मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
बुधवार, दिनांक 22 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
स्कूल भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
1. ( *क्र. 902 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत टोंककला में हायर सेकेण्ड्री स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल भवन स्वीकृत किया गया था? (ख) क्या ग्राम टोंककला में करीब 8 वर्ष पूर्व स्कूल भवन स्वीकृत होकर निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था, जिसका कार्य अधूरा ही छोड़ दिया गया, जिसके कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्या शासन छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उक्त अधूरे स्कूल भवन को पूरा करने हेतु राशि स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत टोंककला में हायर सेकेण्डरी स्कूल का भवन दिनांक 15.01.2007 को स्वीकृत किया गया था। (ख) जी हाँ। निर्माण कार्य अपूर्ण है। शासकीय उ.मा.वि. टोंककला जिला देवास का संचालन माध्यमिक विद्यालय के भवन में किया जा रहा है। (ग) भवन निर्माण हेतु पुनरीक्षित तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही विचाराधीन है, बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राज्य बीमारी सहायता योजना से लाभांवित हितग्राही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
2. ( *क्र. 6014 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री राज्य बीमारी सहायता योजना कब से लागू की गई व दमोह जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने लोग लाभांवित हुए हैं? कुल संख्या अलग अलग विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस योजना में योजना के लागू होने से दमोह जिले में आज तक शासन द्वारा कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस योजना में पथरिया विधानसभा में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक लाभांवित लोगों की संख्या ग्रामवार बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में राज्य बीमारी सहायता निधि योजना 02 सितम्बर 1997 से लागू की गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
छतरपुर जिलांतर्गत छात्रावासों में व्यय राशि
[स्कूल शिक्षा]
3. ( *क्र. 2319 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में विकासखण्डवार वर्ष 2014-15 से जनवरी 2017 तक मदवार, वर्षवार कितनी राशि का व्यय किया गया? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या जो व्यय किया गया उसमें गंभीर अनियमितताएं प्रकाश में आयीं तथा प्रमाणित पाईं गईं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? जानकारी दें। (ग) क्या 11 वर्ष तक लगातार छात्रावास में वार्डन का अतिरिक्त प्रभार सहायक अध्यापिका तथा अन्य अध्यापिका को दिया गया जिसको कलेक्टर छतरपुर ने आदेश क्र. 141, दि. 11.01.2017 को प्रमाणित किया? (घ) यदि हाँ, तो अब तक जो अतिरिक्त प्रभार लगातार चलता रहा, उसमें कौन-कौन दोषी है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में विकास खण्डवार वर्ष 2014-15 से जनवरी 2017 तक की मदवार वर्षवार राशि का व्यय पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) वार्डन पद के प्रभार हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रांसफार्मर हेतु अनुदान
[आदिम जाति कल्याण]
4. ( *क्र. 6199 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों को खेती के लिये ट्रांसफार्मर लगवाये जाने हेतु अनुदान राशि दिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सागर जिले में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों ने ट्रांसफार्मर लगवाये जाने के लिये अनुदान राशि की मांग की थी? कितने कृषकों को अनुदान राशि स्वीकृत की जाकर ट्रांसफार्मर हेतु विभाग द्वारा राशि उपलब्ध न कराये जाने के कारण प्रकरण लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। अनुसूचित जाति तथा जनजाति के कृषकों के कूपों तक विद्युत लाईन का विस्तार किया जाता है। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. वक्फ बोर्ड में ऑडिटर की नियुक्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
5. ( *क्र. 6616 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड अधिनियम के अनुसार ऑडिटर नियुक्त/पदस्थ किए जाने का नियम है? यदि हाँ, तो ऑडिटर की क्या-क्या योग्यता होनी चाहिये तथा प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन ऑडिटर के पद पर पदस्थ हैं? (ख) मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल में किन किन ऑडिटर को किस-किस योग्यता के अनुसार पदोन्नति दी गई? क्या पदोन्नत ऑडिटर पदोन्नति की पात्रता रखते हैं? यदि हाँ, तो पदोन्नति हेतु शासन के क्या-क्या निर्धारित मापदण्ड हैं? प्रति उपलब्ध करावें और पात्रता नहीं होने के बावजूद अवैध रूप से पदोन्नति प्राप्त करने वाले तथा देने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? (ग) यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। ऑडिटर की योग्यता हेतु वक्फ बोर्ड जवाबित (रेगुलेशन) 1964 के नियम 36 (2) तथा बोर्ड रेगुलेशन दिनांक 18 नवंबर 1987 एवं दिनांक 09.07.1994 द्वारा कर्मचारी को लेखा परीक्षा पास करना अनिवार्य किया गया। प्रश्न दिनांक की स्थिति में वक्फ बोर्ड में एक सीनियर ऑडिटर श्री जिल्लुर्रहमान पदस्थ है। (ख) मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड के किसी ऑडिटर को पदोन्नति नहीं दी गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्त (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में अंगदान हेतु नीति का निर्धारण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
6. ( *क्र. 6581 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सभी अस्पतालों को मरीजों के "ब्रेन स्टेम डेथ" की जानकारी प्रशासन को देना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो 01 जनवरी 2014 के पश्चात् किन-किन चिकित्सालयों ने किन-किन मरीजों की जानकारी प्रशासन को किस-किस दिनांक को दी? (ख) प्रदेश में अंगदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? 01 जनवरी 2010 के पश्चात् कितने-कितने ब्रेन डेथ मरीजों या अन्य मरीजों के अंगों को मृत्यु उपरांत उनके परिजनों की सहमति से प्रदेश में कहाँ-कहाँ अंगदान किया गया? प्रदेश में जिन परिवारों ने अपने परिजनों की ब्रेन डेथ से मृत्यु उपरांत अंगदान का सहमति पत्र भरा? उनकी सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) संदर्भित अंगदान करने के पश्चात् अंग प्राप्त करने की प्राथमिकता क्या है? कैसे किन मरीजों को अंग प्रत्यारोपण हेतु प्राथमिकता से चुना जाता है? क्या इसके लिए परिजन की सहमति भी आवश्यक है? (घ) प्रदेश में अनुमानत: 1 वर्ष में कितने मरीजों के ब्रेन डेथ होते हैं? इनका कितना प्रतिशत अंगदान किया जाता है? इसका आंकलन विभाग द्वारा कब-कब,किस-किस अधिकारी ने किया? क्या इस हेतु प्रदेश में भी महाराष्ट्र, तमिलनाडु की तर्ज पर "आर्गन डोनेशन सोसायटी" खोलने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलन में है, जो परिजनों को अंगदान के महत्व को समझा सके?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राथ./माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों का अन्यत्र पदांकन
[स्कूल शिक्षा]
7. ( *क्र. 6147 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर के आदेश क्रमांक/स्थानां./स्था. 3/2015/7151 जबलपुर दिनांक 11.06.2015 के द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थ 02 सहायक शिक्षकों का पदांकन राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान एवं अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर में किया गया? (ख) क्या राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान एवं अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर में प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों के सहायक शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो संकायवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थ सहायक शिक्षकों को उक्त संस्थान में पदांकित करने का क्या औचित्य है? क्या उक्त सहायक शिक्षकों को किया जा रहा वेतन भुगतान आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो वेतन भुगतान के लिये कौन दोषी है? (घ) प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहा है? क्या संस्थान में सहायक शिक्षक के पद स्वीकृत न होने के बावजूद भी पदांकित किये गये सहायक शिक्षकों के आदेश निरस्त किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है परीक्षणोपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
विमुक्त, घुमक्कड़ जनजाति बस्तियों का विकास
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
8. ( *क्र. 6029 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक खरगोन जिले से किस-किस योजनान्तर्गत कौन-कौन से कार्य के प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गये? माह फरवरी 2017 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गए? कौन-कौन से लंबित हैं एवं क्यों? स्वीकृत राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें। कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात् अभी तक किस कारण से अप्रारंभ हैं और क्यों? तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) प्रश्नांकित (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा शासन एवं विभागीय स्तर पर विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण विभाग को किस-किस कार्य एवं निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण हैं? कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन हैं? कौन-कौन से स्वीकृत हैं? योजनान्तर्गत कार्यवार नाम सहित बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त लंबित कार्यों की स्वीकृति इसी वित्तीय बजट में जारी की जायेगी? हाँ तो समय-सीमा बतावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक खरगोन जिले से विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत प्रेषित प्रस्ताव, लंबित प्रस्ताव, स्वीकृति की राशि एवं निर्माण एजेन्सी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। कोई भी स्वीकृत कार्य अप्रारंभ नहीं है। वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण अतिरिक्त प्रस्तावों की स्वीकृति नहीं दी गई। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये प्रस्ताव की सूचना सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास खरगोन द्वारा उनके पत्र क्र./1687/आदिम/निर्माण/17, खरगोन दिनांक 17.02.2017 द्वारा दी गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार अंकित कार्यों की तकनीकी स्वीकृति मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, कसरावद से चाही गई है। (ग) वर्ष 2016-17 में जिले को 11 कार्यों के लिये राशि रूपये 49.00 लाख आवंटित की गई है। सीमित बजट प्रावधान होने के कारण जिले से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार सभी कार्यों के लिये आवंटन दिया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों के उपयोगार्थ पलंगों का नियम विरूद्ध क्रय
[स्कूल शिक्षा]
9. ( *क्र. 6293 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्व शिक्षा अभियान से संचालित बालिका छात्रावास उमरी विकासखण्ड जोबट एवं बालिका छात्रावास बेहड़वा विकासखण्ड चन्द्रशेखर आजाद नगर जिला अलीराजपुर में छः सात वर्ष पूर्व लोहे के पलंग क्रय किये गये थे? यदि हाँ, तो किस संस्था से एवं इनका भुगतान किया गया है। (ख) यदि पलंग क्रय नहीं किये गये हैं तो उक्त छात्रावासों में पलंग कहाँ से आये। पलंगों को छात्रावासों में किसकी अनुमति से रखा है? यदि अनुमति है तो अनुमति की छायाप्रति बताएं। (ग) क्या वर्तमान में भी पलंग बालिका छात्रावासों में रखे हुए हैं? यदि हाँ, तो इसका औचित्य क्या है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। (ग) प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
विकासखण्ड कुसमी में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( *क्र. 2075 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के विकासखण्ड कुसमी में 30 बिस्तरों वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है? यदि हाँ, तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हेतु भवन निर्माण के लिये पूर्व में स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि नहीं, तो क्या भवन निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान करेंगे? (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुसमी/मझौली के लिये चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में से कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी? (ग) सीधी जिले के विकासखण्ड कुसमी/मझौली में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र-भुईमाड़, टमसार, पोड़ी, मड़वास, डांगा, खड़ौरा, पाड़, नौढ़िया एवं ताला में संचालित हैं? इनमें से कितने भवनविहीन हैं? भवनविहीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये भवन निर्माण कब तक करा दिये जायेंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने पद स्वीकृत/भरे/रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जाएगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। पूर्व में 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सहित आवासीय भवन निर्माण के लिए दिनांक 06.01.2013 को शासन द्वारा राशि रुपये 65.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी, किन्तु भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण अस्पताल भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। मात्र आवास भवन निर्मित हुए हैं। भूमि उपलब्ध होने पर परीक्षण उपरांत वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार नियमानुसार अस्पताल भवन निर्माण स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। चिकित्सा अधिकारी के 1986 पदों हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से साक्षात्कार की कार्यवाही प्रचलन में है चयन सूची प्राप्त होने पर उपलब्धता अनुसार चिकित्सकों की पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। इनमें से एक मात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पाड़ भवन विहीन है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पाड़ के भवन निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध होने के उपरांत वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार भवन निर्माण स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। चिकित्सा अधिकारी के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से साक्षात्कार की कार्यवाही प्रचलन में है। पद पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अतंर्गत प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( *क्र. 6243 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर, पन्ना जिले को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अतंर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी व्यय की गई? व्यय राशि का मदवार एवं गतिविधिवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में व्यय की गई राशि के संबंध में क्या भण्डार क्रय नियमों का पालन वित्तीय सीमा में किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई व्यय राशि के संबंध में जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित कर अनुमोदन लिया गया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें? (घ) व्यय राशि के संबंध में क्या सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराया जावे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में छतरपुर एवं पन्ना जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत प्राप्त तथा व्यय राशि का विवरण निम्नांकित है :-
जिले का नाम |
2014-15 |
2015-16 |
2016-17 |
|||
प्राप्त रशि |
व्यय |
प्राप्त राशि |
व्यय |
प्राप्त राशि |
व्यय |
|
छतरपुर |
274718872 |
272256179 |
317469250 |
315226383 |
310405553 |
219662010 |
पन्ना |
237508174 |
256543408 |
248721140 |
240355678 |
231101639 |
158911043 |
व्यय राशि की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जिला पन्ना द्वारा जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित कर अनुमोदन लिया गया है, इसका तत्संबंधी ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जिला छतरपुर द्वारा जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित नहीं की गई। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
संविदा व्याख्याताओं का नियम विरूद्ध नियमितीकरण
[आयुष]
12. ( *क्र. 3577 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन अन्तर्गत आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में संविदा व्याख्याताओं के आरक्षित पदों के विरूद्ध नियमित किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत नियमित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो संविदा व्याख्याताओं को आरक्षित पदों के विरूद्ध नियमित कर वेतन देने के प्रावधान/नियम क्या हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं, तो इन्दौर जिला अन्तर्गत नियम विरूद्ध संविदा व्याख्याताओं को आरक्षित पदों के विरूद्ध कहाँ-कहाँ नियमित किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या शासन नियम विरूद्ध संविदा व्याख्याताओं को नियमित करने वाले दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नियमितीकरण दिनांक को पद आरक्षित नहीं थे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला शिक्षा अधिकारी सतना के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
13. ( *क्र. 1677 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्रमांक स्था.1/सतर्कता/सी/सतना/2016/815 दिनांक 05.08.2016 के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी सतना को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी को किन-किन अनियमितताओं के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था? कारण बताओ सूचना पत्र का विवरण भी दें? (ग) उक्त प्रकरण में अन्य कौन-कौन आरोपी हैं? उन अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं पद भी बतायें? (घ) उक्त प्रकरण में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 19 का उल्लंघन करने का दोषी मानते हुए उक्त सभी आरोपियों को कब तक निलंबित करते हुए की गयी गंभीर अनियमितता की विभागीय जाँच प्रस्तावित की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) श्री कमलसिंह कुशवाह, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला सतना को एक अन्य प्रकरण में विभागीय आदेश दिनांक 10.03.2017 द्वारा निलंबित किया जाकर आगामी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अस्पतालों द्वारा सामग्री का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( *क्र. 5355 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में स्थित समस्त शासकीय अस्पतालों में वर्ष 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न तिथि तक क्या-क्या सामग्री क्रय की गई? माहवार, वर्षवार, राशिवार, सामग्रीवार, अस्पतालवार, जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सामग्री किस-किस फर्म से कितनी-कितनी दर से खरीदी गई? खरीदी गयी सामग्री का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थान एवं समयानुसार उक्त सभी सामग्री की गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में स्थित समस्त शासकीय अस्पतालों में वर्ष 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न तिथि तक सामग्री की जानकारी माहवार, वर्षवार, राशिवार, सामग्रीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में अनुसार उल्लेखित क्रय की गई सामग्री की फर्म का नाम, मात्रा एवं दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खरीदी गई सामग्री का भुगतान ई-भुगतान के रूप में किया गया है। (ग) क्रय की गई सामग्री उपार्जनकर्ता अभिकरण जैसे म.प्र. हथकरघा एवं बुनकर संघ, म.प्र. खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं लघु उद्योग निगम द्वारा गुणवत्ता परीक्षण उपरांत प्रदाय किए जाते हैं। निविदा के आधार पर सामग्री क्रय होने पर आई.एस.आई./आई.एस.ओ./सी.ई. सर्टिफाईड सामग्री क्रय की जाती है। प्राप्त सामग्री का उपयोग जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में किया जा रहा है। हितग्राही मूलक सामग्री को स्वास्थ्य संस्था से सीधे हितग्राही को पंजी में दर्ज कर प्रदाय किया जाता है।
स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत नियुक्त कर्मचारियों को पी.एफ. राशि का भुगतान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. (*क्र. 6806 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में वर्ष 2012 से 2016 तक स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत किस-किस मद से कितने कर्मचारियों को किस कार्य हेतु किस स्तर से अस्थायी तौर पर किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों में नियुक्त किया गया अथवा उन्हें रखा गया और उन्हें कितनी राशि किस मद से प्रतिमाह भुगतान की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या इन नियुक्त/रखे गये कर्मचारियों के मासिक मानदेय/पारिश्रमिक/वेतन से कोई पी.एफ. की राशि कटौती की गयी है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की कटौती की जाकर उनके पी.एफ. खाते में जमा है? (ग) क्या स्वास्थ्य केन्द्रों में रखे गये सफाई कर्मियों का प्रतिमाह मानदेय/पारिश्रमिक का भुगतान हो रहा है? नहीं तो क्यों और यदि हाँ, तो प्रतिमाह भुगतान की जानकारी देवें? यदि इनके मानदेय/पारिश्रमिक से कोई पी.एफ. काटी गयी है तो इसका भी विवरण दें? (घ) क्या प्रश्नकर्ता को उपरोक्त के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 111, दिनांक 31.01.2017 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिन्दवाड़ा को प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो इस पत्र में किन-किन शिकायतों का उल्लेख है? इस शिकायत पर किस स्तर से क्या कार्यवाही हुई है? क्या संबंधित को उसके पी.एफ. राशि का भुगतान करा दिया गया, नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एन.एच.एम. मद से 479 एवं रोगी कल्याण समिति मद से 331 अस्थायी कर्मचारी उनके पद अनुसार कार्य हेतु नियुक्त किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। आउट सोर्स से रखे गए कर्मचारियों की ठेकेदार द्वारा काटी गई पी.एफ. की राशि का भुगतान न करने का शिकायत में उल्लेख है। जिला स्तर से सी.एम.एच.ओ द्वारा जाँच कमेटी गठित कर जाँच प्रक्रियाधीन है, एजेंसी का ठेका अक्टूबर 2016 से समाप्त कर दिया गया है। कर्मचारी के पी.एफ. की राशि का भुगतान करने हेतु संबंधित फर्म को निर्देश दिए गए हैं।
लंबित जाँच प्रतिवेदनों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( *क्र. 4895 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर कलेक्टर, बालाघाट मंजूशा राय द्वारा मच्छरदानी खरीदी में हुई वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में हुई जाँच के पश्चात् जाँच प्रतिवेदन शासन तथा विभाग स्तर पर लंबित है? प्रकरण सहित जानकारी दें। (ख) विगत 5 वर्षों में नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले के आदिवासी क्षेत्रों में निवाली मेडिकेटेड धागों से बनी मच्छर दानी की खरीद कब-कब तथा किस-किस सप्लायर के द्वारा की गयी? (ग) क्या खरीदी सी.एम.एच.ओ. के द्वारा की जानी थी, किन्तु दो बार एन.आर.एच.एम. के प्रबंध संचालकों द्वारा तथा एक बार बालाघाट के तत्कालीन कलेक्टर द्वारा की गयी? खरीदी हेतु एल.यू.एन. को दिये गये आदेश एवं इस मामले की जाँच कब-कब तथा किसके द्वारा हुई तथा जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, कलेक्टर, बालाघाट द्वारा मच्छरदानी खरीदी में हुई वित्तीय अनियमितता संबंधी प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत कराये जाने के पश्चात् प्रतिवेदन संचालनालय को प्रेषित किये जाने के पश्चात् उक्त प्रकरण का जाँच प्रतिवेदन, संचालनालय के पत्र दिनांक 14.11.2014 द्वारा तैयार कर विभाग की ओर प्रेषित किया तथा मच्छरदानी खरीदी के संबंध में लोकायुक्त कार्यालय में जाँच प्रकरण क्र.19/12 पंजीबद्ध होने के पश्चात् उक्त प्रकरण में विभाग द्वारा उनके आदेश दिनांक 21.04.2016 द्वारा डॉ. अमरनाथ मित्तल, तत्कालीन संचालक, स्वास्थ्य सेवायें के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई जो प्रचलन में है। (ख) विगत 05 वर्षों में नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले के आदिवासी क्षेत्रों में निवाली मेडिकेटेड धागों से बनी मच्छरदानी का क्रय नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झाबुआ जिले में प्राप्त आवंटन/व्यय
[आदिम जाति कल्याण]
17. ( *क्र. 3145 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में आदिवासी विकास विभाग को विभिन्न मदों में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ है? (ख) उक्त बजट को पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में किन-किन कार्यों में व्यय किया गया तथा उस पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कार्यवार जानकारी देवें। (ग) झाबुआ जिले में विगत दो वर्षों में (वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17) अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत कितना बजट प्राप्त हुआ है? उक्त बजट से विभाग द्वारा पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य करवाये गये? (घ) जन प्रतिनिधि की अनुशंसा पर स्वीकृत किये गये कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' में वर्णित अनुसार है।
नर्सिंग कौंसिल में आरक्षित पदों पर भर्ती
[चिकित्सा शिक्षा]
18. ( *क्र. 6631 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा विशेष भर्ती अभियान के तहत नर्सिंग कौंसिल में आरक्षित पदों के विरूद्ध भर्ती की है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों के दौरान किन-किन पदों पर कितने कर्मचारियों की भर्ती की गई। (ख) क्या विशेष भर्ती अभियान के अंतर्गत चयनित होने पर परिवीक्षा पर नियुक्त करने के पूर्व तीन माह की नियुक्ति के आदेश जारी करने के संबंध में शासन द्वारा कोई निर्देश जारी किए गए हैं? यदि नहीं, तो कौंसिल द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित विभिन्न सवंर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति 3 माह में करने तथा उसके पश्चात् परिवीक्षा पर नियुक्ति के आदेश जारी करने का क्या आधार है। (ग) क्या रजिस्ट्रार द्वारा आरक्षित वर्ग के विशेष भर्ती अभियान के अंतर्गत नियुक्ति प्राप्त कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद भी बिना परिवीक्षा अवधि में वृद्धि किए उन्हें नियम विरूद्ध वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत करने में अनावश्यक विलम्ब किया जा रहा है? (घ) क्या रजिस्ट्रार के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारी की सेवा पुस्तिका आज दिनांक तक कौंसिल कार्यालय को प्राचार्य, नर्सिंग कालेज इंदौर द्वारा उपलब्ध न कराई जाकर उनके नियंत्रण में कार्यरत न होने के बाद भी रजिस्ट्रार को नियम विरूद्ध बिना सक्षम स्वीकृति के वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत की जाकर उन्हें उपकृत किया जा रहा है, इसके लिए विभाग संबंधित की जिम्मेदारी निर्धारित कर नियम विरुद्ध वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत करने के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो, कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। सहायक ग्रेड-3 के 01 पद पर भर्ती की गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला शिवपुरी को प्राप्त राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
19. ( *क्र. 6549 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा विगत तीन वर्ष में कितनी राशि बजट में आवंटित की जाकर मध्यप्रदेश के जिलों को दी गई? राशि में राज्य एवं केन्द्र सरकार की राशि भी शामिल होकर दर्शाई जावे? (ख) उपरोक्त जिलों को देय राशि में से जिला शिवपुरी को कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) जिला शिवपुरी को प्राप्त राशि में से जनपद पंचायत करैरा व नरवर, जिला शिवपुरी को कितनी राशि प्राप्त हुई व प्राप्त राशि में से क्या-क्या कार्य कराये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में व्यय की गई राशि में से किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा निर्माण आदि कार्यों की अनुशंसा की गई, की जानकारी कार्य विवरण, अनुशंसित व्यक्ति का नाम व पद, प्रदाय राशि, दिनांक आदि सहित दी जावे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
नर्सिंग होम में बायो मेडिकल अपशिष्ट निवारण की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( *क्र. 2022 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्सिंग होम के संचालन के पंजीयन के लिए कौन-कौन सी शर्तें हैं? प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। रीवा शहर में कितने पंजीकृत नर्सिंग होम संचालित हैं? उनका पूरा विवरण तथा उनकी पदस्थापना वर्ष सहित बतावें। (ख) क्या नर्सिंग होम संचालन के लिए पंजीयन बावत् बायो मेडिकल अपशिष्ट निवारण की व्यवस्था आवश्यक है? यदि हाँ, तो रीवा शहर में संचालित नर्सिंग होम में कितने स्थानों पर मेडिकल अपशिष्ट निवारण की व्यवस्था है? (ग) रीवा शहर में संचालित सभी नर्सिंग होम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कब-कब जाँच की गई? तारीख सहित अधिकारी का नाम बताएं, जिसके द्वारा जाँच की गई है? क्या उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा रीवा शहर में संचालित सभी नर्सिंग होम की जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिले के समस्त नर्सिंग होम का अपशिष्ट मेसर्स इन्डोवाटर मेनेजमेन्ट एण्ड पाल्यूशन कन्ट्रोल कॉर्पोरेशन, सतना द्वारा किया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। बायोमेडिकल अपशिष्ट निवारण के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी प्रदूषण निवारण मण्डल एवं उनके अधिकारियों की है। उनके द्वारा इस हेतु नियमित निरीक्षण किया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय कटनी में चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( *क्र. 6590 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय कटनी में चिकित्सकों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं एवं उनमें से कितने रिक्त एवं कितने भरे हुए हैं? (ख) जिला चिकित्सालय कटनी में कुल कितने मरीजों के इलाज हेतु भर्ती किये जाने की व्यवस्था है एवं मरीजों के कुल इलाज हेतु भर्ती किये जाने की सुविधा से दुगनी संख्या तक में मरीज इलाज हेतु अधिकांश भर्ती करने पड़ते हैं। (ग) क्या कटनी जिला चिकित्सालय में आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के कारण इलाज हेतु बड़ी संख्या में मरीजों के आने एवं चिकित्सकों की संख्या में कमी के कारण इलाज में हो रही कमियों को ध्यान में रख्ाते हुए चिकित्सकों के रिक्त पदों पर जल्द से जल्द पूर्ति किये जाने के आदेश प्रदान किए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो कारण बतायें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में 200 बिस्तर चिकित्सालय संचालित हैं, मरीजों की अधिक संख्या के दृष्टिगत विभाग द्वारा दिनांक 12.10.2015 के द्वारा जिला चिकित्सालय, कटनी का उन्नयन 200 बिस्तर से 350 बिस्तरीय चिकित्सालय में किया गया है एवं भवन निर्माण हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, भवन निर्माण उपरांत पर्याप्त मात्रा में बिस्तर उपलब्ध हो जावेंगे। (ग) जी हाँ। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 पदों हेतु विज्ञापन जारी किया गया था, दिनांक 07.03.2017 को 726 चिकित्सकों की चयन सूची प्राप्त हो चुकी है। चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी आदेश यथाशीघ्र जारी किए जावेंगे।
जनपद पंचायत जतारा के स्कूलों में पदस्थ विकलांग शिक्षक
[स्कूल शिक्षा]
22. ( *क्र. 5968 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत, जतारा के अंतर्गत कुल स्कूलों में कार्यरत विकलांग शिक्षकों, सहायक शिक्षकों एवं शिक्षाकर्मी वर्ग-1, वर्ग-2 के नाम, कार्यरत स्थलों के नाम एवं उनकी विकलांगता का प्रतिशत उनके द्वारा संलग्न चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर देवें। (ख) जनपद पंचायत, जतारा के अंतर्गत स्कूलों में पदस्थ विकलांग शिक्षकों द्वारा जो विकलांग प्रमाण पत्र विकलांग हित लाभ लेने हेतु नौकरी में प्रस्तुत किये गये, उन विकलांग प्रमाण पत्र बनाने वाली संस्थानों के नाम, प्रमाण पत्र क्रमांक व जारी होने की तिथि प्रत्येक शिक्षक का नामवार बतायें। (ग) जनपद पंचायत, जतारा के अंतर्गत पदस्थ शिक्षकों द्वारा नौकरी के समय शिक्षा विभाग को देय विकलांगता प्रमाण पत्र के अनुसार विकलांगता आज भी यथावत है कि नहीं, बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नियुक्ति के समय प्रस्तुत विकलांगता प्रमाण-पत्र एवं वर्तमान विकलांगता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा शाला शिक्षकों का वेतन निर्धारण
[स्कूल शिक्षा]
23. ( *क्र. 5890 ) श्री रामपाल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर (जिला शिक्षा केन्द्र) शहडोल के पत्र क्र./जि.शि.के./ई.जी.एस.-सं.शा.शि.वर्ग-3/2014/260 दिनांक 05.03.2015 द्वारा ई.जी.एस. गुरूजी को संविदा शिक्षक वर्ग 03 के पद पर नियोजन किया गया है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो उपरोक्त आदेशानुसार प्रश्न दिनांक तक नियोजित कर्मचारियों का वेतन निर्धारण करते हुये एरियर्स का भुगतान जिला शहडोल में कर्मचारियों को कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब से और कितनी राशि दी गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक दी जावेगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन के नियमानुसार पदस्थापना दिनांक से संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 को रूपये 5000/- मासिक का भुगतान किया जा रहा है। वेतन निर्धारण एवं एरियर्स के भुगतान का प्रावधान संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 को नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. शासन की अनु. जनजाति की सूची में दर्ज जातियां
[आदिम जाति कल्याण]
24. ( *क्र. 4076 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन की अनुसूचित जनजाति की सूची क्रमांक 16 एवं 29 में कौन-कौन सी जातियां दर्ज हैं? क्या प्रदेश में ढीमर जाति की उपजातियां बर्म्मन, केवट, कहार, मल्लाह, रैकवार, पबेहा, सोधिया, भोई, कश्यप, मांझी निवास करती हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ढीमर समाज की उपजातियां काफी समय से अनुसूचित जनजाति की सूची क्रमांक 16 पर उल्लेखित गोंड जाति की विभिन्न उपजातियों की तरह अनुसूचित जनजाति की सूची क्रमांक 29 में दर्ज करने की काफी समय से मांग करते आ रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त न्यायोचित मांग को उचित मानते हुये तत्संबंध में आवश्यक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) म.प्र. की अनुसूचित जनजाति की सूची में सरल क्रमांक 16 पर गोंड अन्य उपजातियों सहित एवं क्रमांक 29 पर माझी दर्ज है। शेष प्रश्नांश जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) माझी एवं मझवार अनुसूचित जनजाति के समान अन्य जातियों जैसे धीवर, केवट, कहार, भोई, मल्लाह, निषाद आदि को अनुसूचित जनजाति अधिसूचित करने संबंधी मांग शासन से की जाती रही है। जिसके संबंध में समय-समय पर समुचित परीक्षण किया गया। परीक्षणोपरान्त स्पष्ट हुआ है कि मध्यप्रदेश राज्य की अनुसूचित जनजाति की सूची में क्रमांक 29 पर अधिसूचित माझी जनजाति से केवट, कहार, सोंधिया, भोई, कश्यप, निषाद आदि जातियों की साम्यता नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनु. जाति/जनजाति बाहुल्य ग्रामों में विकास कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
25. ( *क्र. 1605 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी अंतर्गत कितने ग्राम एवं वार्ड (शहरी) आदिम जाति कल्याण विकास विभाग में चिन्हित हैं, जिनमें संबंधित विभाग द्वारा विकास कार्य कराने के क्या प्रावधान हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी में संबंधित विभाग द्वारा सन् 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने विकास कार्य स्वीकृत किये गये? कितने प्रस्तावित हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य ग्रामों में किस-किस कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (घ) बालाघाट जिले को वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र एवं राज्य शासन से उक्त विभाग को कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि का उपयोग किन-किन कार्यों में किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। बस्ती विकास योजना 2005, यथा संशोधित 2014 अनुसार नियमानुसार विकास कार्य स्वीकृति के प्रावधान हैं। त्वरित संदर्भ हेतु नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) तथा (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ''स'' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
चिकित्सा
महाविद्यालय
जबलपुर में
कार्यरत आकस्मिक
श्रमिकों की
सेवा बहाली
[चिकित्सा शिक्षा]
1. ( क्र. 119 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में विगत 15 से 20 वर्षों से कार्यरत आकस्मिक श्रमिकों को सेवा से पृथक किए जाने के संबंध में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा म.प्र. भोपाल के पत्र क्र. 64, दिनांक 05-02-2016 के द्वारा सेवा से पृथक किये गये आकस्मिक श्रमिकों को पुन: सेवा में लिये जाने हेतु जानकारी/प्रस्ताव मांगे गये थे? (ख) यदि हाँ, तो, इन कर्मचारियों को सेवा में लेने हेतु क्या निर्णय लिया गया हैं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) सेवा में वापिस लिये जाने संबंधी निर्णय नहीं लिया गया है।
अनुसूचित जाति एव जनजाति छात्रावासों के उन्नयन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
2. ( क्र. 120 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कक्षा 1 से 10 वीं तक के लिए कितने छात्र एवं छात्राओं के छात्रावास हैं क्या पूर्व में इन छात्रावासों में कक्षा 12 वीं तक के छात्र/छात्राओं को यह प्रवेश दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त निर्णय की प्रति दी जावे। (ख) अनुसूचित जाति एव जनजाति छात्रावासों की सीटवार संख्या दी जाय। बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में कितने एस.टी.एस.सी. छात्रावास हैं पृथक-पृथक सीट सहित जानकारी दी जावे। इन छात्रावासों का उन्नयन कब किया गया? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा इन छात्रावासों का उन्नयन किये जाने के संबंध में कितने पत्र शासन को लिखे गए हैं, इन प्राप्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इन छात्रावासों में छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्नयन किये जाने के सम्बन्ध में क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक उन्नयन किया जावेगा? यदि नहीं, तो न किये जाने के क्या कारण रहे हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) खरगोन जिले के अंतर्गत संचालित छात्रावासों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्र/छात्राओं को प्रवेश नहीं दिया जाता है। खरगोन जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित 42 प्री-मैट्रिक छात्रावासों में 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया गया है। अनुसूचित जनजाति के 63 प्री-मैट्रिक एवं 04 पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है। जी हाँ। प्रवेश नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' एवं '3' अनुसार है। (ग) प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास, सनावद के उन्नयन हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र क्रमांक 361 दिनांक 18.12.2011 के संदर्भ में वर्ष 2014-15 में विभाग द्वारा छात्रावास में 30 सीट का उन्नयन कर 50 सीटर किया गया है। वर्ष 2012-13 में विभाग द्वारा स्वीकृत नवीन अनुसूचित जाति बालक छात्रावास सनावद 50 सीटर संचालित है। अत: उन्नयन किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डॉ आंबेडकर भवन निर्माण के ठेकेदारों को लंबित राशि का भुगतान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
3. ( क्र. 253 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधान सभा में पिछले ०५ वर्षों में डॉ आंबेडकर भवन कहाँ-कहाँ, कब-कब कितनी राशि के स्वीकृत किए गए, उसकी वर्षवार सूची दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत भवनों के कार्यादेश, प्रारंभ समाप्त की तिथि बतावें तथा कब भवन पूर्ण होने उपरांत विभाग को सौंपा गया है उसकी तिथि सहित जानकारी दी जावे। क्या भवन निर्मित होने के बाद विभाग को सौंपने के उपरांत भी ठेकेदार को उसकी शेष राशि का भुगतान नहीं किया गया है? ऐसे कितने प्रकरण हैं जो अभी भी भुगतान से शेष है? (ग) क्या नगर सनावद में उक्त भवन जो की वर्ष २०१२-२०१३ में पूर्ण निर्मित होने भवन विभाग को सौंपने के उपरांत शेष राशि का भुगतान नहीं किया? इसी प्रकार बड़वाह में भी हुआ है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि सही है तो भुगतान न होने के क्या कारण रहे है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? लंबित भुगतान कब तक किया जावेगा? उक्त कार्य की राशि विभाग में कब आ गई थी, तिथि बताई जावे। भुगतान समय पर न होने के कारणों सहित जानकारी दी जावे।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) पिछले 5 वर्षों में बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में डॉ. अम्बेडकर भवन स्वीकृत नहीं किया गया। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्वीकृत राशि का भुगतान किया जा चुका है। जी नहीं। (घ) कार्य की लागत बढ़ने के कारण शेष राशि का भुगतान नहीं हुआ है। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव जिले से दिनांक 9.3.2017 को प्राप्त हुआ है। नियमानुसार स्वीकृति प्राप्त होने पर भुगतान किया जा सकेगा।
मेडिकल कॉलेज जबलपुर में पृथक से बर्न यूनिट एवं ट्रामा यूनिट की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( क्र. 568 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय नेताजी सुभाषचंद्र बोस चिकित्सालय जबलपुर में सर्जिकल वार्ड में ही आग से झुलसे मरीजों को भर्ती किया जाता है? इनके लिये पृथक से बर्न यूनिट नहीं है, जिसके फलस्वरूप भर्ती मरीजों को अत्यंत ही इन्फेक्शन का सामना करना पड़ता है? (ख) क्या वर्णित (क) संस्था में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का शिलान्यास करने के दौरान नवम्बर 2016 में प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री महोदय एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार द्वारा मेडिकल अस्पतालों में बर्न यूनिट एवं ट्रामा यूनिट प्रारंभ करवाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो दोनों यूनिटों के प्रारंभ करवाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या वर्णित (क) संस्था में ट्रामा यूनिट प्रारंभ करवाने की स्वीकृति केबिनेट द्वारा भी की जा चुकी है, किन्तु ढाई माह की अवधि व्यतीत होने के बाद भी प्रकरण फाईलों में ही है? (घ) अब कब तक वर्णित (क) संस्था में बर्न यूनिट एवं ट्रामा यूनिट प्रारंभ कर दिये जावेंगे?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। जी नहीं है। (ख) जी हाँ। कार्यालय आयुक्त के पत्र क्रमांक 453 दिनांक 09 फरवरी, 2017 द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर में बर्न यूनिट की स्थापना हेतु एम.ओ.यू. भारत सरकार को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। (ग) जी नहीं। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शालाओं के उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 1508 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत इमलिया टिकारी, गधेरी, बरौगी (खैरी), बम्हनौदी, कालाडूमर, हिनोतिया भोई, बिलहरी एवं अन्य 14 शालाओं का उन्नयन होना अतिआवश्यक हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या इन शालाओं की विशेषकर बालिकायें ग्राम के आसपास आगामी शिक्षा हेतु शालाएं न होने से घर बैठ गई हैं? (ग) क्या राज्य शिक्षा केन्द्र के नियमों के अंतर्गत न होने से उन्नयन नहीं हो पा रहा हैं? (घ) क्या ऐसी स्थिति में नियमों में शिथिलता करते हुये प्रश्नांश (क) की शालाओं का उन्नयन किया जा सकता हैं? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश 'क' में अंकित समस्त शालाएं पूर्व से शासकीय माध्यमिक शालाएं है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) पूर्व से माध्यमिक शालाएं होने से राज्य शिक्षा केन्द्र नियमों के अंतर्गत उन्नयन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। हाईस्कूल एवं हायर सेकेन्डरी स्कूलों में उन्नयन मापदण्ड की पूर्ति, बजट उपलब्धता पर निर्भर है।
प्रतिवेदन अनुसार अधिकारी/कर्मचारियों को दोषी पाया जाना
[स्कूल शिक्षा]
6. ( क्र. 1678 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 1159 दिनांक 01/03/2016 में की गई अनियमितता के जाँच प्रतिवेदन अनुसार कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दोषी पाया गया था। उक्त दोषी अधिकारी अन्य मामले में निलंबित है किन्तु इस गंभीर अनियमितता के लिए इसके विरूद्ध आज दिनांक तक विभागीय जाँच क्यों प्रस्तावित नहीं की गई है? कब तक कर दी जायेगी? समय-सीमा दें? (ख) दोषी लिपिक/कर्मचारी को निलंबित करते हुए कब तक इस गंभीर अनियमितता के लिए विभागीय जाँच प्रस्तावित की जायेगी। इसके द्वारा की गयी गंभीर अनियमितताओं को कब तक सुधार लिया जायेगा बताये? (ग) उक्त अधिकारी एवं लिपिक के ऊपर क्या-क्या आरोप हैं? इस प्रकार की अनियमितता रोकने के लिए क्या पूरे प्रदेश के अधिकारियों को सचेत किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा द्वारा जाँच कराई गयी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। श्री पवन कुमार श्रीवास्तव, सहायक ग्रेड-2 की एक वेतन वृद्धि रोकी गई है संचालनालय के पत्र क्र./स्था1/सर्त/सी/ सतना/57/2017/477-478 दिनांक 10.03.2017 द्वारा श्री कमलसिंह कुशवाह, जिला शिक्षा अधिकारी, सतना को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया है। संबंधित का प्रतिवाद प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) दोषी लिपिक के विरूद्ध कार्यवाही की जा चुकी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माध्यमिक शालाओं के लिए स्वीकृत पदों के अनुरूप विषयवार माध्यमिक शालाओं में पदों का आवंटन न कर पदोन्नतियाँ कर पदस्थापना आदेश जारी किये गये। इस संबंध में आयुक्त, लोक शिक्षण द्वारा दिनांक 15/3/2017 द्वारा समस्त जिला शिक्षा अधिकारी एवं समस्त संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, म.प्र. को निर्देश जारी किये गये है।
विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना
[आदिम जाति कल्याण]
7. ( क्र. 1718 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विदेश अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति योजना संचालित हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजना है तथा इसके लिए कौन-कौन से छात्र-छात्राएं पात्र है? इसकी प्रक्रिया क्या है? (ख) क्या विगत 5 वर्षों में सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति विभाग के माध्यम से किसी छात्र या छात्राओं को विदेश अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई गई है या नहीं? (ग) क्या विभाग द्वारा अन्य कोई ऐसी योजना का प्रस्ताव लाया जा रहा है जिससे अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति व पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा हेतु सहायता प्रदान की जा सकें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। पात्रता एवं प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की अपेक्षाकृत कम भागीदारी को देखते हुए इंजीनियरिंग, मेडिसिन, विधि, आर्किटेक्चर एवं अन्य पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाली राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए जिला स्तर पर कोचिंग सेंटर खोले जाने का प्रस्ताव है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/उपस्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( क्र. 1896 ) श्री संजय शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं कितने उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? (ख) क्या इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर पर्याप्त स्टॉफ है? यदि हाँ, तो स्वास्थ्य केन्द्रवार कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) इन स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विभाग के अधीन रिक्त पदों की पूर्ति लोक सेवा आयोग एवं व्यापम के माध्यम से निरंतर जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में फर्नीचर व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र. 1897 ) श्री संजय शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने शासकीय हाई स्कूल एवं कितने हायर सेकेण्डरी स्कूल कहाँ कहाँ संचालित है? स्कूलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) छात्र संख्या के मान से छात्रों को बैठने के लिये फर्नीचर किन-किन स्कूलों में उपलब्ध है? (ग) शेष हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था कैसे हो पायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) फर्नीचर व्यवस्था बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शास. अस्पतालों में सफाई ठेकेदार द्वारा लापरवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 1982 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला दमोह के शासकीय अस्पतालों में सफाई का ठेका शासन स्तर से हुआ था? यदि हाँ, तो कब? शासन के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायी जाये? (ख) उक्त ठेका किस एजेंसी को प्रदाय किया गया था? क्या अस्पतालों की सफाई में जिला दमोह में भारी अनियमिततायें की जा रही है, सफाई में लगाये गये कर्मचारियों का 6-6 माह मानदेय नहीं देने से अस्पतालों में सफाई नहीं हो रही है, जिस एजेंसी को सफाई का ठेका दिया गया क्या उस पर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासहीनों दो योजनांतर्गत लाभ
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
11. ( क्र. 2333 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत ०05 वर्षों में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के आवासहीन छतरपुर जिले में कितने परिवार नोडल अधिकारी द्वारा चिन्हित किये गये? (ख) क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा सर्वे कर आवासहीनों को आवास अनुदान नियम 2013 के तहत संचालित योजना का लाभ दिया गया? (ग) यदि हाँ, तो विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा प्रश्न दिनांक तक कितना व्यय किया गया? (घ) कितने आवासहीनों के प्रस्ताव विचाराधीन हैं? शासन की गाइड लाइन की प्रति दें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विगत 05 वर्षों में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के 28 आवासहीन परिवारों को चिन्हित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ''ख'' भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आवासहीन परिवारों के प्रस्तावों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं योजना के नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
विकास कार्यों हेतु प्राप्त राशि
[आदिम जाति कल्याण]
12. ( क्र. 2400 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विभिन्न विकास कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2014-15 में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या कार्य किये गये? विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ग) विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं करने के कारण शासन को वापस की गई एवं वापस करने के क्या कारण रहें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत निम्न विवरण अनुसार जानकारी के अतिरिक्त शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
क्रम |
मद |
प्राप्त राशि (लाखों में) |
1 |
विशेष केन्द्रीय सहायता |
252.69 |
2 |
संविधान के अनुच्छेद 275 (1) |
59.99 |
3 |
अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना |
536.00 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र में वर्णित अनुसार है। जिले में स्वीकृत किये गये कार्यों का सम्पादन निविदा चयनित ठेकेदार/सरपंच द्वारा अनुबंध नहीं करने, विलम्ब से करने एवं कोषालय से राशि आहरण न हो पाने के कारण राशि समर्पित/अनाहरित रही है।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातियों के विकास हेतु आवंटित राशि
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
13. ( क्र. 2587 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विमुक्त घुमक्क्ड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण व विकास हेतु वर्ष २०१३ से दिसम्बर २०१६ तक किन-किन योजनाओं के तहत, किन-किन कार्यों हेतु रतलाम, मंदसौर एवं उज्जैन जिले में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? जिलेवार, तहसीलवार ब्यौरा दें. (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृत कार्यों से रतलाम, उज्जैन जिले में करवाये गये कार्यों का एवं स्वीकृतियों का विकासखण्डवार, पंचायतवार वर्षवार ब्यौरा क्या है? (ग) उपरोक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य अब तक प्रारंभ नहीं हो सके अथवा निर्धारित अवधि में पूर्ण नहीं हो सके? सकारण ब्यौरा दें अनियमितता करने वालों पर की गई कार्यवाही का विवरण दें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में जिला-रतलाम, उज्जैन एवं मंदसौर को आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिला-रतलाम में वर्ष 2013 से दिसम्बर-2016 तक बस्ती विकास योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों एवं आवास योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में जिला-उज्जैन एवं जिला-मंदसौर को अधोसंरचना से संबंधित कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई। (ग) जिला रतलाम विमुक्त जाति बस्ती विकास अंतर्गत स्वीकृत कुल 33 कार्यों में से 28 कार्य पूर्ण हो चुके है तथा शेष 07 कार्य प्रगति पर है। विमुक्त जाति आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत कुल 694 आवासों में से 310 आवास पूर्ण हो चुके है तथा शेष 384 आवास प्रगति पर है। कोई भी कार्य अप्रारंभ की स्थिति में नहीं है। विमुक्त जाति बस्ती विकास एवं विमुक्त जाति आवास योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य जनपद पंचायतों के माध्यम से उनके द्वारा निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराये जा रहे है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिला-उज्जैन एवं जिला-मंदसौर को अधोसंरचना से संबंधित कोई राशि स्वीकृत नहीं किये जाने से जानकारी निरंक।
चिकित्सालयों, पैथलैब, नर्सिंग होम्स, सोनोग्राफी सेंटर्स की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 2588 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं उज्जैन जिले में कितने एवं कौन-कौन से रजिस्टर्ड प्राइवेट चिकित्सालय/नर्सिंग होम तथा मेडिकल जाँच लेब हैं? (ख) विगत तीन वर्षों में किन-किन चिकित्सालयों पैथलैब, नर्सिंग होम्स, सोनोग्राफी सेंटर्स की कब-कब तथा किस अधिकारी ने जाँच की? जाँच रिपोर्टस का ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) जाँच में कहाँ-कहाँ, क्या-क्या अनियमितताएँ पाई गई उन पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) रतलाम जिले में 29 रजिस्टर्ड प्राइवेट चिकित्सालय/नर्सिंग होम है एवं 21 मेडिकल जाँच लैब हैं तथा उज्जैन जिलें में 49 रजिस्टर्ड प्राइवेट चिकित्सालय/नर्सिंग होम है एवं 28 मेडिकल जाँच लैब हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
स्वास्थ्य शिविरों द्वारा हितग्राहियों को लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 2613 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में कितने शिविर, कहाँ-कहाँ, कब-कब लगाये गये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त शिविरों में कितने हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया? क्या ऐसे शिविरों में असाध्य रोगियों की पहचान की गई? यदि हाँ, तो शासन ने उक्त कितने असाध्य रोगियों के उपचार हेतु क्या कार्यवाही की?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त शिविरों में कुल 14747 हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया। जी हाँ। उक्त शिविरों में कुल पाये गये 72 असाध्य/जटिल बीमारी के रोगियों की पहचान कर उन्हें उपचार हेतु जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।
एन.आर.एच.एम. द्वारा संचालित शिविर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( क्र. 2614 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में एन.आर.एच.एम. द्वारा संचालित योजना में क्षय रोगियों की संख्या कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त रोगियों को लाभान्वित किये जाने हेतु कितने शिविरों का आयोजन उक्त वर्षों में किया गया एवं कितने क्षय रोगी इससे लाभान्वित हुए? क्या इन रोगियों को डॉट प्रोग्राम के अंतर्गत दवाइयां और सुविधायें प्राप्त हो रही हैं।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2016-17 में एन.एच.एम. अंतर्गत संचालित पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम में क्षय रोगियों की वर्षवार संख्या निम्नानुसार है :-
वर्ष 2013-14 |
168 |
वर्ष 2014-15 |
152 |
वर्ष 2015-16 |
160 |
वर्ष 2016-17 |
232 |
(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2016 में 22 शिविरों का आयोजन किया गया, इन शिविरों के आयोजन से 208 रोगी लाभान्वित हुए, सभी क्षय रोगियों को पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत निःशुल्क दवाइयां एवं सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। जनसामान्य में क्षय रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु निम्नांकित गतिविधियां आयोजित की गई है, जिनकी वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
गतिविधियां |
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
2016-17 |
पेशेंट प्रोवाईडर मीटिंग |
9 |
7 |
3 |
7 |
समुदायिक सभा |
15 |
13 |
3 |
8 |
शाला गतिविधि |
0 |
0 |
2 |
3 |
जनजागरूकता सभा |
0 |
0 |
0 |
22 |
माध्यमिक विद्यालय भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 2998 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सिरमौर अन्तर्गत ग्राम पंचायत मरैला के माध्यमिक विद्यालय के भवन का निर्माण कार्य अधूरा होने का क्या कारण है? (ख) क्या उक्त अधूरे भवन का निर्माण विभाग द्वारा कराया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विकासखण्ड सिरमौर अन्तर्गत ग्राम पंचायत मरैला के माध्यमिक विद्यालय के भवन का निर्माण कार्य अपूर्ण होने का कारण क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत की उदासीनता है। (ख) उक्त निर्माण सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजनांतर्गत किया गया था तथा क्रियान्वयन एजेन्सी को पूरी राशि प्रदाय की जा चुकी थी, अत: अधूरे भवन का निर्माण विभाग द्वारा किया जाना संभव नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति
[आदिम जाति कल्याण]
18. ( क्र. 3146 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में आदिवासी विकास विभाग में कितने अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण लंबित हैं, लंबित रहने के कारण सहित अवगत करावें? (ख) विभाग द्वारा विगत 04 वर्षों में कितनी अनुकम्पा नियुक्ति दी गईं? (ग) क्या अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में विभाग द्वारा अनावश्यक विलम्ब कर आवेदकों को परेशान किया जाता है? रिक्त पद होने के उपरांत भी आवेदकों को अनुकम्पा अनुदान राशि लेने हेतु दबाव बनाया जाता है? (घ) विगत 04 वर्षों से लंबित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों हेतु कौन जिम्मेदार है तथा इन प्रकरणों को कब तक निराकरण कर दिया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत 04 वर्षों में 30 अनुकम्पा नियुक्ति दी गई हैं। (ग) जी नहीं। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रं. सी-3-12/2013/1/3 दिनांक 29 सितम्बर 2014 में निहित प्रावधान अनुरूप अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों पर रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बिजली बिलों का भुगतान
[चिकित्सा शिक्षा]
19. ( क्र. 3385 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.एस. मेडिकल कॉलेज एण्ड एस.जी.एम. हॉस्पिटल रीवा में सी.टी. स्कैन एवं एम.आर.आई. मशीन लगी है? यदि हाँ, तो ये मशीनें शासन द्वारा स्थापित हैं या प्राइवेट/संस्था की हैं, मशीन मालिक कौन है? नाम पता सहित बतावें। (ख) क्या सी.टी. स्कैन एवं एम.आर.आई. मशीनों के संचालन के लिए मशीन मालिकों द्वारा विद्युत कनेक्शन लिया गया है या संजय गांधी अस्पताल में लगे विद्युत व्यवस्था से उक्त मशीनों को संचालित किया जा रहा है और अस्पताल प्रबंधन द्वारा ही विद्युत बिलों का भुगतान कर आर्थिक अनियमितता की जा रही है? (ग) क्या उक्त अनियमितताओं की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताने का कष्ट करें।
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। मशीनें आउटसोर्सिंग के माध्यम से निजी संस्था द्वारा स्थापित की गई है। मेसर्स-सुप्रा इन्टरप्राइजेस 39-30 प्रथम तल, मेडिसिन कॉम्पलेक्स, शास्त्री ब्रिज रोड़, जबलपुर है। (ख) सी.टी. स्केन एवं एम.आर.आई. मशीनों के संचालन हेतु सब मीटर के माध्यम से विद्युत कनेक्शन लिया गया है जिसका भुगतान उपयंत्री लो.नि.वि. (वि/या) मेडिकल कॉलेज रीवा के सत्यापन उपरांत मेसर्स-सुप्रा द्वारा नियमानुसार चिकित्सा महाविद्यालय में जमा किया जाता है। जी नहीं। (ग) उत्तरांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अनियमितताओं की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( क्र. 3492 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रीवा द्वारा जननी एक्सप्रेस सेवा का ठेका ब्लैक लिस्टेड फर्म को देने का आदेश, फिर उसे रद्द करने के आदेश के खुलासे के बाद एवं राष्ट्रीय कृषि दिवस के प्रचार-प्रसार, स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रसूताओं के लिये मेटरनिटी के केस सीट की छपाई, सामग्री खरीद फरोक्त का लगभग 20 लाख रूपये का फर्जीवाड़ा किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ट्रेवल्स को क्लीन चिट दिलाकर टेण्डर डलवाना एवं बिना टेण्डर छपाई का आदेश देना, जिले के विभिन्न विकासखण्ड क्षेत्र में तैनात ए.एन.एम. की मनमानी पदस्थापना और शोकाज नोटिस जारी करना की जाँच में क्षेत्रीय संचालक रीवा संभाग में पदस्थ सहायक संचालक स्वास्थ्य सेवायें के नेतृत्व में स्टोर प्रभारी, सहायक लेखा अधिकारी एवं चार अन्य कर्मचारी शामिल हैं? यदि हाँ, तो उन सभी के नाम बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में स्वतंत्र जाँच क्या उसी विभाग के अधिकारी कर्मचारी द्वारा क्या की जावेगी? क्या स्वतंत्र जाँच हेतु न्यायिक जाँच का आदेश दिया जावेगा या लोकायुक्त के द्वारा जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के प्रकाश में जाँच आदेश के बाद जाँच प्रतिवेदन कार्यवाही की अनुशंसा के साथ कलेक्टर द्वारा अयुक्त स्वास्थ्य सेवा भेजा जावेगा? यदि हाँ, तो जाँच एवं प्रतिवेदन की समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रीवा द्वारा जननी एक्सप्रेस सेवा का ठेका हेतु आदेश ब्लैक लिस्टेड फर्म को नहीं दिया गया है एवं राष्ट्रीय कृमि दिवस के प्रचार-प्रसार हेतु रू. 552250/- का पोस्टर बैनर म.प्र. राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित भोपाल के माध्यम से प्रिंटिंग कार्य कराया जाकर सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में वितरित किया गया है। मैटर्निटी केस शीट की छपाई में नियमानुसार रू. 495000/- खर्च किया गया है। जी नहीं, सभी मुद्रण कार्य नियमानुसार कराए गये है। (ख) ट्रेवल्स को माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर से दायर याचिका डब्ल्यू पी नं.-14024/2014 में स्थगन आदेश प्राप्त है, इसलिये संबंधित ट्रेवल्स के द्वारा टेंडर फार्म डाला गया था। जी नहीं, नियमानुसार टेंडर उपरांत छपाई कार्यादेश दिया गया है। कार्यालय के अधीन किसी भी ए.एन.एम. की पदस्थापना मनमानी तौर पर नहीं की गई है तथा न ही किसी भी ए.एन.एम. को मनमानी कारण बताओ नोटिस दिया गया है। जी हाँ, डॉ. पी. के. चतुर्वेदी, संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं रीवा संभाग रीवा के नेतृत्व में श्री अशोक गुप्त, लेखापाल कार्यालय क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, रीवा संभाग रीवा तथा रमेश कुमार मिश्रा, सहायक ग्रेड-02, कार्यालय स्वास्थ्य सेवाएं, रीवा संभाग की टीम द्वारा जाँच की जा रही है। (ग) जी हाँ, डॉ. पी. के. चतुर्वेदी, संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, रीवा संभाग रीवा के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा जाँच की जा रही है एवं जाँच प्रक्रिया प्रचलन में है। शेष प्रश्नांश हेतु प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
महाराजा यशवंतराव चिकित्सा, इन्दौर में अधीक्षक/उप अधीक्षक की नियुक्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
21. ( क्र. 3578 ) श्री राजेश सोनकर : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा यशवंतराव चिकित्सा, इन्दौर में अधीक्षक/उप अधीक्षक के कितने पद स्वीकृत हैं वर्तमान में कितने अधीक्षक/उप अधीक्षक कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अधीक्षक/उप अधीक्षक को नियुक्त करने के भारतीय चिकित्सा परिषद् के मापदण्ड क्या हैं? क्या महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में अधीक्षक का पद प्राध्यापक स्तर का है? यदि हाँ, तो भारतीय चिकित्सा परिषद् के प्रावधान अनुसार प्राध्यापक को ही अधीक्षक के पद पर रहना चाहिये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में चिकित्सालय में नियुक्त अधीक्षक/उप अधीक्षक की नियुक्ति भारतीय चिकित्सा परिषद् के नियम अनुसार की गई है? यदि नहीं, तो वर्तमान में कार्यरत अधीक्षक/उप अधीक्षक किस नियम के तहत दायित्व निर्वाह कर रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या भारतीय चिकित्सा परिषद् के नियम अनुसार अधीक्षक/उप अधीक्षक की नियुक्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? क्या भारतीय चिकित्सा परिषद् द्वारा नियम विरूद्ध नियुक्त अधीक्षक/उप अधीक्षक के ऊपर कोई आपत्ति ली गई है?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय, इन्दौर में अधीक्षक का 01 पद स्वीकृत है। उप अधीक्षक का पद स्वीकृत नहीं है। महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय की कार्य व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने हेतु डॉ.वी.एस.पाल, सह प्राध्यापक, मनोरोग (स्वशासी) को अन्य आदेश होने तक संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक का प्रभार सौंपा गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास में प्राप्त आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
22. ( क्र. 3631 ) श्री अंचल सोनकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में अनुसूचित जाति बस्ती विकास मद में कितना आवंटन शासन द्वारा प्रदान किया गया हैं। आवंटन के विरूद्ध कितने कार्य स्वीकृत किये गये विधान सभावार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त आवंटन में से कितनी राशि प्रश्नकर्ता की विधान सभा में बस्ती विकास के अन्तर्गत स्वीकृत किये गये कार्यवार राशि सहित बतावें। यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्नकर्त्ता द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास मद से राशि स्वीकृत करने हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग जबलपुर में प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं। यदि हाँ, तो उन प्रस्तावों में से कितने कार्य स्वीकृत कितनी राशि के स्वीकृत किये गये कार्यवार बतावें। (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्नकर्त्ता द्वारा अ.जा. बस्ती विकास हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं किन्तु 7 माह व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी प्रस्तावों पर कार्यवाही नगण्य है? यदि हो तो क्या अनुसूचित जाति बस्ती विकास के अन्तर्गत प्रस्ताव स्वीकृत करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र जबलपुर 'पूर्व' हेतु जिला स्तर पर कार्यों की स्वीकृति नहीं दी गई है। सीमित संसाधन एवं ग्रामों को प्राथमिकता देने के कारण। (ग) जी हाँ। वर्ष 2015-16 में प्रस्ताव प्राप्त। स्वीकृत नहीं किये गये। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्जिकल उपकरण एवं दवा की खरीदी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
23. ( क्र. 3636 ) श्री अंचल सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने सर्जिकल उपकरण एवं दवाएं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर द्वारा क्रय की गई थी? कितने आवंटन के विरूद्ध कितनी राशि खर्च की गई वर्षवार विवरण सहित बतावें? (ख) दवाएं एवं सर्जिकल उपकरण सप्लाई हेतु किन–किन फर्मों द्वारा निविदा डाली गई? फर्मों के नाम बतावें। यह भी बताया जावे कि वर्ष 2014 -15 से 2016-17 तक दवाएं एवं सर्जिकल उपकरण सप्लाई की निविदा क्या एक फर्म को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्रत्येक वर्ष एक ही फर्म से दवाएं एवं उपकरण क्रय करने का कारण क्या है? यह भी बताया जावे कि फर्मों से प्राप्त दवा एवं भुगतान का भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? (ग) क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर द्वारा प्रमाणित शासकीय अस्पतालों से मरीजों को प्रदान की जाने वाली सम्पूर्ण दवाओं का क्रय नहीं किया जाता है? कुछ ही दवाओं को क्रय कर शेष दवा जो डॉक्टर द्वारा मरीज को लिखी जाती हैं, खुले बाजार से क्रय करने हेतु दबाव बनाया जाता है? यदि हाँ, तो कारण बतावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वर्ष 2014-2015, 2015-2016 एवं 2016-17 में क्रय की गई सर्जिकल उपकरण एवं दवाएं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। आवंटन के विरूद्ध खर्च की गई राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार है :-
वर्ष |
कुल आंवटन |
कुल व्यय |
||
राज्य |
एन.एच.एम. |
राज्य |
एन.एच.एम. |
|
2014-15 |
11640600 |
35995829 |
5921409 |
26164842 |
2015-16 |
21025374 |
38833486 |
18468865 |
38189292 |
2016-17 |
14292128 |
57569600 |
10189765 |
29738601 |
(ख) वर्ष 2014-2015, 2015-2016 एवं 2016-17 में निविदा डालने वाली फर्मों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2014-2015, 2015-2016 एवं 2016-17 में दवाएं एवं सर्जिकल उपकरण सप्लाई की निविदा एक फर्म को नहीं प्राप्त हुई। वर्ष 2014-2015, 2015-2016 एवं 2016-17 में अलग-अलग दवाएं एवं सर्जिकल उपकरण की न्यूनतम दर वाली फर्मों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। वर्षवार भौतिक सत्यापन की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
सत्यापन करने वाले अधिकारी/कर्मचारी का नाम |
|
2014-2015 |
डॉ. प्रदीप अग्रवाल |
सी.बी.एम.ओ., शहपुरा |
|
डॉ. लक्ष्मण शाह |
बी.एम.ओ., पनागर |
|
श्री अल्फ्रेड डेविड |
लेखापाल, मझगवां |
2015-2016 |
डॉ. प्रदीप अग्रवाल |
सी.बी.एम.ओ., शहपुरा |
|
डॉ. लक्ष्मण शाह |
बी.एम.ओ., पनागर |
|
श्री परितोष ठाकुर |
कैम्प-कोडिने |
वर्ष |
सत्यापन करने वाले अधिकारी/कर्मचारी का नाम |
|
2016-2017 |
डॉ. प्रदीप अग्रवाल |
सी.बी.एम.ओ., शहपुरा |
|
डॉ. लक्ष्मण शाह |
बी.एम.ओ., पनागर |
|
श्री परितोष ठाकुर |
कैम्प-कोडिने |
(ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर द्वारा शासन द्वारा निर्धारित 250 की दवाओं की सूची के अनुसार ही दवाओं का क्रय किया जाता है एवं उपरोक्त सभी दवाएं प्रमाणित शासकीय चिकित्सालय में मांग अनुसार प्रदान की जाती है। किसी भी दवा को खुले बाजार से क्रय करने हेतु दबाव नहीं बनाया जाता है।
डिप्लोमा/डिग्रीधारी नर्सेस को वेतनवृद्धि का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 3725 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के आदेश क्र./प्र.एफ-28-6/83/17 मेडि.-1 दिनांक 11 सितम्बर, 1985 के द्वारा नर्सेस की नवीन नियुक्ति होने पर डिप्लोमाधारी नर्सेस को 3 एवं डिग्रधारी नर्सेस को 4 वेतन वृद्धियां प्रदान किये जाने के आदेश जारी किये गये थे? क्या मध्यप्रदेश शासन राजपत्र दिनांक 22 सितम्बर, 1989 की अनुसूची 3 में प्रकाशित अनुसार स्टॉफ नर्स की नियुक्ति हेतु निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता स्नातक बी.एस.सी. नर्सिंग या जनरल नर्सिंग एवं (जयेश) प्रसूति विज्ञान (सीनियर मिड वाईफरी) प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इस प्रकाशन के पश्चात् शासन द्वारा उपरोक्त जारी आदेश दिनांक 11 सितम्बर, 1985 समाप्त माना जावेगा? (ख) नर्सेस भर्ती नियमों में योग्यताधारी नियुक्त स्टॉफ नर्सों को 3 एवं डिग्रीधारी नर्सेस को 4 वेतन वृद्धियों का लाभ नहीं देने संबंधी कोई आदेश जारी हुआ है? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि संबंधित की सेवा पुस्तिकाएं संभागीय संचालक कोष एवं लेखा द्वारा पारित नहीं की जा रही हैं? कारण स्पष्ट करें (ग) क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं इन्दौर द्वारा स्टॉफ नर्सों की सेवा पुस्तिकायें अनुमोदन/स्वीकृति/पारित हेतु संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा इन्दौर को भेजी गई थी? यदि हाँ, तो कोषालय द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। आदेश जारी किये गये थे जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार हैं। जी हाँ। म.प्र शासन राजपत्र दिनांक 22 सितम्बर 1989 के प्रकाशन के पश्चात् उपरोक्त जारी आदेश दिनांक 11 सितम्बर 1985 समाप्त नहीं माना जावेगा। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन के समस्त संभागों में विभाग के अन्तर्गत कार्यरत नर्सिंग स्टॉफ को इन वेतन वृद्धियों का लाभ दिया जा रहा है। मात्र इन्दौर संभाग के कोष एवं लेखा के द्वारा वर्ष 2016 से इन वेतन वृद्धियां के संबंध में अपत्ति लगाई गई है। पूर्व में इन्दौर संभाग में भी इन वेतन वृद्धियों का लाभ दिया जाता रहा है। इन आपत्तियों के निराकरण के संबंध में संचालनालय द्वारा आयुक्त कोष एवं लेखा भोपाल को पत्र लिखा जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार हैं। (ग) जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इन्दौर द्वारा स्टॉफ नर्स की सेवा पुस्तिकाएं संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा इन्दौर को भेजी जाती है। कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा नर्सिंग स्टॉफ के वेतन निर्धारण एवं अग्रिम वेतन वृद्धियां स्वीकृत करने में आपत्तियां लगाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदाकर्मियों का अप्रेजल
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( क्र. 3820 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.आर.एच.एम. में कार्यरत संविदाकर्मी (यथा फार्मासिस्ट, सपोर्ट स्टाफ कम्प्यूटर ऑपरेटर, एन.एम.ए. आदि) का अप्रेजल किसके आदेश से कराया जा रहा है? आदेश की जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) विगत वर्ष मुरैना श्योपुर में कार्यरत कुल कितने फर्म का अप्रेजल कराया गया? किस संविदा कर्मी को कितने कितने अंक प्राप्त हुए नाम, पद, अंकवार जानकारी दी जावे तथा उपयुक्त एवं अनुपयुक्त होने का मापदंड कितने अंकों पर था? (ग) विगत वर्ष लिये गये अप्रेजल के माध्यम से कुल कितने कर्मचारी सेवा से पृथक कर दिये गये, क्या एन.आर.एच.एम. के अंतर्गत नियुक्त कर्मचारियों के नियुक्ति पत्र में प्रतिवर्ष अप्रेजल कराने की शर्त रखी थी? यदि हाँ, तो ऐसे आदेशों की प्रति दी जावे। यदि नहीं, तो अप्रेजल क्यों कराया जा रहा है। (घ) क्या शासन अप्रेजल प्रथा को बंद कराने हेतु उचित आदेश जारी करेगा ताकि कर्मचारी अपने हितों को सुरक्षित मानते हुए दिलों जान से कार्य करने में समर्थ रहेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म. प्र. के आदेश/निर्देश से। निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01 अनुसार है। (ख) 448 कर्मचारियों का। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। 55 या अधिक होने पर उपयुक्त एवं 54 या इससे कम अंक होने पर अनुपयुक्त। (ग) 14 कर्मचारियों को। जी हाँ। संविदा मानव संसाधन मैन्युअल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गृह विज्ञान संकाय का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
26. ( क्र. 3826 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में किन-किन उ.मा. विद्यालयों में गृह विज्ञान विषय का अध्यापन कराया जा रहा है तथा किन-किन विद्यालय में गृह विज्ञान विषय का (वर्ग-1) वरि. अध्यापक का पद स्वीकृत है? (ख) क्या शासन बालिका शिक्षा को दृष्टिगत रखते हुए अम्बाह एवं पोरसा में स्थित शास.उ.मा. विद्यालयों में गृह विज्ञान विषय संचालन एवं गृह विज्ञान संकाय का वरिष्ठ अध्यापक का पद स्वीकृत करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किन-किन विद्यालयों में तथा कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय शालाओं की बाउंड्रीवॉल निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 3922 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुक्रम में वर्ष 2015-16 में पूरे प्रदेश की हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं की बाउंड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी? यदि हाँ, तो सागर जिले की कितनी शालायें शामिल थीं जिनकी स्वीकृति दी गयी थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) शालाओं की बाउंड्रीवॉल का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? इसे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नाधीन शालाओं की बाउंड्रीवॉल निर्माण एजेंसी को कार्य का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं? निर्माण एजेंसी को कब तक भुगतान कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सागर जिले में कुल 18 शालाओं में बाउंड्रीवाल निर्माण की स्वीकृति दी गयी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय संसाधनों में कमी होने के कारण। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सागर जिले में 04 स्कूलों को बाउंड्रीवाल निर्माण की राशि प्रदान की गई है, शेष स्कूलों के बाउंड्रीवाल निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
दवा एवं चिकित्सा उपकरण की खरीदी
[चिकित्सा शिक्षा]
28. ( क्र. 3923 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में क्रय दवाई एवं चिकित्सा उपकरण की अपूर्ति किसके द्वारा तथा कितनी राशि की की गई है? आपूर्तिकर्ता का नाम, कम्पनी/निगम सहित बतायें? (ख) क्या अमानक एवं गुणवत्ताहीन चिकित्सा उपकरणों एवं दवाओं का भुगतान बिना गुणवत्ता परीक्षण परिणाम के किया गया है? यदि हाँ, तो किस कंपनी/फर्म को कितनी राशि का भुगतान गुणवत्ता परीक्षण किये बिना किया गया है? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्या बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर जरूरी एवं आवश्यक दवा/उपकरण की खरीदी स्वयं कर सकता है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) समय में वर्णित कौन-कौन सी सामग्री, किस कंपनी/फर्म से कितनी राशि की खरीदी गयी? क्या इसके लिए निविदा जारी की गयी थी? यदि नहीं, तो क्या ऐसा करना किस नियम के तहत जरूरी नहीं है? नियम की प्रति सहित बतायें। (घ) क्या कॉलेज द्वारा अपने स्तर से खरीदी गई दवा निकटतम अवसान तिथि की होती है जो उपयोग न होने पर डेड स्टॉक में बतायी जाती है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायी जायेगी? यदि की तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। चिकित्सा महाविद्यालय सागर द्वारा दवा/उपकरण का क्रय शासन की नवीन क्रय नीति अनुसार दवा एवं उपकरण हेतु शासन के कुल बजट का 80 प्रतिशत राशि का क्रय मेडिकल कॉलेज मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन में अनुमोदित दर एवं एजेन्सी से किया जाता है एवं 20 प्रतिशत राशि का क्रय मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुये खुली निविदा जारी कर स्थानीय स्तर से किया जाता है। प्रश्नांश ''क'' समय में वर्णित क्रय की गई सामग्री की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक शाला भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 3955 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के निवास विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अनेक ग्रामों की प्राथमिक शालाएँ भवनविहीन हैं, बच्चे भवन के अभाव में बिना सुविधा के पढ़ने को मजबूर हैं, कुछ अत्यंत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में भवनों की हालत है? (ख) प्राथमिक शाला ददरगांव, कौआडोंगरी, देवरी, खूसर बीजाडांडी एवं मोहगांव के प्राथमिक शाला भवन विहीन हैं, क्या यहाँ पर भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी, यदि हाँ, तो कब तक? यह भवन निर्माण कार्य पूर्ण करा लिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। 02 शालायें भवनविहीन तथा 13 शालाओं के भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। अन्य व्यवस्था के अन्तर्गत उपलब्ध शासकीय भवनों में अध्ययन कराया जा रहा है। (ख) जी नहीं। शाला में दर्ज संख्या के अनुपात अनुसार अतिरिक्त कक्ष निर्माण के प्रस्ताव वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित किये गये हैं। भारत शासन से स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य किये जा सकेंगे। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सिविल अस्पतालों एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं का प्रशासकीय/वित्तीय नियंत्रण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 3958 ) श्रीमती ऊषा चौधरी, श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/सिविल अस्पताल/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/उपस्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत हैं? संस्थावार नाम बताएँ। (ख) क्या म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र./एफ422/08/17/मेडी-2 दिनांक 01/03/2008 के द्वारा प्रदेश के विकासखंड/तहसील मुख्यालय पर स्थित सिविल अस्पतालों एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं का प्रशासकीय/वित्तीय नियंत्रण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सौंपा गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो रीवा संभाग में कितने सिविल सर्जनों द्वारा उपरोक्त आदेश के अनुसार विकासखंड/तहसील मुख्यालय पर स्थित सिविल अस्पतालों एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं का प्रशासकीय एवं वित्तीय नियंत्रण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सौंपा गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक सौंपा जाएगा? (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शाए गए आदेश के परिपालन में उपरोक्तानुसार प्रशासकीय/वित्तीय नियंत्रण प्राप्त करने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? किस-किस जिले के सिविल सर्जनों द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया है? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? नाम सहित बताएं।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) सतना जिले में केवल दो संस्थाओं सिविल अस्पताल मैहर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामनगर, सिविल सर्जन के अधीन संचालित थी, उक्त संस्थाओं के हस्तांतरण की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है, आगामी वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा उक्त संस्थाओं का संचालन किया जाना प्रारंभ कर दिया जावेगा। (घ) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सतना द्वारा सिविल सर्जन को कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए गए, पत्रों की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उत्तरांश ''ख'' अनुसार शेष जानकारी निरंक है।
मीना जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करना
[आदिम जाति कल्याण]
31. ( क्र. 3960 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मीना जाति को क्या किसी वर्ग में शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो किस वर्ग जाति में। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त जाति के लोगों को अनुसूचित जाति में रखा जावेगा? यदि नहीं, तो शासन द्वारा इस पर विचार किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। पिछड़ा वर्ग में। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कन्या माध्यमिक एवं हाईस्कूल विद्यालय की मानक व्यवस्थाएं
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 3992 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी शासकीय कन्या माध्यमिक एवं हाईस्कूल विद्यालय संचालित हैं? (ख) उक्त शासकीय कन्या माध्यमिक एवं हाईस्कू्ल विद्यालय में कितनी बालिकाओं की संख्या दर्ज है? (ग) क्या उपरोक्त दर्ज संख्याओं को देखते हुए क्या शालाओं/विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक-शिक्षिकाएं/शाला भवन/फर्नीचर/अन्य प्रसाधन शासन के मानक स्तर का है? (घ) यदि कन्या शालाओं में उपरोक्त (ग) में प्राप्त सुविधाएं/व्यवस्थाएं नहीं हैं तो कब तक पूर्ण होगी एवं विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) माध्यमिक शालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' पर है एवं हाई स्कूल विद्यालय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' पर है। (घ) फर्नीचर एवं भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दैनिक वेतनभोगी उपयंत्रियों का नियमितीकरण
[आदिम जाति कल्याण]
33. ( क्र. 4211 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में दैनिक वेतन भोगी उपयंत्री जो 1988 के पूर्व से कार्यरत थे, उनको नियमित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कितने दैनिक वेतनभोगी उपयंत्रियों को कब-कब किसके आदेश के परिपालन में नियमित किया गया? नियमितीकरण के पूर्व कौन-कौन, कहाँ-कहाँ पदस्थ थे, किन-किन को सक्षम अधिकारी द्वारा नियुक्ति प्रदान की थी किन-किन को नहीं? (ग) उपयंत्री के कितने पद सिविल, इलेक्ट्रीशियन में स्वीकृत है कितने भरे गये एवं कितने रिक्त है जानकारी देवें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उपयंत्री सिविल के 42 पद स्वीकृत हैं, एवं उपयंत्री इलेक्ट्रीशियन का कोई पद स्वीकृत नहीं है। स्वीकृत पद में से 21 पद भरे गये एवं 21 पद रिक्त हैं।
परिशिष्ट - ''नौ''
विद्युतीकरण कार्य में अनियमितता
[आदिम जाति कल्याण]
34. ( क्र. 4232 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा उज्जैन जिले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों को सिंचाई हेतु विद्युत लाईन एवं ट्रांसफार्मर स्थापना के विगत तीन वर्षों में क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये गये? (ख) उक्त कार्यों की निर्माण एजेन्सी क्या थी? किस-किस फर्म/ठेकेदार से कहाँ-कहाँ कितनी राशि का कार्य कराया गया? (ग) क्या कार्य समाप्ति पश्चात् उसका भौतिक सत्यापन कराया गया? यदि हाँ, तो किसके द्वारा? (घ) क्या प्राक्कलन अनुसार कार्य का सत्यापन पाया गया? (ड.) क्या निविदा की शर्तों का पालन किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यों का भौतिक सत्यापन अतिरिक्त अधीक्षण यंत्री म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कंपनी के अधिकारियों के अतिरिक्त कनिष्ठ अभियंता जिला उज्जैन से प्राप्त किया गया तथा विभागीय अधिकारी मंडल संयोजक-तराना एवं खाचरौद-नागदा एवं नोडल अधिकारी/अधीक्षक-नागदा तथा नोडल अधिकारी/अधीक्षक-उज्जैन से भौतिक सत्यापन कराया गया। (घ) जी हाँ। (ड.) जी हाँ।
अनुसूचित जनजाति बस्ती योजनांतर्गत बजट आवंटन
[आदिम जाति कल्याण]
35. ( क्र. 4787 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले को आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी बस्ती विकास कार्यों हेतु अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन प्राप्त हुआ एवं कितना व्यय हुआ? त्रैमासिक बंटन की जानकारी बतावें? (ख) सबलगढ़ विधान सभा अंतर्गत आदिवासी, बाहुल्य पंचायतों, गुलालई, वेरखेड़ा, गोल्हारी पंचायतों को अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन दिया गया? कितना व्यय किया गया? पंचायतवार, दिनांकवार, कार्य का नाम सहित जानकारी बतावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम पंचायत गुलालई, वेरखेड़ा, गोल्हारी पंचायतों के प्रस्ताव देने के बाद भी उक्त आदिवासी बाहुल्य पंचायतों को बस्ती विकास कार्यों हेतु कोई राशि आवंटित नहीं की गई है? यदि नहीं, की गयी है तो कारण बतावें। इसमें जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी का नाम बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उक्त ग्राम पंचायतों में प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव अनुसार कब तक राशि स्वीकृत कर दी जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में कुल रू 6.94 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ, जिसके विरूद्ध राशि रू 5,19,434/- व्यय हुई। वर्ष 2016-17 में त्रैमासवार प्राप्त आवंटन ही जानकारी निम्नानुसार है :-
(राशि लाख में)
द्वितीय |
तृतीय त्रैमास |
चतुर्थ त्रैमास |
योग |
1.73 |
3.48 |
1.73 |
6.94 |
(ख) प्रश्नांकित अवधि में प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण राशि आवंटित नहीं की गई। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 6.3.2017 को गुलालई, वेरखेडा, गोल्हारी पंचायतों में सी.सी.रोड निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव जिला कार्यालय मुरैना को प्रस्तुत किया गया, जिसमें केवल ग्राम पंचायत गुलालई का ठहराव प्रस्ताव प्राप्त हुआ। राशि आवंटित नहीं की गई है कार्यवाही प्रचलन में है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2016-17 के चतुर्थ त्रैमास में प्राप्त आवंटन राशि रू 1.73 लाख से ग्राम पंचायत गुलालई में सी.सी.रोड कार्य की स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिक्षकों के संलग्नीकरण
[स्कूल शिक्षा]
36. ( क्र. 4806 ) श्री हरवंश राठौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के आदेशों के अनुसार शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण किए जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो सागर जिला अंतर्गत नियम विरूद्ध संलग्नीकरण आदेश किस नियम के तहत किए गए हैं? (ख) सागर जिला अंतर्गत तहसीलों/विभाग में संलग्न किए गए शिक्षकों की सूची एवं किसके आदेश से संलग्नीकरण किए गए है जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ग) यदि विभाग द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया गया तो नियम विरूद्ध संलग्नीकरण शिक्षक कब तक शिक्षण संस्थान पर उपस्थित होकर शैक्षणिक कार्य पर जाएंगे? (घ) नियम विरूद्ध शिक्षकों के संलग्नीकरण आदेश किए जाने पर संबंधित विभागीय अधिकारियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासन के आदेश अनुसार शिक्षकों के प्रतिनियुक्ति पर जाने का प्रावधान है, किंतु संलग्नीकरण किये जाने का प्रावधान नहीं है। सागर जिला अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नियम विरूद्ध कोई संलग्नीकरण नहीं किया गया है। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
डायलिसिस मशीनों का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
37. ( क्र. 4812 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय जिला अस्पतालों में डायलिसिस मशीनों का प्रदाय किया गया है? यदि हाँ, तो किस एजेन्सी के माध्यम से तथा किस-किस तारीख को इन्दौर संभाग के जिलों में स्थापित किया गया है? (ख) क्या इन्दौर संभाग के सभी जिलों में वर्तमान में डायलिसिस मशीन सुचारू रूप से संचालित हो रही है? (ग) यदि नहीं, तो क्या कारण है? जिला चिकित्सालय, धार की डायलिसिस मशीन कब-कब खराब रही है तथा विगत दो वर्षों में कुल कितनी समयावधि में खराब रही? (घ) क्या डायलिसिस मशीनों के सुधार व संचालन हेतु तकनीशियन की व्यवस्था आपूर्तिकर्ता फर्म को करना है? यदि हाँ, तो क्या तकनीशियन द्वारा धार जिला चिकित्सालय की मशीन कब-कब मरम्मत की तथा मरम्मत पश्चात् कितने दिन में मशीन खराब हो गई? (ङ) खराब या संचालित नहीं हो रही डायलिसिस मशीनों के सुचारू संचालन करवाने हेतु शासन द्वारा क्या व्यवस्थाएं की जा रही है? क्या शासन स्थानीय स्तर पर इन समस्याओं का स्थायी समाधान किये जाने हेतु आवंटन व तकनीशियन की व्यवस्था करने का प्रावधान करने वाला है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोल व ट्रांसफार्मर हेतु राशि का आवंटन
[आदिम जाति कल्याण]
38. ( क्र. 4814 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी हितग्राहियों के खेतों में लगाये जाने वाले पोल व ट्रांसफार्मर हेतु राशि का आवंटन हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो कब व कितना आवंटन हुआ है? (ग) यदि नहीं, तो आवंटन क्यों नहीं हो पा रहा है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना अन्तर्गत पृथक से, पोल व ट्रान्सफार्मर लगाये जाने हेतु राशि नहीं दी जाती हैं, बल्कि आदिवासी कृषकों के खेतों में सिंचाई हेतु पम्प लगाने के लिये विद्युत लाईन विस्तार कार्य के लिये राशि दी जाती है। (ख) अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना अन्तर्गत विगत वर्षों के पूर्ण कार्यों के लंबित भुगतान हेतु राशि रूपये 2756.52 लाख का आवंटन वर्ष 2016 में तथा नवीन विद्युतीकरण कार्यों के लिये फरवरी 2017 में राशि रूपये 430.00 लाख का आवंटन जिलों को जारी किया गया है। (ग) उत्तरांश 'ख' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सक एवं अन्य स्टॉफ के स्वीकृत रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 4868 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत सिविल हॉस्पिटल लहार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रौन, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मछण्ड, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मिहोनी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र असवार, बरहा बिजौरा (रावतपुरा सरकार) एवं आलमपुर में डॉक्टर सहित समस्त स्टॉफ के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं एवं कब-कब से रिक्त हैं? प्रत्येक के अलग-अलग विवरण दें? (ख) क्या माननीय तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने दिनांक 03.07.2016 को मछण्ड में पैथालॉजी लैब, एक्स-रे मशीन लगवाने आदि की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो अभी तक घोषणा का पालन न करने का कारण बतायें? (ग) लहार क्षेत्र के ग्राम बिजौरा (रावतपुरा) में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन कब और कितनी लागत में स्वीकृत कर निर्माण किया गया तथा उद्घाटन करने वाले का नाम पद सहित बतायें? पूर्ण स्टॉफ कब तक पदस्थ किया जावेगा? (घ) लहार में स्थित डेनिडा योजना के अतंर्गत निर्मित भवन चिकित्सक क्वार्टर, सड़क की मरम्मत का कार्य व टूटी बाउण्ड्रीवॉल सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दबोह, असवार, बरहा, रावतपुरा सरकार (बिजौरा) की बाउण्ड्रीवॉल कब तक निर्माण कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, मछण्ड में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के मापदण्ड अनुसार 16 जाँच की सुविधा उपलब्ध है परंतु लैब टेक्नीशियन पदस्थ न होने से संचालित नहीं हो पा रही है, मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से 910 पैरामेडिकल संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी किया जा चुका है, चयन सूची प्राप्त होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मछण्ड में लैब टैक्निशियन की पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में निर्धारित मापदण्ड अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में एक्स-रे मशीन स्वीकृत करने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लहार क्षेत्र में ग्राम बिजौरा (रावतपुरा) में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन वर्ष 1994 विभाग के आदेश क्रमांक एफ 16-1/94/17/मेडि-3 दिनांक 15.02.1994, के द्वारा रूपये 1400000/- (चौदह लाख) राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई एवं कार्य पर राशि रूपये 22.67 लाख का व्यय हुआ, लोक निर्माण विभाग संभाग लहार द्वारा माह जून 1997 में पूर्ण कर हस्तांतरित किया गया तथा तत्कालीन माननीय सहकारिता मंत्रीजी, म.प्र.शासन एवं प्रभारी मंत्री जिला भिण्ड द्वारा दिनांक 03 जून 2003 को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन बिजौरा (रावतपुरा) का उद्घाटन किया गया। उक्त संस्था में मापदण्ड अनुसार पद स्वीकृत है, उपलब्धता अनुसार पदस्थापना की कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांकित कार्यों का प्राक्कलन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला भिण्ड से, प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दबोह में बाउन्ड्रीवॉल पूर्ण है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी नर्सिंग होम, निजी अस्पताल, पैथोलॉजी लैब एवं सोनोग्राफी सेन्टर की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
40. ( क्र. 4935 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने पंजीकृत निजी नर्सिंग होम, निजी अस्पताल, पैथोलॉजी लैब एवं सोनोग्राफी सेन्टर हैं? उनके नाम, पता, संचालकवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) उक्त में से किन-किन संस्थानों पर विगत 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक शासन की गाइड लाइन के उल्लंघन का या अन्य किसी प्रकार का आरोप लगा है तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार, दिनांकवार, की गई कार्यवाही सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या सभी संस्थानों में जैविक/अजैविक कचरे का निपटान नियमानुसार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कहाँ और कैसे? संपूर्ण जानकारी पैथालॉजी लैब एवं अस्पतालवार उपलब्ध करावें तथा क्या विभिन्न पैथालॉजी लैब एवं अस्पतालों में विभिन्न जाँचों की दरों को उचित दृश्य स्थान पर निर्धारित शब्दाकार में लगाया गया है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) उज्जैन जिले में 49 पंजीकृत निजी नर्सिंग होम/अस्पताल, 28 पैथालॉजी लैब एवं 59 सोनोग्राफी सेन्टर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। संस्थानों में जैविक/अजैविक कचरे का निपटान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जिले के नर्सिंग होम का अपशिष्ट मेसर्स हॉस्विन इन्सीनरेटर प्राइवेट लिमिटेड, इन्दौर द्वारा संग्रहीत कर उनके इन्दौर स्थित इन्सीनरेटर प्लांट में डिस्पोजल किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' एवं ''अ'' अनुसार है। जी हाँ।
सामुदायिक वन अधिकार
[आदिम जाति कल्याण]
41. ( क्र. 4974 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 में वन भूमियों पर समाज के किन-किन अधिकारों के संबंध में किस-किस धारा में क्या-क्या प्रावधान दिए हैं? किस दिनांक को अधिसूचित नियम में क्या क्या प्रावधान दिए हैं। (ख) प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग भोपाल में 10 जून 2008 एवं प्रमुख सचिव वन भोपाल ने 10 अप्रैल 2015 को सामुदायिक अधिकारी के सम्बन्ध में क्या क्या आदेश निर्देश राजस्व विभाग एवं वन विभाग को दिए हैं। (ग) शासन के 10 जून 2008 एवं 10 अप्रैल 2015 के आदेशों का पालन करवाए जाने के सम्बन्ध में विभाग ने क्या क्या कार्यवाही की है? विधान सभा क्षेत्र बासौदा की जानकारी उपलब्ध करावें?। (घ) समाज के विभिन्न अधिकारों से संबंधित जानकारी संकलित कर विधान सभा क्षेत्र बासौदा की ग्राम सभाओं एवं ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 में वन निवासियों के वन अधिकारों के प्रावधान अधिनियम की धारा-3 में दिये गये है। धारा-3 के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 01.01.2008 द्वारा अधिसूचित अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) नियम 2008 तथा अधिसूचना दिनांक 6 सितम्बर 2012 द्वारा अधिसूचित अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) संशोधन नियम 2012 के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
42. ( क्र. 4977 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय उत्कृष्ट विद्यालयों (जिला/विकासखंड स्तर) में प्रतिनियुक्ति के क्या मापदंड हैं? मापदंड की प्रति देवें। (ख) विदिशा जिले के किस-किस उत्कृष्ट विद्यालयों के किस-किस पद के विरूद्ध प्रतिनियुक्ति पर कौन-कौन से कर्मचारी/अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी किस-किस संस्था/कार्यालय के किस दिनांक से कितनी अवधि तक के किसके आदेश से पदस्थ किये हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के उपरांत भी किसके आदेश से किसके निदेश पर कार्य कर रहे हैं? इसके लिए क्या नियंत्रण अधिकारी दोषी है? दोषी पर क्या कारवाही की जा रही? (घ) क्या शासन प्रतिनियुक्ति वाले पदों को रिक्त की श्रेणी में मानती है? यदि हाँ, तो इन पदों को कब तक सीधी भर्ती/पदोन्नति से भरने की कारवाही की जावेगी? प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विद्यालयों में अध्यापक संवर्ग के ऐसे कितने पुरुष कर्मचारी जिन्हें नियंत्रण अधिकारी प्रतिनियुक्ति की क्षेणी में नहीं मानता है, इन्हें नाम एवं संस्था ने पदस्थापना आदेश सहित जानकारी देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जिला विदिशा अंतर्गत उत्कृष्ट विद्यालयों में नियमित पदस्थापना न होने से अध्यापन कार्य प्रभावित न हो तथा छात्र हित का दृष्टिगत रखते हुये प्रतिनियुक्ति समाप्त नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
पदोन्नति से पदपूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
43. ( क्र. 4998 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 1,2,3 की भर्तियों के लिये पदों की स्वीकृति शासन द्वारा दी गई है? स्वीकृत किये गये रिक्त पदों की श्रेणीवार संख्या बतायें? (ख) क्या शासन द्वारा हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों की पदसंरचना के लिये जारी आदेश दिनांक 11.03.2013 के द्वारा जारी पदसंरचना अनुसार ही रिक्तियों की गणना की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या प्राचार्य के रिक्त पदों पर वरिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नत किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जिला आगर में पदोन्नति के रिक्तियों की वर्गवार संख्या की जानकारी देवें? क्या पदोन्नति के पदों को सीधी भर्ती से भरा जा सकता है? यदि नहीं, तो पदोन्नति के रिक्त पदों को भरने के क्या प्रयास किये जायेंगे? (घ) क्या स.शा.शि.वर्ग 1 एवं 2 भर्तियों के लिये अनुभव की अनिवार्यता है? क्या अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति के लिये न्यूनतम अनुभव 7 वर्षों का प्रावधान है? क्या शिक्षकों के लिये भी 7 वर्ष का प्रावधान है? क्या विद्यार्थी हित में इसमें संशोधन किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सीधी भर्ती अन्तर्गत संविदा शाला श्रेणी-1 के 10905, श्रेणी-2 के 11200 तथा श्रेणी-3 के 9540 कुल-31645 स्वीकृत है। (ख) रिक्त पदों की गणना स्वीकृत पदों के अनुसार की जाती है। मध्यप्रदेश राज्य एवं अधीनस्थ शिक्षा सेवा (शाला शाखा) भरती तथा पदोन्नति नियम, 2016 के अनुसार वरिष्ठ अध्यापक से प्राचार्य हाईस्कूल के पद पर पदोन्नति का कोई प्रवधान नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिलान्तर्गत हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक के 30 पद एवं सहायक अध्यापक से अध्यापक के 28 पद पदोन्नति हेतु रिक्त है। जी नहीं। जी हाँ पदोन्नति एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) जी नहीं। जी हाँ। जी नहीं। प्रावधान के अनुसार पदोन्नत की जाती है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.ए.सी./बी.आर.सी. प्रतिनियुक्ति बावत्
[स्कूल शिक्षा]
44. ( क्र. 5008 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कितने सी.ए.सी.,बी.ए.सी.,बी.आर.सी. एवं ए.पी.सी. है जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि शासन नियमानुसार पूर्ण हो चुकी है फिर भी वह अपने पद पर कार्यरत हैं। उनकी सूची प्रतिनियुक्ति दिनांक दर्शाते हुए उपलब्ध कराई जाए साथ ही नियुक्ति संबंधी नियमावली भी दी जाएं। (ख) शासन के निर्देशों के उपरांत प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के उपरांत भी प्रश्न (क) के कर्मचारियों को अभी तक क्यों नहीं हटाया गया और नवीन प्रतिनियुक्तियां क्यों नहीं की गई कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या उपरोक्त को हटाने के लिए विगत दो वर्षों में किसी जनप्रतिनिधि ने पत्र भी लिखे थे यदि हाँ, तो उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई। (घ) राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशों के परिपालन में नवीन प्रतिनियुक्तियां कब तक कर दी जावेगी और इस विलंब के लिए क्या कोई जवाबदारी सुनिश्चित की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दायर याचिका डब्ल्यू.पी. 644/2016 पर दिनांक 27.01.2016 को पारित अंतरिम निर्णय के कारण म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 27-56/2012/20-2, भोपाल, दिनांक 25 जुलाई, 2013 अनुसार बी.आर.सी.सी. पद के स्थान पर अब ए.ई.ओ. के पदपूर्ति की कार्यवाही की जानी है। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) एक शिकायत आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें श्री अहतशाम बिटटू किदवई मण्डल अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा भाण्डेर का पत्र माननीय विधायक, भाण्डेर जो श्री महावीर प्रसाद गुप्ता, बी.आर.सी. भाण्डेर के स्थानांतरण के संबंध में था इसकी जाँच हेतु जिला शिक्षा केन्द्र, दतिया द्वारा पत्र दिनांक 1.10.2016 के माध्यम से शिकायतकर्ता से साक्ष्य चाहे गये थे, जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा लिखित में अवगत कराया गया, कि मेरे कार्यकताओं द्वारा भ्रामक जानकारी देने के कारण उनके द्वारा श्री महावीर प्रसाद गुप्ता, बी.आर.सी. भाण्डेर को हटाने/स्थानांतरण करने की शिकायत की थी। श्री गुप्ता के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही न किये जाने का उल्लेख किया गया है, जिस कारण से प्राप्त शिकायत को नस्तीबद्ध किया गया। (घ) बी.ए.सी. एवं सी.ए.सी. की पदस्थापना से संबंधित माननीय उच्च न्यायालय की खण्डपीठों में प्रकरण विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ की अंकसूचियों में गड़बडी
[चिकित्सा शिक्षा]
45. ( क्र. 5043 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रजिस्ट्रार नर्सिंग कौंसिल के पद पर पदस्थ कर्मचारी द्वारा माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा वर्ष 1988 में आयोजित हायर सेकेण्डरी परीक्षा अनुक्रमांक 553812 द्वारा स्वाध्यायी छात्र के रूप में तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा 10+2 वर्ष 1989 में अनुक्रमांक 552056 द्वारा स्वाध्यायी छात्र के रूप में अलग अलग नाम से दी गयी थी? यदि हाँ, तो उनके द्वारा शासकीय सेवा में नियुक्ति के प्रस्तुत अंकसूची की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे जिसके आधार पर उन्हें नियुक्ति प्रदान की गयी है? (ख) क्या हायर सेकेण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण परीक्षार्थी को 10+2 के अंतर्गत हायर सेकेण्डरी स्कूल सार्टिफिकेट परीक्षा में सम्मिलित होना नियमानुसार मान्य करने योग्य है? यदि हाँ, तो माध्यमिक शिक्षा मण्डल में इसकी पुष्टि कराई जाकर नियम की प्रति उपलब्ध कराई जाये? (ग) प्रकरण की पुष्टि माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल से प्राप्त होने पर यदि यह नियम विरूद्ध पाया जाता है तो क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के संदर्भ में नियुक्ति के समय गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर नियुक्ति प्राप्त करने के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या रजिस्ट्रार के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारी की सेवा पुस्तिका आज दिनांक तक कौंसिल कार्यालय को प्राचार्य, नर्सिंग कॉलेज इंदौर द्वारा उपलब्ध न कराई जाकर उनके नियंत्रण में कार्यरत न होने के बाद भी रजिस्ट्रार को नियम विरूद्ध बिना सक्षम स्वीकृति के वार्षिक वेतनवृद्धि स्वीकृत की जाकर उन्हें उपकृत किया जा रहा है इसके लिये विभाग संबंधित की जिम्मेदारी निर्धारित कर नियम विरूद्ध वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत करने के लिये अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा की गई खरीदी की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
46. ( क्र. 5047 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 के दौरान विभाग द्वारा किस मद से कितनी राशि व्यय कर कितनी मात्रा (संख्या) में किस दर पर क्या क्या सामग्री किस नाम/पते वाली फर्मों/संस्थाओं/अन्य से कब-कब खरीदी? सामग्रीवार/संख्यावार/दरवार/दिनांकवार/माहवार/वर्षवार/राशिवार/विक्रेतावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में सामग्री खरीदी के लिये क्या-क्या प्रक्रियाएं अपनाई गयी? किस किस को, किस सामग्री हेतु कितनी कितनी राशि का कब कब, किस प्रकार से, किस दर से भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आयोजन हेतु खरीदी के लिए कब कब निविदायें निकाली गयीं? उन्हें किन-किन नाम के अखबारों में किस-किस दिनांकों को प्रकाशित कराया गया? एक एक प्रति उपलब्ध करायें? किस किस सामग्रियों के लिये निविदायें प्रकाशित नहीं करायी गयी? उन्हें किस दर पर कितीन मात्रा में खरीदा गया? भुगतान किस-किस को कब-कब, कितना-कितना किया गया? (घ) क्या खरीदी गयी सभी सामग्रियों का दरवार क्या आडिट कराया गया? कराये गये आडिट की एक रिपोर्ट दें? अगर नहीं कराया गया तो क्यों? नियम बतायें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिंहस्थ 2016 के दौरान विभाग द्वारा राज्य मद से व्यय की गई राशि मात्रा, दर पर क्रय की गई सामग्री का नाम, फर्मों का नाम, संस्थाओं, सामग्रीवार, संख्यावार, दरवार, दिनांकवार, माहवार वर्षवार, राशिवार एवं विक्रेतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आयोजन में सामग्री खरीदी मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ कारर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्धारित दरों एवं स्थानीय स्तर पर ई-निविदा द्वारा किया गया है। भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आयोजन हेतु खरीदी के लिए निकाली गई निविदायें अखबारों में प्रकाशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। बिना निविदा प्रकाशित किये कोई सामग्री का क्रय नहीं किया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। खरीदी गई सभी सामग्रियों का दरवार आडिट महालेखाकार द्वारा माह जून 2016 तक किया जा चुका है। आडिट रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
परियोजना सलाहकार मंडल का गठन
[आदिम जाति कल्याण]
47. ( क्र. 5064 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी एवं सिंगरौली जिले में एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना देवसर एवं कुसमी में परियोजना सलाहकार मण्डल का गठन किया गया है वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी बैठकें हुई है? (ख) क्या शासन का यह नियम है कि परियोजना क्षेत्र में जो भी कार्य स्वीकृत हेतु भेजे जाये तो उसका अनुमोदन परियोजना सलाहकार मण्डल से कराया जाय? किन्तु सीधी एवं सिंगरौली जिला भी दोनों परियोजनाओं में बिना परियोजना सलाहकार मण्डल के सीधे आवंटन परियोजना सांख्यिकीय विभाग, पी.एच.ई. और रेशम विभाग को दिया गया है, यह किस नियम के तहत दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना सलाहकार मंडल की बैठकें आयोजन नहीं की गयी हैं। (ख) जी हाँ। एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कुसुमी, जिला सीधी एवं एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना देवसर जिला सिंगरौली के द्वारा परियोजना सलाहकार मंडलों के अनुमोदन के बिना, वित्तीय वर्ष 2016-17 में सांख्यिकीय, पी.एच.ई. और रेशम विभाग को, आवंटन प्रदाय नहीं किया गया है। (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवासीय बालक छात्रावास व सी.डब्लू.एस.एन. छात्रावास के संचालन के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
48. ( क्र. 5081 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में जिला शिक्षा केन्द्र अंतर्गत कितने आवासीय बालक छात्रावास व सी.डब्लू.एस.एन. छात्रावास संचालित हैं इन दोनों तरह के छात्रावासों के लिए वर्ष 2014 से वर्तमान तक शासन स्तर पर कितना आवंटन प्राप्त हुआ है। क्या इन छात्रावासों के लिए प्राप्त आवंटन का व्यय न होने की स्थिति में शासन को वापिस किया गया है तो उसकी जानकारी भी दे किन परिस्थितियों में यह आवंटन वापिस किया गया है। (ख) आवासीय बालक छात्रावास बस स्टैंड व सी.डब्लू.एस.एन. छात्रावास गंगानगर सिवनी छात्रावासों में रह रहे विद्यार्थियों की वर्षवार सूची उपलब्ध करावें। आवासीय बालक छात्रावास बस स्टैंड सिवनी व सी.डब्लू.एस.एन. छात्रावास गंगानगर सिवनी में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर विभाग के पास कोई शिकायत प्राप्त हुई हो और उस पर कार्यवाही सुनिश्चत की गई हो तो उसकी भी जानकारी देवें। (ग) अवासीय बालक छात्रावास बस स्टैंड सिवनी व सी.डब्लू.एस.एन. छात्रावास गंगानगर सिवनी के विद्यार्थियों को शासन द्वारा दिये गए प्रावधान अनुसार कौन कौन सी सुविधाएं दी जा रही हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सिवनी जिले में जिला शिक्षा केन्द्र अंतर्गत कोई भी आवासीय बालक छात्रावास संचालित नहीं है। जिले में एक सी.डब्लू.एस.एन. छात्रावास गंगानगर सिवनी में संचालित है। संचालित सी.डब्लू.एस.एन. छात्रावास के लिये वर्ष 2014 से वर्तमान तक शासन स्तर प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) सी.डब्लू.एस.एन. छात्रावास गंगानगर सिवनी में रह रहे विद्यार्थियों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। सी.डब्लू.एस.एन. छात्रावास गंगानगर सिवनी के संबंध में विभाग को किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) सी.डब्लू.एस.एन. छात्रावास गंगानगर सिवनी के विद्यार्थियों को शासन द्वारा दिये गये प्रावधान अनुसार नि:शुल्क समावेशित शिक्षा, नि:शुल्क आवासीय सुविधा, पाठ्यपुस्तक, ब्रेललिपि की पुस्तक, गण्वेश, भोजन, नाश्ता, योग व्यायाम, खेलकूद सुविधा, अनुरक्षण भत्ता आदि सुविधाएँ तथा सी.डब्लू.एस.एन. बच्चों को उनकी आवश्यकतानुसार सहायक उपकरण उपलब्ध करायें जाते हैं।
मुगावली विधान सभा में विमुक्त, घुमक्कड, अर्द्धघुमक्कड जाति की जनसंख्या
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
49. ( क्र. 5116 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत दो वर्षों में विमुक्त, घुमक्कड, अर्द्धघुमक्कड जाति कल्याण मंत्री जी को व जिला प्रशासन व जिला पंचायत को मुंगावली तहसील जिला अशोकनगर के मोगियां शासी, नायक व बंजारा जाति के छोटे-छोटे मजरों गावों व बस्तीयों, बसाहटों में अप्रोच रोड बनाने तथा वहाँ मोहल्लों में सी.सी. वर्क व नालियां बनाने के लिये पत्र लिखे है? उस पर क्या कार्यवाही हुई तथा कब तक प्राक्कलन बनकर स्वीकृत हो जायेंगे? (ख) अशोकनगर जिला के मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में कितने बंजारा मोंगिया शासी नायक तथा अन्य विमुक्त, घुमक्कड व अर्द्धघुमक्कड जातियों के गाँव, मजरे, या बस्तियां, बसाहटें है? जहाँ इनकी संख्या अत्यधिक है? उनके नाम बतावें वहाँ की कुल जनसंख्या व इनकी जनसंख्या बतायें तथा वहां पर पेयजल, बिजली देने की शासन की क्या योजना है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। कुल 12 प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। जिला स्तर पर प्राक्कलन तैयार करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मुंगावली को लिखा गया हैं। कार्यवाही अभी प्रचलन में हैं। इस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ख) जी हाँ। अशोकनगर जिले के मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में 18 घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ मजरे टोले में इनकी बसाहटें हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। अभी इन जनजातियों का अधिकृत सर्वे/जनगणना न होने से ग्रामवार जानकारी दी जाना संभव नहीं हैं। राज्य शासन की संचालित योजनाओं के अन्तर्गत पेयजल एवं विद्युत व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती हैं।
शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति बावत्
[स्कूल शिक्षा]
50. ( क्र. 5134 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुरबाई विधान सभा क्षेत्र में कितने शिक्षकों के स्थान निश्चित है और उसमें किस-किस जगह कितने पद रिक्त है? विषयवार जानकारी देवें। (ख) क्षेत्र में जो पद रिक्त है उनकी पूर्ति पद स्थापना हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है अथवा अस्थाई शिक्षा कर्मियों से ही कार्य चलाया जावेगा? स्थाई तौर पर पद स्थापना कब तक हो सकेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सीधी भरती अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति संविदा शाला शिक्षकों से करने के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित करने की कार्यवाही प्रचलित है। स्थाई तौर पर पदस्थापना की पूर्ति के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला चिकित्सालय शिवपुरी में व्याप्त भ्रष्टाचार की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
51. ( क्र. 5147 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय, शिवपुरी द्वारा विगत 07-08 वर्षों से सिक्योरिटी गार्ड का ठेका साफ-सफाई का ठेका, साईकिल स्टैण्ड का ठेका, मरीजों के पर्चे बनाने का ठेका लगातार एक ही ठेकेदार को सांठ-गांठ कर पारदर्शिता न बरतते हुए दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो एक ही ठेकेदार की लगातार निविदा स्वीकृत करते रहने का कारण क्या है? (ख) क्या उक्त ठेकों की विज्ञप्ति जिला चिकित्सालय, शिवपुरी द्वारा प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में न देकर ऐसे समाचार पत्रों में दी गई है जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है? विगत 08 वर्षों में जारी की गई विज्ञप्तियों की प्रतियां एवं ठेका स्वीकृत किये जाने संबंधी समितियों के निर्णयों का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या उपरोक्त कार्यवाही म.प्र. भण्डार क्रय एवं सेवा उपार्जन नियमों के अन्तर्गत है? (घ) यदि नहीं, है तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? नाम, पदनाम सहित जानकारी दें। क्या विभाग दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्न ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्र में निर्माण कार्य बाबत्
[आदिम जाति कल्याण]
52. ( क्र. 5194 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में किन-किन ग्राम में क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गए एवं उन पर कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त स्वीकृत कार्यों में से किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? कितने कार्य पूर्ण हुए कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में अनुसूचति जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बी.पी.एल. कृषकों के खेतों में सिंचाई हेतु ट्रांसफार्मर (डी.पी.) किन-किन ग्राम के कितने किसानों को सिंचाई हेतु डी.पी. लगवाई गई है? उन पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी देवें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
मजरे/टोलों में निवासरत विद्यार्थियों को साइकिल प्रदान करना
[स्कूल शिक्षा]
53. ( क्र. 5239 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कक्षा छठवीं एवं कक्षा नवमी में जिनके गांवों में माध्यमिक शाला व हाई स्कूल नहीं है वे बच्चे अपना गांव छोड़कर अन्य ग्राम में अध्ययन करने जाते हैं। क्या शासन द्वारा उन्हें साइकिल प्रदान करने की पात्रता घोषित की गई है? (ख) विभाग के नये नियमानुसार वर्ष 2016-17 में पोर्टल पर दर्ज राजस्व ग्राम में निवासरत बच्चों को ही साइकिल प्राप्ति की पात्रता है, जो बच्चे राजस्व ग्राम में निवासरत न होकर मजरे/टोलों में निवासरत है उन बच्चों को पात्रता प्राप्त नहीं हो रही है। पात्रता प्राप्त नहीं होने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के अनुक्रम में क्या विभाग के नये नियमों में संशोधन कर, इन मजरे/टोलों में निवासरत् विद्यार्थियों को सायकिल प्रदान की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। सत्र 2016-17 में शासन के निर्देशों में मजरे टोले के बच्चों को साइकिल वितरण का प्रावधान नहीं हैं। पात्रता संबंधी निर्देश सलंग्न हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) प्रस्ताव विचाराधीन हैं।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति व निर्माण कार्यों की जानकारी हेतु
[अनुसूचित जाति कल्याण]
54. ( क्र. 5240 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति बाहुल्य चिन्हित ग्रामों में विकास कार्यों को किए जाने हेतु शासन के क्या नियम बनाये गये है? नियमावली उपलब्ध करायें। (ख) छिन्दवाड़ा जिले में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2016-17 में विभाग को कितना बजट स्वीकृत किया गया है और विभाग द्वारा कितनी राशि के कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और कितनी राशि के कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया जाना शेष है? प्रत्येक विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 से जनवरी 2017 तक परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितने कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव दिये गये हैं और इन प्राप्त प्रस्तावों में से कितने कार्यों की स्वीकृति प्रदान किया जाना शेष है? (घ) छिन्दवाड़ा जिले में वित्तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है? स्वीकृति प्रदान किये जाने के पश्चात् कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं और कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना बाकी हैं? क्या स्वीकृत निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किये जा रहे हैं? निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी प्रत्येक विधानसभावार उपलब्ध करायें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) रूपये 164.43 लाख का बजट स्वीकृत किया गया। समस्त राशि की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) कुल 37 प्रस्ताव प्राप्त हुए। 07 कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गयी। 30 शेष हैं। (घ) सी.सी.रोड, सी.सी. नाली, पुलिया एवं सामुदायिक भवन की स्वीकृति प्रदान की गई है। सभी निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जा चुके हैं। विधानसभावार भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
55. ( क्र. 5262 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1994 से 2001 तक अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त करने वाले सहायक शिक्षकों को बी.एड./डी.एड एवं निम्न श्रेणी लिपिक को हिन्दी मुद्रलेखन की शर्त पूर्ण करने के पश्चात वार्षिक वेतन वृद्धि की पात्रता होगी? (ख) यदि हाँ, तो क्या स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ-1/233/93/ए-1/20 भोपाल दिनांक 23-12-94 के पैरा 3 अनुकंपा नियुक्ति सहायक शिक्षकों के लिये अर्हता हायर सेकेण्डरी मान्य की गयी है एवं बी.एड/बी.टी.आई. की लगाई शर्त एतद द्वारा निरस्त की गई है यदि हाँ, तो निम्न श्रेणी लिपिकों की शर्त को क्यों निरस्त नहीं किया गया? (ग) माननीय न्यायालय जबलपुर के आदेश अनुसार हिन्दी मुद्रलेखन की शर्त को निरस्त करते हुये वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत करने हेतु आदेशित किया है उक्त आदेश का पालन क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया गया है यदि हाँ, तो परिपालन की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार राजस्व विभाग उच्च शिक्षा विभाग, अन्य विभागों द्वारा निम्न श्रेणी लिपिकों को नियुक्ति दिनांक के एक वर्ष पश्चात वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत कर दी गई है तो स्कूल शिक्षा विभाग ने अभी तक उक्त संबंध में आदेश प्रसारित क्यों नहीं किय एवं उक्त संबंध में कब तक आदेश प्रसारित कर दिये जावेंगे समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
विधानसभा क्षेत्र बीना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य ग्रामों में विकास कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
56. ( क्र. 5271 ) श्री महेश राय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अन्तर्गत कितने ग्राम एवं वार्ड (शहरी) आदिम जाति कल्याण विकास विभाग में चिन्हित है जिनमें संबंधित विभाग द्वारा विकास कार्य कराने का प्रावधान है सूची उपलब्ध करावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र बीना संबंधित विभाग द्वारा सन् 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने विकास कार्य स्वीकृत किये गये एवं कितने प्रस्तावित हैं, सूची प्रस्तुत करें? (ग) जो ग्राम/वार्ड चिन्हित नहीं हुये उनको चिन्हित करने का क्या प्रावधान है? (घ) छूट गये ग्रामों को कब तक चिन्हित कर लिया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बीना के अन्तर्गत कोई भी ग्राम एवं वार्ड (शहरी) आदिम जाति कल्याण विकास विभाग में चिन्हित नहीं है। (ख) विधानसभा क्षेत्र बीना अन्तर्गत प्रश्नांकित अवधि में अनुसूचित बस्ती विकास योजना अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं प्रस्तावित कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) ग्राम एवं वार्ड चिन्हित करने का प्रावधान नहीं है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''चौदह''
रूई गद्दे की खरीदी
[आदिम जाति कल्याण]
57. ( क्र. 5330 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा शास. छात्रावासों एवं आश्रमों में रूई के गद्दे खरीदी पर रोक लगाई है एवं उसकी जगह फोम गद्दे खरीदे जाने का आदेश विभाग द्वारा जारी किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिले में वर्ष 2014-15 से फरवरी 2017 तक किन-किन छात्रावासों में कब-कब रूई के गद्दे कितनी मात्रा में खरीदे गये एवं छात्रावासों में वितरित किये गये हैं? (ग) यदि विभाग रूई के गद्दे खरीदी पर रोक लगाई गई थी तो विभाग द्वारा रूई के गद्दों की खरीदी क्यों की गई? (घ) विभाग द्वारा उपरोक्त आदेश की अवहेलना करने पर विभागीय कर्मचारी/अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावास/आश्रमों में उपयोग आने वाली सामग्री का क्रय नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि पालक समितियों के माध्यम से क्वायर फोम के गद्दे क्रय किये गये है, रूई के गद्दे क्रय नहीं किये गये हैं। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जिला चिकित्सालय की छत गिरने से हुई मृत्यु
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
58. ( क्र. 5382 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला चिकित्सालय में 23/07/2016 को मेटरनिटी वार्ड के ऊपरी भवन के छत गिरने की जाँच के लिए रतलाम कलेक्टर द्वारा बनाई जाँच कमेटी के जाँच प्रतिवेदन का विवरण दें? (ख) इस जाँच प्रतिवेदन के आधार पर क्या कार्यवाही की गई। इस भवन को बनाने वाले ठेकेदार पर शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) राज्य अनुसूचित जाति आयोग द्वारा दिनांक 07/10/2016 पत्र क्रमांक 2380 कलेक्टर रतलाम को लिखे पत्र पर क्या कार्यवाही की गई। मृतक नरेंद्र लश्करी के पिता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को दिनांक 07/09/2016 को लिखे पत्र पर क्या कार्यवाही की गई बतावें। (घ) ठेकेदार के कब तक ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जाँच प्रतिवेदन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर मेटरनिटी भवन की गुणवत्ता ठीक पाई गई थी। वस्तुतः भवन गिरने का कारण भवन का वर्ष 1958 में निर्मित होना और नींव में शनैः-शनैः पानी रिसने और मिट्टी का फुलाव होने के कारण, नींव कमजोर होने के कारण गिरना पाया गया है। ऐसी स्थिति में ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं थी। (ग) राज्य अनुसूचित जाति आयोग द्वारा दिनांक 07.10.2016 एवं माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र दिनांक 07.09.2016 के पत्र पर कार्यवाही करते हुये संबंधित की वारिस नरेंद्र लश्करी की पत्नी पप्पी बाई को रुपये 4.00 लाख का भुगतान आर.बी.सी 6/4 के तहत कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष अधिकारियों की डी.पी.सी.
[आयुष]
59. ( क्र. 5417 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परि.अता. प्रश्न संख्या 24 (क्र. 4499) दिनांक 14/3/16 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दिया गया कि वर्ष 2015 में जिला आयुष अधिकारियों की डी.पी.सी. की गई पिछले वर्षों में नवीन विभागीय सेवा भर्ती नियम के प्रकाशन की कार्यवाही प्रचलन में होने से तथा पदक्रम सूचियों में आपत्तियों एवं गोपनीय प्रतिवेदनों की अनुपलब्धता के कारण नियमित रूप से डी.पी.सी. नहीं हो पाई? (ख) क्या संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में लिखा गया है कि सामान्य विभाग के परिपत्र दिनांक 24 अप्रैल, 2013 के अनुसार वर्ष में दो बार डी.पी.सी. आयोजित किये जाने का प्रावधान है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर हाँ है तो क्या नवीन विभागीय सेवा भर्ती नियम के प्रचलन पदक्रम सूची के आपत्तियों के निराकरण तथा गोपनीय प्रतिवेदनों की अनुपलब्धता का विषय बताकर डी.पी.सी. न करने की कोई समय-सीमा है, उत्तर में यथाशीघ्र डी.पी.सी. की जायेगी का तात्पर्य बतायें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति संबंधी प्रकरण विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रावास वार्डनों का स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 5418 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश पत्र क्रमांक राशि के/स्था./2013/7849 भोपाल दिनांक 13.08.2013 द्वारा यह निर्देशित किया गया है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों एवं बालिका छात्रावासों में पदस्थ वार्डन तीन वर्ष तक ही पदस्थ रहेंगी? (ख) यदि हाँ, तो जिला रीवा, सतना एवं सीधी में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों एवं बालिका छात्रावासों में पदस्थ वार्डन कब से पदस्थ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में जिन वार्डनों की पदस्थापना अवधि तीन वर्ष से अधिक हो चुकी है तो निर्देशानुसार तीन वर्ष पूर्ण होने पर क्यों नहीं हटाया गया कारण बतायें। तीन वर्ष की अवधि पूर्ण करने वाली वार्डनों क्या शीघ्र हटाकर नवीन पदस्थापना करेगें? कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बालिका छात्रवास एवं कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रवास में स्कूल शिक्षा विभाग के अधीनस्थ प्रधानाध्यापक/शिक्षिका को मात्र प्रभार दिया जाता है। समय-सीमा निश्चित नहीं हैं। (ख) जिला रीवा, सतना, सीधी में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं बालिका छात्रवास में पदस्थ वार्डनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वार्डन के प्रभार में समय-सीमा निश्चित न होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अध्यापक संवर्ग को छठे वेतनमान प्रदान करना
[स्कूल शिक्षा]
61. ( क्र. 5491 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन में अध्यापक संवर्ग को छठे वेतनमान के गणना पत्रक शासन द्वारा कब जारी किया गया तथा कितने संकुलों द्वारा वेतन का निर्धारण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करते हुए कब तक वेतन का निर्धारण कर लिया जावेगा? (ख) क्या वेतनमान निर्धारण में किसी प्रकार की विसंगति है? यदि हाँ, तो क्या विसंगति है? जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस हेतु शासन अथवा वित्त विभाग से कब-कब विसंगति दूर करने के लिए अभिमत/निर्देश मांगे गए? (ग) क्या वर्ग 1 एवं 2 पर क्रमोन्नत/पदोन्नत अध्यापक संवर्ग को वर्ग 1 एवं 2 पर नवनियुक्त अध्यापकों से कम वेतन प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) जिला उज्जैन के अध्यापक संवर्ग के सभी कर्मचारियों को कब तक छठे वेतनमान का लाभ प्रदाय किया जावेगा? शासन के निर्देशों को समय-सीमा में पूर्ण न करने वाले अधिकारी/कर्मचारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश दिनांक 15 अक्टूबर, 2016 के अनुसार दिनांक 01.01.2016 से अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान का लाभ प्रदेश में दिया गया है। जिले के सभी 61 संकुलों द्वारा वेतन निर्धारण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वेतन निर्धारण तालिकाओं में वेतन नियमन में भिन्नता के कारण सेवा अवधि की गणना वरिष्ठता का निर्धारण, पदोन्नित/क्रमोन्नति के उपरांत वेतन नियमन/वेतन वृद्धि में पृथक-पृथक आधार लिये जाने से विसंगति निर्मित हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। (ग) शासन द्वारा वेतन निर्धारण के संबंध में समय-समय जारी किये गये नियम एवं निर्देशों के अनुरूप वेतन नियमन करने पर क्रमोन्नत/पदोन्नत अध्यापक संवर्ग को वर्ग-1 एवं 2 पर नवनियुक्त अध्यापकों से कम वेतन होने की स्थिति निर्मित नहीं हो सकती। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों के भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
62. ( क्र. 5500 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र हरदा अन्तर्गत कुल कितने शा. प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाईस्कूल हैं? इनमें से कितने प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाईस्कूल हैं जिनके स्वयं के पक्के भवन नहीं हैं एवं ऐसे कितने स्कूल हैं जिनके भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। विकासखंडवार सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या बहुत से ग्रामों में स्कूल भवन बहुत ही जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने से शालायें ग्राम पंचायत भवन अथवा खुले में लगायी जा रही हैं जिससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार भवनविहिन एवं जीर्ण-शीर्ण स्कूल भवनों का नव निर्माण अथवा मरम्मत कार्य कराये जाने हेतु कब-कब क्या कार्यवाही की गई व कब तक शाला भवनों को दुरूस्त कर लिया जावेगा? (घ) हरदा जिले को वर्ष 2014-15 से 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक स्कूल भवनों के नव निर्माण अथवा मरम्मत किये जाने हेतु कितनी-कितनी बजट राशि स्वीकृत की गई वर्ष वार व विधानसभा के विकासखंड व स्कूलवार जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। हरदा अन्तर्गत 541 शासकीय प्राथमिक एवं 283 माध्यमिक शालायें हैं। 04 भवन विहीन प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं एवं 23 जीर्ण-शीर्ण शाला भवन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) जी नहीं। स्वभवन विहीन शास. हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल माध्यमिक शाला के भवन में संचालित किये जा रहे है। प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक में सम्मिलित है। (ग) हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। भवन विहीन प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के निर्माण हेतु वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में प्रस्तावित की गई। वर्ष 2016-17 में भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। जीर्ण-शीर्ण शालाओं के मरम्मत हेतु वर्ष 2017-18 में प्रस्तावित किया है। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर भवन निर्माण/मरम्मत कार्य किया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। हरदा जिले में वर्ष 2014-15 से 2016-17 में सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक स्कूल भवनों के नव निर्माण अथवा मरम्मत किये जाने हेतु किसी भी प्रकार की राशि प्राप्त नहीं हुई है।
शाला भवनों का मरम्मतीकरण
[स्कूल शिक्षा]
63. ( क्र. 5509 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा अंतर्गत वर्तमान में ऐसे कितने प्राथ./माध्य./हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालय हैं जो भवनविहीन हैं एवं कितने विद्यालयों के भवन जर्जर अवस्था में हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त भवन विहीन/जर्जर भवन वाले विद्यालयों के नवीन भवन निर्माण हेतु शासन की कोई मंशा है तो अवगत करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा अंतर्गत ऐसे कितने शाला भवन हैं जिनकी भूमि का सीमांकन कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया है? (घ) अतिक्रमण मुक्त भूमि पर कितने विद्यालयों की बाउन्ड्रीवॉल का निर्माण कराया गया है? सूची उपलब्ध करावें। जिन विद्यालयों में बाउन्ड्रीवॉल नहीं है, उन विद्यालयों में बाउन्ड्रीवॉल निर्माण की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो अवगत करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। 01 शासकीय माध्यमिक शाला भवनविहीन है। 10 शासकीय प्राथमिक एवं 07 माध्यमिक शाला के भवन जर्जर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र''1'' अनुसार। (ख) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। प्रश्नांश ''क'' अनुसार उक्त भवनविहीन एवं जर्जर प्राथमिक व माध्यमिक शाला भवन के प्रस्ताव कार्य योजना वर्ष 2017-18 में भारत शासन से स्वीकृति हेतु प्रस्तावित किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) अतिक्रमण मुक्त किसी भी शासकीय हाई व हायर सेकेण्डरी शाला में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण नहीं कराया गया है। हाई व हायर सेकेण्डरी शाला का बाउण्ड्रीवॉल निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। 172 प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं के बाउण्ड्रीवॉल हेतु प्रस्ताव वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2017-18 में भारत शासन को प्रस्तावित किया गया है।
उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्कूलों हेतु स्वीकृत निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
64. ( क्र. 5511 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में किस-किस मद से स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्ष, शौचालय, किचन शेड एवं अन्य निर्माण कार्य वर्ष 2005 के बाद स्वीकृत किये गए? स्वीकृत कार्यों की मदवार जानकारी स्वीकृत राशि, स्थल, पूर्णता हेतु तय तिथि तथा निर्माण एजेंसी का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हो सके है? कार्यवार कारण बतावें। क्या इन निर्माणाधीन कार्यों की पूर्ण राशि निर्माण एजेंसी द्वारा प्राप्त कर ली गई है? क्यों? अब तक इन कार्यों को पूर्ण न होने के लिए कौन उत्तरदायी है? कब तक कार्य पूर्ण करा लिए जायेंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित निर्मित कार्यों का वर्तमान में भौतिक सत्यापन कराया जाकर कार्यों की वास्तविक स्थिति तय कर उन्हें पूर्ण कराने हेतु कोई विशेष प्रयास किया जाएगा? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ख) प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है। अपूर्ण कार्यों के संबंध में एजेंसी द्वारा अनुचित आहरण एवं कार्य नहीं किये जाने के कारण आर.आर.सी. के प्रकरण प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक में वर्णित प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनका सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापन कर पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर शाला प्रबंधन समिति को हस्तांतरण कर दिया गया है, जिसमें शालाएं संचालित है। अपूर्ण कार्यों के संबंध में एजेंसी द्वारा अनुचित आहरण एवं कार्य नहीं किये जाने के कारण आर.आर.सी. के प्रकरण प्रक्रियाधीन है। शेष अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने हेतु प्रयास किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं तीन पर है।
अनुसूचित जाति के किसानों की कृषिभूमि में विद्युतीकरण/पंप ऊर्जीकरण
[आदिम जाति कल्याण]
65. ( क्र. 5529 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अंतर्गत म.प्र. में कितने जिलों में वर्ष 2008-09 से अ.ज.जा. वर्ग के किसानों की कृषि भूमि में विद्युतीकरण के कार्य कराये गए हैं? किस वर्ष से अ.जा. वर्ग के किसानों के विद्युतीकरण के कार्य बन्द कर दिए है? बन्द करने का क्या कारण है? (ख) वर्ष 2016-17 में जिला खंडवा के अंतर्गत कितनी राशि अजजा वर्ग के किसानों के लिए स्वीकृत की थी? उस राशि का कितना उपयोग हो गया है? (ग) क्या अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा विद्युतीकरण की राशि ऊर्जा विभाग/विद्युत वितरण कंपनी को दी है? यदि हाँ, तो खंडवा जिले की कितनी राशि दी है? क्या ऊर्जा विभाग/विद्युत वितरण कंपनी इस राशि से कार्य करने को सहमत है? यदि हाँ, तो अ.जा. वर्ग के किसानों की कृषि भूमि में व बस्ती में विद्युतीकरण व पंप ऊर्जीकरण के कार्य कब से प्रारंभ किये जायेंगे? किसके द्वारा यह कार्य कराया जायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) अस्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों में परिवर्तन करने हेतु इस योजना की राशि, ऊर्जा विभाग को हस्तांन्तरित करने के शासन निर्णय होने से जिले को 2016-17 के प्रारंभ में राशि आवंटित नहीं की गई। चतुर्थ त्रैमास में राशि रुपये 2.92 लाख आवंटित की गई है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अ.ज.जा. वर्ग के किसानों के कृषि पंपों का ऊर्जीकरण/विद्युतीकरण
[आदिम जाति कल्याण]
66. ( क्र. 5530 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत खण्डवा जिले में वर्ष 2008-09 से अ.ज.जा. वर्ग के किसानों की कृषि भूमि में विद्युतीकरण के कार्य कराये गए हैं? किस वर्ष से अ.ज.जा. वर्ग के किसानों के विद्युतीकरण के कार्य बन्द कर दिए हैं? बन्द करने का क्या कारण है? (ख) वर्ष 2016-17 में जिला खंडवा के अंतर्गत कितनी राशि अ.ज.जा. वर्ग के किसानों के लिए स्वीकृत की थी? उस राशि का कितना उपयोग हो गया है? (ग) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विद्युतीकरण की राशि ऊर्जा विभाग/विद्युत वितरण कंपनी को दी है? यदि हाँ, तो खंडवा जिले की कितनी राशि दी है? क्या ऊर्जा विभाग/विद्युत वितरण कंपनी इस राशि से कार्य करने को सहमत है? यदि हाँ, तो अ.ज.जा. वर्ग के किसानों की कृषि भूमि में व बस्ती में विद्युतीकरण व पंप ऊर्जीकरण के कार्य कब से प्रारंभ किये जायेंगे? किसके द्वारा यह कार्य कराया जायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जिले में वर्ष 2008-09 से नहीं बल्कि वर्ष 2000-01 से अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों के खेतों तक कृषि पंप के ऊर्जीकरण हेतु विद्युत लाईन विस्तार के कार्य कराये जा रहे हैं। विभागीय ऊर्जीकरण योजना को बन्द नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्ष 2015-16 में अस्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों में परिवर्तन करने हेतु विभागीय विद्युतीकरण की योजना की राशि, ऊर्जा विभाग को हस्तांन्तरित करने के निर्णय से जिले को 2016-17 के प्रारंभ में राशि आवंटित नहीं की गई। चतुर्थ त्रैमास में राशि रुपये 2.92 लाख आवंटित की गई है। (ग) जी हाँ। शेष ''ख'' अनुसार। ऊर्जा विभाग से आवंटन वापिस लिया जा रहा है। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा ''मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 23 दिसंबर 2016 में प्रकाशित ''अनुसूचित जनजाति बस्तियों में विद्युतीकरण, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा हेतु विद्युत लाईन का विस्तार (पंपों का उर्जीकरण) योजना नियम'' 2016 में निहित प्रावधानों के अनुरूप कार्य किया जावेगा। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा यह योजना संचालित की जावेगी।
अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग के कृषकों के विद्युत पम्प कनेक्शन
[आदिम जाति कल्याण]
67. ( क्र. 5535 ) श्री कैलाश चावला : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15, 2015-16 व 2016-17 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के विद्युत पम्प कनेक्शन योजना के तहत कितने आवेदन पत्र नीमच जिले में जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग को प्राप्त हुए? विधानसभा क्षेत्रवार एवं वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उक्त प्राप्त आवेदनों में से कितने कृषकों के कनेक्शन प्रश्न दिनांक तक किए जा चुके हैं, जिन कृषकों को उक्त योजना में कनेक्शन नहीं दिए जा सके हैं, उनके क्या कारण है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री (श्री ज्ञान सिंह) : (क) नीमच जिलें में, अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना मद अन्तर्गत, प्रश्नाधीन अवधि में अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों से विद्युत पम्प कनेक्शन हेतु प्राप्त आवेदनों की वर्षवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विगत वर्ष अस्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों में परिवर्तन करने के लिये अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना की राशि ऊर्जा विभाग को हस्तांतरित किये जाने से कार्य प्रभावित हुआ है। अनुसूचित जनजाति विद्युतीकरण योजना संशोधित होकर ‘‘अनुसूचित जनजाति बस्तियों में विद्युतीकरण, अनुसूचित जनजाति के कृषकों को सिंचाई सुविधा हेतु विद्युत लाईन का विस्तार (पंपों का उर्जीकरण) योजना नियम’’ 2016 प्रभावी है। संशोधित नियमों के अनुसार अनुसूचित जनजाति कृषकों के पंपों के उर्जीकरण के लिये नीमच जिले को फरवरी 2017 में राशि रूपये 1.62 लाख आवंटित की गई है।
परिशिष्ट - ''सोलह''
मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी को प्राप्त आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
68. ( क्र. 5768 ) श्री गोपाल परमार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नियमित/NRHM के अंतर्गत आगर के मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को वर्ष 2016-2017 में किन किन मद में कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? मदवार प्राप्त आवंटन की जानकारी देवें? किस मद में कितना व्यय किया गया? व्यय की मदवार जानकारी देवें? (ख) क्या शासन द्वारा नसबंदी कराने के लिए प्रत्येक चिकित्सक को प्रतिदिन का लक्ष्य रखा गया है? आगर जिले में वर्ष 2016-2017 में किस-किस दिनांक को कितने नसबंदी ऑपरेशन कराये, ऑपरेशन किस चिकित्सक द्वारा किये गए? नाम व पदवार जानकारी देवें। चिकित्सक को कितना-कितना भुगतान किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार लक्ष्य से अधिक प्रतिदिन नसबंदी ऑपरेशन कराये गए हैं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रत्येक चिकित्सक को प्रतिदिन नहीं बल्कि प्रति कैम्प (शिविर) का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों में अनियमितता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
69. ( क्र. 5774 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में किन-किन छात्रावासों में कितने-कितने विद्यार्थी दर्ज हैं? (ख) उनके रहने/भोजन/स्वल्पाहार हेतु कितनी-कितनी राशि प्रति छात्र खर्च का प्रावधान है? (ग) विगत वर्ष 15-16 में किन-किन छात्रावासों में प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) क्या प्रतिमाह उपस्थित छात्र संख्या एक सी पाई गई? यदि हाँ, तो एक समान उपस्थिति कैसे संभव है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय माध्यमिक शाला भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
70. ( क्र. 5800 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय माध्यमिक शाला जवा के दो पृथक-पृथक भवन वर्ष 2009 से निर्माणाधीन हैं, किन्तु क्या कारण हैं कि इतने वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरांत भी भवन अध्ययन-अध्यापन हेतु उपलब्ध नहीं कराया जा सका? (ख) उक्त निर्माणाधीन दोनों विद्यालय भवनों को निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब उपलब्ध कराई गई थी? (ग) शासकीय माध्यमिक शाला जवा के दोनों भवनों को कब तक पूर्ण कराकर लोकार्पण कराया जा सकेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय माध्यमिक शाला जवा में 03 अतिरिक्त कक्ष एवं प्राथमिक शाला जवा में 02 अतिरिक्त कक्ष वर्ष 2009-10 में स्वीकृत किये गये थे। तत्कालीन सरपंच एवं सचिव ग्राम पंचायत जवा के विवाद के कारण नियत समय में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सका हैं। (ख) प्रश्नांश (क) विद्यालयों को निर्माण कार्य हेतु उपलब्ध कराई गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त निर्माण कार्य पूर्ण कराने हेतु निर्माण एजेन्सी को निर्देशित किया गया है तथा निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने हेतु प्रक्रिया प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
तकनीकी अमले की सेवाएं
[आदिम जाति कल्याण]
71. ( क्र. 5808 ) श्री तरूण भनोत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के तकनीकी अमले की सेवायें शासन के आदेश क्र. एफ 04-18/2000/25 दिनांक 03/02/2000 द्वारा पद सहित ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा को सौंप दी गई हैं? तकनीकी अमले में कितने पद हैं जिन्हें सौंपा जाना था? (ख) क्या वर्णित (क) के आदेश का पालन हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इस हेतु कार्यवाही कब तक होगी? (ग) यदि वर्णित (क) के विभाग के तकनीकी अमले की सेवायें नहीं सौंपी गई हैं तो अमले के विस्तार एवं कार्यों के संबंध में शासन की क्या योजना है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। 90 पद। (ख) जी नहीं। मंत्री परिषद् के स्पष्ट निर्देश न होने के कारण ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा सौंपी गई सेवायें स्वीकार नहीं की गई। (ग) प्रश्नांश 'ख' के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा शिक्षकों का अध्यापक संवर्ग में संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
72. ( क्र. 5825 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल दिनांक 11.09.2008 में नियम 5 के कंडिका 2 (क) में संविदा शिक्षक को 3 वर्ष में अध्यापक संवर्ग में नियुक्त करने का नियम है? (ख) यदि हाँ, तो भिण्ड जिले के लहार एवं रौन विकासखण्ड में ऐसे कितने संविदा शिक्षक हैं जिन्हें 3 वर्ष पश्चात् भी प्रश्न दिनांक तक नियमित नहीं किया गया है? नियमित न करने का कारण बतायें? संविदा शिक्षकों की नियुक्ति नाम व दिनांक सहित बतायें? (ग) क्या विकासखण्ड लहार एवं रौन में वर्ष 2009 एवं 2011 में नियुक्त संविदा शिक्षकों का अभी तक संविलियन नहीं किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक संविलियन किया जाएगा? (घ) क्या उपरोक्त विकासखण्डों के संविदा शिक्षकों के तीन वर्ष पूर्ण होने के दिनांक पश्चात् नियमानुसार अंशदायी पेंशन योजना का लाभ प्रदाय किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) ऐसे संविदा शाला शिक्षक को जिसने तीन वर्ष की संविदा नियुक्ति कालावधि पूर्ण कर ली है तथा छानबीन समिति द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार पात्र पाये जाने पर अध्यापक संवर्ग में नियुक्त दिए जाने का प्रावधान है। (ख) जिले के विकासखण्ड लहार में 20 संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 एवं रौन में 10 संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 को प्रश्न दिनांक तक नियमित नहीं किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दायर याचिका क्रमांक 527/2015 में पारित निर्णय के पालन में वर्ष 2006, 2009 एवं 2011 में जिला भिण्ड में भर्ती हुये संविदा शाला शिक्षक की प्रक्रिया का परीक्षण किया जाना है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) माननीय न्यायालय के पारित निर्णय के अनुसार जिला भिण्ड में भर्ती हुये संविदा शाला शिक्षक की प्रक्रिया का परीक्षण उपरांत पात्र पाये जाने वाले संविदा शाला शिक्षक से अध्यापक संवर्ग में संविलियन दिनांक से अंशदायी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डायलिसिस मशीन का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 5841 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में गुर्दे के रोगियों के उपचार के लिये डायलिसिस मशीन शासकीय व अशासकीय अस्पतालों में प्रयुक्त होती है? (ख) यदि हाँ, तो विशेषज्ञ चिकित्सक के अतिरिक्त मशीन प्रचालन हेतु टेक्नीशियन हेतु क्या निर्धारित योग्यता शासन द्वारा निर्धारित की गई है तथा क्या डायलिसिस टेक्निशियन हेतु प्रदेश में कोई कोर्स (डिग्री/डिप्लोमा) अनिवार्य है? (ग) इन्दौर संभाग के आदिवासी बाहुल्य जिलों में कितनी डायलिसिस मशीनें जिलेवार रजिस्टर्ड हैं तथा उसमें कितने रजिस्टर्ड टेक्नीशियन (डिग्रीधारी) उनका संचालन कर रहे हैं? नाम सहित सूची उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी टेण्डर में डायलिसिस टेक्नीशियन हेतु पैरामेडिकल काउंसिल से मान्यता प्राप्त संस्था से डायलिसिस का डिप्लोमा तथा 01 साल का अनुभव अनिवार्य है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
चिकित्सा क्षेत्र के सर्जन, स्पेस्लिस्ट व सुपर स्पेस्लिस्ट चिकित्सक का निर्धारण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
74. ( क्र. 5842 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेडिकल काउन्सिल आफ इण्डिया द्वारा विभिन्न प्रकार के आपरेशन किये जाने हेतु चिकित्सा क्षेत्र के सर्जन, स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक का निर्धारण योग्यतानुरूप किये जाने वाली गाईड लाईन निर्मित की गई है? (ख) क्या मेडिकल कॉउन्सिल आफ इण्डिया के नियमानुसार एम.एस. (जनरल सर्जरी) के प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सक किसी एम.सी.आई. मान्यता प्राप्त मेडिकल कालेज में सर्जरी विभाग में दूरबीन पद्धति द्वारा जाँच (सिस्टोस्कॉपी, गैस्टोस्कॉपी) एवं दूरबीन पद्धति से आपरेशन (गाल ब्लडर, मशीन द्वारा प्रोस्टेड का ऑपरेशन करने का अनुभव प्राप्त किया हो तो क्या वह स्वतंत्र रूप से इस प्रकार की सर्जरी करने हेतु अधिकृत है? (ग) क्या दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में जहां सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों (एम.सी.एच.) का अभाव है वहां केवल एम.सी.एच. स्तर के चिकित्सक द्वारा ही किये जा सकने वाले आपरेशन किये जाने हेतु शासन व एम.सी.आई., गाईड लाईन में कुछ शिथिलता प्रदान करती है? (घ) यदि नहीं, तो दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में जहां सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की कमी है वहां आपातकालीन परिस्थितियों में इस प्रकार के ऑपरेशन करने हेतु विभाग द्वारा क्या व्यवस्थाएं की जा रही हैं तथा इस संबंध में क्या दिशा निर्देश निर्धारित किये गये हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
छात्रवृत्ति वितरण
[स्कूल शिक्षा]
75. ( क्र. 5850 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश से कक्षा एक से बारहवीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भुगतान के लिये समग्र पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो व्यवस्था में क्या-क्या प्रावधान हैं? (ख) क्या व्यवस्था आंरभ होने से अब तक सिवनी जिले में छात्रों को ऑनलाईन व्यवस्था द्वारा छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई गई है? यदि नहीं, तो किन-किन माध्यमों से छात्रवृत्ति प्रदत्त की गई है? (ग) क्या सिवनी जिले में विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति संकुल केन्द्र प्राचार्यों के खाते में जमा कराई गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक के संकुल प्राचार्य की खाते में वर्षवार कितनी राशि जमा कराई गई और उनके द्वारा कितनी-कितनी छात्रवृत्ति राशि वितरित की गई संकूल वार जानकारी देवें?। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में छात्रवृत्ति वितरण का माध्यम क्या रहा है और खातों में इस मद की शेष बची राशि का क्या किया गया? (ड.) जिन संस्थाओं में छात्रवृत्ति वितरण नहीं किया गया है तथा उक्त जमा राशि का किसी अन्य मद में व्यय कर लिया गया है तो ऐसे दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन क्या कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। समेकित छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत 8 विभागों की 30 प्रकार की छात्रवृत्ति समग्र शिक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत कर हितग्राही के बैंक खाते में भुगतान की जा रही है। (ख) जी हाँ। कतिपय विद्यार्थियों के बैंक खाते त्रुटिपूर्ण होने के कारण अंतरण असफल होने पर कोषालय द्वारा सबंधित संकुल केन्द्र प्राचार्य के नाम पर उपलब्ध कराए गए बैंकर्स चैक सबंधित संकुल केन्द्र प्राचार्य के शासकीय खाते में जमा कर सबंधित विद्यार्थी से संशोधित/नवीन बैंक खाता प्राप्त कर आर.टी.जी.एस अथवा अकाउंट पेयी चैकों के माध्यम से भुगतान किया गया। (ग) वर्ष 2015-16 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2016-17 में मिशन वन-क्लिक के तहत छात्रवृत्ति सबंधित बैंकों द्वारा विद्यार्थियों के बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि का भुगतान किया गया है। (घ) सबंधित विद्यार्थी द्वारा संशोधित/नवीन बैंक खाता प्राप्त कर आर.टी.जी.एस अथवा अकाउंट पेयी चैकों के माध्यम से भुगतान किया गया। शेष विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण की कार्रवाई प्रचलन में है। (ड.) छात्रवृत्ति की शेष राशि का अन्य किसी मद में व्यय किए जाने की सूचना/शिकायत प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गृह विज्ञान संकाय का संचालन
[स्कूल शिक्षा]
76. ( क्र. 5851 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यालय सिवनी के शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गृह विज्ञान संकाय का संचालन पूर्व वर्षों में हो रहा था, जिसे बगैर किसी कारण के बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो स्पष्ट कारण बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित गृह विज्ञान संकाय के व्याख्याता उक्त संस्था में नियमित पद के रूप से पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में उन्हे किस विषय का अध्यापन कार्य सौंपा गया है और क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) संस्था में गृह विज्ञान विषय बंद हो जाने से सैकड़ों छात्राओं को उक्त विषय के अध्यापन कार्य हेतु अन्य शहर जाना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में उक्त विषय पुन: संचालित करने की योजना शासन की है? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) गृह विज्ञान संकाय का संचालन पूर्व वर्षों से हो रहा था, जो वर्तमान में बंद नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। गृह विज्ञान के अतिरिक्त उक्त वरिष्ठ अध्यापक से अध्यापन के कालखण्ड कम होने के कारण कक्षा 9वीं में सामाजिक विज्ञान का अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। (ग) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अ.ज.जा. बालक/बालिका/छात्रावास
[आदिम जाति कल्याण]
77. ( क्र. 5863 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में कितने अ.ज.जा. वर्ग हेतु बालक/बालिका छात्रावास संचालित हैं? टिमरनी विधानसभा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, क्या आदिवासी जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार संचालित छात्रावास पर्याप्त हैं? यदि नहीं, तो आवश्यकतानुसार अ.ज.जा. वर्ग के छात्रावास खोले जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) वर्तमान में टिमरनी विधानसभा क्षेत्र अ.जा. वर्ग के छात्रावास अधिक हैं, किन्तु क्षेत्र में अ.ज.जा. वर्ग के छात्र/छात्राएं अधिक हैं, क्या अ.जा. वर्ग के छात्रावासों में सीट पूर्ति नहीं होने की स्थिति में भी अ.ज.जा. वर्ग के छात्र/छात्राओं को एडमीशन नहीं दिया जाता है, यदि हाँ, तो क्या भविष्य में ऐसी कोई व्यवस्थाएं की जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) टिमरनी विधान सभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 05 छात्रावास संचालित हैं। जी हाँ। अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों की आवश्यकता के अनुरूप छात्रावास प्रारंभ किये जाते हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। अ.जा. वर्ग के छात्रावासों में 10% सीट्स अनुसूचित जनजाति वर्ग एवं अन्य वर्ग के छात्र-छात्राओं को भी प्रवेश दिये जाने का नियम है। अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रावासों में सीट पूर्ति न होने की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सोनोग्राफी के रजिस्ट्रेशन हेतु चिकित्सको (नॉन रेडियोलोजिस्ट) के लिये प्रतियोगिता परीक्षा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
78. ( क्र. 5869 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.सी.पी.एन.डी.टी एक्ट के प्रावधानों के क्रम में एम.बी.बी.एस चिकित्सकों को जिन्हें सोनोग्राफी का रजिस्ट्रेशन प्राप्त करना है, के लिये प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता परीक्षा की अनिवार्यता रखी गयी है तथा पूर्व से सोनोग्राफी सेंटर संचालित करने वाले अनुभवी चिकित्सको के लिये केवल प्रतियोगिता परीक्षा का प्रावधान किया है? (ख) क्या निजी चिकित्सकों हेतु भी प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कोई व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो संक्षिप्त विवरण देवें। (ग) यह परीक्षा प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2015-16 सें आज दिनांक तक कब-कब आयोजित की गई तथा क्या आगामी परीक्षा की तिथि घोषित हो चुकी है? यदि हाँ, तो बतावें। (घ) क्या इस परीक्षा पर माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. द्वारा स्थगन प्रदान किया गया है? (ङ) यदि हाँ, तो स्थगन की दशा में सोनोग्राफी सेंटर के संचालन के क्या दिशा निर्देश हैं तथा क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आवश्यक प्रावधान स्थगन समयावधि में शिथिल माना जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) अनुसार व्यवस्था है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। (ड.) माननीय उच्च न्यायालय म. प्र. द्वारा प्रकरण में परीक्षा आयोजित करने पर स्थगन दिया गया है, अत: इस बावत विभाग की ओर से सोनोग्राफी सेंटर के संचालन हेतु कोई नवीन दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। जी हाँ।
थैलेसीमिया के इलाज हेतु ब्लड सेपरेटर मशीन की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
79. ( क्र. 5881 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में थैलेसीमिया रोग के कितने बच्चे ग्रसित हैं? इन पीड़ित बच्चों के ईलाज हेतु शासकीय चिकित्सालय, उज्जैन को पूर्व में ब्लड सेपरेटर मशीन शासन द्वारा उपलब्ध कराई गयी थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त मशीन वर्तमान में चालू हैं? क्या इस मशीन का एक बार भी उपयोग नहीं हुआ है? यदि चालू नहीं है तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या दिनांक 22.9.2016 को प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग, भोपाल ने आदेश जारी किया था कि जिन बच्चों का इलाज जिला चिकित्सालय में नहीं हो सकता है, उनका इलाज आउट सोर्स से कराया जावें। यदि हाँ, तो उक्त आदेशानुसार अभी तक कितने बच्चों का इलाज आडट सोर्स से कराया गया है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) उज्जैन जिले में 74 बच्चे थैलेसीमिया रोग से ग्रसित है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। आर. डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज में थैलेसिमिया के अंतर्गत 120 बच्चे पंजीकृत है, जिसमें से 74 बच्चे उज्जैन जिले के निवासी हैं जिन्हें आर. डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज द्वारा निःशुल्क ब्लड उपलब्ध कराया जा रहा है।
शालाओं के निरीक्षण उपरान्त पाई गई अनियमितताओं पर कार्यवाही बाबत्
[आदिम जाति कल्याण]
80. ( क्र. 5902 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा अन्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में भीकनगांव एवं झिरन्या की शालाओं का निरीक्षण कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया है तथा अपने निरीक्षण प्रतिवेदन में क्या लिखा गया है? निरीक्षणकर्ता अधिकारी का नाम, शाला का नाम, दिनांक एवं निरीक्षण टीप का विवरण प्रदान करें। (ख) क्या निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता एवं शिक्षकों की अनुपस्थिति के सम्बंध में क्या निरीक्षण प्रतिवेदन में वर्णन किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी शालाएं थी? (ग) क्या ऐसे प्रकरणों पर किसी शिक्षक या मध्यान्ह भोजन संचालनकर्ता समूह पर कार्यवाही की गई? हाँ तो उसकी जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्या कारण हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी क्षेत्रों में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों के पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
81. ( क्र. 5921 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों की विगत कई वर्षों से कमी रही है? कई क्षेत्रों में पद स्वीकृति दिनांक से आज दिनांक तक पद रिक्त हैं? (ख) यदि हाँ, तो चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे गये एवं कितने पद रिक्त हैं? पदवार जानकारी देवें। (ग) क्या शासन लम्बे समय से रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कोई कारगर कदम उठा रहा है या उठायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रदेश में विशेषज्ञ/चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी के कारण शत्-प्रतिशत पद पूर्ति नहीं की जा सकी है। जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। आदिवासी बाहूल्य जिलों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने हेतु चिकित्सकों को आकर्षित करने के लिए इस वर्ष बजट में माननीय वित्त मंत्री जी द्वारा आदिवासी बाहूल्य क्षेत्रों में चिकित्सकों को 25 प्रतिशत की दर से व्यावसायिक अवरोध क्षतिपूरक भत्ते हेतु घोषणा की गई है, उक्त से चिकित्सकों की पद पूर्ति में सहायता मिलेगी। चिकित्सा अधिकारियों की पदपूर्ति हेतु 1896 चिकित्सकों की चयन प्रक्रिया मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम पूर्ण की गई है एवं दिनांक 07.03.2017 को 726 चिकित्सकों की चयन लोक सेवा अयोग द्वारा जारी की गई है तथा पैरामेडिकल संवर्ग के 910 पदों हेतु मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड द्वारा विज्ञापन जारी किया जा चुका है। चयनित चिकित्सक/पैरामेडिकल संवर्ग के कर्मचारियों की पदस्थापना आदिवासी बाहूल्य जिलों में उपलब्धता अनुसार की जावेगी।
विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित करना
[आदिम जाति कल्याण]
82. ( क्र. 5942 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2013 से आदिवासी किसानों के खेत पर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं? कितने लंबित हैं? नाम एवं ग्राम स्थान का नाम बतावें। (ख) क्या योजनांतर्गत मद में राशि के अभाव में विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित करने के प्रकरण स्वीकृत नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा राशि स्वीकृति हेतु बजट में सम्मिलित करने के लिए शासन को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा आगामी बजट में राशि स्वीकृत की जावेगी? यदि हाँ, तो देवास जिले में कितनी राशि स्वीकृत की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के कृषकों के खेतों पर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने संबंधी, पृथक से कोई योजना नहीं है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गोविंदपुरा विधान सभा क्षेत्र की संचालित शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
83. ( क्र. 5947 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविंदपुरा विधान सभा क्षेत्र के किन-किन वार्डों में कितनी-कितनी प्राथमिक शाला/माध्यमिक शाला/उच्च माध्यमिक शाला एवं उच्चतर शालाएं हैं? वार्डवार शालाओं के नाम एवं पता सहित बताया जाए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शालाओं में कितने-कितने विद्यार्थी अध्ययनरत है? पृथक-पृथक शालावार संख्या बताई जाएं? (ग) वार्ड 73 में विभाग द्वारा कितने-कितने विद्यालय किस-किस स्थान पर प्रारंभ किये गए है? नाम एवं पता सहित बताया जाए? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शालाओं में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने शिक्षक कार्यरत है एवं किस-किस श्रेणी के कितने पद रिक्त है? पृथक-पृथक बताया जाए?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) वार्ड क्रमांक में 73 कोई भी शासकीय स्कूल संचालित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
भर्ती में अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
84. ( क्र. 5994 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1.1.2014 से 31.1.2017 तक चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में कितने मेल नर्सों की भर्ती की गई? स्टॉफ नर्स समेत सभी पदों की जानकारी नाम सहित वर्षवार देवें? (ख) क्या चिकित्सा शिक्षा विभाग को भर्ती नियम नहीं होने के कारण यहां स्वास्थ्य विभाग के ही भर्ती नियम लागू है? यदि हाँ, तो नियम की कॉपी देवें?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) प्रश्नांश अवधि में चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में मेल नर्स की भर्ती नहीं की है। शेष जानकारी निम्नानुसार है :-
संस्था का नाम |
वर्ष 2014 |
वर्ष 2015 |
वर्ष 2016 |
वर्ष 2017 |
गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल |
निरंक |
09 |
02 |
निरंक |
हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल |
निरंक |
160 |
41 |
निरंक |
सुल्तानिया महिला चिकित्सालय, भोपाल |
निरंक |
02 |
30 |
निरंक |
कुल योग |
निरंक |
171 |
73 |
निरंक |
(ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
85. ( क्र. 6030 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा अतारांकित प्रश्न संख्या 72 (क्रमांक 1022) दिनांक 09 दिसम्बर, 2016 के विभागीय उत्तरों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित दिनांक तक की गई कार्यवाही का तत्सबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) उक्त विषय पर प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर कई माध्यमों से कार्यवाही कराये जाने के लेख किए जाने के उपरांत भी प्रश्नांकित दिनांक तक संस्था उन्नयन की स्वीकृति में विलंब क्यों हुआ है? कार्यवाहीवार तत्संबंधी ब्यौरा दें? (ग) क्या भवन निर्माण की कार्यवाही स्थल निरीक्षण कर जिला स्तर पर पूर्ण कर ली गई है? हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) ग्राम बोरांवा उप-स्वास्थ्य केन्द्र का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द में संस्था उन्नयन का प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन की ओर परियोजना परीक्षण समिति में स्वीकृति हेतु दिसंबर 2016 को प्रस्तावित किया गया है। (ख) उप-स्वास्थ्य केन्द्र, बोरांवा का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द में उन्नयन की स्वीकृति किये जाने की कार्यवाही परियोजना परीक्षण समिति में प्रक्रियाधीन है (ग) वर्तमान में संस्था उन्न्यन की स्वीकृति प्राप्त नहीं होने से स्थल निरीक्षण नहीं किया गया। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
एक ही स्थान पर वर्षों से कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानांतरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
86. ( क्र. 6066 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2016-17 क्रमांक एफ 6-1/2016/एक/9 भोपाल दिनांक 02/08/2016 एवं स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 क्रमांक एफ 6-1/2015/एक/9 भोपाल दिनांक 15/04/2015 के बिन्दु क्रमांक 8 की कंडिका 7 में क्या ऐसा उल्लेख है कि कार्यपालिक तृतीय श्रेणी कर्मचारियों/अधिकारियों को एक ही स्थान पर तीन या पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर स्थानांतरण कर दिया जावेगा? (ख) शिवपुरी जिले के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में ऐसे कितने खाद्य सुरक्षा अधिकारी/खाद्य निरीक्षक (कार्यपालिक तृतीय श्रेणी अधिकारी/कर्मचारी) कार्यरत हैं, जिन्हें एक ही स्थान पर अपनी प्रथम पदस्थापना दिनांक से वर्तमान दिनांक तक तीन वर्ष या पाँच वर्ष से अधिक का समय हो गया है। वर्षवार पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें। (ग) यदि उपरोक्तानुसार कर्मी कार्यरत हैं, तो प्रश्नांश (क) के पालन में स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया एवं कब तक कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग, भोपाल द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 क्रमांक एफ 6-1/2015/एक/9, भोपाल, दिनांक 15.04.2015 एवं वर्ष 2016-17 क्रमांक एफ 6-1/2016/एक/9, भोपाल दिनांक 02.08.2016 के बिन्दु क्रमांक-8 की कण्डिका 7 में कार्यपालिक तृतीय श्रेणी अधिकारियों/कर्मचारियों को एक स्थान पर तीन या पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर सामान्य तौर पर स्थानांतरण करने का प्रावधान है, परन्तु स्थानांतरण कर ही दिये जावेंगे, यह आवश्यक नहीं है। (ख) शिवपुरी जिले में 2 खाद्य सुरक्षा अधिकारी 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं। (ग) स्थानांतरण नीति में अधिकतम 20 प्रतिशत स्थानांतरण के निर्देश होने से 3 वर्ष या पाँच वर्ष की अधिक अवधि के खाद्य सुरक्षा अधिकारी एक ही जिले में पदस्थ हैं। शेष प्रश्न ही उपस्थित होता।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत कराये गये कार्य
[स्कूल शिक्षा]
87. ( क्र. 6148 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में शिक्षा विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावासों, आश्रमों, प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों के नवीन एवं मरम्मत कार्य, फर्शीकरण, बाउन्ड्रीवॉल, अतिरिक्त कक्ष, मूत्रालय, शौचालय तथा अन्य कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? वर्षवार, विकासखंडवार पृथक-पृथक बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि में से कौन-कौन से निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ कराये गये? क्या कार्य की आवश्यतानुसार ही कार्य स्वीकृत किये गये? यदि हाँ, तो क्या विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत ग्राम कुआं, बाकल, तिलगवां के अलावा अन्य क्षतिग्रस्त भालाओं में भवन की स्वीकृति क्यों नहीं दी गई? कारण बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए? प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं और इन कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? उक्त कार्यों का प्राक्कलन एवं सत्यापन कब किसके द्वारा किया गया? नाम, पदनाम सहित तिथिवार विवरण दें। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रश्नांश (क) में अंकित कार्यों के संबंध में प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही कब-कब की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर एवं हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ख) एवं (ग) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर एवं हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन पर है। (घ) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के प्रस्ताव वर्ष 2017-18 की वार्षिक कार्ययोजना में भारत शासन को प्रस्तावित किये गये हैं। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार पर है।
औषधि भण्डार के प्रभारी कर्मचारियों को शीघ्र हटाया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
88. ( क्र. 6192 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संयुक्त संचालक कार्यालय आयुक्त चिकित्सा शिक्षा मध्यप्रदेश द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ 6-1/2015/एक/9/दिनांक 15-04-2015 की कंडिका क्रमांक 823 के तहत अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर की ओर पत्र भेज कर चिकित्सा शिक्षा विभाग में वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ स्टोर में औषधि भण्डार के प्रभारी कर्मचारियों को शीघ्र हटाये जाने का पालन सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन पत्रों के माध्यम से संबंधित को पालन सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया था? विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर को बार-बार शासन के आदेश का पालन करने के निर्देश देने के बाद भी आज दिनांक तक संबंधित द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व शासन के आदेशों की अवहेलना करने वाले संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूध्द क्या कार्यवाही की जा रही है, स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन के आदेश का पालन कब तक सुनिश्चित कर लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की पदोन्नति
[आयुष]
89. ( क्र. 6214 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले में पदस्थ सहायक होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों के पदोन्नति के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 06.12.2015 को तत्कालीन आयुष मंत्री महोदय को पत्र लिख गया था? यदि हाँ, तो उसमें क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जायेगी? (ख) वर्ष 2013 में सहायक होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची किस दिनांक को जारी की गई? जारी वरिष्ठता सूची में क्या कोई आपत्ति प्रस्तुत की गई? (ग) वर्ष 2013 में जारी वरिष्ठता सूची में वरिष्ठता का आधार क्या है? क्या एक ही दिनांक को नियुक्त होने वाले सहा. होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी की वरिष्ठता का आधार सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक F.C 3-84-92-3 एक भोपाल दिनांक 02.04.1998 के नियम 12 (1) (क) का उल्लंघन कर उपस्थिति दिनांक को आधार माना गया है? क्या माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के सिविल अपील क्र.-7002/2004 निर्णय दिनांक 09.08.2011 को नजर अंदाज कर नियुक्ति दिनांक एक होने पर जन्म तिथि को आधार नहीं मानकर उपस्थिति दिनांक को आधार माना गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) मध्यप्रदेश शासन आयुष विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश दिनांक 26.6.2015 को जारी पदोन्नति आदेश में वरिष्ठ सहायक होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी को छोड़कर कनिष्ठ को पदोन्नति देने का आधार क्या है? वरिष्ठ को पदोन्नति से वंचित कर कनिष्ठ की पदोन्नति की गई है, तो वरिष्ठ की पदोन्नति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) कार्यालयीन अभिलेखों में उपलब्ध नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) दिनांक 15.05.2013। कार्यालयीन अभिलेखों में उपलब्ध नहीं। (ग) संवर्ग में कार्यभार ग्रहण करने का दिनांक। जी हाँ। उपस्थिति दिनांक को (घ) वरिष्ठता सूची। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
स्वास्थ्य केन्द्रों व प्रसव केन्द्रों की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
90. ( क्र. 6244 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं? क्या इन उप-स्वास्थ्य केन्द्रों हेतु भवन भी स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) महाराजपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन से प्रसव केन्द्र संचालित हैं व उनमें कौन-कौन कर्मचारी वर्तमान में पदस्थ हैं? प्रसव केन्द्र प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रसव केन्द्रों में कितने प्रसव कराये गये हैं? इन प्रसव केन्द्रों पर प्रसूताओं हेतु क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं? प्रसव केन्द्रों की जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नौगांव में एक्स-रे मशीन एवं टेक्नीशियन उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ, तो एक्स-रे मशीन एवं टेक्नीशियन की व्यवस्था कब तक कर दी जावेगी? (घ) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हरपालपुर, गढ़ीमलहरा, महाराजपुर में कौन-कौन से पद स्वीकृत किये गये हैं व स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से पदों पर किस-किस अधिकारी कर्मचारी की स्थापना कर दी गई है व शेष पदों पर कब तक पदस्थापना कर दी जावेगी? जानकारी पदवार, नामवार उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विधानसभा महाराजपुर क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नावधी के दौरान वर्ष 2013-14 में 02 (नुना एवं करारा) एवं वर्ष 2016-17 में 08 (बनछोरा, दिलनिया, बेदार, जोरन, सहानिया, मलका, गिरावनकलां एवं खुरदा) में नवीन उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। नुना व करारा उप-स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन स्वीकृत किये गये हैं, शेष 08 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन स्वीकृत नहीं है। इनको किराये के भवन में संचालित करने के निर्देश दिये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, नौगांव में एक्स-रे मशीन व टेक्नीशियन उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही निरन्तर जारी है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
वैक्सीनों के विषैलेपन व गुणवत्ता की जाँच
[आयुष]
91. ( क्र. 6269 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा कितने तरह के वैक्सीन का उपयोग प्रदेश में किन-किन बीमारियों के निदान बाबत् कराया जा रहा है? वैक्सीनों के गुणवत्ता एवं विषैलेपन की जाँच की क्या सुविधा सरकार के पास है? वैक्सीन के गुणवत्ता पर सरकार का क्या कहना है? क्या वैक्सीनों का क्रय शासन के क्रय नियमों का पालन कर किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में भारतीय चिकित्सा पद्धति एवं होम्योपैथिक विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा औषधियों के गुणवत्ता नियंत्रण के लिए भारतीय चिकित्सा पद्धति एवं होम्योपैथिक की राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला तथा शासन औषधालयों के सुदृढ़ीकरण के लिए केन्द्र परिवर्तित योजना नवम्बर 2000 में पुन: स्थापित की गई? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ, तो औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना प्रदेश में कहाँ-कहाँ एवं कब-कब की गई? यह भी बतावें की प्रयोगशालाओं का संचालन किस दिनांक एवं माह में किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रयोगशाला के संचालन हेतु कितने-कितने पद किन-किन प्रयोगशालाओं हेतु स्वीकृत किये गए? उन पदों पर नियुक्ति की गई, यदि नहीं, की गई एवं पद रिक्त हैं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी हैं? (ड.) प्रश्नांश (क) के वैक्सीनों के विषैलेपन व गुणवत्ता की जाँच कराये बगैर उपयोग किया जा रहा है, तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? बतावें। प्रश्नांश (ग) अनुसार प्रयोगशालाओं का संचालन नहीं शुरू हुआ, राशि उनके सुदृढ़ीकरण, निर्माण एवं मशीनों के क्रय में खर्च की गई, लेकिन उपयोग नहीं किया गया, प्रयोगशाला का संचालन नहीं हुआ, व्यय राशि निष्फल है, तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? बतावें। राशि की वसूली प्रस्तावित करेंगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) आयुष विभाग द्वारा वैक्सीन क्रय नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) आयुष विभाग की औषधि परीक्षण प्रयोगशाला ग्वालियर में स्वीकृत। पदपूर्ति के अभाव में प्रारंभ नहीं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पदपूर्ति की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। (ड.) उत्तरांश (क) व (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
92. ( क्र. 6270 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा वर्ष २००९ औषधि नीति के अनुपालन में औषधियों की अधिप्राप्ति के विकेन्द्रीकरण बाबत् अगस्त २०१० लागू की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जनों द्वारा चयनित ऐजेन्सियों/कंपनियों से कुल आवश्यकता का ८० प्रतिशत तथा २० प्रतिशत आपात वितरण के लिए स्थानीय औषधि वितरकों से लेने का प्रावधान निहित किया गया था? क्या चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध सभी चिकित्सालयों को पैनल में शामिल कंपनियों/एजेंसियों से हटकर क्रय करने की छूट प्रदान की गई थी? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ, तो मेरोपनम एक ग्राम इंजेक्शन की दर प्रति वायल सितंबर २०१२ में क्या थी? इस हेतु कितने दर पर मेरोपनम इंजेक्शन लेने का अनुबंध प्रदायकर्ता से हुआ था? खरीदे गए इंजेक्शन का भुगतान अनुबंध अनुसार किया गया अथवा अनुमोदन अनुसार बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में वर्ष २०१३-१४ के दौरान इंजेक्शन मेरोपनम (कावरा) एवं इंजेक्शन मेरोपनम (जैक्शन) की प्रति वायल कीमत १९१ एवं २०१०.३० प्रति वायल २०१२-१३ में थी, जिस दर पर चिकित्सालय इंदौर व हमीदिया अस्पताल भोपाल को संबंधित द्वारा आपूर्ति की गई, जबकि जयारोग्य अस्पताल द्वारा इस इंजेक्शन को ३८५ रूपये प्रति वायल खरीदा गया? (ड.) प्रश्नांश (ख) के पालन में रीवा संभाग अंतर्गत कितनी-कितनी दवाई कब-कब, किस-किस दर व एजेंसी से क्रय की गई? क्रय शासन के नियमों का पालन कर क्या किया गया? अगर नहीं तो इस पर क्या कार्यवाही की गई, की प्रति देते हुए बतावें? अगर नहीं तो क्यों एवं प्रश्नांश (घ) के इंजेक्शन का मनमानीपूर्ण दर पर क्रय किन-किन अस्पतालों के द्वारा किया गया? अगर क्रय ज्यादा कीमत में किया गया तो संबंधितों से राशि वसूली के साथ गबन का मामला दर्ज करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? बतावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। नवीन दवा नीति 2009 के अंतर्गत विकेंद्रीयकृत व्यवस्था दवा नीति 01.08.2010 से लागू की गई। (ख) जी हाँ। दवा नीति 2009 के अन्तर्गत दवा मद के अन्तर्गत प्राप्त आवंटन का 80 प्रतिशत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक संचालनालय स्तर से निर्धारित दरों पर क्रय करेंगे। 20 प्रतिशत आवंटन स्थानीय क्रय के माध्यम से निविदा द्वारा क्रय करेंगे। जी हाँ। चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध सभी चिकित्सालयों को पैनल में शामिल कंपनियों/स्थानीय एजेंसियों से हटकर क्रय करने की छूट प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) केन्द्रीय क्रय समिति द्वारा अनुमोदन अनुसार इन्जेक्शन मेरोपनम 1 ग्राम की प्रति वायल दर राशि रू. 385/- थी। केन्द्रीय क्रय समिति द्वारा सितम्बर 2012 में इन्जेक्शन मेरोपनम 1 ग्राम के प्रदाय हेतु मेसर्स डी.जे. लैब इंदौर से प्रति वायल राशि रू. 385/- का दर अनुबंध किया था। चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध चिकित्सालयों द्वारा जिन इंजेक्शनों का क्रय सी.पी.सी. द्वारा अधिकृत प्रदायकर्ता से किया गया, उनका भुगतान अनुबंध अनुसार किया गया है। (घ) जी हाँ। (ड.) रीवा संभाग अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकरी सतना, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर एवं सिंगरौली द्वारा इन्जेक्शन मेरोपनम क्रय नहीं किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकरी, रीवा द्वारा मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड की दरों पर वर्ष 2016-17 में इन्जेक्शन मेरोपनम 500 mg/Vial दर रू.69.93 पर कुल 14 वायल एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सीधी द्वारा इन्जेक्शन मेरोपनम 1000 mg/Vial दर रू. 138.00 पर कुल 500 वायल क्रय किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित इंजेक्शन मेरोपनम 1 ग्राम का क्रय सी.पी.सी. द्वारा अनुमोदित प्रदायकर्ता के स्थान पर अन्य प्रदायकर्ता से एवं दर पर चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा, जबलपुर एवं ग्वालियर द्वारा किया गया। आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी निर्देशों के तारतम्य में ग्वालियर, रीवा चिकित्सालय द्वारा प्रदायकर्ताओं से अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली की गई है तथा जबलपुर में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मान्यता समाप्त होने वाले निजी स्कूलों को राशि भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 6283 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों की 25% विद्यार्थियों को प्रवेश देने पर उनकी फीस प्रतिपूर्ति हेतु विगत 5 वर्षों में किन-किन विद्यालयों (निजी) की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किन-किन डी.पी.सी. द्वारा किया गया? उन निजी विद्यालयों में कितने कौन-कौन से विद्यालय हैं एवं जिनकी मान्यता समाप्त होने एवं स्कूल बंद होने पर भी फीस प्रतिपूर्ति का नियम विरूद्ध भुगतान किया गया? शालावार जानकारी वर्षवार, बच्चों की संख्या एवं मान्यता समाप्त होने की अवधि सहित दें? (ख) स्कूल शिक्षा जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 25% फीस प्रतिपूर्ति के नियम विरूद्ध भुगतान की वसूली हेतु जिले की किन-किन शालाओं को कब-कब पत्र लिखे गये? मान्यता समाप्त एवं बंद शालाओं को भुगतान के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। फीस प्रतिपूर्ति की राशि का भुगतान करने वाले जिला परियोजना समन्वयकों एवं उनके द्वारा भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। मान्यता समाप्ति के उपरांत किसी भी विद्यालय को फीस प्रतिपूर्ति का कोई भी प्रकरण दृष्टिगत नहीं हुआ। अशासकीय विद्यालय बन्द होने के उपरांत फीस प्रतिपूर्ति का एक प्रकरण प्राप्त हुआ है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ख) स्कूल शिक्षा, जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 25 प्रतिशत फीस प्रतिपूर्ति के नियम विरूद्ध भुगतान की वसूली हेतु जिले की शालाओं को लिखे जाने वाले पत्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। बंद अशासकीय शाला को फीस प्रतिपूर्ति किए जाने की जाँच की जा रही है और जाँच उपरांत दोषी अधिकार/कर्मचारी के विरूद्ध गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय एवं निजी स्कूलों के माध्यम से जाति प्रमाण-पत्र बनाना
[स्कूल शिक्षा]
94. ( क्र. 6297 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय एवं निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 वीं तक के बच्चों के जाति-प्रमाण-पत्र स्कूलों के माध्यम से आवेदन प्राप्त कर विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक केन्द्र खाचरौद के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय नागदा एवं खाचरौद को जमा किये जाने थे। (ख) वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 तक कितने आवेदन विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक केन्द्र खाचरौद के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय नागदा एवं खाचरौद को जमा किये गये थे? (ग) इन आवेदनों में से कितने आवेदन पत्र स्वीकृत होकर उनके जाति-प्रमाण-पत्र जारी किये गये एवं कितने शेष हैं? (घ) शेष जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं करने का कारण बतावें? (ड.) क्या स्कूलों से शत्-प्रतिशत आवेदन पत्र विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक केन्द्र खाचरौद द्वारा प्राप्त कर लिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (च) कब तक शत्-प्रतिशत आवेदन प्राप्त कर जाति प्रमाण-पत्र बनाने की कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक 56108 आवेदन संकुल प्राचार्यों के माध्यम से लोक सेवा केन्द्रों पर जमा कराये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में 53150 आवेदन निराकृत करते हुवे जाति प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं, 2958 आवेदन लोक सेवा केन्द्र पर लंबित हैं। (घ) लोक सेवा केन्द्र पर लंबित प्रकरणों में जाँच प्रचलित हैं, कुछ प्रकरण अन्य जिलों को जाँच हेतु अंतरित किये गये हैं, जहाँ का आवेदक मूल निवासी है। (ड.) जी नहीं। अभिभावकों, विद्यार्थियों के द्वारा अपूर्ण आवेदन विद्यालय में प्रस्तुत किये जाते हैं। पूर्ति के उपरांत ही आवेदन लोक सेवा केन्द्र पर जमा कराए जाते हैं। (च) यह सतत् प्रक्रिया है, पूर्ण आवेदन प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नीट, 2016 की पात्रता परीक्षा अनुसार एडमीशन
[चिकित्सा शिक्षा]
95. ( क्र. 6314 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में कौन-कौन से प्रायवेट कॉलेजों में नीट, 2016 की पात्रता परीक्षा अनुसार एडमीशन हुए हैं? उन महाविद्यालयों में एडमीशन उपरांत क्या विभाग ने उन बच्चों की पात्रता की जाँच की है? यदि हाँ, तो बतायें। (ख) क्या म.प्र. के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में निर्धारित योग्यता का स्टॉफ (फैकल्टी) है? यदि नहीं, तो ऐसे कौन से महाविद्यालय हैं जिनके पास निर्धारित योग्यता का स्टॉफ नहीं है? क्या विभाग उनका भौतिक सत्यापन करायेगा? (ग) वर्ष 2016-17 में नीट की पात्रता से कम अंक वाले छात्रों को किसी प्रायवेट चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा प्रवेश दिये जाने की शिकायते प्राप्त हुई है? क्या शासन प्राप्त शिकायतों की जाँच कराएगा? (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की समीक्षा कमेटी गठित कराकर कार्यवाही करेगा और जिम्मेदारी वाले उत्तरदायी पर भी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। प्रवेश के पूर्व काउंसिलिंग प्रक्रिया के दौरान गठित आवंटन एवं स्क्रूटनी कमेटियों द्वारा आवश्यक मूल प्रमाण पत्रों की जाँच की गई। (ख) मध्यप्रदेश के समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों में निर्धारित योग्यता स्टॉफ (फैकल्टी) का निर्धारण एवं भौतिक सत्यापन भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
96. ( क्र. 6321 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के ग्राम अजनास में हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन कब से निर्माणाधीन है एवं इसके लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? क्या भवन का कार्य पिछले काफी समय से बंद पड़ा है? इसकी वजह क्या है? भवन निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? (ख) वर्तमान में हायर सेकेण्डरी छात्र छात्राओं के अध्ययन के लिये जिस जगह का उपयोग किया जा रहा है, क्या वह उपयुक्त है? (ग) यदि नहीं, तो कब तक भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा? (घ) क्या संबंधित ठेकेदार द्वारा कार्य समय पर किया जा रहा है? यदि नहीं, तो ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? भवन निर्माण में विलंब होने के कारण धनराशि बढ़ेगी, इस अनियमितता के दोषी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल अजनास वर्ष 2007-08 से स्वीकृत है एवं शाला के भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 40 लाख स्वीकृति की गई हैं। जी हाँ। लागत वृद्धि के कारण कार्य बंद है। बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) अजनास के हायर सेकेण्डरी स्कूल के छात्र हाई स्कूल, माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालयों के कक्षों में अध्ययनरत् है। (ग) बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। (घ) निर्माण एजेंसी वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन म.प्र. द्वारा लागत वृद्धि बताते हुए पुनरीक्षित प्राक्कलन प्रस्तुत कर अतिरिक्त राशि चाही गई थी, जो बजट अनुपलब्धता के कारण उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। अत: शेषांश उपस्थित नहीं होता।
सी.एम.एच.ओ. कार्यालय की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
97. ( क्र. 6324 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कमिश्नर रीवा के पत्र क्र./6-विकास/2014/1977 रीवा दिनांक 03-04-2014 के जाँच प्रतिवेदन प्रमुख सचिव लोक स्वस्थ्य एवं परिवार कल्याण भोपाल को भेजे गये प्रस्ताव में सी.एम.एच.ओ. रीवा को स्पष्ट रूप से दोषी पाये जाने के पश्चात् एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्यवाही आज दिनांक तक लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो श्री देवेन्द्र पटेल संविदा एन.एच.एम., श्री एम.पी. पटेल डी.सी.एम. एवं श्री दीपक खरे सहायक लेखापाल संविदा द्वारा बिना टेन्डर कोटेशन के सी.एम.एच.ओ. द्वारा छपाई आदि का लगभग 10 लाख के उपर का फर्जी भुगतान किया गया है? (ग) सी.एम.एच.ओ. रीवा के पत्र क्र./स्थापना-3/2016/13504/रीवा दिनांक 29-10-2016 के आदेश के तहत उच्च न्यायालय द्वारा सजा प्राप्त कर्मचारी श्री शिवशंकर तिवारी सुपरवाईजर को वित्तीय गबन में सेवा समाप्त की सजा दी गई है, जिसे सेवा समाप्त न करते हुए 75 प्रतिशत जीवन निर्वाह भत्ता स्वीकृत किया गया है। इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में दोषी सी.एम.एच.ओ. के विरूद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, कमिश्नर, रीवा के पत्र क्रमांक./6-विकास/2014/1977 रीवा दिनांक 03.04.2014 द्वारा नहीं बल्कि पत्र क्रमांक./6-विकास/वि.जां./ 2014/1975 रीवा दिनांक 03 अप्रैल 2014 द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण भोपाल की ओर प्रेषित कर डॉ. आई.एम. शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रीवा को जाँच में दोषी पाते हुये उनके विरूद्ध दीर्घशास्ति अधिरोपित की जावे संबंधी लेख किया जिसका सूक्ष्म परीक्षण किये जाने के पश्चात् डॉ. शर्मा के विरूद्ध विभाग ने आदेश क्रमांक. एफ.12-18/2014/17/मेडि-1/दिनांक 11.03.2015 द्वारा विभागीय जाँच संस्थित की गई जो प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित शिकायती पत्र क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, रीवा को प्राप्त होने पर प्राप्त शिकायती प्रकरण की जाँच, क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, रीवा द्वारा उनके आदेश दिनांक 09.02.2017 द्वारा तीन सदस्यीय जाँच दल का गठन करते हुये कराई जा रही है। (ग) माननीय विशेष न्यायालय जबलपुर द्वारा श्री शिवशंकर तिवारी को वित्तीय गबन मामले में दाण्डिक प्रकरण क्रमांक.25896/06 पंजीबद्ध कर दिनांक 15.10.2016 द्वारा निर्णय आदेश पारित कर श्री तिवारी को कारावास की सजा दी गई जिस पर श्री शिवशंकर तिवारी निलंबित सुपरवाईजर द्वारा माननीय विशेष न्यायालय लोकायुक्त जिला सत्र न्यायाधीश क्रिमिनल अपील क्रमांक. 361/16 प्रस्तुत किये जाने पर श्री तिवारी के विरूद्ध माननीय विशेष न्यायालय जबलपुर द्वारा दिया गया। दण्डादेश स्थगित किये जाने संबंधी दिये गये निर्णय के फलस्वरूप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रीवा द्वारा उनके आदेश क्रमांक./स्था-3/2016/ 13504/दिनांक 29.12.2016 द्वारा 75 प्रतिशत जीवन निर्वाह भत्ता स्वीकृत किया गया था, जिसे बाद में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा ने उनके आदेश क्रमांक.1206/दिनांक 25.01.2017 द्वारा निरस्त करते हुये पत्र क्रमांक.1888/दिनांक 2.2.2017 द्वारा माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय आदेश दिनांक की प्रति क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, रीवा की ओर प्रेषित की गई जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित समस्त बिन्दुओं पर जाँच संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच पूर्ण होने पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही शीध्र की जावेगी।
नियम विरूद्ध दी गई अनुमति निरस्त करना
[स्कूल शिक्षा]
98. ( क्र. 6325 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 25 (क्र.250) उत्तर दिनांक 9 दिसम्बर 2016 के अंश (क) का उत्तर प्रकरण की जाँच जिला शिक्षा अधिकारी रीवा से कराई जा कर प्रतिवेदन प्राप्त किया गया है। वर्तमान में जाँच प्रतिवेदन परिक्षणाधीन है, दिया गया है, तो यदि दी गई अनुमति नियम विरूद्ध है, तो दोषी पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए उनकी डिग्री एवं नियुक्ति निरस्त करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्रकरण की जाँच कलेक्टर रीवा के आदेश पर तत्कालीन प्राचार्य श्री ज्ञानेन्द्र राय त्रिपाठी शा.उ.मा. विद्यालय डभौरा द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त जाँच प्रतिवेदन पर कब क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई, तो क्यों, इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषी पर कब क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण में कठोर कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी तथा दोषी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए उचित दण्ड कब तक दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन समाधानकारक नहीं होने के कारण संचालनालय के पत्र क्रमांक 122, दिनांक 28.01.2017 द्वारा कलेक्टर जिला रीवा को जाँच कर जाँच प्रतिवेदन अभिमत सहित चाहा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समय पर निर्माण कार्य पूर्ण न किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
99. ( क्र. 6362 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के विधानसभा क्षेत्र मलेहरा अतंर्गत वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में स्वास्थ्य विभाग की बिल्डिंग बनाया जाना प्रस्तावित होकर टेण्डर, कब-कब, कहाँ-कहाँ से किस-किस ने लगाये? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार संबंधित निर्माण एजेंसी/ठेकेदार द्वारा समयावधि में निर्माण पूर्ण कराया जाकर विभाग को बिल्डिंग हैण्ड ओवर किये जाने के दिनांक सहित विवरण प्रदान करें? (ग) क्या ठेकेदार द्वारा किन-किन बिल्डिंग को अभी तक हैण्ड ओवर नहीं किया जा सका है, का विवरण प्रदान करते हुये समयावधि कार्य, पूर्ण न करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी की कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
100. ( क्र. 6363 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला छतरपुर म.प्र. के पत्र क्रमांक 9690-95/स्था/नर्सिंग/2015 छतरपुर दिनांक 10.08.2015 को संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सागर संभाग सागर को किस संबंध में लिखा गया था? उल्लेख करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त पत्र का पालन किया गया था? हाँ या नहीं? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। क्या शासन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्या उक्त पत्र का पालन समय-सीमा में किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला छतरपुर (म.प्र.) के पत्र क्रमांक 9690-95/स्था/नर्सिंग/2015 छतरपुर, दिनांक 10.08.2015 द्वारा श्रीमती रामकली रैकवार, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता सेवानिवृत्त का लघुकृत अवकाश स्वीकृति हेतु संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, सागर संभाग, सागर को लिखा गया था। (ख) जी हाँ, पालन किया गया। संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें, सागर संभाग, सागर द्वारा अपने आदेश पृ.क्रंमाक/स्था.नर्सिंग/2017/1168-71 सागर, दिनांक 02.03.2017 द्वारा श्रीमति रामकली रैकवार, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (सेवानिवृत्त) का अवकाश स्वीकृत किया गया। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदस्थापना के दौरान की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
101. ( क्र. 6391 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में बृजेश कुमार मिश्र द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी रीवा के पद पर पदस्थापना के दौरान निरीक्षण उपरांत कितने कर्मचारियों/शिक्षकों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है? जारी किये गये कारण बताओ सूचना पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी द्वारा जारी किये गये कारण बताओ सूचना पत्र में से कितने कर्मचारियों/शिक्षकों द्वारा प्राप्त प्रतिरक्षण पर कार्यवाही कर दण्डित किया गया हैं? जारी आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) उक्त पारित दण्डादेशों में से कितने कर्मचारियों/शिक्षकों द्वारा दण्डादेशों के विरूद्ध पुनर्विचार हेतु अभ्यावेदन प्राप्त हुये जिन पर प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिकारी द्वारा पुनर्विचार करते हुये दोषमुक्त कर दण्डादेश को समाप्त किया गया या कम किया गया? संबंधित आदेशों की प्रतियाँ उपलब्ध करावें। (घ) जिस अधिकारी द्वारा दण्डादेश पारित किया जाता है, तो क्या उसी अधिकारी को पुनर्विचार कर दण्डादेश समाप्त करने या कम करने का अधिकार है? यदि नहीं, तो अपने खुद के दण्डादेश को समाप्त करने एवं कम करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कुल 327 कर्मचारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) कुल 127 को दण्डित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) उक्त पारित दण्डादेशों में से 03 दण्डादेश कलेक्टर, 01 संयुक्त संचालक के अनुमोदन उपरांत अपास्त किये गये है एवं 04 प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ग) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
102. ( क्र. 6395 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के रीवा जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जननी सुरक्षा योजना, टीकाकरण अभियान, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना के कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो रीवा जिले में जुलाई 2016 से नवम्बर 2016 के बीच बड़ी संख्या में शिशु मृत्यु के मामले प्रकाश में आये हैं एवं शिशु मृत्यु पर ऑडिट रिपोर्ट भी नहीं प्रस्तुत की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालन में वर्ष 2001 से अगस्त 2016 तक की स्थिति में जिले में हुई 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों के मौत के आंकड़े के कारणों की जानकारी चाही गई थी? जिसमें सी.एम.एच.ओ. द्वारा सभी ब्लॉकों से सोलह सालों में कुल 13652 बच्चों की मौत हुई जिसका औसत लगभग 600 बच्चें प्रतिवर्ष हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में प्रश्नांश (क) की योजना के रीवा जिले में क्रियान्वयन का क्या औचित्य है? ऐसी स्थिति में उत्पन्न के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई, तो क्यों? की जावेगी तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नावधि में 69 शिशुओं की मृत्युओं के मामले प्रकाश में आये हैं एवं शिशु मृत्युओं की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) विभिन्न कारणों (कम वजन, समय पूर्व प्रसव, संक्रमण, बर्थ एस्फीक्सिया, निमोनिया, दस्तरोग, मलेरिया एवं खसरा आदि) से देश व प्रदेश में शिशुओं की मृत्युएं होती हैं। इसमें कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत स्वास्थ्य कार्यक्रम व योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। मिशन की योजनाओं के क्रियान्वयन से शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। वर्ष 2005-06 में रीवा जिले की शिशु मृत्यु दर 83 प्रति हजार थी। रीवा जिले की ए.एच.एस. सर्वे 2012-13 के अनुसार शिशु मृत्यु दर 68 प्रति हजार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मासिक एवं अन्य बैठकों की कार्यवाही की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
103. ( क्र. 6400 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के देवसर तहसील के अंतर्गत आदिम जाति कल्याण के परियोजना प्रशासक द्वारा मासिक बैठक एवं अन्य बैठकों की सूचना पूर्व में प्रश्नकर्ता सदस्य को दी जाती है? (ख) वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक प्रश्नकर्ता को बैठकों में क्यों बुलाया गया? कारण बताएं तथा जाँच करावें। (ग) उक्त विभाग के द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई? (घ) वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी बैठकें हुईं? बैठकवार कार्यवाही संबंधी प्रोसीडिंग का विवरण उपलब्ध करायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य को परियोजना सलाहकार मण्डल में सदस्य होने के कारण पूर्व में सूचना देकर आमंत्रित किया जाता रहा है। तथा परियोजना क्रियान्वयन समिति द्वारा विभागीय समीक्षा बैठकों में संबंधित जिले के विभाग प्रमुखों को आमंत्रित कर कार्यों की समीक्षा की जाती रही है परन्तु विभागीय निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक में परियोजना सलाहकार मण्डल के सदस्यों को बुलाने के प्रावधान नहीं होने से उक्त बैठकों में प्रश्नकर्ता सदस्य को आमंत्रित नहीं किया गया है। (ख) वर्ष 2015-16 में परियोजना सलाहकार मण्डल की बैठकों में प्रश्नकर्ता को परियोजना सलाहकार मण्डल के सदस्य होने के कारण बुलाया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक परियोजना सलाहकार मण्डल की बैठकें आयोजित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित जातियां
[आदिम जाति कल्याण]
104. ( क्र. 6403 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कितनी जातियां अनुसूचित जनजाति में शामिल हैं? कृपया जातिवार जानकारी देवें? (ख) क्या भिण्ड जिले में गोंड़ जाति को शामिल गया है? यदि हाँ, तो किस नियम निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं, तो क्या भिण्ड जिले में गोंड़ जाति को अनुसूचित जन जाति में शामिल किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति सूची 1976 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार भारत सरकार द्वारा म.प्र. राज्य के लिये जारी अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 16 पर उल्लेखित ''गोंड़'' जनजाति सम्पूर्ण म.प्र. के लिये अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवास आवंटन में अनियमितता
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
105. ( क्र. 6409 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्रमांक 79 उत्तर दिनांक 18 जुलाई 2016 के आधार पर शासन द्वारा दिये गये निर्देश के तारतम्य में क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नरसिंहगढ़ द्वारा ग्राम हुलखडी में आवासों की जाँच की गई? यदि हाँ, तो क्या उसमें अनियमितता पाई गई? क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नरसिंहगढ़ द्वारा जाँच प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया गया? जाँच प्रतिवेदन के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्न की कंडिका (क) के आधार पर यदि आवास आवंटन में कोई अनियमितता पाई गई है, तो क्या शासन संबंधित ग्राम पंचायत तथा अनियमितता में दोषी अन्य कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? (ग) यदि हाँ, तो क्या? कब तक? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नरसिंहगढ़ द्वारा जाँच की गई है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। अनियमितता पाए जाने पर जाँच प्रतिवेदन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत राजगढ़ के द्वारा अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल को प्रेषित किया गया। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर सरपंच/सचिव, ग्राम पंचायत, हुलखडी के द्वारा आवास आवंटन में अनियमितता पाई गई है। शासन के द्वारा ग्राम पंचायत, हुलखडी के सरपंच/सचिव के विरूद्ध धारा-40 एवं 92 के तहत कार्यवाही की जा चुकी है साथ ही दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत राजगढ़ द्वारा कार्यवाही की गई है। (ग) राशि वसूली एवं विभागीय जाँच के निर्देश जारी किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फेंसिडिल सायरप दवा का वितरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
106. ( क्र. 6411 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फेंसिडिल सायरप प्रतिबंधित दवाई है व इसके वितरण के क्या नियम हैं? (ख) राजगढ़ एवं बालाघाट जिले में 01 जनवरी 2016 से दिसम्बर 2016 तक कितनी फेंसिडिल सायरप थोक दुकानदारों को प्रदान की गई तथा थोक दवा विक्रेताओं द्वारा फेंसिडिल सायरप का वितरण किन-किन खेरची दवा विक्रेताओं को किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि फेंसिडिल सायरप प्रतिबंधित दवाई की श्रेणी में हैं? तो थोक विक्रेताओं द्वारा किन-किन आधार पर इस सायरप का वितरण किया गया? यदि खेरची विक्रेताओं को यह दवा वितरित नहीं की गई तो थोक विक्रेताओं द्वारा इसका वितरण कहाँ किया गया? (घ) क्या विगत एक वर्ष में औषधि निरीक्षक के द्वारा इन थोक विक्रेताओं का समय-समय पर निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो उनके द्वारा प्रतिबंधित दवा के संदर्भ में क्या-क्या निरीक्षण टीप अंकित की गई? यदि नहीं, तो युवाओं को नशे की आदत डालने वाली इस सायरप के वितरण मान का पालन नहीं किये जाने पर प्रश्न दिनांक क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, फेंसिडिल सायरप प्रतिबंधित दवाई नहीं है। इसका वितरण औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली, 1945 के नियम 65 के अनुसार किया जाता है। संबंधित नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आलोक में वांछित जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
शुल्क निर्धारण एवं उसमें वृद्धि करना
[स्कूल शिक्षा]
107. ( क्र. 6436 ) श्री जितू पटवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में प्रायवेट विद्यालयों के द्वारा विद्यार्थियों से मनमाफिक फीस बिना किसी नियम कानून के वसूली जा रही है? यदि हाँ, तो शासन इसे रोकने हेतु क्या प्रयास कर रहा है? यदि नहीं, तो क्या प्रदेश के निजी विद्यालयों के द्वारा ली जा रही फीस उचित है? (ख) क्या प्रदेश में निजी विद्यालयों के द्वारा किसी तय दुकान से गणवेश व स्कूल पाठ्यक्रम खरीदने की कोई शिकायत विगत 3 वर्षों में शासन को प्राप्त हो रही है या हुई है, तो उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? अवगत करायें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) व (ख) को रोकने हेतु शासन फीस नियामक आयोग का गठन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में बताये कि किन-किन कारणों के चलते निजी विद्यालयों को लूट की खुली छूट दी गई है व ऐसे क्या कारण रहे कि सरकार विगत कई वर्षों से नियामक आयोग का गठन नहीं कर पा रही है? (ड.) क्या बाजार से ज्यादा दर पर कोई सामग्री खरीदी की अनियमितता ऑडिट में पकड़ाई हैं? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें व बतायें इन सबके पीछे किन अधिकारियों की जिम्मेदारी है व उन्हें क्या दण्ड दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्तमान में अशासकीय शिक्षण संस्थाओं द्वारा शुल्क का निर्धारण करने एवं उसमें वृद्धि करने के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत दिनांक 30.04.2015 प्रभावशील है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) फीस में अनियमित वृद्धि तथा अन्य अनुषांगिक विषयों में नियमन हेतु अधिनियम बनाने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में मार्गदर्शी सिद्धांत दिनांक 30.04.2015 प्रभावशील है। शेषांश उत्तरांश (ग) अनुसार। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपकरण एवं सामग्री का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
108. ( क्र. 6439 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2908 दिनांक 25/07/2016 के बिन्दु (ख) के संदर्भ में उपकरण फर्नीचर, दवाइयां खरीदी के लिए क्या नियम बनाये गये थे व कितनी खरीदी हेतु किन-किन अधिकारियों को अधिकृत किया गया था? प्रशासकीय स्वीकृति की कॉपी उपलबध करायें। (ख) कितने रूपयों की सामग्री सिंहस्थ के दौरान बिना निविदा के खरीदी गई सामग्री का नाम, नग व कितने रूपयों में खरीदी गई की जानकारी टेबल में देवें? (ग) क्या संचालनालय भोपाल ने क्रय की जाने वाली सामग्री व उपकरणों की बाजार दर उपलब्ध कराई थी पर फिर भी ऐसी सामग्री मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम से खरीदी गई जबकि लघु उद्योग निगम के पास भी वह सामग्री आरक्षित सूची में नहीं थी? ऐसी कितनी सामग्री खरीदी गईं? उनकी लिस्ट व कितने रूपयों में खरीदी की जानकारी टेबल रूप में दें। बतायें कि ऐसी सामग्री खरीदी हेतु किन-किन डॉक्टरों ने मांग की थी? उनके द्वारा लिखे मांग पत्रों की प्रति देवें। (घ) बतायें कि सिंहस्थ में खरीदी गई सामग्री व उपकरणों में से कितने बचे हैं व उनका क्या उपयोग हो रहा है? उनकी कितनी कीमत है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) ऐसी कोई सामग्री क्रय नहीं की गई जो म. प्र. लघु उद्योग निगम आरक्षित सूची में नहीं है, अतः जानकारी निरंक। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
माध्यमिक शाला भवनों की स्वीकृति व निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
109. ( क्र. 6447 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2009-10 से 2016-17 तक स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कितने माध्यमिक शाला भवन किस-किस मद से स्वीकृत किये का नाम, लागत एजेंन्सी व कार्य पूर्ण करने की अवधि व एजेंन्सी को प्रदाय राशि की जानकारी वर्ष/तहसील/शालावार देवें? (ख) उक्त में से कौन-कौन से भवनों का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हुआ? कौन-कौन से भवनों का नहीं व क्यों? इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कब-कब एजेंसी को पत्र लिखे, की प्रतियाँ उपलब्ध करावें? (ग) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी माध्यमिक शालाएं भवन विहीन हैं व क्यों इनके लिये कब तक भवन स्वीकृत किये जावेंगे? क्षेत्रान्तर्गत ग्राम खिरखिरी, मेवाड़ा सहित उक्त दर्जनों भवनों के निर्माण कार्य संबंधित विभागीय अमले की लापरवाही के कारण वर्तमान तक पूर्ण नहीं हो पाए और न ही शासकीय राशि का सदुपयोग ही हो पाया, बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है? (घ) क्या शासन उक्त भवनों के निर्माण कार्यों में हुए विलंब के कारणों की जाँच कराएगा व दोषी विभागीय अमले के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए उक्त भवनों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करवायेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2009-10 से 2016-17 तक सर्व शिक्षा अभियान मद से स्वीकत माध्यमिक शाला भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर है। (ख) कार्यों की पूर्णता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में सम्मिलित है। विभाग द्वारा लिखे गये पत्रों की प्रतियाँ की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर है। (ग) श्योपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत भवन विहीन माध्यमिक शालाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' पर है। उक्त माध्यमिक विद्यालयों के भवन स्वीकृत है। पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर वर्तमान निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत से शासकीय माध्यमिक शाला भवन निर्माण हेतु अनुबंध की प्रक्रिया प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) निर्माण एजेंसी की उदासीनता के कारण समय पर भवन नहीं बनने के क्रम में एजेंसी से मय ब्याज के राशि वसूल की जाकर पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर भवन निर्माण हेतु प्रक्रिया प्रचलित है।
प्राथमिक शाला भवनों की स्वीकृति व निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
110. ( क्र. 6448 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2009-10 से 2016-17 तक स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कितने व किस-किस मद से प्राथमिक शाला भवन स्वीकृत किये का नाम, लागत, एजेंसी व कार्य पूर्ण करने की अवधि की जानकारी वर्ष/तहसील/शाला भवनवार देवें? (ख) उक्त में से कौन-कौन से भवन निश्चित समयावधि में पूर्ण/अप्रारंभ व अपूर्ण पड़े हैं व क्यों इन्हें पूर्ण कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इस हेतु कब-कब एजेन्सियों को पत्र लिखे, की प्रतियाँ उपलबध करावें? (ग) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्राथमिक शाला रूपनगर, बमौरीहाला, बान्डीखेड़ा, धीरोली के भवन अनुपयोगी होने उपरांत तुड़वा दिये तथा रूपनगर, रतोदन बंजारा बस्ती, नीमखेड़ा, उतनवाड़ सहित कई शालाएं भवन विहीन हैं। इनके लिये कब तक भवन स्वीकृत कर बनावाये जावेंगे? (घ) संबंधित विभागीय अमले की अरूचि के कारण उक्त अवधि में स्वीकृत भवनों का निर्माण कार्य एजेंसियों को राशि जारी करने के बावजूद पूर्ण नहीं हो पाने से बच्चे खुले में पढ़ने को विवश हैं? क्या शासन उक्त्ा भवनों के निर्माण कार्यों में हुए विलम्ब के कारणों की जाँच करवायेगा व दोषी विभागीय अमले के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करवायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2009-10 से 2016-17 तक सर्व शिक्षा अभियान मद से कुल 18 प्राथमिक शाला भवन स्वीकृत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' पर है। (ग) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भवन विहीन प्राथमिक शालाओं की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' पर है। प्राथमिक विद्यालय चैपना, जारेला के भवनर स्वीकृत है। वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2017-18 में युक्ति-युक्तकरण के तहत खोली गई 03 शालाओं एवं जीर्ण-शीर्ण वाली 03 शालाओं नवीन भवन निर्माण के प्रस्तावों को वार्षिक कार्ययोजना में शामिल किये गये हैं। भारत शासन से स्वीकृति उपरांत भवन बनाये जा सकेंगे। (घ) भारत शासन से भवन विहीन शालाओं हेतु समय-समय पर आवंटन प्राप्त हुआ है। निर्माण एजेंसी की उदासीनता के कारण समय पर भवन नहीं बनने के क्रम में एजेंसी मय ब्याज के राशि वसूल की जाकर पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर भवन निर्माण हेतु प्रक्रिया प्रचलित है।
खाद्य पदार्थों के सेंपल की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
111. ( क्र. 6488 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015-2016 एवं फरवरी 2017 में कितने खाद्य पदार्थों तेल, घी, दूध के सेंपलों की जाँच कराई गई? संस्थानों के नाम, तिथि सहित जानकारी दी जावें। (ख) उक्त छापों में जिन संस्थाओं, व्यापारिक प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थों में मिलावट पाई गई? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिले में मिलावटी खाद्य तेल, दूध पर नियंत्रित करने हेतु प्रशासन द्वारा क्या-क्या व्यवस्थायें की गई हैं? पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) जिले में खाद्य तेल रिफायनरियों की लैब में पूर्ण मानक स्तर के कर्मचारी रखे हैं, तो उनकी जानकारी शैक्षणिक योग्यता क्या है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जिले में मिलावटी खाद्य तेल, दूध पर नियंत्रण करने हेतु जिले में 04 खाद्य सुरक्षा अधिकारी पदस्थ हैं, जो जिला स्तर पर अभिहित अधिकारी के नियंत्रण में कार्य करते हैं। उक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु उत्तरदायी हैं। उक्त अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु प्रशासन द्वारा राज्य/संभागीय खाद्य उड़नदस्ता एवं चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के माध्यम से प्रभावी कार्यवाही की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है।
शासकीय स्कूल की स्वीकृति व निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
112. ( क्र. 6489 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2015, 2016 में कितने हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल स्वीकृत किये गये? स्थानों के नाम, विधान सभा क्षेत्र सहित दिए जावे। (ख) उक्त स्वीकृत विद्यालयों के टेण्डर कब हुये व कितनों का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ है? कितने विद्यालयों का निर्माण अभी तक प्रारंभ नहीं हो सका है? (ग) उक्त स्वीकृत विद्यालयों को जमीन का आवंटन अभी तक निश्चित नहीं हो सका है। भूमि आवंटन प्रक्रिया किस स्थिति में है? विद्यालयों के नाम, स्थान सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) उक्त स्वीकृत 29 विद्यालयों में से 17 विद्यालयों को भवन स्वीकृत किये गये, जिसका टेण्डर 28.06.2016 को जारी किया गया। जिसमें से 12 विद्यालयों का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में वर्णित 17 विद्यालयों में से 12 विद्यालयों को भूमि का आवंटन हो चुका है। शेष 05 विद्यालयों में से भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
दवाइयों के मूल्य पर नियंत्रण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
113. ( क्र. 6503 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में एलोपैथिक दवाइयों और सर्जिकल तथा अन्य चिकित्सा में काम आने वाले उपकरणों के उपभोक्ता मूल्यों पर नियत्रंण रखने और मुनाफाखोरी रोकने के लिये सरकार की क्या व्यवस्था है। (ख) वर्ष 2015 और 2016 में अवमानक औषधियों की ब्रिकी और अनुचित मुनाफाखोरी रोकने के लिये राज्य में क्या कार्यवाही की गई और कितने मामलों में दोषी व्यक्तियों को दण्डित किया गया। (ग) क्या शासन को जानकारी है कि औषधि निर्माता कम्पनियों द्वारा प्रत्येक औषधि पर एम.आर.पी. मूल्य वास्तविक मूल्य से बहुत अधिक होता है और रिटेल विक्रेता खरीदार को कभी एम.आर.पी. मूल्य से कम मूल्य पर भी औषधि बेचते हैं और कई मामलों में एम.आर.पी. मूल्य पर ब्रिकीकर सेवाकर भी वसूलते हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिये शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) राज्य के निजी अस्पतालों में दिल की बीमारी में काम आने स्टेंट की मनमानी कीमत वसूलने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिये सरकार ने क्या व्यवस्था की है? निजी अस्पतालों के चिकित्सा शुल्क और सेवा शुल्क को उचित स्तर पर तय करने के लिये क्या सरकार कोई व्यवस्था करने पर विचार कर रही है, ताकि मरीजों को अस्पतालों की लूट से बचाया जा सके। यदि हाँ, तो इस संबंध में की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी दीजिये।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रदेश में आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा जारी किये गये औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश 2013 लागू हैं, जिसके अंतर्गत उक्त आदेश में उल्लेखित ऐलोपैथी औषधियों एवं मेडिकल डिवाईसेस के अधिकतम मूल्य पर नियंत्रण रखने की व्यवस्था है। वर्तमान में सर्जिकल उपकरण औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश 2013 के परिधि से बाहर है। (ख) वर्ष 2015 और 2016 में राज्य में कार्यरत औषधि निरीक्षकों द्वारा कुल 1191 एवं 1796 क्रमशः नमूने जाँच/परीक्षण हेतु लिये गये, जिनमें से कुल 15 एवं 10 नमूने क्रमशः राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा अवमानक स्तर के पाये गये। इन प्रकरणों में प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुये वर्ष 2015 में 01 प्रकरण में औषधि निर्माण अनुज्ञप्ति निलंबन एवं 01 प्रकरण में औषधि निर्माण अनुज्ञप्ति निरस्तीकरण किया गया तथा वर्ष 2016 में 02 प्रकरणों में औषधि निर्माण अनुज्ञप्ति निलंबन किया गया। वर्ष 2015 में 32 एवं 2016 में 12 प्रकरणों में क्रमशः 27 एवं 9 प्रकरणों में निर्माता राज्य से बाहर होने के कारण प्रकरण आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित राज्य को प्रेषित किया गया एवं शेष प्रकरणों में कारण बताओ नोटिस जारी कर बेच वापसी की कार्यवाही की गई। (ग) औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश के अंतर्गत आने वाली औषधियों की एम.आर.पी. का निर्धारण उसके अंतर्गत उल्लेखित सूत्रानुसार किया जाता है। औषधि रिटेल विक्रेताओं द्वारा खरीददार के एम.आर.पी. से कम मूल्य पर औषधि बेची जाना औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 तथा नियमावली, 1945 का उल्लंघन नहीं है। औषधि निर्माताओं द्वारा औषधियों पर उल्लेखित एम.आर.पी. में सभी कर सम्मिलित होते हैं। प्रश्न दिनांक तक एम.आर.पी. पर बिक्रीकर/सेवाकर वसूलने संबंधी कोई भी प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। औषधि निरीक्षकों द्वारा नियमित निरीक्षण किये जा रहे हैं। (घ) भारत सरकार द्वारा दिल की बीमारी में काम आने वाले स्टेंट की कीमत को नियंत्रित करने के लिये राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आदेश क्रमांक एस ओ 412 (ई) दिनांक 13.02.2017 जारी कर उनकी एम.आर.पी. निर्धारित की गई है। उक्त जारी आदेश के परिप्रेक्ष्य में समस्त औषधि निरीक्षकों को आदेश पालन बाबत् सतत् निगरानी रखने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। मध्यप्रदेश रूजोपचार अधिनियम के अंतर्गत निजी अस्पतालों का पंजीयन करने का प्रावधान है। इन अस्पतालों में चिकित्सा शुल्क और सेवा शुल्क को तय करने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धोबी जाति के संबंध में भ्रामक जानकारी दिया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
114. ( क्र. 6510 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता की परि.अता. प्रश्न संख्या 166 (क्रमांक-2013) दिनांक 09 दिसम्बर 2016 के संदर्भ में प्रश्नांश की कंडिका (ग) का उत्तर जी नहीं में दिया गया था एवं प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में भारत सरकार को भेजी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ब) में उपलब्ध करायी गई है? क्या उपलब्ध करायी गई वह जानकारी प्रश्न की विषय वस्तु से संबंधित है या हटकर है? स्पष्ट करें। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये प्रश्न की विषय वस्तु की जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के लिए उत्तरदायी का निर्धारण किरते हुये दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी एवं प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार को जानकारी नहीं भेजने के लिए भी उत्तरदायित्व का निर्धारण कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न क्रमांक-2013 की कंडिका (च) अनुसार सचिव, अखिल भारतीय धोबी महासंघ के पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं एवं सहपत्रों में शासन द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई बिन्दुवार जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। त्रुटिवश भारत सरकार को भेजी गयी जानकारी के स्थान पर भारत सरकार द्वारा राज्य शासन को प्रेषित पत्र इत्यादि को परिशिष्ट 'ब' के रूप में भेज दिया है। (ख) जी हाँ। दि. 6.8.2010 को भारत सरकार को जानकारी प्रेषित की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सचिव, अखिल भारतीय धोबी महासंघ को बिंदुवार जानकारी पत्र एफ 23-3/2013/25-4 दिनांक 14.03.2017 द्वारा प्रेषित की गयी है।
वार्डनों के विरूद्ध जाँच
[स्कूल शिक्षा]
115. ( क्र. 6527 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले में सर्व शिक्षा अभियान के तहत संचालित बालिका छात्रावासों व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कार्यरत वार्डनों के विरूद्ध वर्ष 2016 में वित्तीय अनियमितता बाबत् प्रारंभिक जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो प्रारंभिक जाँच में क्या पाया गया? (ख) क्या प्रांरभिक जाँच के आधार पर दोषी पाई गई वार्डनों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा जाँच की जा रही है? विभागीय जाँच में क्या कार्यवाही प्रचलित है? संपूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत करें। यदि विभागीय जाँच प्रारम्भ नहीं हुई है, तो इसके लिए दोषी कौन है व उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित बालिका छात्रावास एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की वार्डनों को प्रारंभिक जाँच में दोषी पाया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) जी हाँ। विभागीय जाँच हेतु जाँच अधिकारी श्री बी.एम.एस. परिहार प्राचार्य उ.मा.वि. चामलेश्वर बड़नगर को नियुक्त किया गया है। विभागीय जाँच वर्तमान में प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। अत: शेषांश का प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शिक्षक वर्ग को वेतन व किश्त का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
116. ( क्र. 6560 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशासकीय अनुदान प्राप्त उ.मा.वि. किला अम्बाह जिला मुरैना में कार्यरत शिक्षक वर्ग को अक्टूबर 2016 से दिसम्बर 2016 तक का वेतन एवं पाँचवें वेतनमान की पाँचवीं किश्त का भुगतान नहीं किया गया है, जबकि जिला मुरैना के सभी अशासकीय विद्यालयों को लाभ दिया जा चुका है। (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्णित वेतन व किश्त का लाभ न देने के क्या कारण हैं, जबकि लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा डी.ई.ओ. मुरैना को अधिकृत किया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या डी.पी.आई. भोपाल के आदेश उपरान्त भी डी.ई.ओ. मुरैना द्वारा वेतन, किश्त न देने के क्या कारण हैं? वेतन व किश्त कब तक दे दिया जायेगा? निश्चित दिनांक दी जावे। वेतन न देने वाले अधिकारी, कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनहीनता की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वेतन भत्तों एवं पाँचवे वेतनमान की पाँचवी किश्त का भुगतान किया जा चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रायवेट कॉलेज में इन्टर्नशिप की अनुमति
[आयुष]
117. ( क्र. 6577 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के आयुर्वेद कॉलेज से उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को इन्टर्नशिप के लिए प्रायवेट कॉलेज में सुविधा उपलब्ध है? यदि नहीं, तो छात्र-छात्राओं के हित में विभाग अनुमति देगा? (ख) क्या छात्र-छात्राओं को सुविधा देते हुए शासकीय आयुष महाविद्यालय से उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को उनके आवेदन पर प्रायवेट कॉलेज से इन्टर्नशिप की अनुमति का प्रावधान है? यदि नहीं, तो विभाग जनहित में अनुमति देने का प्रावधान समय-सीमा में करेगा? (ग) क्या मान्यता प्राप्त प्रायवेट कॉलेज व शासकीय कॉलेज की इन्टर्नशिप को समकक्ष मान्यता है? यदि हाँ, तो छात्र-छात्राओं को उनकी सुविधा व आवेदन अनुसार इन्टर्नशिप की अनुमति दी जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) जी हाँ। जी नहीं, सी.सी.आई.एम. के नियमानुसार।
जिलों में रजिस्टर्ड डॉक्टर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
118. ( क्र. 6582 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलों में प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने डॉक्टर (शासकीय, निजी) विभाग द्वारा रजिस्टर्ड है? वे कहाँ-कहाँ प्रेक्टिस कर रहे हैं? उनके खिलाफ कितने मरीजों ने कब-कब, किस-किस तरह की शिकायत विगत एक-दो वर्षों में की, उन पर क्या कार्यवाही किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा की गई? कितनी शिकायतों पर पुलिस प्रकरण बनवाये गए? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त जिलों में ऐसे कितने निजी झोलाछाप डॉक्टर हैं, जो विभाग के द्वारा कही भी रजिस्टर्ड नहीं हैं, किन्तु लगातार मरीजों के जीवन से खेल रहे हैं? इनका आंकलन कब-कब किया गया? क्या विभाग द्वारा महिला स्वास्थ कार्यकर्ताओं से इन फर्जी डॉक्टरों के आंकलन को लेकर कोई सर्वे करवाया गया था? क्या यह सर्वे कर्मचारी डाक्टरों की डिग्री एवं अन्य कागजात देखने में सक्षम थे? (ग) क्या उक्त जिलों में फर्जी डाक्टरों को लेकर जिला प्रशासन एव जिला स्वास्थ्य विभाग में समन्वय का अभाव है? इस सम्बन्ध में स्वास्थ विभाग ने 1 जनवरी 2015 के पश्चात कब-कब क्या-क्या कार्यवाही जिला प्रशासन के साथ की? उनमें किन-किन फर्जी डॉक्टरों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त जिलों में 1 जनवरी 2014 के पश्चात विभाग में बिना रजिस्टर्ड फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कितनी-कितनी शिकायत प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) चिकित्सकों द्वारा संचालित नर्सिंग होम व क्लीनिक का पंजीयन विभाग द्वारा किया जाता है। शासकीय चिकित्सक अपने निवास पर व निजी चिकित्सक अपने नर्सिंग होम/क्लीनिक पर प्रेक्टिस करते है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। मरीजों द्वारा की गई शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। मरीजों की शिकायतों पर सक्षम अधिकारी (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) द्वारा जाँच कराई गई। शिकायत असत्य पाये जाने के कारण कोई भी शिकायत पुलिस प्रकरण योग्य नहीं पाई गई। (ख) झोलाछाप डॉक्टर्स विभाग द्वारा पंजीकृत नहीं किये जाते हैं, अतः वास्तविक संख्या बताना संभव नहीं है। शिकायत प्राप्त होने पर जाँच दल गठित कर समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से झोलाछाप डॉक्टरों का सर्वे नहीं कराया गया। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध जिला मन्दसौर 04, रतलाम 21, नीमच में निरंक पुलिस प्रकरण दर्ज कराये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
शिक्षक संवर्ग की पदोन्नति
[आदिम जाति कल्याण]
119. ( क्र. 6595 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 11.12.2015 में मुद्रित प्रश्न संख्या 09 (क्रमांक 137) के प्रश्नांश (ख) का उत्तर रोस्टर पर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं होना पाये जाने से प्रकरण में जाँच कर यथोचित कार्यवाही की जावेगी? उत्तर दिया गया है? क्या प्रकरण की जाँच क्या कर ली गई? (ख) यदि कर ली गई तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें तथा प्रतिवेदन अनुसार कौन दोषी पाया गया है और उसके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की गई है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रतिवेदन अनुसार किसी अधिकारी को दोषी नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन
एवं सदन के
समक्ष
जानबूझकर गलत
जानकारी दिया
जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
120. ( क्र. 6617 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 558 दिनांक 11 दिसम्बर 2015 को प्रश्न की कण्डिका ''क'' का उत्तर शासन द्वारा अवगत कराया गया कि गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल एवं एसोसिएट्स हमीदिया चिकित्सालय को ट्रामा यूनिट के उन्नयन हेतु नेशनल हाईवे अथॉरटी ऑफ इण्डिया भारत सरकार से प्रश्न दिनांक तक कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है? (ख) क्या यह भी सही है कि मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 4-66/2015/2-55, भोपाल दिनांक 14 दिसम्बर, 2015 तथा गांधी मेडिकल कॉलेज के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष अस्थि रोग विभाग के पत्र क्रमांक 436 दिनांक 11 जून, 2015 को डीन गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल को अवगत कराया गया था कि गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल एवं एसोसिएट्स हमीदिया चिकित्सालय को ट्रामा युनिट के उन्नयन हेतु नेश्नल हाईवे अथॉरटी ऑफ इण्डिया भारत सरकार से 150 लाख रुपये सहित और भी राशि प्राप्त हुई है? (ग) यदि हाँ, तो प्राप्त राशि का उपयोग कहाँ किया गया तथा सदन के समक्ष (क) भाग में दी जाने वाली जानकारी के लिए संबंधित के विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 4-66/2015/2-55 दिनांक 14 दिसम्बर, 2015 में उल्लेखित भारत सरकार के पत्र क्रमांक 28016/76/2005 एच नई दिल्ली अगस्त 2005 द्वारा 150 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई थी जिसके तारतम्य में भारत शासन को एम.ओ.यू. भेजा गया किन्तु राशि प्राप्त नहीं हुई। तत्पश्चात् उक्त योजना हेतु पुन: 207.60 लाख की राज्य शासन द्वारा स्वीकृति जारी कर राशि रूपये 122.00 लाख के एम.ओ.यू. संपादित करने हेतु भारत सरकार को पुन: प्रेषित किया गया किन्तु भारत शासन से कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। विभागाध्यक्ष गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक 436, दिनांक 11 जून, 2015 के पत्र में राशि के प्राप्त होने संबंधी लेख न किया जाकर राशि को प्रस्तावित किये जाने का लेख किया गया है। राज्य शासन से प्राप्त राशि एवं उपयोग की गई राशियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष चिकित्सकों की पदस्थापना
[आयुष]
121. ( क्र. 6632 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा भोपाल संभाग में विगत 3 वर्ष के दौरान आयुष अस्पतालों में चिकित्सकों की नवीन पदस्थापना की है? यदि हाँ, तो अस्पतालवार, पदस्थ चिकित्सकों का ब्यौरा दें। (ख) क्या सीहोर, भोपाल एवं राजगढ़ जिले के आयुष अस्पतालों में चिकित्सक के पदों की पूर्ण प्रतिपूर्ति है? यदि हाँ, तो अस्पतालवार ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो किन-किन अस्पतालों में वर्तमान में चिकित्सक नहीं हैं? कारण सहित ब्यौरा दें। (ग) क्या विगत 3 वर्ष के दौरान भोपाल संभाग में कार्यरत आयुष चिकित्सकों ने शासकीय सेवा से त्याग-पत्र दिया है? यदि हाँ, तो त्याग-पत्र देने का कारण एवं चिकित्सक का ब्यौरा दें। (घ) क्या आयुष चिकित्सकों को एलोपैथी पद्धति से चिकित्सा कार्य करने के आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में कितने आयुष चिकित्सक ऐलोपैथी पद्धति से चिकित्सा कार्य कर रहे हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। स्थानांतरण व चिकित्सकों की कमी। (ग) जी हाँ। जिला आयुष कार्यालय विदिशा में डॉ. पूनम चौधरी, पारिवारिक कारणों से। (घ) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थापना अवधि में केवल आयुर्वेद चिकित्सकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने के पश्चात् सीमित सीमा तक। 8 आयुर्वेद चिकित्सकों के पदस्थापना आदेश जारी।
प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
122. ( क्र. 6638 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले के खैरलांजी विकासखंड के ग्राम कटोरी एवं ग्राम मिरगपुर के शा.उ.मा. शाला में अ.जाति के छात्रों की संख्या को देखते हुये अनुसूचित जाति कल्याण विभाग प्री-मैट्रिक अ.जाति बालक छात्रावास स्वीकृत करने पर विचार कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कटोरी एवं मिरगपुर में अ.जाति बालक छात्रावास स्वीकृत करने विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 23-21/2014/25-5, दिनांक 1 अक्टूबर, 2014 द्वारा नवीन छात्रावासों की स्थापना हेतु निर्धारित गाईड लाईन के अनुसार नवीन छात्रावास जिला मुख्यालय पर खोले जायेंगे। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय माध्यमिक शाला का हाई स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
123. ( क्र. 6639 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र कटंगी के अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला चिखला एवं शासकीय माध्यमिक शाला हरदोली का शासकीय हाई स्कूल में उन्नयन करने पर विभाग विचार कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक शासकीय माध्यमिक शालाओं का शासकीय हाई स्कूल में उन्नयन कर दिया जावेगा। (ग) कटंगी विधान सभा क्षेत्र कौन-कौन शासकीय मिडिल स्कूल है, जो शासकीय हाई स्कूल में उन्नयन करने योग्य है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जिले से प्राप्त प्रस्ताव में शासकीय माध्यमिक शाला चिखला एवं शासकीय माध्यमिक शाला हरदोली शामिल है। प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सी.एम.एच.ओ. का प्रभार नियम विरूद्ध जूनियर डॉक्टर को देना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
124. ( क्र. 6652 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य परिवार मंत्रालय के आदेश क्रमांक 1983 दिनांक 7.8.2013 के द्वारा कोई शासकीय चिकित्सक स्वयं अथवा परिजन के नाम से नर्सिंग होम, क्लीनिक, निजी चिकित्सालय का संचालन नहीं कर सकता है? यदि हाँ, तो तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टीकमगढ़ के पति और परिजन के नाम से निजी चिकित्सालय राय मल्टी परपज अस्पताल, इंद्रपुरी कालोनी में और दो नर्सिंग कॉलेजों का संचालन टीकमगढ़ जिले में किया जा रहा है? यदि हाँ, तो शासन क्या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतायें। (ख) क्या प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टीकमगढ़ डॉ. वर्षा राय का निजी मकान जिला टीकमगढ़ में है? यदि हाँ, तो प्रवर श्रेणी के पद पर टीकमगढ़ में कैसे पदस्थ है और सी.एम.एच.ओ. का प्रभार कैसे सौंपा गया? क्या वरिष्ठता का आंकलन किया गया और समन्वय से सहमति प्राप्त की गई? यदि नहीं, तो नियमों के विरूद्ध कैसे प्रभार सौंपा गया? कारण बतावें। प्रभार के समय इनसे वरिष्ठ टीकमगढ़ जिले में कितने चिकित्सक हैं? नाम बतायें। (ग) क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टीकमगढ़ के पति द्वारा चिकित्सा व्यवसाय और परिजन द्वारा नर्सिंग कॉलेजों के संचालन के कारण डॉ. वर्षा राय को सी.एम.एच.ओ. के प्रभार से तत्काल मुक्त किया जावेगा? अगर हाँ, तो कब तक और क्या डॉ. वर्षा राय द्वारा अपने पति के निजी चिकित्सालय को मापदण्डों की अनदेखी करते हुए 100 बिस्तरीय अस्पताल की स्वयं के पद के प्रभाव से स्वीकृति प्रदान की गई? अगर हाँ, तो इसकी जाँच इनको पद से हटाकर कराई जायेगी? अगर हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वर्षा राय के पूर्व में डॉ. ए.के. तिवारी, तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टीकमगढ़ के पद पर पदस्थ थे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टीकमगढ़, डॉ. वर्षा राय के नाम से टीकमगढ़ में कोई मकान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शासन आदेश पृ. क्रमांक/48/4222/2016/सत्रह/मेडि-1 दिनांक 06/01/2017 के द्वारा डॉ. वर्षा राय सर्जरी विशेषज्ञ को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टीकमगढ़ का प्रभार सौंपा गया है। प्रभार के संदर्भ में वरिष्ठता के साथ-साथ वर्तमान स्थिति में अधिकारी की प्रशासनिक दक्षता एवं आमजन से व्यवहार इत्यादि को ध्यान में रख कर दिया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आवश्यकतानुसार निर्णय लिया जावेगा। जी नहीं, पूर्व में स्वीकृत 60 बिस्तरीय अस्पताल में 40 बिस्तर बढाने की स्वीकृति हेतु प्राप्त आवेदन पत्र पर गठित निरीक्षण दल द्वारा शासन के निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप पाये जाने के कारण बिस्तर बढाने की अनुशंसा के आधार बिस्तर बढाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुरूजियों को ऐरियर का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
125. ( क्र. 6661 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 9.12.2016 को परि.अता. प्रश्न संख्या 44 (क्रमांक 682) में ई.जी.एस. गुरूजी को दिये गये मानदेय एवं एरियर के बारे में पूछा गया था? जिसके उत्तर में सलंग्न आदेश क्रमांक 5-175/11/2442 भोपाल दिनांक 28.11.2011 में गोपाल चावला एवं अन्य द्वारा प्रस्तुत याचिका में जो आदेश पारित किया उसमें बताया कि निर्धारित मानेदय पर पदस्थ/कार्यरत गुरूजी को शिक्षाकर्मी के अनुरूप वेतनमान की पात्रता नहीं आती है? दिया है, तो उक्त प्रश्न के संलग्न परिशिष्ट 3 में जिले के 3 विकासखण्डों के 89 गुरूजियों को 4,42,17,556/- रूपये का ऐरियर दिया है? (ख) क्या उक्त गुरूजियों को शिक्षाकर्मियों के समान दिये वेतनमान के एरियर की राशि नियमानुसार है? यदि नहीं, तो उक्त एरियर किसके आदेश से दिया गया है? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो राजगढ़ जिले के शेष रहे 3 विकासखण्डों के गुरूजियों को शिक्षाकर्मी के समान वेतन का एरियर कब तक मिलेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश की त्रुटिपूर्ण व्याख्या कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सारंगपुर, खिलचीपुर एवं ब्यावरा द्वारा आदेश पारित कर ई.जी.एस. शालाओं में कार्यरत गुरूजियों को शिक्षाकर्मी के समान सहायक अध्यापक के पद का वेतनमान स्वीकृत किया गया है। त्रुटिपूर्ण किये गये भुगतान के लिये कलेक्टर राजगढ़ को जाँच कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिये गये है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि शिक्षकों के संविदा शिक्षक बनाया जाना
[स्कूल शिक्षा]
126. ( क्र. 6676 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार संविदा शिक्षक वर्ग 1,2,3 को भर्ती किए जाने की घोषणा कर चुकी है? यदि हाँ, तो अतिथि शिक्षकों को जिनकों शिक्षण कार्य का लंबा अनुभव हो, को दृष्टिगत रखते हुये विभागीय परीक्षा आयोजित कर अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षक बनाने हेतु क्या कोई प्रस्ताव है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव को कब तक मान्य किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि यह संभव नहीं है, तो अतिथि शिक्षकों के अनुभव हेतु कितने अंक बोनस पात्रता परीक्षा के लिए निर्धारित किए जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1, श्रेणी-2 एवं श्रेणी-3 की भर्ती का निर्णय लिया गया है। अतिथि शिक्षकों को संविदा शाला शिक्षक बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वर्तमान में अभी अतिथि शिक्षकों को सेवा अवधि अनुसार अधिभार देने की व्यवस्था है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
मेल नर्सों की भर्ती
[चिकित्सा शिक्षा]
127. ( क्र. 6686 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में इंडियन नर्सिंग काउंसलिंग एवं प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अशासकीय नर्सिंग कॉलेजों में मेल एवं फीमेल नर्सों की G.M.M. तथा B.Sc. नर्सिंग का अध्ययन कराया जाता है तथा उन्हें शासन के नियमों के तहत छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो यह बतलावें की प्रदेश में ऐसे कितने मान्यता प्राप्त संस्थान है तथा इन मान्यता प्राप्त संस्थानों से वित्त वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक तक प्रति वर्ष कितने मेल नर्सों को डिप्लोमा व डिग्री प्रदान की गई है? वर्षवार सूची देवें। (ख) क्या प्रदेश सरकार ने वर्ष 2009-10 में गजट में संशोधन कर नर्सिंग की भर्ती को महिलाओं के लिये रिजर्व कर दिया था? इसके बाद से प्रदेश में मेल नर्सों की शासकीय भर्तियां बंद हैं जबकि केंद्र सरकार व अन्य राज्य सरकारों द्वारा निकाली जा रही स्टॉफ नर्स की शासकीय भर्तियों में मेल व फीमेल नर्स दोनों को लिया जाता है? (ग) क्या प्रदेश सरकार द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित देश के अन्य प्रदेशों से भिन्न मापदंड अपनाने से प्रदेश में मेल नर्स का डिप्लोमा व डिग्री प्रति वर्ष ग्रहण कर रहे पुरूषों के साथ हो रहे भेदभाव को दूर कर स्टॉफ नर्स की भर्तियों में मेल व फीमेल को समान अवसर प्रदान करने का नियम बनायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में मान्यता प्राप्त अशासकीय नर्सिंग महाविद्यालयों की संख्या 144 है तथा अशासकीय जी.एन.एम. स्कूलों की संख्या 336 है। डिग्री एवं डिप्लोमा संबंधित संस्थानों द्वारा प्रदाय नहीं किये जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) उत्तरांश (ख) के उत्तर परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा शिक्षक वर्ग-3 का सह-अध्यापन के पद पर संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
128. ( क्र. 6687 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा आदेश क्रमांक एफ-44-14-2003-2012/20-2 दिनांक 18.5.2012 के अनुसार प्रदेश के समस्त गुरूजियों को संविदा शिक्षक वर्ग-3 के पद परीक्षा लिये बिना नियोजित कर 10.2.2014 में सहायक अध्यापक के पद पर संविलियन करने का प्रावधान था, इसके तहत प्रदेश के अधिकांश गुरूजी लाभांवित हुये? यदि हाँ, तो उल्लेखित आदेश की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें की उल्लेखित आदेश से कितने गुरूजी लाभांवित हुये तथा कितने गुरूजी किन कारणों से लाभांवित होने से वंचित रहे, कारण सहित सूची देवें। (ख) क्या उल्लेखित आदेश को पुन: संशोधन कर आदेश क्रमांक F-44-6/2014/20-2 दिनांक 9.12.2014 के द्वारा उक्त प्रतिक्रिया में रोक लगा देने से प्रदेश के लगभग 7500 गुरूजी जो 10.2.2014 तक संविदा शिक्षक वर्ग-3 के पद नियोजित किये गये सहायक अध्यापक संवर्ग में संविलियन से वंचित रह गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उत्पन्न विसंगतियों को दूर कर क्या शासन सभी को एक समान अवसर प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? बतलावें की क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश के तहत संविदा शिक्षक वर्ग-3 नियोजित सभी गुरूजी का वर्ष 2014 में अध्यापक संवर्ग में संविलियन कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं किया गया कब तक कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी, नहीं। (ख) स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ-44-6/2014/20-2 भोपाल, दिनांक 09.12.2014 एवं समसंख्यक आदेश क्रमांक एफ 44-6/2014/20-2 दिनांक 10.02.2014 के अनुक्रम में अनुपूरक आदेश जारी किये गये हैं। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार हैं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैगा विकास अभिकरण
[आदिम जाति कल्याण]
129. ( क्र. 6693 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के अंतर्गत बैगा विकास अभिकरण मद में प्रश्न दिनांक से विगत पाँच वर्षों में कितना-कितना आवंटन उपलब्ध कराया गया। वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्न दिनांक से विगत पाँच वर्षों में प्राप्त आवंटन का उपयोग कहाँ-कहाँ किया गया? हितग्राहियों की सूची सहित संपूर्ण विवरण दें। (ग) क्या पर्याप्त धनराशि व्यय किए जाने के बावजूद अत्यन्त पिछड़ी बैगा जनजाति के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक विकास अपेक्षानुसार नहीं हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो सरकार इस संबंध में क्या प्रयास कर रही है? क्या व्यय की जा रही राशि का सदुपयोग हो रहा है कि नहीं? इस संबंध में सत्यापन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) मदवार कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं लाभांवित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार है। (ग) स्वीकृत योजना अनुसार बैगा परिवारों को लाभांवित किया जा रहा है। (घ) विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास के लिऐ निरंतर प्रयास किये जा रहे है। कराये जा रहे कार्यों का सत्यापन कराया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
130. ( क्र. 6696 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या केन्द्र/राज्य शासन द्वारा घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के कल्याण हेतु अनेक योजनाओं एवं कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन योजनाओं का एवं किन-किन कार्यों का क्रियान्वयन किस प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है? (ग) वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश के (क) एवं (ख) अंतर्गत आने वाली योजनाओं/कार्यों के क्रियान्वयन हेतु रतलाम जिले को कितना बजट प्राप्त होकर किस प्रक्रिया के माध्यम से क्या-क्या कार्य किन-किन स्थानों पर किये गये एवं योजनाओं का क्रियान्वयन किस प्रकार हुआ? (घ) वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत क्या-क्या किया गया? ग्राम पंचायत ढोढर तहसील जावरा एवं अन्य ग्राम पंचायतों, जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्तावों पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गईं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण हेतु छात्रवृत्ति योजना, छात्रावास योजना, विमुक्त जाति बस्ती विकास योजना, विमुक्त जाति आवास योजना आदि योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ख) छात्रवृत्ति योजना का संचालन स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से, विमुक्त जाति बस्ती विकास योजना एवं विमुक्त जाति आवास योजना अंतर्गत स्वीकृत कायो का क्रियान्वयन संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के माध्यम से किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। जिले से ग्राम पंचायत ढोढर, तहसील जावरा एवं अन्य ग्राम पंचायतों, जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार, सीमित बजट प्रावधान होने के कारण सभी कार्यों के लिये आवंटन दिया जाना संभव नहीं है।
नवीन शालाएं प्रारंभ किये जाना
[स्कूल शिक्षा]
131. ( क्र. 6697 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लगातार बढ़ती छात्र-छात्राओं की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए एवं शिक्षा सुगमता से प्राप्त हो सके, इस हेतु शासन/विभाग प्रतिवर्ष नवीन स्कूलों को प्रारंभ कर समुचित प्रबंधन कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा नगर, पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत विषय अंतर्गत उल्लेखित नवीन शालाओं को प्रारंभ किए जाने हेतु विभाग/जनप्रतिनिधियों एवं आमजन द्वारा किन-किन स्थानों के प्रस्ताव प्राप्त होकर प्रस्तावित हैं? स्थानवार बताएं। (ग) क्या कई मा.वि., हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनविहीन स्थिति में होकर अन्य स्थानों पर संचालित किये जा रहे हैं, तो उन्हें स्वयं के भवनों की स्वीकृति कब दी जाएगी? ऐसे कुल स्थान कहाँ-कहाँ पर हैं? (घ) उपरोक्त उल्लेखित क्षेत्रों में नवीन शालाएं प्रारंभ किए जाने के प्रस्ताव कब तक तैयार होकर इन्हें कब तक प्रारंभ किए जाने हेतु स्वीकृतियां दी जाएगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जावरा नगर पिपलौदा तहसील एवं जावरा तहसील अंतर्गत कोई भी माध्यमिक विद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु प्रस्तावित नहीं है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ग) जी हाँ। भवन विहीन माध्यमिक विद्यालय रिंगनिया, सरवनी जागीर, घटवास, राजगढ़ एवं अलकापुरी प्राथमिक विद्यालय के भवन में संचालित किये जा रहे हैं। उक्त भवन विहीन शालाओं के लिये जिला निर्माण समिति द्वारा अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत करने का अनुमोदन किया जा चुका है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। शालाओं का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेयजल अभावग्रस्त विद्यालयों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
132. ( क्र. 6707 ) श्री रजनीश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी के अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र में किन-किन शासकीय विद्यालयों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है, अनेक विद्यालयों में केवल नलकूप खनन की औपचारिकता पूर्ण कर दी गई हैं किन्तु पेयजल उपलब्ध नहीं है तथा अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से छात्र-छात्राओं को पेयजल हेतु परेशान होना पड़ता है। (ख) क्या शासन ऐसे पेयजल अभाव ग्रस्त विद्यालयों में कोई ठोस व्यवस्था करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उपरोक्त अनुसार ऐसे कितने शासकीय विद्यालय हैं, जिनमें बाउण्ड्रीवॉल नहीं है, बाउण्ड्रीवॉल विहीन विद्यालयों की सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या कोई प्रस्ताव बाउण्ड्रीवॉल बनाने हेतु शासन के पास विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो शालाओं को कब तक बाउण्ड्रीवॉलहीन कर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। 87 शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में स्थायी पेयजल स्त्रोत की व्यवस्था नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। समस्त शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में स्थायी पेयजल स्त्रोत व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को वैकल्पिक पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। (ख) जी हाँ। हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में अपर्याप्त व्यवस्था वाले विद्यालयों में शीघ्र व्यवस्था की जावेगी। ऐसे पेयजल स्त्रोत अभावग्रस्त प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में स्थायी पेयजल स्त्रोत व्यवस्था, ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्र की शालाओं में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा शिक्षा उपकर की राशि अथवा वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2017-18 में भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर किया जा सकेगा। (ग) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। बाउण्ड्रीवॉल विहीन प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के बाउण्ड्रीवॉल की स्वीकृति बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। प्रश्नांश (ग) अनुसार प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों हेतु वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2017-18 में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु प्रस्ताव भारत शासन को प्रस्तुत किया गया है। भारत शासन से स्वीकृति उपरांत शालाओं को बाउण्ड्रीवॉलयुक्त किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय विद्यालयों में निर्माण कार्यों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
133. ( क्र. 6708 ) श्री रजनीश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने विद्यालय, शौचालय, किचिन शेड, हैंडपम्प, भवनहीन हैं? विद्यालय में कौन-कौनसी सुविधा नहीं है। क्या कुछ विद्यालय में विद्युत व्यवस्था भी नहीं है? यदि हाँ, तो किन-किन विद्यालयों में सूची देवें। (ख) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त कार्य हेतु कितनी राशि दी गई है? क्या स्वीकृति के उपरांत निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हुआ? (ग) वर्तमान में केवलारी विधानसभा क्षेत्र में सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत कितने भवन लंबित हैं? (घ) वर्षों से अधूरे पड़े निर्माण कार्यों के लिए कौन अधिकारी दोषी है और इन पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल शौचालय विहिन नहीं है। भवन, हैण्डपंप तथा विद्युत व्यवस्था विहिन हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'', ''2'' एवं ''3'' अनुसार। केवलारी विधानसभा क्षेत्र के प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में से शून्य विद्यालय शौचालय विहीन, 230 किचिन शेड विहीन, 209 हैण्डपंप (स्थाई पेयजल स्त्रोत विहीन), 06 विद्यालय भवनहीन है। सुविधा विहीन विद्यालयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1', ''2'' एवं ''3'' में निहित है। निर्माण कार्य वर्ष 2016-17 में स्वीकृत होने से निर्माणधीन है। निर्माण हेतु समय-सीमा दिसम्बर 2017 निर्धारित है। किचिन शेड का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एवं ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में हैण्डपंप (स्थाई पेयजल स्त्रोत) की सुविधा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग के माध्यम से कराई जाती है। वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा केवलारी के अन्तर्गत शौचालय एवं भवन विहीन शालाओं हेतु रूपये 94.63 लाख की राशि दी जाकर उपरोक्त उक्त समस्त निर्माण कार्यों को स्वीकृत किया जाकर पूर्ण कराया जा चुका है। (ग) वर्तमान में केवलारी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2012 के पूर्व के सर्व शिक्षा अभियान मद अन्तर्गत 02 भवन लंबित है। (घ) शास. हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन/निर्माण कार्य प्रगति पर है। माध्यमिक बालक शाला कान्हीवाड़ा एवं माध्यमिक शाला उर्दू कान्हीवाड़ा के निर्माण कार्य की एजेंसी ग्राम पंचायत कान्हीवाड़ा के विरूद्ध कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष प्रकरण क्रमांक 03/अ/2009-10 दिनांक 07.08.2012 दर्ज कराया जाकर वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राप्त आवंटन का उपयोग
[आदिम जाति कल्याण]
134. ( क्र. 6717 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति कल्याण विभाग में कितना-कितना वित्तीय आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ है? प्राप्त वित्तीय आवंटन का किस-किस योजना में किस-किस जनप्रतिनिधि या अधिकारी की अनुशंसा पर किस-किस स्थान पर क्या-क्या कार्य किस-किस निर्माण एजेंसी से किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा किस-किस यंत्री/कर्मचारी/ अधिकारी के सुपरविजन में कराया गया है तथा कराया जा रहा है? वर्तमान में उक्त कार्यों की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त अवधि में किस-किस योजना में कितने हितग्राही को किस योजना में लाभ राशि किस रूप में किस अधिकारी/कर्मचारी या जनप्रतिनिधि की अनुशंसा से कब-कब प्राप्त हुई, कितना प्राप्त होना शेष है? संपूर्ण जानकारी स्पष्ट करें। (ग) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में उक्त विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ है? उनका नाम पद, पदस्थापना दिनांक एवं मुख्यालय स्पष्ट करें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत कुल राशि रूपये 96.25 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। उक्त आवंटन से जनप्रतिनिधि (सरपंच ) ग्राम पंचायत के ठहराव प्रस्ताव अनुसार ग्राम पंचायत के उपयंत्री के सुपरवीजन में कार्य कराया गया। कराये गये कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
शासकीय स्कूलों में फर्नीचर व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
135. ( क्र. 6718 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में विभाग द्वारा फर्नीचर टाटपट्टी या अन्य सामग्री किस-किस विद्यालय को कितनी-कितनी राशि की किस-किस की मांग अनुसार किस अधिकारी या जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर क्या-क्या सामग्री उपलब्ध कराई है? विद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) शासन के नियमों अनुसार जो आवश्यक फर्नीचर है, वह प्रति विद्यालयवार कितना आवश्यक है? नियमों के अनुसार आवश्यकता के मान से वर्तमान में विद्यालयवार कितनी उपलब्धता है? क्या विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में फर्नीचार या विद्यालयों में छात्रों तथा अध्यापकों की आवश्यकता अनुसार फर्नीचर या अन्य सामग्री उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) ग्वालियर जिले में विद्यालयों के फर्नीचर या अन्य सामग्री क्रय हेतु स्कूल शिक्षा विभाग को 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है? प्राप्त आवंटन में से किस-किस विधान सभा क्षेत्र में कितना-कितना खर्च किया है? विधान सभा क्षेत्रवार अलग-अलग जानकारी दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में ग्वालियर जिले के भितरवार क्षेत्र में शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में विभाग द्वारा फर्नीचर, टाटपट्टी या अन्य सामग्री प्रदाय नहीं की गई है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) फर्नीचर विद्यालयवार नहीं बल्कि छात्र संख्या के मान से प्रदाय किया जाता है। प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में फर्नीचर उपलब्धता की जानकारी एकत्रित की जा रही है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। फर्नीचर प्रदाय बजट आवंटन पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं के संबंध में उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है।
उप-स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
136. ( क्र. 6740 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य अभियंता, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक 05/भवन/सेल-1/2016-17 भोपाल 08.11.2016 से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ को विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत उप-स्वास्थ्य केन्द्र लखनवास एवं सेमलापार के भवन निर्माण हेतु प्राप्त प्रस्ताव का परीक्षण कर आवश्यकता होने पर तत्काल प्रस्ताव/प्राक्कलन प्रेषित करने एवं भूमि की उपलब्धता की जानकारी भी संलग्न करने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव/प्राक्कलन प्राप्त हो चुके हैं अथवा नहीं? यदि हाँ, तो प्राप्त प्रस्ताव/प्राक्कलन की स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक प्रस्ताव/प्राक्कलन प्राप्त नहीं होने के क्या कारण है तथा कब तक प्रस्ताव/प्राक्कलन प्राप्त कर लिये जावेंगे? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उप-स्वास्थ्य केन्द्र, लखनवास एवं सेमलापार के भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, दिनांक 04.03.2017 को उप-स्वास्थ्य केन्द्र, सेमलपार में उप-स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण का प्रस्ताव/प्राक्कलन प्रस्तुत किया गया है तथा ग्राम लखनवास में पूर्व से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र होने से उप-स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण संभव नहीं है। ग्राम सेमलपार में भवन निर्माण के कार्य की स्वीकृति हेतु सक्षम समिति की बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा। अतः शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्राम लखनवास में पूर्व से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन बना है। अतः उप-स्वास्थ्य केन्द्र भवन लखनवास का निर्माण किया जाना संभव नहीं है। ग्राम सेमलपार में उप-स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु सक्षम समिति की बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मॉडल स्कूल भवन का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
137. ( क्र. 6741 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत करोड़ों रूपये की लागत से ब्यावरा नगर से 5 कि.मी. की दूरी पर ग्राम नयापुरा के पास मॉडल स्कूल हेतु भवन निर्माण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त मॉडल स्कूल भवन एवं परिसर की सुरक्षा हेतु बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कराया गया है एवं क्या शाला में की गई विद्युत व्यवस्था संतोषप्रद है? (ख) क्या उक्त मॉडल स्कूल के आस-पास खुला स्थान एवं पशु चारागाह होने से असामजिक तत्वों, चरवाहों एवं पशुओं द्वारा निरंतर भवन को क्षति पहुंचाई जा रही है एवं विद्युत व्यवस्था हेतु ग्राम नयापुरा के कृषि पंपों वाले फीडर से संलग्न की गई, जिससे 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिस कारण निरंतर अध्ययन कार्य प्रभावित हो रहा है? क्या विद्युत देयकों के भुगतान न हो पाने के कारण गत कई माह से शाला का विद्युत कनेक्शन विच्छेद है? यदि हाँ, तो क्या ऐसे विद्युत देयकों के भुगतान हेतु विभाग द्वारा कोई दिशा-निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या। (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन मॉडल स्कूल भवन व परिसर की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण तथा विद्युत देयकों के भुगतान हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत 2.97 करोड़ रूपये की लागत से ब्यावरा नगर से 1.5 कि.मी. दूरी पर ग्राम नयापुरा के पास मॉडल स्कूल भवन निर्माण कराया गया है। मॉडल स्कूल भवन के साथ बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का प्रावधान नहीं होने से बाउण्ड्रीवॉल निर्माण नहीं कराया गया है। शाला भवन में की गई विद्युत व्यवस्था संतोषप्रद है। (ख) मॉडल स्कूल ब्यावरा के नाम से लगभग 18 बीघा भूमि है, जिसमें भवन निर्माण के पश्चात शेष बची भूमि खुली होने से आस-पास के ग्रामीण पशुओं को चराते हैं। उक्त मॉडल शाला में किसी प्रकार की क्षति से बचाने के लिए एक चौकीदार की (अंशकालीन दर पर) व्यवस्था की गई है। विद्युत व्यवस्था हेतु अस्थायी कनेक्शन कृषि के फीडर से लिया गया है, जिससे 08-10 घण्टे विद्युत उपलब्ध होती है। अध्यापन कार्य बाधित होने जैसी कोई समस्या नहीं है। स्थाई कनेक्शन हेतु पास में कोई अन्य फीडर उपलब्ध नहीं है। शाला को प्रतिमाह प्राप्त होने वाली विद्युत देयकों का भुगतान समय से किया जा रहा है। कोई देयक भुगतान हेतु शेष नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विद्युत देयकों के भुगतान हेतु उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोई कार्यवाही आवश्यक नहीं है।
आर.टी.ई. अंतर्गत विद्यार्थियों को प्रवेश
[स्कूल शिक्षा]
138. ( क्र. 6750 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2011 के अन्तर्गत अशासकीय विद्यालयों में कितने गरीब विद्यार्थियों को वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रवेश दिया गया? ब्लॉकवार, विद्यालयवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं को गरीब विद्यार्थियों का शुल्क शासन द्वारा दिया जाता है? यदि हाँ, तो संस्थाओं द्वारा आर.टी.आई. की राशि प्राप्त करने हेतु क्या समस्त जानकारी ऑन-लाईन पोर्टल पर दर्ज की जाती है? यदि हाँ, तो दर्ज होने के कितने समय बाद राशि संस्थाओं के खाते में डालने का प्रावधान है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं में से किन-किन संस्थाओं को प्रश्न दिनांक तक वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की राशि प्रदान नहीं की गई? संस्थावार कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं को राशि नहीं प्रदान करने के लिये दोषी कौन है? क्या दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शाजापुर जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2011 के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में वर्ष 2014-15 में 12287 एवं वर्ष 2015-16 में 16335 विद्यार्थी निःशुल्क रूप से अध्ययनरत् थे। ब्लॉकवार, विद्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। संस्था द्वारा फीस प्रतिपूर्ति हेतु समस्त जानकारी आर.टी.ई. पोर्टल पर दर्ज की जाती है। संस्था द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों के सत्यापन उपरांत नियमानुसार फीस प्रतिपूर्ति की राशि संबंधित संस्थाओं के बैंक खातों के अंतरित की जाती है। (ग) जिले में वर्ष 2014-15 की 5 एवं वर्ष 2015-16 की 207 संस्थाओं की फीस प्रतिपूर्ति की राशि का भुगतान किया जाना शेष है। संस्थावार कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) में अंकित उत्तर अनुसार फीस प्रतिपूर्ति की व्यवस्था है। अतः शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
139. ( क्र. 6751 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में कितने हाई स्कूल एवं कितने हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं? उन में कितने पद स्वीकृत हैं, उनमें से कितने पद कितने वर्ष से रिक्त हैं? विद्यालयवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्यालयों में कितने उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी विद्यालय हैं, जिनमें पद रिक्त हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्यालायों में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 05 उत्कृष्ट विद्यालय संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शाला भवनों में पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था
[आदिम जाति कल्याण]
140. ( क्र. 6798 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में कुल कितने मा.शा. एवं प्रा.शाला संचालित हैं? कब से संचालित हैं? शालावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित कितने प्रा.शा. एवं मा.शाला में उपयुक्त भवन हैं, पेयजल तथा शौचालय हैं एवं कितने में नहीं हैं? शालावार जानकारी देवें। जिन विद्यालयों में उपयुक्त शाला भवन, पेयजल शौचालय नहीं है उनमें कब तक भवन पेयजल शौचालय की व्यवस्था की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) डिण्डौरी जिले में 1425 प्राथमिक शाला एवं 449 माध्यमिक शाला संचालित है शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शालावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विद्यालय शौचालय विहीन नहीं है पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था सभी विद्यालयों में है। 14 विद्यालय भवन निर्माण सर्व शिक्षा अभियान की कार्ययोजना में सम्मिलित है। स्वीकृति भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
जिला चिकित्सालय एवं विकासखण्डों में स्वास्थ्य व्यवस्था की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
141. ( क्र. 6799 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिला चिकित्सालय एवं विकासखण्डों में कौन-कौन सी जाँच की व्यवस्था है? जाँच के लिए कौन-कौन सी मशीनें हैं? मशीनें कब से हैं? मशीनों का संचालन कौन करता है? (ख) जिला चिकित्सालय डिण्डौरी एवं विकासखण्डों में कौन-कौन सी जाँच मशीन बंद है? उनका संचालन क्यों नहीं हो रहा है? उनके संचालन के लिए सरकार ने कब-कब क्या-क्या प्रयास किया? बंद मशीन के संचालन कराने में क्या सरकार असमर्थ है? अगर हाँ, तो क्यों और अगर नहीं तो कब तक मशीनों का संचालन होगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। बन्द मशीनों को क्रियाशील के सतत् प्रयास किये जाते हैं। राज्य शासन द्वारा प्रदेश के समस्त चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य संस्थाओं में उपकरणों में मरम्मत एवं रख-रखाव हेतु ऐजेन्सी का चयन कर आदेशित किया गया है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोगी कल्याण समिति की राशि में वित्तीय अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
142. ( क्र. 6805 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई, जिला छिन्दवाड़ा में एवं इसके अधीन आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्ष 2012-13 से अगस्त, 2014 के मध्य रोगी कल्याण समिति को कहाँ-कहाँ से किस-किस मद से कितनी राशि प्राप्त हुई ? स्वास्थ्य केन्द्रवार जानकारी दें ? (ख) प्रश्नांश ''क'' के प्रकाश में प्राप्त राशि को खर्च करने के क्या नियम निर्देश हैं ? सामग्रीवार खर्च की गई राशि तथा रोगी कल्याण समिति से अनुमोदन की जानकादी दें ? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त वर्षों में रोगी कल्याण समिति की राशि का गबन, वित्तीय अनियमितता, दो हस्ताक्षर से चेक जारी करने की बाध्यता के पश्चात भी स्वयं के हस्ताक्षर से चेक से राशि आहरण कर बिना किसी प्रस्ताव व प्रक्रिया का पालन किये नियमों निर्देशों के विरुद्ध राशि खर्च करने की शिकायत किया था ? (घ) यदि हां तो इस शिकायत की जांच किस स्तर से हुई ? जांच प्रतिवेदन, साक्ष्य के अभिलेखों को विवरण सहित बतावें कि क्या इस जांच में किसी को दोषी पाया गया है ? यदि हां, तो कितनी राशि का किस प्रकार के वित्तीय अपराध का किसे दोषी पाया गया है और उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी ? क्या वित्तीय अनियमितता के दोषी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराया गया नहीं तो क्यों ?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। (ग) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें की शिकायत शाखा एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिन्दवाड़ा कार्यालय में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (घ) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक-2614 दिनांक 31/07/2015 के संदर्भ में उप संचालक, क्षेत्रीय संयुक्त संचालक कार्यालय जबलपुर के द्वारा जांच की गई, जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार है। जांच में तत्कालीन विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद वाचक के द्वारा वित्तीय अनियमितता करना पाया गया। कुल राशि रूपये 2,58,863/- के अभिलेख एवं वाउचर उपलब्ध नहीं कराने के लिये, डॉ. प्रमोद वाचक से उक्त राशि की वसूली की जा रही है। जी नहीं, विभागीय जांच के निष्कर्ष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा।
शालाओं में जिम मशीन की उपलब्धता एवं उपयोग
[स्कूल शिक्षा]
143. ( क्र. 6815 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में व्यायाम हेतु जिम मशीन एवं अन्य सामग्री किन-किन स्कूलों में उपलब्ध हैं? स्कूल का नाम एवं स्थान बतावें तथा वर्तमान में मशीनों की क्या स्थिति है? (ख) स्कूलों में बच्चों द्वारा जिम मशीन एवं अन्य व्यायाम मशीनों को उपयोग में लिया जा रहा है या नहीं? शासन द्वारा उपलब्ध ट्रेनर्स का नाम एवं स्कूल का नाम बतावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने प्राथमिक स्कूल एवं मिडिल स्कूल में खेल विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में क्या-क्या सामग्री उपलब्ध करवाई गई है? अलग-अलग जानकारी देवें। (घ) स्कूलों में खेल क्रीड़ा प्रतियोगिता हेतु क्या-क्या सामग्री एवं सुविधा वर्तमान में उपलब्ध है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। मशीनों की वर्तमान स्थिति ठीक है। (ख) प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं हेतु पृथक ट्रेनर का प्रावधान नहीं है। हाई/हायर स्कूलों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है।
शालाओं की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
144. ( क्र. 6816 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने विद्यालय भवन हैं, जिनकी बाउण्ड्रीवॉल हैं तथा कितने विद्यालय शेष हैं? (ख) विगत 3 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितने स्कूलों की बाउण्ड्रीवॉल के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन को भेजे गए हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) शेष विद्यालय भवनों की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कब तक किया जावेगा? (घ) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत विभाग द्वारा स्कूलों के विकास हेतु कौन-कौन से कार्य सम्मिलित किए गए हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में कुल 517 शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक शालाएं हैं। जिनमें से 86 शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल बनी हुई हैं तथा 431 शालाएं बाउण्ड्रीवॉल विहीन हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के बाउण्ड्रीवॉल के प्रस्ताव शासन को अप्राप्त है। विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2014-15 में 71 शालाओं के वर्ष 2015-16 में 71 शालाओं के तथा वर्ष 2016-17 में 71 शालाओं के बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के प्रस्ताव विभाग द्वारा स्वीकृति हेतु भारत शासन को भेजे गये थे। भारत शासन से स्वीकृति अप्राप्त रही। (ग) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों की बाउण्ड्रीवॉल हेतु भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर उपरोक्त कार्य किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत स्कूलों के विकास हेतु बाउण्ड्रीवॉल, अतिरिक्त कक्ष, रेम्प रेलिंग इत्यादि सम्मिलित किये गये हैं।
अन्त्यावसायी योजना अंतर्गत आवंटित बजट
[अनुसूचित जाति कल्याण]
145. ( क्र. 6823 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में अन्त्यावसायी योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 तक कितना बजट प्राप्त हुआ। वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) अन्त्यावसायी योजना अंतर्गत हितग्राहियों के चयन के क्या प्रावधान हैं? चयनित हितग्राहियों को किस आधार पर ऋण दिया जाता है? उक्त दो वर्षों में कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया? (ग) उक्त योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने हितग्राहियों के प्रकरण लंबित हैं। इन लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? (घ) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में कितने हितग्राहियों को किस कार्य हेतु ऋण स्वीकृत किया गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जिला अनूपपुर में अन्त्यावसायी योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 में राशि रू. 69.00 लाख एवं वर्ष 2015-16 में राशि रू. 36.93 लाख का बजट प्राप्त हुआ। (ख) अन्त्यावसायी योजनान्तर्गत हितग्राहियों का चयन शासन द्वारा गठित जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा चयन उपरांत बैंकों के माध्यम से ऋण दिया जाता है। उक्त दो वर्षों में 227 हितग्राहियों को लाभ दिया गया। (ग) उक्त योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) 24 हितग्राहियों को जूता चप्पल, चमड़ा व्यवसाय, मनीहारी, सब्जी व्यवसाय, रेडीमेड वस्त्र, डी.जे.साउण्ड, सायबर कैफे, सायकल दुकान एवं जनरल स्टोर्स हेतु ऋण स्वीकृत किये गये हैं।
जननी एक्सप्रेस संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
146. ( क्र. 6831 ) सुश्री मीना सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले में प्रदेश शासन ने आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम. कार्यक्रम के तहत जननी एक्सप्रेस संचालन करने हेतु अनुबंध किये जाने के क्या निर्देश हैं? (ख) उक्त जिले में जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी अनुबंधित जननी एक्सप्रेस संचालित हैं? वाहन किस शर्तों में कितनी अवधि के लिये कितनी मासिक दर पर अनुबंधित किये गये हैं? वाहन मालिकों का नाम, पता, वाहन का प्रकार एवं उनके भुगतान का विवरण बतायें। (ग) योजना के अंतर्गत अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई है तथा जननी एक्सप्रेस के सुचारू रूप से संचालन न होने से संबंधित कितनी शिकायतें प्रश्नांश (ख) अवधि में विभाग में प्राप्त हुई हैं तथा प्राप्त शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नावधि में 15 जननी एक्सप्रेस संचालित हैं। प्रश्न भाग (क) के उत्तर में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट की शर्तों अनुसार जनवरी 2015 से दिसम्बंर 2015 तक राशि रू. 17500/- 1500 किलो मीटर तक एवं अतिरिक्त रू. 8.00/- प्रति किलो मीटर की दर से अनुबंधित किये गये। जनवरी-2016 से 02 वर्षों हेतु रू. 12.50/- प्रति किलो मीटर प्रति वाहन की दर पर अनुबंधित किये गये है। वाहन मालिक शारदा ट्रेडर्स सुभाषगंज सगरा मन्दिर रोड, उमरिया जिला उमरिया द्वारा मारूति ओमनी एम्बुलेंस वाहन को प्रश्नावधि में कुल राशि रू. 23415131.00/- का भुगतान किया गया है। (ग) कुल रशि रू. 23415131.00/- (दो करोड़ चौंतीस लाख पन्द्रह हजार एक सौ इकतीस रूपए) व्यय हुई तथा प्रश्नावधि में विभाग को किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बस्ती विकास योजनान्तर्गत किये गए कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
147. ( क्र. 6832 ) सुश्री मीना सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले में आदिवासी विकास विभाग को बस्ती विकास योजना के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितना आवंटन प्राप्त हुआ। वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) बस्ती विकास योजना के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में जनपद पंचायतवार कितने कार्य स्वीकृत किये गये? इन कार्यों का चयन किस आधार पर किया गया? (ग) क्या स्वीकृत कार्यों के लिये क्षेत्रीय, जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों आदि की बैठक लेकर प्रस्ताव प्राप्त किये गये? उक्त वर्षों में स्वीकृत कार्यों में से कितने पूर्ण हुए एवं कितने अभी भी अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) उमरिया जिले को अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत निम्न आवंटन प्राप्त हुआ :-
क्रमांक |
वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
1 |
2013-14 |
119.57 |
2 |
2014-15 |
160.71 |
3 |
2015-16 |
151.26 |
(ख) विगत 03 वर्षों में जनपद पंचायतवार स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इन कार्यों का चयन शासन के नियम निर्देशों के तहत किया गया है। (ग) जी नहीं। स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं।
रिसर्च सेंटर प्रारंभ करने की अनुमति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
148. ( क्र. 6842 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, जबलपुर तथा इंदौर में विभाग द्वारा कितने रिसर्च सेंटर को अनुमति दी गई है? नर्सिंग होम के साथ रिसर्च सेंटर प्रारंभ करने पर टैक्स में मिलने वाली छूट की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) शहरों में चल रहे रिसर्च सेंटरों में हुए रिसर्च की जानकारी दें। क्या रिसर्च सेंटर केवल टैक्स में छूट के लिए चालू किये जाते हैं, उनमें रिसर्च जैसा कुछ नहीं होता? (ग) प्रश्नांश (क) शहरों के रिसर्च सेंटरों में हुए रिसर्च की जानकारी एकत्र करने के बाद क्या शासन यदि आवश्यक हुआ तो पूरे प्रदेश में जाँच करवाकर दी गई छूट समाप्त करेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) भोपाल, जबलपुर तथा इंदौर में विभाग द्वारा रिसर्च सेंटर की अनुमति नहीं दी गई है। मध्यप्रदेश उपचर्या गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 के अन्तर्गत निजी चिकित्सालयों/अस्पतालों का पंजीयन किया जाता है। उक्त अधिनियम के अन्तर्गत टेक्स में मिलने वाली छूट का कोई प्रावधान नहीं है। आयुक्त वाणिज्यक कर मध्यप्रदेश इन्दौर कार्यालय की जानकारी के अनुसार नर्सिंग होम तथा नर्सिंग होम के साथ रिसर्च सेन्टर प्रारंभ करने पर मध्यप्रदेश वेट अधिनियम 2002 में छूट का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) रिसर्च सेंटरों में हुए रिसर्च की जानकारी निम्नानुसार है :- 1. पी.बी.जी.एम. रिसर्च सेन्टर भोपाल द्वारा कैंसर, मोटापा, शुगर की बीमारी पर रिसर्च की जा रही है। 2. जवाहरलाल नेहरू कैंसर एवं रिसर्च सेन्टर भोपाल द्वारा जलकुम्भी पर अनुसंधान किया गया है। 3. इसके अतिरिक्त शैक्षणिक कोर्स में थीसिस कार्य कराये जाते हैं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति
[आयुष]
149. ( क्र. 6843 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंत्री परिषद् द्वारा दिनांक 2.12.2016 को लिए गये निर्णय अनुसार कब तक शासन विषयानुसार नियुक्तियां करने जा रहा है? (ख) आयुष चिकित्सकों की सेवा विषयानुसार लेने पर क्या आयुष चिकित्सकों को अतिरिक्त राशि प्रदाय की जायेगी? (ग) क्या होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी विषयानुसार की जा रही नियुक्ति में शामिल किया जायेगा? (घ) आवश्यकता पड़ने पर शासकीय सेवा में कार्यरत आयुष चिकित्सकों के अलावा प्रश्नांश (ग) वर्ग के चिकित्सकों की संविदा भर्तियां करायी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वांछित पद स्वीकृति के उपरांत (ख) से (घ) जी नहीं।
अनुदेशक पर्यवक्षकों की लंबित मांगों का निराकरण
[स्कूल शिक्षा]
150. ( क्र. 6848 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र प्रवर्तित शासकीय औपचारिकेत्तर शिक्षा योजना में प्रदेश में नियुक्त अनुदेशक (केन्द्र) प्रभारी पर्यवेक्षकों द्वारा वर्ष 2000 में उनकी सेवा समाप्ति उपरांत संविदा शाला शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के संबंध में क्या-क्या योग्यता मांगी/ज्ञापन पत्र अपने संगठन शासकीय औपचारिकेत्तर शिक्षा संघ, भोपाल के माध्यम से शासन में विभिन्न स्तरों पर सौंपे हैं? इन मांग पत्रों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? किन-किन मांगों पर विचार किया जा रहा है? (ख) क्या गुरूजी पात्रता परीक्षा 2008 एवं 2009 में सम्मिलित अनुदेश पर्यवेक्षकों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पदों पर पदस्थ किया जाएगा? (ग) क्या विभाग अनुदेशक पर्यवेक्षकों की विभिन्न मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उनका निराकरण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय औपचारिकेत्तर शिक्षा संघ मध्यप्रदेश द्वारा सरकार के तत्कालीन औपचारिकेत्तर शिक्षा केन्द्र के अनुदेशक तथा पर्यवेक्षकों हेतु निर्धारित समयावधि में कार्यरत रहने के विषय में छूट एवं उन्हें पूर्व की भॉति अध्यापन अनुभव का लाभ तथा गुरूजी की भॉति बिना परीक्षा लिये संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 में पदस्थापना की मांग की गई। समग्र विचारोपरांत म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग का आदेश क्रमांक एफ-44-56/2007/बीस-2 दिनांक 14.05.10 जारी किया गया, जिससे सरकार के तत्कालीन औपचारिकेत्तर शिक्षा केन्द्र के अनुदेशक तथा पर्यवेक्षकों, जिसने 31 मार्च को एक वर्ष तक नियमित रूप से कार्य किया हो या 31 मार्च तथा 29 अगस्त 2000 के बीच की किसी भी दिनांक तक एक वर्ष तक नियमित रूप से कार्य किया हो, संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 के पदों पर नियुक्ति हेतु पृथक से आयोजित पात्रता परीक्षा में अर्हता प्राप्त करने के लिए भाग ले सकेगा। (ख) गुरूजी पात्रता परीक्षा, 2008 एवं 2009 में सम्मिलित अनुदेशक एवं पर्यवेक्षकों को संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पदों पर उत्तरांश (क) अनुसार निर्धारित अर्हता प्राप्त अभ्यर्थियों को नियमानुसार नियोजित किया गया है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महाराजा शिवाजीराव उ.मा.वि. की भूमि की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
151. ( क्र. 6860 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा परि अता.प्रश्न संख्या 99 (क्रमांक 5884) दिनांक 16.3.2016 के उत्तर में बताया कि स्काउट कार्यालय वाली भूमि उन्हीं के स्वामित्व की है? विधानसभा अता.प्रश्न संख्या 82 (क्रमांक 5432) दिनांक 16.3.2016 में बताया कि म.शि.उ.मा.वि. की भूमि 10.148 हेक्टेयर है, जो कि खसरा नं. 146 पर अंकित है। (ख) क्या म.शि.उ.मा.वि. की भूमि पर ही स्काउट कार्यालय बना है? अगर नहीं तो उसका खसरा नम्बर और माप बतावें। अगर नहीं है, तो यह उत्तर स्काउट कार्यालय के स्वामित्व की है, देने हेतु कौन उसका जवाबदार है? (ग) क्या यह सही है कि विधानसभा प्रश्न क्रमांक 5884, दिनांक 16.3.2016 में स्काउट कार्यालय की 2010-11 से 2014-15 तक जितनी राशि प्राप्त हुई वह उसी वर्ष में प्राप्ति और व्यय बिलकुल बराबर रहा, न तो 5/- ज्यादा न ही 5/- कम। इसका आधार क्या था? (घ) क्या स्काउट कार्यालय इन्दौर ने अपने पत्र क्र. स्का./मा/61/15, दिनांक 4.4.2015 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को लिखा है कि जि.शि.अ. को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। क्या यह औचित्यपूर्ण है जबकि जि.शि.अ. जिला स्काउट का सर्वोच्च पदाधिकारी होता है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। स्काउट कार्यालय खसरा क्रमांक 284 माप 2.109 हेक्टेयर पर है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी जिला स्काउट के सर्वोच्च पदाधिकारी न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आय व्यय के संबंध में राज्य मुख्यालय भारत स्काउट भोपाल द्वारा अंकेक्षण कराया गया। अंकेक्षण उपरान्त आपत्ति निराकरण हेतु जिला जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला मुख्य आयुक्त जिला इंदौर को पत्र लिखा गया। (घ) जी हाँ। जिला सचिव, भारत स्काउट एवं गाइड का पत्र दिनांक 4.4.2015 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण परीक्षणाधीन है।
राज्य बीमा सहायता के प्रकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
152. ( क्र. 6868 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला/राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत गरीबी रेखा के मरीजों को मान्यता प्राप्त निर्धारित अस्पतालों में इलाज कराने पर सहायता राशि का भुगतान संबंधित अस्पताल को किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नरसिंहपुर जिले में कितने ऐसे मरीजों की सहायता राशि भुगतान की गई है? अस्पतालवार विवरण देवें। (ग) क्या सहायता राशि के प्रकरण प्राप्त होने पर स्वीकृत करने तक की कोई समय-सीमा निर्धारित है? (घ) ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिन्हें सहायता राशि अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2015-16 में 160 एवं 2016-17 में 249 मरीजों के उपचार हेतु संबंधित चिकित्सालय को राशि भुगतान की गई है। अस्पतालवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, 10 कार्य दिवस। (घ) राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में 466 प्रकरणों में राशि उपलब्ध नहीं करायी गई है। बजट राशि आवंटन के अभाव में किसी भी मरीज का उपचार नहीं रोका गया है एवं प्रकरणों की स्वीकृति प्रदाय कर उन्हें योजना अन्तर्गत लाभ दिया गया है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के पदों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
153. ( क्र. 6871 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के कितने पद विगत 1 वर्ष में समाप्त किये गए? (ख) क्या कारण है चयनित कर्मचारियों के पद समाप्त कर उन्हें सेवा से पृथक किया जा रहा है? विगत 1 वर्ष में ऐसे कर्मचारियों की कितनी संख्या है? (ग) उपरोक्त (क) व (ख) अनुसार निकाले गऐ कर्मचारियों को कब तक बहाल किया जाएगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रदेश में 17 संवर्गों के पद उपयोगी न होने से। (ख) (क) के उत्तर अनुसार। 264 कर्मचारी सेवा से पृथक किये गये। (ग) प्रावधान नहीं।
मेडिकल सोशल वर्कर के पदों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
154. ( क्र. 6872 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में मेडिकल सोशल वर्कर के कुल कितने पद स्वीकृत है? कितने भरे हुए हैं? कितने रिक्त हैं? (ख) वर्तमान में कुल कितने सोशल वर्कर नियमित, कितने कलेक्टर दर पर एवं कितने आउट-सोर्स से पद भरे गए हैं एवं इनके पदस्थापना स्थल भी बतावें? (ग) क्या स्वीकृत पदों से अधिक कर्मचारी रखे गए हैं? यदि हाँ, तों क्यों? इसके लिए दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में मेडिकल सोशल वर्कर के कुल 07 पद स्वीकृत हैं। सभी पद भरे हुए हैं एवं कोई पद रिक्त नहीं है। (ख) स्वीकृत 07 पद स्वशासी से नियमित सोशल वर्कर कार्यरत है, जिनकी पदस्थापना निम्नानुसार है:-
1. |
ब्लड बैंक |
01 |
2. |
पीडियाट्रिक्स विभाग |
01 |
3. |
सायकैट्रिक्स विभाग |
01 |
4. |
पी.एम.आर. यूनिट |
01 |
5. |
सुल्तानिया ओ.पी.डी. |
01 |
6. |
हमीदिया चिकित्सालय |
02 |
(ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दीनदयाल चलित अस्पतालों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
155. ( क्र. 6883 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में दीनदयाल चलित अस्पतालों में कितने MBBS एवं अन्य पैथी के डॉक्टर कार्यरत हैं? उनकी सूची नाम, पदस्थी ब्लॉक सहित जिलावर देवें। इसके लिए NGO का चयन जिस प्रक्रिया से किया गया उसकी पूरी जानकारी देवें। इस NGO से कब तक अनुबंध है? (ख) बड़वानी जिले में दीनदयाल चलित अस्पताल में फर्जी डॉक्टर द्वारा सेवाएं देने के मामले (दिनांक 13-14 फरवरी 2017) के पर्दाफाश होने पर विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) इन अस्पतालों के चिकित्सकों द्वारा फर्जी चिकित्सकों की तैनाती कार्यरत चिकित्सकों के विगत 3 माह की मोबाईल लोकेशन की जानकारी लेकर कार्यस्थल पर कार्य समय पर न पाए जाने पर कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। NGO का चयन खुली निविदा प्रक्रिया अपनाते हुए किया गया। संकुलवार निविदा हेतु विज्ञप्ति राज्य स्तर से दिनांक 27.12.2010 को जारी की गयी थी। इसमें निम्नलिखित एन.जी.ओ. सेंधवा होम्योपैथिक शिक्षण संस्था सेंधवा जिला बड़वानी, ज्ञान योगेश्वर विद्यापीठ समिति कुक्षी जिला धार, कम्युनिटी एक्शन थ्रू मोटिवेशन प्रोग्राम रीवा, के.जी.एन. वेलफेयर सोसायटी बैतूल एवं सेवा भारती (मध्य भारत) भोपाल द्वारा भाग लिया था। इसमें सबसे कम दर वाली संस्था 'सेवा भारती (मध्य भारत) भोपाल का चयन किया गया। इस संस्था का अनुबंध माह जून 2014 तक के लिए था, जिसे 31 मार्च 2017 तक के लिए बढ़ाया गया है। (ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दिनांक 28.02.2017 को जाँच समिति का गठन किया गया है। जाँच समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) मोबाईल लोकेशन के आधार पर कार्यस्थल का सत्यापन किया जाना संभव नहीं है। अपितु चलित अस्पताल की जी.पी.एस. रिपोर्ट से वाहन की लोकेशन ज्ञात हो सकती है। यदि कोई वाहन कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं होता है, तो नियमानुसार भुगतान से कटौत्रा किये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''तैंतीस''
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
अध्यापक
संवर्ग को
छठवां
वेतनमान
भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
1. ( क्र. 315 ) श्री जतन उईके : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यापक संवर्ग को वित्त विभाग के आदेश दि. 15.10.2016 के द्वारा छठवां वेतनमान दिया गया है? यदि हाँ, तो छिन्दवाड़ा जिले में कितने आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा वेतनमान के अनुसार वेतन भुगतान किया गया है? (ख) छिन्दवाड़ा जिला अंतर्गत प्रश्नांश (क) उल्लेखित आदेशों का पालन किन-किन आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया व किस कारण से? क्या वेतन निर्धारण हेतु जारी निर्देशों में विसंगति है? क्या क्रमोन्नति प्राप्त अध्यापक को वरिष्ठ अध्यापक से अधिक वेतन प्राप्त होगा? यदि हाँ, तो क्या संशोधन किया जावेगा? (ग) जिन आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा अध्यापक संवर्ग को छठवाँ वेतनमान भुगतान नहीं किया गया है उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) छिन्दवाड़ा जिले में उपर्युक्तानुसार संविदा शाला शिक्षक से अध्यापक संवर्ग सहायक अध्यापक संवर्ग के कितने प्रकरण लंबित हैं? विकास खण्डवार जानकारी उपलब्ध कराये?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। छिन्दवाड़ा जिले में समस्त आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा वेतनमान के अनुसार वेतन भुगतान किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संवर्ग में वरिष्ठता निर्धारण सेवा अवधि की गणना वेतन वृद्धि की गणना में विसंगति/त्रुटि के कारण अंतर की स्थिति निर्मित हुई है। इसके समाधान के लिए उदाहरण सहित स्पष्टीकरण जारी करने की कार्यवाही प्रचलित है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिलान्तर्गत दिनांक 31/12/2016 की स्थिति में संविदा शाला शिक्षक से अध्यापक संवर्ग में संविलियन के लंबित प्रकरणों की संख्या निरंक है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों के विद्युतीकरण कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
2. ( क्र. 318 ) श्री जतन उईके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के किसानों के लिए कृषि पंप ऊर्जीकरण विद्युतीकरण कार्य हेतु वर्ष 2014-15 एवं 2016-17 में कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों के कार्य किसी एजेन्सी/विभाग कंपनी को दिए गए हैं? उनके द्वारा कितने कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं? कितने विद्युतीकरण के कार्य शेष हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्षों के कार्य यदि शेष है तो उसका क्या कारण है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2014-15 में श्री प्रकाश साहू विद्युत ठेकेदार छिन्दवाडा को सौंपे गये, पंप उर्जीकरण के 08 कार्य, संबंधित एजेंसी द्वारा पूर्ण करा दिये गये है। विद्युतीकरण योजना से संबंधित कोई कार्य पूर्ण कराया जाना शेष नहीं है वर्ष 2016-17 में जिले में कोई कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है। (ग) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित वर्षों के कोई भी कार्य कराया जाना शेष नहीं है।
सामग्री खरीदी में अनियमितता
[आदिम जाति कल्याण]
3. ( क्र.
397 ) प्रो.
संजीव
छोटेलाल उइके
: क्या आदिम
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मण्डला
जिले में आदिम
जाति कल्याण
विभाग में
सामग्री खरीद
के संबंध में
अनियमितता
संबंधित क्या
कोई प्रकरण जाँच
हेतु लंबित है? यदि
हाँ, तो
वर्ष 2013
से प्रश्न
दिनांक तक
उसमें क्या
कार्यवाही की
गई? (ख)
प्रश्नांश
(क) में खरीदी
प्रकरण से
संबंधित जाँच
किस कार्यालय
में
विचाराधीन है? प्रकरण
में मुख्य
रूप से किसे
दोषी बनाया
गया है? (ग) क्या
खरीदी
प्रक्रिया
में
अनियमितता
पाई गई है? यदि
हाँ, तो
वित्तीय
अनियमितता
किस प्रकार की
है? इसका
निराकरण किस
आधार पर किया
जायेगा? (घ) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
जाँच कब तक
पूरी कर ली
जावेगी?
आदिम जाति
कल्याण
मंत्री ( श्री
ज्ञान सिंह ) : (क) जी
हाँ। कलेक्टर
मण्डला को जाँच
हेतु लिखा गया
है। (ख) शिकायत
प्रकरण की जाँच
हेतु कलेक्टर
मण्डला को
लिखा गया है, जाँच
रिपोर्ट
अप्राप्त है।
(ग) रिपोर्ट
प्राप्त
होने पर
गुण-दोष के
आधार पर
निराकरण किया
जाएग। (घ) समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
जबलपुर में शासकीय शालाओं के निरीक्षण हेतु प्राप्त आवंटन का व्यय
[स्कूल शिक्षा]
4. ( क्र. 585 ) श्री तरूण भनोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्थित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को स्कूलों की देखरेख एवं पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिये निरीक्षण के नाम पर साल में पाँच लाख का आवंटन प्राप्त होता है? (ख) यदि वर्णित (क) हाँ तो उक्त आवंटन प्राप्त होने के बाद भी वर्णित ''क'' के विभाग के अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण नहीं कर रहे है एवं पाँच लाख का आवंटन प्राप्त होने के बाद भी विभाग साल में मात्र 50 से 60 हजार रूपये ही व्यय कर पा रहा है शेष राशि या तो लैप्स हो रही है या अगले साल के बजट में समायोजित की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2016-17 में शैक्षिक अभ्युत्थान मद में स्कूलों की देखरेख एवं पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए परिवहन मद में कुल रू. 114200/- का आवंटन प्राप्त हुआ। (ख) जी नहीं। इस शैक्षणिक सत्र में स्कूलों के 174 निरीक्षण किये गये हैं। प्रथम त्रैमास में प्राप्त राशि रू. 25200 समयाभाव के कारण व्यय नहीं की जा सकी। द्वितीय त्रैमास में रू. 89000/- की राशि प्राप्त हुई जिसमें से रू. 70513/- की राशि व्यय की जा चुकी है। राशि रू. 18487/- का व्यय हेतु शेष है।
अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरणों का त्वरित निराकरण
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 587 ) श्री तरूण भनोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में दिनांक 01 जनवरी 2013 से 31 दिसम्बर 2016 तक कुल कितने अभ्यार्थियों को अनुकंपा नियुक्तियां दी गई? अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरणों को अमान्य किया गया? (ख) अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण प्रश्नांश (क) अंतर्गत कार्यालय को प्राप्त हुए, सूची दी जावे एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नियुक्ति संबंधी कार्यवाही नहीं की गई है तो इसका कारण बताया जावे। (ग) अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जबलपुर जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2013 से 31 दिसम्बर, 2016 तक कुल 30 अभ्यार्थियों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई। अनुकंपा नियुक्ति के 04 प्रकरणों को अमान्य किया गया। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में कुल 84 प्रकरण प्राप्त हुये। जिनमें से 30 प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति दी गई, 4 प्रकरण अमान्य किये गये शेष 50 लंबित प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासी उप योजना अंतर्गत निर्माण कार्य
[आदिम जाति कल्याण]
6. ( क्र. 829 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत विभाग द्वारा आदिवासी उप योजना के अन्तर्गत कौन-कौन से एवं किन-किन ग्रामों में निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गई है वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 की जानकारी देवें? (ख) क्या विभाग विभाग द्वारा आदिवासी उप योजना अन्तर्गत खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के लिए जिन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई वे पूर्ण हो चुके है अथवा नहीं? (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा जिन निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई, अगर वह पूर्ण नहीं हो पाये हैं तो इसके लिए कौन जवाबदार है? अधिकारी/कर्मचारी का नाम बतावें। (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत अपूर्ण पड़े निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''ब'' में उल्लेखानुसार अवधि में पूर्ण करा लिये जायेंगे।
अ.जा. एवं अ.ज.जा. बाहुल्य क्षेत्रों का विकास
[आदिम जाति कल्याण]
7. ( क्र. 1335 ) श्री अरूण भीमावद : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा अ.जा. एवं अ.ज.जा. बाहुल्य क्षेत्रों के विकास कार्य करने हेतु क्या दिशा निर्देश एवं मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? (ख) क्या ग्राम की आबादी का 40 प्रतिशत से कम जनसंख्या अ.जा. एवं अ.ज.जा. की है तो उक्त बस्ती के रहवासी को मूलभूत सुविधा से वंचित रखा जावेगा? (ग) यदि नहीं, तो कपालिया, रूलकी, निछमा, कोंटा, बिजाना, बापचा, जलोदा, साजोद जैसी ग्राम पंचायत जिसमें अ.जा. एवं अ.ज.जा. की जनसंख्या 40 प्रतिशत से कम है? क्या इन बस्तियों का विकास नहीं होगा? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) की अ.जा., अ.ज.जा. बस्तियों का विकास कार्य कराया जाएगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना नियम 2016 में निहित दिशा निर्देश एवं मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं। (ख) जी नहीं। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना 2016 के अनुसार जिन ग्रामों की अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 40 प्रतिशत से कम है, उन ग्रामों में कार्य स्वीकृत किये जा सकेंगे। अनुसूचित जनजाति में 40 प्रतिशत से ऊपर, न्यूनतम 20 परिवार होने पर (मजरे टोलों में) कार्य किया जाता है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार। (घ) प्रश्नांश ''ग'' की अनुसूचित जनजाति बस्तियों में परीक्षण उपरांत कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं।
नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( क्र. 1427 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्रों के साथ भवन भी स्वीकृत किए गए हैं? यदि हाँ, तो उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) यदि नहीं, तो भवन कब तक स्वीकृत किए जाएंगे? (ग) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृत केन्द्र कौन-कौन से संचालित हैं? संचालित केन्द्र में पदस्थ अमले की जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभागीय निर्णय अनुसार त्वरित क्रियान्वयन के उद्देश्य से नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन किराये के भवनों में किया जावेगा। भवन स्वीकृति की समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्कूलों की आवश्यकता का आंकलन कर कार्य योजना बनाना
[स्कूल शिक्षा]
9. ( क्र. 1509 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत पनागर विधान सभा क्षेत्र के प्रत्येक स्कूल के लिए अधोसंरचना का न्यूनतम मापदण्ड निर्धारित हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत समस्त शालाओं की अधोसंरचना का आंकलन कर प्रावधान तैयार किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से वर्तमान वर्ष तक तैयार की गयी कार्य योजना के अनुसार क्या क्या कार्य किये गये? स्कूलवार भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धि बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'अ' एवं 'ब' पर है।
शासकीय पूर्व प्राथमिक प्रशिक्षण पत्रोपाधि
[स्कूल शिक्षा]
10. ( क्र. 1510 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय पूर्व प्राथमिक प्रशिक्षण पत्रोपाधि परीक्षा 2 वर्षीय कोर्स को, बी.टी.आई. द्वारा संचालित डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स के बराबर माना गया हैं? (ख) क्या बी.टी.आई. द्वारा संचालित डिप्लोमा सर्टिफिकेट धारकों को संविदा शिक्षक वर्ग-3 के लिये पात्र माना गया है परन्तु पूर्व प्राथमिक प्रशिक्षण पत्रोपाधि के विद्यार्थियों को अपात्र माना गया हैं? (ग) क्या दोनों कोर्स में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12 वीं है एवं दोनों पाठ्यक्रम 2 वर्षीय हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (ख), (ग) के अंतर्गत क्या इस विसंगति पर विचार कर उचित निर्णय लेने की आवश्यकता हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 के लिये शैक्षणिक एवं शिक्षण-प्रशिक्षण योग्यता का निर्धारण राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा किया गया है। प्रशिक्षण संस्था एवं पाठ्यक्रम को मान्य करने की अधिकारिता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् की है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रशिक्षण योग्यता को मान्य करने की अधिकारिता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् की है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राज्य शिक्षा सेवा का गठन
[स्कूल शिक्षा]
11. ( क्र. 1572 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य में राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी स्थापना किस दिनांक को की गई थी एवं सेटअप अनुसार समस्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण किये जाने की समय-सीमा क्या तय की गई थी? आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राज्य शिक्षा सेवा के गठन के उद्देश्य क्या हैं? क्या राज्य शिक्षा सेवा के उद्देश्यों की पूर्ति हो चुकी है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में राज्य शिक्षा सेवा के अंतर्गत शिक्षा विभाग के नवीन सेटअप अनुसार विभिन्न पदों पर विभाग द्वारा पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी? भर्ती में विलम्ब होने का क्या कारण है? (घ) विकासखण्ड गोटेगांव में राज्य शिक्षा सेवा अंतर्गत, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय गोटेगांव एवं गोटेगांव अंतर्गत समस्त संकुलों में स्वीकृत पदों की संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 27-56/2012/20-2 दिनांक 14.8.2013 राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) राज्य शिक्षा सेवा के गठन का उद्देश्य है कि स्कूल शिक्षा विभाग की संयुक्त रूप से एक प्रबंधकीय पद संरचना उपलब्ध रहे, जिससे प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के सभी योजनाओं को लागू करनें की जवाबदेही एवं उनके क्रियान्वयन, उत्तरदायित्वों एवं पर्यवेक्षण का कार्य एक ही निश्चित ढांचे के द्वारा हो सके। सतत् प्रयास जारी है। (ग) राज्य शिक्षा सेवा के गठन के फलस्वरूप पूर्व से स्वीकृत पदों को समायोजित करते हुये नवीन पद संरचना में पद स्वीकृत किये गये है। जिसके तहत् सीधी भर्ती के पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं पदोन्नति के पदों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में शासन द्वारा अपील प्रस्तुत की गई है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आगामी आदेश तक स्थिति को यथावत रखा गया है। माननीय न्यायालय निर्णय उपरांत पदोन्नति हेतु अग्रेत्तर कार्यवाही संभव हो सकेगी। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ''क'' के पुस्तकालय में रखे परिशष्ट अनुसार विकासखण्ड स्तर एवं उप विकासखण्ड स्तर की पद संरचना निर्धारित की गई है।
एरिया एजुकेशन ऑफिसर की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 1573 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शिक्षा सेवा अंतर्गत एरिया एजुकेशन ऑफिसर की परीक्षा आयोजित हुए लगभग 3 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ, तो उक्त विभागीय परीक्षा में पात्र अभ्यार्थियों की पदस्थापना आज दिनांक तक क्यों नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एरिया एजुकेशन ऑफिसर की पदस्थापना हेतु शासन द्वारा पुन: परीक्षा आयोजित किये जाने हेतु कोई प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि हाँ, तो क्या उक्त परीक्षा में पूर्व में आयोजित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को पुन: परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा? (ग) क्या पूर्व परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी जिन्होंने विगत तीन वर्ष की अवधि के दौरान अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति प्राप्त कर ली हैं, उन्हें इस परीक्षा में शामिल होने की पात्रता होगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र क्रमांक: एफ 01-37/2016/20-1 भोपाल दिनांक 22-10-2016 के द्वारा दिनांक 08-09-2013 को आयोजित ए.ई.ओ. की विभागीय परीक्षा निरस्त की गई है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। जी हाँ, पूर्व में उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को पुन: परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा। (ग) जी नहीं। वर्तमान नियमों में प्रावधान नहीं है।
पोहरी विधानसभा में कराये गये कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
13. ( क्र. 1916 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कुटीरे, सी.सी. रोड, सामुदायिक भवन निर्माण संबंधी कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किए गये? स्वीकृत कार्यों की लागत क्या थी? उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं व किस कारण से? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किए जाने हेतु कौन दोषी है व अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं अनुसूचित जनजाति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) कार्य समय-सीमा में पूर्ण न किये जाने के लिए निर्माण एजेन्सी दोषी है। कार्य अतिशीघ्र पूर्ण कराया जायेगा।
दवा/उपकरण क्रय नीति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 2137 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत जिला चिकित्सालय एवं उपखण्ड चिकित्सालयों में दवाई व उपकरण आदि की खरीदी के लिये क्या मापदण्ड नीति निर्धारित है? दवाओं व उपकरणों की गुणवत्ता की जाँच हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है? (ख) झाबुआ जिले में तीन वर्ष में कहाँ-कहाँ कितनी राशि से वर्षवार दवाइयां व उपकरण किन-किन फर्मों से किस नियम, नीति मापदण्ड से क्रय किये गये? (ग) क्या झाबुआ जिले में विभाग की क्रय नीति का पूर्णरूपेण पालन किया गया? (घ) अवधि में दवाओं व उपकरणों की जाँच कब-कब किस संस्था से कराई गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) झाबुआ जिला में दवा नीति 2009 के अंतर्गत औषधियों में आवंटित राशि से 80 प्रतिशत संचालनालय द्वारा निर्धारित दर पर ऑनलाइन क्रय किया जाता है। 20 प्रतिशत राशि का आवश्यकतानुसार क्रय स्थानीय ऑनलाइन टेण्डर की दर पर किया जाता है। उपकरणों का क्रय संचालनालय द्वारा निर्धारित दर पर किया जाता है। दर उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ऑनलाइन टेण्डर की दर पर क्रय किया जाता है। शासन द्वारा डब्ल्यू.एच.ओ.-जी.एम.पी. गुणवत्ता की दवाइयां क्रय करने का प्रावधान है। दवाओं की गुणवत्ता जाँच हेतु संचालनालय द्वारा निर्धारित लैब को निर्धारित दर पर जाँच हेतु औषधियों के सैम्पल भेजे जाते है। औषधि निरीक्षक द्वारा भी दवाओं की गुणवत्ता की जाँच शासकीय लैब में कराई जाती है। उपकरणों के क्रय में सी.ई./यू.एस.एफ.डी.ए. गुणवत्ता का प्रावधान है। (ख) झाबुआ जिले में तीन वर्ष में क्रय की गई दवाइयां व उपकरण वर्षवार, फर्मों के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। क्रय के नियम, नीति मापदण्ड की जानकारी प्रश्नांश ''क'' में दर्शायी गयी है। (ग) क्रय नीति का पूर्णरूपेण पालन किया गया है। (घ) अवधि में औषधियों की गुणवत्ता की जाँच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
पानी फिल्टर प्लांट की गुणवत्ता जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 2147 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में कितने पानी के फिल्टर प्लांट संचालित हैं, जिसमें शासन द्वारा मान्यता प्रदान की जाकर पानी का शुद्धिकरण करके पानी केनों के माध्यम से विक्रय करने की अनुमति प्रदान की गई है? प्लांट संचालक का नाम एवं पते सहित जानकारी देवें। (ख) पानी फिल्टर प्लाट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित है? (ग) झाबुआ जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने पानी के प्लांट फिल्टर पर किस-किस अधिकारी द्वारा शासन द्वारा निर्धारित गुणवत्ता की जाँच की गई? क्या जाँच में सभी फिल्टर प्लांट गुणवत्ताहीन पाये गये? (घ) यदि नहीं, तो जिला अधिकारी द्वारा प्लांट संचालक के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 नियम, 2011 के अंतर्गत झाबुआ जिले में दो फर्मों को लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन जारी किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 नियम, 2011 के अंतर्गत पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर के मापदण्ड निर्धारित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) फर्मों के निरीक्षण के दौरान अनियमितता नहीं पाये जाने से नमूना कार्यवाही नहीं की गई है, फर्मों पर निरीक्षण कार्यवाही की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' अनुसार।
स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत सामग्री का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( क्र. 2150 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16, दिसम्बर 2016 तक सामग्री एवं आपूर्ति मद में किस-किस फर्म से क्या-क्या सामग्री खरीदी गई तथा कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ख) जिले में कीटनाशक दवाई छिड़काव के लिये कितने पम्प उपलब्ध हैं तथा उपरोक्त अवधि में किस-किस फर्म में कितनी-कितनी राशि के पम्प पार्टस खरीदे गये? (ग) खरीदी प्रक्रिया के लिये क्या मापदण्ड अपनाये गये तथा भण्डार क्रय नियमों के अनुसार खरीदी की गई या नहीं तथा किन-किन फर्म से 03 वर्षों से निविदा प्राप्त हुई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16, दिसम्बर 2016 तक सामग्री एवं आपूर्ति मद में क्रय की गई फर्मवार सामग्री की जानकारी एवं सामग्री मद में भुगतान की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जिले में कीटनाशक दवाई छिड़काव के लिये वर्तमान में 309 स्टीरॅप पम्प उपलब्ध है। उपरोक्त अवधि में जिन फर्म से पम्प पार्टस एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) दवा नीति 2009 के अंतर्गत संचालनालय द्वारा निर्धारित दरों पर सामग्री का क्रय ऑनलाइन किया गया। जिन सामग्री की दरें उपलब्ध नहीं थी उन्हें ऑनलाइन खुली निविदा आमंत्रित की जाकर स्थानीय दर पर भंडार क्रय नियमों का पालन करते हुये क्रय किया गया। उक्त वर्षों में प्राप्त निविदा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
ग्रंथपालों को समयमान वेतनमान
[स्कूल शिक्षा]
17. ( क्र. 2373 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शालेय शिक्षा विभाग में ग्रंथपालों को समयमान वेतनमान का लाभ अब तक नहीं दिया गया है जबकि समस्त विभाग के कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जा चुका है ग्रंथपालों को समयमान वेतनमान कब तक प्रदाय किया जावेगा? (ख) यह कि रीवा जिले के कितने विद्यालयों में ग्रंथपाल के पद स्वीकृत हैं ओर कितने भरे हुये हैं तथा कितने रिक्त हैं? यदि पद स्वीकृत नहीं है तो क्या शासन की मंशा पुस्तकालयों को समाप्त कर देने की हैं? जिला पुस्तकालय एवं शासकीय विद्यालय में ग्रंथपालों के पद कब तक भरे जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। ग्रंथपालों को समयमान वेतनमान देने का प्रावधान नहीं होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, भर्ती नियम के अनुरूप ग्रंथपाल का पद स्वीकृत है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है।
प्रदेश में मेडीकल पैथॉलोजी में जांच कराने हेतु शुल्क शासन द्वारा निर्धारित
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
18. ( क्र. 2444 ) श्री
सुदर्शन गुप्ता
(आर्य) :
क्या लोक
स्वास्थ्य और
परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश में
मेडीकल पैथॉलोजी
में जांच
कराने हेतु
शुल्क शासन
द्वारा
निर्धारित है? यदि हाँ, तो क्या
प्रदेश की समस्त
मेडीकल पैथॉलोजी
द्वारा शासन
निर्देशानुसार
ही संबंधित जांच
का शुल्क
प्राप्त किया
जाता है? (ख) यदि
किसी पैथॉलोजी
द्वारा शासन
निर्देशानुसार
जांच से अधिक
शुल्क वसूला
जाता है तो
नियमानुसार
दण्ड के क्या
प्रावधान हैं?
लोक
स्वास्थ्य और
परिवार
कल्याण
मंत्री ( श्री
रुस्तम सिंह ) : (क)
जी नहीं।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जबलपुर स्थित शा. चिकित्सालयों में सामान्य एवं आपरेशन से हुये नवजातों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( क्र. 3086 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित शासकीय चिकित्सालयों, प्रसूतिका गृहों में दिनांक 30 मार्च, 2013 से दिनांक 1 जनवरी, 2017 तक कितनी प्रसूति हुई? जानकारी लिंग के आधार पर संख्यावार बताई जावे? (ख) उक्त अवधि में हुई प्रसूतियों में कितनी प्रसूति सामान्य हुई हैं एवं कितने आपरेशन के माध्यम से हुई? (ग) वर्णित (क), (ख) के अनुसार प्रसूति के समय कितने नवजातों की मृत्यु हो गई एवं मृत्यु होने के क्या कारण हैं? (घ) प्रसूति के पूर्व एवं बाद में कितनी प्रसूताओं की मौत हुई? कारण सहित जानकारी वर्णित (क) की अवधिवार बताई जावे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जबलपुर स्थित शासकीय चिकित्सालयों एवं प्रसूति का गृहों में दिनांक 30 मार्च 2013 से दिनांक 1 जनवरी 2017 तक कुल 114677 प्रसव हुये। लिंग के आधार पर 59700 बालक एवं 54977 बालिकाओं का जन्म हुआ। (ख) उक्त अवधि में 96897 प्रसव सामान्य एवं 17780 प्रसव आपरेशन के माध्यम से हुये। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के अनुसार प्रसूति के समय 1535 नवजातों की मृत्यु-एसफेक्सिया, सेप्सिस, मीकोनियम एसपिरेशन सिन्ड्रोम, रेसीपरेटरी डिस्ट्रेस सिन्ड्रोम आदि कारणों से हुई। (घ) प्रसूति के पूर्व एवं बाद में प्रसूताओं की मृत्यु की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
शासकीय अस्पताल में हुई मृत्यु |
मृत्यु का कारण |
|
प्रसूति के पूर्व |
प्रसूति पश्चात् |
|
|
1 अप्रैल 2013 से मार्च 2014 तक |
4 |
8 |
एक्लेम्पिशयाए पीपीएचए सीवियर एनीमियाए आब्स्टेट्रिक लेबरए सेप्सिस आदि। |
1 अप्रैल 2014 से मार्च 2015 तक |
9 |
12 |
|
1 अप्रैल 2015 से मार्च 2016 तक |
9 |
78 |
|
1 अप्रैल 2016 से जनवरी 2017 तक |
7 |
83 |
वनाधिकार पत्र विवरण
[आदिम जाति कल्याण]
20. ( क्र. 3189 ) श्री रमेश पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में वनाधिकार पत्र विवरण का कार्य कितना शेष है? विधानसभा क्षेत्रवार बतायें? (ख) दिनांक 01.01.2014 से 31.01.2017 तक कितने वनाधिकार पत्र स्वीकृत किये गए एवं कितने आवेदन अस्वीकृत किये गए या लंबित है की जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार जिलावार देवें। (ग) लंबित वनाधिकार पत्र के प्रकरण कब तक निराकृत कर दिये जायेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत सभी मान्य दावों के वन अधिकार पत्र वितरित किये जा चुके है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लेखापाल के पदों पर भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
21. ( क्र. 3208 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग ने लेखापाल पदों के लिए भर्ती हेतु परीक्षा विगत दो वर्षों के अंदर करवाई थी? यदि हाँ, तो तत्संबंधी पूर्ण ब्यौंरा दें। (ख) क्या चयन प्रक्रिया के मापदंड पर खरे उतरने वाले सैकड़ों अभ्यर्थी अब आयु सीमा के कारण नौकरी मिलने से वंचित रह गए? इनके पैसे वापस होंगे या नहीं? नौकरी से वंचित के लिए जिम्मेदार कौन है? (ग) कब तक चयनितों को नौकरी दी जायेगी? आयु सीमा प्रावधान का क्या होगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। व्यावसायिक परीक्षा मण्डल से 2208 लेखापाल के पद हेतु परीक्षा दिनांक 05.04.2015 को आयोजित कराई गई तथा परीक्षा परिणाम दिनांक 08.07.2015 को घोषित किया गया। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्वीकृत बजट अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। उत्तरांश ख के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एन्थ्रोपोलाजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया की मान्यता
[आदिम जाति कल्याण]
22. ( क्र. 3268 ) श्री मोती कश्यप : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री को प्रस्तुत प्रश्नकर्ता के किन्हीं दस्तावेजोंयुक्त पत्र दिनांक 7-7-2014 पर आदिमजाति अनुसंधान संस्था ने मई, जून, सितम्बर 2014 के किन्हीं पत्रों द्वारा विभाग को प्रस्तुत जानकारी में कण्डिका 7.5 पर सेन्ट्रल प्रोविन्सेस व राज्य की किन्हीं जनगणना तथा एन्थ्रोपोलाजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के पदाधिकारी लेखक के किसी साहित्य के आलेख माझी जनजाति के किसी वाक्य पर कोई उत्तर दिया है? दर्शित करें। (ख) क्या माझी जनजाति विषयक अनुशंसा प्रतिवेदनों में आदिमजाति अनुसंधान संस्था और भारत के महापंजीयक ने अपनी टिप्पणी में किन्हीं संदर्भ साहित्यों एवं जनगणनाओं के किन्हीं तथ्यों को अस्वीकृति दी है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने मा. मुख्यमंत्री को प्रस्तुत पत्र दिनांक 1/10-9-18, 7-7-2014, 8-12-14, 23-3-15, 1-12-15, 20-1-2017 के साथ प्रश्नांश (ख) संदर्भ साहित्य व जनगणनाओं सहित किन्हीं अन्य दस्तावेजों को संलग्न कर माझी जनजाति एवं धीमर, केवट आदि जातियों को पर्यायवाची समूह होना सिद्ध किया है, जिस पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाहियां की गई हैं, लेकिन आदिम जाति अनुसंधान संस्था ने कोई विपरीत टिप्पणियां की हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ग) संस्था, जनगणना, संदर्भ साहित्यों, निर्णयों, अभिमतों के परिप्रेक्ष्य में आदिम जाति अनुसंधान संस्था की टिप्पणियां अमान्य योग्य बन गई हैं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। माननीय प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्रीजी को प्रस्तुत पत्र दिनांक 07/07/2014 की कण्डिका 7.5 के संबंध में आदिम जाति अनुसंधान संस्था द्वारा स्पष्ट किया गया था कि संस्था द्वारा जो अध्ययन प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गये है, वे दोनों ही अध्ययन अविभाजित मध्यप्रदेश के संदर्भ में हैं, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि माझी जो भारत सरकार द्वारा जारी जनजाति की सूची में अधिसूचित है वह मुख्यतः बिलासपुर, सरगुजा, रायगढ़, सीधी आदि जिलों में निवास करती है। के.एस.सिंह, एंथ्रोपोलोजीकल सर्वे ऑफ इण्डिया द्वारा लिखित पुस्तक द. शेड्यूल्ड ट्राईब्ज में माझी जाति के संबंध में विवरण दिया गया है, जो इस प्रकार हैः- Majhi- the term Majhi means boat man. The group has synonyms Like Mallah, Kevat ans Nabik. (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था द्वारा कोई विपरीत टिप्पणी नहीं की गई है, अपितु माझी अनुसूचित जनजाति एवं धीमर, केवट, आदि जातियों से संबंधित वस्तुस्थिति का विवरण दिया गया है। (घ) उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फार्मासिस्ट ग्रेड 2 एवं ए.एन.एम. के नियमितीकरण एवं वेतन वृद्धि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
23. ( क्र. 3390 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर संभाग में 5 वर्षों से अधिक समय से संविदा के आधार पर फार्मासिस्ट ग्रेड 2, ए.एन.एम. पद पर कर्मचारी कार्यरत है और उन्हें न तो अभी तक नियमितीकरण और न ही वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया है? (ख) दिनांक 1 मार्च, 2012 के तारांकित प्रश्न संख्या 2 (क्रमांक 1878) के जवाब में उक्त कार्यरत कर्मचारियों के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में होने का उत्तर दिया गया था? तो अब तक क्या कार्यवाही की गयी? विवरण देवें तथा कब तक प्रश्नांश (क) में वर्णित फार्मासिस्ट ग्रेड 2, ए.एन.एम. का नियमितीकरण एवं वेतन वृद्धि का लाभ दे दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) ''मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अलिपिकीय संवर्ग संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा की शर्ते) नियम 2002'' के तहत् इन्दौर संभाग में संविदा पैरामेडिकल कर्मचारी कार्यरत हैं। उक्त संविदा पैरामेडिकल कर्मचारियों के मानदेय में शासन आदेश दिनांक 30.03.2012, आदेश दिनांक 04.03.2014 एवं आदेश दिनांक 03.09.2015 के माध्यम से समय-समय पर वेतन वृद्धि कर लाभ प्रदान किया गया है। नियमितिकरण के संबंध में विभागीय प्रस्ताव पर ''मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अलिपिकीय संवर्ग संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम 2002'' के नियम 10 (10) अनुसार संविदा कर्मचारियों को नियमित किये जाने का प्रावधान नहीं होने के कारण प्रस्ताव अमान्य किया गया। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में तम्बाकुयुक्त गुटके का विक्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 3504 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में तम्बाकुयुक्त गुटकों के निर्माण, वितरण, संग्रह एवं विक्रय पर दिनांक 31 मई 2012 से प्रतिबंध लगाया गया है। (ख) यदि हाँ, तो होशंगाबाद, रायसेन एवं रीवा जिले में प्रतिबंध के बावजूद किस-किस गुटकों की निर्माता कंपनियों एवं फर्मों के पैग्ड गुटकों के नमूनें जाँच हेतु लिये गये हैं? निर्माता कंपनी एवं फर्म के नाम व पते सहित जानकारी दें। (ग) उक्त गुटकों के नमूनों की जाँच कराने पर कुल कितने नमूने असुरक्षित, मिथ्याछाप एवं मिलावटी पाये जाने पर किन-किन निर्माता कंपनी/फर्मों के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में कब-कब किस-किस क्रमांक से एवं किस-किस दिनांक को प्रस्तुत किये गये? (घ) क्या उक्त प्रतिबंध के बाद तम्बाकुयुक्त गुटकों के नमूने लेते समय किस-किस अधिकारी द्वारा किन किन कंपनियों/फर्मों के पैग्ड गुटके जप्त किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या निर्माता कंपनी एवं फर्मों के द्वारा तम्बाकुयुक्त गुटका का उत्पादन लगातार किया जाकर खुले बाजार में विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, दिनांक 31.05.2012 से नहीं बल्कि 01.04.12 से प्रदेश में तम्बाकू युक्त गुटकों के निर्माण, वितरण, संग्रह एवं विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण
[स्कूल शिक्षा]
25. ( क्र. 3536 ) श्री मोती कश्यप : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी में विभागीय सहायक ग्रेड-3 के कुल कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण जिला शिक्षा अधिकारी, कटनी द्वारा कब-कब जबलपुर स्थित विभाग के किस कार्यालय में भेजे गये हैं और उनमें अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 18 अगस्त 2008 की कण्डिका 13.6, 13.7, 13.8 में प्रश्नांश (ख) नियुक्ति हेतु क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है और क्या निर्धारित समय-सीमा में प्रकरण के निराकरण कर दिये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) में निर्धारित समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण नहीं करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जी हाँ। प्रकरण का निराकरण किये जाने हेतु आवेदक द्वारा आवश्यक अभिलेखों की पूर्ति एवं रिक्त पद की उपलब्धता के आधार पर प्रकरण निराकृत किया जाता है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के प्रकाश शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ड्रग इंस्पेक्टर्स द्वारा की गई जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 3544 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में दवाइयों के विक्रेता लाइसेंस प्रदान करने, दवाइयों की जाँच आदि के लिए ड्रग इंस्पेक्टर्स के पदों में पदस्थ इंस्पेक्टरों का नामवार ब्यौरा दें। (ख) रतलाम जिले में वर्ष 2013 से दिसम्बर 2016 तक ड्रग इंस्पेक्टर्स द्वारा कितनी जाँच की गई जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में रतलाम जिले -में प्रतिबंधात्मक अथवा अमानक स्तर की दवाई विक्रय पर कब-कब, किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) रतलाम जिले में दवाइयों के विक्रय हेतु लाइसेंस प्रदान करने के लिये श्री कमल कुमार अहिरवार, औषधि निरीक्षक, देवास, औषधि विक्रय संस्थाओं के अनुज्ञापन प्राधिकारी के रूप में कार्यरत् हैं तथा औषधि विक्रय संस्थानों के निरीक्षण/जाँच हेतु श्रीमति सारिका अग्रवाल, औषधि निरीक्षक रतलाम में पदस्थ है। (ख) रतलाम जिले में पदस्थ औषधि निरीक्षक द्वारा 2013 से दिसम्बर 2016 तक कुल 519 निरीक्षण किये गये। (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में रतलाम जिले में प्रतिबंधात्मक दवाई के विक्रय का कोई भी प्रकरण प्रश्न दिनांक तक प्रकाश में नहीं आया है। परंतु वर्ष 2015 में मात्र 01 दवाई का नमूना राज्य परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा अवमानक स्तर का घोषित किया गया था जिसके उपरांत उसका विक्रय प्रतिबंधित कर स्टॉक वापसी की कार्यवाही की गई। साथ ही राज्य से बाहर स्थित होने के कारण संबंधित राज्य को प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही हेतु लिखा गया।
आदिवासी विकास विभाग को प्राप्त जाँच प्रतिवेदन
[आदिम जाति कल्याण]
27. ( क्र. 3549 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से 2016 तक खरगोन जिले में आदिवासी विकास विभाग कार्यालय को कितने जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुए? प्रकरणवार विषय सहित सूची देवें। (ख) वर्ष 2015-16 तक खरगोन जिले में कर्मचारियों/होस्टल अधीक्षक/शिक्षक/सहा शिक्षक सस्पैंड किये गये/हुए, कितने बहाल हुए, कितने बहाली हेतु लंबित हैं? (ग) वर्ष 2015-16 तक खरगोन जिले में कितने कर्मचारियों/होस्टल अधीक्षक/शिक्षक/सहा. शिक्षक को शिकायत या कार्य में लापरवाही के आधार पर अन्यत्र स्थानांतरित/अस्थाई तौर पर अन्य स्थान पर कार्यभार दिया गया है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) वर्ष 2013 से 2016 तक खरगोन जिले में आदिवासी विकास विभाग कार्यालय को 108 जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुये। वर्षवार, प्रकरणवार एवं विषयवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 तक खरगोन जिले में 129 कर्मचारी/होसटल अधीक्षक/शिक्षक/सहायक शिक्षक सस्पैंड किये गये, 121 बहाल हुये एवं 08 बहाली हेतु लंबित है। (ग) वर्ष 2015-16 तक खरगोन जिले में 15 कर्मचारी/होस्टल अधीक्षक/ शिक्षक/सहायक शिक्षक को शिकायत या कार्य में लापरवाही के आधार पर अन्यत्र स्थानांतरित/ अस्थाई तौर पर अन्य स्थान पर कार्यभार दिया गया है।
अध्यापकों की वेतन विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
28. ( क्र. 3730 ) श्री राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कार्यरत अध्यापक संवर्ग का 6वां वेतनमान निर्धारण किस प्रक्रिया/आदेश के तहत किस टेबल के माध्यम से किया गया है? पदोन्नत एवं क्रमोन्नत हुये अध्यापकों के वेतन निर्धारण की क्या प्रक्रिया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या जिला इन्दौर में अध्यापक संवर्ग को एक समान वेतन मिल रहा हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि नहीं, तो वेतन विसंगति का क्या कारण हैं? इस वेतन विसंगति के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में वेतन विसंगति कब तक दूर की जायेगी एवं इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र.शासन नगरीय विकास आवास विभाग एवं पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के आदेश दिनांक 15.10.2016 से अध्यापक संवर्ग को छठवें वेतनमान का लाभ दिया गया है। पदोन्नत अध्यापक को आदेश दिनांक दिनांक 15.10.2016 के अनुसार वेतन निर्धारण होगा। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वेतन निर्धारण के संबंध में चाहे गये मार्गदर्शन को वित्त विभाग की सहमति से उदाहरण सहित निर्देश जारी करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अंशदाई पेंशन योजना
[स्कूल शिक्षा]
29. ( क्र. 3731 ) श्री राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में नगरीय निकायों/स्थायनीय निकायों के माध्यम से पदस्थ होकर कार्यरत अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को अंशदाई पेंशन योजना लागू की गई है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो यह योजना कब से लागू की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अंशदाई पेंशन योजना हेतु वेतन से काटी गई राशि एन.एस.डी.एल. प्रधान कार्यालय को कोषालय के माध्यम से जमा की जाती है अथवा डी.पी.आई. भोपाल के माध्यम से जमा कराई जाती है? कटोत्रा कर जमा की गई राशि के रिकार्ड संधारण की क्या व्यवस्था है? कर्मचारियों को इसकी जानकारी कैसे दी जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रतिमाह वेतन से काटी गई राशि एन.एस.डी.एल. प्रधान कार्यालय में प्रतिमाह जमा की जा रही है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या विगत 3 वर्षों में इन्दौर जिले अन्तर्गत वेतन से राशि कटौत्रे के पश्चात् भी एन.एस.डी.एल. खाते में राशि जमा नहीं होने की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या शिकायतें निराकृत की गई हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 01.04.2011 से। (ख) डी.पी.आई. के माध्यम से राशि जमा करायी जाती है। रिकार्ड का संधारण संचालनालय में संबंधित नस्तियों पर होता है। जमा राशि की जानकारी कर्मचारियों को एन.एस.डी.एल. द्वारा प्रतिवर्ष भेजी जाती है। एन.एस.डी.एल. की बेबसाईट पर भी संबंधित कर्मचारी प्रान नम्बर के द्वारा जमा राशि का बयौंरा देखने की सुविधा प्राप्त है। प्रतिमाह एन.एस.डी.एल. द्वारा संबंधित को मोबाईल पर संदेश भी भेजा जाता है। (ग) माह मार्च 2016 से अंशदान की राशि का एन.एस.डी.एल. को भुगतान नहीं किया गया है। 05 करोड़ से अधिक राशि के आहरण की स्वीकृति शासन वित्त विभाग से प्राप्त करना आवश्यक है। माह मार्च 2016 से सितम्बर 2016 तक के अंशदान की राशि के आहरण की अनुमति वित्त विभाग से प्राप्त हो चुकी है, राशि एन.एस.डी.एल. को भुगतान करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। श्री सविता गहलोद, शास.उमावि तिल्लौर खुर्द इन्दौर का माह अप्रैल 2015 से दिसम्बर 2016 तक की अंशदान कटौती की राशि प्रान खाते में जमा न हाने का मामला संज्ञान में आया है, जिसका निराकरण कर दिया गया है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की राशियों का ऑडिट
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 3736 ) श्री प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010-11 में सी.एल. छाजेड़ कम्पनी वर्ष 2011-12, 2012-13 एवं 2013-14 में महेशचंद्र सोलंकी कंपनी और वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में खण्डेलवाल-काकानी एण्ड कम्पनी से कराये गये ऑडिट के पूर्व संबंधित कंपनियों को दिये गये कार्यादेश/एम.ओ.यू./अनुबन्ध और जारी विज्ञापनों का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) उपरोक्त अवधि में संबंधित फर्मों को जिलावार-संभागवार-राज्यवार भुगतान की गई राशि का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) संबंधित फर्मों द्वारा उपरोक्तानुसार प्रस्तुत ऑडिट प्रतिवेदनों का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन अंतर्गत समस्त योजनाओं में वर्ष 2010-11 से वर्ष 2015-16 तक बी.सी.ओ. कोड में प्रावधानित, व्यय एवं समर्पित राशि का योजनावार विवरण उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है।
नियम विरूद्ध संविदा शिक्षकों का स्थानान्तरण
[आदिम जाति कल्याण]
31. ( क्र. 3751 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में कुल ऐसे कितने छात्रावास है, जहां पर अधीक्षक पद पर संविदा शिक्षकों की भर्ती की गई थी, भर्ती कब-कब कौन से छात्रावासों में की गई है? प्रश्नांकित वर्ष 2013 से दिनांक तक संविदा शिक्षकवार जानकारी बतावे। (ख) संविदा शिक्षकों को नामांकित छात्रावासों में कितने-कितने समय के लिये कब-कब नियुक्ति प्रदान की गई थी? नियमावली बतावें। (ग) क्या यह सच है, कि जिले में कार्यरत संविदा शिक्षकों का नियम विरूद्ध एक छात्रावास दूसरे विकासखण्ड के छात्रावासों में स्थानान्तरण कर दिये है? अगर हाँ तो विभाग जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा? अगर हाँ तो कब करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) संविदा शिक्षकों की नियुक्ति 3 वर्ष की संविदा पर की गई थी, नियुक्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कालम 6 अनुसार है। नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जिले में नवीन छात्रावास स्वीकृत होने एवं छात्रावास/आश्रमों के सुचारू रूप से संचालन हेतु अस्थाई रूप से व्यवस्था की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बंजारा, घुमक्कड़, खैरूआ तथा शिकारी जाति के लोगों को अनुसूचित जाति में शामिल करना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
32. ( क्र. 3757 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. में बंजारा, घुमक्कड़, शिकारी, खैरूआ जाति निवास करती है? यदि हाँ, तो गुना जिले में कितने लोग हैं वर्गवार संख्या बतायें। (ख) क्या उक्त जाति के लोगों के लिये शासन द्वारा कोई कार्य योजना तैयार की है? क्या उक्त जाति के लोगों को भी अनुसूचित जाति में शामिल किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त जाति के लोगों को भी स्थाई तौर पर बसाकर आवास बनाकर स्थापित किये जाने की शासन की कोई योजना है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश में बंजारा जाति विमुक्त जातियों की सूची में सम्मिलित हैं, किन्तु शिकारी एवं खैरूआ जाति विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति की सूची में शामिल नहीं हैं। इन जातियों की पृथक से जनगणना के आंकड़े उपलब्ध न होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातियों के लिये राज्य शासन द्वारा आवास योजना,विमुक्त जाति बस्ती विकास योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना आदि तैयार की हैं। जी नहीं। किसी भी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का अधिकार केन्द्र शासन को हैं। वर्तमान में बंजारा जाति विमुक्त एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित हैं। इसी प्रकार खैरूआ जाति भी पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित हैं। (ग) जी हाँ। विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति के लोगों को स्थायी तौर पर आवास बनाकर आवास उपलब्ध कराने हेतु विमुक्त जाति आवास योजना प्रारंभ की गई हैं।
नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण हेतु राशि आवंटन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 3779 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजनांतर्गत वर्ष 2014-15 में प्रदेश में नवीन उपस्वास्थ्य केन्द्र निर्माण किये जाने हेतु स्वीकृत किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये कितनी राशि आवंटित की गई है? यदि आवंटित की गई है तो बमोरी विधानसभा में स्वीकृत उपस्वास्थ्य केन्द्रों के लिये कितनी-कितनी राशि दी है। सूची देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन स्तर से स्वीकृति पश्चात् उक्त उपस्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण कार्य प्रारंभ कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? एक वर्ष व्यतीत होने के बाद भी जिले को राशि आवंटित क्यों नहीं कराई गई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उपस्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण कार्य कब प्रारंभ कराया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रत्येक उप स्वास्थ्य केन्द्रों को रशि रूपये 21.00 लाख। स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्रों में बमौरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कोई उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत नहीं हुआ, अतः कोई राशि नहीं दी गयी। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। (ग) जी हाँ। भवन निर्माण कार्य दिनांक 30/05/2014 से स्वीकृत हैं एवं स्वीकृति अनुसार राशि का आवंटन कर दिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भवन निर्माण कार्य प्रगतिरत है।
चिकित्सालयों में रिक्त पदों पर पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
34. ( क्र. 3808 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में विभाग के कितने चिकित्सालय, स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ स्थापित एवं संचालित हैं एवं इनमें विशेषज्ञ चिकित्सकों, चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, तकनीशियनों एवं अन्य शासकीय सेवकों के पद शासन/विभाग द्वारा स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत इन चिकित्सालयों एवं केन्द्रों में कौन-कौन कब से, किन-किन पदों पर कार्यरत है एवं कौन-कौन से पद कहाँ-कहाँ से रिक्त हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में अशोकनगर जिले में शासकीय सेवकों एवं चिकित्सकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) इन रिक्त पदों पर कब तक पदस्थापना कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चिकित्सा अधिकारियों की पदपूर्ति हेतु 1896 चिकित्सकों की चयन प्रक्रिया मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम पूर्ण की गई है एवं दिनांक 07.03.2017 को 726 चिकित्सकों की चयन लोक सेवा आयोग द्वारा जारी की गई है तथा पैरामेडिकल संवर्ग के 910 पदों हेतु मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड द्वारा विज्ञापन जारी किया जा चुका है। चयनित चिकित्सक/पैरामेडिकल संवर्ग के कर्मचारियों की पदस्थापना आदिवासी बाहूल्य जिलों में उपलब्धता अनुसार की जावेगी। (घ) पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगियों की सेवाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
35. ( क्र. 3809 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आशा सहयोगी एवं आशा कार्यकर्ता शासन के कर्मचारी हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासन इनके लिये ऐसी कोई योजना बना रहा है जिससे यह शासन के कर्मचारी कहलायें? यदि हाँ, तो कब तक। (ग) क्या शासन द्वारा आशा कार्यकता एवं आशा सहयोगिनी को प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। (घ) क्या शासन इनको प्रतिमाह मानदेय दिये जाने हेतु कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मा.वि. का हाईस्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
36. ( क्र. 3827 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.वि. रूंद का पुरा तहसील अम्बाह एवं शा.मा.वि. शिकहारा तह. पोरसा के आस-पास कोई शासकीय हाई स्कूल नहीं होने से वहां की बालिकाएं मीडिल पास करने के बाद अध्ययन बंद कर देती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन बालिकाओं के शिक्षाधिकार के मद्देनजर शा.मा.वि. रूंद का पुरा तह. अम्बाह एवं शा.मा.वि. शिकहारा तह. पोरसा जिला मुरैना को शास. हाई स्कूल में उन्नयन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : ( क) जी नहीं। मा.वि. रूंद का पुरा के निकटस्थ 1 कि.मी. दूरी पर शा. हाई स्कूल रिठौना एवं माध्यमिक शाला शिकहरा के 3 कि.मी. की दूरी पर शा. हाई स्कूल गोरेलाल का पुरा संचालित है। (ख) ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय पुस्तकालय/ग्रंथालय भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
37. ( क्र. 3937 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित पुस्तकालय/ग्रंथालय के नवीन भवन निर्माण का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो उक्त पुस्तकालय/ग्रंथालय भवन के निर्माण की क्या लागत है एवं कार्य की समय-सीमा क्या है? नवीन भवन का निर्माण किस स्थल पर प्रस्तावित है? (ग) क्या शासन छात्र-छात्राओं एवं पाठकों की सुविधा एवं पुस्तकालय को अधिकाधिक उपयोगी बनाने की दृष्टि से सागर नगर के हृदय स्थल पर स्थित पं. मोतीलाल नेहरू उ.मा.विद्यालय के परिसर में रिक्त भूमि पर प्रश्नाधीन भवन निर्माण की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रस्ताव जिले से प्राप्त हुआ है किन्तु ''पुस्तकालय सुढृढीकरण'' योजना में नवीन पुस्तकालय भवन निर्माण हेतु बजट प्रावधान नहीं है। नवीन भवन निर्माण योजना में बजट उपलब्धता होने पर प्रस्ताव पर विचार किया जा सकेगा। (ख) पी.डब्ल्यू.डी. सागर द्वारा तैयार किये गये एस्टीमेट में शासकीय पुस्तकालय/ग्रंथालय भवन के निर्माण की लागत रुपये 73.55 लाख है तथा कार्य की समय-सीमा नियत नहीं है। लोक निर्माण विभाग द्वारा नवीन भवन निर्माण स्थल शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. सागर परिसर में शासकीय पुस्तकालय/ग्रंथालय प्रस्तावित किया गया है। (ग) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक अध्यापक के निलंबन एवं बहाली
[स्कूल शिक्षा]
38. ( क्र. 4002 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या/2016 को सहायक अध्यापक शा.पूर्व.मा.वि.भनिगवां संकुल केन्द्र शा.उ.मा.सितलहा को निलंबित किया गया था? (ख) क्या निलंबन अवधि में मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी जवा था। यदि हाँ, तो उक्त निलंबन अवधि में कितने दिन उपस्थित थे? (ग) क्या विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित होने संबंधी पत्र जिला शिक्षा अधिकारी रीवा एवं संकुल प्राचार्य शा.उ.मा.वि. सितलहा को भेजा गया था। पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) आरोपी शिक्षक किस आधार/नियम के तहत निलंबन बहाल किया गया है। निलंबन अवधि में किस अधिकारी द्वारा जाँच की गई है। क्या आरोपी शिक्षक को निलंबित कर सेवा से पृथक करने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों कारण बतावें। (ड.) क्या शिक्षा विभाग यह जाँच करायेगा कि आरोपी शिक्षक के ऊपर थाना जवा जिला रीवा में वर्ष 1988 से वर्ष 2016 तक कितने किस-किस धारा के तहत प्रकरण दर्ज हुए हैं। नियुक्ति के समय पुलिस वेरिफिकेशन क्यों नहीं कराया गया था।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। निलम्बन काल में निलंबित शासकीय सेवक को प्रतिदिन उपस्थित होकर हस्ताक्षर करने की अनिवार्यता नहीं है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी त्योंथर जिला रीवा के समक्ष दिनांक 08.06.2016 को प्रस्तुत शपथ पत्र के आधार पर राजीनामा स्वीकार करते हुये श्री राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी के ऊपर अधिरोपित आरोपों से दोष मुक्त किये जाने के कारण जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश दिनांक 28.09.2016 द्वारा बहाल किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश 'घ' अनुसार पुलिस वेरीफिकेशन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
जबलपुर जिला अंतर्गत पंजीकृत निजी अस्पताल
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 4086 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कितने पंजीकृत निजी नर्सिंग होम, निजी अस्पताल, पैथालाजी लेब एवं सोनोग्राफी सेंटर है? उनका नाम, संचालक का नाम कार्यरत मेडीकल, पैरा मेडीकल एवं नर्सिंग स्टॉफ की नामवार जानकारी सहित संपूर्ण सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थानों का विगत तीन वर्षों में किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण एवं आकस्मिक जाँच की तथा इन जांचों के क्या परिणाम रहे एवं इनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की गई? कितनी संस्थाओं का संचालन नियम विरूद्ध होने पर कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी संस्थानों में मानव स्वास्थ्य को देखते हुये अस्पताल के कचरे का निपटान नियमानुसार किया जा रहा है? पार्किंग सुविधा, विभिन्न पैथालॉजी जाँच की दरों की रेट लिस्ट दृश्य स्थान पर लगाई गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि विसंगतियां पाई गई तो कब किसके विरूद्ध किसने क्या कार्यवाही की?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिले के 06 निजी चिकित्सालयों में एवं 81 पैथालॉजी लैब, सोनोग्राफी सेन्टर, सीटी स्केन, एक्सरे एवं एम.आर.आई. सेन्टरों में कचरे के निपटान की व्यवस्था नियमानुसार नहीं है। पॉर्किंग सुविधा के संबंध में मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार अधिनियम 1973 व नियम 1997 में पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। जी हाँ। (घ) बायोमेडिकल वेस्ट निष्पादन के नियमों के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की है। नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
डिपो होल्डर से लाभांवितों की संख्या
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
40. ( क्र. 4314 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं की संख्यात्मक जानकारी, ग्राम पंचायतवार देवें। क्या इनके पास डिपो होल्डर भी हैं, यदि हैं तो इसमें रखी गई सामग्री की जानकारी देवें। इस डिपो होल्डर से लाभांवितों की संख्या विगत दो वर्षों की ग्रामवार बतायें। (ख) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कार्यरत स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों के नाम, कार्य स्थान, ग्राम पंचायतवार देवें। इन समितियों के सदस्यों के नाम व पद सहित सूची देवें। विगत 2 वर्षों में इन समितियों को प्रदत्त राशि व इस राशि से किये गये कार्य की जानकारी समितिवार देवें। (ग) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों में अनटाईड फण्ड को किस-किस सामु. स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथ.स्वास्थ्य केन्द्र तथा उप स्वास्थ्य केन्द्र ने किन-किन कार्यों में व्यय किया। कार्यवार, व्यय राशि सहित स्वास्थ्य केन्द्रवार सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। जी हाँ। ग्राम आरोग्य केंद्र में आशा के पास पैरॉसीटामॉल, कोट्राईमेक्सोजोल टेबलेट, ओ.आर.एस., जिंक सल्फेट, एल्बेन्ड़ाजोल, आयरन फोलिक एसिड़ टेबलेट (छोटी/बड़ी), डाइक्लोमिन हाइड्रो क्लोराइड टेबलेट, क्लोरोक्वीन, कफ सीरप, पॉविडोन आयोडीन ऑइन्टमेंट, कंडोम, माला-एन, जेन्शन वायलेट, गर्भावस्था जाँच किट, मलेरिया जाँच किट, रक्त पट्टिका, इलेक्ट्रॉनिक ब्लडप्रेशर मशीन, नवजात शिशु वजन मशीन वयस्क वजन मशीन, हिमोग्लोबिनोमीटर आदि। डिपो होल्डर से लाभांवितों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' अनुसार है।
हेडस्टार्ट केन्द्रों में प्रदाय सामग्री
[स्कूल शिक्षा]
41. ( क्र. 4315 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में संचालित 62 हेडस्टार्ट केन्द्रों में विगत दो वर्षों में प्रदायित सामग्री प्रदाय सामग्री की सूची उनके नाम, राशि, प्रदाय दिनांक, प्राप्तकर्ता के नाम व पद सहित केन्द्रवार देवें। क्या समस्त सामग्री हेडस्टार्ट केन्द्र में चलित अवस्था में है वर्तमान में इस सामग्री की कार्यरत स्थिति व स्थान की जानकारी देवें। (ख) हेडस्टार्ट केन्द्रों से लाभांवित छात्रों की संख्या विगत 5 वर्षों की देवें। सत्र 2016-17 में खरगोन एवं गोगावा विकासखण्ड के हेडस्टार्ट केन्द्रों में अध्ययनरत छात्रों के नाम व कक्षा सहित सूची देवें। (ग) खरगोन जिले में संचालित 26 स्मार्ट क्लासों में प्रदाय सामग्री की सूची उनके नाम, राशि, प्रदाय दिनांक, प्राप्तकर्ता के नाम व पद सहित क्लासवार देवे। क्या समस्त सामग्री स्मार्ट क्लास में चलित अवस्था में है वर्तमान में इस सामग्री की कार्यरत स्थिति व स्थान की जानकारी देवें। सत्र 2016-17 में भेजे गये नवीन स्मार्ट क्लास स्थानों की सूची देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विगत 2 वर्षों से हेड स्टार्ट केन्द्रों में कोई भी सामग्री प्रदाय नहीं की गई। हेड स्टार्ट केंद्र की वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) हेड स्टार्ट केंद्र से वर्ष 2012-13 में 6619, 2013-14 में 5743, 2014 -15 में 3595, 2015-16 में 2341 एवं 2016-17 में 2067 छात्र लाभान्वित हुए हैं। खरगोन एवं गोगावा विकासखण्ड के हेडस्टार्ट केन्द्रों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '2' अनुसार है। (ग) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '3' अनुसार है। सत्र 2016-17 में नवीन स्मार्ट क्लास हेतु प्रस्तावित स्थानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '4' अनुसार है।
विद्यालयों के समीप शराब एवं गुटके की दुकानें
[स्कूल शिक्षा]
42. ( क्र. 4347 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र मंदसौर में कितने विद्यालयों के समीप शराब की दुकानें है? इस संबंध में कितनी शिकायतें इस वर्ष विभाग को प्राप्त हुई? विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) विद्यालय से कितनी दूरी पर शराब, की दुकान खोले जाने का नियम है? विभाग द्वारा कब-कब कलेक्टर कार्यालय एवं आबकारी विभाग को शिकायत की गई दिनांक सहित जानकारी देवें? (ग) विभाग द्वारा विद्यार्थियों को नशे के दुष्परिणाम को लेकर कैसे-कैसे आयोजन कहाँ-कहाँ किये गये? विधानसभा क्षेत्र मंदसौर में विद्यार्थियों में नशे को रोकने के लिए विभाग की कोई कार्य योजना प्रचलन में है क्या इसका सर्वे विभाग द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मंदसौर में शा.क.उ.मा.वि. बालागंज एवं क.उ.मा.वि. मंदसौर के निकट 02 शराब की दुकान है। इस संबंध में शिक्षा विभाग शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 50 मी. या उससे अधिक। विभाग में कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नशे के दुष्परिणाम से छात्र-छात्राओं को जागरूकता के लिए मद्य निषेध रैली निकाल कर, शपथ दिलाकर, वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। मद्यपान दिवस में विभिन्न विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के प्रयास किये जाते है।
पदोन्नति के संबंध में
[आयुष]
43. ( क्र. 4455 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय आयुष में पदोन्नति कोटे के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के कौन-कौन से पद स्वीकृत है? नियमित पदोन्नति से भरे पदों का विवरण दें? पदोन्नति कोटे के रिक्त किस पद के विरूद्ध कौन अधिकारी कब से पदस्थ है? किस रिक्त पद से किस अधिकारी का वेतन आहरित किया जा रहा है? (ख) क्या रिक्त पदों के विरूद्ध पदस्थापनायें, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार वरिष्ठता आधार पर की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के उल्लंघन के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या संचालनालय में होम्योपैथी पद्धति के अधिकारियों के पदोन्नति कोटे के प्रथम श्रेणी के उच्च पद, संयुक्त संचालक एवं उप संचालक रिक्त हैं? यदि हाँ, तो क्या संयुक्त संचालक होम्योपैथी पद के विरूद्ध आयुर्वेद के अधिकारी एवं उप संचालक होम्योपैथी पद के विरूद्ध द्वितीय श्रेणी के 60 वें क्रम के एक जूनियर अधिकारी को पदस्थ रखा गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त पदों के प्रभार हेतु फीडिंग कैडर में होम्योपैथी पद्धति का प्रथम श्रेणी सेवा का कोई भी वरिष्ठ एवं योग्य अधिकारी विभाग में उपलब्ध नहीं है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से पदस्थापना की गई है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। संयुक्त संचालक होम्योपैथी के विरूद्ध हाँ। अन्य नहीं। संयुक्त संचालक पद का फीडिंग केडर नहीं। उप संचालक पद के विरूद्ध कोई पदस्थ नहीं।
जनजातीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए सहायता
[आदिम जाति कल्याण]
44. ( क्र. 4747 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनजातीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए सरकार सहायता देती है? (ख) यदि हाँ, तो इससे वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 तक कितने विद्यार्थियों को सहायता दी गई है? योजनाओंवार लाभांवित छात्रों की सूची उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लाभांवित अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के लाभांवित विद्यार्थियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
वित्तीय अपराध पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 4894 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न क्रमांक 1586 दिनांक 25/07/2016 तथा प्रश्न क्रमांक 1804 दिनांक 09/12/2016 के उत्तर में डॉ. प्रमोद वाचक को राशि 258861.00 रूपये वसूली योग्य पाया जाने से वसूली जारी होना बताया गया है? तो किस प्रकार की किन-किन वित्तीय अनियमितताओं में डॉ. प्रमोद वाचक को दोषी पाया गया है वसूली योग्य राशि किन-किन वित्तीय अनियमितताओं का परिणाम है? निकाले गये निष्कर्ष एवं जाँच प्रतिवेदन का विवरण देवें। (ख) क्या डबल हस्ताक्षर प्रणाली लागू होने के पश्चात् भी बिना किसी प्रक्रिया का पालन किये, बिना किसी नस्ती का संधारण किये स्वयं के हस्ताक्षर से मनमाने तौर पर डॉ प्रमोद वाचक के द्वारा उनके बी.एम.ओ. रहते राशि खर्च किया जाना गंभीर वित्तीय अपराध नहीं है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा परि. अता. प्रश्न क्रमांक 1331 दिनांक 26/02/2016 के उत्तर में यह बताया गया है कि डॉ. प्रमोद वाचक बी.एम.ओ. को वित्तीय अनियमितता का प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है? प्रक्रियात्मक अनियमिततायें एवं समुचित अभिलेखों का संधारण न करना पाया गया? यदि हाँ, तो वह कौन-कौन सी प्रक्रियायें जो अपेक्षित थी और डॉ वाचक के द्वारा पालन नहीं किया गया? कौन-कौन से अभिलेखों का संधारण नहीं होना पाया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं तारांकित प्रश्न क्रमांक 1586 दिनांक 25.07.2016 में डॉ. प्रमोद वाचक को वित्तीय अनियमितता किये जाने का दोषी पाये जाने पर उन्हें स्पष्टीकरण जारी होना तथा प्रश्न क्रमांक. 1804 दिनांक 9.12.2016 में डॉ. वाचक द्वारा एन.एच.एम. की राशि का दुरूपयोग किये जाने के संबंध में उनसे राशि रूपये 2,58,861/- की वसूली की जाना बताया गया। शेष प्रश्नांश की जानकारी क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, जबलपुर से प्राप्त अंकेक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में अंकित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार डॉ. वाचक द्वारा किया गया उक्त कृत्य गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी प्रश्नांश ''क'' में अंकित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
विद्युतीकरण योजना में अनियमितता
[आदिम जाति कल्याण]
46. ( क्र. 4901 ) श्री रमेश पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा 19 दिसम्बर 2014 को विद्युतीकरण हेतु जारी निविदा के आधार पर वर्ष 2015-16 के लिए आवंटन में यह शर्तें डाली गई थी कि इस राशि का उपयोग सिर्फ विभाग द्वारा जारी नई निविदा शर्तों के आधार पर किये गये कार्यों पर ही किया जायेगी। (ख) यदि हाँ, तो फिर अनूपपुर जिले को वित्तीय वर्ष 2014-15 के कार्यादेशों की राशियों का बिना कार्य किये माह सितम्बर 2016 में लगभग 8 करोड़ भुगतान करने हेतु आवंटन देने का आधार क्या था? स्थिति स्पष्ट करें? (ग) क्या इस प्रकार के बेनामी कार्यों के लिए आवंटन देने का अधिकार शासन के पत्र दिनांक 12/05/2016 के संदर्भ में संचालक आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाओं को थे? यदि हाँ, तो आदेश विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) जाँच प्रक्रियाधीन है।
स्कूलों में शौचालयों निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 4957 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के ऐसे कौन-कौन प्रायमरी/मिडिल/हाईस्कूल हैं जहाँ पर प्रश्न दिनांक तक शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है? कारण सहित जानकारी दें? (ख) भिण्ड जिले के ऐसे कौन-कौन प्रायमरी/मिडिल/हाईस्कूल हैं जहां पर प्रश्न दिनांक तक बालिकाओं के लिए अलग शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है? कारण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तहत कब तक स्कूल में शौचालयों का निर्माण करा दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जीर्ण-शीर्ण एवं अक्रियाशील होने के कारण 38 प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में तथा अतिरिक्त मांग अनुसार 90 प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में शौचालय स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें निर्माण प्रगति पर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शासकीय हाई स्कूल की जानकारी निरंक है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में स्वीकृत शौचालयों में से जीर्ण-शीर्ण अथवा अक्रियाशील होने के कारण 16 बालिका शौचालय तथा अतिरिक्त मांग अनुसार 37 बालिका शौचालयों का निर्माण प्रगतिरत है। हाई स्कूल की जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख''' अनुसार प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण जून 2017 तक लक्षित है।
शासकीय पदों पर नियुक्तियों के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
48. ( क्र. 4999 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में प्रदेश में अर्द्धशासकीय/अशासकीय विद्यालयों को शासनाधीन किया गया हैं? यदि हाँ, तो कितने विद्यालयों एवं कर्मचारियों को शासनाधीन किया गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विद्यालयों के अकादमिक पदों पर शासनाधीन कर्मचारियों द्वारा राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत एवं शासन के प्रावधान अनुसार बी.एड./डी.एड. एवं पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता का पालन किया गया हैं? यदि नहीं, तो क्या अध्यापक एवं शिक्षक संवर्ग के अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों में भी पात्रता परीक्षा एवं बी.एड./डी.एड. की अनिवार्यता को हटाया जावेगा? (घ) क्या शासन की अनुकंपा नीति एवं भर्ती नीति एक ही हैं? क्या शासन स्तर पर प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में अनुकंपा नीति में परिवर्तन करने पात्रता परीक्षा एवं प्रशिक्षण की अनिवार्यता हटाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो क्या बतावें? विगत 5 वर्षों में जिला आगर में कितनी अनुकंपा नियुक्तियाँ लिपिकों के पद रिक्त न होने के कारण अन्य पदों पर की गई एवं कितनी अन्य विभागों से शिक्षा विभाग में लिपिकों के पदों पर?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) ''क'' के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधान अनुसार संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं 3 के पद पर नियुक्ति हेतु बी.एड./डी.एड. प्रशिक्षण एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) की अनिवार्यता है। (घ) जी नहीं। अनुकम्पा नियुक्ति के लिए निर्धारित मापदण्डों में शिथिलीकरण करने हेतु विभाग द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार को पत्र दिनांक 27.01.2015 एवं पत्र दिनांक 03.02.2017 को प्रेषित किया गया है। आगर जिला दिनांक16.08.2013 से अस्तित्व में आया है उक्त दिनांक से लिपिक पद के विरूद्ध अन्य पद पर जिला अंतर्गत कोई नियुक्ति नहीं की गई है।
स्वास्थ्य सेवाओं के व्यापीकरण हेतु
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
49. ( क्र. 5000 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपस्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सिविल अस्पताल प्रारंभ किये जाने हेतु या पूर्व से संचालित केन्द्रों के उन्नयन हेतु क्या मापदण्ड एवं नीति तय हैं? (ख) विगत 02 वर्षों में प्रदेश में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार कितने नवीन स्वास्थ्य केन्द्र प्रारम्भ किये गये हैं एवं इनमें कौन-कौन से पद स्वीकृत किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कृपया विधानसभा क्षेत्र सुसनेर की जानकारी पृथक से देवें? (घ) विगत 02 वर्षों विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत किन-किन नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या ग्राम डोंगरगांवसोयत में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या उपस्वास्थ्य केन्द्र प्रारम्भ किये जाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ था? यदि नहीं, तो क्या स्वप्रेरणा से स्वतः संज्ञान लिया जाकर स्वास्थ्य सेवाओं के व्यापीकरण हेतु ग्राम डोंगरगांवसोयत एवं अन्य ग्रामों में आवश्यकतानुसार नवीन स्वास्थ्य केन्द्रों को प्रारम्भ किये जाने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सामान्य क्षेत्र में 5000 एवं आदिवासी क्षेत्र में 3000 की जनसंख्या पर एक उप स्वास्थ्य केन्द्र, सामान्य क्षेत्र में 30 हजार एवं आदिवासी क्षेत्र में 20 हजार की जनसंख्या पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा सामान्य क्षेत्र में 1.20 लाख एवं आदिवासी क्षेत्र में 80 हजार की जनसंख्या पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का मापदण्ड निर्धारित हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन सिविल अस्पताल में किये जाने का प्रावधान है। (ख) विगत 02 वर्षों में प्रदेश में लगभग 400 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों को प्रारंभ किया गया है। इन उप स्वास्थ्य केन्द्रों में 2-2 ए.एन.एम. के पद स्वीकृत किये गये हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम सालरिया, ग्राम बडिया, ग्राम बामनियाखेड़ी, ग्राम माड़ा एवं ग्राम सेमली में वर्ष 2016-17 के दौरान नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये है। (घ) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कलेक्ट्रेट/तहसील में शिक्षकों से गैर शिक्षकीय कार्य कराना
[स्कूल शिक्षा]
50. ( क्र. 5012 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्ट्रेट/तहसील दतिया/भाण्डेर/सेवढ़ा में शासन से विशेष स्वीकृति लिये बिना शिक्षक से शिक्षण कार्य छुड़ाकर गैर शिक्षकीय कार्य में कराया जा रहा है। क्या इनमें कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने अपने संपूर्ण सेवाकाल में एक वर्ष भी शिक्षण कार्य नहीं किया बल्कि किसी-किसी जगह अटैचमेंट कराकर गैर शिक्षकीय कार्य किया है। ऐसे शिक्षकों को अटैच कर शिक्षकों में अटैचमेंट को प्रोत्साहन दिया जा रहा है? (ख) कलेक्ट्रेट दतिया/तहसील दतिया/भाण्डेर/सेवढ़ा में 1जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितने शिक्षकों को अटैच कर कौन-कौन सा गैर शिक्षकीय कार्य कराया जा रहा है? उनके नाम/पदस्थी विद्यालय का नाम तथा उन शिक्षकों के न रहने से शिक्षण कार्य किससे करवाया जा रहा है? विस्तृत जानकारी सूची सहित उपलब्ध कराये. (ग) क्या जिला शिक्षा अधिकारी दतिया ने सभी अटैच कर्मचारियों के अटैचमेंट विधानसभा प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में समाप्त कर दिये थे. लेकिन फिर से उन्हें अटैचमेंट कर लिया गया है और गलत जानकारी दे दी गई कि कोई भी शिक्षक गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न नहीं है. (घ) क्या उन शिक्षकों के लिए शासन से विशेष अनुमति ली गई? यदि हाँ, तो शासन से प्राप्त अनुमति की प्रति उपलब्ध कराये?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) दतिया जिलान्तर्गत जिला निर्वाचन शाखा/तहसील में अध्यापक संवर्ग के 07 शिक्षकों को संलग्न किया गया है। जी नहीं। जी नहीं उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य कोई शिक्षक संलग्न नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। संलग्न अध्यापकों के स्थान पर शाला में पदस्थ अन्य शिक्षकों से शिक्षकीय कार्य कराया जा रहा है। (ग) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय दतिया में कोई भी शिक्षक गैर शिक्षकीय कार्य हेतु आसंजित नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।
छात्रवृति प्रकरणों में हेराफेरी होना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
51. ( क्र. 5053 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना जिले में निजी इंजीनियरिंग/नर्सिंग/एम.बी.ए./सभी विषयों के ग्रेजुयेट एवं पोस्ट ग्रेजुयेट कालेजों के द्वारा 01.04.2014 से प्रश्नतिथि तक कितने छात्रों एवं छात्राओं को कितनी-कितनी छात्रवृत्ति किस-किस प्रकार की कब-कब दी? (ख) क्या स्टूडेंटों को छात्रवृत्ति की राशि उनके बैंकों के एकाउण्टों में शासन द्वारा दी? क्या कालेजों के एकाउण्टों में छात्रवृत्ति की राशि शासन द्वारा दी गई? (ग) छात्रवृत्ति देने के राज्य शासन के क्या नियम हैं? नियमों की एक प्रति उपलब्ध कराते हुये बताये कि क्या छात्रवृत्ति शासन कालेजों के एकाउण्ट में नियमानुसार दे सकता है? अगर नहीं तो किस नाम/पदनाम के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 13-14, 14-15, 15-16 एवं 16-31 दिसम्बर 2016 में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलेजों के छात्रों को दी गयी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) विभाग के आदेश दिनांक 12.12.2013 द्वारा पिछड़ा वर्ग मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति को शासित करने वाले संशोधित विनियम 2013 प्रतिस्थापित किये गए हैं। जिसके नियम 8.4 अनुसार छात्रवृत्ति का वितरण पूर्णत: आर.टी.जी.एस. के माध्यम से विद्यार्थियों के खाते में शिक्षण शुल्क संस्थान के खाते में किया है। विभाग के आदेश क्रमांक एफ 12-1/2011/54-1, दिनांक 21.09.2016 द्वारा नियम 8.4 में नियमानुसार संशोधन किया गया है- पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत संपूर्ण स्वीकृत छत्रवृत्ति (अनुरक्षण भत्ता +शिक्षण शुल्क+अन्य व्यय) का भुगतान सीधे विद्यार्थियों के एकल बैंक खाते में किया जाएगा। उपरोक्तानुसार वर्ष 2016-17 में समस्त स्वीकृत छात्रवृत्ति राशि का भुगतान सीधे विद्यार्थियों के एकल बैंक खाते में किया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शेष उत्तरांश (ख) के अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है।
विभागीय योजनान्तर्गत हुये निर्माण की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
52. ( क्र. 5054 ) श्री अजय सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2014 से सीधी जिले में प्रश्न दिनांक तक विभागीय योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति बस्ती में किस-किस स्थान पर कुल कितने निर्माण, सी.सी. रोड निर्माण के किस-किस ग्राम पंचायत के प्रस्ताव विभाग को सांसद, विधायक एवं जनप्रतिनिधि के माध्यम से प्राप्त हुये है पंचायतवार प्रस्ताव वार जानकारी दी जावें? (ख) उक्त प्राप्त प्रस्तावों में से विभाग द्वारा कितने प्रस्तावों को मान्य कर निर्माण कार्य स्वीकृत किये है? तहसीलवार, ग्राम पंचायतवार, कार्यवार जानकारी दी जावें? उक्त निर्माण को स्वीकृत करने के मापदण्ड क्या रखे गये थे? बिन्दुवार दें? (ग) क्या उक्त कार्य को स्वीकृत करते समय विभाग द्वारा मनमाने तरीके से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्य स्वीकृत करते समय समानता का ध्यान नहीं रखा गया है? अगर रखा है तो स्वीकृत कार्यों की विधानसभा क्षेत्रवार वर्षवार/कार्यवार सूची दें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार कराये गये कार्यों की स्थल पर भौतिक स्थिति क्या है? गुणवत्ता/उपयोगिता प्रमाण पत्रों की एक-एक प्रति दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र. अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियम, 2014 में दर्शित मापदण्ड अनुसार स्वीकृत किये गये हैं। जी नहीं। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
निर्माण कार्य हेतू स्वीकृत एवं व्यय राशि
[आदिम जाति कल्याण]
53. ( क्र. 5071 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी एवं सिंगरौली जिले की दोनों परियोजनाओं कुसमी एवं देवसर में हर वर्ष कार्य योजना बनाने हेतु प्रस्ताव लिये जा रहे हैं, उसके बाद कार्य स्वीकृत नहीं किये जा रहे हैं? कुसमी एवं देवसर परियोजना को कुल कितना आवंटन वर्ष 2016-17 एवं 2015-2017 में प्राप्त हुआ है? (ख) विधान सभा क्षेत्र सिहावल में कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? कार्यवार एवं लागत सहित दोनों परियोजनाओं का बताया जाये। साथ ही सीधी एवं सिंगरौली के प्रत्येक ब्लॉक में कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्यवार लागत एवं कार्य स्वीकृत के मापदण्ड द्वारा स्वीकृत की जानकारी दें। (ग) आदिवासी विकास विभाग सीधी एवं सिंगरौली को कुल वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में निर्माण कार्यों हेतु कुल कितनी राशि प्राप्त हुई है और उसको कहाँ-कहाँ व्यय किया गया है? कार्य एवं लागत बताई जाये। साथ ही सिहावल विधान सभा क्षेत्र में किसके प्रस्ताव से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्य का नाम एवं लागत बताई जाये। साथ ही मापदण्ड क्या था?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रस्तावों पर भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय से अनुमोदन उपरांत कार्य स्वीकृत किये जाते है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार है।
विषयवार अतिथि शिक्षक रखे जाने का प्रावधान
[स्कूल शिक्षा]
54. ( क्र. 5072 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्कूलों में टीचरों की कमी होने के कारण विषयवार स्कूलों में अतिथि शिक्षक रखे जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो रखे जाने के लिये क्या क्रायटेरिया अपनाया जाता है? क्या स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दखते हुये स्कूल के प्राचार्य द्वारा ही अतिथि शिक्षक रखे जाते हैं? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14, 14-15 एवं 15-16 में शा. स्कूल विद्या विहार हायर सेकेण्डरी एवं नूतन सुभाष टी.टी. नगर में विषयवार पढ़ाने हेतु रखा गया था? यदि हाँ, तो ढाई वर्ष बाद माह सितम्बर 2016 में यह कह कर निकाल दिया जाये कि पढ़ाना नहीं आता है एवं उनके स्थान पर किसी व्यक्ति विशेष को रख लिया गया, क्या यह सही है? (घ) यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध की गई कार्यवाही के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शा.उ.मा.वि. विद्या बिहार भोपाल में श्री धर्मेन्द्र पाण्डे को वाणिज्य विषय हेतु अतिथि शिक्षक के रूप में वर्ष 2013-14 में फरवरी से 15 अप्रैल एवं 2014-15 एवं 2015-16 में पूर्ण शिक्षण सत्र तक शिक्षण कार्य किया है। वर्ष 2016-17 में श्री पाण्डे को जुलाई 2016 में शा. नूतन सुभाष उ.मा.वि. भोपाल में वाणिज्य विषय के शिक्षण हेतु रखा गया किन्तु उनके शिक्षण से छात्र संतुष्ट न होने से अतिथि शिक्षक श्री धर्मेन्द्र पाण्डे को हटाकर सितम्बर 2016 से कु. नीति बाजपेई को निर्धारित योग्यता व मापदण्ड पूर्ण करने पर समिति की अनुशंसा पर प्राचार्य द्वारा रखा गया है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पालक शिक्षक संघ के पंजीयन के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
55. ( क्र. 5092 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरघाट विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी में गठित पालक शिक्षक संघ की नियमावली के बिन्दु क्रमांक 20 के अनुसार मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 की धारा 27 की धारा 27 के अन्तर्गत कितने विद्यालयों के द्वारा पंजीयन कराया गया है इस संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) मध्यप्रदेश राज्य के अंतर्गत संचालित हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में गठित पालक शिक्षक संघ को नियमावली अनुसार पंजीकृत नहीं किया गया है तो इस संबंध में विभाग द्वारा पृथक से समय-समय पर हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों के लिए जारी निर्देशों से अवगत कराये।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एक विद्यालय शास.कन्या उ.मा.वि. बरघाट, जिला सिवनी के द्वारा दिनांक 8-3-2007 में पंजीयन कराया गया। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। वर्तमान में विद्यालय प्रबंधन एवं विकास समिति अस्तित्व में होकर क्रियाशील है जिसमें पालकों का समुचित प्रतिनिधित्व है।
व्याख्यता/शिक्षकों के संविलियन उपरांत पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
56. ( क्र. 5093 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्र. एफ 44-27/94/बीस-2, दिनांक 03.01.2006 के अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित शैक्षणिक संस्थाओं का अमले सहित संविलियन की कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या वर्ष 2006 से वर्तमान तक सिवनी जिले के अन्तर्गत शिक्षकों, व्याख्याताओं एवं प्राचार्यों के संविलियन हेतु जिनके द्वारा सहमति नहीं दी गई थी, उन्हें विकासखण्डों में ही रखा गया है? यदि हाँ, तो किस आदेश के तहत जानकारी दें? (ग) क्या वर्ष 2006 से वर्तमान तक सिवनी जिले के अन्तर्गत जिन शिक्षकों, व्याख्याताओं एवं प्राचार्यों द्वारा संविलियन की सहमति दी गई और वे अन्य विभाग में संविलियन हो गये? इसके बाद तथ्य छुपाकर जिन कर्मचारियों द्वारा पदोन्नति प्राप्त कर ली गई उसकी सूची उपलब्ध करावें? यदि नियम विरूद्ध पदोन्नति की गई है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। शासनादेश क्रमांक एफ 44-27/94/बीस-2 भोपाल दिनांक 03.01.2006 के निर्देशानुसार उन्हें विकासखण्डों में रखा गया है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2006 से वर्तमान तक सिवनी जिले के अन्तर्गत किसी भी शिक्षक, व्याख्याता एवं प्राचार्य द्वारा अन्य विभाग में संविलियन हो जाने के उपरांत तथ्य छुपाकर पदोन्नति प्राप्त नहीं की गई है। सिवनी जिला अन्तर्गत शिक्षा विभाग के मूल शिक्षकों, व्याख्याताओं एवं प्राचार्यों जिनका संविलियन आदिम जाति कल्याण विभाग में नहीं हुआ तथा वही कार्यरत रहे, इन्हें शिक्षा विभाग के होने से नियमानुसार पदोन्नति दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अप्रोच रोड, बिजली, पीने के पानी की सुविधायें उपलब्ध कराना
[आदिम जाति कल्याण]
57. ( क्र. 5122 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की मुंगावली तहसील में कितने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के मजरे, बस्तियां, बसाहटें हैं? जो गांवों से थोड़ी दूर है तथा वहां पर एप्रोच रोड, नालियां, सी.सी. खंरजा तथा पेयजल व बिजली प्रदाय करने हेतु शासन क्या प्रयास कर रहा है? (ख) ऐसे बसाहटों, मजरों, बस्तियां आदि के नाम व संख्या बताये जिनमें पीने के पानी, बिजली व एप्रोच रोड नहीं है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) तहसील मुंगावली में अनुसूचित जनजाति के मजरे, बस्तियाँ, बसाहटों की कुल संख्या 47 है। इनमें निम्नानुसार अधोसंरचना के कार्य किये गये है, शेष में प्रस्तावित है-
अघोसंरचना के कार्य |
एप्रोच रोड |
नलियां एवं सी.सी. खरंजा |
पेयजल |
बिजली |
पूर्ण |
24 |
13 |
23 |
23 |
प्रस्तावित |
23 |
34 |
24 |
24 |
(ख) सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शिक्षा विभाग के अन्तर्गत नवीन शालाओं की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
58. ( क्र. 5198 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में शासन द्वारा कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल नवीन खोले गये हैं वर्षवार सूची उपलब्ध करावें? कितने शालाओं का उन्नयन किया गया है शालावार एवं वर्षवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने नवीन स्वीकृत विद्यालय में से कौन-कौन शालाओं के भवन स्वीकृत किये गये है एवं कितने स्वीकृत हेतु शेष है? भवनविहिन शालाओं को कब तक भवन स्वीकृत किये जाने की संभावना है? स्वीकृत शाला भवन में से कितने शाला भवन पूर्ण किये गये एवं कितने अपूर्ण है कब तक पूर्ण किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। भवनविहीन प्राथमिक शाला भवनों के भवन निर्माण हेतु वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 के तहत भारत शासन को प्रस्तावित किये गये है। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण कार्य संभव हो सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। स्वीकृत 34 माध्यमिक शालाओं में से 8 पूर्ण हो गये है तथा 26 प्रगतिरत है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
डी.एल.एड. पाठ्यक्रम की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 5241 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय संस्थानों में डी.एल.एड. पाठ्यक्रम संकायवार स्थानों का निर्धारण म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मार्च 2015 में संशोधन के लिए कुछ लोगों ने पत्र भेजे थे परन्तु उसमें कोई संशोधन नहीं किया गया? जिसका क्या कारण है? (ख) क्या उक्त नियम से कला संकाय के कई शासकीय प्रशिक्षण संस्थाओं में 60 प्रतिशत से कम वाले अभ्यार्थियों के एडमिशन हो गये? यदि हाँ, तो क्या यह उचित है जबकि गणित एवं विज्ञान संकाय के 70 प्रतिशत अंक लाने वाले अभ्यार्थियों के एडमिशन नहीं हुए? जिसका क्या कारण है? (ग) क्या पूरे म.प्र. में गणित एवं विज्ञान के शिक्षकों की आज भी कमी है और क्या पूर्व से ही कला संकाय के शिक्षक ज्यादा हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में मार्च 2015 के नियमों में संशोधन करते हुए 60 प्रतिशत विज्ञान के छात्र 30 प्रतिशत कला संकाय एवं 10 प्रतिशत अन्य संकाय के नियम जारी किये जा सकते है? अगर नहीं तो क्या विभाग द्वारा किसी भी संकाय के ज्यादा नंबर वाले आवेदकों को उनकी मैरिट के आधार पर चयन किया जा सकता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय संस्थानों में सत्र 2015 में सभी संकाय के छात्रों को प्रवेश के अवसर उपलब्ध कराने के लिये संकायवार स्थानों का निर्धारण किया गया था। अत: उक्त कंडिका में कोई संशोधन नहीं किया गया। (ख) डी.एल.एड. पाठ्यक्रम में सत्र 2015 में ऑनलाईन प्रक्रिया से प्रवेश प्रदान किये गए है। सभी प्रवेश नियमानुसार संकाय की मेरिट के आधार पर दिये गये है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) जी नहीं।
संविदा पात्रता परीक्षा से संबंधित जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र. 5242 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिसम्बर, 2016 में शिक्षा विभाग द्वारा ऐसी घोषणा की गई है कि संविदा पात्रता परीक्षा जो वर्ष 2017 में आयोजित होने वाली है। उसमें डी.एड., बी.एड. उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थियों को ही शामिल किया जायेगा? (ख) यदि ऐसा हो तो जो छात्र डी.एड. प्रथम वर्ष परीक्षा विज्ञापन दिनांक को उर्त्तीण हो तो एस.सी. एवं एस.टी. के छात्रों को 63 प्रतिशत, अनारक्षित एवं पिछड़ा वर्ग को 70 प्रतिशत तक के छात्रों को शामिल किया जायेगा? (ग) क्या शासन संचालनालय रोजगार के आदेशानुसार एक सीट के विरूद्ध 12 छात्र तथा म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा एक सीट के विरूद्ध 15 आवेदकों को बुलाया जाता है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि (क), (ख) की संख्या पूरी हो जाती है तो तब अन्य को न बुलाया जायेगा। यदि पूरी नहीं होती है तो क्या एस.सी. एवं एस.टी. के फ्रेश छात्रों को 70 प्रतिशत तथा अनारक्षित, पिछड़ा वर्ग के 77 प्रतिशत तक के छात्रों को बुलाया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। पात्रता परीक्षा में अर्हता प्राप्त करने पर मेरिट के आधार पर विकल्प प्राप्त कर ऑनलाईन मेरिट सूची जारी किये जाने का प्रावधान है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना जिले में संचालित आयुर्वेदिक चिकित्सालय
[आयुष]
61. ( क्र. 5369 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्तमान में कितने आयुर्वेदिक अस्पताल संचालित है। उनके स्थान, पता, स्थापना का वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ख) क्या जिले के अधिकांश अस्पताल भवन विहीन हैं, जो किराये के मकानों, पंचायत भवनों एवं स्कूल के कमरों में संचालित है, यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) जिले में संचालित आयुर्वेदिक अस्पतालों के भवनों के निर्माण हेतु कब तक राशि स्वीकृत कर दी जावेगी।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मुरैना शहर में 01 आयुर्वेदिक अस्पताल वर्ष 1956 से। वर्तमान पता-नेहरू पार्क रोड मुरैना। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ''क'' में वर्णित अस्पताल के भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
जानकारी एवं क्रियान्वयन बाबत्
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
62. ( क्र. 5377 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा गरीबी रेखा के अंतर्गत राज्य बीमारी सहायता योजना अंतर्गत बीमार व्यक्ति को इलाज हेतु मदद दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या आवेदन पर संबंधित तहसील के तहसीलदार से फार्म भरवाकर तस्दीक (प्रमाणीकरण) के उपरांत जिला मुख्यालय भेजा जाता है? जो सिविल सर्जन के तस्दीक उपरांत सी.एम.एच.ओ. ऑफिस से सहायता राशि संबंधित संबद्ध अस्पताल को प्रदान कर राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर रीवा को लिखे गये आवेदन पर कलेक्टर रीवा द्वारा संबंधित तहसील से प्रमाणीकरण उपरांत संबंधित सक्षम अधिकारी के पास भेजा गया? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में तहसीलदार द्वारा यदि आवेदन पूर्ण था तो क्या अपूर्ण कराने का प्रयास किया गया? यदि हाँ, तो वह पत्र प्रस्तुत करें जिससे पीडि़त तक संदेश पहुंचा यदि नहीं, तो क्यों? विधायक के पत्र कहाँ भेजे गये सभी का क्रमांक एवं भेजे गये अधिकारी का नाम बतावें? समीक्षा की गई नहीं की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में गंभीर बीमारी से संबंधित लोगों की समय पर सहायता प्राप्त नहीं होने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? हाँ तो क्या समय-सीमा बतावें नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला रीवा को माननीय श्री सुरेन्द्र सिंह, विधायक, मउगंज द्वारा कलेक्टर, रीवा को दिये गये दो पत्र प्राप्त हुये हैं। 1. आवेदन श्री संत कुमार भुजवाहा निवासी-ग्राम ढाबा, तहसील हनुमना। 2. आवेदन श्री अरूण कुमार मिश्रा निवासी-टकईया प्रतापगंज हनुमना जिला रीवा जो कि दोनों आवेदन निर्धारित प्रपत्र में नहीं थे और न ही संबंधित तहसील कार्यालय का प्रमाणीकरण था। (ग) जी नहीं। तहसील कार्यालय हनुमना जिला रीवा में आवेदक श्री संत कुमार भुजवाहा निवासी- ग्राम ढाबा, तहसील हनुमना एवं आवेदक श्री अरूण कुमार मिश्रा निवासी- टकईया प्रतापगंज हनुमना जिला रीवा के राज्य बीमारी सहायता हेतु निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रीवा द्वारा संबंधितों को भेजे गये पत्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विधायक महोदय के पत्र कलेक्टर रीवा के पत्र क्रमांक 340/व.लि.-1/2016 दिनांक 29.08.2016 एवं पत्र क्रमांक 219/व.लि.-1/2016 दिनांक 04.06.2016 द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय जिला रीवा को भेजे गये। जी हाँ समीक्षा की गई। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेतन एरियर दिलाने बावत्
[स्कूल शिक्षा]
63. ( क्र. 5378 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी प्राथमिक शिक्षा मिशन (डी.ई.ई.पी.) जिसका नाम बाद में म.प्र. सर्व शिक्षा अभियान शिक्षा मिशन में संशोधित किया गया के अन्तर्गत प्रतिनियुक्ति एवं संविदा के कौन-कौन से पद किस-किस वेतनमान पर स्वीकृत किए गए? स्वीकृत प्रतिनियुक्ति एवं संविदा पद के वेतन निर्धारिण की क्या प्रक्रिया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत न्यूनतम वेतनमान अनुसार संविदा के समस्त पद को मध्यप्रदेश शासन अनुसार निर्धारित पाँचवें एवं छठवें वेतनमान की अनुशंसा अनुरूप निर्धारित वेतनमान के अनुसार ही वेतन निर्धारिण किया गया। यदि नहीं, तो कौन-कौन से पद को नहीं दिया गया एवं क्यों? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार पाँचवें एवं छठवें वेतनमान की अनुशंसा अनुरूप वेतन नहीं दिया जा रहा है तो कब तक पाँचवें एवं छठवें वेतनमान अनुसार समान पद के संविदा कर्मचारियों को वेतन स्वीकृत कर एरियर सहित वेतन भुगतान किया जावेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। प्रतिनियुक्ति पद पर पदस्थ शासकीय सेवकों को उन्हें अपने पैतृक विभाग में पूर्व में प्राप्त वेतन व वेतनमान यथावत दिया जाता है। संविदा पद पर कार्यरत अमले को प्रचलित वेतनमान के न्यूनतम आधार पर कार्यकारिणी समिति के निर्णय एवं वित्त विभाग के परामर्श अनुसार मासिक परिलब्धियों का निर्धारण किया जाता है। (ख) जी नहीं। संविदा पर कार्यरत अमले की मासिक परिलब्धियों का निर्धारण उत्तरांश ''क'' अनुसार किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पाँचवें एवं छठवें वेतनमान की अनुशंसा नियमित शासकीय सेवकों के लिये प्रभावशील है। संविदा पर कार्यरत अमले की मासिक परिलब्धियों का निर्धारण उत्तरांश ''क'' अनुसार किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला रीवा अंतर्गत संचालित उप स्वास्थ्य केन्द्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
64. ( क्र. 5419 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र त्यौंथर एवं चाकघाट के क्षेत्रान्तर्गत कितने उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? स्थान नाम एवं इन उप स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ कर्मचारी का नाम बतायें? (ख) क्या उपरोक्त उप स्वास्थ्य केन्द्रों में भवन हैं? यदि नहीं, तो भवन विहिन उपस्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ कर्मचारी अपनी विभागीय गतिविधियाँ कहाँ से संचालित करते हैं? (ग) भवन विहिन अथवा ध्वस्त भवनों का निर्माण कब तक करायेंगे?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला रीवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, त्यौंथर एवं चाकघाट क्षेत्रान्तर्गत 31 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। इनमें पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 16 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में भवन उपलब्ध है, जबकि 15 उप स्वास्थ्य केन्द्र किराये के भवन में संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) भवन विहीन एवं ध्वस्त भवनों का निर्माण कार्य की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अध्यापकों के स्वत्तों का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
65. ( क्र. 5430 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की जनपद पंचायत रामपुरबघेलान अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल गढ़वाखुर्द, संकुलकेंद्र शा.उ.मा.वि.गोरइया में सुरेश कुमार सतनामी अध्यापक के पद पर पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कब से? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या संविदा शाला शिक्षक के पद पर पद्स्थगी के दौरान दिनांक 04/08/2012 से 15% वेतनवृद्धि का एरियर्स एवं अध्यापक पद पर संवलियन दिनांक 11/10/2013 से अक्टूबर 2016 तक का कुल एरियर्स रूपये 118554 का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो शेष रूपये 72811 का भुगतान किस कारण नहीं किया जा रहा है? एरियर्स भुगतान एवं गणना पत्रक उपलब्ध कराते हुए विवरण सहित जानकारी देवें? (ग) क्या संबंधित अध्यापक अ.जा. के हैं, इनके द्वारा एरियर्स भुगतान करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी, सी.ई.ओ. जिला पंचायत एवं कलेक्टर सतना से (जन सुनवाई) लिखित शिकायत की गई है कि, द्वेष भावनावश बिना कारण वेतनवृद्धि अक्टूबर 2015 से रोक दी गई है? कारण सहित स्पष्ट करें कि वेतन वृद्धि क्यों रोक दी गई है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित संबंधित अध्यापक का अंशदाई पेंशन का प्रान न. 111004693592 दिनांक 30/03/2015 को आवंटित हो चुका है? यदि हाँ, तो अंशदाई पेंशन की कटौती क्यों नहीं की जा रही है? क्या संबंधित संकुल प्राचार्य एवं वेतन संबंधी कार्य कर रहे सहायक अध्यापक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए अन्यत्र स्थानान्तरण कर इनके द्वारा की गई गड़बड़ियों की जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 04.08.2009 से पदस्थ है। (ख) श्री सुरेश कुमार सतनामी को एरियर्स की राशि भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। श्री सतनानी द्वारा एरियर्स भुगतान के संबंध में कोई अभ्यावेदन प्राप्त नहीं है। श्री सतनामी की कोई भी वेतनवृद्धि रोकी नहीं गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। श्री सतनामी का पदनाम एज्यूकेशन पोर्टल पर संविदा शाला शिक्षक से अध्यापक में परिवर्तित कराने एवं प्रॉन नम्बर को लिंक कराने की कार्यवाही में संकुल स्तर से विलम्ब होने के कारण प्रॉन नम्बर आवंटन उपरांत अंशदायी पेंशन की कटौती नहीं हो पा रही थी। माह फरवरी 2017 में एज्यूकेशन पोर्टल पर पदनाम परिवर्तन एवं प्रॉन नम्बर लिंक कराने के उपरांत अंशदायी पेंशन की कटौती माह फरवरी 2017 के वेतन से की जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी सतना द्वारा संकुल प्राचार्य एवं वेतन संबंधी कार्य करने वाले कर्मचारी की जाँच कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षाकर्मियों को नियुक्ति दिनांक से वेतनवृद्धि दिए जाना
[स्कूल शिक्षा]
66. ( क्र. 5438 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1998 में भर्ती किये गए शिक्षाकर्मियों को नियुक्ति दिनांक से वेतनवृद्धि दिए जाने का प्रावधान सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शिक्षाकर्मी भर्ती संहिता में किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो क्या संविदा शाला शिक्षकों की भांति नियुक्ति दिनांक से वेतनवृद्धि/क्रमोन्नति/ पदोन्नति/वरिष्ठता का लाभ दिए जाने के बनाये गए प्रावधान में संशोधन करते हुए आदेश निर्देश जारी किये जाएंगे? (ग) क्या वर्ष 1998 में नियुक्त शिक्षाकर्मी संविदा शाला शिक्षकों को वर्ष 2007 में एक साथ अध्यापक संवर्ग में संविलियन किये जाने से लगभग तीन वर्ष की सेवा को नजर अंदाज करते हुए वर्ष 2001 में भर्ती संविदा शाला शिक्षकों के बराबर लाकर खड़ा कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या शिक्षाकर्मियों की तीन वर्ष की अतिरिक्त सेवा को जोड़ कर सिनियरटी प्रदान करते हुए नियुक्ति दिनांक से वेतनवृद्धि का लाभ देने के आदेश जारी किये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? क्या इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर/इंदौर खंडपीठ द्वारा समय-समय पर व्यक्तिगत रूप से दायर याचिकाओं पर पारित आदेश में नियुक्ति दिनांक से वेतनवृद्धि दिए जाने के निर्देश शासन को दिए गए थे? यदि हाँ, तो पारित आदेश के परिपालन में आदेश जारी न करने के क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) शासन आदेश दिनांक 21 फरवरी 2013 के अनुसार अध्यापक संवर्ग में संविदा शाला शिक्षक को नियुक्ति दिनांक से नियम में उल्लेखित अनुसार योग्यता एवं अन्य शर्तों की पूर्ति करने पर वरिष्ठता का लाभ पदोन्नति एवं क्रमोन्नति के लिए प्राप्त होगा। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा रिट अपील क्रमांक 1098/2006 में पारित निर्णय 21.01.2009 के द्वारा नियम में दिये गये प्रावधान अनुसार वेतनवृद्धि को मान्य करते हुए याचिका क्रमांक 5843/04 में पारित आदेश दिनांक 19.04.2005 को निरस्त कर दिया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित होता।
व्याख्याता संवर्ग को समयमान वेतन के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
67. ( क्र. 5493 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग में व्याख्याता संवर्ग को समयमान वेतन के आदेश कब हुए? (ख) व्याख्याता संवर्ग को संयुक्त संचालक उज्जैन द्वारा आदेश जारी होने के 3 माह के बाद भी समयमान वेतन प्रदान न करने के पीछे क्या कारण है? संयुक्त संचालक कब तक सभी व्याख्याताओं को समयमान वेतन प्रदान करेंगे? (ग) क्या शासन शिक्षक/सहायक शिक्षक को भी समयमान वेतन दे रहा है? यदि दे रहा है तो कब तक आदेश जारी किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? जिन शर्तों एवं नियमों के तहत व्याख्याताओं को समयमान वेतन दिया गया है उन शर्तों एवं नियमों को क्या शिक्षक एवं सहायक शिक्षक पूर्ण नहीं करते है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. शासन वित्त विभाग वल्लभ भवन मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्र./एफ 11-4/2016/नियम/चार भोपाल दिनांक 07.04.2016 के द्वारा व्याख्याताओं को समयमान वेतनमान के आदेश जारी किये है। (ख) म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के परिपत्र क्रमांक/एफ-44-1/2017/20-2 भोपाल दिनांक 06.01.2017 द्वारा व्याख्याताओं को समयमान वेतनमान प्रदान किये जाने हेतु संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण को सक्षम अधिकारी घोषित करते हुये अधिकारों के प्रत्यायोजन की स्वीकृति प्रदान की गई है। संदर्भित परिपत्र जारी होने के पश्चात् वर्तमान में उज्जैन संभाग में किसी भी जिले से व्याख्याताओं को समयमान वेतनमान दिये जाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये हैं। जिलों से प्रस्ताव प्राप्त होने पर व्याख्याताओं को नियमानुसार समयमान वेतनमान दिये जाने की कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी नहीं। वर्तमान में शिक्षक/सहायक शिक्षकों को समयमान वेतन दिये जाने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राज्य बीमारी सहायता निधि एवं मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान में अनियमितता की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
68. ( क्र. 5494 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार राज्य बीमारी सहायता निधि एवं मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी बीमारी हेतु स्वीकृत की जाकर संस्थाओं को भेजी गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जिला कार्यालय द्वारा संस्थाओं/ चिकित्सालयों की राज्य बीमारी सहायता निधि/मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान मद से भेजी गई राशि के उपयोग उपरान्त पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर जिले को भेजे जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो उपरोक्त अवधि में कितनी संस्थाओं के द्वारा जिला कार्यालय/शासन को उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजे गये हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन ऐसी संस्थाओं के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? (ग) क्या संस्थाओं/चिकित्सालयों को हितग्राहियों के उपचार हेतु शासन द्वारा प्रदाय की गई राशि का उपयोग नहीं किये जाने के कारण उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रदाय नहीं किये जाते हैं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) राज्य बीमारी सहायता निधि अंतर्गत जिला राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान अन्तर्गत राजगढ़ जिले में वर्ष 2015-16 में 53 हितग्राहियों को राशि रूपये 30,40,238/- एवं वर्ष 2016-17 में 95 हिग्राहियो को राशि रूपये 39,40,000/- राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत चिन्हाकित बीमारियों के लिए भेजी गई है। (ख) जी हाँ। राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत उपचार उपरांत 15 दिवस में उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने के निर्देश है। मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदान की स्वीकृति विभाग द्वारा नहीं दी जाती है। राज्य बीमारी सहायता निधि योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 में 36 एवं 2016-17 में 23 संस्थाओं से उपयोगिता प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ को प्राप्त हुये है। राजगढ़ जिले में मरीजों के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त होने के आधार पर संबंधित चिकित्सालयों को राशि का भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। हितग्राही द्वारा उपचार न कराने की स्थिति में राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र न भेजकर राशि वापिस की जाती है।
मांझी जाति को अनुसूचित जनजाति में पुनःशामिल किये जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
69. ( क्र. 5502 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 8-5 पच्चीस 4-81 दिनाँक 26/12/84 द्वारा मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग की सूची के अनुक्रमांक 12 पर अंकित मांझी समाज के परम्परागत व्यवसाय कौन-कौन से थे तथा वंशानुगत मछुआ जाति कौन सी है। (ख) क्या मध्य प्रदेश शासन आदिम जाति अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक 21-6/25-5/92 दिनाँक 29/08/92 के द्वारा म.प्र. पिछड़ा वर्ग की सूची के अनुक्रमांक 12 पर अंकित जाति ढीमर, भोई, कहार, धीवर, मल्लाह, केवट, सोधिया, के साथ सम्मलित मांझी जाति को सूची से विलोपित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो मांझी जाति को विलोपित करने का क्या कारण है? (ग) क्या पुनः मांझी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 8-5 पच्चीस 4-81, दिनांक 26.12.84 द्वारा मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग की सूची के अनुक्रमांक 12 पर अंकित मांझी समाज के परंपरागत व्यवसाय मछली पालन, पालकी ढोना, घरेलू नौकरी करना, सिंघाडा व कमलगट्टा उगाना, पानी भरना, नाव चलाना थे। वंशानुगत मछुआ जाति के नाम से कोई जाति पिछड़ा वर्ग की सूची सम्मिलित नहीं है। (ख) जी हाँ। चूंकि मांझी जाति तत्समय राज्य की अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित थी इस कारण से उक्त जाति को पिछड़े वर्ग की सूची से विलोपित किया गया। (ग) एवं (घ) जानकारी आदिम जाति कल्याण विभाग से संकलित की जा रही है।
कर्मचारी/अधिकारी के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
70. ( क्र. 5503 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा अन्तर्गत समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/उप स्वास्थ्य केन्द्र पर कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? कितने पद किन-किन कारणों से कब से रिक्त हैं? (ख) क्या उपरोक्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर लंबे समय से पदों की पूर्ति नहीं होने से सामान्य स्वास्थ्य सुविधायें आमजन को नहीं मिल पा रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन शीघ्र रिक्त पदों की पूर्ति करेगा? (ग) 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा अन्तर्गत समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/उप स्वास्थ्य केंद्रों में किन-किन मदों से कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? उक्त राशि के व्यय की जानकारी वर्षवार, मदवार दें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। पद रिक्तता का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। उपलब्ध मानव संसाधनों द्वारा आमजन को स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करवाई जा रही है। रिक्त पदों की पूर्ति लोक सेवा आयोग एवं व्यापमं के माध्यम से निरंतर जारी है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। । राशि के व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में खेल संसाधन उपलब्ध कराना
[स्कूल शिक्षा]
71. ( क्र. 5510 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले अंतर्गत विकासखण्ड बाड़ी एवं उदयपुरा में व्यायाम शिक्षक के कितने पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं तथा रिक्त पदों की पूर्ति के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) रायसेन जिले अंतर्गत विकासखण्ड बाड़ी एवं उदयपुरा में कितने माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं में खेल मैदान हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में प्रत्येक स्कूलों को खेल सामग्री हेतु कितनी राशि प्रतिवर्ष प्रदाय की जाती है? क्या यह राशि पर्याप्त है? (घ) क्या खेल सामग्री, खेल मैदानों एवं प्रशिक्षकों के अभाव में खेलों के प्रति बच्चों का रूझान कम हुआ है? यदि हाँ, तो क्या विभाग शालेय खेलों के विकास के लिए उक्त संसाधनों को उपलब्ध कराने के प्रयास करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। विकासखण्ड बाड़ी की 75 माध्यमिक शालाओं एवं विकासखण्ड उदयपुरा की 60 माध्यमिक शालाओं में खेल मैदान उपलब्ध है। (ग) हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं में क्रीड़ा शुल्क से आवश्यकता अनुसार खेल सामग्री की आपूर्ति की जाती है। बाड़ी एवं उदयपुरा विकासखण्डों में राशि प्रदाय नहीं की गई है। प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं हेतु खेल सामग्री हेतु पृथक से राशि प्रदाय करने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गृह विज्ञान विषय की श्रेणी एवं बी.एड. के विषय का चयन
[स्कूल शिक्षा]
72. ( क्र. 5534 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह विज्ञान विषय को किस विषय समूह में शामिल किया गया है? यह विज्ञान अथवा सामाजिक विज्ञान की श्रेणी में आता है या नहीं? (ख) क्या संविदा शिक्षक वर्ग दो की परीक्षा में गृह विज्ञान से स्नातक आवेदक गृह विज्ञान विषय के अतिरिक्त और किस विषय से परीक्षा देने के लिए पात्र होगा? (ग) क्या बी.एड. करने के लिए विषय चयन करना आवश्यक है? यदि हाँ, तो संविदा शिक्षक वर्ग 2 की भर्ती में बी.एड. के विषय को कितना महत्व दिया जाता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1 की पात्रता परीक्षा के लिये गृह विज्ञान विषय भी है। जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) बी.एड. में प्रवेश हेतु निर्धारित अर्हता संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उपस्वास्थ्य केन्द्रों को मिलने वाली सहयोग राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
73. ( क्र. 5554 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ईसागढ़, चंदेरी, जिला अशोकनगर के अंतर्गत कितने उपस्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ स्वीकृत हैं? (ख) कितने उपस्वास्थ्य केन्द्र भवनविहीन हैं? इनको भवन कब तक उपलब्ध करा दिया जाएगा? (ग) उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कितने शल्य चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ स्थित हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (घ) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, चंदेरी एवं ईसागढ़ में स्वीकृत पलंगों को देखते हुये पलंगों की संख्या बढ़ाने हेतु क्या कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? (ड.) रोगी कल्याण समिति जिला अशोकनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदेरी, ईसागढ़ को वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक कितनी सहयोग राशि प्राप्त हुई? (च) यह सहयोग राशि किस-किस मद में व्यय की गई है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) 10 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन विहिन है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्नावधि में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, ईसागढ़ को रूपये 1250865.00 एवं चंदेरी को रूपये 3820842.00 की राशि प्राप्त हुई। (च) निर्माण कार्य, उपकरण, पी.ओ.आई., अंशकालीन कर्मचारियों का मानदेय एवं ऑक्सीजन सिलेन्डर मद में व्यय की गई।
चिकित्सा कार्य हेतु लिये गये किराये के वाहनों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
74. ( क्र. 5555 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर के चंदेरी एवं ईसागढ़ स्वास्थ्य केन्द्र में कितने वाहन चिकित्सकीय कार्य हेतु विगत 3 वर्षों से आज दिनांक तक किराये पर लिये गये हैं? (ख) इन वाहनों का उपयोग किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया गया, नामवार विवरण दें एवं इन पर कितनी धनराशि व्यय की गई? (ग) क्या शासन की नीति अनुसार ही इन वाहनों को किराये पर लिया गया है? वाहनों को किराये पर लेने हेतु शासन की नीति क्या है? (घ) अशोकनगर जिला चिकित्सालय में रोगियों को दवा उपलब्ध कराने हेतु किस- किस दवा कंपनी से अनुबंध किया गया है? (ड.) उक्त दवा कंपनी को अनुबंध अनुसार जिला चिकित्सालय को कितने प्रकार की दवाइयां उपलबध करानी थी? क्या कंपनी द्वारा अनुबंध अनुसार दवा समय पर उपलब्ध करायी जा रही है? यदि नहीं, तो दवाइयां खरीदने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था क्या है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावली में उल्लेखित स्वास्थ्य केन्द्रों में किराये पर लिये गये वाहनों की जानकारी निम्नांकित हैः-
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदेरी |
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ईसागढ़ |
वर्ष 2014-15 में
3 वाहन |
वर्ष 2014-15 में
4 वाहन |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। किराये के वाहन लेने की नीति/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) 300 प्रकार की दवाइयां। जी हाँ। वैकल्पिक व्यवस्था/आकस्मिकता हेतु बजट राशि का 20 प्रतिशत तक स्थानीय स्तर से क्रय की जा सकती है।
संतान पालन अवकाश
[स्कूल शिक्षा]
75. ( क्र. 5560 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कार्यरत महिला अध्यापक एवं सहायक अध्यापक को संतान पालन हेतु 2 वर्ष का अवकाश मिलने की सुविधा है? (ख) यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है? जबकि महिला सहायक शिक्षकों को यह सुविधा प्रदान की जाती है? (ग) विगत दो वर्ष में अशोकनगर जिले में ऐसी कितनी महिला अध्यापक एवं सहायक अध्यापक हैं, जिन्होंने इस सुविधा हेतु आवेदन किया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) संतान पालन अवकाश का प्रावधान प्रदेश में दिनांक 22 अगस्त, 2015 से शासकीय महिला कर्मचारियों हेतु लागू किया गया है। प्रदेश में संविदा शाला शिक्षक के सीधी भर्ती अन्तर्गत 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। महिला अध्यापकों को संतान पालन अवकाश से अध्यापन व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव संभावित होने से संतान पालन अवकाश का प्रावधान इन पर लागू नहीं किया गया हैं। (ग) जिलान्तर्गत विगत दो वर्षों में 05 महिला अध्यापकों द्वारा संतान पालन अवकाश हेतु आवेदन प्रस्तुत किये थे।
विद्यालयों में विद्युत व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
76. ( क्र. 5648 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र जौरा में 459 विद्युत विहीन शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय हेतु विद्युत कनेक्शन लिया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक विद्युत कनेक्शन लिए जा सकेंगे? (ख) क्या विद्युत कनेक्शन के अभाव में उमस भरी गर्मी के मौसम में विद्या अध्ययन में छात्रों को कठिनाई होती है व कम्प्यूटर शिक्षा से भी वंचित रहते हैं एवं विद्युत मोटर का उपयोग न होने से पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है जिससे कि विद्यालय में बने शौचालय अनुपयोगी हो रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के निदान हेतु विद्यालयों के विद्युत कनेक्शन हेतु कब तक मद आवंटित की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) गर्मी के मौसम में शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में ग्रीष्म कालीन अवकाश होने से उमस भरी गर्मी के मौसम में विद्या अध्ययन में छात्रों को कठिनाई का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। विद्युत कनेक्शन के अभाव में छात्र कम्प्यूटर शिक्षा से वंचित रहतें है। पानी की आपूर्ति हैंडपंप एवं स्टोरेज टंकी इत्यादि से की जाती है, अत: विद्यालयों में बने शौचालय अनुपयोगी नहीं हो रहे है। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
आवास सहायता योजना हेतु प्राप्त आवेदन
[आदिम जाति कल्याण]
77. ( क्र. 5652 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में शैक्षणिक सत्र 2015-16 एवं 2016-17 में आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक को आवास सहायता योजना का लाभ न देने व शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से न करने पर आयुक्त आदिवासी विकास विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी की गई है? यदि हाँ, तो पत्र क्रमांक व दिनांक सहित बताएं, जिसमें 20 फ़रवरी, 2017 तक जवाब न दिए जाने पर एक पक्षीय कार्यवाही करने की बात कही गई है? (ख) क्या आवेदन ऑनलाइन स्वीकृत एवं वितरण रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में कुल 25770 आवेदनों में से मात्र 4243 आवेदन ही स्वीकृत हुए हैं, जिसमें मात्र 314 प्रकरणों में राशि वितरित हुई है? लेकिन सतना जिले में कुल 185 आवेदन आवास सहायता योजना के लिए आए थे किन्तु इनमें से एक भी आवेदक को शासकीय योजना का लाभ नहीं दिया गया? क्यों? (ग) सतना जिले में चालू शैक्षणिक सत्र में विभाग को किन-किन शासकीय/अशासकीय महाविद्यालयों से कितने-कितने आनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं? महाविद्यालयवार-छात्रवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार आवास सहायता योजना के लिए प्राप्त ऑनलाइन आवेदन पत्र कब तक स्वीकृत कर राशि संबंधित छात्र-छात्राओं के खाते में भेज दी जाएगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''स'' अनुसार है। (घ) ऑन-लाईन प्राप्त आवेदनों का परीक्षण उपरान्त पात्र पाये जाने पर भुगतान किया जा रहा है। कार्यवाही निरन्तर है, समय-सीमा बताना सम्भव नहीं हैं।
एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना की जानकारी
[आदिम जाति कल्याण]
78. ( क्र. 5667 ) श्री उमंग सिंघार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना धार एवं कुक्षी परियोजना में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में किन-किन योजनाओं के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि का आवंटन हुआ है? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार धार एवं कुक्षी परियोजना में किन-किन ब्लाकों में योजनावार कितनी राशि वितरीत की गई? (ग) प्रश्नांकित (ख) अनुसार प्रत्येक ब्लाकों में कितनी-कितनी राशि वितरण किये जाने का प्रावधान है? गाईड लाईन की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांकित (क) अनुसार जनप्रतिनिधियों के द्वारा जारी किये गये पत्रों के माध्यम से प्रेषित किये प्रस्तावों के संबंध में क्या कार्यवाही की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) राशि ब्लॉकवार वितरित किये जाने का प्रावधान नहीं है। शासन से प्रेषित प्रस्तावों अनुसार, भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्ली से स्वीकृत योजना अनुसार राशि का विभाजन किया जाता है। (घ) माननीय जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्तावों पर परियोजना सलाहकार मण्डल की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार, प्रस्ताव प्रोजेक्ट में सम्मिलित किये जाते है।
दतिया जिले के शासकीय प्राथमिक हाई स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
79. ( क्र. 5675 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के विकासखण्ड सेंवढ़ा के अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक माध्यमिक, हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कौन से स्कूलों में बाउंड्रीवाल या पहुंच मार्ग (सी.सी. रोड अथवा wbm रोड) अथवा दोनों नहीं हैं, ग्रामवार/स्कूलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) कंडिका (क) में वर्णित स्कूलों जिनमें पहुंच मार्ग या बाउंड्रीवाल नहीं है तत्संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा जिला स्तर से क्या कार्यवाही की गई, यदि प्रस्ताव शासन को भेजे गये तो उनका विवरण उपलब्ध करायें यदि नहीं, भेजे गये तो क्यों। कब तक भेजे जायेंगे। (ग) क्या कंडिका (क) में वर्णित स्कूलों में से अधिकांश ऐसे स्कूल जिनमें कच्चा मार्ग तो है सी. सी. या गिट्टी रोड मुरम का मार्ग न होने से उनमें अध्ययनरत छात्र/छात्रायें संपूर्ण वर्ष में 4-5 माह विद्यालय नहीं पहुंच पाते हैं जिससे इन विद्यालयों के परीक्षा परिणाम खराब हो जाते हैं यदि हाँ, तो ऐसी परिस्थिति के लिये शासन की क्या योजना है यदि नहीं, तो राज्य स्तरीय अधिकारियों से संपूर्ण प्रकरण की जाँच कराई जावेगी। (घ) क्या ऐसे स्कूलों में पहुंच मार्ग एवं बाउंड्रीवाल बनाये जाने बाबत् विभाग को निर्देशित करेंगे यदि हाँ, तो कब तक इन कार्यों को स्वीकृत किया जावेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार तथा प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) विभागान्तर्गत पहुँच मार्ग निर्माण हेतु कोई योजना प्रावधान नहीं है। हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों से संबंधित बाउण्ड्रीवाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। 259 बाउण्ड्रीवॉल विहीन प्राथमिक/ माध्यमिक विद्यालयों में से प्राथमिकता के आधार पर 73 विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल हेतु वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में प्रस्ताव भारत शासन को प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, विकासखण्ड सेंवढ़ा में ऐसा कोई विद्यालय नहीं है जहॉ पहुंचच मार्ग न होने से छात्रों को विद्यालय आने में परेशानी होती हो और न ही इस कारण से परीक्षा परिणाम पर विपरीत असर पड़ा है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के पहुंच मार्ग एवं बाउण्ड्रीवाल निर्माण बजट प्रावधान पर निर्भर करेगा तथा प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला का संबंध में उत्तरांश (ख) अनुसार प्रस्ताव की भारत सरकार द्वारा स्वीकृति दी जाने पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
दतिया जिले के शासकीय विद्यालय
[स्कूल शिक्षा]
80. ( क्र. 5676 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कुल कितने शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं, जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) दतिया जिले के विकासखंड सेंवढा में कंडिका (क) में वर्णित विद्यालयों में से कौन-कौन से विद्यालय अपने स्वयं के भवन में लग रहें हैं तथा कौन-कौन से विद्यालयों का अपना स्वयं का भवन नहीं है तथा वे अन्य विद्यालयों के साथ लग रहे हैं। (ग) जिन हाईस्कूलों/इंटरकॉलेजों की अपनी स्वयं की बिल्डिंग नहीं है क्या उनके लिये शासन द्वारा शीघ्रता से राशि उपलब्ध कराई जायेगी, ताकि इनमें अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को अध्ययन में होने वाले परेशानियों से मुक्ति मिल सके यदि हाँ, तो कब तक उपलब्ध कराई जायेगी। (घ) उक्त स्कूलों को कब तक उपने स्वयं के भवन उपलब्ध करा दिये जायेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) दतिया जिले के अंतर्गत हाई स्कूल 78 एवं हायर सेकेण्डरी 34 संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। दतिया जिले में कुल 872 शासकीय प्राथमिक एवं 384 माध्यमिक स्कूल हैं। (ख) हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। दतिया जिले के विकास खण्ड सेंवढ़ा में कुल 368 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में से 09 प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय भवन विहीन होने से अन्य विद्यालयों में लग रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों के भवन स्वीकृत/निर्माणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पद विरूद्ध पदस्थ शिक्षक
[स्कूल शिक्षा]
81. ( क्र. 5677 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग अंतर्गत शिक्षा विभाग में कौन-कौन सहायक शिक्षक कब से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पद विरूद्ध पदस्थ हैं जिलेवार/विकासखंडवार/स्कूलवार, सूची सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या उनकी उक्त संस्था में आवश्यकता थी यदि हाँ, तो क्या वे आवश्यकता अनुरूप वर्तमान में अध्यापन का कार्य कर रहे है, अथवा अन्य किसी कार्यालय में अथवा अशिक्षकीय कार्य में संलग्न है यदि हाँ, तो किस दिनांक से तथा उनकी पद विरूद्ध स्थापना कब निरस्त अथवा समाप्त की जायेगी? (ग) क्या ऐसे सहायक शिक्षक जिला प्रौढ़ शिक्षा कार्यालयों में अशिक्षकीय कार्यों में संलग्न हैं यदि हाँ, तो ऐसे पद विरूद्ध पदस्थ सहायक शिक्षकों का नाम अतिशेष सूची में कब रखा जायेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शैक्षणिक व्यवस्था तथा खेल गतिविधियों के सुचारू रूप से संचालन एवं कम्प्यूटर कार्य हेतु आवश्यकतानुसार विद्यालयों में पद विरूद्ध पदस्थापना की गई हैं। कोई भी शिक्षक अशिक्षकीय कार्य में संलग्न नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल जिले के प्राइवेट अस्पतालों में तय दरों पर वसूली
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
82. ( क्र. 5700 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में कितने प्राइवेट अस्पताल हैं? (ख) इन अस्पतालों में सभी प्रकार के इलाजो एवं प्राइवेट व जनरल वार्ड में भर्ती मरीज से प्रतिदिन किस दर पर किराया लिया जाता है? प्रश्नांश (ख) अंतर्गत अगर यह दरें विभाग द्वारा सुनिश्चित की गयी हैं? तो वह क्या है? अगर नहीं तो क्यों? (ग) क्या विगत 3 वर्षों में कभी विभाग द्वारा किसी प्राइवेट अस्पताल पर दरों से अधिक वसूली करने के आरोप पर कार्यवाही की गयी? अगर प्रश्नांश (ग) का उत्तर हाँ है तो किन अस्पतालों पर क्या कार्यवाही की गयी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) भोपाल जिले में कुल 270 प्राईवेट अस्पताल है। (ख) प्राईवेट अस्पतालों द्वारा विभिन्न प्रकार की बीमारियों के ईलाजों व प्राईवेट एवं जनरल वार्ड में भर्ती मरीजों से स्वंय निर्धारित दरों अनुसार किराया लिया जाता है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973, नियम 1997 में इसका प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर नगर के शास. बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज के संबंध में
[चिकित्सा शिक्षा]
83. ( क्र. 5721 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में कुल कितने विभागों को संचालित कराने का प्रावधान है वर्तमान में कितने विभाग सुचारू रूप से संचालित हैं? शेष विभाग कब तक प्रारंभ हो जायेंगे? (ख) क्या बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में कार्यरत चिकित्सकों द्वारा एन.पी.ए. लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो चिकित्सकों के नाम, राशि सहित बतायें। (ग) क्या एन.पी.ए. लेने के बाद भी चिकित्सक प्राईवेट चिकित्सालयों एवं नर्सिंग होम में भी चिकित्सीय सेवायें दे रहें हैं? यदि हाँ, तो अब उन पर क्या कार्यवाही हुई?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) स्नातक स्तर कर एम.सी.आई. के अनुसार 21 विभाग संचालित करने का प्रावधान है। रेडियोथेरेपी विभाग सहित कुल 22 विभाग संचालित है। डर्मेटोलॉजी विभाग में चिकित्सा शिक्षक उपलब्ध नहीं होने से चिकित्सीय सुविधायें नहीं दी जा रही है। चिकित्सा शिक्षक उपलब्ध होने पर सेवायें प्रारंभ हो सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास क्षमता योजना के संबंध में
[आदिम जाति कल्याण]
84. ( क्र. 5724 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग को भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय से प्रदेश की आदिवासी जनसंख्या के आधार पर आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत मिलने वाले आवंटन में मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास क्षमता योजना वर्ष 2015-16 से संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 में 5 करोड़, 2015-16 में 10 करोड़ की राशि भारत सरकार से प्राप्त कर व्यय की जा चुकी है तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 में भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा इस योजना की उपयोगिता न होने से प्रस्तावित 14 करोड़ की राशि स्वीकृत करने से इंकार किया जा चुका है? (ग) यदि हाँ, तो अब विभाग द्वारा इस योजना में किस प्रकार वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी? यदि नहीं, तो जो आदिवासी युवा इस योजना से लाभांवित हो रहे थे, आगे उनके लिए क्या योजना है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। योजना के लिये वित्तीय वर्ष 2014-15 में 5 करोड़ वर्ष 2015-16 में 10 करोड़ की राशि की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हुई है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में भारत सरकार से राशि प्राप्त नहीं हुई है। संबंधित क्रियान्वयन एजेन्सी से राशि रू. 728.40 लाख के व्यय उपरान्त उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुके हैं। योजना की उपयोगिता न होने संबंधी कोई निष्कर्ष नहीं है। (ग) परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
व्याख्याता/प्राचार्य की प्रतिनियुक्ति से वापसी
[आदिम जाति कल्याण]
85. ( क्र. 5737 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित शा.उ.मा. विद्यालयों में प्राचार्य एवं व्याख्याता के कितने पद रिक्त हैं? (ख) अनूपपुर जिलांतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत कितने प्राचार्य एवं व्याख्याता हैं जो शिक्षण कार्य न कराकर अन्य संस्थाओं में प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण पर कार्यरत हैं। उनका नाम, पद वर्तमान कार्य स्थान, मूल कार्यरत स्थान वर्तमान पद पर पदस्थ होने का दिनांक बतायें। (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन के नियम निर्देश हैं कि प्रश्नांकित प्राचार्य/व्याख्याता से शिक्षण कार्य के अलावा अन्य कार्य न लिया जाये। यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति प्रदाय करें। (घ) क्या प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण प्रश्नांकित प्राचार्य/व्याख्याता को मूल विभाग/कार्य स्थान में वापस कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित उ.मा.वि.में प्राचार्य एवं व्याख्याता के निम्नानुसार पद रिक्त है :-
क्रमांक |
पदनाम |
रिक्त |
1. |
प्राचार्य प्रथम श्रेणी |
02 |
2. |
प्राचार्य उ.मा.वि. |
47 |
3. |
प्राचार्य हाईस्कूल |
43 |
4. |
व्याख्याता |
143 |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) यह निर्देश प्राचार्यों के लिये नहीं है। व्याख्याताओं से शैक्षणिक कार्य के अलावा अन्य कार्य न लिये जाने के निर्देश है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) व्याख्याताओं को प्रशासकीय दृष्टि से उन शालाओं में संलग्न/प्रभारी प्राचार्यों का दायित्व सौंपा गया है, जिन शालाओं में प्राचार्य का पद रिक्त है। प्राचार्यों के पदों की पूर्ति पदोन्नति से की जाना है। पदोन्नति के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शालाओं/छात्रावासों हेतु सामग्री खरीदी
[आदिम जाति कल्याण]
86. ( क्र. 5758 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में वर्ष २०१६-१७ में आदिम जाति कल्याण विभाग अंतर्गत छात्रावासों एवं शालाओं में सामग्री क्रय किए जाने हेतु आवंटन प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो किस-किस मद में कितना-कितना? (ख) वर्ष २०१६-१७ में प्रश्न दिनांक तक शालाओं एवं छात्रावासों हेतु कौन-कौन सी सामग्री कहाँ-कहाँ से क्रय की गई? राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त अवधि में डेक्स/बेंच/कुर्सी भी क्रय की गई है? यदि हाँ, तो कहाँ से कितनी मात्रा में तथा किस-किस शाला में कितनी-कितनी वितरित की गई? (घ) वर्ष २०१६-२०१७ में प्रदायित सामग्री से संबंधित शालाओं/छात्रावासों की दर्ज संख्या क्या है? सूची दें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्रं. |
मद का विवरण |
प्राप्त आवंटन |
1. |
581 उ.मा.शा. |
122.70 लाख |
2. |
5216 हाईस्कूल |
69.14 लाख |
3. |
8832 छात्रावास/आश्रम सा.पू. |
456.38 लाख |
4. |
0762 क.शिक्षा परि. |
13.72 लाख |
5. |
1398 सामग्री पूर्ति गैस |
12.44 लाख |
6. |
0498 सामग्री पूर्ति गैस |
05.49 लाख |
7. |
1215 वनबंधु छात्रावास/आश्रम |
12.71 लाख |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। सामग्री के वितरण की कार्यवाही जारी है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार है।
बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना
[स्कूल शिक्षा]
87. ( क्र. 5776 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना (केन्द्र प्रवर्तित योजना) क्या है? (ख) उक्त योजना मध्यप्रदेश में कब से लागू की गई? (ग) उक्त योजना में छात्राओं को प्रोत्साहन स्वरूप क्या कोई राशि/छात्रवृत्ति दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कब-कब कितनी-कितनी? (घ) विगत दो वर्षों में उज्जैन जिले में अब तक कितनी बलिकाओं को योजना का लाभ मिला? कितनी बालिकाओं के खाते में राशि जमा की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उक्त योजना मध्यप्रदेश में वर्ष 2008-09 से संचालित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) विगत दो वर्षों में भारत सरकार से योजना अंतर्गत राशि प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
88. ( क्र. 5777 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कौन-कौन से हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल भवनविहीन हैं? (ख) भवनविहीन शालाएं वर्तमान में कहाँ संचालित हो रही हैं? (ग) भवनविहीन शालाओं के भवन निर्माण की क्या योजना है? उक्त भवनों के निर्माण कब तक प्रारम्भ किये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भवन का निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नेपानगर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
89. ( क्र. 5779 ) सुश्री मंजू राजेंद्र दादु : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नेपानगर में निर्माणाधीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मयस्टाफ क्वार्टर का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? (ख) उक्त सहित संपूर्ण परियोजना की जानकारी व्यय सहित उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र, नेपानगर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, धूलकोट, खकनार, अमुल्ला, बोदरली में डाक्टरों के रिक्त पदों की कमी को कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नांश (क) में अंकित कार्य अनुबंध अनुसार दिनांक 01.12.2013 को पूर्ण होना था, भूमि दिनांक 04.11.2015 को उपलब्ध होने के कारण कार्य दिनांक 04.12.2015 से ले-आउट देकर प्रारंभ किया गया वर्तमान में कार्य लिंटल स्तर तक पूर्ण है, निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग से प्राप्त उत्तर अनुसार ठेकेदार द्वारा आवंटन के अभाव में कार्य बंद कर दिया गया है वस्तुतः स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में लोक निर्माण विभाग को इस मद में राशि रुपये 1.50 करोड़ का आवंटन प्रदाय किया गया है, कार्य आगामी 1 वर्ष में पूर्ण होना संभावित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चिकित्सा अधिकारी के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयन सूची प्राप्त हुई है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में हाई स्कूलों की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
90. ( क्र. 5780 ) सुश्री मंजू राजेंद्र दादु : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नेपानगर अंतर्गत माननीय संसद सदस्य (लोक सभा) खण्डवा द्वारा उनके पत्र दिनांक 15.07.2016 द्वारा ग्राम हसीनाबाद घाघरला बाकडी एवं दूधिया में हाई स्कूल स्वीकृत करने के लिये आवेदन दिया गया था। (ख) यदि हाँ, तो हाई स्कूल की स्वीकृति की प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) स्वीकृति कब तक कर दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ-12-3/2016/25-2/1199 दिनांक 22.08.2016 द्वारा हसीनाबाद माध्यमिक शाला का हाईस्कूल में उन्नयन किया जा चुका है। (ग) सीमित वित्तीय संसाधनों अंतगर्त 88 माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में उन्नयन वार्षिक प्रावधान से एक आदिवासी विकासखंड खालवा (बुरहानपुर) की माध्यमिक शाला हसीनाबाद का हाईस्कूल में उन्नयन किया जा चुका है। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शालाओं का ऑडिट एवं विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण
[स्कूल शिक्षा]
91. ( क्र. 5822 ) श्री हरवंश राठौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा की कौन-कौन सी शालाओं का वर्ष 2015-16 तक की अवधि का कितने वर्षों का आडिट होना शेष है? संपन्न ऑडिट प्रतिवेदनों में क्या कोई गंभीर वित्तीय अनियमितताएं हैं? यदि हाँ, तो उनके लिए कौन दोषी पाए गए हैं? (ख) क्षेत्र की किन-किन संकुल केन्द्रों में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक छात्रवृत्तियों का वितरण नहीं किया गया है? किन-किन संकुल केन्द्रों में कितनी-कितनी अवितरित छात्रवृत्ति की राशि संकुल केन्द्रों के खाते में जमा हैं? (ग) विगत एक वर्ष में क्षेत्र की कौन-कौन सी कन्या शालाओं का सक्षम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया? निरीक्षणकर्ता द्वारा क्या कभी छात्राओं से स्कूल संबंधी समस्याओं पर समक्ष में चर्चा की है? यदि हाँ, तो किन-किन शालाओं में किस-किस प्रकार की समस्याएं उजागर हुई हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र के बण्डा की कुल 467 प्राथमिक/ माध्यमिक शालाओं में से 210 शालाओं का वर्ष 2015-16 का ऑडिट हो चुका है। शेष 210 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं का ऑडिट शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हीरापुर का वर्ष 1992 से, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिनैका का वर्ष 1984 से एवं हाईस्कूल बहरोल का वर्ष 1993 से वर्ष 2015-16 तक का ऑडिट होना शेष है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2015-16 में सभी पात्र छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का वितरण किया जा चुका है। वर्ष 2016-17 की अवितरित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। छात्रवृत्ति की अवितरित राशि संकुल केन्द्र प्राचार्यों के खाते में जमा नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित समस्त शालाओं का सक्षम अधिकारियों द्वारा सतत् रूप से निरीक्षण किया जाता है। जी हाँ, निरीक्षण के दौरान बालिकाओं द्वारा जो भी कठिनाइयां बताई जाती हैं, उन्हें निराकृत किया जाता है।
शिक्षकों/अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य लिए जाना
[स्कूल शिक्षा]
92. ( क्र. 5831 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कितने शिक्षक, अध्यापक, क्लर्क तथा भृत्य किन-किन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तहसील/जिला पंचायत/जनपद पंचायतों में कब से संलग्न होकर कार्य कर रहे हैं? (ख) स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों/अध्यापकों से शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य विभागों में कार्य न करने के आदेश कब-कब जारी किये? जानकारी दें। (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व/तहसील कार्यालय लहार में कब-कब से कौन-कौन शिक्षक/भृत्य किसके आदेश से संलग्न होकर कार्य कर रहे हैं? (घ) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में शैक्षणिक स्टॉफ से गैर शैक्षणिक कार्य न कराए जाने के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के बाद भी शिक्षकों/अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य हेतु अन्य कार्यालयों में संलग्न करने के आदेश जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? शिक्षकों/अध्यापक/भृत्यों का संलग्नीकरण कब तक समाप्त कर संबंधित शिक्षण संस्थाओं/विभागों में वापिस किये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में कोई शिक्षक, अध्यापक, क्लर्क तथा भृत्य संलग्न नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
जननी एक्सप्रेस संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
93. ( क्र. 5852 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में शासन ने आर.सी.एच./एन.आर.एच.एम. प्रोग्राम के तहत जननी एक्सप्रेस संचालन करने हेतु अनुबंध के अंतर्गत क्या-क्या दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) सिवनी जिले में कितनी अनुबंधित जननी एक्सप्रेस संचालित हैं वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक अवधि में जिले में कौन-कौन से वाहन किन शर्तों में और कितनी अवधि के लिये मासिक दर पर अनुबंधित किये गये हैं? किन-किन अनुबंधित वाहनों को वाहन नम्बर सहित किराये की कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) एन.आर.एच.एम. योजना के अंतर्गत सिवनी जिले में प्रश्नांश (ख) अवधि में कुल कितनी राशि खर्च की गई तथा सिवनी विधानसभा में माहवार कितनी राशि वाहन क्रमांक और वाहन मालिकों को भुगतान की गयी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में 25 अनुबंधित जननी एक्सप्रेस वाहन संचालित हैं। प्रश्नभाग (क) के उत्तर में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' की शर्तों अनुसार मारूति ओमनी, बोलेरो एवं टेम्पों ट्रेक्स वाहनों हेतु वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि हेतु सिवनी जिले में वर्ष 2012 में दो वर्षों हेतु निविदा आमंत्रित करते हुये 1500 किलोमीटर तक रू. 21500/- तथा अतिरिक्त किलोमीटर पर रू. 6.00/- प्रति किलोमीटर की दर से जननी वाहनों को अनुबंधित किया गया था, तत्पश्चात् वर्ष 2015 में नवीन निविदा आमंत्रित करते हुये रू. 13.50/- प्रति किलोमीटर प्रति वाहन की दर से आगामी एक वर्ष हेतु अनुबंधित किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार है। (ग) कुल राशि रू. 134117448/- खर्च की गई तथा शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''तीन'' अनुसार है।
शालाओं में स्वीकृत शैक्षणिक पदों के अनुरूप पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
94. ( क्र. 5873 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा एजुकेशन एक्ट 2009 के क्रम में शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना हेतु नीति का निर्धारण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो, क्या नीति अनुरूप माध्यमिक शालाओं में न्यूनतम तीन शिक्षक होंगे जिसमें से भाषा शिक्षक के रूप में 01 अंग्रेजी का शिक्षक तथा छात्र संख्या अधिक होने पर चौथा शिक्षक संस्कृत अथवा उर्दू अथवा मराठी का होगा? (ग) यदि हाँ, तो क्या, हिन्दी भाषी मध्यप्रदेश की माध्यमिक शालाओं में हिन्दी के शिक्षक की पदस्थपना नहीं की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो हिन्दी भाषा का अध्यापन करवाने हेतु नीति में क्या प्रावधान किये गये हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों की पद संरचना से संबंधित राज्य शासन द्वारा जारी आदेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में अंकित व्यवस्था अनुसार है।
दवा, सर्जिकल उपकरण एवं अन्य सामग्री की खरीदी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
95. ( क्र. 5892 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जिला चिकित्सालय में दवाइयां, सर्जिकल उपकरण एवं अन्य सामग्री क्रय की जाती है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक उक्त चिकित्सालय में कितनी दवाइयाँ, सर्जिकल उपकरण एवं अन्य सामग्री क्रय की गई? सामग्री क्रय किये जाने के विज्ञापन, निविदा फार्म, पार्टनर/प्रोपायटर नाम, दवा लाइसेंस सहित संपूर्ण प्रक्रिया, नियम, आदेश, क्रय की गई सामग्री की जानकारी उपलब्ध करायी जावें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। शहडोल जिले के जिला चिकित्सालय में दवाइयां, सर्जिकल उपकरण एवं सामग्री क्रय की जाती है। (ख) जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक जिला चिकित्सालय शहडोल में क्रय की गई दवाइयां, सर्जिकल उपकरण एवं अन्य सामग्री क्रय किये जाने के विज्ञापन, निविदा फार्म, पार्टनर/प्रोपरायटर नाम, दवा लाइसेंस सहित संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दवा नीति 2009 के अंतर्गत औषधियों में आवंटित राशि से 80 प्रतिशत संचालनालय द्वारा निर्धारित दर पर ऑनलाइन क्रय किया जाता है। 20 प्रतिशत राशि का आवश्यकतानुसार क्रय स्थानीय ऑनलाइन टेण्डर की दर पर किया जाता है। उपकरणों का क्रय संचालनालय द्वारा निर्धारित दर पर किया जाता है। दर उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ऑनलाइन टेण्डर की दर पर क्रय किया जाता है। शासन द्वारा डब्ल्यू.एच.ओ.-जी.एम.पी. गुणवत्ता की दवाइयां क्रय करने का प्रावधान है।
अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण
[आदिम जाति कल्याण]
96. ( क्र. 5903 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा में कुल कितने अतिथि शिक्षक लगाये गये हैं? अतिथि शिक्षक का नाम, निवासी तथा नियुक्ति का दिनांक, शालावार जानकारी उपलब्ध करावें? क्या ऐसे अतिथि शिक्षक भी हैं जो स्थानीय ग्राम में निवास नहीं करते हैं? (ख) यदि हाँ, तो उनकी संख्या क्या है तथा कौन-कौन सी शालाएं ऐसी हैं? अतिथि शिक्षक का नाम, शाला का नाम तथा निवास स्थान का विवरण देवें तथा यह भी बतायें की स्थानीय अतिथि शिक्षक को क्यों नहीं नियुक्त किया गया है? क्या अतिथि शिक्षकों को शालाओं में रिक्त पदों पर नियमित किया जा सकता है, जिससे वर्तमान में व्याप्त शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सके?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) भीकनगावं विधानसभा में कुल 624 अतिथि शिक्षक लगाये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ। (ख) स्थानीय ग्राम में निवास नहीं करने वाले अतिथि शिक्षक की संख्या 410 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। वर्तमान नीति के तहत अतिथि शिक्षकों से कार्य लिया जा रहा है।
आयुष चिकित्सालय
[आयुष]
97. ( क्र. 5922 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र के बैहर में आयुष चिकित्सालय प्रारम्भ है? (ख) यदि हाँ, तो चिकित्सालय में कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं, पदवार जानकारी देवें? (ग) क्या चिकित्सालय में पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण चिकित्सा कार्य में बाधा हो रही है? (घ) पानी की व्यवस्था कब तक पूर्ण की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रानी तालाब दमोह के जिर्णोंद्धार के संबंध में
[आदिम जाति कल्याण]
98. ( क्र. 5929 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायत दमोह में स्थित रानी तालाब का जिर्णोंद्धार एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर द्वारा कराया गया था? (ख) यदि हाँ, तो किस एजेन्सी से कार्य कराया गया, कार्य कब प्रारम्भ किया गया, कार्य कब पूर्ण किया गया, कितनी राशि व्यय की गई एवं क्या एजेन्सी को निर्माण कार्य करने हेतु अधिकार विभाग या शासन या उच्चाधिकारियों द्वारा प्रदत्त किये गये? उसकी प्रमाणित प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र, कार्यआदेश की प्रति उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश अंतर्गत कार्य, कार्य एजेंसी सहायक परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना बैहर द्वारा कराया गया। कार्य दिनांक 12.04.2009 को प्रारम्भ कराया जाकर दिनांक 08.07.2009 को पूर्ण किया गया। कार्य में राशि रुपये 20,66,842/- (रुपये बीस लाख छियासठ हजार आठ सौ बयालीस मात्र) व्यय की गई। एजेंसी का निर्धारण परियोजना सलाहकार मंडल बैहर द्वारा किया गया, जिसके अनुमोदन की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' अनुसार है। (ग) कार्य पूर्णता प्रमाण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''ब'' एवं कार्य आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''स'' अनुसार है।
अलीराजपुर जिले में शिक्षा का अधिकार अन्तर्गत विद्यालयों को राशि का प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
99. ( क्र. 5933 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में शिक्षा का अधिकार नियम के अन्तर्गत प्रायवेट विद्यालयों में कुल कितने बच्चे दर्ज हैं। विद्यालयवार कक्षावार जानकारी वर्ष 2011से 2016 तक देवें? (ख) जिले के किस-किस विद्यालय को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई विद्यालय, बच्चों की संख्या एवं उन्हें प्रदाय की गई राशि की जानकारी वर्ष 2011 से 2016 तक देवें? (ग) कितने विद्यालयों को राशि देना शेष है। विद्यालयों के नाम सहित संख्या बताएं? (घ) अभी तक राशि नहीं दिये जाने के क्या कारण है। शेष विद्यालयों को राशि कब तक प्रदाय की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अलीराजपुर जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालय में कुल 3209 बच्चें दर्ज है। वर्ष 2011 से 2016 तक की विद्यालयवार, कक्षावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' में समाहित है। (ग) 10 गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों को फीस प्रतिपूर्ति की राशि देना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार। (घ) शेष अशासकीय विद्यालयों में से फीस प्रतिपूर्ति के दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्यालय भवन के क्षतिग्रस्त भवन एवं बाउण्ड्रीवॉल का मरम्मत/पुनर्निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
100. ( क्र. 5945 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण विद्यालयों की क्षतिग्रस्त भवन बाउण्ड्रीवॉल का त्वरित मरम्मत कार्य या पुनर्निर्माण किया जाना आवश्यक होता है? क्या सीधी जिले की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरवाह के भवन एवं बाउण्ड्रीवॉल क्षतिग्रस्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त विद्यालय के क्षतिग्रस्त भवन एवं बाउण्ड्रीवॉल की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण का कार्य भी शीघ्र कराया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा क्या होगी? (ग) क्या उक्त विद्यालय में विद्यार्थियों के उपयोगार्थ कोई सभागार बना हुआ है? यदि नहीं, तो क्या वर्तमान भवन की छत पर सांस्कृतिक सभागार बनाकर भवन की छत को वर्षा से सुरक्षित करते हुए विद्यार्थियों के उपयोगार्थ सभागार निर्मित कराया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, बरसात में भवन के छत से पानी टपकता है, जबकि बाउण्ड्रीवाल छतिग्रस्त है। (ख) बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
तीन वर्षों से अधिक एक ही शाखा में पदस्थ कर्मचारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
101. ( क्र. 5952 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 09/12/2016 की प्रश्नोत्तरी में प्रश्न संख्या 167 (क्र. 1986) के प्रश्नांश (क) का उत्तर 'जी हाँ' दिया गया है, यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार संलग्न परिशिष्ट 32 में क्र. 02 अविज्ञप्त शाखा के सरल क्रमांक 02 में उल्लेखित धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह जो वर्ष 2008 से कार्यरत हैं को उक्त शाखा से निर्धारित समयावधि पश्चात् शासनादेशों के अधीन नहीं हटाये जाने का कारण बतावें? (ख) क्या संबंधित कर्मचारी द्वारा उक्त शाखा में कई गंभीर अनियमिततायें कर कर्मचारियों से एक निश्चित राशि रिश्वत के रूप में ली जाकर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को पहुंचाई जाने के कारण शासनादेशों का उल्लंघन कर नहीं हटाया जा रहा है? दोषी कौन हैं? (ग) क्या शासन/विभाग शासनादेशों के विरूद्ध निर्धारित समयावधि पश्चात् भी कई वर्षों से पदस्थ श्री कुशवाह को पारदर्शिता को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल उक्त शाख से हटाया जावेगा? क्या श्री कुशवाह की उक्त शाखा में पदस्थापना के अंतर्गत उसके कार्यकाल की किसी वरिष्ठ अधिकारी से निष्पक्ष जाँच कराकर गुण दोषों के आधार पर कार्यवाही करेगा? क्या निर्धारित समयावधि पश्चात् भी उसे शासनादेशों के विरूद्ध उक्त शाखा से नहीं हटाकर उसे संरक्षण देने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) अविज्ञप्त शाखा में कार्यरत श्री धर्मेन्द्र सिंह द्वारा कर्मचारियों के स्थानांतरण संबंधी कार्य संपादित नहीं किये जा रहे है। उक्त शाखा में श्री धर्मेन्द्र सिंह द्वारा संलग्न परिशिष्ट अनुसार कार्यालयीन आदेश द्वारा आवंटित कार्य संपादित किया जा रहा है। शासन नीति अनुसार स्थापना शाखा में स्थानांतरण संबंधी कार्य करने वाले लिपिक को निर्धारित समयावधि पूर्ण होने पर उसके दायित्वों में परिवर्तन किये जाते है। (ख) जी नहीं। यह सही नहीं है। श्री कुशवाह द्वारा गंभीर अनियमितताएं करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संचालनालय में कर्मचारियों की कमी होने एवं संबंधित कर्मचारी द्वारा संपादित कार्यों के दृष्टिगत वर्तमान में अविज्ञप्त शाखा में निरंतर रखा गया है। प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लिपिकीय संवर्ग के पद विरूद्ध कार्यरत कर्मचारी
[स्कूल शिक्षा]
102. ( क्र. 5971 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत इन्दौर जिले में लिपिकीय संवर्ग के कर्मचारी पद विरूद्ध कार्य कर रहे हैं? यदि हाँ, तो इन्दौर जिले में पद विरूद्ध कार्यरत कर्मचारियों के नाम, पद एवं संस्था का उल्लेख करें साथ ही स्वीकृत कार्यरत रिक्त पदों की सूची में जिलेवार प्रस्तुत करें? (ख) क्या इन्दौर जिले में लिपिकीय संवर्ग के कर्मचारी पद विरूद्ध कार्य कर रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार इन्दौर जिले में कार्यरत पद विरूद्ध लिपिक कर्मचारी को रिक्त पद होने के उपरांत भी समायोजन नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व समायोजन कब तक किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार। (ख) जी हाँ। तत्समय में संबंधित लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के उनकी पदांकित संस्थाओं में मूल पद रिक्त नहीं होने से पद विरूद्ध पदांकन किया गया था। (ग) जी नहीं। कार्यवाही की जा रही है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितता पर कार्यवाही संबंधी
[चिकित्सा शिक्षा]
103. ( क्र. 5995 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधिष्ठता, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक 32532-37 दिनांक 7.12.2016 द्वारा रजिस्ट्रार बरकतउल्लाह वि.वि. भोपाल को डा.कमलेश मेवाड़ पी.जी. छात्र द्वारा बांड की अवधि पूर्ण नहीं करने एवं मूल दस्तावेज भी वापस न करने को कारण उक्त छात्र की एम.एस. आप्थमलाजी डिग्री निरस्त करने की अनुशंसा की गई है? क्या इसकी प्रतिलिपि रजिस्टार म.प्र. मेडिकल काउंसिल को भी दी गई है? (ख) क्या यह भी सत्य है कि जुलाई 2016 में भी इस संबंध में रजिस्ट्रार मेडिकल कौंसिल को पत्र लिखकर इनका पंजीयन निरस्त करने हेतु लिखा गया था, इस पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवही की गई? (ग) इस प्रकरण पर कब तक निर्णय लेते हुए पंजीयन निरस्त की कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) निर्धारित प्रक्रियानुसार कार्यवाही जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बिना अनुमति कोर्स करने व ज्वाइनिंग देने संबंधी
[चिकित्सा शिक्षा]
104. ( क्र. 5999 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/01/2015 से 31/12/2016 तक चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा किन-किन चिकित्सकों को आल इंडिया प्री.पी.जी. में सम्मिलित होने की अनुमति दी गई एवं किन-किन को अनुमति नहीं दी गई सूची आदेश की छायाप्रति सहित देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में किन-किन चिकित्सकों द्वारा बिना अनुमति के आल इंडिया प्री.पी.जी. दी गई एवं पाठ्यक्रम पूर्ण कर किस की अनुमति से पुन: ज्वाइनिंग दी गई उनके नाम, ज्वाइनिंग दिनांक सहित देवें। (ग) क्या यह सत्य है कि अधिष्ठाता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 10711-14 दिनांक 14/05/2015 द्वारा डा. त्रिवेदी सहायक प्राध्यापक पी.एस.एम. भोपाल को डी.जी.ओ. कोर्स में अध्ययन करने की अनुमति नहीं प्रदान की गई? यदि हाँ, तो फिर किस आधार पर इन्होंने कोर्स कर विभाग में पुन: ज्वाइनिंग दी? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार बिना अनुमति के कोर्स करने एवं इन्हें ज्वाइनिंग देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। डॉ. डी.के.पाल, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, पी.एस.एम. विभाग द्वारा एम.सी.आई. की कमियों की पूर्ति के लिए तथा संस्था के हित में कार्यभार ग्रहण कराने की अनुशंसा के आधार पर तत्कालीन अधिष्ठाता द्वारा डॉ. अंशुलि त्रिवेदी को सहायक प्राध्यापक पी.एस.एम. के पद पर कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) डॉ. उल्का श्रीवास्तव, तत्कालीन अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल। डॉ. अंशुलि त्रिवेदी को बिना अनुमति के अध्ययन किया जाने के संबंध में जाँच संधारित की गई। जाँच कमेटी द्वारा आरोप प्रमाणित पाये जाने पर अनाधिकृत अनुपस्थिति अवधि को अकार्य दिवस मानते हुये इनकी दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने का दण्ड अधिरोपित किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
रायसेन जिले में एन.जी.ओ. को दिए गये कार्य की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
105. ( क्र. 6002 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 में रायसेन जिले में आशा कार्यकर्ताओं को जो प्रशिक्षण दिया गया था उस संस्था या स्वैच्छिक संगठन का नाम पता एवं वह कब से कार्यरत है ही जानकारी देवें? (ख) उक्त स्वैच्छिक संगठन/संस्था के गठन होने के उपरांत अब तक कौन-कौन लोग संरक्षक, संचालक मंडल के सदस्य रहे उनके नाम पते एवं व्यवस्था सहित संपूर्ण जानकारी स्पष्ट रूप से देवें। संस्था के गठन के पश्चात् राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं द्वारा क्या-क्या कार्य दिये गये एवं कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (ग) उक्त संस्था को ही कार्य दिये जाने का कारण भी बतावें? विभिन्न कार्य समय समय दिय जाने पर और किन-किन संस्थाओं/संगठनों में आवेदन दिया उनके नाम संरक्षक नाम, संचालक मंडल के नाम पते तथा वार्षिक टर्न ओवर सहित समस्त जानकारी देवें? (घ) क्या अन्य संगठन/संस्था हेतु उक्त कार्यों हेतु अयोग्य की गई उसका कारण भी बतावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वर्ष 2016 में रायसेन जिले में शिव गोमती जन कल्याण सेवा समिति, बारला द्वारा आशा कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण दिया गया है। संस्था का पता पोस्ट माखनी, ग्राम बारला जिला रायसेन है। संस्था वर्ष 2011 से आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिये कार्यरत है। (ख) प्रश्नांश (ख), (ग) एवं (घ) की जानकारी एकत्र की जा रही है।
बिना टिन नंबर वाली फर्मों को सप्लाई संबंधी
[चिकित्सा शिक्षा]
106. ( क्र. 6004 ) श्री कमलेश शाह : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में विगत 3 वर्षों से U.G./P.G. डिप्लोमा इत्यादि काउंसिलिंग कब तक कितने-कितने दिनों के लिए आयोजित की गई एवं कुल कितने अधिकारियों/कर्मचारियों की उक्त काउंसिलिंग में ड्यूटी लगाई गई? (ख) उपरोक्तानुसार भोजन व्यवस्था/टेंटहाउस/माईक व्यवस्था/स्टेशनरी पर प्रति काउंसिलिंग पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किन-किन फर्मों एवं व्यक्तियों को किया गया? (ग) क्या बिन टिन नंबर वाली फर्मों को भी सप्लाई दी गई? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो, तीन एवं चार अनुसार है। (ग) जी हाँ। काउंसिलिंग के कार्य तत्कालिक आवश्यकता एवं निर्धारित समय-सीमा एवं सीमित अवधि को ध्यान में रखते हुये कार्य सुचारू रूप से सम्पादित हो इस हेतु व्यवस्था की जाती है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर में परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति ब्लाक बनाने
[अनुसूचित जाति कल्याण]
107. ( क्र. 6019 ) श्री मुकेश नायक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के अनुसूचित जाति ब्लाक बनाने संबंधी नियमों और प्रक्रिया की जानकारी दीजिये? (ख) पन्ना जिले के कल्दा ब्लाक में लगभग 30 ग्रामों में अनुसूचित जाति की जनसंख्या काफी अधिक है लेकिन क्या कारण है कि कल्दा ब्लाक को अनुसूचित जाति ब्लाक का दर्जा नहीं दिया गया है और इस ब्लाक की बड़ी जनसंख्या को अनुसूचित जाति ब्लाक में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है? (ग) क्या शासन कल्दा ब्लाक को शीघ्र अनुसूचित जाति ब्लाक घोषित करने की कार्यवाही करेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति ब्लाक बनाने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं का नियमानुसार लाभ दिया जाता है। (ग) प्रावधान नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राचार्यों के रिक्त पद
[स्कूल शिक्षा]
108. ( क्र. 6020 ) श्री मुकेश नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में ऐसे कितने उत्कृष्ट विद्यालय है, जिनमें पूर्णकालिक प्राचार्य नहीं है? (ख) पन्ना जिले के पवई कस्बे में उत्कृष्ट विद्यालय में प्राचार्य पद रिक्त रहने के क्या कारण है और पवई सहित तमाम विद्यालयों में प्राचार्यो के रिक्त पद कब तक भर दिये जायेगें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभागान्तर्गत 64 उत्कृष्ट विद्यालयों में पूर्णकालिक प्राचार्य पदस्थ नहीं है। (ख) पन्ना जिले के विकासखण्ड पवई स्थित उत्कृष्ट उमावि में प्राचार्य का पद स्थानांतरण होने के कारण रिक्त है। रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति/स्थानांतरण से की जाती है जोकि एक सतत् प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रवृत्ति का वितरण
[स्कूल शिक्षा]
109. ( क्र. 6021 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुरौना जिला रीवा में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को फर्जी, छात्रवृत्ति स्वीकृत एवं वितरण की जाँच तीन सदस्यी जाँच दल द्वारा कराई गई थी? (ख) क्या शिकायत प्रमाणित पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ विभागीय जाँच संबंधी कार्यवाही के निर्देश शासन द्वारा दिये गये थे? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई संपूर्ण विवरण दें? (ग) यदि आज दिनांक तक कार्यवाही नहीं की गई तो कार्यवाही कब तक जायेगी जानकारी दें? उक्त प्रकरण में किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषी पाया गया था? (घ) दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जाँच समिति द्वारा अपने जाँच में शिकायत प्रमाणित पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध संचालनालय के आदेश क्रमांक-स्था-2/सर्त-सी/रीवा/22/2015/1151-52 एवं 1153-54 भोपाल दिनांक 29.10.15 द्वारा श्री उमाकॉन्त द्विवेदी व्याख्याता एवं श्री राजेश्वरी प्रसाद मिश्र व्याख्याता, शा.उ.मा.वि. पुरौना जिला रीवा की विभागीय जाँच संस्थित की गई। जाँच प्रक्रियाधीन है। संचालनालय के आदेश क्रमांक-स्था-3/सर्त-/एच/03/01/रीवा/2015/865-866 दिनांक 29.05.15 द्वारा श्री शिवलाल अहिरवार प्रधानाध्यापक के विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच का जाँच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी रीवा द्वारा दिनांक 12.09.16 द्वारा संचालनालय को प्रेषित किया गया। वर्तमान में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) शेषांश उत्तरांश ''ख'' अनुसार। उत्तरांश ''ख'' अनुसार प्रक्रिया पूर्ण होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहायक शिक्षकों की पदोन्नति
[स्कूल शिक्षा]
110. ( क्र. 6051 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में वर्तमान में कितने सहायक शिक्षक प्रा. शाला एवं माध्यमिक शाला में पदस्थ हैं? जिनकों 25 से 35 वर्ष सेवा उपरान्त पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है? जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या 8-10 वर्षों की सेवा के बाद अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों को पदोन्नति दी जा रही है यदि हाँ, तो सहायक शिक्षकों को पदोन्नति नहीं दिये जाने के कारण सहित जानकारी दें? (ग) क्या शासन यथाशीघ्र सहायक शिक्षकों को पदोन्नति देगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों, जबकि सहायक शिक्षकों को पदोन्नति दिये जाने में वित्तीय भार भी नहीं पडेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) 263 सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शालाओं में पदस्थ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अध्यापक संवर्ग में पदोन्नति का पद उपलब्ध होने पर वरिष्ठता एवं अर्हता तथा 07 वर्ष का अनुभव होने पर पदोन्नत करने का प्रावधान है। भरती एवं पदोन्नति नियम 1973 में संशोधन दिनांक 04 अगस्त 2012 के अनुसार उच्च श्रेणी शिक्षकों के रिक्त पद उपलब्ध होने पर पात्रतानुसार सहायक शिक्षकों की पदोन्नति किए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में पदोन्नति संबंधी प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। मान. न्यायालय के निर्णयानुसार पदोन्नति संबंधी कार्यवाही नियमानुसार की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहायक शिक्षकों को समयमान वेतनमान का लाभ
[स्कूल शिक्षा]
111. ( क्र. 6052 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के हजारों कार्यरत सहायक शिक्षकों को 30-35 वर्षों की सेवा के उपरान्त भी उन्हें पदोन्नति नहीं मिली है? (ख) यदि हाँ, तो क्या सहायक शिक्षकों को भी प्रदेश के अन्य कर्मचारियों की भांति समयमान वेतनमान देने पर शासन विचार कर रहा है? (ग) यदि हाँ, तो, कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, भरती एवं पदोन्नति नियम 1973 में संशोधन दिनांक 04 अगस्त 2012 के अनुसार उच्च श्रेणी शिक्षकों के रिक्त पद उपलब्ध होने पर पात्रतानुसार सहायक शिक्षकों की पदोन्नति की कार्यवाही की जाती है। (ख) वर्तमान में सहायक शिक्षकों को समयमान वेतनमान देने का प्रावधान नहीं है। (ग) उत्तर 'ख' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चिकित्सा शिक्षिकों की सेवानिवृत्ति
[चिकित्सा शिक्षा]
112. ( क्र. 6055 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यरत चिकित्सा शिक्षिकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 68 वर्ष किये जाने हेतु दिनांक 19 फरवरी, 2016 को मंत्री परिषद् की बैठक में पारित प्रस्ताव को क्रियान्वित किया जा चुका है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो किस तिथि से क्रियान्वयन हुआ है? यदि नहीं, तो किस तिथि से क्रियान्वित किया जाना है? (ख) क्या चिकित्सा महाविद्यालय में 'भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद्, नई दिल्ली (एम.सी.आई.) द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार चिकित्सा शिक्षकों की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष की गई है? (ग) प्रदेश के 07 नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों में कितने अनुभवी चिकित्सा शिक्षकों की आवश्यकता है? (घ) क्या पूर्व से संचालित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा शिक्षकों की लगातार कमी चल रही है? इनकी पूर्ति के लिये चिकित्सा शिक्षकों की अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष किये जाने में क्या कठिनाई है? क्या इस संबंध में शासन विचार करेगा?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) जी हाँ। (ग) 07 नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों में एम.सी.आई. के नाम्र्स अनुसार 150 सीट के मान से विभिन्न विषयों में प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालयों में 156 चिकित्सकों की आवश्यकता है। 100 सीट के मान से 121 चिकित्सकों की आवश्यकता है। (घ) जी हाँ। रिक्त पदों की सीधी भर्ती/डी.पी.सी. से भरने की प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जाती है। विभागीय पदोन्नति के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के निर्णय दिनांक 30 अप्रैल, 2016 के विरूद्ध शासन द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली में प्रस्तुत अपील पर निर्णय अपेक्षित है। निर्णय पश्चात् आगामी कार्यवाही हो सकेगी। चिकित्सा शिक्षकों की अधिकतम आयु सीमा में वृद्धि का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
विभागीय छात्रावासों/आश्रमों का संचालन
[आदिम जाति कल्याण]
113. ( क्र. 6124 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों एवं आश्रमों हेतु वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) सामग्री क्रय में भंडार क्रय समिति के तुलनात्मक पत्रक क्या थे? क्या क्रय की गई सामग्रियों को सत्यापित किया गया? यदि हाँ, तो सत्यापन के ब्यौरे बतायें और क्रय की गई सामग्रियों के संबंध में प्राप्त शिकायतों एवं निराकरण से अवगत करायें। (ग) प्रश्नकर्ता के अतां प्रश्न क्रमांक-1915 दिनांक-02/12/2016 के प्रश्नांश (क) के परिशिष्ट-1 अनुसार उल्लिखित कुल-36 निरीक्षणों के प्रतिवेदन क्या थे? (घ) क्या बालिका छात्रावासों/आश्रमों में पुरूष अधीक्षक की नियुक्ति न करने एवं महिला अधीक्षकों के परिवारजनो के निवास न करने के शासनादेश/विभागीय निर्देश है? हाँ तो कटनी जिले के किन-किन बालिका छात्रावासों/आश्रमों में पुरूष अधीक्षक क्यों पदस्थ है एवं कौन-कौन महिला अधीक्षकों के परिवारजन कैसे निवासरत है? (ड.) प्रश्नांश (घ) बालिका छात्रावासों/आश्रमों में पुरूष अधीक्षकों की नियुक्ति एवं परिवार के निवास करने का जिला संयोजक द्वारा संज्ञान न लेने एवं निरीक्षण प्रतिवेदनों में इस अनियमितता को प्रतिवेदित न करने का कारण बतायें और इस पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) कटनी जिले में आदिवासी वर्ग के संचालित छात्रावासो एवं आश्रमों हेतु वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार प्राप्त हुई राशि एवं किस कार्य एवं क्या सामग्री, क्रय करने में व्यय की गई वर्षवार राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सत्यापन के ब्यौरे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'ब' अनुसार है। क्रय की गई सामग्री की शिकायत एवं निराकरण का जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'स' अनुसार है। (ग) कुल 36 निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'द' अनुसार, छात्रावास/आश्रमों के परिसर में साफ-सफाई, पेयजल पूर्ति हेतु पानी टंकी/नलों का सुधार एवं गर्मी से बचाव हेतु विद्युत पम्पों का सुधार तथा नाश्ता/भोजन मीनू अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। (घ) जी हाँ। विभागीय कन्या छात्रावासों/आश्रमों में महिला अधीक्षकों को पदस्थ किये जाने के निर्देश हैं, परन्तु परिवारजनों के निवास न करने के सम्बन्ध में शासन के कोई निर्देश नहीं हैं। विभाग अन्तर्गत कटनी जिले में किसी भी कन्या छात्रावास/आश्रमों में पुरूष अधीक्षक पदस्थ नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवजात शिशुओं का उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
114. ( क्र. 6126 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी-2016 से कटनी जिले में कितने बच्चों के जन्म का पंजीयन हुआ और कितने बच्चों का जन्म संस्थागत प्रसव के तहत हुआ? संस्थावार/ चिकित्सालयवार, माहवार बतायें, (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लिखित जन्में, शिशुओं/बच्चों में से कितने शिशुओं का जन्म के समय वजन लिया गया? कितने शिशुओं का वजन क्यों नहीं लिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में जिन शिशुओं का वजन लिया गया, उनमें कितने शिशु स्वास्थ्य की दृष्टि से कम वजन के पाये गये? शासन एवं स्थानीय प्रशासन/स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनके उपचार एवं विशेष पोषण हेतु क्या प्रयास किये गये? किये गये प्रयासों/कार्यों का क्या परिणाम रहा? संस्थावार/ चिकित्सालयवार बतायें, (घ) जनवरी-2016 से प्रश्न दिनांक तक, कम वजन के नवजात शिशुओं के उपचार एवं विशेष पोषण के लिये कटनी जिले को शासन द्वारा कितनी राशि, किस मद में प्रदाय की गई? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) कम वजन के जन्में शिशुओं के उपचार/पोषण हेतु प्राप्ति राशि का उपयोग/व्यय और जिले में जन्में कम वजन के शिशुओं के उपचार एवं स्वस्थ होने का अनुपात क्या निर्धारित मानकों के अनुरूप है? यदि हाँ, तो कैसे? विवरण देवें, यदि नहीं, तो संबंधितों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में कटनी जिले में 24393 बच्चों के जन्म का पंजीयन किया गया। संस्थागत प्रसव की संस्थावार एवं माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कुल जन्में शिशुओं 24393 में से 24210 शिशुओं का वज़न जन्म के समय लिया गया। घर पर प्रसव होने के कारण 183 शिशुओं का वज़न नहीं लिया गया। (ग) 3154 शिशु कम वज़न के पाये गये। कम वज़न के शिशु जिनका वज़न 1.5 कि.ग्रा. था, ऐसे नवजात शिशुओं को जिला चिकित्सालय, कटनी के एस.एन.सी.यू. के माध्यम से संस्था आधारित नवजात शिशु देखभाल सेवायें प्रदान की गई हैं। जिन बच्चों का वजन 1.5 से 2.5 कि.ग्रा. था उन बच्चों का ए.एन.एम./आशा द्वारा प्रोटोकॉल अनुसार गृहभेंट कर उपचार किया गया। कम वज़न वाले बच्चों को लगातार मॉ का दूध पिलाने हेतु मॉ को समझाईश दी गई। नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में उपचारित 192 शिशुओं में 42 शिशुओं की मृत्यु हई है, 21 शिशुओं को रेफर किया गया तथा 34 शिशु लामा हुये। 95 डिस्चार्ज किये शिशुओं का सालभर में 5 फॉलोअप किया गया। जिला चिकित्सालय, कटनी के एस.एन.सी.यू. में उपचार किये गये नवजात शिशुओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) प्रश्नावधि में कम वज़न के नवजात शिशुओं के उपचार के लिये कटनी जिले को प्रदाय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) जी हाँ। निर्धारित प्रोटोकाल्स अनुसार जाँच, उपचार एवं फॉलोअप की कार्यवाही पर नियमानुसार राशि का व्यय किया गया। मदवार आवंटन एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश की ई-लायब्रेरियों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
115. ( क्र. 6155 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ई-ज्ञान लायब्रेरियों की स्थापना म.प्र. के विभिन्न जिलों में की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब, किस योजनांतर्गत की गई? कहाँ-कहाँ संचालित है जिलेवार ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना के लिये योजना आंरभ से अब तक कितनी राशि का व्यय किस लायब्ररी में किस कार्य हेतु किया गया? जिलेवार, कार्यवार, वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) क्या कटनी जिले में लायब्रेरी के अतिरिक्त शालाओं में कम्प्यूटर उपलब्ध कराये गये? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी लागत से कम्प्यूटर उपकरण, फर्नीचर में कितना-कितना व्यय किस-किस शाला में हुआ है? क्या जिले की सभी शालाओं में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध है? यदि नहीं, तो विद्युत के अभाव में कम्प्यूटर का क्या औचित्य है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) अनुसार वर्तमान स्थिति क्या है? जिलेवार सामग्री एवं संसाधनों की क्या उपलब्धता है? क्या कभी इनका ऑडिट किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब विवरण देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' पर है। योजना अंतर्गत कम्प्यूटर, प्रिंटर, यू.पी.एस., फर्नीचर, कक्ष मरम्मत, विद्युत देयक, विज्ञप्ति हेतु जिलावार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' पर है। (ग) जी हाँ, कटनी जिले में लाईब्रेरी के अतिरिक्त 61 शासकीय माध्यमिक शालाओं में हेडस्टार्ट योजनाअंतर्गत कम्प्यूटर उपकरण उपलब्ध कराये गए है। जिले में 29 शासकीय माध्यमिक शालाओं में स्मार्ट क्लास योजनातर्गत लैपटॉप इत्यादि उपलब्ध कराये गए हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' पर है। जिले में हेडस्टार्ट योजना अंतर्गत 61 हेडस्टार्ट केन्द्रों में फर्नीचर हेतु रूपये 7,05,006/- रूपये की राशि व्यय की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'4' पर है। जी नहीं, जिले की सभी शालाओं में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध नहीं है किन्तु संचालित हेड स्टार्ट एवं स्मार्ट क्लास में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध है और कम्प्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। (घ) वर्तमान में जिलों में ई-ज्ञान लाईब्रेरी अक्रियाशील है। सामग्री है परन्तु कम्प्यूटर अधिक पुराने होने से इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। वर्ष 2016 में सभी हेडस्टार्ट एवं स्मार्ट क्लास का भौतिक सत्यापन करवाया गया है, जिसकी अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '3' में समाहित है। सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत संचालित योजनाओं को समेकित रूप से ऑडिट कार्य सनदीलेखाकार से प्रतिवर्ष कराया जाता है। साथ ही महालेखाकार, ग्वालियर द्वारा भी समय-समय पर ऑडिट किया जाता है।
जिले में घोषित परीक्षा परिणाम के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
116. ( क्र. 6156 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की शालाओं में विषयमान के आधार पर शिक्षकों का अभाव है? यदि हाँ, तो जिले में किस-किस विषय के कितने शिक्षकों की कमी है वर्ष 2014 से विकासखण्डवार विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शिक्षकों की कमी के कारण विगत शैक्षणिक सत्र में स्कूली संस्थाओं का परीक्षा परिणाम 28 प्रतिशत् ही रहा? क्या जिस विषय के शिक्षक उपलब्ध थे उन विषयों के परीक्षा परिणाम भी 25 से 50 प्रतिशत ही रहा? विषय के आधार पर पदस्थ शिक्षकों एवं परीक्षा परिणाम पत्रक विवरण विकासखण्डवार, संकुलवार, शालावार बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार 28 प्रतिशत परिणाम के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या इनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जी नहीं। मात्र एक शैक्षणिक संस्था शा. उत्कृष्ट उ.मा.वि. रीठी में वर्ष 2015-2016 में गणित विषय का अध्यापक पदस्थ होने पर भी प्रश्नांश अनुसार कक्षा 9वीं का परीक्षा परिणाम 28 प्रतिशत् रहा। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ग) न्यून परीक्षा परिणाम के लिये उत्तरदायी प्राचार्यो के विरूद्ध कारण बताओं सूचना पत्र जारी कर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। ।
ज्ञानोदय विद्या मंदिर नरसिंहगढ़ जिला दमोह के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
117. ( क्र. 6174 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ज्ञानोदय विद्या मंदिर स्कूल नरसिंहगढ़ जिला दमोह अपनी निजी भूमि/सरकारी भूमि पर स्थित है? (ख) ज्ञानोदय विद्या मंदिर स्कूल नरसिंहगढ़ में पदस्थ समस्त कर्मचारी, शिक्षक, खेल अधिकारी, प्राचार्य की जानकारी, योग्यता एवं शाला में पदस्थ होने की तारीख सहित जानकारी देंवे। (ग) क्या ज्ञानोदय विद्या मंदिर स्कूल के प्राचार्य, प्राचार्य पद की योग्यता शासन के नियमानुसार पूर्ण करते हैं। यदि नहीं, तो पदस्थ होने का कारण सहित जानकारी देवें। (घ) क्या प्राचार्य के विरूद्ध योग्यता संबंधी या अन्य कोई प्रकरण शासन स्तर पर चल रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। 'डायमण्ड सीमेण्ट' द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि पर संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।
चिकित्सालय का रोस्टर निरीक्षण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
118. ( क्र. 6203 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त सागर संभाग द्वारा जिला चिकित्सालय एवं बुंदेलखंड मेडीकल कॉलेज का आकस्मिक निरीक्षण कर जिला चिकित्सालय एवं बुंदेलखंड मेडीकल के बीच समस्त चिकित्सकों के बीच आपसी सामंजस्य बनाया जाकर बिना भेदभाव के मरीजों का इलाज करने तथा चिकित्सकों के द्वारा प्रायवेट क्लीनिकों में प्रेक्टिस पर रोक लगाये जाने के संबंध में क्या-क्या निर्देश दिये गये थे? (ख) क्या आयुक्त सागर संभाग के निरीक्षणोपरान्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्सालयों में मरीजों के इलाज एवं व्यवस्थाओं में कोई सुधार आया है? यदि हाँ, तो क्या और अब मरीजों को नियमित रूप से इलाज की पर्याप्त व्यवस्थायें हो गयी हैं? क्या चिकित्सकों की निजी प्रेक्टिस बंद हो गयी है? यदि हाँ, तो किन-किन चिकित्सकों की? उनके नाम बतावें। (ग) यदि हाँ, तो क्या जिला चिकित्सालय एवं बुंदेलखण्ड मेडीकल कॉलेज की व्यवस्थाओं में इसी प्रकार के और सुधार के लिये वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरंतर निरीक्षण एवं निगरानी हेतु रोस्टर निरीक्षण में प्रावधान किया गया है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय में मरीजों का यथोचित उपचार किये जाने की पर्याप्त व्यवस्था है एवं व्यवस्थाओं निरंतर सुधार लाया जा रहा है। चिकित्सकों से प्राप्त घोषणा-पत्र अनुसार एन.पी.ए. लेने वाले चिकित्सक निजी प्रेक्टिस नहीं कर रहे है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।
अकादमिक निरीक्षण
[स्कूल शिक्षा]
119. ( क्र. 6206 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में प्रायमरी से लेकर हायर सेकेण्डरी स्तर तक की शालाओं के नियमित अकादमिक एवं आकस्मिक निरीक्षण न होना शिक्षा के गिरते स्तर का एक कारण है? (ख) यदि नहीं, तो बतावें कि स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत निरीक्षण रोस्टर एवं विभागीय निर्देशों के अनुसार संयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकेन्ड्ररी स्तर तक तथा विकासखंड शिक्षा कार्यालयों के वर्ष में कितने-कितने आकस्मिक एवं अकादमिक निरीक्षण करने का तथा शिक्षा पोर्टल पर दर्ज करने का प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या उक्त अधिकारियों द्वारा शिक्षा सत्र 2016-17 में निर्धारित संख्या अनुसार अकादमिक और आकस्मिक निरीक्षण किये जाकर शिक्षा पोर्टल पर दर्ज किये गये है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या रोस्टर के अनुसार एवं विभागीय निर्देशों के अनुसार अकादमिक एवं आकस्मिक निरीक्षण न करने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो क्या? विगत शिक्षा सत्र में एवं वर्तमान शिक्षा सत्र में कितने अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है? यदि कार्यवाही नहीं की गयी है तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) संयुक्त संचालक/जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रति सप्ताह 2 के मान से माह में 8 शालाओं का निरीक्षण किये जाने के निर्देश हैं। जी हाँ। (ग) निरीक्षण प्रतिवेदन पोर्टल पर संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण एवं जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा अपलोड किये गये हैं। जिनके द्वारा अपलोड नहीं किये उनके द्वारा लिखित में प्रतिवेदन उपलब्ध कराये हैं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संबंधित अधिकारियों द्वारा विभागीय निर्देशानुसार शालाओं का निरीक्षण किया जाता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालनालय आयुष में नियुक्ति एवं पदोन्नति
[आयुष]
120. ( क्र. 6215 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय आयुष में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के पदोन्नति कोटे के पदों में से नियमित पदोन्नति से भरे एवं रिक्त पदों की संवर्गवार, पदवार जानकारी देवें। (ख) क्या संचालनालय के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकांश पदों के विरूद्ध प्रभारी अधिकारी/ओ.एस.डी. पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन, कब से पदस्थ हैं? पदस्थ प्रभारी अधिकारी/ओ.एस.डी. के मूल पदनाम भी बतायें। (ग) क्या संचालनालय के रिक्त उच्च पदों के विरूद्ध की गई पदस्थापनाएं जी.ए.डी. के निर्देशानुरूप वरिष्ठता क्रमानुसार की गई हैं? यदि नहीं, तो क्या फीडिंग कैडर में योग्य वरिष्ठ अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं? (घ) क्या प्रथम श्रेणी पद के विरूद्ध द्वितीय श्रेणी के बहुत जूनियर होम्योपैथिक चिकित्सक को ओ.एस.डी. बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्या इनके प्रभार के कार्यों में सहयोग हेतु इनसे सीनियर अधिकारियों को लगाना पड़ता है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों को कब से कब तक लगाया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से पदस्थापना की गई है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत पद न होने के बावजूद पदांकन विषयक
[स्कूल शिक्षा]
121. ( क्र. 6219 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर के आदेश क्रमांक/स्थाना./स्था 3/2015/7151 जबलपुर दिनांक 11.6.2015 के द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थ दो सहायक शिक्षकों का पदांकन राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान एवं अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर में किया गया? (ख) क्या उक्त संस्थानों में प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों के सहायक शिक्षकों पद है? यदि नहीं, तो क्या उक्त शिक्षकों का पदांकन निरस्त करते हुए उन्हें पूर्व अनुसार पदस्थ किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण परीक्षणाधीन है। परीक्षणोपरान्त गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
आयुक्त, लोक शिक्षण के आदेश का उल्लंघन
[स्कूल शिक्षा]
122. ( क्र. 6220 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. के आदेश क्रमांक/स्था-1/राज/पी/522/2015-16/36 भोपाल दिनांक 07/01/2016 के तहत राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान जबलपुर के दो व्याख्याताओं की पदोन्नति सह स्थानांतरण हाई स्कूल प्राचार्य के पद पर की गयी थी? (ख) क्या उक्त व्याख्याताओं ने स्थानांतरित शालाओं में प्राचार्य पद का कार्यभार ग्रहण किया? यदि नहीं, तो क्या इन्होंने पूर्व पदांकित संस्था में ही विभाग के आदेश के बगैर प्राचार्य पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश में कोई संशोधन किया गया था? यदि संशोधन किया गया हो तो उसकी प्रति उपलब्ध कराएं? (घ) क्या उक्त व्याख्याताओं ने अपने पदोन्नति से संबंधित सभी अवैध प्रविष्ठियां अपनी सेवा पुस्तिका में करवा ली हैं तथा अभी भी पूर्व संस्था में ही कार्यरत हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। डॉ. ज्योति तारे व्याख्याता के न्यायालयीन प्रकरण डब्ल्यू.पी. 2977/2016 में पारित निर्णय दिनांक 15.02.16 का निराकरण आदेश क्र. 166-167, दिनांक 08.02.17 के द्वारा किया गया, परन्तु उनके द्वारा प्राचार्य हाई स्कूल के पद पर पदोन्नति का परित्याग किया गया है। डॉ. राजेश पाण्डे व्याख्याता के न्यायालयीन प्रकरण डब्ल्यू.पी. 1260/16 में पारित निर्णय दिनांक 28.01.16 का निराकरण आदेश क्र. 168-169, दिनांक 08.02.17 के द्वारा किया गया। इन्हें संस्था प्रमुख द्वारा प्राचार्य हाई स्कूल लोहकरी जबलपुर के लिए कार्य मुक्त नहीं किया गया। (ग) जी नहीं। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संबंधितों की सेवापुस्तिका में कांट-छांट एवं गलत प्रविष्टियाँ पाई गई। दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। संबंधित लोक सेवकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिकाओं में पारित अंतरिम निर्णय के अध्याधीन अद्यतन पूर्व संस्था में ही कार्यरत है।
आवंटित बजट का उपयोग
[आदिम जाति कल्याण]
123. ( क्र. 6227 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग में वर्ष २०१५-२०१६ एवं २०१६-२०१७ में वेतन एवं भत्तों को छोडकर किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? मदवार एवं वर्षवार अलग-अलग जानकारी दें? (ख) प्राप्त आवंटन में किस-किस मद की कितनी-कितनी राशि का उपयोग/व्यय किस-किस कार्य पर किया गया? आदिम जाति कल्याण से संबंधित एवं अनुसूचित जाति कल्याण से संबंधित अलग-अलग जानकारी दें? (ग) यदि उक्त वर्षों में सामग्री क्रय की गई है तो कितनी राशि की सामग्री किस-किस एजेन्सी से क्रय की गई है? (घ) सामग्री क्रय करने के संबंध में भण्डार क्रय नियम क्या है? क्या इन नियमों का पालन हुआ है? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अंतर्गत मदवार आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) योजनावार व्यय/उपयोग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 में उच्चतर माध्यमिक शाला तथा हाई स्कूल मद में आवंटित राशि रूपये 28244000/- में से कुल 17979088/- की सामग्री क्रय की गई तथा वर्ष 2016-17 में आवंटित राशि 19184000/- में से कुल राशि रूपये 12583394/- की सामग्री क्रय की गई। सामग्री का क्रय लघु उद्योग निगम के माध्यम से भण्डार क्रय नियमों के तहत किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार छात्रावास/आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों को अस्थाई सामग्री क्रय हेतु राशि उनके व्यक्तिगत बैंक खातों में आर.टी.जी.एस. से अंतरण की गई है। सामग्री का क्रय विद्यार्थी के व्यक्तिगत उपयोग हेतु विद्यार्थी एवं उनके पालक द्वारा किया जाता है एवं स्थाई सामग्री का क्रय छात्रावास एवं आश्रमों में गठित पालक समिति द्वारा किया जाता है। राशि विद्यार्थी/समिति के बैंक खातो में आर.टी.जी.एस से अंतरित की गई है। शेष विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियमों के तहत् शासनादेश अनुसार नियमों का पालन किया गया है।
अल्पसंख्यकों के विकास की योजनाएं
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
124. ( क्र. 6229 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा अल्पसंख्यकों के विकास के लिए क्या-क्या योजनायें लागू की गई हैं? उसकी सूची दी जावे. (ख) विगत एक वर्ष में बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम पंचायत बागदा बुजुर्ग में अल्प संख्यक समुदाय के कब्रिस्तान के लिए कब-कब प्रस्ताव भेजे गए हैं एवं विभाग द्वारा प्राप्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई है। कब्रिस्तान के लिए विभाग द्वारा कितनी राशि का प्राक्कलन वरिष्ठ को भेजा गया है? वित्त वर्ष 2017 एवं 2018 में खरगोन जिले में अल्पसंख्यकों के विकास हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में जमा प्राप्त हुई है एवं प्राप्त राशि को विभाग द्वारा कहा कहा व्यय किया गया है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत बागदा बुजुर्ग में अल्पसंख्यक समुदाय के कब्रिस्तान पर बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का प्रस्ताव माह जनवरी 2016 में विभाग को प्राप्त हुआ। विभाग द्वारा जिले से प्राक्कलन बुलाया गया। कलेक्टर खरगोन से राशि रूपये 11.26 लाख प्राक्कलन प्राप्त हुआ हैं। वर्ष 2016-17 में योजना में राशि शेष न होने से प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किया गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 में बजट स्वीकृति की कार्यवाही अभी प्रचलन में है। अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
समयमान वेतनमान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
125. ( क्र. 6271 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के गांधी स्मारक चिकित्सालय में कितने कर्मचारी आकस्मिक निधि के अंतर्गत शासन को सेवाएं कब से दे रहे है? पदवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों में से कितने कर्मचारियों को नियमित किया गया? नियमित किये गए कर्मचारियों की जानकारी देते हुए बतावें कि इनको कितना वेतनमान दिया जा रहा है? शासन के नियमानुसार १० वर्ष एवं २० वर्ष के साथ ३० वर्ष की सेवा पूर्ण किये जाने पर समयमान वेतनमान के लाभ दिये जाने का प्रावधान है? यदि है तो इनमें से किन-किन को इसका लाभ दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या म.प्र. शासन वित्त विभाग भोपाल द्वारा क्रमांक एफ ११-१३/१६६१/२०१६/नियम/४ भोपाल दिनांक २१.९.२०१६ द्वारा कार्यभारित एवं आकस्मिक निधि से वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को १.१.२०१६ से समयमान वेतनमान लागू किये जाने का आदेश जारी किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में गांधी स्मारक चिकित्सालय में कार्यरत आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारी जो नियमित हो चुके है जिनकी सेवाएं १० वर्ष से ऊपर हो चुकी हैं उनको इसका लाभ दिलायेंगे? चूंकि इनकी सेवाएं आकस्मिक निधि अनुसार १० वर्ष पूर्ण के बाद नियमितीकरण किया गया है, परंतु इनको समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को आकस्मिक निधि की कार्यावधि पूर्ण होने के बाद समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया, इस हेतु क्या शासन द्वारा आदेशित किया जायेगा? नियमितीकरण के पूर्व की सेवाओं के आधार पर इनकी नौकरी की अवधि १० वर्ष एवं २० वर्ष पूर्ण हो चुकी है? फिर भी समयमान वेतनामन का लाभ नहीं दिया गया, क्यों? दिया जायेगा तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कलेक्टर दर पर वेतन दिलाये जाने एवं नियमितीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
126. ( क्र. 6272 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में संचालित अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावासों में सफाई कर्मचारियों को मासिक मजदूरी दो हजार रूपये के दर पर दिया जा रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो अन्य विभाग में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को कलेक्टर दर की मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है? श्रम विभाग जिला रीवा द्वारा श्रम आयुक्त शासन इंदौर के ज्ञापन क्रमांक 6/11/ अन्वे./पाँच/2016/38690-989 इंदौर दिनांक 01/10/2016 के माध्यम से अनुसूची (अ) एवं (ब) अनुसार कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी वर्गवार तय की गई, जिसके संबंध में उपरोक्त आदेश जारी किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश डब्लू.पी.नं. 3491/2012 (एस) के माध्यम से विधि संगत कार्यवाही का आदेश पारित किया गया, जिसके संबंध की जानकारी माननीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों को समय-समय पर दी गई, लेकिन कार्यवाही लंबित है? लंबित है तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों को प्रश्नांश (ख) अनुसार कलेक्टर दर अथवा श्रम आयुक्त इंदौर के आदेश के पालन में कार्यालय कलेक्टर (श्रम) जिला रीवा के आदेश के पालन में न्यूनतम वेतन देने का आदेश जारी करायेंगे? करायेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अंतर्गत सफाई कर्मचारियों के पद कलेक्टर दर पर स्वीकृत नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ग) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 5.3.2012 के पालन में याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन का निराकरण जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण, रीवा के आदेश क्रमांक स्थापना/12-13/3215, दिनांक 20.11.2012 से किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों/अधिकारियों के सेवा भर्ती नियम
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
127. ( क्र. 6285 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत संचालित विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों की भर्ती हेतु सेवा नियम कानून, सेवा शर्तें कब-कब, क्या-क्या बनाई हैं? इनके मानदेय, वेतन का निर्धारण, वार्षिक अभिवृद्धि, पदोन्नति, नियमितीकरण का क्या प्रावधान है। इस संबंध में केन्द्र शासन ने कब-कब क्या गाइड लाइन निर्धारित की? (ख) प्रश्नांश (क) में सेवारत कर्मचारियों/अधिकारियों की सेवा शर्तों में सुधार व समस्याओं का निराकरण हेतु कब कौन सी कमेटी गठित की गयी? उक्त कमेटी द्वारा कर्मचारियों की मांगों पर क्या-क्या निर्णय किए? उक्त संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तों में क्या-क्या सुधार किये गये वर्ष 2016-17 की जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नांश के संबंध में वर्ष 2013 में मानव संसाध मैन्युअल बनाया गया तथा वर्ष 2014, 2016 एवं 2017 के दौरान इसमें संशोधन किया गया। इनके मानदेय, वेतन का निर्धारण तथा वार्षिक अभिवृद्धि, भारत सरकार द्वारा स्वीकृत आर.ओ.पी. (कार्ययोजना) के आधार पर निर्धारित की जाती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में पदोन्नति एवं नियमितीकरण का प्रावधान नहीं है। इस संबंध में केन्द्र शासन द्वारा प्रतिवर्ष आर.ओ.पी. (कार्ययोजना) की स्वीकृति दी जाती है। (ख) वर्ष 2016-2017 में कोई कमेटी का गठन नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संविदा कर्मचारियों की सेवा-शर्तों में मानव संसाधन मैन्युअल की कंडिका क्रमांक 6 में ई.पी.एफ. कटौत्रा का लाभ, कंडिका क्रमांक 7 में 180 दिवस का प्रसूति अवकाश, 15 दिवस का पितृत्व अवकाश, कंडिका क्रमांक 8 व 9 में युक्तियुक्तकरण/ स्थानान्तरण तथा कंडिका क्रमांक 15 में संविदा कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि रूपये 1,50,000/- मृतक के संबंधी को दिए जाने का प्रावधान हैं। इसके अतिरिक्त कार्य आधारित मूल्यांकन एवं दक्षता आंकलन प्रक्रिया से किसी कर्मचारी को सेवा से नहीं हटाया जायेगा तथा जिन पदों पर कर्मचारी कार्यरत है उन पदों की समाप्ति के प्रस्ताव पी.आई.पी. में नहीं भेजे जायेंगे।
जिला शिक्षा कार्यालयों में शासकीय खातो में जमा राशि पर ब्याज
[स्कूल शिक्षा]
128. ( क्र. 6294 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम, नीमच, जिलों में 1 जनवरी 2013 से स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यालय जिला-शिक्षा, जिला शिक्षा केंद्र, डाईट में कितनी-कितनी राशि विभिन्न कार्यों (वेतन को छोड़कर) हेतु किस-किस दिनांक को विभाग या अन्य स्त्रोत से प्राप्त हुई? उसे कहाँ-कहाँ पर खर्च किया गया? विभागीय कार्यालयीन खातों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त राशि पर कितना ब्याज किस-किस कार्यालय को प्राप्त हुआ और उसे किन कार्यों हेतु उपयोग में लिया गया? (ग) क्या वित्त विभाग के पत्र क्रमांक एफ 9-3/2017/नियम/4 दिनांक 17 फरवरी 2017 को 1.1.2005 के बाद नियुक्त म.प्र शासन के अधिकारी/कर्मचारियों को नवीन पेंशन योजना अन्तर्गत दिए गये एरियर राशि का 10% प्रान खाते में जमा करने के आदेश विभाग को प्राप्त हुए है? क्या यह आदेश अध्यापक संवर्ग पर भी लागू होगा, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त जिलों में उक्त कार्यालयों के संबंध में शासकीय राशि की अनियमितता को लेकर कितनी शिकायत किस-किस के द्वारा की गयी? उस पर क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' पर है। (ग) जी हाँ। संदर्भित योजना शासकीय कर्मचारियों पर लागू होने के कारण, अध्यापक संवर्ग पर लागू नहीं है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आयुष विभाग में कार्यरत चिकित्सकों को अव्यवसायिक भत्ता
[आयुष]
129. ( क्र. 6295 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष विभाग में कार्यरत चिकित्सकों को अव्यवसायी भत्ता सुविधा लागू है? यदि हाँ, तो क्या औषधालयों में पदस्थ चिकित्सकों को भी अव्यवसायी भत्ते की पात्रता आती है? यदि नहीं, तो किस स्तर के चिकित्सकों को पात्रता है? अव्यवसायी भत्ता स्वीकृत करने हेतु सक्षम प्राधिकारी का पदनाम बतायें? (ख) क्या संचालनालयीन स्थापना में ओ.एस.डी. के पद पर पदस्थ होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डॉ. जे.के. गुप्ता को प्रशासकीय कार्य संपादन के आधार पर आयुक्त आयुष के आदेश दिनांक 22/11/2011 से अव्यवसायी भत्ता स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो डॉ. गुप्ता कब से कब तक प्रशासकीय पद पर पदस्थ रहे? क्या तत्समय डॉ. गुप्ता को संचालनालय से बाहर स्थानान्तरित किया गया था? यदि हाँ, तो किस पद पर, कब, कहाँ के लिए? (ग) क्या संचालनालय से स्थानान्तरण पश्चात् औषधालयीन चिकित्सीय पदस्थापना अवधि का भी अव्यवसायी भत्ता डॉ. जे.के. गुप्ता के द्वारा प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो क्या सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त की गई? यदि नहीं, तो क्यों? डॉ. जे.के. गुप्ता को औषधालयीन चिकित्सीय पदस्थापना अवधि में अव्यवसायी भत्ते की पात्रता नहीं होने के बावजूद उक्त मद में नियम विरूद्ध भुगतान कर शासन को वित्तीय हानि पहुचाने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या कार्यवाही की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। प्रशासनिक पदों पर कार्यरत चिकित्सकों को। विभागाध्यक्ष। (ख) जी हाँ। दिनांक 29/08/2011 से 16/07/2012 तथा 19/05/2015 से आज दिनांक तक। जी हाँ। शासकीय होम्योपैथी औषधालय, चनाकोठार, ग्वालियर में होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के पद पर दिनांक 16/07/2012 को। (ग) जी हाँ। जी नहीं। संचालनालय के अंतिम वेतन प्रमाण-पत्र में उल्लेख होने से। तत्कालीन आहरण एवं संवितरण अधिकारी ग्वालियर। नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी
सहायक शिक्षकों की पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान
[स्कूल शिक्षा]
130. ( क्र. 6298 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक शिक्षकों जिनकी सेवा अवधि 25 से 36 वर्षों की हो गई है, उसके पश्चात् भी उन्हें एक भी पदोन्नति नहीं दी गयी है, जबकि इनमें से अधिकांश सहायक शिक्षक पदोन्नति की सभी योग्यताएं रखते हैं और यदि विभाग के द्वारा इन्हें पदोन्नति दी जाती है तो शासन के ऊपर किसी भी प्रकार का वित्तीय भार भी नहीं आता, यदि हाँ, तो इन सहायक शिक्षकों को अभी तक पदोन्नति क्यों नहीं दी गयी? (ख) क्या इन सहायक शिक्षकों को पदोन्नत करने की शासन की कोई योजना है? यदि नहीं, तो कब तक इन्हें पदोन्नति दे दी जावेगी? (ग) सहायक शिक्षकों के लिये पदोन्नति के नवीन पद कैसे उपलब्ध कराये जावेंगे? इस हेतु शासन की क्या योजना है? (घ) क्या विभाग के सहायक शिक्षक/सहायक अध्यापक/शिक्षक/अध्यापक को भी समयमान वेतनमान दिया जावेगा? यदि नहीं, तो कब तक दे दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, भरती एवं पदोन्नति नियम 1973 में संशोधन दिनांक 04 अगस्त 2012 के अनुसार उच्च श्रेणी शिक्षकों के रिक्त पद उपलब्ध होने पर पात्रतानुसार सहायक शिक्षकों की पदोन्नति की कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तर 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में सहायक शिक्षक/सहायक अध्यापक/शिक्षक/अध्यापक को समयमान वेतनमान देने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र प्रारम्भ करना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
131. ( क्र. 6299 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 1092 दिनांक 13.07.2016 के द्वारा विकासखण्ड खाचरौद में 11 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्रदान की थी किन्तु आज दिनांक तक भी स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्र प्रारम्भ नहीं हुए है? (ख) इन स्वीकृत नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों को कब तक प्रारम्भ कर दिये जावेगे? (ग) इन स्वीकृत नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्टॉफ एवं भवन की व्यवस्था कब तक हो जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, विभाग के पत्र क्रमांक एफ 12-29/2015/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 21.06.2016 के द्वारा विकासखण्ड खाचरौद में 11 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्रदान की थी, जो अभी तक प्रारम्भ नहीं हुये है। (ख) यथाशीघ्र, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं। (ग) नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन किराये के भवनों में किया जावेगा। भवनों की उपलब्धता अनुसार स्टॉफ की व्यवस्था की जावेगी।
ग्रामीण एवं शहरी चिकित्सालयों में घोषित योजनाओं का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
132. ( क्र. 6318 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में गुना जिले में स्वीकृत स्टॉफ से कम कौन-कौन से स्थानों पर कौन-कौन से पद रिक्त हैं? रिक्त पदों के बाद भी विभाग में घोषित योजनाओं का संचालन किस रीति से किसके द्वारा कराया जाता है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों की पूर्ति एवं संचालन विभाग में निर्धारित योग्यता के स्टॉफ से कराया जाता है कि नहीं? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें और यह भी बतायें कि उनकी पूर्ति कब और कैसे होगी। (ग) गुना जिले में अन्य जिलों की अपेक्षा कितना स्टॉफ कम है और ऐसी कौन-सी योजनाएं हैं जो इस जिले में संचालित नहीं हैं तथा योग्यता न रखने वाले कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन कर रहे हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की पूर्ति विभाग करायेगा और विगत एक वर्ष में जिम्मेदार लोगों द्वारा योजनाओं के संचालन में जो अनियमितता की है, उन पर कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग में घोषित योजनाओं का संचालन विधिवत रीति अनुसार निर्धारित योग्यताधारी कर्मचारी से कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन द्वारा संचालित समस्त योजनायें जिले में योग्यताधारी कर्मचारियों से ही संचालित की जा रही है। (घ) विभाग के अधीन रिक्त पदों की पूर्ति लोक सेवा आयोग एवं व्यापमं के माध्यम से निरंतर जारी है। जी नहीं, जिले में संचालित योजनाओं के संचालन में कोई भी अनियमितता होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संकुल प्राचार्यों से राशि की वसूली
[स्कूल शिक्षा]
133. ( क्र. 6326 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक शिक्षण संचनालय म.प्र. गौतम नगर भोपाल के पत्र क्र./सी.क./डी./2016/1547 भोपाल दिनांक 27-05-2016 से समस्त जिला शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी से प्रपत्र में चाही गई उक्त जानकारी रीवा जिले के किन-किन संकुल प्राचार्यों द्वारा जमा की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आदेशानुसार जारी प्रपत्र के परिपालन में रीवा जिले के किन-किन संकुल प्राचार्यों, से अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली प्रारम्भ कर दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो उक्त आदेश का पालन न करने वाले दोषी प्राचार्यों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) उक्त आदेशानुसार अधिक भुगतान की गई राशि की कटौती कब तक प्रारम्भ कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) संचालनालय के पत्र क्रमांक शि.क./डी/2016/1547, दिनांक 27.05.2016 जारी नहीं किया गया है अपितु पत्र क्रमांक/शि.क./डी/2016/1547, दिनांक 27.08.2016 जारी किया गया था। म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय द्वारा जारी आदेश दिनांक 28.11.2011 के क्रम में गुरूजी को संविदा शाला शिक्षक/शिक्षाकर्मी या सहायक अध्यापक के अनुरूप वेतनमान की पात्रता नहीं आती है। रीवा जिले में समरूप प्रकरणों का निराकण किया गया है। किसी भी गुरूजी को समान कार्य समान वेतन का लाभ नहीं दिया गया है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सी.एम.एच.ओ. कार्यालय रीवा में प्रशिक्षणों में व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
134. ( क्र. 6327 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सी.एम.एच.ओ. कार्यालय रीवा में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक आशा, दक्षता, आर.डी.एस. के प्रशिक्षण में तथा दवा, स्टेशनरी सप्लाई के लिए विभाग द्वारा कितना-कितना बजट प्रदान किया गया? प्रदान राशि की जानकारी, व्यय राशि की जानकारी वर्षवार देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त बजट राशि के व्यय में उक्त अवधि में पदस्थ सी.एम.एच.ओ., डी.सी.ए., डाटा इन्ट्री ऑपरेटर, आई.सी. सलाहकार की विभिन्न सप्लाईयों में संलिप्तता पाई गई है, जिस पर मिशन संचालक एन.आर.एच.एम. भोपाल को प्राप्त शिकायत में जाँच दल गठित कर जाँच कराई जा रही है? यदि हाँ, तो गठित दल की सूची जाँच हेतु प्राप्त पत्र की प्रति के साथ देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में भ्रष्टाचार के संबंध में किन-किन अधिकारियों की कब-कब क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा किसी व्यक्ति विशेष फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए कौन अधिकारी दोषी है, उसके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या डॉ. बी.एन. शर्मा तथा डॉ. एस.के. त्रिपाठी के विरूद्ध आर्थिक अपराध शाखा व लोकायुक्त में भी अपराध दर्ज हैं? उक्त अपराधों की वर्तमान स्थिति क्या है? जाँच पूरी कर न्यायालय में चलान पेश किया गया है कि नहीं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शिकायत पत्र एवं गठित जाँच दल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) डॉ. बी.एन. शर्मा, तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, श्री देवेन्द्र पटेल डाटा एन्ट्री आपरेटर, श्री नरेन्द्र पटेल डी.सी.एम. एवं सर्वोदय विंध्य विकास समिति के कोषाध्यक्ष श्री शशि मिश्रा की शिकायत दिसम्बर 2016 में प्राप्त हुयी थी। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) डॉ. बी.एन. शर्मा एवं डॉ. एस.के. त्रिपाठी के विरूद लोकायुक्त में प्रकरण पंजीबद्ध है। डॉ. बी.एन. शर्मा के विरूद्ध विभागीय जाँच पूर्ण कर कार्यवाही शासन स्तर पर विचाराधीन है तथा डॉ. एस.के. त्रिपाठी के विरूद्ध उन्हे आरोप पत्रादि जारी करते हुये कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत नियमानुसार संबंधितों के विरूद कार्यवाही अथवा न्यायालय में चालान प्रस्तुति का निर्णय लिया जा सकेगा।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुक्कड़ जातियों की जानकारी
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
135. ( क्र. 6357 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवास जिले के खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में कितनी जातियाँ घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों की श्रेणी में शामिल की गई है इनके नाम बताएं? (ख) क्या इन जातियों को आवास एवं पट्टा दिये जाने की कोई योजना सरकार के पास विचाराधीन है क्यों? (ग) अभी तक इन जातियों के कितने परिवारों को खाद्य एवं अन्य योजनाओं का लाभ दिया गया है? (घ) क्या इन जातियों के बच्चों के लिये पृथक से स्कूल खोलने विभाग की योजना है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) म.प्र. शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग का ज्ञाप क्रमांक 6209-XXY/Gen/IK/63 दिनांक 21 सितम्बर 1963 द्वारा जारी 51 विमुक्त घुमक्क्ड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों में देवास जिले के खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में बंजारा, बागरी, धनगर, जोगी, गाडिया लोहार, लोह पिट्टा एवं शिकलीगर जातियां घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों में शामिल है। (ख) जी हाँ। विमुक्त घुमक्क्ड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ के हितग्राहितयों के लिये विभाग द्वारा विमुक्त जाति आवास योजना संचालित है। देवास में आयोजित विमुक्त घुमक्क्ड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति योजनाओं के प्रशिक्षण एवं सम्मेलन दिनांक 23.12.2016 में माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा आवास एवं प्लॉट दिये जाने की घोषणा की गई है। कार्यवाही अभी प्रचलन में है। (ग) विमुक्त, घुमक्क्ड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग के लिये विमुक्त जाति आवास निर्माण योजनान्तर्गत खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में ग्राम पानपाट के 03 बंजारा जाति के हितग्राहियों को वर्ष 13-14 में लाभांवित किया गया, साथ ही स्वरोजगार योजनान्तर्गत वर्ष 2009-10 में 10 हितग्राही वर्ष 2010-11 में 03 हितग्राही एवं वर्ष 2012-13 में 30 बंजारा हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। इस वर्ग के सभी राशन कार्ड धारी परिवारों को राज्य शासन की योजनान्तर्गत निर्धारित दरों पर खाद्यान सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। (घ) जी नहीं।
छात्रवृत्ति प्रदान बाबत्
[स्कूल शिक्षा]
136. ( क्र. 6374 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के शिक्षा विभाग द्वारा संकुल महारानी लक्ष्मी बाई हायर सेकेण्ड्री छतरपुर को वर्ष 2013-14, 2014-15, 2016-17 की छात्रवृत्ति जारी की गई थी, हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त संस्था के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान कर खाते में डाली जा चुकी है? यदि हाँ, तो किनती राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी गई? (ग) क्या समय पर छात्रवृत्ति समय पर प्रदान न कर पाने वाले संकुल अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) जी नहीं.।
समेकित
छात्रवृत्ति
योजना
अंतर्गत
छात्रवृत्ति
की राशि शाला
को आवंटित न
की जाकर छात्रवृत्ति
के ग्लोबल फंड
में उपलब्ध
रहती है। (ख) समेकित
छात्रवृत्ति
योजना
अंतर्गत शास.
म.ल.बा.क.उ.मा.वि
छतरपुर में
निम्न विवरण
अनुसार
छात्रवृत्ति
की राशि
संबंधित
पात्र
हितग्राहियों
के खातों में
अंतरित की गई
है।
वर्ष छात्रवृत्ति
की भुगतान की
गई राशि
2013-14 631775.00
2014-15 824860.00
2016-17 1415350.00
(ग) शास.म.ल.बा.क.उ.मा.वि
छतरपुर में
वर्ष 2013-14
एवं 2014-15
में पात्र
छात्राओं को
छात्रवृत्ति
की राशि हितग्राहियों
के खाते में
अंतरित की जा
चुकी है। वर्ष
2016-17
में संस्था
अंतर्गत 06
छात्राओं के
बैंक खाते
त्रुटिपूर्ण
होने के कारण
छात्रवृत्ति
का भुगतान नहीं
किया जा सका। छात्राओं
से संशोधित/नवीन
बैंक खाते
प्राप्त होने
पर संबंधित
छात्राओं को
छात्रवृत्ति
भुगतान किया
जा सकेगा। अतः
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
निलंबन नियम
[स्कूल शिक्षा]
137. ( क्र. 6375 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के शासकीय शिक्षा स्कूल के कार्यालयों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी को निलंबन करने से पूर्व कारण बताओं नोटिस जारी कर अपना पक्ष समर्थन करने का अवसर दिये जाने का प्रावधान है है, तो तत्संबंधी दिशा निर्देश/प्रावधान की प्रति पटल पर रखते हुए स्पष्ट उत्तर प्रस्तुत करें? (ख) क्या जिला टीकमगढ़ में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा माह जनवरी 2017 में जिले में पदस्थ कर्मियों के निलंबन आदेश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो उक्त माह में निलंबित किये गये कर्मचारियों के नाम, मूल पद, पदस्थापना स्थल की सूची के साथ-साथ प्रसारित निलंबन आदेशों की सत्यप्रतियाँ अवलोकनार्थ प्रस्तुत करें? (ग) क्या उक्त दिशा निर्देशों/प्रावधान के अनुसार उक्त कर्मचारियों को निलंबित करने से पूर्व अपना पक्ष समर्थन करने हेतु कारण बताओं नोटिस जारी कर अवसर दिया गया है यदि हाँ, तो उक्त सूची में लेख कर्मचारियों को जारी किये गये नोटिसों की प्रतियाँ, पावती सहित पटल पर अवलोकनार्थ प्रस्तुत करें यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है, दोषियों के नाम/पदनाम उल्लेख करें? (घ) शासन प्रतिकूल/दूषित निलंबन आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए शासन के दिशा-निर्देशों की अनदेखी कर मनमानी रवैया अपनाने वाले उक्त दोषियों की तत्काल संचयी प्रभाव से दो वार्षिक वेतनवृद्धियों रोकने के आदेश जारी करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास
[आदिम जाति कल्याण]
138. ( क्र. 6420 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित वर्तमान में कितने प्रीमेट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावास हैं? उक्त छात्रावासों में आवश्यक सामग्री क्रय करने के क्या प्रावधान है? प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या सामग्री क्रय करने हेतु विज्ञापन या ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की जाती है यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी निविदाएं प्राप्त हुई? उनमें से किस फर्म की निविदा स्वीकृत की गई? स्वीकृत फार्म से कितनी राशि की सामग्री का क्रय किया गया? (ग) क्या विभाग द्वारा स्वीकृत फार्म से क्रय की जा रही सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण हेतु कोई समिति गठित की गई है? यदि हाँ, तो समिति द्वारा गुणवत्ता का परीक्षण कब-कब किया गया? यदि नहीं, तो समिति द्वारा सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण नहीं करने का क्या कारण है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रीमैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावास संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिये गये उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भवनविहिन हाई स्कूल व हायर सेकेण्ड्री स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
139. ( क्र. 6421 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत ऐसे कितने हाई स्कूल व हायर सेकेण्ड्री स्कूल संचालित हैं जो कि भवनविहीन हैं या अन्य विद्यालयों में संचालित हैं? (ख) भवनविहीन हाई व हायर सेकेण्ड्री स्कूलों को कब तक भवन उपलब्ध करा दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्टेशनरी सामग्री का क्रय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
140. ( क्र. 6428 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय सिविल सर्जन दतिया द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2013 के उपरांत किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि की क्या-क्या स्टेशनरी प्रश्न दिनांक तक क्रय की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) उक्त सामग्री का किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि का किस चेक नम्बर से भुगतान किया गया? कंडिका (क) में वर्णित सामग्री (स्टेशनरी) प्रदाय करने बावत आदेश किस अधिकारी द्वारा दिये गये उनकी छायाप्रतियाँ उपलब्ध करायें? (ग) क्या विभाग के भुगतानकर्ता अधिकारियों द्वारा कमीशन के चक्कर में कई व्यापारियों के भुगतान वर्षों से रोक रखे हैं यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है उनके नाम एवं पद की जानकारी तथा उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) ऐसे व्यापारियों के विभाग द्वारा भुगतान किये जायेंगे अथवा नहीं यदि हाँ, तो कब तक जानकारी उपलब्ध करायें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) चैक द्वारा किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। । स्टेशनरी प्रदाय करने बाबत आदेश देने वाले अधिकारियों के नाम निम्नानुसार हैः- 1. डॉ. प्रदीप उपाध्याय 30.09.2011 से 30.06.2013 तक, 2. डॉ. आर.एस.गुप्ता 03.06.2013 से 31.03.2015 तक, 3. डॉ. श्रीमति प्रतिभा श्रीवास्तव 01.04.2015 से 30.06.2015 4. डॉ. एम.एस.पंसारी 03.06.2015 से 30.10.2016 तक, 5. डॉ. आर.एस.गुप्ता 01.11.2016 से 31.12.2016 6. डॉ. डी.के गुप्ता 01.01.2017 से कार्यरत, (ग) लंबित देयकों का परीक्षण कर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश '''ग'' के उत्तर में समाहित है।
केन्द्र से मिलने वाली सहायता राशि
[आदिम जाति कल्याण]
141. ( क्र. 6444 ) श्री जितू पटवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग को भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय से प्रदेश की आदिवासी जनसंख्या के आधार पर आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता के अतंर्गत मिलने वाले आवंटन में से मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास क्षमता योजना वर्ष 2015-16 से संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 में 5 करोड़, वित्तीय वर्ष 2015-16 में 10 करोड़ की राशि भारत सरकार से प्राप्त कर योजना में व्यय की जा चुकी है तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 में भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा इस योजना की उपयोगिता न होने से प्रस्तावित 14 करोड़ की राशि स्वीकृत करने से इंकार किया जा चुका है? (ग) यदि हाँ, तो अब विभाग द्वारा इस योजना में किस प्रकार वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी? यदि नहीं, तो जो आदिवासी युवा इस योजना अतंर्गत दो वर्ष तक प्रशिक्षण ले चुके है उनकी शिक्षा को निरंतर रखने के लिए विभाग द्वारा क्या कदम उठाया जायेगा, स्थिति स्पष्ट करें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। योजना के लिये वर्ष 2014-15 में 5 करोड़, वित्तीय वर्ष 2015-16 में 10 करोड़ की राशि की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हुई है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में भारत सरकार से राशि प्राप्त नहीं हुई है। संबंधित क्रियान्वयन एजेन्सी से राशि रू. 728.40 लाख के व्यय उपरान्त उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुके है। योजना की उपयोगिता न होने संबंधी कोई निष्कर्ष नहीं है। (ग) राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा।
बैंचलर ऑफ सोशियल सांइस की डिग्री
[आदिम जाति कल्याण]
142. ( क्र. 6445 ) श्री जितू पटवारी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास क्षमता योजना के अतंर्गत आदिवासी युवाओं को प्रथम वर्ष अध्ययनरत रहने पर सार्टिफिकेट वित्तीय वर्ष अध्ययनरत रहने पर डिप्लोमा सार्टिफिकेट तीन वर्ष अध्ययनरत रहने पर बैचलर ऑफ सोशिल साइंस (BSW) की डिग्री दिये जाने की योजना संचालित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इन विभागों के लिए जारी ''कार्य आवंटन नियमों'' के तहत क्या आदिम जाति कल्याण एवं महिला बाल विकास विभाग इन युवाओं को सार्टिफिकेट डिप्लोमा तथा डिग्री देने के लिए अधिकृत है? (ग) यदि हाँ, तो सामान्य प्रशासन विभाग के कार्य आवंटन नियमों की छायाप्रतियाँ दें? यदि नहीं, तो क्या इस प्रकार के सार्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं डिग्री कोर्स संचालित करने का दायित्व शासन उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विकास विभागों को सौंपेगा? जिससे बेरोजगार आदिवासी युवाओं एवं महिलाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें? (घ) क्या विभागों द्वारा BSW (बैचलर ऑफ सोशिल सांइस) की योग्यता प्राप्त करने के उपरांत इन युवाओं के लिए किसी विशेष क्षेत्र में (सेक्टर में) नौकरी करने की व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो सेक्टरवार स्थिति रखे, यदि नहीं, तो फिर इस प्रकार की डिग्री तथा सार्टिफिकेट देने का क्या औचित्य है, कारण बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय विभाग, सर्टिफिकेट डिप्लोमा तथा डिग्री देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एन.आर.एच.एम. योजनान्तर्गत व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
143. ( क्र. 6446 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.आर.एच.एम. योजनान्तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र शासन से उज्जैन जिले में कितना बजट स्वीकृत किया गया है? प्राप्त धनराशि किन-किन योजनाओं में व्यय की गई? योजनावार विवरण दें? (ख) प्रश्नांकित योजनान्तर्गत संविदा/अस्थायी पदों पर किन-किन व्यक्तियों को पदस्थ किया गया? नाम, पद और पदस्थापना स्थल का ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित व्यक्तियों की नियुक्ति की क्या-क्या प्रक्रिया अपनाई गई थी? क्या इसके लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन अथवा ऑनलाईन प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन मंगाये गये थे? यदि हाँ, तो समाचार पत्रों की छायाप्रति सहित अपनाई गई प्रक्रिया का पूर्ण विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार हैं (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित व्यक्तियों/कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु विज्ञापन/एम.पी. ऑनलाईन/लिखित परीक्षा/इन्टरव्यू के माध्यम से की गई थी। जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार हैं।
स्वास्थ्य विभाग में तृतीय श्रेणी अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानान्तरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
144. ( क्र. 6465 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा जारी स्थानातरण नीति वर्ष 2015-16 क्रमांक एफ 6-1/2015/एक/9 भोपाल दिनांक 15.04.2015 एवं वर्ष 2016-17 क्रमांक एफ 6-1/2016/एक/9 भोपाल दिनांक 02.08.2016 के बिन्दु क्रमांक 8 की कंडिका 7 में क्या ऐसा उल्लेख है कि कार्यपालिका तृतीय श्रेणी अधिकारियों/कर्मचारियों को एक स्थान पर तीन या पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर स्थानांतरण कर दिया जावेगा? (ख) शिवपुरी जिले के खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग में ऐसे कितने खाद्य सुरक्षा अधिकारी/निरीक्षक (कार्यपालिका तृतीय श्रेणी अधिकारी/कर्मचारी) कार्यरत है जिन्हें एक ही स्थान पर अपनी पदस्थापना दिनांक से वर्तमान तक तीन या पाँच वर्ष से अधिक का समय हो गया है के नामों की सूची वर्षवार उपलब्ध करावें? (ग) जिले में खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग में एक ही स्थान पर अपनी प्रथम पदस्थापना दिनांक से वर्तमान तक तीन अथवा पाँच वर्ष से अधिक समय से उक्त पदों पर पदस्थ होकर कार्यरत हैं उनके स्थानांतरण प्रश्नांश (क) में वर्णित स्थानांतरण नीति आदेश में निहित व्यवस्था के पालन में वर्तमान तक न करने के क्या कारण है कब तक किये जावेंगे, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग, भोपाल द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 क्रमांक एफ 6-1/2015/एक/9, भोपाल, दिनांक 15.04.2015 एवं वर्ष 2016-17 क्रमांक एफ 6-1/2016/एक/9, भोपाल दिनांक 02.08.2016 के बिन्दु क्रमांक-8 की कण्डिका 7 में कार्यपालिक तृतीय श्रेणी अधिकारियों/कर्मचारियों को एक स्थान पर तीन या पाँच वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर सामान्य तौर पर स्थानांतरण करने का प्रावधान है, परन्तु स्थानांतरण कर ही दिये जावेगें यह आवश्यक नहीं है। (ख) शिवपुरी जिले में 2 खाद्य सुरक्षा अधिकारी 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं। (ग) स्थानांतरण नीति में अधिकतम 20 प्रतिशत स्थानांतरण के निर्देश होने से 3 वर्ष या पाँच वर्ष की अधिक अवधि के खाद्य सुरक्षा अधिकारी एक ही जिले में पदस्थ हैं। शेष प्रश्न ही उपस्थित होता।
प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों की मरम्मत
[स्कूल शिक्षा]
145. ( क्र. 6466 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में स्कूल शिक्षा विभाग को प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों की मरम्मत हेतु वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक वर्षवार कितनी राशि प्रदाय की? (ख) उक्त प्रदाय राशि से श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों की मरम्मत कराई इसमें कितनी-कितनी राशि व्यय की, किन-किन शाला भवनों की मरम्मत कराया जाना शेष हैं कब तक कराई जावेगी? (ग) क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में प्राथमिक शाला भवन खिरखिरी, बिलौनी, लूण्ड के भवन जर्जर हो चुके है तीन भवनों की दीवारें फट गयी है छत टूट कर लटक गई है वह कभी भी गिर सकती है इस भय से बच्चें खुले में पड़ते है उन्हें कठिनाईयों आती है पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं वर्षाकाल में उक्त शालाएं बंद रहती हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त तीनों भवनों की मरम्मत अविलंब करवाने हेतु विभाग को निर्देशित करेगा अथवा विभाग द्वारा इन्हें अनुपयोगी घोषित करने की स्थिति में इनके स्थान पर नवीन भवन स्वीकृत कर निर्माण शीघ्र करवाएंगा, यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) श्योपुर जिले में शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों की मरम्मत हेतु वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कोई राशि प्रदाय नहीं की गई। वर्ष 2016-17 में 10 माध्यमिक विद्यालय हेतु राशि रूपये 751682/- एवं 53 प्राथमिक शालाओं हेतु रूपये 3908269/- कुल राशि रूपये 4659951/- प्रदान की गई है। (ख) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 34 प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों की मरम्मत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2017-18 में शेष शाला भवनों की मरम्मत प्रस्तावित है। विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर शाला भवनों की मरम्मत कराई जा सकेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र श्योपुर अन्तर्गत प्राथमिक शाला भवन खिरखिरी, बिलोनी, लूण्ड के भवन जर्जर नहीं है अपितु मरम्मत योग्य है, अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2016-17 में शासकीय प्राथमिक विद्यालय लूण्ड राशि रूपये 77153/- स्वीकृत की गई है। प्राथमिक शाला खिरखिरी एवं बिलौनी के शाला भवनों के मरम्मत के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में भारत शासन को प्रेषित किये गये है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार है।
मुरैना जिला अस्पताल में सौर्य ऊर्जा प्लांट की उपयोगिता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
146. ( क्र. 6493 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिला अस्पताल में सौर्य ऊर्जा प्लांट किस वर्ष लगाया गया एवं किस कम्पनी द्वारा लगाया एवं उस पर कितनी राशि खर्च की गई। (ख) उक्त ऊर्जा प्लांट का वर्ष 2013 से 2016 तक कब, कहाँ उपयोग किया गया। इसे लगाने का आदेश किस अधिकारी द्वारा कब दिया गया? (ग) वर्तमान प्लांट बन्द है या कार्य किया जा रहा है, बन्द होने का क्या कारण हैं? इसकी मरम्मत पर कितना खर्च आने का अनुमान है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जिला अस्पताल, मुरैना में 25 किलोवाट क्षमता के सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट की स्थापना वर्ष 2014 में, मेसर्स एक्सिकॉम टेली सिस्टम्स लि. गुडगांव द्वारा की गई एवं म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा कुल राशि रू. 24.24 लाख का व्यय किया गया। (ख) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016 तक संयंत्र का उपयोग जिला चिकित्सालय, मुरैना में किया गया। संयंत्र लगाने का आदेश म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के कार्यपलान यंत्री द्वारा दिनांक 25/10/2013 को दिया गया। (ग) वर्तमान में संयंत्र कार्यशील है। संयंत्र की स्थापना दिनांक से आगामी 5 वर्ष तक इसकी मरम्मत एवं रख-रखाव का सम्पूर्ण व्यय, संयंत्र स्थापनाकर्ता इकाई द्वारा किये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मजरे-टोले के विद्युतीकरण योजना की राशि का नियम विरूद्ध आवंटन
[आदिम जाति कल्याण]
147. ( क्र. 6509 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2016 विधान सभा सत्र की ध्यानकर्षण सूचना क्रमांक 21 में उल्लेखित विषय वस्तु पर शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या आदिवासियों के मजरे-टोलो के विद्युतीकरण अंतर्गत आदिवासी किसानों के कुंओं एवं जल स्त्रोंतो के नाम पर संचालक आदिम जाति क्षेत्रीय विकास ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव के आदेशों की अवहेलना करते हुए शासन की अनुमति के बिना लगभग रूपये 27 करोड़ की राशि का बजट नियम विरूद्ध माह सितम्बर 2016 से लेकर माह नम्बर 2016 तक की अवधि में 10 जिलों को आवंटित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्या नियम विरूद्ध आवंटन की शासन स्तर पर जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो जाँच निष्कर्षों के आधार पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या शिवपुरी जिले में आदिवासी बस्तियों मजरों-टोलों का विद्युतीकरण एवं पंप के ऊर्जाकरण के तहत माह अगस्त-सितम्बर 2015 में तत्कालीन कलेक्टर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर 3.82. 70 लाख के 9 कार्यों के स्वीकृति आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो इस आर्थिक अनियमिता के लिए संबंधित दोषी के विरूद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (घ) जाँच प्रचलित है।
जातिगत पेशे के अतिरिक्त अन्य उद्योग धंधो को अपनाया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
148. ( क्र. 6514 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान भोपाल ने मध्यप्रदेश शासन को पत्र क्र.स-अन्वे/3-13/07/7845 दिनांक 24.07.2007 के साथ 13 बिन्दुओं की एक टीप मध्यप्रदेश के धोबी जाति के संबंध में प्रेषित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त टीप के बिन्दु क्रमांक 11 में बताया गया है कि गंदे कपड़े धोने के अपने जातिगत पेशे के अलावा धोबी जाति के लोग अन्य उद्योग धंधों को भी अपना रहे है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश की नोटीफाइड अन्य अनुसूचित जातियों के लोगों ने भी अन्य उद्योग धंधे अपनाये हैं? यदि हाँ, तो धोबी जाति के संबंध में यह तर्क देने के औचित्य स्पष्ट करें? (ग) यदि हाँ, तो विभाग में संधारित जानकारी अनुसार किन-किन जिलो/ग्रामीण क्षेत्रों में धोबी जाति के लोगो ने उद्योग स्थापित किये हैं? उन उद्योगों के नाम एवं जिला/गांव के उद्योगपतियों के नाम जाति सहित बतलाने की कृपा करें? (घ) क्या राज्य शासन ने धोबी जाति के उन उद्योगपतियों को आर्थिक सहायता भी दी है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि दी गई है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। धोबी जाति के संबंध में दी गयी टीप में यह स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान परिवेश में सामाजिक स्थिति के संबंध में यह विवरण दिया गया है। किसी भी प्रगतिशील समाज में वैकासिक नीतियों तथा योजनाओं का प्रभाव उस समाज की संरचना में अवश्यंभावी है। अत: पेशे के साथ-साथ इस जाति में भी इसका प्रभाव परिलक्षित हो रहा है। जीवन यापन के लिये ये लोग केवल कपड़े धोने के कार्य पर पूर्णत: निर्भर नहीं हैं। कपड़े धोने के अपने जातिगत पेशे के अलावा इस जाति के लोग भी अन्य उद्योग धंधों को भी अपना रहे हैं। यहां इसका आशय बड़े-बड़े उद्योग स्थापित करने से नहीं बल्कि विभिन्न छोटे-बड़े उद्योगों में संलग्न होना या काम से है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जातियों के सामाजिक स्तर क्रम
[अनुसूचित जाति कल्याण]
149. ( क्र. 6515 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में अनुसूचित जातियों का सामाजिक स्तर क्रम निर्धारित किया गया है? आदेश क्रमांक तथा दिनांक बतलावें? (ख) यदि नहीं, तो मध्यप्रदेश शासन अनुसूचित जाति/ जनजाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक 23-96/97/4/पच्चीस दिनांक 14.07.2006 के साथ संलग्न में धोबी जाति को किस आधार पर कुछ अनुसूचित जातियों को सामाजिक स्तर से ऊपर तथा कुछ सामान्य जातियों/पिछड़ी जातियों से नीचे बतलाया गया है? (ग) क्या उक्त जातियों के सामाजिक स्तर क्रम में नोटीफाइड ऐसी चार अनुसूचित जातियों को नहीं छोड़ दिया गया है, जो धोबी जाति के सामाजिक स्तर से ऊपर है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) धोबी जाति के संबंध में समस्त जिलों में कराये गये अध्ययन में प्राप्त जानकारी/तथ्यों के आधार पर ही धोबी जाति को कुछ अनुसूचित जातियों के सामाजिक स्तर से ऊपर एवं कुछ सामान्य पिछड़े वर्ग जातियों से नीचे बताया गया है। (ग) जी नहीं। अध्ययन प्रतिवेदनों के आधार पर ही जानकारी प्रतिपादित की गयी है।
बालाघाट जिले में पंजीकृत नर्सिंग होम
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
150. ( क्र. 6521 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट में पंजीकृत नर्सिंग होम कितने हैं और कितने नर्सिंग होम को मध्यप्रदेश शासन के नियमों के आधार पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मान्यता दी गई है। क्या श्रीमती वैशाली सुरेश कावड़े एम.बी.बी.एस. की डिग्री प्राप्त हैं और इन्होंने एम.डी. की डिग्री माइक्रोबायोलॉजी में की है जो एक नॉन क्लीनिक डिग्री है अर्थात इसका उपयोग सिर्फ पाई के उपयोग में किया जाता है। (ख) यदि वैशाली कावड़े एम.बी.बी.एस. है तो इन्हें सिर्फ जो उपचार एवं सामान्य प्रसव की सुविधा है फिर इनके द्वारा डॉक्टर पी.बी. संभाले का रजिस्ट्रेशन उपयोग करके ऑपरेशन क्यों किया जा रहा है जबकि सम्पूर्ण नर्सिंग होम संभारे डॉक्टर के नाम पर रजिस्टर है साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा ऑपरेशन कक्ष की मान्यता भी डॉक्टर संभारे के नाम पर दी गई, यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या यदि नर्सिंग होम डॉक्टर पुष्पलता संभारे के नाम पर रजिस्टर है तो इनके द्वारा जुलाई 12 से आज तक कौन-कौन से ऑपरेशन इस नर्सिंग होम में किस दिनांक को इन सक्षम डॉक्टरों के समक्ष किए गए है, इसकी जानकारी देवें। (घ) पी.एन.डी.टी. एक्ट के तहत सोनोग्राफी के लिए क्या अहर्ता जरूरी है क्या सोनाग्राफी किसी विशेषज्ञ के द्वारा की जाती है और यदि नहीं, तो क्यों पावड़े नर्सिंग होम में किसके द्वारा सोनोग्राफी का कार्य किया जा रहा है इसे विशेषज्ञ की योग्यता प्राप्त है? यदि नहीं, तो क्यों? इस विषय पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) बालाघाट जिले में 19 नर्सिंग होम पंजीकृत है, सभी नर्सिंग होम को शासन के नियमों के आधार पर मान्यता दी गई है। जी हाँ। जी नहीं। (ख) डॉ. वैशाली कावडे, एम.बी.बी.एस. है, जिनके द्वारा महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है एवं केविन हॉस्पिटल में सामान्य प्रसव संपादित किये जाते है। केविन हॉस्पिटल, बालाघाट में स्त्री रोग विशेषज्ञ सेवाएं एवं ऑपरेशन हेतु डॉ. श्रीमती पी. बी. संभारे स्त्री रोग विशेषज्ञ नियोजित किया गया है। केविन हॉस्पिटल बालाघाट डॉ. वैशाली सुरेश कावडे के नाम पर पंजीकृत है। चिकित्सालयों में ऑपरेशन कक्ष की पृथक से मान्यता नहीं दी जाती। (ग) केबिन हॉस्पिटल बालाघाट डॉक्टर पुष्पलता संभारे के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है। केविन हॉस्पिटल बालाघाट में दिनांक 01 जुलाई 2012 से दिनांक 28 फरवरी 2017 तक डॉ. पी. बी. संभाले द्वारा उनके सुपरविजन में किये गये ऑपरेशन की तिथिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी हाँ, अल्ट्रासोनोग्राफी विकिरण चिकित्सा विशेषज्ञ अथवा अहर्ताधारी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टीशनर द्वारा की जाती है। कावडे नर्सिंग होम में कार्यरत डॉ. वैशाली कावडे इस कार्य में अर्हताधारी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अर्जित अवकाश के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
151. ( क्र. 6523 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग में शिक्षक/सहा. शिक्षक व प्रधानाध्यापक माध्यमिक व प्राथमिक में पदस्थ शिक्षक/कर्मचारियों के अर्जित अवकाश के क्या नियम हैं? क्या माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों/शिक्षकों व भृत्यों का ग्रीष्मकाल में अवकाश रहता है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो सत्र 2011 से 2015 तक ग्रीष्म कालिन अवकाश के दौरान कार्य करने बावजूद भी उज्जैन जिले के कितने अध्यापकों का अर्जित अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया है? (ख) क्या शा.मा. नूतन क्रमांक 02 उज्जैन के प्रधानाध्यापक का नाम सम्मिलित है तो उन्हें सेवानिवृत्ती के बाद भी आज दिनांक तक उक्त अवधि का अर्जित अवकाश नगदीकरण का भुगतान क्यों नहीं किया गया? जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 के नियम 27 के अनुसार ग्रीष्मावकाश में कार्य करने के फलस्वरूप अर्जित अवकाश स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। ग्रीष्मकाल में भृत्यों को छोड़कर समस्त शैक्षणिक संवर्गों के लिये अवकाश रहता है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। वर्ष 2011 से 2015 की अवधि में अर्जित अवकाश प्रदान किये जाने हेतु सक्षम स्वीकृति (कलेक्टर/विभागाध्यक्ष) के लिये आवेदन कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) शासकीय माध्यमिक नूतन क्र. 2 उज्जैन के प्रधानाध्यापक को सेवानिवृत्ति उपरान्त आयुक्त लोक शिक्षण म.प्र. भोपाल के पत्र दिनांक 20.04.2016 के क्रम में पात्रतानुसार 46 दिवस के अर्जित अवकाश का नगदीकरण कर दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्र संख्या वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
152. ( क्र. 6533 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय में छात्र संख्या के निर्धारण के संबंध में विभाग द्वारा लिये गये निर्णय एवं नियमों की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या वर्षों पूर्व लिये गये निर्णय के अनुसार ही वर्तमान में भी निर्धारित संख्या अनुसार छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो समयानुसार जनसंख्या एवं छात्रों की संख्या वृद्धि अनुसार जिला स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय में स्वीकृत छात्र संख्या से अधिक छात्र प्रवेश लेना चाहते हैं तो उन विद्यालयों में प्रवेश हेतु संख्या बढ़ाने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्या भविष्य में इस संबंध में कोई कार्य योजना बनाई जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय विभाग के विशिष्ट विद्यालय हैं। वर्तमान में सीट वृद्धि की कोई योजना विचाराधीन नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मांझी समाज (जाति) की उपजातियों को अनु. जनजाति वर्ग में शामिल करने
[आदिम जाति कल्याण]
153. ( क्र. 6548 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय जनता पार्टी ने अपने विधानसभा चुनाव वर्ष 2003 एवं 2013 के घोषणा पत्र में मांझी समाज (जाति) की उपजातियां ढ़ीमर, केवट, बाथम, कहार, मल्लाह, भोई, रैकवार, कश्यप, निषाद, को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने का उल्लेख किया था? (ख) क्या मध्यप्रदेश सरकार ने 26.07.2015 में मांझी समाज (जाति) को एस.टी. वर्ग में शामिल करने हेतु भारत सरकार की टास्क फोर्स कमेटी को परीक्षण की रिपोर्ट गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या टास्क फोर्स कमेटी द्वारा परीक्षण कर उपरोक्त (क) में वर्णित उपजातियों को एस.टी. वर्ग में शामिल करने हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? (घ) यदि नहीं, तो क्या कारण है व पुन: मध्यप्रदेश शासन प्रश्नांश (क) के घोषणा पत्र के अनुसार व प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में टास्क फोर्स कमेटी की रिपोर्ट को महत्व देते हुये मांझी समाज (जाति) की उपजातियों को जनजाति वर्ग में शामिल करने हेतु विधिवत ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शासन के पत्र दिनांक 27/06/2015 द्वारा भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय को लिखा गया है। (न कि प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र दिनांक 27/07/2015) (ग) जी नहीं। (घ) किसी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का क्षेत्राधिकार भारत सरकार को है। राज्य सरकार केवल अपना अनुशंसा प्रस्ताव ही प्रस्तुत करती है। राज्य सरकार द्वारा प्रेषित प्रस्ताव भारत सरकार द्वारा दो बार अमान्य किया जा चुका है। अत: उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में अग्रेतर कार्यवाही का औचित्य प्रतीत नहीं होता।
सेवानिवृत्त शिक्षकों के वरिष्ठ वेतनमान का प्रदाय
[स्कूल शिक्षा]
154. ( क्र. 6561 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय खण्ड पीठ ग्वालियर के याचिका क्र. 7041/2010 (5) के आदेश दिनांक 8/12/2014 के आदेशानुसार सेवानिवृत्त 16 शिक्षकों में से 07 को लाभ दिया गया है शेष वंचित है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सच है तो शेष 09 शिक्षकों को वरिष्ठ वेतनमान न देने का क्या कारण है? कारण बताते हुए इनको कब तक वरिष्ठ वेतनमान उपलब्ध करा दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) शेष 09 शिक्षकों का वरिष्ठ वेतनमान दिए जाने के आदेश जारी किये गये है। प्रकरण उप संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा के परीक्षण एवं अनुशंसा उपरांत भुगतान किया जा सकेगा।
पालक शिक्षक संघ (PTA) के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के निर्वाचन प्रक्रिया
[स्कूल शिक्षा]
155. ( क्र. 6570 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन शालेय शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में पालक शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के निर्वाचन की क्या प्रक्रिया है प्रति सहित जानकारी दी जावे व निर्वाचति अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के योग्यता संबंधी नियम/निर्देशों की जानकारी भी दी जावे। (ख) क्या कुछ विद्यालयों में पालक शिक्षक संघ के अध्यक्ष द्वारा उनकों दिये गये अधिकारों के अतिरिक्त भी जैसे शैक्षणिक कार्य/वित्त कार्य में भी दखल अंदाजी करते हैं। (ग) क्या उपरोक्त प्रश्नांश (ख) में वर्णित अध्यक्ष की मनमानी रोकने हेतु शासन अध्यक्ष को पालन शिक्षक संघ से पृथक करने हेतु नियम-नीतियों में संशोधन अथवा नवीन नीति निर्मित करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में राज्य शिक्षा केन्द्र को शिकायतें प्राप्त नहीं हुयी है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वोकेशन ट्रेनरों की नियुक्ति विषयक
[स्कूल शिक्षा]
156. ( क्र. 6571 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा म.प्र. में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद को यह निर्देशित किया गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित उत्कृष्ट विद्यालयों में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु वोकेशन ट्रेनर (व्यावसायिक शिक्षक) पद की नियुक्ति/पदांकन किया जावे। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यवसायिक शिक्षक पद की क्या योग्यता होकर उनकी नियुक्ति हेतु क्या नियम/निर्देश निर्धारित है प्रति सहित जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) के पालन में व्यवसायिक शिक्षा/तकनीकी शिक्षा हेतु विगत 2 वर्षों में मुरैना में किन-किन उत्कृष्ट विद्यालयों में नियुक्तियां हो सकी है। विद्यालय का नाम, शिक्षक का नाम, पता, योग्यता, नियुक्ति दिनांक की जानकारी प्रति सहित दी जावे। (घ) क्या म.प्र. स्कूल शिक्ष विभाग तकनीकी शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए एवं छात्र-छात्राओं के भविष्य को उज्जवल बनाने हेतु सभी मॉडल स्कूल/ उ.मा.स्कूल में उपरोक्त व्यवस्था को प्रारंभ करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। वोकेशनल ट्रेनर (व्यावसायिक शिक्षक) के पद पर नियुक्ति/पदांकन नहीं किया गया है। नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन से एम्पेनल्ड वोकेशनल ट्रेनिंग पार्टनर्स के माध्यम से आउटसोर्सिंग से वोकेशनल ट्रेनर विद्यालय में उपलब्ध कराये गये है। (ख) व्यावसायिक शिक्षकों की योग्यता भारत सरकार के संस्थान पंडित सुन्दरलाल शर्मा केन्द्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान द्वारा निर्धारित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ग) आउटसोर्सिंग द्वारा वोकेशनल ट्रेनिंग पार्टनर्स के माध्यम से उपलब्ध कराये गये व्यावसायिक शिक्षकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (घ) व्यावसायिक शिक्षा योजना केन्द्र प्रवर्तित योजना है। अतः मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दी गई स्वीकृति पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभिन्न संस्थाओं द्वारा विद्यार्थियों के उपयोगी समय का दुरूपयोग
[स्कूल शिक्षा]
157. ( क्र. 6583 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा विभाग के निर्देश के बिना निजी सामाजिक संस्थाओं के आयोजन में शासकीय विद्यालयों की छुट्टी कर खेलकूद, रैली, अन्य कार्यों हेतु विद्यार्थियों के समय का दुरूपयोग कर उन्हें ले जाया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत किसके आदेश से? जानकारी देवे। (ख) क्या विभाग मानता है की विद्यालय निर्देशों के अलावा निजी संस्थाओं की रैली, खेलकूद एव अन्य अशैक्षणिक गतिविधियों के कार्यक्रमों की संख्या शहरों में लगातार बढ़ती जा रही है जिससे शहरी क्षेत्र के विद्यालयों के बच्चों का लगातार समय नष्ट हो रहा है? क्या विभाग 1 जनवरी से वार्षिक परीक्षा तक समस्त सामाजिक संस्थाओं के आयोजन में शासकीय विद्यालयों की सहभागिता पर प्रतिबंध लगाने का विचार कर रहा है? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलों के विभिन्न शासकीय विद्यालयों में विभाग के उच्च अधिकारियों की बिना अनुमति के 1 जुलाई 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने आयोजन, किस-किस संस्था के, किस-किस की अनुमति से हुए? (घ) क्या शासकीय विद्यालय भवनों को शाला समय के अलावा भवन के पूर्ण सदुपयोग के लिए उचित किराये पर शैक्षणिक गतिविधियों के लिए दिए जा सकते हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ग) अवधि में उक्त जिलों में कितने-कितने आवेदन किन-किन संस्थाओं के विद्यालयों को प्राप्त हुए, उन पर क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उज्जैन संभाग अन्तर्गत जिला मंदसौर, रतलाम एवं नीमच में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किसी आयोजन हेतु अनुमति नहीं दी गई है। (घ) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
योजनाओं का क्रियान्वयन
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
158. ( क्र. 6589 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धधुमक्कड़ जाति के नागरिक कहाँ-कहाँ, किन-किन ग्रामों/बस्तियों में निवास करते हैं? शासन/विभाग द्वारा इन जातियों के विकास की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? योजनाओं का क्रियान्वयन किस प्रकार किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वर्ष 2013-14 से विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी लागत से कब एवं कहाँ-कहाँ कराये गये? इन कार्यों से कितने नागरिकों को किस प्रकार एवं क्या लाभ हुआ? किये गये कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? कार्यवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) वर्ष 2013-14 से क्या-क्या प्रस्ताव शासन को किस आधार पर, कब-कब प्रेषित किये गये? किन-किन प्रस्तावों को स्वीकृति प्राप्त हुई एवं किन-किन प्रस्तावों को स्वीकृति प्राप्त नहीं हो सकी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिले में कराये गये कई विकास कार्य अनुपयोगी सिध्द हो रहे हैं? यदि हाँ, तो कैसे? क्या इसकी जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) कटनी जिला अंतर्गत विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति के नागरिक विकासखण्ड रीठी के ग्राम विरूहल्ली, ईमलिया, देवगाँव, बूढ़ा, हरदूआ विकासखण्ड बडवारा के ग्राम मदारीटोला, विकासखण्ड विजयराघवगढ़ के ग्राम नन्हवारा कलां विकासखण्ड बहोरीबंद के ग्राम सिहुण्डी, विकासखण्ड ढ़ीमरखेड़ा के ग्राम तिलमन एवं नगरीय क्षेत्र कटनी के विभिन्न वार्डों में निवास करते है। विभाग द्वारा इन जातियों के विकास के लिये छात्रवृत्ति योजना, छात्रावास योजना, विमुक्त जाति बस्ती विकास योजना, विमुक्त जाति आवास योजना आदि योजनाएं संचालित हैं। योजना अन्तर्गत जिले से प्रस्ताव प्राप्त होने पर बजट उपलब्धता अनुसार एवं योजनाओं के निर्धारित मापदण्ड अनुसार योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में जिले को अधोसंरचना से संबंधित कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किये गये। (ग) कलेक्टर कटनी के पत्र क्रमांक 1364 दिनांक 16.10.2015 के द्वारा एक ही ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत रीठी के 41 आवासहीन व्यक्तियों को विमुक्त जाति आवास योजना के अन्तर्गत राशि रूपये 30.75 लाख के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए हैं। योजना में वित्तीय संसाधनों की कमी तथा योजना के वित्तीय मापदण्ड में परिवर्तन होने के कारण राशि स्वीकृत नहीं हो सकी। (घ) प्रश्नांश (ग) भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का परिपालन
[स्कूल शिक्षा]
159. ( क्र. 6596 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय दिनांक 30.4.2016 के द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 को अवैध शून्य घोषित कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो पदोन्नति नियम नहीं होने के बाद भी की गई पदोन्नति क्या नियमों के विपरीत है? (ग) क्या कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के आदेश क्रमांक/स्था-3/2017/ 501-502 रीवा, दिनांक 17.1.2017 के माध्यम से श्री नीरव दीक्षित प्रभारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग रीवा के द्वारा किस सहायक ग्रेड-2 को गणक के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई है? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) सही है तो नियम विरूद्ध पदोन्नति आदेश जारी करने वाले अधिकारी को कब तक निलंबित किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) श्री राजेश कुमार सिंह, सहायक ग्रेड-2 को गणक के पद पर पदोन्नति की गई। (घ) पदोन्नति आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध संचालनालय के पत्र क्रमांक स्था-1/सत/सी/37/रीवा/2017/307-308, दिनांक 17.02.17 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है संबंधित का प्रतिवाद प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
पदोन्नति के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
160. ( क्र. 6602 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक (शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षित) की व्यायाम निर्देशक के पद पर पदोन्नति दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) की भांति सहायक अध्यापकों की भी पदोन्नति (शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षित) को व्यायाम निर्देशक के पद पर पदोन्नति दी जायेगी यदि हाँ, तो कब तक? (ग) जिला सतना में हायर सेकेण्डरी/हाई स्कूल/विकासखण्ड/डाइट आदि में व्यायाम शिक्षक के कितने पद कब से रिक्त है? जिले के रिक्त एवं भरे पदों की संख्या बतायें? (घ) जिला सतना में ऐसे कितने सहायक अध्यापक है जो शारीरिक शिक्षक प्रशिक्षित है? सूची दे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षित सहायक अध्यापकों को व्यायाम निर्देशक के पद पर पदोन्नत करने का प्रावधान नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार।
हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में प्राचार्यो के रिक्त पदों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
161. ( क्र. 6613 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने हायर सेकेण्डरी स्कूल प्राचार्य विहीन हैं? जिलेवार सूची उपलब्ध करावें? हायर सेकेण्डरी स्कूलों में प्राचार्यों की पदस्थापना पदोन्नति कर कब तक कर दी जावेगी? पदोन्नति प्रक्रिया की तैयारी किस स्थिति में है? (ख) क्या प्राचार्य हाई स्कूल को ग्रेडेशन सूची 1.4.2016 की स्थिति में जारी कर दी गई है? यदि नहीं, तो कब तक जारी कर दी जावेगी? समयावधि बतावें? क्या ग्रेडेशन सूची का प्रकाशन गंभीरता पूर्वक परीक्षण किये बिना ही कर दिया जाता है? (ग) क्या आयुक्त लोक शिक्षण सूची के अंत में प्रमाणीकरण दे सकेंगे कि इस ग्रेडेशन सूची की समस्त प्रविष्टियों का गंभीरता पूर्वक परीक्षण किया गया है तथा इसमें किसी भी सेवानिवृत्त अथवा पूर्व पदोन्नत हायर सेकेण्डरी प्राचार्य का नाम भी सम्मलित नहीं है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षा विभाग के प्राचार्य (उमावि) विहीन की जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा दिनांक 30.04.16 को म.प्र. पदोन्नति नियम, 2002 को रदद् कर दिया है। इस निर्णय के विरुद्ध म.प्र. शासन द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय नई-दिल्ली में एस.एल.पी. दायर की गई थी, जिस पर यथास्थिति के निर्देश है। वर्तमान में प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है, न्यायालयीन प्रकरण में अंतिम निर्णय के आधार पर ही नियमानुसार पदोन्नति की कार्यवाही संभव होगी। इस आशय का पत्र म.प्र. लोक सेवा आयोग इन्दौर से भी प्राप्त हुआ है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) दिनांक 01.04.16 की स्थिति में प्राचार्य हाई स्कूल की अंतिम पदक्रम सूची का प्रकाशन किया गया है। अंतिम पदक्रम सूची का प्रकाशन पूर्ण सतर्कता से किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कालरशिप की राशि वितरित नहीं किया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
162. ( क्र. 6620 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक, मेरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार को किस वर्ष से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई और कितनी-कितनी राशि की छात्रवृत्ति वितरित की गई और कितनी-कितनी राशि लेप्स हुई वर्षवार जिलेवार यह भी अवगत करावें कि कितने-कितने, किस-किस जिले से कुल कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा कितने-कितने आवेदन निरस्त किए गए बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में योजना के प्रचार प्रसार एवं आई.टी. सेल के नाम पर किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई जिलेवार वर्षवार बतावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। भारत सरकार द्वारा छात्रवृत्ति की स्वीकृति विद्यार्थियों के नाम से की जाती है। अत: राशि लेप्स होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष पूरे प्रदेश हेतु अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का नवीन लक्ष्य समुदायवार पृथक-पृथक निर्धारित किया जाता है तथा तदानुसार ही स्वीकृति जारी की जाती है। जिलेवार लक्ष्य निर्धारित नहीं होते हैं अत: कितने-कितने, किस-किस जिले से कुल आवेदन प्राप्त हुये तथा कितने-कितने आवेदन निरस्त किये गये का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारत सरकार द्वारा योजना के प्रचार प्रसार, डाटा एंट्री कार्य आदि हेतु स्वीकृति छात्रवृत्ति राशि की एक से तीन प्रतिशत राशि प्रशासनिक व्यय के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में योजना के प्रचार-प्रसार एवं आई.टी. सेल हेतु वर्षवार व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।
निर्धारित मापदण्ड के विपरीत जाकर अनुमति दिया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
163. ( क्र. 6621 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पैरामेडिकल कौंसिल के निर्धारित मापदण्ड अनुसार 100 बिस्तरों का अस्पताल, शहरी क्षेत्र में 1/2 (आधा) एकड़ तथा ग्रामीण क्षेत्र में तीन एकड़ भूमि के स्वामित्व वाली संस्थाओं को ही कोर्स चलाने की अनुमति दिए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2011-12 से 2013-14 की अवधि में भोपाल संभाग में कुछ संस्थाओं को शासन द्वारा पैरामेडिकल कोर्स चलाए जाने की अनुमति दी गई? यदि हाँ, तो किन-किन संस्थाओं ने निर्धारित मापदण्ड अनुसार दस्तावेजो की पूर्ति की है? (ग) क्या कुछ ऐसी संस्थाए है जिनके द्वारा निर्धारित मापदण्डो की पूर्ति नहीं की गई और शासन द्वारा अनुमति दी गई है यदि हाँ, तो ऐसी कौन-कौन सी संस्थाए है इस प्रकार की लापरवाही करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही करने
[आदिम जाति कल्याण]
164. ( क्र. 6626 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कन्या महाविद्यालय मोतीबैला इंदौर के पीछे आदिवासी कन्या पोस्ट मैट्रिक छात्रावास का निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है तथा उक्त छात्रावास के निर्माण के लिए कितना बजट का आवंटन स्वीकृत किया गया है तथा कितने सीटर छात्रावास निर्माणाधीन है? (ख) क्या उक्त निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? नहीं तो क्या कारण है? (ग) क्या कोई असामाजिक तत्वों द्वारा कार्य करने में अवरोध उत्पन्न किया गया है? हाँ तो वह कौन-कौन है तथा शासन द्वारा उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि रूपये 1.98 करोड़ का बजट स्वीकृत है। छात्रावास 60 सीट निर्माणाधीन है। (ख) जी नहीं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भूमि की आपत्ति लेने के कारण निर्माण कार्य बंद है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण हेतु बजट प्रावधान
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
165. ( क्र. 6633 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण के लिए जिलावार बजट उपलब्ध कराया जाता है? यदि हाँ, तो बजट के लिए क्या मापदण्ड बनाए गए हैं, जिसके तहत बजट दिया जाता है? (ख) क्या सीहोर जिले में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति के परिवार हैं? यदि हाँ, तो इसका अंतिमवार सर्वे कब और किस विभाग द्वारा किया गया सर्वे सूची ब्लाकवार उपलब्ध कराएं। (ग) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) अनुसार सीहोर जिले को बजट राशि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष के दौरान की गई राशि एवं खर्च का ब्यौरा माहवार, ग्रामवार, प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार बजट में प्राप्त राशि के उपयोग उपरांत लाभार्थियों की जीवन शैली शिक्षा आदि में क्या सुधार हुआ?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। बजट आवंटन दिये जाने हेतु पृथक से कोई मापदण्ड नहीं बनाये गये हैं। जिलो से प्राप्त माँग एवं उपलब्ध बजट प्रावधान अनुसार आनुपातिक रूप से बजट उपलब्ध कराया जाता हैं। (ख) जी हाँ। वर्तमान में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में इस वर्ग के लोगों के सर्वे का कार्य जिला कलेक्टर्स के माध्यम से कराया जा रहा हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। विभाग द्वारा छात्रावास खोलने एवं आवास देने पर जीवन शैली में परिवर्तन आ रहा हैं।
विद्यार्थी सुरक्षा योजना
[स्कूल शिक्षा]
166. ( क्र. 6634 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा स्कूली विद्यार्थियों के लिए कोई बीमा योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो बीमा सुरक्षा के लिए क्या प्रावधान है? (ख) क्या शासन द्वारा पूर्व में विद्यार्थी सुरक्षा योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या उक्त योजना को बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा स्कूली विद्यार्थियों के जोखिम सुरक्षा के लिए बीमा के अतिरिक्त किसी प्रकार का प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्या विद्यार्थियों के हक में किसी प्रकार की योजना बनाने की कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। कोई बीमा योजना संचालित नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पूर्व में बीमा योजना वर्ष 1994 से प्रारंभ की गई थी, जिसमें प्रति छात्र 1/- रूपये वार्षिक प्रीमियम का प्रावधान था। अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के अनुसार कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियों से किसी भी प्रकार की कोई राशि नहीं लिये जाने का प्रावधान होने से वार्षिक प्रीमियम विद्यार्थियों से नहीं लिये जाने से योजना वर्तमान में प्रभावशील नहीं है। (ग) जी नहीं। पात्रता अनुसार सहायता राशि का भुगतान राजस्व पुस्तक परिपत्र एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अन्य निर्देशों के अंतर्गत किया जाता है।
बालाघाट जिले में शालाओं में अतिरिक्त कमरों का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
167. ( क्र. 6640 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शा.कन्या उ.मा. शाला कटंगी, शा.उ.मा. शाला महकेपार, शा.उ.मा. शाला गोरेघाट, शा.उ.मा. शाला जाम, शा.उ.मा. शाला तिरोड़ी में छात्र-छात्राओं की संख्या को देखते हुये अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की आवश्यकता है। (ख) यदि हाँ, तो अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की स्कूल शिक्षा विभाग कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा। (ग) शा. कन्या उ.मा. शाला कटंगी में, शा.उ.मा. महकेपार में, शा.उ.मा. शाला गोरेघाट में शा.उ.मा.शाला जाम में कक्षा 9वीं से 12वीं तक कुल कितने छात्र अध्यनरत हैं तथा इन शालाओं में कितने-कितने कमरे हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) अतिरिक्त कक्ष निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पी.टी.आई के प्रभार में नियमों की अनदेखी
[स्कूल शिक्षा]
168. ( क्र. 6651 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के द्वारा पी.टी.आई. का प्रभार देने के संबंध में मापदण्ड नीति निर्धारित की गई थी? क्या उसी मापदण्डों के अनुरूप अशोकनगर जिले में पी.टी.आई. का प्रभार दिया जा रहा है? (ख) अशोकनगर जिले में कुल कितने पी.टी.आई. शिक्षक हैं और वह कहाँ-कहाँ पर पदस्थ हैं? क्या वह अपने वरीयता क्रम के अनुसार पदस्थ हैं? इनके वरीयता क्रम की संपूर्ण सूची उपलब्ध करावें? (ग) यदि कोई पी.टी.आई. शिक्षक अपनी वरियता क्रम के अनुसार पदस्थ नहीं है तो वह किस नियम से पदस्थ नहीं है? क्या इनके पदस्थापना में नियमों को ताक में रखा गया है? ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही होगी? यदि होगी तो कब तक होगी? (घ) क्या अशोकनगर जिले में जिला क्रीड़ा एवं कल्याण निरीक्षक का रिक्त पद का प्रभार क्या नियमानुसार दिया गया है? यदि नहीं, दिया गया है तो इसके जिम्मेदार कौन-कौन अधिकारी हैं? क्या ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही होगी? यदि होगी तो कब तक होगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) पी.टी.आई. का प्रभार देने के संबंध में नीति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) 07 पी.टी.आई. शिक्षक पदस्थ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित करना
[आयुष]
169. ( क्र. 6654 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में आयुष विभाग के संविदा कर्मचारियों को वर्ष 2009 में नियमित किया गया था? अगर हाँ तो क्या कर्मचारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में प्रथम नियक्ति दिनांक से नियमित करने हेतु अपील की गई थी तथा शासन द्वारा इस संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या कुछ कर्मचारियों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित किया गया है? अगर हाँ तो किस आधार पर प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित किया गया है वह आधार स्पष्ट बतायें? (ग) क्या कंपाउण्डरों, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, दवासाज को भी प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित किया जावेगा? अगर हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें? (घ) जिन कर्मचारियों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित किया गया है क्या वह शासन के नियमानुसार किया है? अगर हाँ तो बाकी बचे कर्मचारियों को कब तक प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित किया जावेगा और अगर नहीं तो शासन ऐसे कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करेगा जिनको प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित किया गया है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रकरणवार कार्यवाही की गई। (ख) जी हाँ। माननीय न्यायालय निर्णय के परिप्रेक्ष्य में। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरणवार निर्णय लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों का नियमितीकण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
170. ( क्र. 6655 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में संविदा पर कितने फार्मासिस्ट एवं पैरामेडीकल स्टॉफ कितने वर्षों से कार्यरत हैं और कितने कर्मचारी हैं? (ख) क्या जो पैरामेडीकल स्टॉफ, फार्मासिस्ट संविदा पर कार्यरत है वह शासन के रिक्त पद के विरूद्ध पदस्थ हैं अगर हाँ तो इनको शासन कब तक नियमित करेगा? नहीं तो क्यों? (ग) क्या इन कर्मचारियों की नियुक्ति नियमित रिक्त पद के विरूद्ध की गई थी? अगर हाँ तो ऐसे संविदा कर्मचारियों को कब तक संविदा में कार्य करना होगा? क्या भविष्य में इन सविंदा कर्मचारियों को नियमित किया जावेगा? अगर हाँ तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) विभाग में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अलिपिकीय संवर्ग संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2002 के तहत् वर्ष 2003 से वर्ष 2011 के मध्य संविदा नियुक्तियां की गई है। उपरोक्त संविदा कर्मियों में 42 रेडियोग्राफर, 126 लेब टेक्नीशियन, 18 नेत्र सहायक, 168 फार्मासिस्ट ग्रेड-2 एवं 24 ड्रेसर ग्रेड-2 संविदा आधार पर कार्यरत है। (ख) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अलिपिकीय संवर्ग संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2002 के नियम 10 (10) अनुसार नियमितिकरण की पात्रता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकासखण्ड समन्वयकों की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
171. ( क्र. 6662 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजीव गांधी प्राथमिक शिक्षा मिशन भोपाल द्वारा वर्ष 1995 में राजगढ़ जिले के विकासखण्डों में विकासखण्ड समन्वयक के पद पर नियुक्ति की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त नियुक्ति आदेश किस अधिकारी द्वारा जारी किये गये थे? नाम व पदनाम सहित बतावें? (ख) राजगढ़ जिले में नियुक्त उक्त विकासखण्ड समन्वयकों में से किसी समन्वयक की नियुक्ति के बारे में जिले को कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या इस हेतु जिले द्वारा वरिष्ठ कार्यालय से कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो कब? उसकी प्रति उपलब्ध करावें तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। आदेश डॉ. शशी राय, तत्कालीन अपर परियोजना संचालक, राजीव गांधी प्राथमिक शिक्षा मिशन एवं प्रतिलिपि श्री सुभाष पाचपौर, तत्कालीन उपप्रबंध, राजीव गांधी प्राथमिक शिक्षा मिशन द्वारा जारी किये गये थे। (ख) जी हाँ। दस्तावेजों के आधार पर परीक्षण किया गया। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। राजीव गांधी प्राथमिक शिक्षा मिशन की राज्य स्तरीय नियुक्ति समिति की बैठक दिनांक 17.1.1995 में श्री गजेन्द्र कुमार का विकासखण्ड स्रोत समन्वयक के पद पर विकासखण्ड जीरापुर जिला राजगढ़ में चयन किया गया। अत: मिशन संचालक, राजीव गांधी प्राथमिक शिक्षा मिशन कार्यालय से जारी आदेश के पृष्ठांकन क्रमांक-डी.पी.ई.पी./नियु./94/509 दिनांक 25 जनवरी, 1995 की पुष्टि होती है। अत: की गई शिकायत निराधार होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जिला चिकित्सालय में कर्मचारियों की भर्ती
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
172. ( क्र. 6663 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा पूर्व में राजगढ़ जिला चिकित्सालय अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी गई थी? यदि हाँ, तो कब? विज्ञप्ति की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त भर्ती में कितने आवेदन प्राप्त हुये थे? पदवार संख्या बतावें? (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त पदों की पूर्ति की गई थी? यदि हाँ, तो बतावें और यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या उक्त पदों की पूर्ति नहीं होने से विभाग में कर्मचारियों की कमी होने से कार्य प्रभावित नहीं हो रहे है? (घ) क्या विभाग उक्त निरस्त किये गये पदों पर पुन: भर्ती करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 14.08.2003 को विज्ञप्ति जारी की गई थी। विज्ञप्ति की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। (ख) कुल प्राप्त आवेदन एवं पदवार आवेदनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। नियुक्ति प्रक्रिया में कमी होने के फलस्वरूप कलेक्टर, राजगढ़ द्वारा भर्ती प्रक्रिया को शून्य घोषित की गई थी। जी नहीं, राजगढ़ जिले में उपलब्ध मानव संसाधन द्वारा स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है। (घ) जी नहीं। राज्य शासन द्वारा जारी नियमों के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ती प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से चयन परीक्षा आयोजित कर किये जाने के निर्देश है। तदानुसार विभाग के अधीन रिक्त पदों की पूर्ती प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से चयन परीक्षा आयोजित कर किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सर्व शिक्षा अभियान के छात्रावासों में वार्डन की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
173. ( क्र. 6664 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिला शिक्षा केन्द्र राजगढ़ द्वारा जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय/बालिका छात्रावास में वार्डन एवं लेखापाल नियुक्त किये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक पदस्थ रहे वार्डन एवं लेखापाल के नाम, पदनाम, पदस्थ संस्था का नाम सहित उनके उक्त पद पर नियुक्ति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय/बालिका छात्रावास में वार्डन की नियुक्ति किये जाने के क्या नियम हैं? क्या चयनित विद्यालय की शिक्षिका को वार्डन नियुक्त किये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ जिले में इसका पालन किया गया है? यदि हाँ, तो बतावे और यदि पालन नहीं किया गया है तो इसका क्या कारण है? इसके लिये कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम बतावें क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक। (ग) क्या सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत राजगढ़ जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय/बालिका छात्रावासों में सहायक वार्डन, रसोईये एवं चौकीदार भी पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक नियुक्त सहायक वार्डन, रसोइये एवं चौकीदार के नियुक्ति आदेश तथा उन्हें वर्तमान में जो मानेदय दिया जा रहा है, उसके आदेश की प्रति उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं बालिका छात्रावास में वार्डन एवं लेखापाल की नियुक्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। (ख) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय/बालिका छात्रावासों में वार्डन की नियुक्ति प्रक्रिया के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है। जी हाँ, राजगढ़ जिले में इसका पालन किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2014 से संचालित छात्रावासों में सहायक वार्डन, रसोईया एवं चौकीदार के नियुक्ति आदेश मानदेय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ग' अनुसार है।
प्रोटोकाल का उल्लंघन
[स्कूल शिक्षा]
174. ( क्र. 6677 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जिला सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र चितरंगी अंतर्गत क्योंटली हाई स्कूल के नवीन भवन में दिनांक 24.1.2017 के लोकार्पण कार्यक्रम में एवं अन्य कार्यक्रमों में प्रश्नकर्ता विधान सभा सदस्य के क्षेत्र के कार्यक्रम में प्रोटोकाल के तहत समारोह में क्यों आमंत्रित नहीं किया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यक्रम हेतु शिला लेख तथा कार्ड में प्रश्नकर्ता का नाम क्यों नहीं था? जबकि प्रोटोकाल के तहत अपात्र लोगों को आमंत्रित किया गया था। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषी जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) माननीय विधायक के प्रवास पर होने की वजह से आमंत्रित नहीं किया जा सका। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार। प्रोटोकॉल के तहत पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया था। (ग) आवश्यक जाँच करा कर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जबलपुर जिला अंतर्गत स्कूलों के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
175. ( क्र. 6689 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला अंतर्गत जन शिक्षक BAC, BRCC, APC के कितने पद कब से रिक्त हैं? इन पदों को अभी तक रिक्त रखने के क्या कारण हैं? रिक्त पद की पूर्ति किस प्रकार से कब तक कर दी जावेगी? (ख) जबलपुर जिला अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित है एवं क्या इन सभी स्कूलों में पूर्णकालिक प्राचार्य पदस्थ हैं? यदि पदस्थ नहीं है तो किन-किन शालओं में कब से पूर्णकालिक प्राचार्य पदस्थ नहीं है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शासकीय हाई स्कूल डगडगा हिनोता वर्ष 1998 से प्रारंभ किया गया, क्या कारण है कि प्रश्न दिनांक तक यह शाला प्राचार्य विहीन है जबकि यह शिक्षा का संकुल केन्द्र है? यहां पर एवं प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पूर्णकालिक प्राचार्य विहीन शालाओं में किस प्रकार से कब तक प्राचार्य नियुक्त कर दिये जावेंगे? (घ) शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला गांधीगंज तहसील मझौली जिला जबलपुर की स्थापना कब की गई वर्तमान समय में यहां पर किन-किन ग्रामों के बच्चे अध्ययन करते हैं? क्या कक्षा 8वीं उत्तीर्ण करने के पश्चात आवगमन की समुचित व्यवस्था न होने के कारण विद्यार्थियों को आगे की शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी का सामना करना पडता है? क्या शासन पूर्व माध्यमिक शाला गांधीगंज का उन्नयन हाई स्कूल में करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जबलपुर जिलान्तर्गत जनशिक्षक के 40, बी.एसी. के 23, बी.आर.सी.सी. के 03 तथा ए.पी.सी. का 01 पद रिक्त है। पद पूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जबलपुर जिलान्तर्गत संचालित हाई/हायर सेकेण्ड्री स्कूलों एवं प्राचार्यों के रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' पर है। पूर्णकालिक प्राचार्य पदस्थ न होने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' पर है। (ग) शास. हाई स्कूल डगडगा में प्राचार्य हाई स्कूल के पद की स्वीकृति प्रक्रियाधीन होने के कारण शाला प्राचार्य विहीन है। डगडगा में प्राचार्य हाई स्कूल का पद स्वीकृत प्रक्रियाधीन होने एवं शेष प्राचार्य विहीन शालाओं में रिक्त पदों की पूर्ति पदोन्नति से की जावेगी। पदोन्नति पर आरक्षण के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में विचाराधीन प्रकरण में निर्णय होने के पश्चात पदोन्नित की नियमानुसार कार्यवाही संभव हो सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं। (घ) शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला गांधीगंज तहसील मझौली जिला जबलपुर की स्थापना सत्र 2003-04 में की गई थी। वर्तमान में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला गांधीगंज, तलवा एवं नैगंवा के छात्र-छात्रा अध्ययनरत है। जी नहीं। शाला उन्नयन बजट प्रावधान एवं मापदण्डों की पूर्ति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अधोसंरचना के कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
176. ( क्र. 6698 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं व कार्यों के माध्यम से अनुसूचित जाति कल्याण हेतु मूलभूत आवश्यकताओं के अधोसंरचना के अनेक निर्माण कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले को कुल कितना बजट प्राप्त होकर उसके माध्यम से जिला अन्तर्गत कौन-कौन से किस-किस प्रकार के निर्माण कार्य किए गए? (ग) रतलाम जिला अन्तर्गत स्वीकृत कार्य किस प्रक्रिया के माध्यम से किस प्रकार का सर्वे करवाते हुए स्वीकृतियां दी गईं? कुल कितने कार्यों को किन-किन स्थानों पर स्वीकृतियां दीं, स्थानवार बताएं? (घ) जानकारी दें कि कार्यों को स्वीकृति हेतु नियमानुसार किन मापदण्डों को आधार बनाकर एवं किस प्रक्रिया के माध्यम से स्वीकृति दी? क्या इसका भौतिक सत्यापन भी किया जाता है? प्रश्नांश (ख) अवधि में कितने मांगलिक भवन बने, कितने प्रस्ताव लंबित हैं? ग्रामवार, स्थानवार जानकारी दें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति बस्ती विकास मद अंतर्गत अधोसंरचनात्मक कार्यों की आवश्यकताओं के मा. जनप्रतिनिधियों एवं अन्य माध्यम से प्राप्त प्रस्तावों का सर्वें संबंधित क्षेत्र के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत से कराया जाकर एवं बस्ती विकास योजना में निहित प्रावधानों अनुसार कार्यों की स्वीकृति जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) म.प्र. अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम, 2004, 2014 एवं 2016 में दर्शित मापदण्डों के आधार पर स्वीकृति दी गई। जी हाँ। मांगलिक भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
संविदा नियुक्तियाँ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
177. ( क्र. 6700 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित प्रबंधन किए जाने हेतु विभिन्न योजना अन्तर्गत कर्मचारियों, अधिकारियों एवं चिकित्सकों, विशेषज्ञों इत्यादि की नियुक्तियां संविदा के माध्यम से की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त उल्लेखित आशय के एवं अन्य प्रकार के कुल कितने आवेदन रतलाम जिले में प्राप्त होकर उन पर क्या-क्या कार्यवाहियां हुईं, किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार की कितनी नियुक्तियां दी गईं? प्रक्रिया सहित बताएं। (ग) रतलाम जिले में कुल कितने उपरोक्त उल्लेखित आशय के संविदा पर नियुक्त हुए कुल कितने किन-किन स्थानों पर हैं, उन्हें मानदेय कब से, कितना-कितना दिया जा रहा है? (घ) यदि सीधे प्रादेशिक स्तर पर नियुक्ति हुई हों अथवा जिला स्तर पर नियुक्तियां दी गई हों, दोनों प्रकार की जानकारी से अवगत कराएं एवं लंबित आवेदन की कुल संख्या सहित जानकारी प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कुल 6605 आवेदन प्राप्त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) कुल 184 नियुक्त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (घ) प्रदेश स्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है एवं जिला स्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। लंबित आवेदनों की संख्या निरंक है।
स्कूलों के उन्नयन के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
178. ( क्र. 6711 ) श्री रजनीश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के माध्यमिक शालाओं से हाई स्कूल में उन्नयन, हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन के कितने प्रस्ताव स्कूल शिक्षा विभाग के पास प्रस्तावित हैं? (ख) केवलारी विधान सभा के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने शाला भवन जर्जर हैं, उनकी सूची देवें। उक्त भवनों के लिए शासन के समक्ष क्या भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव लंबित हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) अनुसार किन-किन भवनों का निर्माण कराया जाना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' पर है। (ख) एवं (ग) केवलारी विधानसभा के क्षेत्रांतर्गत कोई भी हाई स्कूल/हायर सेकेन्डरी स्कूल के शाला भवन जर्जर नहीं है। प्राथमिक शालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' पर है। वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में उक्त जर्जर भवनों के विरूद्ध नवीन भवन निर्माण के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत शासन को प्रस्तावित किये गये हैं।
सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत नवीन मरम्मत कार्य
[स्कूल शिक्षा]
179. ( क्र. 6714 ) श्री रजनीश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में सर्व शिक्षा अभियान (राजीव गांधी मिशन) अंतर्गत 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने नवीन/मरम्मत के कार्य कराये गये हैं कार्य का नाम/निर्माण एजेंसी/लागत राशि एवं कार्य पूर्ण होने की अवधि सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) उक्त कंडिका (क) में वर्णित कार्यों में से क्या कुछ ऐसे भी कार्य हैं जो अवधि पूर्ण होने के बाद भी अधूरे हैं एवं इसके संदर्भ में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और यदि नहीं, की गई है तो क्यों? (ग) क्या कुछ निर्माण कार्यों को 5-5 वर्ष से अधिक हो गये है और वे अपूर्ण हैं? विभाग द्वारा सतत् निरीक्षण न किये जाने के कारण एवं लागत राशि का संपूर्ण भुगतान कर दिये जाने के कारण ठेकेदारों द्वारा कार्य बीच में छोड़ दिया गया है, जिससे शिक्षा के साथ-साथ शासन के पैसों का भी नुकसान हुआ है। (घ) क्या उक्त लंबित कार्यों के संबंध में कोई ठोस कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार कार्यों की स्वीकृति एवं राशि वर्ष 2015-16 में जारी की गई है, निर्माण कार्य प्रगतिरत है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत जिला स्तर से सीधे टेंडर की कार्यवाही कर ठेकेदारों से निर्माण कार्य नहीं कराये जाते हैं। अत: शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आश्रमों/छात्रावासों के स्वीकृत पद
[आदिम जाति कल्याण]
180. ( क्र. 6725 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में घुमक्क्ड़ एवं अर्द्धघुकक्कड़ जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित विमुक्त छात्रावासों/आश्रमों की सूची सीटों की उपलब्ध संख्या के अनुसार बतावें क्या उपलब्ध सीटों के अनुसार छात्र संख्या है? यदि है तो क्या छात्र नियमित उपस्थित रहकर शासन की योजना का लाभ ले रहे हैं या अनुपस्थित रहते है 01 जुलाई, 2016 से 31 दिसम्बर 2016 तक की प्रति छात्रावास/आश्रमवार जानकारी स्पष्ट करें? (ख) उक्त छात्रावासों/आश्रमों में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम पद पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें? (ग) क्या विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों/आश्रमों में कलेक्टर दर पर रसोईया वाटरमेन एवं चौकीदार के पद स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया का पालन करते हुये ग्वालियर जिले में पद भरे गये हैं? यदि हाँ, तो कितने पद भरे गये हैं? सूची दें। क्या ग्वालियर जिले के छात्रावास/आश्रमों में कलेक्टर दर के पदों पर अंशकालीन कर्मचारी रखे जाकर कलेक्टर दर से भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो भुगतान शासन के किन नियमों/निर्देशों के अंतर्गत किया जा रहा है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। इन पदों पर भर्ती हेतु जिला रोजगार अधिकारी, जिला ग्वालियर को सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, ग्वालियर के पत्र क्रमांक-1097 दिनांक 26.09.2016 द्वारा उम्मीदवारों के नाम चाहे गये हैं। छात्रावास/आश्रमों में अंशकालीन दर पर रखे गये कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग के नियमानुसार अंशकालीन मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है, पत्र संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ग' अनुसार है।
आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
181. ( क्र. 6726 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने हेतु शासन, केन्द्र सरकार की क्या योजना है? 1 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में आशा कार्यकर्ताओं को कब-कब प्रशिक्षण दिया गया अथवा दिया जाना है? कुल कितनी आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण पर कितनी राशि व्यय हुई अथवा की जानी है? (ख) आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने हेतु जिले में संस्था का चयन कब, किस आधार पर किन नियम, नीति, निर्देशों, मापदण्डों के आधार पर किनके द्वारा किया गया? किन-किन संस्थाओं ने इस कार्य हेतु प्रस्ताव दिये? चयनित संस्था के चयन का आधार क्या रहा? संस्था द्वारा दिये गये प्रस्ताव व पूर्व अनुभवों का विवरण दें। चयनित संस्था के संचालकगणों के व संरक्षकों का नाम, पता बतावें? (ग) चयनित संस्था के आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण हेतु कितनी राशि कब-कब दी गई? कब-कब, कहाँ-कहाँ संस्था द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये? कार्य पर अब तक व्यय राशि का विवरण दें। प्रशिक्षण शिवरों का निरीक्षण कब-कब, किन-किन के द्वारा किया गया?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने हेतु राज्य शासन/केन्द्र सरकार की निम्नांकित योजना है। 1. नवीन आशाओं को आठ दिवसीय प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया जाता है। 2. आशा प्रशिक्षण मॉड्यूल 6-7 के अंतर्गत चार चरणों में पाँच-पाँच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है। तीन चरणों के प्रशिक्षण बाद पाँच दिवसीय रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रश्नावधि में आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कुल 924 आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया एवं राशि रू. 2259052/- (रूपये बाईस लाख उनसठ हजार बावन मात्र) का व्यय किया गया। (ख) वर्ष 2012 में, राज्य एन.आर.एच.एम. कार्यालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश एवं मापदण्ड के आधार पर जिला स्वास्थ्य समिति, ग्वालियर द्वारा किया गया। प्रियांशी शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति, ग्वालियर रमन शिक्षा समिति ग्वालियर, मस्तराम बाबा महिला समाज शिक्षा प्रसार समिति, ग्वालियर एवं म.प्र. प्राकृतिक चिकित्सालय तथा महाविद्यालय समिति, ग्वालियर द्वारा प्रस्ताव जारी निविदा के माध्यम से दिये थे। राज्य एन.एच.एम. कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के माध्यम से प्राप्त प्रस्तावों में से मेरिट के आधार पर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली संस्था म.प्र. प्राकृतिक चिकित्सालय तथा महाविद्यालय समिति का चयन किया गया। संस्था का प्रस्ताव एवं अनुभव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। चयनित संस्था के संचालकगणों के नाम निम्नांकित है-
क्र. |
संस्था का नाम |
पद |
पता |
1 |
श्री ब्रजेश श्रीवास्तव |
अध्यक्ष |
नई सड़क, ग्वालियर |
2 |
श्री नरेंद्र शर्मा |
उपाध्यक्ष |
गांधी नगर, ग्वालियर |
3 |
श्रीमती मीना शर्मा |
सचिव |
पड़ाव, ग्वालियर |
4 |
श्री नीलू दीक्षित |
कोषाध्यक्ष |
फालका बाजार, राम मंदिर, लश्कर, ग्वालियर |
5 |
श्री उदय ठाकुर |
उप सचिव |
मयूर नगर, ग्वालियर |
6 |
कु. बालकुमारी |
आय-व्यय परिक्षक |
आयगिल बिरला नगर, ग्वालियर |
7 |
कु. प्रतिभा शर्मा |
प्रचार मंत्री |
नक्कासा नं. 2 नई सड़क, ग्वालियर |
8 |
श्री मनीष शर्मा |
सदस्य |
दागीकीपायग, ग्वालियर |
9 |
श्री जयंत शितोले |
सदस्य |
कदम साहब का बाड़ा जनकगंज, ग्वालियर |
10 |
श्रीमती मंजु कुशवाह |
सदस्य |
पदरी मोहल्ला नाका चंद्रवदनी, ग्वालियर |
संस्था का संरक्षक नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्रों पर रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
182. ( क्र. 6742 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता परि.अता. प्रश्न संख्या 99 (क्रमांक 3884) दिनांक 4 मार्च 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि विशेषज्ञों के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विशेषज्ञों के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही एवं चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया में प्रचलित कार्यवाही की प्रश्न दिनांक तक अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत सिविल अस्पताल ब्यावरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुठालिया, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मलावर, नापानेरा, टोड़ी एवं समस्त उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर लम्बे समय से रिक्त विशेषज्ञों, चिकित्सकों, महिला चिकित्सक के पदों की पूर्ति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? स्वास्थ्य केन्द्रवार बतावें? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के स्वास्थ्य केन्द्रों पर लम्बे समय से रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कोई त्वरित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। विशेषज्ञ के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया, पदोन्नति के संदर्भ में माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण नहीं की जा सकी है। चिकित्सा अधिकारियों के 1896 पदों हेतु चिकित्सकों की चयन प्रक्रिया मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्ण की गई है एवं दिनांक 07.03.2017 को 726 चिकित्सकों की चयन सूची जारी की गई है। सीमित मात्रा में चिकित्सकों की उपलब्धता होने पर शत-प्रतिशत पदपूर्ति में कठिनाई होगी, उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति की कार्यवाही की जावेगी। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में दर्शित कठिनाई के कारण पदस्थापना नहीं की जा सकी है परंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सुठालिया में दिनांक 10.01.2017 से एक आर.सी.एच. संविदा चिकित्सक की पदस्थापना की गई है। उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं पर विशेषज्ञ/चिकित्सक के पद स्वीकृत नहीं होते हैं। (ग) जी हाँ। यथाशीघ्र।
शासकीय शालाओं की बाउण्ड्रीवाल निर्माण की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
183. ( क्र. 6743 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत शासकीय माध्यमिक टोका, माध्यमिक सेमलापार, माध्यमिक शाला मिठनपुर, हाईस्कूल बगवाज, हाईस्कूल सीलखेडा, हाईस्कूल बैरसिया, माध्यमिक शाला विजयगढ़, हाईस्कूल आगर, हाईस्कूल कानेड, हाईस्कूल आंदलहेड़ा उक्त सभी विद्यालय मुख्य सड़क के किनारे स्थित होने से भवनों की सुरक्षा हेतु बाउण्ड्रीवाल निर्माण कराया जाना अति आवश्यक है? तो क्या शासन द्वारा उक्त शाला परिसरों की बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक बाउण्ड्रीवाल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासकीय उत्कृष्ट शाला ब्यावरा एवं शासकीय हाईस्कूल टोडी के भवन व परिसर की सुरक्षा हेतु गत वर्ष बाउण्ड्रीवाल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त विद्यालयों सहित जिले में स्वीकृत सभी बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया गया है तथा क्या संबंधित निर्माण एजेन्सियों को भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक संबंधित निर्माण एजेन्सियों को भुगतान कर दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। हाई स्कूल व हायर सेकेण्ड्री विद्यालयों की बाउण्ड्रीवाल का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। शासकीय माध्यमिक शाला टोका, सेमलापार, मिठठनपुर एवं विजयगढ़ के भवनो की सुरक्षा हेतु बाउण्ड्रीवाल का निर्माण वार्षिक कार्ययोजना 2017-18 में प्रस्तावित किया है। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। शेष भुगतान बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में स्वीकृत सभी बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं संबंधित निर्माण एजेंसिंयों को भुगतान कर दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार।
होम्योपैथिक चिकित्सकों को एलोपैथी मेडिसिन की अनुमति
[आयुष]
184. ( क्र. 6753 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सा के चिकित्सकों को प्रशिक्षण उपरान्त एलोपैथी में मेडिसिन देने की अनुमति दी गई है? प्रदेश के होम्योपैथिक चिकित्सकों को इसमें सम्मिलित क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या मध्यप्रदेश में होम्योपैथिक चिकित्सकों को प्रशिक्षण उपरांत एलोपैथी मेडिसिन देने कि अनुमति अन्य राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि की भांति दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्दों में पदस्थी की अवधि में आयुर्वेद चिकित्सा को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण उपरांत सीमित सीमा में। आयुर्वेद, यूनानी चिकित्सको को सी.सी.एच. द्वारा सहमति न दिये जाने से। (ख) जी नहीं।
अनुसूचित जनजाति वर्ग की बस्तियों का विकास
[आदिम जाति कल्याण]
185. ( क्र. 6755 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 20 से अधिक परिवार निवास जिन गांवों में निवास करते हैं? उन गांवों या बस्तियों के विकास की योजना है? यदि हाँ, तो शाजापुर जिले में कितने गांवों या बस्तियों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवार निवास करते हैं? इन गांवों के विकास हेतु क्या-क्या योजना बनाई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत विकासखंड कालापीपल के ग्राम रामड़ी में विकास कार्यों हेतु राशि प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्यों के लिये?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना 2005 यथा संशोधित 2014 में 2001 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 50 प्रतिशत या उससे अधिक तथा जहां कम से कम अनुसूचित जनजाति के 20 परिवार निवास करते हों, उन बस्तियों में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास नियमानुसार विकास कार्य कराये जाने की योजना है। जिला शाजापुर के ग्रामों में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत विकासखण्ड कालापीपल के ग्राम रामडी विकास कार्य हेतु कोई राशि प्रदान नहीं की गई है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
186. ( क्र. 6756 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र बड़नगर जिला उज्जैन में 2010 से अभी तक विद्यालयों हेतु कितने नवीन भवन एवं कितने विद्यालयों हेतु अतिरिक्त कक्ष, प्रयोगशाला कक्ष, पुस्तकालय कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, आदि निर्माण कार्य स्वीकृत हुए है? विद्यालय की सूची, स्वीकृत कार्यों की लागत और आकार सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) उपरोक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने विद्यालयों में कार्य पूर्ण हो गये हैं? कितने विद्यालयों में निर्माण कार्य जारी हैं? कितने विद्यालयों में निर्माण कार्य प्रारंभ होना शेष हैं? पृथक-पृथक सूची मय निर्माण एजेंसी के प्रदान करें। (ग) जिन विद्यालयों में निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है उनमें कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा तथा अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं करने का क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) शा.उ.मा.वि. पलदुना में 3 कक्षों का निर्माण भूमि की अनुपलब्धता के कारण आरंभ नहीं हो पाया है। विद्यालय परिसर में स्थित जर्जर भवन गिराने की कार्यवाही आरंभ कर दी गई है। जर्जर भवन गिरने के उपरान्त निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आश्रम/छात्रावास अधीक्षक के पद पर प्रतिनियुक्ति
[आदिम जाति कल्याण]
187. ( क्र. 6760 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के अंतर्गत संचालित आश्रम/छात्रावास अधीक्षक के पद पर विभाग के अतिरिक्त किस-किस विभाग के लोगों की प्रतिनियुक्ति की जा सकती है? (ख) प्रतिनियुक्ति पर जिन शिक्षकों को भेजा जाता है, क्या उनको कुछ अतिरिक्त मानदेय प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो कितना? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कौन-कौन व्यक्ति छात्रावास अधीक्षक के रूप में पदस्थ हैं तथा वे किस-किस विभाग से संबंधित हैं? नाम पद और स्थान सहित जानकारी प्रदान करें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) विभाग के अतिरिक्त शिक्षा विभाग की शालाओं में कार्यरत शिक्षकीय अमले को शिक्षा विभाग से सहमति ली जाकर अधीक्षक का कार्य लिया जा सकता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन
[स्कूल शिक्षा]
188. ( क्र. 6761 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा में कितने शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकण्डरी विद्यालय हैं? इनमें से कितने विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) जिन विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन नहीं हैं उनमें विद्युत कनेक्शन देने की शासन की क्या योजना है? (ग) विद्यालय विद्युत बिल का भुगतान का प्रबंध किस प्रकार करेगा? क्या विभाग द्वारा विद्यालय को राशि उपलब्ध कराई जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ख) राज्य बजट अंतर्गत विद्युत कनेक्शन हेतु प्रावधान किया जाता है। (ग) प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों के विद्युत बिलों का भुगतान शाला में उपलब्ध राशि, स्थानीय निकायों द्वारा वहन किया जाना प्रस्तावित है। हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में विद्युत बिल का भुगतान स्थानीय निधि/निर्धारित मद अंतर्गत किये जाने का प्रावधान है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन हाई स्कूल/हायर सेकण्डरी की मान्यता
[स्कूल शिक्षा]
189. ( क्र. 6763 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा अशासकीय हाई स्कूल और हायर सेकण्डरी विद्यालयों को प्रत्येक वर्ष नवीन एवं नवीनीकरण की मान्यता प्रदान की जाती है? (ख) क्या शेष रहे विद्यालयों को नवीन/नवीनीकरण की मान्यता हेतु आवेदन करने हेतु पुनः पोर्टल प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? जानकारी प्रदान करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्राप्त आवंटन की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
190. ( क्र. 6776 ) श्री गोपाल परमार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग को 2 वर्ष में कितना-कितना आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ है, मदवार जानकारी देवें एवं प्राप्त आवंटन किस-किस मद में कितना व्यय किया गया जानकारी देवे। (ख) वर्तमान में किस छात्रावास के पास कितनी सामग्री हैं? उक्त सामग्री कब क्रय की गई छात्रावासों को दी जने वाली सामग्री किसके द्वारा क्रय की गई सामग्री की तादात एवं मूल्य फर्म का नाम तथा भुगतान की जानकारी भुगतान पत्रक द्वारा देवें? (ग) वर्तमान में किस छात्रावास के पास कितनी सामग्री है? उक्त सामग्री कब क्रय की गई? छात्रावासों को दी जाने वाली सामग्री किसके द्वारा क्रय की गई सामग्री की तादात एवं मूल्य, फर्म का नाम तथा भुगतान की जानकारी भुगतान पत्रक द्वारा देवें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' एवं 'ई अनुसार है।
आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर में चिकित्सकों की अवैध नियुक्ति
[आयुष]
191. ( क्र. 6808 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालयों में प्रोफेसर एवं रीडर पद पर नियमित और संविदा नियुक्ति के लिए वर्ष 2010 में कोई विज्ञापन जारी किया गया था? यदि हाँ, तो इस हेतु भर्ती नियमों में और विज्ञापन में क्या निर्देश जारी किये गये थे? प्रति सहित जानकारी दें? (ख) क्या भर्ती नियमों एवं उक्त विज्ञापन में दिये गये निर्देशों/नियमों को नजरअंदाज करते हुए डॉ. रवि कुमार श्रीवास्तव एवं डॉ. निधि श्रीवास्तव को शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय, जबलपुर में नियमित पदों पर अवैधानिक नियुक्ति प्रदान की गयी है, जो नियुक्ति हेतु पात्र नहीं थे? (ग) क्या उक्त चिकित्सकों की नियुक्ति पर माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा स्थगन आदेश जारी करने के पश्चात भी उन्हें नियुक्तियां प्रदान की गयी हैं? हाँ तो क्यों? क्या उक्त चिकित्सकों की नियुक्त पदों पर परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के पूर्व ही उन्हें नियमित कर दिया गया? हाँ तो क्यों? कौन जिम्मेदार है? (घ) क्या प्रश्नांश 'ख' एवं 'ग' के प्रकाश में इस प्रकरण के संबंध में कभी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो कब और क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुईं और प्राप्त शिकायतों पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गयी? नहीं की गयी तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। संबंधित विज्ञापन की छायाप्रतियाँ व जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) विज्ञापन में अनारक्षित अभ्यार्थी की सेवायें संविदा पर लेने का लेख है, जबकि संबंधित शिक्षकों (रीडर) को नियमित नियुक्ति दी गई है। (ग) विज्ञापन के विरूद् 04 याचिकाये मान. उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई, जिनमें से 02 याचिकाये वापस ली गई। विधिक राय के आधार पर। परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के उपरांत आदेश प्रसारित। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
आयुष सुविधाओं के संबंध में
[आयुष]
192. ( क्र. 6819 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने आयुष चिकित्सक उपलब्ध हैं? नियुक्ति स्थान एवं चिकित्सक का नाम बतावें? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा नियुक्त चिकित्सक के कार्यक्षेत्र में मुख्यालय के साथ किन-किन ग्रामों को सम्मिलित किया है? (ग) क्षेत्र में आयुष चिकित्सकों के साथ कौन-कौन सा स्टॉफ स्वीकृत है तथा स्वीकृत पदों में कितने पदों पर नियुक्ति की है और कितने पद रिक्त हैं? (घ) आयुष चिकित्सकों द्वारा ग्राम में एलोपैथिक कार्य किया जा सकता है?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) शासकीय आयुर्वेद औषधालय रूनीजा में डॉ. सरीता चौहान पदस्थ हैं। (ख) औषधालय के मुख्यालय के निकटतम स्थित ग्राम। संख्या निर्धारित नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) जी नहीं।
जिले में स्वास्थ्य मशीनों की उपलब्धता एवं संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
193. ( क्र. 6820 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिले के किन-किन चिकित्सालय में मरीजों के इलाज हेतु कौन-कौन सी मशीनें उपलब्ध हैं? (ख) उक्त मशीनों के संचालन हेतु कौन-कौन कर्मचारी नियुक्त किए हैं, नाम व पद सहित जानकारी देवें? (ग) वर्तमान में मन्दसौर जिले की स्थानीय स्वास्थ्य सेवायें अच्छी तरह संचालित हों, इस हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला कलेक्टर द्वारा शासन से क्या-क्या मांग करी है? (घ) उपरोक्त मांग पत्रों पर शासन द्वारा दिए गए उत्तर की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) कलेक्टर मन्दसौर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मन्दसौर द्वारा जिले के चिकित्सा कर्मी एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की पद पूर्ति, आवश्यक प्रशिक्षण, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुवासरा हेतु एक्स-रे मशीन तथा निर्माण संबंधी कार्य की आवश्यकता की मांग की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
अध्ययनरत अनु.जा./ज.जाति के बालक/बालिकाओं के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
194. ( क्र. 6827 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में हायर सेकेण्डरी एवं हाईस्कूल में कितने छात्र/छात्राएं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के अध्ययनरत हैं? (ख) शैक्षणिक वर्ष 2015-16 में विषयांकित स्कूल के कितने छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति स्वीकृत होकर उनके खातों में जमा कर दी गई है? यदि छात्रवृत्ति स्वीकृत नहीं हुई है तो उसके क्या कारण हैं तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार है। शासन जिम्मेदारों के विरुद्ध क्या कोई कार्यवाही करेगा? कब तक छात्रवृत्ति स्वीकृत करके छात्र/छात्राओं के खाते में जमा कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) अनूपपुर जिले में वर्ष 2016-17 में अनुसूचित जाति वर्ग के 2858 बालक एवं 2788 बालिकाएं एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के 8663 छात्र एवं 9640 छात्राएं अध्ययनरत् है। (ख) शैक्षणिक सत्र 2015-16 में विषयांकित स्कूलों में 93624 विद्यार्थियों को ऑनलाइन छात्रवृत्ति स्वीकृत की जाकर 93126 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। शेष विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति वितरण की कार्यवाही प्रचलन में है। छात्रवृत्ति वितरण नहीं करने के लिए उत्तरदायी प्राचार्य/आहरण वितरण अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
कन्या विद्यालयों एवं कन्या छात्रावासों हेतु शौचालय की स्थापना
[स्कूल शिक्षा]
195. ( क्र. 6835 ) सुश्री मीना सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिले में कन्या विद्यालयों एवं कन्या छात्रावासों में कहाँ-कहाँ पर इंसीलेटर शौचालय स्थापित है नाम, पतावार जानकारी उपलबध करावें? (ख) क्या मानपुर विधानसभा क्षेत्र में कन्या छात्रावास एवं विद्यालयों में एक भी इंसीलेटर शौचालय नहीं बनाये गये है? (ग) जिला उमरिया में इस हेतु बजट किन-किन शालाओं को प्रदान किया गया है? बजट प्राप्ति के बाद यदि उक्त शौचालय नहीं बनाये गये तो संबंधित पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी नहीं। वर्ष 2015-16 में 07 कन्या माध्यमिक विद्यालयों में इंसीनरेटर युक्त शौचालय बनाए गए है। हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) हाई व हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार तथा प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सभी भवन पूर्ण हो चुके है, अत: शेषांश उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
196. ( क्र. 6836 ) सुश्री मीना सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक उमरिया जिले को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी व्यय की गई? व्यय राशि का मदवार एवं गतिविधिवार ब्यौरा उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में व्यय की गई राशि के संबंध में क्या भण्डार क्रय नियमों का पालन वित्तीय सीमा अंतर्गत किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई व्यय राशि के संबंध में जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित कर अनुमोदन लिया गया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें। (घ) व्यय राशि के संबंध में क्या सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करायें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्नावधि में उमरिया जिले को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राशि रूपये 15,45,33,919/- प्राप्त हुई तथा राशि रूपये 13,62,07,661/- व्यय की गयी। व्यय राशि की मदवार एवं गतिविधिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उपशाला शिक्षकों के लंबित भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
197. ( क्र. 6855 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में वर्ष 1973-74 एवं 1974-75 में नियुक्त उपशाला शिक्षक के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय रायसेन में उपशाला शिक्षकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय का इनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान प्रदाय करने संबंधी आदेश प्रस्तुत किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो रायसेन जिले के कितने उपशाला शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार भुगतान कर दिया गया है और किन-किन को नहीं? शेष उपशाला शिक्षकों को कब तक भुगतान किया जायेगा? (ग) क्या इस प्रक्रिया के दौरान मृत हो चुके उपशाला शिक्षकों के आश्रितों/परिजनों को उक्त भुगतान किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) 11 उपशाला शिक्षकों के नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान के प्रस्ताव प्राप्त हुये थे, सभी को माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार भुगतान हेतु आदेश जारी किये गये हैं। भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माध्यमिक शिक्षा अधिनियम का उल्लंघन
[स्कूल शिक्षा]
198. ( क्र. 6856 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षण सत्र 2014-15 में अशासकीय हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की नवीन मान्यता एवं मान्यता वृद्धि संभागीय संयुक्त संचालकों ने जारी की थी? यदि हाँ, तो सागर जिले की निजी शालाओं द्वारा संभागीय संयुक्त संचालकों के खाते में दिनांक 26 फरवरी, 2014 से 17 जनवरी,2017 तक जमा राशि का ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार संभागीय संयुक्त संचालकों द्वारा इस वर्ष में जारी नवीन मान्यता और मान्यता वृद्धि प्रमाण पत्रों की सूची संभागवार उपलब्ध करावें। (ग) क्या म.प्र. माध्यमिक शिक्षा अधिनियम, 1965 के अंतर्गत शासन को नियम बनाने की शक्ति प्राप्त है? यदि हाँ, तो मान्यता नियम विधानसभा के पटल पर रखने के पूर्व ही लागू कर दिये गये? जबकि अधिनियम की धारा 27 (2) के अनुसार नियमों का प्रकाशन/संशोधन विधानसभा के पटल पर रखना अनिवार्य है? क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सागर संभाग अंतर्गत सागर जिले की जमा राशि रूपये 7,57,400/- है। (ख) सागर संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। म.प्र. माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1965 की धारा 27 (2) के अनुसार ''उपधारा (1) के अधीन बनाये गये समस्त नियम विधानसभा के पटल पर रखें जाऐंगे'' प्रावधानित है इस प्रावधान के अनुसार कार्यवाही की गई है, अत: शेषांश उपस्थित नहीं होता।
हितग्राही मूलक योजनाओं के लंबित प्रकरण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
199. ( क्र. 6857 ) श्री हर्ष यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें प्रचलित हैं? प्रचलित योजनाओं में वर्ष 2016-17 में देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित योजनाओं के हितलाभ हेतु प्राप्त आवेदनों में से कितने स्वीकृत किये गये? कितने किन कारणों से अमान्य/निरस्त किये? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित योजनाओं में हितलाभ हेतु कितने आवेदन किस स्तर पर लंबित हैं और क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विभाग अंतर्गत प्रचलित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना अंतर्गत समस्त आवेदन स्वीकृति पश्चात प्रकरण बैंकों को प्रेषित किये गये है। विभाग अंतर्गत कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
पं. दीनदयाल उपचार योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
200. ( क्र. 6863 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पं. दीनदयाल उपचार योजना में शासकीय अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है? (ख) क्या शासकीय अस्पतालों में इस हेतु पृथक बजट का प्रावधान है? (ग) उक्त योजना अन्तर्गत शा. महाराजा यशवंतराव अस्पताल, इन्दौर में विगत 5 वर्षों में कितनी-कितनी दवाइयां, कितनी-कितनी राशि की किन नियमों के तहत क्रय की गईं? (घ) क्या दवाइयां क्रय करने में कोई अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुईं, यदि हाँ, तो क्या जाँच की गई? यदि नहीं, तो जाँच कराई जावेगी।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में योजना के अन्तर्गत निःशुल्क उपचार हेतु पृथक से बजट का प्रावधान विभाग द्वारा किया जाता है। (ग) एम. वाय. चिकित्सालय, इन्दौर द्वारा विगत 05 वर्षों में क्रय की गई दवाईयों की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त दवाइयाँ भण्डार क्रय नियम के तहत क्रय की गई है। (घ) दवाइयाँ क्रय करने में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों में छात्र सुरक्षा बीमा योजना पुन: प्रारंभ करना
[स्कूल शिक्षा]
201. ( क्र. 6865 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न क्रमांक 5430, दिनांक 9.3.2016 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में बताया कि छात्र सुरक्षा बीमा पुन: प्रारंभ करने पर विचार किया जा रहा है। हाँ तो आधा सत्र बीत जाने पर भी क्रियान्वयन नहीं करने का कारण बतावें। (ख) क्या सत्र 2013-14 से 2015-16 के मध्य जिलेवार मृतक छात्रों की जानकारी एकत्रित की जा रही है? हाँ तो कृपया प्रस्तुत करें। (ग) क्या दुर्घटनाग्रस्त छात्रों को सुरक्षा बीमा की तर्ज पर स्वयं विभाग ही एक राशि निश्चित करके नहीं दे सकता? कारण आर.टी.ई. के अनुसार छात्रों से राशि नहीं ली जा सकती है। (घ) ज्ञात हुआ है कि न्यू इन्डिया इन्शुरेन्स कम्पनी मात्र 2/- प्रति छात्र की दर से 10,000/- मृत्यु की दशा में और अन्य दुर्घटना में राशि देने को तैयार हैं। अगर हाँ तो सभी कम्पनियों से प्रस्ताव मँगवाया जा सकता है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विचारोपरान्त छात्र सुरक्षा सुरक्षा बीमा योजना को पुन: प्रारंभ नहीं करने का निर्णय लिया गया है। चूंकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत कक्षा 1 से 8वीं तक शासकीय विद्यालयों में किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है, अत: योजना की प्रीमियम के संभावित वित्तीय भार के कारण राज्य शासन द्वारा वहन किए जाने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा असहमति व्यक्त की गई है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) अभी इस आशय का कोई प्रस्ताव नहीं है। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ।
पूर्णकालिक शिक्षा अधिकारी की पदस्थी
[आदिम जाति कल्याण]
202. ( क्र. 6875 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुक्षी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के पद पर प्राचार्य कन्या शिक्षा परिसर को प्रभारी नियुक्त किया गया है? (ख) इन्हें कब तक प्रभार से हटाकर पूर्णकालिक शिक्षा अधिकारी पदस्थ कर दिए जाएगें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में स्थानान्तरण पर प्रतिबंध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
झारड़ा कस्बे में पिछड़ा वर्ग छात्रावास
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
203. ( क्र. 6880 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग छात्रावास कब तक स्वीकृत किया जायेगा? कस्बा झारड़ा के संबंध में बतावें? (ख) इसके लिए अब तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (ग) इसके विलंब के क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण विभाग द्वारा वर्तमान में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में छात्रावास प्रारंभ नहीं किये गये है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। कस्बा झारड़ा स्तर पर भी छात्रावास प्रारंभ नहीं किये गये है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
निजी मेडिकल कॉलेजों की अनियमितता
[चिकित्सा शिक्षा]
204. ( क्र. 6884 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी मेडिकल कालेजों द्वारा वर्ष 2013 से 2016 तक M.B.B.S. प्रथम वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई? (ख) चिकित्सा विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में MBBS प्रथम वर्ष में प्रवेशित विद्याथियों का नामांकन क्रमांक की सूची वर्ष अनुसार महाविद्यालय अनुसार देवें? (ग) उपरोक्त (ख) वर्षों अनुसार जिन विद्यार्थियों को प्रोविजनल डिग्री (प्रमाण पत्र) प्रदान की गई उनकी सूची वर्षोंनुसार देवें? (घ) अपील अथारिटी प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति द्वारा वर्ष 2009 से 2013 तक निजी चिकित्सा महाविद्यालय में MBBS प्रथम वर्ष में प्रवेशित जिन 721 विद्यार्थियों की चयन प्रक्रिया को गलत माना है? उन विद्यार्थियों की जानकारी देवें?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) निजी मेडिकल कॉलेजों की वर्ष 2013 एवं 2014 में प्रवेशित छात्रों के मूल अभिलेख जिसमें प्रवेशित छात्रों की सूचियाँ भी शामिल हैं, प्रवेश जाँच प्रकरण सी.बी.आई. के अधीन विवेचनाधीन होने के कारण सी.बी.आई. में जमा है। अतः जानकारी प्रदान की जाना संभव नहीं है। वर्ष 2015 एवं 2016 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) चिकित्सा विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थियों का नामांकन क्रमांक की सूची वर्ष अनुसार महाविद्यालय अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर के अन्तर्गत एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में प्रथम बैच सत्र 2014 एवं 2015 में प्रवेशित हुआ है। अतः पाठ्यक्रम पूर्ण नहीं होने के कारण किसी भी विद्यार्थियों को प्रोव्हीजनल डिग्री (प्रमाण पत्र) प्रदान नहीं की गई है। (घ) अपीलीय अथारिटी द्वारा दिये गये निर्णय के विरूद्ध निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक 10857/2015 दायर की गई है। उक्त याचिका वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
पदों की पूर्ति की चयन प्रक्रिया में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
205. ( क्र. 6887 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2015 में राज्य शिक्षा केन्द्र लेखापाल भर्ती परीक्षा के अतंर्गत कुल कितने पदों को भरे जाने हेतु परीक्षा आयोजित की गई थी? (ख) उक्त परीक्षा के आयोजन की प्रक्रिया के अतंर्गत प्रश्नांकित दिनांक तक क्या अनियमितताओं के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई थी/हैं? हाँ तो तत्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त प्रक्रिया के कार्य संचालन में कौन-कौन अधिकारी दोषी है के खिलाफ किस प्रकार की कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) 2208 पदों हेतु। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में पंचकर्म की सुविधा
[आयुष]
206. ( क्र. 6889 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा दिये जाने के लिये कितने-कितने आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में पंचकर्म सुविधाएं उपलब्ध हैं? चिकित्सालयवार जानकारी दें। (ख) नहीं तो कब तक उक्त चिकित्सालयों में पंचकर्म सुविधाएं उपलब्ध करा दी जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किस-किस आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में पंचकर्म सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बतायें नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित चिकित्सालयों का निरीक्षण कर पंचकर्म की सुविधाए मुहैया कराने के संबंध में तत्संबंधी ब्यौरा देतु हुए बतायें कि उक्त चिकित्सालयों में उक्त सुविधाएं कब तक उपलब्ध करा दी जायेंगी? यदि नहीं, तो कारणों का तत्संबंधी ब्यौरा दें?
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) खरगोन जिलें में शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय है, जिसमें पंचकर्म सुविधा है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) चिकित्सालय न होने से प्रश्नं उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्ति उपरांत उपादानों पर रोक
[आदिम जाति कल्याण]
207. ( क्र. 6897 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी विभाग के शिक्षक के सेवानिवृत्ति के बाद कितने समय में उनके प्रकरणों का निराकरण कर पेंशन जारी की जाती है? इंदौर संभाग के खरगोन जिले के सेवानिवृत्त व्याख्याता श्री टी.डी. वैष्णव दिनांक 31.12.2013 को सेवानिवृत्त हो गये हैं? उसके पश्चात भी आज दिनांक तक उनका कोई भी क्लेम, बीमा, जी.पी.एफ. पेंशन का निराकरण नहीं होने का क्या कारण है? क्या दोषी अधिकारियों के प्रति कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या प्रश्नांकित के अवकाश की राशि 3646668 का बिल ट्रेजरी द्वारा पास करके 19.9.2016 को उनके खाते में जमा किया गया था तथा जमा बिल की राशि किस आदेश के तहत दिनांक 14.11.2016 को वापस की गई? क्या ट्रेजरी खरगोन द्वारा दिनांक 11.9.2009 के आदेश की स्वच्छ प्रति चाही गई है? उसे अधिकारी कब तक ट्रेजरी को उपलब्ध कराकर प्रकरण का निराकरण करवायेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) म.प्र. शासन के अधीनस्थ लोक सेवकों के लिये म.प्र. सिविल सेवायें (पेंशन) 1976 प्रभावी है। जी हाँ। एफ.बी.एफ., जी.आई.एस., अग्रिम सेवा उपादान एवं जी.पी.एफ. का भुगतान किया जा चुका है। केवल जिला पेंशन अधिकारी जिला खरगोन द्वारा पेंशन प्रकरण में कोर्ट निर्णय की अभिप्रमाणित प्रति चाही गई थी, जो अप्राप्त रहने के कारण पेंशन प्रकरण में विलम्ब हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। संभागीय उपायुक्त, आदिवासी एवं अनुसूचित जाति विकास इन्दौर संभाग इन्दौर के आदेश क्रमांक/ न्याया./08/3846-3847 इन्दौर, दिनांक 20.11.2008 के आदेश के तहत् राशि वापस की गई है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
याचिकाओं के निराकरण से संबंधित दिये गये निर्देश पर कार्यवाही
[आदिम जाति कल्याण]
208. ( क्र. 6898 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 30 मार्च 2016 के परि.अता.प्र.स. 120 (क्र. 7690) के 'घ' उत्तर में बताया था कि जाँच उपरांत कार्यवाही की जावेगी माननीय न्यायालय के पारित निर्णय के पालन में श्री वैष्णव का अभ्यावेदन परीक्षणाधीन है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रकरण में जाँच करा ली गई है? यदि हाँ, तो प्रकरण में क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या प्रश्नांकित व्यक्ति का अभ्यावेदन का परीक्षण करा लिया गया? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) प्रकरण की जाँच में विलंब किये जाने में कौन-कौन दोषी है? दोषी व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय न्यायालय के निर्णय एवं श्री वैष्णव द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन के संबंध में श्री वैष्णव को समक्ष में सुनवाई हेतु आहूत किया गया है। (ग) प्रश्नांश 'ख' अनुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।