मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र
सोमवार, दिनांक 21 मार्च, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगरीय
निकायों में
निर्माण
कार्य हेतु
क्रय सामग्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 2978 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के नगर पंचायत चांचौड़ा, कुम्भराज, मधुसूदनगढ़ में वर्ष 2021-22 में किये गये निर्माण कार्यों एवं खर्च की गई धनराशि का ब्यौरा प्रदान करें। (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के नगर पंचायत चांचौड़ा, कुम्भराज, मधुसूदनगढ़ में वर्ष 2021-22 में अतिरिक्त निर्माण कार्यों के अतिरिक्त क्रय की गई सामग्री एवं उस हेतु व्यय की गई धनराशि का ब्यौरा प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्ष 2021-22 में नगर परिषद चाचौड़ा-बीनागंज, नगर परिषद कुम्भराज में निर्माण कार्यों में राशि व्यय की गई है एवं नगर परिषद मधुसूदनगढ़ में कोई राशि व्यय नहीं की गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2021-22 में नगर परिषद चाचौड़ा-बीनागंज, नगर परिषद कुम्भराज एवं नगर परिषद मधुसूदनगढ़ में सामग्री क्रय पर व्यय की गई राशि की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अपरवेदा डेम से पाईप लाईन कार्य की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 3209 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगांव शहर में वर्तमान में पेयजल की क्या व्यवस्था है? क्या भीकनगांव में निवासरत शहरवासियों को प्रतिदिन पेयजल हेतु पानी उपलब्ध हो रहा है? नहीं तो क्या कारण है? क्या पेयजल हेतु वर्तमान उपलब्ध जल स्त्रोत में वर्ष भर पानी उपलब्ध रहता है? नहीं तो क्या पेयजल हेतु अपरवेदा डेम से सीधी फिल्टर प्लांट तक पाईप लाईन स्वीकृति उपरान्त पेयजल व्यवस्था का समाधान हो सकता है? हाँ तो क्या नगर परिषद भीकनगांव में पर्याप्त पेयजल हेतु अपरवेदा डेम से फिल्टर प्लांट तक पाईप लाईन की स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? हाँ तो वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है तथा कितनी राशि से पाईप लाईन कार्य पूर्ण हो जायेगा तथा नहीं तो क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : भीकनगांव नगर की पेयजल व्यवस्था ग्राम पोखराबाद में स्थित स्टाप डेम पर निर्मित इन्टेकवेल से की जाती है। जी नहीं। स्टोरेज क्षमता नहीं होने से प्रतिदिन पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। पेयजल हेतु वर्तमान उपलब्ध जल स्त्रोत में वर्ष भर पानी उपलब्ध नहीं रहता है, ग्रीष्मकाल के दौरान निकाय की आवश्यकतानुसार पानी अपस्ट्रीम में निर्मित अपरवेदा डेम से समय-समय पर छुड़वाया जाता है। नगर परिषद भीकनगांव में पर्याप्त पेयजल हेतु अपरवेदा डेम से फिल्टर प्लांट तक पाईप लाईन कार्य की कार्ययोजना लगभग राशि रू. 600.00 लाख की तैयार की गई है। प्रस्ताव की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विकासखण्ड जवा अंतर्गत पहुंच मार्ग एवं सेतु निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 516 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत भनिगवां से खरपटा की ओर नदी पर सेतु निर्माण कार्य एवं पहुंच मार्ग 03 वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी पूर्ण नहीं हो सका है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त सेतु निर्माण एवं पहुंच मार्ग निर्माण हेतु विभाग के द्वारा क्या समय-सीमा नियत की गई थी? निर्माण कार्य हेतु कुल कितनी राशि विभाग के द्वारा स्वीकृत की गई थी? कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया है तथा कितनी राशि का भुगतान शेष है? (ग) क्या विभाग के द्वारा नियत समय पर कार्य पूर्ण न करा पाने की दशा में संबंधित संविदाकार के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 14 माह वर्षाकाल छोड़कर अर्थात दिनांक 18.10.2020 नियत थी। निर्माण कार्य हेतु लागत रुपये 780.86 लाख स्वीकृत की गई थी। ठेकेदार को माह 02/2022 तक कुल भुगतान रुपये 259.48 लाख किया गया एवं राशि रुपये 54.00 लाख का भुगतान शेष है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत लाईन दुर्घटना में क्षतिपूर्ति
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 3736 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्य क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2021-22 में लाईन पर कार्य करते हुये कितने व्यक्तियों की दुर्घटनावश मृत्यु हुई है? (सूची वांछनीय) क्या उपरोक्त सभी व्यक्ति विद्युत कम्पनी के कर्मचारी थे? (ख) यदि नहीं, तो उपरोक्त व्यक्तियों को सुधार कार्य की अनुमति किसने दी एवं अचानक विद्युत प्रवाह चालू करने से हुई मृत्यु का जिम्मेदार कौन है? क्या माननीय मंत्री जी ऐसी घटनाओं की रोकथाम हेतु कोई दिशा-निर्देश जारी करेंगे? क्योंकि प्राय: वरिष्ठ लाईन मेन गांव के बेरोजगारों से निजी खर्च पर जोखिम वाले कार्य कराते हैं एवं दुर्घटना की स्थिति में कंपनी का कर्मचारी न होने की बात कहकर कंपनी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती है। (ग) दिनांक 13.02.2022 को प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र खरगापुर अंतर्गत पलेरा जिला टीकमगढ़ में घटित ऐसी ही घटना में मृतक राजेन्द्र पाठक, निवासी ग्राम रामनगर की मृत्यु उपरांत म.प्र.पू.क्षे.वि.कं. द्वारा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) मृतक राजेन्द्र पाठक, निवासी ग्राम रामनगर, तहसील पलेरा के परिजनों को कंपनी या शासन की ओर से कितनी क्षतिपूर्ति राशि दी जावेगी एवं कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह फरवरी 2022 तक विद्युत लाईनों पर कार्य करते हुए कुल 15 व्यक्तियों की दुर्घटनावश मृत्यु हुई है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विद्युत लाईन में सुधार कार्य नियमानुसार नियमित तकनीकी कर्मचारियों द्वारा ही किया जाता है एवं आऊटसोर्स कार्मिक/ठेका श्रमिक केवल नियमित कर्मचारियों की सहायता हेतु उपलब्ध होते हैं। उत्तरांश (क) में उल्लेखित विद्युत दुर्घटनाओं के लिये जिम्मेदारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वरिष्ठ लाईनमेन द्वारा गांव के बेरोजगारों से निजी खर्च पर जोखिम वाले कार्य कराने का प्रकरण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं आया है। तथापि यदि कोई विशिष्ट प्रकरण वितरण कंपनी के संज्ञान में आता है तो उस पर जांच कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विद्युत लाईन सुधार कार्य हेतु उक्त निर्धारित प्रक्रिया के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई निर्देश दिया जाना आवश्यक नहीं है। (ग) दिनांक 13.02.2022 को खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के पलेरा वितरण केन्द्र अंतर्गत घातक विद्युत दुर्घटना में श्री राजेन्द्र पाठक, निवासी ग्राम रामनगर की मृत्यु हुई थी। उक्त घटना की विस्तृत जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में श्री अजय चौधरी, लाईन परिचारक (संविदा) की लापरवाही परिलक्षित होने पर उन्हे कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। साथ ही विस्तृत जांच में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का यदि कोई अन्य अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाया जाता है, तो उस कार्मिक के विरूद्ध भी कंपनी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) मृतक श्री राजेन्द्र पाठक के साथ घटित घातक विद्युत दुर्घटना का विस्तृत जांच प्रतिवदेन प्राप्त होने के उपरान्त मृतक के परिजनों को म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्रचलित नियमानुसार यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति की राशि प्रदाय की जावेगी।
पी.आई.यू. के निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1605 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत बाबई विकासखण्ड में आंचलखेड़ा शाला निर्माण एवं सोहागपुर नगर में कन्या शाला निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है, इस कार्य की निविदा शर्तों में समयावधि क्या तय की गई थी? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (ख) उक्त निर्माण हेतु निश्चित समयावधि में कार्य पूर्ण न कर पाने के कारण ठेकेदार/अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के पी.आई.यू. से कौन-कौन से कार्य विगत 3 वर्षों में स्वीकृत हुये हैं, उनकी सूची, कार्य पूर्णता दिनांक एवं लागत की जानकारी उपलब्ध कराई जाये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बाबई विकासखण्ड में आंचलखेड़ा शाला का निर्माण कार्य दिनांक 30.11.2021 को पूर्ण हो चुका है तथा सोहागपुर कन्या शाला निर्माण कार्य प्रगति पर है जो जून 2022 तक पूर्ण होना संभावित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 3462 ) श्री महेश परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग तराना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक कितने किसानों से स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के अन्तर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुए, उनमें से कितने के विरूद्ध राशि जमा कराई गई, कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये? क्या स्थापित किये गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर मानक स्तर के थे? की वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) संचालन-संधारण संभाग तराना के अन्तर्गत मार्च 2021 की स्थिति में कुल कितने किलोमीटर निम्नदाब लाईन है? इनमें से कितने किलोमीटर नवीन निम्नदाब लाईन वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्थापित की गई? स्थापित नवीन निम्नदाब लाईन की लागत कितनी थी? उक्त नवीन लाईन के कार्य का किस स्तर के अधिकारी द्वारा सुपरविजन किया गया? उक्त नवीन लाईन के निर्माण में मुख्यत: कौन-कौन सी विद्युत सामग्रियों का उपयोग किया गया? (ग) संचालन-संधारण संभाग तराना के अन्तर्गत मार्च 2021 की स्थिति में कुल कितने किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन है? इनमें से कितने किलोमीटर नवीन 11 के.व्ही. लाईन वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्थापित की गई? स्थापित नवीन 11 के.व्ही. लाईन की लागत कितनी थी? उक्त नवीन 11 के.व्ही. लाईन के कार्य का किस स्तर के अधिकारी द्वारा सुपरविजन किया गया? उक्त नवीन 11 के.व्ही. लाईन के निर्माण में मुख्यत: कौन-कौन सी विद्युत सामग्रियों का उपयोग किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग तराना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक कुल 877 कृषकों से स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के अंतर्गत कुल 877 आवेदन प्राप्त हुए एवं सभी 877 आवेदनों में योजना के प्रावधानों के अनुरूप राशि जमा कराई गई तथा इन प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध कुल 445 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये, जिनकी वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उल्लेखनीय है कि स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के अंतर्गत संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा स्वयं के व्यय पर मानक स्तर के वितरण ट्रांसफार्मर क्रय किये जाते हैं एवं अ-श्रेणी ठेकेदार के माध्यम से कार्य कराया जाता है। (ख) संचालन-संधारण संभाग तराना के अंतर्गत मार्च 2021 की स्थिति में कुल 2530.16 कि.मी. निम्नदाब विद्युत लाईन स्थापित है। उक्त में से कुल 7.42 कि.मी. नवीन निम्नदाब विद्युत लाईन वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्थापित की गई है, जिसकी कुल लागत राशि रू. 23.26 लाख है। उक्त नवीन निम्नदाब विद्युत लाईन के कार्य का सुपरविजन सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया। उक्त नवीन निम्नदाब विद्युत लाईन के निर्माण में मुख्यतः पी.सी.सी. पोल, निम्नदाब ए.बी. केबल, ए.ए.ए.सी. कंडक्टर, एलटीब्रेकेट, इन्सुलेटर, अर्थिंग क्वाईल, स्टे सेट इत्यादि विद्युत सामग्री का उपयोग किया गया है। (ग) संचालन-संधारण संभाग तराना के अंतर्गत मार्च 2021 की स्थिति में कुल 1839.2 कि.मी. 11 के.व्ही. विद्युत लाईन स्थापित हैं। उक्त में से कुल 78.18 कि.मी. नवीन 11 के.व्ही. विद्युत लाईन वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्थापित की गई है, जिसकी कुल लागत राशि रू. 218.12 लाख है। उक्त नवीन 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के कार्य का सुपरविजन सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया। उक्त नवीन 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के निर्माण में मुख्यतः पी.सी.सी. पोल, ए.ए.ए.सी. कण्डक्टर, व्हीक्रॉस आर्म, इन्सुलेटर, डी.सी. क्रॉस ऑर्म, अर्थिंग क्वाईल, स्टे सेट इत्यादि विद्युत सामग्री का उपयोग किया गया है।
अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 674 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्रालय द्वारा प्रदेश के अनधिकृत कॉलोनियों को वैध किये जाने को लेकर मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 जारी किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या नये नियम के अनुसार वर्तमान के अवैध कॉलोनी रहवासियों के लिये शासन की औपचारिकताओं को पूरा करने में राहत देने की योजना है? (ग) जबलपुर जिले के नगर निगम क्षेत्रांतर्गत कितने अवैध कॉलोनियों के होने की जानकारी है और शासन स्तर पर अवैध कॉलोनियों को क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं? (घ) विधानसभावार विस्तृत ब्यौरे के साथ ही इन कॉलोनियों को वैध किये जाने की क्या कार्य योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु नगरीय क्षेत्र की दिनांक 31.12.2016 तक अस्तित्व में आईं अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को नागरिक अधोसंरचनायें प्रदान करने, भवन निर्माण अनुमति देने, जल, विद्युत जैसी मूलभूत सेवायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 दिनांक 13.01.2022 जारी किये जा चुके हैं। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित उद्देश्यों की पूर्ति के लिये प्रचलित अधिनियम एवं उत्तरांश (क) में उल्लेखित नियमों के अंतर्गत कार्यवाही संपादित करने की योजना है। (ग) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत 227 अनधिकृत कॉलोनियां हैं। दिनांक 31.12.2016 तक अस्तित्व में आयी अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचनायें विहित प्रक्रिया अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
निकायों द्वारा क्रय सामग्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 2268 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के न.पा. लेखा अधिनियम 2018 में नगर पालिका/नगर परिषद् को वर्ष में सामग्री क्रय हेतु अधिकतम सीमा क्या निर्धारित या तय की गई है? (ख) अलीराजपुर जिला अन्तर्गत निकायों द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक क्रय की गई सामग्री जल प्रदाय, स्वच्छता, सफाई व विद्युत सामग्री का स्पष्ट नाम व विवरण, निविदा सूचना, कार्य आदेश प्रदायकर्ता का नाम व पता, भुगतान की गई राशि सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या अधिनियम का उल्लंघन करते हुए बिना सक्षम स्वीकृति के अधिक व्यय करना, अनियमितता की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कोरोना का लॉकडाउन कब से प्रभावशील हुआ, लॉकडाउन अवधि में अलीराजपुर नगर परिषद् द्वारा क्रय समस्त सामग्री का नाम, सप्लायर का नाम, भुगतान तिथि व भुगतान राशि प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में स्पष्ट व पूर्ण जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय निकायों द्वारा बजट प्रावधान/आवश्यकतानुसार सामग्री क्रय की जाती है, सामग्री क्रय हेतु अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। (ख) अलीराजपुर जिले की नगरीय निकाय क्रमश: अलीराजपुर, जोबट एवं चन्द्रशेखर आजाद नगर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश किस निकाय के किस प्रकरण के संबंध में है, स्पष्ट न होने से उत्तर देना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
कन्हान नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 2814 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछले वर्ष आई भीषण बाढ़ में छिन्दवाड़ा जिले के सौंसर विकासखण्ड में लोधीखेड़ा रंगारी मार्ग पर कन्हान नदी पर बना पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसकी केवल आंशिक मरम्मत करके दो पहिया वाहन जाने के लिये रास्ता बनाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पुल की मरम्मत न किये जाने का क्या कारण है और कब तक इसकी मरम्मत होगी? (ग) क्या उपरोक्त क्षतिग्रस्त पुल के पास से एक बड़ा पुल बनाया जा रहा है, जिसका कार्य विगत चार वर्ष से चल रहा है? (घ) उपरोक्त पुल के निर्माण कार्य में विलंब का क्या कारण है? (ड.) किस तारीख तक क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत और दूसरे पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। दोपहिया एवं हल्के चार पहिया वाहन के लिए रास्ता बनाया गया है। (ख) पुराना पुल मरम्मत होने योग्य नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, जी हाँ। (घ) कोविड-19 महामारी, वर्ष 2020 की अत्यधिक वर्षा से एच.एफ.एल. में वृद्धि के कारण पुनः डिजाईन में परिवर्तन होने के कारण। (ड.) क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत संभव नहीं है, नवीन पुल का निर्माण कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है, कार्य को जून 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
राज्य स्तरीय जांच समिति के प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
10. ( *क्र. 3606 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में हवाई पट्टी निर्माण कार्य में अनियमितता पाये जाने पर प्रमुख अभियंता द्वारा दिनांक 12.01.2021 को राज्य स्तरीय तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था तथा उक्त कमेटी ने अपना जांच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक 93, दिनांक 01.02.2021 को प्रमुख अभियंता कार्यालय में जमा कर दिया था? क्या उक्त जांच प्रतिवेदन के बिंदु क्र. 1 से 12 तक जांच प्रतिवेदन में उक्त कार्य को गुणवत्ताविहीन मान लिया गया है तो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त हवाई पट्टी के निर्माण में प्रमुख दोषी मुख्य अभियंता, जी.आर. गुजरे, अधीक्षण यंत्री, बी.के. झा, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, बी.के. विश्वकर्मा एस.डी.ओ., बृजेश सिंह के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई, क्यों? कारण सहित बतायें कि क्या कार्यवाही शासन द्वारा की गई है? उसकी प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो जब राज्य स्तरीय कमेटी जांच कर चुकी है तो पुन: प्रमुख अभियंता भोपाल द्वारा क्र. 216/शि./रीवा/2020, 1997, 1998, दिनांक 20.12.2021 को संभागीय कमेटी से जांच कराने का क्या औचित्य है? क्या प्रमुख अभियंता का यह कृत्य दोषी अधिकारियों को बचाने एवं कार्यवाही लिंगरऑन करने का नया तरीका है? उक्त प्रमुख अभियंता ने रिटायर होने के पूर्व उक्त कमेटी बनाई है, जिसे कब तक निरस्त कर दी जायेगी? नहीं की जायेगी तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अधिकारियों को कब तक निलंबित कर राशि की वसूली कराते हुए संबंधित थानों में एफ.आई.आर. दर्ज करा दी जायेगी? उपयंत्री जिसे बहाल कर पुन: सतना में पदस्थ कर दिया गया है, उसे अन्य जिले में कब तक पदस्थ कर दिया जायेगा? नहीं किया जायेगा तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, अपितु प्रक्रियात्मक त्रुटि एवं कार्य स्पेसीफिकेशन के अनुरूप संपादित नहीं कराये जाने के कारण प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर संबंधित कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही हेतु मुख्य अभियंता को निर्देशित किया गया है। (ख) प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की गई जो कि प्रचलन में है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ग) प्रथम जांच रिपोर्ट के कुछ बिन्दुओं पर अस्पष्टता होने के कारण। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर निष्कर्षों के विश्लेषण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाना संभव होगा। जी नहीं, अपितु सागर में पदस्थ किया गया था, तत्पश्चात शासन आदेश दिनांक 06.08.2021 से सतना में पदस्थ किया गया है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल नगर की खराब सड़कों की मरम्मत
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( *क्र. 3808 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजधानी भोपाल में शहर की खराब सड़कों की मरम्मत/पेंचवर्क के कार्य वर्ष 2020, 2021 एवं 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अवधि में किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि के कितने-कितने कि.मी. सड़कों के पेंचवर्क के कार्य नगर निगम भोपाल एवं राजधानी परियोजना द्वारा किस-किस ठेकेदारों से कराये गये? (ग) उक्त सड़कों में से शाहपुरा की ऐसी कौन-कौन सी सड़के हैं, जिनका पेंचवर्क का कार्य एक वर्ष में तीन अथवा चार बार किन कारणों से कराया गया एवं पत्रकार भवन (मालवीय नगर) से बिड़ला मंदिर होते हुए वल्लभ भवन शौर्य स्मारक से शिवाजी की मूर्ति (1250) तक उक्त अवधि में कब-कब पेंचवर्क/मरम्मत का कार्य बार-बार किन कारणों से कराया गया? इस कार्य में उक्त सड़कों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (घ) उपरोक्त के संबंध में बंसल चिकित्सालय के सामने शाहपुरा रूद्ररेश्वर महाकाल मंदिर से जाने वाली सड़क कहां तक बनाई गई एवं उसके किनारे एवं नाले के किनारे क्या रैलिंग व पेंटिंग कराई गई है? यदि हाँ, तो इस कार्य पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं भुगतान करने के पूर्व क्या भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो कब और किसके द्वारा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या अधिकारियों, इंजीनियरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से गुणवत्ताविहीन मटेरियल का उपयोग कर सड़कें बनाई गईं, जिससे सड़कें कुछ माह बाद ही गड्ढे में तब्दील हो जाती है एवं रेलिंग तथा पेंटिंग के नाम पर फर्जी बिल लगाकर राशि का आहरण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिक निगम, भोपाल से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा वर्ष 2020-21 में 1.50 कि.मी. का कार्य मे. राघवेन्द्र द्विवेदी, ठेकेदार द्वारा किया गया है, जिसमें राशि रूपये 13,21,819.00 का व्यय हुआ है। 2021-22 में 3.386 कि.मी. सड़क का पेचवर्क का कार्य किया गया है, जिसमें से 0.286 कि.मी. का कार्य ठेकेदार मे. गणेश सिंह से कराया गया है, जिसमें राशि रूपये 17,13,715.00 का भुगतान किया जाना है तथा 2.100 कि.मी. का कार्य मे. बालाजी इन्फ्रा ट्रेड एवं श्री रफीक खान द्वारा किया गया है, जिसमें राशि रूपये 13,45,000.00 का व्यय हुआ है। अरेरा हिल्स स्थित प्रशासनिक क्षेत्र की सड़कों, एप्को कैम्पस की सड़कों एवं इंद्रपुरी तथा सोनागिरी क्षेत्र की 19 कि.मी. सड़क का मरम्मत कार्य अनुरक्षण मद के अंतर्गत मेसर्स शेपर्स कंपनी द्वारा कराया गया है, जिस पर राशि रूपये 15.00 लाख केवल का व्यय हुआ है। इसके अतिरिक्त 01 कि.मी. का पेचवर्क कार्य ठेकेदार के परफॉर्मेन्स अवधि में कराया गया है, जिसके लिए कोई व्यय नहीं हुआ है। (ग) शाहपुरा क्षेत्र में बन्सल अस्पताल के सामने बाबा नगर क्षेत्र में 0.286 कि.मी. रोड़ का पेचवर्क का कार्य केवल एक ही बार वर्ष 2021-22 में कराया गया है, जिस हेतु राशि रूपये 17,13,715.00 का भुगतान किया जाना है। शाहपुरा से काली मंदिर तक नगर निगम द्वारा पेयजल की लाईन डालने के लिए खोदी गई थी, जिस पर किसी भी प्रकार का पेचवर्क नहीं किया गया है। पत्रकार भवन (मालवीय नगर) से बिड़ला मंदिर से विधानसभा, शिवाजी चौराहे से शौर्य स्मारक तिराहे तक पेंचवर्क कार्य परफॉर्मेन्स अवधि में कराया गया है एवं इस हेतु कोई राशि व्यय नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त अवधि में प्रश्नाधीन सड़क में 0.286 कि.मी. भाग में पेचवर्क का कार्य कराया गया है। पेचवर्क के कार्य हेतु राशि रूपये 17,13,715.00 का भुगतान किया जाना है। इस अवधि में उक्त सड़क पर रेलिंग या पेन्टिंग का कोई कार्य संपादित नहीं कराया गया है। पेचवर्क कार्य का भौतिक सत्यापन संबंधित उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किया गया है। (ड.) जी नहीं। सभी कार्य निर्धारित मापदण्ड अनुसार कराये गये हैं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
एनर्जी पावर पार्क हेतु भूमि आवंटन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
12. ( *क्र. 3646 ) श्री हर्ष यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सागर जिले में यू.एम.आर.ई.पी.पी. योजनान्तर्गत सौर परियोजना/सोलर पार्क स्थापित करने की कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त परियोजना की स्थापना हेतु सागर जिले की कौन-कौन सी तहसीलों से कितने-कितने हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है? चिन्हित भूमि के आवंटन हेतु कितने खसरों का कितना क्षेत्रफल चिन्हित किया गया है? भूमि के आवंटन की प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि भूमि का आवंटन हो चुका है, तो सौर परियोजना/सोलर पार्क के निर्माण की प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित है और क्यों? सागर जिले में सौर परियोजना/सोलर पार्क स्थापित करने की कार्ययोजना को कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी? (घ) उक्त परियोजना की स्थापना हेतु आवश्यक भूमि की उपलब्धता पूर्ण हो चुकी है या तहसील कार्यालयों से और भूमि का चयन किया जाएगा? यदि हाँ, तो क्या देवरी विधानसभा क्षेत्र की तहसील देवरी अन्तर्गत रिक्त शासकीय राजस्व भूमि को शामिल किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। सागर जिले में यू.एम.आर.ई.पी.पी. (अल्ट्रा मेगा रिन्यूबल एनर्जी पावर पार्क) योजना अन्तर्गत 1500 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क परियोजना प्रस्तावित की गयी है। परियोजना स्थापित करने के लिए सागर जिले में 5442.8 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गयी है। भूमि के आवंटन हेतु RCMS Portal में उपलब्ध 3259.85 हे. भूमि दिनांक 14.06.2021 को आवेदन किया गया है एवं कलेक्टर सागर को दिनांक 17.08.2021 को पत्र प्रेषित किया गया है। (ख) उक्त परियोजना की स्थापना हेतु निम्नलिखित तहसीलों में उनके सम्मुख दर्शायी गयी भूमि चिन्हित की गई है :- तहसील गढ़ाकोटा, खसरा संख्या 199 एवं क्षेत्रफल 330.780 हेक्टेयर, तहसील सागर, खसरा संख्या 604 एवं क्षेत्रफल 5016.980 हेक्टेयर, तहसील केसली, खसरा संख्या 02, क्षेत्रफल 94.740 हेक्टेयर कुल खसरा संख्या-805, क्षेत्रफल-5,442.500 हेक्टेयर। चिन्हित भूमि 805 खसरे, क्षेत्रफल 5442.500 हेक्टेयर के आवंटन हेतु राजस्व विभाग, कार्यालय कलेक्टर द्वारा जिले स्तर पर सत्यापन/परीक्षण किया जा रहा है। तहसीलों के सम्मुख दर्शायी गई चिन्हित भूमि की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भूमि का आवंटन जिला स्तर पर प्रक्रियाधीन है। भूमि उपलब्धता की सुनिश्चिता के उपरान्त, कार्ययोजना की स्वीकृति हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर, केन्द्र शासन की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा जाता है। (घ) भूमि का आवंटन प्रक्रियाधीन है। परियोजना हेतु लगभग 3000 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। प्रश्नांश (क) में आवेदित एवं प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित चिन्हित अन्य भूमि आवंटित नहीं हो सकने की दशा में अन्य तहसील कार्यालयों से भूमि का चयन किया जा सकेगा। देवरी विधानसभा की देवरी तहसील के 115 ग्रामों में लगभग 8844 हेक्टेयर शासकीय भूमि को चिन्हित कर आंतरिक परीक्षण किया गया था, इन भूमियों में वन, आबादी, डूब क्षेत्र, अभ्यारण, अतिक्रमण बांध, अन्य प्रयोजन हेतु आरक्षित के कारण बचा हुआ क्षेत्रफल छितरा (Scattered) हुआ था। सोलर पार्क हेतु निरन्तर/लगातार भूमि की आवश्यकता होती है, जो देवरी तहसील में उपलब्ध नहीं हो पायी है।
विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत विद्युत आपूर्ति
[ऊर्जा]
13. ( *क्र. 1630 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत किन-किन ग्रामों की केबिल खराब होने के कारण विद्युत सप्लाई अवरूद्ध है? विस्तृत विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिन ग्रामों की केबिल खराब हैं, उन्हें कब तक बदल दी जायेगी? (ग) क्या 33 के.व्ही.ए. बनकुइयां लाईन के तार की क्षमता वृद्धि का कार्य स्वीकृत हुआ था? यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक पूर्ण किया गया? यदि कार्य पूर्ण नहीं किया गया है तो कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण है? कार्य पूर्ण न करने के दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) सेमरिया नगर स्थित विद्युत उपकेन्द्र से दूरस्थ कितने ग्रामों को विद्युत प्रदाय किया जाता है? क्या सेमरिया उपकेन्द्र से लाइनों को छोटा कर नया विद्युत उपकेन्द्र स्थापित करने की योजना है? यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत 97 ग्रामों में 147 स्थानों की विद्युत केबिल खराब है, जिसकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त सभी ग्रामों में सुधार कार्य कर एवं वैकल्पिक व्यवस्था द्वारा संबंधित सभी उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त सभी ग्रामों में खराब केबल बदलने का कार्य कराया जा रहा है एवं उपरोक्त कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार पूर्ण कराए जाने के प्रयास है, जिस हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की कार्य योजना वर्ष 2016-17 में 33 के.व्ही. बनकुइयां लाईन की क्षमता वृद्धि का कार्य स्वीकृत हुआ था। उक्त कार्य हेतु प्राक्कलन क्रमांक 227740 एवं कार्यादेश क्रमांक 61491, दिनांक 17.05.2016 के माध्यम से एस.टी.सी. संभाग रीवा को कार्यादेश दिया गया था। उक्त कार्य के अंतर्गत स्वीकृत 15 कि.मी. क्षमता वृद्धि के कार्य में से 1.5 कि.मी. लाईन का कार्य पूर्ण हो गया था तथा शेष कार्य आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या के कारण पूर्ण नहीं किया जा सका, जिस हेतु कोई भी कंपनी कार्मिक दोषी नहीं है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र धौचट का निर्माण कार्य चल रहा है। उक्त विद्युत उपकेंद्र का कार्य पूर्ण होने पर 33 के.व्ही. बनकुइयां फीडर में ओवर लोडिंग की समस्या का समाधान हो जावेगा। (घ) सेमरिया नगर स्थित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र से 15 दूरस्थ ग्रामों को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। जी नहीं, वर्तमान में सेमरिया 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र से लाइनों को छोटा कर नया 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र बनाया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
विकास कार्यों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 3696 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में नगर पालिका एवं नगर पंचायतों को विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? विधानसभावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) नीमच विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में किस-किस मद में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं और कौन-कौन से कार्य प्रारंभ किये जा चुके हैं? पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जावे। क्या प्रारंभ किये गये कार्यों के संबंध में घटिया निर्माण आदि की कोई शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) स्वीकृत तथा अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 2627 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल के अंतर्गत समस्त नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना प्रारंभ दिनांक से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल प्राप्त आवेदन पत्रों की नामवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) सूची में से कुल स्वीकृत, अस्वीकृत एवं लंबित आवेदन पत्रों की सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत आवेदन पत्रों में से हितग्राहीवार भुगतान किन-किन तिथियों में किया गया है? उसकी तिथिवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क) सूची में से कुल स्वीकृत आवेदनों में से अपूर्ण निर्माण बताकर कितने हितग्राहियों को अयोग्य घोषित किया? हितग्राहीवार सूची देवें। क्या विभाग इस संबंध में कोई निर्णय लेकर पुन: आवास निर्माण पूर्ण करने हेतु निर्देश जारी करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''क'' की सूची में से कुल स्वीकृत आवेदनों में से विधानसभा क्षेत्र पानसेमल की किसी भी निकाय में अर्पूण निर्माण बताकर अयोग्य घोषित नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
16. ( *क्र. 3538 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में लोक निर्माण विभाग को सड़कों की मरम्मत के लिये कितना आवंटन विगत 4 वर्षों में उपलब्ध कराया गया है? वर्षवार जानकारी दें। (ख) विभाग द्वारा इन 4 वर्षों में किन-किन मार्गों की मरम्मत पर कितना-कितना व्यय किया गया है? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा संधारण की जाने वाली सड़कों की स्थिति अत्यंत दयनीय है? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (घ) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत पर विगत 2 वर्षों में कितनी राशि व्यय की गई है? मार्गवार जानकारी दी जाये। (ड.) ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों की मरम्मत के लिये बजट आवंटन की मांग शासन से कब-कब की गई? पत्र की छायाप्रति दें। क्या राज्य शासन जिले में सड़कों की मरम्मत के लिये आवंटन उपलब्ध करायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खण्डवा जिले में विगत 4 वर्ष में सड़कों की मरम्मत हेतु उपलब्ध कराये गये आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) खण्डवा जिले में विगत 4 वर्ष में मार्गों की मरम्मत पर किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत पर विगत 2 वर्षों में मार्गवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ड.) ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र की सडकों की मरम्मत हेतु राज्य शासन से प्रावधान की मांग अनुपूरक बजट के समय मांग वित्त विभाग के केन्द्रीय सर्वर के माध्यम से आई.एफ.एम.आई.एस. के माध्यम से की जाती है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। आवंटन की उपलब्धता अनुसार संभाग खण्डवा को आवंटन उपलब्ध कराया जावेगा।
नगर परिषद जौरा अंतर्गत पानी निकासी की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 3709 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा की नगर परिषद जौरा में पानी की उचित निकासी की व्यवस्था न होने के कारण गलियों में पानी भरा रहता है जिससे नगर में मच्छर व कई बीमारियों का खतरा बना रहता है, क्या नगर परिषद को नाले नालियों की सफाई एवं व्यवस्था के लिए राशि आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि आवंटित की गयी है? (ख) क्या शासन/प्रशासन द्वारा वर्षा से पहले जौरा नगर में पानी की निकासी के लिए कोई उचित कदम उठाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद जौरा क्षेत्र में पानी निकासी हेतु जहाँ पर पक्के नाले/नाली निर्मित नहीं हैं, उक्त स्थानों पर कच्चे नाले/नाली बनाये जाकर पानी निकासी की कार्यवाही निकाय स्तर से की जाती है। वर्तमान में निकाय क्षेत्र में कहीं भी पानी भराव की स्थिति नहीं है। निकाय द्वारा नगरीय क्षेत्र में नाले/नालियों की सफाई भी निरंतर निकाय निधि द्वारा की जाती है। नाले/नालियों की सफाई हेतु शासन स्तर द्वारा पृथक से कोई राशि निकाय को जारी नहीं की गई है। नगर परिषद जौरा को वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक सड़क मरम्मत अंतर्गत राशि रू. 1.39 करोड़, मूलभूत सुविधा अंतर्गत राशि रू. 4.35 करोड़, राज्य वित्त आयोग अंतर्गत राशि रू. 3.07 करोड़, 14वें वित्त आयोग अंतर्गत राशि रू. 5.55 करोड़ तथा 15वां वित्त आयोग अंतर्गत राशि रू. 3.69 करोड़ प्रदान किये गये हैं। (ख) जी हाँ, निकाय द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना तृतीय चरण में 800 मीटर लम्बाई का नाला निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया प्रचलित है। विशेष निधि से 350 मीटर लम्बाई का आर.सी.सी. नाला की निविदा स्वीकृत हो चुकी है। दोनों कार्य वर्षा ऋतु से पूर्व पूर्ण कराया जाना लक्षित है। नगर के निचले स्थानों पर बरसात में पानी भराव की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए निकाय द्वारा ऐसे स्थलों पर कच्चे नाले जे.सी.बी. से खुदवाये जाकर पानी निकास की कार्यवाही निकाय स्तर से की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीहोर जिलांतर्गत मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 3721 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले अंतर्गत सन 2019 से 2022 तक कितने मार्ग स्वीकृत हुये हैं और किस-किस विकासखण्ड अंतर्गत कहां-कहां पर हैं? (ख) यदि स्वीकृत हुये हैं तो आष्टा विधान सभा क्षेत्र के कितने रोड हैं? उक्त मार्ग का नाम सहित बताने की कृपा करें। (ग) आष्टा क्षेत्र के मार्ग जिनकी बहुत आवश्यकता है, उक्त मार्गों को बार-बार पत्र द्वारा मांग/प्राक्कलन सहित प्रेषित किये गये? यदि हाँ, तो स्वीकृत मार्ग की निर्माण स्थिति एवं आष्टा क्षेत्र के मार्ग आगामी बजट में जोड़े जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है, इसके अतिरिक्त सिद्धिकगंज (खाचरोद)-हाटपिपलिया मार्ग लंबाई 21.2 कि.मी. म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत स्वीकृत है। (ग) नवीन कार्यों के प्रस्ताव बजटीय प्रक्रिया अंतर्गत शामिल किए जाते हैं। तत्पश्चात प्रशासकीय स्वीकृति एवं क्रियान्वयन किया जाता है। उल्लेखित कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंहस्थ महापर्व में उपयोग में नहीं आने वाले क्षेत्रों को मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 3094 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन में वर्ष 1980 से सिंहस्थ महापर्व के समय जिन क्षेत्रों में सिंहस्थ नहीं लगा है? अर्थात सिंहस्थ के लिये उपयोग नहीं हुआ है न ही कोई साधु-संतों के पंडाल लगे हैं, न ही कोई उपयोग हुआ है, उन क्षेत्रों को सिंहस्थ से मुक्त रखे जाने के संबंध में कई बार प्रश्नकर्ता द्वारा व शासन द्वारा प्रस्ताव दिया गया है? (ख) इस संबंध में क्या शासन द्वारा संबंधित कलेक्टर से सर्वे कराये गये हैं? (ग) यदि सर्वे कराये गये हैं तो इस पर क्या कार्यवाही हुई है और यदि नहीं, कराये गये हैं तो कब तक सर्वे कराये जावेंगे? (घ) इस संबंध में कब तक कोई कार्यवाही कर आदेश जारी किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उप सचिव, म.प्र. शासन, राजस्व विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल का पत्र क्रमांक 052/1642/2020/सात-2, दिनांक 28.07.2020 द्वारा सिंहस्थ क्षेत्र भूमि आरक्षित भूमि के डि-नोटिफिकेशन के प्रस्ताव का परीक्षण करने हेतु निर्देशित किया गया था। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार प्राप्त पत्र के परिपालन में कलेक्टर कार्यालय उज्जैन के पत्र क्रमांक 9098 व दिनांक 18.12.2020 सिंहस्थ क्षेत्र में आरक्षित भूमि के संबंध में जानकारी राजस्व विभाग को प्रेषित की गई है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषक अनुदान योजनान्तर्गत लाभान्वित कृषक
[ऊर्जा]
20. ( *क्र. 2990 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषक अनुदान योजनान्तार्गत रीवा जिले में कितने किसानों ने अपने हिस्से की राशि जमा कराई? (ख) उनमें से कितने कृषकों के खेतों में इस योजना के अंतर्गत विद्युत पोल एवं ट्रांसफार्मर लगाये गये? (ग) ऐसे कृषकों की संख्या बताने का कष्ट करें, जिनके द्वारा आवेदन एवं राशि जमा कराने के बाद भी उन्हें योजना का लाभ अभी तक नहीं मिल रहा है? (घ) क्या माननीय मंत्री जी ऐसी कोई व्यवस्था करेंगे, जिनके द्वारा योजना अंतर्गत पात्र एवं आवेदित कृषकों को एक निश्चित समय-सीमा के भीतर योजना का लाभ प्राप्त हो सके, ताकि वे फसल सिंचाई के अभाव में नुकसान से बच सके?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कृषक अनुदान योजनांतर्गत रीवा जिले में 630 किसानों द्वारा अपने अंशदान की राशि जमा कराई गयी थी। (ख) उक्त में से 627 कृषकों के खेतों में योजनांतर्गत विद्युत अधोसंरचना यथा-विद्युत पोल/लाईन एवं वितरण ट्रांसफार्मर इत्यादि का कार्य किया गया। (ग) चौरहटा वितरण केन्द्र अंतर्गत प्रश्नाधीन योजना के तहत 3 कृषकों यथा - श्री रामनाथ पांडेय, श्रीमती चंपाकली पांडेय एवं श्रीमती निर्मला पांडेय द्वारा आवेदन एवं अंश राशि जमा कराई गई थी। किंतु प्रथम दृष्टया तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता चौरहटा द्वारा प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही नहीं करने से उक्त कृषकों को योजना का लाभ नहीं दिया जा सका। उक्त कृषकों की राशि वापस करने हेतु चौरहटा वितरण केंद्र से दिनांक 04.03.2022 को पत्र जारी किये गये हैं। समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण प्रकरण में जांचकर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखानुसार रीवा जिले में कृषक अनुदान योजनांतर्गत औपचारिकताएं पूर्ण करने वाले समस्त कृषकों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है। वर्तमान में उक्त योजना प्रभावी नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
सड़क, पुल एवं पुलियाओं की मरम्मत
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 3542 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में विगत तीन वर्षों में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त सड़क एवं पुल, पुलियाओं की मरम्मत एवं दुरूस्तीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त मरम्मत कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ख) क्या निर्माणाधीन डामरीकरण मार्ग किशोरपुरा से हिरनीखेड़ा तक 9 कि.मी. घटिया कार्य होने के कारण पूर्ण होने से पूर्व ही जगह-जगह गड्ढे होकर धसक गया है तथा क्षतिग्रस्त हो गया है? यदि हाँ, तो उसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? क्या शासन उक्त निर्माणाधीन सड़क कार्य की जॉच उच्चस्तरीय समिति गठित कर करायेगा यदि हाँ, तो कब तक? (ग) निर्माणाधीन प्रेमसर से पच्चीपुरा मार्ग का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (घ) माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार श्योपुर के बहरावदा से बावड़ी हनुमान जी मंदिर तक 6 कि.मी. पक्की सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं। कि.मी. 1 से 3 में कहीं-कहीं आंशिक रूप से किनारे क्षतिग्रस्त हुये थे, जिनमें मरम्मत कार्य सम्बन्धित ठेकेदार द्वारा किया जाकर वर्तमान में प्रगति पर है। कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। अतः शेष प्रश्न का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूर्ण होना संभावित है। (घ) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
विभाग में कार्यरत आउटसोर्स सेवक
[ऊर्जा]
22. ( *क्र. 3193 ) श्री राकेश गिरि : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के किसानों को विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा स्थाई कनेक्शन दिये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2021-22 में दिये कनेक्शनों की ग्रामवार सूची देवें। (ख) क्या टीकमगढ़ जिले का विद्युत संधारण कार्य ठेके पर दिया गया है? यदि हाँ, तो ठेकेदार/कम्पनी का नाम बतायें, क्या ठेकेदार/कम्पनी द्वारा आउटसोर्स पर सेवकों को रखा गया है? यदि हाँ, तो आउटसोर्स सेवकों को समय पर खातों में वेतन भुगतान किया जाता है? इनके वेतन से ई.पी.एफ./ई.एस.आई.सी. की कटौती की जाती है? यदि हाँ, तो आउटसोर्स सेवकों की योग्यता सहित वर्ष 2021-22 कटौती राशि का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार क्या ठेकेदार द्वारा सेवकों को सुरक्षा किट (झूला/हेलमेट/प्लास/पेंचकश/हैण्ड ग्लव्ज/जूता/जैकिट/डिस्चार्ज रॉड) दी जाती है? यदि हाँ, तो कर्मचारियों की किट पावतियां दें। क्या ठेकेदार को विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा सुरक्षा किट का भुगतान किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में कितना भुगतान हुआ? यदि ठेकेदार ने कर्मचारियों को सुरक्षा किट नहीं दी, तब इसका भुगतान क्यों किया गया? (घ) प्रश्नांश ''ख'' एवं ''ग'' अनुसार खातों से समय पर भुगतान न करने, ई.पी.एफ/ई.एस.आई.सी. न काटने या काटकर संबंधित संस्थानों को न भेजने, सुरक्षा किट न देने के लिये कौन दोषी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र के किसानों को विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा वर्ष 2021-22 में 223 स्थायी विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, जिसकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, टीकमगढ़ जिले का विद्युत संधारण का कार्य ठेके पर नहीं दिया गया है, अपितु पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। तथापि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संधारण कार्यों सहित दैनंदिनी कार्य हेतु कुल 286 आउटसोर्स श्रमिक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी मेसर्स ऑलसर्विस ग्लोबल प्रा.लि., मुम्बई के माध्यम से नियोजित किये गये हैं। उक्त श्रमिक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियुक्त लाईन कर्मचारियों के निर्देशन में काम करते हैं। आउटसोर्स एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराये गये श्रमिकों को समय पर पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है एवं ई.पी.एफ. एवं ई.एस.आई.सी. की कटौती नियमानुसार की जा रही है। बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा वर्ष 2021-22 में उपलब्ध कराये गये आउटसोर्स सेवकों की योग्यता, ई.पी.एफ. एवं ई.एस.आई.सी./डब्ल्यू.सी. पॉलिसी की कटौती सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) आउटसोर्स एजेंसी द्वारा आउटसोर्स श्रमिकों को सुरक्षा किट उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है। अत: आउटसोर्स एजेंसी द्वारा आउटसोर्स श्रमिकों को सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं करायी जाती है। उक्त परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा किट की पावती संबंधी जानकारी दिये जाने एवं ठेकेदारों को सुरक्षा किट का भुगतान किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। तथापि आउटसोर्स सेवकों को आवश्यकता अनुसार सुरक्षा किट (झूला/हेलमेट/प्लास/पेंचकस/हैण्ड ग्लव्ज/जूता/जैकिट/डिस्चार्ज रॉड) कार्यस्थल पर उपलब्ध करायी जाती है, जिसका उनके द्वारा वितरण कंपनी के कर्मचारियों के निर्देशन में कार्य करते हुये उपयोग किया जाता है। (घ) आउटसोर्स एजेंसी/ठेकेदार द्वारा आउटसोर्स श्रमिकों को निर्धारित समय पर पारिश्रमिक/वेतन का भुगतान, ई.पी.एफ. एवं ई.एस.आई.सी./डब्ल्यू.सी. पॉलिसी का भुगतान निर्धारित समय पर किया गया है। समय पर भुगतान एवं ई.पी.एफ./ई.एस.आई.सी./डब्ल्यू.सी. पॉलिसी की कटौती न करने की स्थिति में संबंधित एजेंसी के देयक वापिस किये जाते हैं। उक्त राशि नहीं काटने के लिये संबंधित आउटसोर्स एजेंसी/ठेकेदार की जिम्मेदारी है। उत्तरांश (ग) में दर्शाए आउटसोर्स श्रमिकों को कार्यस्थल पर सुरक्षा किट उपलब्ध करायी जाती है, अतः तत्संबंध में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
नगर परिषद तेंदूखेड़ा की नर्मदा जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 1519 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद तेंदूखेड़ा में पेयजल हेतु नर्मदा जल आवर्धन योजना का कार्य किस निर्माण एजेंसी द्वारा कब प्रारंभ हुआ था तथा इस पेयजल योजना को कब तक पूर्ण किया जाना था? क्या इस योजना का कार्य संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा समय से पूर्ण कर लिया है? यदि हाँ, तो नगरवासियों को इस योजना का लाभ कब तक प्राप्त हो सकेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं पूर्ण हुआ तथा संबंधित निर्माण एजेंसी पर समय से कार्य पूर्ण न करने पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या नगर परिषद तेंदूखेड़ा में ही फरवरी माह में जल स्रोतों में जलस्तर कम हो गया है, जिससे 1 दिन के अंतराल में पेयजल की सप्लाई की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या ग्रीष्म काल के पूर्व नर्मदा जल आवर्धन योजना का कार्य पूर्ण कर नगरवासियों को पेयजल दिया जा सकेगा? यदि नहीं, तो नगर परिषद तेंदूखेड़ा द्वारा ग्रीष्म काल में नगरवासियों को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके, इसके लिए क्या कार्य योजना बनाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर परिषद तेंदूखेडा में पेयजल हेतु नर्मदा जल आवर्धन योजना का कार्य मेसर्स इंडियन हयूम पाईप कंपनी लि. मुंबई द्वारा माह अक्टूबर 2017 में प्रारंभ किया गया था, इस पेयजल योजना को जनवरी 2020 तक पूर्ण किया जाना था। इस योजना का कार्य संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा समय से पूर्ण नहीं किया गया है। नगरवासियों को इस योजना का लाभ प्रदान करने हेतु अप्रैल 2022 तक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विलम्ब का कारण कोविड 19, विभिन्न विभागों से अनुमति एवं संविदाकार के कार्य करने की धीमी गति है। विलम्ब के लिए निर्माण एजेन्सी को समय समय पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के साथ साथ योजना का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर अनुबंध के अनुसार गुणदोष के आधार पर एल.डी. का निर्धारण करते हुए अंतिम देयक से वसूली यदि कोई हो तो सुनिश्चित की जावेगी। (ख) जी हाँ, जल स्तर कम हो गया है। सभी वार्डों में एक दिन छोड़कर जल सप्लाई किया जा रहा है। ग्रीष्मकाल में नर्मदा जल आवर्धन के तहत नगरवासियों को जल सप्लाई भी किया जाना संभावित है। नगर परिषद तेंदूखेडा में जल प्रदाय हेतु 08 नग नवीन बोर खनन प्रस्तावित है।
प्रदेश में पंचायत नगर-निगम चुनाव कराये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 2981 ) श्री जितु पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किस-किस नगर निगम तथा नगर पालिका का कार्यकाल किस-किस दिनांक को समाप्त हुआ तथा वहां चुनाव कब होना था? अभी तक चुनाव न होने के कारण बतावें। किस-किस ग्राम पंचायत, जिला पंचायत का चुनाव कब होना था तथा अभी तक नहीं होने के क्या कारण हैं? (ख) क्या पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने पिछड़ा वर्ग को स्थानीय निकाय में 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का कानून बनाया था? यदि हाँ, तो उसकी विस्तृत जानकारी देवें तथा उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षण पर आरक्षण के पक्ष में फैसला नहीं आयेगा तब तक शासन जिला पंचायत तथा नगरीय निकाय के चुनाव कराएगी या नहीं कराएगी? (घ) पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षण पर मान. सुप्रीम कोर्ट में लंबित पिटिशन में शासन का पक्ष मजबूती से रखने के लिये शासन ने क्या-क्या कदम उठाये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, स्थानीय निकाय में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का कानून नहीं बनाया गया था। शेष का प्रश्न नहीं है। (ग) एस.एल.पी. (सी) क्र. 19575/2021, 19860/2021, 18358/2021, 18389/2021 एवं 19580/2021 में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिनांक 15.12.2021 को आदेश पारित कर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से यथासंभव 3 माह की समयावधि में मूल याचिकाओं में अंतिम आदेश पारित करने की अपेक्षा की गई है, तद्क्रम में न्यायालयीन आदेश अनुसार चुनाव करवाया जायेगा। (घ) उत्तरांश ''ग'' में उल्लेखित याचिकाओं में शासन द्वारा भारत के सॉलीसीटर जनरल के मार्गदर्शन में अधिवक्तागण श्री सौरभ मिश्रा, श्री पशुपतिनाथ राजदान तथा श्री वीरेन्द्र कुमार शर्मा के माध्यम से पक्ष मजबूती से प्रस्तुत किया गया। दिनांक 15.12.2021 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश पारित कर याचिकाओं को उत्तरांश (ग) अनुसार निराकृत किया गया है।
शासकीय भूमियों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 2519 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के अन्तर्गत आने वाली किस-किस नगरीय निकाय ने कितनी शासकीय भूमि किन-किन कार्यों के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव किस दिनांक को राजस्व विभाग के समक्ष प्रस्तुत किया है? किस पर आवंटन की कार्यवाही लम्बित है? (ख) आवंटन के लिए प्रस्तावित शासकीय भूमि किस ग्राम की मिसल बन्दोबस्त, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस-किस जंगल मद गैर जंगल मद में किस-किस सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के दर्ज जमीन है? (ग) नगरीय निकायों को शासकीय राजस्व भूमि आवंटित किए जाने की वर्तमान में शासन ने क्या प्रक्रिया निर्धारित की है? क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित किए हैं? प्रति सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नवीन
पुल निर्माण
की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 34 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ नगर में नेवज नदी पर पुराने पुल के नाम से कोई पुल है? यदि हाँ, तो वह किस सन् में निर्मित हुआ था? क्या पुल के दोनों और राजगढ़ नगर की सीमा है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या मोहनुपरा वृहद् सिंचाई परियोजना के डैम के शटर खोलने पर क्या उक्त पुल डूब जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या पुल डूबने से राजगढ़ नगर तथा ग्राम कालीपीठ तथा मनोहरथाना राजमार्ग अवरूद्ध हो जाता है? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या शासन जनहित में नवीन पुल निर्माण की स्वीकृति देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। पूर्व समय का निर्मित है, इस संबंध में रिकार्ड उपलब्ध नहीं होने से निर्माण वर्ष बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण संभाग उज्जैन के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1137/तक/नेवज/2021/उज्जैन दिनांक 21-06-2021 द्वारा राजगढ़ कालीपीठ सुवासंडा मार्ग के कि.मी. 1/2 पर स्थित स्टेट टाइम के पुल पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण हेतु प्रथम स्तरीय प्राक्कलन राशि रूपये 3566.00 लाख तैयार किया गया है जो परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन ग्रिड की स्वीकृति
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 35 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम हिरणखेड़ी तथा ग्राम डालूपुरा में नवीन ग्रिड स्वीकृत हुए हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति दिनांक सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो स्वीकृत ग्रिड कब तक ग्राम हिरणखेड़ी एवं डालूपुरा में लग जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम हिरणखेड़ी तथा ग्राम डालूपूरा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य वर्तमान में स्वीकृत नहीं है तथा इन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार केन्द्र शासन से आर.डी.एस.एस. योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार उक्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य किया जायेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नहर हटा जिला दमोह को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 143 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की नगर पालिका हटा अंतर्गत शासकीय भूमि पर कितने लोगों ने अतिक्रमण किया है निम्न प्रपत्र में जानकारी दी जावे -
क्र. |
अतिक्रमणकर्ता का नाम पिता के नाम सहित |
स्थल का नाम व रकवा वर्गफुट में |
कब से अतिक्रमण किया है वर्ष |
अन्य |
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(ख) जिन व्यक्तियों के द्वारा नगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत अतिक्रमण किया गया है शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई? अतिक्रमण हटाने की कोई कार्यवाही नहीं की गई तो अतिक्रमण का साथ देने वाले सम्मिलित अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा सहित अतिक्रमण हटाये जाने की जानकारी बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधिक प्रक्रिया का पालन कर समय- समय पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अजनार नदी का सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 197 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा नगर जिला राजगढ़ में नगर के बीचों बीच अजनार नदी गुजरती है जिसमें नगर के समस्त गंदे नाले मिलते हैं, क्या अजनार नदी के सफाई व सौंदर्यीकरण के संबंध में शासन के पास कोई कार्ययोजना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त कार्य योजना को क्या वर्ष 2022-23 के बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान की जाएगी और यदि नहीं, तो उक्त नदी के संबंध में क्या शासन कोई कार्ययोजना कब तक बनवाएगा? (ग) ब्यावरा नगर में उक्त नदी के कारण गंदगी बहुत है व महामारी का खतरा बना रहता है, जिसकी साफ-सफाई होना अत्यंत आवश्यक है, उक्त कार्य कब तक पूर्ण किया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि कार्ययोजना बनाई जाती है तो उक्त कार्य योजना पर कार्य प्रारंभ कब से किया जाएगा और यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, अजनार नदी में मिलने वाले 04 नालों के गंदे पानी को नदी में मिलने से रोकने के कार्य हेतु डी.पी.आर. तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। कार्य योजना तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) नदी की गंदगी एवं संक्रमण से संबंधित कोई भी शिकायत निकाय को प्राप्त नहीं हुई है। निकाय द्वारा समय-समय पर अजनार नदी की साफ-सफाई करायी जाती है। (घ) कार्य योजना प्रारंभ करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोरोना काल में बिजली बिलों को माफ करने के जारी आदेश
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 199 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कोरोना काल के समय बिजली बिल राहत या माफ करने संबंधित कोई आदेश जारी किया था? यदि हाँ, तो उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ख) क्या शासन द्वारा कोरोना काल के समय बिजली बिल राहत के पश्चात वर्तमान में उन बिलों को वसूला जा रहा है क्यों? (ग) जिला राजगढ़ में अभी तक कितने हितग्राहियों से कितनी राशि कोरोना काल के समय की वसूली की गई? विधानसभावार सूची उपलब्ध करावें। (घ) क्या कोरोना काल के समय में गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई थी? यदि हाँ, तो फिर उस समय के विद्युत बिलों को जमा क्यों करवाया जा रहा है? क्या उन्हें माफ किया जा सकता था?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस जनित महामारी के दृष्टिगत विभिन्न श्रेणियों के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों के भुगतान में राहत दी गई थी, जिससे संबंधित आदेशों, जिनमें उपभोक्ताओं को दी गई राहत का विवरण समाहित है, की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्थगित कर, उक्तानुसार आस्थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। उक्त तारतम्य में राज्य शासन द्वारा समाधान योजना लागू की गई, जिसके प्रावधानों के अनुरूप राहत प्रदान करते हुए उपभोक्ताओं से आस्थगित राशि की वसूली की कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। (ग) राजगढ़ जिले के अन्तर्गत कोरोना काल में आस्थगित की गई राशि के विरूद्ध विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा किये गए भुगतान की राशि का हितग्राहियों (उपभोक्ताओं) की संख्या सहित विधानसभा क्षेत्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) कोरोनाकाल के समय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं की विषम स्थिति के दृष्टिगत ही उनके विद्युत बिलों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्थगित किया गया था तथा दिनांक 16.11.2021 को लिये गये निर्णय अनुसार उक्त आस्थगित राशि को कम करने हेतु समाधान योजना लागू की गई, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। समाधान योजना के प्रावधानों के अनुसार राहत प्रदान करते हुए उपभोक्ताओं से उनके विकल्प के आधार पर राहत उपरांत शेष आस्थगित राशि नियमानुसार जमा कराई जा रही है। उक्तानुसार आंशिक राशि माफ कर दी गई तथा इस संबंध में वर्तमान में अन्य कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है।
सेंधवा एवं वरला तहसील में जले ट्रांसफार्मर को बदलना
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 296 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधान सभा क्षेत्र की सेंधवा एवं वरला तहसील के अंतर्गत आने वाले किन-किन ग्रामों में कितनी क्षमता के, कितने ट्रांसफार्मर डी.पी. स्थापित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ट्रांसफार्मरों डी.पी. में कितनों पर उनकी ऊष्मा क्षमता के कनेक्शन दिए गए हैं। तथा इसके क्या कारण हैं? (ग) क्षमता से अधिक कनेक्शन दिए जाने के कारण जनवरी 2020 से फरवरी 2022 तक सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की सेंधवा एवं वरला तहसील के किन ग्रामों के कितने-कितने ट्रांसफार्मर, कब-कब खराब हो गए? (घ) खराब/जले ट्रांसफार्मर बदलने के लिए मण्डल द्वारा कितनी समय-सीमा निर्धारित की गई थी? क्या खराब/जले ट्रांसफार्मर को नियत समय-सीमा में बदला गया। यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की सेंधवा तहसील के 81 ग्रामों में 2591 एवं वरला तहसील के 88 ग्रामों में 2692, इस प्रकार कुल 169 ग्रामों में कुल 5283 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है, जिनकी तहसीलवार, ग्रामवार एवं क्षमतावार संख्या सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 5283 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों पर 49827 विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं द्वारा चाहे गये भार (किलोवाट में ऊष्मा क्षमता नहीं) अनुसार जारी किये गये हैं। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता एवं उनसे जो कनेक्शन प्रदान किये गये है, उनके कुल भार से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उपभोक्ताओं की मांग पर उक्त कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। (ग) क्षमता से अधिक कनेक्शन दिए जाने के कारण (अतिभारित होने से) जनवरी, 2020 से फरवरी, 2022 तक की अवधि में सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की सेंधवा एवं वरला तहसील में कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर फेल नहीं हुआ है। (घ) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना करना आवश्यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर उक्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार बदले जाने हेतु पात्र होने पर तय समय में बदले गये हैं।
बड़वानी जिले में विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 297 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विद्युत वितरण व्यवस्था को सुचारू व प्रभावी बनाने हेतु 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना के क्या मापदंड हैं तथा अब तक बड़वानी जिले में कुल कितने सब स्टेशन की स्थापना की गई है तथा बड़वानी जिले में आगामी सब-स्टेशनों के गठन की कार्य योजना क्या है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर सकारात्मक है तो सेंधवा एवं वरला तहसील के अंतर्गत वर्तमान विद्युत वितरण व्यवस्था अत्यधिक चिंताजनक होने से एवं जनसंख्या घनत्व तथा विद्युत उपयोगिता की दृष्टि से लंबे अंतराल से सेंधवा एवं वरला तहसील में नवीन सब-स्टेशनों के निर्माण की मांग क्षेत्रीय जनमानस द्वारा की जा रही है, क्या उपरोक्त सब स्टेशनों के निर्माण की विभागीय कार्य योजना विचाराधीन है? (ग) यदि हाँ, तो समय-सीमा स्पष्ट की जाए।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिये नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्रों की स्थापना हेतु मापदण्ड निर्धारित है, जिनके अनुसार विद्यमान विद्युत वितरण अधोसंरचना के अतिभारित होने पर क्षेत्र में समुचित भार प्रबंधन की दृष्टि से तकनीकी साध्यता के आधार पर स्थल का चयन कर नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य प्रस्तावित किया जाता है। बड़वानी जिले में 33/11 के.व्ही. के कुल 71 विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना की गई है तथा आगामी वर्षों में प्रश्नाधीन क्षेत्र में संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत ग्राम कालापाट, ग्राम कोलकी, ग्राम सिवई एवं ग्राम बावनगजा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना हेतु प्रस्ताव भारत सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में शामिल किये गये है। योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हां, वर्तमान में सेंधवा तहसील के ग्राम कालापाट एवं आसपास के क्षेत्र में तथा वरला तहसील के ग्राम कोलकी एवं आसपास के क्षेत्र में विद्युत वोल्टेज संबंधी शिकायतें है जिनके निराकरण हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण की मांग की जा रही है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तकनीकी साध्यता अनुसार उक्त दोनों ग्रामों में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के स्थापना के कार्य भारत सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किये गये है। योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में आर.डी.एस.एस. योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार सेंधवा एवं वरला तहसील के क्रमश: ग्राम कालापाट एवं ग्राम कोलकी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर में अवैध कॉलोनियों की विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 341 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अवैध कॉलोनियों में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अनेक वर्षों से अस्थाई कनेक्शन से विद्युत सप्लाई की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या लकड़ी की बल्लियों के सहारे लम्बी केबिल डालकर विद्युत उपलब्ध कराई गई है? (ग) यदि हाँ, तो बल्लियों के माध्यम से विद्युत सप्लाई करने से संभावित जान माल का नुकसान होने पर क्या विद्युत कंपनी जिम्मेवारी लेगी? (घ) यदि नहीं, तो लोहे के खम्बे लगाकर विद्युत सप्लाई क्यों नहीं की जा सकती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) घोषित अवैध कॉलोनियों (Declared illegal Colonies) में उपभोक्ताओं को स्थाई विद्युत कनेक्शन म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के विनियम आर.जी.-31 दिनांक 02.09.2009 के अध्याय-4 के (ड.) की कंडिका-4.5.1 एवं 4.5.2 में निहित प्रावधानों जिनकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, के अनुरूप आवश्यक राशि वितरण कंपनी में जमा कराने सहित समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण करने पर दिए जाते हैं। तथापि आवेदकों द्वारा उक्त प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत अद्योसंरचना का कार्य नहीं कराए जाने की स्थिति में अवैध कॉलोनियों में नियमानुसार अस्थाई कनेक्शन दिये जाते हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में कनेक्शन हेतु सर्विस लाईन स्थापित किये जाने का कार्य म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021 की कंडिका-4.6, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है, के अनुसार उपभोक्ता द्वारा उपयुक्त विद्युत ठेकेदार के माध्यम से करवाया जाता है। अतः कतिपय प्रकरणों में ऐसे उपभोक्ता जिनके अस्थाई कनेक्शन हेतु लम्बी सर्विस लाईन की आवश्यकता होती है, वहां उपभोक्ताओं द्वारा सर्विस लाईन घर तक पंहुचाने के लिए कतिपय स्थानों पर लकड़ी की बल्लियों का उपयोग किया जाता है। आवेदक द्वारा अधिकृत विद्युत ठेकेदार के माध्यम से जारी टेस्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर वितरण कंपनी द्वारा विद्युत का अस्थाई कनेक्शन प्रदान किया जाता है। (ग) आवेदक को अस्थाई विद्युत कनेक्शन, सर्विस लाईन हेतु पहुँच मार्ग एवं सुरक्षा नियमों को दृष्टिगत रखते हुए नियमानुसार उपयुक्त श्रेणी के विद्युत ठेकेदार की टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त करने के उपरान्त ही दिया जाता है। तथापि उक्त कार्य अमानक पाए जाने पर आवश्यक सुधार कार्य उपरांत ही कनेक्शन चालू किया जाता है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार सर्विस लाईन स्थापित करने की जिम्मेदारी उपभोक्ता की होती है। (घ) अस्थाई विद्युत कनेक्शन उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना से सीमित अवधि के लिये प्रदान किये जाते हैं, जिस हेतु नियमानुसार वितरण कंपनी द्वारा विद्युत अधोसंरचना का कार्य किये जाने का प्रावधान नहीं है। आवेदक द्वारा स्थाई कनेक्शन हेतु आवेदन प्रस्तुत करने तथा उत्तरांश (क) में दर्शाए गए वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत अधोसंरचना हेतु नियमानुसार आवश्यक राशि जमा करने सहित समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरान्त खंबे लगाकर स्थाई कनेक्शन दिया जाता है।
वैध कॉलोनी के अस्थायी विद्युत कनेक्शन देना
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 361 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि स्टेट बैंक, पुरानी इटारसी के पीछे स्थित कॉलोनी में विगत अनेक वर्षों से निवासरत नागरिकों को अस्थायी विद्युत कनेक्शन दिये गये है? यदि हाँ, तो उक्त कॉलोनी में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने स्थाई/अस्थाई विद्युत कनेक्शन है संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) क्या यह भी सच है कि प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र वि/हो/क्र./1554/2021 दि. 18.03.2021 से उपमहाप्रबंधक, म.प्र.वि.वि.कंपनी, इटारसी को स्थायी कनेक्शन दिये जाने का अनुरोध किया गया था? (ग) क्या यह सच है कि प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 41 (3447) दिनांक 16.03.2021 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में अवैध कॉलोनियों की सूची में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कालोनी का उल्लेख नहीं है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनी में निवासरत नागरिकों को स्थायी विद्युत कनेक्शन क्यों नहीं दिए जा रहे है? उक्त नागरिकों को स्थायी कनेक्शन कब तक दिए जा सकेंगे? (ड.) क्या शासन अवैध कालोनी न होने के बाद भी नागरिकों को स्थायी विद्युत कनेक्शन न देने वाले अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेगी? यदि हाँ, तो किनकी, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित कालोनी में विगत वर्षों में 14 उपभोक्ताओं को स्थाई/अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं। (ख) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा महाप्रबंधक, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इटारसी को प्रश्नाधीन कॉलोनी में स्थाई संयोजन दिये जाने के संबंध में पत्र लिखा गया था। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित सूची नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत से प्राप्त की गई थी। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्टेट बैंक, पुरानी इटारसी के पीछे स्थित कॉलोनी में वर्तमान में स्थाई कनेक्शन नहीं दिये जा रहे है, क्योंकि उक्त कॉलोनी में स्थाई कनेक्शन प्रदाय करने हेतु नियमानुसार आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना का कार्य नहीं हुआ है एवं नियमानुसार किसी भी वैध/अवैध कॉलोनी में स्थाई कनेक्शन दिये जाने हेतु मध्यप्रदेश सप्लाई कोड 2021 के अध्याय 4 के खण्ड 'ख' की कंडिका 4.37 से 4.39 एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत विनियम 2009 आर.जी.-31 (1) दिनांक 07.09.2009 में दिये गये प्रावधान अनुसार कॉलोनी में आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना का कार्य आवेदक/कोलोनाईजर द्वारा कराया जाना आवश्यक है। उक्त कॉलोनी में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत विनियम 2009 आर.जी.-31 (1) के जारी करने की दिनांक 07.09.2009 के पूर्व दो नम्बर स्थाई कनेक्शन दिये गये थे, परंतु उसके पश्चात कोई भी स्थाई कनेक्शन नहीं दिये गये हैं तथा अस्थाई कनेक्शन प्रदाय किये जा रहे हैं। उक्त कॉलोनी के कॉलोनाईजर या कॉलोनी में निवासरत व्यक्तियों द्वारा कॉलोनी के बाह्य विद्युतीकरण हेतु समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण करने के उपरान्त उक्त कॉलोनी में स्थाई कनेक्शन दिये जा सकते है। (ड.) प्रश्नाधीन उल्लेखित कॉलोनी में उत्तरांश (घ) में दर्शाए गए वैधानिक प्रावधानों के अन्तर्गत आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना का कार्य कोलोनाईजर द्वारा नहीं किया गया है इसलिये नियमानुसार कॉलोनी में स्थाई कनेक्शन नहीं दिये जा रहे हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत उत्पादन व खपत
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 362 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में विद्युत उत्पादन हेतु किस श्रोत से कहाँ-कहाँ विद्युत उत्पादन ईकाइयां स्थापित है,विवरण देवें। (ख) चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में फरवरी,2022 तक प्रदेश में प्रतिदिन की औसत विद्युत खपत कितनी है यह औसत प्रदेश के औसत विद्युत उत्पादन से कितनी कम/ज्यादा हैं? (ग) म.प्र. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा विगत पांच वर्षों में प्रदेश में सौर ऊर्जा,पवन ऊर्जा एवं जल ऊर्जा से क्रय की गई विद्युत की मात्रा में कितनी वृद्धि हुई है? (घ) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत कुल उपभोक्ताओं में से कितने घरेलू/औद्योगिक उपभोक्ताओं द्वारा सौर ऊर्जा की प्लेट लगाकर ऊर्जा उत्पादन किया जा रहा है। (ड.) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत सौर ऊर्जा से घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा अधिकाधिक सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या? सौर ऊर्जा प्लेट लगाने हेतु कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाती हैं। (च) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभिन्न संसाधनों से विद्युत उत्पादन पर प्रति यूनिट लागत कितनी है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अंतर्गत स्थापित विद्युत उत्पादन ईकाईयों से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 (01.04.2021 से 28.02.2022 तक) हेतु प्रदेश में प्रतिदिन औसत विद्युत खपत 233.63 मिलियन यूनिट है एवं यह प्रतिदिन औसत खपत प्रदेश के प्रतिदिन औसत विद्युत उत्पादन से 64.11 प्रतिशत ज्यादा है, जिससे संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विगत 5 वर्षों में एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा क्रय की गई सौर, पवन एवं जल स्त्रोतों से उत्पादित विद्युत की क्रय की गई मात्रा में वृद्धि संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत कुल 4784774 विद्युत उपभोक्ताओं में से 3788 घरेलू एवं 37 औद्योगिक विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा सोलर पेनल लगाकर नेट मीटरिंग प्रणाली के अंतर्गत सौर ऊर्जा का उत्पादन उपभोग किया जा रहा है। (ड.) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा अधिकाधिक सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु केन्द्र शासन की रूफ टॉप सोलर फेस-2 नीति के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है जिसके तहत विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा सोलर पेनल लगाने पर 1 कि.वॉ. से 3 कि.वॉ. तक के लिए प्रोजेक्ट लागत का 40 प्रतिशत एवं 3 कि.वॉ. से 10 कि.वॉ. तक के लिए प्रोजेक्ट लागत का 20 प्रतिशत तथा ग्रुप हाउसिंग सोसायटी/रेसीडेंशियल वेलफेयर एसोशियेशन को कॉमन फेसेलिटीज के लिए प्रोजेक्ट लागत का 20 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार द्वारा स्टेट नोडल एजेंसी विद्युत वितरण कंपनी के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है। (च) उत्तरांश (क) के सन्दर्भ में म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी की वर्ष 2020-21 की विद्युत उत्पादन की औसत प्रति यूनिट लागत 4.11 रू. है, इसमें ताप विद्युत गृहों की औसत प्रति यूनिट लागत 4.56 रू. है एवं जल विद्युत गृहों की औसत प्रति यूनिट लागत 0.88 रू. है।
सिहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सोन नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 384 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नकझर के पास सोन नदी पर पुल का निर्माण कार्य विगत वर्षों से अधूरा पड़ा है, पुल निर्माण की कितनी समय-सीमा तय की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुल निर्माण का कार्य समय-सीमा में नहीं हो पाने के क्या कारण है? कौन दोषी है? अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुल निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, अनुबंधानुसार 24 माह वर्षाकाल छोड़कर अर्थात दिनांक 17.12.2021 तक पूर्ण किया जाना था। (ख) कोविड-19 महामारी के कारण व अपस्ट्रीम में सोन नदी पर निर्मित बाणसागर से समय-समय पर पानी छोड़ने के कारण विलम्ब हुआ। कोई दोषी नहीं। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 31.12.2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
बजट में शामिल कार्यों की समय-सीमा
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 534 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जो कार्य बजट में प्रस्तावित किये जाते हैं उन कार्यों को पूर्ण करने की कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो कितनी? जो सड़क एवं पुल बजट में शामिल किये जाते हैं क्या उन सभी को एस.एफ.सी. की बैठक में रखकर प्रशासकीय स्वीकृति जारी करना अनिवार्य होता है? यदि हाँ, तो भिण्ड जिले में वर्ष 2019 से लेकर आज दिनांक तक कितने सड़क एवं पुल बजट में शामिल किये गये है? कितने कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई हैं? कितने कार्य पूर्ण हो गये और कितने अपूर्ण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, केवल अपरीक्षित मद के अंतर्गत सीमित कार्यों के लिए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मदन महल-दमोह नाका फ्लाई ओवर के ड्राईंग में संशोधन
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 678 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मदन महल–दमोह नाका फ्लाई ओवर निर्माण प्रक्रिया में लगातार संशोधन किये जा रहे है, किंतु इसके वास्तविक ड्राईंग में कोई संशोधन नहीं किया जा रहा हैं? (ख) यदि हाँ, तो वास्तविक ड्राईंग के अलावा निर्माण प्रक्रिया के दौरान अब तक कितने संशोधन किये गये हैं? (ग) क्या फ्लाई ओवर निर्माण के दौरान जिनी जमीनों को अधिग्रहित करने की एवज में मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा रहा हैं? (घ) यदि हाँ, तो अब तक ऐसी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, मदन महल दमोह नाका फ्लाई ओवर निर्माण प्रक्रिया में लगातार संशोधन नहीं किये जा रहे है और न ही इसकी वास्तविक ड्राईंग में कोई संशोधन किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी नहीं, फ्लाई ओवर निर्माण दौरान अधिग्रहित जमीनों के मुआवजे का नियमानुसार भुगतान किया जा रहा है। (घ) जी हाँ, मुआवजे से संबंधित दो शिकायतें प्राप्त हुई है।
भिण्ड विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वाटर पाइप लाइन कार्य स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 759 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत भिण्ड शहर में वाटर पाइप लाइन कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है तथा वाटर परियोजना का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये कार्य क्या समय-सीमा में पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित क्रियान्वयन कंपनी के विरुद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भिण्ड शहर में शेष रहा वाटर पाइप लाइन का कार्य कब तक पूर्ण होगा? क्या सीवर के ठेकेदारों के द्वारा जो रोड खोदी गई थी उन्हें पुनः बना दिया गया है? यदि हाँ, तो रेस्टोरेशन के एवज में कार्यरत कम्पनी को कितना भुगतान किया गया है सड़क का नाम/वार्ड का नाम/मोहल्ला अनुसार जानकारी देवें। जो रेस्टोरेशन का भुगतान किया गया है उसकी एमबी की कॉपी, बिल कॉपी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भिंड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भिंड शहर में जलप्रदाय योजना के निर्माण एवं संधारण की कुल लागत राशि रू. 197.18 करोड़ थी एवं वर्तमान में पुनरीक्षित लागत राशि रू. 214.86 करोड़ है। योजना का कार्य दिनांक 31.12.2022 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। (ख) जी नहीं। विलम्ब का कारण कोविड 19, विभिन्न विभागों से अनुमति में देरी एवं संविदाकार के कार्य की धीमी गति है। विलम्ब के लिए निर्माण एजेन्सी को समय-समय पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है। साथ ही अर्थदण्ड का निर्धारण योजना का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर अनुबंध के अनुसार गुणदोष के आधार पर अंतिम देयक से वसूली यदि कोई हो तो सुनिश्चित की जावेगी। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) भिंड शहर में शेष वाटर पाइप लाइन का कार्य दिनांक 31.12.2022 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। जी हाँ, सीवर लाईन बिछाये जाने हेतु 84.38 कि.मी. लंबाई की सड़क खुदाई कार्य किया गया था, जिसमें से 72.83 कि.मी. रोड रेस्टोरेशन कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष 11.54 कि.मी. का कार्य प्रगतिरत है। इस कार्य पर अब तक राशि रू. 10.04 करोड़ का भुगतान संविदाकार को किया गया है। सड़क का नाम/वार्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। संविदाकार को रोड रेस्टोरेशन के किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
भिण्ड विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सीवरेज लाईन कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 760 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत भिण्ड शहर में सीवरेज लाइन कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है तथा सीवरेज परियोजना का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये कार्य क्या समय-सीमा में पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी के विरुद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भिण्ड शहर में शेष रहा सीवरेज लाईन का कार्य कब तक पूर्ण होगा? क्या सीवर के ठेकेदारों के द्वारा जो रोड खोदी गई थी उन्हें पुनः बना दिया गया है? यदि हाँ, तो रेस्टोरेशन के एवज में उक्त कम्पनी को कितना भुगतान किया गया है? सड़क का नाम/वार्ड/मोहल्ला अनुसार जानकारी देवें। बिल की कॉपी, मेजरमेंट बुक की कॉपी सहित उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भिण्ड सीवर लाईन कार्य हेतु शासन से राशि रू. 72.00 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है। सीवर परियोजना का कार्य मई, 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी नहीं। समय-सीमा में पूर्ण न होने का कारण रतनपुरा में एस.टी.पी. निर्माण के लिये भूमि आवंटन में विलंब, एम.पी.आर.डी.सी. से अनुमति प्राप्त होने में विलंब, एचटी फीडर कनेक्शन हेतु मंजूरी नहीं मिलने से विलंब, कोविड-19 के प्रभाव के दौरान कार्य बंद होने से विलंब एवं विद्युत विभाग से हाईटेंशन लाईन कनेक्शन न मिलने के कारण विलंब हुआ है। उक्त कारणों से एजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) सीवर परियोजना का कार्य ठेकेदार की समयवृद्धि की मांग अनुसार दिनांक 30.05.2022 तक किया जाना लक्षित है। ठेकेदार द्वारा भिण्ड शहर में 84.38 कि.मी. सीवर लाईन खोदी गई है जिसका 72.83 कि.मी. रोड रेस्टोरेशन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष 11.54 कि.मी. रोड रेस्टोरेशन का कार्य प्रगतिरत है जो दिनांक 30.05.2022 से पूर्व पूर्ण कर लिया जायेगा। ठेकेदार को 72.83 कि.मी. रोड के रेस्टोरेशन कार्य हेतु राशि रू. 10.04 करोड़ का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिहोरा में नर्मदा पेयजल जल प्रदाय की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 966 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका अंतर्गत वार्डों में नर्मदा जल प्रदाय किये जाने की कार्य योजना के अनुसार पाइप लाइन विस्तार/टंकी निर्माण का कार्य पूर्ण किया जाकर नर्मदा जल की सप्लाई कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) पाइप लाइन विस्तार के कारण क्षतिग्रस्त हुए मार्गों को कब तक ठीक करा दिया जावेगा एवं नाली में पड़ी पाईप लाइन निकालकर दूसरे स्थान पर कब तक लगा दी जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सीहोरा नगर पालिका अंतर्गत वार्डों में नर्मदा जल प्रदाय किये जाने एवं पाइप लाइन विस्तार, टंकी निर्माण का कार्य पूर्ण कर ट्रायल रन प्रारंभ करते हुए नर्मदा जल की सप्लाई जून 2022 तक प्रारंभ करने का लक्ष्य है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में पाइप लाइन विस्तार के कारण क्षतिगस्त मार्गों पर रेस्टोरेशन का कार्य करना एक निरंतर प्रक्रिया है। नल कनेक्शन के उपरांत मार्गों का स्थाई रोड रेस्टोरेशन का अनुबंध अनुसार संपूर्ण कार्य जून 2022 तक किया जाना लक्षित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं जल वितरण के लिये घरों में नल कनेक्शन किये जाने हेतु घरों के समीप स्थित नाली के पास पाईप को छोडा गया है, घरों में नल कनेक्शन का कार्य सतत् जारी है व प्रगति पर है, कार्य जून 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
विश्व बैंक पोषित परियोजना में चयनित महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
17. ( क्र. 1029 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विश्व बैंक पोषित परियोजना उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत 200 महाविद्यालयों को चयनित किया गया था। उक्त चयनित महाविद्यालयों कि सूची उपलब्ध कराये। (ख) विभाग द्वारा उपरोक्त 200 महाविद्यालयों के अतिरिक्त बिना डी.पी.आर. एवं एम.ओ.यू. हुये कितने महाविद्यालय को शामिल किया गया? (ग) विश्व बैंक पोषित परियोजना में एम.ओ.यू. के अनुसार 200 महाविद्यालयों के प्राचार्यों को उपकरण क्रय करना था। लेकिन विश्व बैंक, दिल्ली के किस आदेश क्रमांक से एम.ओ.यू. की शर्तों को समाप्त करते हुए केन्द्रीयकृत विश्व बैंक प्रोजेक्ट कार्यालय, भोपाल द्वारा खरीदी की गई? (घ) विश्व बैंक परियोजना में बजट उपलब्ध नहीं होने पर भी क्रय आदेश प्रसारित किये गए एवं किस आदेश के अंतर्गत? इसके लिए विश्व बैंक परियोजना प्रोजेक्ट कार्यालय, भोपाल के कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है और क्या उन पर कार्यवाही होगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विश्व बैंक पोषित परियोजना अंतर्गत 247 महाविद्यालयों का चयन किया गया है। सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 से 14 अनुसार है। (ख) परियोजना अंतर्गत कोई भी महाविद्यालय बिना इन्स्टिट्यूशनल डेवलपमेन्ट प्लान (आई.डी.पी.) एवं एम.ओ.यू. के शामिल नहीं किया गया है। (ग) आई.डी.पी. में उल्लेखित विभिन्न गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए महाविद्यालय को राशि दिये जाने एवं महाविद्यालय द्वारा भुगतान किए जाने की प्रक्रिया का उल्लेख एम.ओ.यू. में किया गया है, जिसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। महाविद्यालयों की क्षमता, परियोजना की बची हुई अवधि एवं दरों में स्केलिंग के लाभ को दृष्टिगत रखते हुए यह प्रशासनिक निर्णय लिया गया है कि जेम (GeM) के माध्यम से प्रतियोगी निविदा प्रक्रिया अपनाकर विभाग केन्द्रीयकृत क्रय करे। उक्त निर्णय के तारतम्य में उपकरणों का क्रय केन्द्रीय स्तर पर भी क्रय किया जा रहा है। (घ) बजट की उपलब्धता पर ही क्रय आदेश जारी किये गए हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कॉलोनी निर्माण में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 1383 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले की कॉलोनी सेल को 2017 से फरवरी 2022 तक कॉलोनी निर्माण में अनियमितता की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? कितनी शिकायतों पर जांच के आदेश कलेक्टर द्वारा दिए गए तथा कितनी कॉलोनी की जांच में अनियमितता पाई गई? वर्षवार बतावें। (ख) जिन कॉलोनी में जांच में अनियमितता पाई गई उसकी सूची तथा पाई गई अनियमितता कॉलोनी का नाम कॉलोनाइजर के नाम सहित देवें। (ग) प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित कॉलोनी को अनियमितता के संदर्भ में कार्यवाही हेतु भेजे गए पत्र तथा प्राप्त उत्तर की प्रति देवें तथा बतावें कि किस-किस कॉलोनी पर कार्रवाई की गई? (घ) प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित जिन कॉलोनी पर कार्यवाही नहीं की गई उसके कारण बतावें। क्या शासन स्तर पर कार्यवाही नहीं करने के निर्देश दिए गए? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में रतलाम जिले की कॉलोनी सेल में क्षेत्रांतर्गत कुल 70 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित कॉलोनी की अनियमितता के संदर्भ में कार्यवाही हेतु भेजे गए पत्र तथा प्राप्त उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' के कॉलम नं. 10 एवं 11 अनुसार है। जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत आपूर्ति से वंचित मोहल्लों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 1415 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरे जो विद्युत आपूर्ति से वंचित है कि राजस्व ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ख) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरे जो विद्युत आपूर्ति से वंचित है के परिप्रेक्ष्य में, क्या शासन प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना अन्तर्गत घरेलू आवश्यकताओं के लिए बिजली उपलब्ध करवाने की कोई योजना बना रहा है? यदि उत्तर हाँ है तो कब तक बिजली प्रदान की जायेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरे जो विद्युत आपूर्ति से वंचित है, तो शासन घरेलू उपयोग हेतु बिजली उपलब्ध करवाने के लिये कोई वैकल्पिक प्रबंध करेगा? यदि हाँ, तो कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी प्रदान करें और यदि उत्तर न है तो, कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी क्षेत्रांतर्गत आने वाले समस्त 261 राजस्व ग्राम एवं इन ग्रामों के चिन्हित सभी 1838 मजरे/टोले विद्युतीकृत है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
निर्माण एवं विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 1531 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के तहत कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हैं एवं कौन-कौन से कार्य कराना प्रस्तावित हैं? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? कौन-कौन से कार्य कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराये गये हैं। इन कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृति हुई है? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की स्थिति में जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कौन-कौन से अपूर्ण निर्माणाधीन व अप्रांरभ कार्यों की निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? किन-किन कार्यों से सम्बंधित स्वीकृत निविदाएं कब अस्वीकृत की गई हैं एवं क्यों? (ग) ओमती नाला की निर्धारित चौड़ाई को कितने फीट कम करके इसे कब पक्का बनबाया गया हैं? इसके कारण शहर के किन-किन क्षेत्रों में जलप्लावन की समस्या पैदा हो गई हैं? इससे निजात पाने हेतु क्या ठोस उपाय किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ओमती नाले का निर्माण कार्य वर्ष 2011 से 2017 के मध्य पूर्ण किया गया है, नाले की चौड़ाई कम नहीं की गई है ओमती नाला के बहाव क्षेत्र में सामान्य वर्षा के दौरान जलप्लावन की स्थिति निर्मित नहीं होती है, अपितु अतिवर्षा होने पर कुछ क्षेत्रों में पानी भर जाता है जो कि वर्षा के रूकने के कुछ समय बाद निकल जाता है। ओमती नाला से पानी के बहाव को सुनिश्चित करने के लिये प्रतिवर्ष वर्षा पूर्व संपूर्ण नाले की सफाई का कार्य कराया जाता है।
जबलपुर की स्मार्ट सड़कों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 1545 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर की किन-किन सड़कों को चिन्हित कर स्मार्ट सड़कें बनाने की क्या योजना बनाई है। प्रथम फेज में कौन-कौन सी प्रमुख सड़कों को चिन्हित कर कितनी-कितनी राशि कब स्वीकृत की गई हैं? इनकी मूल योजना क्या हैं? स्वीकृत कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है एवं कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण नहीं कराया गया है एवं क्यों? (ख) प्रश्नांकित स्वीकृत किन-किन सड़कों के निर्माण कार्य में आनेवाली कौन-कौन सी बाधाओं को दूर नहीं किया गया है एवं क्यों? निर्मित किन-किन सड़कों की स्वीकृत कितने-कितने फीट चौड़ाई को कितने-कितने फीट कम करके बनवाया गया हैं एवं क्यों? इनमें स्वीकृत कौन-कौन सा निर्माण कार्य कब से नहीं कराया गया है एवं क्यों? रांझी, घमापुर स्मार्ट सड़क की वर्तमान में क्या स्थिति है। स्वीकृत कौन-कौन सा कितना-कितना कार्य कब से अपूर्ण निर्माणाधीन व अप्रारंभ हैं? इस पर कितनी राशि व्यय हुई हैं? क्या शासन इसके निर्माण कार्य में की गई वित्तीय अनियमितता राशि का दुरूपयोग व घटिया निर्माण कार्य की जांच कराकर दोषी एजेंसी एवं अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में जिन सड़कों को चिन्हित कर स्मार्ट सड़कें बनाने की योजना बनाई है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। प्रथम फेस की चिन्हित प्रमुख सड़कें एवं स्वीकृत की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार है। मूल योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। स्वीकृत सड़कों, निर्माण एजेंसी, राशि एवं सड़कें जिनका निर्माण नहीं कराया गया एवं क्यों नहीं कराया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– क, ख, ग एवं घ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित स्वीकृत सड़कों के निर्माण कार्य में आने वाली बाधाओं जिन्हें दूर नहीं किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा निर्मित स्मार्ट सड़कों की चौड़ाई को कम नहीं किया गया है। स्वीकृत सड़कों पर निर्माण कार्य प्रगतिरत है, शेषांश उपस्थित नहीं होता है। घमापुर-रांझी स्मार्ट सड़क की वर्तमान स्थिति, स्वीकृत कार्य में से पूर्ण, अपूर्ण निर्माणाधीन, अप्रारम्भ एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। इस निर्माण कार्य में कोई भी वित्तीय अनियमितता एवं राशि का दुरूपयोग नहीं होने से शेषांश उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय में अतिथि नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
22. ( क्र. 1564 ) श्री संजय शुक्ला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविधालय में कहाँ-कहाँ पर प्रोफेसरों की कमी होने के कारण कॉलेजों द्वारा स्ववित्तीय व्यवस्था के अन्तर्गत महाविद्यालयों में जनभागीदारी अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो किन-किन महाविद्यालयों में कब-कब नियुक्तियां की गई? जनभागीदारी अतिथि विद्वानों को कितना मानदेय दिया जा रहा है? शासन द्वारा जनभागीदारी अतिथि विद्वानों को वेतन दिये जाने के लिये कोई नियम बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्या है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं नियम बनाये गये? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महाविद्यालयों में करोड़ों का फंड होने पर भी ज.अ.वि. को उचित वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा? क्या वर्षों से ज.अ.वि. का वेतन नहीं बढ़ाया गया है? यदि हाँ, तो क्यों नहीं बढ़ाई जा रहा है? कारण स्पष्ट करे? क्या उनका वेतन बढ़ाया जायेगा? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक कितना-कितना वेतन बढ़ाया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ज.अ.वि. को नियमित किया जायेगा? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताये? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में प्रोफसरों की कमी होने के कारण कॉलेजों द्वारा स्ववित्तीय व्यवस्था के अंतर्गत महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति द्वारा अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किया जाता है। अतिथि विद्वानों की नियुक्ति नहीं की जाती है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनभागीदारी समिति द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानदेय दिया जा रहा है। जी नहीं, शासन द्वारा जनभागीदारी अतिथि विद्वानों को वेतन दिये जाने का कोई नियम नहीं बनाया गया है। जनभागीदारी से संचालित स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों के अतिथि विद्वानों को मानदेय के संबंध में जनभागीदारी समिति निर्णय लेने हेतु अधिकृत है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 471 दिनांक 30.09.1996 एवं आदेश क्रमांक 1837/2977/2001/38-2 भोपाल, दिनांक 05.10.2001 के तहत शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति द्वारा संचालित स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों से प्राप्त शुल्क के अनुरूप मानदेय जनभागीदारी समिति द्वारा तय किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जनभागीदारी अतिथि विद्वान को नियमित करने की कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। जनभागीदारी समिति मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम का संचालन करती है। छात्रों के प्रवेश न लेने पर जनभागीदारी समिति द्वारा पाठ्यक्रम बंद कर दिया जाता है। अत: अतिथि विद्वान का आमंत्रण भी समाप्त माना जाता है।
अनियमितता करने वाले दोषियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 1567 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व प्रश्न क्र.80 (993) दिनांक 12 अगस्त 2021 में माननीय मंत्री महोदय द्वारा जांच दल गठित कराकर जांच पूर्ण करा ली गई या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो जांच में क्या खामियां पाई गई? किन-किन डिविजनों की शिकायतें प्राप्त हुई थी विभाग द्वारा किस-किस डिवीजन की जांच कराई जा रही है? क्या प्रायमस कम्पनी, विक्रय कम्पनी द्वारा वेस्ट डिवीजन, इस्ट डिवीजन और सेन्ट्रल डिवीजन के कार्यों की जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या अनियमितायें पाई गई है? अनियमितता के लिये कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लापरवाही करने वाले उच्च अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में अनियमितता में विभाग को हुई नुकसान की भरपाई की प्रक्रिया क्या होगी? किन-किन अधिकारियों से नुकसान की भरपाई की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, पूर्व प्रश्न क्रमांक 993 दिनांक 12 अगस्त 2021 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में अनियमितता संबंधित शिकायतों की प्रारंभिक जांच जो कि दक्षिण शहर संभाग एवं उत्तर शहर संभाग में आई.पी.डी.एस. योजना से संबंधित है, जांच दल गठित करवाकर मैदानी स्तर पर पूर्ण कर ली गयी है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जांच में मुख्य रूप से टर्न की कांट्रेक्टर द्वारा प्रेषित बिल के अनुसार स्थल पर निर्माण की गयी विद्युत अधोसंरचना में भौतिक सत्यापन किए जाने पर निर्मित विद्युत अधोसंरचना में विसंगति पाई गयी जो की मुख्य खामी है। इंदौर शहर के अंतर्गत 4 संभागों (डिविजनों) क्रमशः उत्तर, दक्षिण, पश्चिम एवं मध्य संभाग की शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिसमें से चारों संभागों की जांच करवाई जा रही है। प्रायमस कमर्शियल प्रायवेट लिमिटेड, इंदौर द्वारा पूर्व शहर संभाग अंतर्गत कार्य किया गया था जिसकी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से कोई जांच नहीं करवाई जा रही है। तथापि विक्रान इंजीनियरिंग एंड एक्सिम, प्रायवेट लिमिटेड, थाने द्वारा मध्य शहर संभाग इंदौर एवं पश्चिम शहर संभाग इंदौर अंतर्गत कार्य किया गया था, जिसकी शिकायत की जांच करवाई जा रही है, जो कि प्रक्रियाधीन है। उत्तर शहर संभाग एवं दक्षिण शहर संभाग के कार्य हेतु जो जांच कराई गई है उस जांच में मुख्य रूप से टर्न की कांट्रेक्टर द्वारा प्रेषित बिल के अनुसार स्थल पर निर्माण की गयी विद्युत अधोसंरचना जिसमें 11 के.व्ही. लाईन, निम्नदाब लाईन निर्माण, विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के नवीनीकरण में भौतिक सत्यापन किए जाने पर निर्मित विद्युत अधोसंरचना में अनियमितता पाई गई। उसमें प्रारंभिक तौर पर विसंगति हेतु उत्तर शहर संभाग व दक्षिण शहर संभाग इंदौर से संबंधित टर्न की कांट्रेक्टर मेसर्स क्षेमा पॉवर इन्फ्रा कंपनी प्रायवेट लिमिटेड, कोचिन जिन्हें उत्तर शहर संभाग एवं दक्षिण शहर संभाग के कार्य हेतु टर्न की कांट्रेक्टर पर कार्यादेश जारी किया गया था दोषी है, के विरुद्ध कार्यादेश एवं किए गए अनुबंध की शर्त अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त उक्त विद्युत अधोसंरचना के निर्माण कार्यों के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी मेसर्स फीडबेक इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड. गुड़गाँव, हरियाणा को कार्यों की Monitoring, Supervision & quality control consultancy services निगरानी (समीक्षा), सुपरविजन (निरीक्षण), मापन हेतु कार्यादेश दिया गया था, अतः उक्त कार्यों में की गई अनियमितता हेतु उक्त कार्यादेश एवं अनुबंध की शर्त अनुसार कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त उक्त कार्यों के निष्पादन में तत्समय पदस्थ संबंधित तत्कालीन अधिकारियों के विरुद्ध म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के आधार पर कार्यवाही की जा रही है। (ग) उक्त में संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के आधार पर कार्यवाही की जा रही है, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अनियमितताओं के संदर्भ में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को हुये नुकसान की भरपाई हेतु मेसर्स क्षेमा पॉवर इन्फ्रा कंपनी प्रायवेट लिमिटेड, कोचिन की बैंक ग्यारंटी से रूपये 5.05 करोड़ की राशि वसूल कर ली गई है तथा शेष राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त उक्त विद्युत अधोसंरचना के निर्माण किए गए कार्यों के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी मेसर्स फीडबेक इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड गुड़गाँव, हरियाणा को कार्यों की Monitoring, Supervision & quality control consultancy services निगरानी (समीक्षा), सुपरविजन (निरीक्षण), मापन हेतु कार्यादेश दिया गया था, अतः उक्त कार्यों में की गई लापरवाही हेतु उक्त कार्यादेश एवं अनुबंध की शर्त अनुसार कार्यवाही की जा रही है। प्रश्नांश (ग) के उत्तर के आलोक में अधिकारी दायित्वों के निर्वहन में कारित अनियमितताओं हेतु संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
जिला खरगोन के सेगांव में महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
24. ( क्र. 1599 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि आदिवासी विकासखण्ड क्षेत्र भगवानपुरा जिला खरगोन में उच्च शिक्षा हेतु एक भी महाविद्यालय नहीं है? (ख) क्या यह भी सच है कि भुगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीण छात्र, छात्राओं को उच्च शिक्षा हेतु खरगोन, इंदौर, खण्डवा के महाविद्यालयों पर निर्भर रहना पड़ता है। जिससे अनेक छात्रों को प्रवेश नहीं मिलने से उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते है? (ग) क्या यह भी सच है कि सन् 2019 से छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा के लिए क्षेत्र मुख्यालय भगवानपुरा एवं ब्लॉक मुख्यालय सेगांव में महाविद्यालय खोलने की मांग लगातार की जा रही है। (घ) यदि हाँ, तो आदिवासी ग्रामीण छात्रों के भविष्य को देखते हुए भगवानपुरा एवं ब्लॉक मुख्यालय सेगांव में विभाग द्वारा महाविद्यालय खोलने की क्या कार्यवाही की जा रही हैं एवं महाविद्यालय कब तक खोलने की स्वीकृति दी जावेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) भगवानपुरा क्षेत्र के विद्यार्थी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरगोन, शासकीय कन्या महाविद्यालय खरगोन, शासकीय महाविद्यालय भीकनगांव, शासकीय महाविद्यालय सेंधवा तथा शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खण्डवा में प्रवेश लेकर अध्ययन करते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) भगवानपुरा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने हेतु प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है। सेगांव में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
किसानों को सिंचाई सुविधा हेतु अनुदान योजना
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 1611 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री अनुदान योजना के तहत छोटे किसानों को सिंचाई के लिए 25 हॉर्स पावर की डीपी वाले ट्रांसफार्मर फ्री में उपलब्ध कराने की योजना बंद करने का क्या कारण है? क्या छोटे किसानों को सिंचाई के लिए 25 हॉर्स पावर की डीपी वाले ट्रांसफार्मर फ्री में उपलब्ध कराने की कोई योजना वर्तमान में हैं या लागू किया जाना हैं? (ख) एक बीघा पर तीन बोरी खाद की खपत है, फिर भी आदिमजाति सहकारी समितियों से किसानों को एक बीघे पर एक बोरी खाद क्यों दी जाती है? एक बीघे पर तीन बोरी खाद उपलब्ध कराने का आदेश कब तक जारी किया जाएगा? (ग) अलीराजपुर जिले में जनवरी 2020 से प्रश्न-दिनांक तक नकली खाद-बीज-किटनाशकों से संबंधित कितनी शिकायतें एवं अनियमितताएं विभाग को प्राप्त हुईं? उक्त शिकायतों की जांच के लिए विभागीय उड़नदस्तों ने कब-कब कहां-कहां निरीक्षण किया? निरीक्षण के दौरान कितने प्रकरण दर्ज किए गए? विवरण बताएं। (घ) अलीराजपुर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों से प्रीमियम राशि वसूलने के बावजूद भी फसल खराब होने पर वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में अधिकतर किसानों की बीमा राशि क्यों स्वीकृत नहीं किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कृषकों को स्थाई कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''मुख्यमंत्री स्थाई पंप कनेक्शन योजना'' (अनुदान योजना) पूर्व में प्रचलित थी, जिसके अंतर्गत कृषक द्वारा अंशराशि जमा करने पर शेष राशि राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में उपलब्ध कराने का प्रावधान था। उक्त योजना की अवधि दिनांक 31.03.2019 तक थी तथा अवधि पूर्ण होने पर यह योजना बंद हो गई है। उक्त योजना पुन: प्रारंभ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) किसान कल्याण तथा कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों द्वारा किसानों को नियमानुसार एवं पात्रतानुसार परमिट के आधार पर उर्वरकों का विक्रय किया जाता है। उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 से उर्वरक वितरण/विक्रय हेतु भूमि सीमा निर्धारित नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) किसान कल्याण तथा कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) किसान कल्याण तथा कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में निहित प्रावधान अनुसार फसल बीमा के लिए पात्रतानुसार किसानों को दावा राशि का भुगतान किया जाता है। अलीराजपुर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत वर्ष 2019 -20 में इफको-टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से प्राप्त जानकारी अनुसार 1913 किसानों को राशि रू. 26,79,524/- का भुगतान किया गया है। वर्ष 2020-21 में एग्रीकल्चर एश्योरेंस कंपनी आफ इण्डिया लिमिटेड से प्राप्त जानकारी अनुसार 35779 किसानों के लिये दावा राशि 8.90 करोड़ रू. स्वीकृति की गई। जिन किसानों की वास्तविक उपज, थ्रेसहोल्ड उपज से अधिक प्राप्त हुई है नियमानुसार उन किसानों को फसल बीमा राशि का लाभ नहीं मिला।
नीमच-मनासा रोड पर टोल लगाने का प्रावधान
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 1618 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यूनतम कितनी लम्बाई की सड़क पर टोल टैक्स लगाने का प्रावधान है? (ख) नीमच-मनासा रोड लम्बाई 27 कि.मी. पर टोल किस प्रावधान में लगाया जा रहा है और इस सड़क निर्माण के 4 साल बाद टोल लगाने का क्या औचित्य है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम में टोल टैक्स लगाने हेतु न्यूनतम लंबाई का कोई प्रावधान नहीं है। प्रत्येक परियोजना के यातायात घनत्व तथा सक्षम स्तर से अनुमोदित प्रस्ताव अनुसार टोल टैक्स/उपभोक्ता शुल्क आदि की अनुमति ली जाती है। (ख) नीमच-मनासा मार्ग की लंबाई 30.06 कि.मी है। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मार्ग के बेहतर रख-रखाव/संधारण हेतु। निर्धारित अवधि तक उपभोक्ता शुल्क की स्वीकृति प्राप्त है।
पी.आई.यू., पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा स्वीकृत भवन एवं निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 1619 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.आई.यू. पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा वर्ष 2019 से 2021 तक कितने भवनों की निविदा किन-किन जिलों में जारी की गई थी और निविदा पश्चात् जारी किये गये कार्यादेश में से कितनों के कार्य संपन्न करा दिये गये और कितने कार्य अभी भी अधूरे हैं, जिलावार जानकारी देवें? (ख) पी.आई.यू. द्वारा इंदौर एवं भोपाल में वर्ष 2020-2021 में कितने निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं, उन कार्यों की एजेंसी कौन-कौन सी है, उन एजेंसियों द्वारा कितना कार्य कराया गया है, कार्य की समय-सीमा कितनी थी, उस समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो क्या कार्यवाही की गई। (ग) पी.आई.यू., पी.डब्ल्यू.डी. के इंदौर में कितने कार्य 2021 तक संपन्न कराये जाने थे, वो कार्य क्यों संपन्न नहीं कराये गये? (घ) पी.डब्ल्यू.डी. विभाग भोपाल के समस्त संभागों द्वारा वर्ष 2019 से 2021 तक किन-किन भवनों के उन्नयन कार्य करवाये गये एवं उनमें कितना-कितना व्यय हुआ। पृथक से सूची एवं भवनवार व्यय की गई राशि एवं स्वीकृतकर्ता अधिकारी के सहित जानकारी उपलब्ध करावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2', 'अ-3', 'अ-4' एवं 'अ-5' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है।
विद्युत ट्रान्सफार्मर एवं खम्बों की जांच
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 1686 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विधानसभा बैतूल अन्तर्गत वित वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि, सांसद निधि, अन्य मद एवं उपभोक्ताओं के स्वयं के खर्चों से विद्युतीकरण/विस्तारीकरण के कितने कार्य कराये गये तथा विद्युतीकरण के कितने कार्य पूर्ण है और कितने अपूर्ण? संचालन/संधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये कार्यों में कितनी-कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये जाने का प्रावधान था? संचालन/संधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार स्वीकृत विद्युत लाईन में ऐसे कितने ट्रांसफार्मर है जो तकनीकी स्वीकृत नक्शे में चिन्हित स्थान पर नहीं लगाये गये हैं? संचालन/संधारण सभागवार संख्यात्मक जानकारी देवें तथा वर्तमान में ऐसे कितने ट्रांसफार्मर है जो खराब एवं जल गये हैं,जिसके कारण विद्युत सप्लाई बन्द है? संचालन/सधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी देवे तथा उक्त जले एवं खराब ट्रांसफार्मर कब तक बदलकर लाईन चालू कर दी जावेगी। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार गलत स्थान पर लगाये गये ट्रांसफार्मर के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? क्या गुणवत्ताविहीन, गलत स्थान तथा कम क्षमता के लगाये विद्युत ट्रांसफार्मरों की जांच कराऐंगे? यदि हां, तो किस अधिकारी से जांच करायेंगे?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) बैतूल
जिले में
बैतूल
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
वित्तीय
वर्ष 2019-2020 से प्रश्न
दिनांक तक
विधायक निधि, सांसद
निधि, अन्य मद
एवं
उपभोक्ताओं
के स्वयं के
व्यय से
विद्युतीकरण/विस्तारीकरण
के कराये गये
कार्यों एवं
कार्यों से
संबंधित
पूर्णता/अपूर्णता
की प्रश्नाधीन
चाही गयी
संचालन/संधारण
संभागवार
संख्यात्मक
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
(क) में उल्लेखित
पूर्ण कराये
गये 549
कार्यों में
विभिन्न
क्षमता के 365
वितरण
ट्रांसफार्मर
लगाए जाने का
प्रावधान था, जिनकी
क्षमता सहित
संचालन/संधारण
संभागवार संख्यात्मक
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश
(क) एवं (ख) अनुसार
पूर्ण किये गए
कार्यों में
विद्युत लाईन
के स्वीकृत
तकनीकी नक्शे
अनुसार
चिन्हित
स्थान पर
वितरण
ट्रांसफार्मर
नहीं लगाये जाने
संबंधी कोई
प्रकरण
म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के संज्ञान में
नहीं है। बैतूल
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
दिनांक 03.03.2022
तक की स्थिति
में कोई
जला/खराब
वितरण
ट्रांसफार्मर
बदले जाने
हेतु शेष नहीं
है। अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग)
में दर्शाए
अनुसार
विद्युत लाईन
के स्वीकृत
नक्शे
अनुसार
चिन्हित स्थान
पर वितरण
ट्रांसफार्मर
नहीं लगाए
जाने अथवा ट्रांसफार्मर
स्थापना में प्रश्नांश
में उल्लेखित
अन्य
अनियमितता
संबंधी कोई
प्रकरण
म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के संज्ञान में
नहीं है। अत:
किसी के दोषी
होने का प्रश्न
नहीं उठता। तथापि
यदि कोई
विशिष्ट प्रकरण
संज्ञान में
आता है तो
जाँच करवाकर
संबंधितों के
विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही की जायेगी।
परिशिष्ट
- "आठ"
नगर पालिका में नामांतरण प्रकरण स्वीकृति के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 1695 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भवन/प्लाट के नामांतरण कितने समय में किये जाने के नियम है नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर नगर पालिका में नामांतरण हेतु वर्ष 1 जनवरी 2021 से किन-किन के द्वारा नामांतरण का आवेदन किया गया है आवेदन किस-किस दिनांक को नगर पालिका में प्राप्त हुआ व आवेदक का कितने महीने में नामांतरण किया गया नाम व पते सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) नगर पालिका द्वारा नामांतरण के लिए कब कब विज्ञप्ति जारी की गई विज्ञप्ति की प्रति एवं उनके नामांतरण किस-किस दिनांक को किया गया नाम व पते सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) फोती नामांतरण कितने समय में किये जाने का प्रावधान है बड़नगर नगर में ऐसे कितने प्रकरण लंबित है जिनका नामांतरण किया जाना शेष है? शेष प्रकरणों की जानकारी नाम व पते सहित उपलब्ध करावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) दिनांक 01.01.2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल 959 आवेदन प्राप्त हुए है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। नामांतरण किये गये आवेदक का नाम व पते सहित सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) दिनांक 01.01.2021 से 18.02.2022 तक कुल 19 बार विज्ञप्ति जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। स्वीकृत नामांतरण प्रकरणों की नाम, पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। फोती नांमातरण के लिये म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 में सभी नामांतरण प्रकरणों में आवेदन प्राप्त होने के बाद म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 150, 151 के तहत कार्यवाही की जाती है। शेष 88 फोती लंबित प्रकरणों की नाम पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है।
नगर पालिका परिषद बड़नगर द्वारा सामग्री की खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 1696 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम के अनुसार 25 हजार रूपये से अधिक की खरीदी पर निविदा आमंत्रण या शासन के निर्देशानुसार जेम पोर्टल के माध्यम से कि जाती है यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावे। (ख) नगर पालिका बड़नगर 01.10.2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि की खरीदी कई है कितनी खरीदी कोटेशन/जेम पोर्टल के आधार पर की गई है सम्पूर्ण खरीदी गई सामग्री के समस्त बिल वाऊचर दिनांकवार, फर्मवार बतावे। (ग) नगर पालिका परिषद् बड़नगर द्वारा 01 अक्टूबर 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितना भुगतान जे.सी.बी. मशीन चलाने के कार्यों के किये गए दिनांकवार सम्पूर्ण बिल वाऊचर उपलब्ध करावे। (घ) क्या एक ही फर्म से बार-बार टुकड़े-टुकड़े में क्रय की गई खरीदी मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम के विरूद्ध है यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु म.प्र. भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के अनुसार रू. 01.00 लाख तक की सामग्री की खरीदी विभागीय क्रय समिति से की जा सकती है। रू. 01.00 लाख से अधिक की सामग्री हेतु निविदा आमंत्रित किया जाना होता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। विभागीय आदेश क्रमांक एफ 1-42/2017/18-3 दिनांक 30.10.2017 के अनुसार जेम पोर्टल से सामग्री क्रय करने के निर्देश दिये गए है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार जांच करायी जा रही है। जांच परिणाम अनुसार, संबंधित के विरूद्ध गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है।
अटल ज्योति के हितग्राहियों को लाभ का प्रदाय
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 1708 ) श्री सुरेश राजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा के अंतर्गत किसानों को 12 घंटे की जगह सिर्फ 6-8 घंटे विद्युत सप्लाई की जा रही है इसका कारण बतावें? पूर्ण 12 घंटे सप्लाई कब दी जाएगी बतावें? (ख) सिख समुदाय के डेरों पर जिनमें एकल परिवार के स्थान पर 15-20 परिवारों की संख्या में निवासित हैं फिर भी अटल ज्योति का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा है कारण बतावें? क्या ऐसा कोई नियम है जिसके तहत सिख समुदाय के डेरों पर अटल ज्योति का लाभ प्रदान नहीं करना है? यदि नहीं, तो उन्हें कब तक योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा l (ग) नगर परिषद् पिछोर के अंतर्गत आने वाले शहरी फीडर में 8 से 12 घंटे की अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है क्या कारण है यह अघोषित कटौती कब तक की जाएगी? यह कभी बंद की जाएगी? (घ) मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार कोरोना काल के माफ़ किये गए बिजली के बिल पुनः वसूल किये जा रहे हैं? यदि नहीं, तो बिल क्यों वसूल किये जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में लाईन मेन्टेनेंस हेतु पूर्व से निर्धारित शटडाउन तथा कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों को छोड़कर कृषकों को सिंचाई हेतु प्रतिदिन 10 घन्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में कृषि फीडरों पर 12 घंटे विद्युत प्रदाय करने संबंधी कोई प्रावधान लागू नहीं है। (ख) जी नहीं, यह कथन सही नहीं है कि डबरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सिख समुदाय के डेरों पर अटल ज्योति योजना का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा है। अपितु प्रश्नाधीन क्षेत्र में समस्त राजस्व ग्रामों एवं इन ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों में तत्समय लागू विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को कृषि फीडरों के माध्यम से 10 घंटे तथा गैर-कृषि फीडरों के माध्यम से 24 घंटे विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किया जा रहा है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी प्रकार की अघोषित विद्युत कटौती नहीं की जा रही है, अपितु शहरी फीडरों पर लाईन मेन्टनेंस हेतु पूर्व से निर्धारित शटडाउन एवं अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की राशि की वसूली को आस्थगित कर, उक्तानुसार आस्थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। उक्त तारतम्य में राज्य शासन के आदेश दिनांक 16.11.2021 द्वारा उक्तानुसार आस्थगित राशि के भुगतान में, इन उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से 'समाधान योजना' लागू की गई थी। उपभोक्ताओं को समाधान योजना अंतर्गत आस्थगित की गई राशि के भुगतान हेतु दो विकल्प दिए गए थे, यथा- (1) आस्थगित मूल राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। (2) आस्थगित मूल राशि का 75 प्रतिशत, 6 समान मासिक किश्तों में भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। जिन उपभोक्ताओं द्वारा योजना की नियत दिनांक 31.01.2022 तक विकल्प का चयन नहीं किया गया, उन उपभोक्ताओं को माह फरवरी 2022 के विद्युत देयकों में आस्थगित राशि नियमानुसार शामिल करते हुये देयक जारी किये गये है।
बीना शहर में रिंग रोड की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 1709 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शहरों की ट्राफिक व्यवस्था को सुधारने हेतु रिंग रोड बनाने हेतु शासन ने क्या नियम बनाये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये के विधानसभा क्षेत्र बीना के बीना शहर की ट्राफिक व्यवस्था के निराकरण हेतु रिंग रोड निर्माण करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा जनता की मांग के आधार पर शासन से बार-बार मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि बीना शहर की ट्राफिक व्यवस्था को सुधारने हेतु रिंग रोड के निर्माण हेतु बजट सत्र में स्वीकृति दी जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) के आधार पर निश्चित समायावधि सहित बताये कि कब तक रिंग रोड स्वीकृत कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रिंग रोड बनाने हेतु अलग से कोई नियम नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नये वार्डों में नगर निगम जबलपुर द्वारा विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 1782 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वर्ष 2014-15 में महाराजपुर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी टेक ओवर करते समय नगर निगम जबलपुर ने 13.50 करोड़ रू. प्राप्त किये थे जिसमे आज दिनांक तक 6 करोड़ रू ब्याज राशि की बढोत्तरी होकर कुल 19.50 करोड़ निगम के पास जमा है? (ख) यदि जमा नहीं हैं तो क्या नगर निगम ने उपरोक्त राशि का व्यय नियमानुसार महाराजपुर हाउसिंग बोर्ड के विकास कार्यों में न करते हुये नियम विरूद्ध अन्य मद में व्यय कर दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्यो? इस अनियमितता के लिये कौन जवाबदार है? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत यदि राशि जमा है तो क्या नये वार्डों में विकास कार्य कराये जायेगे? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर को 30.03.2017 को हस्तान्तरण पत्र क्र.574 दिनांक 30.03.2017 के अनुसार राशि रूपये 12,80,00,000/- (बारह करोड़ अस्सी लाख रूपये मात्र) प्राप्त राशि करंट अकाउन्ट में जमा होने से कोई ब्याज प्राप्त नहीं है। (ख) जी नहीं, नगर निगम जबलपुर द्वारा जमा राशि किसी अन्य मद में व्यय नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष जमा राशि अभिन्यास क्षेत्रान्तर्गत ही विकास कार्यों में ही व्यय की जाना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रायसेन जिले अंतर्गत बिजली व्यवस्था
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 1824 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के अंतर्गत आने वाले किन-किन ग्रामों चिन्हित मजरा टोला तथा बसाहटों में बिजली की व्यवस्था नहीं है तथा क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) ग्रामों, मजरा टोला तथा बसाहटों में बिजली की व्यवस्था के संबंध में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में संचा/संधा वृत्त रायसेन के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब मिले तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन ग्रामों चिन्हित मजरा टोला तथा बसाहटों में बिजली की व्यवस्था की गई तथा किन-किन में नहीं की गई तथा क्यों? प्रश्नकर्ता विधायक को कब किस अधिकारी ने अवगत कराया? (घ) प्रश्नांश ग्रामों (क) चिन्हित मजरा टोला तथा बसाहटों में बिजली की व्यवस्था कब तक की जायेगी तथा सौभाग्य योजना में उक्त ग्रामों को सम्मिलित क्यों नहीं किया था? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रायसेन जिले के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके तत्समय चिन्हित मजरों/टोलों/बसाहटों को पूर्व में प्रचलित विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुरूप विद्युतीकृत किया जा चुका है। रायसेन जिले में किए गए सर्वे अनुसार, सौभाग्य योजना का कार्य पूर्ण होने के बाद नवीन निर्मित कुल 403 मजरे/टोले/बसाहटें पाई गई हैं, जो कि विद्युतीकरण हेतु शेष हैं तथा इनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) रायसेन जिले के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के संबंध में जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के कुल 14 पत्र संचा./संधा. वृत्त रायसेन के अधिकारियों को प्राप्त हुए। उक्त पत्र प्राप्त होने की दिनांक एवं पत्रों में उल्लेखित मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण की मांगों के संबंध में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी, विद्युतीकरण नहीं किये जाने के कारण संबंधी जानकारी एवं तद्नुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को अवगत कराये जाने संबंधी जानकारी सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) वर्तमान में अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु राज्य/केन्द्र शासन की कोई भी योजना प्रभावी नहीं है। भविष्य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उक्त योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप एवं तकनीकी/वित्तीय साध्यता के अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन नवीन बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जावेगा। उत्तरांश (क) में उल्लेखित 403 अविद्युतीकृत मजरे/टोले/बसाहटें सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन के उपरान्त निर्मित हुई हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
अवैध वसूली करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 1837 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अर्न्तगत वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक उपभोक्ताओं के कनेक्शन की चैकिंग/औचक निरक्षण किया गया? वितरण केन्द्रवार, वर्षवार जानकारी देवें। निरीक्षण के दौरान उपभोक्ताओं के मनमाने तरीके से अवैधानिक/बिजली चोरी के प्रकरण बनाये गये? उपभोक्ताओं की वितरण केन्द्रवार संख्या तथा अधिरोपित राशि की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन होने के उपरान्त भी अवैधानिक/विद्युत चोरी के प्रकरण बनाये जाकर अवैध वसूली करने के उद्देश्य से उपभोक्ताओं को प्रीलिटिगेशन /लिटिगेशन के नाम पर न्यायालय के बाहर ही गरीब उपभोक्ताओं से अवैध राशि वसूली गई? उपभोक्ताओं के नाम, ग्राम का नाम, राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्तानुसार अवधि में कितने-कितने प्रकरण दर्जकर प्रीलिटिगेशन के नाम पर न्यायालय के बाहर वसूली की राशि जमा कराई गई? कितने उपभोक्ताओं के प्रकरण किन-किन धाराओं में न्यायालय में प्रेषित किए गये? (घ) अद्योहस्ताक्षरकर्ता का आतारंकित प्रश्न क्र.4450 दिनांक 23.03.2021 के भाग ''ख'' में अवगत कराया गया कि विद्युत भार नापने टॉग टेस्टर का उपयोग किया गया, म.प्र.विद्युत नियामक आयोग भोपाल के द्वारा अधिकृत पत्र की जानकारी देवें? यदि नहीं, तो एच.पी.लोड़ बढ़ा कर अवैध वसूली करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा कब तक कर्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सांरगपुर अन्तर्गत वर्ष 2017–18 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शनों की चैकिंग/औचक निरीक्षण संबंधी वितरण केन्द्रवार, वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जी नहीं, अपितु निरीक्षण के दौरान जिन उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत का अवैधानिक रूप से उपयोग किया जा रहा था, केवल उन्हीं के विरूद्ध विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 126 एवं 138 के अंतर्गत कार्यवाही करते हुये प्रकरण बनाये गये है। उक्तानुसार बनाए गए वितरण केन्द्रवार प्रकरणों की संख्या सहित अधिरोपित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जिन उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत या अवैधानिक उपयोग किया जा रहा था, केवल उन्हीं के प्रकरण नियमानुसार बनाये गए हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में जिन प्रकरणों में प्रीलिटिगेशन के माध्यम में न्यायालय से बाहर वसूली की राशि जमा करायी गयी है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है एवं जिन उपभोक्ताओं के प्रकरण विभिन्न धाराओं के अंतर्गत न्यायालय में प्रेषित किये गये उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'द' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की कंडिका क्रमांक 6.37, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है, के अनुसार विद्युत उपभोक्ता के परिसर के संयोजित भार के निर्धारण करने की प्रक्रिया के दौरान यदि निर्माता द्वारा दी गई क्षमता उपलब्ध न हो तो अनुज्ञप्तिधारी उक्त उपकरण के भार का निर्धारण करने के लिए उपयुक्त जांच उपकरण का उपयोग कर सकेगा। वर्तमान में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों के द्वारा उपभोक्ता के परिसर में स्थापित विद्युत उपकरणों/मशीनों/मोटरों इत्यादि की क्षमता/भार की सही गणना करने हेतु प्रचलित उपकरण टॉग टेस्टर (क्लेम्प मीटर) का उपयोग किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन अवैध कॉलोनियाँ
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 1873 ) श्री राम दांगोरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लागू अवैध कॉलोनियों के संबंध में प्रश्नकर्ता के विधानसभा पंधाना में कितनी कॉलोनीयाँ अवैध पाई गई है? क्या इसकी कोई पड़ताल भी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी कॉलोनियों या कॉलोनाइजर पर कार्रवाई की गई है? (ग) यदि न तो प्रश्नकर्ता संज्ञान में 19 कॉलोनियाँ पंधाना नगर, 6 कॉलोनीयाँ दुल्हार फाटा, 3 कॉलोनीयाँ छैगावमाखन, 2 कॉलोनीयाँ सिंगोट, 1 कॉलोनी दीवाल, 2 कॉलोनीयाँ बोरगांव में अवैध है? इन सभी पर कार्रवाई नहीं होने का सही कारण क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र में 33 अवैध कॉलोनियाँ पाई गयी हैं। अवैध कॉलोनियों की जांच प्रचलन में है। (ख) नगर परिषद् पंधाना क्षेत्र के 03 कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गयी हैं। शेष कॉलोनाईजर के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) अनुभाग पंधाना की 28 में से 03 अनधिकृत कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जा चुकी है। अनुभाग पंधाना की चिन्हित शेष 25 एवं अनुभाग खण्डवा के सभी 05 कॉलोनाईजरों को सूचना पत्र दिये गये हैं। जांच प्रचलन में है।
निगम, मण्डल, बोर्ड के कार्यालय भवन की सुरक्षा
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1883 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन शासकीय, अर्द्ध शासकीय, निगम, मण्डल, बोर्ड आदि के कितने कार्यालय भवन हैं? (ख) क्या म.प्र. के समस्त शासकीय, अर्द्ध शासकीय, निगम, मण्डल, बोर्ड आदि के कार्यालयों में आगजनी की घटना को रोकने हेतु स्वचलित अग्निशामक यंत्र लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें एवं यदि नहीं, तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (ग) क्या इन सभी कार्यालयों में शुद्ध बैक्टिरिया रहित ट्रिटेट पीने के पानी की व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें एवं यदि नहीं, तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (घ) इन सभी कार्यालयों के भवनों की सुरक्षा हेतु नियमित एवं आउटसोर्स पर कितने सुरक्षाकर्मी कार्यरत हैं? सूची उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1910 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आज दिनांक तक भोपाल जिले में कौन-कौन सी अवैध कालोनियां हैं, इनमें से अवैध कालोनी को बनाने वाले किस-किस कालोनाईजर के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या किसी अधिकारी पर अवैध कालोनी बनने देने के लिये कोई कार्यवाही की गई है? यदि हां, तो किस अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उपरोक्त कालोनियों में नल-जल योजना के अंतर्गत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो सरकार कब तक पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी? (घ) क्या भोपाल नगर निगम के पास शहर में बिछी हुई, क्षेत्रवार पाइप-लाइन का कोई ब्लू प्रिन्ट है? किस-किस क्षेत्र में कितनी-कितनी पाइन-लाइन बिछी हुई हैं और किस-किस क्षेत्र में पाइप-लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है? सूची उपलब्ध कराये। (ड.) क्या पाइप लान बिछाने वाली कम्पनी को ही मेन्टीनेस एवं क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण कार्य भी दिया गया है, यदि हां, तो सूची सहित बतावें और यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' तथा ''ब'' अनुसार है, नगर पालिका परिषद्, बैरसिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) नगर निगम, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार, अवैध कॉलोनी के रहवासियों को नियमानुसार आवेदन करने पर नल कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, नगरपालिका परिषद् बैरसिया में नल कनेक्शन प्रदान नहीं किये गये हैं। नगरीय क्षेत्र के लिए म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के उपबंधों अनुसार, दिनांक 31.12.2016 तक अस्तित्व में आई अनधिकृत कॉलोनियों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार चिन्हित करने के उपरांत, ऐसी अनधिकृत कॉलोनियों में पेयजल सहित अन्य नागरिक अधोसंरचना प्रदान किये जाने की योजना है। (घ) जी हाँ, ड्राइंग उपलब्ध है। बिछाई गई पाइप लाइन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है, बिछाई जा रही पाइप लाइन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी के स्कोप में पाइप लाइन बिछाने के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के रेस्टोरेशन का कार्य सम्मिलित है। कंपनी के द्वारा कार्य पूर्ण करने के पश्चात 2 वर्ष के डिफेक्ट लाईबिलिटी पीरियड में यदि किये गये कार्य के रेस्टोरेशन में किसी प्रकार की टूटफूट होती है तो कंपनी द्वारा उसका सुधार कार्य किये जाने का अनुबंध है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''फ'' अनुसार है।
सड़क निर्माण के समय तोड़े गये आवास के संबंध में
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 1911 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऐसे शासकीय कर्मचारी जिनके आवास स्मार्ट सीटी में आने के कारण तोड़े गये थे एवं रिक्त कराये गये थे उन्हें रिक्त आवास कब तक आवंटित किये जायेंगे? (ख) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा शासकीय कर्मचारियों की संख्या के आधार पर अनुपातिक दृष्टिकोण से नये आवास निर्माण कराये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो कितने और कहाँ-कहाँ पर नये शासकीय आवास निर्माण कराये जा रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भोपाल स्थित लोक निर्माण विभाग के शासकीय क्षतिग्रस्त/जर्जर आवासों की मरम्मत कार्य कराये जाने की क्या व्यवस्था है? मरम्मत कार्य कराये जाने हेतु किस-किस वर्ग के आवासों को कितनी-कितनी राशि आवंटित प्रति वर्ष किये जाने का प्रावधान है तथा कार्य कराये जाने के उपरांत कार्य के प्रमाणीकरण की क्या व्यवस्था है? क्या आवंटित कर्मचारी/अधिकारी से कार्य उपरांत प्रमाणीकरण की भी व्यवस्था है? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में शासकीय आवासों के रख-रखाव एवं मरम्मत कार्य में विगत वित्तीय वर्ष एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) आवास आवंटन के संबंध में सम्पदा संचालनालय से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आवासों की मरम्मत हेतु स्वीकृति उपरांत कार्य कराये जाने की व्यवस्था है। स्वीकृत प्राक्कलन के आधार पर कार्य कराये जाते है एवं किये गये कार्य का प्रमाणीकरण उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किया जाता है। जी नहीं। इस हेतु कार्य विभाग नियमावली में प्रावधान किये गये है। (घ) सिविल कार्य हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं विद्युत कार्य हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विद्युत कर्मचारियों की शिकायतों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 1924 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली वि.स.क्षे. के अंतर्गत आने वाली विद्युत सब स्टेशनों पर पदस्थ कर्मचारी, सहायक मंत्रियों द्वारा क्षेत्र की जनता से बिजली बिलों के नाम से अवैध वसूली की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मौखिक व लिखित में उक्त कर्मचारियों की शिकायतें की गई, प्रश्न दिनांक तक उक्त कर्मचारियों पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र की जनता द्वारा बिल जमा करने पर भी उक्त कर्मचारी ट्रांसफार्मर नहीं बदलते हैं, क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनियमितता के संबंध में प्रश्न दिनांक तक माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा की गई किसी भी प्रकार की मौखिक अथवा लिखित शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों/वरिष्ठ अधिकारियों को प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरान्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने की कार्यवाही की जाती है।
ग्राम अखाड़ा में नवीन ग्रिड की स्वीकृति
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 2032 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक-769 के माध्यम से बिन्दु क्रमांक (क), (ख) बाग ब्लॉक के अखाड़ा में नवीन 132/33 विद्युत ग्रिड स्वीकृत किये जाने हेतु प्रश्न पूछा गया था? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त प्रश्न के उत्तर दिनांक 23/12/2021 में बताया गया है कि ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। उक्त कार्य को केन्द्र शासन पोषित आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार इस कार्य को स्वीकृत किया जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है? (ग) उक्त कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने के बाद भी शासन द्वारा उक्त कार्य प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत नहीं किया गया है? उक्त कार्य को सरकार द्वारा स्वीकृति किया जायेगा या नहीं यदि स्वीकृत किया जायेगा तो कब तक एवं यदि स्वीकृत नहीं किया जायेगा तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा सत्र दिसंबर 2021 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 769 दिनांक 23.12.2021 में ग्राम बाग में नवीन 132/33 के.व्ही. अतिउच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र (रामपुरा-आगर) एवं ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किये जाने के संबंध में पूछा गया था। (ख) उक्त प्रश्न के उत्तर में ग्राम बाग में नवीन 132/33 के.व्ही. अतिउच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र (रामपुरा-आगर) की स्थापना का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाये जाने तथा ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने एवं इसकी स्वीकृति के संबंध में प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी दी गई थी। (ग) ग्राम अखाड़ा में साध्य पाए गए नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य को केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार इस कार्य को स्वीकृत किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर पालिक निगम मुरैना के अंतर्गत वार्डों में किये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 2042 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिक निगम मुरैना के वार्ड क्रमांक 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 45, 47 आते है। इन वार्डों के मध्य में जौराखुर्द में एक विशाल तालाब है जिसमें सभी वार्डों का गंदा पानी आता है। तालाब के जल का निकास न होने के कारण तालाब का गंदा व बदबूदार पानी ओवर फ्लो होकर वार्डों में भर जाता है। जहाँ आमजन व बच्चों व बुजुर्गों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे अधिक जल भराव होने से बच्चें स्कूल नहीं जा पाते, गंदगी अधिक होने से वार्डों में बीमारियाँ फैलने का डर बना रहता है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार मेरे द्वारा नगर निगम आयुक्त व जिला प्रशासन को तालाब के जल निकास हेतु कई बार लिखा, गया परन्तु प्रश्न दिनांक तक तालाब के जल निकास हेतु नगर पालिका निगम द्वारा वार्ड कार्यवाही नहीं की गई क्यों? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी। (ग) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्डों में कहाँ-कहाँ सी.सी. निर्माण व नाली निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृत प्रदाय की गई? सूची उपलब्ध करावें। 10 वार्डों के अंतर्गत हितग्राहियों को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक आवास आवंटित किये गये वार्डवार सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सुमावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर निगम मुरैना के वार्ड क्रमांक 4,5,6,7,8,9,10,45 एवं 47 आते है। इन वार्डों का निस्तारी पानी नगर निगम द्वारा निर्मित नालों के माध्यम से हाईवे पर स्थित नाले के द्वारा प्रवाहित होकर नगरीय क्षेत्र के बाहर निकलता है। अधिक वर्षा होने की दशा में तालाब का पानी ओवरफ्लो होने से आस-पास की बस्तियों में जल भराव रोकने हेतु नगर निगम द्वारा तत्काल व्यवस्था बनाई जाकर समस्या का निराकरण किया जाता है, जिससे बच्चों के स्कूल नहीं जाने एवं गंदगी से बीमारी फैलने की आशंका उपस्थित नहीं होती है। (ख) वर्णित क्षेत्र में निस्तारी जल की निकासी हेतु समय-समय पर वाटर पंप मोटर लगाकर जल निकासी की गई एवं वर्तमान में भी मोटर पंप द्वारा पानी को बड़े नाले में लिफ्ट किया जा रहा है। इस समस्या के स्थाई निदान हेतु उक्त स्थल पर एक भूमिगत नाले का निर्माण एस.डी.एम.एफ. योजना के अंतर्गत नगर निगम के द्वारा कराया जा रहा है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
काई नदी पर उच्च स्तरीय पुल का शीघ्र निर्माण
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 2103 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सारंगपुर-संडावता मार्ग पर काई नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य प्रगतिरत है? यदि हाँ, तो कार्य पूर्ण करने की अंतिम तिथि क्या थी और इस पुल का निर्माण कार्य कब तक पूरा कर लिया जाएगा तथा विलंब होने के कारणों से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस पुल की प्रशासकीय स्वीकृति कितनी राशि की थी एवं पूर्ण होने पर इसकी लागत क्या आएगी? क्या पुल की मूल ड्राइंग में संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो मूल ड्राइंग में परिवर्तन करने के क्या कारण हैं तथा परिवर्तन करने से कितनी लागत की बढ़ोतरी हुई है तथा कार्य की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की गई है तो स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
छिंदवाडा विश्वविदद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं से लिये जा रहे विभिन्न शुल्क
[उच्च शिक्षा]
44. ( क्र. 2128 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के समस्त महाविद्यालयों को नवगठित राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा से संबद्ध किये जाने के बाद परीक्षा फीस, नामांकन फीस, पोर्टल चार्ज आदि शुल्कों के रूप में अत्यधिक फीस लिये जाने के संबंध में शासन को विभिन्न स्तरों पर छात्र संघों एवं जनप्रतिनिधियों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) क्या छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों से लिये जा रहे विभिन्न शुल्क अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में अधिक हैं। (ग) क्या विश्वविद्यालयों द्वारा लिये जाने वाले शुल्कों को राज्य सरकार नियंत्रित कर सकती है, यदि हाँ, तो छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय द्वारा लिये जा रहे शुल्क को युक्तियुक्त कब तक किया जाएगा। (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर नहीं होने की स्थिति में बैतूल जिले के महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को अत्यधिक शुल्कों से राहत देने हेतु सरकार क्या कार्यवाही करेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभिन्न स्तरों पर कुल 12 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) विश्वविद्यालय एक स्वायत्तशासी संस्था है। मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 के तहत पारित अध्यादेश-5 के प्रावधान के अनुसार विश्वविद्यालयों का कार्यपरिषद उक्त शुल्कों के निर्धारण हेतु अधिकृत है। मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा 34 के तहत स्थायी समिति की अनुशंसा के अनुसार माननीय राज्यपाल महोदय की अध्यक्षता में समन्वय समिति शुल्कों के निर्धारण सम्बंधी अध्यादेश में संशोधन के लिए निर्णय लेने हेतु सक्षम है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उल्लेखित फीस का निर्धारण विश्वविद्यालय द्वारा क्षेत्राधिकार के समस्त जिलों के महाविद्यालयों हेतु किया जाता है। प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 2201 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के विधायकों से उनके क्षेत्र में विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये में मेगा प्रोजेक्ट की सूची मांगी गई है? (ख) यदि हाँ, तो कितने विधायकों से उनके क्षेत्र के विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये के मेगा प्रोजेक्ट की सूची मांगी गई है? जिलेवार एवं विधानसभावार जानकारी देवें। (ग) कितने विधायकों से मेगा प्रोजेक्ट की सूची नहीं मांगी गई? नाम सहित बतावें। (घ) क्या सरकार यह मानती है कि प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित विधायकों के क्षेत्र में विकास कार्य की आवश्यकता नहीं है? अथवा इस भेदभाव का क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मालथौंन बाया खिमलासा सड़क की मरम्मत
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 2204 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना–मालथौंन बाया खिमलासा (स्टेट हाइवे ) सड़क मार्ग पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया है इसकी मरम्मत का कार्य कब तक किया जायेगा? (ख) बीना –मालथौंन बाया खिमलासा (स्टेट हाइवे ) पर क्या टोल केंद्र संचालित है एवं उनके द्वारा वाहनों से टोल शुल्क लिया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो टोल प्रबंधन द्वारा सड़क की मरम्मत क्यों नहीं कराई जा रही है? इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा क्या कार्यवा&