मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र
सोमवार, दिनांक 21 मार्च, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगरीय
निकायों में
निर्माण
कार्य हेतु
क्रय सामग्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 2978 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के नगर पंचायत चांचौड़ा, कुम्भराज, मधुसूदनगढ़ में वर्ष 2021-22 में किये गये निर्माण कार्यों एवं खर्च की गई धनराशि का ब्यौरा प्रदान करें। (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के नगर पंचायत चांचौड़ा, कुम्भराज, मधुसूदनगढ़ में वर्ष 2021-22 में अतिरिक्त निर्माण कार्यों के अतिरिक्त क्रय की गई सामग्री एवं उस हेतु व्यय की गई धनराशि का ब्यौरा प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्ष 2021-22 में नगर परिषद चाचौड़ा-बीनागंज, नगर परिषद कुम्भराज में निर्माण कार्यों में राशि व्यय की गई है एवं नगर परिषद मधुसूदनगढ़ में कोई राशि व्यय नहीं की गई है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2021-22 में नगर परिषद चाचौड़ा-बीनागंज, नगर परिषद कुम्भराज एवं नगर परिषद मधुसूदनगढ़ में सामग्री क्रय पर व्यय की गई राशि की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अपरवेदा डेम से पाईप लाईन कार्य की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 3209 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगांव शहर में वर्तमान में पेयजल की क्या व्यवस्था है? क्या भीकनगांव में निवासरत शहरवासियों को प्रतिदिन पेयजल हेतु पानी उपलब्ध हो रहा है? नहीं तो क्या कारण है? क्या पेयजल हेतु वर्तमान उपलब्ध जल स्त्रोत में वर्ष भर पानी उपलब्ध रहता है? नहीं तो क्या पेयजल हेतु अपरवेदा डेम से सीधी फिल्टर प्लांट तक पाईप लाईन स्वीकृति उपरान्त पेयजल व्यवस्था का समाधान हो सकता है? हाँ तो क्या नगर परिषद भीकनगांव में पर्याप्त पेयजल हेतु अपरवेदा डेम से फिल्टर प्लांट तक पाईप लाईन की स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? हाँ तो वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है तथा कितनी राशि से पाईप लाईन कार्य पूर्ण हो जायेगा तथा नहीं तो क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : भीकनगांव नगर की पेयजल व्यवस्था ग्राम पोखराबाद में स्थित स्टाप डेम पर निर्मित इन्टेकवेल से की जाती है। जी नहीं। स्टोरेज क्षमता नहीं होने से प्रतिदिन पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। पेयजल हेतु वर्तमान उपलब्ध जल स्त्रोत में वर्ष भर पानी उपलब्ध नहीं रहता है, ग्रीष्मकाल के दौरान निकाय की आवश्यकतानुसार पानी अपस्ट्रीम में निर्मित अपरवेदा डेम से समय-समय पर छुड़वाया जाता है। नगर परिषद भीकनगांव में पर्याप्त पेयजल हेतु अपरवेदा डेम से फिल्टर प्लांट तक पाईप लाईन कार्य की कार्ययोजना लगभग राशि रू. 600.00 लाख की तैयार की गई है। प्रस्ताव की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विकासखण्ड जवा अंतर्गत पहुंच मार्ग एवं सेतु निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 516 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत भनिगवां से खरपटा की ओर नदी पर सेतु निर्माण कार्य एवं पहुंच मार्ग 03 वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी पूर्ण नहीं हो सका है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त सेतु निर्माण एवं पहुंच मार्ग निर्माण हेतु विभाग के द्वारा क्या समय-सीमा नियत की गई थी? निर्माण कार्य हेतु कुल कितनी राशि विभाग के द्वारा स्वीकृत की गई थी? कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया है तथा कितनी राशि का भुगतान शेष है? (ग) क्या विभाग के द्वारा नियत समय पर कार्य पूर्ण न करा पाने की दशा में संबंधित संविदाकार के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 14 माह वर्षाकाल छोड़कर अर्थात दिनांक 18.10.2020 नियत थी। निर्माण कार्य हेतु लागत रुपये 780.86 लाख स्वीकृत की गई थी। ठेकेदार को माह 02/2022 तक कुल भुगतान रुपये 259.48 लाख किया गया एवं राशि रुपये 54.00 लाख का भुगतान शेष है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत लाईन दुर्घटना में क्षतिपूर्ति
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 3736 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्य क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2021-22 में लाईन पर कार्य करते हुये कितने व्यक्तियों की दुर्घटनावश मृत्यु हुई है? (सूची वांछनीय) क्या उपरोक्त सभी व्यक्ति विद्युत कम्पनी के कर्मचारी थे? (ख) यदि नहीं, तो उपरोक्त व्यक्तियों को सुधार कार्य की अनुमति किसने दी एवं अचानक विद्युत प्रवाह चालू करने से हुई मृत्यु का जिम्मेदार कौन है? क्या माननीय मंत्री जी ऐसी घटनाओं की रोकथाम हेतु कोई दिशा-निर्देश जारी करेंगे? क्योंकि प्राय: वरिष्ठ लाईन मेन गांव के बेरोजगारों से निजी खर्च पर जोखिम वाले कार्य कराते हैं एवं दुर्घटना की स्थिति में कंपनी का कर्मचारी न होने की बात कहकर कंपनी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती है। (ग) दिनांक 13.02.2022 को प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र खरगापुर अंतर्गत पलेरा जिला टीकमगढ़ में घटित ऐसी ही घटना में मृतक राजेन्द्र पाठक, निवासी ग्राम रामनगर की मृत्यु उपरांत म.प्र.पू.क्षे.वि.कं. द्वारा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) मृतक राजेन्द्र पाठक, निवासी ग्राम रामनगर, तहसील पलेरा के परिजनों को कंपनी या शासन की ओर से कितनी क्षतिपूर्ति राशि दी जावेगी एवं कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह फरवरी 2022 तक विद्युत लाईनों पर कार्य करते हुए कुल 15 व्यक्तियों की दुर्घटनावश मृत्यु हुई है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विद्युत लाईन में सुधार कार्य नियमानुसार नियमित तकनीकी कर्मचारियों द्वारा ही किया जाता है एवं आऊटसोर्स कार्मिक/ठेका श्रमिक केवल नियमित कर्मचारियों की सहायता हेतु उपलब्ध होते हैं। उत्तरांश (क) में उल्लेखित विद्युत दुर्घटनाओं के लिये जिम्मेदारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वरिष्ठ लाईनमेन द्वारा गांव के बेरोजगारों से निजी खर्च पर जोखिम वाले कार्य कराने का प्रकरण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं आया है। तथापि यदि कोई विशिष्ट प्रकरण वितरण कंपनी के संज्ञान में आता है तो उस पर जांच कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विद्युत लाईन सुधार कार्य हेतु उक्त निर्धारित प्रक्रिया के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई निर्देश दिया जाना आवश्यक नहीं है। (ग) दिनांक 13.02.2022 को खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के पलेरा वितरण केन्द्र अंतर्गत घातक विद्युत दुर्घटना में श्री राजेन्द्र पाठक, निवासी ग्राम रामनगर की मृत्यु हुई थी। उक्त घटना की विस्तृत जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में श्री अजय चौधरी, लाईन परिचारक (संविदा) की लापरवाही परिलक्षित होने पर उन्हे कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। साथ ही विस्तृत जांच में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का यदि कोई अन्य अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाया जाता है, तो उस कार्मिक के विरूद्ध भी कंपनी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) मृतक श्री राजेन्द्र पाठक के साथ घटित घातक विद्युत दुर्घटना का विस्तृत जांच प्रतिवदेन प्राप्त होने के उपरान्त मृतक के परिजनों को म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्रचलित नियमानुसार यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति की राशि प्रदाय की जावेगी।
पी.आई.यू. के निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1605 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत बाबई विकासखण्ड में आंचलखेड़ा शाला निर्माण एवं सोहागपुर नगर में कन्या शाला निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है, इस कार्य की निविदा शर्तों में समयावधि क्या तय की गई थी? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (ख) उक्त निर्माण हेतु निश्चित समयावधि में कार्य पूर्ण न कर पाने के कारण ठेकेदार/अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के पी.आई.यू. से कौन-कौन से कार्य विगत 3 वर्षों में स्वीकृत हुये हैं, उनकी सूची, कार्य पूर्णता दिनांक एवं लागत की जानकारी उपलब्ध कराई जाये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बाबई विकासखण्ड में आंचलखेड़ा शाला का निर्माण कार्य दिनांक 30.11.2021 को पूर्ण हो चुका है तथा सोहागपुर कन्या शाला निर्माण कार्य प्रगति पर है जो जून 2022 तक पूर्ण होना संभावित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 3462 ) श्री महेश परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग तराना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक कितने किसानों से स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के अन्तर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुए, उनमें से कितने के विरूद्ध राशि जमा कराई गई, कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये? क्या स्थापित किये गये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर मानक स्तर के थे? की वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) संचालन-संधारण संभाग तराना के अन्तर्गत मार्च 2021 की स्थिति में कुल कितने किलोमीटर निम्नदाब लाईन है? इनमें से कितने किलोमीटर नवीन निम्नदाब लाईन वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्थापित की गई? स्थापित नवीन निम्नदाब लाईन की लागत कितनी थी? उक्त नवीन लाईन के कार्य का किस स्तर के अधिकारी द्वारा सुपरविजन किया गया? उक्त नवीन लाईन के निर्माण में मुख्यत: कौन-कौन सी विद्युत सामग्रियों का उपयोग किया गया? (ग) संचालन-संधारण संभाग तराना के अन्तर्गत मार्च 2021 की स्थिति में कुल कितने किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन है? इनमें से कितने किलोमीटर नवीन 11 के.व्ही. लाईन वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्थापित की गई? स्थापित नवीन 11 के.व्ही. लाईन की लागत कितनी थी? उक्त नवीन 11 के.व्ही. लाईन के कार्य का किस स्तर के अधिकारी द्वारा सुपरविजन किया गया? उक्त नवीन 11 के.व्ही. लाईन के निर्माण में मुख्यत: कौन-कौन सी विद्युत सामग्रियों का उपयोग किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग तराना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक कुल 877 कृषकों से स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के अंतर्गत कुल 877 आवेदन प्राप्त हुए एवं सभी 877 आवेदनों में योजना के प्रावधानों के अनुरूप राशि जमा कराई गई तथा इन प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध कुल 445 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये, जिनकी वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उल्लेखनीय है कि स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना के अंतर्गत संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा स्वयं के व्यय पर मानक स्तर के वितरण ट्रांसफार्मर क्रय किये जाते हैं एवं अ-श्रेणी ठेकेदार के माध्यम से कार्य कराया जाता है। (ख) संचालन-संधारण संभाग तराना के अंतर्गत मार्च 2021 की स्थिति में कुल 2530.16 कि.मी. निम्नदाब विद्युत लाईन स्थापित है। उक्त में से कुल 7.42 कि.मी. नवीन निम्नदाब विद्युत लाईन वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्थापित की गई है, जिसकी कुल लागत राशि रू. 23.26 लाख है। उक्त नवीन निम्नदाब विद्युत लाईन के कार्य का सुपरविजन सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया। उक्त नवीन निम्नदाब विद्युत लाईन के निर्माण में मुख्यतः पी.सी.सी. पोल, निम्नदाब ए.बी. केबल, ए.ए.ए.सी. कंडक्टर, एलटीब्रेकेट, इन्सुलेटर, अर्थिंग क्वाईल, स्टे सेट इत्यादि विद्युत सामग्री का उपयोग किया गया है। (ग) संचालन-संधारण संभाग तराना के अंतर्गत मार्च 2021 की स्थिति में कुल 1839.2 कि.मी. 11 के.व्ही. विद्युत लाईन स्थापित हैं। उक्त में से कुल 78.18 कि.मी. नवीन 11 के.व्ही. विद्युत लाईन वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्थापित की गई है, जिसकी कुल लागत राशि रू. 218.12 लाख है। उक्त नवीन 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के कार्य का सुपरविजन सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया। उक्त नवीन 11 के.व्ही. विद्युत लाईन के निर्माण में मुख्यतः पी.सी.सी. पोल, ए.ए.ए.सी. कण्डक्टर, व्हीक्रॉस आर्म, इन्सुलेटर, डी.सी. क्रॉस ऑर्म, अर्थिंग क्वाईल, स्टे सेट इत्यादि विद्युत सामग्री का उपयोग किया गया है।
अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 674 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्रालय द्वारा प्रदेश के अनधिकृत कॉलोनियों को वैध किये जाने को लेकर मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 जारी किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या नये नियम के अनुसार वर्तमान के अवैध कॉलोनी रहवासियों के लिये शासन की औपचारिकताओं को पूरा करने में राहत देने की योजना है? (ग) जबलपुर जिले के नगर निगम क्षेत्रांतर्गत कितने अवैध कॉलोनियों के होने की जानकारी है और शासन स्तर पर अवैध कॉलोनियों को क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं? (घ) विधानसभावार विस्तृत ब्यौरे के साथ ही इन कॉलोनियों को वैध किये जाने की क्या कार्य योजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु नगरीय क्षेत्र की दिनांक 31.12.2016 तक अस्तित्व में आईं अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को नागरिक अधोसंरचनायें प्रदान करने, भवन निर्माण अनुमति देने, जल, विद्युत जैसी मूलभूत सेवायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 दिनांक 13.01.2022 जारी किये जा चुके हैं। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित उद्देश्यों की पूर्ति के लिये प्रचलित अधिनियम एवं उत्तरांश (क) में उल्लेखित नियमों के अंतर्गत कार्यवाही संपादित करने की योजना है। (ग) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत 227 अनधिकृत कॉलोनियां हैं। दिनांक 31.12.2016 तक अस्तित्व में आयी अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचनायें विहित प्रक्रिया अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा उपलब्ध कराया जाना प्रावधानित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
निकायों द्वारा क्रय सामग्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 2268 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के न.पा. लेखा अधिनियम 2018 में नगर पालिका/नगर परिषद् को वर्ष में सामग्री क्रय हेतु अधिकतम सीमा क्या निर्धारित या तय की गई है? (ख) अलीराजपुर जिला अन्तर्गत निकायों द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक क्रय की गई सामग्री जल प्रदाय, स्वच्छता, सफाई व विद्युत सामग्री का स्पष्ट नाम व विवरण, निविदा सूचना, कार्य आदेश प्रदायकर्ता का नाम व पता, भुगतान की गई राशि सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या अधिनियम का उल्लंघन करते हुए बिना सक्षम स्वीकृति के अधिक व्यय करना, अनियमितता की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कोरोना का लॉकडाउन कब से प्रभावशील हुआ, लॉकडाउन अवधि में अलीराजपुर नगर परिषद् द्वारा क्रय समस्त सामग्री का नाम, सप्लायर का नाम, भुगतान तिथि व भुगतान राशि प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में स्पष्ट व पूर्ण जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय निकायों द्वारा बजट प्रावधान/आवश्यकतानुसार सामग्री क्रय की जाती है, सामग्री क्रय हेतु अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। (ख) अलीराजपुर जिले की नगरीय निकाय क्रमश: अलीराजपुर, जोबट एवं चन्द्रशेखर आजाद नगर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश किस निकाय के किस प्रकरण के संबंध में है, स्पष्ट न होने से उत्तर देना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
कन्हान नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 2814 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछले वर्ष आई भीषण बाढ़ में छिन्दवाड़ा जिले के सौंसर विकासखण्ड में लोधीखेड़ा रंगारी मार्ग पर कन्हान नदी पर बना पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसकी केवल आंशिक मरम्मत करके दो पहिया वाहन जाने के लिये रास्ता बनाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पुल की मरम्मत न किये जाने का क्या कारण है और कब तक इसकी मरम्मत होगी? (ग) क्या उपरोक्त क्षतिग्रस्त पुल के पास से एक बड़ा पुल बनाया जा रहा है, जिसका कार्य विगत चार वर्ष से चल रहा है? (घ) उपरोक्त पुल के निर्माण कार्य में विलंब का क्या कारण है? (ड.) किस तारीख तक क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत और दूसरे पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। दोपहिया एवं हल्के चार पहिया वाहन के लिए रास्ता बनाया गया है। (ख) पुराना पुल मरम्मत होने योग्य नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, जी हाँ। (घ) कोविड-19 महामारी, वर्ष 2020 की अत्यधिक वर्षा से एच.एफ.एल. में वृद्धि के कारण पुनः डिजाईन में परिवर्तन होने के कारण। (ड.) क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत संभव नहीं है, नवीन पुल का निर्माण कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है, कार्य को जून 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
राज्य स्तरीय जांच समिति के प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
10. ( *क्र. 3606 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में हवाई पट्टी निर्माण कार्य में अनियमितता पाये जाने पर प्रमुख अभियंता द्वारा दिनांक 12.01.2021 को राज्य स्तरीय तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था तथा उक्त कमेटी ने अपना जांच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक 93, दिनांक 01.02.2021 को प्रमुख अभियंता कार्यालय में जमा कर दिया था? क्या उक्त जांच प्रतिवेदन के बिंदु क्र. 1 से 12 तक जांच प्रतिवेदन में उक्त कार्य को गुणवत्ताविहीन मान लिया गया है तो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्त हवाई पट्टी के निर्माण में प्रमुख दोषी मुख्य अभियंता, जी.आर. गुजरे, अधीक्षण यंत्री, बी.के. झा, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, बी.के. विश्वकर्मा एस.डी.ओ., बृजेश सिंह के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई, क्यों? कारण सहित बतायें कि क्या कार्यवाही शासन द्वारा की गई है? उसकी प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो जब राज्य स्तरीय कमेटी जांच कर चुकी है तो पुन: प्रमुख अभियंता भोपाल द्वारा क्र. 216/शि./रीवा/2020, 1997, 1998, दिनांक 20.12.2021 को संभागीय कमेटी से जांच कराने का क्या औचित्य है? क्या प्रमुख अभियंता का यह कृत्य दोषी अधिकारियों को बचाने एवं कार्यवाही लिंगरऑन करने का नया तरीका है? उक्त प्रमुख अभियंता ने रिटायर होने के पूर्व उक्त कमेटी बनाई है, जिसे कब तक निरस्त कर दी जायेगी? नहीं की जायेगी तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अधिकारियों को कब तक निलंबित कर राशि की वसूली कराते हुए संबंधित थानों में एफ.आई.आर. दर्ज करा दी जायेगी? उपयंत्री जिसे बहाल कर पुन: सतना में पदस्थ कर दिया गया है, उसे अन्य जिले में कब तक पदस्थ कर दिया जायेगा? नहीं किया जायेगा तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, अपितु प्रक्रियात्मक त्रुटि एवं कार्य स्पेसीफिकेशन के अनुरूप संपादित नहीं कराये जाने के कारण प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर संबंधित कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है। ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही हेतु मुख्य अभियंता को निर्देशित किया गया है। (ख) प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की गई जो कि प्रचलन में है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ग) प्रथम जांच रिपोर्ट के कुछ बिन्दुओं पर अस्पष्टता होने के कारण। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर निष्कर्षों के विश्लेषण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाना संभव होगा। जी नहीं, अपितु सागर में पदस्थ किया गया था, तत्पश्चात शासन आदेश दिनांक 06.08.2021 से सतना में पदस्थ किया गया है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल नगर की खराब सड़कों की मरम्मत
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( *क्र. 3808 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजधानी भोपाल में शहर की खराब सड़कों की मरम्मत/पेंचवर्क के कार्य वर्ष 2020, 2021 एवं 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अवधि में किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि के कितने-कितने कि.मी. सड़कों के पेंचवर्क के कार्य नगर निगम भोपाल एवं राजधानी परियोजना द्वारा किस-किस ठेकेदारों से कराये गये? (ग) उक्त सड़कों में से शाहपुरा की ऐसी कौन-कौन सी सड़के हैं, जिनका पेंचवर्क का कार्य एक वर्ष में तीन अथवा चार बार किन कारणों से कराया गया एवं पत्रकार भवन (मालवीय नगर) से बिड़ला मंदिर होते हुए वल्लभ भवन शौर्य स्मारक से शिवाजी की मूर्ति (1250) तक उक्त अवधि में कब-कब पेंचवर्क/मरम्मत का कार्य बार-बार किन कारणों से कराया गया? इस कार्य में उक्त सड़कों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (घ) उपरोक्त के संबंध में बंसल चिकित्सालय के सामने शाहपुरा रूद्ररेश्वर महाकाल मंदिर से जाने वाली सड़क कहां तक बनाई गई एवं उसके किनारे एवं नाले के किनारे क्या रैलिंग व पेंटिंग कराई गई है? यदि हाँ, तो इस कार्य पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है एवं भुगतान करने के पूर्व क्या भौतिक सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ, तो कब और किसके द्वारा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या अधिकारियों, इंजीनियरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से गुणवत्ताविहीन मटेरियल का उपयोग कर सड़कें बनाई गईं, जिससे सड़कें कुछ माह बाद ही गड्ढे में तब्दील हो जाती है एवं रेलिंग तथा पेंटिंग के नाम पर फर्जी बिल लगाकर राशि का आहरण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिक निगम, भोपाल से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा वर्ष 2020-21 में 1.50 कि.मी. का कार्य मे. राघवेन्द्र द्विवेदी, ठेकेदार द्वारा किया गया है, जिसमें राशि रूपये 13,21,819.00 का व्यय हुआ है। 2021-22 में 3.386 कि.मी. सड़क का पेचवर्क का कार्य किया गया है, जिसमें से 0.286 कि.मी. का कार्य ठेकेदार मे. गणेश सिंह से कराया गया है, जिसमें राशि रूपये 17,13,715.00 का भुगतान किया जाना है तथा 2.100 कि.मी. का कार्य मे. बालाजी इन्फ्रा ट्रेड एवं श्री रफीक खान द्वारा किया गया है, जिसमें राशि रूपये 13,45,000.00 का व्यय हुआ है। अरेरा हिल्स स्थित प्रशासनिक क्षेत्र की सड़कों, एप्को कैम्पस की सड़कों एवं इंद्रपुरी तथा सोनागिरी क्षेत्र की 19 कि.मी. सड़क का मरम्मत कार्य अनुरक्षण मद के अंतर्गत मेसर्स शेपर्स कंपनी द्वारा कराया गया है, जिस पर राशि रूपये 15.00 लाख केवल का व्यय हुआ है। इसके अतिरिक्त 01 कि.मी. का पेचवर्क कार्य ठेकेदार के परफॉर्मेन्स अवधि में कराया गया है, जिसके लिए कोई व्यय नहीं हुआ है। (ग) शाहपुरा क्षेत्र में बन्सल अस्पताल के सामने बाबा नगर क्षेत्र में 0.286 कि.मी. रोड़ का पेचवर्क का कार्य केवल एक ही बार वर्ष 2021-22 में कराया गया है, जिस हेतु राशि रूपये 17,13,715.00 का भुगतान किया जाना है। शाहपुरा से काली मंदिर तक नगर निगम द्वारा पेयजल की लाईन डालने के लिए खोदी गई थी, जिस पर किसी भी प्रकार का पेचवर्क नहीं किया गया है। पत्रकार भवन (मालवीय नगर) से बिड़ला मंदिर से विधानसभा, शिवाजी चौराहे से शौर्य स्मारक तिराहे तक पेंचवर्क कार्य परफॉर्मेन्स अवधि में कराया गया है एवं इस हेतु कोई राशि व्यय नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त अवधि में प्रश्नाधीन सड़क में 0.286 कि.मी. भाग में पेचवर्क का कार्य कराया गया है। पेचवर्क के कार्य हेतु राशि रूपये 17,13,715.00 का भुगतान किया जाना है। इस अवधि में उक्त सड़क पर रेलिंग या पेन्टिंग का कोई कार्य संपादित नहीं कराया गया है। पेचवर्क कार्य का भौतिक सत्यापन संबंधित उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किया गया है। (ड.) जी नहीं। सभी कार्य निर्धारित मापदण्ड अनुसार कराये गये हैं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
एनर्जी पावर पार्क हेतु भूमि आवंटन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
12. ( *क्र. 3646 ) श्री हर्ष यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सागर जिले में यू.एम.आर.ई.पी.पी. योजनान्तर्गत सौर परियोजना/सोलर पार्क स्थापित करने की कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त परियोजना की स्थापना हेतु सागर जिले की कौन-कौन सी तहसीलों से कितने-कितने हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है? चिन्हित भूमि के आवंटन हेतु कितने खसरों का कितना क्षेत्रफल चिन्हित किया गया है? भूमि के आवंटन की प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि भूमि का आवंटन हो चुका है, तो सौर परियोजना/सोलर पार्क के निर्माण की प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित है और क्यों? सागर जिले में सौर परियोजना/सोलर पार्क स्थापित करने की कार्ययोजना को कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी? (घ) उक्त परियोजना की स्थापना हेतु आवश्यक भूमि की उपलब्धता पूर्ण हो चुकी है या तहसील कार्यालयों से और भूमि का चयन किया जाएगा? यदि हाँ, तो क्या देवरी विधानसभा क्षेत्र की तहसील देवरी अन्तर्गत रिक्त शासकीय राजस्व भूमि को शामिल किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। सागर जिले में यू.एम.आर.ई.पी.पी. (अल्ट्रा मेगा रिन्यूबल एनर्जी पावर पार्क) योजना अन्तर्गत 1500 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क परियोजना प्रस्तावित की गयी है। परियोजना स्थापित करने के लिए सागर जिले में 5442.8 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गयी है। भूमि के आवंटन हेतु RCMS Portal में उपलब्ध 3259.85 हे. भूमि दिनांक 14.06.2021 को आवेदन किया गया है एवं कलेक्टर सागर को दिनांक 17.08.2021 को पत्र प्रेषित किया गया है। (ख) उक्त परियोजना की स्थापना हेतु निम्नलिखित तहसीलों में उनके सम्मुख दर्शायी गयी भूमि चिन्हित की गई है :- तहसील गढ़ाकोटा, खसरा संख्या 199 एवं क्षेत्रफल 330.780 हेक्टेयर, तहसील सागर, खसरा संख्या 604 एवं क्षेत्रफल 5016.980 हेक्टेयर, तहसील केसली, खसरा संख्या 02, क्षेत्रफल 94.740 हेक्टेयर कुल खसरा संख्या-805, क्षेत्रफल-5,442.500 हेक्टेयर। चिन्हित भूमि 805 खसरे, क्षेत्रफल 5442.500 हेक्टेयर के आवंटन हेतु राजस्व विभाग, कार्यालय कलेक्टर द्वारा जिले स्तर पर सत्यापन/परीक्षण किया जा रहा है। तहसीलों के सम्मुख दर्शायी गई चिन्हित भूमि की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भूमि का आवंटन जिला स्तर पर प्रक्रियाधीन है। भूमि उपलब्धता की सुनिश्चिता के उपरान्त, कार्ययोजना की स्वीकृति हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर, केन्द्र शासन की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा जाता है। (घ) भूमि का आवंटन प्रक्रियाधीन है। परियोजना हेतु लगभग 3000 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। प्रश्नांश (क) में आवेदित एवं प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित चिन्हित अन्य भूमि आवंटित नहीं हो सकने की दशा में अन्य तहसील कार्यालयों से भूमि का चयन किया जा सकेगा। देवरी विधानसभा की देवरी तहसील के 115 ग्रामों में लगभग 8844 हेक्टेयर शासकीय भूमि को चिन्हित कर आंतरिक परीक्षण किया गया था, इन भूमियों में वन, आबादी, डूब क्षेत्र, अभ्यारण, अतिक्रमण बांध, अन्य प्रयोजन हेतु आरक्षित के कारण बचा हुआ क्षेत्रफल छितरा (Scattered) हुआ था। सोलर पार्क हेतु निरन्तर/लगातार भूमि की आवश्यकता होती है, जो देवरी तहसील में उपलब्ध नहीं हो पायी है।
विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत विद्युत आपूर्ति
[ऊर्जा]
13. ( *क्र. 1630 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत किन-किन ग्रामों की केबिल खराब होने के कारण विद्युत सप्लाई अवरूद्ध है? विस्तृत विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिन ग्रामों की केबिल खराब हैं, उन्हें कब तक बदल दी जायेगी? (ग) क्या 33 के.व्ही.ए. बनकुइयां लाईन के तार की क्षमता वृद्धि का कार्य स्वीकृत हुआ था? यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक पूर्ण किया गया? यदि कार्य पूर्ण नहीं किया गया है तो कार्य पूर्ण न होने का क्या कारण है? कार्य पूर्ण न करने के दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) सेमरिया नगर स्थित विद्युत उपकेन्द्र से दूरस्थ कितने ग्रामों को विद्युत प्रदाय किया जाता है? क्या सेमरिया उपकेन्द्र से लाइनों को छोटा कर नया विद्युत उपकेन्द्र स्थापित करने की योजना है? यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत 97 ग्रामों में 147 स्थानों की विद्युत केबिल खराब है, जिसकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त सभी ग्रामों में सुधार कार्य कर एवं वैकल्पिक व्यवस्था द्वारा संबंधित सभी उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त सभी ग्रामों में खराब केबल बदलने का कार्य कराया जा रहा है एवं उपरोक्त कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार पूर्ण कराए जाने के प्रयास है, जिस हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की कार्य योजना वर्ष 2016-17 में 33 के.व्ही. बनकुइयां लाईन की क्षमता वृद्धि का कार्य स्वीकृत हुआ था। उक्त कार्य हेतु प्राक्कलन क्रमांक 227740 एवं कार्यादेश क्रमांक 61491, दिनांक 17.05.2016 के माध्यम से एस.टी.सी. संभाग रीवा को कार्यादेश दिया गया था। उक्त कार्य के अंतर्गत स्वीकृत 15 कि.मी. क्षमता वृद्धि के कार्य में से 1.5 कि.मी. लाईन का कार्य पूर्ण हो गया था तथा शेष कार्य आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या के कारण पूर्ण नहीं किया जा सका, जिस हेतु कोई भी कंपनी कार्मिक दोषी नहीं है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र धौचट का निर्माण कार्य चल रहा है। उक्त विद्युत उपकेंद्र का कार्य पूर्ण होने पर 33 के.व्ही. बनकुइयां फीडर में ओवर लोडिंग की समस्या का समाधान हो जावेगा। (घ) सेमरिया नगर स्थित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र से 15 दूरस्थ ग्रामों को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। जी नहीं, वर्तमान में सेमरिया 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र से लाइनों को छोटा कर नया 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र बनाया जाना तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
विकास कार्यों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 3696 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में नगर पालिका एवं नगर पंचायतों को विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? विधानसभावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) नीमच विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में किस-किस मद में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं और कौन-कौन से कार्य प्रारंभ किये जा चुके हैं? पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जावे। क्या प्रारंभ किये गये कार्यों के संबंध में घटिया निर्माण आदि की कोई शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) स्वीकृत तथा अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 2627 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल के अंतर्गत समस्त नगरीय क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना प्रारंभ दिनांक से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल प्राप्त आवेदन पत्रों की नामवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) सूची में से कुल स्वीकृत, अस्वीकृत एवं लंबित आवेदन पत्रों की सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत आवेदन पत्रों में से हितग्राहीवार भुगतान किन-किन तिथियों में किया गया है? उसकी तिथिवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क) सूची में से कुल स्वीकृत आवेदनों में से अपूर्ण निर्माण बताकर कितने हितग्राहियों को अयोग्य घोषित किया? हितग्राहीवार सूची देवें। क्या विभाग इस संबंध में कोई निर्णय लेकर पुन: आवास निर्माण पूर्ण करने हेतु निर्देश जारी करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''क'' की सूची में से कुल स्वीकृत आवेदनों में से विधानसभा क्षेत्र पानसेमल की किसी भी निकाय में अर्पूण निर्माण बताकर अयोग्य घोषित नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभागीय सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
16. ( *क्र. 3538 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में लोक निर्माण विभाग को सड़कों की मरम्मत के लिये कितना आवंटन विगत 4 वर्षों में उपलब्ध कराया गया है? वर्षवार जानकारी दें। (ख) विभाग द्वारा इन 4 वर्षों में किन-किन मार्गों की मरम्मत पर कितना-कितना व्यय किया गया है? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा संधारण की जाने वाली सड़कों की स्थिति अत्यंत दयनीय है? यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिये कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (घ) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत पर विगत 2 वर्षों में कितनी राशि व्यय की गई है? मार्गवार जानकारी दी जाये। (ड.) ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों की मरम्मत के लिये बजट आवंटन की मांग शासन से कब-कब की गई? पत्र की छायाप्रति दें। क्या राज्य शासन जिले में सड़कों की मरम्मत के लिये आवंटन उपलब्ध करायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खण्डवा जिले में विगत 4 वर्ष में सड़कों की मरम्मत हेतु उपलब्ध कराये गये आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) खण्डवा जिले में विगत 4 वर्ष में मार्गों की मरम्मत पर किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत पर विगत 2 वर्षों में मार्गवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ड.) ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र की सडकों की मरम्मत हेतु राज्य शासन से प्रावधान की मांग अनुपूरक बजट के समय मांग वित्त विभाग के केन्द्रीय सर्वर के माध्यम से आई.एफ.एम.आई.एस. के माध्यम से की जाती है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। आवंटन की उपलब्धता अनुसार संभाग खण्डवा को आवंटन उपलब्ध कराया जावेगा।
नगर परिषद जौरा अंतर्गत पानी निकासी की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 3709 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा की नगर परिषद जौरा में पानी की उचित निकासी की व्यवस्था न होने के कारण गलियों में पानी भरा रहता है जिससे नगर में मच्छर व कई बीमारियों का खतरा बना रहता है, क्या नगर परिषद को नाले नालियों की सफाई एवं व्यवस्था के लिए राशि आवंटित की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि आवंटित की गयी है? (ख) क्या शासन/प्रशासन द्वारा वर्षा से पहले जौरा नगर में पानी की निकासी के लिए कोई उचित कदम उठाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद जौरा क्षेत्र में पानी निकासी हेतु जहाँ पर पक्के नाले/नाली निर्मित नहीं हैं, उक्त स्थानों पर कच्चे नाले/नाली बनाये जाकर पानी निकासी की कार्यवाही निकाय स्तर से की जाती है। वर्तमान में निकाय क्षेत्र में कहीं भी पानी भराव की स्थिति नहीं है। निकाय द्वारा नगरीय क्षेत्र में नाले/नालियों की सफाई भी निरंतर निकाय निधि द्वारा की जाती है। नाले/नालियों की सफाई हेतु शासन स्तर द्वारा पृथक से कोई राशि निकाय को जारी नहीं की गई है। नगर परिषद जौरा को वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक सड़क मरम्मत अंतर्गत राशि रू. 1.39 करोड़, मूलभूत सुविधा अंतर्गत राशि रू. 4.35 करोड़, राज्य वित्त आयोग अंतर्गत राशि रू. 3.07 करोड़, 14वें वित्त आयोग अंतर्गत राशि रू. 5.55 करोड़ तथा 15वां वित्त आयोग अंतर्गत राशि रू. 3.69 करोड़ प्रदान किये गये हैं। (ख) जी हाँ, निकाय द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना तृतीय चरण में 800 मीटर लम्बाई का नाला निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया प्रचलित है। विशेष निधि से 350 मीटर लम्बाई का आर.सी.सी. नाला की निविदा स्वीकृत हो चुकी है। दोनों कार्य वर्षा ऋतु से पूर्व पूर्ण कराया जाना लक्षित है। नगर के निचले स्थानों पर बरसात में पानी भराव की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए निकाय द्वारा ऐसे स्थलों पर कच्चे नाले जे.सी.बी. से खुदवाये जाकर पानी निकास की कार्यवाही निकाय स्तर से की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीहोर जिलांतर्गत मार्गों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 3721 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले अंतर्गत सन 2019 से 2022 तक कितने मार्ग स्वीकृत हुये हैं और किस-किस विकासखण्ड अंतर्गत कहां-कहां पर हैं? (ख) यदि स्वीकृत हुये हैं तो आष्टा विधान सभा क्षेत्र के कितने रोड हैं? उक्त मार्ग का नाम सहित बताने की कृपा करें। (ग) आष्टा क्षेत्र के मार्ग जिनकी बहुत आवश्यकता है, उक्त मार्गों को बार-बार पत्र द्वारा मांग/प्राक्कलन सहित प्रेषित किये गये? यदि हाँ, तो स्वीकृत मार्ग की निर्माण स्थिति एवं आष्टा क्षेत्र के मार्ग आगामी बजट में जोड़े जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है, इसके अतिरिक्त सिद्धिकगंज (खाचरोद)-हाटपिपलिया मार्ग लंबाई 21.2 कि.मी. म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत स्वीकृत है। (ग) नवीन कार्यों के प्रस्ताव बजटीय प्रक्रिया अंतर्गत शामिल किए जाते हैं। तत्पश्चात प्रशासकीय स्वीकृति एवं क्रियान्वयन किया जाता है। उल्लेखित कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंहस्थ महापर्व में उपयोग में नहीं आने वाले क्षेत्रों को मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 3094 ) श्री पारस चन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन में वर्ष 1980 से सिंहस्थ महापर्व के समय जिन क्षेत्रों में सिंहस्थ नहीं लगा है? अर्थात सिंहस्थ के लिये उपयोग नहीं हुआ है न ही कोई साधु-संतों के पंडाल लगे हैं, न ही कोई उपयोग हुआ है, उन क्षेत्रों को सिंहस्थ से मुक्त रखे जाने के संबंध में कई बार प्रश्नकर्ता द्वारा व शासन द्वारा प्रस्ताव दिया गया है? (ख) इस संबंध में क्या शासन द्वारा संबंधित कलेक्टर से सर्वे कराये गये हैं? (ग) यदि सर्वे कराये गये हैं तो इस पर क्या कार्यवाही हुई है और यदि नहीं, कराये गये हैं तो कब तक सर्वे कराये जावेंगे? (घ) इस संबंध में कब तक कोई कार्यवाही कर आदेश जारी किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) उप सचिव, म.प्र. शासन, राजस्व विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल का पत्र क्रमांक 052/1642/2020/सात-2, दिनांक 28.07.2020 द्वारा सिंहस्थ क्षेत्र भूमि आरक्षित भूमि के डि-नोटिफिकेशन के प्रस्ताव का परीक्षण करने हेतु निर्देशित किया गया था। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार प्राप्त पत्र के परिपालन में कलेक्टर कार्यालय उज्जैन के पत्र क्रमांक 9098 व दिनांक 18.12.2020 सिंहस्थ क्षेत्र में आरक्षित भूमि के संबंध में जानकारी राजस्व विभाग को प्रेषित की गई है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषक अनुदान योजनान्तर्गत लाभान्वित कृषक
[ऊर्जा]
20. ( *क्र. 2990 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषक अनुदान योजनान्तार्गत रीवा जिले में कितने किसानों ने अपने हिस्से की राशि जमा कराई? (ख) उनमें से कितने कृषकों के खेतों में इस योजना के अंतर्गत विद्युत पोल एवं ट्रांसफार्मर लगाये गये? (ग) ऐसे कृषकों की संख्या बताने का कष्ट करें, जिनके द्वारा आवेदन एवं राशि जमा कराने के बाद भी उन्हें योजना का लाभ अभी तक नहीं मिल रहा है? (घ) क्या माननीय मंत्री जी ऐसी कोई व्यवस्था करेंगे, जिनके द्वारा योजना अंतर्गत पात्र एवं आवेदित कृषकों को एक निश्चित समय-सीमा के भीतर योजना का लाभ प्राप्त हो सके, ताकि वे फसल सिंचाई के अभाव में नुकसान से बच सके?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कृषक अनुदान योजनांतर्गत रीवा जिले में 630 किसानों द्वारा अपने अंशदान की राशि जमा कराई गयी थी। (ख) उक्त में से 627 कृषकों के खेतों में योजनांतर्गत विद्युत अधोसंरचना यथा-विद्युत पोल/लाईन एवं वितरण ट्रांसफार्मर इत्यादि का कार्य किया गया। (ग) चौरहटा वितरण केन्द्र अंतर्गत प्रश्नाधीन योजना के तहत 3 कृषकों यथा - श्री रामनाथ पांडेय, श्रीमती चंपाकली पांडेय एवं श्रीमती निर्मला पांडेय द्वारा आवेदन एवं अंश राशि जमा कराई गई थी। किंतु प्रथम दृष्टया तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता चौरहटा द्वारा प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही नहीं करने से उक्त कृषकों को योजना का लाभ नहीं दिया जा सका। उक्त कृषकों की राशि वापस करने हेतु चौरहटा वितरण केंद्र से दिनांक 04.03.2022 को पत्र जारी किये गये हैं। समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण प्रकरण में जांचकर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखानुसार रीवा जिले में कृषक अनुदान योजनांतर्गत औपचारिकताएं पूर्ण करने वाले समस्त कृषकों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है। वर्तमान में उक्त योजना प्रभावी नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
सड़क, पुल एवं पुलियाओं की मरम्मत
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 3542 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में विगत तीन वर्षों में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त सड़क एवं पुल, पुलियाओं की मरम्मत एवं दुरूस्तीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त मरम्मत कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ख) क्या निर्माणाधीन डामरीकरण मार्ग किशोरपुरा से हिरनीखेड़ा तक 9 कि.मी. घटिया कार्य होने के कारण पूर्ण होने से पूर्व ही जगह-जगह गड्ढे होकर धसक गया है तथा क्षतिग्रस्त हो गया है? यदि हाँ, तो उसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? क्या शासन उक्त निर्माणाधीन सड़क कार्य की जॉच उच्चस्तरीय समिति गठित कर करायेगा यदि हाँ, तो कब तक? (ग) निर्माणाधीन प्रेमसर से पच्चीपुरा मार्ग का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (घ) माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार श्योपुर के बहरावदा से बावड़ी हनुमान जी मंदिर तक 6 कि.मी. पक्की सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी नहीं। कि.मी. 1 से 3 में कहीं-कहीं आंशिक रूप से किनारे क्षतिग्रस्त हुये थे, जिनमें मरम्मत कार्य सम्बन्धित ठेकेदार द्वारा किया जाकर वर्तमान में प्रगति पर है। कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। अतः शेष प्रश्न का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूर्ण होना संभावित है। (घ) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
विभाग में कार्यरत आउटसोर्स सेवक
[ऊर्जा]
22. ( *क्र. 3193 ) श्री राकेश गिरि : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के किसानों को विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा स्थाई कनेक्शन दिये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2021-22 में दिये कनेक्शनों की ग्रामवार सूची देवें। (ख) क्या टीकमगढ़ जिले का विद्युत संधारण कार्य ठेके पर दिया गया है? यदि हाँ, तो ठेकेदार/कम्पनी का नाम बतायें, क्या ठेकेदार/कम्पनी द्वारा आउटसोर्स पर सेवकों को रखा गया है? यदि हाँ, तो आउटसोर्स सेवकों को समय पर खातों में वेतन भुगतान किया जाता है? इनके वेतन से ई.पी.एफ./ई.एस.आई.सी. की कटौती की जाती है? यदि हाँ, तो आउटसोर्स सेवकों की योग्यता सहित वर्ष 2021-22 कटौती राशि का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार क्या ठेकेदार द्वारा सेवकों को सुरक्षा किट (झूला/हेलमेट/प्लास/पेंचकश/हैण्ड ग्लव्ज/जूता/जैकिट/डिस्चार्ज रॉड) दी जाती है? यदि हाँ, तो कर्मचारियों की किट पावतियां दें। क्या ठेकेदार को विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा सुरक्षा किट का भुगतान किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में कितना भुगतान हुआ? यदि ठेकेदार ने कर्मचारियों को सुरक्षा किट नहीं दी, तब इसका भुगतान क्यों किया गया? (घ) प्रश्नांश ''ख'' एवं ''ग'' अनुसार खातों से समय पर भुगतान न करने, ई.पी.एफ/ई.एस.आई.सी. न काटने या काटकर संबंधित संस्थानों को न भेजने, सुरक्षा किट न देने के लिये कौन दोषी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र के किसानों को विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा वर्ष 2021-22 में 223 स्थायी विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, जिसकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, टीकमगढ़ जिले का विद्युत संधारण का कार्य ठेके पर नहीं दिया गया है, अपितु पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। तथापि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संधारण कार्यों सहित दैनंदिनी कार्य हेतु कुल 286 आउटसोर्स श्रमिक बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेंसी मेसर्स ऑलसर्विस ग्लोबल प्रा.लि., मुम्बई के माध्यम से नियोजित किये गये हैं। उक्त श्रमिक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियुक्त लाईन कर्मचारियों के निर्देशन में काम करते हैं। आउटसोर्स एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराये गये श्रमिकों को समय पर पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है एवं ई.पी.एफ. एवं ई.एस.आई.सी. की कटौती नियमानुसार की जा रही है। बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा वर्ष 2021-22 में उपलब्ध कराये गये आउटसोर्स सेवकों की योग्यता, ई.पी.एफ. एवं ई.एस.आई.सी./डब्ल्यू.सी. पॉलिसी की कटौती सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) आउटसोर्स एजेंसी द्वारा आउटसोर्स श्रमिकों को सुरक्षा किट उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है। अत: आउटसोर्स एजेंसी द्वारा आउटसोर्स श्रमिकों को सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं करायी जाती है। उक्त परिप्रेक्ष्य में सुरक्षा किट की पावती संबंधी जानकारी दिये जाने एवं ठेकेदारों को सुरक्षा किट का भुगतान किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। तथापि आउटसोर्स सेवकों को आवश्यकता अनुसार सुरक्षा किट (झूला/हेलमेट/प्लास/पेंचकस/हैण्ड ग्लव्ज/जूता/जैकिट/डिस्चार्ज रॉड) कार्यस्थल पर उपलब्ध करायी जाती है, जिसका उनके द्वारा वितरण कंपनी के कर्मचारियों के निर्देशन में कार्य करते हुये उपयोग किया जाता है। (घ) आउटसोर्स एजेंसी/ठेकेदार द्वारा आउटसोर्स श्रमिकों को निर्धारित समय पर पारिश्रमिक/वेतन का भुगतान, ई.पी.एफ. एवं ई.एस.आई.सी./डब्ल्यू.सी. पॉलिसी का भुगतान निर्धारित समय पर किया गया है। समय पर भुगतान एवं ई.पी.एफ./ई.एस.आई.सी./डब्ल्यू.सी. पॉलिसी की कटौती न करने की स्थिति में संबंधित एजेंसी के देयक वापिस किये जाते हैं। उक्त राशि नहीं काटने के लिये संबंधित आउटसोर्स एजेंसी/ठेकेदार की जिम्मेदारी है। उत्तरांश (ग) में दर्शाए आउटसोर्स श्रमिकों को कार्यस्थल पर सुरक्षा किट उपलब्ध करायी जाती है, अतः तत्संबंध में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
नगर परिषद तेंदूखेड़ा की नर्मदा जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( *क्र. 1519 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद तेंदूखेड़ा में पेयजल हेतु नर्मदा जल आवर्धन योजना का कार्य किस निर्माण एजेंसी द्वारा कब प्रारंभ हुआ था तथा इस पेयजल योजना को कब तक पूर्ण किया जाना था? क्या इस योजना का कार्य संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा समय से पूर्ण कर लिया है? यदि हाँ, तो नगरवासियों को इस योजना का लाभ कब तक प्राप्त हो सकेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं पूर्ण हुआ तथा संबंधित निर्माण एजेंसी पर समय से कार्य पूर्ण न करने पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या नगर परिषद तेंदूखेड़ा में ही फरवरी माह में जल स्रोतों में जलस्तर कम हो गया है, जिससे 1 दिन के अंतराल में पेयजल की सप्लाई की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या ग्रीष्म काल के पूर्व नर्मदा जल आवर्धन योजना का कार्य पूर्ण कर नगरवासियों को पेयजल दिया जा सकेगा? यदि नहीं, तो नगर परिषद तेंदूखेड़ा द्वारा ग्रीष्म काल में नगरवासियों को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके, इसके लिए क्या कार्य योजना बनाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर परिषद तेंदूखेडा में पेयजल हेतु नर्मदा जल आवर्धन योजना का कार्य मेसर्स इंडियन हयूम पाईप कंपनी लि. मुंबई द्वारा माह अक्टूबर 2017 में प्रारंभ किया गया था, इस पेयजल योजना को जनवरी 2020 तक पूर्ण किया जाना था। इस योजना का कार्य संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा समय से पूर्ण नहीं किया गया है। नगरवासियों को इस योजना का लाभ प्रदान करने हेतु अप्रैल 2022 तक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विलम्ब का कारण कोविड 19, विभिन्न विभागों से अनुमति एवं संविदाकार के कार्य करने की धीमी गति है। विलम्ब के लिए निर्माण एजेन्सी को समय समय पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के साथ साथ योजना का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर अनुबंध के अनुसार गुणदोष के आधार पर एल.डी. का निर्धारण करते हुए अंतिम देयक से वसूली यदि कोई हो तो सुनिश्चित की जावेगी। (ख) जी हाँ, जल स्तर कम हो गया है। सभी वार्डों में एक दिन छोड़कर जल सप्लाई किया जा रहा है। ग्रीष्मकाल में नर्मदा जल आवर्धन के तहत नगरवासियों को जल सप्लाई भी किया जाना संभावित है। नगर परिषद तेंदूखेडा में जल प्रदाय हेतु 08 नग नवीन बोर खनन प्रस्तावित है।
प्रदेश में पंचायत नगर-निगम चुनाव कराये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 2981 ) श्री जितु पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किस-किस नगर निगम तथा नगर पालिका का कार्यकाल किस-किस दिनांक को समाप्त हुआ तथा वहां चुनाव कब होना था? अभी तक चुनाव न होने के कारण बतावें। किस-किस ग्राम पंचायत, जिला पंचायत का चुनाव कब होना था तथा अभी तक नहीं होने के क्या कारण हैं? (ख) क्या पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने पिछड़ा वर्ग को स्थानीय निकाय में 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का कानून बनाया था? यदि हाँ, तो उसकी विस्तृत जानकारी देवें तथा उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षण पर आरक्षण के पक्ष में फैसला नहीं आयेगा तब तक शासन जिला पंचायत तथा नगरीय निकाय के चुनाव कराएगी या नहीं कराएगी? (घ) पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षण पर मान. सुप्रीम कोर्ट में लंबित पिटिशन में शासन का पक्ष मजबूती से रखने के लिये शासन ने क्या-क्या कदम उठाये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, स्थानीय निकाय में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का कानून नहीं बनाया गया था। शेष का प्रश्न नहीं है। (ग) एस.एल.पी. (सी) क्र. 19575/2021, 19860/2021, 18358/2021, 18389/2021 एवं 19580/2021 में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिनांक 15.12.2021 को आदेश पारित कर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से यथासंभव 3 माह की समयावधि में मूल याचिकाओं में अंतिम आदेश पारित करने की अपेक्षा की गई है, तद्क्रम में न्यायालयीन आदेश अनुसार चुनाव करवाया जायेगा। (घ) उत्तरांश ''ग'' में उल्लेखित याचिकाओं में शासन द्वारा भारत के सॉलीसीटर जनरल के मार्गदर्शन में अधिवक्तागण श्री सौरभ मिश्रा, श्री पशुपतिनाथ राजदान तथा श्री वीरेन्द्र कुमार शर्मा के माध्यम से पक्ष मजबूती से प्रस्तुत किया गया। दिनांक 15.12.2021 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश पारित कर याचिकाओं को उत्तरांश (ग) अनुसार निराकृत किया गया है।
शासकीय भूमियों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 2519 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के अन्तर्गत आने वाली किस-किस नगरीय निकाय ने कितनी शासकीय भूमि किन-किन कार्यों के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव किस दिनांक को राजस्व विभाग के समक्ष प्रस्तुत किया है? किस पर आवंटन की कार्यवाही लम्बित है? (ख) आवंटन के लिए प्रस्तावित शासकीय भूमि किस ग्राम की मिसल बन्दोबस्त, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किस-किस जंगल मद गैर जंगल मद में किस-किस सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के दर्ज जमीन है? (ग) नगरीय निकायों को शासकीय राजस्व भूमि आवंटित किए जाने की वर्तमान में शासन ने क्या प्रक्रिया निर्धारित की है? क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित किए हैं? प्रति सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नवीन
पुल निर्माण
की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 34 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ नगर में नेवज नदी पर पुराने पुल के नाम से कोई पुल है? यदि हाँ, तो वह किस सन् में निर्मित हुआ था? क्या पुल के दोनों और राजगढ़ नगर की सीमा है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या मोहनुपरा वृहद् सिंचाई परियोजना के डैम के शटर खोलने पर क्या उक्त पुल डूब जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या पुल डूबने से राजगढ़ नगर तथा ग्राम कालीपीठ तथा मनोहरथाना राजमार्ग अवरूद्ध हो जाता है? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो क्या शासन जनहित में नवीन पुल निर्माण की स्वीकृति देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। पूर्व समय का निर्मित है, इस संबंध में रिकार्ड उपलब्ध नहीं होने से निर्माण वर्ष बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण संभाग उज्जैन के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1137/तक/नेवज/2021/उज्जैन दिनांक 21-06-2021 द्वारा राजगढ़ कालीपीठ सुवासंडा मार्ग के कि.मी. 1/2 पर स्थित स्टेट टाइम के पुल पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण हेतु प्रथम स्तरीय प्राक्कलन राशि रूपये 3566.00 लाख तैयार किया गया है जो परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन ग्रिड की स्वीकृति
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 35 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम हिरणखेड़ी तथा ग्राम डालूपुरा में नवीन ग्रिड स्वीकृत हुए हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृति दिनांक सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो स्वीकृत ग्रिड कब तक ग्राम हिरणखेड़ी एवं डालूपुरा में लग जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम हिरणखेड़ी तथा ग्राम डालूपूरा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य वर्तमान में स्वीकृत नहीं है तथा इन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार केन्द्र शासन से आर.डी.एस.एस. योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार उक्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य किया जायेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नहर हटा जिला दमोह को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 143 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की नगर पालिका हटा अंतर्गत शासकीय भूमि पर कितने लोगों ने अतिक्रमण किया है निम्न प्रपत्र में जानकारी दी जावे -
क्र. |
अतिक्रमणकर्ता का नाम पिता के नाम सहित |
स्थल का नाम व रकवा वर्गफुट में |
कब से अतिक्रमण किया है वर्ष |
अन्य |
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(ख) जिन व्यक्तियों के द्वारा नगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत अतिक्रमण किया गया है शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई? अतिक्रमण हटाने की कोई कार्यवाही नहीं की गई तो अतिक्रमण का साथ देने वाले सम्मिलित अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा सहित अतिक्रमण हटाये जाने की जानकारी बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधिक प्रक्रिया का पालन कर समय- समय पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अजनार नदी का सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 197 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा नगर जिला राजगढ़ में नगर के बीचों बीच अजनार नदी गुजरती है जिसमें नगर के समस्त गंदे नाले मिलते हैं, क्या अजनार नदी के सफाई व सौंदर्यीकरण के संबंध में शासन के पास कोई कार्ययोजना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त कार्य योजना को क्या वर्ष 2022-23 के बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान की जाएगी और यदि नहीं, तो उक्त नदी के संबंध में क्या शासन कोई कार्ययोजना कब तक बनवाएगा? (ग) ब्यावरा नगर में उक्त नदी के कारण गंदगी बहुत है व महामारी का खतरा बना रहता है, जिसकी साफ-सफाई होना अत्यंत आवश्यक है, उक्त कार्य कब तक पूर्ण किया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि कार्ययोजना बनाई जाती है तो उक्त कार्य योजना पर कार्य प्रारंभ कब से किया जाएगा और यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, अजनार नदी में मिलने वाले 04 नालों के गंदे पानी को नदी में मिलने से रोकने के कार्य हेतु डी.पी.आर. तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। कार्य योजना तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) नदी की गंदगी एवं संक्रमण से संबंधित कोई भी शिकायत निकाय को प्राप्त नहीं हुई है। निकाय द्वारा समय-समय पर अजनार नदी की साफ-सफाई करायी जाती है। (घ) कार्य योजना प्रारंभ करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोरोना काल में बिजली बिलों को माफ करने के जारी आदेश
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 199 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कोरोना काल के समय बिजली बिल राहत या माफ करने संबंधित कोई आदेश जारी किया था? यदि हाँ, तो उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ख) क्या शासन द्वारा कोरोना काल के समय बिजली बिल राहत के पश्चात वर्तमान में उन बिलों को वसूला जा रहा है क्यों? (ग) जिला राजगढ़ में अभी तक कितने हितग्राहियों से कितनी राशि कोरोना काल के समय की वसूली की गई? विधानसभावार सूची उपलब्ध करावें। (घ) क्या कोरोना काल के समय में गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई थी? यदि हाँ, तो फिर उस समय के विद्युत बिलों को जमा क्यों करवाया जा रहा है? क्या उन्हें माफ किया जा सकता था?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस जनित महामारी के दृष्टिगत विभिन्न श्रेणियों के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों के भुगतान में राहत दी गई थी, जिससे संबंधित आदेशों, जिनमें उपभोक्ताओं को दी गई राहत का विवरण समाहित है, की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्थगित कर, उक्तानुसार आस्थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। उक्त तारतम्य में राज्य शासन द्वारा समाधान योजना लागू की गई, जिसके प्रावधानों के अनुरूप राहत प्रदान करते हुए उपभोक्ताओं से आस्थगित राशि की वसूली की कार्यवाही नियमानुसार की जा रही है। (ग) राजगढ़ जिले के अन्तर्गत कोरोना काल में आस्थगित की गई राशि के विरूद्ध विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा किये गए भुगतान की राशि का हितग्राहियों (उपभोक्ताओं) की संख्या सहित विधानसभा क्षेत्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) कोरोनाकाल के समय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं की विषम स्थिति के दृष्टिगत ही उनके विद्युत बिलों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्थगित किया गया था तथा दिनांक 16.11.2021 को लिये गये निर्णय अनुसार उक्त आस्थगित राशि को कम करने हेतु समाधान योजना लागू की गई, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। समाधान योजना के प्रावधानों के अनुसार राहत प्रदान करते हुए उपभोक्ताओं से उनके विकल्प के आधार पर राहत उपरांत शेष आस्थगित राशि नियमानुसार जमा कराई जा रही है। उक्तानुसार आंशिक राशि माफ कर दी गई तथा इस संबंध में वर्तमान में अन्य कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है।
सेंधवा एवं वरला तहसील में जले ट्रांसफार्मर को बदलना
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 296 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधान सभा क्षेत्र की सेंधवा एवं वरला तहसील के अंतर्गत आने वाले किन-किन ग्रामों में कितनी क्षमता के, कितने ट्रांसफार्मर डी.पी. स्थापित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ट्रांसफार्मरों डी.पी. में कितनों पर उनकी ऊष्मा क्षमता के कनेक्शन दिए गए हैं। तथा इसके क्या कारण हैं? (ग) क्षमता से अधिक कनेक्शन दिए जाने के कारण जनवरी 2020 से फरवरी 2022 तक सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की सेंधवा एवं वरला तहसील के किन ग्रामों के कितने-कितने ट्रांसफार्मर, कब-कब खराब हो गए? (घ) खराब/जले ट्रांसफार्मर बदलने के लिए मण्डल द्वारा कितनी समय-सीमा निर्धारित की गई थी? क्या खराब/जले ट्रांसफार्मर को नियत समय-सीमा में बदला गया। यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की सेंधवा तहसील के 81 ग्रामों में 2591 एवं वरला तहसील के 88 ग्रामों में 2692, इस प्रकार कुल 169 ग्रामों में कुल 5283 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है, जिनकी तहसीलवार, ग्रामवार एवं क्षमतावार संख्या सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 5283 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों पर 49827 विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं द्वारा चाहे गये भार (किलोवाट में ऊष्मा क्षमता नहीं) अनुसार जारी किये गये हैं। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता एवं उनसे जो कनेक्शन प्रदान किये गये है, उनके कुल भार से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उपभोक्ताओं की मांग पर उक्त कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। (ग) क्षमता से अधिक कनेक्शन दिए जाने के कारण (अतिभारित होने से) जनवरी, 2020 से फरवरी, 2022 तक की अवधि में सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की सेंधवा एवं वरला तहसील में कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर फेल नहीं हुआ है। (घ) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुसार विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के फेल होने पर संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे के अंदर तथा मानसून के मौसम के दौरान (माह जुलाई से माह सितम्बर तक) 07 दिवस के अंदर विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदला जाना अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना करना आवश्यक है। फेल ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर उक्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का प्रावधान है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार बदले जाने हेतु पात्र होने पर तय समय में बदले गये हैं।
बड़वानी जिले में विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 297 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विद्युत वितरण व्यवस्था को सुचारू व प्रभावी बनाने हेतु 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना के क्या मापदंड हैं तथा अब तक बड़वानी जिले में कुल कितने सब स्टेशन की स्थापना की गई है तथा बड़वानी जिले में आगामी सब-स्टेशनों के गठन की कार्य योजना क्या है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर सकारात्मक है तो सेंधवा एवं वरला तहसील के अंतर्गत वर्तमान विद्युत वितरण व्यवस्था अत्यधिक चिंताजनक होने से एवं जनसंख्या घनत्व तथा विद्युत उपयोगिता की दृष्टि से लंबे अंतराल से सेंधवा एवं वरला तहसील में नवीन सब-स्टेशनों के निर्माण की मांग क्षेत्रीय जनमानस द्वारा की जा रही है, क्या उपरोक्त सब स्टेशनों के निर्माण की विभागीय कार्य योजना विचाराधीन है? (ग) यदि हाँ, तो समय-सीमा स्पष्ट की जाए।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिये नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्रों की स्थापना हेतु मापदण्ड निर्धारित है, जिनके अनुसार विद्यमान विद्युत वितरण अधोसंरचना के अतिभारित होने पर क्षेत्र में समुचित भार प्रबंधन की दृष्टि से तकनीकी साध्यता के आधार पर स्थल का चयन कर नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य प्रस्तावित किया जाता है। बड़वानी जिले में 33/11 के.व्ही. के कुल 71 विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना की गई है तथा आगामी वर्षों में प्रश्नाधीन क्षेत्र में संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत ग्राम कालापाट, ग्राम कोलकी, ग्राम सिवई एवं ग्राम बावनगजा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना हेतु प्रस्ताव भारत सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में शामिल किये गये है। योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हां, वर्तमान में सेंधवा तहसील के ग्राम कालापाट एवं आसपास के क्षेत्र में तथा वरला तहसील के ग्राम कोलकी एवं आसपास के क्षेत्र में विद्युत वोल्टेज संबंधी शिकायतें है जिनके निराकरण हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण की मांग की जा रही है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तकनीकी साध्यता अनुसार उक्त दोनों ग्रामों में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के स्थापना के कार्य भारत सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किये गये है। योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में आर.डी.एस.एस. योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार सेंधवा एवं वरला तहसील के क्रमश: ग्राम कालापाट एवं ग्राम कोलकी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर में अवैध कॉलोनियों की विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 341 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अवैध कॉलोनियों में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अनेक वर्षों से अस्थाई कनेक्शन से विद्युत सप्लाई की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या लकड़ी की बल्लियों के सहारे लम्बी केबिल डालकर विद्युत उपलब्ध कराई गई है? (ग) यदि हाँ, तो बल्लियों के माध्यम से विद्युत सप्लाई करने से संभावित जान माल का नुकसान होने पर क्या विद्युत कंपनी जिम्मेवारी लेगी? (घ) यदि नहीं, तो लोहे के खम्बे लगाकर विद्युत सप्लाई क्यों नहीं की जा सकती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) घोषित अवैध कॉलोनियों (Declared illegal Colonies) में उपभोक्ताओं को स्थाई विद्युत कनेक्शन म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के विनियम आर.जी.-31 दिनांक 02.09.2009 के अध्याय-4 के (ड.) की कंडिका-4.5.1 एवं 4.5.2 में निहित प्रावधानों जिनकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, के अनुरूप आवश्यक राशि वितरण कंपनी में जमा कराने सहित समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण करने पर दिए जाते हैं। तथापि आवेदकों द्वारा उक्त प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत अद्योसंरचना का कार्य नहीं कराए जाने की स्थिति में अवैध कॉलोनियों में नियमानुसार अस्थाई कनेक्शन दिये जाते हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में कनेक्शन हेतु सर्विस लाईन स्थापित किये जाने का कार्य म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021 की कंडिका-4.6, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है, के अनुसार उपभोक्ता द्वारा उपयुक्त विद्युत ठेकेदार के माध्यम से करवाया जाता है। अतः कतिपय प्रकरणों में ऐसे उपभोक्ता जिनके अस्थाई कनेक्शन हेतु लम्बी सर्विस लाईन की आवश्यकता होती है, वहां उपभोक्ताओं द्वारा सर्विस लाईन घर तक पंहुचाने के लिए कतिपय स्थानों पर लकड़ी की बल्लियों का उपयोग किया जाता है। आवेदक द्वारा अधिकृत विद्युत ठेकेदार के माध्यम से जारी टेस्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर वितरण कंपनी द्वारा विद्युत का अस्थाई कनेक्शन प्रदान किया जाता है। (ग) आवेदक को अस्थाई विद्युत कनेक्शन, सर्विस लाईन हेतु पहुँच मार्ग एवं सुरक्षा नियमों को दृष्टिगत रखते हुए नियमानुसार उपयुक्त श्रेणी के विद्युत ठेकेदार की टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त करने के उपरान्त ही दिया जाता है। तथापि उक्त कार्य अमानक पाए जाने पर आवश्यक सुधार कार्य उपरांत ही कनेक्शन चालू किया जाता है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार सर्विस लाईन स्थापित करने की जिम्मेदारी उपभोक्ता की होती है। (घ) अस्थाई विद्युत कनेक्शन उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना से सीमित अवधि के लिये प्रदान किये जाते हैं, जिस हेतु नियमानुसार वितरण कंपनी द्वारा विद्युत अधोसंरचना का कार्य किये जाने का प्रावधान नहीं है। आवेदक द्वारा स्थाई कनेक्शन हेतु आवेदन प्रस्तुत करने तथा उत्तरांश (क) में दर्शाए गए वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत अधोसंरचना हेतु नियमानुसार आवश्यक राशि जमा करने सहित समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरान्त खंबे लगाकर स्थाई कनेक्शन दिया जाता है।
वैध कॉलोनी के अस्थायी विद्युत कनेक्शन देना
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 361 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि स्टेट बैंक, पुरानी इटारसी के पीछे स्थित कॉलोनी में विगत अनेक वर्षों से निवासरत नागरिकों को अस्थायी विद्युत कनेक्शन दिये गये है? यदि हाँ, तो उक्त कॉलोनी में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने स्थाई/अस्थाई विद्युत कनेक्शन है संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) क्या यह भी सच है कि प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र वि/हो/क्र./1554/2021 दि. 18.03.2021 से उपमहाप्रबंधक, म.प्र.वि.वि.कंपनी, इटारसी को स्थायी कनेक्शन दिये जाने का अनुरोध किया गया था? (ग) क्या यह सच है कि प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 41 (3447) दिनांक 16.03.2021 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में अवैध कॉलोनियों की सूची में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कालोनी का उल्लेख नहीं है? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनी में निवासरत नागरिकों को स्थायी विद्युत कनेक्शन क्यों नहीं दिए जा रहे है? उक्त नागरिकों को स्थायी कनेक्शन कब तक दिए जा सकेंगे? (ड.) क्या शासन अवैध कालोनी न होने के बाद भी नागरिकों को स्थायी विद्युत कनेक्शन न देने वाले अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेगी? यदि हाँ, तो किनकी, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित कालोनी में विगत वर्षों में 14 उपभोक्ताओं को स्थाई/अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं। (ख) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा महाप्रबंधक, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इटारसी को प्रश्नाधीन कॉलोनी में स्थाई संयोजन दिये जाने के संबंध में पत्र लिखा गया था। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित सूची नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत से प्राप्त की गई थी। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्टेट बैंक, पुरानी इटारसी के पीछे स्थित कॉलोनी में वर्तमान में स्थाई कनेक्शन नहीं दिये जा रहे है, क्योंकि उक्त कॉलोनी में स्थाई कनेक्शन प्रदाय करने हेतु नियमानुसार आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना का कार्य नहीं हुआ है एवं नियमानुसार किसी भी वैध/अवैध कॉलोनी में स्थाई कनेक्शन दिये जाने हेतु मध्यप्रदेश सप्लाई कोड 2021 के अध्याय 4 के खण्ड 'ख' की कंडिका 4.37 से 4.39 एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत विनियम 2009 आर.जी.-31 (1) दिनांक 07.09.2009 में दिये गये प्रावधान अनुसार कॉलोनी में आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना का कार्य आवेदक/कोलोनाईजर द्वारा कराया जाना आवश्यक है। उक्त कॉलोनी में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत विनियम 2009 आर.जी.-31 (1) के जारी करने की दिनांक 07.09.2009 के पूर्व दो नम्बर स्थाई कनेक्शन दिये गये थे, परंतु उसके पश्चात कोई भी स्थाई कनेक्शन नहीं दिये गये हैं तथा अस्थाई कनेक्शन प्रदाय किये जा रहे हैं। उक्त कॉलोनी के कॉलोनाईजर या कॉलोनी में निवासरत व्यक्तियों द्वारा कॉलोनी के बाह्य विद्युतीकरण हेतु समस्त औपचारिकताएँ पूर्ण करने के उपरान्त उक्त कॉलोनी में स्थाई कनेक्शन दिये जा सकते है। (ड.) प्रश्नाधीन उल्लेखित कॉलोनी में उत्तरांश (घ) में दर्शाए गए वैधानिक प्रावधानों के अन्तर्गत आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना का कार्य कोलोनाईजर द्वारा नहीं किया गया है इसलिये नियमानुसार कॉलोनी में स्थाई कनेक्शन नहीं दिये जा रहे हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत उत्पादन व खपत
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 362 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में विद्युत उत्पादन हेतु किस श्रोत से कहाँ-कहाँ विद्युत उत्पादन ईकाइयां स्थापित है,विवरण देवें। (ख) चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में फरवरी,2022 तक प्रदेश में प्रतिदिन की औसत विद्युत खपत कितनी है यह औसत प्रदेश के औसत विद्युत उत्पादन से कितनी कम/ज्यादा हैं? (ग) म.प्र. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा विगत पांच वर्षों में प्रदेश में सौर ऊर्जा,पवन ऊर्जा एवं जल ऊर्जा से क्रय की गई विद्युत की मात्रा में कितनी वृद्धि हुई है? (घ) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत कुल उपभोक्ताओं में से कितने घरेलू/औद्योगिक उपभोक्ताओं द्वारा सौर ऊर्जा की प्लेट लगाकर ऊर्जा उत्पादन किया जा रहा है। (ड.) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत सौर ऊर्जा से घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा अधिकाधिक सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या? सौर ऊर्जा प्लेट लगाने हेतु कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाती हैं। (च) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभिन्न संसाधनों से विद्युत उत्पादन पर प्रति यूनिट लागत कितनी है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अंतर्गत स्थापित विद्युत उत्पादन ईकाईयों से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 (01.04.2021 से 28.02.2022 तक) हेतु प्रदेश में प्रतिदिन औसत विद्युत खपत 233.63 मिलियन यूनिट है एवं यह प्रतिदिन औसत खपत प्रदेश के प्रतिदिन औसत विद्युत उत्पादन से 64.11 प्रतिशत ज्यादा है, जिससे संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विगत 5 वर्षों में एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा क्रय की गई सौर, पवन एवं जल स्त्रोतों से उत्पादित विद्युत की क्रय की गई मात्रा में वृद्धि संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत कुल 4784774 विद्युत उपभोक्ताओं में से 3788 घरेलू एवं 37 औद्योगिक विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा सोलर पेनल लगाकर नेट मीटरिंग प्रणाली के अंतर्गत सौर ऊर्जा का उत्पादन उपभोग किया जा रहा है। (ड.) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा अधिकाधिक सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु केन्द्र शासन की रूफ टॉप सोलर फेस-2 नीति के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है जिसके तहत विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा सोलर पेनल लगाने पर 1 कि.वॉ. से 3 कि.वॉ. तक के लिए प्रोजेक्ट लागत का 40 प्रतिशत एवं 3 कि.वॉ. से 10 कि.वॉ. तक के लिए प्रोजेक्ट लागत का 20 प्रतिशत तथा ग्रुप हाउसिंग सोसायटी/रेसीडेंशियल वेलफेयर एसोशियेशन को कॉमन फेसेलिटीज के लिए प्रोजेक्ट लागत का 20 प्रतिशत अनुदान भारत सरकार द्वारा स्टेट नोडल एजेंसी विद्युत वितरण कंपनी के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है। (च) उत्तरांश (क) के सन्दर्भ में म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी की वर्ष 2020-21 की विद्युत उत्पादन की औसत प्रति यूनिट लागत 4.11 रू. है, इसमें ताप विद्युत गृहों की औसत प्रति यूनिट लागत 4.56 रू. है एवं जल विद्युत गृहों की औसत प्रति यूनिट लागत 0.88 रू. है।
सिहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सोन नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 384 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नकझर के पास सोन नदी पर पुल का निर्माण कार्य विगत वर्षों से अधूरा पड़ा है, पुल निर्माण की कितनी समय-सीमा तय की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुल निर्माण का कार्य समय-सीमा में नहीं हो पाने के क्या कारण है? कौन दोषी है? अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुल निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, अनुबंधानुसार 24 माह वर्षाकाल छोड़कर अर्थात दिनांक 17.12.2021 तक पूर्ण किया जाना था। (ख) कोविड-19 महामारी के कारण व अपस्ट्रीम में सोन नदी पर निर्मित बाणसागर से समय-समय पर पानी छोड़ने के कारण विलम्ब हुआ। कोई दोषी नहीं। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) दिनांक 31.12.2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
बजट में शामिल कार्यों की समय-सीमा
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 534 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जो कार्य बजट में प्रस्तावित किये जाते हैं उन कार्यों को पूर्ण करने की कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो कितनी? जो सड़क एवं पुल बजट में शामिल किये जाते हैं क्या उन सभी को एस.एफ.सी. की बैठक में रखकर प्रशासकीय स्वीकृति जारी करना अनिवार्य होता है? यदि हाँ, तो भिण्ड जिले में वर्ष 2019 से लेकर आज दिनांक तक कितने सड़क एवं पुल बजट में शामिल किये गये है? कितने कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई हैं? कितने कार्य पूर्ण हो गये और कितने अपूर्ण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, केवल अपरीक्षित मद के अंतर्गत सीमित कार्यों के लिए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मदन महल-दमोह नाका फ्लाई ओवर के ड्राईंग में संशोधन
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 678 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मदन महल–दमोह नाका फ्लाई ओवर निर्माण प्रक्रिया में लगातार संशोधन किये जा रहे है, किंतु इसके वास्तविक ड्राईंग में कोई संशोधन नहीं किया जा रहा हैं? (ख) यदि हाँ, तो वास्तविक ड्राईंग के अलावा निर्माण प्रक्रिया के दौरान अब तक कितने संशोधन किये गये हैं? (ग) क्या फ्लाई ओवर निर्माण के दौरान जिनी जमीनों को अधिग्रहित करने की एवज में मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा रहा हैं? (घ) यदि हाँ, तो अब तक ऐसी कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, मदन महल दमोह नाका फ्लाई ओवर निर्माण प्रक्रिया में लगातार संशोधन नहीं किये जा रहे है और न ही इसकी वास्तविक ड्राईंग में कोई संशोधन किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी नहीं, फ्लाई ओवर निर्माण दौरान अधिग्रहित जमीनों के मुआवजे का नियमानुसार भुगतान किया जा रहा है। (घ) जी हाँ, मुआवजे से संबंधित दो शिकायतें प्राप्त हुई है।
भिण्ड विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वाटर पाइप लाइन कार्य स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 759 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत भिण्ड शहर में वाटर पाइप लाइन कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है तथा वाटर परियोजना का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये कार्य क्या समय-सीमा में पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित क्रियान्वयन कंपनी के विरुद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भिण्ड शहर में शेष रहा वाटर पाइप लाइन का कार्य कब तक पूर्ण होगा? क्या सीवर के ठेकेदारों के द्वारा जो रोड खोदी गई थी उन्हें पुनः बना दिया गया है? यदि हाँ, तो रेस्टोरेशन के एवज में कार्यरत कम्पनी को कितना भुगतान किया गया है सड़क का नाम/वार्ड का नाम/मोहल्ला अनुसार जानकारी देवें। जो रेस्टोरेशन का भुगतान किया गया है उसकी एमबी की कॉपी, बिल कॉपी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भिंड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भिंड शहर में जलप्रदाय योजना के निर्माण एवं संधारण की कुल लागत राशि रू. 197.18 करोड़ थी एवं वर्तमान में पुनरीक्षित लागत राशि रू. 214.86 करोड़ है। योजना का कार्य दिनांक 31.12.2022 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। (ख) जी नहीं। विलम्ब का कारण कोविड 19, विभिन्न विभागों से अनुमति में देरी एवं संविदाकार के कार्य की धीमी गति है। विलम्ब के लिए निर्माण एजेन्सी को समय-समय पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है। साथ ही अर्थदण्ड का निर्धारण योजना का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर अनुबंध के अनुसार गुणदोष के आधार पर अंतिम देयक से वसूली यदि कोई हो तो सुनिश्चित की जावेगी। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) भिंड शहर में शेष वाटर पाइप लाइन का कार्य दिनांक 31.12.2022 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। जी हाँ, सीवर लाईन बिछाये जाने हेतु 84.38 कि.मी. लंबाई की सड़क खुदाई कार्य किया गया था, जिसमें से 72.83 कि.मी. रोड रेस्टोरेशन कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष 11.54 कि.मी. का कार्य प्रगतिरत है। इस कार्य पर अब तक राशि रू. 10.04 करोड़ का भुगतान संविदाकार को किया गया है। सड़क का नाम/वार्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। संविदाकार को रोड रेस्टोरेशन के किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
भिण्ड विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सीवरेज लाईन कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 760 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत भिण्ड शहर में सीवरेज लाइन कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है तथा सीवरेज परियोजना का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये कार्य क्या समय-सीमा में पूर्ण कर लिये गये हैं? यदि नहीं, तो समय-सीमा में कार्य पूर्ण न किये जाने की स्थिति में संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी के विरुद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भिण्ड शहर में शेष रहा सीवरेज लाईन का कार्य कब तक पूर्ण होगा? क्या सीवर के ठेकेदारों के द्वारा जो रोड खोदी गई थी उन्हें पुनः बना दिया गया है? यदि हाँ, तो रेस्टोरेशन के एवज में उक्त कम्पनी को कितना भुगतान किया गया है? सड़क का नाम/वार्ड/मोहल्ला अनुसार जानकारी देवें। बिल की कॉपी, मेजरमेंट बुक की कॉपी सहित उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भिण्ड सीवर लाईन कार्य हेतु शासन से राशि रू. 72.00 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है। सीवर परियोजना का कार्य मई, 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी नहीं। समय-सीमा में पूर्ण न होने का कारण रतनपुरा में एस.टी.पी. निर्माण के लिये भूमि आवंटन में विलंब, एम.पी.आर.डी.सी. से अनुमति प्राप्त होने में विलंब, एचटी फीडर कनेक्शन हेतु मंजूरी नहीं मिलने से विलंब, कोविड-19 के प्रभाव के दौरान कार्य बंद होने से विलंब एवं विद्युत विभाग से हाईटेंशन लाईन कनेक्शन न मिलने के कारण विलंब हुआ है। उक्त कारणों से एजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) सीवर परियोजना का कार्य ठेकेदार की समयवृद्धि की मांग अनुसार दिनांक 30.05.2022 तक किया जाना लक्षित है। ठेकेदार द्वारा भिण्ड शहर में 84.38 कि.मी. सीवर लाईन खोदी गई है जिसका 72.83 कि.मी. रोड रेस्टोरेशन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष 11.54 कि.मी. रोड रेस्टोरेशन का कार्य प्रगतिरत है जो दिनांक 30.05.2022 से पूर्व पूर्ण कर लिया जायेगा। ठेकेदार को 72.83 कि.मी. रोड के रेस्टोरेशन कार्य हेतु राशि रू. 10.04 करोड़ का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सिहोरा में नर्मदा पेयजल जल प्रदाय की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( क्र. 966 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा नगर पालिका अंतर्गत वार्डों में नर्मदा जल प्रदाय किये जाने की कार्य योजना के अनुसार पाइप लाइन विस्तार/टंकी निर्माण का कार्य पूर्ण किया जाकर नर्मदा जल की सप्लाई कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) पाइप लाइन विस्तार के कारण क्षतिग्रस्त हुए मार्गों को कब तक ठीक करा दिया जावेगा एवं नाली में पड़ी पाईप लाइन निकालकर दूसरे स्थान पर कब तक लगा दी जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सीहोरा नगर पालिका अंतर्गत वार्डों में नर्मदा जल प्रदाय किये जाने एवं पाइप लाइन विस्तार, टंकी निर्माण का कार्य पूर्ण कर ट्रायल रन प्रारंभ करते हुए नर्मदा जल की सप्लाई जून 2022 तक प्रारंभ करने का लक्ष्य है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में पाइप लाइन विस्तार के कारण क्षतिगस्त मार्गों पर रेस्टोरेशन का कार्य करना एक निरंतर प्रक्रिया है। नल कनेक्शन के उपरांत मार्गों का स्थाई रोड रेस्टोरेशन का अनुबंध अनुसार संपूर्ण कार्य जून 2022 तक किया जाना लक्षित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं जल वितरण के लिये घरों में नल कनेक्शन किये जाने हेतु घरों के समीप स्थित नाली के पास पाईप को छोडा गया है, घरों में नल कनेक्शन का कार्य सतत् जारी है व प्रगति पर है, कार्य जून 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
विश्व बैंक पोषित परियोजना में चयनित महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
17. ( क्र. 1029 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विश्व बैंक पोषित परियोजना उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत 200 महाविद्यालयों को चयनित किया गया था। उक्त चयनित महाविद्यालयों कि सूची उपलब्ध कराये। (ख) विभाग द्वारा उपरोक्त 200 महाविद्यालयों के अतिरिक्त बिना डी.पी.आर. एवं एम.ओ.यू. हुये कितने महाविद्यालय को शामिल किया गया? (ग) विश्व बैंक पोषित परियोजना में एम.ओ.यू. के अनुसार 200 महाविद्यालयों के प्राचार्यों को उपकरण क्रय करना था। लेकिन विश्व बैंक, दिल्ली के किस आदेश क्रमांक से एम.ओ.यू. की शर्तों को समाप्त करते हुए केन्द्रीयकृत विश्व बैंक प्रोजेक्ट कार्यालय, भोपाल द्वारा खरीदी की गई? (घ) विश्व बैंक परियोजना में बजट उपलब्ध नहीं होने पर भी क्रय आदेश प्रसारित किये गए एवं किस आदेश के अंतर्गत? इसके लिए विश्व बैंक परियोजना प्रोजेक्ट कार्यालय, भोपाल के कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है और क्या उन पर कार्यवाही होगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विश्व बैंक पोषित परियोजना अंतर्गत 247 महाविद्यालयों का चयन किया गया है। सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 से 14 अनुसार है। (ख) परियोजना अंतर्गत कोई भी महाविद्यालय बिना इन्स्टिट्यूशनल डेवलपमेन्ट प्लान (आई.डी.पी.) एवं एम.ओ.यू. के शामिल नहीं किया गया है। (ग) आई.डी.पी. में उल्लेखित विभिन्न गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए महाविद्यालय को राशि दिये जाने एवं महाविद्यालय द्वारा भुगतान किए जाने की प्रक्रिया का उल्लेख एम.ओ.यू. में किया गया है, जिसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। महाविद्यालयों की क्षमता, परियोजना की बची हुई अवधि एवं दरों में स्केलिंग के लाभ को दृष्टिगत रखते हुए यह प्रशासनिक निर्णय लिया गया है कि जेम (GeM) के माध्यम से प्रतियोगी निविदा प्रक्रिया अपनाकर विभाग केन्द्रीयकृत क्रय करे। उक्त निर्णय के तारतम्य में उपकरणों का क्रय केन्द्रीय स्तर पर भी क्रय किया जा रहा है। (घ) बजट की उपलब्धता पर ही क्रय आदेश जारी किये गए हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
कॉलोनी निर्माण में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 1383 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले की कॉलोनी सेल को 2017 से फरवरी 2022 तक कॉलोनी निर्माण में अनियमितता की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? कितनी शिकायतों पर जांच के आदेश कलेक्टर द्वारा दिए गए तथा कितनी कॉलोनी की जांच में अनियमितता पाई गई? वर्षवार बतावें। (ख) जिन कॉलोनी में जांच में अनियमितता पाई गई उसकी सूची तथा पाई गई अनियमितता कॉलोनी का नाम कॉलोनाइजर के नाम सहित देवें। (ग) प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित कॉलोनी को अनियमितता के संदर्भ में कार्यवाही हेतु भेजे गए पत्र तथा प्राप्त उत्तर की प्रति देवें तथा बतावें कि किस-किस कॉलोनी पर कार्रवाई की गई? (घ) प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित जिन कॉलोनी पर कार्यवाही नहीं की गई उसके कारण बतावें। क्या शासन स्तर पर कार्यवाही नहीं करने के निर्देश दिए गए? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में रतलाम जिले की कॉलोनी सेल में क्षेत्रांतर्गत कुल 70 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखित कॉलोनी की अनियमितता के संदर्भ में कार्यवाही हेतु भेजे गए पत्र तथा प्राप्त उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' के कॉलम नं. 10 एवं 11 अनुसार है। जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत आपूर्ति से वंचित मोहल्लों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 1415 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरे जो विद्युत आपूर्ति से वंचित है कि राजस्व ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ख) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरे जो विद्युत आपूर्ति से वंचित है के परिप्रेक्ष्य में, क्या शासन प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना अन्तर्गत घरेलू आवश्यकताओं के लिए बिजली उपलब्ध करवाने की कोई योजना बना रहा है? यदि उत्तर हाँ है तो कब तक बिजली प्रदान की जायेगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरे जो विद्युत आपूर्ति से वंचित है, तो शासन घरेलू उपयोग हेतु बिजली उपलब्ध करवाने के लिये कोई वैकल्पिक प्रबंध करेगा? यदि हाँ, तो कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी प्रदान करें और यदि उत्तर न है तो, कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग कुक्षी क्षेत्रांतर्गत आने वाले समस्त 261 राजस्व ग्राम एवं इन ग्रामों के चिन्हित सभी 1838 मजरे/टोले विद्युतीकृत है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
निर्माण एवं विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 1531 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के तहत कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हैं एवं कौन-कौन से कार्य कराना प्रस्तावित हैं? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? कौन-कौन से कार्य कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराये गये हैं। इन कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृति हुई है? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की स्थिति में जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कौन-कौन से अपूर्ण निर्माणाधीन व अप्रांरभ कार्यों की निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? किन-किन कार्यों से सम्बंधित स्वीकृत निविदाएं कब अस्वीकृत की गई हैं एवं क्यों? (ग) ओमती नाला की निर्धारित चौड़ाई को कितने फीट कम करके इसे कब पक्का बनबाया गया हैं? इसके कारण शहर के किन-किन क्षेत्रों में जलप्लावन की समस्या पैदा हो गई हैं? इससे निजात पाने हेतु क्या ठोस उपाय किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ओमती नाले का निर्माण कार्य वर्ष 2011 से 2017 के मध्य पूर्ण किया गया है, नाले की चौड़ाई कम नहीं की गई है ओमती नाला के बहाव क्षेत्र में सामान्य वर्षा के दौरान जलप्लावन की स्थिति निर्मित नहीं होती है, अपितु अतिवर्षा होने पर कुछ क्षेत्रों में पानी भर जाता है जो कि वर्षा के रूकने के कुछ समय बाद निकल जाता है। ओमती नाला से पानी के बहाव को सुनिश्चित करने के लिये प्रतिवर्ष वर्षा पूर्व संपूर्ण नाले की सफाई का कार्य कराया जाता है।
जबलपुर की स्मार्ट सड़कों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 1545 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर की किन-किन सड़कों को चिन्हित कर स्मार्ट सड़कें बनाने की क्या योजना बनाई है। प्रथम फेज में कौन-कौन सी प्रमुख सड़कों को चिन्हित कर कितनी-कितनी राशि कब स्वीकृत की गई हैं? इनकी मूल योजना क्या हैं? स्वीकृत कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कब किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है एवं कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण नहीं कराया गया है एवं क्यों? (ख) प्रश्नांकित स्वीकृत किन-किन सड़कों के निर्माण कार्य में आनेवाली कौन-कौन सी बाधाओं को दूर नहीं किया गया है एवं क्यों? निर्मित किन-किन सड़कों की स्वीकृत कितने-कितने फीट चौड़ाई को कितने-कितने फीट कम करके बनवाया गया हैं एवं क्यों? इनमें स्वीकृत कौन-कौन सा निर्माण कार्य कब से नहीं कराया गया है एवं क्यों? रांझी, घमापुर स्मार्ट सड़क की वर्तमान में क्या स्थिति है। स्वीकृत कौन-कौन सा कितना-कितना कार्य कब से अपूर्ण निर्माणाधीन व अप्रारंभ हैं? इस पर कितनी राशि व्यय हुई हैं? क्या शासन इसके निर्माण कार्य में की गई वित्तीय अनियमितता राशि का दुरूपयोग व घटिया निर्माण कार्य की जांच कराकर दोषी एजेंसी एवं अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में जिन सड़कों को चिन्हित कर स्मार्ट सड़कें बनाने की योजना बनाई है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। प्रथम फेस की चिन्हित प्रमुख सड़कें एवं स्वीकृत की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार है। मूल योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। स्वीकृत सड़कों, निर्माण एजेंसी, राशि एवं सड़कें जिनका निर्माण नहीं कराया गया एवं क्यों नहीं कराया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– क, ख, ग एवं घ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित स्वीकृत सड़कों के निर्माण कार्य में आने वाली बाधाओं जिन्हें दूर नहीं किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा निर्मित स्मार्ट सड़कों की चौड़ाई को कम नहीं किया गया है। स्वीकृत सड़कों पर निर्माण कार्य प्रगतिरत है, शेषांश उपस्थित नहीं होता है। घमापुर-रांझी स्मार्ट सड़क की वर्तमान स्थिति, स्वीकृत कार्य में से पूर्ण, अपूर्ण निर्माणाधीन, अप्रारम्भ एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। इस निर्माण कार्य में कोई भी वित्तीय अनियमितता एवं राशि का दुरूपयोग नहीं होने से शेषांश उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय में अतिथि नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
22. ( क्र. 1564 ) श्री संजय शुक्ला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविधालय में कहाँ-कहाँ पर प्रोफेसरों की कमी होने के कारण कॉलेजों द्वारा स्ववित्तीय व्यवस्था के अन्तर्गत महाविद्यालयों में जनभागीदारी अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो किन-किन महाविद्यालयों में कब-कब नियुक्तियां की गई? जनभागीदारी अतिथि विद्वानों को कितना मानदेय दिया जा रहा है? शासन द्वारा जनभागीदारी अतिथि विद्वानों को वेतन दिये जाने के लिये कोई नियम बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्या है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं नियम बनाये गये? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महाविद्यालयों में करोड़ों का फंड होने पर भी ज.अ.वि. को उचित वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा? क्या वर्षों से ज.अ.वि. का वेतन नहीं बढ़ाया गया है? यदि हाँ, तो क्यों नहीं बढ़ाई जा रहा है? कारण स्पष्ट करे? क्या उनका वेतन बढ़ाया जायेगा? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक कितना-कितना वेतन बढ़ाया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ज.अ.वि. को नियमित किया जायेगा? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताये? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में प्रोफसरों की कमी होने के कारण कॉलेजों द्वारा स्ववित्तीय व्यवस्था के अंतर्गत महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति द्वारा अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किया जाता है। अतिथि विद्वानों की नियुक्ति नहीं की जाती है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनभागीदारी समिति द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानदेय दिया जा रहा है। जी नहीं, शासन द्वारा जनभागीदारी अतिथि विद्वानों को वेतन दिये जाने का कोई नियम नहीं बनाया गया है। जनभागीदारी से संचालित स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों के अतिथि विद्वानों को मानदेय के संबंध में जनभागीदारी समिति निर्णय लेने हेतु अधिकृत है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 471 दिनांक 30.09.1996 एवं आदेश क्रमांक 1837/2977/2001/38-2 भोपाल, दिनांक 05.10.2001 के तहत शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति द्वारा संचालित स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों से प्राप्त शुल्क के अनुरूप मानदेय जनभागीदारी समिति द्वारा तय किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जनभागीदारी अतिथि विद्वान को नियमित करने की कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। जनभागीदारी समिति मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम का संचालन करती है। छात्रों के प्रवेश न लेने पर जनभागीदारी समिति द्वारा पाठ्यक्रम बंद कर दिया जाता है। अत: अतिथि विद्वान का आमंत्रण भी समाप्त माना जाता है।
अनियमितता करने वाले दोषियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 1567 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व प्रश्न क्र.80 (993) दिनांक 12 अगस्त 2021 में माननीय मंत्री महोदय द्वारा जांच दल गठित कराकर जांच पूर्ण करा ली गई या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो जांच में क्या खामियां पाई गई? किन-किन डिविजनों की शिकायतें प्राप्त हुई थी विभाग द्वारा किस-किस डिवीजन की जांच कराई जा रही है? क्या प्रायमस कम्पनी, विक्रय कम्पनी द्वारा वेस्ट डिवीजन, इस्ट डिवीजन और सेन्ट्रल डिवीजन के कार्यों की जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या अनियमितायें पाई गई है? अनियमितता के लिये कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लापरवाही करने वाले उच्च अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में अनियमितता में विभाग को हुई नुकसान की भरपाई की प्रक्रिया क्या होगी? किन-किन अधिकारियों से नुकसान की भरपाई की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, पूर्व प्रश्न क्रमांक 993 दिनांक 12 अगस्त 2021 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में अनियमितता संबंधित शिकायतों की प्रारंभिक जांच जो कि दक्षिण शहर संभाग एवं उत्तर शहर संभाग में आई.पी.डी.एस. योजना से संबंधित है, जांच दल गठित करवाकर मैदानी स्तर पर पूर्ण कर ली गयी है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जांच में मुख्य रूप से टर्न की कांट्रेक्टर द्वारा प्रेषित बिल के अनुसार स्थल पर निर्माण की गयी विद्युत अधोसंरचना में भौतिक सत्यापन किए जाने पर निर्मित विद्युत अधोसंरचना में विसंगति पाई गयी जो की मुख्य खामी है। इंदौर शहर के अंतर्गत 4 संभागों (डिविजनों) क्रमशः उत्तर, दक्षिण, पश्चिम एवं मध्य संभाग की शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिसमें से चारों संभागों की जांच करवाई जा रही है। प्रायमस कमर्शियल प्रायवेट लिमिटेड, इंदौर द्वारा पूर्व शहर संभाग अंतर्गत कार्य किया गया था जिसकी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से कोई जांच नहीं करवाई जा रही है। तथापि विक्रान इंजीनियरिंग एंड एक्सिम, प्रायवेट लिमिटेड, थाने द्वारा मध्य शहर संभाग इंदौर एवं पश्चिम शहर संभाग इंदौर अंतर्गत कार्य किया गया था, जिसकी शिकायत की जांच करवाई जा रही है, जो कि प्रक्रियाधीन है। उत्तर शहर संभाग एवं दक्षिण शहर संभाग के कार्य हेतु जो जांच कराई गई है उस जांच में मुख्य रूप से टर्न की कांट्रेक्टर द्वारा प्रेषित बिल के अनुसार स्थल पर निर्माण की गयी विद्युत अधोसंरचना जिसमें 11 के.व्ही. लाईन, निम्नदाब लाईन निर्माण, विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के नवीनीकरण में भौतिक सत्यापन किए जाने पर निर्मित विद्युत अधोसंरचना में अनियमितता पाई गई। उसमें प्रारंभिक तौर पर विसंगति हेतु उत्तर शहर संभाग व दक्षिण शहर संभाग इंदौर से संबंधित टर्न की कांट्रेक्टर मेसर्स क्षेमा पॉवर इन्फ्रा कंपनी प्रायवेट लिमिटेड, कोचिन जिन्हें उत्तर शहर संभाग एवं दक्षिण शहर संभाग के कार्य हेतु टर्न की कांट्रेक्टर पर कार्यादेश जारी किया गया था दोषी है, के विरुद्ध कार्यादेश एवं किए गए अनुबंध की शर्त अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसके अतिरिक्त उक्त विद्युत अधोसंरचना के निर्माण कार्यों के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी मेसर्स फीडबेक इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड. गुड़गाँव, हरियाणा को कार्यों की Monitoring, Supervision & quality control consultancy services निगरानी (समीक्षा), सुपरविजन (निरीक्षण), मापन हेतु कार्यादेश दिया गया था, अतः उक्त कार्यों में की गई अनियमितता हेतु उक्त कार्यादेश एवं अनुबंध की शर्त अनुसार कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त उक्त कार्यों के निष्पादन में तत्समय पदस्थ संबंधित तत्कालीन अधिकारियों के विरुद्ध म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के आधार पर कार्यवाही की जा रही है। (ग) उक्त में संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के आधार पर कार्यवाही की जा रही है, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अनियमितताओं के संदर्भ में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को हुये नुकसान की भरपाई हेतु मेसर्स क्षेमा पॉवर इन्फ्रा कंपनी प्रायवेट लिमिटेड, कोचिन की बैंक ग्यारंटी से रूपये 5.05 करोड़ की राशि वसूल कर ली गई है तथा शेष राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त उक्त विद्युत अधोसंरचना के निर्माण किए गए कार्यों के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी मेसर्स फीडबेक इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड गुड़गाँव, हरियाणा को कार्यों की Monitoring, Supervision & quality control consultancy services निगरानी (समीक्षा), सुपरविजन (निरीक्षण), मापन हेतु कार्यादेश दिया गया था, अतः उक्त कार्यों में की गई लापरवाही हेतु उक्त कार्यादेश एवं अनुबंध की शर्त अनुसार कार्यवाही की जा रही है। प्रश्नांश (ग) के उत्तर के आलोक में अधिकारी दायित्वों के निर्वहन में कारित अनियमितताओं हेतु संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
जिला खरगोन के सेगांव में महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
24. ( क्र. 1599 ) श्री केदार चिड़ाभाई डावर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि आदिवासी विकासखण्ड क्षेत्र भगवानपुरा जिला खरगोन में उच्च शिक्षा हेतु एक भी महाविद्यालय नहीं है? (ख) क्या यह भी सच है कि भुगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीण छात्र, छात्राओं को उच्च शिक्षा हेतु खरगोन, इंदौर, खण्डवा के महाविद्यालयों पर निर्भर रहना पड़ता है। जिससे अनेक छात्रों को प्रवेश नहीं मिलने से उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते है? (ग) क्या यह भी सच है कि सन् 2019 से छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा के लिए क्षेत्र मुख्यालय भगवानपुरा एवं ब्लॉक मुख्यालय सेगांव में महाविद्यालय खोलने की मांग लगातार की जा रही है। (घ) यदि हाँ, तो आदिवासी ग्रामीण छात्रों के भविष्य को देखते हुए भगवानपुरा एवं ब्लॉक मुख्यालय सेगांव में विभाग द्वारा महाविद्यालय खोलने की क्या कार्यवाही की जा रही हैं एवं महाविद्यालय कब तक खोलने की स्वीकृति दी जावेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) भगवानपुरा क्षेत्र के विद्यार्थी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरगोन, शासकीय कन्या महाविद्यालय खरगोन, शासकीय महाविद्यालय भीकनगांव, शासकीय महाविद्यालय सेंधवा तथा शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खण्डवा में प्रवेश लेकर अध्ययन करते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) भगवानपुरा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने हेतु प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है। सेगांव में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
किसानों को सिंचाई सुविधा हेतु अनुदान योजना
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 1611 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री अनुदान योजना के तहत छोटे किसानों को सिंचाई के लिए 25 हॉर्स पावर की डीपी वाले ट्रांसफार्मर फ्री में उपलब्ध कराने की योजना बंद करने का क्या कारण है? क्या छोटे किसानों को सिंचाई के लिए 25 हॉर्स पावर की डीपी वाले ट्रांसफार्मर फ्री में उपलब्ध कराने की कोई योजना वर्तमान में हैं या लागू किया जाना हैं? (ख) एक बीघा पर तीन बोरी खाद की खपत है, फिर भी आदिमजाति सहकारी समितियों से किसानों को एक बीघे पर एक बोरी खाद क्यों दी जाती है? एक बीघे पर तीन बोरी खाद उपलब्ध कराने का आदेश कब तक जारी किया जाएगा? (ग) अलीराजपुर जिले में जनवरी 2020 से प्रश्न-दिनांक तक नकली खाद-बीज-किटनाशकों से संबंधित कितनी शिकायतें एवं अनियमितताएं विभाग को प्राप्त हुईं? उक्त शिकायतों की जांच के लिए विभागीय उड़नदस्तों ने कब-कब कहां-कहां निरीक्षण किया? निरीक्षण के दौरान कितने प्रकरण दर्ज किए गए? विवरण बताएं। (घ) अलीराजपुर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों से प्रीमियम राशि वसूलने के बावजूद भी फसल खराब होने पर वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में अधिकतर किसानों की बीमा राशि क्यों स्वीकृत नहीं किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कृषकों को स्थाई कनेक्शन प्रदान करने हेतु ''मुख्यमंत्री स्थाई पंप कनेक्शन योजना'' (अनुदान योजना) पूर्व में प्रचलित थी, जिसके अंतर्गत कृषक द्वारा अंशराशि जमा करने पर शेष राशि राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में उपलब्ध कराने का प्रावधान था। उक्त योजना की अवधि दिनांक 31.03.2019 तक थी तथा अवधि पूर्ण होने पर यह योजना बंद हो गई है। उक्त योजना पुन: प्रारंभ करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) किसान कल्याण तथा कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों द्वारा किसानों को नियमानुसार एवं पात्रतानुसार परमिट के आधार पर उर्वरकों का विक्रय किया जाता है। उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 से उर्वरक वितरण/विक्रय हेतु भूमि सीमा निर्धारित नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) किसान कल्याण तथा कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) किसान कल्याण तथा कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में निहित प्रावधान अनुसार फसल बीमा के लिए पात्रतानुसार किसानों को दावा राशि का भुगतान किया जाता है। अलीराजपुर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत वर्ष 2019 -20 में इफको-टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से प्राप्त जानकारी अनुसार 1913 किसानों को राशि रू. 26,79,524/- का भुगतान किया गया है। वर्ष 2020-21 में एग्रीकल्चर एश्योरेंस कंपनी आफ इण्डिया लिमिटेड से प्राप्त जानकारी अनुसार 35779 किसानों के लिये दावा राशि 8.90 करोड़ रू. स्वीकृति की गई। जिन किसानों की वास्तविक उपज, थ्रेसहोल्ड उपज से अधिक प्राप्त हुई है नियमानुसार उन किसानों को फसल बीमा राशि का लाभ नहीं मिला।
नीमच-मनासा रोड पर टोल लगाने का प्रावधान
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 1618 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यूनतम कितनी लम्बाई की सड़क पर टोल टैक्स लगाने का प्रावधान है? (ख) नीमच-मनासा रोड लम्बाई 27 कि.मी. पर टोल किस प्रावधान में लगाया जा रहा है और इस सड़क निर्माण के 4 साल बाद टोल लगाने का क्या औचित्य है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम में टोल टैक्स लगाने हेतु न्यूनतम लंबाई का कोई प्रावधान नहीं है। प्रत्येक परियोजना के यातायात घनत्व तथा सक्षम स्तर से अनुमोदित प्रस्ताव अनुसार टोल टैक्स/उपभोक्ता शुल्क आदि की अनुमति ली जाती है। (ख) नीमच-मनासा मार्ग की लंबाई 30.06 कि.मी है। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मार्ग के बेहतर रख-रखाव/संधारण हेतु। निर्धारित अवधि तक उपभोक्ता शुल्क की स्वीकृति प्राप्त है।
पी.आई.यू., पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा स्वीकृत भवन एवं निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 1619 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.आई.यू. पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा वर्ष 2019 से 2021 तक कितने भवनों की निविदा किन-किन जिलों में जारी की गई थी और निविदा पश्चात् जारी किये गये कार्यादेश में से कितनों के कार्य संपन्न करा दिये गये और कितने कार्य अभी भी अधूरे हैं, जिलावार जानकारी देवें? (ख) पी.आई.यू. द्वारा इंदौर एवं भोपाल में वर्ष 2020-2021 में कितने निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं, उन कार्यों की एजेंसी कौन-कौन सी है, उन एजेंसियों द्वारा कितना कार्य कराया गया है, कार्य की समय-सीमा कितनी थी, उस समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो क्या कार्यवाही की गई। (ग) पी.आई.यू., पी.डब्ल्यू.डी. के इंदौर में कितने कार्य 2021 तक संपन्न कराये जाने थे, वो कार्य क्यों संपन्न नहीं कराये गये? (घ) पी.डब्ल्यू.डी. विभाग भोपाल के समस्त संभागों द्वारा वर्ष 2019 से 2021 तक किन-किन भवनों के उन्नयन कार्य करवाये गये एवं उनमें कितना-कितना व्यय हुआ। पृथक से सूची एवं भवनवार व्यय की गई राशि एवं स्वीकृतकर्ता अधिकारी के सहित जानकारी उपलब्ध करावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2', 'अ-3', 'अ-4' एवं 'अ-5' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है।
विद्युत ट्रान्सफार्मर एवं खम्बों की जांच
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 1686 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विधानसभा बैतूल अन्तर्गत वित वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि, सांसद निधि, अन्य मद एवं उपभोक्ताओं के स्वयं के खर्चों से विद्युतीकरण/विस्तारीकरण के कितने कार्य कराये गये तथा विद्युतीकरण के कितने कार्य पूर्ण है और कितने अपूर्ण? संचालन/संधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये कार्यों में कितनी-कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाये जाने का प्रावधान था? संचालन/संधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार स्वीकृत विद्युत लाईन में ऐसे कितने ट्रांसफार्मर है जो तकनीकी स्वीकृत नक्शे में चिन्हित स्थान पर नहीं लगाये गये हैं? संचालन/संधारण सभागवार संख्यात्मक जानकारी देवें तथा वर्तमान में ऐसे कितने ट्रांसफार्मर है जो खराब एवं जल गये हैं,जिसके कारण विद्युत सप्लाई बन्द है? संचालन/सधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी देवे तथा उक्त जले एवं खराब ट्रांसफार्मर कब तक बदलकर लाईन चालू कर दी जावेगी। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार गलत स्थान पर लगाये गये ट्रांसफार्मर के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? क्या गुणवत्ताविहीन, गलत स्थान तथा कम क्षमता के लगाये विद्युत ट्रांसफार्मरों की जांच कराऐंगे? यदि हां, तो किस अधिकारी से जांच करायेंगे?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) बैतूल
जिले में
बैतूल
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
वित्तीय
वर्ष 2019-2020 से प्रश्न
दिनांक तक
विधायक निधि, सांसद
निधि, अन्य मद
एवं
उपभोक्ताओं
के स्वयं के
व्यय से
विद्युतीकरण/विस्तारीकरण
के कराये गये
कार्यों एवं
कार्यों से
संबंधित
पूर्णता/अपूर्णता
की प्रश्नाधीन
चाही गयी
संचालन/संधारण
संभागवार
संख्यात्मक
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश
(क) में उल्लेखित
पूर्ण कराये
गये 549
कार्यों में
विभिन्न
क्षमता के 365
वितरण
ट्रांसफार्मर
लगाए जाने का
प्रावधान था, जिनकी
क्षमता सहित
संचालन/संधारण
संभागवार संख्यात्मक
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश
(क) एवं (ख) अनुसार
पूर्ण किये गए
कार्यों में
विद्युत लाईन
के स्वीकृत
तकनीकी नक्शे
अनुसार
चिन्हित
स्थान पर
वितरण
ट्रांसफार्मर
नहीं लगाये जाने
संबंधी कोई
प्रकरण
म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के संज्ञान में
नहीं है। बैतूल
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
दिनांक 03.03.2022
तक की स्थिति
में कोई
जला/खराब
वितरण
ट्रांसफार्मर
बदले जाने
हेतु शेष नहीं
है। अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग)
में दर्शाए
अनुसार
विद्युत लाईन
के स्वीकृत
नक्शे
अनुसार
चिन्हित स्थान
पर वितरण
ट्रांसफार्मर
नहीं लगाए
जाने अथवा ट्रांसफार्मर
स्थापना में प्रश्नांश
में उल्लेखित
अन्य
अनियमितता
संबंधी कोई
प्रकरण
म.प्र.मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के संज्ञान में
नहीं है। अत:
किसी के दोषी
होने का प्रश्न
नहीं उठता। तथापि
यदि कोई
विशिष्ट प्रकरण
संज्ञान में
आता है तो
जाँच करवाकर
संबंधितों के
विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही की जायेगी।
परिशिष्ट
- "आठ"
नगर पालिका में नामांतरण प्रकरण स्वीकृति के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 1695 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भवन/प्लाट के नामांतरण कितने समय में किये जाने के नियम है नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर नगर पालिका में नामांतरण हेतु वर्ष 1 जनवरी 2021 से किन-किन के द्वारा नामांतरण का आवेदन किया गया है आवेदन किस-किस दिनांक को नगर पालिका में प्राप्त हुआ व आवेदक का कितने महीने में नामांतरण किया गया नाम व पते सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे। (ग) नगर पालिका द्वारा नामांतरण के लिए कब कब विज्ञप्ति जारी की गई विज्ञप्ति की प्रति एवं उनके नामांतरण किस-किस दिनांक को किया गया नाम व पते सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) फोती नामांतरण कितने समय में किये जाने का प्रावधान है बड़नगर नगर में ऐसे कितने प्रकरण लंबित है जिनका नामांतरण किया जाना शेष है? शेष प्रकरणों की जानकारी नाम व पते सहित उपलब्ध करावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) दिनांक 01.01.2021 से प्रश्न दिनांक तक कुल 959 आवेदन प्राप्त हुए है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। नामांतरण किये गये आवेदक का नाम व पते सहित सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) दिनांक 01.01.2021 से 18.02.2022 तक कुल 19 बार विज्ञप्ति जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। स्वीकृत नामांतरण प्रकरणों की नाम, पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) पृथक से कोई प्रावधान नहीं है। फोती नांमातरण के लिये म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 में सभी नामांतरण प्रकरणों में आवेदन प्राप्त होने के बाद म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 150, 151 के तहत कार्यवाही की जाती है। शेष 88 फोती लंबित प्रकरणों की नाम पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है।
नगर पालिका परिषद बड़नगर द्वारा सामग्री की खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 1696 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम के अनुसार 25 हजार रूपये से अधिक की खरीदी पर निविदा आमंत्रण या शासन के निर्देशानुसार जेम पोर्टल के माध्यम से कि जाती है यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावे। (ख) नगर पालिका बड़नगर 01.10.2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि की खरीदी कई है कितनी खरीदी कोटेशन/जेम पोर्टल के आधार पर की गई है सम्पूर्ण खरीदी गई सामग्री के समस्त बिल वाऊचर दिनांकवार, फर्मवार बतावे। (ग) नगर पालिका परिषद् बड़नगर द्वारा 01 अक्टूबर 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितना भुगतान जे.सी.बी. मशीन चलाने के कार्यों के किये गए दिनांकवार सम्पूर्ण बिल वाऊचर उपलब्ध करावे। (घ) क्या एक ही फर्म से बार-बार टुकड़े-टुकड़े में क्रय की गई खरीदी मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम के विरूद्ध है यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु म.प्र. भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के अनुसार रू. 01.00 लाख तक की सामग्री की खरीदी विभागीय क्रय समिति से की जा सकती है। रू. 01.00 लाख से अधिक की सामग्री हेतु निविदा आमंत्रित किया जाना होता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। विभागीय आदेश क्रमांक एफ 1-42/2017/18-3 दिनांक 30.10.2017 के अनुसार जेम पोर्टल से सामग्री क्रय करने के निर्देश दिये गए है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार जांच करायी जा रही है। जांच परिणाम अनुसार, संबंधित के विरूद्ध गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है।
अटल ज्योति के हितग्राहियों को लाभ का प्रदाय
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 1708 ) श्री सुरेश राजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा के अंतर्गत किसानों को 12 घंटे की जगह सिर्फ 6-8 घंटे विद्युत सप्लाई की जा रही है इसका कारण बतावें? पूर्ण 12 घंटे सप्लाई कब दी जाएगी बतावें? (ख) सिख समुदाय के डेरों पर जिनमें एकल परिवार के स्थान पर 15-20 परिवारों की संख्या में निवासित हैं फिर भी अटल ज्योति का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा है कारण बतावें? क्या ऐसा कोई नियम है जिसके तहत सिख समुदाय के डेरों पर अटल ज्योति का लाभ प्रदान नहीं करना है? यदि नहीं, तो उन्हें कब तक योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा l (ग) नगर परिषद् पिछोर के अंतर्गत आने वाले शहरी फीडर में 8 से 12 घंटे की अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है क्या कारण है यह अघोषित कटौती कब तक की जाएगी? यह कभी बंद की जाएगी? (घ) मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार कोरोना काल के माफ़ किये गए बिजली के बिल पुनः वसूल किये जा रहे हैं? यदि नहीं, तो बिल क्यों वसूल किये जा रहे हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में लाईन मेन्टेनेंस हेतु पूर्व से निर्धारित शटडाउन तथा कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों को छोड़कर कृषकों को सिंचाई हेतु प्रतिदिन 10 घन्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में कृषि फीडरों पर 12 घंटे विद्युत प्रदाय करने संबंधी कोई प्रावधान लागू नहीं है। (ख) जी नहीं, यह कथन सही नहीं है कि डबरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सिख समुदाय के डेरों पर अटल ज्योति योजना का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा है। अपितु प्रश्नाधीन क्षेत्र में समस्त राजस्व ग्रामों एवं इन ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों में तत्समय लागू विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को कृषि फीडरों के माध्यम से 10 घंटे तथा गैर-कृषि फीडरों के माध्यम से 24 घंटे विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किया जा रहा है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी प्रकार की अघोषित विद्युत कटौती नहीं की जा रही है, अपितु शहरी फीडरों पर लाईन मेन्टनेंस हेतु पूर्व से निर्धारित शटडाउन एवं अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की राशि की वसूली को आस्थगित कर, उक्तानुसार आस्थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। उक्त तारतम्य में राज्य शासन के आदेश दिनांक 16.11.2021 द्वारा उक्तानुसार आस्थगित राशि के भुगतान में, इन उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से 'समाधान योजना' लागू की गई थी। उपभोक्ताओं को समाधान योजना अंतर्गत आस्थगित की गई राशि के भुगतान हेतु दो विकल्प दिए गए थे, यथा- (1) आस्थगित मूल राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। (2) आस्थगित मूल राशि का 75 प्रतिशत, 6 समान मासिक किश्तों में भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। जिन उपभोक्ताओं द्वारा योजना की नियत दिनांक 31.01.2022 तक विकल्प का चयन नहीं किया गया, उन उपभोक्ताओं को माह फरवरी 2022 के विद्युत देयकों में आस्थगित राशि नियमानुसार शामिल करते हुये देयक जारी किये गये है।
बीना शहर में रिंग रोड की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 1709 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शहरों की ट्राफिक व्यवस्था को सुधारने हेतु रिंग रोड बनाने हेतु शासन ने क्या नियम बनाये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये के विधानसभा क्षेत्र बीना के बीना शहर की ट्राफिक व्यवस्था के निराकरण हेतु रिंग रोड निर्माण करने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा जनता की मांग के आधार पर शासन से बार-बार मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि बीना शहर की ट्राफिक व्यवस्था को सुधारने हेतु रिंग रोड के निर्माण हेतु बजट सत्र में स्वीकृति दी जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) के आधार पर निश्चित समायावधि सहित बताये कि कब तक रिंग रोड स्वीकृत कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रिंग रोड बनाने हेतु अलग से कोई नियम नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नये वार्डों में नगर निगम जबलपुर द्वारा विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 1782 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि वर्ष 2014-15 में महाराजपुर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी टेक ओवर करते समय नगर निगम जबलपुर ने 13.50 करोड़ रू. प्राप्त किये थे जिसमे आज दिनांक तक 6 करोड़ रू ब्याज राशि की बढोत्तरी होकर कुल 19.50 करोड़ निगम के पास जमा है? (ख) यदि जमा नहीं हैं तो क्या नगर निगम ने उपरोक्त राशि का व्यय नियमानुसार महाराजपुर हाउसिंग बोर्ड के विकास कार्यों में न करते हुये नियम विरूद्ध अन्य मद में व्यय कर दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्यो? इस अनियमितता के लिये कौन जवाबदार है? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत यदि राशि जमा है तो क्या नये वार्डों में विकास कार्य कराये जायेगे? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर को 30.03.2017 को हस्तान्तरण पत्र क्र.574 दिनांक 30.03.2017 के अनुसार राशि रूपये 12,80,00,000/- (बारह करोड़ अस्सी लाख रूपये मात्र) प्राप्त राशि करंट अकाउन्ट में जमा होने से कोई ब्याज प्राप्त नहीं है। (ख) जी नहीं, नगर निगम जबलपुर द्वारा जमा राशि किसी अन्य मद में व्यय नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष जमा राशि अभिन्यास क्षेत्रान्तर्गत ही विकास कार्यों में ही व्यय की जाना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रायसेन जिले अंतर्गत बिजली व्यवस्था
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 1824 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के अंतर्गत आने वाले किन-किन ग्रामों चिन्हित मजरा टोला तथा बसाहटों में बिजली की व्यवस्था नहीं है तथा क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) ग्रामों, मजरा टोला तथा बसाहटों में बिजली की व्यवस्था के संबंध में 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में संचा/संधा वृत्त रायसेन के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब मिले तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन ग्रामों चिन्हित मजरा टोला तथा बसाहटों में बिजली की व्यवस्था की गई तथा किन-किन में नहीं की गई तथा क्यों? प्रश्नकर्ता विधायक को कब किस अधिकारी ने अवगत कराया? (घ) प्रश्नांश ग्रामों (क) चिन्हित मजरा टोला तथा बसाहटों में बिजली की व्यवस्था कब तक की जायेगी तथा सौभाग्य योजना में उक्त ग्रामों को सम्मिलित क्यों नहीं किया था? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रायसेन जिले के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके तत्समय चिन्हित मजरों/टोलों/बसाहटों को पूर्व में प्रचलित विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के अंतर्गत योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुरूप विद्युतीकृत किया जा चुका है। रायसेन जिले में किए गए सर्वे अनुसार, सौभाग्य योजना का कार्य पूर्ण होने के बाद नवीन निर्मित कुल 403 मजरे/टोले/बसाहटें पाई गई हैं, जो कि विद्युतीकरण हेतु शेष हैं तथा इनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) रायसेन जिले के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के संबंध में जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के कुल 14 पत्र संचा./संधा. वृत्त रायसेन के अधिकारियों को प्राप्त हुए। उक्त पत्र प्राप्त होने की दिनांक एवं पत्रों में उल्लेखित मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण की मांगों के संबंध में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी, विद्युतीकरण नहीं किये जाने के कारण संबंधी जानकारी एवं तद्नुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को अवगत कराये जाने संबंधी जानकारी सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) वर्तमान में अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु राज्य/केन्द्र शासन की कोई भी योजना प्रभावी नहीं है। भविष्य में यदि कोई विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत होती है तो उक्त योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप एवं तकनीकी/वित्तीय साध्यता के अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन नवीन बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य करवाया जावेगा। उत्तरांश (क) में उल्लेखित 403 अविद्युतीकृत मजरे/टोले/बसाहटें सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन के उपरान्त निर्मित हुई हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
अवैध वसूली करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 1837 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अर्न्तगत वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक उपभोक्ताओं के कनेक्शन की चैकिंग/औचक निरक्षण किया गया? वितरण केन्द्रवार, वर्षवार जानकारी देवें। निरीक्षण के दौरान उपभोक्ताओं के मनमाने तरीके से अवैधानिक/बिजली चोरी के प्रकरण बनाये गये? उपभोक्ताओं की वितरण केन्द्रवार संख्या तथा अधिरोपित राशि की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन होने के उपरान्त भी अवैधानिक/विद्युत चोरी के प्रकरण बनाये जाकर अवैध वसूली करने के उद्देश्य से उपभोक्ताओं को प्रीलिटिगेशन /लिटिगेशन के नाम पर न्यायालय के बाहर ही गरीब उपभोक्ताओं से अवैध राशि वसूली गई? उपभोक्ताओं के नाम, ग्राम का नाम, राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्तानुसार अवधि में कितने-कितने प्रकरण दर्जकर प्रीलिटिगेशन के नाम पर न्यायालय के बाहर वसूली की राशि जमा कराई गई? कितने उपभोक्ताओं के प्रकरण किन-किन धाराओं में न्यायालय में प्रेषित किए गये? (घ) अद्योहस्ताक्षरकर्ता का आतारंकित प्रश्न क्र.4450 दिनांक 23.03.2021 के भाग ''ख'' में अवगत कराया गया कि विद्युत भार नापने टॉग टेस्टर का उपयोग किया गया, म.प्र.विद्युत नियामक आयोग भोपाल के द्वारा अधिकृत पत्र की जानकारी देवें? यदि नहीं, तो एच.पी.लोड़ बढ़ा कर अवैध वसूली करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा कब तक कर्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सांरगपुर अन्तर्गत वर्ष 2017–18 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शनों की चैकिंग/औचक निरीक्षण संबंधी वितरण केन्द्रवार, वर्षवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जी नहीं, अपितु निरीक्षण के दौरान जिन उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत का अवैधानिक रूप से उपयोग किया जा रहा था, केवल उन्हीं के विरूद्ध विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 126 एवं 138 के अंतर्गत कार्यवाही करते हुये प्रकरण बनाये गये है। उक्तानुसार बनाए गए वितरण केन्द्रवार प्रकरणों की संख्या सहित अधिरोपित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जिन उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत या अवैधानिक उपयोग किया जा रहा था, केवल उन्हीं के प्रकरण नियमानुसार बनाये गए हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में जिन प्रकरणों में प्रीलिटिगेशन के माध्यम में न्यायालय से बाहर वसूली की राशि जमा करायी गयी है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है एवं जिन उपभोक्ताओं के प्रकरण विभिन्न धाराओं के अंतर्गत न्यायालय में प्रेषित किये गये उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'द' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की कंडिका क्रमांक 6.37, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है, के अनुसार विद्युत उपभोक्ता के परिसर के संयोजित भार के निर्धारण करने की प्रक्रिया के दौरान यदि निर्माता द्वारा दी गई क्षमता उपलब्ध न हो तो अनुज्ञप्तिधारी उक्त उपकरण के भार का निर्धारण करने के लिए उपयुक्त जांच उपकरण का उपयोग कर सकेगा। वर्तमान में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों के द्वारा उपभोक्ता के परिसर में स्थापित विद्युत उपकरणों/मशीनों/मोटरों इत्यादि की क्षमता/भार की सही गणना करने हेतु प्रचलित उपकरण टॉग टेस्टर (क्लेम्प मीटर) का उपयोग किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन अवैध कॉलोनियाँ
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 1873 ) श्री राम दांगोरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लागू अवैध कॉलोनियों के संबंध में प्रश्नकर्ता के विधानसभा पंधाना में कितनी कॉलोनीयाँ अवैध पाई गई है? क्या इसकी कोई पड़ताल भी की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी कॉलोनियों या कॉलोनाइजर पर कार्रवाई की गई है? (ग) यदि न तो प्रश्नकर्ता संज्ञान में 19 कॉलोनियाँ पंधाना नगर, 6 कॉलोनीयाँ दुल्हार फाटा, 3 कॉलोनीयाँ छैगावमाखन, 2 कॉलोनीयाँ सिंगोट, 1 कॉलोनी दीवाल, 2 कॉलोनीयाँ बोरगांव में अवैध है? इन सभी पर कार्रवाई नहीं होने का सही कारण क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र में 33 अवैध कॉलोनियाँ पाई गयी हैं। अवैध कॉलोनियों की जांच प्रचलन में है। (ख) नगर परिषद् पंधाना क्षेत्र के 03 कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गयी हैं। शेष कॉलोनाईजर के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) अनुभाग पंधाना की 28 में से 03 अनधिकृत कॉलोनाईजर के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जा चुकी है। अनुभाग पंधाना की चिन्हित शेष 25 एवं अनुभाग खण्डवा के सभी 05 कॉलोनाईजरों को सूचना पत्र दिये गये हैं। जांच प्रचलन में है।
निगम, मण्डल, बोर्ड के कार्यालय भवन की सुरक्षा
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 1883 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन शासकीय, अर्द्ध शासकीय, निगम, मण्डल, बोर्ड आदि के कितने कार्यालय भवन हैं? (ख) क्या म.प्र. के समस्त शासकीय, अर्द्ध शासकीय, निगम, मण्डल, बोर्ड आदि के कार्यालयों में आगजनी की घटना को रोकने हेतु स्वचलित अग्निशामक यंत्र लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें एवं यदि नहीं, तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (ग) क्या इन सभी कार्यालयों में शुद्ध बैक्टिरिया रहित ट्रिटेट पीने के पानी की व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें एवं यदि नहीं, तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (घ) इन सभी कार्यालयों के भवनों की सुरक्षा हेतु नियमित एवं आउटसोर्स पर कितने सुरक्षाकर्मी कार्यरत हैं? सूची उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 1910 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आज दिनांक तक भोपाल जिले में कौन-कौन सी अवैध कालोनियां हैं, इनमें से अवैध कालोनी को बनाने वाले किस-किस कालोनाईजर के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या किसी अधिकारी पर अवैध कालोनी बनने देने के लिये कोई कार्यवाही की गई है? यदि हां, तो किस अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उपरोक्त कालोनियों में नल-जल योजना के अंतर्गत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो सरकार कब तक पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी? (घ) क्या भोपाल नगर निगम के पास शहर में बिछी हुई, क्षेत्रवार पाइप-लाइन का कोई ब्लू प्रिन्ट है? किस-किस क्षेत्र में कितनी-कितनी पाइन-लाइन बिछी हुई हैं और किस-किस क्षेत्र में पाइप-लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है? सूची उपलब्ध कराये। (ड.) क्या पाइप लान बिछाने वाली कम्पनी को ही मेन्टीनेस एवं क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण कार्य भी दिया गया है, यदि हां, तो सूची सहित बतावें और यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' तथा ''ब'' अनुसार है, नगर पालिका परिषद्, बैरसिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) नगर निगम, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार, अवैध कॉलोनी के रहवासियों को नियमानुसार आवेदन करने पर नल कनेक्शन प्रदान किये गये हैं, नगरपालिका परिषद् बैरसिया में नल कनेक्शन प्रदान नहीं किये गये हैं। नगरीय क्षेत्र के लिए म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के उपबंधों अनुसार, दिनांक 31.12.2016 तक अस्तित्व में आई अनधिकृत कॉलोनियों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार चिन्हित करने के उपरांत, ऐसी अनधिकृत कॉलोनियों में पेयजल सहित अन्य नागरिक अधोसंरचना प्रदान किये जाने की योजना है। (घ) जी हाँ, ड्राइंग उपलब्ध है। बिछाई गई पाइप लाइन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है, बिछाई जा रही पाइप लाइन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी के स्कोप में पाइप लाइन बिछाने के कारण क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के रेस्टोरेशन का कार्य सम्मिलित है। कंपनी के द्वारा कार्य पूर्ण करने के पश्चात 2 वर्ष के डिफेक्ट लाईबिलिटी पीरियड में यदि किये गये कार्य के रेस्टोरेशन में किसी प्रकार की टूटफूट होती है तो कंपनी द्वारा उसका सुधार कार्य किये जाने का अनुबंध है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''फ'' अनुसार है।
सड़क निर्माण के समय तोड़े गये आवास के संबंध में
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 1911 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऐसे शासकीय कर्मचारी जिनके आवास स्मार्ट सीटी में आने के कारण तोड़े गये थे एवं रिक्त कराये गये थे उन्हें रिक्त आवास कब तक आवंटित किये जायेंगे? (ख) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा शासकीय कर्मचारियों की संख्या के आधार पर अनुपातिक दृष्टिकोण से नये आवास निर्माण कराये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो कितने और कहाँ-कहाँ पर नये शासकीय आवास निर्माण कराये जा रहे हैं? सूची उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भोपाल स्थित लोक निर्माण विभाग के शासकीय क्षतिग्रस्त/जर्जर आवासों की मरम्मत कार्य कराये जाने की क्या व्यवस्था है? मरम्मत कार्य कराये जाने हेतु किस-किस वर्ग के आवासों को कितनी-कितनी राशि आवंटित प्रति वर्ष किये जाने का प्रावधान है तथा कार्य कराये जाने के उपरांत कार्य के प्रमाणीकरण की क्या व्यवस्था है? क्या आवंटित कर्मचारी/अधिकारी से कार्य उपरांत प्रमाणीकरण की भी व्यवस्था है? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में शासकीय आवासों के रख-रखाव एवं मरम्मत कार्य में विगत वित्तीय वर्ष एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) आवास आवंटन के संबंध में सम्पदा संचालनालय से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आवासों की मरम्मत हेतु स्वीकृति उपरांत कार्य कराये जाने की व्यवस्था है। स्वीकृत प्राक्कलन के आधार पर कार्य कराये जाते है एवं किये गये कार्य का प्रमाणीकरण उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा किया जाता है। जी नहीं। इस हेतु कार्य विभाग नियमावली में प्रावधान किये गये है। (घ) सिविल कार्य हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं विद्युत कार्य हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विद्युत कर्मचारियों की शिकायतों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
40. ( क्र. 1924 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुमावली वि.स.क्षे. के अंतर्गत आने वाली विद्युत सब स्टेशनों पर पदस्थ कर्मचारी, सहायक मंत्रियों द्वारा क्षेत्र की जनता से बिजली बिलों के नाम से अवैध वसूली की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मौखिक व लिखित में उक्त कर्मचारियों की शिकायतें की गई, प्रश्न दिनांक तक उक्त कर्मचारियों पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र की जनता द्वारा बिल जमा करने पर भी उक्त कर्मचारी ट्रांसफार्मर नहीं बदलते हैं, क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनियमितता के संबंध में प्रश्न दिनांक तक माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा की गई किसी भी प्रकार की मौखिक अथवा लिखित शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों/वरिष्ठ अधिकारियों को प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरान्त निर्धारित अवधि में फेल ट्रांसफार्मर को बदले जाने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने की कार्यवाही की जाती है।
ग्राम अखाड़ा में नवीन ग्रिड की स्वीकृति
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 2032 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक-769 के माध्यम से बिन्दु क्रमांक (क), (ख) बाग ब्लॉक के अखाड़ा में नवीन 132/33 विद्युत ग्रिड स्वीकृत किये जाने हेतु प्रश्न पूछा गया था? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त प्रश्न के उत्तर दिनांक 23/12/2021 में बताया गया है कि ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। उक्त कार्य को केन्द्र शासन पोषित आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार इस कार्य को स्वीकृत किया जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है? (ग) उक्त कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने के बाद भी शासन द्वारा उक्त कार्य प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत नहीं किया गया है? उक्त कार्य को सरकार द्वारा स्वीकृति किया जायेगा या नहीं यदि स्वीकृत किया जायेगा तो कब तक एवं यदि स्वीकृत नहीं किया जायेगा तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा सत्र दिसंबर 2021 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 769 दिनांक 23.12.2021 में ग्राम बाग में नवीन 132/33 के.व्ही. अतिउच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र (रामपुरा-आगर) एवं ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किये जाने के संबंध में पूछा गया था। (ख) उक्त प्रश्न के उत्तर में ग्राम बाग में नवीन 132/33 के.व्ही. अतिउच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र (रामपुरा-आगर) की स्थापना का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाये जाने तथा ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने एवं इसकी स्वीकृति के संबंध में प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी दी गई थी। (ग) ग्राम अखाड़ा में साध्य पाए गए नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य को केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार इस कार्य को स्वीकृत किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर पालिक निगम मुरैना के अंतर्गत वार्डों में किये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 2042 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिक निगम मुरैना के वार्ड क्रमांक 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 45, 47 आते है। इन वार्डों के मध्य में जौराखुर्द में एक विशाल तालाब है जिसमें सभी वार्डों का गंदा पानी आता है। तालाब के जल का निकास न होने के कारण तालाब का गंदा व बदबूदार पानी ओवर फ्लो होकर वार्डों में भर जाता है। जहाँ आमजन व बच्चों व बुजुर्गों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे अधिक जल भराव होने से बच्चें स्कूल नहीं जा पाते, गंदगी अधिक होने से वार्डों में बीमारियाँ फैलने का डर बना रहता है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार मेरे द्वारा नगर निगम आयुक्त व जिला प्रशासन को तालाब के जल निकास हेतु कई बार लिखा, गया परन्तु प्रश्न दिनांक तक तालाब के जल निकास हेतु नगर पालिका निगम द्वारा वार्ड कार्यवाही नहीं की गई क्यों? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी। (ग) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्डों में कहाँ-कहाँ सी.सी. निर्माण व नाली निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृत प्रदाय की गई? सूची उपलब्ध करावें। 10 वार्डों के अंतर्गत हितग्राहियों को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक आवास आवंटित किये गये वार्डवार सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सुमावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर निगम मुरैना के वार्ड क्रमांक 4,5,6,7,8,9,10,45 एवं 47 आते है। इन वार्डों का निस्तारी पानी नगर निगम द्वारा निर्मित नालों के माध्यम से हाईवे पर स्थित नाले के द्वारा प्रवाहित होकर नगरीय क्षेत्र के बाहर निकलता है। अधिक वर्षा होने की दशा में तालाब का पानी ओवरफ्लो होने से आस-पास की बस्तियों में जल भराव रोकने हेतु नगर निगम द्वारा तत्काल व्यवस्था बनाई जाकर समस्या का निराकरण किया जाता है, जिससे बच्चों के स्कूल नहीं जाने एवं गंदगी से बीमारी फैलने की आशंका उपस्थित नहीं होती है। (ख) वर्णित क्षेत्र में निस्तारी जल की निकासी हेतु समय-समय पर वाटर पंप मोटर लगाकर जल निकासी की गई एवं वर्तमान में भी मोटर पंप द्वारा पानी को बड़े नाले में लिफ्ट किया जा रहा है। इस समस्या के स्थाई निदान हेतु उक्त स्थल पर एक भूमिगत नाले का निर्माण एस.डी.एम.एफ. योजना के अंतर्गत नगर निगम के द्वारा कराया जा रहा है। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
काई नदी पर उच्च स्तरीय पुल का शीघ्र निर्माण
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 2103 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सारंगपुर-संडावता मार्ग पर काई नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य प्रगतिरत है? यदि हाँ, तो कार्य पूर्ण करने की अंतिम तिथि क्या थी और इस पुल का निर्माण कार्य कब तक पूरा कर लिया जाएगा तथा विलंब होने के कारणों से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस पुल की प्रशासकीय स्वीकृति कितनी राशि की थी एवं पूर्ण होने पर इसकी लागत क्या आएगी? क्या पुल की मूल ड्राइंग में संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो मूल ड्राइंग में परिवर्तन करने के क्या कारण हैं तथा परिवर्तन करने से कितनी लागत की बढ़ोतरी हुई है तथा कार्य की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की गई है तो स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
छिंदवाडा विश्वविदद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं से लिये जा रहे विभिन्न शुल्क
[उच्च शिक्षा]
44. ( क्र. 2128 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के समस्त महाविद्यालयों को नवगठित राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा से संबद्ध किये जाने के बाद परीक्षा फीस, नामांकन फीस, पोर्टल चार्ज आदि शुल्कों के रूप में अत्यधिक फीस लिये जाने के संबंध में शासन को विभिन्न स्तरों पर छात्र संघों एवं जनप्रतिनिधियों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) क्या छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों से लिये जा रहे विभिन्न शुल्क अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में अधिक हैं। (ग) क्या विश्वविद्यालयों द्वारा लिये जाने वाले शुल्कों को राज्य सरकार नियंत्रित कर सकती है, यदि हाँ, तो छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय द्वारा लिये जा रहे शुल्क को युक्तियुक्त कब तक किया जाएगा। (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर नहीं होने की स्थिति में बैतूल जिले के महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को अत्यधिक शुल्कों से राहत देने हेतु सरकार क्या कार्यवाही करेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभिन्न स्तरों पर कुल 12 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) विश्वविद्यालय एक स्वायत्तशासी संस्था है। मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 के तहत पारित अध्यादेश-5 के प्रावधान के अनुसार विश्वविद्यालयों का कार्यपरिषद उक्त शुल्कों के निर्धारण हेतु अधिकृत है। मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 की धारा 34 के तहत स्थायी समिति की अनुशंसा के अनुसार माननीय राज्यपाल महोदय की अध्यक्षता में समन्वय समिति शुल्कों के निर्धारण सम्बंधी अध्यादेश में संशोधन के लिए निर्णय लेने हेतु सक्षम है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उल्लेखित फीस का निर्धारण विश्वविद्यालय द्वारा क्षेत्राधिकार के समस्त जिलों के महाविद्यालयों हेतु किया जाता है। प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 2201 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के विधायकों से उनके क्षेत्र में विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये में मेगा प्रोजेक्ट की सूची मांगी गई है? (ख) यदि हाँ, तो कितने विधायकों से उनके क्षेत्र के विकास कार्य हेतु 15-15 करोड़ रूपये के मेगा प्रोजेक्ट की सूची मांगी गई है? जिलेवार एवं विधानसभावार जानकारी देवें। (ग) कितने विधायकों से मेगा प्रोजेक्ट की सूची नहीं मांगी गई? नाम सहित बतावें। (घ) क्या सरकार यह मानती है कि प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित विधायकों के क्षेत्र में विकास कार्य की आवश्यकता नहीं है? अथवा इस भेदभाव का क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मालथौंन बाया खिमलासा सड़क की मरम्मत
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 2204 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना–मालथौंन बाया खिमलासा (स्टेट हाइवे ) सड़क मार्ग पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया है इसकी मरम्मत का कार्य कब तक किया जायेगा? (ख) बीना –मालथौंन बाया खिमलासा (स्टेट हाइवे ) पर क्या टोल केंद्र संचालित है एवं उनके द्वारा वाहनों से टोल शुल्क लिया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो टोल प्रबंधन द्वारा सड़क की मरम्मत क्यों नहीं कराई जा रही है? इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो कारण सहित अवगत करायें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार समयवधि बताने का कष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, मरम्मत कार्य प्रगतिरत है, मरम्मत एक सतत् प्रक्रिया है, इसके पूर्णता की दिनांक बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) अनुबंधानुसार मार्ग का रख-रखाव यूजर फी एजेन्सी द्वारा नहीं किया जाना है। आवश्यकतानुसार म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा संधारण का कार्य कराया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मरम्मत एक सतत् प्रक्रिया है, पूर्णता की दिनांक बताई जाना संभव नहीं है।
सब स्टेशन की स्थापना हेतु अधिग्रहण की गयी भूमि
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 2218 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र पिपरिया, के ग्राम हथवास तहसील पिपरिया में 132 के.व्ही.ए. के सब स्टेशन की स्थापना के लिये भूमि अधिग्रहण कर पावर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड द्वारा सब स्टेशन स्थापित किया गया हैं? यदि हाँ, तो भूमि अधिग्रहण संबंधी आदेश की प्रति देवें। (ख) भूमि अधिग्रहण के पश्चात भूमि का नामांतरण, भूमि का खसरा किस्त बंदी में दर्ज होना एवं नक्शा कटवाया गया हैं यदि हाँ, तो नामांतरण खसरा, किस्तबंदी एवं नकशा की प्रति देवें, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के ग्राम हथवास, तहसील पिपरिया में 132 के.व्ही. सबस्टेशन की स्थापना के लिये वर्ष 1975-76 में तत्कालीन मध्य प्रदेश विद्युत मंडल द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया गया था और वर्ष 1977 में सबस्टेशन ऊर्जीकृत किया गया था। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी वर्ष 2002 में गठित हुई और पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश विद्युत मंडल द्वारा पिपरिया 132 के.व्ही. सबस्टेशन की भूमि अधिग्रहण संबंधी आदेश/दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण वर्तमान में भूमि अधिग्रहण संबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध नहीं है। (ख) भूमि अधिग्रहण के पश्चात भूमि का नामांतरण नहीं हुआ है। भूमि अधिग्रहण संबंधी आदेश/दस्तावेजों के मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी में उपलब्ध न होने के कारण, नामांतरण के संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं है।
आयुर्वेद अध्येताओं के एलोपैथी के समान मानदेय की स्वीकृति
[आयुष]
48. ( क्र. 2242 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुर्वेद अध्येताओं को एलोपैथी से कम शिष्य वृत्ति/मानदेय दिया जाता रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? जबकि दोनों पैथी का कार्य समान है? यदि हाँ, तो समान कार्य, समान मानदेय कब तक स्वीकृत किया जावेगा? नहीं तो क्यों? (ख) आयुर्वेद अध्येताओं की उपाधि देने में मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्व विद्यालय हमेशा से विलम्ब करता आ रहा है एवं शैक्षणिक गतिविधियों को समय पर पूर्ण नहीं करवा रहा है तो विश्वविद्यलाय से आयुष शाखा को स्थायी रूप से भोपाल स्थानांतरित क्यों नहीं किया गया जबकि आयुष की पांच पद्धतियों में से चार पद्धतियों के महाविद्यालय भोपाल में स्थित हैं? यदि हाँ, तो कब तक आयुष शाखा को स्थानांतरित किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ग) मध्यप्रदेश आयुष विभाग सरकारी आयुष महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को उनकी उपाधि के पश्चात उन्हें सीधे स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ क्यों नहीं करता? जबकि एलोपैथी अध्येताओं को सीधे पदस्थ किया जाता है एवं आयुर्वेद छात्रों हेतु अन्य राज्यों की तरह पी.एस.सी. प्रतिवर्ष नियमित रूप से क्यों नहीं निकाली जाती है? (घ) क्या जन संकल्प योजना 2013 का क्रियान्वयन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो कब तक क्रियान्वयन पूर्ण किया जावेगा?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) आयुर्वेद एवं एलोपैथी दोनों चिकित्सा पद्धति भिन्न होने से दोनों चिकित्सा पद्धति की उपचार पद्धति में अंतर होने से शिष्यवृत्ती प्रदान की जाने की पृथक-पृथक व्यवस्था है। दोनों के प्रशासकीय विभाग पृथक-पृथक है। विभाग द्वारा शिष्यवृत्ती में समय-समय पर वृद्धि की जाती है। (ख) पिछले वर्षों कोविड 19 के कारण मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से आयुष एवं अन्य चिकित्सा पद्धतियों की परीक्षाओं के आयोजन परिणाम घोषित करने एवं मार्कशीट/डिग्री जारी करने में विलम्ब हुआ था। वर्तमान में आयुष की सभी परीक्षाओं का आयोजन हो चुका है एवं परिणाम भी समय पर घोषित किये जा चुके है। पूर्व में आवेदन पत्र के पश्चात ही उपाधि देने की व्यवस्था थी। अब नवीन व्यवस्था के तहत अंतिम वर्ष की परीक्षा पूर्ण होने एवं अन्य अर्हताएं पूर्ण होने पर बिना आवेदन के उपाधि देने की व्यवस्था कर दी गयी है। इससे छात्रों को काफी सुविधा होगी। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत स्थापित आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की गतिविधियां जबलपुर परिसर से एकीकृत रूप से संचालित हैं। विश्वविद्यालय में चिकित्सा पद्धतिवार या संकायवार शाखाएं नहीं है। सभी संकायों की गतिविधियां एक ही पोर्टल के माध्यम से संचालित होती है। ऐसी स्थिति में आयुष शाखा को अन्यत्र स्थानांतरित किये जाने का औचित्य नहीं है। ऐसा करने से विश्वविद्यालय की आयुष संकाय से संबंधित गतिविधियां संचालित करने में कठिनाईयां एवं अधिक विलम्ब होगा। (ग) स्वास्थ्य केन्द्र आयुष विभाग के अधीन संचालित नहीं है। आयुष विभाग में म. प्र. लोकसेवा आयोग के माध्यम से ही आयुष चिकित्सा अधिकारियों का चयन किया जाता है। (घ) जी हाँ। चरणबद्ध तरीके से। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 2250 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व में ऊर्जा विभाग द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना संचालित की जानी थी जिससे मजरों टोलों में विद्युतीकरण का आसानी से हो जाता था, जिसे विभाग द्वारा क्यों बंद किया गया है? (ख) क्या ऊर्जा विभाग इस योजना को या इसके समकक्ष अन्य योजना को निकट भविष्य में प्रारंभ करने वाला है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश सहित समस्त देश में संचालित की गई थी। प्रदेश में उक्त योजना के प्रावधानों/दिशा-निर्देशों के अनुरूप समस्त स्वीकृत कार्य पूर्ण होने के उपरांत उक्त योजना बंद हो गई है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्रामीण विद्युतीकरण हेतु पूर्व में लागू दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, भारत सरकार की योजना थी। उपलब्ध जानकारी अनुसार भारत सरकार द्वारा इस योजना को पुन: प्रारंभ नहीं किया जा रहा है। तथापि केन्द्र शासन से आगामी वित्तीय वर्ष में आर.डी.एस.एस. योजना स्वीकृत होना संभावित है जिसमें प्रणाली सुदृढ़ीकरण हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना, वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की स्थापना, मीटरीकरण आदि कार्य प्रस्तावित हैं। राज्य शासन द्वारा भी ग्रामीण विद्युतीकरण की योजना संचालित करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
कृषक अनुदान योजना
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 2251
) श्रीमती
रामबाई
गोविंद सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कृषकों
को सिंचाई एवं
अन्य आवश्यक
कार्य हेतु 2.5
लाख तक के व्यय
पर कृषक
अनुदान योजना
पूर्व में संचालित
थी जो अभी
गतिमान नहीं है, क्यों? (ख) क्या
कृषकों को
राहत देने
हेतु यह योजना
या इसके जैसी
कोई अन्य
योजना विभाग
द्वारा जल्द
प्रारंभ की
जायेगी?
(ग) यदि
योजना
संचालित है तो
दमोह जिले में
विगत दो
वर्षों में
कितने
किसानों को
इसका लाभ प्रदान
किया गया है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) कृषि
पम्प कनेक्शन
प्रदान करने हेतु
राज्य शासन
की ''मुख्यमंत्री
स्थायी कृषि
पम्प कनेक्शन
योजना'' पूर्व
में प्रदेश
में संचालित
की गई थी, जिसमें
कृषकों
द्वारा
निर्धारित
अंशराशि जमा
करने पर शेष
राशि राज्य
शासन द्वारा
अनुदान के रूप
में दिये जाने
का प्रावधान
था। उक्त
योजना की अवधि
दिनांक 31.03.2019
तक निर्धारित
थी तथा अवधि
पूर्ण होने पर
यह योजना
दिनांक 31.03.2019
से बन्द हो
गई है। (ख) जी नहीं, ऐसा
कोई प्रस्ताव
वर्तमान में
विचाराधीन
नहीं है। (ग) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
नहीं उठता।
इंदौर में हाउसिंग बोर्ड की जमीन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 2302 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले की तहसील इन्दौर के अंतर्गत ग्राम भमोरी दुबे स्थित नंदानगर के सामने 3 मंजिला हॉस्पिटल एवं बजरंग नगर के बीच में सरकारी काकड़ एवं खसरा नंबर 18/3 व सर्वे नम्बर 18/1/1 की भूमि हाउसिंग बोर्ड की जमीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त भूमियों के सर्वे नम्बर एवं खसरा नंबर सहित भूमियों का 1925 के भू-अभिलेख मिशल बंदोबस्त से प्रश्न दिनांक तक के रिकार्ड की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त भूमियों की एन.ओ.सी. नागेन्द्र सिंह पिता जंगबहादुर ठाकुर एवं तिरुपति गृह निर्माण सहकारी संस्था एवं अन्य किसी व्यक्ति के नाम या किसी संस्था को दी गई थी? यदि हाँ, तो एन.ओ.सी. की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा उक्त एन.ओ.सी. किस अधिकारी द्वारा किन-किन दस्तावेजों के आधार पर किस दिनांक को दी गई हैं? एन.ओ.सी. देने वाले अधिकारी का पदनाम, संपूर्ण दस्तावेजवार एवं दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सर्वे नंबर 18/1/1 की भूमि मण्डल के नाम दर्ज है, लेकिन खसरा नंबर 18/3 की भूमि मण्डल की नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) खसरा नंबर 18/1/1 पर एन.ओ.सी. मण्डल के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री श्री आर.के. गौतम द्वारा पत्र क्रमांक 675, दिनांक 19.07.2001 के माध्यम से श्री हरकिशन पिता श्री गिरधारीलाल भमोरी दुबे के नाम से जारी की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा लाभकारी योजनाएं
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
52. ( क्र. 2340 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा व्यक्तिगत, औद्योगिक एवं कृषि कार्य हेतु कौन-कौन सी जनहित एवं लाभकारी योजनाएं संचालित हैं व उनके क्रियान्वयन हेतु कोई नियम निर्देश प्रचलन में हैं यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या ऊर्जा विभाग एवं नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में हितग्राहियों के लिये लागत व्यय एवं देयक बिलों में क्या लाभकारी अर्थात अंतर है तो अलग-अलग बतावें, क्या योजनांतर्गत लघु/सीमांत कृषक/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग को कुछ रियायत छूट का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना विधानसभा सबलगढ़, जिला मुरैना में किन-किन स्थानों पर संचालित हैं? यदि नहीं, तो कब तक कराया जाना प्रस्तावित है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) कार्यालय आयुक्त, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के अंतर्गत व्यक्तिगत एवं औद्योगिक कार्य हेतु ग्रिड संयोजित पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, लघु जल विद्युत उत्पादन एवं बायोमास आधारित विद्युत परियोजनाओं की योजनाएं संचालित है। इन परियोजनाओं की स्थापना शासन द्वारा लागू प्रोत्साहन नीतियों तथा ''पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012'', ''सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012'', ''लघु जल विद्युत आधारित विद्युत परियोजना नीति-2011'', ''बायोमास आधारित (पॉवर) परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011'' के प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है। नीतियों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अंतर्गत म.प्र.ऊर्जा विकास नि.लि. द्वारा निम्नलिखित योजनाएं संचालित है :- 1. सौर रूफटॉप पॉवर प्लांट की योजना संचालित है, जिसके तहत औद्योगिक ईकाईयों में भी संयंत्र स्थापित कराए जा सकते है। सौर रूफटॉप योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु म.प्र. विकेन्द्रीकृत नवकरणीय योजना नीति-2016 प्रचलन में है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 2. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान – इस योजना के घटक अ, ब एवं स की योजना के माध्यम से प्रदेश के कृषकों की ऊर्जा आवश्यकताओं मुख्य रूप से सिंचाई आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति एवं उनके पास उपलब्ध संसाधनों के उपयोग से उत्पादन कर आय के अवसर उपलब्ध करवाने के लिये वर्ष 2019-20 से प्रारंभ की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। योजना के घटक-'ब' को प्रदेश में ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' के अंतर्गत लागू किया गया है। 3. सौर गर्म जल संयंत्र कार्यक्रम – इसके अंतर्गत दुग्ध प्रशीतन केन्द्रों, चिकित्सालयों, होटल, छात्रावासों, विश्राम गृहों, घरेलू उपयोग हेतु गर्म पानी की आवश्यकता की पूर्ति हेतु टर्न के आधार पर, निविदा के माध्यम से निर्धारित दर पर एवं निर्धारित ईकाई के माध्यम से सौर गर्म जल संयंत्रों की स्थापना की जाती है। 4. बायोगैस आधारित विद्युत उत्पादन तथा तापीय उपयोग कार्यक्रम – इस कार्यक्रम के अंतर्गत ऑर्गेनिक अपशिष्ट जैसे गौबर, किचन बेस्ट, एनिमल बेस्ट आधारित बायोगैस संयंत्रों की स्थापना विभिन्न गौशालाओं, पोल्ट्री फार्म आदि में की जाती है। इनका उपयोग तापीय और विद्युत उत्पादन हेतु किया जाता है। योजना के दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। 5. वेस्ट टू एनर्जी कार्यक्रम – इस कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी, औद्योगिक एवं कृषि अपशिष्टों से बायोगैस/बायो सीएनजी/समृद्ध बायोगैस/ऊर्जा के रूप में ऊर्जा की पुन: प्राप्ति के लिए परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा दिया जाता है। प्रदेश में विभिन्न शहरी स्थानीय/नगर पालिक निगम द्वारा शहरी अपशिष्ट (कचरे) से ऊर्जा का उत्पादन किये जाने की परियोजना के क्रियान्वयन के प्रस्तावों का निगम द्वारा पंजीकरण किया जा कर प्रस्तावों को केन्द्रीय वित्तीय सहायता की विमुक्ति हेतु केन्द्र शासन को अग्रेषित किया जाता है। योजना के दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (ख) प्रदेश में उत्तरांश (क) में उल्लेखित ग्रिड संयोजित नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना निजी निवेश के माध्यम से की जा रही है, लागत व्यय एवं देयक बिल में लाभकारी अंतर का आंकलन विभाग की विषयवस्तु नहीं है। ''म.प्र. विकेन्द्रीकृत नवकरणीय योजना नीति-2016'' एवं विद्युत नियामक आयोग द्वारा पारित नीतिगत निर्णयों के तहत नेट मीटरिंग ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सौर संयंत्रों की स्थापना से उत्पादित विद्युत यूनिट का लाभ विद्युत देयकों में परिलक्षित होता है। जी नहीं। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा लागू नीतियों/योजनाओं में लघु/सीमांत कृषक/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग को कुछ रियायत छूट का कोई विशेष प्रावधान नहीं है। (ग) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित योजनाएं विधानसभा सबलगढ़, जिला मुरैना सहित पूरे प्रदेश में लागू है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित कोई भी ग्रिड संयोजित नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ में संचालित नहीं है। कृपया संज्ञान में लेना चाहेंगे कि उल्लेखित ग्रिड संयोजित नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं निजी निवेश के माध्यम से स्थापित/संचालित की जाती है, अत: नीतियों के प्रावधान अनुसार निजी निवेश के माध्यम से प्रस्ताव प्राप्त होने पर ही परियोजनाएं स्थापित की जा सकेंगी। ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' के अंतर्गत विधानसभा सबलगढ़ में स्थापित सोलर पंप संयंत्रों के हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-च अनुसार है।
नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
53. ( क्र. 2341 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़, जिला मुरैना के दक्षिण दिशा जिसे रामपुर घाटी के नाम से जाना जाता है वहां लगभग 12 ग्राम पंचायतों में लगभग 55 से 60 हजार की जनसंख्या निवासरत हैं एवं कई हायर सेकण्ड्री स्कूलों में सैंकड़ों की संख्या में 10+2 उत्तीर्ण छात्र एवं छात्राएं उच्च शिक्षा उपरोक्त घाटी क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु सबलगढ़, कैलारस, जिला मुरैना व विजयपुर एवं जिला श्योपुर जाना पड़ता है। जो रामपुर से 15 से 20 कि.मी. की दूरी पर होकर रास्ता भी नदी नालों व जंगली क्षेत्र एवं पहाड़ी से घिरा हुआ होकर असुरक्षित हैं? (ख) क्या म.प्र. शासन छात्र-छात्राओं की भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षण सत्र 2022-23 से उक्त क्षेत्र में महाविद्यालय प्रारंभ हेतु स्वीकृति प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रामपुर घाटी से 18 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, सबलगढ़ तथा 22 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, कैलारस व शासकीय महाविद्यालय, विजयपुर पूर्व से संचालित हैं। इन महाविद्यालयों में रामपुर घाटी के विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। (ख) जी नहीं। नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण वर्तमान में रामपुर घाटी में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शासकीय विद्यालयों में स्थापित सोलर पैनल के संबंध में
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
54. ( क्र. 2365 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में से कितने विद्यालयों में विद्युत के लिए सोलर पैनल स्थापित किये गये हैं? प्रत्येक विद्यालय वार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) किस विद्यालय में किस दिनांक को सोलर पैनल स्थापित किया गया, उसका दिनांक, उसकी लागत, क्रियान्वयन एजेंसी तथा उसकी गारन्टी अवधि कितनी है? वर्तमान में उक्त सोलर पैनल चालू हैं अथवा बन्द? यदि बन्द हैं तो किस कारण एवं सुधार हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये? (ग) कितने विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन हैं? उनका बिल किसके द्वारा जमा किया जा रहा है? प्रश्न दिनांक तक कितने विद्यालयों का विद्युत बिल कितनी राशि का बकाया है? बकाया होने का कारण? प्रत्येक विद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) जिन विद्यालयों में सोलर पैनल स्थापित हैं, उन विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन भी हैं अथवा नहीं? यदि सोलर पैनल स्थापित हो चुका है तो विद्युत कनेक्शन विच्छेदन कराया गया अथवा नहीं? कितने विद्यालयों में सोलर पैनल स्थापित होने के बाद भी विद्युत कनेक्शन चालू है तथा अभी भी विद्युत बिल जमा कराया जा रहा है? प्रत्येक विद्यालय वार जानकारी उपलब्ध करायें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लो फ्लोर बसों की खरीदी में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 2373 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम भोपाल ने 2010 में निर्मित ए.सी. बस 03 वर्ष के बाद 2013 में खरीदी? क्या ये ए.सी. बसें प्रति बस 60 लाख रूपये की दर से खरीदी गई थी? क्या यही ए.सी. बसें कंपनी ने खुले बाजार में 2013 में 24 लाख रूपये में बेची थी? क्या नगर निगम भोपाल/भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बी.सी.एल.एल.) में वर्ष 2013 में लो फ्लोर ए.सी. बसों की खरीदे जाने में अनियमितताएं किये जाने की नगरीय विकास एवं आवास विभाग को शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) यदि हां, तो बस खरीदी की अनियमितताएं की शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई थीं? शिकायतों की छायाप्रति प्रस्तुत करें। इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) ए.सी. लो फ्लोर बस खरीदी की 2010 से 2013 तक नगर निगम भोपाल एवं बी.सी.एल.एल. द्वारा की गई विभिन्न इंस्पेक्शन रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्तुत करें। (घ) क्या ए.सी. लो फ्लोर बसों की खरीदी के लिये सेन्ट्रल सैंक्शनिंग एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा 2012 में कोई आदेश जारी किये गये थे कि नगर-निगम द्वारा 2010 निर्मित ए.सी. लो फ्लोर बसें खरीदी जा सकती हैं? यदि हाँ, तो 2013 का सेन्ट्रल सैंक्शनिंग एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी के आदेश की छायाप्रति प्रस्तुत करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा केन्द्र शासन की जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना के तहत प्रदत्त स्वीकृति अनुसार विधिवत निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर दिनांक 09/11/2009 को जारी कार्यादेश के तारतम्य में 205 नॉन ए.सी. बसें एवं 20 ए.सी. बसें, इस प्रकार कुल 225 बसें वर्ष-2010 से वर्ष-2014 के मध्य चरणबद्ध रूप से प्राप्त की गई। जी नही। ए.सी. बसें राशि रूपये 60.87 लाख (समस्त टैक्स सहित) प्रति बस के मान से प्राप्त की गई थी। नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा केन्द्र शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप विधिवत निविदा प्रक्रिया के माध्यम से बस प्रोक्योरमेंट संबंधी कार्यवाही पूर्ण की गई। खुले बाजार में किसी निजी संस्था/व्यक्ति को कम्पनी द्वारा विक्रय की गई बसों का नगर पालिक निगम, भोपाल से कोई संबंध नहीं है। जी हाँ। (ख) बस खरीदी की अनियमितताओं की शिकायत, दिनांक 11/12/2020 एवं दिनांक 03/02/2021 को प्राप्त हुई थी, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। संबंधित शिकायत पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) ए.सी. लो-फ्लोर बस खरीदी की 2010 से 2013 तक नगर निगम भोपाल एवं बी.सी.एल.एल. द्वारा की गई विभिन्न इंस्पेक्शन रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) सेन्ट्रल सैंक्शनिंग एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा 2012 में प्रश्नांश से संबंधित कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। अतः शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
फीडर सेपरेशन के कार्य एवं सिंचाई
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 2405 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.प.क्षे.वि.वि.क.लि. जिला देवास अन्तर्गत कहाँ-कहाँ पर फीडर सेपरेशन हेतु क्या-क्या कार्य किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्र फिडर सेपरेशन के क्या-क्या कार्य किये गये हैं? क्या देवास जिला अन्तर्गत एवं बागली विधानसभा में कई जगह 24 घंटे विद्युत सप्लाई की व्यवस्था को बाधित कर 10-10 घंटे में विद्युत सप्लाई कर कृषकों को बिजली दी जा रही है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अटल ज्योति योजना अन्तर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत सप्लाई नहीं की जा रही? यदि हाँ, तो क्यों नहीं की जा रही है? कब तक घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे पर्याप्त विद्युत सप्लाई की जायेगी? (घ) विधानसभा क्षेत्र बागली अन्तर्गत सिंचाई हेतु कृषकों को अलग से विद्युत सप्लाई कि जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक सिंचाई हेतु विद्युत व्यवस्था की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अंतर्गत जिला देवास में पूर्व से विद्यमान 11 के.व्ही. फीडरों को गैर कृषि एवं कृषि फीडरों में विभक्त करने हेतु किये गये फीडर सेपरेशन के कार्य के अन्तर्गत नवीन 11 के.व्ही. लाईनों की स्थापना, नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, नवीन निम्नदाब केबलीकरण एवं अन्य कार्य देवास जिले के समस्त संचालन-संधारण संभागों यथा-देवास, सोनकच्छ, बागली एवं कन्नौद के अंतर्गत किये गये है। उक्तानुसार जिला देवास अंतर्गत संचालन-संधारण संभागवार किये गये फीडर सेपरेशन के कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) बागली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किये गये फीडर सेपरेशन के कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। देवास जिले एवं बागली विधानसभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन योजना के क्रियान्वयन के उपरांत अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार गैर कृषि प्रयोजन हेतु गैर कृषि फीडरों पर 24 घंटे एवं कृषि प्रयोजन हेतु कृषि फीडरों पर 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जिला देवास के अंतर्गत अटल ज्योति योजना नहीं अपितु अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत फीडर सेपरेशन के उपरान्त घरेलू उपभोक्ताओं को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे एवं कृषि प्रयोजन हेतु 10 घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में केवल उदयनगर वितरण केंद्र के अंतर्गत 11 के.व्ही. के 7 मिश्रित फीडर हैं, जिन पर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 10 घंटे थ्री फेज एवं 14 घंटे सिंगल फेज, इस प्रकार से कुल 24 घंटे विदयुत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) विधानसभा क्षेत्र बागली के अंतर्गत 11 के.व्ही. के 68 सिंचाई फीडरों को ग्रुप 'अ', 'ब' एवं 'स' में विभक्त कर, उक्त फीडरों के माध्यम से संबंधित कृषकों को अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर कृषि प्रयोजन हेतु नियमानुसार 10 घंटे विदयुत प्रदाय किया जा रहा है एवं 11 के.व्ही. के 7 मिश्रित फीडरों पर अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 10 घंटे थ्री फेस एवं 14 घंटे सिंगल फेस, इस प्रकार से कुल 24 घंटे विदयुत प्रदाय किया जा रहा है।
BOT की सड़कों के नियम में असमानता
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 2484 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-जावरा,जावरा-नयागांव तथा भोपाल-देवास की बी.ओ.टी सड़क के लिए "वायबिलिटी गेप फंड" के तहत कितनी-कितनी राशि, किस अनुसार, किस दिनांक को दी गई? यह अनुदान है या ऋण है तथा क्या कन्सेशनर वापस इसे शासन को देगा? यदि हाँ, तो कब? (ख) व्ही.जी.एफ. की राशि किस अनुसार तय की जाती है? वह कितने प्रतिशत होगी, प्रोजेक्ट कास्ट की? इसके लिए कोई नीति-निर्देश है? यदि हाँ, तो उसकी प्रतिलिपि देवें तथा व्ही.जी.एफ. के लिए उपरोक्त तीनों मार्ग के लिए जो प्रमाण पत्र बनाए गए हैं उसकी प्रतियां देवें। (ग) BOT की सड़क के लिए अनुबंध में शर्तें तय किस अनुसार की जाती हैं क्या शासन के पास कोई सूत्र है या कोई माडल अनुबंध है? विभिन्न सड़क के लिए अनुबंध की शर्त क्या कन्सेशनर की इच्छा अनुसार होती है या शासन के नियमानुसार? क्या प्रदेश की सारी BOT रोड में अनुबंध की शर्तें समान हैं या अलग-अलग हैं अगर अलग-अलग है तो उसके कारण बताए तथा संबंधित दस्तावेज देवें। (घ) प्रश्नाधीन तीनों सड़कों पर MPRDC द्वारा यातायात की गणना टोल रोड प्रारंभ होने के बाद, किस-किस दिनांक को की गई? उसकी रिपोर्ट वाहन की संख्या सहित देवें तथा बताएं कि गणना क्यों की गई तथा उसके अनुसार क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। वायबिलिटी गेप फंड वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुदान के रूप में स्वीकृत कर प्रदाय किया जाता है तथा निवेशकर्ता द्वारा इसे वापस नहीं किया जाता है। (ख) निविदाकार द्वारा ग्रांट आधारित निविदा प्रस्तुत किये जाने के उपरांत उक्त निविदा शासन द्वारा स्वीकृति किये जाने की स्थिति में वायबिलिटी गेप फंडिंग कुल अनुबंधित परियोजना लागत (टीपीसी) के 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। निविदाकार का अनुबंध ग्रांट की स्थिति में होने पर निर्माण कार्य के दौरान निविदाकार द्वारा मांग किये जाने पर भारत सरकार द्वारा व्ही.जी.एफ. ऋणदाता (लेंडर) से तत्समय प्रदाय किये गये लोन के अनुपात में एस्क्रो एकाउंट के माध्यम से प्रदाय किया जाता है व्ही.जी.एफ. स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) बी.ओ.टी. के सड़क के लिए अनुबंध नीति आयोग भारत सरकार द्वारा निर्धारित मॉडल अनुबंध अनुसार बनाया जाता है। बी.ओ.टी. (टोल) की विभिन्न सड़कों के लिए अनुबंध की शर्त मॉडल कंसेशन अनुबंध के अनुरूप होती है। जी नहीं। शासन के नियमानुसार होती है। जी नहीं। अधिकांश बी.ओ.टी. (टोल) अनुबंध भारत सरकार के मॉडल कंसेशन अनुबंधानुसार किये गये है तथा कुछ अनुबंध निगम द्वारा तत्समय उपलब्ध कंसेशन अनुबंध को डी.आई.एफ. के समक्ष प्रस्तुत कर राज्य स्तरीय सशक्त समिति (SLEC) से स्वीकृति प्राप्त कर लागू किये गये है प्रश्नाधीन तीन मार्गों में से लेबड जावरा मार्ग का अनुबंध भारत सरकार के मॉडल कंसेशन अनुबंधानुसार किया गया है तथा जावरा नयागांव मार्ग एवं भोपाल देवास मार्ग का अनुबंध तत्समय उपलब्ध कंसेशन अनुबंध को डी.आई.एफ. के समक्ष प्रस्तुत कर राज्य स्तरीय सशक्त समिति (SLEC) से स्वीकृति प्राप्त कर लागू किये गये है एवं लेबड जावरा मार्ग का अनुबंध दोनों अनुबंध अलग-अलग समय पृथक-पृथक कंसेशन अनुबंधानुसार बनाये गये थे इसलिए दोनों की शर्तें भिन्न-भिन्न है। (घ) लेबड़-जावरा फोरलेन पर अनुबन्ध की धारा 29 के अनुसार अनुबन्ध टारगेट ट्रैफिक दिनांक 01.06.2020 होकर टारगेट ट्रैफिक पी.सी.यू. 26800 होना चाहिए। कोरोना महामारी के कारणवश विभाग द्वारा टारगेट दिनांक को ट्रैफिक सेम्पलिंग किया जाना संभव नहीं था एवं कोरोना के दौरान लॉकडाउन की दशा में ट्रैफिक न्यूनतम होने के कारण से कंडिका 29 अनुसार तत्समय के नगण्य ट्रैफिक अनुसार निर्णय नहीं लिया जा सकता था अतः कंसेशनायर की सहमति से कंडिका 29 हेतु 27 अक्टुबर 2021 से 03 नवम्बर 2021 तक विभाग द्वारा ट्रैफिक सेम्पलिंग की गई एवं यह सहमति ली गई की उक्त ट्रैफिक सेम्पलिंग अनुसार ट्रैफिक को 01 जून 2020 का वास्तविक ट्रैफिक माना जावेगा। उक्त ट्रैफिक सेम्पलिंग अनुसार 21373 पी.सी.यू. प्रतिदिन ट्रैफिक है। रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। प्राप्त पी.सी.यू. को दृष्टिगत रखते हुये अनुबंध की धारा 29 की कंडिका 29.1.2 के अनुरूप कार्यवाही की जायेगी। जावरा-नयागांव मार्ग एवं भोपाल देवास मार्ग के अनुबन्ध में ट्रैफिक सेम्पलिंग का प्रावधान नहीं है। अत: किसी भी तरह की कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
स्थापित ट्रांसफार्मर के वि़द्युत संयोजन में लापरवाही
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 2485 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग मंदसौर के अन्तर्गत दिनांक 01.01.2018 से 31.01.2022 तक विभिन्न योजनाओं में कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित होकर ऊर्जीकृत नहीं हुए? (ख) संचालन-संधारण संभाग मंदसौर के अन्तर्गत दिनांक 01.01.2018 से 31.01.2022 तक ऐसे कितने किसान है जिनके यहाँ विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हो चुके है परन्तु ऊर्जीकृत नहीं हुए है तथा कितने स्थानों पर ठेकेदार अधूरे काम छोड़कर चले गये हैं जानकारी देवें। (ग) क्या मंदसौर विकासखण्ड के ग्राम गल्याखेड़ी जमालपुरा वि़द्युत वितरण केंद्र के अंतर्गत ग्राम गल्याखेड़ी एवं दिलावरा के बीच ट्रांसफार्मर लगे तीन वर्ष हो चुके हैं किन्तु ठेकेदार द्वारा ट्रांसफार्मर में विद्युत संयोजन ही नहीं किया है? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नाधीन संदर्भित किसी कंपनी/व्यक्ति पर उक्त अवधि में कार्य पूर्ण नहीं करने पर या ठेके की शर्तों का पालन नहीं करने पर या गुणवत्ताविहीन कार्य सामग्री सप्लाय करने या उपयोग करने पर लगाए गए अर्थदंड के आदेश सहित अन्य दंड दिए जाने और अर्थदंड वसूल लिए जाने या बकाया होने की स्थति की जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग मंदसौर के अंतर्गत दिनांक 01.01.2018 से दिनांक 31.01.2022 तक विभिन्न योजनाओं में स्थापित किए गए वितरण ट्रांसफार्मरों में से मात्र 01 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत नहीं हुआ था, जिसे दिनांक 26.02.2022 को ऊर्जीकृत कर दिया गया है। (ख) संचालन-संधारण संभाग मंदसौर के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में ग्राम गल्याखेड़ी में मात्र एक किसान से संबंधित वितरण ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत नहीं हुआ था। जिसे दिनांक 26.02.2022 को ऊर्जीकृत कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त मुल्तानपुर वितरण केन्द्र अंतर्गत दिलावरा गांव में वितरण ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत है किंतु उससे संबंधित निम्नदाब लाईन का कार्य ठेकेदार द्वारा पूर्ण नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगभग दो वर्ष (तीन वर्ष नहीं) पूर्व स्थापित किया गया था। उक्त ट्रांसफार्मर वर्तमान में ऊर्जीकृत है किंतु ठेकेदार द्वारा निम्नदाब लाईन के कुछ भाग का कार्य पूर्ण नहीं करने से संयोजित नहीं किया जा सका है। उक्त 100 के.व्ही.ए. के विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर से 10 कृषकों को सिचाई पम्पों की निम्नदाब लाईन निर्माण कर संयोजित किया जाना प्रस्तावित था, जिसमें से 04 कृषकों के सिंचाई पम्पों को उक्त 100 के.व्ही.ए. के वितरण ट्रांसफार्मर से निम्नदाब लाईन निर्माण कर संयोजित कर दिया गया है तथा शेष बचे 06 कृषकों को उक्त ट्रांसफार्मर की निम्नदाब की लाईन का कार्य अपूर्ण होने के कारण इस ट्रांसफार्मर से संयोजित नहीं किया गया है। उक्त 06 कृषक समीप के दूसरे ट्रांसफार्मर की निम्नदाब की लाईन से संयोजित है। निम्नदाब लाईन का उक्त शेष कार्य वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर संपादित कर दिनांक 31.03.2022 तक पूर्ण कर दिया जावेगा। उक्त कार्य पूर्ण होने के उपरांत उन्हें भी उक्त ट्रांसफार्मर से संयोजित कर दिया जायेगा। (घ) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में संबंधित ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स श्रीराम स्विच गेयर प्रा.लि. रतलाम को दो स्थानों पर एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत कार्यादेश क्र. प्रनि/पक्षे/06/कार्य/एसएसटीडी/पेकेज-792/आदेश-33/18927 (सप्लाई) इंदौर दिनांक 03.11.2014 एवं प्रति/पक्षे/06/कार्य/एसएसटीडी/पेकेज-792/आदेश-34/18928 (इरेक्शन) इंदौर दिनांक 03.11.2014 के अंतर्गत उज्जैन क्षेत्र में किराये के वितरण ट्रांसफार्मर के स्थान पर स्थाई वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के कार्य दिये गये थे। उक्त कार्यादेश का कार्य निर्धारित समय अवधि में पूर्ण नहीं करने के कारण कार्यादेश की शर्तानुसार संपूर्ण कार्यादेश पर राशि 1,50,68,227/- लिक्विडेटेड डेमेज के तहत अधिरोपित की गई है। उक्त कार्य की अपूर्ण निम्नदाब लाईन की राशि का कटौत्रा किया जाना शेष है। ठेकेदार एजेंसी द्वारा देयक प्रस्तुत करने पर उक्त अपूर्ण कार्य के विरूद्ध नियमानुसार राशि की कटौती की जायेगी।
लिफ्ट/एलिवेटर के संबंध में कानून
[ऊर्जा]
59. ( क्र. 2610 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में भवनों में लगने वाली लिफ्ट/एलिवेटर के स्थापित किये जाने, ऑडिट/निरीक्षण किये जाने के संबंध में कोई कानून (एक्ट) नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो एक्ट के अभाव में वर्तमान में भवनों में घरेलू तथा वाणिज्यिक लिफ्ट/एलिवेटर की अनुमति तथा निरीक्षण/ऑडिट पर विभाग किस प्रकार से कार्रवाई करता है? इस हेतु क्या दिशा निर्देश हैं एवं उसका पालन किस प्रकार से करवाया जाता है? (ग) प्रदेश में लिफ्ट/एलिवेटर के निरीक्षण व ऑडिट हेतु क्या कोई रोस्टर निर्धारित है? प्रकरण में किस स्तर के अधिकारी अधिकृत हैं तथा एक्ट के अभाव में अनुमति शुल्क/निरीक्षण शुल्क/ऑडिट शुल्क क्या-क्या हैं एवं इन्हें किस प्रकार से आरोपित किये जाने का प्रावधान है? निर्देश की प्रति सहित बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या विभाग अन्य राज्यों की भांति इस संदर्भ में कानून/एक्ट पारित करवाते हुए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम, 2010 (यथासंशोधित) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत जारी राज्य शासन की अधिसूचना क्रमांक-3366 दिनांक 27.05.2017 के द्वारा लिफ्ट/एस्केलेटर के निरीक्षण संबंधी दिशा-निर्देश लागू हैं, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। इन दिशा-निर्देशों का पालन अधिसूचना द्वारा प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। (ग) राज्य शासन की अधिसूचना क्रमांक-3366, दिनांक 27.05.2017 के अनुसार सहायक यंत्री (वि.सु.) एवं कार्यपालन यंत्री (वि.सु.) लिफ्ट/एस्केलेटर के निरीक्षण हेतु अधिकृत हैं, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। अधिसूचना क्रमांक-3367, दिनांक 27 मई, 2017 में लिफ्ट/एस्केलेटर का निरीक्षण शुल्क रू. 2000/- निर्धारित है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वर्ष में एक बार निरीक्षण किये जाने का प्रावधान है। (घ) जी हाँ। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा कानून/एक्ट लागू किया जाना विचाराधीन है।
गोमई नदी पर पुल एवं सर्विस रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 2628 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1065 दिनांक 23.12.2021 में प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया है कि सक्षम अधिकारी इंजीनियर अर्थात संभागीय प्रबंधक, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम धार है, परन्तु प्रश्नांश (ग) के उत्तर में सक्षम अधिकारी के द्वारा जारी किए गए संशोधित ड्राइंग के आदेश की प्रति प्रस्तुत नहीं की गई है? यदि हाँ, तो संशोधित ड्राइंग के आदेश कह प्रति प्रस्तुत करें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित ड्राइंग में परिवर्तन करने के लिए इंजीनियरिंग मान एवं मानकों जैसे-कंटूर सर्वे की रिपोर्ट, स्ट्रक्चर डिजाईन ड्राइंग एलिवेशन क्या प्रस्तुत किए गए हैं? उनकी प्रतियां देवें एवं कार्यालय में किस दिनांक को प्राप्त हुई, आवक पंजी का रिकार्ड भी देवें। (ग) नगर पंचायत पानसेमल द्वारा जिला प्रबंधक, मध्यप्रदेश रोड विकास प्राधिकरण, जिला बड़वानी को लिखे गये पत्र क्रमांक 703/2021 दिनांक 12.03.2021 पर विभाग के द्वारा क्या संशोधित ड्राइंग के आदेश जारी किए गए थे? यदि हाँ, तो जारी आदेश के पूर्व जिस कंपनी के द्वारा सर्वे एवं डी.पी.आर. तैयार करवाया गया हो तो उससे संबंधित नस्ती का संपूर्ण रिकार्ड देवें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1065 दिनांक 23.12.2021 के प्रश्नांश (क) में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार टेक्नीकल रिपोर्ट के नेसेसरी बिन्दु अनुसार माननीय मंत्री महोदय पानसेमल विधायक एवं जिला कलेक्टर के द्वारा शमशान घाट पहुंच मार्ग के निर्माण के एप्रोच रोड की परिशिष्ट-3 के फोटो अप्रूव्ड ड्राइंग से मेल नहीं खाते? यदि हाँ, तो क्या अप्रूव्ड ड्राइंग को संशोधित किया गया था? तो क्या शमशान घाट पहुंच मार्ग का उद्देश्य पूर्ण हुआ है कि नहीं? (ड.) संशोधित ड्राइंग के आदेश जारी करने के पूर्व क्या माननीय मंत्री महोदय, पानसेमल विधायक एवं जिला कलेक्टर से अभिमत प्राप्त किया गया था? यदि हाँ, तो प्राप्त अभिमत की प्रति देवें। यदि नहीं, तो बिना अभिमत के ड्राइंग को संशोधित करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। केवल मानचित्र संशोधित किया गया, इस हेतु आदेश जारी न होने से प्रति दी जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, ड्रांइग संभाग कार्यालय में तैयार की गई, अतः आवक नहीं की गई, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। उक्त कार्य की सर्वे डी.पी.आर. किसी बाहरी कंपनी से न कराकर विभागीय अधिकारीयों के द्वारा किया गया, चूंकि सर्वे कार्य बाहरी कंपनी से नहीं कराया गया, इसलिये चाहा गया रिकार्ड दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं, संशोधित एप्रूव्ड ड्राइंग से मेल खाते है, जी हाँ। एप्रूव्ड मूल ड्राइंग को संशोधित किया गया है। जी हाँ। (ड.) जी नहीं। अनुबंध अनुसार तकनीकी निर्णय लिये अधिकार इंजीनियर इंचार्ज को है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कॉलोनियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 2655 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्रमांश 1020 दिनांक 23.12.2021 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया था, कि 15 अवैध कॉलोनियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के आदेश दिये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन अवैध कॉलोनी निर्माण करने वालों में विरूद्ध मुकदमा कायम हुआ? (ख) रायसेन जिले में अवैध कॉलोनियों का निर्माण रोकने में विभाग असफल क्यों हो रहा हैं तथा अवैध कॉलोनी का निर्माण कैसे रूके इस हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा हैं? (ग) रायसेन जिले में किन-किन अवैध कॉलोनियों में बिजली विभाग द्वारा स्थायी कनेक्शन क्यों नहीं दिये जा रहे हैं? शासन के द्वारा उक्त कॉलोनियों में रहने वाले व्यक्तियों को स्थायी कनेक्शन क्यों नहीं दिलवाये जा रहे हैं? (घ) रायसेन जिले में अवैध कॉलोनियों का निर्माण न हो इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रायसेन जिले के नगरीय निकायों में अनधिकृत कॉलोनियों के निर्माण को रोकने हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर विधि संगत कार्यवाही की गई है। (ग) अनधिकृत कॉलोनियों में स्थायी विद्युत कनेक्शन विहित प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत ही प्रदान किये जा सकते हैं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिले के नगरीय क्षेत्रों में अनधिकृत कॉलोनियों का निर्माण न हो, इसके लिये राज्य सरकार द्वारा नगरपालिका अधिनियम में संशोधन कर, म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 प्रवृत्त किये जा चुके हैं, जिसमें सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर को पर्याप्त शक्तियां प्रदान की गई हैं।
टोल टैक्स की वसूली
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 2656 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग-12 भोपाल-जबलपुर मार्ग पर किन-किन स्थानों पर अनुबंध अनुसार किस-किस कंपनी द्वारा किस दर से कितने वर्षों तक टोल टैक्स वसूल किया जायेगा? पूर्ण विवरण दें। (ख) स्थानीय निवासियों को पास उपलब्ध कराने हेतु क्या-क्या शर्तें हैं तथा उनको कहाँ से पास प्राप्त होगा? (ग) फरवरी, 22 की स्थिति में भोपाल-जबलपुर मार्ग पर कहां-कहां टोल टैक्स की वसूली प्रारंभ हो गई है तथा उक्त नाकों को फास्टैग के उपरांत की वाहन को कितने समय रूकना पड़ रहा है? पूर्ण विवरण दें। (घ) भोपाल जबलपुर मार्ग पर कहाँ-कहाँ पर कब-कब से टोल की वसूली प्रारंभ होगी तथा टोल वसूल करने वाली कंपनी द्वारा अनुबंध अनुसार क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जायेगी? पूर्ण विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) संलग्न परिशिष्ट के (क) अनुसार। (ख) संलग्न परिशिष्ट के (ख) अनुसार। (ग) संलग्न परिशिष्ट के (ग) अनुसार। (घ) संलग्न परिशिष्ट के (घ) अनुसार।
विधानसभा प्रश्न संख्या 13 (क्र.230) दिनांक 12.08.2021 के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 2692 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 12 अगस्त 2021 में मुद्रित प्रश्न क्र. 230 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर ''कोविड-19 के संक्रमण के कारण अधिकांश मैरिज गार्डन्स बंद है। नवीन नियमों के तहत आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु निर्धारित प्रारूप में ले-आउट सहित आवेदन प्रस्तुत करने हेतु स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशन एवं मैरिज गार्डन संचालकों को सूचना पत्र जारी किया गया है आदर्श उपविधि 2020 के प्रावधानों के तहत 04 मैरिज गार्डन संचालकों द्वारा पंजीयन कराया गया है। क्षेत्रीय कार्यालय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सम्मति बिना संचालित बारात घरों को नोटिस जारी किया गया है। सर्वेक्षण में नियमों के बिना मैरिज गार्डन संचालित होना पाये जाने की दशा में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी, दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो विगत 6 माह में 04 मैरिज गार्डनों के अतिरिक्त किन्हीं मैरिज गार्डनों ने बिना पंजीयन कराए बरात घर संचालित कर रहे हैं तथा क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सम्मति बिना भी अवैधानिक रूप से संचालित हैं, इनके विरूद्ध ठोस दण्डात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? उक्त बरात घरों/मैरिज गार्डनों द्वारा फायर एन.ओ.सी. भी नहीं ली गई है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री रचना नगर निवासी कटनी द्वारा पत्र कमांक 194-195 दिनांक 18.10.2021 को कलेक्टर कटनी एवं आयुक्त नगर निगम कटनी को पत्र दिनांक 16.06.2021 से आयुक्त नगर निगम कटनी को शिकायत की थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्षेत्रीय उपयंत्री एवं मैरिज गार्डन/बारात घर संचालकों की सांठ-गांठ से अवैधानिक रूप से बिना पंजीयन एवं अन्य प्रतिपूर्तियों के संचालित है। ऐसी दशा में दोनों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए अवैधानिक बरात घर/मैरिज गार्डनों पर कब तक प्रतिबद्ध लगा दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में निकाय क्षेत्रान्तर्गत 05 मैरिज गार्डन के संचालकों द्वारा म.प्र. नगर पालिका (विवाह स्थल का पंजीयन एवं उपभोग) आदर्श उपविधि 2020 के तहत अनुज्ञप्ति प्राप्त कर मैरिज गार्डन का संचालन कर रहे है। 05 मैरिज गार्डनों के अतिरिक्त 17 मैरिज गार्डन बिना पंजीयन संचालित होना पाए गए है। उक्त मैरिज गार्डनों को नगर निगम कटनी के आदेश दिनांक 03/03/2022 द्वारा आदर्श उपविधि 2020 के नियम (10) अनुसार अनधिकृत घोषित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। क्षेत्रीय अधिकारी, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कटनी द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार 14 मैरिज गार्डन संचालकों को म.प्र. प्रदूषण बोर्ड द्वारा सशर्त सम्मति जारी की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। एन.बी.सी. 2016 के भाग-4 की कंडिका 1.2 के तहत आने वाले 04 मैरिज गार्डन संचालकों द्वारा फायर एन.ओ.सी. भी ली गई हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ, कोविड-19 संक्रमण के कारण तत्समय अधिकांश मैरिज गार्डन बंद थे। अवैध रूप से मैरिज गार्डनों का संचालन करते पाये जाने पर उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही की गई है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (ख) अनुसार अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की गई है, समाचार पत्रों में उक्त स्थलों पर आयोजन प्रतिबंधित करने की आम सूचना भी जारी की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आरोपी सेवानिवृत्त अधिकारी की रेरा में नियुक्ति निरस्त करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 2693 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय प्रशासन विभाग का ''रेरा'' नोडल विभाग हैं? यदि हाँ, तो क्या श्री एस.एस. राजपूत (सेवानिवृत्त) भारतीय वन सेवा की नियुक्ति सदस्य के रूप में की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त सदस्य के विरूद्ध जब ई.ओ.डब्ल्यू./लोकायुक्त में भ्रष्टाचार कर विभाग को करोड़ों की क्षति पहुँचाने का प्रकरण दर्ज था तो प्रकरण के कायम रहते ''रेरा'' में सदस्य के पद पर नियुक्ति क्यों की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अधिकारी द्वारा नगरीय प्रशासन में कार्यरत रहते भारी भ्रष्टाचार किया था जिसका प्रकरण ई.ओ.डब्ल्यू./लोकायुक्त में दर्ज था? यदि हाँ, तो नगरीय प्रशासन ने तदसमय उक्त अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई थी? बताएं। यदि नहीं, तो कारण बताएं। जांच प्रकरणों की वर्तमान में क्या स्थिति हैं? प्रकरण क्रमांक सहित विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में उक्त दांगी सदस्य की नियुक्ति कब समाप्त की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हां। जी हां। (ख) जी नहीं। श्री एस. एस. राजपूत के विरूद्ध वन विभाग में कोई भी विभागीय जांच, लोकायुक्त एवं राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा न्यायालय में चालान किये गये प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश 'क' के अधिकारी के नाम से संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास की शिकायत शाखा में लोकायुक्त एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) से प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ख' एवं 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय योजनाओं के तहत विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 2704 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में विगत 03 वर्ष की अवधि में किन-किन विभागीय योजनाओं के तहत घरेलू, कृषि, व्यवसायिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाइनों को कहाँ-कहाँ स्थापित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) कार्यों को किस मांग आवश्यकता और सर्वे के आधार पर किस-किस के द्वारा प्रस्तावित किया गया और कराया गया एवं कार्यों की स्वीकृति और कार्यों का पर्यवेक्षण और भौतिक सत्यापन किन-किन तकनीकी अधिकारियों द्वारा किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) क्या संभावित उपभोक्ताओं की संख्या और लाभान्वित होने वाले उपभोक्ताओं का आंकलन किया गया? यदि हां, तो यह आंकलन क्या था? विद्युत लाइनों को लगाये जाने का कार्य किस ठेकेदार फार्म/कंपनी द्वारा किन कार्यदेशों से कब-कब कराया गया एवं कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी तथा लगाई गयी विद्युत लाइनों से कितने उपभोक्ताओं को विद्युत प्राप्त हो रही हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में विद्युत्तीकरण के कार्यों में कोई अनियमितता ज्ञात हुई? यदि हाँ, तो क्या और वर्तमान में कार्यों की क्या स्थिति हैं? क्या पवई विधानसभा क्षेत्र में विद्युत की सुचारू आपूर्ति हेतु विद्युतीकरण के अन्य कार्यों एवं उपकरणों की आवश्यकता हैं? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये और इन कार्यों को किस प्रकार और कब तक कराया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पन्ना जिले में विगत 03 वित्तीय वर्षों यथा वित्तीय वर्ष 2019-20, वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 (प्रश्न दिनांक तक) की अवधि में जमा योजना, एस.सी.एस.पी. एवं एस.ए.एम.सी. योजनाओं के प्रावधानों के तहत घरेलू, कृषि, व्यवसायिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिये 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों को स्थापित किया गया है, जिसका कार्यवार एवं स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) पन्ना जिले में बढ़ते विद्युत भार एवं समयानुसार विद्यमान विद्युत प्रणाली के क्षय को देखते हुए सतत् विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने के लिये प्रणाली सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य योजना तैयार की गई। नये कनेक्शनों की मांग/आवेदनों के अनुरुप तथा विद्युत वितरण कंपनी के कार्मिकों के सर्वे उपरान्त संबंधित वितरण केन्द्र के प्रभारी द्वारा प्रस्तावित कार्य सक्षम अधिकारी से स्वीकृत करवाकर पूर्ण कराये जाते हैं। स्वीकृत कार्यों हेतु संचालन-संधारण संकाय द्वारा कार्यादेश जारी किये जाते है तथा निर्माण संकाय द्वारा कार्य पंजीकृत अधिकृत ठेकेदारों/कंपनी से कराया जाता है। सुपरविजन कार्यों का पर्यवेक्षण एवं भौतिक सत्यापन संबंधित सहायक अभियंता (संचा/संधा) द्वारा किया जाता है एवं शेष कार्यों का भौतिक सत्यापन कार्यपालन अभियंता निर्माण संभाग द्वारा किया जाता है। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (क) के कार्यों के प्रस्ताव में संभावित/लाभान्वित होने वाले उपभोक्ताओं की संख्या का आंकलन किया गया था। प्रश्नांश (क) के तारतम्य में विभिन्न योजनाओं में प्रस्ताव अनुसार लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। ठेकेदार/कंपनी द्वारा किए गए 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों के कार्य, कार्यादेश क्रमांक एवं दिनांक, व्यय की गई राशि एवं लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में पन्ना जिले में 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईनों के कार्यों के संबंध में अनियमितता एवं आर्थिक नुकसान संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। वर्तमान में उक्त समस्त कार्य पूर्ण किये जा चुके है। जी हाँ, पवई विधानसभा क्षेत्र में भविष्य में संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत विद्युतीकरण के अन्य कार्यों की आवश्यकता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के लिए केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत नवीन 22 कि.मी. 33 के.व्ही. एवं 50.8 कि.मी. 11 के.व्ही. विद्युत लाईन एवं नवीन 2 नग, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के कार्यों को प्रस्तावित किया गया है। योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार उक्त कार्यों को कराया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किराये पर आवंटित संपत्ति का अनधिकृत विक्रय की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 2770 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका वारासिवनी द्वारा ब्लॉक नं. 2/15 रकबा 144 वर्गाफीट पर बनी संपत्ति (दुकान) व्यावसायिक कार्य हेतु कोआपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी मर्या. वारासिवनी को किराये पर आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो आवंटन किस दिनांक को एवं किन-किन शर्तों पर किया गया था? किराया अनुबंध की सत्यापित प्रति, समस्त जानकारी सहित उपलब्ध करावें। (ख) क्या कोआपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी मर्या. वारासिवनी के प्रबंधक रमेश भगत पिता श्री उरकुड़ भगत द्वारा बिन्दु (क) में उल्लेखित सम्पत्ति को अनधिकृत रूप से राजेश सुराना पिता स्व. श्री ज्ञानचंद सुराना को विक्रय कर दिया है? यदि हाँ, तो अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन और धोखाधड़ी संबंधी इस प्रकरण में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या धोखाधड़ी संबंधी गंभीर प्रकरण के लिये उभय पक्षों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या बिन्दु (क) में उल्लेखित सम्पत्ति को आवंटी द्वारा विक्रय किये जाने का मामला तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी की सहमति से हुआ था? यदि हाँ, तो न.पा. की सम्पत्ति की बंदरबांट के लिये इन्हें भी दोषी मानकर कार्यवाही क्यों नहीं की गई है अथवा अब मामला आपके संज्ञान में आने पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या मु.न.पा. अधि. वारासिवनी द्वारा दुकान क्र. 02/15 के किरायेदारी आधारित आवंटी प्रबंधक कोआपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी मर्या. वारासिवनी द्वारा राजेश सुराना पिता स्व. श्री ज्ञानचंद सुराना को विक्रय किये जाने के मामले को अनुबंध का उल्लंघन मानकर वर्ष 2018 में उभय पक्षों को नोटिस जारी कर 07 दिवस में सम्पत्ति का कब्जा न.पा. को सौंपने का आदेश किया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त सम्पत्ति न.पा. को सौंप दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? आगे क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 1976-77 में सोसायटी को दुकान आवंटित की गई। प्रश्नाधीन दुकान आवंटन के नियम शर्तें एवं किराया अनुबंध की प्रति निकाय में उपलब्ध नहीं है। तथापि निकाय में संधारित नजूल दुकान आवंटन पंजी में दर्ज विवरण अनुसार प्रश्नाधीन दुकान का आवंटन वर्ष 1976-77 में होना उल्लेखित है। पंजी में अंकित पृष्ठ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में जांच के आदेश दिये गये है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश के सदर्भ में जांच के आदेश दिये गये है। जांच के निष्कर्षों के अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। जी नहीं। जांच के आदेश दिये गये है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर उत्तरदायित्व निर्धारण एवं अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हेतु स्वीकृत राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 2776 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी के माध्यम से (कार्य प्रारंभ से उत्तर दिनांक तक) कौन-कौन से प्रोजेक्ट तैयार किये गये? उनमें से कितने स्वीकृत हुए? कितने अस्वीकृत हुए? अस्वीकृत होने का कारण? कितने प्रारंभ हुए? कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने कार्य अपूर्ण हैं? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रत्येक कार्य किस तारीख को स्वीकृत हुआ? प्रत्येक कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई? कितनी व्यय की गई? उक्त कार्य कराए जाने का उद्देश्य क्या था? वर्तमान में मौके पर उक्त कार्य की स्थिति क्या है? (ग) क्या ग्वालियर जिले के महाराज बाड़ा लश्कर स्थित केन्द्रीय पुस्तकालय भवन, गोरखी सम्पूर्ण परिसर (पुराना स्काउट गाइड कार्यालय सहित) एवं शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय का भवन शासन द्वारा जर्जर-कंडम घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो कब? क्या इन भवनों में नियमानुसार कोई रेनोवेशन कार्य अथवा नवीन कार्य कराया जा सकता है? (घ) क्या स्मार्ट सिटी द्वारा केन्द्रीय पुस्तकालय भवन एवं गोरखी संपूर्ण परिसर में कोई निर्माण कार्य अथवा रेनोवेशन कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो क्या-क्या? प्रत्येक कार्य पर अलग-अलग कितनी राशि व्यय की गई है? (ड.) इसी क्रम में शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय भवन परिसर के संबंध में स्मार्ट सिटी की क्या कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्या? इस पर कितनी अनुमानित राशि खर्च की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर शहर में स्मार्ट सिटी के माध्यम से कार्य प्रारंभ से उत्तर दिनांक तक तैयार किये गये प्रोजेक्ट, स्वीकृत प्रोजेक्ट, अस्वीकृत प्रोजेक्ट एवं अस्वीकृति का कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- क, ख, ग एवं घ अनुसार है। (ख) स्वीकृत कार्य की तारीख, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, कार्य का उद्देश्य एवं कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- क एवं ख अनुसार है। (ग) कलेक्टर जिला ग्वालियर के परिपत्र क्रमांक-क्यू/एस.टी./15.क्र/2015 ग्वालियर दिनांक 27.04.2015 से केन्द्रीय पुस्तकालय, गोरखी परिसर, शासकीय क्षेत्रीय मुद्रालय एवं अन्य वर्णित भवन जिनका निर्माण दीर्घ कालिक होने से उन्हें जर्जर स्थिति में होना उल्लेखित किया गया है, परिपत्र की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। स्मार्ट सिटी गाइड लाइन में क्षेत्रीय विकास अंतर्गत विद्यमान संरचनाओं को संरक्षित करने हेतु कार्यवाही की जा सकती है। (घ) स्मार्ट सिटी अंतर्गत केन्द्रीय पुस्तकालय भवन एवं गोरखी संपूर्ण परिसर में संरक्षण अंतर्गत कराये गए कार्यों, व्यय की गयी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ड.) जी हाँ, शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय का उन्नयन कार्य परियोजना जिसकी अनुमानित लागत रू. 9.29 करोड़ (जी.एस.टी. कर सहित) है।
ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी द्वारा स्मार्ट रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 2777 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी द्वारा किन-किन स्थानों पर स्मार्ट रोड का निर्माण (उत्तर दिनांक तक) कराया जाना स्वीकृत किया गया? प्रत्येक कार्य का नाम, निविदा जारी दिनांक स्वीकृत दिनांक, स्वीकृत राशि, निर्माण एजेंसी का पूर्ण विवरण, निविदा की क्या शर्तें हैं? जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत स्मार्ट रोड निर्माण में आर.एफ.पी. के तहत क्या किसी कार्य में स्वीकृत राशि उपरांत अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई? यदि हाँ, तो किस-किस कार्य में कितनी राशि किस कारण स्वीकृत की गई? (ग) स्वीकृत/कार्य प्रारंभ उपरांत यदि किसी स्मार्ट रोड निर्माण में डिजाइन या किसी अन्य कारण से स्वीकृत राशि के स्थान पर अतिरिक्त राशि बढ़ाई गई है, तो उसके लिए क्या कोई पुनः निविदा आमंत्रित की गई अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या किसी कार्य को निर्माण एजेन्सी द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार समय-सीमा में पूर्ण किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से? यदि नहीं, तो कौन-कौन से? समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार क्या कार्यवाही की गई? (ड.) स्वीकृत कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण न करने पर किन-किन कार्यों के लिए अतिरिक्त राशि किस कारण बढ़ाई गई? कार्य की वास्तविक स्वीकृत राशि? अतिरिक्त बढ़ाई गई राशि की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर शहर में स्मार्ट सिटी द्वारा जिन स्थानों पर स्मार्ट रोड का निर्माण कराया जाना स्वीकृत किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। समस्त स्थानों के लिए एक निविदा जारी की गई है, जिसमे अन्य कार्य भी सम्मिलित है। निविदा जारी दिनांक, स्वीकृत दिनांक, स्वीकृत राशि, निर्माण एजेंसी का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। निविदा की शर्तों का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ख) जी नहीं, स्मार्ट रोड निर्माण कार्य आर.एफ.पी. के तहत स्वीकृत राशि के उपरांत कोई वृद्धि नहीं की गई है। शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्मार्ट रोड निर्माण कार्य अंतर्गत स्वीकृत राशि के स्थान पर कोई अतिरिक्त राशि नहीं बढ़ाई गई है। शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) निर्माण एजेंसी द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य कराया जा रहा है, जो समय-सीमा में होकर प्रगतिरत है। शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) कृत कार्य निर्धारित समय-सीमा अंतर्गत प्रगतिरत है। वास्तविक स्वीकृत राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। शेषांश उपस्थित नहीं होता है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 2797 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता प्रश्न क्रमांक 734 दिनांक 23.12.2021 के खण्ड ''ख'' में शेष रहे वर्ष 2016 से पूर्व दैनिक वेतन भोगी/मस्टरकर्मियों के भविष्य का क्या होगा, जो लगभग 10 से 15 वर्षों से विभाग में अपनी सेवाएं निरन्तर प्रदान कर रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उक्त कर्मचारीयों को व्यापम द्वारा भर्ती में विशेष रूप से आरक्षण प्रदान कर भर्ती की जावेगी? यदि हाँ, तो कब यदि नहीं, तो क्यों? (ग) दैनिक वेतन भोगी/मस्टरकर्मियों को अनुभव के आधार पर विभाग द्वारा सीधी भर्ती कर नियमित/विनियमित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो उक्त कर्मचारियों को नियमित/विनियमित कब तक किया जावेगा? (घ) नगर पालिका आगर जिला आगर मालवा में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कब से कार्यरत है? नियुक्ति दिनांक सहित सूची उपलब्ध कराएं एवं नगर पालिका द्वारा संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को विनियमित हेतु भेजे गए प्रस्ताव की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ड.) विभाग में पदोन्नति के क्या नियम है। उक्त पदोन्नति हेतु विभाग किस पद से किस पद पर पदोन्नत किया जा सकता है? उक्त पदों की जानकारी देवें। विभाग में किस-किस वर्ग के पदों पर पदोन्नति करने का अधिकार किस लेवल के अधिकारी को होता है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 07.10.2016 में उल्लेखित स्थाई कर्मियों को विनियमित करने की योजना में उल्लेखित मापदण्डों के पूर्ति करने वाले दैनिक वेतनभोगी को स्थाईकर्मी के रूप में विनियमित किया जाता है, जो दैनिक वेतनभोगी इस परिपत्र के मापदण्ड के आधार पर निर्धारित अर्हता की पूर्ति नहीं करते है, उन्हे स्थाईकर्मी के रूप में विनियमित नहीं किया जा सकता है। (ख) जी नहीं। प्रदेश के नगरीय स्थानीय निकायों में मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) नियम, 1998 में वर्णित प्रावधानों एवं उक्त संबंध में मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय समय पर जारी किए गए निर्देशों के अंतर्गत प्रोफेशनल एग्जामिनेश बोर्ड के माध्यम से भर्ती की कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगर पालिका परिषद आगर मालवा में कार्यरत दैनिक श्रमिकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। नगर पालिका परिषद आगर मालवा द्वारा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को विनियमित किए जाने हेतु संचालनालय को कोई प्रस्ताव नहीं प्रेषित किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) विभाग में पदोन्नति के लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 लागू है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। परन्तुत माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002के विरूद्ध प्रस्तुत विभिन्न याचिकाओं में एक साथ सुनवाई करते हुए दिनांक 30.04.2016 को विस्तृत निर्णय पारित किया गया है जिसका अंतिम पैरा निम्नानुसार हैः- "In view whereof, the plea for prospectivee overruling of the provisions relating to reservation in promotion in the Rules of 2002, is negatived." उपरोक्तानुसार पारित किए गए निर्णय के विरूद्ध राज्य शासन द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष विशेष अनुमति याचिका प्रस्तुत की गई है, जो कि आज दिनांक तक लंबित है। उपरोक्त के दृष्टिगत संपूर्ण प्रदेश में पदोन्नति की प्रक्रिया स्थगित है। विभाग में निकाय स्तरीय/राज्य स्तरीय सेवाओं पर सीधी भर्ती/पदोन्नति संबंधित नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
कुरई महाविद्यालय का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
70. ( क्र. 2865 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र में कुरई आदिवासी अंचल क्षेत्र है जो जिला मुख्यालय सिवनी से काफी दूरी पर है, बहुत संघर्षों के बाद कुरई में 2016 से महाविद्यालय संचालित है जिसके भवन निर्माण हेतु राशि भी आवंटित हो गई है एवं जगह भी चिन्हित की जा चुकी है जो कि फॉरेस्ट की है राजस्व विभाग ने उसके एवज में जमीन देने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है जो अभी तक क्यों लंबित हैं? (ख) कुरई महाविद्यालय में छात्रों की संख्या बहुत अधिक है किसी तरीके से शासकीय हाई स्कूल में व्यवस्था बनाकर महाविद्यालय का संचालन किया जा रहा है जिसमें दोनों (हाईस्कूल एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों) को असुविधा हो रही हैं विद्यार्थियों को अध्ययन कार्य में असुविधा न हो इस हेतु शीघ्र भवन निर्माण की कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2018-19 से संचालित शासकीय महाविद्यालय, कुरई जिला सिवनी के नवीन भवन निर्माण हेतु वन विभाग की भूमि वन परिक्षेत्र खवासा सामान्य कक्ष पी.एफ. 262 रकबे में से 18 हेक्टेयर भूमि महाविद्यालय व कन्या शिक्षा परिसर हेतु चिन्हित की गई है। भूमि हस्तांतरण संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु राशि आवंटित नहीं की गई है। (ख) शैक्षणिक सत्र 2021-22 अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय, कुरई में संचालित कला व विज्ञान संकाय में प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या 592 है। वर्तमान में अध्यापन कार्य उत्कृष्ट विद्यालय एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में संचालित हो रहा है। भूमि हस्तांतरण होने के पश्चात भवन निर्माण संबंधी आगामी कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
बरघाट नगर परिषद में हुई वित्तीय अनियमितता पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 2868 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बरघाट नगर परिषद के कार्यों की जांच तत्कालीन कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह आढ़च्य के द्वारा अधिकारियों की समिति बनाकर की गई थी जिसमें वित्तीय अनियमितता पाई गई एवं संबंधित दोषियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. भी की गई थी, तत्पश्चात आरोपित निकाय के पदाधिकारी रंजीत वासनिक द्वारा कलेक्टर से पुनः जांच कराने की मांग की गई जिसमें वर्तमान कलेक्टर द्वारा तीन अधिकारियों की समिति बनाकर जांच की गई यह सभी पुनः दोषी पाए गए हैं लेकिन कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जांच समिति के प्रतिवेदन अनुसार दोषी पाए गए नगर परिषद, बरघाट के तत्कालीन अध्यक्ष श्री रंजीत वासनिक के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए जाने की कार्यवाही प्रचलित है। श्री भरत गजभिये, राजस्व उप निरीक्षक, नगर परिषद, बरघाट के विरूद्ध आरोप पत्र जारी करने के निर्देश मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद, बरघाट को दिए गए हैं। सुश्री शील भालेराव, उपयंत्री के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किए जा चुके हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद चाकघाट अंतर्गत पानी निकासी की समुचित व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 2901 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद चाकघाट जिला रीवा अंतर्गत बरसाती पानी निकासी की समुचित व्यवस्था के अभाव में आम जनजीवन व्यथित है, लोक महत्व के इस समस्या के त्वरित निदान की विभाग की क्या कोई कार्य योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर सकारात्मक होने की दशा में यह स्पष्ट किया जाए कि जिन नगर परिषदों की जनसंख्या 1 लाख से कम है, क्या उनमें मानवीय संवेदना की दृष्टि से पूर्व में नियत गाइड लाइन का सरलीकरण किया जाना संभव नहीं है? यदि नहीं, तो पुराने व अनुपयोगी गाइड लाइन को जनहित में संशोधित किया जाना सुनिश्चित कराया जायेगा? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर नकारात्मक है,तो नगरपरिषद चाकघाट अंतर्गत लोक प्राथमिकता की दृष्टि से जल निकासी एवं जल शोधन की त्वरित एवं प्रभावी व्यवस्था की कार्ययोजना एवं कार्ययोजना के वास्तविक क्रियान्वयन की समय-सीमा स्पष्ट की जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, नगर परिषद चाकघाट में बरसाती पानी निकासी के निदान हेतु वर्ष 2021-22 में वार्ड क्रमांक 07, 08 में नाला निर्माण कार्य का कार्यादेश जारी किया गया है। (ख) पूर्व में अमृत योजना में गाइड लाइन नियत है। अमृत योजना की गाइड लाइन केन्द्र सरकार के द्वारा जारी की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बैतूल नगरपालिका अन्तर्गत स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 2915 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2019-20 में कोठीबाजार के गांधीवार्ड में BT रिनीवल कोट की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर वर्क आर्डर जारी किया गया था? यदि हाँ, तो एजेंसी का नाम एवं स्वीकृत राशि एवं निर्माण कार्य को पूर्ण कराने की क्या अवधि निर्धारित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य पूर्ण है या अपूर्ण? (ग) क्या निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त कार्य को किस आदेश/कारण के तहत बंद करवाया गया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य को कब तक पुन: प्रारंभ किया जाकर पूर्ण कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्माण एजेंसी का नाम श्री तिवारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. बैतूल है एवं स्वीकृत राशि रूपये 804998/- है तथा कार्य को पूर्ण करने की समयावधि कार्यदेश दिनांक 09.11.2020 से 60 दिवस निर्धारित की गई थी। (ख) प्रश्नांकित कार्य अपूर्ण है। (ग) जी हाँ। स्थल पर स्थानीय निवासियों का विरोध एवं कोविड संक्रमण होने के कारण निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य में विलंब हुआ। ठेकेदार द्वारा कार्यालय के तकनीकी अमले को बगैर जानकारी दिये एवं बिना ले-आउट के कार्य प्रारंभ किये जाने से कार्यालय के पत्र दिनांक 02.12.2021 जारी कर कार्य बंद कराया गया था। वर्तमान में तकनीकी निर्देश लेकर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए है। (घ) नगर पालिका द्वारा निर्माण एजेंसी को पत्र दिनांक 15.02.2022 जारी कर कार्य प्रारंभ किये जाने के निर्देश दे दिये गये है। कार्य यथा शीघ्र पूर्ण कराया जायेगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल में पदस्थ कर्मचारियों संबंधी
[पर्यावरण]
74. ( क्र. 2975 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड के संभागीय कार्यालय भोपाल में पदस्थ वर्तमान वैज्ञानिक/अधिकारी/कर्मचारियों की सूची मय पदस्थापना दिनांक एवं वह किस कार्य का सम्पादन कर रहे है, जानकारी सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले के किन-किन अस्पताल/नर्सिंग होम ने एन.ओ.सी. चाहने बाबत् ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुतकर्ता अस्पताल/नर्सिंग होम से किन-किन को एन.ओ.सी. दी गई एवं कितने आवेदन पत्र निरस्त किए गए? कारण सहित निरस्त एवं पेंडिंग आवेदन पत्र की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जिन-जिन अस्पतालों/नर्सिंग होमों में इटीपी प्लांट नहीं लगा उनकी जानकारी उपलब्ध करावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) संभागीय कार्यालय (क्षेत्रीय कार्यालय) भोपाल में वर्तमान में पदस्थ वैज्ञानिक/अधिकारी/कर्मचारियों की सूचीमय पदस्थापना दिनांक व संपादित कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी,2021 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले के अस्पताल/नर्सिंग होम्स द्वारा एन.ओ.सी. चाहने बाबत् प्रस्तुत ऑनलाईन आवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में जिन अस्पतालों/नर्सिंग होम आदि को एन.ओ.सी./बायो मेडिकल प्राधिकार प्रदत्त अथवा निरस्त किया गया है तथा जो आवेदन पेंडिंग (लंबित) है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में जिन-जिन अस्पतालों/नर्सिंग होमों में ईटीपी प्लांट नहीं लगा है, कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
छोटी कालीसिंध नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 2997 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास विधानसभा क्षेत्र में नलेश्री अकालिया मार्ग पर छोटी कालीसिंध नदी पर पुल निर्माण हेतु कार्य आदेश जुलाई, 2018 में दिया गया था? उक्त कार्य को पूर्ण करने की समयावधि 12 माह दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो निर्माण एजेन्सी द्वारा उक्त कार्य को क्यों पूर्ण नहीं किया गया? (ग) उक्त पुल के निर्माण न होने से ग्रामीणों को आवागमन में असुविधा हो रही हैं व पुल निर्माण पूर्ण करने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है एवं ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है एवं उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, 12 माह वर्षाकाल छोड़कर। (ख) वर्ष 2020 एवं 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण कार्य की प्रगति प्रभावित होने से कार्य पूर्ण नहीं हुआ। (ग) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा समानुपातिक प्रगति नहीं दिये जाने के कारण अनुबंध को दिनांक 10.02.2022 को निरस्त किया गया एवं पुन: निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नवीन एजेंसी का निर्धारण किया जाना है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
देवास-उज्जैन बायपास तक सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 2998 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास शहर से बदनावर तक पूर्व में निर्मित एवं संधारित मार्ग एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा संचालित किया जा रहा था? (ख) क्या अब उक्त मार्ग देवास बायपास से बदनावर तक का निर्माण कार्य नेशनल हाईवे (एन.एच.ए.आई.) द्वारा प्रारंभ किया जा चुका है? (ग) देवास शहर में ईटावा रेल्वे ओवर ब्रिज से देवास-उज्जैन बायपास से देवास-उज्जैन बायपास तक लगभग 04 कि.मी. मार्ग का निर्माण इस योजना के माध्यम से नहीं हो रहा है इससे इस क्षेत्र में निवास करने वाले एवं उज्जैन जाने वाले यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा हैं? क्या यह 04 कि.मी. मार्ग का निर्माण अन्य किसी विभाग/निर्माण एजेंसी से प्रस्तावित है। यदि हाँ, तो ऐसे किसी प्रस्ताव की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त मार्ग में चैनेज 110+200 से 177+450 तक सड़क निर्माण कार्य नेशनल हाईवे (एन.एच.ए.आई.) द्वारा प्रगतिरत है। उज्जैन के मेंडिया ग्राम से बदनावर तक के निर्माण कार्य हेतु नेशनल हाईवे (एन.एच.ए.आई.) मुख्यालय नई दिल्ली द्वारा निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकायों में विकास एवं निर्माण के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 3001 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्रों में शासकीय एवं अशासकीय भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट की स्थापना किए जाने के क्या नवीनतम नियम एवं निर्देश हैं? क्या पन्ना एवं कटनी जिले के नगरीय निकायों में इन नियमों एवं निर्देशों का पालन किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) प्रश्नांश (क) जिलों के नगरीय निकायों के अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितने और कौन-कौन से शासकीय एवं अशासकीय भवनों का निर्माण किया गया और कितने और कौन-कौन भवनों के निर्माण हेतु अनुज्ञा प्राप्त की गयी किन-किन भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट की स्थापना की गयी? कितने भवनों एवं कौन-कौन से भवनों का निर्माण अनुज्ञा प्राप्त किए बिना कराया गया? बिना अनुमति एवं अनुज्ञा के विपरीत निर्मित पाये गए भवनों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? भवनवार एवं निकायवार बताइये। (ग) प्रश्नांश (ख) क्या अनुज्ञा प्राप्त कर निर्मित और निर्माणाधीन भवनों के निर्माण में स्वीकृत मानचित्र तथा दी गयी अनुज्ञा एवं म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 की शर्तों का पालन किया गया और निकाय के तकनीकी अधिकारियों द्वारा म.प्र. भूमि विकास नियमों के प्रावधानों के अनुसार निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो किए गए निरीक्षण प्रतिवेदनों से अवगत कराएं, नहीं तो की गयी कार्यवाही बताइये। (घ) अपर संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र क्रमांक-शि/6/सामा/कटनी/2021/22042, दिनांक 24/12/2021 एवं संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर द्वारापत्र क्रमांक-5053/या प्र/2022, दिनांक 10/01/2022 से क्या-क्या कार्यवाही हेतु किसे निर्देशित किया गया था एवं क्या प्रश्न दिनांक तक निर्देशानुसार कार्यवाही पूर्ण की गयी? यदि हां, तो पत्रानुसार एवं निर्देशानुसार कृत कार्यवाही बताइये, नहीं तो कारण बताइये। वरिष्ठ अधिकारियों के समयबद्ध निर्देशों का पालन न होने पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भूमि विकास नियम 2012 के नियम 78 (4) के अन्तर्गत 140 वर्ग मी. या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले भूखण्ड पर वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट की स्थापना किये जाने का प्रावधान है। जी हाँ संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक 2563/2009/प्र.स.न.प्र.वि./2563 दिनांक 27.10.2009 के आदेश अनुसार भवन अनुज्ञा जारी करते समय भूखण्ड के आकार के आधार पर निर्धारित धरोहर राशि जमा कराई जाती है। वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट की स्थापना नहीं किये जाने की दशा में जमा कराई गई धरोहर राशि निकाय द्वारा जब्त कर ली जाती हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश के संबंध में पन्ना जिले के अंतर्गत आने वाले नगरीय निकायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है एवं कटनी जिले के अंतर्गत आने वाले नगरीय निकायों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। भवन अनुज्ञा के निरीक्षण प्रतिवेदनों की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) उल्लेखित पत्रों द्वारा श्री राजेश भास्कर संतनगर कटनी के शिकायती पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जांच हेतु आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी को निर्देशित किया गया था। शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत शिकायत में प्रकरणवार कार्यवाही के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीराजपुर के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
78. ( क्र. 3012 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीराजपुर में प्राचार्य की पदस्थापना कब से है? क्या प्राचार्य द्वारा प्रयोगशाला उपकरण के 24 अगस्त 2021 के क्रय आदेश के पश्चात 18 सितंबर 2021 में पुनः प्रयोगशाला उपकरण के क्रय आदेश जारी किए गए? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (ख) विश्व बैंक पोषक परियोजना के तहत शासकीय महाविद्यालय सौडवा के बजट से इक्विपमेंट क्रय करने हेतु 21 जनवरी 2022 को किस नियम के तहत सौडवा कॉलेज के बजट का उपयोग करने हेतु स्वयं को क्रय समिति का अध्यक्ष बनाया गया? क्या सोंडवा कॉलेज में पूर्व में क्रय समिति बनी है अथवा नहीं? उक्त क्रय समिति का कार्यकाल कब तक है? (ग) यदि समिति बनी है तो प्रभारी प्राचार्य अलीराजपुर द्वारा किस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए नई समिति का निर्माण किया गया? क्या भंडार क्रय नियम के अनुसार एक क्रय समिति के होते हुए दूसरी तरह समिति बनाई जा सकती है? यदि नहीं, तो शासन उक्त प्रभारी प्राचार्य की नियम विरुद्ध कार्यवाही कब तक करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीराजपुर में वर्तमान प्रभारी प्राचार्य को प्राचार्य का प्रभार दिनांक 09.10.2017 से दिया गया है। जी नहीं, दिनांक 24 अगस्त, 2021 का क्रयादेश शासकीय महाविद्यालय, सोंडवा के प्राचार्य द्वारा दिया गया था तथा दिनांक 18 सितम्बर, 2021 का क्रयादेश शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीराजपुर के प्राचार्य द्वारा दिया गया। नियमों में ऐसी व्यवस्था का उल्लेख नहीं है। (ख) विश्व बैंक पोषित परियोजना के तहत शासकीय महाविद्यालय, सोंडवा में प्रयोगशाला उपकरण/अन्य सामग्री के क्रय सम्बन्धी आवश्यक कार्यवाही हेतु शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीराजपुर (अग्रणी महाविद्यालय) के प्राचार्य द्वारा विभागीय आदेश दिनांक 04.12.2019 के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 21.01.2022 को "तकनीकी एवं निविदा समिति" का गठन स्वयं की अध्यक्षता में किया गया, जो संबंधित विभागीय आदेश के अनुकूल नहीं है। जी हाँ, सोंडवा कॉलेज में सत्र 2020-21 के लिए क्रय समिति का गठन दिनांक 06.10.2020 को किया गया था। (ग) उतरांश (ख) अनुसार। प्रत्येक महाविद्यालय में क्रय समिति का गठन एक सामान्य प्रक्रिया है, जो महाविद्यालय के लिए सामग्री क्रय किए जाने संबंधी कार्यवाही करती है। विश्व बैंक परियोजना के सुगम संचालन एवं समय-सीमा को दृष्टिगत रखते हुए महाविद्यालय स्तर पर तकनीकी एवं निविदा समिति गठित किए जाने का प्रावधान है तथा उक्त समिति को सामान्यत: गठित होने वाली क्रय-समिति से भिन्न कार्यक्षेत्र एवं शक्तियां प्रदान की गयी है। प्रभारी प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय, सोंडवा द्वारा बिना वित्तीय अधिकार के क्रय संबंधी कार्यवाही की गई, जिसके संबंध में अतिरिक्त संचालक, इन्दौर के माध्यम से जांच कराई जा रही है।
नमामि नर्मदे प्रोजेक्ट
[पर्यावरण]
79. ( क्र. 3051 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिस प्रकार नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत भारत सरकार द्वारा गंगा को प्रदूषण मुक्त किया जा रहा है इसी भांति नर्मदा नदी को प्रदूषण से मुक्त करने हेतु नमामि नर्मदे प्रोजेक्ट तैयार करने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्त हुए? (ख) उक्त पत्रों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया? (ग) क्या विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त प्रोजेक्ट का परीक्षण करवाया जा रहा हैं यदि हाँ, तो परीक्षण का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (घ) नमामि नर्मदे प्रोजेक्ट के माध्यम से नर्मदा नदी को प्रदूषण से मुक्त करने हेतु भारत सरकार से राशि की मांग क्यों नहीं की जा रही हैं तथा कब तक भारत सरकार से राशि की मांग की जायेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ): (क) पर्यावरण विभाग में प्रश्नकर्ता मा. विधायक जी से पत्र प्राप्त नहीं हुये है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 3054 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर झुग्गी/कच्चे मकान बनाकर रह रहे गरीब व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? निकायवार कारण बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के गरीब व्यक्तियों को आवास की भूमि का पट्टा क्यों नहीं दिया जा रहा है? निकायवार कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के गरीब व्यक्तियों को आवास की भूमि का पट्टा न देने की स्थिति में उनका अन्य स्थानों पर व्यवस्थापन क्यों नहीं किया जा रहा है? कब तक उनका व्यवस्थापन किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में 1 जनवरी, 20 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ कारण बतायें तथा कब तक निराकरण होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग नहीं होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 3091 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की नगरीय निकायों में शिक्षा उपकर की कुल कितनी राशि संग्रहित है? नगरीय निकायवार जानकारी दें? (ख) क्या नगरीय निकायों ने संग्रहित राशि की एफ.डी.आर. बना रखी है? क्या ब्याज का समायोजन संचित निधि में किया जा रहा है? (ग) क्या शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग स्कूल शिक्षा के विकास में सुनिश्चित किया जायेगा? शिक्षा उपकर के रूप में संग्रहित राशि का उपयोग करने की क्या योजना और प्रक्रिया है? शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग क्यों नहीं हो रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शासकीय विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण, शौचालय निर्माण, बाउण्ड्रीवॉल निर्माण एवं मरम्मतीकरण इत्यादि मूलभूत सुविधाओं के कार्य कराये जाने के प्रावधान हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत प्रदाय संबंधी
[ऊर्जा]
82. ( क्र. 3156 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की सिवनी विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं के तहत घरेलू उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत की सप्लाई की जा रही है? (ख) सिवनी जिले के सिवनी विधानसभा क्षेत्र के विद्युत वितरण केन्द्र कार्यालय के मुख्यालय के राजस्व ग्रामों में गैर कृषि प्रयोजन हेतु कितने घंटे विद्युत की सप्लाई की जा रही है एवं किन राजस्व ग्रामों में 24 घंटे विद्युत सप्लाई नहीं की जा रही है? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत वितरण केन्द्रों में कुल कितने घरेलू उपभोक्ता है? इनमें से कितने घरेलू उपभोक्तओं के घर पर विद्युत मीटर लगे हुये है एवं कितने घरेलू उपभोक्ताओं के घर पर विद्युत मीटर नहीं लगे हुए है। वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें। (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत वितरण केन्द्रों में कितने घरेलू उपभोक्ताओं के घर पर विद्युत मीटर नहीं लगे होने के बाद भी उन्हे विद्युत देयक जारी किये जा रहे है वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें। (ड.) विभाग द्वारा टी.सी. कनेक्शन दिये जाने के क्या दिशा/निर्देश है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। टी.सी. कनेक्शन के दौरान मीटर उपभोक्ता के घर पर अथवा खम्बे पर लगाये जाने का प्रावधान है? स्पष्ट करें। (च) प्रश्नांश (ड.) के संदर्भ में टी.सी. कनेक्शन के समय उपभोक्ता के घर अथवा खम्बे पर मीटर नहीं लगाते हुये अनुमानित देयक बिल दिये जाते है? यदि हाँ, तो विद्युत देयक की गणना किस आधार पर की जाती है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा दिनांक 14 मई 2010 को विधानसभा में संकल्प-2013 पारित किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के समस्त घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने का समय नियत किया गया है। तदानुसार सिवनी जिले की सिवनी विधानसभा क्षेत्र में अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर समस्त घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों में अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक विद्युत व्यवधानों को छोड़कर गैर-कृषि प्रयोजन हेतु 11 के.व्ही. गैर कृषि फीडरों के माध्यम से 24 घंटे थ्री फेस पर तथा मिश्रित फीडरों के माध्यम से 10 घंटे थ्री फेस एवं 14 घंटे सिंगल फेस पर इस प्रकार कुल 24 घंटे वि़द्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन चाही गयी कुल घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं एवं उनमें से मीटरीकृत/अमीटरीकृत घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 3027 अमीटरीकृत घरेलू उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ड.) म.प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत उपभोक्ताओं को अस्थाई विद्युत संयोजन (टी.सी. कनेक्शन) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2021 के अध्याय 4 के बिन्दु (ड.) की कंडिका क्रमांक 4.48 से 4.56 में निहित प्रावधानों के अनुसार प्रदाय किये जाते हैं, जिससे संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विद्युत संयोजन हेतु मापयंत्र (मीटर) की स्थापना म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता, 2021 के अध्याय 8 की कंडिका क्रमांक 8.1 से 8.13 के अनुसार की जाती है, जिसके अनुसार मीटर की स्थापना सुरक्षा तथा मीटर वाचन की सुविधा के दृष्टिगत अनुज्ञप्तिधारी की संतुष्टि अनुसार निर्धारित किये गये स्थान पर करने का प्रावधान है। उक्त कंडिकाओं से संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (च) अस्थाई विद्युत संयोजन (टी.सी. कनेक्शन) प्रदाय करते समय उपयुक्त स्थान पर विद्युत मीटर लगाये जाते हैं एवं मीटर की खपत के अनुसार विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। उक्त के अतिरिक्त कृषि प्रयोजन हेतु अमीटरीकृत अस्थाई संयोजन के देयक म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार जारी किये जाते हैं।
विद्युत प्रदाय संबंधी
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 3157
) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
सिवनी के
सिवनी
विधानसभा
क्षेत्र अंतर्गत
वर्ष 2021 व 2022
में विभाग
द्वारा बजट में
कौन-कौन से
कार्य
कितनी-कितनी
राशि से स्वीकृत
किये गये? नाम, पता, राशिवार
जानकारी
उपलब्ध
करायी जावें व
बजट में स्वीकृत
आदेश की
छायाप्रति
उपलब्ध
करायी जावें। (ख) उक्त
दोनो वर्षों में
बजट में स्वीकृत
कार्यों को एस.एफ.सी. की
बैठक में रखकर
प्रशासकीय स्वीकृति
जारी की गई? यदि
हाँ,तो
प्रशासकीय स्वीकृति
की छायाप्रति
उपलब्ध
करायी जावें
एवं कार्य की
स्थिति बतायी
जावें। यदि
कार्यों की
प्रशासकीय स्वीकृति
जारी नहीं की
गई तो क्यों? कब
तक जारी की
जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क)
विवरण पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-अ
अनुसार है। सी.आर.आई.एफ.
योजना
अंतर्गत
स्वीकृति
कार्य के
एकरेखण में प्रपत्र
के कॉलम-5 में
अंकित मार्ग
सम्मिलित है।
आदेश की
छायाप्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-1
अनुसार है। (ख) जी
नहीं। शेष का
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता। उत्तरांश
(क) में
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के
प्रपत्र-अ में
उल्लेखित
कार्य की
सी.आर.आई.एफ.
योजना अंतर्गत
स्वीकृत
कार्य के
एकरेखण में
सम्मिलित है।
इस कार्य की
कुल लागत रू. 89.20
करोड़ है।
वित्त विभाग
के द्वारा
जारी परिपत्र
के अनुसार
एस.एफ.सी. को 20
करोड़ तक के
कार्य की
स्वीकृति
जारी करने के अधिकार
है। इस कार्य
हेतु ई.एफ.सी.
की बैठक में स्वीकृति
का प्रावधान
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-2
अनुसार है। विभाग
के द्वारा
जारी परिपत्र
क्रमांक 3209
दिनांक 26-10-2021 के
अनुसार
कार्यवाही की
जाना है।
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-3
अनुसार है। समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
संजय ड्राइव से कनेरादेव मशानझिरी चौराहा तक सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 3160 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर विधान सभा क्षेत्र स्थित बीड़ी अस्पताल के पास संजय ड्राईव चौराहा से कनेरादेव होकर मशानझिरी चौराहा तक की सड़क निर्माण कराया जाना वर्ष 2021-22 के बजट में प्रस्तावित था? यदि हाँ, तो क्या प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है तथा कब तक शासन से स्वीकृति प्रदान करा दी जायेगी? (ख) क्या शासन शीघ्र ही पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी इस जर्जर सड़क का निर्माण कार्य करायेगा तथा कब तक? (ग) संजय ड्राईव चौराहा से कनेरादेव होकर मशानझिरी चौराहा, लखनी से सोठिया होकर बरेली सुल्तानगंज मार्ग जोड़ने वाली सड़क के निर्माण कार्य का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त सड़क के निर्माण कराये जाने हेतु कोई पहल करेगा तथा कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजघाट बांध की ऊँचाई बढ़ाये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 3163 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि, सागर की महत्वपूर्ण राजघाट जल प्रदाय योजना वर्ष 2003 में शुरू की गई थी एवं योजनांतर्गत वर्ष 2011 में बांध की ऊँचाई 2 मीटर बढ़ाये जाने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो अब तक इस हेतु क्या-क्या कार्यावाही की गई है? ऊँचाई न बढ़ाये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या यह भी सही है कि, राजघाट बांध की ऊँचाई न बढ़ाये जाने के कारण जल का पर्याप्त संग्रहण नहीं हो पा रहा है? जिस कारण गर्मी के दिनों में जलापूर्ति बाधित होती है और शहर के नागरिकों को एक-एक सप्ताह तक पानी उपलब्ध नहीं हो पाता? तो क्या शासन इस समस्या के निराकरण हेतु शीघ्र ही राजघाट बांध की ऊँचाई बढ़ायेगा तथा कब तक? (ग) क्या यह भी सही है कि, राजघाट बांध की ऊँचाई न बढ़ाये जाने के कारण गर्मी के दिनों में बांध का पानी कम हो जाने से समुचित जलापूर्ति नहीं हो पाती हैं? तो क्या शासन इस समस्या के निराकरण हेतु शीघ्र ही राजघाट बांध की ऊँचाई बढ़ायेगा तथा कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला सागर ने बांध के जल स्तर में वृद्धि हेतु 2 मी. ऊँचाई के गेट लगाने के कार्य प्राक्क्लन लागत राशि रू. 122.92 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु पत्र क्रमांक 151 दिनांक 18.02.2021 अवर सचिव मध्यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल को प्रेषित किया गया है। (ख) जी हाँ। अल्पवर्षा वाले वर्षों में पर्याप्त मात्रा में जल का संग्रहण नहीं हो पाता है। जिस कारण गर्मी के दिनों में माह जून के अंतिम सप्ताहों में जलप्रदाय 2-2, 3-3 दिवस छोड़कर किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। राजघाट बांध की ऊँचाई न बढ़ाये जाने के कारण गर्मी के दिनों में मांग अनुसार जलापूर्ति नहीं हो पाती है। ऊँचाई बढ़ाने का प्रस्ताव परीक्षाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 3171 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत वर्तमान स्थिति में विभाग द्वारा कितने मार्गों पर सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है? मार्गवार, स्वीकृत राशिवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या ग्यारसपुर से इंदरवास तक 9 किलोमीटर के लगभग सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है? यदि हाँ, तो क्या कार्य स्टीमेट अनुसार दिए गये प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो दिए गये प्रावधानों की जानकारी प्रदान की जाये? (ग) क्या शासन जनहित की दृष्टि से ग्यारसपुर से इंदरवास तक सड़क निर्माण कार्य की निष्पक्ष जांच कराई जाकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित कार्य लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है, अपितु मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण पी.आई.यू.-2 विदिशा से संबंधित है, उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
विद्युत कनेक्शन एवं संशोधित देयकों के सम्बध में
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 3191 ) श्री कमलेश जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अम्बाह में विगत एक वर्ष के दौरान कितनी ग्राम पंचायतों में कितनी योजनाओं के अन्तर्गत नलकूप/घरेलू कनेक्शन दिये गये एवं ट्रांसफार्मर लगाये गये। ग्रामवार एवं हितग्राहीवार सूची दें? (ख) विधानसभा क्षेत्र अम्बाह अन्तर्गत क्या विभिन्न पंचायतों में एक ही परिवार के अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से एक ही पते पर कई विद्युत कनेक्शन चल रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या हितग्राहियों द्वारा स्वयं कनेक्शन लिये जाने हेतु विभाग को आवेदन दिया था? यदि हाँ, तो उक्त आवेदनों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उक्त कनेक्शन किस नियम-निर्देशो अनुसार प्रदाय किए गए। नियम की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र अम्बाह अन्तर्गत क्या विगत एक वर्ष में खपत से अधिक राशि का देयक प्राप्त होने पर हितग्राहियों अथवा किसी जनप्रतिनिधि द्वारा विद्युत देयकों को संशोधित किये जाने हेतु कोई आवेदन पत्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रदाय किए गए? यदि हाँ, तो उक्त आवेदनों अथवा पत्रों पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त सभी आवेदनों पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी ग्रामवार कुल आवेदन,निराकरण की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र अम्बाह में विगत एक वर्ष के दौरान 41 ग्राम पंचायतों में शतप्रतिशत योजनान्तर्गत 02 नंबर नलकूप कनेक्शन एवं नवीन विद्युत कनेक्शन प्रदान करने की प्रक्रिया अन्तर्गत 254 नंबर नवीन घरेलू कनेक्शन दिये गये। उक्त कनेक्शनों में से केवल नलकूप कनेक्शन हेतु आवश्यकतानुसार 02 वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये। उक्त कनेक्शनों की ग्रामवार एवं हितग्राहीवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है तथा ट्रांसफार्मरों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र अम्बाह अंतर्गत विभिन्न पंचायतों में एक ही परिवार के अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से एक ही पते पर कई विद्युत कनेक्शन चल रहे हो, ऐसा कोई भी प्रकरण/शिकायत म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) विधानसभा क्षेत्र अम्बाह अंतर्गत विगत एक वर्ष में खपत से अधिक राशि का देयक प्राप्त होने के संबंध में जनप्रतिनिधियों से कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है तथापि 869 हितग्राहियों से आवेदन प्राप्त हुये है जिनमें से 217 आवेदकों के बिलों सुधार कर रू. 3.02 लाख की राशि कम की गई एवं शेष 652 आवेदनों में सुधार की आवश्यकता नहीं थी। उक्त प्राप्त आवेदनों के संबंध में प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
कार्य एवं उनके भुगतान के सम्बध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 3192 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली नगर पालिकाओं में वर्तमान सी.एम.ओं. के कार्यकाल में प्रश्न दिनांक तक कुल सफाई कार्य, नल जल योजनाओं की मरम्मत, सप्लाई कार्य, सामग्री क्रय सम्बधी एक लाख तथा उससे कम राशि की कुल कितनी फाइलें बनाई गई? किस किस फाइल में किस-किस कार्य हेतु किस-किस एजेन्सी को कब-कब कितना-कितना भुगतान शासन से प्राप्त किस-किस मद से किया गया? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली नगर पालिकाओं में वर्तमान सी.एम.ओं. के कार्यकाल में प्रश्न दिनांक तक कुल सफाई कार्य, नल-जल योजनाओं की मरम्मत, सप्लाई कार्य, सामग्री/मशीनरी क्रय सम्बधी एक लाख से अधिक राशि की कुल कितनी फाइलें बनाई गई? किस-किस फाइल में किस-किस कार्य हेतु किस-किस एजेन्सी को कब-कब कितना-कितना भुगतान शासन से प्राप्त किस-किस मद से किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार समस्त जानकारी उक्त फाइलों की टेन्डर प्रक्रिया, प्राप्त समस्त कुटेशन, कराऐ गऐ कार्य का नाम, कार्य स्थलों के नाम, क्रय की गई समस्त सामाग्रियों के नाम एवं मात्रा तथा उक्त संबंध में भुगतान की गई समस्त एजेन्सियों के नाम, पता, मोबाइल नम्बर की पृथक-पृथक सूचियों के साथ-साथ स्टाक रजिस्टर तथा सामग्री वितरण रजिस्टर, के साथ भुगतान किये गऐ समस्त देयकों के बिल व्हाउचरों तथा केशबुक की छायाप्रति के साथ जानकारी वर्षवार, ब्लॉकवार, योजनावार, उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका अम्बाह द्वारा 01 लाख से कम राशि की कुल 911 नस्तियाँ तैयार की गई है एवं नगर पालिका पोरसा द्वारा 01 लाख से कम राशि की कुल 745 नस्तियाँ तैयार की गई है। नगर पालिका अम्बाह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है एवं नगर पालिका पोरसा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) नगर पालिका अम्बाह द्वारा 01 लाख से अधिक राशि की कुल 11 नस्तियाँ तैयार की गई है एवं नगर पालिका पोरसा द्वारा 01 लाख से अधिक राशि की कुल 93 नस्तियाँ तैयार की गई है। नगर पालिका अम्बाह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है एवं नगर पालिका पोरसा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। नगर पालिका अम्बाह का स्टॉक रजिस्टर, सामग्री वितरण रजिस्टर, समस्त देयकों के बिल व्हाउचर एवं कैशबुक की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ' अनुसार है। नगर पालिका पोरसा का स्टॉक रजिस्टर, सामग्री वितरण रजिस्टर, समस्त देयकों के बिल व्हाउचर एवं कैशबुक की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'फ' अनुसार है।
प्राकृतिक एवं योग चिकित्सा संबंधी
[आयुष]
89. ( क्र. 3197 ) श्री राकेश गिरि : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नेचुरोपैथी एवं योग साइंस (बी.एन.वाई.एस) पाठयक्रम आधारित मान्यता प्राप्त कितने महाविद्यालय संचालित है और कब से शिक्षा प्रदान कर रहे है? सूची दें। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार ऐसे महाविद्यालयों द्वारा वर्ष 2009 से अब तक कुल कितने छात्रों को प्राकृतिक चिकित्सा और योगिक विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्रदान की गई? वर्षवार संख्या बतायें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार क्या उपाधि प्राप्त चिकित्सकों को शासकीय सेवा में नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो वर्षवार, स्थानवार नियुक्त चिकित्सकों की सूची दें। (घ) प्रश्नांश ''ग'' में यदि नहीं, तो ऐसे महाविद्यालयों को मान्यता क्यों दी गई? देश के राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु सहित कई राज्यों में आयुष विभाग के अधीन प्राकृतिक चिकित्सालय संचालित किये जा रहे है तब मध्यप्रदेश में प्राकृतिक चिकित्सालय संचालित क्यों नहीं है? क्या शासन के समक्ष ऐसी कोई कार्ययोजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस पर कब तक अमल किया जायेगा? यदि नहीं, तो प्राकृतिक चिकित्सा और यौगिक विज्ञान (बी.एन.बाई.एस.) उपाधि प्राप्त चिकित्सकों को शासकीय सेवा में नियुक्त किये जाने की क्या व्यवस्था की जायेगी?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) प्रदेश में नेचुरोपैथी एवं योग साइंस (बी.एन.वाई.एस) पाठ्यक्रम आधारित मान्यता प्राप्त संचालित महाविद्यालयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) ऐसे महाविद्यालयों द्वारा वर्ष 2009 से अब तक छात्रों को प्राकृतिक चिकित्सा और योगिक विज्ञान में प्रदान की गई स्नातक उपाधि वर्षवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निजी क्षेत्र की मांग के आधार पर प्रदेश में संचालित नेचुरोपैथी एवं योग महाविद्यालयों को प्रवेश हेतु मान्यता प्रदान की गई है। जी नहीं। वर्तमान में शासन के समक्ष ऐसी कोई कार्ययोजना विचाराधीन नहीं है।
बिजली बिलों का समाधान
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 3210 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत घरेलु बिजली बिल अत्यधिक आने संबंधी जनवरी वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को कितनी शिकायत प्राप्त हुई है? ग्रामवार प्राप्त शिकायतों की जानकारी उपलब्ध करावें तथा कितनी समस्याओं का समाधान किया गया? वित्तीय वर्ष में बकाया बिजली दरों को माफ करने की योजना क्या थी? इस योजनान्तर्गत भीकनगांव विधानसभा अन्तर्गत कितने बकाया बिजली बिल माफ किये गये तथा वर्तमान में शत-प्रतिशत बकायादार बिलों का समाधान किया गया है? नहीं तो क्या कारण? क्या शासन द्वारा निर्धारित तिथि बढ़ाई जायेगी? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत घरेलू बिजली बिल अत्यधिक आने संबंधी माह जनवरी 2022 से दिनांक 26.02.2022 तक 63 शिकायतें म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में प्राप्त हुई एवं सभी 63 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। उक्त प्राप्त शिकायतों एवं उनके निराकरण संबधी प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -अ अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में बकाया बिजली बिलों (दरों नहीं) को माफ करने की कोई योजना नहीं है। तथापि उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्थगित कर, उक्तानुसार आस्थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। तदोपरान्त राज्य शासन के आदेश दिनांक 16.11.2021 द्वारा 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की आस्थगित राशि (मूल बकाया एवं अधिभार की राशि) के भुगतान में, इन उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से 'समाधान योजना' लागू की गई थी, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उपभोक्ताओं को समाधान योजना अंतर्गत आस्थगित की गई राशि के भुगतान हेतु दो विकल्प दिए गए थे, यथा- (1) आस्थगित मूल राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। (2) आस्थगित मूल राशि का 75 प्रतिशत, 6 समान मासिक किश्तों में भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत समाधान योजना से लाभांवित विद्युत उपभोक्ताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जी नहीं, भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत समाधान योजना के तहत पात्र उपभोक्ताओं द्वारा आवेदन देने के उपरांत योजना के चयनित विकल्प अनुसार राशि जमा नहीं करने के कारण प्राप्त शत-प्रतिशत आवेदनों का निराकरण नहीं किया जा सका है। राज्य शासन द्वारा समाधान योजना लागू करते समय योजनांतर्गत आवेदन देने की अंतिम तिथि दिनांक 15.12.2021 निर्धारित की गई थी। तदोपरांत राज्य शासन द्वारा योजना का लाभ अधिक से अधिक पात्र उपभोक्ताओं को प्राप्त हो, इस उद्देश्य से योजना की अंतिम तिथि को दिनांक 31.01.2022 तक बढ़ाया गया। वर्तमान में तत्संबंध में अन्य कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
वाहन रजिस्ट्रेशन एवं बीमा के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 3215 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका द्वारा वाहन क्रय करने के कितने दिनों के अंदर वाहन का मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत परिवहन विभाग से रजिस्ट्रेशन एवं दुर्घटना बीमा करवाना आवश्यक है? वाहन का दुर्घटना बीमा समाप्त होने के बाद कितने समय के अंदर पुनः बीमा करवाना आवश्यक है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में नगरपालिका छतरपुर ने जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से वाहन कितनी लागत से किस दिनांक को क्रय किए अथवा अन्य स्त्रोतों से प्राप्त हुए? प्रत्येक वाहन का किस-किस दिनांक को परिवहन विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाया गया? प्रत्येक वाहन का दुर्घटना बीमा कब करवाया गया एवं प्रत्येक वर्ष किस-किस तिथि को समाप्त हुआ एवं किस-किस तिथि को बीमा पुनः करवाया गया? प्रत्येक वर्ष की जानकारी साक्ष्य सहित प्रदाय करें। (ग) कलेक्टर छतरपुर के पत्र क्रमांक 410/DUDA/2020 छतरपुर दिनांक 14.05.2020 के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) वाहन का बीमा एवं रजिस्टेशन नहीं करवाना अपराध है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में कौन-कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) केन्द्रीय मोटर यान अधिनियम की धारा 146 के अंतर्गत वाहन का संचालन किए जाने के पूर्व, वाहन विक्रेता से प्राप्त करने के 07 दिवस के अंदर बीमा कराना अनिवार्य है। वाहन का बीमा समाप्त होने के पूर्व ही बीमा कराया जाना आवश्यक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) कलेक्टर के पत्र क्रमांक 410/डूडा/2020/छतरपुर दिनांक 14/05/2020 के परिपालन में वाहनों के बीमा एवं रजिस्ट्रेशन कराये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (घ) जी नहीं। वाहन का बीमा एवं पंजीयन एक आवश्यक प्रक्रिया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' में उल्लेखित अनुसार निकाय से पूर्ण भुगतान न होने के कारण पंजीयन की कार्यवाही समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो सकी है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वर्ष 2017 के एस.ओ.आर. में ब्रिज फाउंडेशन की खुदाई की दरें
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 3221 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि वर्ष 2017 के एस.ओ.आर. में ब्रिज के फाउंडेशन की खुदाई दरें बहुत ज्यादा होने के कारण प्रदेश में ब्रिज और आर.ओ.बी. बनाने वाली कम्पनियों को दो साल तक काफी ज्यादा भुगतान किया जाता रहा? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2017 के एस.ओ.आर. के आधार पर प्रदेश में ब्रिज और आर.ओ.बी. बनाने वाली किन-किन कम्पनियों को कितना-कितना अधिक भुगतान कर दिया गया? (ग) उपरोक्त गड़बड़ी के कारण पी.डब्ल्यू.डी., आर.डी.सी. सहित निर्माण से संबंधित सभी सरकारी एजेंसियों को कितना नुकसान हुआ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। विभाग में प्रचलित दर अनुसूची के आधार पर ठेकेदार को अनुबंधित दरों पर ही भुगतान किया गया है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्मार्ट सिटी व नगर निगम के अनियोजित कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 3222 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने हेतु क्या-क्या कार्य योजना व कितनी-कितनी समयावधि निर्धारित की गयी थी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन से लक्ष्य प्राप्त कर लिए गये हैं? कौन-कौन से लक्ष्य प्राप्त किये जाना शेष हैं? उसके क्या-क्या कारण है? (ग) क्या यह सही है कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की निगरानी हेतु आर.एफ.आई.डी. चिप लगाई गयी थी? यदि हाँ, तो इस बाबत क्या योजना बनायी गयी थी? किस-किस क्षेत्र के किन-किन व्यक्तियों के घरों में चिप लगायी गयी? कार्य के एवज में कितना भुगतान किसे-किसे किया गया? इसके क्या-क्या लक्ष्य निर्धारित थे? कार्य योजना तैयार करने से लेकर भुगतान तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया के अभिलेख बताये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने हेतु नगर निगम जबलपुर द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत स्मार्ट सिटी प्रस्ताव (SCP) वर्ष 2015 में तैयार किया गया है। प्रस्ताव में SCM ग्रांट फण्ड से लिए गए कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अ, ब एवं स अनुसार है। स्मार्ट सिटी मिशन की समयावधि 05 वर्ष निर्धारित की गई थी जो आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र क्र.14012/101/(04)/2021-SC-III-A दिनांक 19.08.2021 से जून 2023 तक बढ़ा दी गई है। (ख) प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त कर लिए गए लक्ष्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। लक्ष्य जो प्राप्त किये जाना शेष है एवं कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब एवं स अनुसार है। (ग) जी हाँ। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में स्थित घरों से कचरा संग्रहण किये जाने की व्यवस्था की मॉनिटरिंग हेतु स्मार्ट सिटी परियोजना अन्तर्गत RFID Based मॉनिटरिंग सिस्टम, जिसके अंतर्गत चयनित फर्म के द्वारा RFID Tag एवं RFID Reader Supply घरों में इंस्टॉल किये जाकर मॉनिटरिंग व्यवस्था को क्रियान्वित किया गया है। नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत जिन व्यक्तियों के घर में चिप लगाई गई है की क्षेत्रवार, वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। कार्य के एवज में अनुबंधित फर्म टेक महिन्द्रा लिमिटेड को राशि रू. 3.94 करोड़ का भुगतान किया गया है। कार्य हेतु निर्धारित लक्ष्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-क अनुसार है। कार्ययोजना तैयार करने से लेकर भुगतान तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया के अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ख अनुसार है।
नियम विरूद्ध श्रमिकों को रखे जाने की जांच एवं कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 3251 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1130, उत्तर दिनांक 23 दिसम्बर, 2021 के संदर्भ में नगर परिषद मौ. में नियम विरूद्ध रखे गये श्रमिकों के संबंध में जांच कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5668, दिनांक 23 मार्च, 2021 में गोहद नगर पालिका में कोई भी श्रमिक नहीं रखे जाने की जानकारी दी थी? (ग) यदि हाँ, तो क्या गोहद भाजपा के नगर अध्यक्ष मा. मुख्यमंत्री जी को गोहद नगर पालिका में नियम विरूद्ध श्रमिकों को रखे जाने की शिकायत किये जाने पश्चात् श्रमिकों को हटाया गया था? (घ) यदि हाँ, तो कुल कितने श्रमिकों को हटाया गया था? ये श्रमिक कब-कब से रखे गये थे इनके नाम, पता सहित सूची दें। वेतन के रूप में कुल कितनी राशि का भुगतान किया है? (ड.) क्या नियम विरूद्ध भुगतान की गई राशि संबंधित जिम्मेदारों से वसूल की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ग) जी हाँ। (घ) नगर परिषद, गोहद जिला भिंड द्वारा 221 श्रमिकों को हटाया गया है। श्रमिकों को रखे जाने की अवधि, नाम पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निकाय द्वारा संबंधित श्रमिकों को वेतन के रूप में कुल 1,34,50,108/- रूपये का भुगतान किया गया है। (ड.) जांच प्रचलन में है। जांच प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बिजली ग्रुप मीटर लगाने में आर्थिक अनियमितता की जांच
[ऊर्जा]
95. ( क्र. 3252
) श्री
मेवाराम जाटव
: क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
ने भोपाल शहर, विदिशा
शहर एवं
ग्रामीण एवं
ग्वालियर
शहर एवं
ग्रामीण में
बिजली के ग्रुप
मीटर लगवाये
है? (ख) यदि हाँ, तो
किस-किस कंपनी
ने कितने-किने
ग्रुप मीटर
कहाँ-कहाँ पर
किस अवधि में
लगाये गये? इसके
एवज में ग्रुप
मीटर किन-किन
कंपनियों की कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान किया
गया? (ग) उक्त
ग्रुप मीटर
लगाने के बाद
उन मीटरों में
बिजली सप्लाई
कहाँ-कहाँ
प्रारंभ की गई? यदि
नहीं, तो क्यों? क्या
विद्युत
वितरण कंपनी
के
अधिकारियों
एवं ग्रुप
मीटर कंपनी की
मिली भगत से
कथित ग्रुप मीटर
लगा कर लगभग 37 करोड़
रूपये से अधिक
का आर्थिक
घोटाला किया
जाकर विद्युत
कंपनी को
आर्थिक
नुकसान हुआ है
और इसकी भरपाई
के लिए यह
विद्युत
कंपनियों ने
नियामक आयोग
को विद्युत की
दरों को
बढ़ाने का
प्रस्ताव
दिया है जिसका
भार आम जनता
को उठाना
पड़ेगा?
यदि
हाँ, तो इस
मामले की उच्च
स्तरीय जांच
कराकर
संबंधित
दोषियों के
विरूद्ध
कार्यवाही
उक्त फिजूल
व्यय राशि की
वसूली की
जायेगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
हाँ, म.प्र.
मध्य क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
में भोपाल शहर
वृत्त,
संचालन/संधारण
वृत्त
विदिशा,
ग्वालियर
शहर वृत्त
एवं ग्वालियर
संचालन/संधारण
वृत्त
अंतर्गत शहरी
क्षेत्र में
ग्रुप मीटर
लगवाये गये है।
(ख) उत्तरांश
(क) में उल्लेखित
ग्रुप मीटरों
से संबंधित
क्रियान्वयन
एजेंसियों, ग्रुप
मीटरों की
संख्या, स्थापना
स्थल, अवधि
एवं क्रियान्वयन
एजेन्सियों
को किये गए
भुगतान से
संबंधित प्रश्नाधीन
चाही गयी जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश
(ख) में उल्लेखित
स्थानों पर
स्थापित
समस्त ग्रुप
मीटरों से
संबंधित
विद्युत
संयोजनों को
पूर्व से स्थापित
विद्युत
अधोसंरचना से
जोड़कर
विद्युत
प्रदाय किया
जा रहा है। उल्लेखनीय
है कि ग्रुप
मीटरों की स्थापना
प्रायोगिक
तौर पर
विद्युत
उपभोग में अनियमितता
के प्रकरणों
को नियंत्रित
करने तथा
विद्युत खपत
का सही मापन
सुनिश्चित
करते हुये
वितरण कंपनी
के राजस्व
में वृद्धि के
उद्देश्य से
की गई है। अत:
इस संबंध में
किसी प्रकार
की अनियमितता
होने अथवा
जांच कराये
जाने का प्रश्न
नहीं उठता।
सड़क एवं पुलों का निर्माण
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 3284 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2017-18 के बाद किन-किन मार्गों पर किस दिनांक को सड़क एवं पुल स्वीकृत किए गए? (ख) अलग-अलग सड़क एवं पुल की स्वीकृत राशि क्या है? (ग) क्या सभी पुल एवं सड़क समय-सीमा में निर्मित हो चुके हैं? (घ) यदि नहीं, तो कब तक सड़क एवं पुल निर्माण कार्य पूर्ण होगा समय अवधि में कार्य न होने पर ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पर्यावरण सुधार हेतु कार्य
[पर्यावरण]
97. ( क्र. 3285 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार द्वारा क्या-क्या कदम उठाए गए हैं? (ख) पर्यावरण सुधार हेतु किए गए कार्यों की दृष्टि से मध्यप्रदेश का भारत के अन्य प्रदेशों में कौन सा स्थान है? (ग) पर्यावरण सुरक्षा के लिए कौन-कौन से कार्य किए जा सकते हैं? (घ) पर्यावरण में गिरावट के क्या कारण है? पर्यावरण संरक्षण के लिए कौन सी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी कार्य कर रही है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) एप्को द्वारा प्रदेश के पर्यावरण को बचाने के लिए निम्न योजनाएं चलायी जा रही हैं: 1. शहरी जलीय निकायों का पर्यावरणीय संरक्षण (CUW) 2. केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित राष्ट्रीय जलीय पारिस्थितिकीय संरक्षण योजना (NPCA) 3. केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (NRCP) 4. केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित राष्ट्रीय हरित कोर कार्यक्रम 5. पर्यावरण परिसर स्थित विभिन्न कार्यालयों से उत्सर्जित रद्दी कागज को पुर्नचक्रित कर कार्यालय उपयोगी स्टेशनरी का निर्माण 6. ऊर्जा संरक्षण के तहत एप्को कार्यालय भवन में सोलर विद्युत संयंत्र की स्थापना एवं ऊर्जा दक्ष उपकरणों की संस्थापना 7. जलीय संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कार्यालय के शौचालयों में सेंसरयुक्त यूरीनल्स की स्थापना एवं उद्यान रख-रखाव एवं वृक्षारोपण में सिंचाई हेतु अपशिष्ट जल का उपयोग 8. बायोस्फियर रिजर्व परियोजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा पन्ना बायोस्फियर रिजर्व क्षेत्र की जैवविविधता संरक्षण की प्रबंधन कार्य योजना। 9. जन सहभागिता आधारित वृहद वृक्षारोपण अभियान - अंकुर कार्यक्रम 10. राज्य जलवायु परिवर्तन एवं ज्ञान प्रबंधन केन्द्र 11. युवा वैज्ञानिकों में जलवायु परिवर्तन विषय पर मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना 12. गांवों में खेती किसानी को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बचाने की परियोजना (केन्द्र सरकार) 13. पारम्परिक जल स्त्रोतों का संरक्षण एवं पुनर्रुद्धार योजना 14. वेटलैण्ड हेल्थ कार्ड परियोजना (ख) भारत सरकार द्वारा पर्यावरण सुधार के संबंध में राज्यों की कोई भी रैंकिंग नहीं की जाती है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर अनुसार। (द) प्राकृतिक संसाधनों का अनियंत्रित दोहन से पर्यावरण में गिरावट होती है। पर्यावरण संरक्षण के कार्यों हेतु विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं वित्तीय पोषण करती हैं। इनमें से मुख्यतः विश्व बैंक, डी.एफ.आई.डी., जे.बी.आई.सी., एशियन डेव्लपमेंट बैंक (ए.डी.बी.), यूरोपियन यूनियन बैंक, ग्लोबल फण्ड आर्गेनाईजेशन, यूनेस्को, यू.एन.डी.पी., यू.एन.ई.पी., जी.ई.एफ. है।
चौरई विधानसभा क्षेत्र के मार्गों संबंधी
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 3300 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा सिवनी मेन रोड से माचागोरा बांध (चौरई विधानसभा ) तक एप्रोच रोड का निर्माण अभी तक क्यों नहीं किया गया है? कब तक इसे स्वीकृत कर दिया जाएगा? (ख) चौरई विधानसभा क्षेत्र में पौनिया से बांधगांव तक मार्ग निर्माण स्वीकृति की दिनांक लागत सहित देवें। क्या कारण है कि इसका निर्माण अभी तक प्रांरभ नहीं हुआ है? कब तक प्रांरभ होगा? (ग) बंडोल सिवनी से चौरई बायपास तक स्वीकृत मार्ग कहां से प्रारंभ होकर किन-किन ग्रामों, कस्बों से होकर गुजरेगा, की पूरी जानकारी देवें। इसकी डी.पी.आर. भी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश जल संसाधन विभाग से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्य की लागत बढ़ने के कारण पुनरीक्षित स्वीकृति प्राप्त किये जाने के कारण। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं। (ग) बन्डोल-चौरई मार्ग लंबाई 49.408 कि.मी. (राज्यमार्ग क्रमांक-46) का निर्माण एशियन विकास बैंक की फेस-6/7 योजना अन्तर्गत करवाया जा रहा है। यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग (नरसिंहपुर-सिवनी-नागपुर) पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.-7 पर स्थित बन्डोल के पास ग्राम भोंगाखेड़ा से प्रारंभ होकर छुआई, घोटी, पुसेरा, मुग्वानीकलां, मुग्वानी, जैतपुरखुर्द, जाम, मड़ई, रामगढ़, कुण्डा, थावरी, गुरैया से होते हुये चौरई बायपास तक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-347 (सिवनी-छिन्दवाड़ा) को जोड़ता है। मार्ग का निर्माण कार्य एशियन विकास बैंक की फेस-6/7 योजना अन्तर्गत हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल जिसमें डिजाईन का दायित्व निवेशकर्ता का होने के कारण डी.पी.आर. तैयार नहीं किया गया है, अत: डी.पी.आर. दिया जाना संभव नहीं।
चौरई विधानसभा क्षेत्र में पुल संधारण
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 3301 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अगस्त 2020 में आई बाढ़ में चौरई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पेंच नदी पर बने कौन-कौन से पुल क्षतिग्रस्त हुए थे? इन पुलों के लोकार्पण दिनांक, लागत निर्माणकर्ता फर्म नाम, जी.एस.टी. नंबर सहित देवें। (ख) उपरोक्तानुसार क्षतिग्रस्त पुलों का किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण दिनांक, निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति सहित पृथक-पृथक देवें। इन निरीक्षण टीप के बिन्दुओं पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावे। इस निरीक्षण टीप में उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए विभाग ने उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की है। (ग) निर्माणकर्ता फर्मों पर की गई कार्यवाही से भी अवगत करावें? इन क्षतिग्रस्त पुलों के लिए दिनांक 01.09.2020 से 15.02.2022 तक संधारण के लिए कितनी राशि कहाँ-कहाँ पर व्यय की गई पृथक-पृथक, स्थान, नाम, राशि सहित देवें। इनकी अद्यतन स्थिति बतावें। इन पर संधारण के लिए कितनी राशि के प्रस्ताव विभाग ने शासन को भेजे हैं? प्रत्येक प्रस्ताव की प्रमाणित प्रति देवें। संधारण राशि स्वीकृति में विलंब के कारण बतावें। यह संधारण राशि कब तक स्वीकृत होकर पुलों का संधारण कार्य कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रस्ताव पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रतिमाओं की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 3333 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल रोड मुलताई के छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा की स्थापना हेतु वर्ष 2017 से 2022 के मध्य नगर पालिका परिषद द्वारा प्रस्ताव पारित करने के पश्चात अन्य संबंधितों से एन.ओ.सी. प्राप्त करने के पश्चात पांच लाख की लागत से प्रतिमा के लिए पेडस्टल निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की गई? लेकिन कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कब तक कार्य प्रारंभ किया जावेगा? (ख) क्या भगत सिंह की प्रतिमा स्थापना हेतु नगर पालिका परिषद मुलताई द्वारा अन्य विभागों से एन.ओ.सी. प्राप्त करने हेतु पत्र प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में यह अवगत करावें कि एन.ओ.सी. कब तक प्राप्त हो जावेगी और प्रतिमा स्थापना की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका मुलताई की परिषद बैठक दिनांक 30.06.2018 को संकल्प क्रमांक 24 के द्वारा अम्बेडकर वार्ड मंगलवार बाजार में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित किये जाने हेतु निर्णय पारित किया गया। न्यायालय अपर कलेक्टर, जिला बैतूल (म.प्र.) के द्वारा दिनांक 23.04.2018 को पारित आदेश के द्वारा बैतूल रोड मंगलवार बाजार स्थल में स्थित नजूल शीट नंबर 01 के प्लाट नंबर 1304 क्षेत्रफल शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने हेतु निकाय को दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। अम्बेडकर वार्ड स्थित मंगलवार बाजार में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापना हेतु पेडस्टल निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकृत राशि रूपये 5,01,925/- (जी.एस.टी.सहित) संभागीय कार्यालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल संभाग भोपाल के पत्र क्रमांक/यां.प्र./भवन/18/55 भोपाल, दिनांक 01.10.2018 से निकाय को प्राप्त हुई। पेडस्टल निर्माण कार्य हेतु निविदा आमंत्रण की गई है जो प्रक्रियाधीन है। इस कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। शहीद भगतसिंह की प्रतिमा स्थापना के संबंध में निकाय के द्वारा अन्य विभागों से एन.ओ.सी.प्राप्त करने हेतु पत्र लिखे गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। उक्त में से सहायक संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय बैतूल एवं प्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि.मुलताई नगर जोन से अनापत्ति निकाय को प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। शहीद भगत सिंह की प्रतिमा की स्थापना जिस स्थल पर की जाना है, वह भूमि रेल्वे के स्वामित्व की है। प्रतिमा स्थापना हेतु विभिन्न विभागों से एन.ओ.सी. कब तक प्राप्त हो जावेगी और प्रतिमा स्थापना की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी, इसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों के खेतों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
101. ( क्र. 3353 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं में किन-किन ग्रामों एवं कितने किसानों के खेतों में विद्युतीकरण का कार्य कराया गया हैं तथा उनमें से कितने कार्य पूर्ण और कितने कार्य अपूर्ण हैं? ग्रामवार एवं किसानों की संख्यावार जानकारी देवें? साथ ही पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अविद्युतीकरण गांवों का विद्युतीकरण कार्य कब तक पूर्ण कर लेंगे। किन-किन गांवों का विद्युतीकरण किया जाना शेष हैं, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कराए गए कार्यों में किस-किस गांव एवं किसान के यहां कितने क्षमता के ट्रांसफॉर्मर लगाने का प्रावधान था तथा कितने क्षमता के ट्रांसफॉर्मर लगाए गए हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के स्वीकृत लाईन एवं ट्रांसफॉर्मर में कितने ऐसे ट्रांसफॉर्मर हैं जो तकनीकी स्वीकृति नक्शा में चिन्हित स्थान में व क्षमता से कम लगाये गये हैं? सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के गलत स्थान व लोकल ट्रांसफॉर्मर लगाने संबंधी तथा कम क्षमता के लगाए गए ट्रांसफॉर्मर की जांच कराएंगे? यदि हां, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ के अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि सहित वर्तमान में कृषि पंपों के विद्युतीकरण हेतु ''स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना'' एवं ''शत प्रतिशत जमा योजना'' संचालित हैं। उक्त योजनाओं के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी कृषक द्वारा सिंचाई पंप के विद्युतीकरण के लिये वितरण कंपनी में कोई भी आवेदन/राशि जमा नहीं की गई है। अत: प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में कृषि पम्प कनेक्शन संबंधी शेष प्रश्न नहीं उठता। विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के अंतर्गत सभी आबाद राजस्व ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, अत: प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में ग्रामों के विद्युतीकरण संबंधी शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
किसानों को सौर पम्प लगाने हेतु अनुदान
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
102. ( क्र. 3354 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा छोटे किसानों हेतु सौर ऊर्जा पंप लगाने के लिए अनुदान राशि देने का प्रावधान हैं? यदि हां, तो योजनान्तर्गत कितने प्रतिशत अनुदान दिया जाता हैं? अनूपपुर जिले में सोलर योजना अंतर्गत तीन वर्षों में कुल कितने किसान लाभान्वित हुए हैं? क्या उक्त योजना में किसानों की श्रेणियां निर्धारित की गई हैं? यदि हाँ, तो श्रेणी निर्धारण नियमावली की जानकारी एवं श्रेणी में आने वाले किसानों का पूर्ण विवरण देवें। (ख) उक्त योजना से विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को लाभान्वित किया गया हैं, भविष्य में इस क्षेत्र हेतु उक्त योजना में श्रेणीवार किन-किन किसानों को लिया गया हैं? (ग) विभाग द्वारा किसानों के लिए विभिन्न उपकरण, हौद निर्माण, डिग्गी निर्माण हेतु अनुदान देय है उसमें वर्तमान में कोई कटौती की गई हैं, यदि हां, तो कितनी? विभाग द्वारा किसानों के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत क्या-क्या प्रावधान किये गये हैं? (घ) अनूपपुर में किसानों को किस-किस योजना में कौन सा व कितना अनुदान मिलता हैं? प्रदेश सरकार कृषि विकास हेतु अनुसंधान द्वारा अधिकाधिक उपज लेने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित कर रही हैं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ट्रांसफॉर्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
103. ( क्र. 3365 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक किन-किन ग्रामों में कितने-कितने ट्रांसफॉर्मर जले हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में जले हुये ट्रांसफॉर्मरों के बदलने हेतु विभाग द्वारा क्या नीति निर्धारित की गई हैं? प्रति उपलब्ध करायें? (ग) जले हुये ट्रांसफॉर्मरों को बदलते समय ग्रामवासियों से ऑइल के नाम पर राशि लिये जाने का प्रावधान हैं। यदि नहीं, तो विदिशा जिले में ऑइल के नाम पर ग्रामीणों से राशि जमा क्यों कराया जाता हैं? (घ) विदिशा जिले में ट्रांसफॉर्मरों के परिवहन हेतु विगत तीन वर्षों में कितना-कितना बजट प्रदाय किया गया एवं कितना विभाग द्वारा व्यय किया गया? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला विदिशा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2579, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2505 एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 (प्रश्न दिनांक तक) में 2788 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए हैं, जिनकी ग्रामवार प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 16.07.2021 को अधिसूचित पुनरीक्षित वितरण अनुपालन मापदण्डों के अनुसार शहरी क्षेत्र में संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे तथा अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्र में मानसून सीजन के दौरान (माह जुलाई से सितम्बर तक) 07 दिवस में तथा शुष्क मौसम में 03 दिवस में जले/ खराब वितरण ट्रांसफार्मर को बदलने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का नियम है। उक्त नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। राज्य शासन के निर्देशानुसार जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर उक्तानुसार निर्धारित समय-सीमा में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को प्राथमिकता पर बदले जाने के निर्देश हैं। राज्य शासन के उक्त निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। (ग) जी नहीं, ऐसा कोई प्रावधान नहीं है तथा जिला विदिशा के अंतर्गत ग्रामवासियों से आइल के नाम पर किसी भी प्रकार की राशि जमा नहीं कराई गई है। (घ) विदिशा जिला अंतर्गत विगत 3 वर्ष की अवधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों के परिवहन का कार्य, रख-रखाव कार्यों हेतु म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अनुबंधित वाहनों से कराया गया है, जिसके लिये पृथक से कोई बजट आवंटन की आवश्यकता नहीं है। एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के परिपत्र दिनांक 23.02.2018 के द्वारा फेल ट्रांसर्फामर बदलने हेतु कृषक/ग्रामवासी द्वारा वाहन उपलब्ध करवाने पर परिवहन व्यय की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। जिसके बिन्दु क्र. 06 के अनुसार मुख्य वित्तीय अधिकारी द्वारा परिवहन व्यय शुल्क के लिए आवश्यक फंड की राशि लेखाधिकारी कार्यालय को ओ.एण्ड.एम. मद से उपलब्ध कराये जाने एवं तत्पश्चात् लेखाधिकारी कार्यालय द्वारा कार्यापालन यंत्री को अस्थाई अग्रिम के रूप में भुगतान हेतु उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। उक्त परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार है। विदिशा जिले में विगत तीन वर्ष में फेल वितरण ट्रांसफार्मर को बदलने हेतु निजी वाहनों का उपयोग नहीं किया गया, अत: इस मद में भी परिवहन पर कोई व्यय नहीं हुआ है।
संविदाकारों को अनुचित लाभ पहुंचाने वालों पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 3379 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल और रीवा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान किन-किन सड़कों/रोडों का चौड़ीकरण व पुनर्निर्माण बाबत् कार्यादेश कब-कब जारी किये गये, का विवरण देते हुये बतावें। इन कार्यों हेतु किन-किन संविदाकारों को कार्य करने हेतु आदेश दिये गये? क्या कार्य अनुबंध अनुसार निश्चित अवधि व समय में पूर्ण किये गये अथवा कार्यावधि बढ़ाई गई तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों में ठेकेदारों/संविदाकारों को विभाग के एस.ओ.आर. से हटकर कितनी-कितनी राशियों का भुगतान किन-किन संविदाकारों को किन-किन कार्यों में किया गया, का विवरण प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देते हुये बतावें कि कार्यस्थल की भौतिक स्थितियां क्या है? इनका सत्यापन कब-कब किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया, का विवरण देवें। इन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई, यह भी बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों में कर्मकार मंडल को उपकर की राशि का भुगतान ठेकेदारों से कब-कब लिया जाकर विभाग को भेजा गया का विवरण कार्यवार व वर्षवार देवें। इसमें से कितनी राशि किन-किन ठेकेदारों से वसूली गई, का विवरण पृथक से देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य मौके पर नहीं कराये गये, फर्जी बिल व्हाउचर तैयार कर राशि आहरित कर ली गई, संविदाकारों को अनुचित लाभ देकर व्यक्तिगत हित पूर्ति की गई। प्रश्नांश (ख) अनुसार एस.ओ.आर. से ज्यादा भुगतान कर संविदाकारों को लाभान्वित किया गया, उपकर की राशि की वसूली नहीं की गई, संविदाकारों को लाभ दिया गया इन संब के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? इन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत उपकेन्द्रों का भौतिक सत्यापन
[ऊर्जा]
105. ( क्र. 3380 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल एवं रीवा जिले में विद्युत विभाग द्वारा 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक के दौरान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र, 33 के.व्ही. लाइन एवं 11 के.व्ही. लाइन के कार्य किन-किन योजनाओं के तहत कराये गए? विद्युत वितरण केन्द्रवार जिले की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के मेंटेनेन्स हेतु कार्यादेश कब-कब, किन-किन संविदाकारों को कितनी अवधि में पूर्ण करने हेतु दिये गये थे? कार्य की भौतिक स्थिति क्या हैं? इन कार्यों के भौतिक सत्यापन किन अधिकारियों द्वारा किया गया, का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कराये गये स्वीकृत कार्यों में संविदाकारों को कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया गया? इन संविदाकारों से श्रमिक कल्याण उपकर की राशि वसूली का विवरण वर्षवार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कार्य अनुबंध की शर्तों अनुसार नहीं कराये गये कार्यों का पर्यवेक्षण व निरीक्षण सक्षम अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया, संविदाकारों को कार्य के बगैर भुगतान किया गया, जिसकी वसूली आज भी लंबित है। उपकर की राशि परिनिर्माण व पूर्ण निर्माण की प्रति देयकों से नहीं की गई। इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे एवं ज्यादा भुगतान की गई राशि कब तक वसूलेंगे? बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शहडोल एवं रीवा जिले में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में 33/11 के.व्ही विद्युत उपकेन्द्र, 33 के.व्ही लाइन एवं 11 के.व्ही लाइन के कार्य मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, सौभाग्य योजना, वार्षिक कार्य योजना, सप्लाई अफोर्डिंग और मिसलेनियस चार्ज एवं जमा योजना के तहत कराये गये हैं, जिनकी शहडोल एवं रीवा जिलों हेतु विद्युत वितरण केंद्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शहडोल जिले हेतु 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों के मेन्टेनेंस के कार्य के लिए दिए गए कार्यादेश, संविदाकारों के नाम, कार्य पूर्ण करने की अवधि, कार्य की भौतिक स्थिति एवं भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारी के नाम सहित सम्पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। रीवा वृत्त अंतर्गत उक्त अवधि में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्रों का मेंटेनेन्स कार्य, पृथक से प्राक्कलन बनाकर संविदाकारों को कार्यादेश दे कर नहीं कराया गया है, अपितु पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर सम्पादित किया गया है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार शहडोल एवं रीवा जिलों के अंतर्गत कराये गये स्वीकृत कार्यों में सविंदाकारों द्वारा सम्पादित किये गए कार्यों के विरुद्ध किये गए भुगतान की राशि एवं उनसे श्रमिक कल्याण उपकर की कटौती की राशि का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित शहडोल जिले में सभी कार्य एवं रीवा जिले के सौभाग्य योजना के तहत किये गए कार्यों को छोड़कर सभी कार्य अनुबंध की शर्तों पर कराये गये हैं एवं उक्त सम्पादित सभी कार्यों का पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण विभागीय सक्षम अधिकारी एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी के द्वारा किया गया है तथा सभी संविदाकारों को कार्य पूर्ण होने के उपरान्त ही भुगतान किया गया है एवं उनके विरुद्ध कोई भी वसूली की राशि लंबित नहीं है। उल्लेखित सभी कार्यों के भुगतान से श्रमिक कल्याण उपकर की राशि की कटौती संविदाकारों के देयकों से की गई है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी पर कोई कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। तथापि जिला रीवा में सौभाग्य योजनांतर्गत कार्यों की प्राप्त शिकायतों के आधार पर विभागीय जांच एवं भौतिक सत्यापन उपरांत जांच निष्कर्षों के आधार पर संविदाकारों की बकाया भुगतान राशि, सुरक्षा निधि राशि एवं आगामी देयकों से वसूल किया जाना है, अत: उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में लंबित राशि को वसूलने हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर पालिकाओं में नियुक्त उपयंत्रियों का वेतनमान
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 3394 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिकाओं में नियुक्त उपयंत्रियों का वेतनमान नगर पालिका अधिनियम अनुसार क्या है? क्या उपयंत्रियों को निर्धारित वेतनमान से कम वेतन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? नगर पालिका अधिनियम अनुसार वेतनमान कब देना प्रारंभ किया जाएगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या समयमान वेतनमान के एरियर का भुगतान उपयंत्रियों के साथ राज्य स्तर और निकाय स्तर के कर्मचारियों/अधिकारियों को देने पर क्या रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो क्यों? अन्य विभागों की तरह एरियर देने हेतु रोक कब तक हटाई जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिकाओं में नियुक्त उपयंत्रियों का वेतनमान मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 में निर्धारित नहीं किया गया है, अपितु मध्यप्रदेश राज्य नगरीय यांत्रिकी सेवा नियम 2015 अंतर्गत उपयंत्रियों को वेतनमान 9300-34800+3600 प्रावधानित है। मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग (राज्य वेतन आयोग प्रकोष्ठ) के आदेश क्र. एफ 8-1-2015/नियम/चार/दिनांक 07-06-2018 द्वारा निर्माण विभाग एवं अन्य हेतु उपयंत्री का वर्तमान वेतनमान 9300-34800 $ 3200 प्रावधानित किया गया है। उपयंत्री का चयन लोक सेवा आयोग के माध्यम से किये जाने का सुसंगत भर्ती नियम में प्रावधान किये जाने की शर्त पर वेतनमान 9300-34800 $ 3600 दिए जाने का प्रावधान किया गया है। आदेश की प्रति प्रदर्श-अ पर है। उपयंत्रियों को निर्धारित वेतनमान से कम वेतन नहीं दिया जा रहा है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) राज्य स्तरीय संवर्ग के अधिकारियों को स्वीकृत समयमान वेतनमान के एरियर पर कोई रोक नहीं लगायी गई है। निकाय स्तर के कर्मचारियों को मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय, भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 4-177/2019/18-1 भोपाल, दिनांक 24 सितंबर, 2019 के अनुक्रम में समयमान वेतनमान के एरियर आदि भुगतान देने पर रोक लगाई गई, क्योंकि वेतन का भुगतान निकाय द्वारा वित्तीय सीमा में किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क मार्ग की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 3402 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बरगढ़ फंटे से होकर व्हाया हरियाखेडा-आल्यादेह-मामटखेड़ा भैसाना मार्ग शासन/विभाग द्वारा स्वीकृत किया गया है, तो किस वर्ष में कितनी लागत की राशि स्वीकृत की गई? (ख) उपरोक्त सड़क मार्ग की प्रशासकीय, वित्तीय स्वीकृति के पश्चात उपरोक्त कार्य के टेंडर कब किये जाकर वर्क ऑर्डर कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु किस दिनांक को जारी किये गये? (ग) उपरोक्त कार्य किस दिनांक को प्रारंभ होकर कितना कार्य पूर्ण हुआ एवं कितना कार्य अपूर्ण रहा? कुल कितनी राशि स्वीकृत होकर उसके माध्यम से किस-किस प्रकार का क्या कार्य होकर कितना व्यय हुआ? (घ) उपरोक्त मार्ग अन्तर्गत लगने वाले फोरलेन पर पहुंचने हेतु इस उपरोक्त मार्ग के मध्य में आने वाली रेल्वे पुलिया, फाटक को क्रास करने हेतु फ्लाई ओव्हर ब्रिज की आवश्यकता होगी, चूंकि उक्त मार्ग से बड़े वाहनों तथा ट्राला इत्यादि का आवागमन होगा तो इस हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या किया जा रहा है? जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विकसित, अविकसित एवं अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 3403 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर एवं पिपलौदा नगर की सीमा क्षेत्र अंतर्गत एवं उल्लेखित दोनों नगरों के सीमा क्षेत्रों से लगी समीप भूमियों पर किन-किन के द्वारा कॉलोनियां बनाई गई हैं अथवा कॉलोनी का स्वरूप बनाया गया हैं? (ख) उपरोक्तानुसार उल्लेखित दोनों नगरों एवं नगरों की सीमा क्षेत्र से लगी समीप की भूमियों पर विकसित, अविकसित तथा अवैध कॉलोनियां तथा कॉलोनियों का स्वरूप किस-किस के द्वारा बनाया गया है? नामवार, स्थानवार जानकारी दें। (ग) साथ ही अवगत कराएं कि विकसित कॉलोनियों में कितने कार्य अपूर्ण होकर क्या कठिनाईयां हैं एवं अविकसित कॉलोनियों में क्या-क्या कार्य किये जाना शेष हैं तथा अवैध कॉलोनियों में किस प्रकार की अवैधानिकता होकर उन पर क्या कार्यवाहियां की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अंतर्गत जिन कॉलोनियों को चिन्हित किया गया उन समस्त कॉलोनियों में क्या सड़क, नाली, बिजली, पानी, बगीचा तथा नियमानुसार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों हेतु भूमियां सम्मिलित की गई? क्या सभी ने शासन/विभाग के निर्धारित मापदण्डों का पालन किया? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, किया तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित क्षेत्र में कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनधिकृत रूप से बनाई गई कॉलोनियों के निर्माण में म.प्र. नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 339-क एवं 339-ख का उल्लंघन किया गया है, अनधिकृत रूप से कॉलोनी बनाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध अधिनियम की धारा 339-ग के तहत की गई कार्यवाही करने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये हैं एवं नगरपालिका जावरा में 36 अवैध कॉलोनियों के निर्माण तोड़े गये हैं एवं 05 व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार जानकारी का पूर्णत: पालन नहीं पाया गया है। विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनियों के संबंधित कॉलोनाईजर को नियमानुसार कार्य पूर्ण करने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये हैं एवं अनधिकृत रूप से कॉलोनी बनाने वाले व्यक्तियों के द्वारा अधिनियम के विरूद्ध कॉलोनी बनाने पर दाण्डिक कार्यवाही हेतु उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यवाही प्रचलित है।
ऊर्जा विभाग की कम्पनियों की लाभ/हानि की जानकारी
[ऊर्जा]
109. ( क्र. 3421 ) श्री जितु पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि ऊर्जा विभाग ने विद्युत नियामक आयोग को बिजली की दरों में वृद्धि हेतु प्रस्ताव भेजा है? यदि हाँ, तो भेजे गये प्रस्ताव की प्रति देवें तथा बिजली की दरों में वृद्धि का प्रस्ताव किन बिंदुओं पर आधारित हैं? (ख) क्या यह सही है कि ऊर्जा विभाग की पांचों कम्पनियां हानि में चल रही हैं? यदि हाँ, तो पांचों कम्पनियों में वर्षवार 2016-17 से 2021-22 तक कितना-कितना लाभ तथा हानि हुई? उधारियां कितनी-कितनी रही, कर्ज कितना था तथा प्रतिवर्ष कर्ज पर ब्याज का भुगतान कितना रहा? (ग) पांचों कम्पनियों में लाभ/हानि की जवाबदेही किस अधिकारी की हैं तथा पिछले पांच वर्ष में इस हेतु अधिकारी पर जवाबदेही को लेकर क्या कार्यवाही की गई तथा केग की लेटेस्ट रिपोर्ट में किस-किस कम्पनी के किस-किस बिन्दु पर क्या टिप्पणी की गई? (घ) विद्युत नियामक आयोग द्वारा पांचों कम्पनियों को किस-किस कार्य के लिये किस लक्ष्य अनुसार निर्देश दिये थे? उसकी सूची देवें तथा बतावें कि वे लक्ष्य कितने प्रतिशत हासिल हुये? (ड.) वर्ष 2004-05 में विद्युत की दरें क्या थीं? उसमें कितनी बार किस-किस अनुसार वृद्धि की गई? जनवरी 2004 में निम्नदाब घरेलू उपभोक्ता का 100 यूनिट, 200 यूनिट तथा 300 यूनिट की खपत पर सारे सरचार्ज मिलाकर कितना बिल बनता था तथा जनवरी 2022 में कितना बिल बनता हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग को वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2026-2027 तक की सकल राजस्व आवश्यकता के निर्धारण तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु दर प्रस्ताव ऊर्जा विभाग ने नहीं अपितु प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा प्रेषित किया है। प्रस्ताव की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। विद्युत की दरों में वृद्धि का प्रस्ताव वितरण कंपनियों की वित्तीय वर्ष 2022-23 में रहने वाली ऊर्जा आवश्यकता के प्रक्षेपण तथा आयोग के विनियमन अनुसार निम्नलिखित मदों में होने वाले व्यय के आंकलन पर आधारित है - (1) विद्युत क्रय लागत (2) पारेषण प्रभार (3) संचालन एवं संधारण व्यय (4) अवक्षयण (Depreciation) (5) ब्याज एवं वित्त प्रभार (6) संदिग्ध एवं डूबत ऋण (7) पूंजी पर प्रतिलाभ (8) अन्य आय (Other Income) (ख) जी नहीं। वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक पांचों कंपनियों की लाभ-हानि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' तथा कंपनियों के कर्ज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। इसी अवधि के दौरान कर्ज पर प्रति वर्ष ब्याज के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) ऊर्जा विभाग की पांचों कंपनियों में विभिन्न लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु उच्चतम स्तर के अधिकारी से लेकर समस्त कर्मचारियों तक की सम्मिलित भूमिका रहती है। विद्युत कंपनियों द्वारा उच्चतम कार्य दक्षता से कार्य किये जाते हैं, परन्तु लोकहित में सेवा प्रदाय की अनिवार्यता के दृष्टिगत, लाभ/हानि के दृष्टिकोण को शिथिल करते हुये विद्युत सेवा की निरन्तरता हेतु कार्यवाही अनिवार्य होती है। अत: किसी एक अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की वर्ष 2019-20 की कैग की रिपोर्ट जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'5' अनुसार है। म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में कैग द्वारा दिनांक 31.03.2020 को समाप्त हुए वर्ष के वित्तीय विवरणों का अनुपूरक अंकेक्षण किया गया है। तत्संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'6' अनुसार है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड की वित्त वर्ष 2020-21 के वार्षिक वित्तीय लेखों के लिए कैग की अंतिम टिप्पणी कैग द्वारा अभी प्रदाय नहीं की गई है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में कैग की अद्यतन रिपोर्ट का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'7' अनुसार है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में कैग की अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2019 को समाप्त प्रतिवेदन में बिन्दुवार टिप्पणी निम्नानुसार है- (1) Incorrect reporting of Billing Efficiency. (2) Failure in achieving the target of billing efficiency fixed by MPERC. (3) Deficiencies in infrastructure. (4) High incidence of provisional billing (5) Non – Installation of meters for agricultural consumers. (6) Discrepancies in enforcement activities (7) Discrepancies in billing of HT Consumers (8) Accumulation of arrears in revenue (9) Undue waiver of arrears of consumers in Sambal Yojana. (घ) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित कार्य एवं लक्ष्य की जानकारी (1) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों को दिये गये लक्ष्य एवं लक्ष्य के विरूद्ध वास्तविक उपलब्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'8' अनुसार है। (2) म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड :- म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 की अवधि हेतु ट्रांसमिशन सिस्टम उपलब्धता का मानक 98 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। उपरोक्त मानक के विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 की अवधि में क्रमश: 99.64 प्रतिशत एवं 99.60 प्रतिशत ट्रांसमिशन सिस्टम उपलब्धता प्राप्त की गई है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक की अवधि हेतु ट्रांसमिशन हानि क्रमश: 2.80 प्रतिशत, 2.79 प्रतिशत, 2.78 प्रतिशत, 2.77 प्रतिशत एवं 2.76 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिनके विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में क्रमश: 2.59 प्रति एवं 2.62 प्रतिशत की ट्रांसमिशन हानि हुई है जो लक्ष्य से काफी कम एवं बेहतर है। (3) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश की वितरण कंपनियों को विद्युत हानियों (Line Loss) को कम करने के लक्ष्य दिए गए थे। वितरण कंपनियों को वर्षवार दिए गए मानक हानियां के लक्ष्यों के विरूद्ध प्राप्त वास्तविक वितरण हानि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '9' अनुसार है। (ड.) माह दिसम्बर 2004 तक लागू विद्युत दरों में 15.54% की वृद्धि करते हुये म.प्र. विद्युत नियामक आयोग ने दिनांक 10.12.2004 को जारी दर आदेश द्वारा वित्तीय वर्ष 2004-05 के लिये दरें निर्धारित की थी। वर्ष 2004-05 में विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं की दरें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''10'' अनुसार है। वर्ष 2004-05 से वित्तीय वर्ष 2021-22 तक (कुल 17 वर्षों में ) विद्युत की दरों में वृद्धि कुल 15 बार की गई है। जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '11' अनुसार है। प्रश्न से यह स्पष्ट नहीं है कि किस दाब तथा किस श्रेणी के उपभोक्ता के जनवरी 2004 में तथा जनवरी 2022 में सारे सरचार्ज मिलाकर बनने वाले बिल की जानकारी चाही गयी है। यद्यपि जनवरी 2004 में निम्न दाब घरेलू उपभोक्ता का 100 यूनिट, 200 यूनिट तथा 300 यूनिट की खपत पर सारे सरचार्ज मिलाकर बनने वाले बिल तथा जनवरी 2022 में बनने वाले बिल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''12'' अनुसार है।
बी.ओ.टी. मार्ग पर प्राइवेट कार-जीप की नॉन टोल केटेगरी
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 3422 ) श्री जितु पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन प्रस्तावित नये बी.ओ.टी. मार्ग पर प्राइवेट कार जीप को नॉन टोल केटेगरी में रख रहा है? क्या यह सही है कि शासन के अध्ययन में यह पाया गया कि प्रायेवट कार, जीप से मात्र 20 प्रतिशत टोल राशि आती है? हाँ तो बतावें कि किस-किस टोल रोड का अध्ययन से यह आंकड़ा आया? उस रिपोर्ट की प्रति देवें। (ख) वर्तमान में प्रदेश में कितनी टोल रोड प्रारम्भ है तथा कितनी प्रारम्भ होने जा रही है, जिसमें प्रश्नांश (क) अनुसार टोल शुल्क की व्यवस्था होगी? नयी बी.ओ.टी. मार्ग की फिजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रति देवें तथा बतावें कि इस अनुसार टोल की अवधि की गणना कैसे की गई? (ग) क्या पूर्व में बनी बी.ओ.टी. सड़क/मार्ग पर नये परिदृश्य में प्राइवेट कार, जीप को नॉन टोल केटेगरी में रखा जायेगा? क्या शासन को अनुबंध की शर्त में परिवर्तन करने का कोई कानूनी अधिकार है या नहीं? (घ) कंसेशनायर के साथ अनुबंध किस मॉडल का हो, उसमें क्या परिवर्तन करना है, क्यों करना है, शासन को मिलने वाली राशि का क्लेम तय करना है, यह सब किसके द्वारा किया जाता है? लेबड़-जावरा, जावरा, नयागाँव तथा भोपाल-देवास मार्ग के संबंध में सम्पूर्ण ब्यौरा दें। (ड.) क्या इन्टरनल रेट ऑफ रिटर्न (IRR) के द्वारा टोल अवधि तय करने में वर्ष अनुसार मार्ग पर संभावित प्राप्तियां की जानकारी होती है? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित तीनों मार्ग की प्रारम्भ 2021-22 तक संभावित प्राप्तियां कितनी थीं तथा जनवरी, 2022 तक कुल कितनी राशि प्राप्त हो चुकी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) परीक्षणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 19 टोल रोड प्रारंभ है एवं 28 प्रारंभ किये जा रहे हैं, शेष परीक्षाणाधीन हैं। (ग) जी नहीं। जी नहीं। (घ) कंसेशनायर के साथ अनुबंध भारत सरकार द्वारा जारी मॉडल अनुबंध के आधार पर राज्य सरकार द्वारा तय किया जाता है। लेबड़-जावरा, जावरा-नयागाँव तथा भोपाल देवास मार्ग के संबंध में प्रश्नांश अस्पष्ट होने के कारण समस्त दस्तावेज दिया जाना संभव नहीं है। (ड.) जी हाँ। भोपाल-देवास मार्ग पर फरवरी 22 तक संभावित प्राप्ति राशि रूपये 1450 करोड़ है एवं कुल राशि रूपये 1138 करोड़ प्राप्त हो चुकी है। उपलब्ध वित्तीय विश्लेषण रिपोर्ट में लेबड़-जावरा परियोजना का इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न 10.34 प्रतिशत एवं जावरा नयागाँव का इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न 12.9 प्रतिशत उल्लेखित है एवं प्राप्तियों के संबंध में जानकारी का उल्लेखित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। लेबड़-जावरा मार्ग पर जनवरी 22 तक कुल राशि रूपये 1484 करोड़ प्राप्त हो चुकी है। जावरा नयागाँव मार्ग पर जनवरी 22 कुल राशि रूपये 1663 करोड़ प्राप्त हो चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। वर्तमान में नये बी.ओ.टी. मार्ग पर प्राइवेट कार जीप को नॉन टोल केटेगरी में रखने या न रखने हेतु प्रस्ताव परीक्षाणाधीन है। प्राइवेट कार जीप से मात्र 20 प्रतिशत टोल राशि आती है। वर्तमान में 19 टोल रोड प्रारंभ है एवं 28 प्रारंभ की जा रही है। नये टोल रोड हेतु प्रस्ताव परीक्षाणाधीन है। कंसेशनायर के साथ अनुबंध भारत सरकार द्वारा जारी मॉडल अनुबंध के आधार पर राज्य सरकार द्वारा तय किया जाता है। लेबड़-जावरा, जावरा-नयागाँव तथा भोपाल देवास मार्ग के संबंध में प्रश्नांश अस्पष्ट होने के कारण समस्त दस्तावेज दिया जाना संभव नहीं है। भोपाल देवास मार्ग पर फरवरी 22 तक संभावित प्राप्ति राशि रू 1450 करोड़ है एवं कुल राशि रूपये 1138 करोड़ प्राप्त हो चुकी है। उपलब्ध वित्तीय विश्लेषण रिपोर्ट में लेबड़ जावरा परियोजना का इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न 10.34 प्रतिशत एवं जावरा नयागाँव का इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न 12.9 प्रतिशत उल्लेखित है एवं प्राप्तियों के संबंध में जानकारी का उल्लेखित नहीं है। लेबड़-जावरा मार्ग पर जनवरी 22 तक कुल राशि रूपये 1484 करोड़ प्राप्त हो चुकी है। जावरा नयागाँव मार्ग पर जनवरी 22 तक कुल राशि रूपये 1663 करोड़ प्राप्त हो चुकी है।
लोक निर्माण विभाग की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 3431 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की सड़कों के निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। कितनी सड़कों के कार्य शेष हैं और क्यों? कितने प्रस्ताव लंबित हैं एवं कितनी सड़कों की स्वीकृति प्राप्त है? प्रश्न दिनांक की स्थिति में जानकारी दें। (ख) उपरोक्त अनुसार विकासखंड भीकनगाँव अंतर्गत मछलगाँव से सहेजला, ककड़गाँव बिलखेड़ सड़क मार्ग पूर्ण नहीं किए जाने के क्या कारण हैं और कब से लंबित है? ऐसे कब तक पूर्ण किया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में क्या कार्यवाही प्रचलित है? हाँ तो किस प्रकार की? क्या कोई मुआवजे का प्रकरण बनाया गया है? हाँ तो कब कितनी राशि का एवं इसकी स्वीकृति कब तक जारी की जाएगी? हाँ तो बताएं। नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) में दर्शित सड़क मार्ग के निर्माण किए जाने हेतु संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर प्रश्न दिनांक की स्थिति में वस्तुस्थिति से अवगत कराएं एवं उक्त निर्माण कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
निजी आयुष महाविद्यालयों में नियम विरुद्ध प्रवेश
[आयुष]
112. ( क्र. 3432 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव [श्री जितु पटवारी, चौधरी सुजीत मेर सिंह, श्री राजेश कुमार प्रजापति] : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के निजी आयुष महाविद्यालयों में नियम विरुद्ध प्रवेश संबंधी विधानसभा प्रश्न क्रमांक 318 दिनांक 12/08/2021 के उत्तरांश (क) एवं (ग) के अनुसार जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत कितने छात्रों का प्रवेश नियम विरुद्ध पाया गया? महाविद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) नियम विरुद्ध प्रवेश प्रक्रिया के दौरान संचालनालय में तत्कालीन निजी महाविद्यालय शाखा के प्रभारी अधिकारी कौन थे? क्या इनके विरुद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की गई है? हाँ तो कब? नहीं तो कारण दें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शित दोषी अधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने में शासन द्वारा लापरवाही की जा रही है? हाँ तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित कर जानकारी दें। (घ) उक्त दोषी अधिकारी को किस दंड से दंडित किया गया है? प्रश्न दिनांक की अद्यतन स्थिति में जानकारी दें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) प्रथम दृष्टया 439 छात्र। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) डॉ. जे.के. गुप्ता एवं डॉ. शोभना शुक्ला। प्रथम दृष्टया दोषी अधिकारी को निलंबित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 3448 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना नगर निगम सीमा की बस्तियों का गन्दा पानी को साफ सुथरा बनाने हेतु नगर निगम प्रशासन द्वारा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया था, उसकी क्या स्थिति है? फरवरी 2022 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या यह सही है कि नगर की विभिन्न बस्तियों का गन्दा पानी जिस मात्रा में नाले के माध्यम से जा रहा है? उतनी मात्रा में प्लांट पानी की सफाई नहीं कर पाने से क्वारी नदी में गन्दा पानी जाने से जानवरों एवं सिंचाई अथवा स्नान योग्य नहीं रहा है, क्यों? (ग) उक्त प्लांट पर अभी तक कितनी धन राशि खर्च की गई है? उक्त प्लांट नगर के लिये उपयोगी नहीं है, इस अपव्यय हेतु कौन अधिकारी दोषी है? (घ) क्या यह सही है कि अधिकारियों द्वारा नगर सीमा का बस्तियों से कितना गन्दा पानी आ सकता है, इसका आकलन ठीक से नहीं किया गया और कम क्षमता का प्लांट लगा दिया, जिससे काफी गन्दा पानी क्वारी नदी में जा रहा है? समस्या के समाधान के क्या उपाय किये जा रहे हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु शहर के 47 वार्डों में से 24 वार्डों के लिए प्रथम चरण की स्वीकृत योजना अंतर्गत नगर निगम द्वारा 25 एम.एल.डी. क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया गया है जो फरवरी 2022 की स्थिति में कार्यरत है। (ख) 25 एम.एल.डी. क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट 24 वार्डों के सीवेज शोधन हेतु आगामी 15 वर्षों के लिए पर्याप्त है एवं नगरीय क्षेत्र के शेष 23 वार्डों के लिये अमृत 2.0 के अंतर्गत सीवेज परियोजना प्रस्तावित की गई है। (ग) एस.टी.पी. के निर्माण पर राशि रू. 26.50 करोड़ की राशि का व्यय हुआ है। वर्तमान में निर्मित प्लांट 24 वार्डों के लिए पूर्णत: उपयोगी है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। सीवरेज परियोजना की डी.पी.आर. पूर्णत: तकनीकी मापदण्डों के आधार पर तैयार की जाकर परियोजना का क्रियान्वयन किया गया है। 24 वार्डों के लिए 25 एम.एल.डी. का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तत्समय वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता व आवश्यकता के अनुरूप तकनीकी मापदण्डों के आधार पर बनाया गया है। नगरीय क्षेत्र के शेष 23 वार्डों भाग में अमृत 2.0 के अंतर्गत सीवेज परियोजना प्रस्तावित की जा रही है।
समय-सीमा में मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 3449 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड में वर्ष 2021 एवं फरवरी 2022 में कितनी नवीन सड़क मार्ग विभिन्न मदों में स्वीकृत की गईं? सड़कों के नाम सहित जिलावार जानकारी दी जावे। (ख) उक्त सड़क मार्गों पर वर्णित समयावधि में कितनी राशि सड़क मार्गों पर आवंटित की गई है? मार्ग की दूरी आवंटित धन राशि मार्गवार बताई जावे। (ग) क्या यह सही है कि स्वीकृत राशि के विरूद्ध राशि का आवंटन के पूर्ण अभाव में मार्गों के निर्माण निर्धारित समय में नहीं हो पा रहा है? पूर्ण धन राशि कब तक आवंटित होगी? पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) उक्त स्वीकृत मार्गों के निर्माण की अवधि क्या थी? मार्गों के निर्माण का प्रारम्भ एवं समापन अवधि की मार्गवार जानकारी दी जावे। ठेकेदार द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने पर उन पर क्या दण्ड किया जा रहा है? पूर्ण जानकारी दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत कोई नवीन सड़क मार्ग स्वीकृत नहीं हुआ अपितु पूर्व से विद्यमान सड़क मार्गों के उन्नयन की स्वीकृति ए.डी.बी.-6 योजना में दी गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा सड़क निर्माण कार्यों हेतु कार्यवार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है। आवंटन केन्द्रीयकृत सर्वर (आई.एफ.एम.आई.एस.) अन्तर्गत ग्लोबल में आवंटन उपलब्ध होता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) बजट में उपलब्ध आवंटन अनुसार अनुबंधित सड़क निर्माण कार्यों के पारित देयकों का भुगतान हो रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
कन्स्ट्रक्शन कम्पनियों पर पेनाल्टी
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 3454 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.आई.यू. द्वारा निर्मित किये जाने वाले बड़े प्रोजेक्ट्स के समय-सीमा पर पूर्ण नहीं होने पर कन्स्ट्रक्शन कम्पनियों पर पेनाल्टी लगाने की क्या प्रक्रिया अपनायी जाती है? देरी के कारणों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया भी बतायें। (ख) पी.आई.यू. द्वारा निर्मित 100 करोड़ या उससे बड़े प्रोजेक्ट्स पर अब तक किस-किस कन्सट्रक्शन कम्पनियों पर कितनी-कितनी पेनाल्टी लगायी गयी? कृपया बतायें। किन-किन कन्सट्रक्शन कम्पनियों की पेनाल्टी किन-किन अधिकारियों द्वारा कम अथवा समाप्त की गयी, इसकी भी जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अधिकारियों द्वारा यदि नियम विरूद्ध पेनाल्टी कम अथवा शून्य कर कन्सट्रक्शन कम्पनियों को लाभ पहुंचाया गया, उन अधिकारियों पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? (घ) क्या पी.आई.यू. द्वारा निर्मित हमीदिया हॉस्पीटल भोपाल के प्रोजेक्ट पर लगायी गयी पेनाल्टी संबंधित मुख्य अभियन्ता द्वारा शून्य कर दी गयी? सम्पूर्ण प्रकरण की जानकारी देते हुए मुख्य अभियन्ता पर की गयी कार्यवाही की जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनुबंध की धारा-14, धारा-15 एवं एनेक्सर-पी अनुसार पेनाल्टी एवं विलंब के निराकरण की प्रक्रिया निर्धारित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। किसी भी अधिकारी द्वारा पेनाल्टी कम अथवा समाप्त नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। किसी भी अधिकारी द्वारा पेनाल्टी कम अथवा समाप्त नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, चूंकि प्रोजेक्ट में किसी भी सक्षम अधिकारी द्वारा पेनाल्टी लगाई ही नहीं गई है, इसलिए शून्य करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। कार्य प्रगतिरत है। प्रोजेक्ट के विलंब में ठेकेदार एवं विभाग दोनों पक्षों के सुनवाई के दौरान उपलब्ध दस्तावेजों, अपरिहार्य परिस्थितियों एवं गुण-दोषों के आधार पर अनुबंध की धारा 14.1 के तहत समयवृद्धि स्वीकृत की गई है। संपूर्ण प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभागीय एन.ओ.सी. तथा एन.जी.ओ. के संबंध में
[पर्यावरण]
116. ( क्र. 3456 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग, उद्योग विभाग, परिवहन विभाग के अलावा और किन-किन विभागों के कार्य में आवश्यकतानुसार एन.ओ.सी जारी करता है? SEIAA सिया के अतिरिक्त और कौन-कौन सी संस्थाएं हैं जिसके माध्यम से एन.ओ.सी. दी जाती है? (ख) विभाग जिन शर्तों पर एन.ओ.सी. जारी करना है उनका पालन सुनिश्चत करने के लिए विभाग क्या प्रक्रिया अपनाता है? क्या शर्तों का परिपालन सुनिश्चित करने विभाग के पास अपना अमला है या संबंधित विभागों के द्वारा ही इसका पालन सुनिश्चित कराया जाता है? कृपया विस्तृत जानकारी दें। एन.ओ.सी. की शर्तों का कड़ाई से पालन हेतु विभाग क्या कोई कार्यक्रम तैयार करेगा? (ग) प्रदेश में पर्यावरण के सुधार हेतु कितने एन.जी.ओ. कार्य कर रहे हैं? क्या विभाग के पास इसकी जानकारी है? यदि है तो एन.जी.ओ. को मिलने वाले ग्रांट सहित विस्तृत जानकारी दें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) पर्यावरण विभाग द्वारा एन.ओ.सी. जारी नहीं की जाती है। सिया द्वारा भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ई.आई.ए. नोटिफिकेशन 2006 के अंतर्गत सम्मिलित परियोजनाओं को अधिसूचना में निहित विभिन्न श्रेणियों में सिया द्वारा पर्यावरण स्वीकृति जारी की जाती है, एन.ओ.सी. जारी नहीं की जाती है। (ख) एन.ओ.सी. जारी नहीं की जाती है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रदेश में पर्यावरण सुधार हेतु कार्य कर रहे एन.जी.ओ. की अधिकृत सूची विभाग संधारित नहीं करता। फिलहाल एप्को द्वारा किसी भी एन.जी.ओ. को ग्रांट नहीं दी जा रही है।
बिजली बिल माफ करने की घोषणा का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
117. ( क्र. 3463 ) श्री महेश परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना काल की पहली लहर में माह अगस्त 2020 तक के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के बिजली बिल की बकाया राशि माफ करने के संबंध में कोई योजना शासन द्वारा लागू की गई थी? यदि हाँ, तो 2021 में उपरोक्त योजना के लागू होने के उपरांत भी उक्त बकाया राशि को बिलों में जोड़कर उपभोक्ताओं पर आर्थिक भार क्यों डाला जा रहा है? (ख) क्या पूर्व की तरह घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के बिजली बिलों पर दी जाने वाली सब्सिडी सरकार द्वारा बंद कर दी गई है? यदि नहीं, तो घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी दिये जाने का क्या प्रावधान है? क्या वर्तमान में 150 यूनिट तक की खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जा रही है अथवा नहीं? (ग) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी घरेलू श्रेणी उपभोक्ताओं के लिए लागू वर्तमान टैरिफ दर क्या है? माह जनवरी, 2022 में संचालन-संधारण वृत्त उज्जैन में 150 यूनिट तक की मासिक विद्युत खपत वाले घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता कितने हैं एवं कितने उपभोक्ताओं को नियमानुसार सब्सिडी का लाभ दिया गया है? संख्या बतायें। (घ) उज्जैन जिले में स्मार्ट मीटर कितने घरों में लग चुके हैं? तहसीलवार जानकारी देवें। कितने स्मार्ट मीटर परिवारों को 150 यूनिट वाली योजना का लाभ दिया जा रहा है? क्या सरकार 63% सिंगल फेज 17% 3 फेस पर स्मार्ट मीटर लगने वाली लागत को उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ से छूट देने के लिए सरकार क्या प्रस्ताव ला रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की राशि की वसूली को आस्थगित कर, उक्तानुसार आस्थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। उक्त तारतम्य में राज्य शासन के आदेश दिनांक 16.11.2021 द्वारा उक्तानुसार आस्थगित राशि के भुगतान में, इन उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से 'समाधान योजना' लागू की गई थी। उपभोक्ताओं को समाधान योजना अंतर्गत आस्थगित की गई राशि के भुगतान हेतु दो विकल्प दिए गए थे, यथा- (1) आस्थगित मूल राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। (2) आस्थगित मूल राशि का 75 प्रतिशत, 6 समान मासिक किश्तों में भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। जिन उपभोक्ताओं द्वारा योजना की नियत दिनांक 31.01.2022 तक विकल्प का चयन नहीं किया गया, उन उपभोक्ताओं को माह फरवरी 2022 के विद्युत देयकों में आस्थगित राशि नियमानुसार शामिल करते हुये देयक जारी किये गये है। (ख) जी नहीं। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को राज्य शासन के आदेश क्रमांक 7679/एफ-3-08/2019/तेरह, दिनांक 07.09.2019 जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है, के अनुसार सब्सिडी दी जा रही है। जी हाँ, वर्तमान में 150 यूनिट तक की मासिक खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जा रही है। (ग) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी घरेलू श्रेणी उपभोक्ताओं के लिये लागू वर्तमान टैरिफ दर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। माह जनवरी 2022 में संचालन-संधारण वृत्त उज्जैन में 150 यूनिट तक की मासिक विद्युत खपत वाले घरेलू श्रेणी के कुल 252944 उपभोक्ता है एवं समस्त 252944 उपभोक्ताओं को नियमानुसार सब्सिडी का लाभ दिया गया है। (घ) उज्जैन जिले में 26591 घरों में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं जिसकी तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त में से 18527 घरेलू उपभोक्ताओं को 150 यूनिट मासिक खपत तक के उपयोग पर नियमानुसार मिलने वाली सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। स्मार्ट मीटर लगाने में आने वाली लागत की प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार से प्राप्त अनुदान एवं विद्युत खपत का सही मापन होने से बढ़े हुए राजस्व से किया जाना प्रस्तावित है, अत: इससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं आना संभावित है।
छापीहेड़ा-नलखेड़ा मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 3472 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा छापीहेड़ा-नलखेड़ा मार्ग की जर्जर हालत को देखते हुए सड़क मार्ग का कार्य प्रारंभ करवाने का मामला विधानसभा में ध्यानाकर्षण क्रमांक 164, दिनांक 05.03.2021 के माध्यम से उठाया गया? (ख) इस पर माननीय मंत्री महोदय, लोक निर्माण विभाग द्वारा क्या आश्वासन दिया गया? आश्वासन कब तक पूर्ण कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट दिनांक 21.06.2021 को तैयार करायी जा चुकी है। ए.डी.बी.-7 ऋण अनुबंध नहीं होने के कारण निविदा की कार्यवाही अप्रारंभ है।
बकाया बिजली बिलों की वसूली
[ऊर्जा]
119. ( क्र. 3473 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा बकाया बिलों की वसूली हेतु किसानों की सम्पत्ति कुर्क की जा रही है? यदि हाँ, तो अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक जिलेवार, माहवार कितने किसानों की क्या-क्या सम्पत्ति कुर्क की गई? (ख) सम्पत्ति कुर्क करते समय किसानों से विवाद के कारण कितनी एफ.आई.आर. कराई गई? जिलेवार, माहवार विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक कितने किसानों द्वारा कितनी राशि कुर्की के कारण जमा की गई? जिलेवार, माहवार जानकारी उपलब्ध कराएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा बकाया बिलो की वसूली हेतु नियमानुसार माह अप्रैल-2021 से जनवरी-2022 तक किसानों की सम्पत्ति कुर्क किये जाने संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जिलेवार, महावार, कृषकों की संख्या सहित कुर्क की गई सम्पति का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रांतर्गत बकाया बिलों की वसूली हेतु किसानों की संपत्ति कुर्क नहीं की गई है। (ख) संपत्ति कुर्क करते समय किसानों से विवाद के कारण कोई भी एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कराई गई है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा बकाया बिलों की वसूली हेतु नियमानुसार माह अप्रैल-2021 से जनवरी-2022 तक किसानों की संपत्ति कुर्क किये जाने के उपरांत विद्युत बिल की बकाया राशि कृषकों द्वारा जमा किये जाने संबंधी जिलेवार एवं माहवार जानकारी संलग्न संलग्न परिशिष्ट में समाहित है।
अधीक्षक यंत्री का स्थानांतरण
[ऊर्जा]
120. ( क्र. 3483 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी जिला बैतूल में श्री के.के. बैरागी, अधीक्षक यंत्री मुख्यालय सारणी में निरंतर कितने वर्षों से पदस्थ हैं? क्या इनके कार्यपालन अभियंता रहते हुए स्टोर में कई लाखों का घोटाला हुआ था, जिसमें काँटे में चिप लगाकर ट्रकों के सामान में अधिक वजन ले जाने पर चिप लगाने से कम वजन दर्शित करता था? यदि हाँ, तो इस घोटाले में स्टोर के कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल रहे तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? उनके नाम सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या दो वर्ष पूर्व श्री के.के. बैरागी के अधीक्षक यंत्री सेवा में रहते हुए रेल्वे रैक टैंक से हजारों लीटर ऑइल डैम में बह गया? यदि हाँ, तो श्री बैरागी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? बताएं। (ग) क्या श्री के.के. बैरागी का स्थानांतरण अन्यंत्र स्थान पर किया गया और चार माह बाद ही पारिवारिक कारण बताकर सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में पुन: वापस आ गए? यदि हाँ, तो बार-बार गलती/अनियमितता करने के कारण भी इन्हें अन्यत्र स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया? श्री के.के. बैरागी का कब तक अन्यत्र स्थानातरण कर दिया जाएगा? यदि नहीं, तो कारण बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री के.के. बैरागी, कार्यालय अधीक्षण अभियंता मुख्यालय, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी में दिनांक 02/12/2020 से पदस्थ हैं। इसके पूर्व में श्री बैरागी अपनी प्रथम पदस्थापना से अगस्त 2020 तक विभिन्न पदों पर लगभग 38 वर्ष सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी में पदस्थ रहे। जी नहीं। श्री बैरागी की कार्यपालन अभियंता (भण्डार-2) में पदस्थापना के दौरान, सी.एच.पी. एरिया में स्थापित तौल काँटे में 11.08.2016 को दो ट्रकों के स्क्रैप के तौल में अंतर के संबंध में, मुख्य अभियंता, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी द्वारा गठित 05 सदस्यीय समिति द्वारा जांच की गई। जाँच समिति ने निरीक्षक, नापतौल (Weight & Measurement) विभाग, म.प्र. शासन के समक्ष 17.08.2016 को तौल काँटे का सत्यापन किया, जिसमें कि तौल काँटे की प्रोसेसिंग यूनिट में चिप लगे होने की पुष्टि नहीं की गई, अपितु तौल में अनियमितता की आशंका व्यक्त की गई थी। तत्संबंध में जाँच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कंपनी द्वारा श्री के.के. बैरागी एवं चार अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों को कारण बताओ पत्र जारी किये गये। तद्नुसार अधिकारियों/कर्मचारियों पर कृत कार्यवाही का विवरण नाम सहित संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी, नहीं। श्री के.के. बैरागी की अधीक्षण अभियंता सेवाएं-I में पदस्थापना के दौरान सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में माह अगस्त 2020 में रेल्वे वैगन से फरनेस आईल अनलोडिंग के दौरान अल्प मात्रा में रिसाव (स्पीलेज) हुआ था, जो कि सामान्यत: ट्रेंचेस के माध्यम से पिट में इकट्ठा हो जाता है परंतु तत्समय भारी वर्षा के कारण ऑइल बहकर पाथाखेड़ा नाले के द्वारा डेम की स्कीमर वॉल तक पहुंच गया। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा घटना के संबंध में ऑइल की अल्प मात्रा में रिसाव एवं ऑइल मुख्य रिजरवायर में नहीं अपितु पाथाखेड़ा नाला एवं डेम की स्कीमर वॉल तक पहुंचने की पुष्टि की गई थी। मुख्य अभियंता (उत्पा.) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी द्वारा श्री के.के. बैरागी को नियमानुसार चेतावनी पत्र जारी कर भविष्य में अपने कर्तव्यों के प्रति और अधिक सजग रहने हेतु सचेत किया गया। (ग) श्री के.के. बैरागी का स्थानांतरण आदेश दिनांक 06.08.2020 द्वारा सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी से संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर किया गया था। श्री बैरागी सितम्बर, 2020 से दिसंबर, 2020 तक संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर में कार्यरत रहे। तदोपंरात इनका स्थानांतरण सारणी में आदेश दिनांक 28.11.2020 द्वारा किया गया जिसके अनुपालन में श्री बैरागी दिनांक 02/12/2020 से सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में पदस्थ हैं। श्री बैरागी पर उक्त दोनों घटनाओं के लिए गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जा चुकी है, तथापि कंपनी के आदेश दिनांक 07.03.2022 के द्वारा श्री बैरागी का स्थानान्तरण संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर कर दिया गया है।
विद्युत केबिल की भौतिक स्थिति
[ऊर्जा]
121. ( क्र. 3484 ) श्री राकेश मावई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में विद्युत मण्डल सुमावली अंतर्गत चालू वर्ष 2021-22 में ग्राम निटहरा में किस विद्युत योजनांतर्गत कितने बी.पी.एल. धारक परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिए गए? उनकी संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने बी.पी.एल. परिवारों के घरों में विद्युत मीटर लगाए गए हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें। विद्युत केबिल की भौतिक स्थिति क्या है? क्या केबिल में विद्युत सप्लाई चालू है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार ग्राम निटहरा में बी.पी.एल. परिवारों के घरों में विद्युत मीटर लगाए नहीं गए हैं और विद्युत सप्लाई भी नहीं दी गयी है और विद्युत बिल भेजना प्रारंभ कर दिए गए? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच करायी जाएगी तथा विद्युत मीटर लगाए बिना बिल भेजने के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला मुरैना के सुमावली वितरण केन्द्र अंतर्गत वर्ष 2021-22 में ग्राम निटहरा में किसी भी योजनान्तर्गत बी.पी.एल. धारक परिवारों को विद्युत कनेक्शन प्रदान नहीं किए गए हैं। अपितु वर्ष 2021-22 के पूर्व ग्राम निटहरा में तत्समय लागू दीनदयालय उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के प्रावधानों के अनुसार 90 बी.पी.एल. हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार वर्ष 2021-22 के पूर्व ग्राम निटहरा में 90 बी.पी.एल. हितग्राहियों को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना अंतर्गत मीटर लगाकर विद्युत केबिल से विद्युत सप्लाई चालू कर कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। विद्युत केबिल की भौतिक स्थिति सही है एवं वर्तमान में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा तदानुसार ही उपभोक्ताओं को विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। अत: तत्संबंध में कोई जांच कराया जाना अपेक्षित नहीं है।
पेयजल योजना में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 3498 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्र.क्र.312 दिनांक 28/12/20 और प्र.क्र 2555 दिनांक 5/03/21 के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है, की गई कार्यवाही की प्रतियां देवें। (ख) बड़ावदा के कितने वार्डों को उक्त प्रोजेक्ट से पेयजल की सुविधा उपलब्ध हुई है? क्या संशोधित ड्राइंग, डिजाइन तैयार हो चुका है? यदि हाँ, तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। क्या संशोधन अनुसार कार्य प्रारंभ होकर पूर्ण हो चुका है? (ग) उक्त प्रोजेक्ट में अनियमितता होने पर अभी तक ठेकेदार/कंपनी पर क्या कार्रवाई की गई है? उक्त योजना अंतर्गत कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार/कंपनी को किया जा चुका है और कितना शेष है? (घ) उक्त प्रकरण में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कब-कब नगर परिषद् का भ्रमण कर टीप अंकित की गई? किस-किस अधिकारी, कर्मचारी पर इस संबंध में कार्यवाही की गई है? (ड.) क्या बिछाई गई पाइप-लाइन के लिए नगर की सड़कों को खोदा गया, पश्चात उन्हें पुनः रिपेयर कर दिया गया है? यदि हाँ, तो परिषद् द्वारा इस संबंध में प्रमाणीकरण देवें और यदि नहीं, तो कब तक खोदी गई सड़कों को रिपेयर कर दिया जाएगा? (च) क्या विभाग प्रमुख का इस संबंध में मानना है कि कार्य में शासन की राशि का दुरुपयोग/भ्रष्टाचार हुआ है? लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी योजना सफल नहीं हुई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) बड़ावदा शहर के वार्ड क्र. 4, 5, 6, 10, 11, 12, 13, 14 एवं 15 में योजना के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। जी हाँ। संशोधित ड्राइंग, डिजाइन तैयार हो चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। (ग) अनियमितता की जांच में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। वर्तमान तक संपादित किये गये कुल कार्य की देयक का शुद्ध देयक राशि रू. 3, 70, 13, 759.00 भुगतान किया गया है। संचालन-संधारण के देयक की राशि रू. 68, 47, 971.70 का भुगतान किया जाना शेष है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। जांच कराई गई है उत्तरदायित्व निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) पाइप-लाइन बिछाने के लिए नगर की सडकों को खोदा गया था, उन्हें अभी रिपेयर नहीं किया गया है। नवीन संशोधित ड्राइंग डिजाइन अनुसार जल वितरण नलिकाओं से जल प्रदाय की सफल टेस्टिंग का कार्य पूर्ण होने के बाद सड़कों को रिपेयर किया जा सकेगा। (च) जांच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत निर्धारण किया जा सकेगा। उत्तरांश (ख) में अंकित वार्डों में योजना से जल प्रदाय किया जा रहा है।
स्वीकृत सड़कों एवं पुलों का निर्माण
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 3503 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में गत वित्त वर्ष में बजट में स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य (1) लुकवासा से अनंतपुर, (2) लुकवासा से अटरूनी, (3) मेघोनाबडा से देपराई (अशोकनगर जिला) तथा मां निहाल देवी मार्ग पर ग्राम रामपुरी, करौलानैनागिर के पास कूनो नदी पर पुल के निर्माण कार्य हेतु कुल कितनी-कितनी बजट राशि राज्य शासन से कब-कब विभाग को आवंटित हुई है? कार्यवार जानकारी दें। यदि नहीं, तो राशि आवंटन क्यों नहीं हुआ व कब तक होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अवगत करावें कि उल्लेखित निर्माण कार्यों हेतु यदि राशि के आवंटन के अतिरिक्त भी कोई अन्य विभागीय प्रक्रिया पूर्ण की जाना शेष है, तो वह क्या है? सम्पूर्ण ब्यौरा दें तथा वह कब तक पूर्ण हो सकेगी? निश्चित समयावधि बताएं। कार्यवार अवगत करांए कि कब तक सभी निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिए जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) राज्य शासन द्वारा सड़क/पुल निर्माण हेतु कार्यवार बजट राशि आवंटित नहीं की जाती है। विभाग को बजट/अनुपूरक अनुमान के माध्यम से योजना शीर्षवार राशि का आवंटन प्राप्त होता है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र में गत वित वर्ष में बजट में (1) लुकवासा से अनंतपुर, (2) लुकवासा से अटरूनी, (3) मेघोनाबडा से देपराई (अशोकनगर जिला) तथा मां निहाल देवी मार्ग पर ग्राम रामपुरी, करौलानैनागिर के पास कूनो नदी पर पुल के निर्माण कार्य को अपरीक्षित मद में अंकित किया गया। इन कार्यों में से सड़क कार्यों को सक्षम समिति द्वारा अनुशंसित किया गया है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में सड़क कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति अपेक्षित है तथा सेतु कार्य हेतु विस्तृत सर्वेक्षण पूर्ण, नीव निर्धारण हेतु प्रोफार्मा-7 डी.पी.आर. की कार्यवाही प्रक्रियाधीन, सक्षम समिति के अनुमोदन पश्चात प्रशासकीय स्वीकृति जारी होना शेष है। सड़क एवं पुल कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति होने के पश्चात निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जावेगी। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। निविदा स्वीकृति के पश्चात कार्य प्रारंभ कराया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत हितग्राहियों हेतु मूलभूत सुविधाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 3552 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैंट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में कितने मकान पूर्ण हो गये हैं? कितने निर्माणाधीन हैं? (ख) क्या उन मकानों में हितग्राही रह रहे हैं? यदि हाँ, तो उनको मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करा दी गई अथवा नहीं? (ग) जो बिल्डिंग पूर्ण नहीं हो पायी हैं वो कब तक पूर्ण होंगी? (घ) जिन हितग्राहियों के पैसे जमा हैं, उनको मकान में प्रवेश कब मिलेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम जबलपुर के कैंट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ए.एच.पी. घटक के तहत 48 आवासों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं 1776 आवासों का कार्य निर्माणाधीन है। (ख) नगर पालिक निगम जबलपुर क्षेत्र में केंट विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ए.एच.पी. घटक के अंतर्गत मोहनिया स्थल पर 17 हितग्राहियों को आवास आवंटन किये गये है, जिसमें से 4 हितग्राही वर्तमान में निवास कर रहे है। निवासरत हितग्राहियों को आवश्यक सुविधाएं अस्थाई रूप से उपलब्ध कराई गई हैं। (ग) दिसम्बर-2022 तक पूर्ण होना लक्षित है। (घ) जिन हितग्राहियों ने अपना पूर्ण अंशदान जमा करा दिया है, उन्हें आवास आवंटन प्रदान किया जा चुका है।
स्मार्ट सिटी के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 3570 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा शहर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं? (ख) स्मार्ट सिटी के अंतर्गत और कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हैं और उनका कार्य कब प्रारंभ होगा? (ग) स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कैंट विधान सभा में चल रहे कार्य की विस्तृत जानकारी दें। (घ) जो कार्य चल रहे हैं वह कब तक पूर्ण होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा शहर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 50 कार्य राशि रू. 264.23 करोड़ के पूर्ण कराये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) स्मार्ट सिटी के अंतर्गत और स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। इनमें से 52 कार्य प्रगतिरत है। शेष 07 कार्य निविदा प्रकिया में है। (ग) स्मार्ट सिटी के अंतर्गत केन्ट विधानसभा क्षेत्र में 5 कार्य राशि रू. 29.69 करोड़ के प्रगतिरत है एवं अन्य विधानसभाओं के साथ केन्ट विधानसभा क्षेत्र में संयुक्त रूप से 10 कार्य राशि रू. 93.97 करोड़ के प्रगतिरत है। कार्यों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) चल रहे कार्यों की पूर्ण होने की संभावित दिनांक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
अजनार-मंगरौल मार्ग पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 3586 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लहार जिला भिण्ड के अंतर्गत अजनार-मंगरौल मार्ग पर नारदेश्वर मंदिर मड़ोरी क समीप सिंध नदी पर पुल (ब्रिज) निर्माण कार्य को प्रथम अनुपूरक अनुमान बजट 2019-20 में सम्मिलित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पुल की कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृत कब प्रदान की गई एवं कार्य प्रारंभ किए जाने हेतु कब-कब निविदाएं आमंत्रित की गई तथा किन-किन निविदाकारों द्वारा निविदाएं प्रस्तुत की गई एवं किस फर्म/ठेकेदार की निविदा किस दर पर स्वीकृत की गई? (ग) क्या उक्त कार्य हेतु अनेक बार निविदाएं आमंत्रित किए जाने के उपरांत भी अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2021 में लहार क्षेत्र के किन-किन मार्गों को जिला मुख्य मार्ग घोषित किए जाने हेतु प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग (उत्तर परिक्षेत्र) ग्वालियर एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण संभाग भिण्ड को प्रस्ताव दिए गए थे? (ड.) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किन-किन मार्गों को जिला मुख्य मार्ग घोषित किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। निर्माण एजेंसी का निर्धारण न होने के कारण। (घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
127. ( क्र. 3587 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय लहार, मिहोना तथा आलमपुर जिला भिण्ड में वर्ष 2021-22 में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं का विषयवार एवं कक्षावार संख्या अलग-अलग बताएं। (ख) उपरोक्त महाविद्यालयों में कितने पद किस-किस श्रेणी के स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कौन-कौन से भरे हैं एवं कौन-कौन से पद रिक्त हैं? क्या उक्त महाविद्यालय में प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकों के पद रिक्त होने से विद्यार्थियों का अध्यापन नहीं हो पाने से उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है? यदि हाँ, तो रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी? (ग) क्या शासकीय महाविद्यालय लहार, आलमपुर एवं बालाजी मिहोना में नियुक्त अतिथि विद्वानों द्वारा महाविद्यालयों में उपस्थित न होकर फर्जी रूप से वेतन प्राप्त किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2021-22 में उक्त महाविद्यालयों में नियुक्त अतिथि विद्वानों के नाम, पता एवं विषय सहित जानकारी दें तथा उक्त अवधि में उन्हें कितना-कितना भुगतान किया गया तथा बिना कार्य के वेतन आहरण किए जाने के लिए कौन जिम्मेदार हैं एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। जी नहीं। शैक्षणिक संवर्ग के कुल 31 रिक्त पदों के विरूद्ध 29 अतिथि विद्वान आमंत्रित हैं। छात्र हित में अध्ययन/अध्यापन का कार्य सुचारू रूप से जारी है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। अतिथि विद्वानों से सम्बंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
बी.ओ.टी. मार्ग की जानकारी
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 3595 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2404 दिनांक 02.03.21 के संदर्भ में बतावें कि 59 बी.ओ.टी. मार्ग में 41 मार्ग पर शासन को हिस्सा मिलता है तथा शेष 18 मार्ग पर शासन को हिस्सा नहीं मिलता, इस विरोधाभास का कारण क्या है? इससे संबंधित उन दस्तावेजों की प्रति देवें जिससे राज्य धन की प्राप्ति में इतने गंभीर विरोधाभास को समझा जा सके। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित 41 बी.ओ.टी. मार्ग जिसे राज्य शासन को हिस्सा प्राप्त हो रहा है उन टोल की लागत राशि टोल प्रारंभ होने की दिनांक से 2021-22 तक टोल वसूली की राशि तथा उससे प्राप्त राज्य शासन का हिस्सा की वर्षवार जानकारी देवें तथा बतावें कि सभी 41 बी.ओ.टी. सड़क पर जनवरी 22 तक कुल मिलाकर लागत कितना टोल वसूला गया, उसमें से राज्य शासन को कितना हिस्सा प्राप्त हुआ तथा संपूर्ण वसूले गये टोल का कितना प्रतिशत है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित 41 बी.ओ.टी. मार्ग में से 33 में अनुबंध की धारा 17.6 के तहत तथा 7 मार्ग पर अनुबंध की धारा 262.1 तथा जावरा नया गाँव मार्ग पर धारा 17.6 तथा धारा 22.6 के अनुसार राज्य शासन को हिस्सा मिल रहा है? यदि हाँ, तो हिस्सेदारी के इस विभिन्न सूत्र का कारण बतावें तथा यह विभिन्नता क्यों हैं? इससे संबंधित दस्तावेज देवें। (घ) प्रश्नाधीन 59 बी.ओ.टी. सड़क की डी.पी.आर./फिजिबिलिटी रिपोर्ट कंसलटेन्ट द्वारा बनायी गयी तथा उसे उसके एवज में कितना पारिश्रमिक दिया गया तथा इन सभी डी.पी.आर./फिजिबिलिटी रिपोर्ट के उस पृष्ठ की प्रति देवें जिसमें राज्य शासन के हिस्से के बारे में उल्लेख किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पृथक-पृथक मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट होने के कारण एवं अनुबध में प्रावधानों में भिन्नता के कारण उक्त स्थिति परिलक्षित हो रही है। भिन्न-भिन्न मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट पर आधारित अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) पारिश्रमिक दिये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। डी.पी.आर./फिजिबिलिटी रिपोर्ट में राज्य शासन के हिस्से के बारे में उल्लेख नहीं किया जाता है।
कुत्तों की नसबंदी पर व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 3598 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पिछले 3 वर्षों में नगरीय निकायों में कुत्तों की नसबंदी पर कितना-कितना खर्च किया तथा इसमें कितने कुत्तों की नसबंदी नगरीय निकायों में की गई तथा किस-किस वर्ष में ठेकेदार ने किस दर से कितने जिले में कुत्तों की नसबंदी की। (ख) क्या विभाग के पास नगर निगम अनुसार कुत्तों की गणना है? यदि हाँ, तो वर्ष 2020 से 31 दिसम्बर 2021 तक नगरीय निकाय अनुसार कुत्तों की संख्या बतावें। यदि नहीं, तो नगरीय विकास क्षेत्र में कुत्तों की संख्या ज्ञान न होने पर नसबंदी की कार्ययोजना तथा संभावित खर्च कैसे तय किया गया? निकायवार व्यय राशि का ब्यौरा बतावें। नसबंदी हेतु कुत्तों को पकड़ने उसे मोडीफाय करने की क्या योजना है तथा कौन से इंजेक्शन/दवा किस फार्मा कम्पनी का लगाकर नसबंदी की जा रही है? उस इंजेक्शन/दवा इत्यादि की एम.आर.पी. क्या है? (ग) प्रश्नांश के अनुसार कुत्तों की नसबंदी के परिणामों से अवगत करावें। (घ) वर्ष 2020 से 20 फरवरी 2022 तक नगरीय निकाय में कुत्तों के काटने तथा सड़क पर घूम रही गाय तथा सांड के हमले से घायल तथा मृत होने की कितनी घटनायें हुईं? (ड.) कुत्तों की नसबंदी के बाद भी कुत्तों के बच्चा होने की घटना पर शासन ठेकेदार पर क्या कार्यवाही करेगा तथा नसबंदी के बाद नगरीय निकाय द्वारा गणना कब की जावेगी? बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कार्य एजेंसी द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
130. ( क्र. 3608 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुराना एन.एच. 26 बम्होरी तिगड्डा से गढ़पहरा तक निर्माणाधीन सड़क मार्ग का कार्य प्रारंभ कब हुआ था? कार्य पूर्णतः की तिथि सहित जानकारी देवें। (ख) क्या निर्माणाधीन सड़क मार्ग में नाली निर्माण कार्य, पाथ-वे निर्माण कार्य, कनेक्टिविटी सड़क निर्माण कार्य आदि का प्रावधान/प्राक्कलन में कार्य किये जाने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ विस्तृत जानकारी देवें। (ग) यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क निर्माण कार्य के साथ-साथ उपरोक्त कार्यों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि सड़क निर्माण के साथ-साथ उपरोक्त कार्यों को नहीं किया है तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें। कार्य एजेंसी कब तक उपरोक्त निर्माण कार्य पूर्ण करेगी? (घ) यदि कार्य एजेंसी द्वारा कार्य पूर्णता की तिथि में सड़क निर्माण कार्य/नाली निर्माण कार्य/पाथ-वे निर्माण कार्य नहीं किया है तो विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कार्य एजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? कार्यवाही की है तो अवगत करायें एवं सड़क निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नाली निर्माण कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं कनेक्टिविटी सड़क निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्य प्रगति पर है। कार्य में विलम्ब हेतु कार्य पूर्ण होने के उपरांत अनुबंधानुसार निहित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। 30 अप्रैल 2022 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।
सड़क मार्ग का चौड़ीकरण कार्य
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 3609 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग रा./रा. द्वारा एन.एच. 86 सड़क मार्ग चौड़ीकरण कार्य भोपाल से मोतीनगर चौराहे तक एवं मकरोनिया से बहेरिया तक का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त मार्ग में चौड़ीकरण कार्य के समय कितने पेड़ों की कटाई विभाग ने अनुमति उपरांत की थी? अनुमति के शर्तों के पालन में क्या विभाग ने वृक्षारोपण कार्य किया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ कितना वृक्षारोपण कार्य किया? (ग) यदि विभाग ने काटे गये पेड़ों की अनुमति के पालन में वृक्षारोपण कार्य नहीं किया है तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? वृक्षारोपण कार्य/अनुमति के शर्तों के पालन में अन्य कार्य कब तक पूर्ण किये जायेगें? (घ) रेल्वे ओव्हर ब्रिज गेट क्र. 30 पर निर्माणाधीन है, इसके कार्य पूर्णता की तिथि की जानकारी देवें तथा कार्य समयावधि में कार्य पूर्णता की तिथि पर न होने पर विभाग ने कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें एवं कार्य कब तक पूर्ण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विद्युत सब स्टेशनों का निर्माण
[ऊर्जा]
132. ( क्र. 3619 ) श्री
नर्मदा
प्रसाद
प्रजापति (एन.
पी.) : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कार्यालय, अध्यक्ष
मध्यप्रदेश
विधानसभा
द्वारा
कार्यालयीन
पत्र क्रमांक 1696/अ.वि.स./2019
दिनांक 18.12.2019
के द्वारा
मुख्य
अभियंता मध्यप्रदेश
पूर्व
क्षेत्रीय
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड
जबलपुर को
विधानसभा
क्षेत्र गोटेगाँव
अंतर्गत 15
स्थलों पर
विद्युत सब स्टेशनों
के निर्माण
हेतु
कार्यवाही
करने का अनुरोध
किया गया था? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्या
अधोहस्ताक्षरी
द्वारा पत्र
क्रमांक 168
दिनांक 14.04.2020
द्वारा (क) में
उल्लेखित स्थलों
पर विद्युत सब
स्टेशनों के
निर्माण हेतु
कार्यवाही
करने का
अनुरोध किया
गया था? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) यदि
हाँ, तो
विधान सभा
गोटेगाँव
अंतर्गत उक्त
पत्रों में
उल्लेखित स्थलों
पर विद्युत सब-स्टेशन
निर्माण हेतु
विभाग द्वारा
अब तक क्या
कार्यवाही की
गई है? (घ) यदि अब तक
कोई
कार्यवाही
नहीं की गई है
तो इसके लिये
कौन जिम्मेदार
है तथा उल्लेखित
स्थलों पर
विद्युत सब-स्टेशन
क्यों नहीं
निर्मित किये
जा सकते हैं? यदि
किये जा सकते
हैं तो कब तक
निर्माण
कार्य पूर्ण
होंगे?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन
पत्र मुख्य
अभियंता (जबलपुर
क्षेत्र) पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को प्राप्त
नहीं हुआ है। अपितु
सचिव, तत्कालीन
माननीय अध्यक्ष
म.प्र. विधान
सभा का पत्र
क्रमांक 606
दिनांक 19.06.2019, तत्कालीन
माननीय ऊर्जा
मंत्री जी के
पत्र क्रमांक 1384
दिनांक 22.07.2019
के माध्यम से
प्रबंध
संचालक,
म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को प्राप्त
हुआ था, जिसमें 33/11
के.व्ही. के 13
विद्युत
उपकेन्द्रों
के निर्माण
एवं एक
विद्यमान 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
पर अतिरिक्त
पावर
ट्रांसफार्मर
लगाने की
कार्यवाही किये
जाने का लेख
था। उक्त
पत्र के
तारतम्य में
तत्कालीन
माननीय ऊर्जा
मंत्री जी
द्वारा 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
डुड़वारा में 5
एम.व्ही.ए.
क्षमता का अतिरिक्त
पावर
ट्रांसफार्मर
स्थापित
करने तथा
ग्राम कोदराज
खुर्द एवं
ग्राम खुरपा
में 33/11 के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
के निर्माण के
लिये परीक्षण
करने हेतु निर्देशित
किया गया था। उक्त
पत्रों की
छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में माननीय प्रश्नकर्ता
विधायक महोदय
का पत्र
क्रमांक 168
दिनांक 14.04.2020
मुख्य
अभियंता (जबलपुर
क्षेत्र) म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
कार्यालय में
प्राप्त
होना नहीं
पाया गया है। (ग) उत्तरांश
(क) अनुसार
तत्कालीन
माननीय ऊर्जा
मंत्री जी के
निर्देशानुसार
एक अतिरिक्त
पावर
ट्रांसफार्मर
की स्थापना
एवं 2 नवीन 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्रों
के कार्य हेतु
तकनीकी
परीक्षण कर
वस्तुस्थिति
की जानकारी
तत्कालीन
विशेष सहायक
माननीय ऊर्जा
मंत्री को मुख्य
अभियंता, (जबलपुर
क्षेत्र) म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड, जबलपुर
के पत्र
दिनांक 19.08.2019
से दी गई थी, जिसकी
छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। साथ
ही प्रश्नाधीन
पत्र क्रमांक 606
दिनांक 19.06.2019
में उल्लेखित
सभी विद्युत
उपकेन्द्रों
के निर्माण
कार्य हेतु
तकनीकी
परीक्षण
कराया गया था
जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन
पत्र क्रमांक 606
दिनांक 19.06.2019
पर उत्तरांश (ग) में
दर्शाए
अनुसार
कार्यवाही की
गई। अत: कोई
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी नहीं है।
उक्त पत्र
में उल्लेखित
12 विद्युत
उपकेन्द्रों
के निर्माण
कार्य तकनीकी
रूप से साध्य
नहीं पाये गये
एवं 2 कार्य
भारत सरकार की
आर.डी.एस.एस.
योजना में प्रस्तावित
किये गये है। योजना
की स्वीकृति
उपरान्त
वित्तीय
उपलब्धता अनुसार
कार्य किये
जावेंगे जिस
हेतु वर्तमान
में निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
मार्ग के प्रोजेक्ट कास्ट में वृद्धि
[लोक निर्माण]
133. ( क्र. 3623 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागाँव मार्ग के अनुबंध तथा डी.पी.आर. फिजिबिलिटी रिपोर्ट अनुसार लागत क्या-क्या है तथा वह अनुबंध तथा रिपोर्ट के किस पृष्ठ पर उल्लेखित है तथा बायविलिटी ग्रान्ट फन्ड (V.G.F.) कितना-कितना प्राप्त हुआ है? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1058 दिनांक 23.12.2021 के परिशिष्ट 4 के अन्त में कन्सेशनायर द्वारा दिये गये पत्र तथा प्रस्तुत टेबल में बताया कि वर्तमान प्रोजेक्ट कास्ट क्रमशः 2211 करोड़ तथा 2347 करोड़ है। क्या शासन इस गणना से सहमत है? यदि हाँ, तो दिये गये निर्माण भुगतान, कार्यालय तथा प्रबंधन खर्च तथा ब्याज की वर्षवार, मद अनुसार जानकारी देवें तथा बतावें कि क्या इस अनुसार दोनों मार्ग की टोल अवधि बढ़ाई जावेगी? (ग) लेबड़-जावरा मार्ग के अनुबंध में टारगेट डेट 1.10.2015 से बदलकर 01.06.2020 क्यों की गई? तथा प्रोजेक्टेड टारगेट ट्राफिक 26800 पी.सी.यू. किस आधार पर माना गया। उसके दस्तावेज देवें। (घ) क्या टारगेट डेट को वास्तविक ट्राफिक एम.पी.आर.डी.सी. के अनुसार 21373 है जो अनुबंध के प्रोजेक्टेड से लगभग 21 प्रतिशत कम है तो क्या अनुबंध की धारा 29.2.1 के अनुसार कन्सेशन पीरियड 20 प्रतिशत बढ़ाया जायेगा? यदि हाँ, तो इस संदर्भ में कन्सेशनायर द्वारा दिये गये आवेदन की प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लेबड़-जावरा मार्ग के अनुबंधानुसार टोटल प्रोजेक्ट कॉस्ट रू. 589.31 करोड़ है एवं फिजिबिलिटी रिपोर्ट अनुसार रू. 448 करोड़ है। जावरा नयागाँव मार्ग की अनुबंधानुसार टोटल प्रोजेक्ट कॉस्ट रू. 425.71 करोड़ है एवं फिजिबिलिटी रिपोर्ट अनुसार रू. 444.95 करोड़ है। चूंकि उक्त मार्गों की निविदायें प्रीमियम के आधार पर स्वीकृत है। अतः बायविलिटी गेप फंड दिये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी हाँ। उक्त लागत निवेशकर्ता द्वारा मार्ग पर निर्माण, टेक्स, संधारण एवं संचालन, व्यवसायिक दर पर ब्याज की लागत, निगम को देय प्रीमियम की लागत, बीमा की लागत एवं अनुबंधानुसार अन्य लागत समय-समय पर व्यय की गई है, जो निवेशकर्ता द्वारा अनुबंधानुसार कराये गये वैधानिक अंकेक्षण पर आधारित है, बताई गई वर्तमान लागत है। उक्त लागत से टोल अवधि बढ़ाये जाने का अनुबन्ध में कोई प्रावधान नहीं है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) पूर्व निविदा बैठक में टारगेट दिनांक को बदला गया क्योंकि प्लांनिग कमिशन भारत सरकार द्वारा जारी मॉडल रियायत अनुबंध अनुसार टारगेट दिनांक लगभग 10 साल अनुबंध दिनांक से होनी चाहिए एवं किसी भी स्थिति में अनुबंध समाप्ति दिनांक के दो वर्ष पूर्व के बाद नहीं होनी चाहिए। लेबड़-जावरा फोरलेन पर अनुबन्ध की धारा 29 के अनुसार अनुबन्ध टारगेट ट्रेफिक दिनांक 01.06.2020 है, टारगेट ट्रेफिक अनुबन्ध के आर्टिकल-29 अनुसार 26, 800 पी.सी.यू. प्रतिदिन है। दस्तावेज सम्बंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। कार्यवाही अनुबन्ध के प्रावधानानुसार परीक्षण कर की जा रही है। निवेशकर्ता के आवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।
रतलाम जिले में निर्माणाधीन रेल्वे ओव्हर ब्रिज
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 3627 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कितने-कितने रेल्वे ओव्हर ब्रिज (आर.ओ.बी.) निर्माणाधीन हैं? उनकी लागत, ठेकेदार का नाम, कार्यादेश की दिनांक, कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित सूची देवें तथा बतावें कि 20 फरवरी 2022 तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) क्या रतलाम शहर में निर्माणाधीन सुभाषनगर तथा सागोद रोड आर.ओ.बी. का कार्य काफी धीमी गति से हो रहा है? इसका कारण क्या है तथा दोनों आर.ओ.बी. में कितना-कितना मुआवजा कितने प्रभावितों को देय था? कितनों को दिया जा चुका है तथा कितने शेष है? (ग) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित दोनों आर.ओ.बी. की ठेकेदार तथा शासन के मध्य अनुबंध की प्रति देवें तथा बतावें कि दोनों आर.ओ.बी. के रेल्वे लाइन के क्षेत्र में ऊंचाई कितनी होगी तथा दोनों ओर जीरो पाईंट कितने मीटर दूर होगा? (घ) प्रश्नाधीन सागोद रोड आर.ओ.बी. की ऊंचाई वर्तमान से रेल्वे लाइन के ऊपर कितने मीटर और बढ़ाई जावेगी तथा दोनों आर.ओ.बी. में प्रस्तावित पुलिया के दाये तथा बाये और रहवासी क्षेत्र और पुलिया के बीच सड़क कितनी चौड़ी होगी? (ड.) प्रश्नाधीन दोनों आर.ओ.बी. की ड्राइंग (नक्शा) देवें तथा रेल्वे से प्राप्त अनुमति की प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रतलाम जिले में निर्माणाधीन रेल्वे ओव्हर ब्रिज (आर.ओ.बी.) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रतलाम शहर में निर्माणाधीन सुभाषनगर तथा सागोद रोड आर.ओ.बी. का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जी हाँ। वर्ष 2020 एवं 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण कार्य की प्रगति बाधित हुई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित दोनों आर.ओ.बी. की ठेकेदार एवं शासन के मध्य अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन सागोद रोड आर.ओ.बी. की ऊंचाई वर्तमान से रेल्वे लाइन के ऊपर 2.00 मीटर और बढ़ाई जावेगी तथा दोनों आर.ओ.बी. में प्रस्तावित पुलिया के दाये तथा बाये और रहवासी क्षेत्र और पुलिया के बीच सड़क 5.00 मीटर चौड़ी होगी। (ड.) प्रश्नाधीन दोनों आर.ओ.बी. की ड्राइंग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है एवं रेल्वे की अनुमति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
निविदाकारों की निविदाओं का निरस्तीकरण
[लोक निर्माण]
135. ( क्र. 3633 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग टीकमगढ़ द्वारा मेंटेनेन्स कार्य, एस.आर., व्हाइट वॉशिंग, कलर वॉशिंग की निविदा 2022_PWDRB_177259_1 टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले की संयुक्त रूप से लगाई गई है? यदि हाँ, तो क्या मेंटेनेन्स कार्य में तकनीकी बिड की आवश्यकता होती है? यदि नहीं, तो उक्त निविदा में तकनीकी बिड क्यों मांगी गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत ई-निविदा में ई.एम.डी. हार्ड प्रति में लिफाफे में पृथक से मांगी गई है? यदि हाँ, तो यह म.प्र. शासन लो.नि.वि. के पत्र क्रमांक-205/प्रस/लो.नि.वि./20, भोपाल दिनांक 03/11/2020 का उल्लंघन नहीं है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत निविदा में दो निविदाकारों की निविदायें बिना किसी कारण बताये निरस्त की गई है? यदि हाँ, तो क्या यह कार्यवाही निविदा प्रक्रिया के विपरीत होकर चहेते ठेकेदारों को कार्य देने के लिए की गई है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में इस निविदा प्रक्रिया में मनमानी पूर्ण कार्य करने हेतु दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। त्रुटिवश तकनीकी बिड मांगी गई है। सम्बंधित प्रभारी कार्यपालन यंत्री को इस सम्बंध में कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। जी नहीं। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
पूरक कार्य (सप्लीमेन्ट्री वर्क) की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
136. ( क्र. 3634 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग संभाग टीकमगढ़ अंतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में कितने पूरक कार्य (सप्लीमेन्ट्री वर्क) कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं? अनुबंधानुसार जानकारी दें। (ख) पूरक कार्य (सप्लीमेन्ट्री वर्क) स्वीकृति का मापदण्ड क्या है? (ग) क्या टीकमगढ़ संभाग अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में स्वीकृत किये गये पूरक कार्य स्वीकृतकर्ता अधिकारी के अधिकार सीमा अंतर्गत है एवं उक्त पूरक कार्य किस प्रकृति के हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त पूरक कार्य स्वीकृत कर चहेतों को लाभ पहुंचाया गया है एवं निविदा प्रक्रिया का हनन किया गया है? उपरोक्त अवधि के पूरक कार्यों का अब तक कितना भुगतान किया गया है? (ड.) क्या प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में उक्त पूरक कार्य स्वीकृति से लेकर भुगतान तक नियमानुसार है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत ट्रांसफार्मरों पर बकाया राशि की जानकारी
[ऊर्जा]
137. ( क्र. 3641 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के विद्युत वितरण केन्द्र चीनौर आंतरी, बरई, घाटीगाँव एवं मोहना के अन्तर्गत 20 फरवरी 2022 की स्थिति में किस-किस गाँव में कितने ट्रांसफार्मर लगे हैं एवं उन ट्रांसफार्मरों पर कितने विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं? दिसम्बर 2021 में पंचायत निर्वाचन में उपरोक्त वितरण केन्द्रों के अन्तर्गत पंचायत निर्वाचन के फार्म भरने के लिये कितने व्यक्तियों द्वारा नोड्यूज कराया गया तथा जिनमें कितने विद्युत बिल जमा कराये गये हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) ट्रांसफार्मर फुक जाने या खराब हो जाने पर नया ट्रांसफार्मर लगाने का विद्युत विभाग का क्या नियम है? वर्तमान में जो नियम लागू है, उनकी छायाप्रति दें। कितनी राशि जमा करने पर तथा कितने समय में फुके हुये ट्रांसफार्मर को बदलकर पुनः नया ट्रांसफार्मर रखने का नियम हैं? प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत कितने ट्रांसफार्मर किस-किस गाँव में प्रश्न दिनांक की स्थिति में फुके हुये हैं? उनकी राशि भी जमा करा दी गई है किन्तु ट्रांसफार्मर बदलकर नहीं रखे गये हैं? क्यों नहीं रखे गये हैं? (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 20 फरवरी 2022 की स्थिति में विद्युत विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, वर्तमान पद पर पदस्थापना दिनांक, कार्यक्षेत्र तथा मुख्यालय एवं मोबाइल नम्बर बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर जिले के विद्युत वितरण केन्द्रों चीनौर, आंतरी, बरई, घाटीगाँव एवं मोहना के अंतर्गत दिनांक 20 फरवरी 2022 की स्थिति में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों एवं उनसे सम्बद्ध विद्युत कनेक्शनों की प्रश्नाधीन चाही गयी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। माह दिसम्बर 2021 में पंचायत निर्वाचन के फार्म भरने के लिये उपरोक्त वितरण केन्द्रों अंतर्गत नो-ड्यूज हेतु प्राप्त आवेदनों से संबंधित उपभोक्ताओं की संख्या, जारी किये नो-ड्यूज से संबंधित कनेक्शनों की संख्या एवं इनके विरूद्ध जमा कराये गए विद्युत बिलों की राशि सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 16.07.2021 को अधिसूचित पुनरीक्षित वितरण अनुपालन मापदण्डों के अनुसार शहरी क्षेत्र में संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे तथा अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्र में मानसून सीजन के दौरान (माह जुलाई से सितम्बर तक) 07 दिवस में तथा शुष्क मौसम में 03 दिवस में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को बदलने अथवा विद्युत प्रदाय की पुनर्स्थापना किये जाने का नियम हैं। उक्त नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। राज्य शासन के निर्देशानुसार जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर उक्तानुसार निर्धारित समय-सीमा में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर को प्राथमिकता पर बदले जाने के निर्देश हैं। राज्य शासन के उक्त निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। ग्वालियर जिले के विद्युत वितरण केन्द्र चीनौर, आंतरी, बरई, घाटीगाँव एवं मोहना अंतर्गत संबंधित उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा कराये जाने के उपरांत पात्र ट्रांसफार्मरों को निर्धारित अवधि में बदला गया है। वर्तमान में उक्त वितरण केन्द्रों के अंतर्गत कोई भी ऐसा फेल ट्रांसफार्मर बदला जाना शेष नहीं है, जिसके लिए उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार राशि जमा करा दी गई हो। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, कार्यक्षेत्र व मुख्यालय से संबंधित जानकारी एवं जिन कर्मियों को विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मोबाइल सिम उपलब्ध कराई गई है, उनके मोबाइल नम्बर सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
अमृत योजनांतर्गत कराए गये कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 3642 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम में अमृत योजना किस दिनांक से लागू की गई? इस योजना के क्या नियम हैं? योजना लागू दिनांक से 20 फरवरी 2022 तक वार्ड क्र.1 से 66 तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत से किस-किस स्थान पर किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी से किस-किस यंत्री/अधिकारी के सुपरविजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं? इन कार्यों की प्रश्न दिनांक की स्थिति में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? प्रत्येक कार्यवार अलग-अलग जानकारी दें। (ख) नगर निगम ग्वालियर में 1 जनवरी 2020 से 20 फरवरी 2022 तक किस-किस टेण्डर में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतकर्ता का नाम, पता तथा शिकायत की छायाप्रति दें। शिकायत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या नगर निगम के जनकार्य विभाग में नवम्बर 2021 में एनआईटी/एमपीजीएमसी/128/21गुणा/3/3/ज कार्य 1.78 करोड़ के टेण्डर में 2 करोड़ तक के टेण्डर की शर्तें लगाने के नियम की अनदेखी कर किसी मनचाहे ठेकेदार को टेण्डर दिलवाने के लिये शर्तों में बदलाव किया था? यदि हाँ तो किस अधिकारी द्वारा किया गया था? उसका नाम, पद बतावें। ऐसे भ्रष्टाचार कराने की नियत से मनमानी शर्तें लगाने तथा नियमों (शर्तों) में हेराफेरी करने पर ऐसे अधिकारी का नाम, पद बतावें। शिकायत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) नगर परिषद् भितरवार आंतरी, मोहना, पिछौर, विलौआ, तथा नगर पालिका डबरा में 15 फरवरी 2022 की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद पदस्थापना दिनांक तथा वर्तमान पद पर पदस्थ दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम, ग्वालियर में अमृत योजना माह सितम्बर 2017 से लागू की गई। अमृत 1 की गाइड-लाइन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है तथा दिनांक 20.02.2022 तक वार्ड क्रमांक 01 से 60 में स्वीकृत कार्य एवं कराये गये कार्यों का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ख) अमृत योजना के तहत टेण्डर के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। नगर निगम, ग्वालियर अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में विभिन्न निविदाओं में प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। ग्वालियर नगर निगम जनकार्य में 01 जनवरी 2020 से 01 फरवरी 2022 तक टेण्डर संबंधी केवल टेण्डर क्र. UADD_2021_171203_1 में शिकायत प्राप्त हुई है। जिसमें शिकायतकर्ता का नाम, पता, पत्र में अंकित नहीं है। 02 करोड़ तक के इस टेण्डर में शर्तों में बदलाव श्री प्रेम कुमार पचौरी, मुख्य समन्वयक अधिकारी, ग्वालियर पूर्व द्वारा किया गया था। उक्त शिकायत के अनुक्रम में निविदा निरस्त कर पुन: नियमानुसार निविदा आमंत्रित की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
निर्माण सामग्री की गुणवत्ता एवं मात्रा के अनुपात का निर्धारण
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 3648 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.आई.यू. शाखा द्वारा कराये जाने वाले निर्माण कार्यों में प्रयुक्त निर्माण सामग्री की गुणवत्ता एवं मात्रा के अनुपात के लिए क्या निर्धारण है? विस्तृत विवरण देवें। (ख) विभाग अंतर्गत कराए गए निर्माण कार्यों में प्रयुक्त रेत, गिट्टी, मुरम, ब्रिक्स, बोल्डर, सरिया, सीमेंट, कोटास्टोन, मार्बल-ग्रेनाइट, पेंट इमर्शन, विद्युत फिटिंग सामग्री के लिए मानकों के आधार पर उनकी गुणवत्ता का परीक्षण एवं जांच किस प्रकार की जाती है? विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार बताएं कि क्या पी.आई.यू. के निर्माण कार्यों में फ्लाईएस ब्रिक्स के प्रयोग से प्रदेश में फ्लाईएस ब्रिक्स से निर्माण कार्य हो रहे हैं? मानक ब्रिक्स के निर्माण में प्रयुक्त सामग्री राखड़ बालू एवं सीमेंट का क्या अनुपात होना चाहिए? ब्रिक्स के आकार एवं वजन क्या होना चाहिए? उनकी गुणवत्ता संबंधी जांच किस प्रकार की जाती है? यदि नहीं, तो कृपया बतायें कि प्रदेश में गुणवत्ताहीन फ्लाईएस ब्रिक्स के कितने मामले कहाँ- कहाँ आये हैं? उन पर क्या कार्रवाई की गई है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार फ्लाईएस ब्रिक्स के प्रयोग के चलते क्या भवनों में दरारें भवन क्षति संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो कृपया बतायें कि सागर जिले अन्तर्गत वर्ष 2017 से क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतवार कार्यवाही की विस्तृत जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निर्माण कार्यों में प्रयुक्त निर्माण सामग्री की गुणवत्ता एवं मात्रा के अनुपात लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी भवन एस.ओ.आर. दिनांक 01.12.2020 के अनुसार। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं ''2'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं ''2'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, म.प्र. के समस्त जिलों में। प्रयुक्त सामगी का अनुपात, आकार, वजन एवं गुणवत्ता संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। पी.आई.यू. अंतर्गत गुणवत्ताहीन फलाईएस ब्रिक्स का मामला अशोकनगर एवं सागर जिले में आया है। अशोकनगर की जांच प्रक्रियाधीन एवं सागर जिले की कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी हाँ, सागर जिले में भवनों में आई शिकायतों की जांच कराई गई। की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
दोषी अधिकारी के विरूद्ध दंडात्मक एवं विभागीय जांच की कार्यवाही
[लोक निर्माण]
140. ( क्र. 3651 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर की गढ़ी मलहरा से मटौंध सीमा तक सड़क निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया गया है? (ख) क्या उक्त विभाग को सड़क निर्माण कार्य करते समय आबादी क्षेत्र में नाली निर्माण का कार्य पूर्ण करना था? यदि हाँ, तो क्या उक्त विभाग द्वारा सड़क निर्माण कार्य करते समय नाली निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रश्न क्रमांक 2461 तक का उत्तर दिनांक 02/03/2021 को माननीय मंत्री जी द्वारा जी हाँ में दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त प्रश्नों के आधार पर जांच दल गठित कर जांच के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) यदि नहीं, तो शासन को उक्त जिन जिन बिंदुओं पर जी हाँ का जवाब दिया गया है, वह जवाब गलत एवं भ्रमित दिया जाने के प्रमाण प्रस्तुत किए जाते हैं तो क्या उत्तर देने वाला अधिकारी दोषी होगा? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध दंडात्मक एवं विभागीय जांच की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी नहीं। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, नाली निर्माण का कार्य प्राक्कलन एवं स्वीकृति में शामिल प्रावधान अनुसार ही किया जाना था। (घ) जी हाँ। प्रस्तुत प्रमाण एवं गुण-दोष के आधार पर कार्यवाह की जा सकेगी। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कॉलोनी का हस्तांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 3652 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्र क्रमांक 926 दिनांक 12/08/2021 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया कि कॉलोनी की विधिवत हस्तांतरण उपरांत ही कॉलोनी वासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी, लेख किया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त कॉलोनी के हस्तांतरण के संबंध में कॉलोनाईजर द्वारा कार्रवाई हेतु पत्र प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त पत्र पर कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो कार्रवाई से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या नगर पालिका छतरपुर क्षेत्र अंतर्गत ए.एच.पी. योजना (प्रधानमंत्री आवास) अंतर्गत भवन के पात्रता धारियों द्वारा पूर्ण राशि जमा करने के उपरांत पजेशन दे दिया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराएं एवं प्रमाण प्रस्तुत करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या शासन उक्त गलत या भ्रमित जानकारी देने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका छतरपुर में आवेदन प्रस्तुत नहीं हुआ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। आवास निर्माण एवं अधोसंरचना विकास पूर्ण नहीं होने से अभी पजेशन नहीं दिया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जुन्नारदेव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत आपूर्ति
[ऊर्जा]
142. ( क्र. 3653 ) श्री सुनील उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में विद्युत पहुंचना शेष है एवं किन-किन गाँव में ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं? (ख) जुन्नारदेव विधानसभा में नये विद्युत ट्रांसफार्मर किन-किन गाँव में लगाया जाना प्रस्तावित है? नये ट्रांसफार्मर लगाने के लिये किसानों द्वारा कितनी राशि जमा की गई है? (ग) जुन्नारदेव विधानसभा में पंचायतवार, आंगनवाडी, स्कू्ल एवं अन्य शासकीय प्रतिष्ठानों में जहां विद्युत व्यवस्था नहीं है, कब तक उपलब्ध करायी जायेगी? (घ) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नकर्ता के प्रवास के समय ट्रांसफार्मर ओवर लोड पाये गये हैं, ग्रामीणों की मांग है कि 25 के.वी.ए. के स्थान पर 65 और 100 के.वी.ए. ट्रांसफार्मर लगाया जाये। क्या ऊर्जा मंत्री महोदय इस पर विचार करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है एवं प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर बंद नहीं हैं। (ख) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य प्रस्तावित है, जिनकी ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त प्रस्तावित नवीन विद्युत ट्रांसफार्मरों को स्थापित किये जाने हेतु किसानों से कोई भी राशि जमा नहीं करवायी गई है। (ग) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 76 पंचायतों में आने वाले 20 आंगनवाड़ी, 56 शासकीय विद्यालय एवं 03 अन्य शासकीय प्रतिष्ठानों में वर्तमान में विद्युत् व्यवस्था नहीं हैं। सम्बंधित शासकीय संस्थानों के द्वारा नवीन कनेक्शन हेतु आवेदन प्रस्तुत करने एवं नियमानुसार आवश्यक राशि जमा करने सहित समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरान्त शीघ्र कनेक्शन जारी किये जा सकेंगे, उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रवास के समय 12 नग वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई थी, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त सभी कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किये गए हैं।
लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
143. ( क्र. 3654 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा लघु एवं कुटीर उघोग की कौन-कौन सी योजनाऐं स्वीकृत हैं और उन पर कितनी-कितनी राशि की पात्रता है? अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में कौन-कौन सी लघु एवं कुटीर उद्योग स्थापित करने की योजनाएं हैं और हितग्राहियों को कितनी-कितनी अनुदान राशि प्राप्त होती है? बैंक राशि एवं अनुदान राशि की जानकारी प्रदाय करने का कष्ट करें। (ख) आदिवासी बाहुल्य अनुसूचित जनजाति आरक्षित जुन्नारदेव विधानसभा में विगत तीन वर्षों में किस-किस स्थान पर लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योग की स्थापना की गई है। (ग) अगर योजना स्वीकृत हुई है तो कितने हितग्राहियों को इस योजना का लाभ मिला है और कितनी-कितनी राशि हितग्राहियों का अनुदान के रूप में मिली है? हितग्राहीवार जानकारी देवें। (घ) क्या जुन्नारदेव विधानसभा में लघु वनोपज एवं अन्य उत्पादों पर आधारित लघु उद्योग स्थापित करने की विपुल संभावना है, जैसे त्रिफला, च्यवनप्राश, शहद, दोना पत्तल एवं बांस आधारित कुटीर उघोग एवं सवई रस्सी? क्या इन कुटीर उद्योगों को स्थापित करने पर की कोई योजना है? अगर है तो योजना कब तक स्वीकृत होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की स्वीकृत योजनाएं, पात्रता, अनुदान राशि आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के लिये भी उक्तानुसार योजनाएं है, पृथक से योजनाएं नहीं है। (ख) एवं (ग) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में विभागीय योजनाओं में विगत तीन वर्षों में स्थापित कुटीर एवं ग्रामोद्योग एवं लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) जुन्नारदेव विधानसभा में वर्तमान में कुटीर उद्योग स्थापित करने की पृथक से कोई योजना प्रस्तावित नहीं है, इच्छुक हितग्राहियों की ओर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर योजना बनाई जा सकती है।
सड़कें एवं पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
144. ( क्र. 3657 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा नरसिंहपुर में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2019 से 2021 तक कितनी सड़कें, कितने-कितने कि.मी. की स्वीकृत की गई हैं? (ख) विधानसभा नरसिंहपुर में वर्ष 2019 से 2021 तक कितने पुल विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये हैं? कितनों पुलों का निर्माण प्रारंभ किया गया है? (ग) विधानसभा नरसिंहपुर में सड़के एवं पुल निर्माण स्वीकृत नहीं करने का कारण क्या है? क्या सरकार की वर्ष 2022 में सड़कें एवं पुल स्वीकृत करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (घ) विधान सभा रहली, गढ़ाकोटा में वर्ष 2019 से 2021 तक कितने पुल एवं सड़कें कितने कि.मी. स्वीकृत की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में कोई पुल कार्य स्वीकृत नहीं, किन्तु वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में 02 कार्य सम्मिलित है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर अनुसार। वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2020 में एक वृहद पुल एवं 2021 में 20 सड़कें लम्बाई 90.55 कि.मी. की के साथ 265 पुल/पुलिया स्वीकृत की गई एवं इसके अतिरिक्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
संविदा नियुक्ति देने के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 3658 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल में वर्तमान में कुल कितने अधीक्षण यंत्री कार्यरत हैं? कितने मूल स्थापना के, कितने प्रतिनियुक्ति पर, कितने संविदा नियुक्ति पर तथा कितने कार्यपालन यंत्री को अधीक्षण यंत्री का प्रभार दिया गया है? संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या नगर निगम भोपाल की मूल स्थापना में कार्यरत अधीक्षण यंत्रियों के बावजूद पी.एच.ई. विभाग के सेवानिवृत्त कार्यपालन यंत्री श्री अशोक पवार को अधीक्षण यंत्री के पद पर संविदा नियुक्ति दी गई है? क्या पी.एच.ई. विभाग में अधीक्षण यंत्री स्तर के इंजीनियर उपलब्ध नहीं हैं? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (ग) श्री पवार को नगर निगम भोपाल में कितनी बार संविदा नियुक्ति दी गई है? संविदा नियुक्ति में शासन के नियमों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही की गई? (घ) क्या श्री पवार के नगर निगम के कार्यकाल से संबन्धित कोई प्रकरण लोक आयुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. में विचाराधीन है? क्या संविदा नियुक्त अधिकारी को शासन में वित्तीय अधिकार देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो श्री पवार को कितनी राशि तक के बिलों के भुगतान मंजूर करने के अधिकार दिये गये? क्या भुगतान हेतु मंजूर किये गये बिलों में आर्थिक अनियमितता पाई गई है? यदि हाँ, तो, इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल में कुल 03 अधीक्षण यंत्री कार्यरत हैं, जिनमें निगम की मूल स्थापना से 02 एवं संविदा नियुक्ति पर 01 अधीक्षण यंत्री कार्यरत है। वर्तमान में निगम में कार्यरत कार्यपालन यंत्रियों को अधीक्षण यंत्रियों का प्रभार नहीं दिया गया। (ख) जी नहीं। नगर निगम भोपाल में अधीक्षण यंत्री के कुल 06 पद स्वीकृत है। 01 पद के विरूद्ध श्री अशोक पवार को अधीक्षण यंत्री के पद पर उनकी सेवानिवृत्त दिनांक 30.06.2020 के पश्चात नियमानुसार संविदा नियुक्ति प्रदान की गई थी। तत्समय अधीक्षण यंत्री के सभी पद रिक्त थे। 02 पदों पर वर्ष 2021 में निगम में कार्यरत कार्यपालन यंत्रियों को पदोन्नति प्रदान की जाकर आवश्यकतानुसार विभिन्न विभागों का दायित्व सौंपा गया है। म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पत्र क्रमांक 2029/1647/2021/1/34 दिनांक 23 जून 2021 में लेख किया गया है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में अधीक्षण यंत्रियों की कमी होने से नगर निगम भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाना संभव नहीं है। (ग) शासन के नियमों का पालन करते हुये श्री ए.आर. पवार को 03 बार संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उपलब्ध जानकारी अनुसार श्री अशोक पवार, अधीक्षण यंत्री, संविदा के विरूद्ध वर्तमान में लोकायुक्त कार्यालय से संबंधित कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की शिकायत आवेदन क्रमांक 859/16 विरूद्ध श्री अशोक पवार, परियोजना प्रबंधक, नगर निगम भोपाल, की शिकायत पर जांच प्रतिवेदन विभाग के पत्र क्र. 32/5792/2021/18-1 दिनांक 05-01-2022 द्वारा आर्थिक अपराध भोपाल को प्रेषित किया गया है। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 01 जून 2021 में नगर पालिका में संविदा आधार पर व्यक्तियों की भरती, पारिश्रमिक एवं संविदा सेवा की शर्तों में संविदा नियुक्त अधिकारी को वित्तीय अधिकार देने संबंधी उल्लेख नहीं है। नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। श्री अशोक पवार, अधीक्षण यंत्री को म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 69 (4) के प्रावधान अंतर्गत आयुक्त नगर निगम भोपाल द्वारा उन्हें सौंपे गये दायित्वों के निर्वहन हेतु हाउसिंग फॉर ऑल शाखा के कार्यों हेतु राशि रू. 02 लाख एवं जलकार्य विभाग के कार्यों हेतु राशि रू. 05 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय शक्तियां इस प्रतिबंध के साथ प्रत्यायोजित की गई है कि संबंधित विभाग के त्रैमासिक बजट मद में राशि उपलब्ध हो एवं क्रय व्यवहार से संबंधित समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हो। श्री पवार द्वारा अग्रेषित देयकों के भुगतान के पूर्व आवासीय संपरीक्षा लोकल फण्ड ऑडिट द्वारा परीक्षण किया जाता है। प्रश्न दिनांक तक किसी भी प्रकार के आर्थिक अनियमितता के संबंध में ऑडिट द्वारा आपत्ति नहीं ली गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डी.पी.आर./अनुबंध अनुसार नल कनेक्शन
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 3661 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल आवर्धन योजनांतर्गत नगर पालिका नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ द्वारा नगर में नवीन नल कनेक्शन एवं वितरण पाइप-लाइन डी.पी.आर. किस आधार, जनसंख्या एवं तत्समय किसी सर्वे के आधार पर कब कितनी लागत से कितने कनेक्शन हेतु तैयार कराई गई? परिसंकल्प/ स्वीकृति, डी.पी.आर./अनुबंध की प्रति सहित बतावें। (ख) क्या स्वीकृत डी.पी.आर./अनुबंध अनुसार सभी नल कनेक्शन प्रश्न दिनांक तक किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो वार्डवार घरेलू कनेक्शनों की सूची देवें। यदि नहीं, तो क्यों? इसमें कौन दोषी हैं? (ग) क्या निर्माण एजेन्सी द्वारा प्रतिदिन पानी की टेस्टिंग की जाती है? यदि हाँ, तो पानी में बताये जाने वाले केमिकल की मात्रा एवं क्या क्लोरीन सिलेंडर का उपयोग किया जाता हैं एवं क्या एजेंसी द्वारा डी.पी.आर./अनुबंध अनुसार स्टॉफ रखा गया है? सूची देवें। (घ) क्या डी.पी.आर./अनुबंध अनुसार प्रश्न दिनांक तक समस्त घरेलू नल कनेक्शन नहीं हुये हैं एवं न ही नवीन पाइप-लाइन से पूर्ण जल वितरण किया जा रहा हैं? यदि हाँ, तो एजेन्सी को अभी तक लाखों रूपये का भुगतान किस प्रयोजन हेतु किया जा रहा हैं? क्या शासन इसकी जांच करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका नरसिंहगढ की जल प्रदाय योजना की कार्ययोजना (डी.पी.आर.) आगामी 30 वर्षों की रूपांकित जनसंख्या 56 हजार के लिए राशि रू. 2339.00 लाख की तैयार कराई गई जिसमें 2643 नल कनेक्शन का कार्य प्रावधानित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। अनुबंध अनुसार सभी नल कनेक्शन पूर्ण किये जा चुके है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। निर्माण एजेंसी द्वारा अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार स्टाफ रखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) अनुबंध अनुसार समस्त घरेलू नल कनेक्शन पूर्ण किये जा चुके है। योजना अनुसार जल प्रदाय हेतु संपूर्ण नवीन पाइप-लाइन बिछाई जा चुकी है। अधिकांश क्षेत्रों में नवीन पाइप-लाइन से नल कनेक्शन कर जल प्रदाय किया जा रहा है जिन क्षेत्रों में पूर्व से पुरानी लाइन से नल कनेक्शन दिये गये हैं उन्हें नई लाइन में शिफ्टिंग का कार्य होने तक पुरानी लाइन से ही जल प्रदाय किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी को अनुबंध अनुसार ही संचालन-संधारण का भुगतान किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण
[ऊर्जा]
147. ( क्र. 3662 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.म.क्षे.वि.वि. कंपनी लिमिटेड वृत्त राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के ग्राम कांकरिया मीणा ( गेहूंखेड़ी ) में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र लागत राशि रूपये 196.00 लाख का स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो उक्त उपकेन्द्र का कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ न करने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या दिनांक 22 सितम्बर 2021 को उक्त उपकेन्द्र निर्माण कार्य के भूमिपूजन कार्यक्रम का विधिवत जनप्रतिनिधियों को आमंत्रण देकर आयोजन रखा गया था? यदि हाँ, तो न ही प्रश्न दिनांक तक आयोजन हुआ और न ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) उपरोक्तानुसार उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर कब से लंबित है तथा कब तक उक्त स्वीकृत वि़द्युत उपकेन्द्र का कार्य विधिवत प्रारंभ कराया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संचालन/संधारण वृत्त राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के ग्राम गेहूंखेड़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 196 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र हेतु उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण विद्युत उपकेन्द्र का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। कांकरिया मीणा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य स्वीकृत नहीं है। (ख) तत्कालीन महाप्रबंधक राजगढ़ द्वारा दिनांक 22 सितम्बर 2021 को ग्राम गेहूंखेड़ी में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र हेतु नहीं अपितु ग्राम कांकरिया मीणा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के भूमिपूजन हेतु जनप्रतिनिधियों को आमंत्रण भेजा गया था। ग्राम कांकरिया मीणा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य स्वीकृत नहीं है। उक्त अनियमितता के लिए तत्कालीन महाप्रबंधक, राजगढ़ को, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक-2575 दिनांक 24.10.2021 के माध्यम से ''कारण बताओ सूचना पत्र'' जारी किया गया है। (ग) ग्राम गेहूंखेड़ी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बनाने के लिये उपयुक्त शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं है। अत: ग्राम गेहूंखेड़ी से लगभग 2 कि.मी. दूरी पर ग्राम कांकरिया मीणा में मुख्य मार्ग से लगी हुई शासकीय भूमि जो कि उक्त उपकेन्द्र निर्माण हेतु उपयुक्त है, का ग्राम पंचायत से ठहराव प्रस्ताव दिनांक 06.09.2021 को स्वीकृत कराकर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा कलेक्टर जिला राजगढ़ को भूमि आवंटन हेतु भेजा गया है। भूमि आवंटन के उपरान्त सक्षम अधिकारी से अनुमोदन उपरांत कांकरिया मीणा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बनाने हेतु आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
लॉटरी के माध्यम से आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 3665 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्मित मल्टी में आवासों का आवंटन विगत 18 माह में कब-कब किया गया? उसके क्या दिशा-निर्देश थे? क्या लॉटरी के माध्यम से किया गया? यदि हाँ, तो लॉटरी में किस-किस हितग्राही को कौन-कौन से नंबर का मकान आवंटित हुआ उसकी मकान नंबरवार हितग्राही के नाम पता मोबाइल नंबर सहित सूची देवें एवं लॉटरी के दौरान वीडियोग्राफी की गई हो तो वीडियोग्राफी की भी छायाप्रति देवें (ख) क्या pmay की मल्टियों में लॉटरी के पूर्व भी किसी हितग्राही को अस्थाई रूप से आवास आवंटित किए गए थे? यदि हाँ, तो उनके नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित सूची देवें। क्या अस्थाई रूप से आवंटित आवासों को लॉटरी में शामिल किया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी देवें और नहीं तो क्यों नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार लॉटरी में आवंटित आवासों के नंबरों में कोई परिवर्तन किया गया? यदि किया गया तो किस आधार पर किया गया? समस्त दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विगत 18 माह में दिनांक 15.12.2021 को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में निर्मित मल्टी में आवासों को आवंटन किया गया है। दिशा-निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। जी हाँ, लॉटरी के माध्यम से आवंटन किया गया है। आवंटित हितग्राहियों के नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। जी हाँ। वीडियोग्राफी की सी.डी. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। इन हितग्राहियों को नवीन लाटरी में सम्मिलित नहीं किया गया क्योंकि इनको पूर्व में आवास का अस्थाई आवंटन किया जा चुका था। (ग) जी हाँ। हितग्राहियों की मांग तथा सहमति के आधार पर किया गया है। दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ई'' अनुसार है।
आउटसोर्सिंग एजेंसियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
149. ( क्र. 3667 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन नगर पालिका में वर्तमान में किस-किस कार्य हेतु आउटसोर्सिंग एजेंसियां कार्य कर रही हैं? उनके द्वारा किए गए अनुबंध की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में जो एजेंसी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का कार्य कर रही है उस एजेंसी को खरगोन नगर पालिका द्वारा कितने वाहन कचरा कलेक्शन हेतु दिए गए हैं? उन वाहनों का रजिस्ट्रेशन नंबर सहित सूची देवें एवं विगत 2 माह की प्रतिदिन की जानकारी, कौन सा वाहन किस वार्ड में कचरा कलेक्शन करने जाता है, वह कितने किलोमीटर चलता है, कितना डीजल लेता है, उस वाहन के ट्रेचिंग ग्राउंड पर होने वाले तोल की रसीद, वाहनवार हेल्पर एवं ड्राइवर की नाम पता सहित सूची, कर्मचारी वार ई.सी.आर. चालान की छायाप्रति एवं हाजिरी रजिस्टर की छायाप्रति, देवें। (ग) आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा आई.ई.सी हेतु कितने कर्मचारियों को रखा गया है? उनकी योग्यता, अनुभव सहित सूची देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'', ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) आउटसोर्स एजेंसी द्वारा संलग्न किये गये 41 कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-य पर है। कर्मचारियों की योग्यता एवं अनुभव का निर्धारण आउटसोर्स एजेंसी के अधिकार क्षेत्र में है।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत लाभ पाने वाले हितग्राही का मापदंड
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 3669 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पाने वाले पात्र हितग्राही का मापदंड मनावर नगरपालिका परिषद् जिला धार में अलग है और संपूर्ण मध्यप्रदेश में अलग है? (ख) क्या मनावर नगरपालिका परिषद् में 430 वर्गफिट से अधिक भूमि वालों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है जबकि पूरे मध्यप्रदेश में ऐसा कोई बंधन नहीं है? यदि ऐसा कोई बंधन नहीं हैं तो प्रति उपलब्ध करवाएं। (ग) प्रदेश में कितनी ऐसी नगरपालिका हैं जहां 430 वर्गफिट से अधिक भूमि/प्लाट वालों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है? (घ) क्या मनावर नगरपालिका द्वारा पूर्व में 430 वर्गफिट से अधिक भूमि वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया था? क्या वह सही था? यदि हाँ, तो अब क्यों नहीं दिया जा रहा है? यदि गलत था तो गलत तरीके से लाभ देने वाले अध्यक्ष, सी.एम.ओ. पर कार्यवाही कब की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। 430 वर्गफिट से अधिक आकार के भू-खण्डधारी पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया गया है, परन्तु वर्तमान में छोटे भू-खण्डों (430 वर्गफिट तक) के धारक पात्र हितग्राहियों को प्राथमिकता के आधार पर निकाय के द्वारा लाभ दिया जा रहा है। भारत शासन की प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत भारत सरकार के द्वारा निर्धारित एम.आई.एस. पोर्टल पर भू-खण्ड के आकार को अंकित करने का प्रावधान नहीं है। अतः उक्त परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। वर्तमान में छोटे भू-खण्डधारियों (430 वर्गफिट तक) के पात्र हितग्राहियों को निकाय ने प्राथमिकता दी है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
151. ( क्र. 3674 ) श्री सुरेश राजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत ग्वालियर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2021-22 तक कितने ग्राम एवं मजरे टोलों में क्या-क्या कार्य किस ठेकेदार से कराये गये है एवं उन पर कुल कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) ग्वालियर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में अटल ज्योति अभियान अन्तर्गत फीडर सेपरेशन योजना में कब से कार्य प्रारंभ कराये गये एवं योजना प्रारंभ वर्ष से 2021-22 तक कितने ग्रामों में किस-किस ठेकेदार से क्या कार्य कराये गये एवं कुल कितना भुगतान किया गया तथा कितना भुगतान शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में मजरा/टोला जहाँ पर उक्त योजनान्तर्गत कार्य नहीं हुए हैं, ऐसे मजरा/टोलों के मकानों तक विद्युत लाइन डालकर कब तक प्रकाश की व्यवस्था की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2021-22 तक 30 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य, 11 के.व्ही. के 3 फीडरों के कण्डक्टर बदलने का कार्य, 3 अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य, 5 पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य के साथ-साथ 430 ग्रामों एवं 104 चिन्हित मजरों/टोलों में आंतरिक विद्युत अधोसंरचना विस्तार के कार्य टर्न की कॉन्ट्रेक्टर मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड मुम्बई द्वारा पूर्ण किये गये हैं। योजना अन्तर्गत इन समस्त कार्यों पर क्लोजर रिपोर्ट अनुसार कुल राशि रूपये 82.18 करोड़ (राज्य करों को छोड़कर) व्यय हुई है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में अटल ज्योति अभियान के तहत फीडर सेपरेशन योजना अंतर्गत टर्न की कॉन्ट्रेक्टर मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड मुम्बई को दिनांक 9-8-2011 को कार्यादेश जारी कर कार्य प्रारंभ कराया गया, लेकिन टर्न की कॉन्ट्रेक्टर द्वारा क्रिन्यान्वित कार्य की गति धीमी होने एवं कार्य संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र क्रमांक 59 दिनांक 15-04-2015 से कॉन्ट्रेक्ट टर्मिनेट कर दिया गया था। शेष कार्य को करने हेतु मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड मुम्बई को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यादेश क्रमांक 1010 दिनांक 01-08-2016 से कार्यादेश जारी किया गया। फीडर सेपरेशन योजनान्तर्गत ग्वालियर जिले में मेसर्स ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुम्बई द्वारा 20 फीडरों पर 63 ग्रामों में कार्य एवं मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड द्वारा 91 फीडरों पर 340 ग्रामों में कार्य, इस प्रकार कुल 111 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य 403 ग्रामों में किया गया। इन समस्त कार्यों पर कुल राशि रूपये 7116.44 लाख व्यय हुई, जिसका भुगतान संबंधित कॉन्ट्रेक्टर्स को किया जा चुका है, वर्तमान में कोई भी भुगतान किया जाना शेष नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में ग्वालियर जिले के अंतर्गत विद्युतीकरण हेतु कोई भी चिन्हित मजरा/टोला शेष नहीं है। मुख्य ग्राम तथा चिन्हित मजरों/टोलों से दूर खेतों में बनी बसाहटों/नवीन बसाहटों हेतु वर्तमान में कोई विद्युतीकरण हेतु योजना प्रभावी नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत लाइन विस्तारीकरण एवं विद्युत वोल्टेज की समस्या
[ऊर्जा]
152. ( क्र. 3676 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों से विद्युत लाइन विस्तारीकरण एवं विद्युत वोल्टेज की समस्या सामने आ रही है। विगत वर्ष 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत लाइन विस्तारीकरण एवं विद्युत वोल्टेज बढ़ाये जाने हेतु प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के कितने पत्र विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता तथा कार्यपालन अभियंता मण्डला को प्राप्त हुए? यदि हाँ, तो आवेदन पर की गई कार्यवाही की जानकारी वितरण केन्द्रवार प्रदान करें। । (ख) उक्त प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों पर कार्यवाही लम्बित है तथा इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी उत्तरदायी हैं? क्या इन पर कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में मण्डला जिले के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत लाइन विस्तारीकरण एवं विद्युत् वोल्टेज की समस्या से सम्बंधित माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के अधीक्षण अभियंता (संचालन/संधारण) मण्डला एवं कार्यपालन अभियंता (संचालन-संधारण), मण्डला को कुल 13 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। उक्त प्राप्त आवेदन पत्रों में से 10 आवेदन पत्र विद्युतीकरण के कार्यों से संबंधित है एवं 3 आवेदन पत्र वोल्टेज की समस्या से संबंधित है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत विद्युतीकरण के कार्य हेतु वर्तमान में केन्द्र/राज्य शासन की कोई भी योजना प्रभावी नहीं है। भविष्य में यदि विद्युतीकरण की कोई योजना प्रचलन में आती है, तो योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुरूप उक्त विद्युतीकरण के कार्य करवाये जा सकेंगे। वोल्टेज की समस्या से संबंधित 3 आवेदन पत्रों में से 2 पर कार्यवाही कर वोल्टेज की समस्या का निदान किया जा चुका है एवं शेष 01 आवेदन, जिसमें समस्या के निराकरण हेतु वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना आवश्यक है, को केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किया गया है। उक्त आवेदन पत्रों के संबंध में प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार उक्त प्राप्त आवेदन पत्रों में से 10 आवेदन पत्र, विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में कोई भी योजना प्रभावी नहीं होने के कारण लंबित है तथा एक आवेदन पत्र केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन होने के कारण लंबित है। अतः किसी अधिकारी/कर्मचारी के उत्तरदायी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
नालियों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
153. ( क्र. 3679 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में रीवा सिरमौर रोड के निर्माण में कितनी नाली निर्माण प्रस्तावित थी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितनी नालियों का निर्माण कराया गया? स्थानवार जानकारी दें। क्या मझिगवां में नाली निर्माण प्रस्तावित था? यदि हाँ, तो यह कार्य क्यों नहीं कराया गया? कारण सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या मझिगवां जहां पर कि नाली निर्माण न होने से आम जीवन प्रभावित हो रहा है, नाली निर्माण कब तक करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
154. ( क्र. 3683 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिला में कुल कितने ग्रामों को विद्युतीकरण के लिये चिन्हांकित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार चिन्हांकित ग्रामों में कब विद्युतीकरण किया गया? किस मद से किया गया? कितनी राशि स्वीकृत हुई? कितनी राशि व्यय हुई? ग्रामवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार चिन्हांकित ग्रामों में विद्युतीकरण युक्त ग्रामों के सभी मोहल्ला एवं घरों तक विद्युत क्या पहुंच गई है? (घ) विद्युतीकरण के समय कब-कब, क्या शिकायत प्राप्त हुई है? उस पर क्या-क्या कार्यवाही हुई है? शिकायतवार जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जिला डिण्डौरी में समस्त राजस्व ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्व में ही पूर्ण किया जा चुका है। जिला डिण्डौरी में 12वीं पंचवर्षीय योजना में दिनांक 03.03.2014 को स्वीकृत रू. 56.70 करोड़ लागत की दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (आर.ई.) अन्तर्गत 39 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण, 472 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण तथा 16865 बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदाय कर समस्त कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। तदुपरान्त जिला डिण्डौरी में दिनांक 13.05.2016 को स्वीकृत रू. 15.45 करोड़ लागत की दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत 166 ग्रामों में प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं अन्य विद्युतीकरण के कार्य तथा 5 फीडरों के विभक्तिकरण सहित समस्त कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। जिला डिण्डौरी में ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में कोई भी योजना प्रभावी नहीं है। अत: विद्युतीकरण हेतु ग्रामों को चिन्हित करने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
जले हुए ट्रांसफार्मर एवं बिजली बिल के सम्बंध में
[ऊर्जा]
155. ( क्र. 3684 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा में कृषि कार्य हेतु ऊर्जा प्रदाय बाबत् कितने ट्रांसफार्मर संस्थापित हैं? वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें। संस्थापित ट्रांसफार्मर में से कितने जले हुए हैं? कब से जले हुए हैं और आज दिनांक तक दोबारा संस्थापन क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या ट्रांसफार्मर जले हुए हैं, फिर भी कृषकों के पास बिजली के देयक, प्रत्येक माह बढ़ी हुई राशि के साथ भुगतान हेतु प्राप्त हो रहे हैं, क्यों? कितना भुगतान बकाया है? (ग) यदि ट्रांसफार्मर जले हुए हैं, तो उपभोक्ता को बिजली के देयक क्यों भुगतान बाबत् प्रदाय किए जा रहे हैं? क्या उपभोक्ता से वसूल की गयी राशि वापस की जावेगी एवं कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सतना विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 1541 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं, जिनमें से 199 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से केवल कृषि पम्प कनेक्शन संबद्ध हैं एवं 145 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से कृषि पम्प कनेक्शनों के साथ-साथ घरेलू/अन्य श्रेणी के कनेक्शन संबद्ध हैं। कृषि कार्य हेतु स्थापित उक्त 344 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गई वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत स्थापित कुल 1541 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से वर्तमान में कोई भी ट्रांसफार्मर जला/खराब नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी जला/खराब ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। अत: कृषि उपभोक्ताओं सहित सभी उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के प्रावधानों/निर्धारित विद्युत दरों से नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषि उपभोक्ताओं के विरूद्ध बकाया राशि रू. 32.60 लाख है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सीमेंट प्लांट से प्रदूषण
[पर्यावरण]
156. ( क्र. 3686 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा संभाग में स्थित सीमेंट प्लांटों में सामान्य रूप से यह सामने आया है कि सभी सीमेंट प्लांट के द्वारा जो भी प्रदूषण के मानक पिछले कई वर्षों से डिस्प्ले किए जा रहे हैं, उन सभी का निर्धारित मानक से काफी अंतर है? ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम डिस्प्ले जिसके अंतर्गत परिवेशीय वायु गुणवत्ता परिमापन के परिणाम और स्टेक मॉनिटरिंग सिस्टम की जांच किस-किस एजेंसी के द्वारा की जाती है एवं रीवा संभाग में स्थित सीमेंट प्लांटों के स्थापना दिनांक से आज दिनांक तक कितने बार किस-किस एजेंसी के द्वारा प्रदूषण मॉनिटरिंग सिस्टम की जांच की गई? एजेंसी का नाम, जाँच करने की दिनांक परीक्षण रिपोर्ट सभी का विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त जांच एजेंसी के साथ शासन की भी कोई टीम होती है? अगर हाँ तो उसका भी ब्यौरा उपलब्ध कराएं। (ग) रीवा संभाग में पिछले कई वर्षों से शहरवासी एवं ग्रामीणों में अस्थमा, गुर्दा पथरी एवं कैंसर जैसी बीमारी लगातार सामने आ रही हैं, जिसका मुख्य कारण उक्त प्लांटों का प्रदूषण हैं? अगर यह सही है तो क्या इसकी जांच राज्य सरकार कराएगी? अगर हाँ तो कब तक?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। सीमेंट उद्योगों से होने वाले उत्सर्जन के संबंध में मानकों का निर्धारण भौतिक मॉनिटरिंग उपकरणों के आधार पर किया जाता है तथा ऑनलाइन मॉनिटरिंग परिणामों के लिये मानक निर्धारण प्रतीक्षित है। ऑनलाइन मॉनिटरिंग परिणाम एवं निर्धारित मानक पृथक-पृथक तकनीक पर आधारित होने से अंतर संभावित है। ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम डिस्प्ले की जांच किसी एजेन्सी से कराये जाने का प्रावधान विद्यमान नियमों में नहीं है। सीमेंट उद्योगों से होने वाले प्रदूषण की निरंतर जांच हेतु सी.ई.एम.एस. (निरंतर उत्सर्जन मापन यंत्र) तथा परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन हेतु सी.ए.ए.क्यू.एम.एस. (निरंतर परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन स्टेशन) संचालित है। सी.ई.एम.एस. तथा सी.ए.ए.क्यू.एम.एस. से प्राप्त परिणामों को आम जनता की जानकारी हेतु डिस्प्ले करने की व्यवस्था भी सीमेंट उद्योगों द्वारा की गई है। उद्योगों की जानकारी लीस्ड लाइन से इंटरनेट के जरिये मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरणीय निगरानी केन्द्र में लगभग 15 मिनट में पहुंचती है। अतः पृथक एजेंसी से जांच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला रीवा के पत्र क्रमांक 2457, दिनांक 4/12/2022 के अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित बीमारी की पुष्टि नहीं होती है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियुक्ति एवं प्रतिनियुक्ति की जानकारी
[ऊर्जा]
157. ( क्र. 3689 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड भोपाल में कितने नियमित अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? पदवार संख्यात्मक जानकारी देवें एवं मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग में प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रतिनियुक्ति पर कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? नाम, पदनाम, प्रतिनियुक्ति दिनांक, आदेश की छायाप्रति सहित बतावें। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग में प्रतिनियुक्ति हेतु पात्रता, नियम/निर्देश एवं शर्तें क्या हैं? आदेश/नियम/निर्देश/ एवं शर्तों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश नियामक आयोग के सचिव की नियुक्ति कब की गई है? आयोग में सचिव पद नियुक्ति से संबंधित संपूर्ण दस्तावेज, नोटशीट, आदेश, नियुक्ति पत्र की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। श्री गजेन्द्र तिवारी कितने वर्षों से और किस नियम के तहत प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों एवं प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुईं और उन पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? (घ) मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के सचिव पद पर प्रतिनियुक्ति के लिए क्या साक्षात्कार हुये थे? यदि हाँ, तो कब-कब एवं क्या? उस समय श्री गजेन्द्र तिवारी कोरोना पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती थे? यदि हाँ, तो श्री गजेन्द्र तिवारी का साक्षात्कार कैसे लिया गया? साक्षात्कार के माध्यम से अवगत करावें तथा नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या उनका साक्षात्कार नियम-निर्देशों के अनुरूप था? यदि नहीं, तो प्रतिनियुक्ति क्यों की गई? इस संबंध में क्या शिकायतें प्राप्त हुई थीं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा अब कब तक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में 5978 नियमित अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं, जिनकी पदवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रतिनियुक्ति पर 3 अधिकारी पदस्थ हैं, जिनके नाम, पदनाम, प्रतिनियुक्ति दिनांक सहित आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है एवं म.प्र.विद्युत नियामक आयोग में प्रतिनियुक्ति हेतु पात्रता के नियम/निर्देश/शर्तों एवं आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग में सचिव की नियुक्ति आयोग के आदेश क्रमांक-826 दिनांक 30.06.2021 द्वारा की गई है। सचिव पद पर नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज/नोटशीट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 91 (1) के अंतर्गत आयोग द्वारा जारी विनियम के प्रावधान अनुसार, श्री गजेन्द्र तिवारी, सचिव के पद पर 1 जुलाई, 2021 से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। आयोग में श्री तिवारी मार्च 2003 से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं तथा प्रतिनियुक्ति की अवधि में वृद्धि उनकी पैतृक कंपनी (म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड) एवं राज्य शासन की सहमति उपरांत, समय-समय पर की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर सचिव पद पर दिनांक 01.07.2021 से पदस्थ श्री गजेन्द्र तिवारी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें निराधार एवं कार्यवाही योग्य नहीं पाई गई। (घ) जी हाँ। कोरोना महामारी प्रोटोकॉल के दृष्टिगत साक्षात्कार की प्रक्रिया दिनांक 26.03.2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई थी। जिसका पालन किया जाना अपरिहार्य था। तद्नुसार, साक्षात्कार आयोजित कर योग्य उम्मीदवार का नियमानुसार चयन किया गया। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश की जानकारी दिया जाना अपेक्षित नहीं है।
मार्ग पर हो रही दुर्घटनाओं की जानकारी
[लोक निर्माण]
158. ( क्र. 3691 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1931 दिनांक 12.12.2019 के संदर्भ में बतावें कि मार्ग के संधारण एवं पुनर्व्यवस्थापन कन्सेशनायर द्वारा किया गया खर्च प्रारंभ से वर्षवार कितना-कितना है? (ख) 2018-19 से फरवरी 2022 तक लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागाँव मार्ग पर किस-किस स्पॉट पर दुर्घटना हुई तथा दुर्घटना में कितने मृत एवं घायल हुए? दोनों फोरलेन के प्रारम्भ होने से इस 250 किलोमीटर के मार्ग पर कुल कितनी दुर्घटना हुईं? कितने लोग मरे तथा कितने घायल हुये? (ग) क्या इस मार्ग पर 2011 से 2015 तक क्रमशः 404 तथा 434 दुर्घटनाएं हुईं? यदि हाँ, तो बतावें कि 2015-16 के बाद रोड सेफ्टी के लिये क्या-क्या कार्य किये गये? (घ) दोनों मार्ग पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने अनधिकृत मेडियन ओपनिंग हैं? किस-किस किलोमीटर पर रोड मार्किंग अस्पष्ट होकर मिट गयी हैं? कुल कितने साइन बोर्ड किस-किस प्रकार के लगे, कितने मेडियन ओपनिंग तथा कितनों की लाईट की व्यवस्था नहीं है? कितने-कितने किलोमीटर पर हाई-मास्क लगे हैं? किस-किस मेडियन की ऊंचाई 30 सेंटीमीटर से कम है? किलोमीटर अनुसार सूची देवें। (ड.) दोनों प्रश्नाधीन मार्ग पर सेफ्टी ऑडिट की लेटेस्ट रिपोर्ट देवें तथा बतावें कि सेफ्टी ऑडिट अप्रैल, 2016 में दिये गये 147 बिन्दुओं पर अनुसंशा अनुसार कार्य नहीं हुआ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निवेशकर्ता से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) संबंधित पुलिस अधीक्षक धार, रतलाम, मन्दसौर, नीमच से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रारंभ दिनांक से अब तक हुई दुर्घटना की जानकारी संबंधित पुलिस अधीक्षक से एकत्र की जा रही है। (ग) 2011 से 2015 तक हुई दुर्घटना की जानकारी संबंधित पुलिस अधीक्षक से एकत्र की जा रही है। दोनों ही मार्गों पर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी द्वारा निरन्तर हो रही दुर्घटनाओं वाले स्थानों पर नियमानुसार ब्लैक स्पॉट चयनित किये गये है निवेशकर्ता कम्पनी द्वारा उन स्थानों पर बार मार्किंग, साईन बोर्ड, केट आईज़ इत्यादि उपाय किये गये है। (घ) निवेशकर्ता से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ड.) सेफ्टी ऑडिट हेतु स्वतंत्र सलाहकार मेसर्स यंगमा इंजीनियरिंग कन्सलटेन्ट प्रा.लि. द्वारा कार्यवाही की जा रही है। सेफ्टी ऑडिट अप्रैल 2016 में दिये गये बिन्दुओं का पालन प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
पेयजल योजनाओं में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
159. ( क्र. 3693 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत 15 वर्षों में उज्जैन संभाग की कितनी नगरीय निकाय में किस-किस लागत से पेयजल योजनाओं पर कार्य हुआ? योजनावार, लागतवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) संभाग की किन निकायों में एक से अधिक बार योजनाएं लायी गई? एक बार में ही सम्पूर्ण कार्य नहीं होने के क्या कारण हैं? त्रुटिपूर्ण डी.पी.आर. बनाने और स्वीकृत करने वाले के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? योजना पूर्ण होने पर भी प्रतिदिन पानी किस-किस निकाय में प्रदाय नहीं किया जा रहा है? उज्जैन संभाग की निकायों में प्रतिदिन व दोनों समय पानी कब तक दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। नगरीय क्षेत्र के विस्तार होने एवं नवीन बसाहट क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था एवं समय-समय पर पर्याप्त दबाव से जलप्रदाय हेतु उच्च स्तरीय पानी की टंकी एवं नवविस्तारित क्षेत्रों में वितरण नलिकायें बिछाया जाना आवश्यक होता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। जलप्रदाय योजनाओं में निर्मित बैराजों अथवा निकटस्थ जल संसाधन विभाग के जलाशय ही पेयजल हेतु मुख्य स्त्रोत है जो कि मानसून में होने वाली वर्षा जल को संग्रहित करते है, अल्पवर्षा की स्थिति में जल स्त्रोतों में जल संग्रहण कम होने से ग्रीष्म ऋतु अथवा ग्रीष्म ऋतु के पूर्व प्रतिदिन जलप्रदाय में कठिनाई आती है। अमृत 2.0 योजना में पेयजल प्रदाय हेतु गैप आकलन की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
160. ( क्र. 3694 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग नागदा के अन्तर्गत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता का विवरण दें एवं उनसे संबंधित निकलने वाले 11 के.व्ही. फीडरों पर वित्तीय वर्ष 2021-22 में रबी सीजन के दौरान अधिकतम विद्युत भार कितना रहा? क्या उक्त विद्युत भार पर सभी फीडरों पर नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा सका है या नहीं? अतिरिक्त 33/11 केव्ही पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की मांग पर विद्युत वितरण कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। (ख) संचालन-संधारण संभाग नागदा के अन्तर्गत निम्नदाब विद्युत लाईनों का विगत 03 वर्षों में कितने किलोमीटर लाईनों का रख-रखाव कार्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो संख्यात्मक जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नागदा शहर में वर्तमान में आधे शहर में केबल डाली गई है तथा आधे में नहीं डाली है। कब तक पूरे शहर में केबल डाल दी जावेगी? (घ) क्या नदी के पास क्षेत्र मोकडी, तारोद, किलोडिया, अटलावदा, निनावटखेडा आदि ग्रामों को पर्याप्त मात्रा में वॉल्टेज प्राप्त होता है? क्या दिवेल, तारोद, चंदोडिया, मोकडी के आसपास कोई 132 के.वी. उपकेन्द्र स्थापित है? क्या इसकी आवश्यकता है? यदि हाँ, तो विभाग इस ओर क्या कार्यवाही कर रहा है? (ड.) क्या खाचरौद विकासखण्ड के समस्त 33/11 के.वी. उपकेन्द्रों पर डबल सप्लाई की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो किस-किस उपकेन्द्र पर व्यवस्था है? किस उपकेन्द्र पर व्यवस्था नहीं है? कब तक क्षेत्र के सभी 33/11 के.वी. उपकेन्द्र पर डबल सप्लाई का कार्य हो जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग नागदा के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता एवं उक्त विद्युत उपकेन्द्रों से निर्गमित 11 के.व्ही. फीडरों पर वित्तीय वर्ष 2021-22 में रबी सीजन के दौरान आये अधिकतम विद्युत भार से संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ, प्रश्नाधीन सभी 11 के.व्ही. फीडरों को उचित भार प्रबंधन हेतु समूहों में विभक्त कर नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया गया है। 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने की मांग एवं तकनीकी आवश्यकता के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संचालन-संधारण संभाग नागदा अंतर्गत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र रामतलाई, संदला, नरसिंघगढ़ एवं रुपाखेड़ी पर क्रमशः एक-एक 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता का अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र बेरछा रोड पर 5 एम.व्ही.ए. क्षमता का अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार किये गये। इनमें से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र संदला पर 01 अतिरिक्त 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष 04 नंबर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना के कार्यों को केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नागदा संचालन-संधारण संभाग के अंतर्गत विगत 3 वित्तीय वर्षों यथा- 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में कुल 1228.34 कि.मी. निम्नदाब विद्युत लाईनों के रख-रखाव का कार्य किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) नागदा शहर में स्थापित कुल 109.39 कि.मी. निम्नदाब विद्युत लाइन में से 87.24 कि.मी. निम्नदाब विद्युत लाइन का केबलीकरण किया गया है। तात्कालिक आवश्यकता नहीं होने के कारण शेष 22.15 कि.मी. निम्नदाब लाइन के केबलीकरण का कार्य नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी हाँ, चंबल नदी के पास स्थित ग्राम मोकडी, तारोद, किलोडिया, अटलावदा, निनावटखेडा एवं आस-पास के क्षेत्रों में निर्धारित मानकों के अनुरूप वोल्टेज प्राप्त हो रहा है। ग्राम दिवेल, तारोद, चंदोडिया एवं मोकडी क्षेत्र से लगभग 10 किलोमीटर की परिधि में 220/132 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र नागदा, 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र खाचरौद एवं 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र भेन्सोला स्थित है। उक्त परिप्रेक्ष्य में ग्राम दिवेल, तारोद, चंदोडिया एवं मोकडी क्षेत्र के समीप नवीन 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र निर्माण की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ड.) खाचरौद विकासखंड क्षेत्रांतर्गत स्थापित कुल 36 नंबर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में से 23 नंबर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर 33 के.व्ही. की डबल सप्लाई की व्यवस्था है एवं शेष 13 नंबर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर डबल सप्लाई की व्यवस्था नहीं है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। स्थापित विद्युत अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण एक सतत प्रक्रिया है। उक्त कार्य वित्तीय उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के दृष्टिगत स्वीकृत किये जाते हैं। अत: प्रश्नाधीन क्षेत्र के उक्त कार्यों को किये जाने हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों को भारमुक्त करने के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
161. ( क्र. 3698 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति दिनांक 24 जून, 2021 के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में प्रशासनिक एवं स्वयं के व्यय पर कितने स्थानान्तरण किये गये? जिलेवार ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में स्थानान्तरित किये गये प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों में से कितने भारमुक्त किये गये? कितनों ने स्थानान्तरण पर स्थगन प्राप्त किया गया तथा कितने भारमुक्त नहीं किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) में ऐसे कितने स्थगन मामले हैं जिनमें स्थगन वेकेट करवाने की कार्यवाही की गई है तथा उन्हें भारमुक्त किया जा चुका है? (घ) डॉ. सारा अत्तारी, प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय रामपुरा को शासन आदेश दिनांक 31/08/2021 के परिप्रेक्ष्य में अब तक भारमुक्त न किये जाने का क्या कारण है? उत्तरदायित्व निर्धारित कर संबंधित प्राचार्य के विरुद्ध शासन अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए स्थानांतरित प्राध्यापक को भारमुक्त करने के निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है तथा अशैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (घ) डॉ. सारा अत्तारी, प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय, रामपुरा को शासन के आदेश दिनांक 31.08.2021 के अनुक्रम में दिनांक 28.02.2022 को कार्यमुक्त किये जाने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
162. ( क्र. 3699 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका छतरपुर में हुई अनियमितताओं की जांच हेतु संचालनालय के आदेश क्रमांक 5880 दिनांक 04.04.19 द्वारा संयुक्त संचालक की अध्यक्षता में गठित समिति के जांच प्रतिवेदन के आधार पर तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था? जिन बिन्दुओं पर नोटिस जारी किया गया था, क्या उन समस्त बिन्दुओं का जवाब प्राप्त हो चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में कारण बताओ सूचना में पूछे गए प्रश्नों का जो उत्तर प्राप्त हुआ क्या वह सभी नियमानुसार सही है? क्या प्रश्नों के उत्तर से विभाग संतुष्ट है? यदि नहीं, तो विभाग आगे क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। , जी हाँ। (ख) कारण बताओ सूचना पत्र का प्रतिवाद उत्तर तत्कालीन अध्यक्ष, नगर पालिका, छतरपुर द्वारा दिया गया है, जो कि परीक्षणाधीन है। कार्यवाही परीक्षणाधीन होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बिना कार्य किये ही देयक का भुगतान
[ऊर्जा]
163. ( क्र. 3701 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में कार्यरत मेसर्स आरती इंटरप्राइजेज सारणी को कार्यादेश कब जारी किए गए? क्या कार्यपालन अभियंता म.प्र.पा.ज.कं.लि. सारणी जिला बैतूल के द्वारा उक्त फर्म के विरुद्ध थाना सारणी जिला बैतूल में दिनांक 01.12.2020 को एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, तो विभागीय अनियमितता करने वाली इस आरोपित फर्म को पुनः वर्ष 2021 में अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में कार्य किन नियमों के तहत प्रदाय किया गया? (ख) क्या फर्म के द्वारा प्रस्तुत देयकों में फर्म मालिक के हस्ताक्षर व मुद्रा न होने के बाद भी फर्म के देयक पास कर उन्हें भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा कब-कब किया गया और इसके लिए कौन-कौन दोषी है? (ग) क्या फर्म द्वारा गयाप्रसाद सोनी, विनोद कुमार सोनी, राजेश कुमार सोनी को अपना वर्कर दर्शाकर इनके नाम का भुगतान प्राप्त किया गया? क्या फर्म द्वारा उक्त व्यक्तियों द्वारा कार्य किये बिना ही इनके नाम से देयक प्रस्तुत कर भुगतान प्राप्त किया गया जबकि उक्त व्यक्तियों ने कभी पावर प्लांट में प्रवेश ही नहीं किया है? क्या इस फर्जीवाड़े की जांच करवाई जाएगी? क्या फर्म का ठेका निरस्त किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मेसर्स आरती इंटरप्राइजेज, सारणी को अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई अंतर्गत दिनाकं 26.02.2021 एवं दिनांक 29.12.2021 को कार्यादेश जारी किया गया। जी हाँ। ठेका श्रमिकों को कम वेतन दिए जाने के कारण मेसर्स आरती इंटरप्राईजेज सारणी एवं अन्य दो के विरूद्ध दिनांक 01.12.2020 को थाना सारणी में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। विवेचना के दौरान उक्त फर्मों के कार्मिकों द्वारा वचन पत्र प्रस्तुत कर लेख किया गया कि फर्म के विरूद्ध कोई भी शिकायत उनके द्वारा नहीं की गई है एवं संबंधित ठेकेदार द्वारा पूरा भुगतान किया गया। उक्त तारतम्य में थाना प्रभारी, थाना सारणी जिला बैतूल द्वारा अपने पत्र दिनांक 20.12.2021 द्वारा अद्यतन जानकारी प्रेषित की गई थी जिसके अनुसार विवेचना में पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण प्रकरण में खात्मा क्रमांक 01/2021 दिनांक 25 जुलाई 2021 को तैयार कर माननीय सी.जी.एम. न्यायालय, बैतूल को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। वर्तमान में प्रकरण माननीय सी.जी.एम. न्यायालय, बैतूल में विचाराधीन है। प्रकरण विचाराधीन होने के कारण मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा उक्त फर्मों को काली सूची में नहीं डाला गया है। तद्नुसार मेसर्स आरती इंटरप्राइजेज सारणी को अमरकंटक ताप विद्युत गृह में दिए गए कार्यादेश नियमानुसार है। (ख) मेसर्स आरती इंटरप्राइजेज द्वारा माह फरवरी-2021 से मई-2021 तक प्रस्तुत भुगतान देयक, जो कि तीन प्रतियों में थे, जिसमे मूलप्रति में नियमानुसार रेवेन्यू टिकट के साथ फर्म के हस्ताक्षर एवं सील मुद्रा अंकित थे, जिसे भुगतान की आगामी कार्यवाही हेतु वरिष्ठ लेखाधिकारी कार्यालय को प्रेषित किया गया था। भुगतान देयक की तीन में से दो प्रतियों में फर्म के हस्ताक्षर एवं सील मुद्रा अंकित थे साथ ही संलग्न अन्य दस्तावेजों जैसे वेतन पर्ची, वेतन पत्रक, ई.पी.एफ. स्लिप, लेबर लाइसेंस की प्रति एवं उपस्थिति पत्रक में सील अंकित कर हस्ताक्षर किये गये थे एवं तीसरी प्रति में फर्म द्वारा भूलवश हस्ताक्षर एवं सील अंकित नहीं किया गया था, जिसमे बाद में सुधार करवा लिया गया था। तदानुसार फर्म को भुगतान कर दिया गया था, अतः इसमें कोई भी दोषी प्रतीत नहीं होता है। (ग) जी हाँ, मेसर्स आरती इंटरप्राइजेज द्वारा गया प्रसाद सोनी, विनोद कुमार सोनी, राजेश कुमार सोनी को भंडार कार्यालय के अंतर्गत कार्य करने हेतु रखा गया है। तीनों श्रमिकों के गेट पास जारी किए गए हैं। साथ ही इन्हें कार्य पर उपस्थिति के अनुसार वेतन भुगतान किया जाता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
पावर प्लांट की क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
164. ( क्र. 3702 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में कितनी बिजली का उत्पादन होता है? इस बिजली की सप्लाई से कितना भुगतान पावर प्लांट को प्राप्त होता है? वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक उत्पादन व भुगतान की माहवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) पावर प्लांट में वर्तमान में कितनी उत्पादन यूनिट उपलब्ध हैं? क्या पावर प्लांट की क्षमता वृद्धि हेतु प्रस्ताव शासन के पास लंबित है? यदि हाँ, तो अनुमति देने में क्या समस्याएं हैं? (ग) क्या यहाँ कार्यरत श्रमिकों को प्रतिमाह वेतन के साथ ई.एल. व 8.33 प्रतिशत की दर से बोनस दिए जाने का नियम है? यदि हाँ, तो क्या पावर प्लांट के श्रमिकों को उपरोक्त राशि नियमित रूप से प्रतिमाह दी जाती है? यदि हाँ, तो इस संबंध के भुगतान संबंधी जानकारी वर्ष 2019 से अब तक के संदर्भ में उपलब्ध कराएं। क्या सेवाएं वृत्त के सी.एच.पी. संभाग के पार्ट 2 में बेल्ट संचालन में वर्ष 2020-21 में मेसर्स प्रगति कंस्ट्रक्शन द्वारा बोनस की राशि श्रमिकों को आज दिनांक तक नहीं दी गई हैं एवं सी.टी.डी. संभाग में एस.के. फर्म द्वारा बोनस की राशि लोको मेंटेनेन्स डोजर ऑपरेशन, डोजर मेंटेनेन्स में नहीं दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों और क्या कार्यवाही की जाएगी? कब तक राशि दिलाई जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 210 मेगावाट क्षमता की एक इकाई क्रियाशील है। इस इकाई का 100 प्रतिशत क्षमता पर प्रतिदिन विद्युत उत्पादन 5.04 यूनिट है। अमरकंटक ताप विद्युत गृह से उत्पादित बिजली को एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को विक्रय किया जाता है। वर्ष 2019 से जनवरी 2022 तक माहवार बिजली उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” अनुसार एवं विक्रित बिजली व बिलिंग राशि की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब” अनुसार है। राज्य भार प्रेक्षण केन्द्र द्वारा शेडयूल की बिजली के आधार पर एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी को विक्रय की गई बिजली पर बिलिंग की जाती है। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा प्राप्त राशि किसी विशेष विद्युत गृह की न होकर कुल बिलिंग पर आधारित होती है। (ख) वर्तमान में अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 210 मेगावाट की एक उत्पादन यूनिट है। जी हाँ, मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई, जिला अनूपपुर, में 1X660 मेगावाट क्षमता की सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है। मंत्रि-परिषद् द्वारा जनवरी-2022 में मध्यप्रदेश पावर जनरेंटिग कंपनी लिमिटेड एवं कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी एस.ई.सी.एल. के मध्य गठित किये जाने वाले वाले संयुक्त उपक्रम द्वारा उक्त परियोजना का क्रियान्वयन किये जाने हेतु नीतिगत/सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान में शासन स्तर पर प्रशासकीय स्वीकृति संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। कारखाना अधिनियम 1948 के तहत एक वर्ष में 180 दिन या उससे अधिक कार्य करने पर प्रत्येक 20 कार्य दिवस के लिये एक सवैतनिक अवकाश दिये जाने का प्रावधान हैं एवं बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के तहत एक वर्ष में 30 दिन या उससे अधिक कार्य करने पर मजदूरी/वेतन (वर्तमान में ऊपरी सीमा 21000 रूपये प्रतिमाह तक) का 8.33 प्रतिशत की दर से वित्तीय वर्ष की समाप्ति से 08 माह के अन्दर भुगतान करने का प्रावधान है। तद्नुसार ठेकेदार के कार्यादेश के अंतर्गत प्रस्तुत अंतिम देयक पारित करने से पूर्व श्रमिकों को सवैतनिक अवकाश एवं बोनस भुगतान सुनिश्चित किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में सवैतनिक अवकाश एवं बोनस प्रतिमाह नहीं दिये जाने के कारण वांछित जानकारी अपेक्षित नहीं है। मेसर्स प्रगति कंस्ट्रक्शन द्वारा सी.एच.पी. पार्ट-दो में बेल्ट संचालन के श्रमिकों को वर्ष 2020-21 के बोनस का भुगतान कर दिया गया है। सी.टी.डी. संभाग में मेसर्स एस.के. इंजीनियरिंग सविर्सेज फर्म द्वारा दिनांक 13.06.2019 से 12.07.2019 (26 दिन कार्य दिवस) तक लोको मेंटेनेन्स, डोजर मेन्टेंनेंस एवं डोजर आपरेशन किया गया था, जिसमें कार्य दिवस 30 दिन से कम होने के कारण बोनस का प्रावधान नहीं है, अत: भुगतान देय नहीं है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
[उच्च शिक्षा]
165. ( क्र. 3710 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के कौन-कौन से अशासकीय महाविद्यालयों के शासनाधीन होने पर किन-किन तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का किन-किन पदों पर संविलियन किया गया था? संविलियन के पूर्व उक्त सभी तृतीय श्रेणी कर्मचारी अशासकीय महाविद्यालय में किन-किन पदों पर पदस्थ थे तथा महाविद्यालय के शासनाधीन होने के उपरांत उनका शासकीय महाविद्यालयों में कौन-कौन से पद पर संविलियन किया गया? अशासकीय महाविद्यालय में उच्च पद पर पदस्थ रहे किन-किन कर्मचारियों का शासकीय महाविद्यालयों में निम्न पद पर संविलियन किया गया? जबकि कर्मचारी समान पद पर संविलियन हेतु निर्धारित समस्त अर्हताओं की पूर्ति करते थे? संविलियन के समय के समस्त नियम, निर्देशों की सम्पूर्ण छायाप्रतियां उपलब्ध करावें व पूर्ण ब्यौरा देते हुए जानकारी कर्मचारीवार, महाविद्यालय व जिलावार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे कर्मचारी जो अशासकीय महाविद्यालयों में उच्च पद पर रहे थे तथा जिन्हें शासनाधीन होने पर उसी पद पर पदस्थ होने की समस्त अर्हताएं रखने पर भी शासकीय महाविद्यालय में निम्न पद पर संविलियन कर दिया गया ऐसे कर्मचारियों की वरिष्ठता आदि के लंबित प्रकरण प्रचलन में हैं? यदि हैं तो कौन-कौन कर्मचारियों के किन-किन पदों के लिए प्रकरण लंबित है व उनके निराकरण हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण ब्यौरा देवें। क्या ऐसे कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के पूर्व उनके लंबित प्रकरणों का निराकरण कर दिया जावेगा? समय-सीमा बताएं और यदि नहीं, तो सकारण उत्तर दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ग्वालियर संभाग के केवल एक अशासकीय एल.एस.जी. महाविद्यालय पौहरी के शासनाधीन होने के उपरांत श्री महेन्द्र कुमार शर्मा, लेखापाल का निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर संविलियन किया गया था। जो संविलियन से पूर्व लेखापाल के पद पर कार्यरत थे। कार्यवाही नियमानुसार की गई थी। नियम/निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में श्री महेन्द्र कुमार शर्मा का प्रकरण लंबित/परीक्षणाधीन है। निराकरण की निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
33/11 के.व्ही. सब-स्टेशन का इंटर कनेक्शन
[ऊर्जा]
166. ( क्र. 3711 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि 33/11 के.व्ही. किशनगढ़ सब-स्टेशन को इंटर कनेक्शन कर 132 के.व्ही. सब-स्टेशन बिजावर एवं पवई से जोड़ने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, शासन को लिखे गए पत्रों के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र किशनगढ़ को 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्रों बिजावर एवं पवई से इंटर कनेक्शन किये जाने हेतु की गई मांग के तारतम्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त कार्य किये जाने हेतु तकनीकी परीक्षण कराया गया। जिसके अनुसार वर्तमान में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र किशनगढ़, 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र बिजावर से निर्गमित 33 के.व्ही. उच्चदाब किशनगढ़ फीडर से संचालित किया जा रहा है एवं उक्त 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र किशनगढ़ को 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र पवई से इंटरकनेक्ट किये जाने का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। तथापि 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र किशनगढ़ के समीप स्थित ग्राम सिमरिया जिला पन्ना में नवीन 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र सिमरिया का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उक्त नवीन 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र सिमरिया से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सुनवानी का इंटर कनेक्शन किये जाने का कार्य प्रस्तावित है। तदोपरान्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सुनवानी से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र किशनगढ़ को 26 कि.मी. नवीन 33 के.व्ही. उच्चदाब लाइन का निर्माण कर, 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र सिमरिया जिला पन्ना से इंटरकनेक्ट किये जाने का कार्य किया जावेगा। उक्त इंटरकनेक्शन के कार्य के उपरान्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र किशनगढ़ से विद्युत प्रदाय प्राप्त कर रहे क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार परिलक्षित होगा। उक्त कार्य, नवीन 132/33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र सिमरिया का निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरान्त वित्तीय उपलब्धता अनुसार किया जा सकेगा।
बंडा नगर की पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 3712 ) श्री तरबर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बंडा नगर की पेयजल व्यवस्था हेतु जल का स्थाई स्त्रोत क्या है? क्या इसमें पूरे समय जल का भण्डारण रहता है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित पेयजल व्यवस्था हेतु बंडा नगर से 8 किमी दूर स्थित पगरा बांध से पाइप-लाइन डालकर नगर की पेयजल की समस्या का समाधान किया जा सकता है? (ग) यदि हाँ, तो, पगरा बांध से बंडा नगर तक पाइप-लाइन बिछाने की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बंडा नगर की पेयजल व्यवस्था का मुख्य स्त्रोत बेबस नदी है, इसमे पूरे समय जल भंडारण नहीं रहता है। (ख) जी हाँ। (ग) पगरा बांध से बंडा नगर तक पेयजल व्यवस्था हेतु प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क मजबूतीकरण का कार्य
[लोक निर्माण]
168. ( क्र. 3714 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जैतपुर जिला शहडोल अन्तर्गत ग्राम पंचायत मझौली से गिरवा पहुंच मार्ग एवं ग्राम पंचायत पड़रिया से गिरवा पहुंच मार्ग तक सड़क मजबूतीकरण का कार्य किस एजेन्सी द्वारा कराया गया है? उक्त मार्ग का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? सड़क की लम्बाई एवं लागत सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) बजट अभाव में उक्त मार्गों का कार्य अपूर्ण रहने की स्थिति में क्या आगामी मुख्य बजट में इन सड़कों के निर्माण हेतु बजट में राशि का प्रावधान किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही विभाग के द्वारा की गई? अद्यतन स्थिति से अवगत करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना इकाई शहडोल के अधीन है, उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं एवं करों की वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
169. ( क्र. 3717 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद् शहरी क्षेत्र विदिशा अंतर्गत ऐसी कितनी वैध अवैध कॉलोनियां हैं जिनमें नगरपालिका द्वारा सम्पत्तिकर प्रकाश कर एवं अन्य करों की वसूली की जाती है, लेकिन उक्त कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं के रूप में कार्य नहीं किए जा रहे की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में उक्त कॉलोनियों में स्ट्रीट लाईट की सुविधा हेतु विद्युतीकरण कार्य एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के लिये नगरपालिका द्वारा कोई कार्ययोजना तैयार की है? यदि हाँ, तो उक्त योजना के तहत कॉलोनियों में स्ट्रीट लाईट एवं अन्य मूलभूत सुविधाएं कब तक उपलब्ध कराई जायेंगी के संबंध में निश्चित अवधि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका विदिशा के क्षेत्रान्तर्गत विकास अनुमति प्राप्त 53 वैध श्रेणी की कॉलोनियां हैं, जिनमें नगर पालिका द्वारा सम्पत्तिकर, प्रकाश कर एवं अन्य करों की वसूली की जाती है। वैध श्रेणी की सभी कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं के सभी कार्य कराने का उत्तरदायित्व संबंधित कॉलोनाईजर का है। नगरीय क्षेत्र विदिशा में बिना सक्षम अनुमति के अनधिकृत रूप से बनाई गई 75 अनधिकृत श्रेणी की कॉलोनियां नगर पालिका द्वारा चिन्हित की गयी हैं, जिनमें नगर पालिका द्वारा प्रश्नांकित कर वसूल किये जाते हैं। इन अनधिकृत श्रेणी की कॉलोनियों में पूर्ण मूलभूत सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं। अनधिकृत श्रेणी की कॉलोनियों में नियमानुसार प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत ही मूलभूत सुविधाओं के सभी कार्य कराये जा सकेंगे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में नगर पालिका द्वारा कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की गयी हैं, परंतु बिना अनुमति के अनधिकृत रूप से बनाई गई अनधिकृत श्रेणी की कॉलोनियों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के तहत कार्य योजना बनाने की कार्यवाही शीघ्र प्रारम्भ की जा रही है। वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्य की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
170. ( क्र. 3725 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले अंतर्गत नगरीय निकाय आष्टा नगर पंचायत कोठरी एवं जावर में सन् 2019-20, 2020-21 में क्या-क्या निर्माण कार्य स्वीकृत हुये हैं या नहीं? (ख) यदि नवीन निर्माण कार्य स्वीकृत हुये हैं तो उनकी वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) नगर पालिका आष्टा में रामपुरा डेम से नगर के लिए पानी की व्यवस्था के लिए पाइप-लाइन स्वीकृत हुयी थी किंतु अभी तक निर्माण कार्य की स्थिति बताने की कृपा करें एवं कब तक आष्टा नगर को उक्त योजना का लाभ मिलेगा एवं उक्त योजना किस मद से एवं कितनी राशि से स्वीकृत हुयी है? (घ) नगर पंचायत कोठरी में सन् 2019-20, 2020-21 में क्या-क्या निर्माण कार्य स्वीकृत हुये एवं किस योजना/मद/राशि और वर्तमान में निर्माण कार्य पूर्ण हुये हैं या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) आष्टा में रामपुरा डेम से आष्टा नगर तक पाइप-लाइन विस्तार का कार्य पूर्व ठेकेदार रामपुर प्रोजेक्ट इन्दौर द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने का कारण दिनांक 01-06-2021 को ठेकेदार का अनुबंध/निविदा निरस्त कर दी गई। पुन: शेष बचे कार्य का टेण्डर कर न्यू इंडिया एण्ड संस की न्यूनतम दर स्वीकृत की गई। निकाय द्वारा संबंधित ठेकेदार से कार्य का अनुबंध निष्पादन उपरांत ठेकेदार को कार्यादेश जारी किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
सीवरेज निर्माण कार्य की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
171. ( क्र. 3727 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् महेश्वर एवं मण्डलेश्वर में सीवरेज निर्माण कार्य की स्वीकृति कब हुई थी एवं इसकी लागत कितनी-कितनी थी? उक्त निर्माण कार्य किन एजेंसियों को दिया गया एवं कार्य पूर्ण होने की अवधि क्या थी? (ख) आज की अद्यतन स्थिति क्या है? समय-सीमा पर कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? क्या उन एजेंसियों को ब्लेक लिस्टेड किया गया है? (ग) उक्त योजना के अंतर्गत जो क्षति हुई है जैसे - सीमेंट, कांक्रीट रोड (सी.सी. रोड) मकान टूटने एवं अन्य निर्माण कार्यों की क्षतिपूर्ति कौन करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद् महेश्वर एवं मण्डलेश्वर सीवरेज निर्माण कार्य स्वीकृति क्रमशः दिनांक 07/05/2018 एवं 30/12/2017 को जारी की गई है। इनकी लागत क्रमशः रू. 44.83 करोड़ एवं 23.26 करोड़ है। उक्त सीवरेज योजनाओं का निर्माण कार्य क्रमशः मे. एबेनगोआ अगुआ एस.ए. स्पेन - भूगन इन्फ्राकॉन प्रा.लि. (जे.व्ही.) मुंबई एवं मे. इंजीनियरिंग प्रोफेशनल कंपनी लिमिटेड साउथ गुजरात कंन्सट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (जे.व्ही.) सूरत को दिया गया है। कार्य के पूर्ण होने की अवधि क्रमशः 30/09/2020 एवं 05/01/2020 थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) महेश्वर एवं मण्डलेश्वर सीवरेज योजना की भौतिक प्रगति क्रमशः 23% एवं 25% है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण संविदाकारों को कार्य की गति बढ़ाने हेतु लेख किया गया है। महेश्वर सीवरेज के संविदाकार को ब्लेक लिस्टिंग का नोटिस जारी किया गया है एवं मण्डलेश्वर सीवरेज के संविदाकार का अनुबंध निरस्त किया गया है। संविदाकार द्वारा अनुबंध निरस्त करने के आदेश को वापिस का अनुरोध एवं कार्य में प्रगति लाने हेतु 01 माह का वर्क प्रोग्राम प्रस्तुत किया गया, संविदाकार द्वारा प्रस्तुत अनुरोध एवं वर्क प्रोग्राम अनुसार कार्य करने के लिए 01 माह का समय दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) सीमेंट कांक्रीट रोड एवं अन्य निर्माण यदि क्षतिग्रस्त हुये हैं तो उनका पुनर्निमाण संविदाकार के अनुबंध में सम्मिलित है, तदानुसार सुधार किया जाता है।
विद्युत सौंदर्यीकरण हेतु आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
172. ( क्र. 3728 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् महेश्वर जिला खरगोन की सिंहस्थ 2016 में किले एवं घाट पर विद्युत सौंदर्यीकरण कार्य हेतु राशि आवंटित की थी। (ख) यदि हाँ, तो कितनी राशि आवंटित की गई थी? (ग) आज दिनांक तक उक्त कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) कार्य कब तक पूर्ण होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) राशि रू. 50.00 लाख आवंटन की गई थी। (ग) जी नहीं। कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण यह है कि कलेक्टर जिला खरगोन की समीक्षा बैठक दिनांक 29.04.16 में दिये गये निर्देशानुसार समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने से संबंधित ठेकेदार को भुगतान नहीं किये जाने एवं कार्य यथास्थिति में स्थगित किये जाने के निर्देश दिये गये थे। कलेक्टर द्वारा कार्य स्थगित करने के कारण आगे कार्य नहीं कराया गया। (घ) कार्य सिंहस्थ 2016 के आयोजन के लिए किया जाना था। सिंहस्थ 2016 का आयोजन पूर्ण हो चुका है। अब कार्य कराने का औचित्य परिलक्षित नहीं होता है।
मुरम का अवैध परिवहन व भंडारण
[लोक निर्माण]
173. ( क्र. 3737 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में दिनांक 01.01.2015 से 31.12.2018 तथा 01.07.20 से 15.02.2022 तक म.प्र. सड़क विकास के महाप्रबंधक तथा विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा अजय यादव, विजय यादव, यादव कंस्ट्रक्शन, माँ गायत्री कंस्ट्रक्शन सभी जुलवानिया तथा जुलवानिया जिला बड़वानी के पते पर पंजीकृत फर्मों को मुरम की अनुज्ञा कब-कब जारी की? सभी अनुज्ञा पत्र की प्रति दें। अभिवहन की प्रतियों को प्रमाणित करके उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित फर्मों/व्यक्तियों द्वारा खनिज, राजस्व तथा वन विभाग से प्राप्त अनापत्ति जो कि मुरम अनुज्ञा जारी करने के लिए अनिवार्य है की भी प्रकरणवार प्रमाणित प्रति के रूप में देवें। क्या अनुज्ञा की प्रति इन विभागों को पृष्ठांकित की गई हैं तो उसकी जानकारी भी जावक नंबर सहित प्रकरणवार, फर्म/व्यक्तिवार जारी अनुज्ञा के संदर्भ में देवें। (ग) उपरोक्तानुसार मुरम अनुज्ञा की कितनी रायल्टी चुकाई गई? फर्मवार/व्यक्तिवार वर्षवार देवें। प्रश्नांश (क) अनुसार अधिकारियों द्वारा ''आगम प्राप्ति शीर्ष'' में इनसे वसूली रायल्टी कब-कब जमा कराई गई? प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार मुरम अनुज्ञा के लिए संबंधित विभागों से अनापत्ति नहीं ली गई तो इसके लिए संबंधित पर कब तक दांडिक कार्यवाही की जाएगी? क्या इनके द्वारा अनुमति नहीं लेकर मुरम का अवैध परिवहन व भंडारण किया गया तो इसके लिए इन पर कितनी पेनाल्टी लगाई जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अजय यादव, विजय यादव, यादव कंस्ट्र., माँ गायत्री कंस्ट्र. सभी जुलवानिया जिला बड़वानी द्वारा दिनांक 01.01.2015 से 31.12.2018 तथा 01.07.2020 से 15.02.2022 तक कोई भी कार्य लोक निर्माण विभाग (भ/प) बड़वानी संभाग अंतर्गत नहीं किया गया है। परंतु श्री अजय यादव एवं श्री विजय यादव के भागीदारी फर्म में पी.सी. यादव जुलवानिया द्वारा उक्त अवधि में कराये गये कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा अजय यादव, विजय यादव, यादव कंस्ट्रक्शन, माँ गायत्री कंस्ट्रक्शन जुलवानिया तथा जुलवानिया जिला बड़वानी के पते पर पंजीकृत फर्मों को मुरम की कोई अनुज्ञा जारी नहीं की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित फर्मो/व्यक्तियों की जानकारी प्रकरणवार प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार मुरम पर रायल्टी देय नहीं होने से दांडिक कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों का निर्माण एवं संधारण
[लोक निर्माण]
174. ( क्र. 3738 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजपुर वि.स. क्षेत्र में दि. 01-01-2016 से 31-03-2019 तक दि. 01-04-2020 से 20-02-2020 तक कितने निर्माण कार्य तथा मार्ग संधारण कार्य स्वीकृत किए गए? मार्ग नाम, संधारण मार्ग नाम, निर्माणकर्ता फर्म नाम सहित वर्षवार देवें। कार्य स्वीकृति दिनांक, लागत, कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति, भुगतान दिनांक, भुगतान राशि सहित देवें। (ख) जिन फर्मों को भुगतान किया गया उनके बैंक नाम, बैंक खाता नम्बर, कटौत्रा, टी.डी.एस. राशि सहित कार्यवार जानकारी देवें। इन फर्मों द्वारा गिट्टी, मुरम की कितनी रायल्टी चुकाई गई? कार्यवार अनुज्ञा पत्रों की प्रमाणित प्रति अभिवहन पास सहित फर्मवार, कार्यवार देवें। रेत के उपयोग के संबंध में भी जानकारी देवें। (ग) विभाग के कार्यपालन यंत्री एवं म.प्र. सड़क विकास के महाप्रबंधक द्वारा ''आगम प्राप्ति शीर्ष'' में इनसे वसूली रायल्टी कब-कब जमा कराई गई की जानकारी प्रश्नांश ''क'' अवधि अनुसार देवें। इन मार्गों की जांच कब-कब की गई? कितनी कोर कटिंग किस मार्ग की एवं अन्य सामग्री लेब टेस्टिंग हेतु भेजी गई? कार्यवार, निरीक्षण टीप सहित वर्षवार देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्माणकर्ता फर्मों को कुल कितनी मात्रा की रेत, गिट्टी, मुरम की अनुज्ञा दी गई थी? प्रत्येक फर्म के संबंध में पृथक-पृथक मात्रा देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 06 निर्माण कार्य तथा 02 मार्गों के संधारण कार्य स्वीकृत किये गये। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। अनुज्ञा पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार एवं अभिवहन पास पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। निरीक्षण टीप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
गिट्टी, मुरम एवं रेत की रॉयल्टी
[लोक निर्माण]
175. ( क्र. 3741 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में खेड़ा खजूरिया से मकला फंटा मार्ग जिसकी स्वीकृति दिनांक 28/03/2018 भोपाल पत्र क्रमांक एफ-43/04/2018/19/यो/1288 स्वीकृत राशि 37.29 करोड़ रूपये है जिसका कार्यादेश दिनांक 29/08/2018 एवं कार्य पूर्णता दिनांक 22/02/2020 था। प्रश्न दिनांक तक कार्य क्यों पूर्ण नहीं हुआ है? (ख) निर्माणकर्ता फर्म कमला कंस्ट्रक्शन भोपाल को इसके लिए अब तक कितना भुगतान किया जा चुका है? तिथिवार भुगतान राशि टी.डी.एस. कटौत्रे सहित देवें। कार्य अपूर्ण रहने के संबंध में इन्हें अब तक कितने नोटिस जारी किए जा चुके हैं? उनकी प्रमाणित प्रतियां देवें। इसके जवाब की प्रमाणित प्रतियां भी देवें। (ग) फर्म को जारी मुरम, गिट्टी की अनुज्ञा पत्रों की प्रति अभिवहन पास की प्रति सहित देवें। इनके द्वारा गिट्टी, मुरम, रेत की कितनी रायल्टी भरी की जानकारी देवें। फर्म का टी.डी.एस. नंबर भी देवें। (घ) कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा? यदि नहीं, तो इसके जिम्मेदारों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोविड-19 महामारी में लॉकडाउन लगने एवं ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण। (ख) राशि रूपये 116168919/-। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। अभिवहन पास एवं गिट्टी, मुरम, रेत की रॉयल्टी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। फर्म का टी.डी.एस. नम्बर नहीं होता है। (घ) दिनांक 31.07.2022 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पुल/पुलियों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
176. ( क्र. 3742 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग, उज्जैन परिक्षेत्र उज्जैन के पत्र क्रमांक 2490/कार्य/घट्टिया, जगोटी, कान्हाखेड़ी, खेड़ा, खजूरिया मार्ग/पु.आवक/उज्जैन/2021-22 उज्जैन दिनांक 06.08.21 की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इस संबंध में हुए समस्त पत्र व्यवहार की प्रमाणित प्रति देवें। उक्त पत्रानुसार जब यह निर्णय लिया जा चुका था कि पुल/पुलिया कार्य का निर्माण प्रशासकीय स्वीकृति की बचत राशि से किया जाए तो इस पर अभी तक कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही शासन कब तक तय करेगा? (ग) कब तक इसके टेंडर जारी होकर मार्ग निर्माण प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग के पत्र क्र. 114 दिनांक 09.03.2022 को प्रकरण मुख्य अभियंता को वापस किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2, 3, 4, 5 एवं 6 अनुसार है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) मार्ग निर्माण दिनांक 31.07.2019 को पूर्ण किया जा चुका है। प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित पुल/पुलियों का निर्माण कार्य उक्त परियोजना की बचत राशि से स्वीकृति दी जाना प्रस्तावित नहीं है।
नवगठित नगरीय निकायों की भर्ती में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
177. ( क्र. 3745 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग अंतर्गत नवगठित नगरीय निकायों में फर्जी भर्ती घोटाले एवं आर्थिक लेन-देन तथा अन्य भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें। (ख) यदि नहीं, तो क्यों? इन्हें संरक्षण देने का कारण स्पष्ट करें। (ग) इन नवगठित निकायों में जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंधितों को भर्ती किया गया है, क्या उन्हें सेवा से पृथक कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) शहडोल संभाग के अंतर्गत नवगठित नगर परिषद्, बकहो, डोला, डूमरकछार एवं बनगवां में पंचायत कालीन कर्मियों एवं अन्य का नियम विरूद्ध संविलियन किये जाने के लिए जांच में उत्तरदायी पाए गए विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित कर उनके विरूद्ध आरोप पत्रादि जारी किए गए हैं। (ग) जी नहीं। नवगठित नगर परिषद्, बकहो, डोला, डूमरकछार एवं बनगवां में जिस जिला चयन समिति के माध्यम से पंचायत कालीन कर्मियों एवं अन्य के नियम विरूद्ध संविलियन की कार्यवाही की गई है, उस जिला चयन समिति की कार्यवाही को निरस्त किए जाने की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जी.ई.एम. पोर्टल से खरीदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
178. ( क्र. 3746 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् बिजुरी जिला अनूपपुर में दिनांक 01.04.2021 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सामग्री की जी.ई.एम. पोर्टल से खरीदी की गई? जी.ई.एम. पोर्टल पर उक्त दिनांक से प्रश्न दिनांक तक जी.ई.एम. कांट्रेक्ट की प्रति उपलब्ध करावें (खरीदी सामग्री के संबंध में)। कुल कितनी सामग्री का अंतरण भण्डार पंजी में दर्ज किया गया? इसकी प्रमाणित प्रतियां देवें। क्रय की गई सामग्री का उपभोग किन स्थानों पर किया गया? प्रभारी के सत्यापन की प्रति उपलब्ध करावें। फर्मों के जी.एस.टी. नंबर भी देवें। (ख) वर्तमान में नगर पालिका परिषद् बिजुरी जिला अनूपपुर में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी जो कि पूर्व में नगर परिषद् निवास जिला मण्डला में पदस्थ थी, के संबंध में कार्यालय परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण मण्डला के पत्र क्र./श.वि.अभि./2021/794 मण्डला दिनांक 13.10.2021 के संबंध में प्रश्न दिनांक तक की गई समस्त कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त (ख) अनुसार पत्र में उल्लेखित जिन नस्तियों को उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया है उनकी प्रमाणित प्रतियां प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराई जाए। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नस्तियों की जांच नहीं कराई गई तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। कब तक जांच कराई जाकर इस अनियमितता के दोषियों को दण्डित किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) नगर पालिका बिजुरी में ई.ओ.डब्ल्यू.से प्राप्त शिकायत पर संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल संभाग से जांच कराई गई है, जांच में परीक्षणोपरांत उत्तरदायी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध आगामी कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आयुष्मान हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर योजना
[आयुष]
179. ( क्र. 3752 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी के विकासखण्ड वारासिवनी एवं खैरलांजी में आयुष चिकित्सा सुविधाओं की दृष्टि से कितने एवं कहाँ-कहाँ आयुर्वेद औषधालय संचालित हो रहे हैं? वर्तमान स्थिति में उक्त आयुर्वेद औषधालय के भवनों की स्थिति तथा अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वीकृत/कार्यरत/रिक्त पदों की जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या यह सही है कि प्रदेश में आयुर्वेद औषधालयों को आयुष्मान हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में विकसित करने की योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विकासखण्ड वारासिवनी एवं खैरलांजी के कौन-कौन आयुर्वेद औषधालयों को इस योजना में सम्मिलित किया गया है तथा कौन-कौन से आयुर्वेद औषधालयों को इस योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है? सम्मिलित नहीं किये जाने का क्या कारण हैं? (ग) आयुष्मान हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर योजना में क्या-क्या सुविधायें विकसित किये जाने का प्रावधान है? क्या योजना के अनुरूप विकासखण्ड वारासिवनी एवं खैरलांजी के समस्त आयुष्मान हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स को सर्वसुविधायुक्त कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से आयुष्मान हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स में क्या-क्या सुविधायें विकसित की गई हैं? यदि नहीं, तो उपरोक्त चिन्हित आयुष्मान हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स को योजना के अनुरूप अभी तक सर्वसुविधायुक्त नहीं किये जाने का क्या कारण है एवं कब तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। सभी सम्मिलित होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय राशि का दुरूपयोग
[लोक निर्माण]
180. ( क्र. 3756 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग रीवा परिक्षेत्र के अंतर्गत सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली जिलों में अधीक्षण यंत्री रीवा द्वारा मशीनरी के नाम पर उक्त जिलों में वर्ष 2015 से वर्ष 2021 तक लगभग 80 करोड़ रूपये से ऊपर की स्वीकृति जारी की है। क्या अधीक्षण यंत्री रीवा को स्वीकृति देने का अधिकार था तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें। क्या उक्त जिलों के कार्यपालन यंत्रियों ने भुगतान के पूर्व मुख्य अभियंता रीवा प्रमुख अभियंता भोपाल एवं प्रमुख सचिव से अनुमति प्राप्त की है तो अनुमति की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ख) क्या मुख्य अभियंता रीवा द्वारा पत्र क्र. 3071 दिनांक 12.11.2020 उच्च न्यायालय में दिये गये अभ्यावेदन निराकरण आदेश के निष्कर्ष में स्पष्ट उल्लेख किया है कि म.प्र. वित्तीय संहिता (प्रदर्श-9) के अंतर्गत मशीन एवं उपकरणों की स्वीकृति संबंधी सैद्धांतिक अनुमोदन हेतु मुख्य अभियंता को पूर्ण शक्तियां प्रदत्त की गई हैं जबकि अधीक्षण यंत्री को प्रत्यायोजित अधिकार न होने के बावजूद भी उक्त स्वीकृतियां अनियमित रूप से दी गई है? (ग) उक्त फर्जी भुगतान कराने में उपयंत्री अनुविभागीय अधिकारी कार्यपालन यंत्री शामिल है, सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा रीवा जिले में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री नरेन्द्र शर्मा द्वारा किया गया है। सतना जिले के कार्यपालन यंत्रियों में आर.जी. शाक्य, सुभाष पाटिल, एन.के. जैन, एच.एल. वर्मा, बी.के विश्वकर्मा शामिल है। उक्त कार्य में जे.सी.बी., ट्रैक्टर, रोलर, ग्रेडर, डम्पर नं. अवलोकन होना चाहिए तथा रोड की छिलाई तथा पटरी की छिलाई किन-किन मार्गों एवं किस-किस किलोमीटर में की गई है, उक्त वाहन कहाँ से कहाँ चलाये गये हैं? उनका पूरा विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) सही है तो प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता भोपाल द्वारा शासन की राशि का दुरूपयोग करने वाले उपयंत्री एस.डी.ओ. कार्यपालन यंत्री को निलंबित करते हुए राशि की वसूली कब तक कर ली जायेगी तथा राज्य स्तरीय कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच कब तक करा ली जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, अपितु 17.38 करोड़ की। जी नहीं, अधिकार न होने से आदेश की प्रतिलिपि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, भुगतान के पूर्व पृथक से अनुमति लिए जाने का प्रावधान नहीं है, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं, जी नहीं, जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अधीक्षण यंत्री द्वारा दी गई स्वीकृतियों के परिप्रेक्ष्य में जांच की कार्यवाही की जाकर जांच निष्कर्षों के अनुरूप गुण-दोष के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोड निर्माण संबंधी शिकायतें
[लोक निर्माण]
181. ( क्र. 3757 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधान सभा क्षेत्रांतर्गत लोक निर्माण विभाग को क्षेत्रांतर्गत लोक निर्माण विभाग की कुल कितनी सड़कें कितनी-कितनी लम्बाई एवं चौड़ाई की किन-किन स्थानों को जोड़ते हुए बनी हैं? विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की कितनी सड़कें चलने योग्य नहीं हैं, जो निर्माणाधीन हैं? कितनी प्रस्तावित हैं? कितनी सड़कों के टेंडर जारी हो गए हैं? सड़कवार पृथक-पृथक विवरण देवें। (ग) खराब सड़कों के मरम्मत का कार्य कब से चल रहा है? वर्तमान में कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है? कितना बाकी है? पूर्ण करने की समय-सीमा क्या थी? अभी कब तक कितना कार्य पूर्ण किया गया है? कितना शेष है? पृथक-पृथक विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा पूर्ण होने के बावजूद भी कार्य में प्रगति न होने का जिम्मेदार कौन है? उनके खिलाफ क्या कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? कारण सहित बताएं। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग), (घ) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 20-21 से वर्तमान तक रोड निर्माण संबंधी कितनी शिकायतें किस ठेकेदार एवं अधिकारी की प्राप्त हुई है? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) सभी सड़कें चलने योग्य है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार प्रस्तावित कोई नहीं। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) संविदाकार द्वारा समानुपातिक प्रगति न देने एवं कोरोना काल होने से, कार्य की प्रगति बाधित हुई है। अनुबंधानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) कोई शिकायत प्राप्त नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाब के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
182. ( क्र. 3771 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर की बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने अतिक्रमण है? अतिक्रमणकारियों का नाम बताते हुये उनके द्वारा किये गये प्रत्येक अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण का क्षेत्रफल बताया जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तालाब में हुये अतिक्रमण के कारण क्या उसके कैचमेंट एरिया पर विपरीत प्रभाव पड़ा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2020 एवं वर्ष 2021 में कितने अतिक्रमण कितने क्षेत्रफल से हटाये गये? जानकारी दी जाये। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अतिक्रमण की जानकारी हेतु कोई पंजी संधारित की गई है? यदि हाँ, तो विगत पांच वर्षों में हुये अतिक्रमण की जानकारी वर्षवार दी जाये। उक्त अतिक्रमण को कब तक हटा दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बड़े तालाब का कैचमेंट एरिया 351 वर्ग किलोमीटर का वृहद क्षेत्र है तथा अतिक्रमण की जानकारी कैचमेंट एरिया के परिप्रेक्ष्य में पृथक से संधारित नहीं होने के कारण प्रदान किया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक। वर्ष 2020-21 में बड़े तालाब के फुल टैंक लेवल से 50 मीटर के दायरे तक कुल 22 अस्थाई प्रकार के अतिक्रमण हटाए गये हैं जिनका क्षेत्रफल लगभग 12000 वर्गफिट है। जानकारी सलंग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अविकसित कॉलोनियों का अधिग्रहण
[नगरीय विकास एवं आवास]
183. ( क्र. 3774 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कितनी अविकसित कॉलोनियां हैं? इनकी स्वीकृति कौन-कौन से वर्ष में दी गई? निकायवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) जिन अविकसित कॉलोनियों में कॉलोनाईजर को विकास कार्यों हेतु नोटिस दिये गये और उनकी समय-सीमा समाप्त हो चुकी है, उन्हें अधिग्रहित क्यों नहीं किया गया? ऐसी कॉलोनियों का अधिग्रहण कर उनमें विकास कार्य कब तक कराये जायेंगे? (ग) रतलाम की 58 अविकसित कॉलोनियों के बारे में वर्ष 2020 में जवाब दिया गया था कि कॉलोनाईजरों को सूचना पत्र जारी कर नियमानुसार इनमें विकास कार्य कराये जा रहे हैं परंतु वस्तुस्थिति यह है कि इन सभी 58 कॉलोनियों में निर्माण प्रारंभ ही नहीं हुये। क्या इन कॉलोनियों का अधिग्रहण कर उनमें विकास कार्य कराये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रतलाम जिले में नगरपालिक निगम रतलाम क्षेत्रान्तर्गत 58 एवं नगरपालिका जावरा के अन्तर्गत 39 अविकसित कॉलोनियां हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार रतलाम की अविकसित कॉलोनियों में भू-खण्ड विक्रय/विकास अनुमति तत्समय प्रचलित म.प्र. विर्निदिष्ट भ्रष्ट आचरण अधिनियम, 1982 एवं म.प्र. नगरपालिक अधिनियम, 1956 की धारा 292 (क) के प्रावधानों के तहत प्रदत्त की गयी है। संदर्भित दोनों अधिनियमों के निर्बंधनों के अनुरूप विकास कार्य कराने की कार्यवाही की जा रही है। विधिसम्मत कार्यवाही की जा रही है।
सामग्री एवं वाहन क्रय में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
184. ( क्र. 3776 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत मगरौनी जिला शिवपुरी में जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या सामग्री एवं वाहन क्रय किये? सामग्री के बिल व्हाउचर एवं खरीदे गये वाहनों के कोटेशन उपलब्ध करायें। (ख) क्रय किये गये वाहन का प्रकार एवं उसका मूल कोटेशन एवं अन्य लगाई सामग्री की पृथक-पृथक जानकारी दी जाए। सामग्री की केशबुक बिल व्हाउचर की छायाप्रति दें। (ग) नगर पंचायत मगरौनी का नवंबर 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस मद से आयी एवं किस निर्माण कार्य पर व्यय की गई? निर्माण कार्य की A.S.T.S. प्राक्कलन सहित उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में नगर पंचायत मगरौनी में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार, खरीदी गई सामग्री एवं वाहनों के कोटेशन ज्यादा बनवाकर राशि हड़पी गई तो क्या इसकी जांच उच्च स्तरीय या लोकायुक्त से कराई जाएगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) नगर परिषद् मगरौनी द्वारा सामग्री जेम पोर्टल के माध्यम से नियमानुसार कार्यवाही कर मध्यप्रदेश नगर पालिका/नगर निगम (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 एवं भण्डार क्रय नियम 2015 का पालन कर क्रय की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासन के आदेशों का पालन नहीं किया जाना
[उच्च शिक्षा]
185. ( क्र. 3788 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से वापिस लेते हुए संचालनालय उच्च शिक्षा सतपुड़ा भवन भोपाल में पदस्थ करने हेतु दिनांक 07 मार्च 2020 को आदेश जारी किया था? (ख) यदि हाँ, तो भोज विश्वविद्यालय में कौन-कौन अधिकारी हैं जिन्हें शासन आदेश के बावजूद वापिस नहीं किया गया तथा कब तक वापिस करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित यह अवगत करावें कि शासनादेश का पालन नहीं करने और प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों को रिलीव नहीं करने हेतु कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) (1) डॉ. एल.पी. झारिया, प्राध्यापक, राजनीतिशास्त्र एवं (2) डॉ. नीलम वासनिक, सहायक प्राध्यापक, गणित को भारमुक्त नहीं किया गया है। भोज विश्वविद्यालय में कार्य की अधिकता के कारण इन प्राध्यापकों को कार्यमुक्त नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
भ्रष्ट प्रवृत्ति के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
186. ( क्र. 3789 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.डी.ए. के तत्कालीन अधिकारियों द्वारा विद्यासागर फेस-3 में शासकीय एवं किसानों की भूमि बगैर हस्तांतरण/आवंटन में भ्रष्टाचार कारित किए जाने के संबंध में पूर्व विधायक द्वारा माह अक्टूबर 2021 को माननीय मुख्यमंत्री, माननीय नगरीय विकास मंत्री, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन एवं नगर तथा ग्राम निवेश को पत्र के माध्यम से भ्रष्टाचार करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का आग्रह किया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही लम्बित रखने के क्या कारण हैं? अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राप्त शिकायत लंबित न होकर परीक्षणाधीन है। अतः परीक्षण उपरांत दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।
धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विद्युत ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
187. ( क्र. 3810 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 में कितने विद्युत ट्रांसफार्मर किन कारणों से जले हैं तथा उनके स्थान पर कितने के.व्ही. के नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर लगाये हैं एवं कितने विद्युत ट्रांसफार्मरों की मरम्मत कर उन्हें पुन: लगाया गया है? नवीन ट्रांसफार्मर लगाने एवं मरम्मत करने पर कुल कितनी राशि व्यय हुई है? (ख) वर्तमान में कितने ट्रांसफार्मर लगाने की मांग किसानों के द्वारा की गई है? यह कब तक लगा दिए जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कहाँ-कहाँ के कितने के.व्ही. के ट्रांसफार्मर क्षमता से अधिक भारयुक्त हैं? इन्हें कब तक उच्च क्षमता के अतिरिक्त ट्रांसफर्मार से बदला जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 196, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 236 एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह फरवरी 2022 तक 177, इस प्रकार कुल 609 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर आंतरिक खराबी, मेन्यूफेक्चरिंग खराबी, लाईटनिंग एवं अन्य कारणों से फेल हुए है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त फेल हुए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के स्थान पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' में दर्शाए अनुसार अधिक क्षमता के 23 नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं, जिन पर व्यय राशि रु. 28.75 लाख है, 130 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को संचालन-संधारण संभाग स्तर पर क्रियाशील लोकल रिपेयर यूनिट में मरम्मत कर पुनः लगाया गया है, जिन पर व्यय राशि रू. 2.55 लाख है एवं शेष 456 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर क्षेत्रीय भंडार से आहरित करके लगाए गए है, जिनकी मरम्मत पर रेट कॉन्ट्रेक्ट के अनुसार राशि रू. 82.05 लाख व्यय हुई है। (ख) एवं (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में ऐसे कुल 113 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर चिन्हित किये गये हैं, जिनसे संबद्ध भार उनकी क्षमता से अधिक है। उक्त 113 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थानवार एवं क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। इन 113 अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में संबद्ध भार उनकी क्षमता के अनुरूप करने हेतु 58 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं 55 अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाए जाने का कार्य किया जाना प्रस्तावित है। उक्त 113 में से 43 स्थानों पर किसानों द्वारा अतिरिक्त नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने हेतु मांग की गई है। इन 113 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के कार्य भारत सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिये गये है। योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार उक्त कार्य किये जा सकेंगे। अत: कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आई.पी.डी.एस. योजनांतर्गत अधोसंरचना का विकास
[ऊर्जा]
188. ( क्र. 3815 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आई.पी.डी.एस. योजना के तहत म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत अधोसंरचना विकास हेतु जिन फर्म/ठेकेदारों की निविदाएं स्वीकार कर कार्यादेश जारी किये गये हैं, के संबंध में प्रश्नकर्ता ने प्रश्न क्रमांक 1155 उत्तर दिनांक 23.12.21 में संबंधित फर्म/ठेकेदारों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त जांच किस स्तर के किन-किन अधिकारियों से कराई जा रही है अथवा कराई गई? (ग) यदि जांच कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है, तो जांच निष्कर्ष के आधार पर क्या-क्या अनियमितताएं की गई हैं? इसके लिये संबंधित किन-किन जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में इंदौर शहर वृत्त, इंदौर संचा./संधा. वृत्त एवं देवास संचा./संधा. वृत्त तथा धार संचा./संधा वृत्त के कौन-कौन से अधोसंरचना विकास कार्य फर्म/ठेकेदारों के साथ हुए अनुबंध की शर्तों के अनुसार पूर्ण हो गये हैं और कितने कार्य अपूर्ण किन कारणों से हैं? किन-किन ठेकेदारों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस आधार पर किया गया? उक्त फर्म/ठेकेदारों के नाम, पिता का नाम, पता, पंजीयन क्रमांक, लायसेन्स की श्रेणी सहित पूर्ण ब्यौरा दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1155 दिनांक 23.12.2021 के प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित नीरज मोहासे एवं पंकज मोहासे की फर्म से संबंधित चाही गयी जानकारी के परिप्रेक्ष्य में उक्त प्रश्न के उत्तरांश (ग) एवं (घ) में उल्लेखित किया गया है कि उपरोक्त फर्मों को आई.पी.डी.एस. योजनान्तर्गत पूर्ण टर्न की कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर कोई कार्य आवंटित नहीं किया गया है, अपितु उपरोक्त फर्मों के संबंध में प्राप्त अन्य शिकायतों (जो कि आई.पी.डी.एस. योजना से संबंधित नहीं है) की जांच हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया गया है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्यपालक निदेशक स्तर के अधिकारी के निर्देशन में उक्त जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखानुसार उक्त जांच कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। जांच कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत जांच निष्कर्ष के आधार पर दोषी पाये जाने वाले कार्मिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। तथापि उल्लेखनीय है कि उत्तरांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित फर्मों को आई.पी.डी.एस. योजनान्तर्गत पूर्ण टर्न-की कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य कोई कार्य आवंटित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
बैकलॉग पदों पर नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
189. ( क्र. 3816 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के शासकीय महाविद्यालय कन्नौद में वर्ष 1998 में लिपिक/प्रयोगशाला परिचारकों की बैकलॉग (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) के अंतर्गत किन-किन व्यक्तियों की नियुक्तियां की गई थीं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित कर्मचारियों की नियुक्तियां किस नियम से की गई? प्रमाणित छायाप्रति दें। क्या नियुक्ति के लिये कर्मचारियों के साक्षात्कार लिये गये थे? यदि हाँ, तो साक्षात्कार के लिये किन-किन कर्मचारियों को आमंत्रित किया गया था? (ग) क्या प्रश्नांकित पदों के लिये कोई विज्ञप्ति जारी की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या प्रश्नांकित फर्जी नियुक्तियों के संबंध में तत्कालीन प्राचार्य को सेवा अवधि पूर्ण होने के पहले ही 02 वर्ष पूर्व सेवानिवृत्ति दिला दी गई थी, क्यों? (घ) प्रश्नांकित फर्जी नियुक्तियों के संबंध में 02 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था एवं अन्य 02 कर्मचारियों को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया? फर्जी नियुक्तियों के संबंध में तत्कालीन प्राचार्य एवं लिपिक पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय कन्नौद, जिला देवास के आदेश क्र.1023/98/स्थापना, दिनांक 31.12.1998 के अनुसार लिपिक/प्रयोगशाला परिचारकों के बैकलॉग पदों पर 04 व्यक्तियों की नियुक्ति की गई थी। विवरण इस प्रकार है :- 1. श्री नारायण, प्रयो. परि., अनुसूचित जनजाति, 2. श्री गणेश राम, प्रयो. परि., पिछड़ा वर्ग, 3. श्री अशोक कुमार पटेल, प्रयो. परि., पिछड़ा वर्ग, 4. श्री संदीप धन्नालाल शर्मा, प्रयो. परि., सामान्य। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) वर्ग-3 कर्मचारियों की नियुक्ति म.प्र. तृतीय वर्ग सेवा भर्ती एवं पदोन्नति नियम 1974 के अनुसार (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है) एवं म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पृ.क्रमांक एफ 7-96/97/आ.प्र./एक, दिनांक 31 अगस्त 1998 के निर्देश अनुसार की जाती है। (नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'तीन' अनुसार है) जी हाँ। प्राचार्य के पत्र क्र. 1007/98, दिनांक 23.12.1998 के अनुसार दिनांक 30.12.1998 को 06 व्यक्तियों को साक्षात्कार हेतु बुलाया गया था। (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'चार' अनुसार है) (ग) जी नहीं। कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की गई अपितु प्राचार्य के पत्र दिनांक 08.12.1998 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'पांच' अनुसार है) को शासकीय महाविद्यालय कन्नौद, जिला देवास, नगर पंचायत कन्नौद, तहसील कार्यालय कन्नौद के सूचना पटल पर चस्पा की गई। समाचार पत्र में विज्ञप्ति किये जाने के संबंध में प्राचार्य से अभिलेख अप्राप्त है। तत्कालीन प्राचार्य को स्वयं के निवेदन पर उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्र. एफ 1/24/38-1/2000, दिनांक 10 फरवरी 2000 को दिनांक 29.02.2000 अपरान्ह से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान की गई। (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'छ:' अनुसार है। ) (घ) आयुक्त उच्च शिक्षा के पत्र क्र. 334/13/लोका/आउशि/शिका/2008, दिनांक 24.02.2009 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'सात' अनुसार है) के तहत क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक इंदौर एवं भोपाल को प्राचार्य द्वारा नियुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति तत्काल समाप्त करने हेतु निर्देशित किया गया था। इस परिपत्र के तहत संबंधित प्राचार्यों द्वारा उक्त कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई। 04 कर्मचारियों में से 02 कर्मचारी श्री अशोक कुमार पटेल एवं श्री संदीप धन्नालाल शर्मा, न्यायालयीन प्रकरण डब्ल्यू.पी. 1309/2009 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'आठ' अनुसार है) में स्थगन के आधार पर सेवारत हैं। तत्कालीन प्राचार्य एवं लिपिक के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है।
बिजली के बिलों की राशि में वृद्धि
[ऊर्जा]
190. ( क्र. 3820 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम विद्युत क्षेत्र वितरण कंपनी लि. इन्दौर क्षेत्र में माह फरवरी 2022 में किस आधार पर बिजली के बिलों की राशि में वृद्धि हुई है? स्पष्ट करें। (ख) क्या म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. इन्दौर क्षेत्र में घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं के कोरोनाकाल के बकाया बिजली के बिल आस्थगित किये गये थे? यदि हाँ, तो संचालन-संधारण वृत्त धार के अन्तर्गत ऐसे घरेलू उपभोक्ताओं की संचालन-संधारण संभागवार संख्या एवं राशि की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में यदि घरेलू उपभोक्ताओं के कोरोनाकाल के आस्थगित बकाया राशि के बिल माफ नहीं किये गये हैं, तो उक्त बकाया राशि के बिल उपभोक्ताओं को भुगतान हेतु प्रस्तुत करने की क्या कार्य योजना है? इस संबंध में विद्युत वितरण कंपनी इन्दौर द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) उपरोक्त के संबंध में बिजली के बिल में उपभोक्ता का बिल केवल मीटर रीडिंग के आधार पर बनाया जाता है, तो बिजली के बिल में इतने सारे कॉलम क्यों बनाये गये हैं? ज्यादातर कॉलम में कोई भी जानकारी अथवा आंकड़ा नहीं भरा जाता है तो क्या विभाग बिजली के बिल का सरलीकरण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत उपभोक्ताओं को माह फरवरी 2022 में रूपये 1229.68 करोड़ राशि के विद्युत देयक माह जनवरी 2022 में की गई 177.69 करोड़ यूनिट विद्युत खपत के आधार पर जारी किये गये हैं, जबकि माह जनवरी 2022 में रूपये 1200.50 करोड़ राशि के विद्युत देयक माह दिसंबर 2021 में की गई 177.44 करोड़ यूनिट विद्युत खपत के आधार पर जारी किये गये थे। माह दिसंबर 2021 के टैरिफ श्रेणीवार जारी विद्युत देयकों की सकल राजस्व मांग की तुलना में माह जनवरी 2022 के टैरिफ श्रेणीवार जारी देयकों की सकल राजस्व मांग केवल निम्नदाब सड़क बत्ती तथा जल प्रदाय, निम्नदाब औद्योगिक एवं निम्नदाब सिंचाई श्रेणी के उपभोक्ताओं हेतु वृद्धि परिलक्षित हुई है, जिसका मुख्य कारण उक्त श्रेणियों में विद्युत खपत में वृद्धि है। (ख) जी हाँ, राज्य शासन द्वारा लिये गये निर्णय के तारतम्य में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 1 किलोवाट तक के संयोजित भार वाले घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31.08.2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की राशि की वसूली को आस्थगित करने संबंधी निर्देश जारी किये गये थे। संचालन-संधारण वृत्त धार के अंतर्गत उक्त श्रेणी के घरेलू उपभोक्ता, जिनके देयकों की दिनांक 31.08.2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की राशि की वसूली आस्थगित की गई थी, की संचालन-संधारण संभागवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्य शासन के आदेश दिनांक 16.11.2021 द्वारा प्रश्नांश (ख) में दर्शाई गई आस्थगित राशि के भुगतान में इन उपभोक्तओं को राहत देने के उद्देश्य से ''समाधान योजना'' लागू की गई थी, जिसके अंतर्गत आस्थगित की गई राशि के भुगतान हेतु दो विकल्प दिये गये थे, यथा- (1) आस्थगित मूल राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। (2) आस्थगित मूल राशि का 75 प्रतिशत, 6 समान मासिक किश्तों में भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। उक्त योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता द्वारा उक्त में से किसी एक विकल्प का तय समय-सीमा में चयन कर आवेदन प्रस्तुत करना था। उक्त योजना में लाभ प्राप्त किये जाने की अंतिम तिथि 15.12.2021 थी, जिसे दिनांक 31.01.2022 तक विस्तारित किया गया था। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्तानुसार प्राप्त विकल्पों के आधार पर पात्र घरेलू उपभोक्ताओं को आस्थगित बकाया राशि को समाधान योजना के प्रावधानों के अनुसार छूट प्रदान करने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को जारी होने वाले विद्युत देयक की गणना हेतु मात्र मीटर रीडिंग ही आधार नहीं होता है, अपितु उपभोक्ता की श्रेणी एवं उपभोक्ता परिसर पर स्थापित विद्युत संयोजन का स्वीकृत भार, संविदा मांग, अधिकतम मांग, पॉवर फेक्टर इत्यादि के आधार पर भी विद्युत देयक की राशि की गणना की जाती है। समस्त श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को जारी किए जाने वाले विद्युत देयक में एकरूपता लाने के उद्देश्य से देयक के प्रारूप का निर्धारण किया गया है, जिसके अंतर्गत भिन्न-भिन्न श्रेणी यथा-घरेलू, व्यावसायिक, औद्योगिक, इत्यादि के उपभोक्ताओं हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार भिन्न-भिन्न मदों के अंतर्गत लागू शुल्कों का देयक में उल्लेख होता है। इसके अतिरिक्त भिन्न-भिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को देयक की राशि में से विभिन्न मदो में नियमानुसार सब्सिडी एवं अन्य छूट भी प्रदान की जाती है। प्रत्येक श्रेणी के उपभोक्ता हेतु लगने वाले शुल्क एवं मिलने वाली छूट की मद उपभोक्तावार परिवर्तित होती रहती है, चूंकि विद्युत देयक में समस्त प्रकार के शुल्क एवं समस्त प्रकार की छूट का उल्लेख होता है। अत: यह आवश्यक नहीं है कि, प्रत्येक श्रेणी के देयक में दर्शित होने वाले प्रत्येक मद के सम्मुख कोई जानकारी अथवा आंकड़ा अंकित हो। वर्तमान में प्रचलित देयक का प्रारूप सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को दृष्टिगत रखते हुए तैयार किया गया है, अत: देयक के प्रारूप में सरलीकरण की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती।
आश्रय स्थल हेतु भूमि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
191. ( क्र. 3821 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले आरोन नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत आश्रय स्थल स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो आश्रय स्थल की स्वीकृति, टेण्डर, वर्क आर्डर, निर्माणाधीन एजेंसी, लागत सहित संपूर्ण जानकारी एवं एकल नस्ती की प्रति सहित बतायें। (ख) उपरोक्त के संबंध में आश्रय स्थल आरोन हेतु कितनी भूमि का आवंटन किस स्थान पर कब किया गया है? आवंटन आदेश की प्रति सहित बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में क्या आवंटित स्थल पर दुकानें संचालित की जा रही हैं? यदि हाँ, तो कितनी दुकानें है? उनकी शिफ्टिंग कब तक की जायेगी? (घ) उपरोक्त के संबंध में आश्रय स्थल आरोन का कार्य पूर्ण करने हेतु क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं? उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? कब तक कार्य पूर्ण किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर परिषद् आरोन को नगरीय क्षेत्र अंतर्गत सर्वे क्रमांक 1331/1 रकबा 16.724 हेक्टेयर में से 0.111 हेक्टेयर भूमि का आवंटन दिनांक 01/03/2021 को किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आश्रय स्थल आरोन का कार्य पूर्ण करने हेतु 18 माह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ठेकेदार फर्म को कार्यादेश जारी किया जा चुका है। कार्यादेश अनुसार कार्य पूर्ण कराया जावेगा।
उपभोक्ताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ
[ऊर्जा]
192. ( क्र. 3822 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा गृह ज्योति योजना म.प्र. में कब से लागू है तथा लागू होने के उपरांत कब-कब इसमें क्या-क्या संशोधन हुए हैं? इस योजना से प्रदेश के निवासियों को क्या लाभ है? इस योजना का लाभ प्रदेश के नागरिकों को लेने हेतु क्या-क्या अनिवार्य नियम/शर्तें हैं? आवश्यक समस्त आदेशों की प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या उक्त योजना का लाभ केवल म.प्र. के निवासियों को ही दिया जायेगा? यदि हाँ, तो प्रदेश के कुल उपभोक्ताओं में से म.प्र. के कितने उपभोक्ताओं को इसका लाभ दिया जा रहा है? योजना के लाभ लेने हेतु उपभोक्ताओं को कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं? (ग) कोविड लॉकडाउन अवधि में प्रदेश के घरेलू, निम्नदाब गैर घरेलू, निम्नदाब औद्योगिक तथा उच्चदाब उपभोक्ताओं को रूपये 1000 करोड़ की राहत दी गई है? यदि हाँ, तो रूपये 1000 करोड़ के राहत की संपूर्ण जानकारी उपभोक्ताओं को किस अवधि की किसे, कितनी राहत दी गई? माह फरवरी 2022 में आये बिजली के बिलों में क्यों वृद्धि हुई है? (घ) उपरोक्त के संबंध में क्या उपभोक्ताओं से एस.जी.एस.टी. एवं सी.जी.एस.टी. की भी वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो बिल के प्रारूप में उसका उल्लेख है? यदि नहीं, तो क्यों बिना बिल पर दर्शाये किस आधार पर वसूली की जा रही है? क्या म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी की जी.एस.टी.एन. नं. है? यदि हाँ, तो कितने और क्या-क्या तथा किस नाम से है? म.प्र. विद्युत मण्डल द्वारा वर्ष 2020-21 में कितनी राशि जी.एस.टी. के रूप में जमा की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में '' इंदिरा गृह ज्योति योजना'' दिनांक 25 फरवरी 2019 से तथा परिवर्तित रूप में दिनांक 01.09.2019 से लागू है। दिनांक 07.09.2019 को जारी आदेशानुसार प्रदेश में लागू इन्दिरा गृह ज्योति योजना को संबल योजना से असम्बध्द करते हुए इन्दिरा गृह ज्योति योजना के लाभ का विस्तार प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ताओं हेतु किया गया है, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है। ऐसे सभी पात्र उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम राशि रु. 100/- का बिल दिया जाने एवं 100 यूनिट खपत हेतु मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर से गणना किए गए बिल तथा राशि रु. 100/- के अन्तर की राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को सब्सिडी के रुप में दिये जाने का प्रावधान किया गया है। 100 यूनिट से अधिक एवं पात्रता यूनिट की सीमा तक शेष यूनिटों के लिए म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निर्धारित दर के अनुसार बिल देय होगा। इंदिरा गृह ज्योति योजना'' से संबंधित आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उक्त योजना का लाभ प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत समस्त घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक की मासिक खपत होने पर दिया जा रहा है। योजना से लाभान्वित होने के लिये मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक नहीं है। इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या प्रति माह परिवर्तनीय है। माह दिसम्बर 2021 की स्थिति में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत कुल 3596503 घरेलू उपभोक्ताओं में से 3090995 घरेलू उपभोक्ताओं को, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत कुल 4757097 घरेलू उपभोक्ताओं में से 4444712 घरेलू उपभोक्ताओं को एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत कुल 3886446 घरेलू उपभोक्ताओं में से 3458590 घरेलू उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ प्रदान किया गया है। योजना के लाभ के लिये किसी प्रकार के दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है, केवल विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत घरेलू विद्युत कनेक्शन होने एवं अधिकतम मासिक खपत 150 यूनिट तक होने पर योजना का लाभ प्राप्त होता है। (ग) कोविड लॉकडाउन अवधि में प्रदेश के घरेलू, निम्नदाब गैर घरेलू, निम्नदाब औद्योगिक तथा उच्चदाब उपभोक्ताओं को रू. 1000 करोड़ की नहीं अपितु राज्य शासन के निर्देशों के तहत् विभिन्न प्रकार से राहत प्रदान की गई है, जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्थगित कर, उक्तानुसार आस्थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। उक्त तारतम्य में राज्य शासन द्वारा समाधान योजना लागू की गई, जिसके प्रावधानों के अनुरूप ही उपभोक्ताओं को आस्थगित राशि में छूट प्रदान करते हुए शेष राशि की वसूली की कार्यवाही उपभोक्ताओं द्वारा दिनांक 31.01.2022 तक दिये गये विकल्प के आधार पर नियमानुसार माह फरवरी, 2022 से की जा रही है तथा जिन उपभोक्ताओं ने समाधान योजना की निर्धारित अवधि में विकल्प नहीं दिया है, उनके माह फरवरी, 2022 के बिलों में नियमानुसार शेष आस्थगित राशि जोड़कर बिल जारी किये जा रहे हैं। (घ) जी नहीं। उल्लेखनीय है कि विद्युत वितरण को जी.एस.टी. कर से मुक्त रखा गया है। अत: विद्युत के वितरण पर उपभोक्ताओं से एस.जी.एस.टी. एवं सी.जी.एस.टी. राशि की वसूली नहीं की जा रही है। अत: बिल के प्रारूप में इसके संबंध में उल्लेख नहीं है। म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. लि. जी.एस.टी. नंबर 23AADCM6799G2Z4 पर रजिस्टर्ड है। म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. द्वारा वर्ष 2020-21 में जी.एस.टी. राशि रूपये 11.29 करोड़ (विद्युत वितरण के अलावा) अन्य सेवाओं/माल पर जमा कराई गई है। म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. जी.एस.टी. नंबर 23AADCM6175E2ZM पर रजिस्टर्ड है। म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. द्वारा वर्ष 2020-21 में जी.एस.टी. राशि रूपये 21.13 करोड़ (विद्युत वितरण के अलावा) अन्य सेवाओं/माल पर जमा कराई गई है। म.प्र. पश्चिम.क्षे.वि.वि.कं.लि. जी.एस.टी. नंबर 23AADCM739N1ZU पर रजिस्टर्ड है। म.प्र. पश्चिम क्षे.वि. वि.कं. द्वारा वर्ष 2020-21 में जी.एस.टी. राशि रूपये 11.33 करोड़ (विद्युत वितरण के अलावा) अन्य सेवाओं/माल पर जमा कराई गई है।
फैक्ट्रियों का निरीक्षण
[पर्यावरण]
193. ( क्र. 3825 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के औद्योगिक क्षेत्र मनेरी अंतर्गत कितनी फैक्ट्रियां पर्यावरण विभाग द्वारा चिन्हित की गई हैं? इन फैक्ट्रियों में से कितने को एन.ओ.सी. जारी की गई एवं कितनी फैक्ट्रियां बगैर एन.ओ.सी. के संचालित हैं? फैक्ट्रियों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्या परफेक्ट फैक्ट्री, कुमार इण्डस्ट्री, गोइका इण्डस्ट्री एवं भूमिजा आदि फैक्ट्रियों द्वारा पर्यावरण विभाग से एन.ओ.सी. ली गई है? यदि हाँ, तो किन मापदण्डों एवं नियम शर्तों के आधार पर एन.ओ.सी. जारी की गई है? (ग) उपर्युक्त फैक्ट्रियों का प्रश्न दिनांक तक निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो क्या प्रदूषण मानक अनुसार पायी गई? यदि नहीं, तो पर्यावरण विभाग द्वारा संबंधित फैक्ट्री पर क्या कार्रवाई की गई? निरीक्षण प्रतिवेदन प्रदूषण मानक रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या इन फैक्ट्रियों द्वारा चिमनी लगाये गये हैं तथा इनसे निकलने वाला कैमिकलयुक्त पानी झामल नदी में मिलता है? यदि हाँ, तो पानी प्रदूषण मानक अनुसार है? यदि नहीं, तो इन फैक्ट्रियों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की गई? यदि कार्रवाई नहीं की गई तो कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार/दोषी हैं? क्या कार्रवाई करेंगे?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) मंडला जिले के औद्योगिक क्षेत्र मनेरी के अंतर्गत मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 63 उद्योगों को चिन्हित किया गया है। चिन्हित उद्योगों में से 35 उद्योगों को मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्थापना व उत्पादन सम्मति जारी की गई है एवं 06 उद्योगों को स्थापना सम्मति जारी की गई है, जिनके द्वारा उत्पादन प्रारंभ नहीं किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। 22 उद्योग जिन्हें बोर्ड द्वारा मात्र स्थापना सम्मति जारी की गई है, किंतु यह उद्योग बोर्ड की बगैर उत्पादन सम्मति के संचालित है, जिनको बंद करने के नोटिस जारी किये गये ह। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) सम्मति दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। उद्योगवार निरीक्षण प्रतिवेदन एवं मॉनिटरिंग रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार तथा की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) जी हाँ। किसी भी उद्योग का दूषित जल झामल नदी में नहीं मिल रहा है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधीक्षण यंत्री का निलंबन
[लोक निर्माण]
194. ( क्र. 3826 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग में म.प्र. वित्तीय संहिता (भाग 2) 1995 कार्य विभाग संबंधी कंडिका 68 (प्रदर्श-9) के अंतर्गत मशीन व उपकरणों की स्वीकृति संबंधी सैद्धान्तिक अनुमोदन के लिये मुख्य अभियंताओं को पूर्ण शक्तियां दी गई हैं? क्या अधीक्षण यंत्रियों को भी पूर्ण शक्तियां दी गई हैं? अगर अधीक्षण यंत्रियों को पूर्ण शक्तियां दी गई हैं तो जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ख) क्या मुख्य अभियंता कार्यालय रीवा के क्षेत्रान्तर्गत 01.04.2016 से प्रश्न तिथि के दौरान सभी लोक निर्माण विभाग के संभागों/उप संभागों के द्वारा सड़क, मैदानों के समतलीकरण व जंगल सफाई के कार्य में उपयोग की गई मशीनरी में अधीक्षण यंत्री रीवा, बी.के. झा के द्वारा भुगतान की स्वीकृति अपने हस्ताक्षर से कब-कब, कितनी-कितनी राशि की, स्थानवार दी गई? क्या अधीक्षण यंत्री को भुगतान की स्वीकृति देने के संपूर्ण अधिकार थे या नहीं? (ग) राज्य शासन कब तक उक्त अनियमित एवं अवैध भुगतानों पर अधीक्षण यंत्री को निलंबित कर उससे वसूली कर बर्खास्तगी की कार्यवाही करते हुये ई.ओ.डब्ल्यू. में प्रकरण कब तक पंजीबद्ध करायेगा? अगर नहीं तो कारण दें। नियमों की एक प्रति उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ग) अधीक्षण यंत्री द्वारा दी गई स्वीकृतियों के परिप्रेक्ष्य में जांच की कार्यवाही की जाकर जांच उपरांत निष्कर्षों के अनुरूप गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुक्ति धाम निर्माण हेतु भूमि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
195. ( क्र. 3830 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के नगर पलेरा में खरगापुर रोड पर सैकड़ों वर्षों से मुक्ति धाम के अभाव में भी अंतिम संस्कार क्रिया का कार्य किया जा रहा है? क्या जिला कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा तहसीलदार पलेरा के प्रतिवेदन के आधार पर भूमि खसरा नम्बर 1806/1 रकवा 5.381 में से अंश रकवा 200X200 वर्गफिट भूमि मुक्ति धाम निर्माण हेतु दिनांक 28.08.2010 द्वारा आवंटित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद् पलेरा द्वारा उपरोक्त जनहित के इस पुण्य के कार्य कराने कब-कब, क्या-क्या कार्य किया गया है? सम्पूर्ण जानकारी समस्त छायाप्रतियों सहित प्रदाय करें। यह भी बतायें कि ऐसे कौन-कौन से कारण हैं जिस कारण से यह कार्य प्रश्न दिनांक तक नहीं हो पा रहा है? कब-कब इसके निर्माण हेतु निकाय द्वारा बजट राशि का प्रावधान कितना-कितना किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जब उपरोक्त भूमि का सीमांकन होता है तो वन विभाग आपत्ति करता है कि यह मेरी भूमि है? जब सैकड़ों वर्षों पूर्व से अंतिम संस्कार का कार्य किया जाता रहा है और आज भी किया जा रहा है तो वन विभाग ने आपत्ति क्यों नहीं की? स्पष्ट बतायें कि जब उपरोक्त भूमि वन विभाग की है तो जिला कलेक्टर द्वारा आवंटित भूमि कहाँ है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि सैकड़ों वर्षों की कब्जे की भूमि नगर परिषद् को आवंटित करने के लिये विभाग क्या ऑनलाइन आवेदन कब तक वन विभाग में जमा करेगा, निकाय कब तक निर्धारित राशि वन विभाग में जमा करेगा? निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि मुक्ति धाम निर्माण हेतु कब तक वन विभाग नगर परिषद् पलेरा को उपरोक्त भूमि आवंटित कर देगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर परिषद् पलेरा को भूमि खसरा नम्बर 1806/1 रकवा 5.381 में से अंश भाग 200 फुट×200 फुट भूमि मुक्ति धाम निर्माण हेतु दिनांक 23.09.2010 को आवंटित की गई है। (ख) नगर परिषद् पलेरा को मुक्ति धाम निर्माण हेतु आवंटित भूमि का सीमांकन होकर कब्जा प्राप्त नहीं होने के कारण निर्माण कार्य नहीं किया जा सका। वित्तीय वर्ष 2022-23 में मुक्ति धाम विकास कार्य हेतु राशि रूपये 20.00 लाख बजट प्रावधान रखा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्यालय कलेक्टर (भू-अभिलेख) जिला टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक 957/18/भू अभि/2020 दिनांक 20.09.2021 द्वारा उक्त भूमि का सीमांकन राजस्व विभाग, वन विभाग एवं नगरीय निकाय के संयुक्त दल द्वारा कराने के आदेश दिये गये थे। नियत दिनांक को समस्त पक्षकारों की उपस्थिति नहीं हो पाने से सीमांकन पूर्ण नहीं हो सका। आवंटित भूमि की स्थिति सीमांकन उपरांत स्पष्ट हो सकेगी। (घ) संयुक्त सीमांकन प्रतिवेदन उपरांत नगर परिषद् द्वारा तदानुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रीन मेडोज कॉलोनी अरेरा हिल्स के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
196. ( क्र. 3831 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 23 दिसम्बर 2021 को प्रश्न क्रमांक 1525 विधानसभा में किया गया था और जिसके उत्तर (क) से (घ) में जानकारी एकत्रित की जा रही है, बताया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर समस्त जानकारी देते हुए यह भी बतावें कि अरेरा हिल्स, ग्रीन मेडोज कॉलोनी के बाउण्ड्रीवॉल से कितने मीटर दूरी पर कौन से कार्य के प्रयोजनार्थ हेतु कितनी-कितनी भूमि शासन द्वारा दे दी गई है और बदले में कितनी-कितनी राशि प्रयोजनार्थ ऐजेंसी द्वारा विभाग को दी गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि भोपाल शहर से उठाई गई अतिक्रमण की दुकानें एवं अन्य कचरा सामग्री इस रहवासी कॉलोनी के पीछे रखे जाने के क्या-क्या कारण हैं और इससे क्या रहवासी कॉलोनी को कोई खतरा नहीं है? अगर है तो कब तक यह उठा लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर समस्त जानकारी देते हुए बतायें कि विभाग वर्षों पुराने हजारों पेड़ों को काटे जाने हेतु पहल करेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? कब तक वर्षों पुराने पेड़ों को काटे जाने का आदेश जारी करेगा एवं आवंटित भूमि विसंगति का निराकरण विभाग कब तक कर देगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। ग्रीन मेडोज कॉलोनी के उत्तर दिशा में स्थित ग्राम शहर भोपाल की शासकीय भूमि विभाग को मेट्रो रेल परियोजना हेतु हस्तांतरित की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) भोपाल शहर के मध्य क्षेत्र में उपलब्ध शासकीय भूमि पर पूर्व से निगम का अतिक्रमण स्टोर है। यहां रखे गये सामान से उक्त कॉलोनी पर कोई खतरा नहीं है, नगर निगम भोपाल द्वारा ग्रीन मेडोज कॉलोनी के पीछे किसी भी प्रकार का कोई कचरा एकत्रित नहीं किया जाता है। निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर से संग्रह हित कचरे के संग्रहण हेतु ट्रांसफर स्टेशनों का निर्माण किया गया है। उक्त ट्रांसफर स्टेशनों में ही पृथकीकरण (गीला-सूखा) उपरान्त कचरे को संग्रहित किया जाकर आदमपुर लेण्डफिल साईट पर निष्पादन हेतु भेजा जाता है। (घ) नगर निगम का उद्यान विभाग वर्षों पुराने पेड़ों का काटे जाने हेतु पहल नहीं करता है, परन्तु योजना एवं विकास कार्यों में बाधित वृक्षों की कटाई हेतु विधिवत नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण कर अनुमतियां दी जाती हैं। प्रश्नांकित स्थल पर वृक्षों की कटाई के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। मेट्रो रेल परियोजना हेतु हस्तांतरित भूमि में कोई विसंगति ना होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकास कार्यों हेतु राशि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
197. ( क्र. 3851 ) श्री राम दांगोरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कार्यालय से पंधाना नगर परिषद् के विकास कार्यों के लिए ₹50 करोड़ की राशि प्रस्तावित की गई थी। क्या इसकी डी.पी.आर. पंधाना नगर परिषद् द्वारा शासन को उपलब्ध कराई गई है? (ख) यदि हाँ, तो 50 करोड़ की राशि कब तक आवंटित की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माननीय सदस्य द्वारा नगर परिषद् पंधाना में विकास कार्य हेतु रू. 50.00 करोड़ उपलब्ध कराने के लिये माननीय मुख्यमंत्री जी को दिनांक 22.07.2020 से पत्र लिखा गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त नोटशीट के अनुक्रम में नगर परिषद् पंधाना से प्रस्ताव चाहा गया था। नगर परिषद् पंधाना द्वारा रू. 50.00 करोड़ के विरूद्ध रू. 28.48 करोड़ का प्रस्ताव, संचालनालय को प्रेषित किया गया है। (ख) विभाग में अधोसंरचना विकास कार्य हेतु मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना स्वीकृत है। जिसके तृतीय चरण में नगर परिषद् पंधाना को पात्रता अनुसार राशि रू. 75.00 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त विशेष मद निधि अंतर्गत वर्ष 2020-2021 में रू. 100.00 लाख एवं एस.डी.एम.एफ मद अंतर्गत वित्त वर्ष 2020-2021 में राशि रू. 116.70 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान में प्रचलित योजनाओं में पंधाना हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अधिग्रहित भूमि का मुआवजा
[लोक निर्माण]
198. ( क्र. 3882 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग के अंतर्गत प्रस्तावित (चम्बल एक्सप्रेस-वे) को कब एवं कितनी लागत की स्वीकृति प्रदान की गई एवं योजना का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) उक्त योजना में भिण्ड जिले के अंतर्गत किन-किन ग्रामों की कितनी कृषि भूमि अधिग्रहित किया जाना प्रस्तावित है? भूमि-स्वामियों के नाम, भूमि का रकबा एवं सर्वे क्रमांक सहित ग्रामवार जानकारी दें। (ग) क्या यह सही है कि उक्त योजना में किसानों की अधिग्रहित उपजाऊ, सिंचित एवं समतल कृषि भूमि के बदले शासन द्वारा बीहड़ की ऊबड़-खाबड़ एवं अनुपयोगी जमीन दी जा रही है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या यह भी सही है क्षेत्र के किसानों एवं भारतीय किसान संघ द्वारा किसानों की सिंचित, समतल एवं उपजाऊ कृषि भूमि के अधिग्रहण के बदले सरकार द्वारा अर्जित जमीन को प्रतिकर का भुगतान केन्द्र सरकार की अधिसूचना दिनांक 09.02.2016 के अनुसार एवं अन्तर की राशि का भुगतान किये जाने तथा एवं बीहड़ भूमि के स्थान पर समतल एवं सिंचित भूमि दिये जाने की जिला प्रशासन/शासन से मांग की गई है? (ड.) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (च) उक्त योजना में ऐसे किसान जिनके पास पट्टे की कृषि भूमि है उनको भूमि के बदले भूमि का मुआवजा राशि एवं किसानों के खेत में बने पक्के निर्माण का भी मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या-क्या प्रावधान है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। (ड.) उपरोक्त विषय में एक ज्ञापन प्रस्तुत किया गया था, वर्तमान में भूमि अधिगृहण के विषय में किसान अपने भूमि के बदले दोगुना समतुल्य मूल्य की भूमि अथवा भूमि का मुआवजा प्राप्त करने संबंधी किसी एक विकल्प पर सहमति दे सकता है। उक्त संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (च) जी हाँ। मुआवजा का निर्धारण राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम-1956 के प्रावधानों के तहत किया जाएगा।
उपयंत्रियों हेतु निर्धारित वेतनमान का भुगतान
[लोक निर्माण]
199. ( क्र. 3937 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग के द्वारा उपयंत्रियों के लिये निर्धारित किये गये वेतनमान का भुगतान उपयंत्रियों को लोक निर्माण विभाग के द्वारा प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया? (ख) वित्त विभाग ने उपयंत्रियों के लिए किस आदेश क्रमांक दिनांक से वेतनमान निर्धारित किया है? यह वेतनमान किस-किस विभाग में कार्यरत उपयंत्रियों के लिये लागू किया गया है? उसमें से किस-किस विभाग ने किस आदेश क्रमांक दिनांक से वित्त विभाग के आदेशानुसार उपयंत्रियों को भुगतान प्रारम्भ किया है? (ग) प्रश्नांकित दिनांक तक भी लोक निर्माण विभाग के द्वारा उपयंत्रियों को संशोधित वेतनमान का भुगतान नहीं किये जाने पर वित्त विभाग ने किस दिनांक को लोक निर्माण विभाग को क्या-क्या निर्देश दिये हैं? (घ) वित्त विभाग कब तक लोक निर्माण विभाग के उपयंत्रियों को संशोधित वेतनमान और उसके एरियर्स का भुगतान करवायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्त विभाग द्वारा उपयंत्रियों के लिए निर्धारित किए गए वेतनमान एवं भर्ती की शर्तों के अनुरूप लो.नि.वि. द्वारा विभागीय भर्ती नियमों में परिवर्तन नहीं किया गया है। (ख) वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ-8-1/2015/नियम/चार, दिनांक 07.06.2018। निर्माण विभाग एवं अन्य विभाग के लिए। लोक निर्माण विभाग द्वारा, परिपत्र दिनांक 07.06.2018 की शर्त अनुसार भर्ती नियमों में प्रावधान नहीं होने के कारण भुगतान नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभागीय भर्ती नियमों में परिवर्तन का कोई प्रस्ताव नहीं है। अतः संशोधित वेतनमान तथा एरियर्स दिए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
200. ( क्र. 4115 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में नगरीय निकायों में कार्यरत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हैं? उनके नाम, पदनाम नियुक्ति दिनांक की जानकारी निकायवार देवें। (ख) दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में शासन स्तर से जारी समस्त परिपत्र दिशा-निर्देश एवं नियमों की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) की सूची में कुल कितने कर्मचारियों को विनियमित करने के उपरांत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रूप में नियमित किया गया है? उनकी सूची देवें। यदि नहीं, किया गया तो इसके जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी का नाम बतावें? (घ) प्रश्न दिनांक से 03 माह पूर्व तक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के द्वारा दिये गये ज्ञापन से संबंधित शासन स्तर से किये गये पत्राचार की प्रति देवें। (ड.) क्या विभाग प्रश्नांश (ख) में दिए गये दिशा-निर्देशों के अनुसार विभाग तत्काल कलेक्टर जिला बड़वानी को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के लिये निर्देशित करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बड़वानी जिले की नगरीय निकायों में कुल 864 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) बड़वानी जिले की नगरीय निकायों में 391 कर्मचारियों को विनियमित किया गया है। इनमें से किसी को भी चतुर्थ श्रेणी पद पर नियमित नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं है। (घ) बड़वानी जिले के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों द्वारा विगत 03 माह में शासन को कोई ज्ञापन प्राप्त नहीं हुआ है। (ड.) जी नहीं।
महेश्वर हायडल प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति
[ऊर्जा]
201. ( क्र. 4276 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की महत्वकांक्षी महेश्वर हायडल प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या यह सही है कि इसे बंद कर दिया गया है? हाँ तो क्यों और किसके आदेश से? आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) डूब प्रभावित रहवासियों को आवासीय प्लाट आवंटित कर दिए गए हैं? यदि हाँ, तो प्लाटवार रजिस्ट्री की सूची उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो कारण बताएं। उक्त प्लाट की रजिस्ट्री कब तक कर दी जायेगी? (ग) क्या शत्-प्रतिशत डूब प्रभावितों को प्रश्न दिनांक तक मुआवजा राशि भू-अर्जन कार्यालय बंद होने के कारण नहीं मिल पाई है? यदि हाँ, तो भू-अर्जन कार्यालय पुनः प्रारंभ किए जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? मुआवजा राशि वितरण हेतु जवाबदेही सुनिश्चित कर जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) महेश्वर हायडल प्रोजेक्ट निजी क्षेत्र की परियोजना है, जिसका विकास निजी क्षेत्र की कंपनी मेसर्स श्री महेश्वर हायडल पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (एस.एम.एच.पी.सी.एल.) द्वारा किया जा रहा है। निजी विकासक द्वारा परियोजना के विकास हेतु आवश्यक राशि उपलब्ध नहीं कराये जाने से विगत समय से परियोजना के समस्त कार्य बंद हैं। परियोजना के मुख्य लेण्डर पी.एफ.सी. द्वारा एन.सी.एल.टी. अहमदाबाद में मेसर्स एस.एम.एच.पी.सी.एल. के विरूद्ध इन्साल्वेंसी याचिका/पिटीशन दायर की गई है। इस याचिका की सुनवाई पूर्ण होकर एन.सी.एल.टी. द्वारा अंतिम निर्णय हेतु आदेश रिजर्व कर लिया गया है, जो कि प्रतीक्षित है। एन.सी.एल.टी. के आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एन.सी.एल.टी. के निर्णय उपरांत ही परियोजना के विकास की स्थिति स्पष्ट होगी। यह सही नहीं है कि परियोजना को बंद कर दिया गया है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं। (ख) जी नहीं, समस्त प्रभावितों को प्लाट आवंटित नहीं किए गए हैं। परियोजना विकासक मेसर्स एस.एम.एच.पी.सी.एल. द्वारा विकास हेतु राशि उपलब्ध नहीं कराये जाने से यह कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसार एन.सी.एल.टी. के निर्णय उपरांत ही प्लाट की रजिस्ट्री की स्थिति स्पष्ट होगी, अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, मेसर्स एस.एम.एच.पी.सी.एल. द्वारा भू-अर्जन हेतु आवश्यक राशि उपलब्ध नहीं कराये जाने से शत्-प्रतिशत डूब प्रभावितों को राशि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसार एन.सी.एल.टी. के निर्णय उपरांत ही स्थिति स्पष्ट होगी एवं उक्त आधार पर ही कार्यवाही की जा सकेगी। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं।
नवीन शासकीय महाविद्यालय की वित्तीय स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
202. ( क्र. 4344 ) श्री संजय यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 5655 दिनांक 19/03/2021 के जवाब में माना है की चरगवां एवं शहपुरा में नवीन महाविद्यालय खोले जाने हेतु बजट में प्रावधान रखा है? यदि हाँ, तो फिर विभाग द्वारा वित्तीय स्वीकृति प्रदान क्यों नहीं की जा रही? (ख) उक्त महाविद्यालय की फाइल/प्रस्ताव/नस्ती विभाग को पुनः स्वीकृति के लिए प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? यदि कोई कार्रवाई की गई तो उसका विवरण दें। (ग) क्या विभाग भेदभाव पूर्ण मंशा से इस क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा से वंचित रख रहा है? यदि नहीं, तो स्वीकृति कब तक जारी की जाएगी? (घ) प्रश्न क्रमांक 5655 के जवाब में विभाग द्वारा सदन को गुमराह करते हुए यह गलत बताया कि चरगवां से 12 किलोमीटर दूर एक शासकीय महाविद्यालय स्थापित है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? यदि नहीं, तो चरगवां महाविद्यालय स्थापना हेतु बिजोरी से गोटेगाँव स्थित महाविद्यालय की दूरी स्पष्ट बताएं।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। चरगवां एवं शहपुरा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी प्रस्ताव वित्त विभाग को सहमति हेतु प्रेषित किया गया है। वित्त विभाग की सहमति उपरांत आगामी कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। चरगवां से 12 कि.मी. दूरी पर 01 अशासकीय महाविद्यालय देवी सिंह केसरबाई महाविद्यालय संचालित है। बिजोरी से गोटेगाँव स्थित महाविद्यालय की दूरी 30 कि.मी. है।
शिक्षा उपकर की राशि से कराये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
203. ( क्र. 4375 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के नगरीय निकाय द्वारा शिक्षा उपकर की राशि ली जाती है। किस राशि से नगरीय क्षेत्र में स्थित शासकीय विद्यालयों में किन-किन कार्यों को कराये जाने के प्रावधान हैं? (ख) विदिशा जिला अंतर्गत विभिन्न नगरीय निकायों द्वारा विगत 10 वर्षों में शिक्षा उपकर से कितनी राशि प्राप्त की गई? वर्षवार प्राप्त राशि की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के क्रम में प्राप्त राशि से नगरीय निकाय क्षेत्र विदिशा अंतर्गत कितने शासकीय विद्यालयों में आवश्यक अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य, शौचालय निर्माण कार्य, बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य एवं मरम्मतीकरण कार्य हेतु उक्त राशि शिक्षा विभाग को दी गई? यदि हाँ, तो दी गई राशि की जानकारी संस्थावार, किन-किन कार्यों पर खर्च की गई के संबंध में उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। शासकीय विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण, शौचालय निर्माण, बाउण्ड्रीवॉल निर्माण एवं मरम्मतीकरण का कार्य कराये जाने के प्रावधान हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
समय अवधि में पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
204. ( क्र. 4398 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी तहसील बरही ग्राम सुतरी के पास उमराड़ नदी पर पुल निर्माण कार्य किस विभाग के माध्यम से कराया जा रहा है? कार्य कब से प्रारंभ हुआ एवं कार्य पूर्ण करने का समय क्या था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या समय अवधि में कार्य पूर्ण न होने के कारण क्षेत्रीय जनमानस एवं स्कूली बच्चों को आवागमन में कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है? (ग) प्रश्नांश (ख) हाँ तो समय अवधि में कार्य पूर्ण न करने के लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या संबंधित ठेकेदार को समय अवधि में कार्य पूर्ण न करने का दोषी होने के कारण ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड (काली सूची) किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण परिक्षेत्र के अंतर्गत कराया जा रहा है। दिनांक 07.12.2015 एवं अनुबंधानुसार 24 माह वर्षाकाल छोड़कर। (ख) जी नहीं। कार्यस्थल पर परिवर्तित मार्ग का निर्माण किया गया है। निर्माणाधीन पुल के रूपांकन में परिवर्तन होने से एवं 2020 एवं 2021 कोरोना माहामारी के कारण विलम्ब हुआ। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। समानुपातिक प्रगति न देने के कारण गुण दोषों के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महाविद्यालयों के सम्बद्धता शुल्क की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
205. ( क्र. 4497 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के क्षेत्र में कितने शासकीय, अशासकीय महाविद्यालय सम्बद्ध हैं और उनसे विश्वविद्यालय द्वारा कितना सम्बद्धता शुल्क लिया जाता है? इस संबद्धता शुल्क के बदले महाविद्यालय को क्या सुविधा प्रदान की जाती है और विश्वविद्यालय इस शुल्क का किस प्रयोजन में उपयोग करता है? (ख) सम्बद्धता शुल्क में वृद्धि कब की गई एवं कितनी की गई दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) इस शुल्क से महाविद्यालयों को कितना आर्थिक भार वहन करना पड़ रहा है और महाविद्यालय इसकी पूर्ति कहाँ से कर रहे हैं? (घ) रामपुरा शासकीय महाविद्यालय को कितना शुल्क देना बाकी है और उसके पास कितना बजट उपलब्ध है? उक्त महाविद्यालय में कितने छात्र अध्ययनरत होकर उनसे कितनी फीस ली जा रही है? (ड.) क्या इस महाविद्यालय को सम्बद्धता शुल्क छात्रों से प्राप्त हो रहा है और कितना और अगर वह प्राप्त नहीं हो रहा है तो उसकी पूर्ति महाविद्यालय कहाँ से करेगा और क्या सम्बद्धता शुल्क नहीं भर पाने की दशा में उक्त महाविद्यालय को असम्बद्ध कर दिया जावेगा? यदि हाँ, तो छात्रों के भविष्य का क्या होगा और यदि नहीं, तो क्या शासन इस सम्बद्धता शुल्क का पुनरीक्षण करेगा? (च) महाविद्यालयों पर इतना शुल्क थोपने का क्या औचित्य है? इसका उल्लेख करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के क्षेत्राधिकार में 75 शासकीय एवं 93 अशासकीय महाविद्यालय सम्बद्ध हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। सम्बद्धता शुल्क के बदले महाविद्यालय को सम्बद्धता/निरंतरता प्रदान करना, छात्रों का ई-प्रवेश सत्यापन, परीक्षा कार्य की सुविधा एवं विश्वविद्यालय द्वारा विकास कार्य एवं कुछ अंश अधिकारी/शिक्षक/कर्मचारियों के वेतन में उपयोग किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) सत्र 2021-22 तक कोई शुल्क शेष नहीं है। रामपुरा शासकीय महाविद्यालय को वित्तीय वर्ष 2020-21 में रूपये 3, 50, 000/- तथा वर्ष 2021-22 में रूपये 2, 00, 000/- का आवंटन जारी किया गया है। महाविद्यालय में 2021-22 में कुल 1017 छात्र अध्ययनरत हैं। छात्रों से सम्बद्धता शुल्क संबंधी कोई फीस नहीं ली जाती है। (ङ) जी नहीं। सम्बद्धता शुल्क की पूर्ति बजट, आदि से की जाती है। शेष प्रश्नांश उत्तर (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) उत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रावधान अनुसार विश्वविद्यालय के सुचारू संचालन हेतु सम्बद्धता शुल्क लिया जाना प्रावधानित है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
बामलाबे
मोहनपुरा
मार्ग के
संबंध में
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 49 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र का बामलाबे मोहनपुरा मार्ग लोक निर्माण विभाग अंतर्गत आता है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो उक्त मार्ग का डामरीकरण कार्य कब हुआ? (ग) क्या बामलाबे से राष्ट्रीय राजमार्ग 03 वाया मोहनपुरा, परसुलिया मार्ग का चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव विभाग अथवा शासन स्तर पर लंबित है, तो शासन कब तक स्वीकृत कर देगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2014-15 में। (ग) उल्लेखित कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बायपास रोड निर्माण का प्रावधान
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 50 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में बड़ी नगरीय आबादी जिला मुख्यालय में बायपास रोड निर्माण का प्रावधान होता है? यदि हाँ, तो नियम सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो राष्ट्रीय राजमार्ग 52 क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय से निकलता है? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिला मुख्यालय से निकलने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के बायपास का निर्माण हुआ है? यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग के मापदण्डों के अनुरूप हुआ है? मापदण्डों सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या राजगढ़ नगर में बायपास का निर्माण नहीं हुआ है अथवा राष्ट्रीय राजमार्ग के मापदण्डों के अनुरूप नहीं हुआ है तो क्या शासन भारत सरकार सड़क परिवहन मंत्रालय से प्राप्त पत्राचार के आधार पर नवीन बायपास स्वीकृत करेगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। IRC-SP-73-2018 की कंडिका 2.1 (iii) की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। दिनांक 12.03.2020 के द्वारा प्रस्ताव मुख्य अभियंता क्षेत्रीय अधिकारी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भोपाल को प्रेषित किया गया है, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से प्राप्त निराकरण अनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 201 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका ब्यावरा एवं नगर परिषद सुठालिया जिला राजगढ़ में प्रारंभ से प्रश्न दिनाकं तक कुल कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रधानमंत्री आवास में कुल कितने पात्र हितग्राही हैं, जिनमें से कितने स्वीकृत हो गए हैं, कितने प्रकरण लंबित हैं व कितने प्रकरण शेष बचे हैं? (ग) कंडिका (क) अनुसार क्या सूची में उपलब्ध समस्त हितग्राही पात्र हैं? यदि हाँ, तो इनका सत्यापन किनके द्वारा किया गया? (घ) क्या इनमें से कुछ परिवारों को दो बार आवास स्वीकृत किए गए हैं व अपात्रों के नाम भी आवास स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण रहा? यदि नहीं, तो क्या समस्त आवासों की जांच टीम बनाकर दोबारा सत्यापन कराकर उपलब्ध कार्यवाही जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो दोबारा सत्यापन कैसे होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका ब्यावरा में 1772 तथा नगर परिषद सुठालिया में 737 आवास स्वीकृत है। निकायवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) नगर पालिका ब्यावरा में 1772 की सूची में 1650 पात्र हितग्राही है। शेष का परीक्षण किया जा रहा है। नगर परिषद सुठालिया में 737 की सूची में से 630 पात्र हितग्राही है। शेष का परीक्षण किया जा रहा है। पात्र हितग्राहियों का सत्यापन तत्समय पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा उपयंत्री के द्वारा किया गया है। (घ) जी नहीं। इनमें से किसी भी परिवार को दो बार आवास स्वीकृत नहीं किया गया है और न ही किसी भी अपात्र हितग्राही को आवास स्वीकृत किया गया है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत तार व पोल शिफ्टिंग
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 209 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में विद्युत विभाग द्वारा कोई सर्वे या जानकारी एकत्रित की गई है जहां मकान व मोहल्ले के ऊपर से विद्युत तार गुजर रहे हैं? (ख) कंडिका (क) अनुसार क्या विभाग के पास कोई कार्ययोजना है कि इन मकानों के ऊपर से गुजर रही विद्युत को शिफ्टिंग किया जा सके? यदि हाँ, तो क्या है व कब तक शिफ्टिंग किया जाएगा? (ग) कंडिका (ख) अनुसार यदि नहीं, तो उक्त लाइनों से होने वाली दुर्घटना का जिम्मेदार कौन होगा? (घ) अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिला राजगढ़ में विद्युत दुर्घटना से कितने परिवारों का नुकसान हुआ व कितने लोग मृत हुए? सूची उपलब्ध कराएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्व से विद्यमान 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर घरों का निर्माण किया गया है, जो कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम -2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये है, के अनुसार विद्युत लाईनों के नीचे एवं लाईनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबंधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के उक्त विनियमों के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू.) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताऍं पूर्ण करने पर उक्त विद्युत लाईन के विस्थापन की कार्यवाही की जा सकती है जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) माह अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिला राजगढ़ में विद्युत दुर्घटनाओं से 35 परिवार प्रभावित हुए हैं एवं 35 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सौभाग्य योजना अंतर्गत कराये गये कार्य
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 313 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा बड़वानी जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत किस-किस क्षेत्र में क्या-क्या कार्य, किन ठेका कंपनियों से, कितनी-कितनी राशि के वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये हैं? उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? (ख) क्या बड़वानी जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत प्रश्नांश (क) अवधि के समस्त कार्यों का भुगतान ठेका कंपनियों को कर दिया गया है? यदि हाँ, तो सूची देवें। यदि नहीं, तो किनका भुगतान नहीं किया गया है की जानकारी देवें। संबंधितों को भुगतान कब तक किया जावेगा? ठेका कंपनियों को भुगतान न किये जाने का क्या कारण है? (ग) क्या बड़वानी जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत कराये गये सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं, तो अपूर्ण कार्य एवं स्थान की जानकारी देवें। (घ) बड़वानी जिले में वर्ष 2019 से अभी तक सौभाग्य योजना तथा अन्य किसी योजना अंतर्गत कराये गये सभी कार्यों की जानकारी देवें। उन कार्यों में से पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की जानकारी देवें व उनमें से कौन से कार्यों को किस दिनांक से चालू कर विद्युत का प्रदाय किया जा रहा है? क्या टूटे हुए तारों से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? क्या कोई अन्य कार्य कराया जाना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बड़वानी जिले में सौभाग्य योजना के अंतर्गत माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के निर्माण संभाग (एस.टी.सी.) द्वारा विभिन्न लेबर अवार्ड के आधार पर ठेकेदारों एवं टर्नकी कॉन्ट्रेक्टर से संपादित कराये गये विद्युत अधोसंरचना विकास के कार्यों की ठेकेदारों एवं टर्नकी कॉन्ट्रेक्टर के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है एवं योजनान्तर्गत किये गए कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। योजना अंतर्गत समस्त कार्य पूर्ण हो चुके है। (ख) जी हाँ, बड़वानी जिले में सौभाग्य योजना के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में संपादित कराये गये समस्त कार्यों का भुगतान लेबर अवार्ड के आधार पर ठेकेदारों एवं टर्नकी कॉन्ट्रेक्टर को कर दिया गया है, जिसका ठेकेदारों एवं टर्नकी कॉन्ट्रेक्टर के नाम सहित भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हां, सौभाग्य योजना के अंतर्गत बड़वानी जिले में सभी कार्य पूर्ण हो चुके है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) बड़वानी जिले में प्रश्नाधीन अवधि में सौभाग्य योजना एवं एस.एस.टी.डी. योजना अंतर्गत कराये गये कार्यों के पूर्णता/अपूर्णता सहित कार्यों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में सौभाग्य योजना के अंतर्गत संपादित कराये गये 231 कार्यों एवं उनसे विद्युत प्रदाय चालू किये जाने संबंधी दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। इसी प्रकार एस.एस.टी.डी. योजना के अंतर्गत 103 कार्यों में से 92 कार्य पूर्ण होकर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया गया है एवं शेष 11 कार्य प्रगति पर है जिनका विद्युत प्रदाय की दिनांक सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। जी नहीं।
शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी का गठन
[उच्च शिक्षा]
6. ( क्र. 314 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति का गठन एवं बैठक आयोजित करने तथा इस समिति को प्रदत्त अधिकार संबंधी आदेश की सत्यापित प्रति के साथ शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेंधवा में जनभागीदारी समिति की बैठक पूर्व में किस दिनांक को आयोजित की गयी? क्या सेंधवा विधायक द्वारा प्राचार्य को जनभागीदारी समिति की बैठक आयोजित करने हेतु पत्र लिखने के बाद भी बैठक आयोजित नहीं की गयी? (ख) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेंधवा में विगत 10 वर्षों से अभी तक जनभागीदारी मद से शैक्षणिक कार्य कौन-कौन से विषय हेतु अतिथि विद्वानों एवं गैर शैक्षणिक कार्य हेतु तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के किस-किस व्यक्ति को नियुक्त किया गया है? (ग) वर्ष 2015-16 से 2021-22 में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेंधवा को विभिन्न मदों (जनभागीदारी समिति) में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से कौन-कौन से कार्य कितनी राशि से कराये गए तथा प्रश्न दिनांक तक मदवार कितनी राशि शेष है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति के गठन से संबंधित नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। वर्ष 2021 में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेंधवा में दिनांक 16-07-2021 एवं 25-11-2021 को समिति की बैठक आयोजित की गई थी, जिनका कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 से 2020-21 की ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। महाविद्यालय के जनभागीदारी मद में राशि रूपये 2,69,35,018 शेष है।
विद्युत उत्पादन केन्द्र से निकली राख का उपयोग
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 367 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से केन्द्र सरकार द्वारा कोयले से संचालित विद्युत उत्पादन केन्द्रों से निकलने वाली राख के निस्तारण के अलावा राख के उपयोग के संबंध में और कौन-कौन से निर्देश राज्यों को दिए गए हैं? (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा क्या उपरोक्त निर्देशों का पालन किया जा रहा है? (ग) क्या म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा कोयला संचालित विद्युत उत्पादन केन्द्रों में राख का निस्तारण संबंधी निर्देशों का पालन क्या किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जनवरी, 2019 के बाद पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 31.12.2021 को कोयले से संचालित विद्युत उत्पादन केन्द्रों से निकलने वाली राख के निस्तारण के अलावा राख के उपयोग के संबंध में जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ' अनुसार है। इसी संबंध में विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 22 सितम्बर, 2021, 8 नवम्बर, 2021 एवं 22 फरवरी, 2022 को जारी दिशा-निर्देशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र –''ब'', ''स'' एवं ''द'' के अनुसार है। (ख) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा केन्द्र सरकार द्वारा जारी उपरोक्त निर्देशों का पालन किया जाना प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित अनुसार म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा राख के निस्तारण संबंधी निर्देशों का पालन किया जाना प्रक्रियाधीन है। तथापि राख की मांग से उपलब्धता अधिक होने के दृष्टिगत निर्देशों के पालन में कुछ कठिनाइयां परिलक्षित हो रही हैं। अत: कंपनी द्वारा उपरोक्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में राख के निस्तारण में होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की गई थी, तद्नुसार आयोग द्वारा विनियम में संशोधन किया जाना प्रक्रियाधीन है।
सिंहावल विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 393 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के तहत सिंहावल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 2 वर्षों में कौन-कौन से मार्ग कितनी लागत के निर्माण की स्वीकृति हुई हैं? कितने कार्य पूर्ण हो गये है व कितने कार्य अपूर्ण है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग रीवा परिक्षेत्र रीवा के पत्र क्रमांक 3339/कार्य/2019-20 रीवा दिनांक 09.10.2019 के माध्यम से सिंहावल विधानसभा अंतर्गत मार्ग निर्माण की स्वीकृति हेतु डी.पी.आर. भेजा गया था उक्त निर्माण कार्य आज दिनांक तक स्वीकृत क्यों नहीं हुआ कारण सहित बतावें। कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) सजवानी से कपुरी मार्ग वाया कोदौरा, बिठौली, खोरवाटोला मार्ग अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण है कब से मरम्मत कार्य नहीं हुआ है? उक्त मार्ग का पुन: निर्माण कब तक कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। आंशिक क्षतिग्रस्त मार्ग को मोटरेबल रखने के लिये निरंतर मरम्मत का कार्य कराया जाता है। कर्पुरी-बघऊ-बिठौली-सजवानी मार्ग लंबाई 60.00 किमी. के उन्नयन का कार्य ए.डी.बी.-6/7 योजना में स्वीकृत है, जिसमें सर्वेक्षण एवं फीजिबिलिटी रिपोर्ट का कार्य प्रगति पर है, इस मार्ग का उन्नयन ए.डी.बी.-7 योजना में प्रस्तावित है। ए.डी.बी.-7 ऋण अनुबंध वर्तमान में हस्ताक्षरित नहीं हुआ है, ऋण अनुबंध उपरांत ए.डी.बी. की स्वीकृति से कार्य कराया जायेगा, वर्तमान में निर्माण कार्य की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बहरी हनुमना मार्ग में कैमोर पहाड़ पर मार्ग चौड़ीकरण एवं प्रकाश व्यवस्था
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 394 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत बहरी से हनुमना मार्ग में कैमोर पहाड़ पर मार्ग सकरा होने के कारण उक्त मार्ग पर आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है, उक्त स्थल का निरीक्षण कराया जाकर चौड़ीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक मार्ग का चौड़ीकरण एवं रोड सुरक्षा संबंधी कार्य कराया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कैमेर पहाड़ में मार्ग सकरा होने के साथ-साथ मार्ग में खतरनाक मोड़ आदि होने से प्रकाश की व्यवस्था होना नितांत आवश्यक है, क्या निरीक्षण कराया जाकर प्रकाश व्यवस्था एवं सुरक्षा संबंधी अन्य कार्य की स्वीकृति जारी की गई है? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति जारी की जाकर कार्य कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, गत तीन वर्षों में उक्त स्थान पर कुल 7 दुर्घटनाओं के प्रकरण पंजीबद्ध हुये है एवं दुर्घटनाओं का कारण लापरवाही पूर्वक वाहन चलाना है, जी नहीं। क्योंकि रोड सुरक्षा संबंधी यथा खाई तरफ गॉर्डवॉल बनवाया जाना, रोड मार्किंग, रोड सेफ्टी बोर्ड आदि लगाने का कार्य निवेशकर्ता द्वारा किया जाता रहा है। (ख) यह सत्य है कि प्रश्नाधीन पहाड़ी क्षेत्र में खतरनाक मोड़ है तथा मार्ग के एक ओर पहाड़ तथा दूसरी ओर खाई है, परन्तु सामान्यत: सड़क निर्माण के दौरान परियोजना में स्वीकृत होने पर ही केवल आबादी क्षेत्र में प्रकाश व्यवस्था की जाती है, घाट एवं संकरे मोड़ पर प्रकाश व्यवस्था नहीं की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समस्त मार्गों को सीधी डिवीजन में जोड़े जाना
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 395 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिंहावल अंतर्गत विभाग के चुरहट डिवीजन अंतर्गत आने वाले अत्यन्त जर्जर मार्गों के निर्माण/रखरखाव में चुरहट डिवीजन के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा रूचि नहीं लिये जाने का क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिंहावल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत चुरहट डिवीजन में आने वाले मार्गों को सीधी डिवीजन में जोड़े जाने के आदेश कब तक प्रसारित किये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) आवश्यकतानुसार मार्गों का निर्माण/रखरखाव चुरहट डिवीजन नहीं अपितु चुरहट सब डिवीजन द्वारा किया जाता है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा नियमानुसार कार्य निष्पादित किया जाता है। (ख) चुरहट सब डिविजन के मार्ग सीधी डिविजन की प्रशासनिक व्यवस्था अंतर्गत पूर्व से ही सम्मिलित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधालय
[आयुष]
11. ( क्र. 427 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के तहत क्षेत्र की जनता को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु कहां-कहां पर आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधालय संचालित हैं। इसमें मरीजों को इलाज की क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं? स्वीकृत पद संरचना के तहत कौन-कौन से पद भरे हैं तथा कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों? शासन की इन रिक्त पदों की पूर्ति करने की क्या योजना है तथा इन रिक्त पदों की कब तक पद पूर्ति कर दी जावेगी? (ख) शासकीय यूनानी औषधालय बहौराबाग, रद्दी चौकी जबलपुर के भवन निर्माण कब कितनी राशि में कराया गया है? इसमें मरीजों के इलाज की क्या सुविधाएं व्यवस्था तथा संसाधन नहीं हैं एवं क्यों? इसमें यूनानी चिकित्सक की पदस्थी कब से नहीं की गई हैं एवं क्यों? (ग) क्या सत्य है कि प्रश्नांकित यूनानी औषधालय में यूनानी चिकित्सक की पदस्थी न होने के कारण क्षेत्रीय जनता यूनानी चिकित्सा सुविधा से वंचित हैं? यदि हाँ, तो शासन कब तक यूनानी चिकित्सक की पदस्थापना करेगा?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) शासकीय यूनानी औषधालय गोहलपुर, बहोराबाग, रद्दी चौकी, जबलपुर में संचालित है। सामान्य रोगानुसार चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है। एक चिकित्सक का पद रिक्त। आयुष चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी किया जा चुका है। पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) भवन निर्माण वर्ष 23.07.2019 राशि 27.60 लाख रूपये कराया गया। सामान्य रोगानुसार चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। यूनानी चिकित्सक का पद दिनांक 01.05.2015 से रिक्त है। आयुष चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा विज्ञापन दिनांक 30.12.2021 जारी किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) यूनानी औषधालय में पदस्थ कम्पाउण्डर के द्वारा ओ.पी.डी. में यूनानी पद्धति से सामान्य ईलाज किया जा रहा है। पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय विद्यालयों में सोलर पैनल से नेटमिटरिंग
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
12. ( क्र. 552 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले में शासकीय, वित्त पोषित स्कूलों में सोलर पैनल लगाए गए हैं? यदि हाँ, तो स्कूल के नाम, सन्, सोलर पैनल की केपेसिटी, सोलर मीटर, बैटरी एवं किस फर्म द्वारा सोलर पैनल लगाए गए हैं फर्म की जानकारी विद्यालयवार देवें। (ख) क्या संस्था द्वारा लगाए गए सोलर पैनल का विद्युत मंडल से एग्रीमेंट करके नेट मीटरिंग कराई गई है? यदि हाँ, तो नेट मीटरिंग एग्रीमेंट की कॉपी देवें। कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र की प्रति देवें। वर्तमान स्थिति में सोलर पैनल कार्यरत हैं या बंद हैं, इसकी जानकारी देवें। (ग) क्या स्कूलों में सोलर पैनल निर्धारित मापदंड के अनुसार साउथ पोल 45 डिग्री पर लगाए गए हैं? यदि हाँ, तो उसकी कॉपी देवें। (घ) विद्यालयों में लगाए गए सोलर पैनल से नेट मीटरिंग के द्वारा विद्यालयों से बिजली विभाग ने कितनी बिजली क्रय की, इससे शिक्षा विभाग को कितनी राशि प्राप्त हुई। वर्षवार जानकारी देवें। (ड.) क्या विद्यालयों मैं सोलर पैनल और नेट मीटरिंग होने के बावजूद भी विद्यालयों के द्वारा बिजली बिल का भुगतान किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्षवार, बिजली बिल की राशि की जानकारी देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तिलवारा घाट से शाहनाला मार्ग का फोरलेन में परिवर्तन
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 693 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है, कि अंधमूक चौराहे से नवीन फ्लाई ओवर की शुरूआत के एकदम नजदीक एल.आई.सी. तक सड़क को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल कर इसको प्रवेश वाले तिलवारा शाहनाला मार्ग को फोरलेन में परिवर्तित करने की योजना थी, किन्तु इसके निर्माण को लेकर कोई सुध नहीं ली जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो, तत्संबंधी विस्तृत ब्यौरा बतावें। (ग) क्या 6 साल पहले नगर निगम द्वारा शाहनाला से तिलवाराघाट मार्ग को गारंटी पीरियड के अंतर्गत मूलभूत सुधार का कार्य भी नहीं हो सका है, जिसमें आये दिन गंभीर दुर्घनायें घटित हो रही हैं? (घ) क्या आगामी दिनों में इसके सुधार और सड़क को फोरलेन में परिवर्तित करने की क्या कार्ययोजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित कार्य विभाग से सम्बंधित नहीं है, अपितु नगर पालिक निगम जबलपुर के अधीन है, उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
छत के ऊपर से जा रही हाईटेंशन लाईन से होने वाली दुर्घटना
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 695 ) श्री तरूण भनोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विगत दिनों रहवासी कॉलोनियों में घर के ऊपर से जा रही हाईटेंशन लाईन के कारण दुर्घटनाओं में तेजी आई है? (ख) यदि हाँ, तो तत्संबंधी जिलेवार ब्यौरा बतावें। (ग) क्या जबलपुर जिले के अंतर्गत विगत पांच वर्षों में ऐसी कितनी घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं? (घ) ऐसे पीडि़त परिवारों को शासन द्वारा मुआवजे के भुगतान के लिए कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु पूर्व से विद्यमान हाईटेंशन विद्युत लाईनों के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत रूप से केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम 2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किए गए विनियम के अंतर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन कर भवन निर्माण किये जाने के कारण कतिपय अवसरों पर बाहरी व्यक्तियों की लापरवाही के कारण विद्युत दुर्घटनाएं घटित होती हैं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) जबलपुर जिले के अन्तर्गत विगत पांच वर्षों में हाईटेंशन विद्युत लाईन के संपर्क में आने के कारण कुल 08 विद्युत दुर्घटनाएं म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में आयी है, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) राजस्व विभाग, म.प्र.शासन द्वारा जारी राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड-6, क्रमांक-4 (आर.बी.सी., 6-4) की कंडिका 5 (1) एवं 6 (1) जो कि दुर्घटना में, व्यक्ति के मृत होने पर एवं शारीरिक अंग हानि होने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि के भुगतान के संबंध में है, में निहित प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत दुर्घटना में पीड़ित परिवारों को आर्थिक अनुदान सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है। तद्नुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत दुर्घटनाओं में घायलों/मृतकों के आश्रितों को मुआवजा राशि दिये जाने हेतु बनाए गए नियमों/जारी किये गये निर्देशों की छायाप्रति जिसमें मुआवजा राशि बाबत् प्रावधान है, संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
स्पॉट फाईन किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 824 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में किस नगर पालिका, नगर पंचायत में 1 मार्च, 2021 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस श्रेणी के अधिकारी, कर्मचारी ने कोविड 19 से संबंधित कितने स्पाट फाईन किन-किन कारणों से किए है? (ख) स्पाट फाईन के अधिकार किस कानून की किस-किस धारा के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को प्रकाशित अधिसूचना के तहत किस-किस श्रेणी के अधिकारी एवं कर्मचारी को प्रदान किए हैं अधिसूचना की प्रति सहित बतावें? (ग) स्पाट फाईन कर वसूल की गई कितनी-कितनी राशि किस दिनांक को शासन की किस-किस मद में जमा करवाई गई, यदि शासकीय खजाने में राशि जमा नहीं करवाई गई हो तो उसका कारण प्रावधान सहित बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जिला बैतूल अंतर्गत नगरीय निकायों में विभिन्न श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों पर स्पॉट फाईन किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) स्पॉट फाईन के अधिकार आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अतिरिक्त आई.पी.सी. की धारा 188 एवं अन्य महामारी के रोकथाम हेतु नियमों में प्रावधानित है। इस आशय के निर्देश म.प्र.शासन गृह विभाग द्वारा क्रं. 210/2020/सी-1 भोपाल दिनांक 20.07.2020 जारी किये गये है। जिसके आधार पर कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बैतूल से जारी आदेश क्रमांक-2021 एएससी/4131 दिनांक 09.04.2021 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जिला बैतूल अंतर्गत नगरीय निकायों द्वारा स्पॉट फाईन के रूप में राशि वसूल कर चालान द्वारा शासकीय कोष में जमा कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
भांडेर विधानसभा क्षेत्र में एस्सार पॉवर प्लांट
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
16. ( क्र. 1032 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में एस्सार पॉवर द्वारा क्या एस्सार सोलर पॉवर प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक कार्य प्रारंभ किया जावेगा? (ख) एस्सार सोलर पॉवर हेतु भूमि को सबलीज पर कब तक प्रदान की जावेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। भांडेर विधानसभा क्षेत्र में एस्सार पॉवर लिमिटेड की ग्रुप कंपनियों द्वारा सोलर प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित किया गया है। कार्य निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किया जाना है। अत:कार्य प्रारंभ करने की अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) भूमि ग्रुप कंपनियों को सबलीज पर देने हेतु समुचित सरकार की पूर्व मंजूरी आवश्यक है। अत: समस्त संबंधित विभागों से सहमति प्राप्त होने तथा मंत्रि-परिषद से अनुमोदन प्राप्त होने के उपरांत यह कार्यवाही की जा सकेगी। अत: अवधि बताया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा परिक्रमा पथ
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 1037 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा परिक्रमा पथ के अंतर्गत देवास जिले के अन्तर्गत आने वाले कौन-कौन से मार्ग की सड़कें अपूर्ण हैं। जानकारी ग्राम के नाम सहित दें? (ख) नर्मदा परिक्रमा मार्ग की सड़कें अपूर्ण रहने का क्या कारण है? उक्त मार्गों का निर्माण कब तक किया जावेगा? समयावधि बतावें। (ग) देवास जिले के अन्तर्गत नर्मदा परिक्रमा मार्ग पर कई धार्मिक एवं दार्शनिक स्थल हैं जो कि जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होकर खण्डहर होने की कगार पर है। क्या विभाग द्वारा ऐसे स्थलों के जीर्णोद्धार किये जाने संबंधी कोई योजना बना रहा है? (घ) क्या विभाग नर्मदा परिक्रमा वासियों को मार्ग में ठहरने के लिए विश्रामालय, भोजनालय इत्यादि भवन निर्माण किये जाने हेतु विचाराधीन है? अगर हाँ तो कब तक निर्माण किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग के अन्तर्गत धार्मिक एवं दार्शनिक स्थलों के जीर्णोधार किये जाने सम्बंधी कोई योजना लोक निर्माण विभाग में संचालित नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) विश्रामलय, भोजनालय हेतु भवन निर्माण का कोई प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग में प्रचलन में नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थाई एवं अस्थाई कर्मचारियों का वेतन भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 1233 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग अन्तर्गत जिन-जिन नगरीय निकायों में जल आवर्धन योजना का क्रियान्वयन किया गया है। कितनी योजनाएं सुचारू रूप से संचालित है एवं जो संचालित नहीं हैं उनकी नामवार जानकारी एवं सभी निकायों की वित्तीय स्थिति क्या है? निकायवार जानकारी देवें। (ख) संभाग की निकायों में वित्तीय वर्ष 2019-20 से फरवरी 2022 तक क्या समय पर कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया जा रहा है यदि नहीं, तो जिन निकायों के समय पर वेतन भुगतान नहीं किये जा रहे है निकायवार नाम के साथ भुगतान नहीं होने के कारण स्पष्ट करें। (ग) संभाग के निकायों के बिजली बिल समय पर भुगतान हो रहे है यदि नहीं, तो निकायवार विद्युत भुगतान नहीं होने के कारण स्पष्ट करें। निकायवार शेष भुगतान योग्य विद्युत देयकों की राशि बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 7 एवं 8 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 9 से 11 अनुसार है।
निर्माण एजेंसी का निर्धारण
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 1546 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन जबलपुर ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं अन्य किन-किन विभागों की योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किन-किन निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. जबलपुर को निर्माण एजेंसी निर्धारित किया हैं? वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांकित स्वीकृत किन-किन कार्यों के लिये कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की एवं किन-किन कार्यों से सम्बंधित कब से कितनी-कितनी राशि का आवंटन नहीं किया है एवं क्यों? राशि आवंटन हेतु क्या प्रयास किये गये? (ग) प्रश्नांकित स्वीकृत कौन-कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण व निर्माणाधीन है किन-किन कार्यों को किस एजेंसी से कितनी राशि में कराया गया है एवं कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? अपूर्ण एवं निर्माणाधीन किन-किन कार्यों की स्वीकृत लागत व अवधि क्या हैं तथा इनसे सम्बंधित कब से कितनी-कितनी राशि आवंटित नहीं की गई है एवं क्यों? क्या शासन इन कार्यों हेतु राशि का शीघ्र ही आवंटन कर इन्हें पूर्ण कराना सुनिश्चित करेगा? विधानसभा क्षेत्र क्र.97 जबलपुर पूर्व की जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग से संबंधित जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
20. ( क्र. 1556 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कुटीर एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना हेतु सहयोग एवं ऋण व अनुदान स्वीकृत करने की योजना संचालित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं, योजनावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन कुटीर एवं ग्रामोद्योग को न्यूनतम एवं अधिकतम कितना ऋण एवं कितना अनुदान स्वीकृत किया जाता है? स्वीकृति की क्या प्रक्रिया है, प्रक्रिया का विवरण सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक निवाड़ी जिले की विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में कितने हितग्राहियों के ऋण स्वीकृत किये गये हैं? हितग्राही का नाम, स्वीकृत राशि सहित विकासखण्डवार एवं योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।
नगर पालिक निगम मुरैना द्वारा किया गया भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 1560 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिक निगम मुरैना द्वारा किये गए छोटे/बड़े समस्त भुगतानों के बिल व्हाउचरों तथा केशबुक की प्रमाणित छायाप्रति के साथ उक्त भुगतान किस किस बैंक से किन-किन खातों में किये गए? बैंकों के माध्यम से किये गए सभी भुगतानों के बैंक स्टेटमेन्ट की छायाप्रति के साथ जानकारी वर्षवार, माहवार, कार्य अथवा योजनावार, कार्य एजेन्सी के नाम, पता, मोबाइल नम्बर, के साथ प्रस्तुत करें। (ख) वर्ष जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिक निगम मुरैना की जलशाखा, निर्माण शाखा, विद्युत शाखा, राजस्व शाखा, स्वास्थ्य शाखा में फिक्स वेतनमान, कलेक्टर दर, संविदा, मस्टर, आउटसोर्स एवं अन्य समस्त तरीकों से लगाए गए समस्त कर्मचारियों की जानकारी वर्षवार, माहवार, शाखावार, लगाऐ गए कर्मचारी का नाम, पता, मोबाइल नम्बर, आधार नम्बर, बैंक खाता नम्बर, वेतन/मानदेय के साथ जानकारी नियम निर्देशों एवं विभागीय नोटशीट एवं आदेशों की छायाप्रति के साथ उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष जनवरी 2020 से स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत एवं कोरोना के प्रथम दौर से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिक निगम मुरैना द्वारा कराए गए कार्यों तथा उनके भुगतानों एवं क्रय की गई सामग्री, की पृथक-पृथक जानकारी वर्षवार,माहवार,समाग्रीवार, कार्यवार तथा भुगतान किये गए बिल व्हाउचर विभागीय नोटशीट की छायाप्रति के साथ उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, मुरैना को वर्ष जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक छोटे/बड़े समस्त भुगतानों के बिल/व्हाउचर एवं केशबुक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' अनुसार है। निगम द्वारा भुगतान की गई राशि का बैंक स्टेटमेंट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'2' अनुसार है। जिन एजेंसी को भुगतान किया गया है, उनका नाम, पता एवं मोबाईल नंबर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'3' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'ख' अनुसार वर्ष जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम, मुरैना में नियुक्त किये गये कर्मचारियों की संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'4' अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम, मुरैना को वर्ष जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत किये गये भुगतानों के बिल/व्हाउचर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' अनुसार है। बैंक स्टेटमेंट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'2' अनुसार है। एजेंसी का नाम, पता एवं मोबाईल नंबर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'3' अनुसार है।
इन्दौर शहर के आंतरिक मार्ग की चौड़ाई में आंशिक संशोधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 1571 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर के आंतरिक मार्ग जिंसी चौराहे से चौथी पल्टन मार्ग सुभाष मार्ग का ही हिस्सा है या नही? क्या चौथी पल्टन से जिंसी मार्ग का यातायात सुभाष मार्ग होकर अन्य गंतव्य की ओर आवागमन करता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ यदि हाँ, तो जिंसी चौराहे से चौथी पल्टन मार्ग की चौड़ाई 24 मीटर प्रस्तावित कि गई है तो सुभाष मार्ग को भी 24 मीटर के हिसाब से क्यों नहीं निर्माण किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिंसी चौराहा से चौथी पल्टन जो कि सुभाष मार्ग का ही हिस्सा है कि चौड़ाई 24 मीटर एवं सुभाष मार्ग से रामबाग पुल की चौड़ाई को भी 24 मीटर चौड़ाई में ही निर्मित किया जायेगी? हाँ या नहीं यदि? हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों उक्त दोनों मार्ग की चौड़ाई समान रखते हुये निर्माण किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पूर्व में भी मास्टर प्लान 2021 में प्रस्तावित मार्गों की चौड़ाई में संशोधन कर निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है? स्मार्ट सिटी द्वारा निर्मित जयरामपुर कालोनी पुल से गोरा कुण्ड चौराहा तक निर्मित सड़क में ठेकेदार द्वारा ड्रेनेज लाईन, वाटर लाईन, विद्युत लाईन, पेवर ब्लाक आदि का कार्य पूर्ण कर लिया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। चौथी पल्टन से जिंसी मार्ग का यातायात सुभाष मार्ग होकर बड़ा गणपति चौराहे उपरांत एयरपोर्ट, गंगवाल बस स्टेण्ड, लक्ष्मीबाई प्रतिमा वी.आई.पी. रोड एवं एम. जी. रोड की ओर जाता है। (ख) इंदौर विकास योजना 2021 के मध्य क्षेत्र हेतु प्रस्तावित मार्ग संरचना मानचित्र अनुसार सुभाष मार्ग की चौड़ाई 30 मीटर प्रस्तावित है, जिसका उल्लेख इंदौर विकास योजना-2021 की सारणी 3.5 के सरल क्रमांक 23 पर भी है। मानचित्र में जिंसी चौराहे से चौथी पल्टन तक मार्ग को पृथक से चिन्हांकित नहीं किया है। अतः सम्पूर्ण मार्ग का निर्माण निर्धारित चौड़ाई 30 मीटर अनुसार किया जाना प्रस्तावित है। इंदौर विकास योजना 2021 में स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत दिनांक 07.09.2018 को हुए उपांतरण अनुसार सुभाष मार्ग की चौड़ाई 30 मीटर रखी गई है। उक्त मार्ग स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत ए.बी.डी. क्षेत्र में आता है। अतः सुभाष मार्ग का विकास कार्य इंदौर स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट लिमिटेड द्वारा 30 मीटर के अनुसार किया जाना प्रस्तावित है। (ग) जी नही, रामबाग पुल भी सुभाष मार्ग का ही हिस्सा है। इंदौर विकास योजना 2021 में सुभाष मार्ग से रामबाग पुल मार्ग का पृथक से उल्लेख नहीं है। दोनों मार्गों के स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत ए.बी.डी. क्षेत्र में आने वाले भाग का विकास कार्य इंदौर स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट लिमिटेड द्वारा 30 मीटर चौड़ाई के अनुसार किया जाना प्रस्तावित है। (घ) जी नही, इंदौर स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट लिमिटेड द्वारा इंदौर विकास योजना 2021 में प्रस्तावित मार्गों की चौड़ाई में संशोधन कर मार्गों का निर्माण नहीं किया गया है। मास्टर प्लान 2021 में जयरामपुर से गोरा कुण्ड चौराहे तक सड़क निर्माण में बाधक संरचनाओं आदि को हटाने की कार्यवाही प्रचलन में है। इस कारण सीवरेज, वाटर सप्लाई तथा इलेक्ट्रिक लाईन का कार्य पूर्ण न होकर प्रगति पर है।
नदियों में प्रदूषण के संबंध में
[पर्यावरण]
23. ( क्र. 1622 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की किन-किन नदियों में कारखानों का वेस्ट (सिवेज एवं डिस्पोज्ड वाटर) मिलता है। इसकी रोकथाम हेतु विभाग क्या प्रयास कर रहा है? (ख) उज्जैन स्थित क्षिप्रा नदी के जल में हो रही अशुद्धता को रोकने हेतु शासन की क्या योजना है? क्या क्षिप्रा नदी का जल आगामी सिंहस्थ पर्व के पूर्व शुद्ध हो पायेगा। इस हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) मध्यप्रदेश में स्थापित कारखानों में उत्पन्न वेस्ट के उपचार एवं पुर्नउपयोग सहित शून्य निस्त्राव का पालन के निर्देश है। तथापि चोरी-छिपे कतिपय कारखानों का वेस्ट मिलने की घटना होती है तो कार्यवाही की जाती है। अतः कारखानों का वेस्ट नदियों में मिलने की स्थिति नहीं है। (ख) उज्जैन स्थित क्षिप्रा नदी के जल में हो रही अशुद्धता को रोके जाने के संबंध में नगरपालिका निगम,उज्जैन से प्राप्त जानकारी अनुसार अमृत परियोजना के उज्जैन शहर की भूमिगत सीवरेज के प्रथम चरण में क्षिप्रा नदी के किनारे त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर से लेकर मंगलनाथ क्षेत्र तक 900 एम.एम. व्यास से लेकर 1600 एम.एम. व्यास तक की 15 किमी. लंबी पाईप लाईन का कार्य एवं शहर में 439 कि.मी. नेटवर्क का कार्य प्रगति पर है। यह कार्य जून, 2022 तक पूर्ण किया जाना है। इस कार्य को पूरा होने पर रूद्रसागर, रामघाट, बड़नगर ब्रिज, चक्रतीर्थ जूना सोमवारिया, एम.पी.एस. सीवरेज पंप हाउस, मंछानन के 7 नाले सूख जायेंगे, जिसमें सिर्फ वर्षा के पानी की निकासी होगी एवं शेष 2 लाने आयुर्वेदिक कालेज, भैरूगढ़ के हैं। पूरा सीवर ग्रेविटी वेस्ड सिस्टम पर आधारित है, जिसके अंतर्गत मंगलनाथ मंदिर क्षेत्र में पंपिंग स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। यहाँ से सीवर पंप होकर सुरसा में निर्माणाधीन 925 एन.एल.डी. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट होकर पुनः क्षिप्रा में छोड़ा जायेगा। यह कार्य पूरा होने पर क्षिप्रा नदी में नालों का दूषित पानी नहीं मिलेगा।
म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग के अधीन शासकीय एवं गैर शासकीय महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
24. ( क्र. 1623 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग म.प्र. के अधीन कितने शासकीय एवं गैर शासकीय महाविद्यालय स्थापित हैं। इन महाविद्यालयों में नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स के कितने प्राध्यापक कार्यरत हैं? जिलेवार विवरण देवें। (ख) इन सभी महाविद्यालयों की सुरक्षा हेतु नियमित एवं आउटसोर्स पर कितने सुरक्षाकर्मी कार्यरत हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या सभी महाविद्यालयों में शुद्ध बैक्टिरिया रहित ट्रिटेट पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें एवं यदि नहीं, तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे। (घ) क्या इन सभी महाविद्यालयों में आगजनी की घटना को रोकने हेतु स्वचलित अग्निशामक यंत्र लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें एवं यदि नहीं, तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के अधीन 526 शासकीय महाविद्यालय स्थापित हैं। शासकीय महाविद्यालयों में नियमित प्राध्यापकों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। गैर शासकीय महाविद्यालय 727 हैं, प्राध्यापकों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) शासकीय महाविद्यालयों में नियमित-66 एवं आउट सोर्स-130, योग-196 सुरक्षाकर्मी कार्यरत हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। गैर शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सुरक्षाकर्मियों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। गैर शासकीय महाविद्यालयों में पेयजल व्यवस्था की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। गैर शासकीय महाविद्यालयों के अग्निशामक यंत्रों की व्यवस्था की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 1775 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सारंगपुर, जिला राजगढ़ के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्युत वितरण केन्द्र स्थापित हैं। इन केन्द्रों पर किन-किन ग्रामों को सम्बद्ध किया है तथा उन ग्रामों पर कितने ट्रांसफार्मर, कितने के.व्ही.ए. के स्थापित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ट्रांसफार्मर कब-कब खराब हुये या अन्य तकनीकी खराबी के कारण रिपेयर कराये गये अथवा आयल एवं अन्य सामग्री बदली गई? उसमें कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार औचक निरीक्षण के दौरान बिना प्रशासकीय अथवा तकनीकी स्वीकृति के कितने-कितने ट्रांसफार्मर कितने-कितने के.व्ही.ए. के वि.वि.केन्द्र अंतर्गत क्षेत्रों में अवैध रखे पाये गये थे? क्या अवैध ट्रांसफार्मर को उच्च अधिकारियों द्वारा जब्त किये गये थे? उक्त ट्रांसफार्मर पर कितने-कितने किसानों को विद्युत कनेक्शन प्रदाय कर विद्युत देयक की राशि वसूली जा रही थी? वि.वि. केन्द्रवार जानकारी से अवगत करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या अनाधिकृत रूप से स्थापित ट्रांसफार्मर के द्वारा विभाग को कितनी-कितनी राशि की हानि हुई तथा अवैध रूप से ट्रांसफार्मर स्थापित करने वाले प्रभारी सहायक यंत्री श्री अरविंद रानोलिया जो कि विगत कई वर्षों से शासन के नियम विरूद्ध पदस्थ हैं, के विरूद्ध उच्च स्तरीय जांच समिति बनाकर कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कुल 3 नंबर वितरण केन्द्र स्थापित है। इसके अतिरिक्त वितरण केन्द्र खुजनेर के कुल 104 ग्रामों में से 19 ग्राम एवं वितरण केन्द्र पचोर ग्रामीण के कुल 51 ग्रामों में से 11 ग्राम सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते है। इन वितरण केन्द्रों से सम्बद्ध ग्रामों की संख्या तथा उनमें स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार एवं क्षमतावार संख्या सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक फेल हुये ट्रांसफार्मर एवं उनको ठीक किये जाने पर खर्च की गई राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार औचक निरीक्षण के दौरान बिना प्रशासकीय अथवा तकनीकी स्वीकृति के अवैध रखे पाये गये 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 25 वितरण ट्रांसफार्मरों की वर्षवार, वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उच्च अधिकारियों द्वारा जप्त किये गये 05 अवैध ट्रांसफार्मरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। 20 अवैध रखे गये वितरण ट्रांसफार्मरों को पहुँच मार्ग उपलब्ध नहीं होने के कारण जब्त नहीं किया गया था, तथापि इन सभी 20 वितरण ट्रांसफार्मरों को विच्छेदित कर दिया गया था। उक्त अवैध रूप से रखे पाए गए 25 वितरण ट्रांसफार्मरों पर किसी किसान को विद्युत कनेक्शन नहीं दिया गया था और न ही कोई विद्युत बिल की राशि वसूल की गई। (घ) अनाधिकृत रूप से स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को हुई हानि की अनुमानित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। कृषि फीडर पर 10 घंटे ही विद्युत प्रदाय किया जाता है। अत: कतिपय प्रकरणों में कृषकों द्वारा विद्युत प्रदाय बंद रहने की अवधि में वितरण ट्रांसफार्मर अवैध रूप से विद्युत लाईन से जोड़ लिये जाते है तथा निरीक्षण के दौरान संज्ञान में आने पर ऐसे प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही की गई है। अत: इस कार्य में श्री अरविन्द रानोलिया, प्रभारी सहायक यंत्री सारंगपुर उपसंभाग अथवा अन्य कोई कर्मचारी दोषी नहीं है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्मिकों की कमी के कारण सारंगपुर उपसंभाग में सहायक यंत्री का पद रिक्त होने से श्री अरविंद रानोलिया कनिष्ठ यंत्री मऊ वितरण केन्द्र को सारंगपुर उपसंभाग का अतिरिक्त प्रभार लगभग 3½ वर्षों से दिया गया है। उक्त परिप्रेक्ष्य कोई जांच किया जाना अपेक्षित नहीं है।
सहायक प्राध्यापकों को वेतनमान स्वीकृत करना
[उच्च शिक्षा]
26. ( क्र. 1799 ) श्री के.पी. सिंह कक्काजू : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग के अधीन शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत पात्र सहायक प्राध्यापकों को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत किया जा चुका हैं? (ख) शिवपुरी एवं सागर जिले के ऐसे कौन-कौन से सहायक प्राध्यापक हैं जिन्हें वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान की पात्रता होने एवं संबंधित सहायक प्राध्यापकों द्वारा बार-बार अनुरोध किये जाने के उपरान्त भी विभाग द्वारा अभी तक स्वीकृति प्रदान नहीं की गई हैं? (ग) शासन द्वारा कब तक उपरोक्त सहायक प्राध्यापकों को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान एवं प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। 3632 पात्र सहायक प्राध्यापकों को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान एवं 3203 पात्र सहायक प्राध्यापकों को प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत किया जा चुका है। शेष पात्र लगभग 300 सहायक प्राध्यापकों के वेतनमान में स्थानन संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) शिवपुरी जिले के 14 सहायक प्राध्यापकों को वरिष्ठ श्रेणी/प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया है। 14 सहायक प्राध्यापकों में से 02 सहायक प्राध्यापक डॉ. विकास, सहा.प्रा., रसायन शास्त्र एवं डॉ. लायक सिंह बंसल, सहा.प्रा., वाणिज्य के प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष 12 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति वर्ष 2004-06 की है जिनकी परिवीक्षा अवधि समाप्ति संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण वरिष्ठ/प्रवर श्रेणी वेतनमान संबंधी कार्यवाही विचाराधीन है, जो इस प्रकार है डॉ. केशव सिंह जाटव, सहा.प्रा., वनस्पति शास्त्र, डॉ. अनीता कैमोर, सहा.प्रा., भूगोल, श्रीमती ममता रानी, सहा.प्रा., रसायन शास्त्र, श्री प्रमोद कुमार चिडार, सहा.प्रा. अंग्रेजी, श्री सुरेन्द्र सिंह मौर्य, सहा.प्रा., प्राणीशास्त्र, डॉ. रेनु राय, सहा.प्रा. राजनीतिशास्त्र, श्री नवल किशोर, सहा.प्रा. अंग्रेजी, श्री महेन्द्र कुमार, सहा.प्रा. विधि, डॉ. गुलाब सिंह जाटव, सहा.प्रा. अंग्रेजी, श्री भारत सिंह जयंत, सहा.प्रा. भौतिकी, डॉ. हरीश कुमार अम्ब, सहा.प्रा. रसायनशास्त्र, डॉ. राकेश कुमार शाक्य, सहा.प्रा., गणित। सागर जिले के 12 सहायक प्राध्यापकों को वरिष्ठ श्रेणी/प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया है। 12 में से निम्नलिखित 07 सहायक प्राध्यापक डॉ. घनश्याम भारती, सहा.प्रा., हिन्दी, डॉ. राजेश कुमार चौधरी, सहा.प्रा., समाजशास्त्र, श्री राकेश कुमार पाठक, सहा.प्रा., राजनीति शास्त्र, डॉ. सुनील बाबू विश्वकर्मा, सहा.प्रा., भूगोल, श्री राज कुमार अहिरवार, सहा.प्रा., हिन्दी, डॉ. अंशु सोनी, सहा.प्रा., राजनीतिशास्त्र, श्रीमती संगीता कुम्भारे, सहा.प्रा., वाणिज्य की वरिष्ठ/प्रवर श्रेणी वेतनमान स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष 05 सहायक प्राध्यापक क्रमश: डॉ. भावना रमैया, सहा.प्रा., गृहविज्ञान, श्रीमती राजश्री नेमा, सहा.प्रा., राजनीतिशास्त्र, डॉ. दीपा खटीक, सहा.प्रा., भौतिकी, डॉ. अल्का पुष्पा निशा, सहा.प्रा., अंग्रेजी, डॉ. भूपेन्द्र कुमार अहिरवार, सहा.प्रा., अंग्रेजी की नियुक्ति वर्ष 2004-06 की है, जिनकी परिवीक्षा अवधि समाप्ति संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण वरिष्ठ/प्रवर श्रेणी वेतनमान संबंधी कार्यवाही विचाराधीन है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आवासीय समस्याओं के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 1913 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्र. 47 जय भीमनगर, पंचशील नगर में नई सीवेज पाईप लाईन लम्बे समय से स्वीकृत है, परन्तु आज दिनांक तक सीवेज लाईन का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? यह कार्य कब तक प्रारंभ किया जायेगा? यदि हाँ, तो तिथि सहित बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में वार्डवार, जलकर, सम्पत्तिकर, स्वच्छताकर एवं व्यवसायिक कर प्रतिवर्ष कितना-कितना संग्रहण होता है? वार्डवार सूची सहित बतावें। (ग) भोपाल नगर निगम एवं जिले के किस-किस विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम मुख्यालय निधि से कितनी-कितने कार्य कराये गये एवं कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? सूची उपलब्ध करावें। (घ) भोपाल नगर निगम सीमा में स्थित झुग्गी क्षेत्र में जलकर की कितनी-कितनी राशि प्रतिमाह वसूल की जा रही है तथा झुग्गीवासियों को व्यक्तिगत नल कनेक्शन देने में कितनी-कितनी राशि वसूल की जा रही है एवं क्या झुग्गीवासियों से सम्पत्तिकर भी वसूला जा रहा है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि वसूल की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
खराब ट्रांसफार्मर को बदलने संबंधी
[ऊर्जा]
28. ( क्र. 1936 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विद्युत वितरण केन्द्र सुमावली, बागचीनी, हेतमपुर एवं गणेशपुरा डी.सी. में खराब ट्रांसफार्मर के मेंटेनेंस हेतु कितने ट्रांसफार्मर स्टॉक में रखने का प्रावधान है तथा वर्तमान में स्टॉक में कितने ट्रांसफार्मर हैं? ट्रांसफार्मर खराब होने पर कितने दिनों में सुधार कार्य किये जाते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने ग्राम व मजरा जहां विद्युत ट्रांसफॉर्मर वर्तमान में खराब हैं तथा उन्हें कितने दिनों में सुधारा जाएगा? समय पर सुधार न होने के कारण महीनों ग्रामवासी अंधेरे में रहते हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? क्या जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत, प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित, किसी भी विद्युत वितरण केन्द्र पर वितरण ट्रांसफार्मर स्टॉक में रखने का कोई नियम नहीं है। तथापि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को शीघ्र बदलने हेतु संचालन-संधारण संभाग स्तर पर आवश्यकता अनुसार इम्प्रेस्ट ट्रांसफार्मर जारी किये जाते हैं। विद्युत वितरण केन्द्र सुमावली, बागचीनी एवं हेतमपुर, मुरैना संचालन-संधारण संभाग द्वितीय के अंतर्गत आते हैं। उक्त संचालन-संधारण संभाग हेतु 25 वितरण ट्रांसफार्मर इम्प्रेस्ट ट्रांसफार्मर के रूप में रखने का प्रावधान है तथा वर्तमान में आवश्यकतानुसार 7 वितरण ट्रांसफार्मर स्टॉक में उपलब्ध हैं। इसी प्रकार गणेशपुरा वितरण केन्द्र, मुरैना संचालन-संधारण संभाग प्रथम के अंतर्गत आता है। उक्त संचालन-संधारण संभाग हेतु 36 वितरण ट्रांसफार्मर, इम्प्रेस्ट ट्रांसफार्मर के रूप में रखने का प्रावधान है तथा वर्तमान में आवश्यकतानुसार 8 वितरण ट्रांसफार्मर स्टॉक में उपलब्ध है। (ख) सुमावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक तक 7 ग्रामों एवं 4 मजरों में वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का भुगतान नहीं किये जाने के कारण उक्त जले/खराब वितरण ट्रासंफार्मर बदले जाने हेतु शेष है। संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत पात्र जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को निर्धारित अवधि (वर्षा ऋतु (माह जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर) में 7 दिन तथा अन्य माहों में 3 दिन) में बदल दिया जायेगा, जिस हेतु उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी नहीं, पात्र होने पर फेल वितरण ट्रांसफार्मर उक्तानुसार निर्धारित अवधि में बदल दिये जाते हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत बिल वसूलने बाबत्
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 1945 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विद्युत कंपनी द्वारा ग्राम पंचायतों को नलजल योजना के मोटर पंप हेतु 5 एच.पी. भार स्वीकृत किये गये है? (ख) क्या यह भी सही है कि 5 एच.पी. के स्थान पर 20 एच.पी. के बिल दिये जा रहे हैं? (ग) क्या कंपनी ने पंचायतों की मोटर पंपों का भार बढ़ाया है? यदि हाँ, तो किस आधार पर बढ़ाया गया? परीक्षण रिपोर्ट क्या है? (घ) यदि परीक्षण नहीं किया गया है तो अवैधानिक तरीके से ग्राम पंचायतों/हितग्राहियों से अधिक वसूली क्यों की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, अपितु ग्राम पंचायतों को उनके द्वारा आवेदित मांग के अनुसार ही भार स्वीकृत कर नलजल योजना के तहत मोटर पंप कनेक्शन दिये गये हैं। (ख) जी नहीं, ग्राम पंचायतों को संबद्ध भार एवं खपत के आधार पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार बिल दिये जा रहे हैं। (ग) जी नहीं, कंपनी ने स्वत: ग्राम पंचायतों के मोटर पंप कनेक्शनों का भार नहीं बढ़ाया है। अपितु ग्राम पंचायतों के नलजल योजना अंतर्गत मोटर पंप कनेक्शनों का भार ग्राम पंचायतों द्वारा प्रस्तुत आवेदन एवं निर्धारित औपचारिकताएं पूर्ण किये जाने पर ही बढ़ाया गया है। (घ) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार ग्राम पंचायतों/हितग्राहियों को नियमानुसार विद्युत बिल दिये जा रहे हैं। अत: अधिक राशि वसूल करने का प्रश्न नहीं उठता।
प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों को किश्त देना
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 1946 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में वार्ड क्र. 73 चमन नगर करमेता के 185 हितग्राहियों के प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये हैं? (ख) क्या सितम्बर 2018 में प्रथम किश्त प्रदान करने के बाद 13 हितग्राहियों को दूसरी किश्त नहीं दी गई है? नाम सहित कारण बतावें? (ग) यह भी सही है कि इसी प्रकार वार्ड 72 प्रभात नगर एवं अन्य वार्डों के हितग्राहियों को द्वितीय किश्त नहीं दी गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अंतर्गत कब तक किश्तें दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हा। (ख) सितंबर-2018 में प्रथम किश्त प्रदान करने के बाद 10 हितग्राहियों को दूसरी किश्त नहीं दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। वार्ड 72 प्रभात नगर एवं अन्य वार्डो के हितग्राहियों को द्वितीय किश्त प्रदान की गई है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बी.एल.सी. घटक में भारत सरकार के दिशा-निर्देशिका के अनुसार द्वितीय किश्त लिंटल स्तर की भौतिक प्रगति की जियो-टैगिंग उपरांत भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर तथा परिशिष्ट में उल्लेखित कारण का समाधान होने पर प्रदान की जा सकेगी। प्रश्नांकित निर्माण हितग्राहियों द्वारा किये जाने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अवल्दामान-बाग, बलवारी-टाण्डा रोड़ निर्माण
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 2038 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा मेरे द्वारा जारी किये गये पत्र क्रमांक 998/दिनांक 08.10.2021 को अवल्दामान के बाग रोड एवं पत्र क्रमांक 997, दिनांक 08.10.2021 को बलवारीकला-टाण्डा-बोरी मार्ग तक सड़क की बिन्दु क्रमांक 01 से 05 तक जानकारी चाही गई थी? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त पत्र क्रमांकों में चाही गई जानकारी प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई है? कारण स्पष्ट करें एवं इसका जिम्मेदार कौन है एवं जिम्मेदार अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी तथा उक्त जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? समय-सीमा बतावें? (ग) क्या अवल्दामान से बाग एवं बाग रोड से जोबट रोड की गुणवत्ता घटिया किस्म की होने से दरारें पड़ रही हैं एवं गड्ढे हो रहे हैं? जिसके कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं? उक्त सड़कों के मरम्मत किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त सड़कों का कब-कब मरम्मत कार्य किया गया है? मरम्मत कार्य में कितनी राशि व्यय की गई है? बिल व्हाउचर सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी अत्यंत वृहद होने के कारण कोई जिम्मेदारी नहीं अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, कुछ स्थानों पर दरारे है एवं मार्ग गड्ढा रहित है। जी नहीं। जी हाँ। मार्ग के कार्य पूर्णता दिनांक 23/03/2020 से 5 वर्ष मार्ग ठेकेदार की डी.एल.पी. में होने से मार्ग का संधारण ठेकेदार द्वारा किये जाने का प्रावधान है। मरम्मत कार्य एक निरंतर प्रक्रिया है जिसे अनुबंधानुसार मार्ग की आवश्यकतानुसार समय-समय पर किया गया है। मरम्मत कार्य हेतु विभाग द्वारा कोई राशि व्यय नहीं की गई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महानगरों में यातायात सुधार
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 2108 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर,भोपाल,जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन में यातायात सुधार एवं यातायात व्यवस्था सुचारु संचालन के लिए यातायात सिग्नल,स्पीड ब्रेकर,स्टाप लाइन,डिवाइडर,कैमरे आदि लगाने पर कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार/कंपनी/व्यक्ति को किया गया ओर कितनी राशि का भुगतान बकाया है? जानकारी वर्षवार देवें। (ख) प्रश्नांश “क” संदर्भित उक्त शहरों में वर्तमान में यातायात सुधार हेतु बनाए गए प्रस्ताव एवं वरिष्ठ कार्यालय/शासन को भेजे गए प्रस्ताव आदि की प्रतियां भी देवें। (ग) उक्त अवधि में प्रश्नांश “क” संदर्भित प्रतिवर्ष वर्षभर कार्य करने के लिए किन-किन कंपनियों/व्यक्तियों को कितना -कितना भुगतान किया गया? वर्षवार/माहवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश “ग” संदर्भित किसी कंपनी/व्यक्ति/ठेकेदार पर कार्य पूर्ण नहीं करने पर, ठेके की शर्तों का पालन नहीं करने पर, गुणवत्ताविहीन कार्य सामग्री सप्लाय करने या उपयोग करने पर लगाए गए अर्थदंड के आदेश सहित अन्य दंड दिए जाने, अर्थदंड वसूल लिए जाने या बकाया होने की स्थिति की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन शहर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश से संबंधित जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। (घ) भोपाल, इन्दौर एवं ग्वालियर शहर की जानकारी निरंक है एवं जबलपुर तथा उज्जैन शहर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 2111 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 से लोक निर्माण विभाग में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ उज्जैन,इंदौर संभाग में चल रही विभागीय एवं जांच एजेंसी के द्वारा की जा रही जांच का विवरण देवें। जांच में दोषी पाए गए अधिकारी-कर्मचारियों के प्रकरण का विवरण,प्रतिवेदन, अंतिम निराकरण आदेश की प्रतियां देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित विभाग के ठेकेदारों द्वारा उक्त अवधि में अनियमितता आदि करने पर विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही का विवरण कारण सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित उक्त अवधि से प्रश्न दिनांक तक जिन ठेकेदारों पर विभाग ने अर्थदंड लगाया गया है या ब्लेक लिस्टेड करने सहित या अन्य दंड से दंडित किया हैं उन प्रकरणों का विवरण देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं प्रपत्र-द अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार।
गुना नगर को स्मार्ट सिटी बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 2209 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना नगर मिनी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल है, परंतु आज तक कोई भी ऐसा आधारभूत कार्य नहीं हो रहा है, जिससे कि मिनी स्मार्ट सिटी का सपना चरितार्थ हो सके। यह कार्य कब तक शुरू होंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रस्तावित योजना यदि लंबित है, तो पूर्ण जानकारी देने का अनुरोध है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना में 05 कार्य स्वीकृत थे, जिला निगरानी समिति द्वारा 03 कार्य निरस्त किये गये एवं 02 कार्य प्रगतिरत है। भौतिक प्रगति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
विलोनिया से अशोकनगर बायपास की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 2210 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना में बढ़ते ट्राफिक को ध्यान में रखते हुये विलोनिया से अशोकनगर बायपास का प्रश्नकर्ता द्वारा भेजा गया प्रस्ताव कब तक स्वीकृत होगा? (ख) यदि स्वीकृत होता है, तो उसके निर्माण की अवधि क्या होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
नवीन विद्युत लाइनों के संबंध में
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 2211 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितने किलोमीटर 33 के.व्ही.एवं 11 के.व्ही. नवीन विद्युत लाइन स्थापित की गई है? (ख) विद्युत ट्रांसफार्मर बार-बार जल जाते हैं, क्या कंपनी से घटिया ट्रांसफार्मर क्रय किये जा रहे है या तकनीकी गड़बड़ी उत्पन्न कर उन्हें खराब किया जा रहा है? (ग) गत वर्ष 2020-21 में गुना विधानसभा में खराब ट्रांसफार्मर पर व्यय की संपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) गुना विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक 3.25 कि.मी. नवीन 33 के.व्ही.विद्युत लाईन एवं 18.06 कि.मी. नवीन 11 के.व्ही. विद्युत लाईन स्थापित की गई है। (ख) जी नहीं, वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने/खराब होने का कारण अधिभारित होना एवं अन्य तकनीकी कारण हैं। विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को क्रय प्रक्रिया के अंतर्गत निविदा में निहित प्रावधानों के अनुरूप, निर्धारित मानकों के अनुसार परीक्षण में सफल होने पर ही क्रय कर उपयोग में लाया जाता है। (ग) वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक गुना विधानसभा क्षेत्र में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों के सुधार कार्य पर कुल राशि रू. 24.84 लाख का व्यय हुआ है, जिससे संबंधित वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता एवं उसे सुधारने में हुए व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शोध केन्द्र स्थापित करने के आदेश
[उच्च शिक्षा]
37. ( क्र. 2212 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सभी विषयों में शोध केन्द्र स्थापित करने हेतु समस्त पी.जी. महाविद्यालयों को आधारभूत सुविधायें जुटाकर आदेशित कब तक करेंगे? (ख) ऐसे प्राध्यापक, सह-प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक जो समस्त अर्हताएं पूर्ण करते हैं उन्हें शोध निर्देशक बनाने हेतु कुलसचिव समस्त विश्वविद्यालयों को कब तक पत्र प्रेषित करेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 के तहत पारित अध्यादेश क्रमांक 11 की कंडिका-35 एवं विश्वविद्यालयों द्वारा जारी दिशा-निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है के अनुसार-निर्धारित मापदण्ड़ पूर्ण करने वाले महाविद्यालय को संबंधित विश्वविद्यालय में आवेदन करने तथा विश्वविद्यालयीन समिति की अनुशंसा पर शोध केन्द्र के रूप में मान्यता दी जा सकती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। अत: समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) अध्यादेश 11 की कंडिका-17 (VII) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है अनुसार-शोध निर्देशक हेतु आवेदन करने पर संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा शोध निर्देशक बनाया जाना प्रावधानित है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परीक्षण सहायकों के नियमितिकरण
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 2219 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड कम्पनी द्वारा वर्ष 2013 में संविदा आधार पर परीक्षण सहायकों की भर्ती विज्ञापन प्रकाशित कर की गयी थी? (ख) क्या यह भी सही है कि सफल उम्मीदवारों में से योग्य उम्मीदवारों को परीक्षण सहायकों के पदों पर ऑफर लेटर दिया गया था? (ग) क्या यह भी सही है कि चयनित उम्मीदवारों को दिये गये ऑफर लेटर में नियमित किये जाने संबंधी किसी शर्त/नियम का प्रावधान नहीं था? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का उत्तर यदि हाँ, में है तो परीक्षण सहायकों को नियमित किये जाने हेतु शासन द्वारा क्या निर्णय लिये गये हैं क्या इन्हें आगामी समय में नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, वर्ष 2013 में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों अंतर्गत परीक्षण सहायक के नियमित रिक्त पदों हेतु नियमित आधार पर परीक्षण सहायकों की भर्ती हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विज्ञापन प्रकाशित किया गया था, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हां। प्रश्नाधीन विज्ञापन के विरूद्ध आयोजित की गयी परीक्षा की प्रवीण्यता सूची में विज्ञापित रिक्तियों की सीमा तक वरीयता के आधार पर परीक्षण सहायक के नियमित पद पर नियुक्ति हेतु ऑफर लेटर दिया गया था। (ग) नियमित आधार पर परीक्षण सहायक के पद पर नियुक्ति हेतु दिनांक 30.04.2013 को जारी किये गये ऑफर लेटर में 6 माह की प्रशिक्षण अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर नियमित करने का प्रावधान था, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन विज्ञापित नियमित रिक्त पदों के विरुद्ध नियुक्त परीक्षण सहायकों को नियमानुसार नियमित किया जा चुका है। अतः प्रश्न नहीं उठता।
स्थाई कनेक्शन के संबंध में
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 2244 ) श्री पी.सी. शर्मा [ श्री राकेश मावई ] : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यू विशाल नगर, मेंडोरी रोड, नीलबड़, भोपाल के रहवासियों को मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के द्वारा स्थाई कनेक्शन दिया गया था? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या स्थिति है और यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें। (ख) क्या स्थाई कनेक्शन देने के पूर्व विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जांच नहीं की गई थी? क्या उपरोक्त कालोनी के रहवासियों को अस्थाई कनेक्शन करने से पूर्व नोटिस दिया गया? यदि नोटिस दिया गया तो रहवासियों को सुनने से पूर्व ही कनेक्शन स्थाई क्यों कर दिया गया? (ग) क्या मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत कंपनी लिमिटेड रातीबड़ सब स्टेशन की समस्त कालोनियों अविद्युतीकृत हैं, अथवा कुछ कालोनी विद्युतीकृत हैं? अविद्युतीकृत एवं विद्युतीकृत कालोनी में क्या अंतर है? क्या अविद्युतीकृत कालोनी में स्थाई विद्युत की व्यवस्था नहीं की जाती है? उक्त सब स्टेशन के अंतर्गत कितनी कालोनी हैं जो अविद्युतीकृत हैं और कितने कनेक्शन स्थाई दिये गये है? (घ) क्या उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गयी जिन्होंने अनाधिकृत रूप से अनाधिकृत कालोनी में स्थाई कनेक्शन दिया? क्या ऐसे भी स्थाई कनेक्शन दिये गये हैं जिनके नाम एवं पता दूसरी कालोनी/अन्य जगह का हो और कनेक्शन रातीबड़ सब स्टेशन से दिया गया हो अथवा पता विद्युतीकृत कालोनी का दिया हो और कनेक्शन अन्य कालोनी में दिया गया हो?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत रातीबड़ वितरण केन्द्र द्वारा न्यू विशाल नगर मेंडोरी रोड नीलबड़ में 06 स्थाई विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये थे, जो कि वर्तमान में अस्थाई विद्युत कनेक्शन है। (ख) स्थाई विद्युत कनेक्शन देने से पूर्व स्थल का निरीक्षण म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कराया गया था। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन क्षेत्र स्थित विशाल नगर फेस-1 जो कि विद्युतीकृत कॉलोनी है एवं न्यू विशाल नगर कॉलोनी जो कि अविद्युतीकृत है, के बीच जिस स्थान पर उक्त स्थाई विद्युत कनेक्शन दिये गये थे, उस स्थान पर कोई भी विभाजन दीवार अथवा ऐसी कोई निशानी नहीं थी जिससे निरीक्षणकर्ता को ज्ञात हो सके कि उक्त कॉलोनी अविद्युतीकृत है। उक्त अस्पष्टता के कारण अविद्युतीकृत न्यू विशाल नगर कालोनी में पूर्व में त्रुटिवश 06 स्थाई कनेक्शन प्रदान किये गये थे। उक्त तथ्य म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में आने पर उक्त 06 स्थाई विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं को ''नोटिस'' के माध्यम से वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए उक्त कालोनी के विद्युतीकरण से संबंधित दस्तावेज रातीबड़ वितरण केन्द्र को उपलब्ध कराने अन्यथा स्थाई विद्युत कनेक्शनों को अस्थाई में परिवर्तित किये जाने के संबंध में सूचित किया गया था। किन्तु उपरोक्त 6 स्थाई विद्युत कनेक्शन उपभोक्ताओं द्वारा वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण सभी 6 स्थाई कनेक्शनों को अस्थाई विद्युत कनेक्शनों में परिवर्तित कर दिया गया। (ग) जी नहीं, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के वितरण केन्द्र रातीबड़ अन्तर्गत समस्त कालोनियां अविद्युतीकृत नहीं है। विद्युत प्रदाय संहिता 2021 के अध्याय-4 के खण्ड (ख) की कंडिका-4.37 से 4.39 एवं म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत विनियम, 2009 आर.जी.31 (I) दिनांक 07.09.2009, जिनकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र-'ब' अनुसार है, के प्रावधानों के अनुसार ऐसी कॉलोनी जिसमें आवेदक/ कालोनाईजर/रहवासी समिति द्वारा समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरांत स्वयं के व्यय पर विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने हेतु आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना निर्माण का कार्य करा लिया जाता है, ऐसी कॉलोनी को विद्युतीकृत कालोनी कहा जाता है एवं जिस कॉलोनी में उक्त वैधानिक प्रावधानों के अनुसार विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना विद्यमान नहीं है, ऐसी कॉलोनी अविद्युतीकृत श्रेणी में आती है। अविद्युतीकृत कालोनी में नियमानुसार अस्थाई कनेक्शन ही प्रदान किये जा सकते हैं। वितरण केन्द्र रातीबड़ अन्तर्गत कुल 57 कॉलोनी है, जिनमें से 12 विद्युतीकृत एवं 45 अविद्युतीकृत कॉलोनी है। वर्तमान में समस्त अविद्युतीकृत कालोनियों में अस्थाई कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं। (घ) जी हाँ, म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के संज्ञान में आने पर अनाधिकृत रूप से अनाधिकृत कॉलोनी में स्थायी कनेक्शन दिये जाने के संबंध में वितरण केन्द्र रातीबड़ अन्तर्गत पदस्थ 02 सहायक प्रबंधक एवं 01 प्रबंधक को स्पष्टीकरण तथा 01 सहायक राजस्व अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं। वितरण केन्द्र रातीबड़ अन्तर्गत प्रश्नाधीन उल्लेखित ऐसे कोई भी स्थाई कनेक्शन प्रदाय नहीं किये गये है, जिनके नाम एवं पता दूसरी कॉलोनी/अन्य जगह का हो और कनेक्शन रातीबड़ वितरण केन्द्र से दिया गया हो अथवा पता विद्युतीकृत कॉलोनी का दिया हो और कनेक्शन अन्य कॉलोनी में दिया गया हो।
पथरिया केरबना एवं केरबना बटियागढ़ पहुंच मार्ग
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 2253 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पथरिया से केरबना एवं केरबना से बटियागढ़ पहुंच मार्ग के निर्माण की कोई योजना विचाराधीन है? (ख) यदि नहीं, तो यह महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण हेतु सड़क विकास प्राधिकरण विचार क्यों नहीं कर रहा है? (ग) यदि हाँ, तो इसके निर्माण पर कब तक अमल किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) आवश्यक मरम्मत कर सड़क ठीक किये जाने की कार्य योजना के कारण निर्माण हेतु विचार नहीं किया जा सकता। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टोल नाकों पर टैक्स वसूली
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 2260 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में विभिन्न मार्गों पर टोल टैक्स एकत्रित करने हेतु टोल नाके स्थापित किये गये हैं? यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग के कुल कितने मार्गों पर कितने-कितने टोल नाके संचालित हैं? (ख) क्या इन मार्गों पर वाहन चालकों से टोल टैक्स वसूला जाता हैं? यदि हाँ, तो किस-किस वाहन की कितनी-कितनी राशि का टैक्स 24 घण्टे में कितनी-कितनी बार वसूलने का नियम हैं? (ग) क्या कई मार्गों पर 24 घण्टे में नियम विरूद्ध टैक्स बार-बार वसूला जाता हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इस संबंध में संबंधितों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हां। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ख) जी हां। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम अंतर्गत सभी मार्गों पर एकल फेरे पर टोल लेने का नियम है। 24 घंटे का प्रावधान किसी भी टोल रोड पर नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'क' अनुसार। (ग) प्रश्नांश-'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी राशि के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 2267 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में पब्लिक के सहयोग से जनसुविधाओं के विस्तार हेतु जनभागीदारी मद में विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है? वर्षवार बताएँ। (ख) अलीराजपुर नगर में जनभागीदारी राशि से कब-कब तथा कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? (ग) क्या जनभागीदारी राशि कम मात्रा में प्रदाय की जा रही है, जिससे जो निर्माण कार्य प्रचलन में हैं, वह अधूरे पड़े हैं? क्या शासन जनभागीदारी मद से कराये जाने वाले कार्यों हेतु पर्याप्त राशि मुहैया करायेगा तथा कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अलीराजपुर जिले की नगर पालिका परिषद अलीराजपुर, नगर परिषद चन्द्रशेखर आजाद नगर (भाबरा) एवं नगर परिषद जोवट में पब्लिक के सहयोग से, जनसुविधाओं के विस्तार हेतु, जनभागीदारी मद में, विगत तीन वर्षों में राशि प्रदाय नहीं की गई है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 2269 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका क्षेत्र अलीराजपुर में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्होंने की प्रधानमंत्री आवास हेतु आवेदन नगर पालिका को किया है, परंतु उन्हें अभी तक भी आवास आवंटित नहीं हुआ है? उन सभी हितग्राहियों की सूची नाम,पता,मोबाइल नंबर,वार्ड नंबर, नहीं मिलने का कारण सहित देवें। (ख) उक्त हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों ने आवास नहीं मिलने पर नगर पालिका, 181 सी.एम. हेल्पलाइन अन्य किसी जगह शिकायत की हैं। उन शिकायतों की वर्तमान में क्या स्थिति है? उनकी सूची देवें। (ग) अलीराजपुर नगर पालिका क्षेत्र में ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनको की 2 वर्ष पूर्व पी.एम. आवास स्वीकृत हुआ था, परंतु प्रश्न दिनांक तक उन्हें प्रधानमंत्री आवास की पूरी किश्ते प्राप्त नहीं हुई हो? उनकी सूची नाम,पता,मोबाइल नंबर किश्त नहीं मिलने का कारण सहित देवें। (घ) अलीराजपुर नगर पालिका क्षेत्र में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें की अपात्र कर दिया गया है, जबकि उनका कोई और मकान नहीं है, उनकी सूची देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) नगर पालिका क्षेत्र में आवेदित परिवारों में से 868 हितग्राही अपात्र पाये गये। मकान है अथवा नहीं इस प्रारूप में जानकारी संधारित नहीं की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत राशि का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 2270 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत अलीराजपुर जिले को कुल कितनी राशि प्रदान की गयी है? वर्षवार प्राप्त राशि का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि अनुसार, मदवार, व्यय राशि का विवरण देवें एवं योजना के संबंध में कार्यालय में प्राप्त शिकायतों एवं उनके जांच प्रतिवेदन उपरान्त की गई कार्यवाही की जानकारी प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में देवें? (ग) मदवार व्यय राशि में से कुल कितनी राशि शासकीय एजेंसियों के अतिरिक्त गैर सरकारी संगठनों को जारी की गयी है? वर्षवार, निकायवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में गैर सरकारी संगठनों को जारी कार्यादेश, स्वीकृति भुगतान कार्यादेश जारी करने हेतु अपनायी गयी प्रकिया की जानकारी देवें। (ङ) प्रश्नांश (ग) में जारी राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित निविदा का विवरण वर्षवार, निकायवार, कार्यवार प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) गैर सरकारी संगठनों को जारी कार्यादेश के लिये नगर पालिका के प्रचलित निर्माण संबंधित अन्य गतिविधियों के समान प्रक्रिया अपनाई गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है।
नगरीय निकायों की राजस्व आय
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 2272 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका सारंगपुर एवं नगर परिषद् पचोर में निकाय निधि के अंतर्गत आने वाले संपत्ति कर, जल कर तथा अन्य करों से दिनांक 01.04.2021 से 31.01.2022 तक कुल कितनी राशि वसूली हुई? प्रत्येक करों से माहवार राजस्व वसूली की शहरवार जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निकाय निधि से प्राप्त राशि को किस-किस कार्य को संपादन कराने में व्यय की गयी? निकायवार, प्रतिदिन व्यय राशि, किस कार्य के लिए व्यय की गयी राशि की जानकारी से अवगत करावें। (ग) क्या निकाय निधि से प्राप्त राशि के अतिरिक्त किसी अन्य योजना/मद की राशि भी प्राप्त की गयी है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में दर्शित अवधि में किस-किस योजना की कितनी-कितनी राशि प्राप्त की गयी है, की निकायवार, योजनावार, माहवार प्राप्त की गयी राशि की जानकारी से अवगत करावें एवं किस-किस कार्य का भुगतान किस-किस एजेन्सी को कितनी-कितनी राशि का किया गया है? माहवार व्यय की गयी राशि की जानकारी से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
सहायक प्राध्यापक की पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
46. ( क्र. 2273 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय सारंगपुर एवं वीर सावरकर महाविद्यालय पचोर में प्राचार्य, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक के कितने पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने पद भरे एवं कितने पद कब से रिक्त है? महाविद्यालयवार विषयवार जानकारी देवें? (ख) नियमित रिक्त पद के विरुद्ध कितने पद अतिथि विद्वानों से भरे गए है? महाविद्यालयवार विषयवार रखे गये अतिथि विद्वानों की जानकारी देवें एवं कितने पद रिक्त हैं? विषयवार जानकारी से अवगत करावें। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। अतिथि विद्वानों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रक्रिया निरंतर प्रचलन में है। रिक्त पदों की पूर्ति की समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
पी.डब्ल्यू.डी. एवं पी.आई.यू.की जानकारी
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 2303 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा में पी.डब्ल्यू.डी. एवं पी.आई.यू. विभाग द्वारा 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक सड़कों एवं भवनों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो गंधवानी विधानसभा अंतर्गत विकासखण्ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में कौन-कौन सी सड़के एवं भवनों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? विकासखण्ड, कार्यवार, वर्षवार एवं राशिवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) उक्त निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक की स्थिति में पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत है, स्थिति बतावें? पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत कार्यों की सूची उपलब्ध करावें? प्रगतिरत कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) उक्त कार्यों की राशि का भुगतान कितना-कितना हुआ है एवं कितना-कितना शेष हैं? शेष भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? उक्त कार्य की मूल्यांकन पुस्तिका की प्रमाणित छायाप्रति एवं विभाग द्वारा किये गये भौतिक सत्यापन रिपोर्ट की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। मूल्यांकन पुस्तिका एवं भौतिक सत्यापन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग द्वारा संचालित योजनाएं
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
48. ( क्र. 2350 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं एवं उनके क्रियान्वयन हेतु क्या नियम/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2019-20 से फरवरी 2022 तक उपरोक्त् योजनाओं हेतु बजट में कितनी राशि का प्रावधान होकर जिला मुरैना की किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में दिया गया हैं? विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ को कितनी राशि किन-किन लोगों को दी गई, की जानकारी मय नाम, पता, ग्राम पंचायत, देयक राशि, वर्ष दिनांक, कार्य विवरण आदि सहित बतावें। क्या इन योजनाओं में बी.पी.एल., एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. को राहत देने का प्रावधान भी हैं, तो बताया जावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाएं एवं उनके नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) वर्ष 2019-20 तक योजनाओं में प्रावधानित बजट एवं विधानसभावार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो ''अ'' ''ब'' ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (ग) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। बी.पी.एल., एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. एवं सामान्य वर्ग के लिए प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है।
नगर पालिका, नगर निगम एवं नगर परिषदों में भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 2351 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा नगर पालिका, नगर निगम एवं नगर परिषदों में निर्माण कार्य आदि के भुगतान हेतु क्या नियमावली निर्धारित हैं? प्रति दी जावें। (ख) क्या अप्रैल से फरवरी 2022 तक नगर पालिका सबलगढ़ नगर परिषद झुण्डपुरा, जिला मुरैना में बिना अध्यक्ष/प्रशासक की सहमति के छोटे-छोटे कार्यों के आदेश जारी कर दिये गये हैं एवं सी.एम.ओ. द्वारा ही उक्त कार्यों के भुगतान कर दिये जाते हैं? जानकारी में संबंधित एजेंसी का नाम, अधिकारी का नाम व पद, देयक राशि, चैक क्रमांक दिनांक आदि सहित जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगर पालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 के नियम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अप्रैल से फरवरी 2022 तक नगर पालिका सबलगढ़ एवं नगर परिषद झुण्डपुरा ने म.प्र. नगर पालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 अनुसार गैर आवर्ती कार्यों का प्रशासक/अध्यक्ष की बिना सहमति के कोई भी कार्य का आदेश जारी नहीं किया है और न ही कोई भुगतान किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आभाना तेंदूखेड़ा मार्ग की लाइन शिफ्टिंग कार्य के जांच
[ऊर्जा]
50. ( क्र. 2363 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के आभाना तेंदूखेड़ा मार्ग पर एल.टी. 11 kva एवं 33 kva लाइन शिफ्टिंग का कार्य किस एजेंसी द्वारा कराया गया है? उक्त कार्य में प्राक्कलन अनुसार कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार लाइन शिफ्टिंग में जो खंबे खड़े किए गए हैं उसमें गड्ढा खुदाई, सीमेंट कांक्रीट का कार्य प्राक्कलन अनुसार नहीं किया गया है, ना ही अर्थिंग बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जांच की गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या इसकी जांच कराकर क्रियान्वयन एजेंसी एवं संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दमोह जिले में आभाना से तेंदूखेडा मार्ग पर 33 के.व्ही., 11 के.व्ही. एवं एल.टी. लाईन की शिफ्टिंग का कार्य म.प्र.रोड डेवलपमेन्ट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। उक्त कार्य हेतु रू. 43.40 लाख, रू. 118.87 लाख एवं रू. 30.38 लाख राशि के 3 प्राक्कलन स्वीकृत हुये हैं। इस कार्य का सुपरविजन पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जा रहा है। उक्त कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है, अत: स्वीकृत प्राक्कलनों के विरूद्ध व्यय की गई कुल राशि की जानकारी वर्तमान में दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त कार्य के सुपरविजन के दौरान लाईन निर्माण कार्य में पायी गयी कमियों के निराकरण हेतु संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है। प्रश्नाधीन कार्य में से आंशिक कार्य पूर्ण हुआ है, जिसके सुपरविजन में पाई गई कमियों/त्रुटियों के निराकरण की कार्यवाही की जा रही है। उक्त समस्त कार्य पूर्ण होने पर, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में उक्त लाईनों के कार्य के हस्तांतरण से पूर्व सुपरविजन में पाई गई समस्त कमियों/त्रुटियों को संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी से ठीक करा लिया जायेगा। अत: वर्तमान स्थिति में किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
मजरे टोलो को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 2406 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिला अन्तर्गत सुदूर क्षेत्रों के मजरे टोलो पर घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो देवास जिला अन्तर्गत बागली विधानसभा क्षेत्र के सुदूर क्षेत्रों में मजरे टोलों पर घरेलू उपभोक्ताओं को कहां-कहां किन ग्रामों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या कई गांवों में प्रश्न दिनांक तक भी घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे थ्री फेस बिजली नहीं देने की शिकायतें ग्रामीणों द्वारा की गई हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या मजरे टोलों तक फीडर सेपरेशन का कार्य करा लिया गया है? यदि हाँ, तो कहां-कहां कार्य कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों नहीं कराया गया? कारण स्पष्ट करें। कार्य नहीं करने के कारण ग्रामीणों को हो रही असुविधा के लिये दोषियों पर कोई कार्यवाही कि जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) देवास जिले के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों और उनके चिन्हित मजरों/टोलों के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) देवास जिले के अंतर्गत बागली विधानसभा क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों के घरेलू उपभोक्ताओं को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिसकी ग्रामों/मजरों/टोलों के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे थ्री फेस बिजली नहीं देने की कोई भी शिकायत ग्रामीणों द्वारा नहीं की गई है। (घ) जी हां, देवास जिला अंतर्गत कुल 278 नग 11 के.व्ही. मिश्रित फीडरों में से 271 नग 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध राजस्व ग्रामों के समस्त मजरों/टोलों में फीडर सेपरेशन का कार्य किया जा चुका है, जिनकी ग्रामों/मजरों/टोलों के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में केवल उदयनगर वितरण केन्द्र अंतर्गत शेष 7 नग 11 के.व्ही. मिश्रित फीडर सघन वन क्षेत्र में स्थित होने एवं इन फीडरों से संबद्ध भार कम होने के कारण इनके विभक्तिकरण का कार्य नहीं कराया गया है एवं इनसे संबंधित ग्रामों/मजरों में अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन थ्री फेज पर 10 घंटे एवं सिंगल फेज पर 14 घंटे इस प्रकार से कुल 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगरीय विकास एवं आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 2448 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम सिंगरौली में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के जो रिक्त पद हैं तो विभाग द्वारा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती सिंगरौली जिले स्तर पर की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या नगरीय विकास एवं आवास नियम बनाकर तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की भर्ती जिले स्तर पर जिले के मूल निवासी से ही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा शर्तें) नियम 2000 के नियम 8 ''ख'' अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती हेतु चयन की कार्यवाही मध्यप्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। तदानुसार कार्यवाही हेतु व्यापम की ओर जानकारी भेजी गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चितरंगी नगर परिषद का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 2449 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सिंगरौली के द्वारा नगर परिषद् के लिए जो प्रस्ताव भेजे गये हैं उनमें तहसील देवसर से नगर परिषद देवसर एवं तहसील चितरंगी से नगर परिषद चितरंगी का गठन होना है, जबकि माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा चितरंगी में चितरंगी को नगर परिषद बनाने की घोषणा की गई है लेकिन आज दिनांक तक नगर परिषद बनाने का गजट प्रकाशन नहीं हुआ है यदि हाँ, तो कब तक गजट में प्रकाशन होगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा क्रमांक सी-0995 दिनांक 04.10.2021 के माध्यम से ''चितरंगी को नगर पंचायत बनाया जायेगा'' की घोषणा की गई है। विभाग की अधिसूचना क्रमांक 64-एफ-1-19-2009 अठारह-3 भोपाल, दिनांक 27.12.2011 द्वारा निर्धारित मापदण्ड़ पूर्ण करने पर नगर परिषद गठन किये जाने का प्रावधान है। कलेक्टर सिंगरौली से प्रस्ताव प्राप्त हो गया है, जो शासन स्तर पर परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 2452 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सिंगरौली विधानसभा अंतर्गत नगर पालिक निगम सिंगरौली में कुल कितने पद रिक्त हैं? उनकी पूर्ति कब तक होगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम सिंगरौली में रिक्त पदों की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति का प्रस्ताव प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (पी.ई.बी.) को भेजा गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मेजर डिस्ट्रीक रोड़ एवं राष्ट्रीय राजमार्ग
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 2528 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल से हरदा मार्ग को मेजर डिस्ट्रीक रोड किस दिनांक को घोषित किया गया? राष्ट्रीय राजमार्ग किस दिनांक को घोषित किया, राज्य मार्ग किस दिनांक को घोषित किया किस मार्ग की कितनी-कितनी चौड़ाई निर्धारित की गई? (ख) वनग्राम टांडा, कुरसना, गवासेन, खोखराखेड़ा एवं ढेकना में एम.डी.आर. के लिए कितनी भूमि एवं एन.एच.आई. के लिए कितनी भूमि वन विभाग से किस आदेश क्रमांक दिनांक से प्राप्त कर ली, कितनी-कितनी चौड़ाई का मार्ग किस अवधि में निर्मित किया गया? (ग) वनग्रामों की मार्ग निर्माण हेतु प्राप्त की गई भूमि खसरा पंजी में किस-किस किसान के नाम पर दर्ज बताई गई है? उस किसान को भूमि का मुआवजा दिये जाने का प्रकरण किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं बनाया गया? (घ) वनमण्डल में उपलब्ध खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र के आधार पर मार्ग निर्माण से प्रभावित किसानों के मुआवजा का प्रकरण कब तक बनाकर प्रस्तुत किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 1980 के पूर्व। राष्ट्रीय राजमार्ग दिनांक 12.10.2000 को। यह मार्ग एम.डी.आर. से सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने से पूर्व इस मार्ग की चौड़ाई 3.75 मीटर थी। राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने के पश्चात टू लेन निर्धारित मापदण्डानुसार 7 मीटर चौड़ा किया गया था। वर्ष 2019 में मार्ग को टू लेन विथ पेव्हड शोल्डर 10 मीटर चौड़ा किया गया। (ख) एम.डी.आर. हेतु वन विभाग से कोई व्यय पर्वतन नहीं किया गया। भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पत्र दिनांक 07.02.2018 के द्वारा भारत माला परियोजना के अंतर्गत एन.एच.ए.आई. को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। एन.एच.ए.आई.. से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार।
एन.एच. 59 ए. का निर्माण
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 2529 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 59 ए. बैतूल, हरदा एवं इंदौर को शासन ने किस-किस अवधि में किस-किस श्रेणी का मार्ग घोषित कर उसकी न्यूनतम चौड़ाई कितने फुट निर्धारित की हैं? लोक निर्माण विभाग ने कितने फुट की चौड़ाई में एन.एच. 59 ए. का निर्माण किया है? यह मार्ग एन.एच.आई. को किस अधिसूचना क्रमांक दिनांक या आदेश क्रमांक दिनांक से अन्तरित किया? (ख) वनग्राम टांडा, कुरसना, गवासेन, खोखराखेड़ा, ढ़ेकना में मार्ग की कितनी चौड़ाई निर्धारित की गई इसके लिए वन विभाग ने किस ग्राम की कितनी आरक्षित वन भूमि पर सड़क निर्माण की अनुमति किस आदेश क्रमांक दिनांक से प्राप्त की गई? (ग) वनग्राम में बनाई गई, सड़क के दौरान वनग्राम नियम 1977 के तहत् आवंटित किस पट्टाधारी की कितनी भूमि, वर्ष 1980-81 में बनाए गए पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में किसके नाम पर दर्ज कितनी भूमि का उपयोग किया गया? उसके अर्जन का प्रस्ताव किस दिनांक को प्रस्तुत किया? (घ) वनग्राम के काबिजों, पटटेधारियों, अधिकार पत्र धारकों की भूमि अर्जित करने का प्रयास प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रस्तुत नहीं किए जाने का क्या कारण हैं? यह प्रस्ताव कब तक प्रस्तुत कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 1980 के पूर्व एम.डी.आर. श्रेणी का था। राष्ट्रीय राजमार्ग 12.10.2000, यह मार्ग एम.डी.आर. से सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने से पूर्व इस मार्ग की चौड़ाई फूट में नहीं अपितु 3.75 मीटर थी। राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने के पश्चात टू लेन निर्धारित मापदण्डानुसार 7 मीटर चौड़ा किया गया था। वर्ष 2019 में मार्ग को टू लेन विथ पेव्हड शोल्डर 10 मीटर चौड़ा किया गया। भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पत्र दिनांक 07.02.2018 के द्वारा भारत माला परियोजना के अंतर्गत एन.एच.ए.आई. को निर्माण ऐजेंसी नियुक्त किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) एम.डी.आर. हेतु वन विभाग से कोई व्यय पर्वतन नहीं किया गया। प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार है। एन.एच.ए.आई. से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार।
शासकीय संपत्ति नष्ट करने वालों के खिलाफ कार्यवाही
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 2629 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1066 दिनांक 23.12.2021 के उत्तरांश (घ) के पालन में नियमानुसार जांच एवं कार्यवाही के आदेश जारी किए जा चुके हैं, यदि हाँ, तो जारी आदेश की प्रति देवें? (ख) यह विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1066 दिनांक 23.12.2021 के उत्तरांश (ग) में विभाग के द्वारा यह स्वीकार किया जा चुका हैं कि शासकीय संपत्ति को नियम विरूद्ध तोड़ा जाकर उसे नुकसान पहुंचाया गया हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हां, तो विभाग के द्वारा क्या इस संबंध में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करते हुए अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी हैं? यदि हाँ, तो रिपोर्ट की प्रति देवें। यदि नहीं, कि गई तो अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध सूचना रिपोर्ट दर्ज करने से कौन सा कानून रोक रहा हैं? विस्तृत प्रतिवेदन विधि विभाग के अभिमत सहित देवें। (घ) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1066 दिनांक 23.12.2021 में प्रश्नकर्ता के द्वारा माननीय विधानसभा अध्यक्ष महोदय के समक्ष दर्ज आपत्ति पर क्या घटना के साक्षी से साक्ष्य एकत्र किया जा चुका है? यदि साक्ष्य नहीं लिया गया है तो इसके जिम्मेदार अधिकारी का नाम, पदनाम बतावें एवं दोषियों को बचाने के लिए विभाग संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) अपितु एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु थाना प्रभारी थाना पानसेमल को दिनांक 08.03.2022 को लिखा गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, दर्ज आपत्ति की जानकारी संज्ञान में नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
100 रूपये में 100 यूनिट बिजली योजना
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 2631 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग सेंधवा में इंदिरा गृह ज्योति योजना में माह मार्च 2020 में घरेलू श्रेणी के कुल कितने उपभोक्ताओं को उक्त योजना का लाभ प्रदान किया गया था उनकी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) संचालन-संधारण संभाग सेंधवा में इंदिरा कृषि ज्योति योजना में माह मार्च 2020 में कृषि श्रेणी के 10 हार्स पावर तक के संयोजित भार वाले कुल कितने उपभोक्ताओं को उक्त योजना का लाभ प्रदान किया गया था उनकी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) संचालन-संधारण संभाग सेंधवा में इंदिरा गृह ज्योति योजना में तथा इंदिरा कृषि ज्योति योजना के अन्तर्गत माह जनवरी 2022 में घरेलू श्रेणी एवं कृषि श्रेणी के 10 हार्स पावर तक की संयोजित भार वाले कुल कितने उपभोक्ताओं को उक्त योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है उनकी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) संचालन-संधारण संभाग सेंधवा में माह जनवरी,2019 से माह जनवरी 2022 तक सिंचाई प्रयोजन के कुल कितने कनेक्शन काटे गये है उनकी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें (ड.) क्या ऊर्जा विभाग जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए बिजली बिलों में छूट संबंधी कोई योजना बनायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण संभाग सेंधवा में अटल गृह ज्योति योजना (पूर्ववर्ती इंदिरा गृह ज्योति योजना) अंतर्गत माह मार्च 2020 में घरेलू श्रेणी के कुल 122692 विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ प्रदान किया गया है, जिनकी वितरण केंद्रवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) संचालन-संधारण संभाग सेंधवा में अटल किसान ज्योति योजना (पूर्ववर्ती इंदिरा किसान ज्योति योजना) में माह मार्च 2020 में कृषि श्रेणी के 10 हार्सपावर तक के संयोजित भार वाले कुल 11800 उपभोक्ताओं को लाभ प्रदान किया गया है, जिनकी वितरण केन्द्रवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) संचालन-संधारण संभाग सेंधवा में अटल गृह ज्योति योजना तथा अटल किसान ज्योति योजना के अन्तर्गत माह जनवरी 2022 में घरेलू श्रेणी एवं कृषि श्रेणी के क्रमश: कुल 95460 एवं कुल 12463 उपभोक्ताओं को लाभ प्रदान किया गया है, जिनकी वितरण केन्द्रवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) संचालन-संधारण संभाग सेंधवा में माह जनवरी 2019 से माह जनवरी 2022 तक की अवधि में सिंचाई प्रयोजन के कुल 1254 विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन काटे गये है, जिनकी वितरण केन्द्रवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ड.) वर्तमान में राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के कृषि श्रेणी के एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले उपभोक्ताओं को 05 हार्सपॉवर तक के सिंचाई कनेक्शन हेतु निःशुल्क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। साथ ही राज्य शासन द्वारा “अटल गृह ज्योति योजना” में टैरिफ श्रेणी एल.वी. 1.1 के अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक की मासिक खपत हेतु मात्र 25 रुपये का देयक दिया जाता है तथा देयक के अंतर की राशि योजनानुसार राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनी को सब्सिडी के रुप में देय होती है। उक्त के अतिरिक्त अन्य कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
महाविद्यालय में निर्माण कार्य
[उच्च शिक्षा]
59. ( क्र. 2669 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से फरवरी 22 तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन महाविद्यालयों में कक्ष निर्माण बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई? उक्त निर्माण कार्य की क्या स्थिति है? (ख) किन-किन महाविद्यालयों में उक्त अवधि में खेल मैदान निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब आहरित की गई तथा किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) किन-किन महाविद्यालयों में कम्प्यूटर लायब्रेरी का निर्माण किया गया तथा कितनी राशि व्यय हुई किन-किन महाविद्यालयों द्वारा आवंटित राशि का उपयोग नहीं किया गया तथा क्यों? (घ) वर्ष 2018-19 से फरवरी 22 तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्रोफेसर एवं अन्य कर्मचारियों की विभाग के द्वारा किन-किन शिकायतों की जांच की गई तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) वर्ष 2018 -19 से फरवरी 2022 तक की अवधि में रायसेन जिले के 04 महाविद्यालयों को अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु राशि रूपये 1807.11 लाख एवं 02 महाविद्यालयों को बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु राशि रूपये 108.91 लाख स्वीकृत की गई है। निर्माण कार्य प्रगतिरत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में किसी भी महाविद्यालय को खेल मैदान निर्माण हेतु राशि स्वीकृत नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कम्प्यूटर लाईब्रेरी निर्माण हेतु राशि स्वीकृत नहीं की गई है। 03 महाविद्यालयों को ई-लाईब्रेरी रिसोर्स की स्थापना हेतु राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें से 02 महाविद्यालयों द्वारा स्वीकृत राशि रूपये 13,01,800 का व्यय किया गया है। 01 महाविद्यालय द्वारा आवंटित राशि रूपये 7,82,138 का उपयोग नहीं किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्य
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 2670 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल तथा भवनों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं, अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना था, विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्य पूर्ण करवाने के संबंध में क्या-क्या प्रयास तथा कार्यवाही की गई? (ख) रायसेन जिले में मुख्य बजट 2018-19, अनुपूरक बजट 2020-21 तथा मुख्य बजट 2021-22 में स्वीकृत किन-किन पुल तथा सड़कों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित क्यों नहीं हुई कारण बताये तथा कब तक निविदा आमंत्रित होगी? (ग) रायसेन जिले में वर्ष 2017-18 से फरवरी 2022 तक की अवधि में कार्यपालन यंत्री द्वारा किन-किन सड़कों का कार्य पूर्णता: प्रमाण पत्र कब-कब जारी किया उनमें से किन-किन सड़कों का कार्य अपूर्ण हैं, कार्य अपूर्ण रहने की स्थिति में कार्य पूर्णत: प्रमाण पत्र क्यों जारी किया? (घ) रायसेन जिले में वर्ष 2018-19 फरवरी 2022 तक की अवधि में परफारमेंस गारण्टी की अवधि में किन-किन सड़कों की मरम्मत तथा पटरी की साफ-सफाई विभाग के अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं करवाई गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। निविदा आमंत्रित करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 2696 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की बड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ढीमरखेड़ा ब्लॉक के इमलई से सुनारखेड़ा मार्ग के निर्माण हेतु शासन से स्वीकृति कब मिली है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य की यदि शासन से स्वीकृति मिली है तो इसकी कुल लंबाई और चौड़ाई क्या निर्धारित की गई है? (ग) क्या इस मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है? यदि चल रहा है तो कितना कार्य पूर्ण हो गया है, कितना शेष है? प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान किया गया? उक्त कार्य किस ठेकेदार को दिया गया है? इस्टीमेट, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासनिक स्वीकृति की प्रतियां उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग लोक निर्माण विभाग के अधीन नहीं है, अपितु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग कटनी के अधीन है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 2697 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की बड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास के लिये पात्र कुल कितने परिवारों को प्रश्न दिनांक तक आवास अप्राप्त हैं? (ख) आवास प्राप्त न होने का कारण बतलावें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार पात्र परिवारों को आवास कब तक प्रदान कर दिये जायेंगे? यदि पात्र परिवारों को प्रश्न दिनांक तक आवास प्रदान नहीं हुए तो इसके लिए कितने दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित हुई? कार्यवाही नहीं हुई तो न होने का कारण क्या रहा? भविष्य में ऐसे दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही कब की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कटनी जिले की बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में नगरीय निकाय सम्मिलित नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत कुल 52 पात्र परिवारों को विभिन्न कारणों से प्रश्न दिनांक तक आवास प्रदाय नहीं किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आवास प्राप्त न होने के कारण संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी परिशिष्ट अनुसार है। उल्लेखित कारणों का नियमानुसार समाधान होने के उपरांत आवास प्रदान किये जा सकेंगे। शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है।
राजस्व अधिकारियों के कार्य और भूमियों का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 2712 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस प्रकार से भूमियों का विक्रय अवैध कॉलोनी निर्माण की श्रेणी में आता हैं और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अवैध कॉलोनी के भूखण्डों के विक्रय पर रोक लगाने और कार्यवाही का अधिकार किन-किन सक्षम प्राधिकारियों को होता हैं और किस-किस पर किन-किन अधिनियिमों एवं नियमों की कौन-कौन धाराओं में क्या-क्या दंडात्मक एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा सकती हैं? (ख) क्या पन्ना और कटनी जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में विगत 03 वर्षों में समुचित अनुज्ञा और अनुमति के बिना कृषि भूमियों को आवासीय उपयोग के भूखंडों में विभक्त कर विक्रय करना और अवैध कॉलोनी का निर्माण करना पाया गया? यदि हाँ, तो किन-किन तहसीलों के किन-किन पटवारी हल्का नंबरों की किन-किन खसरा नंबरों की भूमियों में और प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अवैध कॉलोनियों का निर्माण होना किस प्रकार और कब-कब ज्ञात हुआ? उस दौरान कौन-कौन अधिकारी संबंधित क्षेत्रों में कार्यरत रहे? क्या विक्रय किए गए भूखण्डों का नामांतरण भी किया गया? यदि हाँ, तो क्यों और किन-किन सक्षम प्राधिकारियों के किन-किन आदेशों से, जबकि कई प्रकरणों में भूमि के खसरा के कालम क्रमांक 12 में अहस्तांतरणीय दर्ज करने और नामांतरण पर रोक लगाने के आदेश जिला कलेक्टर द्वारा किए गए हैं? (ड.) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या बिना व्यपवर्तन भूमि के भूखण्डों में विभक्त कर विक्रय किए जाने और अवैध कॉलोनी की जानकारी होने पर भी सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कार्यवाही ना करने का संज्ञान लेते हुये कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रचलित अधिनियम के उपबंधों के अधीन आवश्यक अनुज्ञा प्राप्त किये बिना भूमि को भूखण्डों में विभाजित कर विक्रय करना अनधिकृत कॉलोनी की श्रेणी में आता है। अनधिकृत रूप से कॉलोनी बनाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध ग्रामीण क्षेत्र में म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 61-घ एवं नगरीय क्षेत्र में नगरपालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 292-ग और म.प्र. नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 339-ग में सक्षम प्राधिकारी को दण्डात्मक कार्यवाही करने के लिए उपबंधित किया गया है। (ख) एवं (ग) नगरीय क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ड.) सक्षम प्राधिकारी को विधि अनुरूप कार्यवाही करना होती है। वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुष विभाग के कार्यरत स्टॉफ के अध्ययन के संबंध में
[आयुष]
64. ( क्र. 2722 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुष विभाग के अंतर्गत संचालित शा. स्वशासी आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, होम्योपैथिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय तथा यूनानी महाविद्यालय एवं चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्सकों को अध्ययन की अनुमति एवं अवकाश की पात्रता आती है? यदि हां, तो भोपाल स्थित उक्त महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में कार्यरत कितने-कितने और कौन-कौन से महाविद्यालय के चिकित्सकों ने वर्ष 2006 से 2021 तक अध्ययन की अनुमति एवं अवकाश लाभ प्राप्त किया है और यदि नहीं, तो क्यों? नियमावली के साथ स्पष्ट कारण बतायें। (ख) क्या आयुष विभाग के अंतर्गत संचालित शा. स्वशासी आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय होम्योपैथिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय तथा यूनानी महाविद्यालय एवं चिकित्सालय भोपाल में कार्यरत स्टॉफ नर्सेस को अध्ययन की अनुमति एवं अवकाश की पात्रता आती है? यदि हां, तो भोपाल स्थित उक्त महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में कार्यरत कितने-कितने और कौन-कौन से महाविद्यालय के स्टॉफ नर्सेस ने वर्ष 2006 से 2021 तक अध्ययन की अनुमति एवं अवकाश लाभ प्राप्त किया है और यदि नहीं, तो क्यों? नियमावली के साथ स्पष्ट कारण बतायें। (ग) क्या आयुष विभाग के अंतर्गत संचालित शा. स्वशासी आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय होम्योपैथिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय तथा यूनानी महाविद्यालय एवं चिकित्सालयों भोपाल में कार्यरत स्टॉफ नर्सेस एलोपैथी से जी.एन.एम. बी.एस.सी. तथा एम.एस.सी. उत्तीर्ण हैं? यदि हां, तो मध्यप्रदेश के उक्त समस्त महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में कार्यरत स्टाफ नर्सेस की 2020 की स्थिति में अंतरिम/अंतिम पदक्रम सूची बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या अध्ययन की अनुमति एवं अवकाश वरीयता क्रम में ज्येष्ठ को दिये जाने का नियम है? यदि हाँ, तो यूनानी महाविद्यालयों एवं चिकित्सालय भोपाल में कार्यरत स्टॉफ नर्स को क्या पात्रता आती है? यदि नहीं, तो किस नियम के आधार पर अध्ययन की अनुमति एवं अवकाश प्रदान किया? क्या नियम विरूद्ध भेजे गये कनिष्ठ स्टाफ नर्स को अध्ययन अवकाश से संबंधित समस्त प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे? यदि नहीं, तो क्या रिवर्ट किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त कर्मचारी के अध्ययन की अनुमति एवं अवकाश प्रदान करने से संबंधित समस्त प्रकार की जानकारी देवें और इससे संबंधित नियमावली बतायें।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल की पन्ना नगर की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 2725 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर में बैरसिया रोड पर पन्ना नगर नाम से मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल द्वारा नागरिकों को आवास एवं भूखण्ड उपलब्ध कराने के लिये वर्ष 2010 के बाद जो योजना शुरू की गई थी उसमें आज दिनांक तक कितने नगारिकों ने पंजीयन कराया है एवं उनके द्वारा कितनी राशि जमा कराई गई है? उसका विवरण पंजीयनकर्तावार दिया जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने पंजीयनकर्ताओं को आवास/भूखण्ड आवंटित कर दिया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनान्तर्गत जमाकर्ताओं को जमा राशि वापिस किये जाने पर ब्याज दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो ब्याज दर बताई जाये। यदि नहीं, तो कारण बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) वर्ष 2010 के उपरान्त बैरसिया रोड, देवकी नगर में 85 जूनियर एच.आई.जी. डुप्लेक्स एवं 110 जूनियर एच.आई.जी. डुप्लेक्स की योजना के पंजीयन क्रमशः दिनांक 21.08.2010 एवं 30.03.2011 को प्रारम्भ किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) जी नही। मण्डल द्वारा योजना निरस्त कर दी गई थी एवं निरस्तीकरण की सूचना पंजीयनकर्ता को पत्र के माध्यम से दे दी गई थी। (ग) जी हां। 8 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जाता है।
ग्वालियर शहर में एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट लगाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 2778 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी द्वारा किस आधार, आदेश एवं प्रक्रिया के तहत निगम सीमा क्षेत्र में एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य किया जा रहा है? एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट लगाने का उद्देश्य क्या है? (ख) खंबों पर स्ट्रीट लाइट लगाने हेतु क्या प्रक्रिया/मापदण्ड निर्धारित किये गये है? लगाई गई लाइट की गारंटी अवधि क्या है? एल.ई.डी. लाइटें लगाने हेतु क्या किसी निजी कंपनी को ठेका दिया गया है? यदि हां, तो किसे? अनुबंध की शर्तें क्या हैं? (ग) क्या नगर निगम ग्वालियर द्वारा शहर में कुछ सड़कों, पी.पी.पी. मोड के आधार पर विज्ञापन प्रदर्शन के एवज में एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट लगाने का अनुबंध किया गया है? यदि हाँ, तो कहां-कहां? क्या स्मार्ट सिटी द्वारा भी इन सड़कों पर एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट लगाई गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) स्मार्ट सिटी द्वारा एल.ई.डी. लाइटें कब से लगाना प्रारंभ किया? एल.ई.डी. लाइटें लगाने के पूर्व नगर निगम द्वारा प्रतिमाह कितनी राशि का बिजली का बिल जमा किया जा रहा था? अब प्रतिमाह कितना बिल जमा कराया जा रहा है? (ड.) स्मार्ट सिटी द्वारा ग्वालियर शहर में एल.ई.डी. लाइटें लगाने हेतु कितनी राशि का प्रोजेक्ट तैयार किया गया? उसमें से अभी तक कितना कार्य हो चुका है? कितना शेष है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी द्वारा निगम सीमा क्षेत्र में एल.ई.डी. स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य का आधार, आदेश, प्रक्रिया एवं उद्देश्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) नगर निगम विद्युत विभाग/म.प्र. ऊर्जा विभाग के प्रक्रिया/मापदण्ड के अनुसार खम्बों पर स्ट्रीट एल.ई.डी. लाईट लगायी जा रही है। EESL कम्पनी द्वारा लगाई गयी एल.ई.डी. स्ट्रीटलाईट फिक्सचर की वारंटी की अवधि सात वर्ष है। जी हाँ, भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम की कम्पनी EESL (Joint Venture Company) को एल.ई.डी. लाईटे लगाने हेतु दिनांक 18.12.2020 को ठेका दिया गया है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी एवं ई.ई.एस.एल. के मध्य हुये अनुबंध (शर्तें/प्रावधान) की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) नगर निगम ग्वालियर द्वारा शहर में कुछ सड़कों पर पी.पी.पी. मोड के आधार पर मोनोपाल लगाने हेतु अनुबंध किया गया है। स्थल की जानकारी निम्न अनुसार है:- 1. महलगेट से जयेनेंद्रगंज चौराहे तक 2. पड़ाव चौराहे से सिंधिया कन्या विद्यालय तक 3. अचलेश्वर रोड, सनातनधर्म मंदिर से नाट्य मंदिर रोड तक 4. हजीरा से श्याम वाटिका तक इन सड़कों पर अनुबंधित फर्म द्वारा विद्युत् संबंधी कार्य नहीं कराने से स्मार्ट सिटी द्वारा इन सड़कों पर LED लाइट निविदा अनुबंध अनुसार लगाये जाने का कार्य किया जा रहा है। LED लाइट बदलने से लगभग 40 प्रतिशत की बचत अनुमानित है। (घ) स्मार्ट सिटी द्वारा एल.ई.डी. लाईटें दिनांक 27.02.2021 से लगाना प्रारंभ किया है। नगर निगम द्वारा जनवरी 2021 में राशि रूपए 1,12,60,914 का भुगतान 599 पोइंटो का व फरवरी 2022 में रूपए 1,15,23,070 का भुगतान 7899 पोइंटो के लिए किया गया है। (ड.) स्मार्ट सिटी द्वारा ग्वालियर शहर में एल.ई.डी. लाईटें लगाने 26.40 करोड़ की राशि का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। माह फरवरी तक 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। लगभग 20 प्रतिशत कार्य शेष है।
अमृत-2 योजना अंतर्गत किये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 2779 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम ग्वालियर को 17-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अमृत योजना के तहत किये गये कार्यों की ड्राइंग डिजाइन एवं मेरजमेंट बुक उपलब्ध कराने के लिये लिखे गये पत्रों (पत्र क्र. 37/विधा./17-द.वि./दि. 23.01.2022 एवं पत्र क्र. 62/विधा./17-द.वि./दिनांक 07.02.2022) पर उत्तर दिनांक तक क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) ग्वालियर जिले में अमृत-2 योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य शामिल किए जा रहे हैं? इस योजन की अनुमानित लागत कितनी है? योजना में कार्यों को शामिल किए जाने हेतु क्या प्रक्रिया/आधार/मापदण्ड निर्धारित हैं? (ग) 17-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में अमृत-2 योजना के तहत कौन-कौन से कार्य शामिल किये गये हैं? इनकी अनुमानित लागत क्या है? (घ) ग्वालियर जिले में अमृत-2 योजना अंतर्गत शामिल किये गये कार्यों को किस आधार पर लिया गया? क्या किसी जनप्रतिनिधि से अनुमोदन/रायशुमारी की गई? यदि हाँ, तो किस-किस से विस्तृत विवरण उपलब्ध करायें। (ड.) जिले में योजना अंतर्गत शामिल किये गये कार्यों के संबंध में क्षेत्र/वार्डों में कोई सर्वेक्षण किया गया? यदि हां, तो कब एवं किसके द्वारा तथा किस आदेश से?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। रेसीडेंट इंजीनियर के पत्र क्रं. Egis India/E1WA1 MP003/20930/Water Supply-02/Gwalior/753, दिनांक 03.03.2022 से जल प्रदाय एवं सीवरेज कार्य की अद्यतन जानकारी के साथ-साथ मापपुस्तिका इत्यादि की जानकारी माननीय सदस्य को उपलब्ध कराई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) भारत सरकार के मार्गदर्शी सिद्धांतों अनुसार नियोजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। योजना की अनुमानित लागत का अंतिम निर्धारण नहीं किया गया है। मार्गदर्शिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) से (ड.) उत्तरांश (ख) की कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात् ही प्रश्नांश (ग), (घ) एवं (ड.) की कार्यवाही की जा सकेगी।
गरोठ बालिका छात्रावास की जानकारी
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 2801 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विधानसभा क्षेत्र गरोठ अंतर्गत क्या लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) द्वारा बालिका छात्रावास बनाया गया है? छात्रावास का कार्य कब प्रारंभ किया गया था व उसकी समयावधि क्या थी? क्या छात्रावास का कार्य सम्पूर्ण रुप से पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो अभी तक कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ है? इसकी जिम्मेदार कौन है, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जी हाँ। दिनांक 18.11.2016 को। समयावधि 12 माह थी। जी हाँ, प्रशासकीय स्वीकृति एवं अतिरिक्त कार्य की दी गई स्वीकृति की सीमा तक छात्रावास का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र गरोठ अंतर्गत भानपुरा बायपास निर्माण
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 2802 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गरोठ अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा भानपुरा बायपास क्या पूर्व में स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो किस कारण से अभी तक बायपास निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है? (ख) विभाग द्वारा बायपास निर्माण को लेकर शासन की आगामी क्या योजना है? कब तक मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा? क्या विभाग में कोई समयावधि इसको लेकर तय की है? (ग) निर्माण कार्यों को लेकर कितनी राशि पूर्व में स्वीकृत की गई थी? निर्माण एजेंसी कौन थी? क्या पुन: वही निर्माण एजेंसी कार्य प्रारंभ करेगी? यदि निर्माण एजेंसी समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करती है, तो विभाग द्वारा बायपास निर्माण को लेकर आगामी क्या योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण न होने के कारण। (ख) भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। जी नहीं। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति की राशि रूपये 675.14 लाख। निर्माण एजेन्सी राजटेक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. अरनोद रोड, प्रतापगढ़ थी। जी नहीं। भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण करने के पश्चात पुन: निविदा आमंत्रण कर निर्माण कार्य पूर्ण किया जा सकेगा।
हितग्राहियों को प्रतिमाह पेंशन देने में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 2810 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा किन-किन योजनाओं में हितग्राहियों को पेंशन दी जाती है? योजनाओं की जानकारी दें। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 01 अन्तर्गत पिछले 08 वर्षों में किस-किस योजना में किन-किन हितग्राहियों द्वारा पेंशन हेतु आवेदन किया गया था? उनमें से कितने पात्र हितग्राहियों को प्रश्न दिनांक तक पेंशन दी जा रही है? कितने अपात्र हैं? अपात्र होने का कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या निगम द्वारा अपात्र हितग्राहियों को त्रुटि सुधार कर पुन: आवेदन कराये गये? किन-किन योजनाओं में पात्र हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि प्रतिमाह पेंशन के रूप में दी जाती है? योजनावार जानकारी दें? (घ) क्या निगम द्वारा कुछ योजनाओं में हितग्राहियों को 01 माह या 02 माह की पेंशन देकर फिर 02 या 03 माह की पेंशन रोककर चालू माह की पेंशन दी जा रही है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो प्रतिमाह हितग्राहियों के खाते में भेजी गई पेंशन की खातेवार विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 01 की जानकारी उपलब्ध करायें। क्या कई हितग्राहियों को प्रतिमाह पेंशन नहीं दी गई तो क्या उन्हें आगामी माह में शेष रही माहों की पेंशन का भुगतान भी किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, इन्दौर द्वारा सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग की निम्नलिखित योजनाओं के अन्तर्गत हितग्राहियों को पेंशन दी जाती है:- 1. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना। 2. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना। 3. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना। 4. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना। 5. परित्यक्ता पेंशन योजना। 6. निःशक्त पेंशन योजना। 7. दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन सहायता राशि। 8. मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन योजना। 9. मुख्यमंत्री कल्याणी पेंशन योजना। 10. बहुविकलांग पेंशन योजना। 11. मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना। 12. वृद्धाश्रम में निवासरत अंतःवासियों को पेंशन सहायता योजना। (ख) संलग्न प्रश्नांश (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' के कालम-3 अनुसार पात्र हितग्राहियों की संख्या 24,727 है। अपात्र हितग्राहियों की संख्या निल है। इसलिये कारण का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी नही। पात्र हितग्राहियों को प्रतिमाह दिये जाने वाले पेंशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं/प्रतिमाह सभी पेंशन योजना का प्रस्ताव सामाजिक न्याय विभाग को भेजा जाता है। हितग्राही के खाते में भेजी गई पेंशन राशि की खातेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' (अ 1 से अ 12) में दर्शाये गए अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
पूर्ण शासकीय महाविद्यालय का दर्जा देना
[उच्च शिक्षा]
71. ( क्र. 2866 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किबरघाट विधानसभा के अंतर्गत बरघाट में शासकीय महाविद्यालय 1989 से संचालित है जहां वर्तमान में 3200 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। प्रश्नकर्ता द्वारा अनेकों बार शासन को पत्र लिखा गया है कि बरघाट को पूर्ण शासकीय महाविद्यालय का दर्जा दिया जाए, क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए बरघाट महाविद्यालय को पूर्ण शासकीय महाविद्यालय का दर्जा कब तक प्राप्त होगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : शासकीय महाविद्यालय, बरघाट में स्नातक स्तर पर कला संकाय शासनाधीन पाठ्यक्रम के रूप में संचालित है तथा यह पूर्ण रूप से शासकीय महाविद्यालय है। महाविद्यालय में स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों के रूप में स्नातक स्तर पर विज्ञान व वाणिज्य संकाय, 03 विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम तथा बी.लिब. और एम.लिब. पाठ्यक्रम संचालित हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्रामीण अंचलों में पुल एवं सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 2867 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में कार्यरत लोक निर्माण विभाग अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत गांव का सर्वे कर जहां अतिआवश्यक है वहां सड़क एवं पुलिया के निर्माण के संबंध में स्वयं संज्ञान लेकर सड़क एवं पुलिया निर्माण की कार्यवाही कर सकती है। (ख) सदन में सड़क और पुलिया निर्माण की बात की जाती है तो आप की ओर से जवाब आता है कि ऐसा कोई प्रस्ताव हमारे पास नहीं है इसलिए आप अपने विभाग को क्या इस तरीके का निर्देश देने का कष्ट करेंगे ताकि ग्रामीणों को यह सुविधा शीघ्र प्राप्त हो सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग के पास विभिन्न स्त्रोतों से सड़क व पुलिया निर्माण की मांग निरन्तर प्राप्त होती है। विभाग द्वारा सिवनी जिले में कोई सर्वेक्षण प्रस्तावित नहीं है। नवीन निर्माण हेतु बजटीय प्रक्रिया अनुसार कार्य स्वीकृत किये जाते है तथा विभागीय प्रक्रिया अनुसार निर्माण किए जाते है। पृथक से नवीन निर्देश की आवश्यकता नहीं है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार।
जिला बैतूल में अवैध कालोनियों के निर्माण की शिकायत
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 2967 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन सुनवाई एवं अन्य माध्यम से जिले की अवैध कालोनियों के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के कितनी शिकायतों पर कार्यवाही की बतावें। (ग) जिन शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की गई एवं शिकायतें दर्ज नहीं की गई है, उसका कारण बताएं। (घ) जिन कालोनियों को प्रबंधन से मुक्त किया गया है, उनके नाम एवं संख्या बताऐं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बायो मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने संबंधी
[पर्यावरण]
74. ( क्र. 2976 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में बायो मेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के लिए कितने इंसीनरेटर (Incinerators) स्थापित हैं जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन से अस्पतालों/नर्सिंगहोम द्वारा किस इंसीनेरेटर (Incinerators) को बायो मेडिकल वेस्ट/जैविक कचरा दिया जा रहा हैं जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) दिनांक 1 जनवरी 2021 से 31 दिसम्बर 2021 तक किन-किन अस्पतालों/नर्सिंगहोम से कितना बायो मेडिकल वेस्ट/जैविक कचरा लिया गया जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में इंसीनेरेटर (Incinerators) द्वारा कितना-कितना बायो मेडिकल वेस्ट/जैविक कचरा नष्ट किया गया?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) भोपाल जिले में बायोमेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के लिये दो इंसीनरेटर क्रमशः बी.एम.डब्ल्यू. सॉल्यूशन, ग्राम रतुआ रतनपुर, भोपाल एवं मे. पीपुल्स ग्रुप इंसीनरेटर,भोपाल स्थापित है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में 01 जनवरी,2021 से 31 दिसम्बर, 2021 तक परिशिष्ट-''ब'' अनुसार 499.35 मेट्रिक टन बायोमेडिकल वेस्ट नष्ट किया गया।
शा. महाविद्यालयों में एम.ए. अथवा एम.एस.सी. प्रारंभ करना
[उच्च शिक्षा]
75. ( क्र. 2977 ) श्री आरिफ मसूद : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालयों में विभाग द्वारा एम.ए. अथवा एम.एस.सी. प्रारंभ करने के लिए 100 विद्यार्थियों का प्रवेश होना अनिवार्य हैं? यदि हाँ, तो विदिशा जिले के शासकीय महाविद्यालयों के स्नातकोत्तर कक्षाओं में वर्तमान में प्रवेशित विद्यार्थियों की जानकारी महाविद्यालय के नाम एवं संकायवार जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या यह कहना सही है कि वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय लालबहादुर शास्त्री महाविद्यालय सिरोंज जिला विदिशा में विभागीय स्तर से उर्दू विषय से एम.ए. कक्षाएं प्रारंभ करने की मांग निरंतर की जा रही हैं? यदि हाँ, तो इस संबंध में पत्राचार करने वाले प्राचार्य एजुकेशन सोसायटियों एवं विधायकों द्वारा किये गए पत्रों की प्रति एवं उस पर की गई कार्यवाही से अवगत कराएं।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन विषय/पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्ड अनुसार संबंधित विषय में स्नातक अंतिम वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या न्यूनतम 100 होना आवश्यक है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2018 में विधानसभा याचिका क्रमांक 5716 के संबंध में विभाग के पत्र दिनांक 02.08.2018 द्वारा विधानसभा सचिवालय को तथा पत्र दिनांक 06.09.2021 के माध्यम से पत्राचार करने वाली सोसायटी तथा माननीय विधायक को अवगत कराया गया है कि निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण शासनाधीन पाठ्यक्रम के रूप में स्नातकोत्तर स्तर पर उर्दू विषय प्रारंभ किए जाने में कठिनाई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। विभागीय मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने के कारण स्नातकोत्तर स्तर पर उक्त शासनाधीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित नहीं है।
वेतन अंतर की राशि का भुगतान
[उच्च शिक्षा]
76. ( क्र. 2989 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के डब्लू.पी. 6325/2015 आदेश दिनांक 22.05.2020 द्वारा श्री कमलेश सिंह बघेल, सहायक प्राध्यापक, राजभानू सिंह स्मारक महाविद्यालय मीनकवार जिला रीवा को 1997 से वेतन व वेतन अंतर की राशि का भुगतान बाबत् निर्देश जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक श्री कमलेश सिंह बघेल को 1997 से वेतन व वेतन अंतर की रशि भुगतान न किये जाने का क्या कारण है? यदि भुगतान किया जाना है तो कब तक कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा इसी संबंध में प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, को पत्र क्रमांक 2015 दिनांक 01.12.2020 के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन कराये जाने हेतु लेख किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के पत्र का जबाव प्रश्न दिनांक तक क्या उपलब्ध कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। पत्र क्रमांक 274 A/02/मंत्रीजी/अनु.बजट/2022, दिनांक 21.02.2022 द्वारा माननीय विधायक को अवगत कराया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ओव्हर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 2999 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास से मेंडकी गांव के बीच के रेल्वे समपार क्रासिंग नं. 30 पर ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है, इसकी निर्माण अवधि क्या थी एवं कब तक पूर्ण होना था? (ख) क्या इस ब्रिज निर्माण में सेतु निगम उज्जैन द्वारा विजय नगर जोड़ने वाली तीसरी भुजा के निर्माण हेतु प्राक्कलन प्रस्तुत किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति विभाग की उच्च समिति द्वारा प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो उक्त तीसरी भुजा का निर्माण कब तक होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, 22 माह वर्षाकाल सहित। दिनांक 31.03.2022 तक। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आयुष विभाग द्वारा संचालित योजनायें और कार्यक्रम
[आयुष]
78. ( क्र. 3004 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा किन-किन पद्धतियों से उपचार एवं कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन किया जाता है और क्या विभाग द्वारा प्रशिक्षण एवं उपचार केन्द्रों और चिकित्सालयों का भी संचालन किया जाता है? यदि हां, तो पन्ना जिले में विभाग द्वारा प्रशिक्षण एवं उपचार केन्द्रों और चिकित्सालयों का कहां-कहां एवं कब से संचालन किया जा रहा हैं, इन केन्द्रों/चिकित्सालयों में उपचार की क्या-क्या सुविधा वर्तमान में उपलब्ध है और किस-किस पद पर कौन-कौन शासकीय सेवक कार्यरत हैं? क्या पन्ना जिले में नवीन उपचार केन्द्रों/चिकित्सालयों को प्रारंभ किए जाने की योजना हैं? यदि हां, तो इन उपचार केन्द्रों एवं चिकित्सालयों को किस प्रकार और कब तक प्रारंभ किया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत् विगत 02 वर्षों में उपचार हेतु क्या-क्या सामग्री एवं दवाइयां प्राप्त हुई और किन कार्यों एवं कार्यक्रमों हेतु किन शर्तों के अध्यधीन कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि का किन-किन कार्यों एवं कार्यक्रमों में कितना-कितना और कब-कब व्यय किया गया? (ग) क्या पन्ना जिले में सर्वसुविधायुक्त वेलनेश एवं पंचकर्म केन्द्र एवं विभागीय चिकित्सालय की स्थापना किए जाने की आवश्यकता हैं? क्या इसका विभाग स्तर से परीक्षण कराते हुये, इन केन्द्रों एवं चिकित्सालय को प्रारंभ किए जाने की स्वीकृति प्रदान की जायेगी? यदि हां, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? जबकि चिकित्सालयों की कमी के चलते पन्ना के नागरिक अन्य स्थानों पर संचालित चिकित्सालयों पर निर्भर हैं?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) विभाग द्वारा आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी पद्धति से उपचार किया जाता है। जी हाँ। पन्ना जिले में विभाग द्वारा संचालित चिकित्सालयों, प्रशिक्षण एवं उपचार केन्द्रों एवं कार्यरत शासकीय सेवक की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। रोगानुसार सामान्य उपचार की सुविधा उपलब्ध है। नवीन उपचार केन्द्र/चिकित्सालय की स्थापना सतत् प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पन्ना जिले में विभाग द्वारा संचालित चिकित्सालयों, प्रशिक्षण एवं उपचार केन्द्रों में विगत 02 वर्षों में उपचार हेतु प्राप्त सामग्री, दवाइयां, प्राप्त राशि एवं किये गये व्यय की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) वर्तमान में पन्ना जिले में 11 हेल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्र संचालित हैं। पंचकर्म सुविधा हेतु 1 आयुष विंग संचालित है। नवीन उपचार केन्द्र/चिकित्सालय की स्थापना सतत् प्रक्रिया है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों में स्वच्छ भारत मिशन एवं आई.ई.सी. के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 3005 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय निकायों में स्वच्छ भारत मिशन एवं सूचना शिक्षा एवं संचार के तहत क्या-क्या कार्य किस प्रकार किये जाने के आदेश/निर्देश हैं? पन्ना जिले के नगरीय निकायों को विगत 03 वर्षों में इन कार्यों/कार्यक्रमों हेतु क्या-क्या निर्देश/आदेश प्रदान किये गये? कितनी-कितनी राशि किन शर्तों के अध्याधीन कब-कब प्रदाय की गयी और राशि किन-किन कार्यों एवं कार्यक्रमों में व्यय की गयी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) निकाय के स्वच्छता एवं जागरूकता और निर्माण के कार्यों हेतु लक्ष्य निर्धारित थे? यदि हाँ, तो क्या? निकाय स्तर से किस मांग एवं आवश्यकता के चलते किन प्रस्तावों पर क्या कार्यक्रम एवं कार्य हेतु क्या-क्या सामग्री/वस्तु/उपकरण क्रय की गयी एवं किराये पर प्राप्त की गयी निर्माण के क्या-क्या कार्य किये गये? इस हेतु किन सक्षम आदेशों से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी? कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) नगरीय निकाय की विगत 03 वर्षों में रैकिंग क्या थी और वर्तमान वर्ष में रैकिंग क्या है? क्या नगरीय निकायों में नियत किये गये लक्ष्य पूर्ण हुये और किये गये कार्य एवं कार्यक्रम निर्देश एवं आदेशानुसार हैं? यदि हाँ, तो कैसे स्पष्ट कीजिये, यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जायेंगी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में स्वच्छ भारत मिशन एवं सूचना शिक्षा एवं संचार के कार्यों के क्या लाभ परिलक्षित हुये और इन कार्यों एवं कार्यक्रमों का सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन पत्र क्रमांक एफ 11-03/2016/1/9, भोपाल दिनांक 04/02/2016 के निर्देशानुसार तृतीय पक्ष से मूल्यांकन कराया गया? यदि हाँ, तो विवरण बताइये। यदि नहीं, तो क्यों कारण बताइये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) एवं सूचना, शिक्षा एवं संचार के तहत किये जाने वाले कार्यों के संबंध में दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। पन्ना जिले के नगरीय निकायों को पृथक से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये है, अपितु विगत 3 वर्ष में इस हेतु जारी दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। प्रदान की राशि, शर्तें तथा व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द एवं 'ई' अनुसार है। स्वच्छता के मानदण्ड तय किये गये है जो जनसामान्य के स्वच्छता व्यवहार परिवर्तन से संबंधित है। स्वच्छता के लिये मूल्यांकन मानदण्ड निरंतर उन्नत प्रक्रिया के अंतर्गत चरणबद्ध तरीके से प्राप्त किये जा सकते है। जिसके आधार पर ओडीएफ, ओडीएफ+, ओडीएफ++, वाटर प्लस एवं स्टार रेटिंग 1, 3, 5 एवं 7 प्रमाणीकरण किया जाता है। इसलिये कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राज्य में स्वच्छता का स्तर उन्नत हुआ है। कचरे का संग्रहण, परिवहन एवं प्रसंस्करण तथा स्वच्छता सुविधाओं का विस्तार संभव हुआ है। जी नहीं, भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के विहित प्रावधानों अनुसार कार्यवाही होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री स्वनिधि पथ विक्रेता योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 3063 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री स्वनिधि पथ विक्रेता योजना के संबंध में क्या-क्या दिशा-निर्देश हैं? रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में कितने-कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया? (ख) किन-किन हितग्राहियों के आवेदन पत्र कब से क्यों किस स्तर पर लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? (ग) प्रधानमंत्री स्वनिधि पथ विक्रेता योजना के प्रचार-प्रसार हेतु रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सी.एम. हेल्पलाईन तथा अन्य माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) योजना से संबंधित दिशानिर्देश विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। रायसेन जिले के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की नगरीय निकायवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है निराकरण किये जाने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। (ग) जिले के 11 नगरीय निकायों द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग्स, बैनर, फ्लेक्स, पंपलेट एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र से प्रचार-प्रसार किया गया है एवं समय-समय पर शिविरों व हितग्राही से मुख्यमंत्री जी के संवाद कार्यक्रम के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ करवाना
[उच्च शिक्षा]
81. ( क्र. 3064 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के शासकीय महाविद्यालय बेगमगंज तथा सिलवानी में स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारंभ करवाने के संबंध में 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र प्राप्त हुये? (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के पालन में शासकीय महाविद्यालय सिलवानी में विज्ञान संकाय की कक्षायें प्रारंभ करवाने के संबंध में 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र प्राप्त हुये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में प्राप्त पत्रों पर माननीय मंत्री जी ने किस-किस अधिकारी को क्या निर्देश दिये? (घ) विभाग के अधिकारियों द्वारा माननीय मंत्री जी के निर्देशों के पालन में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की तथा प्रश्नकर्ता विधायक को अवगत कराया गया? यदि नहीं, कराया तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महाविद्यालय, बेगमगंज एवं शासकीय महाविद्यालय, सिलवानी में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ किए जाने संबंधी माननीय विधायक का पत्र दिनांक 16-01-2021 प्राप्त हुआ है परन्तु इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा प्राप्त नहीं हुई है। (ग) उत्तरांश ''ख'' में उल्लेखित पत्र पर आयुक्त, उच्च शिक्षा को प्रकरण में परीक्षण करा कर नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश प्रदान किए गए हैं। (घ) शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन विषय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों के अनुसार शासकीय महाविद्यालय, बेगमगंज में विज्ञान संकाय में रसायन शास्त्र विषय में ही मापदण्ड की पूर्ति हो रही है। इसी प्रकार शासकीय महाविद्यालय, सिलवानी में कला संकाय में राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र तथा हिन्दी साहित्य विषयों में मापदण्डों की पूर्ति हो रही है। वर्तमान में संसाधनों की कमी के कारण उक्त महाविद्यालयों में नवीन स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित नहीं है। इस संबंध में कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा के पत्र क्रमांक 181/195/मं/आउशि/योजना/2021, दिनांक 02/03/2022 तथा पत्र क्रमांक 189/195/मं/आउशि/योजना/2021, दिनांक 02/03/2022 के माध्यम से माननीय विधायक को अवगत कराया गया है।
छात्र –छात्राओं को मूल अंकसूची का प्रदाय
[उच्च शिक्षा]
82. ( क्र. 3073 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एस.एस.पी. महाविद्यालय वारासिवनी एवं शासकीय महाविद्यालय खैरलांजी से वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 में नियमित एवं स्वाध्यायी कितने-कितने छात्र-छात्राएं स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाओं में सम्मिलित हुए हैं? कक्षावार जानकारी प्रदान करें। क्या इन छात्र- छात्राओं की मूल अंकसूची प्रदान कर दी गई हैं? यदि हाँ, तो इनमें से कितने छात्र- छात्राओं की मूल अंकसूची प्रदान कर दी गई हैं एवं कितने छात्र- छात्राओं को प्रदान नहीं की गई हैं? (ख) क्या शासकीय एस.एस.पी. महाविद्यालय वारासिवनी एवं शासकीय महाविद्यालय खैरलांजी को राजा शंकर शाह विश्वविद्याल छिंदवाड़ा से संबंध कियें जाने के उपरांत छात्र-छात्राओं को परीक्षा की मूल अंकसूची प्रदान नहीं की जा रही है जिससें छात्र- छात्राओं को रोजगार व्यवसाय के आवेदन प्रस्तुत करने में कठिनाई हो रही हैं? यदि हाँ, तो शिक्षा व्यवस्था की इस दुर्दशा के लिये कौन जिम्मेदार हैं तथा कब तक इस अव्यवस्था को दुरस्त कर दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। मूल अंकसूची विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजा भोज शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में दुकान आवंटन की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 3074 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका वारासिवनी द्वारा राजा भोज शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो कब एवं इसमें कितनी दुकानों का निर्माण किया गया है एवं कॉम्प्लेक्स निर्माण में कितनी राशि व्यय की गई थी? (ख) नगरपालिका वारासिवनी द्वारा निर्मित राजा भोज शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में निर्मित दुकानों का आवंटन किस प्रक्रिया के अनुसार एवं किस-किस को किया गया है? दुकान क्रमांक एवं संबंधित आवंटी के नाम सहित जानकारी प्रदान करें। क्या आवंटन प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो किस वर्ग के लिये कितनी एवं कौन-कौन सी दुकानें आरक्षित की गई थी? (ग) क्या आवंटन प्रक्रिया में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिये आरक्षित दुकानों में कुछ दुकानें शेष रह गई थी? यदि हाँ, तो अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिये आरक्षित शेष दुकानों की सूची दुकान क्रमांक सहित उपलब्ध करावें। वर्तमान में इनकी क्या स्थिति है? (घ) क्या आरक्षित वर्ग की शेष दुकानों को नियमों का उल्लंघन कर सामान्य वर्ग को बेच दी गई है? यदि हाँ, तो आरक्षित वर्ग की शेष दुकानें किस-किस को बेची गई है? दुकान क्रमांक एवं नाम सहित जानकारी प्रदान करें। क्या यह कार्यवाही नगरपालिका अध्यक्ष की सहमति से की गई थी? यदि हाँ, तो नगर पालिका की सम्पत्ति को नियम विरूद्ध बेचने के जिम्मेदार मानकर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। राजा भोज शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य दिनांक 29.08.2014 को पूर्ण किया गया, इसमें कुल 17 दुकानें है। कॉम्पलेक्स निर्माण में कुल व्यय राशि 3827341/- व्यय की गई है। (ख) दुकानों का आवंटन म.प्र. नगर पालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम-2016 के अनुसार किया गया है। आवंटन में आरक्षण नियमों का पालन किया गया है। दुकान आरक्षण सह आवंटन की सूची की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन राजा भोज शॉपिंग कॉम्पलेक्स में कुल 17 दुकानें निर्मित की गई है, जिनमें से अनुसूचित जाति हेतु कुल 02 दुकानें क्रमशःदुकान क्रमांक 10 एवं 11 तथा अनुसूचति जनजाति हेतु कुल 01 दुकान क्रमांक 03 आरक्षित की गई थी। वर्तमान में उक्त तीनों दुकान आवंटित है। (घ) जी नहीं। अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित वर्ग की दुकान क्र. 03 की नीलामी प्रक्रिया निकाय द्वारा कुल तेरह बार आहूत किये जाने के बावजूद आरक्षित श्रेणी के व्यवसायियों द्वारा नीलामी में भाग नहीं लिये जाने के कारण म.प्र. नगर पालिका (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम 2016 में वर्णित कंडिका क्रमांक (9) (ग) तथा (5) (दो) में प्रावधानित शक्तियों का उपयोग करते हुए परिषद की बैठक दिनांक 11/12/2019 के प्रस्ताव/संकल्प क्रमांक 4 से पारित सर्वसम्मत निर्णयानुसार, निकाय के आर्थिक हित को दृष्टिगत रखते हुए अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित दुकान क्रमांक 03 को अनारक्षित श्रेणी में परिवर्तित किया गया। निकाय द्वारा दुकान क्रमांक 3 के आवंटन हेतु दिनांक 13/01/2020 को आहूत निविदा प्रक्रिया में सहभागी उच्चतम निविदा दरदाता श्री मनोज तुरकर आ. श्री कुंजीलाल तुरकर निवासी गोंदिया (महाराष्ट्र) अन्य पिछड़ा वर्ग को दुकान आवंटित की गई है। दुकान क्रमांक 3 के आवंटन की प्रक्रिया नगर पालिका अधिनियम 1961 में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप किये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। म.प्र. नगर पालिका (अचल संपत्ति का अंतरण) नियम 2016 में वर्णित कंडिका क्रमांक (9) (ग) तथा (5) (दो) की छायाप्रति तथा तद्नुक्रम में पारित परिषद निर्णय प्रस्ताव/संकल्प क्रमांक 4 दिनांक 11/12/2019 की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण कार्य में विलम्ब होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 3134 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के कितने आवासों के निर्माण कार्य चल रहे है। उनके नाम, आवासों की संख्या सहित पूर्ण जानकारी फरवरी 2022 की स्थिति में दी जावें। (ख) उक्त आवासों में निर्माण का समय एवं समापन का समय क्या था? आवासों के निर्माण में विलम्ब के क्या कारण है, पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) अभी तक कितने आवासों में आवेदनकर्ताओं को आवास दिये गये है कितने आवास रिक्त पड़े है उनका निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले में नगर निगम ग्वालियर द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ए.एच.पी. घटक अंतर्गत कुल 3960 आवासीय इकाइयों का निर्माण कार्य गतिशील है। योजनांतर्गत मानपुर-1 में 1296 (ईडब्ल्यूएस, नॉन स्लम-912, एलआईजी-312 एवं एमआईजी-64), महलगांव पहाड़ी में 768 (एलआईजी-128 एवं एमआईजी-640), मानपुर-2 में 1200 (ईडब्ल्यूएस स्लम) एवं मेहरा सिरौल में 696 (एलआईजी-384 एवं एमआईजी-312) पर आवासीय इकाइयों का निर्माण कार्य गतिशील है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
आयुष महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की जानकारी
[आयुष]
85. ( क्र. 3135 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चम्बल संभाग के विभिन्न आयुष महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की कितनी संख्या है? वर्ष एवं कक्षावार जानकारी दी जावें (ख) उक्त आयुष महाविद्यालयों के कितने छात्रों को वर्ष 2019, 2020, 2021 एवं फरवरी 2022 तक शिक्षण शुल्क में छूट प्रदान की गई है? प्रथम वर्ष से लेकर अन्तिम वर्ष तक के छात्रों की जानकारी दी जावें। (ग) उक्त पाठ्यक्रमों के कितने छात्रों की उक्त समयावधि में शिक्षण शुल्क में छूट बन्द कर दी गई है? बन्द करने के कारण सहित छात्रों की संख्या की जानकारी दी जावें।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) ग्वालियर चम्बल संभाग के आयुष महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की वर्ष एवं कक्षावार संख्या की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में आयुष विभाग में अध्ययनरत छात्रों को शिक्षण शुल्क में छूट देने का प्रावधान नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ''ख'' अनुसार। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रोड निर्माण के संबंध में
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 3145 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग परिक्षेत्र रीवा को पड़रा से पैपखरा पहुँच मार्ग निर्माण हेतु पत्र क्रमांक 234 - 35 रीवा, दिनांक 17/06/2020, पत्र क्रमांक 2062 दिनांक 12/10/2020 एवं पत्र क्रमांक 65 - 66 दिनांक 27/01/2022 जिसकी प्रतिलिपि प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग को भी दी गई, रोड निर्माण के स्वीकृति के सम्बन्ध में क्या कार्यवाही की गई? सम्बंधित रोड कब तक स्वीकृत की जाकर निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा? (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र गुढ़ एवं रीवा में कितनी सड़कें स्वीकृत की गई हैं? स्वीकृत राशि कार्य पूर्ण होने का पूर्णता प्रमाण पत्र उपलब्ध/कराये एवं जो कार्य पूर्ण नहीं हुए उसका क्या कारण हैं एवं इन मार्गों का निर्माण किस-किस उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री के देखरेख में किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्राप्त पत्रों के अनुसार उल्लेखित सड़क मार्ग हेतु प्राक्कलन बनाया गया है। मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृत अप्राप्त है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं पूर्णता प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
सड़कों एवं शासकीय भवनों के मरम्मत की जानकरी
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 3146 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की सड़कों की वार्षिक मरम्मत, मानसून पूर्व मरम्मत, मानसून पश्चात मरम्मत एवं शासकीय कार्यालयों, आवासीय भवनों की वार्षिक मरम्मत में कौन-कौन से कार्य कराये गए? जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कार्यों के स्वीकृति आदेश, भौतिक सत्यापन, सम्बंधित उपयंत्री, सहायक यंत्री का नाम, सम्बंधित एजेंसी को किये गए भुगतान की जानकारी, उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है।
सौभाग्य योजना में हुई अनियमितता
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 3147 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह (गुढ़) : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) क्या रीवा
जिले में
सौभाग्य
योजना में हुई
अनियमितताओं
की जाँच हेतु
मुख्य
महाप्रबंधक
(मा.सं. एवं प्रशा.)
जबलपुर के
पत्र क्रमांक
शिका./शास. - 1513/19/6296
दिनांक 13/08/2020 एवं 1595
दिनांक 18/08/2020 द्वारा
मुख्य
अभियंता को
लेख किया गया
था? यदि
हाँ, तो
जाँच
सम्बन्धी समस्त
दस्तावेजों
(पत्राचार, जाँच
दल, जाँच
प्रतिवेदन, कार्यवाही/आदेश)
की प्रति
उपलब्ध
करायें। (ख) क्या
सौभाग्य
योजना के
अंतर्गत
कार्य करने वाले
संविदाकारों
के बिल रीवा
एवं अन्य
जिलों में
रोके गए हैं? यदि
हाँ, तो
क्यों? क्या
संविदाकारों
द्वारा
प्रस्तुत बिल
से सम्बंधित
कार्यों का
सत्यापन
सम्बंधित अधिकारियों
द्वारा नहीं
किया गया है? यदि
हाँ, तो
क्यों? यदि
सत्यापन किया
गया है तो
सत्यापनकर्ता
अधिकारियों
के नाम, पदनाम
की जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) सौभाग्य
योजना के तहत
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
सम्बंधित
वितरण
केंद्रों के
ग्रामों में
कितने उपभोक्ता
हैं, जिनको
बिल दिए जा
रहे हैं? वितरण
केंद्रवार
संख्यात्मक
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
नहीं। म.प्र.
पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के आदेश
क्रमांक
पूक्षे/मुमप्र
(मासं.एवं
प्र.)/शिकायत/शास.1513/19/6296-97
दिनांक 13.08.20 से रीवा
जिला अन्तर्गत
सौभाग्य
योजना में हुई
अनियमितताओं
संबंधित
प्राप्त
शिकायत की
जांच हेतु
गठित समिति का
कार्य शीघ्र
पूर्ण कराये
जाने हेतु
अतिरिक्त
जांच अधिकारी
नियुक्त
किये गये थे
एवं पत्र
क्रमांक
मुमप्र
(मासं.एवं
प्र.)/पूक्षे/शिकायत/शास.1513/19/1595
दिनांक 18.08.20 से जांच
समिति के सदस्यों
को शीघ्र जांच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
किये जाने
हेतु लेख किया
गया था। जाँच
से संबंधित
दस्तावेजों
की प्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जिला
रीवा एवं अन्य
जिलों में
सौभाग्य
योजनान्तर्गत
कार्य करने
वाले
संविदाकारों
के बिल नहीं
रोके गये है।
अपितु
संविदाकारों
द्वारा प्रस्तुत
बिल के
कार्यों का
भौतिक सत्यापन
संबंधित
अधिकारियों
द्वारा कर
भुगतान हेतु
संबंधित
क्षेत्रीय
लेखाधिकारी
कार्यालय को
प्रेषित किये
जाते है। तदोपरान्त
योजनांतर्गत
वित्तीय
संसोधनों की
उपलब्धता
अनुसार एवं
उपरोक्त
प्रश्नांकित
जांचों के
निष्कर्ष के
आधार पर
संविदाकारों
को भुगतान
किया गया है।
उपरोक्त
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
नहीं उठता।
रीवा संभाग
अंतर्गत सत्यापन
करने वाले
अधिकारियों
की नाम/पदनाम
सहित जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विधानसभा
क्षेत्र गुढ़
अंतर्गत
सौभाग्य
योजना के तहत
विद्युत
कनेक्शन
प्राप्त
करने वाले
उपभोक्ता, जिन्हें
नियमानुसार
विद्युत देयक
दिए जा रहे
हैं, की
वितरण केन्द्रवार
संख्यात्मक
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'स' अनुसार है।
शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय में रिक्त पदों की पूर्ति
[आयुष]
89. ( क्र. 3158 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में आयुष विभाग के कितने शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय संचालित हैं? उनमें पदस्थ कर्मचारियों की संख्या एवं रिक्त पदों की संख्या बताएं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत कितने शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय संचालित हैं? उनमें नियुक्त कर्मचारी एवं रिक्त पदों की संख्या बताएं? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय आयुर्वेदिक औषधालयों में क्या ऐसे शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय हैं, जिनमें वर्तमान में कोई भी कर्मचारी या अधिकारी नियुक्त नहीं होने से ताला लगा हुआ है? विवरण उपलब्ध करावें। (घ) विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत आने वाले समस्त शासकीय आयुर्वेदिक औषधालयों के रिक्त पदों को भरने के लिये जो व्यवस्थाएं की जा रही हैं, उनका विवरण उपलब्ध करायें।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) 42 आयुर्वेदिक औषधालय संचालित है। 143 अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं एवं 35 पद रिक्त हैं। (ख) 09 शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय संचालित हैं। कर्मचारियों की संख्या 33 है एवं 04 पद रिक्त है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आयुष चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी किया जा चुका है एवं शेष पैरामेडिकल संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की पूर्ति कर्मचारी चयन आयोग से किये जाने कार्यवाही का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासहीन परिवार की सूची की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 3169 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी क्षेत्र विदिशा अंतर्गत कितने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले ऐसे परिवार हैं जो आवासहीन हैं? वार्डवार आवासहीन के नामवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विदिशा शहर से नजदीक ग्राम रंगई में कितनी शासकीय भूमि चरनोई की उपलब्ध है? उक्त भूमि पर वर्तमान में अतिक्रमण है अथवा नहीं, के संबंध में जानकारी दें। (ग) क्या शासन नगर विदिशा के शहरी क्षेत्र के आवासहीनों के लिए शहर विदिशा में ड्रोन द्वारा सर्वे कराया जाकर आवास हेतु भूमि उपलब्ध करायेगा एवं ग्राम रंगई के आवासहीनों को प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवास उपलब्ध कराये जाने के लिए ग्राम रंगई में उपलब्ध 5 बीघा चरनोई की सुरक्षित भूमि पर आवास हेतु प्लाट उपलब्ध कराये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विदिशा शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत आवेदकों से निरन्तर आवेदन प्राप्त होते रहते है। प्राप्त आवेदनों के परीक्षण उपरांत 4897 हितग्राही बी.एल.सी. घटक तथा 648 हितग्राही ए.एच.पी. घटक में स्वीकृत हो चुके है। बी.एल.सी. घटक अन्तर्गत 504 हितग्राहियों की योजना भारत सरकार में स्वीकृति हेतु प्रचलित है। हितग्राहियों से आवेदनों का प्राप्त होना एक निरन्तर प्रक्रिया है, अतः नगरीय क्षेत्र में आवासहीनों की कुल संख्या बताया जाना संभव नहीं है। समय-समय पर आवेदकों से प्राप्त आवेदनों की जांच/परीक्षण तथा जिला कलेक्टर अनुमोदन पश्चात् पात्र पाये गये हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया जाता है। (ख) ग्राम रंगई स्थित शासकीय भूमि में से रकवा 1.597 हेक्टेयर चरनोई मद की भूमि है। चरनोई भूमि पर मेढ़िया कृषकों द्वारा अनाधिकृत अतिक्रमण कर लेने की रिपोर्ट प्राप्त होने पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर म.प्र. भू-राजस्व सहिता 1959 की धारा 248 के तहत अतिक्रमणकर्ताओं को बेदखल किये जाने संबंधित कार्यवाही न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) शासन द्वारा संचालित स्वामित्व योजना में ड्रोन सर्वे के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की आवासीय भूमि के अधिकार-अभिलेख तैयार किये जाते है। शहरी क्षेत्रों में यह योजना लागू नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दैनिक वेतन भोगियों के ई.पी.एफ. कटौत्रे के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
91. ( क्र. 3170 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग में शासन के निर्देशों के पालन में पत्र क्रमांक 561/61/आ.उ.सी./शाखा 3/2020 दिनांक 24.07.2020 एवं पत्र क्रमांक एफ 8-2/2015/नियम/4 भोपाल दिनांक 12.03.2015 के अनुसार विभाग में पदस्थ दैनिक वेतन भोगियों के ई.पी.एफ. का कटौत्रा काटा जा रहा है? (ख) क्या उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ दैनिक वेतन भोगियों का ई.पी.एफ. नहीं काटा जा रहा है? इसके लिए दोषी कौन है एवं कब तक उक्त कटौत्रा काटा जायेगा? (ग) क्या दैनिक वेतन भोगियों की नियुक्ति वर्ष 2010 में नियमानुसार हुई है? यदि हाँ, तो वह स्थाईकर्मी के पात्र हैं अथवा नहीं? शासन के आदेशों के क्रम में उनको स्थाईकर्मी माना जायेगा या नहीं? कारण सहित जानकारी दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) आयुक्त, उच्च शिक्षा के पत्र क्र. 400/61/मंत्री/शाखा-3/2020, दिनांक 18.03.2020 के तहत समस्त प्राचार्यों को ई.पी.एफ. कटोत्रा काटने के निर्देश दिये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रिक्त पद का प्रभार दिए जाने संबंधी
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 3172 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग विदिशा का पद कब से रिक्त है? रिक्त रहने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या विभाग में वरिष्ठ उपयंत्री को अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्तमान में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग में पदस्थ अन्य उपयंत्रियों से वरिष्ठ हैं? यदि नहीं, तो वरिष्ठता का ध्यान नहीं रखते हुये प्रभार दिए जाने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या विभाग शीघ्र ही विदिशा अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग के रिक्त पद की पूर्ति किए जाने के संबंध में यथाशीघ्र कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पद रिक्त नहीं है वर्तमान में प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पदस्थ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हां। जी नहीं। प्रशासनिक कारणों से। (ग) जी हां। नियमित सहायक यंत्री की पदस्थापना की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
पी.आई.यू./पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा स्वीकृत भवनों की जानकारी
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 3174 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पी.आई.यू./पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा विधानसभा गरोठ अंतर्गत कितने भवनों के कार्य विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये है? (ख) स्वीकृत भवनों में कितने कार्य पूर्ण हो चुके है व कितने कार्य अभी अधूरे है? अधूरे कार्य कौन-कौन से है जानकारी विस्तृत देवें? (ग) स्वीकृत कार्य अधूरे है, तो एजेंसी द्वारा कितना कार्य कराया गया है? कार्य की समय-सीमा कितनी थी? उस समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं हुआ, तो क्या कार्यवाही की गई है व कितने समय में कार्य पूर्ण किये जाएंगे? (घ) एजेंसी द्वारा जिन भवनों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, तो क्या वे जिन विभाग या संस्था के है उन्हें संचालन हेतु दे दिया गया हैं? यदि नहीं, तो कब तक वे विभाग व संस्था को दिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) पूर्ण भवनों को सम्बंधित विभाग को संचालन हेतु दे दिए गए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एजेंसी द्वारा किये जा रहे कार्य
[ऊर्जा]
94. ( क्र. 3175 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड विभाग द्वारा मन्दसौर जिले के अंतर्गत 01/01/2018 से आज दिनांक तक कितने कार्य की निविदा जारी की गई थी और निविदा पश्चात जारी किये गये है कार्यादेश में से कितनों के कार्य सम्पन्न करा दिये गये और कितने कार्य अभी भी अधूरे है एवं उन कार्यों की एजेंसी कौन-कौन सी है सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उन एजेंसी द्वारा कितना कार्य करवाया गया है, कार्यों की समय-सीमा कितनी थी? क्या सभी कार्य समय-सीमा में किये गये? यदि नही, तो कौन-कौन से ऐसे कार्य है जो उस समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुवें, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) म.प्र.पॉ.ज.क.लि. विभाग द्वारा मन्दसौर जिले में निविदा एजेंसी के अलावा भी क्या अन्य एजेंसी के माध्यम से कार्यों को करवाया गया है? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्य किस-किस मद में किस-किस के द्वारा करवाया गया। विभाग द्वारा राशि का भुगतान किस अनुसार किया गया, किन-किन बैंक खाते में कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया हैं। सूचीवार जानकारी उपलब्ध करवायें? (घ) म.प्र.पॉ.ज.क.लि.विभाग मन्दसौर जिला अंतर्गत कितने आवास है आवास को आवंटन करने की विभाग की क्या योजना है? कितने आवास आवंटित है व कितने रिक्त है? आवंटित आवासों की जानकारी नाम पद सहित सूचीवार उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के द्वारा मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर जल विद्युत गृह हेतु दिनांक 01.01.2018 से दिनांक 28.02.2022 तक 59 निविदायें जारी की गई एवं निविदाओं के विरूद्ध 35 कार्यादेश जारी किये गये। इनमें से 23 कार्य पूर्ण हुये एवं 12 कार्य प्रगतिरत है। जारी कार्यादेशों से संबंधित एजेंसियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) से संबंधित कार्यादेशों का वांछित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। जी नहीं, विद्युत एवं यांत्रिकी कार्य से संबंधित दो कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुए हैं। उन एजेंसियों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। सिविल कार्य से संबंधित सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण हुये हैं। (ग) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा मंदसौर जिले में स्थित गांधीसागर जल विद्युत गृह की इकाइयों के दिनांक 14.09.2019 को अतिवृष्टि से जलमग्न होने पर इकाई क्रमांक-1 एवं 5 के त्वरित पुनरूद्धार हेतु रेसिडुअल लाइफ अस्सेस्मेंट एवं रेस्टोरेशन का कार्य, इकाई क्रमांक-4 के रेस्टोरेशन का कार्य एवं इकाई क्रमांक-1 से 5 के आधुनिकीकरण एवं नवीनीकरण हेतु डी.पी.आर. बनाना तथा निविदा आमंत्रण कर कार्यादेश देने का कार्य के लिये संचालक मंडल के अनुमोदन के पश्चात मेसर्स वेप्कोस लिमिटेड, गुरूग्राम, हरियाणा (भारत सरकार के लोक सेवा उपक्रम) को निविदा प्रक्रिया में छूट देते हुए तीन कार्यादेश जारी किये गये, जिसका विवरण एवं तत्संबंध में कार्य, भुगतान एवं बैंक खाते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर जल विद्युत गृह क्षेत्रांतर्गत कुल 187 आवास हैं जिन्हें गांधी सागर जल विद्युत गृह के सिविल विभाग की अनुशंसा पर आवंटित किया जाता हैं। कुल आवंटित आवासों की संख्या 96 तथा रिक्त आवासों की संख्या 91 हैं। आवंटित आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
योजना मद से मार्गों का डामरीकरण
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 3183 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में उज्जैन संभाग के किन-किन जिलों से कितने-कितने किलोमीटर मार्गों के डामरीकरण किये जाने के प्रस्ताव योजना मद अंतर्गत शासन को प्राप्त हुए हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये जिलों में से नीमच जिले के किन-किन मार्गों पर डामरीकरण किये जाने के प्रस्ताव विचाराधीन हैं? विधानसभावार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये प्रस्तावों में से नीमच विधान सभा क्षेत्र में आने वाले किन-किन मार्गों पर डामरीकरण किये जाने के प्रस्तावों पर शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाकर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ किये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) नीमच विधानसभा क्षेत्र में कोई स्वीकृति प्राप्त नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासन की योजनाओं की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 3190 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा में विगत एक वर्ष से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश सरकार की शहरीय क्षेत्रों में सभी प्रकार की पेन्शन योजनाओं एवं बी.पी.एल. कार्ड तथा मुख्यमंत्री भवन संनिर्माण एवं कर्मकांड मण्डल योजनांतर्गत किस-किस कार्य हेतु तथा आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास योजना तथा अन्य योजनाओं में लाभ प्राप्त किये जाने हेतु किन-किन पंचायतों के किन-किन हितग्राहियों के द्वारा किस-किस दिनांक को विभाग को आवेदन प्रस्तुत किये? सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त सभी योजनाओं में विभाग को प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध किन-किन योजनाओं में किस-किस दिनांक को किस-किस हितग्राही को लाभान्वित किया गया? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनान्तर्गत किन-किन हितग्राहियों के आवेदनों को किस-किस दिनांक को निरस्त किये गए? निरस्त किये जाने के स्पष्ट कारणों सहित नियम/निदेशों की छायाप्रति के साथ सूची उपलब्ध करावें। प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में किस-किस योजनाओं के अंतर्गत किन-किन हितग्राहियों के आवेदन किस-किस दिनांक से लंबित है। विलंब के कारणों को स्पष्ट टीप देते हुऐ विलंब हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेवार हैं? अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम एवं पद की सूची उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में चाही गई समस्त जानकारियों के साथ-साथ सभी प्रश्नांशों की पृथक-पृथक सूचियों में जानकारी ब्लॉकवार, वार्डवार, योजनावार, आवेदन के दिनांकवार, हितग्राही का नाम, पता, आवेदन विभाग में प्राप्त दिनांक सहित नियम/निर्देशों की छायाप्रति के साथ उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थित दो शहरों नगरपालिका अम्बाह एवं नगर पालिका पोरसा में विगत एक वर्ष से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्राप्त किये जाने हेतु हितग्राहियों के द्वारा दोनों निकायों को प्रस्तुत आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) उक्त सभी योजनाओं में नगरपालिका अम्बाह एवं नगर पालिका पोरसा में प्राप्त आवेदनों के विरूद्ध विभिन्न योजनाओं में लाभान्वित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' अनुसार योजनांतर्गत निरस्त किये गये आवेदनों के हितग्राहियों की कारण सहित नियम निर्देशों की प्रति के साथ सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'तीन' अनुसार है। प्रश्नांश- 'क' अनुसार विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वर्तमान में बिना कारण के कोई आवेदन लंबित नहीं होने के कारण किसी अधिकारी/कर्मचारी के जिम्मेदार होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में चाही गई समस्त जानकारियों के साथ-साथ सभी प्रश्नांशों की पृथक-पृथक सूचियों में जानकारी वार्डवार, योजनावार एवं दिनांकवार हितग्राही का नाम, पता सहित नियम निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'चार' अनुसार है।
निर्माण कार्य निविदा तथा अनुबंध के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 3194 ) श्री राकेश गिरि : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की बड़ागांव धसान नगर परिषद सीमा में स्थित पौखना तालाब पर पार्क निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण कार्य के टेण्डर आमंत्रित किये गये थे? यदि हाँ, तो कितने टेण्डर प्राप्त हुए तथा किसका टेण्डर स्वीकृत हुआ है? (ख) प्रश्नांश ''क'' में यदि हाँ, तो निकाय और निविदादाता के मध्य कार्य अनुबंध निष्पादित हुआ है? यदि हाँ, तो प्रति दें। यदि नहीं, तो क्या निविदादाता को काली सूची में रखने की कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश ''ख'' में यदि हाँ, तो क्या निविदादाता को ब्लैक लिस्ट घोषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे आदेश की प्रति दें? यदि नहीं, तो निविदादाता को कब तक ब्लैक लिस्ट घोषित किया जायेगा, समय-सीमा बतायें? (घ) प्रश्नांश ''क'' आधारित, प्रश्नांश ''ख'' अनुरूप कृत कार्यवाही के परिणाम स्वरूप पुनः टेण्डर आमंत्रण में यदि निर्माण लागत में कोई वृद्धि होती है तो इसके लिए कौन उत्तरदायी होगा? क्या निविदादाता का इसके लिये दायित्व निर्धारित किया जायेगा? यदि हाँ, तो वर्णित राशि की वसूली निविदादाता की जन्म/स्थावर संपत्ति से की जायेगी? निर्माण कार्य के पुनः टेण्डर कब तक आमंत्रित किये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। दो निविदायें प्राप्त हुई, वैदेही वल्लभ प्रोजेक्ट प्रा.लि. टीकमगढ़ का टेण्डर स्वीकृत किया गया। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अनुबंध पत्र सम्पादित न करने के कारण निविदा प्रपत्र अनुसार अमानत राशि राजसात की गई है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। अनुबंध पत्र सम्पादित न करने के कारण मात्र अमानत राशि राजसात किये जाने का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। दिनांक 31.01.2022 को निविदा प्रकाशित की गई है।
वायुमण्डलीय प्रदूषण रोकने के संबंध में
[पर्यावरण]
98. ( क्र. 3196 ) श्री राकेश गिरि : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी नगर के 20 वर्ष पूर्व घोषित औद्योगिक क्षेत्र में, जहां कि वर्तमान में आबादी भी है, दाल-मिल जैसे उद्यम स्थापित करने हेतु पर्यावरण/वायुमण्डलीय प्रदूषण रोकने के क्या निर्धारित मापदण्ड है? प्रतियां दें। (ख) टीकमगढ़ जिला मुख्यालय औद्योगिक क्षेत्र ढोगा में स्थापित मेसर्स राज पल्सेस दाल मिल को क्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रदूषण मुक्त का प्रमाण-पत्र दिया गया है? यदि हाँ, तो प्रमाण-पत्र की प्रति दें। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार दाल मिल के प्रदूषण की जांच किस अधिकारी द्वारा की जाती है, नाम, पदनाम बताये तथा इनके द्वारा कब-कब मिल का प्रदूषण परीक्षण/निरीक्षण किया गया, निरीक्षण की प्रतियां दें? क्या निरीक्षण में प्रसंस्करण के दौरान मिल से निष्क्रमित होने वाली महीन भूसी की समुचित व्यवस्था पाई गई? (घ) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार बढ़ते शहरीकरण के कारण औद्योगिक क्षेत्र के एक किलोमीटर वृत्त क्षेत्र में आवासीय कालोनियां विकसित होने से दाल प्रसंस्करण प्रक्रिया से निकलने वाली रजकंणनुमा भूसी से आसपास के नागरिकों को अनिद्रा, खांसी, स्वांस और सिलकोसिस सहित अन्य गंभीर बीमारियां तथा वायुमण्डलीय प्रदूषण को रोकने के लिये क्या ऐसे उद्यमों को व्यापक जनहित में बंद कराकर नगर से दूर स्थापित किया जायेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बताये। यदि नहीं, तो कारण बताये।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) उद्योग को स्थापना के पूर्व बोर्ड से जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा - 25 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा - 21 के अन्तर्गत स्थापना सम्मति प्राप्त किया जाना अनिवार्य है। दाल मिलों से प्रदूषण रोकने हेतु निर्धारित मापदण्ड भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में अधिसूचना क्रमांक जीएसआर 152 (ई) दिनांक 16/03/2012 द्वारा प्रसारित किये गये हैं, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण मुक्त प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्री सतीश कुमार चौकसे, उपयंत्री द्वारा दिनांक 27/02/2022 को दाल मिल का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जी हां, उद्योग द्वारा निष्क्रमित भूसी के महीन कणों के नियंत्रण हेतु सायक्लोन, बैग डस्ट कलेक्टर स्थापित किये गये है। (घ) जी नहीं। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र टीकमगढ़ से प्राप्त जानकारी अनुसार अर्धशहरीय औद्योगिक क्षेत्र संस्थान वर्ष 1961 से स्थापित है एवं टीकमगढ़ शहर से लगभग 04 किलोमीटर दूर है, जिसमें दाल प्रसंस्करण इकाइयां भी स्थापित है एवं इकाइयों को बन्द कराकर अन्यत्र स्थानान्तरित कराये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रश्नांकित उद्योग इस क्षेत्र में स्थापित दाल मिल है, जो हरी श्रेणी के अन्तर्गत अल्प प्रदूषणकारी उद्योग है। उद्योग द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु सायक्लोन, बैग डस्ट कलेक्टर स्थापित किये गये है तथा कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला- टीकमगढ़ से पत्र क्रमांक 1909 दिनांक 28/02/2022 द्वारा प्रेषित जानकारी से स्पष्ट है कि जिला चिकित्सालय में वायुमंडलीय प्रदूषण के कारण अनिद्रा, खांसी, स्वांस और सिलकोसिस के मरीज नहीं आये है।
टेण्डर प्रक्रियाओं के संबंध में
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 3216 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कार्यपालन यंत्री को ई-टेण्डरिंग में कितनी राशि के टेण्डर लगाने के आदेश हैं? यदि उन्हें 20 लाख तक के ई-टेण्डर लगाने के पावर (आदेश) हैं, तो इसका अनुमोदन उन्हें अधीक्षण यंत्री से क्यों लेना पड़ता है? यदि 20 लाख तक के ई-टेण्डर का अनुमोदन अधीक्षण यंत्री से लेने का कोई आदेश है, तो उसकी छायाप्रति देवें। यदि कोई आदेश नहीं है तो क्या विभाग इस प्रक्रिया में सुधार करेगा? (ख) कार्यपालन यंत्री द्वारा दो-दो लाख के शार्ट टेण्डर किन-किन कार्यों हेतु लगाये जा सकते है? क्या दो-दो लाख के शार्ट टेण्डर के स्थान पर दस-दस लाख के शार्ट टेण्डर लगाने के कोई आदेश है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्यों के लिये हैं? (ग) विभाग अंतर्गत रीवा,सागर एवं जबलपुर जोन के विभिन्न संभागों में दो-दो लाख के शॉर्ट टेण्डर/टेबिल टेण्डर की क्या दरें स्वीकृत की गई हैं? मार्च 2019 से मार्च 2021 के बीच की जानकारी देवें एवं यह भी बतलावे की उक्त अवधि में कितने प्रतिशत दरें स्वीकृत की गई हैं? क्या ई टेण्डरिंग से इसकी तुलना की जाती है? यदि हाँ, तो कहां-कहां की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की जाती?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, लोक निर्माण विभाग (भ/प) अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है, म.प्र. सड़क विकास निगम में समस्त टेन्डर मुख्यालय स्तर पर प्रबंध संचालक के अनुमोदन उपरांत लगाये जाते है, पी.आई.यू. अंतर्गत संभागीय परियोजना यंत्री को ई-टेण्डंरिग के माध्यम से सभी लागत के ई-टेण्डर लगाने के अधिकार है, राशि रू. 20.00 लाख तक की निविदा के लगाने के अधिकार संभागीय परियोजना यंत्रियों को सुरक्षित है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक निर्माण विभाग अंतर्गत योजनाएं
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 3217 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग संभाग कटनी के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य चल रहे है सूची देवें? (ख) प्लान योजनान्तर्गत बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य चल रहे है, लागत एवं निर्माण एजेन्सी के नाम सहित सूची देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के विकास हेतु कहां-कहां के किन-किन कार्यों के निर्माण प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु भेजा गया है तथा उनमें से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुए है? (घ) वर्तमान में लोक निर्माण विभाग कटनी अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग या मार्गों के अंशभाग खराब है तथा उनके सुधार हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है संपूर्ण जानकारी सहित सूची देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1' एवं प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-2' एवं प्रपत्र-'स-1' अनुसार है।
सरकारी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में रिक्त पद
[उच्च शिक्षा]
101. ( क्र. 3223 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने-कितने पद रिक्त हैं? (ग) रिक्त पदों को भरने हेतु कब-कब क्या-क्या कदम उठाये गये? दस्तावेज देवें। (घ) रिक्त पदों को भरने हेतु कब-कब क्या-क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये? उनकी वस्तुस्थिति बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों में कुल 4668 एवं महाविद्यालयों में कुल 12,042 पद स्वीकृत हैं। (ख) स्वीकृत पदों के विरूद्ध विश्वविद्यालयों में कुल 2352 एवं महाविद्यालयों में कुल 5006 पद रिक्त हैं। (ग) पदपूर्ति हेतु समय-समय पर कार्यवाही की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोलर पम्प वितरण योजनांतर्गत लाभान्वित हितग्राही
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
102. ( क्र. 3224 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र. ऊर्जा विकास निगम के द्वारा भोपाल, सीहोर, हरदा, होशंगाबाद तथा रायसेन में कितने-कितने, सोलर पम्प किन-किन हितग्राहियों को स्वीकृत कर वितरित किये गये? जिलेवार हितग्राहियों की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में उक्त कार्य हेतु भारत सरकार कितनी-कितनी राशि कब-कब आवंटित की गयी? भारत सरकार से आवंटित राशि तथा व्यय की राशि का विवरण बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में ऊर्जा विकास निगम के द्वारा किन-किन सप्लाईकर्ता फर्मों को कब-कब एम्पेनल किया गया? (घ) सप्लाईकर्ता फर्मों की सूची तथा उन्हें दिए गये कार्यादेशों की प्रतियाँ देवें। (ङ) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में उक्त कार्य हेतु फर्मों को कितनी-कितनी राशि कब-कब भुगतान की गयी? विवरण मय दस्तावेज के बतावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) विगत 05 वर्षों में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के द्वारा भोपाल, सीहोर, हरदा, होशंगाबाद तथा रायसेन में क्रमश: 514,932,384, 417 एवं 1368 नग सोलर पंप, हितग्राहियों के स्वीकृत कर, वितरित किए गए है, जिलेवार हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में उक्त कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा आवंटित व व्यय की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 में म.प्र. ऊर्जा विकास नि.लि. द्वारा निविदा के माध्यम से न्यूनतम दरों पर अनुबंध करते हुए निविदा में पात्र पाई हुई फर्मों/इकाइयों को एम्पेनल किया गया। वर्ष 2019-20 तथा वर्ष 2021-22 के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निविदा के अंतर्गत मध्य प्रदेश हेतु चयनित इकाइयों की सूची निगम को संसूचित की गई। उक्तानुसार चयनित इकाइयों से अनुबंध करते हुए उन्हें एम्पेनल किया गया। एम्पेनल की गई फर्म्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) सप्लाईकर्ता फर्मो की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। कार्य आदेशों की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में उक्त कार्य हेतु फर्मों को भुगतान की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-च अनुसार है।
प्रदेश के औद्योगिक स्थानों का वायु गुणवत्ता सूचकांक
[पर्यावरण]
103. ( क्र. 3233 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के औद्योगिक स्थानों की वायु गुणवत्ता सूचकांक व भूगर्भीय जल की गुणवत्ता को जांचने हेतु सरकार क्या समय-समय पर कोई जांच करवाती है? यदि हां, तो औद्योगिक स्थान बानमौर व मालनपुर की पिछले दो माह में वायु गुणवत्ता सूचकांक व भूगर्भ जल की क्या दशा है? (ख) विश्व स्वास्थ्य संघटन (डब्लू.एच.ओ.) द्वारा जारी दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में टॉप 20 नामों में प्रदेश के कौन-कौन शहर शामिल हैं? क्या इन शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार ने कोई कार्ययोजना बनाई है? यदि हां, तो उसका विवरण क्या है? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा औद्योगिक स्थलों की परिवेशीय वायु गुणवत्ता एवं भू-जल गुणवत्ता की जांच की जाती है। बानमौर तथा मालनपुर की पिछले 2 माहों का वायु गुणवत्ता सूचकांक व भूगर्भ जल गुणवत्ता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सूची की जानकारी नहीं है। इन्टरनेट पर उपलब्ध जानकारी अनुसार वर्ष 2020 एवं वर्ष 2021 की सूची अनुसार टॉप 20 प्रदूषित शहरों के नामों में मध्य प्रदेश का कोई शहर नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकायों में शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 3259 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में नगरीय निकायों द्वारा शिक्षा उपकर की राशि कब से एवं किस दर से ली जा रही है एवं इस राशि को किस मद में खर्च किए जाने का प्रावधान है? इस संबंध में शासनादेश कब-कब और क्या-क्या जारी किये गये? (ख) क्या उपकर की राशि एवं निकाय अंतर्गत आवासीय विद्यालयों के भवन, शौचालय, अतिरिक्त कक्ष, बाउण्ड्रीवाल एवं स्कूलों की रंगाई-पुताई इत्यादि के लिए व्यय की गई? यदि हाँ, तो इंदौर एवं देवास जिलों में किन-किन नगर परिषद नगरपालिका एवं नगर पालिका निगम में वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में 20 फरवरी, 2022 तक की अवधि में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है एवं उपकर की कितनी-कितनी शेष राशि जमा है? निकायवार बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विभागीय ज्ञाप क्रमांक 4090/18-3/1999, दिनांक 07.10.1999 एवं 605/740/18-3/2000, दिनांक 15.03.2000 के द्वारा मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों के द्वारा शिक्षा उपकर अधिरोपित किया जाता है। शिक्षा उपकर की दर वार्षिक भाड़ा मूल्य की गणना के 05 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। शिक्षा उपकर की राशि का व्यय शासकीय विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं के कार्य कराये जाने हेतु किया जाता है। इस संबंध में विभागीय आदेश क्रमांक एफ 6-18/2012/18–3, दिनांक 31.10.2012 एवं विभागीय आदेश क्रमांक एफ 6-6/2016/18-3, दिनांक 26.07.2016 द्वारा जारी किये गये जिसमें नगरीय निकायों द्वारा वसूले जा रहे शिक्षा उपकर की राशि के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश प्रदान किये गये हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 3279 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिले में कौन-कौन सी अवैध कॉलोनियां हैं? (ख) उपरोक्त में से अवैध कालोनी को बनाने वाले किस-किस कालोनाइजर के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? (ग) क्या किसी अधिकारी पर अवैध कालोनी बनने देने के लिए कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उपरोक्त कॉलोनियों में नल जल योजना के अंतर्गत पेयजल उपलब्ध कराया गया है? (ङ) यदि नहीं, तो क्या सरकार सभी कॉलोनियों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
वैध एवं अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 3281 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक मण्डला जिले में कौन-कौन सी कॉलोनियां बनाई गई है? इनमें से कितने वैध हैं एवं कितने अवैध हैं? स्थान का नाम, खसरा नं., रकबा एवं कॉलोनाईजर के नाम सहित तहसीलवार विवरण प्रदान करें। (ख) मण्डला जिले में लगातार कॉलोनाइजर/भू-माफिया द्वारा कृषि भूमि को रहवासी अवैध कालोनी बनाकर बेची जा रही है। इस संबंध में राजस्व विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उपरोक्त कॉलोनियों में विद्युत, पेयजल एवं रोड की सुविधा उपलब्ध कराया गया है? (घ) म.प्र. शासन द्वारा रहवासी कालोनी बनाने के क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं। दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) की जानकारी संकलित की जा रही है।
नर्मदा एक्सप्रेस-वे की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
107. ( क्र. 3286 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे कहां से शुरू होकर किस स्थान तक पहुँचेगा? (ख) नर्मदा एक्सप्रेस-वे कौन-कौन से संभाग जिला एवं विधानसभा क्षेत्रों से गुजर रहा है? (ग) क्या इस पर दोनों तरफ व्यवसायिक कॉरीडोर बनाया जा रहा है? (घ) इस एक्सप्रेस-वे की निर्माण लागत क्या है तथा उक्त कार्य कब से प्रारंभ होकर कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) इस एक्सप्रेस-वे की खण्ड वार स्वीकृत लागत एवं अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युत उपकेन्द्रों की स्वीकृति
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 3307 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चौरई विधान सभा क्षेत्र में रमपुरी टोला एवं बामनवाड़ा में वर्ष 2019-20 में उपकेन्द्र स्वीकृत हुये थे? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या कारण है कि ये स्वीकृति निरस्त कर दी गई? इस संबंध में हुये समस्त नोटशीट/पत्राचार की प्रमाणित प्रतिया देवें। (ग) जनहित में ये कब तक पुन: स्वीकृत कर दिए जाएंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) चौरई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम रमपुरी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है जिसे केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार उक्त नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र रमपुरी का निर्माण कार्य करवाया जावेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। ग्राम बामनवाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र का निर्माण कार्य कराए जाने हेतु तकनीकी परीक्षण किया गया, जिसमें यह पाया गया कि ग्राम बामनवाड़ा एवं आस-पास के क्षेत्र को विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कुंडा से निर्गमित 11 के.व्ही. बामनवाड़ा घरेलू एवं 11 के.व्ही. बामनवाड़ा कृषि फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 11 के.व्ही. बामनवाड़ा घरेलू फीडर के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित मानकों के अनुरूप है किन्तु 11 के.व्ही. बामनवाड़ा कृषि फीडर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित मानकों से अधिक होने के कारण कतिपय अवसरों पर वोल्टेज की समस्या परिलक्षित होती है। इस समस्या के निराकरण हेतु विद्यमान 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कुंडा से 7 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन का निर्माण कर 11 के.व्ही. बामनवाड़ा कृषि फीडर के विभक्तिकरण का कार्य प्रस्तावित किया है, जिसे केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त कार्य पूर्ण होने पर ग्राम बामनवाड़ा एवं आस-पास के क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में वृद्धि परिलक्षित होगी तथा इस कार्य के पूर्ण होने के उपरान्त ग्राम बामनवाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के कार्य की आवश्यकता नहीं होगी।
नाले के दूषित पानी की समस्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 3324 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के नगरीय निकायों कोतमा अनूपपुर, अमरकंटक द्वारा घरों से निकलने वाले नाले के दूषित पानी को सीधे नदियों में गिराकर प्राकृतिक जल स्त्रोतों को दूषित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या दूषित जल सीधे नदियों में गिराये जाने के प्रावधान है? यदि नहीं, तो संबंधित नियमों/अधिनियमों की प्रतियां प्रदान करें। (ख) क्या अनूपपुर जिले से निकलने वाली नर्मदा, सोन जोहिला अपने उद्गम स्थल से ही प्रदूषित होकर प्रवाहित हो रही है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। इसके लिए उत्तरदायी संस्था/व्यक्तियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या निकायों द्वारा नगरों में सीवेज लाईन स्थापना एवं एस.टी.पी. (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाये जाने की कार्य योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या शासन उपरोक्तानुसार जल प्रदूषण रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही करेगा? (घ) क्या निकायों द्वारा किए जा रहे जल प्रदाय का जल परीक्षण कराया जाता है यदि हाँ, तो विवरण देवें यदि नहीं, तो कारण बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अनूपपुर जिले के अमरकंटक निकाय द्वारा सीवरेज की डी.पी.आर. तैयार की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। नगर पालिका अनूपपुर तथा कोतमा में डी.पी.आर. तैयार नहीं करायी जा रही है। जी हाँ। (घ) जी हाँ। नगर पालिका अनूपपुर तथा कोतमा के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में निकाय में स्थापित लेब एवं नगर परिषद् अमरकंटक के पेयजल का परीक्षण लोक यांत्रिकी उपखंड, राजेन्द्र ग्राम, जिला अनूपपुर से कराया जाता है। तीनो निकायों की जल परीक्षण की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर परिषदों द्वारा कराये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 3328 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के सोनकच्छ एवं खातेगांव विधान सभा क्षेत्र की नगर परिषदों में दिनांक 01 जनवरी, 2019 से 31 दिसम्बर, 2021 तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किये गये? उन पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गयी? (ख) प्रश्नांकित परिसर में कोविड-19 की प्रथम द्वितीय एवं तृतीय लहर के अंतर्गत सफाई व्यवस्था के किन-किन उपकरणों पर कितना-कितना व्यय हुआ? उक्त अवधि में फिनाईल सेनेटाईजर कितनी मात्रा में किस मूल्य से किन-किन एजेंसियों से खरीदा गया? क्रय आदेश की छायाप्रति देवें। प्रश्नांकित अवधि में नगर परिषद को कितनी आय हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
घुनवारा-बसौड़ा पहाड़ मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 3338 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र के घुनवारा से बसौड़ा पहाड़ (पन्ना) मार्ग के निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग ने कलेक्टर पन्ना एवं सतना से वनभूमि के बदले राजस्व भूमि उपलब्ध कराने हेतु कब-कब आग्रह किया गया? पत्राचार की प्रति दें। (ख) लोक निर्माण विभाग को उक्त महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण के लिये वनभूमि के बदले कितनी राजस्व भूमि की आवश्यकता है? इस हेतु अब तक कलेक्टर सतना एवं पन्ना द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा की उक्त महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण के लिये राजस्व भूमि उपलब्ध कराने की कार्यवाही में विलम्ब हेतु कौन उत्तरदायी है? दोनों जिलों के प्रशासन द्वारा कब तक आवश्यक राजस्व भूमि उपलब्ध करा दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) मार्ग निर्माण हेतु मैहर जिला सतना अंतर्गत 5.550 हेक्टेयर एवं बसोड़ा पहाड़ जिला पन्ना में 2.850 हेक्टेयर कुल 8.400 हेक्टेयर राजस्व भूमि की आवश्यकता है। कलेक्टर सतना एवं पन्ना द्वारा की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) भूमि अधिग्रहण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। अत: कोई उत्तरदायी नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार है।
बिजली बिलों में अनियमितता
[ऊर्जा]
112. ( क्र. 3343 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर (जिला छतरपुर) एवं विधानसभा क्षेत्र मैहर (जिला सतना) के संदर्भ में बतावें कि वर्णित क्षेत्र में गत एक वर्ष यथा जनवरी 2021 से जनवरी 2022 तक कितने उपभोक्ताओं के बिजली बिलों को संशोधित कर/पुनर्गणना कर कम किया गया? वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें, गलत गणना कर ज्यादा बिल देयकों के क्या कारण है? उपभोक्ताओं को वास्तविक खपत के बिल ही दिये जाये इस हेतु कंपनी के क्या प्रयास हैं? (ख) उक्त वर्णित क्षेत्र में गत एक वर्ष में कितने लोगों के विरूद्ध बिजली चोरी के असत्य प्रकरण दर्ज कर विभाग द्वारा अनावश्यक परेशान किया गया, क्यों? (ग) किसानों को कितने घंटे प्रतिदिन बिजली उपलब्ध कराने की घोषणा है? उक्त वर्णित क्षेत्रों के विभिन्न फीडरों से क्या घोषणानुसार विद्युत प्रदाय किया गया? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माह जनवरी 2021 से माह जनवरी 2022 तक की अवधि में विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर, जिला छतरपुर एवं विधानसभा क्षेत्र मैहर, जिला सतना में क्रमश: 452 एवं 3033 उपभोक्ताओं के बिजली बिलों को संशोधित/पुनर्गणना कर बिल की राशि को कम किया गया है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को उनकी वास्तविक विद्युत खपत एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के प्रावधानों/निर्धारित विद्युत दरों के आधार पर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। कतिपय प्रकरणों में उपभोक्ता परिसर में लगे हुए विद्युत मीटर में खराबी आने पर, मानवीय त्रुटि के कारण, मीटर रीडर द्वारा गलत रीडिंग दर्ज करने के कारण अथवा कम्प्यूटर में विद्युत खपत दर्ज करते समय त्रुटिवश अधिक खपत दर्ज हो जाने के कारण अधिक राशि के विद्युत देयक जारी हो जाते हैं। संबंधित कार्यालय में उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने पर ऐसी शिकायतों का तत्काल निराकरण कर विद्युत बिल में सुधार कर दिया जाता है। उपभोक्ताओं को वास्तविक खपत के बिल दिया जाना सुनिश्चित करने के लिये बंद/खराब मीटर बदलने, अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर स्थापना, फोटो मीटर रीडिंग के आधार पर वास्तविक खपत के अनुसार बिल देने, आदि प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सही विद्युत बिल जारी किये जाने हेतु वितरण केन्द्र प्रभारियों को बिलिंग सेंटर में डाटा प्रेषित करने के पूर्व सूक्ष्मतापूर्वक जांच करने एवं मीटर वाचको को उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग लेने/दर्ज करने में और अधिक सावधानी बरतने के सख्त निर्देश दिये गये हैं। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विगत एक वर्ष में किसी भी विद्युत उपभोक्ता के विरूद्ध बिजली चोरी का असत्य प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) राज्य शासन के निर्देशानुसार किसानों को कृषि कार्य हेतु प्रतिदिन 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का समय नियत है। प्रश्नाधीन क्षेत्र के विभिन्न 11 के.व्ही. फीडरों पर विगत 6 माह में किये गये औसत प्रतिदिन वि़द्युत प्रदाय की अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उल्लेखित है कि कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों यथा आंधी, तूफान, बाढ़ इत्यादि के कारण आने वाले आकस्मिक व्यवधानों, विद्युत लाईनों के मेंटेनेंस हेतु लिये गए पूर्व निर्धारित शटडाउन में विद्युत लाइनों एवं विद्युत उपकरणों के रखरखाव में लगने वाले समय तथा बंद/खराब उपकरण यथा-खंभे, तार, ट्रांसफार्मर, व्ही.सी.बी. इत्यादि बदलने में लगने वाले समय के कारण विद्युत प्रदाय की अवधि में कमी आती है। इन सब व्यवधानों को शीघ्रातिशीघ्र दूर कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जाता है।
महाविद्यालय को प्राप्त राशि
[उच्च शिक्षा]
113. ( क्र. 3344 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय बापू डिग्री कालेज, नौगांव, जिला-छतरपुर की चालू वित्तीय वर्ष में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? महाविद्यालय को फीस शुल्क व अन्य मदों में स्थानीय स्तर पर कितनी राशि मदवार प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित संकलित/प्राप्त राशि का व्यय महाविद्यालय द्वारा किन-किन कार्यों में किया गया? (ग) क्या महाविद्यालय द्वारा की गई खरीदी व अन्य कार्यों में शासन व विभागीय निर्देशों का पालन किया है? नहीं तो क्यों? क्या इन कार्यों हेतु सक्षम समिति से अनुमोदन प्राप्त किया गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 3355 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी सड़कों में निर्माण कार्य स्वीकृत हैं एवं कौन-कौन सी सड़कों में निर्माण कार्य चल रहा हैं? सूची सहित उपलब्ध करायें। (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा अंतर्गत विभिन्न सड़कों हेतु कितनी राशि की स्वीकृति है एवं किन-किन ठेकेदारों द्वारा कार्य संचालित किया जा रहा है, पूरी जानकारी राशि सहित उपलब्ध करायें? (ग) सड़कों के निर्माण गुणवत्ता एवं निरीक्षण हेतु कौन-कौन से अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई? नाम एवं पद सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) स्वीकृत सड़कों के निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
सड़क निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 3385 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल एवं ब्यौहारी विधान सभा क्षेत्र के रोडों/सड़कों के निर्माण व रोडों के निर्माण में की गई अनियमितताओं के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र कलेक्टर शहडोल व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को लिखे गये पत्रों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? अगर कार्यवाहियां नहीं की गई तो उन कार्यवाही बावत् निर्देश देंगे बतावें? क्या निर्देश देगें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा के पत्र क्र. 361 दिनांक 20.05.2016 एवं पत्र क्र. 3548 दिनांक 13.08.2019 के माध्यम से कलेक्टर रीवा को रोडों की जांच बावत् पत्र लिखे गये थे। जांच की प्रति एवं की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा पत्र क्र. 4865 दिनांक 02.02.2019 के द्वारा सड़कों में की गई अनियमितता की जांच में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों को जांच हेतु पत्र लिखा गया। जांच की प्रति एवं की गई कार्यवाही बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों की गई कार्यवाही की प्रति देते हुये बतावे कि कौन-कौन दोषी हैं? अगर जांच अधिकारियों द्वारा जांच प्रतिवेदन समय पर नहीं दिये गये तो उन पर क्या कार्यवाही करेगें बतावें। अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार जांच न कराकर दोषियों को बचाने एवं शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाने जांच प्रतिवेदन समय पर न देने वालों पर पत्रों पर कार्यवाही न करने वालों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई शहडोल से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु आयुक्त रीवा संभाग के पत्र क्र. 361 दिनांक 20.01.2016 एवं पत्र क्र. 3548 दिनांक 13.08.2019 के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर रीवा द्वारा प्रश्नांकित मार्गों के निर्माण संबंधी अनियमितता की जांच अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी रीवा को सौंपी गई। शेष जानकारी म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई शहडोल से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जांच कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जांच कार्यवाही प्रचलन में है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जांच प्रचलन में है। जांच कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जा सकेगा।
अनुचित भुगतान वालों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
116. ( क्र. 3386 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास व आवास विभाग द्वारा छोटे एवं मझोले शहरों के अधोसंरचना विकास के लिए योजना का संचालन किया गया? जिसके तहत पेयजल, सड़क, सीवेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य होने थे। इस अनुसार शहडोल जिले के नगर पंचायतों में कितने कार्य कब-कब, कितनी-कितनी लागत से कब-कब स्वीकृत किये गये? कार्यादेश किन संविदाकरों को किन शर्तों पर दिये गये? इनका विवरण वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक का नगर पंचायतवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के तहत नगर पालिका निगम शहडोल में वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने कार्य कितनी-कितनी लागत से स्वीकृत किये गये का विवरण देवें। इनके कार्यों के कराये जाने हेतु कार्यादेश किन-किन संविदाकरों को किन अनुबंध की शर्तों अनुसार दिये गये अनुबंध की प्रति देते हुये बतावे, मौके पर कार्ये की भौतिक स्थिति क्या हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के नगर पंचायतों एवं नगर पालिका निगमों में कितने कार्य, वर्कआडर पर बगैर टेण्डर पर किन-किन संविदाकरों से कितनी-कितनी लागत से कराये गये का विवरण कार्यवार, योजनावार, वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार नगर पंचायत ब्यौहारी में वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने कार्य किन-किन मदों से कितनी-कितनी लागत से किन-किन संविदाकारों द्वारा किन शर्तों पर कराये गये? का विवरण वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें। वर्कआर्डर पर बगैर टेण्डर के कितनी-कितनी लागत से कहां-कहां, किन-किन के द्वारा किन-किन मदों से कार्य कराये गये का विवरण उपरोक्त अवधि अनुसार देवें। इनके कार्यों की भौतिक स्थिति का सत्यापन कब-कब, किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार स्वीकृत कार्य अनुबंध की शर्तों अनुसार नहीं कराये गये। कार्य गुणवत्ता रहित मापदंडों से हटकर कराये गये। वर्कआर्डर पर जिन कार्यों के कार्यदेश जारी किये गये वो कार्य कहीं नहीं हुये फर्जी बिल व्हाउचर तैयार कर व्यक्तिगत हित पूर्ति कि कारण भुगतान संविदाकारों को कर लाभ पहुंचाया गया। इसके लिये जिम्मेदारों पर कार्यवाही के साथ राशि वसूली के निर्देश जारी करेंगे तो बतावें अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार तथा अनुबंध की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं, बिना टेण्डर के कोई कार्यादेश नहीं दिया गया है। प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार उत्तरांश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (घ) जी नहीं, बिना टेण्डर के कोई कार्यादेश नहीं दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ड.) स्वीकृत कार्य अनुबंध के शर्तों के अनुसार कराये गये हैं। कराये गये कार्यों के देयक उपयंत्री द्वारा भौतिक सत्यापन कर तैयार किये जाने से फर्जी बिल बाउचर तैयार नहीं हुये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तवा नदी पर बने पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
117. ( क्र. 3391 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले के नर्मदापुरम और माखन नगर को जोड़ने हेतु तवा नदी पर बना पुल के पुनर्निमाण का कार्य किस कंपनी को, कितनी राशि में दिया गया? उक्त कार्य कितने समय में पूरा किया जाना था? (ख) क्या ठेकेदार द्वारा समय पर काम पूरा किया गया? यदि नहीं, तो क्या इस संबंध में उस पर शास्ति रोपित की गई? (ग) उक्त ठेकेदार द्वारा कौन-कौन से कार्य (एक्सपेंशन ज्वाइंट, बेरिंग आदि) कराया जाना था? प्रत्येक की जानकारी दें। (घ) जानकारी दें कि उक्त कार्य की कितने समय-सीमा की ग्यारंटी ठेकेदार द्वारा दी गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। अपितु विशेष मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 30.04.2022 है। कार्य प्रगति पर है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त कार्यों के प्रावधान निम्नानुसार है- एक्सपांशन ज्वाइंट बदलना, रेलिंग कांक्रीट की गनाइटिंग, निपल लगाने का कार्य, एपॉक्सी मॉर्टर, आर.सी.सी. एम-30, एम-20, पी.सी.सी.- एम-15 एवं बियरिंग बदलने का आंशिक कार्य। (घ) कार्य पूर्ण उपरांत 05 वर्ष।
नगर परिषद पिपलौदा के कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 3404 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2006-07 से लेकर वर्ष 2018 तक नगर परिषद पिपलौदा को शासन/विभाग द्वारा किन-किन कार्यों को किये जाने हेतु कितना-कितना बजट आवंटित किया, कितने कार्य पूर्ण हुये, कितने अपूर्ण रहे, कुल कितना व्यय हुआ? वर्षवार जानकारी दें। (ख) बतायें कि उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत नगर परिषद को स्थानीय निधि के माध्यम से कितनी आय होकर उसके द्वारा क्या-क्या किया गया? वर्षवार जानकारी दें। (ग) साथ ही अवगत करायें कि उल्लेखित वर्षों के दौरान किस-किस प्रकार की सामग्री किस नियम प्रक्रिया के माध्यम से क्रय की गई, वर्षवार बतायें? (घ) नगर परिषद द्वारा किन-किन स्थानों पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तथा दुकाने बनाई गई क्या उनका आवंटन नियमानुसार हुआ तो किस प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित की गई तथा क्या तात्कालीन अध्यक्ष के संयुक्त परिवारजनों के रिश्तेदारों को भी आवंटन का लाभ दिया गया तो किस नियम, व्यवस्था के माध्यम से आवंटन किया, नियमों से अवगत करायें व स्पष्ट जानकारी दें एवं दोषियों के विरूद्ध मेरी शिकायत पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
विभागीय कार्य योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
119. ( क्र. 3407 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्रकार के, कितनी लागत के कार्य स्वीकृत किये गये? वर्षवार बताएं। (ख) उपरोक्त वर्षों में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य प्रारंभ होकर कितने कार्य पूर्ण हुए कितने अपूर्ण रहे तथा कितने कार्य अप्रारंभ रहे तो किन कारणों से? (ग) विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण सीमाओं से लगे आवासीय बस्तियों हेतु किन योजनाओं के माध्यम से कार्य किये गये, विद्युतीकरण के उक्त कार्य कितनी लागत के होकर कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे? (घ) क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर सुगम विद्युत वितरण हेतु ग्रिड क्षमता वृद्वि तथा छोटे बडे ट्रांसफार्मर लगाए जाने हेतु वर्षवार क्या-क्या किया गया, साथ ही आगामी वर्षों हेतु ग्रिड ट्रांसफार्मर एवं क्षमता वृद्वि हेतु किस प्रकार की कार्य योजना बनाई गई? कब स्वीकृत होकर कार्य प्रारंभ किये जा सकेंगे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के प्रावधानों के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से दिनांक 31.01.2022 तक की अवधि में सक्षम स्तर से विभिन्न प्रकार के विद्युत अधोसंरचना विकास के कार्य स्वीकृत किये गये, जिनकी स्वीकृत राशि सहित वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वर्ष 2017-18 से दिनांक 31.01.2022 तक की अवधि में स्वीकृत विभिन्न प्रकार के विद्युत अधोसंरचना विकास के कुल 25 कार्यों में से 21 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा शेष 4 कार्य प्रगति पर हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त में से कोई भी कार्य अप्रारंभ नहीं है। (ग) जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से दिनांक 31.01.2022 तक की अवधि में शहरी सीमाओं की आवासीय बस्तियों में आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत जावरा शहर एवं पिपलोदा शहर में विद्युत अधोसंरचना विकास के कार्य किये गये है जिनकी कुल लागत राशि रु. 187.84 लाख है तथा उक्त सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। जावरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में ग्रामीण सीमाओं की आवासीय बस्तियों में सौभाग्य योजनांतर्गत विद्युत अधोसंरचना विकास के कार्य किये गये हैं जिनकी कुल लागत राशि रु. 92.92 लाख है तथा उक्त सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उक्त कार्यों का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से दिनांक 31.01.2022 तक की अवधि में गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय की व्यवस्था हेतु 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों पर पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि तथा विभिन्न क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य किये गये हैं, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। आगामी वर्षों में जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 04 ग्रामों यथा-ग्राम बरखेड़ी, ग्राम आम्बा, ग्राम दाहखेड़ा एवं ग्राम बडायला माताजी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना, पूर्व से स्थापित 02 नग 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों यथा-रिच्चा देवड़ा एवं रानीगांव में स्थापित 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मरों की 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के पावर ट्रांसफार्मरों से क्षमतावृद्धि एवं 04 नग 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्दों यथा-ताल नाका, रतलाम नाका, ग्राम सुखेडा एवं ग्राम धामेडी पर अतिरिक्त 3.15 एम.व्ही.ए. पॉवर ट्रांसफार्मरों के स्थापना का कार्य और इसके अतिरिक्त 223 नग अतिरिक्त 100 के.व्ही.ए. वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना तथा 270 नग 25 के.व्ही.ए. के वितरण ट्रांसफार्मरों की 63 के.व्ही.ए. वितरण ट्रांसफार्मरों से क्षमता वृद्धि के कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किये गये हैं। उक्त योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार उक्त कार्य प्रारंभ किये जा सकेंगे।
हमीदिया अस्पताल के निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 3423 ) श्री जितु पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हमीदिया अस्पताल, भोपाल की नयी बहुमंजिला, मंजिल का कार्य 2 दिसम्बर, 2018 को होना था? यदि हाँ, तो बतावें कि उस अवधि तक कितना प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ था तथा विलंब किस कारण से हुआ अनुबंध तथा डी.पी.आर. की प्रति देवें। (ख) क्या अनुबंध की शर्त अनुसार विलंब पर प्रोजेक्ट लागत का 0.05 प्रतिशत प्रतिदिन के हिसाब से पेनल्टी ली जानी थी यदि हाँ, तो बतावें कि प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेंशन यूनिट ने पेनल्टी क्यों माफ की? (ग) क्या कार्य पूर्ण करने की अवधि चार बार बढ़ाई गई? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को कितनी अवधि बढ़ाई, उसके कारण बतावें। (घ) क्या डिवीजनल प्रोजेक्ट इंजीनियर ने 31 अगस्त, 2021 तक कम्पनी को 1034 दिन देरी का जिम्मेदार माना था? यदि हाँ, तो बतावें कि उस अनुसार पेनल्टी क्यों नहीं वसूली गई? (ड.) प्रश्नाधीन अनुबंध की फोर्स मेजर क्लास में असाधारण परिस्थिति पर अवधि बढ़ाने का उल्लेख है तथा कोरोना को यदि माना गया हैं तो ऐसे में पेनल्टी पूर्णत: माफ किया जाना कैसे न्यायोचित हैं? (च) प्रश्नाधीन भवन बनाने वाली कम्पनी का नाम, पता, भागीदार का नाम देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, 48 प्रतिशत। विलंब के कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अनुबंध की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं, बल्कि यदि कार्य में विलंब ठेकेदार के कारण होता है तो अनुबंध की एनेक्सर-पी अनुसार अनुबंधित राशि का 0.05 प्रतिशत प्रतिदिन के हिसाब से पेनल्टी का प्रावधान है। सक्षम अधिकारी द्वारा कोई पेनाल्टी का आदेश जारी नहीं किया गया। अतः पेनल्टी माफ करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, कार्य पूर्ण करने की अवधि तीन बार बढ़ाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) पेनाल्टी माफ नहीं की गई, बल्कि अनुबंध की कण्डिका-14.1 के अनुसार समयावृद्धि स्वीकृत की गई है। (च) मेसर्स क्यूब कंसट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड, पताः-1 चंद्रमनी नगर, विद्या विहार स्कूल लेन आफ हाई टेन्सन रोड, सुभानपुरा वड़ोदरा-390023, कम्पनी के भागीदार विनोद झालाबडिया, संजय छोटेलाल शाह, बिंदिया संजय शाह, गांधी नीलेश, अतुल भगवान दास शाह एवं संजय डी शाह भागीदार है।
लंबित के प्रकरणों की जानकारी
[आयुष]
121. ( क्र. 3433 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष विभाग में वर्ष 2016 से वर्तमान तक किन-किन अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई व किन-किन कारणों से? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) वर्तमान तक कितनी जांचें पूर्ण कर ली गई है कितनी लंबित हैं और क्यों? (ग) डॉ. जे.के. गुप्ता पर नियुक्ति दिनांक से वर्तमान तक कितने प्रकरण में जांच जारी है? कितनी विभागीय जांच पूर्ण है व कितनी वर्तमान में प्रचलन में हैं? उनकी अद्यतन स्थिति बताएं। (घ) उक्त लंबित जांच प्रकरणों मैं कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या इनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी? हाँ तो कब तक?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) आयुष विभाग में वर्ष 2016 से वर्तमान तक अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्तमान तक पूर्ण कर ली गई विभागीय जांच प्रकरण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) डॉ. जे.के. गुप्ता पर नियुक्ति दिनांक से वर्तमान तक संस्थित की गई विभागीय जांच की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) विभागीय जांच के निराकरण में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित प्रकिया का पालन किया जाना आवश्यक होता है, जिसमें प्रक्रियात्मक विलंब हो जाता है। अतः उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में किसी कार्यवाही का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्गों पर संकेतक लगाया जाना
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 3434 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में लोक निर्माण विभाग, म.प्र. रोड डेवलपमेंट कार्पो. लि द्वारा मार्ग निर्माणों में सुरक्षा मानकों की दृष्टि से रिप्लेक्टर, गतिरोधक और मोड़ों को दर्शाने वाले संकेतक क्यों नहीं लगाए जाते हैं? यातायात की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए जवाबदेही सुनिश्चित कर जानकारी दें। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अर्न्तगत जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हुए सभी मार्गों पर संकेतक लगाये हैं? कहां-कहां नहीं तो क्यों कारण सहित जानकारी दें। (ग) बाडी से अदलपुरा, रोडिया से मदरानिया ओर बोरावा से निमरानी सड़क मार्गों पर रिप्लेक्टर, गतिरोधक और मोड़ों को दर्शाने वाले संकेतक नहीं लगाये गये हैं? हाँ तो निरीक्षण कर जानकारी देवें नहीं तो क्यों जवाबदेही सुनिश्चित कर कब तक लगा दिए जाएंगे प्रश्न दिनांक की स्थिति में जानकारी देवे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग एवं मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम अंतर्गत मार्गों पर सुरक्षा मानकों अनुरूप संकेतक, सूचना बोर्ड, रोड डिलिनीएटर, रोड मार्किंग, क्रेश बेरियर आदि लगाये जाते है। उक्त प्रावधान सीमित वित्तीय संसाधन तथा मानकों एवं आवश्यकता के अनुरूप प्रशासकीय स्वीकृति के समय सक्षम स्तर से स्वीकृत किए जाते है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध व्यवसायिक भवन निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 3443 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका कटनी के क्षेत्रान्तर्गत श्रीमती सतीदेवी वेवा स्व.श्री ठाकुमल माधवनगर कटनी की आवासीय भवन अनुज्ञा नगरपालिका कटनी के पत्र कमांक 118/अनुज्ञा शाखा/2019 दिनांक 16.12.2019 को निरस्त की जा चुकी है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या श्रीमती सतीदेवी ने आवासीय नक्शा पास कराकर व्यवसायिक भवन का निर्माण किया था जिसका नगरीय सीमा क्षेत्र में नगरपालिका (अनुज्ञा के बिना भवनों के संनिर्माण के अपराधों का प्रशासन शुल्क एवं शर्ते) नियम 2016 के तहत पुनः नक्शा स्वीकृत करने का आवेदन पत्र दिनांक 23.12.2020 को प्रस्तुत किया था? सतीदेवी ने क्या-क्या अवैध निर्माण किया था? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या नगरपालिका कटनी ने पत्र क्रमांक 5485/अनुज्ञा शाखा/2021 दिनांक 24.02.2021 से कारण सहित आवेदन निरस्त कर श्रीमती सती देवी को सूचित कर दिया है? (घ) प्रश्नाश (ग) यदि हाँ, तो नगरपालिका निगम कटनी द्वारा उक्त अवैध व्यवसायिक निर्माण को कब तक हटा दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। भवन स्वामी द्वारा व्यावसायिक भवन का निर्माण कर होटल का संचालन किया जा रहा है एवं स्वीकृत मानचित्र क्रमांक 40 बी दिनांक 28.06.2014 के विपरीत खुले पार्श्व में निर्माण किया गया था जिससे भवन निर्माण हेतु जारी भवन अनुज्ञा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र द्वारा प्रतिसंहृत की जा चुकी है। (ग) जी हाँ। दिनांक 23.12.2020 को प्रस्तुत आवेदन को पत्र क्रमांक 5485/अनुज्ञा शाखा/2021 दिनांक 24.02.2021 द्वारा निरस्त कर भवन स्वामी को सूचित किया गया है। (घ) श्रीमती सती देवी द्वारा ए.बी.पी.ए.एस. पोर्टल पर ऑनलाइन पद्धति से सिटीजन आई.डी. द्वारा दिनांक 07.02.2022 को राशि रू. 3,36,022/- प्रशमन शुल्क जमा किया गया है। जमा किए गए प्रशमन शुल्क के अनुसार परीक्षण की कार्यवाही की जा रही है। परीक्षण उपरान्त गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
स्वीकृत तथा रिक्त पदों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 3455 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नगर निगमों, नगरपालिका निगमों तथा नगर परिषदों में स्वीकृत पदों तथा रिक्त पदों की जानकारी देते हुए इनमें विभिन्न विभागों से संलग्न किये गये अधिकारियों तथा कर्मचारियों की जानकारी दें? (ख) प्रदेश में ऐसे कितने नगर पालिका निगम तथा नगर परिषद है जिनमे कार्यरत सी.एम.ओ. लिपिक स्तर के कर्मचारी हैं? (ग) नगरीय निकायों में रिक्त पदों पर समक्ष अधिकारियों तथा कर्मचारियों की नियुक्ति करने हेतु शासन ने क्या योजना बनायी है? (घ) नगर परिषद लांजी, जिला बालाघाट की प्रशासकीय व्यवस्था ठीक करने हेतु क्या वहां समक्ष अधिकारियों तथा कर्मचारियों की अविलम्ब नियुक्तियों की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
बिजली कम्पनियों में रिक्त पदों की जानकारी
[ऊर्जा]
125. ( क्र. 3457 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि बिजली कम्पनियों में मेन पावर की कमी के कारण फील्ड पर आमजन तथा किसानों को परेशानियों का सामना करना पडता है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लि.कं अंतर्गत विद्युत वितरण केन्द्रों, उप संभाग तथा संभागीय विद्युत कार्यालयों में स्वीकृत पदों तथा रिक्त पदों की जानकारी दें? (ख) क्या यह सही है कि कम्पनी के अधिकारियों तथा कर्मचारियों का अधिकांश समय राजस्व वसूली में लगने के कारण खासकर वितरण ट्रान्सफार्मर टि.एल.टी. लाईन के मेन्टेनेंस नहीं हो पा रहे हैं? (ग) विद्युत लाइनों के लगातार हो रहे विस्तार को ध्यान में रखकर बिजली कम्पनिया न केवल स्वीकृत पदों को भरेगी अपितु स्वीकृत पदो की संख्या भी बढायेंगी? (घ) क्या यह भी सही है कि कम्पनियों में सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारियों तथा कर्मचारियों के स्थान पर नवीन भर्तियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है कृपया पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड में विगत पांच वर्षों में सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों, कर्मचारियों की संख्या तथा इन पदों के विरूद्ध की गयी भर्तियों की जानकारी दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। विद्युत वितरण कंपनियों में रिक्त पदों के विरूद्ध संविदा कार्मिकों एवं बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता एजेन्सियों के माध्यम से नियोजित किए गए आऊटसोर्स कार्मिकों के द्वारा कार्यों को संपादित करवाया जा रहा है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अंतर्गत विद्युत वितरण केन्द्रों, संचालन/संधारण उप संभाग तथा संचालन/संधारण संभागीय कार्यालयों में स्वीकृत पदों तथा उनके विरूद्ध पदस्थ कार्मिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विद्युत वितरण कंपनियों के पास उपलब्ध मानव संसाधन से समय-समय पर आवश्यकतानुसार राजस्व वसूली एवं वितरण ट्रांससफार्मर तथा एल.टी. लाईनों के मेन्टेनेंस संबंधी कार्यों को कराया जाता है। (ग) विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा अनुमोदित संगठनात्मक संरचना में सीधी भर्ती हेतु स्वीकृत नियमित व संविदा पदों पर नियमानुसार सीधी भर्ती की प्रक्रिया विगत वर्षों में संपादित की जाती रही है। तदोपरांत म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना दिनांक 24.12.2019 के द्वारा सीधी भर्ती हेतु नवीन 100 बिन्दु रोस्टर जारी किया गया है। साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 31.01.2022 के द्वारा उक्त 100 बिन्दु रोस्टर हेतु प्रक्रिया निर्धारित की गई है। तदानुसार विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा भर्ती की कार्यवाही की जा रही है। विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा समय-समय पर कार्यों की समीक्षा उपरांत, संगठनात्मक संरचना संशोधित किए जाने की कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में विद्युत वितरण कंपनियों में संगठनात्मक संरचना में संशोधन किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखनुसार विद्युत वितरण कंपनियों में नवीन भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अंतर्गत विगत पांच वर्षों में सेवानिवृत्त हुए आधिकारियों/ कर्मचारियों की कुल संख्या 3697 है। उल्लेखनीय है कि सेवानिवृत्ति से रिक्त होने वाले पदों में सीधी भर्ती के साथ ही पदोन्नति के पद भी सम्मिलित होते हैं। तद्नुसार म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अंतर्गत विगत पांच वर्षों में सीधी भर्ती के माध्यम से कुल 1301 पदों पर नियुक्तियां प्रदान की गई है।
लोक सेवा गारंटी से लाभान्वित हितग्राही
[नगरीय विकास एवं आवास]
126. ( क्र. 3464 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक लोक सेवा प्रदान गारंटी अधिनियम में 34 सेवाओं से तराना विधानसभा के कितने हितग्राही लाभान्वित हुए हैं? उनकी संख्या वर्षवार, ग्रामवार सेवा का नाम, लाभान्वित हितग्राही का नाम और पता सहित जानकारी देवें। (ख) नगरीय विकास एवं आवास विभाग से संबंधित कितनी सेवाओं की अपील (प्रथम व द्वितीय) वरिष्ठ कार्यालयों को प्राप्त हुई है? कितनी सेवाओं में समय पर सेवा प्राप्त न होने के कारण अभी तक कितने अधिकारियों पर कार्यवाही हुई है? (ग) 34 सेवाओं के लिए दोनों नगरीय निकायों में कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितनों का निराकरण हुआ कितने शेष हैं? (घ) उक्त सभी सेवाओं में प्रचलित सेवा नियम की सूची एवं समय-सीमा उपलब्ध कराते हुए, किन अधिकारियों पर कौन-कौन सी सेवाओं का जिम्मा दिया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद तराना तथा नगर परिषद माकडोन में कुल 779 हितग्राही लाभान्वित हुए है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कुल 795 आवेदन प्राप्त, कुल 788 निराकृत, कुल 07 शेष है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
सी.एम. हेल्पलाइन में दर्ज़ प्रकरणों का निराकरण
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 3465 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग के किन-किन अधिकारियों पर लोकायुक्त एवं मुख्य तकनीकी परीक्षक कार्यालय में प्रकरण पंजीबद्ध हुए है? उन पंजीबद्ध प्रकरणों पर विभाग की ओर से क्या कार्यवाही की है? (ख) सी.एम. हेल्पलाइन में उक्त मामलों वर्ष 2019 से अब तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? उज्जैन ज़िले की प्राप्त शिकायतों में निराकरण की स्थिति से अवगत कराएं। (ग) ईओडबल्यू में 11 अधिकारियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 114/2020 पंजीबद्ध हुआ था, क्या सतर्कता शाखा में उन 11 अधिकारियों के विरुद्ध कोई विभागीय जांच चल रही थी? यदि हाँ, तो विभागीय जांच में क्या पाया गया? (घ) वर्तमान में लोक निर्माण विभाग में ऐसी कितनी मेजरमेंट की फाइल प्रचलित है जिनका कार्य पूर्ण हो चुका है? किन्ही फाइलों में रनिंग मेजरमेंट बताकर प्रचलित तो नहीं है? सतर्कता अधिकारी ने इस संबंध में क्या कार्यवाही की?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार। (ख) उक्त मामलों में सी.एम. हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों की संख्या निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 3479 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021-22 व वर्ष 2022-23 में राजगढ़ जिले में प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कितने कार्य प्रस्तावित हैं? म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. को आवंटित प्रणाली सुदृढीकरण की धनराशि में से कितनी राशि राजगढ़ जिले को आवंटित की गई है? (ख) राजगढ़ में वर्ष 2021-22 व आगामी वर्ष 2022-23 में कितने नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के प्रस्ताव हैं व उनके कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2021-22 में प्रणाली सुदृढीकरण के अंतर्गत रू. 3111.93 लाख लागत राशि के कुल 51 कार्य प्रस्तावित है एवं वर्ष 2022-23 में कोई भी कार्य प्रस्तावित नहीं है। वर्ष 2021-22 में राजगढ़ जिले में प्रणाली सुदृढीकरण के कार्यों हेतु रूपये 341.73 लाख की राशि आवंटित की गई है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रणाली सुदृढीकरण के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 10 नए 33/11 के.व्ही. के विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य प्रस्तावित है, जिसमें से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र गेहूंखेड़ी हेतु राशि रुपए 196 लाख आवंटित की गई है। उक्त विद्युत उपकेन्द्र हेतु उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण कार्य आरंभ नहीं हो सका है। भूमि उपलब्धता के उपरांत कार्य आरंभ किया जायेगा। शेष 33/11 के.व्ही. के 09 विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिये गये है, जिसकी स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। राजगढ़ जिले में वर्ष 2022-23 एवं आगामी वर्षों में 33/11 के.व्ही. के 26 (उक्तानुसार शेष 9 तथा 17 नए) विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य भारत सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित किया गया हैं। योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार उक्त कार्य किये जायेंगे। अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सेतु (पुलिया) का निर्माण
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 3480 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील अंतर्गत ग्राम काशीखेड़ी, बटेड़िया, कुण्डालिया में सेतु निगम द्वारा सेतु (पुलिया) निर्माण कार्य कब स्वीकृत हुआ था? (ख) उक्त सेतु (पुलियाओं) का कार्य आदेश कब जारी किया गया? इनके निर्माण की समयावधि कितने वर्ष में पूर्ण करने की थी? (ग) उक्त निर्माण कार्य की भौतिक स्थिति क्या है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जाएगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) से (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
परिशिष्ट
- "अड़सठ"
अवैध कॉलोनियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 3499 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 313 दिनांक 28/12/20 के बिंदु (ख) में शेष 34 कॉलोनाइजर पर एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई तथा जिन पांच पर एफ.आई.आर. दर्ज हुई, उनके द्वारा क्या कॉलोनियों में विकास कार्य पूर्ण करवा दिए गए हैं या नहीं? (ख) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितनी अवैध कॉलोनियों पर कार्यवाही कर रोड, गेट, निर्माण कार्य तोड़े गए? सूची देवें और कितनी कॉलोनियों पर कार्यवाही शेष है? (ग) क्या जावरा न.पा. निवेश क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्रामों में निर्माण हेतु एन.ओ.सी. प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं? दो वर्ष की सूची देवें और बताएं कि वर्तमान में किसके आदेश से जावरा के आसपास स्थित पंचायत यथा लूहारी, बोरदा, रोजाना, भूतेड़ा इत्यादि पंचायतों की सीमा में निर्माण हेतु न.पा. अधिकारी जावरा द्वारा NOC जारी करने की प्रक्रिया पर रोक लगी हुई है? आदेश की प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित शेष 34 कॉलोनाईजर पर एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु प्रकरणों का परीक्षण किया जा रहा है। जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। 63 कॉलोनियों पर कार्यवाही शेष है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। पंचायतों की सीमा में निर्माण हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी, जावरा द्वारा एनओसी जारी करने की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई गयी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टोल बूथ की राशि
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 3500 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नोटबंदी तथा लॉकडाउन के कारण प्रदेश में किस-किस टोल रोड की अवधि कितने-कितने दिन बढ़ाई गई? इस संदर्भ में नोटशीट्स, आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि अनुबंध के किस शर्त में नोटबंदी होने पर अवधि बढ़ाए जाने का उल्लेख है? (ख) लेबड़ जावरा तथा जावरा नयागांव मार्ग पर प्राइवेट कार जीप, LCV, बस, ट्रक, मल्टी एक्सल ट्रक पर वर्ष 2009-10 से 2021-22 तक प्रत्येक वाहन से कितनी राशि का टोल शुल्क लेबड जावरा के दोनों बूथ तथा जावरा नयागांव के तीनों बूथ पर लिया गया? (ग) अनुबंध अनुसार टोल वसूली की अवधि क्या है तथा वर्तमान में टोल वसूली की अवधि दिनांक सहित क्या है तथा बतावें कि 20 फरवरी 22 तक दोनों रोड पर अनुबंध अनुसार लागत का कितना प्रतिशत वसूल हो चुका है? (घ) क्या ताल गोगापुर व्हाया विजयागंज मंडी देवास राजमार्ग घोषित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त राजमार्ग की देखरेख की जिम्मेदारी किसकी है और राजमार्ग के आसपास निर्माण हेतु NOC कौन जारी कर रहा है? क्या रतलाम जिले सीमा अंतर्गत आने वाले मार्ग को MPRDC को हैंड ओवर कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-7 पर स्थित कटनी बायपास एवं रीवा बायपास टोल रोड की अवधि नोटबंदी तथा लॉकडाउन के कारण 24 दिन बढ़ाई गई थी। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'क' के प्रपत्र -1, 2 एवं 3 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ग' अनुसार। (घ) जी हाँ। तालगोगापुर मार्ग लोक निर्माण विभाग संभाग-रतलाम, घोंसला रूपाखेडा से कनासिया मार्ग उज्जैन संभाग, विजयागंज मंडी से देवास मार्ग तक लोक निर्माण संभाग-देवास द्वारा एवं राजमार्ग के आसपास निर्माण हेतु एन.ओ.सी. संबंधित कार्यपालन यंत्री द्वारा की जाती है। जी नहीं। परफारमेंस अवधि समाप्ति दिनांक 14.01.2024 के पश्चात्।
ईसागढ़ के नवनिर्मित महाविद्यालय का नामकरण
[उच्च शिक्षा]
132. ( क्र. 3543 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील ईसागढ़ में स्थापित महावि़द्यालय के नामकरण हेतु डॉ. भीमराव आम्बेडकर के नाम पर महाविद्यालय द्वारा क्या कोई प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किया गया है। प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) नवीन नवनिर्मित शासकीय महाविद्यालय के परिसर में महाविद्यालय के निर्माण और स्वीकृति के पूर्व से ही संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की प्रतिमा स्थापित है? महाविद्यालय का नाम डॉ. भीमराव आम्बेडकर महाविद्यालय कराए जाने हेतु विगत 1 साल से ज्यादा समय से मांग की जा रही है लेकिन इसमें विलम्ब किस लिए किया जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 19-196/2003/ 1/4 दिनांक 28/06/2004 के परिप्रेक्ष्य में जिला स्तरीय समिति राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध महापुरूषों के नाम पर भवन, संस्था या सार्वजनिक स्थल का नामकरण करने के लिए सक्षम है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा के पत्र दिनांक 05/07/2021 के द्वारा प्राचार्य शासकीय नेहरू स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय, अशोकनगर को आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्राचार्य, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा पत्र दिनांक 29/07/2021, 16/09/2021 एवं 03/03/2022 के माध्यम से कलेक्टर, जिला अशोकनगर को महाविद्यालय के नामकरण हेतु लिखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'', ''6'' एवं ''7'' अनुसार है। आयुक्त, उच्च शिक्षा द्वारा भी पत्र दिनांक 07/03/2022 के माध्यम से महाविद्यालय के नामकरण की कार्यवाही हेतु कलेक्टर, जिला अशोकनगर को लिखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''8'' अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के उक्त संदर्भित परिपत्र दिनांक 28/06/2004 के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही कलेक्टर, जिला अशोकनगर द्वारा की जानी है।
शासकीय औषधालयों में दवाइयों की आपूर्ति
[आयुष]
133. ( क्र. 3546 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय औषधालयों में दवाओं की अनुपलब्धता/कमी होने से क्या मरीजों को दवाओं का वितरण नहीं हो पा रहा है? दवाई की उपलब्धता कराने लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या यह सही है की लघु वनोपज संघ से ही दवाएँ ख़रीदी की जाने की विवशता है? जाँच में लघु वनोपज संघ के सैम्पल फैल हुए थे? यदि हाँ, तो क्या लघु वनोपज संघ द्वारा अमानक दवाई ख़रीदी जा रही है? (ग) यदि दवाओं के सैम्पल फेल हुए थे तो लाइसेंसिंग अथॉरिटी द्वारा कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि लघु वनोपज संघ दवाएँ उपलब्ध नहीं कराता या अमानक दवाई प्रदाय करता है तो क्या भारत सरकार के उपक्रम अथवा निजी संस्थाओ से दवाई ख़रीदने पर विभाग द्वारा कोई रणनीति बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? यदि लघु वनोपज संघ दवाई नहीं देता है तो भारत सरकार का पैसा लेप्स होगा उसके लिए किसकी ज़िम्मेदारी होगी।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। क्रय आदेश जारी किये गये है। क्रय आदेश अनुसार औषधियां प्रदाय की जाती है। (ख) वर्ष 2009 के कैबिनेट निर्णय अनुसार वनोपज संघ से औषधियां क्रय करने की प्राथमिकता है। जी हाँ। जी नहीं। (ग) संबंधित फर्म को फेल सैम्पल की औषधि नष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। (घ) भारत सरकार के निर्देशानुसार। भारत सरकार के निर्देश के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर विकास प्राधिकरण की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 3548 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है, कि इन्दौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 114 स्थित राजीव आवास विहार में प्रकोष्ठ के मूल आवंटिती द्वारा किश्तों का भुगतान न किया जाकर प्रकोष्ठ को प्राधिकरण को समर्पित कर दिया है। क्या यह सही है कि समर्पित करने के बाद भी प्रकोष्ठ पर किसी अन्य का कब्जा है? (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि उक्त प्रकोष्ठ पर प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि बकाया है और कब से बकाया है। मूल आवंटिती द्वारा कितनी राशि जमा कराई गई थी। मूल आवंटिती द्वारा प्रकोष्ठ समर्पण के लिए कब आवेदन दिया गया? (ग) इतनी अधिक राशि बकाया होने एवं इतना समय बीत जाने के बाद भी आज तक इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रकोष्ठ आवंटन निरस्त की कार्यवाही कर कब्जा क्यों नहीं लिया गया। इस बकाया राशि की हानि के लिए कौन जिम्मेदार है? (घ) ऐसे प्रकोष्ठ पर कब्जा प्राप्त करने की कार्यवाही प्राधिकरण द्वारा कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ यह सही है कि, इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक- 114 स्थित राजीव आवास विहार में प्रकोष्ठ क्रमांक जी-149/ई के मूल आवंटिती श्री धीरज कुमार राठौर एवं ज्योति राठौर के नाम से आवंटित किया जाकर इन्हें दिनांक 13.01.2003 को प्रकोष्ठ का कब्जा सौंप दिया गया था। आवंटिती द्वारा किश्तों का भुगतान समय पर नहीं किये जाने से आवंटन निरस्त किया गया। तत्पश्चात आवंटिती द्वारा समर्पण हेतु आवेदन दिया जाकर नियमानुसार कटौत्रा उपरांत शेष राशि वापिस करने की मांग की गई। आवंटिती द्वारा प्राधिकरण को विधिवत् आज दिनांक तक रिक्त आधिपत्य नहीं सौंपा गया है एवं वर्तमान में अन्य व्यक्ति श्रीमती रेखा रोशन पति श्री रमेश रोशन निवास कर रहे है। (ख) प्रकोष्ठ निरस्त हो जाने से बकाया राशि का प्रश्न नहीं उठता है। मूल आवंटिती द्वारा अलग-अलग मदों में रूपये 58,504/- राशि प्राधिकरण में जमा की गई थी। प्राधिकारी के रिकार्ड अनुसार मूल आवंटिती द्वारा प्रकोष्ठ समर्पण के लिए दिनांक 10.07.2017 को प्रथम बार आवेदन प्राप्त हुआ। (ग) प्राधिकारी द्वारा आवंटन निरस्त की कार्यवाही की गई है। बकाया राशि की हानि प्राधिकरण को नहीं होने से कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं होता है। (घ) प्रकोष्ठ का कब्जा प्राप्त करने हेतु म.प्र. विकास प्राधिकरण की संपत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम, 2018 के नियम 35 अनुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रचलन में है।
अतिक्रमित दुकानों को हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
135. ( क्र. 3566 ) श्री विपिन वानखेड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अता.प्र.सं. 71 (क्र. 2700) दिनांक 05 मार्च, 2021 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में भानपुर चौराहे के आसपास मांस विक्रय का लायसेंस नहीं दिया गया है, तो क्या अवैध रसीदें कटवाकर दुकानदारों द्वारा अभी मांस विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अवैध संचालित दुकानों को कब तक में बंद कर दिया जावेगा? (ख) क्या इसी प्रकार प्रश्नांश (घ) के उत्तर में शासकीय भूमि पर किया गया अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है, उत्तर दिया गया था तो क्या प्रश्न दिनांक तक अतिक्रमण हटा दिया गया है? यदि नहीं, तो अतिक्रमण अभी तक क्यों नहीं हटाया गया? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मांस विक्रय की दुकानों के लायसेंस नहीं दिये गये हैं, तो अतिक्रामकों के अतिक्रमण कब तक हटाये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भानपुर चौराहे के आस-पास मांस विक्रय का लाइसेंस नहीं दिया गया है। स्थल पर समस्त मांस विक्रय दुकानों को बंद कराकर अतिक्रमण हटा दिया गया है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार है।
वैध एवं अवैध कॉलोनी काटे जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 3568 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील करैरा जिला शिवपुरी के पटवारी हल्का क्र. 37, 73 एवं 74 करैरा चान्दवारा दिनारा के कितने शासकीय सर्वे नम्बर एवं किन-किन व्यक्ति द्वारा वैध एवं अवैध कॉलोनी काटी जा रही है? किस-किस शासकीय सर्वे नं. पर किस-किस का कब्जा है? (ख) क्या पटवारी हल्का क्र. 73 चान्दवारा सर्वे क्र. 2437 हरीहर गन्दी मुन्ना गन्दी के नाम से है? इसी प्रकार सर्वे क्र. 2438 में जो नाम है, इसमें यह प्रशासन की मिलीभगत से सर्वे 2437 की रजिस्ट्री करते हैं और 2438 के प्लाट देते हैं, जो शासकीय लोग वहां पर वर्षों से रह रहे हैं जिनके खिलाफ प्रकरण कोर्ट में चल रहा है। (ग) यह भी बताएं इन्होंने सर्वे क्र. 2437 के कितने प्लाटों की रजिस्ट्री की है? उन्हें किस-किस जगह पर प्लाट दिया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में इन तीनों पटवारी हल्का में भारी तादात में अवैध कॉलोनियां शासकीय भूमि पर काटी जा रही हैं? क्या इसकी जांच की जावेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित हल्कों के शासकीय सर्वे नंबरों पर कोई वैध कॉलोनी नहीं काटी गयी है। अवैध कॉलोनी के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) करैरा द्वारा जाँच दल दिनांक 08.03.2022 गठित किया गया है। जाँच उपरांत वस्तुस्थिति ज्ञात हो सकेगी। (ख) ग्राम चंदावरा स्थित सर्वे नं. 2437/1 रकबा 0.40 हे. मुन्ना पुत्र रामचरण वैश्य हिस्सा 43500/45000 एवं गोपाल पुत्र गनुआ धोबी हिस्सा 1500/45000 के नाम भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज है एवं सर्वे नं. 2437/2 रकबा 0.10 हे. मुन्ना पुत्र रामचरण वैश्य हिस्सा 1/4 एवं शांति, कुसुम, किरन पुत्रगण रामचरण वैश्य हिस्सा 3/4 भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज है एवं सर्वे नं. 2437/3 रकबा 0.11 हे. शांति पत्नि धनीराम वैश्य के नाम भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज है। इस प्रकार सर्वे नं. 2437/4 रकबा 0.60 हे. मनीषा पत्नि केशवप्रसाद गांधी जाति वैश्य निवासी सागर के नाम भूमि स्वामी स्वत्व पर दर्ज है। सर्वे नं. 2437/1 में भूमि स्वामियों द्वारा वर्तमान रिकार्ड खसरा अनुसार 3 विक्रय पत्र सम्पादित कराये गये हैं। जिनका कब्जा सर्वे नं. 2437/1 में पाया गया है एवं सर्वे नं. 2438 रकबा 2.06 हे. शासकीय, नोइयत मिट्टी खोदने के स्थान के रूप में दर्ज है। (ग) वर्तमान खसरा अनुसार ग्राम चंदावरा के सर्वे नं. 2437/1 में 3 विक्रय पत्रों की प्रविष्टि अंकित है। 1. कृष्ण कुमार पुत्र बलराम घनघोरिया जाति खटीक रकबा 1500 वर्गफीट 2. सीमा पत्नि सुनील कुमार गुप्ता रकबा 1250 वर्गफीट 3. गोपाल पुत्र गनुआ जाति धोबी रकबा 1500 वर्गफीट है। इन लोगों के कब्जे सर्वे नं. 2437/1 में पाये गये हैं। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार जॉंच के आदेश जारी कर दिये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों को प्राप्त किस्त
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 3571 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केण्ट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में कितने हितग्राही को प्रथम किस्त प्राप्त हो गयी है, कितने हितग्राही को दूसरी किस्त मिल गयी है एवं कितने पट्टाधारियों को पूर्ण किस्त प्राप्त हो गयी हैं? (ख) कितने पट्टाधारियों के सर्वे होने के बाद की एक भी किस्त जारी नहीं हुई है? (ग) जिनको किश्त जारी नहीं हुई है उनको कब प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) केण्ट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 2799 हितग्राहियों को प्रथम किश्त, 2565 को द्वितीय किश्त तथा 23 पट्टाधारियों को पूर्ण राशि (तृतीय किश्त) प्राप्त हो गई है। (ख) 19 पट्टाधारियों के सर्वे होने के बाद की एक भी किश्त जारी नहीं हुई हैं। (ग) भौतिक प्रगति के मापदण्ड अनुसार किश्त जारी किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है।
विज्ञान महाविद्यालय में पदस्थ प्राचार्य की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
138. ( क्र. 3573 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन में वर्तमान में कितने विज्ञान महाविद्यालय हैं, कितने विज्ञान महाविद्यालयों में प्राचार्य पदस्थ हैं? (ख) शासकीय विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर के प्राचार्य को कला संकाय के होने के बावजूद विगत 6 वर्षों से विज्ञान संकाय में क्यों पदस्थ किया गया? (ग) क्या मध्यप्रदेश में विज्ञान संकाय के प्राचार्य उपलब्ध नहीं हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 11 शासकीय विज्ञान महाविद्यालय संचालित हैं। समस्त संचालित महाविद्यालयों में 02 नियमित प्राचार्य एवं 09 प्रभारी प्राचार्य पदस्थ हैं। (ख) प्राचार्य की पदस्थापना वरिष्ठता के आधार पर होती है, विषय के आधार पर नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारी/कर्मचारियों के पदों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
139. ( क्र. 3600 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अंतर्गत 6 प्रमुख कार्यालय/संस्थाओं में अधिकारी कर्मचारियों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में कितने-कितने पद खाली है तथा इन संस्थाओं में पिछले पांच वर्षों में किस-किस पद पर कितने-कितने स्थायी कर्मचारियों की भर्ती हुई? (ख) प्रश्नाधीन प्रमुख संस्थाओं/कार्यालयों में कितने-कितने दैनिक भोगी कार्यरत हैं तथा कितने ठेकेदार (आउटसोर्स) के कर्मचारी कार्यरत हैं? (ग) प्रश्नाधीन प्रमुख कार्यालयों/संस्थाओं में वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक कितने अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे तथा सभी संस्थाओं का वर्ष 2016-2017 से 2020-21 तक वेतन भत्ते तथा सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन पर खर्च कितना-कितना है? (घ) सी.एम. हेल्पलाईन में वर्ष 2021 में किस-किस प्रमुख कार्यालय/संस्था की कितनी शिकायतें दर्ज हुईं? 31 दिसम्बर, 2021 तक कितनी शिकायतों का निवारण किया गया तथा कितनी लंबित रहीं? (ड.) प्रश्नांश (क) की संस्थाओं में 20 फरवरी 22 की स्थिति में किस-किस संस्था में कितने-कितने प्रकरण लोकायुक्त ई.ओ.डब्ल्यू. तथा विभागीय जांच हेतु लंबित हैं तथा लोकायुक्त ई.ओ.डब्ल्यू. तथा पुलिस में कितने प्रकरण दर्ज होकर प्रचलन में हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
ऊर्जा विभाग अंतर्गत आने वाली कंपनियों में स्वीकृत पद
[ऊर्जा]
140. ( क्र. 3601 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में स्थायी कर्मचारियों/अधिकारियों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद खाली है? बतावें। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में विगत 02 केलेण्डर वर्षों में कितने-कितने अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त हुये तथा इसी अवधि में स्थायी श्रेणी में कितनी नियुक्तियां की गई? (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर में 31.01.2022 की स्थिति में उच्च कुशल, कुशल, अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रेणी के कितने श्रमिक आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से कार्यरत हैं कि श्रेणीवार संख्यात्मक जानकारी देवे? (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमटेड, इन्दौर में विगत 02 वित्तीय वर्षों (2019-20 एवं 2020-21) में प्राप्त राजस्व, विद्युत क्रय पर व्यय तथा निम्नदाब/उच्चदाब उपभोक्ताओं पर विद्युत देयकों की कुल बकाया राशि और कर्ज एवं लाभ हानि की जानकारी बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में दिनांक 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में स्थायी कर्मचारियों के 7722 एवं स्थायी अधिकारियों के 761 पद स्वीकृत है तथा 1624 स्थायी कर्मचारियों एवं 331 स्थायी अधिकारियों के पद रिक्त है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में विगत 02 केलेण्डर वर्षों यथा-केलेण्डर वर्ष 2020 में 23 अधिकारी एवं 591 कर्मचारी तथा केलेण्डर वर्ष 2021 में 23 अधिकारी एवं 663 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए तथा इसी अवधि में स्थायी श्रेणी में की गई नियुक्तियों की जानकारी निरंक है। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में दिनांक 31.01.2022 की स्थिति में 40 उच्चकुशल, 6413 कुशल, 4396 अर्द्धकुशल एवं 5104 अकुशल श्रेणी के श्रमिक आउटसोर्स ऐजेंसियों के माध्यम से कार्यरत है। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विगत दो वित्तीय वर्षों यथा-वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्राप्त राजस्व क्रमशः रु. 15227 करोड़ एवं रु. 15955 करोड़ है, विद्युत क्रय पर व्यय क्रमशः रु. 10617 करोड़ एवं रु. 11773 करोड़ है तथा निम्नदाब/उच्चदाब विद्युत उपभोक्ताओं पर विद्युत देयको की कुल बकाया राशि क्रमश: रु. 2130.07 करोड़ एवं रु. 2982.49 करोड़ है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर विगत दो वित्तीय वर्षों यथा-वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में मार्च 2020 की स्थिति में राशि रु. 13688.24 करोड़ एवं मार्च 2021 की स्थिति में राशि रु. 13786.22 करोड़ का कर्ज है तथा कंपनी मार्च 2020 की स्थिति में राशि रु. 929 करोड़ एवं मार्च 2021 की स्थिति में राशि रु. 229 करोड़ के लाभ की स्थिति में है।
स्वीकृत रेल्वे ओव्हर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
141. ( क्र. 3610 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग सागर द्वारा स्वीकृत रेल्वे ओव्हर ब्रिजों के कितने कार्यों का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है एवं कितने निर्माण कार्य अप्रारंभ है? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत रेल्वे ओव्हर ब्रिज जिनके निर्माण कार्य प्रारंभ हो गये हैं, क्या उनका भूमिपूजन किया गया है तो कब-कब? (ग) प्रश्नांश (क) में अप्रारंभ कार्यों को विभाग कब तक प्रारंभ करेगा तथा कौन-कौन से रेल्वे ओव्हर ब्रिज के कार्य कब प्रारंभ होंगे? कार्य अप्रारंभ होने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, दिनांक 24.11.2020 को। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
निर्मित सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
142. ( क्र. 3612 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 59 गुनौर अन्तर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग से कौन-कौन सड़क निर्माण कार्य कराये गये हैं तथा वर्तमान में कौन-कौन से सड़क निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं एवं कहाँ-कहाँ सड़क निर्माण कार्य संचालित है? (ख) क्या पूर्व में जो भी सड़क निर्माण कार्य कराये गये हैं बहुत ही घटिया स्तर के हैं, जिससे सड़कों पर गड्ढे हो गये व सड़कें उखड़ चुकी हैं जिससे रोजाना दुर्घनायें हो रही हैं? क्या उन सड़कों की प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं, सड़कों पर गड्ढों से दुर्घटना नहीं हो रही। प्रमाण स्वरूप विभिन्न थानों की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंचायतों में प्राप्त बजट
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 3613 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 59 गुनौर अन्तर्गत नगर पंचायत देवेन्द्रनगर, ककरहटी, अमानगंज एवं गुनौर में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक विकास कार्य हेतु कितना बजट दिया गया है? नगर पचांयतवार पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दिये गये बजट में कौन-कौन से विकास कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये गये हैं और वह कार्य किसके द्वारा कराये गये हैं? (ग) क्या नवीन नगर पंचायत गुनौर में कर्मचारियों की भर्तिया की है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पद पर भर्तियां की गई हैं एवं कर्मचारियों की भर्ती करने चयन प्रक्रिया क्या थी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अभियोजन स्वीकृति जारी किये जाना
[लोक निर्माण]
144. ( क्र. 3620 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आनंद प्रकाश राणे की लोकायुक्त में आय से अधिक की अभियोजन स्वीकृति क्यों लंबित है? (ख) क्या विधि विभाग द्वारा इस प्रकरण में नोटशीट पर स्पष्ट रूप से कहा गया था की इस प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति जारी करें? (ग) अगर हाँ तो फिर अभियोजन स्वीकृति क्यों नहीं जारी की गयी है? (घ) क्या विधि विभाग द्वारा इस प्रकरण में नोटशीट के माध्यम से यह भी कहा गया है कि आपराधिक मामलो में पुनर्विलोकन की शक्तियां माननीय उच्चतम न्यायालय को छोड़कर किसी को भी प्राप्त नहीं है? (ड.) सामान्य प्रशासन विभाग के आर्डर क्रमांक 15-02/2014/1-10 दिनांक 05.09.2014 के बिंन्दु क्रमांक 12 का परिपालन क्यों नहीं किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रकरण की मूल नस्ती सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 05.09.2014 के तारतम्य में, मंत्रि-परिषद निर्णय हेतु दिनांक 11.08.2021 को सामान्य प्रशासन विभाग प्रेषित की गई है। (ख) जी हाँ। (ग) अभियोजन स्वीकृति जारी करने हेतु, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 05.09.2014 का पालन किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। (ड.) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 05.09.2014 अनुसार, अभियोजन स्वीकृति के संबंध में, मंत्रि-परिषद निर्णय हेतु प्रकरण सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित किया जा चुका है।
मेन्टेनेंस चार्जेस के नाम पर करोड़ों की वसूली करना
[लोक निर्माण]
145. ( क्र. 3624 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी.आर.डी.सी. का वर्ष 2020-21 में बैंको में 719 करोड़ रू जमा है तथा इस पर बैंक से 33 करोड़ लगभग ब्याज प्राप्त हुआ है। यदि हाँ, तो बतावें कि लाभ मात्र 2.74 करोड़ ही क्यों हुआ? (ख) एम.पी.आर.डी.सी. का वर्ष 2016-17 में राजस्व 127 करोड़ से गिरकर 2020-21 में मात्र 44.66 करोड़ क्यों हुआ तथा लाभ 53.44 करोड़ से घटकर 2.74 करोड़ ही क्यों हुआ? समस्त आंकड़ों सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 957 दिनांक 12.08.2021 अनुसार विनियोग हेतु उपलब्ध राशि से तात्पर्य क्या है तथा इसे स्पष्ट करें कि वर्ष 2020-21 की विनियोग हेतु उपलब्ध राशि 243.72 करोड़ का क्या विनियोग किया गया? (घ) वर्ष 2014-15 से 2021-22 तक मद अनुसार कुल प्राप्त राजस्व तथा मद अनुसार कुल खर्च की जानकारी दें तथा बतावें कि कम्पनी के लगातार करोड़ों के लाभ में रहने के बाद भी युजर चार्जेस मेन्टेनेंस चार्जेस के नाम पर वर्ष 2003-04 से 2013-14 याने 19 साल से 9 साल पहले बनी सड़कों पर टोल वसूली के ठेके क्यों दिये जा रहे हैं? (ड.) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 957 दिनांक 12.08.2021 के संलग्न दस्तावेज अनुसार बतावें कि उल्लेखित दस सड़कों के नाम वार्षिक प्रतिवेदन 2020-21 तथा 2019-20 में बीओटी सड़क की सूची में किस पृष्ठ पर उल्लेखित है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम का 31 मार्च 2021 कि स्थिति में विभिन्न बैंक खातों का शेष लगभग रू. 741.64 करोड़ था एवं 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए विभिन्न बैंक खातों से प्राप्त ब्याज की राशि लगभग रू. 33.00 करोड़ है I लाभ हानि विवरण के अनुसार वर्ष 2020-21 की कुल आय रू. 36.67 करोड़ है जिसमें निगम के कुल खर्चों की राशि घटाने के बाद निगम की शुद्ध लाभ रूपये 0.50 करोड़ है I यह आकडे कर लेखापरीक्षक द्वारा ऑडिट के पश्चात् लाभ हानि खाते में दर्शाये गए है I यह बताना अनिवार्य है कि पूर्व में बैंक खातों के शेष राशि रू. 718.46 करोड़ बताई गई थी जो कि निगम की मुख्यालय की पुस्तकों के अनुसार थी। निगम के खातों का कर लेखापरीक्षक द्वारा लेखापरीक्षण किया गया है तथा बैंक विवरण पत्र से मिलान करने पर एवं संभागीय कार्यालयो के शेष को सम्मिलित करके लेखापरीक्षण के पश्चात् राशि रू. 741.64 करोड़ है। वर्ष 2020-21 का कर लेखापरीक्षक द्वारा लेखापरीक्षण कार्य किया गया जिसके अनुसार वर्ष 2020-21 में जीएसटी एवं ब्याज के समायोजन के उपरांत राजस्व की राशि रू. 36.67 करोड़ रूपये लाभ हानि खाते में दर्शायी गयी है। शुद्ध लाभ की राशि रू. 0.50 करोड़ है क्योकि कम्पनी अधिनियम के प्रावधान अनुसार लाभ हानि विवरण बनाने पर शुद्ध लाभ की राशि सकल राजस्व में से निगम के विभिन्न व्ययों के घटाने के पश्चात् आती है। आय एवं व्यय की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। (ख) निगम का वर्ष 2016-17 में कुल राजस्व रू. 127.30 करोड़ था इसके विरुद्ध लाभ हानि खातों के अनुसार वर्ष 2020-21 में कुल राजस्व रू. 36.67 करोड़ है I राजस्व में कमी का मुख्य कारण सरकार से प्राप्त होने वाले पर्यवेक्षण शुल्क में कमी, NHDP परियोजनाओं से प्राप्त होने वाले अनुदान की राशि में कमी एवं GST भुगतान है I चूकी आय में कमी हुई है तदनुसार शुद्ध लाभ में भी कमी हुई है क्योकि लाभ की राशि सकल आय में से व्ययों को घटाने के पश्चात् आती है एवं समयानुसार व्ययों में भी वृद्धि हुई है। विस्तृत आकड़ों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -“अ” अनुसार। (ग) विनियोग हेतु उपलब्ध राशि से तात्पर्य निगम के स्वयं के रिज़र्व एवं संचित लाभ के आधिक्य से है इसमें से लगभग रू. 65 करोड़ कोर्ट में जमा है। राशि का कुछ उपयोग परियोजनाओ को सुचारू रूप से चलाने के लिये आवंटित फण्ड में हुआ है तथा कुछ भाग बैंक में FDR के रुप में जमा है। (घ) वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक के मद अनुसार कुल राजस्व एवं कुल खर्च की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। वर्ष 2021-22 अभी समाप्त नहीं हुआ है अतः राजस्व एवं व्ययों का लेखांकन अभी चल रहा है। इसलिए जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। पूर्व में बनी सड़कों पर टोल वसूली मार्गों के उन्नयन एवं संधारण के लिये की जा रही है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार।
जर्जर सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
146. ( क्र. 3643 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग ग्वालियर को पत्र क्र.206 दिनांक 10/09/2021 के द्वारा (1) चीनौर से भितरवार व्हाया करई या मार्ग (2) हर्सी से टेकनपुर कनोल रोड (3) मोहना से पाटईरोड (4) चिटोली से रानीघाटी व्हाया लखेश्वरी माता मंदिर मार्ग (5) भितरवार से करैरा मार्ग (6) अमरौल सी.सी. रोड से सिकरोदा नहरकी पुलिया मार्ग व्हाया प्रेमपुर (7) भागीरथपुरा नहर से ररूआतिराहा व्हाया चीनौर (8) दुब्हा से चैतगांव मार्ग (9) बन्हेरी से भानगढ मार्ग (10) ग्राम घरसोदी से चीनौर डबरा मैन रोड तक मार्ग (11) आदमपुर से जौरा व्हाया श्यामपुर (12) भितरवार-करहिया मार्ग से कर्नल का पुरा व्हाया लुच्ची का पुरा (13) सिमरिया टांका से ठाटी व्हाया ऊधोकाचक मार्ग (14) रावत-बनवारी से गुनाह मार्ग (15) ककरधा से उर्वा-जखा डामर रोड तक मार्ग। इन रोडों के निर्माण हेतु पत्र लिखा था? क्या यह रोड बहुत ही खराब स्थिति में हें यदि हाँ, तो इन रोडों के निर्माण के लिये प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा बार-बार पत्राचार, स्वयं मिलकर अनुरोध करने पर भी क्यों निर्माण नहीं कराया जारहा? अब इन रोडों को स्वीकृत कर कब तक निर्माण करा लिया जावेंगा? (ख) ग्वालियर जिले में 1 जनवरी 2020 से लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी लागत से किस-किस ठेकेदार/ऐजेन्सी द्वारा किस-किस यंत्री के सुपरविजन में कराये जा रहे हैं तथा कराये गये हैं कार्य प्रारम्भ दिनांक एवं पूर्ण होने का क्या समय था बतावें? निर्माण कार्यों की दिनांक 20/02/2022 को भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ग) ग्वालियर जिले में 20 फरवरी, 2022 की स्थिति में लोक निर्माण विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, वर्तमान पद पर पदस्थापना, दिनांक मुख्यालय एवं मोबाईल नम्बर बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नांश में स.क्र. (3), (4) एवं (5) पर उल्लेखित मोहना से पाटई मार्ग (17.41 किमी.) चिटोली से रानीघाटी मार्ग (11.39 किमी.) एवं भितरवार से करैरा (10.76 किमी. ग्वालियर जिले की सीमा में) के पुनर्निर्माण एवं चौड़ीकरण का कार्य ए.डी.बी.-6, योजना पैकेज-15, में स्वीकृत है। इन 3 सड़कों के कार्य हेतु संयुक्त अनुबंध दिनांक 17/12/2021 को हस्ताक्षर हो चुका है। निवेशकर्ता द्वारा वित्तीय बंध हासिल करने व कंडीशन प्रेसिडेन्ट का पालन करने, या कार्य प्रारंभ करने की दिनांक, जो भी पहले हो, को कार्य प्रारंभ दिनांक घोषित किया जावेगा। कार्य प्रारंभ दिनांक से 02 वर्ष की अवधि में कार्य अनुबंधानुसार पूर्ण किया जाना है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2', ब एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-2', स एवं 'स-1' अनुसार है।
क्रेशर संचालकों द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुँचाना
[पर्यावरण]
147. ( क्र. 3644 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला ग्वालियर अंतर्गत पत्थर, गिट्टी, आयरन और ग्रेनाईट खदान एवं क्रेशर संचालकों द्वारा संचालित खदान मालिकों द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुँचाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या उक्त संचालित खदानों पर सक्षम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, किन-किन खदानों का निरीक्षण किस-किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा किया गया है? उनका नाम, पद तथा वर्तमान में पदस्थापना स्थान बतावें। (ख) उक्त खदानों पर निरीक्षणकर्ता द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन में किन-किन खामियों का उल्लेख किया गया है? निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। क्या उक्त निरीक्षण प्रतिवेदन पर सक्षम अधिकारी द्वारा शासन के नियम अनुसार खदान संचालकों पर कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। क्या शासन विधिसम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) पर्यावरण विभाग ग्वालियर में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, वर्तमान पद पर पदस्थ दिनांक, मुख्यालय, कार्यक्षेत्र एवं मोबाईल नम्बर बतावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। संचालित खदानों का बोर्ड के सक्षम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है। दिनांक 01/01/2019 से 28/02/2022 तक किये गये निरीक्षण संबंधी वांछित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जिन खदानों के निरीक्षण पर खामियॉं पाई गई निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा अपने निरीक्षण प्रतिवेदन में उसका उल्लेख किया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'अ' उल्लेखित किया गया है। कमियॉं पाई जाने पर खदानों द्वारा प्रस्तुत किये गये सम्मति आवेदनों को बोर्ड द्वारा नियमानुसार निरस्त करने की कार्यवाही की गई है। निरस्त किये गये आवेदनों के निरस्तीकरण आदेशों की प्रतियॉं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'ब' अनुसार है। बोर्ड द्वारा खामियॉं पाई जाने पर सक्षम कार्यवाही की गई है। अतः किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) क्षेत्रीय कार्यालय ग्वालियर में कार्यरत कर्मचारी/अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'स' अनुसार है।
नियम विरूद्ध आवंटित जमीन एवं दुकानें
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 3647 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरपालिका निगम सागर द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिका अचल सम्पत्ति अंतरण अधिनियम का पालन किये बिना भूमाफियों को शहर के अटल पार्क की पर्यावरण वानिकी जमीन, एवम् छत्रसाल नगर की दुकानों, नगर निगम मार्केट की दुकानों का आवंटन किया गया है। यदि हाँ, तो क्यों? आवंटित सम्पत्ति का विवरण दें। (ख) क्या सागर कलेक्टर द्वारा आयुक्त नगर पालिका निगम को लेख कर पत्र क्रमांक 420/स्टेनों/2021 दिनांक 06.02.2021 से सागर नगर पालिका निगम में किये जा रहे घोटालों के संबंध में जांच हेतु नस्तियां मांगी थी? यदि हाँ, तो, पत्र के संदर्भ में की गई समस्त कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) आयुक्त नगर पालिका निगम सागर द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र की जवाबी कार्यवाही से अवगत करावें। दस्तावेज उपलब्ध करावें। (घ) क्या शासन प्रशासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कलेक्टर सागर के पत्र के संदर्भ में कोई जांच कराई गई है? यदि हां, तो कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी पाये गये एवं इन पर क्या कार्यवाही की गई? दस्तावेज सहित विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों? क्या दोषियों को बचाने का प्रयास किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर पालिक निगम सागर द्वारा अटल पार्क के संचालन एवं संधारण को स्ववित्तीय बनाने के उद्देश्य से ऑनलाईन निविदा बुलाकर एजेंसी का चयन किया गया। उक्त भूमि का न तो विक्रय किया गया है न ही अंतरण किया गया है। म.प्र. नगर पालिका अचल संपत्ति अंतरण अधिनियम 2016 का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है। छत्रसाल नगर की दुकानों के आवंटन हेतु भी प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत क्रास सब्सिडी एकत्रित करने हेतु सितम्बर 2017 एवं जनवरी 2018 में नियमानुसार म.प्र. नगर पालिका अचल सम्पत्ति अंतरण अधिनियम 2016 का पालन करते हुए दुकानों का आवंटन किया गया। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। छत्रसाल नगर में आवंटित दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सागर कलेक्टर द्वारा पत्र क्रमांक 420/स्टेनो/2021 दिनांक 06.02.2021 के माध्यम से नस्तियां एवं संक्षिप्त जांच प्रतिवेदन भी मांगा गया था। (ग) शिकायत की बिन्दुवार जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम सागर के द्वारा जाँच कराई गई। शिकायत के सभी बिन्दु जाँच में निराधार पाये जाने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों की पदस्थापना
[आयुष]
149. ( क्र. 3650 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय आयुष में कौन-कौन अधिकारी कब से पदस्थ हैं उल्लेख करें। (ख) क्या उन्हें प्रशासनिक अनुभव है और इनकी पदस्थापन से चिकित्सालयों में कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है? (ग) प्रदेश के आयुष महाविद्यालय बुरहानपुर से अनेक चिकित्सकों को अन्य स्थान पर पदस्थ किया गया है? बाकि कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी है? क्या उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर बुरहानपुर में पदस्थ किया जाएगा? (घ) क्या अनेक चिकित्सकों को नियम विरुद्ध अन्य महाविद्यालय में संविलियन किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कालेजों में संविलियन के नियम हैं? यदि नियम नहीं हैं तो नियम विरुद्ध संविलियन समाप्त किया जाकर उन्हें बुरहनपुर में वापस पदस्थ किया जाएगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शासनादेश क्र./एफ 1-10/2018/1/59, दिनांक 21.02.2022 द्वारा प्रतिनियुक्ति समाप्त कर महाविद्यालय बुरहानपुर में पदस्थ किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सारणी से नरसिंहपुर मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
150. ( क्र. 3655 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार ने सारणी से नरसिंहपुर लोक निर्माण विभाग के मार्ग की डी.पी.आर. स्वीकृत हुई है? यदि हाँ, तो स्वीकृत डी.पी.आर. की जानकारी प्रदाय करें। (ख) सारणी से नरसिंहपुर लोक निर्माण विभाग का यह मार्ग कितनी चौड़ाई में बनेगा और इस मार्ग में कितनी पुलिया बनेगी एवं इस मार्ग के लिये कितनी रूपये की राशि स्वीकृत हुई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्च शिक्षा हेतु महाविद्यालयों की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
151. ( क्र. 3656 ) श्री सुनील उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तामिया एवं जुन्नारदेव अनुसूचित जनजाति विकासखण्डों में उच्च शिक्षा हेतु महाविद्यालयों में कितने प्राध्यापकों एवं सहायक प्राध्यापकों के कितने-कितने विषयवार पद स्वीकृत है? वर्तमान में उसमें से विषयवार कितने पद शासन द्वारा भरे गये एवं कितने पद रिक्त है? (ख) तामिया विकासखण्ड एक पर्यटन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण विकासखण्ड एवं 45 वर्ष पूर्व क्या शासकीय स्नातक महाविद्यालय खुला हुआ है, अनेको बार यहा के विद्यार्थियों की मांग पर जनप्रतिनिधियों द्वारा स्नाकोत्तर कक्षाऐं शुरू करने हेतु राज्य शासन के सामने मांग रखी गई? क्या माननीय मंत्री महोदय नये शिक्षा सत्र में इस पर विचार करेंगे। (ग) क्या तामिया विकासखण्ड के देलाखारी ग्राम में कृषि उद्यानिकी के अनुसंधान केन्द्र स्थापित है। यदि हाँ, तो क्या यहा भी चावलपानी, झिरपा, बम्हनी, सांगाखेडा एवं देलाखारी के विद्यार्थियों के लिये स्नातक महाविद्यालय खोलने पर विचार करेगें। यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) तामिया विकासखण्ड में शासकीय स्नातक महाविद्यालय तामिया वर्ष 1982 से संचालित है। वर्तमान में स्नातकोत्तर विषय प्रारम्भ करना प्रस्तावित नहीं है। (ग) विकासखण्ड तामिया के ग्राम देलाखारी में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र-II मार्च, 2019 से संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। चावलपानी, झिरपा, बम्हनी, सांगाखेड़ा एवं देलाखारी में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु विभागीय मापदंड की पूर्ति नहीं हो रही है। अतः नवीन महाविद्यालय खोलना प्रस्तावित नहीं है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हायर फैकल्टी का अभाव
[आयुष]
152. ( क्र. 3659 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वशासी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय बुरहानपुर में शिक्षकों की भारी कमी के कारण शिक्षकों के स्थान पर अध्यापन अनुभवहीन चिकित्सकों से शिक्षकों का काम लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या आयुक्त आयुष के पत्र क्र. 2476-84/17/04/आयुष शिक्षा दिनांक 28/08/2017 से यह निर्देश जारी किये गये हैं कि किसी भी संवर्ग के शिक्षक को महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय के अतिरिक्त अन्य कार्य के लिये अनुमति नहीं दी जाए? (ग) क्या बुरहानपुर महाविद्यालय के शल्य विभाग के एक मात्र रीडर (हायर फैकल्टी) को उनके मूल पद एवं कार्य से पृथक पद एवं कार्य पर संचालनालय में पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो किसी विशेष योग्यता के आधार पर, किसकी अनुशंसा से, किस नियम के तहत पात्रता आती है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ग) में संदर्भित रीडर को स्वशासी संस्थान से बाहर पदस्थ करने हेतु स्वशासी कार्यकारिणी समिति द्वारा प्रदत्त अनापत्ति/अनुमति की प्रति उपलब्ध करायें। यह भी बतायें कि वह संचालनालय के किस पद के चैनल/फीडिंग कैडर में आते हैं?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। उक्त आदेश विभाग से अन्यत्र कार्य करने हेतु था। (ग) जी हाँ। प्रशासकीय व्यवस्था के तहत। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विशेष अनुदान निधि प्रदान किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 3663 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में नगरीय निकायों को विकास कार्यों हेतु विशेष निधि/अनुदान राशि प्रदान की जाती हैं? यदि हाँ, तो एक जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत नगर पालिका नरसिंहगढ़ एवं नगर परिषद कुरावर, बोडा़ एवं तलेन को कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु कब-कब प्रदान की गई? निकायवार/वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में संबंधित निकायों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब किन-किन निकायों को विशेष निधि/अनुदान राशि प्रदान करने हेतु माननीय विभागीय मंत्रीजी एवं आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल को पत्र प्रेषित किये तथा प्रश्न दिनांक तक उक्त पत्रों के क्रम में क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या वर्तमान वित्तीय वर्ष की विशेष निधि/अनुदान राशि उक्त नगरीय निकायों को मिलना शेष है? यदि हाँ, तो क्या शासन महत्वपूर्ण विकास कार्यों के दृष्टिगत विशेष निधि/अनुदान राशि प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। निकाय से प्रस्ताव प्राप्त होने पर बजट की उपलब्धता के आधार पर विशेष निधि प्रदान की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। निकायों से विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत वित्तीय उपलब्धता और आवश्यकता के आधार पर विचार किया जा सकेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
154. ( क्र. 3664 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत नगर तलेन एवं कुरावर में नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति हेतु माननीय विभागीय मंत्रीजी को अपने पत्र क्रमांक 2644 दिनांक 27.08.2021 से एवं राजगढ़ जिले के नगर कुरावर में प्रवास के दौरान वर्तमान परिस्थितियों से अवगत कराते हुये स्वीकृति हेतु अनुरोध किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त दोनों स्थानों पर नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगर तलेन में पूर्व से ही कलेक्टर महोदय राजगढ़ द्वारा पर्याप्त भूमि महाविद्यालय हेतु आवंटित की जा चुकी है तथा नगर कुरावर में सुलभता से राजस्व भूमि उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त दोनों स्थानों पर छात्र विशेषकर छात्राओं के भविष्य के दृष्टिगत नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। तलेन से 16 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, पचोर तथा 23 कि.मी. की दूरी पर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, शुजालपुर संचालित हैं। साथ ही तलेन में 02 अशासकीय महाविद्यालय भी संचालित हैं। कुरावर से 30 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, नरसिंहगढ़ तथा 32 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, कालापीपल पूर्व से संचालित हैं। कुरावर की परिसीमा क्षेत्र में संचालित हायर सेकेण्ड्री विद्यालयों में कक्षा 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या निर्धारित मापदण्ड से कम है। तलेन एवं कुरावर में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित नहीं है। (ख) कलेक्टर, जिला राजगढ़ के प्रकरण क्रमांक 682/अ59/दिनांक 28-02-2000 में तलेन में प्रस्तावित महाविद्यालय हेतु भूमि आवंटन का उल्लेख है परन्तु तलेन एवं कुरावर में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.सी. रोड की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 3666 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 18 माह में खरगोन नगर पालिका क्षेत्र में कितने सी.सी., रोड डामर रोड का निर्माण किया गया? उनकी वार्डवार सूची देवें निर्माण किस ठेकेदार फॉर्म कंपनी द्वारा किया गया? उसके द्वारा किए गए एग्रीमेंट की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित सड़कों में क्या कोई पैच वर्क किया गया? यदि किया गया तो उसका क्या कारण था? क्या सी.सी. रोड के ऊपर डामर से पैच वर्क करना पड़ा? क्या कारण रहा कि सी.सी. रोड के ऊपर डामर से पेचवर्क करना पड़ा और क्या डामर से पैच वर्क करना क्या नियमानुसार है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसी कितनी सड़कें हैं जो स्वीकृत हैं परंतु उनका निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ? प्रारंभ नहीं होने का क्या कारण है? कब तक उन्हें प्रारंभ किया जाएगा। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसी कितनी सड़कें हैं जो अभी तक अपूर्ण हैं? अपूर्ण होने का क्या कारण है? कब तक पूर्ण की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विगत 18 माह में नगर पालिका परिषद खरगोन में कुल 23 सी.सी. रोड एवं डामर रोड का निर्माण कार्य किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कुल 09 सड़कें स्वीकृत है, जिनका कार्य अप्रारंभ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) कोई भी सड़क अपूर्ण नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीएमओ और नगरपालिकाओं की श्रेणियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 3670 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीएमओ की श्रेणियां ए, बी, सी हैं? यदि हाँ, तो इनकी पोस्टिंग किस प्रकार की जाती है? (ख) यदि सीएमओ की श्रेणियां हैं तो क्या नगरपालिकाओं की भी श्रेणियां हैं? यदि हाँ, तो श्रेणीवार नगरपालिकाओं के नाम उपलब्ध कराएं। (ग) क्या सभी सीएमओ को उनकी श्रेणी के अनुसार पदस्थापना की जाती है? यदि हाँ, तो श्रेणी-अनुसार सभी सीएमओ की पोस्टिंग की सूची उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों श्रेणीवार पदस्थापना नहीं दी गई? (घ) क्या उच्च श्रेणी की नगरपालिका में निम्न श्रेणी के सीएमओ/आरआई/एआरआई को पदस्थ किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस प्रचलित अधिनियम/नियम के तहत? प्रति-सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगरीय निकायों में मुख्य नगरपालिका अधिकारियों की पदस्थापना प्रशासनिक आधार पर शासन द्वारा की जाती है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में दो प्रकार के नगरीय निकाय है। नगरपालिका एवं नगर परिषद है। यह श्रेणीकरण 74वें संविधान संशोधन के पश्चात माह मई 1994 से प्रभावशील है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 89 (1) के प्रावधानों के अनुरूप यदि मुख्य नगरपालिका अधिकारी नियुक्ति के लिए उपलब्ध न हो तो राज्य सरकार किसी ऐसे व्यक्ति को उक्त पद पर नियुक्ति कर सकेगी, जो ऐसी सेवा का सदस्य होने के लिए अर्हित हो। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
आवेदनों के लंबित प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 3671 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राजपत्र में दिनांक 6 नवंबर, 2019 को प्रकाशित अधिसूचना में मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाईजर) का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंध तथा शर्तें नियम 1998 के नियम 12 में किए गए संशोधन के आधार पर भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण भोपाल के समक्ष भू-खंड प्रकोष्ट भवन निर्मुक्त किए जाने के संबंध में कितने आवेदन प्रश्न-दिनांक तक प्राप्त हुए हैं? तिथिवार आवेदनकर्ता के नाम-पते सहित बताएं। (ख) आवेदनों के आधार पर किस परियोजना से संबंधित कितने भूखंड, प्रकोष्ठ एवं भवन प्रश्न-दिनांक तक निर्मुक्त किए गए, कितने आवेदन किस स्तर पर लंबित है? (ग) आवेदनों के लंबित होने का क्या-क्या कारण है, कब तक कार्यवाही पूरी की जाकर भूखंड, प्रकोष्ठ एवं भवन को बंधक से निर्मुक्त किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्राधिकरण में प्रश्न दिनांक तक कोई भू-खंड, प्रकोष्ठ भवन निर्मुक्त किए जाने संबंधी आवेदन लंबित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। म.प्र. नगर पालिका (कालोनी विकास) नियम 2021 में भूखण्ड, प्रकोष्ठ एवं भवन को बंधक से निर्मुक्त किये जाने में भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण की भूमिका नहीं है।
आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक औषधालयों का संचालन
[आयुष]
158. ( क्र. 3673 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर में आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक औषधालय किस-किस स्थान पर संचालित हैं? प्रत्येक औषधालय हेतु स्वीकृत/भरे/रिक्त पदों की पूर्ण जानकारी प्रदान करें। इनमें पदस्थ स्टाफ तथा इनके खुलने एवं बंद होने का समय सहित विस्तृत जानकारी देवेंl (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आयुर्वेदिक/होम्योपैथिक औषधालयों हेतु दवाइयां क्रय करने के नियम/आदेश की प्रति के साथ क्रय समिति, कौन-कौन पदाधिकारी हैं तथा इस समिति को एक बार में कितनी राशि की दवाइयां क्रय करने का अधिकार है? नियम/आदेश की सत्यापित प्रति देवेंl (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार वर्ष 2018-19 से 2021-22 में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ग्वालियर को औषधि क्रय करने हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी? प्राप्त राशि में से कौन-कौन सी दवाइयां किस दिनांक को किस फर्म से कितनी मात्रा में, कुल कितनी राशि में क्रय की गई?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जिला ग्वालियर में संचालित आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक औषधालयों तथा इनके स्वीकृत/भरे/रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) आयुर्वेदिक/होम्योपैथिक औषधालयों हेतु दवाइयां क्रय नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। ग्वालियर जिले में पदस्थ डॉ. मंगलसिंह यादव, अध्यक्ष एवं डॉ. प्रवीण कुमार चिरगैया व डॉ. अनिल दीपक गोयल क्रय समिति में सदस्य हैं। (ग) वर्ष 2018-19 से 2021-22 में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ग्वालियर को औषधि क्रय हेतु प्राप्त राशि एवं औषधि क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
शासकीय कन्या महाविद्यालय खोले जाना
[उच्च शिक्षा]
159. ( क्र. 3675 ) श्री सुरेश राजे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन शासकीय कन्या महाविद्यालय खोलने की क्या शर्तें हैं? इसकी प्रति उपलब्ध करावेंl (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला ग्वालियर की तहसील डबरा में कन्या महाविद्यालय न होने के कारण छात्राओं को अधिक दूरी तय कर उच्च शिक्षा हेतु यात्रा करनी पड़ती है, क्या छात्राओं के हित में डबरा शहर में शासकीय कन्या महाविद्यालय खोला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नवीन शासकीय कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने के संबंध में पृथक से मापदण्ड निर्धारित नहीं है। नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्ड अनुसार ही शासकीय कन्या महाविद्यालय प्रस्तावित किए जाते हैं। विभागीय मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डबरा में छात्रों के साथ-साथ छात्राओं के लिए भी अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है। महाविद्यालय में प्रवेशित कुल 2965 विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 1594 है। जी नहीं। डबरा में पृथक कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
बेरोजगारों हेतु संचालित योजनाएं
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
160. ( क्र. 3677 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बेरोजगार युवा एवं युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) उक्त योजना के तहत मण्डला जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं का लाभ दिया गया? कितने हितग्राहियों को सब्सिडी का भुगतान किया जाना शेष है? (ग) प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के ऋण प्रकरण बैक को भेजे गए है? प्रत्येक बैंक को कितना-कितना लक्ष्य दिया गया? लक्ष्य के विरूद्ध कितने ऋण प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं कितने लम्बित हैं? बैंकवार जानकारी प्रदान करें। (घ) यदि बैक द्वारा ऋण प्रकरण स्वीकृत नहीं किए हैं तो संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) वर्ष 2020 से मण्डला जिले में संचालित योजनाओं में लाभ दिये जाने संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-दो अनुसार है। रेशम संचालनालय द्वारा संचालित एकीकृत क्लस्टर विकास कार्यक्रम में 09 हितग्राहियों को अनुदान राशि का भुगतान शेष है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाएं बैंक ऋण से संबंद्ध नहीं है। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रभार एवं पदोन्नति
[नगरीय विकास एवं आवास]
161. ( क्र. 3678 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मंत्री जी कर्मचारी संगठन को लिपिक वर्ग तथा यूडीसी वर्ग को सीएमओ का प्रभार एवं पदोन्नति की मांग पर कार्यपालिक सेवा नियम 1973 के संशोधन 2015 में सुधार करने हेतु आश्वासन दिये थे? (ख) यदि हाँ, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ग) वर्ष 2009 से 2015 तक किस नियम के तहत कितने लिपिक वर्ग तथा यूडीसी को मुख्य नगरपालिका अधिकारी (ग-श्रेणी) में पदोन्नति की गई? नियम की प्रति एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी की सूची प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। माननीय विभागीय मंत्रीजी को कर्मचारी संगठन द्वारा दिनांक 06.12.2020 ज्ञापन दिया गया था, जो विभाग के माध्यम से संचालनालय में दिनांक 21.07.2021 को प्राप्त हुआ है। लिपिकीय वर्गीय कर्मचारियों को मुख्य नगरपालिका अधिकारी के पद पर पदोन्नत किये जाने हेतु नियमों में संशोधन की कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ख) उपरोक्तानुसार। शेषांश का प्रश्न ही नहीं है। (ग) म.प्र. राज्य नगरपालिका सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 के प्रावधानों के सहपठित म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 के अनुसार 104 कर्मचारियों को मुख्य नगरपालिका अधिकारी (ग श्रेणी) में पदोन्नत किया गया है। नियम की प्रति एवं पदोन्नत संबंधी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बिछिया में बायपास का निर्माण
[लोक निर्माण]
162. ( क्र. 3681 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा क्षेत्र में सड़कों व पुलों के निर्माण हेतु माननीय मुख्यमंत्री माननीय लोक निर्माण मंत्री, प्रमुख सचिव सहित अन्य अधिकारियों को कब-कब पत्र दिए गये? उन पत्रों पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई? पत्रों में उल्लेखित कार्यों में से कितने कार्य अब तक स्वीकृत किये जा चुके हैं? शेष कार्यों की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) मंडला जिले के विकासखण्ड मुख्यालय बिछिया में बायपास निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी व विभाग को कब-कब पत्र लिखे गए? क्या इस हेतु प्रश्नकर्ता के आग्रह पर कार्यपालन यंत्री मंडला द्वारा विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध कराए। क्या इस निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई प्राथमिक आंकलन किया गया है? अत्याधिक दुर्घटनाओं के होने के चलते क्या इस बायपास का निर्माण किया जाना आवश्यक है? यदि हाँ, तो कब तक इसकी स्वीकृति दी जाएगी? यदि स्वीकृति नहीं दी जा सकती तो कारण बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 1 अनुसार है।
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[ऊर्जा]
163. ( क्र. 3685 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा [ श्री सुखदेव पांसे ] : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा चुनाव जन संकल्प 2013 के पृष्ठ क्रमांक 33 बिंदु क्रमांक 6 में उल्लेखित विद्युत संविदा कर्मियों को चुनाव के पश्चात नियमित किए जाने हेतु जो लिखित वचन दिया था, वह आज दिनांक तक पूरा हुआ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्या उक्त जन संकल्प में लिखित वचन पर वर्तमान सरकार अनुभव के आधार पर या अन्य माध्यम से विद्युत संविदा कर्मियों को नियमित करेगी? (ख) क्या विधानसभा चुनाव जन संकल्प 2013 ऊर्जा विभाग पेज नंबर 33 बिंदु क्रमांक 6 पर संकल्पित किया था कि विद्युत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। आज तक कितने संविदा कर्मचारी नियमित हुए? नहीं हुए तो क्यों एवं कब तक नियमित किए जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ''जनसंकल्प 2013'' के पृष्ठ क्र. 33 के बिन्दु क्रमांक-6 पर नहीं अपितु पृष्ठ क्रमांक-30 के बिन्दु क्रमांक-9.6 पर विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा के पदों पर कार्यरत कार्मिकों के नियमितीकरण सहित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु किये गये उल्लेख के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा अनुमोदित संविदा नीति, 2016 लागू की गई थी। तत्पश्चात उक्त संविदा नीति को अधिक्रमित करते हुए संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम-2018 लागू किये गये हैं, जिसके अनुसार ही विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा कर्मियों की सेवाएं ली जा रही हैं। इन नियमों के अनुसार, कतिपय शर्तों एवं निबंधनों के साथ योग्यता एवं आवश्यकता के आधार पर संविदा कार्मिक अब 60 वर्ष की आयु तक कार्य कर सकते हैं। विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा कार्मिकों के नियमितीकरण हेतु कंपनियों में प्रचलित संविदा नीति के अनुसार सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में संविदा कार्मिकों हेतु चिन्हित पदों पर चयन प्रक्रिया (प्रतियोगी परीक्षा) में संविदा कार्मिकों के प्राप्तांकों के आधार पर तैयार मेरिट लिस्ट से संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार पृथक-पृथक 30 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है। संविदा कर्मियों की अन्य समस्याओं का विभिन्न स्तरों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर, विधि सम्मत माँगों का नियमानुसार निराकरण किया गया है/किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार जनसंकल्प 2013 के परिप्रेक्ष्य में संविदा कार्मिकों हेतु लागू की गई नीति/नियमों के अनुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अन्तर्गत 5, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत 55 तथा म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत 147 संविदा कार्मिकों को सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में संविदा हेतु चिन्हित पदों पर चयन प्रक्रिया में मेरिट लिस्ट के आधार पर नियमित नियुक्ति प्रदान की गयी है। भविष्य में भी विद्युत वितरण कंपनियों में प्रचलित संविदा नीति ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम-2018'' के प्रावधानों के अनुरूप उपरोक्तानुसार नियमित नियुक्ति प्रदान किये जाने की कार्यवाही की जावेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
धार्मिक स्थलों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 3687 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट, उज्जैन, ओरछा, महेश्वर, सांची एवं ओंकारेश्वर आदि नगरीय निकायों द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक किन-किन ठेकेदारों, कम्पनियों को धार्मिक स्थलों पर पार्किंग के नाम पर ठेके दिये गये हैं एवं इन ठेकेदारों/कम्पनियों/नगरीय निकायों द्वारा किन-किन वाहनों से कितनी-कितनी राशि वसूली गई एवं वसूली जा रही है? वर्षवार एवं ठेकेदार/कम्पनियों/ नगरीय निकाय के नाम सहित वसूली गई राशि की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त ठेकेदारों/कम्पनियों को क्या ठेका देने में निविदाएं आमंत्रित की गई? यदि हां, तो निविदाओं की छायाप्रति उपलब्ध करावें। उक्त निकायों को कितनी-कितनी राशि, किन-किन ठेकेदारों से ठेके द्वारा प्राप्त हुई? वर्षवार बतलावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त प्राप्त राशि का नगरीय निकायों द्वारा क्या-क्या उपयोग किया गया एवं वाहनों की सुविधा हेतु निकायों एवं ठेकेदारों द्वारा क्या-क्या कार्य करवाये गये हैं एवं धार्मिक श्रद्धालुओं को क्या-क्या सुविधाऐं, किन-किन धार्मिक स्थलों पर दी गई हैं? इस संबंध में किस-किसके द्वारा शिकायतें की गई हैं? क्या अवैध वसूली भी इन स्थानों पर की जा रही है? यदि हां, तो शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इन धार्मिक स्थलों पर पार्किंग सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों? (ङ) धार्मिक नगरी एवं तीर्थ स्थलों से कितनी दूरी पर कितने टोल-टैक्स स्थित हैं एवं उन पर कितना-कितना टोल-टैक्स वाहनों से लिया जाता है? क्या यात्री वाहनों को शासन स्तर पर छूट प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) छूट देने का कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग की जानकारी
[ऊर्जा]
165. ( क्र. 3688 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2007 से प्रश्नांकित अवधि तक मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने कंसल्टेंट (सलाहकार कम्पनी) को कब-कब एवं कितना-कितना भुगतान किस-किस कार्य के लिए किया गया है? कंसल्टेंट का नाम, पता, भुगतान राशि, दिनांक सहित वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं भुगतान के नियम, निर्देश, नोटशीटों एवं दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या एक ही कार्य के कंसल्टेंट को एक से अधिक बार भुगतान कर शासन को करोड़ों रूपयों की आर्थिक क्षति पहुँचाई हैं? यदि हां, तो कितना-कितना भुगतान इनके द्वारा किया गया? इनके विरूद्ध शासन ने क्या कार्यवाही की? कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की तो कब-तक कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या जनरेशन टेरिफ रेग्यूलेशन के प्रावधानों से हटकर इंफोर्म पावरकास्ट के रूप में कई पावर जनरेटिंग कम्पनियों को भुगतान किया गया? यदि हां, तो कितना-कितना और कब-कब? दिनांकवार जानकारी देवें। क्या नियम विरूद्ध भुगतान कर कम्पनियों को करोड़ों का फायदा पहुँचाकर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाई गई हैं? यदि हां, इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या आयोग ने जनरेशन कम्पनियों के केपीटल कास्ट फाइनल करने में नियमानुसार प्रूडेंट चेक नहीं किया गया है? यदि हां, तो कब-कब? यदि नहीं, तो क्यों? क्या कम्पनियों द्वारा किये गये हाई कास्ट क्लेम की राशि को कब-कब और कितनी-कितनी जारी की? बतावें पूरी तरह से राशि जारी कर शासन को क्षति पहुँचाई है? यदि हां, तो इसके लिए दोषी कौन है तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई? तो कब तक कर दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कंसल्टेंट (सलाहकार कंपनी) का नाम, पता एवं उनको किये गये वर्षवार भुगतान संबंधित चाही गई जानकारी एवं संबंधित नोटशीटों/दस्तावेजों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश की जानकारी अपेक्षित नहीं है। (ग) जी नहीं। अत: उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश की जानकारी अपेक्षित नहीं है। (घ) जनरेशन कंपनियों द्वारा आयोग में दायर की गई प्रत्येक याचिका का परीक्षण विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 91 (4) के प्रावधानों के अंतर्गत अधिसूचित मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (उत्पादन टैरिफ के अवधारण संबंधी निबंधन एवं शर्तें) विनियम, के प्रावधानों के अनुसार, तत्संबंध में आयोग में याचिका स्वीकृत होने के उपरांत किया गया। प्रत्येक याचिका पर सार्वजनिक सूचना के पश्चात् प्राप्त सुझाव एवं आपत्तियों पर जनसुनवाई के उपरांत आयोग द्वारा आदेश पारित किया गया। अत: उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश की जानकारी अपेक्षित नहीं है।
विद्युत बिलों की जानकारी
[ऊर्जा]
166. ( क्र. 3690 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ के अन्तर्गत विभिन्न श्रेणी के निम्नदाब उपभोक्ताओं पर माह दिसम्बर, 2021 की स्थिति में विद्युत बिलों की कितनी राशि बकाया हैं कि जानकारी देवें? (ख) धार जिले में संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक अधिक बिल राशि आने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई उनमें से कितनी शिकायतें सही पाई गई तथा उनमें से कितने बिलों में सुधार किया गया की विद्युत वितरण केन्द्रवार माहवार संख्यात्मक जानकारी देवें उक्त बिल सुधार के मांग राशि में कितनी कमी हुई बतावें? (ग) धार जिले में संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक (1) 100 यूनिट तक (2) 101 से 200 युनिट तक (3) 200 यूनिट से अधिक विद्युत खपत की घरेलू निम्नदाब उपभोक्ताओं की संख्या कितनी-कितनी थी कि वितरण केन्द्रवार माहवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) धार जिले में संचालन-संधारण संभाग राजगढ़ में 31 जनवरी, 2022 कि स्थिति में कितने स्मार्ट मीटर लगा दिये गये है तथा कितने उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर लगाना शेष है तथा 20 फरवरी, 2022 तक कितने स्मार्ट मीटरों में खराबी पाई जाने पर शिकायत आने पर मीटर को बदला गया कि विद्युत वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र के विभिन्न श्रेणी के निम्नदाब उपभोक्ताओं पर राजस्व पत्रक अनुसार माह दिसंबर 2021 की स्थिति में विद्युत बिलों की कुल बकाया राशि रू. 1981.20 लाख है, जिसका उपभोक्ता श्रेणीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक अधिक बिल आने की कुल 250 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से सही पाई गई सभी 206 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। उक्त 206 शिकायतों को निराकृत करने के उपरांत कुल मांग राशि में से रू. 12.47 लाख की राशि कम हो गई है। उक्तानुसार प्राप्त, सही पाई गई एवं निराकृत शिकायतों की, सुधार उपरांत मांग राशि में हुई कमी सहित वितरण केन्द्रवार एवं माहवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक की अवधि में प्रश्नांश में उल्लेखित खपत श्रेणी वाले घरेलू निम्नदाब उपभोक्ताओं की वितरण केंद्रवार एवं माहवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र को स्मार्ट मीटर लगाने हेतु चिन्हित नहीं किया गया है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
167. ( क्र. 3692 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किस जिले में कितने किलोमीटर मुम्बई दिल्ली 8 लेन निर्माणाधीन है तथा 8 लेन पर उतरने तथा चढ़ने के पाईंट किस-किस जिले में किस-किस स्थान पर हैं तथा उसकी जिला केन्द्र से दूरी कितनी-कितनी है? (ख) 8 लेन के निर्माण से बरसात के पानी के निकास तथा कृषकों के खेत में जाने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर किस प्रकार किया गया है? (ग) प्रदेश से गुजरने वाली 8 लेन का नक्शा (ड्राइंग) की प्रति तथा प्रदेश से गुजरने वाले हिस्से की डी.पी.आर. की प्रति देवें तथा बतावें कि केन्द्र सरकार तथा राज्य के सहयोग से किस-किस शहर में 8 लेन के पास औद्योगिक क्षेत्र/पार्क विकसित कितने क्षेत्र में विकसित किया जाना प्रस्तावित है? (घ) 8 लेन से जाने के लिये प्रदेश के कौन-कौन सी सड़क का उन्नयन तथा विस्तार किस प्रकार किया जायेगा? सम्पूर्ण जानकारी दस्तावेज सहित देवें तथा बतावें कि 8लेन पर टोल बूथ किस-किस स्थान पर प्रदेश में बनाये जायेंगे तथा टोल की दर क्या होगी? (ड.) प्रश्नाधीन 8 लेन के दाये तथा बाये 8 लेन के ठीक पास में कृषकों की सुविधा के लिये क्या सड़क बनान प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उसकी चौड़ाई कितनी होगी तथा क्या वह सी.सी. रोड या डामर रोड होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं लोक निर्माण विभाग में औद्योगिक क्षेत्र/पार्क विकसित के संबंध में कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (घ) लोक निर्माण विभाग में सड़क के उन्नयन तथा विस्तार की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है एवं शेष प्रश्नांश भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ। मार्ग चौड़ाई 3 मीटर, जी नहीं, ग्रेवल रोड होगी।
सड़कों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
168. ( क्र. 3695 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा-खाचरौद 14 कि.मी. रोड पूर्ण जीर्णशीर्ण अवस्था में हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्त रोड के मरम्मतीकरण/डामरीकरण/सीमेन्ट कांक्रीट करने हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही कर स्वीकृति प्रदान की जा रही है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ख) नागदा रतलाम फाटक एससी क्रं. 103 पर निजी स्वामित्व की भूमि का प्रकरण में ग्रेसिम उद्योग द्वारा ब्रिज निर्माण करने की स्वीकृति/ सहमति प्रदान करने के बावजूद भी कार्य अभी तक क्यों प्रारंभ नहीं किया गया है? अधिकारियों द्वारा बार-बार अनुबंधक के द्वारा शर्तों का उल्लंघन करने के बावजूद भी उसका ठेका निरस्त कर जुर्माना/ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही न करते हुए अभ्यावेदन के आवेदन पर 31/12/2022 तक कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्यों बढाई गई है? (ग) विधानसभा प्रश्न क्र. 1367 दिनांक 23 दिसम्बर 2021 के प्रश्न 'ग' के उत्तर में निविदा रामप्रकाश गुप्ता इन्दौर के पक्ष में स्वीकृत, क्या एल.ए.ओ. जारी होकर कार्य प्रारंभ हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त प्रश्न के (घ) में बताया गया कि प्राक्कलन परीक्षणाधीन है? यदि हाँ, तो क्या स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? कब तक कर दी जाएगी? प्रश्न (च) के उत्तर में बताया गया कि वर्तमान में यह मार्ग विभागीय संधारण में है? यदि हाँ, तो वर्तमान में 900 मीटर रोड का संधारण क्यों नहीं किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। मानदण्ड अनुसार डामरीकृत सतह के नवीनीकरण कार्य की निविदा दिनांक 03.03.2022 को आमंत्रित की गई है। (ख) जी नहीं। अनुबंधक द्वारा कार्य प्रारंभ न करने के कारण कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग उज्जैन के पत्र क्र. 1996 दिनांक 21.09.2021 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। अनुबंधक द्वारा प्रस्तुत आवेदन में वर्ष 2020 एवं 2021 में कोविड महामारी का उल्लेख कर, समय-सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया गया था उक्त आवेदन के आधार पर अनुबंधक को दिनांक 31/12/2022 तक कार्य पूर्ण करने की अनुमति प्रदान की गई। (ग) जी नहीं। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। जी हाँ। जी नहीं। दिनांक 07.03.2022 को आयोजित स्थायी वित्तीय समिति की 210वीं बैठक में स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया गया। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जी हाँ। मार्ग की 900 मीटर लम्बाई में से 600 मीटर संधारित किया जा रहा है।
ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
169. ( क्र. 3697 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण वृत्त नीमच एवं मन्दसौर के अंतर्गत माह जनवरी 2019 से माह जनवरी, 2022 तक की अवधि में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विभिन्न प्रयोजन हेतु कितने-कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं? माहवार क्षमतावार एवं संचालन-संधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) संचालन-संधारण वृत्त नीमच एवं मंदसौर के अन्तर्गत माह जनवरी 2019 से माह जनवरी 2022 तक की अवधि में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगाये हुए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर ग्यांरटी अवधि के बाहर जले/खराब हुए तथा उन्हें सुधरवाने में कितना व्यय हुआ? माहवार, क्षमतावार संचालन-संधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष ट्रांसफार्मरों का मेंटेनेंस किया जाता है व विभागीय रिकार्ड होने के बावजूद भी अधिक भार वाले ट्रांसफार्मर को बदला नहीं जाता जिसके चलते वह जल जाता है? शासन को हुई क्षति का जिम्मेदार कौन है? क्या विभाग इस और संज्ञान लेगा? (घ) संचालन-संधारण वृत्त नीमच एवं मंदसौर के अन्तर्गत माह जनवरी 2019 से माह जनवरी 2022 तक की अवधि में ऐसे कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर है जिनकी क्षमता वृद्धि की गई अथवा नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए? कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं, वहां क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर हेतु कितने कार्य स्वीकृत किये गये? संचालन-संधारण संभाग नीमच मनासा एवं गरोठ की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराई जावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण वृत्तों नीमच एवं मंदसौर के अंतर्गत माह जनवरी 2019 से माह जनवरी 2022 तक की अवधि में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विभिन्न प्रयोजन हेतु क्रमश: 299 एवं 346 नग वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं, जिनकी माहवार, क्षमतावार एवं संचालन-संधारण संभागवार संख्यात्मक प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) संचालन-संधारण वृत्त-नीमच के अंतर्गत माह जनवरी 2019 से माह जनवरी 2022 तक की अवधि में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लगाये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से 03 नग विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर ग्यारंटी अवधि के बाहर जले/खराब हुए, जिनको सुधरवाने में रूपये 71508/- (जीएसटी सहित) का व्यय हुआ। उक्त ट्रांसफार्मरों की माहवार, क्षमतावार, संचालन-संधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। संचालन-संधारण वृत्त मंदसौर के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में स्थापित किए गए वितरण ट्रांसफार्मरों में से ग्यांरटी अवधि के बाहर जले/खराब होने वाले वितरण ट्रांसफार्मर संबंधी जानकारी निरंक है। (ग) जी हां, वितरण कंपनियों द्वारा प्रत्येक वर्ष वितरण ट्रांसफार्मरों के मैंटेनेंस का कार्य किया जाता है। जी नहीं, अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों को चिन्हित कर तकनीकी परीक्षण के उपरांत तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने पर वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार किये जाते हैं तथा वित्तीय संसाधनों एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य किया जाता हैं। विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को चिन्हित कर उनकी क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना किया जाना एक सतत प्रक्रिया है। उपरोक्तानुसार की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में अन्य कोई और कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (घ) संचालन-संधारण वृत्तों नीमच एवं मंदसौर के अंतर्गत माह जनवरी 2019 से माह जनवरी 2022 तक की अवधि में क्रमश: 151 नग एवं 75 नग वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य किये गए तथा क्रमश: 1720 नग एवं 3536 नग नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए। संचालन-संधारण संभागों नीमच, मनासा एवं गरोठ अंतर्गत क्रमश: 323 नग, 343 नग एवं 288 नग अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मर चिन्हित किये गये हैं एवं इनमें से क्षमता वृद्धि हेतु क्रमश: 10 नग, 15 नग एवं 16 नग तथा अतिरिक्त नवीन वितरण ट्रांसफार्मर हेतु क्रमश: 37 नग, 27 नग एवं 27 नग के कार्य स्वीकृत हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना AHP घटक के अधीन निर्मित आवास
[नगरीय विकास एवं आवास]
170. ( क्र. 3700 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर नगरपालिका द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत AHP घटक अंतर्गत गुरैया रोड में आवास का निर्माण करवाया जा रहा है? यदि हाँ तो निर्माण में कितना व्यय अनुमानित किया गया? राशि किस स्त्रोत से प्राप्त होनी थी? निर्माण कार्य में लगने वाली अतिरिक्त राशि का समायोजन किस प्रकार किया जाना था? योजना, डी.पी.आर. आदि की जानकारी सहित आवासों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या निर्माण स्थल पर शॉपिग कॉम्पलेक्स का निर्माण प्रस्तावित था? यदि हाँ तो कॉम्प्लेक्स का निर्माण क्यों नहीं किया गया? किसके आदेश से ऐसा किया गया? क्या आदेशकर्ता उक्त निर्णय लेने में सक्षम अधिकारी था? (ग) उक्त निर्माण में क्या तय गुणवत्ता का पालन किया गया? गुणवत्ता की जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई? गुणवत्ता का स्तर एवं मापदण्ड क्या था? आवास आवंटन प्रक्रिया एवं हितग्राही चयन किस प्रकार किया गया? (घ) आवास का निर्माण कब से प्रांरभ होकर कब खत्म होना अनुमानित था? तय समय-सीमा में निर्माण पूर्ण कर आवासहीनों को आवास प्रदाय नहीं होने के क्या कारण हैं? समयावधि में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने से निर्माण लागत में बढ़ोत्तरी होने से कुल लागत मूल्य बढ़ने पर कौन जिम्मेदार है? (ड.) उक्त निर्माण के संबंध में क्या आवासीय अंकेक्षण द्वारा व्यय का अंकेक्षण किया गया? आवासीय अंकेक्षकों द्वारा कब-कब अंकेक्षण किया गया तथा क्या-क्या आपत्तियाँ लगाई थी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' तथा ''स-1'' अनुसार है।
जाम नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
171. ( क्र. 3703 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौसर विकासखण्ड में पिपला नारायणवार से कोपरावाडी के मध्य जाम नदी पर एक बड़ा पुल निर्माण के लिए स्वीकृत किया गया था? जिसके टेंडर भी हो चुके हैं? (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त पुल का निर्माण कार्य आरम्भ हुआ है? यदि नहीं, तो टेंडर होने के बाद भी निर्माण कार्य आरम्भ न होने का क्या कारण है? (ग) उपरोक्त पुल का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा और इसे कब तक पूरा कर लिया जायेगा? (घ) क्या सरकार उपरोक्त पुल के निर्माण कार्य में विलम्ब के लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क प्राधिकरण परियोजना इकाई छिन्दवाड़ा से संबंधित है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क प्राधिकरण परियोजना इकाई छिन्दवाड़ा से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
172. ( क्र. 3704 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौसर विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 में कौन-कौन से सड़कें कितनी-कितनी लागत से लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण के लिए स्वीकृत की गई? (ख) उपरोक्त में से किन-किन सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है? किन-किन सड़कों का निर्माण आरम्भ हो चुका है लेकिन अभी पूरा नहीं हुआ है और किन-किन सड़कों का निर्माण कार्य अभी प्रारंभ नहीं हुआ है? (ग) जिन सड़कों का निर्माण पूरा नहीं हुआ है और जिनका निर्माण अभी आरम्भ नहीं हुआ है? उन्हें किस तारीख तक पूरा किया जायेगा? (घ) सौसर विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 में स्वीकृत सड़कों के निर्माण में विलम्ब के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई अधिकारी दोषी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
संगम चैराहा से खोब दरवाजा तक रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
173. ( क्र. 3706 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर नगर अन्तर्गत संगम चैराहा से खोब दरवाजा तक मार्ग डिवाइडर मय सेंटर लाईट एवं कांक्रीट शोल्डर के साथ चौड़ीकरण के लिए राशि स्वीकृत होकर कार्य प्रारंभ हुआ था? कार्य बंद होने के संबंध में विधानसभा प्रश्न क्र. 1224 दिनांक 23.12.2021 को विधानसभा में माननीय मंत्रीजी के उत्तर में कहा गया है कि मार्ग की लम्बाई व चौड़ाई में जमीन उपलब्ध नहीं होने से कार्य बंद है जमीन उपलब्ध होने पर कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ख) यदि हाँ, तो क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क की पूरी लम्बाई एवं चौड़ाई की जमीन के लिए जमीन अधिग्रहण हेतु क्या-क्या कार्यवाही राजस्व विभाग/नगर पालिका बड़नगर में की गई? (ग) सड़क निर्माण में विभाग द्वारा लापरवाही बरत कर गलत जानकारी उपलब्ध करवाने अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) किसी भी अधिकारी द्वारा लापरवाही एवं कोई भी गलत जानकारी नहीं दी गई है, इसलिये कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय में रिक्त पदों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
174. ( क्र. 3708 ) श्री संजीव सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के शासकीय महाविद्यालय एम.जे.एस एवं कन्या महाविद्यालय भिण्ड में किस-किस श्रेणी के कौन-कौन से, कितने-कितने पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों में से कितने एवं कौन-कौन से पद किन-किन कारणों से कब-कब से रिक्त हैं? (ख) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जुलाई 2020 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब पत्र लिखे गए एवं उन पत्रों के संदर्भ में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त महाविद्यालयों में लंबे समय से अनेक पद रिक्त होने से विद्यार्थियों के अध्यापन कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? यदि हाँ, तो अभी तक पद पूर्ति नहीं किए जाने के क्या कारण हैं तथा कब तक रिक्त पदों की पूर्ति की जाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जुलाई 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश के संबंध में पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) जी नहीं। रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वान से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नरयावली एवं जरूआखेड़ा को नगर पंचायत का दर्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
175. ( क्र. 3713 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वि.ख. राहतगढ़ की ग्राम पंचायत नरयावली एवं जरूआखेड़ा को नगर पंचायत का दर्जा प्रदान करने के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही शासन स्तर से की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) यदि हाँ, तो नगर पंचायत नरयावली में किन-किन ग्रामों को सम्मिलित कर नगर पंचायत का दर्जा प्रदान किया जायेगा? ग्रामों के नाम, जनसंख्या सहित जानकारी देवें। (ग) नगर पंचायत जरूआखेड़ा गठन में किन-किन ग्रामों को सम्मिलित कर नगर पंचायत का दर्जा प्रदान किया जायेगा? ग्रामों के नाम, जनसंख्या सहित जानकारी देवें। (घ) ग्राम पंचायत नरयावली एवं जरूआखेड़ा को नगर पंचायत का दर्जा प्रदान किये जाने के संबंध में शासन स्तर से क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कब तक नगर पंचायत का दर्जा प्रदान किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) कलेक्टर सागर से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जो परीक्षणाधीन है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रस्ताव परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
176. ( क्र. 3739 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद कोतमा जिला अनूपपुर में लगभग 05 माह पूर्व 16% से अधिक S.O.R. दर से बनी जकीरा चौक से बस स्टैण्ड कोतमा तक सी.सी. सड़क निर्माण के तत्काल उपरांत उखड़ने लगी थी एवं कई स्थानों पर गड्ढे भी हो गए थे? क्या उक्त नवनिर्मित सड़क के निर्माण के 03 माह बाद डामरीकरण कर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि उत्तर हाँ है तो 03 माह पूर्व निर्मित सी.सी. सड़क पर पुन: डामरीकरण कर शासकीय धनराशि का दुरूपयोग कर आर्थिक अपराध करने वाले समस्त जिम्मेदारों एवं तकनीकी स्वीकृति प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने वाले अधिकारियों के नाम मय अभिलेख प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि अन्य व्यक्ति द्वारा बिना किसी निविदा/कार्यादेश के नवनिर्मित सी.सी. सड़क पर डामरीकरण किया गया है तो शासकीय संपत्ति विरूपण कर पूर्व निर्मित गुणवत्ताहीन सड़क पर लीपा पोती करने वाले जिम्मेदारों के नाम सार्वजनिक करें। (घ) क्या विभाग उक्त प्रकरण में जांच संस्थित कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित सड़क की टॉप लेयर खराब हो गई थी। ठेकेदार मेसर्स सिटी इन्टरप्राइजेज कोतमा द्वारा बिना सहमति के डामरीकरण का कार्य किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निकाय द्वारा डामरीकरण कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति एवं तकनीकी स्वीकृति न देने से शासकीय धनराशि का दुरूपयोग कर आर्थिक अपराध नहीं हुआ है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य ठेकेदार मेसर्स सिटी इन्टरप्राइजेज कोतमा द्वारा बिना किसी कार्यादेश एवं निकाय के बिना सी.सी. सड़क पर डामरीकरण किया गया है। त्रुटिपूर्ण कार्य के लिए उत्तरदायित्व निर्धारण हेतु जांच कराई जायेगी। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत प्रदाय किया जाना
[ऊर्जा]
177. ( क्र. 3740 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अजय यादव, विजय यादव, यादव कंस्ट्रक्शन, मां गायत्री/गायत्री स्टोन क्रेशर, गायत्री/मां गायत्री कंस्ट्रक्शन जुलवानिया जिला-बड़वानी तथा जुलवानिया जिला बड़वानी के पते पर पंजीकृत कितने स्टोन क्रेशर/क्रेशर को कब-कब विद्युत कनेक्शन दिए गए? व्यक्ति/फर्म नाम, पता, स्थान नाम, दिनांक, सर्विस क्रमांक सहित देवें। (ख) कनेक्शन प्रदान के पश्चात इनसे प्रतिमाह कितने विद्युत बिल की वसूली की गई? फर्म/व्यक्तिवार, सर्विस क्रमांक सहित जानकारी देवें। इन व्यक्तियों/फर्मों के कितनी बार बिल सेटलमेंट किए गए पूर्ण विवरण देवें। (ग) राजपुर विधान सभा क्षेत्र के जाहुर में बिना खनन पट्टा स्वीकृत हुए विद्युत कनेक्शन विगत 01 वर्ष की समयावधि में किस आधार पर दिया गया? विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने की दिनांक देवें। इससे संबंधित पूर्ण नस्ती की प्रमाणित प्रतियां देवें। प्रश्न दिनांक तक दोनों बिल की जानकारी माहवार देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार ऐसा कनेक्शन देकर अवैध खनन को स्थापित करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? राजपुर विधान सभा के ग्राम सिनगुन में स्टोन क्रेशर/क्रेशर के लिए विद्युत कनेक्शन कब प्रदान किया गया था इसके प्रदायकर्ता अधिकारी का नाम पूरी नस्ती की प्रमाणित प्रति सहित देवें। विगत 06 वर्ष के संदर्भ में देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्रों में मेसर्स अजय प्रकाशचंद्र यादव, छोटी खरगोन रोड जुलवानिया जिला बड़वानी, मेसर्स मां गायत्री स्टोन क्रेशर प्रोपराईटर श्री अजय यादव ग्राम निहाली एवं मेसर्स पी.सी. यादव पार्टनर श्री विजय यादव के नाम से कुल 03 स्टोन क्रेशर के प्रयोजन हेतु विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये, जिसकी नाम, पता, सर्विस क्रमांक, विद्युत कनेक्शन दिनांक सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य नामों/फर्मो के नाम से कोई विद्युत कनेक्शन स्टोन क्रेशर प्रयोजन हेतु नहीं दिये गये है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित स्टोन क्रेशर उपभोक्ताओं से कनेक्शन उपरांत माहवार वसूल की गई विद्युत बिल की राशि की व्यक्तिवार/फर्मवार, सर्विस कनेक्शन क्रमांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब-1, ब2 एवं 3 अनुसार है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित उपभोक्ताओं का कोई भी विद्युत बिल सेटेलमेन्ट नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में बिना खनन पट्टा स्वीकृत किये विगत एक वर्ष में कोई भी विद्युत कनेक्शन नहीं दिया गया है। प्रश्नाधीन सर्वे नंबर 488/21 पर प्रभारी अधिकारी कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला बड़वानी के पत्र क्रमांक 1735 दिनांक 15.12.2020 की स्वीकृति के आधार पर, श्री पी.सी यादव पार्टनर श्री विजय यादव को स्टोन क्रेशर के प्रयोजन हेतु विद्युत कनेक्शन दिनांक 12.11.2021 को प्रदाय किया गया। विद्युत कनेक्शन प्रदाय करने से संबंधित पूर्ण नस्ती की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स-1 अनुसार है। उक्त स्टोन क्रेशर के विद्युत कनेक्शन के विरूद्ध जारी किये गये विद्युत बिल की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार खनिज अधिकारी की स्वीकृति के उपरान्त ही विद्युत कनेक्शन दिया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। राजपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिनगुन में स्टोन क्रेशर के लिये फर्म मेसर्स अजय राजनाथ ठक्कर के नाम से, 80 किलोवाट का विद्युत का कनेक्शन दिनांक 05.04.2018 को प्रदाय किया गया है। इसके प्रदायकर्ता अधिकारी का नाम श्री धिरेन्द्र कुमार यादव, कनिष्ठ यंत्री है। विद्युत कनेक्शन दिये जाने संबंधी नस्ती की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। विगत 6 वर्ष में प्रश्नाधीन क्षेत्र में ऐसा केवल एक ही कनेक्शन प्रदान किया गया है।
बिजली चोरी के प्रकरण
[ऊर्जा]
178. ( क्र. 3743 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण वृत्त उज्जैन के अन्तर्गत दिनांक 01.01.2020 से 31.01.2022 तक सतर्कता संभाग उज्जैन द्वारा बिजली की चोरी के कितने प्रकरण बनाये गये हैं एवं उन पर कितना दंड राशि का निर्धारण किया गया संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) संचालन-संधारण वृत्त उज्जैन के अन्तर्गत दिनांक 01.01.2020 से 31.01.2022 तक सतर्कता संभाग उज्जैन द्वारा बनाये गये बिजली चोरी के कितने प्रकरण न्यायालय में दर्ज हुए? इनकी अद्यतन स्थिति देवे? (ग) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 15.02.2022 की स्थिति में 16 KVA, 25 KVA, 63 KVA, 100 KVA के कितने ट्रांसफार्मर ओव्हरलोड हैं? इन्हें कब तक अण्डरलोड कर दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण वृत्त उज्जैन के अंतर्गत दिनांक 01.01.2020 से दिनांक 31.01.2022 तक की अवधि में सतर्कता संभाग उज्जैन द्वारा बिजली की चोरी के कुल 1725 प्रकरण बनाये गये है एवं उनके विरूद्ध रु. 928.82 लाख की दंड राशि का निर्धारण किया गया है। (ख) संचालन-संधारण वृत्त उज्जैन के अंतर्गत दिनांक 01.01.2020 से दिनांक 31.01.2022 तक की अवधि में सतर्कता संभाग उज्जैन द्वारा बनाये गये बिजली चोरी के कुल 882 प्रकरण न्यायालय में दर्ज किये गये है। उक्त लंबित प्रकरणों में से कुल 183 प्रकरणों का निराकरण न्यायालय द्वारा कर दिया गया है एवं वर्तमान में कुल 699 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 15.02.2022 की स्थिति में 16 के.व्ही.ए. के निरंक, 25 के.व्ही.ए. के 26, 63 के.व्ही.ए. के 02 एवं 100 के.व्ही.ए. के 07 इस प्रकार कुल 35 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित है। उक्त अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि/भार प्रबंधन हेतु अतिरिक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना में शामिल कर लिया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन हैं। योजना की स्वीकृति उपरान्त वित्तीय उपलब्धता अनुसार उक्त कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
क्रेशरों को पर्यावरण अनुमति
[पर्यावरण]
179. ( क्र. 3744 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में संचालित क्रेशरों को दी गई पर्यावरण अनुमति की प्रमाणित प्रति क्रेशरवार देवें। (ख) प्रत्येक क्रेशर द्वारा म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित शर्तों के परिपालन में क्रेशर के चारों ओर 12 फीट से अधिक ऊँचाई की बाउण्ड्रीवाल का निर्माण, स्क्रीन को चारों ओर से जीआई सीट से कवर्ड करना, जॉ क्रेशर, कनवे पर बेल्ट, परिसर एवं एप्रोच रोड पर जल छिड़काव की व्यवस्था क्रेशरवार देवें। (ग) विभागीय अधिकारियों ने इन क्रेशर का कब-कब निरीक्षण किया क्या उपरोक्त बिंदु क्रेशर में सही पाए गए प्रत्येक क्रेशर की निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार नियमों का पालन किए बिना संचालित हो रहे क्रेशर की अनुमति कब तक समाप्त कर दी जाएगी? क्रेशरवार देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) क्रेशर्स में की गई प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) क्रेशर्स के संचालन के समय एवं समय-समय पर अन्य कारणों जैसे हवा, पत्थर गिरने इत्यादि के कारण स्क्रीन चेम्बर शीट, बाउण्ड्रीवाल टीम निर्मित होने से क्षतिग्रस्त होती रहती है, जिसका समय-समय पर संधारण कराया जाता है। निरीक्षण में कोई कमी नहीं पाई गई। अतः अनुमति समाप्त किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिकायत पत्र पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
180. ( क्र. 3747 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि नगर परिषद पसान जिला अनूपपुर के पूर्व अध्यक्ष श्री रामअवध सिंह द्वारा दिनांक 17.08.2021 को आयुक्त नगरीय प्रशासन को 22 बिन्दुओं का शिकायती पत्र प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक इस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या यह भी सत्य है कि श्री रामअवध सिंह द्वारा दिनांक 10 फरवरी, 2022 को पत्रकारवार्ता में वर्तमान अध्यक्ष सुमनराजू गुप्ता को अपने बिलों के भुगतान के लिये 31 लाख रू. देने का आरोप लगता है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार रिश्वत देने व लेने वालों पर शासन कब तक जांच करके इन पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या रामअवध सिंह की किसी शिकायत जो उन्होंने 16.11.2021 को मुख्य सचिव म.प्र. शासन को की थी पर विभाग में कोई जांच संस्थित की गई है? इस संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय से विभाग को हुए समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) श्री रामअवध सिंह, पूर्व अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद, पसान द्वारा दिनांक 17.08.2021 को आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास को 5 बिन्दुओं का शिकायती पत्र प्रेषित किया गया था। उपरोक्त के अनुक्रम में संचालनालय के पत्र क्रमांक शि/6/पसान/2021/14436 दिनांक 26.08.2021 के माध्यम से संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग शहडोल को तथ्यात्मक जांच प्रतिवेदन प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं। (ख) उक्त प्रेसवार्ता के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए गए है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। मुख्य सचिव कार्यालय से विभाग को प्राप्त शिकायत के संबंध में संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग शहडोल को जांच कर प्रतिवेदन प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं। पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मंदाकनी नदी को प्रदूषण मुक्त करने
[नगरीय विकास एवं आवास]
181. ( क्र. 3758 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की पवित्र नगरी चित्रकूट की जीवन रेखा मंदाकनी नदी के किनारे कितने अवैध मकान बने हैं? कितने भवन, धर्मशाला होटल मंदाकनी नदी की सीमा पर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर बनाये गये हैं? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित सीमा के अंदर जो निर्माण किए गए हैं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? पृथक-पृथक विवरण देते हुए पत्राचार की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) पंचवटी होटल की ही भांति मंदाकिनी नदी के किनारे कितने होटल संचालित हैं, जिनका पूरा मलबा मंदाकिनी में मिलता है? उसे रोकने के क्या उपाय कर रहे हैं? (घ) क्या शासन एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर, मंदाकिनी को अतिक्रमण एवं प्रदूषण मुक्त कराने की दिशा में शासन ने अभी तक क्या कार्य किया है तथा आगे क्या कार्य योजना बनाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मंदाकिनी नदी के किनारे 14 अवैध मकान बने थे। जिनको माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिबूनल (एनजीटी) के निर्देशानुसार हटाया जा चुका है। मंदाकिनी नदी की सीमा पर शासकीय भूमि पर कोई भी धर्मशाला होटल नहीं बने है। (ख) माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिबूनल (एनजीटी) के निर्देशानुसार 14 अवैध निर्माण हटाये जा चुके है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पंचवटी होटल के अतिरिक्त मंदाकिनी नदी के किनारे होटल संचालित नहीं है। पंचवटी होटल का गन्दा पानी मंदाकिनी नदी में नहीं मिल रहा है। स्वयं की व्यवस्था की गई है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीवर लाइन के अधूरे निर्माण व जर्जर सड़कें
[नगरीय विकास एवं आवास]
182. ( क्र. 3759 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के नगर परिषद चित्रकूट क्षेत्र में सीवरलाइन डालने का कार्य किस कम्पनी से किस कार्य आदेश से किन शर्तों से कराया जा रहा है? कार्य आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्य आदेश में कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा क्या थी क्या उस समय-सीमा में कार्यपूर्ण हो गया? यदि नहीं, तो क्या समय-सीमा किन शर्तों पर बढ़ाई गई है? (ग) सीवर लाइन डालने में जो रोड जैसी थी वैसी ही करने के निर्देश थे, तो क्या उसी अनुरूप रोड रोटेशन का कार्यपूर्ण किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक रोड उसी तरह कर धूल गड्ढों से निजात दिलाई जावेगी? (घ) सीवर लाइन का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने के लिए ठेकेदार को कितनी पेनाल्टी लगाई गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सतना जिले के चित्रकूट नगर परिषद क्षेत्र में सीवरलाइन डालने का कार्य मेसर्स चन्द्र निर्माण प्रायवेट लिमिटेड कंपनी रायपुर को कार्यादेश क्रमांक एमपीयूडीसीएल/पीएमयू/इंजी./1892 29/09/2017 द्वारा सर्वे डिजाईन, निर्माण एवं कार्य पूर्ण करने के पश्चात 10 वर्षों के संचालन एवं संधारण का कार्य आवंटित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यादेश में अनुबंध के अनुसार कार्य करने की समय-सीमा 24 माह (वर्षाकाल सहित) थी। जी नहीं। समय-सीमा की वृद्धि 31/03/2022 तक अनुबंध के प्रावधान के अनुसार बढ़ाई गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) सीवर लाईन डालने के पश्चात रोड रेस्टोरेशन का कार्य 87% पूर्ण कर लिया गया है। शेष रोड रेस्टोरेशन का कार्य प्रगति पर है, जो 30/06/2022 तक पूर्ण होना लक्षित है। (घ) सीवर लाईन का कार्य जून 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करने के लिए ठेकेदार को पेनाल्टी का निर्धारण कार्य के अनुबंध के अनुसार कार्य समाप्ती पर विस्तृत विवेचना के बाद नियमानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित किया जावेगा।
नगर पालिका परिषद की सीमा वृद्धि
[नगरीय विकास एवं आवास]
183. ( क्र. 3761 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की मुलताई नगर पालिका परिषद में सीमा वृद्धि किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो किस-किस क्षेत्र को शामिल किया जा रहा है? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो क्या इस हेतु दावे आपत्तियां आमंत्रित की गई थी और प्राप्त दावे आपत्तियों पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा क्या निर्णय लिया गया? प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में यदि निर्णय लिया गया है तो क्या प्रथम एवं अंतिम प्रकाशन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? अंतिम प्रकाशन कराने का अधिकार किस अधिकारी को है तथा इनके द्वारा आज दिनांक तक उक्त कार्यवाही संपादित क्यों नहीं करायी गई? (घ) नगर पालिका परिषद मुलताई की सीमा वृद्धि का अंतिम प्रकाशन कब तक कराया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बैतूल जिले की मुलताई नगर पालिका परिषद की सीमावृद्धि का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रथम प्रकाशन किया जा चुका है, अंतिम प्रकाशन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर पालिका क्षेत्र के अन्तर्गत पोल्ट्री फार्म
[नगरीय विकास एवं आवास]
184. ( क्र. 3772 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की नगर पालिका परिषद औबेदुल्लागंज के सीमा एवं नियंत्रण क्षेत्र में कुल कितने मुर्गी पालन केन्द्र/पोल्ट्री फार्म प्रश्न दिनांक के स्थिति में संचालित है? उनकी सम्पूर्ण जानकारी नाम एवं मालिकों के नाम सहित बताई जाये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर पालिका द्वारा उनके सीमा एवं नियंत्रण क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली मुर्गी पालन केन्द्रों/पोल्ट्री फार्म का विगत तीन वर्षों का कब-कब निरीक्षण एवं जांच की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मुर्गीपालन केन्द्रों/पोल्ट्री में से कौन के केन्द्र अवैध रूप से संचालित पाये गये एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद औबेदुल्लागंज की सीमा में 2 मुर्गी पालन केन्द्र/पोल्ट्रीफार्म संचालित है, जो क्रमश: (1) श्री राजकुमार विशनखेड़ा, वार्ड 01, (2) श्री अशरफ खॉ/बहावखां सनौटी, वार्ड 01 है। (ख) नगर परिषद औबेदुल्लागंज अन्तर्गत आने वाली मुर्गी पालन केन्द्रों/पोल्ट्रीफार्म की विगत तीन वर्षों में निरीक्षण एवं जाँच नहीं की गई। (ग) प्रश्न (ख) में उल्लेखित मुर्गी पालनकेन्द्र/पोल्ट्रीफार्म अवैध रूप से संचालित नहीं होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधूरे रेलवे ओव्हर ब्रिजों को पूर्ण कराना
[लोक निर्माण]
185. ( क्र. 3775 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम के सागौद रोड और सुभाष नगर रेलवे ओव्हर ब्रिजों का निर्माण कार्य अभी तक क्यों नहीं पूर्ण हुआ? निर्माण कार्य दो वर्षों से क्यों रूका पड़ा है? (ख) वांछित अतिरिक्त धनराशि का आवंटन कर इन ओव्हर ब्रिजों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जायेगा? इन ओव्हर ब्रिजों के अधूरे पड़े होने से आवागमन में जनता को भारी परेशानी उठाना पड़ रही है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रतलाम के सागौद रोड ओव्हर ब्रिज एवं सुभाष नगर रेल्वे ओव्हर ब्रिज का निर्माण कार्य कोविड-19 महामारी एवं विद्युत लाईन शिफ्टिंग न होने से कार्य प्रगति आंशिक बाधित हुई है। जी नहीं, कार्य प्रगति पर। (ख) रतलाम के सागौद रोड ओव्हर ब्रिज अनुबंधित समयावधि में राज्य शासन के हिस्से का कार्य दिनांक 22.01.2023 तक एवं सुभाष नगर रेल्वे ओव्हर ब्रिज का निर्माण जून 2023 तक पूर्ण करवाया जाना लक्षित है। जी नहीं। वर्तमान में आवागमन शहर सराय, सैलाना बस स्टाप चेतक ब्रिज, आर.ओ.बी., राममंदिर, कस्तूरबा नगर होते हुए डोगरा नगर, विरियाखेड़ी होता है।
खराब ट्रांसफार्मर बदला जाना
[ऊर्जा]
186. ( क्र. 3778 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला भिण्ड के ग्राम बमनपुरा एवं ग्राम चक में क्रमश: एक वर्ष एवं 2 माह से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा हैं? कई बार जे.ई. अटेर एवं ई.ई. भिण्ड को पत्र लिखा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? स्पष्ट करें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) उत्तर हाँ है तो क्या म.प्र. शासन के आदेश हैं कि बिल चालू होने के बावजूद 6 माह एवं 1 वर्ष में ट्रांसफार्मर नहीं बदले गये, सुपरवाईजर द्वारा बार-बार बुलाकर प्रायवेट लोगों द्वारा रिश्वत मांगी जाती है? (ग) ग्राम बमनपुरा का एक 63 के.व्ही. का ट्रांसफार्मर बदल कर दिया गया था, वह भी खराब दिया गया था, ग्राम के लोग प्रतिदिन चक्कर काटते रहते है लेकिन आज दिनांक तक ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में क्या जिला एवं ब्लॉक लेवल के अधिकारी जानबूझ कर लापरवाही कर रहे है तो क्या इनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और ट्रांसफार्मर कब तक बदले जाएंगे? नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, यह कहना सही नहीं है कि जिला भिण्ड के ग्राम बमनपुरा एवं ग्राम चक में क्रमश- 1 वर्ष एवं 2 माह से ट्रांसफार्मर खराब पडा है। अपितु ग्राम बमनपुरा में दिनांक 2.2.2022 को 63 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुआ है, जिससे संबद्ध कुल 43 उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की बकाया राशि रूपये 356605/- है। इसी प्रकार ग्राम चक में स्थापित 25 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रांसफार्मर दिनांक 10-02-2022 को फेल हुआ है, जिससे संबद्ध कुल 29 उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की बकाया राशि रूपये 150196/- है। जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने पर अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं के द्वारा बकाया विद्युत बिल की राशि जमा होने के उपरांत पात्र ट्रांसफार्मरों को बदले जाने का प्रावधान है। उक्तानुसार उपभोक्ताओं द्वारा बकाया विद्युत बिल का भुगतान करने पर इन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही की जा सकेगी। उक्त संबंध में जे.ई. अटेर एवं ई.ई. भिण्ड कार्यालय में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय का कोई पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार फेल ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। फेल ट्रांसफार्मर बदलने हेतु प्रश्नांश में उल्लेखित अनियमितता संबंधी कोई भी शिकायत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कपंनी के संज्ञान में नहीं है। (ग) ग्राम बमनपुरा में दिनांक 14.05.2018 से स्थापित 63 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रांसफार्मर दिनांक 02.02.2022 को फेल हुआ है तथा उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि का नियमानुसार भुगतान नहीं करने के कारण उक्त विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी भी अधिकारी द्वारा कोई लापरवाही नहीं की गई है अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। फेल वितरण ट्रांसफार्मरों के बदलने की कार्यवाही उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान करने के उपरांत की जा सकेगे। अत: वर्तमान में प्रश्नाधीन वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आवास योजना के तहत हितग्राही का चयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
187. ( क्र. 3779 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के नगरीय विकास एवं नगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राही का चयन किस आधार पर किया जाता है? विगत तीन वर्षों में चयन किये गये हितग्राहियों की सूची नगर पंचायत करैरा एवं नरवर की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) चयन किये गये हितग्राहियों की आवास की क्या स्थिति है? कितने प्रदाय किये जा चुके हैं एवं कितनी बकाया है? उन्हें आज दिनांक तक बकाया राशि क्यों नहीं दी गई? पूर्ण/अपूर्ण का कारण स्पष्ट करें। (ग) वर्तमान में क्या आवास योजना के तहत करैरा, नरवर नगर पंचायतों में आवेदन लिए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो अभी तक कितने आवेदन आये? इनमें हितग्राही का चयन किस प्रकार किया गया एवं आगे किस प्रकार किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) इन नगर पंचायतों में आवास योजना के तहत पात्रों को छोड़ा भ्रष्टाचार करके तो अपात्र को आवास दिया गया। इसकी जांच उच्च स्तरीय से की जाए। यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) राशि रू. 3-00 लाख तक वार्षिक आय वाले परिवार जिनके पास पक्का आवास नहीं है, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अन्तर्गत चयन की पात्रता रखते हैं। विगत तीन वर्षों में चयनित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) पात्र हितग्राहियों की सूची का जिला कलेक्टर के अनुमोदन उपरांत ही योजना का लाभ दिया जाता है। अपात्रों को आवास देने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका के लंबित प्रस्तावों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
188. ( क्र. 3787 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 1000 दिनांक 12 अगस्त, 2021 प्रश्न (घ) के उत्तर में नगर पालिका नागदा का स्टेट डिजास्टर रिस्पॉस फंड (एसडीआरएफ) अंतर्गत स्टार्म वाटर ड्रेन का निर्माण कार्य हेतु रूपये 16.54 करोड़ का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है? यदि हाँ, तो क्या परीक्षण पूर्ण करके स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो विवरण दें। उक्त प्रश्न क्र. के (घ) नगर पालिका नागदा व खाचरौद के कौन-कौन से प्रस्ताव कितनी राशि के स्वीकृति हेतु भोपाल शासन के पास लम्बित है? लम्बित प्रस्तावों में से कितने प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? प्रत्येक का पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) 01 जनवरी, 2019 से दिनांक 22.02.2022 तक नगर पालिका नागदा व खाचरौद में किन-किन योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है व केन्द्र व राज्य शासन की किस योजना व किस मद में कितनी राशि स्वीकृत की गई है? वर्षवार योजनावार जानकारी विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, अपितु प्रस्तावित 02 कार्यों में से संचालनालय के पत्र क्र. 2745 दिनांक 04.03.2022 से 01 कार्य दयानंद कॉलोनी से वार्ड क्र. 3, गंदे नाले की पुलिया तक नाला निर्माण हेतु रू. 6.97 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स एवं द अनुसार है।
इंदौर की फर्म से सामग्री क्रय किया जाना
[उच्च शिक्षा]
189. ( क्र. 3792 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोज मुक्त विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा परदे, वीडियों कांफ्रेसिंग उपकरण, फर्नीचर, इंटरनेट में लगने वाले फायरवाल, सुरक्षा मशीन इत्यादि क्रय किए गए है? यदि हाँ, तो इसकी निविदा कब-कब जारी की गई और प्रदेश की कहां-कहां की किस-किस फर्म से क्रय किए गए? (ख) क्या यह भी सही है कि विश्वविद्यालय के कुलपति अपने गृह जिले की फर्मों से ही सामग्री क्रय करते है? यदि नहीं, तो निविदा प्रक्रिया का पालन नहीं करने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि क्या शासन नियम विरूद्ध क्रय प्रक्रिया की जांच कराकर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल नगर निगम का वित्तीय संकट
[नगरीय विकास एवं आवास]
190. ( क्र. 3793 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय निकायों द्वारा पानी, बिजली, कचरा कलेक्शन जैसी सुविधाएं देने की एवज में शासकीय एजेंसियों या विभागों से सर्विस चार्ज वसूलने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि भोपाल नगर निगम को करोड़ों रूपये विभागों द्वारा बजट में प्रावधान नहीं होने का हवाला देकर राशि जमा नहीं की जा रही है? यदि हाँ, तो किन-किन विभागों से कब-कब से कितनी-कितनी राशि वसूली जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निगम प्रशासन द्वारा बजट में प्रावधान करने हेतु शासन को विगत 5 वर्षों की अवधि में कब-कब अवगत कराया गया और शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भोपाल नगर निगम के वित्तीय संकट को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2022-23 के आगामी बजट में विभिन्न विभागों के सेवा प्रभार मद में राशि का प्रावधान कराया जावेगा और यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। कुछ विभागों द्वारा सर्विस चार्ज के भुगतान में बजट उपलब्धता संबंधी कठिनाई व्यक्त की गई है। जिन-जिन विभागों से सेवा प्रभार की राशि की वसूली की जाना है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ब अनुसार है। शासन स्तर पर आवश्यक कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विश्राम गृहों की मरम्मत/उन्नयन
[लोक निर्माण]
191. ( क्र. 3807 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग भिण्ड के अंतर्गत लहार एवं दबोह विश्राम गृह का निर्माण कब हुआ तथा इन दोनों विश्राम गृहों में कितने कक्ष हैं तथा कक्षों की देखरेख हेतु कितने पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने एवं कौन-कौन से पद भरे हैं एवं कौन-कौन से पद रिक्त हैं? (ख) क्या उक्त विश्राम गृहों की हालत मरम्मत के अभाव में ठीक नहीं है? यदि हाँ, तो कक्षों की मरम्मत कब तक कराई जाएगी तथा क्या लहार विश्राम गृह का सर्किट हाउस में उन्नयन करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक उन्नयन किया जाएगा? (ग) लोक निर्माण विभाग संभाग ग्वालियर में वर्ष 2019-20 एवं 2021-22 में किन-किन कार्यों हेतु 2-2 लाख से कम की निविदा स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किए गए एवं किस-किस कार्य हेतु किस-किस ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त संभागों में मरम्मत के कार्यों के अनियमितता बरती गई है? यदि हाँ, तो क्या कराए गए कार्यों का भौतिक सत्यापन कराकर जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। आवश्यकतानुसार समय-समय पर मरम्मत की जाती है। वर्तमान में उन्नयन की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
शासकीय आवासों की साज-सज्जा
[लोक निर्माण]
192. ( क्र. 3813 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य मंत्रिमण्डल के माननीय मुख्यमंत्री जी सहित किन-किन मंत्रिगणों के भोपाल स्थित शासकीय आवासों पर अप्रैल 2020 से 20 फरवरी, 2022 तक अवधि में साज-सज्जा, अतिरिक्त निर्माण कार्य बिजली पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) क्या अतिरिक्त निर्माण कार्य की शासन से नियमानुसार अनुमति प्राप्त की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन मंत्री बंगले की? यदि नहीं, तो क्यों और इसके लिये उत्तरदायी कौन-कौन है? (ग) क्या भोपाल के शासकीय आवासों की मरम्मत/लघु मूलक कार्यों के लिये कोई नियम/नीति है? यदि हाँ, तो किस-किस श्रेणी के आवासों के लिये कितनी-कितनी राशि उक्त अवधि में व्यय की गई? कृपया नियम/नीति की प्रति संलग्न करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवारा कुत्तों की नसबंदी
[नगरीय विकास एवं आवास]
193. ( क्र. 3814 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजधानी भोपाल में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है, जिससे आवारा कुत्तों के काटने/हमला करने से अनेक बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए एवं कई बच्चों की मृत्यु हो गई? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में आवारा कुत्तों के काटने/हमले किए जाने की कितनी घटनाएं घटित हुई और इनमें कौन-कौन गंभीर रूप से घायल हुए तथा किस-किस की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई? (ख) राजधानी भोपाल में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम भोपाल द्वारा कब से नसबंदी अभियान प्रारंभ किया गया था एवं अभियान के प्रारंभ किए जाने प्रश्न दिनांक तक आवारा कुत्तों की नसबंदी पर वर्षवार कितने कुत्तों की नसबंदी की गई एवं इस पर कितनी-कितनी राशि नगर निगम द्वारा व्यय की गई? वर्षवार बताएं। (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में एनिमल बर्थ कंट्रोल डॉग रूल 2001 के तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी किस संस्था से कराई जा रही है एवं क्या संस्था द्वारा की गई नसबंदी का भौतिक सत्यापन किया जाता है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा कब-कब भौतिक सत्यापन किया गया? (घ) क्या नगर निगम भोपाल द्वारा विगत वर्षों में लगातार आवारा कुत्तों की नसबंदी पर लाखों रूपए व्यय किए जाने के बावजूद भी आवारा कुत्तों की संख्या में साल दर साल वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जांच कराकर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा वर्ष 2013-14 से श्वानों नसबंदी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रश्न दिनांक तक वर्षवार, श्वान नसबंदी ऑपरेशन व इस पर व्यय राशि का विवरण क्रमश: निम्नानुसार हैः- (1) 2013.14, 4514, 26.30 lac, (2) 2014.15, 18477, 1.12 cr, (3) 2015.16, 25388, 1.41cr, (4) 2016.17, 24828, 1.16cr (5) 2017.18, 16719, 1.04cr (6) 2018.19, 18477, 1.41cr, (7) 2019.20, 15175, 1.33cr, (8) 2020.21, 4269, 41.05lacs, (9) 2021.22, (till 31.01.2022), 6922, 65.78lacs (ग) वर्तमान में नगर निगम भोपाल द्वारा आवारा श्वानों की नसबंदी का कार्य एनिमल बर्थ कन्ट्रोल डॉग रूल 2001 के तहत ई-टेण्डर पद्धति उपरांत चयनित की गयी पशु चिकित्सा एवं पशु कल्याण के क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्था नवोदय वेट सोसायटी के माध्यम से कराया जा रहा है। नसबंदी ऑपरेशन के दौरान श्वानों के आंतरित जननांगो (Testicles or Ovaries-uterus) को निकालकर कैमिकल में संग्रहित किया जाता है। जिनकी गणना व सत्यापन तीन वरिष्ठ चिकित्सकों एवं एक स्वतंत्र एनजीओ के प्रतिनिधि की समिति के समक्ष की जाती है। समिति द्वारा क्रमश: तिथियों को सत्यापन कार्य किया गया 24.12.2013, 25.01.2014, 27.02.2014, 04.04.2014, 10.05.2014, 03.06.2014, 03.07.2014, 02.08.2014, 02.09.2014, 04.10.2014, 06.11.2014, 04.12.2014, 04.01.2015, 02.02.2015, 03.03.2015, 13.04.2015, 05.05.2015, 04.06.2015, 03.07.2015, 06.08.2015, 08.09.2015, 12.10.2015, 06.11.2015, 06.03.2016, 08.04.2016, 09.05.2016, 07.06.2016, 10.07.2016, 06.08.2016, 09.09.2016, 04.10.2016, 11.12.2016, 05.01.2017, 07.03.2017, 10.04.2017, 01.05.2017, 17.07.2017, 12.09.2017, 10.10.2017, 11.11.2017, 22.12.2017, 09.02.2018, 01.03.2018, 18.04.2018, 20.05.2018, 20.07.2018, 25.08.2018, 21.09.2018, 13.11.2018, 31.12.2018, 15.01.2019, 02.03.2019, 11.04.2019, 12.05.2019, 06.07.2019, 12.08.2019, 19.09.2019, 29.11.2019, 24.12.2019, 11.02.2020, 23.03.2020, 09.09.2020, 12.11.2020, 17.10.2020, 26.09.2021, 24.11.2021, 31.01.2022 (घ) आवारा कुत्तों की संख्या का संधारण नहीं किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एन.यू.एल.एम. योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
194. ( क्र. 3823 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य के सभी नगरीय निकायों में एन.यू.एल.एम. योजना प्रचलित है? यदि हां, तो क्या योजनान्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वालों को स्व-रोजगार मूलक प्रशिक्षण दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रशिक्षण हेतु ट्रेनिंग पार्टनर अनुबंधित किये गये हैं, जिनके माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाना है? यदि हां, तो सूची प्रस्तुत करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में क्या इस हेतु चयनित ट्रेनिंग पाटनर्स को प्रशिक्षण पश्चात भुगतान संचालनालय से किये जाने जाने हेतु कोई पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा करने के क्या कारण हैं एवं नियम है? (घ) क्या संचालनालय स्तर से भुगतान के प्रावधान निकायों के लिये बनाये गये लेखा नियम में हैं? यदि हां, तो प्रति दें। यदि नहीं, तो इस तरह के प्रावधान हेतु जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, राज्य के 413 निकायों में से वर्तमान में 406 निकायों में एन.यू.एल.एम. योजना प्रचलित है। योजना अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के पात्र सदस्यों को योजना के घटक कौशल प्रशिक्षण एवं नियोजन अंतर्गत रोजगार/स्वरोजगार मूलक प्रशिक्षण दिया जाता है। (ख) जी हाँ, प्रशिक्षण हेतु राज्य स्तर से वित्तीय वर्ष 2021-22 में ट्रेनिंग पार्टनर अनुबंधित किये गये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ'' अनुसार है। (ग) चयनित ट्रेनिंग पार्टनर को भुगतान, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार पैसा पोर्टल के माध्यम से किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। पत्र एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) म.प्र. नगर पालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 में विभिन्न स्तरों यथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी से राज्य स्तर तक की वित्तीय शक्तियां उल्लेखित हैं। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन एक केन्द्र प्रवर्तित योजना है, जिसके भुगतान की प्रक्रिया भारत सरकार द्वारा ही निर्धारित की गई हैं। भारत सरकार द्वारा निर्धारित भुगतान प्रक्रियानुसार ही भुगतान करने के निर्देश संचालनालय से जारी किये गये हैं। लेखा एवं वित्त नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स" अनुसार है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवासों के संधारण कार्यालयों कि स्थिति
[लोक निर्माण]
195. ( क्र. 3824 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में शासकीय मकानों के संधारण हेतु कितने कार्यालय हैं? इन कार्यालयों में कितने अधिकारी, कर्मचारी किस-किस कार्य हेतु कार्यरत हैं? कार्यालय का नाम, पता, संपर्क नं., कार्यालय अधिकारी का नाम, पदनाम, मोबाईल नं., कर्मचारियों का नाम, पदनाम/कार्य, कलेक्टर दर/आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मियों के नाम, कार्य सहित समस्त पदस्थी स्टाफ के नाम, कार्य की जानकारी कार्यालयवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त के तारतम्य में भोपाल में स्वीपर के कुल कितने पद हैं? कितने कार्यरत हैं और कितने, कब से किस-किस श्रेणी (एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. एवं सामान्य) रिक्त हैं? कार्यालयवार पृथक-पृथक बतायें। कर्मचारी नहीं होने पर शासकीय आवासों के अनुरक्षण एवं मरम्मत के कार्य किस से, कैसे और किस दर पर कराये जा रहे हैं? कार्य विशेष में दक्षता नहीं होने पर दुर्घटना संभावित है। ऐसी स्थिति में जिम्मेदारी तय की गई है? यदि हाँ, तो क्या एवं कितनी क्षतिपूर्ति कितने प्रकरणों में प्रदाय की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या किसी भी एक स्थान पर आवासों के आवास क्रमांक की समान पुनरावृत्ति नहीं हो सकती है? यदि हाँ, तो चार इमली स्थित आवासों के आवास क्रमांक डी-21 (सी.बी.आई. ऑफिस के पीछे) एवं डी-21 किस-किस के नाम पर दर्ज है? चार इमली में एक समान नं. के आवासों के आवास क्रमांक कितने हैं और इस गलत क्रमांकों के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या इसमें संशोधन किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) भोपाल में कुल कितने और किस-किस श्रेणी के आवास गृह हैं? इसमें कितने भरे हुए और कितने रिक्त हैं? कितने रहने योग्य नहीं होने से जर्जर घोषित किये हुये हैं? निकट भविष्य में इन आवासों की संख्या में वृद्धि संभावित है? यदि हाँ, तो कब तक, कितने और किस-किस श्रेणी के?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' एवं 'ब' के अनुसार संधारण कार्य हेतु पर्याप्त कर्मचारी है और जहां पर कर्मचारी नहीं है, वहां पर जोनल निविदा के माध्यम से स्वीकृत निविदाओं की दरों के अनुसार संधारण कार्य कराये जा रहे है। संविदाकार द्वारा कार्यानुसार दक्ष श्रमिकों को बुलाकर ही कार्य कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार। संशोधन आवश्यक नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार।
स्वीकृत लाइनों की जानकारी
[ऊर्जा]
196. ( क्र. 3828 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01-04-2019 से प्रश्न तिथि के दौरान रीवा जिले की मऊगंज विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कितने नये कितने के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर किस-किस स्थान पर लगाये गये? पुराने कहां-कहां बदले गये? कितने-कितने के.व्ही.ए. के? जगहवार/माहवार/वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार कुल कितनी 33 के.व्ही. तथा 11 के.व्ही. लाइनें (कितने कि.मी. की) कहां-कहां लगायी गयी एवं खीची गई? (ग) प्रश्नावधि में कुल कितने कि.मी. की नई 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईन खींची जाने का प्रस्ताव हैं? (घ) प्रश्नावधि में नये कितने-कितने के.व्ही.ए. के वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने का प्रस्ताव हैं, किस-किस स्थान पर ट्रांसफार्मरों लगाया जाना बहुत आवश्यक है? कब तक लगा दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 63 के.व्ही.ए. क्षमता के 05 नग एवं 100 के.व्ही.ए. क्षमता के 04 नग नवीन वितरण ट्रांसफार्मर, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 25 के.व्ही.ए. क्षमता के 25 नग एवं 100 के.व्ही.ए. क्षमता का 01 नग नवीन वितरण ट्रांसफार्मर एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 (माह फरवरी, 2022 तक) में निरंक नवीन वितरण ट्रांसफॉर्मर स्थापित किये गए है, जिनकी स्थानवार, माहवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में निरंक, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 04 नग वितरण ट्रांसफार्मर (भार वृद्धि 100 से 200 के.व्ही.ए क्षमता) एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में निरंक, पुराने वितरण ट्रांसफार्मर भार वृद्धि के कारण बदले गये है, जिनकी स्थानवार, माहवार एवं वषर्वार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में मऊगंज विधानसभा के अंतर्गत 33 के.व्ही. नवीन विद्युत लाईन की स्थापना संबंधी जानकारी निरंक है एवं 9.85 कि.मी नवीन 11 के.व्ही. विद्युत लाईन का कार्य किया गया है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) मऊगंज विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 15 कि.मी नवीन 33 के.व्ही. विद्युत लाईन एवं 279.11 कि.मी. नवीन 11 के.व्ही. विद्युत लाईन स्थापित करने का कार्य केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत प्रस्तावित है। (घ) मऊगंज विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत नए 40 नग 25 के.व्ही.ए. क्षमता के, 08 नग 63 के.व्ही.ए क्षमता के अतिरिक्त वितरण ट्रासंफार्मर लगाए जाने एवं 19 नग 25 के.व्ही.ए. से 63 के.व्ही.ए., 03 नग 63 के.व्ही.ए. से 100 के.व्ही.ए. क्षमता वृद्धि करने हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत प्रस्तावित है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। योजना की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पदोन्नति के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
197. ( क्र. 3829 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र. 688 सत्र अगस्त 2021 के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी नहीं में दिया गया है यदि श्री आनंद सिंह उपयंत्री साडा सीधी की सहायक यंत्री के पद पर की गई पदोन्नति को शासन अवैध नहीं मानता तो यह पदोन्नति किस अधिनियम एवं नियम के तहत वैध मानी गई है? क्या इस पदोन्नति को श्री आनंद सिंह द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन में उल्लेखित आधार पर शासन द्वारा विधि मान्य माना गया है? यदि हां, तो सहायक यंत्री के अभ्यावेदन की प्रति एवं अभ्यावेदन के निराकरण हेतु शासन में संधारित संपूर्ण नस्ती की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या मान. उच्च न्यायालय द्वारा श्री आनंद सिंह की याचिका क्र. 3401/93 में पारित आदेश दिनांक 24.04.2004 के आधार पर अभ्यावेदन का निराकरण आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा किया जाना था? यदि हां, तो अभ्यावेदन का निराकरण नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा किस आधार पर किया गया? यह माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुकूल था? (ग) क्या श्री आनंद सिंह उपयंत्री की याचिका क्र. 3401/93 के सभी प्रतिवादी द्वारा प्रस्तुत किये जवाबदावा में उल्लेखित तथ्यों का परीक्षण अभ्यावेदन के निराकरण के समय राज्य शासन के द्वारा किया गया? यदि हां, तो विस्तृत तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, क्यों? (घ) तारांकित प्रश्न क्र. 688 सत्र अगस्त 2021 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर जी नहीं में दिया है तो बताये। क्या श्री आनंद सिंह उपयंत्री पदोन्नति के समय शासन के प्रचलित नियम अनुसार पदोन्नति के लिये अर्हतधारी थे? क्या नियम 1976 के नियम 9 (2) के तहत सहायक यंत्री के पद की अर्हता का अनुमोदन राज्य शासन से प्राप्त करना आवश्यक था? यदि हां, तो अनुमोदन की प्रति एवं चयन समिति के निर्णय की प्रति उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) श्री आनंद सिंह की उपयंत्री से सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नति म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के तहत बने म.प्र. विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (अध्यक्ष तथा अधिकारी और सेवक भर्ती तथा सेवा शर्ते) नियम, 1976 में विहित प्रावधान अनुसार की गई है। अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) श्री आनंद सिंह के अभ्यावेदन पर विचारण के समय तक विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) सीधी का संविलियन नगर पालिका परिषद सीधी में हो जाने से निकाय के पैत्रिक विभाग नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा अभ्यावेदन का निराकरण किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अपितु वर्ष 2004 में निर्णय लेते समय तत्कालीन प्रशासकीय विभाग आवास एवं पर्यावरण विभाग से प्रकरण का परीक्षण कराया गया था और उनसे अभिमत नस्ती में लिया गया है। अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) याचिका क्रमांक 3401/93 याचिकाकर्ता श्री आनंद सिंह द्वारा दायर की गई थी, जिसमें प्रतिवादी राज्य शासन एवं शासन के अधीन नगरीय निकाय है। शासन द्वारा परीक्षण कर अभ्यावेदन का निराकरण किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश ''घ'' का उत्तर अपेक्षित नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति किये जाना
[ऊर्जा]
198. ( क्र. 3832 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब विधानसभा में मोहम्मद रिजवान निवासी जतारा जिला टीकमगढ़ की अनुकम्पा नियुक्ति प्रदाय हेतु प्रश्न किए गए हैं? कृपया प्रश्न क्रमांक दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी दें एवं ऐसे सभी लेखा प्रपत्रों एवं सभी आवेदन पत्रों सहित छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि विभाग ने कब-कब मोहम्मद रिजवान को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदाय हेतु पत्र लिखे हैं? ऐसे पत्रों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। विभाग द्वारा मो. रिजवान की उपरोक्त केश में क्या-क्या और कब-कब मदद की है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कब तक मो. रिजवान की विभाग मानवीय आधार पर मदद करके अनुकम्पा नियुक्ति आदेश जारी कर देगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा श्री मोहम्मद रिजवान, निवासी जतारा, जिला टीकमगढ़ को म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किये जाने हेतु सदन में किए गए प्रश्नों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त विधानसभा प्रश्नों/उत्तरों एवं अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्राप्त आवेदनों, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किये गए पत्राचार, अनुकंपा नियुक्ति नीति, मृत्यु प्रमाण-पत्र, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट एवं एफ.आई.आर. इत्यादि की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में कार्यपालन अभियंता (संचालन/संधारण) संभाग टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक-6900 दिनांक 18.02.2006 (श्रीमती कुरेशा बेगम, पत्नी स्व. श्री हबीब खान को संबोधित) एवं तत्पश्चात श्री मोहम्मद रिजवान खान को संबोधित कार्यपालन अभियंता (संचालन/संधारण) संभाग टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक-7326-27 दिनांक 28.03.2011, पत्र क्रमांक-6114 दिनांक 02.02.2015, पत्र क्रमांक-968 दिनांक 26.05.2018 एवं पत्र क्रमांक-7674 दिनांक 28.01.2021 एवं कार्यालय मुख्य अभियंता (सागर क्षेत्र) सागर के पत्र क्रमांक-2632 दिनांक 28.09.2015 तथा अधीक्षण अभियंता (संचालन/संधारण) वृत्त टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक-4874 दिनांक 16.02.2016 के माध्यम से पत्राचार किया गया है, जिनकी छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' में समाहित हैं। उल्लेखनीय है कि श्री मोहम्मद रिजवान द्वारा अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रस्तुत आवेदनों/पत्रों के साथ स्व. श्री हबीब खाँ के दो अलग-अलग मृत्यु प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये गये, जिनमें मृत्यु दिनांक क्रमश: 02.04.2005 एवं 03.04.2005 उल्लेखित है। स्व. श्री हबीब खाँ की मृत्यु दिनांक में पाई गई भिन्नता के संबंध में स्पष्टीकरण हेतु कार्यपालन अभियंता (सं./सं.) टीकमगढ़ के पत्र क्रमांक-4874 दिनांक 16.02.2016 एवं पत्र क्रमांक-968 दिनांक 26.05.2018 के द्वारा श्री रिजवान को लेख किया गया किंतु उक्त संबंध में मोहम्मद रिजवान द्वारा कोई भी स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया और न ही उनके द्वारा म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से तत्संबंध में कोई जानकारी मांगी गई। स्व. श्री हबीब खां के उपरोक्त दोनों में से किसी भी मृत्यु प्रमाण पत्र की तिथि को मान्य कर लिये जाने की स्थिति में भी उनके पुत्र मोहम्मद रिजवान को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नियमानुसार नहीं है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में तत्समय लागू अनुकंपा नियुक्ति नीति, 2013 (संशोधित) एवं अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 के बिंदु क्र. 1.2 के अनुसार ''ऐसे कार्मिक जिनकी मृत्यु दिनांक 15.11.2000 के पश्चात किंतु दिनांक 10.04.2012 के पूर्व म.प्र. राज्य विद्युत मंडल/कंपनी का कार्य करते समय आकस्मिक दुर्घटना, विद्युत दुर्घटना, हमलावरों द्वारा हत्या अथवा कार्य करते समय वाहन दुर्घटना के कारण हुई हो, के आश्रित परिवार के एक सदस्य को कंडिका 2 एवं 3 में वर्णित पात्रता की शर्तों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है। '' स्व. श्री हबीब खां,लाईन परिचारक दिनांक 30.03.2005 तक कार्यालय कनिष्ठ अभियंता, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, चंदेरा, जिला टीकमगढ़ में विभागीय कार्य पर उपस्थित थे। इनके परिजनों द्वारा 02 मृत्यु प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये गये हैं, जिनमें मृत्यु दिनांक 02.04.2005 एवं 03.04.2005 अंकित है, इससे स्पष्ट होता है कि स्व. श्री हबीब खां की मृत्यु कंपनी में कार्य करते हुये नहीं हुई है, जिस कारण से मोहम्मद रिजवान पिता स्व. श्री हबीब खां अनुकंपा नियुक्ति नीति-2013 (संशोधित) एवं अनुकंपा नियुक्ति नीति-2018 में किये गये प्रावधान अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्र नहीं पाये गये।
पूर्व स्वीकृत सड़कों की निविदायें आमंत्रित करने
[लोक निर्माण]
199. ( क्र. 3833 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 1527 दिनांक 23 दिसम्बर, 2021 को स्वीकृत सड़कों की निविदाएं आमंत्रित करने विधानसभा में प्रश्न किया गया था? जिसके जवाब में बताया गया था कि प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो चुकी है तो कब-कब और कितनी-कितनी लागत की? कृपया सम्पूर्ण जानकारी देते हुए बताये कि कब तक अब इनकी निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य प्रारम्भ कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर यह भी बताएं कि मार्च 2022 बजट सत्र में टीकमगढ़ जिले में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हेतु लिये जा रहे हैं? प्रश्नकर्ता की मांग अनुसार क्या-क्या कार्य स्वीकृत हेतु लिये जा रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि प्रश्नकर्ता की मांग अनुसार (1) मुख्य सड़क रानीगंज-लिधौरा मार्ग से सामाजिक स्थल (रावतपुरा सरकार) छिपरी धाम होते हुए अंतपुरा लिधौरा तक सीमेंट-कांक्रीट चौड़ा रोड निर्माण हेतु (2) कटेरा रोड एम.पी. सीमा से महेबा चक्र-1 होते हुए महेबा चक्र.-4 तक सड़क एवं पुल निर्माण हेतु (3) महेबा चक्र-2 मुख्य सड़क से घुंघे का खिरक होते हुए भदरई-खरो तक सड़क निर्माण एवं (4) जतारा मुख्य सड़क से कुण्ड पहाड़ी हनुमान मंदिर कुंड तक सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण बावत् उपरोक्त इस बजट सत्र में स्वीकृत की जावेंगी? यदि हाँ, तो कितनी लम्बाई एवं कितनी लागत की?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदोन्नति उपरांत वर्षों से भोपाल शहर में ही पदस्थ रहने
[लोक निर्माण]
200. ( क्र. 3875 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में लो.नि.वि. के ऐसे कितने उपयंत्री है जो सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री पद पर पदोन्नति उपरांत लगातार भोपाल में ही पदस्थ हैं? अधिकारियों के नाम, पद एवं प्रथम पदस्थापना से पदोन्नति के पश्चात् किन-किन पदों पर भोपाल शहर में पदस्थ रहे हैं? (ख) क्या शासनादेश के अनुसार एक ही शहर में लम्बे समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ रखे जाने के नियम/प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति संलग्न करें? यदि नहीं, तो किस आधार पर लम्बे समय से पदस्थ हैं? क्या उन्हें जिले से बाहर पदस्थ किया जायेगा? (ग) भोपाल जिले में उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री एवं अधीक्षण यंत्री के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं एवं इन स्वीकृत पदों में से कौन-कौन से पद कितनी-कितनी संख्या में कब-कब से रिक्त हैं? (घ) क्या यह सही है कि भोपाल में अनेक उप संभागों में कनिष्ठ उपयंत्रियों को अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार दिया गया है जबकि विभाग में अनेक वरिष्ठ उपयंत्री पदस्थ है? यदि हाँ, तो उच्च पद का प्रभार दिये जाने के क्या नियम/प्रावधान है? यदि नियम/प्रावधान नहीं तो क्या नियम विरूद्ध दिये गये प्रभार को वापस लेकर कनिष्ठ उपयंत्रियों को अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रशासनिक व्यवस्था के तहत। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) सहायक यंत्रियों की कमी के कारण वरिष्ठ उपयंत्रियों को अनुविभागीय अधिकारी का प्रशासनिक व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए उच्च प्रभार दिया गया है। जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी की पदस्थापना होने पर उपयंत्री का प्रभार स्वतः समाप्त हो जावेगा।
स्थानीय युवाओं को रोजगार
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
201. ( क्र. 4396 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में स्थापित उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार दिए जाने का नियम है? यदि हाँ, तो रीवा में स्थापित अल्ट्रा मेगा सोलर पवार प्लांट की तीनों यूनिटों में नियमित आधार पर नियोजित स्थानीय युवाओं के नाम, पता एवं पदनाम की जानकारी उपलब्ध करायें। कुल नियोजित कर्मचारियों की संख्या की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अल्ट्रा मेगा सोलर पवार प्लांट की तीनों यूनिटों में क्या-क्या कार्य नियमित रूप से नियोजित कार्मिकों द्वारा किये जाते हैं एवं कौन-कौन से कार्य आउटसोर्स एजेंसियों से किस दर पर कराये जाते हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार आउटसोर्स एजेंसियों की जानकारी, इनके द्वारा श्रमिकों को दिए जा रहे पारिश्रमिक वेतन भुगतान पर्ची एवं नियोजित श्रमिकों के नाम पता की जानकारी उपलब्ध करायें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।