2015 एवं वर्ष 2016 में उक्त ब्रीडर/प्रजनक बीज की बुवाई कितने रकबे में की गई? इसमें कितनी फसल का उत्पादन हुआ? क्या प्राकृतिक आपदा से उक्त बीज से उगाई गई फसल नष्ट तो नहीं हुई? यदि फसल नष्ट हुई, तो कितने प्रतिशत फसल नष्ट हुई? (घ) क्या वर्ष 2015 में शिवपुरी जिले में ओलावृष्टि, अतिवृष्टि एवं पाला के कारण फसल नष्ट हुई थी, तथा वर्ष 2016 में सूखे के कारण फसलें नष्ट हुई थी? यदि हाँ, तो फसलें नष्ट हो जाने के बाद उक्त निजी बीज उत्पादक संस्थाओं ने बीज कहाँ से सप्लाई किया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) शिवपुरी जिले में एक मात्र निजी बीज उत्पादक संस्था भूमि सीड्स शिवपुरी कार्यरत है, जिसके द्वारा वर्ष 2015 एवं 2016 में बीज उत्पादन हेतु कोई प्रजनक बीज नहीं लिया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2015 में शिवपुरी जिले में ओलावृष्टि के कारण फसल नष्ट हुई थी तथा वर्ष 2016 में सूखे के कारण फसलें नष्ट नहीं हुईं। वर्ष 2015 में निजी बीज उत्पादक संस्था भूमि सीड्स शिवपुरी द्वारा जिन कृषकों के यहां आधार से प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम लिया गया उन कृषकों के यहां ओलावृष्टि से कोई फसल नष्ट नहीं हुई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
ऑडिट में पाई गई गंभीर अनियमितताएं
[सहकारिता]
75. ( क्र. 6069 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक शिवपुरी का ऑडिट प्रतिवर्ष कराया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 201 4-15 का ऑडिट किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? उनके नाम, पद सहित जानकारी दें। (ख) क्या वर्ष 2014-15 में किए गए ऑडिट में कोई आपत्तियां आई थीं? यदि हाँ, तो आपत्तियों पर कार्यवाही और निराकरण की जिम्मेदारी किसकी है? क्या जिम्मेदार के द्वारा आपत्तियों का निराकरण समय पर किया गया? यदि नहीं, किया गया तो क्यों? (ग) क्या जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक शिवपुरी के वर्ष 2014-15 के ऑडिट में आयी गंभीर आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में श्री सुमत कुमार जैन द्वारा कोई शिकायत अनियमितता करने वालों के विरूद्ध की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक शिकायत पर क्या-क्या कार्यवाही किन-किन के द्वारा की गई? शिकायत एवं कार्यवाही का विवरण देवें। (घ) क्या लगभग 02 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो 02 वर्ष पश्चात् भी दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही न करने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? क्या इनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2014-15 का अंकेक्षण श्री डी.के. मडोइया, अंकेक्षण अधिकारी द्वारा किया गया। (ख) जी हाँ। अंकेक्षक द्वारा आपत्तियां ली गई थी। आपत्तियों पर कार्यवाही एवं उनके निराकरण का उत्तरदायित्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी का होता है। जी नहीं, समय पर आपत्तियों का निराकरण नहीं किया गया है। आपत्तियों के निराकरण की कार्रवाई प्रचलन में है। उत्तरदायी व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। (ग) जी हाँ। श्री विनोद कोटिया, तत्कालीन महाप्रबंधक के विरूद्ध टी.ए. बिलों का भुगतान बिना सक्षम स्वीकृति के प्राप्त करने, जीप के टायर बिना सक्षम स्वीकृति के क्रय करने, बैटरी क्रय में अनियमितता करने की शिकायत की गई थी। श्री कोटिया के विरूद्ध म.प्र. राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा कर्मचारी सेवा-नियम के अंतर्गत कार्यवाही हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। (घ) जी नहीं। दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल संसाधन विभाग की परियोजना की जाँच
[जल संसाधन]
76. ( क्र. 6134 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में जल संसाधन विभाग की कौन-कौन सी परियोजनाओं के तहत दिसम्बर 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके और कौन से प्रगति पर है? (ख) क्या खर्राघाट परियोजना में पीयर, स्लेब, स्पान, स्ट्रक्चर, कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है? भागौर, पिसनारी, अगोरा एवं फुलरा माईनर में घटिया निर्माण हो रहा है? उक्त निर्माण में अनुबंध आधार पर क्वालिटी और क्वानटिटी की सामग्री इस्तेमाल नहीं की जा रही है। (ग) श्याम पहाड़ी सिंचाई योजना, हथलई, पहूज बैराज, डगरा बियर, गोपालपुरा, कुलेथ बियर, कासना, खेरी लरायटा तालाब निर्माण, फुलरा, हिडोरी स्टॉप डेम निर्माण में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। कई तालाबों के निर्माण की जरूरत ही नहीं थी, आज भी उनमें पानी की एक बूंद भी नहीं है और न ही इनसे कोई ग्राम लाभान्वित हैं? (घ) क्या शासन एक उच्च स्तरीय समिति गठन कर उपरोक्त निर्माण कार्यों की जाँच करायेगा? क्या अनैतिक लाभ लेने के लिए ऐसे तालाबों के निर्माण की भी जाँच करायेगा जिनसे एक भी ग्राम को पानी नहीं मिला फिर उन्हें किस उद्देश्य से निर्माण कराया गया? शासन के करोड़ों रूपयों के अपव्यय की जाँच कराई जाए ताकि आम जनता के नाम पर अनैतिक लाभ लेने की परंपरा को समाप्त किया जा सके। यह जाँच कब तक कराई जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) खेरी लरायटा, श्याम पहाड़ी एवं कांसना नाला लघु सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण तथा खर्राघाट मध्यम सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ख) जी नहीं। टर्नकी आधार पर अनुबंधित खर्राघाट परियोजना के समस्त कार्य स्वीकृत ड्रॉइंग अनुसार कराया जा रहा है, जिसकी गुणवत्ता की जाँच गुण-नियंत्रण संभाग, दतिया द्वारा निरंतर की जा रही है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) श्याम पहाड़ी सिंचाई योजना, पहुज बैराज, डगरा वियर गोपालपुरा, कुलैथ वियर, कांसाना नाला तालाब, खेरी लरायटा लघु सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्ण किया गया है। हिंडोरा स्टॉप डेम जिला पंचायत दतिया द्वारा एवं फुलरा स्टॉप डेम ग्राम पंचायत तगा द्वारा वर्ष 2001-02 में बनाया जाना प्रतिवेदित है। हथलई सन् 1913 में निर्मित तालाब है तथा जल संसाधन विभाग के अधिपत्य में होकर परियोजना से रबी सिंचाई की जाती है। उपरोक्त सभी तालाबों/लघु सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण कार्य जन-प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित एवं जरूरत के अनुसार ही किया गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित सभी परियोजनाओं से उपलब्ध जल भराव अनुसार ग्रामों को लाभान्वित किया जा रहा है। लाभान्वित ग्रामों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। निर्माण कार्यों की जाँच कार्यपालन यंत्री के अतिरिक्त अधीक्षण यंत्री एवं मुख्य अभियंता द्वारा समय-समय पर की जाती है। उत्तरांश (ग) अनुसार परियोजनाओं से सिंचाई लाभ होने की स्थिति में जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मार्गों का मजबूतीकरण कार्य
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 6180 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत गुड़ा-डुंगासरा-लिधोराखुर्द मार्ग, रजौआ-बदौना-भोपाल पहुँच मार्ग, मोठी-बारछा-कर्रापुर सड़क मार्ग, रजाखेड़ी एन.एच. 26-सेमराबाग-जिन्दा मार्ग, रूसल्ला-महुली-तिंसुआ मार्ग, नरयावली-ढोगा सड़क मार्गों का निर्माण कार्य विभाग द्वारा कब किया गया था? (ख) उपरोक्त सभी मार्ग वर्तमान में आवागमन के लिये उपयुक्त है या जर्जर अवस्था में है? (ग) उपरोक्त सभी मार्गों के मजबूतीकरण कार्य हेतु विभाग द्वारा क्या प्राक्कलन तैयार किये गये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (घ) उपरोक्त सभी मार्ग आवागमन की दृष्टि से कब तक मजबूतीकरण किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वीकृति के अभाव में वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राशि की वसूली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
78. ( क्र. 6197 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डी समिति खण्डवा के अध्यक्ष द्वारा मंडी के वाहन पर डीजल, आईल व मरम्मत कार्य पर नियम विरूद्ध व्यय कर मंडी समिति को आर्थिक हानि पहुँचाई गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की आर्थिक हानि मण्डी समिति को हुई? (ख) आर्थिक हानि पहुँचाने एवं पद के दुरूपयोग के कारण वसूली योग्य राशि एवं पद से हटाने की कार्यवाही शासन कब तक करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रारंभिक जाँच में अध्यक्ष कृषि उपज मंडी समिति, खण्डवा द्वारा कार्यालयीन वाहन का दिनांक 01.03.2013 से 28.09.2014 तक अनाधिक़ृत उपयोग कर प्रथम दृष्ट्या रूपये 1,66,850/- की आर्थिक हानि पहुँचाई जाना पाया गया। (ख) उत्तरांश (क) के आधार पर अध्यक्ष, कृषि उपज मंडी समिति, खण्डवा को म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 55 के तहत पद से हटाने एवं धारा 58 के तहत आर्थिक हानि की वसूली के लिये कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 20.10.2016 जारी किया गया, जिसमें कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
परपरांगत कृषि विकास योजना में नियम विरूद्ध नगद राशि भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
79. ( क्र. 6217 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट, डिंडौरी, मंडला एवं अनूपपुर जिले में परम्परागत कृषि विकास योजना में परियोजना संचालक द्वारा कितने भ्रमण किये गये तथा कितने कृषक समूह बनाये गये हैं? (ख) परम्परागत कृषि विकास योजना में उक्त जिलों को 1.1.2015 से 15.2.2017 तक कितनी राशि आवंटित की गई? इस राशि में से कितनी राशि व्यय की गई? (ग) क्या भारत सरकार के किस निर्देश कि किसानों के समूह को नगद भुगतान नहीं करने का उल्लेख करते हुये बालाघाट, मडला, डिंडौरी तथा अनूपपुर के द्वारा नगद राशि का भुगतान किया गया? क्या इस संबंध में की गई शिकायतों में अधिकारियों को बचाया जा रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्टॉप डेम कम पुल निर्माण योजना
[जल संसाधन]
80. ( क्र. 6224 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के वि.ख. बिछिया अतंर्गत दिवारा से लफरा मार्ग में सुरपन नदी पर स्टॉप डेम कम पुल निर्माण की योजना हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त स्थल में स्टॉप डेम कम पुल निर्माण कराने हेतु मान. मुख्यमंत्री महोदय को वन-टू-वन चर्चा के दौरान आवेदन प्रेषित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त कार्य कराये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी नहीं। उपलब्ध अभिलेख अनुसार मान. प्रश्नकर्ता का कोई पत्र प्राप्त नहीं होना पाया गया। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
वन-टू-वन चर्चा उपरांत स्टॉप डेम कम पुल निर्माण
[जल संसाधन]
81. ( क्र. 6225 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला जिले के विकासखण्ड घुघरी से सैलवारा के बीच बुडनेर नदी में स्टॉप डेम कम पुल निर्माण हेत माननीय मुख्यमंत्री महोदय को वन-टू-वन चर्चा उपरांत आवेदन दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कार्य कराये जाने हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) उपलब्ध अभिलेख अनुसार मान. प्रश्नकर्ता का कोई पत्र प्राप्त नहीं होना पाया गया। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
मेन्टीनेंस के संबंध में
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 6383 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा लोक निर्माण उपसंभाग त्योंथर को 01 अप्रैल 2016 से अब तक मेन्टीनेंस मद में कितनी-कितनी राशि कब कहाँ से प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित राशि किन-किन मेंन्टीनेंस के कार्यों में व्यय की गई? कार्य का नाम, कृत कार्य, व्यय की गई राशि तथा एजेंसी का नाम बतायें? (ग) यदि प्रश्नांश (ग) में वर्णित कार्य कराने के लिए निविदा आंमत्रित की गई थी? निविदाओं का विवरण प्रति देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खाद्यान्न से वंचित रखने की शिकायत की जाँच
[सहकारिता]
83. ( क्र. 6386 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकासखण्ड त्योंथर अन्तर्गत शाखा प्रबंधक एवं समिति प्रबंधक द्वारा मिलकर कृषकों को खाद एवं उपभोक्ताओं को खाद्यान्न से वंचित रखने की शिकायत की जाँच चल रही है? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत में अब तक क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही का विवरण देवें एवं यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या कार्यालय कलेक्टर जिला रीवा के पत्र क्र. 178/सतर्कता/2016/दिनांक 25.05.2016 द्वारा दोषी कर्मचारी/अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने बाबत् लेख किया गया था? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जाँच में पाये गये दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, विकासखंड त्योंथर अंतर्गत शाखा प्रबंधक एवं समिति प्रबंधक द्वारा उपभोक्ताओं को खाद्यान्न से वंचित रखने की शिकायत के अनुक्रम में सेवा सहकारी समिति मर्यादित, सोहर्वा की जाँच की गई। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर समिति के चार विक्रेता-श्री धुवेन्द्र सिंह, श्री जितेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी, श्री चन्देश्वर प्रताप सिंह तथा श्री धनंजय सिंह को सेवा से पृथक किया गया है। (ख) जी हाँ। दोषी समिति प्रबंधक श्री रामप्रपन्न शर्मा तथा प्रभारी शाखा प्रबधंक, श्री हरिलाल अहिरवार को शाखा जवा से हटाया जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गई है। श्री रामप्रपन्न शर्मा को आदेश की अवहेलना के कारण दिनांक 12.11.2016 को निलंबित किया गया था जिसे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगित किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
निर्वाचित विधायक की अवमानना एवं विशेषाधिकार
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 6407 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 31 जनवरी, 2017 को ब्यावरा, जिला राजगढ़ में माननीय केन्द्रीय पोत परिवहन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री महोदय भारत सरकार व माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन द्वारा शिलान्यास व लोकार्पण एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 3 का शिलान्यास व राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 12 का लोकार्पण समारोह लोक निर्माण विभाग द्वारा आयोजित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र पर कौन-कौन माननीय जनप्रतिनिधि/विधायक/सांसद/मंत्री/केन्द्रीय मंत्री के नाम थे तथा क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त पत्र छपवाये गये थे व समाचार पत्रों में विज्ञापन दिये गये थे? आमंत्रण पत्र की प्रति व विज्ञापन पत्र की प्रति सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) में क्या प्रश्नकर्ता विधायक का नाम भी क्या जिले के अन्य मान. विधायकों की तरह शासकीय आमंत्रण पत्र तथा समाचार पत्रों के विज्ञापन में था? यदि हाँ, तो जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं था? (घ) प्रश्न की कंडिका (क), (ख), (ग) के आधार पर क्या प्रश्नकर्ता विधायक की अवमानना/विशेषाधिकार का हनन हुआ है? यदि हाँ, तो क्या शासन इस संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या? कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार।
प्रधानमंत्री फलस बीमा अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक द्वारा काटी गई रसीद
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 6426 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा के अंतर्गत इन्दरगढ़ भारतीय स्टेट बैंक द्वारा रामगोपाल शर्मा की फसल बीमा की कोई रसीद दिनांक 5.8.2016 को काटी गई थी? (ख) क्या रसीद कटवाते समय कृषक द्वारा जो प्रमाण-पत्र बैंक में जमा किया, उसमें फसल के रूप में तिली लिखी थी या अन्य फसल, यदि तिली लिखी थी तो फिर अन्य किसानों की तरह उन्हें फसल बीमा का लाभ क्यों नहीं मिला? (ग) क्या बैंक मैनेजर द्वारा जानबूझकर उक्त कृषक के प्रमाण-पत्र में दर्ज तिली को अपने यहां दर्ज नहीं किया, जिससे उक्त किसान बीमा के लाभ से वंचित रह गया। यदि नहीं, तो उक्त प्रकरण की जाँच कराएं। यदिं हाँ, तो फिर उक्त बैंक मैनेजर के खिलाफ क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) शाखा प्रबंधक द्वारा अवगत कराया गया है कि श्री रामगोपाल शर्मा अऋणी कृषक द्वारा अपने बचत बैंक खाता क्र. 34987126393 में रूपये 362 जमा किये थे। बैंक द्वारा उनके खाते में से जो राशि जमा की गई उसकी रसीद दी गई थी न कि फसल बीमा की। यह राशि आज दिनांक तक उनके खाते में जमा है। क्यों कि कृषक अऋणी है व उसने फसल बोने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किया था। (ख) शाखा प्रबंधक इंदरगढ़ द्वारा लिखित में जबाब प्रस्तुत किया है कि श्री रामगोपाल शर्मा द्वारा बोनी का प्रमाण-पत्र संलग्न नहीं किया था। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
चम्बल नहर में पानी प्रदाय
[जल संसाधन]
86. ( क्र. 6449 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पार्वती एक्युडेक्ट पर रबी फसलों की सिंचाई हेतु प्रतिदिन सी.आर.एम.सी. में राजस्थान-मध्यप्रदेश के मध्य 3900 क्यूसेक्स पानी छोड़ने का स्थायी करार है। दिनांक 10.10.2016 से वर्तमान तक प्रतिदिन कितना क्यूसेक्स पानी मध्यप्रदेश को मिला? क्या ये करार मुताबिक है? यदि नहीं, तो इस हेतु क्या प्रयास किए गए? (ख) ई.ई., जल संसाधन, श्योपुर द्वारा चालू रबी सीजन में कितने हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का ऐलान किया? कितने क्षेत्र में वर्तमान में सिंचाई हुई? बतावें। (ग) करार मुताबिक सिंचाई हेतु पानी न मिलने के कारण सी.आर.एम.सी. व समस्त डिस्ट्रीब्यूटरियों में पर्याप्त पानी नहीं चल पाया तथा भिण्ड, मुरैना जिले में पानी पहुँचाने के कारण से श्योपुर क्षेत्र में सिंचाई की आवश्यकता के समय समस्त डिस्ट्रीब्यूटरियां हर माह एक-एक सप्ताह से अधिक समय तक के लिए बंद रखी गईं, नतीजन सभी डिस्ट्रीब्यूटरियों के टेल के दर्जनों ग्रामों के खेतों में पर्याप्त सिंचाई नहीं हो पाई, कृषक परेशान हैं। (घ) क्या शासन उक्त तथ्यों की जाँच कराकर उत्तरदायियों के विरुद्ध कार्यवाही करेगा तथा राजस्थान सरकार से अपने स्तर से चर्चा कर सी.आर.एम.सी. व समस्त क्षेत्रीय डिस्ट्रीब्यूटरियों में पर्याप्त पानी छुड़वाकर कृषकों को राहत प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। दिनांक 10.10.2016 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त जल की मात्रा का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध अनुसार पानी प्राप्त करने हेतु अंतर्राज्यीय नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड द्वारा समय-समय पर बैठकें आयोजित कर राजस्थान सरकार से निरंतर माँग की जाती रही है। (ख) वर्ष 2016-17 के चालू रबी सीजन में 50,000 हेक्टर ऐलान के विरूद्ध शत्-प्रतिशत क्षेत्र में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश के तीनों जिला क्रमशः श्योपुर, मुरैना एवं भिण्ड में ओसराबंदी अनुसार नहरों में पानी का संचालन कर समस्त ग्रामों में घोषित क्षेत्र अनुसार सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाना प्रतिवेदित है। (घ) घोषित क्षेत्र अनुसार उपलब्ध जल से ओसराबंदी लागू कर सभी वितरक नहरों से सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। अतः जाँच की स्थिति नहीं है। राजस्थान सरकार के साथ बैठकें आयोजित कर पर्याप्त पानी प्राप्त करने के लिये शासन प्रयत्नशील रहा है।
राज्य में अनुबंधित खेती
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
87. ( क्र. 6501 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अनुबंधित खेती की व्यवस्था के लिये शासन ने क्या पहल की है और वर्तमान में कौन-कौन सी बड़ी कंपनियां राज्य में कहाँ-कहाँ कितने क्षेत्रफल में अनुबंधित खेती कर रही हैं? (ख) इस अनुबंधित खेती की व्यवस्था से क्षेत्र के कितने किसानों को किस प्रकार से लाभ पहुँचा? क्या इसका अध्ययन शासन ने कराया है? यदि हाँ, तो अध्ययन के निष्कर्ष क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा अनुबंधित खेती (संविदा कृषि) की व्यवस्था के लिए म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 37-क तथा मंडी समितियों के लिए लागू उपविधि 2000 में आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। वर्तमान में केवल एक फर्म मेसर्स प्रतिभा सिन्टेक्स लिमिटेड अनुबंधित खेती के क्षेत्र में कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इस संबंध में अध्ययन नहीं कराया गया है, शेष का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
न्यायालय के आदेशों के पालन में पदोन्नतियां निरस्त करना
[जल संसाधन]
88. ( क्र. 6502 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मदन गोपाल चौबे/एम.जी. चौबे की (1) सहायक यंत्री से कार्यपालन सिविल के पद पर विभाग के आदेश दिनांक 17.4.1998 द्वारा पदोन्नति प्रकरण क्रमांक टीए/694/88 पारित के निर्णय के अधीन दी गई थी। (2) विभाग के आदेश दिनांक 19.2.2008 कार्यापालन यंत्री सिविल के अधीक्षण यंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया था (3) विभाग के आदेश दिनांक 12.10.2010 द्वारा श्री चौबे को अधीक्षण यंत्री से मुख्य अभियंता सिविल के पद पर सशर्त एस.एल.पी. (सी) 5932/2007 और एस.एल.पी. (सी) 9574/2007 माननीय उच्चतम न्यायालय के अंतिम आदेशों के अध्यधीन पदोन्नत किया गया था। (4) विभाग के आदेश दिनांक 2.2.2012 मुख्य अभियंता से प्रमुख अभियंता के पद पर सशर्त एस.एल.पी. (सी) 5932/2007 और एस.एल.पी. (सी) 9514/2007 में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश अध्यधीन रहेगी, दी गई थी, यदि हाँ, तो बतायें कि उपरोक्त पदोन्नतियों जिन जिन मूल डी.पी.सी. के आधार पर की गई थी वह किस-किस तिथि को हुई और इन मूल डी.पी.सी. से संबंधित पुनर्विचार डी.पी.सी. कौन-कौन से पद हेतु किस-किस तिथि को आयोजित की गई तथा कौन-कौन से पद की पुनर्विचार डी.पी.सी. क्यों नहीं की गई? (ख) क्या सहायक यंत्री से लेकर प्रमुख अभियंता तक पदोन्नति हेतु उक्त अवधि में जो भी पुनर्विचार डी.पी.सी. की गई थी उसमें श्री चौबे का चयन नहीं किया गया था? यदि नहीं, तो उस पुनर्विचार डी.पी.सी. की कार्यवाही विवरण की प्रति बतायें जिसमें कि श्री चौबे का चयन किया गया हो? (ग) क्या सरकार जिन पुनर्विचार डी.पी.सी. श्री चौबे का चयन नहीं हो सका है? चयन न होने पर उस पद पर श्री चौबे को दी गई पदोन्नतियां शून्य एवं प्रभावहीन मानते हुये निरस्त की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) पदोन्नति आदेशों में न्यायालयों के संदर्भ का उल्लेख करते हुये सशर्त पदोन्नति देने का क्या औचित्य है और क्या जिन न्यायालयीन प्रकरणों/शर्तों के अधीन पदोन्नतियां दी गई थीं? क्या न्यायालय द्वारा श्री चौबे की पदोन्नतियों को उचित नियमानुसार माना गया है? यदि हाँ, तो बतायें कि वर्ष 2012 से वर्ष 2016 के बीच पुनर्विचार डी.पी.सी. क्यों और कब-कब किस-किस पद हेतु की गई थी और क्या चौबे का इन सभी में चयन किया गया था?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) (1) जी हाँ। (2) जी हाँ। (3) जी हाँ। विभाग के आदेश दिनांक 12.10.2010 द्वारा नहीं बल्कि विभाग के आदेश दिनांक 12.07.2010 द्वारा। (4) जी हाँ। विभाग के आदेश दिनांक 02.01.2012 द्वारा। श्री एम.जी.चौबे को जिन पदों पर सशर्त पदोन्नति दी गई थी उनके संबंध में न्यायालयीन आदेश दिनांक 23.02.2007 के पालन में वरिष्ठता पुनरीक्षित होने से विभाग द्वारा की गई रिव्यू डी.पी.सी. निम्नवत् हैं:- (i) सहायक यंत्री से कार्यपालन यंत्री के पद हेतु आयोजित मूल डी.पी.सी. दिनांक 07.01.1998 जिसमें श्री एम.जी. चौबे का नाम सम्मिलित था, की रिव्यू डी.पी.सी. दिनांक 04.10.2012 को, (ii) कार्यपालन यंत्री से अधीक्षण यंत्री के पद हेतु आयोजित मूल डी.पी.सी. दिनांक 18.01.2008 जिसमें श्री एम.जी.चौबे का नाम सम्मिलित था, की रिव्यू डी.पी.सी. नहीं की गई है। (iii) अधीक्षण यंत्री से मुख्य अभियंता के पद हेतु आयोजित मूल डी.पी.सी. दिनांक 01.07.2010 जिसमें श्री एम.जी.चौबे का नाम सम्मिलित था, की रिव्यू डी.पी.सी. दिनांक 17.12.2013 को, (iv) मुख्य अभियंता से प्रमुख अभियंता के पद हेतु आयोजित मूल डी.पी.सी. दिनांक 16.12.2011 जिसमें श्री एम.जी.चौबे का नाम सम्मिलित था, की रिव्यू डी.पी.सी. नहीं की गई है। (ख) से (घ) वरिष्ठता को लेकर न्यायालयीन विवाद प्रचलित रहने से एवं पदोन्नति पर कोई स्थगन न होने से समय-समय पर पदोन्नति की कार्यवाही की गई। जिस कारण उन पदोन्नति आदेशों को सशर्त न्यायालयीन निर्णयों के अध्यधीन रखा गया। मान. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक-4410/97 एवं 236/98 में पारित आदेश दिनांक 23.02.2007 के पालन के लिए मा. उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्रमांक-21131/11 (एस) में पारित आदेश दिनांक 12.03.2012, याचिका क्र.-6887/2012 (एस) में पारित आदेश दिनांक 18.07.2012 एवं मा. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा याचिका क्रमांक-5004/2012 (एस) में पारित आदेश दिनांक 18.07.2012 के पालन में सहायक यंत्री (सिविल) की पूर्व पदक्रम सूचियों को संशोधित करते हुए राज्य शासन द्वारा आदेश क्रमांक एफ-12-06/2012/पी-1/31, दिनांक 06.08.2012 द्वारा वर्ष 1981 में म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा किए चयन के आधार पर सीधी भर्ती के सहायक यंत्री (सिविल) की वरीयता क्रम को पुनरीक्षित किया गया। वरीयता क्रम पुनरीक्षित किए जाने के कारण विभिन्न पदों की रिव्यू डी.पी.सी. की बैठकें आयोजित की गई। उक्त सम्पन्न रिव्यू डी.पी.सी. की बैठकों में मूल डी.पी.सी. में अपनाए गए मापदण्डों के आधार पर पात्र पाए गए अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ दिया गया है। कनिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारियों के नामों पर पुनर्विचार नहीं किया गया है। श्री एम.जी. चौबे दिनांक 29.02.2012 को सेवानिवृत्त हो चुके थे। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
जल संसाधन विभाग में किये गये शिलान्यास उद्घाटन समारोह
[जल संसाधन]
89. ( क्र. 6562 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्रों में किये जा रहे शिलान्यास उद्घाटन आदि समारोहो में क्षेत्र से संबंधित माननीय विधायाकों को आमंत्रित करने हेतु क्या नियम प्रक्रिया प्रचलन में है, की जानकारी विस्तार से दी जावे? (ख) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में दिनांक जनवरी 2014 से जनवरी 2017 तक कितने निर्माण कार्यों के शिलान्यास व लोकार्पण की जानकारी देते हुए दोनों कार्यक्रमों में से किन-किन प्रश्नकर्ता विधायक को आमंत्रित किया गया? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उद्घाटन समारोह में क्या शिलालेख भी स्थल पर लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो उन पर किनका-किनका नाम अंकित है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शिलान्यास, उद्घाटन आदि समारोहों में क्षेत्र से संबंधित माननीय विधायकों को आमंत्रित करने हेतु म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में लालौर स्टॉप डेम के निर्माण का शिलान्यास दिनांक 28.05.2016 को अन्तोदय मेले में कराया जाना प्रतिवेदित है, जिसमें प्रश्नकर्ता मान. विधायक जी को आमंत्रित किया गया था। (ग) जी हाँ। शिलालेख में मुख्य अतिथि श्री लाल सिंह आर्य मान. प्रभारी मंत्री, जिला मुरैना, अध्यक्षता श्री अनूप मिश्रा मान. सांसद श्योपुर-मुरैना, विशिष्ट अतिथि श्री बलबीर डण्डोतिया मान. विधायक विधान सभा क्षेत्र दिमनी, श्री मुंशीलाल मान. अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम, मध्यप्रदेश भोपाल एवं श्रीमती गीता हर्षाना मान. अध्यक्ष जिला पंचायत जिला मुरैना का नाम अंकित है।
लोक निर्माण विभाग में किये गये शिलान्यास उद्घाटन समारोह
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 6563 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा विधान सभा क्षेत्रों में किये जा रहे शिलान्यास उद्घाटन आदि समारोहो में क्षेत्र से संबंधित माननीय विधायकों को आमंत्रित करने हेतु क्या नियम प्रक्रिया प्रचलन में है, की जानकारी प्रति सहित विस्तार से दी जावे? (ख) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में दिनांक जनवरी 2014 से जनवरी 2017 तक कितने निर्माण कार्यों के शिलान्यास लोकार्पण व शिलालेख की जानकारी देते हुए किन-किन कार्यक्रमों में प्रश्नकर्ता विधायक को आमंत्रित किया गया आमंत्रण पत्र की सूचना व उसकी प्राप्ति की प्रति भी उपलब्ध करावें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित उद्घाटन समारोह में क्या शिलालेख भी स्थल पर लगाये गये? यदि हाँ, तो उनकी भी फोटो प्रति उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी में कोई शिलान्यास नहीं कराया गया है, पोरसा-कोलुआ मार्ग में किर्राइच के पास क्वारी नदी पर पुल का लोकार्पण कराया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ, फोटो प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
भूमि का अधिग्रहण
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 6597 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 21 जुलाई, 2016 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 81 (क्र. 1644) के प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के परिप्रेक्ष्य में सतना जिले के कलिजर नागौद उचेहरा के राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 56 पर बाय-पास बनाया जाना निरस्त किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो जिन 28 कृषकों द्वारा नवीन गाईड-लाईन के आधार पर मुआवजे की मांग की गई थी जिनके प्रकरण माननीय अपर न्यायाधीश नागौद के न्यायालय में भेजे गये थे, उन पर क्या निर्णय पारित किया गया? पारित निर्णयों की प्रति उपलब्ध कराएं तथा उक्त पारित निर्णयों में क्या कार्यवाही की गई। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जब प्रश्नांकित बाय-पास का निर्माण निरस्त किया गया है, तो ऐसे बाय-पास के लिये भूमि अधिग्रहण करने का क्या औचित्य है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में औचित्यहीन भूमि अधिग्रहण को संबंधित कृषकों की भूमि को अधिग्रहण मुक्त कब किया जायेगा? बताएं। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान बी.ओ.टी (टोल+एन्यूटी) परियोजना के स्कोप से बाय-पास निर्माण को पृथक किया जाकर नागौद शहरी क्षेत्र में यातायात की सुविधा हेतु फोर-लेन का निर्माण किया गया है। (ख) ग्राम बिकरा एवं नामतारा के 28 कृषकों द्वारा भू-अर्जन अधिकारी, नागौद द्वारा पारित अवार्ड दिनांक 31/12/2013 के द्वारा निर्धारित मुआवजा पर आपत्ति किये जाने पर भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 18 के तहत प्रकरण रेफरेंस में मान. अपन जिला न्यायाधीश, नागौद के न्यायालय में भेजे गये थे किंतु उक्त प्रकरण में मान. न्यायालय द्वारा दिनांक 07/02/2017 को उक्त प्रकरणों को भूमि-अर्जन पुनर्वासन पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के तहत पारित मानकर सिविल न्यायालय के विचारण का वर्जन मानते हुए प्रकरण वापिस किये जाने का आदेश पारित किया गया। उक्त प्रकरण दिनांक 03/03/2017 को प्राप्त होने पर परीक्षण करने पर पाया गया है कि उक्त प्रकरण में भू-अर्जन अधिनियम 1894 के तहत अवार्ड पारित किये गये हैं, जिनमें रिफरेंस पर विचारण की अधिकारिता मान. अपर जिला न्यायाधीश महोदय को ही है, ऐसी स्थिति में भू-अर्जन अधिकारी, नागौद के पत्र क्रमांक 306/अनु.अधि./भू-अर्जन/2017, नागौद, दिनांक 09/03/2017 को उक्त दोनों प्रकरण मान. न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किये जाने हेतु शासकीय अभिभाषक को पुनः भेजे गये हैं। पारित निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) नागौद-कालिन्जर बी.ओ.टी. (टोल+एन्यूटी) मार्ग के निर्माण में भू-अर्जन को लेकर हो रहे विवाद एवं विलंब को दृष्टिगत रखते हुए नागौद नगर में विद्यमान मार्ग को फोर-लेन बनाकर तात्कालिक रूप से यातायात को सुविधा प्रदान की गई एवं परियोजना का निर्माण पूर्ण कराया गया। भू-अर्जन पूर्ण होने के उपरांत बाय-पास निर्माण की संभावना पर विचार करना संभव हो सकेगा। (घ) भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। न्यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी। अतः वर्तमान स्थिति में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के बंद होने से उत्पन्न स्थिति
[सहकारिता]
92. ( क्र. 6604 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (भूमि विकास बैंक) को बंद करने का निर्णय कब एवं किन कारणों से लिया गया? (ख) क्या राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के बंद होने से जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के कर्मचारियों को वेतन मिलना भी बंद हो गया है? यदि हाँ, तो बैंक के बंद (परिसमापन) के पूर्व राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक मुख्यालय भोपाल एवं जिला बैंकों में कार्यरत स्टॉफ को अन्य संस्थाओं में संविलियन किए जाने की क्या योजना है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक किस-किस संस्था में कर्मचारियों का संविलियन किया जाएगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) बैंक की अकार्यशीलता, आर्थिक रूप से सक्षम होने की कोई सम्भावना नहीं होने एवं उद्देश्यों की पूर्ति में असफल रहने से बैंक का कार्य संचालन जारी न रखने के कारण दिनांक 22.03.2016 को परिसमापन में लाये जाने का आदेश जारी किया गया है। (ख) जी नहीं। जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के द्वारा वेतन भुगतान के लिये आवश्यक राशि की वसूली किये जाने पर उन्हें वेतन का भुगतान किया जाता है। जी नहीं। बैंकों की परिसमापन की प्रक्रिया के दौरान उपयुक्त पाये गये कर्मचारियों की प्रदेश की सहकारी बैंकों/सहकारी संस्थाओं में पदों की उपलब्धता के आधार पर संविलियन किये जाने की योजना है। पदों की उपलब्धता एवं स्क्रीनिंग कमेटी की अनुशंसा तथा आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थायें, द्वारा अनुमति दिये जाने के आधार पर तद्नुरूप उपयुक्त पाये गये कर्मचारियों का संस्थाओं में संविलियन किया जा सकेगा। (ग) संविलियन सहकारी बैंक/सहकारी संस्थाओं में पदों की उपलब्धता एवं कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कमेटी में उपयुक्तता की जाँच उपरान्त किया जा सकेगा। वर्तमान में संस्था का नाम एवं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। संविलियन की योजना 30 जून, 2017 तक के लिये प्रभावशील है।
नजूल तालाब का सौंदर्यीकरण
[जल संसाधन]
93. ( क्र. 6646 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला बालाघाट के कटंगी नगर में जल संसाधन विभाग का नजूल तालाब है। (ख) यदि हाँ, तो इस तालाब में कब-कब जल संसाधन विभाग द्वारा कितनी-किनी राशि खर्च की गई? (ग) क्या यह सच है कि सिंचाई नजूल तालाब के सौंदर्याकरण करने पर विभाग विचार कर रहा है। यदि हाँ, तो विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में सौंदर्यीकरण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
गिट्टी पेंच कार्य हेतु निविदा पर क्रय सामग्री
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 6665 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ संभाग में गिट्टी पेंच कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब। दिनांक, निविदाकार का नाम, दर, मात्रा एवं राशि सहित बतावें। (ख) उक्त निविदाओं पर क्रय सामग्री का उपयोग जिले के कौन-कौन से मार्गों पर कितनी-कितनी मात्रा में किस-किसके द्वारा किया गया है? (ग) क्या उक्त निविदायें आमंत्रित करने के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों से निविदा आमंत्रित करने की अनुमति प्राप्त की गई? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी से तथा कब-कब? प्राप्त अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) उपरोक्त पेंच कार्य में लगे श्रमिकों का भुगतान किस आधार पर और किस प्रणाली से किस-किसको कितना-कितना किया गया है? उक्त पेंच वर्क कार्यों में कितनी मात्रा में डामर एवं इमलशन का उपयोग किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) पूर्व अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। म.प्र. कार्य नियमावली की कण्डिका 2.044 में प्रदत्त प्रावधानानुसार कार्य कराया गया है। राज्य शासन कार्य विभाग नियमावली कंडिका 2.080 के प्रावधान के अनुसार विभाग के कार्यपालन यंत्रियों को रू. 20.00 लाख तक की निविदा आमंत्रण करने का अधिकार म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 6916/यो/2000/19 दिनांक 25.09.2000 द्वारा प्रदान किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) उक्त कार्य विभागीय गेंग से कराये गये हैं। श्रमिकों को भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। पेंच रिपेयर कार्य में डामर 1047 ड्रम इमलशन 283 ड्रम का उपयोग किया गया है।
वाटर-प्रूफिंग कार्य
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 6666 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा दिनांक 1 जनवरी 2015 के उपरांत राजगढ़ संभाग में कितनी-कितनी राशि का वाटर-प्रूफिंग कार्य निविदा पर कराया गया है? (ख) इसकी अनुमति कौन-कौन से वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दी गई है? कराये गये कार्यों के संबंध में संबंधित रहवासी एवं अधिकारियों द्वारा कब-कब लिखित पत्राचार किया गया है? विवरण उपलब्ध करावें। (ग) करोड़ों की राशि से कराये गये उक्त कार्य के लिये क्या शासन से अनुमति प्राप्त की गई? यदि की गई है, तो उस पत्र की छायाप्रति भी उपलब्ध करावें। (घ) यदि अनुमति नहीं ली गई है, तो इतनी अधिक राशि का उपयोग बिना अनुमति के कराया जाना उचित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) आवश्यकता नहीं। कार्य की आवश्यकता आंकलन हेतु समस्त भवनों का सर्वेक्षण कराया गया तथा जिन-जिन आवासों/भवनों में जल अवरोधी कार्य कराया जाना है, उन्हें चिन्हांकित उपरांत कार्य संपादित कराया गया है। (ग) जी नहीं। आवश्यकता नहीं है। कार्य नियमावली की कण्डिका 2.037 एवं कार्य नियमावली के परिशिष्ट 2.30 के अनुक्रम में कार्यपालन यंत्री को अधिकार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा की जानकारी
[सहकारिता]
96. ( क्र. 6682 ) श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक समस्त सेवा सहकारी समितियों (सोसायटी) में किसानों को कृषि ऋण दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितने किसानों को कृषि ऋण दिया गया? किसानों की संख्यावार, सोसायटीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रत्येक सोसायटियों में कितने किसानों का फसल बीमा किया गया? किसानों की सोसायटीवार, संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कितने किसानों को फसल बीमा दिया गया? किसानों की संख्यावार, सोसायटीवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) वर्षवार, समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 तथा 4 अनुसार है।
केन्द्र प्रवर्तित अन्य योजनाओं में डी.बी.टी. लागू की जाना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
97. ( क्र. 6692 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत बीज एवं अन्य आदान सामग्री एम.पी.स्टेट एग्रो के माध्यम से क्रय करने के आदेश विभाग द्वारा जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो अन्य योजनाओं में डी.बी.टी. क्यों लागू की गर्इ है। (ख) विभाग द्वारा सभी योजनाओं में समान प्रक्रिया लागू न किए के क्या कारण हैं? क्या शासन के इस भेदभाव की नीति से प्रदेश लाखों किसान योजनों के लाभ से वंचित हो रहे हैं? (ग) क्या डी.बी.टी. योजना लागू किए जाने के कारण वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्नांश तक योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति क्या थी? (घ) प्रश्नांश (ग) हाँ, तो प्रगति नगण्य होने के पश्चात भी विभाग के अधिकारियों के द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए किसानों के ऊपर डी.बी.टी. जबरदस्ती क्यों थोपी जा रही है? राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाओं की भॉति अन्य योजनाओं में भी डी.बी.टी. कब तक समाप्त कर दी जावेगी।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना तहत गुणवत्तायुक्त आदान सामग्री मध्यप्रदेश कृषि उद्योग विकास निगम के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराने हेतु जिलों को निर्देशित किया गया है। भारत सरकार, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के पत्र दिनांक 27 जुलाई 2016 अनुसार केन्द्र प्रवर्तित अन्य योजनाओं में डी.बी.टी. लागू की गई है। (ख) विभाग द्वारा सभी योजनाओं में कृषक द्वारा स्वयं पूर्ण राशि व्यय कर योजना का क्रियान्वयन करने पर अनुदान कृषक के बैंक खाते में भुगतान किया जाता है। कृषक द्वारा बैंक से ऋण लेकर योजना का क्रियान्वयन करने पर अनुदान कृषक के बैंक ऋण खाते में भुगतान किया जाता है। कृषक द्वारा कृषक अंश चयनित कंपनी को देकर शेष राशि कंपनी द्वारा व्यय कर कार्य कराने पर अनुदान कंपनी के बैंक खाते में भुगतान किया जाता है, उक्त प्रक्रिया में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। कृषकों को योजना का लाभ मिल रहा है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार प्रगति आशानुरूप है। डी.बी.टी. के जरिये अनुदान भुगतान से चयनित हितग्राही को ही लाभ मिलने की सुनिश्चितता होती है। इस कारण इसे समाप्त करने का कोई विचार नहीं है।
मार्ग निर्माण हेतु कार्ययोजना
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 6694 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 22 दिनांक 22/02/17 के जवाब में उल्लेखित जावरा विकासखण्ड एवं पिपलौदा विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले उपरोक्त उल्लेखित स्थिति जैसे अत्यावश्यक मार्गों के निर्माण हेतु क्या कोई कार्ययोजना बनाई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत अनेक आवश्यक मार्ग ग्रामों की प्रगति में काफी सहायक होंगे, क्या इस हेतु बजट सत्र में विकासखण्डवार न्यूनतम 7-8 कि.मी. तक के मार्ग इसमें सम्मिलित किये जाएंगे? (ग) क्या संदर्भित प्रश्नानुसार लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वेक्षित सूची अनुसार पंचायत मार्गों को अत्यधिक कठिनाईवश मार्ग होने से इन्हें बनाए जाने हेतु स्वीकृति प्रदान कर बजट में शामिल करने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
म.प्र. मण्डी बोर्ड में प्रतिनियुक्त पर पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
99. ( क्र. 6719 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी भितरवार, डबरा एवं लश्कर में 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस ठेकेदार/एजेंसी तथा किस-किस यंत्री के सुपरविजन में कराये गये तथा कराये जा रहे हैं? उन निर्माण कार्यों की वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? प्रत्येक निर्माण कार्य वाईज अलग-अलग जानकारी दें। (ख) कृषि उपज मंडी भितरवार, डबरा एवं लश्कर में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय स्पष्ट करें। (ग) म.प्र. मण्डी बोर्ड भोपाल में अन्य विभाग से प्रति नियुक्ति पर आये हुये कर्मचारियों/अधिकारियों के बोर्ड में प्रति नियुक्ति पर कितने वर्षों तक रखने के नियम हैं? छायाप्रति दें। वर्तमान में 1 जनवरी 2017 की स्थिति में प्रतिनियुक्ति पर किस-किस विभाग के कितने कर्मचारी/अधिकारी मण्डी बोर्ड में किस-किस स्थान पर किस-किस पद पर किस दिनांक से पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें। क्या ऐसे भी कर्मचारी/अधिकारी मण्डी बोर्ड में पदस्थ हैं, जिनको मण्डी बोर्ड के नियमानुसार प्रतिनियुक्ति पर रहते हुये ज्यादा समय हो गया है? यदि हाँ, तो उनके नाम, पद वर्तमान पदस्थापना, स्थान दें। (घ) इसके लिए नियमों का उल्लंघन करने हेतु कौन अधिकारी दोषी है? दोषी के प्रति क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। अब इन कर्मचारियों/ अधिकारियों को उनके मूल विभाग में कब तक वापिस कर दिया जावेगा समय-सीमा स्पष्ट करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्नांश (क) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कृषि उपज मण्डी भितरवार, डबरा एवं लश्कर में पदस्थ कर्मचारी/अधिकारी के नाम, पद, पदस्थापना एवं मुख्यालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में लागू राज्य मण्डी बोर्ड सेवा विनियम1998 के विनियम 6 (2) (9) में प्रतिनियुक्ति की अवधि चार वर्ष निर्धारित हैं, जो कि दोनों विभागों/संगठनों की सहमति से कर्मी के उपयुक्त पाये जाने पर बढ़ाई जा सकती है, इस विनियम 6 (2) (9) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में दिनांक 01जनवरी 2017 की स्थिति में अन्य विभागों, निगम, मण्डल आदि से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जी हाँ, उक्त सेवा विनियम 6 (2) (9) के प्रावधान अंतर्गत चार वर्ष की अवधि से अधिक समय से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनके संबंध में वांछित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) राज्य मण्डी बोर्ड सेवा विनियम 1998 के विनियम 6 (2) (9) अंतर्गत प्रतिनियुक्ति अवधि में चार वर्ष से अधिक की वृद्धि का प्रावधान होने से नियम के उल्लंघन या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उक्त विनियम के प्रावधान के अंतर्गत संस्था में प्रतिनियुक्ति कर्मियों की उपयुक्तता का निर्धारण एक सतत् प्रक्रिया होने से उनकी सेवायें प्रतिनियुक्ति से वापिस करने हेतु समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
लोक निर्माण विभाग के अधीन सड़कों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 6720 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की ऐसी कितनी सड़के हैं जो विभाग की बुक पर हैं? जिस पर डामरीकरण होना है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उन सड़कों पर जनप्रतिनिधियों द्वारा विगत दो वर्ष में कितने प्रस्ताव डामरीकरण हेतु विभाग प्रमुख को प्रस्तुत किये गये हैं? प्राप्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रेषित किये गये डामरीकरण के कितने प्रस्तावों की स्वीकृति की गई है? यदि नहीं, तो क्या इस वित्त वर्ष में स्वीकृत किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कितने प्रस्ताव बजट में शामिल किये गये हैं? उनकी सूची दी जावे। (घ) अमरौल से बनवार तक जो रोड है, वह बहुत पुराना विभाग का ध्वस्त रोड है। पूरी तरह जर्जर है। आवागमन हेतु बिल्कुल नहीं है। इस रोड का कब तक निर्माण करा लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, आंशिक रूप से खराब है। मार्ग के पुनर्निमाण हेतु लागत राशि रू. 244.81 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया है, किन्तु सीमित वित्तीय संसाधन होने से स्वीकृति प्रदान करने में कठिनाई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेंच नहर से ग्रामों को जोड़ना
[जल संसाधन]
101. ( क्र. 6771 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा-सिवनी जिले के अंतर्गत पेंच व्यपवर्तन परियोजना की निविदा कब आमंत्रित की गई? इसका ठेका किसको, कब दिया गया? निर्माण की अवधि क्या थी? नहर की लम्बाई क्या है? लागत राशि क्या थी? उक्त नहर में कितने कि.मी. अथवा हेक्टेयर भूमि शासकीय थी और कितनी भूमि अशासकीय थी? (ख) ठेकेदार द्वारा उक्त नहर के निर्माण हेतु निर्धारित अवधि में कौन-कौन सा कार्य किस कि.मी. में कितना किया गया? कार्य का प्रतिशत एवं कार्यों के एवज में ठेकेदार को तिथिवार भुगतान की गई राशि की जानकारी दें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) परियोजना में सिवनी जिले के 134 ग्राम लाभान्वित हैं, जो पूर्व नक्शा एवं लिस्ट में सम्मिलित हैं और पूर्व में अनेक बार सर्वे भी हुआ है, परन्तु मौके में प्रश्न दिनांक तक छूटे हुये ग्रामों में नहर नहीं बन पाई है। यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या शासन सिवनी जिले के लगभग 50-55 ग्रामों को जोड़कर नहर निर्माण कार्य कराने की योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'', ''ब'', ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (ग) परियोजना से सिवनी जिले के 134 ग्राम लाभान्वित होना प्रस्तावित थे। वर्तमान में 152 ग्राम प्रस्तावित किया जाना प्रतिवेदित है। पूर्व प्रस्तावित 134 ग्रामों में से 12 ग्रामों में नहर निर्माण में वन भूमि आने एवं 01 ग्राम का भौगोलिक क्षेत्र नहर तल से अधिक ऊँचाई पर होने के कारण उक्त 13 ग्रामों को नये प्रस्ताव में प्रस्तावित नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। लाभान्वित 152 ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' अनुसार है। (घ) जी नहीं। परियोजना में जल की मात्रा उपलब्ध नहीं होने के कारण। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
फसल बीमित कृषकों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
102. ( क्र. 6772 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी तहसील अन्तर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा के अन्तर्गत वर्ष 2016 में कौन-कौन से फसल में कितनी ऋणी/अऋणी कृषकों का फसल बीमा किया गया? कुल फसल का रकबा, कुल बीमित राशि का कुल कितनी प्रीमियम राशि ऋणी/अऋणी कृषकों से बीमा कंपनी को प्राप्त हुई है? (ख) बीमा कंपनी के द्वारा बीमा करने के पूर्व कौन से जोखिम घटक प्राकृतिक आपदा के निर्धारित किये गये थे? क्या बीमा कंपनी, राजस्व, कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा कीट व्याधि बीमारियों से नुकसान होने वाली फसलों को बीमा जोखिम घटक में शामिल किया जाना बताया गया था? (ग) किन-किन ग्रामों में कीट व्याधि फफूंद जनित रोगों से भारी मात्रा में कृषकों को नुकसान हुआ है? क्या कृषि विभाग द्वारा बीमा कंपनी को अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कृषकों की संख्यात्मक जानकारी देवें? बीमा कंपनी द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि में अभी तक कितने कृषकों की फसल नुकसान का भुगतान किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा के अंतर्गत वर्ष 2016 में तहसील सिवनी में खरीफ मौसम में मक्का, धान सिंचित, धान असिंचित, तुअर एवं सोयाबीन तथा रबी मौसम में गेहूँ एवं चना फसल का फसल बीमा किया गया है। खरीफ 2016 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। । रबी 2016-17 के बीमांकन का तहसीलवार संकलन प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत जोखिम घटक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जिले में कहीं से भी कीट व्याधि के कारण आर्थिक क्षति स्तर से अधिक नुकसान की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
103. ( क्र. 6800 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में कुल कितने कृषक हैं, उसमें कितने बड़े कृषक हैं, कितने सीमांत कृषक हैं एवं कितने लघु कृषक हैं? वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने कृषकों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा कराया? (ख) पटवारी हल्कावार कृषक संख्यावार, फसलवार, रकबावार जमा की गई राशि सहित जानकारी बतावें। दोनों फसल की जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) डिण्डौरी जिले में 1,92,445 कृषक हैं। इनमें बड़े कृषक 63020 एवं सीमांत कृषक 79520 व 49894 लघु कृषक हैं। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना खरीफ 2015 मौसम में डिण्डौरी जिले में कुल 9174 व रबी वर्ष 2015-16 में कुल 925 कृषकों का बीमा किया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राज्य में खरीफ वर्ष 2016 से लागू है। डिण्डौरी जिले में खरीफ 2016 में 16845 एवं रबी 2016-17 में कुल 2147 कृषकों का बीमा किया गया। (ख) वर्ष 2015-16 एवं खरीफ 2016 के बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रबी 2016-17 के बीमांकन के संकलन का कार्य प्रक्रियाधीन है।
बिलाईखार बांध की जानकारी
[जल संसाधन]
104. ( क्र. 6801 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिलाईखार बांध का निर्माण कब हुआ, किस मद से हुआ, कितनी राशि स्वीकृत थी, कितनी राशि का व्यय हुआ, किस ठेकेदार ने कार्य किया, डूब में कितनी जमीन डूबी? खसरा नंबर, रकबा, कृषक का नाम, मुआवजा की राशि कृषकवार बतावें। (ख) प्राक्कलन अनुसार कितनी जमीन की सिंचाई होना था? वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किस-किस कृषक ने कितनी-कितनी जमीन के लिए कितना-कितना पानी लिया तथा कितना-कितना पैसा जमा किया कृषकवार बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2010. लागत रू. 102.59 लाख ए.आई.बी.पी. मद। व्यय राशि रू. 178.78 लाख। शीर्ष कार्य मेसर्स के.डी. सिंह, कंस्ट्रक्शन कंपनी रीवा तथा नहर कार्य मेसर्स प्रियंक जैन डिण्डौरी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) परियोजना की सैच्य क्षमता 105 हेक्टर (रबी 85 हेक्टर, खरीफ 20 हेक्टर) है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-1'', ''ब-2'' अनुसार है।
जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के सी.ई.ओ/प्रबंध संचालक का स्थानांतरण
[सहकारिता]
105. ( क्र. 6858 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर उज्जैन संभाग की जिला केन्द्रीय सहकारी बैंको में अपैक्स केडर के सी.ई.ओ./प्रबंध संचालक कितने वर्षों से एक जिले में ही पदस्थ हैं? नाम की सूची, कार्य अवधि सहित देवें। (ख) अपैक्स बैंक की स्थानान्तर नीति अनुसार क्या नियत कार्यकाल (पदस्थी) का पालन किया जा रहा है? तीन वर्ष से अधिक कौन-कौन मुख्य कार्यपालन अधिकारी/प्रबंध संचालक एक ही बैंक में पदस्थ हैं? सूची देवें। स्थानान्तर नहीं किये जाने का क्या कारण हैं? इसके लिये कौन जवाबदार है।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक की स्थानांतरण नीति नहीं बनाई गई है, परंतु स्थानांतरण नीति बनाने के लिए बैंक के सेवा नियम के मानव संसाधन नीति में स्थानांतरण नीति के मुख्य उद्देश्य एवं दायरा के तहत अधिकारियों की पदस्थी सामान्यत: 3 से 5 वर्ष के लिए होगी, किंतु बैंक की प्रशासकीय आवश्यकताओं के अनुक्रम में परिवर्तित की जा सकेगी, उल्लेखित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इस संबंध में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक से स्थानांतरण न किये जाने की जानकारी चाही गई है एवं समुचित कारण न होने पर संबंधित के स्थानांतरण किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
कृषि उपज मंडियों में किसानों की उपज खरीदी में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
106. ( क्र. 6895 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, जिले की कितनी मंडियों में कितने हम्माल, तुलावटी मंडी बोर्ड में रजिस्टर्ड हैं? क्या प्रदेश की शासकीय मंडियों में हम्माल, तुलावटी अपने एवं अपने परिवार के नाम पर अधिकृत रूप से व्यापार करने का लायसेंस नहीं ले सकता? यदि हाँ, तो मंदसौर जिले की कितनी मंडियों में ऐसे हम्माल, तुलावटी अधिकारियों की मिली भगत से व्यापार भी कर रहे हैं? मंडी तुलावटी के परिवार के सदस्य अपने नाम से व्यापार क्यों नहीं कर सकते? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) क्या उक्त जिलो की मंडियों में लहसुन की नीलामी दोहरी नीति से अर्थात मंडी व्यापारी एवं मंडी प्रशासन द्वारा की जाती है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या कृषकों से नीलामी के दौरान मंडी प्रशासन नीलामी में बारदान मंडी प्रशासन का होता है, जबकि व्यापारी द्वारा नीलामी में बारदान कृषक का? एक ही तरह की नीलामी में अलग-अलग नीति क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित नीलामी में क्या व्यापारियों द्वारा अधिकारियों से अनियमितता कर उचित मंडी टैक्स नहीं चुकाया जा रहा है, जिससे मंडी प्रशासन (राजस्व) को भारी हानि हो रही है? क्या व्यापारी द्वारा लहसुन नीलामी को विभाग द्वारा कृषक हित में प्रतिबन्धित किया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हम्माल, तुलावटी को अपने एवं अपने परिवार के नाम पर अधिकृत रूप से व्यापार करने का लायसेंस लेने हेतु कृषि उपज मण्डी अधिनियम, 1972 में कोई प्रतिबंध नहीं है। मंदसौर जिले की मंडियों में हम्माल व तुलावटी, अधिकारियों की मिलीभगत से व्यापार करने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी नहीं। मंदसौर जिले की मंडियों में कृषकों द्वारा लाई गई कृषि उपज लहसुन की नीलामी एक ही नीति के अंतर्गत मंडी समिति के कर्मचारियों द्वारा की जाती है। नीलामी के दौरान लहसुन ढेरी के रूप में नीलाम होने से नीलामी के समय बारदानें का उपयोग नहीं होता है। मण्डी प्रशासन द्वारा कृषकों को बारदाना नहीं दिया जाता है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के अनुसार मंदसौर, जिले की मंडियों में व्यापारियों द्वारा अधिकारियों से अनियमितता कर मण्डी फीस अपवंचन संबंधी कोई शिकायत नहीं है। व्यापारियों द्वारा नियमानुसार लहसुन का खुली नीलामी में भाग लेकर बोली लगाई जाती है। जो पारदर्शी और कृषक हित में है। अत: इसे प्रतिबंधित किया जाना प्रस्तावित नहीं है।
उच्चस्तरीय पुल एवं सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 6903 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अनेकों बार बैहर विधानसभा क्षेत्र की सड़कों एवं उच्च स्तरीय पुल के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान करने प्रस्ताव प्रमुख सचिव को दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्तावों पर विभाग ने अभी तक क्या कार्यवाही की है एवं कब-तक विभाग उक्त प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान करेगा? (ग) विभाग द्वारा मांग संख्या 41 आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की निधि से गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की सड़कों एवं पुलों का निर्माण किया जा रहा है, तो बैहर विधानसभा क्षेत्र की सड़कें एवं पुलों के प्रस्ताव आदिवासी उपयोजना क्षेत्र होने के कारण क्यों स्वीकृत नहीं किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा मांग संख्या 41 आदिवासी उपयोजना में किसी प्रकार की भी स्वीकृति जारी नहीं की गई है।
शहर में आंतरिक मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 6906 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट शहर के आंतरिक मार्ग का निर्माण कार्य मांग संख्या 42 में अनुमानित लागत 956.52 लाख की स्वीकृति दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट शहर की कौन-कौन सी सड़कों का किन-किन वार्डों में निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया? (ग) क्या उक्त मार्ग का निर्माण आंतरिक मार्ग के बजाय व्यक्ति विशेष को फायदा पहुँचाने के लिए शहर के बाहर बाय-पास मार्ग का निर्माण किया है एवं गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में किया गया है? (घ) उक्त मार्ग की स्वीकृति किनके द्वारा दी गई एवं कब दी गई? क्या मार्ग स्वीकृतकर्ता आदिवासी उपयोजना क्षेत्र से बाहर स्वीकृति के लिए दोषी है या नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ, रू. 956.52 लाख की नहीं अपितु 656.17 लाख की स्वीकृति दी गई थी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) शासन के द्वारा दिनांक 16.02.2012 को जारी की गई है। जी नहीं, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कालम-14 पर दर्शित है।
कृषि उपज मंडी में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मियों का नियमितीकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
109. ( क्र. 6915 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडी कटनी के कितने एवं कौन-कौन दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक सेवाकाल में मृत हो गये एवं सेवानिवृत्त हो गये? क्या वर्तमान में कार्यरत दैनिक वेतन कर्मियों का नियमितीकरण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कैसे एवं कब तक? नहीं तो क्यों? कर्मचारीवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) क्या वर्ष-2008-09 से प्रश्न दिनांक तक दैनिक वेतन कर्मियों के नियमितीकरण के संबंध में वरिष्ठालय को सेवा विवरण की जानकारी भेजी गई है? यदि हाँ, तो कब-कब, यह जानकारी क्या थी? इस पर मंडी बोर्ड द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (ख) क्या कृषि उपज मंडी कटनी में पूर्व में, सामान्य लिपिक के रिक्त दो पदों की पदपूर्ति पदोन्नति से किया जाना नियत था? यदि हाँ, तो रिक्त पदों को अनुकम्पा नियुक्ति से क्यों एवं कब किन नियमों एवं आदेशों से भरा गया और इन रिक्त पदों पर दैनिक वेतन कर्मियों का नियमितीकरण क्यों नहीं किया गया? य (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) कृषि उपज मंडी कटनी में सामान्य लिपिक के रिक्त पदों की पदपूर्ति, पूर्व से कार्यरत दैनिक वेतन कर्मियों से करने के बजाय, अनुकंपा नियुक्ती से करने और दैनिक वेतन कर्मियों का नियमितीकरण न करने का कौन-कौन जिम्मेदार है? इस पर क्या एवं कब तक कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मण्डी समिति कटनी में वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक 01 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी श्री जोगी डामोर, कि दिनांक 22.04.2010 को सेवाकाल में मृत्यु हुई तथा 02 कर्मचारी क्रमश: श्री मोहम्मद समीम खान, दिनाँक 30.06.2008 एवं श्री लखनलाल कुशवाहा, दिनांक 31.08.2012 को सेवानिवृत्त हुये हैं। वर्तमान में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मियों का म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 5-3/2006/1/3 दिनांक 16 मई 2007 तथा समय-समय पर तत्-विषय में स्पष्टीकरण एवं मार्गदर्शी निर्देशों के तहत पद रिक्तता की स्थिति में नियमितीकरण किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। कृषि उपज मण्डी समिति कटनी द्वारा वर्ष 2008-09 से प्रश्न दिनांक तक समय-समय पर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवा विवरण की दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। मण्डी समिति द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा मण्डी समिति कटनी के 08 दैनिक वेतनभोगी कर्मियों का नियमितीकरण किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। कृषि उपज मण्डी समिति कटनी में पूर्व में लिपिक संवर्ग में सामान्य वर्ग के रिक्त पदों पर दी गई। अनुकम्पा नियुक्तियों के संबंध में उपसंचालक, म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड आँचलिक कार्यालय जबलपुर को मण्डी बोर्ड भोपाल के पत्र क्रमांक 279 दिनांक 09.03.2017 के द्वारा जाँच के निर्देश दिये गये हैं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
निर्माण कार्यों हेतु आवंटित एवं व्यय राशि
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 6917 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्य एवं अन्य व्यवस्था हेतु शासन स्तर से राशि आवंटित की जाती है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो शहडोल जिले में उक्त विभाग को वित्तीय वर्ष २०१३-१४ से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न मदों से कितनी राशि आवंटित की गई है? उक्त राशि से किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) उपरोक्त समस्त कार्य किसकी निगरानी में कराये गये हैं? कार्य का सत्यापन किसके द्वारा किया गया है? समस्त कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी भी उपलब्ध करायी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि एवं कृषक अनुदान योजनाओं का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
111. ( क्र. 6932 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में कृषि को लाभ का धंधा बनाये जाने के लिये विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो खेती को लाभ का धंधा बनाये जाने हेतु कौन सी योजनाओं में कितना-कितना आवंटन एवं व्यय हुआ? योजनावार देवें। (ग) साथ ही उपरोक्त उल्लेखित विभाग की योजनान्तर्गत जावरा विकासखंड में किन योजनाओं में कितने कृषकों को अनुदान दिया गया है? योजनावार विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित आशय की जानकारी वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक अवगत करावें। साथ ही कृषक कल्याण जीवन योजना, जैविक खेती में कितने कृषकों का पंजीयन हुआ एवं बलराम तालाब योजना अन्तर्गत कितने बलराम तालाब बनाये गये? लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
लेबड – नयागांव फोर-लेन मार्ग का सुधार
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 6933 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लेबड से नयागांव फोर-लेन अत्यधिक व्यस्त मार्ग होकर 24 घंटे में हजारों की संख्या में वाहनों की आवाजाही बनी रहती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या फोर-लेन मार्ग पर आने वाली कई छोटी–बड़ी पुल-पुलिया एवं फोर-लेन सड़क मार्ग कई स्थानों पर जीर्ण–शीर्ण होने से दुर्घटनाएं होती रहती हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या विगत वर्ष रतलाम–जावरा के मध्य यात्री बस दुर्घटना होने से दर्जनों व्यक्तियों की मृत्यु एवं घायल हुए थे? (घ) अवगत करायें कि सम्पूर्ण फोर-लेन मार्ग को सुधारने हेतु क्या-क्या किया गया एवं सुरक्षात्मक उपाय कहाँ-कहाँ पर किस-किस प्रकार के किए गए? साथ ही मार्ग पर कितने टोल नाके आते हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नोत्तर (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नाधीन बस दुर्घटना नामली के पास बस की तेज गति से संतुलन बिगड़ने के कारण घटित हुई। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। प्रथम भाग लेबड-जावरा मार्ग पर कुल 2 टोल प्लाजा निर्मित किये गये हैं एवं द्वितीय भाग जावरा-नयागांव मार्ग पर कुल 3 टोल प्लाजा निर्मित किये गये हैं।
परफॉरमेन्स गारंटी की जानकारी
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 6941 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोलायकलां से रनायल मार्ग की सड़क कब बनकर पूर्ण हुई? क्या यह सड़क परफॉरमेन्स गारंटी में थी? यदि हाँ, तो परफॉरमेन्स गारंटी अवधि कब तक की थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क की परफॉरमेन्स गारंटी अवधि समाप्त होने से प्रश्न दिनांक तक कब-कब किस-किस किलोमीटर पर पेंचवर्क तथा रिन्यूवल वर्क किया गया? वर्षवार कितना व्यय किया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क वर्तमान में आवागमन योग्य है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कार्यपालन यंत्री ने इस सड़क का कब-कब निरीक्षण किया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जनवरी 2010 में। जी हाँ। दिनांक 14.01.2013 तक। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
तौल काटों के उपयोग की अनिवार्यता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
114. ( क्र. 6942 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के अन्तर्गत आने वाली कृषि उपत मंडी समितियों मं 10 मे. टन तौल-कांटे ट्रालियों की तुलाई हेतु स्थापित किए गए हैं? यदि हाँ, तो कितनी मंडियों में किस-किस दिनांक से? (ख) क्या शाजापुर जिले में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तौल-कांटों की स्थापना मंडी बोर्ड के निर्देशानुसार की गई? यदि हाँ, तो तौल-कांटों (10 मे. टन ) से तुलाई अनिवार्य क्यों नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शाजापुर जिले की मंडियों के तौल कांटों पर तुलाई कार्य अनिवार्य किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। मंडी समिति शुजालपुर के प्रस्ताव अनुसार कृषकों की कृषि उपज के वाहनों की तौल हेतु 10 मे. टन क्षमता के 02 नग तौल-कांटे बी.ओ.टी. आधार पर दिनांक 20.09.2014 को स्थापित किये गये हैं। (ख) जी हाँ। मंडी प्रांगण में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक तौल-कांटों से कृषकों की तौल ऐच्छिक है, किन्तु मण्डी प्रांगण से बाहर जाने वाली व्यापारिक उपज की तौल की जाना अनिवार्य है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नाली निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 6945 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन-जावरा टू-लेन निर्माण के अनुबंध में सड़क के निर्माण के साथ खाचरौद तहसील के ग्राम घिनोदा में नाली निर्माण कराये जाने का प्रावधान था? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक नाली का निर्माण क्यों नहीं कराया गया? इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) उक्त नाली का निर्माण कब तक कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निवेशकर्ता द्वारा नाली निर्माण कार्य में असफल होने के कारण। नाली निर्माण की राशि चेंज ऑफ स्कोप के अंतर्गत निवेशकर्ता से वसूली की कार्यवाही की जा रही है। निवेशकर्ता उत्तरदायी है। (ग) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सड़क निर्माण में अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा भुगतान
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 6965 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत धुबघाट गौडी, तिंदनी, रानीपिडरई, गरकटा, डूडीपिडरई, इमलिया, सगौनी लकड़हाड, नयाखेड़ा, सगौनी चौधरी की, गरारू, बम्हौरीघाट, सगौनी कलॉ, सगौनी मोटेकी, ग्वारी, पिरहा, सिमरिया, आदि 17 ग्रामों में मान. मुख्य मंत्री जी की घोषणानुसार सड़कों का निर्माण किया गया है? क्या इन ग्रामों के किसानों एवं ग्रामीणों की जमीन सड़क निर्माण में अधिग्रहण की गई है, जिनको आज दिनांक तक मुआवजा प्रदान नहीं किया गया है? (ख) क्या मुआवजा राशि प्रदान किया जाना था? यदि किया जाना है, तो कब तक प्रदान किया जावेगा? जानकारी देंवे। अभी तक प्रदान क्यों नहीं किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्न में वर्णित ग्रामों में मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक-ए 2424 के तहत 10 सड़कों का निर्माण किया जाना है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हितग्राहियों/किसानों को अनुदान का भुगतान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
117. ( क्र. 6981 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री सिंचाई योजना एवं राष्ट्रीय सूक्ष्म सिंचाई योजना के संबंध में हितग्राहियों/किसानों को अनुदान दिए जाने के संबंध में केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध्ा कराएं? (ख) क्या बैतूल जिले में हितग्राही को अनुदान का भुगतान नगद अथवा ई-भुगतान के माध्यम से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष २०१५-२०१६ एवं २०१६-२०१७ में प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राही को कितना अनुदान स्वीकृत हुआ? इसमें कितना नगद अथवा कितने हितग्राहियों के खातों में कितनी-कितनी राशि ई-भुगतान के माध्यम से अनुदान के रूप में दी गई? विकासखंडवार संख्यात्मक जानकारी दें? (ग) क्या बैतूल जिले में योजना प्रारंभ के दिनांक से हितग्राहियों/किसानों को दी जाने वाली अनुदान की राशी किसानों को न देकर सामग्री सप्लायकर्ता फर्म को भुगतान की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों तथा किन नियमों के तहत? (घ) क्या सरकार अनुदान की राशि किसानों को न देकर अन्य को दिए जाने के संबंध में कार्यवाही करेगी तथा अनुदान की राशि हितग्राही को ई-भुगतान के माध्यम से दिए जाने के संबंध में कड़े निर्देश जारी किए जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) योजना में नकद अनुदान भुगतान नहीं किया जा रहा है, अनुदान ई-भुगतान के माध्यम से किया जा रहा है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कृषक द्वारा स्वयं के व्यय पर संयंत्र स्थापित कराने पर संबंधित कृषक के बैंक खाते में, बैंक ऋण के माध्यम से संयंत्र स्थापित कराने पर संबंधित बैंक के ऋण खाते में एवं पंजीकृत कंपनी के माध्यम से संयंत्र स्थापित कराने पर संबंधित कंपनी के बैंक खाते में अनुदान ऑन-लाईन भुगतान करने के निर्देश हैं। (घ) किसानों द्वारा स्वयं के व्यय पर संयंत्र स्थापित कराने पर अनुदान राशि हितग्राही को ई-भुगतान के माध्यम से दिये जाने के संबंध में निर्देश उपलब्ध हैं, पुन: निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि क्रांति रथ बनाने एवं घुमाये जाने में आर्थिक अनियमितता की जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
118. ( क्र. 6992 ) श्री रामनिवास रावत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष २०१४-१५ एवं २०१५-१६ में प्रदेश में कृषि महोत्सव मनाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो कृषि महोत्सव हेतु ग्वालियर संभाग में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई? (ग) क्या किसान कल्याण तथा कृषि विकास संचालनालय द्वारा कृषि क्रांति रथ बनाये जाने के कार्यादेश म.प्र. माध्यम को दिये गये थे? यदि हाँ, तो वर्ष २०१४-१५ एवं २०१५-१६ में कितने-कितने कृषि क्रांति रथ बनाये गये थे तथा प्रति रथ बनाने एवं घुमाने पर कितनी राशि व्यय की गई? उक्त अवधि में कुल कितने कृषि क्रांति रथ बनाये गये थे? (घ) क्या म.प्र. माध्यम ने पैनलबद्ध फर्म मेसर्स विजन फोर्स, भोपाल को संचालनालय के आदेश के आधार पर रेट कांट्रेक्ट ऑफर के नियम प्रक्रिया के तहत कृषि क्रांति रथ (वीडियो वेन) बनाने एवं घुमाने का कार्य कम से कम तीन वर्ष की अवधि का अनुभव (रथ बनाने) के आधार पर दिया था? (ड.) यदि हाँ, तो उक्त मेसर्स विजन फोर्स, भोपाल के द्वारा रथ बनाने का लगभग तीन वर्ष का जो अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया था? उसकी प्रति देवें। (च) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किन-किन वाहनों पर कृषि क्रांति रथ बनाये गये थे? उन वाहनों के नंबर उनके मालिकों के नाम पतों की सूची देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्वालियर संभाग की जिलावार जानकारी इस प्रकार है। जिला ग्वालियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिला दतिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। जिला शिवपुरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जिला अशोकनगर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। जिला गुना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी हाँ। (ड.) म.प्र. माध्यम द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी वर्ष 2008-2009 अनुभव प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। वर्ष 2013-14 अनुभव प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार है। वर्ष 2014-15 अनुभव प्रमाण-पत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-9 अनुसार है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-10 अनुसार है।
योग्य कर्मचारियों के स्थान पर कनिष्ठ अधिकारियों को प्रभार देना
[सहकारिता]
119. ( क्र. 6994 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिला सहकारी बैंको की समस्त शाखाओं में कितने पदों पर प्रभारी नियुक्त हैं? प्रत्येक शाखा की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) जानकारी अनुसार कार्यरत प्रभारी के मूल पद की जानकारी प्रदान करते हुये यह भी जानकारी प्रदान करें कि शाखा में उक्त प्रभारी से कितने वरिष्ठ अधिकारी कार्यरत हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्या शाखा में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के होते हुए भी उनसे कनिष्ठ अधिकारियों को नियमों के विपरीत प्रभार सौंपे गये हैं, जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, उज्जैन की 30 शाखाओं में से 26 शाखाओं में प्रभारी नियुक्त हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यरत प्रभारी के मूल पद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है तथा बैंक की सभी शाखाओं में कार्यरत प्रभारियों से 09 वरिष्ठ प्रभारी कार्यरत हैं। (ग) जी नहीं, 07 वरिष्ठ अधिकारियों के प्रभारी के रूप में कार्य नहीं करने के आवेदन देने, 01 कर्मचारी की विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन होने तथा 01 कर्मचारी की शिकायत प्राप्त होने एवं कार्य अनुभव नहीं होने से प्रभारी नहीं नियुक्त किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक निर्माण विभाग की सडकों के नुकसान की जानकारी
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 6995 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम उज्जैन एवं उज्जैन जिले की समस्त नगर पालिका सीमा में मुख्य मंत्री पेय-जल योजना के कारण विभाग की सड़कों को काटने/खोदने के लिए विभाग को कितने आवेदन प्राप्त हुए? उक्त जानकारी मय दस्तावेजों के १.१.२०१४ से प्रश्न दिनांक तक की प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार प्राप्त आवेदनों पर विभाग द्वारा किन शर्तों के अधीन अनुमति प्रदान की गई? शर्तों में तय समय-सीमा में विभाग की सड़कों को रिपेयर किया गया अथवा नहीं? (ग) संबंधित ठेकेदार विभाग की सडकों को जे.सी.बी. से नुकसान पहुँचाने के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं एवं शर्तों को पूर्ण नहीं करने के संबंध में विभाग को कितनी शिकायतें हुईं? शिकायतों की प्रति उपलब्ध कराते हुए शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं कराने एवं प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही नहीं करने के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) अनुमति की शर्तें संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रिपेयर किया गया है। (ग) जे.सी.बी. से नुकसान संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं। शर्तों को पूर्ण न करने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नियम
विरूद्ध
तरीके से अविश्वास
प्रस्ताव को
अग्राह्य
किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
121. ( क्र. 7009 ) श्री आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मण्डी समिति भोपाल के अध्यक्ष के विरूद्ध दिनांक 30 अप्रैल 2015 को श्री भगवान सिंह एवं अन्य 07 सदस्यों के द्वारा संयुक्त हस्ताक्षरित अविश्वास प्रस्ताव की सूचना मण्डी सचिव भोपाल के समक्ष प्रस्तुत की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर भोपाल द्वारा माह मई 2015 को आदेश क्रमांक 1478 के माध्यम से अवगत कराया कि बोर्ड के कुल सदस्यों की संख्या के 50 प्रतिशत से कम होने यानि बोर्ड में 19 सदस्यों में से 10 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में नहीं होने के कारण मध्यप्रदेश कृषि उपज (मण्डी समिति के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव) नियम 2013 के नियम 3 एवं मध्यप्रदेश कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 की धारा 14 (2) (एक) एवं (दो) के प्रावधान को पूर्ण नहीं करने के कारण अग्राह्य कर दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पश्चात् तथा अग्राह्य करने के उद्देश्य से आनन-फानन में नियमों के विरूद्ध 6 सदस्यों को नामांकित किया गया था? यदि नहीं, तो तो इन छ: सदस्यों को कब-कब नामांकित किया गया? यदि यह उक्त 6 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पूर्व से सदस्य थे, तो इन्हें दिनांक 25 सितम्बर 2014 को आयोजित विशेष सम्मेलन में क्यों आमंत्रित नहीं किया गया, सहित मण्डी की साधारण सभा में माह अप्रैल, 2015 से पूर्व कब-कब बैठक में आमंत्रित किया गया? प्रोसीडिंग का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) यदि अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने के पश्चात् प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित 6 सदस्यों को नामांकित किया गया, तो क्या नियम विरूद्ध कार्यवाही करने वाले व भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने वालों के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही करके बोर्ड भंग करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। 05 सदस्य दिनांक 25.03.2014 को नामांकित किये गये जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इस अधिसूचना में उल्लेखित श्री रामचरण गौर तत्कालीन माननीय विधायक प्रतिनिधि थे जिन्हें जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर माननीय विधायक हुजूर के पत्र दिनांक 03.03.2014 के परिप्रेक्ष्य में बैठकों में आमंत्रित नहीं किया गया। माननीय सांसद के द्वारा समिति की बैठकों में स्वयं प्रतिनिधित्व करने का सूचना पत्र दिनांक 20.04.2015 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। माह अप्रेल 2015 के पूर्व मण्डी समिति की दिनांक 25.09.2014, 25.10.2014, 28.11.2014, 31.12.2014, 13.02.2015, 25.03.2015 एवं 30.04.2015 को बैठकें आमंत्रित की गईं, प्रोसीडिंग का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुये राशि वसूल की जाना
[जल संसाधन]
122. ( क्र. 7019 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में महान नहर वितरिका एवं त्योंथर उद्वहन योजना के निर्माण हेतु शासन द्वारा कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई? निर्माण हेतु टेण्डर की कार्यवाही कब-कब सम्पन्न कराई गई? टेण्डर उपरांत कार्य किस कम्पनी/ठेकेदार को किस शर्त पर दिये गये? शर्तों अनुसार क्या संबंधित ठेकेदार/कम्पनी द्वारा कार्य समय पर कराये गये, तो बतायें? अगर नहीं तो कार्यावधि बढ़ाकर संबंधितों को कितनी राशि अधिक भुगतान की गई? शासन को समयावधि बढ़ाने से कितनी राशि का अधिक भुगतान करना पड़ा? (ख) प्रश्नांश (क) के निर्माण कार्य हेतु ठेकेदारों को कितनी राशि कब-कब भुगतान की गई? बतावें। क्या भुगतान राशि अनुसार कार्य मौके पर कराये गये तो कौन-कौन से कार्य नहर सहित माईनर नहरों के पूर्ण हुये इनके पूर्णत: प्रमाण-पत्र कब जारी किये गये? पूर्णत: प्रमाण-पत्र की प्रति देते हुये बतावें। पूर्णत: प्रमाण-पत्र जारी होने के बाद अगर कार्य मौके पर नहीं कराये गये तो कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के नाम एवं पद की जानकारी देते हुये उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार निर्माणाधीन नहरों एवं माईनर नहरों की जाँच प्रदेश एवं जिलें के विभागीय वारिष्ठ अधिकारियों द्वारा मौके पर कब-कब की गई का विवरण देते हुये बतावें कि जाँच के दौरान किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों एवं ठेकेदारों कम्पनियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की? की गई कार्यवाही की प्रति देते हुए बतावें। अगर कार्यवाही नहीं की गई, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार त्योंथर उद्वहन योजना की चार माईनर नहरों के कार्य नहीं कराये गये? अगर कराये गये, तो इनके कार्यों में कितनी राशि व्यय हुई? क्या इनके पूर्णत: प्रमाण-पत्र जारी किये गये? पूर्णत: प्रमाण-पत्र की प्रति देते हुए बतावें। (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (घ) के कार्य मौके पर गुणवत्तापूर्ण नहीं कराये गये ठेकेदारों/कंपनी को अधिक भुगतान कर दिया गया, तो इसके दोषियों पर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुये राशि वसूली करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) रीवा जिले में महान नहर वितरिका नाम की कोई योजना नहीं है। त्यौंथर बहाव परियोजना अंतर्गत महान वितरक नहर प्रणाली का कार्य अनुबंध क्रमांक-2 वर्ष 2013-14 के तहत कराया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। जिन कार्यों के कार्य पूर्णताः प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं, उन्हें गुणवत्तापूर्वक कराये जाना प्रतिवेदित होने से दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख-1'' अनुसार है। (ग) से (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ग'', ''घ'', ''ड.'' अनुसार है।
सिंचाई साधनों पर व्यय की गई राशि
[जल संसाधन]
123. ( क्र. 7028 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में जनवरी 2014-15 एवं 2015-16 में सिंचाई हेतु कितने तालाब, बांध या अन्य साधन थे? इनसे कितनी भूमि सिंचित होती थी? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) विधानसभा क्ष्ोत्र पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर में उक्त अवधि तक सिंचाई हेतु कितने तालाब, बांध या अन्य साधन हैं, इन से कितनी भूमि सिंचित होती है? नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ग) विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में प्रश्न दिनांक तक सिंचाई हेतु ऐसी कितनी सिंचाई की परियोजनायें हैं, जो पूर्ण नहीं हुई हैं? नाम सहित जानकारी दें एवं प्रश्न दिनांक तक उनमें कितना व्यय हो चुका है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उक्त अवधि में सिंचाई हेतु उपलब्ध तालाब, बांध या अन्य साधनों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अनूपपुर जिले में जनवरी 2014-15 की स्थिति में 59 तथा वर्ष 2015-16 की स्थिति में 61 सिंचाई परियोजनाएं थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' अनुसार है। (ख) विधान सभा पुष्पराजगढ़ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-3'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' एवं ''2'' अनुसार है।
सिविल जज चयन परीक्षा की जानकारी
[विधि और विधायी कार्य]
124. ( क्र. 7037 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल जज की पिछले तीन चयन परीक्षा के संदर्भ में बतायें कि उन परीक्षाओं में किस-किस वर्ग के कुल कितने परीक्षार्थी शामिल हुये? कुल कितने पदों की पूर्ति हेतु आयोजित की गई तथा कुल कितनी राशि शुल्क के रूप में प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परीक्षाओं में अंतिम रूप से चयनितोa की संख्या बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लिखित परीक्षा के वर्ग अनुसार कट ऑफ पॉइंट क्या थे तथा किस-किस वर्ग के कितने-कितने अभ्यार्थियों को लिखित परीक्षा में सफल घोषित किया? (घ) सिविल जज की परीक्षा व्यापम से न कराने के कारण क्या हैं? इस संदर्भ में उल्लेखित दस्तावेजों की प्रतियां भी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परीक्षाओं में अंतिम रूप से चयनितों की संख्या निम्नानुसार है:- वर्ष 2013-38, 2014-57, 2015-96 (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (घ) सिविल जज वर्ग-2 (प्रवेश स्तर) की परीक्षा कभी भी व्यापम से नहीं कराई गई है। पूर्व में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा उक्त परीक्षा आयोजित की जाती थी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा मलिक मजहर सुल्तान व अन्य विरूद्ध यू.पी. पब्लिक सर्विस कमीशन सिविल अपील क्रमांक 1867/2006 के मामले में दिये गये आदेश के परिप्रेक्ष्य में M.P. Judicial Service (Recruitment & Condition of Service) Rules, 1994 के नियम 5 में किये गये संशोधन के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2009 से सिविल जज की परीक्षा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से न कराई जाकर उच्च न्यायालय के द्वारा उच्च न्यायालय की Examination-Cum-Selection & Appointment committee के माध्यम से संपादित कराई जा रही है।
माध्यम की कार्य प्रक्रिया एवं आवंटित बजट
[जनसंपर्क]
125. ( क्र. 7038 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माध्यम का गठन किस प्रक्रिया के तहत किस वर्ष में हुआ? इसका अधिकार क्षेत्र, कार्य आर्थिक गतिविधि आदि का संचालन किस तरह से किया जाता है तथा इसकी विगत 5 वर्ष की आय-व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) माध्यम द्वारा वर्ष 2016 में किस-किस राशि के कौन-कौन से कार्य किये गये? बतावें कि मध्यप्रदेश दिवस, हिन्दी दिवस, सिंहस्थ, ग्लोबल समिट पर माध्यम द्वारा कितना व्यय किया गया है? (ग) माध्यम द्वारा वर्ष 2016 में कुल दस लाख रू. से अधिक के कितने कार्य करवाये गये?। (घ) माध्यम की पिछले तीन वित्तीय वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट का विवरण देवें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश माध्यम का गठन म.प्र. सोसायटीज रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के तहत किया गया है। इसका कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है। राज्य शासन के अधीन कार्यरत विभिन्न विभागों, संस्थाओं, निगमों, मण्डलों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, विश्वविद्यालयों आदि के विज्ञापनों का प्रकाशन, इवेंट मैनेजमेण्ट, फिल्म निर्माण, मुद्रण और प्रचार-प्रसार के अन्य कार्यों के संपादन पर विभागों एवं संस्थाओं से मिलने वाले सेवा शुल्क से संस्था की गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं। संस्था के विगत पाँच वर्षों के आय-व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा वर्ष 2016 में किये गये कार्यों एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा वर्ष 2016 में दस लाख रूपये से अधिक राशि के कार्यों की संख्या 254 है। (घ) पिछले तीन वर्षों में माध्यम का आंतरिक ऑडिट चार्टर्ड एकाउण्टेंट द्वारा और महालेखाकार, ग्वालियर द्वारा किया जा चुका है।
कृषकों को जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण
[सहकारिता]
126. ( क्र. 7051 ) सुश्री मीना सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया अंतर्गत मानपुर विधानसभा क्षेत्र में संचालित प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था द्वारा विगत दो वित्तीय वर्षों में कितने कृषकों को जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलबध कराया गया है। वर्षवार समितिवार जानकारी उपलब्ध कराये एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने कृषकों को किस मान से कितनी राशि के क्रेडिट कार्ड बनाये गये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऋणी कृषकों के संदर्भ में प्राकृतिक आपदा के कारण कितने कृषकों के कितने-कितने ऋण को मध्यकालीन ऋण के रूप में परिवर्तित किया गया? वर्षवार, संस्थावार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्राकृतिक आपदाग्रस्त प्रश्नांश (क) के ऋण प्राप्त कृषकों को चिन्हित कर बीमा की राशि प्रदान करने की कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो इनमें से कितनी बीमा की राशि कृषकों को प्रदान की गई है? जिन पात्र कृषकों को बीमा की राशि अभी तक उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है, उसके क्या कारण हैं तथा कब तक उनको बीमा की राशि उपलब्ध करा दी जायेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर वितरित ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा किसान क्रेडिट कार्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) बीमा कंपनी से प्राप्त फसल क्षति के आधार पर निर्धारित फसल क्षतिपूर्ति की राशि बैंक द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराई गई है। प्राप्त बीमा क्षतिपूर्ति राशि तथा कृषकों को उपलब्ध कराई गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। बैंक स्तर से बीमा क्षतिपूर्ति राशि कृषकों को उपलब्ध कराया जाना शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी विकास की संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
127. ( क्र. 7052 ) सुश्री मीना सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया में उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों के विकास के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं। वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक संचालित योजनाओं में किस योजना के लिये शासन से कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ? योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उमरिया जिले में प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं के लिये क्या विभाग द्वारा कोई लक्ष्य निर्धारित किया था? यदि हाँ, तो निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितनी पूर्ति की गई तथा कितने कृषकों को किस-किस योजना का क्या-क्या लाभ दिया गया। (ग) उमरिया जिले के किस ग्राम में किस क्षेत्रीय कर्मचारी को तैनात किया गया है तथा उसके द्वारा कितने ग्रामों का भ्रमण कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया? वर्तमान वित्तीय वर्ष में कृषकों को योजनाओं की जानकारी देने एवं उन्हें जागरूक करने के लिए विभाग द्वारा क्य-क्या प्रयास किये गये? (घ) उमरिया जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा किस योजना के कितने कृषकों के ऑन-लाईन एवं कितने ऑफ-लाईन आवेदन प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में से कितने कृषकों को लाभ दिया गया? कितने आवेदन पत्र किस कारण से निरस्त हुये? उसके कारण बताते हुये जानकारी उपलब्ध करायें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जिला उमरिया में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) क्षेत्रीय कर्मचारियों को सीधे ग्रामों में पदस्थ नहीं किया जाता अपितु विकासखण्ड में पदस्थ कर उन्हें आवश्यकतानुसार कार्य क्षेत्र के ग्रामों में भ्रमण हेतु भेजा जाता है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। ऑन-लाईन प्राप्त 126 आवेदन दस्तावेज अपूर्ण होने के कारण तथा 3 आवेदन लक्ष्य प्राप्त न होने के कारण निरस्त किये गये।
पेंच परियोजना अंतर्गत अधिग्रहित भूमियों/मकानों का अधिग्रहण
[जल संसाधन]
128. ( क्र. 7060 ) पं. रमेश दुबे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच व्यपवर्तन परियोजना माचागोरा जिला-छिन्दवाड़ा हेतु ग्राम मडुआ और मोआर के किन-किन व्यक्तियों की कितनी-कितनी भूमियों/परिसम्पत्तियों का अधिग्रहण किया गया है? (ख) क्या प्रभावित व्यक्तियों की भूमियों का अधिग्रहण पश्चात् उनके पास बहुत ही कम भूमि/मकान/बाड़ी शेष बची है, जिसका प्रभावित व्यक्ति के लिए कोई उपयोगिता नहीं है? (ग) पेंच परियोजना हेतु अधिग्रहित भूमियों/मकानों के अधिग्रहण पश्चात् प्रभावित व्यक्तियों के पास भूमि/भवन का टुकड़ा अर्थात् भू-खण्ड एवं बाड़ी शेष बची भूमि किन कारणों से अधिग्रहण से छोड़ दी गयी है? भूमि और भवन का बड़ा हिस्सा पेंच परियोजना के जल भराव से प्रभावित होगा और शेष बचे भू-खण्ड या बाड़ी जल भराव से बच जावेगा? इसके आंकलन का आधार अथवा मापदंड क्या है? नियम निर्देश की प्रति सहित जानकारी दें। (घ) क्या शासन जनहित में प्रभावित परिवारों की उपयोग में नहीं आने योग्य टुकड़ों में शेष बची भूमि/भू-खण्ड/मकान-बाड़ी का प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में सर्वे करवाकर अधिग्रहण करने एवं सम्बन्धितों को मुआवजा भुगतान करने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ख) यह सही नहीं है कि भूमियों के अधिग्रहण पश्चात शेष बची भूमि इत्यादि की प्रभावित व्यक्तियों के लिये कोई उपयोगिता नहीं है, क्योंकि डूब से खाली होने वाली अधिग्रहित भूमि को संबंधित कृषक को ही पट्टे पर आवंटित की जाती है। अधिग्रहण से शेष बची भूमि एवं डूब से खाली हुई भूमि को मिलाकर कृषक उसका समुचित उपयोग कर सकता है। (ग) पेंच परियोजना अंतर्गत डूब क्षेत्र में बांध के पूर्ण जल स्तर (एफ.आर.एल) तक निजी भूमि एवं अधिकतम जल स्तर (एम.डब्ल्यू.एल) तक आने वाली संपूर्ण परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करने का प्रावधान है। प्रावधान अनुसार पेंच परियोजना में भूमि/परिसंपत्तियां अधिग्रहित की जाना प्रतिवेदित है। तकनीकी सर्कुलर चेप्टर-137 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) आदर्श पुनर्वास नीति-2002 की कंडिका-2.3.3 के अनुसार ''ऐसे मामलों में, जहाँ किसी व्यक्ति की 75 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण की गई हो, या किसी ग्राम का अन्तः क्षेत्र पानी से घिर जाए, तो ऐसे क्षेत्रों की पूरी भूमि, गुण-दोष के आधार पर संबंधित विभाग अधिग्रहित करने का परीक्षण करेंगे।'' उक्त परिप्रेक्ष्य में परीक्षण कराकर निर्णय लिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
दोषी व्यक्ति के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जाना
[सहकारिता]
129. ( क्र. 7061 ) पं. रमेश दुबे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता परि.अता.प्र.सं. 80, (क्रमांक 1582) दिनांक 22 जुलाई 2016 का उत्तर दिया गया है कि मजहर खान समिति प्रबंधक को वित्तीय अनियिमतता का दोषी पाये जाने के कारण उनके विरूद्ध थाना चौरई में प्राथमिकी दर्ज करने हेतु दस्तावेज प्रस्तुत किये गये हैं और राशि वसूली की कार्यवाही सहकारी न्यायालय में प्रचलित है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो संबंधित के विरूद्ध प्राथमिकी कब दर्ज करायी गयी? दर्ज प्राथमिकी का विवरण एवं प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों का विवरण देवें। (ग) यदि प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है, तो क्यों? क्या यह माना जाये कि वित्तीय अपराध के दोषी कर्मचारी को उच्चाधिकारी प्रश्रय दे रहे हैं और उन्हें बचाने का प्रयास किया गया जा रहा है? अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं कराने का पर्याप्त कारण स्पष्ट करते हुए बतावें कि कब तक प्राथमिकी दर्ज करा दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सहकारी न्यायालय में वित्तीय अनियिमतता के चलते श्री मजहर खान समिति प्रबंधक से कितनी राशि वसूल किये जाने का प्रकरण कब दर्ज हुआ है? इस प्रकरण की वर्तमान अपडेट से अवगत कराते हुए यह बतावें कि वसूली योग्य राशि कब तक वसूल कर ली जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 08.03.2017 को थाना चौरई जिला छिंदवाड़ा में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। एफ.आई.आर. की छायाप्रति तथा एफ.आई.आर. हेतु किये गये आवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राशि रूपये 20,37,680.31 की वसूली हेतु न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला छिंदवाड़ा में दिनांक 01.03.2017 को प्रकरण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें आगामी पेशी दिनांक 15.03.2017 नियत की गई है। शेष न्यायालयीन निर्णय अधीन।
जलाशय निर्माण, बाँध एवं नहर सुधार कार्य की जानकारी
[जल संसाधन]
130. ( क्र. 7076 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हिरन जल संसाधन संभाग जबलपुर अंतर्गत वित्त वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन जलाशयों के निर्माण कार्य तथा बाँध सुधार कार्य एवं नहर सुधार कार्य (लाईनिंग कार्य सहित) आर.आर.आर. प्रणाली व अन्य प्रणाली के तहत कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी राशि से किन निर्माण एजेन्सियों से कब कराये गये? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों का निरीक्षण एवं गुणवत्ता की जाँच कब, किसके द्वारा की गई तथा जाँच रिपोर्ट क्या थी? इन निर्माण कार्यों में त्रुटिवश काँक्रीटिंग में कितने क्रेक (दरारें) किस-किस नहर में उत्पन्न हुये हैं एवं किस-किस नहर निर्माण में जाँच उपरांत क्या कार्यवाही कलेक्टर जबलपुर एवं विभाग द्वारा निर्धारित की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में से कौन-कौन सी योजनायें प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हुई एवं कौन-कौन सी योजनायें किन कारणों से अपूर्ण हैं? उल्लेखित निर्माण कार्यों में घटिया गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों की कितनी कौन-कौन सी शिकायतें शासन एवं जिला प्रशासन को प्राप्त हुई एवं इन प्राप्त शिकायतों की जाँच कब किसके द्वारा की गई? कार्यवाही का विवरण देवें एवं यह भी बतलावें कि क्या शासन गुणवत्ता विहीन घटिया निमार्ण कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच दल से जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्माण कार्यों का निरीक्षण समय-समय पर विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जाता है। गुणवत्ता की जाँच विभिन्न प्रयोगशाला से कराई जाना प्रतिवेदित है। मड़ई जलाशय की बुधुआ माईनर एवं रमखिरिया डिस्ट्रीब्यूटरी में काँक्रीट लाईनिंग कार्य में दरारें पाई गईं। दरार युक्त पैनलों को तोड़कर पुनः निर्माण ठेकेदार से उसके स्वयं के व्यय पर कराया जाना प्रतिवेदित है। कलेक्टर, जबलपुर द्वारा गठित टीम द्वारा दिनांक 08.06.2015 एवं 09.06.2015 को निरीक्षण किया गया था, जिसमें कार्य संतोषजनक पाया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बरनू एवं मड़ई जलाशय में गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों की शिकायत मान. विधायक श्रीमती नंदनी मरावी द्वारा प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल तथा जिला प्रशासन में कलेक्टर, जबलपुर एवं जिला सतर्कता अधिकारी, जबलपुर को की गई थी। प्रमुख अभियंता द्वारा श्री आर.बी. चौरसिया, सहायक यंत्री, बोधी भोपाल से दिनांक 29.05.2015 एवं 30.05.2015 को जाँच कराई गई, जिसमें कार्य संतोषजनक पाया गया। कलेक्टर, जबलपुर के निर्देश पर गठित जाँच दल द्वारा दिनांक 08.06.2015 एवं 09.06.2015 को निरीक्षण किया गया, जिसमें कार्य संतोषजनक पाया गया। जिला सतर्कता अधिकारी, जबलपुर के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सीहोरा द्वारा गठित टीम से जाँच कराई जाना प्रचलन में होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जल संसाधन विभाग अंतर्गत निर्माण कार्य की जानकारी
[जल संसाधन]
131. ( क्र. 7077 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हिरन जल संसाधन संभाग जबलपुर के अंतर्गत कौन-कौन सी लघु, मध्यम एवं वृहद सिंचाई जलाशय कितनी-कितनी रूपांकित सिंचाई क्षमता के प्रस्तावित थे एवं कितनी-कितनी सिंचाई क्षमता की कौन-कौन सी योजनाएं कितनी-कितनी लागत से कब-कब पूर्ण की गई तथा अपूर्ण सिंचाई जलाशय का कब तक पूर्ण कर लिऐ जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के जलाशयों में वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक जलाशय से प्रति वर्ष कृषकों को कितनी-कितनी भूमि में रबी एवं खरीफ की फसलों हेतु सिंचाई की जा रही है तथा कृषकों से कितना राजस्व वसूला जा रहा है? जलाशयवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत कितने जल उपभोक्ता संस्था क्रियाशील हैं एवं इन जल उपभोक्ता संस्थाओं द्वारा वित्त वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य कराये गये? वर्षवार, संस्थावार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) में उल्लेखित निर्माण कार्यों में गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्यों की कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुईं एवं इन प्राप्त शिकायतों पर कब क्या कार्यवही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) विगत पाँच वर्षों में स्वीकृत/निर्मित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) में उल्लेखित कार्यों में गुणवत्ताहीन कार्यों की कोई शिकायत प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
नियम विरूद्ध नियमितिकरण
[सहकारिता]
132. ( क्र. 7084 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना की स्टॉफ कमेटी की बैठक दिनांक 03.07.2012 द्वारा दो संविदा कर्मचारी श्री विवेक कुमार श्रीवास्तव एवं नितीश कुमार शुक्ला को नियम विरूद्ध रूप से नियमित किये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था? इस निर्णय के परिप्रेक्ष्य में श्री इन्द्र दत्त कुशवाहा द्वारा की गई। शिकायत की नस्ती के पृष्ठ क्रमांक-16 में संयुक्त आयुक्त सहकारिता रीवा संभाग रीवा द्वारा तीनों संचालकों को अपात्र करने की टीप अंकित की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है, तो नस्ती में टीप अंकित होने के बावजूद भी संचालकों को अपात्र न किये जाने के लिए कौन दोषी है? कब तक उक्त संचालकों को अपात्र किया जावेगा? (ग) क्या जिला सहकारी बैंक सतना के संचालक मंडल में निर्वाचित संचालक उनकी समिति मुमकहर, कुलगढ़ी, मदनपुर, रामगढ़, गुलवार, गुजारा, सोनोरा मेहुती व विपणन समिति अमरपाटन दिनांक 30.09.2016 को व्यतिक्रमी होने के कारण अपात्र किये जावेंगे? नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तिलहन, दलहन और मोटे अनाजों की पैदावार बढ़ाने की योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
133. ( क्र. 7089 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं? विभिन्न योजनाओं का ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत इन विभिन्न योजनाओं हेतु पिछले 3 वर्षों में कुल कितनी राशि स्वीकृत की गई हैं? वर्षवार, योजनावार ब्यौरा देवें। पिछले 3 वर्षों में कुल कितनी राशि इन योजनाओं के संचालन में खर्च की गई? वर्षवार योजनावार ब्यौरा देवें। शेष राशि खर्च न होने के कारणों का ब्यौरा देवें। राशि खर्च न होने के दोषी अधिकारी, कर्मचारी या अन्य व्यक्तियों, संगठनों का ब्यौरा देवें। दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई? यदि कोई कार्यवाही नहीं हुई, तो क्यों? (ग) क्या केन्द्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के संचालन हेतु राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो राशि का योजनावार वर्षवार ब्यौरा दें। इस राशि में से खर्च की गई राशि का पिछले 3 वर्षों का वर्षवार, योजनावार ब्यौरा दें। शेष बची हुई राशि का ब्यौरा खर्च न होने के कारणों सहित देवें। (घ) (DBT) स्कीम Direct Benefit Transffer Scheme 2017 से लागू होनी थी, तो शासन द्वारा पहले से तैयारी क्यों नहीं की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) म.प्र. में दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं राष्ट्रीय तिलहन एवं आयल पॉम मिशन योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है दलहन एवं तिलहन की पैदावार बढ़ाने हेतु प्रदेश के समस्त 51 जिले एवं मोटा अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रदेश के 16 जिलों में योजना का संचालन किया जा रहा है। (ख) पिछले तीन वर्षों में स्वीकृत राशि एवं व्यय की वर्षवार योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष राशि खर्च नहीं होने के कारण है कि योजनान्तर्गत भारत सरकार से रिलीज का समय पर उपलब्ध न होना, योजनांतर्गत बीज वितरण हेतु उपयुक्त किस्मों बीज की कमी, 15 वर्ष से कम की उन्नत किस्मों के बीज की कमी होने आदि से राशि खर्च नहीं हुई है, उक्त योजना भारत सरकार की होने से शेष बचत राशि आगामी वित्तीय वर्ष में व्यय की जाती है। अत: कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी हाँ। केन्द्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के संचालन हेतु राशि आवंटित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। राशि खर्च नहीं होने के कारण उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) (DBT) स्कीम Direct Benefit Transfer Scheme 01 अप्रैल 2017 से लागू होना है। राज्य सरकार द्वारा फसल प्रदर्शन में 10-06-2016 से DBT लागू की गई है।
नवीन जिला प्रमुख मार्ग हेतु चयन
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 7096 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में विभाग द्वारा उज्जैन संभाग में किन-किन मार्गों को नवीन जिला प्रमुख मार्ग हेतु चयन किया गया है या स्वीकृत किया है? मार्ग नाम, लागत, स्थान नाम, कार्य प्रारंभ/पूर्णता दिनांक सहित बताएं। (ख) नवीन प्रस्तावित जिला प्रमुख मार्गों के निर्माण हेतु कितनी राशि का बजट आवंटन का प्रावधान किया गया है? (ग) उक्त मार्ग कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। विगत एक वर्ष में उज्जैन संभाग में बिजावर-कांटाफोड़-सतवास मार्ग को एशियन डव्हलपमेंट बैंक की वित्त पोषित योजना के अंतर्गत स्वीकृत किया गया है। (ख) ए.डी.बी. परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2017-18 में रू. 1213 करोड़ का प्रावधान है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है।
नवनिर्मित सड़क के स्तरहीन निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
135. ( क्र. 7104 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर में विक्की फैक्ट्री-मालवा कॉलेज एन.एच.-3 के बीच लगभग 55 करोड़ रू. लागत की नवनिर्मित सड़क में दरारें एवं अन्य घटिया निर्माण की जाँच के आदेश विभागीय मंत्री ने दिए हैं? (ख) यदि हाँ, तो इस आदेश की जानकारी देवें एवं जाँच की अद्यतन स्थिति बतावें? यह जाँच कब तक पूर्ण होगी? क्या कारण है कि नवनिर्मित सड़क में दरारें हैं एवं फुटपाथ के रेडिमेड सीमेंट पेवर अभी से धंसरने लगे हैं एवं कई स्थानों पर दबाव से ऊपर निकल आए हैं? (ग) कार्य स्वीकृति से कार्य पूर्ण होने तक जिन अधिकारियों ने इस सड़क का निरीक्षण किया उनके नाम, पदनाम, प्रति दौरा निरीक्षण रिपोर्ट के विवरण सहित देवें? क्या इन्होंने निरीक्षण रिपोर्ट में उपरोक्त अनियमितताओं का उल्लेख किया? यदि हाँ, तो फिर निर्माणकर्ता को क्या नोटिस दिए गए? उनकी छायाप्रति देवें। (घ) उपरोक्त निरीक्षणकर्ता एवं विभागीय अधिकारियों तथा निर्माणकर्ता फर्म पर उपरोक्त घटिया निर्माण करने के लिए शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। नवनिर्मित सड़क पर दरारें नहीं थीं। हीट ऑफ हाईड्रेशन के कारण कुछ पेनल्स में फाईन क्रेक आ गये थे, जिन्हें बदला गया है/ठीक कर दिया गया है। मार्ग की 6.6 कि.मी. लंबाई में लगाये गये पेवर ब्लॉक्स में से लगभग 20 वर्गमीटर के भाग में पेवर ब्लॉक ऊंचे-नीचे हो गये थे, उन्हें पुन: निकाल कर ठीक कर दिया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बरखेड़ा मध्यम सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
136. ( क्र. 7109 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी तहसील की उरी नदी पर स्वीकृत बरखेड़ा मध्यम सिंचाई परियोजना अंतर्गत म.प्र. मंत्रिमंडल द्वारा 308.56 करोड़ रु. की प्रशासकीय स्वीकृति दि. 04.05.2016 को प्रदान की गई? यदि हाँ, तो बाँध का निर्माण का कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ क्यों नहीं हुआ? (ख) यदि बाँध के निर्माण हेतु विभिन्न विभागों जैसे वन एवं पर्यावरण, M.G.T. एवं राजस्व विभाग की अनुमति की आवश्यकता है, तो इस संबंध में अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (ग) कितनी स्वीकृतियाँ किन विभागों की किन कारणों से लंबित हैं? विभागवार जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त परियोजना कब तक प्रारंभ होगी? इसमें विलंब के उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वैधानिक स्वीकृतियां निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण। (ख) वन भूमि की प्रथम चरण की स्वीकृति हेतु प्रकरण वनमण्डलाधिकारी धार को प्रस्तुत किया जाना प्रतिवेदित है। निजी भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही भू-अर्जन अधिकारी मनावर तथा पर्यावरण स्वीकृति हेतु एजेंसी निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) वन विभाग, पर्यावरण विभाग से स्वीकृति प्राप्त होने तथा निविदा स्वीकृत होने पर कार्य कराया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। विभागीय स्तर पर विलंब की स्थिति नहीं होने से अधिकारियों पर कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है।
भुगतान रसीद व पॉलिसी पेपर का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
137. ( क्र. 7110 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि फसल बीमा योजना में प्रीमियम जमा करने वाले कृषकों को भुगतान रसीद व पॉलिसी पेपर नहीं दिए जा रहे हैं? (ख) कब तक इन्हें प्रदाय कर दिए जाएगें? धार जिले में खरीफ व रबी के लिए वर्ष 2016-17 में कितने किसानों से कितनी प्रीमियम राशि जमा की गई, तहसीलवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उपरोक्त जानकारी वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के संदर्भ में भी देवें? (घ) प्रीमियम राशि में वृद्धि के क्या कारण हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा कृषकों को फसल बीमा प्रीमियम की रसीद देने हेतु सभी बैंकों को आदेश जारी किये जा चुके हैं। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा बीमा प्रीमियम की रसीद कृषकों को दी जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। धार जिले में खरीफ वर्ष 2016 के बीमांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रबी वर्ष 2016-17 में 93801 कृषकों से कृषक अंश प्रीमियम राशि रू. 8.87 करोड़ जमा की गई। तहसीलवार बीमांकन के संकलन का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सभी खरीफ फसलों हेतु कृषक अंश प्रीमियम बीमित राशि के 2 प्रतिशत तथा कपास फसल हेतु 5 प्रतिशत या वास्तविक प्रीमियम दर जो भी कम हो, देय है। रबी मौसम में सभी फसलों हेतु प्रीमियम दर 1.5 प्रतिशत या वास्तविक प्रीमियम दर जो भी कम हो, देय है। अत: प्रीमियम राशि में वृद्धि का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
किसानों की आय का निर्धारण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
138. ( क्र. 7118 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा कुशल, अर्द्धकुशल, अकुशल मजदूरों की मासिक आय निर्धारित है? क्या इसी तरह किसानों की मासिक/वार्षिक आय निर्धारित की है? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) क्या शासन किसानों की आय दुगनी करने पर विचार कर रहा है, तो किस तरह और क्या? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा महाप्रबंधक नाबार्ड को पत्र क्रमांक 1456 दिनांक 18.10.2016 एवं 1879 दिनांक 06.1.2017 लिखकर वेयर हाउसों में सब्सिडी दिये जाने संबंधी जानकारी चाही गई थी किंतु प्रश्न दिनांक तक न तो पत्रों की अभिस्वीकृति प्राप्त हुई और न ही चाही गई। (घ) प्रश्नांश (ग) से संबंधित जानकारी उपलब्ध करावें तथा निर्धारित समयावधि में जानकारी न देने के लिये कौन उत्तरदायी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तालाब/जलाशय/स्टॉप डेम के निर्माण की जानकारी
[जल संसाधन]
139. ( क्र. 7119 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले अंतर्गत कितने तालाबों, जलाशयों तथा स्टॉप डेम के सर्वे रिपोर्ट/प्रस्ताव/प्राक्कलन/डी.पी.आर. विभाग को कब-कब प्रेषित किये गये हैं? विकासखंडवार विगत 05 वर्षों का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार चिन्हित तालाबों जलाशयों तथा स्टॉप डेमों में कब-कब, किस स्तर पर क्या कार्यवाही हुई है? चिन्हित कितने जलाशय प्रश्न दिनांक तक स्वीकृति हेतु शेष हैं? चिन्हित जलाशयों में विभाग द्वारा स्वीकृति न मिलने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किस-किस जलाशय/स्टॉप डेम से कितने रकबे में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया? (घ) क्या कटनी जिले की बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत कोई बांध एवं जलाशय क्षतिग्रस्त है? यदि हाँ, तो इन जलाशयों के बंधान/जीर्णोद्धार हेतु कोई योजना बनाई जा रही है? क्या क्षतिग्रस्त श्रीबांध जलाशय घुडहर-बडखेरा का बंधान कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नकर्ता सदस्य एवं अन्य जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों द्वारा उक्त संबंध में कब-कब विभाग को पत्र प्रेषित किये गये हैं? इन पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार, कार्यवाहीवार बतावें। पत्र क्रमांक 1960 दिनांक 19.01.2017 पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। (घ) बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत कछारगांव एवं पतनेनाला जलाशय क्षतिग्रस्त होना प्रतिवेदित है। कछारगांव जलाशय नवीन स्वीकृत सिंहुडी जलाशय के डूब क्षेत्र में होने के कारण इस जलाशय के जीर्णोद्धार की आवश्यकता नहीं है। क्षतिग्रस्त पतनेनाला जलाशय के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। श्रीबांध परियोजना जलाशय न होकर डायवर्सन योजना है एवं वर्तमान में अच्छी स्थिति में होना प्रतिवेदित है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' अनुसार है। वर्तमान में साध्यता स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं। उपलब्ध अभिलेख अनुसार पत्र क्र.-1960 दिनांक 19.01.2017 प्राप्त नहीं होना पाया गया।
घोटाले की राशि की वसूली
[सहकारिता]
140. ( क्र. 7125 ) श्री रामनिवास रावत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपायुक्त, सहकारिता जिला रीवा द्वारा अपने पत्र क्रमांक/साख/2015/901 दिनांक 19.08.2015 महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रीवा शाखा जवा, के शाखा प्रबंधक द्वारा लगभग 50 लाख रूपये के घोटाले पर प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के संबंध में कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं के अनुसार अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में शाखा प्रबंधक जवा के विरूद्ध 35 लाख रूपये की ब्याज सहित राशि वसूलने की दिशा में अब तक कितनी राशि की वसूली की गई? यदि राशि वसूली नहीं गई, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के आधार पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा द्वारा थाना प्रभारी, थाना डभौरा जिला रीवा को पूर्व में दर्ज एफ.आई.आर. में आरोपी महेन्द्र मिश्रा का नाम सम्मिलित करने हेतु आवेदन दिनांक 29.07.2015 को दिया गया था, जिसके संदर्भ में थाना डभौरा द्वारा प्रकरण में शाखा प्रबंधक, महेन्द्र मिश्रा को गबन के संबंध में प्रकरण नहीं बनने की जानकारी से दिनांक 23.08.2015 को बैंक को अवगत कराया। श्री महेन्द्र मिश्रा के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। (ग) वसूली निरंक है। राशि वसूली की कार्यवाही बैंक स्तर से प्रक्रियाधीन है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
सहायक विधि
परामर्शी के
पदस्थापना
आदेश जारी
किया जाना
[विधि और विधायी कार्य]
1. ( क्र. 131 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 के पश्चात् म.प्र. विधि सेवा के सदस्यों की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक कब-कब आयोजित हुई, इनमें कौन-कौन सदस्य उपस्थित रहे तथा पदस्थापना आदेश किस-किस दिनांक को जारी किये गये, उक्त अवधि की जानकारी देवें। (ख) वरिष्ठ विधि अधिकारी से सहायक विधि परामर्शी के पदस्थापना के आदेश कब जारी किये गये व विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होने के उपरान्त भी विलंब से पदस्थापना होने के क्या कारण रहे? (ग) क्या विभाग विधि सेवा के कार्य को तीव्र गति एवं सुचारू रूप से सम्पन्न करने व संस्थापन कार्य हेतु एक और संयुक्त सचिव नियुक्त करने हेतु कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही कर दी जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 01 जनवरी 2015 के पश्चात् अक्टूबर 2015 को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक अयोजित की गई थी, जिसमें (प्रमुख सचिव, विधि की अध्यक्षता में) निम्नलिखित सचिव, अतिरिक्त सचिव, अवर सचिव एवं वरिष्ठ लेखाधिकारी सदस्य उपस्थति रहे। तद्पश्चात् विभाग द्वारा दिनांक 15.10.2015 को पदस्थापना आदेश जारी किये गये। (ख) म.प्र. राज्य विधिक सेवा में वरिष्ठ अधिकारी से सहायक विधि परामर्शी का कोई पद स्वीकृत नहीं होने के कारण पदस्थापना आदेश एवं विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग में संयुक्त सचिव का पद नहीं होने के कारण संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्ति किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मण्डी निधि से निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( क्र. 374 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डी निधि से निर्माण के क्या प्रावधान है वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक इस निधि से मण्डला विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से व कितनी-कितनी राशि की संरचनाएं निर्मित, निर्माणाधीन व प्रस्तावित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जनहित में कुछ विकास कार्य के प्रस्ताव किये गये हैं? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निर्मित सड़कों, भवनों आदि के रख-रखाब के लिए प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का व्यय किस-किस उद्देश्य से कहाँ-कहाँ किया गया स्थान सहित जानकारी दें? (घ) मंडी निधि द्वारा कराये गए निर्माण कार्यों से कौन-कौन से अनु.जाति एवं जनजाति के गाँव किस-किस प्रकार से लाभान्वित हुए हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मण्डी समिति की मंडी समिति निधि से निधि में उपलब्ध राशि के आधार पर निर्माण कार्य कराये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र मंडला के अन्तर्गत संचालित कृषि उपज मण्डी समिति मंडला एवं नैनपुर द्वारा मंडी समिति निधि से निर्मित करायी गयी, निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित संरचनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा कृषि उपज मंडी समिति मंडला एवं नैनपुर के विकास कार्यों के प्रस्ताव इस कार्यालय को नहीं दिये गये हैं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कृषि उपज मंडी समिति मंडला एवं नैनपुर द्वारा सडकों के रख-रखाव हेतु कोई व्यय नहीं किया गया है, अपितु मंडी प्रांगण में निर्मित भवनों आदि के रख-रखाव हेतु किये गये व्यय का उद्देश्य सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) कृषि उपज मंडी समिति मंडला एवं नैनपुर प्रांगण में कराये गये विकास कार्यों से मडी क्षेत्रान्तर्गत सभी वर्ग के किसान एवं व्यापारी तथा अन्य कृत्यकारी आदि लाभान्वित हो रहे हैं।
अशोकनगर जिले के ग्राम तूमेन के समिति प्रबंधक कार्यवाही हेतु
[सहकारिता]
3. ( क्र.
791 ) श्री
महेन्द्र
सिंह
कालूखेड़ा :
क्या राज्यमंत्री, सहकारिता
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) अशोकनगर
जिले के ग्राम
तूमेन की
सहकारी संस्था
में 12
वर्षों से
पदस्थ समिति
प्रबंधक
त्रिलोक यादव
को अभी तक स्थानांतरित
क्यों नहीं
किया गया जबकि
3
वर्ष में
कर्मचारी स्थानांतरित
कर दिये जाते
है? (ख)
त्रिलोक
यादव समिति
प्रबंधक
तूमेन के
विरूद्ध
पिछले 6 वर्षों में
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
उनका विवरण
देते हुये
बताये उन पर
अब तक क्या
कार्यवाही की
गई? (ग)
क्या उन्हें
निलंबित भी
किया गया था
तथा तूमेन
समिति के पास
पिछले 12 वर्षों से 7 राशन
की दुकानें
हैं तथा उन पर
क्या-क्या
शिकायतें
प्राप्त हुई? उन पर शासन
ने क्या
कार्यवाही की?
राज्यमंत्री, सहकारिता
( श्री
विश्वास
सारंग ) : (क) जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित, गुना
के आदेश
दिनांक 23.02.2017 से
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी
संस्था
मर्यादित, तुमेन
जिला अशोकनगर
में पदस्थ
संविदा समिति प्रबंधक
को हटाकर तुमेन
संस्था का
प्रभार श्री
पुरूषोत्तम
शर्मा समिति
प्रबंधक को
दिया गया है।
शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
(ख) 03
शिकायतें
प्राप्त हुई, प्राप्त
शिकायतों पर
की गई
कार्यवाही की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(ग) जी नहीं।
शेष उत्तरांश 'ख' अनुसार।
अनुकंपा नियुक्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
4. ( क्र. 1065 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय आंचलिक प्रबंधक कृषि जलवायु क्षेत्रीय परियोजना (वर्तमान में संयुक्त संचालक कृषि ग्वालियर) में दिनांक 01.11.1995 से 01.11.1996 तक शासकीय सेवा के दौरान कितने कर्मचारियों की मृत्यु हुई के नाम व पदनाम बतावें तत्पश्चात् मृतक कर्मचारियों के किन-किन आश्रित आवेदकों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई, किन-किन को नहीं? कारण बतावें? (ख) उक्त मृतकों में से स्वर्गीय अनिल कुमार शर्मा नि.श्रे.लि. (वर्तमान में सहायक ग्रेड-2) की मृत्यु दिनांक 27.11.1995 को हुई थी तत्पश्चात् इनकी पत्नी श्रीमती रानी शर्मा निवासी विजयपुर जिला श्योपुर ने दिनांक 28.07.1998, 01.09.1998, 31.12.2001 को अनुकम्पा नियुक्ति हेतु उक्त कार्यालय में आवेदन किया था वर्तमान तक आवेदिका को अनुकम्पा नियुक्ति से वंचित क्यों रखा, तत्समय अनुकम्पा नियुक्ति क्यों नहीं दी? (ग) क्या संचालनायल कृषि, भोपाल द्वारा दिनांक 09.05.2003 को आवेदिका से नियुक्ति हेतु आवेदन मांगा गया दूसरी और संचालनालय के ही पत्र दिनांक 17.07.2006 द्वारा आवेदिका के आवेदन को इनके पति की मृत्यु दिनांक से सात वर्ष तक पद अनुपलब्ध होने के कारण अमान्य किया गया? यदि हाँ, तो इसमें आवेदिका का क्या दोष हैं, तत्समय अनुकम्पा नियुक्ति न दिये जाने के कारणों की जाँच कराकर शासन आवेदिका को अनुकम्पा नियुक्ति शीघ्र दिलाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कार्यालय आंचलिक प्रबंधक कृषि जलवायु क्षेत्रीय परियोजना (वर्तमान में संयुक्त संचालक कृषि ग्वालियर) में दिनांक 1.11.95 से 1.11.96 तक शासकीय सेवा के दौरान श्री अनिल कुमार शर्मा, सहायक श्रेणी-3 की दिनांक 27.11.95 को मृत्यु हुई। स्व. श्री अनिल कुमार शर्मा के आश्रित परिवार में उनकी पत्नि श्रीमती रानी शर्मा का अनुकम्पा नियुक्ति संबंधी आवेदन शासकीय सेवक की मृत्यु दिनांक 27.11.95 से सात वर्ष के बाद प्राप्त होना एवं पद उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रकरण अमान्य किया गया। (ख) संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास ग्वालियर संभाग ग्वालियर के कार्यालयीन पत्र क्रमांक अ-3/स्था. /01/97/पार्ट-3/3552 दिनांक 30.6.98 के द्वारा श्रीमती रानी को शैक्षणिक योग्यता मूल निवासी जाति प्रमाण पत्र एवं मृत्यु प्रमाण पत्रों के मूल एवं सत्यापित छायाप्रतियों के साथ दिनांक 15.4.98 को संयुक्त संचालक कृषि ग्वालियर कार्यालय में उपस्थित होने के लिये निर्देशित किया गया, जिसके पालन में श्रीमती रानी शर्मा दिनांक 28.7.98 को मूल प्रमाण पत्रों सहित संयुक्त संचालक कृषि ग्वालियर कार्यालय में उपस्थित हुये उस समय श्रीमती शर्मा को चरित्र सत्यापन हेतु पैरा-3 (क) अनुप्रमाणन फार्म भरकर कार्यालय में प्रस्तुत किये जाने हेतु दिये गये थे जो श्रीमती शर्मा द्वारा कार्यालय में दिनांक 12.7.2000 को दो वर्ष की अवधि पश्चात् प्रस्तुत किये गये। इस संबंध में संचालनालय कृषि विभाग म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक अ-2-6/अनु./विविध/03/3584 दिनांक 9.5.2003 के द्वारा आवेदन शीघ्र भेजने हेतु लिखा गया, जिसके तारतम्य में संयुक्त संचालक ग्वालियर के पत्र क्रमांक अ-3/स्था./अनु.नियु./2006/1587 दिनांक 7.6.2006 के द्वारा आवेदन पत्र एवं अन्य सहपत्रों की छायाप्रति में जानकारी उपलब्ध कराई गई। अत: शासकीय सेवक की मृत्यु दिनांक 27.7.95 से सात वर्ष तक पद उपलब्ध नहीं होने के कारण आवेदन अमान्य किया गया। (ग) जी हाँ। स्व. श्री अनिल कुमार शर्मा शासकीय सेवक की मृत्यु दिनांक 27.7.95 से सात वर्ष तक पद उपलब्ध नहीं होने के कारण म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-7-2000-3-एक भोपाल दिनांक 20 अगस्त 2001 अनुसार अनुकम्पा का प्रकरण अमान्य किया गया। शेष का प्रश्न नहीं है।
हिरनीखेड़ा मार्ग का उन्नतीकरण
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 1066 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत श्योपुर-खातौली मार्ग से हिरनीखेड़ा मार्ग की दशा अत्यंत खराब हैं नागरिकों को आवागमन में कठिनाई होती हैं ये मार्ग दर्जनभर ग्रामों को जोड़ता है इस कारण उक्त मार्ग का उन्नतीकरण कार्य अत्यन्त आवश्यक हैं? (ख) क्या क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा भी उन्नतीकरण कार्य कराये जाने की मांग निरंतर की जा रही हैं? (ग) यदि हाँ, तो ग्रामीण की मांग व कार्य की आवश्यकता के मद्देनजर उक्त मार्ग की डी.पी.आर. तैयार कराने हेतु विभाग को निर्देशित कर इसे बजट में शामिल कर मार्ग की डी.पी.आर. को स्वीकृति प्रदान करेंगे व कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, विभागीय श्रमिकों एवं उपलब्ध संसाधनों से मार्ग को यातायात हेतु सुगम बनाया हुआ है। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने से स्वीकृति प्रदान करने में कठिनाई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाब निर्माण साध्यमा की स्वीकृति
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 1332 ) श्री अरूण भीमावद : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रूलकी एवं चौसला कुल्मी में तालाब निर्माण हेतु विभाग द्वारा कब सर्वे कार्य किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार तालाब निर्माण हेतु साध्यता की स्वीकृति राज्य शासन से कब हुई थी? (ग) यदि साध्यता की स्वीकृति हुई तो उक्त ग्रामों में पेयजल एवं सिंचाई हेतु तालाबों का निर्माण अभी तक क्यों नहीं हुआ? क्या साध्यता की स्वीकृति को निरस्त किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार निर्माण आरंभ कब होगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्राम रूलकी में वर्ष 2013-14 एवं ग्राम चौसलाकुल्मी में वर्ष 2008-09 में विभाग द्वारा सर्वे कार्य किया गया था। (ख) रूलकी II तालाब की साध्यता विभागीय आदेश दिनांक 04.02.2013 द्वारा प्रदाय की गई। वर्ष 2008-09 में विभाग द्वारा साध्यता आदेश की व्यवस्था प्रचलन में नहीं होने से चौसलाकुल्मी के साध्यता आदेश जारी नहीं किये गये थे। (ग) सेहोने के कारण (घ) रूलकी II तालाब की निर्माण लागत रू. 08.40 लाख प्रति हेक्टेयर तथा चौसलाकुल्मी तालाब की निर्माण लागत रू.08.83 लाख प्रति हेक्टेयर आंकलित की गई है जो कि विभागीय निर्धारित मापदण्ड रू.03.50 लाख प्रति हेक्टेयर से अधिक होने के कारण दोनों परियोजनाएं असाध्य हैं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
स्टाप डेम एवं तालाब निर्माण
[जल संसाधन]
7. ( क्र.
1333 ) श्री
अरूण भीमावद :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शाजापुर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत जल
संसाधन विभाग
द्वारा किसानों
की सिंचाई
सुविधा
तालाब/स्टापडेम
का निर्माण
किया गया है? यदि
हाँ,
तो कितने
तालाब/स्टापडेम
कब एवं कितनी
लागत के वर्ष 2014 से 2016 तक
बनाये गये हैं? सूची
देवें। (ख) शासन
स्तर पर
कितने तालाब/
स्टापडेम की
स्वीकृति
लंबित है तथा
कितने साध्यता
में आ गये हैं? पृथक-पृथक
सूची
देवें। (ग) शाजापुर
विधानसभा
क्षेत्र में
कितने तालाब/स्टापडेम
निर्माण की
कार्ययोजना
शासन को प्रस्तावित
की गई है? सूची देने
का कष्ट
करें। (घ) प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) अनुसार
स्वीकृति कब
होगी?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जी
हाँ। 02
स्टाप डेम का
निर्माण किया
गया। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। (ख) किसी
तालाब/स्टाप
डेम की स्वीकृति
लंबित नहीं
है। साध्यता
स्वीकृत 03
परियोजनाओं
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-''ब'' अनुसार
है। (ग) प्रस्तावित
कि गई 05
परियोजनाएं
तिलावदी
तालाब, रूलकी
तालाब II, झोंकर
(सूरजपुर)
तालाब प्रति
हेक्टेयर
लागत अधिक
होने तथा
लडावद वियर, रसलपुर
वियर में जल
की मात्रा कम
होने के कारण
असाध्य पायी
गई। (घ) साध्य
योजनाओं कर
सर्वेक्षण कर
डी.पी.आर.
बनाया जाना
रचनाधीन है।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होते।
पटवारियों के आवास निर्माण हेतु बजट
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 1459 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के पटवारियों का मुख्यालय सुनिश्चत करने के उद्देश्य से पटवारी आवास सह कार्यालय निर्माण किये जाने हेतु वर्ष 2014-15 में कितना बजट प्रावधान रख गया था? प्रत्येक जिले में कितने पटवारी मुख्यालय पर आवास निर्माण किये जाने थे तथा प्रत्येक आवास के मान से जिले के लिए कितना बजट उपलब्ध कराया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत प्रदेश में कहाँ-कहाँ कितने पटवारी आवास सह कार्यालय निर्मित किये गये? इनमें से कितने पूर्ण हैं तथा कितने अपूर्ण हैं? आवास अपूर्ण रहने का क्या कारण है तथा आवास निर्माण कार्य में कितनी राशि अभी तक व्यय की जा चुकी हैं? (ग) क्या दमोह जिले के ग्राम तारादेही में पटवारी आवास सह कार्यालय निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा फर्म में श्रीराम क्रिएशन से अनुबंध क्रमांक 89 डीएल/14-15 दिनांक 12/11/14 अनुबंध किया गया था? यदि हाँ, तो फर्म द्वारा फरवरी 2016 में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये जाने के बावजूद भी प्रथम व अंतिम देयक 5.20 लाख रूपये का भुगतान किस कारण से लंबित है? लंबित देयक का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा तथा विलम्ब के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या दोषी अधिकारी के विरूद्ध जाँच कराकर दण्डित किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। कोई भुगतान लंबित नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
कार्य हेतु उपलब्ध उपकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( क्र. 1460 ) श्री प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा सहकारी समिति के माध्यम से कृषकों को कृषि कार्य हेतु कौन-कौन से उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं उपकरण के उपयोग की दरे स्पष्ट करें? उपयोग किये गये उपकरणों का भुगतान कृषकों द्वारा किस प्रकार किया जाना है? (ख) दमोह जिले में सहकारी समिति द्वारा वर्ष 2015-16 से किसानों को किरायें पर दिये गये उपकरणों से शासन को कितनी आय प्राप्त हुई? उपकरण उपयोग किये जाने के फलस्वरूप कृषकों की आय में कितनी वृद्धि हुई हैं? (ग) समितियों को प्रदाय किये गये उपकरण उपयोग के पश्चात् कहाँ रखे हुए हैं, उनकी सुरक्षा की स्थिति क्या है, कितने उपकरण चालू स्थिति में हैं तथा कितने खराब हैं? उपकरण के रख-रखाव एवं सुधार कार्य में अभी तक कुल कितनी राशि व्यय की जा चुकी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माणाधीन सिंचाई योजनाएं
[जल संसाधन]
10. ( क्र.
1500 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विभाग द्वारा
सिंचाई
क्षमता
बढ़ाने की दृष्टि
से योजनाएं
तैयार की गई
हैं? (ख)
यदि हाँ, तो
पनागर विधान
सभा क्षेत्र
में
सर्वेक्षित, सर्वेक्षणाधीन, निर्मित, निर्माणाधीन
योजनाओं का
विवरण देवें? (ग) क्या
गत 3
वर्षों में
सिंचाई
क्षमता में
वृद्धि हुई है? (घ) यदि
हाँ,
तो विवरण
देवें?
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) एवं
(ख) जी हाँ। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''1'' अनुसार
है। (ग) एवं (घ) जी
हाँ। विवरण संलग्न
परिशिष्ट
के प्रपत्र-''2'' अनुसार
है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( क्र. 1544 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम में विगत 20-25 वर्षों से दैनिक वेतन पर 178 कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) क्या गत 2 वर्षों में पुन: संविदा पर कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई हैं? (ग) क्या अन्य विभागों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का शासन द्वारा नियमितीकरण किया गया हैं? (घ) क्या बीज निगम के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के साथ यह अन्याय नहीं है? क्या इन्हें नियमित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम में वर्तमान में कुल 195 दैनिक वेतन भोगी श्रमिक/कर्मी कार्यरत है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम में विगत 2 वर्षों में 10 कर्मचारियों को निगम के संचालक मण्डल से अनुमोदन लेते हुये संविदा नियुक्तियाँ दी गई है। (ग) संचालनालय कृषि के अंतर्गत 109 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया गया है। (घ) दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों/कर्मियों को रिक्त पदों के विरूद्ध विनियमित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
माईक्रो इरीगेशन/ड्रिप पाईप
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
12. ( क्र. 1829 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1 अप्रैल, 2015 से जनवरी, 2017 तक बड़वानी एवं खण्डवा जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा माईक्रो इरीगेशन/ड्रिप पाईप से लाभांवित समस्त हितग्राहियों की संख्या एवं सब्सिडी राशि की जानकारी विकासखण्डवार देवें? इसमें से एक हेक्टयर से अधिक ड्रिप लाईन से लाभांवित हितग्राहियों के द्वारा जमा कृषक अंश राशि कितनी हैं की जानकारी देवें? (ख) उक्त अवधि में इन हितग्राहियों को किस-किस कंपनी के द्वारा ड्रिप संयंत्र लगाया गया तथा इन कंपनियों को कब-कब कितना भुगतान किया गया? भुगतानवार कंपनी का नाम, पता, खाता क्रमांक सहित सूची देवें। (ग) उक्त हितग्राहियों के प्रकरणों में कितने भौतिक सत्यापन किया था, नाम व पद सहित वर्षवार सूची देवें इसमें से एक हेक्टयर से अधिक रकबे वाले कितने हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन किया गया कितनों का नहीं किया गया वर्षवार बतायें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। बड़वानी जिले में एक हेक्टेयर से अधिक ड्रिप लाईन के हितग्राहियों द्वारा जमा कृषक अंश राशि रूपये 6,61,95,093/- एवं खण्डवा जिले में जमा कृषक अंश राशि रूपये 6,40,67,532/- है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। एक हेक्टेयर से अधिक रकबे वाले बड़वानी जिले में कुल 722 हितग्राही हैं तथा खण्डवा जिले में 568 हितग्राही हैं, समस्त हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन किया गया।
कृषि विभाग द्वारा वितरित कटर मशीनों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 2198 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चंबल संभाग में कृषि विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में किसानों को कुल कितने चैफ कटर मशीनों का वितरण किया गया, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) कंडिका (क) में वर्णित चैफ कटर मशीनों की सप्लाई किन एजेंसियों द्वारा किस दर पर की गई? इन मशीनों की गुणवत्ता एवं बाजार मूल्य से तुलना की जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई जानकारी देवें? (ग) क्या चैफ कटर मशीनें खुले बाजार में मात्र 4000/- में विक्रय हो रही है वही मशीनें शासन में बैठे अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से 7500-8000/- में लेकर शासन को प्रति मशीन 3500-4000/- की क्षति पहुंचाई है, फलस्वरूप शासन को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया है? यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में ग्वालियर भिण्ड एवं दतिया में जो मशीनें वितरित की गई? उनका वजन निर्धारित मान से कम था?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि फार्म की गतिविधियां
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
14. ( क्र. 2199 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के विकासखण्ड सेंवढ़ा में स्थित कृषि फार्म कितने एरिया में होकर कहाँ स्थित हैं? इसमें कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी (स्थाई/अस्थाई/संविदा/दैनिक वेतन भोगी) कब से पदस्थ हैं तथा ये कहाँ निवासरत हैं? (ख) उक्त कृषि फार्म द्वारा क्या-क्या गतिविधियां की जाती हैं वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में इस कृषि फार्म में शासन से किस-किस गतिविधियों के लिये कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? इसे किस-किस मद में खर्च किया गया? (ग) उक्त वर्षों में इस कृषि फार्म पर क्या-क्या व कौन-कौन सी गतिविधियों का आयोजन किया गया? इसमें किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया? किन-किन कृषकों को किस गतिविधियों के लिये आमंत्रित किया गया? (घ) क्या उक्त फार्म पर अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा गतिविधियों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर शासन से प्राप्त आवंटित राशि का स्वयं उपयोग कर रहे हैं? यदि नहीं, तो यहां होने वाली गतिविधियों की प्रश्नकर्ता के समक्ष जाँच कराई जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) दतिया जिले के विकासखण्ड सेवढ़ा में स्थिति कृषि फार्म का एरिया 47.30 हेक्टेयर है। इस फार्म में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उक्त कृषि फार्म में बीज उत्पादन एवं बीज प्रगुणन गतिविधि के साथ गौ-शाला भी संचालित की जाती है। इस कृषि फार्म में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में मदवार आवंटित एवं खर्च की राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उक्त वर्षों में कृषि फार्म में विभागीय रूप से बीज उत्पादन एवं बीज प्रगुणन गतिविधि का आयोजन किया गया। इसमें जनप्रतिनिधियों एवं कृषकों को आमंत्रित नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सूक्ष्म सिंचाई योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
15. ( क्र. 2586 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा सूक्ष्म सिंचाई योंजनाओं की स्वीकृति एवं कार्य संपन्न करने की प्रक्रिया कब से प्रारंभ हुई? तत्संबंधी एवं योजना की जानकारी सहित पूर्ण विवरण बतायें। (ख) वर्ष 2015 एवं 2016 में उज्जैन संभाग में कितने किसान इस योजना से लाभान्वित हुए? जिलेवार, तहसीलवार वर्षवार ब्यौरा दें। (ग) रतलाम जिले में विशेषकर आलोट विधानसभा क्षेत्र के लिए वर्ष 2017 का लक्ष्य क्या है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) विभाग में सूक्ष्म सिंचाई योजना की स्वीकृति एवं कार्य सम्पन्न करने की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष 2005-06 से प्रारंभ हुई। वर्तमान में योजना में अनुदान की व्यवस्था संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्यों का निर्धारण नहीं किया जाता, अपितु जिलेवार किया जाता है। विभाग के पोर्टल पर ऑन लाईन प्रस्तुत आवेदनों में से जिले हेतु निर्धारित न्यूनतम लक्ष्य उपयोग होने के बाद राज्य स्तर पर पूल से जिले द्वारा लक्ष्य लेकर पात्र कृषकों को प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर चयन किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के ऑनलाईन लक्ष्य 1 अप्रैल 2017 के बाद उपलब्ध होंगे।
जल उपभोक्ता समितियों को निर्माण कार्य हेतु प्रदत्त राशि
[जल संसाधन]
16. ( क्र.
2661 ) श्री
रजनीश सिंह :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) वर्ष 2014-15 से
प्रश्न
दिनांक तक
सिवनी जिले के
केवलारी
विधान सभा क्षेत्र
के अन्तर्गत
जल उपभोक्ता
संथा की कितनी
समितियां हैं? नाम
सहित बतायें? इन
समितियों को
कितनी-कितनी
राशि,
किस-किस
कार्य हेतु स्वीकृत
की गई?
(ख) उक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में कहाँ-कहाँ, क्या-क्या
कार्य कराये
गये एवं
निर्माण
कार्यों में अनियमितताएं
बरते जाने की
कितनी-कितनी
शिकायतें
विभाग को
प्राप्त
हुईं तथा
शिकायतों की
जाँच के
उपरांत किन-किन
के विरूद्ध क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? (ग)
क्या
समितियों को
मिलने वाली
राशि में
प्रतिवर्ष
वृद्धि की
जाती है? यदि हाँ, तो
किस मापदण्ड
से
कितनी-कितनी
वृद्धि की गई
वर्ष 2012-13
से 2015-16
तक की हुई
वृद्धि का
विवरण देवें।
जल संसाधन
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) एवं
(ख) विधान सभा
क्षेत्रांतर्गत
जल उपभोक्ता
संथा की 28 समितियां
है। समितियों
के नाम स्वीकृत
राशि एवं
कार्य का
वर्षवार विवरण
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
जल उपभोक्ता
संथाओं
द्वारा केवल
संधारण कार्य
कराए जाते है
न कि निर्माण
कार्य। कराए
गये संधारण कार्यों
में
अनियमितताएं
बरते जाने की
कोई भी शिकायत
प्रतिवेदित
नहीं होने से
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होते हैं। (ग) जी
नहीं। अत: शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होते है।
रोड/भवन निर्माण/मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 2662 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित भवन एवं पथ निर्माण कार्यों के निर्माण पश्चात् मरम्मत हेतु क्या प्रावधान है? (ख) विधान सभा क्षेत्र केवलारी में दिसंबर 2014 से प्रश्न दिनांक तक भवन निर्माण एवं रोड निर्माण हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई है? जानकारी मांग संख्या, लेखाशीर्ष, लागत राशि, ठेकेदार का नाम वर्ष, कार्य की स्थिति आदि सहित दी जावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित विधान सभा क्षेत्र केवलारी में कितने रोड व भवन जिनकी मरम्मत समय-सीमा में न की जाकर जीर्ण-शीर्ण एवं सड़क गड्ढ़ो में परिवर्तित हो गई है, की जानकारी देते हुये उनका मरम्मत कार्य कब तक करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित भवन एवं पथ निर्माण कार्यों के निर्माण पश्चात् डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड में मरम्मत हेतु अनुबंध अनुसार प्रावधान होता है। तत्पश्चात् आवश्यकतानुसार साधारण मरम्मत वार्षिक मरम्मत में प्रावधान किया जाता है। लोक निर्माण विभाग परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा निर्मित भवनों का निर्माण पूर्ण करने के उपरांत संधारण हेतु लोक निर्माण विभाग भवन एवं सड़क की भवन पुस्तिका में दर्ज किया जाता है एवं परफारमेंस गारंटी की अवधि पूर्ण होने पश्चात् भवन की मरम्मत का कार्य किया जाता है। (ख) सड़क कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' एवं भवन निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) सड़क कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं भवन निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र केवलारी में दिसम्बर 2014 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत कोई भी भवन कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। अत: समय-सीमा में मरम्मत किये जाने संबंधी प्रश्न ही नहीं उठता है।
निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 2762 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में माननीय सांसद व प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिन निर्माण कार्यों के पत्र भेजे गये? उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रश्न दिनांक तक कितने प्रस्तावों को स्वीकृति दी जा चुकी है कितने लंबित हैं? (ख) क्या उदयपुरा क्षेत्र में माननीय सांसद/विधायक द्वारा भेजे गये प्रस्तावों में से किसी पर भी कार्य प्रारंभ कराया गया? यदि नहीं, तो विलंब का कारण बतायें? (ग) क्या सांसद निधि व राज्य शासन द्वारा उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र को भेजे गये प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई है या दी जा रही है? विवरण देवें। कार्य कब तक प्रारंभ कराये जा सकेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) सांसद निधि से स्वीकृति कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। राज्य शासन द्वारा स्वीकृत कार्यों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष परीक्षणाधीन प्रस्तावों के स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहकारी बैंकों में प्रशासक की नियुक्ति
[सहकारिता]
19. ( क्र. 2853 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में आज दिनांक तक कुल कितने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कार्यरत् हैं और कितनों में निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण की गई है तथा कितनों में शेष हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी बैंकों में प्रशासक नियुक्त हैं और प्रशासक की नियुक्ति की समय-सीमा और नियुक्ति नहीं की गई तो कारण बतावें? प्रक्रिया में देरी होने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? इन पर क्या कार्यवाही की गई हैं? नहीं तो कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में क्या प्रशासक ही निर्वाचन में देरी करने का कारण है? यदि हाँ, तो किस-किस बैंक में? पृथक-पृथक बैंकवार कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में क्या प्रशासक ने निर्वाचन कराने के दायित्वों का निर्वहन किया है। यदि नहीं, तो प्रशासकों पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मा. मुख्यमंत्री की घोषणानुसार बैराज निर्माण
[जल संसाधन]
20. ( क्र. 2952 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य की वे नदियां जिनमें बांध और बैराज बनाये गये हैं, क्या उनमें गहराई और रेत नहीं पायी जाती है? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र बड़वारा की माह अगस्त व सितम्बर 2016 की जनदर्शन यात्रा में प्रश्नकर्ता द्वारा उद्भूत मांग पर मा. मुख्यमंत्री ने छोटी महानदी के स्थलों में बैराज निर्माण की घोषणाएं की हैं? (ग) क्या विभागीय कार्यपालन यंत्री संभाग कटनी और तकनीकी विशेषज्ञ दल के द्वारा किस विधि का परीक्षण कर किन स्थलों में कितनी भूतल गहराई और कितनी गहराई की रेत पाये जाने पर प्रश्नांश (ख) स्थलों में बैराज निर्माण किया जाना असंभव होना विभाग व कलेक्टर कटनी को प्रतिवेदित किया गया है? (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (ख), (ग) व समीपवर्ती उपयुक्त स्थलों का पुन: किसी विशेषज्ञ दल से परीक्षण कराकर डी.पी.आर. बनवायेगा और मा. मुख्यमंत्री की किसान हितैषी योजना का क्रियान्वयन करावेगा? (ड.) क्या विभाग प्रश्नांश (ग) के स्थल परीक्षणकर्ता की मा. मुख्यमंत्री की घोषणा के प्रति कर्तव्यों में उदासीनता की जाँच कराकर कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। ग्राम आमाझार एवं महुदा के समीप से बहने वाली महानदी पर ''बांध'' निर्माण संबंधी मा. मुख्यमंत्रीजी द्वारा घोषणा क्रमांक-बी-2538 की गई थी। दिनांक 06.11.2016 को अधीक्षण यंत्री तथा कार्यपालन यंत्री द्वारा स्थल निरीक्षण किये जाने पर बांध परियोजना निर्माण हेतु कोई उपयुक्त स्थल नहीं पाया गया। (ग) कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री द्वारा निरीक्षण ग्रामवासियों से प्राप्त जानकारी अनुसार किए जाने उपरांत स्थल प्रारंभिक रूप से उपयुक्त नहीं पाया जाना प्रतिवेदित किया गया। (घ) एवं (ड.) परियोजना प्रारंभिक रूप से ही असाध्य होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
न्यायालयों के रिक्त पदों की पूर्ति
[विधि और विधायी कार्य]
21. ( क्र. 3207 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में वर्ष जनवरी 2013 से दिसंबर 2016 तक किस-किस जिले में कहाँ-कहाँ कौन-कौन से नये न्यायालय स्वीकृत हुए? अथवा पूर्व स्वीकृत न्यायालय स्थापनाधीन हैं? (ख) क्या उज्जैन जिले में नागदा शहर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय स्थापना हेतु स्थान चयन एवं अन्य स्वीकृतियां प्राप्त हो गई हैं? यदि हाँ, तो पूर्ण ब्यौंरा दें। यदि नहीं, तो देरी का क्या कारण है? (ग) संभाग के न्यायालयों में कहाँ- कहाँ न्यायालयीन स्टॉफ में किस-किस पद पर कितने कर्मचारियों की कमी है? तहसीलवार ब्यौंरा क्या है? कब तक उक्त कमी पूर्ण की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) उज्जैन संभाग में वर्ष जनवरी, 2013 से दिसम्बर, 2016 तक जिलेवार स्वीकृत न्यायालयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, उज्जैन द्वारा तहसील नागदा में नवीन न्यायालय भवन एवं न्यायाधीशगण के आवास गृहों के निर्माण हेतु शासकीय सर्वे क्रमांक 438 रकबा 3.585 हेक्टेयर शासकीय भूमि आवंटन हेतु कलेक्टर, उज्जैन को लिखा गया है, परंतु उक्त भूमि अभी तक आवंटित नहीं हुई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, उज्जैन द्वारा नागदा में एक न्यायालय कक्ष, प्रतिलिपि कक्ष, नजारत कक्ष, मालखाना कक्ष के निर्माण हेतु विस्तृत मानचित्र एवं प्राक्कलन तैयार किये जाने हेतु संभागीय परियोजना यंत्री, लोक निर्माण विभाग, उज्जैन को लिखा गया है। उक्त्त प्राक्कलन एवं मानचित्र अभी तक अपेक्षित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उज्जैन सम्भाग में पदों की कमी को पूर्ण करने के संबंध में संबंधित जिला एवं सत्र न्यायाधीशों से रिक्त पदों की जानकारी विज्ञापन हेतु आहूत की गई है। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है।
कृषि महाविद्यालय एवं धनिया अनुसंधान केन्द्र की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( क्र. 3285 ) श्रीमती ममता मीना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में धनिया उत्पादन सबसे अधिक चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में होता है? यदि हाँ, तो क्या वहाँ धनिया अनुसंधान केन्द्र स्थापित कराने की कोई योजना के साथ नवीन कृषि महाविद्यालय इस क्षेत्र में खोलने की कार्य योजना है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के तथ्यों का अनुमान सत्य है तो बतायें कि गुना जिले के 200 किमी. की दूरी पर कोई भी कृषि महाविद्यालय नहीं है और म.प्र. में एक भी धनिया अनुसंधान केन्द्र नहीं है, तो क्या शासन इस हेतु स्वीकृति प्रदान करेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार शासन किसानों के उत्थान और विकास में नई पीढ़ी को कृषि अनुसंधान में रोजगार और प्रगति कराने हेतु प्रदेश के कमजोर क्षेत्रों को कृषि विकास योजना में जोड़कर इस क्षेत्र को शामिल करेगा? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तथ्यों पर शासन चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र एवं पिछड़े और कमजोर क्षेत्र को विकसित करने एवं किसानों और उनकी अगली पीढ़ी को रोजगार हेतु इस क्षेत्र में धनिया अनुसंधान केन्द्र एवं कृषि महाविद्यालय स्थापित करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) गुना जिले के चांचौड़ा क्षेत्र में धनिया का अधिक उत्पादन होता है। धनिया अनुसंधान स्थापित करने की वर्तमान में विश्वविद्यालय स्तर पर कोई प्रस्ताव नहीं है न ही कृषि महाविद्यालय खोलने की कोई कार्य योजना है। (ख) हाँ यह सही है कि गुना जिले के 200 कि.मी. की दूरी पर कोई भी कृषि महाविद्यालय स्थापित नहीं है, धनिया अनुसंधान केन्द्र खोलने संबंधी कोई प्रस्ताव वर्तमान में नहीं है। (ग) विभाग अन्तर्गत कृषि विकास/ प्रसार गतिविधियां क्षेत्र में संचालित हैं। (घ) विश्वविद्यालय का धनिया अनुसंधान केन्द्र एवं कृषि महाविद्यालय खोलने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है।
धोखाधड़ी की शिकायत पर कार्यवाही
[सहकारिता]
23. ( क्र. 3653 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल संभाग के संभाग आयुक्त को बी.पी.एन.-सनसाइन इन्फ्रोविल्डा एवं सनसाइन को-ऑपरेटिव्ह सोसायटी लिमिटेड कंपनी के संचालकों द्वारा शहडोल में ब्रांच ऑफिस खोलकर रूपये वसूल कर धोखाधड़ी किये जाने की शिकायत दिनांक ३१-०५-२०१६ को श्रीमती रमा सोनी एवं अन्य द्वारा की जाकर उसकी प्रति कलेक्टर शहडोल, पुलिस अधीक्षक शहडोल को दी गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रश्न दिनांक तक उक्त शिकायत के संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? की गई समस्त कार्यवाही से अवगत कराया जावे।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत के संबंध में पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा थाना प्रभारी गोहपारू से जाँच कराई जा रही है।
सड़क मार्ग के निर्माण में अनुचित भुगतान
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 3713 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना-अशोकनगर-ईसागढ़ सड़क मार्ग के अशोकनगर-ईसागढ़ सेक्शन का प्रोव्हिजनल कम्पलीट सर्टिफिकेट दिनांक 22/03/2016 को जारी किया गया था? यदि हाँ, तो सर्टिफिकेट की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क मार्ग में ईसागढ़ के पास लगभग 5 कि.मी. सड़क निर्माण कार्य शेष होने के उपरांत भी अशोकनगर-ईसागढ़ सेक्शन के कितने कि.मी. दूरी का भुगतान संबंधित फर्म को किया गया है? भुगतान की गई राशि एवं कितने कि.मी. की राशि का भुगतान किया गया है, का विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क मार्ग के अनुबंध दिनांक 05.11.2012 के लगभग 03 वर्ष बाद एवं सड़क निर्माण कार्य पूर्ण होने के लगभग 9 माह बाद कुछ कि.मी. निर्माण कार्य का भुगतान संबंधित फर्म को किया जा रहा है, क्या यह सत्य है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार संबंधित फर्म को आर्थिक लाभ पहुचानें में शामिल दोषी सब इंजीनियर और दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन को करोड़ों रूपये का नुकसान होने से बचाने के लिये क्या उच्च स्तरीय जाँच कराई जाकर आवश्यक कार्यवाही करेंगे? यदि करेंगे, तो कब तक करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्माण कार्य का भुगतान कंशेसनायर को अब तक नहीं किया गया। अत: शेष जानकारी निरंक है। (ग) निवेशकर्ता को चेन्ज ऑफ स्कोप का भुगतान किया गया है। जी हाँ। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अंजड से ठीकरी मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 3744 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के नगर अंजड से कस्बा ठीकरी की दूरी कितनी है तथा उक्त मार्ग के मरम्मत एवं निर्माण का कार्य किस संभाग द्वारा कराया जाता है. (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अंजड से ठीकरी मार्ग पर पिछले 6 वर्षों अर्थात् वर्ष 2014 से वर्षवार कितनी राशि मरम्मत, पुल-पुलिया पर की गई है, उसकी जानकारी अलग-अलग देवे। (ग) क्या राज्य सरकार द्वारा जिला मुख्यालय को संभाग मुख्यालय से जोड़ने वाले मार्ग को प्राथमिकता के आधार पर मध्य प्रदेश राज्य सड़क प्राधिकरण से कराये जाने का निर्णय लिया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में अंकित मार्ग को राज्य सरकार द्वारा निर्माण क्यों नहीं कराया जा रहा है? (घ) क्या राज्य सरकार द्वारा उक्त मार्ग को प्राथमिकता के आधार पर सड़क प्राधिकरण से कराये जाना प्रस्तावित किया है? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण प्रारम्भ हो जावेगा? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो किस योजना में कब तक प्रारम्भ होगा? उसकी समय-सीमा बतावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) नगर अंजड से कस्बा ठीकरी की दूरी 38.00 कि.मी. है। उक्त मार्ग मरम्मत एवं निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग संभाग बड़वानी द्वारा कराया गया है। वर्तमान में उक्त मार्ग का संधारण कार्य म.प्र. रोड डेव्हलपमेंट कार्पो.लि. द्वारा किया जा रहा है। (ख) उक्त मार्ग पर निर्धारित समयावधि 06 वर्षों की वर्षवार मरम्मत एवं पुल/पुलिया पर व्यय की अलग-अलग जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में आवश्यकता के अनुसार मार्ग संधारण का कार्य किया गया है। नवीन मार्ग निर्माण/उन्नयन के प्रस्ताव की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) मार्ग को दिनांक 14.06.2016 को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है अत: शेष कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
निर्मित एवं निर्माणाधीन योजनाएं
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 3771 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में गत 5-6 वर्ष से जल संसाधन विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत हुई थी। क्या वह निर्माणाधीन हैं या पूर्ण हो चुकी हैं वर्तमान में उन योजनाओं में से कौन-कौन से डेम और नहरें क्षतिग्रस्त हो गई हैं? क्या विभाग सत्यापन सहित जिम्मेदारों पर कार्यवाही करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों के अनुसार अपूर्ण एवं पूर्ण योजनाओं का सत्यापन वरिष्ठ अधिकारी से करायेंगे? क्या सत्यापन के आधार पर उन योजनाओं को पूर्ण करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या गुना जिले में सिंचाई हेतु शासन स्तर पर गुना जिले से कोई योजनाएं नहर, तालाब एवं स्टापडेम प्राक्कलन हेतु, प्लान हेतु एवं स्वीकृति हेतु पेंडिंग है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति मिलेगी? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों अनुसार जो कार्य अपूर्ण एवं पूर्ण होकर क्षतिग्रस्त हो गये, उन्हें क्या जून 2017 तक पूर्ण करायेंगे तथा नवीन योजनाओं को स्वीकृत कराकर क्या उनका कार्य प्रारंभ करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) गत 06 वर्षों में स्वीकृत परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्मित एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं का सत्यापन मैदानी अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से किया जाता है, अलग से सत्यापन कराने की आवश्यकता नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है। साध्यता प्राप्त तीन नवीन परियोजनाओं (1) सुमेर स्टॉप डेम, (2) जमरा तालाब तथा (3) फतेहपुर (नहर रहित) तालाब के डी.पी.आर. परीक्षणाधीन है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) कोई निर्माणाधीन अथवा पूर्ण कार्य क्षतिग्रस्त नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।
किसानों को वितरण बीमा राशि तथा फसल हानि के विवरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
27. ( क्र. 3772 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में वर्ष 2015 एवं 2016 में किसानों की खरीफ फसलों का बे मौसम के कारण औसत उत्पादन से कम उत्पादन हुआ था। क्या सीमित किसानों को पटवारी हल्का अनुसार कोई सर्वे हुआ था। यदि हाँ, तो पटवारी हल्का अनुसार विवरण पटल पर दें। (ख) क्या वर्ष 2015 एवं 2016 में किसानों की फसल का बीमा किस कम्पनी द्वारा बैंकों एवं विभाग के माध्यम से किया था। तो क्या उन किसानों को पटवारी हल्का के मान से समान बीमा राशि का भुगतान बीमा कम्पनी ने किया है या नहीं? यदि हाँ, तो विवरण दें, यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) किसानों को प्रश्नांश (क) और (ख) के तथ्यों अनुसार समान रूप से हुई फसल हानि के आंकड़े पटवारी हल्कावार अनुसार, बीमा भुगतान के भी पटवारी हल्कावार विवरण का मिलान कर अन्तर का कारण बतायें? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में लिये गये तथ्यों में फसल हानि और बीमा विवरण में पक्षपात हुआ हो तो कौन जिम्मेदार है? समस्त विवरण प्रस्तुत कर समस्त जाँच कराकर कार्यवाही करेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2015 में फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त औसत उपज के आधार पर उन पात्र कृषकों को बीमा दावा राशि का वितरण किया गया है जिनकी उपज में योजनानुसार कमी पाई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। योजनांतर्गत खरीफ 2015 एवं खरीफ 2016 के पटवारी हल्कावार फसल कटाई प्रयोगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) खरीफ वर्ष 2015 में फसल बीमा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया गया है। खरीफ 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत गुना जिले में एच.डी.एफ.सी. इरगो द्वारा फसल बीमा किया गया है। खरीफ वर्ष 2015 के बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। खरीफ 2016 के दावों का गणना कार्य प्रक्रियाधीन है। योजना अनुसार पटवारी हल्कावार थ्रेश होल्ड उपज एवं वास्तविक उपज भिन्न होती है जिसके अनुसार कृषक की कुल बीमित राशि के आधार पर दावा राशि की गणना की जाती है। अत: कृषकवार दावा राशि स्वाभाविक रूप से भिन्न हो सकती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घोषित एवं संचालित योजनाओं को पूर्ण कराना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
28. ( क्र. 3773 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले में गत 5-6 वर्षों में विभाग से संबंधित केन्द्र एवं राज्य शासन की कौन-कौन सी प्रसंस्करण इकाइयों का निर्माण होकर वर्तमान में संचालित हैं एवं कौन सी घोषित बजट अनुसार योजनाएं उद्यानिकी में अपूर्ण हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रसंस्करण इकाइयों एवं उद्यानिकी में घोषित बजट अनुसार कोई योजनाएं अपूर्ण एवं संचालित नहीं हैं तो क्या कारण है? (ग) क्या विभाग द्वारा उद्यानिकी एवं प्रसंस्करण इकाइयों में घोषित अनुदान प्रक्रिया का परिवर्तन वर्तमान में विभाग द्वारा कर दिया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग ने सदन से स्वीकृति ली है? यदि नहीं, तो कौन जिम्मेदार है? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित विभाग की अनुदान योजनाओं में संशोधन सदन की अनुमति के बगैर विभाग द्वारा किस नियम से परिवर्तित किये है? क्या परिवर्तन के कारण घोषित बजट म.प्र. के किन-किन जिलों में गुना जिला सहित अपूर्ण है? कौन जिम्मेदार है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) गुना जिले में वर्ष 2013-14 में केन्द्र सरकार के मसाला बोर्ड द्वारा स्थापित मसाला पार्क में मसाला पाउडर बनाने की प्रोसेसिंग यूनिट वर्तमान में संचालित है। राज्य शासन द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का निर्माण नहीं किया जाता अपितु निजी निवेशक द्वारा इकाई स्थापित की जाती है। घोषित बजट अनुसार विभागीय योजनाओं में कार्य अपूर्ण नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों हेतु अनुदान/वित्तीय सहायता में परिवर्तन की स्वीकृति मंत्रि-परिषद से तथा राज्य शासन की अनुदान योजनाओं में परिवर्तन का प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त किया गया है। सदन से अनुमति आवश्यक नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। उद्यानिकी की समस्त योजनाओं में पारदर्शिता हेतु ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करने एवं ऑनलाईन स्वीकृति जारी करने की प्रक्रिया अगस्त 2016 से प्रथम बार लागू किए जाने के कारण प्रारंभिक तौर पर कुछ विलंब हुआ किन्तु वर्तमान में गुना जिला सहित पूरे प्रदेश में कार्य तीव्रगति से प्रचलित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी समितियों एवं उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
[सहकारिता]
29. ( क्र. 3774 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना के अंतर्गत जिले की सहकारी समितियों एवं बैंक में पर्याप्त एवं घोषित स्टॉफ कितने समय से नहीं है? क्या पर्याप्त स्टॉफ न होने के कारण सहकारी समितियों में वित्तीय अनियमितताएं हुई है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या गुना जिले में बैंक के अंतर्गत आने वाली सहकारी समितियों द्वारा ही उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं? क्या उन संस्थाओं में घोषित कर्मचारी हैं या नहीं? क्या इन दुकानों में कोई वित्तीय अनियमितता हुई हैं? यदि हाँ, तो वसूली की क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों की जिम्मेदारी विभाग की है या बैंक प्रबंधन की जो अनिमितता हुई है उसका कौन जिम्मेदार है? अनियमितता करने वालों से विभाग या बैंक राशि वसूल कब तक करेगा? (घ) यदि प्रश्नांश (क) और (ख) में वर्णित तथ्यों के अनुसार विभाग बैंक एवं सहकारी समितियों में घोषित कर्मचारियों एवं अधिकारियों के रिक्त पद हैं कब तक किस रीति से भरे जायेंगे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित गुना में अधिकारी/कर्मचारी तथा उससे संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में समिति प्रबंधक के पद कई वर्षों से रिक्त हैं। जी नहीं, अनियमितता प्रकाश में आने पर तत्काल समस्त वैधानिक कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में समिति प्रबंधक के पद को छोड़कर शेष कर्मचारियों के पद अधिकांशतः भरे हैं। जी हाँ, अनियमितताओं पर की गई कार्यवाही का विवरण गुना एवं अशोकनगर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते। वसूली की कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है वसूली की कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में अधिकारी/कर्मचारियों के रिक्त पदों में से 52 पदों पर सीधी भर्ती हेतु आई.बी.पी.एस. मुंबई के माध्यम से लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के द्वारा भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के समिति प्रबंधकों हेतु संवर्ग नियम बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संवर्ग नियम बनाए जाने के बाद रिक्त पदों के भरने की कार्यवाही की जा सकेगी।
वित्तीय वर्ष में कराये गये कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 3810 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि विभाग द्वारा जिला अशोकनगर में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना आवंटन प्राप्त एवं व्यय हुआ योजनावार उपलब्ध करावें? (ख) विकासखंड अशोकनगर में कृषि विभाग द्वारा उक्त वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य करवाए गये हैं? (ग) विकासखंड अशोकनगर में कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से अब तक कितने कृषकों को कृषि उपकरण प्रदान किये गये हैं योजनावार संख्या एवं अनुदान की राशि उपलब्ध करावें? (घ) क्या लाभांवित कृषकों के उपकरण सामग्री का भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विकासखंड अशोकनगर में कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कोई निर्माण कार्य नहीं कराये गये। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रबी एवं खरीफ फसलों के बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
31. ( क्र. 3811 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में विगत 2-3 वर्षों में जिले के किसानों की रबी एवं खरीफ फसलों का बीमा कराया गया था या नहीं। (ख) यदि किसानों की रबी एवं खरीफ फसलों का बीमा कराया गया है तो तहसील अशोकनगर के प्राकृतिक प्रकोप, ओलावृष्टि एवं सूखे से प्रभावित किसानों को बीमा राशि का भुगतान किया गया है कि नहीं। (ग) यदि भुगतान किया गया है तो पटवारी हल्कावार कृषक संख्या तथा कितनी राशि संबंधितों को दी गई है जानकारी उपलब्ध करावें? यदि भुगतान नहीं किया गया है तो क्यों? (घ) प्रभावित किसानों को बीमा की राशि का वितरण कब तक कर दिया जावेगा एवं अभी तक राशि के वितरण न होने में कौन कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार हैं, उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, कराया गया था। (ख) अशोक नगर तहसील अंतर्गत खरीफ 2014, रबी 2014-15 खरीफ 2015 एवं रबी 2015-16 के बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रबी 2015-16 एवं खरीफ 2016 के दावों की गणना प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार। रबी 2015-16 एवं खरीफ 2016 के दावों का वितरण दावों का आंकलन होने के पश्चात् किया जावेगा। जो प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बेरछा शाजापुर मार्ग का दोहरीकरण एवं पुलिया निर्माण
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 3895 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बेरछा शाजापुर मार्ग का दोहरीकरण का कार्य निर्माणाधीन है? मार्ग के साथ साथ पुल-पुलियाओं को भी अपग्रेड किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या ग्राम आलाउमरोद में स्थित नाला जो चीलर बांध में मिल रहा है उस पर निर्मित पुल काफी पुराना एकांकी, संकीर्ण एवं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है? यदि हाँ, तो क्या इसको अपग्रेड किया जाना प्रस्तावित है? (ग) क्या चीलर बांध का वर्षाकाल में पूर्ण भराव हो जाने पर बांध का पानी क्षेत्रों में, नाले में पुन: आ जाता है तथा निर्मित पुल पानी से घिर जाने के कारण दुर्घटना की आंशका बनी रहती है। (घ) यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्मित पुल का निर्माण दोहरीकरण के रूप किया जाना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यदि हाँ, तो कब तक अपग्रेड किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। पुल की स्लेब आर.सी.सी. की है, जो अच्छी अवस्था में होकर यथावत रखा गया है, शेष रिटेनिंग वॉल, रेलिंग, क्रेश बेरियर, टो वॉल एवं स्टोन पिचिंग का कार्य प्रस्तावित होकर कार्य प्रगतिरत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। पुल का सुधार कार्य होने पर यातायात सुचारू रूप से संचालित होगा एवं दुर्घटनाओं की आशंका निर्मूल साबित होगी। (घ) जी नहीं। उक्त पुल की वर्तमान में चौड़ाई 6.8 मीटर है, इसे और चौड़ा किये जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। पुल का सुधार कार्य होने पर यातायात सुचारू रूप से संचालित होगा। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को उनकी फसल की लागत के मान से मूल्य निर्धारित किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
33. ( क्र. 3947 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन द्वारा केन्द्र सरकार को किसानों को उनकी कृषि उपज की लागत मूल्य के मान से कृषि उपज का मूल्य दिये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव भेजा गया है? क्या भारतीय जनता पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में कृषि उपज का लागत मूल्य दिलाये जाने का उल्लेख किया गया था? स्पष्ट करें। (ख) यदि हाँ, तो उक्त सम्बन्ध में मध्य प्रदेश शासन स्तर से कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई व वर्तमान में उक्त योजना की पूर्ति किये जाने हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) क्या किसानों के हित को ध्यान में रखते हुये कृषि की लागत मूल्य के मान से फसल का मूल्य निर्धारित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसानों को उनकी कृषि उपज लागत मूल्य के मान से न्यनूतम समर्थन मूल्य दिये जाने संबंधी प्रस्ताव कृषि लागत एवं मूल्य आयोग भारत सरकार को भेजा गया है। (ख) कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाता है। जिसके संबंध में मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रतिवर्ष खरीफ एवं रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कृषि लागत के आधार पर प्रस्ताव कृषि लागत एवं मूल्य आयोग भारत सरकार को भेजा गया है। (ग) कृषि लागत एवं मूल्य आयोग भारत सरकार से संबंधित है। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 3949 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सुखरास से कड़ोला उबारी रोड निर्माण किये जाने के सम्बन्ध में वर्तमान में स्थिति क्या है? (ख) क्या उक्त रोड को लोक निर्माण विभाग की किसी योजना में शामिल किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त रोड का निर्माण कब तक स्वीकृत कर पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित मार्ग विभाग की किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
झाबुआ जिले में बैराज का निर्माण
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 4008 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत कर कराये गये या कराये जा रहे है? कार्य का नाम, कार्य की लागत, कार्य की स्थिति अंकित कर देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के कराये जा रहे कार्यों की कब-कब विभाग द्वारा निविदा जारी की गई हैं तथा कुल कितनी निविदायें प्राप्त हुई है और किस ठेकेदार अथवा कंपनी से काम कराया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों में से कौन-कौन से काम निविदा अनुसार समय-सीमा में पूर्ण हो गये हैं? अथवा पूर्ण नहीं हुए तो उन ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई या की जा रही है? क्या नरवालिया बैराज, रंगपुरा बैराज का कार्य पूर्ण हो गया? (घ) झाबुआ जिले में बैराज का निर्माण होने के पश्चात् किस-किस अधिकारी द्वारा भ्रमण कर उक्त बैराजों की गुणवत्ता की जाँच की गई? अगर नहीं की गई तो नरवालिया बैराज एवं रंगपुरा बैराज में पानी का रिसाव हो रहा है तो उस ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में स्वीकृत 18 कार्यों के नाम, लागत, कार्य की स्थिति, निविदा आमंत्रण, निविदा प्राप्ति एवं निर्धारित एजेंसी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 11 परियोजनाओं का कार्य समय-सीमा में पूर्ण कर लिया गया है। शेष 07 परियोजनाएं निर्माणाधीन है। किकलबेरी एवं रूण्डीपाड़ा बैराज का कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं हो सका। कार्य पूर्ण होने पर अनुबंध के अनुसार ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के तहत कार्रवाई की जावेगी। नरवालिया एवं रंगपुरा बैराज का निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण करा लिया गया है। (घ) प्रश्नाधीन बैराजों का निर्माण पूर्ण होने के पश्चात् कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग क्रं.-1 झाबुआ एवं अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन उपसंभाग, रणापुर द्वारा समय-समय पर भ्रमण किया जाना प्रतिवेदित है। निरीक्षण के दौरान नरवालिया बैराज में दो स्थानों पर हल्का रिसाव (सीपेज) होना पाया गया। परियोजना निर्माण उपरांत एक वर्ष की दोष दायित्व अवधि (डिफेक्ट लाईबिलिटी पिरियड) में है। ठेकेदार की सुरक्षा निधि रू.23.71 लाख जमा है। ठेकेदार को सुधार कार्य करने हेतु लेख किया गया है। बैराज में जल भराव कम होने पर सुधार कार्य किया जावेगा। रंगपुरा बैराज के एक स्लूस गेट की रबर-सील कट जाने के कारण हल्का रिसाव होना प्रतिवेदित है। बैराज में जल भराव कम होने पर नई रबर-सील लगाकर रिसाव बंद कर लिया जावेगा।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 4053 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी-खैरलांजी के तहत जर्जर व खराब सड़कों का निर्माण कराने से संबंधित कितने प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित हैं, इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कितने प्रस्ताव दिये गये हैं और उन पर शासन ने कब-क्या कार्यवाही की है? कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कराने हेतु कब कितनी राशि की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी देवे? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन सड़कों का निर्माण कराने हेतु कितनी-कितनी राशि के प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति हेतु कब भेजे गये? इनमें किन-किन सड़कों का निर्माण कराने हेतु कब कितनी राशि की स्वीकृति दी गई? कितने प्रस्ताव लंबित हैं? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन योजनांतर्गत कहाँ-कहाँ की कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कब किस एजेंसी से कितनी राशि में कराया गया? कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य कब से अपूर्ण व निर्माणाधीन है एवं क्यों? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
संचालक की अपात्रता
[सहकारिता]
37. ( क्र. 4141 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल को ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक, भोपाल के पूर्व संचालक श्री इन्दरसिंह सेंगर को अपात्र घोषित किया गया हैं? यदि हाँ, तो कारण सहित विस्तृत विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या इनके पुत्र श्री अजयसिंह सेंगर को बेंकिग कर्मचारी माना गया है? यदि हाँ, तो इनके नियुक्ति दिनांक से आज तक के वेतन विवरण पेस्लीप, वाउचर, पीएफ, कटोत्रा, बैंक से लिये गये ऋण, ऋण लिमिट आदि की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में श्री इन्दरसिंह सेंगर की अध्यक्षता में जाँच समिति का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो उसकी रिपोर्ट और उसके पालन संबंधी जानकारी देवें? रिपोर्ट लंबित है तो कब तक निराकरण किया जायेगा? (घ) उक्ताशय में रिपोर्ट किस अधिकारी द्वारा दी जानी थी, ओर जाँच किसकी की जाना थी? क्या जाँचकर्ता को आरोपित व्यक्ति द्वारा जाँच में सहयोग किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? आगे क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। श्री इन्दलसिंह सेंगर के पुत्र द्वारा बैंक में कार्य करने हेतु वेतन पाये जाने के आधार पर मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी नियम 1962 के नियम 44 के अंतर्गत अयोग्य घोषित किया गया है। (ख) श्री इन्दलसिंह सेंगर के पुत्र श्री अजय सिंह सेंगर को वैतनिक कर्मचारी माना गया है। श्री अजय सिंह सेंगर को किये गये भुगतान का पृथक व्हाउचर या पे-स्लिप नहीं है, किये गये वेतन भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा पी.एफ. कटौत्रा नहीं किया गया है। श्री अजय सिंह सेंगर को दिनांक 14.03.2016 को बैंक की शाखा टी.टी. नगर से रूपये 20 हजार की अधिक वर्ष सीमा स्वीकृत की गई। (ग) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में श्री इन्दलसिंह सेंगर की अध्यक्षता में जाँच कमेटी का गठन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
ओरछा में हवाई पट्टी की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 4175 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 01/04/2016 की स्थिति में कितने स्थानों पर हवाई पट्टी निर्मित है? स्थानों के नाम व निर्माण वर्ष सहित बताया जावे। प्रदेश में किन-किन स्थानों पर 01/04/2016 के पश्चात् हवाई पट्टी बनाये जाने हेतु शासन द्वारा प्रस्ताव तैयार किये गये तथा इनमें से किन-किन परियोजना की तकनीकी स्वीकृति जारी हो गई है? (ख) क्या टीकमगढ़ जिले में स्थित पर्यटक स्थल ओरछा में एक हवाई पट्टी बनाये जाने की मांग लम्बें समय से की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन ओरछा के लिए भी एक हवाई पट्टी स्वीकृत करने पर विचार कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
39. ( क्र. 4182 ) श्री अनिल जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर संभाग में रबी 2017 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन में एजेंसियों द्वारा सही समय पर सही निर्णय न लेने के कारण अऋणी किसानों की प्रीमियम राशि जमा न हो पाने के कारण बहुत से किसान फसल बीमा कराने से वंचित रह गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे किसानों की संख्या जिलेवार बताई जावें। (ख) क्या जिन एजेंसियों को इस योजना का दायित्व सौंपा गया है उन्हें एजेंट नियुक्त करने का अधिकार प्रदत्त है? यदि हाँ, तो सागर संभाग में एच.डी.एफ.सी. इरगो के द्वारा कितने एजेंट नियुक्त किए गए? जिलेवार संख्या एवं सूची उपलब्ध कराई जावे तथा यह भी बताया जाये कि उनके द्वारा कितनी-कितनी बीमा पालिसी जारी की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नकारात्मक है तो बतावें कि एच.डी.एफ.सी. इरगो द्वारा एजेंटों की नियुक्तियां जानबूझकर क्यों नहीं की गई हैं तथा किसानों की इस महत्वाकांक्षी योजना में कम्पनी द्वारा लापरवाही क्यों की गई है? (घ) खरीफ 2016 में प्राप्त दावा प्रकरणों में से कितने किसानों के दावे स्वीकार किये गये और कितने दावे अस्वीकार कर भुगतान योग्य नहीं पाये गये? दावा भुगतान की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) योजना ऋणी कृषकों हेतु अनिवार्य है एवं अऋणी कृषकों हेतु ऐच्छिक है। विभाग द्वारा अऋणी कृषकों को फसल बीमा करवाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया है। योजनांतर्गत रबी में बीमांकन की अवधि 15 सितंबर से 15 जनवरी निर्धारित है। बीमा कंपनी से प्राप्त जानकारी अनुसार रबी वर्ष 2016-17 में सागर संभाग में निर्धारित अवधि में प्राप्त प्रकरणों में योजना के प्रावधान अनुसार पात्र 33519 (सांकेतिक) अऋणी कृषकों का बीमा किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की मार्गदर्शी निर्देशिका में बीमा कंपनी द्वारा एजेंट नियुक्त किये जाने का उल्लेख किया गया है। सागर संभाग में बीमा कंपनी द्वारा नियुक्त किये गये एजेंट एवं उनके द्वारा किये गये बीमांकन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) खरीफ वर्ष 2016 हेतु फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज के आधार पर दावा राशि गणना का कार्य प्रक्रियाधीन है।
मण्डी टैक्स से निर्मित सड़कें
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र. 4192 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डी समिति पूरे प्रदेश में कितना टैक्स वसूल करता है? विगत 4 वर्ष का विवरण देवें? (ख) पिछले 5 वर्षों में मण्डी समिति द्वारा विकास के लिये कितनी राशि खर्च की गई एवं मण्डी निधि से कितनी धनराशि से कितने-कितने किलोमीटर की कितनी सड़के किस-किस जिले में बनी? (ग) मण्डी द्वारा जो टैक्स वसूल किया जाता है उससे उपरोक्त के अलावा अन्य क्या कार्य किये जाते हैं? किसान पंचायत में अन्य कार्यक्रमों में कितनी-कितनी धनराशि किस कार्य के लिये खर्च हुई है, उसका वर्षवार पिछले 5 वर्ष का विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) से (ग) जानकारी वृहद स्वरूप की होने से संकलित की जा रही है।
सिरसी-सॉडखेड़ा मार्ग की निविदा में अनियमितता
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 4689 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिरसी-सॉडखेड़ा मार्ग की निविदा दरें कम आने के उपरांत स्वीकृत नहीं की गई? यदि हाँ, तो कारण बतायें। (ख) कम निविदा दरें स्वीकृत न कर पुनः निविदायें बिना कारण के क्यों आमंत्रित की गईं? (ग) क्या निविदा दरें अस्वीकृत के पूर्व पुनः निविदायें आमंत्रित की जा सकती है? यदि नहीं, तो उक्त मार्ग की दरें बिना निविदा अस्वीकृत के किस आधार पर आमंत्रित हुईं? नियम प्रक्रिया सहित उत्तर दें तथा प्रकरण में दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही कर अवगत करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। रिस्क एण्ड कास्ट का प्रथम आमंत्रण सही रूप से नहीं होने के कारण प्रक्रियाधीन रहा। (ख) रिस्क एण्ड कास्ट का प्रथम आमंत्रण की निविदा त्रुटिपूर्ण लगाए जाने के कारण द्वितीय आमंत्रण की कार्यवाही की गई। (ग) जी नहीं। उपरोक्त प्रश्नांश 'ख' के अनुसार कार्यपालन यंत्री द्वारा प्रथम आमंत्रण की निविदा अस्वीकृत की जाकर द्वितीय आमंत्रण किया गया। म.प्र. शासन लो.नि.वि. भोपाल के तत्कालीन प्रभावशील पत्र पृ.क्रं. एफ 39/19/यो/04/9855 भोपाल, दिनांक 29.12.2005 द्वारा प्रक्रिया निर्धारित की हुई है। दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध शासन द्वारा उनके पत्र क्रमांक एफ 17/69/2015/स्था/19/भोपाल दिनांक 31.12.2015 के द्वारा आरोप पत्र जारी किए गए है। प्रकरण में लोकायुक्त संगठन स्तर पर जाँच प्रकरण क्रमांक 67/2016 दर्ज किया जाकर शिकायत की विवेचना की जा रही है।
सहकारी समितियों का ऑडिट
[सहकारिता]
42. ( क्र. 4781 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल और रीवा संभाग की वर्ष 2015-16 के संपरीक्षा प्रतिवेदन में कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों में गंभीर आर्थिक अनियमितता का उल्लेख हैं। जिलावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत जिलावार, राशि की जानकारी दी जावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत संबंध प्रकरणों में क्या कार्यवाही की गई है? जिलावार जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत क्या कार्यवाही अब की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) भोपाल संभाग की 11 एवं रीवा संभाग की 36 प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों में वर्ष 2015-16 के संपरीक्षा प्रतिवेदन में गंभीर आर्थिक अनियमितता का उल्लेख है। जिलावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भोपाल संभाग में राशि रू. 5.31 लाख की वसूली की जा चुकी है तथा रीवा संभाग में 265.56 लाख की राशि के लिये धारा 58 (ख) के तहत् प्रकरण दर्ज किये गये है। शेष के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (ख) के तहत प्रकरण तैयार कराये जा रहे है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) धारा 58 (ख) के तहत प्रकरण तैयार कराये जाकर वसूली हेतु वैधानिक कार्रवाई की जावेगी। न्यायालयीन कार्रवाई होने से समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
राजघाट बांध की नहर प्रणाली से पानी लाने की योजना
[जल संसाधन]
43. ( क्र. 4833 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में राजघाट बांध की नहर प्रणाली से जो साजन मऊ तालाब तक पानी लाने की योजना बनाई है, उसके टेंडर कब तक हो जायेंगे? (ख) अशोकनगर जिले में और नदी पर लोवर ओर तथा अपर ओर बांध चंदेरी के पास बनाने की जो योजना है उसकी क्या लागत होगी और वन विभाग की कितनी भूमि जिसमें की जंगल नहीं के बराबर है, डूब में आयेगी? इस योजना से कितनी भूमि की सिंचाई की योजना है? लोबर ओर तथा अपर ओर बांध की लागत, सिंचाई क्षमता तथा प्रगति आदि का विवरण देवें? (ग) अशोक नगर जिले नाहरगढ़ बांध जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति हो चुकी थी तथा मोलादेव व अन्य किस-किस सिंचाई योजना के प्रस्ताव जिला स्तर पर विचाराधीन हैं तथा कौन-कौन से प्रस्ताव भोपाल भेज दिये गये? उनका विवरण दें? (घ) जिस प्रकार चंबल नदी से मंदसौर जिलों में कई गांवों में पेयजल योजनाएं स्वीकृत हो रही हैं जिस प्रकार बेतवा ओर नदी आदि पर बनने वाली योजनाओं से इनके निकट के गांव में पेयजल योजनाएं बनाने पर विचार किया जायेगा? रतलाम जिले में जाबरा व पिपलौदा तहसील में चंबल मलेनी और रोजडी आदि नदियों पर जो बांध बनाये जा रहे हैं उनके पास के गांव में पेयजल हेतु पानी देने के जनप्रतिनिधियों के अनुरोध पर विचार करेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) परियोजना के लिए 4.2 हे. वनभूमि की स्वीकृति तथा पर्यावरण स्वीकृति भारत-सरकार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से प्राप्त न होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) ओर नदी पर लोवर ओर वृहद सिंचाई परियोजना केन-बेतवा लिंक परियोजना में सम्मिलित है। परियोजना की वर्तमान लागत रू.2,322.03 करोड़ तथा 968.24 हे. वन भूमि डूब में ऑंकी गई है। परियोजना से 90,000 हे. सिंचाई प्रस्तावित है। परियोजना का डी.पी.आर. स्वीकृति हेतु परीक्षणाधीन है तथा वनभूमि की स्वीकृति भारत-सरकार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है। अपर ओर बांध हेतु स्थल चयन कर सर्वेक्षण हेतु प्राक्कलन मुख्य अभियंता बोधी के अंतर्गत परीक्षणाधीन है। परियोजना की प्रथम दृष्टया लागत रू.299.70 करोड़ सिंचाई क्षमता 9,990 हे. है एवं परियोजना से लगभग 315 हे. डूब भूमि प्रभावित होने की संभावना है। (ग) नाहरगढ़ बांध परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दी गई है। मोलादेव नाम से कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं है। 02 परियोजनाओं कोंचा एडिशनल तथा सडूमरा (कुण्डलपुर) के डी.पी.आर. परीक्षणाधीन हैं। (घ) लोअर, ओर परियोजना में 06 एम.सी.एम. जल पेयजल प्रदाय हेतु आरक्षित है। रतलाम जिले में जावरा एवं पिपलोदा तहसील में विभाग द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं से प्रस्तावित पेयजल हेतु पानी देने के लिए जन-प्रतिनिधियों के अनुरोध पर जल उपलब्धता व साध्यता (Feasibility) के आधार पर विचार किया जा सकेगा।
किसानों को उपलब्ध कराये गये बीज, खाद्य, कृषियंत्र
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
44. ( क्र. 5010 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले के कितने किसानों को कौन-कौन सी योजनाओं के अंतर्गत कौन-कौन से उपकरण, यंत्र, बीज, पैक हाऊस आदि दिये गये विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) उपरोक्त वर्षों में दतिया जिले के कितने किसानों को ट्रेक्टर आदि उपलब्ध कराये गये? (ग) उपरोक्त वर्षों में कितने कृषकों को वर्षवार कहाँ-कहाँ प्रशिक्षण दिया गया और उसमें कितनी कितनी राशि व्यय हुई? (घ) भाण्डेर विधायक द्वारा अपने पत्र क्रमांक 96 दिनांक 6-4-2015 द्वारा सहायक संचालक उद्यानिकी दतिया से वांछित जानकारी चाही गई थी जिसे आज दिनांक तक उपलब्ध नहीं कराई हैं। इसके लिए क्या कार्यवाही की गई, की जा रही है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन वर्षों में 12 किसानों को ट्रैक्टर सह रोटावेटर उपलब्ध कराये गये हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) शासन के संज्ञान में उक्त तथ्य आने के बाद माननीय विधायक भाण्डेर के प्रश्नाधीन पत्र द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध न कराने हेतु श्री सर्वेश कुमार तिवारी तत्कालीन सहायक संचालक उद्यान दतिया एवं श्री यश कुमार जाटव वर्तमान प्रभारी सहायक संचालक उद्यान को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पारित निर्णय का पालन
[विधि और विधायी कार्य]
45. ( क्र. 5034 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन सिविल क्र. 1022/1989, दिनांक 16.03.2015 में पारित निर्णय के क्रियान्वयन हेतु निर्देश किस समय-सीमा तक दिये गये हैं? पदवार विस्तृत विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या निर्देशों का पालन निर्धारित समयावधि में किया गया है? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) के निर्णयों का पालन निर्धारित समयावधि में न होने के क्या कारण हैं? क्या शासन के विरूद्ध रिट पिटीशन माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर में दायर की गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन कब-कब और प्रत्येक की क्या स्थिति है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के संबंध में कब-कब क्या-क्या पत्राचार माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं म.प्र. उच्च न्यायालय एवं शासन के मध्य किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (क) के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन निर्धारित समयावधि में न करने के लिये दोषी कौन है? उनसे विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 31.12.2015 तक। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय में मध्यप्रदेश राज्य के लिये पदों का विवरण नहीं दिया गया है। (ख) जी नहीं। प्रस्ताव पर शासन की सहमति प्राप्त होने में विलम्ब होने के कारण। (ग) प्रस्ताव पर शासन की सहमति प्राप्त होने में विलम्ब होने के कारण। जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। उपरोक्त सभी रिट पिटीशन अभी माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। (घ) माननीय सर्वोच्च न्यायालय से कोई पत्राचार नहीं किया गया। माननीय उच्च न्यायालय से किये गये पत्राचार का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ड.) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन किये जाने हेतु शासन स्तर पर प्रकरण का विस्तृत परीक्षण कर निर्णय लेने एवं समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने में हुए विलम्ब के लिये कोई भी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंहस्थ २०१६ हेतु विभाग द्वारा व्यय राशि
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 5057 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 के लिये विभाग को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य को किये जाने हेतु किस मद में कब कब आवंटित की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में कितनी-कितनी राशि किस कार्य पर कब-कब व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में किस मद की कितनी राशि को दूसरे मद में किन कारणों से कब व्यय किया गया? (घ) एक मद में आवंटित राशि को दूसरे में व्यय किये जाने हेतु किस-किस सक्षम कार्यालयों की अनापत्ति (एन.ओ.सी.) ली जानी नियमानुसार अत्यावश्यक थी? प्रकरणवार/राशिवार मदवार जानकारी दें? ली गई सभी एन.ओ.सी. की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2' एवं प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) एक मद में आवंटित राशि को दूसरे मद में व्यय नहीं किया गया। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिहावल विधान सभा क्षेत्र में सिंचित क्षेत्र
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 5074 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाण सागर नहर परियोजना से सिहावल विधान सभा क्षेत्र में कितने किसानों की जमीनों में सिंचाई हो रही हैं? ग्रामवार सिंचाई का रकबा क्या है? (ख) सिहावल ब्लॉक में ऐसे कितने गांवों के किसान हैं, जिनकी भूमि से नहर का पानी जा रहा है, उनको सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है? क्या नहर से सिंचाई नहीं हो रही है? तकनीकी कमियों की वजह से किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो सिहावल ब्लॉक के किसानों को जहां से नहर निकली है उन ग्रामों में सिंचाई सुविधा कब दी जायेगी? यदि नहीं, दी जायेगी तो क्यों? बाण सागर नहर से वंचित ग्रामों में कब तक नहरों का निर्माण हो जायेगा तथा जहां नहरों का निर्माण हो गया है वहां माईनर नहरों का निर्माण कब तक कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 18,207 किसानों की 10,864.40 हे. भूमि में सिंचाई हो रही है। ग्रामवार सिंचाई रकबा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कमाण्ड क्षेत्र में ऐसा कोई गाँव प्रतिवेदित नहीं है, जिसके किसी किसान को सिंचाई का लाभ नहीं मिल रहा है। नहरें तकनीकी मापदण्ड के अनुसार ही बनाई गई हैं। (ग) कमाण्ड क्षेत्र की वह भूमियां जहां से नहर निकली हुई है, सिंचाई सुविधा दी जा रही है। आंशिक रूप से वंचित ग्राम उकसा एवं गौडगांव में कुछ किसानों के विरोध के कारण क्रमश: 1650 मीटर एवं 2130 मीटर लम्बाई में माइनर नहरों का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका। अपूर्ण कार्य स्थानीय सहयोग लेकर रबी सीजन के उपरांत पूर्ण कराया जाना लक्षित है।
बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 5094 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में विभाग अंतर्गत बीआरजीएफ योजना से प्राप्त मद से वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कितना आंवटन कब-कब प्राप्त हुआ है ओर इस योजना से कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत कराए गए। (ख) बी.आर.जी.एफ. योजना से प्राप्त मद से लोक निर्माण विभाग वर्ष 2015-16 व 2016-17 में कराए गए, कार्य व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। इस योजना के क्रियान्वयन के चलते यदि विभागीय अधिकारियों की कोई शिकायत हुई है तो जाँच उपरांत की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई शिकायत नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेंच व्यपवर्तन योजना का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
49. ( क्र. 5095 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में महात्वाकांक्षी परियोजना पेंच व्यपवर्तन का कार्य किस-किस एजेंसी द्वारा कराया गया है। वर्तमान समय में इस परियोजना के क्रियान्वयन हेतु कितनी राशि स्वीकृत है एवं कुल कितना व्यय किया गया है। (ख) परियोजना पेंच व्यपवर्तन के निर्माण कार्य के चलते कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतों के निराकरण के संबंध में जानकारी उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मेसर्स सरला प्रोजेक्ट वर्क प्रा. लिमिटेड़, मन्टेना इंफ्रास्ट्रक्चर्स हैदराबाद (संयुक्त उपक्रम) तथा मेसर्स एच.ई.एस. इंफ्रास्ट्रर्क्स प्रा. लिमिटेड हैदराबाद। राशि रू.2544.57 करोड़। रू.1922.41 करोड़। (ख) 03 शिकायतें प्राप्त हुई शिकायतों का निराकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ड्रिप इरिगेशन हेतु हितग्राहियों का चयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
50. ( क्र. 5232 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में सन् 2016-17 में ऐसे कितने हितग्राहियों का चयन ड्रिप हेतु किया गया है जिनके नाम, पिता का नाम व ग्राम समान हैं। सभी समान नाम, ग्राम, पिता का नाम वाले कृषकों की सूची देवें। समानता का कारण बतायें। (ख) सन् 2016-17 के चयनित हितग्राहियों में से कितने हितग्राही पूर्व 5 वर्षों में विभाग से अनुदान प्राप्त कर चुके हैं। सूची देवें। (ग) उक्त हितग्राहियों के चयन में किस अधिकारी द्वारा दस्तावेजों का अवलोकन किया गया। ब्लाकवार, नाम, पद सहित सूची देवें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) खरगोन जिले में वर्ष 2016-17 में प्रश्नांश में उल्लेखित ऐसे 20 हितग्राही हैं, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कृषकों द्वारा दो बार पंजीयन करवाने से पंजीयन नम्बर पृथक-पृथक होना समानता का कारण है। दस्तावेजों के परीक्षण में जानकारी असत्य पाये जाने पर उन सभी के आशय पत्र निरस्त कर दिये गये है। (ख) वर्ष 2016-17 में ऑन-लाईन चयनित हितग्राहियों में प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश में उल्लेखित ऐसे 12 कृषकों के नाम पाये गये हैं, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत ऐसे कृषकों के जारी किये गये आशय पत्र निरस्त कर दिये गये है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
किसान मित्रों की नियुक्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
51. ( क्र. 5375 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विभाग द्वारा जिला रीवा में ग्रामीण स्तर पर किसानों तथा कृषि विभाग के बीच बेहतर समन्वय के उद्देश्य से जिले में किसान मित्र बनाये जाने का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो किसान मित्रों के चयन में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत जिला पंचायत की भूमिका एवं चयन की गतिधियों से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में किसान मित्रों एवं कृषि विभाग के समन्वय के बिन्दुओं की जानकारी उपलब्ध करावें। क्या रीवा जिले में किसान मित्रों की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो उनसे कृषि विभाग द्वारा निर्धारित बिन्दुओं पर समन्वय प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो इसके प्रगति के बिन्दुओं से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में रीवा जिले के मऊगंज एवं हनुमना ब्लाक में कितने किसान मित्र कार्यरत हैं? कार्यरत किसान मित्रों में कितने सक्रिय हैं एवं कितने निष्क्रिय हैं? निष्क्रिय किसान मित्रों को हटाने की क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? की जावेगी तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
व्यवहार न्यायाधीश की शीघ्र पदस्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
52. ( क्र. 5376 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राज्यपत्र (असाधारण) दिनांक 03/05/2014 पृष्ठ 385-386 पर प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक डी- 2836-3-10-40-78-7 दिनांक 29/04/2014 के द्वारा हनुमना जिला रीवा में सिविल न्यायाधीश द्वितीय वर्ग के न्यायाधीश के बैठने की अधिसूचना जारी हो चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय रीवा द्वारा न्यायालय भवन की उपयुक्तता एवं आवास हेतु निजी भवन को निवास हेतु उपयुक्त पाये जाने एवं न्यायालय संचालित किये जाने हेतु अनुशंसा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर को प्रेषित की जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा फरवरी-अप्रैल 2016 सत्र में नियम 267 (क) के अधीन विधानसभा में पढ़ी गयी सूचना क्रमांक 304 के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के क्रमांक 534/गोप/2016/2-6-1/16 सूचना क्रमांक 304 दिनांक 11/05/2016 द्वारा अवगत कराया गया है कि तहसील हनुमना जिला रीवा में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की पदस्थापना संबंधी प्रस्ताव माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है तथा भविष्य में यथाशीघ्र उक्त संबंध में कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यथाशीघ्र निर्णय पर क्या निर्णय हुआ? निर्णय से अवगत कराते हुए पदस्थापना की कार्यवाही कब तक संपादित की जावेगी? यदि नहीं, की जावेगी तो कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) तहसील हनुमना में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की पदस्थापना की प्रक्रिया चल रही है। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है।
सिंचाई योजनाओं के लंबित प्रस्ताव
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 5414 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के सुरखी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी और कौन-कौन सी मध्यम एवं लघु सिंचाई परियोजनाओं के प्रस्ताव कितनी-कितनी अनुमानित लागत के कार्यवाही हेतु किस-किस स्तर पर लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन समस्त सिंचाई परियोजनाओं से कुल कितने हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित की जा सकेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों के हित में कब तक उक्त परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया जाकर प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी किये जाने की संभावना है? परियोजना अनुसार समय-सीमा बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) 02 मध्यम एवं 05 लघु सिंचाई परियोजनाएं विभिन्न स्तरों पर लंबित है। परियोजनाओं की अनुमानित लागत रू.39949.20 लाख है से 10,194 हे. सिंचाई प्रस्तावित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं किए जाने से समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट निर्धारित करना
[सहकारिता]
54. ( क्र. 5496 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की सहकारी समितियों से विभिन्न जिलों के किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट नगद एवं कितनी राशि की वस्तु के रुप में प्रदाय किये जाने के नियम हैं? कामर्शियल एवं को-ऑपरेटिव बैंक की किसान क्रेडिट कार्ड के निर्धारण के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिला राजगढ़ में सहकारी केन्द्रीय बैंक की समिति के द्वारा किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट विगत वित्तीय वर्ष से वर्ष 2016-17 में कम क्यों की गई है एवं अन्य जिलों की लिमिट से राजगढ़ जिले के किसानों की लिमिट कम क्यों है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किसान क्रेडिट कार्ड योजनान्तर्गत, कामर्शियल बैंक अधिक राशि की लिमिट निर्धारित करती है? को-ऑपरेटिव बैंक किसानों की लिमिट कम क्यों करती है? स्पष्ट करें? को-ऑपरेटिव बैंकों में भी कामर्शियल बैंक के बराबर किसानों की लिमिट कब तक की जावेगी? (घ) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के द्वारा समितियों के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड के अतिरिक्त किसानों को कितने प्रकार के कृषि कार्य/अन्य कार्य हेतु विगत 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को ऋण प्रदाय किये गये हैं? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार यदि नहीं, तो, क्यों नहीं? यदि दिये जावेंगे तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड की अधिकतम सीमा तथा नगद एवं वस्तु ऋण प्रदाय करने के प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा के.सी.सी. का निर्धारण कृषक द्वारा बोई जाने वाली फसल का ऋणमान एवं रकबे के आधार पर किया जाता है। वाणिज्यिक बैंक केन्द्र सरकार/भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रणाधीन होने से वाणिज्यिक बैंकों की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) के.सी.सी. की लिमिट कम नहीं की गई, अपितु खरीफ एवं रबी मौसम की पृथक-पृथक सीमा तय कर मौसमवार भुगतान किया गया है। प्रदेश के सभी जिलों की लिमिट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, जिलेवार लिमिट तकनीकी समूह द्वारा निर्धारित ऋणमान पर निर्भर करती है। (ग) वाणिज्यिक बैंक केन्द्र सरकार/भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रणाधीन होने से वाणिज्यिक बैंकों की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक अपने वित्तीय संसाधनों को ध्यान में रखकर प्रति कृषक अधिकतम ऋण सीमा तय करते है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ड.) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क निर्माण हेतु अधिगृहित भूमि का मुआवजा
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 5497 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के ए.बी.रोड पर पटाडि़या जोड़ से बुढ़नपुर तक सड़क निर्माण कब किया गया था? सड़क निर्माण हेतु किन-किन किसानों को किस-किस सर्वे नं. की कितने-कितने रकबे की निजि भूमि अधिग्रहण की जाकर सड़क निर्माण कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अधिग्रहित भूमि का किसानों को कितनी-कितनी राशि का मुआवजा दिया गया है? यदि मुआवजा नहीं दिया गया तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़क निर्माण में अधिग्रहित भूमि का रकबा किसानों की पट्टी/पावती के रकबे से प्रश्न दिनांक तक कम नहीं किये जाने से अतिक्रमण किया गया हैं? जिसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? कुल रकबे की पावती से अधिग्रहीत भूमि का रकबा कम नहीं करने के क्या कारण हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार सड़क निर्माण में किसानों की अधिग्रहीत भूमि के रकबों को विभाग द्वारा कब तक कम किया जाकर संबंधित किसानों को मुआवजा प्रदाय किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) दिनांक 21/04/2013 को कार्य पूर्ण किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) भू-अर्जन प्रक्रिया शून्य होने के कारण कृषकों को मुआवजा राशि नहीं दी गई है। तत्समय कलेक्टर, राजगढ़ के पी.डी. खाते में रूपये 14,62,680/- जमा कर दिये गये है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। कोई जिम्मेदार नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सहकारिता विभाग की भूमिका
[सहकारिता]
56. ( क्र. 5564 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सहकारिता विभाग की भूमिका एवं क्या कार्य आवंटित किये गये हैं? (ख) यदि कोई सहकारी समिति खाद्य आवंटन में अनियमितता व भ्रष्टाचार करती है तो उन्हें दण्डित करने के क्या प्रावधान है? (ग) प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले की कितनी राशन दुकानों की अनियमितताओं के प्रकरणों में समितियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के नियम 14 के तहत सहकारिता विभाग को कलेक्टर द्वारा निर्धारित रोस्टर अनुसार निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण तथा नियम 15 के तहत् उप अंकेक्षक से अनिम्न श्रेणी के अधिकारी को प्रवेश, तलाशी एवं अभिग्रहण की शक्ति प्रदान की गई है। (ख) सहकारी समिति द्वारा खाद्य आवंटन नहीं किया जाता है। बल्कि खाद्य विभाग द्वारा जारी आवंटन आदेश अनुसार भण्डारित कराये गये खाद्यान्न सामग्री का वितरण किया जाता है। सहकारी समितियों द्वारा खाद्यान्न वितरण में अनियमिततायें किये जाने पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 के नियम 16 में दण्ड एवं शास्ति का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत उचित मूल्य दुकान के प्राधिकार पत्र को निलम्बित या निरस्त किया जाना प्रतिपूर्ति की राशि पूर्णतः या अंशतः समपहृत किया जाना, चोर बाजारी और आवश्यक वस्तुओं के प्रदाय का संधारण का अधिनियम 1980 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 7 के अधीन अभियोजन की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (ग) 165 प्रकरणों में कार्यवाही की गई/ प्रचलन में हैं। कलेक्टर (खाद्य) जिला छतरपुर से प्राप्त विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तरांश अनुसार कार्यवाही होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मीडिया को जानकारी देने के लिये अधिकृत अधिकारी
[जनसंपर्क]
57. ( क्र. 5565 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय नीतियों एवं कार्यक्रमों से संबंधित मीडिया को जानकारी देने हेतु जिला व प्रदेश स्तर पर कौन -कौन अधिकारी सक्षम है? (ख) यदि सक्षम प्राधिकारी के अतिरिक्त कोई अन्य अधिकारी मीडिया को जानकारी देता है तो क्या यह कदाचार की श्रेणी में आता हैं? (ग) यदि हाँ, तो उन्हें दण्डित करने के क्या प्रावधान हैं?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला स्तर पर संबंधित जिले का जनसंपर्क अधिकारी और प्रदेश स्तर पर प्रमुख सचिव, आयुक्त, संचालक और अन्य विभागीय अधिकारी सक्षम है। (ख) संबंधित विभाग के नियमानुसार। (ग) "ख" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
प्रदेश के विश्राम गृहों का निजीकरण
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 5634 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के समस्त शासकीय विश्रामगृह के निजीकरण की या पर्यटन विभाग को सौपनें की कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो प्रदेश के किस-किस विभाग के विश्रामगृह का निजीकरण किया जा रहा है? (ख) प्रदेश में विभिन्न शासकीय विश्राम गृह में ठहरने के क्या नियम है? कोई भी अधिकारी, जनप्रतिनिधि कितने समय तक एक ही विश्रामगृह में कब तक रह सकते है? क्या उज्जैन संभाग में कई अधिकारी विश्राम गृह में 6 माह से अधिक समय से निवास कर रहे है जबकि इन्हें शासन द्वारा बंगले दिए गये है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? ऐसे अधिकारी से कितनी राशि कब-कब शासन स्तर पर जमा करवाई गई? (ग) क्या उज्जैन सभाग में आबादी के मान से विभिन्न विश्राम गृह में कक्षों की संख्या बढ़ाने एवं नये विश्राम गृह बनाने हेतु विभाग विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? (घ) उज्जैन सभाग में कितने-कितने अधिकारी, कर्मचारी की कितनी-कितनी राशि विभिन्न विश्राम गृह में कहाँ-कहाँ बकाया है उनसे वसूली हेतु क्या प्रयास किये गये? संभाग के विभिन्न विभागों के विश्रामगृह में 1 जनवरी 2016 के पश्चात् कितनी राशि आय के रूप में प्राप्त हुई इन पर कितना खर्च उक्त अवधि में आया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। किसी भी विश्राम गृह का निजीकरण नहीं किया जा रहा है। (ख) मध्य प्रदेश विश्राम भवन/विश्राम गृह अधिभोग नियम-2001, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) आगर-मालवा नया जिला बनने पर वहां पर नया विश्राम भवन वर्तमान रेस्ट हाऊस के कैंपस में ही बनाया जा रहा है। (घ) उज्जैन संभाग में किसी अधिकारी/कर्मचारी की कोई राशि वसूली के लिये बकाया नहीं है। शेषांश प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
वाहन ऋण प्रकरण
[सहकारिता]
59. ( क्र. 5659 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय श्री रामजीलाल उईके पूर्व विधायक घोड़ाडोंगरी बैतूल के वाहन ऋण प्रकरण में केन्द्रीय सहकारी बैंक ने राज्य की विधान सभा एवं संसदीय विभाग के जारी निर्देश के बाद भी ब्याज अनुदान की राशि क्लेम करने की बजाय श्री रामजीलाल उईके के खाते में जोड़ दी है? (ख) श्री रामजीलाल उइके के ऋण प्रकरण से संबधित कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाए जाने एवं किस-किस विषय की जाँच किए जाने का लिखित अनुरोध बैंक के संचालक श्री देशसिंह ने किस दिनांक को किया उन्हे किस दिनांक को बैंक ने किन-किन दस्वावेजों के साथ क्या-क्या जानकारी उपलब्ध करवाई। (ग) श्री रामजीलाल उइके ने वाहन प्रकरण में बैंक के समक्ष किस-किस दिनांक को किस-किस विषय से संबंधित पत्र पर बैंक ने क्या क्या कार्यवाही की प्रस्तुत पत्र एवं की गई कार्यवाही से संबंधित प्रतियां उपलब्ध करवाएं। (घ) श्री रामजीलाल उइके के प्रकरण में ब्याज अनुदान की राशि सहित अन्य गड़बडि़यों के संबध में क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जारी निर्देशों के अनुसार वाहन ऋण खाते में पात्रतानुसार ब्याज अनुदान क्लेम कर प्राप्त किया गया तथा शेष अवधि का ब्याज खाते में जोड़ा गया है। (ख) ऋण प्रकरण से संबंधित जानकारी एवं नस्ती संचालक मंडल के समक्ष रखे जाने हेतु श्री देशासिंह बैंक संचालक द्वारा दिनांक 18.11.2016 को बैंक अध्यक्ष को पत्र लिखा गया था। पत्र पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, बैतूल स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, श्री देशासिंह को बैंक द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, बैतूल को प्राप्त पत्र तथा उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं।
प्रदेश में किसानों की फसलों की अनुदान राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
60. ( क्र. 5665 ) श्री उमंग सिंघार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पत्र क्रमांक/बी-8-6/2015/14-2 दिनांक 10.06.2016 में शासन द्वारा NFSM, NMOOP, ATMA योजनाओं में DBT स्कीम लागू की गई है कि बिन्दु क्रमांक 8.2 में चयनित किसानों के खातों में 50 प्रतिशत राशि एडवांस जमा किया जाना प्रावधानित है? यदि हाँ, तो धार जिले में किसानों के खातों में एडवांस राशि जमा की गई? फसल प्रदर्शन में बीज के अलावा आदान सामग्री किसानों को लाईसेंस धारक विक्रेताओं से क्रय करके बिल प्रस्तुत करने पर सीधे किसानों के बैंक खातों में अनुदान दिया जायेगा? क्या वर्ष खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 में किसानों के यहां डाले गये फसल प्रदर्शनों में किसानों के खातों में अनुदान राशि का भुगतान धार जिले में कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जावेगा? विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? (ख) क्या धार जिले में 50 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को योजनाओं में बांटी जाने वाली सामग्री के नमूने लेकर परीक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो धार जिले में लिये गये नमूनों की संख्या एवं अमानकों पर की गयी कार्यवाही से अवगत करावें? (ग) क्या परि.अता. प्र.सं. 6 (क्र. 102) 10 दिसंबर 2014 में अमानक उर्वरक पर 24 एवं अमानक बीज पर 12 एफ.आई.आर. बेचने वाली संस्थाओं पर किये जाने की जानकारी दी थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक इन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें? यदि नहीं, तो कार्यवाही में विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है, नाम एवं पद सहित बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। धार जिले में किसानों के खातों में एडवांस राशि जमा नहीं की गयी है। फसल प्रदर्शन में बीज के अलावा अन्य आदान सामग्री पर किसान द्वारा लाईसेंस धारी विक्रेताओं से सीधे सामग्री क्रय कर बिल प्रस्तुत करने पर अनुदान उनके बैंक खातों में जमा किया जावेगा। धार जिले में आत्मा योजना अंतर्गत डाले गये फसल प्रदर्शनों में किसानों द्वारा बीज के अलावा अन्य आदान सामग्री क्रय कर बिल प्रस्तुत किये जाने से राशि उनके खातों में भुगतान की गई। राखासुमि एवं एन.एम.ओ.ओ.पी. में डाले गये प्रदर्शनों में किसानों द्वारा बीज के अलावा अन्य आदान सामग्री क्रय कर बिल प्रस्तुत करने पर उनके खातों में राशि का शीघ्र भुगतान किया जावेगा। (ख) जी हाँ। धार जिले में बीज के 5 एवं उर्वरक के 2 कुल 7 नमूने लिये गये। अमानक नमूनों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। दिसम्बर 2014 में अमानक उर्वरक पर 24 एफ.आय.आर. बेचने वाली संस्थाओं पर जिलों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा अमानक बीज पर 12 एफ.आय.आर. बेचने वाली संस्थाओं पर जिलों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। नियमानुसार कार्यवाही होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
दतिया सेंवढ़ा मार्ग के टेण्डर
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 5678 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा दतिया सेंवढ़ा मुख्य मार्ग के सुदृढ़ीकरण अथवा निर्माण कार्य के संबंध में कोई स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो कार्य का नाम, लागत राशि, कब स्वीकृति हुई की जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ख) क्या मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा उक्त कार्य के टेण्डर कर लिये है? यदि हाँ, तो किस निर्माण एजेंसी को कार्य आवंटित किया गया तथा कब तक इसका कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या दतिया सेंवढ़ा मार्ग के टेंडर हो जाने के उपरांत संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया? यदि हाँ, तो संबंधित एजेंसी के विरूद्ध विभाग ने क्या कार्यवाही की तथा उक्त स्वीकृत (शासन द्वारा) मार्ग के निर्माण के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या दतिया सेंवढ़ा मार्ग की जर्जर हालत को देखते हुये उक्त मार्ग के निर्माण कार्य को यथाशीघ्र करवाने बाबत् विभाग को निर्देशित करेंगे? यदि हाँ, तो इसका कार्य कब प्रारंभ होकर कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। नवीनीकरण कार्य की स्वीकृति दी गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कार्य में विलंब हेतु ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। मार्ग पर बी.टी. नवीनीकरण हेतु निर्धारित निर्माण एजेन्सी द्वारा वर्तमान स्थिति में कार्य प्रारंभ नहीं किया है। कार्य में विलंब करने हेतु निर्माण एजेन्सी को विभाग द्वारा नोटिस दिया गया है। मार्ग पर इन्दरगढ़ कस्बा क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण एवं नाली निर्माण का कार्य प्रगति पर है। (घ) दतिया-सेवढ़ा मार्ग की स्थिति में सुधार हेतु बी.टी. नवीनीकरण का कार्य स्वीकृत कर निर्माण एजेन्सी नियुक्त कर दी गई है। निर्माण एजेन्सी को प्रदाय किया गया कार्य वर्तमान में अनुबंधानुसार निर्धारित समय-सीमा में है। निर्माण एजेन्सी को शीघ्र कार्य प्रारंभ करने हेतु निर्देशित किया गया है। यह कार्य शीघ्र प्रारंभ कराया जावेगा। कार्य शीघ्र प्रारंभ कराकर निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कराया जाना संभावित है।
देयकों का भुगतान शासन के नियमों के विपरीत किया जाना
[जल संसाधन]
62. ( क्र. 5685 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधिकारी/कर्मचारियों के चिकित्सा देयकों का भुगतान वाचडाक समिति के अनुसार 45 दिन में करने के आदेश है? फिर भी जल संसाधन विभाग में वर्ष 2006 से आज दिनांक तक चिकित्सा देयकों का भुगतान नहीं किया गया है? (ख) क्या यह भी सत्य है कि यदि कोई अधिकारी/ कर्मचारी चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक कार्यालय में भुगतान हेतु प्रस्तुत करता है, तो प्रमुख अभियंता एवं जल संसाधन विभाग के अन्य कार्यालय द्वारा सर्वप्रथम संबंधित चिकित्सालय को सत्यता तथा भौतिक सत्यता हेतु भेजे जाते है? भौतिक सत्यापन में सही पाने के बाद भी उन चिकित्सा देयकों को शासन के नियमों के अनुसार भुगतान की कार्यवाही नहीं की जाकर दूसरी बार द्वितीय अभिमत हेतु सिविल सर्जन को तीसरी बार संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाओं को तथा चतुर्थ बार संचालक स्वास्थ्य सेवाओं को भेजे जाते है? (ग) क्या ऐसे मरीज जिनका ईलाज लंबे समय तक चलेगा अथवा चलने की संभावना है, के लिये मध्यप्रदेश शासन के परिपत्र क्रमांक 2-39/93/17 धारा दिनांक 10.11.1995 के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा प्रोलोंग प्रमाण पत्र एक वर्ष की अवधि के लिये प्रदाय किया जाता है, जिनमें एक वर्ष तक मरीज के चिकित्सा देयकों में द्वितीय अभिमत से छूट का प्रावधान है? प्रश्नांश (ख) में दर्शायी गयी सारी प्रक्रिया अपनाई जाती है? (घ) क्या शासन के नियम सभी अधिकारी/कर्मचारियों के लिये समान है तो जल संसाधन विभाग में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं जिनके चिकित्सा देयकों का भुगतान विगत 5 वर्षों से नहीं किये गये है।
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय उद्यानों का संचालन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
63. ( क्र. 5696 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में उद्यानिकी विभाग अंतर्गत शासकीय उद्यान संचालित हैं? यदि हाँ, तो शासकीय उद्यान कहाँ कहाँ और प्रत्येक शासकीय उद्यान किस खसरा नंबर और कितने रकबे पर कब से संचालित है? विकासखंडवार/ग्रामवार जानकारी दें? (ख) क्या शासकीय उद्यान के रखरखाव एवं संचालन के लिए बजट आवंटित किया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष २०१४-२०१५, २०१५-२०१६ एवं २०१६-२०१७ में किस-किस उद्यान के लिए कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ? (ग) शासकीय उद्यानों के लिए प्राप्त बजट का उपयोग किस-किस कार्य हेतु कितना-कितना किया गया? (घ) शासकीय उद्यानों में वर्तमान में किस-किस प्रजाति के कितने कितने पौधे उपलब्ध हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) शासकीय उद्यान के रख-रखाव एवं संचालन हेतु उद्यानवार बजट आवंटन नहीं किया जाता है, अपितु जिले को बजट आवंटित किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2016-17 में शासकीय संजय निकुंज, सीताडोंगरी को नर्सरी उन्नयन हेतु राशि रूपये 15,89,487/- आवंटित की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्ष 2016-17 में शासकीय संजय निकुंज सीताडोंगरी नर्सरी उन्नयन हेतु आवंटित राशि का उपयोग प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 5778 ) सुश्री मंजू राजेंद्र दादु : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नेपानगर के विकास के अतंर्गत माईनिंग निधि में स्वीकृत सिरपुर से बडझैरी मार्ग लंबाई 4 किमी., मानमौडिया से डबालीखुर्द मार्ग लंबाई 3.50 किमी., डेढतलाई मेनरोड से सतौड मार्ग लंबाई 1.50 किमी., खैरखेड़ा से निम्बापुर लंबाई 2.00 किमी., उमरदा से सारौला मार्ग लंबाई 1.50 किमी., लिंगा से दाहोद पिरदरगाह मार्ग लंबाई 3.00 किमी., डबाली खुर्द से शंकरपुरा मार्ग लंबाई 4.80 किमी., सरौला से हनुमंतखेड़ा लंबाई 2.00 किमी तुकईथड से पुरानी बस्ती होते हुए भेलचुका मार्ग लंबाई 3.00 किमी का निर्माण कार्य कब तक प्रांरभ हो जायेगा? (ख) निर्माण कार्य पूर्ण होकर कब तक विधानसभा क्षेत्र के लोगों को सुविधा प्राप्त हो सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) माईनिंग निधि से कोई कार्य स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
माइक्रोइरीगेशन सिंचाई अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
65. ( क्र. 5813 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2016-17 में खरगोन जिले में कितने किसानों की फसल/ सामग्री प्रकार ड्रिप-1.2 मी.से कम है और कितने किसानों की फसल/सामग्री प्रकार ड्रिप-1.8 X 0.6 मी. है। खरगोन जिले में कितने किसानों ने आशय पत्र दिनांक से 45 दिवस के बाद संयंत्र क्रय कर स्थापित किया? खरगोन जिले में कितने अनुदान कितने हितग्राहियों के खाते में तथा कितने अनुदान कंपनी खाते में जमा किये गए? (ख) खरगोन जिले के दिसम्बर 2016 व जनवरी 2017 में माईक्रो ईरिगेशन सिंचाई अंतर्गत ड्रिप/पाईप अनुदान भुगतान से लाभांवित समस्त प्रकरणों के हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के हितग्राहियों के समस्त भुगतान किसानों के खाते से हुए हैं?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) वर्ष 2016-17 में खरगोन जिले में 343 किसानों को सामग्री 1.2 मीटर से कम तथा 523 किसानों को सामग्री 1.8X0.6 मीटर की दूरी में प्रदाय की गई है। योजना अंतर्गत जिले में 866 किसानों द्वारा आशय पत्र दिनांक से 45 दिवस के बाद संयंत्र क्रय कर स्थापित किये गये है। जिले में वर्तमान अवधि तक 10 किसानों के खाते में राशि रूपये 6,98,519/- तथा 15 कंपनियों के खाते में राशि रूपये 6,29,72,827/- जमा की गई है। (ख) खरगोन जिले में दिसंबर 2016 व जनवरी 2017 में माईक्रो इरीगेशन योजना अंतर्गत 329 हितग्राहियों के प्रकरण में अनुदान राशि भुगतान की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के समस्त हितग्राहियों की अनुदान राशि का भुगतान हितग्राही द्वारा चयनित कंपनी के बैंक खाते में किया गया है। हितग्राहियों द्वारा कृषक अंश राशि का भुगतान संबंधित कंपनी को आर.टी.जी.एस./ एन.ई.एफ.टी./बैंक ड्रॉफ्ट के माध्यम से किया गया है।
सेतु निर्माण विभाग का लोक निर्माण विभाग में संविलियन
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 5819 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश सेतु निर्माण विभाग का संविलियन लोक निर्माण विभाग में किया गया है? प्रदेश के किस-किस पद के कर्मचारियों का संविलियन किया गया है वर्गवार कर्मचारियों की संख्या बताई जाए। (ख) लोक निर्माण विभाग में रीवा संभाग के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी आकास्मिक निधि स्थापना (वर्क चार्ज) के अंतर्गत सेतु निगम के 10 समयपालों का जो रीवा संभाग के अंतर्गत कार्यरत हैं लोक निर्माण विभाग में संविलियन नहीं किया गया है? क्यों? (ग) क्या मध्य प्रदेश शासन द्वारा इनका संविलियन करने में रोक लगाई गई थी? यदि नहीं, तो इनका संविलियन अभी तक क्यों नहीं किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। संलग्न परिशिष्ट के स्तम्भ 3 में उल्लेखित अनुसार। (ख) जी हाँ। मध्य प्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग मंत्रालय के आदेश दिनांक 10/02/2015 द्वारा 67 कार्यभारित कर्मचारियों की अवैधानिक नियुक्ति होने से संविलियन संबंधी प्रस्ताव अमान्य किया गया है, जिसमें रीवा संभाग के अंतर्गत कार्यरत 10 समयपाल भी शामिल है। (ग) जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
डाटा एण्ट्री आपरेटरों को वेतन भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
67. ( क्र. 5836 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विगत 5 वर्षों में किस-किस एजेन्सियों के माध्यम से कितने कम्प्यूटर डाटा एण्ट्री आपरेटरों की नियुक्ति की गई? विगत 5 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक किस-किस एजेन्सियों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) क्या कम्प्यूटर डाटा एण्ट्री आपरेटरों को वेतन एजेन्सी द्वारा दिया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो इसकी प्राप्त शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई दोनों स्थिति में कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या है कि विगत 2 वर्षों में टिमरनी/खिरकिया विकासखंड कार्यालयों में कार्यरत कम्प्यूटर डाटा एण्ट्री ऑपरेटरों को वेतन नहीं दिया गया? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें व पूर्व में नियुक्त डाटा एण्ट्री आपरेटर वर्तमान में कार्यरत हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उन्हें हटाये जाने का कारण स्पष्ट करें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) हरदा जिले में विगत 05 वर्षों में संचालनालय, किसान कल्याण तथा कृषि विकास म.प्र.भोपाल से आउटसोर्स आधार पर एक अनुबंधित संस्था मेसर्स प्रसाद कान्ट्रेक्टर एण्ड फेब्रिकेटर्स भोपाल के माध्यम से 05 डाटा एण्ट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराये गये। विगत 05 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक एक एजेन्सी मेसर्स प्रसाद कान्ट्रेक्टर एण्ड फेबिकेटर्स भोपाल को राशि रूपये 6,31,885/- का भुगतान किया गया। (ख) डाटा एण्ट्री ऑपरेटरों का सम्पूर्ण मानदेय का भुगतान अनुबंधित संस्था मेसर्स प्रसाद कान्ट्रेक्टर एण्ड फेब्रिकेटर्स भोपाल को किया जा चुका है। चूँकि संस्था द्वारा डाटा एण्ट्री ऑपरेटर आउटसोर्स आधार पर उपलब्ध कराये गये थे। अत: मानदेय भुगतान के संबंध में सम्पूर्ण जिम्मेदारी संस्था की है। (ग) संस्था मेसर्स प्रसाद कान्ट्रेक्टर एण्ड फेबिकेटर्स, भोपाल द्वारा आउटसोर्स आधार पर अनुबंध अनुसार डाटा एण्ट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराये गये थे। प्रदाय किये गये डाटा एण्ट्री ऑपरेटरों का सम्पूर्ण मानदेय का भुगतान अनुबंधित संस्था मेसर्स प्रसाद कान्ट्रेक्टर एण्ड फेबिकेटर्स भोपाल को किया जा चुका है। पूर्व में नियुक्त डाटा एण्ट्री ऑपरेटर जिले में कार्यरत नहीं है।
कृषि फार्म हाउस से प्राप्त आय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
68. ( क्र. 5837 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पानतलाई के शासकीय कृषि प्रक्षेत्र का कुल रकबा कितना हैं व कुल रकबा में से कितना रकबा उपयोग में आ रहा है एवं कितना शेष है? शेष रकबे का क्या उपयोग हैं? (ख) विगत दो वर्षों से इस शासकीय प्रक्षेत्र से कितनी आय हुई एवं कितना व्यय हुआ, की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) उक्त प्रक्षेत्र के उपयोग हेतु विभाग द्वारा किन यंत्रों का क्रय कितनी राशि का किया गया क्रय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें, उक्त प्रक्षेत्र में कितने कर्मचारियों के पद स्वीकृत व वर्तमान में कितने कार्यरत हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उक्त शासकीय कृषि प्रक्षेत्र पानतलाई पर प्रश्नांश दिनांक तक क्रय किये गये कृषि यंत्र एवं क्रय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उक्त प्रक्षेत्र में कर्मचारियों के स्वीकृत पद व वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
फसल क्षतिपूर्ति की राशी का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 5898 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नई किसान फसल बीमा नीति अंतर्गत भीकनगांव तहसील की सहकारी संस्थाओं द्वारा कितनी राशी किसानों के खाते में नामें कर बीमा कंपनियों को प्रीमियम जमा की गई है तथा कौन-कौन सी फसल का बीमा किया गया है? संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) नई किसान फसल बीमा नीति अन्तर्गत भीकनगांव तहसील की कौन-कौन सी संस्थाओं में फसल क्षतिपूर्ति की राशी बीमा कंपनी द्वारा प्रदाय की गई तथा वह राशि क्या है? संस्थावार कृषक की संख्यावार जानकारी देवें। बीमा नीति की फसल क्षतिपूर्ति हेतु भीकनगांव तहसील में क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं तथा फसल क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान हेतु क्या मापदण्ड अपनायें गये हैं तथा फसल के निरीक्षण हेतु दल में कौन-कौन सदस्य थें? संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत भीकनगांव तहसील की खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 मौसम की संस्थावार फसलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत भीकमगांव तहसील जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक खरगोन के अन्तर्गत है। फसल क्षतिपूर्ति का आंकलन प्रक्रियाधीन है। योजनान्तर्गत भीकनगांव तहसील के लिये अलग से कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं किये गये है, योजना के तहत जो मापदण्ड निहित है वे ही समूचे म.प्र. में लागू है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। फसल के निरीक्षण दल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
70. ( क्र. 5900 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत एवं चालू वित्तीय वर्ष में कितनी संख्या में ड्रिप के प्रकरण स्वीकृत किये गये है तथा उनकी सब्सिडी राशि किसे प्राप्त हुई है? (ख) क्या उद्यानिकी विभाग द्वारा ड्रिप की सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में जमा की जाती है? यदि नहीं, तो क्या कारण है तथा इस सम्बंध में शासन से जारी निर्देशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) क्या वर्तमान में ड्रिप सब्सिडी की राशि सीधे कंपनी के बैंक खाते में जमा हो रही है? यदि हाँ, तो क्या जो किसान अपनी स्वेच्छा से अंशदान राशि जमा कर स्वयं खरीदना चाहे उसे उसके व्यक्तिगत बैंक खाते में सब्सिडी राशि मिल सकती है? (घ) नहीं तो क्या कारण है तथा यह संशोधन कब किया गया, इसके शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015-16 में 443 प्रकरण एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 में 64 प्रकरण ड्रिप के स्वीकृत किये गये हैं, जिनकी सब्सिडी राशि हितग्राही द्वारा चयनित पंजीकृत निर्माता कंपनी के बैंक खाते में भुगतान की गई है। (ख) कृषक द्वारा स्वयं के व्यय पर संयंत्र स्थापित कराने पर संबंधित कृषक के बैंक खाते में, बैंक ऋण के माध्यम से संयंत्र स्थापित कराने पर संबंधित बैंक के ऋण खाते में एवं पंजीकृत कंपनी के माध्यम से संयंत्र स्थापित कराने पर संबंधित कंपनी के बैंक खाते में अनुदान ऑन-लाईन भुगतान किया जाता है। निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) की व्यवस्था अनुसार वर्तमान में सब्सिडी का भुगतान हो रहा है। किसान अपनी स्वेच्छा से अंशदान राशि जमा कर स्वयं के व्यय पर सामग्री खरीदना चाहे तो उसके व्यक्तिगत बैंक खाते में सब्सिडी की पात्रता है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों की नियुक्ति
[सहकारिता]
71. ( क्र. 5914 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के अंतर्गत किस-किस विपणन सहकारी समिति मर्यादित में दिनांक 01-01-2014 के बाद किस-किस पद की किस-किस कर्मचरियों की नियुक्ति हुई है? इनके नाम, पदनाम, शैक्षणिक योग्यता, नियुक्ति दिनांक, प्रश्नांश दिनांक तक कितना मानदेय भुगतान हुआ? (ख) क्या विपणन सहकारी समिति मर्यादित विदिशा ने प्रश्नांश तिथि के बाद श्री भीकमसिंह रघुवंशी एवं श्री शिवशंकर रघुवंशी की नियुक्ति की गई है? क्या यह नियुक्ति संस्था के सेवा शर्तों/ भर्ती नियमों एवं निर्धारित शैक्षणिक योग्यता, मापदंड के अनुसार हुई है? संस्था की सेवा शर्तों/भर्ती नियमों एवं निर्धारित शैक्षणिक योग्यता, मापदंड की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, तो क्या इसके लिए नियोक्ता अधिकारी दोषी है? दोषी पर क्या कार्यवाही की जाकर संस्था की सेवा शर्तों/भर्ती नियमों एवं निर्धारित शैक्षणिक योग्यता, मापदंड के विपरित की गई नियुक्तियाँ निरस्त की जावेगी यही हाँ तो कब नहीं तो कारण बतावें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। संस्था द्वारा सेवा शर्तें/भरती नियम एवं निर्धारित शैक्षणिक योग्यता, मापदण्ड स्वीकृत कराये बगैर नियुक्ति की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, दोषी नियोक्ता अधिकारी पर नियमानुसार कार्रवाई करने तथा कर्मचारियों को सेवा से पृथक कराने हेतु उप आयुक्त सहकारिता जिला-विदिशा को निर्देशित किया गया है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सहकारी समितियों में प्रतिनिधि का निर्वाचन
[सहकारिता]
72. ( क्र. 5915 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक लिमिटेड भोपाल/को-ऑपरेटिव बैंक विदिशा के वर्तमान संचालक मंडल के सदस्य किन-किन सहकारी समितियों से प्रतिनिधि है? (ख) किन-किन सहकारी समितियों से प्रश्नांश (क) के अनुसार संचालक मंडल के सदस्य हैं क्या वह सहकारी समितियाँ भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक लिमिटेड भोपाल/ को-ऑपरेटिव बैंक विदिशा की तीन या बारह माह से अधिक की कालातीत ऋणी हैं? यदि हाँ, तो सम्बंधित समिति एवं उससे निर्वाचित प्रतिनिधि का नाम बतावें? (ग) क्या कालातीत ऋणी समिति के प्रतिनिधि को जो भोपाल को-ऑपरेटिव सेन्ट्रल बैंक लिमिटेड भोपाल/को-ऑपरेटिव बैंक विदिशा के संचालक हैं पद से हटाया गया है यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) भोपाल एवं विदिशा बैंक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) भोपाल एवं विदिशा बैंक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है एवं भोपाल बैंक की सदस्य समिति किसान विपणन सहकारी समिति मर्यादित, भोपाल बैंक की तीन माह से अधिक समयावधि की कालातीत ऋणी है, इस समिति से श्री संतोष मीना बैंक के लिये निर्वाचित प्रतिनिधि है। विदिशा बैंक की समिति रूसिया एवं वर्धा तीन माह से अधिक समयावधि से अधिक अवधि की कालातीत है, समिति वर्धा से बैंक प्रतिनिधि श्री भगवान सिंह धाकड़ तथा समिति रूसिया से बैंक प्रतिनिधि श्री दिनेश सोनी निर्वाचित है। (ग) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित भोपाल बैंक के संचालक अधिनियम की धारा 50-क के तहत पद धारण करने से प्रविरत हो जाता है। बैंक के पंजीयक द्वारा मात्र पद रिक्त घोषित करने की कार्यवाही की जाती है। कार्यवाही पूर्ण न होने की स्थिति पर प्रतिवेदन प्राप्त कर परीक्षण कर कारण स्पष्ट किया जा सकेगा। विदिशा बैंक में कोई भी प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था का प्रतिनिधि 12 माह से अधिक अवधि का कालातीत नहीं होने से अपात्रता की श्रेणी में नहीं आता है।
माननीय उच्च. न्यायालय जबलपुर के आदेश का पालन
[विधि और विधायी कार्य]
73. ( क्र. 5924 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर द्वारा दिनांक 07 जून 1995 पत्र क्रमांक सी/2691 तीन-10-42/75 द्वारा जिला मंदसौर की तहसील सीतामउ में ए.डी.जे. स्थापना हेतु क्या आदेश प्रदान किया गया था? जानकारी देवें। (ख) शासन द्वारा उपरोक्त आदेश के पश्चात् सीतामउ में ए.डी.जे. कोर्ट की स्थापना हेतु 1995 से आज दिनांक तक क्या-क्या मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई गई है? (ग) शासन द्वारा ए.डी.जे. कोर्ट की स्थापना हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो उसका कारण स्पष्ट करें। (घ) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेशोपरांत कब तक सीतामउ में जनता की सुविधा हेतु ए.डी.जे. न्यायालय का कार्य संचालन हेतु कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मंदसौर को संबोधित उक्त पत्र दिनांक 07 जून 1995 द्वारा सूचित किया गया है कि सीतामऊ में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय स्थापित करने का सिद्धान्त: निर्णय लिया जा चुका है और उक्त न्यायालय की स्थापना हेतु आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु राज्य शासन से अनुरोध किया गया है। (ख) आज दिनांक तक कोई भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। (ग) उच्च न्यायालय की अनुशंसा अनुसार सीतामऊ में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय की स्थापना हेतु आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत भवन तथा न्यायाधीश के लिए आवासीय भवन की उपलब्धता की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु कलेक्टर मंदसौर को लिखा गया था। कलेक्टर मंदसौर ने बतलाया है कि सीतामऊ में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय हेतु सर्वसुविधा युक्त न्यायालय भवन तथा न्यायाधीश के लिए आवास गृह उपलब्ध नहीं है। कलेक्टर के उक्त प्रतिवेदन से उच्च न्यायालय को अवगत कराया जाकर उक्त संबंध में अभिमत प्रदान करने का अनुरोध किया गया है। उच्च न्यायालय का अभिमत अप्राप्त है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निश्चित समयावधि बताई जाना सम्भव नहीं है।
सीतामउ में ए.डी.जे. कोर्ट हेतु उपलब्ध सुविधाएं
[विधि और विधायी कार्य]
74. ( क्र. 5925 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा प्र.क्र. 1-5/1993/21-ब (एक) भोपाल दिनांक दिसम्बर 2015 के आदेश की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) तहसीलदार सीतामउ के प्र.क्र. 403/री/17 दिनांक 14/02/2017 पत्र की जानकारी उपलब्ध करावें। ए.डी.जे. कोर्ट हेतु मूलभूत सुविधा एवं न्यायालय भवन एवं न्यायाधीशों के आवास हेतु आवास गृह बंदियों हेतु लॉकअप उप कोषालय सीतामउ में उपलब्ध है या नहीं जानकारी देवें? (ग) यदि सुविधा उपलब्ध है तो कलेक्टर द्वारा म.प्र. शासन के विधि और विधायी कार्य विभाग को सहमति पत्र दिया गया है या नहीं जानकारी देवें। यदि नहीं, दिया गया है तो कब तक सहमति पत्र दे दिया जावेगा? (घ) ए.डी.जे. न्यायालय सीतामउ कब से प्रारम्भ कर दिया जावेगा जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) उक्त पत्र द्वारा श्री सुधीर गुप्ता माननीय संसद सदस्य को अवगत कराया गया था कि, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सीतामऊ जिला मंदसौर में ए.डी.जे. कोर्ट की स्थापना के प्रस्ताव पर आवश्यक मूलभूत सुविधायें जैसे न्यायालय भवन, न्यायाधीश आवास गृह, जेल/उप जेल, न्यायाधीश एवं स्टॉफ के पदों की स्वीकृति आदि उपलब्ध कराने की शर्त पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है। तदानुसार कलेक्टर, मंदसौर को उक्त सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया है। (ख) तहसीलदार सीतामऊ का पत्र क्रमांक 403/री/17, दिनांक 14.02.2017 विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है। सीतामऊ में ए.डी.जे. कोर्ट हेतु मूलभूत सुविधायें उपलब्ध नहीं है, पृथक से आवास गृह भी उपलब्ध नहीं है। सीतामऊ में बंदीगृह हेतु लॉकअप रूम उपलब्ध है। सीतामऊ में उप कोषालय उपलब्ध है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति, 2014 में निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप सीतामऊ में आवश्यक सुविधायें/अधोसंरचना उपलब्ध नहीं है। अत: सीतामऊ में ए.डी.जे. कोर्ट की स्थापना की निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है।
मुआवजे का भुगतान
[जल संसाधन]
75. ( क्र. 5944 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले की तहसील ब्यौहारी के ग्राम बिजहा में दुधारिया नदी पर सिंचाई परियोजना के अंतर्गत बांध का निर्माण किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त बांध के निर्माण में कृषकों की खेती योग्य कितनी भूमि का अधिग्रहण किया गया है व क्या अधिग्रहित भूमि का मुआवजा कृषकों को दे दिया गया है? (ग) क्या अधिग्रहित भूमि का मुआवजा न्यायालयीन निर्णयों का पालन करते हुए निर्धारित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) कृषकों की 70.181 हे. भूमि के अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भू-अर्जन अवार्ड पारित अंतिम नहीं होने के कारण शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
म.प्र. जनगणना कर्मचारी सहकारी द्वारा किये गये गबन की जाँच
[सहकारिता]
76. ( क्र. 5948 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश जनगणना कर्मचारी सहकारी साख समिति भोपाल के विरूद्ध गबन संबंधी प्रकरणों में विगत 5 वर्षों में प्राप्त शिकायत की जाँच विभाग द्वारा करवाई गई है। यदि हाँ, तो जाँच करने का दिनांक एवं जाँच अधिकारी का नाम सहित बताया जाए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्था के विरूद्ध क्या सहकारिता विभाग एवं जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा भी कोई आदेश पारित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आदेशों का पालन करवाये जाने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) मध्यप्रदेश जनगणना सहकारी साख समिति मर्यादित भोपाल के विरूद्ध गबन संबंधी प्रकरणों की विगत 05 वर्षों में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम जिलापीठ भोपाल द्वारा 3 आदेश सदस्यों को राशि वापस किये जाने हेतु पारित किये गये है। (ग) संस्था परिसमापन में है, राशि प्राप्त होने पर ही संस्था की देनदारियों एवं लेनदारियों का निराकरण सहकारिता अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत किया जा सकेगा।
मध्यप्रदेश के स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेव्लपमेंट कार्पोरेशन की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
77. ( क्र. 5957 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेव्लपमेंट कार्पोरेशन द्वारा वर्ष 2008-09 में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के साथ उद्यमिता विकसित करने के मकसद से संयुक्त उपक्रम के रूप में खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की योजना थी? इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की कितनी हिस्सेदारी तय की गयी थी? यह हिस्सेदारी किन-किन रूपों में थी। (ख) यदि इकाइयां स्थापित की गयी तो वह इकाइयां कहाँ स्थापित की गयी? (ग) उन इकाइयों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग का कितना प्रतिनिधित्व रहा है वर्षवार जानकारी दें। (घ) संयुक्त उपक्रम की खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में वर्तमान में अनुसूचित जाति और जनजाति का कितना प्रतिनिधित्व है। (ड.) वर्ष 2008-09 से वर्ष 2015-16 तक कार्पोरेशन द्वारा स्थापित सभी संयुक्त उपक्रमों ने कुल कितना शुद्ध और कितना सकल लाभ अर्जित किया है वर्षवार जानकारी दें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। वाण्ज्यि एवं उद्योग विभाग के पत्र क्रमांक एफ 6-8/2003/11-13 दिनांक 28 फरवरी 2003 के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक अंशधारित करना आवश्यक है। हिस्सेदारी अंशपूंजी के रूप में थी। (ख) इंदौर में एक इकाई स्थापित की गई। (ग) वर्ष 2008 से लगातार 51 प्रतिशत प्रतिनिधित्व रहा। (घ) 51 प्रतिशत। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विकास शुल्क
[सहकारिता]
78. ( क्र. 6010 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदाकिनी हाऊसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड भोपाल पंजीयन क्रमांक डी.आर.बी./467/दिनांक 31.10.1985 के वर्तमान में अध्यक्ष एवं संचालक मण्डल में कौन-कौन पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांकित संस्था की भोपाल नगर निगम सीमा में कौन-कोन सी कॉलोनी निर्मित है? कौन-कौन सी कॉलोनी पूर्णत: अथवा आंशिक विकसित होकर नगर निगम भोपाल को स्थानांतरित हैण्ड ओवर कर दी गई? यदि संस्था नगर निगम भोपाल को सौंप दी गई तो भू-खण्डधारी एवं कॉलोनीवासियों हेतु संस्था के क्या-क्या अधिकार व दायित्व शेष रहते हैं? (ग) क्या प्रश्नांकित कॉलोनियों के सभी भू-खण्डों पर भवन निर्मित हो गये हैं? यदि नहीं, तो अनिर्मित भू-खण्डों पर संस्था द्वारा समस्त मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं? (घ) प्रश्नांकित कॉलोनी जो नगर निगम भोपाल को स्थानांतरित कर दी गई है वर्तमान स्थिति में कोई सदस्य भू-खण्ड पर भवन निर्मित करना चाहता है तो विकास शुल्क नगर निगम भोपाल लेगा या संस्था? किस दर पर विकास शुल्क लिया जायेगा? (ड.) क्या प्रश्नांकित संस्था का संचालक मण्डल विगत वर्षों में अपदस्थ किया गया था तथा इस अवधि में जिन भू-खण्डधारियों ने राजस्व विभाग से नामांतरण की प्रक्रिया सम्पन्न कराई थी, उनसे विकास शुल्क किस आधार पर किसके द्वारा वसूल किया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
घाटों का निर्माण व सौन्दर्यीकरण
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 6040 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत माँ नर्मदा तट पर स्थित घाटों का सौन्दर्यीकरण, परिक्रमावासियों के लिए विश्राम गृह, रसोई गृह एवं शौचालयों के निर्माण कराए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 2 वर्षों में प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही से अवगत नहीं कराये जाने के क्या कारण है? (ख) उक्त सभी कार्यों को कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा? तत्संबंधी ब्यौरा दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिला खरगोन, कसरावद विधानसभा अंतर्गत माँ नर्मदा तट पर स्थित घाटों का सौन्दर्यीकरण, परिक्रमावासियों के लिए विश्राम गृह, रसोई गृह एवं शौचालयों के निर्माण के संबंध में विगत 2 वर्षों में माननीय विधायक महोदय द्वारा लोक निर्माण विभाग पश्चिम परिक्षेत्र, इन्दौर/मण्डल खण्डवा/संभाग खरगोन को कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुये है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों का भुगतान
[जल संसाधन]
80. ( क्र. 6046 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने निर्माण कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा किये गये एवं किस-किस प्रकार के कार्य पूर्ण किये? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में पूर्ण किये गये निर्माण कार्यों का भुगतान ठेकेदारों को कर दिया गया? यदि हाँ, तो कितनों को, यदि नहीं, तो भुगतान नहीं किये जाने के कारण सहित जानकारी दें एवं पूर्ण किये गये कार्यों का भुगतान कब तक किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ख) वर्ष 2013-14, 2015-16 एवं 2016-17 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गुणवत्ताहीन सड़कों का पुन: निर्माण
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 6047 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवीन स्वीकृत कार्य मानक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण नहीं किये जा रहे हैं, जिससे सड़कों ही हालत बनने के बाद कुछ माहों में ही बिगड़ जाती है। (ख) यदि हाँ, तो क्या निर्माण एजेंसी की जाँच कर निर्मित सड़कों को पुन: बनाने हेतु शासन योजना बना रहा है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। नवीन स्वीकृत कार्य मानक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण ही किये जा रहे है।
साख सहकारी समितियों द्वारा गेहूँ खरीदी
[सहकारिता]
82. ( क्र. 6080 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में साख सहकारी समितियों द्वारा गेहूँ की खरीदी की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2012 से वर्ष 2016 तक किस-किस साख सहकारी समिति ने कितना-कितना गेहूँ खरीदा तथा खरीदा गया गेहूँ कहाँ-कहाँ के गोदाम में कितना-कितना रखवाया गया? (ख) मध्यप्रदेश राज्य आपूर्ति निगम ने शिवपुरी जिले की प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्थाओं को वर्षवार गेहूँ खरीदी हेतु कितनी धनराशि उपलब्ध करायी गई? राशि के बदले कितना गेहूँ किस दर से कितनी राशि का वर्षवार क्रय किया गया? कितनी-कितनी राशि संस्थाओं के पास शेष रही हैं? (ग) क्या सहकारी संस्थाओं द्वारा गेहूँ ढुलाई की राशि का भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो कितने गेहूँ का कितना भुगतान किस दर से किया? क्या उक्त संस्थाओं से किए गए गेहूँ ढुलाई का भुगतान मध्यप्रदेश राज्य आपूर्ति निगम द्वारा भी किया जाना बताया है? यदि हाँ, तो एक ही माल का दो संस्थाओं से भुगतान कैसे किया गया? (घ) शिवपुरी जिले में वर्ष 2012 से वर्ष 2016 तक बैंक के माध्यम से कितना रूपया सोसायटी के खाते में पहुंचा? सोसायटी ने प्राप्त राशि से कितना गेहूँ कितनी राशि का मध्यप्रदेश राज्य आपूर्ति निगम को सप्लाई किया? सोसायटी के पास शेष कितनी धनराशि रही? शेष राशि का क्या हुआ?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।
निर्माणाधीन विभागीय सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 6081 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी नगर में विभागीय सड़कों को डामरीकृत/सी.सी. रोड निर्माण हेतु वर्ष 2016 में निविदाएं आमंत्रित की गई थीं? यदि हाँ, तो किन-किन सड़कों के कौन से एवं कितनी राशि के निर्माण हेतु किस-किस फर्म की निविदाएं कब स्वीकृत की गईं तथा अनुबंध कब संपादित किया गया? (ख) उक्त सड़कों के निर्माण हेतु कितनी समय-सीमा निर्धारित की गई? क्या उक्त कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हो जावेगा? यदि नहीं, तो अनुबंध संपादित होने के उपरांत किन-किन अधिकारियों ने किस-किस आदेश से सड़कों का निर्माण कार्य कब-कब एवं क्यों बंद कराया? (ग) क्या निर्माणाधीन कार्य बार-बार बीच में बंद किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? क्या जिन सड़कों की निविदाएं जिस फर्म को मिली थी, उससे कोई सड़क लेकर किसी अन्य फर्म को दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या उक्त फर्म ब्लेक लिस्टेड है? यदि हाँ, तो उस फर्म को यह कार्य क्यों दिया गया? (घ) शिवपुरी शहर में निर्माणाधीन सड़कों का कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण किया जाना लक्षित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मे. आर.व्ही.एम. इन्फ्राटेक प्रा.लि. (अनुबंध क्रमांक 16/16-17) में अनुबंधित गुरूद्वारा चौराहा से पोहरी (राजेश्वरी रोड़) को सीमेंट कांक्रीट के स्थान पर डामरीकृत बनाये जाने के परिप्रेक्ष्य में डामरीकरण कार्य हेतु दूसरी अनुबंधित फर्म को जिसकी दर कम भी है को पूरक कार्य के रूप में दिया गया। उक्त फर्म ब्लेक लिस्ट नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सहकारी साख संस्थाओं में कर्मचारियों की व्यवस्था
[सहकारिता]
84. ( क्र. 6110 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी साख संस्थाओं में कार्य करने वाले कर्मचारियों की पदसंरचना किन नियमों में निर्धारित हैं? विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत सहकारी साख संस्थाओं में स्वीकृत पद एवं कार्यरत कर्मचारियों की सहकारी साख संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) सहकारी साख संस्थाओं में पदपूर्ति के क्या नियम एवं प्रक्रिया निर्धारित हैं? कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय वृद्धि संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो कब तक निर्णय होगा? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से साख संस्थाओं के सुव्यवस्थापन हेतु मानदेय वृद्धि पर विचार कर निर्णय लिया जावेगा? (ग) क्या सहकारी साख संस्थाओं में कार्य के अनुपात में कर्मचारियों की कमी लम्बे समय से बनी हुई हैं? यदि हाँ, तो रिक्त पदों की पूर्ति व सहकारी साख संस्थाओ में कार्य अनुरूप कर्मचारियों की उपलब्धता हेतु ठोस कार्यवाही की जावेगी? (घ) विगत 05 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कौन-कौन से कर्मचारियों को सहकारी साख संस्थाओ में नियुक्ति दी गई हैं? कृपया साख संस्थावार विवरण देवे? किन-किन कर्मचारियों के प्रभार बदले गए हैं एवं इस हेतु नियमों का ध्यान रखा गया हैं? कृपया साख संस्थावार विवरण देवे?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों हेतु आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक द्वारा जारी कर्मचारी सेवा नियम। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में पद पूर्ति के नियम एवं प्रक्रिया की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कर्मचारी सेवा नियम के प्रावधानों के अंतर्गत संस्था की देय भुगतान क्षमता के आधार पर संचालक मण्डल द्वारा कर्मचारियों के मानदेय संबंधी निर्णय लिये जाते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में समिति प्रबंधक को छोड़कर अन्य कर्मचारियों की कमी नहीं है। समिति प्रबंधक की पद पूर्ति हेतु संवर्ग नियम बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। कर्मचारियों के प्रभार बदलने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
जबलपुर से शहपुरा सड़क का मरम्मतीकरण
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 6115 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर से शहपुरा मार्ग का निर्माण कब किया गया एवं इसके पेंच वर्क के लिए वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब टेंडर किये गये सूची प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान में इस सड़क के पेंच वर्क के लिए कब टेंडर जारी किया गया आदेश की प्रतिलिपि प्रदान करें। उक्त टेंडर किसे प्रदान किया गया? उक्त कार्य पूर्ण किये जाने की समय-सीमा से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वर्तमान में जो पेंच वर्क कार्य किया जा रहा है क्या वह शासन के नियमों के तहत सही है यदि हाँ, तो उक्त सड़क पर जो पेंच वर्क किया जा रहा है उसमें कार्य के तुरंत बाद ही गिट्टी क्यों निकल रही है क्या इसकी जाँच करवाये जाने का आदेश प्रदान करेंगे यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जबलपुर से शहपुरा मार्ग खण्ड जबलपुर-भोपाल (राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.-12) का भाग है। जबलपुर-भोपाल मार्ग पैकेज-1, के चारलेन में उन्न्यन कार्य किया जाना है। पेंच वर्क हेतु जारी टेंडर से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) पेंच वर्क हेतु अलग से टेंडर जारी नहीं किया गया है, विद्यमान मार्ग (पैकेज-1) की मरम्मत एवं संधारण हेतु मुख्य अभियंता (सधारण) एम.पी.आर.डी.सी., भोपाल द्वारा दिनांक 02.12.2016 को राशि रू. 75.91 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, (जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है।) कार्य जोनल कांट्रेक्ट के कांट्रेक्टर श्री ए.के. शर्मा ठेकेदार जबलपुर को दिनांक 03.12.2016 द्वारा कार्यादेश जारी किया गया है, (जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है।) जिसमें ठेकेदार को दिनांक 02.02.17 तक कार्य पूर्ण करने कि समय-सीमा दी गई थी। प्रशासकीय स्वीकृति के पत्र एवं कार्यादेश पत्र की प्रति संलग्न है। कार्य प्रगति पर है एवं माह मार्च 2017 में पूर्ण होने की संभावना है। (ग) जी हाँ। पेंच वर्क का कार्य एम.ओ.आर.टी. एण्ड एच के निर्धारित मापदण्डानुसार, एथॉरटी इंजीनियर (मार्ग के उन्नयन कार्य हेतु नियुक्त कंसलटेन्ट) मेसर्स आई.सी.टी. नई दिल्ली के टीम लीडर की देख-रेख में पूर्ण गुणवत्ता से कराया जा रहा है, विद्यमान मार्ग की क्रस्ट यातायात घनत्व के अनुकूल न होने एवं, यातायात घनत्व बढ़ने के कारण मार्ग का फोर लेन में निर्माण प्रस्तावित है। वर्तमान में मार्ग दो-लेन ही निर्मित है, जिस पर यातायात घनत्व अधिक होने एवं परिवर्तित मार्ग न होने से पेंच बनाने के दौरान ही प्रगतिरत भाग से वाहन निकल जाने के कारण गिट्टी निकल जाती है। पुनः यातायात को रोक कर पेंच बनाया जाता है, मार्ग पर 30 कि.मी. लंबाई में पेंच वर्क पूर्ण हो चुका हैं एवं सही स्थिति में हैं। अतः जाँच कराये जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
समर्थन मूल्य में की जा रही खरीदी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
86. ( क्र. 6118 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में वित्त वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में चना, मसूर, राहर, बटरी, मूंग, उडद कितने मूल्य पर एवं कितने कृषकों से समर्थन मूल्य पर क्रय की गई ग्रामवार कृषकों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) वर्तमान में एफ.सी.आई. द्वारा राहर की खरीदी की जा रही है उसमें कितने कृषकों से प्रश्न दिनांक तक खरीदी की गई एवं कितने कृषक शेष हैं? (ग) उक्त राहर खरीदी में सेम्पल लिये जाने का आधार क्या है एवं किस आधार पर सेम्पल रिजेक्ट किया जाता है? जिन कृषकों की राहर सेम्पल अमान्य कर दिये गये है उनकी राहर खरीदी की शासन की कोई अलग योजना है यदि हाँ, तो अवगत करावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर क्रय नहीं की गई एवं 2016-17 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) एफ.सी.आई. द्वारा अरहर की खरीदी की जा रही है। प्रश्न दिनांक 02.03.2017 तक 52 कृषकों से खरीदी की गई है। कृषकों का पंजीयन न होने से शेष कृषकों कीं संख्या दिया जाना संभव नहीं है। (ग) शासन द्वारा निर्धारित (एफ.ए.क्यू.) के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप शासकीय एजेंसी द्वारा कृषि उपज की खरीदी की जाती है। कृषि उपज मानक स्तर (एफ.ए.क्यू.) की न होने से एजेंसी द्वारा क्रय नहीं किया जाता है तथा उसका सेंपल लिया जाकर मंडी में खुली नीलामी (घोष विक्रय) में कृषकों की सहमति से क्रय विक्रय कराया जाता है।
आवास आवंटन बावत
[जल संसाधन]
87. ( क्र. 6135 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजघाट परियोजना के तहत दतिया, झांसी, ओरछा आदि में किस-किस टाईप के कितने आवास निर्मित है और उनमें कौन-कौन निवास कर रहा है? (ख) प्रश्न (क) के कर्मचारियों की मूल पदस्थापना कहाँ है, इनका वेतनमान और ग्रेड पे क्या है? विवरण उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्त आवासों में किसी संस्था, संगठन, कार्यालय को भी भवन उपलब्ध कराये गये है, उसकी भी विस्तृत सूची उपलब्ध कराई जावे। (घ) क्या ऐसे भी कर्मचारियों को आवास आवंटित किये है जिनके स्वयं के आवास है? कई कर्मचारियों द्वारा अपने आवास किराये पर दिये गए है? ऐसे कर्मचारियों की भी सूची उपलब्ध कराई जावे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) कर्मचारियों के अपने आवास होने व इन्हें किराये पर दिये जाने संबंधी जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन की योजनाओं के प्रचार-प्रसार
[जनसंपर्क]
88. ( क्र. 6191 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितने अंत्योदय मेलों का आयोजन किया गया हैं? (ख) में उल्लेखित मेलों में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य किए गए? कितने हितग्राहियों को योजना के प्रचार-प्रसार या जानकारी संबंधी साहित्य वितरित किए गए?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जनपद पंचायत सुसनेर से प्राप्त जानकारी अनुसार विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में वित्तीय वर्ष 2015-16 से लेकर अब तक 4 अन्त्योदय मेले आयोजित किये गये। (ख) विभाग द्वारा उल्लेखित अन्त्योदय मेलों में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनी लगाई गई तथा मुख्य अतिथियों द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया एवं सराहना भी की गई। मेलों में लगभग 1000 हितग्राहियों को मध्यप्रदेश नवाचारों का सम्मान, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 11 वर्ष, जनकल्याण गुटका और विकास के पथ पर उपलब्धियों के 10 वर्ष, अनुसूचित जाति विकास, प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग की शिक्षा और प्रगति के बेहतर अवसर, आस्था का कुंभ महापर्व सिंहस्थ 2016, मध्यप्रदेश में श्वेत क्रांति, आदिवासी विकास प्रोत्साहन एवं पुरस्कार, आदिवासी विकास शिक्षा के सुनियोजित प्रयास, अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम बुकलेट, आगे आएं लाभ उठाएं पुस्तक, मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण, सर्वहारा की भलाई के योजना के फोल्डर, किसानों के साथ खड़ी सरकार, आधी आबादी का पूरा साथ, सबके लिए सुलभ स्वास्थ्य सुविधा, मध्यप्रदेश पुलिस जन और जीवन की पूरी सुरक्षा, उड़ने के समुचित आसमान, सामाजिक न्याय नि:शक्त कल्याण पर आधरित फोल्डर, निरंतर होता समावेशी विकास, मिली नई रोशनी (अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभ की योजनाएं), सबका साथ सवका विकास (अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के लाभ की योजनाएं) विकसित खेती खुशहाल किसान (किसानों के लाभ की योजनाएं) आदि शीर्षक के पम्पलेट् एवं बुकलेट वितरित की गई।
चल-अचल सम्पत्ति के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
89. ( क्र. 6198 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि उपज मंडी समिति खण्डवा के अध्यक्ष द्वारा मंडी निर्वाचन के पूर्व अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी रिटर्निंग आफिसर के समक्ष प्रस्तुत की गई थी यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करावें? (ख) मंडी निर्वाचन के पश्चात मंडी अध्यक्ष पद पर रहते हुये मंडी अध्यक्ष द्वारा क्या-क्या चल-अचल संपत्ति अर्जित की गई। यदि की गई तो आय के साधन/स्त्रोत बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी नहीं। म.प्र. कृषि उपज मंडी (मंडी समिति का निर्वाचन) नियम 1997 के नियम 29 में विहित प्रारूप-5 के तहत मंडी समिति के सदस्य के निर्वाचन में प्रस्तुत किये जाने वाले नाम निर्देशन के साथ चल-अचल संपत्ति का विवरण दिये जाने का प्रावधान नहीं होने से जानकारी नहीं दी गई थी। (ख) मंडी निर्वाचन के पश्चात मंडी अध्यक्ष पद पर रहते हुये मंडी अध्यक्ष द्वारा अर्जित की गई चल अचल संपत्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
समिति प्रबंधकों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
90. ( क्र. 6209 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अतंर्गत 01.04.2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सहकारी समिति के कितने प्रबंधकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? समितिवार कार्यवाही का पूरा विवरण उपलब्ध करावें? (ख) क्या कई समिति प्रबंधकों की आय से अधिक संपत्ति एवं भ्रष्टाचार की शिकायत बार-बार विभाग को एवं राजस्व विभाग को प्राप्त होती है, परन्तु जाँच में विलंब होने के कारण कार्यवाही समय पर नहीं होती हैं ऐसी कितनी शिकायतें 01.04.2013 से प्रश्न दिनांक तक जाँच हेतु लंबित है लंबित शिकायतों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार लंबित शिकायतें किस जाँच अधिकारी के स्तर पर कब से लंबित हैं? जाँच अधिकारी के नाम, पद एवं कार्यरत स्थान की जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार लंबित शिकायतों का निराकरण, जाँच में विलम्ब के लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही सहित कब तक निराकरण हो जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 06 समितियों के 06 प्रबंधक। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक कोई शिकायत जाँच हेतु लंबित नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेल्वे क्रासिंग पर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 6228 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के नगर बड़वाह से महेश्वर नगर को जोड़ने वाले मार्ग पर रेल्वे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज निर्माण के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? प्रतिदिन आठ बार रेल्वे गेट बंद होता है. गेट बंद होने से ट्रैफिक जाम की स्थिति बनने से प्रश्नकर्ता द्वारा विगत एक वर्ष में बार-बार विभाग का ध्यान आकर्षित कराया है. (ख) क्या बड़वाह से महेश्वर मार्ग पर रेल्वे गेट पर ओवर ब्रिज के बारे में प्रश्नकर्ता द्वारा स्वीकृति के संबंध में प्राप्त पत्र पर विभाग शासन ब्रिज शीघ्र स्वीकृत करेंगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) नगर बड़वाह से महेश्वर नगर को जोड़ने वाले मार्ग पर रेल्वे क्रासिंग पर ओव्हर ब्रिज के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय उपलब्धतानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
92. ( क्र. 6284 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में फसल बीमा योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 से अब तक किसानों से कितनी एवं किस दर से प्रीमियम राशि की वसूली की गयी? उक्त अवधि में फसलों को कितना-कितना नुकसान हुआ? (ख) नुकसान के लिए किसानों को किस दर से कितनी-कितनी क्षतिपूर्ति बीमा राशि का भुगतान दिया गया? (ग) जबलपुर जिले की तहसीलवार जानकारी किसान की संख्यावार जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के बीमा आवरण की जानकारी एवं कृषक अंश प्रीमियम दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ वर्ष 2016 से लागू है, बीमा आवरण एवं प्रीमियम दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अन्तर्गत दावा राशि गणना प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2016 एवं रबी 2016-17 के बीमा आवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। रबी वर्ष 2015-16 एवं खरीफ 2016 के लिये दावों का आंकलन प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है।
नवीन तालाब की साध्यता का प्रस्ताव
[जल संसाधन]
93. ( क्र. 6336 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत तहसील नरसिंहगढ़ के ग्राम किल्ला की राजस्व भूमि पर विभागीय निर्देश पर तालाब का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर साध्यता प्रदान करने हेतु प्रस्ताव कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ द्वारा वरिष्ठालय को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो वरिष्ठालय को प्राप्त प्रस्ताव कितनी अवधि से लंबित है? (ख) क्या उक्त तालाब की मांग को लेकर अनेक बार क्षेत्रीय कृषक तीव्र आंदोलन कर चुके हैं तथा कृषकों की मांग औचित्यपूर्ण होने के कारण यथाशीघ्र सिंचाई सुविधा का विस्तार किया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव को कब तक साध्यता प्रदान कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। साध्यता प्रस्ताव विभाग की वेब-साइट पर अगस्त, 2016 में दर्ज किया गया। परीक्षण करने पर परियोजना तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्ड पर साध्य नहीं पाई गई है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
रिक्त पदों की पूर्ति
[जल संसाधन]
94. ( क्र. 6337 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले अंतर्गत जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ में उप यंत्रियों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद किन कारणों से कब से रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त पदों की रिक्तियों के कारण जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ एवं विशेषकर ब्यावरा उपसंभाग के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों की समय पर न तो मॉनीटरिंग हो पा रही है और न ही कार्य शीघ्रता से हो पा रहे हैं, साथ ही लघु सिंचाई योजनाओं की देख-रेख एवं नवीन प्रस्तावित योजनाओं का सर्वेक्षण आदि सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन शीघ्र ही रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कोई कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जल संसाधन संभाग, नरसिंहगढ़ में उपयंत्रियों के 08 पद स्वीकृत है, स्वीकृत 08 पदों के विरूद्ध 04 उपयंत्री कार्यरत् हैं। विभाग में उपयंत्रियों की सेवानिवृत्ति के कारण हो रही कमी से 04 पद रिक्त हैं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में जल संसाधन विभाग में उपयंत्रियों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रस्ताव प्रोफेश्नल एग्जामिनेश बोर्ड (पीईबी) को भेजा गया है। भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। जल संसाधन संभाग, नरसिंहगढ़ एवं उपसंभाग ब्यावरा के अधीन चल रहे निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग का कार्य पदस्थ उपयंत्रियों द्वारा सतत् रूप से किया जा रहा है। कोई कार्य प्रभावित नहीं हो रहे हैं। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
उपपंजीयक सहकारिता के आदेश एवं कार्यवाहियां
[सहकारिता]
95. ( क्र. 6373 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 813 दिनांक 05/12/2016 छतरपुर जिले में सेवा समितियों में सेल्समेन/ समिति प्रबंधक की स्थानांतरण एवं अतिरिक्त चार्ज की जानकारी क्या गलत प्रस्तुत की गई। क्या सेवा समिति सुनवाहा के विक्रेता को बकस्वाहा समिति में पदस्थ नहीं किया गया। (ख) क्या ऊजरा समिति में क्या अन्य कर्मचारियों में ग्रेजुएट पास व कम्प्यूटर डिप्लोमा पास कर्मचारी को प्रभार न देकर अन्य समिति गढ़ीमलहरा के प्रबंधक को प्रभार दिया गया। इसी प्रकार सेवा टहनगा के प्रबंधक का प्रभार सेवा रगौली के प्रबंधक को सौंप दिया, जिसकी जानकारी छिपाई गई। सेवा मातगुवॉ में प्रबंधक के निलंबन के उपरांत समिति में कितने अन्य कर्मचारी कार्यरत थे? सूची दें। (ग) सहकारिता विभाग द्वारा अन्य समितियों में कर्मचारी स्थानांतरण करने संबंधी कोई पृथक से उप पंजीयक को अधिकार दिए गए हैं अथवा पैक्स सेवा नियम में है तो उसकी जानकारी दी यदि नहीं, तो ऐसे आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। सेवा समिति सुनवाहा एवं समिति बकस्वाहा के संचालक मंडल की आपसी सहमति से विक्रेता की सेवाये स्थानांतरित करने की अनुमति उपायुक्त सहकारिता जिला छतरपुर द्वारा दी गई। (ख) जी हाँ। जी नहीं। 05 कर्मचारी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, पैक्स सेवा नियम में भी कर्मचारी के एक समिति से दूसरे समिति में स्थानांतरण के कोई प्रावधान नहीं है। उप आयुक्त सहकारिता छतरपुर से स्पष्टीकरण प्राप्त किया गया है।
समिति प्रबंधक द्वारा अनियमितता
[सहकारिता]
96. ( क्र. 6385 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा की सेवा सहकारी समिति मर्या. लौरीगढ़ एवं कटरा में पदस्थ समिति प्रबंधक द्वारा खाद्य/खाद्यान्न वितरण, ऋण वितरण, धान गेहूँ खरीदी तथा समिति के अंशपूँजी में व्यापक पैमाने में अनियमितता किये जाने के कारण जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मर्यादित रीवा के आदेश क्र. स्था./1553/2016 रीवा दिनांक 13.10.2016 द्वारा निलंबित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो निलम्बन उपरांत आरोप पत्र की प्रति, आरोप पत्र के जवाब की प्रति उपलब्ध करायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ, परन्तु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 20521/2016 में दिनांक 04.01.2017 को निलंबन आदेश के क्रियान्वयन को स्थगित किया गया है। (ख) छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
97. ( क्र. 6414 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू होने के बाद नरसिंहगढ़ तहसील अंतर्गत कितने कृषकों का फसल बीमा किया है कृषक संख्या व कितनी-कितनी राशि प्रीमियम के रूप में कृषकों से ली गई? कृषक की संख्या पटवारी हल्का का नाम सहित पृथक-पृथक जानकारी दें? (ख) क्या माह सितम्बर, 2016 से प्रश्न दिनांक तक आंधी तूफान/वर्षा/ओलावृष्टि/शीतलहर अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों को नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो नरसिंहगढ़ तहसील अंतर्गत किस-किस पटवारी हल्कों में क्या फसल नुकसानी का सर्वे कराया गया? सर्वे अनुसार किस-किस पटवरी हल्कों में कितने-कितने कृषकों की फसल का नुकसान हुआ है? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार फसलों को हुई क्षतिपूर्ति हेतु फसल बीमा योजना के तहत कृषकों को कितनी-कितनी बीमा राशि दी गई? कृषक संख्या, पटवारी हल्का का नाम सहित जानकारी दें? यदि नहीं, दी गई तो क्यों नहीं? कारण बताएं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत फसल मौसम के मध्य में फसल क्षति होने पर संभावित उपज, थ्रेसहोल्ड उपज के 50 प्रतिशत से कम आने की सम्भावना होने पर क्षतिपूर्ति देय होती है। नरसिंहगढ़ तहसील में शीतलहर/पाला से प्रभावित फसलों के नजरिया आकलन के अनुसार क्षति का प्रतिशत कम होने से क्षतिपूर्ति देय नहीं है। शीतलहर/पाला से क्षति की सर्वे रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
किसानों को नलकूप खनन हेतु अनुदान की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
98. ( क्र. 6415 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य पोषित नलकूप खनन योजना के तहत प्रदेश की सहायता निधि से अनुसूचित जाति, जनजाति के कृषकों को अनुदान स्वीकृत करने का प्रावधान है? प्रावधान/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 व प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को अनुदान स्वीकृत किया गया है? कृषकों की संख्या, स्वीकृत अनुदान, नलकूप खनन स्थान, ग्राम का नाम सहित पूर्ण जानकारी देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। प्रावधान/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नरसिंहगढ़ (विकासखण्ड) विधानसभा क्षेत्र सेमी क्रिटिकल घोषित होने के कारण योजना में नलकूप खनन का कार्य नहीं किया जाता है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गैस पीड़ितों के लिये आवास की योजनाएं
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास]
99. ( क्र. 6506 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा गैस पीड़ितों को सस्ते और रियायती दर पर आवास उपलब्ध कराने के लिये कौन-कौन सी आवास परियोजनायें स्वीकृत हुई हैं और उनमे से किन-किन परियोजनाओं पर काम हुआ है? (ख) फरवरी 2017 तक कुल कितने गैस पीड़ितों को सस्ते रियायती आवास उपलब्ध कराये जा चुके हैं और कितने आवास गृह अभी निर्माणाधीन हैं? (ग) क्या आवास परियोजनायें देरी से चल रही हैं और इस कारण गैस पीड़ितों को समय पर आवास उपलब्ध नहीं कराये जा सके हैं, यदि हाँ, तो देरी के कारण क्या है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) यूनियन कार्बाईड कारखाना के आस-पास की बस्तियों में निवासरत रहवासियों द्वारा प्रदूषित पेयजल होने के आधार पर भारत सरकार द्वारा भोपाल गैस त्रासदी से प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु स्वीकृत द्वितीय प्लान ऑफ एक्शन में कारखाना के आस-पास निवासरत गैस प्रभावित व्यक्तियों को ग्राम पलासी में आवासीय भवनों का निर्माण कर पुन: स्थापित किये जाने हेतु राशि रूपये 40 करोड़ का प्रावधान किया गया था। उक्त आवास निर्माण हेतु मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा ग्राम पलासी में 14.04 एकड़ भूमि का आवंटन गैस राहत विभाग को किया गया था। आवंटित भूमि पर आवास निर्माण कराये जाने हेतु निविदाएं आमंत्रित की जाकर ठेकेदारों के साथ अनुबंध निष्पादित करते हुये कार्यादेश जारी किया गया, परंतु उक्त क्षेत्र के निवासियों द्वारा आपत्ति उठाये जाने के कारण उक्त निर्माण कार्य किया जाना संभव नहीं हो सका। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
स्वीकृत निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 6507 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में स्वीकृत निर्माण कार्यों की सूची उनकी स्वीकृति दिनांक, लागत व कार्यपूर्णता दिनांक सहित वर्षवार उपलब्ध करावें? (ख) उपरोक्त कार्यों में जो कार्य पूर्ण हो गये हैं उनकी सूची उपलब्ध करावें एवं जो कार्य अपूर्ण है, उनमें से कितनी राशि आहरित की जा चुकी है व कितना कार्य अपूर्ण है कार्य का नाम सहित देवें? ये कब तक पूर्ण होंगे समय-सीमा बतायें एवं कितने कार्यों को गुणवत्ता खराब निर्माण की शिकायतें प्राप्त हुई उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र पवई में कितने कार्य अपूर्ण व इनमें विलंब के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1, 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है।
केन्द्रीय सड़क निधि के अंतर्गत सड़कों का निर्माण/उन्नयन विषयक
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 6574 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय सड़क निधि के अंतर्गत सड़कों का निर्माण/उन्नयन की प्राप्त राशि से कार्यों के निर्माण एवं उन्नयन की क्या पद्धति है व इनके कार्यान्वयन हेतु विभाग द्वारा क्या मापदण्ड प्रचलन में है की प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) लोक निर्माण विभाग को विगत तीन वर्ष में केन्द्र शासन द्वारा कितनी राशि उपलब्ध कराई गई उसमें से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के जिलो को आवंटित की जिलावार बताया जावें? (ग) जिलों को प्राप्त कुल राशि में से जिला मुरैना को कितनी राशि प्राप्त हुई व उसमें से जिला मुरैना में कार्यरत लोक निर्माण विभाग में कितने संभागों में दी गई लोक निर्माण विभाग के संभाग मुरैना व अम्बाह प्राप्त राशि से कितने कार्य नवीन एवं मरम्मत संबंधी कराये गये, की जानकारी मांग संख्या लेखा शीर्ष, उपशीर्ष लागत राशि, कार्य विवरण कार्य आदेश दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक अवगत कराते हुए कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है अर्थात सभी कार्य पूर्ण अथवा अपूर्ण हैं, अपूर्ण कार्यों की जानकारी देते हुए उन्हें कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ठेका पद्धति है। भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित एस.बी.डी. निविदा प्रपत्र प्रचलन में है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 में रू. 180.99 करोड़ वर्ष 2015-16 में रू. 209.69 करोड़ तथा वर्ष 2016-17 में रू. 128.80 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के जिलों को जिलावार आवंटन नहीं दिया जाता है, अपितु ग्लोबल सिस्टम के अंतर्गत राशि दी जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
केन्द्र प्रवर्तक परियोजनाएं सिंचाई परियोजनाए से संबंधित
[जल संसाधन]
102. ( क्र. 6575 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र प्रवर्तक परियोजनाएं सिंचाई परियोजनाए के अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाओं के कार्य कराये जाने का प्रावधान है व उनके कार्यान्वयन की क्या पद्धति है विवरण दिया जावे? (ख) विगत तीन वर्ष में केन्द्र सरकार द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितनी राशि उपलब्ध कराई जाकर प्रदेश के किन-किन जिलों को आवंटित की गई व आवंटित राशि में से जिला मुरैना को कितनी राशि प्राप्त हुई में से जल संसाधन संभाग मुरैना, जौरा अम्बाह को प्राप्त होकर विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में कितने कार्य सिंचाई से संबंधित संपन्न किये गये की जानकारी विगत तीन वर्ष से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक दी जावे व जानकारी में मांग संख्या लेखा शीर्ष उपशीर्ष स्वीकृत राशि कार्य विवरण क्रियान्वयन एजेंसी का नाम पता कार्य आदेश दिनांक कार्य पूर्ण होने का दिनांक से अवगत करावे। (ग) कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है कितने कार्य पूर्ण अपूर्ण हैं, अपूर्ण कार्यों की जानकारी देते हुए कब तक पूर्ण करा दिये जायेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान में केन्द्र प्रवर्तित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (ए.आई.बी.पी.) सैच्य क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन (सी.ए.डी.डब्ल्यू.एम.) एवं सुधार, सुदृढ़ीकरण एवं पुर्नरूद्धार (आर.आर.आर.) मद में कार्य कराए जाने का प्रावधान है। काड़ा कार्यों को छोड़कर अन्य स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन निविदा पद्धति से कराया जाता है। काड़ा कार्यों का क्रियान्वयन जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से कराया जाता है। (ख) एवं (ग) विगत 03 वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा राशि रू. 946.63 करोड़ उपलब्ध कराई गई जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा जिलेवार आवंटन प्रदाय न कर योजनावार आवंटन उपलब्ध कराया गया है। मुरैना जिले में कोई केंद्र प्रवर्तित परियोजना स्वीकृत न होने से कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई गई। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
आगर-सारंगपुर रोड पर निर्मित टोल नाके की वसूली
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 6579 ) श्री गोपाल परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर की सड़क आगर से सारंगपुर रोड पर वसूल किये जा रहे टोल टैक्स की अधिसूचना राज्य पत्र अथवा राज्य स्तरीय समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई है या नहीं किस नियम के अंतर्गत टोल टैक्स वसूली की कार्यवाही की जा रही है शासन आदेश एवं अधिसूचना की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) किस-किस प्रकार के वाहनों से कितनी-कितनी राशी का टोल टैक्स वसूला जा रहा है तथा किस प्रकार के वाहनों को उक्त टोल टैक्स पर टोल वसूली से मुक्त किया जा रहा है? (ग) म. प्र. सड़क प्राधिकरण द्वारा जो टोल टैक्स वसूली की जा रही है वह ठेके पर है या विभागीय? यदि ठेके पर है तो कितने ठेकेदार द्वारा निविदा में भाग लिया गया तथा किस ठेकेदार का किस राशि का ठेका स्वीकृत हुआ? (घ) म. प्र. सड़क प्राधिकरण द्वारा टोल टैक्स वसूली की जा रही है उस राशि से सड़क के संधारण का कार्य किया जा रहा है या नहीं यदि हाँ, तो टोल दिनांक से प्रश्न दिनांक तक से किस-किस प्रकार के कितने कार्य किये जा चुके है उनमें कितने का कितनी राशि का भुगतान किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क एवं ख अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। (ग) ठेके पर निवेशकर्ता कंपनी द्वारा। तीन निविदाकारों ने। स्वीकृत निविदाकार एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार। (घ) निवेशकर्ता द्वारा टोल टैक्स वसूली की जा रही है। सी.ओ.डी. दिनांक से प्रश्न दिनांक तक निवेशकर्ता कंपनी द्वारा मार्ग पर वर्षा ऋतु उपरांत बने पेंच का रिपेयर कार्य, जंगल सफाई कार्य, पुलिया पुताई कार्य एवं शोल्डर का कार्य लगभग 10 कि.मी. किया जा चुका है एवं शेष में निरंतर जारी है। अनुबंधानुसार निवेशकर्ता कंपनी को मार्ग का संधारण कार्य एवं टोल वसूली का कार्य सी.ओ.डी. दिनांक 07/11/2016 से 10 वर्ष दिनांक 06/11/2026 तक किया जाना है। मार्ग पर किये गये कार्य का भुगतान किये जाने का प्रावधान अनुबंध में नहीं है।
लोक निर्माण विभाग की R.M.R. रिपोर्ट और M.S. रिपोर्ट
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 6580 ) श्री गोपाल परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लोक निर्माण विभाग में पदस्थ उपयंत्री द्वारा विभाग से जो सामग्री ली जाती है उसकी R.M.R. रिपोर्ट और M.S. रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को कितनी अवधि में प्रस्तुत किये जाने का नियम है, नियम की पूर्ण जानकारी बतावें? (ख) म.प्र. लोक निर्माण विभाग के जिला आगर के समस्त संभागों एवं उप संभागों में पदस्थ उपयंत्री द्वारा विगत एक वर्ष में R.M.R. रिपोर्ट और M.S. रिपोर्ट प्रस्तुत कर दिए गए हैं? यदि नहीं, तो उनके विरुद्ध विभाग के नियमानुसार क्या कार्यवाही की गई है? (ग) शासन को किसी भी R.M.R. रिपोर्ट और M.S. रिपोर्ट प्रस्तुत न कर किसी उपयंत्री द्वारा शासन को हानि पहुंचाई गई है तो उसकी वसूली कब तक की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. कार्य विभाग मेन्यूअल के अपेण्डिक्स 1.28 एवं पैरा 4.092 अनुसार (जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है) (ख) जी हाँ। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई नहीं शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संविलियन निरस्ती की कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
105. ( क्र. 6592 ) श्री कमलेश शाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 249 दिनांक 05/12/2016 के तारतम्य में क्या जो शिकायत 24/06/2016 को भेजी गई है। उसमें संबंधी प्रतिवेदन न भेजकर कोई अन्य शिकायत का प्रतिवेदन भेजा गया है, इस तरह जो उत्तर दिया है। वह भ्रामक और असत्य है? (ख) दिनांक 27/01/2017 को नेहरू नगर भोपाल के किसी नागरिक द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन को शिकायत में उल्लेखित बिन्दुवार जाँच करने हेतु दिया था उस अवैधानिक कार्यवाही की जाँच कर उसको निरस्त कर गलत तरीके से लिए गए लाभों को संबंधितों से कब तक वसूली कर ली जावेगी बताए?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) प्रश्न क्रमांक 249 दिनांक 05.12.2016 में संदर्भित शिकायत के विषय में प्रदाय प्रतिवेदन में प्रकरण की विस्तार से विवेचना की गई है, जिसमें तथ्यात्मक स्थिति सुस्पष्ट है। (ख) प्रकरण अंर्तगत माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के अंतरिम आदेश दिनांक 20.02.2013 के अनुपालन में राज्य शासन स्तर पर पूर्व में ही विस्तृत समीक्षा उपरांत प्रश्नागत संविलियन को नियम संगत पाये जाने पर शासन के आदेश दिनांक 08.03.2013 से निरंतर प्रभावशील रखा गया, जिसका संज्ञान लेते हुये माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश दिनांक 08.04.2013 से मामले का अंतिम निराकरण हो चुका है। अत: प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
व्यतिक्रमी को अपात्र करने के संबंध में
[सहकारिता]
106. ( क्र. 6598 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना एवं संबद्ध कृषि साख सहकारी समितियों के ऊपर म.प्र. शासन की बकाया एवं बारह मास से अधिक कालातीत अंशपूजी की जानकारी 30/09/2016 की स्थिति में दें। (ख) क्या म.प्र. सहकारी सोसायटी नियम 1962 के नियम 45 (3) के तहत यह प्रावधान है कि कोई प्रतिनिधि किसी सहकारी बैंक वित्तीय बैंक के निर्वाचित पद धारित नहीं करेगा यदि वह सोसायटी जिसकी ओर से वह प्रतिनिधि है ऐसे सहकारी बैंक/वित्तीय बैंक या शासकीय देनदारी में बारह मास से अधिक कालावधि के लिए व्यतिक्रम करती है या व्यतिक्रमी हो गई है। (ग) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना के संचालक मण्डल में निर्वाचित संचालक उनकी समिति यथा भुमकहर, रौड, कुलगढ़ी, मदनपुर, रामगढ़ गुलबार गुजारा, सोनौदा, मेहुती एवं विपणन समिति भमरपाटनह के ऊपर 12 माह से अधिक की शासकीय अंशपूजी/जिला बैंक सतना का ऋण दिनांक 30/09/2016 में होने से व्यतिक्रमी होने के कारण अपात्र किए जावेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सहकारिता]
107. ( क्र. 6599 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना में विगत पाँच वर्ष में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव बैंक की स्टॉफ उप समिति द्वारा पारित किया गया है। (ख) यदि हाँ, तो क्या संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव पारित करने का अधिकार बैंक की स्टॉफ उप समिति को प्राप्त है? (ग) क्या नियम विरूद्ध नियमित करने का प्रस्ताव पारित करने वाले स्टॉफ उप समिति के सदस्यों के विरूद्ध सहकारी समिति की प्राथमिक सदस्यता के अयोग्यता की कार्यवाही की जाकर अपराध पंजीबद्ध कराया जावेगा तथा नियमित करने पर किये गये वेतन भत्ते आदि भुगतान की वसूली की जावेगी। (घ) क्या नियमित किये गये कर्मचारियों का नियमितीकरण समाप्त किया जावेगा? (ड.) यदि प्रश्नांश (ग) एवं (घ) में कार्यवाही की जावेगी तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने तथा नियुक्तियां निरस्त करने हेतु संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग रीवा को निर्देश दिये गये हैं। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार। (ड.) जी हाँ, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बोरीखेड़ा जलाशय की मेन केनाल क्षतिग्रस्त होने
[जल संसाधन]
108. ( क्र. 6647 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैनगंगा संभाग जल संसाधन बालाघाट के अधीन बोरीखेड़ा जलाशय की मेन केनाल क्षतिग्रस्त हो चुकी है जिससे चान्दाडोह एवं बिछुआ ग्राम में पानी नहीं पहुंचता है। (ख) यदि हाँ, तो क्या इन क्षतिग्रस्त केनाल का सुदृढ़ीकरण जल संसाधन विभाग द्वारा कराया जावेगा? (ग) यदि हाँ, तो केनाल सुदृढ़ीकरण हेतु जल संसाधन विभाग कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी नहीं। बोरीखेड़ा जलाशय से ग्राम चांदाडोह एवं बिछुआ में विगत पाँच वर्षों में की गई सिंचाई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।
कटंगी में ए.आर. मद से सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
109. ( क्र. 6648 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार बालाघाट जिले के विधानसभा क्षेत्र कटंगी के अंतर्गत पौनिया से चिकमारा मार्ग, लखनवाड़ा से भजियापार मार्ग, हीरापुर से बिछुआ मार्ग, कन्हडगांव से बान्डारेव मार्ग, शासकीय महाविद्यालय किन्हीं पहुंच मार्ग को सभी से लखनवाड़ा स्टेशन मार्ग, शासकीय महाविद्यालय तिरोड़ी पहुंच मार्ग, सावरी से बिरसोला मार्ग को ए.आर. मद से बनाने पर विचार कर रही है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक ए.आर. मद से इन मार्गों को बनाया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ संभाग में 01 जनवरी 2015 से आमंत्रित निविदा
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 6667 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा 80 लाख रूपये से अधिक की निविदा आमंत्रित की जाती है? यदि हाँ, तो राजगढ़ संभाग में दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों की निविदायें आमंत्रित की गई हैं? कार्य का नाम, निविदा की दिनांक, जिसकी निविदा स्वीकृत हुई है उस एजेन्सी का नाम, निविदा की राशि सहित बतावें। (ख) उक्त स्वीकृत निविदा के कार्यों की वर्तमान क्या स्थिति है? क्या कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ, तो किस-किस एजेंसी को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया है? (ग) यदि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो निविदा समानुपातिक प्रगति के अनुसार है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं? (घ) निर्माण एजेंसियों के विरूद्ध विभाग क्या दण्डात्मक कार्यवाही कर रहा है? समानुपातिक प्रगति नहीं आने के कारण विभा्गीय अधिकारी की कितनी जिम्मेदारी बनती है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) एवं (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। निविदाकार द्वारा समानुपातिक प्रगति नहीं आने पर विभाग द्वारा अनुबंधानुसार कार्यवाही की गई है। म.प्र. रोड़ डेव्हलपमेंट कार्पो.लि. अंतर्गत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' अनुसार, अंतिम देयक के समय अनुबंधानुसार संबंधित एजेन्सी पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी।
राजगढ़ संभाग में पुल-पुलिया मरम्मत की निविदा
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 6668 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा राजगढ़ संभाग में दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी पुल-पुलियों के मरम्मत कार्य की निविदायें आमंत्रित की गई हैं? उनके स्थान एवं एजेंसी का नाम, निविदा एवं व्यय की गई राशि, सहित कार्यों की वर्तमान स्थिति बतायें। (ख) क्या विभाग द्वारा दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक सर्किट हाऊस एवं कलेक्ट्रेट कार्यालय राजगढ़ में निर्माण एवं मरम्मत कार्य कराने के लिये निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त भवनों पर रख-रखाव पर प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का व्यय किया गया है? उक्त व्यय के लिये शासन से कब-कब अनुमति प्राप्त की गई? (ग) क्या विभाग द्वारा राजगढ़ संभाग में रंग रोगन, पुताई पेंटिंग कार्य की निविदायें आमंत्रित की गई हैं? यदि हाँ, तो दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किस-किस कार्य के लिये किस-किस एजेंसी को किया गया है? कार्यपालन यंत्री द्वारा कौन-कौन से मापों का सत्यापन अंतिम देयक के पूर्व किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्र की पुल-पुलियाओं के संबंध में
[लोक निर्माण]
112. ( क्र. 6701 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बजट सत्र 2017 के दिनांक 22.02.2017 के मेरे अतारांकित प्रश्न क्र. 23 लोक निर्माण विभाग ने जावरा विकासखण्ड एवं पिपलौदा विकासखण्ड के अत्यावश्यक ग्रामीण क्षेत्रों के मार्गों पर पुल-पुलियाएं रपट इत्यादि की आवश्यकता स्थल सर्वेक्षण कर ग्रामीण क्षेत्र की एवं पंचायत अंतर्गत होना दर्शाया है? क्या ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत भी इस प्रकार के गांव की अनेक आवश्यकताओं के संबंध में कार्ययोजना भी निश्चित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि ग्रामीण क्षेत्र के गांवों की इन अत्यंत पुल, पुलियाओं, रपट की आवश्यकताओं की पूर्ति कब जाकर की जा सकेगी? मार्गों का आवागमन वर्षाकाल में बंद हो जाने एवं वर्षभर जर्जरता के कारण अत्यंत कठिनाई पूर्ण होकर आवागमन को बाधित करें। (ग) कब तक और किस तरह उपरोक्त प्रश्न के उत्तर में उल्लेखित पुल, पुलिया, रपटों को बनाए जाने हेतु इन्हें कार्ययोजना में सम्मिलित कर बजट प्राप्त होगा? कब तक स्वीकृतियां दी जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पंचायती राज्य संचालनालय से प्राप्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विभाग से संबंधित मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण
[सहकारिता]
113. ( क्र. 6727 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था द्वारा 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कितना ऋण उपलब्ध कराया गया वर्षवार, समितिवार जानकारी देवें एवं वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने कृषकों के किस मान से कितनी राशि के क्रेडिट कार्ड बनाये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऋणी कृषकों के संदर्भ में प्राकृतिक आपदा के कारण कितने कृषकों के कितने-कितने ऋण को मध्यकालीन ऋण में परिवर्तित किया गया वर्षवार, संस्थावार सूची देवें। (ग) क्या प्राकृतिक आपदा ग्रस्त प्रश्नांश (क) के ऋण प्राप्त कृषकों को चिन्हित कर बीमा की राशि प्रदान करने की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो इनमें से कितने कृषक पात्र पाये गये एवं पात्र पाये गये कितने कृषकों किस मान से कितनी बीमा की राशि प्रदान की गई? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने ऋण प्राप्त कृषकों को किन कारणों से बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया? उपरोक्त वित्तीय अनियमितताओं का दोषी कौन है तथा उन पर कब तक किस प्रकार से कार्यवाही की जावेगी? (घ) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में सहकारिता विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर वितरित ऋण की सीजनवार वर्षवार एवं समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कृषकों को ऋणमान तथा उनकी भूमि के आधार पर क्रेडिट कार्ड जारी किये जाते हैं वर्षवार जारी के.सी.सी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) भितरवार विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली समितियों के बीमा कंपनी से केवल रबी 2014-15 में 438 किसानों की राशि रूपये 20,55,646.59 बीमा क्लेम प्राप्त हुआ है, जो किसानों को भुगतान किया गया है, समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। रबी 2015-16 तथा खरीफ 2016 का बीमा क्लेम कंपनी से अप्राप्त है। उत्तरांश 'क' में उल्लेखित शेष कृषकों की फसल क्षति बीमा कंपनी की पात्रता अनुसार नहीं होने से बीमा क्लेम प्राप्त नहीं हुआ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में सहकारिता विभाग का कोई कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी फसलों के विकास की योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
114. ( क्र. 6728 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक संचालित योजनाओं में किस योजना के लिये शासन से कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? योजनावार बतावें। (ख) ग्वालियर जिले में प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं के लिए क्या लक्ष्य निर्धारित था? निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितनी पूर्ति की गई? कितने कृषकों को किस-किस योजना का क्या-क्या लाभ दिया गया? विधानसभा क्षेत्र भितरवार के कृषकों की संख्यात्मक जानकारी योजनावार/ग्रामवार बतावें (ग) ग्वालियर जिले में उद्यानिकी विभाग को किस योजना में कितने कृषकों के ऑनलाइन एवं कितने कृषकों के ऑफलाइन आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने कृषकों को लाभ दिया गया तथा कितने आवेदन पत्र किस कारण से निरस्त किए गये वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें। (घ) ग्वालियर जिले में उद्यान विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) ग्वालियर जिले में संचालित योजनाओं और प्राप्त बजट आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र भितरवार के कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ई अनुसार है।
ग्रामों में तालाब निर्माण कराने
[जल संसाधन]
115. ( क्र. 6765 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद के गिरते भू-जल स्तर को बढ़ाने हेतु ग्रामों में तालाब निर्माण की क्या योजना है? (ख) जो तालाब पूर्व में बने हुए है उनकी मरम्मत की क्या योजना है? (ग) नवीन तालाब निर्माण कराने की योजना कब तक स्वीकृत हो जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में श्रीबच्छ बैराज के निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। इसके अतिरिक्त 05 अन्य लघु सिंचाई परियोनाओं की साध्यता स्वीकृति जारी की गई है, जिनकी डी.पी.आर. रचनाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। इन परियोजनाओं से अप्रत्यक्ष रूप से भू-जल संवर्धन का भी लाभ प्राप्त होगा। पूर्व में निर्मित अंतलवासा तालाब एवं नहर के सुधार, सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्रूद्धार का कार्य कराने की योजना है।
विभाग के कार्यों हेतु जारी निविदाएं
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 6773 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों की कितनी राशि की निविदा जारी की गई? (ख) जारी निविदाओं में कितनी निविदाएं निर्धारित दर से अधिक राशि की स्वीकृत की गई? नाम, स्थान, कार्य का नाम, निविदा मूल्य एवं स्वीकृत दर सहित बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में कितनी निविदाएं निविदा मूल्य/दर से, कम दर/मूल्य की, स्वीकृत की गई? कार्य के नाम स्थान निविदा दर/मूल्य स्वीकृत दर/मूल्य बतायें? कम दर स्वीकृत कार्यों में अधिक कार्य कराके राशि भुगतान की गई है ऐसे कार्य, स्थान, स्वीकृत राशि एवं अधिक कार्य दिखाकर भुगतान राशि सहित बतायें? (घ) क्या कम दर पर स्वीकृत कार्य प्राक्कलन अनुसार गुणवत्तापूर्ण पाये गये हैं? यदि नहीं, तो कौन से कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं पाये गये हैं? इसका प्रमाणीकरण किस कार्य कराने वाले एवं उच्च स्तर के सक्षम अधिकारी द्वारा किया है? नाम, पद, कार्य सहित बताये कौन से कार्य गुणवत्तापूर्ण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' एवं 'ब' तथा 'ब-1' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' एवं 'स' 'स-1' तथा 'द' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-2' एवं 'स-1' अनुसार है।
सहकारिता साख संस्थाओं, गृह निर्माण संस्थाओं के ऑडिट प्रक्रिया के पालन
[सहकारिता]
117. ( क्र. 6775 ) श्री गोपाल परमार : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र आगर की किन-किन सहकारी साख संस्था, गृह निर्माण संस्था द्वारा विगत तीन वर्ष में ऑडिट प्रक्रिया का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन संस्थाओं का ऑडिट कार्य पूर्ण हुआ? (ख) सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत ऑडिट कार्य अनिवार्य है तो ऐसी कितनी संस्था हैं, जिनका ऑडिट कार्य नहीं हुआ, इसके लिए कौन जिम्मेदार है एवं शासन दोषियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सभी संस्थाओं का अंकेक्षण पूर्ण होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदसौर जिले में मसालों फसलों का उत्पादन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
118. ( क्र. 6796 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश में मसाला फसल उत्पादन में कौन-कौन से जिलों ने अपना स्थान अग्रणी बनाया, उन जिलो की वर्षवार उत्पादित फसलो के नाम, उत्पादन सहित सूची उपलब्ध कराये? (ख) क्या प्रदेश में मसाला उत्पादित फसले मंडियों से अन्य राज्यों में औषधि के रूप में प्रयुक्त हो रही हैं यदि हाँ, तो कौन-कौन सी फसले किस-किस जिले की? मंदसौर, रतलाम जिलों के कृषकों को मसाला फसलों के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये जा रहे है। (ग) क्या मंदसौर जिले की दलौदा तहसील में हाल ही में "मेगा फ़ूड पार्क" की औपचारिक स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति-पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये? (घ) उपरोक्त फ़ूड पार्क किस भूमि पर, कितने रकबे में, किस एजेंसी के माध्यम से, किन-किन शर्तों पर, कितने अनुदान पर स्थापित होगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार में उत्पादित मसाला फसलों में से लहसुन एवं मेथी मण्डियों से अन्य राज्यों में व्यापारियों द्वारा भेजी जा रही हैं। औषधि के रूप में किन-किन राज्यों में उपयोग किया जा रहा इसकी जानकारी विभाग संधारित नहीं करता है। मंदसौर एवं रतलाम जिलों में मसाला फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत क्षेत्र विस्तार तथा राज्य पोषित मसाला क्षेत्र विस्तार योजना अंतर्गत अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। (ग) मंदसौर जिले की दलौदा तहसील में मेगा फूड पार्क की सैद्धांतिक स्वीकृति भारत सरकार, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के पत्र दिनांक 03.01.2017 से प्रदान की गई है। स्वीकृति पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (घ) औपचारिक स्वीकृति में 50 एकड़ भूमि में फूड पार्क स्थापित होना है। भारत सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्र अथवा औद्योगिक/अधोसंरचना विकास हेतु कन्वर्जन भूमि पर कार्य करने के लिए मेसर्स चेतक इंटरप्राईजेस लिमिटेड को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। शर्तें उत्तरांश (ग) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब के पत्र में उल्लेखित हैं। भारत सरकार की स्वीकृति सैद्धांतिक मात्र होने से अभी भूमि अथवा अनुदान का विवरण दिया जाना संभव नहीं है।
केन्द्र सरकार से प्राप्त आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
119. ( क्र. 6900 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को केन्द्र सरकार से विभिन्न योजनाओं में विकास कार्यों हेतु राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो विगत पाँच वर्षों 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि जिलेवार, योजनावार व्यय की गयी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) विगत पाँच वर्षों 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को वर्षवार प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्षवार, जिलेवार, योजनावार, व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विभाग को मांग संख्या 41 में प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[सहकारिता]
120. ( क्र. 6907 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र मांग संख्या 41 में उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु विभाग को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि मांग संख्यावार प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी राशि जिलों को आवंटित की गयी? (ग) बालाघाट जिले को आवंटित राशि में से कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ, किन-किन कार्यों में वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक व्यय की गयी? योजनावार/मदवार बतावें। (घ) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र मांग संख्या 41 में प्राप्त राशि को जिलेवार आवंटित करने का क्या मापदण्ड है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) मांग संख्या 41 में विभाग को प्राप्त राशि तथा व्यय/जिलों को निर्गमित राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मांग संख्या 41 में बालाघाट जिले को प्राप्त राशि योजनावार व्यय किये जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मांग संख्या 41 में विभाग को प्राप्त राशि में से शून्य प्रतिशत ब्याज योजना, अल्पावधि से मध्यावधि ऋण परिवर्तन में ब्याज अनुदान तथा मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना में जिलों से वास्तविक रूप से मांगी गई राशि उपलब्ध कराई जाती है तथा लैम्पस एवं पैक्स हेतु प्रबंधकीय अनुदान प्रति पैक्स रूपये 24 हजार तथा प्रति लैम्पस रूपये 48 हजार प्रतिवर्ष उपलब्ध कराई जाती है।
विभागीय प्रस्तावों की स्वीकृति एवं कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
121. ( क्र. 6908 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा, कार्यालय उप संचालक कृषि जिला कटनी से वर्ष 2014-15 से 2016-17 में किन निर्माण हेतु प्रस्ताव चाहे गये एवं उप संचालक कृषि कटनी द्वारा क्या निर्माण प्रस्ताव विभाग को भेजे गये? (ख) प्रश्नांश (क) प्रेषित किन निर्माण प्रस्तावों की कब स्वीकृति प्राप्त हुई एवं क्या कार्य कराये गये? कौन से प्रस्ताव की स्वीकृति किन कारणों से कब से लंबित हैं? इन्हें कब तक स्वीकृत किया जायेगा? (ग) कटनी जिले में वर्ष 2014-15 से 2016-17 में कितने बलराम तालाबों का निर्माण कितने हितग्राहियों के खेतों में, किया गया? व्यय राशि सहित बतायें। तालाब निर्माण कार्य की स्वीकृति एवं कार्य का भौतिक सत्यापन, किसके द्वारा किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) बलराम तालाब निर्माण में अनियमितता एवं शिकायत के कितने प्रकरण ज्ञात हुयें? इन पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) विभाग द्वारा कार्यालय उप संचालक कृषि जिला कटनी से वर्ष 2014-15 से वर्ष 2016-17 में किसी भी निर्माण हेतु प्रस्ताव नहीं चाहे गये और न ही उप संचालक कृषि जिला कटनी द्वारा कोई निर्माण प्रस्ताव विभाग को भेजे गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बलराम तालाब निर्माण में किसी भी प्रकार की अनियमितता की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जैविक खेती प्रोत्साहन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
122. ( क्र. 6909 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में जैविक खेती प्रोत्साहन हेतु विभाग द्वारा प्रयास किये गये हैं? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में क्या-क्या कार्य किये गये और जैविक खेती के प्रोत्साहन/ उन्नयन हेतु जिले में कौन-कौन सी योजनायें से संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) कटनी जिले में जैविक खेती संबंधी कार्यों हेतु वर्ष-2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई और कितनी राशि व्यय किया गया? विकासखण्डवार बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) अंतर्गत कितने किसानों को लाभान्वित किया गया? विकासखण्डवार बतायें? (घ) विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु वर्ष 2014-15 से कटनी जिले में योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ और कितना व्यय किया गया वर्षवार विवरण देवें? (ड.) कटनी जिले में कृषकों के जागरूक करने/योजनाओं की जानकारी प्रदाय करने का कार्य, किन शासकीय सेवकों द्वारा किया जाता है? जनवरी-2016 से प्रश्न दिनांक तक इनके द्वारा कितने ग्रामों का दौरा किया गया? कितने किसानों से सम्पर्क किया गया? विकासखण्डवार बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी, हाँ कटनी जिले में जैविक खेती प्रोत्साहन हेतु विभाग द्वारा प्रयास किये गये है। जिले में विगत तीन वर्षों में जैविक खेती प्रोत्साहन अंतर्गत आर्गेनिक फार्म फील्ड स्कूल, राज्य के बाहर कृषक भ्रमण/प्रशिक्षण, राज्य के अन्दर कृषक भ्रमण/प्रशिक्षण, एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण वर्मी कम्पोटिंग, जैविक कीटनाशक वितरण एवं जैविक हार्मोन्स वितरण के कार्य संचालित किये है। (ख) कटनी जिले के बहोरीबंद विकासखंड में ही जैविक खेती प्रोत्साहन योजना संचालित है। शेष विकासखंडो में योजना संचालित नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) कटनी जिले में शासकीय सेवको जैसे (उप संचालक कृषि, सहायक संचालक कृषि, अनुविभागीय कृषि अधिकारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के द्वारा दौरा किया गया है। जनवरी-2016 से प्रश्न दिनांक तक सभी शासकीय सेवकों द्वारा 80 दौरो के माध्यम से 72 ग्रामों में 1875 कृषको से सम्पर्क किया गया।
कृषि विकास हेतु आवंटित राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
123. ( क्र. 6918 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा कृषि को बढ़ावा देने एवं अन्य कार्यालयीन व्यवस्था हेतु शासन स्तर से राशि आवंटित की जाती है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उक्त जिले को वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में कितनी राशि आवंटित की गई हैं? उक्त राशि से किस-किस कार्य हेतु राशि व्यय की गई है? उपरोक्त समस्त कार्य किसकी निगरानी में कराये गये हैं? कार्य का सत्यापन किसके द्वारा किया गया है? समस्त कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी भी उपलब्ध करायी जावे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2013-14 से विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि, कराये गये कार्य, व्यय, भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभिन्न योजनाओं का कार्य/क्रियान्वयन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी की निगरानी में कराये गये है। उपरोक्त कार्यों का सत्यापन नियमानुसार वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, अनुविभागीय कृषि अधिकारी, सहायक संचालक कृषि एवं उप संचालक कृषि के द्वारा कराये गये है।
फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
124. ( क्र. 6925 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र स्वादिष्ट और मीठे जामफल के उत्पादन के लिये प्रसिद्ध है, विधानसभा क्षेत्र में कितने किसानों के द्वारा जामफल की खेती की जाती है तथा कितने हेक्टेयर में यह खेती होती है? (ख) क्या जामफल की फसल का बहुतायात में उत्पादन होने पर यहाँ की फसल बड़नगर से बाहर भी विक्रय के लिए भेजी जाती है? (ग) क्या जामफल की फसल हेतु फूड प्रोसेसिंग यूनिट न होने के कारण बहुत फसल बर्बाद हो जाती है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या शासन की जामफल व्यवसायियों के लिये फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में जामफल का उत्पादन होता है। 75 कृषकों के द्वारा 83 हेक्टेयर में जामफल (अमरूद) की खेती की जा रही है। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र से जामफल लोकल मण्डी के साथ-साथ जिले से बाहर रतलाम, इन्दौर एवं राज्य के बाहर राजस्थान, गुजरात एवं महाराष्ट्र विक्रय हेतु जाता है। (ग) फसल बर्बाद होने की कोई सूचना विभाग में उलब्ध नहीं है। शासन द्वारा कोई भी फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित नहीं की जाती है। फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना निजी निवेशकों द्वारा की जाती है। राज्य शासन द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिये विशिष्ट वित्तीय सहायतायें मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति 2014 के तहत उपलब्ध कराई जा रही है, जिस हेतु ऑनलाइन पंजीयन कराकर कोई भी निजी निवेशक लाभ प्राप्त कर सकता है।
सड़क निर्माण के प्रस्तावों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
125. ( क्र. 6926 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 3 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न सड़कों के निर्माण कार्य हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कितनी सड़कों के प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किये गये? (ख) उन प्रस्तावों के आधार पर विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कोई ऐसा भी प्रस्ताव है जिस पर विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्यों और किस अधिकारी के द्वारा यह लापरवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभाग की कार्य योजनाओं का क्रियान्वयन
[सहकारिता]
126. ( क्र. 6934 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा दिए जाने हेतु केंद्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं के साथ ही अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले में किन-किन स्थानों पर किन-किन योजनाओं के माध्यम से क्या-क्या कार्य किये गए? (ग) रतलाम जिले में केंद्र/राज्य की कौन-कौन सी योजनाएं एवं कार्य किये जा रहे हैं? उपरोक्त वर्षों से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति स्पष्ट करें l (घ) व्यक्तिगत ऋण, आवासीय ऋण, रोजगार मूलक ऋण, कृषि उपकरण/औजार संबंधी ऋण इत्यादि प्रकार के अन्य भी कितनी-कितनी राशि के कितने कृषक सदस्यों को दिए गये?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधि एवं विधायी पदों की पूर्ति
[विधि और विधायी कार्य]
127. ( क्र. 6935 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा अनुविभागीय क्षेत्र जावरा अंतर्गत विधि एवं विधायी कार्य किये जाने हेतु अनेक पदों का सृजन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो अनुविभागीय क्षेत्र में किस-किस प्रकार के कार्य किये जाने हेतु कुल कितने-कितने पद स्वीकृत होकर कुल कितने पदों पर अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? कुल कितने पद रिक्त हैं? (ग) अनुविभागीय क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर विधि एवं विधायी कार्य किये जाने के कौन-कौन से स्थान हैं? उन स्थानों पर उपरोक्तानुसार पदों की क्या स्थिति है? (घ) उपरोक्तानुसार वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की पदों की स्वीकृतियां एवं रिक्त पदों की स्थिति तथा पदों के विरुद्ध प्राप्त आवेदनों की संख्या और उनसे सम्बन्धित की गयी विभागीय कार्यवाही से अवगत करायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्न स्पष्ट नहीं है। विधि विभाग द्वारा किसी भी अनुविभागीय क्षेत्र में किसी भी प्रकार के पद का सृजन नहीं किया जाता। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंडी प्रांगण में सी.सी.टी.वी. कैमरों का उपयोग
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
128. ( क्र. 6978 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले की कृषि उपज मंडी प्रांगणों में सी.सी.टी.वी. कैमरे स्थापित किए गए हैं क्या? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी मण्डियों में कब-कब स्थापित किये गये है एवं इन पर कितना व्यय किया गया? मंडीवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शाजापुर जिले की मंडियो में सी.सी.टी.वी. कैमरों की स्थापना के बाद रख-रखाव का कार्य भी दिया गया है? यदि हाँ, तो मंडीवार रख-रखाव पर प्रतिवर्ष कितना-कितना व्यय किया जा चुका है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यवस्था के बाद शाजापुर जिले की किसी मंडी प्रांगण में चोरी, लूट की घटनाएं घटित हुई हैं? यदि हाँ, तो कब-कब कौन सी मंडियों में? क्या सी.सी.टी.वी. कैमरे उस स्थिति में चालू थे या बंद थे? इसके लिए कौन-कौन जवाबदार हैं? (घ) क्या मंडी बोर्ड मुख्यालय के तकनीकी अधिकारियों ने इसकी उपयोगिता का परीक्षण किए बगैर अनुमति दी? इसके लिए कौन-कौन जवाबदार हैं उनके विरूद्ध कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सी.सी.टी.वी. कैमरों के रख-रखाव पर व्यय की प्रश्नागत जानकारी उत्तरांश-क के परिशिष्ट के कालम क्रमांक 06 से 11 पर दी गई है। (ग) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में उल्लेखित मंडी समितियों द्वारा स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक आवश्यकता से सी.सी.टी.वी. कैमरे स्थापित करने का निर्णय लिया गया था, जिसमें अनुमति के पूर्व मुख्यालय के तकनीकी अधिकारियों से पृथक से उपयोगिता के संबंध में परीक्षण आवश्यक नहीं होने से नहीं कराया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को कृषि उपकरणों का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
129. ( क्र. 6979 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले में वर्ष 2016-17 में किसानों को विभिन्न अनुदान योजनाओं के अन्तर्गत उन्नत कृषि उपकरण वितरण करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो कितना? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपकरणों के लिए पंजीयन कितने किसानों द्वारा करवाया गया? क्या उन पंजीकृत किसानों को उपकरण प्रदाय कर दिये गये? यदि हाँ, तो पंजीकृत किसानो से फाईल तैयार करवाने का कार्य किसके द्वारा करने का प्रावधान है? क्या कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से फाईल बनवाई गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित किसनों से क्या फाईल तैयार करवाने का कार्य पंजीकृत फर्म के दलालों द्वारा किया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपकरणों के लिये कुल 2385 किसानों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किये गये है। पंजीकृत किसानों को उपकरण प्रदाय करने की कार्यवाही प्रचलित है। किसानो द्वारा स्वयं फाईल तैयार किये जाने का प्रावधान है। जी नहीं, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा केवल किसानों को फाईल बनवाने में आवश्यक मार्गदर्शन किया गया है। (ग) जी नहीं।
उप पंजीयक छतरपुर द्वारा नियम विरूद्ध कार्य किया जाना
[सहकारिता]
130. ( क्र. 6984 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के विकासखण्डों में नियमित पदस्थ सहकारिता विस्तार अधिकारी को बगैर जिला स्थानातंरण बोर्ड अथवा वरिष्ठालय के आदेश के सहायक/उपपंजीयक को हटाने के उपरान्त अन्य सहकारी निरीक्षक को पदस्थ करने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें? (ख) प्रश्नांश (क) का नहीं तो फिर विकासखण्ड छतरपुर में पदस्थ 2012 से नियमित सहकारिता विस्तार अधिकारी के स्थान पर प्रश्न दिनांक तक किन-किन सहकारी निरीक्षकों को कब-कब सहकारिता विस्तार अधिकारी विकासखण्ड छतरपुर बनाया गया? क्या इसका अधिकार उप पंजीयक को था? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें? (ग) यदि नहीं, तो क्या नियम विरूद्ध कार्यवाही करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) विकासखण्डों में सहकारिता विस्तार अधिकारी की नियमित पदस्थापना न की जाकर कार्य विभाजन किया जाता है। कार्य विभाजन होने से आदेश की प्रति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2, 3, 4 एवं 5 अनुसार है। जी नहीं, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 पर प्रदर्शित आदेश जारी करने का अधिकार नहीं था। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। संबंधित उपायुक्त सहकारिता, छतरपुर का स्पष्टीकरण प्राप्त किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
होशंगाबाद की मुख्य शाखा हरदा में अनियमितता की जाँच
[सहकारिता]
131. ( क्र. 6986 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह जनवरी 2015 में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद की मुख्य शाखा हरदा में राशि 2.77 करोड़ की हेराफेरी/गबन का मामला संज्ञान में आने पर पंजीयक कार्यालय के आदेश से जाँच करायी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त जाँच में गबन राशि, ब्याज की राशि कितनी है और किन-किन दोषी अधिकारी/कर्मचारी से कितनी-कितनी ब्याज की राशि वसूली योग्य है? (ग) उक्त ब्याज राशि की वसूली हेतु बैंक द्वारा क्या सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को नोटिस जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा ब्याज की राशि जमा करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या बैंक द्वारा उक्त ब्याज राशि की वसूली हेतु आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराये गये है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराये जायेगें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) गबन राशि रूपये 2,77,00,650.00 तथा ब्याज राशि रूपये 17,72,798.47 है। तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबधंक श्री सुदर्शन जोशी तथा तत्कालीन कैशियर श्रीमती भावना काले से ब्याज की राशि रूपये 17,72,798.47 वसूली योग्य है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। दोषियों द्वारा ब्याज की राशि जमा नहीं की गई। (घ) मुख्य शाखा हरदा में सिल्लक शार्टेज के संबंध में पुलिस थाना हरदा में अपराध प्रकरण क्रमांक 0047 दिनांक 23.01.2015 दर्ज कराया गया है। ब्याज की राशि हेतु पृथक से आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाना आवश्यक नहीं है।
सहकारी बैंक के कर्मचारियों की जानकारी
[सहकारिता]
132. ( क्र. 6991 ) श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अन्तर्गत कुल कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थायें क्रियाशील हैं? किन-किन सोसाइटी में कौन-कौन समिति प्रबंधक पदस्थ है तथा किस समिति प्रबंधक/सहायक समिति प्रबंधक को कहाँ-कहाँ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है एवं अन्यत्र संलग्नीकृत किया गया है? कारण सहित जानकारी देवें? (ख) समस्त जिले में किस-किस कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक/दण्डात्मक कार्यवाही की गई तथा किस-किस कर्मचारियों पर किस जनप्रतिनिधि/ अन्य व्यक्तियों द्वारा शिकायत की गई है जो लंबित/विचाराधीन/निराकृत हुई है?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) 126 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) बैंक के कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा कर्मचारियों के विरूद्ध की गई शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
महाकाल की मूर्ति का वितरण एवं किरायें के वाहन पर व्यय राशि का विवरण
[जनसंपर्क]
133. ( क्र. 6993 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ महाकुंभ उज्जैन २०१६ में विभाग द्वारा भगवान महाकाल की मूर्ति का प्रतीक चिन्ह पेन एवं राईटिंग लेटर हेड एवं पैडो का वितरण किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त सामग्री का वितरण कुल कितने लोगों को किया गया? (ख) उक्त प्रति सामग्री कितनी-कितनी राशि की किस नियम के तहत क्रय की गई थी? उक्त सामग्री क्रय एवं वितरण करने पर कुल कितनी राशि व्यय हुई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या सिंहस्थ २०१६ में विभाग द्वारा मा. पत्रकारों/गणमान्य नागरिकों को भोपाल से उज्जैन आने जाने हेतु किराये के वाहन उपलब्ध कराये गये थे? यदि हाँ, तो सिंहस्थ २०१६ के प्रारंभ के समापन तक की अवधि में कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भगवान महाकाल की मूर्ति का प्रतीक चिन्ह पेन का वितरण नहीं किया गया। सामान्य पेन वितरित किया गया जिसमें सिंहस्थ, 2016 अंकित है। राइटिंग पैड का वितरण किया गया। पेन एवं पैड कुल 3000 लोगों को वितरित किया गया। (ख) पेन रूपये 51.45 प्रति नग एवं राइटिंग पैड रूपये 48/- प्रति नग की दरों पर म.प्र. भण्डार क्रय नियमों के तहत निविदाएं प्रकाशित कर निर्धारित दरों पर क्रय किये गये थे। उक्त सामग्री क्रय एवं वितरण करने पर कुल राशि रूपये 2,98,350/- व्यय हुई है। (ग) जी हाँ। राशि रूपये 55,46,434/-
फलों की खेती हेतु अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
134. ( क्र. 6997 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फलों की खेती हेतु 2 हेक्टेयर से कम तथा 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों के लिये विभाग की क्या योजना है? उक्त योजना में राज्य शासन द्वारा कितना प्रतिशत अनुदान दिया जाता है तथा राष्ट्रीय उद्यानिकी बोर्ड द्वारा कितने प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है? आवेदन की संपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उज्जैन संभाग व जिले में उद्यानिकी विभाग से प्रश्नांश (क) की योजना में वित्तीय वर्ष 2016-17 का लक्ष्य कितना था कितने किसानों का लाभ हुआ? विगत दो वर्षों में उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कितने हितग्राही लाभान्वित हुए है लक्ष्य का कितना प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) किसानों की भूमि स्वामित्व के आकार के आधार पर फलों की खेती हेतु कोई योजना नहीं है, अपितु विभाग में राज्य पोषित फल-पौध रोपण की योजना तथा केन्द्र सरकार की एकीकृत बागवानी विकास मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत फल-पौध रोपण का क्रियान्वयन किया जाता है। राष्ट्रीय उद्यानिकी बोर्ड की योजना का संचालन विभाग द्वारा नहीं किया जाता। विभागीय योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है, जिसमें अनुदान का विवरण एवं आवेदन की प्रक्रिया उल्लेखित है। राज्य पोषित योजना में ऑन-लाईन आवेदन की व्यवस्था है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्यों का निर्धारण नहीं किया जाता, अपितु जिलेवार किया जाता है विभाग के पोर्टल पर ऑन-लाईन प्रस्तुत आवेदनों में से जिले हेतु निर्धारित न्यूनतम लक्ष्य उपयोग होने के बाद राज्य स्तर पर पूल से जिले द्वारा लक्ष्य लेकर पात्र कृषकों को प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर चयन किया जाता है। उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में 22 हितग्राही लाभांवित हुये हैं। विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्य पूर्ति की जानकारी संधारित नहीं की जाती है।
विभागीय पत्र पर की गई कार्यवाही
[लोक निर्माण]
135. ( क्र. 6998 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के कार्यपालन यंत्री उज्जैन द्वारा विभागीय पत्र क्र. 232/कार्य/2014-15 दिनांक 07/01/2015 को प्रेषित आयुक्त नगर निगम उज्जैन को दिये गये पत्र की यह जानकारी प्रदान करें कि उक्त पत्र में उल्लेखित निर्देशों का नगर निगम उज्जैन के आयुक्त द्वारा पालन किया गया अथवा नहीं? (ख) यदि नहीं, तो निर्देशों का पालन नहीं करने के पश्चात् भी सड़क हस्तांतरण के लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि निर्देशों का पालन किया गया हो, तो संबधित समस्त जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार शेष बचा कार्य लोक निर्माण विभाग को करना था एवं विभाग द्वारा हस्तांतरण से पूर्व शेष कार्य का सम्पूर्ण आवंटन कर तैयार प्राक्कलन के आधार पर प्राप्त स्वीकृति से कार्य सम्पादित किया गया है। अत: कोई दोषी नहीं। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
टीकमगढ़ जिले में बुलाई गई निविदा क्र. 525 के संबंध में
[लोक निर्माण]
136. ( क्र. 7001 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले से संबंधित निविदा क्र. 525 म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा बुलाई गई थी यदि हाँ, तो सूचीवार विस्तार से बतावें? (ख) सम्बधित निविदा में कुल कितने मार्ग हैं? इनकी अलग-अलग लंबाई क्या है और इनकी अलग-अलग लागत मूल्य क्या है? (ग) क्या इन अलग-अलग कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति अलग-अलग जारी की गई है? यदि हाँ, तो आदेश क्रमांक सहित बतावें? (घ) यदि प्रशासकीय स्वीकृति अलग-अलग जारी की गई है तो किस आदेश के तहत इनकी एक ही निविदा बुलाई गई है और यदि यह गलत है तो दोषी अधिकारियों के नाम बतावें क्या अपर कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। एन.आई.टी. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) संबंधित निविदा में टीकमगढ़ जिले के कुल चार मार्ग है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। सम्पूर्ण परियोजना हेतु शासन के आदेश क्रमांक एफ 28/2/2016/19/यो/6652 दिनांक 01.12.2016 से रू. 3400 करोड़ की एकमुश्त प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। (घ) प्रश्नोत्तर (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा अनियमितता
[सहकारिता]
137. ( क्र. 7004 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बंजारी स्थित शिल्पी गृह निर्माण सहकारी समिति एवं ग्राम बावड़िया कला विकास कुंज सहकारी समिति के द्वारा अपने अधिकांश सदस्यों से कालोनी विकास व्यय की राशि पूर्ण अथवा अंशत: वसूल करली गई है तथा कालोनी की भूमि में समुचित विकास कार्य नहीं कर तदाशय की राशि का सदुपयोग नहीं किया हैं? (ख) क्या जिला भोपाल की अधिकांश गृह निर्माण सहकारी समितियों के कार्यालय वास्तव में समितियों द्वारा बताये गये पते पर नियमित संचालित नहीं हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) की अनियमितता वाली गृह निर्माण सहकारी समितियों के नाम क्या हैं? क्या उनमें ग्राम बंजारी स्थित शिल्पी गृह निर्माण सहकारी समिति एवं ग्राम बावड़िया कलां स्थित विकास कुंज सहकारी समिति के नाम सम्मिलित हैं? क्या अनियमितता करने वाली प्रश्नांश (क) एवं (ख) की हाउसिंग कालोनियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शिल्पी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल एवं विकास कुंज गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल के द्वारा क्रमशः ग्राम बंजारी एवं ग्राम बावड़िया कला स्थित भूमि हेतु कालोनी विकास व्यय की राशि अंशतः वसूल कर विकास कार्य किये गये है, राशि उपयोग के संबंध में जाँच के निर्देश दिये गये है। (ख) इस संबंध में जाँच के निर्देश दिये गये है। (ग) जाँच के उपरान्त पते पर संचालित न होने वाली समितियों के नाम ज्ञात हो पायेगे। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शिल्पी गृह निर्माण सहकारी संस्था एवं विकास कुंज गृह निर्माण सहकारी संस्था अपने पंजीकृत पते पर संचालित नहीं है, इन संस्थाओं के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 32 (5) के अन्तर्गत शास्ति अधिरोपित करने की कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
शादाब गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित भोपाल के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
138. ( क्र. 7005 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री आर.के. शर्मा जाँच अधिकारी एवं सहकारिता निरीक्षक कार्यालय उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल द्वारा शादाब गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल के विरूद्ध प्राप्त शिकायती बिंदुओं पर जाँच उपरांत जाँच प्रतिवेदन उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल के पत्र/आदेश क्रमांक/जनसुनवाई/2009/3334 दिनांक 30.10.2009 के अनुक्रम में प्रस्तुत किया है? (ख) यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन पर से दोषियों के विरूद्ध तथा हितग्राही पात्र सदस्यों को न्याय दिलाने के लिए क्या कार्यवाही की गयी है? जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रभावी कार्यवाही नहीं करने के लिए कोई उत्तरदायी है तथा उनके विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? क्या पीड़ित हितग्राही सदस्यों को न्याय दिलाने हेतु भी कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर संस्था के दोषी पदाधिकारियों/व्यक्तियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु दिनांक 28.06.2013 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जिला भोपाल को एवं दिनांक 18.09.2013 को थाना प्रभारी, थाना शाहपुरा को लिखा गया। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 76 (2) के अन्तर्गत संस्था के पूर्व अध्यक्ष श्री कल्याण सिंह एवं श्री फिरोज वारसी, पूर्व संचालक के विरूद्ध प्रथम वर्ग न्यायाधीश के न्यायालय में अभियोजन हेतु प्रकरण प्रस्तुत करने की अनुमति दिनांक 30.11.2011 को दी गई है। प्रकरण में जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रभावी कार्यवाही की गई है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पीड़ित हितग्राही सदस्यों के हित संरक्षण के लिये उपायुक्त भोपाल को परीक्षण कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सहकारी समितियां के समक्ष लंबित प्रकरण
[सहकारिता]
139. ( क्र. 7007 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सहकारी समितियां अधिनियम 1960 के तहत न्यायालय वसूली अधिकारी एवं अतिरिक्त तहसीलदार सहकारी समितियां जिला भोपाल गठित होकर इसमें धारा 85 खण्ड (स) के प्रावधान अनुसार न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्था में जिला भोपाल द्वारा पारित आदेश के निष्पादन (एक्जीक्यूशन) की कार्यवाही की जाती है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक ई-3/99, ई-127/2002, ई-64/2001, ई-96/2001, ई-89/95, ई-3/2006, ई-101/2002, ई-141/98, ई-3/2006, ई-80/2006 एवं ई-81/2006 के प्रकरण प्रस्तुत होकर विगत दस वर्षों से अधिक से विचाराधीन है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के प्रकरणों के पक्षकार प्रकरणों के लंबित होने से न्याय पाने से वंचित हैं? इसके लिए कौन उत्तरदायी है तथा उसके विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित प्रकरणों में न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाऐ जिला भोपाल द्वारा प्रतिवादी संस्था को वादी के पक्ष में भूखंड देने, भूखंड की रजिस्ट्री कराने, सदस्यता प्रदान करने, पूर्व अभिलेखों को निरस्त कर वादी के पक्ष में रजिस्ट्री कराने के आदेश दिए गए है, जिनका पालन प्रतिवादी संस्था स्तर से किया जाना था, किन्तु निष्पादन हेतु प्रकरण न्यायालय वसूली अधिकारी एवं अतिरिक्त तहसीलदार सहकारी संस्थाएं भोपाल के समक्ष प्रस्तुत किए गए। उक्त प्रकरण न्यायालय वसूली अधिकारी सहकारी संस्थाएं भोपाल के द्वारा दिनांक 14.3.2017 को निराकृत कर दिए गए है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रकरण निराकृत होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गैस राहत विभाग द्वारा प्राप्त राशि का उपयोग
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास]
140. ( क्र. 7013 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल के गैस पीड़ितों के आर्थिक एवं चिकित्सीय पुनर्वास हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राशि प्रदान की है? यदि हाँ, तो किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि प्रदेश सरकार को प्राप्त हुई और प्राप्त राशि का प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या उपयोग किया गया? (ख) यदि उपयोग नहीं किया गया तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) भोपाल गैस पीड़ितों के आर्थिक पुनर्वास हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राशि रूपये 104.00 करोड़ जिसमें 2.00 करोड़ एच.आर. सेल गठन एवं 2.00 करोड़ मार्किटिंग सेल के लिये रखे गये थे व राशि रूपये 100.00 करोड़ केपीटल इंवेस्टमेंट के लिये रखे गये थे एवं चिकित्सीय पुनर्वास हेतु राशि रूपये 33.55 करोड़ जुलाई 2010 में प्रदान की गई है। जिसमें केन्द्र शासन व राज्य शासन का अंश (75 प्रतिशत एवं 25 प्रतिशत) के अनुपात में है। गैस पीडितों के आर्थिक पुनर्वास योजना अंतर्गत 12355 गैस पीड़ित हितग्राहियों को रोजगार उन्मुखी प्रशिक्षण दिलवाया गया। हितग्राहियों को विभाग द्वारा निविदा के माध्यम से चयनित संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षण उपरांत इन 12355 गैस पीड़ित हितग्राहियों में से 9300 हितग्राहियों को चयनित संस्थाओं द्वारा प्लेसमेंट कराया गया। विभाग द्वारा इस प्रशिक्षण पर राशि रूपये 18.13 करोड़ जनवरी 2017 तक व्यय की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। चिकित्सीय पुनर्वास के अंतर्गत नवीन उपकरणों, चिकित्सालय की निर्माण/रेनोवेशन, चिकित्सालयीन फर्नीचर एवं फिक्सर एवं चिकित्सीय अध्यन के लिये स्वीकृत राशि रूपये 33.55 करोड़ में से राशि रूपये 16.32 करोड़ रूपये जनवरी 2017 तक व्यय की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
मासिक पत्रिकाओं को विज्ञापन
[जनसंपर्क]
141. ( क्र. 7014 ) श्री आरिफ अकील : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मासिक पत्रिकाओं को विज्ञापन की निर्धारित सूची में शामिल किए जाने हेतु शासन द्वारा कोई प्रावधान एवं मापदण्ड निर्धारित किए हैं? यदि हाँ, तो प्रावधान व मापदण्ड की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि भोपाल में कौन-कौन सी मासिक पत्रिका कब-कब से किस-किसके सम्पादन/संचालन में संचालित हो रही है और उनकों प्रतिवर्ष नियमित रूप से कितने-कितने विज्ञापन विभाग द्वारा प्रदाय किए जा रहे हैं और कितनी व कौन-कौन सी मासिक पत्रिकाएं है जो निर्धारित प्रावधान/मापदण्ड (5 वर्ष की अवधि) की पूर्ति करती है लेकिन विज्ञापन की नियमित सूची में शामिल नहीं किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस तरह की सूची संधारित नहीं की जाती है। पत्रिकाओं को विज्ञापन नियम के प्रावधानों के तहत विज्ञापन दिये जाते है।
नियम विरूद्ध व्यय राशि
[जल संसाधन]
142. ( क्र. 7024 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में निर्मित नहरों में किन-किन स्थानों पर सायफन की स्थापना की गई है, भिन्न-भिन्न नहरों का विवरण देवें। क्या इनके टूटने एवं क्षतिग्रस्त होने की शिकायतें प्राप्त हुई? इनके पुन: सुधार कर निर्माण में कितनी-कितनी राशि किन-किन सायफन में खर्च हुई? विवरण वर्ष 2013 से प्रश्नांश तक का देवें। सुधारे गये सायफन पुन: कितने दिन में क्षतिग्रस्त हुए और क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के सायफनों के टूटने एवं क्षतिग्रस्त होने की शिकायतें मिलने का कारण क्या निर्माण में इनकी गुणवत्ता की कमी के साथ अनुबंध की शर्तों के अनुसार निर्माण न कराया जाना दर्शाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अपर पुरवा नहर का सायफन 14 जनवरी 2017 को टूट/ क्षतिग्रस्त हुआ, जिसकी मरम्मत करायी गई? इन पर कितनी राशि व्यय हुई? पुन: यह सायफन कितने दिनों बाद टूट गया? इस पर पुन: कितनी राशि इसकी मरम्मत पर व्यय हुई? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार गुणवत्ताविहीन एवं अनुबंध की शर्तों से हटाकर कराये गये सायफनों के निर्माण के लिये कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? प्रश्नांश (क) अनुसार सायफन के बार-बार टूटने एवं क्षतिग्रस्त होने पर व्यय की गई नियम विरूद्ध राशि की वसूली संबंधितों से करते हुये अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ग) क्योटि नहर की आर.डी.-540, पुरवा नहर की आर.डी.-8,470 तथा आर.डी-12,930 मी. पर निर्मित हैं। दिनांक 14.01.2017 को पुरवा नहर की आर.डी.-8,740 मी. पर निर्मित सायफन के जल प्रवाह मार्ग में नीचे की मिट्टी में पाईपिंग के कारण आधे हिस्से की मिट्टी निकल जाने से आधे भाग में मार्ग बन गया था, जिसमें पुन: मिट्टी भरकर कॉम्पेक्ट किया जाना संभव नहीं होने के कारण कांक्रीट से भरा गया। इस कार्य में रू. 13.93 लाख व्यय हुआ। दिनांक 29.01.2017 को नहर में पुन: आंशिक जल प्रवाह परीक्षण हेतु किया गया, किंतु कैनाल बेड के शेष भाग में पुन: पाईपिंग परिलक्षित होने के कारण जल प्रवाह दिनांक 29.01.2017 को ही बंद कर दिया गया। दोनों तटबंधों में साईफन के ट्रांजीशन स्ट्रक्चर के मध्य कांक्रीट बेड फ्लोर के नीचे पाईपिंग की संभावना को समाप्त करने हेतु नहर एवं ट्रांजीशन स्ट्रक्चर के आर-पार कांक्रीट की मोटी दीवार बनाई गई एवं तत्पश्चात तकनीकी आवश्यकतानुसार काली मिट्टी की पैकिंग उपरांत नहर में सिंचाई कार्य हेतु जल प्रवाह पुन: बहाल किया गया। इस कार्य में रू. 08.53 लाख का व्यय किया गया। इस प्रकार सुधार कार्य पर कुल रू. 22.46 लाख का व्यय हुआ हैं। (ख) जी नहीं। सायफन स्ट्रक्चर न तो टूटा है और न ही क्षतिग्रस्त हुआ है तथापि नीचे की मिट्टी में पाईपिंग के कारण जल रिसाव हुआ था। अत: सायफन स्ट्रक्चर निर्माण में गुणवत्ता की कमी या अनुबंधित शर्तों के अनुसार कार्य न होने पर प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) नियम विरूद्ध कोई राशि व्यय नहीं की गई। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थिति नहीं होते हैं।
जिला बैंकों द्वारा अंशदान अभिदाय भुगतान का प्रावधान
[सहकारिता]
143. ( क्र. 7025 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य एवं जिला संघों को अपेक्स तथा जिला बैंकों द्वारा अंशदान अभिदाय भुगतान का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कार्यालय आयुक्त पंजीयक द्वारा कोई अंशदान अभिदान भुगतान संबंधी परिपत्र जारी किये हैं? यदि हाँ, तो क्या उसका पालन हो रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या आयुक्त एवं पंजीयक कार्यालय द्वारा जारी परिपत्र क्र./शि.प्र./ 2013/57 दि. 10.04.2013 धारा 47 अनुसार भुगतान सुनिश्चित करने हेतु जारी किया था? यदि हाँ, तो धारा 47 अनुसार अंशदान-अभिदाय का भुगतान अपेक्स बैंक व जिला बैंकों द्वारा राज्य संघ, जिल संघों को किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक भुगतान किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत जारी परिपत्र में जिले के उप/सहायक आयुक्त सहकारिता को दिये निर्देशानुसार प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को अपने स्तर पर कोई निर्देश जारी किये है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक निर्देश जारी किये जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शित परिपत्र में दिये निर्देशानुसार प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक एवं प्रदेश के समस्त सी.ई.ओ. जिला बैंकों तथा जिन 5 अधिकारियों को प्रतिलिपि दी गई उनके द्वारा क्या आवश्यक कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी समय-सीमा बतायें?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, अपितु उक्त परिपत्र पूर्व में जारी परिपत्र में संशोधन करने हेतु जारी किया गया था। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में किसी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं का संचालन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
144. ( क्र. 7029 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा उद्यानिकी विभाग के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो योजना का पूर्ण विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार अनूपपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक विगत तीन वर्षों में कितने किसानों को योजना से लाभांवित किया गया है? विधानसभा क्षेत्रवार लाभांवित किसानों का संख्यात्मक ब्यौरा उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अनूपपुर जिले की विधान सभा क्षेत्र अनूपपुर, कोतमा तथा पुष्पराजगढ़ में किन-किन कंपनियों द्वारा कौन-कौन सी सामग्री प्रदाय की गई? (घ) उक्त अवधि एवं स्थान में क्या योजना के क्रियान्वयन में गड़बड़ियों की शिकायतें भी सामने आई है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रवार ब्यौरा उपलब्ध करायें? गड़बड़ियों में जाँच के उपरांत क्या कार्यवाही हुई, उससे भी प्रश्नकर्ता को अवगत कराये?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक विगत 3 वर्षों में 252 किसानों को लाभांवित किया गया है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। (घ) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के कृषक श्री शिवराज चौधरी द्वारा सी.एम. हेल्पलाईन में शिकायत क्रमांक 3363306 दिनांक 17.02.2017 दर्ज कराई थी कि कृषक श्री लल्ला चौधरी, ग्राम बरबसपुर को ड्रिप सिंचाई संयंत्र हेतु जो सामग्री प्रदाय की गई थी उसमें संबंधित कंपनी के द्वारा 01 वेंचुरी नाम के उपकरण की फिटिंग नहीं की गई थी, जिसकी जाँच उपरांत शिकायत की पुष्टि होने पर संबंधित कंपनी से वेंचुरी उपकरण की फिटिंग करवाकर शिकायत का निराकरण दिनांक 01.03.2017 को कर दिया गया है।
महाराष्ट्र ब्राहम्ण सहकारी को-ऑपरेटिव बैंक का लायसेंस निरस्त एवं संचालन संबंधी
[सहकारिता]
145. ( क्र. 7041 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराष्ट्र ब्राम्हण सहकारी को-आपरेटिव बैंक में परिसमापन दिनांक तक कितने सदस्य थे एवं कितनी लेनदारी एवं देनदारी थी? बैंक की सम्पत्तियों का विवरण दें? (ख) बैंक बंद होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक बैंक द्वारा कितनी राशि वसूल की गई एवं कितनी राशि वसूल की जाना शेष है? जमाकर्ताओं को कितनी राशि भुगतान की गई? (ग) बैंक बंद होने के दिनांक को कितने जमाकर्ताओं की जमा राशि का बीमा था? (घ) क्या बीमा कंपनी द्वारा जमाकर्ताओं को बीमा क्लेम का भुगतान किया गया हैं?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) बैंक में परिसमापन दिनांक 14.07.2005 तक कुल 11,020 सदस्य थे, लेनदारी की राशि रूपये 5254.65 लाख एवं देनदारी की राशि रूपये 6343.02 लाख थी। बैंक की परिसंपत्तियों से संबंधित विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बैंक बंद होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक बैंक द्वारा राशि रूपये 2953.73 लाख की वसूली की गई एवं राशि रूपये 5768.53 लाख वसूल किया जाना शेष है। जमाकर्ताओं को राशि रूपये 3954.34 लाख का भुगतान किया गया। (ग) बैंक बंद होने के दिनांक को 29,493 जमाकर्ताओं की कुल जमा राशि रूपये 4155.65 लाख का बीमा था। (घ) जी हाँ।
किसानों को उपज के लिये बीमा
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
146. ( क्र. 7056 ) सुश्री मीना सिंह : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्यानिकी के माध्यम से आजीविका उपार्जन करने वाले किसानों की उपज के लिये बीमा हेतु शासन द्वारा प्रावधान निर्धारित किये गये हैं? प्रावधान की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा क्षेत्र में पिछले तीन वित्तीय वर्ष में प्राकृतिक आपदा के कारण कितने हेक्टेयर भूमि पर लगी कौन-कौन सी फसलें नष्ट हुई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त विधानसभा क्षेत्र में प्रभावित कितने किसानों को किस-किस उद्यानिकी फसल का कितना-कितना मुआवजा विभाग द्वारा दिया गया है?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) उद्यानिकी फसलों के बीमा हेतु मौसम आधारित फसल बीमा योजना क्रियान्वित है, जिसके प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उमरिया जिले में मौसम आधारित फसल बीमा योजना वर्ष 2014-15 से लागू है। मानपुर विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में बीमित फसलों में उद्यानिकी की कोई भी फसल प्राकृतिक आपदा से नष्ट नहीं हुई है। (ग) उत्तरांश (ख) के तारतम्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र निधि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
147. ( क्र. 7057 ) सुश्री मीना सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास कार्यों हेतु विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? यदि हाँ, तो उमरिया जिले में आदिवासी उपयोजना के क्षेत्र कौन-कौन से हैं तथा पिछले दो वित्तीय वर्ष में कितनी-कितनी राशि विभाग को प्राप्त हुई तथा कितनी-कितनी राशि योजनावार उक्त जिले में व्यय की गई। विधानसभा क्षेत्र मानपुर की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि को किन-किन क्षेत्रों में व्यय करने का प्रावधान है? क्या शासन के प्रावधानों के अनुसार ही उक्त राशि व्यय की जा रही है।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। उमरिया जिले में आदिवासी उपयोजना के क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। पिछले दो वित्तीय वर्ष में विभाग को प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। मानपुर विधानसभा क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि को व्यय करने संबंधी प्रावधान बजट मैन्युअल नियमावली 2012 के अध्याय 15 में अंकित दिशा निर्देशों (चेप्टर 15) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शासन के प्रावधानों अनुसार ही उक्त राशि व्यय की जा रही है।
मिलावटी खाद बीज व्यापारिक संस्थाओं पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
148. ( क्र. 7074 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक उर्वरक एवं बीज के कितने नमूने परीक्षण हेतु भेजे गये? इनमें से कितने नमूने मानक एवं अमानक स्तर के पाये गये?। (ख) उर्वरक एवं बीज के जो नमूने अमानक स्तर के पाये गये उनसे संबंधित विक्रेताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? बतावें? (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके क्या कारण हैं? इसके लिए कौन दोषी है बतलावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) मुरैना जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक उर्वरक के 133 नमूने परीक्षण हेतु भेजे गये। जिनमें से 116 नमूने मानक तथा 16 नमूने अमानक स्तर के पाये गये एवं 1 नमूना का परीक्षण परिणाम अप्राप्त है। इसी प्रकार बीज के 137 नमूने परीक्षण हेतु भेजे गये। जिनमें से 120 नमूने मानक एवं 17 नमूने अमानक स्तर के पाये गये। (ख) अमानक पाये गये उर्वरक नमूनों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है एवं बीज नमूनों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) अमानक पाये गये नमूनों के संबंध में कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
योजनांतर्गत अनुदान की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
149. ( क्र. 7083 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य पोषित नलकूप खनन योजना के तहत प्रदेश की सहायता निधि से अनुसूचित जाति/ जनजाति के कृषकों को अनुदान स्वीकृत करने का क्या प्रावधान है? प्रावधान/निर्देश की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जबलपुर जिला अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को कितना अनुदान स्वीकृत किया गया? विधान सभा क्षेत्रवार सूची देवें। (ग) कृषि शक्ति योजना एवं कृषि दूत योजनाओं का विवरण देते हुये बतलावें कि इन योजनाओं से कृषकों को किस प्रकार से लाभांवित किया जा रहा है? उक्त योजना अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी-कितनी राशि से किस-किस ग्राम के कितने कृषक लाभान्वित हुये बतलावें वर्षवार सूची देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राज्य पोषित नलकूप खनन योजना के तहत प्रदेश की सहायता निधि से अनुसूचित जाति, जनजाति के कृषकों को नलकूप खनन पर लागत का 75 प्रतिशत या रू. 25000 में जो भी कम हो तथा सफल नलकूप पर कीमत का 75 प्रतिशत अथवा रू. 15000 में जो भी कम हो अनुदान स्वीकृत करने का प्रावधान है। प्रावधान/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जबलपुर जिला अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक 140 कृषकों को राशि रू. 54.249 लाख का अनुदान स्वीकृत किया गया है। विधानसभा क्षेत्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कृषि शक्ति योजनांतर्गत चयनित यंत्रदूत ग्रामों में नवीन उन्नत कृषि यंत्रों के प्रदर्शन, कृषक प्रशिक्षण, कृषक संगोष्ठी, कृषक भ्रमण (राज्य के अंदर-बाहर) के कार्यक्रमों के माध्यमों से कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहित किया जाता है। इन यंत्रों के उपयोग से कृषकों की लागत में कमी एवं आय में वृद्धि हो रही है। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधान सभा क्षेत्र में यंत्र दूत ग्रामों का चयन नहीं होने से कृषक अभी लाभांवित नहीं हो पाये है।
भूमि विकास बैंक के कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण
[सहकारिता]
150. ( क्र. 7086 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के कर्मचारियों को एक वर्ष से वेतन का नियमित भुगतान नहीं किया गया है? क्यों? जिलेवार कर्मचारियों को भुगतान योग्य लंबित वेतन राशि का विवरण दें। (ख) क्या इन कर्मचारियों के संविलियन हेतु योजना की अवधि एक वर्ष निर्धारित की गई थी? समयावधि समाप्ति दिनांक 21.10.2016 तक कितने कर्मचारियों का जिलेवार अन्य सहकारी संस्थाओं में संविलियन किया गया? (ग) क्या उक्त बैंकों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी राशि का भुगतान नहीं किया गया है? क्यों? कब तक इन कर्मचारियों की वेतन, ग्रेज्यूटी, संविलियन व अनियमित वेतन की समस्याओं का निराकरण किया जावेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। संबंधित जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के द्वारा वेतन भुगतान के लिये आवश्यक राशि की वसूली न करने के कारण वेतन भुगतान नहीं हो सका है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। तत्पश्चात योजना की अवधि दिनांक 30.06.2017 तक बढ़ाई गई है। किसी कर्मचारी का नहीं। (ग) कतिपय जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों द्वारा पर्याप्त राशि की वसूली कर ग्रेच्यूटी के लिये आवश्यक राशि भारतीय जीवन बीमा निगम में जमा नहीं किये जाने से भुगतान लंबित है। ये संस्थायें परिसमापन में हैं तथा परिसमापक द्वारा लेनदारियों की वसूली के उपरान्त निर्धारित की गयी पूर्विक्ता के आधार पर अन्य देनदारियों के साथ-साथ राशि की उपलब्धता के आधार पर कर्मचारियों की देयताओं का यथासंभव निराकरण किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तिलहन उत्पादक सहकारी समितियाँ
[सहकारिता]
151. ( क्र. 7093 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सीहोर एवं होशंगाबाद जिले में कितनी तिलहन उत्पादक सहकारी समितियां वर्ष 1980 में पंजीयन की गई? कितनी तिलहन उत्पादक सहकारी समितियों का परिसमापन किया जा चुका है ओर कितनी समितियां वर्तमान में कार्यरत है? ब्यौरा दें? (ख) भोपाल, सीहोर एवं होशंगाबाद जिले में तिलहन समितियों के पास कहाँ-कहाँ स्वयं के गोदाम, भूमि एवं अचल संपत्तियाँ हैं और वर्तमान में इन सभी सम्पत्तियों का उपयोग अथवा संरक्षण कर रहा है? इन अचल संपत्तियों के संबंध में सहकारिता विभाग की क्या योजना है? (ग) क्या सहकारिता विभाग प्रश्नांश (क) अन्तर्गत इन तिलहन उत्पादक समितियों के संबंध में चल-अचल संपत्तियों जमा पूंजियों लेनदारी एवं देनदारियों पर कोई निर्णय लेगा? (घ) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत इन तिलहन समितियों में सदस्यों की अंशपूजी जमा हैं? क्या तिलहन संघ के अंश क्रय करने हेतु समितियों द्वारा राशि जमा कराई गई थी? क्या शासन इन सदस्यों एवं समितियों की अंशपूजी की राशि वापस करेगा?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) भोपाल, सीहोर एवं होशंगाबाद जिले में वर्ष 1980 में 83 तिलहन सहकारी समितियां पंजीकृत की गई थी, जिसमें से 65 को परिसमापन में लिया जाकर 17 के पंजीयन निरस्ती उपरांत वर्तमान में 48 परिसमापन में एवं 18 अकार्यशील है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भोपाल, सीहोर जिलों की तिलहन समितियों के पास कोई भूमि गोदाम एवं अचल सम्पत्ति नहीं है, होशंगाबाद जिले की 13 समितियों के पास गोदाम, 3 समितियों के पास भूमि अचल सम्पत्ति के रूप में समितियों के कार्यक्षेत्र में है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, इन सम्पत्तियों का कोई उपयोग नहीं कर रहा है, समितियां परिसमापन में होने से संरक्षण परिसमापक द्वारा किया जा रहा है, अचल सम्पत्तियों के संबंध में मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 एवं मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी नियम 1962 के अन्तर्गत परिसमापक द्वारा कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार परिसमापक द्वारा निर्णय लिये जाने का प्रावधान है। (घ) जी हाँ, जी हाँ, शासन द्वारा नहीं अपितु संस्थाओं द्वारा नियमानुसार अंशपूंजी वापस किये जाने के प्रावधान है।
मंडी निधि के कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
152. ( क्र. 7100 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता.प्र.सं. 119, (प्रश्न क्रमांक 1174) दिनांक 22.02.2017 के (क) अनुसार वर्ष 2015-16 के लंबित कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) कार्य में विलंब के लिए संबंधित फर्मों को कब तक ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा? (ग) उपरोक्तानुसार (ग) उत्तर में वर्णित वर्ष 2016-17 के कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में विलंब होने के लिए उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति महिदपुर में वर्ष 2015-16 के लंबित कार्य को पूर्ण कराये जाने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों को उपकरणों का प्रदाय
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
153. ( क्र. 7101 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता.प्र.सं. 120, (प्रश्न क्रमांक 1175) दिनांक 22.02.2017 के (ख) उत्तर में बताया कि वर्ष 2015-16 में लायसेंस वैधता अवधि निकल जाने के बाद भी फर्म ने सप्लाई दी, ऐसा कैसे हो गया? (ख) इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण ( श्री सूर्यप्रकाश मीना ) : (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 120 (प्रश्न क्रमांक 1175) दिनांक 22.02.2017 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिशिष्ट प्रपत्र ब में सरल क्रमांक 3 में टंकण त्रुटि के कारण वर्ष 2015-16 में मेसर्स जैन इरिगेशन सिस्टम लिमिटेड का पंजीयन क्रमांक, पंजीयन दिनांक एवं लायसेंस अवधि त्रुटिपूर्ण दर्ज हो गई है। इस त्रुटि को सुधार उपरान्त संबंधित फर्म का वर्ष 2015-16 में पंजीयन क्रमांक 189, पंजीयन दिनांक 11.06.2014 एवं लायसेंस अवधि 2014-15 से 2016-17 होने के कारण फर्म ने सप्लाई दी है। (ख) उत्तरांश क अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजपुर पलसूद निवाली मार्ग का गुणवत्ताधीन निर्माण
[लोक निर्माण]
154. ( क्र. 7105 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के राजपुर पलसूद निवाली मार्ग की स्वीकृति दिनांक, लागत, निर्माणकर्ता फर्म, कार्य पूर्णता दिनांक सहित देवें। इस निर्माणाधीन मार्ग का निरीक्षण कब-कब व किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? (ख) मार्ग निर्माण मापदंड अनुरूप न होने पर अधिकारियों ने क्या कार्यवाही की? इस मार्ग के गुणवत्ताहीन होने की विभाग कब तक जाँच करायेगा? (ग) कार्य प्रारंभ से 31.01.17 तक निर्माणकर्ता फर्म द्वारा कितने श्रमिकों/कर्मचारियों का कितना पी.एफ. काटा गया? श्रमिक/कर्मचारी नाम, पी.एफ.नंबर, श्रमिक/कर्मचारी अंशदान, नियोक्ता अंशदान सहित माहवार जानकारी देवें। (घ) घटिया निर्माण होने व श्रमिकों/कर्मचारियों का पी.एफ. न काटने पर निर्माणकर्ता फर्म व इसकी निगरानी के लिए उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मार्ग निर्माण कार्य स्वतंत्र सलाहकार के इंजीनियरों की देख-रेख में मापदंड अनुसार ही किया जा रहा है। और समय-समय पर संबंधित वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा मार्ग की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है तथा स्वतंत्र एजेंसी द्वारा मार्ग निर्माण कार्य की गुणवत्ता का सतत निरीक्षण किया जाता है। मार्ग निर्माण कार्य गुणवत्ता में ही किया जा रहा है। अतः कार्यवाही व जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्य प्रारंभ से 31/01/2017 तक निर्माणकर्ता फर्म द्वारा श्रमिको/कर्मचारियो के काटे गये पी.एफ. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) कार्य मानक स्तर का कराया जा रहा है एवं श्रमिकों/कर्मचारियों का पी.एफ. नियमानुसार काटा जा रहा है। अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
निराश्रित शुल्क वसूली के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
155. ( क्र. 7114 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता.प्र.सं. 147, (क्रमांक 7874) दिनांक 31.3.16 में इंदौर एवं खरगोन मंडी की जिन फर्मों पर निराश्रित शुल्क वसूली लंबित होना बताया उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) परि.अता.प्र.सं. 151, (क्रमांक 7885) दिनांक 31.3.16 के संबंध में भी जानकारी देकर बतावें कि कितना निराश्रित शुल्क वसूला गया? (ग) प्रश्न (क) व (ख) अनुसार लंबित निराश्रित शुल्क कब तक वसूला जायेगा? इसे समय पर न वसूलने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति इंदौर एवं खरगोन की जिन फर्मों/व्यापारियों पर निराश्रित शुल्क बकाया है, उन पर मण्डी अधिनियम 1972 एवं उपविधि सन 2000 के प्रावधानों के अंर्तगत वसूली हेतु सूचना-पत्र जारी किए गए हैं। कृषि उपज मंडी समिति इंदौर एवं खरगोन के द्वारा बकाया निराश्रित शुल्क की राशि क्रमश: रूपये 34535363/- एवं रूपये 966226/- की वसूली की गई है। शेष निराश्रित शुल्क की वसूली करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति धामनोद के द्वारा वर्ष 2009-10 से वर्ष 2015-16 तक निराश्रित शुल्क राशि रूपये 7183/- वसूल किया गया है। (ग) संबंधित व्यापारियों को सूचना-पत्र जारी किए गए हैं। मंडी स्तर पर कार्यवाही प्रचलन में है। दोषी अधिकारी/कर्मचारियों की दोषिता का निर्धारण हेतु आंचलिक कार्यालय इंदौर को निर्देशित किया गया है जिसके उपरांत आगामी कार्यवाही हो सकेगी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलाशयों की मरम्मत
[जल संसाधन]
156. ( क्र. 7120 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में सिंचाई जलाशयों में विभाग द्वारा नहरों की मरम्मत की राशि प्रति वर्ष रबी फसल एवं खरीफ फसल में नियमानुसार प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो कटनी जिले के जलाशयवार रबी एवं खरीफ फसल को दी गई राशि का विवरण देवें। (ख) क्या यह राशि निर्वाचित संस्था को दिए जाने का प्रावधान है या फिर विभाग को देने का प्रावधान है? विगत 5 वर्ष में विभाग द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी राशि दी गई और क्या-क्या काम कराए गये? (ग) क्या बहोरीबंद (कूडन) जलाशय की एल.बी.सी. नहर का रबी फसल की वर्ष 2016-17 की राशि नवम्बर माह में निकालकर व्यय की गई है और वर्तमान में नहर मरम्मत के बिना पानी देने लायक नहीं है? (घ) प्रश्न (ख) एवं (ग) में हुए कागजी कार्य से होने वाले कृषकों के नुकसान के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? इस अपव्यय को रोकने के लिए माननीय मंत्री जी कोई ठोस कदम उठाएगें क्या?
जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) नहरों के संधारण हेतु प्रतिवर्ष विभाग द्वारा निर्वाचित संथाओं को अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। जी नहीं वर्तमान में नहर से कृषकों को रबी सिंचाई हेतु पानी दिया जा रहा है। निकाली गई राशि का व्यय नहर संचालन एवं संधारण पर किया जाना प्रतिवेदित है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
सहकारी समितियों के सदस्यों/कर्मचारियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
157. ( क्र. 7121 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) १ अप्रैल २०१३ से प्रश्न दिनांक तक कटनी जिले की किन-किन सहकारी समितियों के कौन-कौन सदस्यों एवं किन-किन कर्मचारियों को अनियमितता का दोषी पाया गया है? कितनी राशि की वसूली किस सदस्य एवं अधिकारी/कर्मचारी से की जाना है? किस अनियमितता की वसूली है वर्षवार, सदस्य एवं अधिकारी/कर्मचारी वार, सदस्यवार, समितिवार बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधित विभाग/समितियों के द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? कितनी राशि की वसूली कब किससे की गई? संबंधित के विरूद्ध अधिरोपित राशि की वसूली न होने के लिए कौन दोषी है, दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? प्रकरणवार बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई? यदि हाँ, तो किन-किन धाराओं के तहत किसके विरूद्ध कब-कब, किस पुलिस थाना द्वारा कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) अनुसार संबंधित विभाग एवं अन्य कोई जाँच की कार्यवाही प्रक्रिया में है? यदि हाँ, तो जाँचकर्ता अधिकारी जाँच का विषय का विवरण दें? जाँच कब तक पूरी कर ली जावेगी?
राज्यमंत्री, सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विवाद विहीन ग्राम योजना 2000
[विधि और विधायी कार्य]
158. ( क्र. 7126 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विवाद विहीन ग्राम योजना 2000 कब से लागू है? (ख) उक्त योजना के अंतर्गत अब तक कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? (ग) उक्त योजना का लाभ ग्वालियर चंबल संभाग के किस-किस जिले के कौन-कौन से ग्रामों को मिला है? (घ) क्या उक्त योजना कागजी साबित हुई है? यदि नहीं, तो प्रदेश को क्या लाभ मिला?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रदेश में विवाद विहीन ग्राम योजना वर्ष 2000 से लागू है। (ख) उक्त योजना के लिए किसी प्रकार की राशि व्यय नहीं की गई है। क्योंकि योजनांतर्गत जिला विधिक सहायता अधिकारी चयनित ग्राम के सरपंच, सचिव एवं पटवारी, संबंधित ग्राम के थाना प्रभारी के सहयोग से विवादों की सूची तैयार कर अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति के मार्गदर्शन में ऐसे प्रकरणों का निपटारा आपसी सूझबूझ/सुझाव के माध्यम से किया जाता है। ऐसे विवाद जो न्यायालय में विचाराधीन है उन्हें स्वयंसेवी सेवादल के माध्यम से लोक अदालत/न्यायालय के माध्यम से जल्द निपटाये जाने का प्रयास किया जाता है। (ग) ग्राम टेंहटा हिम्मतगढ़, जिला शिवपुरी (दिनांक 15.10.2001) , ग्राम सलैया, तहसील करैरा, जिला शिवपुरी (दिनांक 26.07.2001), ग्राम बदरवास, तहसील पिछोर, जिला शिवपुरी (दिनांक 10.08.2001), ग्राम खरई, तहसील कोलारस, जिला शिवपुरी (दिनांक 16.07.2001) , ग्राम मड़खेड़ा, तहसील पोहरी, जिला शिवपुरी (दिनांक 10.07.2001) (घ) जी नहीं। विवाद विहीन ग्राम योजना का उददेश्य ग्रामों में निवास कर रहे समस्त निवासी एवं अनुसूचित जाति, जनजाति तथा आर्थिक या अन्य निर्योग्यता धारक व्यक्तियों के ग्रामों को विवाद विहीन बनाने के लिए आपसी सूझबूझ व समझौता द्वारा निपटाना व उनकी विधिक समस्याओं का निराकरण कराना और विधिक सहायता प्रदान करना तथा ऐसे ग्रामों के द्वारा अन्य ग्रामों को विवाद रहित ग्राम बनाने के लिए विधिक साक्षरता शिविरों द्वारा प्रेरित करना था। चूंकि मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाएं यथा पारिवारिक विवाद समाधान केन्द्र, विधिक सहायता/सलाह, विधिक साक्षरता शिविर, लीगल एड क्लीनिक, जिला विधिक परामर्श केन्द्र आदि संचालित है, जिनके अंतर्गत विविध प्रकार से नि:शुल्क विधिक सहायता/सलाह प्रदान की जाती है एवं आमजन को जागरूक कर लाभांवित किया जाता है। इसलिए विवाद विहीन ग्राम योजना को वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र योजना के साथ समाहित कर देखा जावे तो आमजन को निरंतर लाभ मिल रहा है।